मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2024 सत्र
गुरुवार, दिनांक 19 दिसम्बर, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
आवास योजना में
अधिक राशि दी
जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1205 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका नर्मदापुरम के (पूर्व में होशंगाबाद) की जाँच में यह पाया गया था कि प्रधानमंत्री हाउस में निर्धारित 2.50 लाख की राशि से ज्यादा 3 लाख से 8 लाख तक करीब 30 व्यक्तियों को दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुकूल थी? (ग) यदि नहीं, तो ज्यादा राशि देने वाले दोषी व्यक्तियों के खिलाफ क्या कार्यवाही गई और अतिरिक्त राशि वसूलने के लिये क्या किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। अपर संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल की अध्यक्षता में गठित जांच दल द्वारा प्रस्तुत किये गये जांच प्रतिवेदन के अनुसार नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम में 45 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत निर्धारित राशि रू. 2.50 लाख से अधिक राशि जारी की गई थी। (ख) एवं (ग) जी नहीं। योजना के अंतर्गत निर्धारित राशि से अधिक राशि जारी किये जाने के लिये उत्तरदायी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं एवं शेष कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतिरिक्त राशि वसूली का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आयरन फैक्ट्री ग्राम भरतरी
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 1347 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए कौन-कौन से विभागों से अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। क्या आवास एवं पर्यावरण विभाग से अनापत्ति आवश्यक है? (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित भरतरी आयरन फैक्ट्री को आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा एन.ओ.सी. दी गई है? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित भरतरी फैक्ट्री से आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण फैल रहा है? यदि हाँ, तो इसे रोकने के क्या-क्या प्रयास किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित औद्योगिक इकाई का विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2023, 2024 में कब-कब एवं किस-किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें। यदि आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है तो फैक्ट्री मालिक पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में ग्राम भरतरी, तहसील चिनोर में मेसर्स ओम स्मेल्टर्स प्रायवेट लिमिटेड को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत दिनांक 13.10.2014 को स्थापना की सम्मति जारी की गई है जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उद्योग को स्थापना उपरांत दिनांक 14.10.2015 को संचालन की सम्मति जारी की गई है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कालान्तर में दिनांक 27.07.2018 को क्षमता विस्तार करने हेतु उद्योग को स्थापना सम्मति जारी की गई है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उद्योग को क्षमता विस्तार हेतु संचालन सम्मति दिनांक 21.12.2018 को जारी की गई है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वर्तमान में उद्योग की सम्मति दिनांक 30.11.2027 तक की अवधि हेतु नवीनीकृत होकर वैध है। सम्मति नवीनीकरण आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) जी नहीं। फैक्ट्री के आस-पास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैलने की स्थिति नहीं पाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में मेसर्स ओम स्मेल्टर्स एण्ड रोलर्स प्रायवेट लिमिटेड उद्योग का दिनांक 19.12.2023 को क्षेत्रीय अधिकारी ग्वालियर श्री आर.आर. सिंह सेंगर द्वारा तथा दिनांक 04.12.2024 को रसायनज्ञ श्री के.एस. राठौर द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 एवं 7 अनुसार है। उद्योग के आस-पास के क्षेत्र में प्रदूषण फैलने की स्थिति निरीक्षणों में नहीं पाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग की स्वीकृति व निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 1567 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिलांतर्गत बेगमगंज से सुल्तानगंज मार्ग का निर्माण किस योजनांतर्गत कितनी लागत का कब स्वीकृत किया गया? इस मार्ग का निर्माण किस कार्य एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? विभाग और निर्माण एजेंसी के मध्य हुए अनुबंध व डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या निर्माण एजेंसी द्वारा मापदण्डानुसार गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो अब तक निर्मित हिस्सों में जर्क क्यों है और घटिया कार्य क्यों कराया जा रहा है? कांक्रीट के हिस्सों के गुणवत्ताहीन व मापदण्डों के विपरीत कार्य हेतु कौन उत्तरदायी है? क्या गुणवत्ता नियंत्रण हेतु जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्य का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है, क्यों? इस हेतु कब तक जांच कर उत्तरदायित्व निर्धारित किया जावेगा? (ग) क्या बेगमगंज से महुआखेड़ा-करहौला-रजपुरा से जमुनिया के नवीन मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव है? क्या विभाग जनहित में इस मार्ग को जिला मार्ग घोषित कर या नवीन निर्माण कार्य कर टूलेन सड़क में उन्नत/निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो इस प्रस्ताव पर कब विचार किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बेगमगंज-सुल्तानगंज मार्ग का निर्माण ''म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट प्रोग्राम 6 तथा 7'' योजना के अन्तर्गत दिनांक 04.05.2018 एवं 26.10.2021 को संयुक्त रूप से 60 मार्गों हेतु रू. 6156 करोड़ से स्वीकृत। मार्ग का निर्माण मेसर्स श्रीजी हैदरगढ़ बेगमगंज रोड प्रोजेक्ट प्रा.लि. द्वारा कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं, कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराया जा रहा है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गुणवत्ता हेतु पृथक से इंडिपेन्डेंट इंजीनियर मेसर्स ब्लूम कंपनीस एल.एल.सी. को नियुक्त किया गया है। मापदण्डों अनुसार जांच, निरीक्षण एवं परीक्षण किया जा रहा है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नवीन मार्गों का कोई प्रस्ताव नहीं है। विधिवत प्रस्तावित प्रक्रिया अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर मुख्य जिला मार्ग घोषित किए जाते हैं। वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन नगर योजना 2021 आरक्षित भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 708 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर योजना 2021 के अन्तर्गत ग्राम कमेड़ की भूमि सर्वे क्रमांक 442/1/1/1, 442/1/1/2, 442/1/1/3 एवं 449/1/2 कुल रकबा 1.64 हेक्टर भूमि यातायात नगर के लिए आरक्षित की गई थी? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उज्जैन नगर विकास योजना 2035 के लागू होने के पूर्व उक्त भूमि पर आदेश क्रमांक UJNLP14032681, दिनांक 01 जून, 2023 के तहत व्यवसायिक गतिविधि की अनुमति किस नियम के तहत दी गई? नियम सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरण के प्रश्न दिनांक के पूर्व संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नाधीन भूमि उज्जैन विकास योजना, 2021 में वर्तमान वाणिज्यिक उपयोग हेतु निर्दिष्ट थी। (ख) उज्जैन विकास योजना, 2035, म.प्र. राजपत्र में दिनांक 26 मई, 2023 से प्रभावशील होकर प्रश्नाधीन भूमि विकास योजना, 2021 एवं 2035 दोनों में ही वाणिज्यिक उपयोग हेतु निर्दिष्ट होने से उक्त प्रकरण का निराकरण म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-29 (1) के अंतर्गत किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरण के प्रश्न दिनांक के पूर्व संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश, भोपाल में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। जिला कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश, उज्जैन में सी.एम. हेल्प लाईन के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसका निराकरण जिला कार्यालय द्वारा कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दतिया नगर में रिंग रोड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 1351 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया नगर में चारों ओर नगर की सुरक्षा हेतु प्राचीन समय में मजबूत दीवार थी? यदि हाँ, तो उस मजबूत दीवार को तोड़कर रिंग रोड का निर्माण किसके आदेश पर किया गया? आदेश की प्रति प्रदान करें। (ख) दीवार तोड़ने के कारण कितने मकानों को तोड़ा गया एवं कितने परिवार प्रभावित हुये? संपूर्ण की सूची प्रदान करें। मकानों को तोड़कर उनके निवासियों को शहर से दूर ग्राम चितुवा में व्यवस्थापन में किया गया है? यदि हाँ, तो पानी, सड़क बिजली की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है तथा निर्मित टंकी से पेयजल व्यवस्था प्रारंभ क्यों नहीं की गई? क्या जनहित में पानी, सड़क, बिजली की समुचित व्यवस्था की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या नगरपालिका एवं प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण जीर्ण-शीर्ण नगरपालिका की दीवार को समय पूर्व नहीं गिराये जाने से अतिवृष्टि के कारण घटित घटना के कारण क्या पांच व्यक्तियों की सितम्बर माह में हुई घटित घटना से पांच व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त काण्ड की शासन-प्रशासन द्वारा जांच कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। परन्तु प्रश्नांकित दीवार लगभग 400 वर्ष पुरानी होने के कारण मजबूत स्थिति में नहीं थी। नगर पालिका परिषद दतिया द्वारा पुरानी दीवार को तोड़कर रिंग रोड निर्माण करने का संकल्प पारित किया गया था, जिसके आधार पर मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में उक्त रिंग रोड निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। परिषद एवं पी.आई.सी. संकल्प की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 318 मकानों को तोड़ा गया है, जिसमें प्रभावित 496 परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ, व्यवस्थापन स्थल ग्राम चितुवा में पानी, सड़क एवं बिजली की व्यवस्था की गई है, तकनीकी कारणों से टंकी भरने में कठिनाई होने के कारण सीधे ट्यूबवेल एवं पाईप लाईन के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, नगर पालिका की दीवार प्रश्नांकित अनुसार गिरने से कोई घटना नहीं हुई है, अपितु प्रश्नांकित दुर्घटना पुरातत्व विभाग के अधीन राजगढ़ पैलेस की नींव को सुरक्षित रखने हेतु बनाई गई दीवार को इसके आसपास रहने वाले निवासियों द्वारा मिट्टी, मुरम खोदकर क्षतिग्रस्त किये जाने से तेज बारिश के कारण घटना घटित हुई। उक्त दुर्घटना के लिए निकाय स्तर पर प्रथम दृष्टया कोई लापरवाही नहीं पाये जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
6. ( *क्र. 32 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. के समस्त महाविद्यालय में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को शासन की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का भुगतान प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है? (ख) पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को शासन की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिए जाने हेतु शासन के पास बजट नहीं है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि बजट नहीं है तो उसका क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) मध्यप्रदेश के समस्त महाविद्यालय में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के पात्र छात्र/छात्राओं को विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति भुगतान की अद्यतन स्थिति अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5.08 लाख विद्यार्थियों को राशि रूपये 653.78 करोड़ का भुगतान किया गया है। नियमानुसार एवं पात्रता अनुसार छात्रवृत्ति राशि का भुगतान सतत् जारी है। (ख) पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का भुगतान सतत् जारी है। (ग) जी नहीं। पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिये जाने हेतु विभाग के पास पर्याप्त बजट उपलब्ध है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 980 ) श्री विष्णु खत्री : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014 से आज दिनांक तक कुल कितनी अवैध कॉलोनियां विकसित हुई हैं? अवैध कॉलोनियां एवं कॉलोनाईजरों के नाम की सूची उपलब्ध करायें। (ख) कितने कॉलोनाइजरों पर प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज की गई है एवं ऐसे कितने कॉलोनाइजर हैं, जिन पर प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई है? (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने के संबंध में विभाग की क्या कार्ययोजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के नगर पालिका परिषद बैरसिया क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में विकसित 19 अनधिकृत कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 13 अनधिकृत कॉलोनी के विकासकर्ताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार दर्ज कराई गई है। शेष 06 अनधिकृत कॉलोनी के विकासकर्ताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) राज्य सरकार द्वारा म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 बनाए गए हैं, जिसमें नगरीय क्षेत्र अन्तर्गत स्थित अनधिकृत कॉलोनियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने एवं इनके निर्माण पर रोक लगाने की प्रक्रिया विहित की गई है, जिसके लिए जिला कलेक्टर को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 1497 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति व प्रत्येक सड़क निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति कब-कब प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? यदि निर्माणाधीन हैं तो कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? प्रत्येक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या है? प्रत्येक निर्माण कार्य की अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। अनुबंध की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है।
10 मीटर छोड़कर रेलवे मेट्रो डिपो का कार्य प्रारंभ करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 1759 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल के अरेरा हिल्स पर स्थित हाउसिंग बोर्ड, भोपाल द्वारा निर्मित ग्रीन मेडोज़ कॉलोनी की कुल भूमि कितनी-कितनी, किस-किस खसरा नंबर में कितने-कितने रकबा के आधार पर स्थित है? कृपया छायाप्रति प्रदाय कर सम्पूर्ण जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि शासन द्वारा अलॉट भूमि पर बने आवासों का एकमुश्त लीज़ रेंट कराने का प्रावधान प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि कॉलोनी हेतु अलॉट भूमि के संशोधन हेतु फाईल जिला कलेक्टर भोपाल या संभागीय कमिश्नर भोपाल के पास कब से रखी है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि उपरोक्त भूमि का संशोधन करके पत्र की छायाप्रति प्रश्नकर्ता को कब तक भेज दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त कॉलोनी के लिए अलॉट भूमि कितनी थी और हाउसिंग बोर्ड भोपाल द्वारा चारों ओर कितनी-कितनी भूमि छोड़कर उपरोक्त कॉलोनी बनाई गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कॉलोनी के उत्तर की ओर निर्माणाधीन मेट्रो रेलवे डिपो का जो कार्य कराया जा रहा है, उसमें कितने ऊंचाई के किसके कितने-कितने पेड़ काटकर निर्माण किया जा रहा है? वहां कितने मीटर छोड़कर नाली का निर्माण मेट्रो डिपो रेलवे का कार्य प्रारंभ करने जा रहे हैं? कृपया स्पष्ट बताएं एवं यह भी जानकारी दें कि आवासों के किनारे से अगर मेट्रो का कार्य प्रारंभ हुआ तो आवासों के एवं उससे जो जनहानि भविष्य में होगी, उसका जिम्मेवार कौन होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अरेरा हिल्स भोपाल में नजूल शहर वृत्त भोपाल खसरा क्र. 959/1 कुल रकबा 62.92 एकड़ भूमि में से 5.15 एकड़ भूमि पर ग्रीन मेडोज कॉलोनी मण्डल द्वारा निर्मित की गई है। राजस्व विभाग के पत्र क्र. एफ-6-7/2007/सात-नजूल दिनांक 06.06.2008 द्वारा कलेक्टर जिला भोपाल को म.प्र. गृह निर्माण मण्डल को अरेरा हिल्स भोपाल स्थित खसरा क्र. 959/1 में से 5.15 एकड़ भूमि आवंटन करने के आदेश जारी किये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मण्डल को आवंटित उक्त भूमि के खसरे एवं रकबे में विसंगति का सुधार राजस्व विभाग द्वारा किये जाने के उपरान्त पट्टा निष्पादन की कार्यवाही प्रचलन में है, जिसके कारण उक्त भूमि पर बने आवासों के स्वामियों से एकमुश्त लीजरेन्ट नहीं लिया जा रहा है। (ख) कॉलोनी हेतु आवंटित भूमि के संशोधित भूमि आवंटन हेतु राजस्व विभाग के पत्र क्र. एफ-6-7/2007/सात-3, दिनांक 27.09.2023 द्वारा संशोधित आदेश कलेक्टर जिला भोपाल को जारी किया गया है, जिसमें आदेशित किया गया है कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि जिला कलेक्टर, भोपाल के संदर्भित प्रस्तावों के अनुसार म.प्र. गृह निर्माण मण्डल के आधिपत्य की भूमि (समान रकबा, समान मूल्य) खसरा क्र. 958/1/1 का अंश भाग 0.78 एकड़ को लीज में संशोधित किया जाये एवं 0.78 एकड़ भूमि वर्तमान अंकित खसरा क्र. 959/1 से कम की जाये, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कलेक्टर, भोपाल के प्रभारी अधिकारी आर.आर.एम. शाखा भोपाल ने पत्र क्र. 254, दिनांक 05.08.2024 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी नजूल शहर वृत्त भोपाल को राजस्व विभाग ने पत्र क्र. एफ-6-7/2007/सात-3, दिनांक 27.09.2023 के परिपालन में कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) शासन द्वारा आवंटित 5.15 एकड़ भूमि पर ग्रीन मेडोज कॉलोनी नगर तथा ग्राम निवेश विभाग एवं नगर निगम भोपाल से अनुज्ञा प्राप्त करने के उपरान्त विकसित एवं निर्मित की गई है। (घ) यूकेलिप्टस एवं करंज के 56 विविध उंचाई के वृक्ष काटकर निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। ग्रीन मिडोज कॉलोनी के बाउण्ड्री/रिटेनिंग वॉल से न्यूनतम 1 मीटर दूर नाली का निर्माण प्रस्तावित है। संबंधित कार्य की डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान दिल्ली के विशेषज्ञ के सलाह के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, जिसमे सुरक्षा के सभी मानकों का समावेश होगा। अतः प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मरों की जानाकरी
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 114 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में अक्टूबर 2024 तक विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर असफल होने के कारण बदले गए हैं एवं उनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर का परिवहन कृषकों द्वारा स्वयं के वाहन से किया गया है, की वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर, 2024 तक क्रमश: 906 एवं 308 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब होने के कारण बदले गये हैं तथा उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों में से क्रमश: 172 एवं 63 वितरण ट्रांसफार्मरों का परिवहन कृषकों द्वारा स्वयं के वाहन से किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 135 (बी) के मरम्मतीकरण कार्यों की जाँच
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 148 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरमौर से डभौरा तक प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 135 बी के रख-रखाव एवं जीर्णोद्वार का कार्य लोकनिर्माण विभाग की एन.एच. शाखा के अधीन है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के जीर्णशीर्ण होने का क्या कारण है? (ख) क्या कारण है कि सिरमौर से डभौरा तक प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 135 बी के मरम्मतीकरण कार्यों का भुगतान निर्माण एजेंसी को नियमित तौर पर किया जा रहा है, जबकि उक्त मार्ग जीर्णशीर्ण अवस्था में है? विगत 02 वर्षों में आमंत्रित निविदाएं तथा भुगतान विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त उल्लेखित मार्ग का भौतिक परीक्षण पृथक एजेंसी से कराया जाकर दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रस्तावित मार्ग जीर्णशीर्ण अवस्था में नहीं है। वर्तमान में यातायात सुचारू रूप से जारी है। (ख) मार्ग विभागीय संधारण अंतर्गत है। आवश्यकतानुसार मार्ग को यथा स्थिति में रखे जाने हेतु संधारण का कार्य कराया जाता है। विगत 2 वर्षों में आमंत्रित निविदायें एवं भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मार्ग जीर्णशीर्ण न होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर.डी.एस.एस. योजना
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 366 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत हुए हैं एवं योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफर स्थापित हो चुके हैं? उक्त कार्य करने हेतु जारी कार्यादेश अंतर्गत टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर को कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करना है? क्या उसके द्वारा समयावधि में कार्य किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, किया गया तो देरी के लिए कौन उत्तरदायी है और उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर द्वारा उल्लेखित जारी कार्यादेश के तहत क्या-क्या कार्य किया जाना था, की कार्यवार संख्यात्मक जानकारी देवें और उसके द्वारा क्या-क्या कार्य पूर्ण किया गया, की कार्यवार संख्यात्मक जानकारी देवें। उक्त कार्य की मॉनिटरिंग किसके द्वारा की जाना थी और उनके द्वारा क्या मॉनिटरिंग की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मनासा अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कुल 150 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया है एवं प्रश्नाधीन अवधि में उक्त में से 52 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं। योजनान्तर्गत उक्त कार्यों हेतु जारी कार्यादेशों की शर्तों अनुसार, कार्यों को कार्यादेश की दिनांक से 24 माह की समयावधि में पूर्ण किया जाना है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है एवं कार्यादेशों अनुसार कार्य पूर्ण करने की समयावधि अभी शेष है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर को जारी कार्यादेश के तहत किये जाने वाले कार्य एवं पूर्ण किये गये कार्यों का संख्यात्मक विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्यों की मॉनिटरिंग, कार्य के क्रियान्वयन से संबंधित मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता स्तर के अधिकारियों द्वारा की जानी है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यों का सुपरविजन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी द्वारा भी किया जा रहा है। उक्त अधिकारियों द्वारा योजनान्तर्गत संबंधित कार्यादेश के समस्त रिकॉर्ड का लेखा-जोखा, संबंधित पत्राचार, मटेरियल प्रबंधन एवं समय-समय पर निर्माण कार्य का निरीक्षण तथा चरणबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण होने की प्रगति की समीक्षा, आदि कार्य की मॉनिटरिंग की जा रही है।
पुनर्घनत्वीकरण (रीडेंसीफिकेशन) में शामिल भूमियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 4 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना, रीवा एवं मैहर जिले में रीडेंसिफिकेशन के लिये 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक किस-किस पटवारी हल्कों/तहसीलों की, किस-किस स्थान की, किस-किस आराजी क्रमांकों एवं कितने वर्गफुट (रकबा) की कौन-कौन सी भूमियों को चयनित कर निविदा कितनी-कितनी न्यूनतम दर की स्थानीय/शासन स्तर पर तय करते हुये बुलाई गई/बुलाई जाना प्रश्नतिथि तक तय की गई है? जिलेवार, भूमिवार, वर्षवार, निविदावार, रकबावार, आराजी क्रमांकवार, पटवारी हल्का नामवार, तहसीलवार, जानकारी उपलब्ध करायें। सभी निविदाओं की एक प्रति दें। (ख) रीडेंसिफिकेशन (पुनर्घनत्वीकरण) के लिये किन-किन नियमों/मापदण्डों के आधार पर किस कमेटी/कार्यालयों के अधिकारियों/सदस्यों को लिखित सलाह पर भूमियों का विक्रय किया जा रहा है? सभी नियमों/मापदण्डों की एक-एक प्रति प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमियों की जानकारी देते हुये समयानुसार उपलब्ध करायें। जारी आदेशों की एक एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित किन-किन भूमियों की निविदा राजस्व संभाग रीवा के आयुक्त के द्वारा क्यों, कैसे, किन कारणों से, कब निरस्त की गई? जारी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) शासकीय भूमियों के खुले आम बंदरबाट पर राज्य शासन किस-किस नाम पदनाम के अधिकारियों को चिन्हित कर उन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला सतना एवं मैहर में वर्तमान में पुनर्घनत्वीकरण योजना क्रियान्वित नहीं की जा रही है। जिला रीवा अंतर्गत 01.04.2021 से भूमियों पर पुनर्घनत्वीकरण स्वीकृत योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पुनर्घनत्वीकरण के नियमों/मापदण्डों के आधार पर सक्षम समिति/कार्यालयों के अधिकारियों/सदस्यों की अनुशंसा/अनुमोदन पर भूमियों का विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सतना जिले में तहसील रघुराजनगर, पटवारी हल्का सिविल लाइन की आराजी क्रमांक नजूल सीट क्र. 58, ब्लॉक-1 प्लॉट नंबर 34. 43/1,43/2 रकबा 8915 व.मी. पुराने पॉलीटेक्निक की भूमि चयनित की गई है। निविदा रूपये 76.00 करोड़ की तय की गई थी, जिसे आयुक्त, राजस्व संभाग रीवा द्वारा निविदा राशि भूमि की बिडिंग की दरों में अत्यधिक अंतर होने के कारण निरस्त करने की अनुशंसा सितम्बर 2024 में की गई थी। पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही करने हेतु अनुशंसा की गई है। वर्तमान में सतना में कोई भी पुनर्घनत्वीकरण योजना क्रियान्वित नहीं है। संभाग रीवा की किसी भी भूमि निविदा संभागीय आयुक्त द्वारा निरस्त नहीं की गई है। (घ) सतना, रीवा एवं मैहर जिले में शासकीय भूमियों पर नियमानुसार कार्यवाही की गयी है। अतः किसी भी अधिकारी को चिन्हित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण नियम
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 693 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के जिला भोपाल एवं ग्वालियर में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी निरंतर पदस्थ हैं? विभाग के स्थानांतरण नियम में निरंतर पदस्थ होने पर स्थानांतरण के क्या नियम हैं? नियम की प्रति एवं अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नांकित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्नांकित अवधि में किन-किन व्यक्तियों ने कब-कब, किन-किन प्रकरणों में शिकायतें दर्ज कराई है? अधिकारी/कर्मचारियों की शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग लंबे समय से उप कार्यालय विधायक विश्राम गृह भोपाल में जमे हुए श्री वीरेन्द्र गुप्ता पर स्थानांतरण की कार्यवाही की जायेगी? क्या विभाग जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विभाग द्वारा उप कार्यालय विधायक विश्राम गृह में 10-15 वर्षों में पदस्थ श्री वीरेन्द्र गुप्ता को निरंतर इतने लंबे समय तक किस नियम से रखा गया है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विभाग को पृथक से स्थानांतरण करने के संबंध में कोई नियम नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम 4 एवं 'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एक ही स्थान पर दीर्घावधि तक पदस्थ किये जाने के संबंध में कोई नियम नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका/परिषद गोहद में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 1582 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद गोहद, नगर परिषद मालनपुर व मौ में दिनांक 01 जनवरी, 2022 से वर्तमान तक खरीदी, निर्माण कार्य एवं अन्य मदों में 01 लाख रूपये तक की सैकड़ों फाइल अपने चहेते कर्मचारियों से तैयार कराकर करोड़ों रूपये का नुकसान नगर पालिका गोहद को पहुंचाया जाकर भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग कार्यवाही करेगा? (ख) क्या नगर पालिका परिषद गोहद द्वारा गौशाला के नाम पर गौशाला निर्माण एवं उसके संचालन व संधारण में करोड़ों रूपये अनावश्यक खर्च कर नगर पालिका को नुकसान पहुंचाया जाकर भ्रष्टाचार किया गया है? (ग) क्या नगर पालिका गोहद, नगर परिषद मालनपुर व मौ द्वारा कराये जा रहे सी.सी. रोड निर्माण, पार्क निर्माण, डामर निर्माण एवं नाला निर्माण कार्यों में प्राक्कलन अनुसार कोई कार्य नहीं कराया जाकर नाम मात्र के घटिया कार्य कराये जाकर बिना कार्य के भुगतान किये जाकर नगर पालिका को लाखों रूपये नुकसान पहुंचाया जा रहा है? क्या भौतिक परीक्षण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री के वर्ष 2024 में प्रथम बार भिण्ड आगमन पर नगर पालिका गोहद द्वारा भेजी गयी बसों के भुगतान में मोटर साइकिलों के नम्बर डालकर लाखों रूपये का फर्जी भुगतान कर नगर पालिका को लाखों रूपये की क्षति पहुंचाई गयी है? (ड.) क्या नगर परिषद मालनपुर में माह जुलाई 2021 से प्रश्न दिनांक तक डीजल, लाईट, अन्य सामग्री खरीदी एवं एक लाख से कम ऑफ लाइन फाईलों में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने में लाखों रूपये का भ्रष्टाचार किया? यदि हाँ, तो क्या विभाग कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) के लिये टीम गठित कर जांच कराई जाकर दोषियों के खिलाफ वसूली करते हुये कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद गोहद में प्रश्नांकित अवधि में एवं प्रश्नांकित अनुसार खरीदी, निर्माण एवं अन्य मदों के 01 लाख तक के प्रकरणों के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा की जा रही है। नगर परिषद मालनपुर एवं मौ के संबंध में कोई शिकायत संबंधित निकाय/विभाग के संभागीय कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त नहीं हुई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर परिषद गोहद द्वारा गौशाला निर्माण एवं संचालन कार्य की प्राप्त शिकायत की जांच संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा की जा रही है। (ग) प्रश्नांकित निकाय द्वारा सी.सी. रोड, पार्क निर्माण, डामरीकरण आदि कार्य नियमानुसार निविदा आमंत्रित कर तकनीकी स्वीकृति के अनुसार कराये जा रहे हैं। विभाग के संभागीय कार्यालय के तकनीकी अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों का भौतिक परीक्षण करने एवं गुणवत्ता संबंधी रिपोर्ट करने के उपरान्त ही भुगतान किया जाता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। नगर पालिका गोहद द्वारा प्रश्नांकित अनुसार कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ड.) नगर परिषद मालनपुर में आवश्यकता एवं मांगनुसार डीजल लाईट एवं अन्य सामग्री खरीदी की प्रक्रिया के संबंध में कोई शिकायत संबंधित निकाय/विभाग के संभागीय कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त नहीं हुई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) नगर परिषद गोहद में उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार जांच की जा रही है, अन्य नगरीय निकाय के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-कैबिनेट का गठन
[पशुपालन एवं डेयरी]
16. ( *क्र. 1243 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में गौ-कैबिनेट का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को गौ-कैबिनेट बनाई गई थी तथा इसमें किस-किस विभाग के मंत्री को शामिल किया गया है? (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में गौ-कैबिनेट की किस-किस दिनांक को कुल कितनी बैठकें हुईं? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में बैठकों में क्या-क्या निर्णय लिए गये? (घ) गौ-कैबिनेट की बैठकों के किन-किन निर्णयों पर क्रियान्वयन किया गया और कौन से ऐसे निर्णय है? जिन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। दिनांक 18.11.2020 को गौ कैबिनेट का गठन किया गया था। शामिल किए गए मंत्रियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में गौ-कैबिनेट की दिनांक 22.11.2020 को सिर्फ 01 बैठक संपन्न हुई है। (ग) बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) बैठक में लिए गए निर्णय पर क्रियान्वयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सांची दुग्ध संघ भोपाल का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
17. ( *क्र. 1578 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा सांची दुग्ध संघ भोपाल का प्रबंधन एवं संचालन 05 साल के लिये नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को दिया गया है? यदि हाँ, तो अब तक नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा सांची दुग्ध संघ में क्या बदलाव किये गये? (ख) क्या सांची दुग्ध संघ भोपाल में अधिकारी-कर्मचारियों की छंटनी किये जाने की योजना है? (ग) सांची दुग्ध संघ भोपाल की वित्तीय स्थिति और प्रबंधन में सुधार हेतु विगत 10 वर्षों में राज्य शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) सांची दुग्ध संघ के मध्यप्रदेश में कुल कितने प्लांट कहां-कहां स्थित हैं? दिनांक 31 मार्च, 2024 की स्थिति में सांची के कौन-कौन से प्लांट घाटे में रहे? सभी प्लांटों की वित्तीय एवं प्रबंधन स्थिति की जानकारी दी जाये।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत 10 वर्षों से भोपाल दुग्ध संघ लगातार लाभ की स्थिति में संचालित है। (घ) कुल 06 प्लांट है। दुग्ध संघ भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर एवं बुन्देलखण्ड (सागर) कार्यरत हैं। वित्तीय पत्रक दुग्ध संघवार तैयार किए जाते हैं। वर्तमान में दिनांक 31.03.2024 की स्थिति में अनअंकेक्षित लेखों के अनुसार ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ सकल रूप से संचयी हानि की स्थिति में है। शेष दुग्ध संघ संचयी लाभ की स्थिति में है।
सागर नगर अंतर्गत सीवर पाईप लाईन प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1491 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत योजनांतर्गत स्वीकृत सीवर प्रोजेक्ट के तहत सागर नगर में डाली जाने वाली सीवर पाईप लाईन की स्वीकृति कब हुई थी एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने की तय समय-सीमा क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनांतर्गत समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर कितनी बार और कब-कब समय-सीमा में वृद्धि की गई है? कार्य में विलंब होने के कारण क्रियान्वयन एजेंसी पर कितनी बार पेनाल्टी लगाई गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या कार्य एजेंसी द्वारा कार्य की गुणवत्ता सही नहीं है, जहाँ भी इनके द्वारा चेम्बर पाईप खड़े किये गये या तो वहाँ 4 इंच का गड्ढा है या 4 इंच उपर निकले हैं, जिससे आवागमन में आम नागरिकों के साथ दुर्घटना घटित हो रही है? इसके अलावा जिस निर्माण एजेंसी द्वारा रीस्टोरेशन का कार्य किया गया है वह अत्यंत घटिया है तथा सड़कों की हालत काफी खराब एवं जर्जर हो गई है, तो क्या शासन क्रियान्वयन एजेंसियों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही करते हुये इन्हें टर्मिनेट किये जाने पर विचार करेगा? (घ) सागर नगर अंतर्गत जो स्थान सीवर पाईप लाईन प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हैं, उनके लिए शासन की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत योजनांतर्गत सागर नगर में सीवर प्रोजेक्ट के तहत डाली जाने वाली सीवर लाइन की स्वीकृति राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 25.01.2016 में हुई थी एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने की समय-सीमा अनुबंध दिनांक से 36 माह दिनांक 07.07.2019 थी। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनांतर्गत समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर प्रथम समय वृद्धि 08.07.2019, द्वितीय समय वृद्धि 01.04.2020, तृतीय समय वृद्धि 01.04.2021 तथा चतुर्थ समय वृद्धि 01.04.2022 को प्रदान की गई। कार्य में विलंब के कारण क्रियान्वयन एजेंसी पर कोई पेनाल्टी नहीं लगायी गई है। इसका कारण योजना क्रियान्वयन हेतु पंपिंग स्टेशन निर्माण के लिए समय-सीमा में भूमि का आवंटन नहीं हो पाना एवं पंपिंग स्टेशन निर्माण उपरांत विद्युत कनेक्शन प्राप्त नहीं होना रहा है। कोविड-19 महामारी के समय में लेबर एवं सामग्री की उपलब्धता में कमी के कारण भी कार्य में विलंब हुआ है। (ग) जी नहीं। जहाँ भी चेम्बर बनाये गये हैं, वे तत्समय सड़क के सतह के बराबर बनाये गये हैं। यदि वर्तमान में सड़क एवं चेम्बर के लेवल में अंतर है, तो वह बाद में अन्य एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण के समय हुआ है। वर्तमान तक मैनहोल के कारण दुर्घटना होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। सीवर योजना की एजेंसी द्वारा रेस्टोरेशन का कार्य किया गया है, जिसका रख-रखाव करने का उत्तरदायित्व रेस्टोरेशन करने वाली एजेंसी का एक वर्षा ऋतु तक ही है। सड़कों की हालत खराब एवं जर्जर होने का कारण, अन्य एजेंसियों द्वारा भी उसी सड़क पर कार्य किया जाना है। रेस्टोरेशन कार्य किये जाने हेतु नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सागर नगर अंतर्गत जो स्थान सीवर पाईप लाईन प्रोजेक्ट में शामिल नहीं है, उन्हें अमृत 2.0 योजना में लिए जाने का प्रावधान किया गया है।
ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 213 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने शहर को जल प्लावन की समस्या से निजात दिलाने हेतु स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट पर कुल कितनी राशि व्यय की है एवं किस निर्माण ठेका एजेन्सी/कम्पनी को किन शर्तों पर कब ठेका दिया था? मूल योजना के तहत शहर के कितने बड़े नालों व कितनी छोटे नाले/नालियों को सीमेंटेड करना था, इसके तहत कितने बड़े नालों को कितने प्रतिशत कार्य कब से अपूर्ण/बंद पड़ा है एवं क्यों? ठेका एजेन्सी/कम्पनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं शर्तों के तहत कितनी राशि को रोका गया है? (ख) योजना के तहत बड़े नालों एवं छोटे नालों की सफाई, देखभाल, रख-रखाव मरम्मत आदि की क्या व्यवस्था की गई है? बड़े नालों एवं छोटे नालों/नालियों की सफाई व्यवस्था पर कितनी राशि व्यय की गई है? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित योजना के तहत नालों की क्या स्थिति है? ओमती नाला, मोती, शाह, खंदारी तथा उर्दना नालों से जल प्लावन की समस्या में क्या सुधार हुआ है? पहले की तुलना में कहां-कहां पर जलप्लावन की समस्या और बढ़ गई है एवं क्यों? खंदारी नाले की कब से साफ सफाई नहीं कराई गई है एवं क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित योजना में किये गये भ्रष्टाचार, ठेका कम्पनी को अनुचित लाभ पहुंचाने की जांच कराकर दोषी अधिकारियों/ठेका कम्पनी पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत जल प्लावन की समस्या वाले क्षेत्रों में स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट पर निविदा लागत राशि रूपये 374.99 करोड़ के विरूद्ध कुल राशि 364.07 करोड़ व्यय की गई है। इस कार्य हेतु निविदा आमंत्रित कर अनुबंध की शर्तों के अनुसार मेसर्स लार्सन एण्ड टूब्रो लिमिटेड, चैन्नई को कार्यादेश दिनांक 09.09.2010 को जारी किया गया। अनुबंध के शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। योजना अंतर्गत 5 बड़े नाले एवं 130 छोटे नालों को सीमेंटेड करना था। सभी नालों की प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नाला निर्माण फर्म के अनुबंधानुसार किये गये कार्य एवं एस्केलेशन के भुगतान का प्रावधान होने से वर्ष 2017 में फर्म को किये जाने वाले भुगतान से कार्य में अधिक व्यय हो रहा था। इस कारण एम.आई.सी. परिषद की बैठक दिनांक 18.09.2017 में निर्णय लिया गया कि एल.एण्ड.टी. से अब आगे कार्य न कराया जाये। ठेकेदार को कुल राशि रूपये 364.07 करोड़ का भुगतान किया गया है। एम.आई.सी. परिषद के निर्णय के क्रम में फर्म की सुरक्षा निधि एवं अमानत राशि रूपये 13.43 करोड़ बैंक गारंटी कार्यालय में जमा है। अनुबंध की शर्तानुसार कार्य के सबंध में कोई राशि नहीं रोकी गई है। (ख) योजना के अनुबंध में नालों के सफाई का कोई प्रावधान नहीं था, केवल दो वर्षाकाल का डिफेक्ट लाइबेलिटी पीरियड शामिल था, इस दौरान क्षतिग्रस्त नालों का मरम्मत/सुधार कार्य ठेकेदार से किया जाना था, जिसका कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया गया। बड़े नालों एवं छोटे नालों/नालियों की सफाई व्यवस्था पर व्यय राशि का वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित योजना के नालों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर निगम जबलपुर में जलप्लावन की गंभीर समस्या कहीं भी निर्मित नहीं होती है। वर्षाकाल के दौरान कुछ स्थानों पर जल एकत्रित होता है, वह वर्षा रूकने पर नाले/नालियों के माध्यम से निकासित हो जाता है। खंदारी नाले का सफाई कार्य नियमित रूप से कराया जाता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 897 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. (मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड) के रूप में श्रेणी बंद करने हेतु अब तक कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और उनमें से कितने प्रस्ताव लंबित हैं? (ख) इन लंबित प्रस्तावों को एम.डी.आर. के रूप में घोषित करने के लिए सरकार द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ग) सिंहस्थ 2028 के दृष्टिकोण से शाजापुर जिले में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने के लिए कौन-कौन से विशेष प्रावधान या योजनाएं बनाई गई हैं? (घ) क्या सरकार ने शाजापुर जिले की ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. श्रेणी में लाने के लिए किसी विशेष कार्य योजना को मंजूरी दी है? ताकि सिंहस्थ 2028 के दौरान बढ़े हुए यातायात भार एवं श्रद्धालुओं का ध्यान रखा जा सके। (ड.) इन सड़कों के उन्नयन के लिये बजट प्रावधान, तकनीकी अनुमोदन अन्य प्रक्रियाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? (च) सिंहस्थ 2028 के लिए तैयारियों के तहत शाजापुर जिले में सड़क नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हेतु सरकार की क्या दीर्घकालीन योजनाएं हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) नवीन सड़कों के निर्माण कार्य हेतु बजटीय प्रक्रिया आवश्यक है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 1016 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान कितनी सड़कों का निर्माण किन-किन संविदाकारों को कार्यादेश जारी कर कराये गये? अनुबंध की शर्तें क्या थी, शर्त अनुसार क्या कार्य कराये गये? अगर नहीं तो इस पर कार्यवाही बावत क्या निर्देश कब-कब दिये गये? इनका भौतिक सत्यापन कब-कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? प्रतिवेदन देते हुये बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में हिरवार से सरसी, पंडुई दलको कोठार से जागीर तक एवं कुम्हिया लगना टोला से रमपुरवा तक के सड़क के निर्माण बावत कब स्वीकृति प्रदान की गई? अनुबंध अनुसार कार्यादेश जारी होने के बाद कार्य की भौतिक स्थित क्या है? कार्य पूर्ण कराये जाने की अवधि क्या है, अवधि व अनुबंध अनुसार कार्य समय पर पूरा नहीं किया गया तो इस पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उपयोग की गई खनिज संपदा के रॉयल्टी की राशि कितनी-कितनी किन-किन सड़कों में संविदाकारों द्वारा शासन के खाते में जमा की गई एवं कितनी शेष है, का विवरण सड़कवार बतावें। इनमें उपयोग की गई खनिज संपदा की लीज़ कहां-कहां संविदाकारों द्वारा प्राप्त की गई थी, का विवरण पृथक से देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की सड़कों का निर्माण अनुबंध की शर्तों अनुसार नहीं किया गया? सड़कें समय पर चलने योग्य नहीं बनाई गई? खनिज की रॉयल्टी चोरी की गई? अधिकारियों एवं संविदाकारों ने सांठ-गांठ कर शासन को क्षति पहुंचाई, इसके लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही के क्या निर्देश किस तरह से देंगे? अगर नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कुम्हिया लगना टोला से रमपुरवा तक मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 23.02.2024 एवं अन्य 05 मार्गों सहित कुल 06 मार्गों की राशि रू. 506.23 लाख की विशेष मजबूतीकरण के अन्तर्गत जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त मार्ग का कार्यादेश दिनांक 23.07.2024 को जारी किया गया एवं कार्य पूर्ण करने की समयावधि 03 माह वर्षाकाल छोड़कर, कार्य प्रगति पर है। प्रश्नांश में वर्णित मार्ग हिरवार से सरसी, पंडुई दलको कोठार से जागीर मार्ग इस विभाग अन्तर्गत नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' में वर्णित सड़कों का निर्माण अनुबंध की शर्तों अनुसार कराया गया है। शासन को कोई क्षति नहीं पहुंचाई गई है। अतः कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। सभी निर्मित सडकें वर्तमान में अच्छी स्थिति में है। ठेकेदार से रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर ही अंतिम देयक का भुगतान किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सांची दुग्ध उत्पादन केंद्र द्वारा किसानों को भुगतान
[पशुपालन एवं डेयरी]
22. ( *क्र. 721 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से दुग्ध उत्पादक किसान हैं, जिनसे सांची दुग्ध संघ द्वारा क्रय किये दुग्ध की राशि का भुगतान नहीं किया गया है? प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उपरोक्त दुग्ध उत्पादक किसानों को भुगतान न किये जाने का क्या कारण है और किस दिनांक तक भुगतान हो जायेगा?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के खाते में भुगतान किया जाता है तथा समितियां अपने पंजीकृत सदस्यों/दुग्ध प्रदायकों को भुगतान करती हैं। प्रश्न दिनांक तक दुग्ध संघ द्वारा दिनांक 31.10.2024 तक का भुगातान किया जा चुका है। अत: जबलपुर दुग्धसंघ स्तर पर किसानों का भुगतान शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
आवासहीनों को आवास नहीं दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 496 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न क्रमांक 864 में माननीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 27 जुलाई, 2022 के जवाब में योजनांतर्गत आवास आवंटन की तिथि 30 दिसम्बर, 2022 बतायी गयी थी? क्या उक्त समस्त आवासों का आवंटन उपभोक्ताओं को समयावधि पर कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कर दिया जावेगा? (ख) प्रति आवास की कीमत क्या थी? आवास हितग्राहियों को कब तक पूर्ण कर देने की तारीख दी थी? क्या आज दिनांक तक आवास का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? तीन लाख पचास हजार का अतिरिक्त मांग पत्र निगम क्यों मांग कर रहा है? लागत में वृद्धि हुई, उसमें हितग्राहियों की कोई गलती है? नगर निगम के द्वारा आवास पैसे देने के बाद भी हितग्राहियों को आवास पूर्ण कर नहीं दिए जा रहे हैं। हितग्राहियों के द्वारा लगातार निगमायुक्त, जिला कलेक्टर, प्रभारी मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद सभी को निवेदन किया गया है? क्या इन सभी लोगों ने इस मामले पर कार्यवाही की है? (ग) क्या प्रश्नांकित दिनांक तक हितग्राहियों को आवास आवंटित नहीं किये गये हैं? इसके क्या कारण हैं? क्या निर्धारित राशि के अतिरिक्त भी निगम प्रशासन द्वारा आवंटन के नाम पर तीन लाख पचास हजार रूपये की अतिरिक्त मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? जबकि छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री भी निर्धारित राशि में ही आवास देने की घोषणा कर चुके हैं, इसके साथ ही सी.एम. हेल्पलाइन क्रमांक 17561156 में भी नगर प्रशासन द्वारा तीन लाख पचास हजार रूपये की अतिरिक्त मांग को निरस्त करने का कथन किया है? (घ) क्या उक्त आवासों हेतु उपभोक्ताओं द्वारा ली गई राशि का उपयोग निगम द्वारा इस योजना के अतिरिक्त अन्यत्र कहां किया गया है? यदि किया गया है तो इसके क्या कारण हैं? उक्त योजना में निगम को आज दिनांक तक हुई आय और जो व्यय किये हैं, उनकी मदवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के ए.एच.पी. घटक अन्तर्गत निर्मित ई.डब्ल्यू.एस. आवासीय इकाइयों के हितग्राहियों का वित्तीय भार कम करने हेतु (क्रॉस सब्सिडी के लिये) इमलीखेड़ा में निर्मित 78 एम. आई.जी. आवासीय इकाइयों में से 17 हितग्राहियों द्वारा संपूर्ण राशि (अतिरिक्त मांग रूपये 3.50 लाख रूपये सहित) जमा कर दी है, जिसमें से 08 हितग्राहियों द्वारा भवन की रजिस्ट्री भी करा ली गई है। 53 हितग्राहियों द्वारा अंश समय पर जमा न करने के कारण उनको आवास नहीं दिया गया है। शेष 08 हितग्राहियों द्वारा हितग्राही अंशदान भवन की राशि जमा न करने के कारण उनका आवंटन निरस्त किया है। पुन: ऑनलाईन आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। उक्त परिस्थितियों के दृष्टिगत शेष आवासों के आवंटन के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत ईमलीखेड़ा के एम.आई.जी. भवनों में से कॉर्नर वाले भवनों की कीमत राशि रु. 32.00 लाख तथा अन्य भवनों की कीमत राशि रु. 31.00 लाख निर्धारित की गई थी। निविदाकार के अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने की तिथि 30.06.2021 निर्धारित थी। टेण्डर में सम्मिलित कार्यों के अतिरक्त आवश्यक कार्य संपन्न कराने से निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। लागत में वृद्धि होने से निर्धारित मूल्य के अतिरिक्त राशि रु. 3.50 लाख की वृद्धि सक्षम प्राधिकारी आयुक्त द्वारा स्वीकृत है। तद्नुसार लागत वृद्धि राशि के मांग पत्र जारी किये गये हैं। भवनों एवं अधोसंरचना कार्यों में सड़क, नाली एवं पेयजल के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, केवल बाह्य विद्युतीकरण का कार्य प्रगतिरत है। (ग) जी नहीं। हितग्राहियों द्वारा निर्धारित पूर्ण राशि जमा न किये जाने से आवास आवंटित नहीं किया जा सका। जी हाँ। लागत वृद्धि होने से अतिरिक्त लागत की राशि रु. 3.50 लाख का नियमानुसार मांग पत्र जारी किया गया है। योजना की अवधारणा अनुसार मध्यम आयवर्गीय आवासीय इकाइयों का निर्माण अनिवार्य नहीं है। इनका व्ययन ऐच्छिक है तथा निकाय के हित में राशि निर्धारण की शक्तियां नगरीय निकाय में निहित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। योजना अंतर्गत नगर निगम छिंदवाड़ा को प्रश्न दिनांक तक हुई आय और व्यय की मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कालाखेत स्टेडियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 1428 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4213, दिनांक 19.7.2024 के बिंदु (ख) अनुसार मंदसौर में कालाखेत स्टेडियम के निर्माण का प्रकरण साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय किया गया था? (ख) साधिकार समिति का निर्माण कब किया गया था, इसमें कौन-कौन सदस्य हैं? स्टेडियम निर्माण के संबंध में समिति द्वारा की गई कार्यवाहियों, बैठकों की संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रश्न के अनुसार प्रश्नांश (घ) में जिला प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाना बताया गया है? जानकारी दें कि संयुक्त रूप से किस-किस दिनांक को दल गठित कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है? पिछले 5 वर्षों में कालाखेत शॉपिंग कांप्लेक्स और स्टेडियम से अतिक्रमण को मुक्त करने की कार्यवाहियों का विवरण देवें। (घ) क्या शासकीय संपत्ति से अतिक्रमण को मुक्त करने हेतु जिला प्रशासन एवं स्थानीय निकाय गंभीर नहीं है? यदि है तो वर्षों बीत जाने के बाद भी कालाखेत अतिक्रमण मुक्त क्यों नहीं हुआ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) शालाओं की अतिरिक्त भूमि का वाणिज्यिक उपयोग करने के लिये गठित समिति की प्रथम बैठक दिनांक 24.02.2001 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, वित्त विभाग, संचालक टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग म.प्र., आयुक्त, लोक शिक्षण म.प्र., आयुक्त, म.प्र. गृह निर्माण मंडल एवं कलेक्टर मंदसौर की सदस्यता में आयोजित की गई। द्वितीय बैठक दिनांक 13.05.2011 को आयोजित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद, मंदसौर द्वारा अस्थायी अतिक्रमण को समय-समय पर मुहिम चलाकर हटाने की कार्यवाही की जाती है। कालाखेत शॉपिंग कॉम्पलेक्स और स्टेडियम से अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा दिनांक 19 सितम्बर, 2022 को साठिया समुदाय के लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाया गया है। (घ) जी नहीं, निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा 19 सितम्बर, 2022 को अतिक्रमण हटाया गया था, परन्तु साठिया समाज के लोग धीरे-धीरे फिर से काबिज हो जाते हैं।
बायपास रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 662 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र-194 थांदला के अंतर्गत मेघनगर बायपास के निर्माण हेतु काफी लम्बे समय से मांग चली आ रही है? (ख) उक्त बायपास का निर्माण कब तक कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मेघनगर बायपास मार्ग लंबाई 2.50 कि.मी. निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. शासन के पत्र क्र. एफ-43/02/2020/19/ यो/1178, भोपाल दिनांक 13.03.2020 द्वारा राशि रूपये 491.67 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा फिजीबिलिटी/डी.पी.आर. रिपोर्ट तैयार करने की कार्यवाही प्रगतिरत है। मार्ग की संपूर्ण स्वीकृत लंबाई 2.50 कि.मी. रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आने के कारण वन विभाग से अनुमति की कार्यवाही प्रचलन में है। अनुमति के पश्चात निर्माण एजेंसी निर्धारण उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
नवीन
ट्रांसर्फामर
की स्थापना
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 25 ) श्री मुकेश टंडन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र विदिशा में वर्ष 2023-24 में जनपद ग्यारसपुर अंतर्गत ग्राम माला, मढिपुर, दीघौरा, चाठौली एवं जनपद विदिशा अंतर्गत ग्राम रंगई, उदयगिरी, आदमपुर एवं गेहूँखेड़ी में नवीन ट्रांसफार्मर स्थापना कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो कौन-कौन सी निधि से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इनकी कार्य एजेंसी किस किसको बनाया गया है प्रत्येक का विवरण पृथक-पृथक बतावें वर्तमान में इन कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों की अद्यतन स्थितियों के अनुसार प्रगतिरत एवं अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे एवं अभी तक कार्य पूर्ण होने में विलम्ब का क्या कारण रहा स्पष्ट करें। विलम्ब के लिये कौन दोषी है तथा दोषी के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा जिले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में विदिशा विधानसभा क्षेत्र के जनपद पंचायत विदिशा एवं ग्यारसपुर अंतर्गत ग्राम मड़ीपुर (मढिपुर नहीं), दिघोरा (दीघौरा नहीं), चाठौली, रंगई एवं उदयगिरी तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में ग्राम गेहूँखेड़ी, माला एवं आदमपुर में नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति 'सांसद निधि' मद से प्रदान की गयी है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु प्रश्नाधीन चाही गयी निधि/मद, स्वीकृत राशि, कार्य एजेंसी का विवरण, कार्यों की प्रगति/पूर्णता/अपूर्णता, कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित 8 कार्यों में से 6 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं एवं शेष दो कार्यों हेतु क्रमश: जनपद पंचायत ग्यारसपुर एवं विदिशा से मांग पत्र की राशि प्राप्त होने के उपरांत उक्त कार्यों को प्रारंभ किया जा सकेगा, अत: वर्तमान में शेष कार्यों को पूर्ण किये जाने की निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्तानुसार की गई नियमानुसार कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यों में विलंब के लिए किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नवीन विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 28 ) श्री मुकेश टंडन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने मा. मुख्यमंत्री जी से विदिशा तहसील के ग्राम करारिया में 132/33 के.व्ही. का नवीन सब स्टेशन की स्वीकृति का आग्रह किया है। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग को मुख्यमंत्री कार्यालय से उक्त प्रकरण सी.एम. मॉनिट (बी श्रेणी) पत्र क्रमांक 3641/सीएमएस/एमएलए/144/2024 दिनांक 12.08.2024 को प्राप्त हुआ है। यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रबंध संचालक म.प्र.पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमि., जबलपुर द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन विदिशा क्षेत्र के ग्रामीण एवं कृषक जनों को पर्याप्त भार से विद्युत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु तहसील विदिशा के ग्राम करारिया में नवीन विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत कर स्थापित करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रश्नांश में उल्लेखित सन्दर्भ के माध्यम से विभाग को प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृति बाबत् प्रस्ताव नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु प्राप्त हुआ है, जिसे विभाग द्वारा आगामी कार्यवाही हेतु म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को अग्रेषित किया गया है। म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा, प्रश्नाधीन क्षेत्र से संबंधित म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को, प्रश्नाधीन क्षेत्र की वर्तमान अद्योसंरचना व्यवस्था एवं भविष्य की आवश्यकता का आकलन कर इस संबंध में निर्णय लिए जाने हेतु गठित प्रदेश स्तरीय अंर्तकंपनी समिति के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने बाबत् लेख किया गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त प्रस्ताव का परीक्षण कर समिति को दिनांक 05.12.2024 को प्रेषित किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय सुनिश्िचत किए जाने हेतु विभिन्न योजनाओं यथा आर.डी.एस.एस एवं एस.एस.टी.डी. के अंतर्गत क्रमश: एक नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना तथा एक पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि (3.15 एम.व्ही.ए. से 5 एम.व्ही.ए.) का कार्य स्वीकृत है। उक्त के अतिरिक्त उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापना की स्वीकृति नहीं है।
जिला चिकित्सालय का भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 29 ) श्री मुकेश टंडन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा में संचालित माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय का भवन निर्माण कब स्वीकृत हुआ था? इसके लिये शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? इस निर्माण कार्य की एजेंसी कौन थी तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि कब तक निश्िचत की गई थी? जानकारी दें। (ख) वर्तमान में उक्त चिकित्सालय भवन की स्थिति क्या है बतावें। क्या यह सत्य है कि उक्त चिकित्सालय भवन निर्माण में अनेक प्रकार की अनियमिततायें पायी जाने के कारण जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने मान.मंत्री महोदय लोक निर्माण विभाग को पत्र क्रमांक 405 दिनांक 31.07.2024 से अवगत कराकर जिला चिकित्सालय भवन के निर्माण में पायी गयी अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच एवं निर्माण एजेंसी के ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का आग्रह किया था? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त चिकित्सालय भवन की स्थिति वर्तमान में अच्छी है। जी हाँ। संबंधित ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
पेंच नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 41 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांख - सजपानी के मध्य पेंच नदी पर पुल का निर्माण किस वर्ष हुआ था? (ख) उपरोक्त पुल की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) यदि पुल नहीं है तो क्या नवीन पुल बनाने का प्रस्ताव है? (घ) पुल का निर्माण कब तक हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) पुल कार्य वर्ष 2016 में पूर्ण किया गया था। (ख) वर्ष 2020 में 27-28 अगस्त को हुई अतिवृष्टि के कारण पुल बह गया। (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 45 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला हरदा अंतर्गत ग्राम हंडिया से ग्राम गुल्लास सड़क मार्ग निर्माण कार्य कब स्वीकृत किया गया व इसके निर्माण कार्य हेतु कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) ग्राम हंडिया से ग्राम गुल्लास सड़क मार्ग का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? किन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उक्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य रूका हुआ है व विकास कार्य रोकने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) ग्राम हंडिया से ग्राम गुल्लास सड़क मार्ग निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) दिनांक 21.12.2007 को। राशि रू. 1022.72 लाख। (ख) कार्य दिनांक 16.03.2020 को पूर्ण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्धारित मापदण्ड अनुसार मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 56 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के विधानसभा भैंसदेही क्षेत्र के अंतर्गत खरपी से मुक्तागिरि मार्ग निर्माण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस मार्ग हेतु स्वीकृत राशि एवं आज तक व्यय राशि का विवरण देवें? (ग) क्या इस मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग के निर्धारित मापदंडों के अनुसार हो रहा है क्या इसकी जांच की गई है यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा इसकी जांच की गई है? संबंधित अधिकारी की टूर डायरी एवं जांच के परिणामों की जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राशि रुपये 1540.60 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति। कार्य पर आज दिनांक तक राशि रुपये 26.00 लाख व्यय हुआ है। (ग) जी हाँ। संबंधित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जांच की गई। की गई जांच की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी/कार्यपालन यंत्री की टूर डायरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 68 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में चिचोली से भीमपुर मार्ग चौड़ीकरण कार्य कब स्वीकृत हुआ है? कार्य आदेश के प्रति उपलब्ध कराये। (ख) उक्त मार्ग कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बैतूल जिले में चिचोली से भीमपुर मार्ग चौड़ीकरण कार्य दिनांक 01.10.2023 को स्वीकृत हुआ। प्रशासकीय स्वीकृति की आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। कार्यादेश दिनांक 22.06.2024 को जारी हुआ है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) दिनांक 15.11.2024 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
मार्ग चौड़ीकरण की योजना
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 88 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के बैतूल बाजार से भारत भारती फोरलेन जोड़ तक मार्ग पर बढ़ते हुये यातायात को दृष्टिगत रखते हुये मार्ग चौड़ीकरण किये जाने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो मार्ग चौड़ीकरण कब किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, वर्तमान में किसी योजना में प्रस्तावित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल शहर के बायपास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 89 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के बैतूल शहर का बायपास मार्ग बजट में स्वीकृत है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवे? (ख) उक्त स्वीकृत मार्ग का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मार्ग मुख्य बजट वर्ष 2023-24 के सूची के सरल क्र. 10 पर अंकित है। (ख) सक्षम वित्तीय समिति में अनुमोदन उपरान्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के उपरान्त निविदा आमंत्रित की कार्यवाही उपरान्त कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रांसफार्मरों के आईल की चोरी
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 116 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किमाननीय प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या में वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर 2024 तक विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से आईल चोरी की कितनी वारदातें हुई है, जिसके कारण किसानों आए दिन परेशान रहते हैं। उक्त वारदातों में कितने प्रकरणों में आईल चोरी की रिपार्ट हो सकी है एवं कितने प्रकरणों में आईल चोरी की रिपोर्ट नहीं हो सकी है जिसके कारण विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर का आईल नहीं बदला गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अक्टूबर 2024 तक बरसात के समय में आईल चोरी की कितनी वारदातें हुई है जिसके कारण आईल न बदले जाने के कारण रबी की फसल में सिंचाई का कार्य प्रभावित हुआ है। क्या तीन माह से अधिक बीत जाने के बाद भी आईल नहीं बदले जा रहे हैं। इसमें कौन दोषी है और क्या दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी? यह भी जानकारी दें कि आईल क्यों नहीं बदला गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या में वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर-2024 तक वितरण ट्रांसफार्मरों से आईल चोरी होने की कुल 74 वारदातें हुई हैं एवं उक्त सभी वारदातों में आईल चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गयी है। रिपोर्ट दर्ज होने के उपरांत त्वरित रुप से वितरण ट्रांसफार्मरों में आईल भर कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया गया है, जिसके फलस्वरूप प्रश्नाधीन क्षेत्र के किसानों को सिंचाई कार्य हेतु विद्युत प्रदाय संबंधी कोई परेशानी नहीं हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर-2024 तक बरसात के समय में वितरण ट्रांसफार्मर से आईल चोरी की कुल 07 वारदातें हुई हैं एवं उक्त सभी वितरण ट्रांसफार्मरों में त्वरित रुप से आईल को भर कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया गया है, अतः रबी सीजन की फसल की सिंचाई का कार्य प्रभावित नहीं हुआ है। उक्तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता।
रेस्ट हाउस का पुनर्निर्माण अथवा जीर्णोद्धार
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 151 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत रेस्ट हाउस स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि विभाग के द्वारा रेस्ट हाउस का जीर्णोद्धार अथवा पुनर्निर्माण संबंधी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2022-23 में विकासखण्ड जवा स्थित रेस्ट हाउस के पुनर्निर्माण/जीर्णोद्धार संबंधी प्रस्ताव विभाग के द्वारा वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति हेतु विभाग को भेजा गया था? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण की स्वीकृति एवं राशि जारी की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। विकासखण्ड जवा में नवीन विश्राम गृह के निर्माण कार्य का प्राक्कलन राशि रू. 299.30 लाख का तैयार किया गया है किन्तु बजट में शामिल न होने से प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्धाघाट पुल पर आवागमन
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 157 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खम्हरिया और पनागर को जोड़ने वाले वर्धाघाट पुल का निर्माण वर्ष 2014 से प्रारंभ होकर वर्ष 2022 में पूर्ण हुआ है? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक पुल को दोनों तरफ की सड़कों से नहीं जोड़ा गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों? (घ) कब तक पुल को दोनों तरफ की सड़कों से जोड़कर आवागमन प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्र. 2 जबलपुर से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
गलत शपथ-पत्र प्रस्तुत करने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 184 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र. एम.एल./टी.के.जी/1-145/2024 दिनांक 14.09.2024 को निविदा क्रमांक 333651 में बैलेंस वर्क गलत देने एवं गलत शपथ पत्र प्रस्तुत करने की शिकायत की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण सागर द्वारा अपने ज्ञाप क्रमांक-29-41/सा/पंजीयन/काली सूची/2023-2024 सागर दिनांक 11.11. 2024 को प्रश्नांश (क) में वर्णित फर्म को काली सूची में डाला गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित निविदा में छल-कपट किया गया है एफ.आई.आर दर्ज क्यों नहीं कराई? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कार्यवाही करने के लिए कौन-कौन अधिकृत है उसके द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) निविदा की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की गई है। म.प. शासन लो.नि.वि. भोपाल के आदेश क्र. एफ-17-1/20210/19/यो दिनांक 24.03.2015 से जारी निर्देशों के तहत ठेकेदार द्वारा शपथ पत्र में गलत जानकारी देने के सबंध में ठेकेदार का पंजीयन निलंबन/कालीसूची में दर्ज किये जाने का प्रावधान है, एफ.आई.आर दर्ज किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका में व्याप्त अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 185 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वित्तीय वर्ष 2020 से 2023 तक की स्थानीय विधि संपरीक्षा सागर द्वारा करोड़ों रूपयों की अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है यदि नहीं, तो बतायें कि सिद्धि विनायक कन्सट्रक्शन टीकमगढ़ एवं गिरीग्रुप कन्सट्रक्शन टीकमगढ़ को विगत 10 वर्ष में कुल कितने कार्यों का भुगतान किया गया है? (ख) क्या यह भी सही है कि प्रश्नकर्ता सत्र फरवरी 2024 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 710 किया था यदि हाँ, तो उसमें दिये गये आश्वासन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा टीकमगढ़ नगर पालिका में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला ई.ओ.डब्ल्यू अथवा लोकायुक्त को न सौंपने का क्या कारण है? (घ) स्थानीय संपरीक्षा रिर्पोटों पर कार्यवाही न करने लिए कौन-कौन दोषी है यदि कार्यवाही नहीं करना है तो स्थानीय संपरीक्षा रिपोर्ट का क्या औचित्य है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, जिनका निराकरण निकाय द्वारा समय-समय पर आयोजित कैंपों के माध्यम से किया जाता है। निकाय दवारा सिद्धि विनायक कंस्ट्रक्शन टीकमगढ़ को 121 कार्यों का भुगतान किया है एवं गिरीग्रुप कंस्ट्रक्शन टीकमगढ़ को कोई भी कार्य का भुगतान विगत 10 वर्षों में नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। अंकेक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, अंकेक्षण आपत्तियों का निराकरण निकाय द्वारा समय-समय पर आयोजित कैंपों के माध्यम से किया जाता है। (ग) नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा वर्ष 2019 से 2023 तक की गई अनियमितताओं पर लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 02/ई/24 पंजीबद्ध है। (घ) अंकेक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, अंकेक्षण आपत्तियों का निराकरण निकाय द्वारा समय-समय पर आयोजित कैंपों के माध्यम से किया जाता है। निकाय द्वारा संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित शिविर दिनांक 18.01.2021 में 62 आपत्तियों का निराकरण कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्थानीय निधि संपरीक्षा रिपोर्ट होने से निकाय के कार्यों की पारदर्शिता बनी रहती है, इसलिये स्थानीय संपरीक्षा कार्य कराया जाना आवश्यक है।
स्वच्छता सलाहकारों की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 201 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट एवं ॐ साईं ॐ दो एजेंसी स्वच्छता एवं सलाह के लिए नियुक्त हैं? यदि हां, तो क्या कारण हैं कि 800000 प्रतिमाह ग्रांटथॉर्नटन (जी.टी.) भारत के चार कर्मचारियों को निजी सलाहकार स्वच्छता अभियान के लिए रखा गया है? (ख) क्या शासन की ओर से शासन के खर्च पर सलाहकार पूर्व से दे रखे हैं? यदि हां, तो जनता के टैक्स का इस तरह के प्रयोग में अपव्यय करना कहां तक उचित है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारीगण दोषी हैं? (ग) क्या कारण है कि इतने सलाहकार रखने के उपरांत भी स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में उज्जैन 17वें पायदान से 19वें पायदान पर आ चुका हैं? (घ) भारत सरकार ने के.पी.एम.जी. कंसल्टिंग फर्म की कर्मचारी सुश्री गरिमा गोस्वामी को रखने से नगर निगम उज्जैन पर कोई आर्थिक भार नहीं था? फिर इस प्रकार के निर्णय के पीछे निगम के खर्च से सलाहकार रखकर ग्रांट होटल में बैठने की प्रबंध व्यवस्था कर जनता के धन के अपव्यय हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस विषय में ऑनलाइन नंबर 1449 दिनांक 5 फरवरी 24 को विभाग को ध्यान आकर्षण सूचना दी गई हैं? यदि हां, तो विभाग द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की हैं? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में उज्जैन नगर पालिक निगम में स्वच्छता सलाह के लिये किसी भी प्रकार की कोई एजेंसी नियुक्त नहीं है। (ख) वर्तमान में परियोजना क्रियान्वयन इकाई (PIU) के रूप में एक सलाहकार को नियुक्त किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में उज्जैन नगर निगम को कुल 7929.7 अंक प्राप्त हुये जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में 5775.76 प्राप्त हुये थे। इसके अतिरिक्त नगर पालिक निगम उज्जैन को जी.एफ.सी. स्टार रेटिंग में 3 स्टार एवं वाटर प्लस शहर का दर्जा प्राप्त हुआ है। (घ) पूर्व में नियुक्त पी.आई.यू. सुश्री गरिमा गोस्वामी वर्तमान में नगर पालिक निगम उज्जैन में पदस्थ नहीं है। वर्तमान में नगर पालिक निगम उज्जैन में 1 पी.आई.यू. के अतिरिक्त कोई और पदस्थ नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एम.आर.फोर एवं लिंक रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 214 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर के विकास एवं विस्तार को गति प्रदान करने यातायात के दबाव को कम करने के उद्देश्य से मास्टर प्लान 1979 में प्रस्तावित एम.आर. फोर एवं लिंक रोड्स का निर्माण कराने की मूल योजना के तहत कहां से कहां तक कितनी लम्बाई एवं चौड़ाई के एम.आर.फोर का निर्माण कब कितनी राशि से कराया गया है। कहां से कहां कितने कि.मी. का निर्माण कार्य कब से नहीं कराया गया एवं क्यों? वर्तमान में इस एम.आर.फोर. की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रस्तावित कितने लिंक रोड में से कहां से कहां तक के कितने-कितने कि.मी. लम्बाई एवं चौड़ाई के किन-किन लिंक रोड एवं सर्विस सड़क का निर्माण कब कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? कौन-कौन से लिंक रोड का निर्माण कब से नहीं कराया गया एवं क्यों? (ग) रद्दी चौकी चौराहा से अमखेरा की और प्रस्तावित मूल योजना के तहत कहां से कहां तक का कितने हिस्से का लिंक रोड का निर्माण कार्य कब से किसने नहीं कराया हैं एवं क्यों? निर्मित लिंक रोड की वर्तमान में क्या स्थिति हैं। इसका कब से सुधार एवं मरम्मत कार्य, पुनर्निर्माण नहीं कराया गया है एवं क्यों? (घ) क्या प्रश्नांकित एम.आर. फोर, सर्विस रोड एवं लिंक रोड्स का निर्माण कराना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या शासन इनका निर्माण कार्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत कराना सुनिश्िचत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर विकास योजना 1991 में प्रस्तावित एम.आर.-4 रोड (सगड़ा से महाराजपुर बायपास तक) की कुल लंबाई लगभग 12.17 कि.मी. है एवं चौड़ाई 50 मीटर है। प्रस्तावित मार्ग में से प्राधिकरण द्वारा योजना क्र.41 में स्थित रेल्वे लाईन से माढ़ोताल ब्रिज तक 4.13 कि.मी. तक मार्ग निर्माण पृथक-पृथक योजनाओं के अन्तर्गत लगभग राशि रू. 3580.85 लाख व्यय की लागत से पूर्ण कराया जा चुका है। प्रस्तावित मार्ग में सगड़ा से परसवाड़ा रेल्वे लाईन तक 1.42 कि.मी. एम.आर-4 रोड प्राधिकरण की योजना के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया था। योजना के व्यपगत हो जाने के कारण प्रस्तावित एम.आर.4 रोड का निर्माण कार्य नहीं हो सका है। प्रस्तावित मार्ग के शेष भाग मढ़ोताल ब्रिज से महाराजपुर बायपास तक से 6.62 कि.मी. के निर्माण हेतु योजना क्र. 62, टीडीएस-03, टीडीएस-05 बनाई जाकर कार्यवाही प्रचलन में है। प्रस्तावित मार्ग के अंतर्गत निर्मित 4.13 कि.मी मार्ग की स्थिति अच्छी है। (ख) विकास योजना में एस.आर.1 से एस.आर 9 तक लिंक रोड प्रस्तावित है। प्रश्नांश ''क'' में प्रस्तावित एम.आर-4 रोड से लगकर लिंक रोड एस.आर.-6 कुल लंबाई 2.38 कि.मी. एकता चौक से लेकर गढ़ा रेल्वे ब्रिज तक लगभग राशि रू. 2063.54 लाख की लागत से वर्ष 2007-2008 में निर्मित की जा चुकी है। एस.आर.-1 लिंक रोड योजना क्र. 62 में प्रस्तावित है, एस.आर.-2 योजना क्र. टी.डी.एस-2 के अंतर्गत निर्माणाधीन है, एस.आर-3 लिंक रोड योजना क्र. 64 एवं 65 के अंतर्गत निर्माणाधीन है। एस.आर.-4 लिंक रोड योजना क्र. 31 के व्यपगत हो जाने से निर्मित नहीं कराई जा सकी। एस.आर-5, एस.आर.-7, एस.आर-8 एवं एस.आर-9 लिंक रोड अंतर्गत घनी बसाहट हो जाने से निर्मित नहीं कराई जा सकी है। (ग) प्राधिकरण द्वारा रद्दी चौकी चौराहे से अमखेरा की ओर विकास योजना में 4.6 कि.मी प्रस्तावित लिंक रोड में से 4.40 कि.मी का निर्माण सघन बसाहट हो जाने से नहीं कराया जा सका है। प्रस्तावित लिंक रोड में से योजना क्रमांक 3 के अंतर्गत निर्मित 200 मीटर लिंक रोड की स्थिति अच्छी है। नगरीय क्षेत्र में मार्गों का सुधार, मरम्मत कार्य आवश्यकतानुसार कराया जाता है। अत: कारण बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) नगरीय क्षेत्र के मार्गों का निर्माण आवश्यकतानुसार कराया जाता है। एम.आर.-4, सर्विस रोड एवं लिंक रोड का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत होने पर ही स्मार्ट सिटी द्वारा कराया जा सकता है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 441 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बुधनी, मंदसौर, नीमच, सिवनी, छतरपुर, श्योपुरकलां एवं बालाघाट में मेडिकल कॉलेज के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति के आदेश की प्रति सहित प्रदान की जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों की निर्माण एजेंसी किसे बनाया गया है एवं निविदा आमंत्रित कर कार्य किस कंपनी/फर्म को दिया गया है? (ग) क्या उक्त मेडिकल कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण कार्य न होने, मानक स्टील, सरिया, सीमेंट का उपयोग न करने की शिकायत के आधार पर कुछ समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित किया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया? क्या इन समाचार पत्रों में प्रकाशित शिकायतों को विभाग द्वारा संज्ञान में लिया गया एवं जांच के लिए कोई समिति गठित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों, जानकारी देवें। (घ) क्या इस मामले में विभाग द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक भोपाल के माध्यम से जांच करवाकर जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का निर्णय लिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बुधनी, मंदसौर, नीमच, सिवनी एवं छतरपुर में मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) उक्त चारों कार्यों की निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (भवन) है एवं बुधनी मेडिकल कालेज निर्माण एजेंसी म.प्र. सड़क विकास निगम है तथा पांचों कार्यों की निविदा आमंत्रित कर न्यूनतम निविदाकार M/S जे.पी. स्ट्रक्चर प्रा.लि. राजकोट, गुजरात के पक्ष में स्वीकृत किया गया। (ग) जी हाँ, मानक स्टील के सम्बंध में खबर, प्रभात किरण इंदौर, समाचार पत्र दिनांक 29 मई, 2024 में प्रकाशित की गई थी। समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के सम्बंध में विभाग द्वारा जांच समिति गठित की गई थी। जिसके द्वारा निर्माण में उपयोग किये गये सरिये का परीक्षण कराया गया था एवं यह सामग्री IS-1786 के अनुसार निर्धारित मानकों के अनुरूप सही पाई गई। (घ) जी नहीं। स्टील की जांच मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिक महाविद्यालय (NIIT) से कराई गई एवं संविदाकार के विरूद्ध संविदा की कंडिका के अनुसार कार्यवाही की जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर उक्त स्टील IS-1786 के मापदण्डों के अनुसार मानक स्तर का पाया गया।
पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत भूमियों का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 451 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में री डेसीफिकेशन (पुनर्घनत्वीकरण योजना) एवं पी.पी.पी. मोड के तहत किस-किस स्थान की कुल कितनी आराजी, किस-किस नाम एवं पते वाली फर्मों को किन नियमों/शर्तों के तहत वित्तीय वर्ष 2009 से प्रश्नतिथि तक दी गई? राज्य शासन को कुल कितने रूपयों का राजस्व किस-किस स्थान की, किस-किस आराजी क्रमांकों एवं रकबों से प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्त स्थानों पर किस-किस फर्मों ने क्या-क्या निर्माण कार्य किया? जगहवार/वर्षवार बतायें? शासन को क्या आमदनी प्रतिवर्ष किस-किस स्थान से प्राप्त हो रही है? (ग) सतना जिले में पुनर्घनत्वीकरण योजना (रेडेंसीफिकेशन) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 01.04 2022 से प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान की कौन-कौन से कितने-कितने रकबे वाली भूमियों को चिन्हित कर कितनी कितनी राशि की निविदा बुलाई गई/निविदा बुलाई जाना बाकी है? किस-किस फर्म ने कितनी-कितनी राशि की निविदा डाली? किस को प्राप्त हुई? कौन सी निविदा निरस्त हुई? क्यों हुई? बिन्दुवार विवरण उपलब्ध करायें? (घ) सतना जिले में कौन-कौन सी भूमियां पुनर्घनत्वीकरण योजना के लिये प्रश्नतिथि तक आरक्षित की गई है? कौन-कौन सी भूमि को भविष्य में लेने की संभावना है? सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पुनर्घनत्वीकरण योजना हेतु जारी नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग का परिपत्र क्र. एफ-23-13/2005/32-1. दिनाँक 28.11.2005 एवं एफ-3-57/2015/18-5, दिनांक 20.04.2016 के प्रावधान अनुसार पुनर्घनत्वीकरण योजना का संचालन किया गया है। जिला रीवा अंतर्गत वर्ष 2009 से भूमियों पर पुनर्घनत्वीकरण योजना स्वीकृत की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 453 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय नगर पालिक निगम सतना म.प्र के पत्र क्रमांक अति.वि/न.पा.नि./2024 117 दिनांक 25.07 2024 से नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 एवं 307 के अंतर्गत सुनील सिंह को अतिक्रमण अधिकारी के द्वारा नोटिस जारी किया गया था? उक्त नोटिस की एक प्रति दें? क्या उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग सतना ने भी आयुक्त नगर पालिक निगम सतना को शासकीय पत्र उक्त अवैध निर्माण के विषय पर लिखा था? उक्त पत्र की भी एक प्रति दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों में लेख से स्पष्ट है कि उक्त उल्लेखित निर्माण अवैध है? क्या रूपये पाँच हजार का दण्ड भी अधिरोपित किया है? क्या यह भी लेख है कि 25.07.2024 के पत्र की सूचना मिलने के तीस दिनों के भीतर निर्मित अवैध संरचना को स्वयं हटा लिये जाने कहा गया है? अगर 30 दिन बाद अवैध अतिक्रमणकर्ता ने उक्त अतिक्रमण नहीं हटाया तो नगर पालिक निगम सतना के द्वारा हटाने की कार्यवाही स्वयं करेगा यह भी लेख है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित नोटिस के बाद प्रश्नतिथि तक उक्त अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही निगम प्रशासन के द्वारा की गई? अगर हाँ तो कब-कब व क्या-क्या? जारी पत्रों/आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? अगर नहीं की गयी तो क्यों? किसके दबाव में रोकी गई? कारण बतायें? नियमों का उल्लेख करें? कब तक अवैध अतिक्रमण तोड़ा जायेगा? समय-सीमा दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित समस्त तथ्य पत्र में वर्णित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में WP 24105/2024 में प्रचलित होने से माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश-आदेश के अध्याधीन कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कूट रचित दस्तावेजों से नक्शा पास करवा लेने पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 454 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय सतना (म.प्र.) बांधवगढ़ कॉलोनी सतना (म.प्र.) के पृ. क्रमांक 264/न.ग्रा.नि./शिका./2022 सतना दिनांक 18.08.2022 से प्रभारी उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय सतना ने सुनील सिंह को पत्र जारी कर लेख किया कि जिस नक्शे को नगर तथा ग्राम निवेश सतना में देकर भवन अनुज्ञा प्राप्त की गई उसके विपरीत नगर पलिका निगम सतना से भवन अनुज्ञा लेकर निर्माण कार्य किया है और यह भूमि विवादित हैं? जारी उक्त पत्र की एक प्रति देवें। (ख) क्या उक्त भूमि पर भवन अनुज्ञा जो नगर तथा ग्राम निवेश से ली गई थी के विपरीत निर्माण करने पर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने आयुक्त नगर पालिका निगम को आवश्यक कार्यवाही करने लेख करते हुये अपने कार्यालय से जारी भवन अनुज्ञा निरस्त कर दी है? अगर हाँ तो निरस्त की गई भवन अनुज्ञा एवं आयुक्त नगर पालिका निगम सतना को लिखे पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा उक्त अवैध निर्माण को तोड़ने नगर निगम को पत्र क्यों नहीं लिखा? अपने कार्यालय में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन द्वारा कूट रचित दस्तावेजों से ली गई भवन अनुज्ञा लेने पर संबंधित थाना कोलगवां में धोखाधड़ी करके कूट रचना कर दस्तावेज शासकीय कार्यालय में देने की एफ.आई.आर. प्रश्नतिथि तक क्यों दर्ज नहीं करवाई गई हैं? कारण दें? कब तक करवाई जायेगी? समय-सीमा देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ।
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
हाँ/उप संचालक, नगर तथा
ग्राम निवेश
जिला
कार्यालय
सतना के पृष्ठांकन
पत्र क्रमांक 261-264/नग्रानि/शिका./2022 सतना
दिनांक 18/08/2022 द्वारा
विकास
अनुज्ञा
प्रतिसंहरित
(रिव्होक) कर
सूचना आयुक्त, नगर
पालिक निगम को
आवश्यक
कार्यवाही
हेतु प्रेषित
की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. भूमि
विकास नियम, 2012 के
नियम-25 के
अंतर्गत जारी
अनुज्ञा को
प्रतिसंहरित
कर आगामी आवश्यक
कार्यवाही
हेतु नगर निगम
सतना को सूचित
किया गया है।
म.प्र. भूमि
विकास नियम, 2012 के
नियम-25 के
अंतर्गत
प्रतिसंहरित
आदेश के
विरूद्ध
म.प्र. नगर तथा
ग्राम निवेश
अधिनियम, 1973 की धारा-31 एवं 32 के
अंतर्गत
अपील/पुनरीक्षण
आवेदन करने का
प्रावधान है, इसलिये
एफ.आई.आर. नहीं
की गई है। नियम-25 के
अंतर्गत जारी
अनुज्ञा को
प्रतिसंहरित
करने संबंधी
आदेश पर अंतिम
निराकरण होने
के पश्चात
नियमानुसार
आगामी
कार्यवाही की
जा सकेगी।
समय-सीमा बताया
जाना सम्भव
नहीं है।
परिशिष्ट
- "बारह"
नियमों में विपरीत बंधक प्लाटों को मुक्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 470 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त नगर पालिका निगम सतना के कार्यालय के पत्र क्रमांक/11/कॉलोनी सेल/न.पा.नि./2006-07 सतना दिनांक 15.02.2007 से कॉलोनी के विकास की अनुमति जारी की गयी थी? जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें? क्या कार्यालय महापौर नगर पालिका निगम सतना के पत्र क्रमांक 128/महा.कार्या/न.पा.नि./2010 सतना दिनांक 17.06.2010 से आयुक्त नगर पालिका निगम सतना को पत्र लिखा गया था? उक्त पत्र की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) नगर पालिक निगम सतना के वार्ड क्र. एक से पैंतालीस तक दिनांक 01.01.2000 से प्रश्नतिथि तक किन-किन वार्डों में कालोनी विकास की अनुमति किस-किस को किन-किन शर्तों के तहत कब-कब किस-किस क्रमांकों के प्लाटों को बंधक किन-किन नियमों/शर्तों के तहत बनाकर अनुमति जारी की गई? जारी सभी अनुमति के आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में कॉलोनी विकास की अनुमति के बाद किस-किस कॉलोनाईजर ने प्रश्नतिथि तक बंधक प्लाटों को खाली छोड़ रखा है? वार्डवार/कालोनीवार/प्लाटवार जानकारी दें? किस-किस ने बंधक प्लाट नगर निगम से कब-कब अनुमति लेकर मुक्त करा लिये हैं? जारी सभी अनुमतियों की एक-एक प्रति दें? क्या उक्त अनुमतियां राज्य शासन की नजर में वैध हैं या अवैध? प्रकरणवार बतायें? (घ) राज्य शासन (क), (ख) एवं (ग) में हुये नियम विरूद्ध कार्यों पर किस-किस के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी एवं नगर निगम, सतना द्वारा जारी 27 कॉलोनियों की विकास अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार क्रमांक 17 से लेकर 27 कुल 11 कॉलोनियों के भूखण्ड/भवन नगर निगम द्वारा निर्मुक्त किये गये हैं शेष क्रमांक 1 से 3, क्रमांक 5 एवं क्रमांक 7 से 16 कुल 14 कॉलोनियों के बंधक भू-खण्ड/भवन नगर निगम सतना द्वारा निर्मुक्त नहीं किये गये हैं क्रमांक 4 में अंकित कॉलोनी में नगर निगम द्वारा भूखण्ड बंधक नहीं रखे गये हैं तथा सरल क्रमांक 6 में अंकित कॉलोनी की मूल नस्ती उपलब्ध न होने के कारण मूल नस्ती की उपलब्धता सुनिश्िचत करने के लिए नगर निगम द्वारा जांच समिति गठित की गई है, नस्ती उपलब्ध होने पर भूखण्ड निर्मुक्त होने की जानकारी दी जा सकेगी। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार बंधक रखे गये यथास्थिति भूखण्ड/भवन को प्रचलित नियम के अनुसार आंतरिक विकास कार्य पूर्ण होने के उपरांत निर्मुक्त किया जा सकता है तदनुसार नगर निगम द्वारा अनुमति जारी की गई है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है यद्यपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में तत्कालीन महापौर द्वारा किये गये उल्लेख एवं उत्तरांश (ग) अनुसार प्रकरण प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
बाउण्ड्रीवॉल की अद्यतन स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 497 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेला ग्राउण्ड खिलचीपुर जिला राजगढ़ में निर्मित बाउण्ड्रीवॉल के कार्य की अद्यतन स्थिति का विवरण उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बाउण्ड्रीवॉल का कार्य कब से प्रारंभ हुआ? (ग) उपरोक्त निर्माण कार्य की कितनी राशि जारी हुई है व कितनी शेष हैं? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण करवा लिया गया हैं? अगर नहीं तो इसके क्या कारण है। अगर भुगतान किया गया तो क्या इस भुगतान हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया है। क्या उक्त अनुमोदन नियमानुसार हैं? (ड.) क्या उपरोक्त निर्माण कार्य की शिकायत प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही सहित विवरण उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निकाय द्वारा कार्यादेश क्रमांक 397 दिनांक 18/02/2020 से बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है। (ग) निकाय को विभिन्न निर्माण कार्य सामुदायिक भवन, बाउण्ड्रीवॉल, पेवर्स ब्लॉक निर्माण कार्य हेतु विशेष निधि मद के राशि रुपये 50.00 लाख प्राप्त हुये थे, जिसमें से पेवर्स ब्लॉक निर्माण में राशि रुपये 31.64 लाख का तथा बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के कार्य का राशि रुपये 2,26,424/- का भुगतान किया गया, शेष राशि रुपये 16,09,576/- निकाय के पास उपलब्ध है। (घ) जी नहीं, संविदाकार द्वारा स्थल पर विवाद की स्थिति होना बाताया जाकर शेष कार्य नहीं किया गया है जिससे ठेकेदार की निविदा निकाय द्वारा निरस्त कर दी गई है। प्रथम चल देयक राशि रुपये 2,26,424.00 का भुगतान निकाय स्तर पर अनुमोदन उपरांत किया गया है। जी हाँ। (ड.) जी हाँ, शिकायत की जांच संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल संभाग भोपाल द्वारा की गई है, जांच प्रतिवेदन अनुसार तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उपयंत्री उत्तरदायी पाए गए है, जिनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
अनियमित भुगतान की राशि की वसूली
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 521 ) श्री अभय मिश्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विगत 2 वर्षों में वितरण ट्रांसफार्मरों के क्रय की कार्यवाही की गई जो कि अतिरिक्त व्यय पर खरीदी कर शासन को क्षति पहुंचायी गई इसी तरह टर्नकी अनुबंध द्वारा ट्रांसफामरों के क्रय में ठेकेदारों को अधिक मूल्य का भुगतान किया गया जिससे 5.6 करोड़ रूपये अधिक व्यय हुये इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं उनके पदनाम सहित उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों की मरम्मत हेतु दिये गये ट्रांसफार्मरों में केवल आर फेज की बाइंडिंग क्षतिपूर्ति पाई गई थी लेकिन वाई एवं बी फेजों की बाइंडिंग के क्षय की प्रत्याशा में कंपनी एवं मूल उपकरण निर्माता कंपनी को 2.56 करोड़ की दर का प्रस्ताव देकर अपरिहार्य व्यय किया गया इसके लिये कौन जिम्मेदार है उनके पदनाम एवं उन पर की जाने वाली कार्यवाही का विवरण देवें अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रावधिक बिलिंग के अत्यधिक प्रकरण आपूर्ति सहिंता की धारा 8.35 और 8.21 के अनुसार दोषपूर्ण होने की स्थिति में प्रावधिक विलिंग अधिकतम एक माह के लिये ही किया जा सकता हैं लेकिन मीटरीकृत उपभोक्ताओं के विरूद्ध बिलिंग का प्रतिशत उच्च था व मीटरीकृत उपभोक्ताओं का बिलिंग प्रावधिक आधार पर किया गया जबकि कार्यशील मीटर स्थापित थे तो क्यों इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं उनके पदनाम के साथ उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें साथ ही ज्यादा बिलों के रूप में ली गई राशि के समायोजन बावत क्या निर्देश देंगे यह भी बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों 2021 के प्रतिवेदन संख्या-4 पर स्पष्ट उल्लेख किया गया है, प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में की गई अनियमितता के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है इन जिम्मेदारों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ राशि वसूली बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्न मूलत: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन-सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, 2021 के प्रतिवेदन संख्या-4 से संबंधित है। उक्त प्रतिवेदन म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से नहीं, अपितु म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी से संबंधित है। प्रतिवेदन के प्रश्न से संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित ट्रांसफार्मर्स का क्रय ट्रांसमिशन कंपनी की क्रय प्रक्रिया तथा बाह्य वित्तीय संस्थाओं (JICA/KFW) की क्रय प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया था। कंपनी की क्रय प्रक्रिया के अधीन आमंत्रित स्व-वित्तपोषित निविदाओं में एडवांस पेमेंट, स्पेयर मटेरियल तथा ट्रांसफार्मर का आइल शामिल नहीं था जबकि बाह्य वित्त पोषित निविदाओं में बाह्य वित्तीय संस्थाओं (KFW, JICA) की क्रय प्रक्रिया के अंतर्गत एडवांस पेमेंट, स्पेयर मटेरियल तथा ट्रांसफार्मर का आइल शामिल था, जो यह दर्शाता है कि दोंनों प्रक्रियाओं के अंतर्गत आमंत्रित की गई निविदाओं का क्रय दायरा (scope) अलग-अलग था। साथ ही बाह्य वित्त पोषित योजनाओं के तहत अंतर्राष्ट्रीय निविदा आमंत्रित करना आवश्यक होता है, जिनकी निविदा शर्तें स्व-वित्तपोषित निविदाओं में समाहित शर्तों से काफी भिन्न होती है। अत: भिन्न-भिन्न दायरों एवं शर्तों वाली दो निविदाओं में प्राप्त मूल्यों की तुलना नहीं की जा सकती। अत: किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। टर्नकी आदेश, संपूर्ण कार्यों को, सभी उपकरणों (ट्रांसफार्मर सहित) एवं सामग्रियों की खरीदी, आपूर्ति एवं निर्माण करते हुये उनके उर्जीकृत किये जाने तक की समस्त जिम्मेदारी का निर्वहन करने हेतु दिये जाते हैं। साथ ही टर्नकी निविदा के अंतर्गत बिडर को पैकेज प्राइज कम होने पर (L1 होने पर) सफल निविदाकर्ता मानते हुये आदेश जारी किये जाते हैं। अत: टर्नकी निविदा में समाहित आइटमों की दर वास्तविक बाजार मूल्य अनुरूप होना आवश्यक नहीं है। अत: टर्नकी निविदा के तहत प्राप्त आइटम वाइज दरों की तुलना नहीं की जाती है। अपितु निविदा में प्राप्त कुल पैकेज प्राइस का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है, जिनमें निविदाकारों द्वारा विभिन्न आइटमों की दर सामान्यत: भिन्न-भिन्न डाली जाती है। अलग-अलग टर्नकी निविदाओं में तुलनात्मक अतिरिक्त व्यय की गणना उचित नहीं है, अत: किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में लेख है कि वर्ष 2005 में बीना उपकेन्द्र में स्थापित बी.एच.ई.एल. द्वारा निर्मित 315 एम.व्ही.ए., 400 के.व्ही. ट्रांसफार्मर, वर्ष 2015 में क्षतिग्रस्त हुआ था। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर के संधारण कार्य हेतु बी.एच.ई.एल. द्वारा सिर्फ एक खराब बाइंडिंग बदलने हेतु रू. 2.56 करोड़ का ऑफर दिया गया था, जो कि जो तत्कालीन समय में लगने वाले टैक्स इत्यादि को मिलाकर कुल रू. 3.87 करोड़ था। तदोपरान्त क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर के स्थापित होने से 10 वर्ष की अवधि में समय-समय पर आये फाल्ट के कारण अन्य 2 बाइंडिंग की स्ट्रेप में हुई कमी के दृष्टिगत एवं ऊर्जा के निर्बाध प्रबंधन हेतु तीनों बाइंडिंग बदलने के लिए बी.एच.ई.एल. को लागत रू. 4.59 करोड़ पर मरम्मत आदेश जारी किया गया था। उक्त ट्रांसफार्मर संधारण उपरान्त मई, 2017 में ऊर्जीकृत किया गया एवं वर्तमान में सुचारू रूप से क्रियाशील है। अत: किसी भी प्रकार का अपरिहार्य व्यय नहीं होने के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर की तीनों बाइंडिंग रिपेयर कराए जाने संबंधी कारणों का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) तत्समय में लागू मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.21 में मीटर के नियत काल अथवा अन्य निरीक्षण अथवा उपभोक्ता द्वारा शिकायत प्रस्तुत करने की दशा में मीटर के 7 दिवस में परीक्षण उपरांत मीटर बदले जाने हेतु निम्नदाब उपभोक्ताओं के लिये शहरी क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमशः 15 एवं 30 दिनों की समय-सीमा नियत है। उक्त प्रावधानों का अनुपालन सामान्यतः वितरण कंपनी द्वारा किया जाता है। मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका क्रमांक 8.35 में उपभोक्ता के मीटर के कार्यरत नहीं होने की स्थिति में विद्युत प्रभार की आंकलन की प्रक्रिया उपखंड अ एवं ब में निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि उक्त कंडिका में दोषपूर्ण मीटरों की स्थिति के आंकलित खपत की अधिकतम सीमा एक माह तक ही करने संबंधी प्रावधान नहीं किया गया है। सामान्यतः मीटर के बंद/खराब/दोषपूर्ण होने पर मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.35 के अनुसार आंकलित खपत की बिलिंग किये जाने का प्रावधान है, किंतु तत्समय ऐसे अन्य उपभोक्ता जिनकी मीटर रीडिंग संदिग्ध/असंतोषजनक पाई गई, के विरूद्ध भी आंकलित खपत के आधार पर बिलिंग की गई है। इसके अतिरिक्त सभी क्रियाशील स्थापित मीटर की रीडिंग के आधार पर ही बिलिंग की गई है। कार्यशील मीटर की रीडिंग के संदिग्ध/असंतोषजनक पाये जाने पर ही समायोजन एवं आंकलित खपत की बिलिंग की गई है। अतः कार्यवाही अथवा समायोजन का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 522 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुल निर्माण कार्यों के पूर्व प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट के स्तर पर पुल निर्माण के कार्य स्थल का चयन महत्वपूर्ण है करोड़ अरेंजमेन्ट ड्राइंग तैयार करने तथा निविदा और कार्यान्वयन प्राक्कलन तैयार करने के लिये कार्य स्थल का सर्वेक्षण और जांच किये जाने के निर्देश है? इसके पालन में भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रीवा एवं उज्जैन संभाग के पुलों के निर्माण में ड्राईंग और डिजाईन में परिवर्तन ठेकेदार को कार्य सौंपे गये जिसके कारण लागत में 137 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई जिससे 101.83 करोड़ का अतिरिक्त व्यय सरकार को हुआ तो क्यों इसके लिये उत्तरदायियों के पदनाम का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संभागों के पुलों के निर्माण में 16 पुलज कार्यों के बी.ओ.क्यू में 277 स्थानों पर एक्सप्लोरेटरी बोरिंग के प्रावधान थे लेकिन ठेकेदारों द्वारा 98 स्थानों पर ही एक्सप्लोरेटरी बोरिंग किया जिसके कारण पुल की क्षमता एवं गुणवत्ता कम हुई इसके लिये कौन उत्तरदायी है उनके पद और नाम का विवरण के साथ इन पर क्या कार्यवाही करेंगे यह भी बतायें अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उल्लेखित संभागों में निर्मित पुलों में से रीवा शहर के एन.एच-7 में कि.मी. 234/6 पर वाराणसी-नागपुर मार्ग पर सिरमौर चौरोहे के फ्लाई ओवर के निर्माण 16 माह विलंब से हुआ संविदाकार को लाभ पहुँचाया गया क्यों बतावें व गैर-परीक्षणित और अप्रमाणित इलास्टोमेरिक बियरिंग्स का उपयोग किया गया अपरीक्षित बियरिंग के लिये ठेकेदार को 2.08 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया तो क्यों जबकि बियरिंग्स आई.आर.सी. स्पेसिफिकेशन अनुसार प्रमाणित नहीं थी? इसकी वसूली बावत निर्देश किनको दोषी मानकर देंगे बतायें नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में ठेकेदारों द्वारा रीवा शहर में पुराने एन.एच नंबर-7, एम.डी.आर. नंबर 10-20 सी.आर.एफ. के कि.मी. 229/2 से कि.मी. 243/2 तक नए बस स्टैंड के पास समान तिराहा में 11.46 कि.मी. सीसी रोड आई/सी फ्लाई ओव्हर का निर्माण एक्सप्लोरेटरी बोरिंग में कमी 14 व रीवा जिले के कि.मी. 6/4 सिरमौर सेमरिया रोड पर बीहर नदी पर एप्रोच रोड सहित उच्च स्तरीय पुल का निर्माण (बैलेंस वर्क) एक्सप्लोरेटरी बोरिंग में कमी 16 नग की हुई जिसके कारण पुल की अवधि व क्षमता में कमी आई बी.ओ.क्यू में प्रावधानिक अनुबंध के दायित्वों की पूर्ति नहीं की गई। संविदाकारों को लाभ दिया गया इन सब अनियमितताओं पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे बतायें? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित आधारों पर अनियमितता की गई जिसके कारण शासन को करोड़ों-करोड़ रूपये की क्षति हुई का उल्लेख भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन वृहद पुलों के निर्माण को लेकर वर्ष 2023 के प्रतिवेदन क्र.-3 पर है इस क्षति की वसूली हेतु संबंधित जिम्मेदारों व ठेकेदारों से किये जाने के निर्देश देंगे बतायें साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही किस तरह की करेंगे बतायें अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, पुलों के प्राथमिक सर्वेक्षण के लिए आई.आर.सी. 5 संलग्न परिशिष्ट-1 एवं आई.आर.सी. एस.पी.-54 संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार एच.एफ.एल. का निर्धारण एवं सब स्वाईल इंवेस्टिगेशन के लिए प्रत्येक 100 मी. में एक बोरिंग का प्रावधान है। तदानुसार प्राथमिक जनरल अरेंजमेंट ड्राईंग तैयार की जाती है। कार्य सौंपे जाने के बाद ठेकेदार द्वारा किये गये बोरिंग परिणाम अनुसार नींव का निर्धारण किया जाता है। नींव में परिवर्तन कार्यस्थल की परिवर्तित भूमिति और कुछ नई जलीय विशेषताओं के आधार पर संरचनाओं में अन्य परिवर्तनों की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन सक्षम प्राधिकारी द्वारा हमेशा उनकी जांच की जाती है, अपितु सेतु परिक्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन पुलों में हाई फ्लड लेवल का निर्धारण आई.आर.सी. द्वारा निर्धारित पद्वति जैसे की स्थानीय जानकारी जुटाना विगत 40 से 50 वर्षों में बाढ़ के हालात पर ग्रामीणों के बयान, नदी का जलग्रहण क्षेत्र, नदी का प्रवाह एवं डिस्चार्ज अपर्दित गहराई इत्यादि के अनुसार किया गया था। विगत कुछ वर्षों में कुछ स्थानों में वर्षा के पेटर्न में परिवर्तन और कम समय में तीव्र वर्षा के कारण प्रत्याशित वृद्धि हुई जिसके कारण उक्त पुल की डिजाइन एवं ड्राईंग परिवर्तन की आवश्यकता हुई जिसके कारण लागत में 137 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई ऐसे सभी पुलों का कार्य सक्षम अधिकारी से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के उपरान्त ही कराया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पुलों के प्राथमिक सर्वेक्षण के लिए आई.आर.सी.- एस.पी.-54 संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार सब स्वाईल इंवेटिगेशन के लिए प्रत्येक 100 मी. में एक बोरिंग का प्रावधान है। तदानुसार ही पुलों की डी.पी.आर. तैयार की गयी है। निविदा पश्चात कार्यस्थल पर ठेकेदार द्वारा प्रत्येक पियर एवं एबटमेंट के स्थान पर मिट्टी के विस्तृत परीक्षण के बाद फाउन्डेशन लेवल एवं एस.बी.सी. को अंतिम रूप दिया गया है। जिसके आधार पर संरचना तैयार की जाती है। अत: क्षमता एवं गुणवत्ता कम होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रीवा शहर में कि.मी. 234/6 पर वाराणसी-नागपुर मार्ग में सिरमौर चौराहा फ्लाई ओवर के निर्माण में मध्य स्पान की ड्राइंग डिजाईन में परिवर्तन व पाइप-लाइन, विद्युत लाईन शिफ्टिंग के कारण कार्य में विलम्ब हुआ। इसमें निविदाकार को कोई लाभ नहीं पहुंचा। पुल में प्रयोग की गई बियरिंग्स डी.जी. एण्ड एस.डी. से गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के पश्चात ही प्रयोग की गई है। इसलिये बियरिंग का परीक्षण निर्माता और आपूतिकर्ता द्वारा विभागीय अधिकारियों तथा ठेकेदार के प्रतिनिधि की उपस्थिति में आई.एस. विशिष्टि के अनुसार किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राथमिक सर्वेक्षण के लिये आई.आर.सी.-एस.पी.-54 संलग्न परिशिष्ट-2 में प्रावधान अनुसार ही बोरिंग कराई जाकर डी.पी.आर. तैयार किया गया है परीक्षण के परिणाम मानकों के अनुरूप होने पर ही बियरिंग्स का उपयोग कार्यस्थल पर किया जाता है। इससे किसी पुल की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आई है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छोच नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 597 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस एवं मुंगावली विधानसभा को जोड़ने हेतु तीन वर्ष पूर्व मैघोनाबड़ा से अमरोद तक नवीन सड़क का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो उसकी वर्तमान स्थिति से अवगत करावें व उक्त सड़क किस योजनान्तर्गत स्वीकृत हुई थी? (ख) क्या उक्त सड़क मार्ग पर स्थित ग्राम पुरा स्थित छोच नदी पर पुल का निर्माण न होने के कारण बारिश में उक्त सड़क का उपयोग नहीं हो पाता है व वाहनों को अमरौदा जाने हेतु 50 कि.मी. का फेरा लगाकर जाना पड़ रहा है जिससे आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त पुल के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन है यदि हाँ, तो पुल निर्माण की स्वीकृति कब तक की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा समय अवधि बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं, तो क्या उक्त पुल के शीघ्र निर्माण हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी जिससे इस मार्ग पर आवागमन सुलभ हो सकें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग की वर्तमान स्थिति अच्छी है। सी.आर.एफ. योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुई थी। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में प्रश्नाधीन पुल विभाग की किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं है और न ही प्रस्तावित है। अत: स्वीकृति एवं कार्य प्रारंभ करने की जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 611 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार विधान सभा से निकलने वाले इन्दौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे के निर्मित हो जाने से पूर्व के मार्ग लोक निर्माण विभाग के क्षेत्राधिकार में देते हुए, उसके सुधार हेतु धन राशि नेशलन हाईवे द्वारा लोक निर्माण को प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या धार जिला मुख्यालय के प्रवेश प्रमुख पहुंच मार्ग जेतपुरा फोरलेन फाटे से जेतपुरा हनुमान मंदिर तक मार्ग की चौड़ाई कम है तथा क्या पर्याप्त शासकीय भूमि भी उपलब्ध है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख कर ग्राम जेतपुरा में हनुमान मंदिर से फोरलेन फाटे तक मार्ग के चौड़ीकरण तथा ग्राम बोधवाडा के पूर्व के नेशनल हाईवे जो कि वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के क्षेत्राधिकार में है, के निर्माण का प्रस्ताव दिया है? (घ) क्या विभाग जनहित में सुगम यातायात की व्यवस्था सुनिश्िचत किये जाने के उद्देश्य से नेशनल हाईवे के माध्यम से प्राप्त तथा वर्तमान में उपलब्ध धनराशि से ग्राम जेतुपरा के हनुमान मंदिर से जेतपुरा फोरलेन फाटे तक मार्ग के चौड़ीकरण तथा बोधवाडा के आंतरिक मार्ग का जनहित में दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये निर्माण की कार्रवाई करेगा। जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। एन.एच.ए.आई. इंदौर द्वारा प्रश्नांकित दोनों मार्गों के नवीनीकरण/मरम्मत हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई है। इस राशि से इन मार्गों पर निर्माण कार्य किया जाना संभव नहीं है।
उच्चस्तरीय पुल का निर्माण किया जाना
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 613 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में उच्चस्तरीय पुल निर्माण स्वीकृत किये जाने के संबंध में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 456 दिनांक 05.10.2024 के द्वारा कटनी नदी में घुनसुर से मोहास तहसील विजयराघवगढ़, बकेली से गुडेहा महानदी पर तहसील विजयराघवगढ़ एवं छिंदहाई पिपरिया के पुरैनी टोला से कुम्हरावा मार्ग में उमड़ार नदी पर तहसील बरही में जनमानस की सुविधा हेतु स्वीकृत कराये जाने की मांग की गई थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त आवेदन पर क्या क्या कार्यवाही की गई? क्या संबंधित उच्चस्तरीय पुलों का सर्वे कराकर प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृत की कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु पत्र क्र. 546 दिनांक 05.10.2024 से उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्यों के सम्बंध में लेख किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्तावित पुलों का निर्माण कार्य वर्तमान में किसी भी योजना में न तो स्वीकृत है एवं न ही प्रस्तावित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिसूचित भूमि को मुक्त किए जाने पर रोक
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 618 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब, किस-किस माध्यम से उज्जैन में सिंहस्थ 2028 महापर्व के आयोजन पूर्व सैटेलाइट टाउन की अधिग्रहित भूमि को मुक्त किये जाने पर रोक लगाने के संबंध में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव नगरीय निकाय को आपत्ति पत्र ई-मेल किए? पत्राचार अनुसार क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जवाब उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित आपत्ति पर क्या विभागीय बैठक में चर्चा कर निर्णय हुए? यदि हाँ, तो, कब-कब, किस-किस के द्वारा प्रोसिडिंग रजिस्टर की कॉपी देवें। यदि नहीं, तो कारण बताओं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2974 दिनांक 19/07/24 पर विभागीय कार्यवाहियाँ प्रश्न दिनांक तक हुई हैं? यदि हाँ, तो एमपी सरकार एवं जिला प्रशासन के बीच हुए समस्त पत्राचार की प्रति देवें। (घ) अधिसूचित सैटेलाइट टाउन की लालपुर, कस्बा उज्जैन की आरक्षित जमीन को यथावत रखने के स्थान पर मुक्त क्यों किया जा रहा है, और किन-किन के प्रस्ताव सुझाव पर उक्त कार्यवाहियां की जा रही हैं? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) क्या सैटेलाइट टाउन की रिजर्व भूमि रखने के स्थान पर कॉलोनियों की बुकिंग, जमीन की रसीदों पर प्लाटों की बुकिंग की जा रही हैं? क्या विभाग द्वारा इस प्रकार के उज्जैन में आयोजित अवैध कृत्य की जांच की जावेगी? हाँ तो कब तक? (च) क्या शासन सैटेलाइट टाउन की भूमि को किसान हित में सुरक्षित रखने की कोई योजना या लक्ष्य रखा गया है,यदि हाँ, तो बताओ।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाया गया टोल
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 698 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल के संबंध में शासन द्वारा क्या मापदंड एवं शर्तें रखी गई है? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्या है? नियमों की प्रति हिन्दी भाषा में उपलब्ध करावें? (ख) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर जो टोल टैक्स बनाये गये है उसमें एक टोल औबेदुल्लागंज में बनाया गया है जबकि यह टोल औबेदुल्लागंज से नीचे की तरफ बरेली रोड पर बनाया जाना था यह त्रुटिपूर्ण बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह टोल वर्तमान स्थान से हटाया जायेगा? दूसरा टोल बघवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर (एन.एच. 69) पर बनाया गया है जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 कि.मी. है जबकि एन.एच.आई. की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 किमी. की दूरी रहती है? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ग) एन.एच. 69 मार्ग पर बरखेड़ा बुधनी के बीच फारेस्ट एरिया का 12.5 कि.मी. मार्ग फोरलेन नहीं हुआ है फिर भी इस मार्ग का टोल लिया जा रहा है यह किस आधार पर लिया जा रहा है विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे? वर्तमान में जो टोल बनाया गया है क्या यह सही जगह बनाया गया है? जबकि नर्मदापुरम बुधनी होते हुये भोपाल की दूरी मात्र 70 कि.मी. है इस हिसाब से नर्मदापुरम से भोपाल के बीच में मात्र एक टोल बनना था लेकिन दो-दो टोल बना दिये गये है और उसके बाद भी मिसरोद से भोपाल आने के लिये नगर निगम क्षेत्र के बीआरटीएस की रोड है उस हिसाब से भी दूरी नर्मदापुरम से बुधनी होते हुये मिसरोद की दूरी लगभग 45 कि.मी. होती है। दो-दो टोल टैक्स होने के कारण जनता को अधिक टैक्स देना पड़ रहा है इस स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। एन.एच.-69 पर औबेदुल्लागंज पर टोल प्लाजा का निर्माण अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
विद्युत लाइनों के शिफ्टिंग कार्य में अनियमितता
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 709 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में पदस्थ मुख्य अभियंता द्वारा उज्जैन जिले हेतु 01 जनवरी 2023 से कॉलोनी एवं विद्युत लाईनों के शिफ्टिंग कार्यों तकनीकी स्वीकृति के विवरण कार्य का नाम, कार्य की लागत, भौतिक प्रावधान, ठेकेदार का नाम, तकनीकी स्वीकृति की शर्तें सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) मुख्य अभियंता द्वारा उज्जैन जिले के 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक सड़क मार्गों पर विद्युत लाईनों के शिफ्टिंग के कार्य जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति कार्पोरेट कार्यालय द्वारा दी जाना थी जिसको दो तीन टुकड़ों में विभाजित कर अपने स्तर पर ही स्वीकृति प्रदान कर नियम विरूद्ध अनियमितता की गई है? क्या उक्त प्रकरण की जांच विभाग अपने स्तर पर कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ ठोस कार्यवाही करेगा? (ग) क्या मुख्य अभियंता द्वारा उज्जैन जिले के कॉलोनाईजरों को लाभ पहुंचाने के लिए लाईनों के ओवरलोड होने एवं वोल्टेज रेगुलेशन निर्धारित प्रतिशत ज्यादा होने एवं बिना ''रेरा'' की अनुमति के बाद भी कार्य को तकनीकी रूप से असाध्य होने पर भी कॉलोनी के कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है? जिसकी जांच विभाग अपने स्तर पर कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ ठोस कार्यवाही करेगा? 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति प्रदान की गई कालोनियों की सूची उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में पदस्थ मुख्य अभियंता, उज्जैन क्षेत्र की उक्त पद पर पदस्थापना दिनांक 18.09.2021 से दिनांक 03.10.2023 तक रही एवं तत्पश्चात दिनांक 12.03.2024 से प्रश्न दिनांक तक वर्तमान में पदस्थ है। इनके द्वारा प्रश्नाधीन जिले में दिनांक 01.01.2023 से दिनांक 03.10.2023 तक की अवधि में कुल 15 एवं दिनांक 12.03.2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 21, इस प्रकार कुल 36 कॉलोनी के विद्युतीकरण के कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति दी गई। इसी प्रकार इनके द्वारा प्रश्नाधीन जिले में दिनांक 01.01.2023 से दिनांक 03.10.2023 तक की अवधि में कुल 17 एवं दिनांक 12.03.2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 17, इस प्रकार कुल 34 सड़क मार्गों पर विद्युत लाईनों के शिफ्टिंग के कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति दी गई। उक्त कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई तकनीकी/प्राक्कलन स्वीकृति, कार्य का नाम, लागत राशि, भौतिक प्रावधान, ठेकेदार का नाम, इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1''अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्यों की गहन जांच कॉर्पोरेट कार्यालय म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समिति गठित कर की जाना प्रस्तावित है एवं तत्संबंधी कार्यवाही म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रक्रियाधीन है। अत: उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में विभाग स्तर से अन्य कोई जांच कराई जाने की आवश्यकता नहीं हैं। दिनांक 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कॉलोनी के विद्युतीकरण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब-1' अनुसार है।
नगरपालिका परिषद मनावर की संपत्ति को खुर्दबुर्द किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 722 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र-क्रमांक/-2/2022/20975 दिनांक-05/12/2022 के द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद मनावर जिला धार को कूटसंधि कर नियमों के विपरीत निकाय की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के लिए संबंधित पर नियम अनुसार FIR दर्ज करने को लिखा गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पालन में मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद मनावर द्वारा पत्र-क्रमांक-521 दिनांक-20/02/2023 के माध्यम से संबंधित के विरुद्ध FIR दर्ज करने हेतु पुलिसथाना मनावर में दस्तावेजों सहित लिखित शिकायत की गई? यदि हाँ, तो पुलिस थाना मनावर द्वारा संबंधित पर FIR दर्ज की गई? यदि की गई हो तो प्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं, की गई है तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। FIR कब दर्ज की जावेगी? (ग) क्या फरवरी-2024 विधानसभा-सत्र की शून्यकाल सूचना-क्रमांक 21 के अनुसार दिनांक 19/06/2024 विभागीय टीप अनुसार कार्यवाही प्रचलन में होने का लेख किया है? उक्त शून्यकाल सूचना-क्रमांक 21 की विभागीय टीप दिनांक19/06/2024 से प्रश्न-दिनांक तक पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई। यदि पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो पुलिसथाना मनावर के प्रभारी अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई उसकी जानकारी देवें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। नगर पलिका परिषद मनावर जिला धार के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 24.02.2023 तथा निकाय परिषद के विशेष सम्मेलन दिनांक 12.06.2023 के पारित प्रस्ताव क्रमांक 21 के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज की कार्यवाही को स्थगित किये जाने हेतु थाना मनावर को पत्राचार किया गया। (ग) जी हाँ।
मनावर-सेमल्दा मार्ग में उच्चस्तरीय पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 726 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के मनावर सेमल्दा मार्ग में स्थित नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्चस्तरीय पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक एफ-43/10/2023/19/यो/3527 दिनांक 24/07/2023 मिलने के एक वर्ष से अधिक अवधि बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) कब तक निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा? समय-सीमा सहित बताएं। (ग) किस-किस सक्षम अधिकारी-कर्मचारी की किस-किस प्रकार त्रुटियों के कारण प्रश्न-दिनांक तक भी निर्माणकार्य प्रारंभ नहीं हो सका। (घ) प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद से प्रश्न-दिनांक तक की अद्यतन स्थिति देवें। निर्माण कार्य प्रारंभ करने बाबत हुए पत्राचार की छायाप्रतियां देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) (क) विभागीय औपचारिकताएं पूर्ण कर दिनांक 15.03.2024 को कार्यादेश दिया गया। बोरिंग कार्य पूर्ण। ड्राईंग डिजाईन का कार्य प्रगति पर, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बोरिंग कार्य पूर्ण। ड्राइंग डिजाईन का कार्य प्रगति पर। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मानव रहित स्वचालित अग्निशामक यंत्र
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 733 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों एवं भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु क्या व्यवस्था है? (ख) क्या इन कार्यालयों एवं भवनों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) लगाए गए हैं अथवा नहीं यदि हाँ, तो स्थलवार सूची उपलब्ध कराए? यदि नहीं, तो स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र कब तक लगा दिए जाएंगे? इस विषय में विभाग अथवा शासन द्वारा कोई ठोस नीति बनाई गई है या नहीं यदि हाँ, तो कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदान करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों एवं भवनों में मानवचलित अग्निशामक यंत्र लगे है तथा अन्य संभागीय कार्यालयों में अग्नि दुर्घटनाओं से बचने हेतु अग्निशामक यंत्र, पानी एवं रेत की व्यवस्था है। (ख) जी हाँ। स्थापित स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र की स्थलवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अति महत्वपूर्ण भवनों में स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र स्थापित है। इस विषय में कोई ठोस नीति निर्धारित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चयनित भवनों तथा उनके निर्माण हेतु क्षेत्रीय विधायकों के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 875 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में पी.आई.यू. के तहत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक डी.पी.आर. तैयार कर भवनों की स्वीकृतियां जारी की गई? (ख) चयनित भवनों के संबंध में प्रदेश शासन तथा जिला प्रशासन किन-किन अवधियों में बैठकें आयोजित की गई? बैठकों में कौन-कौन मान. सांसद/विधायक उपस्थित रहें? क्षेत्रीय विधायकों से चयनित भवनों हेतु प्रस्ताव मांगे गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कितने निर्माण कार्य की समयावधि है क्या वह पूर्ण है यदि नहीं, तो ठेकेदारों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिले के तकनीकी अधिकारियों ने उक्त कार्यों का किन-किन अवधियों में निरीक्षण किया जिसमें शासन की कितनी राशि का व्यय हुआ? दिनांकवार व्यय का विवरण उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) भवनों के संबंध में विभाग स्तर पर एस.एफ.सी./ई.एफ.सी. की बैठक प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु होती है जिसमें माननीय सांसद/विधायक उपस्थित नहीं होते है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है।
नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों में किये गये निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 876 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायत बड़ा मलहरा बकस्वाहा में मार्च 2022 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों का पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी किये गये? प्रतियां दें। (ख) क्या नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में दो वर्ष के अन्दर रोड एवं नालियां खराब स्थिति होने के कारण शासन की राशि का अतिरिक्त व्यय किया गया? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसकी जाँच हेतु शासन प्रावधानों के तहत दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बतायें? (घ) मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्र./F18-2/2022/काया कल्प/002/5728 भोपाल, दिनांक 26/12/22 के निर्देशों का पालन प्रश्नांश (क) के तहत जाँच की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शासन की राशि का अतिरिक्त व्यय नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त आदेश में निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दुग्ध ब्राण्ड सांची का हस्तांतरण
[पशुपालन एवं डेयरी]
36. ( क्र. 891 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा संचालित प्रदेश के दुग्ध ब्रांड (साँची) को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा टेक ओवर करने के लिए अनुबंध किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ किये गये अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं? (ग) कितनी अवधि के लिए मध्यप्रदेश को आपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा संचालित प्रदेश के दुग्ध ब्रांड (साँची) नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को दिया जा रहा है? (घ) क्या राज्य सरकार यह मानती है कि मध्यप्रदेश को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन को घाटे से उबारने के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को सौंपा जाना ही अंतिम विकल्प है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिजली खरीदी हेतु निजी पावर प्लाट से अनुबंध
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 892 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बिजली खरीदी हेतु एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किस-किस निजी पॉवर प्लांट से विद्युत क्रय अनुबंध किया गया हैं? (ख) उपरोक्त सभी पावर प्लांट के नाम पते, अनुबंध करने का दिनांक, अवधि और किस दर पर बिजली खरीदी की जा रही है, इसका विवरण उपलब्ध कराएं एवं पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक पिछले तीन वर्षों में किस दर से विद्युत क्रय की गई है का विवरण भी उपलब्ध कराएं? प्रत्येक प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत हेतु एक विद्युत क्रय अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त पॉवर प्लांटों को म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2023-24 अर्थात पिछले तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया, इसका विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) क्या प्रदेश में पर्याप्त बिजली उत्पादन के बावजूद निजी पावर प्लांटों से बिजली खरीदने की आवश्यकता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में बिजली खरीदी हेतु एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा निजी विद्युत गृहों से निष्पादित किए गए विद्युत क्रय अनुबंधों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उपरोक्त सभी विद्युत गृहों का नाम, पता, अनुबंध दिनांक, अवधि एवं गैर- पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत क्रय की दर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक विद्युत क्रय की दर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रत्येक प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत यथा-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लघु जल परियोजना, नगरीय ठोस अपशिष्ट परियोजना, बायोमास परियोजना, अल्ट्रामेगा पारंपरिक ऊर्जा परियोजना एवं पारंपरिक ऊर्जा परियोजना हेतु किए गए विद्युत क्रय अनुबंधों की एक-एक प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' पर उपलब्ध है। (ग) उपरोक्त विद्युत गृहों को एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक की अवधि में भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी (म.प्र.शासन के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी) के अंतर्गत ताप विद्युत/जल विद्युत/सौर ऊर्जा संयंत्रों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5492 मेगावाट है। एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विगत वर्षों में प्रदेश की वास्तविक विद्युत मांग के आधार पर आगामी वर्षों हेतु प्रदेश की मांग का आंकलन कर, संसाधनों की पर्याप्तता (Resource adequacy) को दृष्टिगत रखते हुए, तात्कालिक समयबद्ध विद्युत उपलब्धता को सुनिश्िचत करने के उपरान्त विद्युत मांग के अंतर की गणना की जाती है। तत्पश्चात म.प्र. विद्युत नियामक आयोग की अनुमति उपरांत विद्युत उपलब्धता में वृद्धि हेतु कार्यवाही की जाती है। उक्त तारतम्य में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न स्त्रोतों यथा कोयला आधारित, गैस आधारित, परमाणु ऊर्जा, जल विद्युत, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं अन्य नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से उत्पादित विद्युत क्रय हेतु क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। कोयला आधारित ताप विद्युत गृहों, जल विद्युत गृहों एवं गैस आधारित ताप विद्युत गृहों से प्राप्त होने वाली बिजली हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत दर (नियत प्रभार एवं ऊर्जा प्रभार) टू-पार्ट टैरिफ सिद्धांत पर आधारित होती है, जिसमें कंपनी द्वारा अनुबंधित क्षमता के अनुरूप विद्युत उपलब्धता (Availbility) सुनिश्िचत कराने पर नियत प्रभार का भुगतान देय रहता है। नियत प्रभार का भुगतान प्रदायकर्ता द्वारा विद्युत की उपलब्धता सुनिश्िचत करने पर एवं ऊर्जा प्रभार (एनर्जी चार्जेस) का भुगतान खरीदी गई विद्युत की मात्रा के लिये किया जाता है। नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत क्रय म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों अथवा प्रतिस्पर्धी निविदा पद्धति द्वारा किया जाता है। राज्य की विद्युत मांग में दैनिक, साप्ताहिक एवं मौसमी आधार पर वृहद परिवर्तन होता रहता है एवं समय-समय पर विद्युत संयंत्र का रख-रखाव/सुधार किया जाता है, जिसके कारण राज्य में विद्युत की उच्चतर मांग की पूर्ति हेतु अतिरिक्त क्षमता के अनुबंध किए गए है, ताकि विपरित परिस्थितियों में भी निरंतर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा सके। अत: स्वयं के स्त्रोतों से उपलब्ध विद्युत उत्पादन क्षमता के साथ ही एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा पारंपरिक/गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से कुल 23789 मेगावाट के विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं, जिसमें से संयुक्त उपक्रमों एवं अन्य जल विद्युत केन्द्रों से 2484 मेगावाट, केन्द्रीय क्षेत्र/पूर्वी क्षेत्र/उत्तरी क्षेत्र/डी.वी.सी. से 5312 मेगावाट, निजी क्षेत्र से 3402 मेगावाट, सौर ऊर्जा संयंत्रों से 4165 मेगावाट तथा गैर सौर ऊर्जा संयंत्रों से 2934 मेगावाट क्षमता के क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। उक्त विद्युत उपलब्धता सुनिश्िचत करने के परिणाम स्वरूप ही प्रदेश द्वारा दिनांक 26.01.2024 को इतिहास की सर्वाधिक मांग 17614 मेगावाट की सफलतापूर्वक पूर्ति की जा सकी। उक्त के कारण ही प्रदेश के सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना सुनिश्िचत किया जा सका है।
LT लाईन एवं 11 KV लाईनों के तार बदलने के प्रावधान
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 898 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में कितने नग 11 के.व्ही. फीडर है जिसमें से कितने नग फीडर पर विद्युत भार अधिक होने से फीडर अतिभारित हो गये हैं जिसमें तार बदलने अथवा क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है? विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इनको बदलने/क्षमता वृद्धि हेतु क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में माह अक्टूबर 2024 तक LT लाईन एवं 11 KV लाइन के तार टूटने के कारण कितनी विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई एवं जिसके कारण कितने व्यक्तियों एवं कितने पशुओं की मृत्यु हुई? वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) विधान सभा में LT एवं 11 KV के तार बदलने हेतु क्या कार्ययोजना है? या नहीं? (घ) यदि हाँ, तो कमजोर (खराब) तारों को कब तक बदला जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 11 के.व्ही. के 155 फीडर विद्यमान हैं, जिसमें से 11 फीडरों पर विद्युत भार निर्धारित मानकों से अधिक होने के कारण इन अतिभारित फीडरों का भार कम करने के उद्देश्य से इनके विभक्तिकरण का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 10 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर भार को निर्धारित मानकों के अनुरूप कर दिया गया है तथा शेष 01 फीडर के विभक्तिकरण का कार्य प्रगतिरत है। इसके अतिरिक्त म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर अंतर्गत समय-समय पर 11 के.व्ही. फीडरों के विद्युत भार की समीक्षा की जाती है तथा आवश्यकतानुसार भार प्रबंधन किया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में निम्नदाब लाईन के तार टूटने से कुल 03 दुर्घटनाए हुई हैं, जिनमें 04 पशुओं की मृत्यु हुई है एवं मृत व्यक्तियों की संख्या निरंक है तथा 11 के.व्ही. लाईन के तार टूटने से कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर, 2024 तक की स्थिति में निम्नदाब लाईन के तार टूटने की कुल 04 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 01 व्यक्ति एवं 06 पशुओं की मृत्यु हुई है तथा 11 के.व्ही. लाईन के तार टूटने से कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है। (ग) एवं (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत किया जा रहा है एवं एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत 11 के.व्ही. के 04 फीडरों के तार बदलने का कार्य स्वीकृत है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत 111 स्थानों पर निम्नदाब लाईनों के केबलीकरण का कार्य एवं एस.एस.टी.डी. योजना में 17 स्थानों पर निम्नदाब लाईन के केबलीकरण का कार्य स्वीकृत है। उक्त समस्त स्वीकृत कार्यों को दिनांक 30.06.2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
किसानों के बिजली प्रदाय की स्थिति
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 904 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में किसानों को खेतों में पानी देने के लिये कितने घण्टे बिजल देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग के आदेशानुसार किसानों को उनके निर्धारित घण्टों के हिसाब से बिजली दी जा रही है? यदि नहीं, तो। (ग) इसके लिये दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर विभाग कार्यवही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई, 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि