मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 19 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बैतूल शहर हेतु अमृत नलजल योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1274 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बैतूल द्वारा बैतूल शहर के लिये अमृत नलजल योजना अन्तर्गत कौन सी परियोजना स्वीकृत की गई है? लागत एवं पेयजल स्त्रोत जहाँ से पानी लाना प्रस्तावित है, का विवरण देवें? (ख) उक्त योजना कितने वर्षों के लिये डिजाईन कर पाइप लाइन प्रस्तावित की गई है? (ग) क्या उक्त परियोजना से सम्पूर्ण शहर की आबादी में जल प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? जिन अधिकारियों द्वारा डी.पी.आर. तैयार की गई है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि नहीं, है तो क्यों? (घ) इस परियोजना से सम्पूर्ण शहर में पेयजल व्यवस्था नहीं हो पाने की स्थिति में शासन की क्या योजना है? किस-किस वार्ड में कितनी-कितनी पाइप लाइन किस-किस व्यास की बिछाई जाना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत योजनांतर्गत नलजल योजना बैतूल शहर के लिए ताप्ती नदी पर बैराज बनाकर 22.406 किलोमीटर रॉ-वॉटर राईजिंग मेन, इंटेकवेल एवं 41.896 किलोमीटर डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन की योजना स्वीकृत की गई है। योजना की स्वीकृत लागत राशि रू. 3817.00 लाख एवं पेयजल स्रोत ताप्ती नदी है। (ख) यह योजना 30 वर्षों तक के लिए डिजाईन कर पाइप प्रस्तावित की गई है। (ग) बैतूल शहर के लिए यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत लाखापुरा तालाब से 1.5 एम.सी.एम. जल प्राप्त करने के लिए ग्रेविटीमेन से जल शोधन संयंत्र तक जल लाने का कार्य प्रगति पर है। माचना नदी में स्थित बैराज का सुदृढ़ीकरण कार्य भी इसी योजना में किया जा रहा है। जिससे 2.00 एम.सी.एम. जल का प्रदाय होगा। अमृत योजनांतर्गत ताप्ती नदी पर बनाये गये बैराज से पारसडोह परियोजना के माध्यम से वर्ष भर में 5.00 एम.सी.एम. जल प्राप्त होगा। इस प्रकार बैतूल शहर के लिए दोनों परियोजनाओं के अंतर्गत 8.5 एम.सी.एम. जल की उपलब्धता सभी कार्य पूर्ण होने के बाद होगी। यह मात्रा बैतूल शहर के लिए पर्याप्त होगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार कार्य पूर्ण होने पर सम्पूर्ण शहर में पेयजल की व्यवस्था हो जावेगी। वार्डवार पाइप लाइन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि समृद्धि योजनांतर्गत पौध वितरण
[वन]
2. ( *क्र. 2718 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़वानी में वन विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि समृद्धि योजना के तहत कितने किसानों को कब पौधे वितरित किये गए? ग्राम का नाम, पौधों की संख्या एवं कौन-कौन से पौधे वितरित किये गए हैं? जानकारी उपलब्ध करावेंl (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वितरित किये गए पौधों को किसानों के द्वारा कहाँ-कहाँ लगाया गया है? इसका सत्यापन किसके द्वारा कब किया गया? दिनांकवार विवरण देवेंl (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि समृद्धि योजना के क्रियान्वयन में कितना व्यय किया गया? वर्तमान में पौधों की अद्यतन स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला बड़वानी के विधान सभा क्षेत्र बड़वानी अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1,962 किसानों को 1,61,130 पौधे वितरित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) किसानों को वितरित किये गये पौधे उनके द्वारा स्वयं के खेतों एवं मेढ़ों में लगाये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
कोचिंग संचालित करने के मापदण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 782 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रतियोगी परीक्षा एवं उच्च शिक्षा कोचिंग संचालित करने के मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो राजधानी भोपाल एम.पी. नगर क्षेत्रान्तर्गत प्रतियोगी परीक्षा एवं उच्च शिक्षा हेतु कितनी निजी कोचिंग संचालित हैं? प्रत्येक कोचिंग का नाम, पता एवं ऑनर के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक कोचिंग में कितने-कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? (घ) क्या कोचिंग की फीस शासन के निर्धारण के अनुरूप ही वसूली जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विभाग द्वारा प्रतियोगी परीक्षा एवं उच्च शिक्षा कोचिंग संचालित करने के संबंध में कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं किए गए हैं। (ख) राजधानी भोपाल एम.पी. नगर क्षेत्रांतर्गत जोन क्रमांक 9 के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 43 में 26 एवं वार्ड क्रमांक 45 में 36 कोचिंग संचालित हैं। शेष के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार/नवीनीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1417 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय मुख्यालय सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण कार्य हेतु विस्तृत योजना बनाई गई थी? योजनांतर्गत कितनी राशि की कब स्वीकृति प्रदान की गई थी? इसके अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराया जाना प्रस्तावित थे एवं समय-सीमा क्या थी? क्या प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य कराया जाना शेष हैं? (ख) क्या मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है? क्या शासन यात्रियों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुये शेष रह गये कार्यों को शीघ्र पूर्ण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड नवीनीकरण हेतु म.प्र. शासन परिवहन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 8-03/2016/आठ भोपाल दिनांक 22 अक्टूबर, 2016 द्वारा राशि रूपये 269.32 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं इसके अंतर्गत सी.सी. रोड, सी.सी. ड्रेनेज, शौचालय वूम वेरियर सहित गेट निर्माण पार्किंग रोड एवं पार्किंग क्षेत्र का निर्माण एवं बसों के प्लेट फार्म का निर्माण प्रस्तावित है। कार्य पूर्ण कराने हेतु अनुबंधानुसार 10 माह की अवधि निश्चित थी। जी नहीं, गेट निर्माण का कार्य एवं प्लेट फार्म को कवर करने हेतु स्पेशफ्रेम एवं रूफिंग सीट का कार्य शेष है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। परिवहन विभाग से आवंटन प्राप्त होना अपेक्षित है। आवंटन प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छतरपुर शहर में पेयजल की उपलब्धता
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 2078 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर शहर की वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या कितनी है? दैनिक क्रियाओं के संचालन हेतु उक्त जनसंख्या हेतु कितने लीटर पानी की आवश्यकता है? कितना पानी नलजल एवं अन्य माध्यमों से पहुँचाया जा रहा है? माँग और आपूर्ति में कितना अंतर है? इसकी पूर्ति कैसे की जाती है? (ख) पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु क्या शासन द्वारा छतरपुर जिले हेतु धसान जल आवर्धन एवं अमृत जल परियोजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो कब? कितनी राशि स्वीकृत हुई? परियोजना के विभिन्न चरण कब तक पूर्ण होने थे? वर्तमान में उक्त की भौतिक स्थिति क्या है? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस कार्य में व्यय हो चुकी है? परियोजना को पूर्ण होने में कितनी राशि की आवश्यकता होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परियोजना के अतिरिक्त नगर पालिका छतरपुर को जुलाई 2009 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि जल प्रदाय एवं जल प्रदाय स्रोत के रख-रखाव हेतु कब-कब, किस कार्य हेतु प्रदाय की गई? कार्यवार, वर्षवार व्यय राशि का विवरण प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) छतरपुर शहर की वर्तमान में जनसंख्या लगभग 1,74,000 है। दैनिक क्रियाओं के संचालन हेतु 135 लीटर प्रति व्यक्ति के मान से प्रतिदिन लगभग 23.5 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता है। नलजल एवं अन्य माध्यमों से लगभग 18.74 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन प्रदाय किया जा रहा है। उपरोक्त आंकड़ों के अनुसार मांग एवं आपूर्ति में लगभग 4.70 मिलियन लीटर का अन्तर है। अंतर की जलापूर्ति वर्तमान में हैण्डपम्प, ट्यूबवेलों, सार्वजनिक कुंओं एवं जल परिवहन द्वारा की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ग्वालियर जिले में गौशालाओं का निर्माण
[पशुपालन]
6. ( *क्र. 1532 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की 3 विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण, डबरा एवं भितरवार में कितनी गौशालाओं के लिए स्थान चयन किया गया है? गौशाला की क्षमता, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, योजना मद, व्यय राशि एवं कार्य की प्रगति की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (ख) में गौशाला निर्माण एवं ग्रामों की उपलब्धता उपरांत उनके संचालन रख-रखाव हेतु मद एवं राशि की क्या व्यवस्था रहेगी? गौशालावार जानकारी देवें। (ग) जिले की तीनों विधान सभा में आवारा गौवंश की संख्या एवं वर्तमान में उनकी क्या व्यवस्था है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) ग्वालियर जिले की 3 विधान सभा क्षेत्रों ग्वालियर ग्रामीण, डबरा एवं भितरवार में 30 गौशालाओं का स्थल चयन किया गया है, जिसमें प्रति गौशाला 100 गौवंश की क्षमता निर्धारित की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' मे वर्णित गौशालाओं के संचालन एवं रख-रखाव की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा एवं भूसे चारे की व्यवस्था पशु पालन विभाग द्वारा की जाएगी। (ग) दिसम्बर 2018 को निराश्रित गौवंश की अनुमानित संख्या लगभग 12500 थी। जिसमें से 3350 निराश्रित गौवंश का व्यवस्थापन किया गया एवं 4300 गौवंश के व्यवस्थापन की क्षमता विकसित की जा रही है। निराश्रित गौवंश का व्यवस्थापन निरंतर स्वरूप की कार्यवाही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
स्थानांतरित प्राचार्य को भारमुक्त किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
7. ( *क्र. 1552 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र से स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्र. एफ-1- 133/2018/20-1 दिनांक 1.10.2018 को प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. बड़नगर का स्थानांतरण शासकीय कन्या उ.मा.वि. बीड़ जिला खण्डवा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के सदर्भ में प्राचार्य के स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात प्राचार्य को कितने समय बाद रिलीव किया गया? (ग) क्या शासन उक्त प्राचार्य का स्थानांतरण कर भारमुक्त करना भूल गया था? यदि नहीं, तो इतने माह तक रिलीव नहीं करने के क्या कारण थे? शासन द्वारा उक्त प्राचार्य को रिलीव करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई थी? जानकारी पत्रवार उपलब्ध करावें। (घ) प्राचार्य को रिलीव नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं एवं शासन उन पर क्या-क्या कार्यवाही करेगा? उक्त प्राचार्य द्वारा स्थानांतरित संस्था पर कब ज्वाईन किया गया और कितने दिन उक्त संस्था में उपस्थित रहा? यदि उक्त प्राचार्य द्वारा ज्वाईन नहीं किया गया है तो शासन क्या कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) स्थानांतरित प्राचार्य श्री बी.एम.एस. परिहार को कलेक्टर जिला उज्जैन के आदेश क्रमांक स्थापना/शिक्षा/2019/550 दिनांक 31.05.2019 द्वारा कार्यमुक्त किया गया था। (ग) जी नहीं। संबंधित के पास विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बड़नगर का प्रभार होने तथा निर्चाचन 2018 के अंतर्गत सेक्टर मजिस्ट्रेट का दायित्व होने से कलेक्टर उज्जैन के आदेशानुसार तत्समय कार्यमुक्त नहीं किया गया। तत्पश्चात कार्यालय कलेक्टर उज्जैन के आदेश क्रमांक स्थापना/शिक्षा/2018/9797 दिनांक 26.12.2018 द्वारा भार मुक्त किया गया। किन्तु पुन: कार्यालय कलेक्टर के आदेश क्रमांक स्थापना/शिक्षा/2018/9810 दिनांक 26.12.2018 से पूर्व आदेश निरस्त करते हुए श्री परिहार को कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन में प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से संलग्न किया गया तथा संबंधित को उत्तरांश (ख) अनुसार कार्य मुक्त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संबंधित द्वारा दिनांक 02.07.2019 को स्थानांतरित संस्था में ज्वाइन किया गया एवं उपस्थिति दिनांक से संस्था पर कार्यरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग के अंतर्गत आने वाली सड़कों का निर्माण
[वन]
8. ( *क्र. 2439 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पन्ना अंतर्गत वन विभाग की भूमि से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की ऐसी कितनी सड़कें हैं, जिनकी अनापत्ति नहीं मिल पाने के कारण गांवों में सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है? उक्त सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या पन्ना जिले के अन्तर्गत उत्तर वन मंडल द्वारा जैव विविधता क्षेत्र घोषित किये गये हैं?यदि हाँ, तो कौन-कौन से क्षेत्र जैव विविधता के अन्तर्गत आते हैं? अधिसूचना की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि जैव विविधता क्षेत्र घोषित नहीं है तो पर्यावरण की स्वीकृति हेतु चाहे गये प्रतिवेदन में जैव विविधता क्षेत्र की गलत जानकारी देकर कितने प्रतिवेदन कलेक्टर पन्ना को भेजे गये हैं? उन प्रतिवेदन के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या वनमंडलाधिकारी उत्तर वन मंडल पन्ना द्वारा दिये गये भ्रामक प्रतिवेदन पर शासन वनमंडलाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना द्वारा बायोस्फेयर रिजर्व की सीमा के आधार पर आवेदित स्थलों की दूरी का प्रतिवेदन प्रेषित किये गये हैं। तत्पश्चात कलेक्टर, पन्ना द्वारा बायोस्फेयर रिजर्व के स्थान पर जैव विविधता क्षेत्र के परिप्रेक्ष्य में प्रतिवेदन देने की स्थिति स्पष्ट करने पर जैव विविधता क्षेत्र नहीं होने का प्रतिवेदन प्रेषित किये गये हैं। अतः दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिले में अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( *क्र. 388 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2014-15 से जून 19 तक की अवधि में किन-किन मदों योजनाओं में कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? (ख) कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं एवं क्यों? कार्यवार कारण बतायें। किन-किन कार्यों में निर्माण एजेन्सी को प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति किसने कब दी? किन-किनको क्यों नहीं दी गई? (ग) वर्ष 2014-15 से जून 19 तक की अवधि में माडा पाकेट सिलवानी तथा जिला संयोजक रायसेन ने किन-किन कार्यों के प्रस्ताव राज्य एवं भारत सरकार को कब-कब भेजे? उक्त प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ आश्रम/ छात्रावास संचालित हैं, उनके भवन की स्थिति, स्वीकृत पद, कार्यरत की सूची देवें, कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं, रिक्त पदों को कब तक भरा जायेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
कन्या विवाह योजना का क्रियान्वयन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
10. ( *क्र. 1764 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में पूर्व सरकार द्वारा कल्याणकारी कन्या विवाह योजना चालू की गई थी? यदि हाँ, तो इस योजना के तहत रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत एक जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक एक भी कार्यक्रम का आयोजन क्यों नहीं हुआ? (ख) क्या जानबूझकर की गई इस लापरवाही के जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? विवरण सहित बतावें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। लोक सभा चुनाव वर्ष 2019 में दिनांक 10-03-2019 से 23-05-2019 आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण प्रस्ताव अनुमति हेतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश को प्रेषित किया गया था। प्रस्ताव पर चुनाव आयोग द्वारा लेवल प्लेइंग फिल्ड डिस्टर्ब होने की संभावना बताते हुए प्रस्ताव विभाग को लौटाया गया था। निर्वाचन आयोग से आयोग द्वारा आचार संहिता के दौरान मुख्यमंत्री कन्या विवाह के आयोजन की अनुमति न मिलने के कारण प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह अन्तर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं कराया गया है। कैलेन्डर वर्ष 2019 के अनुसार सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत सिरमौर में दिनांक 10-07-2019 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके अन्तर्गत पंजीयन प्रक्रिया प्रारम्भ है, दिनांक 08-07-2019 तक 35 कन्याओं का पंजीयन किया जा चुका है, जिनका विवाह उक्त तिथि को सम्पन्न कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
11. ( *क्र. 2996 ) श्री के.पी. सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन कब से किया जा रहा है? क्या जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अप्रैल, 2017 से मई, 2017 तक कर्मचारीवार कितनी राशि का भुगतान किया जाना था तथा कितनी राशि भुगतान की गई? (ख) यदि प्रश्नांश (क) नहीं तो अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश किस अधिकारी द्वारा दिये गये हैं? अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। वेतन रोके जाने का कारण क्या है? (ग) क्या वेतन भुगतान किये जाने हेतु संचालनालय सामाजिक न्याय विभाग, भोपाल को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में कोई जानकारी जिले से मांगी गई है? जानकारी संचालनालय को नहीं भेजे जाने हेतु कौन अधिकारी दोषी है? अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें। (घ) जिला पुनर्वास केन्द्र, शिवपुरी के अधिकारियों/कर्मचारियों को लंबित वेतन का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) शिवपुरी जिले में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र, केन्द्र शासन द्वारा वर्ष 2006 से स्वीकृत होकर संचालन 01 मई, 2008 से किया जा रहा है। जी हाँ, माह अप्रैल 2017 से मई 2017 तक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कुल राशि रूपये 1,90,000/- (एक लाख नब्बै हजार रूपये) का भुगतान किया जाना था तथा कुल राशि रूपये 1,90,000/- (एक लाख नब्बै हजार रूपये) की राशि भुगतान की गई। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, डी.डी.आर.सी. के कर्मचारियों के (राज्यांश) मानदेय के भुगतान हेतु निराश्रित निधि की ब्याज की राशि से रूपये 8,26,500.00 की स्वीकृति का प्रस्ताव जिला कलेक्टर शिवपुरी से दिनांक 24.1.2019 को पत्र प्राप्त हुआ। संचालनालय भोपाल के पत्र दिनांक 5.03.2019 से कलेक्टर जिला शिवपुरी से राशि रूपये 8,26,500.00 का निराश्रित निधि ई-प्रबंधन प्रणाली के तहत ई.पी.ओ. का प्रस्ताव चाहा गया। कलेक्टर जिला शिवपुरी द्वारा दिनांक 09.07.2019 को राशि रूपये 8,26,500.00 का ई.पी.ओ. संचालनालय को प्राप्त हुआ है। इस विलंब के लिये तत्कालीन अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं पदेन उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जिला शिवपुरी उत्तरदायी हैं। (घ) कर्मचारियों के लंबित (राज्यांश) मानदेय का भुगतान जिला शिवपुरी से प्राप्त ई.पी.ओ. के आधार पर भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
वन मण्डल, मुरैना में सामग्री क्रय में अनियमितता
[वन]
12. ( *क्र. 542 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल, मुरैना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में मदवार, (कैम्पा मद, विभागीय मद, सेन्ट्रल असिस्टेंस मद, विकास निधि मद) कार्यवार, माहवार कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) असिस्टेंस मद में सुरक्षा, संरक्षण कार्य पर मात्र दिसम्बर, 2018 से मार्च 2018 तक ही व्यय किया गया, इससे पूर्व के माह मई, 2018 से अक्टूबर 2018 तक व्यय क्यों नहीं हुआ? स्थिति स्पष्ट करें। (ग) मुख्यालय भोपाल से चेनलिंक फैंसिंग व सीमेंट पोल अलग-अलग फर्मों से क्रय किये जाने के आदेशों के बावजूद एक ही फर्म से क्रय करने के आदेश क्यों दिये गये तथा माल प्राप्ति से पूर्व ही भुगतान कर दिया गया? बिल में दर्शित मात्रा एवं गेज से कम साइज का माल क्यों लिया गया? स्थिति स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माह मई 2018 से अक्टूबर 2018 तक कोई राशि आवंटित न होने से व्यय नहीं की गई। (ग) मुरैना वनमंडल में वर्ष 2018-19 में एक ही फर्म से चेनलिंक फैंसिंग एवं सीमेन्ट पोल क्रय नहीं किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सामग्री प्राप्त होने से पूर्व कोई भी भुगतान नहीं किया गया। बिल में दर्शित मात्रा एवं गेज की जाँच की जा रही है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजनांतर्गत प्राप्त राशि के अन्य मद में उपयोग की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 2980 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका परासिया में मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के अन्तर्गत कितनी राशि किन-किन निर्माण कार्यों को कराये जाने के लिए विभाग द्वारा प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन निर्माण कार्यों को कराये जाने हेतु नगर पालिका परासिया को राशि प्रदान की गई थी क्या वे सभी निर्माण कार्य कराये जा चुके हैं? अगर नहीं कराये गये हैं तो उसका क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के अंतर्गत जिन निर्माण कार्यों को कराये जाने के लिए नगर पालिका परासिया को राशि प्रदान की गई थी, किन्तु नगर पालिका परासिया द्वारा उन निर्माण कार्यों को न कराकर प्रदाय राशि का उपयोग नियम विरूद्ध तरीके से अन्य मद में हस्तांतरित कर, अन्य निर्माण कार्यों को कराये जाने हेतु उपयोग किया गया है? क्या ऐसा कोई प्रावधान है? (घ) अगर अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना अंतर्गत प्राप्त राशि को अन्य मद में हस्तांतरित कर, अन्य निर्माण कार्यों को कराया गया है तो क्या उपरोक्त मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर, अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद परासिया को मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत राशि रूपये 281.36 लाख की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें सी.सी. रोड, नाली, पार्क एवं मोक्षधाम विकास, रिटेनिंग वाल एवं कम्यूनिटी हाल निर्माण के घटक शामिल हैं। (ख) जी नहीं। मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत प्राप्त 20 प्रतिशत अनुदान राशि रूपये 60.00 लाख का व्यय, निकाय द्वारा योजना के कार्यों में न करते हुए, अन्य 42 निर्माण कार्यों में किया जाना प्रतिवेदित हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। योजनांतर्गत 80 प्रतिशत ऋण की राशि एम.पी.यू.डी.सी. के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है। ऋण उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजना मद में राशि उपलब्ध नहीं होने से योजना के कार्य पूर्ण नहीं हो सके हैं। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) जी हाँ, प्रकरण की जाँच के आदेश दिए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
दमोह विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शौचालय निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 440 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका परिषद दमोह के द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालय के निर्माण का, किस वर्ष में कितना लक्ष्य दिया गया था? कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है? सूची उपलब्ध करायें। लक्ष्य के अनुसार किस वर्ष कितने शौचालय का निर्माण किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार शौचालय निर्माण के लिए हितग्राहियों से पंजीयन शुल्क लिया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि ली गई? शौचालय निर्माण की लागत क्या है? उसका भुगतान किस मद से किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शौचालय निर्माण किस-किस एजेंसी द्वारा किया गया? उनके लिए भुगतान किस मद से किया गया? क्या उक्त शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार की अनियमितता के सबंध में पार्षदों के द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष से शिकायत की गई थी? क्या शिकायत के बाद संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) की सूची अनुसार शौचालय का पंजीयन किया था? उनके सभी पंजीकृत हितग्राहियों के शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है एवं भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो संख्या बताएं। यदि नहीं, तो कितने हितग्राहियों का पंजीयन के बाद भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों से शुल्क नहीं अपितु हितग्राही अंशदान राशि रू. 1360/- लिये गये हैं। शौचालय निर्माण की इकाई लागत राशि रू. 13600/- नियत है, जो निविदा में प्राप्त दरों के आधार पर देय होती है। नगर पालिका दमोह में प्रथम निविदा में राशि रू. 15001/- तथा द्वितीय निविदा में राशि रू. 14359/- प्रति इकाई दर पर कार्य कराया गया है। जिसका भुगतान स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के व्यक्तिगत शौचालय घटक अंतर्गत किया गया है। (ग) व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कार्य निम्नलिखित एजेंसियों द्वारा किया गया है:- 1. श्री डी.पी. बोहरे दमोह, 2. श्री चंद्रशेखर उपाध्याय दमोह, 3. श्री दीपक सोनी दमोह, 4. श्री तन्मय राय दमोह। उपरोक्त सभी एजेंसियों को भुगतान स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के व्यक्तिगत शौचालय घटक अंतर्गत किया गया है। जी हाँ, शिकायतों का निराकरण किये जाने के कारण किसी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, पंजीकृत 4359 हितग्राहियों में से 4297 हितग्राहियों के यहां शौचालयों का निर्माण किया जाकर भुगतान किया जा चुका है। जिसमें से 62 हितग्राहियों के यहां शौचालय का निर्माण पंजीयन के बाद भी नहीं हुआ है।
शिक्षकों का नियम विरूद्ध संलग्नीकरण
[स्कूल शिक्षा]
15. ( *क्र. 2872 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शिक्षकों को गैर-शिक्षकीय कार्य में संलग्न न करने हेतु आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले के अंतर्गत किन-किन शिक्षकों को किस-किस विभाग में कब से किनके आदेश से प्रश्न दिनांक तक संलग्नीकरण किया गया है तथा विभाग द्वारा उक्त नियम विरूद्ध संलग्नीकरण को समाप्त करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विभाग अंतर्गत शासकीय स्कूलों में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों को संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन शिक्षकों को संलग्न किया गया तथा उक्त कार्यवाही किस नियम तथा किनके आदेश से की गई है तथा क्या संलग्नीकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षण कार्य निरंतर प्रभावित होकर बच्चों को वार्षिक परीक्षा परिणाम का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त नियम विरूद्ध संलग्नीकरण समाप्त कर शिक्षकों को संबंधित शालाओं में पदस्थ करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिलान्तर्गत शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ उत्तरांश (ख) अनुसार संलग्नीकरण समाप्त कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभान्वित हितग्राही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 3052 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 22 जून, 2019 तक अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत नगर पालिका अथवा नगर पंचायत द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर कितनी राशि उनके बैंक खाते में प्रदान की गई? हितग्राहियों के नाम, वार्ड क्रमांक और पते सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक दें। (ख) उक्त अवधि एवं उक्त क्षेत्र में नगर पालिका द्वारा स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना की कितनी शिकायतें स्थानीय नगरीय प्रशासन विभाग कलेक्टर-अनूपपुर, आयुक्त शहडोल संभाग को प्राप्त हुईं तथा उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर पालिका अथवा नगर परिषद्, कलेक्टर, अनूपपुर एवं आयुक्त शहडोल संभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम कटहेरा में पर्यावरण को हानि
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 2102 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कटहेरा, जनपद-लौड़ी, जिला छतरपुर में स्थित फॉर्च्यून स्टोन लिमि. को कितने हेक्टेयर की लीज कितने अवधि के लिऐ दी गई है? (ख) लीज क्षेत्र से आबादी क्षेत्र की दूरी के बारे में शासन के क्या नियम हैं? (ग) क्या फॉर्च्यून स्टोन के लीज क्षेत्र से आबादी क्षेत्र की दूरी शासन के नियमानुसार है? (घ) क्या उपरोक्त फर्म द्वारा अवैध उत्खनन एवं अवैध पेड़ों की कटाई कर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या फर्म द्वारा की जाने वाली ब्लास्टिंग से आमजनों को एवं जीव-जन्तुओं को कोई क्षति पहुँचती/पहुँची है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाती है? (च) क्या फर्म द्वारा स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार दिया जा रहा है एवं कर्मचारियों को सुरक्षा किट दी जाती है? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) ग्राम कटेहरा, जनपद लौड़ी जिला छतरपुर में स्थित फॉर्च्यून लिमिटेड को तीन लीज स्वीकृत है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 (ग) में प्रतिबंधित क्षेत्र अधिसूचित है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ड.) वर्तमान में ऐसा कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (च) जी हाँ। फर्म में स्थानीय निवासियों को भी रोजगार दिया जा रहा है एवं कंपनी द्वारा कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण आदि आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराये जाते हैं।
परिशिष्ट -''पाँच''
स्वीकृत खनिपट्टा को निरस्त किया जाना
[खनिज साधन]
18. ( *क्र. 1342 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना म.प्र. के पत्र क्रमांक 678/खनिज/2019 सतना दिनांक 02.03.2019 से प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग भोपाल को दो पृष्ठों में स्वीकृत खनिपट्टा को निरस्त करने का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था? पत्र की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 80 एकड़ भूमि में जिसमें खनि पट्टा निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया उस पत्र में कलेक्टर ने पट्टाधारी के विरूद्ध शासकीय भूमियों के अभिलेखों में हेराफेरी कर तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पट्टाधारियों से अवैधानिक रूप से भूमि क्रय कर नाम दर्ज कराकर खनिज लीज प्राप्त करने की शिकायत के संबंध में एस.डी.एम. रघुराजनगर सतना के द्वारा की गई जाँच के प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें पुन: शासकीय घोषित कर उक्त प्रस्ताव शासन के खनिज विभाग को भेजा था? पत्र की एक प्रति उपलब्ध करायें। एस.डी.एम. के जाँच प्रतिवेदन की एक प्रति एवं कलेक्टर सतना द्वारा शासकीय घोषित की गई भूमियों के संबंध में जारी आदेशों की एक प्रति दें। (ग) क्या सतना जिले में करोड़ों रूपयों की शासकीय भूमियों को निजी भूमि में तब्दील करने एवं उन पर अवैध रूप से ले ली गई खनि पट्टों को निरस्त किये जाने के कलेक्टर के प्रस्ताव को प्रमुख सचिव खनिज ने शासन को प्राप्त होने वाले खनिज राजस्व हित में प्रारंभ किये जाने के निर्देश दिये हैं? पत्र की प्रतिलिपि दें। (घ) क्या शासन अवैध रूप से हासिल लीज से होने वाली आय (रायल्टी) को खनिज राजस्व हित मानता है? क्या शासकीय भूमियों को निजी भूमि में बदलकर उस पर ली गई लीज को भी शासन वैध मानते है एवं क्या म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग का आदेश क्रमांक 135/457/2019/12/1 भोपाल दिनांक 15.03.2019 इसीलिए जारी किया गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र से खनिपट्टा निरस्त करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी, रघुराजनगर से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन दिनांक 07.02.2019 के आधार पर प्रेषित किया गया था। एस.डी.एम. के जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर तथा शासकीय घोषित की गई भूमियों के संबंध में जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार कलेक्टर द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के अनुरूप प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग द्वारा प्रकरण के निराकरण हेतु सुनवाई नियत की जाकर खनिज अधिनियमों एवं नियमों में खनिपट्टा क्षेत्र में शामिल क्षेत्र के स्वामित्व में परिवर्तन होने से खनन कार्य में रोक लगाये जाने के कोई प्रावधान नहीं होने से शासन को प्राप्त होने वाले खनिज राजस्व हित में स्वीकृत खनिपट्टा क्षेत्र पर खनन प्रारंभ करने के निर्देश जारी किये गये। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 15.03.2019 खनन कार्य प्रारंभ कराये जाने एवं प्रकरण के निराकरण हेतु सुनवाई नियत किये जाने के संबंध में है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापकों/शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
19. ( *क्र. 57 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के निर्देशानुसार जबलपुर जिले के अध्यापकों/शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर की किश्तों का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कितने शिक्षकों का शेष है? (ख) क्या मूल सेवा पुस्तिका का अनुमोदन किये जाने के उपरांत ही भुगतान होगा? (ग) क्या जिले के अधिकांश शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का अनुमोदन अभी तक नहीं हो सका है? (घ) क्या सेवा पुस्तिकाओं के शीघ्र अनुमोदन हेतु आदेश दिया जायेगा? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या समय-सीमा दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अध्यापक संवर्ग को मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, 2018 के द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सुसंगत पदों पर दिनांक 01.07.18 से नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों की सेवा शर्तें जारी होने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है इसके पश्चात म.प्र. वेतन पुनरीक्षित नियम 2017 के अनुसार दिनांक 01.07.2018 से वेतनमान निर्धारित होगा। जबलपुर जिले के 1966 शिक्षक संवर्ग के लोक सेवकों के प्रकरण आई.एफ.एम.आई.एस. से जनरेट नहीं होने के कारण लंबित हैं। शेष शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जबलपुर जिले में 1966 शिक्षक संवर्ग के लोक सेवकों की सेवा पुस्तिका का अनुमोदन प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ। सेवा पुस्तिकाओं का शीघ्र अनुमोदन करा लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
झुग्गी झोपड़ी में निवासरत परिवारों का व्यवस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 1736 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समाज के गरीब शोषित वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर झुग्गी झोपड़ियों में निवास करने वाले गरीब परिवारों को सरकार ने पट्टे देकर इनके लिये (गरीब आवासीय कॉलोनी) विकसित कर इनका व्यवस्थापन करने की नीति बनाई है? (ख) क्या वर्ष 2018 में ग्वालियर सहित फूटी कॉलोनी हुरावली में निवास करने वाले 500 गरीब परिवारों का व्यवस्थापन किये बिना, प्रशासन ने उन पर बर्वरता पूर्ण बुल्डोजर चलाकर बेघरवार कर दिया था? (ग) क्या इन गरीब परिवारों को आवास हेतु पट्टे देकर इनका व्यवस्थान किया जायेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के तहत दिनांक 31 दिसम्बर, 2014 की स्थिति में राज्य शासन, नगरीय निकायों अथवा विकास प्राधिकरण की भूमि या तो स्वयं के नाम पर या कुटुम्ब के किसी सदस्य के नाम से स्वामित्व नहीं रखता हो, को आवासीय पट्टे प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (ख) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्र. 5388/2009 उदयवीर विरूद्ध म.प्र. शासन में पारित आदेश दिनांक 16.11.09 का पालन न करने के कारण अवमानना प्रकरण क्र. 286/2013 में पारित आदेश 13.11.2013 एवं अवमानना प्रकरण क्र. 44/2015 में पारित आदेश दिनांक 26.09.2018 के अनुसार अतिक्रमण हटाया गया है। (ग) नगर निगम ग्वालियर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हटाये गये अतिक्रमणकारियों को आवास उपलब्ध कराने हेतु कैम्प लगाया गया था, जिसमें 137 हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं। उनके द्वारा आवेदन पत्र के साथ निर्धारित पंजीयन राशि जमा नहीं की गई है, जिसके कारण प्राप्त आवेदन पत्र आज दिनांक तक लंबित हैं।
सामग्री क्रय/निर्माण कार्य में अनियमितता की जाँच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
21. ( *क्र. 1878 ) श्री कमलेश जाटव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला संयोजक कार्यालय मुरैना द्वारा छात्रावास/आश्रमों में सामग्री पूर्ति हेतु कितनी, कौन-कौन सी सामग्री कितनी धन राशि की किस-किस मूल्य पर क्रय की गई? 01 अप्रैल, 2017 से प्रश्न दिनांक तक सामग्री की जानकारी प्रपत्र बनाकर प्रदाय की जावे। (ख) क्या अनुसूचित जाति बस्ती के लिए शासन द्वारा भेजा गया बजट यथा हैण्डपंप, रोड, विद्युतीकरण विद्युत पंप आदि को गैर अनुसूचित क्षेत्रों में व्यय कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कृत्य के लिए दोषी कौन है? (ग) छात्रावास/आश्रमों की मरम्मत हेतु 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्राप्त हुआ व कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? छात्रावास/आश्रमों की जानकारी प्रदाय की जावे। (घ) क्या क्रय/ स्टोर/स्थापना/निर्माण, शाखा में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों को सामान्यत: 03 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में पदस्थ करने का नियम है? यदि हाँ, तो जिला संयोजक कार्यालय मुरैना में ऐसे कौन-कौन से कर्मचारी हैं? जो कि एक ही शाखा में काफी लम्बे समय से पदस्थ हैं एवं जिन पर शासकीय धन का दुरूपयोग/गबन/वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं? ऐसे अधिकारी/ कर्मचारियों को अब तक अन्य शाखा में पदस्थ नहीं करने के लिए दोषी कौन है? क्या शासन ऐसे कर्मचारी/अधिकारियों को भविष्य में उपरोक्त शाखाओं में पदस्थ नहीं करने संबंधी आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पंचायत द्वारा अधिक राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 2521 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में 01 जनवरी, 2017 से 30 मई, 2019 तक नगर परिषद निकाय एवं नगर पालिका में किस-किस दिनांक को भवन, सी.सी. रोड निर्माण कार्य के कितनी-कितनी लागत के किस-किस रेट से टेन्डर प्राप्त हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त समयावधि में कौन-कौन से टेन्डर किस-किस परिषद के कितनी-कितनी दर के वर्कआर्डर किस-किस रेट के किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी समयावधि में पूर्ण करने हेतु दिये गये हैं? (ग) राजगढ़ जिले की नगर परिषद पचौर में अधिक दर पर किस कारण से किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को कौन-कौन से वर्कआर्डर कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करने के लिये दिये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या दिये गये वर्कआर्डर में करोड़ों रूपये का अधिक भुगतान किया जावेगा? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद पचौर में निर्माण कार्यों के लिये ऑन लाइन ई-निविदा पद्धति से आमंत्रित निविदाओं में प्राप्त दरें आई.एस.एस.आर. से अधिक प्राप्त हुईं हैं। निविदा समिति द्वारा प्राप्त दरों के परीक्षण उपरांत न्यूनतम दर निकाय में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रचलित दरों के समतुल्य होने के कारण सक्षम स्वीकृति पी.आई.सी./परिषद से प्राप्त की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राधिकरणों में पदस्थ कर्मियों का स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 2961 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन विकास प्राधिकरण में 3 वर्ष और उससे अधिक अवधि से पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों की सूची नामवार, पदवार उपलब्ध कराते हुए ऐसे अधिकारी, कर्मचारियों के लिए क्या 3 वर्ष से अधिक एक ही जगह पदस्थ होने से उनके स्थानांतरण करने के नियम हैं अथवा नहीं? यदि हैं तो ये नियम कब-कब लागू रहते हैं अथवा कब नहीं या सदैव लागू रहते हैं? क्या उज्जैन विकास प्राधिकरण के ऐसे अधिकारी कर्मचारी जो उक्त नियम की परिधि में आते हैं उन्हें स्थानांतरित किया जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ तो कब तक? (ख) प्रदेश के प्राधिकरणों में कार्यरत ऐसे कर्मचारी अधिकारी जिन पर उसी कार्यालय में पदस्थ रहते हुए गंभीर प्रकृति की अनियमितताओं की जाँच चल रही हो तो ऐसे अधिकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण अन्यत्र किया जाना चाहिए अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो उज्जैन विकास प्राधिकरण में पदस्थ ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिन पर स्थानीय स्तर पर अथवा अन्य जाँच एजेन्सियों द्वारा जाँच की जा रही हो, ऐसे अधिकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विकास प्राधिकरण सेवा में स्थानांतरण करने के लिए म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 76 (ख) (2) (ग) एवं म.प्र. विकास प्राधिकारण सेवा (अधिकारी तथा सेवक) भर्ती नियम 1988 के नियम 3 (2) लागू हैं। इन नियमों में समय-सीमा निर्धारित नहीं है। विकास प्राधिकरण सेवा में राज्य संवर्ग या स्थानीय संवर्ग के पद पर नियुक्त व्यक्ति को एक विकास प्राधिकरण से दूसरे विकास प्राधिकरण में स्थानांतरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। स्थानांतरण प्रशासकीय व्यवस्था के तहत किये जाते हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उज्जैन विकास प्राधिकरण में पदस्थ ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिन पर जाँच एजेंसियों द्वारा जाँच की जा रही हो, जाँच की पुष्टि उपरान्त राज्य शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट -''छ:''
प्रधानमंत्री आवास योजना में प्राप्त शिकायतों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 1301 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के नियम/निर्देश, पात्रता इत्यादि की जानकारी प्रदान करें। उक्त योजना का वित्तीय भार केंद्र/राज्य में से कौन वहन करता है? (ख) जबलपुर जिले में विगत 3 वर्षों में उक्त योजना में अनियमितताओं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनमें क्या-क्या कार्यवाहियां हुई हैं? (ग) क्या जबलपुर जिले में कुछ अपात्र व्यक्तियों को भी योजना का लाभ प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी सूची प्रदान करें। उक्त अनियमितता हेतु जिम्मेदारों पर हुई कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) क्या भूमि के वैध पट्टे अथवा मालिकाना हक़ न होने के बावजूद भी कुछ व्यक्तियों को उक्त योजना के तहत राशि जारी कर प्रश्नगत भूमि पर मकान का निर्माण करवा दिया गया है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के नियम/निर्देश, पात्रता इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। वित्तीय भार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों एवं उनके निराकरण की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लीजधारी द्वारा अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
25. ( *क्र. 2954 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील रघुराजनगर जिला सतना के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में राजधर सिंह कोलगवां को माईनिंग लीज खसरा क्रमांक 1238/2 रकबा 1.850 हेक्टेयर की लीज 10 वर्षों के लिए दी गयी है? क्या उसके द्वारा उक्त लीजधारी ने 30 फुट से ऊपर गहराई कर माइनिंग प्लान के विपरीत खुदाई की है? (ख) क्या उक्त लीजधारी ने दिनांक 22.12.2018 को एक एग्रीमेंट मेसर्स श्री जी इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्रा.लि. 180 यूनिवर्सिटी रोड साउथ सिविल लाइन पचपेड़ी जबलपुर म.प्र. से किया था? क्या लीजधारी 1 वर्ष का एग्रीमेंट होने के बावजूद उक्त कम्पनी को मई माह से काम नहीं करने दे रहा है तथा स्वयं खुदाई कर बिना पिटपास के स्थानीय क्रेशरों में सप्लाई कर रहा है? (ग) क्या उक्त लीजधारी को ग्राम बेलहटा में मुरुम खदान स्वीकृत है? उक्त लीज आराजी नं. 282 का अंश रकबा 3.367 हेक्टेयर की है। लेकिन लीजधारी द्वारा उक्त आराजी में खुदाई न करके आराजी नं. 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर में अवैध उत्खनन कर करोड़ों रुपये की मुरुम खोदकर बाजार में विक्रय कर दिया गया है? क्या लीजधारी ने अपने प्रभाव के चलते राजस्व निरीक्षक सतना के प्रतिवेदन के आधार पर एस.डी.एम. रघुराजनगर में पत्र क्रमांक 01945/अनु.अधि./2018 सतना दिनांक 11.04.2019 को कलेक्टर सतना (खनिज शाखा) को जारी पत्र में लिखवा दिया कि आवेदक को स्वीकृत मुरुम उत्खनन लीज में आराजी नं. 282 रकबा 3.367 हेक्टेयर के स्थान में आराजी नं. 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर संशोधन किया जाना प्रथम दृष्टया उचित पाया जाता है। क्या कलेक्टर उक्त राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर विभागीय जाँच बैठायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) सही है तो लीजधारी द्वारा उक्त दोनों ग्रामों में लीज की आड़ में अवैध उत्खनन किये जाने की। जाँच कलेक्टर की कमेटी गठित कर करायेगें? नहीं तो क्यों? क्या उक्त ग्राम रामस्थान ब्लाक एरिया में आ जाने के कारण उक्त लीज निरस्त कर दी जायेगी? यदि नहीं की जायेगी तो कारण सहित बतायें क्या राजस्व विभाग को लीज की आराजी को संशोधन करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियम सहित बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। इस खदान में 30 फीट से अधिक गहराई तक उत्खनन नहीं किया गया है। (ख) बिना पिट पास के खनिज की निकासी के प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्नांश में राज्य शासन से कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार खसरा क्रमांक 282 के अंश रकबा 3.367 हेक्टेयर पर उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। पट्टेदार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से लगे हुए क्षेत्र खसरा क्रमांक 322 के रकबा 2.768 हेक्टेयर क्षेत्र पर मुरम खनिज का उत्खनन किया गया, इस हेतु पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर एस.डी.एम. रघुराजगनर ने स्वीकृत खसरा क्रमांक 282 रकबा 3.367 हेक्टेयर के स्थान पर खसरा क्रमांक 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर संशोधन किये जाने का प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रेषित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अवैध उत्खनन के संबंध में पट्टेदार को कारण बताओ सूचना जारी किया गया है। नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र चूनापत्थर हेतु प्रस्तावित नीलामी ब्लॉक के आने पर आगामी नियमानुसार कार्यवाही संभव होगी। लीज की आराजी में संशोधन किये जाने के अधिकार खनिज विभाग को नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
देवीसागर
तालाब का
सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 38 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर पालिका क्षेत्र में देवीसागर तालाब का सौंदर्यीकरण नगर पालिका के माध्यम से करवाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस कार्य हेतु कितनी राशि की डी.पी.आर. बनायी जाकर कितनी धनराशि का टेण्डर स्वीकृत हुआ व क्या निर्माण कार्य पूर्ण होकर सी.सी. (कितनी धनराशि की) जारी हो चुकी है? (ग) क्या देवीसागर तालाब की निर्माणाधीन दिवाल झुक कर तालाब की ओर लटक गई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस प्रकरण में संज्ञान लिया जा कर क्या कोई सुधार कार्य करवाने हेतु संबंधित ठेकेदार को आदेशित किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कोई जानकारी नगर पालिका प्रशासन को है? (घ) क्या वर्तमान में वह झुकी हुई आर.सी.सी. दिवाल का सुधार कार्य करवा लिया गया है तथा तालाब का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण रूप से सुरक्षित है? यह सुनिश्चित कर लिया गया है? (ङ) क्या इस संबंध में किसी स्तर की जाँच संस्थित की जाकर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्रवाई प्रचलित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी, हां। (ख) इस कार्य हेतु राशि 626.48 लाख की डी.पी.आर. तैयार की गई एवं राशि रू 577.77 लाख का टेण्डर स्वीकृत किया गया। निर्माण कार्य प्रगतिरत है, अत: कार्य की सी.सी. जारी नहीं की गई है। (ग) जी हाँ, देवीसागर तालाब की निर्माणाधीन दीवाल तालाब की ओर झुक गई है। निकाय द्वारा संज्ञान लिया जाकर सुधार कार्य करवाने हेतु संबंधित ठेकेदार को आदेशित किया गया है। ठेकेदार द्वारा आवश्यक सुधार कार्य करने की लिखित सहमति दी गई है। (घ) वर्तमान में झुकी हुई आर.सी.सी. दीवार के सुधार कार्य प्रगतिरत है तथा तालाब का संपूर्ण कार्य पूर्ण रूप से सुरिक्षत है। इस हेतु शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, उज्जैन द्वारा स्थल निरीक्षण कर पत्र क्रमांक 1064, दिनांक 25.06.2019 से आवश्यक सुधार कार्य हेतु सुझाव एवं ड्राइंग डिजाईन प्रस्तुत की गई है, तद़नुसार सुधार कार्य प्रगतिरत है। (ड.) प्रकरण में निर्माणाधीन दीवाल के झुकने के कारणों की जाँच किये जाने हेतु आदेशित किया गया है। जाँच के निष्कर्षों के आधार पर उत्तरदायी अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।
स्वच्छता अभियान
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 97 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर नगर में व्याप्त गंदगी के कारण डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी घातक बीमारियां हर घर को अपनी चपेट में ले रही हैं? (ख) क्या स्वच्छता अभियान सर्वे की टीम आने पर ही नगर की सफाई की जाती है? (ग) क्या मात्र दो माह के स्वच्छता अभियान एवं नगर निगम जबलपुर में 15-20 वर्षों से जमे अधिकारियों से स्मार्ट सिटी की परिकल्पना साकार होगी? (घ) क्या शासन आमजनता के हित में 15-20 वर्षों से जमे अधिकारियों को हटाकर नये अधिकारियों को मौका देकर जबलपुर को स्वच्छता अभियान में आगे लाने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। नगर निगम में पदस्थ अधिकारियों को उनके कार्य के मूल्यांकन के आधार पर समय-समय पर स्थानांतरित एवं आंतरिक कार्य विभाजन निर्धारित प्रक्रिया अंतर्गत आवश्यकतानुसार किया जाता है। मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम-2000 से प्रशासित हैं तथा प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों के
उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 98 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के नये 8 वार्डों में उच्च स्तरीय पानी की टंकियां (अमृत योजनांतर्गत) निर्माणाधीन हैं? (ख) इन टंकियों के कार्यादेश/अनुबंध के अनुसार निर्माण पूरा करने की अवधि क्या है? (ग) क्या दिन-प्रतिदिन पानी की समस्या को देखते हुये निर्माण कार्य में तेजी लाई जायेगी? (घ) कब तक इन टंकियों से पानी वितरण शुरू किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम, जबलपुर के नवीन नये आठ वार्डों में 7 टंकी का निर्माण किया जा रहा है। (ख) कार्यादेश अनुबंध के अनुसार निर्माण पूर्ण करने की अवधि 24 अक्टूबर, 2017 से 24 माह है। (ग) योजना अंतर्गत उच्च स्तरीय पानी की टंकियों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। 5 टंकियां पूर्ण हो चुकी हैं तथा 2 टंकियों में कार्य प्रगतिरत है। (घ) लगभग छ: माह की अवधि में योजना का कार्य पूर्ण होने पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय पानी की टंकियों से पानी वितरण प्रारंभ किया जा सकेगा।
जाति प्रमाण पत्र बनाये जाना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
4. ( क्र. 171 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जिला दमोह में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हटा में घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जाति के कितने जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने हेतु लंबित हैं? (ख) उक्त जाति के जाति प्रमाण पत्र दमोह जिले में क्यों नहीं बनाये जा रहे हैं? शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? साथ ही लंबित जाति प्रमाण पत्र कब तक बना दिए जावेंगे?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) उक्त जाति के प्रमाण पत्र दमोह जिले में बनाये जा रहे है। मध्य प्रदेश शासन मंत्रालय के पत्र क्रमांक 347/141/2012/6214 दिनांक 04.04.2014 एवं कार्यालय कलेक्टर/आ.जा.क./वि.घु.जा. प्र.प./2017-18/656, दमोह दिनांक 29.05.2017 अनुसार जाति प्रमाण पत्र हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 189 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने सहायक शिक्षक कार्यरत हैं? पृथक-पृथक विकासखण्डवार संपूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या शासन द्वारा एक ही पद पर 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सहायक शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो जिले के कितने सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिया गया? उन शिक्षकों के नाम, पदनाम, कार्यरत संस्था सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या स्नातकधारी सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने के आदेश हैं या सिर्फ स्नातकोत्तरधारी सहायक शिक्षकों को ही इसका लाभ मिलेगा? (घ) क्या प्रदेश में कार्यरत एक ही पद पर 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सहायक शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन की योजना है? यदि हाँ, तो इन सहायक शिक्षकों के पदनाम कब तक परिवर्तित कर दिए जाएंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उज्जैन जिला अंतर्गत विकासखण्ड में कार्यरत सहायक शिक्षकों की जानकारी निम्नानुसार है :-
विकासखण्ड का नाम |
सहायक शिक्षकों की संख्या |
उज्जैन |
548 |
घटिया |
172 |
तराना |
180 |
महिदपुर |
155 |
बडनगर |
191 |
खाचरौद |
199 |
योग |
1445 |
(ख) जी हाँ। उज्जैन जिला अंतर्गत 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 1220 सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। नाम, पदनाम एवं कार्यरत संस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-09/2017/3/एक दिनांक 25 अक्टूबर 2017 द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत सहायक शिक्षकों एवं शिक्षकों को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19.04.99 में निहित अन्य सभी शर्तों के अधीन दिया गया है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 254 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत दिनांक 24/02/2018 को दो ट्रैक्टर ट्राली रेत परिवहन करते हुये पकड़े जाकर विभाग द्वारा पुलिस अभिरक्षा में रखे गये थे? (ख) क्या दो में से एक ट्रैक्टर के पास अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा जारी रेत परिवहन अनुमति पत्र एवं दूसरे के पास रेत रायल्टी रसीद होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को रेत उत्खनन कर परिवहन किये जाने हेतु रेत परिवहन अनुमति पत्र जारी करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? यदि नहीं, तो रेत परिवहन अनुमति पत्र जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पिपरिया से प्राप्त जानकारी अनुसार विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत दिनांक 24.02.2018 को नहीं अपितु दिनांक 23.02.2018 को दो ट्रैक्टर ट्राली अवैध रेत परिवहन करते हुए पकड़ी जाकर राजस्व विभाग द्वारा पुलिस अभिरक्षा में रखी गई थी। (ख) जी नहीं। दोनों ट्रैक्टर ट्राली अवैध रेत परिवहन करते पाये जाने पर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 का उल्लंघन एवं वैध रॉयल्टी रसीद नहीं होने के कारण कार्यवाही करते हुए रूपये 9000-9000 अर्थदण्ड राशि अनावेदकों से जमा उपरांत ही छोड़ा गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( क्र. 389 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत रायसेन जिले में 1 जनवरी 16 से जून-19 तक कहाँ-कहाँ पर सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन किया गया? जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ख) उक्त आयोजनों में किन-किनके विवाह हुए? कितनी राशि किन-किन मदों में व्यय की गई? पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) के सम्मेलनों में से किन-किन को राशि का भुगतान नहीं हुआ तथा क्यों? कार्यक्रमवार कारण बतायें। कब तक राशि का भुगतान होगा? (घ) संबल योजना में पंजीकृत तथा अ.जा./अ.ज.जा. परिवार में कन्या के एकल विवाह में भी राशि का प्रावधान है। यदि हाँ, तो रायसेन जिले में इस हेतु राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? राशि का कब तक भुगतान होगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत रायसेन जिले में 01 जनवरी 2016 से जून 2019 तक जनपद पंचायतवार आयोजित सम्मेलनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। व्यय राशि का मदवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) सम्मेलन में सम्मिलित वर-वधुओं के दस्तावेज पूर्ण न होने के कारण 418 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। आयोजित सम्मेलनों में सम्मिलित कन्याओं को राशि भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) संबल योजना में पंजीकृत तथा अ.जा./अ.ज.जा. परिवार में कन्या के एकल विवाह हेतु राशि का प्रावधान नहीं है।
अनुसूचित क्षेत्र के विकास एवं उत्थान के लिए प्राप्त धनराशि
[आदिमजाति कल्याण]
8. ( क्र. 458 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार से मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र के विकास एवं उत्थान के लिए मध्य प्रदेश सरकार को कितनी धनराशि किन-किन योजनाओं के तहत विभागवार प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त धनराशि स्वीकृत मदों के अतिरिक्त अन्य मदों में भी व्यय की गई? यदि हाँ, तो स्वीकृत मद के विपरीत अन्य मदों में व्यय की गई राशि का जिस सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन एवं स्वीकृति दी गई, उक्त समस्त अनुमोदन एवं स्वीकृति का विवरण वर्षवार उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विगत पाँच वर्षों में अनुसूचित क्षेत्र हेतु केंद्र सरकार से प्राप्त राशि के दुरूपयोग एवं मद परिवर्तन कर राशि के दुरूपयोग एवं घोटाले की उच्चस्तरीय जाँच प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से अथवा लोकायुक्त जाँच की अनुसंशा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अंतराष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 602 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर के पूर्वी क्षेत्र में इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा अंतराष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पुल का निर्माण कराया जा रहा है। क्या इसे यथास्थिति खेल विभाग को हस्तांतरित किया जा रहा है। (ख) क्या इन्दौर शहर में इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में राजेंद्र नगर क्षेत्र में ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया था तथा इसे अपूर्ण स्थिति में ही संस्कृति विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था। क्या संस्कृति विभाग द्वारा आज तक उसे पूर्ण नहीं करवाया गया और रख-रखाव के अभाव में वह खण्डहर हो गया है। (ग) यदि हाँ, तो स्वीमिंग पूल को अपूर्ण स्थिति में क्यों हस्तांतरित किया जा रहा है। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा इसे कब तक पूर्ण करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव खेल एवं युवा कल्याण विभाग के समक्ष विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। ऑडिटोरियम के आंतरिक साज-सज्जा का कार्य संस्कृति विभाग की आवश्यकता अनुसार पूर्ण कर संचालन/संधारण हेतु संस्कृति विभाग को हस्तांतरित किया गया था। संस्कृति विभाग द्वारा संचालन प्रारंभ नहीं किये जाने से दिनांक 24/10/2015 को कब्जा वापस लिया गया है। भवन अच्छी स्थिति में है। (ग) प्राधिकरण का मूल कार्य खेल गतिविधियां संचालित करना नहीं होने के कारण स्वीमिंग पूल का सिविल कार्य होने के उपरान्त इसे खेल एवं युवा कल्याण विभाग को हस्तांतरित किया जाना प्रस्तावित किया गया है। संबंधित विभाग के समक्ष प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 767 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन नगरों में स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है एवं केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी धनराशि योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदान की गई? (ख) राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन किस वर्ष से प्रारंभ किया गया एवं इस योजना के तहत क्या-क्या विकास कार्य प्रस्तावित हैं? (ग) भोपाल में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या विकास कार्य किए गए एवं इसमें कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई? पृथक-पृथक कार्यवार जानकारी दी जाए। (घ) भोपाल में स्मार्ट सिटी योजना पूर्ण करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रदेश के सात नगरों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना में स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदान धनराशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत भोपाल शहर में योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2016 से प्रारंभ किया गया है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत प्रस्तावित विकास कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा पूर्ण किए गए विकास कार्य की पृथक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) भोपाल स्मार्ट सिटी अंतर्गत वर्ष 2022 तक विकास कार्य पूर्ण किए जाने हैं।
निजी कॉलोनियों में पेयजल कनेक्शन के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 768 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी 18 वार्डों में निजी बिल्डरों/कॉलोनाईजरों एवं हाउसिंग सोसायटियों द्वारा कितनी-कितनी कॉलोनियाँ विकसित की गई हैं? वार्डवार कॉलोनी के नाम सहित संख्या बताई जाए? (ख) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी 18 वार्डों की किन-किन निजी कॉलोनियों के रहवासियों द्वारा नगर पालिक निगम भोपाल को पेयजल के ब्लक कनेक्शन हेतु प्रश्न दिनांक तक आवेदन किया है? किन-किन कॉलोनियों को पेयजल हेतु ब्लक कनेक्शन प्रश्न दिनांक तक प्रदान कर दिया गया है एवं किन-किन कॉलोनियों में शेष है? पृथक-पृथक कॉलोनी के नाम सहित वार्डवार संख्या बताई जाए? (ग) क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री द्वारा भोपाल के सभी निजी कॉलोनियों को व्यक्तिगत पेयजल कनेक्शन देने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम द्वारा मान. मंत्री जी की घोषणा के संबंध मे क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 18 वार्डों में कुल 632 कॉलोनियाँ विकसित की गई हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तकनीकी मापदण्डों एवं गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 871 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के नगरीय निकायों द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन किन योजनाओं मे कितने कार्य स्वीकृत किये गये है वर्षवार पूर्ण/अपूर्ण/प्रगतिरत/अप्रांरभ कार्यों का ब्यौरा देवें। (ख) ऐसे कितने कार्य है जो तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने के कारण उपयोगी सिद्ध नहीं हो रहे है और उन्हें हर बार कुछ समय पश्चात् पुन: ठीक कराया जा रहा है तथा अपूर्ण तथा अप्रांरभ कार्यों में किसी एजेंसी द्वारा रूचि नहीं ली गई है, इस हेतु कौन-कौन दोषी है, अपूर्ण कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह भी सही है कि कतिपय नगरीय निकायों द्वारा नाली निर्माण कार्यों को अधूरा छोड़ दिया गया है जिस कारण घरों से निकलने वाला पानी/अन्य गंदगी शहर की सड़कों पर फैल रही है जिस कारण आवागमन अवरूद्ध हो रहा है? (घ) ऐसी संस्थाओं/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है क्या ऐसे ठेकेदारों को टर्मिनेट की कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरीय निकायों द्वारा प्रश्नांकित अवधि में कराये गये/कराये जा रहे निर्माण कार्य तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्य अपूर्ण अप्रारंभ रहने का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। नाली निर्माण के दौरान रोजमर्रा के पानी की निकासी में व्यवधान होता है। नाली का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् पानी का निकास समुचित रूप से हो जाता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवन का कार्य पूर्ण कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 927 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका के अधीन जनता की मांग पर बहुउद्देशी सामुदायिक भवन, नया बस स्टैण्ड सिहोरा में कब स्वीकृत किया गया? स्वीकृत की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण किस एजेंसी के द्वारा कराया गया? कब तक यह कार्य पूर्ण किया जाना था? अभी तक पूर्ण क्यों नहीं किया गया? कब तक पूर्ण कराकर जनता के लिये उपलब्ध करा दिया जावेगा? अगर किसी व्यक्ति/संस्था द्वारा निर्माण के अंतिम चरण में कोई रोक लगाई गई है तो विभाग द्वारा इसका निराकरण क्यों नहीं किया गया? कब तक निराकरण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सामुदायिक भवन की स्वीकृति दिनांक 02-05-08 को दी गई हैं। स्वीकृति की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामुदायिक भवन निर्माण कार्य मैसर्स भाग्यश्री बिल्डर्स, सिहोरा द्वारा कराया जा रहा है। अनुबंध एवं कार्यादेश अनुसार कार्य दिनांक 03-10-2010 तक पूर्ण किया जाना था। भारत सरकार रक्षा मंत्रालय द्वारा उनके भूमि स्वामित्व होने से निर्माणाधीन सामुदायिक भवन निर्माण पर रोक लगाये जाने के कारण पूर्ण नहीं कराया जा सका। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय सम्पदा अधिकारी, जबलपुर मंडल, जबलपुर छावनी में प्रकरण क्रमांक जेएबी/पीपीई एक्ट/ख.नं. 480/1/सिहोरा में विचाराधीन है। निकाय स्तर पर निराकरण हेतु यथोचित कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण के निराकरण के पश्चात मान.न्यायालय के निर्णय अनुसार आगे कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिहोरा पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 938 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय किये जाने की कार्य योजना के अनुसार पाईप लाइन विस्तार/टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण किया जाकर नर्मदा जल की सप्लाई कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) पाईप लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त हुये मार्गों को कब तक ठीक करा दिया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सिहोरा नगर की योजनान्तर्गत पाईप लाइन विस्तार/टंकी निर्माण कार्य अनुबंध अनुसार जनवरी 2020 के अन्त तक पूर्ण किया जाकर, नर्मदा जल की सप्लाई प्रारम्भ किया जाना संभावित है। (ख) पाईप लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त हुए मार्गों का मरम्मत का कार्य सतत् प्रक्रिया है तथा सामान्यतः पाईप बिछाये जाने के पश्चात टेस्टिंग एवं प्रत्येक घर में नल कनेक्शन के उपरांत मार्गों का पूर्णतः मरम्मत का कार्य किया जाता है। चूंकि यह कार्य सतत् प्रक्रिया का है, अतएव समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करना
[वन]
15. ( क्र. 1167 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के सेमरिया-सिरमौर मुख्य मार्ग में चचाई वाटर फाल के ऊपर निर्माणाधीन सेतु जिसके कुल 15 पावों में से 13 पावों का निर्माण हो चुका है तथा स्लैब भी निर्मित हो चुका है किन्तु कुछ भू-भाग वन विभाग का होने के कारण कुल 02 पावों का निर्माण अवरुद्ध है तथा विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न होना कार्य बाधित होने का मुख्य कारण है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सका? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनापत्ति प्रमाण पत्र कब तक जारी किया जा सकेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनापत्ति दिनांक 13.03.2019 से जारी की जा चुकी है। अतः समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-अभयारण्य का निर्माण
[पशुपालन]
16. ( क्र. 1169 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की ग्राम पंचायत जनकहाई में गौ-अभयारण्य निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन के द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लगभग 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात भी अभी तक गौ अभयारण्य के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गौ-अभयारण्य का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा? विभाग द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खनिज़ उत्खनन एवं जमा रॉयल्टी के संबंध में
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 1239 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन ज़िले के अंतर्गत खनिज उत्खनन एवं जमा रॉयल्टी का वर्षवार अलग अलग विस्तृत विवरण सूची सहित प्रदान करें। (ख) उज्जैन ज़िले में कुल कितने लीज़धारक है? लीजधारकों द्वारा अवैध खनन की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? दोषियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाहियां हुई है? (ग) उज्जैन ज़िले के अंतर्गत कुल कितने प्रकार के खनिजों का उत्खनन किया जाता है? उक्त खदानों को लीज़ पर दिए जाने का क्या प्रावधान है? उज्जैन ज़िले में कुल कितनी खदानें है? खनिजवार अलग अलग खदानों का विवरण दें। कितनी खदानें लीज़ पर दी जा चुकी हैं एवं कितनी दी जाना शेष है? (घ) जिला स्तरीय टास्क-फ़ोर्स एवं विभागीय अमले द्वारा उक्त अवधि में कुल कितने अवैध खनन एवं परिवहन की जाँच नियमित एवं आकस्मिक रूप से गयी है? विभाग द्वारा उक्त अवधि में जाँच हेतु विशेष अभियान कब-कब एवं कहाँ-कहाँ चलाये गए है? (ङ) उज्जैन ज़िले के अंतर्गत उक्त अवधि में सक्षम कार्यवाही कर कुल कितने प्रकरण अवैध उत्खनन करने वाले एवं परिवहनों पर की गयी है? और दोषियों पर कार्यवाही कर कितना अर्थदंड प्रस्तावित किया गया है? (च) उज्जैन ज़िले में मुरम, गिट्टी एवं रेत खनन हेतु अनुज्ञा पट्टा प्राप्त कुल कितने ठेकेदार है?एवं कुल कितनी खदानें है जहां ज़मीन खोदकर गड्ढे किये गए हो?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश का उत्तर उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले में 04 प्रकार के गौण खनिज पत्थर, रेत, मुरूम, साधारण मिट्टी का उत्खनन किया जाता है। उक्त खनिजों में से रेत खनिज को छोड़कर शेष खनिजों को लीज पर दिये जाने के प्रावधान मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में है। जिले में लीज पर पत्थर की 196, मुरूम की 23 और साधारण मिट्टी की 04 खदानें लीज पर स्वीकृत हैं, इसके अलावा रेत की 04 नीलाम खदान स्वीकृत हैं एवं 21 रेत खदानें संबंधित ग्राम पंचायतों को आवंटित है। नियमानुसार उत्खनिपट्टा स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है। इसी प्रकार प्राप्त शिकायतों का निराकरण भी एक सतत् प्रक्रिया है। यह बताया जाना संभव नहीं है कि कितनी खदानें लीज पर दिया जाना शेष है। (घ) जिला स्तरीय टास्क फोर्स एवं विभागीय अमले द्वारा उक्त अवधि में नियमित एवं आकस्मिक रूप से सतत् जाँच की गई है। उक्त अवधि में जाँच के दौरान 127 अवैध खनन एवं 985 अवैध परिवहन के प्रकरण पाये जाने पर कार्यवाही की गई है। विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर अवैध उत्खनन/परिवहन की जाँच करायी जाती है। प्रश्न में चाही गई एकजाई जानकारी संधारित नहीं रखी जाती है। (ड.) उज्जैन जिले के अंतर्गत उक्त अवधि में सक्षम कार्यवाही कर 127 अवैध उत्खनन के प्रकरण तथा 985 अवैध परिवहन के प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। अवैध उत्खननकर्ताओं/परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध कुल रूपये 1093.059 लाख रूपये का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। (च) अनुज्ञा पट्टा के नाम से खनि रियायत स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नियमों में नहीं है। अत: अनुज्ञा पट्टा के संबंध में जानकारी निरंक है परंतु जिले में शासकीय निर्माण कार्य हेतु उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। खनन कार्य में जमीन की खुदाई सामान्य प्रक्रिया है।
मत्स्य हेतु पट्टे पर दिये गये तालाबों
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
18. ( क्र. 1266 ) श्री जसमंत जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले मे मत्स्य पालन के कितने तालाब है, वर्ष 2015 से मत्स्य भाग/अन्य संस्थाओं के मध्य कितने तालाब कब से पट्टे पर दिये गये है? पट्टाधारक को दिये गये तालाब का एग्रीमेन्ट दिनांक सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभिन्न पट्टाधारकों द्वारा तालाबों पर अनुबंध निरस्त होने के बाद भी जबरन मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे कितने पटटाधारक है जो जबरन तालाब पर कब्जा किये हुये है?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
लाखन सिंह
यादव ) : (क) शिवपुरी
जिले में 1156
तालाब/जलाशय (जिसमें
82 सिंचाई
जलाशय एवं 1074 ग्रामीण
तालाब है ) प्रश्नांश
अवधि में 15
जलाशय/तालाब
पट्टे पर दिये
गये। पट्टा
धारक के
अनुबंध की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार। (ख) जी
नहीं।
(ग) जानकारी
निरंक।
परिशिष्ट
-''नौ''
नगरपालिका परिषद बैतूल का मुख्य भवन निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1280 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद बैतूल का मुख्य भवन कितने वर्ष पूर्व निर्मित किया गया था? (ख) क्या वर्तमान में हालत जर्जर हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो नये भवन निर्माण हेतु शासन की क्या योजना है? इस कार्य हेतु शासन द्वारा प्राक्कलन बनवा लिया गया है? या प्राक्कलन बनवाया जाना शेष है? (घ) यदि प्राक्कलन बना लिया गया है तो प्राक्कलन की राशि बताएं? यदि बनाया जा रहा है तो कब तक बना लिया जायेंगा एवं कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेंगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, बैतूल का मुख्य भवन टाउनहॉल में संचालित है, जिसका निर्माण 111 वर्ष पूर्व किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) निकाय द्वारा नवीन कार्यालय भवन बनाए जाने के लिए रेवेन्यू माडल पर आधारित कार्ययोजना तैयार किए जाने के लिए कन्सलटेंट की नियुक्ति हेतु ऑनलाइन निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। जी नहीं, कन्सलटेंट की नियुक्ति के पश्चात प्राक्कलन तैयार किया जाएगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कन्सलटेंट की नियुक्ति के उपरांत प्राक्कलन बनाया जाएगा एवं कार्य की स्वीकृति होने के उपरांत भवन के आकार के अनुसार कार्य पूर्ण करवाया जा सकेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेत का अवैध उत्खनन कार्य
[खनिज साधन]
20. ( क्र. 1286 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिला अंतर्गत सौंसर में जीवन दायिनी कन्हान नदी पर अवैध उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या एन.जी.टी. के नियमों को ताक पर रखकर पोकलेन/जेसीबी मशीन लगाकर अवैध उत्खनन हितरा, खण्डरामवार, माथनी, रझाडी, बोरगांव, काजलपानी, खपा, पादीवार, मालेगांव, रोहना, बारादेही पर किया गया है? यदि हाँ, तो उससे शासन को कितना राजस्व का नुकसान हुआ है? (ग) क्या छिंदवाड़ा जिले में घोषित खदान कम्पनी के द्वारा उत्खनन कार्य संचालित किया जा रहा है? क्या संचालित कंपनी पर अवैध खनन की वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गयी थी? यदि हाँ, तो कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, किया तो क्यों? दोषी कौन-कौन होंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार अवैध उत्खनन की कार्यवाही प्रकाश में आने पर अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है। कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश अनुसार उल्लेखित ग्रामों में से ग्राम माथनी, रोहना एवं मालेगांव में अवैध उत्खनन होना पाया गया। शेष ग्रामों में अवैध उत्खनन किये जाने की घटना प्रकाश में नहीं आई है। अवैध उत्खनन के प्रकरण में न्यायालय कलेक्टर से अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश अनुसार जिले में स्वीकृत रेत खदान ग्राम सायरा, लोहानी, मालेगांव, रझाडीबोरगांव, रोहना में अवैध उत्खनन किये जाने के कारण अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया जाकर अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। प्रकरण में कलेक्टर न्यायालय से अंतिम निराकरण नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों को रेत खदान हेतु प्रदाय रॉयल्टी
[खनिज साधन]
21. ( क्र. 1287 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में ग्राम पंचायत निर्माण कार्य के लिए किन-किन रेत खदानों को घोषित किया गया है? किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा कितनी-कितनी रॉयल्टी ली गई हैं 2016 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवें? (ख) ग्राम पंचायतों को मापदण्ड के अनुसार रॉयल्टी दी, क्या प्रशासकीय स्वीकृति में उतनी रेत की आवश्यकता थी, यदि नहीं, तो क्या रॉयल्टी का दुरूपयोग किया गया यदि हाँ, तो जाँच कराकर दोषी पर कार्यवाही प्रस्तावित करेगें? (ग) बालाघाट जिले के स्वीकृत भण्डारण सह व्यापार के अंतर्गत सिवनी मण्डला किन किन खदानों से रेत परिवहन कर भण्डारण किया? क्या पत्र क्रमांक/777/खनिज/19 दिनांक 25-05-2019 को निरस्त किये गये भण्डारण अवैध रेत का प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी गाड़ी जब्त की गयी जानकारी देंवें? (घ) भण्डारण में जिस खदान की रॉयल्टी काटी गई उस खदान से रेत नहीं लायी गयी। क्या उन सभी खदानों की जाँच करायेंगे जो भण्डारण में बतायी गयी यदि हाँ, तो भोपाल स्तर के अधिकारी से कब तक जाँच करायेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मध्यप्रदेश रेत नियम, 2018 में ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों के लिये रेत की खदानें घोषित करने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बालाघाट जिले के स्वीकृत भंडारण सह-व्यापारिक अनुज्ञप्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। जिस अनुसार मध्यप्रदेश रेत नियम, 2018 के तहत जिन व्यक्तियों को भंडार सह-व्यापारिक अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है, उनके द्वारा बालाघाट जिले की स्वीकृत रेत खदानों से रेत परिवहन कर भंडारण किया गया है। सिवनी एवं मंडला जिले की स्वीकृत खदानों से रेत प्राप्त करने की जानकारी निरंक है। कार्यालय कलेक्टर, खनिज शाखा का पत्र क्रमांक 777/खनिज/19 दिनांक 21.05.2019 से जिले में मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 के तहत स्वीकृत भंडराण सह-व्यापारिक अनुज्ञप्ति निरस्त नहीं की गई है अपितु आगामी आदेश पर्यन्त विलंबित की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त आशय की कोई शिकायत/जाँच प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
22. ( क्र. 1302 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में वर्ष 2008 से 2015 के बीच हुए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कितने अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं एवं घोटाले की कुल कितनी राशि वसूल कर ली गयी है? संस्थावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी हैं? जिलेवार, प्रकरणवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा कुल कितनी संस्थाओं की जाँच की गयी? जाँच में क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए? कितनी संस्थाओं की जाँच लंबित है? कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिए गये हैं? कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित हैं?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षा का अधिकार/अधिनियम में विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 1332 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में लागू शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत विगत 3 वर्षों में खण्डवा जिले में कुल कितने गरीब बच्चों को प्रवेश दिया गया है? वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्या इस अधिनियम में आवेदक/छात्र को उस वार्ड का निवासी होना जरुरी है। जिस वार्ड में शैक्षणिक संस्था विद्यमान है? यदि हाँ, तो क्या अधिनियम का यह नियम क्या स्कूल संचालकों की मनमानी का कारण बन रहा है? क्योंकि यह सर्वथा आवश्यक नहीं कि पाश कॉलोनियों एवं नगर तथा गाँव की सीमा से दूर स्कूलों के पास ही गरीब परिवार निवास करें। (ग) क्या ऐसे नियमों में बदलाव कर शिक्षा के अधिकार अधिनियम का लाभ संपूर्ण ग्राम एवं नगर की सीमा मानकर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या अधिनियम के प्रावधानों का उल्लघंन कर गरीब बच्चों को प्रवेश न देने वाले स्कूल संचालकों के विरुद्ध अब तक प्रदेश में कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) खण्डवा जिले में इस अधिनियम के तहत विगत 3 वर्षों में दिये गये प्रवेश की जानकारी वर्षवार एवं स्कूलवार दी जाये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2016-17 में 1006, वर्ष 2017-18 में 2797 एवं वर्ष 2018-19 में 3351 इस प्रकार कुल 7154 गरीब बच्चों को प्रवेश दिया गया। (ख) एवं (ग) जी हाँ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम केन्द्रीय अधिनियम है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
नलकूप मोटर मरम्मत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 1335 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी नगर पालिका में विगत 3 वर्ष में नलकूप मोटर मरम्मत कार्य का टेंडर कब और किस फर्म को किस दर में दिया गया था? (ख) यह टेंडर कितने समय की अवधि के लिये था? (ग) क्या उक्त टेंडर की समयावधि पी.आई.सी. के द्वारा बढ़ाई गई है? यदि हाँ, तो कितने समय के लिये बढ़ाई गई है? (घ) क्या शिवपुरी नगर पालिका अधिकारियों को नलकूप मोटर मरम्मत कार्य का टेंडर पुन: बुलाना था? यदि हाँ, तो क्यों नहीं बुलाया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा वर्ष 2015-16 में चार ग्रुपों में निविदा बुलाई गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक वर्ष के लिए। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद शिवपुरी की परिषद द्वारा वित्त वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 कुल तीन वर्ष के लिए समय-सीमा बढ़ाई गई है। (घ) जी हाँ। नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा नलकूप मोटर मरम्मत कार्य के लिए दिनांक 06/06/2016, 28/08/2017 एवं 26/06/2019 को निविदाए बुलाई गई थी, परन्तु निविदा दर अधिक प्राप्त होने से प्राप्त निविदाओं को परिषद द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया है। इस विषय पर जाँच कराई जा रही है। जाँच उपरांत परिणाम के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
शिवपुरी स्थित भेड़ फार्म की भूमि
[पशुपालन]
25. ( क्र. 1336 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी भेड़ फार्म की भूमि किस उद्देश्य के लिये है और उसका उपयोग किस प्रकार के कार्यों के लिये किया जा रहा है? (ख) शिवपुरी स्थित भेड़ फार्म की कितनी भूमि उद्योग विभाग को कब हस्तांतरित की गई है? उद्योग विभाग को भूमि दिये जाने के उपरांत कितनी भूमि शेष बची है? (ग) उक्त भूमि का वर्तमान में क्या उपयोग किया जा रहा है तथा भूमि से जनता को क्या लाभ मिल रहा है? (घ) क्या शिवपुरी भेड़ फार्म (पड़ोरा भेड़ प्रजनन केन्द्र) की लगभग 1500 बीघा भूमि पर अवैध रूप से खेती की जा रही है? यदि हाँ, तो पशुपालन विभाग के किस अधिकारी के संरक्षण में यह खेती की जा रही है अभी तक कोई प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? इस गतिविधि से विभाग को कुल कितनी राशि प्राप्त हुई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों का मानदेय एवं सत्कार भत्ता
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1351 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नगरीय निकायों में प्रतिमाह नगर पालिका एवं नगर परिषद के निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षद को वर्तमान में कितना-कितना मानदेय एवं सत्कार भत्ता एवं परिषद एवं पी.आई.सी. की प्रत्येक बैठक पर कितना-कितना राशि देने का प्रावधान है? ऐसे सभी आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) क्या यह मानदेय, सत्कार भत्ता एवं प्रति बैठक मिलने वाली राशि कम नहीं है? (ग) क्या विभाग इस राशि को बढ़ाने पर विचार कर रहा है? अगर हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों? नगर पालिका के अध्यक्ष को 15 हजार, उपाध्यक्ष को 10 हजार, पार्षद को 5 हजार, प्रति बैठक एक हजार, नगर परिषद के अध्यक्ष को 10 हजार, उपाध्यक्ष को 7 हजार, पार्षद को 3 हजार, प्रति बैठक 5 सौ रूपये देने का प्रावधान कब तक करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। मानदेय सत्कार भत्ता एवं प्रति बैठक मिलने वाली राशि बढ़ाने का प्रकरण शासन में विचाराधीन है।
वार्षिक परीक्षा परिणाम अच्छा आने पर सम्मानित
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 1352 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में शासकीय हाई स्कूल एवं शासकीय हायर सेकेण्ड्री स्कूल (10+2) कब से कहाँ-कहाँ संचालित है? प्रश्न दिनांक तक इन विद्यालयों में कब से कौन-कौन प्राचार्य एवं शिक्षा ग्रहण कराने वाले एवं अन्य स्टॉफ है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि इन शैक्षणिक संस्थाओं, स्कूलों में लगातार वर्ष 2014 से वर्ष 2019 मुख्य छात्र-छात्राओं की वार्षिक परीक्षा परिणाम क्या-क्या रहा है? वर्षवार, स्कूलवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन विद्यालयों में प्रश्न दिनांक तक किस-किसके, कब से पद रिक्त है? इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विद्यालयों द्वारा प्रतिवर्ष क्या-क्या कार्यवाही की जाती है एवं शासन द्वारा रिक्त पदों को भरने हेतु प्रश्न दिनांक तक (जनवरी 2017 से आज तक) क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम वर्ष 2019 का गत वर्ष 2018 की अपेक्षा ठीक आया है ऐसे विद्यालय के प्राचार्य एवं समस्त टीचिंग स्टॉफ को जिले स्तर, प्रदेश स्तर पर सम्मिलित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? जिन विद्यालयों का वार्षिक परीक्षा परिणाम 2019 गत वर्ष 2018 की अपेक्षा खराब आया है ऐसे विद्यालय के प्राचार्य के विरूद्ध शासन क्या-क्या कार्यवाही करेगा? ऐसे प्राचार्य को हटाया जावेगा तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। हाई, हायर सेकेण्ड्री स्कूल एवं माध्यमिक शालाओं में पदपूर्ति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। वर्तमान में अतिथि शिक्षकों के माध्यम से शालाओं में पठन-पाठन की व्यवस्था है। (घ) वर्ष 2018 से 2019 के परीक्षा परिणाम में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि वाली 6 शालाओं के प्राचार्य एवं शिक्षकों को 5 सिंतबर को जिला स्तर पर सम्मानित किया जायेगा। खराब परीक्षा परिणाम वाले प्राचार्यों को नोटिस जारी किया गया है।
प्रारंभिक शिक्षा की गतिविधियों की मॉनिटरिंग हेतु पूल वाहन का उपयोग
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 1379 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक/रा.शि.के./मानिट/2016/5342 भोपाल दिनांक 22.07.16 द्वारा प्रारंभिक शिक्षा की गतिविधियों की मॉनिटरिंग हेतु राज्य योजना अंतर्गत पूल वाहन का उपयोग किये जाने के निर्देश दिये गये हैं? प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) जिला शिक्षा केन्द्र में सहायक परियोजना समन्वयक/सहायक यंत्री/उप यंत्री को नवम्बर 2016 से मार्च 2019 तक भ्रमण करने हेतु कितनी राशि कब-कब भुगतान की गयी? (ग) क्या पूल वाहन उपयोग करने वाले भ्रमणकर्ता अधिकारी द्वारा स्कूलों में निरीक्षण टीप अंकित की जाती है? निरीक्षण स्थल की प्रतिवेदन रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाती है? नवम्बर 2016 से मार्च 2019 तक भ्रमणकर्ता अधिकारियों के अंकित टीप एवं प्रतिवेदन रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त पूल वाहन में भ्रमण करने वाले भ्रमणकर्ता अधिकारियों के द्वारा फर्जी तरीके से बिल व्हाउचर तैयार कर शासकीय राशि का दुरूपयोग के लिए जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब-तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, निरीक्षणकर्ता द्वारा संबंधित शाला की निरीक्षण पंजी पर ही टीप अंकित की जाती है, अतःनिरीक्षण टीप एवं प्रतिवेदन रिपोर्ट उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रोत समन्वयक (सी.आर.सी.सी.) के पद पर पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 1380 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा आदेश क्रमांक 257/जि.पं./शि.से./2019 दिनांक 15.4.19 द्वारा विकासखण्ड मऊगंज को श्रोत समन्वयक (बी.आर.सी.सी.) के पद पर शा.उ.मा.वि. अजगरहा संकुल मार्तण्ड उ.मा.वि. क्र. 2 के अध्यापक को आगामी आदेश तक कार्यानुमति प्रदान कर बी.आर.सी.सी. के पद पर पदस्थ किया गया है? अजगरहा स्कूल किस विकासखण्ड अन्तर्गत है तथा मऊगंज की दूरी क्या है? अध्यापक का नाम एवं पद बताएं। (ख) क्या इसके पूर्व भी प्रश्नांश (क) में वर्णित पदांकित बी.आर.सी.सी. जवा ब्लॉक रीवा में इसी पद पर पदस्थ थे और शिकायत पर जाँच उपरांत वित्तीय अनियमितता के कारण पद से पृथक किया गया था? जाँच प्रतिवेदन एवं शिकायत की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या मऊगंज वि.ख. में बी.आर.सी.सी. पद पर कार्यानुमति देकर पदस्थापना हेतु कोई भी पात्र अध्यापक नहीं था जिससे रीवा के अध्यापक को प्रभार दिया गया है? (घ) क्या जिला श्रोत समन्वयक रीवा द्वारा मऊगंज बी.आर.सी.सी. की पदस्थापना हेतु कोई प्रस्ताव दिया गया? यदि नहीं, तो किसके प्रस्ताव पर बी.आर.सी.सी. मऊगंज के पद पर पदस्थापना की गयी है? क्या लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लागू अवधि में चुनाव आयोग की अनुमति के बिना पदस्थापना आदेश जारी किये जा सकते है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। शासकीय उ.मा.वि. अजगरहा रीवा विकासखण्ड के अंतर्गत है। मउगंज से दूरी 70 किमी. है। श्री शिवाकांत गौतम, वरिष्ठ अध्यापक, शास.उ.मा.वि. अजगरहा संकुल शास.मार्तण्ड उ.मा.वि. क्रमांक 2 रीवा को विकासखण्ड स्रोत समन्वयक मउगंज के रिक्त पद पर जनपद शिक्षा केन्द्र, मउगंज के रूप में आगामी आदेश तक कार्यानुमति प्रदान की गई थी। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री शिवाकांत गौतम का स्थानातंरण पश्चात स्वयं प्रभार सौंप कर शा.उ.मा.वि. अजगरहा में उपस्थित हुए थे। श्री शिवाकांत गौतम तत्कालीन विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के विरूद्ध कार्यालय के कर्मचारियों के द्वारा सामूहिक रूप से सामग्री क्रय के संबंध में शिकायत प्रस्तुत की गई थी। प्राप्त शिकायत एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री शिवाकांत गौतम तत्कालीन विकासखण्ड स्रोत समन्वयक जवा के विरूद्ध सामग्री क्रय में अनियमितता के कारण दण्ड स्वरूप कार्यवाही की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के निर्देशानुसार सहायक परियोजना समन्वयक वित्त एवं प्रभारी लेखाधिकारी, जिला पंचायत के द्वारा प्रस्तुत पैनल में अनुभव के आधार पर श्री शिवाकांत गौतम, वरिष्ठ अध्यापक, अजगरहा को प्रभार सौंपा गया था। (घ) जी नहीं। विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के पद के प्रभार हेतु प्रस्ताव सहायक परियोजना समन्वयक, वित्त एवं प्रभारी लेखाधिकारी, जिला पंचायत, रीवा द्वारा पैनल प्रस्तावित किया गया था। पैनल में से अनुभव के आधार पर मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के प्रस्ताव अनुसार श्री शिवाकांत गौतम, वरिष्ठ अध्यापक को प्रभारी विकासखण्ड स्रोत समन्वयक का आदेश तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, रीवा द्वारा जारी किया गया था। कार्यालय के आदेश क्रमांक/जि.शि.के./स्था./2019/631 रीवा दिनांक 6.7.19 द्वारा श्री गौतम को सौंपा गया प्रभार तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
दुकानों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1383 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद कानड़ जिला आगर मालवा के द्वारा सारंगपुर रोड पर नवनिर्मित 13 दुकानों के कॉम्प्लेक्स में दुकानों की नीलामी में प्रीमियम की गणना सारंगपुर मेन रोड से की गई है? (ख) नगर परिषद द्वारा नीलाम की गई दुकानों 13 की प्रीमियम राशि कितनी-कितनी है? (ग) नगर परिषद द्वारा नीलाम की गई 13 दुकानों को किन-किन व्यापारियों को आवंटित की गई व कितनी प्रीमियम राशि उनसे वसूली जावेगी? (घ) प्रीमियम की गणना सारंगपुर मेन रोड से जहां पर निर्माण किया गया है, उप पंजीयक आगर मालवा द्वारा जारी भूमि के बाजार मूल्य सारंगपुर मेन रोड से की गई है, अथवा अन्य पीछे की जगह बताकर प्रीमियम की गणना की गई है, और यदि ऐसा किया गया है तो दोषी नगर परिषद अधिकारियों एवं अध्यक्ष पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि नगर परिषद कानड़ द्वारा त्रुटिवश प्रीमियम की गणना आगर सारंगपुर रोड पर बस स्टैण्ड से श्मशानघाट के आगे पेट्रोल पंप तक मुख्य सड़क से पीछे की तरफ से की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) नीलामी पश्चात 13 दुकानों की सक्षम स्वीकृति की प्रक्रिया विचाराधीन है इसलिए किसी भी व्यापारी को दुकानें आवंटित नहीं की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में 13 दुकानों की सक्षम स्वीकृति की प्रक्रिया विचाराधीन होने से दुकानों का आवंटन नहीं किया गया। प्रीमियम की गणना के संबंध में जाँच करवाई जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रश्नकर्ता के प्रश्न पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 1384 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर परिषद कानड़ जिला आगर मालवा के अध्यक्ष एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद कानड़ के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार एवं अवैधानिक कार्यों की शिकायत मय साक्ष्य एवं बिन्दुवार दिनांक 07.05.2019 को माननीय मुख्य सचिव महोदय मध्यप्रदेश शासन को की गई थी, उसमें क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उसमें जाँच करवाई गई अथवा नहीं? यदि करवाई गई है, तो जाँच का परिणाम क्या है तथा दोषी पदाधिकारी कौन है? (ग) यदि जाँच में पदाधिकारी अध्यक्ष व सी.एम.ओ. नगर परिषद् कानड़ दोषी पाए गए हैं, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद कानड़ के अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध शिकायत पर संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा जाँच की जा रही है। (ख) एवं (ग) जाँच प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्थायी कर्मचारियों के संबंध में
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
32. ( क्र. 1396 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय विभाग अन्तर्गत जिलेवार कितने अस्थायी कर्मी अकुशल, अर्धकुशल एवं कुशल कर्मचारी कार्यरत हैं इनका नाम पद एवं नियुक्ति दिनांक की सूची दी जाये। (ख) विभाग में कार्यरत स्थाईकर्मी को स्थाईकर्मी होने के पूर्व 10 वर्ष की सेवा में रूपये 1500, बीस वर्ष की सेवा में 2500 अतिरिक्त वेतन दिया जा रहा था, लेकिन स्थाई कर्मी होने के पश्चात् समस्त सेवारत स्थाई कर्मियों को अकुशल वेतनमान 4000-80-6000 दिया जा रहा है। ऐसा क्यों? कब तक इन कर्मचारियों को अकुशल से अर्धकुशल एवं अर्धकुशल को कुशल की श्रेणी में किया जावेगा। (ग) स्थाई कर्मियों को संभाग स्तर में नियमित करने का प्रावधान था। इस विभाग के तहत संभागवार कितने पद रिक्त हैं अब तक प्रत्येक संभाग में कितने स्थाई कर्मियों को नियमित किया गया नाम सहित सूची दी जाय। अगर नियमित नहीं किया गया है तो क्यों इसके लिए कौन दोषी है, दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही की गई।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत जिलेवार अस्थायी कर्मी अकुशल, अर्धकुशल एवं कुशल कार्यरत कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा स्थायी कर्मी किये जाने के पश्चात मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के अनुसार अकुशल को 4000- 80-7000, अर्ध कुशल को 4500-90-7500 एवं कुशल को 5000-100-8000 वेतनमान स्वीकृत किया गया है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। रिक्त पद उपलब्ध नहीं होने से नियमित नहीं किया गया। रिक्त पद उपलब्ध होने पर नियमित किया जावेगा। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बी.एल.सी. योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1429 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में अब तक बी.एल.सी. योजनांतर्गत कब तथा कितने हितग्राहियों को गृह निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) क्या स्वीकृति उपरांत अधिकांश हितग्राहियों को राशि का भुगतान नहीं किया गया है? कुछ हितग्राहियों के 1 या 2 किस्तों के भुगतान के बाद शेष किस्तों का भुगतान न होने से उनके निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाये है, जिससे उन्हें, खुले में रहना पड़ रहा है। शेष किश्तों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? इसके लिये कौन दोषी है? क्या शासन दोषियों पर कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (ग) क्या लगभग 5000 हितग्राहियों की नवीन सूची विगत 6 माह से लंबित है? इसका क्या कारण है? इन्हें कब तक स्वीकृति उपरांत भुगतान किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र मे नगर पालिक निगम सागर मे अब तक बी.एल.सी. योजना अंतर्गत 4423 हितग्राहियों को गृह निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। बी.एल.सी. योजना अंतर्गत प्रथम किश्त 4423 (राशि रू. 1.00 लाख के मान से) द्वितीय किश्त 3513 (राशि रू. 1.00 लाख के मान से), अंतिम किश्त 2157 (राशि रू. 50 हजार के मान से) हितग्राहियों को दी जा चुकी है, योजना अंतर्गत 3 किश्तों का भुगतान निर्माण के निर्धारित स्तर अनुसार किया जाता है। हितग्राहियों को निर्माण स्तर अनुसार भुगतान किया जा रहा है जिससे किसी के दोषी अथवा कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अपितु 816 हितग्राहियों की कलेक्टर अनुमोदित नवीन सूची स्वीकृत होकर प्राप्त हुई जिसकी जीओ टैगिंग एवं भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा 3337 पात्र हितग्राहियों का सर्वे तथा पात्रता की जाँच नगर निगम यंत्री तथा योजना सलाहकार (आभा कंसल्टेंसी ) द्वारा की गई है अंतिम अनुमोदन हेतु कलेक्टर के यहाँ भेजी जा रही है। सूची अनुमोदन उपरांत स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी।
सिटी फॉरेस्ट योजना
[वन]
34. ( क्र. 1430 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिटी फॉरेस्ट योजना हेतु पूर्व में स्वीकृति प्रदान की गई थी। यदि हाँ, तो कितनी राशि की और इसके अंतर्गत कौन-कौन से विकास कार्य कराये जाना प्रस्तावित थे? (ख) प्रस्तावित कार्यों में कौन-कौन से तथा कितनी राशि के कार्य किये जा चुके है? कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराये। (ग) क्या सिटी फॉरेस्ट योजना के विस्तार हेतु कोई नया प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का है तथा कौन-कौन से कार्य कराये जाना प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित प्रस्ताव की वर्तमान में क्या प्रगति है तथा कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधारोपण कार्य के संबंध में
[वन]
35. ( क्र. 1456 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चुरहट विधान सभा में विगत तीन वर्षों में पौधा रोपण किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ स्थानवार बताएं? उनमें से कितने पौधे जीवित एवं कितने सूखने लग गये? सूखने के कारण क्या है? (ख) क्या पौधों के संरक्षण हेतु जाली लगाई गई है? यदि हाँ, तो कितने हेक्टेयर में? क्या इस कार्य हेतु विगत तीन वर्षों में सीमेंट के खम्भे खरीदे गये है? यदि हाँ, तो कितने खम्भें किस-किस दर पर खरीदे गये एवं कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया? (ग) क्या विगत वर्षों में हाथियों के आक्रमण से खड्डी एवं देवरद में जान माल का नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो इस नुकसान की भरपाई हेतु विगत 3 वर्षों में कितना मुआवजा कितने लोगों को दिया गया? भविष्य में ऐसी घटना को रोकने हेतु क्या-क्या उपाए किये गये? (घ) चुरहट विधान सभा के अंतर्गत वन्यप्राणियों के, वृक्षों के संरक्षण हेतु विकास कार्य जैसे सड़क स्टॉप डेम भवन आदि का निर्माण किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कितने विकास कार्य वन क्षेत्र में किस-किस प्रकार के कार्य के लिये किए गये है और कितनी राशि का उपयोग हुआ है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। रोपित एवं जीवित पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मृत पौधे प्राकृतिक कारणों से सूखें हैं। चुरहट विधान सभा क्षेत्र में रोपित पौधों की जीवितता के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, नुकसान की भरपाई हेतु ग्राम खड्डी में 09 व्यक्तियों को रूपये 663800/- एवं ग्राम देवरछ में 02 व्यक्तियों को रूपये 8400/- का मुआवजा भुगतान किया गया है। जंगली हाथियों के द्वारा भविष्य में होने वाली घटनाओं को रोकने हेतु ग्रामीणों के बीच समन्वय स्थापित कर हाथी से दूरी बनाये रखने के लिये समझाईश दी जाती है। (घ) चुरहट विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में किये गये विकास कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
अनुसूचित जनजातियों के विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
36. ( क्र. 1457 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले में अनुसूचित जाति वर्ग की जातियां निवासरत हैं? (ख) क्या इनके विकास हेतु शासन स्तर पर कोई योजनाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सीधी जिले के रामपुर नैकिन जनपद एवं चुरहट विधान सभा के अंतर्गत आने वाले सीधी जनपद के ग्रामों में पिछले तीन वर्षों में इन जातियों के लिये कौन-कौन से विकास कार्य हुए? विभागवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) इन जातियों पर सरकार द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार खर्च की गई? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतावें?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1531 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम ग्वालियर के अंतर्गत कितने नवीन वार्ड बनाये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) नक्शा के अभाव में शासकीय भूमियों पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कॉलोनी बनाकर प्लॉट विक्रय किये जा रहे हैं? क्या शासन अवैध प्लॉट विक्रय करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी, यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) वार्डों की समेकित विकास योजना नगर निगम कब तक बनाकर क्रियान्वयन करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर में 6 नवीन वार्ड बनाये गये है। (ख) जी नहीं, नक्शा के अभाव में शासकीय भूमियों पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कॉलोनी बनाकर प्लॉट विक्रय नहीं किया जा रहा है। जी हाँ, अवैध प्लॉट विक्रय की बात संज्ञान में आने से अवैध प्लॉट विक्रय करने वालो के विरूद्ध समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नवीन वार्ड क्रमांक 61 से 66 में समेकित विकास कार्य हेतु राशि रूपये 2.00 करोड़ का बजट प्रावधान नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा किया गया हैं, जिससे नवीन वार्डों का विकास कार्य कराया जायेगा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खदान व गिट्टी क्रेशर मशीन लगाये जाने के प्रावधान
[खनिज साधन]
38. ( क्र. 1565 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सड़क व जिला पहुंच मार्ग सड़क से कितनी दूरी पर खदान व गिट्टी क्रेशर मशीन लगाने का प्रावधान है? (ख) ग्राम-रहवासी क्षेत्र, शासकीय भवन से कितनी दूरी पर खदान व गिट्टी क्रेशर लगाने का प्रावधान है। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी खदानें हैं जो इस मापदंड के अनुसार है, जो खदान मापदंड के अनुसार नहीं है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिन लोगों ने खदान के लिए जमीन लीज पर ली लेकिन गिट्टी, क्रेशर नहीं डाली हैं, तो क्रेशर स्थापित करने हेतु लीज दिनांक से कितना समय तक का प्रावधान है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग से 100 मीटर की दूरी, अन्य पक्की सड़क से 50 मीटर अथवा ग्रामीण कच्चा रास्ते से 10 मीटर की दूरी छोड़कर खदान स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। क्रेशर मशीन लगाने संबंधी कोई पृथक प्रावधान उक्त नियमों में नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 के अनुसार सार्वजनिक भवन से 100 मीटर की दूरी छोड़कर खदान स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत समस्त खदानें मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में उल्लेखित मापदण्ड अनुसार स्वीकृत है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सभी खनिजों की स्वीकृत खदानों में क्रेशर लगाना अनिवार्य नहीं है अपितु गौण खनिज पत्थर से यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने हेतु स्वीकृत लीज के संबंध में क्रेशर लगाना अनिवार्य है। नियमों में इन खनिजों की लीज स्वीकृत होने पर पट्टाधारी को एक वर्ष की अवधि के भीतर खनन संक्रियाएं प्रारंभ करना अनिवार्य होता है। राज्य शासन खनन संक्रियाएं प्रारंभ करने की निर्धारित एक वर्ष की अवधि में नियमानुसार वृद्धि कर सकती है।
वैचारिक महाकुम्भ के दौरान की गयी वृक्षों की कटाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 1575 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन ज़िले के ग्राम निनोरा में वैचारिक महाकुंभ मई 2016 को लेकर सभास्थल तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो सभास्थल निर्माण के लिए कुल कितने किसानों की ज़मीन अधिग्रहित की गयी थी? क्या किसानों को मुआवजा दिया गया था? (ख) क्या अधिग्रहित कृषि पर स्थित फलदार, छायादार वृक्षों को काटकर सभास्थल तैयार किया गया? यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यवाही प्राकृतिक संरक्षण की दृष्टि से उचित थी? यदि नहीं, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या अधिग्रहित उपजाऊ कृषि भूमि पर मुरम बिछाकर सड़कों का निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो कृषि भूमि की उपयोगिता, उर्वरता को बनाये रखने के लिए प्रशासन की और से क्या कार्यवाही हुई? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो इस मामले में उत्तरदायी कौन है? (घ) ग्राम निनोरा में सभास्थल तैयार करने के दौरान वृक्षों की कटाई रोकने के लिए और पर्यावरण को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा क्या उपाय किये गए तथा कृषि भूमि को ख़राब होने से बचाने के लिए किसानों के हित में प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ङ) क्या इस संबंध में समाचार पत्र दैनिक भास्कर द्वारा दिनांक 04/05/2016 को पृ. क्र.7 पर पेड़ों की कटाई और सड़क बनाने से ग्रामीण नाराज़ होने के संबंध में प्रकाशित खबर पर क्या सावधानिया बरती गयी एवं क्या उपाय किये गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कुल 61 किसानों कि भूमि का अस्थाई अधिग्रहण किया गया था। जिसके लिये कुल रू. 16,71,100/- का मुआवजा भुगतान किसानों को किया गया। (ख) इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ग) जी हाँ। कार्यक्रम सम्पन्न हो जाने के बाद सड़कों पर बिछाई गई मुरम को हटाकर पुन: उपजाऊ मिट्टी डालकर कृषि भूमि को रिस्टोर किया जाना प्रतिवेदित है। किसानों कि भूमि में क्षति के संबंध में जानकारी ली जाकर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) उत्तरांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के अनुसार। (ड.) उत्तरांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के अनुसार।
सिहंस्थ 2016 के आयोजन में किये गए कार्य एवं खर्च राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 1576 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन सिंहस्थ महापर्व 2016 में लगभग 3500 करोड़ रूपये विभिन्न विभागों द्वारा खर्च किये गए? यदि हाँ, तो इतने बड़े पैमाने पर खर्च की गयी धनराशि के संबंध में व्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार को लेकर कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच के लिए कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? और कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? (ग) सिंहस्थ 2016 से वर्तमान प्रश्नकाल तक विधानसभा में उठाए गए मामलों में भष्टाचार, अव्यवस्था, राशि के दुरुपयोग एवं उच्च स्तरीय जाँच के संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? जाँच उपरांत कितने शिकायती प्रकरणों को सही पाया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उज्जैन सिंहस्थ महापर्व 2016 के लिये रूपये 2790.37 करोड़ लागत के कार्य स्वीकृत हुये हैं अंतिम आंकड़ों का संकलन किया जा रहा हैं एवं रूपये 2433.49 करोड़ का व्यय प्रतिवेदित हुआ। विभागवार प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई जाँच तथा जाँच रिपोर्टों के अनुसार की गई कार्यवाही की जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। (ख) फरवरी, 2019 में शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी, उज्जैन द्वारा उज्जैन में आयोजित कुंभ मेले में किये गये कार्यों की जाँच हेतु जाँच आयोग के गठन की मांग की गई हैं, पत्र विचाराधीन हैं। महाकाल मंदिर में नंदी हाल, इंदौर उन्हेंल उज्जैन मार्ग, कान्ह नदी कार्य के अधुरा रहने, वृक्षरोपण, पानी की टंकीयों एवं अस्पताल में अव्यवस्थाओं आदि संबंध में प्राप्त शिकायतों की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू. से करवाये जाने के आदेश देने पर कार्यवाही विचाराधीन हैं। (ग) सिंहस्थ 2016 में विषय पर वर्तमान प्रश्नकाल तक कुल 16 तारांकित एवं 6 अतारांकित प्रश्न उठाये गये/प्रश्नों एवं उत्तरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सामूहिक विवाह आयोजन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
41. ( क्र. 1582 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत में सामूहिक कन्या विवाह का आयोजन किया गया? क्या इस आयोजन में उस विवाह में कितने जोड़ों का पंजीयन किया गया व कितने जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया? वर्ष 2016 से मई 2019 की जानकारी दे? क्या विवाह पंजीयन के पूर्व संबंधित जोड़ों से पूर्व में विवाह न होने संबंधी कोई दस्तावेज लिये गये नहीं तो क्यों? (ख) रीवा जिले के समस्त जनपद पंचायतों में विगत चार वर्षों में कुल कितने जोड़ों का विवाह सम्पन्न हुआ इसमें कितनी राशि खर्च किया गया जनपदवार बतावें क्या इस आयोजन में उपयोग की गई भोजन सामग्री फर्नीचर, शामियाना, टेन्ट हेतु निविदा बुलाई गई थी? विज्ञापन कब जारी किया गया इस हेतु कितनी निविदायें जारी की किस निविदाकार को काम दिया गया, किस निविदाकार, निविदा कम होने पर कार्य आदेश जारी किया गया उसे कितनी राशि का भुगतान किया उस बिल वाउचर की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) रायपुर कर्चुलियान जनपद में वर्ष 2015 से जून 2019 तक विभिन्न आयोजनों में फर्नीचर, शामियाना, टेन्ट का कार्य किस ठेकेदार को कितनी राशि का दिया गया?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले में मई 2016 से मई 2019 तक रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत में आयोजित सामूहिक कन्या विवाह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विवाह पंजीयन के पूर्व विवाह न होने संबंधितजन का शपथ पत्र एवं ग्राम पंचायत सचिव की टीप ली गई। (ख) रीवा जिले में समस्त जनपद पंचायतों में कुल 4,498 जोड़े का विवाह सम्पन्न हुआ एवं कुल राशि रुपये 1,23,63,361 खर्च की गई है। जी हाँ, जिला स्तर से आयुक्त, जन संपर्क संचालनालय भोपाल द्वारा समाचार पत्र में विज्ञापन जारी कराया जाकर निविदाएं आमंत्रित की गई तथा जिला स्तर पर गठित समिति की स्वीकृत दर अनुसार जनपद पंचायतों को कार्यादेश सौंपे गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पब्लिक टायलेटों पर विज्ञापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1594 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में नगर पालिक निगम द्वारा कितने पब्लिक टायलेटों पर विज्ञापन लगाने हेतु किस-किस कम्पनी के साथ अनुबंध किया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विज्ञापन अनुबंधों की शर्तें क्या थीं? कितने साईज में होर्डिंगों को कहाँ-कहाँ पर लगाने की स्वीकृति किस-किस अधिकारी के द्वारा किस एजेन्सी को दी गई? कितनी राशि निगम को एजेन्सीयों से प्राप्त हो रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में एजेन्सी द्वारा पब्लिक टायलेट की छत पर किस साईज के होर्डिंग लगाये गये? स्थान सहित जानकारी देवें? क्या सभी पब्लिक टायलेटों पर नियम/शर्तों अनुसार ही निर्धारित साईजों के होर्डिंग लगाये गये है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या नियम विरूद्ध अन्य साईज के होर्डिंग लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो होर्डिंग किस-किस एजेन्सी द्वारा लगाये गये हैं? क्या इन नियम विरूद्ध अन्य साईज के होर्डिंग लगाने वाली एजेन्सी को टर्मिनेट किया जायेगा एवं क्या निगम के अधिकारियों द्वारा उक्त नियम विरूद्ध लगाये गये होर्डिंगों की जाँच की गई थी? क्या निगम अधिकारियों की कोई जवाबदेही नहीं थी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) इन्दौर शहर में नगर पालिक निगम द्वारा 100 पब्लिक टॉयलेटों पर विज्ञापन लगाने हेतु मेसर्स स्विफ्ट इंटरमीडिया कन्वर्जेस प्रा.लि. इन्दौर के साथ अनुबंध किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं, नियम विरूद्ध अन्य साईज के होर्डिंग्स नहीं लगाये गये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिटी पार्क की वर्तमान स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1611 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर विकास प्राधिकरण एवं इन्दौर नगर निगम द्वारा निष्पादित ईकरारनामें के अनुसार योजना क्रं. 94 स्थित सिटी पार्क जो कि नगर निगम को हस्तांतरित किया है, की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या यह विकसित अवस्था में है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या इस भूमि पर अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो यह ईकरारनामें के पूर्व का है या ईकरारनामें के बाद का है? यदि हाँ, तो क्या ईकरारनामें में इसका उल्लेख किया गया था? यदि बाद का है, तो क्या इसकी जानकारी उच्चाधिकारी को दी गई है? (ग) अतिक्रमण के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) योजना क्रमांक 94 स्थित सिटी पार्क विकसित अवस्था में नहीं है। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा नगर निगम को यह पार्क अविकसित अवस्था में हस्तांतरित किया था। (ख) जी हाँ। इकरारनामा निष्पादन के समय अतिक्रमण था। इकरारनामा निष्पादन के उपरान्त भी अतिक्रमण में आंशिक वृद्धि हुई है। परन्तु निष्पादन के समय इकरारनामें में इसका कोई उल्लेख नहीं है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी है। (ग) वर्तमान में निगम की योजना क्रमांक 94 स्थित सिटी पार्क के विकसित करने की योजना प्रस्तावित है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही निगम अमले द्वारा की जावेगी।
गौ-संरक्षण हेतु नवीन गौ-शाला की स्वीकृति
[पशुपालन]
44. ( क्र. 1620 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौ-संरक्षण हेतु सरकार द्वारा प्रदेश की सभी पंचायतों में शासकीय गौ-शाला प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो अभी तक किस-किस जिले की कितनी-कितनी पंचायतों में गौ-शालाएं स्वीकृत की जाकर, किस-किस मद से, कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? ब्यौरा दें। (ख) क्या सरकार का विचार उक्त के अतिरिक्त निजी क्षेत्र एवं संस्थाओं को गौ-शाला खोलने हेतु प्रोत्साहन देने का है? यदि हाँ, तो इसका ब्यौरा क्या है? (ग) प्रदेश में नवम्बर 2018 की स्थिति में कितनी गौ-शालाएं चल रही थी एवं वर्तमान का ब्यौरा क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) शासन द्वारा प्रदेश की 1000 ग्राम पंचायतों में शासकीय गौशाला खोलने का निर्णय लिया गया है। जिलेवार स्वीकृत गौशालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गौशालाओं का निर्माण मनरेगा योजना के मद से किया जा रहा है, जिस पर प्रति गौशाला निर्माण की लागत लगभग रू. 29.62 लाख होगी। (ख) जी हाँ। अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गौशाला की स्थापना के पश्चात पंजीयन हेतु मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को आवेदन करना होता है। पंजीयन उपरांत गौशाला में उपलब्ध गौवंश की संख्या के आधार पर बोर्ड द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त भूमि की उपलब्धता एवं मांग अनुसार गौशाला की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं को, राजस्व विभाग की नीति अनुसार भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। (ग) प्रदेश में नवंबर 2018 की स्थिति में 614 पंजीकृत क्रियाशील गौशालाएं थी एवं वर्तमान में म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में 625 गौशाला पंजीकृत, क्रियाशील है।
रेत गिट्टी मुरम का अवैध परिवहन
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 1621 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं सागर संभाग में 1 दिसम्बर 2018 से अभी तक रेत, गिट्टी एवं मुरम का अवैध परिवहन करने पर जिला प्रशासन द्वारा कितने वाहनों पर जुर्माना लगाया गया एवं कितने वाहन जब्त किये गये? जिला अनुसार अलग-अलग बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई? कितनी-कितनी मात्रा में रेत, गिट्टी एवं मुरम को जब्त किया गया? जिला अनुसार अलग-अलग बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 07 एवं 09 में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 08 एवं 10 में दर्शित है।
प्रदेश की नई रेत नीति के विभिन्न प्रावधान
[खनिज साधन]
46. ( क्र. 1622 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार का प्रदेश की नई रेत नीति लागू करने का विचार है? यदि हाँ, तो उसके प्रावधान क्या-क्या है? (ख) क्या प्रदेश के खनिज क्षेत्र में कार्यरत अनेक व्यापारियों ने नई रेत नीति को रद्द करने की मांग की है? (ग) क्या सरकार द्वारा नई रेत नीति के प्रावधानों में निजी निर्माण कार्यों के लिए भंडारण क्षमता अधिकतम 20 घनमीटर तय की है? यदि हाँ, तो क्या यह मात्रा उचित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। अभी नियम अधिसूचित नहीं हुए हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रश्नानुसार नियम अभी अधिसूचित नहीं हुए हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा संचालित बसों के मेन्टेनेंस में हो रही अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1634 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आई बस का संचालन आई.सी.टी.एस.एल. के द्वारा कब से प्रारंभ किया गया? क्या इन्दौर शहर में अक्टूबर 2018 में आई बस में बस स्टैण्ड पर खडे रहते हुये आग लग गई थी? यदि हाँ, तो आग लगने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आई बसों को कब क्रय किया गया? क्रय करने की क्या प्रक्रिया थी? आई बसों एवं आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा संचालित सभी बसों का मेन्टेनेंस किन-किन के द्वारा कब से किया जा रहा है? क्या आग लगने वाली बसों का मन्टेनेंस नियमित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो फिर अक्टूबर 2018 व दिनांक 15/06/2019 को भी आई बस में आग लगने पर मेन्टेनेंस शाखा की कोई जवाबदारी नहीं थी? यदि हाँ, तो क्या जिम्मेदार अधिकारियों/मेन्टेनेंस करने वाली कम्पनी द्वारा इन घटनाओं को सामान्य घटना बताकर टाला जा रहा है? लापरवाही करने वाले अधिकारी/मेन्टेनेंस प्रभारी व एजेन्सी पर कोई कार्यवाही की जायेगी? हाँ या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा आई बसों का संचालन अप्रैल 2013 से प्रारंभ किया गया। हाँ इंदौर शहर में अक्टूबर 2018 में आई बस क्रमांक MP09FA6050 में निरंजनपुर आई बस स्टॉप पर खड़े रहते हुए आग लग गई थी। बस में आग लगने का कारण जाँच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार शार्ट-सर्किट या ओव्हर हीट of Tail Pipe था। (ख) ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा आई बसें 2013 में क्रय की गई थी। Government of India JnNURM योजना के अंतर्गत निविदा के माध्यम से वर्ष 2012 से 2014 में क्रय एवं अपूर्ति की गई है। आई बसों के मेन्टेनेंस का कार्य निविदानुसार मेसर्स सरको इंडिया प्रा. लि. द्वारा अप्रैल 2013 से किया जा रहा है एवं अन्य समस्त बसों के मेन्टेनेंस का कार्य निविदानुसार संबंधित ऑपरेटर द्वारा किया जा रहा है। हाँ आग लगने वाली बस का मेन्टेनेंस नियमित रुप से किया गया था। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अक्टूबर 2018 को आई बस में आग लगने पर मेन्टेनेंस कंपनी मेसर्स सरको इंडिया प्रा. लि. की जवाबदारी थी व दिनांक 15/06/2019 को किसी भी प्रकार की बस में आग लगने की घटना नहीं हुई। उक्तानुसार अक्टूबर 2018 में हुई घटना के पश्चात कमिश्नर, नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा जाँच करने हेतु कमेटी बनाई गई थी एवं कमेटी की जाँच रिपोर्ट के अनुसार बस में आग लगने का कारण शार्ट-सर्किट या ओव्हर हीट of Tail Pipe था। कमेटी जाँच पर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त घटना के पश्चात ही संबंधित एजेन्सी पर जुर्माना राशि रूपये 1,10,01,073/- (एक करोड़ दस लाख एक हजार तेहत्तर मात्र) अधिरोपित कर वसूली भी संबंधित एजेन्सी से की गई। अतः किसी भी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
अमृत मिशन योजना के तहत नालों का पक्काकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1635 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम शहर में अमृत मिशन योजना के तहत 26 बरसाती नालों के पक्कारण हेतु लगभग 25 करोड़ रूपये की कार्य योजना में से मात्र 03 नालों की राशि स्वीकृत हुई है? शेष नालों के लिये क्या कार्य योजना है और कब तक इसे मूलरूप दिया जायेगा? (ख) स्वीकृत तीन नालों की डी.पी.आर. अनुसार उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? कब तक पूर्ण होगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि की उपलब्धता होने पर शेष कार्य किए जा सकेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) लगभग 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। नालों का निर्माण मार्च, 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
दिव्यांगों की भर्ती में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 1637 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों में दिव्यागों को तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों के विरुद्ध नियुक्ति प्रदान की गई है? नियुक्त किये गये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जिलेवार नाम उपलब्ध करायें जावे। (ख) नीमच जिले में प्रश्नांश (क) में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की दिव्यांगता कितने प्रतिशत थी और दिव्यांगता का क्या प्रकार था। क्या दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र जिला स्तरीय मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के संबंध में कोई शिकायत शासन को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उसकी जाँच के संबंध में जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराई जावे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विगत पाँच वर्षों में उज्जैन संभाग अंतर्गत नीमच जिले में 09 दिव्यांगों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
वर्ष 1998 में हुई शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 1640 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-1/179/20-1 भोपाल, दिनांक 24 जनवरी,1998 के क्रम में प्रदेश में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में जनपद पंचायत नीमच द्वारा विज्ञप्ति क्रमांक शिक्षा/स्था/98 नीमच, दिनांक 22.05.1998 जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो जारी विज्ञप्ति के परिप्रेक्ष्य में चयनित पात्र अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में तैयार की गई चयनित पात्र अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची में रोस्टर अनुसार अनारक्षित वर्ग के लिये श्री विजयकुमार पिता रमेशचन्द्र प्रजापति जो कि, शा.प्रा.वि. रामपुरिया के लिये सरल क्रमांक-20 पर चयनित किये गये थे? यदि हाँ, तो उन्हें नियुक्ति प्रदान क्यों नहीं की गई है? कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) में पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं मिलने के कारण इस आशय की शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त उज्जैन को पत्र क्रमांक-229/2015/237 नीमच, दिनांक 07.09.2015 के द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो शिकायती बिन्दुओं के अनुसार की गई जाँच के प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराई जावे। यदि अब तक जाँच नहीं कराई गई है तो विलम्ब के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) वर्ष 1998-99 में नियुक्त शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की प्रतिक्षा सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नीमच में उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में कलेक्टर नीमच को जाँच करने हेतु पत्र भेजा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन का पत्र क्र-1774 दिनांक 16.09.15 एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग उज्जैन का पत्र क्र 47 दिनांक 19.06.16 के परिप्रेक्ष्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नीमच के पत्र क्रमांक 797, दिनांक 23.02.2016 द्वारा भेजे प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। प्रतिवेदन में नियम के विरूद्ध नियुक्ति की मांग करना औचित्यहीन दर्शायी है, अतः विलंब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवनों का निर्माण एवं पद पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 1659 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कुल कितने हायर सेकेण्डरी एवं हाईस्कूल हैं? क्या शासन द्वारा इन स्कूलों का सर्वे कराया गया है कि कितने स्कूलों में छात्र/छात्राओं को बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है अथवा नहीं? कितने भवन पुराने हैं, कितने नये हैं, कितने जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं? जीण शीर्ण अवस्था वाले भवनों की मरम्मत हेतु क्या कार्यवाही की गई है? कितने स्थानों में नवीन भवन स्वीकृत या प्रस्तावित हैं? विकास खण्डवार जानकारी प्रदान करें। (ख) दमोह जिले में हायर सेकेण्डरी, हाईस्कूल, मॉडल स्कूल में कितने प्राचार्य एवं शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने रिक्त हैं? शालावार, पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें तथा कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जायेगी? समयावधि हो बतावें। (घ) दमोह जिले में हायर सेकेण्डरी, हाई स्कूल, मॉडल स्कूल में कितने प्राचार्य के पदों पर प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं? किन-किन को दो अथवा दो से अधिक संस्थाओं का प्रभार है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति अतिथि शिक्षकों द्वारा एवं पी.ई.बी के माध्यम से माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित कर एवं वरिष्ठ शिक्षकों/प्राचार्यों के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति/स्थानांतरण से की जाती है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
प्रधानमंत्री आवास एवं नर्मदा जलावर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 1660 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद तेन्दूखेड़ा अंतर्गत संपूर्ण 15 वार्डों में आज दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवास आवंटित किये गये हैं? कितने स्वीकृत, कितने प्रस्तावित, कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण एवं कितनों के भुगतान की किश्तें लंबित हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) नर्मदा जलावर्धन योजनांतर्गत तेन्दूखेड़ा में पेयजल हेतु टंकी एवं पाईप-लाइन विस्तार का कार्य विगत 1 वर्ष से किया जा रहा है, यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? पूर्ण होने की समयावधि बतायें। (ख) किस निर्माण एजेंसी द्वारा जलावर्धन योजना का कार्य किया जा रहा है? क्या पाईप-लाइन विस्तारीकरण में सी.सी. रोड एवं नाली खोदकर पाईप-लाइन डाली गई है? जिससे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है यदि हाँ, तो सी.सी. रोड एवं नाली मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक कराये गये निर्माण कार्य, वर्तमान में स्वीकृत कार्य, नलकूप खनन एवं पाईप-लाइन विस्तारीकरण की वर्षवार, वार्डवार एवं मदवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) युवा स्वाभिमान योजना के तहत नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने स्वीकृत हैं? कितनों को लाभ प्राप्त हो रहा है? पृथक-पृथक जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) 15 वार्डों में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत, पूर्ण अपूर्ण आवास एवं किश्तों के भुगतान व लंबित भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) नर्मदा जलावर्धन योजनांतर्गत तेंदुखेड़ा में पेयजल हेतु टंकी एवं पाईप-लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है। अनुबंध अनुसार जनवरी 2020 तक का समय निर्धारित है। (ग) मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कंपनी के माध्यम से मेसर्स इंण्डियन ह़यूम पाईप कंपनी, मुम्बई निर्माण एजेंसी द्वारा जल आवर्धन योजना का कार्य किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी द्वारा पाईप-लाइन विस्तारीकरण में सी.सी रोड एवं नाली खोदकर पाईप-लाइन डाली जा रही है साथ ही रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया जा रहा है। पाईप-लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत का कार्य सतत् प्रक्रिया है तथा सामान्यतः पाईप बिछाये जाने के पश्चात् टेस्टिंग एवं प्रत्येक घर में नल कनेक्शन के उपरांत मार्गों को पूर्णतः मरम्मत का कार्य किया जाता है। क्षतिग्रस्त मार्गों को आवश्यकतानुसार मरम्मत का कार्य प्राथमिकता पर किया जाता है। अनुबंधानुसार जनवरी 2020 तक का समय निर्धारित है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में कराए गए निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में नलकूप खनन एवं पाईप लाइन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। नगर परिषद तेंदुखेड़ा में दिनाँक 21-02-2019 से ऑनबोर्डिंग किया जा रहा है जिसमें से 205 युवाओं को कॉल करके बुलाया गया जिसमें से 196 युवा उपस्थित हुए तथा 157 युवाओं का ऑनबोर्डिंग किया गया। जिसमें से 120 युवाओं का ट्रेनिंग सेन्टर से में चार बैच बनाये जा चुके हैं। प्रथम माह स्टाइपेंड में 57 युवाओं का ई.पी.ओ जनरेट करके भुगतान कर दिया गया है एवं द्वितीय माह के स्टाइपेंड में 44 युवाओं का ई.पी.ओ जनरेट कर दिया गया है।
अमृत योजना की विस्तृत जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1692 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा अमृत योजना का कार्य किया जा रहा है। इस योजना की लागत कितनी है, यह किस क्षेत्र में कितने किलोमीटर का कार्य है, किस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है योजना के पूर्ण की दिनांक क्या है, वर्तमान में कितना कार्य हुआ है, और कितना भुगतान किया जा चुका है और किस दिनांक को पूर्ण होकर योजना लागू हो जायेगी। (ख) उक्त योजना में जो रोड खोदकर रिपेयरिंग किया जा रहा है क्या इसमें पूर्ण रोड का नवीनीकरण किया जाना शामिल है या सिर्फ पेचवर्क करना शामिल है? (ग) इस योजना में क्या-क्या कार्य सम्मिलित है, उसकी लागत क्या है, कृपया संपूर्ण विवरण प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि रू. 88.00 करोड़। वार्ड 1 से वार्ड 29 तक 95.80 किलोमीटर पाईप लाइन एवं 21 एम.एल.डी. का एस.टी.पी. का निर्माण किया जाना है। अंकिता कन्स्ट्रक्शन कम्पनी अहमदाबाद कार्य दिनांक 16.02.2020 को पूर्ण होना है। (ख) इस योजना में जितनी सड़क को खोदा जाना होता है उतने हिस्से का रेस्टोरेशन किया जाता है, जहां पूरी रोड क्षतिग्रस्त होती है वहां स्थल की परिस्थिति के अनुसार पूरा रेस्टोरेशन किया जाना होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जल आवर्धन योजना की विस्तृत योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1693 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा जल आवर्धन योजना का कार्य किया जा रहा है। इस योजना की लागत कितनी है, यह किस क्षेत्र में कितने किलोमीटर का कार्य, किस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है, कार्य के पूर्ण होने की दिनांक क्या है, वर्तमान में कितना कार्य हुआ है, और कितना भुगतान किया जा चुका है और किस दिनांक को पूर्ण होकर योजना लागू हो जायेगी। (ख) उक्त योजना का नगर निगम बुरहानपुर के किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। (ग) इस योजना में क्या-क्या सम्मिलित है, उसकी लागत क्या है, कृपया संपूर्ण विवरण प्रदान करें। (घ) उक्त योजना लागू होने के पश्चात क्या प्रत्येक नल कनेक्शन पर मीटर लगाया जायेगा यदि हाँ, तो उसका प्रतिमाह/प्रतिदिन क्या शुल्क होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, नगर पालिक निगम बुरहानपुर के साथ निष्पादित अनुबंध के अंतर्गत मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा नगर पालिक निगम के लिये जलावर्धन योजना का निर्माण किया जा रहा है। योजना की कुल निर्माण लागत रु 128.93 करोड़ है, संपूर्ण नगर पालिक निगम बुरहानपुर क्षेत्र में कुल 243 किमी जल वितरण तंत्र का कार्य किया जाना है, कार्य के लिये ठेकेदार में जेएमसी-रामकी जाइंट वैन्चर है, कार्य दिनांक 31.03.2020 को पूर्ण होना लक्षित है, वर्तमान में लगभग 34 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और कुल रु 37.98 करोड़ का भुगतान किया गया है और कार्य पूर्ण होने सम्भावित तिथि 31.03.2020 है। (ख) नगर पालिक निगम बुरहानपुर में कार्यरत अधिकारियों (आयुक्त एवं सहायक यंत्री) द्वारा समय-समय पर स्वतः एवं एम.पी.यू.डी.सी. के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, शुल्क का निर्धारण नगर पालिक निगम बुरहानपुर द्वारा किया जायेगा।
अध्यापकों के नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 1787 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल का पत्र 221 भोपाल, दिनांक 11/02/2019 जो कलेक्टर जिला सिवनी को लिखा गया है जिसमें विधानसभा प्रश्न तारांकित क्रमांक 415, दिनांक 20/02/2019 के संबंध में मूल नोटशीट एवं जारी आदेश के दस्तावेज/नस्ती कार्यालय में उपलब्ध न होने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने तथा प्रकरण की तथ्यात्मक जाँच वरिष्ठ स्तर से कराई जाकर जाँच प्रतिवेदन एक माह में उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी कर्मचारी की एफ.आई.आर. कब कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी श्री स्वरोचिष सोमवंशी के द्वारा 41 अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण/सविलियन नीति के विरूद्ध किये गये थे परन्तु उनके आदेशों को निरस्त करके खानापूर्ति कर श्री सोमवंशी के विरूद्ध कोई कार्यवाही न कर शासन-प्रशासन बचाव कर रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या विधानसभा प्रश्न तारांकित क्रमांक 415 दिनांक 20/02/2019 के उत्तर में पूर्व में सी.ई.ओ. जिला पंचायत सिवनी द्वारा तत्कालीन सी.ई.ओ. श्री सोमवंशी को दोषी मानकर कार्यवाही करने की अनुशंसा की थी जिसे विभाग द्वारा संशोधन कर भिन्न जवाब बनाकर पटल पर प्रस्तुत किया गया?यदि हाँ, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जिला पंचायत कार्यालय के स्थानातंरण से संबंधित अभिलेखों की खोजबीन की जा रही है तथा कुछ अभिलेख प्राप्त हो गये है। प्रकरण की सूक्ष्म जाँच की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जावेगी। (ख) जी नहीं, अपितु समक्ष मे सुनवाई के उपरांत अन्तर्निकाय संविलियन नीति के अनुरूप न होने के कारण सर्वसम्बधितों के आदेश निरस्त किये गये थे। जी नहीं। प्रकरण की सूक्ष्म जाँच की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्रवाई की जावेगी। (ग) जी नही। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा जल की घटिया पाईप लाइन
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1830 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा नगर की नर्मदा जल योजना में 1.60 करोड़ रु. व्यय होने के उपरांत भी खण्डवा नगर में भीषण पेयजल संकट बना हुआ है? य़दि हाँ तो क्यों, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या चारखेड़ा से खण्डवा में डाली गई पाईप लाइन के मटेरियल एवं गुणवत्ता को लेकर लापरवाही बरती गई है? जिसके कारण पाईप लाइन फूटने का विश्व रिकार्ड बन गया है? (ग) योजना में प्रथम डी.पी.आर. में मुख्य पाईप लाइन के साथ नगर के सभी वार्डों में जल वितरण की पाईप लाइन का प्रावधान मय ओवरहेड़ टेंक के किया गया था? नगर में कुल कितने कि.मी. पाईप लाइन डालने का प्रावधान था? (घ) उक्त योजनान्तर्गत पूर्व में कितने कि.मी. नगरीय क्षेत्र में पाईप लाइन बिछाने के प्रावधान था तथा बाद में प्राप्त राशि से कितने कि.मी./मीटर पाईप लाइन कहाँ-कहाँ डाली गई? (ङ) खण्डवा नगर में तीन पेयजल के प्रमुख स्त्रोत होने के बावजूद नगर में कृत्रिम पेयजल संकट उत्पन्न करने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या उक्त योजना की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। खण्डवा नगर की नर्मदा जल योजना में 103.00 करोड़ व्यय हुये है। जी.आर.पी. पाईप लाइन बार-बार फूटने के कारण जल व्यवस्था कुछ समय के लिये अव्यवस्थित हो जाती है। प्रकरण में विस्तृत जाँच के आदेश दिये गये है। (ख) चारखेडा से खण्डवा में डाली गई पाईप लाइन एवं मटेरियल एवं गुणवत्ता को लेकर एवं पाईप लाइन फूटने के कारणों की जाँच की जा रही है। (ग) जी हाँ। प्रथम डी.पी.आर. के अनुसार नगर में मुख्य पाईप लाइन के साथ केवल 13 किमी. डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाइन का प्रावधान था जिसे बाद में पुनरीक्षित कर 60 कि.मी. डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाइन किया गया। (घ) पूर्व में 60 कि.मी. पाईप लाइन बिछाने का प्रावधान होने के उपरांत अमृत योजना अंतर्गत 275 किमी. पाईप लाइन शहर के 50 वार्डों में (10 जोन) बिछाई गई। (ड.) नगर में कृत्रिम जल संकट उत्पन्न नहीं किया गया है। शासन द्वारा दिनांक 25.06.2019 को योजना की जाँच करने हेतु समिति की नियुक्ति की गई है।
शासकीय हाई स्कूलों एवं माध्यमिक शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
57. ( क्र. 1837 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के विकासखण्ड बीना में शासकीय हाई स्कूल देहरी वर्ष 1997 से संचालित है एवं इसी तरह विकाखण्ड खुरई में शासकीय हाई स्कूल पथरिया जेगन एवं शासकीय हाई स्कूल बारधॉ, जिनका उन्नयन हाई सेकेण्डरी में आज दिनांक तक नहीं किया गया, क्यों? विभाग द्वारा बार-बार दूरी का मापदंड बताया जा रहा है? जिससे म.प्र. शासन एवं भारत सरकार के संकल्प सबको शिक्षा का अभियान पूरा नहीं हो पा रहा है? छात्राओं के हित में क्या विभाग द्वारा नियम शिथिल नहीं किये जा सकते? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना के विकासखण्ड बीना के ग्राम बेलई एवं विकासखण्ड खुरई के भरछा में शासकीय माध्यमिक शालाओं का उन्नयन हाई स्कूल में करने की कार्ययोजना है यदि हाँ, तो कब तक मा.शा. का उन्नयन हाई स्कूल में कर दिया जावेगा? (ग) हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में एवं मा.शा. का हाई स्कूल में उन्नयन करने में दूरी का मापदंड निर्धारित है तो क्या उक्त मापदंड में छात्राओं की परेशानी का ध्यान रखा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र बीना के उक्त विद्यालयों का उन्नयन कब तक कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2019-20 में शाला उन्नयन के प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मापदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। कन्याओं के लिए पृथक से प्रावधान नहीं है। (घ) शालाओं का उन्नयन मापदण्ड की पूर्ति एवं बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दिव्यांगों को सुविधाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
58. ( क्र. 1842 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांगों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 2016-17 से जून 2019 तक की अवधि में जिला विदिशा सहित शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में किस-किस योजना में कितने दिव्यांगों को क्या-क्या लाभ मिला तथा कितनी राशि व्यय हुई? (ग) जिला विदिशा सहित शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में मानसिक, मूक बधिर, अंधे, बहु विकलांग एवं अन्य श्रेणी के कितने दिव्यांग पंजीकृत है एवं कितने पंजीकृत नहीं है? इनमें से कितनों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं है? क्या सभी दिव्यांगों को पेंशन मिल रही है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) दिव्यांगों के कल्याण के लिये राज्य सरकार की संचालित योजनाओं एवं पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) वर्ष 2016-17 से जून 2019 तक की अवधि में जिला विदिशा सहित शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में योजनावार दिव्यांगों को दिये गये लाभ एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ एवं ‘स‘ अनुसार। (ग) जिला विदिशा सहित शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में 10332 दिव्यांग विभिन्न श्रेणियों में पंजीकृत है। पंजीयन एक सतत् प्रक्रिया है। 262 दिव्यांगजन अपंजीकृत है।110 दिव्यांगजनों का स्पर्श पोर्टल पर सत्यापन कराया जा रहा है।152 दिव्यांगजन जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत से कम है, दिव्यांगजन की संचालित योजना में लाभ की पात्रता नहीं रखते है। दिव्यांगता प्रमाण-पत्र न होने से किसी भी योजना में लाभ हेतु पात्रता नहीं रखते है। शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के 1786 दिव्यांगजन पंजीकृत है एवं कोई भी दिव्यांगजन पंजीयन हेतु शेष नहीं है। सभी 10332 दिव्यांगजनों को प्रमाण-पत्र जारी किये गये है। जी हाँ सभी पात्र दिव्यांगजनों को पेंशन दी जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द‘ अनुसार।
सर्व शिक्षा अभियान
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 1845 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान को बंद कर शिक्षा विभाग में मर्ज करने केआदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में सर्व शिक्षा अभियान को बंद कर शिक्षा विभाग में मर्ज कर दिया गया है? नहीं, तो क्यों और कब तक किया जावेगा? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में किन-किन जिलों में जिला परियोजना समन्वयक कार्य कर रहे है? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक मूल पद पर वापिस कर दिया जावेगा? (ग) क्या जनपद शिक्षा केन्द्रों में विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक कार्य कर रहे है? यदि हाँ, तो इस पद हेतु क्या मापदण्ड है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। क्या इन पदों पर व्याख्याता अथवा वरिष्ठ अध्यापक ही रह सकते है? यदि हाँ, तो कितने स्थानों पर उक्त पद पर शिक्षक अथवा अध्यापक कार्य कर रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें और इनको कब तक पद से हटा कर मूल विभाग में वापिस कर दिया जावेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। उक्त सभी प्रभारी शिक्षा विभाग के ही है। इनके मूल पद पर वापस किए जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय स्कूल के शैक्षणिक स्तर में सुधार
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 1888 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 5 वर्षों में प्रदेश के शासकीय स्कूलों के शैक्षणिक स्तर को लेकर विभाग द्वारा कोई अध्ययन कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्या सरकार विभाग शासकीय स्कूलों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिये विशेषज्ञों की कोई कमेटी गठित करेगा? (ग) क्या यह कमेटी अन्य राज्यों में जाकर शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिये किये गये प्रयासों का अध्ययन करेगी? कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सैलाना में आदिवासी संग्रहालय बनाना
[आदिमजाति कल्याण]
61. ( क्र. 1932 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आदिवासी संस्कृति किस-किस क्षेत्र में बहुलता से है तथा उस संस्कृति को किस नाम से जाना जाता है? उस संस्कृति के मूल तत्व क्या है तथा उन तत्वों में वर्तमान शहरी संस्कृति के प्रभाव से क्या परिवर्तन हो रहे है? (ख) प्रदेश में कौन सी आदिवासी संस्कृति लुप्त होने की कगार पर है? उसके कारण क्या है? क्या प्रयास कर उसे बचाया नहीं जा सकता? यदि हाँ, तो किस स्तर का किस प्रकार का प्रयास किया जाना है? (ग) प्रदेश की प्रमुख आदिवासी संस्कृति के प्रमुख लोकगीत कौन-कौन से है? आदिवासी गीत और आदिवासी संगीत को जन सामान्य में लोकप्रिय बनाने हेतु पिछले पाँच वर्षों में क्या-क्या आयोजन कहाँ किये गये? (घ) आदिवासी संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन हेतु भोपाल की तर्ज पर सैलाना में क्या कोई संग्रहालय बनाया जायेगा? क्या शासन आदिवासी लोकगीत, किबंदतिया तथा कथाओं पर कोई पुस्तक प्रकाशित करेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) म.प्र. के बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड, निमाड, मालवा और चंबल क्षेत्र में बहुलता से पायी जाती है, जनजातीयों के नाम से जो क्रमश: गोंड, बैगा, कोरकू, भारिया, सहरिया, कोल और भील है। आदिवासियों द्वारा उपयोग की जाने वाली बोली-भाषा, खान-पान रीति-रिवाज और कला परम्परा मूल तत्व है। आदिवासियों की पारम्परिक जीवन-शैली और शहरी संस्कृति के प्रभाव से देशज ज्ञान परम्पराओं के प्रति अरूचि की स्थिति है। (ख) प्रदेश में कोई भी आदिवासी संस्कृति लुप्त होने की कगार पर नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश के प्रमुख आदिवासी संस्कृति के प्रमुख लोक गीतों के संकलन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पिछले पाँच वर्षों में आयोजित समारोह का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) सैलाना में आदिवासी संग्रहालय बनाने की कोई योजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। पूर्व से ही अनेक पुस्तके प्रकाशित है। जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
पशुपालन में गौ-संवर्धन योजना
[पशुपालन]
62. ( क्र. 1978 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्दु क्र.17 में दुग्ध उत्पादन में प्रदेश राष्ट्र के तीसरे स्थान पर है, राज्य सरकार की आचार्य विद्यासागर गो-संवर्धन योजना के अंतर्गत लक्ष्यों का विस्तार किया जाएगा, पशुपालन विभाग की योजनाओं के लिये रूपये 1 हजार 38 करोड़ का प्रावधान है, का उल्लेख है। (ख) यदि हाँ, तो आचार्य विद्यासागर गो-संवर्धन योजनान्तर्गत विगत 5 वर्ष में मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया, जानकारी जिलावार दी जावें। (ग) जिला मुरैना को प्राप्त लक्ष्यों में से किन-किन जनपद, तहसील अथवा विधान सभाओं को कितना लक्ष्य दिया गया। (घ) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी, जनपद पंचायत अंबाह व मुरैना अथवा तहसील अम्बाह व मुरैना जिला मुरैना में निर्धारित लक्ष्य में से कितने पशुपालकों को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजनान्तर्गत कितनी ऋण राशि एवं अनुदान का लाभ दिया गया, पशुपालक का नाम, पता, देयक राशि ऋण/अनुदान की जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : क) जी हाँ। (ख) आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना वर्ष 2016-17 से संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
अस्थाई खनिज लीज
[खनिज साधन]
63. ( क्र. 2066 ) श्री विष्णु खत्री : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अस्थाई खनिज लीज जारी किये जाने के संबंध में शासन के निर्देश/आदेश क्या हैं? प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्नांश दिनांक तक भोपाल जिले में विभाग द्वारा किन-किन को कितनी अवधि की अस्थाई खनिज लीज जारी की गयी हैं? (ग) क्या अस्थाई लीज की अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत भी खनन कार्य जारी है यदि हाँ, तो विभाग इस पर क्या कार्यवाही कर रहा है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 में उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृति के प्रावधान है, ये नियम अधिसूचित नियम है। (ख) प्रश्नांश अनुसार वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकलव्य शिक्षा विकास योजना
[आदिमजाति कल्याण]
64. ( क्र. 2067 ) श्री विष्णु खत्री : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में एकलव्य शिक्षा विकास योजना में 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने छात्र-छात्राओं को क्या-क्या लाभ मिला। सूची उपलब्ध करायें। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं का चयन किस आधार पर कैसे किया जाता है। (ग) उक्त योजना के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर क्या-क्या कार्यवाही की गई।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विभाग में एकलव्य शालाएं संचालित है। भोपाल संभाग में 01 जनवरी 2019 से 221 छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क आवास सुविधा, भोजन तथा प्रसाधन सामग्री आदि का लाभ दिया गया है तथा नवीन सत्र 2019-20 में माह जुलाई से सामग्री दिलाई जाएगी। विद्यार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छात्र-छात्राओं का चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेरिट अनुसार किया जाता है। (ग) योजना का प्रचार-प्रसार आकाशवाणी/वेबसाइट/समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापनों के माध्यम से किया गया है।
रेत खदानों में भारी भ्रष्टाचार
[खनिज साधन]
65. ( क्र. 2073 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में पंचायतों द्वारा कितनी रेत खदानें संचालित है और शासन को कितना राजस्व हासिल हुआ है? रेत खदानों के संचालक कौन-कौन है? संचालन से अब तक कलेक्टर और खनिज अधिकारी खदानों का कितनी बार जायजा लेने पहुंचे? कितने-कितने बार रेत खदानों की ऑनलाइन टी.पी. पासवार्ड लॉक किये गये तथा क्यों? रेत पंचायतों के बाहर कहाँ-कहाँ सप्लाई की गई? (ख) रेत खदानों के संचालन में जिम्मेदार अधिकारियों के नाम और पद बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में पंचायतों द्वारा कुल 05 रेत खदान संचालित की जा रही हैं, जिससे प्रश्न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में रूपये 49219834.50, ग्राम पंचायत मद में रूपये 49219834.50 तथा मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को रूपये 20192373.25 कुल 118632041.25 रूपये राजस्व प्राप्त हुआ है। रेत खदानों के संचालन का अधिकार संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव को दिया गया है। कलेक्टर द्वारा नहीं अपितु खनिज अधिकारी द्वारा खनिज निरीक्षक के साथ पंचायतों को आवंटित रेत खदानों का 17 बार निरीक्षण किया गया है। स्वीकृत खदानों में शिकायत तथा अनियमितताएं पाये जाने पर खदानों की टी.पी. लॉक की गई है शेष प्रश्नांश संबंधी अभिलेखों का संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ख) पंचायतों को अंतरित रेत खदानों के संचालन का अधिकार संबंधित ग्राम पंचायतों को है।
प्रौढ़ शिक्षा विभाग से शिक्षा विभाग में किये गये संविलयन
[स्कूल शिक्षा]
66. ( क्र. 2091 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में प्रौढ़ शिक्षा विभाग से शिक्षा विभाग में शिक्षक पद पर कितने पर्यवेक्षकों का संविलयन किया गया? जिलेवार, नामवार जानकारी देवें। (ख) उज्जैन जिले में संविलयन किये गये शिक्षकों में से कितने शिक्षकों द्वारा 62 वर्ष होने पर सेवानिवृति हेतु वाद दायर किया एवं माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर कर सेवा निवृत्ति आदेश पर स्थगन प्राप्त कर 62 वर्षीय सेवा अवधि पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए? जिन्हे उक्त अवधि का वेतन-भत्ते भी प्रदान किये गये साथ ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उनके पक्ष में आदेश पारित किया गया? नामवार सूची देवें। (ग) उज्जैन जिले में कितने कर्मचारी है जिन्हे माननीय उच्च न्यायालय के बाद भी यह लाभ नहीं दिया गया? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें। क्या भविष्य में सभी संविलयन हुए शिक्षकों को 62 वर्ष की सेवा होने पर सेवानिवृत्त करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) संविलियन किए गए शिक्षकों में से 4 शिक्षकों द्वारा 62 वर्ष तक कार्यरत रखे जाने हेतु वाद दायर किया गया। इनमें से 03 शिक्षकों के प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सेवानिवृत्ति आदेश पर स्थगन प्रदान किया गया। इनमें से 2 शिक्षक 62 वर्ष सेवा अवधि पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए। 01 शिक्षक की 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति उपरांत 03 माह बाद ही मृत्यु हो गई। स्थगन आदेश के फलस्वरूप इन तीनों शिक्षकों को वेतन भत्तों का भुगतान किया गया है। 01 शिक्षक के प्रकरण में माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त नहीं हुआ था। इस कारण उन्हें वास्तविक कार्यरत अवधि के वेतन भत्तों का ही भुगतान किया गया किंतु चारों शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में 62 वर्ष सेवा अवधि के आधार पर ही पेंशनरी स्वत्वों का लाभ प्रदान किया गया है। नामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) इस जिला अंतर्गत ऐसा कोई कर्मचारी नहीं है, जिन्हें माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी 62 वर्ष तक की सेवा में कार्यरत न रखा गया हो। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
दूध प्रशीतक केंद्र का संचालन
[पशुपालन]
67. ( क्र. 2095 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिजावर नगर में दुग्ध शीत संयंत्र संचालित था? यदि हाँ, तो वर्तमान में इसकी क्या स्थित है? (ख) क्या बिजावर नगर में संचालित दुग्ध शीत संयंत्र को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय शासन ने लिया है? यदि हाँ, तो केंद्र को प्रारंभ करने हेतु किन-किन संसाधनों की आवश्यकता होगी? उक्त संसाधन कब तक आ जायेंगे. कब तक उक्त केंद्र प्रारंभ हो जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। परिसमापन की कार्यवाही अंतर्गत वर्ष 1999 से बंद है। (ख) जी हाँ। एम.पी.स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन भोपाल द्वारा डेयरी संचालन और विस्तार अंतर्गत प्राप्त राशि से दुग्ध शीत केन्द्र बिजावर को पुन: प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। दूध शीत केन्द्र को प्रारंभ करने हेतु बल्क मिल्क कूलर एवं प्रयोगशाला हेतु आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता होगी एवं वर्तमान भवन का रिनोवेशन कराना होगा। बल्क मिल्क कूलर क्रय किया जाकर दुग्ध शीत केन्द्र बिजावर में रखा गया है। शेष कार्य करवाया जाना है। भविष्य में पर्याप्त दुग्ध संकलन होने पर बिजावर दुग्ध शीतकेन्द्र को पुन: प्रारंभ करने की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं होगा।
सहायक अध्यापक की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
68. ( *क्र. 2100 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक कन्या शाला ग्राम-गौरा, तह. ब्लॉक बल्देवगढ़, जिला टीकमगढ़ में पदस्थ सहायक अध्यापक हरेन्द्र गौतम की नियुक्ति किस प्रक्रिया के तहत् और कब हुई थी? (ख) क्या इनकी नियुक्ति में किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ दिया गया था? (ग) क्या नियुक्ति हेतु हरेन्द्र गौतम द्वारा आवेदन पत्र के साथ संलग्न किए गए दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया था? भर्ती प्रक्रिया एवं दस्तावेजों के सत्यापन कराने संबंधी सभी प्रपत्र की प्रति दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री हरेन्द्र गौतम की नियुक्ति शिक्षाकर्मी वर्ग-3 पर नियुक्ति वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी भर्ती प्रक्रिया के तहत की गई थी। (ख) जी हाँ। श्री हरेन्द्र गौतम शिक्षाकर्मी वर्ग-3 को विकलांग आरक्षण अन्तर्गत लाभ दिया गया है। (ग) जी नहीं। शिक्षाकर्मी भर्ती प्रक्रिया के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों से तैयार की गई पारदर्शिता सूची के आधार पर चयन समिति द्वारा मेरिट सूची तैयार की गई जिसके आधार पर शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति की गई। भर्ती प्रक्रिया तहत आवेदन पत्र के साथ सलंग्न दस्तावेजों का सत्यापन नहीं कराया गया। अतः भर्ती प्रक्रिया सत्यापन संबंधी दस्तावेज दिया जाना संभव नहीं है।
जिला टीकमगढ़ में पदस्थ जिला समन्वयक अधिकारी
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 2103 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में जिला समन्वयक अधिकारी (सर्वशिक्षा अभियान) (डी.पी.सी.) हरिशचन्द्र दुबे पिछले कितने वर्षों से प्रभारी डी.पी.सी. की पोस्ट पर पदस्थ है? (ख) इनकी मूल पदस्थापना कहाँ पर है और इन्हें किस नियम के तहत् इतने वर्षों से जिला समन्वयक अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है? (ग) जिला समन्वयक अधिकारी का पद क्लास-1 अधिकारी का पद है अथवा नहीं? यदि है तो उस पद पर कोई व्यक्ति शासन के नियम के अनुसार कितनी अवधि तक रह सकता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री हरिशचन्द्र दुबे, सहायक संचालक (ई.ई.) दिनांक 2.3.2015 से जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ है। (ख) राज्य शिक्षा सेवा अंतर्गत जिला परियोजना समन्वयक के स्थान पर सहायक संचालक (ई.ई.) का पद सृजित किया गया है। म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 13-17/2014/20-1 दिनांक 31.12.2014 द्वारा श्री हरिशचन्द्र दुबे, प्राचार्य, उ.मा.वि. की पदोन्नति पश्चात नवीन पदस्थापना सहायक संचालक (ई.ई.) के पद पर जिला शिक्षा अधिकारी, टीकमगढ़ के पद पर की गई। सहायक संचालक (ई.ई.) का उत्तरदायित्व एवं प्रक्रिया सर्वशिक्षा अभियान मिशन अंतर्गत जिला परियोजना समन्वयक के समान होने से श्री हरीशचन्द्र दुबे जिला शिक्षा केन्द्र में पदस्थ है। (ग) जिला परियोजना समन्वयक का पद क्लास -1 नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आम नागरिक की निज़ी भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 2134 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पाडल्याकलां तहसील नागदा के सर्वे नंबर-449/1/मीन 30 रकबा 0.010 स्व. सकुंतला बाई पति बटनलाल की निजी भूमि पर नगर पालिका परिषद का कब्ज़ा है? यदि हाँ, रोड-कांग्रेस के नियमानुसार भूमि के बदले भूमि अथवा मुआवजा संबंधित को क्या दिया गया है? यदि हाँ, तो दोनों बिंदुओं पर सत्यापित दस्तावेज सहित प्रामाणिक तथ्य प्रस्तुत करें। (ख) क्या CM हेल्पलाइन द्वारा एवं पीड़िता द्वारा नगर पालिका में इस संबंध में आवेदन दिए गया था? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या बिना वैधानिक अधिग्रहण एवं हस्तांतरण के अथवा सत्यापन के नगर पालिका निजी भूमि पर कब्ज़ा कर सकती है? यदि हाँ, तो किस आधार पर? और यदि नहीं, तो उक्त प्रकरण पर उत्तरदायी अधिकारी कौन है एवं पीड़िता को उचित न्याय के लिए क्या कार्यवाही की जाना चाहिए? (घ) नागदा नगर पालिका परिषद में इस प्रकार के कितने और प्रकरण हैं जिसमें निजी भूमि सरकारी एजेंसी द्वारा बिना किसी अधिकार के कब्ज़े में ली गयी? (ङ) क्या 08/7/2013 को पीड़िता द्वारा नगर पालिका परिषद में दिए गए आवेदन प्रतिलिपि पर कार्यवाही की गयी थी? यदि हाँ, तो पीड़िता के साथ क्या न्याय किया गया? सत्यापित दस्तावेजों के साथ उत्तर देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेत खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 2141 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी रेत खदानें कब से संचालित है तथा कितने रकबा से उत्खनन कर रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त अनुमति किस व्यक्ति, संस्था, निकाय आदि को दी गई है? उक्त अनुमति किस लिए दी गई है? उक्त में से कितनों की किस्त कब से लंबित है? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि कितने व्यक्ति, संस्था, निकाय आदि की किस्त या अन्य रूप में शासन को देना शेष है? (ख) छतरपुर जिले में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्ति, संस्था, निकाय आदि को रेत का भण्डारण करने की अनुमति प्रदाय की गई है? उक्त भण्डारण कहाँ पर किया गया है? कितने स्थानों में कितनी रेत प्रश्न दिनांक तक शेष है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार 18 खदानें ग्राम पंचायतों द्वारा 06 खदानें ठेकेदारों द्वारा संचालित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) छतरपुर जिले में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक भंडारण की 21 अनुमति प्रदाय की गई है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
डाली गई पाईप लाइन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 2145 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम मुरैना के द्वारा वर्ष 2018-19 में पानी की पाईप लाइन डालने का ठेका किस एजेन्सी को दिया गया तथा एजेंसी द्वारा विज्ञप्ति में किस मार्का की पाईप किस दर पर देने का लेख किया गया है तथा किस नियम के तहत ठेके में 25% की वृद्धि की गई। (ख) क्या ठेकेदार एवं निगम अधिकारी द्वारा सांठ-गांठ कर कंपनी का पाईप न डालते हुए लोकल कम्पनी का पाईप सप्लाई किया गया है। यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन उक्त प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों को दण्डित करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम मुरैना के द्वारा वर्ष 2018-19 में पानी की पाईप लाइन डालने का ठेका बान्को कन्स्ट्रक्शन प्रा. लि., नेहरू कॉलोनी, थाटीपुर, ग्वालियर को दिया गया है। उक्त कार्य की निविदा दरें प्रतिशत दर पर यू.डी.डी. आई.एस.एस.आर. दिनांक 10.05.2012 के आधार पर 11.87 प्रतिशत कम आई.एस.एस.आर. पर स्वीकृत की गई है। पाईप लाइन का स्पेशिफिकेशन आई.एस.एस.आर. में दिये गये प्रावधान अनुसार है। ठेके में दी गई राशि में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध कर्मचारियों की पदस्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 2146 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन आयुक्त श्री धीरेन्द्र सिंह परिहार नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा मुख्य लिपिक सह. लेखापाल का पद न होने पर भी कोई नियुक्ति की गई है। यदि हाँ, तो अवैध नियुक्ति के लिए कौन-कौन दोषी है बताएं। (ख) क्या नगर पालिका निगम मुरैना द्वारा नगर पालिक निगम की सेवा के कर्मचारियों को लेखा प्रशिक्षण पूर्ण न करने पर भी लेखापाल का कार्य सौंपा गया है यदि हाँ, तो कर्मचारी का नाम बताएं तथा नियम विरूद्ध की गई नियुक्ति के लिए कौन-कौन दोषी है बताएं। (ग) क्या शासन नियम विरूद्ध की गई नियुक्तियों की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नहीं, शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) नगर पालिक निगम, मुरैना में 02 लेखापाल यथा श्री ओमप्रकाश कुलश्रेष्ठ एवं श्री यशवीर सिंह घुरैया पदस्थ हैं। श्री कुलश्रेष्ठ का अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण इनका कार्य श्री घुरैया को आदेश क्रमांक 2223, दिनांक 31.05.2019 द्वारा सौंपा गया किन्तु कार्य की अधिकता के कारण उक्त आदेश में संशोधन करते हुए श्री महेश शर्मा, सहायक वर्ग-02 को लेखा का कार्य दिया गया। श्री शर्मा का अचानक एक्सीडेंट होने के कारण लेखापाल का कार्य श्री घुरैया को पुन: सौंपा गया। पुन: श्री घुरैया के पास कार्य की अधिकता के कारण नवीन आदेश क्रमांक 2489, दिनांक 28.06.2019 द्वारा सहायक लेखापाल, श्री उपेन्द्र शर्मा को सौंपा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नियम विरूद्ध कोई नियुक्ति नहीं की गई है, मात्र कार्य विभाजन किया गया है।
स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
74. ( क्र. 2155 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केन्ट जिला-जबलपुर के तहत स्थित कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से स्कूलों का उन्नयन का विस्तार करने हेतु जिला-प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति हेतु शासन को कब भेजा है? प्रदेश शासन ने कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से स्कूलों का उन्नयन करेन हेतु प्रशासनिक स्वीकृति कब दी है? वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में शासकीय हाई स्कूल महगवां एवं गोकलपुर का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन करने हेतु प्रस्ताव कब भेजा गया एवं इस पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? प्रस्ताव कब से किस स्तर पर लंबित है एवं क्यों है? (ग) प्रश्नांश (क) में स्थित कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से स्कूलों का उन्नयन कब किया गया एवं किन-किन स्कूलों का उन्नयन विस्तार करना प्रस्तावित/स्वीकृत है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला की जानकारी निरंक है। वर्ष 2019-20 में हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक उन्नत शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) विभागीय आदेश दिनांक 23.05.2018 द्वारा शासकीय माध्यमिक शाला महगवां का हाईस्कूल में एवं शासकीय कन्या हाईस्कूल गोकलपुर का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किया जा चुका है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माढ़ोताल ब्रिज का लोकार्पण
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 2158 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा लगभग 5 करोड़ की लागत से बनाये गये माढ़ोताल ब्रिज का लोकार्पण दिनांक 15.06.19 को मुख्य आतिथ्य मा. श्री लखन घनघोरिया मंत्री सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण म.प्र. शासन एवं मा. श्री तरूण भनोत जी मंत्री वित्त मंत्री म.प्र. शासन द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम किसके द्वारा आयोजित किया गया? (ख) प्रश्नांकित लोकार्पण समारोह में किस किस राजनैतिक पार्टी के किन-किन स्थानीय जनप्रतिनिधियों/विधायक, सांसद को आमंत्रित किया गया एवं किस राजनैतिक पार्टी के किन-किन स्थानीय विधायक/सांसद को आमंत्रित नहीं किया गया एवं क्यों? (ग) स्थानीय शासकीय सार्वजनिक कार्यक्रमों/समारोह में स्थानीय राजनैतिक जनप्रतिनिधियों विधायकों/सांसदों को प्रमुखत: से आमंत्रित करने के संबंध मं सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जिला प्रशासन को कब क्या दिशा निर्देश जारी किये गये है? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित शासकीय कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता एवं भाजपा के अन्य जनप्रतिनिधियों को न आमंत्रित कर उनकी उपेक्षा करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त कार्यक्रम जबलपुर विकास प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा आयोजित किया गया था। (ख) जबलपुर विकास प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा जिले के समस्त जनप्रतिनिधियों जिसमें माननीय मंत्री, माननीय सासंद, माननीय महापौर एवं जिले के समस्त माननीय विधायकों को आमंत्रित किया गया था। अत: शेष प्रश्नाशं उपस्थित नहीं होता है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तराशं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास के सम्बन्ध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 2187 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नगर परिषद् रामनगर में वर्ष 2017-18, 2018-19 में कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है? सूची उपलब्ध कराई जायI (ख) क्या वर्तमान मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा बहुत से हितग्राहियों को अपात्र बता कर दूसरी क़िस्त नहीं जारी की गयी है यदि हाँ, तो जो लोग अपात्र किये गए उन्हें प्रथम क़िस्त क्यों जारी की गयी थी? अपात्रों की सूची उपलब्ध कराई जाय I (ग) हितग्राहियों को किस आधार पर अपात्र किया गया है? क्या अपात्र किये गए हितग्राहियों के पात्रता की जाँच विधानसभा की समिति गठित कर कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? ऐसे हितग्राहियों को अधूरे घर को पूर्ण करने के लिए दूसरी क़िस्त कब तक जारी की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वर्ष 2017-2018 में कुल 1708 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी. घटक अंतर्गत लाभ प्रदान किया गया है। 1708 हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। वर्ष 2018-2019 मे प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी. घटक के हितग्राहियों की सूची अनुविभागीय अधिकारी अमरपाटन के पास परिक्षण हेतु प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं 269 हितग्राहियों की शिकायत प्राप्त होने पर संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्र./यां.प्र./शाखा-7/18/9023 दिनांक 14.08.2018 के माध्यम से गठित जाँच समिति द्वारा जाँच उपरांत अपात्र पाये गये। 186 हितग्राहियों की पुन: शिकायत प्राप्त होने पर तहसीलदार न्यू रामनगर के पत्र क्र. 02, दिनांक 03.01.2019 तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद न्यू रामनगर, जिला-सतना के पत्र क्र. 26 दिनांक 05.01.2019 द्वारा गठित समिति द्वारा जाँच उपरांत 186 हितग्राहियों को अपात्र पाया गया। जिस कारण से दूसरी किश्त जारी नहीं गई है। प्रथमत: हितग्राहियों द्वारा दिये गये स्व-घोषणा पत्र एवं शपथ पत्र मे दी गई जानकारी को नगर परिषद कार्यालय एवं जिला प्रशासन द्वारा प्रथम दृष्टया सही माना जाकर प्रकरण स्वीकृत किया गया था एवं प्रथम किश्त की राशि जारी की गई थी। 269 अपात्र हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है तथा 186 अपात्र हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। (ग) अपात्रता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” के कॉलम 6 एवं “स” के कॉलम 5 अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्र. एफ-10-31/18-2/2007 दिनांक 01.11.2014 एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार परीक्षण कराया जा चुका है। अन्य जाँच कराने एवं अपात्रों को आगामी किश्त जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक श्रमिकों के मानदेय भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 2188 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले का नगर परिषद रामनगर अंतर्गत नगर परिषद् के गठन के बाद कितने दैनिक श्रमिकों की किस मानदेय पर भर्ती की गयी थी सूची उपलब्ध कराई जाय। (ख) क्या दैनिक श्रमिकों को वर्तमान नगरपालिका अधिकारी द्वारा एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए बिना सूचना के काम से निकाल दिया है और उनके किये गए कार्य का मानदेय आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया है (ग) क्या गलत तरीके से काम से निकाले गए दैनिक श्रमिकों के पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा मानदेय भुगतान के लिए आदेश पारित किया गया है यदि हाँ, तो फिर आज दिनांक तक मानदेय भुगतान क्यों नहीं किया गया है क्या मानदेय भुगतान न करने वाले अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी यदि हाँ, तो क्या और कब तक।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद गठन उपरांत 140 दैनिक श्रमिकों को कलेक्टर दर पर रखा गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यकता से अधिक 56 कार्यरत दैनिक श्रमिकों को पृथक किया गया था। पृथक किये गये दैनिक श्रमिकों का मानदेय लंबित नहीं है। (ग) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा 51 दैनिक श्रमिकों को स्थगन दिया गया है। उक्त दैनिक श्रमिकों को मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी देव स्थानों का जीर्णोद्धार
[आदिमजाति कल्याण]
78. ( क्र. 2208 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी संस्कृति के विकास, आदिवासी देव स्थलों के संरक्षण एवं वैज्ञानिक मूल्यांकन, आदिवासियों के उपासना स्थलों की सामाजिक-सांस्कृतिक उपस्थिति को विकसित करने के लिए 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न-दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गई एवं उक्त राशि को किन संस्थाओं, समितियों, व्यक्तियों के माध्यम से कहाँ-कहाँ, कितना व्यय किया गया? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। वर्तमान में आदिवासी देव स्थानों की जीर्णोद्धार हेतु कितना बजट निर्धारित किया है? (ख) मध्यप्रदेश में आदिवासी देवस्थलों के पूजन, संरक्षण एवं अनुष्ठानों में रत कितने आदिवासी पुजारियों, बैगाओं, भूमकाओं को कितना नेमणुक/मानदेय राशि दिया जा रहा है? नेमणुक/मानदेय राशि पाने वाले सभी आदिवासी पुजारियों, बैगाओं, भूमकाओं के नाम, पता सहित जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। साथ ही अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में लगे कितने पुजारियों/सेवादारों/मुजाविरों आदि के लिए नेमणुक/मानदेय राशि दी जा रही है? नाम, पता सहित जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या अध्यात्म विभाग के योजनाओं में आनंद की अवधारणा का नियोजन, नीति-निर्धारण और क्रियान्वयन की कोई योजना है? यह भी बताएं कि आनंद की अवधारणा से मध्यप्रदेश की आदिवासी आबादी, दलित आबादी एवं पिछड़े वर्ग की आबादी को किस प्रकार से क्या-क्या लाभ मिलेगा? (घ) आदिवासी दर्शन एवं दलित दर्शन के मद्देनजर आनंद की अवधारणा क्या है? परिभाषित करें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिवासी संस्कृति के विकास, आदिवासी देव स्थलों के सरंक्षण एवं वैधानिक मूल्यांकन, आदिवासियों के उपासना स्थलों की सामाजिक-सांस्कृतिक उपस्थिति को विकसित करने के लिए जनवरी, 2014 से प्रश्न-दिनांक तक संस्था को पृथक से कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय से आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था की अनुमोदित वार्षिक कार्य योजना अनुरूप राशि प्राप्त होती है। अनुमोदित कार्ययोजना अनुसार राशि का व्यय किया जाता है। संस्था द्वारा प्रत्येक वर्ष में कार्य योजनाओं अनुरूप भारत सरकार द्वारा (वर्कशॉप/सेमिनार/मेला/उत्सव आदि के लिए) राशि आवंटित की जाती है। आवंटित राशि अनुरूप कार्यक्रम आयोजित कर राशि व्यय की जाती है। व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बजट विधानसभा में अनुमोदित होना शेष है। (ख) आदिवासी संस्कृति एवं देवठान संरक्षण (आस्ठान) योजना दिनांक 12 जून 2019 को आदेशित की गई है एवं राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 14 जून 2019 को किया गया है। (ग) जी, यह योजना नहीं, लक्ष्य है, आनंद की अवधारणा जातिगत सीमाओ में नहीं बांधी जा सकती। अतः शेष के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पुनः आनंद की अवधारणा जातिगत सीमाओं में परिभाषित नहीं की जा सकती। अतः शेष के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत खदानों को पंचायतों को आवंटित किया जाना
[खनिज साधन]
79. ( क्र. 2229 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय खनिज कर्म एवं भौमिक खनिज भवन अरेरा हिल्स भोपाल के कार्यालय के आई.टी.सेल में उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रश्नाकिंत दिनांक को नीलाम की गई किस रेत खदान, ग्राम पंचायत को आवंटित किस रेत खदान एवं किस भंडारण से रेत की ई.टी.पी जारी की जा रही, जिलेवार बतावे? (ख) भंडारण की अनुमति में कितने क्यूबीक मीटर भण्डारण की अनुमति दी गई है, भंडार की गई रेत में से कितने क्यूबिक मीटर रेत की रायल्टी जमा किए जाने की जानकारी संचालनालय को किस दिनांक को दी गई, यदि रायल्टी जमा किये जाने की संचालनालय ने जानकारी भंण्डारणकर्ता से प्राप्त नहीं की हो तो उसका कारण बतावें? (ग) ग्राम पंचायतों को आंवटित किये जाने के लिये कितनी रेत खदानों का प्रश्नाकिंत दिनांक तक चिन्हांकन किया है, इसमें कितनी रेत खदानें पंचायतों को आवंटित कर दी गई है, कितनी रेत खदानों का संचालन प्रारम्भ हो चुका है, शेष का संचालन प्रारम्भ नहीं होने का क्या कारण रहा है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदेश में दिनांक 30.06.2019 से वर्षा काल प्रारंभ होने के कारण प्रदेश के सभी जिलों में स्थित नीलाम रेत खदानों, ग्राम पंचायतों को आवंटित रेत खदानों से कोई ई.टी.पी. जारी नहीं की जा रही है। दिनांक 10.07.2019 की स्थिति में भंडारण से रेत खनिज की ई.टी.पी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भंडारण अनुज्ञप्ति में मध्यप्रदेश रेत नियम, 2018 के अनुसार मात्रा के निर्धारण के कोई प्रावधान नहीं हैं। रॉयल्टी भुगतान का दायित्व उत्खननकर्ता/ठेकेदार/पंचायतों को है। भंडारणकर्ता द्वारा भंडारित की गई रेत पर रॉयल्टी जमा नहीं की जाती है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
नि:शक्तजनों को उपकरण प्रदाय करने विषयक
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
80. ( क्र. 2241 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में श्रवण बाधित, अस्थि बाधित, दृष्टि बाधित एवं शारीरिक रूप से अशक्त लोगों को जीवन निर्वाह के लिये पेंशन दिये जाने की क्या योजनाएं है? वर्तमान में नि:शक्तजनों को (प्रत्येक को) कितनी पेंशन राज्य सरकार द्वारा दी जाती है? (ख) इन दिव्यांगों को अपना काम सहजता से करने के लिये सहायक यंत्रों का वितरण किये जाने की क्या प्रक्रिया है क्या समय-समय पर विभाग इन नि:शक्तजनों को आवश्यक उपकरण देता है? (ग) देवास जिले में कितने नि:शक्त/दिव्यांगजन हैं? जिन्हें उपकरण दिये जाने की आवश्यकता है क्या ऐसी कोई मांग विभाग के पास आई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में शिविर लगाकर कब इन उपकरणों का वितरण दिव्यांगजनों को जरूरत के हिसाब से कर दिया जावेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) मध्यप्रदेश में दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष से 79 वर्ष आयु के ऐसे दिव्यांगजन जिनकी दिव्यांगता न्यूनतम 80 प्रतिशत हो उनके लिये केन्द्र सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना संचालित है। इस योजना में केन्द्र सरकार से 300 रूपये मध्यप्रदेश सरकार से 300 रूपये कुल 600 रूपये प्रति माह दिव्यांगजन को पेंशन प्रदान की जाती है। राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के मूल निवासी जो 6 वर्ष से अधिक आयु के, जिनकी दिव्यांगता न्यूनतम 40 प्रतिशत है, उनके लिये समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना संचालित है। इस योजना में राज्य सरकार द्वारा 600 रूपये प्रतिमाह पेंशन राशि दी जाती है। (ख) दिव्यांगजनों को विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुशंसा उपरांत नियमानुसार नि:शुल्क कृत्रिम अंग सहायक उपकरण प्रदाय किये जाते है। (ग) जी नहीं जिला देवास में दिव्यांगजनों के उपकरणों की कोई मांग प्राप्त न होने से वर्तमान में कोई मांग लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विकास निगम द्वारा पौधारोपण
[वन]
81. ( क्र. 2242 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत कितना वन क्षेत्र लकड़ी (सागौन) की कटाई हेतु एवं विकास हेतु वन विकास निगम को दिया गया है? रेंजवार जानकारी प्रदान करें? अभी तक निगम द्वारा कितना सागौन वृक्ष काटा गया है? संख्या (क्षेत्रवार) बतायें। (ख) वर्ष 2016, 17 एवं प्रश्नांश दिनांक तक वन विकास निगम द्वारा कितना पौधारोपण किस-किस प्रजाति का, किन-किन क्षेत्रों मे कन्नौद और खातेगांव तहसील में किया गया? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) वर्तमान समय में निगम द्वारा किये गये पौधारोपण की वास्तविक स्थिति क्या है? लगाये गये पौधों के विरूद्ध आज कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? (घ) क्या प्रश्नांश जिले वन विकास निगम द्वारा अपने कार्य को ठीक से नहीं कर पाने के कारण वन सम्पत्ति का व्यापक नुकसान हुआ है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विकास निगम के खण्डवा परियोजना मण्डल को कटाई एवं विकास हेतु देवास जिले का 11429.600 हेक्टेयर वन क्षेत्र वन विभाग से प्राप्त हुआ है तथा निगम द्वारा उक्त क्षेत्र में भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना अनुसार 203986 सागौन वृक्षों की कटाई की गई। रेन्जवार जानकारी निम्नानुसार है :-
रेंज |
क्षेत्रफल हेक्टेयर |
काटे गये वृक्षों की संख्या |
कन्नौद |
243.00 |
16380 |
खातेगांव |
3263.440 |
84000 |
कांटाफोड |
900.450 |
21545 |
पानीगांव |
3818.850 |
32189 |
उदयनगर |
1236.200 |
60563 |
पूंजापुरा |
768.790 |
19309 |
सतवास |
1197.970 |
- |
योग |
11429.600 |
203986 |
(ख) प्रश्नाधीन अवधि में वन विकास निगम द्वारा कन्नौद तहसील में 252.180 हेक्टेयर क्षेत्र में 470100 सागौन एवं 2400 मिश्रित प्रजाति कुल 472500 पौधों एवं खातेगांव तहसील में 725.920 हेक्टेयर क्षेत्र में 1394581 सागौन एवं 7919 मिश्रित प्रजाति के कुल 1402500 पौधों का रोपण किया गया। वर्षवार एवं क्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) निगम द्वारा किया गया वृक्षारोपण सफल वृक्षारोपण की श्रेणी में है। माह अक्टूबर 2018 के मूल्यांकन के आधार पर निगम द्वारा वर्ष 2016, 2017 एवं 2018 में लगाये गये पौधों का जीवित प्रतिशत निम्नानुसार, लगाये गये पौधों की जीवितता की जाँच की जा रही है :-
वर्ष |
कुल रोपित पौधे |
जीवित पौधों का प्रतिशत |
2016 |
262500 |
89.06 |
2017 |
837500 |
94.11 |
2018 |
775000 |
94.89 |
योग |
1875000 |
92.68 |
(घ) वन विकास निगम द्वारा समस्त कार्य भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के अनुसार सम्पादित कराये गये है अत: वन संपत्ति के नुकसान होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
स्कूलों में फर्नीचर प्रदान करना
[स्कूल शिक्षा]
82. ( क्र. 2293 ) श्री संजीव सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में विगत पाँच वर्षों में कितने हाईस्कूल, हायरसेकेण्डरी स्कूल भवनों का निर्माण किया गया है? (ख) विभाग द्वारा स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध कराने की क्या प्रक्रिया है? प्रश्नावधि में निर्मित कितने हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में फर्नीचर इत्यादि उपलब्ध कराये गये? यदि फर्नीचर स्कूलों को प्रदान नहीं किये गये तो क्या कारण है? (ग) शेष नवनिर्मित स्कूल भवनों को फर्नीचर कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला भिण्ड में विगत पाँच वर्षों में 44 हाईस्कूल एवं 03 हायर सेकेण्डरी शाला भवनों का निर्माण किया गया है। (ख) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत भवनों में फर्नीचर की स्वीकृति भी समाहित होती है। विभागीय स्तर पर एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से निर्मित भवनों के लिए फर्नीचर प्रदाय बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल एवं स्थानीय संसाधनों से भी फर्नीचर उपलब्ध होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शेष स्कूलों को फर्नीचर प्रदाय किया जाना बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भवन अधिकारी कार्यकाल में जारी अनुमतियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 2300 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भवन अधिकारी प्रदीप वर्मा, नगर निगम, ग्वालियर में कब से कब तक पदस्थ रहे? वर्तमान में कहाँ पदस्थ है? इनके भवन अधिकारी, नगर निगम, ग्वालियर रहते हुये कितनी कौन-कौन से कार्यों हेतु अनुमतियां जारी की गई? प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) इनके विरूद्ध विभाग ई.ओ.डब्लू. लोकायुक्त में किस-किस प्रकरण में कितनी-कितनी शिकायतें हुई? किस-किस शिकायत में जाँच हुई? किस किस में नहीं? कितनी जांचों में इन्हीं दोषी पाया गया? विभाग द्वारा इनके विरूद्ध क्या क्या कार्यवाही की गई? बतावें। (ग) लोकायुक्त, ग्वालियर में इनके विरूद्ध किस-किस प्रकरण में जाँच चल रही है एवं जाँच कितने वर्षों से चल रही है? क्या अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों की हेराफेरी एवं भ्रष्टाचार करने वाले भवन अधिकारी के विरूद्ध जाँच में देरी की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) श्री प्रदीप वर्मा नगर निगम, ग्वालियर में भवन अधिकारी के रूप में दिनांक 20-11-2011 से 18-07-2013 तक, दिनांक 27-07-2015 से 19-11-2015 तक, दिनांक 04-03-2017 से 22-08-2018 तक एवं दिनांक 25-09-2018 से वर्तमान तक पदस्थ रहे हैं। जारी अनुमतियों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध संगठन स्वतंत्र जाँच एजेंसिया हैं तथा उनके द्वारा स्वतंत्र रूप से प्रकरणों की जाँच की जाती है। जाँच में विलंब जैसी कोई स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
आदिवासी स्कूलों में छात्रावास की व्यवस्था
[आदिमजाति कल्याण]
84. ( क्र. 2326 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने हाई स्कूल एवं कितने हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं? ग्रामवार बतावें। (ख) इन संचालित हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में किन-किन में छात्रावास संचालित किये जाते हैं? (ग) जिन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आवासीय छात्रावास नहीं वहां छात्रावास बनाने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) केसला, आदिवासी विकासखण्ड के अंतर साधपुरा हाई स्कूल में कब तक आवासीय छात्रावास बनाने की योजना?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में छात्रावास संचालन का कोई प्रावधान नहीं है। मात्र आवासीय विद्यालयों में छात्रावास का प्रावधान है। (ग) एवं (घ) नवीन छात्रावास खोलने की नीति अनुसार पात्रता के आधार पर छात्रावास खोलने की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौ-शाला संचालन की जानकारी
[पशुपालन]
85. ( क्र. 2327 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2019 की स्थिति में प्रदेश में कितनी शासकीय एवं कितनी अशासकीय (अनुदान प्राप्त) गौ-शालाएं संचालित हैं? (ख) वर्ष 2019-20 में सरकार द्वारा कितनी शासकीय एवं अशासकीय गौ-शालाएं खोलने का लक्ष्य है? (ग) इन गौ-शालाओं के भवन, चारा, पानी एवं पशुओं के उपचार की क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं/अथवा की जावेंगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) 31 मार्च 2019 की स्थिति में प्रदेश में शासकीय स्तर पर 18 पंजीकृत होकर संचालित हैं तथा अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 606 पंजीकृत गौ-शालाएं संचालित थी। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा गौ-शाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में 1000 शासकीय गौ-शालाएं खोलने का लक्ष्य रखा गया है तथा अशासकीय स्वयंसेवी संस्था द्वारा गौ-शाला खोलने का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है। (ग) प्रदेश सरकार द्वारा गौ-शाला परियोजना अंतर्गत खोली जाने वाली 1000 गौ-शालाओं का निर्माण जिसमें गौ-वंश शेड, चारा गोदाम, पानी की व्यवस्था ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराया जावेगा तथा गौ-शालाएं प्रारंभ होने के उपरांत भूसा चारे की व्यवस्था एवं उपचार संबंधी व्यवस्था पशुपालन विभाग द्वारा की जावेगी।
आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति
[आदिमजाति कल्याण]
86. ( क्र. 2335 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2018 तक कितने आदिवासी विद्यार्थियों को राज्य सरकार से उच्च अध्ययन के लिये विदेश भेजा गया? गडबड़ी पाये जाने पर किन लोगों से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई? (ख) क्या वर्ष 2010 से 2018 की अवधि में आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ियां सामने आई थीं? यदि हाँ, तो इन कुल कितनी राशि का घोटाला सामने आया क्या इसकी कोई जाँच कराई गई? जाँच रिपोर्ट में कौन लोग जवाबदार पाए गए और उनके खिलाफ क्या कारवाई की गई? (ग) बड़वानी जिले में 43 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सामग्री क्रय में घोटाला सामने आया। जाँच रिपोर्ट में कौन लोग जवाबदार पाए गए और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) वर्ष 2010 से 2018 तक 25 अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश भेजा गया। केवल 01 छात्रा को त्रुटिवश शिक्षण शुल्क की राशि रूपये 7, 35, 251/- अधिक जारी हो गई थी (न्यूजीलैंड डॉलर में गणना न कर यू. एस. डॉलर में गणना होने के कारण) जिसकी वसूली की जा रही है। अभी तक 2, 20, 000/- की वसूली की जा चुकी है। (ख) लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. से जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) वर्ष 2012-13 में बड़वानी जिले में 43 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सामग्री क्रय में घोटाले के संबंध में जवाबदारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कलेक्टर बड़वानी द्वारा जाँच कर प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 7560 दिनांक 03-10-2017 द्वारा आयुक्त, इंदौर संभाग इंदौर को, दोषी पाये गये संबंधित प्राचार्यों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। वर्तमान में कार्यवाही प्रचलन में है।
दुकान आवंटन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 2346 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका खाचरौद द्वारा वीर सावरकर मार्केट में खादी ग्रामोद्योग को किन-किन शर्तों पर दुकान आवंटित की गई थी? (ख) उक्त दुकान खादी ग्रामोद्योग को दी गई शर्तों के अनुरूप क्या खादी ग्रामोद्योग को यह दुकान किसी अन्य को देने का अधिकार था? यदि नहीं, तो इस दुकान पर अनिल छाजेड़ के आवंटन के विरूद्ध शासकीय सम्पत्ति बेदखलीय अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी/अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष नगरपालिका द्वारा वाद दायर किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कर दिया जायेगा? (ग) क्या नगरपालिका ने पूर्व में उक्त दुकान के संबंध में थाना प्रभारी खाचरौद को आवेदन देकर प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की थी? (घ) क्या नगरपालिका तथा उपरोक्त व्यक्ति द्वारा मिलकर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अनिल छाजेड़ ने अपने नाम से दुकान करवाई है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक पुन: आपराधिक प्रकरण दर्ज करवा देंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरपालिका खाचरौद द्वारा वीर सावरकर मार्केट में खादी ग्रामोद्योग को शर्तों के साथ मय मासिक किराए के आधार पर दुकान आवंटित की गई थी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। इस प्रकरण में विधि सलाहकार से सलाह ली जाकर अनिल छाजेड़ से सम्पूर्ण निर्मित दुकान नगरपालिका अपने कब्जे में लेने हेतु विधि अनुसार सक्षम प्राधिकारी के समक्ष वाद दायर करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि खादी ग्रामोद्योग के महानंदा मिश्रा व अनिल छाजेड़ द्वारा कूटरचित दस्तावेज के आधार पर अनिल छाजेड़ के नाम से दुकान करवाई है। प्रकरण में नगरपालिका द्वारा कोई कूटरचित कार्य नहीं किया गया है। अनिल छाजेड़ द्वारा कूटरचित दस्तावेज के आधार पर दुकान प्राप्त की गई है। इनके विरूद्ध न्यायालय माननीय दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी खाचरौद में परिवाद दायर किया है जो कि क्रमांक 0/12 पर दर्ज होकर प्रकरण पंजीयन पर तर्क हेतु दिनांक 19.07.2019 नियत है। माननीय न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
विकास एवं भवन अनुमति की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 2359 ) श्री विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम हिनोतिया आलम में कॉलोनाईजर श्रीराम इंटरप्राईजेस को विकास अनुमति एवं भवन अनुमति जारी की गई है? यदि हाँ, तो विकास अनुमति एवं भवन अनुमति की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा अलग-अलग भू-खण्डों पर भवन अनुमति जारी की गई है? यदि हाँ तो जारी की गई भवन अनुमति की प्रमाणित प्रति एवं भू-खण्डों की संख्या, भू-खण्ड क्रमांक सहित उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) से संबंधित किया जा रहा निर्माण नियमानुसार नहीं है? यदि हाँ तो आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या भवन अनुमति देते समय प्रत्येक भू-खण्डों पर शुल्क/फीस की गणना नियमानुसार की गई है? यदि नहीं, तो विभाग को कितनी राशि की हानि हुई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। ग्राम हिनोतिया आलम में कॉलोनाईजर श्रीराम इंटरप्राईजेस के नाम से उपलब्ध रिकार्ड अनुसार विकास अनुमति एवं भवन अनुमति जारी होना नहीं पाया गया है किन्तु भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा मेसर्स राम इंटरप्राईजेस द्वारा भागीदार एवं भूमि स्वामी, श्री शम्भूनाथ शर्मा आत्मज स्व. श्री पं. जानकीनाथ शर्मा एवं श्री एस.एन. शर्मा आत्मज स्व. श्री एस.एन. शर्मा के नाम से विकास अनुमति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के उत्तर में अंकित मेसर्स राम इंटरप्राईजेस (शिव जानकी वाटिका कॉलोनी) में पृथक-पृथक रूप से नगर निगम द्वारा जारी भवन अनुज्ञा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं उक्त कॉलोनी में शासन द्वारा प्राधिकृत वास्तुविदों के द्वारा भी वर्तमान तक कुल 38 भवन अनुमतियां जारी होना पाया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार केवल चार भू-खण्डों पर निर्माण कार्य प्रचलित है परन्तु प्रारंभिक अवस्था में है, ऐसी स्थिति में यह सुनिश्चित किया जाना संभव नहीं है, कि निर्माण कार्य नियमानुसार है अथवा नहीं। (घ) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध खदानों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
89. ( क्र. 2368 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
खरगोन अन्तर्गत
खनिज विभाग
द्वारा वर्ष 2016 से 2019 प्रश्न
दिनांक तक
कितनी खनिज
खदानों की जाँच
विभाग के
कौन-कौन से
अधिकारियों
द्वारा की गई
तथा क्या-क्या
अनियमितताएं
कौन-कौन सी
खादानों में
पाई गई हैं? (ख) प्रश्न
दिनांक तक
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है तथा यह
भी बतायें की
इन खदानों से प्रश्नांश
(क) अवधि में
कितनी राजस्व
राशि प्राप्त
हुई है? क्या
वर्तमान में
कोई जाँच
लंबित है? हाँ तो क्या
कारण है?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री प्रदीप
अमृतलाल
जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश
(क) के उत्तरांश
में दर्शित
खदानों में
पाई गई
अनियमितता के
फलस्वरूप
पट्टेदारों/ठेकेदारों
को कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किये
जाकर देय राशि
की वसूली की
गई है।
प्रश्नांश (क) के
उत्तर में
दर्शित अवधि
में वर्षवार
प्राप्त
राजस्व का
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान
में कोई जाँच
लंबित नहीं है।
शिक्षक विहीन शालाओं का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 2369 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी शालाएं शिक्षक विहीन हैं? सूची उपलब्ध करावें? कितनी शालाओं में अतिशेष शिक्षक उपलब्ध है? कृपया संख्या बतायें। (ख) वित्तीय सत्र में शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षक की क्या व्यवस्था होगी? क्या नवीन भर्ती की जायेगी या अतिथि द्वारा अध्ययन कार्य कराया जायेगा क्या सभी व्यवस्था समय पर संचालन हेतु पूर्ण कर ली गई है? नहीं तो क्या कारण है तथा कब तक व्यवस्था पूर्ण कर ली जायेगी। (ग) क्या शिक्षकों की भर्ती कर स्थाई व्यवस्था की जायेगी? हाँ तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत निम्नानुसार शालाएं शिक्षक विहीन हैं :-
विकासखण्ड |
प्राथमिक |
माध्यमिक |
हाई स्कूल |
भीकनगाँव |
09 |
10 |
0 |
झिरन्या |
41 |
39 |
4 |
शालाओं में अतिशेष शिक्षक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिक्षक विहीन शालाओं में स्थानीय संकुल व्यवस्था अंतर्गत शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। नियमित शिक्षक उपलब्ध न होने पर अतिथि शिक्षकों से शालाओं में शासन नीति/निर्देशानुसार अध्यापन कार्य कराएं जाने की कार्यवाही जारी है। (ग) पदपूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्रेशर गिट्टी खदान से उत्खनन
[खनिज साधन]
91. ( क्र. 2443 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम झरकुआ जनपद गुनौर जिला पन्ना के खसरा क्रमांक 445, 452, रकबा 4.90 हे. तथा खसरा क्र. 448/मिन-1 रकबा हे. जमीन क्रेशर गिट्टी उत्खनन हेतु किसको आवंटित है? (ख) उक्त खसरा न. की जमीनों पर ग्राम पंचायत झरकुआ जनपद पंचायत गुनौर द्वारा मुक्तिधाम के लिये आवंटित करने एवं ग्रामवासियों द्वारा उत्खनन कार्य होने से उनके स्वास्थ्य एवं फसलों के नुकसान होने संबधी कलेक्टर पन्ना को दिये गये आवेदन दिनांक 19.07.2017 एवं 16.08.2018 पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रहलाद कुमार तिवारी जो प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति पडरिया शाखा पवई जिला पन्ना में विक्रेता के पद पर शासकीय कार्य कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में क्या श्री प्रहलाद कुमार तिवारी स्वयं के नाम पर क्रेशर गिट्टी खदान का व्यवसाय कर सकते हैं? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कर उक्त लीज निरस्त की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) ग्राम झरकुआ जनपद गुनौर जिला पन्ना के खसरा क्रमांक 445, 452 रकबा 4.90 हेक्टेयर क्षेत्र में मेसर्स शम्भवी एसोसिएट प्रो. संजय नगाइच निवासी पवई जिला पन्ना एवं खसरा क्रमांक 448/मिन-1 रकबा 2.000 हेक्टेयर क्षेत्र श्री प्रहलाद तिवारी को क्रेशर गिट्टी हेतु खदान आवंटित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त खसरा क्रमांक पर ग्रामवासियों एवं ग्राम पंचायत द्वारा दिनांक 19.07.2017 एवं 16.08.2018 से आवेदन पत्र दिया था। जिसकी जाँच तहसीलदार अमानगंज से कराई गई तहसीलदार ने अपने प्रतिवेदन दिनांक 19.04.2018 में प्रतिवेदित किया गया है कि ग्राम सभा का प्रस्ताव दिनांक 02.10.2017 से खसरा क्रमांक 445, 448 एवं 452 में शांतिधाम या मुक्तिधाम आदि नहीं बनाया गया है। ग्राम पंचायत द्वारा उक्त खसरा नंबर में उत्खनिपट्टा गिट्टी क्रेशर के लिये सहमति देकर पंचानों के हस्ताक्षर किये गये हैं। आवेदित भूमि पर अनुसंशाओं के आधार पर उत्खनिपट्टा क्रेशर गिट्टी हेतु स्वीकृत किया गया। (ग) सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं पन्ना मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 925 दिनांक 04.07.2019 के अनुसार श्री प्रहलाद कुमार तिवारी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति पडरिया शाखा पवई जिला पन्ना में विक्रेता पद पर पदस्थ हैं, जो शासकीय पद नहीं है और न ही सहकारी समिति शासकीय है। केवल वे शासकीय उचित मूल्य की दुकान में विक्रेता का कार्य कर रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोयले का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 2445 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कोयले के अवैध उत्खनन के संबंध में गत दो वित्तीय वर्षों में कितनी शिकायतें शासन को प्राप्त हुई हैं? (ख) प्राप्त शिकायतों पर शासन द्वारा किन-किन व्यक्तियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या कोयले के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने हेतु शासन द्वारा अपने स्तर से कोई प्रयास किये गये हैं? (घ) अवैध उत्खनन से होने वाली राजस्व/रॉयल्टी की हानि के लिये क्या किसी की जवाबदेही तय की गई है? यदि हाँ, तो नाम बतावें। यदि नहीं, तो जवाबदेही कब तक तय की जावेगी? (ड.) क्या कोयले के अवैध उत्खनन की समस्या के स्थायी समाधान हेतु नवीन कोयला खदान खोले जाने हेतु केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना प्रक्रिया में हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार विगत दो वर्षों में कोई भी लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोयले के अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु शासन द्वारा राजस्व विभाग, खनिज विभाग एवं वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड को तवा नदी के आस-पास के क्षेत्र में स्थित अवैध कोयला खदानों को कन्ट्रोल ब्लॉस्टिंग करने जैसे तकनीकी उपाय करने तथा अवैध उत्खनन स्थलों को नष्ट करने हेतु लेख किया गया है। (घ) अवैध उत्खनन से होने वाली राजस्व हानि के लिये दोषी व्यक्ति या नियमानुसार दण्ड/अभियोजन के प्रावधान हैं। इसका नियंत्रण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश अनुसार वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन नहीं है।
शिक्षक विहीन एक शिक्षकीय शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 2506 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के नियमानुसार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कितनी-कितनी होना आवश्यक है? क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में शासन द्वारा निर्धारित विद्यार्थियों के संख्या के अनुपात अनुसार ही शिक्षक कार्यरत हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कोलारस विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने व कौन-कौन से प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय शिक्षक विहीन हैं तथा कितने विद्यालय ऐसे हैं जहां मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ है व कब से? शिक्षक विहीन शालाओं में अध्यापन कार्य कैसे संचालित होता है तथा ऐसे विद्यालयों का विगत 02 शैक्षणिक सत्रों का परीक्षा परिणाम का प्रतिशत क्या रहा? शालावार, वर्षवार, विकासखण्डवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना हेतु कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा निकट भविष्य में कब तक शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार शासकीय प्राथमिक विद्यालय में 60 बच्चों तक 02 शिक्षक 61 से 90 बच्चों तक 03 शिक्षक 91 से 120 बच्चों तक 04 शिक्षक 121 से 200 या उससे अधिक बच्चे होने पर प्रत्येक 40 बच्चों पर 01 शिक्षक होना आवश्यक है। माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान समूह भाषा समूह एवं सामाजिक विज्ञान समूह के 01-01 शिक्षक होना आवश्यक है। छात्र संख्या अधिक होने पर 35 छात्र प्रति 01 शिक्षक होना आवश्यक है। कोलारस विधान सभा क्षेत्र के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में शासन द्वारा निर्धारित विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात अनुसार शिक्षक कार्यरत नहीं है। जिले में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण न हो पाने नवीन भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ न हो पाने तथा पदोन्नतियों पर न्यायालयीन स्थगन होने के कारण शिक्षकों की पूर्ति नहीं हो सकी। (ख) कोलारस विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 15 प्राथमिक विद्यालय व 22 माध्यमिक विद्यालय कुल 37 विद्यालय शिक्षक विहीन है। 61 प्राथमिक विद्यालय व 48 माध्यमिक विद्यालय कुल 109 विद्यालय 01 शिक्षकीय है। शिक्षक विहीन शालाओं में सत्र 2017-18 में 58 अतिथि शिक्षक 01 शिक्षक एवं अन्य 03 विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को शिक्षक विहीन शाला में अध्यापन कार्य हेतु निर्देशित किया गया है तथा सत्र 2018-19 में 68 शिक्षक 03 अन्य विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को शिक्षक विहीन शाला में अध्यापन कार्य हेतु निर्देशित किया गया। 01 शिक्षकीय शालाओं में सत्र 2017-18 में 102 अतिथि शिक्षक 109 शिक्षकों के द्वारा एवं सत्र 2018-19 में 135 अतिथि शिक्षक एवं 110 शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य कराया गया है। आर.टी.ई. के प्रावधानों के अनुसार इन विद्यालयों में सतत एवं व्यापक मूल्याकंन प्रक्रिया लागू है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तारांश (क) में उल्लेखित कारणों से शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकी किन्तु उत्तरांश (ख) में उल्लेखित अनुसार अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। शिक्षक विहीन शालाओं में स्थानांतरण पदोन्नति तथा नवीन भर्ती से शिक्षकों की व्यवस्था की जायेगी जो एक सतत प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास सुविधा का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 2508 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर नगरपालिका अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 1984, 2003, 2008 तथा 2013 में आवास हेतु मंदसौर शहर के जिला जेल के समीप कुष्ठ रोगी बस्ती तथा उसी से लगे लगभग 60 परिवारों को विधिवत् पट्टे दिये थे? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान में इन्हें प्रधानमंत्री आवास अंतर्गत पक्के निर्माण की अनुमतियां क्यों प्रदान नहीं की जा रही हैं? क्या नगरपालिका ने इन्हें डूब क्षेत्र में चिन्हांकित किया है? यदि हाँ, तो 1980 के पश्चात कब-कब इस में डूब क्षेत्र में आयी है? (ग ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या 1980 के दशक में मंदसौर क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रक धूलकोट योजना बनाई गयी थी? तब से लेकर अब तक बाढ़ का खतरा समाप्त हो गया है, फिर भी इन बस्तियों को बाढ़ क्षेत्र में मानने का कारण क्या है? (घ) क्या नगरपालिका द्वारा इस बस्ती में सीमेंट कांक्रीट, पेयजल हेतु नल तथा विद्युत के पोल लगाकर विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं? यदि यह बस्तियां डूब क्षेत्र में आती हैं, तो उक्त बस्ती को नगरपालिका की सुविधा देने के क्या कारण रहे? क्या नगरपालिका उक्त कुष्ठ रोगी बस्ती को डूब क्षेत्र से बाहर कर प्रधानमंत्री आवास की सुविधा में शामिल करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) डूब क्षेत्र चिन्हांकित होने से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक का लाभ नहीं दिया जा रहा। वर्ष 1980 के पश्चात जल भरण क्षेत्र की जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) मंदसौर क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण धूलकोट योजना बनाई गई थी। प्रश्नाधीन क्षेत्र नदी के किनारे स्थित है। (घ) नगरपालिका परिषद्, मंदसौर द्वारा सीमेंट कांक्रीट रोड, पेयजल हेतु नल, विद्युत पोल आदि मूलभूत सुविधाएं रहवासियों को अन्यत्र व्यवस्थापित न होने के कारण उपलब्ध कराई गई है। सर्वेक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
युगधर्म पब्लिक स्कू्ल का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 2513 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर के शुजालपुर नगर में स्थित युगधर्म पब्लिक स्कू्ल का संचालन किस समिति के द्वारा किया जा रहा है? क्या CBSE के मापदण्ड अनुसार इनके पास निर्धारित जमीन एवं भवन उपलब्ध है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्कूल के पास उपलब्ध जमीन का खसरा, बी-1 एवं अक्स तथा भवन निर्माण की सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमति एवं नक्शा प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्कूल के पास मापदण्ड अनुसार भवन व जमीन नहीं है, तो क्या मान्यता रद्ध करने की कार्यवाही की जावेगी? (घ) जिला शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब निरीक्षण किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) युगधर्म पब्लिक स्कूल का संचालन गायकवाड एजुकेशन सोसायटी इन्दौर के द्वारा किया जा रहा है। जी हाँ। संस्था के पास भवन एवं भूमि उपलब्ध है किन्तु उक्त दस्तावेज समिति/विद्यालय के नाम से नहीं है। सी.बी.एस.ई बोर्ड द्वारा संबंधित स्कूल को 29/10/2014 से 31/03/2018 तक की मान्यता प्रदान की गई थी। सी.बी.एस.ई के पत्र क्रमांक 1448527 दिनांक 25/01/2019 द्वारा 31/03/2019 तक का एक्सटेंशन दिया गया है साथ ही संबद्धता हेतु सी.बी.एस.ई बोर्ड द्वारा निरीक्षण संबंधी कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) खसरा बी-1 एवं नक्शा संलग्न है, भवन निर्माण की अनुमति प्रस्तुत नहीं की। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया है।
स्कूल भवन एवं अन्य सुविधाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 2514 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर के शुजालपुर नगर में स्थित नवीन स्मृति शिक्षा निकेतन विद्यालय किस समिति के द्वारा संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्यालय किस भवन में संचालित है? क्या भवन में कक्ष निर्धारित मापदण्ड अनुसार है? क्या विद्यालय में खेल मैदान, लेबोरेटरी, लाईब्रेरी है? यह विद्यालय जिस भवन में लग रहा है, क्या वह भवन सुरक्षित हैं? यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट देवें। क्या विस्तृत जाँच कराई जाकर स्कूल बंद करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) नवीन स्मृति शिक्षा निकेतन विद्यालय का संचालन राजीव रत्न आदिवासी महिला बाल विकास संस्थान शुजालपुर द्वारा किया जा रहा है। (ख) संस्था सीताराम सरजु बाई ट्रस्ट के भवन में दूसरी एवं तीसरी मंजिल पर संचालित है। स्कूल मापदण्ड पूर्ण नहीं करता है। स्कूल का खेल मैदान संस्था से 2 किलो मीटर दूर भीलखेड़ी में श्री तेजराम घीसा की जमीन का खसरा है। लेकिन किराया नामा नहीं है, वहीं पर खेल का मैदान संचालित है। भवन में लेबोरेटरी, लाईब्रेरी नहीं है। यह विद्यालय जिस भवन में लग रहा है। उसकी सुरक्षा के संबंध में लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट संस्था द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है। उक्त विद्यालय को जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर द्वारा दिनांक 27.08.2015 को 2019-2020 तक की मान्यता प्रदान की गई है। संबधित विद्यालय को जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर के पत्र क्रम. मान्यता/2019/99 शाजापुर दिनांक 01.07.2019 द्वारा जारी सूचना पत्र के आधार पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन द्वारा उनके पत्र क्र. मान्यता/2019/310-311 दिनांक 05.07.2019 द्वारा मान्यता नियम-2017 की कंडिका-12 (अपील की प्रक्रिया) के अन्तर्गत मान्यता निलंबित की गई है तथा मान्यता समाप्ति हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
मॉडल स्कूल में निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 2543 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित मॉडल स्कूल में पूर्व स्टॉफ क्वार्टर निर्माण कार्य की स्वीकृति पश्चात पूर्व स्वीकृत कार्य में कार्य अपूर्णता, लापरवाही के कारण कार्य को निरस्त कर पुन: कार्य को किये जाने हेतु नवीन स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो पूर्व में निरस्त किये गये कार्य की विभागीय वित्तीय (राशि) हानि की वसूली हेतु मांग-पत्र तहसीलदार, तहसील करैरा, जिला शिवपुरी (म.प्र.) द्वारा वर्ष 2019 में जारी किया गया, तो वसूली की आगामी कार्यवाही एवं स्थिति बताएं। (ग) क्या कार्य को पुन: प्रारंभ किये जाने हेतु पी.आई.यू. जिला रतलाम (लोक निर्माण विभाग) द्वारा कार्यादेश क्र. 784/AC/PIU/2018-19/RATLAM, दिनांक 13-09-2017 जारी किया गया है? (घ) उक्त कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृति होकर किस नये कार्य एजेंसी के माध्यम से उक्त कार्य कब प्रारंभ हुआ? किस स्थिति में है? कितना व्यय हुआ तथा पुरानी कार्य एजेंसी के द्वारा जो शासन/विभाग की वित्तीय हानि की गई, उसकी वसूली हेतु क्या प्रगति हुई? प्रश्न दिनांक तक कार्य निर्माण की संपूर्ण प्रगति एवं वसूली की प्रगति संबंधी स्पष्ट जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जावरा नगर स्थित मॉडल स्कूल में पूर्व स्टॉफ क्वार्टर निर्माण कार्य की स्वीकृति पश्चात पूर्व स्वीकृत कार्य में कार्य अपूर्णता के कारण कार्य को निरस्त कर पुनः कार्य को किये जाने हेतु नवीन स्वीकृति मण्डल की कार्यपालिका समिति की बैठक दिनांक 04 मई 2018 अनुमोदन के अनुपालन में दी गई। (ख) जी हाँ। मांग-पत्र जारी किया गया है, कार्यालय कलेक्टर जिला शिवपुरी म.प्र. के पत्र क्र. र.ले./.2019/090 शिवपुरी, दिनांक 03.07.2019 अनुसार वर्ष 2019-20 रावत कंस्ट्रक्शन कंपनी, करैरा के नाम कोई चल-अचल संपति नहीं है। श्री जसवंत सिंह रावत, श्री हरनाम सिंह रावत, श्री पदमेश सिंह सिकरवार, महेन्द्र सिंह रावत एवं एम.एल. विश्वकर्मा मैसर्स रावत कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच अनुबंध के आधार पर पार्टनर हैं। श्री जसवंत सिंह रावत की मृत्यु हो चुकी है तथा उसके नाम करैरा में कोई संपति नहीं है। श्री पदमेश सिंह सिकरवार के नाम कस्बा करैरा में कोई संपति नहीं है। श्री एम.एल. विश्वकर्मा, अरेरा कॉलोनी भोपाल के निवासी हैं। इनके ग्राम करैरा में कोई चल-अचल संपति नहीं है। श्री हरनाम सिंह रावत के नाम 1533.1534.1536, में रकबा 0.072 है भूमि यानि रकबा 8503 वर्गफीट है, जो कि बैंक ऑफ इंडिया, शाखा करैरा में 09.03.2017 से राशि रूपये 12.00 लाख में बंधक है एवं श्री महेन्द्र सिंह रावत के नाम 2118/4/1 में 20X500=1000 वर्गफीट का पक्का निर्मित मकान है। इसके अलावा कस्बा करैरा में इनके नाम कोई संपति नहीं है। श्री हरनाम सिंह रावत एवं श्री महेन्द्र सिंह रावत की वसूली हेतु मांग-पत्र आज दिनांक 29.06.2019 को जारी कर दिया गया है। श्री जसवंत सिंह रावत एवं श्री हरनाम सिंह रावत का पता साध, तहसील नरवर, जिला शिवपुरी है। तहसील नरवर की चल-अचल संपति की जानकारी प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। (घ) उक्त कार्य हेतु रूपये 340.00 लाख की राशि स्वीकृति होकर पी.आई.यू रतलाम के कार्यादेश क्र. 783/sac/piu/2018-19/ratlam dated 12.09.2018 द्वारा एजेंसी मेसर्स संजय बागड़ी, उज्जैन म.प्र. के माध्यम के कार्य प्रारंभ हुआ। वर्तमान में फुटिंग कार्य प्रगति पर है एवं इस हेतु कोई भुगतान नहीं किया गया है। प्रश्न दिनांक तक फुटिंग कार्य प्रगति पर है। शेषांश (ख) अनुसार।
अनियमितताओं एवं नियम विरूद्ध कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 2544 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2015 तक के कार्यकाल की अवधि में एवं वर्ष 2015 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि के अंतर्गत नगर परिषद् पिपलौदा जिला रतलाम की अनेक नियम विरूद्ध किये गये कार्यों, भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा नियुक्त ऑडिटर की ऑडिट रिपोर्ट में उपरोक्त दोनों कार्यकालों की अवधि में आयी ऑडिट आपत्तियों के निवारण की क्या-क्या कार्यवाहियां की गईं? (ग) नवीन बस स्टैण्ड पिपलौदा में नियम विरूद्ध अध्यक्ष द्वारा अपने सगे भाई एवं उसकी पत्नी के नाम पर भी नीलाम बोली में नियम विरूद्ध सम्मिलित करवा कर क्रमश: दुकान नं. 11 एवं दुकान नं. 12 बोली स्वीकार कर प्रथम किश्त भी जमा कर आवंटित की तो पद पर रहते हुए अपने सगे भाई एवं उस की पत्नी को जो कि दोनों संयुक्त परिवार के सगे हैं, को किया जाना न्यायोचित है? (घ) वर्ष 2012 में नाला निर्माण हेतु 4.5 लाख रू. की अनियमितता मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना अंतर्गत किये घटिया निर्माण कार्यों का अवैधानिक भुगतान ठेकेदार को करना तथा मुख्यमंत्री पेयजल योजना में घटिया पाईप सामग्री क्रय करना, घटिया निर्माण कार्य पर ठेकेदार को भुगतान करना, अक्षत एण्ड कं. इंदौर से अधिक दरों से 25 लाख रू. की सामग्री क्रय करना, भण्डार नियमों का पालन नहीं करना इत्यादि प्रकार की अनेक अनियमितताएं हुईं, तो शासन/विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) ऑडिट आपत्तियों पर कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) अध्यक्ष द्वारा अपने भाई एवं भाई की पत्नी के नाम पर दुकान क्रमांक 11 एवं 12 आवंटित नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन को जाँच करने के निर्देश दिये गये हैं। जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
मान्यता समाप्ति प्रकरण की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
99. ( क्र. 2583 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोटस वैली स्कूल, औझर जिला बड़वानी की मान्यता समाप्ति का प्रस्ताव कलेक्टर बड़वानी के अनुमोदन से जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रेषित प्रस्ताव की छायाप्रति देवें। (ख) क्या उक्त संस्था की मान्यता समाप्ति प्रकरण भेजने के पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी द्वारा नवीनीकरण मान्यता जारी की गयी? यदि हाँ, तो मान्यता समाप्ति का प्रकरण क्यों भेजा गया एवं नवीनीकरण किस आधार पर किया गया? नियम-निर्देशों की छायाप्रति देवें। (ग) राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा मान्यता समाप्ति प्रकरण को लंबित क्यों रखा गया तथा क्या मान्यता नवीनीकरण प्रमाण-पत्र को भी निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) संबंधित विद्यालय की मान्यता समाप्त न करने के लिये दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है। निर्देश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र/राशिके/आरटीई/84/भोपाल दिनांक 04.01.2019 के द्वारा नियम 11 (7) में दिये गये प्रावधान अनुसार जिले से प्रतिवेदन चाहा गया पत्र की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जिले द्वारा संस्था की जाँच हेतु समिति बनाई जाकर जाँच कराई गई, जिसमें संस्था आर.टी.ई. के नियमों के अनुसार संचालित पाई गई। अतः मान्यता वापस लेने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं है।
गौ-शालाओं निर्माण
[पशुपालन]
100. ( क्र. 2601 ) श्री कमल पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के द्वारा कांग्रेस पार्टी के वचन पत्र अनुसार म.प्र. के प्रत्येक जिलों में गौ-शालाओं का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो हरदा जिले सहित म.प्र. के किस-किस जिले में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में 1 दिसम्बर 2018 के पश्चात गौ-शालाएं निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं की गई, तो क्यों? (ग) म.प्र. के किस-किस जिले की कौन-कौन सी ग्राम पंचायत में गौ-शाला निर्माण हेतु कितनी-कितनी जमीन आवंटित की गई? 1 दिसम्बर 2018 से आज दिनांक तक की स्थिति में जानकारी दें। (घ) म.प्र. के किस-किस जिले में गौ-शाला निर्माण हेतु कितना-कितना बजट प्रदान किया गया? जिलेवार जानकारी दें। क्या गौ-शाला निर्माण हेतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग द्वारा क्रय की गई सामग्री
[वन]
101. ( क्र. 2602 ) श्री कमल पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग हरदा द्वारा 1 जनवरी 2015 से 20 जून 2019 तक किस-किस कार्य हेतु कौन-कौन सी सामग्री किस नियम के तहत खरीदी गई? (ख) उपरोक्त सामग्री किस दर पर खरीदी गई? (ग) क्या विभाग द्वारा सीमेंट पोल एवं चेन लिंक फैंसिंग की खरीदी की गई? यदि हाँ, तो किस दर पर किस कंपनी से कब-कब खरीदी की गई? (घ) सीमेंट पोल, चेन लिंक फैंसिंग एवं अन्य सामग्री की खरीदी में गुणवत्ता की जाँच किस अधिकारी द्वारा कराई गई? जाँच रिपोर्ट का विवरण प्रस्तुत करें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग द्वारा कार्य व सामग्री, भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम, 2015 के तहत खरीदी गई, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन सामग्री की जाँच नियमानुसार लघु उद्योग निगम के प्राधिकृत अधिकारियों/उप-वनमण्डल अधिकारी द्वारा की गई है। जाँचकर्ता अधिकारी का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर तथा जाँच रिर्पोट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
परिसीमन उपरांत निर्माण की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 2618 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका परिषद् इटारसी द्वारा पारित संकल्प क्रमांक-28 दिनांक 23.07.2013 में पारित निर्णय अनुसार इटारसी के वार्ड क्रमांक 13 एवं 14 नये ऐरिया एवं गुजराती भवन वाले क्षेत्र की भूमि पूर्वानुसार न्यास की योजना क्रमांक 01 एवं 02 के अंतर्गत अधिग्रहित भूमि के निवासियों के भवन नामांतरण एवं रिक्त भू-खण्डों के निर्माण की अनुमति दिये जाने का प्रस्ताव दिनांक 01.03.2013 को आयुक्त, नगरीय प्रशासन, भोपाल को भेजा गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वार्ड एवं क्षेत्र नगरपालिका इटारसी के परिसीमन उपरांत अब वार्ड क्रमांक 15 एवं 17 हो गया है? (ग) क्या संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 26744 दिनांक 20.12.17 के संबंध में नगरपालिका इटारसी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 384 दिनांक 18.07.2018 से संयुक्त संचालक को वांछित जानकारी भेज दी है? (घ) क्या नगरपालिका द्वारा पारित संकल्प अनुसार शासन स्वीकृति देगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं अपितु उक्त प्रस्ताव नगरपालिका इटारसी के पत्र क्रमांक नपाई/13/490 दिनांक 01.08.2013 से प्रेषित किया गया था। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं है।
छात्रवृत्ति वितरण एवं अन्य सुविधाओं का प्रदाय
[आदिमजाति कल्याण]
103. ( क्र. 2650 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन के द्वारा विभागान्तर्गत विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिये छात्रवृत्ति के अतिरिक्त और कौन-कौन सी कल्याणकारी योजनायें संचालित हैं? विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कक्षा पहली से बारहवीं तक कितने छात्र/छात्रायें प्रवेशित हैं? विकासखण्डवार एवं वर्गवार छात्रों की संख्या बतायें। कितने छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दी गई है? कितनों को नहीं दी गई है? कब तक छात्रवृत्ति भुगतान की जायेगी? किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के कारण समय से छात्रवृत्ति नहीं मिली? जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रवेशित छात्र/छात्राओं में कितने पात्र छात्र-छात्राएं हैं, जिनको सायकल/गणवेश/पाठ्य पुस्तकें वितरित की गई हैं? जो छात्र-छात्रायें इन सुविधाओं से वंचित हैं उन्हें कब तक उक्त सामग्री उपलब्ध करा दी जायेगी? किन अधिकारियों व कर्मचारियों के कारण उन्हें सायकल/गणवेश एवं पाठ्य पुस्तक समय से नहीं मिली, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) कुसमी विकास खण्ड के अंतर्गत संचालित हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल के वार्षिक परीक्षाफल का प्रतिशत क्या है? विद्यालयवार विगत 3 वर्षों की जानकारी दी जाये। क्या कुछ विद्यालयों के परीक्षा परिणाम शून्य प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक है? ऐसे विद्यालयों में अध्यापन कार्य में लगे हुए शिक्षकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) सीधी जिले के शिक्षण संस्थाओं में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालय में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति के अतिरिक्त अन्य कल्याणकारी योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सीधी जिले में संचालित शिक्षण संस्थाओं में कक्षा 1 से 12वीं तक के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की प्रवेशित, दर्ज संख्या, स्वीकृत छात्रवृत्ति, वितरित छात्रवृत्ति, छात्रवृत्ति न वितरित किये जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही सम्बन्धी जानकारी वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सीधी जिले में प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में प्रवेशित छात्र/छात्राओं को पात्रता अनुसार वितरित की गई सायकल, गणवेश एवं पाठ्य पुस्तकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उक्त सुविधा से वंचित प्रकरण प्रकाश में न आने के कारण अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं है। (घ) सीधी जिले में कुसमी विकासखण्ड अन्तर्गत संचालित हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल के विगत 03 वर्षों के परीक्षा परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। वर्ष 2016-17 में 01 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तथा 10 हाई स्कूलों, वर्ष 2017-18 में 01 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तथा 12 हाई स्कूलों एवं वर्ष 2018-19 में 03 हाई स्कूलों का परीक्षा परिणाम 00 से 30 प्रतिशत रहा है। उक्त में से 06 संस्था प्रमुखों की वेतन वृद्धि रोकी गई है तथा शेष को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाकर प्राप्त उत्तर के परिप्रेक्ष्य में भविष्य में परीक्षाफल सुधार बाबत् सचेत किया गया है।
ग्रीन जोन का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 2676 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना शहर में ग्रीन जोन कहाँ-कहाँ पर बनाये गये हैं? कितने पार्क हैं? कॉलोनाईजरों द्वारा किन-किन जगहों पर पार्क एवं ग्रीन जोन विकसित किये गए हैं? वर्ष 2015 से अब तक पार्कों एवं ग्रीन जोन एरिया पर व्यय राशि सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रीन जोन एवं पार्कों में किन-किन किस्मों के कितने-कितने पौधे कब-कब नगर निगम एवं कॉलोनाईजरों द्वारा लगवाए गए हैं? उनमें से कितने किस-किस किस्म के पौधे बचे हैं एवं कितने नष्ट हो चुके हैं? (ग) पार्कों में शहरवासियों की सुविधा के लिए क्या-क्या प्रबंध किये गए हैं? क्या सभी पार्कों में रोशनी, पेयजल, झूला, पौधों आदि की व्यवस्था उपलब्ध है? यदि हाँ तो इन कार्यों में कितनी राशि कब-कब व्यय की गई है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक सही सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी? व्यय की गई राशि, कराए गए कार्यों की जाँच कब तक कराई जाएगी? (घ) जिन कॉलोनाईजर द्वारा पार्क/ग्रीन जोन तैयार कराए बिना ही कॉलोनियों को विकसित किया गया है? जमीनों को बेचा गया है? ऐसे कॉलोनाईजर के खिलाफ शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
अवैध खनिज निकासी एवं मार्ग निर्माण
[खनिज साधन]
105. ( क्र. 2690 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली में अभी भी रिहन्द नदी एवं मयार नदी के समीप जो प्रधान मंत्री सड़क थी वह पूरी तरह टूट चुकी है, तो क्या इन मार्गों का पुनर्निर्माण कराने हेतु जिला माइनिंग फण्ड से या शासन से बजट देंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या रिहन्द नदी से अवैध रैत निकासी भंडारण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस पर कब तक में रोक लगेगी? जे.सी.बी. मशीनों पर क्या रोक लगाई गई है? क्या रिहन्द जलाशय से अवैध रेत को बंद कराया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक 02 बैढ़न, जिला सिंगरौली (म.प्र.) द्वारा दी गई जानकारी अनुसार रिहन्द नदी एवं मयार नदी के समीप स्थित सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके संधारण का कार्य संविदाकार द्वारा किया जा रहा है। रिहन्द नदी के समीप क्षतिग्रस्त मार्ग का प्राक्कलन तैयार कर जिला कार्यालय को भेजा गया है। शेष मार्ग का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) रिहन्द नदी से अवैध रेत निकासी एवं भंडारण नहीं कराया जा रहा है। जे.सी.बी. मशीनों से खनिज रेत का उत्खनन नहीं किया जा रहा है। रिहन्द जलाशय से खनिज रेत का उत्खनन नहीं हो रहा है।
आवास भत्ता वितरण व्यवस्था
[आदिमजाति कल्याण]
106. ( क्र. 2721 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के द्वारा अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को आवास भत्ता प्रदाय किये जाने के क्या प्रावधान हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) बड़वानी जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 , 2017-18 एवं 2018-19 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने छात्र/छात्राओं के द्वारा आवास भत्ते हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गए थे? प्राप्त आवेदनों में से कितने छात्र/छात्राओं को आवास भत्ते का लाभ दिया गया है एवं कितने शेष हैं? शेष रहने का क्या कारण है? (ग) क्या आवास भत्ता का भुगतान अधिक हुआ है? यदि हाँ, तो कितना भुगतान गलत हुआ है? कितनी वसूली की जा चुकी है? कितनी शेष है? क्या दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जनजाति के 1447 विद्यार्थियों को राशि रूपये 176.96 लाख का दोहरा भुगतान किया गया है, जिसमें से 741 विद्यार्थियों से राशि रूपये 92.31 लाख की रिकवरी की जा चुकी है। शेष 706 विद्यार्थियों की राशि रूपये 84.65 लाख के डी.डी. संबंधित बैंक की शाखाओं से प्राप्त किये जा रहे हैं। आवास सहायता से संबंधित शाखा प्रभारी श्री महेन्द्र कुमार तोरनिया को निलंबित किये जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई है तथा लेखा शाखा प्रभारी श्री डी.एस. आवासे के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है।
अवैध उत्खन्न पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
107. ( क्र. 2732 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की तहसील सारंगपुर अंतर्गत कितनी-कितनी रेत खदान/मुरम खदान उत्खनन हेतु स्वीकृत हैं? उनमें से कितनी खदानों में रेत/मुरम उत्खनन किया जा रहा है तथा कितनी खदानों में अवैध उत्खनन हो रहा है? स्वीकृत खदानों में उत्खनन अनुज्ञा किन-किन ठेकेदारों को दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष स्वीकृत खदानों की नीलामी हेतु विज्ञप्ति कब-कब जारी की गई है? दिनांक/खदानवार अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार रेत खदानों की नीलामी नहीं करने के क्या कारण है? क्या विभागीय अधिकारी की मिलीभगत से अवैध उत्खनन किया जा रहा है? वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने रेत उत्खनन के अवैध प्रकरण बनाकर राशि वसूली की गई? प्रकरणवार राशि की जानकारी से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुविभाग सारंगपुर अंतर्गत प्र.क्रं.1/ए-67/2019-20 के द्वारा कौन सी मिट्टी/मुरम की स्वीकृत खदान से अनुविभाग सारंगपुर द्वारा अवैध मिट्टी/मुरम उत्खनन हेतु राशि वसूली गई? खदान का रकबा एवं सर्वे नं. की जानकारी देते हुये कब मिट्टी/मुरम खदान घोषित की गई? स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो अनुविभाग सारंगपुर द्वारा अवैध प्रकरण बना कर राशि वसूलने पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार खनिज रेत की एक खदान तथा खनिज मुरम की एक खदान स्वीकृत है। इन दोनों में उत्खनन कार्य किया जा रहा है। इनमें से किसी भी खदान में अवैध उत्खनन का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। स्वीकृत खदानों में किसी भी ठेकेदारों को उत्खनन अनुज्ञा नहीं दी गई है। (ख) प्रश्नांश अनुसार नीलामी हेतु विज्ञप्ति नहीं जारी की गई है। (ग) नवीन रेत नियम, 2019 अधिसूचित होने की प्रक्रिया के अंतर्गत है। प्रश्नांश अनुसार विभागीय अधिकारी की मिलीभगत से अवैध उत्खनन किये जाने की स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। वर्ष 2018-19 में कुल 07 अवैध रेत उत्खनन के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, जिनमें प्रकरणवार वसूल की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक खनिज का कोई भी अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश अनुसार ग्राम हाजीपुर के खसरा क्रमांक 16/1 रकबा 0.413 हेक्टेयर से मिट्टी, मुरम के अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया एवं अर्थदण्ड राशि रूपये 50, 000/- वसूल किया गया। अत: प्रश्नांश का शेष भाग उद्भूत नहीं होता।
शिक्षकों की स्थानान्तरण नीति
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 2733 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) . राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के स्थानान्तरण हेतु क्या विभाग द्वारा नीति बनाई जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक लागू होगी? (ख) . वर्ष 2019 में आगर-मालवा जिले में ऑफलाइन स्थानांतरण किये गये वो किस नीति के तहत किये गये? कुल कितने स्थानांतरण किये गये हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में अपने गृह जिले से बाहर अन्य जिलों में पदस्थ शिक्षकों को नई बनने वाली स्थानान्तरण नीति में शामिल किया जायेगा? अगर हाँ तो एक साथ कितने शिक्षकों के स्थानान्तरण किये जा सकेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में अगर नीति बनती है तो प्रत्येक जिले में जिला अंतर्गत कितने व अंतर जिला निकाय (जिले के बाहर) अंतर्गत अधिकतम एक साथ कितने शिक्षकों के स्थानान्तरण किये जा सकेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 दिनांक 22.06.2019 को जारी हो चुकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अध्यापक सवंर्ग को म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें भर्ती नियम 2018 के तहत अध्यापक संवर्ग को नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्त किया गया है। उक्त शिक्षकों के संबंधित निकायों से स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति दिनांक से उक्त शिक्षक सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के तहत विभागीय स्थानांतरण नीति की परिधि में आ गये है एवं उन पर तत्समय से अद्यतन प्रचलित नीतियां लागू हैं। वर्ष 2017-18 में विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति के तहत आगर मालवा जिले में 04 ऑफलाइन स्थानांतरण किये गये हैं। (ग) जी हाँ। विभागीय स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 में स्थानांतरण का प्रावधान है। स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिये प्रतिशत निर्धारित नहीं है तथा प्रशासनिक स्थानांतरण के लिये स्थानांतरण नीति की कण्डिका-5 के अनुसार अधिकतम स्थानांतरण का प्रतिशत निर्धारित है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
109. ( क्र. 2741 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 718 दिनांक 21/2/2019 के उत्तरांश (ख) में जबाव दिया गया है कि अवैध उत्खनन के विरूद्ध दो पोकलेन मशीन एवं एक डम्पर जप्त किया गया था, तो दोनों पोकलेन मशीनों पर अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि अलग-अलग मशीनों पर कितनी-कितना लगायी गयी है? (ख) क्या एक डम्पर उसी रात को जमुनिया से 5 कि.मी. दूर जप्त किया गया? इस डम्पर पर कितना अर्थदण्ड अधिरोपित किया? (ग) पोकलेन मशीनों के साथ कितने और डम्पर जप्त किये गये थे एवं प्रत्येक डम्पर पर कितना-कितना अर्थदण्ड लगाया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार दो पोकलेन मशीन एवं एक डम्पर जप्त किया गया था। दोनों मशीनों पर अर्थदण्ड कुल रूपये 1, 68, 000/- अधिरोपित किया गया था। चूंकि एक ही अवैध उत्खनन के प्रकरण में दोनों मशीनें जप्त की गई थीं, अत: पृथक-पृथक अर्थदण्ड अधिरोपित नहीं किया गया। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश अनुसार कोई डम्पर जप्त नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार पोकलेन मशीनों के साथ एक डम्पर जप्त किया गया था, जिस पर अर्थदण्ड रूपये 1, 74, 000/- अधिरोपित किया गया है।
लम्बित आश्वासन-ध्यानाकर्षण पर कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
110. ( क्र. 2742 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा सत्र फरवरी 2019 की ध्यानाकर्षण सूचना 119 के तथ्यों पर अपर संचालक के खिलाफ कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) मारपीट, महिलाओं से अभद्रता, अनुभव प्रमाण-पत्र, वित्तीय अनियमितता की क्या-क्या शिकायतें/प्रकरण अपर संचालक के खिलाफ लंबित हैं? इन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) डब्ल्यू.पी. 16944/2015 में वर्ष 2015 से चल रहे स्टे को वेकेट कराने के लिये मेन्शन मेमो की कार्यवाही ओ.आई.सी./महाधिवक्ता से कब कराई जायेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय एवं शासन स्तर पर समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) श्री कमलाकर सिंह, शीघ्रलेखक से मारपीट से संबंधित नस्ती विभाग में नस्तीबद्ध की जा चुकी है। श्री अजय जायसवाल, सहायक सांख्यिकी अधिकारी के साथ मारपीट तथा महिलाओं से अभद्र व्यवहार की जाँच प्रचलन में है। कूटरचित अनुभव प्रमाण-पत्र तथा वित्तीय अनियमितता संबंधी प्रकरण भी प्रचलन में है। जिस पर कार्यवाही की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रभारी अधिकारी/महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा स्टे वेकेट कराने का आवेदन लगाया जा चुका है।
तालाब में गंदे नालों का पानी व सीवेज का मिलान
[नगरीय विकास एवं आवास]
111. ( क्र. 2761 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल के बड़े तालाब में प्रश्न दिनांक तक किन-किन गंदे नालों के जरिये घरों, कारखानों से निकला सीवेज सीधे मिल रहा है? कितने नालों और बस्तियों का सीवेज बिना ट्रीटमेंट के तालाब में मिल रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितने राशि के कौन-कौन से प्रोजेक्ट के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कब-कब लगाए गए? क्या ये प्लांट पूरी क्षमता से कार्य कर रहे हैं? यदि नहीं, तो कारण दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत गंदे नालों का पानी सीधे तालाब में न मिले इस हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या उपाए किए जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत तालाब में नालों का पानी सीधे मिलने से तालाब का पानी कितना प्रदूषित हुआ है? प्रश्न दिनांक को तालाब का पानी किस श्रेणी का है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भोपाल के बड़े तालाब में प्रश्न दिनांक तक 18 नालों का सीवेज बिना ट्रीटमेन्ट के मिल रहा है, सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। किसी भी कारखाने से निकला सीवेज बड़े तालाब में नहीं मिल रहा है। (ख) बड़े तालाब में गंदे पानी मिलने से रोकने हेतु भोज वेटलेंड परियोजना के तहत वर्ष 2001 में 04 सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट क्रमश: बड़वई व गोदरमउ लागत राशि रूपये 707.08 लाख, माहोली (दामखेड़ा) लागत राशि रूपये 260.00 लाख एवं कोटरा (भदभदा) लागत राशि रूपये 423.00 लाख के स्थापित किए गये हैं, उक्त चारों सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य कर रहे हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गंदे नालों का पानी सीधे बड़े तालाब में न मिले इस हेतु भारत सरकार की अमृत योजनान्तर्गत बड़े तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में सीवेज नेटवर्क बिछाने, 11 सीवेज पंप हाउसों क्रमश: नीलबड़, बैराकलां-01, बैरागढ़ कलां-02, भैंसाखेड़ी, भौंरी, जमुनिया छीर, सूरज नगर, गरमगड्ढा, खानूगाँव, बेहटा एवं इंद्रानगर तथा 05 सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांटों क्रमश: माहोली दामखेड़ा-35 एम.एल.डी., शिरीन रिवर-05 एम.एल.डी., नीलबड़-06 एम.एल.डी., सूरज नगर-02 एम.एल.डी. एवं जमुनिया छीर-05 एम.एल.डी. का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, साथ ही 09 पुराने पंप हाउसों क्रमश: सीहोर नाका, लाउखेड़ी, खानूगाँव, अहमदाबाद, फतेहगढ़, वर्धमान, तिलक नगर, कोटरा एवं गरमगड्ढा का रिनोवेशन कार्य भी कराया जा रहा है। (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बड़े तालाब की जल की गुणवत्ता का मापन नियमित रूप से किया जाता है। माह जून 2019 में बड़े तालाब की जल गुणवत्ता ''बी'' श्रेणी (बाह्य स्नान योग्य) की पाई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
एम.आई.सी. और परिषद् की मंजूरी के बिना भूमि पूजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 2763 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 5 मार्च 2019 को भोपाल में बैरसिया रोड पर बस स्टैंड निर्माण हेतु भूमि पूजन किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन पदनाम, नाम के व्यक्तियों ने किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त बस स्टैंड का निर्माण नगर निगम भोपाल के द्वारा किया जाना है? यदि हाँ, तो क्या उक्त बस स्टैंड के निर्माण की मंजूरी एम.आई.सी. और परिषद् से हो गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत भूमि पूजन में महापौर और अध्यक्ष को आमंत्रित क्यों नहीं किया गया? इसके लिये जिम्मेदार कौन है? जिम्मेदार के ऊपर क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय श्री गोविन्द सिंह जी, प्रभारी मंत्री, भोपाल, माननीय श्री आरिफ अकील, मंत्री, म.प्र. शासन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास विभाग तथा माननीय श्री जयवर्धन सिंह जी, मंत्री, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, द्वारा भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन में ब्यावरा क्षेत्र के माननीय विधायक, क्षेत्रीय पार्षद सुश्री नाजमा अंसारी तथा अन्य पार्षद भी उपस्थित थे। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) भूमि पूजन कार्यक्रम नगरपालिक निगम भोपाल द्वारा कराया गया था तथा भूमि पूजन की शिला पट्टिका पर माननीय महापौर, नगरपालिक निगम, भोपाल तथा आयुक्त, नगरपालिक निगम भोपाल अंकित किया गया था। नगरपालिक निगम, भोपाल द्वारा कराये जाने वाले भूमि पूजनों में नगरपालिक निगम द्वारा ही आमंत्रण दिये जाते हैं। चूंकि वर्तमान कार्यक्रम नगरपालिक निगम भोपाल का स्वयं का आयोजन था, इसलिए पृथक से महापौर, अध्यक्ष को आमंत्रण नहीं दिया गया था न ही आमंत्रण पत्र छपवाए गए थे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूलों में शौचालयों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 2764 ) श्री विश्वास सारंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के ऐसे कौन-कौन से प्रायमरी/मिडिल/हाई स्कूल हैं जहां पर प्रश्न दिनांक तक बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है? कारण सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन स्कूलों की आर्थिक अनियमितताओं की क्या-क्या शिकायतें 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई हैं? शिकायतवार, स्कूलवार जानकरी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या प्रश्न दिनांक तक शिकायतों का निराकरण हो गया है? यदि हाँ, तो स्कूलवार, निराकरणवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो कब तक हो जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत कब तक स्कूल में शौचालयों का निर्माण करा दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भोपाल जिले के समस्त शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों में अलग-अलग बालक व बालिकाओं के लिए शौचालय निर्मित हैं। कुल 35 नवीन शौचालय की मांग नामांकन के अनुसार वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 में की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के संबध में जानकारी निंरक है। (ख) आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शौचालयों का निर्माण वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2019-20 में भारत सरकार से स्वीकृति एवं बजट उपलब्धता पर निर्भर है।
कन्या विवाह कार्यक्रम
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
114. ( क्र. 2775 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के गरीब एवं कमजोर तबके की कन्याओं का विवाह सरकारी व्यवस्था के तहत संपन्न कराया जाता है? इस कड़ी में रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत इस वर्ष कितनी कन्याओं का विवाह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ? विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किन-किन कन्याओं का विवाह कब और कहाँ पर कराया गया है? नाम, पते सहित जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले के विकासखण्ड सिरमौर एवं विकासखण्ड रीवा में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत विधान सभा क्षेत्र सेमरिया तथा रीवा में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में इस वर्ष 137 कन्याओं के विवाह योजनान्तर्गत सम्पन्न कराये गये हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 2776 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत नगर पंचायत सेमरिया में कन्या हायर सेकेण्डरी विद्यालय संचालित हैं तथा यहां एक विद्यालय पुराने स्थान में तथा एक अन्य कन्या हा.से. विद्यालय नवीन भवन में संचालित है? क्या नवीन भवन के पास करीब 2.50 एकड़ शासकीय जमीन है एवं क्या इस शासकीय जमीन में एक अन्य भवन का निर्माण कर दिया जाये तो दोनों विद्यालय एक ही स्थान में संचालित हो सकते हैं? यदि हाँ तो क्या सरकार इस नवीन भवन से लगी शासकीय जमीन में अतिरिक्त निर्माण करवाकर छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु दोनों विद्यालयों को एक साथ संचालित कराएगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सरकार कब तक दोनों विद्यालयों को एक ही स्थान में संचालित कराएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, अधोसंरचना की कमी के कारण कक्षाएं दो भवनों में संचालित होती है। विद्यालय एक ही है। यह भूमि शिक्षा विभाग को आवंटित नहीं है। अतः शेषांश उपस्थित नहीं होता। (ख) स्कूल भवन की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
वन विभाग के कार्यों की जानकारी
[वन]
116. ( क्र. 2779 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16, 16-17, 17-18 व 18-19 में मंडला जिले के पूर्व सामान्य वन मंडल, पश्चिम सामान्य वन मंडल, मोहगाँव प्रोजेक्ट, उत्पादन वन मंडल एवं कान्हा नेशनल पार्क में शासन द्वारा कितनी राशि प्रदाय की गई एवं उक्त प्रदाय राशि से क्या-क्या कार्य किये गए? (ख) पूर्व सामान्य व पश्चिम सामान्य वनमंडलों में उपरोक्त वर्षों में कितने क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया? किस-किस कक्ष में कितने वृक्ष लगाये गए एवं कौन-कौन सी प्रजाति के वृक्ष लगाये गए? उनमें से कितने वृक्ष वर्तमान में जीवित हैं? कक्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त वर्षों में विदोहन कूपों में कौन-कौन से कार्य कराये गए? प्रत्येक कार्य की लागत, पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) जिले के वन ग्रामों में उपरोक्त वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये गए? कार्यों के नाम, लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। कुल कितनी राशि वन ग्रामों में कार्यों हेतु प्रदाय की गई? वन सुरक्षा समिति/ग्राम वन समिति/वन विकास अभिकरण समितियों को वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक काष्ठ लाभांश की कितनी राशि प्रदाय की गई है एवं उसका व्यय कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में किया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रदत्त राशि से पुनरूत्पादन कार्य, पुनर्स्थापना कार्य, वृक्षारोपण, रोपणी प्रबंधन, वन्यप्राणी क्षेत्रों का प्रबंधन, वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा, वन अधोसंरचना निर्माण आदि कार्य कराये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वन ग्रामों में कार्यों हेतु पृथक से कोई राशि प्रदाय नहीं की गयी, अपितु वन ग्रामों की वन समितियों को प्राप्त लाभांश की राशि से कार्य कराये गये जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4.1 अनुसार है। अन्य वन समितियों को प्रदाय राशि, व्यय राशि व उनसे कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4.2 अनुसार है।
रेत खदान एवं भण्डारण
[खनिज साधन]
117. ( क्र. 2801 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में कहाँ-कहाँ पर रेत खदाने हैं? उक्त रेत खदानों में से किन-किन रेत खदानों पर वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर किस-किस के द्वारा संचालन किया जा रहा है? (ख) जिल छतरपुर में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ-कहाँ पर किस-किस को रेत डम्प करने के आदेश जारी किये गये थे? उक्त आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) जिला छतरपुर में अवैध रेत डम्प एवं अवैध रेत खदानों की वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उक्त शिकायतों का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या उक्त शिकायतों पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) जिला छतरपुर में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर अवैध रेत के डम्पर को जप्त किया गया है? अवैध रेत खदानों का संचालन करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कार्यवाही क्यों नहीं की?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में स्वीकृत रेत खदानों की जानकारी एवं उक्त रेत खदानों में से वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक संचालित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नाधीन जिले में अवैध रेत डम्प एवं अवैध रेत खदानों की वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ड.) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक जप्त अवैध रेत के डम्पर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। अवैध रेत खदानों का संचालन करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है।
पत्थर/गिट्टी की खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
118. ( क्र. 2803 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के विधान सभा क्षेत्र चंदला में पत्थर/गिट्टी की खदानें किन-किन स्थानों पर स्थित हैं? उक्त खदानों का किन-किन के द्वारा संचालन किया जा रहा है? पूर्ण पता सहित उल्लेख करें। (ख) उक्त खदानों में से किन-किन खदानों से क्रेशर मशीन द्वारा गिट्टी तोड़ाई का कार्य किया जा रहा है? (ग) पर्यावरण संरक्षण एवं आस-पास के मकानों को क्षति से बचाने के लिए क्रेशर मालिकों को शासन के किन-किन नियमों का पालन करना आवश्यक है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या क्रेशर मालिकों द्वारा शासन के नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? इनके विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गयी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 तथा मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2006 के प्रावधान तथा निष्पादित अनुबंध की शर्तों का पालन करना आवश्यक है। (घ) नियम के प्रावधान अथवा निष्पादित अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
वनों के विकास की योजनाएं
[वन]
119. ( क्र. 2814 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2014 की स्थिति से विदिशा जिले के उप मण्डल सिरोंज के वन परिक्षेत्र उत्तर लटेरी, वन परिक्षेत्र दक्षिण लटेरी, वन परिक्षेत्र सिरोंज में वनों के विकास के लिए किन-किन योजनाओं/मदों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है? क्या-क्या कार्य किये गये हैं? इन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है तथा कितनी शेष है? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? कार्य के अनुसार विस्तृत जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उप वनमण्डल सिरोंज, वन परिक्षेत्र उत्तर लटेरी, वन परिक्षेत्र दक्षिण लटेरी, वन परिक्षेत्र सिरोंज में किन-किन बीटों में कितना-कितना वृक्षारोपण किया गया है? इस हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? कितनी खर्च हुई? वर्तमान में किये गये वृक्षारोपण में से कुल कितने वृक्ष जीवित हैं? वन परिक्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) बिगड़े वन सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत क्या-क्या कार्य किये जाते हैं? प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कौन-कौन से क्षेत्र सम्मिलित किए गए हैं? कितनी हेक्टेयर भूमि में बिगड़े वन सुधार कार्यक्रम संचालित हैं? इनमें क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? कार्यों की अद्यतन प्रगति क्या है? स्वीकृत कार्य अनुसार जानकारी दें। (घ) विगत 3 वर्षों में वन विभाग के वृक्षारोपण/बिगड़े वन सुधार व अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन का निरीक्षण/परीक्षण वन संरक्षक विदिशा/संभागीय वन संरक्षक और विभाग से संबंधित प्रदेश स्तर के अधिकारियों द्वारा कब-कब, किन-किन तिथियों को किया गया है? क्या C.F./C.C.F. को अपने क्षेत्र में निरीक्षण/परीक्षण हेतु विभाग के सामान्य निर्देश हैं फिर भी C.F./C.C.F. उक्त वन मण्डलों में भ्रमण और निरीक्षण हेतु क्यों नहीं जाते हैं? यदि गए हैं, तो तिथिवार/स्थलवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, जो वृक्षारोपण किया गया है उसकी जीवितता की पुन: जाँच की जा रही है। (ग) बिगड़े वनों के सुधार के अन्तर्गत क्षेत्र में ठूंठ ड्रेसिंग, सिंगलिंग कार्य, विकृत पौधा कटाई, भू-जल संरक्षण इत्यादि के कार्य कराये जाते हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। वन संरक्षक एवं मुख्य वन संरक्षक को अपने क्षेत्र में निरीक्षण/परीक्षण हेतु निर्देश हैं तथा उनके द्वारा भ्रमण एवं निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 2815 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से विदिशा जिले के नगरपालिका सिरोंज एवं नगर पंचायत लटेरी में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत कितने आवास कितने चरण में स्वीकृत किये गए? प्रत्येक चरण के अनुसार वार्ड अनुसार हितग्राही के नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। इन स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है एवं पात्र हितग्राहियों को स्वीकृत राशि 2, 50, 000 रूपये में से कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है एवं कितनी राशि हितग्राही को देना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि प्रधानमंत्री आवास की शेष राशि अभी तक भुगतान नहीं की गई है तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई और कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में नगरपालिका सिरोंज एवं नगर पंचायत लटेरी में प्रधानमंत्री आवास में द्वितीय चरण के स्वीकृति आदेश कलेक्टर विदिशा को किस तिथि को प्राप्त हुए हैं एवं कलेक्टर विदिशा द्वारा किस तिथि को दोनों नगरीय निकायों को आदेश जारी किए गए हैं? क्या लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पूर्व ही आदेश जिला कार्यालय में प्राप्त हो गए थे किन्तु आदेश जारी करने में विलंब किया गया है। अभी तक आदेश जारी नहीं किये जाने के लिए दोषी कौन है? आदेश जारी होने की, राज्य शासन संचालनालय, जिला प्रशासन एवं नगरीय प्रशासन को आदेश प्राप्त होने की तिथि एवं आदेशों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में चरणवार, निकायवार स्वीकृत आवासों की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
जिला |
निकाय |
चरण |
स्वीकृत आवास |
वर्ष 2016 से |
विदिशा |
नगरपालिका सिरोंज |
प्रथम |
685 |
द्वितीय |
457 |
|||
तृतीय |
882 |
|||
नगर पंचायत लटेरी |
प्रथम |
127 |
||
द्वितीय |
606 |
चरणवार, वार्डवार, हितग्राही के नामवार, आवास निर्माण की स्थिति, भुगतान की गई राशि, शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मार्गदर्शी सिद्धांत के प्रावधान अनुसार बी.एल.सी घटक में आवासीय इकाई का निर्माण हितग्राही द्वारा किया जाता है। एक निश्चित स्तर तक आवास के निर्माण के पश्चात आगामी किश्त का भुगतान किया जाता है। अंतिम किश्त की राशि (20 प्रतिशत) परियोजना निर्माण पूर्ण होने पर भारत सरकार द्वारा मुक्त की जाती है। किसी के दोषी अथवा कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में नगरपालिका सिरोंज में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के द्वितीय चरण में हितग्राहियों की सूची अनुमोदन हेतु अनुविभागीय अधिकारी पत्र क्रं. 104 दिनांक 16.01.2018 को प्रेषित की गई। जिसके परिप्रेक्ष्य में दिनांक 20.02.2018 को कलेक्टर विदिशा द्वारा हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन किया गया हैं एवं नगर पंचायत लटेरी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के द्वितीय चरण में हितग्राहियों की सूची अनुमोदन हेतु अनुविभागीय अधिकारी को पत्र क्रं. 117 दिनांक 22.01.2018 को प्रेषित की गई। जिसके परिप्रेक्ष्य में दिनांक 23.03.2018 को कलेक्टर विदिशा द्वारा हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन किया गया है। जी हाँ, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पूर्व हितग्राहियों की सूची अनुमोदन के प्रस्ताव जिला कार्यालय में प्राप्त हो गये थे एवं उनका अनुमोदन भी जारी किया गया। स्वीकृत आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल के भवन
[स्कूल शिक्षा]
121. ( क्र. 2828 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान व रीवा जनपद पंचायत (गुढ़ विधान सभा) क्षेत्र में कितने हायर सेकेण्डरी और कितने हाई स्कूल हैं? कितने स्कूलों के पास भवन है और कितने भवन विहीन हैं? क्या रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत की शासकीय हाई स्कूल बरहदी का भवन दो तीन वर्षों से बना हुआ है? यदि हाँ, तो क्या विद्यालय उस भवन में संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? दोषी के खिलाफ क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों? क्या विद्यालय पूर्ण हो चुके भवन में संचालित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या रीवा जिले सहित पूरे प्रदेश में ई.जी.एस. प्राथमिक शालायें बन्द की गई हैं? यदि हाँ, तो रीवा जिले में कुल कितनी शालायें बन्द की गई हैं तथा उन शालाओं के कितने शासकीय भवन बने थे? उन भवनों में कितनी राशि खर्च की गई? अब उक्त भवनों का इस्तेमाल कहाँ किया जा रहा है? उनका रख-रखाव कौन करेगा? क्या उन भवनों की कोई कार्य योजना है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) रीवा जिले में कितने हेड स्टार्ट केन्द्र संचालित हैं? उन केन्द्रों के संचालन में शासन द्वारा सहायता प्रदाय की जाती है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान व रीवा जनपद पंचायत (गुढ विधान सभा) क्षेत्र में कुल 15 हाई स्कूल एवं 16 हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं। 05 हाई स्कूल एवं 01 हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन विहीन हैं। जी हाँ। जी हाँ। शैक्षणिक सत्र 2019-20 से। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, अपितु एक ही परिसर में संचालित शालाओं का निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत युक्तियुक्तकरण का प्रावधान है। रीवा जिले में 782 ई.जी.एस. प्राथमिक शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया, इनमें से 740 शालाओं के शासकीय भवन निर्मित थे। इन भवनों के निर्माण पर राशि रू. 1344.721 लाख राशि व्यय की गई, रिक्त भवनों के उपयोग के लिये संबंधित ग्राम पंचायतों को सौंप कर उनके रख-रखाव के निर्देश दिए गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 59 हेड स्टार्ट केन्द्र संचालित है। जी नहीं, हेड स्टार्ट केन्द्रों का संचालन विद्यालय स्तर से किया जाता है।
अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम
[खनिज साधन]
122. ( क्र. 2829 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौण खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन की सख्ती से रोक थाम हेतु प्रमुख सचिव म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग द्वारा म.प्र. के समस्त कलेक्टरों को भेजे गये पत्र क्रमांक-19, 7/2017/12 दिनांक 22-06-2018 द्वारा निर्देश जारी किया था? यदि हाँ, तो प्रपत्र 'अ' में सचांलक भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल को भेजे गये प्रतिवेदन में रीवा की जानकारी प्रशासन के आदेश दिनांक से अप्रैल 2019 तक की देवें। (ख) क्या जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाये जाने के लिये टास्क फोर्स का गठन किया है? क्या जिला स्तरीय कलेक्टर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक प्रति माह होती है? यदि हाँ, तो रीवा जिलान्तर्गत आदेश दिनांक से अप्रैल 2019 तक कितनी बैठकें आयोजित की गई? उस पर अवैध उत्खनन परिवहन से संबंधित क्या कार्यवाही की गई एवं कितने प्रकरण राज्य स्तरीय टास्क फोर्स को भेजे गये? भेजे गये समस्त प्रकरणों की जानकारी प्रदान की जाये। (ग) क्या अवैध उत्खनन व परिवहन की रोकथाम के लिये संभागीय उड़नदस्ता गठित किया गया है? उड़नदस्ता द्वारा संभाग स्तर पर वर्ष 2017 से अप्रैल 2019 तक कितने अवैध उत्खनन परिवहन व अवैध क्रेशर भंडारण में कितने लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? रीवा संभाग की जानकारी प्रदान करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। टास्क फोर्स की बैठक कलेक्टर के निर्देशानुसार आयोजित की जाती है। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स को प्रकरण भेजे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
जैव विविधता एवं लघु वनोपज के प्रावधान
[वन]
123. ( क्र. 2847 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जैव विविधता एवं लघु वनोपज के संबंध में भारतीय वन अधिनियम 1927, मध्य प्रदेश वनोपज व्यापार विनियमन 1969, संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 की किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? (ख) हर्रा, बेहड़ा, आंवला, सागौन बीज एवं धावड़ा गोंद के संग्रहण, विपणन, भंडारण एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाए जाने के क्या-क्या प्रावधान प्रश्नांश (क) में दिए हैं? किस-किस कानून की किस-किस धारा में वनमंडलाधिकारी को प्रदान किए गए हैं? (ग) हर्रा, बेहड़ा, आंवला, सागौन बीज, धावड़ा गोंद को लघु वनोपज के स्थान पर जैव विविधता माने जाने का प्रावधान किस कानून की किस धारा में दिया गया? उस कानून में प्रतिबंध लगाने के अधिकार वनमंडलाधिकारी को किस-किस धारा में दिए गए हैं? (घ) धावड़ा गोंद का उत्पादन केमिकल से किए जाने के संबंध में वन विभाग को किस-किस प्रयोगशाला से किस दिनांक को रिपोर्ट प्राप्त हुई है? प्रति सहित बताएं।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 76 (घ) में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम 2005 बनाये गये हैं, जिसके नियम 3 में राज्य शासन को सरकारी वनों से वन उपज के पोषणीय संग्रहण या निष्कर्षण को सुनिश्चित करने हेतु ऐसे कदम उठाने की शक्ति प्राप्त है, जो जैव विविधता के संरक्षण एवं वनोपज की पोषणीय कटाई को सुनिश्चित कर सकें। मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 की धारा 5 से 11 तक में अधिसूचित क्षेत्र में विनिर्दिष्ट लघु वनोपज के संग्रहण एवं व्यापार के विनियमन का प्रावधान किया गया है। पंचायत उपबन्ध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा कानून) के अंतर्गत धारा 4 (ड.) (ii) के अधीन लघु वनोपज का स्वामित्व ग्राम सभा को दिया गया है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) (ग) में गौण वन उत्पादों के, जिनके गाँव की सीमा के भीतर या बाहर पारम्परिक रूप से संग्रह किया जाता रहा है। स्वामित्व संग्रह करने के लिए पहुँच और व्ययन करने का वन अधिकार दिया गया है। (ख) मध्यप्रदेश वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम 2005 नियमों के नियम 4 में निषिद्ध मौसम घोषित करने की शक्ति, नियम 5 में निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने की शक्ति, नियम 6 में पोषणीय कटाई सीमा विहित करने की शक्ति, नियम 7 में पोषणीय कटाई पद्धति विहित करने की शक्ति राज्य सरकार या प्राधिकृत अधिकारी को दी गई है, जिसके लिए उक्त नियम के नियम, 2 (ख) में प्रदत्त शक्तियों को उपयोग कर राज्य सरकार ने वनमंडलाधिकारियों ने अधिकृत किया है। (ग) प्रश्नाधीन वनोत्पादन जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 2 (ख) एवं (ग) में क्रमश: जैव विविधता व जैव संसाधन के रूप में परिभाषित है। जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 7, 23 (बी), 24 (2) एवं मध्यप्रदेश जैव विविधता नियम, 2004 के नियम 17, 18 एवं 19 के अंतर्गत जैव संसाधनों का व्यापारिक उपयोग हेतु भारतीय मूल के व्यक्ति और संस्थाओं को रेगूलेट करने का अधिकार मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को है। मध्यप्रदेश वन उपज (जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई) नियम, 2005 के तहत वनमंडलाधिकारी विभिन्न लघु वनोपजों के संरक्षण एवं वनोपज की पोषणीय कटाई को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रतिबंध लगा सकते हैं। (घ) प्रश्नाधीन रिपोर्ट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान
[खनिज साधन]
124. ( क्र. 2849 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में जिला खनिज प्रतिष्ठान का गठन कब किया गया? इसमें किस-किस खनिज रॉयल्टी की या अन्य कितनी राशि जमा करवाए जाने का प्रावधान है? इसके तहत प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी राशि जमा करवाई गई? जिलेवार बताएं। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा करवाई जाने वाली राशि में से कितनी-कितनी राशि किन-किन क्षेत्रों में किन-किन कार्यों पर खर्च की जा सकती है? इस संबंध में शासन ने क्या प्रावधान एवं प्रक्रिया किस दिनांक को जारी की है? प्रति सहित बताएं। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान में दी गई राशि के ऑडिट की क्या व्यवस्था है? इस राशि के दुरूपयोग या अपव्यय या अन्य कार्यों पर खर्च किए जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार एवं दोषी माना जाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदेश के समस्त जिलों में जिला खनिज प्रतिष्ठान का गठन दिनांक 15.05.2015 को किया गया है। भारत सरकार द्वारा एम.एम.डी.आर. एक्ट, 1957 में दिनांक 12.01.2015 को संशोधन किया गया है। संशोधित अधिनियम के अनुसार दिनांक 12.01.2015 के पूर्व स्वीकृत मुख्य खनिज के पट्टेदारों से देय रॉयल्टी राशि का 30 प्रतिशत एवं दिनांक 12.01.2015 के बाद स्वीकृत मुख्य खनिज के पट्टेदारों से देय रॉयल्टी का 10 प्रतिशत जमा कराया जाना प्रावधानित है। जिलावार जमा राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा अधिसूचना दिनांक 17.09.2018 से रेत खनिज पर रूपये 50/- प्रति घन मीटर जिला खनिज प्रतिष्ठान लागू किया गया है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि में से राशि खर्च किये जाने के संबंध में भारत सरकार, खान मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके अनुसार जमा राशि का 60 प्रतिशत राशि उच्चतम प्राथमिकता एवं 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता में खर्च किया जाना प्रावधानित है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत राज्य सरकार द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 अधिसूचित किये गये हैं। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि के ऑडिट के संबंध में राज्य शासन स्तर से कलेक्टर को चार्टड अकाउन्टेंट के माध्यम से ऑडिट कराये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। महालेखाकार द्वारा भी ऑडिट का प्रावधान है। इस राशि के दुरूपयोग या अपव्यय आदि पाये जाने पर राज्य शासन के प्रचलित नियमों के तहत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है।
संचालित स्कूल एवं रिक्त पदों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
125. ( क्र. 2855 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस शासकीय स्कूल में किस-किस विषय के कितने शिक्षकों की कब से कमी हैं? (ख) उक्त शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस ग्राम में कितने शासकीय और कितने प्राइवेट स्कूल हैं? क्या सभी स्कूल नियम और शासन की शर्तों अनुसार पात्र हैं और सुचारु रूप से संचालित हो रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) धार जिले में शिक्षा विभाग अंतर्गत बदनावर विधान सभा क्षेत्र में कुल 142 शासकीय उ.मा.वि./हाई स्कूल/माध्यमिक एवं प्राथमिक स्तर के स्कूलों में कुल 390 शिक्षकों की कमी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) पदपूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में ग्रामवार 17 उ.मा.वि., 14 हाई स्कूल, 107 माध्यमिक एवं 272 प्राथमिक कुल 410 शासकीय और 94 प्राइवेट स्कूल है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। सभी स्कूल शासन नियम एवं शर्तों के अनुसार सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 2856 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान सत्र में कितने शासकीय स्कूलों का उन्नयन हुआ है और कितने स्कूल कहाँ-कहाँ उन्नयन हेतु प्रस्तावित हैं? (ख) क्या ग्राम अनारद, तहसील धार में हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो कब स्वीकृत करके प्रारम्भ कर दिया जावेगा? (ग) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में कितने स्कूल भवन विहीन हैं और कितने स्कूलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है तथा कब तक करवा दी जावेगी? स्कूलवार, ग्रामवार, संपूर्ण जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2019-20 में माध्यमिक शाला से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन हेतु जिलों से प्रस्ताव प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बदनावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला मुसावदा, शासकीय हाई स्कूल खेडा, शासकीय कन्या हाई स्कूल कोद, शासकीय हाई स्कूल भरतगढ, शासकीय हाई स्कूल मुरडका, शासकीय हाई स्कूल पडुनिया, शासकीय हाई स्कूल धमाना एवं शासकीय उ.मा.वि. ढोलाना भवन विहीन हैं। समस्त शालाओं में पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय पट्टे का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 2864 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र में शासकीय भूमि पर वर्षों से निवासरत रहवासियों को आवासीय पट्टे देने हेतु नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी देवें। (ख) विगत वर्षों में शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ नगरीय क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों को आवासीय पट्टा देने हेतु क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। (ग) नगरीय क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक आवासीय पट्टे देने की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं होने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (ख) कब तक आवासीय पट्टे वितरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नियम एवं प्रक्रिया मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 एवं मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-1-6/2013/18-3 दिनांक 29.04.2013 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत वर्षों में नगर परिषद् सीतामऊ द्वारा आवासहीनों का संयुक्त सर्वे वर्ष 2018 में किया गया था, जिसमें 104 आवेदन प्राप्त हुए थे। उक्त आवेदन में से 80 व्यक्ति पात्र पाये गये। नगर परिषद् सुवासरा द्वारा आवासहीनों का संयुक्त सर्वे 2018 में किया गया था, जिसमें 275 आवेदन प्राप्त हुए थे। उक्त आवेदन में से 86 व्यक्ति पात्र पाये गये। नगर परिषद् शामगढ़ में 146 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 61 पात्र हितग्राहियों को पट्टे वितरित कर कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। (ग) नगर परिषद् सुवासरा एवं नगर परिषद् सीतामऊ में आबादी क्षेत्र की भूमि का नौईयत परिवर्तन की कार्यवाही एवं वर्ष 2018 में विधान सभा, वर्ष 2019 में लोक सभा निर्वाचन की आचार संहिता होने के कारण तथा आवासहीनों के सर्वे में भिन्नता होने से आवासहीनों को पट्टे वितरण की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी। शामगढ़ में पट्टा वितरण की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। (घ) नगर परिषद् सुवासरा एवं नगर परिषद् सीतामऊ में आवासहीनों को शीघ्र पट्टे वितरण की कार्यवाही की जायेगी।
जल आवर्धन योजना की शिकायत
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 2865 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतामऊ जल आवर्धन योजना की कोई शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा जाँच की गई? अधिकारी का नाम, पद, दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अधिकारियों द्वारा की गई जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ग) क्या जाँच में योजना को सही पाया गया है या कमियां पाई गई एवं क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्तमान में जल आवर्धन योजना से सम्पूर्ण शहर में पेयजल उपलब्ध है? यदि हाँ, तो कितने दिनों में पानी सप्लाई किया जा रहा है? स्थानों एवं वार्डों के नाम सहित जानकारी देवें तथा वंचित स्थानों एवं वार्डों के नाम भी बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 27.12.2017 को जाँच समिति जिसमें श्री सुरेश सेजकर, अधीक्षण यंत्री, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल, श्री गजानंन चौहान, कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास इन्दौर संभाग, श्री प्रदीप निगम, नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग शामिल थे, के द्वारा जाँच की गई। (ख) जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच में कमियां पाई गई है। उल्लेखित बिन्दुओं पर ठेकेदार प्राची इन्फ्रास्ट्रक्चर को सूचना पत्र क्रमांक 241/19 दिनांक 22.2.19 एवं पत्र क्रमांक 419 दिनांक 26.3.19 तथा पत्र क्रमांक 504/19 दिनांक 10.5.19 जारी कर कमियों को दुरूस्त करवाया गया है। (घ) जी हाँ। ग्रीष्म ऋतु में स्रोत में उपलब्ध जल से 1 दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जा रहा है। वार्ड क्रमांक 01 से 15 के सदर बाजार, ओदम्बर घाटी, मार्केट गली, व्यास घाटी, खाती मोहल्ला, क्लब गली, पोस्ट ऑफिस गली, राम मोहल्ला, माली मोहल्ला, व्यास मोहल्ला, भोई मोहल्ला, रतनकुण्ड गली, पानपुरीया मोहल्ला, बलाई मोहल्ला, अस्तर घाटी, पीरमदार गली, तालाब चौक, कसाब गली, कयामपुर दरवाजा, तीतरोद दरवाजा, मोडीमाताजी रोड, बस स्टेण्ड आदि स्थानों में जल प्रदाय किया जा रहा है, किन्तु नवनिर्मित कॉलोनियां एवं वार्ड क्रमांक 15 में पटवारी कॉलोनी, वार्ड क्रमांक 1 में सिद्धी विनायक श्रीधर कॉलोनी, वार्ड क्रमांक 14 में कोटेश्वर कॉलोनी, काशी नगरी आदि कॉलोनियों में पाइप लाइन नहीं होने के कारण जलप्रदाय नहीं किया जा रहा है।
शिक्षकों को क्रमोन्नति/पदोन्नति का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
129. ( क्र. 2873 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा 12 एवं 24 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर क्रमोन्नति व पदोन्नति का लाभ दिये जाने का प्रावधान है तथा क्या स्वीकृत पदों के पचास प्रतिशत पदों की पूर्ति पदोन्नति के माध्यम से किये जाने के नियम है? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक क्या पचास प्रतिशत पदों पर पूर्ति पदोन्नति के माध्यम से की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन शिक्षक/अध्यापकों को उक्त अवधि में पदोन्नति का लाभ दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत दिसम्बर 2016 से प्रश्न दिनांक तक शासन नियमानुसार शिक्षक/अध्यापकों को क्रमोन्नति का लाभ प्रदान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन शिक्षक/अध्यापक हैं, जो कि क्रमोन्नति के लाभ से वंचित है तथा कब तक उक्त शिक्षक/अध्यापकों को क्रमोन्नति का लाभ प्रदान कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 12 एवं 24 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर शिक्षक/अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। पदोन्नति हेतु 12 एवं 24 वर्ष की अवधि पूर्ण होना आवश्यक नहीं है, जी हाँ। स्वीकृत पदों के 50 प्रतिशत पदों की पूर्ति पदोन्नति के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। राजगढ़ जिले में वर्ष 2014-15 में 120 सहायक अध्यापक से अध्यापक एवं वर्ष 2015-16 में 75 शिक्षक से प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) राजगढ़ जिलान्तर्गत दिसम्बर 2016 से प्रश्न दिनांक तक 26 सहायक अध्यापक/अध्यापक को क्रमोन्नति का लाभ प्रदान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। इन अध्यापकों को क्रमोन्नति दिये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है, इन्हें नियमानुसार शीघ्र लाभ प्रदान कर दिया जायेगा। 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ प्रदान किया जा चुका है।
नियम विरुद्ध कार्यालय भवन का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 2877 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका निगम कटनी द्वारा अपने स्वयं के, म.प्र. भूमि विकास नियमों एवं नगर तथा ग्राम निवेश एवं खुले क्षेत्र के प्रावधानों के नियमों का उल्लंघन कर कार्यालय स्थल के मार्ग को बंद करते हुए, कन्या महाविद्यालय की बाउंड्री से सटाकर, एक भवन का निर्माण किया जा रहा है एवं इस भवन का प्राक्कलन जानबूझकर अत्यधिक राशि का बनाया गया है? नियमों की जानकारी देते हुए बिन्दुवार विवरण प्रदान करें। (ख) इस भवन को किस के निर्देश पर बनाया जा रहा है एवं सक्षम स्वीकृतिदाता कौन है और नियमों का उल्लंघन करते हुए विधि विरुद्ध निर्माण कार्य के लिए जवाबदार कौन है एवं इन पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) इस निर्माण को लेकर क्या-क्या शिकायतें किस-किस के द्वारा की गई और उनका क्या निराकरण प्रश्न दिनांक तक किया गया? शिकायत, निराकरण कार्यवाही इत्यादि के विवरण सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। कार्यालय स्थल के मार्ग को बंद नहीं किया जा रहा है। मुख्य मार्ग डामर का होकर 29 फीट औसत चौड़ाई में निर्मित है व 15 फीट चौड़ा मेन गेट है। कार्यालय भवन सन् 1934 (लगभग 80 वर्ष) पूर्व से बना हुआ है, अत: मानचित्र म.प्र. भूमि विकास नियमों एवं नगर तथा ग्राम निवेश के प्रावधानों के अनुरूप स्वीकृत नहीं है। कार्यालय भवन की आवश्यकतानुसार समय-समय पर विभिन्न स्थलों पर कार्यालय भवनों का निर्माण/विस्तार कार्य कराया गया है। समस्त कार्यवाहियॉ नगर निगम स्तर से तत्कालीन समय में की गई थी। नये भवन का मानचित्र नहीं बनाया गया है। कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। कार्य का प्राक्कलन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के प्रचलित भवन ISSR 2012 (संशोधित) के आधार पर तैयार किये गये है जो मानक अनुरूप है। (ख) कार्यालयीन स्टाफ की व्यवस्था हेतु एडीशन/आल्ट्रेशन कार्य कराया जा रहा है। जिसकी स्वीकृति महापौर नगरपालिक निगम कटनी द्वारा प्रदान की गई है। कार्य नियमानुसार कराये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त निर्माण को लेकर श्री विकास कुमार बाझल मूल बाजार कटनी से 02 शिकायते प्राप्त हुई है। प्रथम शिकायत दिनांक 06-06-19 को ठेकेदार द्वारा नगरपालिका के पानी का इस्तेमाल निर्माण में किये जाने के संबंध में थी जिस पर ठेकेदार के देयक से 1% राशि काटे जाने की कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। दूसरी शिकायत दिनांक 07-06-19 को ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के संबंध में थी जिस पर ठेकेदार को नोटिस दिनांक 25-06-19 को जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 2879 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर में 2018-19 एवं 2019-20 में शासन-मद से प्राप्त किस-किस अनुदान राशि से निर्माण एवं विकास के कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ किये जा रहे हैं और इन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत निर्माण कार्यों के कार्यादेश कब-कब किए गए? कार्यों को कितनी अवधि में पूर्ण किया जाना था और इन कार्यों के संबंध में शासन के क्या मार्गदर्शी नियम एवं निर्देश हैं? कार्यवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) निर्माण/विकास कार्य किस ठेकेदार कंपनी द्वारा किस-किस तकनीकी अधिकारियों के पर्यवेक्षण में किये जा रहे हैं और कार्यों के प्रभारी और कार्यालय नगरपालिका निगम कटनी के अन्य अधिकारियों द्वारा निर्माण/विकास कार्यों का कब-कब निरीक्षण किया और क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गए? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या निर्माण/विकास के कार्य नियत समयावधि व्यतीत होने के पश्चात भी अब तक अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम, कटनी में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में शासन मद से प्राप्त अनुदान राशि का उपयोग किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) निर्माण कार्या के कार्यादेश एवं कार्य पूर्ण की समय-सीमा की दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम नंबर 7 एवं 8 अनुसार है। निर्माण/विकास कार्य हेतु प्राक्कलन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, भोपाल के आई.एस.एस.आर. के आधार पर प्राक्कलन तैयार किये जाते हैं एवं निगम में स्वीकृत बजट प्रावधान व मैन्युअल के प्रावधानों के तहत सक्षम स्वीकृति प्राप्त की जाकर कार्य कराये जाते हैं। अमृत योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों के लिए शासन द्वारा मार्गदर्शन हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पृथक से निरीक्षण प्रतिवेदन नहीं दिये गये हैं। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
शिक्षक/अध्यापकों का स्थानांतरण एवं संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 2902 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 2018 में शिक्षक/अध्यापक संवर्ग के एक ही विकासखण्ड अथवा एक से दूसरे विकासखण्ड में स्थानांतरण/संविलियन किये गये थे? यदि हाँ, तो इसके लिये क्या नीति बनाई गई थी? यदि नहीं, तो तत्कालीन सी.ई.ओ. जिला पंचायत सिवनी एवं विभाग की सहमति से व्यापक पैमाने पर भारी लेन-देन कर स्थानांतरण क्यों किये गये थे? (ख) क्या प्रदेश में वर्ष 2018-19 हेतु शिक्षकों/अध्यापकों के स्थानांतरण/संविलियन हेतु वही नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उक्त नीति के तहत कब तक शिक्षकों/अध्यापक संवर्ग के एक ही विकासखण्ड अथवा एक से दूसरे विकासखण्ड में स्थानांतरण/संविलियन किये जायेंगे? (ग) यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या उक्त नीति बनाये जाने से शासन को कोई वित्तीय भार आयेगा? यदि हाँ, तो कितना?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अध्यापक संवर्ग के अन्तर्निकाय संविलियन हेतु शासन आदेश दिनांक 10.07.2017 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सिवनी जिले में शिक्षक/अध्यापक संवर्ग के एक ही विकासखण्ड एवं एक से दूसरे विकासखण्ड में स्थानांतरण आदेश जारी किये गये थे, जो कि नीति अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण निरस्त किये गये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के द्वारा जाँच कराई जा रही है। वर्तमान में जाँच प्रचलन में है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2018-19 में अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग में सम्मिलित करने की प्रक्रिया प्रचलित होने से स्वैच्छिक स्थानांतरण होने पर कोई वित्तीय भार शासन पर नहीं आवेगा तथा प्रशासनिक स्थानांतरण करने पर नियमानुसार भत्तों के भुगतान का प्रावधान है।
हितग्राहियों को आवास सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 2903 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की नगरपालिका सिवनी में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू है? यदि हाँ, तो उक्त नगरपालिका में उक्त योजना लागू होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराये गये? संख्या एवं उनके नामों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) पात्र हितग्राहियों को आज दिनांक तक आवास उपलब्ध न कराने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताएं? यदि प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने हेतु परिषद् द्वारा कोई कार्यवाही की गई हो तो जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या सिवनी नगरपालिका को शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदाय लक्ष्य को कम कर दिया गया है? पात्र अनेक हितग्राहियों को बरसात के पूर्व आवास तुड़वा दिये गये हैं और लक्ष्य के अभाव में हितग्राहियों को खुले छत के नीचे निवास करने में मजबूर होना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केन्द्र शासन से प्राप्त लक्ष्य को विभाग द्वारा पूर्ण करने में रूचि क्यों नहीं ली जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। बी.एल.सी. के घटक अंतर्गत 623 हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु राशि उपलब्ध कराई गई। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ए.एच.पी. घटक के अंतर्गत वर्तमान में 116 आवासीय इकाई निर्माणाधीन है। (ख) पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जिससे किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। परिषद् का संकल्प दिनांक 03.08.2018 प्रस्ताव क्र.1 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। लक्ष्य को कम नहीं किया गया है जिससे शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। योजनांतर्गत हाउसिंग फॉर आल प्लान ऑफ एक्शन बनाये जाने हेतु किये गये सर्वेक्षण में 6654 हितग्राही चिन्हित किये गये जिनको 2022 तक आवास उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में ए.एच.पी. घटक में स्वीकृत 852 आवासों में से 116 निर्माणाधीन हैं एवं बी.एल.सी. घटक में 1675 हितग्राहियों के लिये आवास स्वीकृत कराये जा चुके हैं। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में केंद्र शासन से विभाग को कोई लक्ष्य प्राप्त न होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क किनारे खदानों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
134. ( क्र. 2928 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, संभाग में 1 जनवरी 2015 के पश्चात सड़क किनारे कितनी-कितनी खदानों को विभाग द्वारा अनुमति प्रदान की गई तथा क्या इन खदान मालिकों ने उक्त अवधि में पर्यावरण विभाग से अनुमति प्राप्त की है? यदि हाँ, तो पर्यावरण विभाग की अनुमति एवं खनिज विभाग की अनुमति की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में नवीन खदान की अनुमति हेतु किन-किन नियम एवं शर्तों का पालन करना आवश्यक है? नियमों की प्रतिलिपी उपलब्ध कराये। वर्तमान में उक्त संभाग में कहाँ-कहाँ पर सड़क के किनारे खदाने संचालित हो रही हैं? इसको लेकर विभाग को उक्त अवधि में किस-किस व्यक्ति, संस्था ने आवेदन देकर आपत्ति दर्ज कराई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उज्जैन संभाग में ऐसी कितनी खदाने हैं जिस पर लीज की भूमि पर खदान के अलावा अन्य व्यवसाय किया जा रहा है? इनकी सूची उपलब्ध करावें। (घ) उक्त संभाग में उक्त अवधि में ऐसी कितनी खदानें हैं जिसमें लीज की भूमि पर संचालित खदानों को अन्य व्यक्ति फर्म को मंहगे भाव में बेच दिया? क्या यह नीति अंतर्गत है? इसकी जाँच विभाग के अधिकारियों ने कब-कब की? उक्त अवधि में खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा नियम विरूद्ध चल रही किन-किन खदानों पर क्या-क्या कार्यवाही की तथा इनसे कितनी पेनल्टी वसूल कर खदानों को प्रतिबंधित किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सड़क के किनारे खदानों की स्वीकृति के विषय में नियमों में कोई भी विशेष या पृथक प्रावधान नहीं है। सड़कों से निर्धारित दूरी छोड़ने के पश्चात ही उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने के प्रावधान नियमों में है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ख) वर्तमान में नवीन खदान की अनुमति हेतु एम.एम.डी.आर. एक्ट, 1957 एवं मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान एवं उनमें निहित शर्तों का पालन करना आवश्यक है। यह अधिनियम एवं नियम अधिसूचित है। शेष उत्तर प्रश्नांश (क) अनुसार है। (ग) प्रश्नानुसार स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। (घ) उज्जैन संभाग के जिला उज्जैन में एक शिकायत संचालित खदान अन्य व्यक्तियों को देने हेतु प्राप्त हुई है। जो नीतिगत नहीं है। उक्त शिकायत की जाँच गठित (संयुक्त) दल द्वारा दिनांक 13.06.2019 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शेष जिलों द्वारा फर्म को मंहगे भाव में बेचने का मामला प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
खनिज उत्खनन हेतु अनुमति
[खनिज साधन]
135. ( क्र. 2930 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खनिज उत्खनन हेतु अनुमति किन-किन नियमों प्रावधानों के अनुसार किन-किन शर्तों के अधीन कितनी अवधि हेतु प्राप्त होती है? (ख) बहोरीबंद क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से खनिज उत्खनन हेतु किन-किन को कितने उत्खनन क्षेत्र की खनिज पट्टिका कितनी अवधि के उत्खनन हेतु अनुमति प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खनिज खदानों में से कौन-कौन सी वर्तमान समय में क्रियाशील हैं एवं कौन-कौन सी किन कारणों से बंद या अप्रारम्भ हैं? क्या ये सभी खदाने प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी नियमों एवं शर्तों के अधीन कार्यरत हैं? यदि नहीं, तो नियमों का पालन न करने वाले खनिज धारकों के विरुद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित क्रियाशील खदानों के विरुद्ध स्वीकृति क्षेत्र के अतिरिक्त अन्यत्र खनन करने अनुमति बिना ब्लास्टिंग करने तथा स्वीकृति स्थान के अतिरिक्त अन्यत्र ओव्हर वर्डन डंप करने की कौन-कौन सी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई तथा उन पर कब क्या कार्यवाही हुई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में मुख्य खनिज का उत्खनन करने के लिये खनन पट्टा या समेकित अनुज्ञप्ति खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत तथा गौण खनिज के उत्खनन करने के लिये उत्खनन पट्टा/व्यापारिक ठेका खदान/उत्खनन अनुज्ञा पत्र मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के तहत स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। उपरोक्त अधिनियम/नियम अधिसूचित हैं, जिसमें शर्तें/अवधि उल्लेखित हैं। (ख) बहोरीबंद क्षेत्र अंतर्गत उत्खनन हेतु प्रदान की गई अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर - 9 पर कार्यशील खदानें एवं कॉलम नंबर - 10 पर शिथिल खदानों की जानकारी दर्शित है। जिन खदानों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन किया जाना पाया गया, उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर - 9 पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर के प्रकाश में क्रियाशील खदानों के विरुद्ध स्वीकृत क्षेत्र के अतिरिक्त अन्यत्र खनन करने की अनुमति बिना ब्लास्टिंग करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आने के कारण कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथा स्वीकृत स्थान के अतिरिक्त अन्यत्र क्षेत्र पर ओव्हर वर्डन करने की 02 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
गुरुजियों की वरिष्ठता की गणना
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 2932 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पूर्व से कार्यरत गुरुजियों को जिनका संविलियन सहायक अध्यापक के पद पर किया गया था उनके वेतन निर्धारण हेतु लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 01.05.2019 को जारी पत्र द्वारा गुरुजियों की वरिष्ठता की गणना क्रमश: 2008 और 2011 में आयोजित पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण दिनांक से करने हेतु आदेशित किया गया है। (ख) क्या प्रदेश में कार्यरत अन्य संवर्ग शिक्षाकर्मी/संविदा शिक्षक की वरिष्ठता की गणना नियुक्ति दिनांक से की जाकर उन्हें 3-3 वेतन वृद्धियां भी देय हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या शासन उल्लेखित विसंगतियों को दूर करते हुये गुरुजियों को पूर्व दिये गये आश्वासन के अनुरूप प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों के तहत उनकी वरिष्ठता की गणना हेतु दिनांक 01.05.2019 को जारी आदेश में संशोधन करते हुये प्रथम नियुक्ति दिनांक से करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 28.06.2007 से अध्यापक संवर्ग गठन दिनांक 01.04.2007 से किया गया है। इस आदेश की कण्डिका-2.4 (ख) के अनुसार शिक्षाकर्मी संवर्ग में पूर्ण किये गये प्रत्येक 03 वर्ष के पूर्ण कालखण्ड के लिए अध्यापक संवर्ग में एक वेतन वृद्धि का लाभ दिये जाने के निर्देश है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में गौ-शालाओं का संचालन
[पशुपालन]
137. ( क्र. 2947 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 06 माह में प्रदेश में कितनी नई गौ-शालाएं चालू की जा चुकी हैं? (ख) कब तक प्रदेश में प्रत्येक पंचायत में गौ-शाला खोल दी जावेगी? (ग) क्या आवारा पशुओं से ग्रामीण क्षेत्रों की फसलों को बचाने हेतु कृषकों के खेतों में फेंसिंग के लिए शासन/प्रशासन की ओर से अनुदान का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन/प्रशासन स्तर पर आवारा पशु चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र तथा हाईवे के किनारे बैठे पशुओं को संबंधित मालिक या संबंधित गौ-शालाओं में भेजने की क्या व्यवस्था है? इस पर क्या कोई योजना है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) गौ-शाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में चिन्हित गौ-शाला के निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) गौ-शाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में चिन्हित 1000 ग्राम पंचायतों में गौ-शालाओं के निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रत्येक पंचायत में गौ-शाला खोले जाने की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। (ग) वर्तमान में कृषकों के खेतों में फेंसिंग के लिये किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और पशु पालन विभाग द्वारा संचालित कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (घ) वर्तमान में पशु पालन विभाग में ऐसी कोई योजना नहीं है। स्थानीय निकाय एवं स्थानीय स्तर के सहयोग से उनको गौ-शाला में भेजा जाता है।
फर्नीचर खरीदी में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
138. ( क्र. 2950 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कलेक्टर सतना ने अपने आदेश क्र. 3310 दिनांक 09.10.18 द्वारा जिला खनिज मद से लगभग 4 करोड़ रूपये स्कूलों को ड्यूल डेस्क फर्नीचर क्रय करने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की थी और इस हेतु कार्य एजेंसी जिला शिक्षा अधिकारी जिला सतना के खाते में राशि अंतरित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त फर्नीचर क्रय करने हेतु दर की उपयुक्तता, गुणवत्ता तथा स्पेसिफिकेशन तय करने हेतु सक्षम कौन था? क्या उक्त मापदंड जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा तय किये गये थे? (ग) भण्डार क्रय नियमों के अनुरूप जिला शिक्षा अधिकारी को किस वित्तीय सीमा तक सामग्री क्रय करने का अधिकार है? क्या जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना ओपन बिड के स्वैच्छिक रूप से दो फर्मों को तय कर सीधे उनको क्रयादेश जारी किया गया? उन फर्मों से सामग्री क्रय की गई और बिना किसी समक्ष स्वीकृति के उन दोनों फर्मों को एक ही दिनांक को चार करोड़ की राशि भुगतान कर दी गई? (घ) क्या जिला शिक्षा अधिकारी को प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार अधिकार प्राप्त है? यदि नहीं, तो तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी सतना को उक्त गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं स्वेच्छा चारिता के आरोप में कब तक निलम्बित कर उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कलेक्टर सतना द्वारा आदेश क्रमांक 3310 दिनांक 01.10.2018 से स्वीकृति जारी की गई। जी हाँ। (ख) कलेक्टर द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी सतना को अधिकृत किया था। जी हाँ। (ग) एवं (घ) आयुक्त राजस्व संभाग रीवा को जाँच हेतु पत्र क्र. 456 दिनांक 08.07.2019 द्वारा प्रकरण में क्रय, प्रक्रिया, एजेंसी के चयन, सामग्री की गुणवत्ता, सामग्री सत्यापन तथा भुगतान प्रक्रिया की जाँच करने का लेख किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
स्थानांतरण आदेश की अवहेलना
[स्कूल शिक्षा]
139. ( क्र. 2952 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री बी.एस. देशलहरा, उप संचालक का प्रशासनिक स्थानांतरण राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ/01-07/2019/20-1, भोपाल दिनांक 08.3.2019 के तहत जिला शिक्षा अधिकारी जिला सतना से संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल में उप संचालक पद पर पदस्थ करते हुए किया गया था, जिसके तहत उन्हें दिनांक 10.3.19 को स्थानांतरित संस्था के लिये मुक्त भी कर दिया गया था परंतु श्री देशलहरा अपनी स्थानांतरित संस्था संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल में आज दिनांक तक उपस्थित नहीं हुए? (ख) क्या कोई शासकीय कर्मचारी बिना किसी सूचना के तीन माह से अधिक समय से अपने कर्तव्य से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रह सकता है, जबकि उक्त अवधि में निर्वाचन आचार संहिता प्रभावशील थी? (ग) क्या कोई शासकीय कर्मचारी स्थानांतरण आदेश का बिना युक्ति संगत कारणों से बिना अनुमति व बिना अवकाश स्वीकृति के गायब रह सकता है? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) का उत्तर नहीं है तो क्या उल्लेखित उक्त उप संचालक को स्वैच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की जावेगी? नहीं तो क्यों? हाँ तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी, नहीं। जी, हाँ। (ग) जी, नहीं। (घ) श्री बी.एस. देशलहरा द्वारा स्थानांतरण के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्र.5601/2019 दायर की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपने अंतरिम आदेश में श्री देशलहरा के अभ्यावेदन के निराकरण हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त अभ्यावेदन का निराकरण करते हुए श्री बी.एस. देशलहरा को उनकी सेवानिवृत्ति दिनांक 31.07.2019 को नियत होने के आलोक में विभाग के आदेश दिनांक 24.06.2019 से वापस जिला शिक्षा अधिकारी, सतना के पद पर पदस्थ किया गया है। श्री देशलहरा की भार-मुक्ति दिनांक 10.03.2019 है। पुनः कार्य पर उपस्थित होने की दिनांक के मध्य की अवधि का निराकरण स्थापित विधि के अनुसरण में किया जाएगा, चूंकि श्री देशलहरा का अभ्यावेदन माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश के अधीन निराकरण हेतु लंबित था, ऐसी स्थिति में श्री बी.एस. देशलहरा के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आवास आवंटन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 2958 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र जिला छतरपुर अंतर्गत नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों के चयन में अपात्रों को आवास दिये जाने के मामले में गत तीन वर्षों में क्या-क्या शिकायतें विभिन्न स्तर पर प्राप्त हुई हैं? (ख) प्राप्त शिकायतों व अनियमितता के मामले में अब तक क्या कोई जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो कब व किसके द्वारा? जाँच निष्कर्षों के आधर पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं है, तो व्यापक स्तर पर हुई अनियमितताओं की जाँच कब तक कराई जावेगी? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 04 नगरीय निकायों में से नगरपालिका परिषद् महाराजपुर, नगर परिषद् हरपालपुर एवं नगर परिषद् गढ़ीमलहरा में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। नगरपालिका नौगाँव में मात्र एक शिकायती आवेदन श्री बाबूलाल जोशी का प्राप्त हुआ था। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जाँच योजना की परियोजना प्रबंधन सलाहकार से कराई गई। (ग) जाँच उपरांत शिकायत निराधार पाई गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एक शाला एक परिसर एवं शाला उन्नयन की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
141. ( क्र. 2962 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक शाला एक परिसर के क्या नियम हैं और कब से लागू है? नियमावली उपलब्ध कराते हुए बतावें कि उज्जैन जिले के समस्त स्कूलों में उक्त नियम का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण बताते हुए सूची उपलब्ध करायें। (ख) उक्त नियम का पालन नहीं करने वाले उन संस्थाओं के एक शाला एक परिसर प्रभारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक? (ग) उज्जैन तहसील में हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूल उन्नयन किये जाने के नवीन प्रस्ताव क्या हैं? पृथक-पृथक शालावार जानकारी प्रदान करते हुये नियमावली उपलब्ध करायें तथा नवीन प्रस्ताव अनुसार शालाओं का उन्नयन कब तक कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। जी हाँ। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2019-20 में शालाओं के उन्नयन के मापदण्डों के अनुरूप परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। शालाओं का उन्नयन निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीणों का विस्थापन
[वन]
142. ( क्र. 2966 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अभयारण्य क्षेत्रों में रहने वाले वन ग्रामों एवं राजस्व ग्रामों के ग्रामीणों के विस्थापन की क्या नीति है? अभी तक कितने ग्रामों का विस्थापन हो चुका है? कितने ग्रामों का विस्थापन प्रस्तावित है? (ख) क्या विस्थापन पश्चात वन विभाग विस्थापित नागरिकों के रोजगार की कोई व्यवस्था करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संरक्षित क्षेत्रों से 179 ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है तथा 110 अन्य ग्रामों का विस्थापन प्रस्तावित है। (ख) संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों का विस्थापन स्वैच्छिक है तथा ग्राम विस्थापन नीति में रोजगार प्रदाय किये जाने हेतु प्रावधान नहीं है।
शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 2967 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की शासकीय शालाओं में कक्षा 11वीं एवं 12वीं में विषयवार गणित, भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी, वाणिज्य के लिये कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे गये हैं? (ख) रहली विधान सभा क्षेत्र में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विषयवार कितने पद स्वीकृत हैं? कितने भरे हैं? (ग) अगर रिक्त है तो कब तक भरे जाएंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति अतिथि शिक्षकों द्वारा एवं पी.ई.बी के माध्यम से माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के उपरांत नियोजन की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वृद्धावस्था पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
144. ( क्र. 2972 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने अपने वचन-पत्र में 60 वर्ष के ऊपर की आयु के नागरिकों को रुपये 1000/- प्रतिमाह पेंशन देने का लेख किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में कितने 60 वर्ष के ऊपर की आयु के नागरिकों को रुपये 1000/- प्रतिमाह पेंशन दी गयी? (ग) यदि नहीं, तो कब तक वचन-पत्र का लाभ नागरिकों को कब मिलेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा प्रथम चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धाजनों को पेंशन राशि 300/- रूपये से बढ़ाकर 2238992 हितग्राहियों को प्रति हितग्राही 600/- रूपये पेंशन दी जा रही है। (ग) वचन-पत्र का पालन चरण बद्ध रुप से किया जा रहा है।
वरिष्ठजनों को सम्मान स्वरूप राशि का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
145. ( क्र. 2973 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने अपने वचन-पत्र में 100 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजनों का सम्मान करने व सम्मान स्वरूप रुपये एक लाख देने का लेख किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में कितने 100 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजनों का सम्मान किया गया व कितने वरिष्ठजनों को सम्मान स्वरूप रुपये एक लाख दिये गये? (ग) यदि नहीं, तो कब तक इस योजना का लाभ वरिष्ठजनों को मिलेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रवृत्ति में की गई अनियमितताओं की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
146. ( क्र. 2981 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2004 से 2018 तक कितने अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को राज्य सरकार के सहयोग से उच्च अध्ययन के लिये विदेश भेजा गया? गड़बड़ी व अनियमितता पाये जाने पर किन लोगों से कितनी-कितनी राशि वसूली गई? (ख) क्या अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को शिक्षा हेतु दी जाने वाली छात्रवृत्ति में कई गलतियां/अनियमितताएं सामने आई थी? यदि हाँ तो क्या उसकी जाँच कराई गई? अगर जाँच कराई गई तो जाँच प्रतिवेदन सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जाँच रिपोर्ट में कौन-कौन लोग जिम्मेदार पाये गये और विभाग द्वारा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परवरिश योजना का स्वीकृति बगैर क्रियान्वयन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
147. ( क्र. 2997 ) श्री के.पी. सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में परवरिश योजना दिनांक 7 जुलाई, 2016 को शुरू की गयी? यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना शासन द्वारा स्वीकृत है? उक्त योजना की स्वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई? क्या यह अधिकारी इस स्वीकृति हेतु सक्षम है? यदि नहीं, तो शासन ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या इस योजना की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। परवरिश योजना के शुभारम्भ कार्यक्रम पर कितनी राशि का व्यय किस मद और किस विभाग से किया गया है? मदवार व्यय की गई राशि का ब्यौरा दें। (ग) परवरिश योजना में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतावें। इस योजना अन्तर्गत कितने बच्चों को कितनी राशि का वितरण किया गया? (घ) क्या शासन द्वारा उक्त योजना को बन्द कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब से बन्द की गई है? बन्द करने का क्या कारण है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) हाँ। शिवपुरी जिले में नवाचार के तौर पर परवरिश योजना कलेक्टर द्वारा शुरू की गई थी उक्त नवाचार को चलाने के लिये कलेक्टर की निराश्रित निधि की ब्याज की राशि से एक बार में राशि रूपये 2.00 लाख व्यय करने के अधिकार शासन द्वारा प्रदत्त है। (ख) हाँ। बजट वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा वित्तीय स्वीकृति दी गई। परवरिश योजना के शुभारम्भ पर रूपये 28080.00 निराश्रित निधि मद से कलेक्टर (सामाजिक न्याय विभाग) द्वारा व्यय किया। (ग) परवरिश योजना में वर्ष 2016-17 में कुल राशि रूपये 85580.00 व्यय की गई जिसमें निराश्रित बच्चों को रूपये 500.00 प्रतिमाह जुलाई में 51 एवं अगस्त में 65 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। (घ) हाँ, माह सितम्बर 2016 से उक्त नवाचार को तत्कालीन कलेक्टर द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में बन्द कर दिया गया है।
लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी
[वन]
148. ( क्र. 2999 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2018 तक प्रदेश में कौन सी लघु वनोपजों का कब-कब क्या-क्या समर्थन मूल्य तय किया गया? लघु वनोपज का नाम, समर्थन मूल्य तय दिनांक, समर्थन मूल्य वृद्धि दिनांक सहित बतावें। (ख) इस समर्थन मूल्य पर छिंदवाड़ा, बैतूल, अनूपपुर जिलों में कौन सी लघु वनोपज क्रय की गई, की जानकारी लघु वनोपज नाम, जिला नाम, भुगतान प्राप्तकर्ता संख्या, भुगतान राशि सहित बतावें। विगत 3 वर्षों की वर्षवार, जिलावार जानकारी देवें। (ग) अब तक कितनी राशि भुगतान के लिए लंबित है? जिलावार, राशि, संख्या सहित जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिलावार लघु वनोपज के संग्रहण उपरांत भुगतान हेतु कोई राशि लंबित नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे प्रकरण
[खनिज साधन]
149. ( क्र. 3002 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड़ के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे प्रकरण क्र. 28983/18 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) क्या कारण है कि विभाग इसके त्वरित निराकरण के प्रयास नहीं कर अवैध खनन करने वालों को प्रोत्साहित कर रहा है? (ग) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभी निर्णित नहीं हुआ है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर उक्त एस.एल.पी. में जवाब दावा प्रस्तुत किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिये गये उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
गरीब वर्ग हेतु आवास सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 3004 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में श्री आदिनाथ एवेन्यू, में मंगलम डेवलपर्स द्वारा निर्मित कॉलोनी की सभी अनुमतियों की छायाप्रति देवें। (ख) इनके रेरा पंजीयन की भी समस्त जानकारियां देवें। (ग) इनके गरीब वर्ग के लिए आरक्षित भूमि का रकबा व नक्शे की कॉपी सहित बतावें कि इन्होंने इनकी सूची कलेक्टर उज्जैन को प्रेषित की है? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी? (घ) इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अनुमति से संबंधित रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र क्रमांक 1/13 दिनांक 26.02.2013, भू-व्यपवर्तन आदेश प्रकरण क्रमांक 83/अ-2/12-13 दिनांक 07.05.2014 एवं कॉलोनी विकास की अनुमति क्रमांक 01 दिनांक 23.06.2014 की प्रतियां क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) आरक्षित भूमि का रकबा 645 वर्गमीटर एल.आई.जी. के लिए एवं 645 वर्गमीटर ई.डब्लू.एस. वर्ग के लिए है। नक्शे की कॉपी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक कॉलोनाईजर द्वारा हितग्राहियों की सूची कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत नहीं की गयी है। सूची प्रस्तुत किये जाने की समय-सीमा के संबंध में अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान नहीं है, परन्तु गरीब वर्ग के लिऐ आरक्षित भूमि के विक्रय के पूर्व बंधक भू-खण्डों को विमुक्त नहीं किया जावेगा। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल योजना कार्य की अद्यतन स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 3013 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद् मकरोनिया क्षेत्र में एम.पी.यू.डी.सी द्वारा 24X7 ए.डी. प्रोजेक्ट पेयजल परियोजना स्वीकृत की गई है? योजना की लागत/योजनांतर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत हुये? उन कार्यों की स्वीकृत राशि योजनावार/कार्यवार/राशिवार/कार्यपूर्णता की अवधि सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कार्य एजेंसी द्वारा वर्तमान में कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? क्या कार्य एजेंसी द्वारा समस्त वार्डों में केवल पाइप लाईन बिछाने हेतु केवल खुदाई का कार्य ही किया गया है? यह कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे? (ग) क्या कार्य एजेंसी द्वारा नगरपालिका परिषद् के 18 वार्डों में एक साथ कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कार्य एजेंसी को अपना कार्य अन्य कार्य एजेंसियों को देने का अनुबंध में अधिकार है? यदि नहीं है तो वार्डों में पेटी कान्ट्रेक्टर कार्य क्यों कर रहे हैं? (घ) क्या एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा 18 वार्डों में तथा लगभग 10 पेटी कान्ट्रेक्टर कार्य कर रहे हैं? क्या इन कार्यों का निरीक्षण करना संभव है? यदि हाँ, तो कार्य का कब-कब निरीक्षण किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य, स्वीकृत राशि योजनावार, कार्यवार एवं कार्यपूर्णताः अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) कार्य एजेन्सी द्वारा किये गये कार्यों एवं उनकी अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। जी नहीं। अनुबंध अनुसार 850 दिवस में पूर्ण किया जाना संभावित है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, 18 वार्डों में कार्य प्रगति पर है। जी हाँ। नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता हैं।
प्राप्त राशि का उपयोग
[आदिमजाति कल्याण]
152. ( क्र. 3014 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कल्याण विभाग) जिला सागर को वर्ष 2017-18 व 2018-19 तथा 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस कार्य/प्रयोजन हेतु कब-कब प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत राशि से किये गये क्रय/मरम्मत/निर्माण कार्य/अन्य कार्यों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्राप्त राशि का भौतिक सत्यापन कब-कब/किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत प्राप्त राशि के उपयोग एवं छात्रावासों के संचालन में विभाग द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण प्रतिवेदन में क्या कोई अनियमिततायें पाई गई हैं? यदि हाँ, तो उसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या कार्यवाही की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कल्याण विभाग) जिला सागर को वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत सागर जिले को प्राप्त राशि से किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्राप्त राशि से सामग्री पूर्ति मद अंतर्गत सामग्री क्रय छात्रावासों से गठित पालक शिक्षक संघ द्वारा क्रय एवं सत्यापन की कार्यवाही की गई तथा निर्माण मद अंतर्गत प्राप्त राशि का सत्यापन जनपद पंचायत के उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया गया। कार्यों का भौतिक सत्यापन श्री डी.व्ही.एस तोमर उपयंत्री एवं श्री एम.एल. साहू, मंडल संयोजक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा दिनांक 06-02-2018, 16-05-2018, 26-07-2018, 16-08-2018, 13-12-2018, 14-12-2018, 01-01-2019, 02-01-2019, 20-04-2019 एवं 03-05-2019 को किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत प्राप्त राशि के उपयोग हेतु छात्रावासों के संचालन में संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति विकास द्वारा दिनांक 21-11-2018 को 02 संस्थाओं का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में किसी प्रकार की अनियमितताएं नहीं पाई गई। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सीधी जिले की रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
153. ( क्र. 3019 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत कितनी रेत खदानों की स्वीकृति दी गई है? नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराये। वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं 2019-2020 में शासन को कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई? वर्षवार व खदानवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या रेत खदानों से अवैध रेत उत्खनन किए जाने के संबंध में कई बार लिखित, मौखिक एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से शिकायतें की जाती रही हैं? यदि हाँ, तो अवैध उत्खनन को रोकने हेतु शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रेत खदानों से शासन को कुल कितनी राशि की रॉयल्टी प्राप्त हुई? क्या रेत उत्खनन में टी.पी. परिवहन हेतु जारी की जाती है? यदि हाँ, तो परिवहन में किन-किन वाहनों के द्वारा रेत परिवहन किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या नदी से रेत उत्खनन हेतु जे.सी.बी., पोकलेन एवं डम्परों से परिवहन किया जाता है? प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन में संलग्न कितनी मशीनों एवं डम्परों को जब्त किया गया एवं दण्ड स्वरूप कितनी राशि वसूली गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सीधी जिले में वर्तमान में 03 खदानें ठेकेदारों को स्वीकृत हैं और 05 खदानें ग्राम पंचायत को आवंटित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया है। आदेश दिनांक से अप्रैल 2019 तक जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति का कुल 05 बैठकों का आयोजन किया गया है। बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन/परिवहन/भंडारण के कुल 168 प्रकरण दर्ज किया जाकर कुल 12, 10, 83, 530/- रूपये अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया, जिसके निराकरण हेतु कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण प्रेषित किया गया है, जिसमें कुल 44, 32, 630/- रूपये वसूल किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रेत खदानों से शासन को प्राप्त राजस्व का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत रेत खदानों से रेत उत्खनन कर परिवहन किये जाने हेतु ई.टी.पी./ई-लेटर जारी की जाती है। खदानों से रेत का परिवहन डंपर, ट्रक, मिनी ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली आदि प्रकार के वाहनों से किया जाता है। (घ) रेत खदानों से रेत को मजदूरों द्वारा ट्रक्टर ट्राली में लोड कर खदान से बाहर डम्प किया जाता है। इसके पश्चात रेत को मशीनों/मजदूरों के द्वारा डम्पर, ट्रक, मिनी ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली आदि प्रकार के वाहनों में लोड किया जाकर परिवहन किया जाता है। अवैध उत्खनन/परिवहन/भंडारण की दशा में अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल 168 प्रकरण मशीनों/डम्परों को जप्त कर कुल रूपये 44, 32, 630/- अर्थदण्ड की राशि वसूल की गई है।
अवैध रेत खनन एवं खनिज अन्वेषण की जानकारी
[खनिज साधन]
154. ( क्र. 3029 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 05 वर्षों में हुए अवैध रेत खनन की क्या उच्च स्तरीय जाँच की जावेंगी? अवैध रैत खनन पर पिछले तीन वर्षों में बनाये गये प्रकरण में आरोपी का नाम, पिता का नाम, पता, पेनल्टी की राशि, वसूली दिनांक, जप्त वाहन तथा उसका वाहन क्रमांक सहित सूची देवें तथा बतावें कि ऐसे कितने आरोपी हैं जो दो से ज्यादा बार आरोपी बने? उनकी सूची देवें। (ख) प्रदेश में किस-किस प्रकार के खनिज के अन्वेषण का कार्य किस-किस क्षेत्र में चल रहा है? खनिज अन्वेषण तथा प्रशासन में कितने अधिकारी तथा कर्मचारी हैं? कितने अन्वेषण वाले प्रशासन में प्रतिनियुक्ति पर कब से कार्य कर रहे हैं? क्या इससे अन्वेषण का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) खनिज साधन विभाग द्वारा किये जा रहे अन्वेषण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। खनिज अन्वेषण तथा प्रशासन में विभाग के 403 अधिकारी तथा कर्मचारी कार्यरत हैं। खनिज अन्वेषण का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी खनिज प्रशासन के कार्य में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास एवं नगर निगम चुनाव की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 3030 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम नगर निगम क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कहाँ-कहाँ, कितने भवन बनाये गये हैं या निर्माणाधीन हैं तथा कहाँ-कहाँ कितने भवन किस हितग्राही को आंवटित कर दिये गये हैं? जिन्हें अपने पट्टे की जमीन पर मकान निर्माण हेतु 2.50 लाख राशि स्वीकृत की गई उनकी सूची क्षेत्र सहित देवें तथा बतावें कि अभी तक उनमें से किस-किस को कौन-कौन सी किश्त किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? (ख) वर्ष 2014 के नगर निगम चुनाव में वार्ड की जनसंख्या का विभाजन एवं आरक्षण नियम अनुसार हुआ है या नहीं, अगर नहीं तो जिम्मेदार पर कार्यवाही करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम रतलाम में प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी घटक अंतर्गत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर में 36 ई.डब्ल्यू.एस तथा 96 एम.आई.जी भवनों का निर्माण कार्य किया गया। ग्राम डोसी गाँव में 592 ई.डब्ल्यू.एस तथा 240 एल.आई.जी भवनों का निर्माण प्रगति पर है। इसी प्रकार ग्राम बंजली में 224 ई.डब्ल्यू.एस तथा 288 एल.आई.जी भवनों का निर्माण प्रगति पर है। अभी तक आवंटन नहीं किया गया है। बी.एल.सी घटक अंतर्गत पट्टे की भूमि पर आवास निर्माण हेतु आवंटित राशि, क्षेत्र का नाम, किश्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कलेक्टर प्रतिनिधि एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शहर रतलाम म.प्र द्वारा वार्डों का परिसीमन वर्ष 2014 में म.प्र. नगरपालिका (वार्डों का विस्तार) नियम 1994 के प्रावधान अनुसार तथा कार्यालय कलेक्टर (शहरी विकास अभिकरण) जिला रतलाम म.प्र द्वारा वार्डों का आरक्षण म.प्र. नगरपालिका (अ.जा., अ.ज.जा., पि.व. एवं महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण) नियम 1994 के प्रावधान अनुसार किया गया था। नगर निगम रतलाम के वार्डों का विभाजन तथा आरक्षण जनगणना 2011 के आधार पर नियमानुसार हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
सिंहस्थ 2016 में व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 3034 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ 2016 के अंतिम आंकडों के खर्च संबंधी रिपोर्ट तैयार हो गई है? यदि हाँ, तो कुल कितना खर्च हुआ तथा जिन लगभग 40 विभागों द्वारा कार्य कराये गये उनकी विस्तृत रिपोर्ट देवें कि किस-किस विभाग द्वारा किस कार्य के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा उत्तर दिनांक तक कितनी राशि खर्च की गई? (ख) सिंहस्थ 2016 में आर्थिक अनियमितता, गड़बड़ी आदि के संज्ञान में आये प्रकरणों की विभाग अनुसार, संबंधित राशि, जिम्मेदार का नाम, पद प्रकरण का प्रकार सहित जानकारी दें तथा बतावें कि किस-किस पर कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) मंत्रि-मंडल समिति तथा खरीदी हेतु प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने वाली समिति द्वारा तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना तथा स्वीकृति (खरीदी) प्रदान की अंतिम संपूर्ण सूची प्रस्तुत करें तथा बतावें कि खरीदी में पारदर्शिता हेतु क्या-क्या किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। अंतिम आंकड़े संबंधी जानकारी अन्य विभागों से प्राप्त की जा रही है, वर्तमान तक विभिन्न विभागों को स्वीकृत किये गये कार्यों का विवरण स्वीकृत राशि एवं व्यय की गई राशि का विवरण पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अन्य विभागों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) अन्य विभागों से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर निगम चुनाव 2014 में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 3035 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नगर निगमों के 2014 के चुनाव हेतु 2011 की निर्धारित जनसंख्या अनुसार वार्डों की संख्या बतावें तथा नगर निगम द्वारा जारी वार्ड की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का चार्ट प्रदान करें तथा बतावें कि प्रत्येक नगर निगम में प्रत्येक वार्ड में औसत जनसंख्या से कितने प्रतिशत कम अथवा ज्यादा जनसंख्या है? क्या नियमानुसार सबसे कम वार्ड की जनसंख्या तथा सबसे ज्यादा में 15% का अंतर होना चाहिये। (ख) क्या 2014 के चुनाव में नगर निगम के अनुसूचित जाति तथा जनजाति के वार्ड का आरक्षण जनसंख्या के अवरोही क्रम में किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि रतलाम में किस-किस वार्ड का आरक्षण किया गया तथा वहां की जनसंख्या अवरोही क्रम में किस क्रम पर आती है। (ग) क्या रतलाम नगर निगम के चुनाव में 2014 में वार्ड की जनसंख्या का अधिनियम की धारा 10 के अनुसार वितरण नहीं किया गया तथा अनुसूचित जाति का आरक्षण जनसंख्या के अवरोही क्रम में नहीं किया गया? यदि हाँ तो बतावें कि रतलाम में चुनाव के पूर्व नये सिरे से सीमांकन किया जायगा या नहीं। (घ) क्या रतलाम में अनियमितता के बिन्दुओं की तर्ज पर सारे नगर निगम का मूल्यांकन विवेचना की जायेगी और जहां आवश्यक हो वहाँ नये सिरे से सीमांकन/परिसीमन किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना
[आदिमजाति कल्याण]
158. ( क्र. 3047 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विकास विभागों की राज्य योजना मद में कितनी-कितनी राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार से किन कर्यों के लिये आवंटित हुई और कितनी खर्च हुई? वर्षवार विभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त अवधि में मध्यप्रदेश के एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना को केन्द्र एवं राज्य सरकार से कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये आवंटित की गई? परियोजनावार, विभागवार, वर्षवार आवंटित की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिवासी उपयोजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न 42 विभागाध्यक्षों के बजट में राज्य एवं केन्द्र की प्रावधानित राशि के विरूद्ध आवंटन-व्यय एवं कार्यों/गतिविधियों पर व्यय राशि, संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। शेष 09 विभागाध्यक्षों की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) उपरोक्त अवधि में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाओं को विभागवार, वर्षवार आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
नगरपालिका एवं नगर पंचायतों के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
159. ( क्र. 3053 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कितनी नगरपालिका एवं नगर पंचायतें कार्यरत हैं। (ख) इन नगरपालिका एवं नगर पंचायतों में विगत तीन वित्तीय वर्षों में कौन-कौन से कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? स्वीकृत राशि में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन हैं तथा कौन से कार्य अभी तक प्रारंभ ही नहीं हुए हैं? (ग) किन-किन कार्यों में निविदायें स्वीकृत होने के पश्चात भी कार्य प्रारंभ नहीं हो पाये हैं? ऐसे अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? कार्यवार, वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अनुपपूर जिले में चार नगरपालिका परिषद् एवं दो नगर परिषद् हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भोपाल शहर का मास्टर प्लान
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 3068 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर विकास का मास्टर प्लान जिसकी वर्ष 2005 में अवधि समाप्त हो चुकी है, पुन: लागू हो गया है? यदि हाँ, तो इसकी प्रति देते हुये लागू होने का दिनांक सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो किन कारण से मास्टर प्लान लागू नहीं हुआ है? कारण सहित बतावें। कब-कब मास्टर प्लान लागू होगा? (ग) वर्तमान में भोपाल जिले में रहवासी जमीन पर कमर्शियल भवन बनाने के क्या नियम हैं। नियमों की प्रति देते हुये बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। विकास योजना के प्रस्थापना, विकास योजना के पुनरीक्षण होने तक प्रभावशील रहते हैं, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) भोपाल विकास योजना 2021 (प्रारूप) का प्रकाशन दिनांक 29/08/2009 को किया गया था। दिनांक 18/04/2010 को राज्य शासन द्वारा संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश को विकास योजना प्रारूप पर पुन: विचार करने के निर्देश दिये गये। राज्य शासन के पत्र दिनांक 12/09/2011 के द्वारा भोपाल विकास योजना 2021 (प्रारूप) नये सिरे से तैयार करने के निर्देश दिये गये। भोपाल विकास योजना का पुनरीक्षित प्रारूप, वर्ष 2031 को लक्ष्य मानकर जी.आई.एस. आधार पर तैयार किया जा रहा है, जिसके कारण इसका प्रकाशन नहीं हो पाया है। पुनरीक्षित विकास योजना लागू होने की समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) भोपाल विकास योजना 2005 अनुसार रहवासी जमीन पर कमर्शियल भवन बनाने के नियम स्वीकृत/स्वीकार्य गतिविधियों हेतु कंडिका क्रमांक 4.57 की सारणी क्रमांक 4-सा-17 एवं 4-सा-18 तथा कंडिका क्रमांक 4.58 में निहित है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[वन]
161. ( क्र. 3070 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय वन मण्डलाधिकारी सामान्य वन मण्डल भिण्ड एवं मुरैना को वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितना-कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? (ख) प्राप्त आवंटन के विरूद्ध किन-किन योजनाओं में कितना-कितना व्यय किया गया है तथा उससे कौन-कौन से ग्रामों में कार्य हुए हैं? ग्रामवार कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) किये गये कार्यों में व्यय का सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? क्या वे सत्यापन हेतु अधिकारी सक्षम थे और यदि सक्षम नहीं थे, तो किस आदेश/नियम से सत्यापन किया गया? (घ) मुरैना जिले में ऐसे कौन से अधिकारी/कर्मचारी हैं, जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच संधारित है तथा वरिष्ठता क्रम न आते हुए भी वरिष्ठ पद का प्रभार सौंपा जाकर कार्य कराया गया है, जबकि वरिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी जिले में पदस्थ होने के बाद भी उनसे कार्य क्यों नहीं लिया गया?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्राप्त आवंटन के विरूद्ध योजनावार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शित है। ग्रामों में कराये गये कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
दोषी
पार्षद पर
कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 30 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 17-18 में नगर पालिका होशंगाबाद के पार्षद लोकेश गोगले द्वारा पार्षद होते हुये भी लाभ के कार्यों में सहभागी होने का निष्कर्ष संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय समिति द्वारा देते हुये लिखा था कि उक्त कृत्य नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 (ए) के तहत पार्षद पद से पृथक करने की स्थिति निर्मित करता है एवं अन्य कर्मियों को भी उत्तरदायी पाया था। (ख) उक्त निष्कर्ष के आधार पर अभी तक किन-किन लोगों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गयी। (ग) क्या उक्त पार्षद को पद से पृथक करने की कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त निष्कर्ष के आधार पर श्री लोकेश गोगले, पार्षद को कार्यालय कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया है। श्री महेश अग्रवाल सहायक यंत्री एवं श्री विष्णु यादव उपयंत्री को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये है। श्री विनोद रावत लेखापाल को नगर पालिका होशंगाबाद द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया है। निकाय अध्यक्ष श्री अखिलेश खण्डेलवाल एवं तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री पवन कुमार सिंह के संबंध में कार्यवाही विचाराधीन है। (ग) वस्तुस्थिति यह है कि उक्त पार्षद को पद से पृथक करने की कार्यवाही कलेक्टर न्यायालय होशंगाबाद में प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न नहीं है।
दिव्यांग हितग्राहियों को मोटोराइज्ड ट्रायसिकल का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
2. ( क्र. 31 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र विकास निधि से होशंगाबाद विधान सभा क्षेत्र के 18 नागरिकों को मोटराइज्ड ट्रायसिकल प्रदान करने हेतु उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण को 2.16 लाख की राशि जिला योजना अधिकारी होशंगाबाद के माध्यम से अक्टूबर 2018 के प्रारंभ में दी गयी थी। (ख) यदि हाँ, तो क्या हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्रायसिकल प्रदाय कर दी गयी हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उप संचालक द्वारा मोटराइज्ड ट्रायसिकल प्रदाय करने हेतु किस-किस दिनांक को संबंधित संस्था को पत्र लिखे गये? (घ) हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्रायसिकल कब तक मिल सकेगी? क्या शासन इस संबंध में एक नियत अवधि निर्धारित करेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र होशंगाबाद द्वारा विधायक निधि से होशंगाबाद विधान सभा क्षेत्र के 18 दिव्यांग नागरिकों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल प्रदान करने हेतु उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण होशंगाबाद को 2.16 लाख (दो लाख सोलह हजार रूपये) की राशि जिला योजना अधिकारी होशंगाबाद के माध्यम से दिनांक 4.10.2018 को प्रदाय की गई। (ख) जी हाँ। जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र होशंगाबाद में दिनांक 3.7.2019 को 14 हितग्राहियों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल प्रदान की जा चुकी है। एक हितग्राही की दिनांक 23.11.2018 को मृत्यु हो चुकी है। शेष 3 हितग्राहियों को कार्यक्रम की सूचना दिये जाने के उपरांत भी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित नहीं होने के कारण उन्हें मोटराईज्ड ट्रायसिकल प्रदान नहीं की जा सकी है। (ग) उप संचालक होशंगाबाद ने पत्र क्रमांक 40 दिनांक 4.1.2019 द्वारा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) जबलपुर को पत्र लेख किया है। (घ) जिला प्रशासन द्वारा 18 चयनित दिव्यांग हितग्राहियों में से 14 हितग्राहियों को दिनांक 3 जुलाई 2019 को मोटराईज्ड ट्रायसिकल का वितरण किया गया। एक हितग्राही की दिनांक 23.11.2018 को मृत्यु हो चुकी है, शेष 3 हितग्राहियों के उपस्थित नहीं होने के कारण मोटराईज्ड ट्रायसिकल प्रदान नहीं की जा सकी।
पानी की समस्या का समाधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 99 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्मार्ट सिटी में आम नागरिकों की पानी की समस्या हल होगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या 170 करोड़ की लागत से बनाये गये रमनगरा प्लांट की पूरी क्षमता से पानी सप्लाई नहीं होने के कारण गर्मी के दिनों में आम जनता में त्राहि-त्राहि मच जाती है? (ग) क्या निगम के नये 8 वार्डों की हालत सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक-एक बाल्टी पानी के लिये लोगों को दो-दो, तीन-तीन घंटे अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या व्याप्त पानी के संकट के लिये निगम अधिकारी दोषी है? यदि नहीं, तो कौन दोषी है? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जबलपुर नगर के स्मार्ट सिटी क्षेत्र में पेयजल का नियमित प्रदाय किया जा रहा है। जबलपुर स्मार्ट सिटी कार्यक्रम के अंतर्गत पृथक से पेयजल परियोजनायें स्वीकृत नहीं है। (ख) जी नहीं, नर्मदा जल प्रदाय योजना अंतर्गत रमनगरा जल शोधन संयंत्र की क्षमता 120 एम.एल.डी. है, जिसमें से 80 एम.एल.डी. पेयजल वर्तमान में प्रदान किया जा रहा है, जिसके तहत जबलपुर शहर के विभिन्न वार्डों की 18 उच्च स्तरीय टंकियों के माध्यम से 36 वार्डों में सुबह-शाम जलापूर्ति किया जा रहा है। उनमें किसी प्रकार की पानी की समस्या नहीं है। शेष 40 एम.एल.डी. पानी का उपयोग अमृत योजना के अंतर्गत डाली जा रही डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क से जल प्रदाय के लिए किया जायेगा। योजना का कार्य प्रगति पर है। (ग) जी नहीं, उक्त नये 8 वार्डों में जल प्रदाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास सर्वे
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 100 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत नगर निगम वार्ड क्र. 72 से 79 तक नये आठ वार्डों में प्रधानमंत्री आवास का सर्वे कराया जा चुका है? (ख) यदि हाँ, तो वार्डवाइज सर्वे एवं स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी देवें? (ग) यदि नहीं, तो सर्वे कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नगर निगम जबलपुर के नए 08 वार्डों में से वार्ड क्रमांक 72, 73, 74 एवं 75 में सर्वे कार्य कराया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सर्वे कार्य एवं स्वीकृति की कार्यवाही प्रकियाधीन है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों के संबंध में
[वन]
5. ( क्र. 255 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला होशंगाबाद के वफर परिक्षेत्र एवं सामान्य परिक्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत शासन द्वारा वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी हैं, जानकारी कार्यवार, स्वीकृत राशि एवं चिन्हित स्थल सहित बताये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत राशि के विरूद्ध उक्त दोनों परिक्षेत्रों में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण तथा अप्रांरभ हैं? अपूर्ण एवं अप्रांरभ कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण हैं तथा इन कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु क्या समय-सीमा निश्चित थी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 में 38 कार्य एवं 2018-19 में स्वीकृत समस्त 19 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। विवरण उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2017-18 में स्वीकृत ग्राम आंजनढाना में सी.सी. रोड का निर्माण अन्य एजेन्सी द्वारा किया जा चुका है। अत: विभाग द्वारा यह कार्य निरस्त किया गया। ग्राम सोनपुर में सी.सी. रोड का कार्य विस्थापित ग्रामीणों की बसाहट का प्लाट न कटने के कारण लंबित है, यह कार्य दिनांक 31.03.2020 तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
स्कूल भवनों के अधूरे पड़े निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
6. ( क्र. 348 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत कुछ विद्यालय भवनों का निर्माण कार्य अपूर्ण हालत में छोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे समस्त विद्यालयों के नाम, स्थान सहित बताया जाये तथा साथ ही इन विद्यालय भवनों का निर्माण कार्य किन कारणों से पूर्ण नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधूरे भवनों को पूर्ण कराने के लिए विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम पुछीकरगुंवा एवं टेहरका में अपूर्ण हाल में पड़ी हायर सेकेण्डरी विद्यालय की बिल्डिंग के पूरा कराने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं तथा इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराकर स्कूल शिक्षा विभाग को सौंप दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) विधान सभा क्षेत्र निवाडी के अन्तर्गत 02 शासकीय माध्यमिक विद्यालय भवन अपूर्ण है। विद्यालयों का विवरण एवं अपूर्ण का कारण तथा कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासकीय उ.मा.वि.पुछीकरगुंवा एवं शासकीय उ.मा.वि.टेहरका विद्यालय का भवन विभाग द्वारा निर्मित नहीं कराया गया है। जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला पंचायत टीकमगढ़ द्वारा बैकवर्ड रीजन ग्राट फण्ड से निर्मित किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टेडियम निर्माण के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 353 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद निवाड़ी में निर्माणाधीन स्टेडियम निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है एवं इसके निर्माण कार्य में विलंब का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत स्टेडियम के निर्माण हेतु टेंडर अनुसार कितना रकबा चाहा गया है? क्या उक्त स्टेडियम निर्माण हेतु चाहे गये कुल रकबे पर ही निर्माण कराया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत स्टेडियम का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद, निवाड़ी में निर्माणाधीन स्टेडियम निर्माण कार्य लगभग 28 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग की भूमि पर कार्य करने के लिए उस विभाग की अनुमति प्राप्त करने के लिए जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी, टीकमगढ़ (म.प्र.) ने 16.05.2018 को निर्माण कार्य पर रोक लगा देने के कारण कार्य लंबित हैं। (ख) रकबा 230X80 वर्ग मीटर का चाहा गया है। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबंधित विभाग से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत आगे कार्य करवाया जा सकेगा। अत: कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 354 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत हाईस्कूल धमना एवं बीजौर का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किये जाने का कोई प्रस्ताव लंबित है, यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त हाईस्कूलों का उन्नयन करने पर विचार करेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हाईस्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को हाईस्कूल के बाद हायर सेकेण्डरी में अध्ययन के लिये दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ रहा है, यदि हाँ, तो उक्त हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी में कब तक उन्नयन कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शास. हाईस्कूल धमना से निकटस्थ उ.मा.वि. घूधसी की दूरी 6 कि.मी. एवं शा. हाईस्कूल बीजौर से निकटस्थ उ.मा.वि.पुछीकरगुंवा की दूरी 8 कि.मी. है। वर्ष 2019-20 में शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
रायसेन जिले में पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
9. ( क्र. 404 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी पेंशन का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है निकायवार, जनपद, पंचायतवार बतायें उनमें भारत सरकार तथा राज्य सरकार का अंशदान कितना है स्वीकृति हेतु क्या-क्या शर्तें हैं? पूर्ण विवरण दें। (ख) जून, 2019 की स्थिति में संबंधित हितग्राहियों को किस माह तक की पेंशन का भुगतान हुआ पेंशन का भुगतान किस माध्यम से कैसे किया जाता है प्रतिमाह पेंशन का भुगतान क्यों नहीं होता? (ग) जनपद पंचायत सिलवानी की ग्राम पंचायत चैनपुर, चंदपुरा पोनार अमगवाँ करतौली डेवरी हतनापुर के हितग्राहियों को पेंशन किस बैंक से प्राप्त होती है? उनको किस माह तक की पेंशन का भुगतान हुआ है? (घ) दिव्यांग विधवा एवं वृद्धजनों को उनके घर पर ही पेंशन मिले इस हेतु विभाग क्या क्या कार्यवाही कर रहा है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जून 2019 तक की स्थिति में माह मई 2019 तक पेंशन का भुगतान बैंक द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से राज्य स्तर से समस्त पात्र हितग्राहियों के खातों में किया जा चुका है तथा राज्य स्तर से निरंतर प्रतिमाह प्रदेश के हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पेंशन हितग्राहियों को माह मई, 2019 तक सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया शाखा केसली, सिलवानी, सेन्ट्रल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा चंदन पिपलानी, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया शाखा सिलवानी, ग्राम खरगोन, गैरतगंज, सियरमउ, सिमारिया, खुर्द द्वारा पेंशन का भुगतान किया गया है। (घ) पेंशन आपके द्वार व्यवस्था के अन्तर्गत बैंकिंग करेस्पान्डेन्ट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत दिव्यांग, विधवा एवं वृद्धजनों को ग्राम पंचायत स्तर पर प्रतिमाह की 7 तारीख को पेंशन का वितरण कराया जाता है।
वन भूमि पर निर्माण कार्यों की अनुमति
[वन]
10. ( क्र. 413 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल रायसेन तथा औबेदुल्लागंज को 1 जनवरी 16 से जून 19 तक की अवधि में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग ग्रामीण यांत्रिकी सेवा महाप्रबंधन प्रधानयंत्री सड़क एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त अवधि में किन-किन सांसद विधायकों के पत्र उक्त अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए उक्त पत्रों के जबाव कब-कब दिये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई। किन-किन कार्यों की अनुमति क्यों नहीं दी गई कब तक अनुमति देंगे। (घ) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों से प्राप्त पत्रों के जबाब क्यों नहीं दिया। कब तक उक्त पत्रों के जबाब देंगे।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सांसद/विधायकों से प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त पत्रों के जबाब दिये जाने बाबत् जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिन कार्यों में अनुमति नहीं दी गई है, उसके कारणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आवेदक संस्था द्वारा इनकी पूर्तियां करने पर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों से प्राप्त सभी पत्रों पर कार्यवाही की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बड़े तालाब का संरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 774 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के बड़े तालाब में वर्तमान में कितने सीवेज के नाले मिल रहे हैं एवं बड़े तालाब के कितने क्षेत्रफल में अतिक्रमण हो गया हैं? (ख) क्या बड़े तालाब के संरक्षण के लिये राज्य सरकार द्वारा सी.ई.पी.टी. (सैप्ट) यूनिवर्सिटी अहमदाबाद को कार्ययोजना तैयार करने के लिये अनुबंध किया गया था? दिनांक सहित बताया जाए? (ग) सैप्ट विश्वविद्यालय अहमदाबाद द्वारा बड़े तालाब के संरक्षण की कार्ययोजना नगरीय विकास एवं आवास विभाग को कब किस दिनांक को प्रस्तुत की गई एवं राज्य शासन द्वारा सैप्ट विश्वविद्यालय को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भगुतान किया गया है? (घ) सैप्ट विश्वविद्यालय अहमदाबाद द्वारा बड़े तालाब के संरक्षण हेतु प्रस्तुत की गई कार्ययोजना के क्रियावंयन हेतु राज्य शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भोपाल के बड़े तालाब में वर्तमान में दूषित (सीवेज) के 18 नाले मिलते हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है एवं शेष प्रश्नांश के संबंध में कार्यालय, कलेक्टर जिला भोपाल से बड़े तालाब के फुल टेंक लेवल (एफ.टी.एल.) से 50 मीटर के सीमा क्षेत्र के दायरे में आने वाले 6 गांवों के निर्मित संरचनाओं की सूची प्राप्त कर पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र-ब पर है। (ख) जी हाँ, दिनांक 12.05.2012 को अनुबंध किया गया था। (ग) सेप्ट विश्वविद्यालय, अहमदाबाद द्वारा अनुबंध अनुसार दिनांक 10.08.2012 में Inception Report दिनांक 14.12.2012 में Interim Report एवं दिनांक 26.08.2014 में ड्राफ्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। अनुबंध के आधार पर सेप्ट विश्वविद्यालय, अहमदाबाद को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (घ) सेप्ट विश्वविद्यालय, अहमदाबाद द्वारा बड़े तालाब के संरक्षण हेतु अंतिम रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकलव्य शिक्षा विकास योजना
[वन]
12. ( क्र. 776 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में एकलव्य शिक्षा विकास योजना में वर्ष 2018-19 में कितने छात्र-छात्राओं को क्या-क्या लाभ मिला है? (ख) वर्ष 2018-19 में भोपाल संभाग के कितने छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जायेगा? (ग) उक्त योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं का चयन किस आधार पर कैसे किया जायेगा? (घ) उक्त योजना के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) भोपाल संभाग में एकलव्य शिक्षा विकास योजना में वर्ष 2018-19 में 833 छात्र/छात्राओं को राशि रूपये 71,69,172.00 की छात्रवृत्ति का लाभ दिया गया। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) योजना के अन्तर्गत चयन प्रक्रिया संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) प्रत्येक संग्राहकों के संग्रहण कार्ड पर योजना की विस्तृत जानकारी दी गई है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति एवं जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन द्वारा अपने स्तर से ग्रामीण क्षेत्रों में डोड़ी पिटवाकर एवं तेन्दूपत्ता संग्रहण के दौरान बैनर, पम्पलेट के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है। भोपाल संभाग के अंतर्गत दिनांकवार प्रचार-प्रसार का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 870 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में ऐसे कितने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र है जहां पानी की गंभीर समस्या है उन गंभीर स्थानों में पेयजल संकट के निवारण के लिये विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ख) उक्त स्थानों पर पेयजल पूर्ति हेतु नगर पालिका नगर पंचायतें, जनपद पंचायतें एवं ग्राम पचायतें किस स्तर से कार्यवाही कर पेयजल की पूर्ति कर रही है? (ग) पेयजल पूर्ति हेतु प्रतिवर्ष कितना आंवटन किस स्तर से प्राप्त होता है उपलब्ध आंवटन से कितना व्यय किया जाता है कितना शेष रहता है या कम पड़ता है तथा शासन द्वारा पेयजल मद में उपलब्ध कराये गये आवंटन से संस्थाओं द्वारा किया गया व्यय पेयजल पर होता है अथवा किसी अन्य मद पर विस्तृत ब्यौरा देवें। (घ) नगर पालिकाओं के पास कितने टैंकर है तथा कितने किराये पर लिये जाते है एवं पेयजल वितरण हेतु सतत् निगरानी के लिये कौन-कौन जिम्मेदार अधिकारी तैनात किये गये है? (ड.) क्या पेयजल पूर्ति नहीं होने के कारण लोग शहरों से या ग्रामीण से पलायन कर रहे है यदि हाँ, तो विभागीय स्तर पर इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) शिवपुरी जिले के किसी भी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या नहीं है। शिवपुरी जिले की सभी निकायों में से नगर पालिका, शिवपुरी को छोड़कर शेष सभी निकायों में प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है। शिवपुरी में एक दिन छोड़कर पर्याप्त मात्रा में जलप्रदाय किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शहरी क्षेत्रों में जलप्रदाय योजनाओं से जलप्रदाय किया जा रहा है। आवश्यकता होने पर परिवहन कर पेयजल पूर्ति की जा रही है। जिला पंचायत के अंतर्गत जनपद पंचायतें एवं ग्राम पंचायतों में किसी प्रकार का पेयजल परिवहन नहीं किया गया है। (ग) पेयजल पूर्ति हेतु नगरीय निकायों एवं जिला पंचायत को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। निकाय अपने स्त्रोतों से ही पेयजल व्यवस्था करते है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। निकाय क्षेत्रों में किसी के द्वारा पलायन नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.ई.ओ. कार्यालय की नई संरचना के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 935 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शिक्षा विभाग के प्रशासकीय संरचना में परिवर्तन किये जाने के समाचार समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं, जिसमें विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की नई संरचना भी शामिल है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नई संरचना किस स्वरूप की होगी? किस-किस स्तर के अधिकारी कहाँ-कहाँ पदस्थ किये जावेंगे? विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की क्या भूमिका होगी? प्रस्तावित संरचना शिक्षा की गुणवत्ता पर क्या प्रभाव होगा? नई संरचना का संपूर्ण स्वरूप के विस्तृत वितरण की प्रति उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में नवीन प्रशासकीय संरचना का कोई प्रस्ताव प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 936 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में कौन-कौन से हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन विहीन हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार इन स्कूलों के नवीन भवन निर्माण की क्या कार्य योजना विभाग द्वारा बनाई गई हैं? कब तक इन स्कूलों को नये भवन उपलब्ध करा दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स.क्र. 1, 2, 3, 5 एवं 6 पर अंकित स्कूल के भवन निर्माणाधीन है। भवन विहीन स्कूलों के लिए नवीन भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन भूमि पर अनाधिकृत अतिक्रमण
[वन]
16. ( क्र. 1096 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य वन मंडल होशंगाबाद के उप वनमंडल सोहागपुर क्षेत्र के वन परिक्षेत्र पिपरिया/ सोहागपुर/बनखेड़ी अन्तर्गत राजस्व क्षेत्र से लगे वनक्षेत्र में वन भूमि पर अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त वन परिक्षेत्र अन्तर्गत राजस्व क्षेत्र से लगी वन भूमि पर किन-किन व्यक्तियों द्वारा अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण किया गया हैं? व्यक्तियों के नाम, स्थान व अतिक्रमण की गयी भूमि के रकबे सहित जानकारी प्रदान की जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो अनाधिकृत रूप से जिन व्यक्तियों द्वारा वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया हैं उस पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कर्यावाही की गयी हैं? प्रकरणवार जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार 113 अतिक्रामकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
लीज पर दी गई जमीन
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 1101 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2015 से अब तक खनिज विभाग द्वारा उद्योग लगाने के लिए लीज पर जमीन प्रदान की गयी थी तथा उत्पादन करने हेतु जमीन लीज पर दी गयी है खसरा न. रकबा दिनांक एवं कब तक के लिए लीज पर दी गई जानकारी देवें? (ख) क्या उत्पादन करने वाली लीज जमीन पर उद्योग लगाया गया है, किस-किस नियम से, नियम के आदेश की छायाप्रति एवं उद्योग लगाने की शर्तों की जानकारी देवें? (ग) क्या विभाग लीज पर दी गई जमीन का निरीक्षण करता है कि वह शर्तों पर चल रही है या नहीं निरीक्षण करता है यदि हाँ, तो निरीक्षण कब-कब किया गया निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण देवें? (घ) बालाघाट जिले में वर्तमान स्थिति में किस-किस कार्य के लिए कितने आवेदन लीज हेतु लंबित हैं आवेदन का दिनांक एवं विलंब का कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
वन एवं राजस्व विभाग की भूमियों के पृथक सीमांकन
[वन]
18. ( क्र. 1180 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा अंतर्गत ऐसी कौन-सी तहसीलें हैं जहाँ पर वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमियों में विवाद की स्थितियाँ निर्मित हो रही हैं? (ख) क्या कारण है कि काफी समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमियों का पृथक-पृथक सीमांकन नहीं हो सका है? (ग) यह कि वन सीमा से लगी हुई भूमियों का कब तक पृथक सीमांकन किया जा सकेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन जिले की किसी भी तहसील में वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमियों में कोई विवाद की स्थिति नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। परन्तु प्रदेश में जहाँ-जहाँ पर राजस्व और वन विभाग की भूमियों पर विवाद है, उसके लिये पृथक से नीति बनाई जा रही है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रत्येक ग्राम पंचायतों में गौशाला प्रारंभ किया जाना
[पशुपालन]
19. ( क्र. 1182 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की कितने ग्राम पंचायतों में राज्य शासन की घोषणा के अनुक्रम में गौशाला स्थापित कर दी गई हैं? कितनी ग्राम पंचायतों में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है तथा कितनी पंचायतें अभी तक गौशाला विहीन हैं? पंचायतवार विवरण उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) क्या राज्य शासन की घोषणा अनुरूप प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला निर्माण हेतु भूमि का आवंटन कर दिया गया है? यदि नहीं, तो ऐरा प्रथा को समाप्त करने हेतु कथित इस योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही क्यों की जा रही है? (ग) क्या इस योजना के पूर्ण क्रियान्वयन हो जाने के उपरांत ऐरा प्रथा पर पूर्णरुपेण रोक लगाई जा सकेगी या इस संबंध में विभाग के द्वारा कोई योजना प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ, तो कब तक ऐरा प्रथा को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) गौशाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में रीवा जिले में 30 गौशाला खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला रीवा में 30 गौशालाओं की स्थापना हेतु भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है शेष 795 पंचायतों में गौशाला नहीं हैं। चरणबद्ध गौशालाएं स्थापित की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। रीवा जिले में प्रथम चरण 30 गौशालाओं की स्थापना हेतु भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है। जी नहीं। (ग) गौशाला परियोजना अंतर्गत ऐरा प्रथा पर अंकुश लगाया जाना संभव होगा। ग्रामीण विकास विभाग, पशु पालन विभाग तथा अन्य विभागों के समन्वयन द्वारा गौशाला परियोजना तैयार की गई है, जिससे निराश्रित गौवंश का व्यवस्थापन किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ऋण/अनुदान राशि का आहरण
[पशुपालन]
20. ( क्र. 1200 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाऐं विभाग द्वारा क्रियान्वयन की जा रही है? वर्ष 2016-17 से दिनांक 15.06.2019 तक हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनाएं क्रियान्वयन हुई है? कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कितना व्यय किया गया है? योजनावार भौतिक/वित्तीय लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? विकासखण्डवार, वर्षवार, योजना की प्रगति की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने-कितने हितग्राहियों के योजनावार ऋण/अनुदान के प्रकरणों के आवेदन प्राप्त होकर प्रकरणों की प्रशासकीय स्वीकृत प्रदान करते हुये बैंकों द्वारा कितने-कितने प्रकरणों को ऋण/अनुदान की राशि आहरण की गई? विकासखण्डवार, योजनावार, हितग्राहीवार, वर्षवार जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या विभाग के तकनीकी अधिकारी/चिकित्सा अधिकारी द्वारा जो प्रोजेक्ट जितनी ऋण/ अनुदान राशि के बनाये जाकर विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति दी जाते है बैंकों द्वारा हितग्राही को प्रशासकीय स्वकृति प्राप्त प्रोजेक्ट के मान से राशि आहरित नहीं की जाती है? ऐसे कितने प्रकरण हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या बैंकों के द्वारा हितग्राहियों के योजनानुसार प्रोजेक्ट के मान से ऋण/अनुदान राशि आहरित नहीं करते हैं तब विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो फिर शासन द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत करने का क्या औचित्य?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) विभाग द्वारा बैंक ऋण एवं अनुदान पर संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं के मापदंड एवं हितग्राही की पात्रता अनुसार प्रकरण बैकों के द्वारा स्वीकृत किये जाते है एवं तद्नुसार विभाग द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, मापदंड एवं हितग्राही की पात्रता अनुसार प्रकरण बैकों के द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं एवं तद्नुसार विभाग द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
21. ( क्र. 1225 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत अजयगढ़ ब्लाक के गरीब असहाय लोगों को समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ समय पर क्यों नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत अजयगढ़ ब्लाक में शासन द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के आयोजन बंद कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो संचालन क्यों नहीं हो रहा है? (ग) विगत 3 वर्षों में तहसील अजयगढ़ अन्तर्गत ऐसे कितने जोड़े हैं जिनका विवाह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत हुआ लेकिन उसका लाभ आज दिनांक तक नहीं मिल पाया है? (घ) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत इस बार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का आयोजन क्यों नहीं किया गया है? इसका दोषी कौन है और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी नहीं। पन्ना विधान सभा क्षेत्र अजयगढ़ जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा प्रतिमाह नवीन हितग्राहियों की नियमानुसार पेंशन स्वीकृत की जा रही है एवं समस्त पात्र पेशन हितग्राहियों को प्रतिमाह राज्य स्तर से सिंगल क्लिक पेंशन योजना के अन्तर्गत पेंशन का भुगतान हितग्राही के खातों में किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। जनपद पंचायत अजयगढ़ में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का सुचारू रूप से नियमित संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2019 में विधान सभा सभा क्षेत्र के अंतर्गत 60-पन्ना में तथा दिनांक 17-01-2019 व 21-06-2019 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधान सभा क्षेत्र अजयगढ़ के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत वर्ष 2016-17 में 120 जोड़े, वर्ष 2017-18 में 294 जोड़े एवं वर्ष 2018-19 में 337 जोड़ों के विवाह सम्पन्न कराये गये तथा समस्त हितग्राहियों को नियम अनुसार राशि का भुगतान किया जा चुका है। (घ) जी नहीं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत पन्ना विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद पंचायत अजयगढ़ में 17-01-2019 को 161 जोड़े एवं दिनांक 21-06-2019 को 72 जोड़े, जनपद पंचायत पन्ना में दिनांक 31-01-2019 को 37 जोड़े एवं दिनांक 20-06-2019 को 44 जोड़े तथा नगर पालिका परिषद् पन्ना में दिनांक 15-02-2019 को 20 जोड़ों के विवाह सम्पन्न कराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
पर्यटन हेतु मंनोरजन क्षेत्र
[वन]
22. ( क्र. 1268 ) श्री जसमंत जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ईको पर्यवटन विकास बोर्ड म.प्र. वन विभाग भोपाल द्वारा शिवपुरी जिले सतनबाडा परिक्षेत्र के नरवर किला स्थल को मनोरंजन क्षेत्र घोषित किया गया है बतावें। (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्य किये गये हैं, नहीं किये गये तो क्यों और ऐसे कितने कार्य हैं जो अपूर्ण है या विधिवत प्रारंभ ही नहीं किये गये ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन कब तक कार्ययोजना तैयार कर अग्रिम कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्य वन संरक्षक, शिवपुरी वृत्त द्वारा पत्र दिनांक 30.04.2019 से प्रस्ताव प्रेषित किये हैं। प्रस्ताव पर ईको पर्यटन विकास बोर्ड की कार्यकारी समिति द्वारा क्षेत्र का वन एवं राजस्व विभाग से संयुक्त सर्वेक्षण कराकर प्रतिवेदन प्राप्त करने का निर्णय लिया है। अत: प्रस्ताव स्वीकृत नहीं होने से कोई कार्य नहीं कराये गये हैं। (ग) मनोरंजन क्षेत्र में विकास की कार्ययोजना तैयार की गयी है। उत्तरांश (ख) अनुसार संयुक्त सर्वेक्षण उपरांत कार्यवाही संभव है।
ग्रीन इण्डिया मिशन अंतर्गत कराये गये कार्य
[वन]
23. ( क्र. 1295 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग बालाघाट द्वारा ग्रीन इण्डिया मिशन के तहत वन परिक्षेत्र वारासिवनी अंतर्गत सिरपुर सर्किल के ग्राम नांदगांव एवं ग्राम नगझर के किस-किस बीट कक्ष क्रमांक में कितने-कितने एकड़ में वृक्षारोपण किया जा रहा है? इस कार्य के अंतर्गत कितने बेरोजगारों को किन-किन कार्यों के लिए प्रशिक्षण के लिए दिया है? क्या उक्त कार्य विभाग स्वयं करा रहा है या किसी समिति के माध्यम से? यदि हाँ, तो किस प्रकार की समिति से कार्य कराया जा रहा है? (ख) विभाग द्वारा उक्त योजना के तहत उक्त बीट कक्ष क्रमांक पर कितने गड्ढे खोदे गये हैं? कितने मीटर में ट्रंच (केडल प्रुफ ट्रंच) एवं फेंसिंग कितनी लागत से करायी जा रही है? (ग) उक्त योजना के तहत किन-किन बीट क्रमांक पर कितने एकड़ पर कितनी लागत राशि से नया तालाब का निर्माण कराया जा रहा है? (घ) विभाग द्वारा उक्त कार्य के निर्माण में किन-किन सामग्री का, कितनी-कितनी राशि से उपयोग किया गया है तथा मजदूरी में कितनी राशि व्यय की गई है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सिलाई प्रशिक्षण हेतु 35 तथा लाख की चूड़ियों का निर्माण प्रशिक्षण हेतु 20, कुल 55 बेरोजगारों का प्रशिक्षण दिया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) बालाघाट दक्षिण (सामान्य) वनमंडल के अंतर्गत ग्रीन इंडिया मिशन योजना के तहत नया तालाब निर्माण का कार्य नहीं कराया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गर्ल्स एवं बॉयज हॉस्टल बनाये जाने की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र.
1337 ) श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उत्कृष्ट
विद्यालय
शिवपुरी के
छात्र/छात्राओं
के लिये गर्ल्स
एवं बॉयज हॉस्टल
बनाये जाने के
लिये कितनी
राशि कब स्वीकृत
की गई?
(ख) स्वीकृत
राशि से किस
सर्वे नं. में
हॉस्टल
बनाया जायेगा? यह
भूमि कहाँ पर
आवंटित की गई
है? (ग) क्या
स्वीकृत
राशि से हॉस्टल
बनाये जाने
में कोई विलंब
हो रहा है? (घ) हॉस्टल
का लाभ
छात्र/छात्राओं
को कब से
मिलना प्रारंभ
हो जायेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) प्रश्नाधीन
छात्रावासों
के निर्माण
हेतु 100
सीटर बालिका
छात्रावास
निर्माण हेतु
राशि रू.386.40 लाख तथा 100 सीटर
बालक
छात्रावास
निर्माण हेतु
राशि रू.385.37 लाख की
स्वीकृति
विभागीय आदेश
दिनांक 07.03.2018 द्वारा
प्रदान की गई
थी। (ख) से (घ) भूमि
आवंटन
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। छात्रावासों
के अस्थाई
संचालन की
व्यवस्था की जा
रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवासों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 1338 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की नगर पंचायत कोलारस में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत किन हितग्राहियों को कितने आवास स्वीकृत किये गये? कृपया सूची देवें। (ख) क्या स्वीकृत योजना में शासकीय भूमि पर बनाये जाने की अनुमति नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा दी गई? (ग) यदि हाँ, तो निर्माणाधीन नगर पंचायत प्रशासन द्वारा हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास क्यों तोड़े गये? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रथम विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) अंतर्गत 388 एवं द्वितीय विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) अंतर्गत 810 आवास स्वीकृत किये गये हैं। हितग्राहीवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के 4 हितग्राहियों द्वारा भूमि स्वामित्व संबंधी दस्तावेज अन्य स्थल के एवं निर्माण अन्यत्र स्थल पर किया गया है, जिससे निर्माणाधीन आवास तोड़े जाने की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की गई है, नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के कारण जिम्मेदारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राचार्य विहीन शालाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
26. ( क्र. 1363 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांधवगढ़ विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक एवं हाई स्कूल तथा उच्चतर माध्यमिक शालाओं में प्रधान पाठक एवं प्राचार्य पदस्थ नहीं हैं? (ख) पदस्थ न किए जाने का क्या कारण है? (ग) क्या शासन इन शालाओं में शीघ्र पदस्थापना करने की कार्यवाही करेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) भर्ती एवं
पदोन्नति
नियम के
अनुसार
प्राथमिक, पूर्व
माध्यमिक एवं
हाईस्कूल तथा
प्राचार्य, उ.मा.वि.
में प्रधान
पाठक व
प्राचार्य का
पद पदोन्नति
का पद है।
वर्तमान में
मान. सर्वोच्च
न्यायालय नई
दिल्ली में
प्रस्तुत
विशेष अनुमति
याचिका
(सिविल) क्र. 13954/2016
म.प्र. शासन
एवं अन्य
विरूद्ध
आर.बी. राय एवं
अन्य में
अंतरिम पारित
आदेश दिनांक 12.05.2016
द्वारा
पदोन्नति के
संबंध में (status quo)/ यथास्थिति
के निर्देश
होने से उक्त
पदों में पदोन्नति
नहीं होने के
कारण
पदस्थापना
नहीं हो सकी
है। (ग) ऐसी
प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल
एवं उ.मा.वि. शालाएं
जहां प्रधान
पाठक व
प्राचार्य
नहीं है, उनमें
वरिष्ठ शिक्षक
को प्रभारी
बनाकर कार्य
कराया जा रहा
है। पदपूर्ति
एक सतत्
प्रक्रिया
है। मान.
न्यायालय के
निर्णयानुसार
पदस्थापना
संबंधी कार्यवाही
की जाएगी।
परिशिष्ट
- ''पैंतालीस''
विद्युत सामग्री का क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 1387 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद कानड, जिला-आगर के द्वारा जनवरी 2015 से लेकर आज दिनांक तक कितने रूपयों की विद्युत सामग्री किन-किन कंपनियों से अथवा व्यापारियों से क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? (ख) जनवरी 2015 से लेकर 10/06/2019 दिनांक तक नगर में सफाई व्यवस्था हेतु किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता अनुसार खरीदी की गई इनकी विज्ञप्ति किन समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई तथा किन एजेंसियों से यह खरीदी की गई व खरीदी की कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) नगर परिषद कानड के द्वारा जल प्रदाय के उपयोग में आने वाली सामग्री की खरीदी जनवरी 2015 से 10 जून 2019 तक कितनी की गई व निविदा किन समाचार पत्रों में प्रकाशित कि गई तथा किन एजेंसियों से कितनी-कितनी राशि की खरीदी की गई। (घ) नगर परिषद कानड के द्वारा जनवरी 2015 से 10 जून 2016 तक ब्लीचिंग पाउडर फिनाईल, कीटनाशक दवाई एवं अन्य उपयोगी सामग्री की खरीदी कब-कब व किन-किन एजेंसियों से कितनी-कितनी की गई व इनकी निविदाएं किन-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’स’’ पर है। (घ) नगर परिषद, कानड द्वारा जनवरी 2015 से 10 जून 2016 तक ब्लीचिंग पाउडर, फिनाईल, कीटनाशक दवाई एवं अन्य उपयोगी सामग्री समाचार पत्रों में प्रकाशित न की जाकर कोटेशन के आधार पर खरीदी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’द’’ पर है।
पशुपालन विभाग की योजनाओं के संबंध में
[पशुपालन]
28. ( क्र. 1395 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में पशुपालन विभाग कि कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? (ख) उज्जैन जिले में पशुपालन विभाग द्वारा आचार्य विद्यासागर योजना अन्तर्गत कितने पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया तथा कितने पात्र हितग्राहियों के प्रकरण बैंक लोन स्वीकृति के अभाव में लंबित है तथा ऐसे प्रकरणों को शीघ्र स्वीकृत कराने हेतु विभाग के पास कोई अधिकार हैं अथवा नहीं? जानकारी प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उज्जैन जिले में आचार्य विद्यासागर योजना अंतर्गत प्रारम्भ से आज तक कुल 300 पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है तथा 68 हितग्राहियों के प्रकरण लंबित है। लंबित प्रकरणों को शीघ्र स्वीकृत कराने का विभाग के पास कोई अधिकार नहीं है। विभाग के जिला अधिकारी द्वारा बैंक को ऋण प्रकरण प्रेषित किये जाते है प्रस्तुत प्रकरणों में बैंक ऋण स्वीकृत करने का अधिकार संबंधित बैंक अधिकारी को है।
अवैध कॉलोनियों को कानूनी प्रक्रिया के बिना वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 1481 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया में कानूनी कमी एवं लापरवाही के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतायें कि रतलाम नगर निगम में कौन-कौन सी अवैध कालोनी है? वह कब निर्मित हुई तथा किसके द्वारा उसका निर्माण किया गया, नगर निगम अनुसार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कॉलोनी में से किस-किस कॉलोनी को वैध घोषित किया गया था तथा उसमें से किस-किस कॉलोनी में कितनी राशि का निर्माण कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ किया गया था? (घ) क्या विभाग ने कॉलोनाईजर को फायदा पहुंचाने तथा रहवासियों से जबरन राशि वसूल करने के उद्देश्य से कॉलोनियों को वैध करने का कार्य किया? यदि हाँ, तो अब क्या किया जायेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम में अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण की कार्यवाही म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 तथा इसमें समय-समय पर किये गये संशोधनों में उल्लेखित प्रावधान अनुसार की जाती है। उक्त नियमों में नगर निगम के मामले में आयुक्त नगर पालिक निगम तथा नगर पालिका/नगर परिषदों के मामले में जिला कलेक्टर सक्षम प्राधिकारी के रुप में प्राधिकृत हैं। प्रक्रिया में कानूनी कमी एवं लापरवाही नहीं किये जाने से कोई जिम्मेदार नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय विद्यालयों में नामांकन
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 1482 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में शासकीय विद्यालयों में 2011-12 से 2018-19 तक कक्षा 1 से 8 तक वर्षवार नामांकन की विधान सभावार संख्या बतावें। वर्षवार प्रतिशत वृद्धि/कमी की जानकारी भी दें। (ख) रतलाम जिले में शासकीय विद्यालयों में उपरोक्त वर्ष में कक्षा 9-10 तथा 11-12 में कुल नामांकन की संख्या वर्षवार बतावें तथा बतावें कि उक्त अवधि में विद्यार्थियों की संख्या की छात्रवृत्ति, सायकल, पाठ्य पुस्तकें, गणवेश तथा मध्यान्ह भोजन दिया गया? (ग) रतलाम जिले में शासकीय विद्यालयों में केम्प लगाकर मई-जून 2019 में निजी विद्यालयों का प्रचार-प्रसार किसके कहने से किया गया? केम्प कहाँ-कहाँ लगाये गये? उसमें कौन-कौन अधिकारी उपस्थित थे तथा किस-किस निजी विद्यालय के प्रवेश हेतु प्रचार किया गया? इसके लिए जिम्मेदार पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) रतलाम जिले में निजी विद्यालयों में कक्ष 1 से 8 तक तथा कक्षा 12 में कुल नामांकन का वर्ष 2010-2011 से 2018-2019 तक वर्षवार बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्रावधान अनुसार वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश के प्रावधान के क्रियान्वयन के लिए प्रचार-प्रसार हेतु जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रचार-प्रसार की कार्यवाही की गई। इसके लिए विशेष रूप से कहीं कैम्प नहीं लगाए गए। प्रचार-प्रसार की कार्यवाही किसी विशेष अशासकीय विद्यालय में प्रवेश के लिए नहीं की गई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 1499 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नगर पालिका चंदला जिला छतरपुर में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं। हितग्राहियों की सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति/पात्रता के नियम एवं शर्तें क्या-क्या हैं? (ग) चंदला नगर पालिका अंतर्गत कितने पात्र हितग्राहियों को वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक आवास स्वीकृति किये गये है तथा कितने अस्वीकृत किये गये हैं। सूचीवार जानकारी देवें। (घ) क्या आवास स्वीकृति में कर्मचारियों द्वारा अनियमितता की गई है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में नगर पालिका चँदला में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत स्वीकृत आवास एवं हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) स्वीकृति पात्रता के नियम एवं शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) स्वीकृत एवं अस्वीकृत आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। (घ) जी नही। आवास स्वीकृति में कोई अनियमितता नहीं किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तृतीय क्रमोन्नति नहीं दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 1520 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा संभाग अन्तर्गत आने वाले जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने पूर्ण रूपेण शिक्षकों/ सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की सेवा के उपरान्त तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान दे दिया है? अगर हाँ तो किस-किस नाम के शिक्षकों/सहायक शिक्षकों को किस दिनांक एवं आदेश क्रमांकों से क्रमोन्नति आदेश जारी हुये, उनकी सूची एवं जारी आदेशों की एक प्रति दें। अगर नहीं जारी हुई तो बचे हुये शिक्षकों/सहायक शिक्षकों की जिलेवार सूची दें। (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्रमांक-सी-3-09/2017/3/01 भोपाल दिनांक 25 अक्टूबर 2017 एवं संचालक लोक शिक्षण, भोपाल के पत्र क्रमांक–स्था.-3/एम/67/2017/1802 भोपाल दिनांक 14.11.2017 के द्वारा शिक्षक/ सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान दिये जाने का आदेश जारी किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) में जारी दोनों आदेशों के बाद क्या जिला शिक्षा अधिकारी सतना ने प्रश्नतिधि तक शत-प्रतिशत क्रमोन्नति आदेश जारी किये। अगर नहीं तो क्या इसकी जानकारी सी.ई.ओ. जिला पंचायत सतना एवं कलेक्टर सतना को है। कलेक्टर एवं सी.ई.ओ. ने प्रकरण में कब व क्या संज्ञान लिया? जारी सभी पत्रों की एक प्रतिलिपि दें? (घ) प्रश्नांश (ख) में जारी आदेशों के बाद किस-किस नाम के कर्मचारी उक्त क्रमोन्नति आदेश जारी न करने के प्रश्नतिथि तक दोषी हैं। शासन/जिला प्रशासन कब तक उक्त क्रमोन्नति आदेश जारी करवायेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रीवा संभाग अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली द्वारा पात्रतानुसार 30 वर्ष की सेवापूर्ण होने पर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। शेष बचे सहायक शिक्षक/शिक्षकों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) सतना जिले में शिक्षक/सहायक शिक्षकों को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार प्रदाय किया गया है। शेष लोकसेवकों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिए जाने हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक यथाशीघ्र आयोजित किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। क्रमोन्नति के संबंध में कलेक्टर प्रतिनिधि जिला सतना को संज्ञान में लाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कैंचमेंट एरिया में अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1523 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले की विकास योजना अंतिम बार किस वर्ष में प्रकाशित की गई गयी थी? उसके बाद विकास योजना का प्रकाशन किन-किन कारणों से नहीं हो पाया है? भोपाल में बड़े तालाब के कैंचमेंट एरिये की भूमि का अंतिम बार कब चिन्हित किया गया था? भोपाल में किन-किन तालाबों/झील/नदी/वन/डेमों के कैंचमेंट एरिया में बिना टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति के अतिक्रमण कर बिल्डरों द्वारा कालोनियाँ कहां-कहां विकसित कर ली है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कैंचमेंट एरिया पर एन.जी.टी. ने भी समय-समय पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाकर कुछ आदेश भी इन अतिक्रमणों पर जारी किये हैं। जनवरी, 16 से ऐसी आपत्तियों एवं आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें। टी.एण्ड सी.पी. ने 01.01.16 से प्रश्नतिथि तक भोपाल जिले में शासकीय/ नजूल/कैंचमेंट एरिया की भूमि पर अवैध रूप से बना ली गई किन-किन कॉलोनियों के विरूद्ध कब-व-क्या कार्यवाही किन दिनांकों को किस जारी आदेशों से की? जारी आदेशों की एक प्रति दें? (ग) बड़े तालाब के किनारे बैरागढ़ के आगे तक बने मैरिज गार्डन क्या टी.एण्ड सी.पी. के नियमों को ताक पर रख बनाये गये है? अगर नहीं तो किन-किन मैरिज गार्डनों के लिए विभाग द्वारा कब व क्या कार्य करने की अनुमति जारी की गई, उसकी प्रकरणवार/मैरिज गार्डनवार प्रति उपलब्ध करायें। राज्य शासन उक्त अवैध मैरिज गार्डनों एवं अन्य गतिविधियों जिनके कारण बड़ा तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है और कैंचमेंट एरिया अतिक्रमित हो रहा है उसे हटाने कब-व-क्या कार्यवाही करेगा? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भोपाल जिले की विकास योजना प्रकाशित नहीं की गई है अपितु भोपाल निवेश क्षेत्र की विकास योजना वर्ष 1995 में प्रकाशित की गई थी। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भोपाल में बड़े तालाब के कैंचमेंट एरिया की भूमि को स्थल पर चिन्हित नहीं किया गया है। नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा कैंचमेंट एरिया में अतिक्रमण कर कॉलोनियों के विकसित किये जाने के संबंध में सर्वेक्षण पृथक से नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्रवाई मध्यप्रदेश नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बधन तथा शर्तें) नियम, 1998 एवं मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कालोनियों का विकास) नियम, 2014 के अंतर्गत प्रचलन में होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बड़े तालाब के किनारे बैरागढ़ के आगे तक बने मैरिज गार्डन टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग द्वारा प्रदत्त अनुमति से हटकर बने हैं। यहां 17 विवाह स्थलों को माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर द्वारा डब्ल्यू.पी. 44/10 में दिनांक 14/11/2013 को पारित आदेश के पालन में राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा लागू की गई ''नगर निगम उज्जैन (विवाह स्थल पर पंजीयन) उपविधियां 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत विवाह स्थल (उपभोग एवं उपयोग) करने की अनुमति प्रदान की गई है, जिनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इन जारी अनुमति का प्रतिवर्ष नवीनीकरण उपविधि-2013 के प्रावधानों अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त पदों पर भर्ती/पदोन्नति
[आदिमजाति कल्याण]
34. ( क्र. 1524 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं नि:शक्तजनों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिये विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा में 30.06.19 तक वृद्धि की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्नतिथि तक उपरोक्त विभागों में किन-किन व कितने रिक्त पदों पर भर्ती की अग्रिम योजना क्या है? म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने 18 जुलाई 2018 को इस बाबत् कोई आदेश जारी किया था? उक्त आदेश की एक प्रति दें। उक्त आदेश के परिपालन में प्रश्नतिथि तक किसी विभाग ने कब व क्या कार्यवाही की, इसकी भी जानकारी दिनांकवार एवं जारी आदेश क्रमांकवार आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुये दें? (ग) क्या म.प्र. में उपरोक्त विभागों में एवं अन्य शासकीय विभागों में पदोन्नति पर प्रतिबंध लगाया गया है? यदि नहीं, तो 01.04.2016 से प्रश्नतिथि तक की गई पदोन्नतियाँ की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के याचिका क्र. MA No 1151 of 2018 in (Civil appeal No. 2368 of 2011) के तहत् अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को राज्य शासन के शासकीय पदों में पदोन्नति में आरक्षण के लिये राज्य सरकारों को निर्देशित किया था कि यदि राज्य सरकारें चाहें तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व एवं पदोन्नति में इन वर्गों को आरक्षण दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश सरकार समिति गठित कर कर्नाटक सरकार के Act No- 21 of 2018) जैसा पदोन्नति में आरक्षण देंगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) रिक्त पदों पर भर्ती की जानकारी संकलित की जा रही है। जी हाँ, आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। आदेश के परिपालन में कार्यवाही की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
नगरीय विकास एवं आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 1533 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 26 सितम्बर 2016 को म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 (क्रमांक 37 सन 1961) की धारा 5 उपधारा (1) खण्ड (ख) में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य शासन ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों को नगर परिषद घोषित किया था? (ख) यदि हाँ, तो ग्वालियर के तहसील घाटीगांव के मोहना की क्या स्थिति है? (ग) राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायत को घोषित नगर परिषद के रूप में कब तक अस्तित्व में लिया जावेगा? (घ) क्या मोहना नगर परिषद इस वर्ष होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में शामिल होगी? परिशन एवं वार्ड की क्या स्थिति रहेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 400 दिनांक 26 सितंबर 2016 द्वारा तहसील घाटीगांव के मोहना को नगर परिषद गठित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 (ख) के द्वितीय परन्तुक अनुसार यह और भी कि जब कोई क्षेत्र संक्रमणशील क्षेत्र होना अधिसूचित किया जाता है, तब ऐसे क्षेत्र पर अधिकारिता रखने वाली ग्राम पंचायत तब तक कृत्य करती रहेगी जब तक कि इस अधिनियम के अधीन सम्यक रूप से निर्वाचित नगर परिषद् गठित नहीं हो जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार। नवगठित नगर परिषद् मोहना के वार्डों की सीमा के अवधारण संबंधी कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व घाटीगांव को कलेक्टर, जिला ग्वालियर के आदेश क्रमांक 1910 दिनांक 24.06.2019 से नामनिर्दिष्ट अधिकारी नियुक्त किया गया है जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
ग्वालियर जिले में अवैध रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 1536 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्तमान समय में कितनी घोषित एवं अघोषित अवैध रेत खदानें किस-किस स्थान पद किस-किस ठेकेदार द्वारा चलाई जा रही हैं? पात्र खदानों से प्रतिदिन कितनी रेत निकाली जा सकती है एवं इसे निकलवाने हेतु किन-किन मशीनों का उपयोग किया जा सकता है? (ख) जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये? प्रकरणवार, वाहनवार, व्यक्तिवार, खदानवार, दिनांकवार पृथक-पृथक बतावें। (ग) पंजीबद्ध वाहनों पर वर्तमान स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) अवैध उत्खनन के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा गठित विशेष दल द्वारा कितनी अवैध खदानों पर छापामार कर एवं वाहनों को जप्त कर, संबंधितों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में वर्तमान में कोई घोषित तथा अघोषित अवैध रेत खदानें नहीं है। पात्र खदानों से अनुमोदित खनन योजना एवं वैधानिक अनुमतियों में स्वीकृत मात्रा के अनुरूप रेत निकाली जा सकती है। इसे निकालने हेतु अनुमोदित खनन योजना एवं पर्यावरण स्वीकृति में अनुमति प्राप्त उल्लेखित मशीनों का ही उपयोग किया जा सकता है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में रेत के अवैध परिवहन के 318 प्रकरण, अवैध उत्खनन के 07 प्रकरण एवं अवैध भंडारण के 02 प्रकरण कुल 327 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ', 'ब' एवं 'स' पर है। (घ) अवैध उत्खनन के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा विशेष दल गठित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
विद्यालयों को नवीन भवन उपलब्ध कराना
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 1553 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय/हाई स्कूल/ माध्यमिक विद्यालय/प्राथमिक विद्यालय भवन विहीन एवं कितने भवन जीर्ण-शीर्ण हैं? (ख) भवन विहिन विद्यालयों को नवीन भवन उपलब्ध कराने के संबंध में शासन की क्या नीति है? भवन विहीन विद्यालयों को कब तक विद्यालय उपलब्ध करा दिया जायेगा? (ग) जीर्ण-शीर्ण भवनों के मरम्मत के बजट के संबंध में शासन की क्या मंशा है? जीर्ण-शीर्ण भवनों के लिए राशि कब तक उपलब्ध करवाई जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नांकित विधान सभा में 18 शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय तथा 19 हाई स्कूल स्वभवन विहीन है। प्रश्नाधीन विधान सभा में कोई भी शासकीय हाईस्कूल या हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन जीर्ण-शीर्ण नहीं है। बड़नगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 04 प्राथमिक विद्यालयव एवं 02 माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन शाला है एवं 29 प्राथमिक विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण एवं 02 माध्यमिक विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। भवन विहीन 04 प्राथमिक विद्यालय एवं 02 माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन की मांग वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 में की गई है। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जीर्ण-शीर्ण भवनों में शाला संचालन न करने के निर्देश है। आवश्यकतानुसार मरम्मत योग्य भवनों में अनुरक्षण कार्यों के लिए राशि की उपलब्धता के आधार पर स्वीकृति दी जाती है। जीर्ण-शीर्ण भवनों की मरम्मत संभव नहीं है, अतः इन भवनों के विरूद्ध नवीन भवनों का निर्माण किया जाता है। बड़नगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 08 प्राथमिक विद्यालय जीर्ण-शीर्ण भवनों के विरूद्ध नवीन भवनों की मांग वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 में की गई है एवं शेष 21 प्राथमिक विद्यालय भवन एवं 02 माध्यमिक विद्यालय भवन में प्रर्याप्त कक्ष उपलब्ध होने से वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 में मांग नहीं की गई है। भारत सरकार से स्वीकृति होने पर निर्माण किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नही।
कम्प्यूटराइजेशन/ऑनलाइन सुविधायें
[आदिमजाति कल्याण]
38. ( क्र. 1605 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग में कम्प्यूटराइजेशन/ऑनलाइन सुविधायें करने हेतु एम.पी.टास सहित गत तीन वर्षों में स्वीकृत योजनाओं की समस्त प्रशासकीय स्वीकृतियां और बजट की प्रतियाँ पटल पर रखें। (ख) इस नई व्यवस्था से कौन-कौन सी योजनायें ऑनलाइन स्वीकृत होंगी? सूची दें तथा वर्ष 2018-19 में इन योजनाओं से 31/03/19 तक की गयी स्वीकृतियों की ऑनलाइन जनरेट प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कम्प्यूटराइजेशन/ऑनलाइन सुविधा विस्तार पर वर्तमान तक हुए कुल व्यय के आंकड़े दें। इस योजना निर्माण में विभाग के बाहर से पदस्थ किये गये तकनीकी सलाहकारों/इंजीनियरों के नाम, उनका मासिक वेतन तथा उन पर हुआ कुल व्यय बताएं? (घ) विभाग द्वारा बाँटें गये टेबलेटों की संख्या, मूल्य, ब्रांड, गारंटी, इत्यादि का पूर्ण विवरण दें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-19 में कुल व्यय रूपये 7,17,26,029/- (रूपये सात करोड़ सत्रह लाख छब्बीस हजार उन्तीस मात्र) व्यय है। इस योजना में मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रोमोशन ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एवं नेशनल इंफार्मेशन सेंटर सर्विस इंकॉर्पोरेट, नई दिल्ली से तकनीकी सलाहकार पदस्थ किये गए है। इनके नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। इस तकनीकी सलाहकारों के वेतन का भुगतान संबंधित संस्थाओं द्वारा किया जाता है।विभाग द्वारा सलाहकारों को भुगतान नहीं किया जाता है। (घ) वितरित किए गए टेबलेट की संख्या 1950 है। टेबलेट का मूल्य रूपये 12,353/- (रूपये बारह हजार तीन सौ तिरपन मात्र) प्रति नग है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
स्कूलों के भवन एवं शौचालय निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 1633 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 के मध्य कितने माध्यमिक हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनों सहित किन-किन स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष एवं शौचालय निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने निर्माण कार्य पूर्ण एवं कितने अपूर्ण स्थिति में हैं? कब तक पूर्ण करा लिए जावेंगे? (ग) विधान सभा क्षेत्र खुरई में किन-किन हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूलों के भवन नहीं हैं? चालू वित्तीय वर्ष में क्या इनके भवन निर्माण कार्य स्वीकृत किए जावेंगे? नहीं तो क्या कारण हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ग) विधान सभा क्षेत्र खुरई अंतर्गत कोई भी हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन विहीन नहीं है, हाईस्कूल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। शाला भवनों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
दमोह जिले में संचालित गौशालाएं
[पशुपालन]
40. ( क्र.
1661 ) श्री
धर्मेन्द्र
सिंह लोधी : क्या
पशुपालन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दमोह
जिले में आज
दिनांक तक
शासकीय एवं
अशासकीय
कितनी
गौशालाएं
संचालित हैं? अशासकीय
गौ-शालाओं को
कितना अनुदान
किस-किस मद से
प्रदान किया
जाता है? विवरण सहित
बतायें। (ख) आवारा
मवेशी जो खुले
आम सड़कों पर
घूमते हैं, जिनसे
समूचे प्रदेश
में आये दिन
दुर्घटनाएं हो
रही हैं, जिनके
नियंत्रण
हेतु शासन
द्वारा क्या
कोई
कार्ययोजना
तैयार की गई
है? अगर
हाँ तो कब तक
लागू की
जायेगी एवं
पशु मालिक पर
कार्यवाही के
लिए क्या कोई
कानून बनाया
गया है अथवा
नहीं?
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
शासन द्वारा
ग्राम
पंचायतों में
नवीन गौशालाओं
को खोलने का
आदेश दिया गया
है अगर दिये गया
है तो कब तक
गौशालाएं
आरंभ की
जावेगी?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
लाखन सिंह
यादव ) : (क) दमोह जिले
में शासकीय
गौशाला
संचालित नहीं
हैं। स्वयं
सेवी संस्थाओं
द्वारा 11 पंजीकृत
क्रियाशील
अशासकीय
गौशालाएं
संचालित हैं
तथा 01
अशासकीय
गौशाला
अपंजीकृत
होकर संचालित
है। अशासकीय
गौशालाओं को
गौवंश संख्या
के आधार पर
तथा आवश्यकतानुसार
अधोसंरचना
निर्माण हेतु
राशि,
मण्डी
बोर्ड से
म.प्र.गौपालन
एवं पशुधन
संवर्धन बोर्ड
को प्राप्त
राशि के आधार
पर जिला
गौपालन एवं
पशुधन संवर्धन
समिति के माध्यम
से गौशालाओं
को राशि
प्रदान की
जाती है। (ख) जी हाँ।
ग्रामीण
विकास विभाग, मंत्रालय
के पत्र
क्रमांक 124/348/2019/पं-1/22, भोपाल
दिनांक 06.02.2019 से
दिशा-निर्देश
जारी किए जा
चुके हैं।
पशुओं के
प्रति
क्रूरता का
निवारण
अधिनियम 1960 (1960 का 59) के
अंतर्गत पशु
मालिक पर
कार्यावाही
के प्रावधान
है।
(ग) 1000
गौशालाएं
खोलने के
ग्रामीण
विकास
मंत्रालय के
पत्र क्रमांक 124/348/2019/पं.-1/22 भोपाल
दिनांक 06.02.2019 द्वारा
आदेश दिए गए
हैं।
गौशालाओं का
निर्माण
कार्य
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
खनिज खदानों एवं खदानों से प्राप्त आय
[खनिज साधन]
41. ( क्र. 1663 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कुल कितनी खनिज खदानें स्वीकृत हैं एवं वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में स्वीकृत खदानों से कितनी आय प्राप्त हुई है? लीजधारक एवं खनिजवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) खनिज खदानों से प्राप्त आय की कितने प्रतिशत राशि विकास कार्यों पर व्यय करने का प्रावधान है वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में दमोह जिले में कितने प्रतिशत राशि किन-किन विकास कार्यों पर खर्च की गई है? स्थान एवं विकास कार्य की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) विभाग द्वारा खनिजों से प्राप्त होने वाले राजस्व को राज्य शासन की संचित निधि में जमा कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवन एवं प्रवेश द्वार की विस्तृत जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1707 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा 2013-14 से 2019-20 तक नगर निगम सीमा क्षेत्र के किस वार्ड/मोहल्ले में कितने सामुदायिक भवन एवं प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य कितने लागत से एवं किस मद से किया गया है, सूची प्रदान करें। (ख) उक्त निर्मित सामुदायिक भवन एवं प्रवेश द्वार की गुणवत्ता संबंधी स्थिति से भी अवगत करायें। (ग) वर्तमान में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निविदा के माध्यम से किस वार्ड/मोहल्ला में कितने सामुदायिक भवन एवं प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य प्रारंभ है एवं प्रारंभ होना शेष है? सूची प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संबंधी कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1708 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा निगम क्षेत्र में पिछले 05 वर्षों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संबंधी क्या-क्या कार्य कितनी लागत से, किन-किन वार्डों में किये गये? (ख) रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संबंधी निगम के पास कितना फण्ड जमा है एवं कितनी एफ.डी.आर. है? उक्त फण्ड के विरूद्ध क्या-क्या कार्य किये जाना है? (ग) जल संकट की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग योजना के लिये क्या सामाजिक संगठन एवं आम जनता के सहयोग से कोई योजना या पहल किया जाना है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम, बुरहानपुर के द्वारा निगम क्षेत्र में पिछले 05 वर्षों में रेन वाटर हार्वेंस्टिंग संबंधी कोई भी कार्य किसी भी वार्ड में नहीं किया गया है। (ख) नगर निगम, बुरहानपुर द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा के समय रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु जमा की गई राशि कुल रूपये 16.67 लाख एफ.डी.आर. के रूप में जमा है। इस राशि से निकाय द्वारा संबंधित भवन स्वामियों के भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की कार्य योजना बनाकर कार्य करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जल संकट की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना के लिए समय-समय पर सामाजिक संगठन एवं आम जनता द्वारा चाहा गया तकनीकी सहयोग नगर निगम, बुरहानपुर द्वारा दिया जा रहा है, साथ ही निजी भवन स्वामियों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्तमान में नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत सभी शासकीय स्कूलों एवं शासकीय विभागों की छत के पानी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग कर उक्त छत का पानी जमीन से उतारने की योजना तैयार की गई है।
विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे होस्टलों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
44. ( क्र. 1724 ) श्री संजय शुक्ला : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा इन्दौर जिला अंतर्गत कितने होस्टल/ छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं? कितने शासकीय भवनों में व कितने प्रायवेट भवनों में संचालित किये जा रहे हैं व कितनी राशि किराये के रूप में दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 05 वर्षों में अनूसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति होस्टलों हेतु शासन से कितनी-कितनी राशि (बजट) किस-किस मद से आवंटित की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन्दौर जिला अंतर्गत छात्रावासों/ होस्टलों में क्या-क्या कार्य कराये गये? कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? प्रशासनिक स्वीकृति किन-किन के द्वारा दी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन एजेन्सियों के माध्यम से कार्य कराये गये, किन-किन एजेन्सियों को भुगतान किस-किस कार्य हेतु किया गया? मदवार जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्रमोन्नत वेतनमान दिये जाने के जारी आदेश
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 1725 ) श्री सचिन बिरला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पदस्थ सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिये जाने संबंधी म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल के प़त्र क्रमांक सी 3-09/2017/3/एक भोपाल, दिनांक 25 अक्टूबर 2017 को आदेश जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश के तारतम्य में खरगोन जिले के बड़वाह विकासखंड एवं नये भोपाल स्थित शालाओं में पदस्थ वर्ष 1995 में नियुक्त/पदस्थ सहायक शिक्षकों को, द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ प्राप्त होगा? प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में खरगोन जिले के बड़वाह विकासखण्ड एवं नये भोपाल स्थित शालाओं में पदस्थ किन-किन सहायक शिक्षकों को इसका लाभ प्राप्त होगा? नामवार जानकारी दें। उक्त के संबंध में आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जी हाँ, पात्रतानुसार। खरगोन जिला अंतर्गत पदस्थ सहायक शिक्षकों को द्वितीय एवं तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ प्राप्त होने वाले लोक सेवकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। बड़वाह विकासखण्ड अंतर्गत 03 सहायक शिक्षकों को 24 वर्ष का क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाना शेष है। भोपाल स्थित शालाओं में 43 सहायक शिक्षकों में से 05 सहायक शिक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ प्रदान किया गया है। शेष 15 सहायक शिक्षकों के प्रस्ताव संकुल से प्राप्त किया जा रहा है। 23 सहायक शिक्षकों के नामो पर 24 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के उपरांत द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ प्रदान करने पर विचारण किया जा सकेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शेष कर्मचारियों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिए जाने हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक यथाशीघ्र आयोजित किए जाने के संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए है।
किसानों की फसल सुरक्षा
[वन]
46. ( क्र. 1770 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत वन विभाग की शासकीय जमीन (जंगल) से लगी राजस्व विभाग की किसानों की जमीन में कृषि कार्य संचालित है, जिसमें जंगली जानवरों के द्वारा किसानों के फसल की बहुत ज्यादा नुकसानी की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वन विभाग वन सीमा में बाड़ लगाकर किसानों के फसल की सुरक्षा करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत वनभूमि से लगी राजस्व भूमि में किसानों द्वारा खेती की जा रही है। वनमंडल अंतर्गत वन्यप्राणियों द्वारा किसानों की फसल नुकसानी होने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) वर्तमान में वन विभाग में ऐसी कोई योजना प्रचलित नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालक हायर सेकेण्डरी स्कूल सेमरिया में स्टेडियम का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 1771 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में विधान सभा क्षेत्र सेमरिया में बालक हायर सेकेण्डरी स्कूल सेमरिया संचालित है तथा इस विद्यालय में पर्याप्त जमीन है तथा यह इस क्षेत्र का एकमात्र विद्यालय है, जिसमें सर्वसुविधायुक्त विद्यालय संचालित है। (ख) यदि हाँ, तो क्या इस विद्यालय में सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम का निर्माण करा दिया जाये तो क्षेत्र की प्रतिभाओं को पर्याप्त सुअवसर मिलेगा। (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार उपरोक्त बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए बालक हायर सेकेण्डरी स्कूल सेमरिया में सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम का निर्माण कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत स्टेडियम निर्माण की कोई योजना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैराड की पचीपुरा जलावर्धन योजना के कार्य की प्रगति
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1782 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिला अंतर्गत बैराड तहसील की पचीपुरा सिंचाई परियोजना से बैराड नगर को पेयजल प्रदाय किए जाने हेतु जलावर्धन योजना की स्वीकृति हो चुकी है? क्या स्वीकृति उपरान्त इसके निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्या निविदा उपरांत कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण किए जाने हेतु क्या समयावधि निर्धारित की गई है? सम्पूर्ण योजना की कुल कितनी लागत निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पचीपुरा जलावर्धन योजना की शर्तों के अनुसार बैराड नगर को पेयजल उपलब्ध कराए जाने हेतु क्या-क्या कार्य किए जाने हैं? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं तथा कौन-कौन से कार्य पूर्ण किए जाना शेष हैं? क्या शेष कार्यों को पूर्ण करने में कोई बाधा आ रही है? यदि नहीं, तो शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे तथा नगर की जनता को कब तक पेयजल उपलब्ध करा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। अनुबंध अनुसार 850 दिवस। कुल लागत राशि रूपये 22.27 करोड़। (ख) बैराड नगर की पेयजल योजनान्तर्गत किये जाने वाले कार्य एवं उनकी अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। योजनान्तर्गत समस्त कार्य अनुबंध अनुसार 850 दिवस में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है, तदोपरांत नगर की जनता को पेयजल उपलब्ध कराया जावेगा।
निजी भूमि के अधिग्रहण की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र.
1810 ) श्री
मनोज चावला : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
निगम भोपाल
द्वारा ग्राम
हिनोतिया आलम
पटवारी हलका नंबर
40 में
स्थित निजी
भूमि पर भूमि
स्वामी की
बिना अनुमति
के पेयजल पाइप
लाइन का कार्य
करवाया गया है
क्या
भूमिस्वामी
द्वारा सी.एम.
हेल्पलाइन
में शिकायत
क्रमांक 6382649
दिनांक 27.06.2018 द्वारा
इस संबंध में
दर्ज कि गई
थीं। शिकायत अनुसार
क्या पाइप
लाइन निजी भूमि
से हटा ली गई
है। यदि हाँ, तो कब
और नहीं तो
क्यों हटायी
गई है?
कारण
बतायें। (ख) क्या
शासन द्वारा
निजी भूमि का
अधिग्रहण/उपयोग
करने पर भूमि
स्वामी से
अनुमति ली
जाकर भूमि का
उपयोग किया
जाता है या
बिना अनुमति
के ही निजी
भूमि का उपयोग
किया जाता है
इसके क्या नियम
है क्या शासन
द्वारा
प्रभावित
भूस्वामी को
नियमानुसार
मुआवजा के
उपरांत ही
उक्त भूमि का
उपयोग किया
जाता है इस
संबंध में यह
कार्यवाही
नगर निगम
भोपाल द्वारा
क्यों नहीं की
गई इसके लिये
कौन दोषी है? क्या
इनके विरुद्ध
शासन
कार्यवाही
करेगा एवं
प्रभावित
भूस्वामी को
शासन
नियमानुसार
मुआवजा
उपलब्ध कराएगी? (ग) यदि
शासन मुआवजा
उपलब्ध कराने
में सक्षम नहीं
है तो निजी
भूमि में लगाई
गई पाइप लाइन
को तत्काल
प्रभाव से
हटाने कि
कार्यवाही की
जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) जी
नहीं। प्रश्नाधीन
सी.एम. हेल्पलाईन
शिकायत
क्रमांक 6382649
दिनांक 27.06.2018 नगर पालिक
निगम,
भोपाल
से संबंधित न
होकर गांव
कचनारिया
पंचायत तहसील, आष्टा
से संबंधित है
तथा सी.एम.
हेल्पलाईन
शिकायत
दिनांक 01.07.2018 है, न कि 27.06.2018 शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश
शासन के
राजपत्र
क्रमांक 35, दिनांक
30.08.2013
भूमिगत पाइप
लाइन केवल एवं
डक्ट (भूमि
की उपयोगिता
के अधिकारों
का अर्जन) नियम
2013
अनुसार निजी
भूमि का
अधिग्रहण एवं
उपयोग किया
जाता है। इस
संबंध में
शासन के
भूमिगत पाइप लाइन, केबल
डक्ट (भूमि
की उपयोगिता
के अधिकारों
का अर्जन) नियम
2013
अनुसार
कार्यवाही की
जाती है। उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) नियमानुसार
मुआवजा उपलब्ध
कराने में
शासन सक्षम
है। शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
एफ.आई.आर. दर्ज कर्मचारी को निलंबित किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 1815 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीकांत पाण्डेय योजना अधिकारी कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सतना के ऊपर ई.ओ.डब्ल्यू.थाना भोपाल में 15/18 दिनांक 25-07-2018 को धारा 419, 420, 465, 467, 468, 471, 120 बी तथा अन्य में एफ.आई.आर. भी दर्ज है। क्या उक्त सभी धारायें नैतिक अधपतन पदीय भ्रष्टाचार एवं शासन के प्रति संदिग्ध निष्ठा के अन्तर्गत आती हैं? (ख) क्या सतना जिले के शिक्षा विभाग में एफ.आई.आर.दर्ज होने पर तत्का. जिला शिक्षा अधिकारी क्रमशः श्री डी.आर.ग्यानानी, श्री एस.के.त्रिपाठी, श्री उपेंद्र सिंह, ए.पी.सी.,जिला शिक्षा केंद्र, श्री कमलेश वर्मा बी.आर.सी. मैहर, श्री एस.एस.तिवारी, व्याख्याता, शा.उ.मा.वि. नादन एवं ऐसे ही अन्य लोकसेवकों को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा निलंबित किया गया था। (ग) यदि हाँ, तो अपराध पंजीबद्ध होने पर जिस प्रकार सतना जिले के अन्य लोक सेवकों को निलंबित किया गया था तो श्रीकांत पाण्डेय को अब तक क्यों निलंबित नहीं किया गया। यह दोहरा मापदण्ड विभाग क्यों अपना रहा है? (घ) शासन कब तक श्रीकांत पाण्डेय को प्रश्नांश (क) के आरोपों एवं (ख) भाग के तहत निलंबित करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी, हाँ। जी, हाँ। (ख) जी, हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अधीन प्राथमिकी दर्ज किए जाने के उपरांत सदैव निलम्बित किए जाने के उपबंध नहीं है। शासकीय सेवक को भ्रष्टाचार या अन्य अनैतिक पतन अन्तर्वलित दाण्डिक अपराध के विरूद्ध चालान प्रस्तुत किए जाने की स्थिति में सदैव निलम्बित किए जाने के प्रावधान है- जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षक की व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 1816 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतिथि शिक्षक व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग में प्रथमवार म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के ज्ञाप क्रमांक/एफ-1/347/2002/20-1 भोपाल दिनांक 23 नवंबर 2004 के द्वारा लागू की गई थी। क्या उक्त योजना अब भी विभाग में प्रभावशील है? कितने अतिथि शिक्षक सत्र 2018-19 में प्रदेश में कार्यरत थे? वर्गवार संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार म.प्र.जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ भोपाल के पत्र क्रमांक/कंप्यूटर कोड नं./पीजी/ 9248158/2004/99 भोपाल दिनांक 25.10.2004 के निराकरण में शासन द्वारा उक्त आदेश जारी किया जाना अंकित किया गया है। यह सुझाव कहाँ से प्राप्त हुआ था प्रस्ताव देनें वाले व्यक्ति का विवरण देवें। (ग) क्या अतिथि शिक्षक की व्यवस्था से विभाग को लाभ हुआ है। शालाओं के माध्यम से व्यक्तियों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है। (घ) शासन उपरोक्तानुसार अतिथि शिक्षक की व्यवस्था का प्रस्ताव देनें वाले को सम्मान अथवा पारितोषिक प्रदान करके सम्मानित करेगाI यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र क्रमांक विद्या/ई/ 2007/2526 दिनांक 30-11-2007 द्वारा अतिथि शिक्षक योजना लागू की गई थी। वर्ष 2018-19 में वर्गवार कार्यरत अतिथि शिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाश-क के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से अध्यापन व्यवस्था हो सकी है। अतिथि शिक्षक व्यवस्था अस्थाई है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मवेशियों हेतु गौशाला निर्माण
[पशुपालन]
52. ( क्र. 1826 ) श्री विनय सक्सेना : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में सरकार द्वारा, सड़क पर घूमते मवेशियों के संबंध में क्या क्या कार्य किये गये? (ख) क्या वर्तमान सरकार उक्त मवेशियों हेतु गौशालाएं स्थापित करवाएगी? यदि हाँ, तो कितनी गौशालाओं का निर्माण कितनी-कितनी भूमि पर एवं कितनी-कितनी राशि से किया जायेगा? (ग) ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में गौशाला निर्माण हेतु किस स्तर के अधिकारी अधिकृत होंगे और स्थापना की क्या प्रक्रिया होगी व निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) निराश्रित गौवंश के भरण पोषण हेतु स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित क्रियाशील पंजीकृत गौशालाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। (ख) सरकार द्वारा उक्त गौवंश के व्यवस्थापन हेतु 1000 गौशालाऐं स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। गौशालाओं का निर्माण, प्रति गौशाला एक एकड़ भूमि पर होगा तथा प्रति गौशाला निर्माण कार्य की अनुमानित लागत लगभग राशि रूपये 29.62 लाख होगी। (ग) गोशाला निर्माण हेतु जिला कलेक्टर के अधीन गठित जिला समन्वय समिति के अनुमोदन के उपरांत परियोजना की तकनिकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा जारी की जावेगी तथा प्रशासकीय स्वीकृति जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी म.न.रे.गा. द्वारा जारी की जावेगी। उपयंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मूल्यांकन किया जावेगा एवं सत्यापन सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जावेगा। जिले में परियोजना के निर्माण का सतत् निरिक्षण, मूल्यांकन एवं गुणवत्ता के लिए कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधीन गठित समिति है। निर्माण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बैतूल नगरीय सीमा में शामिल ग्रामों की भूमि
[वन]
53. ( क्र. 1831 ) श्री निलय डागा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल नगरीय सीमा के ग्राम टिकारी, सोनाघाटी, गौठाना, खंजनपुर, हमलापुर, बदनूरढाना एवं खकराजामठी की कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे, संरक्षित वन खण्ड, नारंगी वनखण्ड में शामिल की गई? इनमें से कितनी-कितनी भूमि अतिक्रमित पाई गई? (ख) इन ग्रामों की कितनी भूमि किस आदेश दिनांक या पत्र दिनांक से किसे अंतरित की गई आवंटित की गई? भा.व.अ.1927 की धारा 34-अ के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को डीनोटीफाईड की गई? (ग) नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल भूमि राजस्व विभाग के अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस जंगल मद, किस-किस गैर जंगल मद, किस-किस सार्वजनिक प्रयोजन एवं किस-किस निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज है? इस भूमियों को 14 मई 1996 के शासनादेश की किस कंडिका में दिए किस प्रावधान के अनुसार नारंगी भूमि सर्वे वनखण्ड में शामिल किया है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कलेक्टर बैतूल के पत्र क्रमांक/944/एल.आर.-2 वि.स./2019 दिनांक 03.07.2019 के अनुसार नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल भूमि राजस्व विभाग के अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज जानकारी निम्नानुसार :-
क्र. |
मद/प्रयोजन |
विवरण |
1 |
जंगल मद |
झाड़ का जंगल, छोटे झाड़ का जंगल |
2 |
गैर जंगल मद |
घास, पहाड़-चट्टान |
3 |
सार्वजनिक प्रयोजन की भूमि |
घास, आरक्षी विभाग, लोक विभाग, चारागाह नगर पालिका पहाड-चट्टान, छोटे झाड़ का जंगल |
4 |
निस्तारी पत्रक की भूमि |
चराई, सेवाखातेदार, चरनोई, इमारती जलाऊ लकड़ी, मुर्दा मवेशी चीरने फाड़ने, श्मसान,मकान चारागाह, खदान |
उपरोक्त भूमियों को विभागीय ज्ञापन दिनांक 14.05.1996 की कंडिका क्रमांक-3, में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार, नारंगी भूमि सर्वे वनखण्ड में शामिल की गई।
प्राचार्यों की नियुक्ति के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 1846 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में कितने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान है? इन संस्थानों में ऐसे कितने संस्थान है जिनमें प्राचार्य कार्यरत है एवं कितने संस्थानों में प्रभारी प्राचार्य काम कर रहे हैं? प्राचार्यों के नाम सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में जिन संस्थानों में प्रभारी प्राचार्य कार्य कर रहे है उनमें प्राचार्यों की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी? इन संस्थानों में एक ही स्थान पर 10 वर्षों से अधिक समय से कौन-कौन कब से पदस्थ है, संवर्गवार जानकारी उपलब्ध करावें? लम्बे समय से एक ही स्थान पर रहने वालों के क्या अन्यत्र स्थानान्तरण किये जावेंगे यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में जिला एवं प्रशिक्षण संस्थानों में कितनी शुल्क ली जाती है? मदवार विवरण उपलब्ध करावें। वर्तमान में किस-किस संस्थान में संस्थान विकास की कितनी राशि खातों में जमा है? संस्थानवार खाता नम्बर सहित जानकारी उपलब्ध करावें, इस राशि का व्यय किन कार्यों में किया गया और किस की अनुमति से? विगत 2 वर्षों का संस्थानवार विवरण दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) संपूर्ण म.प्र. में 45 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान संचालित है। 12 संस्थानों में पूर्णकालिक प्राचार्य एवं 32 संस्थानों में प्रभारी प्राचार्य कार्यरत हैं। 01 संस्थान में प्राचार्य का पद रिक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '1' अनुसार है। (ख) शिक्षक शिक्षा संवर्ग में प्राचार्य डाईट संवर्ग के लोकसेवक उपलब्ध नहीं होने से समकक्ष स्तर के अधिकारी की पदस्थापना की कार्यवाही की जा सकेगी। 10 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ लोकसेवकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। प्रशासकीय आवश्यकता अनुरूप स्थानांतरण किये जा सकेंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र क्र. एफ-44-12/20-2/2017 दिनांक 17.07.2017 के अनुसार म.प्र. में शासकीय जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान के द्विवर्षीय पाठ्यक्रम में प्रति छात्र प्रतिवर्ष रूपए 9000/- (नौ हजार मात्र) शुल्क लिया जाता है। अन्य वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
55. ( क्र. 1847 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनु.जाति एवं अनु.जनजाति वर्ग के व्यक्तियों, छात्र-छात्राओं के कल्याण के लिये भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? पात्रता की शर्तें एवं मापदण्ड सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) विदिशा जिले सहित शमशाबाद विधान सभ क्षेत्र में वर्ष 2015-16 से जून 2019 तक किस-किस योजना/मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि से कहाँ-कहाँ और क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण और अप्रारंभ है? सूची उपलब्ध करावें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
शिक्षकों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 1854 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित शालायें (उ.मा.वि. हाई स्कूल, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला) में स्वीकृत शिक्षकों (व्याख्याता/वरिष्ठ अध्यापक शिक्षक/अध्यापक, सहायक शिक्षक/सहायक अध्यापक खेल शिक्षक) के पद के विरूद्ध पदस्थ शिक्षकों की विषयवार एवं शालावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शालाओं में शिक्षक विहिन शाला एक शिक्षकीय शाला एवं अतिशेष पदस्थ शिक्षक शाला की सूची उपलब्ध करायें। क्या जिन शालाओं में अतिशेष शिक्षक पदस्थ हैं उन्हें शिक्षक विहिन/एक शिक्षकीय शालाओं में पदस्थ किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक? क्या उपरोक्त वर्णित शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को जिला स्तर पर किसी अन्य शाला में शैक्षणिक कार्य या अन्य कार्य के लिये संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? जिला स्तर पर किये गये संलग्नीकरण आदेश की प्रति प्रदान करें। क्या शिक्षकों/अध्यापकों के संलग्नीकरण ना करने हेतु शासन/विभाग स्तर से कोई आदेश जारी किये गये है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदान करें। (ग) सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र केवलारी में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित शालायें (उ.मा.वि. हाई स्कूल, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला) के परिसर में सीमा दीवार बनाने हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र/जिला शिक्षा केन्द्र के द्वारा कोई प्रस्ताव शासन/विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कोई शिक्षक विहीन शाला नहीं हैं। एक शिक्षकीय शाला एवं अतिशेष शिक्षकों वाली शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है। जी हाँ, स्कूल शिक्षा विभाग से जारी परिपत्र दिनांक 22.6.2019 अनुसार अतिशेष शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में पदस्थ किया जावेगा। सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत जिला स्तर से किसी भी शिक्षक को अन्य शाला में शैक्षणिक या गैर शैक्षणिक कार्य में संलग्न नहीं किया गया हैं। संचालनालय के पत्र क्रमांक 972, दिनांक 21.6.2019 द्वारा संलग्नीकरण निरस्त करने के निर्देश जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार। (ग) जी हाँ। 346 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के परिसर में सीमा दीवार (बाउण्ड्रीवाल) के प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना 2019-20 में भारत सरकार को भेजे गये है। स्वीक़ृति प्रदान होने पर कार्य किया जा सकेगा। राज्य मद से श्रेणी 1 की शालाओं में बाउण्ड्रीवाल निर्माण की योजना अग्रेषित है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बाउण्ड्रीवाल का निर्माण बजट उपलब्धता एवं समक्ष समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
शालाओं में पदस्थ शिक्षकों का संलग्नीकरण
[आदिमजाति कल्याण]
57. ( क्र. 1855 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित शालायें (उ.मा.वि., हाई स्कूल, माध्य.शाला, प्राथमिक शाला) एवं आश्रमों व छात्रावासों में स्वीकृत शिक्षकों (व्याख्याता/वरि.अध्या. शिक्षक/अध्यापक, सहायक शिक्षक/सहा.अध्या. अधीक्षक खेल शिक्षक) के पद के विरूद्ध पदस्थ शिक्षकों की विषयवार एवं शालावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शालाओं में शिक्षक विहीन शाला, एक शिक्षकीय शाला एवं अतिशेष पदस्थ शिक्षक शाला की सूची उपलब्ध करायें। क्या जिन शालाओं में अतिशेष शिक्षक पदस्थ हैं, उन्हें शिक्षक विहिन/एक शिक्षकीय शालाओं में पदस्थ किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक? क्या उपरोक्त वर्णित शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को जिला स्तर पर किसी अन्य शाला में शैक्षणिक कार्य या अन्य कार्य के लिये संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? जिला स्तर पर किये गये संलग्नीकरण आदेश की प्रति प्रदान करें। क्या शिक्षकों/अध्यापकों के संलग्नीकरण ना करने हेतु शासन/विभाग स्तर से कोई आदेश जारी किये गये है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदान करें। (ग) क्या सिवनी जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्ती विकास मद के अन्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों की शासन/विभाग द्वारा प्रदत्त बजट एवं बजट के विरूद्ध जारी प्रशा. स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, उक्त स्वीकृत कार्यों के लिये सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त निरीक्षण/प्रतिवेदन इस हेतु शासन/विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देंश, निर्माण कार्यों की निर्माण एजेंसी का नाम एवं निर्माण स्थल का नाम, उक्त कार्यों का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र/वर्तमान स्थिति इत्यादि बिन्दुओं की जानकारी के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 05.03.2019 को सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग सिवनी एवं दिनाक 28.03.2019 को कार्यालय कलेक्टर सिवनी को दिये गये पत्र पर क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” (1) एवं “ब” (2) पर है। जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र दिनांक 24/06/19 की कंडिका 1.1, 1.2 एवं 1.3 में अतिशेष शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में पदस्थ करने के निर्देश जारी किये गये है। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पदस्थी की प्रक्रिया प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। स्थानीय व्यवस्था के अनुरूप कार्य किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिशिष्ट (1-8)। शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न न करने के संबंध में शासन पत्र दिनांक 08/04/2008 एवं 26/06/2019 द्वारा निर्देश जारी किये गये है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र के द्वारा चाही गई जानकारी सहायक आयुक्त सिवनी के पत्र क्रमांक 1837/निर्माण/2019 सिवनी दिनांक 20/06/2019 के द्वारा प्रेषित की गयी है।
वृक्षारोपण करने का प्रस्ताव
[वन]
58. ( क्र. 1856 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में फलदार वृक्षों को परिवहन अनुज्ञा (टी.पी.) में छूट देकर वृक्ष काटने की अनुमति कब और किसके द्वारा दी गई? क्या उक्त अनुमति के उपरांत प्रदेश में वृहद पैमानें में फलदार वृक्षों को काटा जाने लगा जिससे प्रदेश में फलदार वृक्षों के मात्रा में तेजी से कमी आई इसके चलते पर्यावरण एवं इन वृक्षों से तमाम प्रकार के जीव-जंतु को मिलने वाला आहार/भोजन प्रभावित हुआ है? क्या फलदार वृक्षों को मृत होने के उपरांत ही काटे जाने की अनुमति एवं परिवहन अनुज्ञा में शामिल करने का प्रस्ताव शासन/विभाग के पास है? यदि हाँ, तो इसमें कब तक स्वीकृति मिलेगी यदि नहीं, तो इस हेतु शासन/विभाग कोई विचार करेगा? (ख) सिवनी जिले में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में रिक्त पड़ी वन भूमि पर क्या शासन/विभाग के द्वारा वृक्षारोपण किये जाने का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो इस पर कब तक क्रियान्वयन किया जावेगा? यदि नहीं, तो उक्त रिक्त भूमि पर वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण करने का प्रस्ताव शीघ्र बनाकर शासन/विभाग से अनुमति लेने की प्रक्रिया से अवगत करावे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 24 सितम्बर, 2015 से विभिन्न 53 वृक्षों की प्रजातियों को टी.पी. से छूट प्रदान की गई है। इन 53 प्रजातियों में फलदार प्रजातियां जैसे- बेर, शहतूत, कटहल, अमरूद, नींबू, संतरा, मोसम्बी, मुनगा, इमली, जामुन, आम एवं गूलर भी सम्मिलित है। राज्य शासन द्वारा टी.पी. में दी गई छूट के कारण वृहद पैमाने पर फलदार वृक्षों में कमी आई है तथा जीव-जंतुओं को मिलने वाला आहार/भोजन प्रभावित होने संबंधी जानकारी संकलित की जा रही है। फलदार वृक्षों को मृत होने के बाद ही काटे जाने की अनुमति एवं परिवहन अनुज्ञा में सम्मिलित करने संबंधी कोई प्रस्ताव विभाग में प्रचलित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियमों में संशोधन हेतु शासन विचार करेगा। (ख) जी हाँ। सिवनी जिले में प्रश्नांकित क्षेत्र केवलारी में दक्षिण सिवनी वनमंडल के केवलारी परिक्षेत्र में वर्ष 2019 में ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत 20000 पौधे रोपित किये जा रहे है।
नवीन जल आवर्धन योजना की निविदा आमंत्रण सूचना
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र.
1859 ) श्री
राकेश पाल
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले की नगर
पालिका परिषद
सिवनी में निर्माणाधीन/निर्मित
नवीन जल
आवर्धन योजना
हेतु परिषद
द्वारा आमंत्रित
निविदा
आमंत्रण
सूचना, इसके
उपरांत कोरे
निविदा
प्रपत्र क्रय
करने हेतु
प्राप्त
आवेदन पत्र
(साथ में
संलग्न
उपयुक्त दस्तावेज)
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित योजना
के लिये
आमंत्रित
निविदाओं को
परिषद की
निविदा समिति
द्वारा खोलने
के उपरांत
समिति द्वारा
निविदा दरों
का तुलनात्मक
विवरण
प्रपत्र पर
निविदा समिति
द्वारा दरों
के संबंध में
दिये गये अपने
अभिमत
प्रपत्रों को
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित योजना
के लिये
आमंत्रित
निविदा दर क्या
जबलपुर राजस्व
संभाग के अन्य
जिलों में इसी
प्रकृति
कार्य के लिये
आमंत्रित
निविदा दर
नगरीय निकाय
के प्रचलित
एस.ओ.आर. से
अधिक थी? यदि हाँ, तो
कितने
प्रतिशत अधिक
थी? क्या
नगर पालिका
परिषद सिवनी
को उपरोक्त
नवीन जल
आवर्धन योजना
का कार्य
कितनी अधिक दरों
में प्रथम
निविदा
आमंत्रण में स्वीकार
करने के लिये
परिषद की
सामान्य सभा
में प्रस्ताव
अनुमोदन
कराया गया था? यदि
हाँ, तो
परिषद की
सामान्य सभा
का अनुमोदित
प्रस्ताव
उपलब्ध
कराये। क्या
उक्त योजना
के प्रथम
निविदा
आमंत्रण में
अन्य जिलों
की तुलना
प्राप्त अत्यधिक
दरों को राज्य
तकनीकी समिति
द्वारा बिना
किसी आपत्ति
के स्वीकृत
कर दिया गया? यदि
हाँ, तो
उपरोक्त
दरों के अंतर
की राशि को स्वीकृत
करने वाले
अधिकारी से
वसूली किये
जाने हेतु
शासन/विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित योजना
की अधिक
निविदा दरों
के संबंध में
नगर पालिका
परिषद सिवनी, कलेक्टर
सिवनी, प्रमुख
सचिव नगरीय
विकास एवं
प्रशासन, आयुक्त
नगरीय निकाय
एवं माननीय
मुख्यमंत्री
म.प्र. शासन को
आज दिनांक तक
किन-किन स्थानीय
जनों एवं
जनप्रतिनिधियों
द्वारा शिकायत
की गई है? यदि हाँ, तो शासन/विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है।
(ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है।
(ग) जलप्रदाय
योजना हेतु
राशि रू. 4597.86 लाख के
विरूद्ध
निविदा दर
राशि रू. 6255.00 लाख स्वीकृत
की गई है जो
प्रचलित ISSR से 36.06
प्रतिशत अधिक
है।
नियमानुसार
पी.आई.सी. के द्वारा
स्वीकृति दी
गई। प्रस्ताव
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार
है। उक्त
योजना के प्रथम
निविदा
आमंत्रण में
प्राप्त
दरों के उचित
होने से स्वीकृत
करने की
अनुशंसा राज्य
स्तरीय
तकनीकी समिति
में की गई है।
दरें नियमानुसार
स्वीकृत
होने से किसी
के विरूद्ध
कार्यवाही करने
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उपलब्ध
दस्तावेजों
के अनुसार
श्री राजकुमार
खुराना, अध्यक्ष
जिला
कांग्रेस
कमेटी सिवनी
के द्वारा माननीय
मुख्यमंत्री
म.प्र. शासन को
शिकायत की गई
है। शिकायत पर
जाँच कर ली गई
है। श्री
प्रदीप पटेल
सिवनी द्वारा
पुलिस अधीक्षक
ई.ओ.डब्ल्यू. को
शिकायत की गई
है, जिसकी
प्रति पुलिस
अधीक्षक
लोकायुक्त
संगठन को दी
गई है। शिकायत
पर लोकायुक्त
संगठन द्वारा
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
सिवनी से
प्रतिवेदन चाहा
गया है।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 1947 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा के विकासखण्ड बासौदा एवं ग्यारसपुर अंतर्गत कहाँ कहाँ पर कौन-कौन से शास.उ.मा. विद्यालय संचालित है? इनमें से कौन-कौन से विद्यालय भवन विहीन है? उनके नाम बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित कुछ विद्यालयों के भवन स्वीकृत तो है लेकिन उनके भवन अपूर्ण या अधूरे है? उनके नाम बतावें। (ग) विकासखण्ड बासौदा अंतर्गत ग्राम सिरनौटा के उ.मा.वि. के भवन की वर्तमान में क्या स्थिति है? स्वीकृति से लेकर अभी तक का भवन निर्माण संबंधी पूर्ण विवरण देवें। (घ) यदि यह भवन अपूर्ण है तो पूर्ण हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) ग्राम सिरनौटा में संचालित उ.मा.वि. सिरनौटा का निर्माण वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा प्रारंभ किया गया। वर्ष 2009 तक कक्ष निर्माण, प्लास्टर कार्य कराया गया। राशि के अभाव में छत, दीवारों का फिनिशिंग, पुताई एवं खिड़की तथा दरवाजों का कार्य ठेकेदार द्वारा बंद कर दिया गया है। विभाग द्वारा अपूर्ण कार्य का आधिपत्य भी नहीं लिया गया है। (घ) लघु उद्योग निगम की सिविल इकाई बंद हो जाने से पी.आई.यू. को मूल्यांकन हेतु लिखा गया है। मूल्यांकन उपरांत शेष कार्य का प्राक्कलन तैयार कर अपूर्ण कार्य को पूर्ण कराया जाएगा।
नि:शक्तजनों को दी जा रही सुविधायें
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
61. ( क्र. 1979 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण समुदाय को वर्तमान में कौन-कौन सी सुविधायें दी जा रही हैं एवं उनके क्रियान्वयन हेतु क्या मार्गदर्शिका निर्धारित है? (ख) सामाजिक न्याय के अंतर्गत कौन-कौन से वर्ग के व्यक्ति शामिल हैं? उन्हें क्या-क्या सुविधा दिये जाने का प्रावधान है, सामाजिक क्षेत्र में कौन-कौन व्यक्ति शामिल हैं? इस हेतु संबंधित को क्या-क्या कागज प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान है। (ग) नि:शक्तजन कल्याण के अंतर्गत कौन-कौन से व्यक्ति शामिल होकर नि:शक्तजन के प्रमाण पत्र में किस-किस योजना के तहत कितना विकलांग प्रतिशत होना आवश्यक है व योजना का लाभ लेने हेतु किन-किन कागजों की आवश्यकता होगी। (घ) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना से विगत 5 वर्ष में कितने सामाजिक व नि:शक्तजन वर्ग को किन-किन योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। यह जानकारी वर्ष 2013 से दिसम्बर 2018 तक दी जावे।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) विभाग द्वारा सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण समुदाय को वर्तमान में प्रदान की जा रही सुविधाएं एवं उनके क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार। (ग) दिव्यांगजन को शासन की विभिन्न योजनाओं की सुविधा के लिये दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा-2 (आर) के तहत न्यूनतम 40 प्रतिशत (बैचमार्क) तथा भारत सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन में 80 प्रतिशत दिव्यांगता का होना अनिवार्य है एवं धारा-जेड सी में 21 प्रकार की दिव्यांगता शामिल की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार।
खनिजों के पट्टे/बीज देनें की प्रक्रिया
[खनिज साधन]
62. ( क्र. 1988 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज साधन विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी खनिज सम्मिलित है एवं उनके क्रियान्वयन हेतु शासन की नवीन नीति क्या है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खनिजों को लीज/ पट्टा आदि देने की क्या प्रक्रिया है विगत 03 वर्ष में मुरैना जिले में कौन-कौन खदान किस-किस को लीज/पट्टा पर दी गई, खदान का नाम, पट्टाग्रहिता का नाम पता, रकबा, वर्ष अवधि आदि सहित बतावें? (ग) क्या कुछ लीजों के माध्यम से प्राप्त राजस्व से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य के लिए किये जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो अवगत कराते हुए मुरैना जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों को लाभान्वित किया गया पंचायत का नाम, राशि विवरण, दिनांक/वर्ष आदि सहित विगत 03 वर्ष की जानकारी दी जावे।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 3 के अंतर्गत दर्शाये गये समस्त खनिजों के संबंध में प्रदेश के खनिज साधन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इनके क्रियान्वयन हेतु मुख्य खनिज के संबंध में भारत सरकार द्वारा विभिन्न नियम बनाये गये हैं। गौण खनिज के संबंध में भारत सरकार द्वारा विभिन्न नियम प्रचलित हैं। वर्तमान में प्रदेश की खनिज नीति वर्ष 2010 अस्तित्व में है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित समस्त अधिनियम एवं नियम अधिसूचित है, जिनमें प्रक्रिया प्रावधानित है। मुरैना जिले में लीज पर स्वीकृत खदानों की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जी नहीं। समस्त गौण खनिज से प्राप्त राजस्व मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 अनुसार राज्य शासन के कोषालय में जमा किया जाता है एवं व्यय किया जाता है।
रिक्त पदों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2024 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अन्तर्गत नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत है नाम पद एवं नियुक्ति दिनांक सहित जानकारी दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विभाग में कौन-कौन से पद रिक्त है। प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दी जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब’’ अनुसार है।
मस्टर पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 2025 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम मुरैना में कितने कर्मचारी मस्टर पर कार्यरत हैं एससी/एसटी/ ओबीसी/जनरल की सूची अलग-अलग मय नाम व पद से प्रदान कराई जावे। (ख) नगर निगम मुरैना में कचरा ढोने वाली गाड़ी का ठेका किस कम्पनी/फर्म के नाम से है उसका नाम व पता मय कान्टेक्ट नम्बर के एवं कितने रूपये महीने की दर से ठेका दिया है। (ग) नगर निगम मुरैना में कुल कितने किस-किस कार्य हेतु कितने-कितने रूपये माहवार के हिसाब से वाहन ठेके पर लगाये गये है? (घ) नगर निगम मुरैना में वसूली का ठेका किसके पास है, ठेकेदार/कर्मचारी की जानकारी मदवार मय कान्टेक्ट नम्बर से प्रदाय कराई जाये। नगर निगम मुरैना द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत कितने आवास पात्र हितग्राहियों को दिये गये है, कितने प्रकरण लंबित है। पात्र एवं अपात्र तथा लम्बित प्रकरणों की सूची मय नाम पते निवास सहित दी जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ’’ अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, मुरैना द्वारा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन तथा कचरे का परिवहन कार्य ईको ग्रीन ग्वालियर प्राइवेट लिमिटेड को रूपये 1701/- प्रति टन दर पर दिया गया है। प्रोजेक्ट हेड श्री आशीष शर्मा का मोबाईल क्रमांक 7991602121 तथा पता 131 शारदा बिहार, ग्वालियर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब’’ अनुसार है। (घ) ठेकेदार/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“स’’ तथा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“द’’ अनुसार है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय कल्याण के लिये सुविधाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
65. ( क्र. 2042 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में निवासरत (गाडौतिया) के नाम से जाने वाले परिवार के लोगों को शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ में से कौन की श्रेणी में चिन्हित किया गया है। (ख) उक्त श्रेणी के परिवारों को शासन द्वारा किस योजनांतर्गत क्या सुविधाएं उपलब्ध की जा रही है यदि हाँ, तो जानकारी बतायें। यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? (ग) यदि इन्हें शासन की और से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही तो क्या शासन इस विषय में कोई कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) खातेगांव विधान सभा में (गाडोतियां) परिवार के नाम से कितने लोग उक्त श्रेणी में पंजीकृत है।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) शासन द्वारा अधिसूचित सूची में गाडौतियां जाति का उल्लेख नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त श्रेणी में पंजीकृत होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रमसा छात्रावासों में व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
66. ( क्र. 2074 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग सीधी द्वारा संचालित रमसा छात्रावासों में विगत 03 वर्षों में व्यय की गई राशि की गतिविधिवार (योजनावार) जानकारी दें? (ख) जिला शिक्षा केन्द्र सीधी में पदस्थ डी.पी.सी. डॉक्टर के.एम. द्विवेदी कब से सीधी में पदस्थ हैं? इनमें टॉप मापदण्ड के विपरीत खरीदी, निर्माण, नियुक्ति सहित कस्तूरबा आश्रम में की व्यय राशि की जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) दिनांक 25.8.2012 से। जिला परियोजना समन्वयक सीधी द्वारा मापदण्ड के विपरीत खरीदी, निर्माण, नियुक्ति एवं कस्तूरबा गांधी आश्रम में राशि व्यय नहीं की गयी है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य समिति के सम्बन्ध में
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
67. ( क्र. 2080 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कौन से जलाशय है जिसमें मत्स्य पालन किया जाता है तथा उक्त जलाशय कहाँ स्थित है, कितना रकबा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त जलाशयों में जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक मत्स्य आखेट की अनुमति किस समिति को दी गई? किन-किन समिति ने आवेदन किया था? किस आधार पर समिति का चयन किया गया? वर्तमान में अधिकृत समिति के पदाधिकारी, सदस्य कौन-कौन है नाम पता सहित जानकारी प्रदाय करे?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) प्रश्नागत विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मत्स्य पालन अंतर्गत जलाशयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्नावधि में जलाशयों मत्स्याखेट हेतु अनुमति त्रिस्तरीय पंचायत राज नीति 2008 के अनुसार आवंटन एवं पदाधिकारी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है।
शिकायतों का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 2082 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका छतरपुर के विरुद्ध जुलाई 2010 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी शिकायत राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त शिकायतें किसके द्वारा कब की गई? शिकायतों पर कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त शिकायतों का जाँच अधिकारी कौन थे? क्या सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन प्रदाय करे। यदि नहीं तो कौन सी शिकायत लंबित है? लंबित होने के क्या कारण है? इसे कब तक निराकृत किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य समिति चयन की प्रक्रिया
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
69. ( क्र. 2093 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कौन से जलाशय है जिसमें मत्स्य पालन किया जाता है? उक्त जलाशय कहाँ स्थित है? कितना रकबा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त जलाशयों में जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक मत्स्य आखेट की अनुमति किस समिति को दी गई? किन-किन समिति ने आवेदन किया था? किस आधार पर समिति का चयन किया गया? वर्तमान में अधिकृत समिति के पदाधिकारी, सदस्य कौन-कौन है? नाम पता सहित जानकारी प्रदाय करें?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
लाखन सिंह
यादव ) : (क) प्रश्नागत
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत मत्स्य
पालन अंतर्गत
जलाशयों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र "क"
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुक्रम
में प्रश्नावधि
में जलाशयों
मत्स्याखेट
हेतु अनुमति त्रिस्तरीय
पंचायत राज
नीति 2008 के
अनुसार जलाशय
आवंटन एवं
समिति
पदाधिकारी की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र "ख"
अनुसार।
परिशिष्ट
- ''उनसठ''
वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा
[वन]
70. ( क्र. 2099 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के पलेरा एवं बल्देवगढ़ ब्लॉक अन्तर्गत आने वाली वन विभाग की भूमि का कुल रकबा कितना है? ब्लॉकवार विवरण दें। (ख) वन विभाग की कितनी ऐसी भूमि हैं जिन पर गाँव के ही कुछ दबंग लोगों का कब्जा है? (ग) बल्देवगढ़ ब्लॉक में ग्राम पंचायत कन्नपुर से सटे वनक्षेत्र में वन विभाग की भूमि का कितना रकबा है? उस रकबे में से कितनी भूमि पर वन विभाग का कब्जा है एवं कितनी भूमि पर अन्य लोगों का कब्जा है? अवैध कब्जे की सूची सहित बिन्दुवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र के ब्लाक पलेरा की वन भूमि का रकबा 9216.280 हेक्टेयर एवं ब्लाक बल्देवगढ़ की वन भूमि का रकबा 11679.10 हेक्टेयर कुल वन भूमि का रकबा 20895.38 हेक्टेयर है। (ख) प्रश्नांकित वन मण्डल के अन्तर्गत खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ब्लाक पलेरा एवं बल्देवगढ़ का कुल 20895.38 हेक्टेयर वनक्षेत्र में से 2454.177 हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा है। कब्जेधारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित ब्लाक के ग्राम पंचायत कन्नपुर से सटे वनक्षेत्र में वनभूमि का कुल रकबा 258.81 हेक्टेयर में से 189.45 हेक्टेयर भूमि पर वन विभाग का कब्जा एवं 69.36 हेक्टेयर भूमि पर अन्य लोगों का अवैध कब्जा है। अवैध कब्जे की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
रेत एवं अन्य खनिज के अवैध उत्खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 2111 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में रेत एवं अन्य खनिज के अवैध उत्खनन को रोकने हेतु गत 1 वर्ष में क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी? (ख) सरकार की प्रस्तावित नवीन रेत नीति में क्या अवैध उत्खनन में रोक लगेगी? क्या रेत के दामों में कमी आएगी? (ग) क्या कटनी जिले की विजयराघवगढ़ तहसील में जून माह 2019 में एक कम्पनी द्वारा संचालित खनिज क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध रेत का खनन पाया गया है? उक्त मामले में की गयी कार्यवाही की जानकारी देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) वर्तमान में नवीन रेत नियम, मध्यप्रदेश रेत नियम, 2019 अधिसूचित नहीं हुए हैं। (ग) प्रश्नाधीन जिले की तहसील विजयराघवगढ़ के ग्राम घुघरी के खसरा क्रमांक 122 रकबा 8.030 हेक्टेयर क्षेत्र पर मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को रेत खनिज के स्वीकृत उत्खननपट्टा का संचालन उप पट्टाधारी फेयर ब्लेक इंफ्राटेक इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, वेंकट लायब्रेरी कॉम्पलेक्स, कटनी के द्वारा किया जा रहा था। उक्त उप पट्टाधारी द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर खसरा क्रमांक 490 में 5733 घनमीटर रेत का अवैध उत्खनन किए जाने का प्रतिवेदन खनिज निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
जिला अन्तर्गत विकलांग शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
72. ( क्र. 2118 ) श्री निलय डागा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में जिला पंचायत द्वारा संविदा शाला शिक्षक की भर्ती कब-कब की गई थी? (ख) वर्ष 2013 में भर्ती कितने शिक्षकों को शिक्षा विभाग एवं कितने शिक्षकों को आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ किया था? विभागवार संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) उपरोक्त चयनित शिक्षकों को शिक्षा विभाग की किन-किन शालाओं में पदस्थ किया गया है शालावार जानकारी दें? (घ) उपरोक्त चयनित शिक्षकों में से कितने शिक्षकों का चयन विकलांग श्रेणी में किया गया था? संख्या बतायें? क्या इनमें विकलांगता प्रमाण पत्रों की जाँच की गई थी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) बैतूल जिले में जिला पंचायत द्वारा संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती वर्ष 1998, 2001, 2003, 2005, 2007, 2009 तथा 2013 में की गई थी। (ख) वर्ष 2013 में जिला पंचायत बैतूल द्वारा शिक्षा विभाग अन्तर्गत शालाओं में 72 एवं आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत शालाओं में 140 संविदा शाला शिक्षकों को पदस्थ किया गया था। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) चयनित संविदा शाला शिक्षकों में विकलांग श्रेणी में शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत 05 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जाँच हेतु बनाई गई समिति द्वारा अन्य दस्तावेजों के साथ विकलांगता प्रमाण पत्रों की भी जाँच की गई थी।
मोहल्ला समिति का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 2131 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.की नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत के वार्डों में मोहल्ला समिति बनाने के शासन के आदेश है? यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या राजगढ़ जिले की नगर पंचायत एवं नगर पालिका के वार्डों में मोहल्ला समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो नगर पंचायत/नगर पालिकावार वार्डवार मोहल्ला समिति के अध्यक्षों एवं समिति के सदस्यों के नाम की सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि नहीं, तो शासन आदेश को भविष्य में कब तक पालन कराया जावेगा? अवगत करावें एवं अभी तक पालन न कराने का कारण स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि राजगढ़ जिले की नगर परिषद एवं नगर पालिका के वार्डों में मोहल्ला समिति गठन की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 2148 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना में कितनी बार ट्रैफिक सिग्नलों को क्रय कर कब-कब किन स्थानों पर लगाये गये इनके सुचारू संचालन हेतु क्या कदम उठाये गये इन पर कब-कब कितना व्यय किया एवं वर्तमान सिग्नलों की स्थिति क्या हैं? क्या ट्रैफिक सिग्नल खराब होने के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्थ हैं और आये दिन कई स्थानों पर ट्रैफिक जाम लग जाता है। (ख) शहर मुरैना की ट्रैफिक व्यवस्था सुधार के संबंध में शासन द्वारा क्या उचित कदम उठाये गये हैं उक्त ट्रैफिक अव्यवस्था में कब तक सुधार कर लिया जायेगा। इस अव्यवस्था हेतु कौन-कौन दोषी हैं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा वर्ष 2016-2017 में एक बार राधिका पैलेस चौराहे तथा एम.एस. रोड पर (दो स्थानों पर) सिग्नल क्रय कर लगवाये गये थे। इनके संचालन हेतु ट्रैफिक पुलिस मुरैना विभाग को जानकारी सौंपी गयी है। ट्रैफिक सिग्नल लगाने पर राशि रूपये 1321330/- (तेरह लाख इक्कीस हजार तीन सौ तीस मात्र) का व्यय हुआ था। तत्पश्चात दोनों सिग्नलों की मरम्मत पर वर्ष 2018 में राशि रूपये 187562/- (एक लाख सतासी हजार पाँच सौ बासठ मात्र) का व्यय हुआ था। वर्तमान में फलाई ओवर ब्रिज, ड्रेनेज निर्माण एवं सिविल कार्य के चलते उक्त दोनों ट्रैफिक सिग्नल अस्थाई रूप से बंद की गई है। नाला नं. 01 का भूमिगत ड्रेनेज, ओवर ब्रिज निर्माण कार्य, सीवरेज प्रोजेक्ट में सड़क खुदाई एवं निर्माणाधीन होने के कारण एम.एस. रोड, बैरियर चौराहे पर कभी-कभी यातायात व्यवस्था अव्यवस्थित हो जाती है एवं जाम की स्थिति निर्मित होती है। (ख) शहरी परिवहन के अन्तर्गत राज्य शासन द्वारा समर्पित शहरी परिवहन कोष के अन्तर्गत ट्रैफिक व्यवस्था को सु-व्यवस्थित करने हेतु सिटी बस स्टैण्ड का निर्माण एवं व्ही.आई.पी. सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अमृत योजना अन्तर्गत 13 बसें संचालित की जानी है। प्रथम चरण में 02 इन्ट्रासिटी बसें शहर के यातायात व्यवस्था सुधार में संचालित है। शहरी यातायात व्यवस्था को सुगम एवं उन्नत बनाने के लिए नगर निगम, मुरैना द्वारा अमृत योजना में एवं अन्य मदों से सड़क निर्माण एवं जंक्शन डिजाईन, बसों का संचालन, हाकर्स जोन को सड़क से हटाकर अन्यत्र जोन बनाकर शिफ्ट करने, पार्किंग आदि के कार्य कराये गये है। अतः किसी के दोषी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय आवासों में नर्मदा जल कनेक्शन
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 2167 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल में नर्मदा पाईप डालने का कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराया गया था? यदि हाँ, तो भोपाल स्थित कोटरा सुल्तानाबाद शासकीय क्वाटर एच. टाईप में किस आवास नम्बर से किस आवास नम्बर तक नर्मदा पाईप लाइन डालकर पानी की सप्लाई की जा रही है? कनेक्शनधारियों के नाम एवं आवास क्रमांक बतावें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो क्या आवास क्रमांक एच. 41 से 52 एवं एच 53 से 64 तक किन-किन आवासों में नर्मदा जल का कनेक्शन दिया गया है एवं किन-किन आवासों में कनेक्शन नहीं दिया गया है? न दिये जाने का कारण बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जिन आवासों में कनेक्शन नहीं दिया गया? उन्हें कब तक कनेक्शन कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित आवासों को अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर कनेक्शन नहीं दिया गया है, तो ऐसे लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अपितु प्रश्नाधीन आवासों में वर्ष 2010 में नगर निगम द्वारा डाली गई जल वितरण पाइप लाइन एवं पुरानी पाइप लाइन के द्वारा कोलार पाइप लाइन से जलप्रदाय किया जा रहा है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में कनेक्शनधारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। रहवासियों द्वारा आवास के पीछे की तरफ से कनेक्शन मांगे गये थे, जहाँ अतिक्रमण एवं नाली आदि होने के कारण कनेक्शन नहीं दिये जा सके। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में रहवासी अपने आवास के सामने से डाली गई नई पाइप लाइन से कनेक्शन के लिये तैयार होते है तो लगभग एक माह के भीतर उनके कनेक्शन नई पाइप लाइन में शिफ्ट किये जा सकेंगे। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षकों से लिपिकीय कार्य कराया जाना
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 2168 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों से लिपिकीय कार्य न कराए जाने संबंधी कोई आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ तो कृपया संबद्ध आदेश की छायाप्रति संलग्न करें। यदि नहीं, तो क्या छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो इस दृष्टि से ऐसे आदेश जारी किये जायेंगे? (ख) कृपया प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या शिक्षकों से लिपिकीय कार्य न कराये जाने के आदेश के बावजूद शिक्षकों से लिपिकीय कार्य करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से भोपाल जिले में किन-किन शालाओं में यह लिपिकीय कार्य करवाया जा रहा है तथा कब से करवाया जा रहा है? इन शिक्षकों की नामवार एवं शालावार जानकारी दें। (ग) क्या छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो इस दृष्टि से जिन शिक्षकों से लिपिकीय कार्य करवाया जा रहा है क्या उनका पदनाम व वेतनमान लिपिकों जैसा किए जाने का निर्णय लिया जाएगा? साथ ही यह भी बतावें कि ऐसा कौन सा लिपिकीय कार्य होता है जो लिपिकों द्वारा संपादित नहीं किया जा सकता और वह शिक्षकों से करवाया जाता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य नहीं कराये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
डिप्लोमा प्राप्त करने वाले छात्रों की नियुक्तियां
[पशुपालन]
77. ( क्र. 2235 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 5 वेटरनरी पॉलिटेक्निक महाविद्यालय महू, मुरैना, रीवा, भोपाल, और जबलपुर में पिछले 5 वर्षों में कुल कितने छात्रों ने पत्रोपादि डिप्लोमा कोर्स किया? (ख) इनमें से कितने छात्रों को विभाग द्वारा शासकीय नियुक्तियां दी गई, प्रदेश में पशु चिकित्सा हेतु कुल कितने पद हैं वह कितने रिक्त हैं। (ग) इन डिप्लोमा का रजिस्ट्रेशन नहीं होने का क्या कारण है? (घ) जिन डिप्लोमाधारी छात्रों को नियुक्तियां नहीं मिली उनके भविष्य के बारे में विभाग द्वारा क्या विचार किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) कुल 1457 छात्रों ने पत्रोपाधि (डिप्लोमा) कोर्स किया। (ख) 527 डिप्लोमाधारी छात्रों को सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पद पर नियुक्तियां दी गई हैं। प्रदेश में सहायक के 3879 पद स्वीकृत, 3408 पद कार्यरत, शेष 471 पद रिक्त। (ग) भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् अधिनियम 1984 के प्रावधानों के तहत अधिनियम की प्रथम अनुसूची में सम्मिलित पशु चिकित्सा संस्था द्वारा प्रदान की गई पशु चिकित्सा योग्यता को मान्य किया गया है तथा प्रथम अनुसूची में पत्रोपाधि (डिप्लोमा) महाविद्यालय सम्मिलित न होने से डिप्लोमा धारकों का पंजीयन नहीं किया जाता है। (घ) विभाग अंतर्गत सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के रिक्त पदों को समय-समय पर सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत भरा जाता है।
शाला भवनों का अपूर्ण निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
78. ( क्र. 2243 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में विभाग के कितने शाला भवन निर्माण कार्य बंद होने के कारण अपूर्ण पड़े हुए है एवं विद्यार्थियों को जर्जर एवं अन्य वैकल्पिक स्थानों पर अध्यापन कराना पड़ रहा है ऐसे समस्त अपूर्ण भवनों का नाम एवं स्थान बतायें? (ख) ठेकेदारों की लापरवाही एवं बजट के अभाव के कारण निर्माणाधीन कितने भवनों का कार्य अपूर्ण है? पृथक-पृथक जानकारी दें कि कार्य पूर्ण कराने के लिये विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की? (ग) क्या हायर सेकेण्डरी भवन अजनास का कार्य प्रश्नांश दिनांक तक बंद पड़ा हुआ है जिसके कारण आज भी छात्र-छात्राओं को पुराने भवन में अध्यापन के लिये बैठना पड़ रहा है विभाग ने संबंधित निर्माणकर्ता ठेकेदार/एजेंसी पर अब तक क्या कार्यवाही की? (घ) क्या इस शैक्षणिक वर्ष में इस भवन को कम्पलीट करवाकर विद्यार्थियों को बैठानें की व्यवस्था सूचारू रूप से कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) देवास जिले के 19 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन निर्माण कार्य अपूर्ण है। विद्यार्थियों को शाला में उपलब्ध अन्य कक्षों में अध्यापन कराया जा रहा हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। देवास जिले में शासकीय उ.मा.विद्यालय टोंककला, शासकीय उ.मा. विद्यालय अजनास एवं शासकीय कन्या उ.मा. विद्यालय सोनकच्छ के निर्माण अपूर्ण है। (ख) देवास जिले में आर.आर.सी. प्रकरण के कारण 04 शासकीय प्राथमिक/ माध्यमिक शाला भवन निर्माण कार्यों की राशि वसूली हेतु जिला पंचायत में कार्यवाही प्रचलन में है। 01 निर्माण कार्य नगर पंचायत का है। टेण्डर प्रक्रिया प्रचलित है। बजट का कोई अभाव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पूर्वाश उत्तरांश-क- अनुसार। विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी को वांछित बजट उपलब्ध करा दिया गया है। निर्माण एजेन्सी को समय-समय पर पत्र लिखा गया है। (ग) जी हाँ। संबंधित निर्माण एजेन्सी को समय-समय पर पत्र लिखकर कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) एजेन्सी को कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देश दिये गये है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्य के संबंध में
[पशुपालन]
79. ( क्र. 2334 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक मध्यप्रदेश कुक्कुट विकास निगम ने कितनी राशि के निर्माण कार्य कराये? क्या किसी निगम को खुद निर्माण कार्य कराने की अनुमति है? PWD से इस बारे में अभिमत लिया गया क्या? यदि हाँ, तो क्या अभिमत प्राप्त हुआ? यदि नहीं, तो ऐसा करने वालों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक विदिशा जिले में कितनी शासकीय डेयरी स्थापित की गई। क्या इन डेयरी के स्थापना के लिए ऋण लिया गया था। यदि हाँ, तो कहाँ से किन बैंकों से कितनी राशि का ऋण लिया गया।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) म.प्र.राज्य पशुधन एवं कुकुट विकास निगम में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक कुल राशि रू.17.19 करोड़ के निर्माण कार्य निगम के अधीन गठित निर्माण शाखा के द्वारा कराये गये है। लोक निर्माण विभाग से अभिमत लेने की आवश्यकता नहीं है। (ख) जी नहीं, विदिशा जिले में वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक शासकीय डेयरी स्थापित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित जनशिक्षा केन्द्र
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 2339 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत बड़वानी जिले में कितने जनशिक्षा केन्द्र संचालित हैं। इन जनशिक्षा केन्द्रों में पदस्थ जनशिक्षकों की जानकारी नाम एवं समयावधि जब से कार्यरत है, सहित दें? (ख) विगत 3 वर्षों में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत आवंटित राशि के विरूद्ध मदवार व्यय की जानकारी विकासखण्डवार प्रदाय करें? (ग) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने भवन स्वीकृत किये गये। उनमें से कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं। यदि अपूर्ण हैं तो वह कब तक पूर्ण किये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 78 जनशिक्षा केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
अवैध रूप से आवंटित दुकान
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 2347 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् खाचरौद में वीर सावरकर मार्केट स्थित खादी ग्रामोद्योग को 3.66 मीटर गुणा 3.66 मीटर की आवंटित दुकान को अवैध रूप से अनिल छाजेड़ द्वारा प्राप्त करने के संबंध में नगर पालिक द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं वर्तमान में उक्त दुकान के कितने क्षेत्रफल पर अनिल छाजेड़ का अवैध कब्जा है? क्षेत्रफल सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 3.66 मीटर गुणा 3.66 मीटर से अधिक अवैध कब्जे को एवं प्रथम तल पर आवंटित क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल पर किए गए अवैध निर्माण को कब तक हटा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् खाचरौद में वीर सावरकर मार्केट स्थित खादी ग्रामोद्योग को 3.66 मीटर गुणा 3.66 मीटर की आवंटित दुकान को अवैध रूप से अनिल छाजेड़ द्वारा प्राप्त करने के संबंध में नगर पालिका खाचरौद द्वारा पुलिस थाना खाचरौद में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 582/2012 दिनांक 26.03.2012 से अनिल छाजेड़ व महानंदा मिश्रा के विरूद्ध उचित कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। पुलिस थाना प्रकरण में कार्यवाही नहीं करने के कारण नगर पालिका द्वारा न्यायालय माननीय दण्डाधिकारी महोदय प्रथम श्रेणी खाचरौद के समक्ष दिनांक 05.07.2012 को परिवाद प्रस्तुत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। वर्तमान में उक्त दुकान जमीन तल पर 20.54 वर्ग मीटर व जमीन तल से प्रथम तल के मध्य 10.47 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर निकाय की भूमि के अलावा भी 3.66 मीटर गुणा 3.66 मीटर पर अवैध कब्जा है। (ख) खादी ग्रामोद्योग को आवंटित दुकान के क्षेत्रफल 3.66 मीटर गुणा 3.66 मीटर के अलावा निर्मित अधिक क्षेत्रफल का परीक्षण किया जाकर विधि के अनुरूप इस क्षेत्रफल की सम्पत्ति निकाय की स्वामित्व की होने से निकाय सम्पूर्ण क्षेत्रफल की दुकान को अपने कब्जे में लेगी।
न्यायालय के नाम का दुरूपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 2348 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद खाचरौद द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्थानीय वीर सावरकर मार्केट की दुकानों के संबंध में सिविल न्यायालय में कोई वाद प्रस्तुत किया गया? प्रस्तुत वाद में पारित आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि एवं सम्पूर्ण प्रकरण के समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराये। (ख) यदि नहीं, तो नगर पालिका द्वारा पत्र क्र./नि.शा./2015 दिनांक 21/12/2015 एवं पत्र क्र. 913/नि.शा./2016 दिनांक 04/04/2016 में जारी की गई रिपेयरिंग की अनुमति में न्यायालय के आदेश के संदर्भ में जारी किया जाना बताते हुए न्यायालय के नाम का दुरूपयोग करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर पालिका परिषद् खाचरौद द्वारा जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक वीर सावरकर मार्केट की दुकानों के संबंध में सिविल न्यायालय में कोई वाद निकाय द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। सिविल न्यायालय में कोई प्रकरण दर्ज न होने से शेष जानकारी निरंक है। अपितु श्री शैलेन्द्र कुमार नान्देचा द्वारा दिनांक 12-12-2015 को माननीय न्यायाधीश महोदय वर्ग-1 खाचरौद को लोक अदालत में एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर मान.न्यायाधीश महोदय द्वारा आवेदन की फेहरिस्त पर लिखा कि ‘‘मुख्य नगर पालिका अधिकारी लोक अदालत में आवेदन पेश हुआ, आपकी ओर से श्री नारायण सिंह यादव, आर.आई. उपस्थित हुए समझौता अनुसार आवेदक की समस्या का हल करने छत के सुधार 15 दिन के अंदर कर सूचना देना तय हुआ। विवाद निराकृत। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार मान.न्यायाधीश महोदय वर्ग-1 आर. प्रजापति द्वारा श्री शैलेन्द्र कुमार नान्देचा के आवेदन की फेहरिस्त पर लोक अदालत में लिखा होने से नगर पालिका द्वारा पत्र क्र. नि.शा/2005 दि. 21-12-2015 के द्वारा रिपेयरिंग की अनुमति में न्यायालय के आदेश के संदर्भ का लिखा है। यह अनुमति तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री हेमन्त राव पिसाल द्वारा दी गई थी जिनकी मृत्यु दि. 26-01-2016 को हो चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है तथा श्री शैलेन्द्र कुमार नान्देचा के आवेदन के पत्र क्र. 5 में उल्लेखित अनुसार ‘‘मान्यवर महोदय, हम आपके सामने ही 31 मार्च, 2016 तक 4 (चारों) दुकानों का किराया जमा करने को तैयार है एवं अंत सहायता चरण जिसका कोई क्रमांक नहीं है, में वर्णित विनम्र निवेदन है कि आप इस लोक अदालत के माध्यम से जनहानि को बचावें व न्याय प्रदान करें। दुकानों की छत रिपेयरिंग करने का आदेश प्रदान करें। नगर पालिका द्वारा पत्र क्र. 913/नि.शा/2016 दिनांक 04-04-2016 से रिपेयरिंग की अनुमति जारी न करते हुये न्यायालय का हवाला देते हुए इस पत्र में लिखा गया है कि ‘‘आप सूचना पत्र प्राप्ति के तुरंत बाद जीर्ण-शीर्ण दुकान का रिपेयरिंग व मरम्मत कार्य करावें। जिसकी विधिवत अनुमति निकाय से प्राप्त करें। सूचित हो।‘‘ तदनुसार सूचना पत्र दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। इसी क्रम में अब्दुल सलाम के आवेदन दिनांक 10-06-2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है। नगर पालिका द्वारा अपने पत्र क्र. नि.शा/2016/1405 खाचरौद, दिनांक 13-06-2016 से अब्दुल सलाम पिता गुलाम रसूल को मरम्मत की अनुमति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘इ‘‘ अनुसार है। इसमें न्यायालय के नाम का उपयोग नहीं किया गया है। इस प्रकरण में श्री पिसाल द्वारा न्यायालय के नाम का उपयोग किया गया हैं। जिनकी मृत्यु हो चुकी है। अतः अन्य कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं। इस प्रकार दोषी न होने से प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया जाना है।
श्री राम इन्टर प्राइजेस (कालोनाइजर) के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 2360 ) श्री विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चूना भट्टी, भोपाल क्षेत्र में श्रीराम इंटरप्राइजेस द्वारा कितनी कॉलोनी काटी गई है? इस क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर इन्हें कितने बंगलों की अनुमति दी गई है एवं इनके द्वारा इसके विरूद्ध कितने बंगलों का निर्माण किया गया है या किया जा रहा है? भवन अनुमति की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या इनके द्वारा जारी की गई अनुमति से अधिक बंगलों का निर्माण किया गया है तथा भवन अनुमति में दर्शित क्षेत्रफल से भी अधिक क्षेत्रफल में निर्माण किया गया है इस हेतु इन पर क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) श्रीराम इंटरप्राइजेस द्वारा चूना भट्टी में बनाये गये जानकी इनक्लेव, जानकी परिसर एवं जानकी बंगलों के नाम से कितने भवन, बंगलों का निर्माण किया गया है एवं कितने नगर निगम भोपाल के पास में बंधक रखे गये है? समस्त बंगले/भवनों को जारी की गई अनुमति (भवन) की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) - चूना भट्टी भोपाल क्षेत्र में श्रीराम इंटरप्राइजेस द्वारा जानकी बंगलों के नाम से 01 कॉलोनी काटी गई है। मुख्य मार्ग पर 06 बंगलों की अनुमति प्रदान की गई है। इनके द्वारा मुख्य मार्ग पर 06 बंगलों का ही निर्माण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। भवन निर्माण का क्षेत्रफल अनुमति से कुछ अधिक पाया गया है, इस हेतु सूचना पत्र दिनांक 28.05.2019 को दिये जाकर दस्तावेज मांगे गये है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं, अपितु चूना भट्टी क्षेत्र में निर्मित जानकी एन्क्लेव का निर्माण श्री एस.एन. शर्मा, श्री श्यामनाथ शर्मा, श्री रामनाथ शर्मा के द्वारा 24 प्रकोष्ठों का निर्माण किया गया है, साथ ही जानकी एन्क्लेव में 8 डुप्लेक्सों (स्वतंत्र बंगलों) का निर्माण मेसर्स हरे कृष्णा कॉलोनाईजर प्रा.लि. द्वारा किया गया है। जानकी परिसर के नाम से कोई कॉलोनी चूना भट्टी क्षेत्र में विद्यमान नहीं है। जानकी बंगलों के संबंध में जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। नगर निगम भोपाल के पास कोई भी भवन बंधक होना नहीं पाया गया है। स्वीकृत भवन अनुज्ञा की प्रमाणित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
जनजाति कल्याण योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
84. ( क्र. 2382 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति योजनान्तर्गत योजना प्रारंभ से कुल कितना आवंटन प्रदाय किया गया है तथा कौन-कौन से विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की गई है तथा उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या वर्तमान वित्तीय वर्ष में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति बस्तियों से सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि उपलब्ध हो सकती है? हाँ तो क्या कार्यवाही की जाना होगी तथा नहीं तो क्या कारण है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) योजना प्रारंभ से वर्तमान तक बस्ती विकास योजना अंतर्गत कुल 30.00 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सामुदायिक भवन निर्माण हेतु बस्ती विकास योजना नियम 2013 के नियम 5.1 के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर की अनुशंसा से प्रस्ताव भेजा जाना होगा।
वित्तीय अनियमितताओं की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 2383 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत भीकनगांव में वित्तीय अनियमितताओं संबंधी वर्ष 2013 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उक्त प्राप्त शिकायतों पर क्या जाँच की गई है किसी भी जाँच में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो विवरण देवें तथा कोई शिकायत प्रश्न दिनांक लंबित है? हाँ तो उसका विवरण देवें तथा वर्ष 2013 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतिलिपि देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) वर्ष 2013 के पश्चात अंकेक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
सीवर लाईन परियोजना के अधूरे कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 2405 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सतना के अंतर्गत सीवर लाईन परियोजना का कार्य गुणवत्ताविहीन एवं उपयोग में ली जाने वाली पाईप अमानक श्रेणी, रोड की खुदाई के पश्चात् उसका पुनर्निर्माण नहीं किये जाने के कारण रहवासियों का घरों से निकलना दूभर हो गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में नगर निगम द्वारा संचालित कार्यों की समुचित देखरेख एवं निर्देशन के लिए किन-किन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं तथा यह सड़कें कब तक नागरिकों के समुचित आवागमन हेतु सुव्यवस्थित निर्मित करा दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) नगर पालिक निगम के तकनीकी अधिकारी श्री नागेन्द्र सिंह, कार्यपालन यंत्री, श्री आर.पी. सिंह, सहायक यंत्री एवं श्री मुकेश चतुर्वेदी, उपयंत्री को दायित्व सौंपे गये हैं। योजना के क्रियान्वयन की देख-रेख हेतु परियोजना विकास और प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) इजिस इण्डिया लिमिटेड को लगाया गया है, जिसके असिस्टेंट इंजीनियर एवं फील्ड इंजीनियर भी कार्य का तकनीकी रूप से पर्वेक्षण कर रहे हैं। कुछ सड़कें आवागमन के योग्य निर्मित कर दी गई हैं एवं शेष में यह कार्य किया जा रहा है। सभी सड़कें योजना के प्रावधान अनुसार उनके मौलिक स्वरूप में योजना की पूर्णता के साथ सुव्यवस्थित निर्मित करा दी जायेगी।
सार्वजनिक सड़क को अवरुद्ध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 2417 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले की मकरोनिया नगर पालिका के अंतर्गत स्थित दूरसंचार कॉलोनी को सिविल लाइन-मकरोनिया मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए साहिल/सागर अपार्टमेंट और वृंदावन गार्डन के बाजू से निकली कोई सार्वजनिक सड़क है? (ख) क्या किसी बिल्डर द्वारा इस सार्वजनिक सड़क को बाउंड्रीवॉल एवं चबूतरा बनाकर अवरुद्ध किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो इस सार्वजनिक मार्ग को खुलवा कर इसका निर्माण अभी तक क्यों नहीं करवाया गया और इसके लिए दोषी बिल्डर/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। निकाय गठन के पूर्व से अजमानी बिल्डर्स द्वारा कॉलोनी के निर्माण के समय से ही बाउण्ड्रीवॉल निर्मित है। (ग) सार्वजनिक मार्ग पर अजमानी बिल्डर्स द्वारा बाउण्ड्रीवॉल बनाकर अवैध कब्जा किये जाने पर न्यायालय तहसीलदार, सागर वृत-2 द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व की संहिता 1959 की धारा 250 के तहत् गौजा राजखेड़ी पटवारी हल्का नं. 71 भूमि खसरा नं. 254 के अंश भाग (120 फुट) पर अजमानी बिल्डर्स द्वारा बाउण्ड्रीवॉल बनाकर अवैध कब्जा किये जाने का दोषी पाते हुए रू. 1000/- अर्थदण्ड आरोपित किया गया है, तद्नुसार दिनांक 31.05.2019 को माननीय न्यायालय तहसीलदार की कोर्ट द्वारा संबंधित बिल्डर को उक्त भूमि पर से बेदखल किये जाने हेतु आदेश पारित किया गया है एवं न्यायालय तहसील सागर द्वारा दिनांक 22/06/2019 को बेदखली वारंट जारी कर अवैध कब्जे को हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल के B.R.T.S. कॉरिडोर में ट्रैफिक सिग्नल
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 2418 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के B.R.T.S. कॉरिडोर में कितने ट्रैफिक सिग्नल सुचारू रूप से चालू हैं? B.R.T.S. के आरंभ दिनांक से आज दिनांक तक कॉरिडोर के अंदर कुल कितनी दुर्घटनाएं हुई हैं एवं इन दुर्घटनाओं में कुल कितने नागरिकों की जान गयी है? (ख) क्या इन दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए विभाग द्वारा कोई रणनीति बनायी गयी है?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) भोपाल
बी.आर.टी.एस.
कॉरिडोर के
इंटरसेक्शन
में कुल 21 ट्रैफिक
सिग्नल
संस्थापित
किये गये हैं।
सुचारू रूप से
संचालित
सिग्नलों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
शेष प्रश्न
के संबंध में जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार
है। (ख) बी.आर.टी.एस.
कॉरिडोर में
दुर्घटनाओं
पर नियंत्रण
के लिये विभाग
द्वारा निम्न
कार्यवाही की
जा रही है :- 1. बी.आर.टी.एस.
कॉरिडोर के
सुरक्षित एवं
सुव्यवस्थित
यातायात संचालन
हेतु
इंटरसेक्शन
पर नियुक्त
ट्रैफिक
वार्डन्स के
द्वारा ट्रैफिक
पुलिस के साथ
समन्वय कर
अन्य वाहनों को
बी.आर.टी.एस. बस
लेन के अंदर
प्रवेश करने
से रोका जाता
है। 2. बी.आर.टी.एस.
कॉरिडोर के
इंटरसेक्शन
पर संस्थापित
लोहे के गेटों
को बसों के
आने-जाने की
स्थिति में खोला
एवं बंद किया
जाता है तथा
रात्रि के समय
बंद कर दिया
जाता है।
3. बी.आर.टी.एस.
कॉरिडोर में
चौराहों/तिराहों/बस
स्टॉप पर एवं
अन्य स्थानों
पर बी.आर.टी.एस.
के यातायात
संबंधी
जानकारी हेतु
साईनेजेस
लगाये जाने की
कार्यवाही
प्रचलन में
है।
4. बी.आर.टी.एस.
कॉरिडोर के
अधिकाधिक
सुरक्षित एवं
सुव्यवस्थित संचालन
को सुनिश्चित
करने एवं
संपूर्ण
बी.आर.टी.एस.
मार्ग भाग के
संबंध में
व्यापक
परीक्षण एवं
समग्र रूप से
निरीक्षण तथा
विस्तृत सर्वे
हेतु केन्द्र
शासन के अधीन
सेंट्रल रोड
एण्ड रिसर्च
इंस्टीट्यूट
सी.आर.आर.आई. के
सीनियर
प्रिंसिपल
सांईटिस्ट
डॉ. एस.
वेलमुरूगन
एवं डॉ. एच.
रविशेखर
द्वारा दिनांक
25/06/2019 को
संपूर्ण
बी.आर.टी.एस.
मार्ग भाग का
निरीक्षण
किया गया।
सी.आर.आर.आई. के
डॉ. एस.
वेलमुरूगन एवं
डॉ. एच.
रविशेखर के
द्वारा
विस्तृत
रिपोर्ट अपेक्षित
है।
भोपाल की वैध-अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 2419 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल की विभिन्न अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की दिशा में विभाग द्वारा प्रस्तावित क्या कार्य योजना है? (ख) नगर-निगम भोपाल के वार्ड - 80, 81, 82, 83, 84, 85, 01, 02, 03, 04, 05, 06 एवं वार्ड 26 के नीलबड़ क्षेत्र में कुल कितनी अवैध कॉलोनियाँ हैं? सूची उपलब्ध करायें। इन अवैध कॉलोनियों से नगर-निगम द्वारा कुल कितना कर वसूला जाता है? क्या अवैध कॉलोनियों में निगम प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य कराये जाते हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्रों की अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने से संबंधित म.प्र., नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के अनुसार कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्ययोजना थी, परन्तु इस नियम के नियम 15-क को माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ ग्वालियर के आदेश दिनांक 03.06.2019 द्वारा अपास्त कर दिये जाने के कारण भोपाल की विभिन्न अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की दिशा में प्रस्तावित कार्यवाही स्थगित रखी गई है। (ख) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अवैध कॉलोनियों की संख्या 51 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। नगर-निगम सीमा में आने वाले वार्डों के अंतर्गत स्थाई आदेश क्र. 02/2019 में दिये विवरण अनुसार परिक्षेत्रवार विभाजित किया गया है, जिसकी दरें संलग्न स्थाई आदेश में अंकित है। उक्त कॉलोनियों में वसूली गई राशि एवं स्थाई आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। जी हाँ, अवैध कॉलोनियों के रहवासियों द्वारा नगर-निगम में जमा किये जा रहे विकास शुल्क की राशि से नगर-निगम प्रशासन द्वारा प्राथमिकता एवं आवश्यकता अनुसार सक्षम स्वीकृति उपरांत विकास कार्य कराये जाते हैं।
बी.एल.सी एवं ए.एच.पी श्रेणी के हितग्राहियों को योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 2440 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानंमत्री आवास योजना अन्तर्गत पन्ना नगर पालिका की सीमा में रहने वाले ऐसे परिवारों को जिनके मकान कच्चे हैं, उन्हे पक्का बनाए जाने हेतु बी.एल.सी. योजना तथा आवासहीन परिवारों को ए.एच.पी. योजना अन्तर्गत 2.50 लाख रू. मकान बनाए जाने हेतु आर्थिक सहायता प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। क्या ए.एच.पी. योजना नगर पालिका पन्ना में लागू की गई है? यदि हाँ, तो कब से लागू की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिका पन्ना के प्रांरभिक सर्वे 2017 में व उसके बाद बी.एल.सी. एवं ए.एच.पी. श्रेणी के कितने हितग्राहियों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए, उनमें से कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है? वार्डवार जानकारी देवें। (ग) नगर पालिका पन्ना द्वारा माह फरवरी 2019 से समस्त औपचारिकताएं पूर्ण होने के बावजूद 15 हितग्राहियों के खातो में आवास की प्रथम किश्त 1.00 लाख रू. प्रदाय की गई थी, तत्पश्चात् नगर पालिका पन्ना द्वारा हितग्राहियों के खातों में होल्ड किस कारण से लगाया गया है? क्या नगर पालिका पन्ना को उक्त खातों में होल्ड लगाने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध जिला प्रशासन/शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक अंतर्गत राशि रू. 2.50 लाख एवं ए.च.पी. घटक में मलिन बस्ती में निवासरत हितग्राही को राशि रू. 3.00 लाख एवं गैर मलिन बस्ती में निवासरत हितग्राही को राशि रू. 1.50 लाख दिए जाने के प्रावधान है। योजना 25 जून, 2015 से लागू हुई है। जी नहीं, भारत सरकार एवं राज्य सरकार के अनुदान के अतिरिक्त हितग्राही अंश राशि रूपए 2.00 लाख एवं निकाय का अंश लगभग 2.00 लाख योजना अंतर्गत व्यय संभावित होता है, नगर पालिका की वित्तीय व्यवस्था न होने से ए.एच.पी. योजना का पन्ना में क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। (ख) ए.एच.पी. घटक अंतर्गत 592 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये हैं। उत्तरांश (क) अनुसार ए.एच.पी. घटक के अंतर्गत अभी तक लाभ नहीं दिया गया है। बी.एल.सी. घटक अंतर्गत प्राप्त आवेदनों एवं लाभांवित हितग्राहियों की वार्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर पालिका पन्ना द्वारा वर्ष 2019 में 115 हितग्राहियों के खातों में राशि का अंतरण किया गया था, परन्तु सामाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों में कुछ हितग्राहियों को लाभ देने के संबंध में संदेह की बात प्रकाशित हुई, इस कारण से पुन: हितग्राहियों के आवेदनों का परीक्षण करने हेतु कार्यवाही प्रस्तावित की गई एवं 115 हितग्राहियों का प्रकाशन समाचार पत्रों में किया गया और आपत्तियां आमंत्रित की गई, इस कार्यवाही के कारण हितग्राहियों के खातों से राशि का आहरण रोक दिया गया था। परीक्षण उपरांत 99 हितग्राहियों के खातों में राशि का अंतरण किया जा चुका है, 02 हितग्राहियों की मृत्यु हो चुकी है, जिसके कारण उनका खाता बदला जाना है, एक हितग्राही ने अपना भवन बेच दिया है और शासन का पैसा वापिस कर दिया है। शेष 13 हितग्राहियों का परीक्षण किया जाकर शीघ्र ही कार्यवाही की जा रही है। किसी के दोषी न पाए जाने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाउन्ड्रीवॉल एवं पेयजल की समस्या
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 2442 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय विद्यालय परिसरों को अतिक्रमण से बचाने व छात्रों की सुरक्षा की दृष्टि से बाउन्ड्रीवॉल बनाये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या यह सही नहीं है कि पन्ना विधानसभा अन्तर्गत शासकीय विद्यालय परिसर में बाउन्ड्रीवॉल न होने के कारण उस पर अवैध अतिक्रमण हो जाते हैं और उसे हटाने के लिये शासन को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो शासन शासकीय विद्यालयों में बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक करवायेगा? (ग) क्या पन्ना विधानसभा अन्तर्गत आने वाले सभी शासकीय विद्यालयों में छात्रों के पेयजल हेतु व्यवस्था है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की व्यवस्था है, विद्यालयवार बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के संबंध में निर्धारित मानक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों हेतु बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु पृथक से कोई आदेश नहीं है, बल्कि यह स्कूल अधोसंरचना का भाग है। (ख) जी हाँ। शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 में प्रस्तावित है। राज्य मद अंतर्गत भी श्रेणी-1 राष्ट्रीय राजमार्ग की शाला में बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण की योजना है। शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
खनिज विभाग की मिलीभगत से अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 2458 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा से सनावद के बीच हो रहे रेल अमान परिवर्तन का कार्य जिस एजेंसी द्वारा किया गया, क्या उसके द्वारा कोई मुरम खदान स्वीकृत कराई गई है? यदि नहीं, तो किस स्वीकृत खदान से मुरम क्रय कर रॉयल्टी प्राप्त की गई? (ख) उक्त अमान परिवर्तन कार्य में उपयोग हेतु बड़ी मात्रा में हुए मुरम अवैध खनन के लिये कार्य एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या तत्कालीन खनिज अधिकारी इसके लिये दोषी है? (ग) क्या एजेंसी द्वारा मुरम का अवैध उत्खनन बहुत अधिक मात्रा में किया गया? किन्तु विभाग द्वारा अपेक्षाकृत बहुत कम मात्रा का प्रकरण बनाया गया? इसमें कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या अवैध उत्खनन प्रकरण बनाये जाने की दिनांक तक खनिज विभाग द्वारा रेल्वे से यह जानकारी प्राप्त की गई कि एजेंसी द्वारा कितनी मात्रा में मुरम का उपयोग किया गया तथा इस कार्य हेतु कंपनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ड.) प्रदेश के इस बड़े अवैध उत्खनन घोटाले से शासन को हुए करोड़ों रु. के राजस्व हानि की उच्चस्तरीय जाँच के आदेश दिये जायेगे? क्या दोषी अधिकारी एवं कार्य एजेंसी को दण्डित किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। एजेन्सी के पक्ष में मुरम खनिज की अस्थाई अनुज्ञा स्वीकृत की गई है। प्रश्नांश का शेष भाग उदभूत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। एजेन्सी के विरूद्ध मुरम खनिज के अवैध उत्खनन के 08 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। प्रश्नांश का शेष भाग उदभूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता है। (घ) वर्तमान में उक्त निर्माण कार्य जारी है, निर्माण विभाग द्वारा कार्य पूर्ण होने के उपरांत उसमें उपयोग किये गये गौण खनिज की मात्रा की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। (ड.) प्रश्नांश अनुसार अवैध उत्खनन एवं राजस्व हानि जैसी स्थिति नहीं है। अत: प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
खण्डवा जिले में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 2459 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिरवन से आमलाखुर्द रेल अमान परिवर्तन का कार्य सूर्यनारायण रेड्डी कंपनी द्वारा किया जा रहा है? ट्रेक पर डाली गई गिट्टी का भौतिक सत्यापन क्या खनिज विभाग द्वारा किया गया? (ख) उक्त अमान परिवर्तन कार्य में उपयोग हेतु बड़ी मात्रा में हुए गिट्टी के अवैध खनन के लिये कार्य एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो तत्कालीन खनिज अधिकारी के विरुध्द क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या यह सही है कि एजेंसी द्वारा गिट्टी का अवैध उत्खनन बहुत अधिक मात्रा में किया गया, किन्तु विभाग द्वारा अपेक्षाकृत बहुत कम मात्रा का प्रकरण बनाया गया? इसमें कौन जिम्मेदार हैं? (घ) क्या अवैध उत्खनन प्रकरण बनाये जाने की दिनांक तक खनिज विभाग द्वारा रेल्वे से यह जानकारी प्राप्त की गई कि एजेंसी द्वारा कितनी मात्रा में गिट्टी का उपयोग किया गया तथा इस कार्य हेतु कंपनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ड.) प्रदेश के इस बड़े अवैध उत्खनन घोटाले से शासन को हुए करोड़ों रु. के राजस्व हानि एवं खनिज अधिकारी की मिलीभगत की उच्चस्तरीय जाँच के आदेश दिये जायेंगे? क्या दोषी अधिकारी एवं कार्य एजेंसी को दण्डित किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध गिट्टी के अवैध उत्खनन किये जाने की स्थिति नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता है। (घ) वर्तमान में उक्त निर्माण कार्य जारी है, निर्माण विभागों द्वारा कार्य पूर्ण होने उपरांत उसमें उपयोग किये गये गौण खनिज की मात्रा की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। (ड.) प्रश्नांश अनुसार अवैध उत्खनन एवं राजस्व हानि जैसी स्थिति नहीं है। अत: उपरोक्त उत्तरांशों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
नाई जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
94. ( क्र. 2516 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार नाई जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करेगा? (ख) क्या सरकार इस हेतु मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रस्ताव लायेगी? यदि हाँ, तो कब जानकारी देवें? (ग) क्या नाई जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने मा. मुख्यमंत्री जी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री जी को कोई पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय नीति व कार्य के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 2555 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग के नीति निर्धारण मापदण्डों में अध्यापक संवर्ग वर्ग के अंतर्गत आने वाले अध्यापकों को सेवानिवृत्ति पश्चात् अंशदायी पेंशन योजना में सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना अंतर्गत इस हेतु शासन/विभाग द्वारा कितने प्रतिशत राशि संबंधित अध्यापकों के वेतन द्वारा काटी जाती है एवं कितनी राशि शासन/विभाग द्वारा सम्मिलित (जमा) की जाती है? (ग) पूरे प्रदेश भर में योजना कब से लागू होकर कितनी राशि शासन/विभाग द्वारा जमा की गई, बताएं तथा रतलाम जिला अंतर्गत माह 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक इसका लाभ कितनों को मिल रहा है, कितनों को नहीं मिल रहा है तथा क्या उक्त अवधि में रतलाम जिले में इस हेतु राशि जमा नहीं की गई? तो कब तक जमा होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) अध्यापकों के वेतन से 10 प्रतिशत् अंशदान प्रतिमाह काटा जाता है एवं इतनी ही राशि शासन द्वारा शामिल करते हुऐ जमा की जाती है। (ग) अध्यापक संवर्ग की अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01.04.2011 से लागू की गई है। 01.04.2011 से 01.06.2019 तक शासन द्वारा राशि रुपये 6137,01,30,662.89/- एन.एस.डी.एल. मुम्बई को भुगतान किया गया है। प्रश्नांकित अवधि में रतलाम जिले के 3169 अध्यापक संवर्ग के व्यक्तियों को लाभ मिल रहा है। रतलाम जिले में सभी अध्यापकों का अंशदान जमा किया जा रहा हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सालय द्वारा पशुओं का उपचार
[पशुपालन]
96. ( क्र. 2556 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा मूक पशुओं की उचित देखभाल एवं उपचार हेतु जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत चिकित्सालय व औषधालय संचालित किये जा रहे हैं? (ख) उक्त स्थानों के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि में अनेक स्थानों पर चिकित्सालय एवं औषधालय नवीन भी प्रारंभ किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित स्थानों के अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा चिकित्सालयों एवं औषधालयों हेतु किस-किस संवर्ग के अधिकारियों की पदस्थापना कर पद भरे गये, कितने भवन इस हेतु स्वीकृत हुए? (घ) कृपया अवगत कराएं कि उपरोक्त उल्लेखित स्थानों के अंतर्गत किन-किन स्थानों (केन्द्रों) पर कौन-कौन पदस्थ होकर कार्यरत है एवं कितने पद रिक्त हैं? केन्द्रवार जानकारी दें। उपरोक्त वर्षों में कितने भवन स्वीकृत होकर कितनी लागत राशि के कार्य स्वीकृत होकर पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे, अप्रारंभ रहें? वर्षवार स्वीकृत बजट राशि, व्यय सहित दर्शाएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं 'स' अनुसार।
अध्यापक संवर्ग के लंबित प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 2579 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें दी जा रही है? रायसेन एवं विदिशा जिले में अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतन का एरियर का भुगतान क्यों नहीं किया गया? कब तक भुगतान होगा? (ख) अध्यापक संवर्ग की मृत्यु की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति एवं अन्य क्या-क्या सुविधायें दी जाती हैं? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ग) उक्त जिलों में अध्यापक संवर्ग की मृत्यु उपरांत अनुकंपा नियुक्ति एवं अन्य सुविधाओं के किन-किन के प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? इस हेतु कौन-कौन दोषी है? विभाग ने उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान, अवकाश यात्रा भत्ता, अशंदान पेंशन, अनुकम्पा नियुक्ति, अनुग्रह राशि आदि सुविधायें प्रदान की जा रही है। रायसेन जिले में अध्यापक संवर्ग को छठवां वेतनमान का भुगतान वेतन निर्धारण अनुमोदन उपरांत शासन नियमानुसार किया जा रहा है। विदिशा जिले में अधिकांश अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान के एरियर की प्रथम किश्त का भुगतान पात्रता अनुसार किया गया है। शेष की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) रायसेन जिले में अध्यापक संवर्ग के अनुकंपा नियुक्ति/अनुग्रह राशि का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। विदिशा जिले के अशंदान पेंशन कोई प्रकरण लंबित नहीं है। विदिशा जिले में अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (घ) संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के निर्धारित मापदण्डों को अध्यापक संवर्ग के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों के संदर्भ में शिथिल करने का अनुरोध स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा भारत सरकार में किया गया है, यह मार्गदर्शन प्राप्त होने पर लंबित प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एकलव्य शिक्षा विकास योजना
[वन]
98. ( क्र. 2580 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में एकलव्य शिक्षा विकास योजना में वर्ष 2018-19 में कितने छात्र-छात्राओं को क्या-क्या लाभ मिला? (ख) वर्ष 2019-20 में भोपाल संभाग के कितने छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जायेगा? (ग) उक्त योजना के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं का चयन किस आधार पर कैसे किया जाता है? (घ) उक्त योजना के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) भोपाल संभाग में एकलव्य शिक्षा विकास योजना में वर्ष 2018-19 में 833 छात्र/छात्राओं को राशि रूपये 71,69,172.00 की छात्रवृत्ति का लाभ दिया गया। (ख) वर्ष 2019-20 में छात्र/छात्राओं के आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। उनके परीक्षण का कार्य जिला स्तर पर गठित छानबीन समिति द्वारा किया जाता है। वर्तमान में आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रचलित है, अत: छात्र/छात्राओं की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजना के अन्तर्गत चयन प्रक्रिया संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) प्रत्येक संग्राहकों के संग्रहण कार्ड पर योजना की विस्तृत जानकारी दी गई है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति एवं जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन द्वारा अपने स्तर से ग्रामीण क्षेत्रों में डोड़ी पिटवाकर एवं तेन्दूपत्ता संग्रहण के दौरान बैनर, पम्पलेट के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है। भोपाल संभाग अंतर्गत दिनांक वार प्रचार-प्रसार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सी.बी.एस.ई. की मान्यता प्राप्त करने पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
99. ( क्र. 2588 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोटस वैली स्कूल, औझर जिला बड़वानी की C.B.S.E. स्कूल मान्यता हेतु प्रस्तुत शपथ-पत्र एवं ज्ञापन विधान की जाँच में क्या पाया गया? जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें। (ख) क्या जाँच प्रतिवेदन के पश्चात् सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं इन्दौर संभाग इन्दौर से अभिमत प्राप्त किया गया था? यदि हाँ, तो प्राप्त अभिमत की छायाप्रति देवें। (ग) क्या जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी द्वारा संबंधित संस्था/समिति के विरूद्ध कूट रचित दस्तावेज एवं मिथ्या शपथ-पत्र के आधार पर C.B.S.E. मान्यता हेतु प्रस्ताव अग्रेषित कराने पर F.I.R. दर्ज कराने हेतु कलेक्टर बड़वानी से अनुमोदन प्राप्त किया गया था? यदि हाँ, तो संबंधित संस्था के विरूद्ध F.I.R. दर्ज क्यों नहीं करायी गयी एवं यदि करायी जायेगी तो कब? (घ) संबंधित संस्था के दोषी के विरूद्ध F.I.R. दर्ज न करवाने के दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए, इंदौर संभाग इंदौर को जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी द्वारा पत्र क्र. 1508/शिका/2018, दिनांक 20.12.2018 प्रेषित किया गया। उक्त के प्रकाश में सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं, इंदौर संभाग इंदौर द्वारा संबंधित संस्था को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। इसी अवधि में राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक राशि के/आर.टी.ई./2018/84, भोपाल दिनांक 04.01.2019 के तहत् जाँच समिति गठित की गई। जाँच समिति द्वारा प्रकरण की जाँच की गई एवं निष्कर्षतः समिति द्वारा पाया गया कि संस्था द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र के आर.टी.ई. मान्यता नियमों का उल्लघंन नहीं किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संस्था के विरूद्ध की जाने वाली कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं।
आवासीय पट्टे का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 2594 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र में शासकीय भूमि पर वर्षों से निवासरत रहवासियों को आवासीय पट्टे देने हेतु नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी देवें। (ख) विगत 5 वर्षों में शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ नगरीय क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों को आवासीय पट्टा देने हेतु क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें? (ग) नगरीय क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक आवासीय पट्टे देने की प्रक्रिया के पूर्ण नहीं होने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार कब तक आवासीय पट्टे वितरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नियम एवं प्रक्रिया मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 एवं मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-1-6/2013/18-3, दिनांक 29.04.2013 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 5 वर्षों में नगर परिषद सीतामऊ द्वारा आवासहीनों का संयुक्त सर्वे वर्ष 2018 में किया गया था, जिसमें 104 आवेदन प्राप्त हुए थे। उक्त आवेदन में से 80 व्यक्ति पात्र पाये गये। नगर परिषद सुवासरा द्वारा आवासहीनों का संयुक्त सर्वे 2018 में किया गया था, जिसमें 275 आवेदन प्राप्त हुए थे। उक्त आवेदन में से 86 व्यक्ति पात्र पाये गये। नगर परिषद शामगढ़ में 146 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 61 पात्र हितग्राहियों को पट्टे वितरित कर कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। (ग) नगर परिषद सुवासरा एवं नगर परिषद सीतामऊ में आबादी क्षेत्र की भूमि का नौईयत परिवर्तन की कार्यवाही एवं वर्ष 2018 में विधान सभा, वर्ष 2019 में लोक सभा निर्वाचन की आचार संहिता होने के कारण तथा आवासहीनों के सर्वे में भिन्नता होने से आवासहीनों को पट्टे वितरण की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी। (घ) नगर परिषद सुवासरा एवं नगर परिषद सीतामऊ में आवासहीनों को शीघ्र पट्टे वितरण की कार्यवाही की जायेगी।
गणवेश सिलाई का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 2603 ) श्री कमल पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत समय हरदा जिले में गणवेश सिलाई का कार्य स्व-सहायता समूह द्वारा किस दर कराया गया? (ख) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा गणवेश सिलाई का भुगतान एवं सहायता समूह को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब भुगतान किया। (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक स्व-सहायता समूहों को राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा गणवेश सिलाई का भुगतान नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है तथा कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सत्र 2018-19 में राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा हरदा जिले में केवल शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये स्व-सहायता समूह के माध्यम से गणवेश प्रदाय हेतु कार्य म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को दिया गया है। (ख) राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा सिलाई का भुगतान स्व-सहायता समूह को नहीं किया गया है, अपितु गणवेश प्रदाय हेतु कुल बजट के विरूद्ध 80 प्रतिशत् की राशि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत हरदा जिले के लिये उनकी जिला इकाई को दिनांक 13.07.2018 को जारी की गई। शेष 20 प्रतिशत की राशि जिले के मांग के आधार पर दिनांक 05.07.2019 को जारी की गई। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन क्षेत्र में कार्य करने वाले मजदूरों को मजदूरी का भुगतान
[वन]
102. ( क्र. 2604 ) श्री कमल पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र में मजदूरों से काम कराया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस प्रकार के कार्य मजदूरों से किस दर पर कराये जाते हैं? (ख) हरदा वनमण्डल में 01 जनवरी, 2016 से 20 जून, 2019 तक कौन-कौन से कार्य कराए गए? वर्षवार जानकारी दें। (ग) वन क्षेत्र के कार्य करने वाले मजदूरों को हरदा वनमण्डल में किस दर पर भुगतान किया गया? (घ) हरदा वनमण्डल में वन क्षेत्र में कार्य पर विगत तीन वर्षों में किये गये व्यय की वर्षवार जानकारी बतावें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। वन विभाग में विभिन्न वानिकी कार्य, यथा पुनरूत्पादन कार्य, बिगड़े वनों का सुधार, वृक्षारोपण, अग्नि सुरक्षा, सीमाओं का रख-रखाव, अधोसंरचना निर्माण, वन एवं वन्यप्राणी सुरक्षा, वन्यप्राणी रहवास स्थलों का विकास आदि कार्य विभागीय योजनाओं के तहत् श्रमायुक्त द्वारा स्वीकृत दर एवं विभाग द्वारा स्वीकृत जॉब दर के आधार पर किये जाते हैं। मनरेगा के तहत् स्वीकृत वानिकी कार्य मनरेगा की दर अनुसार किये जाते हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) हरदा वनमण्डल द्वारा वन क्षेत्र में कार्य करने वाले मजदूरों को विभाग की निर्धारित जॉबदर एवं श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित दैनिक मजदूरी दर के अनुसार भुगतान किया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
छात्र-छात्राओं को दी जा रही सुविधाएं
[स्कूल शिक्षा]
103. ( क्र. 2640 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं? योजनावार पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) वर्ष 2016-17 से 15 जून, 2019 तक की अवधि में रायसेन एवं सीहोर जिले में कितने-कितने छात्र-छात्राओं को किस-किस योजना में लाभ मिला? किन-किन योजनाओं में एक भी छात्र-छात्राओं को लाभ नहीं मिला? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में उक्त जिलों में सभी पात्र छात्र-छात्राओं को लाभ क्यों नहीं मिला? कारण बतायें। इसके लिये कौन जबावदार है? (घ) उक्त योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कतिपय विद्यार्थियों के बैंक खाते त्रुटिपूर्ण एवं होल्ड होने तथा कुछ छात्रवृत्ति के शीर्षो में बंटन के अभाव में जैसे परिस्थितिजन्य कारणों से छात्रवृत्ति वितरण शेष रहा। अतः कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। निःशुल्क साईकिल वितरण, निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण एवं लैपटॉप वितरण हेतु सभी पात्र छात्र-छात्राओं को लाभ दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजनाओं का प्रचार-प्रसार विभिन्न हितग्राही मेलों में व शालेय शिक्षा के कार्यक्रमों में विभिन्न माध्यमों से किया गया। पालक शिक्षकसंघ की बैठक एवं सूचना पटल के माध्यम से भी जानकारी दी गई।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 2680 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर-निगम सतना में वर्तमान में कितने कर्मचारी किस पद पर पदस्थ होकर कार्य कर रहे हैं, का विवरण पद एवं कार्य आवंटन सहित देवें? ये संबंधित पद पर विभाग में कितने वर्षों से कार्य कर रहे हैं? इनके कार्यों में परिवर्तन हेतु आदेश कब-कब जारी किये गये, की प्रति देते हुये बतावें। इस हेतु शासन के क्या आदेश एवं निर्देश हैं, की भी प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यरत कर्मचारियों में से कितने ऐसे कर्मचारी हैं, जिनसे उनकी योग्यता एवं मूल पद से हटाकर कार्य लिये जा रहे हैं, का विवरण देते हुये बतावें कि इनसे इस तरह के कार्य कब से लिये जा रहे हैं और क्यों (ग) प्रश्नांश (क) में वर्ष 2011 से कितने कार्य किन-किन संविदाकारों/ठेकेदारों द्वारा कराये जा रहे हैं? इनके कार्यादेश कब-कब जारी किये गये, की प्रति देते हुये बतायें कि कार्यादेश के पूर्व क्या टेंडर की प्रक्रिया अपनाई गई तो कब-कब? उसकी प्रति देवें। वर्तमान में इन कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? कार्यों की जाँच कब-कब, किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा की गई? जाँच की प्रति देते हुये बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कर्मचारी एक ही निकाय में एक ही पद पर, एक ही जगह कार्य कर रहे हैं, जिनको अन्यत्र निकायों में पदस्थ किये जाने बाबत् कब तक आदेश जारी करायेंगे साथ ही प्रश्नांश (ग) अनुसार जिन कर्मचारियों द्वारा अपने सगे संबंधियों के नाम कार्य आदेश जारी कर नगर-निगम क्षेत्र में निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं, उसकी जाँच कराकर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर कार्य मौके पर नहीं है, राशि आहरित कर ली गई तो संबंधितों से राशि की वसूली के साथ उन पर आपराधिक प्रकरण गबन के दर्ज करावेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 2714 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के अंतर्गत विभिन्न नगरीय निकायों में 15 जून, 2019 की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं? नगरीय निकायवार अलग-अलग बतायें? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग की क्या योजना है? कब तक निराकरण कर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सागर संभाग के अंतर्गत आने वाली नगरीय निकायों में 15 जून, 2019 की स्थिति में अनुकंपा नियुक्ति के निकायवार लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लंबित प्रकरणों के निराकरण के संबंध में निकायवार एवं आवेदनकर्ता अनुसार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासनादेश द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में दिये गये निर्देशों के अनुसार औपचारिकताओं की पूर्ति होने पर निकाय द्वारा नियुक्ति दी जा सकेगी। प्रकरणवार स्थिति भिन्न होने से समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षकविहीन शालाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
106. ( क्र. 2719 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड पाटी में शैक्षणिक सत्र 2017-18 एवं 2018-19 में 47 प्राथमिक शाला एवं 26 माध्यमिक शालाएँ शिक्षकविहीन थीं? यदि हाँ, तो इन शालाओं की सूचि एवं इन शालाओं में बच्चों को उचित शिक्षा उपलब्ध कराए जाने हेतु विभाग के द्वारा क्या व्यवस्था की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शालाएँ शिक्षकविहीन होने से उक्त शालाओं में मध्यान्ह भोजन व अन्य योजनाओं का संचालन कैसे किया गया? क्या शिक्षक की अनुपस्थिति में योजनाओं का संचालन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा किन नियमों से? (ग) क्या शिक्षक नहीं होने के उपरान्त भी शालाओं में शत–प्रतिशत उपस्थिति बताकर मध्यान्ह भोजन एवं अन्य योजनाओं में राशि व्यय की गयी है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अनियमितता की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शिक्षकविहीन शालाओं में संकुल प्राचार्यों के माध्यम से निकटस्थ शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को प्रभार सौंपकर शाला का संचालन कराया जाकर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर शैक्षणिक कार्य संपादित किया गया है। (ख) शिक्षकविहीन शालाओं में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन जनपद पंचायत पाटी द्वारा अनुबंधित स्व-सहायता समूह द्वारा व अन्य योजनाओं का संचालन शाला प्रबंधन समिति द्वारा शासन के नियमानुसार किया गया है। प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कौशल विकास कार्यक्रम
[आदिमजाति कल्याण]
107. ( क्र. 2720 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग बड़वानी के द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम के तहत् वित्तीय वर्ष 2015-16 में योगा थेरेपिस्ट कोर्स हेतु अधिकतम 200 प्रशिक्षणार्थियों के लिए 45 दिवस का प्रशिक्षण आयोजित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त प्रशिक्षण हेतु आवास एवं भोजन व्यवस्था हेतु जारी की गई निविदा की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जारी विज्ञप्ति में श्री अब्रेश्वर सामाजिक शैक्षणिक विकास संस्थान समिति बड़वानी को आवास एवं भोजन की व्यवस्था हेतु सबसे कम दर होने पर अनुबंधित किया गया? यदि हाँ, तो किस दर पर अनुबंधित किया गया है? कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें l (ग) क्या अनुबंधित संस्था श्री अब्रेश्वर सामाजिक शैक्षणिक विकास संस्थान समिति बड़वानी को कार्य पूर्ण हो जाने के उपरान्त भी आज तक निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें? कब तक संबंधित संस्था को बिलों का भुगतान कर दिया जावेगा? क्या विलम्ब के लिए दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ, प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय जिला बड़वानी द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम के तहत् वित्तीय वर्ष 2015-16 योगा थेरेपिस्ट कोर्स हेतु अधिकतम 200 प्रशिक्षणार्थियों के लिये 45 दिवस का प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जारी विज्ञप्ति में श्री अब्रेश्वर सामाजिक शैक्षणिक विकास संस्थान समिति बड़वानी को आवास एवं भोजन की व्यवस्था हेतु सबसे कम दर होने पर अनुबंधित किया गया। निविदा की न्यूनतम दर भोजन हेतु प्रति प्रशिक्षणार्थी राशि रूपये 190/- प्रतिदिन एवं आवास हेतु प्रति प्रशिक्षणार्थी राशि रूपये 100/- प्रति दिन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। टेण्डर प्रक्रिया प्रथम दृष्टया त्रुटिपूर्ण होने एवं नियम संगत न होने से तीन माह में जाँच कराई जाकर, नियमानुसार प्रकरण का निराकरण किया जायेगा।
नगर पंचायत द्वारा किए जाने वाले कार्य की स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र.
2730 ) श्री
राजेश कुमार
शुक्ला : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
बिजावर
अंतर्गत नगर
पंचायत सटई
में वित्तीय
वर्ष 2015-16 से
प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितने
निर्माण कार्य
का कार्यादेश
जारी किया गया? सूची
प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
अनुक्रम में
प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितने कार्य
पूर्ण हो चुके
हैं,
कितने अधूरे
हैं,
सभी कार्यों
की वर्तमान
भौतिक स्थिति
क्या है? कुल कितनी
राशि का
भुगतान किया
जा चुका है? (ग) विधानसभा
क्षेत्र
बिजावर
अंतर्गत
वित्तीय वर्ष 2015-16 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितने
अस्थायी
कर्मचारी
कार्यरत हैं? प्रत्येक
के नाम एवं
इनके द्वारा
किये जाने वाले
कार्यों का
विवरण प्रदाय
करें। क्या
इनसे नगरीय
प्रशासन
द्वारा जारी आदर्श
कार्मिक
संरचना में
दिए गए नियमों
का पालन किया
गया है अथवा
नहीं?
यदि
नहीं, तो
इसमें
जिम्मेदारी
निर्धारित कर
क्या कार्यवाही
की जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क)
प्रश्नांकित
अवधि में 46
कार्यों का
कार्यादेश
जारी किया गया
है। सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) प्रश्न
दिनांक तक कुल
30
निर्माण
कार्य पूर्ण
हो चुके हैं, 16 निर्माण
कार्य अपूर्ण
हैं। कार्यों
की वर्तमान
भौतिक स्थिति
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। प्रश्नांकित
निर्माण
कार्यों में
राशि रू. 324.42 लाख
रूपये का
भुगतान किया
जा चुका
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है। नगरीय
विकास एवं आवास
विभाग द्वारा
जारी आदर्श
कार्मिक संरचना
नियमित एवं
संविदा
कर्मचारियों
से संबंधित है, अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
बाघों की सुरक्षा के लिये उठाये गये कदम
[वन]
109. ( क्र. 2767 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग और एन.टी.सी.ए. ने बाघों की सुरक्षा के लिए प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं? (ख) 01 अक्टूबर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने बाघ किस कारण से मारे जा चुके हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत् क्या राजधानी भोपाल से लगे वनक्षेत्र में लोगों का रहवास हो गया है? यदि हाँ, तो समय पर रोक क्यों नहीं लगायी गयी? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत् क्या वनभूमि क्षेत्र में रसूखदारों द्वारा अतिक्रमण कर आवास व व्यापारिक भवन बनाये जाने से बाघ असुरक्षित हो गए हैं? क्या वनभूमि क्षेत्र से अतिक्रमण को हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण दें? नियम बताएं।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग और ए.न.टी.सी.ए. के निर्देशानुसार प्रदेश में बाघों की सुरक्षा के लिये 24x7 सघन पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत् M-STRIPS पेट्रोलिंग, पैदल गश्ती, वाहन से गश्ती, हाथी से गश्ती, प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड गश्ती, मानसून गश्ती, मुखबिर तंत्र का विकास, विद्युत लाइन क्षेत्र की गश्ती, वाटर होल के आसपास गश्ती, सॉल्ट लिक की निगरानी, गाड़ीदान मार्ग, सड़क मार्ग एवं रेलवे ट्रैक की गश्ती, आदतन अपराधियों की निगरानी, बाहर से आये डेरों एवं संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी आदि की व्यवस्था है। (ख) 01 अक्टूबर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में विभिन्न कारणों से 23 बाघों की मृत्यु हुई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट में हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत् वनमण्डल भोपाल के प्रबंधन में शामिल आरक्षित/संरक्षित वनभूमि क्षेत्र में लोगों के रहवास के प्रकरण प्रकाश में नहीं आने के कारण रोक लगाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के तहत् वन विभाग के प्रबंधन में शामिल पन्ना टाइगर रिजर्व पन्ना के आरक्षित/संरक्षित वनभूमि क्षेत्र में आवासीय व व्यापारिक दृष्टि से अतिक्रमण के 2 प्रकरण प्रकाश में आये हैं। वन विभाग द्वारा सघन गश्ती एवं अनुश्रवण के कारण प्रदेश के वन क्षेत्र में समस्त बाघ सुरक्षित हैं। उक्त प्रकरणों में अतिक्रामकों के विरूद्ध वन अपराध दर्ज कर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80-अ के तहत् बेदखली का नोटिस दिया गया है। विधिक प्रक्रिया प्रचलन में है, अत: समय-सीमा निर्धारण संभव नहीं है।
बी.डी.ए. के ऊपर बकाया लीज़ रेट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 2768 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक बी.डी.ए. के ऊपर लीज़ रेंट की कितनी राशि बकाया है? किस वर्ष से बी.डी.ए. ने लीज़ रेंट नहीं दिया है? क्यों नहीं दिया नियम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् क्या बी.डी.ए. ने विभिन्न कॉलोनी में लोगों को बेंचे गए प्लॉट/फ्लेट के समय पर लीज़ रेंट वसूल किया है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत् क्या बी.डी.ए. के अधिकारियों की गलती की वजह से बी.डी.ए. से प्रापर्टी खरीदने वाले लोगों को फ्री-होल्ड नहीं मिल सका है? यदि हाँ, तो इसके लिए किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या उन पर कोई कार्यवाई की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्न दिनांक तक प्राधिकरण की विभिन्न 35 योजनाओं में कुल भूभाटक बकाया राशि रूपये 12,17,53,902/- दिया जाना शेष है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार विभिन्न योजनाओं में वर्ष 1977-78 से 2018-19 तक लीज़ रेंट नहीं दिया गया है। प्राधिकरण की समय-समय पर वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के कारण लीज़ रेंट का भुगतान नहीं किया गया है। (ख) प्राधिकरण द्वारा विभिन्न कॉलोनियों के लोगों को बेचे हुए प्लॉट/फ्लेट का लीज़ रेंट वसूल किया जाता है। बहुत से आवंटियों द्वारा निर्धारित समय पर लीज़ रेंट जमा नहीं किया जाता है, जिसके संबंध में कार्यवाही की जाती है। (ग) पट्टे पर आवंटित शासकीय भूमि को फ्री-होल्ड किये जाने के संबंध में राज्य शासन के निर्देश दिनांक 21/09/2010 को जारी किये गये निर्देशों के अनुसार प्राधिकरण द्वारा जारी अनापत्ति के आधार पर फ्री-होल्ड की कार्यवाही नजूल अधिकारी द्वारा की जानी थी, जिस किसी आवंटिती द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र चाहा गया, उसे परीक्षणोपरान्त अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस संबंध में प्राधिकरण स्तर पर कोई लापरवाही नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पौध रोपण की जानकारी
[वन]
111. ( क्र. 2782 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्ष में सिवनी जिले के वन मण्डलों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में वन संवर्धन हेतु कितने पौधरोपण किये गये? उसकी सूची परिक्षेत्रवार उपलब्ध करावें। (ख) उन पौधरोपण में विगत तीन वर्ष में क्या-क्या कार्य किया गया और उस पर कितना व्यय किया गया? (ग) वृक्षारोपण में पेड़ काटने के लिये क्या नियम हैं तथा इस वृक्षारोपण में कितने पेड़ काटे गये?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत तीन वर्षों में किये गये वृक्षारोपण कार्य एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य आयोजना के प्रावधानों के अनुसार सफल वृक्षारोपण में 6 वर्षीय साफ सफाई, 11 वर्षीय, 21 वर्षीय, 35 वर्षीय एवं 51 वर्षीय विरलन का कार्य किया जाता है। विगत तीन वर्षों के यह वृक्षारोपण कार्य आयोजना के प्रावधान अनुसार अभी विरलन अवधि में न आने के कारण इनमें विरलन कार्य नहीं किया गया है।
वृक्षरोपण करने के नियम
[वन]
112. ( क्र. 2783 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल वन मण्डल में विगत तीन वर्ष में वन संवर्धन से जुड़े कितने वृक्षारोपण किये गये? परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) इन वृक्षारोपण करने के क्या नियम हैं तथा विगत तीन वर्ष में कौन-कौन से कार्य किये गये? उस पर कितना व्यय किया गया? उसकी जानकारी दें। (ग) इन वृक्षारोपण एवं पेड़ काटने के लिये क्या-क्या नियम हैं तथा कितने पेड़ काटे गये? विगत तीन वर्ष की जानकारी उपलब्ध करावें तथा पेड़ काटने के नुकसान एवं उससे लाभ के संबंध में भी जानकारी दी जावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवासीय विद्यालय के छात्रावासों का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 2785 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के अंतर्गत शिक्षा विभाग के छात्र एवं छात्राओं हेतु कितने आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास संचालित हैं एवं इनके क्या मापदण्ड हैं? (ख) इन छात्रावासों में प्रतिवर्ष कितने बजट का प्रावधान है? इसके अंतर्गत प्रति छात्र/छात्रा को इनमें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं एवं प्रति छात्र/छात्राओं पर कितना व्यय होता है? (ग) अशोकनगर जिले की मुंगावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्थापित आवासीय विद्यालय छात्रावासों में विगत 3 वर्ष में व्यय हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं कितनी राशि व्यय की गई है? मदवार, माहवार व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या छात्रों एवं उनके परिजनों द्वारा आवासीय विद्यालय/छात्रावास में हो रही अनियमितता के विरूद्ध कोई शिकायत विगत दो वर्षों में प्राप्त हुई है? अगर हुई है तो उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा के लिए कुल 08 छात्रावास संचालित हैं। मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। शिक्षा विभाग का कोई भी आवासीय विद्यालय नहीं है। जिले में आर.एम.एस.ए. अंतर्गत 04 बालिका छात्रावास 100-100 सीटर संचालित है। (ख) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित छात्रावासों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। आर.एम.एस.ए. अंतर्गत संचालित छात्रावासों के संबंध में भारत सरकार के मापदण्ड अनुसार प्रति छात्रावास रू. 25 लाख वार्षिक व्यय का प्रावधान है। छात्रावासों में बालिकाओं को निःशुल्क भोजन एवं आवास की सुविधा दी जाती है। आवश्यकतानुसार रेमेडियल टीचिंग (कोचिंग) एवं आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी दिया जाता है। प्रति बालिका वार्षिक व्यय 25000 अनुमानित व्यय होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय विद्यालय/छात्रावासों में उपलब्ध सुविधाएं
[आदिमजाति कल्याण]
114. ( क्र. 2786 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा अशोकनगर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत कितने आवासीय विद्यालय/छात्रावास संचालित हैं? संचालन हेतु क्या मापदण्ड हैं एवं आवासीय विद्यालय/छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को शासन द्वारा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) अशोकनगर जिले में वर्ष 2016-17 से वर्तमान वर्ष तक मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में स्थित आवासीय विद्यालय/छात्रावासों में दर्ज छात्रों की सूची वर्षवार उपलब्ध करावें एवं वर्षवार छात्रों के लिए मद अनुसार व्यय की गई राशि का विवरण दें एवं बतावें कि एक वर्ष में प्रति छात्र कितना व्यय किया जाता है? (ग) क्या छात्रों एवं उनके परिजनों द्वारा छात्रावास अधीक्षक के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त हुई? अगर हुई है तो उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) अशोकनगर जिले में आदिवासी विभाग द्वारा आवासीय विद्यालय संचालित नहीं है, अपितु 01 महाविद्यालयीन छात्रावास एवं 01 आश्रम शाला संचालित है। छात्रावासों/आश्रमों का संचालन छात्रावास संचालन नियम 1966-67 के तहत् संचालित किये जाते हैं। छात्रावासों/आश्रमों में रहने वाले बच्चों को शासन द्वारा आवास सुविधा, मैस सुविधा, विद्यार्थी कल्याण, शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु खेल-कूद एवं स्टेशनरी आदि सुविधाएं दी जाती है। (ख) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में आदिवासी विकास विभाग का आवासीय विद्यालय/छात्रावास संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु पालन हेतु संचालित योजनाएं
[पशुपालन]
115. ( क्र. 2808 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर अंतर्गत पशुपालन के लिए कौन-कौन सी योजना का कार्य किया जा रहा है? उल्लेख कर सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या पशुपालन में अनुदान एवं छूट दी जाती है? यदि हाँ, तो उक्त पशुपालन योजना में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किस-किस को कितनी-कितनी राशि का अनुदान एवं छूट दी गयी है? सूची उपलबध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या पशुपालन योजना में अनुदान एवं छूट सक्षम अधिकारी द्वारा पात्र हितग्राही को दी गयी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या शासन विधि सम्मत एवं शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न में उपस्थित नहीं होता है।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
116. ( क्र. 2817 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2014 से विदिशा जिले में कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र, डाईट एवं विकासखण्ड सिरोंज एवं विकासखण्ड लटेरी में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जनपद शिक्षा केन्द्र, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल, मॉडल स्कूल/छात्रावास में किस-किस मद/योजना की कितनी राशि प्राप्त हुई है? किन-किन मदों में यह राशि खर्च की गई है तथा कितनी राशि खाते में शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त जमा राशि कार्यालय/विद्यालयों को कब-कब कहाँ-कहाँ से किस कार्य के लिये प्राप्त हुई है? क्या उक्त राशि व्यय न करके खाते में जमा करके रखी जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त राशि कब तक छात्र/छात्राओं के हित में व्यय की जावेगी? (ग) क्या 20 जून, 2019 की स्थिति में सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों के विद्यालयों के परिसरों में पेयजल हेतु हैण्डपम्प खनन नहीं है या हैण्डपम्प का पानी सूख गया है एवं कौन-कौन से विद्यालय भवनविहीन है? जर्जर हालात में है? किन-किन विद्यालयों में छात्र/छात्राओं को बैठने हेतु कक्ष कम हैं? उक्त विद्यालयों में भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्ष, स्वीकृति हेतु विभाग क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है? नवीन भवन हेतु किन-किन विद्यालयों के पास भूमि नहीं है तथा इस हेतु क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में प्राथमिक शाला/माध्यमिक शाला/अनुदान प्राप्त मदरसों में/छात्रावासों में मध्यान्ह भोजन की कितनी-कितनी राशि माहवार प्राप्त की। कितनी राशि खर्च की गई? कितनी राशि का स्थानांतरण एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय को दी गई तथा कितनी राशि वापिस की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय को राशि का हस्तांतरण नहीं किया गया है। छात्रावासों में पृथक से मध्यान्ह राशि का प्रदाय नहीं किया जाता है।
अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों के विकास कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
117. ( क्र. 2818 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2014 से 20 जून, 2019 तक अनुसूचित जाति विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़, जनजातीय बाहुल्य बस्ती ग्रामों, मजरा-टोलों, नवीन बसाहट में सी.सी. रोड नालियां निर्माण, पुलिया/रपटों/भवन का निर्माण, विभागीय आवासीय संस्थाओं को मुख्य सड़क से जोड़ने हेतु सी.सी. रोड, आंतरिक रोड, विद्युतीकरण कार्य, कृषकों के कुओं तथा ट्यूबवेलों तक विद्युत विस्तार कार्य स्वीकृत किये गये हैं? प्रत्येक वर्षवार प्राप्त आवंटन राशि, कार्य का नाम, ऐजेन्सी का नाम, कार्य की वर्तमान स्थिति, किसकी अनुशंसा के कार्य स्वीकृत किया गया? जानकारी देवें। (ख) 01 अप्रैल, 2014 से जिले में संचालित छात्रावासों, आश्रमों, विद्यालयों को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा कितनी-कितनी राशि खर्च हुई है? छात्रावासों, आश्रमों, विद्यालयोंवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में इन जातियों के सामाजिक उत्थान हेतु शासकीय ऋण, समूहों के कल्याण के लिये योजनाएं एवं रोजगार के क्या-क्या अवसर उपलब्ध कराये गये हैं? सिरोंज, लटेरी विकासखण्डों के ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत लटेरी, नगर पालिका सिरोंज अनुसार हितग्राही की संख्यात्मक जानकारी सहित विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में धनराशि के व्यय, खरीदी एवं निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के संदर्भ में विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों की जाँच किन-किन अधिकारियों से कराई और कितनों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? योजनाओं का क्रियान्वयन और निर्माण कार्यों का निरीक्षण/परीक्षण जिला स्तर एवं संभागीय स्तर के किन-किन अधिकारियों ने किन-किन तिथियों को किया? क्या विभाग भारी अनियमितता और निर्माण कार्यों के गुणवत्ताविहीन बनने के लिए संभाग स्तर पर कोई टीम बनाकर जाँच करायेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीधी जिले में विद्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 2823 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामवार कितने प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकेण्ड्री विद्यालय हैं? (ख) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा में कितने उत्कृष्ट विद्यालय हैं? नवीन उत्कृष्ट विद्यालय खोलने के संबंध में शासन की क्या योजना है? क्या खड्डी, हनुमानगढ़, परंपरा, बधवार, बड़खरा, हायर सेकेण्ड्री को उत्कृष्ट बनाने की शासन की योजना है? (ग) चुरहट विधानसभा में चोगड़ी, मऊ, कुंआ, पचोखर, भितरी, उम्रहा के विद्यालयों के उन्नयन की सरकार की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) 01 उत्कृष्ट विद्यालय संचालित है। वर्तमान में नवीन उत्कृष्ट विद्यालय खोलने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्ष 2019-20 में माध्यमिक शाला से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विकास प्राधिकरण द्वारा कराये गये कार्य
[वन]
119. ( क्र. 2826 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विकास प्राधिकरण के अंतर्गत कितने स्थानों में विगत 5 वर्षों में सीधी जिले के अंतर्गत कार्य कराया गया है? इस हेतु स्थलवार कुल कितना बजट आवंटित किया गया था? (ख) स्थलवार दूसरे, चौथे एवं छठवें वर्ष पुनरूत्पादन सर्वेक्षण (Regeneration Survey) कब-कब किया गया तथा उनके क्या परिणाम आये? (ग) निर्धारित मानक के अनुसार पुनरूत्पादन सर्वेक्षण के अपेक्षित परिणाम न आने पर उत्तरदायी कर्मचारी, अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही हुई? (घ) पुनरूत्पादन सर्वेक्षण के अंतर्गत विभिन्न ग्रिड प्वाइंटस की विस्तृत गणना, दिनांकवार एवं वर्षवार विवरण से अवगत करायें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विकास अभिकरण के अन्तर्गत विगत 05 वर्षों में वन मण्डल सीधी द्वारा कराये गये कार्यों का स्थलवार तथा बजट आवंटन का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वन विकास अधिकरण के अन्तर्गत रोपण क्षेत्रों में पुनरूत्पादन सर्वेक्षण करने के निर्देश नहीं होने के कारण दूसरे, चौथे एवं छठवें वर्ष में पुनरूत्पादन सर्वेक्षण नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य पालकों को मछुआ प्रशिक्षण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
120. ( क्र. 2830 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सभी वर्ग के मत्स्य पालकों एवं समितियों को मछुआ प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो रीवा संभाग अंतर्गत कितने मत्स्य पालकों एवं समितियों को वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ किसके द्वारा प्रशिक्षण दिया गया? उक्त प्रशिक्षण में खर्च की गई राशि की जानकारी देवें एवं समितियों एवं मत्स्य पालकों के नाम, पते सहित जानकारी देवें। (ख) क्या सभी मत्स्य पालकों को तलाबों के पट्टों से लेकर मत्स्य पालक का कार्य दिया जाता है? यदि हाँ, तो उन्हें क्या-क्या सगाग्री प्रदाय की जाती है, कितनी राशि अनुदान देने का प्रवधान है? कितने लोगों को अनुदान प्रदाय किया गया? वर्ष 2015 से अप्रैल 2019 तक कितने मत्स्य पालकों को कितना अनुदान एवं समाग्री किस माध्यम से कितनी प्रदाय की गई? (ग) क्या सामान्य मछुआ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के मछुआरों को सहकारी समितियों के जो तलाब हैं, उनके पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या उनमें मत्स्य पालन का कार्य हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यों को नि:शुल्क आवास देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अप्रैल 2019 तक कितने सदस्यों को आवास उपलब्ध कराये व कितनी राशि प्रदाय की गई, की जानकारी देवें। (जानकारी रीवा संभाग के संदर्भ में दी जावे)
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नावधि में कुल 1409 मत्स्य पालकों/समिति सदस्यों के प्रशिक्षण पर राशि रू. 29.423 लाख व्यय की गयी। प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार। (ख) जी नहीं/पट्टा धारक को पट्टा अवधि में व्यक्ति/समूह को 15000 प्रति हे. का अनुदान तथा समितियों को 1.50 लाख प्रति 100 हे. पर दिये जाने का प्रावधान है। सामग्री प्रदाय का प्रावधान नहीं है। प्रश्नावधि में मत्स्य पालकों का 25.68 लाख तथा समितियों को 15.95 लाख का अनुदान प्रदान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चैनलिंक फैंसिंग ट्री गार्ड की खरीदी के संबंध में
[वन]
121. ( क्र. 2831 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पेड़ पौधों की सुरक्षा हेतु चैनलिंक ट्री गार्ड की खरीदी वन विभाग द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो क्या उसकी खरीदी कोटेशन निविदा के माध्यम से होती है? रीवा जिले में वर्ष 2015 से अप्रैल 2019 तक कितनी खरीदी की गई? क्रय आदेश सहित जानकारी देवें एवं निविदा कोटेशन तुलनात्मक पत्रक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) खरीदी गई सामग्री की स्टॉक व वितरण की जानकारी उपलब्ध करावें? उक्त सामग्री वन परिक्षेत्रों में कहाँ-कहाँ भेजी गई, वर्षवार जानकारी देवें। क्या शासकीय एवं प्राइवेट स्कूलों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिये चैनलिंक फैंसिंग ट्री गार्ड उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अब तक किन-किन स्कूलों में उपलब्ध कराई गई? (ग) कैम्पा मद में राशि खर्च करने हेतु शासन के दिशा-निर्देश क्या है? रीवा जिले में उक्त मद से किस-किस कार्य में कितनी राशि खर्च की गई? कार्यवार बतावें। गुढ़ एवं रीवा रेन्ज संचालित वन समितियों के अध्यक्ष सचिव सहित कार्यकारणी की सूची वर्ष 2015 से अप्रैल 2019 तक उनके द्वारा कराये गये कार्य एवं खर्च की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) रीवा जिले में कितनी आरा मशीनें संचालित हैं? क्या वो मानक मापदण्डों को पूर्ण करती है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। वनमण्डल रीवा अन्तर्गत रोपण सुरक्षा हेतु चेनलिंक का क्रय मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से किया गया है तथा ट्री गार्ड का क्रय वनमण्डल स्तर पर निविदा आमंत्रित कर किया गया। वर्ष 2015 से अप्रैल 2019 तक में क्रय सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निविदा तुलनात्मक पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) वनमण्डल में क्रय की गई उक्त सामग्री सीधे परिक्षेत्रों को प्रदाय की गई है। जानकारी उत्तरांश 'क' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। शासकीय स्कूलों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिये स्थल विशेष की प्रोजेक्ट एवं बजट उपलब्धता अनुसार चेनलिंक फैंसिंग व ट्री गार्ड उपलब्ध कराने का प्रावधान है। प्राईवेट स्कूल हेतु उक्त प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में किसी विद्यालय को चेनलिंक/ट्री गार्ड उपलब्ध नहीं कराये गये। (ग) कैम्पा मद से राशि खर्च करने के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 (क) में है। राशि खर्च करने के पूर्व राज्य स्तरीय संचालन समिति से प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अनुमोदन तथा भारत सरकार से वार्षिक प्रचालन योजना की स्वीकृति आवश्यक होती है। तदोपरांत स्वीकृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार राशि का उपयोग किया जाता है। रीवा परिक्षेत्र में कैम्पा मद अन्तर्गत व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। गुढ़ कोई परिक्षेत्र न होकर रीवा परिक्षेत्र का उप-परिक्षेत्र है। रीवा रेंज में संचालित वन समितियों के अध्यक्ष, सचिव सहित कार्यकारिणी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है तथा वर्ष 2015 से अप्रैल 2019 तक उनके द्वारा कराये गये कार्य एवं खर्च की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) रीवा जिले में कुल 85 आरा मशीनें पंजीकृत हैं, जिसमें 84 आरा मशीनें संचालित है। संचालित समस्त आरा मशीनें मानक मापदण्डों को पूर्ण करती है।
कचरा जलाने से उत्पन्न कैंसरकारक धुआं
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 2846 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के देवगुराड़िया ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे के निष्पादन हेतु ठेका किस कम्पनी को दिया गया है? उक्त कम्पनी को निगम द्वारा सालाना कितने करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है? (ख) क्या विगत कई दिनों से देवगुराड़िया ट्रेचिंग ग्राउंड में सूखा कचरा, गीला कचरा सेगरीगेट करने के बजाए उसमें आग लगा दी जाती है, जिससे उत्पन्न धुएं से क्षेत्र के 2 लाख रहवासियों को साँस लेने में तकलीफ होने के साथ-साथ लंग कैंसर, लिवर कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है? (ग) क्या देवगुराड़िया ट्रेचिंग ग्राउंड के आसपास 3 कि.मी. की रेंज में भूजल दूषित हो गया है? कितने बार सैंपल लिए गए? उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। (घ) क्या नर्मदा के तृतीय चरण में ट्रेचिंग ग्राउंड के आसपास मौजूद कॉलोनी सम्पत हिल्स, कालिंदी मिडटाउन, सिल्वर स्प्रिंग, एम्पायर स्टेट, बिचौली मर्दाना, नायता मुंडला गाँव में नर्मदा लाइन बिछाने की कोई योजना है? कब तक नर्मदा जल की आपूर्ति होगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) इन्दौर के देवगुराडिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर कचरे के निष्पादन हेतु मटेरियल रिकवरी फैसिलिटि-1 एण्ड मटेरियल रिकवरी फैसिलिटि-2 स्थापित किये गये हैं, जिसे क्रमश: M/s Nepra Resource Management Pvt. Ltd. एवं M/s Human Matrix Security को संचालन एवं संधारण हेतु सौंपा गया है। नगर-निगम द्वारा किसी भी कम्पनी को सालाना कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है, बल्कि दोनों ही संस्थाओं के द्वारा नगर-निगम को क्रमश: रूपये 1,41,00,000/- एवं रूपये 16,20,000/- सालाना दिया जाना है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार कोई स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ, प्रदूषण के कुछ मानदण्डों पर आंशिक रूप से प्रदूषण चिन्हित हुआ है। ट्रेंचिंग ग्राउण्ड के आसपास एक वर्ष में 09 बार सेम्पल लिये गये। विश्लेषण एवं तुलनात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम, इन्दौर में नर्मदा तृतीय चरण योजना वर्ष 2006 में स्वीकृत हुई थी। प्रश्नांतर्गत उल्लेखित कॉलोनियां सम्पत हिल्स, कालिंदी मिडटाउन, सिल्वर स्प्रिंग, एम्पायर स्टेट, बिचौली मर्दाना, नायतामुण्डला गांव नर्मदा तृतीय चरण अंतर्गत प्रावधानित नहीं थे। उपरोक्त में से प्रचलित अमृत परियोजना अंतर्गत सम्पत हिल्स, एम्पायर स्टेट एवं बिचौली मर्दाना क्षेत्र में नर्मदा पाइप लाइन का कार्य प्रगतिरत है, जो कि 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष उल्लेखित क्षेत्र कालिंदी मिडटाउन, सिल्वर स्प्रिंग एवं नायतामुण्डला क्षेत्र वर्तमान में किसी स्वीकृत योजना अंतर्गत प्रावधानित नहीं है।
सर्वोच्च अदालत के आदेश पर कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
123. ( क्र. 2848 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय सर्वोच्च अदालत ने याचिका क्रमांक 109/2008 में वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार मान्य, अमान्य दावों के संबंध में दिनांक 13 फरवरी, 2019 एवं दिनांक 28 फरवरी, 2019 को क्या-क्या आदेश दिया है? न्यायालयीन आदेश के अनुसार अमान्य दावों के संबंध में शासन ने किस दिनांक को क्या-क्या पत्र, परिपत्र, आदेश जारी किया? प्रति सहित बताएं। (ख) फरवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक श्री अनिल गर्ग बुनियाद कोठी बाजार बैतूल द्वारा मान्य, अमान्य दावों के संबंध में किस-किस दिनांक को प्रेषित पत्र विभाग के प्रमुख सचिव एवं राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति के किस-किस सदस्य को किस दिनांक को प्राप्त हुए हैं? (ग) श्री अनिल गर्ग ने अपनी जानकारी में मान्य, अमान्य दावों से संबंधित किस-किस विषय का उल्लेख किया है? उसका सत्यापन एवं परीक्षण करवाएं जाने के संबंध में राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति ने क्या-क्या आदेश एवं निर्देश दिए हैं? (घ) राज्य शासन गैर-वन भूमियों पर अमान्य किए दावे, वन ग्रामों के अमान्य किए दावे एवं डीनोटीफाईड भूमियों पर अमान्य दावों के संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली ने याचिका क्रमांक 109/2008 में वन अधिकार अधिनियम 2006 के संबंध में जारी किये गये आदेश दिनांक 13 फरवरी, 2019 एवं दिनांक 28 फरवरी, 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार। माननीय न्यायालय के आदेशों के परिपालन में सभी जिलों को जारी किये गये निर्देश/पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार। (ख) संचालनालय में प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पाँच' अनुसार। राज्य स्तरीय वनअधिकार समिति की आगामी बैठक में रखे जाने पर विचार किया जायेगा। संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/1344, दिनांक 03.07.2019 द्वारा श्री गर्ग के दिनांक 17.06.2019 के दो पत्र समस्त कलेक्टर्स, वनमण्डल अधिकारियों को कार्यवाही हेतु भेजे गये है। (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में परिभाषित वन भूमि पर वन अधिकारों की मान्यता दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 2858 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर नगर पंचायत में किस-किस श्रेणी के कर्मचारियों की कमी हैं एवं कब तक पूर्ति कर दी जावेगी? (ख) नगर पंचायत बदनावर में वर्ष 2014 से अब तक कितने हितग्राही को किस आधार पर आवास प्रदान किया गया और वर्तमान में कितने पात्र हितग्राही हैं, जिनको आवास प्रदान किया जाना है, इनको आवास कब तक प्रदान कर दिया जावेगा? वार्डवार पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद, बदनावर में रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निकाय द्वारा सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति का प्रस्ताव उपलब्ध कराने पर प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से भर्ती की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) नगर परिषद, बदनावर में वर्ष 2014 से अब तक 449 हितग्राहियों को पट्टा/रजिस्ट्री द्वारा एवं हितग्राहियों का पूर्व में नगर परिषद में नाम दर्ज होने पर इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जियो टेगिंग का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् 612 पात्र हितग्राहियों को लाभ दिए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। पात्र हितग्राहियों की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
वन समितियों की जानकारी
[वन]
125. ( क्र. 2859 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी वन समितिया कहाँ-कहाँ कार्य कर रही है? इनमें अध्यक्ष और सदस्य कौन-कौन व्यक्ति कब से हैं? (ख) उक्त समितियों का कार्यकाल कब तक है और क्षेत्राधिकार कितना है? (ग) उक्त समितियों में वर्ष 2013 से 20 जून, 2019 तक कब कब, किस-किस मद से कितनी राशि आयी और उससे क्या-क्या कार्य कब कब किये गए? समस्त आय व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वनमण्डल धार के अंतर्गत बदनावर विधान सभा में 09 समितियां कार्यरत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उक्त समितियों के कार्यकाल एवं आवंटित क्षेत्रफल की जानकारी उत्तरांश 'क' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (ग) उक्त समितियों में वर्ष 2013 से 20 जून, 2019 तक किये गये कार्य एवं आय-व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
गौशाला निर्माण की जानकारी
[पशुपालन]
126. ( क्र. 2866 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला/स्मार्ट गौशाला खोलने हेतु क्या योजना बनाई गई है? शर्तें एवं नियम की जानकारी देवें तथा बतावें कि ये किन संस्थाओ के द्वारा संचालित की जावेगी। (ख) बिना पंजीयन के संचालित गौशालाओं के ऊपर शासन द्वारा किस प्रकार से नियंत्रण किया जाता है? (ग) यदि कोई व्यक्ति या संस्था नवीन गौशाला प्रारम्भ करना चाहता है तो गायों की संख्या एवं शर्तों व नियमों की जानकारी देवें। (घ) किसी व्यक्ति या गौशाला संचालक द्वारा गायों को जानबूझकर आवारा छोड़ दिया जाता है तो क्या उस पर कोई कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में गौशाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में 1000 गौशालाएं खोलने की योजना बनाई गई है, शर्तें एवं नियम तथा संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) बिना पंजीयन के संचालित गौशालाओं के उपर शासन द्वारा नियंत्रण नहीं किया जाता है। (ग) संस्था द्वारा नवीन गौशाला प्रारंभ करने हेतु मापदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) किसी जीव जन्तु का स्वामी होते हुए ऐसे जीव जन्तु के लिए पर्याप्त खाने पीने या आश्रय का उपबंध करने में असफल होने या युक्तियुक्त कारण के बिना किसी जीव जन्तु को परित्यक्त करने पर पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 के अध्याय-तीन, धारा-11 (1), (ज), (झ) के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति अथवा गौशाला संचालक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जा सकता है।
वेटनरी विभाग के पदों की पूर्ति
[पशुपालन]
127. ( क्र. 2867 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा डिप्लोमा धारको के रिक्त पदों की पूर्ति करने हेतु पर्याप्त डिप्लोमा धारक अभ्यर्थियों के होने के बावजूद भी डिग्री धारित अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की जाती है? (ख) क्या विभाग डिग्री धारित अभ्यर्थियों के रिक्त पदों भर्ती (वेकेंसी) निकलने पर डिग्री धारकों (जो कि डिप्लोमा धारक के पद पर पहले से नियुक्त है) को नियुक्ति दी जाती है? यदि हाँ, तो तब डिप्लोमा धारकों के पद रिक्त होने पर क्या पुनः डिग्री धारकों को नियुक्त किया जाता है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? (ग) मंदसौर जिले में कितने-कितने पद वेटनरी के रिक्त हैं? अलग-अलग जानकारी देवें। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा पिछली बार कब भर्ती (वेकेंसी) निकाली थी? (घ) म.प्र. में कितने प्राईवेट वेटनरी कॉलेज स्थापित हैं? स्थान के नाम सहित जानकारी देवें? यदि नहीं, हैं तो उसका कारण बतावें। प्राईवेट वेटनरी कॉलेज प्रारम्भ करने हेतु कब तक अनुमति दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) पशु चिकित्सा सहायक शल्य के 18 पद, पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी 2 पद तथा सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 74 पद रिक्त हैं। पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 188 पद अनु.जाति/अनु.जन जाति वर्गों के पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 31.7.2018 को विज्ञापन जारी किया। वर्ष 2017-18 में 215 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पद हेत विज्ञापन जारी किया गया था। (घ) मध्य प्रदेश में कोई प्रायवेट वेटनरी कॉलेज स्थापित नहीं है। केन्द्र शासन द्वारा राज्य शासन के अनापत्ति प्रमाण पत्र के पश्चात् अनुमति दी जाती है। वर्तमान में अनापत्ति प्रमाण पत्र दिये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रावधान किये जाने पर विचार किया जा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नही।
शाला भवन की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
128. ( क्र. 2874 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कौन-कौन से शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाईस्कूल एवं हायरसेकेण्डरी भवन विहीन हैं तथा प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा भवन निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शाला भवन के अभाव में छात्र/छात्राओं का अध्ययन कार्य निरंतर प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण कार्य हेतु उक्त भवनविहीन शालाओं के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राजगढ़ जिले में कोई भी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालायें भवनविहीन नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। स्वभवन विहीन शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है, तद्नुसार कार्यवाही की गई है। (ख) जी नहीं। ऐसे हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की कक्षाओं का संचालन प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों के अतिरिक्त कक्षों में कराया जाता है। स्वभवन विहीन स्कूलों के नवीन भवनों के निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन परिक्षेत्र में कराये गये कार्य
[वन]
129. ( क्र. 2875 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में नरसिंहगढ़ तहसील अंतर्गत वन परिक्षेत्र में कितने किसानों की फसलों का नुकसान वन्यप्राणियों द्वारा किया गया एवं किन-किन किसानों को कितना मुआवजा दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में वनपरिक्षेत्र नरसिंहगढ़ एवं चिड़ी-खो अभ्यारण अंतर्गत किन-किन कार्यों पर कितनी राशि का कब-कब व्यय किया गया? कार्य की लागत व ठेकेदार के नाम पते सहित बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार वन परिक्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत उक्त अवधि में एक ही स्थान पर कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी कब से पदस्थ हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन्यप्राणियों से फसल नुकसानी की नियमानुसार क्षतिपूर्ति राजस्व विभाग द्वारा प्रदाय की जाती है। तहसीलदार नरसिंहगढ़ के प्रतिवेदन अनुसार वन्यप्राणियों से फसल हानि के लिए वर्ष 2014-15 से 2018-19 की अवधि में कोई मुआवजा भुगतान नहीं किया गया है। (ख) वनमण्डल राजगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र नरसिंहगढ़ एवं चिड़ीखो अंतर्गत विगत 05 वर्षों में किये गये कार्य लागत राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उपरोक्त कार्य ठेके से न कराया जाकर विभागीय अमले द्वारा श्रमिकों से कार्य कराया गया है। अत: ठेकेदार के नाम पते की जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
भवनों का निर्माण एवं वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 2880 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5405, दिनांक 23/03/2018 के दिये गए उत्तरानुसार कार्यवाहियाँ पूर्ण की गयी? हाँ, तो विवरण बतायें, नहीं तो क्यों? (ख) क्या शासकीय भवनों के निर्माण हेतु विकास एवं निर्माण अनुज्ञा प्राप्त करना आवश्यक है और भवनों के निर्माण में रूफवाटर-हार्वेस्टिंग यूनिट का निर्माण भी प्रावधानित है? (ग) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी नगर में विगत दो वर्षों में किस-किस स्थान पर किन-किन शासकीय भवनों का किस-किस शासकीय विभाग द्वारा निर्माण कार्य कराया गया और क्या इन भवनों के निर्माण की विकास/निर्माण अनुज्ञा प्राप्त की गयी? एवं रूफवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट का निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो भवनवार विवरण बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या माह-मार्च 2019 से कार्यालय-नगर पालिक निगम कटनी द्वारा म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1956 के नियम 307 के अंतर्गत सूचना पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जारी सूचना पत्र/नोटिस किस-किस अधिकारी/कर्मचारी की किन-किन जाँच/निरीक्षण-प्रतिवेदन के आधार पर किस-किस को जारी किये गये? प्रकरणवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) क्या भवनों का अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा नियमानुसार निरीक्षण कर प्रतिवेदन दिये गये और भवनों में रूफवाटर-हार्वेस्टिंग यूनिट के निर्माण के लिये प्रयास किये गये? यदि हाँ, तो किये गये कार्य/प्रयास क्या थे और नगर पालिक निगम कटनी द्वारा रूफवाटर-हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना में असफल रहने पर क्या शासन/विभाग स्तर पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम कटनी द्वारा यातायात को सुगम बनाये जाने हेतु सड़कों के किनारे बैठने वाले फुटकर व्यवसायिकों को हटाते हुए व्यवस्थित रूप से शासकीय चिकित्सालय के पास पुराने बस स्टेण्ड आर.टी.ओ. कार्यालय के पास चबूतरे शेड का निर्माण कर 118 व्यवसायियों को अप्रैल 2019 में विस्थापित किया गया है दो एवं चार पहिया वाहन की पार्किग हेतु साधूराम स्कूल के ग्राउण्ड स्कूल परिसर का शिक्षण कार्य के अलावा अन्य उपयोग प्रतिबंधित होने के कारण पार्किंग व्यवस्था का प्रारूप तैयार नहीं किया जा सका हैं। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) विगत 02 वर्षों में किसी शासकीय विभाग द्वारा भवन अनुज्ञा आवेदन ऑनलाईन प्रस्तुत नहीं किया गया है और न ही शासकीय विभागों को विगत 02 वर्षों में भवन निर्माण अनुज्ञा जारी की गई है। शासन द्वारा जारी दिशा-निदेर्शों के अनुसार संबंधित विभागों से आवेदन प्राप्त होने पर भवन निर्माण अनुज्ञा प्रदाय किये जाने को प्रावधान है। वर्तमान में कोई आवेदन लंबित नहीं है। अपितु विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा बिना निगम से अनुज्ञा प्राप्त किये निगम क्षेत्र के अंदर निर्माण किये जा रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ड.) जी हाँ। जिन भवन स्वामियों द्वारा हार्वेस्टिंग यूनिट का निर्माण किया गया है। भौतिक सत्यापन पश्चात् सुरक्षा निधि वापस की है। यूनिट स्थापना में असफल होना संज्ञान में आने पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय सेवकों के दौरा कार्यक्रम
[खनिज साधन]
131. ( क्र. 2882 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विगत 02 वर्षों में खनिज साधन के कौन-कौन अधिकारी कब से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पदस्थ/कार्यरत रहें हैं और इनके क्या कार्य एवं कार्यक्षेत्र रहें हैं? शासकीय सेवकवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) क्या इन शासकीय सेवकों द्वारा शासकीय आदेशों/विभागीय निर्देशों के पालन में दौरा-कार्यक्रम तैयार किए गए और अपने कार्य/अधिकारिता क्षेत्र में निरीक्षण/दौरा कर निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गये? यदि हाँ, तो 02 वर्षों में कितने शासकीय सेवकों द्वारा दौरा कार्यक्रम तैयार कर निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या अधिकारियों द्वारा कोई डायरी संधारित करने के शासन निर्देश हैं? (घ) क्या उप संचालक (खनिज-प्रशासन) कटनी द्वारा कटनी जिले के सभी तहसीलदारों को पत्र क्रमांक-1593/खनिज/2019, दिनांक 18/04/2019 से स्वीकृत, खनिपट्टों/उत्खनित पट्टों को खसरा-पाँच शाला के कालम नंबर-12 में दर्ज करने का लेख किया गया था? यदि हाँ, तो पत्रानुसार किस-किस खनिपट्टों/उत्खनित पट्टों को अब तक खसरा-पाँच शाला में दर्ज किया गया और किस-किस को नहीं? शेष रहे खनिपट्टों को कब तक दर्ज कर दिया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) कटनी जिले में विगत 02 वर्षों में निम्न अधिकारी पदस्थ रहे हैं :-
1 |
श्रीमती दीपमाला तिवारी |
उप संचालक |
दिनांक 11.06.2015 से 16.05.2019 तक |
2 |
श्री संतोष सिंह |
सहायक खनि अधिकारी |
दिनांक 11.03.2019 से वर्तमान तक |
उपरोक्त दोनों अधिकारी को जिला कार्यालय में प्रभारी अधिकारी, खनिज शाखा के रूप में शासन द्वारा पदस्थ किये गये हैं तथा इनका कार्य क्षेत्र संपूर्ण कटनी जिला है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित शासकीय सेवकों द्वारा दौरा कार्यक्रम तैयार कर निरीक्षण प्रतिवेदन कलेक्टर, कटनी के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के निर्देश हैं। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। खनिपट्टा/उत्खनिपट्टों का स्वीकृत किया जाना एक निरंतर प्रक्रिया है। प्रश्नांश की शेष कार्यवाही स्वीकृति उपरांत निरंतर रूप से किये जाने के प्रावधान हैं।
किसानों के पंपों का उर्जीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
132. ( क्र. 2883 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में अनुसूचित जाति किसानों के पंपों के ऊर्जीकरण योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 में कितनी राशि का आवंटन किया गया था? उक्त योजना में किन-किन किसानों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया था तथा उनमें से कितने किसान उक्त योजना में पात्र हुए? विधानसभावार सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत आवंटित निधी से सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं? जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं, क्या उन कार्यों हेतु विभाग ने म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. से कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिये हैं और यदि कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं तो उसका कारण बाताईये? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष में जिन पात्र किसानों के आवेदन शेष रहे हैं], क्या उन्हे वर्तमान वर्ष 2019-20 में प्राथमिकता प्रदान की जावेगी अथवा विभाग नये आवेदन लेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) राशि रूपये 95.80 लाख का आवंटन दिया गया था। 89 कृषकों के आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 53 कृषक पात्र पाए गए। पात्र किसानों की विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत 30 कार्यों में से 23 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जिनके कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिये गये हैं। शेष 07 कार्य फसल एवं राईट ऑफ वे के कारण पूर्ण नहीं हुए हैं। (ग) वर्ष 2018-19 में पात्र शेष 23 किसानों में से 06 किसानों को वर्ष 2019-20 में चार माह हेतु प्राप्त आवंटन से लाभान्वित किया गया। शेष 17 किसानों को वर्ष 2019-20 में प्राप्त होने वाले आवंटन की सीमा में लाभांवित किया जायेगा।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 2884 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक शाजापुर जिले के नगरीय निकायों में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी/अस्थायी (संविदा) कर्मचारी कार्यरत हैं, प्रत्येक कर्मचारी किस दिनांक से कार्यरत हैं? नामवार एवं निकायवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों को शासन की योजना दैनिक वेतन भोगी/अस्थायी कर्मचारियों (संविदा) का नियमितीकरण/स्थायीकर्मी योजना में विनियमितीकरण किये जाने हेतु कितने कर्मचारियों के प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गये हैं? प्रस्ताव में भेजे गये कर्मचारियों की सूची निकायवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजना में ऐसे कितने कर्मचारी शेष हैं? शेष रहने का क्या कारण हैं? शेष रहे कर्मचारी के नाम सहित तथा किस दिनांक से कार्यरत हैं, की निकायवार जानकारी देवें। शेष रहे कर्मचारियों को कब तक नियमितीकरण/स्थायीकर्मी योजना में विनियमित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) शाजापुर जिले की नगरीय निकायों में 652 दैनिक वेतनभोगी एवं 109 संविदा कुल 761 कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ’’ अनुसार है। (ख) शासन योजनान्तर्गत 231 दैनिक वेतनभोगियों के विनियमितीकरण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब’’ अनुसार है। (ग) निर्धारित मापदण्ड की श्रेणी में नहीं आने के कारण शेष 530 दैनिक वेतन भोगी/संविदा कर्मी का विनियमितीकरण नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स’’ अनुसार है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध व्याख्ताओं के पदों की भर्ती
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
134. ( क्र. 2899 ) श्री महेश परमार : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विज्ञप्ति क्रमांक 02/2017, दिनांक 02.03.2017 के माध्यम से कुल कितने पदों को भरा गया है? क्या भरे गए सभी पद इंदौर में निवास करने वाले अभ्यर्थियों के लिए ही थे? यदि नहीं, तो चयनित व्याख्याता किन मापदण्डों के अनुसार नियुक्त किये गए? (ख) क्या विज्ञप्ति में भारतीय पुनर्वास परिषद के द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यताओं को विशेष शिक्षा शिक्षक के लिए नियुक्ति में लिया गया था? यदि नहीं, लिया गया था तो क्या यह भर्ती पारदर्शिता की श्रेणी में आएगी? यदि नहीं, आएगी तो क्यों? (ग) क्या विशेष बी.एड. के पाठ्यक्रम में स्पीच थेरेपी का विषय होता है? यदि नहीं, तो स्पीच थेरेपी में अध्यापन कराने वाले आवेदकों को किस मापदण्ड एवं किस नियम में नियुक्त किया गया? RCI के मापदण्ड अनुसार MASLP के आधार पर ही स्पीच थेरेपी की पात्रता विशेष शिक्षा शिक्षक में आती है? परन्तु क्या नियम विपरीत व्याख्याता के पदों को भरा गया? यदि नहीं, तो सेवा भर्ती नियमों का पारदर्शी होने का प्रमाण प्रस्तुत करें। (घ) ब्रेल प्रेस की स्थापना म.प्र. में कौन से सन् में की गयी थी? क्या वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कुल 9 से 12 की विषय पुस्तकें ब्रेल लिपि में प्रिंट की गयी है? वर्षवार संख्या देवें एवं वर्कऑर्डर की प्रति देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) विज्ञप्ति क्रमांक 02/2017, दिनांक 02.03.2017 के माध्यम से कुल 17 पद भरे गये हैं। जी नहीं। (ख) भारतीय पुनर्वास परिषद के द्वारा विशेष शिक्षक के लिये कोई न्यूनतम योग्यता निर्धारित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। व्याख्याता के पदों को सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण संचालनालय (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2015 में निहित योग्यता के आधार पर भरा गया है। (घ) ब्रेल प्रेस की स्थापना मध्यप्रदेश में वर्ष 2008 में की गई थी। मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम से प्राप्त कार्यादेश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2011 में 09 से 12 की 1400 पुस्तकें एवं वर्ष 2016 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से प्राप्त कार्यादेश के परिप्रेक्ष्य में 9 से 12 की 960 सेट्स ब्रेल पुस्तकें मुद्रित की गई। वर्क आर्डर की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ पर है।
सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की संविदा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
135. ( क्र. 2900 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक सी-3-12/2011/3/एक, भोपाल दिनांक 03/09/2011 के अनुसार सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की संविदा नियुक्ति आपवादिक स्थिति में ही रखा जाना चाहिए अथवा विभाग के पास कोई तात्कालिक विकल्प ना हो तभी यह निर्णय लिया जाना चाहिए। क्या राज्य शिक्षा केंद्र की नियुक्ति समिति द्वारा पत्र क्रमांक- ई.एण्ड.आर./2018/2865, भोपाल दिनांक 10/05/2018 के तहत् सहायक वार्डन के स्वीकृत पद को शासकीय सेवकों की संविदा नियुक्ति से भरा जाना उचित है? (ख) 10 मई, 2018 का उक्त निर्देश कौन से नियम, परिपत्र, अधिनियम के आधार पर बनाया गया? उक्त निर्देश का प्रस्ताव किसने और क्यों रखा तथा किसके द्वारा उक्त निर्देश का अनुमोदन किया गया? विवरण देवें। (ग) सर्व शिक्षा मिशन की नियमावली के अंतर्गत जिला इकाई समिति एवं क्रय समिति के पदेन अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष होता है। एतद् शक्ति के द्वारा तीन प्रस्ताव उज्जैन डी.पी.सी. के माध्यम से संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को भेजे गए थे। क्रमांक/स.शि.अ./ई.एण्ड.आर./2017/917 उज्जैन, दिनांक 24/03/2017 एवं क्रमांक स.शि.अ./ई.एण्ड.आर./2017/915 उज्जैन, दिनांक 24/03/2017, क्रमांक जि.शि.के./2019/353 उज्जैन, दिनांक 14/02/2019 के प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गयी? प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड में अनुमोदन हेतु प्रस्ताव रखे गए अथवा नहीं? जानकारी प्रस्तुत करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश सर्वशिक्षा अभियान मिशन की नियमावली के बिन्दु क्रमांक 2-3 अनुसार राज्य स्तरीय कार्यकारणी समिति को सर्वशिक्षा अभियान मिशन अंतर्गत पदों के निर्माण एवं उन पर नियुक्तियां करने की शक्तियां प्राप्त है। उक्त के अनुसार ही राज्य कार्यकारणी के अनुमोदन उपरांत 10 मई, 2018 के निर्देश जारी किये गये। (ग) डी.पी.सी. उज्जैन के माध्यम से राज्य शिक्षा केन्द्र को भेजे गये प्रस्ताव पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासी समाज की धर्म, संस्कृति एवं रूढ़ी प्रथा
[आदिमजाति कल्याण]
136. ( क्र. 2904 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अंतर्गत जहां पाँचवी अनुसूची में 10 जिले शामिल है एवं अन्य जिलों में भी आदिवासियों की बाहुल्यता है, जिनकी अपनी एक सांस्कृतिक पहचान है, उनको सांस्कृतिक उत्थान हेतु शासन द्वारा क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) क्या उनके धर्म, भाषा, सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिये शासन के पास कोई विशेष कार्ययोजना है? (ग) आदिवासियों के सांस्कृतिक उत्थान में वर्तमान में क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? क्या इन कार्य योजनाओं में आदिवासी सामाजिक संगठनों या उनसे जुड़े लोगों का सहयोग लिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय से आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था की अनुमोदित वार्षिक कार्य योजना अनुरूप जनजातियों को प्रोत्साहित करने हेतु जनजातीय साहित्य, संस्कृति, वाद-विवाद, संगीत, चित्रकला, हस्तशिल्प आदि से संबंधित संगोष्ठी/कार्यशाला/सेमिनार समय-समय पर आयोजित किये जाते हैं। संस्था द्वारा प्रत्येक वर्ष ‘‘आदिरंग’’ कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित किया जाता है। ‘‘आदिरंग’’ कार्यक्रम अंतर्गत जनजातीय चित्रों की प्रदर्शनी ‘‘आदिबिंद’’ जनजातीय फिल्मों का प्रदर्शन ‘‘आदिदर्पण’’ एवं जनजातीय शिल्प ‘‘आदिशिल्प’’ के स्टॉल लगाये जाते हैं। जनजातियों के सांस्कृतिक उत्थान के लिए संस्था स्तर से उनके पारंपरिक ज्ञान नृतत्वशास्त्री शोध कार्य एवं स्वास्थ्य से संबंधित कार्यशाला/सेमिनार/संगोष्ठी आयोजित किये जाते हैं, जिनमें जनजातियों की भागीदारी सुनिश्चित है। (ख) एवं (ग) आदिवासी संस्कृति एवं देवठान सरंक्षण (आस्ठान) योजना बनाई गई है, भाषा हेतु विशेष पाठयक्रम तैयार किया जा रहा है। आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था भोपाल मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के विभिन्न पहलुओं पर यथा सामाजिक, सांस्कृतिक, विकासात्मक व समस्या मूलक पहलूओं पर अनुसंधान एवं मूल्यांकन का कार्य करती है। संस्था द्वारा विगत वर्षों में गोण्डी हिन्दी शब्दकोश, कोरकू व्याकरण, भीली व्याकरण बैगानी-हिन्दी शब्दकोश, भिलाली-हिन्दी शब्दकोश, बारेली-हिन्दी शब्दकोश आदि का निर्माण किया गया है। संस्था निरन्तर यह कार्य कर रही है। इन सभी कार्यक्रम में संबंधित आदिवासी समाज की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाती है। आगामी वर्ष 2019-20 में किये जाने वाले कार्य-भीली गोंडी एवं कोरकू भाषा का प्राइमर निर्माण, जनजातियों में प्रचलित ओषधीय ज्ञान पर आधारित कार्यशाला, गोण्डी जनजाति की चित्रांक कार्यशाला, मवासी शब्दकोश कार्यशाला, जनजातीय भीलों पर समाज व संस्कृति पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार, आदिरंग/आदिराग उत्सव का आयोजन।
शिक्षक/अध्यापक संवर्ग का संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
137. ( क्र. 2905 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं नगरीय निकाय द्वारा नियुक्त अध्यापक संवर्ग का स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक संवर्ग के पदों पर संविलियन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो संबंधित के आदेश कब तक जारी होगें? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ, तो अध्यापक संवर्ग का संविलियन सहायक शिक्षक, शिक्षक व्याख्याता वर्ष 1994 के ड्राइंग केडर के पदों को पुनर्जीवित कर समान सेवा शर्तानुसार किया जावेगा अथवा शिक्षा विभाग के नय पद सृजित किये जावेंगे? (ग) क्या सिवनी जिले में अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतन मान का लाभ दिया गया है, परन्तु जिले के कुछ विकासखण्डों/संकुल केन्द्रों में एरियर्स का भुगतान लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों? लंबित एरियर्स की राशि का भुगतान कब तक किया जाकर दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अध्यापक संवर्ग को मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग के सुसंगत पदों पर नियुक्त करने का प्रावधान है। स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में लगभग 1.84 लाख अध्यापक संवर्ग में से लगभग 1.75 लाख से अधिक सुसंगत पदों पर नियुक्त किये जा चुके हैं। शेष प्रकरणों पर नियुक्ति की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। (ख) जी नही। प्रश्नांश (क) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्कूल शिक्षा विभाग के विकासखण्ड सिवनी, बरघाट एवं केवलारी में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान एवं एरियर्स का लाभ दिया जा चुका है। सिवनी जिला आदिम जाति कल्याण विभाग के विकासखण्ड कुरई छपारा, लखनादौन धनौरा, घंसौर एवं जिला मुख्यालय पर अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का नियमानुसार भुगतान किया जा रहा है। विकासखण्ड छपारा अंतर्गत 02 सकुल छनौरा अंतर्गत 02 संकुल, धंसौर अंतर्गत 02 संकुलों में आवंटन के अभाव में भुगतान लंबित है, आवंटन उपलब्ध होते ही शीघ्र भुगतान कर दिया जायेगा।
टीकमगढ़ मुख्यालय में संचालित विवाह घर
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 2909 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ मुख्यालय में कितने विवाह घर संचालित हैं? क्या सभी विवाह घरों को शासन द्वारा लाईसेंस जारी किया गया है? ऐसे लाईसेंस जारी करने के नियम क्या हैं? (ख) क्या जिन विवाह घरों के लाईसेंस बने हुए हैं, वे सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं? यदि नहीं, तो उन्हें लाईसेंस प्रदाय करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई या कब तक की जायेगी? (ग) ऐसे कितने विवाह घर हैं, जो शासन के लाईसेंस के बिना संचालित हैं? उन पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई एवं इस उदासीनता हेतु उत्तरदायी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? (घ) क्या सभी विवाह घरों में अग्नि शामन यंत्रों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) टीकमगढ़ मुख्यालय में 15 विवाह घर संचालित हैं। जी नहीं। म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 10-09/2014/18-2 भोपाल दिनांक 29.03.2014 के अनुसार मान. उच्च न्यायालय इन्दौर के आदेश का पालन करते हुए जब तक मैरिज गार्डन के संबंध में उपविधियां तैयार नहीं हो जाती तब तक नगरपालिक निगम उज्जैन द्वारा तैयार की गई उपविधियों के अनुसार कार्यवाही की जाना है। (ख) नगर पालिका टीकमगढ़ द्वारा कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। (ग) नगर पालिका टीकमगढ़ में 15 विवाह घर ऐसे हैं, जो बिना लाइसेंस के संचालित हैं। 15 विवाहघरों को मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं। (घ) जी हाँ।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा फीस वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
139. ( क्र. 2926 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा 01 जनवरी, 2017 के बाद किन-किन फीस राशि में वृद्धि की गई? क्या इसके लिये मण्डल द्वारा कोई कमेटी बनाई गई है? यदि हाँ, तो लगातार फीस बढ़ाने के क्या कारण हैं? (ख) क्या मण्डल से उत्तर पुस्तिका प्राप्त करने के लिये पुनर्गणना की राशि भरना आवश्यक है? यदि हाँ, तो कारण सहित स्पष्ट करें? क्या किसी भी छात्र के पूर्ण अंक आने के बावजूद भी उसे उत्तर पुस्तिका के लिये पुनर्गणना करवाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो ऐसी अनावश्यक फीस लेने के क्या कारण हैं? (ग) क्या मण्डल द्वारा शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों से भी मान्यता शुल्क ली जाती है? क्या इन विद्यालयों से न्यूनतम मान्यता राशि 10600/- रू. वसूली जा रही है? यदि हाँ, तो शासकीय विद्यालय इस राशि को किस मद से चुकाते हैं? (घ) क्या प्रतिवर्ष बोर्ड द्वारा कक्षा 12 वीं में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले सामान्य छात्र तथा 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले अ.जा./अ.ज.जा. के छात्रों को लेपटॉप का वितरण किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या इस वर्ष भी बोर्ड द्वारा ऐसे मेघावी छात्रों को लेपटॉप प्रदान किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 01 जनवरी, 2017 के पश्चात् प्राप्त की जाने वाली शुल्क की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल विनियम 1965 के प्रावधान अनुसार परीक्षा शुल्क में वृध्दि के लिये कार्यपालिका समिति एवं मण्डल परीक्षा समिति अधिकृत है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल स्वशासी निकाय है, मण्डल को शासन से व्यय हेतु किसी भा प्रकार का अनुदान प्राप्त नहीं होता है। मण्डल परीक्षाओं के आयोजन से संबधित व्यवस्थायें एवं मण्डल कर्मचारियों पर होने वाले व्यय की पूर्ति मण्डल को प्राप्त होने वाले शुल्क से की जाती है। (ख) मण्डल से उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त करने के लिये पुनर्गणना की राशि भरना आवश्यक है, जिससे की छात्र को उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति प्रेषित करने के पूर्व उसका परीक्षण कराया जाकर त्रृटि होने की स्थिति में आवश्यक सुधार करते हुये छात्र को उत्तर पुस्तिका प्रेषित की जा सकें। उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त करने के लिये पुनर्गणना कराना आवश्यक है, क्यों कि कई प्रकरणों में पुनर्गणना उपरान्त पूर्णांक में त्रृटि होने के कारण छात्र को प्राप्त अंको में वृध्दि/कमी हुई। (ग) माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा शासकीय विद्यालयों से कोई भी मान्यता शुल्क नहीं लिया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा इस प्रकार का कोई कार्य संपादित नहीं किया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगों को दी जाने वाली सुविधायें
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
140. ( क्र. 2927 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय विभाग द्वारा 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का पंजीयन कर उन्हें सायकल एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जाती हैं? यदि हाँ, तो मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में ऐसे कितने 15 वर्ष से छोटे दिव्यांग हैं, जिन्हें पंजीयन करने के बाद भी ट्राईसायकल एवं बैटरी चलित वाहन पंजीयन के 2 वर्ष उपरांत भी प्राप्त नहीं हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के सदंर्भ में विभाग को सायकल एवं अन्य सुविधा प्राप्त न होने की कितनी-कितनी शिकायत कहाँ-कहाँ पर, किस-किस व्यक्ति से प्राप्त हुई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? 01 जनवरी, 2015 के पश्चात् की जानकारी देवें। (ग) उक्त जिलों में 01 जनवरी, 2019 के पश्चात् कितने-कितने खातों में कितनी-कितनी वृद्धा पेंशन उक्त जिलों में डाली गई तथा कितने योग्य व्यक्तियों को पेंशन प्राप्त नहीं हुई? सिर्फ संख्या एवं कुल राशि बतावें। पेंशन प्राप्त न होने के संबंध में विभाग को कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस व्यक्ति से प्राप्त हुई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) विभाग द्वारा चिकित्सीय विशेषज्ञों की अनुशंसा से दिव्यांगजनों को नि:शुल्क कृत्रिम अंग सहायक उपकरण प्रदाय किये जाते हैं। न्यूनतम 40 प्रतिशत की दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर शासन की विभिन्न योजनायें नि:शक्त, छात्रवृत्ति, शिक्षा प्रोत्साहन योजना, 06 वर्ष से अधिक आयु के बहुविकलांग बौद्धिक दिव्यांग के लिये आर्थिक सहायता, समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन की पात्रतानुसार सुविधाएं प्रदान की जाती है। एडिप योजनांतर्गत 15 वर्ष से कम आयु के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को बैटरी चलित वाहन (मोटराईज्ड ट्राईसायकल) प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में 15 वर्ष से कम आयु के दिव्यांग, जिन्हें पंजीयन के 02 वर्ष उपरांत भी ट्राईसायकल नहीं दिये जाने के कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला मंदसौर, रतलाम, नीमच को ट्राईसायकल एवं अन्य सुविधा प्राप्त न होने संबंधी कोई शिकायत लंबित नहीं है। (ग) मंदसौर जिले में 01 जनवरी, 2019 के पश्चात् प्रश्नांश दिनांक तक सिंगल क्लिक ई-पेंमेंट के माध्यम से शासन स्तर से कुल 36656 वृद्धावस्था पेंशन हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि रूपये 878.97 लाख तथा सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन के कुल 1982 हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि रूपये 47.49 लाख का भुगतान किया गया है। नीमच जिले में 01 जनवरी, 2019 के पश्चात् प्रश्नांश दिनांक तक सिंगल क्लिक ई-पेंमेंट के माध्यम से शासन स्तर से कुल 16887 वृद्धावस्था पेंशन हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि रूपये 412.399 लाख तथा सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन के कुल 2054 हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि रूपये 475.330 का भुगतान किया गया। रतलाम जिले में 01 जनवरी, 2019 के पश्चात् प्रश्नांश दिनांक तक सिंगल क्लिक ई-पेंमेंट के माध्यम से राज्य स्तर से कुल 410046 वृद्धावस्था पेंशन हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि रूपये 109640200 लाख तथा सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन के कुल 1421 हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि रूपये 475.330 का भुगतान किया गया। पेंशन प्राप्त होने के संबंध में विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पात्र व्यक्तियों का भी सत्यापन कराया जाकर निरंतर पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है।
शिवपुरी जिले को आवंटित राशि की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
141. ( क्र. 2940 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में शिवपुरी जिले को किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कुल कितनी राशि आवंटित की गई थी? उक्त राशि में विभाग द्वारा किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त उवधि में स्वीकृत निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई थी? क्या सभी कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किए जा चुके हैं? यदि हाँ, तो कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा उनकी सी.सी. जारी हो चुकी है? कितने कार्य आज दिनांक तक अपूर्ण हैं और कितने कार्य प्रारंभ भी नहीं हुए हैं? विभाग द्वारा कार्यपूर्ण कराए जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई तथा अपूर्ण व अप्ररांभ कार्य कब तक पूर्ण कर दिए जायेंगे? (ग) वर्ष 2019-20 में शिवपुरी जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों में अनुसूचित जाति विभाग के बजट आवंटन से कितनी-कितनी राशि के किन-किन निर्माण कार्यों की स्वीकृति किए जाने की कार्ययोजना प्रस्तावित है? क्या चालू वित्त वर्ष में प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों की स्वीकृति की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति हुई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन के मामले में कार्यवाही न होना
[खनिज साधन]
142. ( क्र. 2957 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत तत्कालीन खनिज अधिकारी ए.के. राय तथा खनिज निरीक्षक रघुराज नगर पवन कुशवाहा ने पटवारी हलका सिजहटा के शासकीय जमीनों में मुरूम की अवैध उत्खनन कराया है? (ख) क्या उक्त अधिकारी द्वारा ने उक्त तहसील के ग्राम बेलहटा जो सिजहटा गांव में कुछ दूर पर है, वहां की लीज़ की आड़ में अवैध उत्खनन करवाया? बेलहटा में आराजी नं. 282 का अंश रकबा 3.367, मुरूम उत्खनन हेतु लीज़ स्वीकृत है, लेकिन उक्त दोनों अधिकारियों ने आराजी नं. 322 रकबा 2.2768 हेक्टेयर में अवैध उत्खनन जारी करा दिया, पिटपास भी जारी कराके करोड़ों रूपये की मुरूम उक्त आराजी से निकाली गई जबकि रिकवरी मात्र 8 लाख रूपये बनायी गयी। (ग) क्या उक्त लीज़ अवैध उत्खनन का मामला उजागर होने पर उक्त दोनों अधिकारी एवं लीज़ धारी ने राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक के साथ मिलकर एस.डी.एम. रघुराजनगर को आवेदन दिलवाकर यह प्रतिवेदन दिलवा दिया कि आवेदक को स्वीकृत मुरूम उत्खनन लीज़ में आराजी नं. 282 रकबा 3.367 हेक्टेयर के स्थान पर आराजी नं. 322 रकबा 2.768 है संशोधन किया जाना प्रथम दृष्टयता उचित पाया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) सही है तो तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुरूम एवं मिट्टी का अवैध उत्खनन की जाँच कलेक्टर सतना से निष्पक्ष संयुक्त जाँच कमेटी बनाकर करायेंगे तथा बेलहटा की आराजी नं. 322 की जाँच पुन: करायेंगे? क्या शासन उक्त खनिज अधिकारियों को निलंबित करते हुए विभागीय जाँच बैठायेंगे तथा राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत हुए मुरूम एवं मिट्टी के अवैध उत्खनन की जाँच करयेगा? नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार स्वीकृत उत्खनिपट्टा क्षेत्र से लगे हुए खसरा क्रमांक 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर क्षेत्र पर अवैध उत्खनन होना पाये जाने पर पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। (ग) राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर एस.डी.एम. रघुराजनगर में स्वीकृत खसरा क्रमांक 282 रकबा 3.367 हेक्टेयर के स्थान पर खसरा क्रमांक 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर संशोधन किये जाने का प्रतिवेदन भेजा गया है। (घ) प्रश्नांश अनुसार खसरा क्रमांक 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर क्षेत्र पर अवैध उत्खनन के संबंध में पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण पृथक से जाँच कराये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेंशन ग्रेच्युटी के लंबित प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 2960 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक स्था.1/राज/एफ/61/2016/597 दिनांक 29.04.2019 के अनुसार प्रस्ताव में अंकित 06 समरूप प्रकरणों में शासन द्वारा पेंशन, ग्रेच्युटी देने हेतु अनापत्ति जारी की गई है तथा इन्हें पेंशन उपादान (ग्रेच्युटी) का भुगतान कर दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ है तो स्कूल शिक्षा विभाग के कितने सेवानिवृत्त अधिकारी ऐसे हैं, जिनके पेंशन, ग्रेच्युटी (उपादान) के समरूप प्रकरण लंबित हैं? नाम, सेवानिवृत्ति तिथि तथा लंबित रहने के कारण आदि का उल्लेख किया जाये? (ग) इन लंबित प्रकरण में विलंब हेतु कौन अधिकारी उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयुक्त लोक शिक्षण के प्रस्ताव अनुसार समरूप लंबित प्रकरण में पेंशन उपादान (ग्रेच्युटी) के भुगतान की कार्यवाही संबंधित को कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) संदर्भित पत्र के क्रम में 5 समरूप प्रकरणों में शासन द्वारा अनापत्ति जारी की गई थी। इन संदर्भित 5 अधिकारियों को पेंशन ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया गया है। (ख) ऐसे 6 सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जिनके पेंशन उपादान के प्रकरण लंबित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं 5 की पूर्ति होने पर भुगतान की कार्यवाही की जाना संभव हो सकेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 2968 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (नगरीय) के अंतर्गत, नगर पालिका गढ़ाकोटा, जिला सागर में प्रश्न दिनांक तक कितने आवास स्वीकृति के प्रस्ताव लंबित हैं? (ख) लंबित प्रस्ताव का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्न दिनांक तक आवास स्वीकृति के कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-शाला की जानकारी
[पशुपालन]
145. ( क्र. 2969 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा चुनाव 2018 में शासन ने अपने चुनावी वचन पत्र के अनुसार सरकार ने प्रदेश में गौ-शालाएं खोली है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) अब तक खोली गई गौ-शालाओं को कितने पशुओं का रक्षण हो रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) शासन द्वारा कोई वचन पत्र जारी नहीं किया गया है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में गौ-शाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में 1000 गौ-शाला खोलने का निर्णय लिया गया है। (ख) गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
फायर एवं सेफ्टी के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 2974 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर में 12.5 मीटर या इससे ऊंची कितनी इमारतें हैं। इनकी शहरवार पूरी सूची प्रदान करें। (ख) इनमें से कितनी इमारतें ऐसी हैं, जिन्हें विभाग द्वारा फायर एवं सेफ्टी की एन.ओ.सी. प्रदान की गयी? सूची प्रदान करें। (ग) जिन इमारतों को एन.ओ.सी. दी गयी है तो उनमें फायर एवं सेफ्टी उपकरण कार्य योग्य है अथवा नहीं? इनका सत्यापन किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इसकी प्रक्रिया क्या है। (घ) जिन बहुमंजिला इमारतों द्वारा फायर एवं सेफ्टी की एन.ओ.सी. नहीं ली गयी है, उन पर क्या कार्यवही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 66 इमारतों में फायर एवं सेफ्टी उपकरण कार्य योग्य हैं, जिनका सत्यापन किया गया है। भवन स्वामी द्वारा अस्थाई फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन करने पर योग्यताधारी फायर ऑफिसर से स्थल निरीक्षण कराकर सत्यापन कराया जाता है। (घ) जिन बहुमंजिला इमारतों द्वारा फायर एवं सेफ्टी की एन.ओ.सी. नहीं ली गई है, उन्हें चिन्हांकित कर कार्यवाही करने हेतु समस्त नगरीय निकायों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
भोजन व स्वल्पाहार कार्य हेतु निविदा
[स्कूल शिक्षा]
147. ( क्र. 2984 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में प्राचार्यों का ब्रिज कोर्स संचालन के संबंध में उन्मुखीकरण व शिक्षकों का सतत् मूल्यांकन हेतु प्रशिक्षण माह जून 2019 में भोजन व स्वल्पाहार कार्य हेतु निविदा निकाली गई थी? यदि हाँ, तो इसकी सूचना कौन-कौन से समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई थी और किन-किन निविदाकारों ने हिस्सा लिया? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि भोजन व स्वल्पाहार हेतु निविदा नहीं निकाली गई तो क्या वर्ष 2018 में कार्य कर रहे, ठेकेदार से भोजन व स्वल्पाहार का कार्य नहीं कराया जाना था, अन्य ठेकेदार से कार्य कराकर संबंधित ठेकेदार को किस दर से उसका भुगतान किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। निविदाएं समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई थी। (1) दैनिक भास्कर समाचार पत्र (2) पत्रिका समाचार पत्र प्रकाशित निविदा के आधार पर निम्नलिखित निविदाकर्ताओं ने हिस्सा लिया 1. सूर्यकांत भूसारे, चांदामेटा तह. परसिया जिला छिंदवाड़ा 2. चांद कैटर्स जिला छिंदवाड़ा 3. उन्नति एवं सहायता समूह जिला छिंदवाड़ा 4. भवानी स्व-सहायता समूह जिला छिंदवाड़ा 5. गुरू होटल कैटर्स जिला छिंदवाड़ा 6. जय दुर्गे कैटरिंग जिला सिवनी। (ख) प्रथम निविदा तकनीकी पूर्ति न होने से निरस्त की गई। द्वितीय निविदा प्रचलन में है। वर्ष 2018-19 में कार्य कर रहे ठेकेदार की कार्य अवधि दिनांक 28.5.2019 को समाप्त हो गई थी। कार्य समय-सीमा का होने से मार्केट सर्वे कर कार्य करवाया गया। ठेकेदार को भुगतान नहीं किया गया है।
दीनदयाल उपवन योजना के संबंध में
[वन]
148. ( क्र. 3000 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दीनदयाल उपवन योजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, इन्दौर एवं भोपाल जिले में कितनी भूमि किन संस्थाओं, व्यक्तियों को आवंटित की गई, लीज़ पर दी गई? आवंटितों का नाम सहित भूमि रकबा, लीज़/आवंटन राशि सहित देवें। (ख) इस योजना के उद्देश्य क्या थे? (ग) इस योजना के तहत् कितने पौधे किस प्रजाति के कहाँ-कहाँ लगाए गए, की जानकारी भी साथ में देवें। (घ) इन पौधों को क्रय करने, लगाने के लिए यदि राशि शासन द्वारा प्रदान की गई हो, तो उसकी भी जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) से (घ) प्रश्नाधीन योजना वन विभाग में संचालित नहीं रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्नीचर खरीदी में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
149. ( क्र. 3001 ) श्री सुनील सराफ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्य जिला कलेक्टर सतना ने आदेश क्र. 3310, दिनांक 09.10.2018 द्वारा जिला खनिज मद से लगभग चार करोड़ का स्कूलों को ड्यूल डेस्क फर्नीचर क्रय करने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की थी और इस कार्य हेतु कार्य एजेंसी जिला शिक्षा अधिकारी जिला सतना के खाते में राशि अंतरित की गई? (ख) इसके लिए तय मापदण्ड की पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त खरीदी में भण्डार क्रय नियमों की अवहेलना की गई? इस खरीदी के क्या कारण थे? इसकी ओपन बिड क्यों नहीं की गई। (घ) क्या कारण है कि एक ही दिनांक को सप्लायर फर्मों का लगभग पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया? इनके द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति देवें। क्या कारण है कि आचार संहिता लगने के बाद प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकिया की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 01.10.2018 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। जी हाँ। (ख) से (घ) आयुक्त राजस्व संभाग रीवा को जाँच हेतु पत्र क्र. 456, दिनांक 08.07. 2019 द्वारा प्रकरण में क्रय प्रक्रिया, एजेंसी के चयन, सामग्री की गुणवत्ता, सामग्री सत्यापन तथा भुगतान प्रक्रिया की जाँच करने का लेख किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
क्रेशरों से गिट्टी का उत्पादन
[खनिज साधन]
150. ( क्र. 3015 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में किन-किन ग्राम पंचायतों में किस नाम की फर्म ने किस दिनांक से किन-किन विभागों की अनुमति लेकर कब से क्रेशर स्थापित किये गये हैं तथा क्रेशरों द्वारा कितने मैट्रिक टन/कितने एम.एम. गिट्टी प्रतिदिन उत्पादन करने का लाइसेंस लिया गया है? क्रेशरवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त क्रेशरों के द्वारा किस-किस स्थान पर कितने हेक्टेयर की माइनिंग लीज़ कब से ली गई है तथा किन-किन क्रेशरों के पास स्वयं की माइनिंग लीज़ नहीं है? क्रेशरवार जानकारी देवें तथा ग्राम पंचायत कांचरी में संचालित स्टोन क्रेशर को उपलब्ध कराई भूमि का खसरा क्रमांक सहित जानकारी देवें। (ग) क्या ग्राम पंचायत कांचरी में संचालित स्टोन क्रेशर की भूमि का खसरा क्रमांक ग्राम की चरनोई भूमि प्रयोजन हेतु आरक्षित थी, तो विभाग द्वारा इसे स्टोन क्रेशर को क्यों आरक्षित कर दी गई? (घ) उक्त क्रेशरों द्वारा वर्ष 01 जनवरी, 2017 से मार्च 2019 तक कितनी-कितनी रॉयल्टी विभाग में जमा की है? क्रेशवार/वर्षवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। क्रेशरों को गिट्टी प्रतिदिन उत्पादन की मात्रा एवं प्रकार के आधार पर लायसेंस दिये जाने के प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) क्रेशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के स्वीकृत लीजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। इसके अलावा प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खाकरौन में मेसर्स तोमर बिल्डर्स एण्ड कान्ट्रेक्टर्स को खसरा नंबर 538 रकबा 3.40 हेक्टेयर पर गिट्टी पत्थर की लीज़ नहीं अपितु उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत है। उक्त कंपनी द्वारा क्रेशर प्लांट स्थापित किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में बिना लीज़ स्वीकृत एवं बिना उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृति के कोई भी क्रेशर स्थापित नहीं है। ग्राम पंचायत कांचरी के ग्राम बेलाई गुरू की शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 324 के रकबा 3.50 हेक्टेयर क्षेत्र पर क्रेशर के आधार पर पत्थर की लीज़ श्री नीरज तिवारी आत्मज श्री रमाशंकर तिवारी को प्रदान की गई है। (ग) ग्राम पंचायत कांचरी के ग्राम बेलाई गुरू की शासकीय भूमि खसरा नंबर 324 राजस्व अभिलेखों में चरनाई दर्ज है। यह भूमि स्टोन क्रेशर के लिये विभाग द्वारा आरक्षित नहीं की गई है अपितु इस खसरा नंबर 324 रकबा 3.50 हेक्टेयर क्षेत्र पर क्रेशर से गिट्टी निर्माण हेतु गौण खनिज का लीज़ स्वीकृत किया गया है, क्योंकि उक्त क्षेत्र स्वीकृत करने पर भी ग्राम में चराई हेतु 71.11 हेक्टेयर क्षेत्र शेष बचता है। यह शेष रकबा 02 प्रतिशत से कम नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नंबर 9, 10, 11 पर दर्शित है।
स्कूलों के भवनों की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
151. ( क्र. 3017 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने माध्यमिक/हाईस्कूल/हायर सेकडण्री स्कूल हैं, जो माध्यमिक/प्राथमिक शाला भवन में संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्न (क) अनुसार उक्त भवनों की स्वीकृति हेतु क्या जिला स्तर से प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्त शाला भवन की स्वीकृति हेतु क्या प्रस्ताव भेजा गया है तथा उक्त शाला भवन की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो कब तक प्रस्ताव भेजा जावेगा? (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने प्राथमिक/माध्यमिक/हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं, जिनके भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है? निर्माण एजेंसी को भूमि कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। नरयावली विधानसभा क्षेत्र में सभी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के अलग-अलग भवन है, कोई भी माध्यमिक शाला प्राथमिक शाला भवन में संचालित नहीं है। (ख) स्वभवन विहीन हाई एवं हायर स्कूल सेकण्डरी स्कूलों के नवीन भवनों के निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धा पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश उपस्थित नहीं होता। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। शेषांश उपस्थित नहीं होता। (ग) हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी निरंक है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं की जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। शेषांश उपस्थित नहीं होता।
नागरिकों से भेंट या दान प्राप्त करने की प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 3031 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर-निगम अधिनियम की किस धारा में नागरिकों से भेंट या दान में वस्तु प्राप्त की जा सकती है? ऐसा दान/भेंट प्राप्त करने हेतु प्रक्रिया क्या है? क्या प्रक्रिया का पालन किए बिना दान/भेंट प्राप्त की जा सकती है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही होगी? (ख) क्या विगत विधान सभा चुनाव में रतलाम नगर-निगम में एक नगर विधायक ने अपनी फैक्ट्री की दो पुरानी 100 HP तथा 60 HP की मोटर भेंट की जो थोड़े दिन में ही बंद हो गयी तथा निगम द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका प्रचार भी किया गया? यदि हाँ, तो दान/भेंट प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनाई गई? इस संबंध में समस्त दस्तावेज/पत्राचार का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) की मोटरों की बिल, ग्यारंटी कार्ड की प्रति देवें तथा बतावें कि कोई अन्य व्यक्ति वस्तु दान करना चाहे तो क्या स्वीकार होगा? (घ) नगर-निगम रतलाम में प्रधानमंत्री आवास योजना तथा पेंशन योजना में हुए घोटाले की जानकारी प्रदान करें तथा संबंधित दस्तावेज का विवरण उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 82 (ऊ) में यह प्रावधान है कि ऐसी समस्त भूमि या अन्य संपत्ति जो शासन द्वारा निगम को अंतरित की गई हो या उसके द्वारा स्थानीय सार्वजनिक आशयों के लिए, दान द्वारा, क्रय करके या अन्य प्रकार से प्राप्त की गई हो निगम में वेष्टित तथा उसके नियंत्रण के अधीन होगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि विगत विधान सभा चुनाव के दौरान नगर विधायक महोदय द्वारा दो पुरानी 100 एच.पी. व 60 एच.पी. की मोटरे भेंट नहीं की गई थी। मई 2019 में जल प्रदाय व्यवस्था का ब्रेक डाउन होने के फलस्वरूप अत्यावश्यक सेवा के संचालन की दृष्टि से प्रयोग के तौर पर रतलाम शहर विधायक के माध्यम से एक नई 100 एच.पी. की मोटर प्राप्त हुई थी, जिसे नए इन्टेक वेल पर प्रयोग के तौर पर लगाया गया तथा नगर पालिक निगम के टर्बाइन पंप चालू होते ही उक्त मोटर को हटा दिया गया था। पश्चात् विधायक महोदय के माध्यम से 60 एच.पी. की एक नई सबमर्सिबल मोटर पंप मोरवानी फिल्टर प्लांट पर प्राप्त हुई थी, जिसका उपयोग निगम द्वारा नहीं किया गया। नगर पालिक निगम रतलाम द्वारा तत्समय इस संबंध में कोई प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई तथा इन मोटरों से संबंधित दस्तावेज निगम को प्राप्त नहीं हुए तथा न ही पत्राचार हुआ। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ अनुसार। (घ) रतलाम शहर की प्रधानमंत्री आवास योजना (बी.एल.सी. घटक) में निगम द्वारा नियुक्त सेडमेप के कर्मचारी द्वारा 13 अपात्र व्यक्तियों नाम मूल सूची में जोड़े गए थे। इन सूचियों में निगम के उपयंत्री तथा प्रभारी सहायक यंत्री द्वारा बिना परीक्षण के हस्ताक्षर कर दिए गए थे। निगम द्वारा सेडमेप के कर्मचारी श्री दीपक कुमावत के विरूद्ध विधिवत प्राथमिकी दर्ज कराई गई तथा निगम के दोनों इन्जीनियरों को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई एवं प्रभारी लेखाधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई। वर्तमान में प्रकरण पुलिस जाँच तथा न्यायालय में विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगर पालिक निगम रतलाम में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में किसी प्रकार का घोटाला नहीं हुआ है।
आदिवासी युवाओं के कल्याण हेतु योजनाएं
[आदिमजाति कल्याण]
153. ( क्र. 3044 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी दें तथा बतावें कि पिछले तीन वर्षों में क्या उल्लेखनीय उपलब्धि रही तथा कृषि कर रहें आदिम जाति के विकास हेतु क्या कार्य किये गये? (ख) आदिम जाति के सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र के युवाओं की उच्च शिक्षा तथा रोजगार में पिछले तीन वर्षों की उपलब्धियां बतावें? राज्य स्तर तथा राष्ट्रीय स्तर के खेल स्पर्धा में इस क्षेत्र से कितने खिलाड़ियों का चयन किया गया, MBBS में कितनों को प्रवेश मिला? (ग) प्रत्येक विभाग, आदिवासी उपयोजना की राशि नियमानुसार खर्च कर रहा है? यह जिम्मेदारी क्या विभाग की है? यदि हाँ, तो बतावें कि पिछले तीन वर्षों में सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस विभाग ने आदिवासी उपयोजना की कितनी राशि लगाई।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी विकास विभाग द्वारा निम्नांकित योजनाएं संचालित की जा रही है :-
1. |
360 प्राथमिक विद्यालय |
2. |
95- माध्यमिक विद्यालय |
3. |
23-हाईस्कूल |
4. |
15- उ.मा.विद्यालय |
5. |
17- अनुसूचित जनजाति छात्रावास |
6. |
12- आश्रम शालाएं |
7. |
01- खेल परिसर |
8. |
01- कन्या शिक्षा परिसर |
9. |
अनु.जनजाति बस्तियों का विकास |
10. |
आदिवासी कृषकों के खेंतों तक पंपों का ऊर्जीकरण |
11.
|
हितग्राही मूलक योजना डीजल पंप, बैलगाड़ी विद्युत पंपों, उद्यानिकी किराना दुकान, सेटिंग सामग्री, आटा चक्की, गाय पालन, बकरी, कुट-कुट पालन आदि। |
12 |
अधोसंरचना निर्माण कार्य |
आदिम जाति के विकास हेतु कृषि कर रहे कृषकों के लिये उक्त योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में 53 सी.सी. रोड/सामुदायिक भवन निर्माण कराया गया है। संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद अंतर्गत डेम, सी.सी. रोड, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, सामुदायिक भवन निर्माण कार्य आदि गतिविधियां चलाई जा रही है, उक्त योजना में विगत तीन वर्षों से आवंटन अप्राप्त होने से उपलब्धि निरंक है। आदिवासी उपयोजन विशेष केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत कृषि कर रहे 316 आदिवासी हितग्राहियों को डीजल पंप, विद्युत पम्प, कृषि यंत्र, फलोउद्यान एवं अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध कराई गई है। (ख) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत क्षेत्र के युवाओं को उच्च शिक्षा हेतु पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, आवास सहायता, सिविल सेवा परीक्षा में प्रोत्साहन एवं संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी हेतु दिल्ली में कोंचिंग हेतु छात्र/छात्राओं को राशि का भुगतान किया जाता है, साथ ही उच्च शिक्षा प्राप्त किये जाने हेतु सरदारपुर विधान सभा अंतर्गत जे.ई.ई. में 08 छात्रों का चयन हुआ है। विभाग द्वारा युवाओं को रोजगार हेतु म.प्र. आदिवासी वित्त विकास निगम के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सरदारपुर में संचालित खेल परिसर में तीन वर्षों में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों द्वारा भाग लिया गया है। सरदारपुर विकासखण्ड के तीन 03 छात्रों द्वारा एम.बी.बी.एस. में प्रवेश लिया गया है। संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद एवं आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत विगत तीन वर्षों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रदाय राशि का उपयोग अन्य विभाग द्वारा नियमानुसार किया जा रहा है। विगत तीन वर्षों में सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग के अतिरिक्त अन्य विकास विभागों द्वारा आदिवासी उपयोजना अंतर्गत व्यय की गई राशियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है।
अध्ययनरत् बच्चों को उपलब्ध सुविधाएं
[स्कूल शिक्षा]
154. ( क्र. 3045 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिलें में वर्ष 2010 से 2018 तक प्राथमिक माध्यमिक शालाओं के कितने-कितने बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, सायकल, सामान्य निर्धन परिवार के बच्चों को छात्रवृत्ति तथा गणवेश की राशि कितनी-कितनी है? वर्षवार संख्या तथा उससे संबंधित राशि बतावें। (ख) धार जिलें में पिछले चार वर्षों में निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत नि:शुल्क प्रवेश के तहत् कितने-कितने बच्चों को प्रवेश दिया गया तथा कितनी-कितनी राशि का वर्षवार भुगतान किया गया? निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक नामांकन वर्ष 2010 से 2018 तक वर्षवार कितना-कितना है। (ग) क्या कक्षा 1 से 8 तक शासकीय विद्यालयों में वर्ष 2010-11 में नामांकन 105.29 लाख से घटकर 2017-18 में मात्र 60 लाख लगभग हो गया, जबकि जनसंख्या इस अवधि में 16 प्रतिशत बढ़कर 7 करोड़ से 8-10 करोड़ हो गई? यानि विभाग में भारी अनियमितता हो रही है, क्या शाला से बाहर बच्चों की संख्या बढ़ी है? यदि नहीं, तो संख्या घटने का विस्तृत कारण बतावें। (घ) कक्षा 9 से 10 तथा 11 से 12 में वर्ष 2010 से 2018 तक शासकीय शालाओं तथा निजी शालाओं में नामांकन की संख्या बतावें। 9 वीं के बच्चों को सायकल तथा 9 से 12 तक के बच्चों को वितरित की गई पाठ्य पुस्तकों की संख्या पिछले पाँच वर्षों की बतावें तथा उस मद में किय गया खर्च भी बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जी नहीं, अपितु शासकीय शालाओं में नामांकन 105.29 लाख से घटकर 71.32 लाख हुआ है। शासकीय शालाओं में कक्षा 1 से 8 तक नामांकन में कमी का मुख्य कारण 2011 की जनगणना अनुसार 0 से 6 आयु समूह के बच्चों की संख्या में कमी होना, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (सी) के अंतर्गत निजी विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश तथा चाइल्ड ट्रेकिंग के द्वारा डेटाशुद्धिकरण है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र अंतर्गत संचालित शालायें
[आदिमजाति कल्याण]
155. ( क्र. 3046 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) के अंतर्गत आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के 89 विकासखण्डों में प्राथमिक स्तर के विद्यालय से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्तर तक की कितनी शालायें/विद्यालय संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन विद्यालयों के अलावा क्या एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, विशेष पिछड़ी जनजाति आवासीय विद्यालय, क्रीड़ा परिसर, आश्रम, जूनियर छात्रावास, सीनियर छात्रावास, उत्कृष्ट सीनियर छात्रावास एवं महाविद्यालयीन छात्रावास भी संचालित हैं? यदि हाँ, तो कितने संख्या में? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित संस्थाओं/विद्यालयों में शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक, व्याख्यता एवं प्राचार्य एवं अन्य शिक्षक संवर्ग के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हैं? कितने पद रिक्त हैं? (घ) उक्त स्वीकृत पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही अभी तक न किये जाने के क्या कारण हैं? कब तक इन रिक्त पदों को भर दिया जायेगा।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) के अन्तर्गत आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के 89 विकासखण्डों में प्राथमिक स्तर के विद्यालय से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्तर तक की शालाएं/विद्यालय संचालित नहीं है। निरंक। (ख) एवं (ग) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शासन स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है।
आदिवासी उपयोजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन
[आदिमजाति कल्याण]
156. ( क्र. 3054 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विकास विभागों को राज्य योजना मद में कितनी राशि का आवंटन हुआ एवं कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार, विभागवार जानकारी उपलबध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश के स्वीकृत आदिवासी विकास परियोजना को उक्त अवधि में कितनी-कितनी राशि, किस कार्य के लिये आवंटित की गई? परियोजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त अवधि में अन्य शेष कौन-कौन से विकास विभाग को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? विभागवार आवंटित की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद में राज्य योजना मद अन्तर्गत विभिन्न विकास विभागों को राशि आवंटित नहीं की जाती है। अतः जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि के पट्टों का वितरण
[आदिमजाति कल्याण]
157. ( क्र. 3055 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार कानून 2006 के तहत् वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में कितने आदिवासियों और अन्य परंपरागत वनवासियों द्वारा वन भूमि का पट्टा प्राप्त करने के लिये आवेदन दिया है? इन आवेदनों की जाँच के उपरांत कितने लोगों को पात्र माना जाकर के पट्टा स्वीकृत करने की कार्यवाही की गई है तथा कितने वनवासियों को स्थायी पट्टे दिये गये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त अवधि एवं उक्त जिले में कितने आदिवासियों को वन विभाग द्वारा जो वन भूमि पर काबिज थे, उन्हें वन भूमि से बेदखल किया गया है? उन्हें बेदखल करने के क्या कारण थे? कारणों का उल्लेख करें। (ग) क्या शासकीय नियम के अंतर्गत उन्हें वन विभाग की भूमि का मालिकाना हक देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इनकों कब तक स्थायी पट्टे प्रदान कर दिये जावेंगे।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत् वन अधिकार पत्र/हक प्रमाण पत्र दिये जाते हैं। अधिनियम में स्थाई पट्टे दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) अनूपपुर जिले में वन विभाग द्वारा किसी आदिवासियों को वनभूमि से बेदखल नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनांतर्गत अधिग्रहित अनुपयोगी भूमि की वापसी
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 3059 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल, भोपाल द्वारा ग्राम बाग सेवनिया एवं बाग मुंगालिया की आवासीय योजना के अंतर्गत हुजूर ग्राम के खसरा नंबर 278, 279, 280, 281, 381/202 की भूमि अधिग्रहित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी एवं कब? दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त आवासीय योजना के तहत् प्रश्नाधीन भूमि जिस उद्देश्य के लिये अधिग्रहित की गई थी, उसका उपयोग अभी तक नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 48 के अनुसार डी-नोटिफाई कर भूमि स्वामी को भूमि वापस करने की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नाधीन भूमि संबंधित को वापस करने संबंधी समस्त प्रकिया अपनाकर शासन संबंधित को भूमि वापस करने के निर्देश देगा? यदि हाँ, तो कब तक प्रश्नाधीन भूमि संबंधित को वापस कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को आवासीय योजनांतर्गत ग्राम बाग सेवनिया तहसील हुजूर के खसरा क्रमांक 278, 279, 280, 281 की भूमि कुल रकबा 0.15 हेक्टर कलेक्टर एवं भू-अर्जन अधिकारी जिला भोपाल द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 4/अ 82/91-92 के अंतर्गत पारित अवार्ड दिनांक 16.09.1994 द्वारा किया गया। खसरा क्र. 381/202 अंतिम अवार्ड में सम्मिलित नहीं है। इस बाबत जाँच की जा रही है। (ख) आवासीय योजना के तहत् प्रश्नाधीन भूमि आवासीय उद्देश्य के लिए अधिग्रहित की गई थी, उसका उपयोग आवासीय योजना हेतु किया गया है। खसरा क्र. 381/202 जो अवार्ड में सम्मिलित नहीं है। इसके संबंध में जाँच की जा रही है। (ग) इस संबंध में मूल दस्तावेज राजस्व विभाग से प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। दस्तावेज प्राप्ति उपरान्त उपरोक्त वर्णित विस्तृत जाँच कर, जाँच निष्कर्ष के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावासों में सामग्री का प्रदाय
[आदिमजाति कल्याण]
159. ( क्र. 3060 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय छात्रावासों में सामग्री प्रतिपूर्ति मद में जिला अनूपपुर, शहडोल एवं जिला उमरिया में विगत तीन वर्षों में कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई? जिलेवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त राशियों में से कितनी राशि व्यय की गई? किन-किन फर्मों से सामग्री क्रय की गई? सूची उपलब्ध करावें तथा जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त राशि में अनूपपुर जिले के स्थानीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के नाम से रजिस्टर्ड फर्मों से जो सामग्री क्रय की गई है, उसकी सूची जिलेवार एवं वर्षवार उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) प्रश्नांश अनुसार विगत तीन वर्षों में जिला अनूपपुर, शहडोल एवं उमरिया में शासन द्वारा सामग्री प्रतिपूर्ति मद में प्रदाय राशि का विवरण निम्नानुसार है :-
राशि लाखों में
क्र. |
जिला |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
व्यय |
1 |
अनूपपुर |
2016-17 |
183.86 |
183.86 |
2017-18 |
176.05 |
176.05 |
||
2018-19 |
52.82 |
22.32 |
||
2 |
शहडोल |
2016-17 |
222.22 |
199.09 |
2017-18 |
187.07 |
187.07 |
||
2018-19 |
204.27 |
96.17 |
||
3 |
उमरिया |
2016-17 |
137.17 |
137.13 |
2017-18 |
122.85 |
122.85 |
||
2018-19 |
61.73 |
- |
(ख) उत्तरांश (क) अनुसार। म.प्र. शासन आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्रालय, भोपाल के ज्ञाप क्रमांक/एफ-12-11/2014/25-2, दिनांक 17/06/2014 एवं क्रमांक/एफ-12-08/2017/25-2/902, दिनांक 24/07/2018 के पालन में सामग्री पूर्ति की राशि छात्रावास की पालक समिति के बैंक खाते में हस्तातंरित की गई तथा सामग्री का क्रय पालक समितियों के द्वारा किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या विद्यालय भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
160. ( क्र. 3066 ) श्री राकेश गिरि : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ नगर के नजरबाग में स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? जिला प्रशासन द्वारा उक्त भवन को अनुपयोगी कब घोषित किया गया है? (ख) क्या उक्त भवन की मरम्मत/नवीन निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक मरम्मत/नवीन निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जावेगा? यदि नहीं, तो शासन द्वारा कब तक नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो अप्रिय दुर्घटना घटित होने की संभावनाओं के बाद भी वर्तमान में उक्त भवन में विद्यालय संचालित क्यों हो रहा है? इसके लिए कौन जबावदार एवं दोषी है? छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर, जिला टीकमगढ़ के आदेश क्र./जि.श.वि.आ./08/598, दिनांक 22.08.2008 द्वारा उक्त भवन को असुरक्षित घोषित किया गया। (ख) जी हाँ। नवीन भवन निर्माण हेतु राशि रू. 1.00 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण एजेन्सी पी.आई.यू. टीकमगढ़ इकाई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जर्जर अवस्था वाले भवन में कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाता है। कक्षाओं का संचालन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत् निर्मित 10 अतिरिक्त कक्षों में कराया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवन निर्माण की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 3067 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में भोपाल नगर-निगम के वार्ड क्रमांक 1 से 05 तक में नवीन भवन निमार्ण/भवन पुनर्निर्माण/व्यवसायिक कॉम्पलेक्स/ बहुमंजिला इमारत एवं अन्य प्रकार के निर्माणों की अनुमति हेतु किस-किस व्यक्ति/संस्था/समूह के द्वारा किस-किस स्थान पर निर्माण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया नामवार, पतेवार, दिनांकवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किन-किन को अनुमति कब-कब प्रदान की गई एवं किन-किन की अनुमति किन-किन कारणों से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित निर्माण अनुमति हेतु लंबित आवेदनों में अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रदान की गई अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं लंबित प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) आवेदक/भवन स्वामी के द्वारा आपत्ति के निराकरण उपरांत नियमानुसार लंबित आवेदनों पर भवन निर्माण अनुमति प्रदान की जा सकेगी। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
भिण्ड जिले में संचालित प्राथमिक/मिडिल/हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
162. ( क्र. 3072 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कुल कितने प्राथमिक, मिडिल, हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं। स्कूल का नाम, स्थान का नाम, शिक्षकों के स्वीकृत पद, कितने पदस्थ हैं एवं कितने रिक्त हैं। (ख) भिण्ड जिले के जिन-स्कूलों में शिक्षक कम हैं, छात्र संख्या कम है, इनके उन्नयन के लिए विभाग की क्या योजना है? शिक्षकों के पदों की पूर्ति व छात्रों की संख्या बढ़ाने हेतु विवरण देवे। (ग) अटेर विधानसभा क्षेत्र के हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जिनका वर्ष 2019 का रिजल्ट खराब आया है। अगले वर्ष रिजल्ट में सुधार हो इसके लिए विभाग की क्या-क्या योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) वर्ष 2019-20 में शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतिथि शिक्षकों द्वारा एवं पी.ई.बी. के माध्यम से माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के उपरांत नियोजन की कार्यवाही की जावेगी। छात्रों की संख्या बढ़ाये जाने हेतु विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार एवं विभिन्न योजनाएं संचालित कर लाभान्वित किया जा रहा है। (ग) परीक्षा परिणाम सुधार हेतु जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक, प्राचार्यों एवं शिक्षकों के साथ नियमित समीक्षा की व्यवस्था की जा रही है। कक्षा 9वीं में नव प्रवेशित छात्रों का बेस लाईन टेस्ट लेकर निर्धारित दक्षता प्राप्त न करने वाले छात्रों का ब्रिज कोर्स संचालित किया जा रहा है। त्रैमासिक परीक्षा परिणाम के आधार पर डी एवं ई ग्रेड के विद्यार्थियों हेतु रेमेडियल कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कार्यपालक दण्डाधिकारी के अधिकार
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 3088 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका अधिनियम में मुख्य नगर पालिका अधिकारी को धारा-301 के अंतर्गत कार्यवाहक दण्डाधिकारी की शक्तियां सौंपने हेतु क्या अधिकार शासन ने कब-कब दिये हैं और नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि सी.एम.ओ. को प्रश्न दिनांक तक ऐसे अधिकारों से पृथक क्यों रखा जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि नगरीय निकाय के विभिन्न प्रयोजनार्थ जिला कलेक्टर द्वारा आवंटित भूमि पर जब कोई प्राइवेट व्यक्ति एवं भू-माफिया अवैध कब्जा करवाने लगे एवं उससे लगी सरकारी भूमि पर निकाय सीमा के अंदर अवैध कब्जा कर, मकान बनवाने लगे तो ऐसा अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही क्रमश: कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी किस समय-सीमा में करवायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिला टीकमगढ़ के नगरीय निकाय सीमा में किस-किस कार्य हेतु आवंटित, किस खसरा में कितने रकबा सहित जिला प्रशासन द्वारा कितनी-कितनी भूमि कब-कब आवंटित की गयी? उस आवंटित भूमि पर एवं उससे लगी सरकारी भूमि पर जो दिन-रात अतिक्रमण का कार्य अभी मई-जून 2019 में प्रश्न दिनांक तक चल रहा है? ऐसे अतिक्रमणों को हटवाया जायेगा तो कब तक? अतिक्रमण हटाने के अधिकार सी.एम.ओ. को कब तक दिये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा-301 के अंतर्गत राज्य सरकार, परिषद के किसी अधिकारी को दण्ड प्रक्रिया संहिता-1898 (1898 क्रमांक-5) के अधीन मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त कर सकेगी ऐसा प्रावधानित है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कार्यवाहक दण्डाधिकारी की शक्तियां सौंपने की आवश्यकता प्रतिपादित नहीं होने के कारण उक्त अधिकार नहीं सौंपे गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) शासकीय भूमियों में से नजूल भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नजूल अधिकारी द्वारा तथा अन्य शासकीय मदों की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत् तहसीलदार द्वारा की जाती है। नगरीय सीमा में नगरीय निकाय की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने संबंधी तहसीलदार की शक्तियां, मुख्य नगर पालिका अधिकारी को म.प्र. राजपत्र दिनांक 21.01.2005 राजस्व विभाग म.प्र. शासन मंत्रालय, भोपाल द्वारा प्रत्यायोजित की गई है। इसी प्रकार म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 123-च के तहत् सार्वजनिक पथों या स्थानों में से तथा ऐसे स्थलों में से, जो प्रायवेट संपत्ति न हो और जो सर्वसाधारण के उपयोग के लिये खुले हो, भले ही ऐसे स्थल परिषद में निहित हों या राज्य सरकार में निहित हो, बाधाओं तथा प्रक्षेपित भागों को हटाना परिषद के कर्तव्य के अंतर्गत प्रावधानित है। विधि में अवधि का कोई उल्लेख न होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगर पालिका परिषद, टीकमगढ़ को ट्रेचिंग ग्राउण्ड हेतु ग्राम धर्मपुरा में खसरा नं. 5, 6, 7, 8, 14, 15 एवं 17 कुल रकबा 10.804 हेक्टेयर, कचरा सब डिपो हेतु-ग्राम टीकमगढ़ खास, ख.नं. 103 जुज में से 1.00 हेक्टेयर दिनांक 01.07.2019 को स्टेडियम निर्माण हेतु टीकमगढ़ खास ढोगा, ख.नं. 108, 109, 110 (ढोंगा चक्र) कुल 20.950 हेक्टेयर, पी.एम. आवास हेतु ढोंगा के पास, ख.नं. 76, 78, 99, 93, 98, 100, 101, 102, 103/2/9901 कुल रकबा 8.903 हेक्टेयर भूमि कलेक्टर द्वारा आवंटित की गई है। नगर पालिका परिषद, टीकमगढ़ एवं उससे लगी शासकीय भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध पट्टे की निरस्ती
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 3089 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के जवाहरबाल उद्यान के 5 नंबर स्थित तालाब का पट्टा वर्तमान में किस समिति को कितनी अवधि के लिये किन शर्तों पर दिया गया है? (ख) क्या यह समिति सहकारिता अधिनियम की धारा 9 के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है तथा नगर-निगम भोपाल द्वारा नियम विरूद्ध इस समिति को पट्टा दिया गया है? (ग) क्या प्रमुख सचिव मछली पालन विभाग द्वारा भी विगत समय नगर-निगम भोपाल को प्रश्नांश (क) (ख) के संबंध में पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? (घ) क्या शासन उक्त प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर उक्त पट्टा निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भोपाल शहर के जवाहरबाल उद्यान के 5 नं. स्थित तालाब का पट्टा आदिवासी कीर मछुआ कल्याण समिति को मछली पालन नीति-2008 के नियमों एवं नगर-निगम द्वारा निर्धारित शर्तों के अन्तर्गत 10 वर्ष की अवधि के लिये दिया गया है एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं, मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अन्तर्गत समिति का पंजी. क्र.1/1/1/32039/17, दिनांक 16.02.2017 अंकित है। समिति द्वारा प्रस्तुत पंजीयन प्रमाण पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ, पत्र पट्टा निरस्ती हेतु लिखा गया है, जिस हेतु सक्षम प्राधिकारी परिषद् होने से उन्हें प्रस्ताव भेजा गया है। संक्षेपिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।