मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2024 सत्र
गुरुवार, दिनांक 19 दिसम्बर, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
आवास योजना में
अधिक राशि दी
जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1205 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका नर्मदापुरम के (पूर्व में होशंगाबाद) की जाँच में यह पाया गया था कि प्रधानमंत्री हाउस में निर्धारित 2.50 लाख की राशि से ज्यादा 3 लाख से 8 लाख तक करीब 30 व्यक्तियों को दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुकूल थी? (ग) यदि नहीं, तो ज्यादा राशि देने वाले दोषी व्यक्तियों के खिलाफ क्या कार्यवाही गई और अतिरिक्त राशि वसूलने के लिये क्या किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। अपर संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल की अध्यक्षता में गठित जांच दल द्वारा प्रस्तुत किये गये जांच प्रतिवेदन के अनुसार नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम में 45 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत निर्धारित राशि रू. 2.50 लाख से अधिक राशि जारी की गई थी। (ख) एवं (ग) जी नहीं। योजना के अंतर्गत निर्धारित राशि से अधिक राशि जारी किये जाने के लिये उत्तरदायी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं एवं शेष कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतिरिक्त राशि वसूली का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आयरन फैक्ट्री ग्राम भरतरी
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 1347 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए कौन-कौन से विभागों से अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। क्या आवास एवं पर्यावरण विभाग से अनापत्ति आवश्यक है? (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित भरतरी आयरन फैक्ट्री को आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा एन.ओ.सी. दी गई है? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित भरतरी फैक्ट्री से आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण फैल रहा है? यदि हाँ, तो इसे रोकने के क्या-क्या प्रयास किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित औद्योगिक इकाई का विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2023, 2024 में कब-कब एवं किस-किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें। यदि आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है तो फैक्ट्री मालिक पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में ग्राम भरतरी, तहसील चिनोर में मेसर्स ओम स्मेल्टर्स प्रायवेट लिमिटेड को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत दिनांक 13.10.2014 को स्थापना की सम्मति जारी की गई है जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उद्योग को स्थापना उपरांत दिनांक 14.10.2015 को संचालन की सम्मति जारी की गई है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कालान्तर में दिनांक 27.07.2018 को क्षमता विस्तार करने हेतु उद्योग को स्थापना सम्मति जारी की गई है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उद्योग को क्षमता विस्तार हेतु संचालन सम्मति दिनांक 21.12.2018 को जारी की गई है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वर्तमान में उद्योग की सम्मति दिनांक 30.11.2027 तक की अवधि हेतु नवीनीकृत होकर वैध है। सम्मति नवीनीकरण आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) जी नहीं। फैक्ट्री के आस-पास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैलने की स्थिति नहीं पाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में मेसर्स ओम स्मेल्टर्स एण्ड रोलर्स प्रायवेट लिमिटेड उद्योग का दिनांक 19.12.2023 को क्षेत्रीय अधिकारी ग्वालियर श्री आर.आर. सिंह सेंगर द्वारा तथा दिनांक 04.12.2024 को रसायनज्ञ श्री के.एस. राठौर द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 एवं 7 अनुसार है। उद्योग के आस-पास के क्षेत्र में प्रदूषण फैलने की स्थिति निरीक्षणों में नहीं पाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग की स्वीकृति व निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 1567 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिलांतर्गत बेगमगंज से सुल्तानगंज मार्ग का निर्माण किस योजनांतर्गत कितनी लागत का कब स्वीकृत किया गया? इस मार्ग का निर्माण किस कार्य एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? विभाग और निर्माण एजेंसी के मध्य हुए अनुबंध व डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या निर्माण एजेंसी द्वारा मापदण्डानुसार गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो अब तक निर्मित हिस्सों में जर्क क्यों है और घटिया कार्य क्यों कराया जा रहा है? कांक्रीट के हिस्सों के गुणवत्ताहीन व मापदण्डों के विपरीत कार्य हेतु कौन उत्तरदायी है? क्या गुणवत्ता नियंत्रण हेतु जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्य का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है, क्यों? इस हेतु कब तक जांच कर उत्तरदायित्व निर्धारित किया जावेगा? (ग) क्या बेगमगंज से महुआखेड़ा-करहौला-रजपुरा से जमुनिया के नवीन मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव है? क्या विभाग जनहित में इस मार्ग को जिला मार्ग घोषित कर या नवीन निर्माण कार्य कर टूलेन सड़क में उन्नत/निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो इस प्रस्ताव पर कब विचार किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बेगमगंज-सुल्तानगंज मार्ग का निर्माण ''म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट प्रोग्राम 6 तथा 7'' योजना के अन्तर्गत दिनांक 04.05.2018 एवं 26.10.2021 को संयुक्त रूप से 60 मार्गों हेतु रू. 6156 करोड़ से स्वीकृत। मार्ग का निर्माण मेसर्स श्रीजी हैदरगढ़ बेगमगंज रोड प्रोजेक्ट प्रा.लि. द्वारा कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं, कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराया जा रहा है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गुणवत्ता हेतु पृथक से इंडिपेन्डेंट इंजीनियर मेसर्स ब्लूम कंपनीस एल.एल.सी. को नियुक्त किया गया है। मापदण्डों अनुसार जांच, निरीक्षण एवं परीक्षण किया जा रहा है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नवीन मार्गों का कोई प्रस्ताव नहीं है। विधिवत प्रस्तावित प्रक्रिया अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर मुख्य जिला मार्ग घोषित किए जाते हैं। वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन नगर योजना 2021 आरक्षित भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 708 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर योजना 2021 के अन्तर्गत ग्राम कमेड़ की भूमि सर्वे क्रमांक 442/1/1/1, 442/1/1/2, 442/1/1/3 एवं 449/1/2 कुल रकबा 1.64 हेक्टर भूमि यातायात नगर के लिए आरक्षित की गई थी? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उज्जैन नगर विकास योजना 2035 के लागू होने के पूर्व उक्त भूमि पर आदेश क्रमांक UJNLP14032681, दिनांक 01 जून, 2023 के तहत व्यवसायिक गतिविधि की अनुमति किस नियम के तहत दी गई? नियम सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरण के प्रश्न दिनांक के पूर्व संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नाधीन भूमि उज्जैन विकास योजना, 2021 में वर्तमान वाणिज्यिक उपयोग हेतु निर्दिष्ट थी। (ख) उज्जैन विकास योजना, 2035, म.प्र. राजपत्र में दिनांक 26 मई, 2023 से प्रभावशील होकर प्रश्नाधीन भूमि विकास योजना, 2021 एवं 2035 दोनों में ही वाणिज्यिक उपयोग हेतु निर्दिष्ट होने से उक्त प्रकरण का निराकरण म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-29 (1) के अंतर्गत किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरण के प्रश्न दिनांक के पूर्व संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश, भोपाल में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। जिला कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश, उज्जैन में सी.एम. हेल्प लाईन के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसका निराकरण जिला कार्यालय द्वारा कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दतिया नगर में रिंग रोड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 1351 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया नगर में चारों ओर नगर की सुरक्षा हेतु प्राचीन समय में मजबूत दीवार थी? यदि हाँ, तो उस मजबूत दीवार को तोड़कर रिंग रोड का निर्माण किसके आदेश पर किया गया? आदेश की प्रति प्रदान करें। (ख) दीवार तोड़ने के कारण कितने मकानों को तोड़ा गया एवं कितने परिवार प्रभावित हुये? संपूर्ण की सूची प्रदान करें। मकानों को तोड़कर उनके निवासियों को शहर से दूर ग्राम चितुवा में व्यवस्थापन में किया गया है? यदि हाँ, तो पानी, सड़क बिजली की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है तथा निर्मित टंकी से पेयजल व्यवस्था प्रारंभ क्यों नहीं की गई? क्या जनहित में पानी, सड़क, बिजली की समुचित व्यवस्था की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या नगरपालिका एवं प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण जीर्ण-शीर्ण नगरपालिका की दीवार को समय पूर्व नहीं गिराये जाने से अतिवृष्टि के कारण घटित घटना के कारण क्या पांच व्यक्तियों की सितम्बर माह में हुई घटित घटना से पांच व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त काण्ड की शासन-प्रशासन द्वारा जांच कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। परन्तु प्रश्नांकित दीवार लगभग 400 वर्ष पुरानी होने के कारण मजबूत स्थिति में नहीं थी। नगर पालिका परिषद दतिया द्वारा पुरानी दीवार को तोड़कर रिंग रोड निर्माण करने का संकल्प पारित किया गया था, जिसके आधार पर मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में उक्त रिंग रोड निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। परिषद एवं पी.आई.सी. संकल्प की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 318 मकानों को तोड़ा गया है, जिसमें प्रभावित 496 परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ, व्यवस्थापन स्थल ग्राम चितुवा में पानी, सड़क एवं बिजली की व्यवस्था की गई है, तकनीकी कारणों से टंकी भरने में कठिनाई होने के कारण सीधे ट्यूबवेल एवं पाईप लाईन के माध्यम से जलप्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, नगर पालिका की दीवार प्रश्नांकित अनुसार गिरने से कोई घटना नहीं हुई है, अपितु प्रश्नांकित दुर्घटना पुरातत्व विभाग के अधीन राजगढ़ पैलेस की नींव को सुरक्षित रखने हेतु बनाई गई दीवार को इसके आसपास रहने वाले निवासियों द्वारा मिट्टी, मुरम खोदकर क्षतिग्रस्त किये जाने से तेज बारिश के कारण घटना घटित हुई। उक्त दुर्घटना के लिए निकाय स्तर पर प्रथम दृष्टया कोई लापरवाही नहीं पाये जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
6. ( *क्र. 32 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. के समस्त महाविद्यालय में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को शासन की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का भुगतान प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है? (ख) पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को शासन की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिए जाने हेतु शासन के पास बजट नहीं है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि बजट नहीं है तो उसका क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) मध्यप्रदेश के समस्त महाविद्यालय में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के पात्र छात्र/छात्राओं को विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति भुगतान की अद्यतन स्थिति अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5.08 लाख विद्यार्थियों को राशि रूपये 653.78 करोड़ का भुगतान किया गया है। नियमानुसार एवं पात्रता अनुसार छात्रवृत्ति राशि का भुगतान सतत् जारी है। (ख) पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का भुगतान सतत् जारी है। (ग) जी नहीं। पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिये जाने हेतु विभाग के पास पर्याप्त बजट उपलब्ध है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 980 ) श्री विष्णु खत्री : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014 से आज दिनांक तक कुल कितनी अवैध कॉलोनियां विकसित हुई हैं? अवैध कॉलोनियां एवं कॉलोनाईजरों के नाम की सूची उपलब्ध करायें। (ख) कितने कॉलोनाइजरों पर प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज की गई है एवं ऐसे कितने कॉलोनाइजर हैं, जिन पर प्रश्न दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई है? (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने के संबंध में विभाग की क्या कार्ययोजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के नगर पालिका परिषद बैरसिया क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में विकसित 19 अनधिकृत कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 13 अनधिकृत कॉलोनी के विकासकर्ताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार दर्ज कराई गई है। शेष 06 अनधिकृत कॉलोनी के विकासकर्ताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) राज्य सरकार द्वारा म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 बनाए गए हैं, जिसमें नगरीय क्षेत्र अन्तर्गत स्थित अनधिकृत कॉलोनियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने एवं इनके निर्माण पर रोक लगाने की प्रक्रिया विहित की गई है, जिसके लिए जिला कलेक्टर को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 1497 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति व प्रत्येक सड़क निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति कब-कब प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? यदि निर्माणाधीन हैं तो कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? प्रत्येक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या है? प्रत्येक निर्माण कार्य की अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। अनुबंध की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है।
10 मीटर छोड़कर रेलवे मेट्रो डिपो का कार्य प्रारंभ करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 1759 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल के अरेरा हिल्स पर स्थित हाउसिंग बोर्ड, भोपाल द्वारा निर्मित ग्रीन मेडोज़ कॉलोनी की कुल भूमि कितनी-कितनी, किस-किस खसरा नंबर में कितने-कितने रकबा के आधार पर स्थित है? कृपया छायाप्रति प्रदाय कर सम्पूर्ण जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि शासन द्वारा अलॉट भूमि पर बने आवासों का एकमुश्त लीज़ रेंट कराने का प्रावधान प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि कॉलोनी हेतु अलॉट भूमि के संशोधन हेतु फाईल जिला कलेक्टर भोपाल या संभागीय कमिश्नर भोपाल के पास कब से रखी है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि उपरोक्त भूमि का संशोधन करके पत्र की छायाप्रति प्रश्नकर्ता को कब तक भेज दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त कॉलोनी के लिए अलॉट भूमि कितनी थी और हाउसिंग बोर्ड भोपाल द्वारा चारों ओर कितनी-कितनी भूमि छोड़कर उपरोक्त कॉलोनी बनाई गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कॉलोनी के उत्तर की ओर निर्माणाधीन मेट्रो रेलवे डिपो का जो कार्य कराया जा रहा है, उसमें कितने ऊंचाई के किसके कितने-कितने पेड़ काटकर निर्माण किया जा रहा है? वहां कितने मीटर छोड़कर नाली का निर्माण मेट्रो डिपो रेलवे का कार्य प्रारंभ करने जा रहे हैं? कृपया स्पष्ट बताएं एवं यह भी जानकारी दें कि आवासों के किनारे से अगर मेट्रो का कार्य प्रारंभ हुआ तो आवासों के एवं उससे जो जनहानि भविष्य में होगी, उसका जिम्मेवार कौन होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अरेरा हिल्स भोपाल में नजूल शहर वृत्त भोपाल खसरा क्र. 959/1 कुल रकबा 62.92 एकड़ भूमि में से 5.15 एकड़ भूमि पर ग्रीन मेडोज कॉलोनी मण्डल द्वारा निर्मित की गई है। राजस्व विभाग के पत्र क्र. एफ-6-7/2007/सात-नजूल दिनांक 06.06.2008 द्वारा कलेक्टर जिला भोपाल को म.प्र. गृह निर्माण मण्डल को अरेरा हिल्स भोपाल स्थित खसरा क्र. 959/1 में से 5.15 एकड़ भूमि आवंटन करने के आदेश जारी किये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मण्डल को आवंटित उक्त भूमि के खसरे एवं रकबे में विसंगति का सुधार राजस्व विभाग द्वारा किये जाने के उपरान्त पट्टा निष्पादन की कार्यवाही प्रचलन में है, जिसके कारण उक्त भूमि पर बने आवासों के स्वामियों से एकमुश्त लीजरेन्ट नहीं लिया जा रहा है। (ख) कॉलोनी हेतु आवंटित भूमि के संशोधित भूमि आवंटन हेतु राजस्व विभाग के पत्र क्र. एफ-6-7/2007/सात-3, दिनांक 27.09.2023 द्वारा संशोधित आदेश कलेक्टर जिला भोपाल को जारी किया गया है, जिसमें आदेशित किया गया है कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि जिला कलेक्टर, भोपाल के संदर्भित प्रस्तावों के अनुसार म.प्र. गृह निर्माण मण्डल के आधिपत्य की भूमि (समान रकबा, समान मूल्य) खसरा क्र. 958/1/1 का अंश भाग 0.78 एकड़ को लीज में संशोधित किया जाये एवं 0.78 एकड़ भूमि वर्तमान अंकित खसरा क्र. 959/1 से कम की जाये, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कलेक्टर, भोपाल के प्रभारी अधिकारी आर.आर.एम. शाखा भोपाल ने पत्र क्र. 254, दिनांक 05.08.2024 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी नजूल शहर वृत्त भोपाल को राजस्व विभाग ने पत्र क्र. एफ-6-7/2007/सात-3, दिनांक 27.09.2023 के परिपालन में कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) शासन द्वारा आवंटित 5.15 एकड़ भूमि पर ग्रीन मेडोज कॉलोनी नगर तथा ग्राम निवेश विभाग एवं नगर निगम भोपाल से अनुज्ञा प्राप्त करने के उपरान्त विकसित एवं निर्मित की गई है। (घ) यूकेलिप्टस एवं करंज के 56 विविध उंचाई के वृक्ष काटकर निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। ग्रीन मिडोज कॉलोनी के बाउण्ड्री/रिटेनिंग वॉल से न्यूनतम 1 मीटर दूर नाली का निर्माण प्रस्तावित है। संबंधित कार्य की डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान दिल्ली के विशेषज्ञ के सलाह के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, जिसमे सुरक्षा के सभी मानकों का समावेश होगा। अतः प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मरों की जानाकरी
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 114 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में अक्टूबर 2024 तक विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर असफल होने के कारण बदले गए हैं एवं उनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर का परिवहन कृषकों द्वारा स्वयं के वाहन से किया गया है, की वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर, 2024 तक क्रमश: 906 एवं 308 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब होने के कारण बदले गये हैं तथा उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों में से क्रमश: 172 एवं 63 वितरण ट्रांसफार्मरों का परिवहन कृषकों द्वारा स्वयं के वाहन से किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 135 (बी) के मरम्मतीकरण कार्यों की जाँच
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 148 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरमौर से डभौरा तक प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 135 बी के रख-रखाव एवं जीर्णोद्वार का कार्य लोकनिर्माण विभाग की एन.एच. शाखा के अधीन है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के जीर्णशीर्ण होने का क्या कारण है? (ख) क्या कारण है कि सिरमौर से डभौरा तक प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 135 बी के मरम्मतीकरण कार्यों का भुगतान निर्माण एजेंसी को नियमित तौर पर किया जा रहा है, जबकि उक्त मार्ग जीर्णशीर्ण अवस्था में है? विगत 02 वर्षों में आमंत्रित निविदाएं तथा भुगतान विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त उल्लेखित मार्ग का भौतिक परीक्षण पृथक एजेंसी से कराया जाकर दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रस्तावित मार्ग जीर्णशीर्ण अवस्था में नहीं है। वर्तमान में यातायात सुचारू रूप से जारी है। (ख) मार्ग विभागीय संधारण अंतर्गत है। आवश्यकतानुसार मार्ग को यथा स्थिति में रखे जाने हेतु संधारण का कार्य कराया जाता है। विगत 2 वर्षों में आमंत्रित निविदायें एवं भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मार्ग जीर्णशीर्ण न होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर.डी.एस.एस. योजना
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 366 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत हुए हैं एवं योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफर स्थापित हो चुके हैं? उक्त कार्य करने हेतु जारी कार्यादेश अंतर्गत टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर को कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करना है? क्या उसके द्वारा समयावधि में कार्य किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, किया गया तो देरी के लिए कौन उत्तरदायी है और उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर द्वारा उल्लेखित जारी कार्यादेश के तहत क्या-क्या कार्य किया जाना था, की कार्यवार संख्यात्मक जानकारी देवें और उसके द्वारा क्या-क्या कार्य पूर्ण किया गया, की कार्यवार संख्यात्मक जानकारी देवें। उक्त कार्य की मॉनिटरिंग किसके द्वारा की जाना थी और उनके द्वारा क्या मॉनिटरिंग की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मनासा अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कुल 150 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया है एवं प्रश्नाधीन अवधि में उक्त में से 52 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं। योजनान्तर्गत उक्त कार्यों हेतु जारी कार्यादेशों की शर्तों अनुसार, कार्यों को कार्यादेश की दिनांक से 24 माह की समयावधि में पूर्ण किया जाना है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है एवं कार्यादेशों अनुसार कार्य पूर्ण करने की समयावधि अभी शेष है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर को जारी कार्यादेश के तहत किये जाने वाले कार्य एवं पूर्ण किये गये कार्यों का संख्यात्मक विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्यों की मॉनिटरिंग, कार्य के क्रियान्वयन से संबंधित मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता स्तर के अधिकारियों द्वारा की जानी है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यों का सुपरविजन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी द्वारा भी किया जा रहा है। उक्त अधिकारियों द्वारा योजनान्तर्गत संबंधित कार्यादेश के समस्त रिकॉर्ड का लेखा-जोखा, संबंधित पत्राचार, मटेरियल प्रबंधन एवं समय-समय पर निर्माण कार्य का निरीक्षण तथा चरणबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण होने की प्रगति की समीक्षा, आदि कार्य की मॉनिटरिंग की जा रही है।
पुनर्घनत्वीकरण (रीडेंसीफिकेशन) में शामिल भूमियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 4 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना, रीवा एवं मैहर जिले में रीडेंसिफिकेशन के लिये 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक किस-किस पटवारी हल्कों/तहसीलों की, किस-किस स्थान की, किस-किस आराजी क्रमांकों एवं कितने वर्गफुट (रकबा) की कौन-कौन सी भूमियों को चयनित कर निविदा कितनी-कितनी न्यूनतम दर की स्थानीय/शासन स्तर पर तय करते हुये बुलाई गई/बुलाई जाना प्रश्नतिथि तक तय की गई है? जिलेवार, भूमिवार, वर्षवार, निविदावार, रकबावार, आराजी क्रमांकवार, पटवारी हल्का नामवार, तहसीलवार, जानकारी उपलब्ध करायें। सभी निविदाओं की एक प्रति दें। (ख) रीडेंसिफिकेशन (पुनर्घनत्वीकरण) के लिये किन-किन नियमों/मापदण्डों के आधार पर किस कमेटी/कार्यालयों के अधिकारियों/सदस्यों को लिखित सलाह पर भूमियों का विक्रय किया जा रहा है? सभी नियमों/मापदण्डों की एक-एक प्रति प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमियों की जानकारी देते हुये समयानुसार उपलब्ध करायें। जारी आदेशों की एक एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित किन-किन भूमियों की निविदा राजस्व संभाग रीवा के आयुक्त के द्वारा क्यों, कैसे, किन कारणों से, कब निरस्त की गई? जारी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) शासकीय भूमियों के खुले आम बंदरबाट पर राज्य शासन किस-किस नाम पदनाम के अधिकारियों को चिन्हित कर उन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला सतना एवं मैहर में वर्तमान में पुनर्घनत्वीकरण योजना क्रियान्वित नहीं की जा रही है। जिला रीवा अंतर्गत 01.04.2021 से भूमियों पर पुनर्घनत्वीकरण स्वीकृत योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पुनर्घनत्वीकरण के नियमों/मापदण्डों के आधार पर सक्षम समिति/कार्यालयों के अधिकारियों/सदस्यों की अनुशंसा/अनुमोदन पर भूमियों का विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सतना जिले में तहसील रघुराजनगर, पटवारी हल्का सिविल लाइन की आराजी क्रमांक नजूल सीट क्र. 58, ब्लॉक-1 प्लॉट नंबर 34. 43/1,43/2 रकबा 8915 व.मी. पुराने पॉलीटेक्निक की भूमि चयनित की गई है। निविदा रूपये 76.00 करोड़ की तय की गई थी, जिसे आयुक्त, राजस्व संभाग रीवा द्वारा निविदा राशि भूमि की बिडिंग की दरों में अत्यधिक अंतर होने के कारण निरस्त करने की अनुशंसा सितम्बर 2024 में की गई थी। पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही करने हेतु अनुशंसा की गई है। वर्तमान में सतना में कोई भी पुनर्घनत्वीकरण योजना क्रियान्वित नहीं है। संभाग रीवा की किसी भी भूमि निविदा संभागीय आयुक्त द्वारा निरस्त नहीं की गई है। (घ) सतना, रीवा एवं मैहर जिले में शासकीय भूमियों पर नियमानुसार कार्यवाही की गयी है। अतः किसी भी अधिकारी को चिन्हित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण नियम
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 693 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के जिला भोपाल एवं ग्वालियर में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी निरंतर पदस्थ हैं? विभाग के स्थानांतरण नियम में निरंतर पदस्थ होने पर स्थानांतरण के क्या नियम हैं? नियम की प्रति एवं अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नांकित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्नांकित अवधि में किन-किन व्यक्तियों ने कब-कब, किन-किन प्रकरणों में शिकायतें दर्ज कराई है? अधिकारी/कर्मचारियों की शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग लंबे समय से उप कार्यालय विधायक विश्राम गृह भोपाल में जमे हुए श्री वीरेन्द्र गुप्ता पर स्थानांतरण की कार्यवाही की जायेगी? क्या विभाग जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विभाग द्वारा उप कार्यालय विधायक विश्राम गृह में 10-15 वर्षों में पदस्थ श्री वीरेन्द्र गुप्ता को निरंतर इतने लंबे समय तक किस नियम से रखा गया है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विभाग को पृथक से स्थानांतरण करने के संबंध में कोई नियम नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम 4 एवं 'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एक ही स्थान पर दीर्घावधि तक पदस्थ किये जाने के संबंध में कोई नियम नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका/परिषद गोहद में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 1582 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद गोहद, नगर परिषद मालनपुर व मौ में दिनांक 01 जनवरी, 2022 से वर्तमान तक खरीदी, निर्माण कार्य एवं अन्य मदों में 01 लाख रूपये तक की सैकड़ों फाइल अपने चहेते कर्मचारियों से तैयार कराकर करोड़ों रूपये का नुकसान नगर पालिका गोहद को पहुंचाया जाकर भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग कार्यवाही करेगा? (ख) क्या नगर पालिका परिषद गोहद द्वारा गौशाला के नाम पर गौशाला निर्माण एवं उसके संचालन व संधारण में करोड़ों रूपये अनावश्यक खर्च कर नगर पालिका को नुकसान पहुंचाया जाकर भ्रष्टाचार किया गया है? (ग) क्या नगर पालिका गोहद, नगर परिषद मालनपुर व मौ द्वारा कराये जा रहे सी.सी. रोड निर्माण, पार्क निर्माण, डामर निर्माण एवं नाला निर्माण कार्यों में प्राक्कलन अनुसार कोई कार्य नहीं कराया जाकर नाम मात्र के घटिया कार्य कराये जाकर बिना कार्य के भुगतान किये जाकर नगर पालिका को लाखों रूपये नुकसान पहुंचाया जा रहा है? क्या भौतिक परीक्षण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री के वर्ष 2024 में प्रथम बार भिण्ड आगमन पर नगर पालिका गोहद द्वारा भेजी गयी बसों के भुगतान में मोटर साइकिलों के नम्बर डालकर लाखों रूपये का फर्जी भुगतान कर नगर पालिका को लाखों रूपये की क्षति पहुंचाई गयी है? (ड.) क्या नगर परिषद मालनपुर में माह जुलाई 2021 से प्रश्न दिनांक तक डीजल, लाईट, अन्य सामग्री खरीदी एवं एक लाख से कम ऑफ लाइन फाईलों में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने में लाखों रूपये का भ्रष्टाचार किया? यदि हाँ, तो क्या विभाग कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) के लिये टीम गठित कर जांच कराई जाकर दोषियों के खिलाफ वसूली करते हुये कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद गोहद में प्रश्नांकित अवधि में एवं प्रश्नांकित अनुसार खरीदी, निर्माण एवं अन्य मदों के 01 लाख तक के प्रकरणों के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा की जा रही है। नगर परिषद मालनपुर एवं मौ के संबंध में कोई शिकायत संबंधित निकाय/विभाग के संभागीय कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त नहीं हुई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर परिषद गोहद द्वारा गौशाला निर्माण एवं संचालन कार्य की प्राप्त शिकायत की जांच संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा की जा रही है। (ग) प्रश्नांकित निकाय द्वारा सी.सी. रोड, पार्क निर्माण, डामरीकरण आदि कार्य नियमानुसार निविदा आमंत्रित कर तकनीकी स्वीकृति के अनुसार कराये जा रहे हैं। विभाग के संभागीय कार्यालय के तकनीकी अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों का भौतिक परीक्षण करने एवं गुणवत्ता संबंधी रिपोर्ट करने के उपरान्त ही भुगतान किया जाता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। नगर पालिका गोहद द्वारा प्रश्नांकित अनुसार कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ड.) नगर परिषद मालनपुर में आवश्यकता एवं मांगनुसार डीजल लाईट एवं अन्य सामग्री खरीदी की प्रक्रिया के संबंध में कोई शिकायत संबंधित निकाय/विभाग के संभागीय कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त नहीं हुई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) नगर परिषद गोहद में उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार जांच की जा रही है, अन्य नगरीय निकाय के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-कैबिनेट का गठन
[पशुपालन एवं डेयरी]
16. ( *क्र. 1243 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में गौ-कैबिनेट का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को गौ-कैबिनेट बनाई गई थी तथा इसमें किस-किस विभाग के मंत्री को शामिल किया गया है? (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में गौ-कैबिनेट की किस-किस दिनांक को कुल कितनी बैठकें हुईं? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में बैठकों में क्या-क्या निर्णय लिए गये? (घ) गौ-कैबिनेट की बैठकों के किन-किन निर्णयों पर क्रियान्वयन किया गया और कौन से ऐसे निर्णय है? जिन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। दिनांक 18.11.2020 को गौ कैबिनेट का गठन किया गया था। शामिल किए गए मंत्रियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में गौ-कैबिनेट की दिनांक 22.11.2020 को सिर्फ 01 बैठक संपन्न हुई है। (ग) बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) बैठक में लिए गए निर्णय पर क्रियान्वयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सांची दुग्ध संघ भोपाल का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
17. ( *क्र. 1578 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा सांची दुग्ध संघ भोपाल का प्रबंधन एवं संचालन 05 साल के लिये नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को दिया गया है? यदि हाँ, तो अब तक नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा सांची दुग्ध संघ में क्या बदलाव किये गये? (ख) क्या सांची दुग्ध संघ भोपाल में अधिकारी-कर्मचारियों की छंटनी किये जाने की योजना है? (ग) सांची दुग्ध संघ भोपाल की वित्तीय स्थिति और प्रबंधन में सुधार हेतु विगत 10 वर्षों में राज्य शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) सांची दुग्ध संघ के मध्यप्रदेश में कुल कितने प्लांट कहां-कहां स्थित हैं? दिनांक 31 मार्च, 2024 की स्थिति में सांची के कौन-कौन से प्लांट घाटे में रहे? सभी प्लांटों की वित्तीय एवं प्रबंधन स्थिति की जानकारी दी जाये।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत 10 वर्षों से भोपाल दुग्ध संघ लगातार लाभ की स्थिति में संचालित है। (घ) कुल 06 प्लांट है। दुग्ध संघ भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर एवं बुन्देलखण्ड (सागर) कार्यरत हैं। वित्तीय पत्रक दुग्ध संघवार तैयार किए जाते हैं। वर्तमान में दिनांक 31.03.2024 की स्थिति में अनअंकेक्षित लेखों के अनुसार ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ सकल रूप से संचयी हानि की स्थिति में है। शेष दुग्ध संघ संचयी लाभ की स्थिति में है।
सागर नगर अंतर्गत सीवर पाईप लाईन प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1491 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत योजनांतर्गत स्वीकृत सीवर प्रोजेक्ट के तहत सागर नगर में डाली जाने वाली सीवर पाईप लाईन की स्वीकृति कब हुई थी एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने की तय समय-सीमा क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनांतर्गत समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर कितनी बार और कब-कब समय-सीमा में वृद्धि की गई है? कार्य में विलंब होने के कारण क्रियान्वयन एजेंसी पर कितनी बार पेनाल्टी लगाई गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या कार्य एजेंसी द्वारा कार्य की गुणवत्ता सही नहीं है, जहाँ भी इनके द्वारा चेम्बर पाईप खड़े किये गये या तो वहाँ 4 इंच का गड्ढा है या 4 इंच उपर निकले हैं, जिससे आवागमन में आम नागरिकों के साथ दुर्घटना घटित हो रही है? इसके अलावा जिस निर्माण एजेंसी द्वारा रीस्टोरेशन का कार्य किया गया है वह अत्यंत घटिया है तथा सड़कों की हालत काफी खराब एवं जर्जर हो गई है, तो क्या शासन क्रियान्वयन एजेंसियों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही करते हुये इन्हें टर्मिनेट किये जाने पर विचार करेगा? (घ) सागर नगर अंतर्गत जो स्थान सीवर पाईप लाईन प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हैं, उनके लिए शासन की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत योजनांतर्गत सागर नगर में सीवर प्रोजेक्ट के तहत डाली जाने वाली सीवर लाइन की स्वीकृति राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 25.01.2016 में हुई थी एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने की समय-सीमा अनुबंध दिनांक से 36 माह दिनांक 07.07.2019 थी। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनांतर्गत समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर प्रथम समय वृद्धि 08.07.2019, द्वितीय समय वृद्धि 01.04.2020, तृतीय समय वृद्धि 01.04.2021 तथा चतुर्थ समय वृद्धि 01.04.2022 को प्रदान की गई। कार्य में विलंब के कारण क्रियान्वयन एजेंसी पर कोई पेनाल्टी नहीं लगायी गई है। इसका कारण योजना क्रियान्वयन हेतु पंपिंग स्टेशन निर्माण के लिए समय-सीमा में भूमि का आवंटन नहीं हो पाना एवं पंपिंग स्टेशन निर्माण उपरांत विद्युत कनेक्शन प्राप्त नहीं होना रहा है। कोविड-19 महामारी के समय में लेबर एवं सामग्री की उपलब्धता में कमी के कारण भी कार्य में विलंब हुआ है। (ग) जी नहीं। जहाँ भी चेम्बर बनाये गये हैं, वे तत्समय सड़क के सतह के बराबर बनाये गये हैं। यदि वर्तमान में सड़क एवं चेम्बर के लेवल में अंतर है, तो वह बाद में अन्य एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण के समय हुआ है। वर्तमान तक मैनहोल के कारण दुर्घटना होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। सीवर योजना की एजेंसी द्वारा रेस्टोरेशन का कार्य किया गया है, जिसका रख-रखाव करने का उत्तरदायित्व रेस्टोरेशन करने वाली एजेंसी का एक वर्षा ऋतु तक ही है। सड़कों की हालत खराब एवं जर्जर होने का कारण, अन्य एजेंसियों द्वारा भी उसी सड़क पर कार्य किया जाना है। रेस्टोरेशन कार्य किये जाने हेतु नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सागर नगर अंतर्गत जो स्थान सीवर पाईप लाईन प्रोजेक्ट में शामिल नहीं है, उन्हें अमृत 2.0 योजना में लिए जाने का प्रावधान किया गया है।
ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 213 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने शहर को जल प्लावन की समस्या से निजात दिलाने हेतु स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट पर कुल कितनी राशि व्यय की है एवं किस निर्माण ठेका एजेन्सी/कम्पनी को किन शर्तों पर कब ठेका दिया था? मूल योजना के तहत शहर के कितने बड़े नालों व कितनी छोटे नाले/नालियों को सीमेंटेड करना था, इसके तहत कितने बड़े नालों को कितने प्रतिशत कार्य कब से अपूर्ण/बंद पड़ा है एवं क्यों? ठेका एजेन्सी/कम्पनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं शर्तों के तहत कितनी राशि को रोका गया है? (ख) योजना के तहत बड़े नालों एवं छोटे नालों की सफाई, देखभाल, रख-रखाव मरम्मत आदि की क्या व्यवस्था की गई है? बड़े नालों एवं छोटे नालों/नालियों की सफाई व्यवस्था पर कितनी राशि व्यय की गई है? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित योजना के तहत नालों की क्या स्थिति है? ओमती नाला, मोती, शाह, खंदारी तथा उर्दना नालों से जल प्लावन की समस्या में क्या सुधार हुआ है? पहले की तुलना में कहां-कहां पर जलप्लावन की समस्या और बढ़ गई है एवं क्यों? खंदारी नाले की कब से साफ सफाई नहीं कराई गई है एवं क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित योजना में किये गये भ्रष्टाचार, ठेका कम्पनी को अनुचित लाभ पहुंचाने की जांच कराकर दोषी अधिकारियों/ठेका कम्पनी पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत जल प्लावन की समस्या वाले क्षेत्रों में स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट पर निविदा लागत राशि रूपये 374.99 करोड़ के विरूद्ध कुल राशि 364.07 करोड़ व्यय की गई है। इस कार्य हेतु निविदा आमंत्रित कर अनुबंध की शर्तों के अनुसार मेसर्स लार्सन एण्ड टूब्रो लिमिटेड, चैन्नई को कार्यादेश दिनांक 09.09.2010 को जारी किया गया। अनुबंध के शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। योजना अंतर्गत 5 बड़े नाले एवं 130 छोटे नालों को सीमेंटेड करना था। सभी नालों की प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नाला निर्माण फर्म के अनुबंधानुसार किये गये कार्य एवं एस्केलेशन के भुगतान का प्रावधान होने से वर्ष 2017 में फर्म को किये जाने वाले भुगतान से कार्य में अधिक व्यय हो रहा था। इस कारण एम.आई.सी. परिषद की बैठक दिनांक 18.09.2017 में निर्णय लिया गया कि एल.एण्ड.टी. से अब आगे कार्य न कराया जाये। ठेकेदार को कुल राशि रूपये 364.07 करोड़ का भुगतान किया गया है। एम.आई.सी. परिषद के निर्णय के क्रम में फर्म की सुरक्षा निधि एवं अमानत राशि रूपये 13.43 करोड़ बैंक गारंटी कार्यालय में जमा है। अनुबंध की शर्तानुसार कार्य के सबंध में कोई राशि नहीं रोकी गई है। (ख) योजना के अनुबंध में नालों के सफाई का कोई प्रावधान नहीं था, केवल दो वर्षाकाल का डिफेक्ट लाइबेलिटी पीरियड शामिल था, इस दौरान क्षतिग्रस्त नालों का मरम्मत/सुधार कार्य ठेकेदार से किया जाना था, जिसका कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया गया। बड़े नालों एवं छोटे नालों/नालियों की सफाई व्यवस्था पर व्यय राशि का वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित योजना के नालों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर निगम जबलपुर में जलप्लावन की गंभीर समस्या कहीं भी निर्मित नहीं होती है। वर्षाकाल के दौरान कुछ स्थानों पर जल एकत्रित होता है, वह वर्षा रूकने पर नाले/नालियों के माध्यम से निकासित हो जाता है। खंदारी नाले का सफाई कार्य नियमित रूप से कराया जाता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 897 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. (मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड) के रूप में श्रेणी बंद करने हेतु अब तक कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और उनमें से कितने प्रस्ताव लंबित हैं? (ख) इन लंबित प्रस्तावों को एम.डी.आर. के रूप में घोषित करने के लिए सरकार द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ग) सिंहस्थ 2028 के दृष्टिकोण से शाजापुर जिले में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने के लिए कौन-कौन से विशेष प्रावधान या योजनाएं बनाई गई हैं? (घ) क्या सरकार ने शाजापुर जिले की ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. श्रेणी में लाने के लिए किसी विशेष कार्य योजना को मंजूरी दी है? ताकि सिंहस्थ 2028 के दौरान बढ़े हुए यातायात भार एवं श्रद्धालुओं का ध्यान रखा जा सके। (ड.) इन सड़कों के उन्नयन के लिये बजट प्रावधान, तकनीकी अनुमोदन अन्य प्रक्रियाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? (च) सिंहस्थ 2028 के लिए तैयारियों के तहत शाजापुर जिले में सड़क नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हेतु सरकार की क्या दीर्घकालीन योजनाएं हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) नवीन सड़कों के निर्माण कार्य हेतु बजटीय प्रक्रिया आवश्यक है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 1016 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान कितनी सड़कों का निर्माण किन-किन संविदाकारों को कार्यादेश जारी कर कराये गये? अनुबंध की शर्तें क्या थी, शर्त अनुसार क्या कार्य कराये गये? अगर नहीं तो इस पर कार्यवाही बावत क्या निर्देश कब-कब दिये गये? इनका भौतिक सत्यापन कब-कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? प्रतिवेदन देते हुये बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में हिरवार से सरसी, पंडुई दलको कोठार से जागीर तक एवं कुम्हिया लगना टोला से रमपुरवा तक के सड़क के निर्माण बावत कब स्वीकृति प्रदान की गई? अनुबंध अनुसार कार्यादेश जारी होने के बाद कार्य की भौतिक स्थित क्या है? कार्य पूर्ण कराये जाने की अवधि क्या है, अवधि व अनुबंध अनुसार कार्य समय पर पूरा नहीं किया गया तो इस पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उपयोग की गई खनिज संपदा के रॉयल्टी की राशि कितनी-कितनी किन-किन सड़कों में संविदाकारों द्वारा शासन के खाते में जमा की गई एवं कितनी शेष है, का विवरण सड़कवार बतावें। इनमें उपयोग की गई खनिज संपदा की लीज़ कहां-कहां संविदाकारों द्वारा प्राप्त की गई थी, का विवरण पृथक से देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की सड़कों का निर्माण अनुबंध की शर्तों अनुसार नहीं किया गया? सड़कें समय पर चलने योग्य नहीं बनाई गई? खनिज की रॉयल्टी चोरी की गई? अधिकारियों एवं संविदाकारों ने सांठ-गांठ कर शासन को क्षति पहुंचाई, इसके लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही के क्या निर्देश किस तरह से देंगे? अगर नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कुम्हिया लगना टोला से रमपुरवा तक मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 23.02.2024 एवं अन्य 05 मार्गों सहित कुल 06 मार्गों की राशि रू. 506.23 लाख की विशेष मजबूतीकरण के अन्तर्गत जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त मार्ग का कार्यादेश दिनांक 23.07.2024 को जारी किया गया एवं कार्य पूर्ण करने की समयावधि 03 माह वर्षाकाल छोड़कर, कार्य प्रगति पर है। प्रश्नांश में वर्णित मार्ग हिरवार से सरसी, पंडुई दलको कोठार से जागीर मार्ग इस विभाग अन्तर्गत नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' में वर्णित सड़कों का निर्माण अनुबंध की शर्तों अनुसार कराया गया है। शासन को कोई क्षति नहीं पहुंचाई गई है। अतः कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। सभी निर्मित सडकें वर्तमान में अच्छी स्थिति में है। ठेकेदार से रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर ही अंतिम देयक का भुगतान किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सांची दुग्ध उत्पादन केंद्र द्वारा किसानों को भुगतान
[पशुपालन एवं डेयरी]
22. ( *क्र. 721 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से दुग्ध उत्पादक किसान हैं, जिनसे सांची दुग्ध संघ द्वारा क्रय किये दुग्ध की राशि का भुगतान नहीं किया गया है? प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उपरोक्त दुग्ध उत्पादक किसानों को भुगतान न किये जाने का क्या कारण है और किस दिनांक तक भुगतान हो जायेगा?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के खाते में भुगतान किया जाता है तथा समितियां अपने पंजीकृत सदस्यों/दुग्ध प्रदायकों को भुगतान करती हैं। प्रश्न दिनांक तक दुग्ध संघ द्वारा दिनांक 31.10.2024 तक का भुगातान किया जा चुका है। अत: जबलपुर दुग्धसंघ स्तर पर किसानों का भुगतान शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
आवासहीनों को आवास नहीं दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 496 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न क्रमांक 864 में माननीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 27 जुलाई, 2022 के जवाब में योजनांतर्गत आवास आवंटन की तिथि 30 दिसम्बर, 2022 बतायी गयी थी? क्या उक्त समस्त आवासों का आवंटन उपभोक्ताओं को समयावधि पर कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कर दिया जावेगा? (ख) प्रति आवास की कीमत क्या थी? आवास हितग्राहियों को कब तक पूर्ण कर देने की तारीख दी थी? क्या आज दिनांक तक आवास का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? तीन लाख पचास हजार का अतिरिक्त मांग पत्र निगम क्यों मांग कर रहा है? लागत में वृद्धि हुई, उसमें हितग्राहियों की कोई गलती है? नगर निगम के द्वारा आवास पैसे देने के बाद भी हितग्राहियों को आवास पूर्ण कर नहीं दिए जा रहे हैं। हितग्राहियों के द्वारा लगातार निगमायुक्त, जिला कलेक्टर, प्रभारी मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद सभी को निवेदन किया गया है? क्या इन सभी लोगों ने इस मामले पर कार्यवाही की है? (ग) क्या प्रश्नांकित दिनांक तक हितग्राहियों को आवास आवंटित नहीं किये गये हैं? इसके क्या कारण हैं? क्या निर्धारित राशि के अतिरिक्त भी निगम प्रशासन द्वारा आवंटन के नाम पर तीन लाख पचास हजार रूपये की अतिरिक्त मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? जबकि छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री भी निर्धारित राशि में ही आवास देने की घोषणा कर चुके हैं, इसके साथ ही सी.एम. हेल्पलाइन क्रमांक 17561156 में भी नगर प्रशासन द्वारा तीन लाख पचास हजार रूपये की अतिरिक्त मांग को निरस्त करने का कथन किया है? (घ) क्या उक्त आवासों हेतु उपभोक्ताओं द्वारा ली गई राशि का उपयोग निगम द्वारा इस योजना के अतिरिक्त अन्यत्र कहां किया गया है? यदि किया गया है तो इसके क्या कारण हैं? उक्त योजना में निगम को आज दिनांक तक हुई आय और जो व्यय किये हैं, उनकी मदवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के ए.एच.पी. घटक अन्तर्गत निर्मित ई.डब्ल्यू.एस. आवासीय इकाइयों के हितग्राहियों का वित्तीय भार कम करने हेतु (क्रॉस सब्सिडी के लिये) इमलीखेड़ा में निर्मित 78 एम. आई.जी. आवासीय इकाइयों में से 17 हितग्राहियों द्वारा संपूर्ण राशि (अतिरिक्त मांग रूपये 3.50 लाख रूपये सहित) जमा कर दी है, जिसमें से 08 हितग्राहियों द्वारा भवन की रजिस्ट्री भी करा ली गई है। 53 हितग्राहियों द्वारा अंश समय पर जमा न करने के कारण उनको आवास नहीं दिया गया है। शेष 08 हितग्राहियों द्वारा हितग्राही अंशदान भवन की राशि जमा न करने के कारण उनका आवंटन निरस्त किया है। पुन: ऑनलाईन आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। उक्त परिस्थितियों के दृष्टिगत शेष आवासों के आवंटन के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत ईमलीखेड़ा के एम.आई.जी. भवनों में से कॉर्नर वाले भवनों की कीमत राशि रु. 32.00 लाख तथा अन्य भवनों की कीमत राशि रु. 31.00 लाख निर्धारित की गई थी। निविदाकार के अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने की तिथि 30.06.2021 निर्धारित थी। टेण्डर में सम्मिलित कार्यों के अतिरक्त आवश्यक कार्य संपन्न कराने से निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। लागत में वृद्धि होने से निर्धारित मूल्य के अतिरिक्त राशि रु. 3.50 लाख की वृद्धि सक्षम प्राधिकारी आयुक्त द्वारा स्वीकृत है। तद्नुसार लागत वृद्धि राशि के मांग पत्र जारी किये गये हैं। भवनों एवं अधोसंरचना कार्यों में सड़क, नाली एवं पेयजल के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, केवल बाह्य विद्युतीकरण का कार्य प्रगतिरत है। (ग) जी नहीं। हितग्राहियों द्वारा निर्धारित पूर्ण राशि जमा न किये जाने से आवास आवंटित नहीं किया जा सका। जी हाँ। लागत वृद्धि होने से अतिरिक्त लागत की राशि रु. 3.50 लाख का नियमानुसार मांग पत्र जारी किया गया है। योजना की अवधारणा अनुसार मध्यम आयवर्गीय आवासीय इकाइयों का निर्माण अनिवार्य नहीं है। इनका व्ययन ऐच्छिक है तथा निकाय के हित में राशि निर्धारण की शक्तियां नगरीय निकाय में निहित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। योजना अंतर्गत नगर निगम छिंदवाड़ा को प्रश्न दिनांक तक हुई आय और व्यय की मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कालाखेत स्टेडियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 1428 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4213, दिनांक 19.7.2024 के बिंदु (ख) अनुसार मंदसौर में कालाखेत स्टेडियम के निर्माण का प्रकरण साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय किया गया था? (ख) साधिकार समिति का निर्माण कब किया गया था, इसमें कौन-कौन सदस्य हैं? स्टेडियम निर्माण के संबंध में समिति द्वारा की गई कार्यवाहियों, बैठकों की संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रश्न के अनुसार प्रश्नांश (घ) में जिला प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाना बताया गया है? जानकारी दें कि संयुक्त रूप से किस-किस दिनांक को दल गठित कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है? पिछले 5 वर्षों में कालाखेत शॉपिंग कांप्लेक्स और स्टेडियम से अतिक्रमण को मुक्त करने की कार्यवाहियों का विवरण देवें। (घ) क्या शासकीय संपत्ति से अतिक्रमण को मुक्त करने हेतु जिला प्रशासन एवं स्थानीय निकाय गंभीर नहीं है? यदि है तो वर्षों बीत जाने के बाद भी कालाखेत अतिक्रमण मुक्त क्यों नहीं हुआ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) शालाओं की अतिरिक्त भूमि का वाणिज्यिक उपयोग करने के लिये गठित समिति की प्रथम बैठक दिनांक 24.02.2001 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, वित्त विभाग, संचालक टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग म.प्र., आयुक्त, लोक शिक्षण म.प्र., आयुक्त, म.प्र. गृह निर्माण मंडल एवं कलेक्टर मंदसौर की सदस्यता में आयोजित की गई। द्वितीय बैठक दिनांक 13.05.2011 को आयोजित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद, मंदसौर द्वारा अस्थायी अतिक्रमण को समय-समय पर मुहिम चलाकर हटाने की कार्यवाही की जाती है। कालाखेत शॉपिंग कॉम्पलेक्स और स्टेडियम से अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा दिनांक 19 सितम्बर, 2022 को साठिया समुदाय के लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाया गया है। (घ) जी नहीं, निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा 19 सितम्बर, 2022 को अतिक्रमण हटाया गया था, परन्तु साठिया समाज के लोग धीरे-धीरे फिर से काबिज हो जाते हैं।
बायपास रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 662 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र-194 थांदला के अंतर्गत मेघनगर बायपास के निर्माण हेतु काफी लम्बे समय से मांग चली आ रही है? (ख) उक्त बायपास का निर्माण कब तक कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मेघनगर बायपास मार्ग लंबाई 2.50 कि.मी. निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. शासन के पत्र क्र. एफ-43/02/2020/19/ यो/1178, भोपाल दिनांक 13.03.2020 द्वारा राशि रूपये 491.67 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा फिजीबिलिटी/डी.पी.आर. रिपोर्ट तैयार करने की कार्यवाही प्रगतिरत है। मार्ग की संपूर्ण स्वीकृत लंबाई 2.50 कि.मी. रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आने के कारण वन विभाग से अनुमति की कार्यवाही प्रचलन में है। अनुमति के पश्चात निर्माण एजेंसी निर्धारण उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
नवीन
ट्रांसर्फामर
की स्थापना
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 25 ) श्री मुकेश टंडन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र विदिशा में वर्ष 2023-24 में जनपद ग्यारसपुर अंतर्गत ग्राम माला, मढिपुर, दीघौरा, चाठौली एवं जनपद विदिशा अंतर्गत ग्राम रंगई, उदयगिरी, आदमपुर एवं गेहूँखेड़ी में नवीन ट्रांसफार्मर स्थापना कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो कौन-कौन सी निधि से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इनकी कार्य एजेंसी किस किसको बनाया गया है प्रत्येक का विवरण पृथक-पृथक बतावें वर्तमान में इन कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों की अद्यतन स्थितियों के अनुसार प्रगतिरत एवं अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे एवं अभी तक कार्य पूर्ण होने में विलम्ब का क्या कारण रहा स्पष्ट करें। विलम्ब के लिये कौन दोषी है तथा दोषी के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा जिले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में विदिशा विधानसभा क्षेत्र के जनपद पंचायत विदिशा एवं ग्यारसपुर अंतर्गत ग्राम मड़ीपुर (मढिपुर नहीं), दिघोरा (दीघौरा नहीं), चाठौली, रंगई एवं उदयगिरी तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में ग्राम गेहूँखेड़ी, माला एवं आदमपुर में नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति 'सांसद निधि' मद से प्रदान की गयी है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु प्रश्नाधीन चाही गयी निधि/मद, स्वीकृत राशि, कार्य एजेंसी का विवरण, कार्यों की प्रगति/पूर्णता/अपूर्णता, कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित 8 कार्यों में से 6 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं एवं शेष दो कार्यों हेतु क्रमश: जनपद पंचायत ग्यारसपुर एवं विदिशा से मांग पत्र की राशि प्राप्त होने के उपरांत उक्त कार्यों को प्रारंभ किया जा सकेगा, अत: वर्तमान में शेष कार्यों को पूर्ण किये जाने की निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्तानुसार की गई नियमानुसार कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यों में विलंब के लिए किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नवीन विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 28 ) श्री मुकेश टंडन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने मा. मुख्यमंत्री जी से विदिशा तहसील के ग्राम करारिया में 132/33 के.व्ही. का नवीन सब स्टेशन की स्वीकृति का आग्रह किया है। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग को मुख्यमंत्री कार्यालय से उक्त प्रकरण सी.एम. मॉनिट (बी श्रेणी) पत्र क्रमांक 3641/सीएमएस/एमएलए/144/2024 दिनांक 12.08.2024 को प्राप्त हुआ है। यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रबंध संचालक म.प्र.पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमि., जबलपुर द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन विदिशा क्षेत्र के ग्रामीण एवं कृषक जनों को पर्याप्त भार से विद्युत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु तहसील विदिशा के ग्राम करारिया में नवीन विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत कर स्थापित करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रश्नांश में उल्लेखित सन्दर्भ के माध्यम से विभाग को प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृति बाबत् प्रस्ताव नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु प्राप्त हुआ है, जिसे विभाग द्वारा आगामी कार्यवाही हेतु म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को अग्रेषित किया गया है। म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा, प्रश्नाधीन क्षेत्र से संबंधित म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को, प्रश्नाधीन क्षेत्र की वर्तमान अद्योसंरचना व्यवस्था एवं भविष्य की आवश्यकता का आकलन कर इस संबंध में निर्णय लिए जाने हेतु गठित प्रदेश स्तरीय अंर्तकंपनी समिति के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने बाबत् लेख किया गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त प्रस्ताव का परीक्षण कर समिति को दिनांक 05.12.2024 को प्रेषित किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय सुनिश्िचत किए जाने हेतु विभिन्न योजनाओं यथा आर.डी.एस.एस एवं एस.एस.टी.डी. के अंतर्गत क्रमश: एक नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना तथा एक पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि (3.15 एम.व्ही.ए. से 5 एम.व्ही.ए.) का कार्य स्वीकृत है। उक्त के अतिरिक्त उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापना की स्वीकृति नहीं है।
जिला चिकित्सालय का भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 29 ) श्री मुकेश टंडन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा में संचालित माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय का भवन निर्माण कब स्वीकृत हुआ था? इसके लिये शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? इस निर्माण कार्य की एजेंसी कौन थी तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि कब तक निश्िचत की गई थी? जानकारी दें। (ख) वर्तमान में उक्त चिकित्सालय भवन की स्थिति क्या है बतावें। क्या यह सत्य है कि उक्त चिकित्सालय भवन निर्माण में अनेक प्रकार की अनियमिततायें पायी जाने के कारण जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने मान.मंत्री महोदय लोक निर्माण विभाग को पत्र क्रमांक 405 दिनांक 31.07.2024 से अवगत कराकर जिला चिकित्सालय भवन के निर्माण में पायी गयी अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच एवं निर्माण एजेंसी के ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का आग्रह किया था? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त चिकित्सालय भवन की स्थिति वर्तमान में अच्छी है। जी हाँ। संबंधित ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
पेंच नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 41 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांख - सजपानी के मध्य पेंच नदी पर पुल का निर्माण किस वर्ष हुआ था? (ख) उपरोक्त पुल की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) यदि पुल नहीं है तो क्या नवीन पुल बनाने का प्रस्ताव है? (घ) पुल का निर्माण कब तक हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) पुल कार्य वर्ष 2016 में पूर्ण किया गया था। (ख) वर्ष 2020 में 27-28 अगस्त को हुई अतिवृष्टि के कारण पुल बह गया। (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 45 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला हरदा अंतर्गत ग्राम हंडिया से ग्राम गुल्लास सड़क मार्ग निर्माण कार्य कब स्वीकृत किया गया व इसके निर्माण कार्य हेतु कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) ग्राम हंडिया से ग्राम गुल्लास सड़क मार्ग का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? किन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उक्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य रूका हुआ है व विकास कार्य रोकने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) ग्राम हंडिया से ग्राम गुल्लास सड़क मार्ग निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) दिनांक 21.12.2007 को। राशि रू. 1022.72 लाख। (ख) कार्य दिनांक 16.03.2020 को पूर्ण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्धारित मापदण्ड अनुसार मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 56 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के विधानसभा भैंसदेही क्षेत्र के अंतर्गत खरपी से मुक्तागिरि मार्ग निर्माण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस मार्ग हेतु स्वीकृत राशि एवं आज तक व्यय राशि का विवरण देवें? (ग) क्या इस मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग के निर्धारित मापदंडों के अनुसार हो रहा है क्या इसकी जांच की गई है यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा इसकी जांच की गई है? संबंधित अधिकारी की टूर डायरी एवं जांच के परिणामों की जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राशि रुपये 1540.60 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति। कार्य पर आज दिनांक तक राशि रुपये 26.00 लाख व्यय हुआ है। (ग) जी हाँ। संबंधित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जांच की गई। की गई जांच की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी/कार्यपालन यंत्री की टूर डायरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 68 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में चिचोली से भीमपुर मार्ग चौड़ीकरण कार्य कब स्वीकृत हुआ है? कार्य आदेश के प्रति उपलब्ध कराये। (ख) उक्त मार्ग कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बैतूल जिले में चिचोली से भीमपुर मार्ग चौड़ीकरण कार्य दिनांक 01.10.2023 को स्वीकृत हुआ। प्रशासकीय स्वीकृति की आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। कार्यादेश दिनांक 22.06.2024 को जारी हुआ है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) दिनांक 15.11.2024 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
मार्ग चौड़ीकरण की योजना
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 88 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के बैतूल बाजार से भारत भारती फोरलेन जोड़ तक मार्ग पर बढ़ते हुये यातायात को दृष्टिगत रखते हुये मार्ग चौड़ीकरण किये जाने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो मार्ग चौड़ीकरण कब किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, वर्तमान में किसी योजना में प्रस्तावित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल शहर के बायपास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 89 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के बैतूल शहर का बायपास मार्ग बजट में स्वीकृत है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवे? (ख) उक्त स्वीकृत मार्ग का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मार्ग मुख्य बजट वर्ष 2023-24 के सूची के सरल क्र. 10 पर अंकित है। (ख) सक्षम वित्तीय समिति में अनुमोदन उपरान्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के उपरान्त निविदा आमंत्रित की कार्यवाही उपरान्त कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रांसफार्मरों के आईल की चोरी
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 116 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किमाननीय प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या में वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर 2024 तक विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से आईल चोरी की कितनी वारदातें हुई है, जिसके कारण किसानों आए दिन परेशान रहते हैं। उक्त वारदातों में कितने प्रकरणों में आईल चोरी की रिपार्ट हो सकी है एवं कितने प्रकरणों में आईल चोरी की रिपोर्ट नहीं हो सकी है जिसके कारण विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर का आईल नहीं बदला गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अक्टूबर 2024 तक बरसात के समय में आईल चोरी की कितनी वारदातें हुई है जिसके कारण आईल न बदले जाने के कारण रबी की फसल में सिंचाई का कार्य प्रभावित हुआ है। क्या तीन माह से अधिक बीत जाने के बाद भी आईल नहीं बदले जा रहे हैं। इसमें कौन दोषी है और क्या दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी? यह भी जानकारी दें कि आईल क्यों नहीं बदला गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या में वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर-2024 तक वितरण ट्रांसफार्मरों से आईल चोरी होने की कुल 74 वारदातें हुई हैं एवं उक्त सभी वारदातों में आईल चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गयी है। रिपोर्ट दर्ज होने के उपरांत त्वरित रुप से वितरण ट्रांसफार्मरों में आईल भर कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया गया है, जिसके फलस्वरूप प्रश्नाधीन क्षेत्र के किसानों को सिंचाई कार्य हेतु विद्युत प्रदाय संबंधी कोई परेशानी नहीं हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर-2024 तक बरसात के समय में वितरण ट्रांसफार्मर से आईल चोरी की कुल 07 वारदातें हुई हैं एवं उक्त सभी वितरण ट्रांसफार्मरों में त्वरित रुप से आईल को भर कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया गया है, अतः रबी सीजन की फसल की सिंचाई का कार्य प्रभावित नहीं हुआ है। उक्तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता।
रेस्ट हाउस का पुनर्निर्माण अथवा जीर्णोद्धार
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 151 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत रेस्ट हाउस स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि विभाग के द्वारा रेस्ट हाउस का जीर्णोद्धार अथवा पुनर्निर्माण संबंधी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2022-23 में विकासखण्ड जवा स्थित रेस्ट हाउस के पुनर्निर्माण/जीर्णोद्धार संबंधी प्रस्ताव विभाग के द्वारा वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति हेतु विभाग को भेजा गया था? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण की स्वीकृति एवं राशि जारी की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। विकासखण्ड जवा में नवीन विश्राम गृह के निर्माण कार्य का प्राक्कलन राशि रू. 299.30 लाख का तैयार किया गया है किन्तु बजट में शामिल न होने से प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्धाघाट पुल पर आवागमन
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 157 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खम्हरिया और पनागर को जोड़ने वाले वर्धाघाट पुल का निर्माण वर्ष 2014 से प्रारंभ होकर वर्ष 2022 में पूर्ण हुआ है? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक पुल को दोनों तरफ की सड़कों से नहीं जोड़ा गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों? (घ) कब तक पुल को दोनों तरफ की सड़कों से जोड़कर आवागमन प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्र. 2 जबलपुर से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
गलत शपथ-पत्र प्रस्तुत करने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 184 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र. एम.एल./टी.के.जी/1-145/2024 दिनांक 14.09.2024 को निविदा क्रमांक 333651 में बैलेंस वर्क गलत देने एवं गलत शपथ पत्र प्रस्तुत करने की शिकायत की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण सागर द्वारा अपने ज्ञाप क्रमांक-29-41/सा/पंजीयन/काली सूची/2023-2024 सागर दिनांक 11.11. 2024 को प्रश्नांश (क) में वर्णित फर्म को काली सूची में डाला गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित निविदा में छल-कपट किया गया है एफ.आई.आर दर्ज क्यों नहीं कराई? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कार्यवाही करने के लिए कौन-कौन अधिकृत है उसके द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) निविदा की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की गई है। म.प. शासन लो.नि.वि. भोपाल के आदेश क्र. एफ-17-1/20210/19/यो दिनांक 24.03.2015 से जारी निर्देशों के तहत ठेकेदार द्वारा शपथ पत्र में गलत जानकारी देने के सबंध में ठेकेदार का पंजीयन निलंबन/कालीसूची में दर्ज किये जाने का प्रावधान है, एफ.आई.आर दर्ज किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका में व्याप्त अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 185 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वित्तीय वर्ष 2020 से 2023 तक की स्थानीय विधि संपरीक्षा सागर द्वारा करोड़ों रूपयों की अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है यदि नहीं, तो बतायें कि सिद्धि विनायक कन्सट्रक्शन टीकमगढ़ एवं गिरीग्रुप कन्सट्रक्शन टीकमगढ़ को विगत 10 वर्ष में कुल कितने कार्यों का भुगतान किया गया है? (ख) क्या यह भी सही है कि प्रश्नकर्ता सत्र फरवरी 2024 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 710 किया था यदि हाँ, तो उसमें दिये गये आश्वासन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा टीकमगढ़ नगर पालिका में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला ई.ओ.डब्ल्यू अथवा लोकायुक्त को न सौंपने का क्या कारण है? (घ) स्थानीय संपरीक्षा रिर्पोटों पर कार्यवाही न करने लिए कौन-कौन दोषी है यदि कार्यवाही नहीं करना है तो स्थानीय संपरीक्षा रिपोर्ट का क्या औचित्य है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, जिनका निराकरण निकाय द्वारा समय-समय पर आयोजित कैंपों के माध्यम से किया जाता है। निकाय दवारा सिद्धि विनायक कंस्ट्रक्शन टीकमगढ़ को 121 कार्यों का भुगतान किया है एवं गिरीग्रुप कंस्ट्रक्शन टीकमगढ़ को कोई भी कार्य का भुगतान विगत 10 वर्षों में नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। अंकेक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, अंकेक्षण आपत्तियों का निराकरण निकाय द्वारा समय-समय पर आयोजित कैंपों के माध्यम से किया जाता है। (ग) नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा वर्ष 2019 से 2023 तक की गई अनियमितताओं पर लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 02/ई/24 पंजीबद्ध है। (घ) अंकेक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, अंकेक्षण आपत्तियों का निराकरण निकाय द्वारा समय-समय पर आयोजित कैंपों के माध्यम से किया जाता है। निकाय द्वारा संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित शिविर दिनांक 18.01.2021 में 62 आपत्तियों का निराकरण कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्थानीय निधि संपरीक्षा रिपोर्ट होने से निकाय के कार्यों की पारदर्शिता बनी रहती है, इसलिये स्थानीय संपरीक्षा कार्य कराया जाना आवश्यक है।
स्वच्छता सलाहकारों की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 201 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट एवं ॐ साईं ॐ दो एजेंसी स्वच्छता एवं सलाह के लिए नियुक्त हैं? यदि हां, तो क्या कारण हैं कि 800000 प्रतिमाह ग्रांटथॉर्नटन (जी.टी.) भारत के चार कर्मचारियों को निजी सलाहकार स्वच्छता अभियान के लिए रखा गया है? (ख) क्या शासन की ओर से शासन के खर्च पर सलाहकार पूर्व से दे रखे हैं? यदि हां, तो जनता के टैक्स का इस तरह के प्रयोग में अपव्यय करना कहां तक उचित है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारीगण दोषी हैं? (ग) क्या कारण है कि इतने सलाहकार रखने के उपरांत भी स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में उज्जैन 17वें पायदान से 19वें पायदान पर आ चुका हैं? (घ) भारत सरकार ने के.पी.एम.जी. कंसल्टिंग फर्म की कर्मचारी सुश्री गरिमा गोस्वामी को रखने से नगर निगम उज्जैन पर कोई आर्थिक भार नहीं था? फिर इस प्रकार के निर्णय के पीछे निगम के खर्च से सलाहकार रखकर ग्रांट होटल में बैठने की प्रबंध व्यवस्था कर जनता के धन के अपव्यय हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस विषय में ऑनलाइन नंबर 1449 दिनांक 5 फरवरी 24 को विभाग को ध्यान आकर्षण सूचना दी गई हैं? यदि हां, तो विभाग द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की हैं? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में उज्जैन नगर पालिक निगम में स्वच्छता सलाह के लिये किसी भी प्रकार की कोई एजेंसी नियुक्त नहीं है। (ख) वर्तमान में परियोजना क्रियान्वयन इकाई (PIU) के रूप में एक सलाहकार को नियुक्त किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में उज्जैन नगर निगम को कुल 7929.7 अंक प्राप्त हुये जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में 5775.76 प्राप्त हुये थे। इसके अतिरिक्त नगर पालिक निगम उज्जैन को जी.एफ.सी. स्टार रेटिंग में 3 स्टार एवं वाटर प्लस शहर का दर्जा प्राप्त हुआ है। (घ) पूर्व में नियुक्त पी.आई.यू. सुश्री गरिमा गोस्वामी वर्तमान में नगर पालिक निगम उज्जैन में पदस्थ नहीं है। वर्तमान में नगर पालिक निगम उज्जैन में 1 पी.आई.यू. के अतिरिक्त कोई और पदस्थ नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एम.आर.फोर एवं लिंक रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 214 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर के विकास एवं विस्तार को गति प्रदान करने यातायात के दबाव को कम करने के उद्देश्य से मास्टर प्लान 1979 में प्रस्तावित एम.आर. फोर एवं लिंक रोड्स का निर्माण कराने की मूल योजना के तहत कहां से कहां तक कितनी लम्बाई एवं चौड़ाई के एम.आर.फोर का निर्माण कब कितनी राशि से कराया गया है। कहां से कहां कितने कि.मी. का निर्माण कार्य कब से नहीं कराया गया एवं क्यों? वर्तमान में इस एम.आर.फोर. की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रस्तावित कितने लिंक रोड में से कहां से कहां तक के कितने-कितने कि.मी. लम्बाई एवं चौड़ाई के किन-किन लिंक रोड एवं सर्विस सड़क का निर्माण कब कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? कौन-कौन से लिंक रोड का निर्माण कब से नहीं कराया गया एवं क्यों? (ग) रद्दी चौकी चौराहा से अमखेरा की और प्रस्तावित मूल योजना के तहत कहां से कहां तक का कितने हिस्से का लिंक रोड का निर्माण कार्य कब से किसने नहीं कराया हैं एवं क्यों? निर्मित लिंक रोड की वर्तमान में क्या स्थिति हैं। इसका कब से सुधार एवं मरम्मत कार्य, पुनर्निर्माण नहीं कराया गया है एवं क्यों? (घ) क्या प्रश्नांकित एम.आर. फोर, सर्विस रोड एवं लिंक रोड्स का निर्माण कराना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या शासन इनका निर्माण कार्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत कराना सुनिश्िचत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर विकास योजना 1991 में प्रस्तावित एम.आर.-4 रोड (सगड़ा से महाराजपुर बायपास तक) की कुल लंबाई लगभग 12.17 कि.मी. है एवं चौड़ाई 50 मीटर है। प्रस्तावित मार्ग में से प्राधिकरण द्वारा योजना क्र.41 में स्थित रेल्वे लाईन से माढ़ोताल ब्रिज तक 4.13 कि.मी. तक मार्ग निर्माण पृथक-पृथक योजनाओं के अन्तर्गत लगभग राशि रू. 3580.85 लाख व्यय की लागत से पूर्ण कराया जा चुका है। प्रस्तावित मार्ग में सगड़ा से परसवाड़ा रेल्वे लाईन तक 1.42 कि.मी. एम.आर-4 रोड प्राधिकरण की योजना के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया था। योजना के व्यपगत हो जाने के कारण प्रस्तावित एम.आर.4 रोड का निर्माण कार्य नहीं हो सका है। प्रस्तावित मार्ग के शेष भाग मढ़ोताल ब्रिज से महाराजपुर बायपास तक से 6.62 कि.मी. के निर्माण हेतु योजना क्र. 62, टीडीएस-03, टीडीएस-05 बनाई जाकर कार्यवाही प्रचलन में है। प्रस्तावित मार्ग के अंतर्गत निर्मित 4.13 कि.मी मार्ग की स्थिति अच्छी है। (ख) विकास योजना में एस.आर.1 से एस.आर 9 तक लिंक रोड प्रस्तावित है। प्रश्नांश ''क'' में प्रस्तावित एम.आर-4 रोड से लगकर लिंक रोड एस.आर.-6 कुल लंबाई 2.38 कि.मी. एकता चौक से लेकर गढ़ा रेल्वे ब्रिज तक लगभग राशि रू. 2063.54 लाख की लागत से वर्ष 2007-2008 में निर्मित की जा चुकी है। एस.आर.-1 लिंक रोड योजना क्र. 62 में प्रस्तावित है, एस.आर.-2 योजना क्र. टी.डी.एस-2 के अंतर्गत निर्माणाधीन है, एस.आर-3 लिंक रोड योजना क्र. 64 एवं 65 के अंतर्गत निर्माणाधीन है। एस.आर.-4 लिंक रोड योजना क्र. 31 के व्यपगत हो जाने से निर्मित नहीं कराई जा सकी। एस.आर-5, एस.आर.-7, एस.आर-8 एवं एस.आर-9 लिंक रोड अंतर्गत घनी बसाहट हो जाने से निर्मित नहीं कराई जा सकी है। (ग) प्राधिकरण द्वारा रद्दी चौकी चौराहे से अमखेरा की ओर विकास योजना में 4.6 कि.मी प्रस्तावित लिंक रोड में से 4.40 कि.मी का निर्माण सघन बसाहट हो जाने से नहीं कराया जा सका है। प्रस्तावित लिंक रोड में से योजना क्रमांक 3 के अंतर्गत निर्मित 200 मीटर लिंक रोड की स्थिति अच्छी है। नगरीय क्षेत्र में मार्गों का सुधार, मरम्मत कार्य आवश्यकतानुसार कराया जाता है। अत: कारण बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) नगरीय क्षेत्र के मार्गों का निर्माण आवश्यकतानुसार कराया जाता है। एम.आर.-4, सर्विस रोड एवं लिंक रोड का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत होने पर ही स्मार्ट सिटी द्वारा कराया जा सकता है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 441 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बुधनी, मंदसौर, नीमच, सिवनी, छतरपुर, श्योपुरकलां एवं बालाघाट में मेडिकल कॉलेज के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति के आदेश की प्रति सहित प्रदान की जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों की निर्माण एजेंसी किसे बनाया गया है एवं निविदा आमंत्रित कर कार्य किस कंपनी/फर्म को दिया गया है? (ग) क्या उक्त मेडिकल कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण कार्य न होने, मानक स्टील, सरिया, सीमेंट का उपयोग न करने की शिकायत के आधार पर कुछ समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित किया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया? क्या इन समाचार पत्रों में प्रकाशित शिकायतों को विभाग द्वारा संज्ञान में लिया गया एवं जांच के लिए कोई समिति गठित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों, जानकारी देवें। (घ) क्या इस मामले में विभाग द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक भोपाल के माध्यम से जांच करवाकर जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का निर्णय लिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) बुधनी, मंदसौर, नीमच, सिवनी एवं छतरपुर में मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) उक्त चारों कार्यों की निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (भवन) है एवं बुधनी मेडिकल कालेज निर्माण एजेंसी म.प्र. सड़क विकास निगम है तथा पांचों कार्यों की निविदा आमंत्रित कर न्यूनतम निविदाकार M/S जे.पी. स्ट्रक्चर प्रा.लि. राजकोट, गुजरात के पक्ष में स्वीकृत किया गया। (ग) जी हाँ, मानक स्टील के सम्बंध में खबर, प्रभात किरण इंदौर, समाचार पत्र दिनांक 29 मई, 2024 में प्रकाशित की गई थी। समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के सम्बंध में विभाग द्वारा जांच समिति गठित की गई थी। जिसके द्वारा निर्माण में उपयोग किये गये सरिये का परीक्षण कराया गया था एवं यह सामग्री IS-1786 के अनुसार निर्धारित मानकों के अनुरूप सही पाई गई। (घ) जी नहीं। स्टील की जांच मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिक महाविद्यालय (NIIT) से कराई गई एवं संविदाकार के विरूद्ध संविदा की कंडिका के अनुसार कार्यवाही की जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर उक्त स्टील IS-1786 के मापदण्डों के अनुसार मानक स्तर का पाया गया।
पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत भूमियों का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 451 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में री डेसीफिकेशन (पुनर्घनत्वीकरण योजना) एवं पी.पी.पी. मोड के तहत किस-किस स्थान की कुल कितनी आराजी, किस-किस नाम एवं पते वाली फर्मों को किन नियमों/शर्तों के तहत वित्तीय वर्ष 2009 से प्रश्नतिथि तक दी गई? राज्य शासन को कुल कितने रूपयों का राजस्व किस-किस स्थान की, किस-किस आराजी क्रमांकों एवं रकबों से प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्त स्थानों पर किस-किस फर्मों ने क्या-क्या निर्माण कार्य किया? जगहवार/वर्षवार बतायें? शासन को क्या आमदनी प्रतिवर्ष किस-किस स्थान से प्राप्त हो रही है? (ग) सतना जिले में पुनर्घनत्वीकरण योजना (रेडेंसीफिकेशन) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 01.04 2022 से प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान की कौन-कौन से कितने-कितने रकबे वाली भूमियों को चिन्हित कर कितनी कितनी राशि की निविदा बुलाई गई/निविदा बुलाई जाना बाकी है? किस-किस फर्म ने कितनी-कितनी राशि की निविदा डाली? किस को प्राप्त हुई? कौन सी निविदा निरस्त हुई? क्यों हुई? बिन्दुवार विवरण उपलब्ध करायें? (घ) सतना जिले में कौन-कौन सी भूमियां पुनर्घनत्वीकरण योजना के लिये प्रश्नतिथि तक आरक्षित की गई है? कौन-कौन सी भूमि को भविष्य में लेने की संभावना है? सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पुनर्घनत्वीकरण योजना हेतु जारी नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग का परिपत्र क्र. एफ-23-13/2005/32-1. दिनाँक 28.11.2005 एवं एफ-3-57/2015/18-5, दिनांक 20.04.2016 के प्रावधान अनुसार पुनर्घनत्वीकरण योजना का संचालन किया गया है। जिला रीवा अंतर्गत वर्ष 2009 से भूमियों पर पुनर्घनत्वीकरण योजना स्वीकृत की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 453 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय नगर पालिक निगम सतना म.प्र के पत्र क्रमांक अति.वि/न.पा.नि./2024 117 दिनांक 25.07 2024 से नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 एवं 307 के अंतर्गत सुनील सिंह को अतिक्रमण अधिकारी के द्वारा नोटिस जारी किया गया था? उक्त नोटिस की एक प्रति दें? क्या उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग सतना ने भी आयुक्त नगर पालिक निगम सतना को शासकीय पत्र उक्त अवैध निर्माण के विषय पर लिखा था? उक्त पत्र की भी एक प्रति दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों में लेख से स्पष्ट है कि उक्त उल्लेखित निर्माण अवैध है? क्या रूपये पाँच हजार का दण्ड भी अधिरोपित किया है? क्या यह भी लेख है कि 25.07.2024 के पत्र की सूचना मिलने के तीस दिनों के भीतर निर्मित अवैध संरचना को स्वयं हटा लिये जाने कहा गया है? अगर 30 दिन बाद अवैध अतिक्रमणकर्ता ने उक्त अतिक्रमण नहीं हटाया तो नगर पालिक निगम सतना के द्वारा हटाने की कार्यवाही स्वयं करेगा यह भी लेख है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित नोटिस के बाद प्रश्नतिथि तक उक्त अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही निगम प्रशासन के द्वारा की गई? अगर हाँ तो कब-कब व क्या-क्या? जारी पत्रों/आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? अगर नहीं की गयी तो क्यों? किसके दबाव में रोकी गई? कारण बतायें? नियमों का उल्लेख करें? कब तक अवैध अतिक्रमण तोड़ा जायेगा? समय-सीमा दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित समस्त तथ्य पत्र में वर्णित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में WP 24105/2024 में प्रचलित होने से माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश-आदेश के अध्याधीन कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कूट रचित दस्तावेजों से नक्शा पास करवा लेने पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 454 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय सतना (म.प्र.) बांधवगढ़ कॉलोनी सतना (म.प्र.) के पृ. क्रमांक 264/न.ग्रा.नि./शिका./2022 सतना दिनांक 18.08.2022 से प्रभारी उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय सतना ने सुनील सिंह को पत्र जारी कर लेख किया कि जिस नक्शे को नगर तथा ग्राम निवेश सतना में देकर भवन अनुज्ञा प्राप्त की गई उसके विपरीत नगर पलिका निगम सतना से भवन अनुज्ञा लेकर निर्माण कार्य किया है और यह भूमि विवादित हैं? जारी उक्त पत्र की एक प्रति देवें। (ख) क्या उक्त भूमि पर भवन अनुज्ञा जो नगर तथा ग्राम निवेश से ली गई थी के विपरीत निर्माण करने पर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने आयुक्त नगर पालिका निगम को आवश्यक कार्यवाही करने लेख करते हुये अपने कार्यालय से जारी भवन अनुज्ञा निरस्त कर दी है? अगर हाँ तो निरस्त की गई भवन अनुज्ञा एवं आयुक्त नगर पालिका निगम सतना को लिखे पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा उक्त अवैध निर्माण को तोड़ने नगर निगम को पत्र क्यों नहीं लिखा? अपने कार्यालय में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन द्वारा कूट रचित दस्तावेजों से ली गई भवन अनुज्ञा लेने पर संबंधित थाना कोलगवां में धोखाधड़ी करके कूट रचना कर दस्तावेज शासकीय कार्यालय में देने की एफ.आई.आर. प्रश्नतिथि तक क्यों दर्ज नहीं करवाई गई हैं? कारण दें? कब तक करवाई जायेगी? समय-सीमा देवें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ।
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
हाँ/उप संचालक, नगर तथा
ग्राम निवेश
जिला
कार्यालय
सतना के पृष्ठांकन
पत्र क्रमांक 261-264/नग्रानि/शिका./2022 सतना
दिनांक 18/08/2022 द्वारा
विकास
अनुज्ञा
प्रतिसंहरित
(रिव्होक) कर
सूचना आयुक्त, नगर
पालिक निगम को
आवश्यक
कार्यवाही
हेतु प्रेषित
की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. भूमि
विकास नियम, 2012 के
नियम-25 के
अंतर्गत जारी
अनुज्ञा को
प्रतिसंहरित
कर आगामी आवश्यक
कार्यवाही
हेतु नगर निगम
सतना को सूचित
किया गया है।
म.प्र. भूमि
विकास नियम, 2012 के
नियम-25 के
अंतर्गत
प्रतिसंहरित
आदेश के
विरूद्ध
म.प्र. नगर तथा
ग्राम निवेश
अधिनियम, 1973 की धारा-31 एवं 32 के
अंतर्गत
अपील/पुनरीक्षण
आवेदन करने का
प्रावधान है, इसलिये
एफ.आई.आर. नहीं
की गई है। नियम-25 के
अंतर्गत जारी
अनुज्ञा को
प्रतिसंहरित
करने संबंधी
आदेश पर अंतिम
निराकरण होने
के पश्चात
नियमानुसार
आगामी
कार्यवाही की
जा सकेगी।
समय-सीमा बताया
जाना सम्भव
नहीं है।
परिशिष्ट
- "बारह"
नियमों में विपरीत बंधक प्लाटों को मुक्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 470 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त नगर पालिका निगम सतना के कार्यालय के पत्र क्रमांक/11/कॉलोनी सेल/न.पा.नि./2006-07 सतना दिनांक 15.02.2007 से कॉलोनी के विकास की अनुमति जारी की गयी थी? जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें? क्या कार्यालय महापौर नगर पालिका निगम सतना के पत्र क्रमांक 128/महा.कार्या/न.पा.नि./2010 सतना दिनांक 17.06.2010 से आयुक्त नगर पालिका निगम सतना को पत्र लिखा गया था? उक्त पत्र की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) नगर पालिक निगम सतना के वार्ड क्र. एक से पैंतालीस तक दिनांक 01.01.2000 से प्रश्नतिथि तक किन-किन वार्डों में कालोनी विकास की अनुमति किस-किस को किन-किन शर्तों के तहत कब-कब किस-किस क्रमांकों के प्लाटों को बंधक किन-किन नियमों/शर्तों के तहत बनाकर अनुमति जारी की गई? जारी सभी अनुमति के आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में कॉलोनी विकास की अनुमति के बाद किस-किस कॉलोनाईजर ने प्रश्नतिथि तक बंधक प्लाटों को खाली छोड़ रखा है? वार्डवार/कालोनीवार/प्लाटवार जानकारी दें? किस-किस ने बंधक प्लाट नगर निगम से कब-कब अनुमति लेकर मुक्त करा लिये हैं? जारी सभी अनुमतियों की एक-एक प्रति दें? क्या उक्त अनुमतियां राज्य शासन की नजर में वैध हैं या अवैध? प्रकरणवार बतायें? (घ) राज्य शासन (क), (ख) एवं (ग) में हुये नियम विरूद्ध कार्यों पर किस-किस के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी एवं नगर निगम, सतना द्वारा जारी 27 कॉलोनियों की विकास अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार क्रमांक 17 से लेकर 27 कुल 11 कॉलोनियों के भूखण्ड/भवन नगर निगम द्वारा निर्मुक्त किये गये हैं शेष क्रमांक 1 से 3, क्रमांक 5 एवं क्रमांक 7 से 16 कुल 14 कॉलोनियों के बंधक भू-खण्ड/भवन नगर निगम सतना द्वारा निर्मुक्त नहीं किये गये हैं क्रमांक 4 में अंकित कॉलोनी में नगर निगम द्वारा भूखण्ड बंधक नहीं रखे गये हैं तथा सरल क्रमांक 6 में अंकित कॉलोनी की मूल नस्ती उपलब्ध न होने के कारण मूल नस्ती की उपलब्धता सुनिश्िचत करने के लिए नगर निगम द्वारा जांच समिति गठित की गई है, नस्ती उपलब्ध होने पर भूखण्ड निर्मुक्त होने की जानकारी दी जा सकेगी। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार बंधक रखे गये यथास्थिति भूखण्ड/भवन को प्रचलित नियम के अनुसार आंतरिक विकास कार्य पूर्ण होने के उपरांत निर्मुक्त किया जा सकता है तदनुसार नगर निगम द्वारा अनुमति जारी की गई है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है यद्यपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में तत्कालीन महापौर द्वारा किये गये उल्लेख एवं उत्तरांश (ग) अनुसार प्रकरण प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
बाउण्ड्रीवॉल की अद्यतन स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 497 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेला ग्राउण्ड खिलचीपुर जिला राजगढ़ में निर्मित बाउण्ड्रीवॉल के कार्य की अद्यतन स्थिति का विवरण उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बाउण्ड्रीवॉल का कार्य कब से प्रारंभ हुआ? (ग) उपरोक्त निर्माण कार्य की कितनी राशि जारी हुई है व कितनी शेष हैं? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण करवा लिया गया हैं? अगर नहीं तो इसके क्या कारण है। अगर भुगतान किया गया तो क्या इस भुगतान हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया है। क्या उक्त अनुमोदन नियमानुसार हैं? (ड.) क्या उपरोक्त निर्माण कार्य की शिकायत प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही सहित विवरण उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निकाय द्वारा कार्यादेश क्रमांक 397 दिनांक 18/02/2020 से बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है। (ग) निकाय को विभिन्न निर्माण कार्य सामुदायिक भवन, बाउण्ड्रीवॉल, पेवर्स ब्लॉक निर्माण कार्य हेतु विशेष निधि मद के राशि रुपये 50.00 लाख प्राप्त हुये थे, जिसमें से पेवर्स ब्लॉक निर्माण में राशि रुपये 31.64 लाख का तथा बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के कार्य का राशि रुपये 2,26,424/- का भुगतान किया गया, शेष राशि रुपये 16,09,576/- निकाय के पास उपलब्ध है। (घ) जी नहीं, संविदाकार द्वारा स्थल पर विवाद की स्थिति होना बाताया जाकर शेष कार्य नहीं किया गया है जिससे ठेकेदार की निविदा निकाय द्वारा निरस्त कर दी गई है। प्रथम चल देयक राशि रुपये 2,26,424.00 का भुगतान निकाय स्तर पर अनुमोदन उपरांत किया गया है। जी हाँ। (ड.) जी हाँ, शिकायत की जांच संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल संभाग भोपाल द्वारा की गई है, जांच प्रतिवेदन अनुसार तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उपयंत्री उत्तरदायी पाए गए है, जिनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
अनियमित भुगतान की राशि की वसूली
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 521 ) श्री अभय मिश्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विगत 2 वर्षों में वितरण ट्रांसफार्मरों के क्रय की कार्यवाही की गई जो कि अतिरिक्त व्यय पर खरीदी कर शासन को क्षति पहुंचायी गई इसी तरह टर्नकी अनुबंध द्वारा ट्रांसफामरों के क्रय में ठेकेदारों को अधिक मूल्य का भुगतान किया गया जिससे 5.6 करोड़ रूपये अधिक व्यय हुये इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं उनके पदनाम सहित उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों की मरम्मत हेतु दिये गये ट्रांसफार्मरों में केवल आर फेज की बाइंडिंग क्षतिपूर्ति पाई गई थी लेकिन वाई एवं बी फेजों की बाइंडिंग के क्षय की प्रत्याशा में कंपनी एवं मूल उपकरण निर्माता कंपनी को 2.56 करोड़ की दर का प्रस्ताव देकर अपरिहार्य व्यय किया गया इसके लिये कौन जिम्मेदार है उनके पदनाम एवं उन पर की जाने वाली कार्यवाही का विवरण देवें अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रावधिक बिलिंग के अत्यधिक प्रकरण आपूर्ति सहिंता की धारा 8.35 और 8.21 के अनुसार दोषपूर्ण होने की स्थिति में प्रावधिक विलिंग अधिकतम एक माह के लिये ही किया जा सकता हैं लेकिन मीटरीकृत उपभोक्ताओं के विरूद्ध बिलिंग का प्रतिशत उच्च था व मीटरीकृत उपभोक्ताओं का बिलिंग प्रावधिक आधार पर किया गया जबकि कार्यशील मीटर स्थापित थे तो क्यों इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं उनके पदनाम के साथ उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें साथ ही ज्यादा बिलों के रूप में ली गई राशि के समायोजन बावत क्या निर्देश देंगे यह भी बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों 2021 के प्रतिवेदन संख्या-4 पर स्पष्ट उल्लेख किया गया है, प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में की गई अनियमितता के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है इन जिम्मेदारों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ राशि वसूली बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्न मूलत: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन-सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, 2021 के प्रतिवेदन संख्या-4 से संबंधित है। उक्त प्रतिवेदन म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से नहीं, अपितु म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी से संबंधित है। प्रतिवेदन के प्रश्न से संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित ट्रांसफार्मर्स का क्रय ट्रांसमिशन कंपनी की क्रय प्रक्रिया तथा बाह्य वित्तीय संस्थाओं (JICA/KFW) की क्रय प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया था। कंपनी की क्रय प्रक्रिया के अधीन आमंत्रित स्व-वित्तपोषित निविदाओं में एडवांस पेमेंट, स्पेयर मटेरियल तथा ट्रांसफार्मर का आइल शामिल नहीं था जबकि बाह्य वित्त पोषित निविदाओं में बाह्य वित्तीय संस्थाओं (KFW, JICA) की क्रय प्रक्रिया के अंतर्गत एडवांस पेमेंट, स्पेयर मटेरियल तथा ट्रांसफार्मर का आइल शामिल था, जो यह दर्शाता है कि दोंनों प्रक्रियाओं के अंतर्गत आमंत्रित की गई निविदाओं का क्रय दायरा (scope) अलग-अलग था। साथ ही बाह्य वित्त पोषित योजनाओं के तहत अंतर्राष्ट्रीय निविदा आमंत्रित करना आवश्यक होता है, जिनकी निविदा शर्तें स्व-वित्तपोषित निविदाओं में समाहित शर्तों से काफी भिन्न होती है। अत: भिन्न-भिन्न दायरों एवं शर्तों वाली दो निविदाओं में प्राप्त मूल्यों की तुलना नहीं की जा सकती। अत: किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। टर्नकी आदेश, संपूर्ण कार्यों को, सभी उपकरणों (ट्रांसफार्मर सहित) एवं सामग्रियों की खरीदी, आपूर्ति एवं निर्माण करते हुये उनके उर्जीकृत किये जाने तक की समस्त जिम्मेदारी का निर्वहन करने हेतु दिये जाते हैं। साथ ही टर्नकी निविदा के अंतर्गत बिडर को पैकेज प्राइज कम होने पर (L1 होने पर) सफल निविदाकर्ता मानते हुये आदेश जारी किये जाते हैं। अत: टर्नकी निविदा में समाहित आइटमों की दर वास्तविक बाजार मूल्य अनुरूप होना आवश्यक नहीं है। अत: टर्नकी निविदा के तहत प्राप्त आइटम वाइज दरों की तुलना नहीं की जाती है। अपितु निविदा में प्राप्त कुल पैकेज प्राइस का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है, जिनमें निविदाकारों द्वारा विभिन्न आइटमों की दर सामान्यत: भिन्न-भिन्न डाली जाती है। अलग-अलग टर्नकी निविदाओं में तुलनात्मक अतिरिक्त व्यय की गणना उचित नहीं है, अत: किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में लेख है कि वर्ष 2005 में बीना उपकेन्द्र में स्थापित बी.एच.ई.एल. द्वारा निर्मित 315 एम.व्ही.ए., 400 के.व्ही. ट्रांसफार्मर, वर्ष 2015 में क्षतिग्रस्त हुआ था। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर के संधारण कार्य हेतु बी.एच.ई.एल. द्वारा सिर्फ एक खराब बाइंडिंग बदलने हेतु रू. 2.56 करोड़ का ऑफर दिया गया था, जो कि जो तत्कालीन समय में लगने वाले टैक्स इत्यादि को मिलाकर कुल रू. 3.87 करोड़ था। तदोपरान्त क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर के स्थापित होने से 10 वर्ष की अवधि में समय-समय पर आये फाल्ट के कारण अन्य 2 बाइंडिंग की स्ट्रेप में हुई कमी के दृष्टिगत एवं ऊर्जा के निर्बाध प्रबंधन हेतु तीनों बाइंडिंग बदलने के लिए बी.एच.ई.एल. को लागत रू. 4.59 करोड़ पर मरम्मत आदेश जारी किया गया था। उक्त ट्रांसफार्मर संधारण उपरान्त मई, 2017 में ऊर्जीकृत किया गया एवं वर्तमान में सुचारू रूप से क्रियाशील है। अत: किसी भी प्रकार का अपरिहार्य व्यय नहीं होने के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर की तीनों बाइंडिंग रिपेयर कराए जाने संबंधी कारणों का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) तत्समय में लागू मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.21 में मीटर के नियत काल अथवा अन्य निरीक्षण अथवा उपभोक्ता द्वारा शिकायत प्रस्तुत करने की दशा में मीटर के 7 दिवस में परीक्षण उपरांत मीटर बदले जाने हेतु निम्नदाब उपभोक्ताओं के लिये शहरी क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमशः 15 एवं 30 दिनों की समय-सीमा नियत है। उक्त प्रावधानों का अनुपालन सामान्यतः वितरण कंपनी द्वारा किया जाता है। मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका क्रमांक 8.35 में उपभोक्ता के मीटर के कार्यरत नहीं होने की स्थिति में विद्युत प्रभार की आंकलन की प्रक्रिया उपखंड अ एवं ब में निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि उक्त कंडिका में दोषपूर्ण मीटरों की स्थिति के आंकलित खपत की अधिकतम सीमा एक माह तक ही करने संबंधी प्रावधान नहीं किया गया है। सामान्यतः मीटर के बंद/खराब/दोषपूर्ण होने पर मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.35 के अनुसार आंकलित खपत की बिलिंग किये जाने का प्रावधान है, किंतु तत्समय ऐसे अन्य उपभोक्ता जिनकी मीटर रीडिंग संदिग्ध/असंतोषजनक पाई गई, के विरूद्ध भी आंकलित खपत के आधार पर बिलिंग की गई है। इसके अतिरिक्त सभी क्रियाशील स्थापित मीटर की रीडिंग के आधार पर ही बिलिंग की गई है। कार्यशील मीटर की रीडिंग के संदिग्ध/असंतोषजनक पाये जाने पर ही समायोजन एवं आंकलित खपत की बिलिंग की गई है। अतः कार्यवाही अथवा समायोजन का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 522 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुल निर्माण कार्यों के पूर्व प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट के स्तर पर पुल निर्माण के कार्य स्थल का चयन महत्वपूर्ण है करोड़ अरेंजमेन्ट ड्राइंग तैयार करने तथा निविदा और कार्यान्वयन प्राक्कलन तैयार करने के लिये कार्य स्थल का सर्वेक्षण और जांच किये जाने के निर्देश है? इसके पालन में भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रीवा एवं उज्जैन संभाग के पुलों के निर्माण में ड्राईंग और डिजाईन में परिवर्तन ठेकेदार को कार्य सौंपे गये जिसके कारण लागत में 137 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई जिससे 101.83 करोड़ का अतिरिक्त व्यय सरकार को हुआ तो क्यों इसके लिये उत्तरदायियों के पदनाम का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संभागों के पुलों के निर्माण में 16 पुलज कार्यों के बी.ओ.क्यू में 277 स्थानों पर एक्सप्लोरेटरी बोरिंग के प्रावधान थे लेकिन ठेकेदारों द्वारा 98 स्थानों पर ही एक्सप्लोरेटरी बोरिंग किया जिसके कारण पुल की क्षमता एवं गुणवत्ता कम हुई इसके लिये कौन उत्तरदायी है उनके पद और नाम का विवरण के साथ इन पर क्या कार्यवाही करेंगे यह भी बतायें अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उल्लेखित संभागों में निर्मित पुलों में से रीवा शहर के एन.एच-7 में कि.मी. 234/6 पर वाराणसी-नागपुर मार्ग पर सिरमौर चौरोहे के फ्लाई ओवर के निर्माण 16 माह विलंब से हुआ संविदाकार को लाभ पहुँचाया गया क्यों बतावें व गैर-परीक्षणित और अप्रमाणित इलास्टोमेरिक बियरिंग्स का उपयोग किया गया अपरीक्षित बियरिंग के लिये ठेकेदार को 2.08 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया तो क्यों जबकि बियरिंग्स आई.आर.सी. स्पेसिफिकेशन अनुसार प्रमाणित नहीं थी? इसकी वसूली बावत निर्देश किनको दोषी मानकर देंगे बतायें नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में ठेकेदारों द्वारा रीवा शहर में पुराने एन.एच नंबर-7, एम.डी.आर. नंबर 10-20 सी.आर.एफ. के कि.मी. 229/2 से कि.मी. 243/2 तक नए बस स्टैंड के पास समान तिराहा में 11.46 कि.मी. सीसी रोड आई/सी फ्लाई ओव्हर का निर्माण एक्सप्लोरेटरी बोरिंग में कमी 14 व रीवा जिले के कि.मी. 6/4 सिरमौर सेमरिया रोड पर बीहर नदी पर एप्रोच रोड सहित उच्च स्तरीय पुल का निर्माण (बैलेंस वर्क) एक्सप्लोरेटरी बोरिंग में कमी 16 नग की हुई जिसके कारण पुल की अवधि व क्षमता में कमी आई बी.ओ.क्यू में प्रावधानिक अनुबंध के दायित्वों की पूर्ति नहीं की गई। संविदाकारों को लाभ दिया गया इन सब अनियमितताओं पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे बतायें? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित आधारों पर अनियमितता की गई जिसके कारण शासन को करोड़ों-करोड़ रूपये की क्षति हुई का उल्लेख भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन वृहद पुलों के निर्माण को लेकर वर्ष 2023 के प्रतिवेदन क्र.-3 पर है इस क्षति की वसूली हेतु संबंधित जिम्मेदारों व ठेकेदारों से किये जाने के निर्देश देंगे बतायें साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही किस तरह की करेंगे बतायें अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, पुलों के प्राथमिक सर्वेक्षण के लिए आई.आर.सी. 5 संलग्न परिशिष्ट-1 एवं आई.आर.सी. एस.पी.-54 संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार एच.एफ.एल. का निर्धारण एवं सब स्वाईल इंवेस्टिगेशन के लिए प्रत्येक 100 मी. में एक बोरिंग का प्रावधान है। तदानुसार प्राथमिक जनरल अरेंजमेंट ड्राईंग तैयार की जाती है। कार्य सौंपे जाने के बाद ठेकेदार द्वारा किये गये बोरिंग परिणाम अनुसार नींव का निर्धारण किया जाता है। नींव में परिवर्तन कार्यस्थल की परिवर्तित भूमिति और कुछ नई जलीय विशेषताओं के आधार पर संरचनाओं में अन्य परिवर्तनों की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन सक्षम प्राधिकारी द्वारा हमेशा उनकी जांच की जाती है, अपितु सेतु परिक्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन पुलों में हाई फ्लड लेवल का निर्धारण आई.आर.सी. द्वारा निर्धारित पद्वति जैसे की स्थानीय जानकारी जुटाना विगत 40 से 50 वर्षों में बाढ़ के हालात पर ग्रामीणों के बयान, नदी का जलग्रहण क्षेत्र, नदी का प्रवाह एवं डिस्चार्ज अपर्दित गहराई इत्यादि के अनुसार किया गया था। विगत कुछ वर्षों में कुछ स्थानों में वर्षा के पेटर्न में परिवर्तन और कम समय में तीव्र वर्षा के कारण प्रत्याशित वृद्धि हुई जिसके कारण उक्त पुल की डिजाइन एवं ड्राईंग परिवर्तन की आवश्यकता हुई जिसके कारण लागत में 137 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई ऐसे सभी पुलों का कार्य सक्षम अधिकारी से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के उपरान्त ही कराया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पुलों के प्राथमिक सर्वेक्षण के लिए आई.आर.सी.- एस.पी.-54 संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार सब स्वाईल इंवेटिगेशन के लिए प्रत्येक 100 मी. में एक बोरिंग का प्रावधान है। तदानुसार ही पुलों की डी.पी.आर. तैयार की गयी है। निविदा पश्चात कार्यस्थल पर ठेकेदार द्वारा प्रत्येक पियर एवं एबटमेंट के स्थान पर मिट्टी के विस्तृत परीक्षण के बाद फाउन्डेशन लेवल एवं एस.बी.सी. को अंतिम रूप दिया गया है। जिसके आधार पर संरचना तैयार की जाती है। अत: क्षमता एवं गुणवत्ता कम होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रीवा शहर में कि.मी. 234/6 पर वाराणसी-नागपुर मार्ग में सिरमौर चौराहा फ्लाई ओवर के निर्माण में मध्य स्पान की ड्राइंग डिजाईन में परिवर्तन व पाइप-लाइन, विद्युत लाईन शिफ्टिंग के कारण कार्य में विलम्ब हुआ। इसमें निविदाकार को कोई लाभ नहीं पहुंचा। पुल में प्रयोग की गई बियरिंग्स डी.जी. एण्ड एस.डी. से गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के पश्चात ही प्रयोग की गई है। इसलिये बियरिंग का परीक्षण निर्माता और आपूतिकर्ता द्वारा विभागीय अधिकारियों तथा ठेकेदार के प्रतिनिधि की उपस्थिति में आई.एस. विशिष्टि के अनुसार किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राथमिक सर्वेक्षण के लिये आई.आर.सी.-एस.पी.-54 संलग्न परिशिष्ट-2 में प्रावधान अनुसार ही बोरिंग कराई जाकर डी.पी.आर. तैयार किया गया है परीक्षण के परिणाम मानकों के अनुरूप होने पर ही बियरिंग्स का उपयोग कार्यस्थल पर किया जाता है। इससे किसी पुल की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आई है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छोच नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 597 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस एवं मुंगावली विधानसभा को जोड़ने हेतु तीन वर्ष पूर्व मैघोनाबड़ा से अमरोद तक नवीन सड़क का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो उसकी वर्तमान स्थिति से अवगत करावें व उक्त सड़क किस योजनान्तर्गत स्वीकृत हुई थी? (ख) क्या उक्त सड़क मार्ग पर स्थित ग्राम पुरा स्थित छोच नदी पर पुल का निर्माण न होने के कारण बारिश में उक्त सड़क का उपयोग नहीं हो पाता है व वाहनों को अमरौदा जाने हेतु 50 कि.मी. का फेरा लगाकर जाना पड़ रहा है जिससे आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त पुल के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन है यदि हाँ, तो पुल निर्माण की स्वीकृति कब तक की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा समय अवधि बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं, तो क्या उक्त पुल के शीघ्र निर्माण हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी जिससे इस मार्ग पर आवागमन सुलभ हो सकें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग की वर्तमान स्थिति अच्छी है। सी.आर.एफ. योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुई थी। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में प्रश्नाधीन पुल विभाग की किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं है और न ही प्रस्तावित है। अत: स्वीकृति एवं कार्य प्रारंभ करने की जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 611 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार विधान सभा से निकलने वाले इन्दौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे के निर्मित हो जाने से पूर्व के मार्ग लोक निर्माण विभाग के क्षेत्राधिकार में देते हुए, उसके सुधार हेतु धन राशि नेशलन हाईवे द्वारा लोक निर्माण को प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या धार जिला मुख्यालय के प्रवेश प्रमुख पहुंच मार्ग जेतपुरा फोरलेन फाटे से जेतपुरा हनुमान मंदिर तक मार्ग की चौड़ाई कम है तथा क्या पर्याप्त शासकीय भूमि भी उपलब्ध है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख कर ग्राम जेतपुरा में हनुमान मंदिर से फोरलेन फाटे तक मार्ग के चौड़ीकरण तथा ग्राम बोधवाडा के पूर्व के नेशनल हाईवे जो कि वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के क्षेत्राधिकार में है, के निर्माण का प्रस्ताव दिया है? (घ) क्या विभाग जनहित में सुगम यातायात की व्यवस्था सुनिश्िचत किये जाने के उद्देश्य से नेशनल हाईवे के माध्यम से प्राप्त तथा वर्तमान में उपलब्ध धनराशि से ग्राम जेतुपरा के हनुमान मंदिर से जेतपुरा फोरलेन फाटे तक मार्ग के चौड़ीकरण तथा बोधवाडा के आंतरिक मार्ग का जनहित में दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये निर्माण की कार्रवाई करेगा। जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। एन.एच.ए.आई. इंदौर द्वारा प्रश्नांकित दोनों मार्गों के नवीनीकरण/मरम्मत हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई है। इस राशि से इन मार्गों पर निर्माण कार्य किया जाना संभव नहीं है।
उच्चस्तरीय पुल का निर्माण किया जाना
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 613 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में उच्चस्तरीय पुल निर्माण स्वीकृत किये जाने के संबंध में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 456 दिनांक 05.10.2024 के द्वारा कटनी नदी में घुनसुर से मोहास तहसील विजयराघवगढ़, बकेली से गुडेहा महानदी पर तहसील विजयराघवगढ़ एवं छिंदहाई पिपरिया के पुरैनी टोला से कुम्हरावा मार्ग में उमड़ार नदी पर तहसील बरही में जनमानस की सुविधा हेतु स्वीकृत कराये जाने की मांग की गई थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त आवेदन पर क्या क्या कार्यवाही की गई? क्या संबंधित उच्चस्तरीय पुलों का सर्वे कराकर प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृत की कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु पत्र क्र. 546 दिनांक 05.10.2024 से उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्यों के सम्बंध में लेख किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्तावित पुलों का निर्माण कार्य वर्तमान में किसी भी योजना में न तो स्वीकृत है एवं न ही प्रस्तावित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिसूचित भूमि को मुक्त किए जाने पर रोक
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 618 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब, किस-किस माध्यम से उज्जैन में सिंहस्थ 2028 महापर्व के आयोजन पूर्व सैटेलाइट टाउन की अधिग्रहित भूमि को मुक्त किये जाने पर रोक लगाने के संबंध में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव नगरीय निकाय को आपत्ति पत्र ई-मेल किए? पत्राचार अनुसार क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जवाब उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित आपत्ति पर क्या विभागीय बैठक में चर्चा कर निर्णय हुए? यदि हाँ, तो, कब-कब, किस-किस के द्वारा प्रोसिडिंग रजिस्टर की कॉपी देवें। यदि नहीं, तो कारण बताओं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2974 दिनांक 19/07/24 पर विभागीय कार्यवाहियाँ प्रश्न दिनांक तक हुई हैं? यदि हाँ, तो एमपी सरकार एवं जिला प्रशासन के बीच हुए समस्त पत्राचार की प्रति देवें। (घ) अधिसूचित सैटेलाइट टाउन की लालपुर, कस्बा उज्जैन की आरक्षित जमीन को यथावत रखने के स्थान पर मुक्त क्यों किया जा रहा है, और किन-किन के प्रस्ताव सुझाव पर उक्त कार्यवाहियां की जा रही हैं? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) क्या सैटेलाइट टाउन की रिजर्व भूमि रखने के स्थान पर कॉलोनियों की बुकिंग, जमीन की रसीदों पर प्लाटों की बुकिंग की जा रही हैं? क्या विभाग द्वारा इस प्रकार के उज्जैन में आयोजित अवैध कृत्य की जांच की जावेगी? हाँ तो कब तक? (च) क्या शासन सैटेलाइट टाउन की भूमि को किसान हित में सुरक्षित रखने की कोई योजना या लक्ष्य रखा गया है,यदि हाँ, तो बताओ।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाया गया टोल
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 698 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल के संबंध में शासन द्वारा क्या मापदंड एवं शर्तें रखी गई है? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्या है? नियमों की प्रति हिन्दी भाषा में उपलब्ध करावें? (ख) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर जो टोल टैक्स बनाये गये है उसमें एक टोल औबेदुल्लागंज में बनाया गया है जबकि यह टोल औबेदुल्लागंज से नीचे की तरफ बरेली रोड पर बनाया जाना था यह त्रुटिपूर्ण बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह टोल वर्तमान स्थान से हटाया जायेगा? दूसरा टोल बघवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर (एन.एच. 69) पर बनाया गया है जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 कि.मी. है जबकि एन.एच.आई. की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 किमी. की दूरी रहती है? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ग) एन.एच. 69 मार्ग पर बरखेड़ा बुधनी के बीच फारेस्ट एरिया का 12.5 कि.मी. मार्ग फोरलेन नहीं हुआ है फिर भी इस मार्ग का टोल लिया जा रहा है यह किस आधार पर लिया जा रहा है विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे? वर्तमान में जो टोल बनाया गया है क्या यह सही जगह बनाया गया है? जबकि नर्मदापुरम बुधनी होते हुये भोपाल की दूरी मात्र 70 कि.मी. है इस हिसाब से नर्मदापुरम से भोपाल के बीच में मात्र एक टोल बनना था लेकिन दो-दो टोल बना दिये गये है और उसके बाद भी मिसरोद से भोपाल आने के लिये नगर निगम क्षेत्र के बीआरटीएस की रोड है उस हिसाब से भी दूरी नर्मदापुरम से बुधनी होते हुये मिसरोद की दूरी लगभग 45 कि.मी. होती है। दो-दो टोल टैक्स होने के कारण जनता को अधिक टैक्स देना पड़ रहा है इस स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। एन.एच.-69 पर औबेदुल्लागंज पर टोल प्लाजा का निर्माण अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
विद्युत लाइनों के शिफ्टिंग कार्य में अनियमितता
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 709 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में पदस्थ मुख्य अभियंता द्वारा उज्जैन जिले हेतु 01 जनवरी 2023 से कॉलोनी एवं विद्युत लाईनों के शिफ्टिंग कार्यों तकनीकी स्वीकृति के विवरण कार्य का नाम, कार्य की लागत, भौतिक प्रावधान, ठेकेदार का नाम, तकनीकी स्वीकृति की शर्तें सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) मुख्य अभियंता द्वारा उज्जैन जिले के 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक सड़क मार्गों पर विद्युत लाईनों के शिफ्टिंग के कार्य जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति कार्पोरेट कार्यालय द्वारा दी जाना थी जिसको दो तीन टुकड़ों में विभाजित कर अपने स्तर पर ही स्वीकृति प्रदान कर नियम विरूद्ध अनियमितता की गई है? क्या उक्त प्रकरण की जांच विभाग अपने स्तर पर कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ ठोस कार्यवाही करेगा? (ग) क्या मुख्य अभियंता द्वारा उज्जैन जिले के कॉलोनाईजरों को लाभ पहुंचाने के लिए लाईनों के ओवरलोड होने एवं वोल्टेज रेगुलेशन निर्धारित प्रतिशत ज्यादा होने एवं बिना ''रेरा'' की अनुमति के बाद भी कार्य को तकनीकी रूप से असाध्य होने पर भी कॉलोनी के कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है? जिसकी जांच विभाग अपने स्तर पर कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ ठोस कार्यवाही करेगा? 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति प्रदान की गई कालोनियों की सूची उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में पदस्थ मुख्य अभियंता, उज्जैन क्षेत्र की उक्त पद पर पदस्थापना दिनांक 18.09.2021 से दिनांक 03.10.2023 तक रही एवं तत्पश्चात दिनांक 12.03.2024 से प्रश्न दिनांक तक वर्तमान में पदस्थ है। इनके द्वारा प्रश्नाधीन जिले में दिनांक 01.01.2023 से दिनांक 03.10.2023 तक की अवधि में कुल 15 एवं दिनांक 12.03.2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 21, इस प्रकार कुल 36 कॉलोनी के विद्युतीकरण के कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति दी गई। इसी प्रकार इनके द्वारा प्रश्नाधीन जिले में दिनांक 01.01.2023 से दिनांक 03.10.2023 तक की अवधि में कुल 17 एवं दिनांक 12.03.2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 17, इस प्रकार कुल 34 सड़क मार्गों पर विद्युत लाईनों के शिफ्टिंग के कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति दी गई। उक्त कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई तकनीकी/प्राक्कलन स्वीकृति, कार्य का नाम, लागत राशि, भौतिक प्रावधान, ठेकेदार का नाम, इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1''अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्यों की गहन जांच कॉर्पोरेट कार्यालय म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समिति गठित कर की जाना प्रस्तावित है एवं तत्संबंधी कार्यवाही म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रक्रियाधीन है। अत: उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में विभाग स्तर से अन्य कोई जांच कराई जाने की आवश्यकता नहीं हैं। दिनांक 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कॉलोनी के विद्युतीकरण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब-1' अनुसार है।
नगरपालिका परिषद मनावर की संपत्ति को खुर्दबुर्द किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 722 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र-क्रमांक/-2/2022/20975 दिनांक-05/12/2022 के द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद मनावर जिला धार को कूटसंधि कर नियमों के विपरीत निकाय की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के लिए संबंधित पर नियम अनुसार FIR दर्ज करने को लिखा गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पालन में मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद मनावर द्वारा पत्र-क्रमांक-521 दिनांक-20/02/2023 के माध्यम से संबंधित के विरुद्ध FIR दर्ज करने हेतु पुलिसथाना मनावर में दस्तावेजों सहित लिखित शिकायत की गई? यदि हाँ, तो पुलिस थाना मनावर द्वारा संबंधित पर FIR दर्ज की गई? यदि की गई हो तो प्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं, की गई है तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। FIR कब दर्ज की जावेगी? (ग) क्या फरवरी-2024 विधानसभा-सत्र की शून्यकाल सूचना-क्रमांक 21 के अनुसार दिनांक 19/06/2024 विभागीय टीप अनुसार कार्यवाही प्रचलन में होने का लेख किया है? उक्त शून्यकाल सूचना-क्रमांक 21 की विभागीय टीप दिनांक19/06/2024 से प्रश्न-दिनांक तक पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई। यदि पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो पुलिसथाना मनावर के प्रभारी अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई उसकी जानकारी देवें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। नगर पलिका परिषद मनावर जिला धार के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 24.02.2023 तथा निकाय परिषद के विशेष सम्मेलन दिनांक 12.06.2023 के पारित प्रस्ताव क्रमांक 21 के माध्यम से प्राथमिकी दर्ज की कार्यवाही को स्थगित किये जाने हेतु थाना मनावर को पत्राचार किया गया। (ग) जी हाँ।
मनावर-सेमल्दा मार्ग में उच्चस्तरीय पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 726 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के मनावर सेमल्दा मार्ग में स्थित नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्चस्तरीय पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक एफ-43/10/2023/19/यो/3527 दिनांक 24/07/2023 मिलने के एक वर्ष से अधिक अवधि बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) कब तक निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा? समय-सीमा सहित बताएं। (ग) किस-किस सक्षम अधिकारी-कर्मचारी की किस-किस प्रकार त्रुटियों के कारण प्रश्न-दिनांक तक भी निर्माणकार्य प्रारंभ नहीं हो सका। (घ) प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद से प्रश्न-दिनांक तक की अद्यतन स्थिति देवें। निर्माण कार्य प्रारंभ करने बाबत हुए पत्राचार की छायाप्रतियां देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) (क) विभागीय औपचारिकताएं पूर्ण कर दिनांक 15.03.2024 को कार्यादेश दिया गया। बोरिंग कार्य पूर्ण। ड्राईंग डिजाईन का कार्य प्रगति पर, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बोरिंग कार्य पूर्ण। ड्राइंग डिजाईन का कार्य प्रगति पर। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मानव रहित स्वचालित अग्निशामक यंत्र
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 733 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों एवं भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु क्या व्यवस्था है? (ख) क्या इन कार्यालयों एवं भवनों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) लगाए गए हैं अथवा नहीं यदि हाँ, तो स्थलवार सूची उपलब्ध कराए? यदि नहीं, तो स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र कब तक लगा दिए जाएंगे? इस विषय में विभाग अथवा शासन द्वारा कोई ठोस नीति बनाई गई है या नहीं यदि हाँ, तो कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदान करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों एवं भवनों में मानवचलित अग्निशामक यंत्र लगे है तथा अन्य संभागीय कार्यालयों में अग्नि दुर्घटनाओं से बचने हेतु अग्निशामक यंत्र, पानी एवं रेत की व्यवस्था है। (ख) जी हाँ। स्थापित स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र की स्थलवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अति महत्वपूर्ण भवनों में स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र स्थापित है। इस विषय में कोई ठोस नीति निर्धारित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चयनित भवनों तथा उनके निर्माण हेतु क्षेत्रीय विधायकों के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 875 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में पी.आई.यू. के तहत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक डी.पी.आर. तैयार कर भवनों की स्वीकृतियां जारी की गई? (ख) चयनित भवनों के संबंध में प्रदेश शासन तथा जिला प्रशासन किन-किन अवधियों में बैठकें आयोजित की गई? बैठकों में कौन-कौन मान. सांसद/विधायक उपस्थित रहें? क्षेत्रीय विधायकों से चयनित भवनों हेतु प्रस्ताव मांगे गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कितने निर्माण कार्य की समयावधि है क्या वह पूर्ण है यदि नहीं, तो ठेकेदारों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिले के तकनीकी अधिकारियों ने उक्त कार्यों का किन-किन अवधियों में निरीक्षण किया जिसमें शासन की कितनी राशि का व्यय हुआ? दिनांकवार व्यय का विवरण उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) भवनों के संबंध में विभाग स्तर पर एस.एफ.सी./ई.एफ.सी. की बैठक प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु होती है जिसमें माननीय सांसद/विधायक उपस्थित नहीं होते है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है।
नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों में किये गये निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 876 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायत बड़ा मलहरा बकस्वाहा में मार्च 2022 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों का पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी किये गये? प्रतियां दें। (ख) क्या नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में दो वर्ष के अन्दर रोड एवं नालियां खराब स्थिति होने के कारण शासन की राशि का अतिरिक्त व्यय किया गया? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसकी जाँच हेतु शासन प्रावधानों के तहत दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बतायें? (घ) मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्र./F18-2/2022/काया कल्प/002/5728 भोपाल, दिनांक 26/12/22 के निर्देशों का पालन प्रश्नांश (क) के तहत जाँच की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शासन की राशि का अतिरिक्त व्यय नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त आदेश में निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दुग्ध ब्राण्ड सांची का हस्तांतरण
[पशुपालन एवं डेयरी]
36. ( क्र. 891 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा संचालित प्रदेश के दुग्ध ब्रांड (साँची) को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा टेक ओवर करने के लिए अनुबंध किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ किये गये अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं? (ग) कितनी अवधि के लिए मध्यप्रदेश को आपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा संचालित प्रदेश के दुग्ध ब्रांड (साँची) नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को दिया जा रहा है? (घ) क्या राज्य सरकार यह मानती है कि मध्यप्रदेश को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन को घाटे से उबारने के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को सौंपा जाना ही अंतिम विकल्प है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिजली खरीदी हेतु निजी पावर प्लाट से अनुबंध
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 892 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बिजली खरीदी हेतु एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किस-किस निजी पॉवर प्लांट से विद्युत क्रय अनुबंध किया गया हैं? (ख) उपरोक्त सभी पावर प्लांट के नाम पते, अनुबंध करने का दिनांक, अवधि और किस दर पर बिजली खरीदी की जा रही है, इसका विवरण उपलब्ध कराएं एवं पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक पिछले तीन वर्षों में किस दर से विद्युत क्रय की गई है का विवरण भी उपलब्ध कराएं? प्रत्येक प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत हेतु एक विद्युत क्रय अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त पॉवर प्लांटों को म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2023-24 अर्थात पिछले तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया, इसका विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) क्या प्रदेश में पर्याप्त बिजली उत्पादन के बावजूद निजी पावर प्लांटों से बिजली खरीदने की आवश्यकता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में बिजली खरीदी हेतु एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा निजी विद्युत गृहों से निष्पादित किए गए विद्युत क्रय अनुबंधों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उपरोक्त सभी विद्युत गृहों का नाम, पता, अनुबंध दिनांक, अवधि एवं गैर- पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत क्रय की दर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक विद्युत क्रय की दर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रत्येक प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत यथा-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लघु जल परियोजना, नगरीय ठोस अपशिष्ट परियोजना, बायोमास परियोजना, अल्ट्रामेगा पारंपरिक ऊर्जा परियोजना एवं पारंपरिक ऊर्जा परियोजना हेतु किए गए विद्युत क्रय अनुबंधों की एक-एक प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' पर उपलब्ध है। (ग) उपरोक्त विद्युत गृहों को एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक की अवधि में भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी (म.प्र.शासन के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी) के अंतर्गत ताप विद्युत/जल विद्युत/सौर ऊर्जा संयंत्रों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5492 मेगावाट है। एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विगत वर्षों में प्रदेश की वास्तविक विद्युत मांग के आधार पर आगामी वर्षों हेतु प्रदेश की मांग का आंकलन कर, संसाधनों की पर्याप्तता (Resource adequacy) को दृष्टिगत रखते हुए, तात्कालिक समयबद्ध विद्युत उपलब्धता को सुनिश्िचत करने के उपरान्त विद्युत मांग के अंतर की गणना की जाती है। तत्पश्चात म.प्र. विद्युत नियामक आयोग की अनुमति उपरांत विद्युत उपलब्धता में वृद्धि हेतु कार्यवाही की जाती है। उक्त तारतम्य में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न स्त्रोतों यथा कोयला आधारित, गैस आधारित, परमाणु ऊर्जा, जल विद्युत, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं अन्य नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से उत्पादित विद्युत क्रय हेतु क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। कोयला आधारित ताप विद्युत गृहों, जल विद्युत गृहों एवं गैस आधारित ताप विद्युत गृहों से प्राप्त होने वाली बिजली हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत दर (नियत प्रभार एवं ऊर्जा प्रभार) टू-पार्ट टैरिफ सिद्धांत पर आधारित होती है, जिसमें कंपनी द्वारा अनुबंधित क्षमता के अनुरूप विद्युत उपलब्धता (Availbility) सुनिश्िचत कराने पर नियत प्रभार का भुगतान देय रहता है। नियत प्रभार का भुगतान प्रदायकर्ता द्वारा विद्युत की उपलब्धता सुनिश्िचत करने पर एवं ऊर्जा प्रभार (एनर्जी चार्जेस) का भुगतान खरीदी गई विद्युत की मात्रा के लिये किया जाता है। नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत क्रय म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों अथवा प्रतिस्पर्धी निविदा पद्धति द्वारा किया जाता है। राज्य की विद्युत मांग में दैनिक, साप्ताहिक एवं मौसमी आधार पर वृहद परिवर्तन होता रहता है एवं समय-समय पर विद्युत संयंत्र का रख-रखाव/सुधार किया जाता है, जिसके कारण राज्य में विद्युत की उच्चतर मांग की पूर्ति हेतु अतिरिक्त क्षमता के अनुबंध किए गए है, ताकि विपरित परिस्थितियों में भी निरंतर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा सके। अत: स्वयं के स्त्रोतों से उपलब्ध विद्युत उत्पादन क्षमता के साथ ही एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा पारंपरिक/गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से कुल 23789 मेगावाट के विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं, जिसमें से संयुक्त उपक्रमों एवं अन्य जल विद्युत केन्द्रों से 2484 मेगावाट, केन्द्रीय क्षेत्र/पूर्वी क्षेत्र/उत्तरी क्षेत्र/डी.वी.सी. से 5312 मेगावाट, निजी क्षेत्र से 3402 मेगावाट, सौर ऊर्जा संयंत्रों से 4165 मेगावाट तथा गैर सौर ऊर्जा संयंत्रों से 2934 मेगावाट क्षमता के क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। उक्त विद्युत उपलब्धता सुनिश्िचत करने के परिणाम स्वरूप ही प्रदेश द्वारा दिनांक 26.01.2024 को इतिहास की सर्वाधिक मांग 17614 मेगावाट की सफलतापूर्वक पूर्ति की जा सकी। उक्त के कारण ही प्रदेश के सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना सुनिश्िचत किया जा सका है।
LT लाईन एवं 11 KV लाईनों के तार बदलने के प्रावधान
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 898 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में कितने नग 11 के.व्ही. फीडर है जिसमें से कितने नग फीडर पर विद्युत भार अधिक होने से फीडर अतिभारित हो गये हैं जिसमें तार बदलने अथवा क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है? विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इनको बदलने/क्षमता वृद्धि हेतु क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में माह अक्टूबर 2024 तक LT लाईन एवं 11 KV लाइन के तार टूटने के कारण कितनी विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई एवं जिसके कारण कितने व्यक्तियों एवं कितने पशुओं की मृत्यु हुई? वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) विधान सभा में LT एवं 11 KV के तार बदलने हेतु क्या कार्ययोजना है? या नहीं? (घ) यदि हाँ, तो कमजोर (खराब) तारों को कब तक बदला जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 11 के.व्ही. के 155 फीडर विद्यमान हैं, जिसमें से 11 फीडरों पर विद्युत भार निर्धारित मानकों से अधिक होने के कारण इन अतिभारित फीडरों का भार कम करने के उद्देश्य से इनके विभक्तिकरण का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 10 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर भार को निर्धारित मानकों के अनुरूप कर दिया गया है तथा शेष 01 फीडर के विभक्तिकरण का कार्य प्रगतिरत है। इसके अतिरिक्त म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर अंतर्गत समय-समय पर 11 के.व्ही. फीडरों के विद्युत भार की समीक्षा की जाती है तथा आवश्यकतानुसार भार प्रबंधन किया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में निम्नदाब लाईन के तार टूटने से कुल 03 दुर्घटनाए हुई हैं, जिनमें 04 पशुओं की मृत्यु हुई है एवं मृत व्यक्तियों की संख्या निरंक है तथा 11 के.व्ही. लाईन के तार टूटने से कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर, 2024 तक की स्थिति में निम्नदाब लाईन के तार टूटने की कुल 04 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 01 व्यक्ति एवं 06 पशुओं की मृत्यु हुई है तथा 11 के.व्ही. लाईन के तार टूटने से कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है। (ग) एवं (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत किया जा रहा है एवं एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत 11 के.व्ही. के 04 फीडरों के तार बदलने का कार्य स्वीकृत है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत 111 स्थानों पर निम्नदाब लाईनों के केबलीकरण का कार्य एवं एस.एस.टी.डी. योजना में 17 स्थानों पर निम्नदाब लाईन के केबलीकरण का कार्य स्वीकृत है। उक्त समस्त स्वीकृत कार्यों को दिनांक 30.06.2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
किसानों के बिजली प्रदाय की स्थिति
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 904 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में किसानों को खेतों में पानी देने के लिये कितने घण्टे बिजल देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग के आदेशानुसार किसानों को उनके निर्धारित घण्टों के हिसाब से बिजली दी जा रही है? यदि नहीं, तो। (ग) इसके लिये दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर विभाग कार्यवही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई, 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को कृषि प्रयोजन हेतु 08 घंटे (वर्तमान में राज्य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। उक्त संकल्प/आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
गौवंश के विचरण की रोकथाम
[पशुपालन एवं डेयरी]
40. ( क्र. 905 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विधानसभा 08 अम्बाह क्षेत्रान्तर्गत गौवंश की रोकथाम के लिये कोई योजना है? (ख) विधानसभा 08 अम्बाह के क्षेत्र में खुलेआम घूम रहे गौवंश के कारण किसानों की फसलें चौपट हो रही हैं तथा आये दिन रोडों पर दुर्घटना घटित होने से कई लोगों की जान जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये उत्तरदायी अधिकारी-कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक। (ग) क्या गौवंश की रोकथाम के लिये सरकार कोई कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना संचालित है। जिसके अंतर्गत अम्बाह 08 विधासभा एवं उसके नजदीकी क्षेत्र में कुल 07 शासकीय गौशालाओं का संचालन विकासखंड पोरसा एवं विकासखंड अम्बाह की ग्राम पंचायत द्वारा अनुबंधित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है एवं 01 अशासकीय गौशाला श्री नागाजी गौशाला समिति बुधारा पोरसा द्वारा संचालन किया जा रहा है। कुल 08 गौशालाएं संचालित की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अम्बाह/पोरसा एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी अम्बाह/पोरसा के द्वारा गौवंश को पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है एवं पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा उपचार, टीकाकरण एवं टेगिंग कार्य किए जा रहे। निराश्रित गौवंश के लिए लगातार कार्यवाही संबंधित अधिकारियों द्वारा की जा रही है इसलिए किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं है। (ग) गौवंश की रोकथाम हेतु आवारा निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में निरन्तर स्थानान्तरित करने की कार्यवाही की जा रही है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कॉलोनाइजर के विरुद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 922 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के मुलताई नगर की आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी के निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2008-09 में जारी हुई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कॉलोनी का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) में क्या कॉलोनी के रहवासियों द्वारा मूलभूत सुविधाओं के लिए भू-विनियामक प्राधिकरण में दर्ज प्रकरण 0023-59-0014 में कॉलोनाइजर को रेरा पंजीयन कराए जाने के आदेश पारित हुए है? यदि हाँ, तो क्या कॉलोनाइजर ने रेरा आदेश का पालन कर लिया है, यदि नहीं, तो कॉलोनाइजर को कब तक रेरा पंजीयन कराए जाने हेतु बाध्य किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि कॉलोनाइजर ने रेरा पंजीयन नहीं कराया है तो, क्या कॉलोनी के शेष भूखंडों के विक्रय पर बिना रेरा पंजीयन कराए भूखंड विक्रय किया जाना प्रतिबंधित किए जाने के आदेश पारित किए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? क्या शासनादेश का पालन नहीं किये जाने हेतु कॉलोनाइजर के प्रति पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी के निर्माण की स्वीकृति दिनांक 21.05.2009 को जारी की गई है। जी नहीं। (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण भोपाल द्वारा प्रश्नांकित प्रकरण में कॉलोनाईजर को दो माह के भीतर पंजीयन कराने हेतु दिनांक 22.03.2024 को आदेश पारित किया गया है। जी नहीं। कॉलोनाईजर को पंजीयन कराने हेतु बाध्य नहीं किया जा सकता यद्यपि आदेश के उल्लंघन पर प्राधिकरण द्वारा कॉलोनाईजर के विरूद्ध भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार पारित आदेश दिनांक 22.03.2024 में परियोजना की संपत्ति के भू-संपदा के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, यद्यपि उत्तरांश (ख) के अनुसार प्राधिकरण के आदेश का पालन न होने पर प्राधिकरण द्वारा कॉलोनाईजर के विरूद्ध भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाती है परन्तु प्रश्नांकित कॉलोनी में कॉलोनाईजर द्वारा की गई अन्य अनियमितताओं के कारण सक्षम प्राधिकारी अर्थात कलेक्टर, जिला बैतूल के द्वारा दिनांक 01.09.2024 को कॉलोनाईजर के विरूद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है।
पुल-पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 947 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिराली एवं हरदा मार्ग को जोड़ने वाले रोलगाँव पुल एवं टिमरनी से भायली के मार्ग में पड़ने वाली भायली पुलिया जो लगभग 18 माह से टूटा हुआ है इसके पुनर्निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है तथा निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों पुल एवं पुलिया के निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी/ठेकेदार को प्रदान किया गया है, इसकी संपूर्ण जानकारी यथा अनुबंध की प्रति, कार्यादेश की प्रति, शासन द्वारा जारी बजट, विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को प्रदान की गई राशि, डी.पी.आर. समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों पुल एवं पुलिया के निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किये जाने हेतु किस स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है? इन लापरवाहों के विरूद्ध आपके विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या ठेकेदार से अर्थदण्ड की वसूली की गई है एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या तथा नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों पुल एवं पुलिया के निर्माण नहीं होने से विद्यार्थियों, राहगीरों, आमजन, लोकसेवकों एवं रोगी-मरीजों को आवागमन में हो रहे मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक नुकसान की भरपाई कौन करेगा? इस कार्य में विलम्ब हेतु कौन उत्तरदायी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग सेतु परिक्षेत्र अंतर्गत सिराली से हरदा मार्ग पर रोलगांव में काली माचक नदी पर पूर्व में निर्मित पुल दिनांक 24.02.2024 को क्षतिग्रस्त हो गया। इसके पुनर्निर्माण हेतु म.प्र. शासन के मुख्य बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 के पृष्ठ क्र.-24 के सरल क्रमांक 153 एवं मद संख्या 4149 में राशि रू. 980.00 लाख का कार्य सम्मिलित किया गया है। सक्षम वित्तीय समिति में अनुमोदन उपरान्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही पूर्ण कर कार्य संपादित कराया जायेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। टिमरनी से भयली मार्ग में भयली पुलिया लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है अपितु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग (आर.ई.एस) संभाग हरदा से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमृत टू योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 948 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी नगर पालिका क्षेत्र के लिए अमृत टू योजना के तहत नर्मदा का पानी लाने हेतु कितनी लागत की योजना स्वीकृत हुई है उस योजना में केन्द्र का कितना अंश है, राज्य का कितना अंश है, नगर पालिका टिमरनी का कितना अंश है पृथक-पृथक बतावें कि नगर पालिका अपने अंश की राशि की व्यवस्था कैसे कर सकती है। (ख) योजना के लिए कब टेन्डर हुआ है, टेन्डर में किसे कितनी राशि पर स्वीकृति प्रदान की गई है कार्य पूरा होने की क्या तारीख है। कार्य कब से प्रारंभ होगा। (ग) योजना के इन्टेक वेल के लिए किस खसरा नम्बर का कितना रकबा चयन किया है उस भूमि का आवंटन किस दिनांक को राजस्व विभाग या कलेक्टर ने किया है भूमि किस-किस मद में दर्ज है आदेश की प्रति सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत 2.0 योजनांतर्गत छिपानेर से टिमरनी शहर तक में नर्मदा नदी का पेयजल सप्लाई हेतु राशि रु. 26.52 करोड़ की योजना स्वीकृत है। योजना हेतु स्टेट वॉटर एक्शन प्लान (SWAP) अनुसार राशि 15.50 करोड़ स्वीकृत है, जिसमें केन्द्रांश 50 प्रतिशत अर्थात 7.75 करोड़, राज्यांश 45 प्रतिशत अर्थात 6.975 करोड़ एवं निकाय का अंश 05 प्रतिशत अर्थात 0.775 करोड़ है। पी.आई.सी. संकल्प क्र. 179 दिनांक 16.07.2024 द्वारा स्टेट वॉटर एक्शन प्लान (SWAP) में स्वीकृत राशि से अधिक राशि का वहन निकाय द्वारा स्वयं के स्त्रोतों से किये जाने का संकल्प पारित किया गया। (ख) अमृत 2.0 योजनांतर्गत प्रथम निविदा दिनांक 16.08.2024 को आंमत्रित की गयी, जिसमें निविदाकार मेसर्स उर्विश कंस्ट्रक्शन, खण्डवा की न्यूनतम दर 22.34 प्रतिशत अधिक प्राप्त हुयी। दर अधिक होने के कारण पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) योजनांतर्गत इंटेक वेल के लिये छिपानेर में खसरा नम्बर 245 (S) शासकीय मद से दर्ज रकबा 0.745 हेक्टेयर का चयन किया गया है। भूमि आवंटन हेतु कलेक्टर जिला-हरदा को ऑनलाईन आवेदन किया गया है। भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की विभिन्न निविदाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 998 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.सी.एल.एल. के अधिकारी/कर्मचारी एवं निविदाओं के विरूद्ध 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू., थाना गोविन्दपुरा से प्राप्त पत्रों की एवं विभाग द्वारा उपरोक्त पर दिए गए जवाब की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। उपरोक्त समय अवधि में बी.सी.एल.एल. में कितनी आर.टी.आई. प्राप्त हुई, कितनी आर.टी.आई. का जवाब दिया गया, कितनी में जवाब नहीं दिया गया एवं लोक सूचना अधिकारी का नाम का गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदान करें। (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के निविदा 78 में की गई अनियमितता पर कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा-1) मध्यप्रदेश का पत्र दिनांक 18/12/2023 की सत्यापित छायाप्रति एवं इस पर भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के विरूद्ध जो ऑडिट ऑबजेक्शन्स या सवाल पत्र एवं ई-मेल के माध्यम से दिए गए उनकी सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। उपरोक्त पर विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) दिनांक 01/01/2024 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा निविदा क्रमांक NIT 148 एवं NIT13 में दिनांक 05/06/2024, 26/09/2024, 27/09/2024 के Legal Opinion में दिए गए उत्तर की छायाप्रति प्रदान करे। संचालनालय, नगरीय प्रशासन द्वारा इसी समय अवधि में जो बी.सी.एल.एल. विभाग को पत्राचार/ई-मेल प्राप्त हुए, की छायाप्रति प्रदाय करें। (घ) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग पर तृतीय सत्र (जुलाई 2024) सत्र में कितने प्रश्न लगे, कुल संख्या, प्रश्नों का विवरण एवं सभी प्रश्नों के उत्तर की जानकारी मय दस्तावेज प्रदाय करें। कितने प्रश्नों में जानकारी दी गई एवं कितने प्रश्नों में जानकारी संकलित करनी थी, जिन प्रश्नों के समय-सीमा में जानकारी संकलित नहीं हुई का प्रश्नवार कारण बताएं एवं संचालनालय नगरीय प्रशासन में इस हेतु किस अधिकारी की जिम्मेदारी थी, का मद एवं नाम बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के निविदा 78 में की गई अनियमितता पर शिकायत कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I) मध्यप्रदेश द्वारा जांच की कार्यवाही प्रचलित होने से संबंधित दस्तावेज प्रदत किया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। (घ) कुल 12 प्रश्न लगे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। कुल 10 प्रश्नों में सम्पूर्ण जानकारी दी गई एवं 02 प्रश्नों के आंशिक बिन्दुओं की जानकारी दी गई थी, जिसका विवरण निम्नानुसार है:- 1. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1091 प्रश्न भाग (क), (ख), (ग) की जानकारी दी गई एवं शेष (घ) की जानकारी क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय से संबंधित होने के कारण 03 पत्रों के माध्यम से चाही गई थी जो कि वर्तमान तक अप्राप्त है। 2. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3243 प्रश्न भाग (क) एवं (ग) की जानकारी दी गई एवं शेष प्रश्न भाग (ख) की जानकारी बस आपरेटरों से संबंधित होने के कारण पत्र के माध्यम से चाही गई थी, जो की बस आपरेटरों द्वारा पत्र दिनांक 04.12.2024 एवं 05.12.2024 के माध्यम से प्रस्तुत की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार। अतः उपरोक्त विवरण अनुसार शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-07 अनुसार है।
बी.सी.एल.एल. की विभिन्न निविदाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 999 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के निविदाकर्ता एवं वेण्डर्स के विरूद्ध पेनाल्टी Show Cause Notice के लिए जारी पत्रों की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। क्या यह पेनाल्टी निविदाकर्ताओं द्वारा विभाग में जमा कर दी गई है, अथवा नहीं? उपरोक्त समय अवधि में विभाग द्वारा इन्हीं निविदाकर्ताओं को किए गए राशि भुगतान की जानकारी-निविदाकार का नाम, भुगतान राशि, भुगतान मद एवं अधिकारी जिन्होंने भुगतान किया, का नाम गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदाय करें। (ख) पत्र क्र. BCCL/BPL/2024/6022-6023 दिनांक 24/09/24 की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। क्या इसमें निविदाकार को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. हाँ अथवा नहीं? क्या निविदाकार ने राशि रू. 1,20,70,854 विभाग को जमा कर दी है, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा निविदाकार पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई, कारण सहित स्पष्ट करें। इस विलम्ब और शासन/विभाग को आर्थिक क्षति के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? नाम बताएं। (ग) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की 39वीं बोर्ड दिनांक 07/03/2024 एवं 40वीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक दिनांक 30/09/2024 के मिनिट्स, एजेण्डा, अटेण्डेंस एवं 40वीं बैठक से संबंधित महापौर (चेयरमेन-बी.सी.एल.एल.) की दिनांक 14/11/2024 की नोटशीट की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। यदि 40वीं बोर्ड बैठक प्रचलन में है तो कृपया प्रचलन का कारण बताएं एवं कम्पनीज एक्ट के आधार पर बोर्ड कितने दिनों में सम्पन्न होनी चाहिए, समय अवधि बताएं। बोर्ड को सम्पन्न करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी का नाम एवं पद बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। जी हाँ। जी नहीं। उक्त प्रकरण में माननीय जिला न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 03.09.2024 अंतर्गत आर्बिट्रेशन सबंधी कार्यवाही प्रचलित है। अतः शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार।
ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार से कार्य काराया जाना
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 1005 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में छतरपुर जिले अंतर्गत किस ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार को ठेका दिया गया? नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार को निर्माण कार्य का ठेका दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब की जावेगी समय-सीमा बताये। (ग) मेसर्स रविन्द्र जैन मेसर्स नाथूराम जैन ब्लैक लिस्टेड थे? कब से कब तक ब्लैक लिस्टेड थे पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्य की निविदा हिस्सा में भाग लिया गया? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य दिये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मेसर्स रविन्द्र जैन को म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई छतरपुर द्वारा दिनांक 23.06.2023 को ब्लैक लिस्टेड/डी-बार किया गया परन्तु मेसर्स रविन्द्र जैन द्वारा म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई के पैकेज कार्य को समय-सीमा में पूर्ण कर दिया गया जिसके फलस्वरूप म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल द्वारा दिनांक 31.08.2023 को मेसर्स रविन्द्र जैन को डी-बार/ब्लैक लिस्टेड सूची से विलोपित किया गया। परन्तु म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण की विभागीय त्रुटि के कारण मेसर्स रविन्द्र जैन को पंजीयन पोर्टल की डी-बार/ब्लैक लिस्टेड सूची से विलोपित नहीं किया गया इस कारण वे डी-बार/ब्लैक लिस्टेड सूची में प्रदर्शित होते रहे। उक्त तथ्यों की पुष्टि महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई छतरपुर द्वारा पत्र के माध्यम से की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है।
गौशालाओं का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
47. ( क्र. 1022 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मऊगंज जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाओं का निर्माण कराया जा चुका है? प्रत्येक गौशाला में कितने गौवंश हैं? क्या इन गौवंशों के लिए हर गौशाला में भूसा, चारा और पानी पर्याप्त व्यवस्था है? (ख) क्या गौशालाओं में चौकीदार की व्यवस्था है अगर हाँ, तो कितनी गौशालाओं में यदि नहीं, तो क्यों? (ग) हर माह एक गौशाला के लिए कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? तीन साल में जिले की गौशालाओं के लिए कितनी राशि आवंटित की गई है? गौशालावार जानकारी दें। (घ) क्या मऊगंज जिले में कलेक्टर गौशाला खोली गई है? यदि हाँ, तो उसमें कितने गौवंश हैं? यदि नहीं, तो क्यों? गौशाला के प्रचार प्रसार में कितनी सरकारी राशि खर्च की गई विवरण दें?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) मऊगंज जिले में प्रश्न दिनांक तक 49 गौशालाओं का निर्माण कराया जा चुका है। गौवंश सख्या तथा भूसे की उपलब्धता की गौशालावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) संचालित 49 गौशालाओं में चौकीदार की व्यवस्था है। (ग) रू. 20/- प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से गौवंश के भरण पोषण हेतु राशि प्रदाय किए जाने का प्रावधान है। प्रति गौशाला के मान से राशि प्रदाय का प्रावधान नहीं है। तीन वर्ष में प्रदाय राशि की गौशालावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ब अनुसार। (घ) जी हाँ। गौवंश संख्या निरंक है। कलेक्टर की गौशाला में गौवंश की संख्या निरंक होने का कारण यह है कि इस गौशाला में गौवंश को स्थाई रूप से रखने का प्रावधान नहीं है। गौशाला में आने वाले निराश्रित गौवंश को तत्काल गोद लेने के इच्छुक व्यक्तियों/संस्थाओं को दे दिया जाता है। गोद लेने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं की सूची पहले से ही तैयार की जाती है और उतने ही निराश्रित गौवंश को कलेक्टर की गोशाला में लाए जाते है। कलेक्टर की गौशाला के प्रचार प्रसार में कोई भी सरकारी राशि खर्च नहीं की गई है।
गौ-अभयारण्य का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
48. ( क्र. 1030 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या गोटेगांव विधानसभा में गौशाला की संख्या कम हैं गौशाला की संख्या कब बढ़ाई जायेगी है एवं गौ-अभयारण्य कब बनवाये जायेंगे। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : जी नहीं। मुख्यमंत्री गौ सेवा अंतर्गत 8 गौशालाएं संचालित है एवं 18 गौशालाएं स्वीकृत है, जो निर्माणाधीन है। गौ-अभयारण्य बनाए जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका परिषद गोटेगांव में संपत्तिकर कम किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 1031 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या गोटेगांव विधानसभा में नगर पालिका में संपत्ति कर की दर अन्य नगर पालिकों की अपेक्षा बहुत ज्यादा हैं संपत्ति कर की दर कम कब होगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में संपत्ति कर की दर कम करने संबंधी प्रस्ताव संभागीय संयुक्त संचालक, जबलपुर संभाग जबलपुर के पत्र क्रमांक 2556 दिनांक 26.11.2024 से प्राप्त हुआ हैं जो परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने की नीति
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1038 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 1207 दिनांक 21/2/2024 के पत्र पर क्या कार्यवाही की गई। समस्त नोटशीट, पत्राचार की जानकारी देवें। (ख) क्या उपरोक्त पत्र अनुसार प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को 3 बार स्मरण पत्र भेजने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई। यदि हाँ, तो शासन की योजना एवं पत्रों को समयावधि पर नहीं भेजने पर दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) सरदारपुर विधानसभा के चिन्हित 112 टोले, मजरे केन्द्र सरकार की विभिन्न विद्युतीकरण योजना तथा राज्य सरकार की विद्युतीकरण योजना से 24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने के लिए क्या कोई नीति या वित्तीय उपलब्धता कराई जाएगी। यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को भेजे गए समस्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई। समस्त नोटशीट एवं पत्राचार की प्रति देवें। (ड.) कार्यपालन यंत्री राजगढ़ जिला धार को विद्युत ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने हेतु कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए, कितने पर कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित पत्र के तारतम्य में कार्यपालक निदेशक (ऑपरेशन) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के पत्र दिनांक 01.03.2024 से प्रकरण की विषय वस्तु पर वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु मुख्य अभियंता, इंदौर क्षेत्र को लेख किया गया एवं यह पत्र अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) धार को पृष्ठांकित किया गया। तदोपरांत कार्यपालक निदेशक (ऑपरेशन) के पत्र दिनांक 05.07.2024 से प्रश्नांकित पत्र के संबंध में वस्तुस्थिति एवं कृत कार्यवाही से माननीय विधायक महोदय को अवगत कराये जाने हेतु अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) धार को पुनः निर्देशित किया गया था, जिसके तारतम्य में अधीक्षण यंत्री संचालन-संधारण धार द्वारा दिनांक 11.07.2024 से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को वस्तुस्थिति/कृत कार्यवाही से अवगत कराया गया है। संबंधित पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन पत्र के तारतम्य में उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) धार जिले में सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चिन्हित 112 मजरों/टोलों/फलियों में से 04 मजरों/टोले/फलियों को 24 घंटे एवं 106 मजरों/टोलों/फलियों को, जो कि खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बसे है, इन्हें समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा-कृषि श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शेष 02 मजरे/टोले/फलिये (निमामा फलिया एवं दात्याघाटी) अविद्युतीकृत हैं। उक्त 108 मजरों/टोलों/फलियों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने के लिये 127.36 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 99.2 कि.मी. एल.टी.लाईन एवं 25 के.व्ही.ए. के 125 वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने की आवश्यकता होगी तथा उक्त कार्यों की अनुमानित लागत राशि लगभग रूपये 1385.1 लाख होगी। किन्तु उक्त कार्य तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य पाए जाने पर ही भविष्य में किये जाने पर विचार किया जायेगा। वर्तमान में प्रदेश के चिन्हित जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह यथा भारिया, बैगा एवं सहरिया जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन की पी.एम. जनमन योजना प्रचलन में है। उक्त योजनांतर्गत धार जिले को चिन्हित नहीं किया गया है। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विभाग एवं म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत संबंधित कार्यालयों को 8 पत्र प्रेषित किये गये हैं। उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही एवं संबंधित पत्राचार की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) कार्यपालन यंत्री, राजगढ़ जिला धार को 6 पत्रों के माध्यम से 65 स्थानों पर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैंI उक्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
वाहन खरीदी पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 1126 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में नगर परिषद् मांडव, धामनोद व धरमपुरी में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से वाहन कितनी-कितनी राशि के खरीदे गए? वाहन का प्रकार, वाहन क्रमांक, कीमत शासन के आदेश की प्रति सहित पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कौन-कौन से वाहन किस-किस कार्य में संचालित हो रहे हैं? वाहन की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) नगर परिषदों द्वारा उक्त अवधि में खरीदे गए वाहनों पर किस-किस कार्य के लिए आज दिनांक तक राशि व्यय की गई है? पृथक-पृथक वाहन की जानकारी प्रदान करें। उक्त अवधि में खरीदे गए ऐसे कितने वाहन है जो बिना उपयोग के ही कण्डम हो गए है और इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं। (घ) क्या कार्यालय नगर परिषद मांडव द्वारा पत्र क्रमांक 2432/स्व.भा.मी./2023 मांडव दिनांक 07-03-2023 को उप मिशन संचालक को कचरा वाहन क्रय नहीं करने हेतु पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो बाद में कचरा वाहन किस आधार पर क्रय किया गया है? कचरा वाहन क्रय किये गये बिल की प्रमाणित प्रति प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। माण्डव नगरीय क्षेत्र एक विश्व ऐतिहासिक पर्यटक स्थल होने के कारण तथा माण्डव नगरीय क्षेत्र करीब 42.20 वर्ग किलोमीटर में फैला होकर 15 वार्डों में विभक्त है यहां की भौगोलिक स्थिति अत्यंत खराब होने के कारण स्वच्छता कार्य व्यवस्था को दृष्टिगत निकाय द्वारा कचरा वाहन क्रय किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग की सड़कों का जीर्णोद्धार
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1171 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर के विकासखंड मुरार, घाटीगांव, भितरवार एवं डबरा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अधीन कहाँ से कहाँ तक की सड़कें हैं? विकास खंडवार बतावें तथा वर्ष 2021-22 से 2024-25 में इन सड़कों की मरम्मत/पेचवर्क कार्य हेतु वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार डबरा के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के अधीन कहाँ से कहाँ तक की सड़क की गारंटी अवधि 31 अक्टूबर 2024 तक पूर्ण हो चुकी है? अति वर्षा के कारण डबरा क्षेत्र की क्षतिग्रस्त कौन-कौन सी सड़क पर पेंचवर्क/मरम्मत कार्य करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्त अवधि में प्राप्त राशि से 31 अक्टूबर 2024 तक कहाँ से कहाँ तक की सड़क पर पेंचवर्क/मरम्मत कार्य कब-कब कितनी राशि से किस ठेकेदार/फर्म द्वारा किस उपयंत्री की देख-रेख में करवाया गया? ठेकेदार/फर्म एवं मूल्यांकनकर्ता अधिकारी का नाम, पद सहित वर्षवार एवं विकासखंडवार तथा कार्यवार पृथक-पृथक जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। अतिवर्षा के कारण डबरा क्षेत्र में डबरा-भितवरवार-हरसी मार्ग के कि.मी. 13+200 (नोन नदी) में पुल एवं एप्रोच की मरम्मत हेतु 4.00 लाख की स्वीकृति जारी। ठेकेदार को कार्यादेश दिया गया है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1', 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है।
35 वर्षीय चतुर्थ उच्च वेतनमान स्वीकृत न होना
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 1173 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री ओपी शर्मा, सेवानिवृत कार्यालय सहायक श्रेणी दो महाप्रबंधक (संचा/संधा) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि शिवपुरी का 35 वर्षीय चतुर्थ विकल्प उच्च वेतनमान प्रकरण प्रतिलिपि पत्र क्र./मुमप्र/ग्वा.क्षे./स्थापना/8800 ग्वालियर दिनांक 17.10.2024 द्वारा महाप्रबंधक (मा.स.) कार्पोरेट कार्यालय म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लि भोपाल को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण स्वीकृत कर दिया गया है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यही नहीं तो क्यों? (ख) विगत माह अक्टूबर 2024 से प्रश्न दिनांक तक शिवपुरी जिले के 35 वर्षीय विकल्प उच्च वेतनमान संबंधी कौन-कौन से प्रकरण स्वीकृति हेतु महाप्रबंधक (मा.स.) कार्पोरेट कार्यालय म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लि भोपाल को प्राप्त हुए व उनमें से कौन-कौन से प्रकरण स्वीकृति हुए व कौन-कौन से वर्तमान में किस स्तर पर लंबित है व लंबित होने के क्या कारण है एक माह पश्चात भी प्रकरण लंबित रखे जाने हेतु कौन-कौन दोषी है व उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित कर्मचारी का तृतीय उच्च वेतनमान स्वीकृत कब किया गया था इस हेतु क्या-क्या दस्तावेज संलग्न किये गये थे स्वीकृति आदेश एवं नस्ती व समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार लंबित प्रकरण कब तक स्वीकृत कर आदेश जारी कर दिए जायेंगे समयावधि बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कार्यालय मुख्य महाप्रबंधक (ग्वा.क्षे.), ग्वालियर के पत्र क्रमांक 8799-8800 दिनांक 17.10.2024 के माध्यम से श्री ओ.पी. शर्मा, सेवानिवृत्त कार्यालय सहायक श्रेणी-दो का 35 वर्षीय उच्च वेतनमान प्रकरण दिनांक 24.10.2024 को कॉर्पोरेट कार्यालय, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के मानव संसाधन अनुभाग में प्राप्त हुआ है। उक्त प्रकरण दिनांक 12.11.2024 को आयोजित कार्पोरेट चयन समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया था। किन्तु कार्मिक का उच्च वेतनमान प्रकरण, वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 की गोपनीय चरित्रावली में ग्रेड उपलब्ध नहीं होने के कारण समिति के द्वारा विगत वर्ष 2017 एवं 2018 की गोपनीय चरित्रावली उपलब्ध कराये जाने के पश्चात प्रकरण पुनः प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। (ख) विगत माह अक्टूबर 2024 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में शिवपुरी जिले के 35 वर्षीय उच्च वेतनमान के कुल 04 प्रकरण कॉर्पोरेट कार्यालय, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल को प्राप्त हुए है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त प्राप्त प्रकरणों में से 3 प्रकरणों में आदेश जारी किये जा चुके हैं। संबंधित आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। शेष 01 प्रकरण, जो कि श्री ओ. पी. शर्मा, सेवानिवृत्त कार्यालय सहायक श्रेणी-2 का है, वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 की गोपनीय चरित्रावली में ग्रेड उपलब्ध नहीं होने के कारण समिति के द्वारा विगत वर्ष 2017 एवं 2018 की गोपनीय चरित्रावली उपलब्ध कराये जाने के पश्चात प्रकरण पुन: प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। अतः उक्तानुसार, नियमानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने अथवा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) श्री ओम प्रकाश शर्मा, सेवानिवृत कार्यालय सहायक श्रेणी-दो का 30 वर्षीय तृतीय उच्च वेतनमान म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के आदेश क्रमांक 3802 दिनांक 20.06.2019 के माध्यम में विकल्प दिनांक 01.12.2017 से स्वीकृत किया गया है। स्वीकृति आदेश एवं तृतीय उच्च वेतनमान हेतु प्रस्तुत किये आवेदन पत्र, विकल्प पत्र, घोषणा पत्र इत्यादि दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार लंबित शेष 01 प्रकरण के संबंध में वांछित जानकारी प्राप्त होने पर आगामी कॉर्पोरेट चयन समिति के समक्ष प्रकरण विचार हेतु पुन: प्रस्तुत किया जायेगा एवं नियमानुसार उपयुक्त पाए जाने पर संबंधित कार्मिक का उच्च वेतनमान आदेश जारी किया जायेगा। वर्तमान में चयन समिति की बैठक की दिनांक तय नहीं होने के कारण निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों एवं पुलियाओं की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 1180 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर-मालवा अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सड़कों/पुल पुलियाओं की स्वीकृति 2023-24 में प्रदान की गई है तथा कितनी सड़कों का उन्नयन/चौड़ीकरण हेतु स्वीकृती प्रदान की गई है? कितनी सड़कों/पुल-पुलियाओं के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र अनुसार माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को प्रेषित पंजीयन क्रमांक 4744/सी.एम.एस./एम.एल.ए. 165/2024 के संबंध में सड़कों एवं पुलिया निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गई? उक्त सड़कों एवं पुलियाओं की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सड़क गारंटी अवधि में है तथा उन सड़कों की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? सड़कवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितनी सड़कें मरम्मत योग्य हैं एवं उक्त सड़कों की मरम्मत कब तक कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जिला आगर-मालवा के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। उन्नयन एवं चौड़ीकरण हेतु दो कार्य द्वितीय अनुपूरक बजट वर्ष 2023-24 में सम्मिलित (1) आगर बायपास (2) मोडी से सोयतखुर्द मार्ग। लंबित प्रस्ताव की जानकरी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकरी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार जिसमें स.क्र. 8 पर पुल कार्य स्वीकृत है। शेष प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' एवं 'स' अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर में क्रय की गई सामग्री
[पशुपालन एवं डेयरी]
55. ( क्र. 1206 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर कीरतपुर जिला नर्मदापुरम में भूसा जो कि किसानों से 700/- प्रति क्विंटल खरीदा जा रहा था, उसे समलमान खान श्री साईं ट्रेडर्स से 950/- प्रति क्विंटल का टेंडर जारी कर खरीदा गया? यदि हाँ, तो कितनी मात्रा में खरीदा गया? (ख) निविदा किन अधिकारियों द्वारा निकाली गई? निविदा की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) आज दिनांक तक कुल कितना भूसा श्री साईं ट्रेडर्स से खरीदा गया? (घ) क्या कम दाम पर स्थानीय स्तर पर भूसा उपलब्ध होने के बाद भी अधिक दाम पर क्रय किया गया?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर कीरतपुर, जिला नर्मदापुरम द्वारा म.प्र. भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 (यथा संशोधित-2022) के नियम 09 अनुसार तात्कालिक अनुमानित आवश्यकता 300 क्विंटल होने के कारण भावपत्र आमंत्रित कर विभागीय क्रय समिति की अनुशंसा पर स्थानीय किसानों से रु. 700/- (सात सौ) प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ भूसा क्रय किया जा रहा था। चूंकि राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर कीरतपुर अंतर्गत उपलब्ध पशुओं हेतु गेहूँ भूसा की आवश्यकता अत्यधिक होने के कारण एवं मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 (यथा संशोधित -2022) के नियम 10.1.1 के अनुसार क्रय की जाने वाली सामग्री तथा सेवाओं का अनुमानित मूल्य रूपये 2.50 लाख (दो लाख पचास हजार मात्र) से अधिक होने अथवा नियम 9 में निर्धारित पद्धति से क्रय करना संभव अथवा नियम वांछनीय न होने की दशा में खुली निविदा के माध्यम से क्रय की कार्यवाही की जाना है। तदानुसार खुली निविदायें आमंत्रित की गई, जिसमें श्री सलमान खान की निविदा न्यूनतम दर रु. 950/- (नो सौ पचास रु.) प्रति क्विंटल प्राप्त हुई। गेहूँ भूसे के लिए प्रकाशित निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर 950/- (नो सौ पचास रु.) पर राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर कीरतपुर द्वारा अति आवश्यकता की स्थिति में उक्त दर पर मात्र 143.5 क्विंटल गेहूँ भूसा क्रय किया गया है। (ख) गेहूँ भूसा क्रय हेतु अनुमानित मात्रा 7000 क्विंटल का निविदा प्रस्ताव कीरतपुर में संचालित 02 संस्थाओं के प्रबंधकों क्रमशः डॉ. एल.पी. अहिरवार, पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कीरतपुर इटारसी एवं डॉ. पवन सिसोदिया, राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर कीरतपुर, इटारसी द्वारा सम्मिलित रूप से दिया गया, तदानुसार निगम मुख्यालय द्वारा निविदा जारी की गयी। निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री साईं ट्रेडर्स से भूसा क्रय नहीं किया गया है, तो मात्रा का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) प्रकाशित निविदा में दर अधिक होने के कारण अति आवश्यकता की स्थिति में राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर की मांग 4000 क्विंटल के विरूद्ध मात्र 143.5 क्विंटल गेहूँ भूसा क्रय किया गया। तदुपंरात अनुमोदन पश्चात राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर कीरतपुर की आवश्यकतानुसार वर्तमान में स्थानीय किसानों से ही भूसा क्रय किया जा रहा है।
भू-खण्ड का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1231 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी के पत्र क्र./2130/रीडर/2022 दिनांक 21/03/2022 के बिंदु क्रमांक 07 अनुसार जो भू-खण्ड बन्धक रखे गए हैं, उसमें से कई भू-खण्ड कलेक्टर कार्यालय की अनुमति के बिना किस आधार पर विक्रय कर दिये गये? (ख) उत्तर दिनांक तक श्री बालाजी हाइटेक सिटी ग्राम पीपरी तह. ठीकरी में कुल कितने भू-खण्ड विक्रय कर दिये गये हैं? उनके भू-खण्ड क्रमांक, रकवा सहित देवें। बंधक रखे गये भू-खण्डों में से जो भू-खण्ड विक्रय कर दिये गये हैं, उनके क्रमांक भी पृथक से देवें। बंधक रखे गये भू-खण्डों के विक्रय की कलेक्टर बड़वानी कार्यालय से प्राप्त समस्त अनुमतियों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ग) कार्यालय सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश खरगोन एवं बड़वानी द्वारा अनुमोदित अभिन्यास दिनांक 15/12/2021 पृ.क्रमांक/1534/पी.पी.पी.-12/ नग्रानि/2021 में दर्शायी वॉल बाउण्ड्री के स्थान पर उपरोक्त कॉलोनाईजर द्वारा पुरानी MPEB के पास बाउण्ड्रीवॉल न बनाकर आवागमन हेतु मार्ग किस अनुमति से प्रयुक्त हो रहा है? अनुमति की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) यदि अनुमति नहीं है तो यह मार्ग कब तक बन्द कर दिया जायेगा? यदि नहीं, बन्द किया जाता है तो कॉलोनी की स्वीकृति कब तक निरस्त की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कार्यालय कलेक्टर, जिला बड़वानी के प्रश्नांकित पत्र के द्वारा कॉलोनी विकास की अनुमति प्रदान की गई थी एवं दिनांक 15.03.2024 को कार्य-पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया गया। कार्यपूर्ति प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए न्यायालय कलेक्टर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0001/अ-21/2023-24 में दिनांक 15.03.2024 को पारित आदेश के अनुसार कॉलोनी में भू-खण्ड के विक्रय की अनुमति प्रदान की गई। (ख) उप पंजीयक, राजपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार 38 भू-खण्डों के विक्रय पत्र का पंजीयन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। निर्मुक्त किये गये बंधक भू-खण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। उत्तरांश (क) अनुसार कार्यपूर्ति प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अनुमोदित कॉलोनी के अभिन्यास में कॉलोनी की भूमि की चतुर्सीमा दर्शायी जाती है, कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी की चतुर्सीमा में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की अनुमति कार्यालय कलेक्टर, बड़वानी द्वारा प्रदान नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) एवं (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 1232 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग को माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र पंजीयन क्र. 5825/CMS/MLA/188/ 2024 दिनांक 25/10/24 को प्रेषित किया गया। इस पर उत्तर दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रेषित पत्र की प्रमाणित प्रति भी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार कार्य स्वीकृत करने के लिए विभाग ने उत्तर दिनांक तक जो पत्राचार किया हो उसकी भी प्रमाणित प्रति देवें। (ग) कब तक उपरोक्त कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ कर दिये जाएगें? समय-सीमा देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र, पंजीयन क्रमांक-5825/CMS/ MLA/188/2024, दिनांक 25/10/2024, के परिप्रेक्ष्य में विभाग के पत्र क्रमांक एफ 13-08/2024/तेरह, दिनांक 07/11/2024 द्वारा प्रकरण में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर संबंधितों एवं विभाग को कृत कार्यवाही से अवगत कराने हेतु प्रबंध संचालक, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया है एवं उक्त पत्र की प्रति माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को भी पृष्ठांकित की गई है। विभाग के पत्र के तारतम्य में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय कार्यालय इन्दौर के पत्र क्रमांक/प्रनि/पक्षे/08-03/17390, दिनांक 02/12/2024 द्वारा मुख्य अभियंता, इन्दौर क्षेत्र, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रकरण में उल्लेखित मांगों पर परीक्षणोपरान्त नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में प्रकरण में क्षेत्रीय कार्यालय इन्दौर एवं कार्यालय अधीक्षण यंत्री (संधा./संधा.) वृत्त बड़वानी में परीक्षण/कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्नाधीन चाहे गए पत्र की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार की गई पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन पत्र में उल्लेखित विद्युतीकरण के कार्यों का परीक्षण म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय/मैदानी कार्यालय स्तर पर किया जा रहा है। अत: विद्युतीकरण कार्यों को प्रारंभ किये जाने हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1245 ) श्री मधु भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-बालाघाट म.प्र. गृह निर्माण अधोसंरचना विभाग (हाउसिंग बोर्ड) में विगत 5 वर्षों से कौन-कौन से कार्य किए जाने हेतु स्वीकृत किए गए? किस मद में कितनी राशि का आवंटन हुआ? तिथिवार, कार्यवार, विकासखंडवार, कालमवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में निर्माण के संबंध में मौखिक/लिखित/अन्य रूप से अनियमितता तथा निम्न स्तर के कार्य किए जाने की शिकायत किस-किस तिथि को किन के द्वारा की गई? उक्त शिकायतों का निराकरण किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की निविदा किस-किस तिथि को जारी हुई तथा एस्टीमेट क्या था? निविदाकार सहित किए गए कार्यों का वर्णन दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। समस्त कार्यों की भौतिक स्थिति वर्तमान में क्या है? (घ) उपरोक्त कार्यों में किस-किस कार्य एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किस-किस तिथि को किस कार्य हेतु किया गया? बिल वाउचर सहित लेजर की प्रतियां उपलब्ध करावें। उपरोक्त कार्यों में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कौन से कार्य प्रगतिरत हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण हैं? पूर्णता की तिथि बताएं एवं भुगतान की स्थिति बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) कार्य के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
अवैध कॉलोनी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1249 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत कितनी अवैध कॉलोनियां निर्मित हैं? नगर पालिका/नगर पंचायत/ग्रामवार नाम बतावें। क्या कॉलोनाईजर द्वारा अवैध रूप से कॉलोनी बनाकर रजिस्ट्री करवा ली जाती है? (ख) यदि हाँ, तो इन अवैध रूप से बनाई जा रही कॉलोनी के कॉलोनाईजर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या अवैध कॉलोनी निर्माण के विरूद्ध शासन स्तर कार्यवाही करने के संबंध में कोई अभियान चलाया जाना निर्धारित है? अवैध कॉलोनी निर्माण को बढ़ावा देने के लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत नगरीय क्षेत्र नगर पालिका परिषद् पन्ना में दिनांक 31.12.2016 के पूर्व अस्तित्व में आई 27 अनधिकृत कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। उक्त उल्लेखित अवधि के बाद निर्मित अनधिकृत कॉलोनियों के चिन्हांकन हेतु नगर पालिका परिषद् पन्ना द्वारा सर्वेक्षण कराया जा रहा है, नगर परिषद् अजयगढ़ में अनधिकृत कॉलोनी निर्मित नहीं पाई गई। पन्ना विधानसभा अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जी हाँ, अनधिकृत कॉलोनी के विकासकर्ताओं द्वारा कॉलोनी के भू-खण्डों के विक्रय पत्रों का पंजीयन कराया जाता है। (ख) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में विहित प्रक्रिया के अनुसार नगर पालिका परिषद् पन्ना में दिनांक 31.12.2016 के पूर्व अस्तित्व में आई चिन्हित 27 अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुमति प्रदान करने की प्रचलित कार्यवाही के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी अर्थात कलेक्टर, जिला पन्ना द्वारा 27 अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही हेतु पुलिस थाने में शिकायत प्रेषित की गई है एवं नगरीय क्षेत्र पन्ना में प्रचलित सर्वेक्षण में अनधिकृत कॉलोनी पाए जाने पर म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 339-ग के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। (ग) राज्य सरकार द्वारा म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 बनाए गए हैं, जिसमें नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत अनधिकृत कॉलोनियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए जिला कलेक्टर को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है। अनधिकृत कॉलोनियों का निर्माण संज्ञान में आने पर उनके विरूद्ध सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही करने के प्रावधान नियम, 2021 में रखे गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार अनधिकृत कॉलोनी के निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण कार्य हेतु पुनः निविदा का आमंत्रण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 1252 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुंदलहा से मडैयन मार्ग (लम्बाई 6.8 कि.मी.) की स्वीकृति लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-43/14/2021/19/यो-2965 भोपाल दिनांक 04.10.2021 द्वारा प्रदान की गई थी, जिसकी अनुमति वन विभाग से अपेक्षित होने के कारण, संविदाकार द्वारा राजस्व क्षेत्र में भी काम न लगाकर अनुबंध निष्पादन में असमर्थता व्यक्त करने के कारण लोक निर्माण विभाग पन्ना द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3507 दिनांक 14.11.2024 को निविदा निरस्त किये जाने की अनुशंसा का प्रस्ताव मुख्य अभियंता को भेजा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो क्या संविदा निरस्त कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक संविदा निरस्त कर पुनः निविदा आमंत्रित की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। वन विभाग से अनुमति प्राप्त होते ही उपरोक्त मार्ग निर्माण कार्य की पुनः निविदा आमंत्रित की जावेगी।
आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 1255 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने हेतु किस कंपनी को कितने वर्षों के लिए ठेका दिया गया है? कंपनी का नाम, पता, ई-मेल एवं कॉन्टेक्ट नंबर की जानकारी, उनके साथ किए गए एग्रीमेंट की छायाप्रति के साथ उपलब्ध करायें। (ख) दतिया जिले में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कुल कितने पद स्वीकृत हैं और उनके प्रति कितने आउटसोर्स कर्मचारी लगाए गए हैं? उनके नाम, बैंक खाता नंबर, आधार एवं विगत माह की उपस्थिति पंजी की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) जिन आउटसोर्स कर्मिकों के नाम उपस्थिति पंजी में दर्ज हैं उनको वेतन का नगद भुगतान किया जाता है अथवा ई-पेमेंट से? उनका ई.पी.एफ. काटा जाता है कि नहीं? उनके ई.पी.एफ. के ई.सी.आर. चालान की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या आउटसोर्स कर्मचारियों से गृह कार्य एवं ड्राईवरी का कार्य नियम विरुद्ध कराया जा रहा है? क्या जिन के नाम उपस्थिति पंजी में हैं, उनके स्थान पर अन्य व्यक्ति कार्य में संलग्न हैं? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं, तो जांच करायें। दिनांक 01/04/2023 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दतिया जिला अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में बाहृय स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिक उपलब्ध कराये जाने हेतु एल.ओ.ए. क्रमांक एमडी/एमके/एचआर-IV/टीएस-849/एलओए/10769, भोपाल, दिनांक 17.03.2023 द्वारा दो वर्षों (अवधि दिनांक 01.04.2023 से दिनांक 31.03.2025 तक) के लिये मेसर्स टी. एण्ड एम. सर्विसेस कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को अनुबंधित किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी नाम, पता, ईमेल एवं कॉन्टेक्ट नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त सेवा-प्रदाता एजेंसी के साथ किये गये अनुबंध (एग्रीमेंट) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में 486 बाह्य स्त्रोत कार्मिकों को रखे जाने की स्वीकृति है एवं जिसके विरूद्ध 483 बाह्य स्त्रोत कार्मिक वर्तमान में कार्यरत हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी नाम, बैंक खाता नंबर एवं आधार नंबर सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। विगत माह-सितम्बर 2024 की बाह्य स्त्रोत कार्मिकों की उपस्थिति पंजी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन जिले में कार्यरत बाह्य स्त्रोत कार्मिकों की उपस्थिति के आधार पर सम्बंधित एजेंसी द्वारा वेतन का भुगतान ऑनलाइन किया जाता है तथा वेतन अनुसार ही ई.पी.एफ. का कटौत्रा किया जाता है। माह सितम्बर 2024 में प्रश्नाधीन क्षेत्र के विभिन्न कार्यालयों से प्राप्त उपस्थिति पत्रक में कार्यरत 483 बाह्य स्त्रोत कार्मिकों में से 10 बाह्य स्त्रोत कार्मिकों की माह में पूर्ण अनुपस्थिति होने के कारण संबंधित बाह्य स्त्रोत सेवा-प्रदाता एजेन्सी द्वारा 10 कार्मिकों का ई.पी.एफ. का कटौत्रा नहीं किया गया है। शेष 473 बाह्य स्त्रोत कार्मिकों के ई.पी.एफ. का कटौत्रा की ई.सी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन जिले में बाह्य स्त्रोत कार्मिकों से वितरण कंपनी/विभागीय कार्य ही कराया जाता है। उपस्थिति पंजी में दर्ज बाह्य स्त्रोत कार्मिकों के स्थान पर अन्य व्यक्ति द्वारा कार्य नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
अल्पसंख्यक संस्थाओं पर कार्यवाही
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
62. ( क्र. 1256 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर एवं खंडवा जिले में कुल कितने स्कूलों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग एवं म.प्र शासन पिछड़ा वर्ग विभाग के द्वारा मान्यता प्रदान की गई है? उनकी सूची देवेंl (ख) उक्त स्कूलों में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कुल दर्ज संख्या कितनी थी? दर्ज संख्या के संबंध में स्कूल का कक्षावार छात्र उपस्थित रजिस्टर, मैपिंग सूची, अल्पसंख्यक विद्यार्थी की सूची और उसमें से कितने विद्यार्थी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं, दर्ज संख्या में से कितने प्रतिशत विद्यार्थी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं की जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त स्कूलों के पास मध्यप्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक/एफ/4/5/0001/2023/54-2 भोपाल दिनांक 25.05.2023 के निर्देशानुसार कम से कम 25 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थी द्वारा प्रवेश रखने के नियम का पालन नहीं किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग जिला कलेक्टर के माध्यम से इन स्कूलों पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाएगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) जिला अशोकनगर की अल्पसंख्यक स्कूल तारा सदन के संदर्भ में जिला कलेक्टर के अभिमत से अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या एवं विभाग के छात्रों के प्रतिशत का प्रमाण-पत्र देवें। क्या जिला कलेक्टर ऐसी फर्जी संस्था पर दंडात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) म.प्र. शासन पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जिला अशोकनगर में शैक्षणिक संस्था संस्कृति इन इंग्लिश मीडियम स्कूल को स्थायी अल्पसंख्यक मान्यता प्रमाण-पत्र वर्ष 2018 में जारी किया गया है, खण्डवा जिला अंतर्गत विभाग द्वारा किसी भी संस्था को अल्पसंख्यक मान्यता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग द्वारा जारी मान्यता प्रमाण-पत्र की जानकारी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग, नई दिल्ली से संबंधित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) तत्समय जारी अल्पसंख्यक मान्यता प्रमाण-पत्रों के लिये नियमों में 25 प्रतिशत अल्पसंख्यक विद्यार्थियों का प्रावधान नहीं था। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शैक्षणिक संस्था स्कूल तारा सदन को पिछडा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक मान्यता प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्क प्लान के तहत कराये गये कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 1260 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा जिला जबलपुर अंतर्गत वर्क प्लान के तहत जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस वितरण केन्द्र में क्या-क्या कार्य कराये गये? संपूर्ण विवरण सहित संभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला जबलपुर हेतु कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? उसमें कितने नये ट्रांसफार्मर रखे गये? कितने ट्रांसफार्मरों में क्षमता वृद्धि की गई? कितने उन्नयन किये गये एवं किन-किन ग्रामों के विद्युत केबल बदले गये? वितरण केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्य कराये जाने हेतु किन-किन ग्रामों के प्रस्ताव विभाग को दिये गये? प्रस्ताव अनुसार विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत जिला जबलपुर में वार्षिक कार्ययोजना के तहत प्रश्नाधीन अवधि में वितरण केन्द्रों के अंतर्गत कराये गये कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी संचा./संधा. संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु जबलपुर जिले के लिए वार्षिक कार्ययोजना के तहत रूपये 92.14 करोड़ राशि का आवंटन किया गया, जिसके अंतर्गत प्रश्नाधीन जिले में 466 ट्रांसफार्मर (वितरण/पावर ट्रांसफार्मर) लगाये गये एवं 358 (वितरण/पावर ट्रांसफार्मर) ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/उन्नयन किया गया, जिसकी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है तथा प्रश्नाधीन अवधि में ग्रामों में विद्युत केबल बदले जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त पत्र एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
विद्युत वितरण केन्द्र की जानकारी
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 1262 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कितने वितरण केंद्र हैं यहां कौन-कौन कार्यालय सहायक सदस्य हैं? सूची केंद्रवार उपलब्ध कराई जाए। (ख) दतिया जिले में 2019 से प्रश्न दिनांक तक कृषि पंपों में हुई भार वृद्धि की विकासखण्डवार वार्षिक संख्यात्मक जानकारी से अवगत कराया जावे। (ग) पम्प फीडर पर कितने घंटे बिजली प्रदान करने के नियम हैं, जिसके प्रति 01 अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने घंटे इन्हें बिजली प्रदाय की जा रही है की माहवार औसतन जानकारी देवें। साथ ही आबादी फीडर से कहाँ-कहाँ पम्प फीडर जोड़े गए हैं? नियम सहित प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या दतिया के ग्रामीण वितरण केंद्र राजापुर स्थित माँ पीताम्बरा स्टोन क्रेशर पर दस्तावेजों में कनेक्शन काटकर विभाग के अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए की बिजली चोरी कराई गई, जिसका निरीक्षण भोपाल की टीम द्वारा किया गया, मीटर एवं सप्लाई चालू पाई गई। यदि हाँ, तो विभाग को इसमें कितना नुकसान हुआ और इस नुकसान का कौन-कौन जिम्मेदार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दतिया जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 12 वितरण केंद्र एवं 1 शहर जोन हैं, जिनमें कुल 07 कार्यालय सहायक कार्यरत हैं एवं इन कार्यालय सहायकों की वितरण केन्द्रवार पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) दतिया जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कृषि पम्प विद्युत कनेक्शनों में हुई भार वृद्धि की प्रश्नाधीन चाही गयी विकासखण्डवार एवं वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-' ब' अनुसार है। (ग) 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से माह नवम्बर, 2024 तक किये गये विद्युत प्रदाय की प्रश्नाधीन चाही गयी माहवार औसतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। आबादी फीडर से कृषि पम्प फीडर को जोड़कर विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है। तथापि क्षेत्रांतर्गत अतिवर्षा के कारण 11 के.व्ही. के 3 कृषि फीडरों यथा सिंधवारी, चकबेना, कुरधरा के पोल झुक जाने एवं तार टूटने से फीडरों पर हुए अतिभार के कारण भार प्रबंधन हेतु अस्थाई रूप से 11 के.व्ही. के 3 घरेलू (आबादी) फीडरों यथा सिंधवारी, सेंगुआ एवं बड़ोनी से उक्त कृषि फीडरों की क्रमश: ग्राम कुम्हेडी, पचेरा एवं पिरसुरा के पास से टेपिंग को जोड़कर क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सुचारू की गई थी। उक्त 11 के.व्ही. कृषि फीडरों में क्रमश: दिनांक 08.10.2024, दिनांक 18.09.2024 एवं दिनांक 13.09.2024 को सुधार कार्य पूर्ण कर उक्त पम्प फीडरों को आबादी फीडरों से पृथक कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया गया। (घ) दतिया ग्रामीण वितरण केंद्र के राजापुर स्थित माँ पीताम्बरा स्टोन क्रेशर पर बिजली चोरी किया जाना नहीं पाया गया है। माँ पीताम्बरा स्टोन क्रेशर के कनेक्शन का भोपाल की टीम द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया, अपितु महाप्रबंधक संचा./संधा. दतिया द्वारा बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण कनेक्शन को स्थायी रूप से विच्छेदित (पी.डी.सी.) किया गया है। उपभोक्ता द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति में विद्युत प्रदाय संहिता के प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही नहीं करते हुये एवं निर्धारित समयावधि में अस्थाई विच्छेदित नहीं किये जाने के कारण महाप्रबंधक (संचा.संधा.) वृत्त दतिया के विरूद्ध म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 29.11.2024 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। बकाया राशि वसूली की कार्यवाही नियमानुसार प्रक्रियाधीन है।
विकास कार्यों हेतु किए गए पत्राचार पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1263 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/यॉ.प्र./शा.7/ 2024/8299 एवं 8321 भोपाल, दिनांक 8/7/2024 के पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही के समस्त दस्तावेज एवं नोटशीट की प्रति देवें। (ख) पत्र क्रमांक 8299 एवं 8321 में उल्लेखित विकास कार्यों की स्वीकृती कब तक प्रदान की जाएगी? (ग) विभाग को प्रश्नकर्ता से संबंधित कितने पत्र प्राप्त हुए एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त पत्रों पर की गई कार्यवाही के समस्त दस्तावेज एवं नोटशीट की प्रति देवें। (घ) क्या धार जिले की समस्त नगर परिषद् एवं नगर पालिका में वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में विकास कार्यों हेतु विशेष निधि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो विशेष निधि प्रदाय की सूची प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्यों प्रदान नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) नगरीय निकाय से प्राप्त प्रस्ताव के परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
सड़कों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 1285 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में कितने सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सड़कों में कितने सड़कों का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है? निर्माण कार्य पर व्यय की गई राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मझौली बायपास, टिकरी-गिजवार-खाम्हघाटी पथरौला मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सुरखान से गिजवार वाया सिलवार मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
निर्माण कार्य के नक्शे की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1304 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना शहर में राजेन्द्र नगर से धवारी मोड़ तक रेल्वे की भूमि पर बनाये जा रहे आवासीय एवं कमर्शियल बिल्डिंग का नक्शा क्या नगर पालिका निगम के पास अनुमति हेतु प्रश्न तिथि तक पहुंचा है? नक्शे की प्रति दें। (ख) क्या एफ.ए. इन्डेक्स, एफ.ए. रेश्यो सहित क्या मापदण्ड/मानक निर्माण हेतु निर्धारित हैं? उक्त निर्माण कार्य जिस स्थान पर हो रहा हैं/होने वाला है, वहां पर नगर पालिका निगम/जिला प्रशासन/अन्य विभागों ने कमजोर वर्ग/अन्य हेतु दुकानें बनाकर उन्हें कितने वर्ष की लीज पर दिया गया हैं? राजेन्द्र नगर से धवारी मोड़ तक का विवरण दुकानवार दें। क्या उन्हें हटाने हेतु निगम/जिला प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया है? अगर हाँ तो प्रत्येक नोटिस की प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के होने वाले निर्माण स्थल पर पीने के पानी एवं सामान्य उपयोग के लिये पानी की व्यवस्था कहाँ से व कितनी-कितनी होगी/लगेगी? सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्या व्यवस्था होगी? क्या सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जायेगा? अगर हाँ तो कहाँ? अगर नहीं तो क्यों? कारण व नियम दें। डी.जे.बी. इन्फ्रा के द्वारा क्या उक्त नक्शा नगर निगम के पास अनुमति हेतु आया हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. ग्राम तथा नगर निवेश अधिनियम 1973 इण्डियन रेल्वे एक्ट 1890 (क्र. 9 सन् 1890) के अध्याय 03 के अधीन सकमों के संनिर्माण तथा अनुसरण के प्रयोजन के लिए रेल्वे प्रशासन के नियंत्रणाधीन भूमियों पर लागू नहीं है। (ख) जी नहीं। नगर पालिक निगम सतना द्वारा रेल्वे की भूमि पर दुकानें नहीं बनाई गई हैं। रेल्वे भूमि से लगी हुई नजूल भूमि पर राजेन्द्र नगर से धवारी चौराहे के बीच नगर निगम स्वामित्व की कुल 66 दुकानें निर्मित हैं। जिसमें से 63 दुकानों का आवंटन किया गया है। 03 दुकानें आवंटन हेतु शेष हैं। राजेन्द्र नगर से धवारी तक सड़क के किनारे निर्मित/निर्माणाधीन भवनों/झोपड़ियों/गुमटियां बनाकर अवैध निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध म.प्र. नगर पालिक निगम की धारा 293, 294 के अनुसार निर्माण स्वीकृति प्राप्त नहीं करने वालों को नोटिस जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार राजेन्द्र नगर से धवारी तक नगर निगम सतना द्वारा सीवर की पाइप-लाइन एवं पेयजल पाइप-लाइन बिछाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमित डी.पी.आर. तैयार करने पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1315 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के नगर परिषद् ब्यौहारी में अमृत 2.0 योजना अंतर्गत कार्य हेतु डी.पी.आर. नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल द्वारा तकनीकी स्वीकृति कार्यों हेतु प्रदान की गई? इस बाबत् नगर परिषद् से कार्ययोजना तैयार करने, स्थल निरीक्षण बाबत् संपर्क कर प्रस्ताव लिये गये। यदि हाँ, तो जानकारी दें। अगर नहीं तो इस बाबत् क्या निर्देश दिये जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अमृत 2.0 योजना के दिशा-निर्देशों की प्रति देते हुये बतावें कि स्वीकृति निर्माण कार्यों का संचालन कर पूर्ण कराये जाने बाबत् क्या निर्देश हैं? अनेक कार्यादेश किन की सहमति से जारी किये जाने हैं? नगर परिषद् ब्यौहारी के अध्यक्ष एवं परिषद् की इस बाबत् क्या भूमिका है? अगर नहीं है तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों को प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार संबंधित नगरीय निकाय से प्रस्ताव व चर्चा किये बगैर प्राथमिकता के तौर पर कौन से कार्य किन शर्तों व पहले कराये जाने चाहिये, इस बाबत् कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। मनमाने तरीके से कार्ययोजना तैयार कर तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई। इसमें संसोधन के साथ नगर परिषद् की सहभागिता बाबत् क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद् ब्यौहारी की डी.पी.आर. तैयार करने हेतु नियुक्त सलाहकार Setech India के द्वारा स्थल निरीक्षण कर डी.पी.आर. तैयार की गई है। डी.पी.आर. की अनुशंसा प्रेसिडेंट-इन-काउंसिल तथा जिला स्तरीय समीक्षा एवं निगरानी समिति (DLRMC) द्वारा किए जाने के उपरांत राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निविदा की स्वीकृति तथा प्रेसिडेंट-इन-काउंसिल (PIC) की अनुशंसा उपरांत नगर परिषद् द्वारा कार्यादेश जारी किए जाते हैं। मध्यप्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 3336/2/3/9/2023/18-3 दिनांक 27.09.2023 द्वारा अमृत 2.0 योजनांतर्गत परिषद् की प्रशासकीय एवं वित्तीय शक्तियां मेयर-इन-काउंसिल/प्रेसिडेंट-इन-काउंसिल में वेष्ठित की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1333 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा अंतर्गत विषयांकित मार्ग का कार्य अभी तक नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2020-21 से कार्य प्रारंभ होने वाले रोड का निर्माण यदि 2024 की समाप्ति तक भी नहीं हो पाया है? क्या इससे क्षेत्र की जनता परेशान नहीं हुई है? यदि हाँ, तो नैतिक उत्तरदायित्व के उल्लंघन के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्र.क्र. 1947 के उत्तर में यह उल्लेख किया गया था कि लो.नि.वि. संभाग पन्ना कार्यपालन यंत्री एवं एस.डी.ओ. लो.नि.वि. उप संभाग पन्ना द्वितीय द्वारा उक्त के संबंध में शासन/वरिष्ठ कार्यालय को प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया गया? क्या यह सिविल सेवा आचारण नियमों के विपरीत होने से कदाचारण है? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों/निर्देशों की अवहेलना करना कदाचार की श्रेणी में नहीं आता है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लिखित विधानसभा प्रश्न के उत्तर में लगभग 01 वर्ष 06 माह में जांच कर प्रस्तुत न करना आंशिक विलम्ब लेख किया गया है? क्या यह कदाचारण नहीं है? यदि हाँ, तो कोई कार्यवाही की जावेगी? उक्त जांच से संबंधित प्रमुख अभियंता कार्यालय में दिनांक 20.06.2024 को प्राप्त प्रतिवेदन पर परीक्षण उपरांत क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। प्रश्नाधीन कार्य की जांच प्रचलन में है। जांच पूरी होने पर ही नैतिक उत्तरदायित्व के उल्लंघन के लिये दोषी का निर्धारण किया जाना संभव होगा। (ख) जी हाँ। मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग सागर परिक्षेत्र, सागर द्वारा प्रश्नाधीन मार्ग की जांच हेतु जांच समिति गठित की गयी थी। अतः कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी, उपसंभाग पन्ना द्वितीय के प्रतिवेदन का कोई औचित्य नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो परीक्षणाधीन है।
सड़कों की गुणवत्ता की जांच
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 1334 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा अन्तर्गत सकारिया से डिघौरा एवं अमानगंज बायपास सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदारों द्वारा सही गुणवत्ता के आधार पर निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो गुणवत्ता की जांच विभाग द्वारा कब-कब की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क निर्माण कार्य में घटिया लाइम स्टोन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे गई जगह रोड खराब हो रही है? उक्त सड़कों की जांच करने हेतु इस कार्यालय के पत्र क्रमांक PAN/GUN/2024/05/04 दिनांक 04/05/2024 से संविदाकर के विरूद्ध जांच करने हेतु कलेक्टर महोदय पन्ना को पत्र भेजा गया था। उक्त पत्र के अनुसार क्या कार्यवाही की गई है? क्या उक्त जांच की प्रति प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई गई है? (ग) क्या विधानसभा गुनौर की गुणवत्ता रहित सड़कों की जांच नहीं की जा रही है और न ही संविदाकरों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है? क्या इसमें विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता नहीं है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (सकारिया से डिघौरा मार्ग निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना द्वारा एवं अमानगंज बायपास मार्ग निर्माण कार्य मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा किया जा रहा है।) जी हाँ। मार्ग निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण समय-समय पर किया जाता है। अमानगंज बायपास मार्ग का कुछ भाग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ जो अनुबंधानुसार ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर पुन: निर्माण कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, जी नहीं। जी हाँ। प्रश्नाधीन मार्ग निर्माण में उपयोग की गई गिट्टी का परीक्षण प्रयोगशाला से कराया गया जो गुणवत्तापूर्ण पाया गया। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। ठेकेदार को नोटिस दिये गये है। प्राप्त उत्तर परीक्षणाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 1339 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विधानसभा क्षेत्र के रिठौरा-नरसिंहपुर मार्ग निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री का गुणवत्ता परीक्षण परिणामों की प्रामाणिकता को लेकर क्या संदेह है? क्या ये परिणाम केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए किए गए हैं? यदि नहीं, तो इसकी पुनः जांच क्यों नहीं कराई गई? (ख) इस निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा अनेक अनियमितताएं की गई हैं? क्या ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत परीक्षण परिणाम कूटरचित हैं और क्या विभाग के अधिकारियों द्वारा इनकी पुष्टि की गई है? (ग) इस मामले में लोक निर्माण विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जायेगी? क्या मुख्य तकनीकी परीक्षक से जांच कराई जानी चाहिए और ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) मुरैना विधानसभा क्षेत्र के रिठौरा-नरसिंहपुर मार्ग निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या यह कार्य गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप पूरा हुआ है या इसमें सुधार की आवश्यकता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शिकायत प्राप्त होने पर शासन के निर्देश पर अधीक्षण यंत्री ग्वालियर की अध्यक्षता में कमेटी के द्वारा जांच की गई। (ख) जी हाँ। मार्ग के कुछ आयटम के कार्य मानक अनुसार नहीं पाये गये है। जी हाँ। (ग) विभाग द्वारा जांच करायी गई है। जांच परिणाम अनुसार कार्यवाही की जा रही है एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध आरोप पत्र तैयार किये जा रहे है। चूंकि कमेटी द्वारा जांच की गई है, इसीलिए मुख्य तकनीकी परीक्षक से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु मुख्य अभियंता, ग्वालियर द्वारा पत्र दिनांक 3/12/2024 से कालीसूची के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (घ) यह मार्ग जनवरी 2024 में पूर्ण होकर परफॉरमेंस गारंटी के अंतर्गत है। जी नहीं। जी हाँ।
मुरैना नगर निगम में अनियमितता की शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1340 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर निगम में सीवर लाइन, पानी की पाइप-लाइन और सड़क निर्माण जैसे विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता/भ्रष्टाचार के आरोप क्यों लग रहे हैं? क्या निगम के अधिकारी विकास कार्यों की गुणवत्ता के बजाय व्यक्तिगत लाभ पर अधिक ध्यान दे रहे हैं? (ख) मुरैना शहर में सड़कों की खराब स्थिति, सीवरेज सिस्टम की समस्या, पानी की कमी और स्वच्छता की कमी जैसी मूलभूत समस्याएं क्यों बनी हुई हैं? नगर निगम इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या प्रभावी कदम उठा रहा है? (ग) मुरैना शहर में बार-बार खुदाई के कारण लोगों को यातायात की समस्या, मकानों को नुकसान और दैनिक जीवन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम विकास कार्य करते समय इन समस्याओं को कम करने के लिए क्या उपाय कर रहा है? (घ) मुरैना नगर निगम में सीवर लाइन परियोजना में भारी भ्रष्टाचार के आरोप क्यों लग रहे हैं? क्या इस परियोजना में शामिल ठेकेदारों और निगम के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है? इस भ्रष्टाचार के कारण शहरवासियों को क्या-क्या नुकसान उठाना पड़ रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, यह कहना सही नहीं है। जी नहीं। (ख) मुरैना नगरीय क्षेत्र में वर्तमान में शहर के आधे भाग में ही सीवर प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया गया है, जो कि सुचारू रूप से कियाशील है। शहर के शेष भाग में सीवर प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. अमृत 2.0 योजना के अन्तर्गत तैयार की गई है, जिसकी निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। नगरीय क्षेत्र में वर्तमान में ट्यूबवेल के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही चम्बल नदी पर आधारित पेयजल योजना क्रियान्वित की जा रही है। पेयजल प्रदाय व्यवस्था में वर्तमान में कोई कमी नहीं है। स्वच्छता के लिये निगम अमला पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है एवं निगम द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण तथा कचरे का निष्पादन तत्परता से कराया जा रहा है। (ग) नगरीय क्षेत्र में वर्तमान में चम्बल नदी पर आधारित पेयजल योजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेन्ट कम्पनी के माध्यम से कराया जा रहा है। पाइप-लाइन डालने के पश्चात मार्ग के क्षतिग्रस्त भाग को शीघ्रातिशीघ्र मोटरेबल किया जाता है तथा पाइप की टेस्टिंग के पश्चात शीघ्र रेस्टोरेशन का कार्य किया जा रहा है। विकास कार्यों के दौरान समस्याओं का समय-सीमा में निराकरण कराया जाता है तथा नागरिकों को कम से कम असुविधा हो इसके समुचित प्रबन्ध किये जाते हैं। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर-चबंल संभाग में गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
73. ( क्र. 1345 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर-चबंल संभाग के जिलों में कितनी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा गौशाला संचालित की जा रही है? इन गौशालाओं में कितने गौवंश रखने की क्षमता है तथा वर्तमान में कितनी गौवंश रखी जा रही हैं? जिलेवार जानकारी दी जावे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) की गौशालाओं में क्षमता से ज्यादा गौवंश होने के कारण बड़ी संख्या में गौवंश की मृत्यु हो रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 40 रूपये प्रति गौवंश प्रतिदिन के मान से अनुदान राशि देने की घोषणा की है? क्या उक्त घोषणा का पालन किया जा रहा है? (घ) मुख्यमंत्री जी की घोषणा के बाद भी गौशालाओं को प्रतिमाह अनुदान की राशि क्यों नहीं दी जा रही है तथा प्रतिमाह अनुदान की राशि कब से दी जावेगी?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। सक्षम स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) सक्षम स्वीकृति उपरांत स्वीकृति अनुसार राशि दी जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेंशन प्रकरणों का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 1346 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर एवं मुरैना में विगत् 10 वर्ष में किस श्रेणी के कितने कर्मचारी/अधिकारी सेवानिवृत हुये हैं? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी दी जावे। (ख) सेवानिवृत्त होने की दिनांक पर कर्मचारी को किन-किन स्वत्वों का भुगतान किया जाना होता है? शासन के निर्देश/नियम सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित कितने कर्मचारियों/अधिकारियों को किन-किन स्वत्वों का भुगतान सेवानिवृत्ति दिनांक को दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में अंकित कितने शासकीय सेवकों को किन-किन स्वत्वों का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया है एवं इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है और जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वलियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार एवं नगर पालिक निगम, मुरैना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) सेवानिवृत्त कर्मचारी का निम्नानुसार स्वत्वों का भुगतान किया जाना होता हैः-
क्र. |
01.01.2005 से पूर्व नियुक्त कर्मचारी |
01.01.2005 से नियुक्त कर्मचारी |
1 |
जी.पी.एफ. |
एन.पी.एस. |
2 |
एफ.बी.एफ. |
एफ.बी.एफ. |
3 |
अवकाश नगदीकरण |
अवकाश नगदीकरण |
4 |
ग्रेज्युटी |
- |
5 |
पेंशन |
- |
(ग) उतरांश (क) अनुसार है। (घ)
नगर पालिक निगम ग्वालियर |
नगर पालिक निगम मुरैना |
नगर पालिक निगम ग्वालियर अंतर्गत सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को सेवानिवृत्त उपरांत यथाशीघ्र समस्त स्वत्वों का भुगतान किया जाता है। कुछ प्रकरणों में अपराधिक प्रकरण/न्यायलयीन प्रकरण/निगम आवास रिक्त न होने/निकट समय से सेवानिवृत्त होने से भुगतान कार्यवाही गतिशील होने के कारण भुगतान लंबित है। विस्तृत कर्मचारीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। इसलिये कोई जिम्मेदार नहीं है। |
नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को यथाशीघ्र भुगतान किया जाता है किन्तु निकाय की वित्तीय स्थिति ठीक न होने से विलम्ब से भुगतान किया जाता है। वित्तीय स्थिति ठीक होने पर पूर्ण भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। इसके लिये कोई उत्तरदायी नहीं है। |
नगर
पंचायतों के
विकास की
योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 1348 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कितनी नगर पंचायतें हैं? प्रत्येक नगर पंचायत को वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कितनी-कितनी राशि विकास कार्यों हेतु स्वीकृत की गई है? वर्षवार एवं नगर पंचायतवार जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली नगर पंचायतों को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में दी गई राशि में से कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई? कार्यवार, वर्षवार जानकारी दें। (ग) क्या भितरवार विधान सभा क्षेत्र की आंतरी एवं मोहना नवीन नगर पंचायतें हैं? इनमें विकास कार्यों हेतु विशेष कार्ययोजना तैयार किया जाना आवश्यक है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ग्वालियर जिले में 5 नगर पंचायतें हैं। शेषांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत मोहना एवं भितरवार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। आंतरी व मोहना नगर पंचायतों में कायाकल्प योजना, अमृत 2.0 एवं मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना चतुर्थ चरण योजना प्रचलित है।
प्रधानमंत्री आवास के पात्र हितग्राहियों के नाम हटाए जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1353 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया नगरपालिका एवं बड़ौनी नगर पंचायत द्वारा प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना वर्ष 2018 में सर्वे कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त सर्वे सूची एवं समस्त डी.पी.आर. की प्रतियां प्रदान करें। (ख) क्या न.पा. दतिया एवं बड़ौनी नगर पंचायत की सर्वे सूची एवं डी.पी.आर. में आवास हेतु हितग्राहियों के नाम स्वीकृत होने की पात्रता के बाद भी उनको आवास आवंटित नहीं किये गये? यदि हाँ, तो स्वीकृति उपरांत पात्र हितग्राहियों के नाम किसके आदेश से हटाये गये? कृपया अलग-अलग संपूर्ण विवरण प्रदान करें। क्या हितग्राहियों के नाम हटाने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। नगर पालिका दतिया एवं नगर परिषद् बड़ौनी में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत सर्वे योजना अवधि में कराया गया है। अनुमोदित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है तथा समस्त डी.पी.आर. की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। केवल अपात्र एवं भूमिहीनों के नाम समर्पित किये गये हैं। समर्पित हितग्राहियों की कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
पोहरी क्षेत्रांतर्गत विद्युत सब-स्टेशनों की जानकारी
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 1355 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी अंतर्गत कुल कितने 33/11 के.व्ही. के विद्युत सब-स्टेशन विद्यमान हैं? विधानसभा क्षेत्र के कितने ऐसे स्थान हैं जहां क्षमता से कम के वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित हैं, जिससे वोल्टेज की कमी, ट्रांसफार्मर जल जाना आदि की समस्या से ग्रामीणों को घरेलू बिजली तथा खेतों में सिंचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में विगत 1 वर्ष से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने वितरण ट्रांसफार्मर जले, कितनों को पुन: स्थापित किया गया तथा कितने आवेदन संबंधित मैदानी अभियंताओं को वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार कंपनी द्वारा विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां क्षमता से कम के ट्रांसफार्मर हैं, उन ग्रामों का सर्वे कर क्षमता वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी के समस्त ग्रामों, मजरा, टोला, बस्तियों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? विद्युत विहीन ग्रामों का विवरण एवं इन गांव में कब तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी? (ङ) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी अंतर्गत वर्तमान में किन-किन योजनाओं के विद्युत संबंधी निर्माण कार्य एवं नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाइन बिछाने का कार्य कहाँ-कहाँ चल रहा है? संपूर्ण जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-24 पोहरी अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के कुल 23 विद्युत उपकेन्द्र (सब-स्टेशन) विद्यमान हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू एवं कृषि पम्प कनेक्शन के स्वीकृत भार अनुसार उचित क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। वोल्टेज की कमी अथवा वितरण ट्रांसफार्मर के जलने संबंधी सूचना म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त होने पर वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार वोल्टेज की समस्या का निराकरण एवं जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जाती है। पोहरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपयोग एवं सिंचाई हेतु अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार निर्धारित समयावधि हेतु सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत विगत 01 वर्ष में (दिनांक 01 नवम्बर 2023 से दिनांक 25 नवम्बर 2024 तक) 28 ग्रामों में कुल 47 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए हैं। उक्त सभी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है। संबंधित मैदानी अधिकारियों को वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कुल 47 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 31 प्रकरणों में क्षमता वृद्धि के कार्यों को नियमानुसार स्वीकृत किया गया है एवं शेष 16 आवेदनों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत भार अनुसार उचित क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। तथापि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत समय-समय पर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता की समीक्षा की जाती है। साथ ही भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/स्वीकृत किये जाते हैं। इसमें नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के साथ-साथ ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्यों हेतु भी प्रावधान किया जाता है, ताकि भविष्य में पर्याप्त बिजली हेतु आवश्यक विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध हो सके। (घ) जी हाँ, प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों एवं उनके संसूचित मजरों/टोलों/बस्तियों में अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर राज्य शासन के नियमानुसार 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में केन्द्र शासन की पी.वी.टी.जी. एवं आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत ग्रामों में विद्युत अधोसंरचना यथा नवीन ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सी.एम. राइज स्कूल के निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 1357 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी अंतर्गत सी.एम. राइज स्कूल, पोहरी एवं नरवर में निर्माण हो रहा है? यदि हाँ, तो यह निर्माण कार्य किस ठेकेदार को किस दिनांक को सौंपा गया और कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा कार्य को पूरा करने के लिए किस अवधि का अनुबंध किया गया एवं भवन निर्माण की जांच कब और किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? उनके नाम सहित आदेश की प्रति दें एवं एस्टीमेट, ड्राइंग, एस.ओ.आर., बी.ओ.क्यू. उपलब्ध करायें। (ख) निर्माण सामग्री का परीक्षण कब और किस दिनांक को किया गया एवं सामग्री और कंक्रीट पर किए गए परीक्षण जैसे- स्लम्प टेस्ट, कम्प्रेशन टेस्ट, फ्लेक्सुरल टेस्ट, कंक्रीट की दबाव सहनशीलता, खिंचाव और अन्य जांच तथा सीमेंट, स्टील, रेत, ईंट, गिट्टी की जांच की गई? यदि हाँ, गुणवत्ता प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस व्यक्ति द्वारा, कब-कब और किस स्तर पर शिकायत की गई? विभाग द्वारा शिकायतों के निराकरण के लिए क्या कार्यवाही की गई? शिकायत की प्रति और निराकरण की प्रति उपलब्ध करायी जावे। (घ) क्या ठेकेदार ने अनुबंध के अनुसार निश्चित समयावधि, गुणवत्ता तथा मानकों के अनुसार कार्यों को पूर्ण किया है? यदि नहीं, तो, ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही कब और किस दिनांक तक की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा अनुबंधित अवधि में गुणवत्ता तथा मानक अनुसार निर्माण पूर्ण किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन निर्माण कार्यां में फ्लायऐश ब्रिक (ईंट) का उपयोग
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 1359 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. द्वारा निर्मित किये जा रहे भवन निर्माण कार्यां में फ्लायऐश ब्रिक (ईंट) के स्थान पर ओपन भट्टा ब्रिक (ईंट) का उपयोग किये जाने हेतु जनप्रतिनिधि/अधिकारी द्वारा विभाग को कितने पत्र लिखे गये हैं? पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) जनप्रतिनिधि/अधिकारी द्वारा लिखे गये पत्रों पर लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. के अधिकारी द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या सागर जिले में फ्लायऐश ब्रिक (ईंट) का उपयोग विभाग की किन-किन भवनों में कार्य एजेन्सी द्वारा किया गया है तथा क्या उन भवनों में इसके उपयोग उपरांत भवन में क्रेक/दरारें या अन्य कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) क्या प्रमुख अभियंता (भवन) द्वारा सागर जिले में फ्लायऐश ब्रिक (ईंट) के स्थान पर ओपन भट्टा ब्रिक (ईंट) का उपयोग किये जाने की अनुमति जारी की गई? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें तथा कब तक अनुमति जारी की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग (भवन) सागर को कुल पांच पत्र प्राप्त हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। सागर जिले के हाई स्कूल भवन घूघर, चंद्रापुर, उदयपुरा, डोंगरसलैया, चारटोरिया में दिवारों में क्रेक्स होने की शिकायत प्राप्त हुई है। (घ) जी नहीं। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली के फ्लायऐश से संबंधित नोटिफिकेशन के क्रियान्वयन हेतु लिये गये निर्णयानुसार। म.प्र. में ताप विद्युत गृह की 100 मीटर की परिधि में फ्लायऐश ब्रिक्स का उपयोग किया जाना अनिवार्य किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है एवं तत्संबंध में शासन से प्राप्त निर्देशानुसार उत्पादन पद्धति लगभग शत्-प्रतिशत ग्रीन प्रौद्योगिक आधारित होने, निर्माण में अधिकाशंत: फ्लायऐश का उपयोग होने, ताप प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होने एवं प्लास्टर मटेरियल कम मात्रा में लगने के दृष्टिगत मिट्टी की ईंट (रेड ब्रिक्स) का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित करते हुये ए.सी.सी. ब्लॉक/फ्लायऐश ब्रिक्स उपयोग किया जाना अनिवार्य किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार सागर जिले में अनेक कार्यों में फ्लायऐश ब्रिक का उपयोग किया गया है, जिसमें से मात्र 4-5 कार्यों में क्रेक आने की जानकारी प्राप्त हुई है, जो पूर्णत: ईंट की गुणवत्ता आधारित न होकर अन्य कारण भी हो सकते है, जिसमें विस्तृत परीक्षण उपरांत ही निर्णय लिया जा सकता है।
नवीन उच्च दाब उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 1361 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र नरयावली के विभिन्न ग्रामों में मात्र 01, 33 के.व्ही. लाइन नरयावली जो कि जिला मुख्यालय के मकरोनिया 132/33 उच्च दाब उपकेन्द्र से निर्गमित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा उक्त लाइन से ही क्षेत्र के कृषि, घरेलू एवं अन्य उपभोक्ताओं को विद्युत सेवा उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युत लाइन के अलावा क्षेत्र में कोई भी वैकल्पिक 33 के.व्ही. लाइन नहीं है एवं पुरानी लाइन 33 के.व्ही. नरयावली नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया एवं नगर निगम के कुछ क्षेत्र से होकर गुजरती है? (ग) क्या 33 के.व्ही. नरयावली लाइन से ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ खुरई रोड स्थित गल्ला मण्डी एवं औद्योगिक क्षेत्र एवं 08 नग 33 के.व्ही. उच्च दाब उपभोक्ता ही विद्यमान है तथा भविष्य में उक्त क्षेत्र में अतिरिक्त विद्युत भार वृद्धि की संभावनाएं हैं? (घ) उक्त विद्युत लाइन में लगातार ओवर लोडिंग के कारण ट्रिपिंग आने से क्षेत्र में सतत् विद्युत प्रदाय नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या विभाग विद्यानसभा क्षेत्र नरयावली में 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु कोई कार्यवाही करेगा तथा विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न ग्रामों के कृषि, घरेलू एवं अन्य उपभोक्ताओं को 33 के.व्ही. के 3 फीडरों यथा - 33 के.व्ही. नरयावली फीडर, 33 के.व्ही. मोठी फीडर तथा 33 के.व्ही. भैंसा फीडर जो कि क्रमश: 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मकरोनिया एवं 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र राहतगढ़ से निर्गमित हैं, के द्वारा विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित 33 के.व्ही. नरयावली लाइन, नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया एवं नगर निगम के कुछ क्षेत्रों से होकर गुजरती है। (ग) जी हाँ। 33 के.व्ही. नरयावली लाइन से ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ खुरई रोड स्थित गल्ला मंडी, औद्योगिक क्षेत्र एवं 33 के.व्ही. के 7 उच्च दाब उपभोक्ता संबद्ध हैं तथा 01 उच्च दाब उपभोक्ता 33 के.व्ही. लाइन भैंसा से संबद्ध है। भविष्य में उक्त क्षेत्र में भार वृद्धि की संभावनाओं के दृष्टिगत 33 के.व्ही. सीहोरा लाइन का इंटर कनेक्शन कार्य आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत है। (घ) 33 के.व्ही. विद्युत लाइन नरयावली में ओव्हर लोडिंग की समस्या के दृष्टिगत, 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सागर से निर्गमित 33 के.व्ही. सीहोरा लाइन का इंटरकनेक्शन का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रगतिरत है, जो कि दिसंबर-2024 तक पूर्ण किया जाना है। उक्त कार्य के पूर्ण होने पर 33 के.व्ही. विद्युत लाइन नरयावली में ओव्हर लोडिंग की समस्या का समाधान हो जावेगा। अत: उक्त क्षेत्र में नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है।
अनधिकृत बस्तियों में मूलभूत सुविधाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1363 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार के पास प्रदेश की अनधिकृत बस्तियों को नियमित करने की क्या कोई योजना है? (ख) यदि हाँ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है? नहीं तो इसके कारण क्या हैं? (ग) सरकार ने प्रदेश भर में अनधिकृत बस्तियों में मूलभूत सुविधा प्रदाय करने हेतु क्या योजना बनाई है? (घ) भविष्य में ऐसी अनधिकृत बस्तियों को फैलने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं? (ड.) क्या सरकार की ऐसी अनधिकृत बस्तियों को अस्तित्व में आने से पहले रोकने की कोई नीति है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी विवरण क्या है? यदि कहीं अनधिकृत बस्ती अस्तित्व में आती है तो किसे जिम्मेदार माना जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, अपितु राज्य सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्र में निर्दिष्ट अवधि के पूर्व अस्तित्व में आई चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसरंचना प्रदान करने के प्रावधान किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में प्रावधान किये गये हैं जिसके अनुसार सक्षम प्राधिकारी अर्थात नगर निगम की स्थिति में आयुक्त, नगर निगम एवं नगर पालिका/नगर परिषद् की स्थिति में जिला कलेक्टर द्वारा नियम, 2021 के नियम 23 में विहित प्रक्रिया पूर्ण कराने के पश्चात संबंधित अनधिकृत कॉलोनी में नगरीय निकाय द्वारा नागरिक अधोसंरचना प्रदाय की जा सकती है। (घ) राज्य सरकार द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम में अनधिकृत कॉलोनी निर्माण के कारित अपराध के लिये दण्डात्मक कार्यवाही के उपबंध रखे गए हैं। (ड.) नगर पालिका अधिनियम में उपबन्धित किये गये अनुसार म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में अनधिकृत कॉलोनियों के विकास को रोकने एवं इनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिये सक्षम प्राधिकारियों को शक्तियाँ प्रदान की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नदियों में स्वच्छता बनाये रखने के उपाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 1364 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालयों, शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों से बहने वाली छोटी-बड़ी नदियों में स्वच्छता बनाये रखने के लिए किए जा रहे उपायों का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या सरकार का इस संबंध में नए प्रावधान जोड़ने का विचार है? (ग) यदि हाँ, तो इस सम्बन्ध में बनाई जा रही योजना का ब्यौरा क्या है? (घ) छतरपुर जिले में उक्त संबंध में किए गए कार्यों पर पिछले 05 वर्षों का ब्यौरा प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नर्मदा नदी के जल को निर्मल तथा प्रवाह को अविरल रखने एवं समग्र विकास के लिये कार्ययोजना तैयार करने हेतु मंत्रि-मण्डलीय समिति एवं कार्यकारिणी समिति गठित की जाकर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) योजना तैयार की जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) छतरपुर जिले की नगर पालिका परिषद् छतरपुर में सिंघाड़ी नदी, नगर पालिका परिषद् नौगांव में भडार नदी तथा नगर पालिका परिषद् महाराजपुर में कुम्हाड़ नदी है। नदियों में समय-समय पर अभियान चलाया जाकर सफाई का कार्य कराया जाता है। नगर पालिका परिषद् छतरपुर में सीवर लाइन बिछाने तथा सीवेज ट्रीटमेन्ट का कार्य कराया जा रहा है। नगर पालिका परिषद् नौगांव तथा महाराजपुर में यूज्ड वॉटर मैनेजमेन्ट के तहत इंटरसेप्शन तथा डायवर्सन तथा सीवेज ट्रीटमेन्ट का कार्य कराया जा रहा है।
लैब द्वारा मटेरियल टेस्टिंग में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1367 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवाधिया कंसल्टेंसी एक टेस्टिंग लैब रामपुर बघेलान, जिला सतना द्वारा 2019 से प्रश्न दिनांक तक NABL से कौन-कौन से मटेरियल की टेस्ट रिपोर्ट देने के लिए अधिकृत है? वर्षवार, मटेरियलवार, NABL द्वारा जारी मटेरियल टेस्टिंग की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित मटेरियल टेस्टिंग लैब द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक सतना स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम के निर्माण कार्यों में कौन-कौन से मटेरियल की टेस्ट रिपोर्ट किस-किस संविदाकार को कौन-कौन से दिनांक और वर्ष में दी गई है? क्या जिस दिनांक और वर्ष में जितने मटेरियल की रिपोर्ट टेस्टिंग लैब द्वारा दी गई है? उस वर्ष में उतने मटेरियल के लिए NABL से पात्रता थी? यदि हाँ, तो वर्षवार, मटेरियलवार, संविदाकारवार, टेस्टिंग रिपोर्ट को प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित टेस्टिंग लैब जिस मटेरियल के लिए NABL टेस्ट रिपोर्ट देने के लिए पात्र थी, उसके अलावा भी अन्य मटेरियल के लिए भी NABL के लोगों का उपयोग करके टेस्ट रिपोर्ट संविदाकार को दी गई और इंजीनियरों द्वारा बिना जांच किए करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया गया, क्यों जबकि स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम सतना में जितने भी कार्य चल रहे हैं या हो चुके हैं जैसे - वेंकटेश लोक, नारायण तालाब सहित अन्य निर्माणाधीन कार्य वो भी गुणवत्ताविहीन हैं? शासन के पैसों पर भारी भ्रष्टाचार करने वालों पर उच्च स्तरीय कमेटी या EOW द्वारा जाँच करवाकर कार्यवाही नहीं की जाती है, क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) NABL (राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड) भारत सरकार, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग अंतर्गत QCI (Quality Council of India) का एक स्वायत्त बोर्ड है, जो कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर प्रयोगशालाओं के परीक्षण, अंशांकन के लिये मान्यता प्रदान करता है। निर्माण कार्य अंतर्गत अनुबंध/आवश्यकता अनुसार संविदाकार द्वारा थर्ड पार्टी टेस्ट रिर्पोट NABL से मान्यता प्राप्त एजेंसी से प्राप्त कर प्रदान की जाती है। विभाग से प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
आर.डी.एस.एस. योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 1369 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में आर.डी.एस.एस. योजना का मूल उदेश्य क्या है? उक्त योजना में कौन-कौन से कार्यों को किया जाना है? कितने-कितने ट्रान्सफार्मर किस-किस वितरण केन्द्र के कौन-कौन से ग्रामो में किस आधार पर लगाये/स्वीकृत किये गये है? जिन स्थानों पर ट्रान्सफार्मर लगाया गया उनका जी.आई.एस. सर्वे किसकी आई.डी. से किया गया? प्राक्कलन क्रमांक सहित ग्रामवार सूची एवं नियमावली की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति है और किस दिनांक को वर्क-ऑर्डर किस कम्पनी के नाम पर कौन से अधिकारी द्वारा जारी किया गया है? कार्य पूर्णता की समयावधि क्या है और कार्य म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के किस अधिकारी की निगरानी में किया जा रहा है? क्या बिजली ठेकेदार और विभागीय अधिकारी कृषक हित को दरकिनार करके अपनी मर्जी से मनमाने तरीके से ट्रान्सफार्मर लगा रहे हैं? यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रास्तवित किये गये ट्रान्सफार्मर को क्यों नहीं लगाया जा रहा है? क्या सतना विधानसभा के कृषक/जनहित के कार्यों को जानबूझ कर रोका जा रहा है? यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता द्वारा अधीक्षण अभियंता सतना को जारी पत्र क्र.757/23-24 व 758/23-24 दिनांक 31/07/2023, पत्र क्र. 159/24-25 दिनांक 04/08/2024, पत्र क्र. 171/24-25, दिनांक 13/08/2024, पत्र क्र.202/24-25 दिनांक 01/09/2024 के माध्यम से कृषक हित में किसानों के कृषि कार्य हेतु प्रस्ताव दिया था, किन्तु प्रश्नांश दिनांक तक न कोई कार्य किया गया न ही प्रश्नकर्ता पत्रों का जवाब दिया गया, क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तीय रूप से साध्य एवं परिचालन में दक्ष वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति के उद्देश्य से सुधारों से जुड़े परिणाम आधारित वितरण क्षेत्र योजना ''रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम'' लागू की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य वितरण कंपनियों की समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों (AT&C Losses) को कम करना तथा बिजली की प्रति यूनिट लागत तथा राजस्व के अंतर (ACS-ARR Gap) को समाप्त करना है। सतना जिला अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत मुख्यत: 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्दों की स्थापना, 33 के.व्ही. लाइन का इंटर कनेक्शन एवं विस्तार, नवीन कैपेसिटर बैंक की स्थापना तथा 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य किये जाना स्वीकृत हैं। उक्त कार्यों का सर्वे ग्रामवार नहीं, अपितु पूर्व से स्थापित विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण, परिचालन सुगमता तथा घरेलू एवं कृषक उपभोक्ताओं को क्रमशः 24 घंटे एवं 10 घंटे निर्बाध विद्युत प्रदाय करने के अनुरूप किया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किये गये जी.आई.एस. सर्वे के आधार पर, वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. की नियमावली यथा दिशा-निर्देश से सम्बंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) सतना जिलान्तर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु मे. अशोका बिल्डिकॉन नासिक को लागत राशि रू. 232.84 करोड़ का कार्यादेश दिनांक 26.12.2022 एवं सतना जिला सहित सम्पूर्ण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत केपेसिटर बैंक की स्थापना कार्य हेतु मे. श्रीम इलेक्ट्रिक को लागत राशि रू. 85.49 करोड़ का कार्यादेश दिनांक 02.09.2022 को जारी किया गया है। सतना जिले सहित सागर एवं रीवा क्षेत्र में 33 के.व्ही. लाइन विस्तार कार्य हेतु रेल विकास निगम लिमिटेड को लागत राशि रू. 227.44 करोड़ का कार्यादेश दिनांक 26.12.2022 एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापना कार्य हेतु मे. ए.के. इन्फ्रा को लागत राशि रू. 129.78 करोड़ का कार्यादेश दिनांक 26.12.2022 को जारी किया गया है। उक्त कार्यादेश मुख्य महाप्रबंधक (आर.डी.एस.एस.), जबलपुर द्वारा जारी किया गया है। कार्य पूर्ण करने की अवधि कार्यादेश दिनाक से 24 माह है। आर.डी.एस.एस. योजना में विभिन्न पैकेज अंतर्गत सबंधित अधीक्षण अभियंता को प्रोजेक्ट मैनेजर एवं सबंधित कार्यपालन अभियंता को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है एवं इनकी देख-रेख में कार्य करवाये जा रहे हैं। जी नहीं, वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित किये गये स्थलों पर ही वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जा रहे हैं। आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर को लगाये जाने के कार्य सतना जिले के पैकेज 08 के अंतर्गत फीडर सेपरेशन के प्रयोजन से प्रस्तावित किये गये हैं, जिससे कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे अलग-अलग फीडरों से विद्युत प्रदाय की जा सके एवं सकल वितरण हानियां कम हो सके। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा उल्लेखित पत्रों में प्रस्तावित कार्यों के परीक्षण उपरांत पाया गया कि उक्त कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रस्तावित नहीं किये जा सकते हैं। उक्त संदर्भ में कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) सतना एवं कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) रामपुर बघेलान द्वारा माननीय विधायक महोदय को पत्र क्र. 1703 दिनांक 04.12.2024 एवं पत्र क्र. 948 दिनांक 04.12.2024 के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है।
नगरीय निकायों में दल-बदल कानून लागू किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1371 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकाय संस्थाओं में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों द्वारा नगरीय निकायों में पार्टी प्रत्याशी घोषित कर ''बी-फार्म'' दिया जाता है और प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाया जाता है परन्तु नगरीय निकायों में दल-बदल कानून नहीं होने से अनेकों मेयर, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षदगण किसी भी कारण से अपना राजनैतिक दल छोड़कर अन्य राजनैतिक दलों में शामिल हो जाते हैं, ऐसी परिस्थितियों में लोकतंत्र को आघात पहुंचता है। क्या ऐसी परिस्थितियों को देखते नगरीय निकायों में दल-बदल कानून को लागू किया जाना आवश्यक प्रतीत नहीं होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो नगरीय निकायों में दल-बदल कानून लागू करने के लिए शासन/विभाग द्वारा कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए दल-बदल कानून लागू कर दिया जायेगा? (ग) नगरीय निकायों में दल-बदल कानून लागू करने के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को कार्यालयीन पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/677 दि. 08.11.2024 एवं विभागीय मंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/676 दि. 08.11.2024 प्रेषित किया गया है, जिन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, वर्तमान में नगरीय निकायों के निर्वाचन में इस प्रकार के प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) माननीय विधायक जी के पत्रों पर कार्यवाही प्रचलित है। प्राप्त प्रस्ताव परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों को एन.पी.एस. राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 1372 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की कितने नगर निगम, नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषदों द्वारा नियमित रूप से प्रतिमाह एन.पी.एस. की राशि संबंधित कर्मचारियों के खाते में जमा कराई जा रही है? (ख) प्रदेश की किन-किन नगरीय निकायों द्वारा कितने माह व कितने वर्षों से कर्मचारियों के वेतन से एन.पी.एस. राशि का कटौत्रा कर निकाय के पास रखा गया है? (ग) जिन नगरीय निकायों द्वारा एन.पी.एस. राशि का भुगतान प्रतिमाह संबंधित कर्मचारियों के खाते में नहीं किया जा रहा है, ऐसे निकायों में पदस्थ भुगतान हेतु जवाबदार अधिकारी पर शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? अगर कार्यवाही नहीं की जा रही है तो उसका क्या कारण है, कब तक शासन द्वारा ऐसे अधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी और कब तक सम्पूर्ण एन.पी.एस. की कटौत्रा राशि संबंधित कर्मचारियों के खाते में निकायों द्वारा भुगतान करा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1375 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक विभाग की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है तथा किया जा रहा है? स्वीकृत सड़कों की जानकारी, लागत, कार्यादेश, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य एजेन्सी सहित जानकारी मदवार, वर्षवार, जिलेवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत हेतु 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई? वर्षवार स्वीकृत मरम्मत राशि की जानकारी सहित जिलेवार, अनुविभागवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं किस-किस कार्य एजेन्सी द्वारा कार्य किया गया तथा कार्य एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? कार्यों का मूल्यांकन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? क्या कमियां पाई गईं? यदि हाँ, तो कार्य एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक विकासखण्ड सिरोंज एवं विकासखण्ड लटेरी में कौन-कौन से मार्गों के निर्माण की स्वीकृति हुई? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं उक्त मार्गों का निर्माण किस-किस एजेन्सी ठेकेदार द्वारा कार्य किया गया? कार्य एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (घ) विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम की सड़क सिरोंज-गंजबासौदा व्हाया ऐंचदा, खडेर, सोमवार तथा लटेरी-शमशाबाद मार्ग की प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत किस-किस अधिकारी को प्राप्त हुई तथा शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई तथा मार्ग की गुणवत्ता का परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें तथा क्या कमियां पाई गई? कमियों के दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या गुणवत्ता की जांच प्रश्नकर्ता की उपस्थित में किया जाना था? यदि हाँ, तो कब तक किया जावेगा? बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं कार्यादेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'स-1' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं '4' अनुसार है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 1376 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन/संधारण वृत्त म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड विदिशा अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में एजेंसी द्वारा आउटसोर्स पर श्रेणीवार कितने कर्मचारी रखे गये हैं? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालन/संधारण वृत्त विदिशा अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में आउटसोर्स पर श्रेणीवार कितने कर्मचारियों को एजेंसी द्वारा रखा गया? संख्यात्मक जानकारी देवें। श्रेणीवार, पदवार मासिक वेतन, योग्यता, तकनीकी योग्यता सहित संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कर्मचारियों की नियुक्ति के मापदण्डों के आदेश/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या कम्पनी/एजेन्सी द्वारा नियम विरूद्ध नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? क्या जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्तियों के संबंध में लेन-देन की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या बिना तकनीकी डिग्री, डिप्लोमा वाले व्यक्तियों को नियुक्तियां दी गई हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में आउटसोर्स पर रखे गये कर्मचारियों की श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. अंतर्गत संचा./संधा. वृत्त विदिशा में प्रश्न दिनांक की स्थिति में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा प्रदत्त किये गये आउटसोर्स कार्मिकों की श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में संचा./संधा. वृत्त, विदिशा अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में आउटसोर्स पर रखे गये कार्मिकों की प्रश्नाधीन चाही गयी श्रेणीवार, पदवार, मासिक पारिश्रमिक, योग्यता/तकनीकी योग्यता सहित संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्नाधीन अनुबंधित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा इस हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी निविदा के भाग–IV की कंडिका-3 में निहित प्रावधानों अनुसार आउटसोर्स कार्मिक उपलब्ध कराये गए हैं, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अनुबंधित एजेन्सी द्वारा उक्त अर्हताओं के अनुरूप ही कार्मिक उपलब्ध कराये गये हैं। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता। माह जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक की अवधि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को “विद्युत विभाग विदिशा में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर भर्ती न किए जाने” विषयक एक शिकायत प्राप्त हुई है। उक्त शिकायत की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त प्राप्त शिकायत पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 6/12/2024 द्वारा महाप्रबंधक (संचा./संधा.) वृत्त विदिशा को प्रकरण में जांच कर नियमानुसार कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु अनुबंधित एजेन्सी द्वारा निविदा में उल्लेखित अर्हता अनुसार ही कार्मिक उपलब्ध कराये गये हैं, अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता। प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में संचा./संधा. वृत्त विदिशा अंतर्गत आउटसोर्स पर रखे गए कार्मिकों की प्रश्नाधीन चाही गयी श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
वैध एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 1383 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र में सिवनी-मालवा नगर एवं आस-पास कितनी कॉलोनियां विकसित हो रही हैं? (ख) क्या विकसित हो रही कॉलोनियों के लिए सभी स्वीकृतियां नियमानुसार ली गई हैं? (ग) यदि नहीं, तो इस तरह विकसित हो रही कॉलोनियों पर क्या कार्यवाही हुई है? (घ) क्या इस प्रकार की अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाई जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र के नगर पालिका सिवनी-मालवा क्षेत्र अन्तर्गत विकसित कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में विहित प्रक्रिया के अनुसार नगर पालिका सिवनी-मालवा में दिनांक 31.12.2016 के पूर्व अस्तित्व में आई चिन्हित 44 अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुमति प्रदान करने की प्रचलित कार्यवाही के अंतर्गत 44 अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही हेतु पुलिस थाने में शिकायत प्रेषित की गई है। (घ) राज्य सरकार द्वारा म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 बनाए गए हैं, जिसमें नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत अनधिकृत कॉलोनियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने एवं ऐसी कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाने के प्रावधान किये गये हैं एवं ऐसी कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है।
विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 1384 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत खपत एवं भार के हिसाब से कितने 132 के.व्ही.ए. एवं 33/11 के विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं? (ख) क्या हिरनखेड़ा डोली, तालपुरा, सध्पुरा, डूडूगाँव बाईखेड़ी राजोरा जाट में विद्युत उपकेन्द्र प्रस्तावित हैं? (ग) प्रस्तावित उपकेन्द्र में से जो उपकेन्द्र स्वीकृत हैं उनका निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत खपत एवं भार के अनुरूप 220/132/33 के.व्ही. का एक, 132/33 के.व्ही. का एक एवं 33/11 के.व्ही. के 27 उपकेन्द्र स्थापित हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) ग्राम हिरनखेड़ा डोली, तालपुरा एवं बाईखेडी में आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण (मॉडर्नाइजेशन) में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य प्रस्तावित है, जिसकी स्वीकृति भारत सरकार से अपेक्षित है। ग्राम सध्पुरा में 33/11 के.व्ही. का एक उपकेन्द्र, राज्य शासन की वर्ष 2024-25 की एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत प्रस्तावित है। ग्राम राजोरा जाट में विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बघवाड़ा से किया जाता है। पूर्व में उक्त उपकेन्द्र अतिभारित होने के कारण विद्युत प्रदाय में आ रही समस्याओं के दृष्टिगत आर.डी.एस.एस. स्कीम के अंतर्गत 11 के.व्ही. लोहारिया फीडर का निर्माण कर दिनांक 20.11.2024 को ऊर्जीकृत किया गया है, जिससे उपरोक्त ग्राम में विद्युत उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: वर्तमान में ग्राम राजोरा जाट में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। ग्राम डूडूगाँव में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य दिनांक 01.08.2024 को पूर्ण कर उक्त विद्युत उपकेन्द्र को ऊर्जीकृत किया जा चुका है। शेष जानकारी निरंक है।
दीनदयाल रसोई योजना का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1387 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीब बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए चलाई जा रही "दीनदयाल रसोई योजना" में ₹5 में मिलने वाली थाली में शासन के अधिकारियों और संचालनकर्ता संस्थाओं की आपसी सांठगांठ एवं फर्जी मोबाइल नंबर दर्ज कराकर भोजन वितरण दर्शाकर धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या "दीनदयाल रसोई योजना" अंतर्गत संचालित रसोई केंद्र संचालकों/संस्थानों पर धोखाधड़ी एवं गरीबों की थाली का भोजन चोरी करने पर क्या शासन द्वारा कोई कार्रवाई की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं/नगरीय निकायों पर कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? तिथिवार/संस्थावार/नगरीय निकायवार की गई कार्रवाई से अवगत करावें। (ग) प्रदेश में दीनदयाल रसोई योजना की निविदा आमंत्रण के नियम/शर्तें क्या-क्या है? क्या रसोई संचालन के लिए जिला स्तर पर शासन द्वारा कोई समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो क्या रसोई टेंडर जारी करने से पूर्व शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरांत ही टेंडर जारी किए जाते हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, अपितु एक समाचार पत्र में दिनांक 25/10/2024 को प्रकाशित समाचार के माध्यम से नगर पालिक निगम, भोपाल अंतर्गत संचालित दीनदयाल रसोई की कुछ अनियमितताएं संज्ञान में आयी हैं। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मध्यप्रदेश के द्वारा कलेक्टर/अध्यक्ष, जिला स्तरीय समन्वय एवं अनुश्रवण समिति, मध्यप्रदेश को प्रतिवेदन हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। प्रकरण के संबंध में जाँच समिति का गठन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। वर्तमान में जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दीनदयाल रसोई योजना के संचालन व निविदा आमंत्रण के संबंध में शासन द्वारा जारी नवीन मार्गदर्शिका का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जी हाँ, जिला स्तर पर शासन द्वारा समिति गठित है। शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति के निर्देशानुसार रसोई टेण्डर जारी किया जाता है।
सड़क दुर्घटना में गौवंश एवं व्यक्तियों की मृत्यु/घायल होने की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
92. ( क्र. 1389 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के भोपाल, इंदौर तथा उज्जैन संभाग में कितनी-कितनी गौशालाएं संचालित हैं? संचालित गौशालाओं में गौवंश की संख्या कितनी है? कितनी गौवंश प्रश्न दिनांक तक निराश्रित है एवं किन-किन गौशालाओं को शासन द्वारा प्रतिवर्ष कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सड़क दुर्घटनाओं में कितने गौवंश की मृत्यु हुई? कितने गौवंश दुर्घटनाग्रस्त होने से अपंग हुए तथा कितने गौवंश का उपचार किया गया? संभागवार/जिलेवार/क्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) क्या सड़क दुर्घटनाओं में गौवंश से टकराने से कई व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है? यदि हाँ, तो विगत 1 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक सड़क दुर्घटनाओं में गौवंश से टकराने से कब-कब तथा कितने-कितने व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी एवं कितने व्यक्ति घायल होकर आजीवन के लिए अपंग हो गए? (घ) क्या गौवंश के टकराने से मृत्यु/दुर्घटनाग्रस्त हुए व्यक्तियों को शासन द्वारा कोई मुआवजा राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब तथा किन-किन व्यक्तियों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया? सूची सहित अवगत करावें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) भोपाल संभाग में संचालित गौशालाएं 360 हैं, जिसमें 63801 गौवंश है। इन्दौर संभाग में संचालित गौशालाएं 190 हैं, जिसमें 36, 510 गौवंश है। उज्जैन संभाग में संचालित गौशालाएं 444 हैं, जिसमें 90, 992 गौवंश हैं। 20वीं पशु संगणना अनुसार निराश्रित गौवंश की संभागवार जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश को रू. 20/- प्रति दिवस प्रति गौवंश की राशि प्रदाय की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग द्वारा सड़क दुर्घटना में गौवंश मृत्यु के आंकड़े संधारित नहीं किये जाते। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सड़क दुर्घटनाओं में गौवंश से टकराने से व्यक्तियों की मृत्यु संबंधी आंकड़े विभाग द्वारा संधारित नहीं किए जाते। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभाग में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है।
पुराने पुल के स्थान पर नवीन पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1391 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के नगरपालिका राजगढ़ के वार्ड क्रमांक 1 में कालीपीठ रोड पर नेवज नदी पर निर्मित पुल जो कि राजस्थान राज्य एवं गुना जिले को जोड़ता है, उस पुल का निर्माण किस वर्ष किया गया था तथा उसकी ऊंचाई एवं लम्बाई कितनी है? (ख) क्या उक्त पुल प्रश्न दिनांक को अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने तथा पुल की ऊंचाई कम होने से मोहनपुरा डेम का पानी छोड़ने से बरसात के मौसम में आने-जाने में जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या उक्त जीर्ण-शीर्ण पुल के स्थान पर नवीन पुल बनाये जाने हेतु शासन द्वारा कोई सर्वे करवाया गया है? यदि हाँ, तो उसकी लम्बाई एवं लागत कितनी है? (घ) उक्त जीर्ण-शीर्ण पुल के स्थान पर नवीन पुल की स्वीकृति कब तक की जावेगी? बतावें। क्या इसी बजट में शामिल किया जाना प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त पुल का निर्माण स्टेट टाइम (रियासत कालीन) समय में किया गया है। उक्त पुल की ऊंचाई 4.00 मीटर तथा लम्बाई 180 मीटर है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। कोई सर्वे नहीं कराया गया। प्राथमिक अनुमान के अनुसार पुल की लंबाई 325.00 मीटर एवं लागत राशि रू. 35.66 करोड़ आंकी गई है। (घ) वर्तमान में किसी योजना में न स्वीकृत है न ही प्रस्तावित है। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
नेवज नदी पर नवीन पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1392 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के ग्राम बगा से पिपलोदी मार्ग पर ग्राम बरनियाखेड़ी में नेवज नदी पर नवीन पुल बनवाया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इसके निर्माण के लिये कोई सर्वे करवाया गया है? यदि हाँ, तो उसकी लम्बाई एवं लागत कितनी है? (ग) क्या उक्त नेवज नदी पर उक्त ग्राम में पुल नहीं होने से बरसात के मौसम में आने जाने में जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है? (घ) उक्त नवीन पुल के निर्माण की स्वीकृति कब तक की जावेगी? क्या इसकी स्वीकृति इस बजट में किया जाना प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में किसी योजना में न सम्मिलित है और न ही प्रस्तावित है। अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
कार्य की गुणवत्ता की जाँच
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 1395 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के राजधानी संभाग क्र. 1 एवं 2 में आमंत्रित निविदाएं दिनांक 07/08/2024, 09/08/2024 एवं 12/08/2024, को एस.ओ.आर. की दर से लगभग 50 प्रतिशत कम (BELOW) दर पर ली गई है एवं उसके पश्चात् ठेकेदार द्वारा कार्य सम्पन्न कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या एस.ओ.आर. की दर से 50 प्रतिशत कम दर पर लिए गए कार्य की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा? यदि हाँ, तो क्या विभाग दोनों संभाग के अतिरिक्त अधिकारियों द्वारा एक समिति बनाकर कार्य की गुणवत्ता की जाँच करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के राजधानी संभाग क्रं-1 में दिनांक 07/08/2024, 09/08/2024 एवं 12/08/2024 में तथा राजधानी संभाग क्र. 2 में दिनांक 07/08/2024 एवं 09/08/2024 में कोई निविदा आमंत्रित नहीं हुई परन्तु राजधानी संभाग क्र. 2 द्वारा दिनांक 12/08/2024 को कुल 7 कार्यों की निविदायें आमंत्रित की गई थीं। उक्त निविदाओं में से किसी भी निविदा में एस.ओ.आर. दर से लगभग 50 प्रतिशत से कम की निविदा दर प्राप्त नहीं हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि उपरोक्त किसी भी निविदा में एस.ओ.आर. की दर से लगभग 50 प्रतिशत कम दर प्राप्त नहीं हुई, अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) चूंकि राजधानी संभाग क्र. 2 की किसी भी निविदा में एस.ओ.आर. की दर से लगभग 50 प्रतिशत कम दर प्राप्त नहीं हुई। अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को आवास का आधिपत्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1397 ) श्री संतोष वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के 12 नम्बर, बस स्टॉप में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत फ्लैटों का निर्माण कार्य वर्ष 2017 से चल रहा है किन्तु लगभग सात वर्षों के बाद भी आज दिनांक तक हितग्राहियों को मकान का आधिपत्य क्यों नहीं दिया गया है? इतना अधिक विलंब होने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांकित के संदर्भ में फ्लैटों का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? क्या इसकी कोई समय-सीमा निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या? (ग) प्रश्नांकित के संबंध में हितग्राहियों से पूरे पैसे लेने के बावजूद उनको आवास का आधिपत्य क्यों नहीं दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? हितग्राहियों को आवास आधिपत्य कब तक दे दिया जायेगा? समय-सीमा बतावें। प्रश्नांकित के संदर्भ में एजेंसी द्वारा समय-सीमा में आवास तैयार कर नहीं दिये गये हैं तो उस पर क्या कार्रवाई की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत 12 नंबर बस स्टॉप स्थित आवासीय परियोजना अंतर्गत 432 ई.डब्ल्यू.एस, 576 एल.आई.जी. एवं 216 एम.आई.जी. आवासों का निर्माण कार्य अधोसंरचना विकास कार्य सहित निर्माण एजेंसी मेसर्स एम.व्ही. ओमनी प्राजेक्ट (इ) लिमि. अहमदाबाद गुजरात द्वारा कार्यादेश क्रमांक 389/एच.एफ.ए./2017 दिनांक 15.05.2017 के माध्यम से दिया गया था। कार्यादेश अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि दिनांक 14.11.2018 तक निर्धारित थी, कार्य पूर्ण करने हेतु ठेकेदार को दिनांक 31.08.2023 तक 07 बार प्रोविजनल समयावृद्धि प्रदान की गई, परंतु प्रदाय समयावधि में ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य गति से नहीं किया गया। परियोजना के निर्माण कार्य की प्रगति लक्ष्यानुसार नहीं होने के कारण अनुबंध की धारा 27.1 एवं 27.2 अंतर्गत ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एम.व्ही. ओमनी (इ) लिमि. के अनुबंध को दिनांक 14.07.2023 को समाप्त कर ठेकेदार को टर्मिनेट कर दिया गया। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत 12 नंबर बस स्टॉप स्थित आवासीय परियोजना के फ्लेटो का निर्माण वर्तमान में ठेकेदार मेसर्स वेल्जी रत्ना सोराठिया इन्फ्रा प्रा.लि. गुजरात द्वारा किया जा रहा है। जी हाँ, उक्त निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु समयावधि दिनांक 30.07.2025 निर्धारित है। (ग) 12 नंबर बस स्टॉप आवासीय परियोजना का कार्य प्रगतिरत है, इस कारण परियोजना के आवास आवंटित हितग्राहियों को आधिपत्य नहीं दिया गया है। आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात हितग्राहियों को आवासों में आधिपत्य दिया जावेगा। वर्तमान में ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु समयावधि दिनांक 30.07.2025 निर्धारित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों हेतु एम.आई.जी. मकानों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1401 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा नगर निगम के अन्तर्गत इमलीखेड़ा में एम.आई.जी. मकानों का निर्माण कब शुरू हुआ? कब तक मकान हितग्राहियों को देना था? (ख) प्रति मकान की क्या कीमत निर्धारित की गई? (ग) निर्माण किए गए परिसर में अधोसंरचना के क्या-क्या कार्य पूर्ण हुए? (घ) हितग्राहियों को कब नोटिस जारी हुए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम छिन्दवाड़ा में प्रधानंमत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत कार्यस्थल इमलीखेडा में एम.आई.जी. मकानों का निर्माण 04.12.2019 को प्रारंभ हुआ था, जिसमें 18 माह अर्थात दिनांक 30.06.2021 के भीतर निर्माण कार्य किया जाना था, परंतु उसी दौरान विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के चलते कार्य बंद रहा, जिसके कारण सक्षम प्राधिकारी द्वारा समयावधि में वृद्धि की गई है। पुनः हितग्राहियों द्वारा हितग्राही अंशदान की राशि समयावधि में जमा न करने के कारण समयावधि में वृद्धि की गई जो वर्तमान में 31.12.2024 निर्धारित है। (ख) उक्त परियोजना में आवेदकों को राशि रू. 31.00 एवं 32.00 लाख में आवास आवंटन किये गये थे, किन्तु वर्तमान में टेण्डर के अतिरिक्त कार्य एवं अतिरिक्त निर्माण होने के कारण निर्माण लागत में वृद्धि होने से भवनों के मूल्य में राशि रू. 3.50 लाख रूपये की वृद्धि सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गई है। (ग) परिसर में सड़क निर्माण कार्य, नाली निर्माण कार्य, आंतरिक विद्युतीकरण एवं पेयजल व्यवस्था पूर्ण की जा चुकी है। (घ) हितग्राहियों को समय-समय पर राशि जमा करने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं तथा वर्तमान में बकाया राशि वाले हितग्राहियों को नोटिस जारी किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
माँ नर्मदा पर बने पुलों पर सुरक्षा प्रबंध
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 1404 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में माँ नर्मदा पर मुम्बई आगरा राष्ट्रीय महामार्ग एवं खरगोन मण्डलेश्वर मार्ग पर बने पुलों से आए दिन होने वाली आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने के लिए क्या दोनों पुलों पर सुरक्षा जाली, सी.सी.टी.वी. कैमरे और अन्य सुरक्षा इंतजाम करने को लेकर कोई योजना तैयार की जा रही है? अगर हाँ तो इसे कब तक पूर्ण किया जायेगा? अगर नहीं तो क्यों नहीं? कारण दें। (ख) क्या सरकार माँ नर्मदा के पावन तट नावड़ाटौड़ी और महेश्वर तट को जोड़ने के लिए झूला पुल बनाने पर विचार कर रही है? अगर हाँ तो कब तक स्वीकृति प्राप्त होगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (ख) के संबंध में कब-कब पत्राचार किया गया है? उन पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अंतर्गत कसरावद से मण्डलेश्वर के बीच नर्मदा नदी के पुल पर दोनों ओर रेलिंग लगी हुई है। सुरक्षा जाली, सी.सी.टी.वी. केमरा एवं अन्य सुरक्षा इंतजाम की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। मानकों अनुसार सुरक्षा इंतजाम किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) झूला पुल न तो प्रस्तावित और न ही विचाराधीन है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता का पत्र विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बजट में स्वीकृत कर मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1405 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के कितने मार्गों को वर्ष 2024-25 के बजट में शामिल किया गया? क्या मार्गों की स्वीकृति प्रदान की गई है? अगर हाँ तो विवरण दें। नहीं तो कारण बताएं। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मार्ग निर्माण बिलखेड खुर्द से ककडगांव व्हाया रतनपुर, बडिया से सहेजला, सतवाडी से वायतेल, दुर्गापुर से वायतेल, रसवा से डाबरी, कमोदवाडा से सूर्वा, बोथु से डोगरगांव, सतवाडी से डेडगांव, खामखेड़ा से भट्टीयाण, रायपुरा से सिपटान व्हाया शाला भवन, सुर्वा से ललनी व्हाया दोदवाडा, बहादपुरा (देवला) से औझरा मुख्य मार्ग को वर्ष 2025-26 के बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की जाएगी? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम पीपरी विकासखण्ड भीकनगांव से ग्राम मछलगांव तक बने मार्ग में अतिक्रमण कर मार्ग अवरूद्ध है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) 02 मार्ग वर्ष 2024-25 के बजट में सम्मिलित। विस्तृत जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित 02 कार्य वर्ष 2024-25 के प्रथम अनुपूरक बजट में जोड़े जाने की सैद्धांतिक सहमति उपरांत म.प्र. शासन लो.नि.वि. मंत्रालय भोपाल के पत्र दिनांक 21.10.2024 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी। विस्तृत विवरण संलग्न प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पिपरी से मछलगांव मार्ग लंबाई 4.40 कि.मी. मार्ग में किसी भी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं है और न ही मार्ग अवरुद्ध है।
नगर पालिका निधि का उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1419 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1220 एवं तारांकित प्रश्न क्रमांक 3097 में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछा गया था कि क्या नगर पालिका अपनी सीमा क्षेत्र से बाहर या किसी ट्रस्ट में नगर पालिका निधि का उपयोग कर सकती है? जिसके परिप्रेक्ष्य में माननीय मंत्री महोदय द्वारा उत्तर के जवाब में दिया गया था कि म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 106 में प्रावधान है। जानकारी दें कि क्या नगर पालिका महिदपुर द्वारा उक्त अधिनियम के तहत निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो छायाप्रति देवें। क्या इसके लिए विभाग द्वारा अनुमति ली गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त अधिनियम के क्या नियम-निर्देश हैं? छायाप्रति देवें। (ख) उक्त प्रश्न क्रमांकों के परिप्रेक्ष्य में जवाब दिया गया था कि प्रकरण की जांच कराई जा रही है? बताएं कि जांच में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? प्रतिवेदन देवें। यदि हाँ, तो कब तक? उक्त प्रकरण की जांच किसके द्वारा की जा रही है? बताएं कि दोषी पाए जाने पर क्या नगर पालिका की राशि की वसूली की जाएगी? (ग) क्या नगर पालिका द्वारा अन्यत्र नगर पालिका निधि का उपयोग कर नगर पालिका क्षेत्र की जनता को विकास कार्यों से वंचित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन के नियमों की अवहेलना करने पर दोषियों पर कब तक कार्यवाही कर दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। अधिनियम के प्रावधान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जांच की कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण की जांच संयुक्त संचालक एवं अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग, उज्जैन द्वारा की जा रही है। जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जांच निष्कर्ष के उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 1422 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कार्य निर्माणाधीन हैं? निर्माणाधीन कार्यों की समयावधि क्या है? टेंडर, वर्क ऑर्डर की छायाप्रति देवें। क्या कार्य नियत समयावधि में पूर्ण करा लिए जायेंगे? विभाग द्वारा किस प्रक्रिया के तहत कब-कब कितना-कितना भुगतान किया गया है? (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन घोंसला-गोगापुर मार्ग पर कहाँ-कहाँ कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा गुणवत्ता एवं निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया है? निरीक्षण में क्या-क्या कमियां पाई गईं? कमियां पाई जाने पर क्या कार्यवाही की गई? परिवहन किए गए वाहनों की लॉग-बुक की प्रति एवं टाइम कीपर्स की संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत पांच वर्षों में निर्मित सड़कें जो गारंटी अवधि में है, क्या विभाग द्वारा उनकी मरम्मत कराई गई है? यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस सड़क की मरम्मत कराई गई है? क्या कई सड़कें गारंटी अवधि में होने पर भी जर्जर अवस्था में है, जिनकी मरम्मत विभाग द्वारा आज तक नहीं कराई गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। गारंटी अवधि में होने पर जिन सड़कों की मरम्मत नहीं हो पाई है, विभाग द्वारा कब तक उनकी मरम्मत करा दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ में उल्लेखित 6 कार्य समयावधि में तथा शेष कार्य में समय वृद्धि आवश्यक होगी। लो.नि.वि. (भ/प) एवं लो.नि.वि. (भवन) में भुगतान आई.एफ.एम.आई.एस. के माध्यम से किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब एवं परिशिष्ट-2, 3 एवं '4' अनुसार है। (ग) जी नहीं। सम्बंधित पी.जी. एजेन्सी के द्वारा की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पी.जी. की कोई सड़क नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावित सड़क मार्ग का सर्वेक्षण
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 1423 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा उज्जैन-जावरा के मध्य फोरलेन पेवर्ड शोल्डर ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का हाईब्रिड एन्युटी मॉडल के निर्माण को किया जाना प्रस्तावित होकर प्रारंभिक सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या पूर्व से निर्मित उज्जैन–उन्हेल–नागदा-जावरा मार्ग के समानांतर संभावित इस मार्ग के निर्माण का सर्वेक्षण किया जा रहा है। यदि हाँ, तो इसमें भूतेड़ा से रिंग रोड के रूप में फोर-लेन स्थित ग्राम भैसाना को भी जोड़ा जाएगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी एवं प्रबंध निदेशक म.प्र. सड़क विकास निगम को अपने पत्रों में इसकी महत्ता की संपूर्ण स्थिति स्पष्ट कर प्राथमिक नक्शा भी संलग्न किया है। (घ) यदि हाँ, तो क्या सर्वे अनुसार मार्ग को ग्राम भूतेड़ा एक्सप्रेस हाईवे (8 लाइन) से जावरा- मंदसौर हाईवे जोयो होटल की ओर मार्ग सीधे ले जाया जा रहा है, जिसके कारण अत्यधिक अधिग्रहण एवं आमजन के व्यावसायिक व आवागमन की दुर्घटना की संभावना लिए अनेक कारणों से अनुपयोगी होगा, अतएव उक्त मार्ग को ग्राम भूतेड़ा एक्सप्रेस हाईवे से ग्राम लालाखेड़ा–बहादुरपुर-ग्राम रोजाना-अरनियापीथा मंडी के पीछे से सीधे जावरा-मंदसौर फोरलेन स्थित भैसाना फंटा तक रिंग रोड जोड़े जाने की कार्रवाई बजट में सम्मिलित कब तक की जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त ग्रीन फील्ड का सर्वेक्षण कार्य स्वीकृत एक रेखण अनुसार किया जा रहा है। भूतेड़ा से भैसाना को जोड़े जाने की कोई योजना प्रचलित नहीं है। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक महोदय का पत्र प्राप्त हुआ है। (घ) जी हाँ। उक्त ग्रीन फील्ड मार्ग के स्वीकृत एक रेखण अनुसार मार्ग दिल्ली-मुम्बई 8 लेन एक्सप्रेस-वे के ग्राम भूतेड़ा को जोड़ते हुये वर्तमान जावरा-नयागांव 4 लेन मार्ग के चैनेज 132+600 पर जोयो होटल के समीप समाप्त होगा। वर्तमान में उक्त स्वीकृत एकरेखण के अलावा कोई अन्य एकरेखण की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनाइजरों के विरूद्ध एफ.आई.आर.
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1424 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में रतलाम जिला अंतर्गत कॉलोनाइजर्स द्वारा अनेक प्रकार की अनियमितताओं, नियम विरुद्ध कार्यों इत्यादि अनेक प्रकार के षड़यंत्रपूर्वक रहवासियों व प्लाट धारियों से किए गए कार्यों के कारण अनेक स्थानों पर पुलिस एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन नगरीय क्षेत्र में किस-किस के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज होकर उनकी विवेचना का कार्य भी पूर्ण होकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किए गए हैं, तो क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रतलाम जिला अंतर्गत अनेक कॉलोनी में ई.डब्ल्यू.एस. भूमि को छोड़े जाना, बगीचा निर्माण हेतु एवं ऑडिटोरियम हेतु भूमि छोड़ा जाना एवं प्लाट को बंधक रख कार्य नहीं होने पर कार्य करवाया जाना जैसी कार्यवाहियां भी की गई हैं? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अंतर्गत आने वाले कार्यवाही विषयक मुख्य बिंदुओं पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गईं, जिससे कॉलोनी के विकास को गति मिल सके एवं कॉलोनी निवासियों की समस्या का निराकरण होकर उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। इसे हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया जा रहा है? साथ ही जिन कॉलोनाइजरों की एफ.आई.आर. दर्ज की जाना है तो वह किन कारणों से लंबित होकर विचाराधीन है? उनकी कार्यवाही कब तक की जा सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1429 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1160 दिनांक 4.7.2024 के प्रश्नांश (ड.) अनुसार तहसीलदार मंदसौर को प्रेषित पत्र की प्रतिलिपि देवें और बताएं कि नगर पालिका द्वारा 2021 में पत्राचार करने के बाद इतना समय बीत जाने के बावजूद भी अतिक्रमण हटाने संबंधी आवश्यक कार्यवाहियां क्यों नहीं की गई हैं? क्या इस संबंध में स्मरण-पत्र जारी कर कार्यवाही हेतु अनुरोध नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में शून्य काल सूचना क्र. 21 में प्रेषित उत्तर में जिला प्रशासन के सहयोग से कालाखेत स्थित दुकानों का अतिक्रमण वर्षाकाल बाद हटाने को कहा गया था। वर्षाकाल बीते एक माह से भी अधिक समय हो गया है, अभी तक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) कालाखेत स्थित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर साठिया समुदाय द्वारा अतिक्रमण को हटाने को लेकर न.पा. मंदसौर में कितने ज्ञापन, आवेदन प्राप्त हुए हैं? उनकी प्रति देवें और बताएं कि उन पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (घ) मंदसौर शहर के व्यावसायिक क्षेत्र कालाखेत शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मैदान को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन गंभीर क्यों नहीं है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कालाखेत स्थित शॉपिंग कॉम्पलेक्स की दुकानों का निर्माण गृह निर्माण मण्डल द्वारा किया जाकर शिक्षा विभाग को हैंड-ओवर किया गया है, जो सम्पति शिक्षा विभाग की होकर उनके आधिपत्य में है। प्रशासन द्वारा मंदसौर शहर के व्यवसायिक क्षेत्र कालाखेत शॉपिंग कॉम्पलेक्स एवं मैदान को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए समय-समय पर कार्यवाही की गई किन्तु वे पुनः आकर उसी स्थान पर अस्थायी रूप से रहने लगते हैं। (ग) निकाय में साठिया समाज को कालाखेत से अन्य स्थान पर शिफ्ट करने हेतु एक शिकायत, एक ज्ञापन एवं एक पत्र प्राप्त हुए हैं। जिन पर निकाय द्वारा कार्यवाही की जाकर, निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा मंदसौर शहर के व्यवसायिक क्षेत्र कालाखेत शॉपिंग कॉम्पलेक्स एवं मैदान को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए समय समय पर कार्यवाही की गई किन्तु वे पुनः आकर उसी स्थान पर अस्थायी रूप से रहने लगते हैं। (घ) मंदसौर शहर के व्यावसायिक क्षेत्र कालाखेत शॉपिंग कॉम्पलेक्स एवं मैदान को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए समय-समय पर कार्यवाही की गई किन्तु वे पुनः आकर उसी स्थान पर अस्थायी रूप से रहने लगते हैं।
प्रदेश की टोल रोड कम्पनी के भागीदार परिवर्तित किया जाना
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1431 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा-नयागांव, लेबड-जावरा तथा भोपाल-देवास टोल रोड कंपनी के भागीदार बदले जा सकते हैं? अनुबंध की किस धारा में इसका उल्लेख है? क्या भोपाल-देवास टोल रोड वेलस्पन के पास थी, जिसे 2010 में हाइवे कंसेशन वन ने ले लिया है? तीनों रोड के अनुबंध की प्रतियां दें। (ख) उक्त तीनों टोल द्वारा 2023-24 तक शासन को किस सूत्र/दर से कितनी प्रीमियम राशि दी? जावरा-नयागांव तथा लेबड-जावरा टोल रोड के चार्टर्ड अकाउंटेंट (अधिकृत नहीं) के अनुसार, टोल रोड पर खर्च का मार्च 2023 तक मात्र 70% से 75% ही आय हुई है। फिर इन्होंने अनुबंध में उल्लेख के बाद वीजीएफ, शॉर्टफॉल लोन तथा अधिकृत सीए का प्रमाण पत्र क्यों नहीं लिया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनाधिकृत सीए द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र ऑडिट बुक से लिए गए हैं? उनका परीक्षण एवं सत्यापन विभाग द्वारा किया गया है? अधिकृत सीए से प्रमाण पत्र क्यों नहीं मांगा गया? जब इस तरह के प्रमाण पत्र का अनुबंध में उल्लेख ही नहीं है, तो विभाग ने उसे क्यों मांगा और विधानसभा के प्रश्न के उत्तर में क्यों दिया गया? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1270 दिनांक 04.07.2024 के उत्तर में बताया गया कि जावरा-नयागांव मार्ग पर जावद रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग (विक्रम सीमेंट) पर रेलवे ब्रिज के लिए कंसेशन अनुबंध में नहीं था। क्या राष्ट्रीय एवं राज्य मार्ग फोरलेन पर रेलवे क्रॉसिंग दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? नियमों की प्रतिलिपि दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जावरा-नयागांव तथा भोपाल-देवास के कंसेशन अनुबंध कंडिका- 7.3 एम एवं, लेबड-जावरा के कंसेशन अनुबंध आर्टिकल – 5 कंडिका – 5.3 एवं आर्टिकल – 48 पेज – 130 में इसका उल्लेख है पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार। जी हाँ। भोपाल-देवास मार्ग के भागीदार परिवर्तन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' अनुसार। चार्टर्ड अकांउटेंट प्रमाण पत्र अनुसार जी हाँ। कंसेशन अनुबंध अनुसार कंसेशनायर को वीजीएफ देय नहीं है तथा कंसेशनायर द्वारा शॉर्ट फॉल लोन की मांग नहीं की गई। कंसेशनायर द्वारा सी.ए. प्रमाण पत्र अधिकृत सी.ए. से लिया गया है। (ग) जी नहीं। अनुबंध की कंडिकाओं में प्रमाण पत्र के परीक्षण एवं सत्यापन का प्रावधान निहित नहीं। कंसेशनायर द्वारा सी.ए. प्रमाण पत्र अधिकृत सी.ए. से लिया गया है। विभाग अनुबंध के आर्टिकल–33 अनुसार आवश्यक दस्तावेजों की मांग निवेशकर्ता से कर सकता है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टोल रोड की जानकारी
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 1432 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बीओटी, बीओटी एन्यूटी, ओएमटी आदि के तहत टोल रोड की जानकारी, रोड का नाम, लंबाई, लागत, टोल प्रारंभ की तिथि, अक्टूबर 2024 तक वसूली गई टोल राशि सहित सूची दें। (ख) लेबड-जावरा तथा जावरा-नयागांव टोल रोड पर प्रारंभ से अक्टूबर 2024 तक लागत का कितना प्रतिशत टोल वसूला जा चुका है तथा किस तिथि/वर्ष तक टोल वसूला जाएगा और वर्ष 2022 से 2024 तक कुल टोल संग्रहण में कितने प्रतिशत की प्रति वर्ष कमी या वृद्धि हुई तथा जनवरी 2024 से अक्टूबर 2024 तक पिछले वर्ष की तुलना में टोल संग्रहण में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई? (ग) जावरा-नयागांव तथा लेबड-जावरा टोल पर वसूली की अवधि अनुबंध अनुसार क्या है तथा किन कारणों से कितनी अवधि बढ़ाई गई और वर्तमान अनुसार टोल वसूली की तिथि/वर्ष क्या है? टोल अवधि बढ़ाने से संबंधित समस्त पत्राचार की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित टोल मार्ग की फिजिबिलिटी के जिन आंकड़ों के आधार पर विभाग स्तर पर परीक्षण कर टोल अवधि तय की गई, उसकी छायाप्रति तथा विभाग स्तर पर की गई परीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार।
अनियमितता के दोषी पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1439 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद भाण्डेर में पदस्थ लेखापाल के विरूद्ध नगर पालिका भाण्डेर के पार्षद एवं स्थानीय ठेकेदारों द्वारा शिकायत की गई थी। शिकायत में कौन-कौन सी अनियमितता दर्शायी गई है? (ख) शिकायत की जांच हेतु कलेक्टर दतिया द्वारा अनुविभागीय अधिकारी भाण्डेर को अधिकृत किया गया है, यदि हाँ, तो क्या जाँच की अवधि क्या है? क्या जांच समयावधि में की गई अथवा नहीं यदि नहीं, तो जाँच के लिये कौन जिम्मेदार है जांच कब तक पूर्ण की जायेगी समयावधि बतायें? (ग) नगर परिषद भाण्डेर के लेखापाल प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये थे, जांच प्रभावित न हो तब तक क्या लेखापाल को अन्यत्र पदस्थ किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। शिकायत की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी, भाण्डेर द्वारा जांच की जा रही है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 1442 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रदेश के प्रत्येक गाँव, मजरे-टोलों में विद्युत सप्लाई विद्युतीकरण कार्य हेतु शासन द्वारा क्या-क्या नीति निर्धारित की गई है? इस हेतु कोई नवीन नीति वर्तमान में निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या नवीन नीति के तहत् सिवनी विधान सभा के सभी ग्रामों, मजरों-टोलो में सुलभ विद्युत सप्लाई हो रही है? यदि हाँ, तो वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक नवीन पोल वितरण, ट्रांसफार्मर एवं विद्युतीकरण कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि से किये गये हैं? निविदाकार को उक्त कार्य का भुगतान एवं निविदा कार्य पूर्ण किये जाने सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 24 घण्टे विद्युत प्रदाय हेतु विद्युतीकरण का कार्य होना शेष है? विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? वंचित ग्रामों की सूची भी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण कर लिया गया था। वर्तमान में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु राज्य शासन की कोई भी नवीन योजना (नीति) प्रचलन में नहीं है। वर्तमान में प्रदेश के चिन्हित जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह यथा भारिया, बैगा एवं सहरिया जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन की पी.एम. जनमन योजना प्रचलन में है। उक्त के अतिरिक्त केन्द्र शासन के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों/मजरों/टोलों/बस्तियों में विद्युतीकरण के कार्य किये जाने हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों में आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कोई भी राजस्व ग्राम विद्युतीकरण से वंचित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
फोरलेन का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 1443 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा के अन्तर्गत सिवनी बायपास मार्ग से ग्राम नगझज्ञर, लूघरवाड़ा, सिवनी नगर से होकर नागपुर रोड (सीलादेही) बॉयपास तक वर्तमान में निर्माणाधीन फोरलेन मार्ग कुल कितनी राशि का स्वीकृत है? कार्य पूर्ण होने की अवधि कब तक है? इस मार्ग का निर्माण कार्य किस कम्पनी के द्वारा कराया जा रहा है, किस विभाग के उपयंत्री की देख-रेख में कराया जा रहा है मार्ग में अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई है, वर्तमान में कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है और कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त उल्लेखित मार्ग कितने मीटर बनना है तथा इस मार्ग पर कितनी पुलिया/पुल का निर्माण होना है। इस मार्ग में कहां से कहां तक (दोनों और) पानी निकासी के लिये नाली निर्माण कराया जाना है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य की लागत, कार्य पूर्ण होने की अवधि कार्य की एजेंसी/फर्म का नाम, मार्ग की लम्बाई एवं चौड़ाई स्वीकृत प्राक्कलन की विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य में की जा रही अनियमितताओं के संबंध में क्या स्थानीय प्रतिनिधियों/संगठनों के माध्यम से कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) 8.8 किमी में टू-लेन से 4 लेन में उन्नयन कार्य, 3.87 किमी में डामरीकृत मटेरियल (डीबीएम+बीसी) का ओव्हर लेय कार्य ओर 0.63 किमी में आरओबी का निर्माण इस प्रकार कुल 13.30 किमी में उन्नयन/निर्माण कार्य। मार्ग पर कुल 16 पुल/पुलिया का निर्माण प्रस्तावित है। मार्ग की कुल लंबाई 13.30 किमी में दोनों ओर मिलाकर 4.50 किलोमीटर की लंबाई में नाली निर्माण प्रस्तावित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब'' तथा परिशिष्ट- ''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। (घ) उक्त कार्य के संबंध में भारतीय मजदूर संघ जिला सिवनी द्वारा अनियमितताओं के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ था। उक्त पर संभागीय प्रबंधक छिंदवाड़ा व मुख्यालय कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच कराई गई है। जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ विमुक्त जाति के प्रमाण पत्र की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
110. ( क्र. 1452 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़, विमुक्त समाज में कौन-कौन से वर्ग जातियां सम्मिलित की गई है कुल कितनी जातियां इसके अंतर्गत आती है? (ख) खण्डवा एवं बड़वानी जिले में उक्त वर्ग की कितनी जातियां निवासी करती है किन-किन जातियों के प्रमाण पत्र जारी किए गए है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जातियों के उत्थान के लिए शासन द्वारा वर्तमान क्या-क्या योजनाएं संचालित है? खण्डवा एवं अन्य जिलों में कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया, की विस्तृत जानकारी प्रदान करें? (घ) खण्डवा जिले के सभी विकासखण्डों में निवासरत घुमक्कड़ विमुक्त, अर्द्धघुमक्कड़ जातियों की ग्रामवार जानकारी प्रदान की जावे?
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) इन समुदायों से संबंधित डाटा बेस अनुपलब्ध होने से जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। जाति प्रमाण पत्र संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
निर्माणाधीन सड़क एवं नालियों की गुणवत्ता
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1453 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर में निर्माणाधीन (NH-552) राष्ट्रीय राज्य मार्ग पाली से श्योपुर एवं रिहायशी इलाकों में निर्माणाधीन नाली निर्माण तकनीकी स्वीकृति (DDR) अनुसार नहीं बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या गुणवत्ताहीन घटिया निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या सलापुरा से जाटखेडा तक निर्माणाधीन नाली निर्माण घटिया एवं गुणवत्ताहीन एवं मनमाफिक कार्य कराया जा रहा है? जो मोटर साईकल निकलने पर ही टूट रही है एवं जगह-जगह फूट चुकी है एवं टेड़ी-मेड़ी बनाई गई है जो समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकाशित हो रहा है इस घटिया कार्य के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उक्त अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ख) जी नहीं। ड्रेन का कवर स्लेब फुटपाथ के लिये उपयोग किया जाता है, न किसी वाहन के लिये। पूर्व में ठेकेदार द्वारा नाली को टेड़ा-मेड़ा बनाया गया था, जिसको विभाग द्वारा तुड़वाकर ठेकेदार से पुनः निर्माण कराया गया है। नियमानुसार किये गये कार्य के नमूने समय-समय पर एन.ए.बी.एल. लैब एवं विभागीय लैब से परीक्षण कराये गये जो कि गुणवत्ता अनुरूप पाये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
नगरपालिका श्योपुर से संबंधित निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1454 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका श्योपुर एवं बड़ौदा में विधायक निधि से स्वीकृत कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं अप्रारम्भ है? अपूर्ण एवं अप्रारम्भ के क्या कारण है? अब कब तक पूर्ण करा लिये जावेगे? समय-सीमा बताये? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये नगर पालिका श्योपुर से संबंधित प्रश्न ऑनलाईन क्र.31173 दि. 11.06.24 का उत्तर एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) नगरपालिका श्योपुर द्वारा निर्माणाधीन सड़क रेलवे फाटक से अस्पताल रोड तक डामरीकृत सड़क निर्माण TS (DPR) अनुसार चौड़ाई में न बनाया जाकर घटिया निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य की जांच समिति बनाकर कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) नगरपालिका श्योपुर द्वारा आवासहीन परिवारों की सूची 1250 के लगभग में से अभी तक पात्र परिवारों की अभी तक आवास उपलब्ध क्यों नहीं कराये गये है? अब कब तक आवास स्वीकृत करा दिये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिका श्योपुर से संबंधित प्रश्न ऑनलाईन क्रमांक 31173 दिनांक 11.06.2024 का विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1899 का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। कोई दोषी न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित रोड पर डामरीकरण कार्य की चौड़ाई तकनीकी स्वीकृति के अनुसार वर्तमान रोड की चौड़ाई 7 मीटर एवं वर्तमान मार्ग के दोनों ओर 2-2 मीटर वाइडनिंग सहित कुल चौड़ाई 11 मीटर है परन्तु रोड के वाईडनिंग में विद्युत पोल होने से वर्तमान में विद्यमान मार्ग पर 7 मीटर चौड़ाई में डामरीकरण का कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ कराया जा रहा है विद्युत पोल शिफ्टिंग होने के बाद रोड के दोनों ओर 2-2 मीटर चौड़ाई में डामरीकरण कराया जायेगा। डामरीकरण का कार्य पूरी गुणवत्ता से कराये जाने के लिए थर्ड पार्टी (एस.क्यू.एम.) के द्वारा समय-समय पर निरीक्षण एवं कार्य की आवृति अनुसार सभी आवश्यक टेस्ट कराने एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य पाये जाने के बाद ही भुगतान करने की व्यवस्था की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर पालिका श्योपुर द्वारा नगरीय क्षेत्र में वर्ष 2017 से 2023 तक कुल पात्र 5414 हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ दिया गया है तथा उसके उपरांत प्राप्त नवीन आवेदनों 1883 की संयुक्त दल गठित कर पात्रता की जांच हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3007 दिनांक 07.08.2023 से तहसीलदार जिला श्योपुर को सूची भेजी गई है। योजना समाप्ति की अवधि दिसम्बर 2024 होने से नई परियोजनाएं स्वीकृत नहीं की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के दिशा निर्देशानुसार पात्रों को लाभ दिया जा सकेगा।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1462 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितनी स्मार्ट सिटी हैं? वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक स्मार्ट सिटी में कार्यों/प्रोजेक्ट हेतु कुल कितनी राशि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रदाय की गई है, जानकारी वर्षवार कार्यवार प्रदाय करें? यह राशि जिन-जिन कार्यों में खर्च की गई उन कार्यों के नाम स्वीकृत राशि खर्च राशि की जानकारी सहित तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति एवं पूर्णता प्रमाण पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? (ख) जबलपुर स्मार्ट सिटी अंतर्गत प्रोजेक्ट आईडी क्रमांक MAD-JAB-052, MAD-JAB-075, MAD-JAB-089, MAD-JAB-0096, MAD-JAB-013, MAD-JAB-015, MAD-JAB-050, MAD-JAB-058, MAD-JAB-060, MAD-JAB-073, MAD-JAB-086, MAD-JAB-092, MAD-JAB-094, MAD-JAB-098, MAD-JAB-099, MAD-JAB-100, MAD-JAB-101, MAD-JAB-108, MAD-JAB-111, MAD-JAB-114, MAD-JAB-142, MAD-JAB-148, MAD-JAB-156, MAD-JAB-157, MAD-JAB-168, MAD-JAB-171 के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? इन कार्यों से संबंधित अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनमें हुई जाँच के प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं? (ग) स्मार्ट सिटी जबलपुर की वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भारत सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत प्रदेश में कुल सात शहरों का चयन किया गया है। वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक स्मार्ट सिटी को कार्यों/प्रोजेक्ट हेतु केन्द्र एवं राज्य द्वारा कुल प्रदाय राशि की वर्षवार कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। शेष जानकारी वृहद स्वरुप की होने से संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) स्मार्ट सिटी जबलपुर की वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
भूमि से संबंधित मामले में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 1463 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जबलपुर विकास प्राधिकरण के वर्तमान सीईओ व अन्य के विरुद्ध कछपुरा में योजना क्रमांक 6 और 41 की भूमि से संबंधित मामले में गड़बड़ी को लेकर आर्थिक अपराध शाखा में एफआईआर दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो वर्तमान सीईओ को पद से हटाने को लेकर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्यों, कब तक की जाएगी? वर्तमान सीईओ दीपक वैद्य के सम्पूर्ण कार्यकाल के दौरान दी गई समस्त एनओसी, सभी लीज डीड, समस्त भूखंडों के आवंटन की जानकारी संबंधित समस्त दस्तावेज व जानकारी उपलब्ध कराएं? क्या इन सभी की जाँच कराई जाएगी? (ख) जबलपुर विकास प्राधिकरण अंतर्गत स्कीम नंबर 11 (खसरा नं 5/2/4,8/2/7), स्कीम नं 31 (सतीश रंजन दुबे वाली भूमि), स्कीम नं 11 (दिनेश सिंह बनाकर, दरयानी क्लासेस से लगी हुई भूमि), स्कीम नं 41 (आशीष खंडेलवाल वाली भूमि), ब्रह्मपुरी सोसायटी खसरा नं 132,132/1 की भूमि, उक्त सभी की नोट शीट, बोर्ड के निर्णय, आवंटन आदेश, लीज डीड, एनओसी दिए जाने सम्बंधित समस्त दस्तावेज सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में फ्लाई ऐश का उपयोग
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 1468 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के बैतूल नागपुर हिस्से में आमला पंखा पर बनाए गए फ्लाई ओवर में सारणी पॉवर हाउस की राख का उपयोग एंबेंकमेंट में नहीं किया गया? (ख) मध्यप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय छिंदवाड़ा के किस-किस अधिकारी ने गत दो वर्षों में किस-किस दिनांक को बैतूल जिले का प्रवास किया, उस अधिकारी ने आमला पंखा फ्लाई-ओवर के एंबेंकमेंट में सारणी पावर हाउस की राख का उपयोग नहीं किए जाने पर किस-किस के विरुद्ध किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्रवाई की? यदि कार्रवाई नहीं की हो तो उसका कारण बतावें? (ग) सारणी पावर हाउस की राख का आमला पंखा में बने फ्लाई-ओवर में उपयोग नहीं किए जाने पर, क्षेत्रीय कार्यालय छिंदवाड़ा द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध नहीं करने, प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने पर जिम्मेदार एवं जवाबदेह क्षेत्रीय अधिकारी के विरुद्ध शासन ने किस कारण से कार्रवाई नहीं की है? कब तक शासन क्या कार्रवाई करेगा समय-सीमा सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सम्बंधित है। प्रश्नांश में उल्लेखित कार्य में राख का उपयोग नहीं किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नागपुर से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्बंधित है। अधीक्षण यंत्री म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्बंधित है। अधीक्षण यंत्री म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है।
ट्रांसफार्मर क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 1475 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किस-किस क्षमता के कितने-कितने वितरण ट्रांसफार्मर वितरण केन्द्रवार स्थापित है? विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्र में वितरण केन्द्रवार कितने वितरण ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं एवं उनमें से कितने बदल दिये गये हैं? बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किन-किन स्थलों पर लगे वितरण ट्रांसफार्मर खराब/बंद अवस्था में हैं? (ख) भार वृद्धि का आंकलन कर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि किये जाने के क्या नियम/निर्देश है? बड़वानी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 2 वर्षों में किन-किन वितरण केन्द्रों के अंतर्गत कितने स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई? वितरण केन्द्रवार क्षमतावार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या बड़वानी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मजरा/टोलों व ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घण्टे विद्युत सप्लाई नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करते हुए बताये कि कब तक उक्त क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई 24 घण्टे दिये जाने की योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 31.10.2024 की स्थिति में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी क्षमतावार, वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। विगत दो वित्तीय वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत जले/खराब एवं बदले गए वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना शेष नहीं है। (ख) वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध भार उसकी क्षमता से 80 प्रतिशत से अधिक पाए जाने पर भविष्य की भार वृद्धि के दृष्टिगत वितरण ट्रांसफार्मर को भार वृद्धि हेतु चिन्हित किया जाता है एवं ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि (उन्नयन) का कार्य अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य, समय-समय पर केन्द्र एवं राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के दिशा-निर्देश एवं प्रावधानों के अनुरूप एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए किये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रकिया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत विगत दो वर्षों में वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि से संबंधित कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार, क्षमतावार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले समस्त राजस्व ग्रामों एवं संसूचित मजरों/टोलों को अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे एवं कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे विद्युत् प्रदाय किया जा रहा है। राजस्व ग्रामों के समीप स्थित आबादी क्षेत्र से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे समूह में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसरंचना से नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 1476 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग एवं पी.आई.यू. (रोड़ एवं भवन) में वर्ष 2021 से वर्तमान तक कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुये है? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति, कार्यादेश, अनुबंध की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) विभिन्न पूर्ण एवं अपूर्ण कार्य का मूल्यांकन पत्रक एवं किये गये भुगतान की दिनांकवार जानकारी देवें। (घ) अनुबंध की शर्तों का उल्लघंन किये जाने की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति एवं वित्तीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'', कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' एवं अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' एवं ''4'' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कार्य अनुबंधानुसार किये जा रहे है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम के अधीन भूमि, फ्लैट, प्लॉट नीलामी
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 1477 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम के तहत "इंदौर विकास निगम प्राधिकरण" और भोपाल नगर निगम के तहत " भोपाल विकास प्राधिकरण " ने वर्ष 2005 से 2024 तक, आवासीय फ्लैट/प्लॉट व्यावसायिक फ्लैट/प्लॉट/भूमि/दुकान हेतु जो विज्ञप्ति दी गयी थी और नीलामी/बोली की गयी, उसमे प्रति विज्ञप्ति में कितने "एस.सी. और एस.टी. " वर्ग के व्यक्ति और फर्म के लिए रिज़र्व थे और कितने नीलामी में इन वर्ग को प्राप्त हुए, जिनकी नीलामी नहीं हुई, वो अन्य वर्ग को बिक्री करने की जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने आवासीय/व्यावसायिक फ्लैट, दुकान और भूमि/प्लॉट, जो "एस. सी. व एस. टी." वर्ग के लिए रिज़र्व है, परंतु आज तक नीलामी/बोली में बिक्री नहीं होने से खाली, अनुउपयोगी है, इसकी पूर्ण जानकारी वर्ष अनुसार दी जाए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकरण- इन्दौर विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2005 से 2024 तक आवासीय फ्लैट/प्लॉट/व्यावसायिक फ्लैट/प्लॉट/भूमि/ दुकान हेतु विज्ञप्तियां जारी की गई। इनमें से अनु. जाति हेतु 972 व अनु.जन. जाति हेतु 1095 आरक्षित थे। इनमें से अनु. जाति वर्ग को 797 एवं अनु.जन.जाति वर्ग को 710 प्राप्त हुए है, जिनकी नीलामी नहीं हुई व अन्य वर्ग को बिक्री करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ" अनुसार है। भोपाल विकास प्राधिकरण- भोपाल विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2005 से 2024 तक आवासीय फ्लैट/प्लॉट/व्यावसायिक फ्लैट/प्लाट/भूमि/दुकान हेतु विज्ञप्ति जारी की गई है। 1. कुल विक्रित योग्य सम्पत्ति की संख्या 9857 में से अनु.जाति.वर्ग के लिए 989 सम्पत्ति आरक्षित थी तथा अनु.ज.जाति. वर्ग के लिए 1468 सम्पत्ति आरक्षित थी, जिनमें से अनु.जाति एवं अनु.जन.जाति वर्ग को प्राप्त सम्पत्तियों की संख्या क्रमशः 806 एवं 878 हैं। 2. अनु.जा./ अनु.ज.जाति वर्ग के लिए आरक्षित संपत्तियों के विक्रय नहीं होने से अन्य वर्ग को विक्रय की गई संपत्तियों की संख्या 773 है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब" अनुसार है। (ख) इंदौर विकास प्राधिकरण- प्रश्नांश (क) के संबंध में अनु. जाति वर्ग की अविक्रित संपत्ति 175 व अनु.ज.जाति वर्ग की 385 है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ" के कॉलम नंबर 10 व 11 पर उल्लेखित है। भोपाल विकास प्राधिकरण-प्रश्नांश (क) के संबंध में आज तक नीलामी/बोली में बिक्री नहीं होने से कोई भी संपत्ति खाली, अनुपयोगी नहीं है।
सीवर लाइन कार्य की प्रगति
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 1482 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में नगर परिषद धामनोद में सीवर लाइन का कार्य प्रगतिरत है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो इस कार्य की डीपीआर व प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। उक्त कार्य के क्या मापदंड है? (ग) इस कार्य का कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण है और कितना प्रतिशत कार्य अपूर्ण है तथा प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का कितना-कितना भुगतान किया गया? कार्यवार, दिनांकवार व राशिवार भुगतान किये बिलों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य को अत्यंत गुणवत्ताविहीन और घटिया तरीके से रोड को खोदकर दुरूस्त नहीं कर व डीपीआर के अनुसार नहीं किया जाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो किस कारण? स्पष्ट करें। (ड.) उक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? समय-सीमा बतावें। कार्य पूर्ण होने के बाद इसका संचालन व संधारण कौन करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) धामनोद सीवरेज कार्य की डी. पी. आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार व प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। उक्त कार्य के मापदंड केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन के मापदंड अनुसार है। (ग) योजनांतर्गत 31% कार्य पूर्ण है एवं 69% कार्य अपूर्ण है। प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 19,81,13,430.00 का भुगतान किया गया है एवं बिलों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उक्त कार्य को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य 26 सितम्बर 2026 है। कार्य पूर्ण किये जाने के बाद संचालन-संधारण का कार्य आगामी 10 वर्षों के लिए निर्माण एजेंसी के द्वारा संपादित किया जावेगा।
रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 1489 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी ओरछा में रेलवे स्टेशन के समीप स्थित रेलवे अण्डर ब्रिज में पानी भर जाने से आवागमन में व्यवधान उत्पन्न होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त अण्डर ब्रिज को लगभग हर महीने मरम्मत किये जाने के लिए दो से तीन दिन तक ओरछा का मुख्य मार्ग बंद रखा जाता है, यदि हाँ, तो उक्त मार्ग पर आवागमन बाधित न हो इसके लिए क्या स्थायी समाधान किये जाने के लिए कोई कार्ययोजना है जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी ओरछा में पर्यटको व आमजनों के सुलभ आवागमन के लिये क्या ओवर ब्रिज का निर्माण कराये जाने की कार्यवाही की जावेगी? जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित कार्य लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रांतर्गत नहीं है, अपितु रेलवे विभाग से सम्बंधित है। रेलवे विभाग से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
रेलवे लाईन पर ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 1490 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी में झांसी मानिकपुर रेलवे लाईन पर ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है जिसके सम्बंध में पत्र क्रमांक 159/विधा.नि./2024-25 दिनांक 02/10/2024 के माध्यम से जनसामान्य की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये यातायात अवरूद्ध न हो इस हेतु ओवर ब्रिज से तीसरा लेग उतारे जाने की मांग की गई थी। उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ब्रिज निर्माण कार्य किस कंपनी/ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है विभाग से किये गये अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्य का निरीक्षण किस-किस दिनांक को किया गया निरीक्षण रिपोर्ट/प्रतिवेदन उपलब्ध करावें यदि अनुबंध अनुसार कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया तो ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की जावेगी। (ग) उक्त ब्रिज बनाने में उपयोग की जाने वाली सामग्री की समय-समय पर की जाने वाली मटेरियल की जांच शासकीय लेबोरेट्री द्वारा की जा रही है यदि हाँ, तो जांचों की रिपोर्ट किस- किस स्तर पर की गई प्रतिलिपि देवें साथ ही यह भी जानकारी दें कि अभी तक ठेकेदार को कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया। कार्य का मूल्याकंन व सत्यापन किस-किस अधिकारी के द्वारा और कब-कब किया गया बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। परीक्षण कराया जा रहा है। (ख) मेसर्स वंशिका कंस्ट्रक्शन नरसिंहपुर द्वारा किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। कार्यपालन यंत्री द्वारा दिनांक 04/05/2024, 09/06/2024 अधीक्षण यंत्री द्वारा दिनांक 09/06/2024 एवं मुख्य अभियंता द्वारा दिनांक 17/11/2024 को निरीक्षण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। अनुबंधित अवधि शेष है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। रूपये 334.60 लाख का भुगतान किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री के द्वारा मूल्यांकन व सत्यापन समय-समय पर किया जाता है।
कायाकल्प 1 एवं 2 योजनांतर्गत जारी राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 1492 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के नगरीय आवास एवं विकास विभाग द्वारा नगर पालिक निगम सागर में कायाकल्प 1 एवं 2 योजनांतर्गत जारी राशि का उपयोग सड़क उन्नयन एवं नई सड़क निर्माण में किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? विवरण सहित बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश ''क'' में वर्णित योजनांतर्गत प्राप्त राशि से गैर शासकीय अथवा निजी भूमि पर सड़क निर्माण व उन्नयन कार्य कराये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या शासन कायाकल्प 1 एवं 2 योजनांतर्गत जारी राशि से गैर शासकीय अथवा निजी भूमि पर निर्माण व उन्नयन कार्य कराने वाले नगर पालिक निगम व नगर पालिकाओं के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं, जी हाँ, नगर
पालिक निगम व
नगर पालिकाओं
द्वारा गैर शासकीय
अथवा निजी
भूमि पर
निर्माण व उन्नयन
कार्य कराने
की बात
संज्ञान में
आने पर नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
परिशिष्ट
- "तीस "
सोलर पेनल के माध्यम से विद्युत प्रदाय
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
123. ( क्र. 1495 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए विभाग द्वारा कितना बजट स्वीकृत किया गए है एवं वर्तमान में क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं? (ख) सीधी जिले में शहरी एवं ग्रामीण घरों में सोलर पैनल के माध्यम से विद्युत प्रदाय करने के लिए किस स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं? सीधी विधानसभा में अब तक कितने घरों को सोलर पैनल के माध्यम से विद्युत प्रदान किया जा रहा है? (ग) जिला रीवा में एशिया का श्रेष्ट सौर्य ऊर्जा प्लांट है यहाँ पर कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं एवं इनमे से कितने प्रतिशत स्थानीय कर्मचारियों को नौकरियां दी गई हैं? (घ) प्रदेश में सभी शासकीय कार्यालयों में यदि सोलर पैनल के माध्यम से विद्युत प्रदान किया जाता है तो बड़े पैमाने पर विद्युत की कमी से बचा जा सकता है इस दिशा में सरकार की क्या कार्ययोजना है?
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री राकेश
शुक्ला ) : (क) राज्य
शासन द्वारा
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा विभाग का
रू. 63.86
करोड़ का बजट
वित्तीय
वर्ष 2024-25
हेतु स्वीकृत
किया गया है। योजनावार
(सब स्कीम) के
प्रावधानों
के विवरण की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। विभाग
के बजट में
जिलेवार
प्रावधान
नहीं हैं। योजनावार
प्राप्त बजट
से वर्तमान
में सीधी जिले
में प्रधानमंत्री
कृषक मित्र
सूर्य योजना (कुसुम-ब)
एवं
प्रधानमंत्री
जन-मन
कार्यक्रम
अंतर्गत विद्युतीकरण
कार्य प्रस्तावित
है, जिसकी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ख) भारत
सरकार की 'प्रधानमंत्री
सूर्य घर
मुफ्त बिजली
योजना' अंतर्गत
सीधी जिले में
कुल 23
घरेलू उपभोक्ताओं
द्वारा सोलर
पैनल स्थापित
किये गए हैं। सीधी
जिले में
रूफटॉप सोलर
शुद्ध मापन के
अंतर्गत कुल 78 उपभोक्ताओं
द्वारा 1087 कि.वॉ.
क्षमता के
सोलर पैनल स्थापित
किये गए हैं। 'पी.एम.जन
मन योजना' अंतर्गत
सीधी जिले में
ग्रामीण घरों
में सोलर पैनल
के माध्यम से
विद्युत
प्रदाय करने
की कार्य
योजना के तहत
प्रथम चरण में
कुल 145
घरों को
चिन्हित किया
गया है, जिसमें
लगभग 01
किलोवॉट की
ऑफग्रिड
प्रणाली के
सौर ऊर्जा संयंत्र
की स्थापना
की जायेगी। (ग) जी
हाँ। जिला
रीवा में
एशिया का
श्रेष्ठ
सौर्य ऊर्जा
प्लांट है, यहां पर
कुल 220
कर्मचारी
वर्तमान में
कार्यरत हैं, जिसमें
से लगभग 87.7 प्रतिशत
स्थानीय
लोगों को
रोजगार दिया
गया है। (घ) भारत
सरकार की
प्रधानमंत्री
सूर्य घर
मुफ्त बिजली
योजना के
अंतर्गत
प्रदेश के सभी
शासकीय
कार्यालयों
को सौर ऊर्जा
से ऊजीकृत
करने का प्रावधान
है, जिस
पर कार्यवाही
प्रचलन में है।
परिशिष्ट
- "इकतीस"
सीधी नगर पालिका का विस्तार एवं विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 1496 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी नगर पालिका क्षेत्र के आसपास के विशिष्ट ग्रामों को नगर पालिका क्षेत्र में जोड़कर सीधी नगर पालिका परिषद् का दायरा बढ़ाने की कोई योजना है यदि हाँ, तो इस कार्यवाही में लगातार हो रहे विलंब का कारण क्या है एवं यह कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? (ख) सीधी शहर को मिनी स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था जिसके तहत प्राप्त प्रथम किस्त का उपयोग करते हुए समस्त कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा सदन में मिनी स्मार्ट सिटी की द्वितीय किस्त की मांग माननीय मंत्री महोदय जी से की गई थी यह राशि कब तक जारी कर दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद सीधी जिला सीधी की सीमावृद्धि की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) मिनी स्मार्ट सिटी परियोजना, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्धितीय चरण अंतर्गत स्वीकृत की गई थी। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्धितीय चरण वर्तमान में समाप्त हो गयी है। मिनी स्मार्ट सिटी परियोजना सीधी के समस्त निर्माण कार्यपूर्ण हो गये है। म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा मिनी स्मार्ट सिटी परियोजना हेतु कोई नया प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सिंचाई कार्य हेतु सोलर पंप योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
125. ( क्र. 1498 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को सिंचाई कार्य हेतु सोलर पंप स्थापित कर लाभांवित किया गया हैं। विकासखण्ड वार नामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) सोलर पंप लगाने हेतु कितने हितग्राहियों का आवेदन प्राप्त हैं। कितने हितग्राहियों को लाभांवित करने का लक्ष्य है। वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) मंडला जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 19 हितग्राहियों के यहां सोलर पम्पों की स्थापना की जा चुकी है, जिसकी विकासखण्ड वार, नामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) मंडला जिले में 78 हितग्राहियों द्वारा सोलर पम्प स्थापना हेतु पंजीयन किया गया था जिसके अंतर्गत 19 हितग्राहियों के यहां सोलर पम्प की स्थापना की जा चुकी है तथा 59 हितग्राहियों के यहां सोलर पम्प की स्थापना किया जाना शेष है, जिसकी वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। कुसुम-बी योजना के अन्तर्गत सोलर पम्प स्थापना हेतु संपूर्ण प्रदेश से ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये जाते है, जिलेवार लक्ष्य निर्धारित नहीं होते है। बजट की उपलब्धता होने पर पात्र हितग्राहियों के यहां वरीयता क्रमानुसार एवं पात्रतानुसार सोलर पम्प की स्थापना हितग्राहियों की कृषि भूमि पर की जाती है।
नगरीय क्षेत्र में निवासरतों के गरीबी रेखा के कार्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 1499 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सौंसर अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में निवास करने वाले पात्र गरीब निवासियों के गरीबी रेखा से नीचे होने के बावजूद उनके लिए गरीबी रेखा के कार्ड क्यों नहीं बनाये जा रहे हैं? (ख) क्या सरकार इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने और पात्र गरीब निवासियों के गरीबी रेखा के कार्ड तत्काल बनाये जाने हेतु आदेशित करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कलेक्टर आपूर्ति शाखा छिंदवाड़ा का पत्र क्र. 91/खा.लि.-2/2021 छिंदवाड़ा, दिनाक 28-01-2021 प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 में संशोधन किया जाकर बी.पी.एल.राशनकार्ड जारी होने की सुविधाओं को हटाकर नवीन पात्रता पर्ची जारी करने के निर्देशानुक्रम में नगरीय क्षेत्र सौंसर अंतर्गत गरीबी रेखा सूची में नाम जोड़े जाने हेतु वर्ष 2024-25 में लोक सेवा के माध्यम से कुल 12 आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें से गरीबी रेखा के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार पात्रता होने पर कुल 02 आवेदन स्वीकृत कर पात्रता पर्ची जारी की गई तथा शेष 10 आवेदन अपात्र पाये गये। उक्त प्रक्रिया निरंतर जारी है। (ख) उत्तरांश-(क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
फोरलेन निर्माण की स्वीकृति के पूर्व किये गये निर्माण
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 1501 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 47 (पूर्व में 59 ए) में राष्ट्रीय सड़क विकास प्राधिकारण (एनएचएआई) द्वारा फोर लेन सड़क निर्माण स्वीकृति के पूर्व लोक निर्माण (राष्ट्रीय राजमार्ग) द्वारा टूलेन सड़क निर्माण, पुल-पुलियाओं के निर्माण के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गये? कृपया एनएचएआई को हस्तांतरण के पूर्व स्वीकृत टूलेन सड़क निर्माण आदेश, लंबाई तथा लागत बताने का कष्ट करें। (ख) क्या केन्द्र सरकार द्वारा बैतूल-इन्दौर खण्ड पर फोर लेन सड़क निर्माण स्वीकृत किए जाने के बाद भी निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माणाधीन टूलेन सड़क निर्माण का कार्य जारी रखा जाकर शासन के करोड़ों रूपयों का नुकसान किया गया? कृपया एनएचएआई द्वारा सड़क निर्माण की स्वीकृति मिलने के पूर्व एवं बाद में एजेंसी द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों तथा लागत की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) इस निर्माण कार्य में निर्माण एजेंसी से पांच वर्षों तक सड़क संधारण की राशि क्या सरकार द्वारा वापस मांगी गई, यदि हाँ, तो कब और कितनी, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं होने की स्थिति में सरकार को हुए नुकसान के लिये कौन दोषी है तथा सरकार द्वारा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। रा.रा. संभाग इन्दौर के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत बैतूल-इन्दौर खण्ड पर फोरलेन सड़क निर्माण स्वीकृत किये जाने के बाद कोई भी एजेन्सी द्वारा टू लेन विथ पेव्हड शोल्डर का निर्माण कार्य नहीं किया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में मार्ग निर्माण अनुबंधकर्ता द्वारा मार्ग का संधारण किया जा रहा है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सरकार को कोई नुकसान न होने के कारण कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अतः दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टेट हाइवे पर रेलवे क्रासिंग में ओवरब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 1502 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-पांढुर्ना नगरीय क्षेत्र में स्टेट हाइवे मार्ग से गुजरने वाली रेलवे क्रासिंग में ओवरब्रिज निर्माण कास्ट शेयरिंग आधार पर म.प्र.सरकार के साथ स्वीकृत है? यदि हाँ, तो इस बावत प्रदेश सरकार को कब स्वीकृति प्राप्त हुई? क्या उक्त ओवरब्रिज के निर्माण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा राशि स्वीकृत कर निविदा आमंत्रण सम्बन्धी कार्यवाही वर्तमान वित्तीय वर्ष में कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी? (ख) क्या जिला मुख्यालय पांढुर्णा में पांढुर्णा-अमरावती स्टेट हाईवे मार्ग पर रेल्वे क्रांसिंग में ओवर ब्रिज निर्माण हेतु माननीय मुख्यमंत्री मध्ययप्रदेश शासन, भोपाल को जनवरी 2024 में स्थानीय विधायक द्वारा पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है, वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राज्य की चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 1506 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर केंट विधानसभा के अंतर्गत राज्य की चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि छावनी परिषद् को हर वर्ष कितनी प्रदान की जाती है, जानकारी दें। (ख) यदि यह राशि प्रदान की जाती है तो उस राशि के विकास रूपों का ब्यौरा दें। (ग) यदि यह राशि प्रदान नहीं की जाती है तो क्यों नहीं की जाती है, जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर कैंट को वित्तीय वर्ष 2023-24 में राशि रूपये 15,90,69,624/- प्रदान की गई है। (ख) उक्त राशि का उपयोग सड़क निर्माण, बिजली पूर्ति, पेयजल सुविधा, स्वच्छता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु किया जाता है। (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1507 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर, नगर निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का कार्य कौन सी एजेंसी को दिया गया है? जानकारी दें। (ख) डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में कितने वाहन नगर निगम में लगे हुए हैं? जानकारी दें। (ग) डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में जबलपुर में कितने कर्मचारी कार्यरत है एवं इनको प्रतिदिन कितना भुगतान नगर निगम द्वारा किया जाता है? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में डोर टू डोर कचरा संग्रहण एवं परिवहन का कार्य नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा स्वयं कराया जा रहा है। (ख) डोर टू डोर कचरा संग्रहण में 371 टीपर वाहन कार्यरत है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 1512 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मदों में वर्षवार कितना-कितना, किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया, सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों में वर्षवार कितनी-कितनी खरीदी किन-किन संस्थाओं से वर्षवार की गई, उनके नाम तथा राशि सहित विवरण देवें। (ग) कचरा प्रबंधन पर वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय क्षेत्र/पंचायत में सफाई हेतु कितने उपकरण, वाहन तथा दवाईयों का क्रय किया गया? (घ) क्या नगर पंचायतों/नगर पालिकाओं की शिकायतें सी.एम. हेल्प लाईन परर प्रश्न दिनांक तक लंबित है? क्या कार्यवाही की गई जांच अभिमत सहित जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''03'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायतों का प्राप्त होना व उनका निराकरण सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नांश में किसी शिकायत विशेष का उल्लेख न होने से जांच अभिमत देना संभव नहीं है।
नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को समयमान वेतन
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 1519 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम बुरहानपुर में कार्यरत कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ मिला है। इन अधिकारियों कर्मचारियों के नाम, पदस्थापना दिनांक तथा समयमान वेतनमान स्वीकृत के आदेश की छाया प्रतिया उपलब्ध कराएं। (ख) नगर पालिका निगम बुरहानपुर में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ आज दिनांक तक नहीं दिया गया है। पात्रता रखने वाले इन अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, नियुक्ति दिनांक की सूची उपलब्ध कराएं एवं लाभ न देने का कारण बताएं। (ग) नगर पालिका निगम बुरहानपुर में ऐसे कितने अधिकारी और कर्मचारी है जिन्हें रिटायरमेंट के बाद भी प्रथम द्वितीय और तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है उनके नाम और नियुक्ति दिनांक सूची उपलब्ध कराए एवं लाभ न देने का कारण बताएं। (घ) नगर पालिक निगम बुरहानपुर में अधिकारियों कर्मचारियों को अब तक समयमान वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया गया इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई संपूर्ण विवरण बताएं एवं इन अधिकारी/कर्मचारियों को कब तक लाभ मिलेगा समय-सीमा बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। समयमान वेतनमान हेतु समिति का गठन किया जाकर समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं होने के कारण विलंब हुआ है। (घ) नगर पालिक निगम बुरहानपुर में अधिकारियों कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु गठित समिति की बैठक दिनांक 20.11.2024 को की गई अनुशंसा अनुसार दिनांक 05.12.2024 को अधिकारी/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान प्रदान करने के आदेश जारी किये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गायों एवं डेयरी की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
133. ( क्र. 1524 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गायों की प्रजनन एवं मृत्यु की गणना की जाती है अगर हाँ तो बतावें एक जनवरी 2024 से आज तक म.प्र. में कुल कितने गायों की प्रजनन हुई एवं कितने गायों की मृत्यु हुई विकास खण्डवार जानकारी दें। अगर नहीं तो प्रजनन एवं मृत्यु की गणना क्यों नहीं की जाती जानकारी दें। (ख) क्या राष्ट्रीय राजमार्गों में प्रतिदिन दर्जनों गायों की मौत सड़क दुर्घटनाओं से हो रही है। अगर हाँ तो बतावें इसके जिम्मेदार कौन हैं इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्रयास किये गये हैं दुर्घटना क्यों नहीं रूक रही है और अगर नहीं तो प्रतिदिन राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे जबलपुर-भोपाल में दर्जनों गायों की लाश पड़ी रहती है। कारण बतावें। (ग) गौ सुरक्षा के क्या नियम है। (घ) जिला डिण्डोरी में कहां-कहां डेयरी एवं गौशाला है, कब से संचालित है संचालक कौन है 01 जनवरी 2024 से आज तक इन्हें कब-कब कितनी राशि सहायता दी गई, सहायता देने के क्या नियम है, कितने डेयरी एवं गौशाला सही है, सही नहीं है। जानकारी दें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) गायों के प्रजनन का रिकार्ड संधारित किया जाता है। गायों के प्रजनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। विभाग में गायों की मृत्यु की गणना का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। सड़कों पर जो गौवंश विचरण कर रहे है वह अधिकांश पशुपालकों द्वारा छोड़ा गया पालतू गौवंश है, जिनकी गौशालाओं में व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा समस्त जिला कलेक्टरों को सूचित किया गया है जिसके तारतम्य में जिला कलेक्टरों द्वारा अभियान चलाकर गौवंश को गौशालाओं तक पहुंचाने की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की गई है। सड़कों पर विचरण करने वाले गौवंश के व्यवस्थापन की व्यवस्था स्थानीय नगरीय निकायों, ग्राम पंचायत एवं राष्ट्रीय राज्यमार्ग प्राधिकरण द्वारा की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा किये गये निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 1525 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बजट सत्र 2023-24 एवं 2024-25 में कौन-कौन से कार्यों के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग के बजट में सदन में जानकारी दी गई थी उसमें कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हुए, उनकी प्रगति कितनी है, कितना व्यय हुआ तथा कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुए है क्यों प्रारंभ नहीं हुए इस हेतु कौन जिम्मेदार है कार्य कब तक प्रारम्भ होंगे समय-सीमा बतावें। (ख) माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा बजट सत्र 2024-25 में लोक निर्माण विभाग के 900 कि.मी., नर्मदा पथ एवं नर्मदा एक्सप्रेसवे का उल्लेख किया है कृपया नर्मदा पथ की प्राक्कलन ड्राईंग, स्वीकृति राशि, कार्य प्रारंभ दिनांक वर्तमान में भौतिक प्रगति, व्यय तथा प्राक्कलन किसने बनाया कितना व्यय हुआ जानकारी दें। (ग) 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किये एवं लोक निर्माण विभाग के ENC,CE और प्रमुख सचिव के पास किन-किन अधिकारियों की शिकायत, कब-कब, किसने-किसने की। उन शिकायतों में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही हुई शिकायतवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। नर्मदा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बजट वर्ष 2024-25 में प्रावधानित है। नर्मदा एक्सप्रेसवे के निर्माण हेतु प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। वर्तमान में परियोजना की ड्राइंग, प्राक्कलन तैयार नहीं किये गये है एवं न ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है।
स्मार्ट मीटर लगाये जाने में भ्रष्टाचार की शिकायत
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 1528 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2024 में स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे है? उसमें 5 प्रतिशत स्मार्ट मीटर के साथ चेक मीटर भी स्थापित करना था? (ख) क्या ठेके की शर्त के तहत कोई भी पेटी (Sub) ठेका नहीं दिया जायेगा किंतु 20 से अधिक कंपनियों को पेटी (Sub) कान्ट्रेक्ट पर ठेका दे दिया? किन-किन कंपनियों को दिया गया? (ग) क्या मुख्य अभियंता पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को स्मार्ट मीटर लगाये जाने में भ्रष्टाचार, अनियमितता की शिकायत वर्ष 2024 में की गई है तो किनके द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में स्मार्ट मीटर लगाये जाने की शर्तों का उल्लंघन एवं भ्रष्टाचार के संबंध में शीघ्र जांच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस.योजना अंतर्गत स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा कोई भी पेटी (Sub) ठेका नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। उल्लेखित आरोपों की जांच के तारतम्य में मेसर्स मोंटेकार्लो द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों के माध्यम से पाया गया है कि अनुबंध समझौते का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जांच कराये जाने एवं जांच की समय-सीमा बताने का प्रश्न नहीं उठता।
नियम विरूद्ध कोयले का परिवहन
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 1529 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से 2021 अब तक के दौरान म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने कोयला परिवहन सिस्टम में मेंटेनेंस का कार्य किन फर्मों को दिया? (ख) क्या पी.क्यू.आर. (प्रारंभिक अर्हता) फर्म को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से आमंत्रित की, जिसके कारण अन्य फर्म निविदा में भाग नहीं ले सकी? छायाप्रति सहित जानकारी दें। क्या इसकी जांच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या मेंटेनेंस कार्य मेसर्स ए.के. लॉजिस्टिक कलकत्ता एवं मेसर्स लोकनाथ कन्सट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया तो क्या इसके लिये विधिवत प्रक्रिया अपनायी गई? यदि नहीं, तो क्यों? कार्यादेशों की छायाप्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्या प्रकरण में संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा में कोयला परिवहन का संपूर्ण कार्य भारतीय रेलवे द्वारा किया जाता है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में कोयला परिवहन भारतीय रेल एवं सड़क परिवहन के माध्यम से होता है। अत: इन ताप विद्युत गृहों में कोयला परिवहन का समस्त कार्य भी रेलवे एवं संबंधित परिवहन कंपनी द्वारा किया जाता है। साथ ही अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में कोयला परिवहन भारतीय रेलवे वेगनों एवं म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के स्वयं के रेल वेगनों से किया जाता है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में वर्ष 2020-21 से अब तक म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा स्वयं के कोयला परिवहन सिस्टम में संधारण का कार्य, जिन फर्मों को दिया गया, उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी निविदा के अंतर्गत पी.क्यू.आर. कंपनी द्वारा निर्धारित पी. क्यू.आर. नीति के तहत सक्षम अनुमोदन उपरांत ही जारी की जाती है। अत: किसी फर्म को लाभ पहुंचाने का प्रश्न नहीं उठता। निविदा का प्रसंस्करण निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाता है, अत: किसी जांच की आवश्यकता नहीं है। उत्तरांश 'क' में उल्लेखित अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में जारी निविदाओं के अंतर्गत जारी कार्यादेशों की पी.क्यू.आर.की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के किसी भी ताप विद्युत गृह में कोयला परिवहन सिस्टम में संधारण का कार्य मेसर्स ए.के. लॉजिस्टिक कोलकत्ता एवं मेसर्स लोकनाथ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों के दृष्टिगत किसी भी कार्यवाही की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
सोलर पार्क की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
137. ( क्र. 1536 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में प्रस्तावित सोलर पार्क हेतु कितनी भूमि का अधिग्रहण किया गया है? सोलर पार्क की उत्पादन क्षमता क्या होगी? जिसमें वनभूमि, शासकीय राजस्व भूमि, पट्टाधारी कृषकों की भूमि एवं निजी स्वामित्व की भूमि का क्षेत्रफल कितना-कितना है? पट्टाधारी कृषकों की भूमि एवं निजी स्वामित्व की भूमि के संबंध में पट्टाधारियों एवं निजी भूमि स्वामियों की सूची ग्रामवार उपलब्ध करावें? (ख) सोलर पार्क विकसित किये जाने हेतु क्या भूमि अधिग्रहण किये जाने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये है? क्या मापदण्डों के अनुसार जिला मुरैना में कोई सर्वे कराया गया है? मापदण्डों एवं सर्वे से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी व दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) क्या सोलर पार्क विकसित किये जाने से पर्यावरण को होने वाली क्षति के संबंध में अनापत्तियाँ ली गई है? यदि हाँ, तो इसके संबंध में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें। सोलर पार्क विकसित किये जाने में जिन किसानों की भूमि ली जा रही है? क्या उन्हें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो फिर किस दर से दिया जा रहा है? (घ) क्या सोलर पार्क विकसित किये जाने से नवीन रोजगार सृजित होंगे? यदि होंगे तो कितने लोगों को रोजगार दिया जायेगा? उसका स्वरूप क्या होगा? वेतन कितना होगा? (ड.) उक्त सोलर पार्क से जिला मुरैना एवं विधानसभा क्षेत्र जौरा में कितनी-कितनी मात्रा में बिजली प्रदान की जायेगी यदि कराई जायेगी तो क्या निःशुल्क प्रदान की जायेगी या शुल्क प्रदान की जायेगी? शुल्क प्रदान किये जाने की स्थिति में सशुल्क की दर क्या होगी? क्या सोलर पार्क के लिए एप्रोच रोड का निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो उसकी लम्बाई और चौड़ाई क्या होगी? सोलर पार्क में सुरक्षा हेतु क्या मानक निर्धारित किये गये है एवं सुरक्षा हेतु फेंसिंग अथवा बॉउन्ड्रीवॉल एवं अन्य क्या-क्या व्यवस्थायें की जावेगी एवं उसका व्यय कितना होगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जिला मुरैना में प्रस्तावित सोलर पार्क हेतु 4042 हेक्टेयर राजस्व भूमि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को आवंटित की गई है। वर्तमान में वन भूमि, पट्टा भूमि एवं निजी स्वामित्व की भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सोलर पार्क हेतु मुख्य रूप से शासकीय भूमि पर परियोजना प्रस्तावित की गई है, जो राज्य की नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 के अनुसार Right to use के अनुसार आवंटित की जाती है। आवश्यकता होने पर निजी स्वामित्व की भूमि अथवा पट्टाधारी कृषकों की भूमि राज्य की आपसी सहमति क्रय नीति-2014 के अनुसार क्रय की जाती है। (ग) सोलर पार्क परियोजना क्षेत्र का बेस लाइन पर्यावरण एवं सामाजिक प्रभाव अध्ययन किया जा रहा है। भारत सरकार के मापदण्डों के आधार पर समस्त सोलर पार्क परियोजनायें पर्यावरण के अनुकूल पाये जाने पर इन परियोजनाओं को सफेद क्रम में वर्गीकृत किया गया है अर्थात पर्यावरण पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है। वर्तमान समय में सोलर पार्क राजस्व विभाग द्वारा आवंटित भूमि में विकसित किया जा रहा है। अत: किसी भी धारक की भूमि अधिग्रहित नहीं की गयी है। (घ) सोलर पार्क से निर्माण अवधि में प्रति मेगावॉट 5 व्यक्ति की दर से लगभग 7000 लोगों का प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगें, जबकि संचालन अवधि में 0.5 व्यक्ति प्रति मेगावॉट की दर से रोजगार सृजन अनुमानित है। परियोजना में निवेश निजी क्षेत्र के माध्यम से किया जाता है। अत: रोजगार का स्वरूप तथा वेतन पूर्व से नहीं बताया जा सकता है। (ड.) परियोजना से उत्पादित विद्युत राज्य की वितरण कंपनियों के लिए म.प्र.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा क्रय की जाती है, जो संपूर्ण प्रदेश को प्रति डिस्कॉम नवकरणीय ऊर्जा आबंधन के अनुपात में मिलती है। परियोजना किसी क्षेत्र विशेष को नहीं वरन संपूर्ण प्रदेश के लिए होती है। प्रश्न का शेष अंश लागू नहीं होता है। सोलर पार्क के लिए जहां आंतरिक सब स्टेशन निर्माण किया जाता है, वहां तक एप्रोच रोड़ का निर्माण किया जाता है। परियोजना की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाये जाने की कार्यवाही प्रगति में है, जिसके उपरांत उसकी आंकलित लंबाई चौड़ाई की जानकारी प्राप्त होगी। सोलर पार्क विकासक द्वारा परियोजना हेतु फेंसिंग की जाती है व आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था भी की जाती है।
अमृत मिशन में सीवरेज कार्य की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1537 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत मिशन में जिन 20 शहरों के लिए 25 सीवरेज परियोजना स्वीकृत हुई उनकी डी.पी.आर. तथा अनुबंध की प्रति देवें। जिन योजनाओं की राशि 100 करोड़ से ज्यादा है उनके ठेकेदार का नाम, कार्य प्रारंम्भ तथा पूर्ण करने की दिनांक 20 नवम्बर 2024 तक की गई भुगतान राशि सहित बतावें कि इनमें से किन-किन परियोजना की लागत राशि साधिकार समिति ने कितना और क्यों बढ़ाया? (ख) इंदौर, मुरैना तथा रतलाम नगर निगम के सीवरेज घर को जैसे विभिन्न साइज के पाइप मैन हॉल, छोटे चेम्बर भवन से सीवर लाइन को जोड़ना, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान, अन्य घटकों का तुलनात्मक चार्ट देवें तथा बतावें कितने-कितने भवनों को सीवर लाइन से जोड़ने का टेण्डर हुआ था तथा कितनों का कार्य पूर्ण होने तक जोड़ा गया? (ग) रतलाम नगर निगम में सीवरेज का टेण्डर कितने भवनों के लिए कितनी राशि की स्वीकृति हुई है तथा ठेकेदार को कार्य पूर्ण होने पर कुल कितना भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया तथा कितने भवनों की सीवर लाइन के आदर फ्लो तथा इन फ्लो से जोड़ा तथा कितने एस.टी.पी. बनायें ठेकेदार को कितने भवनों की बैंक लाइन से जोड़ने के लिये कितनी अतिरिक्त राशि दी गई इसके लिये बनाई गई ड़ी.पी.आर या नोटशीट की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के शहरों में बतावें कि शहर की पूरी सीमा क्षेत्र में कितने भवन है? कितने भवन को सीवर लाइन से जोड़ दिया गया है तथा कितने शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत मिशन में स्वीकृत 20 शहरों की 25 सीवरेज परियोजनाओं की डी.पी.आर. एवं अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। राशि रू. 100 करोड़ से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार है।
गौ-माता का संरक्षण
[पशुपालन एवं डेयरी]
139. ( क्र. 1540 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गौ माता सड़क पर घूम रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या प्रदेश में गौशालाऐं पर्याप्त मात्रा में है? यदि हाँ, तो कितनी है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सड़क एवं आम रास्तों पर भ्रमण करने पर गौ-माता चोटिल होती है एवं व्यक्ति भी दुर्घटना में जान गवां बैठता है क्या गौमाताएं एवं दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज की व्यवस्था है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या गौमाता सड़क एवं आम रास्तों पर से गौशाला में कब तक पहुंचेगी? समयावधि बताएं।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। यह गौवंश पशु मालिकों द्वारा छोड़ा गया गौवंश है। (ख) जी हाँ। प्रदेश में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 2727 गौशालाऐं पूर्ण निर्मित हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 638 गौशालाऐं संचालित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। किसी भी प्रकार की सड़क दुर्घटना पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज हेतु शासन द्वारा 108 एम्बूलेंस की व्यवस्था है। दुर्घटनाग्रस्त पालतू पशुओं के लिए स्थानीय पशु चिकित्सालयों में उपचार की सुविधा उपलब्ध है एवं पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा पशुओं के उपचार हेतु 1962 एम.व्ही.यू. की व्यवस्था है। (घ) स्थानीय निकायों के माध्यम से निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में पहुंचाया जाता है। गौवंश को सड़क एवं आम रास्तों पर से गौशाला में भेजा जाना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खरगापुर विधानसभा-47 में सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 1545 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत समय विधानसभा में दिनांक 13.02.2024 को प्रश्नकर्ता के तांराकित प्रश्न क्र. 770 में खरगापुर विधानसभा 47 के लारौन मुख्य मार्ग से टपरियन गांव तक देरी मुख्य सड़क से खुडौ नज. देरी तक, पथरीगढ़ (मचौरा) से देवराहा तक, ह्दयनगर तिगैला से कोटरा तक सड़कों निर्माण हेतु माननीय मंत्री जी द्वारा परीक्षण कराये जाने का आश्वासन दिया गया था क्या उक्त सड़कों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा परीक्षण किया गया तथा परीक्षण में क्या परिणाम पाया गया सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ख) क्या लारौन मुख्य मार्ग से टपरियन तक जाने हेतु क्या कोई सड़क है? क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा उस गांव के निवासियों से आवागमन के संबंध में पूछताछ कर कोई पंचनामा बनाया गया सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये। विभाग द्वारा किस प्रकार परीक्षण किया गया। (ग) क्या देवपुर मुख्य मार्ग से वनपुरा सोपोन तक सड़क निर्माण हेतु स्वीकृति प्राप्त होने के बाद टेण्डर प्रक्रिया विचाराधीन आपके द्वारा बताई गई थी क्या देवपुर मुख्य मार्ग से वनपुरा सोपोन तक की सड़क निर्माण हेतु टेण्डर स्वीकृत कर दिया गया या अभी भी विचाराधीन है सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा खरगापुर विधानसभा में अन्य सड़कों को बनाये जाने हेतु पत्र के माध्यम से विभाग में जो प्रस्ताव दिये गये थे एवं विधानसभा के माध्यम से याचिकायें प्रस्तुत की गई थी उनके संबंध में सड़कों के निर्माण किये जाने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है। पत्रों के प्रस्ताव, याचिकाओं में वर्णित सभी सड़कों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की, सड़कों के नाम एवं विस्तार पूर्व पूर्ण कार्यवाही से अवगत कराते हुये खरगापुर विधानसभा की सभी सड़कों को बजट में शामिल करते हुये जनहित में स्वीकृत किया जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, मौके पर जाकर सड़क निर्माण हेतु मौखिक चर्चा कर परीक्षण किया गया। (ग) जी हाँ। प्रश्नांकित मार्ग की निविदा निराकरण हेतु राज्यस्तरीय निविदा समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। नवीन निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु बजटीय प्रक्रिया आवश्यक है।
ग्रामीण/नगरीय क्षेत्रों में विद्युत लाइन की स्थापना
[ऊर्जा]
141. ( क्र. 1546 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 0219/2024 दिनांक 10/10/24 के अनुसार खरगापुर विधान सभा-47 के ग्राम-फूलपुर, कोटराखेरा (खुमानगंज), पठाघाट देवरदा, विजरई देवरदा, वार्ड नं. 7 बल्देवगढ़ कुशवाहा मुहल्ला खरगापुर-भेलसी रोड पर वार्ड नं. 13 नगर पंचायत पलेरा, वार्ड नं. 11 पलेरा, हीरपुर नज. सरकनपुर, पठा मुहल्ला देवपुर, तेली गुल्ला मुहल्ला मनपसार, रमपुरा नज. सेवार, ग्राम पिपरा-मड़ोरी के मड़ोरी में नवीन विद्युत लाईनों को स्थापित कर ट्रांसफार्मर स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली प्रदाय किये जाने हेतु प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त स्थानों पर लाइनें एवं ट्रांसफार्मर स्थापित कर ग्रामीणजनों को बिजली कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी। (ख) क्या भारत सरकार एवं म.प्र. की सरकार मजरों टोलों, मोहल्लों में बिजली प्रदाय किये जाने का अभियान भी चला रही है क्या इस अभियान में खरगापुर विधान सभा के प्रश्नांश (क) उल्लेखित ग्रामों को जोड़ा जाकर बिजली की नवीन लाइनें मय ट्रांसफार्मर सहित कब तक लगवाई जायेगी, जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र में वर्णित कार्यों में से वार्ड नं. 11 नगर पंचायत पलेरा में विद्युत केबिल लगाये जाने हेतु जमा योजना अंतर्गत प्राक्कलित राशि जमा होने के उपरांत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। पत्र में उल्लेखित अन्य कार्यों हेतु जमा योजना अंतर्गत प्राक्कलन तैयार कर प्राक्कलित राशि आवंटन हेतु माननीया प्रश्नकर्ता विधायक महोदया से अनुरोध किया गया है। वर्तमान में प्राक्कलित राशि अप्राप्त है। राशि आवंटित होने के उपरांत पत्र में उल्लेखित शेष कार्यों को किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में उक्त कार्यों को पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में प्रदेश के चिन्हित जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह यथा भारिया, बैगा एवं सहरिया जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन की पी.एम. जनमन योजना प्रचलन में है, जिसमें वर्तमान में टीकमगढ़ जिले को चिन्हित नहीं किया गया है। उक्त के अतिरिक्त केन्द्र शासन के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों/मजरों/टोलों/बस्तियों में विद्युतीकरण के कार्य किये जाने हैं। वर्तमान में उक्त अभियान की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) हेतु सर्वे कार्य प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में प्रश्नांश में उल्लेखित क्षेत्रों को उक्त अभियान में सम्मिलित कर विद्युतीकरण कार्य कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 1553 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक 21.11.2024 की अवधि में विभागीय पूर्व प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग को एवं आयुक्त नगर निगम भोपाल एवं आयुक्त नगर निगम रतलाम को अपनी ई-मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई-मेल आई.डी. psuaddmp@mpurban.gov.in, आयुक्त नगर निगम भोपाल की ई-मेल आई.डी. पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई है? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है? पृथक-पृथक नाम, पदनामवार बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं आयुक्त नगर निगम भोपाल एवं आयुक्त नगर निगम रतलाम द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें। क्या प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं अन्य के विरुद्ध कार्यवाही कर उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करते हुये प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत कराने के आदेश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) माननीय विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से दिनांक 21 नवम्बर 2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव को प्रेषित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार, आयुक्त, नगर निगम रतलाम को प्रेषित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार तथा आयुक्त, नगर निगम भोपाल को प्रेषित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, माननीय विधायक द्वारा प्रेषित पत्रों के निराकरण हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की गई है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) माननीय विधायक के पत्रों के निराकरण हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सक्षम अधिकारियों को निर्देश समय-समय पर दिये गये है। प्रकरण की विषयवस्तु अनुसार विभिन्न प्रकरणों का निराकरण पृथक-पृथक समय पर होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर परिषद सैलाना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1554 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम अंतर्गत नगर परिषद सैलाना में दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितना बजट एवं राशि नगर परिषद सैलाना को विभागीय रूप से एवं सांसद, विधायक निधि से प्राप्त हुई है उक्त बजट एवं राशि की वर्षवार जानकारी एवं व्यय की गई सम्पूर्ण राशि की वर्षवार जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें एवं उक्त समय अवधि में जो भी निर्माण एवं मरम्मत के कार्य विभागीय रूप से एवं संबंधित ठेकेदार फर्म के माध्यम से कराये गये है उक्त कराये गये कार्यों की जानकारी एवं उस पर व्यय की गई राशि की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें तथा उक्त कार्यों के गुणवत्ता एवं भौतिक सत्यापन जिस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है उक्त अधिकारी का नाम, पदनाम सहित उक्त समस्त कार्यों के कार्य पूर्णतः प्रमाण पत्रों की समस्त छायाप्रतियां उपलब्ध करावें एवं प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कुल कितने पत्र नगर परिषद सैलाना के सी.एम.ओ. एवं विभागीय प्रमुख सचिव एवं मुख्यमंत्री को लिखे गये है उक्त प्रत्येक पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सी.एम.ओ. नगर परिषद सैलाना द्वारा की गई बतावें। (ख) क्या नगर परिषद सैलाना की जानकारी में पूर्व विधायक हर्ष विजय गेहलोत एवं उनके पिता प्रभुदयाल गेहलोत के द्वारा पूर्व नगर पालिका परिषद सैलाना के भवन पर अवैध कब्जा करते हुये उसे लीज/किरायादारी पर नगर परिषद सैलाना से प्राप्त किया है यदि हाँ, तो उक्त शासकीय भवन को रिक्त कराने के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितनी शिकायतें माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं विभागीय प्रमुख सचिव सहित कलेक्टर रतलाम को की गई है उक्त प्रत्येक शिकायत की जानकारी एवं प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। इसके लिये कौन अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी है बतावें। कब तक पूर्व नगर पालिका परिषद सैलाना का शासकीय भवन पूर्व विधायक से रिक्त करा लिया जायेगा निश्चित समय अवधि बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नगर परिषद सैलाना पी.आई.सी. एवं परिषद की जो बैठकें आयोजित की गई एवं उक्त बैठकों में जो एजेंडे प्रस्तुत किये गये उक्त समस्त बैठकों में स्वीकृत किये गये एजेंडे एवं परिषद बैठक में लिये गये समस्त निर्णय एवं आदेशों की छायाप्रतियां वर्षवार उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चत समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -"ब" अनुसार है। (ख) म.प्र. नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 109 (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 2016 के अधीन मासिक किरायेदारी पर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर नगर परिषद, सैलाना द्वारा परिशिष्ट-"ब" अनुसार कार्यवाही की गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वैश्वार एवं लोढ़ा (तंवर) जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग जाति में सम्मिलित किया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
144. ( क्र. 1557 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2021 दिनांक 26/02/2021 को सर्वसम्मति से यह अशासकीय संकल्प पारित किया गया है कि यह सदन केंद्र शासन से अनुरोध करता है कि मध्यप्रदेश राज्य में पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक 88 में शामिल वैश्वार जाति अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 59 में शामिल लोढ़ा (तंवर) जाति को केन्द्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया जाए? यदि हाँ, तो संकल्प की कॉपी तथा संकल्प पारित होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन तथा भारत सरकार के मध्य हुए पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावाएं। (ख) क्या अनुसंधान अधिकारी मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जिन पिछड़ी जातियों को केंद्रीय पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित किया जाना है उनका विश्लेषणात्मक प्रतिवेदन तैयार किया है? यदि हाँ, तो लोढ़ा (तंवर) जाति का प्रतिवेदन विश्लेषण एवं निष्कर्ष सहित जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण सचिव, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, नई दिल्ली के विचारार्थ होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय कालोनी स्थापित करने के नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 1560 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के नगरीय निकाय नगर पालिका/नगर परिषदों में आवासीय कॉलोनी के स्थापित करने के क्या नियम/शर्तें है? क्या कॉलोनाईजर द्वारा उनको दी गई शर्तों के अनुरूप ही कॉलोनियों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कॉलोनी का नाम एवं कॉलोनाईजर सहित सम्पूर्ण जानकारी देंवे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनियों में सड़क, पेयजल, बिजली, नाली निर्माण एवं सुरक्षा हेतु बाउंड्रीवॉल की सुविधा दी जा रही है? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन सी कॉलोनियां है और नहीं तो उक्त कॉलोनियों को सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) विगत 5 वर्षों में नगरीय निकाय अंतर्गत स्थापित कॉलोनियों में कॉलोनाईजर के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? कॉलोनीवार जानकारी देवें? (घ) कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के संबंध में शासन से कब-कब, क्या निर्देश प्राप्त हुए एवं उन निर्देशों के पालन में किन-किन कॉलोनाईजर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? शासन नियम के परिप्रेक्ष्य में कितने कॉलोनाईजर के विरूद्ध कितने प्रकरण किस-किस न्यायालय में विचाराधीन है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी स्थापित करने के लिये वर्तमान में म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 प्रचलित है। प्रचलित नियम एवं सक्षम प्राधिकारी द्वारा कॉलोनाईजर को जारी की गई कॉलोनी विकास की अनुमति में अंकित शर्तों के अनुसार कॉलोनियों का निर्माण किया जाना आवश्यक है। शेषांश की रायसेन जिले के नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) रायसेन जिले के नगरीय निकायवार प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
146. ( क्र. 1561 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन तहसील अंतर्गत विभाग के कौन-कौन से स्वीकृत निर्माण कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन व अपूर्ण है? किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा किन तकनीकी अधिकारियों की देख-रेख में उक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराये जा रहे है? प्रत्येक कार्य की लागत सहित प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कार्य पूर्णता का प्रतिशत बतावे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में विभागीय अधिकारियों द्वारा सतत् निगरानी न करने एवं निर्माण एजेंसियो द्वारा निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन किये जा रहे है? क्या वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण कर इन कार्यों का गुणवत्ता परीक्षण करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) रायसेन तहसील अंतर्गत ऐसे कितने-कितने निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण किये गये है? यदि नहीं, तो समयावधि समाप्त उपरांत भी जो निर्माण कार्य अपूर्ण है, उन कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? निर्माण ऐजेंसी का नाम एवं समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार एवं (1) क्रिटिकल केयर हेल्थ ब्लॉक लागत राशि रू. 1663 लाख 70 प्रतिशत पूर्ण (2) सी.एम. राइज स्कूल पाटनदेव लागत राशि रू. 3838 लाख 70 प्रतिशत पूर्ण। लोक निर्माण विभाग (भ/प) एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत निर्माण की देखरेख विभागीय अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) में विभागीय अधिकारियों तथा एस.क्यू.सी., भवन विकास निगम में विभागीय अधिकारी द्वारा की जा रही है। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्यों की सतत निगरानी विभागीय अधिकारियों द्वारा की जाती है एवं किये गये कार्य की शासकीय लेब/एन.ए.बी.एल./निजी लेब से जांच करायी जाती है। वरिष्ठ अधिकारी समय समय पर कार्य का निरीक्षण करते है। (ग) निर्माण कार्य अनुबंधानुसार दिनांक, समयावधि में पूर्ण किया गया कार्य समयावधि समाप्त होने के उपरांत अपूर्ण कार्यों की एवं पूर्ण करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। क्रिटिकल हेल्थ ब्लाक की संभावित पूर्णता दिनांक 31.12.2024 एवं सी.एम. राइज स्कूल की संभावित पूर्णता दिनांक 28.02.2025 है।
नगर पंचायतों का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 1564 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र देवरी में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी कि गौरझामर एवं केसली का आगमी वर्षों में नगर पंचायत बना दिया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या चालू वित्तीय वर्ष में गौरझामर को नगर पंचायत की स्वीकृति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासन स्तर पर कौन-कौन सी पंचायतों को नगर पंचायत बनाने के मांग पत्र/प्रस्ताव शासन स्तर पर कब से लंबित है? स्थानों के नाम सहित बतायें प्रस्तावों में क्या कमी है जिसके कारण प्रस्ताव लंबित है? प्रत्येक का विवरण नियमावली सहित उपलब्ध करायें। (ग) नगर पालिका परिषद देवरी के कार्यालय भवन के निर्माण हेतु कब स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम पंचायत केसली को नगर परिषद् बनाये जाने की घोषणा की गई है। घोषणा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत विभागीय अधिसूचना क्रमांक 64-एफ 1-19/2009/18-3 दिनांक 27.12.2011 के अंतर्गत निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से ग्राम पंचायत गौरझामर, महाराजपुर एवं केसली को नगर परिषद नहीं बनाया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका परिषद देवरी के कार्यालय भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति निकाय परिषद् के प्रस्ताव क्रमांक 11 दिनांक 30.09.2022, तकनीकी स्वीकृति दिनांक 25.02.2023 को संभागीय कार्यपालन यंत्री सागर संभाग, सागर तथा वित्तीय स्वीकृति परिषद् प्रस्ताव क्रमांक 04 दिनांक 27.04.2023 द्वारा प्रदान की गई है।
विद्युत सब स्टेशनों का नवीनीकरण
[ऊर्जा]
148. ( क्र. 1565 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स. क्षेत्र देवरी अंतर्गत संपूर्ण क्षेत्र का विद्युतीकरण ढांचा 40 से अधिक वर्षों पुराना है? विवरण देवें। शासन वर्तमान की विद्युत की खपत, सिंचाई रकबा के बढ़ते मान से क्या कोई योजना बनाई है, उसके मापदंड क्या रखे है, विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वि.स. क्षेत्र देवरी अंतर्गत वर्तमान में नवीन विद्युत सब स्टेशन कहां-कहां बनाया जाना प्रस्तावित है? नाम एवं क्षमता सहित जानकारी देवें। क्या आये दिन ट्रांसफार्मर के जलने का कारण गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया जाना है? विवरण देवें। जून 2023 से 15 नवम्बर 2024 तक क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर कितनी क्षमता के खराब हुये/जले प्रत्येक ट्रांसफार्मर की रिपेयरिंग में कितनी-कितनी राशि प्रत्येक पर व्यय हुई जानकारी दें? (ग) जो वर्तमान में अत्यधिक पुराने सब स्टेशन है जिनमें क्षमता से अधिक भार है उनके नवीनीकरण एवं अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो स्थान का नाम सहित विवरण देवें। (घ) जिन सब स्टेशनों को 01 अप्रैल 2023 से नवीनीकरण एवं विस्तार किया गया है? उनमें हुये कार्यों के विवरण एवं लागत सहित जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुछ क्षेत्र की विद्युत अधोसंरचना 40 वर्ष से अधिक पुरानी है, जिनमें 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों यथा- देवरी, महाराजपुर, गौरझामर, केसली एवं सहजपुर से संबंधित विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर सम्मिलित है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त विद्युत अद्योसंरचना का समय-समय पर सुधार/उन्नयन का कार्य किया जाता है, साथ ही विद्युत उपकरण खराब होने पर सुधारकर/बदलकर उपकरण लगाये जाते है। सुचारू विद्युत व्यवस्था हेतु क्षेत्र में लगातार विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों एवं दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रुप से किया जाता है। वर्तमान की विद्युत खपत एवं सिंचाई रकबा के बढ़ने के कारण आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना विकास हेतु राज्य शासन द्वारा प्रतिवर्ष विद्युत प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना हेतु बजट का आवंटन किया जाता है तथा भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/स्वीकृत किये जाते हैं। इसमें नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के साथ -साथ ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि के कार्यों हेतु भी प्रावधान किया जाता है, ताकि भविष्य में पर्याप्त विद्युत प्रदाय हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध हो सके। वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2024-25 के अंतर्गत देवरी विधानसभा में कुल 33 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि तथा 63 के.व्ही.ए. का 01 एवं 100 के.व्ही.ए. के 3 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र नन्ही देवरी में स्थापित 5 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि 8 एम.व्ही.ए. किये जाने का कार्य सम्मिलित किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्र बनाया जाना प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। जी नहीं। वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने का कारण मात्र गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया जाना नहीं है, अपितु वितरण ट्रांसफार्मर विभिन्न बाह्य जनित कारणों एवं तकनीकी खराबी आने से असफल/खराब होते हैं, जिनमें मुख्यत: आकाशीय बिजली गिरने, विद्युत का अवैधानिक उपयोग, विद्युत लाईन में फाल्ट, वितरण ट्रांसफार्मर का ऑयल चोरी होना, ऑयल का रिसाव होना एवं वितरण ट्रांसफार्मर में आंतरिक खराबी आना इत्यादि कारण हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह जून 2023 से दिनांक 15 नवम्बर 2024 तक की अवधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्यात्मक एवं क्षमतावार जानकारी तथा वितरण ट्रांसफार्मर की रिपेयरिंग में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर क्षमता से अधिक भार नहीं है। तथापि भविष्य में विद्युत मांग में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत 33/11 के.व्ही. नन्ही देवरी उपकेन्द्र में 5 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि 8 एम.व्ही.ए. किये जाने का कार्य वर्ष 2024-25 की कार्य योजना में स्वीकृत किया गया है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में दिनांक 01 अप्रैल 2023 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 33/11 के.व्ही. के कुल 5 विद्युत उपकेन्द्रों में नवीनीकरण से संबंधित कार्य पूर्ण किये गए हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी कार्यों एवं लागत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।
केन्द्रीय सड़क निधि अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
149. ( क्र. 1568 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिला अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में केन्द्रीय सड़क निधि (CRF) से कौन-कौन सी सड़कें कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत हुईं? उक्त सड़कों का कार्य किन-किन ठेकेदारों/निर्माण एजेंसियों द्वारा किया गया और यह कार्य कब-कब पूर्ण हुए? (ख) क्या इन मार्गों का संपूर्ण कार्य पूर्ण हुए बिना ही कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गए, क्यों? शेष रहे कार्यों को कैसे पूर्ण कराया जावेगा? (ग) क्या कार्य पूर्ण होने के उपरांत बजट में पृथक से राशि स्वीकृत कर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है? किस कार्य का भुगतान किस आधार पर किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्य की मरम्मत ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार क्यों नहीं की जा रही है? विभाग द्वारा उक्त मार्ग की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही? वर्तमान में इस मार्ग की मरम्मत/संधारण कौन करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग रायसेन अंतर्गत वर्ष 2016-17 में केन्द्रीय सड़क निधि से 2 नग सड़कों की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। वर्ष 2017-18 में कोई भी सड़क केन्द्रीय सड़क निधि में स्वीकृत नहीं हुई। संपूर्ण विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, कार्य पूर्ण होने के उपरांत ही पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 31.12.20 एवं 30.06.20 को जारी किये गये थे। वर्तमान में कोई कार्य शेष नहीं है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, उक्त दोनों कार्यों की राशि रोकी गई (Withheld) थी जिसका भुगतान कार्य की प्रथक से स्वीकृति जारी कर भुगतान किया गया है। (घ) मार्ग की मरम्मत ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार की जा रही है। मार्ग परफार्मेन्स गांरटी में होने के कारण विभाग द्वारा मरम्मत कार्य नहीं कराया जाता है। अनुबंधानुसार मार्ग क्षतिग्रस्त होने पर परफार्मेन्स गांरटी की अवधि तक संविदाकार द्वारा मरम्मत कार्य कराया जाता है।
सा.प्र.वि. के आदेशों का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 1570 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 714 दिनांक 03.10.24 एवं एसीएस, नगरीय विकास एवं आवास विभाग का पत्र क्र. 259 दिनांक 04.10.24 जो अपर आयुक्त न.वि.एवं आ.वि. को पृ.क्र. 260 दिनांक 04 10.24 तथा 727, 729 दिनांक 23.10.24 जो एसीएस/पीएस, न.वि.एवं आ.वि. एवं 730 आयुक्त, नगरीय प्रशासन को प्रेषित किया गया था प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरुद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की गई? बतायें। यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पत्र क्र. 727 वर्णित विक्रय भूमि की नगर पालिका राघौगढ़ की मूल नस्ती एवं संभागीय संयुक्त संचालक ग्वालियर संभाग के जांच प्रतिवेदन की प्रति दें? (घ) प्रश्नांश (क) में पत्र क्र. 714 के परिप्रेक्ष्य में राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 51 वीं बैठक दिनांक 03.08.21 को आयोजित की गई थी? कार्यवाही विवरण एवं संक्षेपिका की प्रति दें। उक्त बैठक के बिन्दु क्र. 3 में बीसीसीएल और नगर निगम द्वारा दिये गये प्रतिवेदन, पत्र की प्रति दें। क्या बीसीसीएल द्वारा इस बिन्दु के परिपालन में निविदाकार को राशि का भुगतान किया जा चुका है तो राशि का विवरण, नोटशीट एवं अन्य समस्त दस्तावेजों सहित बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पत्र क्रमांक 714, दिनांक 03/10/2024 के संदर्भ में सामान्य शासन विभाग के परिपत्र, दिनांक 22/03/2011 अनुसार नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अभिस्वीकृति स्वरूप पत्र 259, दिनांक 04/10/2024 माननीय विधायक महोदय को पत्र प्रेषित किया गया है। जिसका पृष्ठांकन 260, दिनाक 04/10/2024 से अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन को भेजा गया है। पत्र क्रमांक 727 एवं 729 दिनांक 23/10/2024 व पत्र क्रमांक 730 संचालनालय को प्राप्त नहीं हुए हैं। जी हाँ। प्राप्त पत्रों पर सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 22/03/2011 अनुसार पालन सुनिश्चित किया गया है। प्राप्त पत्रों के संबंध में की गयी कार्यवाही का विवरण, कार्यालयीन अभिलेख, नोटशीट/पत्र/नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"01" अनुसार है। (ख) पत्र के संदर्भ में संचालनालयए नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 23101, दिनांक 29/10/2024 से जानकारी विभाग को भेजी गई है। प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"01" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ग' के संबंध में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर/चंबल संभाग एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका, राघौगढ़-विजयपुर जिला गुना को प्रश्नांश का पत्र क्रमांक 727 प्राप्त नहीं होने से कोई प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है। प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"02" अनुसार है। (घ) जी नहीं। राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 51वीं बैठक दिनांक 09/07/2021 को आयोजित की गई, जिसके कार्यवाही विवरण दिनांक 03/08/2021 को जारी किये गये। कार्यवाही विवरण एवं संक्षेपिका तथा उक्त बैठक के बिन्दु क्रमांक-03 में बीसीएलएल द्वारा किये गये पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"03" अनुसार है। बीसीएलएल द्वारा इस बिन्दु के परिपालन में निविदाकार को किये गये भुगतान संबंधी राशि का विवरण, नोटशीट एवं अन्य दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"04" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवासों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 1571 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना कब से प्रारंभ हुई है? प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक इसके उद्देश्यों में कब क्या दिशा-निर्देश भारत सरकार से प्राप्त हुए है? सभी आदेशों की प्रति सहित पृथक-पृथक बतायें। (ख) उक्त के अनुक्रम में नगर निगम भोपाल सीमान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक राज्य सरकार द्वारा कहाँ-कहाँ पर कितने आवासों का निर्माण कराया गया है? यह किस श्रेणी के किस लागत के, किस स्थान पर किस साईज के, किस-किस उपभोक्ता को, कितनी पंजीयन राशि शेष राशि निजी अथवा बैंक से, रजिस्ट्री कब कराई, कितनी सब्सिडी पर दिये गये है? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बताये। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में विभाग ने कब, क्या अनुमतियां किस-किस से ली? रेरा पंजीयन एवं नं., टीएण्डसीपी अनुमति नक्शा, नगर निगम अनुमति, पर्यावरण अनुमति, नक्शा बिजली विभाग की अनुमति फॉयर एनओसी, एफएआर कुल भूमि, निर्माण स्थल, सड़क, अन्य मूलभुत उपयोग भूमि, राज्य सरकार का अनुदान भारत सरकार की राशि बैंक का नाम, खाते का प्रकार, खाते पर प्राप्त ब्याज, प्रोजेक्ट इंजीनियर एवं नगर निगम इंजीनियर का भूकंपरोधी प्रमाण पत्र, कितने प्रोजेक्ट पूर्ण, कितने प्रक्रियाधीन, पूर्ण प्रोजेक्ट की कम्प्लीशन प्रमाण पत्र वॉटर हार्वेस्टिंग प्रमाण पत्र सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा एवं मय दस्तावेजों के उपलब्ध करायें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना में राहुल नगर प्रोजेक्ट के पास 15 मंजिला प्रोजेक्ट लांच हुआ है? प्रोजेक्ट कास्ट क्या है? कंस्ट्रक्शन कास्ट क्या है? कार्य किस एजेन्सी को किस दर पर कितनी अवधि में क्या दिशा निर्देशों के साथ दिया है? आवास प्राप्त करने हेतु क्या मापदण्ड है? कितनी यूनिट विक्रय हेतु पंजीयन हो गये हैं उनके नाम पते, मो.न. आवेदन की प्रति? कितने शेष है? इस हेतु भारत सरकार के क्या निर्देश है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी दिनांक 25 जून 2015 को प्रारंभ हुई। भारत सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ-1" एवं "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" एवं "द" अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत राहुल नगर परियोजना लागत राशि रु. 12499.30 लाख तथा निर्माण लागत राशि रू. 12224.32 लाख है। मेसर्स अल्टोराप्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. (पूर्व नाम मेसर्स डोरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि.) को कार्यादेश अनुसार कार्य प्रोजेक्ट लागत की 2.2 प्रतिशत कम (UADD ISSR-2021 पर आधारित) व 24 माह की समयावधि प्रदाय की गई है। आवास प्राप्त करने हेतु शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ई" अनुसार है। प्रथम निविदा आमंत्रण में कुल 240 आवासों के सापेक्ष 83 आवास सक्षम स्वीकृति उपरांत पंजीकृत हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"फ" अनुसार है। कुल 157 आवास विक्रय हेतु शेष है। भारत सरकार के दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ज" अनुसार है।
जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 1574 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्लाटों के आवंटन के बाद निर्माण की समय अवधि क्या है? कितने प्लाट ऐसे हैं जो समय-सीमा में निर्मित नहीं हुए हैं? उनकी सूची देवें। (ख) जिनका समय-सीमा में निर्माण नहीं हुआ है, उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है? प्रत्येक पर की गई कार्रवाई की सूची देवें। (ग) खाली प्लाटों में निर्माण नहीं होने के कारण फैलती हुई गंदगी के रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है? क्या विभाग द्वारा इन प्लाटों की नियमित सफाई की जा रही है? (घ) जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान खुले में कचरा फैलाने और जलाने के कितने प्रकरण दर्ज कर दोषियों को दंडित किया गया है दर्ज किए गए प्रकरणों, दंडित अपराधियों की संख्या सहित वसूल किए गए जुर्माने की राशि का विवरण दें। रिक्त पड़े प्लाटों और भवनों के सामने कचरा फैलाने या जलाने की रोकथाम के लिए उनके मालिकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने हेतु क्या प्रावधान किए गये है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण की संपत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन, नियम 2018 यथासंशोधित नियम 23 (1) अनुसार लीज की अवधि प्रारंभ होने की तारीख से 5 वर्ष की कालावधि के भीतर, न्यूनतम 10 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण करने का प्रावधान है। निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने संबंधी भूखण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जिन भूखण्डधारियों द्वारा निर्धारित समयावधि में न्यूनतम निर्माण कार्य नहीं किया गया है। उनसे व्ययन नियम के प्रावधान अनुसार रूपये 10.00 प्र.व.मी./प्रतिवर्ष की दर से शास्ति अधिरोपित कर वसूल की जा रही है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) खाली प्लाटों में गंदगी की रोकथाम हेतु निगम के ट्रिपर वाहनों में लगे पी.ए. सिस्टम के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। इसके साथ ही खाली प्लाटों में गंदगी पाये जाने पर चालानी कार्यवाही की जाती है। हाँ, नगर निगम जबलुपर द्वारा खाली प्लाटों की सफाई कराई जाती है। (घ) जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान खुले में कचरा फैलाने और जलाने के कुल 823 प्रकरण दर्ज कर दोषियों को दंडित किया गया है, दर्ज किए गए प्रकरणों, दंडित अपराधियों की संख्या 823 एवं वसूल किए गए जुर्माने की राशि 296725/- है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। रिक्त पड़े प्लाटों और भवनों के सामने कचरा फैलाने या जलाने की रोकथाम के लिए एवं अन्य पर कार्यवाही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 में वर्णित प्रावधानों के तहत की जाती है, जिस हेतु कार्यालय नगर पालिक निगम, जबलपुर के आदेश क्रमांक स्वा./2020/95 जबलपुर दिनांक 24/04/2020 में स्पॉट फाईन अर्थात दंडात्मक शुल्क की कार्यवाही का प्रावधान है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
अवैध कालोनियों पर नियंत्रण
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1575 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में कितनी कॉलोनियों को रेरा से अनुमति प्राप्त हुई है और इनमें से कितनी कॉलोनियों का निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो चुका है? साथ ही बताए कि जो कॉलोनी रेरा के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं या समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा नहीं हुई हैं, उनके खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई की गई है? कृपया विस्तृत विवरण के साथ एक सूची प्रदान करें। (ख) जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों के दौरान कितने कॉलोनाइजर/ठेकेदारों ने अवैध रूप से कॉलोनियां बनाई हैं? इनके द्वारा कितनी कॉलोनियां बनाई गई हैं और इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? कृपया कार्रवाई का विस्तृत विवरण प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण में कॉलोनियों को अनुमति प्रदान नहीं की जाती बल्कि परियोजना का पंजीयन कराये जाने का प्रावधान है, जबलपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। परियोजना के पंजीयन की विधानसभावार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है यद्यपि जो कॉलोनी रेरा के नियमों का पालन नहीं करती उनके विरूद्ध भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 के उपबंधों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम जबलपुर द्वारा विगत 03 वर्षों में बनाई गईं 28 अनाधिकृत कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। नगर निगम जबलपुर द्वारा 28 अनाधिकृत कॉलोनियां बनाने वाले विकासकर्ताओं के विरूद्ध म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 292-ग के तहत दाण्डिक कार्यवाही के लिए प्रकरण बनाकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
लोक निर्माण विभाग के भ्रष्टाचार के संबंध में
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 1579 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री अखिलेश कुमार अग्रवाल, तत्कालीन प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग के विरूद्ध वर्ष 2011 से 2022 तक क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई? सम्पूर्ण की प्रति उपलब्ध करायें तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई सम्पूर्ण की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन की संविदा नियुक्ति के नियमों के अंतर्गत आवेदक से लोकायुक्त/ई.ओ.डब्लू में कोई जांच न चलने का शपथ पत्र लिया जाता है? यदि हां, तो श्री अखिलेश कुमार अग्रवाल के लोकायुक्त में प्रकरण चलते रहने के दौरान सड़क विकास निगम में तकनीकी सलाहकार के पद पर की गई अनियमित संविदा नियुक्ति पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) क्या जबलपुर जिले में कटगा ग्वारीघाट मार्ग लम्बाई 6.20 कि.मी. की प्रथम आमंत्रण की निविदा लागत 1595.69 लाख अस्वीकृत कर द्वितीय आमंत्रण में प्राप्त निविदा लागत 1644.35 लाख स्वीकृत कराकर शासन को लगभग 50 लाख रु. की हानि पहुंचाई गई? (घ) क्या इस हानि को लोकायुक्त के द्वारा संज्ञान में लेने पर श्री अखिलेश कुमार अग्रवाल ने लोकायुक्त को गुमराह करने के लिये द्वितीय आमंत्रण की निविदा को प्रथम आमंत्रण की निविदा दर्शाया तथा रुपये 50 लाख की हानि को छिपाया? यदि हां, तो लोकायुक्त को गलत उत्तर देने के लिये तथा शासन को रुपये 50 लाख की क्षति पहुँचाने के लिये श्री अखिलेश कुमार अग्रवाल को कब तक दण्डित किया जायेगा? (ड.) क्या श्री अखिलेश कुमार अग्रवाल तत्कालीन प्रमुख अभियंता ने सड़क एवं पुल कार्य एस.ओ.आर. दिनांक 29.08.2017 आइटम क्र 12.11 में दिनांक 21.08.2018 को गलत क्लेरीफिकेशन जारी किया था जिससे देय दरें बहुत अधिक होने से अगले प्रमुख अभियंता ने दिनांक 25.01.2020 को आदेश क्र. - SOR/Road/Comm./2020/414 Bhopal Dated 25-01-2020 द्वारा जारी क्लेरीफिकेशन दिनांक 21.08.2018 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था। (च) क्या श्री अखिलेश कुमार अग्रवाल तत्कालीन प्रमुख अभियंता द्वारा गलत क्लेरीफिकेशन जारी कर करोड़ों रुपये का ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने तथा शासन को हानि पहुँचाने के कृत्य हेतु कब तक दण्डित किया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। (च) इस संबंध में लोकायुक्त संगठन द्वारा पत्र दिनांक 14/08/2024 से जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। जो कि परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
नगर पालिका गोहद में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 1583 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में संबल योजना एवं आवास योजना से दिनांक 01.06.2018 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका गोहद में कितने हितग्राहियों को लाभ मिला? लाभ प्राप्त करने वाले हितग्राहियों का नाम, पता, खाते नंबर के साथ सूची प्रदान की जाए। क्या आवास योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को मिला है? यदि नहीं, तो अपात्रों को लाभ देने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें। (ख) क्या नगर पालिका गोहद में विवाह सहायता एवं अनुग्रह सहायता योजना से दिनांक 01.06.2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को लाभ मिला है। क्या मूलतः हितग्राही के खाते में ही भुगतान किया गया? इस योजना का लाभ प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की सूची नाम, पता एवं मय खाते के प्रदान की जावे व विवाह सहायता में यह भी जांच कराई जाए की लाभ लेने वालों की शादी कब हुई? उसकी शादी के समय आयु क्या है और उसने शादी कब की और कब योजना का लाभ प्राप्त हुआ? समस्त जानकारी से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भिण्ड जिले की नगर पालिका परिषद, गोहद में संबल योजना अंतर्गत दिनांक 01.06.2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल 84 श्रमिकों को अनुग्रह सहायता राशि का लाभ, 10 श्रमिकों को अंत्येष्टि सहायता राशि का लाभ एवं प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल 643 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। लाभ प्राप्त करने वाले हितग्राहियों का नाम, पता, खाते नम्बर के साथ सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) भिण्ड जिले में नगर पालिका परिषद, गोहद में विवाह सहायता योजना से कुल 648 हितग्राहियों एवं अनुग्रह सहायता योजना (संबल-84 एवं कर्मकार मंडल- 65) से कुल 149 हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया है। जी हाँ। योजना का लाभ प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की सूची नाम, पता, मय खाते के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों एवं पुलों के निर्माण कार्यों हेतु राशि की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 1760 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा टीकमगढ़ जिले की सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति हेतु प्रश्न क्र. 1402 दिनांक 04 जुलाई 2024 विधानसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जो उत्तर (ग) में बताया गया था कि मुख्य बजट वर्ष 2024-25 (जुलाई 2024) प्रस्तावित स्थिति में है, इसके बाद प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति हेतु कार्यवाही क्या-क्या हुई है? कृपया प्रत्येक कार्य की जो परिशिष्ट 6 पर उल्लेखित सेतु परिक्षेत्र के 8 कार्य एवं सागर परिक्षेत्र के 7 कार्य का प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या हुआ है? कृपया प्रत्येक कार्यों की सम्पूर्ण जानकारी कार्य वार, लागत वार प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि सड़कों एवं पुलों के निर्माण कार्यों पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रत्येक कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय होगी? प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त कार्यों की स्वीकृति हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? स्पष्ट बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इस दिसम्बर 2024 के विधानसभा सत्र में जतारा विधानसभा क्षेत्र के लिए कौन-कौन सी सड़कों एवं पुलों के लिए बजट राशि स्वीकृत की जा रही है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि अत्याधिक महत्वपूर्ण जनहित में इन सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्यों? क्या वित्तीय संसाधनों का कारण बताकर फिर इस बार सड़कों एवं पुलों के लिए राशि स्वीकृत नहीं होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विधानसभा जतारा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर अंकित गोवा से खजरी मार्ग की स्वीकृति प्राप्त, वर्तमान में कार्य प्रगति पर है तथा वर्तमान में जतारा तिगैला से चंदेरा 'स्यावनी खरौं मार्ग की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रथम अनुपूरक बजट दिसम्बर 2024 विधानसभा सचिवालय से पारित नहीं होने के कारण जानकरी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित शेष सड़कों एवं पुलों को सम्मिलित/स्वीकृति के संबंध में टिप्पणी करना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
फीस एवं
छात्रवृत्ति
का एकाधिक बार
आहरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
1. ( क्र. 11 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य शासन के द्वारा प्रश्न तिथि तक पिछड़ा वर्ग के छात्रों/ छात्राओं के नाम पर एक से ज्यादा स्थान से छात्रवृत्ति/फीस कॉलेजों के द्वारा निकाल लिये जाने के किन-किन स्थानों के प्रकरणों की जाँच प्रश्न तिथि तक पूर्ण हो चुकी है/चल रही है का कॉलेजवार/ स्थानवार/जिलेवार/राशिवार/छात्रवृत्तिवार/फीसवार वर्षवार जब घोटाला हुआ का विवरण उपलब्ध करायें? (ख) क्या राज्य शासन के द्वारा करोड़ों रुपयों के इस फर्जीवाड़े पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों/लोकायुक्त या अन्य जांच एजेन्सियों में प्रकरण पंजीबद्ध कराया? अगर हाँ तो सभी प्राथमिकियों की एक-एक प्रति दें? अगर नहीं तो कितने रूपयों के घोटाले की बात प्रश्न तिथि तक शासन के समक्ष आई है? कब तक प्राथमिकी किस-किस नाम/पदनाम पर कराई जायेगी एवं किस एजेन्सी में? (ग) क्या यह सत्य है कि उक्त फीस/छात्रवृत्ति एवं अन्य घोटालों की वजह से जो सही पात्र है उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है? अगर नहीं तो वित्तीय वर्ष 2021 से प्रश्न तिथि तक किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि की फीस एवं छात्रवृत्ति का वितरण किस-किस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को किया गया? सूची दें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित घोटालों में किस-किस नाम एवं पदनामों को प्रश्नतिथि तक चिन्हित कर उनके विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) राज्य शासन के द्वारा प्रश्न तिथि तक पिछड़ा वर्ग के छात्रों/छात्राओं के नाम पर एक से ज्यादा स्थान से छात्रवृत्ति/ फीस कॉलेजों के द्वारा किए गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) राज्य शासन के द्वारा करोड़ों रूपये के इस फर्जीवाड़े पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो/लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न जिलों में छात्रवृत्ति राशि की फीस एवं छात्रवृत्ति का वितरण/भुगतान की कॉलेजवार, छात्र-छात्राओं की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित जानकारी अनुसार प्रकरण जांच एजेंसी/माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। ऐसी दशा में किसी भी अधिकारी/ कर्मचारी/पदनाम के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई है।
गौ-शालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( क्र. 43 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में कितनी गौ-शालाएं स्वीकृत की गई हैं। कितनी गौ-शालाएं बनकर तैयार हो चुकी हैं व कितनी गौ-शालाओं का कार्य अपूर्ण है? (ख) हरदा जिले में कितनी शासकीय गौ-शालाएं हैं और कहां-कहां पर स्थित हैं। विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या गौशालाएं बंद हैं? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) सरकार द्वारा म.प्र. की समस्त गौ-शालाओं व हरदा जिले की गौ-शालाओं के लिए प्रतिवर्ष कितनी अनुदान राशि दी जा रही है। पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ड.) गौ-शालाओं के लिए शासन की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि समय पर नहीं मिलने का क्या कारण है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) हरदा जिले में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 24 गौशालाएं स्वीकृत है इनमें से 22 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 2 गौशालाओं का कार्य अपूर्ण है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सरकार द्वारा प्रदेश की समस्त गौशालाओं को रू. 20/- प्रति गौवंश प्रति दिवस के मान से राशि प्रदाय की जा रही है। (ड.) गौशलाओं को राशि बजट की उपलब्धता पर सीधे गौशाला समिति के बैंक खाते में अंतरित की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी, हरदा के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 55 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा कलेक्टर से मुख्य नगर पालिका अधिकारी हरदा की प्रोटोकॉल उल्लंघन किए जाने की शिकायत की गई थी। जिसकी विभागीय जाँच में श्री कमलेश पाटीदार प्रोटोकॉल उल्लंघन, वित्तीय अनियमितताएँ एवं अन्य मामलों में दोषी पाए गए। जाँच रिपोर्ट संयुक्त कलेक्टर हरदा द्वारा पत्र क्रमांक/12570/मांनी./मंसावि/2024 हरदा दिनांक 06/09/2024 के माध्यम से प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, अवर सचिव संसदीय कार्य विभाग भोपाल एवं पत्र क्रमांक/9456/स्था./2024 हरदा दिनांक 03/07/2024 के माध्यम से आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल को प्रेषित की गई है परन्तु प्रश्नांश दिनांक तक कमलेश पाटीदार के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ख) जिन अधिकारियों द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी हरदा को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है, वह कौन है व उनके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? स्पष्ट करें। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, हरदा के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कलेक्टर जिला हरदा के पत्र क्रमांक 9456/स्था./2024 हरदा, दिनांक 03.07.2024 द्वारा श्री कमलेश पाटीदार मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद हरदा जिला हरदा के विरूद्ध लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ था, जिसे संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक/स्था./ एक/1038/2024/15005 भोपाल दिनांक 29.07.2024 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 25689 भोपाल दिनांक 05.12.2024 द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास नर्मदापुरम संभाग नर्मदापुरम से प्रकरण का परीक्षण कर अभिमत सहित प्रतिवेदन चाहा गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रतिवेदन आज दिनांक तक अपेक्षित है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 76 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे व चौथे फेस में कितनी आबादी वाले किन-किन ग्रामों को सम्मिलित किया गया? (ख) कब तक उक्त सड़कों का कार्य प्रारंभ होगा? (ग) वर्तमान में निर्मित प्रधानमंत्री सड़कों में साइड सोल्डर नहीं बने हैं व सड़क किनारे झाड़ियां आदि भी साफ नहीं की गई? क्या कारण है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) पूर्व से निर्मित सड़कों के रख-रखाव हेतु कोई कार्य स्वीकृत किए गए है, यदि नहीं, तो क्या विभाग इन सड़कों का रख-रखाव करेगा यदि हाँ, तो कब तक।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु प्रश्न मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से संबंधित है। उनसे प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
मुख्यमंत्री आधोसंरचना मद से विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 81 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ, भानपुरा, भैसोदा के विकास की मुख्यमंत्री आधोसंरचना एफ.डी.एम.एस. नमामि गंगे एवं विशेष निधि के प्रकरण कब से एवं किस कारण लंबित है? (ख) शासन कब तक उक्त प्रकरणों की स्वीकृति आवश्यक निधि प्रदान करेगा? (ग) गरोठ विधानसभा की बोलियां ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हो चुका है। यदि नहीं, तो यह प्रक्रिया कितने वर्षों से लंबित है। क्या बोलिया को नगर पंचायत घोषित किया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यों की प्रगति एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र नगरीय निकायों द्वारा प्रस्तुत करने पर राशि उपलब्ध कराई जाती है। (ग) जी नहीं। प्रकरण लंबित नहीं है, क्योंकि नगर परिषद गठन मापदण्ड जनसंख्या- 20000 की पूर्ति न होने के कारण प्रकरण अमान्य किया गया है।
RRRD योजना अंतर्गत ट्रांसफार्मर का प्रतिष्ठापन
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 115 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या, जिला देवास में रिफॉर्म बेस्ड ऐंड रिजल्ट लिंक्ड, रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन (RRRD) योजना अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर लगे हैं एवं कितने ट्रांसफार्मर अभी लगना बाकी है? शेष बचे ट्रांसफार्मर कब तक लगेंगे? जानकारी उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : देवास जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र हाट पिपल्या में रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत कुल 198 नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया है। प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त में से 111 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं एवं 87 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना शेष हैं। योजनान्तर्गत उक्त कार्यों हेतु जारी कार्यादेश अनुसार शेष वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने के कार्य को दिनांक 16.02.2025 तक पूर्ण किया जाना है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में उक्त योजनान्तर्गत पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है।
महेश्वर जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों की जानकारी
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 124 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की महत्वाकांक्षी महेश्वर जल विद्युत परियोजना को पुनः प्रारंभ किया जाएगा? अगर हाँ तो कब तक? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के पूर्ण प्रभावित 7 डूब प्रभावित ग्रामों का विस्थापन, मुआवजा और पुनर्वास स्थलों पर आवंटित भूखण्ड, कृषि भूमि की रजिस्ट्रियां प्रभावितों को कर दी गई है? अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ग) खरगोन जिले में परियोजना के डूब प्रभावितों के लिए कोई भू अर्जन कार्यालय है? अगर हाँ तो भूअर्जन कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) डूब प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा मूलभूत सुविधाएं आवंटित भूखण्ड और कृषि भूमि की रजिस्ट्रियां प्रभावितों के नाम पर करने के लिए कब से आंदोलन किये जा रहे हैं? इसको लेकर अब तक क्या निराकरण किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री महेश्वर हायडल पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड (SMHPCL) की 400 मेगावॉट की जल विद्युत परियोजना वर्तमान में दिवालिया प्रक्रिया समाधान (Insolvency Resolution Process) के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) न्यायालय, इन्दौर के तहत विचाराधीन है। माननीय एनसीएलटी न्यायालय, इन्दौर द्वारा कंपनी के दिवालिया समाधान की प्रक्रिया पूर्ण किए जाने के पश्चात् ही परियोजना के बारे में तद्नुसार निर्णय लिया जा सकेगा। अत: निर्धारित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र के पूर्ण रूप से डूब प्रभावित क्षेत्र में अवस्थित 7 ग्रामों के विस्थापन, मुआवजा वितरण एवं पुनर्वास स्थलों पर आवंटित भूखण्ड/कृषि भूमि की रजिस्ट्री करने की कार्यवाही प्रचलन में होने के दौरान, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर एवं SMHPCL मण्डलेश्वर के मध्य निष्पादित R & R अनुबंध निरस्त हो जाने एवं उत्तरांश (क) में दर्शायें अनुसार प्रकरण में वैधानिक कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण रजिस्ट्री करने की कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है। (ग) वर्तमान में परियोजना बंद होने से भू-अर्जन कार्यालय बंद है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) परियोजना के प्रारंभ से ही प्रभावितों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर समय-समय पर आंदोलन किये जाते रहे हैं, जिनमें उनकी मांगों से संबंधित ज्ञापन संबंधितों को दिये गये हैं। पुनर्वास स्थलों पर भूखण्डों के आवंटन, मुआवजा दिये जाने की कार्यवाही की जा रही थी किन्तु उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में मांगों का पूर्ण रूप से निराकरण नहीं हो पाया है।
पूरक निविदाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 192 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग सागर स्तर पर जो सड़क और भवन के अनुबंधकर्ता है उन अनुबंधित कार्य में पूरक स्वीकृति के किस-किस अधिकारी को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत करने का अधिकार है? आदेश क्रमांक दिनांक सहित बतावें। (ख) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य अभियंता सागर द्वारा टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर जिले में कितनी-कितनी राशि के पूरक स्वीकृति आदेश दिये गये? अनुबंधकर्ता का नाम और ठेकेदार का नाम राशि सहित बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्वीकृति आदेश नियम विरूद्ध किये गये यदि नहीं, तो अनुबंधित प्रतिशत दर उस समय के आधार पर एस.ओ.आर. की राशि कम थी इसकी कितनी पूरक स्वीकृतियां की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तथ्यों की क्या जांच कराई जायेगी यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) म.प्र. शासन लो.नि.वि. मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र 2257/2331/18/19/यो/भो दिनांक 1.6.2018 से जारी निर्देशों के तहत मुख्य अभियंता को अनुबंधित राशि का 10 प्रतिशत तक पूरक कार्य की स्वीकृति के अधिकार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जांच उपरांत प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निविदाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 193 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के द्वारा जो निविदाएं बुलाई जाती है निविदाकारों से शपथ पत्र मंगाए जाते है यदि हाँ, तो इसमें क्या-क्या जानकारी मांगी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित निविदाकार द्वारा यदि गलत शपथ पत्र दिया जाता है तो उस पर क्या कार्यवाही की जाती है? (ग) सागर परिक्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने निविदाकार है जिन्होंने गलत शपथ-पत्र दिये है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित निविदाकारों के विरूद्ध म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग के पत्र दिनांक 17.08.2011 एवं 24.03.2015 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई, क्या एफ.आई.आर. कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ख) निविदाकार द्वारा शपथ-पत्र में गलत जानकारी दिये जाने पर निविदाकार का पंजीयन कालीसूची में दर्ज करने निविदा प्रपत्र की शर्तों अनुसार अमानत राशि जब्त करने/सुरक्षा निधि जब्त करने/आगामी निविदा प्रक्रिया में रोक लगाने (डिबार) की कार्यवाही की जा सकती है। अनुबंध के सेक्शन-2 सामान्य की कंडिका 19.1 के तहत कार्यवाही की जाती है। (ग) लो.नि.वि. सागर परिक्षेत्र के अन्तर्गत निविदा क्रमांक 337651 में 01 ठेकेदार मेसर्स ओम कन्स. कम्पनी इण्डिया प्रा.लि. टीकमगढ़ द्वारा दी गई। (घ) उल्लेखित पत्रों के प्रावधानानुसार ठेकेदार को कालीसूची में दर्ज किये जाने की कार्यवाही गई है। शासन द्वारा जारी परिपत्रों में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का कोई प्रावधान नहीं है।
विभिन्न शिकायतों एवं पत्रों पर जांच व कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 194 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद खिलचीपुर जिला राजगढ़ के द्वारा की जा रही विभिन्न निर्माणों, निकाय में आर्थिक वित्तीय व नियम विरुद्ध संचालित अनियमितताओं सहित अन्य विषयों पर जनप्रतिनिधियों द्वारा वर्ष 2023 जनवरी से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कार्यालय, लोकायुक्त, ई.ओ.डब्लू., प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास, कलेक्टर राजगढ़ सहित एस.डी.एम. सी.एम.ओ. खिलचीपुर को कब-कब कितनी-कितनी किन-किन विषयों पर शिकायत की एवं पत्र लिखे गए एवं अन्य नागरिकों की शिकायतें प्राप्त हुई? उन शिकायती पत्रों पर विषय सहित बिंदुवार क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? प्राप्त हुई संपूर्ण शिकायतों एवं पत्रों पर विषयवार बिंदूवार संपूर्ण विवरण देवें किन-किन शिकायतों व पत्रों पर कब से कार्यवाही लंबित हैं और क्यों? कब तक कार्यवाहियां पूर्ण कर ली जाएगी? पूर्ण विवरण देवें समय-सीमा सहित। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनप्रतिनिधियों पार्षदों द्वारा विभागों को प्रेषित चलित प्रस्ताव व कितनी शिकायतों व पत्रों पर कार्यवाही लंबित हैं? किन अधिकारियों द्वारा कार्यवाही समय-सीमा में नहीं की गई, कौन-कौन दोषी हैं? क्या-क्या कार्यवाही होगी और कब तक? समय-सीमा बताइए। (ग) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार विशेष जांच दल गठित कर सभी प्राप्त हुई शिकायतों/पत्रों पर समय-सीमा में जांच करवाकर कार्यवाही करेंगे व जांच अनुसार दोषी पाए जाने पर अध्यक्ष व अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे? यदि हां,तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जांच प्रचलित है, जांच उपरांत गुण-दोष के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जांच प्रचलित है, जांच प्रतिवेदन अनुसार गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित
[पशुपालन एवं डेयरी]
11. ( क्र. 223 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी साइंस एण्ड फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है। (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर में बड़ा डेयरी उद्योग, साँची दुग्ध संघ, कृषि विश्वविद्यालय और वेटनरी विश्वविद्यालय होने तथा इसके लिए वेटनरी विश्वविद्यालय में 14 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध होने के बावजूद डेयरी साइंस एण्ड फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित करने का क्या कारण हैं? (ग) डेयरी साइंस एण्ड फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज को किस स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है तथा वहां पर ऐसी कौन सी सुविधाएँ हैं जो जबलपुर में उपलब्ध नहीं हैं। (घ) जबलपुर में व्यापक पशु पालन और कृषि क्षेत्र होने और प्रतिदिन आठ लाख लीटर दूध उत्पादन के कारण यहाँ डेयरी साइंस एण्ड फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज स्थापित करने का शासन द्वारा निर्णय लिया गया था। फिर इसे अन्यत्र स्थानांतरित करने का क्या औचित्य है।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी साइंस एण्ड फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज के अन्यत्र स्थानांतरण करने की सक्षम स्वीकृति नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 224 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में स्थित किन-किन लोक निर्माण म./स. संभागों विद्युत यांत्रिक संभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, सेतु निर्माण एवं अन्य किन-किन संभागों, उपसंभागों में कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.ओ.) व उपयंत्री के पद पर कब से कौन-कौन पदस्थ है? इनका गृह जिला क्या है? अनुविभागीय अधिकारी उपयंत्री के कितने-कितने स्वीकृत पद रिक्त हैं एवं क्यों? संभागवार सूची दें। (ख) लोक निर्माण म./स. संभाग क्र.2 जबलपुर द्वारा किस-किस स्तर पर कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कहां-कहां के कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कराये गये हैं। स्वीकृत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कब से अपूर्ण/निर्माणाधीन एवं अप्रारंभ है एवं क्यों? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? बतलावें। उपसंभागवार वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित संभाग में सड़कों/ भवनों का निर्माण, सुधार, मरम्मत, नवीनीकरण, पुनर्निर्माण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? बतलावें। किस-किस स्तर पर कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कौन-कौन से कार्य पीस वर्क पर कराये गये हैं एवं एच.आर. पर कितनी राशि व्यय हुई? बतलावें। उपसंभागवार बतलावें। (घ) क्या शासन प्रश्नांकित कार्यों में राशि का अपव्यय/वित्तिय अनियमितता राशि का दुरूपयोग व भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? बतलावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'स' अनुसार। (ग) उपसंभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'स' अनुसार। संभाग अंतर्गत पीसवर्क एवं एच.आर. पर कोई व्यय नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांकित मार्गों में संभाग अंतर्गत राशि का अपव्यय नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 305 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 206 इंदौर-3 में नगर निगम इंदौर द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की सूची प्रदान करें। (ख) विधानसभा क्षेत्र इंदौर-3 में वर्तमान में चल रहे विकास कार्यों के कब तक पूर्ण होने की संभावना है। (ग) मुख्यमंत्री विशेष निधि से प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में प्रदत्त कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित मुख्यमंत्री विशेष निधि नही, अपितु संचालनालय की विशेष निधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
स्मार्ट सिटी के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 308 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र इंदौर-3 में स्मार्ट सिटी अंतर्गत कितने कार्य प्रगतिरत है? (ख) कितने कार्य पूर्ण हो चुके है? (ग) कितने कार्य अपूर्ण है? (घ) अपूर्ण कार्यों हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया है एवं उनके पूर्ण किये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) इंदौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट कंपनी द्वारा विधानसभा क्षेत्र इंदौर-3 के अंतर्गत 07 कार्य प्रगतिरत है। (ख) इंदौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट कंपनी द्वारा विधानसभा क्षेत्र इंदौर-3 के अंतर्गत 28 कार्य पूर्ण किये जा चुके है। (ग) इंदौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट कंपनी द्वारा विधानसभा क्षेत्र इंदौर-3 के अंतर्गत 07 कार्य अपूर्ण (प्रगतिरत) है। (घ) इंदौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट कंपनी द्वारा विधानसभा क्षेत्र इंदौर-3 के अंतर्गत अपूर्ण (प्रगतिरत) 07 कार्यों हेतु लगभग राशि रु. 30.00 करोड़ प्रावधानित की गई है, जिन्हें पूर्ण किये जाने हेतु मार्च-25 तक की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
नगर निगम के साथ पत्राचार संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 309 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2024 से सितंबर 2024 तक प्रश्नकर्ता द्वारा कमिश्नर नगर निगम इंदौर एवं उनके मातहत अधिकारियों को कितने पत्र लिखे गए एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई। (ख) यदि कार्यवाही की गई तो सम्पूर्ण ब्यौरा प्रदान करें। (ग) यदि नहीं की गई तो क्या कारण रहे जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जनवरी 2024 से सितम्बर 2024 तक माननीय विधायक जी द्वारा नगर निगम इंदौर को प्रेषित कुल 37 पत्र प्राप्त हुये है पत्रों पर की कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क निर्माण में गुणवत्ता विहीन कार्य
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 344 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत भितरवार से करैरा रोड करीब 31 कि.मी का दो वर्ष पूर्व कार्य पूर्ण किया गया था उसका प्राक्कलन एवं स्टीमेट सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ख) यदि उक्त रोड के कार्य को करीब 2 वर्ष पूर्ण हुए उसके बाद क्या उक्त रोड पर खेराघाट में गड्डे होकर रोड उखड़ गयी है तथा बीच में भी कई जगह गड्डे हो गये हैं। (ग) क्या सड़क के आसपास साइड में पेबर ब्लॉक लगवाए जाने थे। यदि हाँ, तो कहां-कहां और यदि नहीं, लाये गये तो क्यों कारण सहित जानकारी दें। (घ) करैरा भितरवार रोड जो MPRDC संभाग ग्वालियर के अन्तर्गत है इसकी गारन्टी अवधि क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राक्कलन एवं एस्टीमेट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में यह मार्ग ठेकेदार के दोष दायित्व अवधि (डी.एल.पी.) में है। मार्ग उत्तम स्थिति में है। प्रश्नांश में उल्लेखित खेराघाट मार्ग के कि.मी. 2 में स्थित है। इस स्थान पर निर्माण कार्य के समय रिटेन्ड रखे गये पुल/पुलियों की एप्रोच में सुधार हेतु बिटुमिन मिक्स से मरम्मत की गई है। इसी प्रकार कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुये भाग का भी सुधार किया गया है। (ग) जी हाँ। रहवासी क्षेत्रों में सड़क के किनारे उपलब्ध भूमि पर पेवर ब्लॉक लगाये जाने थे। मार्ग पर ग्राम करही, ग्राम गधाई के कुछ भाग में एवं ग्राम सीहोर में पेवर ब्लॉक लगाये गये है। शेष ग्रामों में भूमि उपलब्ध न होने के कारण पेवर ब्लॉक नहीं लगाये जा सके। (घ) करैरा-भितरवार मार्ग की दोष दायित्व अवधि (डी.एल.पी.) दिनांक 14.02.2027 तक है।
नगर परिषद करैरा में स्वीकृत जल आवर्धन योजना का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 346 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा की नगर परिषद् करैरा में जल आवर्धन योजना का कार्य कब स्वीकृत हुआ था। उक्त कार्य को समय अवधि में पूर्ण नहीं किया क्यों। (ख) अगर उक्त कार्य समय अवधि में पूर्ण नहीं किया तो क्या ठेकेदार पर कोई कार्यवाही की गयी। अगर नहीं की गयी तो क्यों। (ग) वर्तमान में निर्माण एजेन्सी द्वारा नगर के विभिन्न हिस्सों में पाईप लाईन डाली गई है परन्तु वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा इन्टेक वेल का कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। उक्त कार्य घटिया किया जा रहा है। (घ) नगर परिषद करैरा में जल आवर्धन का कार्य एजेंसी द्वारा समय-सीमा में कब तक किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) शासन द्वारा गठित साधिकार सह कार्यकारी समिति की हुई बैठक दिनांक 26.12.2016 में पैकेज 4डी जलप्रदाय योजना के अंतर्गत करैरा नगर की जल आवर्धन योजना स्वीकृत हुई थी। विभिन्न विभागों से अनुमति प्राप्त होने में देरी, पम्पिंग मेन बिछाने हेतु एन.एच.ए.आई. से प्राप्त अनुमति में देरी, करोना महामारी एवं ठेकेदार द्वारा कार्य निष्पादन में योजनाबद्ध कार्य नहीं किये जाने के कारण पर्याप्त रूचि ना लेने के कारण कार्य पूर्ण होने में विलम्ब हुआ है। (ख) जी हाँ। निर्धारित समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण, ठेकेदार के चलदेयकों में से विलम्ब हेतु क्षतिपूर्ति की राशि रू. 2,74,53,228 करोड़ रोकी गयी है। (ग) जी हाँ। वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा इंटेक वेल का शेष कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है। (घ) योजना का कार्य पूर्ण किये जाने का लक्ष्य दिनांक 31.12.2024 निर्धारित किया गया है।
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर करोड़ों के टेंडर प्राप्त किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 461 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आई.डी.एस.एम.टी. योजना के अंतर्गत नगर पंचायत रामपुर बाघेलान जिला सतना में वर्क आर्डर क्र. 535 वर्क आर्डर की दिनांक 19.07.2010 कांट्रेक्ट एमाउन्ट 89 लाख से ज्यादा का कार्य किस फर्म के द्वारा किया गया? जारी वर्क आर्डर की एक प्रति दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य मेसर्स अनूप सिंह बघेल के द्वारा किया गया? अगर हाँ तो जारी वर्क आर्डर की एक प्रति दें? अगर नहीं किया गया तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य के अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर उक्त मेसर्स अनूप सिंह बघेल के नगर पालिक निगम सतना में निविदा क्रमांक एन.आई.टी. क्र./21, 21/1/निर्माण (ई-टेंडर)/न. पा. नि. 2014 सतना दिनांक 17.02.2014 में टेंडर डाला गया? क्या उक्त अनुभव के आधार पर टेंडर एलाट हुआ? क्या उसका वर्क आर्डर क्र. 12/ नि.यो./न.पा.नि./14 सतना दिनांक 25.06.2014 एवं वर्क आर्डर सेकेण्ड फेस क्र. 14/नि.यो./ न.पा.नि./14 दिनांक 25.06.2014 नगर पालिक निगम सतना से जारी हुआ था? सभी की एक-एक प्रति दें? (ग) क्या उक्त अनूप सिंह को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित टेंडर निरस्त होने के बाद भी पुनः कार्य दिया गया? उक्त जारी वर्क आर्डर की एक प्रति दें? फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर किये गये कार्य पर हुये टेंडर व भुगतान पर राज्य शासन क्या व कब दंडनीय कार्यवाही करेगा का विवरण बिन्दुवार दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद रामपुर बाघेलान द्वारा पत्र क्रमांक 535 दिनांक 19.07.2010 से यश कंस्ट्रक्शन कंपनी c/o शैलेन्द्र सिंह को अनुमानित लागत राशि रू. 20.67 लाख का कार्यादेश दिया गया है, कार्यादेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं, जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
नगर निगम क्षेत्र में होर्डिंग लगाने की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 481 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 206, इन्दौर-3 में विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार के लिए कितने होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई है? उनके लिए तय स्थान, मानक साइज एवं उसकी दर एवं नियमावली क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं 'ब' अनुसार।
आर.डी.एस.एस. योजना
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 531 ) श्री अभय मिश्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा व मऊगंज जिले में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत ग्रामों, टोलों एवं मजरों में विद्युतीकरण के कार्य किये जाने बावत् सर्वे के कार्य कराये गये थे। बतावें कि कितने ऐसे टोले, मोहल्ले अभी इस सर्वे के आधार पर वंचित रह गये है जहां ट्रांसफार्मर एवं विद्युतीकरण के कार्य नहीं किये गये हैं? न किए जावेंगे, इस पर क्या निर्देश देंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आर.डी.एस.एस. योजना के अन्तर्गत सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के छूटे हुये गांवों, मजरों में पुनः सर्वे करा कर ट्रांसफार्मर विद्युत केबिल, पोल लगाए जाने विद्युतीकरण बावत् कई बार पत्र कार्यपालन अभियंता संचा. संधा.म.प्र.वि.वि.कं. रीवा अधीक्षण अभियंता संचा. संधा.म.प्र.वि.वि.कं. रीवा, प्रमुख सचिव व मुख्य सचिव को लिखे गये, पत्रों अनुसार पुनः सर्वे कराकर छूटे हुये गांवों, टोला व मजरों में विद्युतीकरण के कार्य बावत् निर्देश देंगे तो बतावें अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा संबंधितों के लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई, की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें अगर कार्यवाही नहीं की गई तो बतावें, पत्रों का समय पर निराकरण कर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं उनके पदनाम सहित उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें, अगर नहीं तो क्यों? वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक मरम्मत बावत् कितनी राशि प्राप्त हुई, इनके द्वारा इस राशि से क्या-क्या कार्य कितनी लागत के कराये गये का विवरण पृथक से देते हुये बतावें कि श्री आशीष बैन कार्यपालन यंत्री संचा./संधा.म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड रीवा के द्वारा संविदाकारों से सांठ-गांठ कर सुधार की राशि का गबन अपने पदस्थगी के दौरान प्रत्येक स्थान पर किये इसकी उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच हेतु निर्देश देंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 191 दिनांक 19.02.2024 द्वारा अधीक्षण यंत्री म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी लि. द्वारा जानकारी चाही गई थी जो अप्राप्त है इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें, अगर नहीं तो क्यों? इसी तरह पत्र क्रमांक 58 दिनांक 01.01.2024 द्वारा अधीक्षण अभियंता म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.क.लि. जबलपुर रीवा क्षेत्र से चाही गई जानकारी भी अपेक्षित है, क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजना प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार कार्य नहीं किये जा रहे मनमानी तरीके से सर्वे से हट कर व्यक्तिगत हितपूर्ति कर कार्य कराये जा रहे, बार-बार पत्र लिखने के बाद भी सर्वे का कार्य नहीं कराये जा रहे पूर्व सर्वे की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा रही, न ही सार्वजनिक रूप से प्रसारित की जा रही इन सब अनियमितताओं के लिये जिम्मेदारों के पदनाम का विवरण देते हुये उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें, अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नही, रीवा एवं मऊगंज जिले में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत ग्रामों/टोलों/मजरों में विद्युतीकरण के कार्य किये जाने बावत् सर्वे के कार्य नहीं कराए गये थे। अपितु प्रश्नाधीन जिलों में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत अन्य कार्यों के अतिरिक्त मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य कराया जा रहा है, जिसके तहत अधिक लाईन लॉस वाले मिश्रित फीडरों को कृषि एवं घरेलू फीडरों में विभक्त करने हेतु एप के माध्यम से जी.आई.एस. सर्वे कार्य करवाया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु नहीं, अपितु योजना के दिशा-निर्देश के अनुरूप 11 के.व्ही. के मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण हेतु सर्वे कार्य कराये गए हैं। अत: ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्यों हेतु सर्वे कराये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्रों में उल्लेखित कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा-निर्देशों अनुसार तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने पर सम्मिलित नहीं किये जा सके हैं। पत्रों पर की गई कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता है। वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विद्युत अद्योसंरचना के रखरखाव कार्यों हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र के लिए राशि रू. 6.89 करोड़ प्राप्त हुये हैं जिससे टूटे/टेढ़े पोलों को सही करना/जली केबिल एवं रखरखाव के अन्य आदि कार्य, रू. 6.61 करोड़ प्राक्कलित राशि से कराये गये हैं। श्री आशीष बेन, कार्यपालन अभियंता द्वारा रीवा में पदस्थापना के दौरान कराये गये सुधार कार्यों में, जांच उपरांत प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर, नियमानुसार विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों के माध्यम से चाही गयी जानकारी कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) संभाग पश्चिम, रीवा के पत्र दिनांक 07.03.2024 एवं अधीक्षण अभियंता, कार्यालय रीवा वृत्त के पत्र दिनांक 30.01.2024 के माध्यम से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उपलब्ध करायी गयी है, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) प्रश्नाधीन योजना अंतर्गत कार्य, कार्यादेश में निहित शर्तों के अनुरूप, जी.आई.एस. सर्वे में तैयार प्राक्कलन अनुसार किया जा रहा है। माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्रों में उल्लेखित कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा-निर्देश अनुसार तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाये जाने के कारण प्रस्तावित नहीं किये जा सके है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
अनियमित भुगतानकर्ताओं पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 532 ) श्री अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम रीवा व रीवा जिले के नगर परिषदों में अमृत मिशन अंतर्गत कार्यों बावत् राशियां राज्य शासन से प्रदान की गई तो कब-कब कितनी-कितनी इन प्राप्त राशियों से कौन-कौन से निर्माण कार्य नगर पालिक निगम रीवा एवं रीवा जिले के नगर परिषदों में कराये गये का विवरण 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों के कार्यादेश किन संविदाकारों को किन शर्तों पर किस अवधि पर पूर्ण किये जाने बावत् दिये गये थे? कार्यादेश की प्रति देते हुए बतावें कि कितने कार्य समय पर पूरे किये गये कितने शेष है? कार्यों की भौतिक स्थिति व गुणवत्ता का सत्यापन कब-कब किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया का विवरण तिथिवार देवें? सत्यापन के दौरान पायी गयी अनियमितता व गुणवत्ता की कमी से संबंधित प्रतिवेदन की प्रति कार्यवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के नगर पालिक निगम रीवा व रीवा जिले के नगर परिषदों में नगरीय निकाय का संचालक स्थानीय निधि सम्परीक्षक के वार्षिक प्रतिवेदन 2014-15 एवं इसके पश्चात जो प्राप्त हुए उस अनुसार अनियमित रूप से भुगतान की गई राशि के संबंध में सम्परीक्षक द्वारा की गई आपत्ति पर संबंधितों से वूसली के साथ कार्यवाही कब-कब किस-किस तरह की गई? नहीं तो क्यों? जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 656 मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को दिनांक 5.9.2024 को पत्र लिखा गया? पत्रों पर कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के नगर पालिक निगम रीवा व रीवा जिले के नगर परिषदों में अमृत मिशन के तहत प्राप्त राशि का गबन किया गया कार्य मौके पर प्राक्कलन तकनीकी स्वीकृति अनुसार शासन के निर्देशों के पालन कर नहीं कराये गये संविदाकारों को कार्यावधि बढ़ाकर लाभ पहुंचाया गया एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार अनियमित भुगतान के लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों इन सबके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है उनके पदनाम के सहित की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम, रीवा एवं रीवा जिले की नगरीय निकायों को अमृत मिशन अंतर्गत कार्यों बावत् वर्ष 2020 के पश्चात राज्य शासन से कोई भी राशि प्रदान नहीं की गई है। वर्ष 2016 में स्वीकृत नगर पालिक निगम, रीवा की सीवरेज परियोजना के शेष कार्य हेतु निविदा वर्ष 2023 में स्वीकृत की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी एवं अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। कार्यों की भौतिक स्थिति एवं गुण्वत्ता का सत्यापन निकाय एवं पी.डी.एम.सी. (परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता) के इंजीनियर्स द्वारा समय-समय पर किया गया है। तिथिवार विवरण निकाय स्तर पर संधारित नहीं है। सत्यापन के दौरान कार्यों की गुणवत्ता संतोषजनक पाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। अनियमित भुगतान की स्थिति नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अमृत मिशन के तहत प्राप्त राशि का कोई गबन नहीं किया गया है। कार्य मौके पर प्राक्कलन एवं सक्षम स्वीकृति अनुसार कराये गये हैं। आवश्यकता एवं मांग अनुसार कार्य में समय वृद्धि की गई है। ठेकेदार को कोई आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रसायनयुक्त जल से फसलों का नुकसान
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 589 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित ग्रेसीम एवं अन्य उद्योगों के खतरनाक रसायनयुक्त पानी को चंबल नदी में मिलाने से गरोठ विधानसभा क्षेत्र में गांधीसागर डूब क्षेत्र में पेयजल गंधयुक्त हो गया है। फसलों में नुकसान हो रहा है। शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त जहरीले पानी से गांधीसागर के टर्बाइन (विद्युत) की चमक ग्यारन्टी पीरियड से पूर्व ही समाप्त हो रही है। इस नुकसान के लिए जिम्मेदारों पर कार्यवाही क्यों नहीं? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नदी बांध के आसपास के गावों के ग्रामीणों को प्रदूषित पेयजल, सिंचाई नुकसानी, मछलियों की मृत्यु की जांच एवं कार्यवाही सरकार क्यों नहीं करवा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नागदा में संचालित उद्योगों के पास स्वयं के ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित हैं, जिनमें रासायनिक तत्व युक्त जल को ट्रीट कर औद्योगिक क्षेत्र में पुन: उपयोग किया जाता है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदत्त सशर्त सम्मति के अनुपालन में शून्य निस्त्राव की स्थिति सुनिश्चित की गई है एवं नगरीय सीमा अंतर्गत चंबल नदी में किसी प्रकार का कोई जल प्रवाहित नहीं किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) गाँधी सागर जल विद्युत गृह इकाई के वर्तमान टरबाईन वर्ष 1960 से 1962 के दौरान स्थापित किये गये थे, जिनका ग्यारन्टी पीरियड बहुत पहले ही समाप्त हो चुका है। जल विद्युत गृह की इकाई क्रमांक 1 एवं 5 पर किये गये नवीनतम आर.एल.ए. (Residual Life Assesment) 2020 के प्रतिवेदन अनुसार टरबाईन रनर की स्थिति स्वीकार्य पाई गई है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डामर घोटाले की उच्च स्तरीय जांच
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 617 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 07 फरवरी 2024 को डामर घोटाले की जांच हेतु ध्यान आकर्षण सूचना विभाग को दी गई थी? यदि हाँ, तो, उस सूचना पर विभाग ने क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की हैं? कार्यवाही मय अभिलेख देवें। (ख) उज्जैन जिले में विगत 3 वर्ष में क्वालिटी कंट्रोल युक्त डामर का उपयोग नहीं होने से कितनी सड़कों की शिकायतें विभिन्न मध्यम से प्राप्त हुई हैं? उनकी प्रतियां देवें। उन सभी शिकायतों पर विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की हैं? जानकारी दें। (ग) क्या गाईड लाईन अनुसार पी.एस.यू. के डामर का उपयोग करने का ही प्रावधान है? यदि नहीं, तो, उज्जैन जिले की विभाग द्वारा निर्मित सड़कों पर कौन-कौन सी गाईड लाईन के प्रावधान अनुसार कौन-कौन से डामर का उपयोग हुआ? प्रयुक्त गाईड लाईन के साथ विगत 15, 10 एवं 5 वर्षों की गारंटी की समय-सीमा वाली सभी सड़कों की प्रावधान अनुसार किए डामर के उपयोग की जांच रिपोर्ट देवें। (घ) क्या लागत की तुलना में रिफायनरी में निर्धारित मार्के का डामर नहीं मिलता है? एम.पी. सरकार ने स्वयं की कोई गाईड लाईन विभाग द्वारा जारी नहीं की है? क्या इस कारण ठेकेदार महाराष्ट्र गुजरात के ट्रांसपोर्टर से डामर लेकर, सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के फर्जी बिल लगाकर गुणवत्ताविहीन डामर का उपयोग कर सड़क निर्माण में करते हैं? क्या इस कारण जी.एस.टी. चोरी से शासन को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पी.एस.यू. रिफायनरी में निर्धारित मार्के का डामर मिलता है। म.प्र. लोक निर्माण विभाग द्वारा एम.ओ.आर.टी. एण्ड एच. द्वारा जारी स्पेशिफिकेशन को विभाग में भी लागू किया जाता है। अतः पृथक से कोई गाईड लाईन जारी नहीं की गई है। म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग के द्वारा कराये जा रहे डामरीकरण कार्यों में किसी भी प्रकार की जी.एस.टी. चोरी एवं फर्जीवाड़ा की संभावना नहीं है, क्योंकि ठेकेदार द्वारा डामर के बिलों की प्रति प्रस्तुत करने के पश्चात ही भुगतान किया जाता है, जो कि संबंधित रिफायनरी की वेबसाईट से सत्यापित किया जा सकता है।
गौ अभ्यारण में अनुसंधान, उत्पादन एवं बिक्री
[पशुपालन एवं डेयरी]
24. ( क्र. 620 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ अभ्यारण में कितनी निराश्रित गौवंश का पालन कब से किया जा रहा है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उत्पादन केंद्र सालरिया में 28 जून 22 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से पंचगव्य उत्पाद निर्मित हुए? उनकी सूची देते हुए जानकारी दे कि उक्त उत्पाद विक्रय से शासन को प्रश्न दिनांक तक कितनी आय हुई? प्राप्त आय से कौन-कौन से कार्य संपादित किए गए? (ग) वर्तमान में कितने अनुसंधान किस-किस के द्वारा कब से चल रहे हैं? उक्त अनुसंधानों की रिपोर्ट देवें। (घ) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्त्रोतों से कितनी आय कितना व्यय हुआ? वर्षवार केश बुक, लेजर, बिल-वाउचर ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियां देवें। (ड.) वर्तमान में कुल कितने गौवंश सालरिया शासकीय परियोजना अंतर्गत निवास कर रही हैं? 71 रुपए प्रति गौवंश प्रति दिवस शासन अनुदान से उनके लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई हैं? (च) 28 जून 22 से प्रश्न दिनांक तक की कितनी अनुदान राशि मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड द्वारा जारी की गई हैं? (छ) बोर्ड द्वारा कितनी-कितनी बार उक्त अभ्यारण्य का निरीक्षण किया? रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ज) सलारिया गौशाला प्रति गौवंश के लिए 71 रूपये का भुगतान जबकि उज्जैन जिले की गौशाला के साथ-साथ प्रदेश की अन्य गौशालाओं की गौ माताओं को 20 रूपये प्रति गौवंश का भुगतान क्यों? भेदभाव का कारण बतावें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) वर्ष 2017-18 से। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्न दिनांक तक पंचगव्य अंतर्गत केवल गोबर खाद का निर्माण किया गया, जिसके विक्रय से संस्था को राशि रू. 32,59,684/- प्राप्त हुए। इस राशि का उपयोग गौ अभ्यारण्य में गौसेवा में किया गया। (ग) श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास के माध्यम से जनवरी 2023 से कार्यवाही प्रारंभ की गई है। प्रॉम खाद, वर्मी कम्पोस्ट, गोकाष्ठ, कण्डे, गौमूत्र से फसलों के लिए कीट नियंत्रक एवं अमृत जल इत्यादि पर अनुसंधान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ड.) कुल 5490 गौवंश। रूपये 71/- प्रति गौवंश प्रतिदिवस के अनुदान से चारा-भूसा, दाना, मजदूरी, डीजल, बिजली, औषधि, कुशल श्रमिक, सुपरवाईजर की व्यवस्थाएं की गई है। (च) राशि रू. 24,35,91,928/- (रू. चौबीस करोड़ पैंतीस लाख इंक्यानबे हजार नौ सौ अठ्ठाईस) प्रदाय किए गए। (छ) बोर्ड द्वारा तीन बार भ्रमण किया गया। कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ज) गौ अभ्यारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, सालरिया शासकीय परियोजना है। जो निराश्रित गौवंश के पालन के साथ अनुसंधान एवं पंचगव्य से उत्पाद निर्माण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई थी। मंत्रि परिषद के आदेश दिनांक 28 जून 2022 के अनुक्रम में गौ अभ्यारण्य संचालन हेतु चारा-भूसा, दाना, मजदूरी,डीजल, बिजली, औषधि, कुशल श्रमिक, सुपरवाईजर हेतु राशि रूपये 71/- प्रति गौवंश प्रतिदिवस प्रदाय किया जाता है। उज्जैन जिले एवं प्रदेश की अन्य गौशालाओं में गौवंश के लिए रूपये 20/- प्रतिदिन के मान से राशि प्रदान की जाती है। यह अनुदान के रूप गौशाला प्रबंधन को दान से प्राप्त एवं स्वयं के आय से प्राप्त राशि अथवा वस्तु के अतिरिक्त है। किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग से ग्रामों को सर्विस रोड से जोड़े जाना
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 650 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में 53A मार्ग पर फोरलेन रोड निर्माण कार्य प्रगति पर है रोड से लगे ग्रामों में लोगों को आने-जाने हेतु क्या कनेक्टिविटी रहेगी जानकारी दें। (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बरवई खेड़ा एवं ग्राम चपलासा व ग्राम बागनखेड़ा जहां पर नवरात्रि में माता मंदिर पर लाखों श्रृद्धालु आते है, के लिये इन ग्राम में आने हेतु क्या सर्विस रोड का निर्माण किया जावेगा या नहीं जानकारी दें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मनासा में फ्लाय ओवर एवं सर्विस रोड की जो सुविधा दी गई है क्या वही सुविधा प्रश्नांश (ख) में अंकित ग्रामों के नागरिकों के लिये आने-जाने के लिये दी जावेगी जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग प्र.अ. लो.नि.वि. के कार्यक्षेत्र अन्तर्गत नहीं है। अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
रेत के वाहनों से जीर्ण-शीर्ण हुए मार्ग को दुरूस्त करना
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 651 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र में रेत का अत्यधिक उत्खनन होता है। ट्रेक्टर, ट्रक, डम्परों इत्यादि वाहनों का अत्यधिक दबाव रहता है जिसके कारण मार्ग जीर्ण-शीर्ण हो रहे है? (ख) जिन मार्गों से रेत के वाहन गुजरते है उन मार्गों को दुरूस्त किये जाने हेतु शासन की क्या योजना है? जानकारी दें। (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पिपल्यानानकार से ग्राम कोलारी तक एवं ग्राम मेजनास से ग्राम मेलपिपल्या तक का मार्ग रेत के वाहनों के कारण अत्यधिक खराब हो चुका है इन मार्गों का नवीन निर्माण कब तक किया जावेगा? समयावधि बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) वर्तमान में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कोई योजना नहीं। मार्ग के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में आवश्यकतानुसार संधारण कार्य कराया जाता है। (ग) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग से सम्बंधित नहीं, अपितु मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-2 देवास से सम्बंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नगरों/कस्बों में डिवाइडर युक्त मार्ग
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 652 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 53 A जो मौजूदा सड़क मार्ग है क्या उक्त मार्ग निर्माण की नवीन स्वीकृति सड़क निर्माण हेतु दी गई है जानकारी दें। (ख) एन.एच. 53 A प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र के बड़े गावों/ कस्बों से होकर गुजरता है जैसे नगर कन्नौद, जनासा, खातेगांव, साकलपुर एवं नेमावर इत्यादि कस्बों/नगरों में डिवाइडर युक्त मार्ग बनाएं जाने हेतु क्या मापदण्ड है, जानकारी दें। (ग) अत्यधिक वर्षा के कारण एवं प्रश्नकर्ता की विधानसभा में अत्यधिक रेत उत्खनन होने से मार्ग पर वाहनों का अत्यधिक दवाब रहता है जिसके कारण मार्ग पूरी तरह से खराब हो चुका है, इसे दुरुस्त किये जाने की शासन की क्या योजना है? जानकारी दें। (घ) एन.एच. 59 A-मार्ग निर्माण की जो नवीन स्वीकृति मिलेगी वह सीमेंट, कांक्रीट रोड की होगी या डामरीकृत मार्ग की होगी? जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु रा.रा.क्र. 59ए के मौजूदा सड़क के संधारण हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राशि प्रदाय की गई है। (ख) फोरलेन श्रेणी के मार्गों पर डिवाईडर निर्माणों का प्रावधान होता है। प्रश्नांश में उल्लेखित बड़े गॉंव/कस्बों में स्थित मौजूदा सड़कों पर डिवाईडर युक्त मार्ग बनाये जाने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) मार्ग को दुरूस्त करने हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही पूर्ण कर, एल.ओ.ए. जारी कर दी गई है। अनुबंध निष्पादन होने के उपरांत कार्य कराया जा सकेगा। (घ) मौजूदा मार्ग में स्थित ग्राम खातेगांव एवं संदलपुर में कांक्रीट मार्ग एवं ग्राम ननासा, नेमावर, हण्डिया, हरदा, टिमरनी, रिपाटला, भरूस, धनोरा, धारगांव, महेडगांव एवं खेड़ी बायपास में डामरीकरण कार्य की स्वीकृति वन टाईम इम्प्रूवमेंट में प्राप्त हुई है। तद्नुसार कार्य कराया जायेगा।
मजरे टोले हेतु 24 घंटे विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 653 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2023-24 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन मजरे टोलों में 24 घंटे वाली विद्युत आपूर्ति की विभाग द्वारा स्वीकृति दी गई है एवं स्वीकृति पश्चात किन-किन मजरे टोले में काम किया गया है? मजरे टोले के नाम बतावें। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु कितने कार्य स्वीकृत हुए एवं कहां-कहां हुए है? नाम बतावें। (ग) बसाहटों में 24 घंटे वाली विद्युत आपूर्ति दिये जाने का क्या प्रावधान है? जानकारी दें? क्या विभाग द्वारा 24 घंटे वाली विद्युत आपूर्ति बसाहटों के लिए स्वीकृत की गई है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम खातेगांव विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं, यथा-राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22/10/2018 को पूर्ण कर लिया गया था। उक्त विद्युतीकरण योजनाओं के पूर्ण होने के उपरांत खातेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत कृषि प्रयोजन के लिये 10 घंटे विद्युत प्रदाय हेतु आर.डी.एस.एस. योजना के तहत फीडर विभक्तिकरण एवं मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना तथा एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत विद्युत अधोसंरचना निर्माण के स्वीकृत कार्यों एवं उक्त कार्यों के क्रियान्वयन संबंधी प्रश्नाधीन चाहा गया स्थानावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई, 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को कृषि प्रयोजन हेतु 08 घंटे (वर्तमान में राज्य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। तद्नुसार प्रदेश में वर्तमान में समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके समीपस्थ गैर कृषि 11 के.व्ही. फीडरों से संयोजित चिन्हित मजरों/टोलों/बसाहटों में निवासरत परिवारों को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बने मजरों/टोलों/बसाहटों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा-सिंचाई श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध विद्युत अद्योसंरचना से संयोजित कर, अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में उक्त बसाहटों को गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय करने के लिये विद्युतीकरण कार्य किये जाने हेतु कोई योजना प्रचलन में नहीं है।
अपूर्ण मार्ग को पूरा किया जाना
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 700 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत शोभापुर से माछा, शोभापुर से भटगांव, शोभापुर से रेवाबनखेड़ी, सेमरी से महुआखेड़ा अजबगांव गजनई मार्ग एवं सिरवाड़ फुरतला पाटनी सांगाखेड़ाखुर्द मार्ग लोक निर्माण विभाग की ए.डी.बी. योजना के अंतर्गत बनाये गये है जिनका कार्य अभी तक किस कारण से पूर्ण नहीं हो पाया है? इन मार्गों के साथ कितनी पुल-पुलिया बनाये जाने का प्रावधान था? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त मार्गों का निर्माण गुणवत्ताहीन हुआ है विगत 5 वर्षों से काम चल रहा हे परन्तु अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है और विभाग द्वारा कार्य पूर्ण बताकर पैसे निकाल लिये गये है एवं पुल-पुलिया भी निर्धारित शर्तों के आधार पर नहीं बनी है? पुल-पुलियों के बॉक्स कलवर्ट शर्तों से कम बनाये गये है और इनकी भी राशि पूरी निकाल ली गई है। साईट शोल्डर भी निर्धारित मापदंड के तहत नहीं बनाये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इसमें कौन जिम्मेदार है उपरोक्त मार्गों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कार्य पूर्ण किया जा चुका है जिसकी पूर्णता दिनांक संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर 15 में दर्शित है। विभाग द्वारा कार्य पूर्ण बताकर कोई अनियमित भुगतान नहीं किया गया है एवं पुल-पुलियां भी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के अनुसार निर्धारित शर्तों के अनुसार बनाई गयी। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के अनुसार 14 बॉक्स कलवर्ट स्वीकृत थे एवं 14 ही बॉक्स कलवर्ट बनाये गये। साईड शोल्डर का कार्य भी निर्धारित मापदण्डानुसार किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घट्टिया विधानसभा अंतर्गत नवीन उपसंभाग खोला जाना
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 710 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के कितने सब डिविजन/उप संभाग आते हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) घट्टिया विधानसभा के लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत एक ही उपसंभाग में संचालन होने/नया उपसंभाग खोले जाने के संबंध में कौन-कौन से पत्र किस-किस दिनांक को विभाग को प्राप्त हुए हैं? (ग) घट्टिया विधानसभा के लिए लोक निर्माण विभाग के नवीन उपसंभाग खोलने के संबंध में किस स्तर पर कार्यवाही लंबित है? नवीन उपसंभाग कब तक खोला जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) कुल 05 उपसंभाग आते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग को मान. मंत्री जी, लोक निर्माण विभाग की टीप दिनांक 25/06/2024 के साथ मान. विधायक, विधानसभा क्षेत्र घट्टिया का एक पत्र दिनांक 16.06.2024 को संलग्न प्राप्त हुआ है। (ग) उपसंभाग हेतु पदों का सृजन करने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अवैध कॉलोनी के माध्यम से भूखण्डों का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 713 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले के हामूखेड़ी में भूमि सर्वे क्रमांक 163/1/1/1, 163/2/1 सर्वे क्रमांक 156 एवं अन्य सर्वे नम्बर सहित रकबा, लगभग 10 हेक्टेयर भूमि पर ''सार्थक सिंगापुर'' के नाम से एक कॉलोनी बनाकर उसके भूखण्ड विक्रय किये जा रहे हैं एवं खरीदारों से दो किश्तें वसूली जा चुकी हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदंर्भ में उक्त भूमि पर नगर तथा ग्राम निवेश के प्लान अनुमोदित कब किया गया है? कॉलोनाईजर लाईसेंस कब जारी किया गया एवं विकास अनुमति कब जारी की गई? ''रेरा'' से अनापत्ति कब जारी की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त कॉलोनाईजर द्वारा नियम विरूद्ध भूखण्डों का विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक इनके विरूद्ध क्या कोई आपराधिक कार्यवाही की गई? कलेक्टर उज्जैन को उक्त धोखाधड़ी के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उज्जैन कलेक्टर, द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा कराये गये मौका निरीक्षण में नगर निगम उज्जैन क्षेत्र अन्तर्गत हामूखेड़ी में प्रश्नांकित सर्वे क्रमांकों की भूमि पर वर्तमान में सार्थक सिंगापुर के नाम से कोई कॉलोनी का निर्माण होना नहीं पाया गया है एवं उक्त भूमि वर्तमान में रिक्त अवस्था में है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिवहन सेवा
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 747 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर एवं समीपस्थ ग्रामों के लिए परिवहन सेवा शुरू की गई थी? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित परिवहन सेवा से सागर नगर के समीप 15 से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्रामों/स्थानों के लिये भी परिवहन सेवा शुरू की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित परिवहन सेवा क्या वर्तमान में संचालित है? जानकारी देवें। यदि वर्तमान में संचालित नहीं है तो क्या कारण है? जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित परिवहन सेवा विभाग द्वारा कब तक प्रारंभ की जाएगी? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर की रिट पिटीशन क्रमांक 1853 of 2023 में पारित निर्णय दिनांक 03/11/2023 के अनुपालन में ''25 कि.मी. की परिधि में नगरीय निकायों द्वारा संचालित सिटी बसों पर पूर्व में उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक के संबंध में स्थगन दिया गया है।'' इस कारण से बसों का परिचालन बंद है। (घ) उत्तरांश (ग) में वर्णित अनुसार परिवहन सेवा वर्तमान में संचालित नहीं हैं। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर की रिट पिटीशन क्रमांक-1853 of 2023 में पारित निर्णय दिनांक 03/11/2023 के अनुपालन में 25 कि.मी. की परिधि में नगरीय निकायों द्वारा संचालित सिटी बसों पर पूर्व में उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक के संबंध में स्थगन दिया गया है। इस सबंध में मान. उच्च न्यायालय के निर्णय एवं परिवहन आयुक्त, ग्वालियर के प्राप्त पत्र क्रमांक 6064/टीसी/2023 ग्वालियर, दिनांक 08/11/2023 के अनुपालन में 25 कि.मी. की परिधि में सिटी के संचालन हेतु इस कार्यालय के पत्र दिनांक 02/08/2023 एवं 18/12/2023 तथा परिवहन आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर को इस विभाग के पत्र क्रमांक/अमृत योजना/2024/34 सागर, दिनांक 23/02/2024 एवं पत्र क्रमांक अमृत योजना/2024/71 सागर दिनांक 17/05/2024 के माध्यम से क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जिला सागर एवं परिवहन आयुक्त ग्वालियर को 25 बसों के संचालन हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नगर परिषद में रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 841 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा अंतर्गत आने वाली न.प. व नगर परिषद में सी.एम.ओ., इंजीनियर, आर.आई., स्वास्थ्य इंस्पेक्टर आदि के कितने पद कितने समय से रिक्त हैं? परिषदवार ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) गरोठ विधानसभा अंतर्गत नगर परिषद, गरोठ नगर परिषद भैसोदा एवं नगर परिषद भानपुरा सम्मिलित है। उक्त निकायों से प्राप्त जानकारी अनुसार स्वास्थ्य इंस्पेक्टर का पद तीनों निकायों में स्वीकृत नहीं है एवं सी.एम.ओ. इंजीनियर, आर.आई. के रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद गरोठ, नगर परिषद भैसोदा एवं नगर परिषद भानपुरा में मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं इंजीनियर का कोई पद रिक्त नहीं है। तीनों नगर परिषदों में आर.आई. का 01-01 पद स्वीकृत है। जो कि पदोन्नति द्वारा भरा जाना है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण कराया जाना
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 865 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित होने वाले निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे? कार्यवार प्रत्येक की पूर्णता की समयावधिवार, स्थानवार जानकारी दी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या यह सही है कि निर्माण कार्य में विलम्ब होने से जन मानस में विकास की कड़ी जुड़ने में अविश्वास व्याप्त होने लगता है? यहि हाँ तो त्वरित निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने की कार्यवाही की जावे। नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हस्तांतरित सड़कों को निर्मित कराया जाना
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 866 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा के अंतर्गत मण्डी बोर्ड द्वारा निर्मित सड़कों को म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-01 सतना को कार्यपालन यंत्री म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड तकनीकी संभाग-रीवा के पत्र क्र/मण्डी बोर्ड/निर्माण/24-25/148रीवा दिनांक 03/06/24 द्वारा हस्तान्तरित किया गया हैं? यदि हाँ, तो इन सड़कों का निर्माण कब तक कराया जावेगा? समयावधि बतायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में आयी सड़कों के संबंध में क्या यह सही है कि सड़कें पूर्णत: जर्जर हो गयी हैं, जिनका नवीन रूप से निर्माण कार्य सुदृढ़ीकरण के तौर पर लोकहित में अविलंब कराया जाना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो क्या इन सड़कों के स्वीकृत की कार्यवाही अविलंब पूर्ण कर कार्य प्रारंभ कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग से सम्बंधित नहीं है। अपितु प्रश्नांश म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई 01, सतना से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार।
जिला पंचायत छतरपुर द्वारा जारी की गई राशि की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
36. ( क्र. 882 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 65 दिनांक 5/7/24 के तहत छतरपुर जिले में गौ-शालाओं पंचायतों/समूहों को जारी की गई राशि के सत्यापनकर्ता कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी हैं उनके पद सहित नाम बतायें? (ख) क्या जिला पंचायत द्वारा समूहों/पंचायतों को राशि जारी की गई, यदि हाँ, तो किस आधार पर नियम बतायें? (ग) क्या जिन पंचायतों/समूहों को राशि दी गई उनके सम्बंध में क्षेत्रीय विधायक/सांसदों से प्रस्ताव लिए गये, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) दोषी अधिकारियों के विरुद्ध जाँच कर कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 65 दिनांक 5.7.2024 का उत्तर विभाग द्वारा नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क दुर्घटना में गौवंश की मृत्यु
[पशुपालन एवं डेयरी]
37. ( क्र. 894 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 1 जुलाई 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक प्रत्येक माह में अलग-अलग प्रदेश में सड़क दुर्घटना में कितनी-कितनी संख्या में गौवंश की मृत्यु हुई हैं? (ख) प्रदेश में गौवंश को सड़क दुर्घटना से बचाने का दायित्व किन अधिकारियों पर हैं? (ग) क्या किसी अधिकारी पर गौवंश को सड़क दुर्घटना से बचाने का दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही किये जाने के लिये कोई कार्यवाही की गई हैं? (घ) क्या राज्य सरकार ने गौवंश को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो इसका क्या विवरण हैं?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विभाग द्वारा प्रश्न में पूछे गए आंकड़े संधारित नहीं किए जाते। (ख) प्रदेश में गौवंश को सड़क दुर्घटना से बचाने का दायित्व किसी एक विभाग के अधीन नहीं है। नगरीय आवास एवं विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संयुक्त समन्वयन से कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। इसका दायित्व किसी अधिकारी विशेष को नहीं दिया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राजमार्गों पर गौवंश के विचरण की रोकथाम एवं दुर्घटनाओं से बचाव की व्यवस्था बनाए जाने हेतु नवाचार के रूप में (गो पेट्रोलिंग) नगरीय विकास एवं आवास विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं पशुपालन एवं डेयरी विभाग के समन्वयन से भोपाल आने वाले 5 प्रमुख राजमार्गों 1. भोपाल सीहोर देवास 2. भोपाल बाड़ी बरेली (रायसेन) 3. भोपाल से राजगढ़ 4. भोपाल से नर्मदापुरम 5. भोपाल रायसेन विदिशा राजमार्ग पर एक पायलेट योजना (गो पेट्रोलिंग) दिनांक 01 जुलाई 2024 से 30 सितंबर 2024 तक की अवधि में संचालित की गई थी। इस पायलट योजना अंतर्गत विभाग द्वारा संधारित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
स्वच्छता अभियान
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 912 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना की नगर निगम, नगर पालिका परिषदों एवं नगर परिषदों में व्याप्त गंदगी के कारण डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी घातक बीमारियां हर घर को अपनी चपेट में ले रही है? (ख) क्या स्वच्छता अभियान सर्वे की टीम आने पर ही नगर की सफाई की जाती है? (ग) क्या जिला मुरैना की नगर निगम, नगर पालिका परिषदों एवं नगर परिषदों में स्वच्छता अभियान को आगे लाने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। मुरैना जिले की नगरीय निकायों में गंदगी के कारण डेंगू, चिकिनगुनिया, मलेरिया जैसी घातक बीमारियां की रोकथाम हेतु निकाय द्वारा लगातार सड़कों व नाले नालियों की साफ-सफाई व किटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। नगरीय निकायों की स्वच्छता टीम के द्वारा प्रतिदिन नियमित रूप से साफ-सफाई की जाती है। (ग) मुरैना जिले की नगरीय निकायों द्वारा स्वच्छता अभियान में आगे आने के लिये निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
आवासीय पट्टों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 913 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र में शासकीय भूमि पर वर्षों से निवासरत रहवासियों को आवासीय पट्टे देने हेतु नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी देवें। (ख) विगत 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका परिषद अम्बाह में निवासरत व्यक्तियों को आवासीय पट्टे देने हेतु क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। (ग) नगरीय क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक आवासीय पट्टे देने की प्रक्रिया के पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कब तक आवासीय पट्टे वितरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल के पत्र क्र. एफ 1-16/2022/18-3 भोपाल, दिनांक 04-05-2023 के परिपालन में नगरीय निकायों में भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम,1984 के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे दिया जाना। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) कार्यालय कलेक्टर (जिला शहरी विकास) मुरैना (म.प्र.) के पत्र क्रमांक/ सा./डूडा/23/600 मुरैना, दिनांक 16-05-2023 से अनुविभागीय अधिकारी अम्बाह को निर्देश दिए गए थे, दल गठित कर निकाय क्षेत्र भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत आवासीय व्यक्तियों का सर्वे कराया गया। सर्वे के दौरान 25 भूमिहीन व्यक्ति पाए गए, जिनमें से 05 स्थाई निवासी नहीं होने से अपात्र एवं 15 व्यक्ति विवादित भूमि होने से अपात्र किए गए थे। शेष 05 व्यक्ति पात्र पाए गए, जिनको अस्थाई पट्टा वितरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक आवासीय पट्टे देने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार प्रक्रिया पूर्ण की गई है।
रायल्टी चुकता प्रमाण-पत्र जारी करने का प्रावधान
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 951 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 के अनुसार अनुबन्धकर्ता के अंतिम बिल का भुगतान करने के पूर्व रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र लिए जाने के संबंध में क्या प्रावधान है, प्रमाण पत्र लिए बिना अंतिम बिल का भुगतान करने पर किसके विरूद्ध, किस कार्यवाही का, क्या प्रावधान है। (ख) हरदा एवं बैतूल जिले में किस-किस सड़क एवं भवन के अंतिम बिल का भुगतान अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस अनुबन्धकर्ता को किस अधिकारी ने किया। (ग) अंतिम बिल का भुगतान करने के पूर्व किस अनुबन्धकर्ता से रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किया प्रति सहित बतावें यदि प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं। (घ) शासन को रायल्टी की हानि पहुंचाकर अंतिम बिल का भुगतान करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है, कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. शासन खनिज विभाग के पत्र क्रमांक एफ-14-10/2018/12/1 दिनांक 15.03.2018 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार, में अनुबंधकर्ता के अंतिम बिल का भुगतान किये जाने के पूर्व कण्डिका 4- (। । ) में दिये गये प्रावधान अनुसार प्रत्येक रनिंग बिल के साथ रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है प्रत्येक बिल से एक निश्चित राशि काट कर रख सकते है और अंतिम बिल भुगतान से पूर्व समायोजन कर सकते है। दिनांक 01 अप्रैल 2018 के पश्चात विभिन्न निर्माण विभागों द्वारा उपयोग में लाये गये खनिज पर रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये ऑनलाईन व्यवस्था लागू होगी। तदनुसार कोई भी ठेकेदार स्वयं एवं कंडिका 2 एवं 3 में बताई प्रक्रिया से ऑनलाईन रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग हरदा एवं बैतूल के अंतर्गत अंतिम बिल का भुगतान अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) केवल एक प्रकरण में अंतिम बिल के भुगतान के पूर्व रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। शेष में अप्राप्त है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-2' अनुसार है। चूंकि भुगतान करने से पूर्व अनुबंधकर्ता से प्राप्त चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किये है, चुकता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किये जाने पर राशि का समायोजन खनिज विभाग के परिपत्र दिनांक 15.03.2018 की कंडिका 4- (। । ) में दिये प्रावधान अनुसार देयक के माध्यम से किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 952 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 में दिए गए प्रावधनों के बाद भी हरदा एवं बैतूल जिले की नगरीय निकायों ने निर्माण कार्यों के अंतिम बिल का भुगतान करने के पूर्व रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र अनुबंधकर्ताओं से प्राप्त नहीं किया? (ख) दिनांक 15/02/2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक हरदा एवं बैतूल जिले की किस-किस निकाय ने किस अनुबंधकर्ता के किस निर्माण कार्य से संबंधित अंतिम बिल का किस दिनांक को भुगतान किया या अनुबंधकर्ता से कितने खनिज की रायल्टी के चुकता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया प्रति सहित बतावें। (ग) किस निकाय के किस अधिकारी ने रायल्टी चुकता प्रामण पत्र प्राप्त किए बिना किस अनुबंधकर्ता को किस दिनांक को किस कार्य के अंतिम बिल का भुगतान किया उस कार्य में कितने गौण खनिज का उपयोग किया गया। (घ) रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना अंतिम बिल का भुगतान करने वाले किस अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा? समय-सीमा सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 से संविदाकार को आनलाईन रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने का निर्देश जारी हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। हरदा एवं बैतूल जिले की नगरीय निकायों द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों के देयक से रायल्टी की राशि काटी गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 के सरल क्रमांक 3 में ठेकेदार द्वारा टीपी/प्रवेश पत्र के परिप्रेक्ष्य में चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने का उल्लेख है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "क" "ख" एवं "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहदोरा ग्राम में पावर ग्रिड अथवा शोर्य प्लांट की स्थापना
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 956 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करैरा विधानसभा क्षेत्र दतिया जिले की बडोनी तहसील के अंतर्गत ग्राम सहदोरा में किस कंपनी द्वारा सैकड़ों बीघा जमीन खरीद कर विद्युत का शोर्य प्लांट या ग्रिड सब-स्टेशन बनाया जा रहा है? (ख) विधानसभा क्षेत्र की सैकड़ों बीघा जमीन कृषकों से कब दामों में खरीद कर भूमिहीन हो रहे उस पर रोक लगाई जावेगी क्या? (ग) यदि शोर्य प्लांट या अन्य कोई सब स्टेशन बनाया जा रहा है किस कंपनी द्वारा या एजेंसी द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है या नहीं? नहीं कराया गया तो क्यों तथा क्षेत्र की जनता का उक्त प्लांट लगने से क्या लाभ होगा बताएं तथा उनकी भूमि क्रय की जा रही उनका कितना प्रतिशत हिस्सा रहेगा बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भारत सरकार, विद्युत मंत्रालय द्वारा भविष्य की विद्युत मांग को दृष्टिगत रखते हुए अंतर्राज्यीय ट्रांसमिशन प्रणाली के विकास हेतु टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से चयनित मेसर्स करैरा पॉवर ट्रांसमिशन लिमिटेड, जो कि मेसर्स अप्रावा इनर्जी प्रायवेट लिमिटेड, मुंबई की पूर्ण स्वामित्व की सब्सिडरी है, को करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में बिल्ड ऑन आपरेट ट्रांसफर (BOOT) पद्धति से 765/400 के.व्ही. अति उच्च दाब उपकेन्द्र की स्थापना का कार्यादेश दिया गया है। (ख) टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से चयनित करैरा पॉवर ट्रांसमिशन लिमिटेड के द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाले अति उच्च दाब उपकेन्द्र के निर्माण हेतु लगभग 173 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 112 एकड़ निजी भूमि एवं 61 एकड़ शासकीय भूमि सम्मिलित है एवं अद्यतन स्थिति में लगभग 73 एकड़ निजी भूमि बाजार दर पर क्रय की गई है। साथ ही शासकीय भूमि के संबंध में म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 में निहित प्रावधान के तहत आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। करैरा पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि निजी भूमि का क्रय, उक्त क्षेत्र हेतु लागू वृत दर/अधिसूचित दर से अधिक पर ही किया गया है। अत: यह कहना उचित नहीं है कि निजी भूमि की खरीदी कम दामों पर की जा रही है। (ग) भारत सरकार, विद्युत मंत्रालय द्वारा उत्तरांश (क) में उल्लेखित उपकेन्द्र स्थापना हेतु चयनित कंपनी के द्वारा भारत सरकार एवं राज्य शासन के विभिन्न विभागों से समन्वय किया जा रहा है। साथ ही कंपनी द्वारा कलेक्टर जिला दतिया को विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हुए उपकेन्द्र स्थापना में लगने वाली भूमि से अवगत कराया गया है। उक्त परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्वालियर/दतिया क्षेत्र के साथ ही मध्यप्रदेश के उत्तरी भाग की भविष्य की विद्युत मांग की पूर्ति करना है। उक्त परियोजना की स्थापना से न केवल प्रदेश की विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ होगी वरन स्थानीय समाज को भी लाभ होगा, जिससे अंतत: प्रदेश की आर्थिक उन्नति होगी।
गौशालाओं का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
43. ( क्र. 1008 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर अंतर्गत कितनी गौशाला निर्मित हैं संख्यावार, स्थानवार जानकारी एवं किस-किस गौशालाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित है तथा कितनी गौशाला अधूरी है इनकी निर्माण एजेन्सी कौन हैं पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गौशाला जो संचालित है उनके अध्यक्ष कौन है एवं किस-किस गौशालाओं में कितनी गायें है। (ग) विधानसभा अंतर्गत किन-किन गौशालाओं में विगत 5 वर्षों में कितना बजट आवंटित हुआ है। (घ) इन गौशालाओं में शासकीय गौसेवक कार्यरत है? यदि नहीं, तो शासकीय गौसेवकों के रखने के कोई नियम है? भविष्य में रखने के प्रावधान है?
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
महाराजपुर
अंतर्गत 24
गौशालाएं स्वीकृत
की गई थी, जिनमें
से 21
निर्मित हैं, 3
गौशालाएं
अधूरी हैं। स्वीकृत
सभी 24 गौशालाओं
में निर्माण
एजेंसी ग्राम
पंचायत है।
विधानसभा
क्षेत्र
महाराजपुर
अंतर्गत 24
गौशालाओं में
से 21
गौशालाएं
पूर्ण एवं
संचालित हैं।
संख्यावार, स्थानवार
गौशालावार जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार।
(ख) गौशाला
समिति अध्यक्ष
की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
कॉलम क्रमांक-
17
अनुसार तथा
गौवंश संख्या
की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
कॉलम क्रमांक-14
अनुसार।
(ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
कॉलम क्रमांक-18
अनुसार। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "बावन"
इंजीनियरों के रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1028 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या गोटेगांव विधानसभा के नगरपालिका गोटेगांव में 4 इंजीनियरों के पद रिक्त हैं इन रिक्त पदों पर पूर्ति कब होगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जी नहीं। आदर्श कार्मिक संरचना के अनुसार गोटेगांव में 02 उपयंत्रियों एवं 01 सहायक यंत्री के पद स्वीकृत है, जिसमें से 02 उपयंत्री के पद भरे हैं।
सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 1029 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा गोटेगांव में विद्युत लाईन पुरानी हो गई हैं सर्वे कराकर लाईन के तार बदले जावे एवं खंभे व्यवस्थित किये जावे यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं? (ख) क्या विधानसभा गोटेगांव में ट्रांसफार्मरों का लोड अत्यधिक है ट्रांसफार्मरों में लोड की क्षमता कब बढ़ायी जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या गोटेगांव विधानसभा में सिंग्रामपुर, भैंसा (राखी), नगवलगांव सब स्टेशन स्वीकृत होना हैं उक्त ग्राम में सब स्टेशन कब सवीकृत होंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत लाईनों का सर्वे कार्य कराकर लाईनों के पुराने/जर्जर तार बदले जाने एवं टेढ़े-मेढ़े विद्युत पोल व्यवस्थित किये जाने का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार सतत् रूप से कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव सहित सम्पूर्ण कंपनी क्षेत्रांतर्गत स्थापित विद्युत अद्योसंरचना यथा-ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अद्योसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत रूप से किया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ट्रांसफार्मरों की क्षमता स्वीकृत भार के अनुरूप है। तथापि भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत, सतत्रूप से गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु, प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/ स्वीकृत किये जाते हैं। इसमें नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के साथ ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि के कार्यों हेतु भी प्रावधान किया जाता है, ताकि भविष्य में पर्याप्त बिजली हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध हो सके। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव सहित नरसिंहपुर जिले हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वर्ष 2024-25 की कार्य योजना अंतर्गत 1 पावर ट्रांसफार्मर एवं 223 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिन्हें माह अप्रैल 2025 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं। (ग) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंग्रामपुर, भैंसा (राखी) एवं नवलगांव (नगवलगांव नहीं) में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृति का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित विद्युत अद्योसंरचना भार के अनुरूप है एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
भोपाल, देवास, लेबड, जावरा तथा नयागांव के टोल रोड
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 1036 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी टोलरोड पर निवेशक को विजिबिलिटी ग्रांट फंड (विजीएफ) लागत का केन्द्र का 20 प्रतिशत तथा विशेष परिस्थिति में राज्य का 20 प्रतिशत या इससे कम ज्यादा क्यों दिया जाता है? किस-किस टोल रोड को केन्द्र तथा राज्य का लागत का कितना-कितना प्रतिशत तथा कुल राशि कितनी-कितनी दी गई और क्यों दी गई? (ख) भोपाल, देवास, लेबड, जावरा तथा नयागांव टोलरोड पर प्रारंभ से अक्टूबर 2024 तक कुल कितना टोल वसूला गया है तथा बतावें कि वह अनुबंध अनुसार परियोजना लागत (वीजीएफ घटाने के बाद) का कितना-कितना प्रतिशत है तथा बतावें कि भोपाल, देवास टोल रोड की अवधि 21.5.33 है क्या इसकी अवधि 257.5 दिन बढ़ाई गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) भोपाल, देवास, लेबड, जावरा तथा नयागांव सड़क पर नवम्बर 2024 की स्थिति में कितने-कितने ब्लैक स्पाट किस कि.मी. पर है तथा प्रारंभ से नवंबर 2024 तक हुई दुर्घटना घायल व्यक्ति तथा मृत व्यक्ति की संख्या वर्षवार बतावें। (घ) विधानसभा में प्रश्न 1467 दिनांक 13.2.24 अनुसार दिसम्बर 23 तक भोपाल देवास रोड पर टोल वसूली 1342.23 करोड़ तथा प्रश्न क 1417 दिनांक 13.7.24 अनुसार मई 2024 तक वसूली 1640.92 करोड़ है बतावें कि पांच माह में 268 करोड़ टोल कैसे वसूला गया तथा बतावें कि इस मार्ग से शासन को कितना राजस्व निवेशक द्वारा किया जा रहा है तथा इस मार्ग के निवेशक को किस दिनांक को कितना शार्ट फाल लोन दिया गया तथा क्यों दिया गया? (ड.) प्रश्नाधीन तीनों टोल रोड पर चार्टर्ड एकाउंटेड का तथाकथित प्रमाण पत्र प्रारंभ से प्रत्येक वितीय वर्ष का 2023-24 तक का देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) निवेशक को वीजीएफ का भुगतान कंसेशन अनुबंध के शेड्यूल एक्स/ओ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–1 अनुसार किया जाता है, जो कि समान नहीं होता है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 'ब' अनुसार। जी हाँ। दिनांक 21.05.2033 तक बढ़ाई गई अवधि में चैंज ऑफ स्कोप की अवधि 195 दिवस सम्मिलित नहीं है। जी हाँ। अवधि अनुबंध के विभिन्न प्रावधानानुसार बढ़ाई गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) प्रश्न 1467 दिनांक 13.2.24 अनुसार भोपाल – देवास मार्ग पर रू. 1342.23 करोड़ मार्च 2023 तक है। प्रश्न क्र. 1417 दिनांक 13.07.2024 इस मार्ग से संबंधित नहीं है। उक्त मार्ग पर रू.1610.92 करोड़ मई 2024 तक वसूल किया गया। रू. 268.69 करोड़ टोल 14 माह में वसूला गया। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 2 अनुसार।
शासकीय आवासों पर किए गए व्यय की जानकारी
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 1037 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में राजधानी भोपाल में माननीय मुख्यमंत्री जी एवं मंत्रिगणों को आवंटित किन-किन शासकीय आवास गृहों के रख-रखाव मरम्मत, रंग रोगन, साज सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण कार्यों एवं विद्युत देयकों एवं नलों के बिलों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) राज्य के किन-किन मंत्रीगणों को उनके गृह जिलों में लोक निर्माण विभाग के आवंटित शासकीय आवास गृहों में उक्त अवधि में रख-रखाव मरम्मत, रंग रोगन, साज सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण कार्यों एवं विद्युत देयकों एवं नलों के बिलों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) धार जिले में विभाग द्वारा शासकीय आवास गृहों में उक्त अवधि में रख-रखाव मरम्मत, रंग रोगन, साज सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण के लिए कितनी राशि आवंटित की गई एवं व्यय की राशि की जानकारी विधानसभावार कार्यवार देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। इसके अतिरिक्त बी-8 माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय भवन में राशि रू. 193.80 लाख एवं बी-1, 74 बंगला भोपाल में अतिरिक्त निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 52.97 लाख की राशि व्यय की गई है। (ख) मंत्रीगणों को उनके गृह जिलों में लोक निर्माण विभाग के कोई शासकीय आवास आवंटित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पिछडा वर्ग की छात्रवृत्ति वितरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
48. ( क्र. 1043 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अन्य पिछड़ा़ वर्ग के विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र, लोक सेवा आयोग, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के विभिन्न स्तरों में सफल उम्मीदवारों को विगत तीन वित्तीय वर्षों में कितनी-कितनी छात्रवृत्ति स्वीकृत कर उनके बैंक खातों में अंतरित की गई है? आवेदन का वर्ष, आवेदक का नाम, पता, स्वीकृत छात्रवृत्ति बैंक खातें में अंतरित राशि के विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या पन्ना जिले के बहुत से छात्र, छात्रवृत्ति से वंचित रह गये हैं? कुछ छात्रों की राशि गलत खातों में अंतरित हो गई है? क्या बाद वाले आवेदकों को पहले एवं पहले वाले आवेदकों को बाद में छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है? (ग) लंबित छात्रवृत्ति का भुगतान छात्रों के खातों में कब तक कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? लंबित छात्रवृत्ति का समय पर भुगतान न करने व गलत खातें में छात्रवृत्ति अंतरित करने के लिये कौन दोषी है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, कोई भी पात्र छात्र, छात्रवृत्ति से वंचित नहीं है। आवंटन के अभाव में भुगतान लंबित है। किसी भी छात्र की राशि गलत खाते में अंतरित नहीं हुई है। बाद वाले आवेदकों को पहले एवं पहले वाले आवेदकों को बाद में छात्रवृत्ति स्वीकृत नहीं की गई है। (ग) लंबित छात्रवृत्ति का भुगतान आवंटन उपलब्ध होने पर किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय क्रय नियम जानकारी उपलब्ध कराना
[पशुपालन एवं डेयरी]
49. ( क्र. 1049 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड भोपाल द्वारा उपकरण, सामग्री खरीदी हेतु 100 प्रतिशत प्रदायकर्ता एजेंसी को अग्रिम भुगतान कर सकने बाबत् विभागीय क्रय नियम एवं आदेश/निर्देश जारी किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों से प्राप्त आय
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 1050 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के अन्तर्गत जबलपुर संभाग के नगरपालिका परिषद एवं नगर परिषदों में स्वयं की कितनी-कितनी मदवार आय प्राप्त होती है? चुंगी क्षतिपूर्ति एवं सीमाकर की क्षतिपूर्ति कितनी-कितनी विभाग से प्राप्त होती है? स्थापना व्यय कितनी-कितनी राशि का किया जाता है? (ख) क्या विभाग द्वारा नगरीय निकायों के स्वयं के आय बढ़ाने के दिशा/निर्देश जारी किये गये हैं? हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या नगरीय निकायों की सीमा क्षेत्र में आने वाले औद्योगिक इकाइयों को सम्पत्ति कर से छूट प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है? हाँ तो क्या संबंधित निकायों को क्षतिपूर्ति के रूप में विभाग द्वारा राशि दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र के बिना भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 1099 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश खनिज साधन विभाग भोपाल के पत्र क्र.-F-3/ 31/2018/12/01 दिनांक 20.06.2018 में दिए गए निर्देश के बाद भी बैतूल जिले में नगरीय निकायों के द्वारा अनुबंधकर्ताओं से रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ही अंतिम बिलों का भुगतान किया गया है? (ख) खनिज विभाग का पत्र जारी होने के बाद बैतूल जिले की किस नगरीय निकाय ने किस-किस निर्माण कार्य के ठेकेदार के अंतिम बिल का भुगतान किस-किस दिनांक को किया, उसमें से किस-किस ठेकेदार से कितनी-कितनी रॉयल्टी के चुकता प्रमाण पत्र दिनांक 20/06/2018 में दिए गए प्रारूप में प्राप्त किया, प्रति सहित बतावें? (ग) यदि रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ही अंतिम बिल का भुगतान किया हो तो उसका कारण बतावें? भुगतान करने वाले अधिकारी के विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा समय-सीमा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश खनिज साधन विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-3/31/2018/12/01 दिनांक 20/06/2018 नही, अपितु मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 जारी हुआ है जिसमें आनलाईन रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने का निर्देश है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, बैतूल जिले की नगरीय निकायों द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों के देयक से रायल्टी की राशि काटी गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 के सरल क्रमांक 3 में ठेकेदार द्वारा टीपी/प्रवेश पत्र के परिप्रेक्ष्य में चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने का उल्लेख है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंतिम बिलों का भुगतान
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1100 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश खनिज साधन विभाग भोपाल के पत्र क्र.-F-3/31/2018/12/01 दिनांक 20.06.2018 में दिए गए प्रारूप में अनुबंधकर्ताओं से रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ही बैतूल जिले में लोक निर्माण विभाग ने सड़क एवं भवनों के अंतिम बिलों का भुगतान किया गया है? (ख) खनिज विभाग का पत्र जारी होने के बाद बैतूल जिले के किस-किस अनुबंधकर्ता का किस-किस निर्माण कार्य के ठेकेदार के अंतिम बिल का भुगतान किस-किस दिनांक को किया, उसमें से किस-किस अनुबंधकर्ता से कितनी-कितनी मात्रा की खनिज रॉयल्टी के चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए, किस अनुबंधकर्ता से किन कारणों से रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किये? (ग) रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ही अंतिम बिल का भुगतान करने वाले अधिकारी के विरुद्ध शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की तो कारण बतावें, कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु मध्यप्रदेश खनिज साधन विभाग भोपाल के आदेश क्र॰-14-10/20/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 की कण्डिका 4 के (2) में दिये गये प्रावधान अनुसार रॉयल्टी राशि का समायोजन लोक निर्माण विभाग संभाग बैतूल के अंतर्गत निर्माणकर्ताओ को अंतिम बिलों का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) रॉयल्टी की राशि रोकी जाकर अंतिम देयकों का निराकरण कर रॉयल्टी की राशि शासन के मद तथा मध्यप्रदेश खनिज साधन विभाग भोपाल के आदेश क्र॰-14-10/20/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 की कण्डिका 4 के (2) के तहत कार्यवाही की गई। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब के समीप की भूमि पर अवेध कब्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1123 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में नगर परिषद मांडव में सागर तालाब के समीप निजी भूमि खरीद कर होटलों व बंगलों का निर्माण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो किन-किन लोगों द्वारा कितने-कितने स्क्वे. फिट में वैध व अवैध भूमि पर कब्जा कर निर्माण किया गया है? (ग) क्या विभाग द्वारा सागर तालाब के पास की होटलों व बंगलों की भूमि का सीमांकन किया जायेगा? जिससे यह पता लग सकेगा कि होटलों व बंगलों के मालिकों द्वारा कितने-कितने स्क्वे. फिट में सागर तालाब के अंतर्गत आने वाली शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक सीमांकन किया जावेगा? समय-सीमा बतावें व यदि नहीं, तो किस कारण? स्पष्ट करें? (घ) क्या सीमांकन किये जाने पर यदि किसी भूमाफिया द्वारा सागर तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा किया जाना पाया गया तो सम्बंधित पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी व यदि नहीं, तो किस कारण?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। होटलों का निर्माण किया गया है। (ख) वैध भूमि पर किये गए निर्माण कार्य- 1. होटल जहाज महल श्री कुलदीप सिंह बुन्देला 15255 वर्गफीट। 2. पन्नालाल पिता घॉसीराम कुमावत 3000 वर्गफीट। अवैध भूमि पर किये गए निर्माण कार्य की जानकारी निरंक। (ग) जी नही, उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सागर तालाब के अंतर्गत आने वाली शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 187 (क) के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवर लाइन प्रोजेक्ट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1130 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम सतना में सीवर लाइन प्रोजेक्ट की निविदा किस दिनांक/माह/ वर्ष में किस नाम एवं पता वाली फर्म को किस दर पर किस सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर से आवंटित/मंजूर हुई? उक्त निविदा की प्रत्येक शर्तों/नियमों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुए जारी सभी (अलग-अलग कई कार्यादेश हुए हो) कार्यादेशों की एक-एक प्रति (स्वच्छ पढ़ी जा सकने वाली) उपलब्ध करवाएं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार निविदा में री-स्टोरेशन (जहाँ-जहाँ खुदाई कर पाइपलाइन डाली जानी थी उसे वापस पुनः उसी स्वरुप में करना/सड़कों/गलियों की कांक्रेटिंग या पुनः पूरी तरह ठीक करना) निविदा में शामिल था या नहीं? हाँ या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार सीवर लाइन की पाइप की रेडियस एवं डायमीटर कुल चौड़ाई कितनी निविदा में मंजूर की गई? क्या उक्त चौड़ाई की सीवर पाइप लाइन मध्यप्रदेश में किन-किन नगर पालिका निगमों में प्रश्नतिथि तक मंजूर की गई? भोपाल/ग्वालियर/जबलपुर/उज्जैन/इंदौर/देवास नगर पालिका निगमों सीवर लाइन प्रोजेक्ट में बिछाई जाने वाली पाइपलाइन की डायमीटर/रेडियस/चौड़ाई कुल कितने इंच है? (घ) नगर पालिका निगम सतना में सीवर लाइन का प्रोजेक्ट करने वाली कंपनी को प्रश्नतिथि तक कितने रुपयों का भुगतान उसके क्या-क्या कार्य करने पर कब-कब कुल कितना भुगतान किया? प्रश्नतिथि तक कुल कितना किया गया? प्रश्नतिथि तक कुल कितना कार्य कितने प्रतिशत सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुका है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, पाईप लाईन डाले जाने के अनुसार जितनी चौड़ाई में सड़क खोदी गई, उतनी चौड़ाई को यथास्थिति करने का प्रावधान अनुबंध में है। (ग) सतना सीवरेज परियोजना में 135 एम.एम. से लेकर 1200 एम.एम. आंतरिक व्यास की पाईप का उपयोग किया गया है। प्रदेश के अन्य नगर निगमों की सीवरेज परियोजनाओं में स्थल की परिस्थतियों के अनुसार उपरोक्त रेंज में विभिन्न व्यास की पाईप का उपयोग किया गया है। (घ) सतना सीवरेज परियोजना के पैकेज 1 अंतर्गत राशि रु. 41.21 करोड़ एवं पैकेज-2 के अंतर्गत राशि रु. 75.81 करोड़ का भुगतान किया गया है। पैकेज 1 व 2 की भौतिक प्रगति क्रमशः 93 एवं 67 प्रतिशत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 1152 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग के कौन-कौन से स्वीकृत निर्माण कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन व अपूर्ण है? किन-किन निर्माण एजेंसी एवं ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य करवाए जा रहे हैं उक्त निर्माण कार्य पूर्ण करने की अनुबंध अवधि कब तक की थी ऐसे कितने निर्माण कार्य हैं जो अनुबंध अवधि निकल जाने के बाद भी आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुए हैं? कार्यवार सड़कों एवं भवनों की जानकारी देवें? कार्य पूर्ण नहीं करने वाली एजेंसी/ठेकेदार पर क्या करवाई की गई? (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सड़कों की स्वीकृति के प्रस्ताव विभाग में लंबित है? वर्ष 2023-24 में कितनी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? लंबित सड़कों की स्वीकृति के प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत सी.एम. राइज कुरवाई का निर्माण कार्य प्रगति पर है। निर्माण एजेंसी म.प्र. भवन विकास निगम ठेकेदार मेसर्स ऐसेन्ट कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. अनुबंधानुसार समाप्ति अवधि 26.06.2024 केवल एक कार्य (सी.एम. राइज कुरवाई) अनुबंध अवधि में कतिपय कारणों से पूर्ण नहीं हुआ है व वर्तमान में उक्त कार्य 70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। निर्माण कार्य वर्तमान स्थिति निर्माणाधीन, कार्य पूर्ण होने के पश्चात गुणदोषों के आधार पर एजेंसी/ठेकेदार पर कार्यवाही की जाएगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं वर्ष 2023-24 में 4 सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपलब्ध आवंटन अनुसार प्राथमिकता से प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एन.जी.टी. के नियम कानून अनुसार प्रदूषण नियंत्रण
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1164 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.जी.टी. के नियम का उलंघन कर उज्जैन में सप्त सागरों पर प्रदूषित जल एवं अतिक्रमण किया जा चुका हैं? यदि हाँ, तो, पर्यावरण विभाग ने अपने क्षेत्र अधिकार के अंतर्गत कौन-कौन सी कानूनी कार्रवाई दोषियों पर कब-कब क्या-क्या की हैं? प्रशासनिक रिपोर्ट सार्वजनिक करें। (ख) आगामी सिंहस्थ पर्व को दृष्टिगत रखकर प्रदूषित जल के प्रवाह को गंभीर, क्षिप्रा नदी एवं अन्य जल संसाधन में मिलने से रोकने के लिए क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की हैं? रिपोर्ट देवें। (ग) क्या उज्जैन शहर के राज्यसभा सांसद जी के आश्रम वाल्मीकि धाम के निकट भी गंदा प्रदूषित जल युक्त गंदा नाला प्रवाहित होकर क्षिप्रा नदी में मिल रहा हैं? इस प्रकार कितने नाले एवं सिवरेज के मलमूत्र रसायनिक विषैले तत्व युक्त प्रदूषित जल उज्जैन शहर एवं क्षिप्रा नर्मदा नदी के कौन-कौन से क्षेत्र में मिलने की पुष्टि हुई हैं? उन सभी स्थानों पर प्रदूषित जल को मिलने से रोकने के लिए विभागीय कार्य योजना एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही क्या-क्या हुई हैं? (घ) नागदा, उज्जैन सहित उज्जैन जिले के सभी संचालित उद्योग के रसायनिक विषैले तत्व युक्त जल का प्रवाह कहां-कहां किया जाता हैं? प्रदूषण नियंत्रण हेतु विभाग ने विगत पांच वर्षों में औद्योगिक उत्पादन एवं उनसे होने वाले सभी प्रकार के प्रदूषण एवं जमीन में हो रहे रिसाव को लेकर क्या-क्या कदम उठाए हैं? प्रशासनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उज्जैन स्थित सप्त सागरों के जल नमूनों की विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार विष्णु सागर, पुरषोत्तम सागर, रत्नाकर सागर, क्षीर सागर एवं पुष्कर सागर के जल की गुणवत्ता सामान्य श्रेणी की पाई गई है। शेष 02 सागरों की जल गुणवत्ता सामान्य से निम्न श्रेणी की पाई गई है। सप्त सागरों में से विष्णु सागर, पुरषोत्तम सागर, क्षीर सागर एवं रूद्र सागर में अतिक्रमण नहीं है। रत्नाकर सागर नगर निगम सीमा से बाहर है। केवल पुष्कर सागर एवं गोवर्धन सागर में अतिक्रमण है। पर्यावरण विभाग द्वारा अतिक्रमण के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) उज्जैन नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। साथ ही जल संसाधन संभाग उज्जैन के अंतर्गत आगामी सिंहस्थ पर्व को दृष्टिगत रखकर कान्ह नदी के प्रदूषित जल को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने हेतु कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' अनुसार है। उज्जैन शहर के अंतर्गत गंदे नालों का पानी क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिये अमृत योजना अंतर्गत कार्य प्रगतिरत होने से म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) नागदा स्थित वृहद्ध/मध्यम/लघु उद्योग में तकनीकी उपयुक्तता के अनुरूप ई.टी.पी./एस.टी.पी./आरओ/एमईई/ए.टी.एफ.डी. की स्थापना करवाई जाकर शून्य निस्त्राव की स्थिति निर्मित कराई गई है। इस प्रकार उद्योग परिसर से किसी प्रकार का निस्त्राव नहीं पाया गया है। साथ ही उद्योग परिसर में पी.टी.जेड कैमरों की स्थापना करवा कर उद्योग से होने वाले निस्सारण पर म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ई.आर.सी. सेंटर द्वारा 24 घण्टे सतत् निगरानी की जाती है। एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय, उज्जैन के क्षेत्रांतर्गत उज्जैन जिले में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी में 05 MLD क्षमता का एस.टी.पी. को सी.ई.पी.टी. में परिवर्तित कर प्रदूषण विभाग से अनुमति प्राप्त हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी एवं ताजपुर विकसित किये गये है, जिसमें स्थापित इकाइयों की संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'स' अनुसार है। उज्जैन शहर के मक्सी रोड, देवास रोड, औद्योगिक क्षेत्रों में अधिकतर पोहा परमल उद्योगों जिनमें अल्प मात्रा में दूषित जल उत्पन्न होता है, जिसका उपचार कर पुन: उपयोग किया जाता है। साथ ही दवाइयों/रसायन एवं अन्य जल प्रदूषणकारी उद्योगों द्वारा ई.टी.पी. एवं आवश्यकतानुसार आरओ/एमईई की स्थापना कर शून्य निस्त्राव की स्थिति कराई गई है। जल/वायु प्रदूषण के शर्तों के उल्लंघन पाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। जिसके तहत जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अंतर्गत न्यायालयीन वाद एवं भैरवगढ़ क्षेत्र में स्थापित प्रिटिंग इकाइयों को जल अधिनियम 1974 में वर्णित प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर न्यायालयीन वाद प्रचलन में है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'द' अनुसार है।
विद्युत सप्लाई की जानकारी
[ऊर्जा]
57. ( क्र.
1168 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) जिला
जबलपुर
अंतर्गत बरगी
विधानसभा
क्षेत्र में
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
कौन-कौन से कार्य
स्वीकृत हुये
हैं एवं कितने
कार्य कराये
गये हैं? सूची
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
विगत 5 वर्षों में
बरगी
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्तमान एवं
भविष्य में
विद्युत की
आवश्यकता का आंकलन
किया गया? यदि
हाँ, तो आंकलित
जानकारी
बताइये? विद्युत
उपलब्धता
हेतु किन-किन
स्थानों पर
कितनी-कितनी
भार क्षमता के
33
के.व्ही.ए. सब
स्टेशन तथा
कृषि, घरेलू एवं
व्यवसायिक
उपभोक्ताओं
हेतु कितने
वितरण
ट्रांसफार्मर
वर्तमान में
स्थापित/संचालित
हैं? (ग) विधानसभा
क्षेत्र बरगी
के कितने ऐसे
स्थान हैं,जहाँ
क्षमता से कम
के वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित हैं? जिससे
वोल्टेज की
कमी, ट्रांसफार्मर
जल जाना, आदि की
समस्या से
ग्रामीणों को
घरेलू बिजली तथा
खेतों में
सिंचाई का
कार्य
प्रभावित हो
रहा है? इस पर
विभाग क्या
कार्यवाही कर
रहा है? (घ) विधानसभा
क्षेत्र बरगी
के समस्त
ग्रामों, मजरा
टोला, बस्तियों
में 24 घंटे
विद्युत
आपूर्ति की जा
रही है? यदि नहीं, तो
क्यों? विद्युत
विहीन
ग्रामों का
विवरण एवं इन
गांव में कब
तक विद्युत
आपूर्ति
सुनिश्चित की
जायेगी? (ड.) प्रश्नकर्ता
द्वारा
क्षेत्र में
विद्युत
व्यवस्था
संबंधी
दिनाँक 1 जनवरी 2024 से
प्रश्नांश
दिनाँक तक
विभाग को
कब-कब पत्र
लिखे गये एवं
उन पत्रों पर
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जिला
जबलपुर के
विधानसभा
क्षेत्र बरगी
अंतर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना में स्वीकृत
कार्यों एवं
कराये गये
कार्यों से
संबंधित सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। विगत 5
वर्षों के
आंकलन के आधार
पर वर्तमान
एवं भविष्य
में विद्युत
मांग की आवश्यकतानुसार
आपूर्ति
सुनिश्चित
किये जाने हेतु
बरगी
विधानसभा
क्षेत्र में
आर.डी.एस.एस. योजना
के तहत ग्राम
निगरी में 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
की स्थापना
सहित प्रपत्र-अ
में दर्शाये
अनुसार
कार्यों को स्वीकृत
किया गया है।
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
स्थापित 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्रों
एवं स्थापित
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की प्रश्नाधीन
चाही गई जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र बरगी
अंतर्गत
ग्रामीण क्षेत्रों
में घरेलू, गैर
घरेलू एवं
कृषि पंप
कनेक्शनों
के स्वीकृत
भार अनुसार
उचित क्षमता
के वितरण ट्रांसफार्मर
स्थापित किए
गए थे। तथापि
नवीन
संयोजनों की
संख्या में
वृद्धि तथा
विद्यमान
संयोजनों में
प्रतिवर्ष
भार वद्धि
होने के कारण 49 स्थानों
पर पूर्व से
विद्यमान
वितरण
ट्रांसफार्मर
अतिभारित हो
गए हैं। म.प्र.
पूर्व क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
की वार्षिक
कार्य योजना
अंतर्गत
अतिरिक्त
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना
एवं
ट्रांसफार्मरों
की क्षमता
वृद्धि के
कार्य स्वीकृत
किये गए हैं, जिन्हें
शीघ्र पूर्ण
किये जाने के
प्रयास हैं। (घ) जी
हाँ। प्रश्नाधीन
विधानसभा
क्षेत्र के
समस्त
ग्रामों एवं
उनके संसूचित
मजरों/टोलों/बस्तियों
में अपरिहार्य
कारणों से आए
आकस्मिक
अवरोधों को छोड़कर
राज्य शासन
नियमानुसार 24 घण्टे
विद्युत
प्रदाय किया
जा रहा है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता। (ड.) प्रश्नावधि
में माननीय
प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
से विद्युत व्यवस्था
से संबंधित
कुल 8 पत्र विभाग
एवं म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को प्राप्त
हुए, जिनकी प्रश्नाधीन
चाही गयी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
मदवार व्यय तथा लंबित जाँचों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1169 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी में नगर परिषद भेड़ाघाट/शहपुरा में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनाँक तक कौन-कौन सी मदों में वर्षवार कितना-कितना, किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? संपूर्ण विवरण प्रमाणित कर उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत नगर परिषदों में वर्षवार कितनी-कितनी खरीदी किन-किन संस्थाओं से वर्षवार की गई उनके नाम तथा राशि सहित विवरण दें? (ग) कचरा प्रबंधन पर वर्ष 2020 से 2024 तक शहरों एवं नगरों में सफाई हेतु कितने उपकरण, वाहन तथा दवाइयों का क्रय किया गया। (घ) क्या नगर परिषदों की शिकायतें/सी.एम.हेल्प लाईन प्रश्न दिनाँक तक लंबित हैं? क्या कार्यवाही की गई जाँच अभिमत सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी में नगर परिषद भेड़ाघाट/शहपुरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र बरगी के नगर परिषद भेड़ाघाट एवं शहपुरा की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। सी.एम. हेल्प लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के उत्थान की योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
59. ( क्र. 1172 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक हितग्राहियों के उत्थान हेतु संचालित योजनायें एवं इस वर्ग के चयनित हितग्राहियों एवं क्रियान्वयन संबंधी शासन आदेश/नियम की सत्यापित प्रति देवें। (ख) वर्ष 2021-22 से 2024-25 में पिछड़ावर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजना अंतर्गत कितने-कितने हितग्राहियों के प्रकरण ऋण स्वीकृत हेतु बैंकों को भेजे गए वर्षवार एवं वर्गवार पृथक-पृथक बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित जनहितेषी योजना अंतर्गत हितग्राहियों के उत्थान हेतु जिला ग्वालियर को वर्ष 2021-22 से 2024-25 में वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से किस ग्राम/स्थान के हितग्राहियों को किस प्रयोजन हेतु कुल कितनी राशि किस दिनांक को स्वीकृत हुई तथा कितनी अनुदान राशि किस दिनांक को भुगतान की गई? हितग्राहीवार एवं वर्षवार पृथक-पृथक बतावेंl
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक हितग्राहियों के उत्थान हेतु मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक उद्यम योजना एवं मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है। आदेश एवं नियम की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में विभाग अंतर्गत योजना संचालित नहीं थी। वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सोलर प्लांट की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
60. ( क्र. 1184 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी तहसील के किन-किन ग्रामों में सोलर प्लांट की स्थापना की गई है? उक्त सोलर प्लांटों की स्थापना कितनी-कितनी भूमि के रकवे पर की गई है तथा कितनी भूमि के रकवे का व्यपवर्तन कराया गया है तथा किस अवधि तक की भू-राजस्व राशि जमा कर दी गई है? इससे संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त सोलर प्लांट वन भूमि पर स्थापित किये गए हैं? अथवा नहीं? यदि वन भूमि पर स्थापित हैं, तो क्या इस हेतु अधिगृहण किये जाने संबंधी गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है अथवा नहीं? यदि हुआ है तो क्या उसका अमल किया गया है? अथवा नहीं? दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उक्त सोलर प्लांट की स्थापना सहरिया आदिवासियों के नाम दर्ज भूमि पर की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन की कितनी-कितनी भूमि रकवे पर प्लांट की स्थापना की गई है? सहरिया आदिवासियों की ओर से कितनी शिकायतें इस संबंध में प्राप्त हुई हैं तथा प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या सोलर प्लांट सामान्य वर्ग के कृषकों की भूमि पर स्थापित है? क्या इस वजह से उनकी भूमि की रजिस्ट्रियां नहीं करायी जा रहीं? अथवा क्या उक्त प्लांट शासकीय भूमि के सर्वे नंबर पर स्थापित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन सर्वे नंबरों की कितनी-कितनी भूमि पर प्लांट लगा है? यदि प्लांट शासकीय भूमि पर स्थापित है तो क्या विभाग नियमसंगत कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) शिवपुरी तहसील के ग्राम विनेगा, भैसाना, विजरावन, अमरखोह, गुजरीपुरा, जसराजपुर एवं मुंदेरी ग्राम में सोलर प्लांट स्थापित हैं। SEI सनसाईन पॉवर प्रा.लि.से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त सोलर प्लांट 752 एकड़ पर स्थापित हैं जिसमें से कुल 538.43 एकड़ भूमि का व्यपवर्तन कंपनी के नाम कराया गया है एवं व्यपवर्तन 2024-25 तक जमा किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। सोलर प्लांट वन भूमि पर स्थापित नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सोलर प्लांट के लिए 45.68 एकड़ भूमि सहरिया आदिवासियों की उपयोग की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) सोलर प्लांट के लिए 53.36 एकड़ भूमि सामान्य कृषकों की भी है, जिनकी रजिस्ट्री अद्यतन नहीं हुई है। परियोजना हेतु 35.43 एकड़ शासकीय भूमि भी ली गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
उज्जैन-जावरा फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे की जानकारी
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 1233 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार उज्जैन-जावरा फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण हेतु क्या शासन ने भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ की है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों को नोटिस दिए गए है? किसानों के नाम, भूमि सर्वे नंबर, स्थान मुआवजा राशि निर्धारण करने के आधार सहित संपूर्ण विवरण दें। (ख) उज्जैन जावरा फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे हेतु कितने स्थान पर इंटर चेंज (उतार, चढाव) दिए जा रहे हैं? स्थानों के नाम सहित नागदा, खाचरोद शहर हेतु इंटर चेंज कहां दिए जा रहे है प्रत्येक स्थान का विवरण दें। (ग) क्या सिंहस्थ को मद्देनजर रखते हुए वर्तमान उज्जैन-नागदा-जावरा टू लेन मार्ग को फोरलेन किए जाने या 5-5 फीट दोनों साईड चौड़ीकरण करने हेतु शासन द्वारा क्या योजना बनाई गई है? विवरण दें। (घ) नागदा बायपास पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज के पूर्व की ओर लगी शासकीय भूमि पर पहुंच मार्ग के निर्माण हेतु लंबित प्रस्ताव पर एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा कब तक राशि स्वीकृत कर रोड का निर्माण किया जाएगा? जिससे आगामी सिंहस्थ हेतु श्रीराम कॉलोनी व शहर के लोगों को आने-जाने हेतु एक नये मार्ग का निर्माण होगा? विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में भू-अर्जन कार्यवाही प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त पहुंच मार्ग का म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत कोई प्रस्ताव नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजपुर विधान सभा क्षेत्र के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 1234 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2870 दिनांक 19.07.2024 के परिशिष्ट 01 में वर्णित निर्माणाधीन सी.एम. राइज स्कूल अजंड एवं राजपुर के लिए कार्य पूर्णता की दिनांक पृथक-पृथक देवें। प्रश्न दिनांक की स्थिति में इन्हें कितना भुगतान कर दिया गया है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) दोनों कार्यों में कार्य प्रारंभ होने से उत्तर दिनांक तक जो बिल प्रस्तुत किये गये उनकी छायाप्रति संबंधित इंजीनियर द्वारा जो भौतिक सत्यापन/मूल्यांकन किया गया उसकी छायाप्रति सहित देवें। क्या कारण है कि इस्टीमेट में वर्णित मापदण्डों के अनुसार सामग्री का प्रयोग न करके निम्न स्तर की सामग्री निर्माणकर्ता द्वारा प्रस्तुत की जा रही है एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर कार्यवाही नहीं की जा रही है कब तक इसकी पूरी जांच कर कार्यवाही की जावेगी? ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे समय-सीमा देवें। (ग) प्रश्न क्रमांक 2870 दिनांक 19.07.2024 के (क) व (ख) उत्तर में वर्णित प्रपत्र 'अ' परिशिष्ट 01 एवं परिशिष्ट 02 में कार्यों के भूमि पूजन एवं लोकार्पण में आमंत्रितों की सूची, नाम, पदनाम सहित कार्यवार देवें। क्या कारण है कि इनमें प्रोटोकाल का उल्लंघन किया गया। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कब तक कार्यवाही होगी? (घ) उपरोक्त प्रश्नानुसार ''अ-1'' में जो कार्य प्रगतिरत है उनकी कार्यपूर्णता दिनांक कार्यवार देवें इसमें विलंब होने पर निर्माणकर्ता फर्मों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? प्रत्येक कार्य के संदर्भ में कार्य नाम, प्रश्न दिनांक तक आहरण राशि सहित देवें। यदि नहीं, की जाती है तो कारण सहित कार्यवार देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 1246 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में आर.डी.एस.एस. के तहत कौन-कौन से कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति किस तिथि को प्राप्त हुई? उक्त कार्यों के प्रथम स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की तिथिवार कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) क्या निविदाकार द्वारा गुणवत्ता विहिन कार्य किया जा रहा है, सामग्री निम्न स्तर की उपयोग की जा रही है प्रश्नकर्ता के कार्यों का अवलोकन/निरीक्षण किए जाने के पश्चात पाया गया कि क्लेम्प एवं स्टेट एंगल लोहे के स्थान पर बिड़ के उपयोग किये जा रहे हैं जो टूट रहे हैं? साथ ही चैनल भी निम्न स्तर के उपयोग किये जा रहे हैं? एस्टीमेट के आधार पर कार्य नहीं किया जा रहा है? क्या शासन स्तर से जांच कमेटी बनाकर कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त कार्य की स्वीकृति राशि क्या थी? किस कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को कितना भुगतान किस माध्यम से किया गया? (घ) क्या मानक मापदंडों के अनुसार निविदाकार द्वारा कार्य नहीं किए जाने पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कार्यों की जांच कब तक होगी? तिथि बताएं तथा जांच टीम में प्रश्नकर्ता को भी शामिल किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिलांतर्गत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत मुख्यत: नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना, 33 के.व्ही. लाईन इंटर कनेक्शन/बाइफरकेशन, कैपेसिटर बैंक की स्थापना, फीडर विभक्तिकरण, स्मार्ट मीटरिंग आदि विद्युत अधोसंरचना के कार्यों की स्वीकृति योजना की नोडल एजेंसी पी.एफ.सी. लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से दिनांक 17.03.2022 को प्राप्त हुई है। योजनांतर्गत कार्यों की स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में की गई कार्यवाही की प्रश्नाधीन चाही गयी तिथिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। संचा./संधा. वृत्त बालाघाट अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता एवं सतत निरीक्षण हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा मेसर्स एस.जी.एस. इंडिया प्रा. लिमि. को दिनांक 26.08.2022 को कार्यादेश जारी किया गया है एवं कार्यादेश की शर्तों के अनुसार उक्त फर्म द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करवाया जा रहा है। कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री ठेकेदारों/ क्रियान्वयन एजेंसियों के स्टोर में प्राप्त होने पर अधीक्षण अभियंता (नोडल अधिकारी), मेसर्स एस.जी.एस. के प्रतिनिधि तथा ठेकेदारों के प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त निरीक्षण उपरांत सामग्री सही पाये जाने पर उपयोग में लायी जाती है। कार्यादेश तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-समय पर गुणवत्ता की जांच हेतु सामग्री को एन.ए.बी.एल. लेब को प्रेषित किया जाता है तथा गुणवत्ता में सही पाये जाने पर ही सामग्री का उपयोग योजनांर्तगत किया जाता है। वर्तमान में लोहे के स्थान पर बिड का उपयोग चैनल/क्लेम्प एवं स्टे एंगल हेतु किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। तथापि इस तरह के प्रकरण संज्ञान में आने पर एवं अनियमितता पाए जाने पर निविदा की शर्तों के अनुसार क्रियान्वयन एजेंसियों पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। योजनांतर्गत सभी कार्य जी.आई.एस. सर्वे द्वारा निर्मित प्राक्कलनों अनुसार संपादित किये जा रहे हैं। तथापि आर.ओ.डब्ल्यू.एवं स्थानीय स्तर पर विवाद इत्यादि की स्थिति निर्मित होने पर निर्माणाधीन लाईने परिवर्तित मार्ग से प्रस्तावित कर पूर्ण की जाती है। उक्त परिवर्तन को प्राक्कलनों तथा संयुक्त स्थल निरीक्षण प्रमाण पत्र में समाहित कर सक्षम अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में जांच कमेटी बनाकर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों की कार्यादेशानुसार स्वीकृत राशि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कार्यों के विरूद्ध ठेकेदारवार/क्रियान्वयन एजेंसियों को किये गये भुगतान एवं भुगतान के माध्यम का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ, गुणवत्ता पूर्ण तथा निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य नहीं किया जाना संज्ञान में आने पर निविदाकारों के विरूद्ध निविदा शर्तों के अनुरूप कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत गुणवत्ताहीन तथा मानकों के अनुसार कार्य नहीं होने संबंधी कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। निविदाकार द्वारा उपरोक्त योजना का कार्य कार्यादेश में निहित शर्तों के अनुसार किया जा रहा है। अत: योजनांतर्गत जांच हेतु तिथि बताये जाने एवं जांच टीम बनाये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
समस्त कार्यों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
64. ( क्र. 1247 ) श्री मधु भगत : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में विगत 4 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य हेतु कितनी राशि का आवंटन शासन द्वारा प्रदान किया गया? उपरोक्त राशि का भुगतान किस-किस कार्य एजेंसी को किस कार्य हेतु किस माध्यम से किया गया? तिथिवार, विकासखंडवार, कार्यवार, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कौन से कार्य अपूर्ण है और क्यों? समस्त स्वीकृत उपक्रमों की भौतिक स्थिति क्या है? प्रत्येक उपक्रमों की जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ग) शासन प्रशासन से कितनी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है? प्रत्येक योजनाओं की विगत 5 वर्षों की जानकारी वित्तीय मद सहित बताएं। (घ) विभाग में बालाघाट जिले में कौन-कौन लोक सेवक किस पद पर किसी कार्यालय में पदस्थ/कार्यरत है? क्या कुछ लोक सेवक पदस्थ संस्था से अलग अन्य कार्यालय में सेवा प्रदाय कर रहे हैं क्यों? जिला प्रमुख अधिकारी द्वारा विगत दो वर्षों से समस्त जिले में अन्य स्थानों पर किए भ्रमण/दौरा/शिविर कार्यक्रमों की जानकारी तिथिवार कारण सहित उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) शासन द्वारा प्रश्न दिनांक से विगत 4 वर्षों तक बालाघाट जिले के नाम से कोई विशिष्ट आवंटन या राशि निगम को प्राप्त नहीं हुई है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराये गए बजट प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन द्वारा मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को विगत 5 वर्षों में उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लि. में श्री प्रवीण तिवारी, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी, जबलपुर को जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी, बालाघाट का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। लोक सेवक पदस्थ संस्था से अलग अन्य कार्यालय में सेवा प्रदाय नहीं कर रहे हैं। जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी की विगत दो वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है
रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1250 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत नगर पालिका पन्ना एवं नगर परिषद अजयगढ़ में कुल कितने पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हुये है? संवर्गवार जानकारी देवें। (ख) क्या नगर पालिका पन्ना एवं नगर परिषद अजयगढ़ में अधिकारी/कर्मचारियों की कमी के कारण शासकीय कार्य बाधित होता है? यदि हाँ, तो रिक्त पदों के विरूद्ध पद पूर्ति कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत नगर पालिका पन्ना में कुल 213 पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पद के विरूद्ध 124 पद भरे है। नगर परिषद अजयगढ़ में कुल 56 पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पद के विरूद्ध 21 पद भरे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निकायों द्वारा आम नागरिकों को नगरीय सेवायें प्रदाय की जा रही है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही समय-समय पर निकाय/शासन स्तर से की जाती है।
गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
66. ( क्र. 1251 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पन्ना विधानसभा अंतर्गत कितनी गौशालाएं स्वीकृत है एवं उनमें से कितनी गौशालाएं संचालित है एवं कितनी असंचालित है? असंचालित होने का क्या कारण है? कब तक उन गौशालाओं को संचालित कराया जावेगा?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : पन्ना विधानसभा अंतर्गत 15 गौशालायें स्वीकृत है। स्वीकृत गौशालाओं में से 13 गौशालायें संचालित है। शेष 02 गौशालाओं में विद्युत एवं पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण संचालित नहीं हो पा रही है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1253 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेंवढा विधानसभा में लोक निर्माण विभाग एवं मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम की कुल कितनी सडकें है? (ख) दतिया सेवड़ा मगरोल रोड जो एमपीआरडीसी में आती है को 2008 में डाला गया था 16 वर्षों में अत्याधिक आवागमन एवं ओवरलोड से क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे आए दिन उस पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं एवं उक्त मार्ग पर ही नगर इंदरगढ़ में बायपास मार्ग न होने के कारण प्रतिदिन घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है इसके संबंध में विभाग की क्या योजना है? (ग) इसके अलावा ऐसे कितने मार्ग है जो एक रास्ते से दूसरे रास्ते को जोड़ते हैं किंतु वह अभी कच्चे होकर दलदल में तब्दील है क्या उनको सर्वे करा कर पीडब्ल्यूडी के माध्यम से पक्का डामर रोड बनाया जा सकता है जिससे मुख्य मार्ग पर आवागमन का लोड कम हो? (घ) क्या उक्त सड़क को फोर या उसको चौड़ीकरण एवं इंदरगढ़ में बायपास मार्ग बनाए जाने की संबंध में कोई निर्देश जारी करने की कृपा करेंगे जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत दतिया जिले की सेंवढ़ा विधानसभा में कुल 05 सड़कें है। (1) दतिया-सेंवढ़ा मार्ग (2) इंदरगढ़-पिछोर मार्ग (3) सेवढ़ा बायपास (4) पोरसा-मेहगॉव-मौ-सेवढा मार्ग एवं (5) नदीगॉव-सेवढा मार्ग के आंशिक खण्ड। (ख) दतिया-सेंवढ़ा-मगरोल मार्ग एमपीआरडीसी के अधीन है, जो कि 02 भागों में विभक्त है। दतिया-सेंवढ़ा मार्ग (लंबाई 65 किमी.) एवं मगरोल से सेवढा (लंबाई 5 किमी.)। दतिया-सेंवढ़ा मार्ग का निर्माण वर्ष 2009-10 में किया गया है। इस मार्ग पर यातायात एवं ओवर लोडेड वाहनों का आवागमन अधिक है। मार्ग क्षतिग्रस्त नहीं है। मार्ग अच्छी स्थिति में है। मगरोल से सेवढा मार्ग वर्तमान में अच्छी स्थिति में है। इस मार्ग पर इंदरगढ़ कस्बे में यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है, अत: इंदरगढ़ बायपास निर्माण हेतु प्रस्ताव रू. 62 करोड़ राशि का तैयार किया गया है बजट में शामिल होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) वर्तमान र्में कोई योजना स्वीकृत नहीं है अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों का मरम्मत कार्य का निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1254 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा 2022-23, 2023-24, 2024-25 में कुल कितनी सड़कों पर नवीनीकरण अथवा अन्य मरम्मत कार्य किए गए हैं? उनमें से कितने पूर्ण कितने प्रगतिरत एवं कितने कार्य ऐसे हैं, जो अभी शुरू नहीं हुए हैं लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या कुछ ऐसे भी मार्ग हैं जिन पर आवागमन ज्यादा है, किंतु मार्ग सकरे हैं जैसे चीना-दिगुवां मार्ग, ररुवाराय-ऊंचिया मार्ग, भगवापूरा-आलमपुर मार्ग आदि क्या उनको चौड़ीकरण करने की विभाग की कोई योजना है? क्या कुछ ऐसे भी मार्ग हैं जिन्हें पीडब्ल्यूडी के माध्यम से डामरीकरण किया जा सकता है? (ग) क्या इन अपूर्ण, प्रगतिरत एवं वे सड़के जिनका निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है एवं सकरे मार्ग जिन पर आवागमन निरंतर चालू है के चौड़ीकरण के लिए पृथक से आदेश जारी करने की कृपा करेंगे यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हां, वर्तमान में कोई योजना नहीं है। वित्तीय संसाधन उपलब्ध अनुसार प्राथमिकतानुसार विचार किया जावेगा। (ग) अपूर्ण और प्रगतिरत कार्य को तय समय-सीमा में यथा शीघ्र पूर्ण किये जाने के आवश्यक उपाय किये जा रहे है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
69. ( क्र. 1258 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र 192 जोबट में विभाग द्वारा विद्युत लाइन नवीन एवं नवीनकरण के कार्य वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी लागत के ओर किस-किस ग्राम के फलियों में विकासखण्डवार एवं ग्रामवार फलियावार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या स्वीकृत कार्यों में कार्य पूर्ण हो चुके है या प्रगतिरत है? यदि प्रगतिरत है तो कौन-कौन से है? किस कारण से विलम्ब हो रहा है? क्या ठेकेदार से कार्य अनुबन्ध अवधि समय-सीमा समाप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य की और विभाग द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई है? विकासखण्डवार एवं ग्रामवार फलियावार सूची सहित उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। अलीराजपुर जिलातंर्गत विधानसभा क्षेत्र जोबट (विधानसभा क्रमांक-192) में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों के नवीन निर्माण एवं नवीनीकरण से संबंधित, प्रश्नाधीन अवधि में एस.एस.टी.डी एवं आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत क्रमश: 39 एवं 666 कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिनकी लागत राशि क्रमश: रू. 1011.05 लाख एवं रू. 5983.91 लाख है। उक्त स्वीकृत कार्यों की विकासखण्डवार, ग्रामवार एवं फलियावार सूची तथा लागत राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में एस.एस.टी.डी योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों में से पूर्ण/प्रगतिरत कार्यों का विकासखण्डवार, ग्रामवार एवं फलियावार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त योजना में स्वीकृत कार्य एस.टी.सी. संभाग द्वारा किये जा रहे है, जो कि वर्तमान में प्रगतिरत हैं। इसी प्रकार आर.डी.एस.एस. योजनातंर्गत स्वीकृत कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं। योजनातंर्गत कार्यों के पूर्ण होने की समयावधि अभी समाप्त नहीं हुई है। समयावधि समाप्त होने के कारण किसी भी ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। स्वीकृत कार्यों में सें पूर्ण हो चुके कार्य एवं प्रगतिरत कार्य का विकासखण्डवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
रोड एवं अन्य निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 1259 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र 192 जोबट में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक रोड निर्माण व अन्य कार्य कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी? कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने से क्या कारण है? विभाग द्वारा अनुबन्ध अनुसार समयावधि पर कार्यपूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवार बतावें। (ग) स्वीकृत कार्य मापदण्ड अनुसार पूर्ण हुए या कोई अनियमितता पाई गई थी? क्या अनियमितता पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कार्यवार सूची उपलब्ध करावें। विभाग के किन अधिकारी द्वारा कार्य पूर्ण होने पर मापदण्ड की जांच की गई? कार्यवार व अधिकारी के नाम सहित बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-2' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर रिपेयर एवं समय पर वितरण
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 1264 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गरोठ (संचालन/संधारण) संभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में दिनांक 31.10.2024 तक कितने नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर खराब होकर रिपेयर हेतु गरोठ संभाग पर प्राप्त हुये है की वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। इनको शीघ्र रिपेयर एवं वितरण हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गरोठ (संचालन/ संधारण) संभाग में ओवरलोड ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में दिनांक 31.10.2024 तक कितने ओवरलोड ट्रांसफार्मर बदले गये की वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) क्या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा गरोठ (संचालन/संधारण) संभाग को 25, 63, 100, 200 के.व्ही.ए. क्षमता के विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर पर्याप्त दिये गए हैं। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रान्तर्गत गरोठ (संचालन/संधारण) संभाग अंतर्गत श्रेणीवार कुल कितने नियमित पद स्वीकृत है? कितने कार्यरत हैं? रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में संचालन/संधारण संभाग गरोठ अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिनांक 31.10.2024 तक की स्थिति में क्रमश: 895 एवं 422 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर रिपेयर हेतु संचालन/संधारण संभाग गरोठ में प्राप्त हुये, जिनमें से क्रमश: 570 एवं 208 वितरण ट्रांसफार्मरों को संचालन/संधारण संभाग गरोठ में रिपेयर किया गया तथा क्रमश: 325 एवं 214 वितरण ट्रांसफार्मरों को म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मंदसौर भंडार गृह से प्राप्त कर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही प्रश्नाधीन क्षेत्र में की गई। (ख) जी हां, संचालन/संधारण संभाग गरोठ अंतर्गत अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना से संबंधित कार्यों को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत एवं राज्य शासन द्वारा वित्त पोषित प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना (एस.एस.टी.डी.) अंतर्गत स्वीकृति दी गई है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 102 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने का कार्य स्वीकृत हुआ है, जिसमें से वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रश्न दिनांक तक स्थिति में क्रमश: 19 एवं 24 इस प्रकार कुल 43 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष कार्य प्रगतिरत है, जिसे कार्यादेश की शर्तों के अनुसार दिनांक 16/02/2025 तक पूर्ण किया जाना है। प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना (एस.एस.टी.डी.) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में क्रमश: 31 एवं 35 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा क्रमश: 13 एवं 02 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ग) जी हाँ। (घ) संचालन/संधारण संभाग गरोठ अंतर्गत स्वीकृत, भरे (कार्यरत) एवं रिक्त नियमित पदों की प्रश्नाधीन चाही गई श्रेणीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अवैध नियुक्तियां के प्रकरणों पर कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
72. ( क्र. 1306 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन भोपाल द्वारा व्यापम परीक्षा की वैधता 13/01/2018 को समाप्त होने के बाद पंकज पाण्डे सहित/अलावा 22 अभ्यार्थियों को अवैध रूप से दी गई नियुक्ति को क्या माननीय उच्च न्यायालय ने अवैध घोषित किया? नियुक्ति के जो आदेश भोपाल दुग्ध संघ/अन्य सक्षम कार्यालयों ने जारी किये उनकी एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित नियुक्ति आदेशों के अवैध हो जाने के बाद किस-किस नाम/पदनाम को बर्खास्त किया गया? जारी सभी बर्खास्तगी के आदेशों की एक-एक प्रति दें। किस-किस को बर्खास्त नहीं किया उनके नाम/पदनाम प्रश्नतिथि तक की स्थिति में उपलब्ध करायें। (ग) उक्त नियुक्ति आदेश किस नाम/पदनाम के द्वारा जारी किये गये थे? क्या इन अवैध नियुक्ति के जिम्मेदार/जवाबदार आर.पी.एस. तिवारी को प्रश्नतिथि तक निलंबित कर विभागीय जांच स्थापित कर दी गई हैं? अगर नहीं तो क्यों? कारण दें? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित प्रकरण की नियुक्तियां मा. उच्च न्यायालय ने अवैध पाई? क्या स्टेट को ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन भोपाल ने 19/04/2022 या अन्य दिनांक को मान. उच्च न्यायालय में दिये शपथ पत्र में श्री तिवारी पर कानूनी कार्यवाही करने लेख किया था? शपथ पत्र की एक प्रति दें। क्या कार्यवाही प्रश्नतिथि तक की गई? बिन्दुवार दें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। नियुक्ति आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। श्री आर.पी.एस. तिवारी, तत्कालीन महाप्रबंधक, (प्रशासन) एमपीसीडीएफ को दिनांक 19.04.2022 द्वारा निलंबित किए जाने के पश्चात तत्कालीन प्राधिकृत अधिकारी एमपीसीडीएफ द्वारा प्रकरण की प्रारंभिक जांच हेतु समिति का गठन किया गया, जिसके द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के अनुक्रम में दिनांक 09.11.2022 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। (घ) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय में दिये गये शपथ पत्र में जिसमें श्री तिवारी के विरूद्ध Independent Enquiry संस्थित करने का लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। श्री आर.पी.एस. तिवारी, तत्कालीन महाप्रबंधक, ( प्रशासन) एमपीसीडीएफ को दिनांक 19.04.2022 द्वारा निलंबित किए जाने के पश्चात तत्कालीन प्राधिकृत अधिकारी एमपीसीडीएफ द्वारा प्रकरण की प्रारंभिक जांच हेतु समिति का गठन किया गया, जिसके द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के अनुक्रम में दिनांक 09.11.2022 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही ना होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1309 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल द्वारा भोपाल के रायसेन रोड अशोका गार्डन प्रभात चौराहे पर स्थित प्रभात पेट्रोल पंप के संचालक द्वारा सड़कों पर अवैध कब्जे की शिकायत पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? जारी सभी पत्रों/आदेशों की पत्र क्रमांकवार/आदेशवार किस-किस नाम/पदनाम को क्या कार्यवाही करने निर्देशित/जांच हेतु लिखे गये की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही नहीं की है तो क्यों नहीं की है? कारण दें। नियम बतायें। नियमों की एक-एक प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या अब अवैध कब्जे को हटाया जायेगा और संचालक के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण दें। नियम बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत उक्त पेट्रोल पंप के पास नगर पालिक निगम भोपाल/या अन्य सक्षम कार्यालय द्वारा जारी फायर सेफ्टी एनओसी (सर्टिफिकेट) है? एक प्रति दें। यदि नहीं, है तो शासन क्या कार्यवाही करेगा? क्या उक्त पंप की लीज (भूमि की) समाप्त हो गई है? अगर हाँ तो, शासन ऐसे पेट्रोल पंप को कब तक सील (बंद) करवायेगा, सील (बंद) करने के जारी आदेशों की एक प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भवन अनुज्ञा शाखा, द्वारा प्रभात पेट्रोल पम्प के संचालक को भूमि स्वामित्व एवं भवन निर्माण की स्वीकृति संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु सूचना पत्र क्रमांक/8009/भ.अ.शा./2024 दिनांक 06/12/2024 दिया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) भवन स्वामी से दस्तावेज प्राप्त होने के पश्चात परीक्षण उपरांत सड़क क्षेत्र में अवैध/अतिक्रमण होने पर नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 322 के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) निर्माणकर्ता से मूल दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विभागीय पत्र दिनांक 16/12/2022 के अनुसार एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत शहरी क्षेत्र के प्रकरणों हेतु जिला कलेक्टर को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया गया है। भोपाल के रायसेन रोड अशोका गार्डन प्रभात चौराहे पर स्थित प्रभात पेट्रोल पम्प संचालक द्वारा इस कार्यालय में कोई आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण फायर सेफ्टी एनओसी जारी नहीं की गई है। चूंकि पेट्रोल पम्प 2022 के पूर्व का होने से पेट्रोल पम्प के संचालक को पत्र जारी कर फायर सेफ्टी एनओसी प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया है। यदि वह फायर सेफ्टी एनओसी प्रस्तुत नहीं करता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। उक्त पेट्रोल पम्प की भूमि राजस्व अभिलेखों में निजी स्वत्व की होने के कारण लीज नवीनीकरण का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
भूमि निर्माण की अनुमतियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 1310 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.जे.वी. इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. के द्वारा सतना जिले के राजेन्द्र नगर से धवारी मोड़ (शहर के अंदर) रेल्वे की भूमि पर कामर्शियल एवं हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिये नक्शा पास कराने आवेदन दिया है? अगर नहीं तो उक्त भूमि पर किसने आवेदन दिया हैं? आवेदन की एक प्रति दें। टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग द्वारा क्या कार्यवाही की? (ख) क्या इस भूमि पर कामर्शियल एवं हाउसिंग निर्माण में एफ.ए.आर./एफ.ए. इंडैक्स सहित कई मापदण्डों/शर्तों/नियमों का पालन करना आवश्यक हैं? क्या सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किया जाये अगर नहीं तो क्यों? पार्किंग की क्या व्यवस्था है? पीने के पानी की क्या व्यवस्था होगी? क्या उक्त नक्शों में फायर सेफ्टी के लिये क्या व्यवस्था एवं अनुमति (प्लान) किया गया हैं बिन्दुवार पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। (ग) टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग विभाग ने अभी तक (प्रश्न तिथि तक) चाही गई अनुमतियों पर स्थल निरीक्षण कर क्या-क्या कार्यवाही किस आदेश क्रमांकों/पत्र क्रमांकों से कब-कब की जारी आदेशों/पत्रों की? एक-एक प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, डी.जे.वी. इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. अथवा किसी अन्य व्यक्ति के नाम से रेल्वे की भूमि पर कमर्शियल एवं हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिये नक्शा पास कराने हेतु आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के प्रावधान रेल अधिनियम 1989 (सन 1989 का 24) के अधीन, रेल प्रशासन के नियंत्रणाधीन भूमियों पर प्रभावशील नहीं है। अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के प्रावधान रेल अधिनियम 1989 (1989 का 24) के अधीन, रेल प्रशासन के नियंत्रणाधीन भूमियों पर प्रभावशील नहीं है। अत: उक्त अधिनियम के अंतर्गत प्रभावशील नियमन भी रेल्वे की भूमियों पर लागू नहीं होने से चाही गई जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुशासनात्मक की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 1318 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक राजस्व निरीक्षक श्री दुर्गा सिंह चंदेल नगर परिषद खिरकिया जिला हरदा में पदस्थ हैं, जिनके विरूद्ध दहेज प्रतिशेध अधिनियम 1961 की धारा 4 के अंतर्गत माननीय न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध होने पर दंडित कर सजा अधिरोपित की गई हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो म.प्र. नगर पालिका कर्मचारी भर्ती सेवा शर्त नियम 1968 के नियम 51 (2) अनुसार अनुशासनिक प्राधिकारी आयुक्त को परिषद व पीआईसी में विहित शक्तियां दी गई है। राजपत्र क्र. 624 दिनांक 15.12.2022 में इस बात का स्पष्ट उल्लेख हैं जिसके पालन में इनके विरूद्ध आयुक्त व परिषद द्वारा कार्यवाही कर शासन को अवगत नहीं कराया जा रहा हैं क्यों? कार्यवाही बावत क्या निर्देंश जारी करेंगे जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में नगर पालिका परिषद मुलताई के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा अपने पत्र क्र.1386 दिनांक 09.07.2024 के द्वारा नगरीय प्रशासन विभाग के पत्र क्र. 6/20-स/मुलताई/2024/12863 भोपाल दिनांक 01.07.2024 के परिप्रेक्ष्य में आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के माध्यम से कार्यवाही बावत पत्र लिखा गया जिस पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही बावत क्या निर्देश जारी करेंगे जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित आधारों पर नगर पालिका कर्मचारी सेवा शर्तों के आधार पर श्री चंदेल सहायक राजस्व निरीक्षक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही बावत क्या निर्देश देंगे साथ ही जिन जिम्मेदारों द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश नगरपालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा शर्ते) नियम, 1968 (दिनांक 15.12.2022 को संशोधित) में वर्णिंत प्रावधानों के अंतर्गत आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक शि./6/वि.स./मुलताई/2024/25565 दिनांक 05.12.2024 के माध्यम से श्री दुर्गा सिंह चंदेल सहायक राजस्व निरीक्षक, नगरपालिका परिषद्, मुलताई को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियुक्ति आदेश जारी नहीं करने वालों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1319 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद ब्यौहारी में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति/पदस्थापना बावत कार्यवाही कर पत्र क्र. 1168/न.प./स./ब्यौहारी दिनांक 30.08.2024 के द्वारा संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल को कार्यवाही बावत भेजे गये प्रस्ताव पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? नियुक्ति बावत निर्देश जारी न करने के क्या कारण हैं? बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तारतम्य में छानबीन समिति द्वारा पात्र-अपात्र सूची का प्रकाशन पत्र क्र 769 दिनांक 03.07.2024 के द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित कर दावा आपत्ति प्राप्त कर निराकरण कर प्रकरण प्रश्नांश (क) अनुसार संयुक्त संचालक नगरीय विकास को भेजा गया था। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जूनियर इंजीनियर के 14, एकाउन्ट एक्सपर्ट 11, कार्यालय सहायक के 72, स्वच्छता सहायक 57, कम्प्यूटर आपरेटर 53 के आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे। जिनकी समीक्षा कर कार्यवाही बावत प्रश्नांश (क) के सक्षम अधिकारी को भेजा गया था किन्तु कार्यवाही कर नियुक्ति आदेश जारी न करने से नगर परिषद के कार्य प्रभावित हो रहे है। क्या विभाग नियुक्ति आदेश जारी करने बावत निर्देश देगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उल्लेखित आधारों पर कार्यवाही न करने, समय पर आदेश जारी न करने के जिम्मेदारों के पदनाम का विवरण देते हुये उन पर किस तरह की कार्यवाही करेंगे जानकारी दें। अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद ब्यौहारी के संविदा कर्मी की नियुक्ति के संबंध में पत्र क्रमांक 1168/न.प./2024 ब्यौहारी दिनांक 30.08.2024 को संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल संभाग शहडोल को प्रेषित नहीं किया गया है बल्कि पत्र क्रमांक 1513 ब्यौहारी दिनांक 21.11.2024 प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अभ्यार्थियों के प्राप्त अभिलेखों के परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। परीक्षण उपरांत जिला चयन समिति की तिथि निर्धारित कर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हां। (ग) जी नहीं। जूनियर इंजी के 30, एकाउन्ट एक्सपर्ट 0, कार्यालय सहायक 15, स्वच्छता सहायक 14, कम्प्यूटर ऑपरेटर 03 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जिला चयन समिति की तिथि निर्धारित की जायेगी जिला चयन समिति की अनुशंसा उपरांत प्रेसीडेंट-इन-कॉउंसिल के समक्ष स्वीकृति उपरांत मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश जारी किया जायेगा। नगर परिषद में पूर्व से 25 नियमित कर्मचारी, 18 स्थायी कर्मी, 82 मस्टर श्रमिक एवं संविदा में 01 कर्मचारी कार्यरत है। कोई कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। कार्यवाही प्रचलन में होने से विभाग द्वारा कोई निर्देश जारी करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। (घ) उत्तरांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन शहर की पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 1328 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में बार-बार पेयजल व्यवस्था बिगड़ने का क्या कारण है? (ख) शहर में पेयजल आपूर्ति लाईन कितने वर्ष पुरानी है? (ग) क्या वर्तमान पेयजल व्यवस्था के समानांतर एक वैकल्पिक पेयजल लाईन नहीं डाली जा सकती? (घ) क्या शासन नवीन पेयजल लाईन डालने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उज्जैन शहर की जल प्रदाय व्यवस्था हेतु निर्मित जल शोधन संयंत्र एवं अन्य घटक अधिक वर्ष पुराने होने से उनके संचालन संधारण में कठिनाई आती है एवं संचालन संधारण में व्यय भी अधिक होता है। (ख) उज्जैन शहर की पेयजल आपूर्ति लाईन, रॉ-वॉटर राईजिंग मेन/क्लियर वॉटर फीडर मेन 42 वर्ष से अधिक पुरानी है। (ग) वर्तमान में पेयजल लाईन के समानान्तर वैकल्पिक लाईन डालने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
78. ( क्र. 1331 ) श्री सुनील उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुन्नारदेव क्षेत्र में पवन ऊर्जा हेतु अनेक पहाडी क्षेत्र है? इनमें पवन ऊर्जा के माध्यम से लोगों को सिंचाई हेतु बिजली प्राप्त हो सकती है, जैसे मुत्तौर, तामिया, जुन्नारदेव, नवेगांव, दमुआ स्थानों में क्या पवन ऊर्जा लगाने हेतु इस वित्तीय बजट में प्रावधान करेगें? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा में सौर ऊर्जा से संचालित योजनाओं की स्थलवार जानकारी एवं आज दिनांक तक उन पर कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) उपरोक्त योजना में किसानों एवं शासकीय संस्थाओं को किस योजना में कितना अनुदान शासन द्वारा दिया जाता है? योजनावार अनुदान की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें। (घ) जुन्नारदेव विधानसभा में सभी वर्ग अजजा, अजा, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के लोगो को विभिन्न योजना अंतर्गत मिलने वाली कितनी-कितनी अनुदान राशि की प्रात्रता है? आज दिनांक तक कितने लोगो को अनुदान राशि मिली है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। जुन्नारदेव क्षेत्र में पवन ऊर्जा हेतु अनेक पहाड़ी क्षेत्र है, परंतु स्थल विशेष पर पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की साध्यता से संबंधित आवश्यक सर्वेक्षण के उपरांत ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के मुत्तौर, तामिया, जुन्नारदेव नवेगांव, दमुआ स्थानों सहित संपूर्ण प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु 'म.प्र.नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022' प्रचलन में हैं। नीति के प्रावधानों के तहत निजी इकाइयां स्वयं स्थल का चयन एवं सर्वेक्षण करती है। परियोजना की साध्यता सुनिश्चित करने के बाद, वे नीति अनुरूप स्वयं के निवेश पर पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करती है। अध्यतन जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में कोई भी पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित/पंजीकृत नहीं है। शासन द्वारा पवन ऊर्जा लगाने हेतु वित्तीय बजट में प्रावधान नहीं किया है। (ख) जुन्नारदेव विधानसभा में सौर ऊर्जा से संचालित योजनाओं की स्थलवार एवं आज दिनांक तक उन पर व्यय की गई राशि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) राज्य शासन द्वारा किसानों एवं शासकीय संस्थाओं को दिये जाने वाली योजनावार एवं अनुदान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जुन्नारदेव विधानसभा में सभी वर्ग के लोगों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान की जानकारी एवं आज दिनांक तक देय अनुदान की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है।
छात्रावास का निर्माण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
79. ( क्र. 1332 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा में पिछड़ा वर्ग की कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत है एवं उस पर विगत दो वर्षों में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिये शिक्षा हेतु जुन्नारदेव विधानसभा में कहां-कहां छात्रावास खोले गये है और उनमें वर्तमान में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत है और उनको कितनी वार्षिक छात्रवृत्ति दी जा रही है? (ग) भारत सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण शासकीय सेवाओं में दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शासकीय सेवाओं में वर्तमान में 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर केन्द्र के समान 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर क्या विचार करेगें? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या जुन्नारदेव विधानसभा में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के शिक्षण हेतु छात्रावास निर्माण हेतु स्वीकृत करने पर विचार करेगें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जुन्नारदेव विधान सभा में पिछड़ा वर्ग हेतु स्वीकृत योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विगत 02 वर्षों में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत सभी जिला मुख्यालयों पर छात्रावास संचालित किए जाने की योजना है। पृथक से जुन्नारदेव विधानसभा में छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछडे वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन अधिनियम 2019 द्वारा मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आकलित खपत के आधार पर बिजली बिल वसूली
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 1335 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा अंतर्गत क्या किसानों को सिंचाई हेतु 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो क्षेत्र भ्रमण के दौरान इसकी लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है क्यों? (ख) क्या गुनौर विधानसभा में घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में मीटर खपत एवं आकलित खपत का उल्लेख कर बिजली बिल वसूल किया जाता है? यदि हाँ, तो जब मीटर घर में लगाया गया है तो मीटर रीडिंग के अलावा आकलित खपत लिखने का क्या औचित्य है? क्या इस प्रकार की आकलित खपत से उपभोक्ताओं को निजात मिल सकेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, पन्ना जिले की गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषकों को सिंचाई कार्य हेतु अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर राज्य शासन के नियमानुसार प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। संभवत: उक्तानुसार अपरिहार्य कारणों से आए विद्युत अवरोधों की शिकायतें माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को क्षेत्र में भ्रमण के दौरान कतिपय अवसरों पर प्राप्त हुई होगी। (ख) जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज खपत के आधार पर एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ दरों के अनुरूप विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के प्रावधानों के अनुसार मीटर खराब/बंद होने की स्थिति में विद्युत उपभोक्ताओं को पूर्व 3 माहों की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आंकलन कर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं, अधिक राशि के बिल नहीं दिये जाते हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1341 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत मिशन शहरी योजना के अंतर्गत छोटा गणेश नगर कॉलोनी होशंगाबाद रोड बाबडिया कला, वार्ड 53 जोन क्रमांक 13 में सुलभ कॉम्प्लेक्स का निर्माण किसके द्वारा कराया गया है? कॉम्पलेक्स निर्माण शासकीय भूमि पर हुआ है अथवा प्राइवेट भूमि पर? क्या कॉम्पलेक्स निर्माण में किसी प्रकार की कोई अनियमितता पाई गई है? यदि कोई अनियमितता पाई गई है तो उस पर क्या कार्रवाई की गई? (ख) उक्त निर्माण में कितनी लागत राशि खर्च हुई है एवं यह राशि किसके द्वारा भुगतान की गई है? (ग) उक्त सुलभ कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य कब पूर्ण हुआ है एवं इसका उपयोग कब से प्रारंभ किया गया है? (घ) यदि इसका उपयोग प्रारंभ नहीं किया गया है, तो उसके पीछे क्या-क्या कारण है? इसका उपयोग आम नागरिकों के लिए कब से प्रारंभ हो सकेगा? (ङ) शासन के पैसों की बर्बादी करने वालों पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई? क्या उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) अंतर्गत छोटा गणेश नगर कालोनी, होशंगाबाद रोड, बावडिया कलां वार्ड 53 जोन क्र. 13 में सुलभ कॉम्पलेक्स का निर्माण नगर निगम द्वारा मेसर्स सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गनाईजेशन के माध्यम से वर्ष 2017 में प्रारंभ कराया गया था, जो कि वर्तमान तक अपूर्ण है। निर्माण स्थल के संबंध में कार्यालय नजूल अधिकारी परियोजना टी.टी. नगर भोपाल के पत्र क्रमांक 180 दिनांक 23/03/2013 से भूमि आंशिक रूप से शासकीय दर्शायी गई है। निर्माण के दौरान स्थल की भूमि स्वामित्व के निर्धारण के संबंध में आपत्ति प्राप्त होने पर निर्माण कार्य रोका गया है। आपत्ति के निराकरण हेतु भूमि के स्वामित्व के निर्धारण के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उक्त निर्माण पर वर्तमान तक कुल राशि रु 1550000/- का व्यय हुआ है, जिसका भुगतान नगर निगम भोपाल द्वारा किया गया है। (ग) निर्माण कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निर्माण कार्य अभी पूर्ण न होने के कारण शौचालय का उपयोग प्रारंभ नहीं किया गया है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर नागरिक उपयोग कर सकेंगे। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओवर ब्रिज का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 1342 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के नगर परिषद बानमोर में ग्वालियर आगरा मार्ग पर कंसाना धर्म कांटा बनमोर से श्री रामकॉलेज तक फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रहा, जिससे जाम और दुर्घटनाओं को रोका जा सके? (ख) क्या मुरैना शहर में पूर्व में बने फ्लाई ओवर ब्रिज को आगरा की तरफ घिरौना मन्दिर से और ग्वालियर की तरफ टोल टैक्स की तरफ तक क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा, जिससे जाम और दुर्घटनाओं को रोका जा सके? कब तक इसे बढ़ाया जाएगा? (ग) क्या बानमोर में पुराने फुट ब्रिज को शहर के मध्य जैतपुरा रोड, एबी रोड पर स्थानांतरित करने या नया फुट ब्रिज बनाया जाएगा? जिससे लोगों को रोड पार करने में सुविधा हो? यदि नहीं, तो फिर इस समस्या के निवारण का अन्य कोई विकल्प क्या है? (घ) मुरैना शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए, मनोरंजन के लिए कोई सार्वजनिक स्थान क्यों नहीं है? (ड.) मुरैना नगर निगम सीमा वार्ड क्र. 44 आर.टी.ओ. ऑफिस के आगे शासकीय भूमि में या आवास कॉलौनी छौंदा आसन नदी के किनारे जो नेशनल हाईवे आगरा-मुम्बई मार्ग के पास स्थित शासकीय भूमि को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने हेतु विभाग की कोई योजना है यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो इस योजना पर विचार किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मुरैना जिले के नगर परिषद बानमौर क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग (ग्वालियर-आगरा) पर स्थित है। प्रश्नांकित स्थल पर फ्लाई ओव्हर निर्माण की स्वीकृति प्रदान करना इस विभाग के अंतर्गत नहीं आता है। (ख) प्रश्नांकित फ्लाई ओव्हर ब्रिज को प्रश्नांकित स्थल तक बढ़ाये जाने का कार्य इस विभाग के अंतर्गत नहीं है। (ग) प्रश्नांकित कार्य इस विभाग के अन्तर्गत नहीं है। (घ) नगर निगम मुरैना क्षेत्रान्तर्गत मनोरंजन के लिए 5 पार्क है। (ड.) नगर निगम द्वारा प्रश्नांकित स्थल पर कोई योजना प्रस्तावित नहीं की गई है। नगर निगम से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जा सकेगा।
पदोन्नति पर रोक
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 1343 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा मंत्रालय के अधीनस्थ म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल में पदोन्नति किस आदेश के तहत रोकी गई है? यदि पदोन्नति पर कोई शासकीय अथवा न्यायालयीन आदेश से रोक है तब उसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था किस आदेश के तहत की गई है? (ख) यदि पदोन्नति पर किसी आदेश के तहत रोक नहीं लगाई गई है तब विगत 10 वर्षों से पदोन्नति के स्थान पर चालू प्रभार किस आदेश के तहत जारी किये जा रहे हैं? (ग) किसी अधिकारी/कर्मचारी के चालू प्रभार में पद पर बने रहने की समय-सीमा क्या है? (घ) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड भोपाल में ऐसे अधिकारी भी है जिन्हें मूल पद से आगे के दो-दो अथवा तीन-तीन वरिष्ठ पदों के चालू प्रभार दिये गये हैं, आदेश किस नियम के अन्तर्गत जारी हुये है? ऐसे अधिकारियों की वर्तमान नाम/पदनाम/वर्तमान पदस्थापना बताने का कष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 10296/2012 एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 30.04.2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 12.05.2016 के परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग की टीप क्रमांक 461/06/2016/1/3 दिनांक 23.07.2016 से प्राप्त दिशा-निर्देश के तारतम्य में विभाग के पत्र क्रमांक एफ/02-05/2015/तेरह भोपाल, दिनांक 25.07.2016 से आगामी पदोन्नति के संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं करते हुये यथास्थिति बनाए रखने के दिये गये निर्देश के दृष्टिगत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत पदोन्नति नहीं करते हुए यथास्थिति बनाए रखने की कार्यवाही की गयी है। पत्र की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत पदोन्नति की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है। अपितु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में समय-समय पर वरिष्ठ पदों पर अधिकारियों की कमी होने के कारण प्रशासनिक दृष्टि से चालू प्रभार दिये गये है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में परिपत्र क्रमांक प्र.सं./म.क्षे./स्था/7368 भोपाल दिनांक 24.08.2013 एवं डेलीगेशन ऑफ पॉवर पुस्तिका, पंचम संस्करण के पार्ट-ए, खण्ड-IV, Selection/Appointment/Promotions के बिन्दु क्रमांक-8 में उच्च पद का चालू प्रभार दिये जाने हेतु प्रबंध संचालक, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल को अधिकार प्रदत्त है, जिसकी छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –'ब' एवं 'स' अनुसार है। तदानुसार चालू प्रभार के आदेश जारी किये जा रहे हैं। (ग) चालू प्रभार दिये जाने की व्यवस्था अस्थाई है तथा उच्च पद का चालू प्रभार बिना किसी समय-सीमा के प्रदान किया जाता है। (घ) जी हाँ, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में समय-समय पर वरिष्ठ पदों पर अधिकारियों की कमी होने के कारण प्रशासनिक दृष्टि से एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मंडल द्वारा स्वीकृत डेलीगेशन ऑफ पॉवर पुस्तिका में प्रबंध संचालक को प्रदत्त अधिकार के तहत उच्च पद का चालू प्रभार दिये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। प्रश्नाधीन चाही गयी अधिकारियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'द' अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 1344 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा मंत्रालय के अधीनस्थ विद्युत क्षेत्र की विभिन्न कम्पनियों में पिछले 20 वर्ष की तुलना में विद्युत अधोसंरचनाओं में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई? (ख) कर्मचारियों/अधिकारियों/लाईनमैन संवर्ग/ कनिष्ठ अभियन्ता संवर्ग/सहायक अभियन्ता संवर्ग में कितने पद खाली है? रिक्त पदों पर भर्ती न किये जाने के क्या कारण है? रिक्त पदों पर भर्ती कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या वर्तमान में लागू संगठनात्मक संरचना और वर्तमान विद्युत अधोसंरचना में कोई सामान्यता है, यदि हाँ, तो किस प्रकार पूर्ति की गई है? क्या बाह्य श्रोत निम्न वेतनभोगी कर्मचारी एक पूर्ण वेतन भोगी कर्मचारी के बराबर गुणवत्तापूर्ण और मानक स्तर पर कार्य कर सकता है? यदि नहीं, तो अब तक नियमित पदों पर भर्ती क्यों नहीं की गई? (घ) क्या वर्तमान में लागू संगठनात्मक संरचना (OS) में कोई परिवर्तन अथवा संशोधन प्रस्तावित है, यदि हाँ, तो कब तक होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विभाग के अधीनस्थ कार्यरत विद्युत कम्पनियों के अंतर्गत पिछले 20 वर्ष की तुलना में विद्युत अधोसंरचनाओं में हुई वृद्धि का प्रतिशत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) विद्युत कंपनियों अंतर्गत प्रश्नाधीन उल्लेखित संवर्गों में सीधी भर्ती के चिन्हित पदों के विरूद्ध वर्तमान स्थिति में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। विद्युत कंपनियों के अंतर्गत रिक्त पदों की भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भरे जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विद्युत कंपनियों में वर्तमान में लागू संगठनात्मक संरचना एवं विद्युत अद्योसंरचना में सामान्यत: कोई समानता नहीं है। विगत वर्षों में विद्युत अद्योसंरचना एवं विद्युत उपभोक्ताओं तथा विद्युत मांग/प्रदाय में हुई वृद्धि के फलस्वरूप अतिरिक्त मानव संसाधन (नियमित) की आवश्यकता के अनुरूप विद्युत कंपनियों में नवीन संगठनात्मक संरचना स्वीकृत करने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसे शीघ्र ही पूर्ण किये जाने के प्रयास है। साथ ही सीधी भर्ती के रिक्त पदों को त्वरित आधार पर भरे जाने की कार्यवाही भी की जा रही है। विद्युत अद्योसंरचना में वृद्धि के फलस्वरूप अतिरिक्त मानव संसाधन की पूर्ति संविदा तथा बाह्य स्त्रोत के माध्यम से उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी में कर्मियों को नियोजित कर की जा रही है। नियमित कर्मियों, संविदा एवं बाह्य स्त्रोत से प्राप्त मानव संसाधनों का यथोचित उपयोग करते हुए उनकी क्षमता एवं दक्षता अनुसार कुशलता पूर्वक कार्य संचालित किया जा रहा है। तथापि सीधी भर्ती के माध्यम से समय-समय पर नियमित पदों पर भर्ती की गई है/की जा रही है। (घ) विद्युत कंपनियों में वर्तमान में लागू संगठनात्मक संरचना (OS) में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में नवीन संगठनात्मक संरचना स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौशाला खोलने के नियम
[पशुपालन एवं डेयरी]
85. ( क्र. 1349 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी गौशालाएं संचालित है, नवीन गौशाला खोलने के क्या निर्देश है? गौशाला संचालन एवं संधारण के क्या नियम है? निर्देश/नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर जिले की विधान सभा 18 भितरवार में नवीन गौशाला खोलने के प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है यदि हां तो किस-किस स्थानों के? कब तक स्वीकृत किये जायेंगे? समय-सीमा बतायें। (ग) ग्वालियर जिले की विधानसभा 18 भितरवार में संचालित गौशालाओं को 01 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस गौशाला संचालक को प्रदाय की गई है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार संचालित गौशालाओं में किस-किस प्रशासनिक अधिकारी तथा किस-किस विभागीय अधिकारी द्वारा गौशालाओं का निरीक्षण किन-किन दिनांको में 01 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक किया गया? सूची उपलब्ध करायें। क्या कमियां पायी गई? कमी पाये जाने पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) प्रदेश में 2411 गौशालाएं संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) ग्वालियर जिले की विधान सभा 18 भितरवार में नवीन गौशाला खोलने का कोई भी प्रस्ताव विभाग के पास लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (घ) सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। प्रत्येक गौशाला पर एक नोडल अधिकारी विभाग द्वारा नियुक्त किया गया है। जिनके द्वारा गौशालाओं में साप्ताहिक भ्रमण किया जाता है तथा माह में एक बार गौवंश संख्या का सत्यापन किया जाता है। निरीक्षण में कोई कमियां नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवंटित राशि की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
86. ( क्र. 1350 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा ग्वालियर जिले को विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कितनी राशि आवंटित की गई है? आवंटन की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा 18- भितरवार क्षेत्र में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में प्राप्त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कराये गये है और उन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) विधानसभा 18 भितरवार क्षेत्र से कितने प्रस्ताव निर्माण कार्य हेतु प्राप्त हुये उनमें से कौन-कौन से कार्य वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में स्वीकृत किये गये तथा कितने प्रस्तावों पर कार्य लिए जाना शेष है?
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में योजना अनुसार प्राप्त आवंटन का निमयानुसार उपयोग किया गया। प्राप्त आवंटन में निर्माण कार्य निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण कार्य के 02 प्रस्ताव प्राप्त हुए है, जानकारी निरंक, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों का पुनर्निर्माण
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1352 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में अतिवृष्टि से गुणवत्ताविहीन क्षतिग्रस्त एवं टूटी-फूटी सड़को को सही कराने/मरम्मत कराने या पुनर्निर्माण की विभाग की कोई योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक प्रदान कराकर कार्य प्रारंभ कराये जायेगें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। (ख) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा दतिया जिले में सड़के एवं भवनो का निर्माण कार्य स्वीकृति पश्चात लंबित है? यदि हाँ, तो ऐसे सभी कार्यों की सूची प्रदाय करें जो कि लंबित है? (ग) क्या वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा दतिया में सड़के एवं भवनो को बनाने हेतु निविदायें आमंत्रित की थी? यदि हाँ, तो उक्त कार्यों के किस फर्म के निविदायें स्वीकृति हुई? फर्मों के नाम, पता तथा कितनी राशि के कार्य थे? संपूर्ण विवरण प्रदान करें तथा पूर्णतः प्रमाण पत्र एवं कार्यों की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट की प्रतियां भी प्रदान करें। (घ) क्या दतिया स्थित तरन-तारन एवं लाला का तानाब नगरपालिका एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जानबूझकर तोड़ा गया था? यदि हाँ, तो क्यों और यदि नहीं, तो नगरपालिका द्वारा एफ.आई.आर. क्यों लिखाई गई? कृपया कारण सहित बताये कि पुलिस द्वारा क्या जांच की गई यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मार्ग की आवश्यकतानुसार मार्गों की मरम्मत की जाती है, यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। कार्यों की पूर्णता प्रमाण-पत्र सत्यप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित कार्य लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु नगर पालिका दतिया से संबंधित है। नगर पालिका परिषद दतिया से प्राप्त उत्तर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
आर.डी.एस.एस. योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 1354 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रदेश के विद्युतीकरण से वंचित क्षेत्रो में विद्युतीकरण कार्य डी.टी.आर. की क्षमता वृद्धि कार्य एच.टी.एल.टी. लाईन विस्तार का कार्य वर्तमान में किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो दतिया जिलों के योजनान्तर्गत प्रारंभ पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की सूची प्रदान करायें। (ख) क्या आर.डी.एस.एस योजनान्तर्गत दतिया जिले के स्वीकृत कार्यों को जनता की सुविधा की दृष्टि से प्रारंभ करा दिया गया है यदि हाँ, तो किन क्षेत्रो में कार्य प्रारंभ कराये जा रहे हैं, सूची प्रदान करें यदि नहीं, तो किन क्षेत्रों में स्वीकृति उपरांत भी कार्य प्रारंभ नहीं कराये गये है? कृपया कारण सहित बतायें। (ग) क्या आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कार्यों हेतु निविदा में तय की गई थी? यदि हाँ, तो दतिया जिलान्तर्गत स्वीकृत कार्यों को संपन्न कराने हेतु विभाग द्वारा स्वीकृत निविदाओं ठेकेदारो को विद्युत उपकरण उपलब्ध कराने का कार्य किसका है? क्या समय-सीमा में स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ कराने एवं पूर्ण कराने का कार्य विभाग द्वारा नियुक्त अधिकारियों का नहीं है? यदि हाँ, तो उन अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेंगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत विद्यमान अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण के कार्य, जिसमें मुख्यत: नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण, पावर एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि, अतिरिक्त पावर एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, फीडरों के विभक्तिकरण, इंटरकनेक्शन आदि कार्य सम्मिलित हैं, वर्तमान में कराये जा रहे हैं। दतिया जिले के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (ख) जी हाँ। आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत कार्यों के प्रगतिरत/अप्रारंभ होने का स्थानवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। टी.के.सी. कांट्रेक्टर द्वारा अवार्ड में उल्लेखित समयावधि के अंतर्गत कार्यों को पूर्ण कराया जाना प्रावधानित है, तदानुसार क्रमश: कार्य प्रारंभ किये गए है। (ग) आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत कार्य के क्रियान्वयन हेतु निविदा उपरान्त चयनित संबंधित टी.के.सी. कांट्रेक्टर द्वारा ही कार्यादेश अनुसार वांछित सामग्री एवं विद्युत उपकरण की व्यवस्था कर कार्यों को क्रियान्वित कराये जाने का प्रावधान है। योजना में प्रावधानित/स्वीकृत कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराये जाने हेतु नामित नोडल अधिकारी द्वारा समय-समय पर कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाती है तथा कार्यों के क्रियान्वयन में विलम्ब होने पर टी.के.सी. के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगरीय निकाय के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 1356 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी अंतर्गत आने वाली नगर पालिका/परिषद पोहरी/ बैराड़/नरवर एवं मगरौनी में अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक किस मद में कितनी राशि दिनांकवार/ योजनावार/मदवार शासन द्वारा जारी की? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार चारों निकायों ने क्या-क्या निर्माण कार्य, खरीदी कार्य/अन्य कार्य किये उन समस्त कार्यों की जानकारी/एजेंसी/मात्रा/प्रदाय आदेश की कॉपी/सामग्री निकाय में आने का दिनांक सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि राशि से निर्माण कार्य हुआ तो संपूर्ण निर्माण कार्य की जानकारी निर्माण एजेंसी/अनुबंध/स्टीमेट की कॉपी, कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण करने की दिनांक, ड्राइंग, भुगतान हुए बिल तथा किस-किस तकनीकी/ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया, अधिकारी का नाम, पदनाम/निरीक्षण टीप सहित भौतिक सत्यापन की कॉपी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या निकायों द्वारा एजेंसी का लेवर लाइसेंस, श्रम विभाग के नियम अनुसार श्रमिकों/अन्य कर्मचारियों को ठेकेदार द्वारा सुविधाओं की जानकारी/निर्माण कार्य की गुणवत्ता हेतु निकाय द्वारा सीमेंट/ईट/स्टील/रेत/गिट्टी आदि के टेस्ट की जानकारी, किस-किस दिनांक को कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी ने टेस्ट सैम्पल लिए तथा किस प्रयोगशाला में गुणवत्ता की जांच हुई, जांच रिपोर्ट की कॉपी एवं सामग्री टेस्ट सैम्प्ल की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं? (ङ) क्या निकाय द्वारा निर्माण कार्यों में एवं अन्य सामग्री क्रय कार्य में वित्तीय अनियमितता की है? यदि हाँ, तो, उन पर क्या कार्यवाही होगी और यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर की जांच करवाई जाएगी? हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पोहरी अंतर्गत आने वाले नगरीय निकायों से संबंधित प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) निकायवार प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) निकायवार प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) नगरीय निकायों द्वारा निविदा प्रक्रिया के दौरान प्री-क्वालिफिकेशन विड में निविदाकार से लेबर लायसेंस से संबंधित जानकारी प्राप्त की जाती है एवं सफल निविदाकार (एजेंसी) द्वारा निर्माण कार्य में प्रयुक्त मजदूर आदि के लिए श्रम विभाग द्वारा निर्धारित सुविधाएं प्रदान की जाती है। प्रदान की गई सुविधाओं की जानकारी निकायों द्वारा संधारित नहीं की गई है निर्माण कार्य की गुणवत्ता से संबंधित प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ड.) नगर परिषद मगरौनी को छोड़कर अन्य निकायों में निर्माण कार्यों एवं अन्य सामग्री क्रय करने के संबंध में वित्तीय अनियमितता की कोई शिकायत संबंधित निकाय/विभाग के संभागीय कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त नहीं हुई है। नगर परिषद मगरौनी में वित्तीय अनियमितता से संबंधित संभागीय कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त शिकायत की जांच संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर संभाग द्वारा की जा रही है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत सड़क मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 1360 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा बजट सत्र 2023 में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सड़क मार्गां की स्वीकृति प्रदान की गई थी? सड़क मार्गों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कितने सड़क मार्गों को विभाग की स्थाई वित्तीय समिति से प्रशासकीय अनुमोदन या स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत सड़क मार्ग, एसएएफ बटालियन से नरवानी मार्ग, मझंगुवा (सिमरिया) से सानौधा मार्ग, मुख्य मार्ग से पुलिस थाना सानौधा एवं हवला चौकी से लुहारी वाया ग्राम बहेरिया मार्ग को विभाग की स्थाई वित्तीय समिति से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित सड़क मार्गों की स्वीकृति हेतु स्थाई वित्तीय समिति से प्रदान नहीं की गई है, तो जानकारी देवें एवं कब तक प्रदान की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) 1010 कार्य। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित 04 मार्गों में से 01 मार्ग मझगुवां से सानोधा मार्ग स्वीकृत। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित 04 कार्यों में से शेष 03 कार्य बी.ओ.एस. की उपलब्धता पर स्वीकृत किये जा सकेंगे। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर परिषद को विशेष निधि प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1362 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नगर पालिका परिषद/नगर परिषद/नगर पंचायत को विकास कार्य संपादित करने हेतु विभाग द्वारा विशेष निधि शासन द्वारा प्रदाय किये जाने हेतु कोई योजना है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के तहत विगत वित्तीय वर्ष-2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक विशेष निधि प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित विशेष निधि प्रदान करने हेतु शासन की क्या दिशा-निर्देश हैं एवं किन मापदण्डों पर राशि प्रदान की जाती है? (घ) यदि नगर पलिका परिषद मकरोनिया को राशि कब-कब प्रदान की गई तथा उक्त राशि से कौन-कौन से विकास कार्य संपादित किये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
चिकित्सकीय तकनीशियन/नर्स के साथ एम्बुलेंस की तैनाती
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 1365 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) NHAI ने राष्ट्रीय राजमार्गों के पूरे हो चुके कॉरिडोर के टोल प्लाजाओं पर पैरामेडिकल स्टाफ/ आपातकालीन चिकित्सकीय तकनीशियन/नर्स के साथ एम्बुलेंस तैनात करने का प्रावधान किया है। (ख) हाँ तो दिशा-निर्देश सहित छतरपुर जिले में आने वाले उक्त टोल प्लाजाओं में पैरामेडिकल स्टाफ/आपातकालीन चिकित्सकीय तकनीशियन/नर्स के रूप में विगत 02 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक जो पदस्थ रहे उनका कार्यकाल, शैक्षणिक योग्यता, भुगतान किए गए वेतन आदि का विवरण प्रदाय करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
योजनाओं का ब्यौरा
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1366 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और सामाजिक असुरक्षा को कम करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का ब्यौरा क्या है? (ख) छतरपुर जिले में विगत 05 वर्षों में इस योजना से किए गए कार्यों का विवरण प्रदाय करे। (ग) बिजावर विधानसभा अंतर्गत इस योजना से लाभान्वित परिवारों का विवरण प्रदान करे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रदेश सरकार द्वारा शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और सामाजिक असुरक्षा को कम करने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से "दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन'', ''पीएम स्वनिधि योजना'' एवं ''प्रधानमंत्री आवास योजना'' चलाई जा रही है। योजनाओं का ब्यौरा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ' अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में विगत 05 वर्षों में "दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन'', ''पीएम स्वनिधि योजना'' एवं ''प्रधानमंत्री आवास योजना'' में किये गये कार्यों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) बिजावर विधानसभा अंतर्गत योजनाओं से लाभान्वित परिवारों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
गुणवत्ताविहीन सीवर लाईन कार्य एवं रेटोरेशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 1368 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सतना में सीवर लाईन प्रोजेक्ट की निविदा किस दिनांक/माह/वर्ष में किस नाम एवं पते वाली फर्म को किस सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर से आवंटित/मंजूर हुई? उक्त निविदा की प्रत्येक शर्तों/नियमों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुये जारी सभी (अगर अलग-अलग कई कार्यदेश हुये हो) कार्यादेशों की एक-एक प्रति (स्वच्छ पढ़ी जा सकने वाली) सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित निविदा में रेटोरेशन (यानी जहां-जहां खोदकर पाईप लाईन डाली जानी थी उसे वापस पुनः उसी स्वरूप में करना/सड़कों/गलियों की कंक्रीटिंग या पुनः पूरी तरह ठीक करना) निविदा में शामिल था या नहीं? हाँ तो जहां रेटोरेशन हो गया है उसी स्थान पर सड़क निर्माण कार्य क्यों किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में वर्णित सीवर लाईन की पाईप की रेडियस एवं डायमीटर (कुल चौड़ाई) कितनी निविदा में मंजूर की गई? क्या उक्त चौड़ाई की सीवर पाईप लाईन मध्यप्रदेश में किन-किन नगर पालिक निगमों में प्रश्नतिथि तक मंजूर की गई? भोपाल/ग्वालियर/जबलपुर/उज्जैन/इंदौर/देवास नगर पालिका निगमों सीवर लाईन प्रोजेक्ट में बिछाई गई/बिछाई जाने वाली पाईप लाईनों की डायमीटर/रेडियस/चौड़ाई कुल कितने इंच की है/थी? (घ) नगर पालिक निगम सतना में सीवर लाइन का प्रोजेक्ट कराने वाली कम्पनी को प्रश्नतिथि तक कितने रूपयो का भुगतान किया गया? कम्पनी द्वारा क्या-क्या कार्य करने पर कब-कब, कुल कितना भुगतान किया गया? प्रश्नतिथि तक कुल कितने कार्य कितने प्रतिशत तक सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुका है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, पाईप लाईन डाले जाने के अनुसार जितनी चौड़ाई में सड़क खोदी गई, उतनी चौड़ाई को यथास्थिति करने का प्रावधान अनुबंध में है। विभिन्न कारणों से खोदी गई चौड़ाई से अतिरिक्त चौड़ाई में सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण निगम द्वारा सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ग) सतना सीवरेज परियोजना में 135 एम.एम. से लेकर 1200 एम.एम. आंतरिक व्यास की पाईप का उपयोग किया गया है। प्रदेश के अन्य नगर निगमों की सीवरेज परियोजनाओं में स्थल की परिस्थितियों के अनुसार उपरोक्त रेंज में विभिन्न व्यास की पाईप का उपयोग किया गया है। (घ) सतना सीवरेज परियोजना के पैकेज-1 अंतर्गत राशि रू. 41.21 करोड़ एवं पैकेज-2 के अंतर्गत राशि रू. 75.81 करोड़ का भुगतान किया गया है। पैकेज-1 व 2 की भौतिक प्रगति क्रमश: 93 एवं 67 प्रतिशत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
नगर निगम सतना में कार्य विभाजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1370 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैकेनिकल इंजीनियर सिविल का कार्य देख सकता है यदि नहीं, तो सतना नगर निगम में ऐसा हुआ क्यों? नगर निगम सतना में कितने कार्यपालन यंत्री/उपयंत्री कब से पदस्थ है और इनकी डिग्री क्या है? नगर निगम में इनके पास कौन-कौन से कार्य का प्रभार है? नामवार, डिग्रीवार, प्रभारवार सूची उपलब्ध करायें। क्या सिविल इंजीनियर मैकेनिकल का कार्य कुशलता पूर्वक कर सकता है? यदि हाँ, तो कैसे यदि नहीं, तो सतना नगर निगम में सिविल इंजीनीयर को मैकेनिकल का कार्य क्यों दिया गया? (ख) नगर निगम सतना में चतुर्थ श्रेणी के कुशल/अकुशल/अर्द्धकुशल/उच्च कुशल कितने-कितने कर्मचारी कार्यरत है और किस आधार पर इनको रखा गया है उक्त कर्मचारियों का वेतनमान क्या है? कहां-कहां, किन-किन स्थानों पर उक्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई और पदस्थापना/ड्यूटी का नियम क्या है? नियमावली सहित सभी श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्त स्थान/पदस्थापना, वेतनमान, सहित अलग-अलग सूची उपलब्ध कराये। (ग) नारायण तालाब के सौन्दर्यीकरण कार्य का वर्कआर्डर किस कम्पनी को और कौन से दिनांक को जारी किया गया है? कार्य की लागत राशि कितने की है? कार्य पूर्णता की समय अवधि कितनी है? नारायण तालाब की मेड फुटने का कारण क्या है? तालाब की मेड फुटनें से लोगो के घरो में पानी भरने से जो नुकसान हुआ उसका मूल्यांकन और सर्वे कार्य किया जाकर नुकसान की भरपाई दोषियों से करके उनको मुआवजा दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों यदि हाँ, तो कितना-कितना मुआवजा किन लोगों को दिया गया है? सूची उपलब्ध कराये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां। मध्यप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) के अनुसार, आवश्यकता पड़ने पर प्रशासनिक दृष्टि से आयुक्त को अपने अधिनस्थ पदस्थ कर्मचारी को आयुक्त की शक्तियां प्रत्यायोजित किये जाने के अधिकार दिये गये हैं। जिसका प्रयोग करते हुये आयुक्त, नगर निगम किसी भी विभाग (जो शत प्रतिशत तकनीकी न हों) का दायित्व सौंपने एवं संबंधित से सौंपे गये दायित्व कि पूर्ति करवाने हेतु सशक्त है। इंजीनियरिंग की डिग्री/डिप्लोमाधारी को प्रशिक्षण के दौरान क्रमशः सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एवं कम्प्यूटर साइंस के पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। इस प्रकार डिग्री/डिप्लोमाधारी इंजीनियर को तीनों शाखाओं का ज्ञान रहता है। किसी भी निर्माण कार्य के तकनीकी पर्वेक्षण के लिये उपयंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री/अधीक्षण यंत्री को दायित्व सौंपे जाते हैं। प्रश्नांश के अंश भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। जी नहीं, नगर निगम सतना में किसी भी सिविल इंजीनियर को मैकेनिकल का कार्य नहीं दिया गया है। (ख) नगर पालिक निगम सतना में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। कर्मचारियों को कार्य की आवश्यकता के आधार पर निगम की शाखाओं में पदस्थ किया जाता है। (ग) नारायण तालाब सौन्दर्यीकरण कार्य संविदाकार कंपनी मेसर्स के.एन. नारंग ई-4/34, अरेरा कॉलोनी भोपाल (म.प्र.) -462016, कार्यादेश जारी दिनांक 02.09.2021, कार्यादेश लागत राशि रूपये 8.66 करोड़+Applicable Taxes कार्य पूर्णता की समयावधि-18 माह। नारायण तालाब की मेड़ फूटना संविदाकार की लापरवाही से हुआ। नारायण तालाब की मेड़ फूटने से लोगों के घरों में पानी भरने से जो नुकसान हुआ उसका मूल्यांकन एवं सर्वे की जानकारी नगर पालिक निगम को प्राप्त नहीं हुई हैं।
ग्राम पंचायतों को विघटित कर नगर परिषद बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1373 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से वर्ष 2024 प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में कितनी ग्राम पंचायतों को विघटित कर नगर परिषद बनाया गया है? राजपत्र की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन ग्राम पंचायतों को विघटित कर नगर परिषद बनाया गया है उन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या उस समय क्या थी? ग्राम पंचायतवार जनसंख्या की जानकारी के संबंध में अधिसूचित राजपत्र की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) जिन ग्राम पंचायतों को मिलाकर नगर परिषद बनाया गया है क्या नगर परिषद बनने वाली मुख्य ग्राम पंचायत की जनसंख्या जनगणना 2011 के अनुसार 20 हजार की कुल जनसंख्या का 60 प्रतिशत सघनता का मापदण्ड पूर्ण करती है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय अधिसूचना दिनांक 27.11.2011 में निर्धारित जनसंख्या का 60 प्रतिशत सघनता का मापदण्ड पूर्ण करने पर ही नगर परिषद गठन अधिसूचित किया जाता है। परंतु अपवाद स्वरूप मापदण्ड में शिथिलता की स्वीकृति मंत्रि-परिषद से प्राप्त की जाती है।
मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1374 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जो भी मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है, उन सभी स्वीकृत मार्ग निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके है और कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्य अपूर्ण है? मार्गों के निर्माण कार्य को पूर्ण किए जाने की निर्धारित तिथि क्या है? क्या निर्धारित तिथि में संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा मार्गों के निर्माण कार्य को पूर्ण किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है तो इसका क्या कारण है, अप्रारंभ व अपूर्ण मार्ग निर्माण कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर मार्ग निर्माण कराये जाने की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री महोदय अनुस्मरण 02 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/415 दि. 15.07.2024 व मान. विभागीय मंत्री महोदय को अनुमस्मरण 02 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/398 दि. 15.07.2024 एवं पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/600 दि. 25.09.2024 को प्रेषित किये गये है, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक कार्यवाही व विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए, मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राशि का भुगतान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
98. ( क्र. 1377 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु क्या नीति, नियम हैं? नियम निर्देशों, आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा मध्यप्रदेश में निजी कम्पनी, फर्म, व्यक्ति, संस्थाओं द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्री, सोलर पार्कों एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत शासकीय अथवा निजी भूमि पर कितने सोलर संयंत्र प्लांट, सोलर पार्क स्थापित हैं? ऊर्जा विभाग द्वारा किन-किन संस्थाओं से कितनी-कितनी विद्युत क्रय की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सौर ऊर्जा संयंत्र, सोलर पार्क में कितनी-कितनी विद्युत उत्पादन हो रहा है एवं ऊर्जा विभाग को कितनी-कितनी विद्युत विक्रय किया जा रहा है? ऊर्जा विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है? सौर ऊर्जा संयंत्रवार, तहसीलवार, जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना एवं प्रधानमंत्री कुसुम योजना का भारत सरकार द्वारा कितना लक्ष्य था? कितने लक्ष्य की पूर्ति की गई? वर्षवार, जिलेवार जानकारी देवें। उक्त योजनाओं के सोलर किन-किन कम्पनियों द्वारा लगाया जा रहा है? कम्पनियों के नाम, सोलर संयंत्र की संख्या बतावें एवं उनको कितना-कितना भुगतान किया गया? कितने हितग्राहियों के घर एवं खेतों में सोलर संयंत्र लगाये गये एवं कितना अनुदान शासन द्वारा दिया गया? कितने शेष हैं तथा शेष सोलर संयंत्र कब-तक लगा दिये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा सोलर प्लांट लगाने में कितना अनुदान दिया जाता है? न्यूनतम एवं अधिकतम दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी देवें तथा नियम, निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 एवं म.प्र. विकेन्द्रीयकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति-2016 लागू है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रदेश में भारत सरकार की सोलर पार्क एवं कुसुम योजना सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये प्रचलित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। म.प्र. में निजी कंपनी, फर्म, व्यक्ति, संस्थाओं द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों, सोलर पार्को एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत शासकीय अथवा निजी भूमि पर स्थापित सौर संयंत्र प्लांट सोलर पार्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत क्रय के संबंध में उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) पी.एम. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिये भारत सरकार द्वारा पूरे देश हेतु 01 करोड़ आवासीय हितग्राहियों के यहां सौर संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के लिये पृथक से कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है। ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत वितरण कंपनीवार उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। विभाग द्वारा खेतों में सौर संयंत्र लगाने के लिये प्रधानमंत्री कुसुम-अ योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा कुल 1490 मेगावॉट का लक्ष्य प्राप्त है। 590 मेगावॉट की क्षमता के लिये सौर ऊर्जा उत्पादकों का चयन किया जा चुका है। योजनांतर्गत अब तक प्रदेश में 23 संयंत्र 36.63 मेगावॉट क्षमता के स्थापित हो चुके है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। प्रधानमंत्री कुसुम-अ योजनांतर्गत सौर संयंत्रों की स्थापना कृषक द्वारा स्वयं के व्यय पर, स्वयं की भूमि पर की जाती है। यदि कृषक स्वयं के व्यय पर संयंत्र स्थापना करने में असमर्थ है तो अपनी कृषि भूमि लीज पर देकर निवेशक/विकासक के माध्यम से संयंत्र की स्थापना कर सकता है। इसमें केन्द्र शासन या राज्य शासन द्वारा कोई अनुदान का प्रावधान नहीं है। प्रधानमंत्री कुसुम-स योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा लगभग 2000 मेगावॉट का कुल लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से लगभग 1250 मेगावॉट क्षमता की निविदा जारी हो चुकी है। लगभग 530 मेगावॉट क्षमता के लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी हो चुके है। केन्द्र शासन द्वारा प्रति मेगावॉट 1.05 करोड़ तक के अनुदान का प्रावधान है, कुसुम-स योजना में राज्य शासन का कोई अनुदान का प्रावधान नहीं है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। भारत सरकार द्वारा कुसुम-अ एवं कुसुम-स योजना में उक्त लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये दिनांक 31.12.2025 तक का समय निर्धारित किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा सोलर प्लांट लगाने में दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1385 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) (1) कोहदा रांझी भातना तिलक सिंदूर लालपानी नयागांव पीपल गोटा एवं (2) खोर से बारासेल मार्ग निर्माण की स्वीकृत राशि क्या है? पृथक-पृथक बताने की कृपा करें। (ख) उक्त दोनों सड़कों की निर्माण की क्या स्थिति है एवं कब तक पूर्ण करने की समय-सीमा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पी.आई.यू. अंतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1386 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में पी.आई.यू. द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य किये जा रहे हैं? (ख) निर्माण की स्वीकृत राशि क्या है एवं निर्माण पूर्ण करने की समय-सीमा क्या है? (ग) उक्त समस्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जाएगे? (घ) सभी निर्माण कार्य आवश्यक गुणवत्तायुक्त किये जा रहे हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ।
वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1388 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार एक ही पद पर कोई अधिकारी/कर्मचारी कितने वर्षों तक (इंडोर) एक ही विभाग/शाखा में कार्य कर सकता है? नियमों की प्रतियों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नगर निगम भोपाल की विभिन्न शाखाओं (इंडोर) में कितने अधिकारी/कर्मचारी विभिन्न संवर्गों में कितने-कितने वर्षों से एक ही पद पर पदस्थ कार्यरत हैं? पदस्थ होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक शाखावार अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) इंडोर शाखाओं में वर्षों से पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को शासन के नियमानुसार क्यों नहीं हटाया जाता? वर्षों से एक ही पद (सीट) पर पदस्थ रहना क्या भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देता? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक इन पर कार्रवाई कर हटाया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम भोपाल के अधिकारी/कर्मचारी नियुक्ति दिनांक से सेवानिवृत्त होने तक अथवा पदानवत/अन्य कारणों से उत्पन्न परिस्थियों को छोड़कर, पदीय दायित्यों के निर्वहन हेतु एक ही विभाग/शाखा में आगामी स्थानांतरण आदेश होने तक कार्य कर सकते है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर निगम भोपाल में कार्य संपादन एवं प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत अधिकरियों/कर्मचारियों का एक शाखा से दूसरी शाखा में आंतरिक स्थानांतरण समय-समय पर किया जाता है। कर्मचारी के विरूद्ध नियमों के विपरीत कार्य की शिकायत/आरोप सही पाये जाने पर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत निलंबन, विभागीय जांच एवं दण्डित करने की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में उत्पादित बिजली का प्रदाय
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 1390 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उपभोक्ताओं को किस-किस दर से विद्युत प्रदाय की जा रही है? घरेलू/कमर्शियल विद्युत की प्रति यूनिट दर की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रदेश में उत्पादित बिजली अन्य कई प्रदेशों में बेची जाती है? यदि हाँ, तो प्रदेश में उत्पादित बिजली को अन्य प्रदेशों में किस-किस दर से बेची जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश की अपेक्षा अन्य प्रदेशों जिनमें प्रदेश में उत्पादित विद्युत बेची/निर्यात की जा रही है, प्रदेश के उपभोक्ताओं को प्रदाय की जा रही विद्युत दर से कम है? यदि हाँ, तो प्रदेश से बेची जा रही बिजली की दर प्रति यूनिट मध्यप्रदेश में वसूली जा रही प्रति यूनिट विद्युत दर से कम है? प्रदेश में उत्पादित बिजली को अपनी ही जनता को महंगी दरों में बेचना और दूसरे प्रदेशों की जनता को सस्ते दरों में बेचना क्या न्याय संगत है? यदि नहीं, तो किन कारणों से प्रदेश में उत्पादित बिजली को दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा अपनी ही जनता को महंगा बेचा जा रहा है? कारण सहित अवगत करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा याचिका क्रमांक-73/2023 में जारी आदेश दिनांक 06.03.2024 के अनुसार प्रदेश में घरेलू/कमर्शियल उपभोक्ताओं को प्रदाय की जा रही विद्युत की निर्धारित दरें जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। (ख) प्रदेश की विद्युत मांग की आपूर्ति सुनिश्चित होने के उपरान्त ही अतिशेष विद्युत का विक्रय, अन्य प्रदेशों को नहीं, अपितु पावर एक्सचेंज के माध्यम से किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में पावर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रय की गई विद्युत की संपूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विभिन्न राज्यों में खुदरा विद्युत दरों का निर्धारण, राज्य विशेष से संबंधित विभिन्न घटकों को दृष्टिगत रखते हुए विद्युत अनुज्ञप्तिधारी के विद्युत प्रदाय की औसत दर के आधार पर संबंधित राज्य के राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है। अत: मध्यप्रदेश में राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित खुदरा विद्युत प्रदाय की दरों की अन्य प्रदेशों की दरों से तुलना किया जाना तर्कसंगत नहीं है। यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश में उत्पादित बिजली को अन्य प्रदेशों को प्रदेश में लागू दरों से कम दरों पर बेचा जाता है, अपितु वस्तुस्थिति यह है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की माँग, विद्युत उपलब्धता से कम होने पर ही अतिशेष विद्युत को किसी राज्य विशेष को नहीं, पावर एक्सचेंज के माध्यम से खुले बाजार में विक्रय किया जाता है, जिसका लाभ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा खुदरा विद्युत दरों के निर्धारण हेतु जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शाई गई प्रक्रिया अनुसार, प्रदेश के उपभोक्ताओं को प्राप्त होता है।
नवीन ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 1394 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के ग्राम बगा फत्तूखेडी में नवीन ग्रिड स्थापित किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त ग्रिड की क्षमता एवं लागत कितनी है? (ग) उक्त ग्राम बगा फत्तूखेडी में नवीन ग्रिड कब तक स्थापित किया जावेगा? (घ) उक्त ग्राम में नवीन ग्रिड स्थापित होने से कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित होगें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम बगा फत्तूखेडी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किए जाने का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के मॉडर्नाईजेशन फेज में प्रस्तावित है, जिसकी स्वीकृति भारत सरकार से अपेक्षित है। (ख) प्रस्तावित नवीन विद्युत उपकेन्द्र की क्षमता 5 एमव्हीए है एवं उसकी लागत शेड्यूल ऑफ रेट (SOR) वर्ष 2024-2025 के अनुसार लगभग रूपये 192.19 लाख है। (ग) ग्राम बगा फत्तूखेडी में नवीन प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति भारत सरकार से अपेक्षित है। अत: उक्त विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) ग्राम बगा फत्तूखेडी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित होने से कुल 21 ग्राम लाभान्वित होंगे, जिनकी सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सीवर लाइन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1396 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल अरेरा कॉलोनी ई-07 सेक्टर में सीवर लाइन बहुत पुरानी होकर जीर्णशीर्ण हो चुकी है तथा इसकी मरम्मत के लिये रहवासियों द्वारा कई बार विभाग में शिकायत की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या ई-07 सेक्टर अरेरा कॉलोनी भोपाल के लिये विभाग द्वारा सर्वेक्षण उपरान्त अमृत योजना में विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर स्वीकृति प्राप्त की गई है। यदि हाँ, तो सर्वेक्षण तथा डी.पी.आर. तैयार करने में कितनी राशि व्यय हुई है? जानकारी उपलब्ध करावें तथा उपरोक्त कार्य कब तक कराया जावेगा? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या भारत शासन की महत्वपूर्ण अमृत योजना का ई-07 अरेरा कॉलोनी भोपाल में क्रियान्वयन रोक दिया गया है? यदि नहीं, तो कार्य में विलम्ब होने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ, सर्वेक्षण एवं डीपीआर तैयार किये जाने हेतु राशि 97.80 लाख का व्यय हुआ। नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा कार्य कराने के लिए निविदा जारी की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिजली व्यवस्था की जानकारी
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 1399 ) श्री संतोष वरकड़े : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आदिवासी बस्तियों, मजरे टोलो में कहां-कहां बिजली की व्यवस्था हेतु तार/केबल एवं खम्भों की व्यवस्थाएं विगत पांच वर्षों में कराई गई? यदि व्यवस्थाएं की गई हैं तो कब तक बिजली उपलब्ध हो जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में कितने ट्रांसफार्मर बदले गये है? कितने नये लगाये गये है? कितने बंद ट्रांसफार्मर अभी बदले जाने है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित क्षेत्र में वहां के उपभोक्ताओं को खपत से ज्यादा बिजली के बिल प्रदाय किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्यों? जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जबलपुर जिले के सिहोरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में बघराजी एवं कुंडम वितरण केंद्र के आदिवासी बस्तियों/मजरों/टोलों में पी.एम. जनमन योजनांतर्गत चिन्हित पी.व्ही.टी.जी. आवासों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त मजरों/टोलों/बस्तियों में राज्य शासन के नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 530 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये हैं एवं 24 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। (ग) जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज खपत के आधार पर एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ दरों के अनुरूप विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। मीटर खराब/बंद होने की स्थिति में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के प्रावधानों के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं को पूर्व 3 माहों की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आंकलन कर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं, अधिक खपत/राशि के बिल नहीं दिये जाते हैं।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 1402 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक छिन्दवाड़ा जिले में कौन-कौन से विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) इनमें से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कौन से अपूर्ण हैं? (ग) कब तक अपूर्ण कार्य को पूर्ण कर दिया जावेगा? (घ) छिन्दवाडा चांद सड़क का निर्माण का स्वीकृत वर्ष क्या है एवं कितनी राशि है? (ड.) क्या वर्तमान में उपरोक्त सड़क का निर्माण पुल-पुलिया सहित पूर्ण हो चुका है? (च) यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होगा? (छ) यदि समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होता तो क्या ठेकेदार पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' अनुसार एवं भवन विकास निगम अंतर्गत (1) सी.एम.राइज स्कूल पांढुर्ना, वित्तीय वर्ष 2022-23, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 26.05.2022 (2) सी.एम.राइज स्कूल सौंसर, वित्तीय वर्ष 2022-23, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 26.05.2022 (3) सी.एम.राइज स्कूल गुरैया, वित्तीय वर्ष 2022-23, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 18.01.2023, (4) सी.एम.राइज स्कूल परासिया, वित्तीय वर्ष 2023-24, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 15.05.2023। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' अनुसार एवं भवन विकास निगम अंतर्गत सभी निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' अनुसार एवं भवन विकास निगम अंतर्गत सी.एम. राइज गुरैया एवं पांढुर्णा का कार्य फरवरी-मार्च 2025 और सी.एम. राइज परासिया एवं सौसर का कार्य मई-जून 2025 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। (घ) से (छ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 1403 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के चौरई एवं बिछुआ विकासखंड में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के प्रस्ताव विभाग में लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में उपकेन्द्र बनाने के प्रस्ताव है? (ग) कब तक कार्य प्रारम्भ हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के संचालन/संधारण संभाग, चौरई अंतर्गत चौरई एवं बिछुआ विकासखण्ड में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु कोई प्रस्ताव वर्तमान में विभाग/म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्तर पर लंबित नहीं हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे ग्रामों में दुर्घटनाओं की रोकथाम
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1406 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुम्बई आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर विधानसभा क्षेत्र कसरावद के बसे ग्रामों में दुर्घनाओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या इंतजाम किये गये हैं? जानकारी दें। (ख) ग्राम खलटांका मगरखेडी, निमरानी और सत्राटी में अभी तक कितनी दुर्घटनाएं घटित हुई है? क्या इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गति नियंत्रकों, संकेतक, यात्री प्रतीक्षालयों और बसहटों में स्ट्रीट लाइटो लगाने की मॉंग को लेकर ग्रामीणों द्वारा कब-कब पत्राचार, ज्ञापन और आंदोलन किए गए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा इन दुघर्टनाओं की रोकथाम को लेकर कब-कब पत्राचार किया गया? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मुम्बई आगरा रा.रा. मार्ग का आधिकारिक अधिपत्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास है। उनसे प्राप्त उत्तर जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के उत्तर अनुसार।
सेंधवा नगरीय क्षेत्र का सीमांकन एवं विकास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1411 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा नगरपालिका, परिषद का सीमांकन 1972 को हुआ था, उसके बाद सेंधवा शहर की जनसंख्या और सीमा बढ़ गई है। शासन नगरीय क्षेत्र सेंधवा की सीमा बढ़ाने की क्या कार्यवाही कर रहा है? (ख) सेंधवा नगरीय क्षेत्र की विकास योजना का कार्यकाल समाप्त हो गया है क्या शासन द्वारा सेंधवा क्षेत्र के लिए नई विकास योजना बनाने हेतु विभाग को आदेशित किया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में नगरपालिका परिषद सेंधवा में सीमा वृद्धि के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) नगरीय विकास एक सतत् प्रक्रिया है, विकास योजना के प्रस्ताव योजना कालावधि समाप्त होने के उपरांत भी विकास योजना पुर्नविलोकन एवं उपांतरण होने तक अथवा विकास योजना प्रस्तावों के संतृप्त होने तक प्रभावशील होते है। जी हाँ। भारत सरकार की अमृत 2.0 योजना की उपयोजना के अंतर्गत म.प्र. 38 नगरों की जी.आई.एस. आधारित विकास योजनाएं तैयार की जाना हैं, जिसमें सेंधवा नगर भी सम्मिलित है।
स्वीकृत एवं पूर्ण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1413 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में वर्ष 2021 से वर्तमान तक स्वीकृत कार्यों की विस्तृत जानकारी, कार्य का नाम, लागत एवं कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा की वरला तहसील में विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य पुलिया निर्माण बलवाडी धवली मार्ग ग्राम पंचायत खोकरी की वर्तमान स्थिति क्या है? यदि कार्य बंद है तो क्यो बंद है तथा कब तक यह कार्य पूर्ण हो जावेगा? समय-सीमा बतावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा की सेंधवा तहसील में ग्राम पंचायत नक्टीरानी में गोई नदी पर पुलिया निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? कार्य की स्वीकृति एवं डीपीआर उपलब्ध करावें। यदि कार्य स्वीकृत है तो कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ एवं 'अ-1' अनुसार है एवं सी.एम. राइज योजनान्तर्गत शा. कन्या उच्च मा. विद्यालय सेंधवा का निर्माण, लागत 2982.87 लाख, 73 प्रतिशत कार्य पूर्ण। (ख) बलवाडी धवली मार्ग ग्राम पंचायत खोकरी के पास पुल निर्माण कार्य प्रगति पर है बंद नहीं है। कार्य को मार्च 2025 तक पूर्ण करना लक्षित है। (ग) यह मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत है। महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई बड़वानी का पत्र दिनांक 07-12-2024 द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत नक्टीरानी में गोई नदी पर पुलिया निर्माण का कार्य वर्तमान में न ही किसी योजना में शामिल है न ही प्रस्तावित है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बायपास सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1414 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सेंधवा अंतर्गत सेंधवा-खेतिया मार्ग स्टेट हाईवे पर बायपास सड़क निर्माण की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो योजना से संबंधित डीपीआर, लागत एवं कार्य पूर्णता की समय-सीमा बतावें। (ख) सेंधवा से खेतिया मार्ग बायपास के लिए शासन द्वारा कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई? स्वीकृति आदेश सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या बड़वानी जिले के शहर सेंधवा- खेतिया मार्ग से निकलने वाले निवाली, पानसेमल, खेतिया, में बायपास निकालने के लिए शासन के पास प्रस्तावित कार्ययोजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हां, विधानसभा सेंधवा अंतर्गत सेंधवा खेतिया रा.रा. मार्ग 752 (जी) पर 04 बायपास (सेंधवा बायपास, निवाली बायपास, पानसेमल बायपास एवं खेतिया बायपास) सड़क निर्माण की कार्य योजना है। योजना से संबंधित डी.पी.आर. की लागत 602.24 करोड़ है प्रस्ताव में कार्य पूर्ण करने हेतु निर्माण अवधि 02 वर्ष प्रस्तावित है। (ख) सेंधवा से खेतिया मार्ग रा.रा. क्रं 752 (जी) के 02 लेन मय पैव शोल्डर (चार बायपास सहित) निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 602.24 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय के पत्र क्रमांक RW/NH/12014/4/2024/MP/ZONE-IV दिनांक 6.12.2024 द्वारा प्रदाय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
नगर पालिका परिषद की बैठकें, अंकेक्षण एवं भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1420 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत महिदपुर नगर पालिका परिषद में 10/08/2022 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 50 (1) 54 परिषद का साधारण सम्मेलन के एजेंडे की प्रतिलिपि एवं प्रत्येक आहूत बैठक धारा 62 में कार्यवाही की कार्यवृत्त पुस्तिका का संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) महिदपुर नगर पालिका परिषद नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 219 वार्षिक लेख धारा 220 अंकेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2022-2023 का संपूर्ण विवरण देवें। (ग) महिदपुर नगर पालिका परिषद नगर पालिका अधिनियम लेखा वित्त 2018 प्रारूप 31 नियम 111 प्रारूप 32 नियम 112 प्रारूप 33 नियम 112/1 प्रारूप 34 नियम 112/2 प्रारूप 35 नियम 113/1 प्रारूप 36 नियम 114 का लोक निर्माण शाखा व लेखा विभाग म.प्र. शासन की पठित धारा 355, 356 के अधीन कार्य किया जाकर भुगतान किया जा रहा है अथवा नहीं वर्ष 10/08/2022 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य एवं खरीदी की गई सामग्री प्रारूप 31, 32, 33, 34, 35, 36 के अंतर्गत संपूर्ण विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "एक" एवं "दो" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "तीन" अनुसार है। (ग) जी हाँ, वर्ष 10/08/2022 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "चार" अनुसार है तथा खरीदी की गई सामग्री की जानकारी प्रारूप 31, 32, 33, 34, 35, 36 में संधारित नहीं की जाती है।
पीडब्ल्यूडी की रोडों के समीप गैस पाइप लाइन
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 1421 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुजरात गैस लिमिटेड को लोक निर्माण विभाग सड़क, खाचरौद बायपास पर किसानों की जमीन पर कितने किलोमीटर गैस पाइप लाइन डालने की स्वीकृति किन शर्तो, समय-सीमा व नियमों के आधार पर दी गई है? नक्शा सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) सड़क के सेन्टर से नियम के अनुसार अगर पाइप लाइन डालने की अनुमति दी गई थी? तो वह कितनी दूर प्रति पाइप लाइन डालने की अनुमति दी गई? पाइप लाइन कितनी दूरी पर डाली गई? विवरण दें। (ग) गुजरात गैस लिमिटेड द्वारा किसानों की जमीन में पाइप लाइन डालने के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा किसानों की जमीन का नियमानुसार अधिग्रहण किया गया है या मुआवजा दिया गया है? यदि हाँ, तो किसान का नाम, गांव का नाम, सर्वे नम्बर सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (घ) गुजरात गैस लिमिटेड द्वारा ग्राम रामातलाई तह. खाचरौद में सीमेन्ट की सड़क को बीच में किस आधार पर तोड़ा गया और बीच सड़क में गैस पाइप लाइन किन नियमों के तहत डाली गई? विवरण दें। (ड.) खाचरौद बायपास से निकलने वाले प्रधानमंत्री रोडों पर मैनवल रोड कटिंग किस आधार पर की गई है? यदि मशीन द्वारा रोड काटा गया है? तो विवरण दें। (च) लोक निर्माण विभाग की विभिन्न प्रकार की रोडो के समीप गैस पाइप लाइन, पेयजल व सिंचाई योजना की पाइप लाइन डालने हेतु क्या नियम, निर्देश है? छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) गुजरात गैस लिमिटेड को लोक निर्माण विभाग सड़क, खाचरौद बायपास पर किसानों की जमीन पर नहीं बल्कि शासकीय भूमि पर पाईप लाईन डालने हेतु जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार स्वीकृति दी गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है।
सिहंस्थ 2028 के लिए प्रस्तावित योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 1425 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा सिंहस्थ पर्व वर्ष 2028 को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटकों श्रद्धालुओं के आवागमन से लेकर अन्य सुविधाओं को दिए जाने हेतु प्रारंभिक प्रस्तावित कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलोदा के द्वारा एवं जिला प्रशासन के द्वारा, साथ ही प्रश्नकर्ता द्वारा भी अनेक विभिन्न आवश्यकताओं के आवश्यक प्रस्ताव को सम्मिलित किये जाने का आग्रह किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रथम दृष्टया प्रारंभिक परीक्षण करते हुए उपरोक्त उल्लेखित निकायों के अंतर्गत कार्य योजना अनुसार कार्य किए जाने हेतु किन-किन कार्यों को प्राथमिकता दी जाकर सम्मिलित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा निर्धारित की जाकर बनाई गई कार्ययोजना में सम्मिलित कार्यों को प्राथमिकता अनुसार बजट में सम्मिलित करते हुए कब तक स्वीकृतियां दी जाएगी? संपूर्ण कार्य योजना से अवगत कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ/19-94/2024/1/4, दिनांक 27.11.2024 से सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत आवश्यक अधोसंरचना की कार्य योजना तैयार करने हेतु संभाग स्तरीय समिति का गठन किया गया है। नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलौदा द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षेत्रीय ग्रामीण मुख्य मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 1426 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्र होकर राजस्थान की सीमा से लगा एवं अत्यंत प्राचीन एवं सिद्ध स्थलों का आस्था व पर्यटन का केंद्र रखने वाला क्षेत्र है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतिम ग्राम मावता से रियावन-चिपिया-माऊखेड़ी-धामेडी-राकोदा- बडायला माताजी पहुंच मार्ग रतलाम जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है तथा ग्राम रियावन से व्हाया कंसेर-कालूखेड़ा पहुंच मार्ग भी महाविद्यालय, नवोदय विद्यालय एवं टप्पा तहसील होने से मुख्य आवश्यक मार्ग है? (ग) यदि हाँ, तो साथ ही ग्राम काकरवा से ग्राम मेहंदी-पिपलिया सिर-तरास्या-अकोली-गोंदीशंकर से मिंडा जी त्रिवेणी संगम पहुंच क्षेत्रीय आवश्यक महत्वपूर्ण मार्ग है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अंतर्गत उल्लेखित मार्ग ग्रामीण क्षेत्र के अंतिम ग्राम होकर अत्यधिक आवागमन के मुख्य मार्ग भी अनेक कारणों से है तो प्रश्नकर्ता द्वारा शासन/विभाग को निरंतर विभिन्न पत्रों के माध्यम से इनके निर्माण की स्वीकृति बजट में सम्मिलित किये जाने का आग्रह किया जा रहा है तो उपरोक्त उल्लेखित आवश्यक मार्गों को कब तक बजट में स्वीकृति दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। प्रश्नांकित मार्ग कच्चा है, जो विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है और न ही किसी भी योजना में स्वीकृत है। स्वीकृति हेतु बजटीय प्रक्रिया आवश्यक है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्वीकृत बजट की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
116. ( क्र. 1427 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदाय के उत्थान के लिए योजनाएं संचालित कर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाति हैं? (ख) उक्त विभाग हेतु निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कितना बजट स्वीकृत किया गया है? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदाय के किन-किन गांव में निवासरत बस्तियां हेतु प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए हैं इन प्रस्ताव पर स्वीकृतियां कब तक प्रदान की जाएगी? (घ) क्या पर्याप्त बजट के अभाव में इन समुदाय की बस्तियों में पर्याप्त विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं? क्या विभाग की बजट को बढ़ाने की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक विभाग के बजट को बढ़ाकर इन समुदाय की बस्तियों में विकास कार्य स्वीकृत किये जाएंगे? (ड.) क्या मंदसौर कालाखेत स्थित साठीया समुदाय के उत्थान एवं उनके सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी विभाग अंतर्गत है? यदि हाँ, तो बताएं कि उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने हेतु अभी तक क्या-क्या प्रयास किए गए हैं?
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ड.) जी, नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिभारित ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 1430 ) श्री विपीन जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3128 दिनांक 11.7.24 के बिंदु (ख) अनुसार 164 गांव एवं चार शहरी क्षेत्र में कुल 330 कम क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित होना बताया गया है। (ख) क़्या अतिभारित ट्रांसफार्मर की समस्या के निराकरण हेतु जिन 80 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य मेसर्स इस्पान कंपनी नई दिल्ली द्वारा कार्य पूर्ण कर लिया गया है? इन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना कहां-कहां की गई है? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ग) के अन्तर्गत एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत जिन 6 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 25 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य किये जा रहे हैं क्या वह पूर्ण हो गए हैं? अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना और क्षमता वृद्धि वाले ट्रांसफार्मर की सूची देवें। (घ) शेष 170 वितरण ट्रांसफार्मर जिनकी क्षमता वृद्धि किया जाना है क्या उनकी स्वीकृतियां प्राप्त हो गई हैं? यदि नहीं, तो बताएं कि उनकी स्वीकृतियां कब तक प्राप्त हो जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) संचा./संधा. संभाग मंदसौर में अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की समस्या के निराकरण हेतु आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में 80 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य स्वीकृत है एवं उक्त कार्य मेसर्स इस्पान इन्फ्रा स्ट्रक्चर प्रा.लि. कंपनी, नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 35 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी स्थानवार सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शेष 45 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य, कार्यादेश की शर्तों के अनुसार दिनांक 17.02.2025 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ग) जी हाँ। एस.एस.टी.डी. योजना के तहत संचा./संधा. संभाग मंदसौर अन्तर्गत स्थापित किये गए प्रश्नांश में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों की सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष 170 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉडर्नाईजेशन के तहत प्रस्तावित करते हुए कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। वर्तमान में उक्त कार्य योजना की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
व्यय राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 1433 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय प्रशासन विकास के मुख्य अभियंता ने नगर पालिका नीमच में मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत दिनांक 17.05.2023 को अपने पत्र क्रमांक 5592 के माध्यम से खेल स्टेडियम निर्माण हेतु 300 करोड़ तथा पत्र क्रमांक 1385 दिनांक 07.02.2023 को नीमच सिटी सावरिया जी के मंदिर के समीप नाले पर सौंदर्यीकरण हेतु 350 करोड़ की राशि विभाग द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण रहे? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त दोनों कार्यों पर प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि खर्च की जा चुकी है, इसके एवज में कुल कितना कार्य किया गया, इसका भौतिक सत्यापन नगर पालिका के किस सक्षम अधिकारी या उच्च अधिकारी ने किया? अधिकारी के नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्या उक्त दोनों कार्यों में ठेकेदार द्वारा टेंडर स्वीकृति के पश्चात कोई संतोषजनक कार्य नहीं किया गया? इसको लेकर विभाग ने कब-कब, किस-किस दिनांक को शोकाज नोटिस जारी किए? लगातार कार्य नहीं करने पर ठेकेदार का अनुबंध निरस्त क्यों नहीं किया गया? (घ) उक्त कार्यों के लिए नीमच नगरपालिका की अनदेखी के लिए क्या एजेंसी परिवर्तित कर उक्त कार्यों को अन्य एजेंसी को दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं अपितु नगर पालिका परिषद नीमच को मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजनांतर्गत खेल स्टेडियम हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास का पत्र क्र. 81 दिनांक 28.02.2023 से रु. 90.00 लाख एवं पत्र क. 150 दिनांक 29.03.2023 से रु. 210.00 लाख कुल रु. 300.00 लाख तथा सावरिया जी के मंदिर के समीप नाले के सौंदर्यीकरण कार्य हेतु पत्र क्र. 1005 दिनाक 27.01.2023 से रु. 100.00 लाख एवं पत्र क. 81 दिनांक 28.02.2023 से रु. 250.00 लाख कुल रु. 350.00 लाख जारी किये गये खेल स्टेडियम हेतु चार बार निविदाये आमंत्रित की गई, जिसमें प्रथम एवं द्वितीय निविदा में किसी निविदाकार द्वारा भाग नहीं लिया गया। तृतीय निविदा में दोनों निविदाकार अपात्र होने से पुनः निविदा आमंत्रित की गई। चतुर्थ निविदा में निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर दिनांक 01.06.2023 को कार्यादेश जारी किया गया। जिसकी समयावधि 11 माह थी। खेल के स्वीकृत प्लान पर नगर पालिका अध्यक्ष एवं जनप्रतिनिधियों से चर्चा उपरांत सर्वसुविधायुक्त इंडोर स्टेडियम तैयार करने हेतु नवीन प्लान तैयार किया गया, जिसकी स्ट्रक्चरल डिजाईन अनुमोदन, पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति तथा स्थल पर अतिक्रमण हटाने के कारण कार्य में विलंब हुआ। दिनांक 27.11.2024 से कार्य प्रारम्भ है। सांवरिया जी के मंदिर के समीप नाले के सौंदर्यीकरण कार्य हेतु निविदा दिनांक 30.05.2022 को जारी की जाकर दिनांक 06.04.2023 को कार्यादेश जारी किया गया। कार्य की समयावधि 11 माह थी। स्थल पर शासकीय भूमि अधिग्रहण, कार्य की स्ट्रक्चरल डिजाईन का शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से अनुमोदन तथा अनुमोदन अनुसार पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने तथा वर्षाकाल में कार्य अवरुद्ध होने से कार्य में विलम्ब हुआ। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। (ख) कोई राशि व्यय नहीं की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, दोनों कार्यों में निकाय स्तर पर कार्यवाही पूर्ण न होने से कार्य में विलंब हुआ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
जमीन पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1434 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में पीडब्ल्यूडी विभाग की भूमि और भूखंड पर किन व्यक्तियों या संस्थाओं आदि द्वारा अतिक्रमण किया गया है और अवैध निर्माण किए गए हैं? कितने भूखंड/प्रकोष्ठ कितनी राशि में विक्रय/लीज पर दिए गए हैं? क्या विभाग अपनी भूमि और उस पर बने अवैध भवन को किराये पर दे सकता है? किराया किस नियम के अनुसार तय किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या इस प्रकार भूमि को किराए पर दिया जा सकता है? किराए पर देने के लिए किस व्यक्ति ने आपत्ति/आवेदन प्रस्तुत किया है और इस संबंध में किस प्रकार की जांच की जा रही है? प्रतिवेदनों की प्रतियां दें। (ग) विभाग की भूमि पर कितने वर्षों से इस तरह से अतिक्रमण और अवैध निर्माण किया गया है? अवैध निर्माण तोड़ने, कब्जा लेने और एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या प्रदेश में विभाग के अधीन संचालित विभिन्न विश्राम गृहों को पीपीपी मॉडल के तहत देने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कृपया अवगत कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ग) लगभग 20 वर्षों से अतिक्रमण और अवैध निर्माण कार्य किया गया है। अतिक्रमण कर अवैध निर्माण हेतु उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में प्रकरण विचाराधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग के अधीन संचालित विभिन्न विश्राम गृहों को पीपीपी मॉडल के तहत देने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है।
भाण्डेर में ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 1440 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले की भाण्डेर तहसील में अनुसूचित जाति के किसान श्री शिशुपाल जाटव निवासी ग्राम स्योरा व श्री शिवनारायण पुत्र श्री हरजू जाटव निवासी हरदेई तथा श्री काशीराम जाटव निवासी ग्राम कड़रा से विद्युत ठेकेदार द्वारा प्रत्येक किसान से एक लाख बीस हजार रूपये लेकर खेतों पर लाईन खड़ी कर ट्रान्सफार्मर स्थापित किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन किसानों को नियमित विद्युत कनेक्शन स्वीकृत किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या विद्युत ठेकेदारों द्वारा एक वर्ष पूर्व किसानों को विद्युत कनेक्शन स्वीकृत कराने हेतु विद्युत लाईन खड़ी की थी, यदि हाँ, तो क्या बिना कार्य आदेश के लाईन खड़ी करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, दतिया जिले की भाण्डेर तहसील में किसान श्री शिशुपाल निवासी ग्राम स्योरा, श्री शिवनारायण पुत्र श्री हरजू निवासी ग्राम हरदेई तथा श्री काशीराम पुत्र धरम निवासी ग्राम कडरा द्वारा विद्युत ठेकेदार को खेतों में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिये राशि दिये जाने संबंधी जानकारी म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। ''स्वयं का ट्रांसफार्मर'' योजनांतर्गत ठेकेदार चयन एवं ठेकेदार को भुगतान की कार्यवाही कृषक (स्वयं) के द्वारा किये जाने का प्रावधान है, जिसमें म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का हस्तक्षेप नहीं रहता है। इन किसानों के यहाँ प्रश्न दिनांक तक कोई विद्युत लाईन अथवा वितरण ट्रांसफार्मर मौके पर स्थापित नहीं पाया गया है। किन्तु इन तीनों कृषकों द्वारा नियमानुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ''डिपोजिट सुपरविजन पोर्टल'' (डी.एस.पी.) पर ''स्वयं का ट्रांसफार्मर'' (ओ.वाय.टी.) योजनांतर्गत ऑनलाईन आवेदन किये गये है, जो क्रमश: आवेदन क्रमांक SV1718712255488 (दिनांक 01.08.2024), SV1732096360798 (दिनांक 20.11.2024) तथा SV1730276051344 (दिनांक 06.11.2024) पर पंजीबद्ध किये गये हैं। उक्त आवेदनों को ऑनलाईन प्रक्रिया के तहत संबंधित क्षेत्र के वितरण केन्द्र प्रभारी द्वारा दिनांक 25.11.2024 को स्वीकार करते हुए, दिनांक 01.12.2024 को पोर्टल पर ऑनलाईन मांग पत्र जारी कर दिया गया है। संबंधित कृषकों द्वारा मांग पत्र अनुसार राशि जमा किये जाने के उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार संबंधित कृषकों द्वारा मांग पत्र अनुसार ऑनलाईन राशि जमा किये जाने के उपरांत, प्रकरणों में आगामी कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगी। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 01 वर्ष पूर्व संबंधित कृषकों के यहॉ बिना कार्यादेश के विद्युत लाईन स्थापित करने संबंधी जानकारी म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है एवं मौका स्थल पर इस प्रयोजन हेतु कोई विद्युत लाईन स्थापित होना नहीं पाई गई है, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर परिषद में नियम विरूद्ध कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 1441 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले के अंतर्गत नागदा नगर पालिका परिषद में मध्य प्रदेश लेखा वित्त नियम 2018 प्रारूप 31 नियम 111 प्रारूप 32 नियम 112 प्रारूप 33 नियम 112/1 प्रारूप 34 नियम 112/2 प्रारूप 35 नियम 113/1 प्रारूप 36 नियम 114 का विधायी संबंधी लेखा विभाग में पालन हो रहा है अथवा नहीं? (ख) क्या नागदा नगर पालिका परिषद का साधारण सम्मेलन 08.08.2024 को आहूत किया गया, जानकारी दें? (ग) क्या नगर परिषद में रखे प्रस्ताव गिर गए ऐसी दशा में प्रेसिडेंट इन काउंसिल से विभागीय समिति के सदस्य के माध्यम से 40-40 लाख के कार्य नागदा नगर पालिका द्वारा किये जा रहे है, जबकि धारा 70 और 71 की विभागीय समिति से परिषद के 21 पार्षदों में त्याग पत्र दे दिया ऐसी दशा में प्रेसिडेंट एंड काउंसिल से प्रस्ताव पास किये जा रहे हैं जो मध्य प्रदेश शासन की पठित धारा 355 और 356 के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है अतः अध्यक्षा, सीएमओ द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है क्या विभाग उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) (1) जी हाँ, परिषद का साधारण सम्मेलन दिनांक 08/08/2024 को आहूत किया गया था, जिसमें बहुमत के आधार पर प्रस्ताव अस्वीकृत किये गये थे। (2) म.प्र. नगर पालिका लेखा नियम, 2018 के संशोधित नियम 237 एवं 239 (म.प्र. राजपत्र असाधारण क्र. 260 दिनांक 22/08/2023) अनुसार रूपये दस लाख से अधिक परन्तु रूपये चालीस लाख से अधिक नहीं की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार प्रेसीडेंट इन कांउसिल में निहित होने से प्रस्ताव स्वीकृत होने पर कार्य किया जा रहा है। (3) म.प्र.न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 70 के अधीन पी.आई.सी. का गठन अध्यक्ष द्वारा किया जाता है तथा पी.आई.सी. के सदस्य अध्यक्ष के प्रसाद पर्यन्त ही सदस्य बने रहते है। (4) म.प्र.न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 71 के प्रावधानों अनुसार अध्यक्ष द्वारा सलाहकार समिति का गठन किया जाता है। वर्तमान में नगर पालिका नागदा की गठित 7 सलाहकार समितियों के 21 सदस्यों द्वारा समिति से अपना त्याग पत्र दिया गया है। उक्त सभी त्याग पत्र माननीय अध्यक्षा नगर पालिका परिषद द्वारा अस्वीकार किये गये है। (5) म.प्र.न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 80 में प्रावधान है कि:- रिक्ति आदि कि कारण कार्यवाहियों का अविधिमान्य न होना परिषद या उसकी किसी भी समिति का कोई भी कार्य या कार्यवाही केवल इस कारण अविधिमान्य नहीं होगा कि यथास्थिति, परिषद या समिति में कोई रिक्त है या उसके गठन में कोई त्रुटि है। तदानुसार नगर पालिका नागदा जिला उज्जैन द्वारा म.प्र.न.पा. लेखा नियम 2018 के संशोधित नियम 237 एवं 239 के तहत पी.आई.सी. द्वारा किये गये कार्य नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों तथा उपबद्धों के तहत होकर विधि अनुरूप है। नगर पालिका अधिनियम की धारा 355 और 356 के उल्लंघन का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
भोपाल की प्रोफेसर कॉलोनी में पुर्नघनत्वीकरण योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 1448 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल की प्रोफेसर कॉलोनी में कलेक्टर/एस.पी. भोपाल सहित कई अन्य कार्यालयों के लिये जगह चिंहित कर ली गई है? क्या उक्त भवनों (नये) के निर्माण में कुल कितने पेड़ काटे जायेंगे? कुल कितने पेड़ शिफ्ट किये जायेंगे? (ख) क्या पुराने आवासों को तोड़कर नई हाई राईज बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव है? पूरी योजना की एक प्रति दें। कौन-कौन से क्रमांकों के पुराने क्वार्टर तोड़े जायेंगे? सूची दें। (ग) क्या पुराने रविन्द्र भवन को भी तोड़े जाने का प्रस्ताव है? उसकी जगह खाली रखी जायेगी या अन्य कोई नया निर्माण किया जायेगा? योजना की जानकारी दें। (घ) पुराने रहवासियों (प्रोफेसर कॉलोनी में निजी आवासों में रहने वाले लोग) भूमि/भवन भी क्या शासन अधिग्रहित करने की योजना बना रही है? अगर हाँ तो क्या? योजना की एक प्रति उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। स्थल पर कार्य की आवश्यकतानुसार 110 पेड़ काटे जावेगें एवं परियोजना अंतर्गत 1000 पेड़ रोपे जावेगें। 90 वृक्षों को शिफ्ट करने का योजना में प्रावधान है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 1450 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने ट्रांसफार्मर 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए., 100 के.व्ही.ए. से 200 के.व्ही.ए. 200 के.व्ही.ए. से 315 के.व्ही.ए. किन-किन योजनाओं के तहत क्षमता वृद्धि की गई? कुल ट्रांसफार्मरों की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) ट्रासंफार्मर ओवर लोड होने के पश्चात भी उनकी क्षमता में वृद्धि नहीं हो पाने का क्या कारण है? स्पष्ट करें। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश विद्युत वितरण ट्रासंफार्मर खस्ता बदहाल अवस्था में पहुँच चुके है, इन्हें बदलने एवं शहर व ग्रामीण क्षेत्र में नए वितरण ट्रांसफार्मर पर्याप्त क्षमता के उपलब्ध कराने के शासन के क्या नियम निर्देश क्या हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वार्षिक कार्य योजना के अंतर्गत 25 के.व्ही.ए. के 14 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 63 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर, 63 के.व्ही.ए. के 10 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 100 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर, 100 के.व्ही.ए. के 5 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 200 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर एवं 200 के.व्ही.ए. के 01 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि 315 के.व्ही.ए. का ट्रांसफार्मर लगाकर की गई है। इस प्रकार से केवलारी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 30 विद्युत ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है। (ख) वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड (अतिभारित) नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 2329 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिनसे क्षेत्र को नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों का नियमानुसार रख-रखाव किया जाता है एवं स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने अथवा फेल होने की स्थिति में नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर (फेल ट्रांसफार्मर पर कुल बकाया का 10 प्रतिशत अथवा ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर) निर्धारित समय-सीमा (जोकि शहरी क्षेत्रों हेतु अधिकतम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिन तथा वर्षा ऋतु में माह जुलाई से सितम्बर, तक 7 दिन है) में बदले जाते हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमतावृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जोकि एक सतत् प्रक्रिया है।
बसाहट ग्राम के पास कूडा निष्पादन केन्द्र में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 1451 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकाय नगर परिषद केवलारी के वार्ड क्र. 07 पनवास में किस नियम के तहत ग्रामवासियों के बिना सहमति के पटवारी हल्का नं. 17 के खसरा क्र. 52/2 में कूड़ा निष्पादन केन्द्र बनाया गया जबकि उक्त स्थान बसाहट ग्राम से लगभग 400 मीटर की दूरी है? क्या बसाहट ग्राम के पास ही कूड़ा निष्पादन केन्द्र बनाये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या ग्रामवासियों द्वारा पत्र के माध्यम से आपत्ति दर्ज कराये जाने उपरांत भी नगरीय प्रशासन द्वारा उक्त भूमि में कूड़ा निष्पादन केन्द्र बनाया गया एवं शासकीय भूमि को सार्वजनिक प्रयोग शोंचादि एवं आम निस्तार के नाम पर नगरीय निकाय के नाम से पंजीबद्ध किया गया? (ग) बसाहट ग्राम पनवास के पास कूड़ा निष्पादन केन्द्र खोले जाने से ग्रामवासियों के स्वास्थ्य में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है एवं दूषित हवा, पानी एवं अपशिष्ट पदार्थों के सेवन से ग्राम के मवेशियों को बीमारी हो रही है जिसके कारण उनकी मृत्यु हो रही है? इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या नगरीय प्रशासन उक्त स्थान से कूड़ा निष्पादन केन्द्र बंद कर अन्यत्र स्थान में कूड़ा निष्पादन केन्द्र बनाये जाने हेतु कार्य करेगा? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद केवलारी के वार्ड क्र. 07 में कचरा डम्प साईट हेतु शासकीय भूमि की मांग हेतु प्रशासक की बैठक दिनांक 03/06/2021 के प्रस्ताव क्र. 05 द्वारा प्रस्ताव कलेक्टर सिवनी को भेजा गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार न्यायालय कलेक्टर सिवनी के प्रकरण क्र. 0002/अ 20 (5) 2023-24 द्वारा ग्राम पनवास प.ह.नं.-17 रा.नि.म. केवलारी में स्थित शासकीय भूमि खसरा नं. 52 कुल रकबा 7.28 हैं, में से 5.28 हे. शासकीय भूमि कचरा डम्प हेतु शासन मापदण्डों के अनुरूप निकाय को प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार यह कचरा डम्प साईट कूडा निष्पादन केन्द्र बसाहट ग्राम के पास न होकर लगभग 400 मी. की दूरी पर नगर परिषद की सीमा में स्थित है। (ख) जी हाँ। ग्रामवासियों द्वारा मौखिक अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई गयी थी। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा डम्प साईट में सेग्रिकेशन मशीन लगाकर कचरे का उचित निष्पादन किए जाने का निर्णय लिया गया था। निकाय द्वारा एम.आर.एफ. केन्द्र में मशीन लगाये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमानक स्तर की सामग्री
[ऊर्जा]
125. ( क्र. 1455 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में उप महाप्रबंधक दक्षिण संभाग श्योपुर का कार्यभार कौन देख रहे हैं? इनके द्वारा उप महाप्रबंधक का उच्च वेतनमान लिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो किस नियम के तहत इन्हें उप महाप्रबंधक का प्रभार दिया गया है? (ख) क्या दिनांक 24.01.24 को प्रबंधक संचालक भोपाल द्वारा उप महाप्रबंधक दक्षिण संभाग श्योपुर को कार्य में अनियमितता के कारण दण्डित करते हुये प्रबंधक के न्यूनतम वेतनमान पर दण्डित किया गया था अथवा नहीं? यदि किया गया था तो किस नियम के तहत इन्हें पुनः उप महाप्रबंधक का कार्यभार देखने हेतु निर्देशित किया गया? (ग) इनके द्वारा कॉलोनी विद्युतीकरण के कार्यों में बिना टी. एंड सी. पी. अप्रूवल के ठेकदारों से मिलीभगत कर कॉलोनी विद्युतीकरण के कार्य करवाए जा रहे हैं एवं उनमें कुछ शासकीय सामग्री का उपयोग किया जा रहा हैं एवं कुछ अमानक स्तर का सामान उपयोग किया जा रहा हैं, उदाहरण के तौर पर श्योपुर जिले की 1. तिरुपति नगर 2. जवाहर नगर 3. सवारियां सेठ 4. हरिपुरम कॉलोनी की जांच कराए एवं शासकीय एवं अमानक स्तर की सामग्री पाए जाने पर उक्त अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में श्री कमलकांत सिंह, प्रबंधक, उप महाप्रबंधक (संचा./संधा.) संभाग दक्षिण श्योपुर का कार्य देख रहे है। इनके द्वारा उच्च वेतनमान का लाभ नहीं लिया गया है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मंडल द्वारा स्वीकृत डेलीगेशन ऑफ पावर पुस्तिका में प्रबंध संचालक को प्रदत्त अधिकार एवं ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत अधिकारियों की कमी होने के कारण प्रशासनिक दृष्टि से अस्थाई आधार पर इनको उप महाप्रबंधक संचा./संधा. संभाग दक्षिण श्योपुर का कार्य भार देखने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के आदेश क्रमांक एमडी/एमके/01/स्था./डीजीएम एचआर-1/161 दिनांक 24.01.2024 से प्रबंध संचालक, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा उप महाप्रबंधक संचा./संधा. संभाग दक्षिण श्योपुर को कार्य में अनियमितता के कारण दण्डित करते हुये उप महाप्रबंधक का चालू प्रभार हटाते हुये प्रबंधक के मूल पद पर संचा./संधा. संभाग दक्षिण श्योपुर कार्यालय में पदस्थ किया गया था। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार इनको उप महाप्रबंधक संचा./संधा. संभाग दक्षिण श्योपुर का कार्य भार देखने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि संचा./संधा. संभाग दक्षिण श्योपुर के अंतर्गत कॉलोनी विद्युतीकरण के कार्यों में बिना टी. एण्ड सी. पी. अप्रूवल के विद्युतीकरण कार्य कराये जा रहे हैं एवं उनमें कुछ शासकीय सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत तिरूपति नगर, जवाहर नगर एवं हरिपुरम कॉलोनी के विद्युतीकरण कार्यों को नियमानुसार टी. एण्ड सी. पी. सें अनुमोदित नक्शों के आधार पर ही स्वीकृत किया गया है तथा सवारियां सेठ, जिसे मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्योपुर द्वारा उनके पत्र क्रमांक 4723 दिनांक 06-12-2023 से अवैध घोषित किया गया है, के विद्युतीकरण का प्राक्कलन मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के विनियमन आर.जी.- 31 (ii) 2022 की कण्डिका क्रमांक 4.6 के विभिन्न खण्डों में निहित प्रावधानों के तहत स्वीकृत किया गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित कुछ अमानक स्तर का सामान उपयोग किये जाने के संबंध में महाप्रबंधक श्योपुर द्वारा पत्र दिनांक 28.11.2024 के माध्यम से जाँच कमेटी गठित कर जाँच कराई गई है। जाँच रिपोर्ट के अनुसार मौका स्थल पर अमानक स्तर की साम्रगी का उपयोग नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत कनेक्शन एवं ट्रांसफार्मर रखने की पात्रता
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 1456 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों को स्थाई विद्युत कनेक्शन की पात्रता लेने हेतु क्या-क्या अर्हताएं व शर्तें निर्धारित हैं? (ख) क्या किसानों को स्थाई विद्युत कनेक्शन देने हेतु शासन की ओर से विद्युत लाइन व ट्रांसफार्मर की उपलब्धता संबंधी कोई अर्हताएं/मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ग) क्या किसानों को अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेने के लिये के लिये भी कोई पात्रता शर्ते एवं मापदण्ड निर्धारित है? (घ) सागर जिले की बण्डा एवं शाहगढ़ तहसील में अस्थाई एवं स्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु क्या-क्या शुल्क एवं किसान को सामग्री क्रय करना निर्धारित है? (ड.) किसानों को अस्थाई एवं स्थाई कनेक्शन पर बिजली किस दर पर दी जा रही है? (च) क्या किसानों को कृषि कार्य हेतु स्थाई कनेक्शन लेने के लिये स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर रखवाने हेतु बाध्य किया जा सकता है? (छ) क्या कृषि कार्य हेतु आवश्यकता अनुसार किसानों की मांग पर लाइन विस्तारण एवं ट्रांसफार्मर रखवाने का कार्य विद्युत विभाग द्वारा व्यय पर करवाये जाने का कोई प्रावधान है? (ज) क्या कृषि कार्य हेतु किसानों को ट्रांसफार्मर रखने के लिये शासन स्तर से कोई योजना प्रचलन में है? अगर है तो उसमें क्या प्रावधान हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) किसानों को स्थाई विद्युत कनेक्शन लेने हेतु मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-4 की कंडिका 4.15 के अनुसार आवेदक की पहचान का प्रमाण एवं परिसर/भूमि का प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक है एवं कंडिका-4.40 के दिए गए प्रावधानों के अनुरूप विद्युत लाइन अद्योसंरचना की उपलब्धता संबंधी शर्तें हैं। उक्त कंडिकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में कृषकों को सिंचाई के लिए स्थायी कृषि पम्प विद्युत कनेक्शन लेने एवं अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शनों में परिवर्तित करने के लिए ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' प्रचलन में है, जिसके तहत कृषक/कृषकों के समूह, जो 3 हॉर्स पावर या उससे अधिक क्षमता के स्थायी कृषि पंप कनेक्शन लेना चाहते हैं, से प्राप्त आवेदनों का योजना के प्रावधानों के अनुरूप परीक्षण कर तकनीकी साध्यता अनुसार प्राक्कलन तैयार किये जाते हैं। योजनान्तर्गत विद्यमान अद्योसंरचना से 200 मीटर की अधिकतम दूरी तक 11 के.व्ही. लाइन विस्तार एवं वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य किये जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार प्रावधानित कार्य अनुसार स्वीकृत प्राक्कलन की राशि में से 50 प्रतिशत कृषक अथवा कृषक समूह द्वारा, 40 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में तथा 10 प्रतिशत संबंधित वितरण कंपनी द्वारा वहन की जायेगी। उक्त योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) किसानों को अस्थाई विद्युत कनेक्शन, मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-4 की कंडिका- (ड.) 4.53 अनुसार दिये जाते हैं। उक्त कंडि़का की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कृषक को स्थाई पंप कनेक्शन (जहां लाइन विस्तार की आवश्यकता नहीं है) हेतु आवेदकों से रजिस्ट्रेशन शुल्क रू. 2500, सुरक्षा राशि रू. 200 प्रति हार्सपावर, अनुबंध राशि रू. 501 शुल्क देय हैं तथा जिन स्थानों पर लाइन विस्तार के कार्य की आवश्यकता होती है, वहाँ कृषक द्वारा जमा योजना, मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना एवं स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अंतर्गत कार्य कराकर नियमानुसार स्थाई विद्युत पंप कनेक्शन प्राप्त कर सकता है। अस्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। साथ ही कृषकों को आवश्यकता अनुरूप सर्विस लाइन उपलब्ध कराना होता है। (ड.) कृषकों को स्थाई/अस्थाई कनेक्शन पर देय दरों एवं उक्त दरों पर राज्य शासन द्वारा दी जा रही सब्सिडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (च) जी नहीं। (छ) एवं (ज) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखानुसार वर्तमान में ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' प्रचलन में है।
सौर ऊर्जा प्रोत्साहन हेतु योजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
127. ( क्र. 1457 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन में प्रोत्साहन हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है? यदि हाँ, तो योजनावार जानकारी दें। (ख) क्या इन योजनाओं के अन्तर्गत कृषि कार्य हेतु कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) क्या किसानों को लाभांवित किये जाने हेतु अनुदान दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) क्या शासन द्वारा प्रदेश की नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों सहित विभिन्न शासकीय संस्थाओं/कार्यालयों में बिजली हेतु सौर ऊर्जा उपकरणों की स्थापना हेतु किसी प्रकार की अनुदान योजना लागू की गई है या नही? यदि कोई योजना प्रस्तावित है तो जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन में प्रोत्साहन हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। योजनाओं से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री कुसुम-'ब' योजना अंतर्गत सोलर पंप का प्रावधान है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रधानमंत्री कुसुम-'ब' एवं 'स' योजना अंतर्गत किसानों को लाभान्वित किये जाने हेतु अनुदान दिये जाने का प्रावधान है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रदेश की नगरीय निकायों एवं ग्राम पंयायतों सहित विभिन्न शासकीय संस्थाओं/कार्यालयों में बिजली हेतु सौर ऊर्जा उपकरणों की स्थापना हेतु सौर रूफटॉप कार्यक्रम के अंतर्गत कोई अनुदान योजना प्रस्तावित नहीं है।
असुरक्षित विद्युत लाइनों व ट्रांसफार्मर की जानकारी
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 1458 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र बंडा में कितने आवासों के ऊपर से 11के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. लाइन गुजर रही है? (ख) बंडा विधानसभा अंतर्गत कितने स्कूल व अन्य सरकारी परिसर हैं जिनके अंदर अथवा अत्याधिक निकट विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित है? (ग) बंडा विधानसभा अंतर्गत कितने स्कूल व अन्य सरकारी परिसर हैं जिनसे होकर तय मापदण्ड से कम ऊंचाई से विद्युत लाइन के तार गुजर रहे हैं? (घ) वर्ष 2024 में कितने स्कूलों एवं शासकीय भवनों व निजी आवासों से निकलने वाली लाइन व ट्रांसफार्मर को सुरक्षित स्तर पर शिफ्ट किया गया है? पृथक-पृथक सूची प्रदान करें। (ड.) क्या निर्देश के बावजूद इस कार्य में विलम्ब होने का कारण व जिम्मेदार अधिकारी की जानकारी प्रदान की जा सकती है? (च) क्या सार्वजनिक स्थल, रास्तों, सार्वजनिक भवनों से लाइन, पोल एवं ट्रांसफार्मर को विभाग के व्यय पर शिफ्ट करने के संबंध में नियत नियम व प्रावधानों की जानकारी उपलब्ध करवाई जावेगी? (छ) आबादी के अंदर मेन्टेनेंस के नाम पर वृक्षों की छटाई से निकलने वाले कचरे को उठाने की जिम्मेदारी किसकी है, इस संबंध में नियत प्रावधान व जिम्मेदार अधिकारी के संबंध में जानकारी देंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में उपलब्ध दस्तावेजों अनुसार नगरीय क्षेत्र बण्डा अंतर्गत लगभग 42 आवासों के ऊपर अथवा समीप से, पूर्व से स्थापित 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. विद्युत लाइनें गुजर रही हैं। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधोसंरचना यथा- पोल, वितरण ट्रांसफार्मर, निम्नदाब लाइन, 11 के.व्ही./33 के.व्ही. लाइनों की स्थापना करते समय निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है। पूर्व से विद्यमान 33 एवं 11 के.व्ही./निम्नदाब विद्युत लाइनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों/भवनों का निर्माण/विस्तार किया जाना, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम -2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत लाइनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। (ख) एवं (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 7 स्कूल एवं अन्य शासकीय परिसर हैं, जिनके अन्दर अथवा निकट, निर्धारित सुरक्षित दूरी पर वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं एवं जिनके परिसरों से निर्धारित सुरक्षा मानकों से कम ऊंचाई से विद्युत लाइनों के तार गुजर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार विद्युत अधोसंरचना की स्थापना करते समय निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्णरूप से ध्यान रखा जाता है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में स्कूलों, शासकीय भवनों एवं निजी आवासों के समीप से निकलने वाली विद्युत लाइनों/अद्योसंरचना को शिफ्ट किये जाने संबंधी जानकारी निरंक है। (ड.) एवं (च) केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाइनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाइन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक/अन्य संबंधित संस्थाओं (सड़क निर्माण/विस्तारीकरण से संबंधित संस्थाएं तथा नगरीय निकाय) द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाइन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कम्पनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाइनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर विद्युत लाइन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है। विद्युत लाइनों के विस्थापन हेतु भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुरूप वितरण कंपनियों द्वारा कार्यवाही की जाती है। उक्त वैधानिक प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन उल्लेखित विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन का कार्य विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं। साथ ही संबंधितों से लाइन शिफ्टिंग के कार्य किये जाने हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। अत: उपरोक्तानुसार नियमों के अनुरूप की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में लाइन शिफ्टिंग के कार्य में विलंब होने के कारण किसी की जिम्मेदारी तय करने का प्रश्न नहीं उठता। (छ) आबादी क्षेत्र के अंदर विद्युत अद्योसंरचना के मेन्टेनेन्स के दौरान वृक्षों की न्यूनतम छटाई की जाती है, जिसमें बहुत ही कम लकड़ी तथा पत्तियों को काटा जाता है, जिसे संबंधित परिसर के मालिक के स्वामित्व में ही छोड़ दिया जाता है। इस हेतु पृथक से कोई नियत प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 1461 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नवीन सड़कें स्वीकृत हुई? किस-किस सड़क के मरम्मत कार्य स्वीकृत हुए? कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो गए एवं कितने कार्य अपूर्ण है? कितनी सड़कों पर कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितने कार्य समय-सीमा में प्रारंभ नहीं हो पाए हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ को जोड़ने वाली निर्माणाधीन नवीन सड़कें एवं छ: माह पूर्व पूर्ण हो चुकी सड़कें एवं मरम्मत कार्य किए जाने वाली सभी सड़कों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में विभाग द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया एवं निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री के क्या परीक्षण किए गए? परीक्षण उपरांत उपयोग में लाई गई कौन-कौन सी सामग्री गुणवत्ताहीन पाई गई उस पर विभागीय अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के नवीन सड़कों के एवं मरम्मत किए जाने वाली सड़कों के प्रस्ताव किस-किस स्तर पर वर्तमान में लंबित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स-1' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'द' अनुसार है।
मंडला जिले के कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 1464 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए हैं? कार्य की लागत पूर्णता अपूर्णता की स्तिथि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) विकासखंड बिछिया के ग्राम करियागांव के चिकनिया नाले में पुलिया निर्माण की स्वीकृति कब दी गई है? स्वीकृति संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं? इसकी स्वीकृति की मांग हेतु वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किनके-किनके द्वारा विभाग, विभागीय मंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिखे गए, समस्त पत्रों की प्रति उपलब्ध कराएं? इस कार्य को कब तक प्रारम्भ किया जायेगा, निश्चित समय अवधि बतावें? (ग) क्या प्रदेश के नक्सल गतिविधियों के लिए संवेदनशील क्षेत्रों के लिए 220 सड़कों के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? (घ) विशेष केंद्रीय सहायता मद से मंडला जिले के लिए वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति मिली है, इन कार्यों की वर्तमान स्तिथि की जानकारी प्रदान करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नांश ''ख'' में कार्य की स्वीकृति दि. 21.10.2024 द्वारा दी गई। प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। स्वीकृति हेतु लिखे गये पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वर्तमान में कार्य की निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नही। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विभाग संबंधित कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 1467 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग (सड़क एवं पी.आई.यू.) समस्त कार्यालयों के अंतर्गत विगत 05 वित्तीय वर्षों में किस-किस मद से कौन-कौन से कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि शासन से आवंटित हुई? आवंटित राशि में कौन-कौन से कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को निविदा प्रदान की गई? उक्त कार्य किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की अनुशंसा पर स्वीकृत किये गये? (ख) समस्त बालाघाट जिले में विभाग द्वारा विगत 5 वित्तीय वर्षों से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से किस-किस कार्य हेतु राशि प्राप्त हुई तथा कितने कार्यों कि निविदा प्रक्रिया कराई गई एवं कितने कार्यों को बिना निविदा प्रक्रिया के कराए जा रहे हैं समस्त कार्यों के कार्यादेश कि प्रति, किये गए भुगतान की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) समस्त बालाघाट जिले में कौन-कौन से कार्यालय में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है? कुल स्वीकृत पद कितने हैं? क्या बहुत सारे लोकसेवक अपनी मूल पदस्थापना से अलग अन्यत्र कार्यरत है। उन्हें किस आधार पर संलग्न किया गया है? आदेशों के प्रति बतावें साथ ही कार्यपालन यांत्रिक पीडब्ल्यूडी के विगत 3 वर्षों में जिले में भ्रमण की तिथि एवं खर्च की जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'अ-3', 'अ-4', 'अ-5', 'अ-6', 'अ-7' एवं 'अ-8' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'अ-9' अनुसार है। उपरोक्त समस्त कार्य निविदा प्रक्रिया से कराये गये। समस्त कार्यों की कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'स', 'स-1' एवं 'द' अनुसार है।
विद्युतीकरण
कार्य
[ऊर्जा]
132. ( क्र. 1474 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के कितने मजरा/टोला/फल्यों में विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है? (ख) कितने गांव में विद्युत कनेक्शन 24 घण्टे प्रदाय किये जाने हेतु फेडर सेफरेशन होना शेष है? (ग) 20 से अधिक घरों के मजरा/टोला/फल्यों में विद्युतीकरण कार्य कराये जाना प्रावधानित है? हाँ या ना। (घ) यदि हाँ, तो जिला बड़वानी में मजरा/टोला/फल्यों में कब तक विद्युतीकरण सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी? समय-सीमा बतायें? (ड.) उक्त विद्युतीकरण कार्य के लिए जारी स्वीकृति कार्य आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बड़वानी जिला अन्तर्गत समस्त राजस्व ग्राम एवं संसूचित मजरे/टोले/फलिये विद्युतीकृत है एवं प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त ग्रामों/मजरों/टोलों/फल्यों में अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के ऐसे मजरे/टोले/बस्तियाँ, जो कि मुख्य आबादी से दूर छोटे-छोटे समूहों में बसे हुए हैं, उन्हें निकटस्थ उपलब्ध विद्युत अद्योसंरचना से संयोजित कर, आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर, नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) बड़वानी जिला अंतर्गत कुल 393 ग्रामों को मिश्रित 11 के.व्ही. फीडरों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, अत: उक्त ग्रामों से संबंधित मिश्रित 11 के.व्ही. फीडरों का विभक्तिकरण होना शेष है। (ग) वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन है। (घ) एवं (ड.) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
रोड और पुल का नवीनीकरण और निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
133. ( क्र. 1478 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) "झाबुआ और अलीराजपुर" जिले में विभाग के आने वाले निर्माणाधीन/अपूर्ण "रोड और पुल" की जानकारी, लागत/बजट के साथ दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अपूर्ण कार्य प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से पूर्ण नहीं हुए है। (ग) "झाबुआ और अलीराजपुर" जिलों की स्थिति को ध्यान रखते हुए, कितने नवीन रोड और पुलियां का सर्वे करने की कोई योजना है अथवा सर्वे प्रस्ताव सरकार को भेजे गए है। वे सभी नवीन टेंडर जिनकी बोली हो चुकी है परंतु कार्य चालू नहीं हुआ, इसकी सभी बिंदु पर "लागत" के साथ पूर्ण जानकारी प्रदान की जाए। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या बारिश से टूटे हुए "रोड और पुल" के मरम्मत और नवीन निर्माण की विभाग की कार्य योजना विस्तार पूर्ण प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) संभाग झाबुआ एवं अलीराजपुर में टूटे हुये मार्ग/पुल मरम्मत की जानकारी निरंक है तथा नवीन निर्माण कार्य योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
झाबुआ जिले में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
134. ( क्र. 1479 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि झाबुआ जिले के सभी ब्लॉक में विभाग ने वर्ष 2019 से 2024 तक संचालित सभी योजनाओं की पूर्ण जानकारी के साथ यह भी बतायें किकिस योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष कितने लोगों को लाभ प्रदान किया गया तथा सभी योजनाओं के बजट और अनुदान की जानकारी भी प्रदान की जाएं।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
आर.डी.एस.एस. का संचालन
[ऊर्जा]
135. ( क्र.
1481 ) श्री
कालु सिंह
ठाकुर : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
इंदौर
क्षेत्रान्तर्गत
धरमपुरी
विधानसभा
क्षेत्र में
आर.डी.एस.एस. स्कीम
संचालित है? यदि
हाँ, तो 1 जनवरी 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
केंद्र सरकार
एवं राज्य
सरकार द्वारा
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
इंदौर को उल्लेखित
योजना
अंतर्गत
कितनी राशि
आवंटित की गई
है? जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) क्या
धरमपुरी
विधानसभा में 1
जनवरी 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
कार्य स्वीकृत
किये गये है? यदि
हाँ, तो उक्त
कार्यों के
विरूद्ध
कितनी राशि स्वीकृत
की गई है? जानकारी
उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार इस
योजना से
आवंटित राशि
किन-किन
कार्यों हेतु
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गई है? ब्लॉकवार, कार्यवार, राशिवार
और वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध करावें?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ। केन्द्र
शासन द्वारा
माह जुलाई-2021 (दिनांक
1
जनवरी, 2019 नहीं) से
आर.डी.एस.एस.
योजना
प्रारंभ की गई
है। म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, इंदौर
क्षेत्रांतर्गत
आर.डी.एस.एस.
योजना की स्वीकृति
केंद्र सरकार
से दिनांक 17
मार्च-2022 को
योजना की नोडल
एजेंसी पावर
फाइनेंस
कार्पोरेशन
(पी.एफ.सी.), के
माध्यम से
प्राप्त हुई
है। योजना
प्रांरभ से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
केन्द्र
सरकार एवं राज्य
सरकार द्वारा
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, इंदौर
को आर.डी.एस.एस.
योजना
अंतर्गत
आवंटित राशि
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। धरमपुरी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
योजना
प्रारंभ से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
आर.डी.एस.एस.
योजना के तहत
स्वीकृत
कार्यों के
विरुद्ध राशि
रुपये 25.58 करोड़
आवंटित की गई
है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार
योजना
अंतर्गत
कार्यों हेतु
स्वीकृत राशि/व्यय
राशि की प्रश्नाधीन
चाही गयी
कार्यवार, वर्षवार
एवं ब्लाकवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
लाईट ब्यूटीफिकेशन सहित अन्य कार्य का संधारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 1485 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी में कठमई तिराहा से ककरवाया फोरलेन बायपास तक थीम रोड पर लाईट ब्यूटीफिकेशन कार्य, स्ट्रीट लाईट, डिवाईडर पर ग्रिल तथा प्लांटेशन सहित अन्य समस्त निर्माण कार्यों हेतु कब-कब व कितनी-कितनी लागत राशि की स्वीकृतियां हुई थी? कार्यवार, राशिवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त सभी निर्माण कार्यों की निविदा में निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत मेंटिनेंस करने संबंधी शर्तें शामिल थी? यदि हाँ, तो क्या-क्या शर्तें शामिल थी? निविदा एवं उनमें निहित सभी शर्तों से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? यदि मेंटिनेंस संबंधी शर्तें शामिल नहीं थीं, तो क्यों शामिल नहीं की गईं? क्या कार्य होने के बाद मेंटिनेंस की आवश्यकता नहीं थी? कारण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उक्त मार्ग पर झालरनुमा डिजाईनर लाईटें, स्ट्रीट लाईट उनके पोल एवं ग्रिल आदि बार-बार टूट रहे/खराब हो रहे हैं? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत से प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यों की मरम्मत, सुधार एवं रख-रखाव आदि अन्य कार्यों पर कुल कितनी-कितनी राशि कब-कब व किन-किन कार्यों हेतु किसे-किसे भुगतान की गई? कार्यवार पृथक-पृथक प्रमाणित जानकारी उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ में अंकित कार्यों हेतु नगर पालिका शिवपुरी द्वारा आमंत्रित निविदा सूचना एवं निविदा प्रपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है जिसमें मेंटेनेंस करने संबंधी शर्तें उल्लेखित है उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। परन्तु थीम रोड लाईट ब्यूटीफिकेशन कार्य पूर्ण नहीं हुआ है एवं कार्य के दौरान जो भी मरम्मत आवश्यक होती है वह निविदा शर्तों के अनुरूप संबंधित ठेकेदार द्वारा ही कराई जाती है। नगर पालिका द्वारा कराये जा रहे कार्यों की मरम्मत सुधार एवं रख-रखाव में कोई भी व्यय नहीं किया गया है परन्तु लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये गये कार्य को नगर पालिका में हस्तांतरित किये जाने के उपरान्त मरम्मत कार्य एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
EST&P योजना की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1488 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के नगरीय निकाय में संचालित/या पूर्व में संचालित EST&P योजना में NUlM के सभी सीएमओ,सीटी मिशन मैनेजर,योजना शाखा प्रभारी,के नाम, nulm कार्यक्रम के संचालन के लिए जारी किए गए समस्त नीति, नियम, निर्देशों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (ख) Day-nulmयोजना के घटक, EST&P (Employment skill training and program) के अंतर्गत हुए एग्रीमेंट की कॉपी वर्ष 2021 से लेकर वर्ष 2023-24 तक की स्थिति में, योजना शाखा के वार्षिक nulm बजट की प्रमाणित प्रतिलिपि करावें? (ग) योजना शाखा के pfms अकाउंट की डिटेल्स एवं अकाउंट स्टेटमेंट, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण प्रोग्राम प्रदाता की कंपनी की डिटेल्स, वर्ष 2021 से लेकर आज दिनांक तक प्रशिक्षण प्राप्त एवं प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों, उनके चयन की जानकारी, प्रशिक्षण ले चुके विद्यार्थियों के रोजगार संबंधी जानकारी, कितने प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को रोजगार मिला? सीएमओ,cmm और अन्य एजेंसियों के द्वारा किए गए निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला गुना के नगरीय निकायों में डे-एनयूएलएम योजना के समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सिटी मिशन मैनेजर एवं शाखा प्रभारी के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क-A' अनुसार है एवं EST&P योजना के नीति, नियम, निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क-B' अनुसार है। (ख) डे-एनयूएलएम योजना के घटक EST&P के अंतर्गत वर्ष 2021 ईएसटी एण्ड पी के अंतर्गत हुए संस्था का एग्रीमेंट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख-A' अनुसार है वार्षिक एनयूएलएम बजट विवरण की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख-B' अनुसार है। (ग) पीएफएमएस अकाउंट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग-A' एवं अकाउंट स्टेटमेंट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग-B' अनुसार है। कौशल विकास एवं प्रशिक्षण प्रदाता कंपनियों का विवरण एवं प्रशिक्षण प्राप्त हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग-C' अनुसार है। प्रशिक्षणरत हितग्राहियों की संख्या निरंक है। कौशल प्रशिक्षण एवं नियोजन अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु हितग्राही द्वारा भारत सरकार के डे-एनयूएलएम पोर्टल पर स्व आवेदन किया जाता है। पोर्टल पर प्राप्त आवेदन का परीक्षण कर नगरीय निकाय शहरी गरीब हितग्राही का चयन करता है। प्रशिक्षण प्राप्त 1620 विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान किया गया है। सी.एम.ओ., सी.एम.एम. एवं एजेंसी द्वारा किये गये निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग-D' अनुसार है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 1493 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिला अंतर्गत सिहोरा, बहोरीबंद, पन्ना मार्ग में सलैया स्टेशन रेलवे क्रॉसिंग पर अक्सर रेल्वे फाटक बंद होने के कारण यातायात बाधित होता है यदि हाँ, तो यहां पर ओवर ब्रिज निर्माण की आवश्यकता को देखते हुए विभाग द्वारा कब क्या कार्रवाई की गई है जानकारी दें एवं यह भी बतलावे की इस ओवर ब्रिज का निर्माण किस प्रकार से कब तक किया जावेगा? (ख) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन मार्गों का निर्माण कार्य कितनी लागत से कब से चल रहा है निविदाकार को अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कब तक निर्माण कार्य पूर्ण करना है बतलावे निर्माण एजेंसी के नाम पते सहित संपूर्ण सूची देवें एवं यह भी जानकारी दें कि अन्य किन-किन मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लिखित मार्ग निर्माण में प्रश्न दिनांक तक कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य कराए गए एवं कौन-कौन से कितनी लागत के निर्माण कार्य कराया जाना शेष है एवं यह भी जानकारी दें कि शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा मार्गवार सूची देवें (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लिखित निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच कब-कब, किस-किस के द्वारा की गई तथा जांच रिपोर्ट क्या दी गई एवं उस पर किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई मार्गवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। विभागीय औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत कार्य का कार्यादेश दिनांक 05-10-2023 को जारी। अनुबंधानुसार दिनांक 04.02.26 को कार्य पूर्ण किया जाना है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। वर्तमान में बजट में सम्मिलित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति दी जाती है, बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत कोई भी कार्य बजट में सम्मिलित नहीं है अतः प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित नहीं है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जॉच हेतु रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।
लाइनमेन मुख्यालयों की स्थापना
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 1494 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने लाइनमेन मुख्यालय है एवं यह कितने वर्ष पूर्व बनाए गए थे तथा इनमें कौन-कौन लाइनमेन कब से पदस्थ हैं, कहां-कहां के पद रिक्त हैं तथा उन्हें कब तक किस प्रकार से भरा जावेगा? बतलावे सूची देवें एवं यह भी बतलाएं कि बढ़ती हुई विद्युत लाइने एवं बढ़ते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को देखते हुए क्या नए लाइनमेन मुख्यालय बनाए जाएंगे? (ख) प्रश्नांश "क" का उत्तर यदि हाँ, तो कब तक कहां-कहां नए लाइनमेन मुख्यालय किस प्रकार से कब तक बनाये जाएंगे? सूची दें। यदि नहीं, बनाए जाएंगे तो क्यों नहीं? (ग) क्या हाल ही में विद्युत उपभोक्ताओं की जांच कर लगभग 40% से अधिक उपभोक्ताओं के विद्युत भार में वृद्धि की गई है? यदि हाँ, तो क्या की गई भार वृद्धि के अनुसार कंपनी द्वारा ट्रांसफार्मर की भार क्षमता में वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 1 वर्ष में कहाँ-कहाँ पर विद्युत केबिल जलने की शिकायतें प्राप्त हुई एवं कहां-कहां पर कितनी-कितनी नई केबिल लगाई गई है एवं कितनी केबिल की अभी और आवश्यकता है? संपूर्ण जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 07 वितरण केन्द्रों में 27 लाइनमेन मुख्यालय क्रियाशील है, जो कि समय-समय पर उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित निराकरण को ध्यान में रखते हुये स्थानीय स्तर पर बनाये गये हैं। इनमें पदस्थ लाइन कर्मचारियों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत नियमित कार्मिकों की कमी के दृष्टिगत बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से बाह्य स्त्रोत कार्मिकों को लाइनमेन मुख्यालय में पदस्थ कर कार्यों का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत लागू संगठनात्मक संरचना में वितरण केन्द्र स्तर पर लाइन कर्मचारियों का आवंटन किया गया है, जिसमें पृथक से लाइनमेन मुख्यालय बनाये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा पूर्व में स्वीकृत भार से अधिक भार का विद्युत उपयोग किया जा रहा था, जिस कारण विद्युत उपभोक्ताओं के स्वीकृत भार में नियमानुसार वृद्धि की गयी हैं। उल्लेखनीय है कि विद्युत उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक भार (पूर्व में स्वीकृत भार नहीं) के अनुरूप विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिस हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित विद्यमान विद्युत अधोसंरचना पर्याप्त है। तथापि भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् रूप से गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/स्वीकृत किये जाते हैं। इसमें नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के साथ ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि के कार्यों हेतु भी प्रावधान किया जाता है, ताकि भविष्य में पर्याप्त बिजली हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध हो सके। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत विगत 1 वर्ष में कुल 65 स्थानों पर केबिल जलने/खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनमें से 39 स्थानों पर नई केबिल बदल कर सप्लाई चालू कर दी गई है एवं शेष 26 स्थानों पर केबिल बदलने का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार किया जा रहा है। वर्तमान में जिन स्थानों पर केबिल नहीं बदली गई है, उनसे संबंधित उपभोक्ताओं की विद्युत सप्लाई वैकल्पिक व्यवस्था कर सुचारू की गई है। स्थानवार बदली गई केबिल की मात्रा एवं बदलने हेतु आवश्यक केबिल की मात्रा का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
जिलों से गुजरने वाले मार्ग एवं सेतु निर्माण के कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 1503 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना,छिंदवाड़ा,जबलपुर व सिवनी की सीमाओं से गुजरने वाले स्टेट हाइवे,जिला-मार्गों व सीआईआरएफ मद से निर्मित/निर्माणाधीन मार्गों ऊपरी पृष्ठ की व उनके सोल्डर की क्षतिग्रस्त स्थिति एवं इन मार्गों में निर्मित/निर्माणाधीन ब्रिज की गुणवत्ता सम्बन्धी अनियमितताओं के सबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व संगठनों द्वारा विगत तीन वर्षों में कोई पत्र शासन/विभाग/जिला-प्रशासन को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के जिला-छिंदवाड़ा की तहसील-मोहखेड़ की ग्राम व ग्राम पंचायत हिरावाड़ी में लगभग एक माह पूर्व शासकीय मार्गों व भूमि में किये गए अतिक्रमण को मुक्त कराने की कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त ग्राम में वे सभी मार्ग व शासकीय भूमि अतिक्रमण से मुक्त हो गई है? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक मुक्त करा ली जावेगी? क्या यह कार्यवाही सिर्फ गरीब तबके के परिवारों के विरुद्ध की गई है? यदि हाँ, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत प्रश्नाधीन सडक/पुल कार्यों से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश के संबंध में तहसीलदार मोहखेड़ जिला छिन्दवाड़ा से अतिक्रमण के संबंध में प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गौशालाओं के निर्माण एवं विभागीय योजनाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
141. ( क्र. 1504 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नवीन गौशालाओं के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई? उक्त गौशालाओं में से कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य अधुरा है ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) प्रत्येक गौशाला निर्माण पर कितनी लागत राशि का प्रावधान रखा गया था तथा उसमें क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जावेंगी तथा प्रत्येक गौशाला में कितनी गायों को पालने का प्रावधान तय किया गया है? (ग) वर्तमान में कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कितनी गौशालाओं का कहां-कहां निर्माण होना प्रस्तावित है? (घ) पुशपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में संचालित की जा रही है जानकारी देवें? कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के कितने हितग्राहियों को दिसम्बर 2023 से उक्त किन-किन योजना का लाभ दिया गया जानकारी देवें?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत निर्मित हो रही गौशालाओं में गौशाला शेड, गौशाला में विद्युत व्यवस्था, पंखा, पेयजल हेतु टंकी व होद, भूसा भण्डारण हेतु कक्ष, गोबर संग्रहण हेतु नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक गौशाला में 100 गौवंश आश्रय हेतु रखे जाने का प्रावधान है। प्रत्येक गौशाला निर्माण लागत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ग) वर्तमान में कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में संलग्न परिशिष्ट- ''अ'' में अंकित गौशालाओं के अतिरिक्त गौशाला निर्माण प्रस्तावित नहीं है। (घ) पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा कुरवाई विधानसभा में 1. समुन्नत प्रजनन कार्यक्रम अंतर्गत मुर्रा पाड़ा प्रदाय योजना 2. बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई (10+1) का प्रदाय 3. आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना 4. राष्ट्रीय पशुधन मिशन उद्यमिता विकास योजना 5. मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना 6. पाव ड्रिवन (चैफ कटर) प्रदाय योजना 7. किसान क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र.
1508 ) श्री
अशोक ईश्वरदास
रोहाणी : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) जबलपुर
केंट
विधानसभा के
अंतर्गत
कितने हितग्राही
प्रधानमंत्री
आवास योजना से
लाभांवित हुए
है कृपया
जानकारी दें। (ख) जबलपुर
केंट विधान
सभा के कितने
हितग्राहियों
को
प्रधानमंत्री
आवास योजना की
दूसरी किश्त
की राशि
भुगतान नहीं
की गई है? जानकारी
दें। (ग) जबलपुर
केंट
विधानसभा के
कितने ऐसे
हितग्राही है
जिनके
प्रधानमंत्री
आवास योजना के
आवेदन लंबित
है? इन
हितग्राहियों
को कब तक इस
योजना का लाभ
मिलेगा
समयावधि
बताएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) नगर
निगम जबलपुर
द्वारा
प्रधानमंत्री
आवास योजना-शहरी
के बीएलसी घटक
अंतर्गत
जबलपुर केंट
विधानसभा में 3461
हितग्राहियों
को लाभ दिया
गया है। (ख) जबलपुर
केंट
विधानसभा
क्षेत्र के 49
हितग्राहियों
को
प्रधानमंत्री
आवास योजना-शहरी
की द्वितीय
किश्त की राशि
का भुगतान शेष
है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री
आवास
योजना-शहरी
(प्रथम चरण) की समाप्त
होने की अवधि
दिसंबर-2024 है।
निकाय के पास
स्वीकृति
हेतु पात्र
हितग्राहियों
के कोई भी
आवेदन लंबित
नहीं है। उक्त
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
जबलपुर केंट विधानसभा के विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1509 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम द्वारा जबलपुर केंट विधानसभा के कितने विकास कार्य चल रहे हैं? कृपया स्थान एवं राशि सहित जानकारी दें। (ख) जबलपुर केंट विधानसभा के कितने विकास कार्य स्वीकृत है और कितने प्रारंभ नहीं है? जानकारी दें। (ग) जबलपुर केंट विधानसभा के स्वीकृत कार्य कब तक प्रारंभ होगें? वार्डवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम द्वारा जबलपुर केंट विधानसभा अंतर्गत विकास कार्यों एवं स्थान व राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जबलपुर केंट विधानसभा के अंतर्गत स्वीकृत विकास कार्य एवं अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जबलपुर केंट विधानसभा के अंतर्गत स्वीकृत वार्डवार कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
स्वीकृत हुए ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
144. ( क्र. 1511 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा में शासन की विभिन्न योजनाओं में और आर. आर.डी.एस. (RRDS) मॉडर्नाइजेशन एवं ओवरलोड में सोनकच्छ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने ट्रांसफार्मर स्वीकृत हुए हैं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में यदि हाँ, तो स्वीकृत हुए कितने ट्रांसफार्मर स्थापित हो गए हैं एवं किस ग्राम में किस स्थान पर लगे हे? वर्षवार/स्थानवार/क्षमतावार सूची उपलब्ध करवाए प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना शेष हैं और बचे हुए ट्रांसफार्मर को लगाने का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा? (ग) क्या अति आवश्यक होने पर सासंद निधि और विधायक निधि से राशि जारी कर नवीन ट्रांसफार्मर लगाया जा सकता है? (घ) राज्य विद्युत विभाग में क्या आउटसोर्स पर कर्मचारी रखकर कार्य करवाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो किस दर पर आउटसोर्स कर्मचारी को रखा जाता है एवं सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल कितने आउटसोर्स कर्मचारी कार्य कर रहे हैं? कृपया इनकी सेवा शर्तों के नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं तथा केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कुल 677 वितरण ट्रांसफार्मरों एवं कुल 16 पॉवर ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने के कार्य स्वीकृत हुए हैं। (ख) उत्तरांश (क) के सन्दर्भ में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना (एस.एस.टी.डी.) के अंतर्गत स्वीकृत समस्त 153 वितरण ट्रांसफार्मरों एवं 16 पॉवर ट्रांसफार्मरों तथा ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' अंतर्गत स्वीकृत समस्त 35 वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्य पूर्ण किये जा चुके है। आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत स्वीकृत 489 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कुल 209 वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई वित्तीय वर्षवार, स्थानवार एवं क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत 280 वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने का कार्य शेष है। उक्त शेष 280 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 82 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने के कार्य को कार्यादेश की शर्तों के अनुसार माह जनवरी-2025 तक एवं 198 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने के कार्य को कार्यादेश की शर्तों के अनुसार माह फरवरी-2025 तक पूर्ण किया जाना है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से निविदा प्रक्रिया उपरांत बाह्य स्त्रोत कार्मिकों को नियोजित किया जाता है, जिनके पारिश्रमिक का भुगतान, श्रम आयुक्त, म.प्र.शासन द्वारा समय-समय पर जारी दर एवं निविदा में निहित प्रावधान अनुसार कार्मिकों की श्रेणी के आधार पर किया जाता है। श्रम आयुक्त, म.प्र. शासन द्वारा जारी आदेश के संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में संचालन-संधारण वृत्त देवास अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग सोनकच्छ में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी, मेसर्स प्राईमवन वर्कफोर्स प्रा.लि.कंपनी भोपाल के माध्यम से कुल 330 आऊटसोर्स कार्मिक कार्य कर रहे हैं। उक्त आऊटसोर्स कार्मिकों की सेवा शर्तों के नियमों से संबंधित निविदा दस्तावेज की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
विद्युतीकरण कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
145. ( क्र.
1516 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत आने
वाले ग्रामों
में वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
केन्द्र एवं
राज्य सरकार
की योजनाओं
यथा RGGVY,DDUGJY, IPDS, SAUBHAGYA से
कराये गये
समस्त
कार्यों की
जानकारी, कार्यों
की विस्तृत
परियोजना
रिपोर्ट (DPR) संविदाकारों/विभागों
द्वारा किये
गये कार्यों
के विरूद्ध
किये गये
भुगतान की
विस्तृत जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
प्रश्नांश (क) से
संबंधित
कार्यों की
विस्तृत
परियोजना रिपोर्ट
(DPR) तैयार
करने हेतु
सर्वे कार्य
का प्रावधान
था? यदि
हाँ, तो
उपरोक्तानुसार
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत आने
वाले ग्रामों
में किये गये
सर्वे
रिपोर्ट की प्रतियां
उपलब्ध करायें।
(ग) क्या
प्रतिवर्ष
वर्षा ऋतु के
पूर्व एवं
उपरांत
विद्युत
अधोसरंचना के
संधारण का
कार्य कराया
जाता है? यदि
हाँ, तो वर्ष 2022 से
प्रश्न दिनांक
तक पूर्व
संभाग
अन्तर्गत
उपसंभाग
मनगवां, गंगेव
के कार्यादेश
एवं भुगतान से
संबधित दस्तावेजों
का ग्रामवार
विस्तृत
विवरण उपलब्ध
करायें। (घ) RRDSS योजनान्तर्गत
रीवा जिले के
पूर्व संभाग
अन्तर्गत
कितने फीडरों
में फीडर
विभक्तिकरण
का कार्य
कराया जा रहा
है? प्रश्न
दिनांक तक
कराये गये
कार्यों की
अद्यतन स्थिति
एवं किये गये
भुगतान से
संबधित
दस्तावेजों
की प्रतियां
उपलब्ध
करायें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र गुढ़
अंतर्गत वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
केन्द्र एवं राज्य
सरकार की
योजनाओं यथा RGGVY, DDUGJY, IPDS, SAUBHAGYA के
अंतर्गत कोई
कार्य
संपादित नहीं
हुआ है। अत:
प्रश्न नहीं
उठता। (ख) उत्तरांश
(क) में उल्लेखानुसार
प्रश्नाधीन
अवधि में
प्रश्नांश
में उल्लेखित
योजनाओं के
अंतर्गत कोई
कार्य क्रियान्वित
नहीं कराया गया
है, अत:
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) जी
हाँ, सुचारू एवं
गुणवत्तापूर्ण
विद्युत
प्रदाय सुनिश्चित
किये जाने
हेतु
प्रतिवर्ष
वर्षा ऋतु के
पूर्व एवं
उपरांत स्थापित
विद्युत
अद्योसंरचना
के संधारण का
कार्य कराया
जाता है। वर्ष
2022 से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में संचालन-संधारण
संभाग रीवा
पूर्व के
अन्तर्गत उपसंभाग
मनगवां (गंगेव, उपसंभाग
मनगवां
अंतर्गत
वितरण केन्द्र
है) में
संधारण
कार्यों हेतु
कुल 13 कार्यादेश
जारी किये गये
तथा इन
कार्यदेशों के
अंतर्गत किये
गये कार्यों
में राशि
रूपये 5.74 लाख के
देयक पारित
किये गये, जिनका
ग्रामवार
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
रीवा जिले के
संचालन-संधारण
संभाग पूर्व
के अंतर्गत 11
के.व्ही. के 32
मिश्रित
फीडरों के
विभक्तिकरण
का कार्य स्वीकृत
है। प्रश्न
दिनांक तक उक्त
में से 02 मिश्रित
फीडरों के
विभक्तिकरण
का कार्य पूर्ण
किया जा चुका
है।
आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत जिला
रीवा (जिला
मऊगंज सहित)
में फीडर
विभक्तिकरण
का कार्य
मेसर्स अशोका
बिल्डकान
प्रा.लिमि., नासिक
द्वारा किया
जा रहा है तथा
संपूर्ण रीवा
जिलें में
किये गये फीडर
विभक्तिकरण
के कार्य हेतु
उक्त एजेंसी
को राशि रू. 114.63
करोड़ का
भुगतान किया
गया है, जिससे
संबंधित दस्तावेजों
की प्रतियां पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
उल्लेखनीय
है कि रीवा
जिले के
संचालन/संधारण
संभाग पूर्व
में पूर्ण
किये गये
कार्य के विरूद्ध
किये गये
भुगतान की
पृथक से
जानकारी दिया
जाना संभव
नहीं है।
ग्राम पंचायत कदवालिया में आंतरिक मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
146. ( क्र. 1518 ) श्री सचिन बिरला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लो.नि. विभाग खरगोन के द्वारा जनपद पंचायत बड़वाह के ग्राम मनिहार से ग्राम खोड़ी होते हुए ग्राम नाया तक एवं ग्राम पंचायत कदवालिया में ग्राम खोड़ी के आंतरिक मार्ग का निर्माण वर्ष 2020 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब किया गया? कार्य स्वीकृति आदेश, तकनीकी स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति आदेश की प्रति देवें। (ख) विभाग के द्वारा उक्त निर्मित की गई सड़क की भार वहन क्षमता कितनी है? (ग) ग्राम मनिहार से ग्राम खोड़ी होते हुए ग्राम नाया तक एवं ग्राम पंचायत कदवालिया के ग्राम खोड़ी में निर्मित की गई सड़क की मरम्मत एवं उसकी सुरक्षा तथा अनुरक्षण की जिम्मेदारी किस एजेंसी की है,स्पष्ट करें? (घ) क्या विभाग के द्वारा आदेश जारी कर 10 टन भार क्षमता से अधिक भार वाहनों को ग्राम में परिवहन की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? (ड.) ग्राम मनिहार में निर्मित सड़क पर क्या पंचायत के द्वारा कोई सूचना बोर्ड लगाया गया हैं? यदि हाँ, तो बोर्ड की फोटो देवें? क्या इस पर विभाग की आपत्ति है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) उक्त निर्मित मार्ग की भार वहन क्षमता 8-10 टन है। (ग) निर्मित की गई सड़क की मरम्मत, अनुरक्षण एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी परफॉर्मेंस गारंटी अवधि समाप्ति तक संबंधित ठेकेदार की है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड़) जी हाँ। फोटो की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। लोक निर्माण विभाग को कोई आपत्ति नहीं है।
विमुक्त घुमंतू और अर्द्ध घुमन्तु जाति हेतु कल्याण योजनाएं
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
147. ( क्र. 1522 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में विमुक्त घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू जाति निवास करती है उनकी जनसंख्या शैक्षणिक,सामाजिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या शासन द्वारा इनके उत्थान हेतु आर्थिक सर्वेक्षण किया गया यदि हाँ, तो कब किया गया इनके लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है उक्त योजना से कितने परिवार लाभान्वित हुए यदि नहीं, हुए तो इसके लिए क्या प्रयास किये गये? (ग) रतलाम जिले में उक्त जातियों की जनसंख्या एवं रोजगार की स्थिति की जानकारी देवें? (घ) प्रदेश में कितनी एवं कौन-कौन से जातियों को विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों में सम्मिलित किया गया है और कौन-कौन सी जातियों ने सम्मिलित करने हेतु मांग की है?
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) इन समुदायों से संबंधित डाटा बेस अनुपलब्ध होने से जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न नहीं। योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। परिवार संबंधी जानकारी एकत्रित की जा रही है। शेष का प्रश्न नहीं। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। (घ) जातियों की सूची संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवासहीनों एवं पेयजल की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 1526 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में शहरी क्षेत्र में कुल कितने आवासहीन हैं? आवासहीन का नाम एवं पता, उम्र, जाति नगर पंचायतवार, नगर पालिकावार, नगर निगमवार दें। (ख) क्या सभी आवासहीनों का नाम आवासहीनों की सूची में है? अगर हाँ तो बतावें कि डिण्डोरी नगर पंचायत में कई आवासहीनों के नाम आवासहीनों की सूची में क्यों नहीं है? अगर नहीं तो बतावें कि पात्र आवासहीनों के नाम सूची में क्यों नहीं हैं? कौन जिम्मेदार है? उनके नाम जोड़ने की क्या प्रक्रिया है? (ग) म.प्र. के सभी नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायतों में उपयुक्त पेयजल है? अगर हाँ तो बतावें कि डिण्डोरी, शहपुरा, मण्डला, शहडोल आदि में गरीब वार्डों में पानी क्यों नहीं मिलता? अगर नहीं तो बतावें कि उपयुक्त पानी कब तक मिलेगा? कहां-कहां पानी नहीं मिल रहा है? स्थानवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (प्रथम चरण) दिसम्बर 2024 में समाप्त हो रही है। आवासहीनों की निकायवार, आवेदकवार सर्वेक्षण उपलब्ध न होने से वास्तविक संख्या दी जाना संभव नहीं है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के विभिन्न घटकों के लिये लगभग 10 लाख आवासों का प्रावधान रखा गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद/नगर परिषद डिण्डोरी शाहपुरा, मंडला एवं शहडोल में जल प्रदाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिकायतों एवं निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 1527 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. के सभी नगर निगम एवं नगरपालिकों में कौन-कौन से निर्माण कार्यों की एवं कौन-कौन से अधिकारियों की कौन-कौन ने कब-कब, क्या-क्या शिकायत किया, उन शिकायतें में क्या-क्या कार्यवाही हुई नगर पंचायतवार, नगर पालिका नगर निगम वार जानकारी दें। (ख) दिनांक 1 जनवरी 2024 से आज तक म.प्र. के सभी नगर पंचायत, सभी नगर निगमों सभी नगर पालिकाओं में कौन-कौन से विकास कार्य के लिए कितना-कितना राशि किस-किस मद से स्वीकृत हुआ? कौन-कौन कार्य प्रारंभ हुए कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुए? प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ज्वाइन्ट वेंचर अनुबंध न होने से शासन को हानि
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 1532 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय निर्माण संबंधी निविदाओं में ज्वाइन्ट वेन्चर्स को भाग लेने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक ऐसे कौन से निर्माण कार्य हैं जिनमें ज्वाइन्ट वेन्चर्स की निविदा आमंत्रित की गई? निर्माण कार्य का नाम, सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कौन-कौन सी निविदाओं में अपंजीयत ज्वाइंट वेंचर अनुबंध मान्य कर स्वीकृत किए गए उनसे संबधित निविदाकार का नाम एवं निविदा राशि का विवरण दिया जाये? (ग) क्या भारतीय पंजीयन अधिनियम के अनुसार इस प्रकार के दस्तावेज अनिवार्य रूप से पंजीकृत होना चाहिये। यदि हाँ, तो अनुबंध पंजीकृत न किये जाने का क्या कारण है? क्या अनिवार्य रूप से पंजीयन होने के बाद भी अपंजीकृत अनुबंध स्वीकार करने से पूरी निविदा प्रक्रिया दूषित हो गई है? (घ) अपंजीकृत ज्वाइन्ट वेन्चर एग्रीमेन्ट स्वीकार करने से विगत 5 वर्षों में शासन को पंजीयन शुल्क की कितनी हानि हुई है? क्या इस कर अपवचन अनियमितता की जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई जावेगी। यदि नहीं, क्यों? (ड.) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें जिन अभियन्ताओं ने बगैर पंजीयन के ज्वाइन्ट वेन्चर एग्रीमेंन्ट स्वीकार किये है उनके विरूद्ध क्या विभाग अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ (म.प्र. भवन विकास निगम को छोडकर)। मार्गों एवं पुलों के निर्माण कार्य हेतु रू. 25.00 करोड़ राशि से अधिक के विभागीय निर्माण संबंधी निविदाओं में ज्वाइन्ट वेन्चर्स के तहत भाग लेने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 4648/2023/19/यो/4733 दिनांक 26.09.2023 द्वारा अनुमोदित विशेष शर्त की कंडिका ''ए'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं ''1'' अनुसार है। (ग) विभाग के संज्ञान में है। लोक निर्माण विभाग मंत्रालय के द्वारा पत्र क्रमांक 4648/2023/19/यो/4733 भोपाल दिनांक 26.09.2023 द्वारा निविदा प्रपत्र की संबंधित कण्डिका में अतिरिक्त विशेष शर्त जाड़ी गई थी। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार। जी नहीं। जी नहीं। आवश्यक नहीं है। (ड़) उत्तरांश ''ग'' अनुसार। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
कुशल, उच्च कुशल की नियुक्ति की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 1539 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत में दैनिक श्रमिक/उच्च कुशल की नियुक्ति करने हेतु नगर पंचायत को अधिकार है? यदि हाँ, तो नगर पंचायत में दैनिक श्रमिक/उच्च कुशल के पद पर नियुक्ति हेतु क्या प्रक्रिया अपनायी गई? इसमें शासन के क्या नियम है? (ख) क्या राजगढ़ जिले की खिलचीपुर नगर पंचायत में दैनिक श्रमिक/उच्च कुशल की नियुक्ति की गई है? क्या वह विधिसंगत है? यदि विधिसंगत नहीं है? तो सक्षम अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) राजगढ़ जिले की कितनी नगर पंचायतों में दैनिक श्रमिक/उच्च कुशल की नियुक्तियां हुईं हैं? उनमें क्या प्रक्रिया अपनायी गई? कृपया स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जिला राजगढ़ की नगर परिषदों में दैनिक श्रमिकों को आवश्यकतानुसार पी.आई.सी./परिषद की स्वीकृति उपरांत कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर कुशल/अर्द्धकुशल एवं उच्च कुशल श्रमिकों को रखा जाता है। (ख) जी हां। नगर परिषद खिलचीपुर में समय-समय पर आवश्यकतानुसार दैनिक श्रमिक/उच्च कुशल श्रमिकों को रखा जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राजगढ़ जिले की 10 नगर परिषदों में दैनिक श्रमिक/उच्च कुशल श्रमिकों को रखा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्यों की स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 1547 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 में नगर परिषद खरगापुर एवं बल्देवगढ़ में कुल कितने आवास वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं? कितने आवासों के कार्य पूर्ण हो चुके है? कितने आवासों के हितग्राहियों के खातों में राशि नहीं डाली गई? सम्पूर्ण सूची नामवार, वार्डवार, स्वीकृत वर्ष, निर्माण की स्थिति सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ख) क्या नगर परिषद खरगापुर में कुड़ीला रोड के चौराहे पर पुरुष शौचालय/महिला शौचालय नहीं है, जिससे राहगीरों तथा आम जनता को परेशान होना पड़ता है? इस शौचालय का निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया? कारण स्पष्ट करें तथा कब तक निर्माण करा दिया जावेगा? (ग) क्या नगर परिषद बल्देवगढ़ में भी खरगापुर तिगैला पर महिला/पुरुष शौचालय नहीं है? यहां भी आज तक शौचालय का निर्माण क्यों नहीं कराया गया? कारण स्पष्ट करें तथा कब तक निर्माण करा दिया जावेगा? (घ) क्या नगर परिषद खरगापुर में पेयजल हेतु टंकी का निर्माण कराकर एवं नल लाईने बिछाकर पीने के पानी की व्यवस्था कब तक करा दी जावेगी तथा आगामी समय में पीने के पानी के संकट से निपटने हेतु क्या तैयारी की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) खरगापुर विधानसभा-47 अंतर्गत नगर परिषद खरगापुर एवं बल्देवगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (प्रथम चरण) के बीएलसी घटक अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी निम्नानुसार है:-
निकाय का नाम |
वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक से कुल स्वीकृत आवासों की संख्या |
पूर्ण आवासों की संख्या |
ऐसे हितग्राहियों की संख्या, जिनके खातों में निकाय द्वारा राशि नहीं डाली गई है। |
न.प. खरगापुर |
782 |
225 |
08 |
न.प. बल्देवगढ़़ |
182 |
80 |
25 |
हितग्राहियों की नामवार, वार्डवार, स्वीकृति वर्ष व निर्माण की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कुडीला रोड के चौराहे पर पुरुष शौचालय/महिला शौचालय नहीं है। वर्तमान में राशि प्राप्त हो चुकी है। शौचालय निर्माण की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर दिनांक 29.11.2024 को अनुबंध हेतु सूचना पत्र संबंधित ठेकेदार को जारी किया गया है। (ग) जी हां। खरगापुर तिगैला पर महिला/पुरुष शौचालय नहीं है। इस हेतु संबधित ठेकेदार को कार्यादेश जारी किया जा चुका है। दिनांक 30.03.2025 तक निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा। (घ) नगर परिषद खरगापुर में म.प्र. डेवलपमेंट कंपनी द्वारा पेयजल योजना का कार्य कराया जा रहा है, जिसके पूर्ण करने की समयावधि दिनांक 31.03.2025 निर्धारित है। आगामी समय में पीने के पानी के संकट से निपटने हेतु निकाय के परंपरागत ट्यूबवेल, बोर से पाईप लाइन द्वारा पानी प्रदाय किया जावेगा। पाईप लाइन रहित वार्डों में टैंकर से पानी प्रदाय किया जायेगा।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
153. ( क्र.
1548 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
खरगापुर
विधानसभा-47 में
कितनी गौशालाएं
किस वर्ष से
संचालित की जा
रही है? सम्पूर्ण
सूची से अवगत
करायें। (ख) क्या
संचालित
गौशालाओं का
संधारण ग्राम
पंचायतों के
द्वारा किया
जा रहा है तथा
प्रॉयवेट
गौशालाओं का
संधारण किसके
द्वारा किया जा
रहा है और
गौसंवर्धन
बोर्ड द्वारा
कितनी गौशालाओं
का अनुदान
राशि दी जा
रही है। सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के अनुसार
गौसंवर्धन
बोर्ड से
अनुदान प्राप्त
किये जाने के
कौन-कौन से नियम
है तथा क्या
कामधेनु
गौशाला कुड़याला
को राशि दी जा
रही है या
नहीं। यदि हाँ, तो
कितनी राशि दी
जा रही है? यदि
नहीं, तो क्यों
नहीं दी जा
रही है? जानकारी
दें। (घ) खरगापुर
विधानसभा-47 में
कितनी डेयरी
संचालित की जा
रही है? डेयरी
खोले जाने के
समस्त नियमों
से अवगत कराये
एवं वर्तमान
संचालित डेयरी
की सूची, संचालन
सूची सहित
नामवार, ग्रामवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें तथा यह
डेयरी किस
दुग्ध संघ
में शामिल है? जानकारी
उपलब्ध
करायें।
राज्य
मंत्री, पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार।
(ख) महिला स्वसहायता
समूह द्वारा 15
गौशालाएं, ग्राम
पंचायत
द्वारा
संचालित-2 तथा स्वयंसेवी
संस्थाओं
द्वारा
संचालित-2
गौशालाएं, इस
प्रकार कुल 19
गौशालाएं
संचालित हैं।
शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) अनुदान
प्रदाय के
नियमों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
जी हाँ।
कामधेनू
गौशाला, कुडयाला
को राशि
प्रदाय की जा
रही है। रू. 20/- प्रतिगौवंश
प्रतिदिवस के
मान से राशि
दी जा रही है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) कुल
पंजीकृत 73।
कार्यशील 48।
नियम की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
खरगापुर
क्षेत्र की
समस्त दुग्ध
समितियां
बुन्देलखण्ड
सहकारी दुग्ध
संघ मर्यादित, सागर
के अंतर्गत
शामिल है।
उपयंत्री को अनुविभागीय अधिकारी उप संभाग क्र.1 का प्रभार
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 1555 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपयंत्री को अनुविभागीय अधिकारी, उपसंभाग क्रमांक-1 भोपाल का प्रभार किस सक्षम अधिकारी के आदेश से दिया गया है उक्त आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। कब तक उक्त उपयंत्री को हटाकर अनुविभागीय अधिकारी उपसंभाग क्रमांक-1 भोपाल में नियमित अनुविभागीय अधिकारी के पद से किसी वरिष्ठ अधिकारी की पदस्थापना की जावेगी? निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) लोक निर्माण विभाग में वर्तमान उपयंत्री के पद पर भोपाल में अनुविभागीय अधिकारी उपसंभाग कमांक-1 भोपाल के रूप में पदस्थ होने की दिनांक से एवं अनुविभागीय अधिकारी उपसंभाग क्रमांक-1 भोपाल का प्रभार लेने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण एवं मरम्मत के कार्य, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हुए एवं कितने कार्य पूर्ण होकर उनका भुगतान संबंधित ठेकेदार फर्म को किया जा चुका है उसकी पृथक-पृथक राशि सहित जानकारी देवें एवं कितने कार्य शेष है पृथक-पृथक कार्यवार सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्माण एवं मरम्मत कार्य में से सभी कराये गये आधे-अधूरे कार्य जो शासकीय आवासों में कराये गये है जिनका भौतिक सत्यापन एवं जांच शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवंटित आवासों में कराये गए प्राक्कलन अनुरूप, गुणवत्ताहीन आधे-अधूरे कार्य की जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतायें यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या अनुविभागीय अधिकारी उप संभाग क्रमांक-1 भोपाल अंतर्गत शासकीय आवासों में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जो भी कार्य कराये गये हैं जिसमें शासकीय राशि का दुरूपयोग एवं अधिक राशि व्यय का भुगतान संबंधित ठेकेदार फर्म को किया गया है ऐसे सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध सिविल सेवा अधिनियम के तहत दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भोपाल जिले में उपसंभाग क्र. 1, के नाम से कोई उपसंभाग नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रंश्नाश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रंश्नाश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फीडर सेपरेशर एवं ग्रिड क्षमता बढ़ाने की जानकारी
[ऊर्जा]
155. ( क्र. 1556 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर अंतर्गत सतत् रूप से किसानों एवं घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 13.01.2024 को पत्र क्रमांक 042/व्ही.आई.पी./2024 माननीय मुख्यमंत्री महोदय, पत्र क्रमांक 513/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 06.06.2024 को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को एवं दिनांक 04.11.2024 को ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र क्रमांक 1560/व्ही.पी.आई./2024 एवं एक अन्य पत्र प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर को पत्र क्रमांक 1559/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 04.11.2024 को अपनी ई-मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से उनकी विभागीय ई-मेल आई.डी. पर सतत् रूप से भेजे गये थे? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों में प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र में शत प्रतिशत फीडर सेपरेशर किये जाने, ग्रिड क्षमता बढ़ाये जाने के संबंध में लोकहित में पत्र लिखे गये थे यदि हाँ, तो प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कोई अंतिम निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनाम वार बतावें। कब तक उक्त प्रश्नकर्ता विधायक के सभी पत्रों का अंतिम निराकरण कर प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत कराया जायेगा? निश्चित समय अवधि बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में संपूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुए प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करते हुये प्रश्नकर्ता विधायक को जानकारी प्रदान करने के आदेश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। रतलाम जिलांतर्गत विधानसभा क्षेत्र सैलाना में कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं को सतत् रूप से विद्युत आपूर्ति किये जाने हेतु प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों पर म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक की अवधि में की गई कार्यवाही का पत्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। उल्लेखनीय है कि प्रश्न में उल्लेखित पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। शत प्रतिशत फीडर सेपरेशन के कार्य एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र (ग्रिड) में स्थापित पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य, तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य पाए जाने पर, प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना एवं अन्य प्रचलित योजनाओं में प्रस्तावित कर, फण्ड की उपलब्धता के अनुसार तथा ऐसे ही अन्य कार्यों की वरीयता को देखते हुए स्वीकृत कर किया जाता है, जिसका विवरण उत्तरांश (क) में समाहित किया गया है। उल्लेखनीय है कि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत जिला रतलाम, झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों में फीडर सेपरेशन नहीं होने का उक्त कारणों के अतिरिक्त अन्य प्रमुख कारण भौगोलिक स्थिति एवं बसाहटों का दूर-दूर होना है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युत आपूर्ति हेतु एक वृहद विद्युत अद्योसंरचना है, जिसकी नियमित समीक्षा एवं अनुरक्षण का कार्य किया जाता है, ताकि उचित गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। यह एक सतत् प्रक्रिया है। फीडरों के शतप्रतिशत विभक्तिकरण की कार्यवाही नहीं होने से विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होती है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र दिनांक 13.01.2024 पर की गई कार्यवाही की जानकारी म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 12.07.2024 द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही विभाग को प्राप्त पत्रों पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया है एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को सूचित किया गया है। उक्त के अतिरिक्त माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित पत्र दिनांक 04.11.2024 के तारतम्य में मुख्यालय, कार्यालय म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मुख्य अभियंता, उज्जैन क्षेत्र एवं अधीक्षण यंत्री, संचा./संधा. रतलाम को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। अत: उपरोक्तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने/कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए प्रश्नाधीन क्षेत्र में एस.एस.टी.डी./आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत फीडर विभक्तिकरण, पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि एवं अन्य साध्य कार्य वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किए गए हैं/किये जा रहे हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
निगम/मंडलों में भर्ती एवं संविलियन
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 1559 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधीन वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक निगम तथा मंडलों में भर्ती तथा संविलियन हेतु सार्वजनिक विज्ञप्ति जारी की गई थी अथवा समस्त शासकीय विभाग/मंडलों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधीन निगम/मंडलों में भर्ती तथा संविलियन में मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति हेतु विशेष उपबंध) नियम 1997 का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2024 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3261 में सदन को गलत जानकारी प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विभाग के अंतर्गत म.प्र. भवन विकास निगम की स्थापना दिनांक 07/02/2022 को की गई है। निगमों द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक भर्ती प्रक्रिया GATE/कर्मचारी चयन मंडल/एम.पी.ऑनलाइन के माध्यम से की जाती रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। संविलियन हेतु अन्य विभागों से निगमों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को विकल्प प्रस्तुत कर उनकी सहमति प्राप्त करने के पश्चात संविलयन की कार्यवाही निगमों द्वारा की जाती है। (ख) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 10 फरवरी 1997 के नियमानुसार ही महिलाओं की सेवा में नियुक्ति की कार्यवाही की जाती रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्नांश विधानसभा सत्र जुलाई 2024 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3261 समयमान वेतनमान एवं पदोन्नति की जानकारी से संबंधित था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन एवं वेतनमान
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 1562 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कन्या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला-राजगढ़ के अभ्यावेदन दिनांक 14.11.2024 को दृष्टिगत रखते हुए एवं मा. उच्च न्यायालय इंदौर के प्रकरण क्र. डब्ल्यू.ए.-409/2024 दिनांक 04.03.2024 को खारिज करने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर द्वारा अभी तक प्रकरण क्र.डब्ल्यू.पी.-12420/2020 के पारित आदेश दिनांक 11.05.2023 की अवमानना करने के दोषियों के विरूद्ध कब कार्यवाही की जाएगी? स्पष्ट करें। (ख) मा. उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा प्रकरण क्र. डब्ल्यूपी.-26690/2018 में लगाये गये सभी आरोपों को निरस्त करने के आदेश दिनांक 11.12.2018 में पारित किये गये थे तथा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा विशारद 2004 के सम्बन्ध में लगाई गई सभी आपत्तियाँ मा. उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा दिनांक 25.11.2019, दिनांक 18.02 2020 एवं दिनांक 11.05.2023 में निरस्त की जा चुकी हैं, फिर वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति करने, क्रमोन्नति वेतनमान प्रदान करने, स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन करने तथा 7वें वेतनमान का लाभ प्रदान करने के आदेश कब तक जारी किए जाएंगे स्पष्ट करें। (ग) माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा प्रकरण क्र.डब्ल्यू.पी.-18347/2024 के पारित स्थगन आदेश दिनांक 09.07.2024 के पश्चात् मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर द्वारा प्रशिक्षण संस्था की उपस्थिति के आधार पर वेतन प्रदान करने के आदेश प्राचार्य शास. क.उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला राजगढ़ को कब तक प्रदान किए जाएंगे? स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय इंदौर की रिट अपील 12420/2020 में पारित आदेश दिनांक 11-05-2023 के अपालन के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में कोई भी अवमानना याचिका दायर नहीं की गई है वरन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद सारंगपुर द्वारा रिट अपील 12420/2020 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय के पालन में अपने पत्र क्रमांक शिक्षा/शिकायत/2024/1142 दिनांक 02-04-2024 द्वारा श्री सुभाष शर्मा की दिनांक 11-02-2016 से दिनांक 17-02-2020 तक की निलंबन अवधि को समस्त प्रयोजनों के लिए कर्तव्य अवधि मान्य करते हुए स्वत्वों के भुगतान की स्वीकृति प्रदान करने का आदेश जारी किया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रकरण के निराकरण के संबंध में प्राचार्य शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, सारंगपुर द्वारा वरिष्ठ कार्यालय (विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी) में प्रकरण प्रेषित किया गया है। वरिष्ठ कार्यालय में प्रकरण विचाराधीन है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय, इंदौर में माचिका क्रमांक 18347/2024 में निम्नानुसार निर्णय पारित किया गया है:-"In the meanwhile, the petitioner shall be permitted to pursue his B.Ed course However, it is made clear that the same would not result in accrual of any night in his favour and the same shall be subject to final decision of this petition."
अतः माननीय उच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय के उपरांत कार्यवाही संभव होने से शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
लीज पर भूमि आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 1563 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगरीय सीमा में पेट्रोल पंप खोलने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के संवर्गों के आवेदकों को पेट्रोल पंप के लिए भूमि आवंटित करने के क्या प्रावधान हैं? प्रावधानों से अवगत कराया जाएगा? स्पष्ट करें। (ख) नगरीय सीमा में पेट्रोल पंप हेतु भूमि आवंटन करने के अनुसूचित जाति/जनजाति संवर्ग के आवेदकों को लीज पर भूमि किस दर पर उपलब्ध करवाई जाएगी? (ग) इस संबंध में म.प्र. शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदकों के उत्थान एवं विकास तथा उनके प्रोत्साहन के लिए शासन द्वारा रियायती दर पर भूमि आवंटन करने के प्रावधान हैं अथवा बनाये जाएंगे? अवगत करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) (1) विभाग द्वारा प्रशासित मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचंल संपत्ति का अंतरण) नियम, 2016 में नगरपालिका स्वामित्व एवं उनमें वैष्ठित संपत्ति निकाय या सार्वजनिक हित में नियमानुसार अंतरण की कार्यवाही किये जाने संबंधी प्रावधान है। (2) उक्त नियमों में पेट्रोल पम्प हेतु भूमि आवंटित किये जाने का विशेष प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है।
घुमन्तु, अर्द्धघुमन्तु जनजातियों को शासन की योजनाओं का लाभ
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
159. ( क्र. 1566 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में विमुक्त, घुमन्तु अर्द्धधुमन्तु जनजातियां किस-किस वि.स.क्षेत्र में निवासरत है। ग्रामों के नाम बतायें। इस वर्ग के आश्रम एवं छात्रावास कहां-कहां कितनी सीट्स के संचालित हैं? स्थानवार बतायें। (ख) विधानसभा क्षेत्र देवरी अन्तर्गत कहां-कहां इन जांतियों के लोग निवासरत है, इनके ग्राम, मजरे, टोले का विभाग द्वारा कब-कब सर्वे किया ग्रामवार, संख्यावार जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? इनके ग्राम, मजरे, टोले में मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध है. यदि हाँ, तो क्या-क्या है, नहीं है तो कौन-कौन सी सुविधाएं नहीं है तथा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? समय-सीमा बतायें। (ग) क्या केसली एवं सिलारी में इनकी बहुतायत होते हुये भी पेयजल, सड़क, स्कूल, आंगनबाडी केन्द्र, राशनकार्ड एवं सामुदायिक भवन का अभाव है। यदि हाँ, तो कब तक इन्हें उक्त सुविधाएँ उपलब्ध करा दी जावेगी? नहीं तो क्यों? विवरण देवें। (घ) क्या इन्हें प्रधानमंत्री आवास की भी सुविधा नहीं दी गई हैं, इसके लाभ हेतु विभाग में पृथक से व्यवस्था हैं, यदि हाँ, तो कब तक सर्वे कराकर आवास की सुविधा इन्हें उपलब्ध करा दी जावेगी? देवरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के नाम, पते की जानकारी दें।
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदायों का डाटा बेस उपलब्ध न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। यद्यपि सामान्य जानकारी के आधार पर सागर जिले में खुरई विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मॉलथौन, संजरा (लिधौरा) सुरखी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम राहतगढ़, बिजपुरी (बेरखेडी) देवरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिलारी, केसली में इन समुदाय के परिवार निवासरत हैं। जिला सागर के विकासखण्ड बंडा में विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु 50 सीटर छात्रावास एवं विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु 20 सीटर आश्रम बिलहरा सागर में स्वीकृत है, परन्तु पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी उपलब्ध न हाने की स्थिति में संस्थाएँ संचालित नहीं हैं। (ख) प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदायों का डाटा बेस उपलब्ध न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं। यद्यपि सामान्य जानकारी के आधार पर सागर जिले के देवरी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सिलारी, केसली में इन समुदाय के परिवार निवासरत है। विभाग द्वारा सर्वे नहीं कराया गया। वर्तमान में विभागीय पोर्टल तैयार किया जाकर इन समुदायों के परिवारों के पंजीकरण की प्रक्रिया पर कार्यवाही प्रचलन में है। वर्तमान में बिजली, पेयजल, नाली, सड़क, प्राथमिक शाला एवं आगनवाड़ी आदि मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। (ग) केसली अंतर्गत उक्त समुदाय हेतु पेयजल की सुविधा, पक्की सड़क, विद्युत सेवाएं, शासकीय प्राथमिक शाला एवं आंगनवाड़ी केंद्र की सुविधाएँ उपलब्ध है। ग्राम सिलारी में पेयजल व लगभग 1.5 कि.मी. पर पक्की सड़क की सुविधा उपलब्ध है। क्षेत्र में अनुपलब्ध अन्य मूलभूत सुविधाओं हेतु संबंधितों को निर्देशित किया गया है। विभाग के पास सीमित वित्तीय संसाधन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रधानमंत्री आवास की सुविधा उपलब्ध है। जी हाँ, विभाग में भारत सरकार के राष्ट्रीय विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण एवं विकास बोर्ड द्वारा संचालित सीड परियोजना अंतर्गत आवास घटक के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना नियमानुसार क्रियान्वित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। डाटा बेस के आभाव में जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
अपूर्ण सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण कराया जाना
[लोक निर्माण]
160. ( क्र. 1569 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 से नोनिया बरेली-घाटखेड़ी-चुन्हेटिया- भानपुर-गोरखाकलां-चंदनपिपलिया-चिरचिटा-जैथारी मार्ग कब स्वीकृत हुआ था? स्वीकृत लंबाई तथा स्वीकृत राशि सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था? उक्त कार्य अपूर्ण रहने के क्या कारण है? उक्त कार्य अनुबंध अनुसार पूर्ण न होने की स्थिति में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें। (ग) उक्त कार्य में ठेकेदार को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? उक्त कार्य में अनियमितताओं की किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त मार्ग का कार्य कब तक पूर्ण होगा तथा उक्त मार्ग पर जो डामरीकरण का कार्य किया गया है, उस पर जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं, उनकी मरम्मत कौन कब तक करेगा? पूर्ण विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य में भूमि विवाद एवं कोरोना काल के कारण विलंब हुआ। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। कार्य की शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
बजट का उपयोग नहीं होने से उत्पन्न स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 1572 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कितना कितना बजट प्राप्त हुआ? उसका किस प्रयोजन पर कितना व्यय हुआ और कितना शेष है? वर्षवार बतायें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम में अगस्त 2022 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल नगर निगम में पार्षदों द्वारा कितनी-कितनी राशि के कितने कार्य कराये गये? कितने पूर्ण है? कितने अपूर्ण है? किस फर्म/ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया है? कितना किस कारण से लंबित है? वार्डवार, पार्षद का नाम, कार्य का नाम, ठेकेदार का नाम, फर्म का नाम, राशि सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। उपरोक्त लंबित कार्यों/भुगतान हेतु निगम के पास बजट उपलब्ध है अथवा लैप्स हो गया है? लैप्स होने के कारण सहित वार्डवार बतायें। (ग) उपभोक्ताओं से संपत्तिकर में शिक्षा उपकर की राशि ली जाती है? यदि हाँ, तों प्रश्नांश (क) की अवधि में कितना शिक्षा उपकर प्राप्त हुआ? उसे कहां पर संधारित कर रखा गया है बैंक में खाते का प्रकार, खाता नं., बैंक का नाम, ब्याज की राशि? उसका उपयोग किस प्रकार से किया जाता है? उस हेड से स्कूलों में कार्यों को कराये जाने हेतु प्रश्नांश (ख) अवधि में कितने आवेदन किस प्रयोजन के प्राप्त हुये हैं उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? पत्रों एवं नियमों, आदेशों की प्रति सहित बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में नगर निगम में बजट का कार्य एवं पार्षदों के कार्यों का भुगतान का कार्य किसे सौंपा गया है? उनका नाम, पदनाम, पदीय दायित्व, स्थाई/अस्थाई, वेतनमान, संपत्ति की जानकारी, एक ही स्थान पर कब से पदस्थ है, उनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतें सहित गौशवारा बनाकर बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। शिक्षा उपकर के लिए पृथक से बैंक खाता संधारित नहीं किया जाता है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सिंचाई पम्प में क्षमता से अधिक बिजली बिल
[ऊर्जा]
162. ( क्र. 1573 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सिंचाई पंपों के लिए किस प्रकार के विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है? किस क्षमता पर, किस दर पर कितनी अवधि के लिये स्थाई/अस्थाई कनेक्शन दिये जाते है संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर जानकारी दें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम क्या विभाग में विद्युत उपभोक्ता की जानकारी ऑनलाइन रखी जाती है यदि हाँ, तो 20 मार्च 2024 से प्रश्न दिनांक तक गुना एवं राजगढ़ जिले में कितने कनेक्शनों की मांग के लिये स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शन जारी किये गये है? इनसे कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? उपभोक्ता की संख्या, कुल जमा राशि की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में जिस क्षमता का पंप लगा है उससे अधिक बिल जारी होने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता की संख्या दें। (घ) उपरोक्त के अनुक्रम में क्या बिजली विभाग की गलती का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है? यदि हाँ, तो बिजली विभाग के जिम्मेदारों के विरूद्ध भी जवाबदेही निर्धारित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में सिंचाई पंपों के लिए स्थाई एवं अस्थाई पंप कनेक्शन मीटरीकृत अथवा अमीटरीकृत श्रेणी में उपभोक्ता के द्वारा की गई मांग क्षमता के अनुसार एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदाय किये जाते हैं। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। स्थाई पंप कनेक्शन स्थाई रूप से जारी किया जाता है एवं कृषि उपयोग हेतु अस्थाई कनेक्शन 1 से 5 माह की अवधि के लिये प्रदान किये जाते हैं। कृषकों को स्थाई/अस्थाई कनेक्शन पर राज्य शासन द्वारा दी जा रही सब्सिडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत संचालन/संधारण वृत्त गुना एवं संचालन/संधारण वृत्त राजगढ़ में दिनांक 20.03.2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जारी किये गये स्थाई एवं अस्थाई विद्युत कनेक्शनों की संख्यात्मक जानकारी एवं उक्त कनेक्शनों के विरूद्ध प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत क्षमता से अधिक राशि का बिल दिये जाने संबंधी 37 शिकायतें संचालन-संधारण वृत्त गुना अंतर्गत प्राप्त हुई हैं एवं संचालन-संधारण वृत्त राजगढ़ अंतर्गत कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी अंतर्गत विद्युत उपभोक्ताओं से प्राप्त शिकायतों पर नियमानुसार एवं त्वरित कार्यवाही की जाती है। तद्नुसार उत्तरांश (ग) में उल्लेखित 37 शिकायतों की जांचोपरान्त 21 शिकायतें गलत पायी गयी एवं 16 शिकायतें सही पायी जाने पर नियमानुसार निराकरण कर बिलों में राशि का सुधार कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
फायर सेफ्टी एक्ट लागू किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 1576 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 2613 दि. 11/7/24 के उत्तर से फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की पुष्टि होने के बावजूद, देश व प्रदेश में बढ़ती अग्नि दुर्घटनाओं के मद्देनजर म.प्र. में इस एक्ट को प्राथमिकता के आधार पर लागू क्यों नहीं किया जा रहा? इसे कब तक लागू किया जावेगा समय-सीमा बतायें? (ख) छतरपुर में 17/11/24 को हुई अग्नि दुर्घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए विभाग द्वारा खुले में बिना सुरक्षा के गैस सिलेण्डर रखने वालो के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार की गई कार्यवाही का विवरण दें। (ग) अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा और क्या-क्या कदम उठाये जा रहे है? (घ) नगरीय क्षेत्रों में लगने वाले उत्सव मेलों/इजित्मा आदि में फायर सेफ्टी संबंधी क्या-क्या कदम उठाये गये है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा प्रश्न के उत्तर में फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना बताया गया था जिसकी कार्यवाही वर्तमान में भी प्रक्रियाधीन है जिसे लागू करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही की जा रही है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) छतरपुर जिले में प्रश्नांकित दिनांक को हुई अग्नि दुर्घटना खुले में गैस सिलेण्डर रखने के कारण हुई थी यद्यपि खुले में गैस सिलेण्डर रखने के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही खाद्य विभाग के दायित्वाधीन है परन्तु सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा भी समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने एवं इससे बचाव के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर नगरीय निकायों एवं अग्निशमन प्राधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं नगरीय निकाय द्वारा जन सामान्य को जागरूक करने हेतु अग्नि दुर्घटना से बचाव से संबंधित जानकारियां प्रकाशित कराई जाती हैं। किसी अग्नि दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाती है। (घ) नगरीय क्षेत्र में होने वाले उत्सव, मेला/इज्तिमा आदि के अवसर पर स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा उत्सव, मेला/इज्तिमा हेतु अनापत्ति जारी करते समय निकाय के कर्मचारियों द्वारा फॉयर सेफ्टी संबंधी जांच कराई जाकर इससे बचाव के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं एवं फॉयर बिग्रेड उपलब्ध कराये जाते हैं।
नगरीय क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 1577 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कोई विशेष अभियान शुरू करने पर विचार कर रही है? (ख) यदि हाँ, तो यह अभियान कब और कहां से शुरू किया जाएगा? (ग) बिना कानूनी अनुमति के व्यवसायिक/वाणिज्यिक गतिविधियां/अस्पतालों संचालित कर यातायात को बाधित करने वाले अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के क्या प्रावधान है? (घ) विशेष रूप से भोपाल और जबलपुर में अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और भविष्य में इन शहरों के सार्वजनिक मार्गों को अतिक्रमण से मुक्त कर यातायात को सुगत बनाने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 तथा म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 में पूर्व से ही प्रावधान होने के फलस्वरूप नगरीय निकायों द्वारा जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन की सहयोग से निरन्तर कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा 293 एवं 322 तथा म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 (ए) अंतर्गत बिना अनुज्ञा निर्माण एवं सड़कों में बाधा का प्रतिशेध के प्रावधान पूर्व से ही उल्लेखित है। (घ) म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के अंतर्गत सार्वजनिक सडकों से सतत् एवं निरन्तर प्रक्रिया के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। एक सतत् प्रक्रिया है।
ठेकेदारों के रनिंग बिलों के भुगतान की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
165. ( क्र. 1580 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् सबलगढ़, जिला मुरैना अंतर्गत वर्ष 2016 से 2019 तक किन-किन ठेकेदारों के कितनी-कितनी राशि के रनिंग बिलों का भुगतान किया गया? ठेकेदार/फर्म का नाम, कार्य का नाम, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित पूर्ण जानकारी प्रदान की जाय। (ख) आलोच्य अवधि में नगर पालिका परिषद् सबलगढ़, जिला मुरैना अंतर्गत ठेकेदार के भुगतान किये प्रत्येक रनिंग बिलों में से इनकम टैक्स, वेट एवं जीएसटी के रूप में विभाग में जमा करायी राशि की जानकारी सहित समस्त चालानों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
वित्तीय अधिकारों के उल्लंघन की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 1581 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की नागदा नगर पालिका में दि. 10.08.2022 से 15.11.2024 तक नगर पालिका परिषद् नागदा के प्राधिकारी सीएमओ ने वित्तीय शक्तियों में एक लाख तक किन-किन कार्यों/सामग्री क्रय करने हेतु भुगतान किया गया है? वर्षवार, कार्यवार, नगद भुगतान/चेक द्वारा किये गये भुगतान का चेक नंबर, ऑनलाइन भुगतान की रसीद सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) दिनांक 10.08.2022 से 15.11.2024 तक नागदा नगर पालिका अध्यक्षा ने धारा 50, नगर पालिका शासन परिषद् में निहित होते धारा 51, अध्यक्ष की शक्तियाँ तथा कर्तव्य म.प्र. लेखा वित्त नियम 2018 धारा 237 के अंतर्गत 5 लाख तक किन-किन कार्यों/सामग्री क्रय करने हेतु भुगतान किया गया है? वर्षवार, कार्यवार, नगद भुगतान/चेक द्वारा किये गये भुगतान का चेक नंबर, ऑनलाइन भुगतान की रसीद सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) नागदा नगर पालिका अध्यक्षा ने नगर पालिका अधिनियम की धारा 71 की सलाहकार समितियों का दि. 10.08.2022 से 15.11.2024 तक पालन किया गया है? क्या 36 वार्ड की नागदा नगर पालिका परिषद् में 21 पार्षदों परिषद् की समिति से अपना त्याग पत्र दे चुके हैं? ऐसी दशा में अध्यक्षा के वित्तीय अधिकार है या नहीं? स्पष्ट किया जाये। (घ) नागदा नगर पालिका अध्यक्षा ने नगर पालिका अधिनियम की धारा 71 की सलाहकार समितियों के सदस्यों की सलाह के बिना धारा 70 में पीआईसी में प्रस्ताव पारित किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या प्रस्ताव पास किये गये हैं? छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। जी हाँ। म.प्र. नगर पालिका लेखा नियम 2018 संशोधित नियम 239 (म.प्र. राजपत्र असाधारण क्रमांक 260 दिनांक 22/08/2023) अनुसार अध्यक्ष को वित्तीय अधिकार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार।
विभाग द्वारा गलत भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 1584 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भिण्ड में जिला सचिव कांग्रेस कमेटी ने नगर पालिका अधिकारी, गोहद द्वारा डीजल खरीदी एवं एक लाख से कम की ऑफ लाइन फाइलों, लाइट सामग्री आदि में हुए भ्रष्टाचार के संबंध में कलेक्टर जिला भिण्ड को दिनांक 24.01.2024, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर को दिनांक 23.02.2024 को एवं प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल को दिनांक 12.09.2024, जो शिकायत की गयी उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी जानकारी दें। यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? क्या कार्यवाही नहीं करने वालो के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ख) नगर परिषद मालनपुर में माह जुलाई 2021 से प्रश्न दिनांक तक डीजल, लाईट, अन्य सामग्री खरीदी एवं एक लाख से कम ऑफलाइन फाइलों में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने में लाखों रूपये का भ्रष्टाचार किया? क्या भ्रष्ट अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नांकित शिकायत के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गोहद द्वारा जांच की जा रही है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर परिषद मालनपुर में प्रश्नांकित विषय के संबंध में कोई भी शिकायत संबंधित निकाय/विभाग के संभागीय कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त नहीं हुई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ठेले वालों का अवैध कब्जा हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
168. ( क्र. 1585 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर के जहांगीराबाद में स्टेट गैरेज से लेकर मेन रोड तक ठेले वालों का कब्जा बढ़ता जा रहा है? यदि हाँ, तो नगर निगम प्रशासन द्वारा ठेले वालों को हटाने के क्या प्रयास किये गये है? यदि प्रशासन के आदेश के तहत ठेले लगाये जा रहे हैं तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये। यदि नहीं, तो क्या नगर निगम उन्हें हटाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें। (ख) भोपाल शहर में ठेले वालों का रोडों पर अवैध कब्जा हो रहा है, जिससे आमजन को आने-जाने में परेशानी के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था खराब हो रही है। क्या नगर निगम प्रशासन द्वारा ठेले को लगाने की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) भोपाल शहर में प्रश्न दिनांक तक नगर निगम द्वारा कितने ठेले वालों पर चालानी कार्यवाही कर राशि वसूल की गई है? सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां, प्रश्नाधीन क्षेत्र में अतिक्रमण अमले द्वारा दिनांक 01/07/2024, 08/07/2024, 12/08/2024, 09/09/2024, 13/09/2024, 07/10/2024, 14/10/2024 एवं 15/10/2024 की कार्यवाही की गयी है। ठेले लगाये जाने से संबंधित प्रशासन निगम के द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किये गये है। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत सतत् एवं निरंतर प्रक्रिया के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ट्रैफिक व्यवस्था बाधित न हो, नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत सतत् एवं निरंतर प्रक्रिया के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। जी नहीं, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है।
इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा जारी प्लांट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 1596 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कीम नंबर 140 सेक्टर 'इ' में आर.सी.एम. 7 और 9 नंबर का प्लॉट किनको उपलब्ध करवाए गए हैं व किस उपयोग हेतु दिये गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त प्लॉट पर क्या कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या यह नियम के विरूद्ध है? इसमें कौन जिम्मेदार हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर इसकी जांच करवाई जाएगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या फर्स्ट फ्लोर से टॉप फ्लोर तक रेसिडेंशियल एरिया था? यदि हाँ, तो वर्तमान उक्त प्लॉटों में कमर्शियल ऑफिस किसके अनुमति से बनाए गये हैं? जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या RCM 7 और 9 फ्लोर पर कमर्शियल ऑफिस का उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर इसकी जांच करवाई जाएगी? यदि हाँ, तो क्या? इंदौर विकास प्राधिकरण के आदेश का उल्लंघन हुआ है? संबंधित बिल्डर पर क्या कार्यवाही की जाएगी व कब तक समय-सीमा से अवगत करवाएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्कीम नं. 140 सेक्टर "ई" में आर.सी.एम. 7 मेसर्स पशुपतिनाथ बिल्डकॉन को तथा आर.सी.एम. 9 भूखण्ड साहिल इन्फ्रा. को आवासीय सह वाणिज्यिक उपयोग हेतु दिये गये थे। (ख) उक्त दोनों भूखण्डों में वर्तमान में निर्माण कार्य किया जा रहा है तथा उपयोग नहीं किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश "ख" अनुसार।
कुक्षी से डही मार्ग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
170. ( क्र. 1597 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी से डही मार्ग का किस एजेंसी के द्वारा निर्माण किया जा रहा है? क्या उक्त कार्य डी.पी.आर. के अनुसार किया जा रहा है, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो डी.पी.आर. की छायाप्रति उपलब्ध करावाएं। (ख) कंडिका (क) के अनुसार क्या उक्त कार्य गुणवत्ताविहीन व घटिया क्वालिटी का किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर इसकी जांच की जाएगी हाँ अथवा नहीं? यदि हां, तो कब तक समय-सीमा बताने का कष्ट करें। (ग) कंडिका (ख) के अनुसार क्या सड़क निर्माणधीन कंपनी की घोर लापरवाही के कारण ग्राम बड़वानियां तहसील डही के छात्रावास में पानी घुस जाने से आदिवासी छात्र का जीवन संकट में आ गया था? यदि हाँ, तो उसका जिम्मेदार कौन है? उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्तमान में निर्माणाधीन कुक्षी से डही मार्ग हेतु कितनी राशि स्वीकृति की गई एवं कितनी राशि जारी की गई व कितनी प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया जानकारी उपलब्ध करवाये साथ ही प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि कार्यवाही नहीं की गई तो उसका क्या कारण है, स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) योजना मद में स्वीकृत निर्माणाधीन कुक्षी डही मार्ग का निर्माण कार्य अनुबंधित एजेन्सी मेसर्स राम प्रसाद राठौर, माछलपुर, तह. जिरापुरा, जिला राजगढ़ (म.प्र.) -465693 द्वारा किया जा रहा है। जी हाँ। कार्य स्वीकृत तकनीकी स्वीकृति प्राप्त डी.पी.आर. अनुसार किया जा रहा है। जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कार्य में प्रयुक्त सामग्री का उपयोग मंडल स्तरीय लोक निर्माण विभाग की अधिकृत लेब से जांच कराने के उपरांत ही किया गया है। कार्य गुणवत्ता युक्त है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हां, अतिवृष्टि के कारण ग्राम बडवान्या तहसील डही के छात्रावास में निर्माणाधीन कुक्षी डही मार्ग के पुलिया की डाउन स्ट्रीम में अन्य मार्ग के 6 मीटर की सिंगल स्पान पुलिया में कचरा जमा होने से पानी की निकासी प्रभावित हुई जिससे पानी एकत्रित होकर निर्माणाधीन पुलियां के ऊपर एवं छात्रावास में एक मीटर ऊंचाई तक आ गया था। उक्त घटना अत्यधिक बारिश होने से हुई। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कुक्षी डही मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 3897.28 लाख की प्राप्त हुई है एवं प्रश्न दिनांक तक ग्लोबल में प्राप्त आवंटन अनुसार राशि 304.58 लाख का व्यय किया जा चुका है एवं मार्ग का 15 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रश्नांश ''ग'' के अनुसार इस घटना के लिए कोई व्यक्ति विषेश जिम्मेदार नहीं है। अत्यधिक वर्षा के कारण यह घटना घटित हुई है।
नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 1598 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमण ऑडिट होता है, जिससे सार्वजनिक उपयोग की व शासकीय भूमि का सीमांकन पता चल सके, कि हर बीते वर्ष कितनी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हो चुका? यदि नहीं, तो क्या ऐसा अतिक्रमण ऑडिट सभी नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों में हर वर्ष करवाकर 'टोटल स्टेशन' से सीमांकन कर मुनारा गाड़ने का नियम बनाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? (ख) नगरीय क्षेत्रों में सतत् अतिक्रमण पर चोट कर शासकीय भूमि रिक्त करवाने पर विभाग ने सतना जिले में कितने एकड़ भूमि पिछले वर्ष 2023-24 में प्राप्त की है एवं कितनी बाकी है? (ग) सतना नगर निगम क्षेत्र की रिहायशी कॉलोनियों में अवैध छज्जे बाहर निकालकर सार्वजनिक नाली व सड़क पर अतिक्रमण पर विभाग ने विगत 5 वर्षों में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाहियां की हैं? सड़क अतिक्रमणकारियों पर कब-कब, कितना-कितना जुर्माना लगाया गया है? वर्षवार पूर्ण जानकारी देवें। (घ) सतना नगर निगम अंतर्गत समस्त वार्डों में क्या सभी सड़कें अतिक्रमण मुक्त हैं? यदि नहीं, तो कब तक होंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 तथा म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 में अतिक्रमण ऑडिट का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम, सतना के द्वारा वर्ष 2023-24 में ग्राम सौनोर से लगभग 02 एकड़, अमौधा तालाब के समीप लगभग 01, नारायण तालाब की मेढ़ पर लगभग 5000 स्क्वायर फीट, एयरपोर्ट बाउण्ड्री के भीतर लगभग 2.5 एकड़, धवारी चांदमारी रोड पर प्राथमिक शाला में लगभग 10,000 स्क्वायर फीट जमीन अतिक्रमणकर्ताओं से वापस प्राप्त की है। सतना जिले की शेष निकायों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर निगम सतना द्वारा सतत् रूप से रिहायशी कॉलोनी में अवैध छज्जे, बाहर निकाल कर सार्वजनिक नाली व सड़क पर अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में वर्णित धाराओं के अंतर्गत सतत् रूप से हटाए जाने की कार्यवाही की जाती है। अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही समय-समय पर की जाती है सड़क पर अतिक्रमणकर्ताओं पर वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 में क्रमश: राशि रू. 1,58,800/- व 46,600/- का जुर्माना अधिरोपित कर वसूली की कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं, यह कहना सही नहीं है कि समस्त सड़के अतिक्रमण मुक्त है वरन नगर निगम सतना द्वारा सतत् रूप से सड़कों आदि पर अतिक्रमण किए जाने वाले अतिक्रमणकर्ताओं पर समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पावर ट्रांसफार्मर हेतु क्षमता वृद्धि की जाना
[ऊर्जा]
172. ( क्र. 1599 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कहां-कहां, कितने-कितने एम.व्ही.ए. पावर क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर स्थापित है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पावर ट्रांसफार्मरों से किन-किन वितरण केन्द्रों को कितनी-कितनी बिजली वितरित की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में पावर स्टेशनों से प्राप्त विद्युत वितरण केन्द्रों पर कितना ओव्हरलोड है? इसे कम करने के लिये विभाग क्या अधिक क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर स्थापित करेगा या क्षमता वृद्धि करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) रजौला में स्थापित 3.15 एमव्हीए के पावर ट्रांसफार्मर से एम.जी. फीडर एवं जानकी कुण्ड तथा प्रमोदवन के 5 एमव्हीए से कामतानाथ नयागॉव की विद्युत सप्लाई है जहाँ पर विद्युत लाइन लॉस 40 से 50 प्रतिशत तक है एवं 210-15 एम्पियर की जगह 240-250 एम्पियर तक क्या ओव्हर लोडिंग हो रही है? यदि हाँ, तो इनकी क्षमता वृद्धि कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों एवं 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र मझगवां में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गई क्षमतावार/स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र मझगवां से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्दों को एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मरों से वितरण केन्द्रों क्षेत्रान्तर्गत वितरित की जा रही विद्युत की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत उपकेन्द्रों पर स्थापित पावर ट्रांसफार्मर अतिभारित (ओव्हरलोड) नहीं हैं। तथापि आगामी वर्षों में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कारीगोही (पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता-5 एम.व्ही.ए.) स्वीकृत है, जिसका कार्य प्रगतिरत है। (घ) रजौला तथा प्रमोदवन में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मरों से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों में विगत 2 वर्षों की अवधि में अंकित अधिकतम भार का विवरण निम्नानुसार है :-
33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र |
पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता (एम.व्ही.ए.) |
निर्गमित 11 केव्ही फीडर का नाम |
अधिकतम विद्युत भार वर्ष 2023-24 (एम्पियर) |
अधिकतम विद्युत भार वर्ष 2024-25 (माह सितम्बर-24 तक) (एम्पियर) |
चित्रकूट (रजौला) |
3.15 |
11 केव्ही चित्रकूट शहर/जानकी कुंड |
82 |
126 |
11 केव्ही एमजी कॉलेज |
16 |
15 |
||
5 |
11 केव्ही गोदावरी |
181 |
137 |
|
चित्रकूट (प्रमोदवन) |
5 |
11 केव्ही कामतानाथ |
108 |
129 |
11 केव्ही नयागावं |
83 |
76 |
उपरोक्तानुसार वर्तमान में चित्रकूट (रजौला) में स्थापित 3.15 एम.व्ही.ए. एवं 5 एम.व्ही.ए. के पावर ट्रासंफार्मर तथा चित्रकूट (प्रमोदवन) में स्थापित 5 एम.व्ही.ए. का पावर ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है, अत: इनकी क्षमता वृद्धि किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
कॉलोनाईजर द्वारा विकसित की जा रही कॉलोनी की पर्यावरण NOC
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 1621 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना एवं मैहर जिला अंतर्गत जहां-जहां प्लाटिंग हो रही है या कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी विकसित की जा रही है, वहां पर पर्यावरण के मापदण्डों को ध्यान में रखकर NOC दी जा रही है? यदि हाँ, तो जहां-जहां NOC दी गई है सभी जगह की एक-एक प्रति उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो क्या मापदण्डों के विपरित कॉलोनाईजर को NOC दी जा रही है? वर्ष 2001 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कॉलोनाईजर को किस किस दिनांक को और किस आधार पर कौन-कौन से जगह के लिए NOC दी गई? सतना एवं मैहर जिले के ब्लॉकवार, कॉलोनाईजरवार, कॉलोनीवार, स्थानवार, खसरा न. वार, अलग-अलग सूची उपलब्ध कराये? (ख) क्या कॉलोनी विकसित करने के लिए पर्यावरण की मंजूरी आवश्यक नहीं है? यदि आवश्यक है तो इसकी नियमावली क्या है? जानकारी उपलब्ध कराये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सतना एवं मैहर जिला अंतर्गत नगरीय निकायों द्वारा कॉलोनाईजर को एन.ओ.सी. जारी नहीं की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, यद्यपि नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 एवं नगर पालिका अधिनियम, 1961 में पर्यावरण की अनुमति लेने के प्रावधान नहीं हैं परन्तु नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा कॉलोनी के अभिन्यास अनुमोदन में कॉलोनाईजर को पर्यावरण अनुमति प्राप्त करने की शर्त रखी जाती है। विभागीय पत्र क्रमांक एफ 10-44/2014/18-2 दिनांक 01.08.2014 में 50 हेक्टेयर के भूखण्डीय विकास अथवा 20000 वर्गमीटर निर्माण हेतु पर्यावरण स्वीकृति ली जाना आवश्यक किया गया है। कॉलोनी विकास अनुमति प्राप्त करने के उपरांत संबंधित कॉलोनाईजर द्वारा पर्यावरण की मंजूरी पर्यावरण विभाग के संबंधित कार्यालय से प्राप्त की जाती है।
प्रकरण की निष्पक्ष जांच
[लोक निर्माण]
174. ( क्र. 1761 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.नि.वि. संभाग पन्ना में अनुबंध क्रमांक 21 वर्ष 2020-21 के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्य की जांच शासन एवं प्रमुख अभियंता, लो. नि.वि. के निर्देश पर मुख्य अभियंता सागर द्वारा गठित 4 सदस्यीय जांच दल द्वारा की गई? यदि हाँ, तो जांच दल के सदस्यों के नाम, पद की जानकारी सहित सम्पूर्ण जांच प्रतिवेदन की जानकारी उपलब्ध कराए। क्या उक्त जांच में किया गया कार्य अमानक पाए जाने से ठेकेदार के पंजीयन निलंबन का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता, लो.नि.वि. द्वारा शासन को प्रस्तुत किया जा चुका है, जो शासन स्तर पर विचाराधीन है। यदि हाँ, तो ठेकेदार के पंजीयन निलंबन एवं किए गए अमानक कार्य की ठेकेदार से वसूली की कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी? समय-सीमा बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह भी जानकारी दें कि उपरोक्त कार्य में ठेकेदार के 25 प्रतिशत के पार्टनर श्री भरत मिलन पाण्डे द्वारा यह कार्य सम्पादित कराया जा रहा है। क्या ठेकेदार के 25 प्रतिशत के पार्टनर श्री भरत मिलन पाण्डे पर सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मारपीट करने, शासकीय कार्य में बाधा डालने, अनुचित कार्य कराने का दबाव बनाने की शिकायतें विभाग के संज्ञान में है। (ग) क्या मार्ग के संविदाकार के 25 प्रतिशत के पार्टनर श्री भरत मिलन पाण्डे द्वारा मार्ग में किए गए अमानक कार्य में मार्ग में पदस्थ उपयंत्री श्री मनोज रिछारिया द्वारा सुधार कराने के प्रयासों से क्रोधित होकर 40 लाख का देयक बकाया होने एवं इसके माप दर्ज किए जाने हेतु श्री रिछारिया द्वारा 7 लाख रूपये की रिश्वत मांगे जाने की एफ.आई.आर. लोकायुक्त में दर्ज कराकर प्रकरण बनाया गया? क्या यह भी सही है कि शासन द्वारा गठित जांच दल द्वारा की गई जांच में तत्समय तक कोई भी माप दर्ज होने को शेष नहीं पाई गई, न ही कोई देयक भुगतान हेतु बकाया पाया गया? क्या यह सही है कि जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर उक्त एफ.आई.आर. ही पूर्णतः झूठी एवं निराधार सिद्ध हो रही है एवं श्री रिछारिया को षड़यंत्र के तहत फंसाया जाना सिद्ध हो रहा है? क्या यह भी सही है कि उक्त प्रकरण के प्रथम विवेचक श्री राजेश खेड़े, डी.वाय.एस.पी. को न्या.वि.न्या भ्रष्टा.निवा.अधि. सागर म.प्र. द्वारा 21.06.2024 को पारित निर्णय में कूटरचना कर निर्दोष व्यक्ति को झूठा फंसाए जाने से इनके विरुद्ध कार्यवाही हेतु निर्देश दिए गए हैं? क्या उक्त तथ्यों से अवगत कराते हुए उक्त जांच प्रतिवेदन की प्रति विभाग द्वारा लोकायुक्त को प्रेषित करते हुए पुनर्विवेचना की कार्यवाही किए जाने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो समस्त पत्राचार की प्रतियां प्रदाय करें। नहीं तो क्यों? कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है। श्री मनोज कुमार रिछारिया, उपयंत्री को विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त सागर द्वारा ट्रेप किया गया है, अतः प्रश्नांश विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त से संबंधित है। लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है। जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
फर्जी देयक प्रस्तुत कर भुगतान कराया जाना
[लोक निर्माण]
175. ( क्र. 1762 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि लो.नि.वि. संभाग पन्ना में अनुबंध क्रमांक 21 वर्ष 2020-21 के संविदाकार के पार्टनर द्वारा दिनांक 16.05.2024 को वि.पु. स्था. लोकायुक्त सागर में उपरोक्त अनुबंध के अंतर्गत किये कार्य के भुगतान न किये जाने की शिकायत करते हुये एक 3895428/- रू. के देयक की छायाप्रति प्रस्तुत करके इसका भुगतान किये जाने का अनुरोध किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या यह भी सही है कि उक्त फर्जी देयक की छायाप्रति ठेकेदार द्वारा 10/7/2024 को अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग को प्रेषित कर तत्का. प्रमुख अभि. की एक अन्य प्रकरण में राजीनामा करने का दवाब बनाने की शिकायत करते हुये इस फर्जी देयक का भुगतान करवाने आवेदन दिया था। क्या यह भी सही है कि इस फर्जी देयक का भुगतान करवाने इसे अपर मुख्य सचिव महोदय की समय-सीमा में सम्मिलित करके मुख्य अभियंता सागर लोक निर्माण विभाग सागर को 7 दिवस में भुगतान करवाने हेतु निर्देश दिये गये थे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यह सही है कि अनु.अधि. लो.नि. वि.एवं कार्यपानल यंत्री लोक निर्माण विभाग पन्ना द्वारा इस देयक का किसी भी माप पुस्तिका में दर्ज न होने एवं इस देयक से संबंधित कोई भी अभिलेख उपसंभागीय एवं संभागीय कार्यालय में न होने का प्रतिवेदन दिया है क्या यह भी सही है कि बिना मांप पुस्तिका में दर्ज एवं बिना अनु.अधि.लो.नि;विभाग के हस्ता. के किसी देयक का भुगतान करवाने का प्रयास किया जाना गंभीर श्रेणी का अपराध है? . यदि हाँ, तो क्या इस फर्जी देयक की सूक्ष्मता से जांच कराकर इस देयक को प्रस्तुत करने वाले संविदाकार और इसमें सहयोग करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी, हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निकायों को राशि आवंटन से निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
176. ( क्र. 1764 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगर पालिका एवं नगर परिषदों में कहां-कहां, कितनी-कितनी राशि, किस-किस मदों में किस योजनाओं के अंतर्गत जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुई है एवं कितनी-कितनी राशि निकाय को स्वयं की आय से प्राप्त हुई है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी माहवार एवं वर्ष वार प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि किस मद से कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी राशि व्यय करके किस-किस ठेकेदार द्वारा किस दर पर कार्य कराए गए हैं? कृपया कार्य का नाम, ठेकेदार एवं भुगतान राशि की सम्पूर्ण जानकारी सहित प्रदाय करें। उपरोक्त निर्माण कार्यों का बिल किस-किस उपयंत्री ने माप पुस्तिका पर दर्ज किए हैं? कृपया नाम सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि इसी समयावधि में कौन-कौन से ठेकेदारों से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किस दर पर क्या-क्या सामग्री क्रय की गई है? प्रत्येक सामग्री का कृपया स्पष्ट उल्लेख करते हुए यह भी बताएं कि वह स्टोर की पंजी में दर्ज हुई है या नहीं? अगर हुई है तो उसका भौतिक सत्यापन किस-किस के द्वारा किया गया है? प्रत्येक सामग्री का भुगतान प्रश्न दिनांक तक कब-कब और किस-किस ठेकेदार को कितना-कितना किया जा चुका है और किस-किस का कितना प्रश्न दिनांक तक शेष है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक किस-किस ठेकेदार को अभी और कितनी-कितनी राशि का भुगतान करना शेष है? शेष राशि उपरोक्त नगरीय निकायों में भुगतान हेतु भेजी जावेगी तो कब-कब और नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।