मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 19 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बैतूल शहर हेतु अमृत नलजल योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1274 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बैतूल द्वारा बैतूल शहर के लिये अमृत नलजल योजना अन्तर्गत कौन सी परियोजना स्वीकृत की गई है? लागत एवं पेयजल स्त्रोत जहाँ से पानी लाना प्रस्तावित है, का विवरण देवें? (ख) उक्त योजना कितने वर्षों के लिये डिजाईन कर पाइप लाइन प्रस्तावित की गई है? (ग) क्या उक्त परियोजना से सम्पूर्ण शहर की आबादी में जल प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? जिन अधिकारियों द्वारा डी.पी.आर. तैयार की गई है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि नहीं, है तो क्यों? (घ) इस परियोजना से सम्पूर्ण शहर में पेयजल व्यवस्था नहीं हो पाने की स्थिति में शासन की क्या योजना है? किस-किस वार्ड में कितनी-कितनी पाइप लाइन किस-किस व्यास की बिछाई जाना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत योजनांतर्गत नलजल योजना बैतूल शहर के लिए ताप्ती नदी पर बैराज बनाकर 22.406 किलोमीटर रॉ-वॉटर राईजिंग मेन, इंटेकवेल एवं 41.896 किलोमीटर डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन की योजना स्वीकृत की गई है। योजना की स्वीकृत लागत राशि रू. 3817.00 लाख एवं पेयजल स्रोत ताप्ती नदी है। (ख) यह योजना 30 वर्षों तक के लिए डिजाईन कर पाइप प्रस्तावित की गई है। (ग) बैतूल शहर के लिए यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत लाखापुरा तालाब से 1.5 एम.सी.एम. जल प्राप्त करने के लिए ग्रेविटीमेन से जल शोधन संयंत्र तक जल लाने का कार्य प्रगति पर है। माचना नदी में स्थित बैराज का सुदृढ़ीकरण कार्य भी इसी योजना में किया जा रहा है। जिससे 2.00 एम.सी.एम. जल का प्रदाय होगा। अमृत योजनांतर्गत ताप्ती नदी पर बनाये गये बैराज से पारसडोह परियोजना के माध्यम से वर्ष भर में 5.00 एम.सी.एम. जल प्राप्त होगा। इस प्रकार बैतूल शहर के लिए दोनों परियोजनाओं के अंतर्गत 8.5 एम.सी.एम. जल की उपलब्धता सभी कार्य पूर्ण होने के बाद होगी। यह मात्रा बैतूल शहर के लिए पर्याप्त होगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार कार्य पूर्ण होने पर सम्पूर्ण शहर में पेयजल की व्यवस्था हो जावेगी। वार्डवार पाइप लाइन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि समृद्धि योजनांतर्गत पौध वितरण
[वन]
2. ( *क्र. 2718 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़वानी में वन विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि समृद्धि योजना के तहत कितने किसानों को कब पौधे वितरित किये गए? ग्राम का नाम, पौधों की संख्या एवं कौन-कौन से पौधे वितरित किये गए हैं? जानकारी उपलब्ध करावेंl (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वितरित किये गए पौधों को किसानों के द्वारा कहाँ-कहाँ लगाया गया है? इसका सत्यापन किसके द्वारा कब किया गया? दिनांकवार विवरण देवेंl (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि समृद्धि योजना के क्रियान्वयन में कितना व्यय किया गया? वर्तमान में पौधों की अद्यतन स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला बड़वानी के विधान सभा क्षेत्र बड़वानी अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1,962 किसानों को 1,61,130 पौधे वितरित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) किसानों को वितरित किये गये पौधे उनके द्वारा स्वयं के खेतों एवं मेढ़ों में लगाये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
कोचिंग संचालित करने के मापदण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 782 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रतियोगी परीक्षा एवं उच्च शिक्षा कोचिंग संचालित करने के मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो राजधानी भोपाल एम.पी. नगर क्षेत्रान्तर्गत प्रतियोगी परीक्षा एवं उच्च शिक्षा हेतु कितनी निजी कोचिंग संचालित हैं? प्रत्येक कोचिंग का नाम, पता एवं ऑनर के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक कोचिंग में कितने-कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? (घ) क्या कोचिंग की फीस शासन के निर्धारण के अनुरूप ही वसूली जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विभाग द्वारा प्रतियोगी परीक्षा एवं उच्च शिक्षा कोचिंग संचालित करने के संबंध में कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं किए गए हैं। (ख) राजधानी भोपाल एम.पी. नगर क्षेत्रांतर्गत जोन क्रमांक 9 के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 43 में 26 एवं वार्ड क्रमांक 45 में 36 कोचिंग संचालित हैं। शेष के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार/नवीनीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1417 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय मुख्यालय सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण कार्य हेतु विस्तृत योजना बनाई गई थी? योजनांतर्गत कितनी राशि की कब स्वीकृति प्रदान की गई थी? इसके अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराया जाना प्रस्तावित थे एवं समय-सीमा क्या थी? क्या प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य कराया जाना शेष हैं? (ख) क्या मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है? क्या शासन यात्रियों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये शेष रह गये कार्यों को शीघ्र पूर्ण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड नवीनीकरण हेतु म.प्र. शासन परिवहन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 8-03/2016/आठ भोपाल दिनांक 22 अक्टूबर, 2016 द्वारा राशि रूपये 269.32 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं इसके अंतर्गत सी.सी. रोड, सी.सी. ड्रेनेज, शौचालय वूम वेरियर सहित गेट निर्माण पार्किंग रोड एवं पार्किंग क्षेत्र का निर्माण एवं बसों के प्लेट फार्म का निर्माण प्रस्तावित है। कार्य पूर्ण कराने हेतु अनुबंधानुसार 10 माह की अवधि निश्चित थी। जी नहीं, गेट निर्माण का कार्य एवं प्लेट फार्म को कवर करने हेतु स्पेशफ्रेम एवं रूफिंग सीट का कार्य शेष है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। परिवहन विभाग से आवंटन प्राप्त होना अपेक्षित है। आवंटन प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छतरपुर शहर में पेयजल की उपलब्धता
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 2078 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर शहर की वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या कितनी है? दैनिक क्रियाओं के संचालन हेतु उक्त जनसंख्या हेतु कितने लीटर पानी की आवश्यकता है? कितना पानी नलजल एवं अन्य माध्यमों से पहुँचाया जा रहा है? माँग और आपूर्ति में कितना अंतर है? इसकी पूर्ति कैसे की जाती है? (ख) पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु क्या शासन द्वारा छतरपुर जिले हेतु धसान जल आवर्धन एवं अमृत जल परियोजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो कब? कितनी राशि स्वीकृत हुई? परियोजना के विभिन्न चरण कब तक पूर्ण होने थे? वर्तमान में उक्त की भौतिक स्थिति क्या है? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस कार्य में व्यय हो चुकी है? परियोजना को पूर्ण होने में कितनी राशि की आवश्यकता होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परियोजना के अतिरिक्त नगर पालिका छतरपुर को जुलाई 2009 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि जल प्रदाय एवं जल प्रदाय स्रोत के रख-रखाव हेतु कब-कब, किस कार्य हेतु प्रदाय की गई? कार्यवार, वर्षवार व्यय राशि का विवरण प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) छतरपुर शहर की वर्तमान में जनसंख्या लगभग 1,74,000 है। दैनिक क्रियाओं के संचालन हेतु 135 लीटर प्रति व्यक्ति के मान से प्रतिदिन लगभग 23.5 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता है। नलजल एवं अन्य माध्यमों से लगभग 18.74 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन प्रदाय किया जा रहा है। उपरोक्त आंकड़ों के अनुसार मांग एवं आपूर्ति में लगभग 4.70 मिलियन लीटर का अन्तर है। अंतर की जलापूर्ति वर्तमान में हैण्डपम्प, ट्यूबवेलों, सार्वजनिक कुंओं एवं जल परिवहन द्वारा की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ग्वालियर जिले में गौशालाओं का निर्माण
[पशुपालन]
6. ( *क्र. 1532 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की 3 विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण, डबरा एवं भितरवार में कितनी गौशालाओं के लिए स्थान चयन किया गया है? गौशाला की क्षमता, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, योजना मद, व्यय राशि एवं कार्य की प्रगति की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (ख) में गौशाला निर्माण एवं ग्रामों की उपलब्धता उपरांत उनके संचालन रख-रखाव हेतु मद एवं राशि की क्या व्यवस्था रहेगी? गौशालावार जानकारी देवें। (ग) जिले की तीनों विधान सभा में आवारा गौवंश की संख्या एवं वर्तमान में उनकी क्या व्यवस्था है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) ग्वालियर जिले की 3 विधान सभा क्षेत्रों ग्वालियर ग्रामीण, डबरा एवं भितरवार में 30 गौशालाओं का स्थल चयन किया गया है, जिसमें प्रति गौशाला 100 गौवंश की क्षमता निर्धारित की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' मे वर्णित गौशालाओं के संचालन एवं रख-रखाव की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा एवं भूसे चारे की व्यवस्था पशु पालन विभाग द्वारा की जाएगी। (ग) दिसम्बर 2018 को निराश्रित गौवंश की अनुमानित संख्या लगभग 12500 थी। जिसमें से 3350 निराश्रित गौवंश का व्यवस्थापन किया गया एवं 4300 गौवंश के व्यवस्थापन की क्षमता विकसित की जा रही है। निराश्रित गौवंश का व्यवस्थापन निरंतर स्वरूप की कार्यवाही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
स्थानांतरित प्राचार्य को भारमुक्त किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
7. ( *क्र. 1552 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र से स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्र. एफ-1- 133/2018/20-1 दिनांक 1.10.2018 को प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. बड़नगर का स्थानांतरण शासकीय कन्या उ.मा.वि. बीड़ जिला खण्डवा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के सदर्भ में प्राचार्य के स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात प्राचार्य को कितने समय बाद रिलीव किया गया? (ग) क्या शासन उक्त प्राचार्य का स्थानांतरण कर भारमुक्त करना भूल गया था? यदि नहीं, तो इतने माह तक रिलीव नहीं करने के क्या कारण थे? शासन द्वारा उक्त प्राचार्य को रिलीव करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई थी? जानकारी पत्रवार उपलब्ध करावें। (घ) प्राचार्य को रिलीव नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं एवं शासन उन पर क्या-क्या कार्यवाही करेगा? उक्त प्राचार्य द्वारा स्थानांतरित संस्था पर कब ज्वाईन किया गया और कितने दिन उक्त संस्था में उपस्थित रहा? यदि उक्त प्राचार्य द्वारा ज्वाईन नहीं किया गया है तो शासन क्या कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) स्थानांतरित प्राचार्य श्री बी.एम.एस. परिहार को कलेक्टर जिला उज्जैन के आदेश क्रमांक स्थापना/शिक्षा/2019/550 दिनांक 31.05.2019 द्वारा कार्यमुक्त किया गया था। (ग) जी नहीं। संबंधित के पास विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बड़नगर का प्रभार होने तथा निर्चाचन 2018 के अंतर्गत सेक्टर मजिस्ट्रेट का दायित्व होने से कलेक्टर उज्जैन के आदेशानुसार तत्समय कार्यमुक्त नहीं किया गया। तत्पश्चात कार्यालय कलेक्टर उज्जैन के आदेश क्रमांक स्थापना/शिक्षा/2018/9797 दिनांक 26.12.2018 द्वारा भार मुक्त किया गया। किन्तु पुन: कार्यालय कलेक्टर के आदेश क्रमांक स्थापना/शिक्षा/2018/9810 दिनांक 26.12.2018 से पूर्व आदेश निरस्त करते हुए श्री परिहार को कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन में प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से संलग्न किया गया तथा संबंधित को उत्तरांश (ख) अनुसार कार्य मुक्त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संबंधित द्वारा दिनांक 02.07.2019 को स्थानांतरित संस्था में ज्वाइन किया गया एवं उपस्थिति दिनांक से संस्था पर कार्यरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग के अंतर्गत आने वाली सड़कों का निर्माण
[वन]
8. ( *क्र. 2439 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पन्ना अंतर्गत वन विभाग की भूमि से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की ऐसी कितनी सड़कें हैं, जिनकी अनापत्ति नहीं मिल पाने के कारण गांवों में सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है? उक्त सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या पन्ना जिले के अन्तर्गत उत्तर वन मंडल द्वारा जैव विविधता क्षेत्र घोषित किये गये हैं?यदि हाँ, तो कौन-कौन से क्षेत्र जैव विविधता के अन्तर्गत आते हैं? अधिसूचना की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि जैव विविधता क्षेत्र घोषित नहीं है तो पर्यावरण की स्वीकृति हेतु चाहे गये प्रतिवेदन में जैव विविधता क्षेत्र की गलत जानकारी देकर कितने प्रतिवेदन कलेक्टर पन्ना को भेजे गये हैं? उन प्रतिवेदन के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या वनमंडलाधिकारी उत्तर वन मंडल पन्ना द्वारा दिये गये भ्रामक प्रतिवेदन पर शासन वनमंडलाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना द्वारा बायोस्फेयर रिजर्व की सीमा के आधार पर आवेदित स्थलों की दूरी का प्रतिवेदन प्रेषित किये गये हैं। तत्पश्चात कलेक्टर, पन्ना द्वारा बायोस्फेयर रिजर्व के स्थान पर जैव विविधता क्षेत्र के परिप्रेक्ष्य में प्रतिवेदन देने की स्थिति स्पष्ट करने पर जैव विविधता क्षेत्र नहीं होने का प्रतिवेदन प्रेषित किये गये हैं। अतः दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिले में अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( *क्र. 388 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2014-15 से जून 19 तक की अवधि में किन-किन मदों योजनाओं में कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? (ख) कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं एवं क्यों? कार्यवार कारण बतायें। किन-किन कार्यों में निर्माण एजेन्सी को प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति किसने कब दी? किन-किनको क्यों नहीं दी गई? (ग) वर्ष 2014-15 से जून 19 तक की अवधि में माडा पाकेट सिलवानी तथा जिला संयोजक रायसेन ने किन-किन कार्यों के प्रस्ताव राज्य एवं भारत सरकार को कब-कब भेजे? उक्त प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ आश्रम/ छात्रावास संचालित हैं, उनके भवन की स्थिति, स्वीकृत पद, कार्यरत की सूची देवें, कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं, रिक्त पदों को कब तक भरा जायेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
कन्या विवाह योजना का क्रियान्वयन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
10. ( *क्र. 1764 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में पूर्व सरकार द्वारा कल्याणकारी कन्या विवाह योजना चालू की गई थी? यदि हाँ, तो इस योजना के तहत रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत एक जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक एक भी कार्यक्रम का आयोजन क्यों नहीं हुआ? (ख) क्या जानबूझकर की गई इस लापरवाही के जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? विवरण सहित बतावें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। लोक सभा चुनाव वर्ष 2019 में दिनांक 10-03-2019 से 23-05-2019 आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण प्रस्ताव अनुमति हेतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश को प्रेषित किया गया था। प्रस्ताव पर चुनाव आयोग द्वारा लेवल प्लेइंग फिल्ड डिस्टर्ब होने की संभावना बताते हुए प्रस्ताव विभाग को लौटाया गया था। निर्वाचन आयोग से आयोग द्वारा आचार संहिता के दौरान मुख्यमंत्री कन्या विवाह के आयोजन की अनुमति न मिलने के कारण प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह अन्तर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं कराया गया है। कैलेन्डर वर्ष 2019 के अनुसार सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत सिरमौर में दिनांक 10-07-2019 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके अन्तर्गत पंजीयन प्रक्रिया प्रारम्भ है, दिनांक 08-07-2019 तक 35 कन्याओं का पंजीयन किया जा चुका है, जिनका विवाह उक्त तिथि को सम्पन्न कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
11. ( *क्र. 2996 ) श्री के.पी. सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन कब से किया जा रहा है? क्या जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अप्रैल, 2017 से मई, 2017 तक कर्मचारीवार कितनी राशि का भुगतान किया जाना था तथा कितनी राशि भुगतान की गई? (ख) यदि प्रश्नांश (क) नहीं तो अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश किस अधिकारी द्वारा दिये गये हैं? अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। वेतन रोके जाने का कारण क्या है? (ग) क्या वेतन भुगतान किये जाने हेतु संचालनालय सामाजिक न्याय विभाग, भोपाल को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में कोई जानकारी जिले से मांगी गई है? जानकारी संचालनालय को नहीं भेजे जाने हेतु कौन अधिकारी दोषी है? अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। (घ) जिला पुनर्वास केन्द्र, शिवपुरी के अधिकारियों/कर्मचारियों को लंबित वेतन का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) शिवपुरी जिले में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र, केन्द्र शासन द्वारा वर्ष 2006 से स्वीकृत होकर संचालन 01 मई, 2008 से किया जा रहा है। जी हाँ, माह अप्रैल 2017 से मई 2017 तक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कुल राशि रूपये 1,90,000/- (एक लाख नब्बै हजार रूपये) का भुगतान किया जाना था तथा कुल राशि रूपये 1,90,000/- (एक लाख नब्बै हजार रूपये) की राशि भुगतान की गई। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, डी.डी.आर.सी. के कर्मचारियों के (राज्यांश) मानदेय के भुगतान हेतु निराश्रित निधि की ब्याज की राशि से रूपये 8,26,500.00 की स्वीकृति का प्रस्ताव जिला कलेक्टर शिवपुरी से दिनांक 24.1.2019 को पत्र प्राप्त हुआ। संचालनालय भोपाल के पत्र दिनांक 5.03.2019 से कलेक्टर जिला शिवपुरी से राशि रूपये 8,26,500.00 का निराश्रित निधि ई-प्रबंधन प्रणाली के तहत ई.पी.ओ. का प्रस्ताव चाहा गया। कलेक्टर जिला शिवपुरी द्वारा दिनांक 09.07.2019 को राशि रूपये 8,26,500.00 का ई.पी.ओ. संचालनालय को प्राप्त हुआ है। इस विलंब के लिये तत्कालीन अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं पदेन उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जिला शिवपुरी उत्तरदायी हैं। (घ) कर्मचारियों के लंबित (राज्यांश) मानदेय का भुगतान जिला शिवपुरी से प्राप्त ई.पी.ओ. के आधार पर भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
वन मण्डल, मुरैना में सामग्री क्रय में अनियमितता
[वन]
12. ( *क्र. 542 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल, मुरैना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में मदवार, (कैम्पा मद, विभागीय मद, सेन्ट्रल असिस्टेंस मद, विकास निधि मद) कार्यवार, माहवार कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) असिस्टेंस मद में सुरक्षा, संरक्षण कार्य पर मात्र दिसम्बर, 2018 से मार्च 2018 तक ही व्यय किया गया, इससे पूर्व के माह मई, 2018 से अक्टूबर 2018 तक व्यय क्यों नहीं हुआ? स्थिति स्पष्ट करें। (ग) मुख्यालय भोपाल से चेनलिंक फैंसिंग व सीमेंट पोल अलग-अलग फर्मों से क्रय किये जाने के आदेशों के बावजूद एक ही फर्म से क्रय करने के आदेश क्यों दिये गये तथा माल प्राप्ति से पूर्व ही भुगतान कर दिया गया? बिल में दर्शित मात्रा एवं गेज से कम साइज का माल क्यों लिया गया? स्थिति स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माह मई 2018 से अक्टूबर 2018 तक कोई राशि आवंटित न होने से व्यय नहीं की गई। (ग) मुरैना वनमंडल में वर्ष 2018-19 में एक ही फर्म से चेनलिंक फैंसिंग एवं सीमेन्ट पोल क्रय नहीं किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सामग्री प्राप्त होने से पूर्व कोई भी भुगतान नहीं किया गया। बिल में दर्शित मात्रा एवं गेज की जाँच की जा रही है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजनांतर्गत प्राप्त राशि के अन्य मद में उपयोग की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 2980 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका परासिया में मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के अन्तर्गत कितनी राशि किन-किन निर्माण कार्यों को कराये जाने के लिए विभाग द्वारा प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन निर्माण कार्यों को कराये जाने हेतु नगर पालिका परासिया को राशि प्रदान की गई थी क्या वे सभी निर्माण कार्य कराये जा चुके हैं? अगर नहीं कराये गये हैं तो उसका क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के अंतर्गत जिन निर्माण कार्यों को कराये जाने के लिए नगर पालिका परासिया को राशि प्रदान की गई थी, किन्तु नगर पालिका परासिया द्वारा उन निर्माण कार्यों को न कराकर प्रदाय राशि का उपयोग नियम विरूद्ध तरीके से अन्य मद में हस्तांतरित कर, अन्य निर्माण कार्यों को कराये जाने हेतु उपयोग किया गया है? क्या ऐसा कोई प्रावधान है? (घ) अगर अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना अंतर्गत प्राप्त राशि को अन्य मद में हस्तांतरित कर, अन्य निर्माण कार्यों को कराया गया है तो क्या उपरोक्त मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर, अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद परासिया को मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत राशि रूपये 281.36 लाख की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें सी.सी. रोड, नाली, पार्क एवं मोक्षधाम विकास, रिटेनिंग वाल एवं कम्यूनिटी हाल निर्माण के घटक शामिल हैं। (ख) जी नहीं। मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत प्राप्त 20 प्रतिशत अनुदान राशि रूपये 60.00 लाख का व्यय, निकाय द्वारा योजना के कार्यों में न करते हुए, अन्य 42 निर्माण कार्यों में किया जाना प्रतिवेदित हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। योजनांतर्गत 80 प्रतिशत ऋण की राशि एम.पी.यू.डी.सी. के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है। ऋण उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजना मद में राशि उपलब्ध नहीं होने से योजना के कार्य पूर्ण नहीं हो सके हैं। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) जी हाँ, प्रकरण की जाँच के आदेश दिए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दमोह विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शौचालय निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 440 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका परिषद दमोह के द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालय के निर्माण का, किस वर्ष में कितना लक्ष्य दिया गया था? कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है? सूची उपलब्ध करायें। लक्ष्य के अनुसार किस वर्ष कितने शौचालय का निर्माण किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार शौचालय निर्माण के लिए हितग्राहियों से पंजीयन शुल्क लिया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि ली गई? शौचालय निर्माण की लागत क्या है? उसका भुगतान किस मद से किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शौचालय निर्माण किस-किस एजेंसी द्वारा किया गया? उनके लिए भुगतान किस मद से किया गया? क्या उक्त शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार की अनियमितता के सबंध में पार्षदों के द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष से शिकायत की गई थी? क्या शिकायत के बाद संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) की सूची अनुसार शौचालय का पंजीयन किया था? उनके सभी पंजीकृत हितग्राहियों के शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है एवं भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो संख्या बताएं। यदि नहीं, तो कितने हितग्राहियों का पंजीयन के बाद भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों से शुल्क नहीं अपितु हितग्राही अंशदान राशि रू. 1360/- लिये गये हैं। शौचालय निर्माण की इकाई लागत राशि रू. 13600/- नियत है, जो निविदा में प्राप्त दरों के आधार पर देय होती है। नगर पालिका दमोह में प्रथम निविदा में राशि रू. 15001/- तथा द्वितीय निविदा में राशि रू. 14359/- प्रति इकाई दर पर कार्य कराया गया है। जिसका भुगतान स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के व्यक्तिगत शौचालय घटक अंतर्गत किया गया है। (ग) व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कार्य निम्नलिखित एजेंसियों द्वारा किया गया है:- 1. श्री डी.पी. बोहरे दमोह, 2. श्री चंद्रशेखर उपाध्याय दमोह, 3. श्री दीपक सोनी दमोह, 4. श्री तन्मय राय दमोह। उपरोक्त सभी एजेंसियों को भुगतान स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के व्यक्तिगत शौचालय घटक अंतर्गत किया गया है। जी हाँ, शिकायतों का निराकरण किये जाने के कारण किसी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, पंजीकृत 4359 हितग्राहियों में से 4297 हितग्राहियों के यहां शौचालयों का निर्माण किया जाकर भुगतान किया जा चुका है। जिसमें से 62 हितग्राहियों के यहां शौचालय का निर्माण पंजीयन के बाद भी नहीं हुआ है।
शिक्षकों का नियम विरूद्ध संलग्नीकरण
[स्कूल शिक्षा]
15. ( *क्र. 2872 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शिक्षकों को गैर-शिक्षकीय कार्य में संलग्न न करने हेतु आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले के अंतर्गत किन-किन शिक्षकों को किस-किस विभाग में कब से किनके आदेश से प्रश्न दिनांक तक संलग्नीकरण किया गया है तथा विभाग द्वारा उक्त नियम विरूद्ध संलग्नीकरण को समाप्त करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विभाग अंतर्गत शासकीय स्कूलों में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों को संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन शिक्षकों को संलग्न किया गया तथा उक्त कार्यवाही किस नियम तथा किनके आदेश से की गई है तथा क्या संलग्नीकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षण कार्य निरंतर प्रभावित होकर बच्चों को वार्षिक परीक्षा परिणाम का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त नियम विरूद्ध संलग्नीकरण समाप्त कर शिक्षकों को संबंधित शालाओं में पदस्थ करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिलान्तर्गत शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ उत्तरांश (ख) अनुसार संलग्नीकरण समाप्त कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभान्वित हितग्राही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 3052 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 22 जून, 2019 तक अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत नगर पालिका अथवा नगर पंचायत द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर कितनी राशि उनके बैंक खाते में प्रदान की गई? हितग्राहियों के नाम, वार्ड क्रमांक और पते सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक दें। (ख) उक्त अवधि एवं उक्त क्षेत्र में नगर पालिका द्वारा स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना की कितनी शिकायतें स्थानीय नगरीय प्रशासन विभाग कलेक्टर-अनूपपुर, आयुक्त शहडोल संभाग को प्राप्त हुईं तथा उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर पालिका अथवा नगर परिषद्, कलेक्टर, अनूपपुर एवं आयुक्त शहडोल संभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम कटहेरा में पर्यावरण को हानि
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 2102 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कटहेरा, जनपद-लौड़ी, जिला छतरपुर में स्थित फॉर्च्यून स्टोन लिमि. को कितने हेक्टेयर की लीज कितने अवधि के लिऐ दी गई है? (ख) लीज क्षेत्र से आबादी क्षेत्र की दूरी के बारे में शासन के क्या नियम हैं? (ग) क्या फॉर्च्यून स्टोन के लीज क्षेत्र से आबादी क्षेत्र की दूरी शासन के नियमानुसार है? (घ) क्या उपरोक्त फर्म द्वारा अवैध उत्खनन एवं अवैध पेड़ों की कटाई कर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या फर्म द्वारा की जाने वाली ब्लास्टिंग से आमजनों को एवं जीव-जन्तुओं को कोई क्षति पहुँचती/पहुँची है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाती है? (च) क्या फर्म द्वारा स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार दिया जा रहा है एवं कर्मचारियों को सुरक्षा किट दी जाती है? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) ग्राम कटेहरा, जनपद लौड़ी जिला छतरपुर में स्थित फॉर्च्यून लिमिटेड को तीन लीज स्वीकृत है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 (ग) में प्रतिबंधित क्षेत्र अधिसूचित है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ड.) वर्तमान में ऐसा कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (च) जी हाँ। फर्म में स्थानीय निवासियों को भी रोजगार दिया जा रहा है एवं कंपनी द्वारा कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण आदि आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराये जाते हैं।
परिशिष्ट -''पाँच''
स्वीकृत खनिपट्टा को निरस्त किया जाना
[खनिज साधन]
18. ( *क्र. 1342 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना म.प्र. के पत्र क्रमांक 678/खनिज/2019 सतना दिनांक 02.03.2019 से प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग भोपाल को दो पृष्ठों में स्वीकृत खनिपट्टा को निरस्त करने का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था? पत्र की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 80 एकड़ भूमि में जिसमें खनि पट्टा निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया उस पत्र में कलेक्टर ने पट्टाधारी के विरूद्ध शासकीय भूमियों के अभिलेखों में हेराफेरी कर तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पट्टाधारियों से अवैधानिक रूप से भूमि क्रय कर नाम दर्ज कराकर खनिज लीज प्राप्त करने की शिकायत के संबंध में एस.डी.एम. रघुराजनगर सतना के द्वारा की गई जाँच के प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें पुन: शासकीय घोषित कर उक्त प्रस्ताव शासन के खनिज विभाग को भेजा था? पत्र की एक प्रति उपलब्ध करायें। एस.डी.एम. के जाँच प्रतिवेदन की एक प्रति एवं कलेक्टर सतना द्वारा शासकीय घोषित की गई भूमियों के संबंध में जारी आदेशों की एक प्रति दें। (ग) क्या सतना जिले में करोड़ों रूपयों की शासकीय भूमियों को निजी भूमि में तब्दील करने एवं उन पर अवैध रूप से ले ली गई खनि पट्टों को निरस्त किये जाने के कलेक्टर के प्रस्ताव को प्रमुख सचिव खनिज ने शासन को प्राप्त होने वाले खनिज राजस्व हित में प्रारंभ किये जाने के निर्देश दिये हैं? पत्र की प्रतिलिपि दें। (घ) क्या शासन अवैध रूप से हासिल लीज से होने वाली आय (रायल्टी) को खनिज राजस्व हित मानता है? क्या शासकीय भूमियों को निजी भूमि में बदलकर उस पर ली गई लीज को भी शासन वैध मानते है एवं क्या म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग का आदेश क्रमांक 135/457/2019/12/1 भोपाल दिनांक 15.03.2019 इसीलिए जारी किया गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र से खनिपट्टा निरस्त करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी, रघुराजनगर से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन दिनांक 07.02.2019 के आधार पर प्रेषित किया गया था। एस.डी.एम. के जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर तथा शासकीय घोषित की गई भूमियों के संबंध में जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार कलेक्टर द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के अनुरूप प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग द्वारा प्रकरण के निराकरण हेतु सुनवाई नियत की जाकर खनिज अधिनियमों एवं नियमों में खनिपट्टा क्षेत्र में शामिल क्षेत्र के स्वामित्व में परिवर्तन होने से खनन कार्य में रोक लगाये जाने के कोई प्रावधान नहीं होने से शासन को प्राप्त होने वाले खनिज राजस्व हित में स्वीकृत खनिपट्टा क्षेत्र पर खनन प्रारंभ करने के निर्देश जारी किये गये। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 15.03.2019 खनन कार्य प्रारंभ कराये जाने एवं प्रकरण के निराकरण हेतु सुनवाई नियत किये जाने के संबंध में है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापकों/शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
19. ( *क्र. 57 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के निर्देशानुसार जबलपुर जिले के अध्यापकों/शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर की किश्तों का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कितने शिक्षकों का शेष है? (ख) क्या मूल सेवा पुस्तिका का अनुमोदन किये जाने के उपरांत ही भुगतान होगा? (ग) क्या जिले के अधिकांश शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का अनुमोदन अभी तक नहीं हो सका है? (घ) क्या सेवा पुस्तिकाओं के शीघ्र अनुमोदन हेतु आदेश दिया जायेगा? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या समय-सीमा दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अध्यापक संवर्ग को मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, 2018 के द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सुसंगत पदों पर दिनांक 01.07.18 से नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों की सेवा शर्तें जारी होने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है इसके पश्चात म.प्र. वेतन पुनरीक्षित नियम 2017 के अनुसार दिनांक 01.07.2018 से वेतनमान निर्धारित होगा। जबलपुर जिले के 1966 शिक्षक संवर्ग के लोक सेवकों के प्रकरण आई.एफ.एम.आई.एस. से जनरेट नहीं होने के कारण लंबित हैं। शेष शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जबलपुर जिले में 1966 शिक्षक संवर्ग के लोक सेवकों की सेवा पुस्तिका का अनुमोदन प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ। सेवा पुस्तिकाओं का शीघ्र अनुमोदन करा लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
झुग्गी झोपड़ी में निवासरत परिवारों का व्यवस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 1736 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समाज के गरीब शोषित वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर झुग्गी झोपड़ियों में निवास करने वाले गरीब परिवारों को सरकार ने पट्टे देकर इनके लिये (गरीब आवासीय कॉलोनी) विकसित कर इनका व्यवस्थापन करने की नीति बनाई है? (ख) क्या वर्ष 2018 में ग्वालियर सहित फूटी कॉलोनी हुरावली में निवास करने वाले 500 गरीब परिवारों का व्यवस्थापन किये बिना, प्रशासन ने उन पर बर्वरता पूर्ण बुल्डोजर चलाकर बेघरवार कर दिया था? (ग) क्या इन गरीब परिवारों को आवास हेतु पट्टे देकर इनका व्यवस्थान किया जायेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के तहत दिनांक 31 दिसम्बर, 2014 की स्थिति में राज्य शासन, नगरीय निकायों अथवा विकास प्राधिकरण की भूमि या तो स्वयं के नाम पर या कुटुम्ब के किसी सदस्य के नाम से स्वामित्व नहीं रखता हो, को आवासीय पट्टे प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (ख) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्र. 5388/2009 उदयवीर विरूद्ध म.प्र. शासन में पारित आदेश दिनांक 16.11.09 का पालन न करने के कारण अवमानना प्रकरण क्र. 286/2013 में पारित आदेश 13.11.2013 एवं अवमानना प्रकरण क्र. 44/2015 में पारित आदेश दिनांक 26.09.2018 के अनुसार अतिक्रमण हटाया गया है। (ग) नगर निगम ग्वालियर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हटाये गये अतिक्रमणकारियों को आवास उपलब्ध कराने हेतु कैम्प लगाया गया था, जिसमें 137 हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं। उनके द्वारा आवेदन पत्र के साथ निर्धारित पंजीयन राशि जमा नहीं की गई है, जिसके कारण प्राप्त आवेदन पत्र आज दिनांक तक लंबित हैं।
सामग्री क्रय/निर्माण कार्य में अनियमितता की जाँच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
21. ( *क्र. 1878 ) श्री कमलेश जाटव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला संयोजक कार्यालय मुरैना द्वारा छात्रावास/आश्रमों में सामग्री पूर्ति हेतु कितनी, कौन-कौन सी सामग्री कितनी धन राशि की किस-किस मूल्य पर क्रय की गई? 01 अप्रैल, 2017 से प्रश्न दिनांक तक सामग्री की जानकारी प्रपत्र बनाकर प्रदाय की जावे। (ख) क्या अनुसूचित जाति बस्ती के लिए शासन द्वारा भेजा गया बजट यथा हैण्डपंप, रोड, विद्युतीकरण विद्युत पंप आदि को गैर अनुसूचित क्षेत्रों में व्यय कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कृत्य के लिए दोषी कौन है? (ग) छात्रावास/आश्रमों की मरम्मत हेतु 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्राप्त हुआ व कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? छात्रावास/आश्रमों की जानकारी प्रदाय की जावे। (घ) क्या क्रय/ स्टोर/स्थापना/निर्माण, शाखा में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों को सामान्यत: 03 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में पदस्थ करने का नियम है? यदि हाँ, तो जिला संयोजक कार्यालय मुरैना में ऐसे कौन-कौन से कर्मचारी हैं? जो कि एक ही शाखा में काफी लम्बे समय से पदस्थ हैं एवं जिन पर शासकीय धन का दुरूपयोग/गबन/वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं? ऐसे अधिकारी/ कर्मचारियों को अब तक अन्य शाखा में पदस्थ नहीं करने के लिए दोषी कौन है? क्या शासन ऐसे कर्मचारी/अधिकारियों को भविष्य में उपरोक्त शाखाओं में पदस्थ नहीं करने संबंधी आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पंचायत द्वारा अधिक राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 2521 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में 01 जनवरी, 2017 से 30 मई, 2019 तक नगर परिषद निकाय एवं नगर पालिका में किस-किस दिनांक को भवन, सी.सी. रोड निर्माण कार्य के कितनी-कितनी लागत के किस-किस रेट से टेन्डर प्राप्त हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त समयावधि में कौन-कौन से टेन्डर किस-किस परिषद के कितनी-कितनी दर के वर्कआर्डर किस-किस रेट के किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी समयावधि में पूर्ण करने हेतु दिये गये हैं? (ग) राजगढ़ जिले की नगर परिषद पचौर में अधिक दर पर किस कारण से किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को कौन-कौन से वर्कआर्डर कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करने के लिये दिये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या दिये गये वर्कआर्डर में करोड़ों रूपये का अधिक भुगतान किया जावेगा? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद पचौर में निर्माण कार्यों के लिये ऑन लाइन ई-निविदा पद्धति से आमंत्रित निविदाओं में प्राप्त दरें आई.एस.एस.आर. से अधिक प्राप्त हुईं हैं। निविदा समिति द्वारा प्राप्त दरों के परीक्षण उपरांत न्यूनतम दर निकाय में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रचलित दरों के समतुल्य होने के कारण सक्षम स्वीकृति पी.आई.सी./परिषद से प्राप्त की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राधिकरणों में पदस्थ कर्मियों का स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 2961 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन विकास प्राधिकरण में 3 वर्ष और उससे अधिक अवधि से पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों की सूची नामवार, पदवार उपलब्ध कराते हुए ऐसे अधिकारी, कर्मचारियों के लिए क्या 3 वर्ष से अधिक एक ही जगह पदस्थ होने से उनके स्थानांतरण करने के नियम हैं अथवा नहीं? यदि हैं तो ये नियम कब-कब लागू रहते हैं अथवा कब नहीं या सदैव लागू रहते हैं? क्या उज्जैन विकास प्राधिकरण के ऐसे अधिकारी कर्मचारी जो उक्त नियम की परिधि में आते हैं उन्हें स्थानांतरित किया जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ तो कब तक? (ख) प्रदेश के प्राधिकरणों में कार्यरत ऐसे कर्मचारी अधिकारी जिन पर उसी कार्यालय में पदस्थ रहते हुए गंभीर प्रकृति की अनियमितताओं की जाँच चल रही हो तो ऐसे अधिकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण अन्यत्र किया जाना चाहिए अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो उज्जैन विकास प्राधिकरण में पदस्थ ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिन पर स्थानीय स्तर पर अथवा अन्य जाँच एजेन्सियों द्वारा जाँच की जा रही हो, ऐसे अधिकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विकास प्राधिकरण सेवा में स्थानांतरण करने के लिए म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 76 (ख) (2) (ग) एवं म.प्र. विकास प्राधिकारण सेवा (अधिकारी तथा सेवक) भर्ती नियम 1988 के नियम 3 (2) लागू हैं। इन नियमों में समय-सीमा निर्धारित नहीं है। विकास प्राधिकरण सेवा में राज्य संवर्ग या स्थानीय संवर्ग के पद पर नियुक्त व्यक्ति को एक विकास प्राधिकरण से दूसरे विकास प्राधिकरण में स्थानांतरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। स्थानांतरण प्रशासकीय व्यवस्था के तहत किये जाते हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उज्जैन विकास प्राधिकरण में पदस्थ ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिन पर जाँच एजेंसियों द्वारा जाँच की जा रही हो, जाँच की पुष्टि उपरान्त राज्य शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट -''छ:''
प्रधानमंत्री आवास योजना में प्राप्त शिकायतों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 1301 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के नियम/निर्देश, पात्रता इत्यादि की जानकारी प्रदान करें। उक्त योजना का वित्तीय भार केंद्र/राज्य में से कौन वहन करता है? (ख) जबलपुर जिले में विगत 3 वर्षों में उक्त योजना में अनियमितताओं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनमें क्या-क्या कार्यवाहियां हुई हैं? (ग) क्या जबलपुर जिले में कुछ अपात्र व्यक्तियों को भी योजना का लाभ प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी सूची प्रदान करें। उक्त अनियमितता हेतु जिम्मेदारों पर हुई कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) क्या भूमि के वैध पट्टे अथवा मालिकाना हक़ न होने के बावजूद भी कुछ व्यक्तियों को उक्त योजना के तहत राशि जारी कर प्रश्नगत भूमि पर मकान का निर्माण करवा दिया गया है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के नियम/निर्देश, पात्रता इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। वित्तीय भार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों एवं उनके निराकरण की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लीजधारी द्वारा अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
25. ( *क्र. 2954 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील रघुराजनगर जिला सतना के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में राजधर सिंह कोलगवां को माईनिंग लीज खसरा क्रमांक 1238/2 रकबा 1.850 हेक्टेयर की लीज 10 वर्षों के लिए दी गयी है? क्या उसके द्वारा उक्त लीजधारी ने 30 फुट से ऊपर गहराई कर माइनिंग प्लान के विपरीत खुदाई की है? (ख) क्या उक्त लीजधारी ने दिनांक 22.12.2018 को एक एग्रीमेंट मेसर्स श्री जी इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्रा.लि. 180 यूनिवर्सिटी रोड साउथ सिविल लाइन पचपेड़ी जबलपुर म.प्र. से किया था? क्या लीजधारी 1 वर्ष का एग्रीमेंट होने के बावजूद उक्त कम्पनी को मई माह से काम नहीं करने दे रहा है तथा स्वयं खुदाई कर बिना पिटपास के स्थानीय क्रेशरों में सप्लाई कर रहा है? (ग) क्या उक्त लीजधारी को ग्राम बेलहटा में मुरुम खदान स्वीकृत है? उक्त लीज आराजी नं. 282 का अंश रकबा 3.367 हेक्टेयर की है। लेकिन लीजधारी द्वारा उक्त आराजी में खुदाई न करके आराजी नं. 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर में अवैध उत्खनन कर करोड़ों रुपये की मुरुम खोदकर बाजार में विक्रय कर दिया गया है? क्या लीजधारी ने अपने प्रभाव के चलते राजस्व निरीक्षक सतना के प्रतिवेदन के आधार पर एस.डी.एम. रघुराजनगर में पत्र क्रमांक 01945/अनु.अधि./2018 सतना दिनांक 11.04.2019 को कलेक्टर सतना (खनिज शाखा) को जारी पत्र में लिखवा दिया कि आवेदक को स्वीकृत मुरुम उत्खनन लीज में आराजी नं. 282 रकबा 3.367 हेक्टेयर के स्थान में आराजी नं. 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर संशोधन किया जाना प्रथम दृष्टया उचित पाया जाता है। क्या कलेक्टर उक्त राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर विभागीय जाँच बैठायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) सही है तो लीजधारी द्वारा उक्त दोनों ग्रामों में लीज की आड़ में अवैध उत्खनन किये जाने की। जाँच कलेक्टर की कमेटी गठित कर करायेगें? नहीं तो क्यों? क्या उक्त ग्राम रामस्थान ब्लाक एरिया में आ जाने के कारण उक्त लीज निरस्त कर दी जायेगी? यदि नहीं की जायेगी तो कारण सहित बतायें क्या राजस्व विभाग को लीज की आराजी को संशोधन करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियम सहित बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। इस खदान में 30 फीट से अधिक गहराई तक उत्खनन नहीं किया गया है। (ख) बिना पिट पास के खनिज की निकासी के प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्नांश में राज्य शासन से कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार खसरा क्रमांक 282 के अंश रकबा 3.367 हेक्टेयर पर उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। पट्टेदार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से लगे हुए क्षेत्र खसरा क्रमांक 322 के रकबा 2.768 हेक्टेयर क्षेत्र पर मुरम खनिज का उत्खनन किया गया, इस हेतु पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर एस.डी.एम. रघुराजगनर ने स्वीकृत खसरा क्रमांक 282 रकबा 3.367 हेक्टेयर के स्थान पर खसरा क्रमांक 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर संशोधन किये जाने का प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रेषित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अवैध उत्खनन के संबंध में पट्टेदार को कारण बताओ सूचना जारी किया गया है। नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र चूनापत्थर हेतु प्रस्तावित नीलामी ब्लॉक के आने पर आगामी नियमानुसार कार्यवाही संभव होगी। लीज की आराजी में संशोधन किये जाने के अधिकार खनिज विभाग को नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
देवीसागर
तालाब का
सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 38 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर पालिका क्षेत्र में देवीसागर तालाब का सौंदर्यीकरण नगर पालिका के माध्यम से करवाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस कार्य हेतु कितनी राशि की डी.पी.आर. बनायी जाकर कितनी धनराशि का टेण्डर स्वीकृत हुआ व क्या निर्माण कार्य पूर्ण होकर सी.सी. (कितनी धनराशि की) जारी हो चुकी है? (ग) क्या देवीसागर तालाब की निर्माणाधीन दिवाल झुक कर तालाब की ओर लटक गई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस प्रकरण में संज्ञान लिया जा कर क्या कोई सुधार कार्य करवाने हेतु संबंधित ठेकेदार को आदेशित किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कोई जानकारी नगर पालिका प्रशासन को है? (घ) क्या वर्तमान में वह झुकी हुई आर.सी.सी. दिवाल का सुधार कार्य करवा लिया गया है तथा तालाब का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण रूप से सुरक्षित है? यह सुनिश्चित कर लिया गया है? (ङ) क्या इस संबंध में किसी स्तर की जाँच संस्थित की जाकर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्रवाई प्रचलित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी, हां। (ख) इस कार्य हेतु राशि 626.48 लाख की डी.पी.आर. तैयार की गई एवं राशि रू 577.77 लाख का टेण्डर स्वीकृत किया गया। निर्माण कार्य प्रगतिरत है, अत: कार्य की सी.सी. जारी नहीं की गई है। (ग) जी हाँ, देवीसागर तालाब की निर्माणाधीन दीवाल तालाब की ओर झुक गई है। निकाय द्वारा संज्ञान लिया जाकर सुधार कार्य करवाने हेतु संबंधित ठेकेदार को आदेशित किया गया है। ठेकेदार द्वारा आवश्यक सुधार कार्य करने की लिखित सहमति दी गई है। (घ) वर्तमान में झुकी हुई आर.सी.सी. दीवार के सुधार कार्य प्रगतिरत है तथा तालाब का संपूर्ण कार्य पूर्ण रूप से सुरिक्षत है। इस हेतु शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, उज्जैन द्वारा स्थल निरीक्षण कर पत्र क्रमांक 1064, दिनांक 25.06.2019 से आवश्यक सुधार कार्य हेतु सुझाव एवं ड्राइंग डिजाईन प्रस्तुत की गई है, तद़नुसार सुधार कार्य प्रगतिरत है। (ड.) प्रकरण में निर्माणाधीन दीवाल के झुकने के कारणों की जाँच किये जाने हेतु आदेशित किया गया है। जाँच के निष्कर्षों के आधार पर उत्तरदायी अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।
स्वच्छता अभियान
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 97 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर नगर में व्याप्त गंदगी के कारण डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी घातक बीमारियां हर घर को अपनी चपेट में ले रही हैं? (ख) क्या स्वच्छता अभियान सर्वे की टीम आने पर ही नगर की सफाई की जाती है? (ग) क्या मात्र दो माह के स्वच्छता अभियान एवं नगर निगम जबलपुर में 15-20 वर्षों से जमे अधिकारियों से स्मार्ट सिटी की परिकल्पना साकार होगी? (घ) क्या शासन आमजनता के हित में 15-20 वर्षों से जमे अधिकारियों को हटाकर नये अधिकारियों को मौका देकर जबलपुर को स्वच्छता अभियान में आगे लाने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। नगर निगम में पदस्थ अधिकारियों को उनके कार्य के मूल्यांकन के आधार पर समय-समय पर स्थानांतरित एवं आंतरिक कार्य विभाजन निर्धारित प्रक्रिया अंतर्गत आवश्यकतानुसार किया जाता है। मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम-2000 से प्रशासित हैं तथा प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों के
उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 98 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के नये 8 वार्डों में उच्च स्तरीय पानी की टंकियां (अमृत योजनांतर्गत) निर्माणाधीन हैं? (ख) इन टंकियों के कार्यादेश/अनुबंध के अनुसार निर्माण पूरा करने की अवधि क्या है? (ग) क्या दिन-प्रतिदिन पानी की समस्या को देखते हुये निर्माण कार्य में तेजी लाई जायेगी? (घ) कब तक इन टंकियों से पानी वितरण शुरू किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम, जबलपुर के नवीन नये आठ वार्डों में 7 टंकी का निर्माण किया जा रहा है। (ख) कार्यादेश अनुबंध के अनुसार निर्माण पूर्ण करने की अवधि 24 अक्टूबर, 2017 से 24 माह है। (ग) योजना अंतर्गत उच्च स्तरीय पानी की टंकियों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। 5 टंकियां पूर्ण हो चुकी हैं तथा 2 टंकियों में कार्य प्रगतिरत है। (घ) लगभग छ: माह की अवधि में योजना का कार्य पूर्ण होने पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय पानी की टंकियों से पानी वितरण प्रारंभ किया जा सकेगा।
जाति प्रमाण पत्र बनाये जाना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
4. ( क्र. 171 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जिला दमोह में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हटा में घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जाति के कितने जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने हेतु लंबित हैं? (ख) उक्त जाति के जाति प्रमाण पत्र दमोह जिले में क्यों नहीं बनाये जा रहे हैं? शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? साथ ही लंबित जाति प्रमाण पत्र कब तक बना दिए जावेंगे?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) उक्त जाति के प्रमाण पत्र दमोह जिले में बनाये जा रहे है। मध्य प्रदेश शासन मंत्रालय के पत्र क्रमांक 347/141/2012/6214 दिनांक 04.04.2014 एवं कार्यालय कलेक्टर/आ.जा.क./वि.घु.जा. प्र.प./2017-18/656, दमोह दिनांक 29.05.2017 अनुसार जाति प्रमाण पत्र हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 189 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने सहायक शिक्षक कार्यरत हैं? पृथक-पृथक विकासखण्डवार संपूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या शासन द्वारा एक ही पद पर 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सहायक शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो जिले के कितने सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिया गया? उन शिक्षकों के नाम, पदनाम, कार्यरत संस्था सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या स्नातकधारी सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने के आदेश हैं या सिर्फ स्नातकोत्तरधारी सहायक शिक्षकों को ही इसका लाभ मिलेगा? (घ) क्या प्रदेश में कार्यरत एक ही पद पर 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सहायक शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन की योजना है? यदि हाँ, तो इन सहायक शिक्षकों के पदनाम कब तक परिवर्तित कर दिए जाएंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उज्जैन जिला अंतर्गत विकासखण्ड में कार्यरत सहायक शिक्षकों की जानकारी निम्नानुसार है :-
विकासखण्ड का नाम |
सहायक शिक्षकों की संख्या |
उज्जैन |
548 |
घटिया |
172 |
तराना |
180 |
महिदपुर |
155 |
बडनगर |
191 |
खाचरौद |
199 |
योग |
1445 |
(ख) जी हाँ। उज्जैन जिला अंतर्गत 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 1220 सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। नाम, पदनाम एवं कार्यरत संस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-09/2017/3/एक दिनांक 25 अक्टूबर 2017 द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत सहायक शिक्षकों एवं शिक्षकों को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19.04.99 में निहित अन्य सभी शर्तों के अधीन दिया गया है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 254 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत दिनांक 24/02/2018 को दो ट्रैक्टर ट्राली रेत परिवहन करते हुये पकड़े जाकर विभाग द्वारा पुलिस अभिरक्षा में रखे गये थे? (ख) क्या दो में से एक ट्रैक्टर के पास अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा जारी रेत परिवहन अनुमति पत्र एवं दूसरे के पास रेत रायल्टी रसीद होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को रेत उत्खनन कर परिवहन किये जाने हेतु रेत परिवहन अनुमति पत्र जारी करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? यदि नहीं, तो रेत परिवहन अनुमति पत्र जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पिपरिया से प्राप्त जानकारी अनुसार विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत दिनांक 24.02.2018 को नहीं अपितु दिनांक 23.02.2018 को दो ट्रैक्टर ट्राली अवैध रेत परिवहन करते हुए पकड़ी जाकर राजस्व विभाग द्वारा पुलिस अभिरक्षा में रखी गई थी। (ख) जी नहीं। दोनों ट्रैक्टर ट्राली अवैध रेत परिवहन करते पाये जाने पर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 का उल्लंघन एवं वैध रॉयल्टी रसीद नहीं होने के कारण कार्यवाही करते हुए रूपये 9000-9000 अर्थदण्ड राशि अनावेदकों से जमा उपरांत ही छोड़ा गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( क्र. 389 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत रायसेन जिले में 1 जनवरी 16 से जून-19 तक कहाँ-कहाँ पर सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन किया गया? जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ख) उक्त आयोजनों में किन-किनके विवाह हुए? कितनी राशि किन-किन मदों में व्यय की गई? पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) के सम्मेलनों में से किन-किन को राशि का भुगतान नहीं हुआ तथा क्यों? कार्यक्रमवार कारण बतायें। कब तक राशि का भुगतान होगा? (घ) संबल योजना में पंजीकृत तथा अ.जा./अ.ज.जा. परिवार में कन्या के एकल विवाह में भी राशि का प्रावधान है। यदि हाँ, तो रायसेन जिले में इस हेतु राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? राशि का कब तक भुगतान होगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत रायसेन जिले में 01 जनवरी 2016 से जून 2019 तक जनपद पंचायतवार आयोजित सम्मेलनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। व्यय राशि का मदवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) सम्मेलन में सम्मिलित वर-वधुओं के दस्तावेज पूर्ण न होने के कारण 418 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। आयोजित सम्मेलनों में सम्मिलित कन्याओं को राशि भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) संबल योजना में पंजीकृत तथा अ.जा./अ.ज.जा. परिवार में कन्या के एकल विवाह हेतु राशि का प्रावधान नहीं है।
अनुसूचित क्षेत्र के विकास एवं उत्थान के लिए प्राप्त धनराशि
[आदिमजाति कल्याण]
8. ( क्र. 458 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार से मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र के विकास एवं उत्थान के लिए मध्य प्रदेश सरकार को कितनी धनराशि किन-किन योजनाओं के तहत विभागवार प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त धनराशि स्वीकृत मदों के अतिरिक्त अन्य मदों में भी व्यय की गई? यदि हाँ, तो स्वीकृत मद के विपरीत अन्य मदों में व्यय की गई राशि का जिस सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन एवं स्वीकृति दी गई, उक्त समस्त अनुमोदन एवं स्वीकृति का विवरण वर्षवार उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विगत पाँच वर्षों में अनुसूचित क्षेत्र हेतु केंद्र सरकार से प्राप्त राशि के दुरूपयोग एवं मद परिवर्तन कर राशि के दुरूपयोग एवं घोटाले की उच्चस्तरीय जाँच प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से अथवा लोकायुक्त जाँच की अनुसंशा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अंतराष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 602 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर के पूर्वी क्षेत्र में इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा अंतराष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पुल का निर्माण कराया जा रहा है। क्या इसे यथास्थिति खेल विभाग को हस्तांतरित किया जा रहा है। (ख) क्या इन्दौर शहर में इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में राजेंद्र नगर क्षेत्र में ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया था तथा इसे अपूर्ण स्थिति में ही संस्कृति विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था। क्या संस्कृति विभाग द्वारा आज तक उसे पूर्ण नहीं करवाया गया और रख-रखाव के अभाव में वह खण्डहर हो गया है। (ग) यदि हाँ, तो स्वीमिंग पूल को अपूर्ण स्थिति में क्यों हस्तांतरित किया जा रहा है। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा इसे कब तक पूर्ण करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव खेल एवं युवा कल्याण विभाग के समक्ष विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। ऑडिटोरियम के आंतरिक साज-सज्जा का कार्य संस्कृति विभाग की आवश्यकता अनुसार पूर्ण कर संचालन/संधारण हेतु संस्कृति विभाग को हस्तांतरित किया गया था। संस्कृति विभाग द्वारा संचालन प्रारंभ नहीं किये जाने से दिनांक 24/10/2015 को कब्जा वापस लिया गया है। भवन अच्छी स्थिति में है। (ग) प्राधिकरण का मूल कार्य खेल गतिविधियां संचालित करना नहीं होने के कारण स्वीमिंग पूल का सिविल कार्य होने के उपरान्त इसे खेल एवं युवा कल्याण विभाग को हस्तांतरित किया जाना प्रस्तावित किया गया है। संबंधित विभाग के समक्ष प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 767 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन नगरों में स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है एवं केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी धनराशि योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदान की गई? (ख) राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन किस वर्ष से प्रारंभ किया गया एवं इस योजना के तहत क्या-क्या विकास कार्य प्रस्तावित हैं? (ग) भोपाल में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या विकास कार्य किए गए एवं इसमें कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई? पृथक-पृथक कार्यवार जानकारी दी जाए। (घ) भोपाल में स्मार्ट सिटी योजना पूर्ण करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रदेश के सात नगरों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना में स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदान धनराशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत भोपाल शहर में योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2016 से प्रारंभ किया गया है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत प्रस्तावित विकास कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा पूर्ण किए गए विकास कार्य की पृथक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) भोपाल स्मार्ट सिटी अंतर्गत वर्ष 2022 तक विकास कार्य पूर्ण किए जाने हैं।
निजी कॉलोनियों में पेयजल कनेक्शन के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 768 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी 18 वार्डों में निजी बिल्डरों/कॉलोनाईजरों एवं हाउसिंग सोसायटियों द्वारा कितनी-कितनी कॉलोनियाँ विकसित की गई हैं? वार्डवार कॉलोनी के नाम सहित संख्या बताई जाए? (ख) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी 18 वार्डों की किन-किन निजी कॉलोनियों के रहवासियों द्वारा नगर पालिक निगम भोपाल को पेयजल के ब्लक कनेक्शन हेतु प्रश्न दिनांक तक आवेदन किया है? किन-किन कॉलोनियों को पेयजल हेतु ब्लक कनेक्शन प्रश्न दिनांक तक प्रदान कर दिया गया है एवं किन-किन कॉलोनियों में शेष है? पृथक-पृथक कॉलोनी के नाम सहित वार्डवार संख्या बताई जाए? (ग) क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री द्वारा भोपाल के सभी निजी कॉलोनियों को व्यक्तिगत पेयजल कनेक्शन देने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम द्वारा मान. मंत्री जी की घोषणा के संबंध मे क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 18 वार्डों में कुल 632 कॉलोनियाँ विकसित की गई हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तकनीकी मापदण्डों एवं गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 871 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के नगरीय निकायों द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन किन योजनाओं मे कितने कार्य स्वीकृत किये गये है वर्षवार पूर्ण/अपूर्ण/प्रगतिरत/अप्रांरभ कार्यों का ब्यौरा देवें। (ख) ऐसे कितने कार्य है जो तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने के कारण उपयोगी सिद्ध नहीं हो रहे है और उन्हें हर बार कुछ समय पश्चात् पुन: ठीक कराया जा रहा है तथा अपूर्ण तथा अप्रांरभ कार्यों में किसी एजेंसी द्वारा रूचि नहीं ली गई है, इस हेतु कौन-कौन दोषी है, अपूर्ण कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह भी सही है कि कतिपय नगरीय निकायों द्वारा नाली निर्माण कार्यों को अधूरा छोड़ दिया गया है जिस कारण घरों से निकलने वाला पानी/अन्य गंदगी शहर की सड़कों पर फैल रही है जिस कारण आवागमन अवरूद्ध हो रहा है? (घ) ऐसी संस्थाओं/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है क्या ऐसे ठेकेदारों को टर्मिनेट की कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरीय निकायों द्वारा प्रश्नांकित अवधि में कराये गये/कराये जा रहे निर्माण कार्य तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्य अपूर्ण अप्रारंभ रहने का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। नाली निर्माण के दौरान रोजमर्रा के पानी की निकासी में व्यवधान होता है। नाली का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् पानी का निकास समुचित रूप से हो जाता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवन का कार्य पूर्ण कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 927 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका के अधीन जनता की मांग पर बहुउद्देशी सामुदायिक भवन, नया बस स्टैण्ड सिहोरा में कब स्वीकृत किया गया? स्वीकृत की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण किस एजेंसी के द्वारा कराया गया? कब तक यह कार्य पूर्ण किया जाना था? अभी तक पूर्ण क्यों नहीं किया गया? कब तक पूर्ण कराकर जनता के लिये उपलब्ध करा दिया जावेगा? अगर किसी व्यक्ति/संस्था द्वारा निर्माण के अंतिम चरण में कोई रोक लगाई गई है तो विभाग द्वारा इसका निराकरण क्यों नहीं किया गया? कब तक निराकरण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सामुदायिक भवन की स्वीकृति दिनांक 02-05-08 को दी गई हैं। स्वीकृति की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामुदायिक भवन निर्माण कार्य मैसर्स भाग्यश्री बिल्डर्स, सिहोरा द्वारा कराया जा रहा है। अनुबंध एवं कार्यादेश अनुसार कार्य दिनांक 03-10-2010 तक पूर्ण किया जाना था। भारत सरकार रक्षा मंत्रालय द्वारा उनके भूमि स्वामित्व होने से निर्माणाधीन सामुदायिक भवन निर्माण पर रोक लगाये जाने के कारण पूर्ण नहीं कराया जा सका। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय सम्पदा अधिकारी, जबलपुर मंडल, जबलपुर छावनी में प्रकरण क्रमांक जेएबी/पीपीई एक्ट/ख.नं. 480/1/सिहोरा में विचाराधीन है। निकाय स्तर पर निराकरण हेतु यथोचित कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण के निराकरण के पश्चात मान.न्यायालय के निर्णय अनुसार आगे कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिहोरा पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 938 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय किये जाने की कार्य योजना के अनुसार पाईप लाइन विस्तार/टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण किया जाकर नर्मदा जल की सप्लाई कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) पाईप लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त हुये मार्गों को कब तक ठीक करा दिया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सिहोरा नगर की योजनान्तर्गत पाईप लाइन विस्तार/टंकी निर्माण कार्य अनुबंध अनुसार जनवरी 2020 के अन्त तक पूर्ण किया जाकर, नर्मदा जल की सप्लाई प्रारम्भ किया जाना संभावित है। (ख) पाईप लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त हुए मार्गों का मरम्मत का कार्य सतत् प्रक्रिया है तथा सामान्यतः पाईप बिछाये जाने के पश्चात टेस्टिंग एवं प्रत्येक घर में नल कनेक्शन के उपरांत मार्गों का पूर्णतः मरम्मत का कार्य किया जाता है। चूंकि यह कार्य सतत् प्रक्रिया का है, अतएव समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना
[वन]
15. ( क्र. 1167 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के सेमरिया-सिरमौर मुख्य मार्ग में चचाई वाटर फाल के ऊपर निर्माणाधीन सेतु जिसके कुल 15 पावों में से 13 पावों का निर्माण हो चुका है तथा स्लैब भी निर्मित हो चुका है किन्तु कुछ भू-भाग वन विभाग का होने के कारण कुल 02 पावों का निर्माण अवरुद्ध है तथा विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न होना कार्य बाधित होने का मुख्य कारण है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सका? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनापत्ति प्रमाण पत्र कब तक जारी किया जा सकेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनापत्ति दिनांक 13.03.2019 से जारी की जा चुकी है। अतः समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-अभयारण्य का निर्माण
[पशुपालन]
16. ( क्र. 1169 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की ग्राम पंचायत जनकहाई में गौ-अभयारण्य निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन के द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लगभग 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात भी अभी तक गौ अभयारण्य के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गौ-अभयारण्य का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा? विभाग द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खनिज़ उत्खनन एवं जमा रॉयल्टी के संबंध में
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 1239 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन ज़िले के अंतर्गत खनिज उत्खनन एवं जमा रॉयल्टी का वर्षवार अलग अलग विस्तृत विवरण सूची सहित प्रदान करें। (ख) उज्जैन ज़िले में कुल कितने लीज़धारक है? लीजधारकों द्वारा अवैध खनन की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? दोषियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाहियां हुई है? (ग) उज्जैन ज़िले के अंतर्गत कुल कितने प्रकार के खनिजों का उत्खनन किया जाता है? उक्त खदानों को लीज़ पर दिए जाने का क्या प्रावधान है? उज्जैन ज़िले में कुल कितनी खदानें है? खनिजवार अलग अलग खदानों का विवरण दें। कितनी खदानें लीज़ पर दी जा चुकी हैं एवं कितनी दी जाना शेष है? (घ) जिला स्तरीय टास्क-फ़ोर्स एवं विभागीय अमले द्वारा उक्त अवधि में कुल कितने अवैध खनन एवं परिवहन की जाँच नियमित एवं आकस्मिक रूप से गयी है? विभाग द्वारा उक्त अवधि में जाँच हेतु विशेष अभियान कब-कब एवं कहाँ-कहाँ चलाये गए है? (ङ) उज्जैन ज़िले के अंतर्गत उक्त अवधि में सक्षम कार्यवाही कर कुल कितने प्रकरण अवैध उत्खनन करने वाले एवं परिवहनों पर की गयी है? और दोषियों पर कार्यवाही कर कितना अर्थदंड प्रस्तावित किया गया है? (च) उज्जैन ज़िले में मुरम, गिट्टी एवं रेत खनन हेतु अनुज्ञा पट्टा प्राप्त कुल कितने ठेकेदार है?एवं कुल कितनी खदानें है जहां ज़मीन खोदकर गड्ढे किये गए हो?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश का उत्तर उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले में 04 प्रकार के गौण खनिज पत्थर, रेत, मुरूम, साधारण मिट्टी का उत्खनन किया जाता है। उक्त खनिजों में से रेत खनिज को छोड़कर शेष खनिजों को लीज पर दिये जाने के प्रावधान मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में है। जिले में लीज पर पत्थर की 196, मुरूम की 23 और साधारण मिट्टी की 04 खदानें लीज पर स्वीकृत हैं, इसके अलावा रेत की 04 नीलाम खदान स्वीकृत हैं एवं 21 रेत खदानें संबंधित ग्राम पंचायतों को आवंटित है। नियमानुसार उत्खनिपट्टा स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है। इसी प्रकार प्राप्त शिकायतों का निराकरण भी एक सतत् प्रक्रिया है। यह बताया जाना संभव नहीं है कि कितनी खदानें लीज पर दिया जाना शेष है। (घ) जिला स्तरीय टास्क फोर्स एवं विभागीय अमले द्वारा उक्त अवधि में नियमित एवं आकस्मिक रूप से सतत् जाँच की गई है। उक्त अवधि में जाँच के दौरान 127 अवैध खनन एवं 985 अवैध परिवहन के प्रकरण पाये जाने पर कार्यवाही की गई है। विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर अवैध उत्खनन/परिवहन की जाँच करायी जाती है। प्रश्न में चाही गई एकजाई जानकारी संधारित नहीं रखी जाती है। (ड.) उज्जैन जिले के अंतर्गत उक्त अवधि में सक्षम कार्यवाही कर 127 अवैध उत्खनन के प्रकरण तथा 985 अवैध परिवहन के प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। अवैध उत्खननकर्ताओं/परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध कुल रूपये 1093.059 लाख रूपये का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। (च) अनुज्ञा पट्टा के नाम से खनि रियायत स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नियमों में नहीं है। अत: अनुज्ञा पट्टा के संबंध में जानकारी निरंक है परंतु जिले में शासकीय निर्माण कार्य हेतु उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। खनन कार्य में जमीन की खुदाई सामान्य प्रक्रिया है।
मत्स्य हेतु पट्टे पर दिये गये तालाबों
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
18. ( क्र. 1266 ) श्री जसमंत जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले मे मत्स्य पालन के कितने तालाब है, वर्ष 2015 से मत्स्य भाग/अन्य संस्थाओं के मध्य कितने तालाब कब से पट्टे पर दिये गये है? पट्टाधारक को दिये गये तालाब का एग्रीमेन्ट दिनांक सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभिन्न पट्टाधारकों द्वारा तालाबों पर अनुबंध निरस्त होने के बाद भी जबरन मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे कितने पटटाधारक है जो जबरन तालाब पर कब्जा किये हुये है?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
लाखन सिंह
यादव ) : (क) शिवपुरी
जिले में 1156
तालाब/जलाशय (जिसमें
82 सिंचाई
जलाशय एवं 1074 ग्रामीण
तालाब है ) प्रश्नांश
अवधि में 15
जलाशय/तालाब
पट्टे पर दिये
गये। पट्टा
धारक के
अनुबंध की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार। (ख) जी
नहीं।
(ग) जानकारी
निरंक।
परिशिष्ट
-''नौ''
नगरपालिका परिषद बैतूल का मुख्य भवन निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1280 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद बैतूल का मुख्य भवन कितने वर्ष पूर्व निर्मित किया गया था? (ख) क्या वर्तमान में हालत जर्जर हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो नये भवन निर्माण हेतु शासन की क्या योजना है? इस कार्य हेतु शासन द्वारा प्राक्कलन बनवा लिया गया है? या प्राक्कलन बनवाया जाना शेष है? (घ) यदि प्राक्कलन बना लिया गया है तो प्राक्कलन की राशि बताएं? यदि बनाया जा रहा है तो कब तक बना लिया जायेंगा एवं कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेंगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, बैतूल का मुख्य भवन टाउनहॉल में संचालित है, जिसका निर्माण 111 वर्ष पूर्व किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) निकाय द्वारा नवीन कार्यालय भवन बनाए जाने के लिए रेवेन्यू माडल पर आधारित कार्ययोजना तैयार किए जाने के लिए कन्सलटेंट की नियुक्ति हेतु ऑनलाइन निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। जी नहीं, कन्सलटेंट की नियुक्ति के पश्चात प्राक्कलन तैयार किया जाएगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कन्सलटेंट की नियुक्ति के उपरांत प्राक्कलन बनाया जाएगा एवं कार्य की स्वीकृति होने के उपरांत भवन के आकार के अनुसार कार्य पूर्ण करवाया जा सकेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेत का अवैध उत्खनन कार्य
[खनिज साधन]
20. ( क्र. 1286 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिला अंतर्गत सौंसर में जीवन दायिनी कन्हान नदी पर अवैध उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या एन.जी.टी. के नियमों को ताक पर रखकर पोकलेन/जेसीबी मशीन लगाकर अवैध उत्खनन हितरा, खण्डरामवार, माथनी, रझाडी, बोरगांव, काजलपानी, खपा, पादीवार, मालेगांव, रोहना, बारादेही पर किया गया है? यदि हाँ, तो उससे शासन को कितना राजस्व का नुकसान हुआ है? (ग) क्या छिंदवाड़ा जिले में घोषित खदान कम्पनी के द्वारा उत्खनन कार्य संचालित किया जा रहा है? क्या संचालित कंपनी पर अवैध खनन की वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गयी थी? यदि हाँ, तो कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, किया तो क्यों? दोषी कौन-कौन होंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार अवैध उत्खनन की कार्यवाही प्रकाश में आने पर अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है। कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश अनुसार उल्लेखित ग्रामों में से ग्राम माथनी, रोहना एवं मालेगांव में अवैध उत्खनन होना पाया गया। शेष ग्रामों में अवैध उत्खनन किये जाने की घटना प्रकाश में नहीं आई है। अवैध उत्खनन के प्रकरण में न्यायालय कलेक्टर से अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश अनुसार जिले में स्वीकृत रेत खदान ग्राम सायरा, लोहानी, मालेगांव, रझाडीबोरगांव, रोहना में अवैध उत्खनन किये जाने के कारण अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया जाकर अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। प्रकरण में कलेक्टर न्यायालय से अंतिम निराकरण नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों को रेत खदान हेतु प्रदाय रॉयल्टी
[खनिज साधन]
21. ( क्र. 1287 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में ग्राम पंचायत निर्माण कार्य के लिए किन-किन रेत खदानों को घोषित किया गया है? किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कितनी-कितनी रॉयल्टी ली गई हैं 2016 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवें? (ख) ग्राम पंचायतों को मापदण्ड के अनुसार रॉयल्टी दी, क्या प्रशासकीय स्वीकृति में उतनी रेत की आवश्यकता थी, यदि नहीं, तो क्या रॉयल्टी का दुरूपयोग किया गया यदि हाँ, तो जाँच कराकर दोषी पर कार्यवाही प्रस्तावित करेगें? (ग) बालाघाट जिले के स्वीकृत भण्डारण सह व्यापार के अंतर्गत सिवनी मण्डला किन किन खदानों से रेत परिवहन कर भण्डारण किया? क्या पत्र क्रमांक/777/खनिज/19 दिनांक 25-05-2019 को निरस्त किये गये भण्डारण अवैध रेत का प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी गाड़ी जब्त की गयी जानकारी देंवें? (घ) भण्डारण में जिस खदान की रॉयल्टी काटी गई उस खदान से रेत नहीं लायी गयी। क्या उन सभी खदानों की जाँच करायेंगे जो भण्डारण में बतायी गयी यदि हाँ, तो भोपाल स्तर के अधिकारी से कब तक जाँच करायेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मध्यप्रदेश रेत नियम, 2018 में ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों के लिये रेत की खदानें घोषित करने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बालाघाट जिले के स्वीकृत भंडारण सह-व्यापारिक अनुज्ञप्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। जिस अनुसार मध्यप्रदेश रेत नियम, 2018 के तहत जिन व्यक्तियों को भंडार सह-व्यापारिक अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है, उनके द्वारा बालाघाट जिले की स्वीकृत रेत खदानों से रेत परिवहन कर भंडारण किया गया है। सिवनी एवं मंडला जिले की स्वीकृत खदानों से रेत प्राप्त करने की जानकारी निरंक है। कार्यालय कलेक्टर, खनिज शाखा का पत्र क्रमांक 777/खनिज/19 दिनांक 21.05.2019 से जिले में मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 के तहत स्वीकृत भंडराण सह-व्यापारिक अनुज्ञप्ति निरस्त नहीं की गई है अपितु आगामी आदेश पर्यन्त विलंबित की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त आशय की कोई शिकायत/जाँच प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
22. ( क्र. 1302 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में वर्ष 2008 से 2015 के बीच हुए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कितने अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं एवं घोटाले की कुल कितनी राशि वसूल कर ली गयी है? संस्थावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी हैं? जिलेवार, प्रकरणवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा कुल कितनी संस्थाओं की जाँच की गयी? जाँच में क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए? कितनी संस्थाओं की जाँच लंबित है? कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिए गये हैं? कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित हैं?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षा का अधिकार/अधिनियम में विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 1332 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में लागू शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत विगत 3 वर्षों में खण्डवा जिले में कुल कितने गरीब बच्चों को प्रवेश दिया गया है? वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्या इस अधिनियम में आवेदक/छात्र को उस वार्ड का निवासी होना जरुरी है। जिस वार्ड में शैक्षणिक संस्था विद्यमान है? यदि हाँ, तो क्या अधिनियम का यह नियम क्या स्कूल संचालकों की मनमानी का कारण बन रहा है? क्योंकि यह सर्वथा आवश्यक नहीं कि पाश कॉलोनियों एवं नगर तथा गाँव की सीमा से दूर स्कूलों के पास ही गरीब परिवार निवास करें। (ग) क्या ऐसे नियमों में बदलाव कर शिक्षा के अधिकार अधिनियम का लाभ संपूर्ण ग्राम एवं नगर की सीमा मानकर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या अधिनियम के प्रावधानों का उल्लघंन कर गरीब बच्चों को प्रवेश न देने वाले स्कूल संचालकों के विरुद्ध अब तक प्रदेश में कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) खण्डवा जिले में इस अधिनियम के तहत विगत 3 वर्षों में दिये गये प्रवेश की जानकारी वर्षवार एवं स्कूलवार दी जाये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2016-17 में 1006, वर्ष 2017-18 में 2797 एवं वर्ष 2018-19 में 3351 इस प्रकार कुल 7154 गरीब बच्चों को प्रवेश दिया गया। (ख) एवं (ग) जी हाँ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम केन्द्रीय अधिनियम है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
नलकूप मोटर मरम्मत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 1335 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी नगर पालिका में विगत 3 वर्ष में नलकूप मोटर मरम्मत कार्य का टेंडर कब और किस फर्म को किस दर में दिया गया था? (ख) यह टेंडर कितने समय की अवधि के लिये था? (ग) क्या उक्त टेंडर की समयावधि पी.आई.सी. के द्वारा बढ़ाई गई है? यदि हाँ, तो कितने समय के लिये बढ़ाई गई है? (घ) क्या शिवपुरी नगर पालिका अधिकारियों को नलकूप मोटर मरम्मत कार्य का टेंडर पुन: बुलाना था? यदि हाँ, तो क्यों नहीं बुलाया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा वर्ष 2015-16 में चार ग्रुपों में निविदा बुलाई गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक वर्ष के लिए। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद शिवपुरी की परिषद द्वारा वित्त वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 कुल तीन वर्ष के लिए समय-सीमा बढ़ाई गई है। (घ) जी हाँ। नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा नलकूप मोटर मरम्मत कार्य के लिए दिनांक 06/06/2016, 28/08/2017 एवं 26/06/2019 को निविदाए बुलाई गई थी, परन्तु निविदा दर अधिक प्राप्त होने से प्राप्त निविदाओं को परिषद द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया है। इस विषय पर जाँच कराई जा रही है। जाँच उपरांत परिणाम के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
शिवपुरी स्थित भेड़ फार्म की भूमि
[पशुपालन]
25. ( क्र. 1336 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी भेड़ फार्म की भूमि किस उद्देश्य के लिये है और उसका उपयोग किस प्रकार के कार्यों के लिये किया जा रहा है? (ख) शिवपुरी स्थित भेड़ फार्म की कितनी भूमि उद्योग विभाग को कब हस्तांतरित की गई है? उद्योग विभाग को भूमि दिये जाने के उपरांत कितनी भूमि शेष बची है? (ग) उक्त भूमि का वर्तमान में क्या उपयोग किया जा रहा है तथा भूमि से जनता को क्या लाभ मिल रहा है? (घ) क्या शिवपुरी भेड़ फार्म (पड़ोरा भेड़ प्रजनन केन्द्र) की लगभग 1500 बीघा भूमि पर अवैध रूप से खेती की जा रही है? यदि हाँ, तो पशुपालन विभाग के किस अधिकारी के संरक्षण में यह खेती की जा रही है अभी तक कोई प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? इस गतिविधि से विभाग को कुल कितनी राशि प्राप्त हुई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों का मानदेय एवं सत्कार भत्ता
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1351 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नगरीय निकायों में प्रतिमाह नगर पालिका एवं नगर परिषद के निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षद को वर्तमान में कितना-कितना मानदेय एवं सत्कार भत्ता एवं परिषद एवं पी.आई.सी. की प्रत्येक बैठक पर कितना-कितना राशि देने का प्रावधान है? ऐसे सभी आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) क्या यह मानदेय, सत्कार भत्ता एवं प्रति बैठक मिलने वाली राशि कम नहीं है? (ग) क्या विभाग इस राशि को बढ़ाने पर विचार कर रहा है? अगर हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों? नगर पालिका के अध्यक्ष को 15 हजार, उपाध्यक्ष को 10 हजार, पार्षद को 5 हजार, प्रति बैठक एक हजार, नगर परिषद के अध्यक्ष को 10 हजार, उपाध्यक्ष को 7 हजार, पार्षद को 3 हजार, प्रति बैठक 5 सौ रूपये देने का प्रावधान कब तक करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। मानदेय सत्कार भत्ता एवं प्रति बैठक मिलने वाली राशि बढ़ाने का प्रकरण शासन में विचाराधीन है।
वार्षिक परीक्षा परिणाम अच्छा आने पर सम्मानित
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 1352 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में शासकीय हाई स्कूल एवं शासकीय हायर सेकेण्ड्री स्कूल (10+2) कब से कहाँ-कहाँ संचालित है? प्रश्न दिनांक तक इन विद्यालयों में कब से कौन-कौन प्राचार्य एवं शिक्षा ग्रहण कराने वाले एवं अन्य स्टॉफ है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि इन शैक्षणिक संस्थाओं, स्कूलों में लगातार वर्ष 2014 से वर्ष 2019 मुख्य छात्र-छात्राओं की वार्षिक परीक्षा परिणाम क्या-क्या रहा है? वर्षवार, स्कूलवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन विद्यालयों में प्रश्न दिनांक तक किस-किसके, कब से पद रिक्त है? इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विद्यालयों द्वारा प्रतिवर्ष क्या-क्या कार्यवाही की जाती है एवं शासन द्वारा रिक्त पदों को भरने हेतु प्रश्न दिनांक तक (जनवरी 2017 से आज तक) क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम वर्ष 2019 का गत वर्ष 2018 की अपेक्षा ठीक आया है ऐसे विद्यालय के प्राचार्य एवं समस्त टीचिंग स्टॉफ को जिले स्तर, प्रदेश स्तर पर सम्मिलित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? जिन विद्यालयों का वार्षिक परीक्षा परिणाम 2019 गत वर्ष 2018 की अपेक्षा खराब आया है ऐसे विद्यालय के प्राचार्य के विरूद्ध शासन क्या-क्या कार्यवाही करेगा? ऐसे प्राचार्य को हटाया जावेगा तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। हाई, हायर सेकेण्ड्री स्कूल एवं माध्यमिक शालाओं में पदपूर्ति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। वर्तमान में अतिथि शिक्षकों के माध्यम से शालाओं में पठन-पाठन की व्यवस्था है। (घ) वर्ष 2018 से 2019 के परीक्षा परिणाम में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि वाली 6 शालाओं के प्राचार्य एवं शिक्षकों को 5 सिंतबर को जिला स्तर पर सम्मानित किया जायेगा। खराब परीक्षा परिणाम वाले प्राचार्यों को नोटिस जारी किया गया है।
प्रारंभिक शिक्षा की गतिविधियों की मॉनिटरिंग हेतु पूल वाहन का उपयोग
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 1379 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक/रा.शि.के./मानिट/2016/5342 भोपाल दिनांक 22.07.16 द्वारा प्रारंभिक शिक्षा की गतिविधियों की मॉनिटरिंग हेतु राज्य योजना अंतर्गत पूल वाहन का उपयोग किये जाने के निर्देश दिये गये हैं? प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) जिला शिक्षा केन्द्र में सहायक परियोजना समन्वयक/सहायक यंत्री/उप यंत्री को नवम्बर 2016 से मार्च 2019 तक भ्रमण करने हेतु कितनी राशि कब-कब भुगतान की गयी? (ग) क्या पूल वाहन उपयोग करने वाले भ्रमणकर्ता अधिकारी द्वारा स्कूलों में निरीक्षण टीप अंकित की जाती है? निरीक्षण स्थल की प्रतिवेदन रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाती है? नवम्बर 2016 से मार्च 2019 तक भ्रमणकर्ता अधिकारियों के अंकित टीप एवं प्रतिवेदन रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त पूल वाहन में भ्रमण करने वाले भ्रमणकर्ता अधिकारियों के द्वारा फर्जी तरीके से बिल व्हाउचर तैयार कर शासकीय राशि का दुरूपयोग के लिए जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब-तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, निरीक्षणकर्ता द्वारा संबंधित शाला की निरीक्षण पंजी पर ही टीप अंकित की जाती है, अतःनिरीक्षण टीप एवं प्रतिवेदन रिपोर्ट उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रोत समन्वयक (सी.आर.सी.सी.) के पद पर पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 1380 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा आदेश क्रमांक 257/जि.पं./शि.से./2019 दिनांक 15.4.19 द्वारा विकासखण्ड मऊगंज को श्रोत समन्वयक (बी.आर.सी.सी.) के पद पर शा.उ.मा.वि. अजगरहा संकुल मार्तण्ड उ.मा.वि. क्र. 2 के अध्यापक को आगामी आदेश तक कार्यानुमति प्रदान कर बी.आर.सी.सी. के पद पर पदस्थ किया गया है? अजगरहा स्कूल किस विकासखण्ड अन्तर्गत है तथा मऊगंज की दूरी क्या है? अध्यापक का नाम एवं पद बताएं। (ख) क्या इसके पूर्व भी प्रश्नांश (क) में वर्णित पदांकित बी.आर.सी.सी. जवा ब्लॉक रीवा में इसी पद पर पदस्थ थे और शिकायत पर जाँच उपरांत वित्तीय अनियमितता के कारण पद से पृथक किया गया था? जाँच प्रतिवेदन एवं शिकायत की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या मऊगंज वि.ख. में बी.आर.सी.सी. पद पर कार्यानुमति देकर पदस्थापना हेतु कोई भी पात्र अध्यापक नहीं था जिससे रीवा के अध्यापक को प्रभार दिया गया है? (घ) क्या जिला श्रोत समन्वयक रीवा द्वारा मऊगंज बी.आर.सी.सी. की पदस्थापना हेतु कोई प्रस्ताव दिया गया? यदि नहीं, तो किसके प्रस्ताव पर बी.आर.सी.सी. मऊगंज के पद पर पदस्थापना की गयी है? क्या लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लागू अवधि में चुनाव आयोग की अनुमति के बिना पदस्थापना आदेश जारी किये जा सकते है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। शासकीय उ.मा.वि. अजगरहा रीवा विकासखण्ड के अंतर्गत है। मउगंज से दूरी 70 किमी. है। श्री शिवाकांत गौतम, वरिष्ठ अध्यापक, शास.उ.मा.वि. अजगरहा संकुल शास.मार्तण्ड उ.मा.वि. क्रमांक 2 रीवा को विकासखण्ड स्रोत समन्वयक मउगंज के रिक्त पद पर जनपद शिक्षा केन्द्र, मउगंज के रूप में आगामी आदेश तक कार्यानुमति प्रदान की गई थी। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री शिवाकांत गौतम का स्थानातंरण पश्चात स्वयं प्रभार सौंप कर शा.उ.मा.वि. अजगरहा में उपस्थित हुए थे। श्री शिवाकांत गौतम तत्कालीन विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के विरूद्ध कार्यालय के कर्मचारियों के द्वारा सामूहिक रूप से सामग्री क्रय के संबंध में शिकायत प्रस्तुत की गई थी। प्राप्त शिकायत एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री शिवाकांत गौतम तत्कालीन विकासखण्ड स्रोत समन्वयक जवा के विरूद्ध सामग्री क्रय में अनियमितता के कारण दण्ड स्वरूप कार्यवाही की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के निर्देशानुसार सहायक परियोजना समन्वयक वित्त एवं प्रभारी लेखाधिकारी, जिला पंचायत के द्वारा प्रस्तुत पैनल में अनुभव के आधार पर श्री शिवाकांत गौतम, वरिष्ठ अध्यापक, अजगरहा को प्रभार सौंपा गया था। (घ) जी नहीं। विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के पद के प्रभार हेतु प्रस्ताव सहायक परियोजना समन्वयक, वित्त एवं प्रभारी लेखाधिकारी, जिला पंचायत, रीवा द्वारा पैनल प्रस्तावित किया गया था। पैनल में से अनुभव के आधार पर मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के प्रस्ताव अनुसार श्री शिवाकांत गौतम, वरिष्ठ अध्यापक को प्रभारी विकासखण्ड स्रोत समन्वयक का आदेश तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, रीवा द्वारा जारी किया गया था। कार्यालय के आदेश क्रमांक/जि.शि.के./स्था./2019/631 रीवा दिनांक 6.7.19 द्वारा श्री गौतम को सौंपा गया प्रभार तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
दुकानों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1383 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद कानड़ जिला आगर मालवा के द्वारा सारंगपुर रोड पर नवनिर्मित 13 दुकानों के कॉम्प्लेक्स में दुकानों की नीलामी में प्रीमियम की गणना सारंगपुर मेन रोड से की गई है? (ख) नगर परिषद द्वारा नीलाम की गई दुकानों 13 की प्रीमियम राशि कितनी-कितनी है? (ग) नगर परिषद द्वारा नीलाम की गई 13 दुकानों को किन-किन व्यापारियों को आवंटित की गई व कितनी प्रीमियम राशि उनसे वसूली जावेगी? (घ) प्रीमियम की गणना सारंगपुर मेन रोड से जहां पर निर्माण किया गया है, उप पंजीयक आगर मालवा द्वारा जारी भूमि के बाजार मूल्य सारंगपुर मेन रोड से की गई है, अथवा अन्य पीछे की जगह बताकर प्रीमियम की गणना की गई है, और यदि ऐसा किया गया है तो दोषी नगर परिषद अधिकारियों एवं अध्यक्ष पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि नगर परिषद कानड़ द्वारा त्रुटिवश प्रीमियम की गणना आगर सारंगपुर रोड पर बस स्टैण्ड से श्मशानघाट के आगे पेट्रोल पंप तक मुख्य सड़क से पीछे की तरफ से की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) नीलामी पश्चात 13 दुकानों की सक्षम स्वीकृति की प्रक्रिया विचाराधीन है इसलिए किसी भी व्यापारी को दुकानें आवंटित नहीं की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में 13 दुकानों की सक्षम स्वीकृति की प्रक्रिया विचाराधीन होने से दुकानों का आवंटन नहीं किया गया। प्रीमियम की गणना के संबंध में जाँच करवाई जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रश्नकर्ता के प्रश्न पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 1384 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर परिषद कानड़ जिला आगर मालवा के अध्यक्ष एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद कानड़ के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार एवं अवैधानिक कार्यों की शिकायत मय साक्ष्य एवं बिन्दुवार दिनांक 07.05.2019 को माननीय मुख्य सचिव महोदय मध्यप्रदेश शासन को की गई थी, उसमें क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उसमें जाँच करवाई गई अथवा नहीं? यदि करवाई गई है, तो जाँच का परिणाम क्या है तथा दोषी पदाधिकारी कौन है? (ग) यदि जाँच में पदाधिकारी अध्यक्ष व सी.एम.ओ. नगर परिषद् कानड़ दोषी पाए गए हैं, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद कानड़ के अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध शिकायत पर संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा जाँच की जा रही है। (ख) एवं (ग) जाँच प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्थायी कर्मचारियों के संबंध में
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
32. ( क्र. 1396 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय विभाग अन्तर्गत जिलेवार कितने अस्थायी कर्मी अकुशल, अर्धकुशल एवं कुशल कर्मचारी कार्यरत हैं इनका नाम पद एवं नियुक्ति दिनांक की सूची दी जाये। (ख) विभाग में कार्यरत स्थाईकर्मी को स्थाईकर्मी होने के पूर्व 10 वर्ष की सेवा में रूपये 1500, बीस वर्ष की सेवा में 2500 अतिरिक्त वेतन दिया जा रहा था, लेकिन स्थाई कर्मी होने के पश्चात् समस्त सेवारत स्थाई कर्मियों को अकुशल वेतनमान 4000-80-6000 दिया जा रहा है। ऐसा क्यों? कब तक इन कर्मचारियों को अकुशल से अर्धकुशल एवं अर्धकुशल को कुशल की श्रेणी में किया जावेगा। (ग) स्थाई कर्मियों को संभाग स्तर में नियमित करने का प्रावधान था। इस विभाग के तहत संभागवार कितने पद रिक्त हैं अब तक प्रत्येक संभाग में कितने स्थाई कर्मियों को नियमित किया गया नाम सहित सूची दी जाय। अगर नियमित नहीं किया गया है तो क्यों इसके लिए कौन दोषी है, दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही की गई।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत जिलेवार अस्थायी कर्मी अकुशल, अर्धकुशल एवं कुशल कार्यरत कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा स्थायी कर्मी किये जाने के पश्चात मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के अनुसार अकुशल को 4000- 80-7000, अर्ध कुशल को 4500-90-7500 एवं कुशल को 5000-100-8000 वेतनमान स्वीकृत किया गया है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। रिक्त पद उपलब्ध नहीं होने से नियमित नहीं किया गया। रिक्त पद उपलब्ध होने पर नियमित किया जावेगा। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बी.एल.सी. योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1429 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में अब तक बी.एल.सी. योजनांतर्गत कब तथा कितने हितग्राहियों को गृह निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) क्या स्वीकृति उपरांत अधिकांश हितग्राहियों को राशि का भुगतान नहीं किया गया है? कुछ हितग्राहियों के 1 या 2 किस्तों के भुगतान के बाद शेष किस्तों का भुगतान न होने से उनके निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाये है, जिससे उन्हें, खुले में रहना पड़ रहा है। शेष किश्तों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? इसके लिये कौन दोषी है? क्या शासन दोषियों पर कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (ग) क्या लगभग 5000 हितग्राहियों की नवीन सूची विगत 6 माह से लंबित है? इसका क्या कारण है? इन्हें कब तक स्वीकृति उपरांत भुगतान किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र मे नगर पालिक निगम सागर मे अब तक बी.एल.सी. योजना अंतर्गत 4423 हितग्राहियों को गृह निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। बी.एल.सी. योजना अंतर्गत प्रथम किश्त 4423 (राशि रू. 1.00 लाख के मान से) द्वितीय किश्त 3513 (राशि रू. 1.00 लाख के मान से), अंतिम किश्त 2157 (राशि रू. 50 हजार के मान से) हितग्राहियों को दी जा चुकी है, योजना अंतर्गत 3 किश्तों का भुगतान निर्माण के निर्धारित स्तर अनुसार किया जाता है। हितग्राहियों को निर्माण स्तर अनुसार भुगतान किया जा रहा है जिससे किसी के दोषी अथवा कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अपितु 816 हितग्राहियों की कलेक्टर अनुमोदित नवीन सूची स्वीकृत होकर प्राप्त हुई जिसकी जीओ टैगिंग एवं भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा 3337 पात्र हितग्राहियों का सर्वे तथा पात्रता की जाँच नगर निगम यंत्री तथा योजना सलाहकार (आभा कंसल्टेंसी ) द्वारा की गई है अंतिम अनुमोदन हेतु कलेक्टर के यहाँ भेजी जा रही है। सूची अनुमोदन उपरांत स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी।
सिटी फॉरेस्ट योजना
[वन]
34. ( क्र. 1430 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिटी फॉरेस्ट योजना हेतु पूर्व में स्वीकृति प्रदान की गई थी। यदि हाँ, तो कितनी राशि की और इसके अंतर्गत कौन-कौन से विकास कार्य कराये जाना प्रस्तावित थे? (ख) प्रस्तावित कार्यों में कौन-कौन से तथा कितनी राशि के कार्य किये जा चुके है? कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराये। (ग) क्या सिटी फॉरेस्ट योजना के विस्तार हेतु कोई नया प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का है तथा कौन-कौन से कार्य कराये जाना प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित प्रस्ताव की वर्तमान में क्या प्रगति है तथा कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधारोपण कार्य के संबंध में
[वन]
35. ( क्र. 1456 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चुरहट विधान सभा में विगत तीन वर्षों में पौधा रोपण किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ स्थानवार बताएं? उनमें से कितने पौधे जीवित एवं कितने सूखने लग गये? सूखने के कारण क्या है? (ख) क्या पौधों के संरक्षण हेतु जाली लगाई गई है? यदि हाँ, तो कितने हेक्टेयर में? क्या इस कार्य हेतु विगत तीन वर्षों में सीमेंट के खम्भे खरीदे गये है? यदि हाँ, तो कितने खम्भें किस-किस दर पर खरीदे गये एवं कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया? (ग) क्या विगत वर्षों में हाथियों के आक्रमण से खड्डी एवं देवरद में जान माल का नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो इस नुकसान की भरपाई हेतु विगत 3 वर्षों में कितना मुआवजा कितने लोगों को दिया गया? भविष्य में ऐसी घटना को रोकने हेतु क्या-क्या उपाए किये गये? (घ) चुरहट विधान सभा के अंतर्गत वन्यप्राणियों के, वृक्षों के संरक्षण हेतु विकास कार्य जैसे सड़क स्टॉप डेम भवन आदि का निर्माण किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कितने विकास कार्य वन क्षेत्र में किस-किस प्रकार के कार्य के लिये किए गये है और कितनी राशि का उपयोग हुआ है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। रोपित एवं जीवित पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मृत पौधे प्राकृतिक कारणों से सूखें हैं। चुरहट विधान सभा क्षेत्र में रोपित पौधों की जीवितता के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, नुकसान की भरपाई हेतु ग्राम खड्डी में 09 व्यक्तियों को रूपये 663800/- एवं ग्राम देवरछ में 02 व्यक्तियों को रूपये 8400/- का मुआवजा भुगतान किया गया है। जंगली हाथियों के द्वारा भविष्य में होने वाली घटनाओं को रोकने हेतु ग्रामीणों के बीच समन्वय स्थापित कर हाथी से दूरी बनाये रखने के लिये समझाईश दी जाती है। (घ) चुरहट विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में किये गये विकास कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
अनुसूचित जनजातियों के विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
36. ( क्र. 1457 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले में अनुसूचित जाति वर्ग की जातियां निवासरत हैं? (ख) क्या इनके विकास हेतु शासन स्तर पर कोई योजनाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सीधी जिले के रामपुर नैकिन जनपद एवं चुरहट विधान सभा के अंतर्गत आने वाले सीधी जनपद के ग्रामों में पिछले तीन वर्षों में इन जातियों के लिये कौन-कौन से विकास कार्य हुए? विभागवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) इन जातियों पर सरकार द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार खर्च की गई? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतावें?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1531 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम ग्वालियर के अंतर्गत कितने नवीन वार्ड बनाये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) नक्शा के अभाव में शासकीय भूमियों पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कॉलोनी बनाकर प्लॉट विक्रय किये जा रहे हैं? क्या शासन अवैध प्लॉट विक्रय करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी, यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) वार्डों की समेकित विकास योजना नगर निगम कब तक बनाकर क्रियान्वयन करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर में 6 नवीन वार्ड बनाये गये है। (ख) जी नहीं, नक्शा के अभाव में शासकीय भूमियों पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कॉलोनी बनाकर प्लॉट विक्रय नहीं किया जा रहा है। जी हाँ, अवैध प्लॉट विक्रय की बात संज्ञान में आने से अवैध प्लॉट विक्रय करने वालो के विरूद्ध समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नवीन वार्ड क्रमांक 61 से 66 में समेकित विकास कार्य हेतु राशि रूपये 2.00 करोड़ का बजट प्रावधान नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा किया गया हैं, जिससे नवीन वार्डों का विकास कार्य कराया जायेगा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खदान व गिट्टी क्रेशर मशीन लगाये जाने के प्रावधान
[खनिज साधन]
38. ( क्र. 1565 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सड़क व जिला पहुंच मार्ग सड़क से कितनी दूरी पर खदान व गिट्टी क्रेशर मशीन लगाने का प्रावधान है? (ख) ग्राम-रहवासी क्षेत्र, शासकीय भवन से कितनी दूरी पर खदान व गिट्टी क्रेशर लगाने का प्रावधान है। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी खदानें हैं जो इस मापदंड के अनुसार है, जो खदान मापदंड के अनुसार नहीं है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिन लोगों ने खदान के लिए जमीन लीज पर ली लेकिन गिट्टी, क्रेशर नहीं डाली हैं, तो क्रेशर स्थापित करने हेतु लीज दिनांक से कितना समय तक का प्रावधान है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग से 100 मीटर की दूरी, अन्य पक्की सड़क से 50 मीटर अथवा ग्रामीण कच्चा रास्ते से 10 मीटर की दूरी छोड़कर खदान स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। क्रेशर मशीन लगाने संबंधी कोई पृथक प्रावधान उक्त नियमों में नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 के अनुसार सार्वजनिक भवन से 100 मीटर की दूरी छोड़कर खदान स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत समस्त खदानें मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में उल्लेखित मापदण्ड अनुसार स्वीकृत है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सभी खनिजों की स्वीकृत खदानों में क्रेशर लगाना अनिवार्य नहीं है अपितु गौण खनिज पत्थर से यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने हेतु स्वीकृत लीज के संबंध में क्रेशर लगाना अनिवार्य है। नियमों में इन खनिजों की लीज स्वीकृत होने पर पट्टाधारी को एक वर्ष की अवधि के भीतर खनन संक्रियाएं प्रारंभ करना अनिवार्य होता है। राज्य शासन खनन संक्रियाएं प्रारंभ करने की निर्धारित एक वर्ष की अवधि में नियमानुसार वृद्धि कर सकती है।
वैचारिक महाकुम्भ के दौरान की गयी वृक्षों की कटाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 1575 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन ज़िले के ग्राम निनोरा में वैचारिक महाकुंभ मई 2016 को लेकर सभास्थल तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो सभास्थल निर्माण के लिए कुल कितने किसानों की ज़मीन अधिग्रहित की गयी थी? क्या किसानों को मुआवजा दिया गया था? (ख) क्या अधिग्रहित कृषि पर स्थित फलदार, छायादार वृक्षों को काटकर सभास्थल तैयार किया गया? यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यवाही प्राकृतिक संरक्षण की दृष्टि से उचित थी? यदि नहीं, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या अधिग्रहित उपजाऊ कृषि भूमि पर मुरम बिछाकर सड़कों का निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो कृषि भूमि की उपयोगिता, उर्वरता को बनाये रखने के लिए प्रशासन की और से क्या कार्यवाही हुई? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो इस मामले में उत्तरदायी कौन है? (घ) ग्राम निनोरा में सभास्थल तैयार करने के दौरान वृक्षों की कटाई रोकने के लिए और पर्यावरण को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा क्या उपाय किये गए तथा कृषि भूमि को ख़राब होने से बचाने के लिए किसानों के हित में प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ङ) क्या इस संबंध में समाचार पत्र दैनिक भास्कर द्वारा दिनांक 04/05/2016 को पृ. क्र.7 पर पेड़ों की कटाई और सड़क बनाने से ग्रामीण नाराज़ होने के संबंध में प्रकाशित खबर पर क्या सावधानिया बरती गयी एवं क्या उपाय किये गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कुल 61 किसानों कि भूमि का अस्थाई अधिग्रहण किया गया था। जिसके लिये कुल रू. 16,71,100/- का मुआवजा भुगतान किसानों को किया गया। (ख) इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ। कार्यक्रम सम्पन्न हो जाने के बाद सड़कों पर बिछाई गई मुरम को हटाकर पुन: उपजाऊ मिट्टी डालकर कृषि भूमि को रिस्टोर किया जाना प्रतिवेदित है। किसानों कि भूमि में क्षति के संबंध में जानकारी ली जाकर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) उत्तरांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के अनुसार। (ड.) उत्तरांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के अनुसार।
सिहंस्थ 2016 के आयोजन में किये गए कार्य एवं खर्च राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 1576 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन सिंहस्थ महापर्व 2016 में लगभग 3500 करोड़ रूपये विभिन्न विभागों द्वारा खर्च किये गए? यदि हाँ, तो इतने बड़े पैमाने पर खर्च की गयी धनराशि के संबंध में व्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार को लेकर कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच के लिए कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? और कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? (ग) सिंहस्थ 2016 से वर्तमान प्रश्नकाल तक विधानसभा में उठाए गए मामलों में भष्टाचार, अव्यवस्था, राशि के दुरुपयोग एवं उच्च स्तरीय जाँच के संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? जाँच उपरांत कितने शिकायती प्रकरणों को सही पाया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उज्जैन सिंहस्थ महापर्व 2016 के लिये रूपये 2790.37 करोड़ लागत के कार्य स्वीकृत हुये हैं अंतिम आंकड़ों का संकलन किया जा रहा हैं एवं रूपये 2433.49 करोड़ का व्यय प्रतिवेदित हुआ। विभागवार प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई जाँच तथा जाँच रिपोर्टों के अनुसार की गई कार्यवाही की जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। (ख) फरवरी, 2019 में शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी, उज्जैन द्वारा उज्जैन में आयोजित कुंभ मेले में किये गये कार्यों की जाँच हेतु जाँच आयोग के गठन की मांग की गई हैं, पत्र विचाराधीन हैं। महाकाल मंदिर में नंदी हाल, इंदौर उन्हेंल उज्जैन मार्ग, कान्ह नदी कार्य के अधुरा रहने, वृक्षरोपण, पानी की टंकीयों एवं अस्पताल में अव्यवस्थाओं आदि संबंध में प्राप्त शिकायतों की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू. से करवाये जाने के आदेश देने पर कार्यवाही विचाराधीन हैं। (ग) सिंहस्थ 2016 में विषय पर वर्तमान प्रश्नकाल तक कुल 16 तारांकित एवं 6 अतारांकित प्रश्न उठाये गये/प्रश्नों एवं उत्तरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सामूहिक विवाह आयोजन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
41. ( क्र. 1582 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत में सामूहिक कन्या विवाह का आयोजन किया गया? क्या इस आयोजन में उस विवाह में कितने जोड़ों का पंजीयन किया गया व कितने जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया? वर्ष 2016 से मई 2019 की जानकारी दे? क्या विवाह पंजीयन के पूर्व संबंधित जोड़ों से पूर्व में विवाह न होने संबंधी कोई दस्तावेज लिये गये नहीं तो क्यों? (ख) रीवा जिले के समस्त जनपद पंचायतों में विगत चार वर्षों में कुल कितने जोड़ों का विवाह सम्पन्न हुआ इसमें कितनी राशि खर्च किया गया जनपदवार बतावें क्या इस आयोजन में उपयोग की गई भोजन सामग्री फर्नीचर, शामियाना, टेन्ट हेतु निविदा बुलाई गई थी? विज्ञापन कब जारी किया गया इस हेतु कितनी निविदायें जारी की किस निविदाकार को काम दिया गया, किस निविदाकार, निविदा कम होने पर कार्य आदेश जारी किया गया उसे कितनी राशि का भुगतान किया उस बिल वाउचर की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) रायपुर कर्चुलियान जनपद में वर्ष 2015 से जून 2019 तक विभिन्न आयोजनों में फर्नीचर, शामियाना, टेन्ट का कार्य किस ठेकेदार को कितनी राशि का दिया गया?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले में मई 2016 से मई 2019 तक रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत में आयोजित सामूहिक कन्या विवाह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विवाह पंजीयन के पूर्व विवाह न होने संबंधितजन का शपथ पत्र एवं ग्राम पंचायत सचिव की टीप ली गई। (ख) रीवा जिले में समस्त जनपद पंचायतों में कुल 4,498 जोड़े का विवाह सम्पन्न हुआ एवं कुल राशि रुपये 1,23,63,361 खर्च की गई है। जी हाँ, जिला स्तर से आयुक्त, जन संपर्क संचालनालय भोपाल द्वारा समाचार पत्र में विज्ञापन जारी कराया जाकर निविदाएं आमंत्रित की गई तथा जिला स्तर पर गठित समिति की स्वीकृत दर अनुसार जनपद पंचायतों को कार्यादेश सौंपे गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पब्लिक टायलेटों पर विज्ञापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1594 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में नगर पालिक निगम द्वारा कितने पब्लिक टायलेटों पर विज्ञापन लगाने हेतु किस-किस कम्पनी के साथ अनुबंध किया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विज्ञापन अनुबंधों की शर्तें क्या थीं? कितने साईज में होर्डिंगों को कहाँ-कहाँ पर लगाने की स्वीकृति किस-किस अधिकारी के द्वारा किस एजेन्सी को दी गई? कितनी राशि निगम को एजेन्सीयों से प्राप्त हो रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में एजेन्सी द्वारा पब्लिक टायलेट की छत पर किस साईज के होर्डिंग लगाये गये? स्थान सहित जानकारी देवें? क्या सभी पब्लिक टायलेटों पर नियम/शर्तों अनुसार ही निर्धारित साईजों के होर्डिंग लगाये गये है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या नियम विरूद्ध अन्य साईज के होर्डिंग लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो होर्डिंग किस-किस एजेन्सी द्वारा लगाये गये हैं? क्या इन नियम विरूद्ध अन्य साईज के होर्डिंग लगाने वाली एजेन्सी को टर्मिनेट किया जायेगा एवं क्या निगम के अधिकारियों द्वारा उक्त नियम विरूद्ध लगाये गये होर्डिंगों की जाँच की गई थी? क्या निगम अधिकारियों की कोई जवाबदेही नहीं थी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) इन्दौर शहर में नगर पालिक निगम द्वारा 100 पब्लिक टॉयलेटों पर विज्ञापन लगाने हेतु मेसर्स स्विफ्ट इंटरमीडिया कन्वर्जेस प्रा.लि. इन्दौर के साथ अनुबंध किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं, नियम विरूद्ध अन्य साईज के होर्डिंग्स नहीं लगाये गये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिटी पार्क की वर्तमान स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1611 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर विकास प्राधिकरण एवं इन्दौर नगर निगम द्वारा निष्पादित ईकरारनामें के अनुसार योजना क्रं. 94 स्थित सिटी पार्क जो कि नगर निगम को हस्तांतरित किया है, की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या यह विकसित अवस्था में है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या इस भूमि पर अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो यह ईकरारनामें के पूर्व का है या ईकरारनामें के बाद का है? यदि हाँ, तो क्या ईकरारनामें में इसका उल्लेख किया गया था? यदि बाद का है, तो क्या इसकी जानकारी उच्चाधिकारी को दी गई है? (ग) अतिक्रमण के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) योजना क्रमांक 94 स्थित सिटी पार्क विकसित अवस्था में नहीं है। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा नगर निगम को यह पार्क अविकसित अवस्था में हस्तांतरित किया था। (ख) जी हाँ। इकरारनामा निष्पादन के समय अतिक्रमण था। इकरारनामा निष्पादन के उपरान्त भी अतिक्रमण में आंशिक वृद्धि हुई है। परन्तु निष्पादन के समय इकरारनामें में इसका कोई उल्लेख नहीं है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी है। (ग) वर्तमान में निगम की योजना क्रमांक 94 स्थित सिटी पार्क के विकसित करने की योजना प्रस्तावित है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही निगम अमले द्वारा की जावेगी।
गौ-संरक्षण हेतु नवीन गौ-शाला की स्वीकृति
[पशुपालन]
44. ( क्र. 1620 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौ-संरक्षण हेतु सरकार द्वारा प्रदेश की सभी पंचायतों में शासकीय गौ-शाला प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो अभी तक किस-किस जिले की कितनी-कितनी पंचायतों में गौ-शालाएं स्वीकृत की जाकर, किस-किस मद से, कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? ब्यौरा दें। (ख) क्या सरकार का विचार उक्त के अतिरिक्त निजी क्षेत्र एवं संस्थाओं को गौ-शाला खोलने हेतु प्रोत्साहन देने का है? यदि हाँ, तो इसका ब्यौरा क्या है? (ग) प्रदेश में नवम्बर 2018 की स्थिति में कितनी गौ-शालाएं चल रही थी एवं वर्तमान का ब्यौरा क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) शासन द्वारा प्रदेश की 1000 ग्राम पंचायतों में शासकीय गौशाला खोलने का निर्णय लिया गया है। जिलेवार स्वीकृत गौशालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गौशालाओं का निर्माण मनरेगा योजना के मद से किया जा रहा है, जिस पर प्रति गौशाला निर्माण की लागत लगभग रू. 29.62 लाख होगी। (ख) जी हाँ। अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गौशाला की स्थापना के पश्चात पंजीयन हेतु मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को आवेदन करना होता है। पंजीयन उपरांत गौशाला में उपलब्ध गौवंश की संख्या के आधार पर बोर्ड द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त भूमि की उपलब्धता एवं मांग अनुसार गौशाला की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं को, राजस्व विभाग की नीति अनुसार भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। (ग) प्रदेश में नवंबर 2018 की स्थिति में 614 पंजीकृत क्रियाशील गौशालाएं थी एवं वर्तमान में म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में 625 गौशाला पंजीकृत, क्रियाशील है।
रेत गिट्टी मुरम का अवैध परिवहन
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 1621 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं सागर संभाग में 1 दिसम्बर 2018 से अभी तक रेत, गिट्टी एवं मुरम का अवैध परिवहन करने पर जिला प्रशासन द्वारा कितने वाहनों पर जुर्माना लगाया गया एवं कितने वाहन जब्त किये गये? जिला अनुसार अलग-अलग बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई? कितनी-कितनी मात्रा में रेत, गिट्टी एवं मुरम को जब्त किया गया? जिला अनुसार अलग-अलग बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 07 एवं 09 में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 08 एवं 10 में दर्शित है।
प्रदेश की नई रेत नीति के विभिन्न प्रावधान
[खनिज साधन]
46. ( क्र. 1622 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार का प्रदेश की नई रेत नीति लागू करने का विचार है? यदि हाँ, तो उसके प्रावधान क्या-क्या है? (ख) क्या प्रदेश के खनिज क्षेत्र में कार्यरत अनेक व्यापारियों ने नई रेत नीति को रद्द करने की मांग की है? (ग) क्या सरकार द्वारा नई रेत नीति के प्रावधानों में निजी निर्माण कार्यों के लिए भंडारण क्षमता अधिकतम 20 घनमीटर तय की है? यदि हाँ, तो क्या यह मात्रा उचित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। अभी नियम अधिसूचित नहीं हुए हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रश्नानुसार नियम अभी अधिसूचित नहीं हुए हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा संचालित बसों के मेन्टेनेंस में हो रही अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1634 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आई बस का संचालन आई.सी.टी.एस.एल. के द्वारा कब से प्रारंभ किया गया? क्या इन्दौर शहर में अक्टूबर 2018 में आई बस में बस स्टैण्ड पर खडे रहते हुये आग लग गई थी? यदि हाँ, तो आग लगने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आई बसों को कब क्रय किया गया? क्रय करने की क्या प्रक्रिया थी? आई बसों एवं आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा संचालित सभी बसों का मेन्टेनेंस किन-किन के द्वारा कब से किया जा रहा है? क्या आग लगने वाली बसों का मन्टेनेंस नियमित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो फिर अक्टूबर 2018 व दिनांक 15/06/2019 को भी आई बस में आग लगने पर मेन्टेनेंस शाखा की कोई जवाबदारी नहीं थी? यदि हाँ, तो क्या जिम्मेदार अधिकारियों/मेन्टेनेंस करने वाली कम्पनी द्वारा इन घटनाओं को सामान्य घटना बताकर टाला जा रहा है? लापरवाही करने वाले अधिकारी/मेन्टेनेंस प्रभारी व एजेन्सी पर कोई कार्यवाही की जायेगी? हाँ या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा आई बसों का संचालन अप्रैल 2013 से प्रारंभ किया गया। हाँ इंदौर शहर में अक्टूबर 2018 में आई बस क्रमांक MP09FA6050 में निरंजनपुर आई बस स्टॉप पर खड़े रहते हुए आग लग गई थी। बस में आग लगने का कारण जाँच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार शार्ट-सर्किट या ओव्हर हीट of Tail Pipe था। (ख) ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा आई बसें 2013 में क्रय की गई थी। Government of India JnNURM योजना के अंतर्गत निविदा के माध्यम से वर्ष 2012 से 2014 में क्रय एवं अपूर्ति की गई है। आई बसों के मेन्टेनेंस का कार्य निविदानुसार मेसर्स सरको इंडिया प्रा. लि. द्वारा अप्रैल 2013 से किया जा रहा है एवं अन्य समस्त बसों के मेन्टेनेंस का कार्य निविदानुसार संबंधित ऑपरेटर द्वारा किया जा रहा है। हाँ आग लगने वाली बस का मेन्टेनेंस नियमित रुप से किया गया था। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अक्टूबर 2018 को आई बस में आग लगने पर मेन्टेनेंस कंपनी मेसर्स सरको इंडिया प्रा. लि. की जवाबदारी थी व दिनांक 15/06/2019 को किसी भी प्रकार की बस में आग लगने की घटना नहीं हुई। उक्तानुसार अक्टूबर 2018 में हुई घटना के पश्चात कमिश्नर, नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा जाँच करने हेतु कमेटी बनाई गई थी एवं कमेटी की जाँच रिपोर्ट के अनुसार बस में आग लगने का कारण शार्ट-सर्किट या ओव्हर हीट of Tail Pipe था। कमेटी जाँच पर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त घटना के पश्चात ही संबंधित एजेन्सी पर जुर्माना राशि रूपये 1,10,01,073/- (एक करोड़ दस लाख एक हजार तेहत्तर मात्र) अधिरोपित कर वसूली भी संबंधित एजेन्सी से की गई। अतः किसी भी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
अमृत मिशन योजना के तहत नालों का पक्काकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1635 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम शहर में अमृत मिशन योजना के तहत 26 बरसाती नालों के पक्कारण हेतु लगभग 25 करोड़ रूपये की कार्य योजना में से मात्र 03 नालों की राशि स्वीकृत हुई है? शेष नालों के लिये क्या कार्य योजना है और कब तक इसे मूलरूप दिया जायेगा? (ख) स्वीकृत तीन नालों की डी.पी.आर. अनुसार उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? कब तक पूर्ण होगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि की उपलब्धता होने पर शेष कार्य किए जा सकेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) लगभग 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। नालों का निर्माण मार्च, 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
दिव्यांगों की भर्ती में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 1637 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों में दिव्यागों को तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों के विरुद्ध नियुक्ति प्रदान की गई है? नियुक्त किये गये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जिलेवार नाम उपलब्ध करायें जावे। (ख) नीमच जिले में प्रश्नांश (क) में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की दिव्यांगता कितने प्रतिशत थी और दिव्यांगता का क्या प्रकार था। क्या दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र जिला स्तरीय मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के संबंध में कोई शिकायत शासन को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उसकी जाँच के संबंध में जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराई जावे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विगत पाँच वर्षों में उज्जैन संभाग अंतर्गत नीमच जिले में 09 दिव्यांगों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
वर्ष 1998 में हुई शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 1640 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-1/179/20-1 भोपाल, दिनांक 24 जनवरी,1998 के क्रम में प्रदेश में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में जनपद पंचायत नीमच द्वारा विज्ञप्ति क्रमांक शिक्षा/स्था/98 नीमच, दिनांक 22.05.1998 जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो जारी विज्ञप्ति के परिप्रेक्ष्य में चयनित पात्र अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में तैयार की गई चयनित पात्र अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची में रोस्टर अनुसार अनारक्षित वर्ग के लिये श्री विजयकुमार पिता रमेशचन्द्र प्रजापति जो कि, शा.प्रा.वि. रामपुरिया के लिये सरल क्रमांक-20 पर चयनित किये गये थे? यदि हाँ, तो उन्हें नियुक्ति प्रदान क्यों नहीं की गई है? कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) में पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं मिलने के कारण इस आशय की शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त उज्जैन को पत्र क्रमांक-229/2015/237 नीमच, दिनांक 07.09.2015 के द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो शिकायती बिन्दुओं के अनुसार की गई जाँच के प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराई जावे। यदि अब तक जाँच नहीं कराई गई है तो विलम्ब के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) वर्ष 1998-99 में नियुक्त शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की प्रतिक्षा सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नीमच में उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में कलेक्टर नीमच को जाँच करने हेतु पत्र भेजा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन का पत्र क्र-1774 दिनांक 16.09.15 एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग उज्जैन का पत्र क्र 47 दिनांक 19.06.16 के परिप्रेक्ष्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नीमच के पत्र क्रमांक 797, दिनांक 23.02.2016 द्वारा भेजे प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। प्रतिवेदन में नियम के विरूद्ध नियुक्ति की मांग करना औचित्यहीन दर्शायी है, अतः विलंब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवनों का निर्माण एवं पद पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 1659 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कुल कितने हायर सेकेण्डरी एवं हाईस्कूल हैं? क्या शासन द्वारा इन स्कूलों का सर्वे कराया गया है कि कितने स्कूलों में छात्र/छात्राओं को बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है अथवा नहीं? कितने भवन पुराने हैं, कितने नये हैं, कितने जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं? जीण शीर्ण अवस्था वाले भवनों की मरम्मत हेतु क्या कार्यवाही की गई है? कितने स्थानों में नवीन भवन स्वीकृत या प्रस्तावित हैं? विकास खण्डवार जानकारी प्रदान करें। (ख) दमोह जिले में हायर सेकेण्डरी, हाईस्कूल, मॉडल स्कूल में कितने प्राचार्य एवं शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने रिक्त हैं? शालावार, पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें तथा कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जायेगी? समयावधि हो बतावें। (घ) दमोह जिले में हायर सेकेण्डरी, हाई स्कूल, मॉडल स्कूल में कितने प्राचार्य के पदों पर प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं? किन-किन को दो अथवा दो से अधिक संस्थाओं का प्रभार है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति अतिथि शिक्षकों द्वारा एवं पी.ई.बी के माध्यम से माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित कर एवं वरिष्ठ शिक्षकों/प्राचार्यों के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति/स्थानांतरण से की जाती है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
प्रधानमंत्री आवास एवं नर्मदा जलावर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 1660 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद तेन्दूखेड़ा अंतर्गत संपूर्ण 15 वार्डों में आज दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवास आवंटित किये गये हैं? कितने स्वीकृत, कितने प्रस्तावित, कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण एवं कितनों के भुगतान की किश्तें लंबित हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) नर्मदा जलावर्धन योजनांतर्गत तेन्दूखेड़ा में पेयजल हेतु टंकी एवं पाईप-लाइन विस्तार का कार्य विगत 1 वर्ष से किया जा रहा है, यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? पूर्ण होने की समयावधि बतायें। (ख) किस निर्माण एजेंसी द्वारा जलावर्धन योजना का कार्य किया जा रहा है? क्या पाईप-लाइन विस्तारीकरण में सी.सी. रोड एवं नाली खोदकर पाईप-लाइन डाली गई है? जिससे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है यदि हाँ, तो सी.सी. रोड एवं नाली मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक कराये गये निर्माण कार्य, वर्तमान में स्वीकृत कार्य, नलकूप खनन एवं पाईप-लाइन विस्तारीकरण की वर्षवार, वार्डवार एवं मदवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) युवा स्वाभिमान योजना के तहत नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने स्वीकृत हैं? कितनों को लाभ प्राप्त हो रहा है? पृथक-पृथक जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) 15 वार्डों में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत, पूर्ण अपूर्ण आवास एवं किश्तों के भुगतान व लंबित भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) नर्मदा जलावर्धन योजनांतर्गत तेंदुखेड़ा में पेयजल हेतु टंकी एवं पाईप-लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है। अनुबंध अनुसार जनवरी 2020 तक का समय निर्धारित है। (ग) मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कंपनी के माध्यम से मेसर्स इंण्डियन ह़यूम पाईप कंपनी, मुम्बई निर्माण एजेंसी द्वारा जल आवर्धन योजना का कार्य किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी द्वारा पाईप-लाइन विस्तारीकरण में सी.सी रोड एवं नाली खोदकर पाईप-लाइन डाली जा रही है साथ ही रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया जा रहा है। पाईप-लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत का कार्य सतत् प्रक्रिया है तथा सामान्यतः पाईप बिछाये जाने के पश्चात् टेस्टिंग एवं प्रत्येक घर में नल कनेक्शन के उपरांत मार्गों को पूर्णतः मरम्मत का कार्य किया जाता है। क्षतिग्रस्त मार्गों को आवश्यकतानुसार मरम्मत का कार्य प्राथमिकता पर किया जाता है। अनुबंधानुसार जनवरी 2020 तक का समय निर्धारित है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में कराए गए निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में नलकूप खनन एवं पाईप लाइन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। नगर परिषद तेंदुखेड़ा में दिनाँक 21-02-2019 से ऑनबोर्डिंग किया जा रहा है जिसमें से 205 युवाओं को कॉल करके बुलाया गया जिसमें से 196 युवा उपस्थित हुए तथा 157 युवाओं का ऑनबोर्डिंग किया गया। जिसमें से 120 युवाओं का ट्रेनिंग सेन्टर से में चार बैच बनाये जा चुके हैं। प्रथम माह स्टाइपेंड में 57 युवाओं का ई.पी.ओ जनरेट करके भुगतान कर दिया गया है एवं द्वितीय माह के स्टाइपेंड में 44 युवाओं का ई.पी.ओ जनरेट कर दिया गया है।
अमृत योजना की विस्तृत जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1692 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा अमृत योजना का कार्य किया जा रहा है। इस योजना की लागत कितनी है, यह किस क्षेत्र में कितने किलोमीटर का कार्य है, किस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है योजना के पूर्ण की दिनांक क्या है, वर्तमान में कितना कार्य हुआ है, और कितना भुगतान किया जा चुका है और किस दिनांक को पूर्ण होकर योजना लागू हो जायेगी। (ख) उक्त योजना में जो रोड खोदकर रिपेयरिंग किया जा रहा है क्या इसमें पूर्ण रोड का नवीनीकरण किया जाना शामिल है या सिर्फ पेचवर्क करना शामिल है? (ग) इस योजना में क्या-क्या कार्य सम्मिलित है, उसकी लागत क्या है, कृपया संपूर्ण विवरण प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि रू. 88.00 करोड़। वार्ड 1 से वार्ड 29 तक 95.80 किलोमीटर पाईप लाइन एवं 21 एम.एल.डी. का एस.टी.पी. का निर्माण किया जाना है। अंकिता कन्स्ट्रक्शन कम्पनी अहमदाबाद कार्य दिनांक 16.02.2020 को पूर्ण होना है। (ख) इस योजना में जितनी सड़क को खोदा जाना होता है उतने हिस्से का रेस्टोरेशन किया जाता है, जहां पूरी रोड क्षतिग्रस्त होती है वहां स्थल की परिस्थिति के अनुसार पूरा रेस्टोरेशन किया जाना होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जल आवर्धन योजना की विस्तृत योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1693 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा जल आवर्धन योजना का कार्य किया जा रहा है। इस योजना की लागत कितनी है, यह किस क्षेत्र में कितने किलोमीटर का कार्य, किस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है, कार्य के पूर्ण होने की दिनांक क्या है, वर्तमान में कितना कार्य हुआ है, और कितना भुगतान किया जा चुका है और किस दिनांक को पूर्ण होकर योजना लागू हो जायेगी। (ख) उक्त योजना का नगर निगम बुरहानपुर के किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। (ग) इस योजना में क्या-क्या सम्मिलित है, उसकी लागत क्या है, कृपया संपूर्ण विवरण प्रदान करें। (घ) उक्त योजना लागू होने के पश्चात क्या प्रत्येक नल कनेक्शन पर मीटर लगाया जायेगा यदि हाँ, तो उसका प्रतिमाह/प्रतिदिन क्या शुल्क होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, नगर पालिक निगम बुरहानपुर के साथ निष्पादित अनुबंध के अंतर्गत मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा नगर पालिक निगम के लिये जलावर्धन योजना का निर्माण किया जा रहा है। योजना की कुल निर्माण लागत रु 128.93 करोड़ है, संपूर्ण नगर पालिक निगम बुरहानपुर क्षेत्र में कुल 243 किमी जल वितरण तंत्र का कार्य किया जाना है, कार्य के लिये ठेकेदार में जेएमसी-रामकी जाइंट वैन्चर है, कार्य दिनांक 31.03.2020 को पूर्ण होना लक्षित है, वर्तमान में लगभग 34 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और कुल रु 37.98 करोड़ का भुगतान किया गया है और कार्य पूर्ण होने सम्भावित तिथि 31.03.2020 है। (ख) नगर पालिक निगम बुरहानपुर में कार्यरत अधिकारियों (आयुक्त एवं सहायक यंत्री) द्वारा समय-समय पर स्वतः एवं एम.पी.यू.डी.सी. के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, शुल्क का निर्धारण नगर पालिक निगम बुरहानपुर द्वारा किया जायेगा।
अध्यापकों के नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 1787 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल का पत्र 221 भोपाल, दिनांक 11/02/2019 जो कलेक्टर जिला सिवनी को लिखा गया है जिसमें विधानसभा प्रश्न तारांकित क्रमांक 415, दिनांक 20/02/2019 के संबंध में मूल नोटशीट एवं जारी आदेश के दस्तावेज/नस्ती कार्यालय में उपलब्ध न होने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने तथा प्रकरण की तथ्यात्मक जाँच वरिष्ठ स्तर से कराई जाकर जाँच प्रतिवेदन एक माह में उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी कर्मचारी की एफ.