मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2017
सत्र
बुधवार, दिनांक 19 जुलाई 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कर्मचारी
के विरूद्ध
कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
1. ( *क्र. 26 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के 03 मार्च 2017 के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 29 के संदर्भ में बताएं कि राशन माफिया कर्मचारी जगदीश कुशवाह जिसके न्यायालय में जाने से व स्थगन लाने से खाद्य प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल अधिकारी सुकृति सिंह व चंदेल की सिफारिशों पर पिछले 7 वर्ष से कार्यवाही नहीं हो पा रही है, क्या जगदीश कुशवाह को दण्ड स्वरूप पनवारीहार आरोन स्थानांतरण किया गया था? क्या पुनः उसे महोली चंदेरी स्थानांतरण किया व उसे अशोकनगर जिले की कालाबाजारी व राशन की व्यवस्था से अलग किया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उसको महोली भेजकर राशन वितरण में शामिल कर लिया है? क्या पुनः जिलाधीश को इसकी शिकायत हुई? यदि हाँ, तो उसका विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्री जगदीश कुशवाह से संबंधित प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 4747/2010 में स्थगन दिया गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना द्वारा श्री जगदीश कुशवाह का स्थानांतरण आदेश क्रमांक/स्थापना/केडर/2016-17/534, दिनांक 14.06.2016 को संस्था डोंगर (चंदेरी), जिला अशोकनगर से पनवाडीहाट (आरोन), जिला गुना किया गया तथा पुन: आदेश क्रमांक स्थापना/2016-17/2469 दिनांक 14.10.2016 के द्वारा पनवाडीहाट (आरोन), जिला गुना से प्राथमिक साख सहकारी संस्था महोली (चंदेरी), जिला अशोकनगर किया गया है। (ख) श्री जगदीश कुशवाह का स्थानांतरण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना द्वारा प्रशासनिक प्रक्रिया अनुसार किया जाकर पुन: पदस्थापना सेवा सहकारी समिति महोली तहसील चंदेरी पर की गई है, जिसमें संबंधित संस्था द्वारा राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है। उक्त के संबंध में माननीय विधायक मुंगावली के पत्र क्रमांक 945, दिनांक 16.03.2017 से श्री जगदीश कुशवाह का स्थानांतरण पुन: चंदेरी किये जाने पर शिकायत की गई है।
सीमांकन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
2. ( *क्र. 1188 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले की समस्त तहसीलों में सीमांकन हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? दिनांकवार, ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी प्रदान करें। उनमें से कितने प्रकरणों में सीमांकन कर दिया गया है? कितने प्रकरणों में सीमांकन होना शेष है? शेष प्रकरणों में सीमांकन नहीं होने के क्या कारण हैं? ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या जिन कृषकों ने अवैध राशि प्रदान की सिर्फ उन्हीं कृषकों का सीमांकन किया गया है तथा बाद में प्राप्त आवेदन पर पहले सीमांकन कर दिया गया है तथा जिन्होंने पहले आवेदन दिया उनका सीमांकन नहीं किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण हेतु ऑनलाईन सुविधा
[राजस्व]
3. ( *क्र. 1098 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सीमांकन के प्रकरणों के संदर्भ में आवेदन प्राप्त करने तथा उनके निराकरण के लिये ऑनलाईन व्यवस्था है? यदि हाँ, तो उसकी प्रक्रिया क्या है और यह कब से लागू है और यदि नहीं, तो क्या शासन भूमिधारकों की सुविधा हेतु ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने की योजना लागू करेगा? यदि हाँ, तो कब तक लागू की जावेगी? (ख) क्या सीमांकन के संदर्भ में आवेदन प्राप्त करने एवं सीमांकन कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा है? यदि हाँ, तो वह क्या है और आवेदन प्राप्ति के कितने दिनों के अंदर सीमांकन का कार्य पूर्ण किया जाना अनिवार्य है? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में सीमांकन के कितने प्रकरण प्राप्त हुए? उसमें से कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं किया जा सका? क्या जिन प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पाया है, उनके आवेदकों को सूचना प्रदान की गई है या नहीं। पिछले 3 वर्षों में स्वीकृत प्रकरण एवं अस्वीकृत प्रकरणों की संख्यात्मक जानकारी ग्राम सहित प्रदान करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विवादित/अविवादित/नामांतरण/बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरण
[राजस्व]
4. ( *क्र. 1005 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने विवादित एवं अविवादित नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन के प्रकरण प्राप्त हुये? प्राप्त प्रकरणों में से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरणों का निराकरण किन कारणों से किया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्तानुसार प्रकरणों का निराकरण करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनका निराकरण निर्धारित समय-सीमा उपरांत भी नहीं किया जा सका है? इसके लिये कौन दोषी है? क्या शासन ऐसे दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में स्वीकृत श्रमोदय विद्यालय
[श्रम]
5. ( *क्र. 393 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत प्रदेश में श्रमोदय विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन शहरों में स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत राशि सहित विद्यालयवार बतावें। (ख) क्या सागर संभाग में कर्मकार मण्डल के अंतर्गत लगभग 3 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं? क्या संभागीय मुख्यालय सागर में श्रमोदय विद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो क्या शासन श्रमिक परिवारों के हित में श्रमोदय विद्यालय खोले जाने हेतु सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत प्रदेश में स्वीकृत श्रमोदय विद्यालय एवं स्वीकृत राशि की विद्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत सागर संभाग में मई 2017 की स्थिति में कुल 338739 निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। संभागीय मुख्यालय सागर में वर्तमान में मंडल द्वारा श्रमोदय विद्यालय खोला जाना विचाराधीन नहीं है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत सागर संभाग में पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में श्रमोदय विद्यालय खोला जाना विचाराधीन नहीं है।
शासकीय भूमि पर काबिज पट्टेधारियों का विस्थापन
[राजस्व]
6. ( *क्र. 830 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 5128 के उत्तर में माननीय मंत्री जी ने दिनांक 20.03.2017 में मौखिक चर्चा में यह माना था कि महलुआ चौराहा पर शासकीय भूमि वर्ष 2011 और 2013 में अपात्र लोगों को गलत तरीके से पट्टे के रूप में दी गई थी और आश्वस्त किया था कि एडीशनल कमिश्नर भोपाल को वहां भेजकर कार्यवाही की जावेगी तथा अतिक्रमण हटाकर संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो क्या आवास हेतु पट्टे पर दी गई भूमि पर व्यवसायिक रूप में बजाज का शोरूम खोलकर दुरूपयोग किया जा रहा है? शासन को मालूम होने पर भी ऐसे दोषियों पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से राजस्व मंत्रीजी एवं राजस्व सचिव को बार-बार लिखने पर भी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जा रही, क्या कारण है? स्पष्ट करें। (ग) क्या सरपंच ने स्वयं अपने पुत्र तथा देवेन्द्र पुत्र जमुनाप्रसाद तिवारी एवं देवेन्द्र की पत्नी श्रीमती कालेन्द्री तिवारी जो तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य के भाई हैं, को 30 X 30 के पट्टे उनके प्रभाव में दिये तथा यह तीनों शासकीय पट्टे पाने के हकदार नहीं थे? इनके पास कई बीघा जमीन और पक्के बहुमंजिला मकान हैं, दिए गए पट्टे गलत हैं, क्या इन्हें तत्काल शासकीय भूमि से बेदखल कराया जावेगा? (घ) क्या शासन द्वारा इन षड्यन्त्रकारी दोषियों पर तथा इसमें संलग्न शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों पर समय-सीमा निश्चित करके कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विभागीय पत्र क्रमांक एफ 20/129/2017/सात/2ए, दिनांक 11.7.2017 से प्रश्नाधीन कथित गलत आवंटित पट्टों एवं अतिक्रमण की जाँच एडीशनल कमिश्नर भोपाल से कराये जाने हेतु कमिश्नर भोपाल को लिखा गया है। (ख) से (घ) जांचोपरांत अपात्र लोगों को बेदखल किया जाकर, दोषी पाये जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद् नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 855 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा जनभागीदारी योजनान्तर्गत आदिवासी ग्रामों में कुल योजना लागत के 1 प्रतिशत तथा सामान्य बाहुल्य क्षेत्रों में 3 प्रतिशत जनभागीदारी की उन ग्रामों में शेष राशि शासन द्वारा स्वीकृत कर पेयजल की योजना स्वीकृत की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा यह जनभागीदारी राशि जमा कर योजना बनाने हेतु प्रस्ताव 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक किया गया है तथा ग्रामीणों द्वारा यह जनभागीदारी राशि कब जमा की गई है? दिनांक सहित ग्रामों के नाम तथा जमा का विवरण देवें? (ग) क्या भितरवार विधान सभा क्षेत्र में पेयजल की गम्भीर समस्या है? किन-किन ग्राम पंचायतों में 01 जून, 2017 की स्थिति में नल-जल योजना चालू है तथा किन-किन ग्राम पंचायतों में किन-किन कारणों से बन्द है? इतनी भीषण गर्मी में नल जल योजना बन्द होने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? अब बन्द नल-जल योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जावेगा? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, परंतु प्राप्त जनभागीदारी की राशि विभाग में संचित रखी जाकर योजना स्वीकृति के पश्चात् पूर्ण लागत शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) विधानसभा क्षेत्र भितरवार के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में किसी भी ग्राम पंचायत द्वारा कोई जनभागीदारी की राशि जमा नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नल-जल योजनाओं के संचालन-संधारण एवं मरम्मत कार्य कराने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। स्त्रोत अनुपयोगी होने पर विभाग द्वारा नये स्त्रोत खनन/निर्माण की कार्यवाही की जाती है। अतः योजना बंद होने के लिए विभाग का कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कसरावद तहसील कार्यालय भवन का निर्माण
[राजस्व]
8. ( क्र. 1274 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 2004, दिनांक 27.02.2017 के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या अन्य प्रस्तावित भूमि पर कसरावद तहसील कार्यालय के भवन निर्माण से संबंधित कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? हाँ तो बतायें नहीं तो कारण दें? (ग) उक्त तहसील कार्यालय के भवन निर्माण में विलंब के क्या कारण हैं और इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) निविदा स्वीकृत होकर दिनांक 19 मई, 2017 को कार्यादेश जारी कर दिया गया है। (ख) जी नहीं। पूर्व से प्रस्तावित भूमि। (ग) मानक मानचित्र प्राप्त करने में समय लगा है। दिनांक 18 मई, 2018 तक पूर्ण करने हेतु अनुबंध किया गया है।
सीधी/सिंगरौली जिले में संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( *क्र. 931 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र धौहनी में कितनी नल-जल योजनाएं एवं मुख्यमंत्री पेयजल योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी नल-जल योजनायें एवं मुख्यमंत्री पेयजल योजनायें बंद व खराब हैं? इन नल-जल योजनाओं के संधारण व संचालन के लिये शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? योजनावार कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नल-जल योजनाएं कब तक संचालित कर दी जावेंगी? कुसमी की पेयजल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? बंद पड़ी पेयजल योजना को संचालित करने के लिये विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कब तक योजना को चालू कर दिया जावेगा? (घ) समूह नल-जल योजना मझौली की स्वीकृति कब एवं कितनी राशि की दी गई थी? धीमी गति से नल-जल योजना का निर्माण कार्य चल रहा है, शीघ्र पूर्ण किये जाने के संबंध में विभाग के द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं? कब तक योजना को पूर्ण कर लिया जावेगा? विलम्ब होने के क्या कारण हैं? दोषीजनों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 29 नल-जल योजनाएं एवं 29 मुख्यमंत्री पेयजल योजनाएं संचालित हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ''नल से जल आज और कल'' कार्यक्रम के अन्तर्गत लघु सुधार (रू. 2 लाख से कम सुधार लागत) वाली बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों को जिला पंचायत के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करवाई गई है तथा वृहद सुधार (रूपये 2.00 लाख से अधिक सुधार लागत) वाली बंद नल-जल योजनाओं को विभाग द्वारा निविदा आमंत्रण कर चालू करने की कार्यवाही की जा रही है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कुसमी की योजना चालू है। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (घ) 19 जुलाई, 2013 को एवं रूपये 8166.21 लाख की। योजनांतर्गत इंटेकवेल, सोनघड़ियाल वन्य प्राणी अभ्यारण्य एवं ग्राम बडकाडोल में प्रस्तावित पेयजल टंकी एवं पाईप लाईन कार्य संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत आने के कारण राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड एवं राज्य वन्य प्राणी बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने के प्रयास किये गये तथा ठेकेदार को अन्य कार्य शीघ्र पूर्ण करने हेतु सूचना-पत्र जारी किये गये। राज्य वन्य प्राणी बोर्ड से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत योजना के कार्य पूर्ण कराये जा सकेंगे। वर्तमान में निश्चित समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। सोनघड़ियाल वन्य प्राणी अभ्यारण्य एवं संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु राज्य वन्य प्राणी बोर्ड से अनुमति प्राप्त न होने के कारण विलम्ब हुआ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न कूपन जारी किये जाने हेतु पात्रता की शर्तें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 1297 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीणजनों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान कूपन जारी किये जाने हेतु पात्रता की कौन-कौन सी शर्तें हैं? खाद्यान्न कूपन जारी कराये जाने के लिए क्या-क्या प्रक्रिया है? चरणबद्ध बतायें। जनपद पंचायत सिंहावल से लगभग 600 एस.सी./एस.टी. परिवारों को चिन्हांकन करके सूची जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को भेजने के बावजूद भी खाद्यान्न कूपन क्यों नहीं जारी किये जा रहे हैं? (ख) सीधी व सिंगरौली जिले में जनपदवार कितने परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ दिया जा रहा है और कितने परिवारों को प्रदाय किया जाना शेष है? यदि शेष है तो वंचित संबंधित हितग्राहियों को आज दिनांक तक खाद्यान्न प्रदाय क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या खाद्यान्न कूपन में किसी भी प्रकार का संसोधन नहीं हो रहा है? तो क्या मृतकों के नाम भी आवंटन जारी किया जा रहा है और नवीन चिन्हांकित परिवारों के खाद्यान कूपन जारी नहीं हो रहे हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्राप्त करने हेतु अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित 25 पात्रता श्रेणियों में होना अनिवार्य है। पात्रता पर्ची जारी करने हेतु स्थानीय निकाय द्वारा संबंधित परिवार की संपूर्ण जानकारी समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर प्रविष्टी उपरांत समग्र परिवार आईडी निर्मित कराना, संबंधित पात्रता श्रेणी में सत्यापन एवं खाद्य विभाग के अमले द्वारा उचित मूल्य दुकान से मेपिंग उपरांत खाद्यान्न आवंटन सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची एन.आई.सी. द्वारा जारी की जाती है। जनपद पंचायत सिंहावल के एस.सी./एस.टी. परिवारों का सत्यापन पोर्टल पर किया जा चुका है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सीधी एवं सिंगरौली जिले में जनपदवार लाभान्वित एवं शेष परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। (ग) पात्र परिवारों के डाटाबेस में अपात्र परिवारों को विलोपित/अनमेप करना तथा नवीन सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने हेतु चिन्हांकन करने की सुविधा समग्र पोर्टल पर जिला अधिकारी को उपलब्ध करा दी गई है, जिन हितग्राहियों द्वारा किसी कारण से राशन प्राप्त नहीं किया जाता है, उनको आवंटित सामग्री का समायोजन कर आगामी माह का आवंटन जारी किया जाता है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। मृतकों के नाम से आवंटन जारी करने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।
परिशिष्ट - ''चार ''
विधिक सलाह हेतु भेजे गए प्रकरण
[गृह]
11. ( *क्र. 1108 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में ए.डी.पी.ओ एवं डी.पी.ओ. के पद पर कौन कब से पदस्थ है? इन पदों पर नियुक्ति और पदस्थापना हेतु क्या नियम और निर्देश हैं? इनके क्या कार्य हैं? कार्यों को करने की समय-सीमा क्या है? (ख) छतरपुर जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण ए.डी.पी.ओ./डी.पी.ओ. के पास विधिक सलाह हेतु आए? कितने प्रकरण पर अभिमत दिया? कितने लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में थानों से आए प्रकरणों को निराकृत करने की क्या समय-सीमा है? जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनका निराकरण समय-सीमा के भीतर नहीं किया गया? प्रत्येक प्रकरणों की जानकारी, लंबित होने के कारणों सहित प्रदाय करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ए.डी.पी.ओ एवं डी.पी.ओ. की नियुक्ति म.प्र. लोक अभियोजन (राजपत्रित) सेवा भरती नियम 1991 के अनुसार लोक सेवा आयोग के चयन के आधार पर की जाती है। अभियोजकों का कार्य न्यायालय में आपराधिक प्रकरणों में शासन की ओर से पैरवी करना है। अभियोजकों का कार्य समय, न्यायालयीन कार्य समय अनुसार प्रातः 10.30 से 5.30 तक समय-सीमा निर्धारित है। (ख) छतरपुर जिले में 193 प्रकरण प्राप्त एवं 193 प्रकरण पर विधिक अभिमत दिया गया। कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) थानों से प्राप्त प्रकरण यथासंभव 2 दिवस में विधिक अभिमत प्रदान कर वापस किए जाते हैं। सभी प्रकरणों में विधिक अभिमत प्रदाय किया जा चुका है। कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
किसान आंदोलन में गोली चालन की घटना
[गृह]
12. ( *क्र. 592 ) श्री मुकेश नायक (श्री रामनिवास रावत, श्री शैलेन्द्र पटेल) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिनांक 01 जून, 2017 से 16 जून, 2017 की अवधि में हुये राज्य व्यापी किसान आंदोलन में कहाँ-कहाँ किन-किन व्यक्तियों की मृत्यु हुई और उनके परिजनों को मुआवजे के रूप में कितनी-कितनी धनराशि का वितरण कब-कब किया गया? (ख) आंदोलन के दौरान पुलिस गोली चालन से नागरिकों की मृत्यु पर मुआवजा देने के लिये क्या शासन ने कोई नियम बनाये हैं या केवल मुख्यमंत्री या अफसरों के विवेक पर मुआवजा निर्धारण तय किया जाता है? इस बारे में स्थिति स्पष्ट करें। (ग) इस आंदोलन के दौरान 15 दिनों में आगजनी लूटपाट आदि घटनाओं में नागरिकों की चल-अचल संपत्ति को जो नुकसान हुआ है, क्या उसका आंकलन कराया गया है? यदि हाँ, तो स्थान अनुसार नुकसान का और वितरित मुआवजे का विवरण देवें। (घ) क्या आंदोलन से पीड़ित अनेक लोगों को अभी तक किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिला है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (ड.) क्या मंदसौर एवं नीमच जिले में प्रदर्शन कर रहे किसान हथियारों से लैस थे? यदि हाँ, तो कितने किसानों के पास हथियार थे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) आंदोलन के दौरान आगजनी, लूटपाट आदि घटनाओं में नागरिकों की अचल-चल सम्पत्ति के नुकसान के आंकलन एवं मुआवजे के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रक्रियाधीन कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) मंदसौर जिले के घटनाक्रम की जांच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अत: टीप दिया जाना न्याय संगत नहीं है। नीमच जिले में दर्ज प्रकरणों में विवेचना जारी है। अत: विवेचना पूर्ण होने के उपरांत ही जानकारी देना संभव हो पायेगा।
राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हेतु कुलपति का चयन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
13. ( *क्र. 1268 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति पद हेतु जारी विज्ञापन में तकनीकी विषय में शैक्षणिक अर्हता के साथ क्या 20 वर्ष प्रोफेसर के पद पर शैक्षणिक कार्य करने का अनुभव होना आवश्यक था। अगर हाँ, तो कुलपति चयन हेतु गठित समिति द्वारा अनुशंसित कुलपति पद हेतु सभी नाम उपरोक्त आवश्यक अर्हता रखते थे? अगर हाँ, तो सूची में सम्मलित नाम, उनकी शैक्षणिक अर्हता एवं शैक्षणिक अनुभव के संबंध में जानकारी दें? (ख) क्या कुलपति पद हेतु नामों की अनुशंसा करने में समिति सदस्य एकमत नहीं थे और उनके द्वारा अनुशंसित नामों के साथ विपरीत टिप्पणी भी की गई थी? (ग) पहली बार की चयन समिति को भंग कर पुन: दूसरी कमेटी गठित करने का क्या कारण था? उनके द्वारा कुलपति चयन के संबंध में दी गई रिपोर्ट में क्या आवेदकों को योग्य नहीं माना गया था? (घ) क्या वर्तमान चयनित कुलपति का चयन राजनैतिक आधार पर किया गया है और क्या यह भी सही है कि दूसरी बार गठित चयन समिति में सदस्यों का चयन भी राजनीतिक आधार पर किया गया है? अगर नहीं तो तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति चयन हेतु तकनीकी योग्यता के विशेषज्ञ के स्थान पर अन्य विषय के व्यक्ति को समिति का अध्यक्ष किस कारण से बनाया गया?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। किन्तु समिति के सदस्यो के द्वारा कोई विपरीत टिप्पणी नहीं की गई थी। (ग) चयन समिति के कुलपति के पद के लिये अर्हता रखने वाले अधिकांश नामों पर विचार नहीं किया गया था। इसलिये दूसरी कमेटी गठित की गई थी। चयन समिति ने सभी आवेदकों को योग्य नहीं माना, ऐसा नहीं था। (घ) जी नहीं। अधिनियम के अंतर्गत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि तकनीकी योग्यता धारी विशेषज्ञ को समिति का अध्यक्ष बनाया जावेगा।
पात्रता पर्चियों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( *क्र. 1076 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने परिवारों के कितने सदस्यों को पात्रता श्रेणी के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का खाद्यान्न मिल रहा है? लाभार्थियों की संख्या, श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या का कितने प्रतिशत है? विधानसभा क्षेत्रवार, राशन दुकानवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक में कितने-कितने नए परिवार जोड़े गए एवं कितने अपात्र परिवार घटाए गए? पृथक-पृथक बतायें। विधानसभा क्षेत्रवार, राशन दुकानवार पात्रता श्रेणी के कितने परिवार और सदस्य, सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची से वचिंत हैं और क्यों? (ग) क्या 26 अगस्त, 2016 के बाद सत्यापित नए परिवारों के सत्यापन उपरांत भी पात्रता पर्चियाँ जनरेट नहीं हो रही हैं? क्या सिवनी जिले में समग्र पोर्टल में पात्रता श्रेणी परिवारों और सदस्यों का सत्यापन भी नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? शासन दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो विगत ड़ेढ़ वर्ष में किस श्रेणी के कितने परिवार सत्यापित किये गये?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिवनी जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 2,50,259 परिवारों एवं 10,51,691 सदस्यों को लाभ दिया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्रवार उचित मूल्य दुकानवार लाभार्थियों की संख्या एवं प्रोजेक्टेड जनसंख्या के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2015 से 3615 परिवार, 23,877 नवीन सदस्यों को जोड़ा गया एवं 8,562 परिवार तथा 38,529 सदस्यों को हटाया गया। नवीन सत्यापित पात्र परिवार जिनकी पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है, उनकी विधान सभा क्षेत्रवार, उचित मूल्य दुकानवार एवं श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् नवीन सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। (ग) जी हाँ। सिवनी जिले में समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्रता श्रेणी में सम्मिलित परिवारों एवं सदस्यों का सत्यापन स्थानीय निकाय द्वारा किया जा रहा है। विगत ड़ेढ़ वर्ष में अन्त्योदय अन्न श्रेणी के 235 एवं पात्रता श्रेणी के 4711 नवीन परिवारों का सत्यापन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गेहूँ खरीदी के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( *क्र. 1128 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गेहूँ खरीदी केन्द्र प्रभारियों द्वारा 2 हजार क्विंटल मटर युक्त और घुना गेहूँ नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में रखने हेतु भेजा था तथा नागरिक आपूर्ति निगम ने खराब गेहूँ रखने से इंकार कर दिया? वर्ष 2012-13 में 1250 रूपये की दर के समर्थन मूल्य पर पौने आठ करोड़ रूपये में खरीदी गयी धान नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा समय रहते मिलिंग नहीं हो पाने के कारण खुले कैब में पड़ी रहने से खराब हो गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो यह गेहूँ किस-किस खरीदी केन्द्र का कितने-कितने क्विंटल था? प्रभारी अधिकारियों का नाम सहित बतावें एवं क्या धान की मिलिंग नहीं हो सकने के खुलासे के बाद 5 सदस्यीय जाँच दल गठित कर जाँच करायी गयी थी? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट की संपूर्ण प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में वर्तमान में उपरोक्त गेहूँ एवं धान की क्या स्थिति है, उपरोक्त के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे? कार्यवाही की समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के प्रकश में क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें। अब तक कार्यवाही नहीं किये जाने के लिये कौन दोषी है? नाम बतावें। दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों, की जावेगी तो क्या व कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान आंदोलन में दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
16. ( *क्र. 1312 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2017 में प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोली चालन में मारे गए किसानों के संबंध में दर्ज प्रकरणों की प्रति दें व बतावें कि गोली चालन के दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन दोषी पुलिस अधिकारियों व दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाही को लेकर गंभीर है? यदि हाँ, तो कब तक दोषियों के विरूद्ध संवैधानिक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रदेश में जून 2017 में किसान आंदोलन के दौरान कृषकों पर दर्ज फर्जी पुलिस प्रकरणों को शासन कब तक वापिस लेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) माह जून 2017 में प्रदेश में आंदोलन के दौरान जिला मंदसौर में गोली चालन से 05 आंदोलनकारियों की मृत्यु कारित हुई। गोली चालन की घटना के संबंध में न्यायिक जाँच आयोग गठित है, अतः जानकारी उपलब्ध कराना व टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गोली चालन की घटना के संबंध में न्यायिक जाँच आयोग गठित है। न्यायिक जाँच पूर्ण होने पर उक्त पाए तथ्यों/अनुशंसाओं के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) न्यायिक जाँच पूर्ण होने पर उक्त पाए तथ्यों/अनुशंसाओं के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
परिशिष्ट - ''छ:''
राजस्व प्रकरणों का अन्तरण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 1159 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अन्तर्गत बिना वरिष्ठ न्यायालय के आदेश के कोई भी प्रकरण नायब तहसीलदार द्वारा राजस्व मण्डल को अन्तरित किया जा सकता है? (ख) यदि नहीं, तो नायब तहसीलदार चन्द्रनगर, तहसील राजनगर, जिला छतरपुर ने ग्राम बमारी के प्रकरण क्रमांक 100 तथा 101/अ-6-अ/15-16 स्वप्रेरणा से राजस्व मण्डल को क्यों अन्तरित किया है? (ग) यदि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है तो क्या नायब तहसीलदार चन्द्रनगर तहसील राजनगर जिला छतरपुर का उक्त कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है या नहीं? (घ) यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर के मांग पत्र क्रमांक आर 3809-प्रथम/2016 एवं आर 3809-प्रथम/2016 ग्वालियर दिनांक 05.11.2016 (प्रकरण में प्राप्त दिनांक 25.02.2017) के पालन में प्रकरण क्रमांक 100 एवं 101/अ-6/2015-16 भेजे गए। प्रश्नाधीन प्रकरण स्वप्रेरणा से माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर की ओर अतंरित नहीं किए गए हैं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
न्यायालयीन आदेश का पालन
[राजस्व]
18. ( *क्र. 779 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किटीयानी मंदसौर स्थित कल्लो बाई के कृषि भूमि संबंधी माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 16.08.1993 अनुसार अधिकारियों ने आदेश का पालन अब तक क्यों नहीं किया? (ख) संबंधित पटवारी व कलेक्टर मंदसौर द्वारा 39 वर्षों में भी बटा नंबर कर भूमि का कब्जा क्यों नहीं दिलाया गया? (ग) माननीय उच्च न्यायालय के डिक्री आदेश पर अब तक पालन नहीं करने वाले कलेक्टर, एस.डी.ओ. व राजस्व निरीक्षक पटवारी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) किटीयानी मंदसौर स्थित कल्लोबाई के कृषि भूमि संबंधी माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की प्रथम अपील क्र. 61/80 में पारित आदेश दिनांक एवं बिक्री दिनांक 16.08.1993 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मूल बिक्री में परिवर्तन करते हुए ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिये गये एवं संबधित पक्षों को यह निर्देर्शित किया गया कि वे ट्रायल कोर्ट के समक्ष इस मामले में आदेश लेने के लिये दिनांक 06.09.1993 को उपस्थित रहें। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में प्रार्थिया कल्लोबाई द्वारा ट्रायल कोर्ट का कोई आदेश प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसका पालन किया जा सके। उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण में किसी भी न्यायालय में राज्य शासन पक्षकर नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय की डिक्री दिनांक 16.08.1993 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) ग्राम किटीयानी तहसील मंदसौर की प्रश्नाधीन भूमि वर्ष 1975-76 से निरन्तर रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों द्वारा विभिन्न व्यक्तियों को विक्रय हुई है। वर्षवार बिक्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विक्रय पत्र अनुसार नामांतरण करने वाले 20 क्रेताओं के खसरे में बटा नंबर किये जा चुके हैं। परन्तु मौके पर अत्यन्त घने व छोटे आकार के मकान एवं सड़क तथा नालियां बनी हुईं हैं। व्यवहारिक रूप से नक्शों में बटा नंबर की तरमीम नहीं उठाई जा सकती। ऐसी स्थिति में भूमि के बटा नंबर किए जाकर कब्जा दिलाया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिए गए उत्तर के संदर्भ में संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
होमगार्ड सैनिकों को वेतनमान का लाभ
[गृह]
19. ( *क्र. 754 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन गृह विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-2 (अ) 02/2007/बी-4/दो, दिनांक 01.03.2017 के द्वारा होमगार्ड सैनिकों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पालन में रुपये 17055/- प्रतिमाह में प्रतिदिन के मान से वेतन भोजन तथा धुलाई भत्ता दिए जाने का आदेश प्रसारित किया है? यदि हाँ, तो इस आदेश के क्रम में कितने होमगार्ड सैनिकों को लाभ दिया जा रहा है, कितनों को नहीं? लाभ नहीं दिए जाने का क्या कारण है? संख्यात्मक जानकारी जिलेवार दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश में आवश्यक संशोधन किये जाने हेतु म.प्र होम गार्ड तथा नागरिक सुरक्षा के ज्ञापन क्रमांक दो–2/228/वित्त (1)/2017 दिनांक 10.04.2017 द्वारा मध्यप्रदेश स्वयं सेवी होमगार्ड सैनिकों को वर्तमान में देय प्रतिमाह मानवेतन, भोजन राशि, धुलाई भत्ता (17586 रु.) के रूप में राशि स्वीकृत किये जाने का प्रस्ताव अतिरिक्त मुख्य सचिव म.प्र. शासन गृह विभाग मंत्रालय भोपाल को किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? उक्त प्रस्ताव पर अभी तक स्वीकृति नहीं दिए जाने का क्या कारण है? कब तक स्वीकृति जारी की जावेगी? (ग) क्या होमगार्ड सैनिकों का पुन: स्वास्थ्य परीक्षण, पुलिस सत्यापन, पुन: नामांकन घोषणा पत्र, अच्छा अभिलेख का परीक्षण कराया जा कर वर्षों से कार्यरत होमगार्ड सैनिकों को अयोग्य घोषित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नीति के तहत?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( *क्र. 825 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले में विगत तीन वर्षों में कौन–कौन सी नल–जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं? इनकी लागत क्या है एवं कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम धावडी एवं चिखल्दा में विभाग के द्वारा नल-जल योजना का कार्य स्वीकृत किया जाकर पूर्ण किया है, किन्तु विभाग की लापरवाही के कारण उक्त योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है? उचित देखभाल एवं रख–रखाव के अभाव में शासकीय सम्पत्ति को नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या उनके विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या निवाली में 3-4 वर्ष पूर्व से लगभग 113 लाख की लागत से स्वीकृत योजना का कार्य आज तक भी पूर्ण नहीं किया गया है, जिसकी वजह से योजना का लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है? कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, कार्य पूर्ण किया गया है। जी नहीं, विभाग द्वारा योजनाएं पूर्ण की जाकर संबंधित ग्राम पंचायतों को संचालन/संधारण हेतु हस्तांतरित कर दी गईं थीं। हस्तांतरण के पश्चात नल-जल योजनाओं के संचालन संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, डिपॉजिट मद में रूपये 100.14 लाख की योजना स्वीकृत हुई है। योजना प्रगतिरत है तथा वर्तमान में योजना के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। आगामी 2 माह में योजना का कार्य पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है।
खरीदी केन्द्रों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( *क्र. 413 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की बरेली और बाड़ी तहसील में स्थित समस्त समर्थन मूल्य से खरीदी केन्द्रों पर वर्ष 2016-17 में किस-किस किसान ने किस-किस फसल के विक्रय हेतु पंजीयन कराया? खरीदी केन्द्रवार, फसलवार, किसानवार, पंजीयन के समय दर्शाये गये रकबावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किस-किस खरीदी केन्द्र पर किस-किस किसान ने किस-किस फसल का, कितनी-कितनी मात्रा में विक्रय किया? खरीदी केन्द्रवार, किसानवार, बेची फसलवार, मात्रावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत ऐसे कितने किसान हैं, जिन्होंने तुअर और गेहूँ की फसल के विक्रय हेतु पंजीयन कराया था? ग्रामवार, किसानवार, फसल के विक्रय हेतु दर्शाये गये रकबावार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2016-17 में रायसेन जिले की बरेली और बाड़ी तहसील में समर्थन मूल्य पर धान एवं गेहूं के विक्रय हेतु उपार्जन केन्द्रवार पंजीकृत किसान संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। किसानवार पंजीयन में उल्लेखित रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उपार्जन केन्द्रवार एवं किसानवार समर्थन मूल्य पर विक्रय की गई मात्रा की फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय हेतु किसानों का पंजीयन किया गया था। जिले में तुअर की खरीदी हेतु कोई पंजीयन नहीं किया गया और न ही खरीदी की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रदूषित पेयजल स्त्रोत की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( *क्र. 846 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में 01 जनवरी, 2015 के पश्चात् कितने पेयजल स्त्रोत की जाँच कर उनके पानी को पीने योग्य नहीं माना? जिलेवार सूची उपलब्ध करायी जाये। क्या जिन पेयजल स्त्रोत का पानी पीने योग्य नहीं हैं, उन पर लाल निशान करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो रतलाम, मंदसौर जिले में उक्त अवधि में कितने पेयजल स्त्रोत कहाँ-कहाँ पर पीने योग्य नहीं हैं? स्थलवार, ग्रामवार सूची देवें। (ख) क्या रतलाम जिले के ग्राम शिवगढ़ में जून माह में दूषित पेयजल स्त्रोत से पानी पीने के कारण सैकड़ों ग्रामवासी बीमार हो गये तथा कई गंभीर अवस्था में हैं? क्या इस पेयजल स्त्रोत पर रेड निशान लगा था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब-कब इस दूषित पेयजल को पीने के पानी के उपयोग के लिए मना किया गया? (ग) 1 जनवरी, 2012 के पश्चात दूषित पेयजल के निराकण हेतु केंद्र एव राज्य सरकार द्वारा कब-कब कितनी राशि उक्त संभाग में प्रदान की गयी, विभाग द्वारा उन्हें कहाँ किस-किस कार्य पर खर्च किया गया, कार्य का नाम, कार्य करने वाली एजेंसी का नाम, स्थान सहित जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। जी हाँ, केवल रासायनिक प्रदूषण वाले पेयजेल स्त्रोतों पर लाल निशान लगाया जाता है तथा पेयजल हेतु उपयोग में न लेने के लिए मना किया जाता है। रतलाम जिले में उक्त अवधि में जिन स्त्रोतों का पानी पीने योग्य नहीं पाया गया उनकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 के अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में मंदसौर जिले में परीक्षण किये गये समस्त पेयजल स्त्रोतों का पानी पीने योग्य पाया गया है। (ख) असुरक्षित पेयजल के उपयोग करने से ग्रामवासी बीमार हुए थे, कोई ग्रामवासी गंभीर अवस्था में नहीं है। जैसा कि उत्तरांश (क) में उल्लेख है, केवल रासायनिक प्रदूषण वाले पेयजल स्त्रोत पर लाल निशान लागाया जाता है, ग्राम शिवगढ़ में पेयजल स्त्रोतों में रासायनिक प्रदूषण नहीं पाया गया है अतः उन पर लाल निशान नहीं लगाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है।
शासन की भूमि दूसरों के नाम दर्ज किये जाना
[राजस्व]
23. ( *क्र. 912 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर तहसील छतरपुर के पटवारी हल्का नं. 66 मौजा पलौठा खसरा नं. 751 एवं हल्का मौजा चन्दपुरा का खसरा नं. नया पुराना 24 में जितने भी बटांक खसरा नंबर हैं? क्या उक्त खसरा नं. पर बंदोबस्त के समय से मध्यप्रदेश शासन अंकित था? यदि हाँ, तो खसरा एवं खतौनी की नकल प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो खसरा नंबरों में किस सक्षम अधिकारी के आदेश से मध्यप्रदेश शासन हटाकर किन-किन व्यक्तियों के नाम दर्ज किये गये तथा ऐसी क्या विषम परिस्थिति निर्मित हो गई थी कि शासन की बेशकीमती भूमि खुर्द-बुर्द करनी पड़ी? (ग) क्या उक्त वर्णित खसरा क्र. प्रश्नांश (क) 751 एवं 24 की म.प्र. शासन की भूमि किस दिनांक को किस सक्षम अधिकारी के आदेश से उक्त व्यक्तियों के नाम दर्ज की गई, सम्पूर्ण जानकारी मय आदेश की प्रतियां उपलब्ध करायें तथा उक्त म.प्र. शासन की भूमि पर क्या पुन: शासन का नाम अंकित करेंगे? यदि हाँ, तो कब? समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोदामों के लंबित किराए का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 1543 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 में मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन द्वारा कितने व कौन-कौन से गोदामों का विपणन (व्यवसायिक) अनुबंध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अनुबंधित किए गए गोदामों में 4.5 माह के व्यवसाय की गारंटी सहित अनुबंध किया गया था? यदि हाँ, तो कौन-कौन से गोदामों में कितने समय के लिए कितनी-कितनी वस्तुओं का भण्डारण किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुबंध की शर्तों के अधीन कौन-कौन से गोदाम मालिकों को 4.5 माह की गारंटी के आधार पर पूर्ण किराए का भुगतान किया जा चुका है तथा किन किन का भुगतान किस कारण से शेष है? शेष भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण न हटवाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
25. ( क्र. 434 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में स्वर्गीय श्रीमती श्रवण कुमारी तिवारी विद्यापीठ शिक्षा समिति के नाम मौजा बदराव तहसील हुजूर में आराजी खसरा क्रमांक 54/25 रकबा 0.506 स्थित है, जिसके मालिक व काबिज भूमिस्वामी समिति है, इसके अलावा भी लगभग 5 एकड़ जमीन विद्यालय के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है, जिसका मालिकाना हक भी समिति को है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वर्गीय श्रवण कुमारी तिवारी विद्यापीठ शिक्षा समिति के स्वत्व आधिपत्य एवं कब्जे दखल की भूमि के अंश रकबे पर अतिचार कर सरहंगई पूर्वक अतिक्रमणकारियों क्रमश: कताहुर चमार पिता तिल्ला चमार, मिर्रा कोल उर्फ बीरन कोल पिता गोविन्द कोल, बड़कईया कोल पिता रामगरीब उर्फ सिरवाइन कोल, राजमणि कोल पिता रामगरीब कोल उर्फ सिरबाइन कोल, बाबूलाल कोल पिता बुद्धसेन कोल आदि द्वारा जबरन अतिक्रमण किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के भूमि पर प्रश्नांश (ख) के अतिक्रमणकारियों को जमीन से बेदखली बाबत् सचिव शिक्षा समिति द्वारा न्यायालय तहसीलदार हुजूर के यहां दिए गए आवेदन पर प्रकरण क्रमांक 16/ए-70/2007-08 एवं प्रकरण क्रमांक 142/अ-70/2012-13 कायम कर आवेदक एवं अनावेदकगणों को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देकर दिनांक 22.12.2007 एवं 26.02.2016 को उपरोक्त अतिक्रमणकारियों को जमीन से बेदखल करने के आदेश पारित किये गये? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के आराजी पर से प्रश्नांश (ख) के अतिक्रमणकारियों को प्रश्नांश (ग) के जारी आदेश के पालन में अतिक्रमण हटाकर बेदखल नहीं किया गया? यदि हाँ, तो आदेश का पालन न करवाने, अतिक्रमण को न हटाने के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे, साथ ही अतिक्रमण हटाकर जमीन से बेदखली की कार्यवाही कब तक पूरी करावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मौजा बदरांव तहसील हुजूर की भूमि खसरा नम्बर 54/25 रकबा 0.506 हे. भूमि स्व. श्रीमती श्रवण कुमारी तिवारी विद्यापीठ शिक्षा समिति रीवा के नाम वर्तमान वर्ष में खसरे में दर्ज अभिलेख है एवं ग्राम बदरांव की ही अन्य भूमि खसरा नं. 55/2 रकबा 1.518 हे. भूमि समिति के नाम ही दर्ज है, जिसके खसरे के कॉलम नम्बर 12 में सम्पूर्ण रकबे पर तालाब (पोखर) है। (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित भूमि खसरा नम्बर 54/25 के अंश हिस्से में कताहुर, मिर्रा, बडकईया, राजमणि, बाबूलाल कोल के कच्चे आवासीय घर काफी लम्बे समय से निर्मित हैं। (ग) जी हाँ। दिनांक 22.12.2007 एवं 26.02.2016 को बेदखली का आदेश पारित किया गया है। वर्तमान में आवेदित भूमि पर न्यायालय द्वारा श्री संजय कस्तवार, अपर जिला न्यायाधीश रीवा में व्यवहारवाद प्रकरण प्रचलित है, जिनके आदेश दिनांक 19.12.2016 द्वारा वादग्रस्त स्थल पर यथास्थिति बनाये रखने और उक्त भूमि पर बने अन्य किसी मकान की किसी प्रकार की क्षति न पहुंचायें, ऐसा आदेश पारित किया गया है। (घ) माननीय न्यायालय तृतीय अपर जिला न्यायाधीश रीवा में विचारित व्यवहारवाद प्रकरण में आदेश दिनांक 19.12.2016 द्वारा यथास्थिति व स्थगन आदेश जारी होने के कारण बेदखली की कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है, अतः कोई दोषी नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही की जाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
किसानों
पर गोली चालन
की घटना
[गृह]
1. ( क्र. 5 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में दिनांक 6 जून 2017 को आंदोलन कर रहे किसानों/प्रदर्शनकारियों के ऊपर पुलिस द्वारा गोली चलाने से किन-किन किसानों/प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हुई है एवं कितने-कितने किसान/प्रदर्शनकारी घायल हुये? नाम एवं पते सहित बताया जाये। (ख) क्या पुलिस द्वारा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी की बिना अनुमति के गोली चलाई गई? (ग) प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा शासन से क्या-क्या मांग की जा रही थी? शासन द्वारा किसानों के आंदोलन रोकने के लिये क्या कोई पहल की गई थी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मंदसौर जिले में दिनांक 06.06.2017 को प्रदर्शनकारियों के आन्दोलन के हिंसक स्वरुप लेने पर हुये घटनाक्रम में 05 आन्दोलनकारियों की मृत्यु हुई है तथा 06 आन्दोलनकारी घायल हुए हैं, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ख) घटनाक्रम के संबंध में जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (ग) प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा संबंधित मांग में खरीफ तुअर, ग्रीष्म मूंग उड़द एवं प्याज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी शामिल थी। शासन द्वारा कृषकों को उनकी उपज के भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय सुनिश्चित किये जाने के हर संभव प्रयास किये गये। खरीदी केन्द्रों में पारदर्शिता पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फेयर एवरेज क्वालिटी की ग्रीष्म मूंग, उड़द की खरीदी प्राइस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत 10 जुलाई 2017 से 31 जुलाई 2017 तक किये जाने के प्रबंध किये गये तथा वर्तमान में ग्रीष्म मूंग 1,47,015 मे.टन उड़द 12,463 मे.टन खरीदी की गई। खरीफ 2016 की फेयर एवरेज क्वालिटी की अरहर उपज की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्राइस स्टेबिलायजेशन फंड अंतर्गत दिनांक 15 सिंतबर 2016 से 22 अप्रैल 2016 तक 1,02,884 मे.टन खरीदी की गई। बाजार दरों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ जाने पर कृषकों की मांग एवं हितों के दृष्टिगत पुनः अरहर बाजार हस्तक्षेप योजनान्तर्गत 10 जून 2017 से 30 जून 2017 तक 90,046 मे.टन खरीदी की गई। प्याज की खरीदी करने वाले किसानों को प्याज के उचित मूल्य पर विक्रय की मांग पर राज्य शासन द्वारा संवेदनाशीलता से विचारोपरान्त बाजार हस्तक्षेप योजनान्तर्गत मार्कफेड के माध्यम से राशि रुपये 8 प्रति किलो की दर से खरीदे जाने का निर्णय लिया गया है। तद्नुसार प्रदेश में खरीदी अवधि 5 जून 2017 से 11 जुलाई 2017 तक कुल 8,50,000 मे.टन प्याज खरीदी गई। मान. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा दिनांक 11 जून 2017 ''1000 करोड़ की लागत से मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाया जायेगा'' के क्रम में आदेश दिनांक 29 जून 2017 जारी किया गया। द्वितीय घोषणा दिनांक 11 जून 2017 ''कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग बनाया जायेगा'' दिनांक 13 जून 2017 को आदेश जारी किया गया। तृतीय घोषणा दिनांक 11 जून 2017 ''जिन फसलों की राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है, कोई भी FAQ क्वालिटी की उपज समर्थन मूल्य के नीचे नहीं खरीदी जायेगी'' के संबंध में 5 जून 2017 एवं म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के पत्र दिनांक 12 जून 2017 द्वारा निर्देश जारी किये गये। इस प्रकार प्रदेश शासन द्वारा अनेक कृषक हित के मुद्दों की नियमित समीक्षा कर सकारात्मक कार्यवाही की गई।
गौशालाओं को अनुदान
[पशुपालन]
2. ( क्र. 6 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा किन-किन गौशालाओं को वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में प्रति गाय के मान से कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा किन-किन गौशालाओं को वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में गौशालाओं के रख-रखाव हेतु कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) गौ-संरक्षण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में प्रदान की गई? पृथक-पृथक विवरण दिया जाए?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) गौशालाओं को दिये जाने वाले अनुदान की जिलावार एवं गौशालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गौशाला के रख-रखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी गौशाला की संचालक समिति द्वारा की जाती है। गौशालाओं के रख-रखाव हेतु राशि प्रदान नहीं की जाती है। (ग) भारत सरकार के द्वारा गौ संरक्षण हेतु पृथक से कोई राशि प्रदान नहीं की गई है।
दुग्ध संघों में कार्यरत ठेका श्रमिक
[पशुपालन]
3. ( क्र. 11 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सहित प्रदेश के किन-किन दुग्ध संघों में कितने-कितने ठेका श्रमिक/कर्मचारी कार्यरत हैं? पृथक-पृथक संख्या बताई जाये। (ख) किन-किन दुग्ध संघों द्वारा उनमें कार्यरत ठेका श्रमिकों/कर्मचारियों का नया सेटअप बनाया गया है? (ग) क्या दुग्ध संघों में ठेके पर कार्यरत श्रमिकों/कर्मचारियों के लिए किये गये अनुबंध अनुसार ठेकेदारों द्वारा अनुबंध का पालन किया जा रहा है? (घ) क्या भोपाल दुग्ध संघ द्वारा नये सेटअप में कनिष्ठ परिचारक का पद स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें नियमित वेतनमान कब से दिया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) भोपाल सहित प्रदेश के अन्य दुग्ध संघों में कार्यरत ठेका श्रमिक की संघवार संख्या निम्नानुसार है। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ भोपाल - 795, इन्दौर सहकारी दुग्ध संघ इन्दौर - 592, उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ उज्जैन -355, ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ ग्वालियर - 172, जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर-274 (ख) सहकारी दुग्ध संघों द्वारा कार्यरत ठेका श्रमिकों के लिए सेटअप का प्रावधान नहीं है। कार्य की आवश्यकतानुसार ठेका श्रमिकों की संख्या में कमी अथवा वृद्धि की जाती है। सेटअप नियमित अधिकारियों/कर्मचारियों का ही बनाया जाता है। (ग) सामान्यतया सहकारी दुग्ध संघों में ठेके पर कार्यरत श्रमिकों के लिए किये गये अनुबंध अनुसार ही ठेकेदारों द्वारा अनुबंध का पालन किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। अनुकंपा नियुक्ति से भरे गए 28 पदों पर नियमित वेतनमान दिया जा रहा है शेष पदों पर भर्ती संबंधी कार्यवाही वर्तमान में नहीं की गई है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व बोर्ड ग्वालियर के फैसलें में अपील
[राजस्व]
4. ( क्र. 29 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या 15 ( क्रमांक 48 ) दिनांक 6 मार्च 2017 के उत्तर में स्वीकार किया है कि राजस्व बोर्ड के एक सदस्य को अभी हटाया है तथा राजस्व बोर्ड के फैसले की हम अपील कर सकते हैं व जो मामले आप ध्यान में लायेगें हाईकोर्ट में भी अपील करते है? इस सबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अशोकनगर शहर के मध्य भौसले का बाडा की करोड़ों की शासकीय भूमि का नामांतरण गजराजसिंह पुत्र अमोलसिह खानपुर ब्लॉक चंदेरी के नाम तथा अशोकनगर के पिपरई व अथाईखेड़ा की शासकीय भूमि का भी यादवेन्द्र व अजय के नाम शासकीय भूमि का नामांतरण कर दिया जाने के संबंध में लिखे गये पत्र पर इन फैसलों की समीक्षा कर नामांतरण निरस्त कर भूमि को शासकीय घोषित करेंगे? (ख) यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व मण्डल प्रकरण क्रमांक 788/2016 में पारित आदेश दिनांक 14-03-16 द्वारा गजराज सिंह पुत्र अलोल सिंह का नामान्तरण आदेश पारित किया गया था। अध्यक्ष राजस्व मण्डल के द्वारा प्रकरण को पुनर्विलोकन में लिया गया है। पुनर्विलोकन प्रकरण क्रमांक पुनर्विलोकन 110/।/17 में कार्यवाही प्रचलित है। जिसमें इस न्यायालय का प्रकरण क्रमांक 110 अ 6/14-15 भेजा गया है। ग्राम अथाईखेड़ा की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 695/1 696/2 को न्यायालयीन प्रकरण 02/स्वमेव निगरानी/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 20-02-2017 से उक्त भूमि शासकीय घोषित की जा चुकी है। जिसका अमल राजस्व अभिलेख में कर दिया गया है। ग्राम पिपरई में नायब तहसीलदार के प्रकरण क्रमांक 18अ 19/2003-04 में पारित आदेश दिनांक 05-07-2004 को आयुक्त ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक 266/2007-08 में पारित आदेश दिनांक 05-12-2008 से निगरानी निरस्त कर दी गई थी तथा राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा उनके न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 22-11/2014 पारित आदेश दिनांक 19-05-2014 से निगरानी निरस्त कर दी गई थी। जिसे राजस्व मण्डल द्वारा पुनर्विलोकन में लेकर प्रकरण क्रमांक 4155-11/2014 में पारित आदेश दिनांक 06-01-2016 के द्वारा आयुक्त के आदेश को निरस्त करते हुए नायब तहसीलदार मूंगावली का आदेश यादवेन्द सिंह पुत्र देशराज सिंह के पक्ष में स्थिर रखा गया है। वर्तमान अभिलेख एवं कम्प्यूटर अभिलेख में भूमि शासकीय पठार दर्ज है। (ख) वरिष्ठ न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों के निराकरण के संबंध में समय-सीमा बताई जाना कठिन है।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
5. ( क्र. 30 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जून 2016 को ग्राम पलकटोरी जिला अशोकनगर में सर्वे क्रमांक 459 रकबा 4.749 के अंश भाग व ग्राम मनकपूर सर्वे क्रमांक 40 रकबा 5.223 हेक्टेयर के अंश भाग पर 102640 घन मीटर अवैध मुरम उत्खनन के विरूद्ध अपराध क्रमांक 266/16 धारा 353, 341, 186, 379, 147, 148, 149 का प्रकरण कायम किया गया है जिसमें 4 आरोपियों व अन्य 15-20 अज्ञात व्यक्तियों में सिर्फ 2 आरोपी ही क्यों गिरफ्तार हुए जबकि दो मुख्य आरोपी पुलिस ने फरार घोषित कर रखे है? जबकि वे खुलेआम घूम रहे है व जिला पंचायत व मण्डी की बैठकों में भाग ले रहे है? (ख) घटना के 1 वर्ष बाद भी उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है व कब तक गिरफ्तारी होगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध में नामजद मनोज पुत्र प्राणसिंह दांगी, उम्र 34 साल, निवासी लेकसिटी, अशोकनगर, लखन पुत्र सनमान यादव, उम्र 46 साल, निवासी तायडे कालोनी, अशोकनगर एवं अज्ञात आरोपियों में से वीरपाल पुत्र संतोष यादव, उम्र 30 साल, निवासी ग्राम सिलपटी, थाना ईसागढ़ एवं करतार सिंह पुत्र दौलत सिंह केवट, उम्र 23 साल, निवासी ग्राम करई, थाना करैया जिला शिवपुरी कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। घटना में शामिल न होने के संबंध में यादवेन्द्र यादव व अजय यादव ने आवेदन पत्र दिया है, जिसकी जाँच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अशोकनगर द्वारा की जा रही है। आवेदन की जाँच उपरांत आये तथ्यों के आधार पर व विवेचना में आए साक्ष्य के समग्र आंकलन उपरांत विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। (ख) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है।
प्रदेश में किसान द्वारा आत्महत्या किया जाना एवं पुलिस गोली चालन से किसानों की मृत्यु
[गृह]
6. ( क्र. 41 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार माह जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश के किन-किन जिलों में किसानों, खेतिहरन मजदूर एवं विद्यार्थियों द्वारा किन-किन कारणों से आत्महत्याएं किये जाने के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? इन मृतक किसानों के निकटतम किन-किन परिजनों को कितने-कितने रूपयों की राशि आर्थिक सहायता व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है? नाम व पते सहित सूची दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 3038, उत्तर दिनांक 20 मार्च, 2015 में प्रदेश में वर्ष 2004 से लेकर माह फरवरी 2015 तक दो हजार नौ सौ इकतीस कृषक आंदोलन होने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो माह मार्च 2015 से माह मार्च 2017 तक की अवधि में प्रदेश में कितने कृषक आंदोलन किये गये वर्षवार संख्या बतायें। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर कृषक आंदोलन किन-किन समस्याओं/मांगों को लेकर किये गये? इन कृषक आंदोलनों में पुलिस द्वारा कहाँ-कहाँ पर बल प्रयोग/गोली चालन आदि किया गया? पुलिस द्वारा गोली चालन से किन-किन कृषकों एवं अन्य लोगों की मृत्यु हुई एवं कितने किसान एवं अन्य लोग घायल हुये, राज्य सरकार द्वारा मृतकों/घायलों के निकटतम किन-किन परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता एवं सरकारी नौकरी एवं अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई? नाम व पता सहित सूची दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 552 के दोनों ओर किये गये अतिक्रमण को हटाया जाना
[राजस्व]
7. ( क्र. 42 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की नगर परिषद् लहार से ग्राम चिरौली, अदलीशपुरा, किलामपुरा तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 552 (भिण्ड भाण्डेर रोड) की सीमा से 50 मीटर अंदर दोनों ओर किन-किन व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया है? नाम व पता सहित बतायें। (ख) उपरोक्त भूमि पर कब्जा कर किन-किन ने मकान व दुकानें कब-कब से बनाई गई है तथा अतिक्रमण हटाने हेतु नगर परिषद् लहार व राजस्व/नजूल विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही वर्ष 2008 से वर्ष 2017 तक की है? (ग) उपरोक्त भूमि पर अतिक्रमण कब तक हटा लिया जावेगा? अभी तक अतिक्रमण न हटाने के दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या लहार बस स्टैण्ड से फार्मेसी कॉलेज तक राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण न हटाने से लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है? यहि हां, तो कब तक अतिक्रमण हटा लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन अतिक्रामकों की नाम पते सहित सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) उपरोक्त संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित अतिक्रामकों ने लगभग 25-30 वर्ष से अतिक्रमण कर मकान दुकान बनाये है। विधि अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) अतिक्रमण हटाने हेतु न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित है। न्यायालयीन प्रक्रिया होने से निश्चित समय बताना संभव नहीं है। अत शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) लहार बस स्टैण्ड से फार्सेसी कॉलेज तक पूर्व में चिन्हित अतिक्रामकों को विधिवत नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटा दिया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत सड़क का निर्माण कार्य अतिक्रमण के कारण बाधित न होकर निजी भूमि पर से सड़क बनाई जाने के कारण है।
नल-जल योजना के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 55 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जेल विभाग म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्र. 66, दिनांक 17/02/2017 को अधूरी पड़ी राजनगर विधान सभा क्षेत्र की नल-जल योजनाओं की स्वीकृति की सूचना दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कार्य में विलम्ब क्यों हो रहा है? (ग) छतरपुर जिले की राजनगर विधान सभा क्षेत्र के 15 गांवों की अधूरी नल-जल योजना की पूर्ति बरसात में क्या संभव है? (घ) क्या विभागीय अधिकारियों ने समय से टेंडर जारी किये? यदि हाँ, तो कब-कब और कितनी समय-सीमा में कार्य प्रारंभ कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। इस पत्र द्वारा बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु दी गई स्वीकृति की सूचना दी गई थी। (ख) उत्तरांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सभी 15 बंद नल-जल योजनाओं के सुधार कार्य हेतु निविदायें दिनांक 22.3.2017 एवं दिनांक 20.4.2017 को आमंत्रित की गई परंतु निविदाकारों के द्वारा भाग नहीं लिया गया। पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ अनुसार। (घ) जी हाँ, उत्तरांश ‘ख‘ अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसान आंदोलन 2017
[गृह]
9. ( क्र. 87 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न जिलों में माह जून 2017 में कर्जा माफी व अन्य मांगों को लेकर किसान संघ द्वारा बड़े पैमाने पर किसान आंदोलन आयोजित किया गया और पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी? यदि हाँ, तो पुलिस के खुफिया तंत्र फेल होने के क्या कारण रहे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के किस-किस जिले में किन-किन किसानों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए जाकर जेल भेजे गये तथा किन-किन किसानों की मृत्यु कैसे (पुलिस की गोली से, भीड़ की भगदढ़ से तथा अन्य कारणों से) हुई है? उनके नाम व पता सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आंदोलन के दौरान वाहन जलाने सहित दूध, फल, सब्जी तथा लूट-पाट आदि के नाम पर किन-किनका, कितना-कितना अनुमानित माली नुकसान हुआ है अलग-अलग जिलेवार बतावें? (घ) विगत 05 वर्षों की स्थिति में प्रदेश के किस-किस जिले में कितने-कितने किसानों ने कर्ज में डूबने फसल चौपट होने तथा आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या की? जिलेवार बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही नहीं है कि आंदोलन के बारे में पुलिस प्रशासन को भनक नहीं लगी। खुफिया तंत्र पर्याप्त रुप से सक्रिय था। (ख) प्रश्नांश (ख) में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। आंदोलन के दौरान जिला मंदसौर में 6 व्यक्तियों की मृत्यु होना पाया गया। यह मृत्यु किन कारणों से व कैसे हुई इसकी जाँच के लिये शासन के द्वारा अपने आदेश क्र./म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय क्र. एफ 24-08/17/1-10 भोपाल दिनांक 12.06.17 एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग व कलेक्टर मंदसौर के द्वारा अपने आदेश क्र-662/सालेख/2017 मंदसौर दिनांक 22.06.17 से मजिस्ट्रीयल जाँच आदेशित की गई है। मंदसौर के अतिरिक्त किसी अन्य जिले में इस दौरान किसानों की मृत्यु की घटना घटित होना नहीं पाया गया है। (ग) आंदोलन के दौरान आगजनी, लूटपाट आदि घटनाओं में नागरिकों की अचल-चल सम्पत्ति के नुकसान के आंकलन एवं मुआवजे के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित शीर्ष के तहत वर्ष 2012 एवं 2013 में चाही गई जानकारी एकत्रित नहीं की जाती थी। अतः प्रश्नांश की शेष वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
अधिक खाद्यान्न वितरण के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 88 ) श्री आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी अंतर्गत शा.उ.मू. की दुकान बिचुआ, गुदरी, संसारपुर, तेवरी, सलैयाप्यासी पहरूआ के द्वारा निर्धारित राशन कार्ड से अधिक आवंटन/वितरण किए जाने की शिकायतों के आधार पर दिनांक 19.11.2013, 17.05.2014 एवं 14.06.2014 तथा पिपरौंध क्रमांक 4201015 के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन के अनुसार दोषी पाए जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कटनी शहरी क्षेत्र की समस्त शा.उ.मू. की दुकान द्वारा माह जून 2016 से सितम्बर 2016 तक का खाद्यान्न वितरण संबंधित स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर एवं पी.ओ.एस. मशीन से वितरण की पर्चिया जिला खाद्य कार्यालय कटनी में आज दिनांक तक प्रस्तुत नहीं की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शा.उ.मू. की दुकान भजिया के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु थाना प्रभारी तहसील बड़वारा जिला कटनी को जिला अपूर्ति अधिकारी कटनी द्वारा दिनांक 01.09.2016 को पत्र लिखा था और सुधीर दुबे सहायक अपूर्ति अधिकारी कटनी को निर्देशित किया था कि समस्त दस्तावेज थाने में प्रस्तुत कर रिपोर्ट दर्ज कराकर रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत करने हेतु लिखा था? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोषियों के विरूद्ध समय रहते कार्यवाही नहीं करने हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों व कारण सहित यह अवगत करावे कि कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांश 'क' में उचित मूल्य दुकान पिपरौंध क्रमांक 4201015 को छोड़कर अन्य उल्लेखित उचित मूल्य दुकानों के जाँच संबंधी कोई प्रतिवेदन जिला खाद्य कार्यालय को प्राप्त नहीं हुए है। पिपरौंध की जाँच के प्रतिवेदन अनुसार सचिव-ग्राम पंचायत पिपरौंध श्री पंकज जैन, विक्रेता श्री राजेन्द्र सिंह एवं जिला विपणन अधिकारी श्री श्यामजी मिश्रा दोषी पाए गए, जिसमें सचिव- ग्राम पंचायत पिपरौंध को मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जिला पंचायत) कटनी के आदेश क्रमांक 7717 दिनांक 21.09.2016 द्वारा निलंबित किया गया था वर्तमान में इनकी विभागीय जाँच प्रचलित है। जिला विपणन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य विपणन संघ मर्यादित भोपाल को लिखा गया था, जिसमें इनकी जाँच की जाकर दोषमुक्त पाये जाने से प्रकरण समाप्त कर दिया गया तथा विक्रेता के विरूद्ध प्रकरण कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी कटनी में प्रचलित है। (ख) प्रश्नांश 'ख' में कटनी शहरी क्षेत्र की समस्त उचित मूल्य दुकानों के उल्लेखित अभिलेख कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला कटनी द्वारा नहीं चाहे गए थे, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) उचित मूल्य दुकान भजिया के संबंध में दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज किए जाने हेतु सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री सुधीर दुबे द्वारा अपने पत्र दिनांक 19.09.2016 द्वारा जिला आपूर्ति अधिकारी, कटनी को अवगत कराया गया था कि थाना प्रभारी एवं सहायक पुलिस निरीक्षकों द्वारा अध्ययन कर बताया गया है कि प्रकरण संबंधित विभाग में ही विचाराधीन योग्य होने से प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है, इस हेतु कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला कटनी द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी को पत्र क्रमांक 654/खाद्य/वि.स./2017 दिनांक 03.07.2017 द्वारा भी लेख किया गया था। अतएवं उक्त प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उचित मूल्य दुकान पिपरौंध के विक्रेता के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला कटनी द्वारा दिनांक 10.06.2015 को आदेशित किया गया था, जिसमें विलंब किये जाने से सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री कुंदन सिंह भदौरिया एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्री संतोष नंदनवार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 07.04.2017 में प्राथमिकी अपास्त कर अन्य विधि सम्मत कार्यवाही किये जाने हेतु विभाग को निर्देशित किया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व विभाग में नवीन तहसीलों में प्रथम/द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों की पदपूर्ति
[राजस्व]
11. ( क्र. 101 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा विगत 5 वर्षों में राज्य की जनता की सुविधा की दृष्टि से कितनी तहसील एवं उप तहसील की स्वीकृति की गई है उसकी जानकारी दी जावे. उक्त अवधि में इंदौर संभाग में कितनी तहसील स्वीकृत की गई, इन नवीन तहसीलों में कितने लिपिकीय एवं भृत्यों के पद स्वीकृत किये गए है? (ख) क्या इन नवीन तहसीलों में प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी लिपिक के पूर्व सेट अप अनुसार नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं, जब की पूर्व में स्वीकृत नवीन तहसीलों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी लिपिकों की पदस्थापना की गई थी जबकि नवीन स्वीकृत तहसीलों में नहीं की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार नवीन स्वीकृत तहसीलों में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी लिपिकों की पद पूर्ति न होने से शासन के कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है? यदि कार्य प्रभावित हो रहे हैं तो शासन इन पदों की स्वीकृति कब तक करेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत नल-जल योजनाओं का कार्य प्रारंभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( क्र. 145 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी नल-जल योजनाएं, कितनी लागत से स्वीकृत हुईं? क्या इसके स्वीकृति आदेश क्रियान्वयन एजेन्सी को प्रदाय किए जा चुके हैं? (ख) विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ करने के टेण्डर कब जारी किए गए हैं? किन-किन पंचायतों के टेण्डर स्वीकृत हो चुके हैं तथा किन-किन पंचायतों के टेण्डर अभी तक नहीं हुए हैं तथा स्वीकृत न होने के क्या कारण है? (ग) क्या ठेकेदार से कराए जाने वाले अनुबंध पत्र में आगामी पाँच वर्षों तक संबंधित नल-जल योजनाओं का संधारण/रख-रखाव करने की कंडिका का समावेश होने के कारण ठेकेदार टेण्डर नहीं डाल रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या इसके कारण जनता पेय-जल से वंचित नहीं रह जाएगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई भी नवीन नल-जल योजना स्वीकृत नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, परंतु विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत ’’बंद नल-जल योजनाओं’’ को चालू करने हेतु विकासखण्ड शाहगढ़ एवं बण्डा हेतु क्रमशः दिनांक 11.3.2017 एवं 26.3.2017 को निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, परंतु किसी निविदाकार द्वारा भाग नहीं लिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अन्य जिलों में निविदाएं प्राप्त हुई हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र से संबंधित निविदाएं पुनः आमंत्रित की जा रही हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 146 ) श्री हरवंश राठौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र बंडा के सभी बी.पी.एल. कार्डधारियों को गैस कनेक्शन प्रदाय किए जा चुके हैं? शेष ग्राम पंचायतों में हितग्राहियों को गैस कनेक्शन प्रदाय नहीं करने का क्या कारण रहा है? विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम सेसई साजी, घुराटा, सलैया, कलराहो, ढांड़, बम्हौरीमाफी में इस योजना का लाभ क्यों नहीं दिया गया। (ख) जिला सागर में क्या विधानसभा क्षेत्रवार शासन ने कोई लक्ष्य निर्धारित किया है? यदि नहीं, तो बण्डा में सबसे कम केवल 5639 कनेक्शन दिए गए हैं जबकि अन्य विधानसभा क्षेत्रों में कई गुना ज्यादा हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। इस भिन्नता का क्या कारण है? (ग) बंडा की गैस एजेन्सियों द्वारा बी.पी.एल. कार्ड धारियों को आवेदन पत्र क्यों नहीं दिए जा रहे हैं? क्या विभाग से ऐसा प्रतिबन्ध लगाया गया है? बण्डा के शेष रहे हितग्राहियों को कब तक गैस कनेक्शन मिल जावेंगे एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। विधानसभा क्षेत्र बंडा में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत राज्य को प्राप्त लक्ष्य एवं पात्रता अनुसार हितग्राहियों को गैस कनेक्शन प्रदाय किए जा रहे हैं। ग्राम सेसई साजी में 54, कलहारो में 18, ढाड़ में 12, बम्हौरमाफी में 55 हितग्राहियों को योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय किए जा चुके हैं। ग्राम पंचायत सलैया में 23 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन पर गैस एजेंसी के द्वारा कनेक्शन जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है। ग्राम घुराटा के किसी भी हितग्राही का नाम सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 की सर्वेक्षित सूची में निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत न होने के कारण गैस कनेक्शन जारी नहीं किये जा सके है। (ख) समस्त पात्र परिवारों को योजना प्रारंभ से 03 वर्ष की अवधि में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय करने का प्रावधान है। विधानसभा क्षेत्र बंडा में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत कुल 13,847 गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। जिले में कुल 08 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें कुल 99,082 गैस कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। (ग) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को ही गैस कनेक्शन दिये जाना है। जिन हितग्राहियों का नाम सूची में नहीं है, उनको गैस कनेक्शन की पात्रता न होने के कारण उनको आवेदन पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए है। विभाग द्वारा पात्र हितग्राहियों को आवदेन देने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगया गया है। पात्र हितग्राहियों को उचित मूल्य दुकानों एवं गैस एजेन्सियों के माध्यम से गैस कनेक्शन हेतु आवदेन वितरण एवं प्राप्ति का कार्य किया जा रहा है तथा इसका प्रचार-प्रसार भी कराया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को 3 वर्ष में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
इंजीनियरिंग कॉलेज भवन निर्माण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
14. ( क्र. 155 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिला मुख्यालय पर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्वीकृत हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो यह इंजीनियरिंग कॉलेज किस योजना अंतर्गत स्वीकृत हुआ है तथा इस इंजीनियरिंग कॉलेज में कौन-कौन से संकायों में अभियांत्रिकी उपाधी/डिग्री प्रदान की जावेगी? (ग) इस इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन हेतु कितनी धन राशि स्वीकृत हुई है तथा क्या भवन हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है? (घ) यदि हाँ, तो क्या इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण हेतु आवश्यक प्रशासकीय एवं अन्य स्वीकृतियों का केबिनेट से अनुमोदन हो चुका है? (ङ) यदि नहीं, तो, प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? (च) क्या शैक्षणिक सत्र 2017-18 में एडमिशन प्रारंभ किये जावेंगे ताकि अ.ज.जा. बाहुल्य धार जिले के प्रथम इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध हो सके।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) राष्ट्रीय शिक्षा अभियान (रूसा) योजनान्तर्गत स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कॉलेज के भवन हेतु 60 प्रतिशत केन्द्र शासन से एवं 40 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा स्वीकृति का प्रावधान किया गया है। उत्तरांश ''क'' के संबंध में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''क'' के संबंध में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश ''क'' के संबंध में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) उत्तरांश ''क'' के संबंध में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नलकूप खनन मशीनों की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 218 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में नलकूप खनन हेतु कौन-कौन सी कितनी मशीनें हैं? (ख) ये मशीनें किस अधिकारी के आदेश से खनन कार्य करती हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जबलपुर जिले में बी.ई.सी.-9 (डी.टी.एच.), एल.एम.पी.-2 (रोटरी) एवं मेहू एम.पी.जेड-763 (रोटरी) इस प्रकार कुल 03 मशीनें कार्यरत हैं। (ख) संबंधित कार्यपालन यंत्री, मैकेनिकल खण्ड के आदेशानुसार।
जबलपुर जिले में नलकूप धंसकने पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 219 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर जिले में गत तीन वर्षों में खनित किये गये नलकूपों में अधिकांश धंसक गये हैं? (ख) जो नलकूप धंसके हैं उनमें क्या पर्याप्त केसिंग नहीं डाली गई? (ग) धंसक गये नलकूपों के लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या नलकूप धंसकने से रोकने हेतु कोई कार्यवाही/योजना प्रस्तावित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, पर्याप्त केसिंग डाली गई है। (ग) भू-गर्भीय स्ट्रैटा के अनुसार केसिंग डाली जाती है, उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नलकूप खनन के समय प्राप्त धसकने वाले स्ट्रैटा को रोकने हेतु केसिंग डाली जाती है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 266 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 36/सी-7-जे-108/प्र.अ./लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग/15 भोपाल दिनांक 07.07.2015 के परिपालन में अभी तक क्या कार्यवाही हुई है? जाँच प्रतिवेदन सहित संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या जाँच प्रतिवेदन में खण्ड अनूपपुर में कार्यरत अधिकारी दोषी पाये गये? यदि हाँ, तो अब तक संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो कारण क्या है? (ग) संबंधित अधिकारी कहाँ-कहाँ और कब से पदस्थ हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जाँच दल से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया श्री आर.वाय.तिवारी श्री यू.एस.नामदेव, श्री हीरासिंह धुर्वे, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, खण्ड अनूपपुर श्री के.के.गुप्ता, प्रभारी सहायक यंत्री, श्री आर.पी. अहिरवार, श्री एस.पी.द्विवेदी, उपयंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड अनूपपुर उत्तरदायी पाये गए हैं। संबंधितों में से श्री हीरासिंह धुर्वे, कार्यपालन यंत्री श्री आर.पी.अहिरवार एवं श्री एस.पी.द्विवेदी उपयंत्रियों के विरूद्ध शासन के पत्र क्रमांक-एफ-5-6/17/1-34, दिनांक 04.03.2017 द्वारा एवं श्री के.के.गुप्ता, सेवानिवृत्त प्रभारी सहायक यंत्री को शासन के समसंख्यक पत्र दिनांक 30.06.2017 द्वारा आरोप पत्र जारी कर दिये गए हैं शेष सेवानिवृत्त श्री आर. वाय.तिवारी एवं श्री यू.एस.नामदेव की सेवानिवृत्ति तथा अपचार की घटना चार वर्ष से अधिक होने के कारण उनके विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के तहत कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, स्थल निरीक्षण जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये गए हैं। विभागीय जाँच होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है।
बंद नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 274 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ और आरोन विकासखण्ड में कितनी नल-जल योजनाएं कहाँ-कहाँ स्थापित की गई हैं? उनमें से कितनी योजनाएं पूर्ण रूप से और कितनी आंशिक रूप से बंद हैं और इसके क्या कारण हैं? (ख) राघौगढ़ और आरोन विकासखण्ड में कितनी बसाहट में पानी के लिये कितने हैंडपंप है? कितने हैडपंपों में पानी का स्तर कम होने से स्थाई तौर पर बंद है, कितने गांव/बसाहट हैडपंप विहीन है? उनके नाम भी बतायें वहां पेयजल की विभाग ने क्या व्यवस्थाएं की है? (ग) विभाग द्वारा पूर्ण की गई कितनी नल-जल योजनाएं ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई हैं? ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित कितनी योजनाएं पूर्ण और आंशिक रूप से बंद हैं वर्ष 2013-14 से अब तक सिविल और मैकेनिकल डिविज़न में कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 78 नल-जल योजनायें स्थापित हैं, जिनमें 02 पूर्ण रूप से एवं 03 आंशिक रूप से बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’1’’ अनुसार है। (ख) 927 बसाहटों में 2475 हैण्डपंप स्थापित हैं, जिनमें 176 हैण्डपंपों में जलस्तर कम होने से ग्रीष्म ऋतु के दौरान अस्थाई तौर पर बन्द हो जाते हैं, स्थाई तौर पर नहीं। हैंडपंप विहीन कोई भी बसाहट नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) 200 नल-जल योजनायें। पूर्ण रूप से 06 एवं आंशिक रूप से 03 योजनायें बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’3’’ अनुसार है।
पटवारियों के संवर्ग को राज्य स्तरीय किया जाना
[राजस्व]
19. ( क्र. 278 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग अंतर्गत पटवारियों की पदस्थापना के एवं कार्यक्षेत्र एवं स्थानांतरण के संबंध में विभाग का दिशा-निर्देश हैं, प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) क्या पटवारियों का संवर्ग जिला स्तरीय है अथवा नहीं? (ग) क्या विभाग पटवारियों के संवर्ग को राज्य स्तरीय संवर्ग की आवश्यकता महसूस करता है? यदि हाँ, तो विभाग राज्य स्तरीय संवर्ग कब तक घोषित करेगा? यदि नहीं, तो क्या विभाग पटवारियों के जिला स्तरीय संवर्ग से संतुष्ट है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पटवारियों की पदस्थापना कार्य क्षेत्र एवं स्थानान्तरण के संबंध में विभाग के दिशा निर्देश भू-अभिलेख नियमावली के अंतर्गत निर्धारित हैं। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में भू-अभिलेख नियमावली अनुसार पटवारी संवर्ग जिला स्तरीय संवर्ग है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नाबालिग बालिकाओं पर अपराध के दर्ज प्रकरण
[गृह]
20. ( क्र. 289 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के महिला थाने सहित अन्य पुलिस थानों में नाबालिग बालिकाओं से संबंधित गंभीर प्रकरण किस-किस थाने में कितने-कितने दर्ज किये गये? जानकारी वर्षवार एवं थानावार देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से लंबित प्रकरणों की समीक्षा समय-समय पर नहीं की गयी है और संबंधित थाना प्रभारी द्वारा भी लंबित प्रकरणों की जानकारी गंभीरता पूर्वक वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय में नहीं भेजी गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में ऐसे कितने और किस-किस थाने के कौन-कौन से प्रकरण लंबित हैं, जिनमें अब तक विवेचना तक नहीं की गयी तथा कितने प्रकरण ऐसे हैं जिनमें चालान प्रस्तुत नहीं किये गये? कारण सहित जानकारी वर्षवार, थानेवार, प्रकरणवार दी जावे? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार महिला अपराधों को लेकर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार तथा समय-समय पर माननीय न्यायालयों द्वारा दिये गये निर्देशों/आदेशों का उल्लंघन कर प्रकरण लंबित रखे जाने एवं वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं करने के लिये संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्या?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्षवार एवं थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा समय-समय पर की जाती है एवं प्रत्येक माह थाना प्रभारियों द्वारा लंबित अपराधों की सूची वरिष्ठ अधिकारियों कार्यालयों में समीक्षा हेतु भेजी जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में दर्ज प्रत्येक प्रकरण की लगातार विवेचना की गई है। प्रश्नांश अवधि के दौरान कुल-1522 दर्ज प्रकरणों में से 220 प्रकरण लंबित हैं, जिनमें चालान प्रस्तुत नहीं किये गये। इससे संबंधित जानकारी वर्षवार, थानावर, प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार महिला अपराधों के संबंध में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार तथा समय-समय पर माननीय न्यायालयों द्वारा प्राप्त निर्देशों एवं आदेशों का पालन पुलिस अधिकारियों द्वारा किया जाता हैं, उक्त प्रक्रिया का पालन न करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की गई है एवं भविष्य में उल्लंघन करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध गुण-दोष के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
किसानों पर गोली चालन की घटना
[गृह]
21. ( क्र. 357 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान मृत किसानों का शवपरीक्षण (पोस्टमॉर्टेम) किस समय किया गया था? किसानों का नाम व समय बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) शवपरीक्षण (पोस्टमॉर्टेम) किन-किन चिकित्सकों द्वारा किया गया था तथा शवपरीक्षण (पोस्टमॉर्टेम) किन-किन की उपस्थिति में किया गया था। (ग) शवपरीक्षण (पोस्टमॉर्टेम) के दौरान मृत किसानों के शरीर से जो गोली प्राप्त हुई थी वह किस बंदूक या रायफल से चली थी? रायफल का नाम तथा गोली का नंबर बतावें। (घ) जिस गोली से किसानों की मृत्यु हुई वह गोली किस अधिकारी/सिपाही को वितरण (इशू) की गई थी? उस अधिकारी/सिपाही का नाम बतावें तथा फायरिंग किसके आदेश पर की गई थी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विस्तृत जानकारी की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ग) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज प्रकरण
[गृह]
22. ( क्र. 358 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान दिनांक 01 जून 2017 से 05 जून 2017 तक तथा 6 जून 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों एवं किसान परिवार पर पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही या कौन-कौन से प्रकरण दर्ज किए गए हैं? पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों की अलग-अलग जानकारी देवें। (ख) जिन किसानों एवं उनके परिवारजनों पर प्रकरण दर्ज किए गए है वह प्रकरण किस आधार/सबूत पर बनाये गये हैं? किसान का नाम एवं प्रकरण के आधार की जानकारी देवें। (ग) ऐसे कितने किसानों पर प्रकरण दर्ज किये गये हैं जो बिना आधार एवं राजनैतिक द्वेषता से नाम बताने एवं शिकायत पर प्रकरण दर्ज किए गए? (घ) द्वेषता पूर्ण एवं असत्य शिकायत करने वाले पर भी शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी या नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मंदसौर जिले में दिनांक 01.06.2017 से 05.06.2017 तक 07 प्रकरण तथा दिनांक 06.06.2017 से प्रश्न दिनांक तक 93 प्रकरण आंदोलन के दौरान पंजीबद्ध किये गये हैं। दर्ज प्रकरणों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है। (ख) आंदोलनकारियों/प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध फरियादीगण की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज किये हैं। प्रकरण विवेचनाधीन है एवं साक्ष्य एकत्र किये जा रहे हैं। (ग) फरियादियों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (घ) द्वेषतापूर्ण कार्यवाही नहीं की गई है।
भू-जलस्तर घटने से उत्पन्न पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 381 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी जिले में वर्ष 2015 से 2017 की अवधि में भूजलस्तर क्रमश: निरन्तर कितने-कितने फुट घटा है और उससे पेयजल पर क्या प्रभाव पड़ा है? (ख) जिला कटनी के विकासखण्डों के कितने मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामों में प्रश्नांश (क) अनुसार जलस्तर कितना घटा है और विभाग को उक्त वर्षों में कितने हैण्डपम्पों व ट्यूब वेलों में अतिरिक्त राईजर पाइप जोड़ने पड़े हैं और नये खनन किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में भूजलस्तर निरन्तर घटने के कौन-कौन से कारण पाये गये हैं और इनसे आगामी 5 वर्षों में जलस्तर घटने की स्थिति क्या होना संभावित है? (घ) क्या विभाग द्वारा किन्हीं अन्य विभागों के समन्वय एवं योजनानुसार 10 वर्ष पूर्व की भूजलस्तर की स्थिति बनाये जाने का किन्हीं प्रकार का प्रयत्न प्रारंभ किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (घ) स्तर तक पहुंचने में निर्धारित योजना में कितने वर्ष लगेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, हैण्डपंपों तथा नल-जल योजना स्त्रोतों में जलस्तर घटा है, पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने हेतु ऐसे स्त्रोतों में आवश्यकतानुसार राइजर पाइप बढ़ाए गये हैं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भू-जल का सिंचाई आदि के लिए अत्यधिक दोहन के कारण भूजल स्तर में गिरावट होती है वर्षा ऋतु में भू-जल रिचार्ज होने पर भू-जल स्त्रोतों के जलस्तर में वृद्धि होती है। भू-जल के निरंतर अत्यधिक दोहन के फलस्वरूप आगामी 5 वर्षों में जल स्तर और घटने की संभावना है। (घ) जी नहीं। परंतु पेयजल स्त्रोतों को सतत् उपयोगी बनाये रखने का प्रयास विभाग द्वारा निरंतर किया जा रहा है, इस हेतु आवश्यकतानुसार एवं तकनीकी रूप से उपयुक्तता के आधार पर भू-जल संवर्धन कार्य, नलकूपों की हाइड्रोफ्रेक्चरिंग, राइजर पाइपों को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। (ड.) इस संबंध में अनुमान लगाया जाना संभव नहीं है।
कारपस फण्ड के जमा राशि
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
24. ( क्र. 394 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा गांधी शासकीय इंजीनियर कॉलेज सागर के कारपस फण्ड में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि जमा है तथा इसका उपयोग किन-किन मदों में करने के निर्देश हैं? (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कॉलेज के कारपस फण्ड से किन-किन कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? कार्यवार, मदवार विवरण देवें। क्या कार्य का भौतिक सत्यापन सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो दिनांक एवं पद नाम सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि उक्त फण्ड का उपयोग नहीं किया गया, तो इसका क्या कारण है तथा इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या कॉलेज की बी.ओ.जी. की 16वीं बैठक में कारपस फण्ड में डिपॉजिट राशि को एफ.डी.आर में शीघ्र परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? क्या एफ.डी.आर. विलंब से कराने के कारण ब्याज दर कम होने से कॉलेज को आर्थिक हानि हुई? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है तथा उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 में कोई व्यय नहीं किया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय आदेश दिनांक 24.09.2016 के द्वारा कार्पस फण्ड का उपयोग करने के नियम बनाये गये है। फण्ड का उपयोग न करना जाँच का विषय है। जाँच उपरांत कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी हाँ। दिनांक 23.06.2016 को। जी हाँ। जाँच उपरांत कार्यवाही की जायेगी।
बंदूक लायसेंस प्रकरण नवीनीकरण
[गृह]
25. ( क्र. 403 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2017-18 के नवीनीकरण हेतु कितने 12 बोर/रिवाल्वर/भरमार/राईफल बंदूक लायसेंस प्रकरण प्रश्न दिनांक तक विभाग में लंबित हैं? (ख) कितने बंदूक लायसेंस वर्ष 2017-18 में नवीनीकरण हेतु जमा किये गये थे जो नवीनीकरण दिनांक के लगभग 03 या 04 माह बाद विभाग द्वारा नवीनीकरण/जारी किये गये हैं? (ग) क्या शासन बंदूक लायसेंस नवीनीकरण में हो रहे विलम्ब के लिये दोषी अधिकारियों/शाखा प्रभारी के विरूद्ध समय पर बंदूक लायसेंस नवीनीकरण न किये जाने पर कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर जिले में वर्ष 2017-2018 के नवीनीकरण हेतु 12 बोर/रिवाल्वर/भरमार/रायफल/बंदूक लायसेंस के प्रश्न दिनांक तक कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) सागर जिले में वर्ष 2017 में नवीनीकरण हेतु 12 बोर के 1096, रिवाल्वर के 129, भरमार के 14 एवं रायफल के 195 कुल 1434 शस्त्र लायसेंस प्रश्न दिनांक तक नवीनीकरण हेतु प्राप्त हुये हैं। जिनका समय-सीमा में नवीनीकरण किया जा चुका है। (ग) शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण में किसी प्रकार का कोई विलंब नहीं हुआ है। अतएव दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैकलॉग तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की पदों की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
26. ( क्र. 405 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत शासकीय इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय सागर में बैकलॉग/कैरिफारवर्ड के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के वर्ष 2003 एवं 2006 में नियुक्त कर्मचारियों के पदों के स्वशासी सेवा में अंतरण संबंधी म.प्र. का राजपत्र प्रदान करें। (ख) विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत बैकलॉग तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वशासी सेवा भर्ती नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) महाविद्यालय में बैकलॉग से नियुक्त तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को सोसायटी की सेवा शर्तें एवं सुविधायें कौन-सी निर्धारित की गई हैं? जबकि बैकलॉग पद शासकीय होते हैं। (घ) 01 मार्च 2013 के अता. प्रश्न क्र. 2103 में आपके द्वारा यह जानकारी दी गई कि महाविद्यालय में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के बैकलॉग कर्मचारियों को समस्त शासकीय सुविधायें दी जा रही है। जबकि आज दिनांक तक उन्हें जी.पी.एफ., शासकीय स्थापना, परमानेंट एम्पलायड कोड, जी.आई.एस. आदि शासकीय सुविधाओं से वंचित रखा गया है? कारण बतायें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार। (घ) उक्त उत्तर में समान सुविधाओं का तात्पर्य उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' में उल्लेखित प्रावधानों से है। वर्ष 2005 में बाद नियुक्त कर्मचारियों को (शासकीय/स्वशासी) का जी.पी.एफ. नहीं काटा जाता है। स्वशासी के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों को शासन के अनुदान से वेतन मिलता है शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पदमाकर थाना मकरोनिया के नवीन भवन की स्वीकृति
[गृह]
27. ( क्र. 406 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने थाना एवं चौकी भवन निर्माण कार्य विगत तीन वर्षों में स्वीकृति/निर्माण किये गये? (ख) पदमाकर थाना मकरोनिया को भवन निर्माण की स्वीकृति कब प्राप्त हुई थी एवं कितनी लागत से भवन निर्माण कराया गया? (ग) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित उप कृषि मंडी कर्रापुर जिला सागर उन्नयन के सभी मापदण्ड पूर्ण करती है? (घ) यदि भूमि संबंधी मापदण्डों को पूर्ण नहीं करती है तो कृषि मण्डी या विभाग द्वारा मापदण्ड पूर्ण करने के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्षों में मात्र पदमाकर नगर थाना भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। (ख) पदमाकर नगर थाना मकरोनिया के भवन निर्माण की स्वीकृति पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना वर्ष 2014-15 के अंतर्गत प्राप्त हुई। राशि रू. 143.06 लाख की लागत से भवन का निर्माण कार्य कराया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) उपमंडी कर्रापुर में 12.25 एकड़ भूमि उपलब्ध है। विभाग द्वारा 15 एकड़ मापदंड निर्धारित किया गया है। कृषि उपज मंडी समिति सागर द्वारा कर्रापुर उपमंडी को भूमि उपलब्ध कराने हेतु कलेक्टर जिला सागर, अनुविभागीय अधिकारी तथा तहसीलदार सागर को पत्र दिनांक 05.01.2017, 31.03.2017, 03.04.2017, 17.04.2017 05.05.2017 08.05.2017 एवं 28.06.2017 से भूमि अधिग्रहण कराने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है, भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही कलेक्टर जिला सागर स्तर पर प्रचलित है।
आत्महत्या पर किसानों को सहायता राशि दिलाया जाना
[गृह]
28. ( क्र. 435 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर जिले के पिपलिया मण्डी क्षेत्र में किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर शान्तिपूर्ण किये जा रहे आन्दोलन को कुचलने के लिए पुलिस द्वारा गोली चलायी गई? गोली लगने से कितने किसानों की मृत्यु हुई तथा कितने किसानों ने चल रहे आन्दोलन के दौरान आत्महत्या की? इसके अलावा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक में कितने किसानों के आत्महत्या के प्रकरण की जानकारी सरकार के पास हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किसानों की गोली लगने से हुई मृत्यु की जाँच हेतु सरकार द्वारा आयोग का गठन कर प्रकरण के मूल तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि आयोग के जाँच के बाद अदालत में चालान पेश करने के प्रावधान नहीं हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के किसानों की हुई मृत्यु (हत्या) के लिए दोषियों पर सी.आर.पी.सी. के तहत अपराध पंजीबद्ध नहीं कराना चाहिये? क्या संबंधित गोली चलाने वालों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये गए? अगर कराये गए तो प्रथम सूचना प्रतिवेदन की प्रति देते हुए बतावें, अगर नहीं तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (क) किसानों की मृत्यु/हत्या कर सरकार द्वारा उनके परिजनों को एक-एक करोड़ रूपये मुआवजा देने की घोषणा की है? क्या इसी आन्दोलन के दौरान आत्महत्या कर रहे किसानों के परिजनों को भी एक-एक करोड़ रूपये की राशि मुआवजे के तौर पर देने के आदेश जारी करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) किसानों की गोली मारकर हत्या करने वालों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न कराने, आयोग से जाँच की आड़ पर प्रकरण में लीपापोती करने एवं हत्यारों को बचाने के प्रयास के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे, साथ ही गोली चलाने वालों पर कब तक हत्या का अपराध पंजीबद्ध करायेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मंदसौर जिले के पिपलिया मण्डी थाना क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 06.06.2017 को उत्पन्न परिस्थितियों में दण्ड प्रक्रिया संहिता में निहित प्रावधानों के तहत आवश्यक बल प्रयोग किया गया। घटनाक्रम के दौरान 05 आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई। आंदोलन के दौरान मंदसौर जिले में किसी भी किसान द्वारा आत्महत्या नहीं की गई। जिला मंदसौर में वर्ष 2015 में 03 तथा वर्ष 2016 में 02 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई थी। (ख) शासन द्वारा न्यायिक जाँच आदेशित कर जाँच आयोग का गठन किया गया है। (ग) शासन द्वारा न्यायिक जाँच के आदेश दिये गये हैं। जाँच आयोग की रिपोर्ट अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। (घ) घटना के संबंध में न्यायिक जाँच आदेशित की गई है। जाँच पूर्ण होने पर जाँच रिपोर्ट में आये तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ड.) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (ग) के उत्तर में समाहित है।
धान क्रय, परिवहन की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 457 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितनी धान कौन-कौन से केन्द्र से कितनी मात्रा में क्रय की गई? केन्द्रवार, तिथिवार मात्रा बतायें। (ख) उपरोक्त धान कहाँ-कहाँ कौन-कौन से गोदाम में भण्डारित की गई थी? गोदाम का स्थान, गोदाम मालिक का नाम और धान की मात्रा भण्डारण की अवधि सहित बतायें तथा यह बतावें कि बालाघाट जिले के अंतर्गत वे कौन-कौन से गोदाम हैं, जहां पर कि धान भण्डारित नहीं की गई थी? उसका क्या कारण है और उसके लिये जिम्मेदार कौन है? (ग) धान खरीदी केन्द्र से निकटतम बढ़ते क्रम में गोदाम कहाँ-कहाँ पर हैं, जिनमें कि धान उस केन्द्र की भण्डारित नहीं की गई थी? इसका क्या कारण है और कौन जिम्मेदार है? (घ) धान के परिवहन में कुल कितना व्यय हुआ? किस-किस परिवहन एजेंसी को कितना भुगतान किया गया? उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेन्सी/ट्रेवल्स को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया? दिनांकवार, कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बालाघाट जिले अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर 156 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 35,86,488.97 क्विंटल धान खरीदी की गई। खरीदी की गई मात्रा की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। दिनांकवार खरीदी की जानकारी अत्यन्त वृहद स्वरूप की है जो mpeuparjan.nic.in पोर्टल पर उपलब्ध है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में उपार्जित मात्रा में से विपणन संघ के भंडारण केन्द्रों एवं कैपो में 22,21,707.59 क्विं., वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स बालाघाट के भंडारण केन्द्रों में 13,18,221.16 क्विं. तथा सी.डब्ल्यू.सी गर्रा में 46560.22 क्विं. का भंडारण किया गया है। गोदामों का स्थान, मालिक का नाम, भण्डारित धान की मात्रा एवं अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन की जे.व्ही.एस. योजना अंतर्गत जिन गोदमों मालिकों द्वारा ऑनलाईन ऑफर किये गये थे। उनमें से उपयुक्त गोदाम पाये गये उन समस्त निजी गोदमों को म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स द्वारा अनुबंधित कर उपार्जित धान भंडारित की गई है। (ग) विपणन संघ द्वारा न्यूनतम दूरी के आधार पर निकटतम गोदमों में धान का भंडारण किया गया है। वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा जिन गोदमों का आफर जे.व्ही.एस योजना के तहत ऑनलाईन ऑफर किया गया था। उन समस्त निजी गोदमों को वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा अनुबंधित कर गोदमों में उपार्जित धान भंडारित की गई है। (घ) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के परिवहन में कुल राशि रू. 13,44,64,983 करोड़ का व्यय हुआ है एवं परिवहन एजेन्सी को राशि रू. 11,50,09,000 करोड़ भुगतान किया गया है। तिथिवार एवं चेक क्रमांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
30. ( क्र. 460 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अतंर्गत जिला बालाघाट में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। उक्त कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्षवार, कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) बालाघाट जिले में किस-किस ग्राम पंचायत में नल-जल योजनाएं चल रही हैं? कितनी नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं? बंद होने का कारण क्या है? आम जनता को स्वच्छ पेयजल न मिल पाने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? इन लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही कर दी जावेगी? (ग) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने हैण्डपंप खनन किये गये? ग्रामवार, दिनांकवार, विकासखण्डवार किनकी अनुशंसा पर खनन कार्य किया? विस्तृत ब्यौरा देवें। स्थानीय विधायक सहित किन-किन की कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई एवं उक्त कितनी अनुशंसाओं पर हैण्डपंप खनन कार्य किया गया? जिन अनुशंसाओं पर कार्यवाही नहीं की गई, कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। हस्तांतरित योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 210 नलकूपों का खनन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। अनुशंसित पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में कार्यवाही नहीं की गई है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[परिवहन]
31. ( क्र. 461 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परिवहन कार्यालय में कार्यालय प्रमुख द्वारा 1 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक जिले में कहाँ-कहाँ के दौरे किये और क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की? (ख) क्या बालाघाट से चलने वाली और गुजरने वाली यात्री बसों का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, विगत एक वर्ष में तो कुल कितनी बसों में से कितनी बसों पर एमरजेंसी गेट पीछे की ओर कांच लगवाया गया तथा सीढ़ी का जाल कटवाया गया? आपके अधिनस्थ किन-किन रास्ते पर कौन-कौन सी कंपनी/फर्मा की बस किस-किस समय चलाई जाती है? बस मालिक के नाम सहित बस क्रमांक वैधता तिथि सहित पूर्णत: ब्यौरा देवें। (ग) उपरोक्त यात्री बसों में क्या किराया सूची लगवाई गई? यदि हाँ, तो पुष्टि करने वाले और निरीक्षण करने वाले शासकीय सेवक का नाम पद बताये तथा कौन-कौन सी बस में किराया सूची लगवाई गई उसका क्रमांक रूट बस मालिक के नाम सहित परमिट सहित बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत कार्यालय प्रमुखों (श्री पी.एस.भिलाला, श्री देवेश बाथम, श्री आर.एस.चिकवा) द्वारा दिनांक 01/01/2017 से विभिन्न मार्गों का दौरा किया गया है। तथा निरीक्षण के दौरान 292 यानों का निरीक्षण किया गया जिसमें मालयान/यात्री यान/ऑटों एवं अन्य वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही कर अर्थदण्ड वसूल किया गया है। निरीक्षण किये गये वाहनों की सूची पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। कुल 58 बसों का निरीक्षण किया गया। प्रश्नाधीन अवधि में किये गये निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी गेट, पीछे की ओर काँच तथा सीढ़ी का जाल कटवाने की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि ये पूर्व से ही उपरोक्त बसों में लगे हुये थे। कंपनी/फार्मों एवं बस मालिकों के नाम सहित बस क्रमांक वैधता तिथि सहित 236 बसों की सूची पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में कार्यालय प्रमुखों (श्री पी.एस.भिलाला, श्री देवेश बाथम, श्री आर.एस.चिकवा) द्वारा 58 बसों का निरीक्षण किया गया है। उपरोक्त सभी बसों में पूर्व से ही किराया सूची चस्पा थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 480 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा जनभागीदारी योजनार्न्तगत आदिवासी ग्रामों में कुल योजना लागत के 1 प्रतिशत तथा सामान्य बाहुल्य क्षेत्र में 3 प्रतिशत जनभागीदारी कर उन ग्रामों में शेष राशि शासन द्वारा स्वीकृत कर पेयजल की योजना स्वीकृत की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र भिण्ड के अंतर्गत किन ग्राम पंचायतों द्वारा जनभागीदारी राशि जमा कर योजना बनाने हेतु प्रस्ताव किया गया? ग्रामीणों द्वारा जनभागीदारी राशि कब जमा की गई, दिनांक सहित ग्रामों के नाम तथा जमा राशि विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत जनभागीदारी राशि जमा करने वाले प्रस्तावित ग्रामों में से कितने ग्रामों में योजना की स्वीकृति प्रदान की गई या नहीं की गई तो क्या कारण हैं? (घ) सांसद आदर्श ग्राम नुन्हाटा की नल-जल योजना के निर्माण हेतु निविदा कब तक आमंत्रित की जावेगी तथा कब तक पूर्ण कर ग्रामवासियों को योजना का लाभ दिलाया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, परंतु जनभागीदारी की राशि विभाग में संचित रखी जाकर योजना स्वीकृति के पश्चात् योजना की पूर्ण लागत शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) प्रश्नांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है तथापि प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र की किसी भी ग्राम पंचायत द्वारा जनभागीदारी की राशि जमा नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) योजना तैयार की जा रही है। निविदा आमंत्रण की निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा के नीचे राशनकार्ड (बी.पी.एल.) की पर्ची जारी की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
33. ( क्र. 481 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत तीन साल के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों के बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये हैं उनमें से कितनी खाद्य पर्ची जारी की गई हैं प्रश्नांश दिनांक तक कितनों को खाद्य पर्ची जारी नहीं की गई? संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत हितग्राही को पर्ची जारी न करने के क्या कारण हैं। इसके लिए कौन दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) बी.पी.एल. राशन कार्ड हितग्राहियों के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी योजना संचालित है? क्या पर्ची के बिना हितग्राही को योजना का लाभ मिलेगा यदि नहीं, तो पर्ची जारी करने में विलम्ब के क्या कारण हैं? कब तक जारी हो जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) शासन की योजना अनुसार वंचित रखने के लिए कौन दोषी है? किस स्तर पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत तीन साल में 7924 हितग्राहियों को गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार श्रेणी अंतर्गत राशनकार्ड जारी गए हैं, उनमें से 2193 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गयी है। 5731 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बी.पी.एल. राशनकार्ड हितग्राहियों के लिए विभाग द्वारा खाद्यान्न, नमक व केरोसीन प्रदाय की योजना चलाई जा रही है। जी नहीं शेष जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस थाना नूराबाद में पंजीकृत अपराध की जानकारी
[गृह]
34. ( क्र. 506 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना नूराबाद मुरैना द्वारा दिनांक 26.08.2016 को समय 16:10 बजे प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रं. 0186 पर कितने लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया था? उनके नाम सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त अपराध में नामजद तीन आरोपी जिन्हें दिनांक 24.08.2016 को जौरा पुलिस द्वारा धारा 151, 107, 116 (3) के तहत गिरफ्तार कर सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट जौरा मुरैना के यहां पेश किया, उन्हे दिनांक 25.08.2016 को ही उपजेल जौरा में निरूद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो विवेचना अधिकारी थाना नूराबाद द्वारा उक्त आरोपियों को अपराध से पृथक जून 2017 तक क्यों नहीं किया गया, पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या नूराबाद पुलिस द्वारा पंजीकृत अपराध क्रं.186 दिनांक 26.08.2016 की जाँच का कार्य वरिष्ठ अधिकारियों को दिया गया था जिसमें उपजेल जौरा में 25.08.2016 से 30.08.2016 तक बन्द व रिहाई आदेश की प्रतिलिपि दी गई थी। यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) थाना नूराबाद जिला मुरैना में दिनांक 26.08.2016 के शाम 06.10 बजे फरियादी चरतसिंह पुत्र सुल्तान सिंह उम्र 33 साल निवासी चुरहेला की रिपोर्ट पर अप.क्र. 186/16 धारा 307, 294, 147, 148, 149 ताहि. का आरोपी 1. वीरेन्द्र सिंह 2. रामसिंह 3. विशंभरसिंह सभी पुत्र माधौसिंह गुर्जर 4. रामनिवास पुत्र सियाराम गुर्जर एवं सुरेन्द्र सिंह पुत्र वासुदेव गुर्जर कुल 05 लोगों के विरुद्ध नामजद अपराध पंजीबद्ध किया गया है। (ख) जी हाँ। उक्त अपराध में नामजद तीन आरोपी (रामसिंह, विशंभरसिंह और सुरेन्द्र सिंह गुर्जर निवासीगण चुरहेला) जिन्हें दिनांक 24.08.2016 को जौरा पुलिस द्वारा धारा 151, 107, 116, (3) के तहत गिरफ्तार कर सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, जौरा मुरैना के यहाँ पेश किया गया था एवं उन्हें दिनांक 25.08.2016 को ही उपजेल जौरा में निरुद्ध किया गया था। प्रकरण की विवेचना के दौरान उक्त आरोपियों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर आवेदन पत्र की जाँच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, बामौर द्वारा की गई है। अपराध सदर की विवेचना के दौरान आये साक्ष्य में आरोपी रामसिंह, विशंभरसिंह और सुरेन्द्र सिंह गुर्जर, निवासीगण चुरहेला घटना स्थल पर उपस्थित नहीं पाये गये हैं किंतु इनके विरुद्ध धारा 120 बी ताहि. के तहत अपराधिक षडयंत्र के साक्ष्य प्रमाणित पाये गये हैं। प्रकरण में धारा 147, 148,149 भा.द.वि. पृथक की जाकर धारा 120 बी भा.द.वि. इजाफा की गई है। प्रकरण वर्तमान में विवेचाधीन है, उपलब्ध साक्ष्य अनुसार विधि अनुरुप कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। शेष उत्तर प्रश्नांश (ख) में समाहित है।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्य/हैण्डपम्प खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 507 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधायक सुमावली मुरैना द्वारा क्षेत्रीय विकास विधायक निधि वर्ष 2016-17 को पेयजल हेतु नलकूप खनन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मुरैना को राशि जारी करने हेतु पत्र क्र. 3079/16 दिनांक 29.12.2016 अनुशंसा की गई थी। उस पर अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावे। (ख) क्या सहायक संचालक (प्रशासन) आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय भोपाल द्वारा पत्र क्रं; 1246-2017/आ.सां.सं./1 प्रशा./दिनांक 10.03.2017 को जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय मुरैना के पत्र क्रमांक 3141 दिनांक 03.12.2016 एवं पत्र क्रं. 458 दिनांक 16.02.2017 के संदर्भ में भेजा गया था. उस पर जून 2017 तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) विधायक निधि से खनन नहीं होने का क्या कारण रहा? क्या विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कार्य में विलम्ब करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी, तथ्यों सहित जानकारी दी जावे। (घ) विधायक विकास निधि सुमावली से नलकूप खनन कब तक किये जा सकेंगे समय-सीमा बताई जावे तथा क्या शासन उक्त निधि से कार्य में तत्परता हेतु निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। अनुशंसा की गई थी, परंतु राशि विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। परंतु राशि विभाग को प्राप्त नहीं हुई, अतः कार्य नहीं कराए जा सके हैं। (ग) विधायक निधि से राशि प्राप्त नहीं होने के कारण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) राशि प्राप्त होने पर नलकूप खनन का कार्य किया जावेगा। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।
विस्थापितों को नौकरी प्रदाय करने बावत्
[राजस्व]
36. ( क्र. 529 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत बरगवां में महान एल्युमिनियम एवम कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट (हिन्डालको) द्वारा रघुवीर सिंह सूर्यलाल सिंह गोंड, मोहन पि. रघुवीर सिंह गोंड, अनील सिंह पिता रघुवीर सिंह गोंड एवमं अन्य जिन-जिन कृषकों की भूमि अधिगृहित की गई है, क्या उन पात्र विस्थापित भूमिस्वामियों को कंपनी द्वारा अनुबंध के शर्तों अनुसार अभी तक नौकरी पर नहीं रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर यदि हाँ, तो जिन-जिन कृषकों की भूमि अधिगृहित की गई है उनके परिवार के सदस्यों को अनुबंध अनुसार नौकरी पर कब तक रखा जावेगा और अब तक न रखने के लिए कौन दोषी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिंगरौली जिले के अतंर्गत बरगवा में महान एल्युमिनियम एवं कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट के लिए जिन कृषकों की भूमि अधिग्रहित की गई है। उन्हें पात्रता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया है। श्री रघुवीर सिंह की उम्र 50 वर्ष हो चुकी है। इसलिए उन्हें पेंशन दी जा रही है। श्री मोहन पिता रघुवीर सिंह गोंड को परियोजना के कास्ट हाउस में फोरविल्हर डाइवर तथा अनिल सिंह पिता रघुवीर सिंह गोंड को कास्ट हाउस में हेल्पर के पद पर कार्य दिया गया है। (ख) परियोजना परिसर में कुल 1628 परिवार घर विस्थापित व 366 परिवार भू-विस्थापित हुए थे। हिण्डाल्को प्रवंधन द्वारा आज दिनांक तक परियोजना में कुल 2123 विस्थापित व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। जिनका विवरण निम्न है- स्थायी-339 संविदा-1220 स्टाफ-15 टेनी-103 पेंशनर्स-403।
चितरंगी में आई.टी.आई. महाविद्यालय खुलवाए जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
37. ( क्र. 535 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्र के चितरंगी मुख्यालय में सभी विभागीय कार्यालय संचालित हैं और शासकीय स्नातक महाविद्यालय भी संचालित है लेकिन आई.टी.आई. महाविद्यालय नहीं है जिससे यहाँ के आदिवासी छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए परेशानी होती है? क्या इसके संबंध में क्षेत्रीय विधायक द्वारा आई.टी.आई. महाविद्यालय खोलवाए जाने हेतु शासन स्तर पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर पर आई.टी.आई. महाविद्यालय खोले जाने की योजना है? यदि नहीं, तो विवरण दें। (ख) क्या आई.टी.आई. महाविद्यालय कब तक में खुलवाए जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। विभाग की नीति अनुसार प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की योजना है। विभाग द्वारा चितरंगी विकासखण्ड में वर्तमान में आई.टी.आई. खोलने की योजना नहीं है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खद्यान्न कूपन/पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 536 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कुल कितने परिवार पात्रता रखते हैं, उसमें से कितने परिवारों को लाभ प्राप्त हो रहा है तथा कितने परिवार वंचित हैं? पंचायतवार विवरण दें? (ख) क्या खाद्यान्न सुरक्षा किसान पर्व के अन्तर्गत अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लोगों व अन्य व्यक्तियों का दिनांक 23 अगस्त 2016 से खाद्यान्न पर्ची बन्द कर दी गयी हैं? यदि हाँ, तो कारण बताएँ और कब तक में खाद्यान्न पर्ची जारी की जायेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सिंगरौली जिले की चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत कुल 76,570 परिवारों को पात्रता श्रेणी अंतर्गत सत्यापित किया गया है जो खाद्यान्न सामग्री की पात्रता रखते है, इनमें से 75,322 परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। शेष 1248 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी न होने के कारण खाद्यान्न का वितरण नहीं किया जा रहा है। अलाभान्वित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए।
मत्स्य पालन केन्दों का संचालन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
39. ( क्र. 562 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में मछली पालन केन्द्र कहाँ-कहाँ पर है तथा वर्तमान में उसका संचालन कौन-कौन कर रहे हैं? (ख) क्या इन केन्द्रों की प्रति वर्ष नीलामी होती है? यदि हाँ, तो किस माध्यम से तथा नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रति वर्ष इन केन्द्रों से कितनी मछलियों का विक्रय किया जाता है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
बोगस राशन कार्ड को निरस्त किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 595 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गरीबों को सस्ती रियायती दरों पर उपलब्ध कराये जाने वाले राशन के लिये गरीबों के जो राशन कार्ड बने है, उनमें भारी संख्या में बोगस और फर्जी राशन कार्ड होने और फर्जी गरीबों द्वारा सस्ता राशन लेने की शिकायतों पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है और किन-किन नगरों में अब तक कितने बोगस राशन कार्ड निरस्त किये गये हैं। (ख) बोगस राशन कार्ड बनवाने वाले फर्जी गरीबों और बनाने वाले सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है। (ग) बोगस राशन कार्डों और राशन पाने वाले गरीबों की संख्या को लेकर महालेखाकार कार्यालय ने भी अपने प्रतिवेदन में भी शासन को आगाह किया है, इस पर शासन ने संज्ञान लेते हुये क्या कार्यवाही की।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान आन्दोलन में लाठी चार्ज की घटना
[गृह]
41. ( *क्र. 610 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के कई जिलों में हाल के दिनों में किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया गया उक्त आंदोलनों में किसके आदेश पर किसानों पर लाठी चार्ज व गोलियां चलाई गई? लाठीचार्ज व फायरिंग में किन-किन किसानों की जाने गई हैं और कौन-कौन घायल हुए हैं? प्रभावित किसानों को कितना मुआवजा देने की घोषणा की गई थी और कितना मुआवजा अब तक दिया गया है? नामवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त बर्बरतापूर्ण कार्यवाही के कौन-कौन दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है और नहीं की गई है तो क्यों? (ग) मध्यप्रदेश की विभिन्न जनपद पंचायतों में विगत 3 वर्षों में कितने बार कृषि समिति की बैठक की गई है? कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे? क्या नियमित बैठकें की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में माह जून में किसानों द्वारा कतिपय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन के अनुक्रम में आंदोलन हिंसक होने तथा अवैध मण्डली का स्वरुप धारित करने पर पुलिस द्वारा विधिसम्मत मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए मध्यप्रदेश पुलिस मेन्युअल एण्ड रेग्युलेशन के पैरा क्रमांक 439, 440, 441 एवं 442 में वर्णित मानक प्रक्रिया तथा आत्मरक्षा के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अधीन परिस्थिति अनुसार उपस्थित संक्षम अधिकारी द्वारा आवश्यक बल का प्रयोग किया गया। जिला मंदसौर में आंदोलन के दौरान घटित घटनाक्रम में फायरिंग एवं लाठीचार्ज संबंधी परिस्थितियों की जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित किया गया है, इसलिए इससे संबंधित जाँच बिन्दुओं पर टिप्पणी करना न्यायसंगत नहीं होगा। आंदोलन के दौरान मृत व घायल आंदोलनकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ख) जिला मंदसौर में आंदोलन के दौरान घटित घटनाक्रम में फायरिंग एवं लाठीचार्ज संबंधी परिस्थितियों की जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित किया गया है, प्रदेश में शेष जिलो में आंदोलन के दौरान पुलिस रेग्युलेशन एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अधीन मौके पर उपस्थित सक्षम अधिकारी द्वारा मानक प्रक्रियानुसार आवश्यक बल प्रयोग किया गया है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बुजुर्ग दंपत्ति की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
42. ( क्र. 645 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुजुर्ग दंपत्ति को उनके पुत्र/पुत्री/पुत्र वधु व नाती पोतों द्वारा प्रताड़ित करने पर बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा थाने में की गई शिकायत पर किस-किस धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध करने का नियम है? (ख) क्या ग्राम ढावा तिवरिया थाना व तहसील हनुमना जिला रीवा में अस्सी वर्ष के बुजुर्ग दंपत्ति सूर्यवंशमणि तिवारी द्वारा उन्हें और उनकी पत्नी को उनके बड़े पुत्र, पुत्रवधु सत्यवती देवी तथा पौत्र द्वारा प्रताड़ित करने बाबत् शिकायत थाना हनुमना में दिनांक 18.1.17 को की थी तथा पुलिस कर्मियों द्वारा शिकायत दर्ज न करने पर पुन: दिनांक 25.1.17 को शिकायत की थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त आवेदन पर संबंधितों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि हाँ, तो क्रमांक दिनांक बताएं। यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? स्पष्ट कारण बताएं एवं आवेदन पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (घ) क्या स्थानीय पुलिस द्वारा सत्यवती देवी के प्रभाव में कोई कार्यवाही नहीं करने पर पुलिस महानिदेशक को दिनांक 31.1.17 की जनसुनवाई में भी आवेदन दिया था जो क्रमांक 69 पर अंकित है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही आज दिनांक तक हुई? (ड.) क्या स्थानीय पुलिस द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को यह गलत जानकारी दी जा रही है कि सत्यवती ने कब्जा हटा दिया है और स्थिति सामान्य है, जबकि वास्तविकता यह है कि सत्यवती आज भी बुजुर्ग दंपत्ति के निवास पर जबरन काबिज है एवं उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रही है एवं स्थानीय पुलिस भी बुजुर्ग दंपत्ति को डरा धमकाकर उनके विरूद्ध कार्यवाही कर उन्हें फंसाने की धमकी दे रही है? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) की निष्पक्ष जाँच कराकर सत्यवती एवं उनके पुत्र व पति के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर तथा प्रकरण में लीपापोती करने वाले स्थानीय पुलिस कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच/कार्यवाही कर बुजुर्ग दंपत्ति को कब तक न्याय प्रदान किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) किसी भी व्यक्ति द्वारा थाने पर शिकायत करने पर जाफ्ता फौजदारी की प्रक्रिया के तहत संज्ञेय अपराध होने पर सुसंगत धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज करने का नियम है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों की जाँच थाना हनुमना पुलिस द्वारा दिनांक 09.02.2017 को मौके पर जाकर की जाने पर मामला बाप एवं बेटे, बहू के मध्य पारिवारिक हिस्साबांट का पाया गया। जाँच पर किसी प्रकार के संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। (घ) आवेदक श्री सूर्यवंशमणि तिवारी द्वारा दिनांक 31.01.2017 को आवेदन पत्र दिया गया था, जिसकी जाँच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) मऊगंज से कराई गई है। मामला बाप एवं बेटे, बहू के मध्य पारिवारिक हिस्साबांट का पाये जाने एवं संज्ञेय अपराध का घटित नहीं होना पाया जाने से कोई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। (ड.) जी नहीं। (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) की निष्पक्ष जाँच कराई गई है, जाँच पर किसी प्रकार के संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व ग्राम बनाने का प्रस्ताव
[राजस्व]
43. ( क्र. 673 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत श्योपुर तहसील के ग्राम/मजरा आबादी पंजाबी टपरा (प्रताप नगर) को राजस्व ग्राम बनाने का प्रस्ताव क्या शासन को स्वीकृति हेतु भेज दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? इसमें विलंब के लिये दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ख) यदि प्रस्ताव भेज दिया हो तो बतावें कि ये किस स्तर पर कब से व क्यों लंबित है? इस संबंध में क्या कार्यवाही पूर्ण/अपूर्ण रह गई है? इसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) उक्त ग्राम/मजरे को राजस्व ग्राम घोषित करने में यदि कोई कठिनाई हो तो बतावें? इसका निवारण कब तक कर लिया जावेगा? (घ) क्या उक्त ग्राम/मजरे को राजस्व ग्राम घोषित न करने के कारण इसमें रहने वाले लोगों को शासन की समस्त योजनाओं का पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे मूल ग्राम पर आश्रित बने हुए है? यदि हाँ, तो इसे राजस्व ग्राम बनाने हेतु समस्त विधिमान्य प्रक्रियाएं यथाशीघ्र पूर्ण करके कब तक इसे राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव कार्यालयीन पत्र क्रमांक 902, दिनांक 16.5.2017 द्वारा धारा 108 के अंतर्गत अधिसूचना जारी कराये जाने बावत् भेजा गया है। विलम्ब के लिय अद्र्व न्यायायिक प्रक्रिया होने के कारण कोई भी कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। (ख) प्रस्ताव में अधिसूचना जारी किये जाने कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कलेक्टर जिला श्योपुर के आदेश क्रमांक 13 दिनांक 9.3.2017 द्वारा उक्त मजरे को पृथक ग्राम घोषित किया जा चुका है। कोई कठिनाई नहीं। (घ) प्रश्नांश ‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अतः इसमें रहने वाले लोगों को मूल ग्राम की भांति ही लाभ प्राप्त हो रहा है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. कॉलेज भवन निर्माण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
44. ( क्र. 674 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कौशल विभाग संचालनालय मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक कौ.वि.स./वि.स.ध्याना 50/1588 जबलपुर दिनांक 27.03.2017 के पालन में प्रचार्य शास. पॉलीटेक्निक कॉलेज शिवपुरी द्वारा प्राचार्य शास. आई.टी.आई. कॉलेज श्योपुर के साथ श्योपुर आई.टी.आई. के नवीन भवन का निरीक्षण किया था? (ख) यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतावे कि प्रतिवेदन में उल्लेखित बिन्दुओं के आधार पर क्या उक्त भवन के निर्माण की गुणवत्ता घटिया स्तर की पाई गई थी? यदि हाँ, तो इस हेतु दोषी विभागीय अमले के विरूद्ध वर्तमान तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या प्रतिवेदन में निरीक्षण दल द्वारा उक्त भवन की अन्य कमियों की विस्तृत जाँच किसी सिविल इंजीनियर से कराई जा सकती है? ये लिखा है यदि हाँ, तो क्या सिविल इंजीनियर से जाँच कराई गई? यदि नहीं, तो क्या शासन जाँच करवाएगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. भोपाल के पत्र दिनांक 06.07.2017 द्वारा स्पष्ट किया गया है कि दर्शायी गयी त्रुटियां घटिया निर्माण की श्रेणी में नहीं आती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. भोपाल द्वारा सूचित किया गया है कि दिनांक 27.06.2017 संभागीय परियोजना यंत्री पी.आई.यू. शिवपुरी द्वारा भवन का निरीक्षण किया गया तथा दिनांक 15.08.2017 तक उपरोक्त कमियों को दूर करने हेतु संबंधित अनुबंधक को निर्देश दिये गये है। कमियों की पूर्ति होने के उपरांत पुन: निरीक्षण किया जाकर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
45. ( क्र. 709 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के वि.ख. मझगवां में पुलिस लाइन में लगभग 50 वर्षों से गरीब आदिवासियों एवं अन्य लोगों द्वारा मकान बनाकर किन-किन खसरा नंबरों पर निवास कर रहे हैं? (ख) क्या उक्त अतिक्रमण कर्ताओं को तब तक न हटाया जाये जब तक की यह सुनिश्चित न कर लिया जाये की सीमांकन करने के पश्चात् यह तय हो जाये की वास्तव में वे शासकीय भूमि पर काबिज हैं? (ग) क्या मझगवां के विवादित खसरा नंबरों का जिसमें अतिक्रमण होना बताया गया है उनका सीमांकन नक्शा नहीं होने के कारण अभी तक नहीं किया गया? फिर अतिक्रमण किस आधार पर हटाये जाने की कार्यवाही की गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क),(ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में मा. उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं पर यह निर्णय लिया गया था कि सीमांकन करने के पश्चात् ही अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की जाये? किंतु माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन करने के लिये कौन दोषी हैं तथा जब तक सीमांकन नहीं हो जाता तब तक शासन द्वारा आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले में ग्राम मझगवां की पुलिस लाइन में लगभग 50 वर्ष से नहीं बल्कि विगत 10-12 वर्षों से खसरा नंबर 487, 488, 704 में 234 व्यक्तियों ने अतिक्रमण किया था जो दिनांक 27.05.2017, 28.05.2017, 29.05.2017 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में डब्ल्यू पी क्रमांक 11555/15 आदेश दिनांक 23.07.2015 एवं अवमानना प्रकरण क्रमांक CONC-249/2017 दिनांक 04.02.2017 के पालन में हटा दिया गया है वर्तमान में कोई भी निवास नहीं कर रहा है। (ख) जी नहीं, ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) ग्राम का नक्शा 1935-36 कपड़ा सीट उपलब्ध है। इसी नक्शें के आधार पर भूमि को चिन्हांकित करके अतिक्रमणकारियों को विधि सम्यक सूचना पत्र जारी करके सभी पक्षों को सुनने के पश्चात् नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश के पालन में ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है, आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया है। इसमें कोई दोषी नहीं होने से किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
किसानों की क्षतिपूर्ति/मुआवजा प्रदान किये जाने बावत्
[राजस्व]
46. ( क्र. 717 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुछ किसानों के खेतों एवं मकानों में विद्युत तार, लूज वायरिंग एवं ट्रांसफार्मर शॉट सर्किट होने के कारण आग लगी थी जिसके कारण किसानों की फसलें जलकर नष्ट हो गई और उन्हें बहुत अधिक नुकसान एवं क्षति हुई है। परंतु ऐसे प्रभावित किसानों को अभी तक कोई क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई है? जिसका क्या कारण है? (ख) ऐसे प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि राजस्व विभाग द्वारा प्रदान की जायेगी या ऊर्जा विभाग के द्वारा प्रदान की जायेगी? (ग) ऐसे प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया, जिलाध्यक्ष छिंदवाड़ा एवं छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री जी को पत्र प्रेषित किये गये थे। जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला छिन्दवाड़ा के परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत शॉर्ट सर्किट से आग लग जाने से हुई फसल क्षति/मकान क्षति के प्रकरणों में विपत्तिग्रस्त किसानों को आर.बी.सी 6-4 के प्रावधान के तहत राशि 3,46,207/- स्वीकृत की जाकर प्रदाय की जा चुकी है (ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार )। (ख) विद्युत शॉट सर्किट से आग लग जाने से हुई फसल क्षति/मकान क्षतिपूर्ति का मुआवजा राजस्व विभाग द्वारा आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधान के तहत प्रदान की गई है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी एवं जिलाध्यक्ष को प्राप्त आवेदन पत्रों पर कार्यवाही कर हितग्राहियों को आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाकर उनके खातों में जमा की जा चुकी है।
परासिया में शासकीय आई.टी.आई. की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
47. ( क्र. 718 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के माध्यम से सभी विधान सभा क्षेत्रों में शासकीय आई.टी.आई. खोला जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने हेतु मान. राज्यमंत्री तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2017/252 दिनांक 05.06.2017 के माध्यम से निवेदन किया गया था, जिस पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने की स्वीकृति कब तक प्रदान करते हुए, शासकीय आई.टी.आई. प्रारंभ कर दी जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) विकासखण्ड परासिया में दो प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित है। वर्तमान में परासिया में आई.टी.आई. खोलने की योजना नहीं है। (ग) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के नगर व पंचायतों में संचालित खाद्य दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 732 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु प्रत्येक नगर में वार्ड एवं ग्रामों में पंचायत स्तर पर खाद्य विभाग की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त निर्देश के पालन में राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के नगर के सभी वार्डों एवं सभी पंचायातों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोली गई हैं? यदि हाँ, तो बतावें। (ग) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में शासकीय उचित मूल्य दुकानें किन-किन नगरों के वार्डों एवं ग्रार्मों की पंचायतों में कहाँ-कहाँ पर किस सेल्समेन के द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं? उनके नाम, पते तथा उक्त दुकानों पर कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी कितनी-कितनी सामग्री प्रतिमाह वितरित की जा रही है? (घ) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ की ऐसे कितने नगर के वार्ड एवं ग्राम पंचायतें है जिनमें शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित नहीं है? उन नगर के वार्डों एवं पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य दुकानें कब तक संचालित की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के प्रावधानानुसार प्रत्येक नगर में उस नगरीय क्षेत्र के पात्र परिवारों की कुल संख्या में 800 से भाग देने के पश्चात् प्राप्त संख्या अनुसार उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। जबकि प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम 1 दुकान खोलने का प्रावधान है। ऐसी पंचायतें जिनमें पात्र परिवारों की संख्या 800 से अधिक है वहां अतिरिक्त दुकान खोलने का प्रावधान है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के प्रावधानों को माननीय उच्च न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं में अंतरिम स्थगन आदेश देने के कारण प्रत्येक पंचायत में उक्त प्रावधानानुसार उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं हो सकी है। शासन द्वारा वर्तमान में केवल दुकानविहीन पंचायतों में शीघ्र उचित मूल्य दुकान खोलने हेतु उक्त नियंत्रण आदेश में पुन: संशोधन किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र की 48 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें संचालित नहीं हैं। उक्त पंचायतों में उचित मूल्य दुकान खोलने की कार्यवाही प्रारंभ करने हेतु शीघ्र दिशा-निर्देश जारी किये जाएंगे। नगरीय क्षेत्र में माननीय न्यायालय से स्थगन समाप्त होने पर निर्णय अनुसार दुकान की संख्या निर्धारण कर कार्यवाही की जा सकेगी।
निजी भूमि बनी सड़क का ब्यौरा पटवारी मानचित्र में दर्ज करना
[राजस्व]
49. ( क्र. 755 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी भूमि पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने वाली सड़कों के किस किस ब्यौरे को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी के कॉलम 12 में दर्ज किए जाने की समयावधि क्या निश्चित है, सड़क के ब्यौरे पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किए जाने की जिम्मेदारी किस-किस की है। (ख) बैतूल जिले में बरेठा से घोड़ाडोंगरी, बैतूल से आमला बोरदेही, बैतूल से रानीपुर सारनी, परासिया मार्ग के उपयोग में ली गई किस ग्राम के किसानों की निजी भूमि के ब्यौरे किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी के कॉलम 12 में दर्ज नहीं किए गए हैं। (ग) पटवारी के द्वारा गिरदावरी कब-कब की जाती है? गिरदावरी के समय निजी भूमि पर बनाई गई सड़क से संबंधित ब्यौरे पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किए जाने, आर.आई. एवं नायब तहसीलदार, तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के क्या प्रावधान प्रचलित हैं। (घ) निजी भूमि पर बनाई गई सड़क के ब्यौरे कब तक पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी के कॉलम 12 में दर्ज कर किए जावेंगे? समय-सीमा सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) निजी भूमि पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने वाली सड़कों का भू-अर्जन अवार्ड पारित होने के पश्चात् लोक निर्माण विभाग द्वारा अभिलेख प्रस्तुत करने पर दुरूस्ती का विवरण खसरा पंजीके कॉलम नं 12 में गिरदावरी के समय दर्ज किया जाता है एवं सड़क के ब्यौंरे पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किए जाने की जिम्मेदारी राजस्व निरीक्षक/पटवारी की है। (ख) बैतूल जिले में बरेठा से घोड़ाडोंगरी मार्ग में निजीभूमि के भू-अर्जन प्रकरण प्रचलित है। बैतूल से आमला बोरदेही मार्ग में लोक निर्माण विभाग द्वारा भू-अर्जन संबंधी अभिलेख प्रस्तुत न करने से दुरूस्ती की कार्यवाही नहीं की गई है। बैतूल से रानीपुर, सारणी, परासिया मार्ग में अर्जित भूमि का अभिलेख दुरूस्त कर दिया गया है। (ग) पटवारी द्वारा खरीफ फसल की गिरदावरी सितम्बर से 31 अक्टूबर तक एवं रबी फसल की गिरदावरी दिसम्बर से 15 जनवरी तक की जाती हैं। गिरदावरी के समय खसरा के कॉलम नं 12 में कुंआ, वृक्ष, मकान, नव निर्मित सड़क आदि का विवरण दर्ज किए जाते हैं। (घ) वर्तमान गिरदावरी के साथ संबंधित विभाग लोक निर्माण विभाग के द्वारा वांछित अभिलेख प्रस्तुत करते ही अभिलेख दुरूस्त करने की कार्यवाही की जावेगी।
आलोट की शुगर मिल्स की भूमि विषयक
[राजस्व]
50. ( क्र. 780 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देश की आजादी के समय आलोट क्षेत्र में श्री विक्रम शुगर मिल्स स्थापित थी? यदि हाँ, तो तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) क्या विक्रम शुगर मिल्स आलोट की भूमि सन १९७१ जनवरी माह में सहायक लिक्विडेटर द्वारा किसानों को विक्रय की गयी थी? यदि हाँ, तो कितनी व कौन-कौन सी? (ग) क्या सन् १९५२ में व अन्य वर्षों में मिल की भूमि किसानों को लिखित रूप में कृषि हेतु दी थी तथा कई किसानों के पास भू-राजस्व पुस्तिका है, किंतु १९५२ से अभी तक भूमि स्वामी का अधिकार किस कारण से नहीं दिया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। परन्तु वर्ष 1972 में सहायक लिक्विडेटर द्वारा मई व जुलाई माह में 5 व्यक्तियों को भूमि विक्रय की गई जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सन् 1952 में एवं अन्य वर्षों में मिल की भूमि किसानों को लिखित रूप में कृषि हेतु दी गई थी इस संबंध में राजस्व अभिलेख में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। अत: कृषकों के पास भू-राजस्व पुस्तिका की जानकारी राजस्व अभिलेख अनुसार निरंक है।
बंदोबस्ती नक्शा उपलब्ध कराया जाना
[राजस्व]
51. ( क्र. 809 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराज नगर के अंतर्गत पटवारी हल्का अमौधा कला के मौजा अमौधा कला का वर्ष 1924-25 का बंदोबस्ती नक्शा सीट क्र. 1 एवं 2, कमिश्नर भू-अभिलेख मोतीमहल ग्वालियर में उपलब्ध है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त नक्शा सीट क्र. 1 एवं 2, की सत्यापित प्रति देवें? (ग) क्या मौजा अमौधा कला के नाले की आराजी न. 376 को भू-माफियाओं द्वारा लगभग आधे नाले को समतल कर गायब कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या भू-माफियाओं के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करा कर नाले को मुक्त कराते हुए भू-माफियाओं से पुनः नाला निर्माण कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) जिला सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजा अमौघाकला की आराजी नं 376 जिसमें नाला बहता है वह म.प्र.शासन दर्ज अभिलेख है। वर्तमान में अतिक्रमण नहीं है, न किसी के द्वारा समतलीकरण कार्य किया गया है। नाला पूर्णतः सुरक्षित। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में किसानों एवं छात्रों के आत्महत्या के प्रकरण
[गृह]
52. ( क्र. 820 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 1518 दि. 07-12-16 के उत्तर में बताया गया था कि 01 जुलाई 16 से 15 नवम्बर 16 तक प्रदेश में कुल 3469 आत्महत्या की घटनाएँ घटित हुईं। जिनमें से 531 (कृषक एवं कृषक मजदूर) तथा 281 छात्र थे तथा परि.अता. प्रश्न क्र.276 दिनांक 27.02.17 के उत्तर में दिनांक 16 नवम्बर 2016 से 24 जनवरी 2017 तक प्रदेश में कुल 1761 आत्महत्या की घटनाएँ घटित होने जिनमें से 287 (कृषक एवं कृषक मजदूर) तथा 160 छात्र थे, की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 01 फरवरी 2017 से 22 जून 17 तक की अवधि में प्रदेश में आत्महत्या की कुल कितनी घटनाएँ घटित हुई? जिलेवार बतावें? उक्त आत्महत्याओं के क्या क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में आत्महत्या करने वालों का व्यवसाय क्या-क्या था? इनमें से कितने कृषक, कृषि मजदूर व छात्र थे? आत्महत्या करने वाले कृषक, कृषक मजदूर एवं छात्रों के द्वारा आत्महत्या करने के कारणों एवं नाम, पिता का नाम, उम्र, पता सहित जिलेवार जानकारी दें? (घ) छात्र/छात्राओं द्वारा की जा रही आत्म हत्याओं के संबंध में विधान सभा द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट पर शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 01 फरवरी 2017 से 22 जून 2017 तक कुल-4408 आत्महत्या की घटनाएं घटित हुई हैं। जिलेवार आत्महत्या की घटनाओं तथा आत्महत्याओं के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (घ) समिति के रिपोर्ट के अनुसंशाओं को क्रियान्वयन हेतु स्कूल शिक्षा विभाग को नोडल विभाग निर्धारित किया गया। अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग को अन्तर्विभागीय समन्वय से अनुशंसाओं पर कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्धारित किया गया। अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग की अध्यक्षता में दिनांक 16.05.2017 को विभिन्न विभागों के अधिकारियों की मीटिंग सम्पन्न हुई। बैठक में हुए निर्णय अनुसार माध्यमिक शिक्षा मण्डल के हेल्पलाईन से डायल 100 को जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। अन्य सुझावों पर कार्यवाही हेतु संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
53. ( क्र. 826 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें आज दिनांक तक भी पात्रता पर्ची प्राप्त नहीं हुई है? जनपदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्षेत्र में भ्रमण के दौरान लगातार पात्रता पर्ची नहीं मिलने व परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक एवं पात्रता पर्ची पर कम सदस्य संख्या होने की शिकायत प्राप्त हो रही हैl क्या पात्रता पर्ची की ऑनलाइन इंट्री ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत के द्वारा की जा चुकी है किन्तु विभाग के द्वारा अपडेट नहीं करने से हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्राप्त नहीं हो पा रही है? क्या कारण है कि विभाग के द्वारा अपडेशन का कार्य नहीं किया जा रहा है? यह कार्य कब तक किया जावेगा? (ग) वर्तमान में पी.ओ.एस मशीन में तकनीकी खराबी होने से 3-4 माहों से खाद्यान्न का वितरण हितग्राहियों को नहीं हो पा रहा है जिसकी शिकायत लगातार प्राप्त हो रही है, विभाग के पास क्या योजना है जिससे हितग्राहियों को समय पर खाद्यान्न प्राप्त हो सके?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पानसेमल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पानसेमल में 637 एवं निवाली में 898 एवं राजपुर में 41 इस प्रकार कुल 1576 नवीन सत्यापित पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। (ग) जिन उचित मूल्य दुकानों की पी.ओ.एस. मशीन खराब होती है उन्हें सेवाप्रदाता के तकनीकी अमले के माध्यम से शीघ्र दुरूस्त कराया जाकर राशन वितरण कराया जाता है। नगरीय क्षेत्रों में बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होने अथवा अधिक समय लगने पर संबंधित हितग्राही से पहचान स्वरूप आधार नंबर की छायाप्रति प्राप्त कर निगरानी समिति के सदस्यों की उपस्थिति में वितरण पंजी के माध्यम से राशन वितरण कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
आई.टी.आई. की कक्षाएं नागदा नगर में यथावत रखना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
54. ( क्र. 827 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के औद्योगिक नगर नागदा में माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा के अनुरूप सत्र 2016-17 में आई.टी.आई. की कक्षाएं प्रारम्भ कर दी गयी थी, किन्तु इस वर्ष सत्र 2017-18 में इन कक्षाओं को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था खाचरौद में मर्ज कर दिया गया है, जिससे स्थानीय विद्यार्थियों एवं पालकों में हताशा व्याप्त है। (ख) विद्यार्थियों के हित में उक्त कक्षाएं नागदा में पुनः कब से प्रारम्भ कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। मंत्रि-परिषद् द्वारा लिये गये निर्णय के परिप्रेक्ष्य में यथा कार्यवाही की गई है। (ख) उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.ए.सी.एल. कम्पनी द्वारा कृषकों की जमीन बंधक बनाना
[राजस्व]
55. ( क्र. 839 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रिटायर्ड जस्टिस लोधा कमेटी के निर्देशन पर आगर एवं शाजापुर जिले के कई कृषकों की जमीन पी.ए.सी.एल. कम्पनी के पक्ष में बंधक रखी गयी हैं? यदि हाँ, तो तद्संबंधी जारी किए गए आदेशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जमीन को बंधक बनाने या पंजीयन/विक्रय पर रोक लगाने से पूर्व पी.ए.सी.एल. कम्पनी की सम्पत्ति होने संबंधी साक्ष्यों का परीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो किन दस्तावेजों का परीक्षण किया गया? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 869 दिनांक 15.01.17 से कलेक्टर आगर से जमीनों को बंधक मुक्त करने का अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या पी.ए.सी.एल. कम्पनी द्वारा अपनी वेबसाईट पर आगर एवं शाजापुर जिले के लगभग 522 कृषकों की जमीनों को नीलामी हेतु प्रदर्शित कर रखा है? यदि हाँ, तो क्या कृषक हित में रजिस्ट्रियों की जाँच कर कृषक की जमीन बंधक मुक्त करने हेतु आदेश प्रसारित किये जावेंगे? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित रजिस्ट्रियों का नामांतरण भी नहीं करवाया गया? यदि हाँ, तो क्या प्रभावित कृषकों का पक्ष सुनकर तुरन्त कृषक हित में निर्णय लिया जाकर कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 840 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 02 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा नल-जल योजना की स्वीकृति हेतु प्रावधान अनुसार राशि जमा की है? जमा राशि का तिथि सहित पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना स्वीकृत कर प्रारम्भ करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें? तद्संबंध में किए गए पत्राचारों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के अनुरोध पर सिंहस्थ 2016 से बची पानी की प्लास्टिक टंकियों को आगर जिले को पेयजल संकट के निवारण हेतु प्रदाय किया गया था? यदि हाँ, तो प्राप्त टंकियों का पुनर्वंटन कहाँ-कहाँ किया गया? सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 280 दिनांक 07.04.17 द्वारा प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार प्राप्त टंकियों को क्षेत्रान्तर्गत प्रदान करने के लिये कार्यपालन यंत्री जिला आगर को अनुशंसा प्रेषित की थी? यदि हाँ, तो कार्यपालन यंत्री द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें? पत्र के प्रति उत्तर में कोई पत्र लिखा हो तो उसकी सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क‘ अनुसार। पत्राचार की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सिंहस्थ-2016 के आयोजन पश्चात् माह नवंबर 2016 में 5000 लीटर क्षमता की 26 एवं जून 2017 में 2000 लीटर क्षमता की 16 एच.डी.पी.ई. टंकियां प्राप्त हुई थीं जिन्हें कलेक्टर महोदय एवं मान. विधायकों की अनुशंसा अनुसार प्रदान किया गया है। शेष जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। पत्र में अनुशंसित 33 ग्रामों अंतर्गत 7 ग्रामों में विभिन्न क्षमता की टंकियां प्रदान की गई हैं शेष 26 अनुशंसित ग्रामों हेतु उज्जैन से टंकियां उठाने की कार्यवाही की जाकर शेष ग्रामों में प्रदान की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में राजस्व ग्राम घोषित किए जाना
[राजस्व]
57. ( क्र. 856 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2017 की स्थिति में ऐसे कौन-कौन से गाँव/मजरे/टोले/पुरा है जिनकी संख्या 200 या उससे अधिक है तथा वह मूल आबादी से 2 कि.मी. की दूरी पर है तथा वहाँ 200 एकड़ भूमि का क्षेत्रफल है? उन ग्रामों के नाम, ग्राम पंचायत सहित स्पष्ट करें? क्या उनको राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे गये है यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों? क्या अब ऐसे ग्रामों/मजरों/टोलों के प्रस्ताव राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन को भेजे जावेंगे स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने गाँव/मजरे/टोले हैं, जो राजस्व ग्राम हैं, किंतु 1 जनवरी 2017 की स्थिति में वह वेचिराग या 200 की जनसंख्या से कम है उन ग्रामों/मजरों/के नाम, ग्राम पंचायत सहित स्पष्ट करें? (ग) भिरतवार विधानसभा क्षेत्र की कुल कितने पटवारियों/राजस्व निरीक्षकों की पद है उन पर कौन-कौन पटवारी/राजस्व निरीक्षक पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, स्पष्ट करें। ऐसे कितने पद हैं जो रिक्त है उन रिक्त पदों पर किस-किस पटवारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है उनका नाम स्पष्ट करें? इन रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण, बंटवारा एवं फोती के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
58. ( क्र. 881 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा समस्त जिलों का बंदोबस्त कार्य पूर्ण किया जा चुका है? (ख) बंदोबस्त के दौरान कृषकों की भूमि सर्वे के संबंध में कोई शिकायत या इन्द्राज दुरूस्ती के आवेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं? (ग) शाजापुर जिले में उक्त संबंध में कितने प्रकरण तहसीलों में विचाराधीन हैं? प्रकरणों की संख्या तथा किस दिनांक से लंबित है जानकारी दी जावें? (घ) यदि प्रकरणों का समयावधि में निराकरण नहीं किया जाता है इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जिले की तहसील शाजापुर में 12 प्रकरण वर्ष 2012-13, तहसील गुलाना में 17 प्रकरण वर्ष 2015-16 में तथा तहसील अवन्तिपुर बडोदिया में 1 प्रकरण वर्ष 2016-17 से इन्द्राज दुरूस्ती का प्रचलित है। (घ) म.प्र. राजस्व संहिता 1959 में राजस्व न्यायालयीन प्रकरण के निराकरण की समयवधि निर्धारित नहीं है एवं प्रकरण की सम्पूर्ण जाँच के उपरान्त ही आवेदनों का निराकरण किया जाना संभव होता है। समय-सीमा निश्चित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
इंदौर संभाग क्षेत्रांतर्गत यात्री बसों के संचालक एवं उनके परमिट
[परिवहन]
59. ( क्र. 903 ) श्री राजकुमार मेव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग क्षेत्रांतर्गत वर्ष 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन शहरों एवं ग्रामों के लिए से कौन-कौन सी बसें किस-किस समय पर संचालित की जा रही हैं? बसों के रजिस्ट्रेशन नं., बस मालिक का नाम, बस का परमिट की जानकारी प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में इंदौर संभाग क्षेत्रांतर्गत किन-किन शहरों एवं ग्रामों के लिए स्थाई एवं अस्थाई (पृथक-पृथक) परमिट के आधार पर कौन-कौन सी बसें किस नंबर की, किस बस मालिक की, किस समय पर संचालित की जा रही हैं? क्या बस परमिट लेने के बाद भी बसें नहीं चल रहीं अथवा दूसरे रूट पर संचालन किया है? यदि हाँ, तो बसवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में इंदौर संभाग क्षेत्रांतर्गत किन-किन शहरों एवं ग्रामों के लए बिना परमिट के अवैध रूप से किन-किन बसों का संचालन किया जा रहा है? उनके मालिक का नाम, पता, बस का नंबर आदि जानकारी दी जावे। क्या विभाग द्वारा इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन बसों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या बस संचालकों द्वारा विभाग की परिवहन नीति, नियमों, प्रावधानों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा कब-कब, किसके द्वारा किस-किस बस संचालकों, बस नंबरों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) दिनांक 01/04/2015 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर संभागांतर्गत 1281 स्थाई अनुज्ञापत्र एवं 318 अस्थाई अनुज्ञापत्र जो कि प्रश्न दिनांक को वैध थे, यात्री वाहनों को जारी किये गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। बस परमिट प्राप्त कर वाहन संचालित न होने अथवा किसी अन्य रूट पर संचालित किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) वर्तमान में इन्दौर संभाग क्षेत्रांतर्गत बिना परमिट के अवैध रूप से बसों के संचालन का कोई प्रकरण जानकारी में नहीं है। समय-समय पर निरीक्षण के दौरान दिनांक 01/04/2015 से प्रश्न दिनांक तक 79 यात्री वाहनों के विरूद्ध बिना परमिट के अवैध रूप से संचालन करने के लिए चालानी कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) वर्तमान में बस संचालकों द्वारा विभाग की परिवहन नीति, नियमों, प्रावधानों के पालन नहीं करने की किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। समय-समय पर निरीक्षण के दौरान दिनांक 01/04/2015 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर संभागांतर्गत 580 यात्री वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
भवन संनिर्माण कर्मकार कल्याण योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
60. ( क्र. 904 ) श्री राजकुमार मेव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजनांतर्गत प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले के कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है? क्या हितग्राहियों को योजना का लाभ सुचारू रूप से मिल रहा है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी राशि के रूप में दिया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में खरगोन जिले के विकासखण्डवार एवं नगरीय क्षेत्रवार कितने हितग्राही पंजीकृत हैं? कितनों के किस प्रयोजन हेतु कितनी राशि के रूप में लाभांवित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या पूर्व में पंजीकृत हितग्राहियों के पंजीयन को ऑनलाईन करा दिया गया है? क्या निश्चित समयावधि के पश्चात् पुन: नवीनीकरण कराया गया है? यदि नहीं, तो ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनका नवीनीकरण नहीं किया गया है, इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? विकासखण्डवार एवं नगरीय संस्थावार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में यदि हितग्राही का नवीनीकरण नहीं होने के कारण हितग्राही के साथ कोई दुर्घटना, विवाह सहायता अन्य लाभ के प्रयोजनों से वंचित होता है तो इसके लिये क्या जिम्मेदारी तय की जावेगी वर्तमान तक ऐसे कितने प्रकरणों में जवाबदेही निर्धारित की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत खरगोन जिले में कुल 25757 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जी हाँ। पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों को मंडल द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभांवित किया जा रहा है। योजनावार वितरित सहायता राशि की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खरगोन जिले के विकासखण्डवार एवं नगरीय क्षेत्रवार पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं योजनावार वितरित सहायता राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। पूर्व में पंजीकृत हितग्राही द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष आवेदन करने पर उनका पंजीयन ऑनलाईन किया जाता है। पंजीकृत निर्माण श्रमिक द्वारा आवेदन करने की दशा में पात्रता होने पर पंजीकरण निरंतरीकरण की कार्यवाही की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम/मुख्य नगरपालिका अधिकारी/नगर परिषद् के समक्ष निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करने पर पोर्टल के माध्यम से पंजीयन निरंतरीकरण की कार्यवाही की जाती है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण पेय-जल योजना की स्वीकृत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 947 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी की समस्त ग्राम पंचायतों में ग्रामीण पेय-जल योजना स्वीकृत की गयी है? यदि हाँ, तो इस योजना में सम्मिलित ग्राम पंचायतों के नाम एवं स्वीकृत राशि बताई जावे। (ख) उक्त योजना के यदि कार्य आदेश जारी नहीं किये गये हैं, तो कब तक जारी किये जायेंगे तथा यदि कार्य आदेश जारी किये जा चुके हैं, तो निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो सकेगा? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ऐसे कई ग्राम हैं जिन्हें ग्रामीण पेय-जल योजना में शामिल नहीं किया गया है। यदि हाँ, तो क्या छूटे गये ग्रामों को इस योजना में शामिल किये जाने की कार्य योजना है। विवरण सहित जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, ग्राम पंचायतों में पृथक-पृथक योजनाएं स्वीकृत नहीं की गई हैं, अपितु 34 ग्रामों हेतु निवाड़ी समूह जलप्रदाय योजना, स्वीकृत लागत रू. 7266.30 लाख के कार्यादेश जारी किए गए हैं, विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के 145 ग्रामों की निवाड़ी-पृथ्वीपुर-I समूह जलप्रदाय योजना अनुमानित लागत रू. 194.20 करोड़ की निविदा प्रक्रियाधीन है तथा विधानसभा क्षेत्र के 9 ग्रामों को सम्मिलित कर जिले के 81 ग्रामों की निवाड़ी-पृथ्वीपुर-II समूह जलप्रदाय योजना अनुमानित लागत रू. 106.27 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार की गई है। (ख) जानकारी उत्तरांश-'क' अनुसार है। निर्माण कार्य प्रारंभ करने की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के सभी ग्रामों में उत्तरांश (क) अनुसार उल्लेखित तीन पृथक-पृथक समूह जलप्रदाय योजनाओं के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध व्यवस्थापन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
62. ( क्र. 964 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्र. 2488 दिनांक 27.02.2017 के उत्तरांश (क), (ख) में जानकारी एकत्रित की जा रही है बताया है, यदि क्या जानकारी एकत्रित कर ली गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के पूर्व भी विषयांतर्गत आशय के परि.अ. प्रश्न संख्या 36 क्र. 2903 दिनांक 17.03.2016 एवं अतारांकित प्रश्न क्र. 1810 दिनांक 22.07.2016 एवं प्रश्न क्र. 1392 दिनांक 07.12.2016 के उत्तरांश में भी यही अवगत कराया गया है की जानकारी एकत्रित की जा रही है? जानकारी एकत्रित करने में विलंब के क्या कारण है? स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त प्रश्न के उत्तरांश में अवगत होने के लिए एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो गया है। क्या यह सही है कि संलिप्त अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर जानकारी को छिपाया जा रहा संपूर्ण प्रकरण में जाँच करवाकर संलिप्तों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी एकत्रित कर ली गई है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में अंकित पूर्व प्रश्नों की पूर्ण जानकारी पृथक से भेजी जावेगी। विलंब का कारण विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी एकत्रित करने में समय लगा है। जानकारी अनुसार तहसील कैलारस में नियम विरूद्ध व्यवस्थापन हेतु दोषी पटवारी श्री माखनलाल अर्गल को अनुविभागीय अधिकारी सबलगढ़ के आदेश क्रमांक 812/स्था/2287-89 दिनांक 16.6.2014 द्वारा प्रथम दृष्टया उत्तरदायी मानते हुए निलंबित किया गया तथा विभागीय जाँच संस्थित कर आदेश क्रमांक 01/14/वि.जां. दिनांक 18.12.2015 द्वारा दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की दण्डात्मक कार्यवाही की गई। तहसील कैलारस जिला मुरैना में वर्ष 2003 से 2007 तक ग्राम सेमई गलापुरा कुटरावली तथा बधरेटा में किये गये पट्टे/व्यवस्थापन की सूची तथा तत्समय पदस्थ तहसीलदार/नायब तहसीलदार/पटवारी की सूची भेजकर लेख किया गया था कि प्रकरण माननीय न्यायालय राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रचलित होने से राजस्व मण्डल के निर्देशानुसार आगामी कार्यवाही किये जाने का उल्लेख किया गया है। मान. न्यायालय राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रचलित निगरानी प्र क्र 2089/एफ/2015 में पारित आदेश दिनांक 1 मार्च 2016 के अनुसार ग्राम सैमई स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1395 रकबा 2.05 हे. में से 2 बीघा 10 बिस्वा भूमि पर पट्टेधारियों का नाम यथावत दर्ज किये जाने के आदेश दिये गये हैं। उक्त आदेश के पालन में किसी के प्रति कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है। (ग) उपरोक्त जानकारी एकत्रित करने में संबंधित अधिकारियों द्वारा पूर्णत उत्तरदायित्व का निर्वहन किया गया है। अत: जाँच अथवा किसी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
राजगढ़ विधान सभा में नल-जल योजना की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 997 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत है? (ख) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में उक्त स्वीकृत नल-जल योजना में से वर्तमान में कितनी संचालित हैं? (ग) क्या ग्राम पंचायत ओढ़पुर तथा सिन्दूरिया में नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कब? तिथि बतावें। (घ) ग्राम पंचायत ओढ़पुर तथा सिन्दूरिया में क्या नल-जल योजना का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो पूर्ण नहीं होने का क्या कारण है? कब तक कार्य पूर्ण हो जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 10.01.2008 को स्वीकृत की गई। (घ) जी हाँ, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
वाहन पंजीयन की जानकारी
[परिवहन]
64. ( क्र. 998 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन वाहन पंजीयन हेतु जिला परिवहन कार्यालय राजगढ़ में आये हैं? अलग-अलग प्रकार के वाहनों की संख्या अलग-अलग माहवार बतावें? (ख) उक्त वाहनों में से आज दिनांक तक कितने वाहनों का पंजीयन हो चुका है तथा कितने वाहन पंजीयन हेतु शेष बचे? पंजीयन किये गये वाहनों की संख्या अलग-अलग माहवार बतावें? (ग) जिन वाहनों के पंजीयन नहीं हो पाये हैं उनके पंजीयन न होने का क्या कारण है? कारण बतावें। कब तक उनका पंजीयन कर दिया जावेगा? (घ) उक्त वाहनों के पंजीयन न होने से क्या जिले में उन वाहनों का चालान भी बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने वाहनों के चालान बनाये गये हैं? उनसे कितनी राशि वसूली गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राजगढ़ जिले में 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक अलग-अलग प्रकार के नवीन वाहनों के पंजीयन के लिये 22320 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) उक्त वाहनों में से 22136 वाहनों का पंजीयन हो चुका है। 184 वहनों के पंजीयन के आवेदन लंबित है। पंजीकृत वाहनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) भारत सरकार की अधिसूचना क्रमांक 894 दिनांक 29.12.2016 के द्वारा पंजीयन हेतु बढ़ाई गई फीस की अन्तर की राशि आवेदक द्वारा जमा न करने एवं वैध बीमा प्रस्तुत न करने से मोटर सायकिल के 184 आवेदन पंजीयन हेतु लंबित है। आवेदक द्वारा अंतर की राशि जमा करने पर तथा वैध बीमा प्रस्तुत करने पर पंजीयन किया जा सकेगा। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फटाखा एवं आतिशबाजी विनिर्माण कारखाने में विस्फोट
[गृह]
65. ( क्र. 1062 ) श्री संजय उइके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फटाखा व आतिशबाजी विनिर्माण अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण एवं स्थल परिवर्तन हेतु वाहिद अली निवासी वार्ड नं. 2 भटेरा चौकी बालाघाट द्वारा जिला दण्डाधिकारी बालाघाट को आवेदन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो आवेदन पत्र की प्रति नवीनीकरण एवं स्थल परिवर्तन आदेश की प्रमाणित प्रति, स्थल परिवर्तन एवं नवीनीकरण हेतु विधि अनुसार आवश्यक दस्तावेज एवं अनापत्ति प्रमाण-पत्र की प्रति, पुलिस अधिक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या यह सही है कि ग्राम खैरी में संचालित फटाखा एवं आतिशबाजी विनिर्माण गोडाउन विस्फोट के कारण 25 लोगों की मृत्यु हुई? उक्त घटना के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) विस्फोटक अधिनियम के तहत ग्राम खैरी में संचालित फटाखा एवं आतिशबाजी विनिर्माण कार्य की विधि अनुसार किन-किन अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किया? निरीक्षण प्रतिवेदन की कापी उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्राम खैरी में संचालित पटाखा एवं आतिशबाजी विनिर्माण गोडाउन विस्फोट के कारण 26 लोगों की मृत्यु हुई है। उक्त घटना की मजिस्ट्रियल जाँच अपर जिला दण्डाधिकारी बालाघाट द्वारा की जा रही है। प्रकरण के संबंध में दोषी पाए जाने पर अधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (घ) अनुविभागीय दण्डाधिकारी बालाघाट द्वारा दिनांक 05.08.2016, 14.09.2016, 24.12.2016 एवं 25.03.2017 को ग्राम खैरी में संचालित फटाखा एवं आतिशबाजी विनिर्माण परिसर का निरीक्षण किया गया। थाना प्रभारी के प्रतिवेदन दिनांक 30.07.2016 अनुसार एवं प्रतिवेदन दिनांक 07.08.2016 अनुसार निरीक्षण किया गया है। दिनांक 24.12.2016 को थाना प्रभारी कोतवाली एवं तहसीलदार बालाघाट द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया है। नगर पुलिस अधीक्षक बालाघाट द्वारा दिनांक 18.02.2017 को फटाखा विक्रेता की दुकान में जाकर औचक निरीक्षण कर सुरक्षा के संबंध में निर्देशित किया गया है। दिनांक 25.03.2017 को नगर पुलिस अधीक्षक, बालाघाट एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी से समन्वय स्थापित कर खैरी में संचालित फटाखा फैक्ट्री एवं दुकान का निरीक्षण किया गया है।
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
66. ( क्र. 1064 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की जनपद पंचायत बिरसा के ग्राम पंचायत मानेगाँव के ग्रामीणों एवं ग्राम पंचायत द्वारा शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने संबंधित शिकायत पर अतिरिक्त तहसीलदार बिरसा द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध दिनांक 03/05/2008 को अतिक्रमण हटाने हेतु रा.प्र.क्रं. अ/74-2007-08 वाद प्रकरण न्यायालय में दर्ज कर कार्यवाही की गई? (ख) यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ताओं के अपील को खारिज करते हुये व्यवहार न्यायालय वर्ग 1 बैहर, अतिरिक्त जिला जज (फास्ट्रेक कोर्ट) बालाघाट, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैहर एवं न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर संभाग द्वारा भी न्यायालय तहसीलदार बिरसा के अतिक्रमण हटाने संबंधी आदेश को यथावत रखने के बावजूद किन कारणों से अतिक्रमण नहीं हटाया गया एवं कब तक हटा दिया जावेगा? (ग) क्या न्यायालय तहसीलदार बिरसा द्वारा पुन: उन्ही अतिक्रमणकर्ताओं के विवादग्रस्त भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में राजस्व प्रकरण दर्ज किया गया है? जबकि पूर्व में इसी न्यायालय द्वारा अतिक्रमण हटाने संबंधी राजस्व प्रकरण दर्ज कर अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया जा चुका है तब क्या पुन: प्रकरण दर्ज करना न्यायोचित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में विलंब का कारण विभिन्न न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन होने तथा न्यायालयीन प्रकरण में आदेश होने से समय लगा, जिसके कारण अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तत्समय नहीं की जा सकी। वर्तमान में तहसीलदार न्यायालय द्वारा कार्यवाही की जा रही है और प्रकरण में विधि अनुसार आदेश पारित कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। पुराने प्रकरण में ही कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाना
[राजस्व]
67. ( क्र. 1067 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में 500 या उससे अधिक आबादी वाले कितने टोले हैं? टोलों की जनसंख्या सहित जानकारी दें। (ख) उक्त टोलों की मुख्य ग्राम पंचायत से दूरी की भी जानकारी दें? (ग) क्या शासन यह देखते हुये कि मुख्य ग्राम पंचायत से दूरी 2.00 कि.मी. से कम होने के कारण टोले राजस्व ग्राम बनाने के मापदण्ड में नहीं आते जिससे इन ग्रामों को PMGSY,CMGSY तथा अन्य महत्वपूर्ण योजना का लाभ नहीं मिल पाता? क्या शासन राजस्व ग्राम बनाने की न्यूनतम 2.00 कि.मी. दूरी के मापदण्ड को बदलाव कर उसे 1.5 कि.मी. करने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बालाघाट जिले में 500 या उससे अधिक आबादी वाले कुल 18 टोले हैं। टोलेवार जनसंख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शासन द्वारा लागू सभी योजनाओं का लाभ मिलता है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
फटाका फैक्ट्री में हुये विस्फोट की जानकारी
[गृह]
68. ( क्र. 1068 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के ग्राम पंचायत खैरी में दिनांक 07.06.2017 को हुये विस्फोट में मृतकों तथा घायलों की कुल संख्या की जानकारी दें? इस फैक्ट्री में फटाका बनाने के लिये नियमानुसार बारूद कितनी मात्रा में तथा किस तीव्रता का होना चाहिये था? (ख) क्या कोई ऐसी जाँच एजेन्सी है जिसके द्वारा विस्फोट में बारूद की कितनी मात्रा तथा कितनी तीव्रता रही होगी इसका पता लगाया जा सकता है? यदि है, तो क्या इस एजेन्सी द्वारा इस बात का पता किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी दें? यदि नहीं, किया गया है, तो क्या शासन ऐसी एजेन्सी से इसकी जाँच कराएगी? (ग) खैरी घटना के बाद पुलिस विभाग के किन-किन अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें? (घ) भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये क्या विभाग प्रशासनिक लापरवाही से ऐसी घटना होने पर संबंधित क्षेत्र के SDM,SDOP तथा श्रम अधिकारी पर 302 का मुकदमा चलाने जैसे प्रावधान करने संबंधी प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बालाघाट जिले के ग्राम खैरी में दिनांक 07.06.2017 को हुए विस्फोट में मृतकों की संख्या 26 है तथा घायल की संख्या 06 है। इस फैक्ट्री में फटाखा बनाने के लिए नियमानुसार बारूद की मात्रा 05 किलो तथा तीव्रता निर्धारित प्रारूप एल.ई.-1 की (क) श्रेणी में क्लास 7 डिवीजन 2 सब डिवीजन 2 केटेगिरी एक्स की होनी चाहिए थी। (ख) पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गनाईजेशन केन्द्र सरकार के अधीन एजेन्सी है जिसके द्वारा बारूद की मात्रा एवं उसकी तीव्रता का पता किया जा सकता है। पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गनाईजेशन का मुख्यालय नागपुर में एवं उप-मुख्यालय भोपाल में है। विवेचना के दौरान आवश्यकता अनुसार समस्त उपलब्ध जाँच एजेंसियों/विज्ञान शालाओं की सहायता ली जाएगी। (ग) बालाघाट जिले के ग्राम खैरी में घटित घटना के बाद जिला दण्डाधिकारी, बालाघाट द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जाँच आदेशित की गई है। मजिस्ट्रियल जाँच पश्चात् अगर अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे तो उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (घ) मजिस्ट्रियल जाँच उपरान्त पाए गए तथ्यों एवं सुझावों अनुसार भविष्य में कार्यवाही की जावेगी।
गैस सिलेण्डर का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
69. ( क्र. 1077 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत रसोई गैस की कितनी एजेन्सी किस-किस नाम से पंजीकृत है? विधानसभा क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) रसोई गैस एजेन्सियों के गोदाम की क्या क्षमता है और गोदाम में कितना स्टॉक रखना अनिवार्य है? कितनी क्षमता होना अनिवार्य है? (ग) रसोई गैस गोदाम को बस्ती क्षेत्र/आबादी क्षेत्र से कितनी दूरी पर होना अनिवार्य है? इस संबंध में शासन के क्या नियम निर्देश हैं? क्या इस नियम का पालन जिले में एजेन्सियों द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध संचालित गैस एजेंसी मालिकों के विरूद्ध विभाग द्वारा पिछले 03 वर्षों में कब-कब, क्या -क्या कार्यवाही की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) क्या जिले में रसोई गैस वितरण का नियमानुसार पालन न किया जाकर उपभोक्ताओं से घर पहुँच सेवा के तहत निर्धारित शुल्क से अधिक अतिरिक्त अवैध रूप से उपभोक्ता के घर तक गैस सिलेण्डर सेवाएं देने पर राशि वसूली जा रही है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में समाहित है। गैस सिलेण्डर नियम 2004 एवं द्रवित पेट्रोलियम प्रदाय एवं वितरण विनियमन आदेश 2000 में एजेन्सियों में न्यूनतम एल.पी.जी. स्टॉक रखे जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। (ग) भारत सरकार के गैस सिलेण्डर नियम, 2004 के प्रावधानों के तहत रसोई गैस के भण्डारण हेतु अनुज्ञप्ति जारी की जाती है। एल.पी.जी. गैस वितरकों द्वारा उसी अनुज्ञप्ति की शर्तों के तहत गैस भण्डारण का कार्य किया जाता है। जिस गोदाम में एल.पी.जी. गैस का भण्डारण किया जाता है, उसकी किसी मकान, सार्वजनिक स्थान, सड़क अथवा अन्य समीपवर्ती परिसंपत्ति से दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' की शर्त क्रमांक 5 में उल्लेखित है। इसका पालन एल.पी.जी. गैस वितरकों द्वारा किया जा रहा है। फिर भी जिला कलेक्टर सिवनी द्वारा दो गैस एजेन्सियों को रहवासी क्षेत्र से गैर-रहवासी क्षेत्र में स्थानान्तरित करने के लिए उप मुख्य विस्फोटक नियंत्रक भोपाल एवं भारत पेट्रोलियम के सेल्स ऑफिसर को दिनांक 04/02/2016 को पत्र लिखा है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) घर पहुँच सेवा के अंतर्गत रसोई गैस के वितरण में उपभोक्ताओं से किसी प्रकार की अतिरिक्त परिवहन राशि लिये जाने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन तहसील भवनों का निर्माण
[राजस्व]
70. ( क्र. 1081 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देवेन्द्रनगर एवं अमानगंज नवीन सृजित तहसीलों के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब दी गई एवं उक्त निर्माणाधीन तहसील भवनों की निर्माण एजेंसी कौन है? (ख) प्रश्नांश ’’क’’ से संबंधित तहसील भवनों के निर्माण बाबत् कितनी राशि निर्माण एजेंसी को प्रदाय की गई तथा समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है? (ग) क्या समय पर कार्य पूर्ण न होने पर सामग्री मूल्य बढ़ जाने के कारण अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो समय पर कार्य पूर्ण न करने के लिये कौन दोषी है और शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (घ) तहसील देवेन्द्रनगर एवं अमानगंज के नवीन तहसील भवनों के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु क्या योजना है? क्या इस अधूरे निर्माण कार्य को पूरा किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या इन तहसीलों के नवीन निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) दिनांक 04.06.2010 को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई तथा निर्माणाधीन तहसील भवनों की निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग है। (ख) तहसील भवनों के निर्माण बाबत् रूपये 60.00 लाख निर्माण ऐजेंसी को प्रदाय किये गये थे। निर्माण ऐजेंसी द्वारा उक्त राशि में कार्य पूर्ण नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। कार्य पूर्ण न करने के संबंध में परीक्षण किया जा रहा है। (घ) पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति पर विचार कर निर्णय लिया जाकर निर्माण कार्य पूर्ण किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। आवश्यकता होने पर ही कार्यवाही की जावेगी।
लंबित राजस्व प्रकरणों पर कार्यवाही
[राजस्व]
71. ( क्र. 1082 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी गुनौर, तहसील गुनौर, देवेन्द्रनगर, अमानगंज के पास ऐसे कितने राजस्व प्रकरण चल रहे हैं, जिनमें दस या उससे अधिक बार पेशी की तारीखे दी गयी हैं? (ख) उक्त प्रकरणों की विस्तृत जानकारी तथा कितनी बार पेशी दी गई है? उनकी प्रकरण अनुसार संख्या बतायें। (ग) क्या राजस्व प्रकरणों के निपटारे में निर्णय करने से बचने के लिये अनावश्यक रूप से पेशी देकर लोगों को परेशान किया जाता है? (घ) क्या शासन की राजस्व प्रकरण अनुसार प्रकरणों का निराकरण करने हेतु समय-सीमा तय करने के लिये कोई गाइड लाईन है या जारी करने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर के 127 प्रकरण तहसील गुनौर के 89 प्रकरण, तहसील देवेन्द्र नगर के 06 प्रकरण तहसील अमानगंज के 06 प्रकरण है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1,2,3 एवं 4 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) सिटीजन चार्टर के अनुसार प्रकरणों का निपटारा समय-सीमा में विहित प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रकरणों को निराकृत किया जाता है।
नवीन बसाहटों को राजस्व में शामिल किया जाना
[राजस्व]
72. ( क्र. 1084 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत ग्रामों में नवीन बसाहटें निर्मित हुई हैं? यदि हाँ, तो ग्रामवार पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त बसाहटों को राजस्व में शामिल किये जाने हेतु शासन की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त नवीन बसाहटों को कब तक राजस्व में शामिल कर लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उक्त समस्त नवीन बसाहटें राजस्व ग्राम में शामिल हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेय-जल संकट का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 1085 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में बहुत से ग्राम पेय-जल संकट से ग्रस्त हैं? यदि हाँ, तो सूची प्रदान करें। (ख ) प्रश्नांश ‘क‘ के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा पेय-जल संकट दूर किये जाने हेतु सर्वे कर कार्ययोजना तैयार की गई? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) क्या जिला प्रशासन द्वारा विधानसभा क्षेत्र गोटेगाँव में पेय-जल संकट की समस्या से जूझ रहे ग्रामों का चिन्हांकन कर उसके निराकरण को लेकर पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पेय-जल संकट से ग्रसित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सर्वेक्षण उपरांत विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र के 50 ग्रामों की सूची म.प्र. जल निगम मर्यादित पी.आई.यू. जबलपुर को उपलब्ध करवाई गई है, जिन्हें म.प्र. जल निगम मर्यादित भोपाल द्वारा पायली ग्रामीण समूह नल-जल योजना में सम्मिलित किये गये हैं। पायली ग्रामीण समूह जल प्रदाय परियोजना अंतर्गत विभिन्न जिलों के कुल 638 ग्राम सम्मिलित होकर परियोजना लागत रूपये 749.17 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु मंत्रि-परिषद् से अनुमोदित है। (ग) जी नहीं, जिला प्रशासन से इस संबंध में कोई पत्र शासन को प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।
टप्पा सुठालिया को तहसील बनाया जाना
[राजस्व]
74. ( क्र. 1088 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 6328 दिनांक 20 मार्च 2017 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा का टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान किये जाने हेतु प्राप्त कलेक्टर राजगढ़ के प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रकियाधीन है? क्या इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 को की गई घोषणा की जानकारी विभाग को प्राप्त हो चुकी है? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है तथा कब तक माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणानुरूप टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर क्रियान्वयन
[राजस्व]
75. ( क्र. 1089 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 7242 दिनांक 27 मार्च 2017 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले के अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय अनुभाग ब्यावरा को स्थाई घोषित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त अस्थाई सब-डिवीजन को स्थाई घोषित कर दिया गया है? (ख) यदि नहीं, तो, उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से कब से लंबित है तथा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण करा ली गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन कलेक्टर राजगढ़ द्वारा प्रेषित प्रस्ताव दिनांक 28.06.2016 एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की घोषणा दिनांक 31 जनवरी 2017 के परिपालन में घोषणा की पूर्ति हेतु उक्त अस्थाई सब-डिवीजन को स्थाई घोषित करेगा? यदि हाँ, कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा नवीन हैण्डपम्प हेतु प्राप्त आवंटन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
76. ( क्र. 1093 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला-हरदा के अंतर्गत विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितने नवीन हैण्डपम्प खनन किये जाने का लक्ष्य दिया गया एवं कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? वर्षवार बतावें। (ख) नवीन हैण्डपम्प खनन् हेतु जिला-हरदा अंतर्गत पेय-जल व्यवस्था हेतु इस वित्तीय वर्ष में क्या कार्य योजना बनाई गई है? क्या इसमें क्षेत्रीय विधायकों व सांसदों से अनुशंसाएं प्राप्त की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में किन-किन ग्रामों में किस-किस स्थल पर किसकी अनुशंसा से नवीन हैण्डपम्प का खनन किया गया है? (घ) ग्रीष्मकाल में जिन क्षेत्रों में पेय-जल का संकट उत्पन्न होता है, वहाँ पेय-जल की आपूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कोई विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभाग द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में अंशिक पूर्ण बसाहटों में नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना हेतु वर्षवार क्रमशः 60 एवं 100 बसाहटों का, ग्रामीण शालाओं हेतु क्रमशः 05 एवं 05 तथा आंगनवाड़ियों हेतु क्रमशः 05 तथा 06 का लक्ष्य दिया गया है। उपरोक्त कार्यों के लिए जिले को वर्षवार आवंटन क्रमशः रूपये 73.10 लाख एवं रूपये 51.88 लाख दिया गया। (ख) जी हाँ, कार्ययोजना बनाई गई है, कार्ययोजना में माननीय विधायकों एवं माननीय सांसद की अनुशंसाओं का यथासंभव पात्रता अनुसार समावेश किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (घ) जी हाँ।
बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन की जानकारी
[राजस्व]
77. ( क्र. 1094 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न क्रमांक 2157 दिनांक 27 फरवरी 2017 के उत्तर में जानकारी एकत्र किये जाने के संबंध में अवगत कराया था, तो क्या चाही गई जानकारी एकत्र की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो बताये कि बड़े झाड़-छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में 12 दिसम्बर 1996 आई.ए. क्रमांक 792-792 में दिनांक 01 अगस्त 2003 एवं ग्वालियर उच्च न्यायालय ने याचिका क्रमांक 1431/2002 में दिनांक 08 सितम्बर को क्या आदेश दिया है? इन आदेशों में नारंगी भूमि सर्वे या नारंगी वनखण्डों में शामिल करने की क्या-क्या छूट या अधिकार किसे दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन न्यायालयीन आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन अधिनियम 1927 की धारा 4 के तहत आरक्षित वन बनाने के आशय से अधिसूचना जारी की जाती है। वन बनाते समय भूमि जो वन बनाये जाने से छूट जाती है वह नारंगी भूमि कहलाती है, ऐसी भूमि पतली पट्टी, छोटी पेंच के रूप में होती है। म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ.एस/43/90/10-3/96 दिनांक 14.5.1996 के तहत स्थापित नारंगी इकाई को वन बनाए जाने हेतु पुनः वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) की कार्यवाही की गई। बड़े झाड़-छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों के संबंध में मुख्य सचिव म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 24.12.2014 (प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है) को वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु छोटे-बड़े झाड़ के जंगल मद की राजस्व भूमि, उपलब्ध कराने विषयक निर्देश समस्त कलेक्टर को दिये गये, जिसके अंतर्गत छोटे-बड़े झाड़ के जंगल की भूमि यदि राज्य सरकार वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिये प्रस्तावित करती है, तो उसे मान्य किया जाए।
बड़नगर विधानसभा में नलकूपों का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
78. ( क्र. 1099 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में कुल कितने नलकूपों का खनन किया गया? खनन किये गये नलकूपों के संदर्भ में ग्राम का नाम, खनन करने का स्थान एवं खनन की लागत की पूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) खनन किये गये नलकूपों के लिये किस एजेंसी को कार्य सौंपा गया था? उसका नाम तथा उसको भुगतान की गई राशि की जानकारी प्रदान करें तथा इन नलकूपों का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी के द्वारा किस-किस दिनांक को किया गया? (ग) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितने नलकूपों का खनन किया गया? इन नलकूपों में कितनों में मोटर पंप डाले एवं कितनों में हैण्डपंप लगाये गये? ऐसे कितने नलकूप हैं जिनमें खनन के बाद अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है तथा खनन के बाद भी जिनका उपयोग नहीं हो रहा है उन नलकूपों के लिये क्या कार्यवाही की जा रही हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 325। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कुल 157 नलकूप, जिसमें 26 नलकूपों पर मोटरपंप, 114 नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापित किये गये एवं 09 नलकूपों का जल स्तर अत्यधिक नीचे एवं पर्याप्त आवक क्षमता नहीं होने के कारण मोटरपंप/हैण्डपंप स्थापित नहीं किये जा सके हैं। 08 नलकूप असफल रहे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जावरा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारम्भ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
79. ( क्र. 1101 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम, मंदसौर, नीमच जिला अंतर्गत एक भी शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय नहीं होने से छात्र-छात्राओं को अधिक फीस देकर निजी महाविद्यालय में प्रवेश लेने को मजबूर होना पड़ता है? (ख) साथ ही क्या यह तीनों जिलो में एक भी शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय नहीं होने से छात्र-छात्राओं को अधिक फीस दिए जाने के साथ ही कई वर्षों से काफी दूरस्थ महाविद्यालयों में प्रवेश लेने हेतु मजबूर होकर कठिनाई झेलना पड़ती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या जावरा नगर स्थित शासकीय गो.तो.पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में पर्याप्त भवन, बिल्डिंग, मशीनरीज के साथ ही आवश्यकता से अधिक पर्याप्त रिक्त भूमि भी है? (घ) यदि हाँ, तो सम्पूर्ण क्षेत्र एवं आस-पास के क्षेत्रों से लगातार छात्र-छात्राओं एवं पालकों द्वारा इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने की मांग विगत कई वर्षों से की जाती रही है, तो वह कब पूरी की जाकर नगर में शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारम्भ किया जा सकेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जावर नगर स्थित शासकीय गो.तो. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में आवश्यकता अनुसार ही भूमि, भवन, बिल्डिंग एवं मशीनरीज उपलब्ध है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
शासकीय भूमि घोषित कर आधिपत्य में ली जाना
[राजस्व]
80. ( क्र. 1102 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बन्नाखेड़ा, जावरा नगर चौपाटी स्थित भूमि सर्वे क्र. 224, 225 एवं सर्वे क्र. 226, जो कि प्रारम्भ से शासकीय भूमियाँ हैं को आधिपत्य में लिए जाने की मांग लगातार की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या आजादी के पूर्व से लेकर नवाबी रियासत काल के अंतर्गत भी उपरोक्त सर्वे न. शासनाधीन (तात्कालिक व्यवस्थाओं के अंतर्गत ) रहे हैं, जिसका भू-अभिलेखों में अनेक स्थानों में उल्लेख भी उल्लेखित है? (ग) यदि हाँ, तो विगत वर्षों की तात्कालिक व्यवस्थाओं में उल्लेखित वारिसान मुस्लिम परिवार देश का विभाजन होने पर पाकिस्तान चले जाने से इसे इवेक्यु (निष्क्रांत सम्पति) भी घोषित किया गया था? (घ) तो अवगत करायें कि शासकीय भूमि होने के बावजूद लगातार जनहित को लेकर की जा रही जन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एक पक्षीय अवैध कब्जे हटा कर शासन द्वारा एक पक्षीय आधिपत्य प्राप्त किये जाने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी? कब तक इसे शासनाधीन आधिपत्य में लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम बन्नाखेड़ी स्थिति भूमि सर्वे क्रं.224,225,226 जो मिसल बन्दोबस्त में भूमि स्वामी के रूप में दर्ज है। भूमि सर्वे क्रमांक 226/1 रकबा 2.036 हेक्टेयर भूमि नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा बस स्टैण्ड के विस्तारीकरण हेतु मांग की जा रही है, उक्त भूमि के संबंध में सिविल न्यायालय एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 जावरा के प्रकरण क्रं. 16 ए/2017 में दिनांक 25.07.2017 तक यथास्थित बनाए रखने का आदेश दिया गया हैं, आदेश की छाया प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार जानकरी निरंक है। (ग) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जावरा के प्रकरण क्रमांक 25-अपील 1998-99 में पारित आदेश दिनांक 22.07.2002 में किये गये उल्लेख अनुसार सर्वे नं. 225 एवं 226 को इवेक्यु (निष्क्रांत सम्पत्ति) मानी जाकर शासकीय घोषित किया गया। अनुविभागीय अधिकारी, के आदेश के विरूद्ध अपर आयुक्त उज्जैन के समक्ष प्रस्तुत की गई अपील 07.11.2002 को आदेश पारित कर निरस्त की गई। अपर आयुक्त के आदेश के विरूद्ध राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा निगरानी प्रस्तुत की गई राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा निगरानी स्वीकार की जाकर आदेश दिनांक 06.04.2011 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी एवं अपर आयुक्त का आदेश निरस्त किया जाकर वर्ष 1966 में कन्हैयालाल के पक्ष में पारित आदेश दिनांक 06.09.1966 को स्थिर रखा गया है। अतः राजस्व मंडल ग्वालियर के निगरानी क्रमांक 505 दो/11 दिनांक 06.04.2011 के पालन में तहसीलदार पिपलौदा द्वारा प्रकरण क्रं. 9/अ-6/10-11 में पारित आदेश दिनांक 10.05.2011 अनुसार ग्राम बन्नाखेड़ी स्थित भूमि सर्वे नम्बर 225/1,225/2, 226/1 पैकी 226/5, 226/6,226/7,226/7,226/8 की भूमि पर आवेदकगणों को नामान्तरण निम्नानुसार स्वीकृत किया गया। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) सर्वे नम्बर 226/1 रकबा 2.036 नगर पालिका परिषद् की मांग अनुसार बस स्टैण्ड विस्तारीकरण हेतु प्रकरण में माननीय व्यवहार न्यायाधीश जावरा के वाद क्रमांक 16 ए/2017 में दिनांक 25.07.2017 तक स्थगन होने से कार्यवाही स्थगित रखी गई है।
प्रदेश के मल्टीप्लेक्स सिनेमा घरों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
81. ( क्र. 1104 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित मल्टीप्लेक्स/सिनेमा घरों एव उनमे संचालित केन्टीन (जलपान ग्रह) में बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादकों के मूल्य एव दरों पर विभाग का नियंत्रण रहता है। यदि हाँ, तो इंदौर, उज्जैन संभाग के किन-किन मल्टीप्लेक्स की विभाग द्वारा कब-कब गोपनीय जाँच किस-किस अधिकारी ने की। मल्टीप्लेक्स सिनेमा घरों में खाद्य सामग्री विक्रय करने के क्या नियम हैं? (ख) क्या उक्त संभाग के कई सिनेमा घरों में केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बंद वस्तु) नियम, 2011 के अंतर्गत विभाग के अधिकारियों की अनियमितता के कारण सिनेमाघर मालिकों द्वारा 20 रू. की पानी की बाटल 35 रु में, आइसक्रीम, पॉपकार्न एव अन्य डब्बा बंद वस्तुएं अधिक मूल्य पर बेची जा रही हैं तथा कई समाचार पत्रों में लगातार इस तरह की खबरें छपने के बाद भी लापरवाह क्षेत्रीय अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इसकी जाँच उच्च अधिकारी द्वारा कब-कब की गई? (ग) क्या मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर मालिक को दर्शकों से घर का पानी एवं अन्य सामान सिनेमाघर में नहीं ले जाने देने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
82. ( क्र. 1109 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय भूमि में अतिक्रमण के कितने आवेदन प्राप्त हुए? तहसीलवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में किन–किन प्रकरणों में स्थगन आदेश सक्षम न्यायालय द्वारा दिया गया? किन लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। (ग) क्या न्यायालय नायब तहसीलदार जुझारनगर तहसील गौरिहार जिला छतरपुर म.प्र. द्वारा रा.प्र.क्र./12-13/अ-68/16-17 दिनांक 13/06/2017 के द्वारा शासकीय भूमि अ.क्र.727 रकबा 0.348 मरघट में अतिक्रमण करने पर स्थगन आदेश दिया था? यदि हाँ, तो स्थगन दिनांक तक कितना निर्माण कार्य किया जा चुका था? पटवारी प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें। प्रश्न दिनांक को निर्माण की क्या स्थिति है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सोसायटियों में खाद्य एवं मिट्टी के तेल का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 1124 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दिनों प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा खाद्य एवं मिट्टी तेल आवंटन न किए जाने संबंधित शिकायत कलेक्टर नरसिंहपुर को की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उचित मूल्य दुकान डोंगरगाँव नर्मदा, रानीपिपरिया, मगरधा एवं खमतरा में माह मार्च 17 से मई 17 तक गेहूँ, चावल एवं केरोसीन वितरण के संबंध में जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार उल्लेखित उचित मूल्य दुकानों में उक्त माहों में गेहूँ एवं चावल का वितरण किया जाना पाया गया है एवं माह अप्रैल 17 में आवंटन अनुसार केरोसीन वितरण किया गया है, परन्तु माह मार्च 17 एवं मई 17 में उक्त उचित मूल्य दुकानों में केरोसीन वितरण हेतु अधिकृत थोक विक्रेता मेसर्स पेट्रोलियम ट्रेडर्स नरसिंहपुर द्वारा आवंटित केरोसीन मात्रा की पूर्ति दुकानों में नहीं किये जाने के कारण उक्त दुकानों में संलग्न उपभोक्ताओं को वितरण नहीं हुआ है। मेसर्स पेट्रोलियम ट्रेडर्स नरसिंहपुर के द्वारा अनियमितता किये जाने से संबंधित प्रोपराईटर श्री आसुतोष कठल के विरूद्ध चार प्रकरण कलेक्टर न्यायालय, नरसिंहपुर में विचाराधीन है।
वेतन भुगतान की जानकारी
[श्रम]
84. ( क्र. 1125 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर कलेक्टर को नरसिंह एक्सट्रेंशन एलाइड प्रोडक्टर प्रा.लि. खमतरा के विरूद्ध वेतन न देने संबंधित ज्ञापन नरसिंह सोयामिल मजदूर संघ नरसिंहपुर द्वारा दिया गया था? (ख) क्या कलेक्टर जन-सुनवाई में भी उक्त प्रकरण मजदूर संघ द्वारा रखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो इस प्रकरण पर क्या कार्यवाही एवं जाँच की जा रही है एवं मजदूरों को उनका हक मिले इसकी क्या व्यवस्था की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नरसिंह सोया मजदूर संघ द्वारा कलेक्टर एवं जन-सुनवाई में प्रस्तुत वेतन भुगतान संबंधी आवेदन पर जिला श्रम कार्यालय नरसिंहपुर द्वारा परीक्षण किया गया, नरसिंह सोया एक्सट्रेंशन प्रायवेट लिमिटेड खमतरा नरसिंहपुर द्वारा सोयाबीन की अनुपलब्धता के कारण प्रबंधन द्वारा अपने श्रमिकों को ले-ऑफ। निम्नानुसार दिया गयाः-
दिनांक
05.08.16 13 श्रमिक
दिनांक
03.09.16 6 श्रमिक
दिनांक
15.09.16 1 श्रमिक
दिनांक
11.02.17 7 श्रमिक
कुल योग – 27
श्रमिकों को ले-ऑफ देकर नियमानुसार 50 प्रतिशत वेतन भुगतान किया जाता रहा और प्रबंधन द्वारा 14.03.17 से ले-ऑफ समाप्त कर अंतिम वेतन भुगतान दि. 10.04.17 को किया। श्रमिकों के अंतिम स्वत्वों के भुगतान को निपटाने हेतु उभय पक्षों की बैठक दि. 12.05.17, 17.05.17, 23.05.17 एवं 31.05.17 को श्रम पदाधिकारी कार्यालय नरसिंहपुर में की गई उभय पक्षों में अंतिम स्वत्वों के भुगतान के संबंध में समझौता न होने के कारण संपूर्ण प्रकरण को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में हस्तगत कर अंतिम समझौता बैठक दिनांक 31.05.17 को संराधन अधिकारी द्वारा आहूत की गई, समझौता नहीं होने के कारण श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा प्रकरण को न्याय निर्णय हेतु श्रम न्यायालय नरसिंहपुर को संदर्भित कर दिया गया है।
जिला परिवहन अधिकारी की सेवा की जानकारी
[परिवहन]
85. ( क्र. 1126 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के औद्योगिक नगर नागदा जो कि उज्जैन जिले का सबसे बड़ा नगर है। पूर्व में यहां पर जिला परिवहन अधिकारी माह में दो दिन अपनी सेवाएं इस नगर को देते थे, जिससे नागदा नगर, खाचरौद नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की परिवहन सम्बन्धी कार्य नागदा नगर में ही हो जाते थे। (ख) यदि हाँ, तो क्या इस सेवा को पुनः प्रारम्भ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। परन्तु वर्ष 2002 से कम्प्यूटरीकरण किये जाने के पश्चात् लायसेंस बनाने हेतु आवेदक के बायोमेट्रिक्स कम्प्यूटर में सुरक्षित करने हेतु तथा वाहनों के फिटनेस हेतु टेबलेट पर फोटो लेने हेतु क्रमश: आवेदकों एवं वाहनों का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन में आना आवश्यक हो गया है। साथ ही विभाग की कार्यप्रणाली इस प्रकार निर्मित कर दी गई है, कि नागरिकगण कम्प्यूटर के माध्यम से जिले में कहीं से भी ऑन-लाईन विभाग का कार्य करवा सकते हैं। अतएव उक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में तथा विभाग में अमले की कमी के कारण वर्तमान में इस सेवा को पुनः प्रारंभ किया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिग्रहित भूमि का उपयोग
[राजस्व]
86. ( क्र. 1147 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के तहसील अनूपपुर के ग्राम रक्शा के कुल कितने कृषकों की किस प्रयोजन हेतु भूमि अधिग्रहित की गयी है? अधिग्रहण का दिनांक, कृषक का नाम, आराजी नं. रकबा, सहित जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या जिस प्रायोजन हेतु भूमि अधिग्रहित की गई थी? उस प्रायोजन में भूमि का उपयोग नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या भूमि कृषकों को वापस की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? औचित्य बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत ग्राम रक्शा के कुल 143 कृषकों की भूमि न्यूजोन पॉवर लिमिटेड कंपनी के लिये ताप विद्युत सयंत्र स्थापना हेतु दिनांक 24.10.2011 को भूमि अधिग्रहित की गई है। कृषकों का नाम, आराजी खसरा नम्बर रकबा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। भूमि का अधिग्रहण जिस प्रयोजन हेतु किया गया है। वर्तमान में उसका उपयोग नहीं किया गया है। संबंधित किसानों को अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। अत भूमि वापिस किये जाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पेय-जल आपूर्ति की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
87. ( क्र. 1150 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या झाबुआ जिले के विकासखण्ड कुन्दनपुर में गर्मी के मौसम में पेय-जल संकट से ग्रस्त समस्या के निपटारे हेतु शासन की कोई योजना है? (ख) विधानसभा क्षेत्र झाबुआ में पीने के पानी की समस्याओं को देखते हुए कितने-कितने नलकूप खनन किया जाना प्रस्तावित है? (ग) कब तक नलकूप खनन की स्वीकृति जारी की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। मजरा कालिया-कोतरी के कुएं को पाइप-लाइन डालकर कुन्दनपुर नल-जल योजना से जोड़ने की योजना है। इस हेतु विभाग द्वारा 2200 मीटर 110 मि.मी. व्यास के एच.डी.पी.ई. पाइप ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवा दिए गए हैं, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 8.93 लाख की ग्राम पंचायत द्वारा दी गई है। मनरेगा अंतर्गत पंचायत के माध्यम से पाइप-लाइन बिछाई जाना है। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 108 नलकूप खनन कार्य प्रस्तावित किये जाकर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है
कृषि भूमि के पट्टेधारियों को वन विभाग द्वारा बेदखल किया जाना
[राजस्व]
88. ( क्र. 1160 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसीलों में वर्ष 1978-79 एवं 1991 में अलाटमेंट अधिकारी भू-अभिलेख परिवर्तित भूमि छतरपुर द्वारा कृषि भूमि के पट्टे प्रदाय किये गये थे? यदि हाँ, तो उनकी सूची प्रदाय की जावे? (ख) क्या वन विभाग द्वारा इन पट्टेधारियों को उनकी भूमि पर बेदखल किया जा रहा है? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक कितने पट्टेधारियों को उनकी जमीन से अलग करने की शिकायत प्राप्त हुई है? सूचीवार विवरण देवें? (ग) क्या वैध रूप से पट्टाधारी या राजस्व रिकार्ड में भू-स्वामी दर्ज होने पर भी वन विभाग के रिकार्ड में दर्ज न होने के कारण उन्हें बेदखल किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम बतावें? (घ) जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा राजस्व विभाग, कलेक्टर जिला छतरपुर व लवकुशनगर अनुभाग की तहसीलों में वन विभाग के खिलाफ कई शिकायती आवेदन वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक दिये गये, उन पर क्या कार्यवाही हुई? सूचीवार जानकारी प्रदाय करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी पट्टा प्रदाय नहीं किया गया। (ख) जी नहीं। केवल वन भूमि के अतिक्रामकों को बेदखल किया गया है। (ग) वन भूमि से वन विधि के अनुरूप अतिक्रामकों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80 अ के तहत बेदखल किया जाता है। (घ) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जो शिकायती आवेदन दिये गये एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जाँच प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
89. ( क्र. 1189 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 जनवरी से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में बी-121 मद में कितने जाँच प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरण क्रमांक सहित दायर दिनांक सहित अनुविभागीय कार्यालयवार संपूर्ण विवरण प्रदान करें। जाँच प्रकरणों में वर्तमान में क्या स्थिति है? बी-121 मद में जाँच प्रकरणों के निराकरणों की क्या समय-सीमा निश्चित है? नियमों की प्रति उपलब्ध कराते हुये जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार निर्धारित समय में जाँच प्रकरणों के निराकरण नहीं करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2015 जनवरी से प्रश्न दिनांक तक जिले के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों में बी-121 मद में निम्नानुसार प्रकरण दर्ज किये गये। अनुविभागीय अधिकारी उज्जैन - 058, अनुविभागीय अधिकारी नागदा - 027, अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद - 605, अनुविभागीय अधिकारी घट्टिया, अनुविभागीय अधिकारी तराना, अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर, अनुविभागीय अधिकारी महिदपुर प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। बी-121 मद में जाँच प्रकरणों के निराकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमानक गैस रसोई सिलेण्डर से घटनाएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
90. ( क्र. 1193 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में घरेलू गैस सिलेण्डर के फटने, गैस सिलेण्डर के लीक होने से आग लगने की घटित कितनी दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई है? कितने घायल हुये हैं? इलाज के दौरान घायल कितने-कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई है? जिला प्रशासन व शासन ने किन-किन घटित दुर्घटनाओं में पीड़ित परिवारजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता की है? वर्ष 2014-15 से 2017-2018 तक की तहसीलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला प्रशासन व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग जबलपुर ने एक्सपायरी डेट्स वाले खतरनाक व अमानक गैस सिलेण्डर की सप्लाई व इनका विक्रय प्रतिबंधित करने हेतु किन-किन गैस एजेन्सी संचालकों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में जिले में संचालित किन-किन गैस एजेन्सियों की जाँच कब-कब, किन-किन अधिकारियों ने की है। कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या अनियमितताएं व शिकायतें पाई गई हैं। कहाँ-कहाँ से कब-कब कितने-कितने एक्सापयरी डेट्स व अमानक कितने गैस सिलेण्डरों को जब्त किया गया। दोषी गैस एजेन्सी संचालकों पर कब क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जबलपुर जिले में प्रश्नांकित अवधि में 26/02/2016 को घरेलू गैस सिलेण्डर में व्यावसायिक स्टोव का अमानक ढंग से उपयोग के दौरान गैस लीक होने में अग्नि दुर्घटना में 14 व्यक्ति जल कर घायल हुए। इलाज के दौरान उक्त में से 06 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। वर्ष 2015-16 में जबलपुर के सिहोरा तहसील के घाट सिमरिया के निवासी प्रेमलाल पिता ललेराम पटेल के मकान की क्षति गैस सिलेण्डर से गैस लीक होने के कारण अग्नि दुर्घटना में हुई थी। इसी दुर्घटना में उक्त गाँव के रितेश पिता राजेन्द्र कुमार गुप्ता के घर भी कुछ नुकसान हुआ था। दिनांक 26/02/2016 को हुई दुर्घटना में पीडि़त परिवारों को पहुंचाई गई आर्थिक सहायता की राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। तहसील सिहोरा के घाट सिमरिया में गैस सिलेण्डर से लीकेज के फलस्वरूप हुई क्षति से प्रभावित व्यक्तियों को प्रदत्त अनुदान राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
गोली चालन से कृषकों की मृत्यु की जानकारी
[गृह]
91. ( क्र. 1199 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर में जून माह में हुये गोलीकांड/पिटाई से किस-किस नाम एवं पते वाले व्यक्तियों को असामायिक मृत्यु हुई? दिनांकवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मृत व्यक्तियों के शरीर के किस-किस भाग पर किस प्रकार के हथियारों से चली गोली लगी? व्यक्तिवार जानकारी दें। सभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की एक-एक प्रति दें। (ग) राज्य शासन उक्त गोलीकांड में मृत व्यक्तियों को किसान मानती है या असामाजिक तत्व? (घ) उक्त गोलीकांड से मृत व्यक्तियों के परिवार में एक करोड़ रूपये की धनराशि किस-किस नाम के व्यक्तियों के किस क्रमांक के किस नाम के बैंकों में एकाउन्ट में किस दिनांक को जमा हुई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
एन.सी.आर.बी. एवं एस.सी.आर.बी. के आंकड़ों की जानकारी
[गृह]
92. ( क्र. 1200 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किस्टेट क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एस.सी.आर.बी. म.प्र.) नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) के अनुसार एक 01 अप्रैल 2004 से प्रश्नतिथि तक म.प्र. के किन-किन जिलों में कितने किसानों के द्वारा आत्महत्या की? आत्महत्या की कोशिश की वर्षवार, जिलेवार, संख्यावार जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : स्टेट क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एस.सी.आर.बी) म.प्र. में उपलब्ध, एन.सी.आर.बी. द्वारा निर्धारित समयावधि व आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2004 से वर्ष 2016 तक ''खेती-बाड़ी से जुड़े व्यक्तियों द्वारा की गई आत्महत्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एन.सी.आर.बी. नई दिल्ली द्वारा निर्धारित प्रोफार्मा में पृथक से किसानों द्वारा की गई आत्महत्या के प्रयास संबंधित जानकारी का संकलन नहीं किया जाता है। जानकारी वर्षवार माह जनवरी से दिसंबर की अवधि हेतु संकलित की जाती है।
नलकूप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
93. ( क्र. 1210 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले की विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़, अनूपपुर एवं कोतमा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक पेय-जल संग्रहण हेतु कितनी लागत से किसके द्वारा पानी की टंकियों का निर्माण कराया गया तथा इनमें से कितनी टंकियों का वर्तमान समय में शत्-प्रतिशत उपयोग हो रहा है एवं कौन-कौन सी टंकियों का उपयोग नहीं किया जा रहा है? अनुपयोगी पेय-जल की टंकियों के निर्माण हेतु कौन दोषी है? (ख) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़, कोतमा एवं अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उक्त वित्तीय वर्ष में कहाँ-कहाँ नलकूप खनन हेतु प्रश्नकर्ता एवं जिले की स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गई? अनुशंसा के आधार पर कहाँ पर नलकूपों का खनन किया गया? नलकूप खनन नहीं करने के क्या कारण रहे? वर्षवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) उक्त विधानसभा क्षेत्रों में उक्त अवधि में कहाँ-कहाँ पर नवीन नल-जल योजनायें प्रस्तावित हैं तथा प्रस्तावित नल-जल योजनाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर को छोड़कर प्रश्न में उल्लेखित शेष विधानसभा क्षेत्रों में कोई टंकी निर्मित नहीं की गई है। निर्मित टंकियों में से कोई भी टंकी अनुपयोगी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में कोतमा विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ एवं अनूपपुर मैं प्रस्तावित नल-जल योजनाऐं स्वीकृत होकर 2 पूर्ण हो गई है एवं 1 प्रगतिरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पशुओं के उपचार हेतु दवाइयों का क्रय
[पशुपालन]
94. ( क्र. 1211 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में उप-संचालक पशु चिकित्सा द्वारा पशुओं के उपचार हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी व किस-किस एजेंसी से दवाइयां क्रय की गई हैं? (ख) अनूपपुर जिले में पशु चिकित्सक द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार वर्णित वर्षों के दौरान कहा-कहाँ पर भ्रमण कार्यक्रम किये गये और उनके द्वारा कितनी राशि के बिल प्रस्तुत किये गये? कितने पशुपालकों को भ्रमण के दौरान लाभ दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित वर्षों में क्रय दवाइयों को स्टॉक रजिस्टर में दर्ज कर कितनों को कितनी-कितनी दवाइयां वितरित की गई हैं एवं कितना व्यय किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में किस-किस ग्राम में कहाँ-कहाँ कैम्प आयोजित कर पशुओं का इलाज किया गया? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें एवं कैम्प के दौरान लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द' अनुसार।
नवीन पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
95. ( क्र. 1226 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पुलिस चौकी खोले जाने के क्या-क्या मापदण्ड हैं? केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्या नक्सल प्रभावित क्षेत्र पांडिया छपारा पुलिस चौकी खोले जाने के मादण्ड को पूर्ण नहीं करता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि मापदण्ड पूर्ण नहीं करता है, तो क्या भविष्य में पुलिस चौकी खोले जाने की विभाग के पास कोई योजना लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा लंबे अरसे से पांडिया छपारा में पुलिस चौकी की स्थापना हेतु मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ, मापदण्ड को पूर्ण नहीं करता है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया।
फटाका व्यवसायियों को लायसेंस का प्रदाय
[गृह]
96. ( क्र. 1229 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी में फटाका के स्थायी लायसेंस, अस्थाई लायसेंस, विस्फोटक क्रय करने विस्फोटक संग्रहित करने के लायसेंस एवं इन सभी के गोडाउन की पूर्ण जानकारी देवें? (ख) स्थायी फटाके का लायसेंस लेने के बाद शासन द्वारा कितने समय में इनमें निरीक्षण की प्रक्रिया की जाती है? (ग) क्या निरीक्षण अवधि पूरी होने के पहले भी बार-बार निरीक्षण किया जा सकता है? यदि नहीं, तो किस आधार पर स्थाई फटाका व्यवसायियों का बार-बार निरीक्षण किया जाता है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सिवनी जिले में पटाखा के कुल 03 स्थायी लायसेंस निम्नानुसार स्वीकृति हैं:- (1) मेसर्स अब्दुल कय्यूम गुलजार हुसैन प्रो.प्रा ताहिर अली, (2) मेसर्स अब्दुल कय्यूम गुलजार हुसैन प्रो.प्रा. ताहिर अली, (3) श्री ताहिर अली निवासी बुधवारी बजार थाना व जिला- सिवनी। सिवनी जिले में दीपावली पर्व के दौरान केवल 15 दिनों के लिए पटाखा के अस्थायी लायसेंस स्वीकृत किए जाते हैं। विगत वर्ष 2016 में दीपावली पर्व के दौरान कुल 401 पटाखा के अस्थायी लायसेंस जारी किए गए थे। स्थायी पटाखा लायसेंसधारियों द्वारा मेसर्स टी.एस. एक्सप्लोसिव प्रोपराईटर सैफुद्दीन निवासी बुधवारी बाजार, सिवनी के नाम से उप मुख्य विस्फोटक नियंत्रक, भोपाल द्वारा ग्राम नंदौर, तहसील सिवनी में पटाखा के मैगजीन/गोदाम में संग्रहण एवं विक्रय हेतु विस्फोटक नियम 2008 के अंतर्गत LE-3 में अनुज्ञप्ति क्रमांक E/HQ/MP21/53 (E4060) स्वीकृत है, जिसकी वैधता 21/03/2020 तक है। अस्थायी पटाखा लायसेंसधारियों को विस्फोटक संग्रहित करने हेतु गोडाउन की आवश्यकता नहीं होती है। (ख) समय-समय पर शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार एवं विस्फोटक अधिनियम 2008 के तहत निरीक्षण की प्रक्रिया का पालन किया जाता है। एवं मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग के पत्र क्रमांक 1886/1368/2015/दो/सी-2 भोपाल दिनांक 21.04.2017 के अनुसार प्रत्येक माह में निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए हैं। (ग) जी हाँ। स्थायी पटाखा लायसेंसधारियों के स्वीकृत लायसेंसों का समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण भी किया जा सकता है।
भूमियों के अधिग्रहण में लापरवाही
[राजस्व]
97. ( क्र. 1234 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नये भू-अर्जन नीति के तहत भूमियों व परिसम्पत्तियों के अधिग्रहण के संबंध में क्या नियम निर्देश व किन प्रक्रियाओं का पालन किये जाने की व्यवस्था दी गयी है? नियम-निर्देश व प्रक्रियाओं की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) क्या पेंच बांध परियोजना माचागोरा के नहर निर्माण हेतु ग्राम पंचगाँव, तहसील चांद, जिला छिंदवाड़ा की भूमियों का अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो पालन किये गये प्रक्रियाओं का दस्तावेजी साक्ष्य सहित स्थान जाँच पंचनामा, स्थल जाँच हेतु दी गई सूचना, अधिग्रहित भूमि का खसरा, किश्तबंदी की प्रति, अवार्ड आदेश एवं प्रतिकर निर्धारण की प्रति सहित जानकारी दें? (ग) क्या उक्त ग्राम के भूमियों के अधिग्रहण में सक्षम अधिकारी द्वारा की गयी गड़बड़ी, सिंचित भूमियों का असिंचित मानकर, व्यपवर्तित भूमियों का अव्यपवर्तित मानकर प्रतिकर निर्धारण किये जाने के संबंध में भूमि-स्वामियों से प्राप्त शिकायत पत्र क्र. 315, दिनांक 15.03.2017 मा. राजस्व मंत्री को, पत्र क्र. 314, दिनांक 15.03.2017 कलेक्टर छिंदवाड़ा को प्रश्नकर्ता ने प्रस्तुत किया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं व गड़बड़ी की गयी भूमियों के भूमि स्वामियों की जानकारी देते हुए यह बतावें कि इस पत्र पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं की गयी है, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भूमियों एवं परिसम्पत्तियों के अधिग्रहण के नियम निर्देश व प्रक्रियाओं का विवरण भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 में वर्णित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है (ख) जी हाँ। भू-अर्जन अधिकारी चौरई के राजस्व प्रकरण क्रमांक 40 अ-82/ 14-15 में पारित अवार्ड दिनांक 24.12.2016 के द्वारा ग्राम पंचगाँव की भूमि नहर निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई वांछित जानकारी राजस्व अभिलेखों की प्रतियां पारित अवार्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। मान. विधायक का पृ.क्र.314 दिनांक 15.3.2017 कलेक्टर छिदंवाडा के पत्र दिनांक 3 अप्रैल 2017 के अंतर्गत भू-अर्जन अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी तहसील चौराई को मान. विधायक के पत्र एवं सहपत्रों सहित उठाये गये बिन्दुओं पर नियमानुसार शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रेषित किया गया था। पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। ग्राम पंचगाँव की अधिग्रहित की गई भूमि का प्रतिकर मुआवजा का निर्धारण स्थल जाँच एवं राजस्व अभिलेखों के आधार पर नियमानुसार किया गया है। (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 314 दिनांक 15.03.2017 के आधार पर जाँच की गई है। पत्र में उल्लेखित व्यक्तियों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
राजस्व प्रकरण में कलेक्टर के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
98. ( क्र. 1235 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 27/03/2017 को अता. प्रश्न क्रमांक 6008 के संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है, उत्तर दिया है? यदि हाँ, तो क्या जानकारी एकत्र कर ली गयी है? इस विलंब के लिए कौन दोषी है? (ख) प्रश्न में उल्लेखित बिन्दुओं पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? औचित्य बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोली चालन हेतु निर्धारित मानक प्रक्रिया
[गृह]
99. ( *क्र. 1241 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस के द्वारा गोली चलाने के पूर्व क्या-क्या मानक प्रक्रिया का पालन किया जाता है? प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देवें एवं गोली चलाने के आदेश देने के अधिकार किन-किन अधिकारियों को प्राप्त हैं एवं किन परिस्थितियों में गोली चलाने के आदेश दिये जाते हैं? क्या मंदसौर जिले में हुए गोली कांड के मानक प्रक्रिया का पालन किया गया? (ख) मंदसौर जिले में पिपलिया मंडी के पास 6 जून 2017 को आंदोलनरत किसानों पर गोली किसके आदेश पर चलाई गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित गोली चालन किस समय से किस समय के मध्य हुआ तथा कितने राउन्ड गोली पुलिस द्वारा तथा कितने राउन्ड गोली सी.आर.पी.एफ. द्वारा चलाई गई? (घ) गोली लगने से कितने किसानों की मृत्यु घटना स्थल पर व कितने किसानों की मृत्यु अस्पताल ले जाते समय हुई? जानकारी नाम सहित स्थान सहित पता देवें। (ड.) मृत किसानों को शरीर में किस-किस स्थान पर कुल कितनी-कितनी गोली लगी एवं कितने किसानों को गोली कमर के नीचे लगी और कितने किसानों को गोली कमर के ऊपर लगी? किसानों के नाम, पता सहित जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस द्वारा किसी भी अवैध मण्डली को तितर-बितर करने हेतु गोली चालन करने के लिये मानक प्रक्रिया का पालन किया जाता है। म.प्र. पुलिस मेन्युअल एवं रेग्युलेशन के पैरा क्रमांक 439, 440, 441 तथा 442 में वर्णित मानक प्रक्रिया तथा आत्मरक्षा के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता (सी.आर.पी.सी.) के प्रावधानों के अनुरुप मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए परिस्थिति अनुसार उपस्थित सक्षम अधिकारी द्वारा बल प्रयोग की कार्यवाही कराई जाती है। मन्दसौर जिले में हुए घटना क्रम के संबंध में न्यायिक आयोग गठित है, अतः यह टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा की मन्दसौर में हुए घटना क्रम में मानक प्रक्रिया का पालन किया गया अथवा नहीं। (ख) इस घटनाक्रम के संबंध में न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
किसान आंदोलन के प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
100. ( क्र. 1242 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जून 2017 को प्रारंभ हुये किसान आंदोलन के दौरान उज्जैन संभाग के प्रत्येक जिले में दर्ज प्रकरणों के क्रमांक, दिनांक, थाने का नाम धाराएं, कुल आरोपी, नामजद आरोपी के नाम, प्रकरण दर्ज करने का समय, अपराध का स्थान और समय, गिरफ्तार आरोपियों के नाम तथा गिरफ्तारी की दिनांक, जाँच अधिकारी का पद तथा नाम तथा उत्तर दिनांक तक प्रकरण की स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) 6 जून को मंदसौर में आंदोलनरत् किसानों पर गोली चालन प्रकरण में कलेक्टर एस.पी. तथा सी.एस.पी. को दिये गये निलंबन आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि किस अधिकारी की जाँच रिपोर्ट पर यह कार्यवाही की गई? रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरणों की एफ.आई.आर. की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरणों में कितने आरोपी प्रश्न दिनांक तक जेल में बंद है? उनके नाम, प्रकरण क्रमांक, धाराएं, थाने का नाम, गिरफ्तारी की दिनांक सहित सूची प्रस्तुत करें। (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आरोपियों से कितने आरोपी 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उनके नाम, आयु प्रकरण क्रमांक धाराएँ सहित सूची देवें तथा बतावें कि सबसे अधिक उम्र का आरोपी तथा सबसे कम उम्र का आरोपी का नाम तथा प्रकरण क्रमांक तथा धाराएँ क्या है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) पुलिस अधीक्षक तथा उप पुलिस अधीक्षक का निलंबन आदेश पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश द्वारा प्रेषित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री एस.एल. थाउसेन की जाँच रिपोर्ट पर किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) चाही गई एफ.आई.आर. की छायाप्रतियां (न्यायिक जाँच प्रचलन में होने से मंदसौर जिले को छोड़कर) शेष जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में दर्ज प्रकरणों में 85 आरोपी जेल में बंद है। इस संबंध में विस्तृत चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (ड.) उक्त संबंध में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है।
नजूल भूमि पर काबिज रजिस्ट्री प्राप्त व्यक्तियों का नामांतरण
[राजस्व]
101. ( क्र. 1248 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इटारसी नगर में स्थित नजूल भूमि शीट नंबर 03 प्लाट नंबर 3/1 एवं शीट नंबर 06 प्लाट नंबर 7/1 क्षेत्रफल 3,07810 वर्गफीट भूमि पर काबिज रजिस्ट्री प्राप्त व्यक्तियों का प्रकरण नामांतरण किये जाने के संबंध में शासन स्तर पर विचाराधीन हैं? (ख) उक्त भूमि का लीज नवीनीकरण हेतु कब आवेदन प्राप्त हुये एवं कब नवीनीकरण किया गया? किन कारणों से लीज नवीनीकरण नहीं किया गया? लीज नवीनीकरण न होने के कारण शासन को कितनी राजस्व की हानि हुई है? (ग) क्या उक्त भूमि स्थाई लीज पर दी गई थी, जिन्हें Assignment अभिहस्तांकन के अधिकार थे? (घ) क्या दिनांक 23.01.1981 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने इस प्रकरण के संबंध में प्रश्नाधीन भूमि पर काबिज रजिस्ट्री प्राप्त व्यक्तियों के पक्ष में निर्णय दिया? क्या इस आशय की जानकारी एकल सदस्यीय समिति को थी जिसने दिनांक 11.07.2010 को शासन को प्रतिवेदन दिया? क्या माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में यह प्रतिवेदन बंधनकारी है? क्या इसकी सिफारिश को शासन निरस्त कर नामांतरण की कार्यवाही राजस्व विभाग के परिपत्र एफ-6-48/2014/सात/नजूल दिनांक 11 जुलाई 2014 के परिप्रेक्ष्य में शीघ्र करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित पेय-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 1251 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 01.01.2013 से प्रश्न दिनांक तक पेय-जल आपूर्ति हेतु कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से उच्च स्तरीय टंकियों का निर्माण स्वीकृत किया गया? निर्माण कार्य प्रारंभ दिनांक से कार्य पूर्णता दिनांक सहित निर्माण एजेंसी के नाम सहित सूची देवें एवं इन स्वीकृत टंकियों में से कौन-कौन का निर्माण कार्य किन कारणों से अपूर्ण या अप्रारंभ है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पूर्ण निर्मित पानी की टंकियों से कहाँ-कहाँ पर शत्-प्रतिशत पेय-जल भंडारण कर जल आपूर्ति की जा रही है एवं कहाँ-कहाँ की टंकियों का निर्माण होने के पश्चात् भी प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से पानी का भंडारण नहीं किया जा रहा? विकासखण्डवार सूची देवें। टंकी निर्माण होने के बाद भी जिन टंकियों से पेय-जल प्रदान नहीं हो रहा उसका दोषी कौन है? दोषियों पर शासन द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी नल-जल योजनायें प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत हैं? इनमें से कितनी वर्तमान समय में संचालित है एवं कौन-कौन सी किन कारणों से बंद पड़ी हैं एवं किन-किन ग्रामों में नलकूप खनित कर हैंडपंप लगाये गये हैं? इनमें से कितने क्रियाशील हैं तथा कितने बंद पड़े हैं? ग्रामवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बंद हैंडपंपों एवं नल-जल योजनाओं को किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा एवं पेय-जल आपूर्ति हेतु कितनी-कितनी लागत की कौन-कौन सी योजनायें पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रस्तावित हैं तथा उन्हें कब तक स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (घ) 3 बंद हैंडपंप असुधार योग्य श्रेणी के होने से सुधारे नहीं जा सकते हैं। सभी नल-जल योजनाएं चालू हैं। 17 हैण्डपंप योजनाएं प्रस्तावित होकर स्वीकृत हैं जिन्हें वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
प्रदेश के शहीद वीर सपूतों के परिवारों को प्रदत्त सहायता
[गृह]
103. ( क्र. 1252 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19.03.2013 के पश्चात् प्रदेश निवासी कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से सेना एवं अर्धसैनिक बलों के अधिकारी एवं सैनिक कब-कब सैनिक, आतंकवादी, नक्सलवादी एवं आंतरिक सुरक्षा कार्यवाही में शहीद अथवा विकलांग हुये हैं? सैनिक के नाम, ग्राम घटना दिनांक सहित सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शहीद एवं विकलांग सैनिक/अधिकारी क्या प्रदेश गृह विभाग के पत्र क्रमांक AF-31-1/2013-दो-ए (3) दिनांक 19 मार्च 2013 को जारी परिपत्र अनुसार कौन-कौन सी सहायता की पात्रता रखते हैं? प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शहीदों एवं विकलांगों को प्रदेश सरकार द्वारा किस-किस प्रकार की सहायता कब-कब किनको उपलब्ध कराई गई तथा किन-किन शहीदों के परिवार जनों अथवा विकलागों को किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक सहायता प्रदान नहीं की गई? कारण सहित संपूर्ण सूची देवें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 747 दिनांक 07.12.2016 के उत्तर में ग्राम खुडावल विकासखंड मझौली जिला जबलपुर निवासी सैनिक रामेश्वर पटेल की मृत्यु के संबंध में सेना मुख्यालय से जानकारी प्राप्त की जा रही है, बतलाया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्या प्रदेश सरकार सैनिक रामेश्वर पटेल को शहीद मानती है? यदि हाँ, तो राज्य सरकार की कौन-कौन सी सहायता प्राप्त करने का शहीद सैनिक का परिवार अधिकारी है तथा प्रश्न दिनांक तक इस शहीद के परिवार को कौन-कौन सी सहायता प्रदान की जा चुकी है? यदि नहीं, दी गई तो इसके क्या कारण हैं? शहीद के परिवार को किस प्रकार की कौन-कौन सी सहायता कब तक प्रदान की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 19.03.2013 के पश्चात, आतंकवादी, नक्सलवादी, आंतरिक सुरक्षा कार्यवाही में शहीद अथवा विकलांग हुए सैनिकों एवं अर्धसैनिकों के नाम, ग्राम, घटना दिनांक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) गृह विभाग के पत्र क्रमांक एफ 31-1/2013/दो-ए (3) दिनांक-19.03.2013 को जारी परिपत्र के अनुसार सैनिकों, अर्धसैनिकों के आश्रितों को उपलब्ध करायी गयी सहायता की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जिन्हें सहायता प्रदान नहीं की गई की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) सैनिक रामेश्वर पटेल की मृत्यु हृदयघात के कारण हुई है। सैनिक रामेश्वर पटेल की यूनिट द्वारा सेना मुख्यालय को बैटिल कैजुयल्टी प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु लिखा गया है जो कि आज दिनांक तक अपेक्षित है।
महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा अभद्रता
[गृह]
104. ( क्र. 1269 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना प्रभारी बरोही जिला भिण्ड द्वारा बिना महिला पुलिस बल एवं भारी तादाद में पुलिसकर्मियों के साथ दिनांक 08/04/2017 की रात्रि में थाना क्षेत्र के ग्राम गोपालपुरा के घरों में घुसकर महिलाओं से अभद्रता करने आदि की गंभीर शिकायत ग्रामवासियों की ओर से अटेर विधानसभा क्षेत्र निर्वाचन मुख्य चुनाव आयुक्त, पुलिस पर्यवेक्षक एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत के मुख्य बिंदु क्या थे तथा शिकायत किन-किन अधिकारियों की, की गई थी? (ख) क्या रात्रि में घर में घुसकर महिलाओं से अभद्रता करने की गंभीर शिकायत के कारण ही संबंधित थाना प्रभारी एवं पुलिसकर्मियों को हटाया गया था? यदि हाँ, तो हटाए गए पुलिसकर्मियों के नाम पद सहित विस्तृत जानकारी देवें। इन पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कानूनी प्रावधानों के तहत क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या अकारण बिना महिला बल के साथ लिए इस प्रकार घरों में घुसकर महिलाओं के साथ अभद्रता करने वाले कर्मियों के विरूद्ध महिला अपराध कानून के तहत कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या वजह रही? (घ) इस गंभीर शिकायत की जाँच लंबित रहते हुए भी हटाये गए थाना प्रभारी एवं पुलिसकर्मियों को पुन: किस आधार पर उसी थाने में पदस्थ कर दिया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 08.04.2017 को थाना प्रभारी बरोही जिला भिण्ड द्वारा महिलाओं के साथ अभद्रता करने संबंधी पुलिस अधीक्षक कार्यालय भिण्ड, जिला निर्वाचन कार्यालय भिण्ड में इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) यह कहना सही नहीं है। बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि भारतीय निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुपालन कार्यालयीन आदेश क्रमांक-पुअ/भिण्ड/स्थापना/119/17 एवं क्यू-17 दिनांक 08.04.2017 के द्वारा विधानसभा क्षेत्र अटेर के 06 थाना प्रभारियों को रक्षित केन्द्र मुरैना पदस्थ किया गया था। उप निरीक्षक मनीष सिंह जादौन, थाना प्रभारी बरोही, भी पृथक किये गये थे। चुनाव उपरांत उन अधिकारियों को पुनः पूर्व पदस्थापनाओं पर पदस्थ किया गया था। (ग) यह कहना सही नहीं है। वस्तुस्थिति यह है, कि थाना प्रभारी एवं अन्य पुलिसकर्मी द्वारा किसी भी महिला के साथ अभद्रता नहीं की गई है और न ही इस बाबत् शिकायत प्राप्त हुई है। (घ) भारतीय निर्वाचन आयोग के मौखिक आदेश के परिपालन में थाना प्रभारियों को पद से पृथकीकरण की कार्यवाही की गई थी। बाद चुनाव पुनः यथावत पदस्थ किया गया है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
105. ( क्र. 1276 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की तहसील विजयराघवगढ़ एवं ढीमरखेड़ा में अवैध कब्जे के कितने प्रकरण किस-किस ग्राम के कब-कब दर्ज किये गये? वर्ष 2012-13 से तहसीलवार, वर्षवार पृथक-पृथक बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में जुर्माना हुआ? कितने प्रकरणों में बेदखली की गई? कितने प्रकरणों में जुर्माना होने व बेदखली के आदेश होने के बावजूद भी अवैध कब्जाधारक अभी भी बलपूर्वक कब्जा किये हुये हैं? तहसीलवार, ग्रामवार, प्रकरणवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार अवैध कब्जा हटाये जाने हेतु किसी नागरिक द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका दायर की गई और माननीय न्यायालय के आदेश उपरांत भी अवैध कब्जाधारकों को राजस्व अधिकारियों द्वारा बेदखल नहीं किया गया, क्यों? कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुईं? इन शिकायतों की जाँच, कब किस अधिकारी द्वारा की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में किये गये अवैध कब्जों के दर्ज प्रकरणों की ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उपरोक्त दर्ज प्रकरणों में जुर्माना, बेदखली के पारित आदेश एवं विचाराधीन प्रकरणों का विवरण निम्नवत है :-
तहसील |
अवैध कब्जों के प्रकरणों की कुल संख्या |
जुर्माना कर बेदखली आदेश पारित किये गये प्रकरणों की कुल संख्या |
कार्यवाही हेतु विचाराधीन प्रकरणों की संख्या |
विजयराघवगढ़ |
867 |
377 |
490 |
ढीमरखेड़ा |
699 |
683 |
16 |
योग |
1566 |
1060 |
500 |
तहसील विजयराघवगढ़ में कुल 60 प्रकरणों में बेदखली की कार्यवाही शेष है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार तहसील विजयराघवगढ़ में अवैध कब्जों के संबंध में 02 याचिकायें उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर की गई हैं। रिट पिटीशन क्रमांक 1257/2017 में पारित मान. उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 14.2.2017 के पालन में श्री विपिन बहादुर सिंह द्वारा अनुविभागीय अधिकारी विजयराघवगढ़ को प्रस्तुत किए गए आवेदन पर अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 291/बी.121/2016-17 विचाराधीन है। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय के पालन में ग्राम सिनगौडी के कुल 57 प्रकरणों में बेदखली की कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में तहसील विजयराघवगढ़ के अतर्गत श्री विपिन बहादुर सिंह निवासी सिनगौडी द्वारा दिनांक 6;7;2016 को शिकायत की गई थी। इस शिकायत पर नायब तहसीलदार वृत सिनगौडी द्वारा मामला पंजीबद्ध कर अतिक्रामकों के विरूद्ध बेदखली आदेश पारित किया जा चुका है। मामला मान. उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार विधि संगत कार्यवाही हेतु विचाराधीन होने के कारण मौके पर बेदखली की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। उत्तरांश (ख) में शेष प्रकरणों को छोड़कर अन्य प्रकरणों में हल्का पटवारी द्वारा शिकायतों की जाँच कराकर उनके प्रतिवेदन देने उपरांत भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के प्रावधानानुसार संबंधित पीठासीन अधिकारी द्वारा जुर्माना एवं बेदखली की कार्यवाही की गई है। शिकायत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
कटनी घोटाला काण्ड की जानकारी
[गृह]
106. ( क्र. 1277 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में घोटाला काण्ड के विरोध में कब-कब प्रदर्शन हुये और प्रदर्शन की वजह क्या थी? प्रदर्शन में तत्कालिक पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण पूर्व तथाकथित घोटाला के प्रकरण में किन-किन लोगों के ऊपर किन-किन अधिकारियों द्वारा विवेचना की गई? कटनी जिले में नये पुलिस अधीक्षक के आने के बाद फिर किस अधिकारी के द्वारा विवेचना की गई? विवेचक का नाम सहित तिथिवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ई.डी. के समक्ष बयान कब हुआ था? क्या संबंधित प्रकरण में से एक फरार व्यक्ति द्वारा दिनांक 05 एवं 06 मई 2017 को इंदौर में बयान दर्ज कराये गये हैं? क्या इसमें स्थानीय पुलिस की विफलता नहीं है? इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? (ग) घोटाला काण्ड की विवचेना के दौरान कितने अपराधी थे? कितने अपराधियों की विवेचना दौरान कहाँ-कहाँ मृत्यु किन-किन हालात में हुई? घोटाला काण्ड में विवेचक को बदलने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कटनी जिले में घोटाला काण्ड के विरोध में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ है। थाना कोतवाली कटनी के अप.क्र. 738/16, 739/16, 741/16 तथा 1367/16 की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक एस.पी. बघेल द्वारा की गई, दिनांक 09.01.2017 को नये पुलिस अधीक्षक के आने पर भी विवेचना थाना प्रभारी निरीक्षक एस.पी. बघेल द्वारा ही की गई। निरीक्षक एस.पी. बघेल के स्थानांतरण के पश्चात दिनांक 30.05.2017 से विवेचना थाना प्रभारी निरीक्षक शैलेष मिश्रा द्वारा की जा रही है। (ख) प्रश्न का संबंध भारत सरकार से है। (ग) अप.क्र. 738/16 में तीन, अप.क्र. 739/16 में एक, अप.क्र. 741/16 में तीन एवं अप.क्र.1367/16 में एक आरोपी है। अप.क्र.1367/16 में नामजद आरोपी संतोष गर्ग की मृत्यु एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश (उत्तराखण्ड) में लीवर की बीमारी के कारण होना पाया गया है। स्थानांतरण होने के कारण विवेचक को बदला गया है।
विधानसभा आश्वासन पर कार्यवाही
[गृह]
107. ( क्र. 1284 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.क्र. 2532, दिनांक 27.02.2017 में बताया गया है कि मा. उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ ने M.C.R.C. क्रमांक 5742/2016 हसमुखलाल नवलखा विरूद्ध म.प्र. शासन की F.I.R. क्लोज कर दी है, इसके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक विभाग ने अपील क्यों नहीं की? (ख) इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) दिनांक 09.12.2015 को विधान सभा आश्वासन के संदर्भ में बनी जाँच कमेटी ने इस मामले में क्या निष्कर्ष दिए हैं, उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो क्यों, कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित प्रश्न में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ के एम.सी.आर.सी. नं.-5742/2016 नहीं बल्कि 6742/2016 का उल्लेख है। उक्त प्रकरण में माननीय उच्चतम न्यायालय में एस.एल.पी. दिनांक 13.06.17 को फाईल की गई है, जिसकी डायरी क्र. 17688/2017 है। (ख) प्रकरण में किसी अधिकारी की लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई है। (ग) विधानसभा में दिये गये आश्वासन के पालन में अपराध अनुसंधान विभाग की टीम द्वारा प्रकरण में विवेचना की जा रही थी परन्तु माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा एम.सी.आर.सी. नंबर 6742 में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में विवेचना बंद की गई है। माननीय उच्च न्यायालय इंदौर के निर्णय के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में दिनांक 13.06.2017 को एस.एल.पी. दायर की गई है। (घ) प्रकरण में विधि अनुरुप कार्यवाही की गई है।
नागदा जं. स्थिति उद्योगों के प्रकरण
[पर्यावरण]
108. ( क्र. 1285 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जं. उद्योगों के संबंध में बतावें कि पर्यावरण मामलों के कितने प्रकरण एवं जांचें कहाँ-कहाँ चल रही हैं? उद्योग, प्रकरण, जाँच सहित जानकारी देवें। (ख) इन प्रकरणों एवं जांचों की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रत्येक प्रकरण के संदर्भ में बतावें। (ग) क्या कारण है कि यहाँ वर्षों से तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया गया है? ये कब से पदस्थ है? नाम सहित बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नागदा मॉनिटरिंग कार्यालय में वर्तमान में वर्षों से नियुक्त कोई अधिकारी पदस्थ नहीं है। कार्यालय की सुरक्षा एवं साफ-सफाई में चतुर्थ श्रेणी के श्री मोहनलाल सिंदल, भृत्य एवं श्री बलराम खजूरिया, चैकीदार वर्ष 1997 से तथा श्री राम प्रवेश शर्मा, सेम्प्लर वर्ष 2011 से पदस्थ है, जिनके स्थानांतरण की आवश्यकता नहीं है।
मंदसौर गोलीचालन के दोषियों पर कार्यवाही
[गृह]
109. ( क्र. 1288 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2017 में मंदसौर जिले में हुये गोली चालन आदेश किस अधिकारी द्वारा लिखित/मौखिक रूप से दिए? नाम, पदनाम सहित बतावें। (ख) पुलिस एवं C.R.P.F. द्वारा कुल कितने राउंड फायर किये गये? इनसे जिन लोगों की मौत हुई एवं जो घायल हुए उनकी सूची नाम, पता, व्यवसाय, आयु सहित पृथक-पृथक देवें। (ग) 1 जून से आंदोलन प्रारंभ होने से गोली चालन तक शासन को स्थानीय पुलिस द्वारा क्या-क्या जानकारी दी गई? इस पर की गई कार्यवाही भी बतावें। (घ) जिस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर, S.P. एवं अन्य अधिकारी निलंबित किए गए, उसकी प्रमाणित प्रति देवें। गोली चालन के जिम्मेदारों पर हत्या का प्रकरण कब तक दर्ज करवाया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (ख) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। मृतकों एवं घायलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ग) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (घ) पुलिस अधीक्षक तथा उप पुलिस अधीक्षक का निलंबन आदेश पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश द्वारा प्रेषित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री एस.एल. थाउसेन की जाँच रिपोर्ट पर किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। घटना के संबंध में न्यायिक जाँच आयोग गठित है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत उसमें पाए गये तथ्यों/अनुशंसाओं के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
भूमि का व्यपवर्तन
[राजस्व]
110. ( क्र. 1292 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के ज्ञापन क्र. एफ 2-1/2012/सात/शा.6 दिनांक 16 जनवरी 2015, धार जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में प्रभावी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो ज्ञापन पत्र जारी दिनांक से प्रश्न दिनांक तक धार जिले के उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु संदर्भित ज्ञापन पत्रों के आधार पर जारी किए समस्त भूमि व्यपवर्तन आदेशों की विस्तृत जानकारी की प्रति प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो संदर्भित ज्ञापन पत्रों के आधार पर जिला-धार में भूमि का व्यपवर्तन कैसे किया गया? कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 उप-धारा 6 (डेड) उल्लेखित ज्ञापन पत्रों को पूर्ण प्रभाव से प्रदेश में लागू होने में बाधा उत्पन्न कर रही है? यदि हाँ, तो कैसे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नांकित ज्ञापन क्रमांक एफ 02-01/2012/सात-6 में दिनांक 16 जनवरी, 2015 को कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समूह पेय-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 1293 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. खंड सरदारपुर जिला धार द्वारा कलेक्टर धार को प्रेषित पत्र क्रमांक 118/तक/का.यं/लो.स्वा.यां.वि./खण्ड 2017 दिनांक 23.02.2017 पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) उपरोक्तानुसार पत्र में उल्लेखित धार जिले के 78 ग्रामों की 439 गुणवत्ता प्रभावित बसाहटों को समूह योजना से जोड़कर पेय-जल व्यवस्था करने की कार्यवाही की अद्यतन स्थिति बतावें? (ग) उपरोक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा, जिसमें इन 05 ग्रामों को पी.एच.ई. विभाग को हस्तांतरित कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सरदारपुर खण्ड जिला धार के विकासखण्ड डही के 5 ग्राम क्रमशः सुसारी, दोगाँवा, कोणदा, अमलझुमा एवं पडियाल की स्थाई पेय-जल व्यवस्था हेतु विकासखंड कुक्षी बाग, निसरपुर एवं डही के गुणवत्ता प्रभावित बसाहटों हेतु नर्मदा नदी पर आधारित समूह योजना से जोड़ने हेतु अनुमानित लागत रूपये 285.00 लाख की तैयार की गई है। भारत शासन द्वारा नवीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध एवं सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत योजना स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की गई थी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
पेय-जल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 1298 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सौर ऊर्जा के तहत पेय-जल व्यवस्था स्वीकृत करने की मांग की गई थी? जिसके परिप्रेक्ष्य में कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग जल भवन बाणगंगा भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 6398 भोपाल दिनांक 16.08.2016 के द्वारा कार्यपालन अधिकारी जिला सीधी को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया था? उक्त के संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ख) विगत वित्तीय वर्ष से सीधी, सिंगरौली जिले में बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराये जाने में कितना व्यय किया गया है? पंचायतवार बतायें। किन-किन नल-जल योजनाओं पर राशि व्यय करने के बाद भी आज दिनांक तक पानी सप्लाई सभी घरों में नहीं हो रहा है? क्या राशि आहरण के बाद भी जहां नल-जल योजना चालू नहीं है, उनकी जाँच कराई जाकर दोषी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) ग्राम उदय से भारत उदय के तहत हैण्डपम्प खनन एवं मरम्मत के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? उनमें से कितने स्वीकृत किये गये हैं और कितने किस कारण से लंबित हैं? कितने किस कारण से अस्वीकृत किये गये हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। परीक्षण उपरांत प्रस्तावित ग्रामों में सौर ऊर्जा आधारित योजना के मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने के कारण कार्यवाही संभव नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सीधी तथा सिंगरौली जिलों में क्रमशः रूपये 89.09 लाख तथा 26.79 लाख व्यय किया गया है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में 19 नल-जल योजनाएं सुधार कार्य पूरा नहीं होने के कारण तथा 01 योजना चालू किये के बाद पुनः विद्युत अवरोध के कारण बंद हैं, इनके सुधार कार्य के लिए संबंधित जिला पंचायत के माध्यम से ग्राम पंचायतों को राशि उपलब्ध कराई गई थी, विभाग द्वारा पंचायतों को तकनीकी मार्गदर्शन देकर तथा विद्युत विभाग से समन्वय कर इन्हें शीघ्र चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम उदय से भारत उदय के तहत् हैण्डपंप खनन हेतु 1913 एवं मरम्मत हेतु 369 आवेदन प्राप्त हुए हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
113. ( क्र. 1301 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1305 दिनांक 27.02.2017 को (क) से (घ) तक जानकारी एकत्रित की जा रही है, उत्तर दिया था तो यदि उक्त जानकारी को एकत्रित कर ली गई हो तो जानकारी की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
114. ( क्र. 1302 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के नगर छतरपुर में वर्ष 1979 से विस्तृत सर्वे कार्य के दौरान पंजियां तैयार की गई थीं, जिसमें नजूल सीट क्रमांक 46-द भू-खण्ड क्रमांक 277 खसरा नं. 2676 पर कब्जे के आधार पर बिहारीलाल राय तनय बल्देव राय पक्की दुकान क्षेत्रफल 8 वर्गमीटर दर्ज किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं, तो किस सक्षम अधिकारी के आदेश से एवं किन दस्तावेजों के आधार पर नजूल रजिस्टर में दर्ज किया गया था? उल्लेख करें। उक्त आदेश एवं दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या प्रकरण क्रमांक 01/अ-6/16-17, आदेश दिनांक 13.01.2017 को न्यायालय नजूल अधिकारी द्वारा अपने आदेश के पैरा-2 में कब्जे के आधार पर नामांतरण नहीं किया जाता है, उल्लेख किया था? यदि हाँ, तो कारण सहित बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 1979 में विस्तृत सर्वे कार्य के दौरान सर्वेक्षणकर्ता राजस्व निरीक्षक नजूल के द्वारा नजूल रजिस्टर में दर्ज किया गया। सर्वे रजिस्टर सर्वेक्षणकर्ता द्वारा ही स्थल सर्वेक्षण के आधार पर ही निर्मित किया जाता है। (ग) जी हाँ। कब्जे के आधार पर नामांतरण करना म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में प्रावधानित नहीं है।
टीकमगढ़ जिले में हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
115. ( क्र. 1307 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी राशि शासन के द्वारा प्रदाय की गई है एवं वर्ष 2016-17 में हैण्डपंप खनन हेतु कितनी दी गई है? जनपदवार, विधानसभा क्षेत्रवार बतावें एवं वर्ष 2016 में कितने हैण्डपंप खनन का लक्ष्य निर्धारित किया है? लक्ष्य पूर्ति की जानकारी एवं अपूर्ण की जानकारी कारण सहित बतावें। (ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा गर्मी के पहले हैण्डपंप खनन हेतु निर्देश जारी किये गये थे? अगर हाँ, तो वह निर्देश बतावें एवं क्या जिले में शासन के निर्देशों का पालन किया गया है? अगर नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है, जिन्होंने शासन के आदेशों की अवेहलना की है? क्या विभाग उन पर कार्यवाही करेगा? अगर हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आवंटन जनपद/विधानसभा क्षेत्रवार नहीं दिया जाता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, निर्देशों का पालन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डिमौडा को पूर्ण तहसील बनाना
[राजस्व]
116. ( क्र. 1308 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में डिमौडा को पूर्ण तहसील बनाने हेतु शासन के द्वारा कार्यवाही की गई है? अगर हाँ, तो कब-कब क्या-क्या। (ख) क्या कलेक्टर, टीकमगढ़ द्वारा पूर्ण तहसील बनाने हेतु प्रस्ताव प्रमुख सचिव को भेजा गया है? अगर हाँ, तो प्रतिलिपि देवें एवं शासन के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रतिलिपि दें। (ग) क्या डिमौडा को तहसील बनाया जायेगा? अगर हाँ, तो कब तक? नहीं, तो कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
117. ( क्र. 1313 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर POS मशीनों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण हेतु तकनीकी रूप से क्या-क्या व्यवस्थायें की गई हैं? क्या POS मशीनों में तकनीकी कमियां पायी गयी हैं? यदि हाँ, तो इन कमियों को दूर करने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने पात्र परिवारों के आधार कार्ड POS मशीन से लिंक किये गये हैं? कितने लिंक किये जाना शेष हैं? (ग) वर्तमान में देवरी विधानसभा क्षेत्र में कितने परिवारों के आधार POS में अनुपलब्ध हैं व कितने अनमेप करना बताया जा रहा है? तकनीकी त्रुटियों के कारण ऐसे पात्र परिवारों को खाद्यान्न से वंचित क्यों किया जा रहा है? (घ) क्या जनहित में पात्र परिवारों को खाद्यान्न वितरण किया जाना आवश्यक नहीं है? फिर क्यों तकनीकी त्रुटि के कारण अपात्र किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उचित मूल्य दुकानों पर लगाई गई पी.ओ.एस. मशीनों के माध्यम से पात्र हितग्राहियों को राशन वितरण करने हेतु मशीनों में पात्र हितग्राहियों के नाम, उनकी राशन पात्रता, आधार प्रमाणीकरण तथा वितरित सामग्री की रसीद जारी करने की व्यवस्था है। पी.ओ.एस. मशीन में तकनीकी कमी होने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, किन्तु मशीन संचालन के दौरान खराबी आने की शिकायत प्राप्त होने पर सेवाप्रदाता के तकनीकी अमले द्वारा मरम्मत का कार्य किया जाता है। साथ ही आवश्यकतानुसार पी.ओ.एस. मशीन के साफ्टवेयर में अपग्रेडेशन की कार्यवाही की जाती है। (ख) देवरी विधानसभा अंतर्गत 60217 पात्र परिवारों में से 54093 परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर की प्रविष्टि की जा चुकी है। 6124 परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर की प्रविष्टि की जाना शेष है। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्र के 6124 पात्र परिवारों के डाटाबेस में आधार नंबर की प्रविष्टि की जाना शेष है। किसी भी वास्तविक पात्र परिवार को अनमेप नहीं किया गया है एवं किसी भी पात्र हितग्राही को खाद्यान्न से वंचित नहीं किया जा रहा है। (घ) पात्र परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है पी.ओ.एस. मशीन में खराबी के उपरांत भी पात्र परिवारों को खाद्यान्न/केरोसीन/नमक वितरण से वंचित नहीं किया जाता है।
समर्थन मूल्य में धान/गेहूँ की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
118. ( क्र. 2092 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में उपार्जन केन्द्रों द्वारा वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक समर्थन मूल्य में की गई धान/गेहूँ की खरीदी कितने क्विंटल की गई है? वर्षवार, उपार्जन केंद्रवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) क्या सतना जिले में वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक उपार्जन केन्द्रों से समर्थन मूल्य पर नागरिक आपूर्ति निगम एवं विपणन संघ द्वारा अधिकृत परिवहनकर्ता द्वारा वेयर हाउस की गोदामों में कितने क्विंटल धान/गेहूँ जमा कर स्वीकृत पत्रक जारी किये गए हैं? वर्षवार समितिवार जमा परिदान (स्कंध) की जानकारी देवें। क्या समर्थन मूल्य पर धान/गेहूँ की खरीदी एवं जमा के अंतर में परिवहनकर्ता द्वारा जो कमी की गई है? उस कमी की प्रतिपूर्ति परिवहनकर्ता से वर्षवार/समितिवार नोडल अधिकारी द्वारा पूर्ति कराई गई है या नहीं? यदि नहीं, तो परिवहनकर्ता के खिलाफ जाँच करवाकर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या नोडल एजेंसी, विपणन संघ एवं नागरिक आपूर्ति निगम तथा परिवहनकर्ता के विरुद्ध परिदान-जमा में आई कमी के खिलाफ आर्बिट्रेटर सतना के यहाँ वाद दायर किया गया है, आर्बिट्रेटर द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर कब तक सुनवाई करेंगे? (घ) क्या जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मार्यादित सतना द्वारा परिवहन में आई कमी को सर्जेंट बताया जा रहा है एवं सर्जेंट जमा हेतु नोटिस जारी की गई है? क्या बैंक द्वारा उच्च अधिकारियों एवं विभाग को यह जानकारी नहीं भेजी गई है कि परिवहन के दौरान वर्षवार, समितिवार धान/गेहूँ कितने क्विंटल परिवहनकर्ता द्वारा परिवहन में कमी की गई है? यदि नहीं, तो क्या स्वतंत्र एजेंसी से जाँच कराकर दोषी परिवहनकर्ता के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बताएं। क्या परिवहनकर्ता ने ब्लेक लिस्टेड होते हुए भी नाम बदल कर टेंडर हासिल किया है? बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों के साथ अन्याय
[गृह]
119. ( क्र. 2341 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 2 वर्षों की स्थिति में प्रदेश के कई किसानों के कर्ज या अन्य कारणों के चलते फांसी लगाकर या अन्य प्रकार से आत्महत्या किए जाने के मामले उजागर हुए है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किस-किस जिले में कितने-कितने किसानों ने किस-किस प्रकार से किन-किन कारणों से आत्महत्या की और उनके परिवारजन को कब-कब कितनी-कितनी राशि का मुआवजा किस आदेश के तहत प्रदान किया गया? आदेश की प्रति सहित यह भी अवगत करावें कि किस-किस जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने-कितने किसानों किन-किन कारणों से मुआवजा प्रदान नहीं किया गया? (ख) क्या विगत कई वर्षों से किसानों के द्वारा की जा रही है? आत्महत्या और कर्जदार होने सहित अन्य किन-किन मांगों को लेकर माह जून 2017 में किसान संघ द्वारा आंदोलन आयोजित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किस-किस जिले में आंदोलन के दौरान किन-किन किसानों की गोली लगने के कारण हत्या हुई और साथ में यह भी अवगत करावें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार किस (निजी या शासकीय) बंदूक के कारतूस से हत्या होना पाया गया तथा मृतक किसानों के परिवारजन को कितनी-कितनी राशि का मुआवजा दिया गया और किन-किन को किन-किन धाराओं के तहत जेल भेजा गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समर्थन मूल्य पर जबलपुर जिले में गेहूँ उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
120. ( क्र. 2366 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा जबलपुर जिला अन्तर्गत कितना-कितना गेहूँ उपार्जित कर कहाँ-कहाँ कितना-कितना भंडारित किया गया? भंडार गृहवार सूची देवें एवं भंडार गृहों में रखे गेहूँ का भंडार गृह में रखने का किराया किस दर पर किन शर्तों के अधीन अनुबंधित हुआ? जबलपुर जिला अन्तर्गत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष 2015-16 में उपार्जित गेहूँ में से कितना-कितना कहाँ-कहाँ, कब-कब भेजा गया तथा इस भेजे गये गेहूँ में कहाँ-कहाँ से इसमें मिट्टी के मिश्रण एवं अमानक स्तर का होने की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर कब क्या कार्यवाही की गई? बतलावें। (ग) क्या वित्त वर्ष 2015-16 में उपार्जित गेहूँ में से लगभग 80 हजार मैट्रिक टन गेहूँ, भंडार गृहों में पड़ा हुआ है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में न भेजकर शासन क्यों इसका भंडार गृहों को किराया दे रही है? यदि यह खराब हो चुका है, तो इसे अलग क्यों नहीं किया जा रहा? (घ) क्या वित्त वर्ष 2016-17 में कृषकों से समर्थन मूल्य पर की गई खरीद पर प्लास्टिक की बोरी में 50kg 135 ग्राम के स्थान पर 50 किलो 700 ग्राम एवं जूट के बोरे पर 50 किलो 580 ग्राम के स्थान पर 51 kg गेहूँ की तोल कर खरीद की गई? उत्तर यदि न तो क्या शासन 2016-17 उपार्जन कर एम.पी. वेयर हाऊस की अनुबंधित भंडार गृह में रखी बोरियों की सेंपल तोल जाँच कराकर सत्यता का पता लगा कर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रति क्विंटल पर कृषकों से लिये गये 1 किलों गेहूँ अर्थात लगभग कुल की गई खरीद 2 लाख 50 हजार मैट्रिक टन पर कृषकों से लिये गये 20 हजार 500 क्विंटल अतिरिक्त खरीदा गया गेहूँ कहाँ है? उसका भुगतान किसे किया गया? बतलावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
राशन वितरण
की दुकानों के
संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
1. ( क्र. 23 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के 3 मार्च 2017 के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 29 के संदर्भ में तत्कालीन प्रमुख सचिव खाद्य विभाग के अधिकारी सुकृति सिंह व श्री चंदेल की रिपोर्ट व जाँच का विवरण देते हुए बताए कि कितने प्रकरणों में राशन की दुकानों की शिकायत में क्या कार्यवाही हुई व उसके बाद जाँच में आज तक क्या प्रगति हुई? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा राशन वितरण कि पिछले 1 वर्ष में कब-कब, क्या-क्या शिकायतें सहकारिता विभाग को अशोकनगर तथा गुना में जिलाधीश गुना व अशोकनगर को सहकारिता विभाग के कर्मचारियों व समितियों की शिकायतें तथा सहकारिता प्रमुख सचिव व मंत्री जी को भोपाल में जाँच व कार्यवाही हेतु अग्रेषित की गई व उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) जगदीश कुशवाह का स्थानांतरण न्यायालय से स्थगन लेने व अन्य शिकायतों पर आरोन गुना किया गया था, पुन: महोली चंदेरी क्यों किया गया तथा क्या वहाँ पुनः शिकायतें हुई हैं? यदि हाँ, तो कब तक अशोकनगर जिले से बाहर पुनः स्थानांतरित करेगें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रस्तावित कार्यवाही पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या. हिरावल के तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश कुशवाह को दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी-4747/2010 दिनांक 20.08.2010 में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा स्थगन दिया गया है। उक्त प्रकरण में नियुक्त प्रभारी द्वारा दिनांक 12.10.2010, 05.05.2014, 23.08.2014, 03.12.2014, 26.03.2016 एवं 18.01.2017 को स्टै वेकेट कराने हेतु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में निरंतर आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना द्वारा श्री जगदीश कुशवाह का स्थानांतरण, प्रशासनिक प्रक्रिया के अनुसार पुन: पनवाडीहाट (आरोन), जिला गुना से प्राथमिक साख सहकारी संस्था महोली (चंदेरी), जिला अशोकनगर किया गया है। जी हाँ, पुनः शिकायतें हुई हैं। श्री जगदीश कुशवाह जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना के कर्मचारी है एवं उनका स्थानांतरण प्रशासनिक अनुमोदन उपरांत सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रबंधन, गुना द्वारा किया गया है।
शासकीय भूमि की नीलामी
[राजस्व]
2. ( क्र. 28 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के दिनांक 27 फरवरी 2017 के अता. प्रश्न (क्रमांक 44) के संदर्भ में बताये कि जावरा जिला रतलाम के उप रजिस्ट्रार कार्यालय के पास की बहुमूल्य भूमि जिसको शासकीय मानकर तत्कालीन जिलाधीश मनोज झालानी ने नीलामी की विज्ञप्ति दी थी तथा जिसमें शासन की ओर से धारा 248 में अतिक्रमण की कार्यवाही मान्य क्यों नहीं की तथा उक्त भूमि अनिसाजहां के नाम से कैसे दर्ज हो गई व उनकी मृत्यु के बाद किसके नाम व कैसे दर्ज हुई? बाद में तत्कालीन नगरपालिका के पार्षदों के एतराज के बाद भी यह कैसे नामांतरण हो गया व नगरपालिका अध्यक्ष ने अपने भांजे व मित्रों के नाम कैसे खरीद कर नामांतरण करा लिया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 1593/2000 में पारित आदेश दिनांक 08.08.2005 के पालन में एवं उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में दायर अवमानना याचिका क्रमांक 161 । 1998 के कारण उक्त नीलामी की कार्यवाही नहीं की गई। तत्कालीन तहसीलदार, नजूल जावरा द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर पारित आदेश दिनांक 22.02.1974 में अनिसाजहां बेगम का अतिक्रमण नहीं माना गया था एवं रेवेन्यू बोर्ड द्वारा भी सुनवाई पश्चात् मेरिट के आधार पर तहसीलदार के आदेश को स्थिर रखा गया था। अनिसाजहां बेगम की मृत्यु दिनांक 05.06.1982 को हो जाने से वंशानुक्रम के आधार पर एक मात्र वारिस मोह. सिद्धकी पिता मोह. युसुफ के नाम नामांतरण ठहराव क्र. 25 दिनांक 23.03.2005 में भवन क्रमांक 67 का नामांतरण मृतक अनिसाजहां पति मोह. युसुफ के स्थान पर पुत्र मोह. सिद्धकी पिता मोह. युसुफ के नाम नामांतरण स्वीकृत किया गया तथा नगर पालिका जावरा के रिकार्ड अनुसार वर्तमान में भवन क्रमांक 66,67 मोह. अय्युब खान पिता मोह. सिद्धकी के नाम रजिस्टर्ड विक्रय पत्र दिनांक 17.08.2010 से नामांतरण स्वीकृत किया गया एवं भवन क्रमांक 68,69,70 का भाव श्री शोकतखां पिता निसार खां व गुलाम हुसैन पिता असफाक अहमद के नाम रजिस्टर्ड विक्रय पत्र दिनांक 31.03.2011 के आधार पर नामांतरण स्वीकृत किया गया। भवन क्रमांक 68 का भाग बालकदास पिता बद्रीदास व दीपक पिता बालकदास के नाम रजिस्टर्ड विक्रय पत्र दिनांक 16.08.2013 के नाम से नामांतरण स्वीकृत किया गया। भवन क्रमांक 69 का भाग विशाल पिता प्रकाश चत्तर के नाम रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर दिनांक 26.07.2014 से नामांतरण दर्ज किया गया।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
3. ( क्र. 34 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4834 दिनांक 27 मार्च 2017 के संदर्भ में बताये कि रतलाम जिले की पंचायत चिकलाना हल्का नम्बर 18 की भूमि सर्वे नम्बर 1186/1 क्या वहाँ के चौकीदार या अन्य किसी के वैध कब्जे में है व कई शिकायतों के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है? इस संबंध में कितनी शिकायतें कब-कब मिली व कब तक अतिक्रमण हटाकर अतिक्रमण करने वाले को पद से हटाकर नियमानुसार दण्डित किया जाएगा? (ख) उक्त प्रश्न के भाग (ग) में पिपलोदा जिनींग फैक्ट्री की भूमि 99 साल की लीज पर थी तथा राजस्व रिकार्ड में कब व कैसे व्यक्तिगत नाम पर दर्ज हो गई तथा कब तक यह अवैध नामांतरण निरस्त कर कालोनी बनाकर प्लाट आवंटन व निर्माण पर रोक लगाकर भूमि शासकीय घोषित होगी? (ग) क्या नगर पंचायत पिपलौदा द्वारा उक्त भूमि को बस स्टैण्ड हेतु अधिगृहण करने का प्रस्ताव वर्ष 1995 में शासन को भेजा था? (घ) पिपलौदा में वर्ष 1923-1930 में जब सर्वे क्रमांक 1820-1821 से पंचानामा खसरा क्रमांक कालम 7 में जीनिंग फैक्ट्री लिखा था व 57-58 में खसरों में वासुदेव पिता नारायण का नाम पक्के कृषक के रूप में कैसे दर्ज हो गया? इसकी जाँच कर दोषी को कब तक दण्डित करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नांश ‘क‘ अनुसार ग्राम चिकलाना की भूमि सर्वे नं. 1186/1 रकबा 8.800 हे. चारागाह दर्ज है उक्त भूमि में निम्नानुसार आवंटित संरचनाएं निर्मित हैं-1. कृषि साख सहकारी संस्था को आवंटित 0.410 हे. 2. उपस्वास्थ्य केन्द्र निर्मित है- 0.100 हे. 3. शाला भवन हाई स्कूल एवं माध्यमिक शाला भवन एवं खेल मैदान-1.500 हे. 4. पेयजल टंकी ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित 0.100 हे. 5. मौके पर उक्त सर्वे नम्बर में से रास्ता 1.000 हे. एवं खुली शेष भूमि 5.690 हे.। शेष खुली भूमि रकबा 5.690 हे. पर चौकीदार अमृतराम, भेरूलाल पिता अमीरचन्द्र धाकड़ बगदीराम पिता राजाराम धाकड़, कन्हैयालाल, रामेश्वर नानालाल, समरथलाल नारायण पिता गोरधन धाकड़ का अतिक्रमण पाया गया है उन अतिक्रमणकारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर बेदखली आदेश पारित कर दिये गये एवं चौकीदार अमृतराम पिता गुलाब को निलंबित भी किया गया है। (ख) तहसील पिपलौदा में जिनिंग फैक्ट्री हेतु भूमि 99 साल की लीज पर दी जाना राजस्व रिकार्ड अनुसार दर्ज है, इसमें राजस्व रिकार्ड में व्यक्तिगत नाम से कैसे दर्ज हुई इस संबंध में कलेक्टर रतलाम के न्यायालय में स्वयमेव निगरानी में पुराना प्रकरण क्रं. 40/07-08 जिसका नवीन प्रकरण नं. 02/स्व.निग./16 दर्ज होकर प्रचलित है, निर्णय पश्चात आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी नहीं। नगर पंचायत पिपलौदा द्वारा बस स्टैण्ड भूमि अधिग्रहण करने संबंधित प्रस्ताव क्रमांक 17 दिनांक 04-09-1995 पारित किया गया था, किन्तु शासन को प्रेषित नहीं किया गया है। (घ) रतलाम रियासत सन् 1929-30 के अनुसार सर्वे क्रमांक 1820 व 1821 पर पंचसाला खसरा कालम नम्बर 12 में नारायणदास सा.जावरा जिनींग फैक्ट्री दर्ज है एवं कैफिसत के कालम नं. 24 में कुआ पुख्ता कारखाना जिनिंग फैक्ट्री एक दर्ज है एवं वर्ष 57-58 में सर्वे नम्बर हाल नम्बर 1491 एवं 1492 खसरा के कालम में 6 में वासुदेव पिता नारायण दास जाति महाजन साकिन मंदसौर पक्का कृषक दर्ज है एवं मिसल बन्दोवस्त 1957-58 का तहसील पिपलौदा में जिनिंग फैक्ट्री हेतु भूमि 99 साल की लीज पर दी जाना राजस्व रिकार्ड अनुसार दर्ज है। व्यक्तिगत नाम में दर्ज के संबंध में कलेक्टर रतलाम न्यायालय में स्वयंमेव निगरानी प्रकरण 40/70-08 जिसका नवीन प्र.नं. 02/स्वनिग./16 दर्ज होकर प्रचलित है निर्णय आने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
थाना गोरमी जिला भिण्ड के अंतर्गत दंगा पीडि़तों को आर्थिक सहायता
[गृह]
4. ( क्र. 49 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जैसा कि प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्रमांक 1343 उत्तर दिनांक 27 फरवरी 2017 में बताया क्या माह दिसम्बर 2016 में थाना गोरमी जिला भिण्ड के अंतर्गत साम्प्रदायिक तनाव/दंगे की घटित घटना के दंगा पीडि़तों को शासन की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, गया था? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन दंगा पीड़ितों को कितनी-कितनी रूपये की आर्थिक सहायता व अन्य प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई गई? सूची दें। (ग) अभी तक दंगा पीड़ितों को सहायता उपलब्ध नहीं करायी गई तो उसके क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दंगा पीड़ित व्यक्तियों को सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। (ख) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।`
उचित मूल्य की दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीनों की उपलब्धता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 50 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में उचित मूल्य की राशन दुकानों पर पारदर्शिता लाने के लिए पी.ओ.एस. मशीनें उपलब्ध कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो पी.ओ.एस. मशीनें कितनी संख्या में किस-किस फर्म से कितनी राशि की किस नियम प्रक्रिया के तहत क्रय की गई एवं कितनी पी.ओ.एस. मशीनें किस-किस फर्म से किराये से ली जाकर उपलब्ध करायी गई? किराये के रूप में कितनी राशि का भुगतान 15 जून 2017 तक किया गया है? (ग) उक्त पी.ओ.एस. मशीनें उपलब्ध करने हेतु भारत सरकार द्वारा क्या-क्या दिशा-निर्देश दिये गये थे? निर्देशों की प्रतियां दें। (घ) क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में पी.ओ.एस. मशीनें किराये पर लिये जाने पर जो राशि व्यय की गई उससे आधी राशि नई मशीनें क्रय की जा सकती थी एवं किराये की मशीन से राज्य सरकार को करोड़ों रूपये की राजस्व की हानि हुई है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच करायी जाकर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्नोलॉजी प्राईवेट लिमिटेड पुणे द्वारा 13,362 एवं मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड तेलंगाना द्वारा 9,156 पी.ओ.एस. मशीनें उचित मूल्य दुकानों पर BOO (Built Own-Operate) मॉडल के तहत लगाई गई है। पी.ओ.एस. मशीनों को क्रय नहीं किया गया है। सेवाप्रदाता को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीनें BOO (Built Own-Operate) मॉडल के तहत लगाई गई है, जिसके अंतर्गत पी.ओ.एस. मशीन के रख-रखाव, नेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराने का दायित्व सेवा प्रदाता का है। पी.ओ.एस. मशीन के चालू रहने, मशीन खराब रहने के संबंध में शिकायत लंबित न रहने तथा उसके माध्यम से राशन सामग्री का वितरण होने पर सेवाप्रदाता को राशि भुगतान करने की व्यवस्था की गई है। भारत सरकार द्वारा भी पी.ओ.एस. मशीन से वितरित खाद्यान्न मात्रा पर ही अतिरिक्त कमीशन (जिससे मशीन की राशि का भुगतान किया जाता है) दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा पी.ओ.एस. मशीन क्रय कर लगाये जाने पर एक मुश्त राशि राज्य सरकार को व्यय करनी पड़ती तथा मशीन संचालन का सम्पूर्ण दायित्व विभाग का होता उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि BOO (Built Own-Operate) मॉडल के तहत पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाना सबसे उपयुक्त विकल्प था। खुली निविदा के माध्यम से सेवाप्रदाताओं का चयन किया गया है।
समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 80 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कब से समर्थन मूल्य, पर कौन-कौन सी कृषि उपज की खरीद की जा रही है? समितिवार/केन्द्रवार/जिन्सवार 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक की गई खरीदी की मात्रा सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खरीदी पर खरीदी केन्द्र/समिति को किस दर से कितना प्रासंगिक व्यय/तथा किस दर से कितना कमीशन प्रदान किया जाता है जिंसवार खरीदी प्रारंभ वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि इसमें कब-कब, कितनी बढ़ोत्तरी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खरीद पर कब-कब, किस प्रकार से कितना कमीशन तथा प्रासंगिक व्यय प्राप्त हुआ वर्षवार कृषि उपज का नाम तथा खरीदी केन्द्र/समिति के नाम सहित प्रदाय की गई राशि सहित सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित खरीदी कमीशन तथा प्रासंगिक व्यय प्राप्त न होने की किन-किन सहकारी समितियों ने समय-समय पर शिकायत दर्ज कराई एवं उन पर कब क्या कार्यवाही की गई एवं क्या सेवा सहकारी समिति सरोंद, उड़ना तहसील पाटन द्वारा विगत अनेक वर्षों से की जा रही खरीद पर कमीशन प्राप्त न होने की शिकायत दर्ज कराई है? यदि हाँ, तो की गई शिकायत पर अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2014 से समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, तुअर, मूंग एवं उड़द की वर्षवार एवं समितिवार उपार्जन मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं एवं धान पर वर्षवार निर्धारित प्रासंगिक व्यय एवं कमीशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उपार्जन समितिवार कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय के रूप में दी गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। समितियों को कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि उपार्जन अवधि एवं उसके पश्चात् अंतिम देयक प्राप्त होने पर राशि का भुगतान किया गया है। (घ) उपार्जन समितियों को कमीशन तथा प्रासंगिक व्यय का भुगतान समितियों को उनके प्राप्त अंकेक्षण देयकों के आधार पर किया जाता है। वर्ष 2016-17 में समितियों को कमीशन तथा प्रासंगिक व्यय का अंतरिम रूप से रू.20 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जबलपुर द्वारा सेवा सहकारी समिति सरोंद, उडना तहसील पाटन एवं अन्य समितियों को कमीशन तथा प्रासंगिक व्यय का भुगतान न होने के संबंध में आर्बिट्रेर (कलेक्टर जबलपुर) के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है।
बी.पी.आर. एंड डी. के सुझावों पर कार्यवाही
[गृह]
7. ( क्र. 93 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बी.पी.आर.एंड डी.) दिल्ली की डायरेक्टर मीरा बोरवांकर द्वारा विगत 4 वर्षों की स्थिति में हुए रिसर्च में जो निष्कर्ष निकला उस पर अमल करने के लिए प्रदेश पुलिस को कई बार पत्र प्रेषित किये गए? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुए अवगत करावें कि प्रश्न दिनांक की स्थिति में पत्र के तारतम्य में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बी.पी.आर.एंड डी.) दिल्ली की डायरेक्टर के अनुसार प्रदेश पुलिस की ट्रेनिंग एवं इन्वेस्टीगेशन उच्च कोटि का नहीं माना और जवानों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश दिए जाने हेतु एवं अन्य सुझाव दिए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो प्रदेश पुलिस की उक्त कार्यों हेतु क्या कार्य योजना है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में सुझावों का समय-सीमा में पालन नहीं करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रशिक्षण शाखा पुलिस मुख्यालय को मीरा बोरवांकर निदेशक का मात्र एक पत्र 09 जून 2017 को प्राप्त हुआ, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त पत्र में उन्होंने विगत समय में पुलिस से संबंधित की गई रिसर्च से संबंधित जानकारी मंगवाई थी, जो भेजी जा चुकी है। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2017 में 5 जोन भोपाल/होशंगाबाद, ग्वालियर/चंबल, रीवा/शहडोल, जबलपुर/सागर एवं इंदौर/उज्जैन जोन में आरक्षक से उनि स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये TRAINING NEED ANALYSIS (TNA) कार्यशाला का आयोजन कराया गया है। (ख) बी.पी.आर.एण्ड डी. नई दिल्ली की निदेशक का ऐसा कोई पत्र प्रशिक्षण शाखा को प्राप्त नहीं हुआ है जिसमें पुलिस की ट्रेनिंग एवं इन्वेस्टीगेशन को उच्च कोटी का नहीं माना है तथा उनके किसी भी पत्र में जवानों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश दिये जाने हेतु सुझाव आदि नहीं दिये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल में वाहन चोरी की घटनाओं में वृद्धि
[गृह]
8. ( क्र. 94 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में वाहन चोर गिरोह पकड़े गए है? यदि हाँ, तो भोपाल के किस-किस थाना क्षेत्र से कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा पकड़े गए उनके नाम व पद सहित वर्षवार बतावें? (ख) क्या कुछ तथाकथित पुलिस अधिकारियों की वाहन चोर गिरोह से मिलीभगत के कारण भोपाल में वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन जाँच कराकर संलिप्तता पाए जाने पर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में तुलनात्मक वाहन चोरी की घटनाओं की जानकारी अधिकारियों के नाम व पद सहित उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) वर्षवार तुलनात्मक वाहन चोरी की घटनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है।
महिला पुलिस कर्मियों की पदस्थापना
[गृह]
9. ( क्र. 141 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र में 6 पुलिस थाने तथा 6 चौकियों के अलावा अन्य किसी क्षेत्र से आमजनता की मांग या भौगोलिक स्थिति के अनुरूप या अपराधों की वार्षिक संख्या के आधार पर नवीन पुलिस चौकियां खोलने की योजना चल रही है? (ख) क्या यह सही है कि प्रत्येक पुलिस थाना में महिला पुलिसकर्मी की पदस्थापना की अनिवार्यता है? यदि हाँ, तो क्या बण्डा के प्रत्येक पुलिस थाने में महिला पुलिसकर्मियों की पदस्थापना की गयी है? यदि नहीं, तो किन थानों में नहीं है और कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी? (ग) जिले में ऐसे कितने पुलिस थाने या चौकियां हैं, जहां पर स्वीकृत महिला पुलिस की संख्या से अधिक संख्या में महिलाएं पदस्थ हैं तथा नियमों के विपरीत पदस्थापना का क्या कारण है? थाना बहरोल में महिला बल की पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। बण्डा अनुभाग के प्रत्येक थाने में महिला पुलिस कर्मचारी की पदस्थापना की गई है। (ग) पुलिस थाना/चौकियों में महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थापना के संबंध में संख्या निर्धारित नहीं की गई है। थाना के कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने की दृष्टि से जिले के प्रत्येक थाने में कम से कम एक महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारी एवं जिला/तहसील मुख्यालय के थानों में कम से कम दो महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना के निर्देश है। थाना बहरोल में महिला आरक्षक क्रमांक 270 कविता धारू पदस्थ है।
नलकूपों की क्षमता वृद्धि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( क्र. 220 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में गत तीन वर्षों में कितने नलकूप खोदे गये? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने नलकूपों का पानी सूख गया? (ग) क्या खोदे गये नलकूपों में 15 से 20 प्रतिशत नलकूप प्रतिवर्ष सूख रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत ऐसे नलकूपों की पानी क्षमता बढ़ाने हेतु क्या कार्यवाही प्रस्तावित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 978 नलकूप। (ख) 145 नलकूपों में। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के अनुसार विगत 3 वर्षों में औसतन 14.8 प्रतिशत नलकूपों में पानी सूख गया है। (घ) नलकूपों की पानी क्षमता बढ़ाने हेतु भूजल पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण एवं हाइड्रोफ्रैक्चरिंग का कार्य करवाया जाता है।
असफल नलकूपों के कारणों पर विचार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 221 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर जिले में विभाग द्वारा खनन किये गये बोर मात्र एक सीजन ही पानी दे पाते हैं एवं असफल हो जाते हैं? (ख) क्या किसानों द्वारा जो बोर कराये जाते हैं वह कभी असफल नहीं होते हैं? (ग) क्या विभाग असफलता के कारणों पर विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) किसानों द्वारा खनित किये गये नलकूपों की जानकारी विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है। (ग) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( क्र. 270 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1704, दिनांक 20 मार्च, 2017 को सदन में प्रदत्त उत्तर अनुसार अनूपपुर खण्ड में कार्यरत अधिकारी प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाये जाने पर संबंधितों पर अब तक विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या विभाग दोषी अधिकारियों के विरूद्ध पुलिस प्रकरण कायम करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) दोषी अधिकारियों से शासन को हुई क्षति की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाये गए अधिकारी/कर्मचारियों श्री आर.वाय. तिवारी, श्री यू.एस.नामदेव, श्री हीरासिंह धुर्वे, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, खण्ड अनूपपुर, श्री के.के. गुप्ता प्रभारी सहायक यंत्री, श्री आर.पी. अहिरवार, श्री एस.पी. द्विवेदी, उपयंत्री में से श्री हीरासिंह धुर्वे, कार्यपालन यंत्री श्री आर.पी.अहिरवार एवं श्री एस.पी. द्विवेदी उपयंत्रियों के विरूद्ध शासन के पत्र क्रमांक-एफ-5-6/17/1-34, दिनांक 04.03.2017 द्वारा एवं श्री के.के. गुप्ता, सेवानिवृत्त प्रभारी सहायक यंत्री को शासन के समसंख्यक पत्र दिनांक 30.06.2017 द्वारा आरोप पत्र जारी कर दिये गए हैं। शेष सेवानिवृत्त उत्तरदाई अधिकारी श्री आर.वाय. तिवारी एवं श्री यू.एस. नामदेव, कार्यपालन यंत्री की सेवानिवृत्ति तथा अपचार की घटना चार वर्ष से अधिक होने के कारण इनके विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के तहत कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, विभागीय जाँच प्रारंभ होने से आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विस्तृत विभागीय जाँच उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषी अधिकारी पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 294 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा परि. अता. प्रश्न क्रं.1755, दिनांक 07.12.2016 में पूछे गये प्रश्नांश (क) के उत्तर में विभाग द्वारा दोषी अधिकारी का स्पष्टीकरण प्राप्त कर भविष्य के लिये सचेत किये जाने की जानकारी दी गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1455 दिनांक 3 जनवरी 2017 द्वारा प्रश्न के उत्तर में दर्शित संबंधित अधिकारी को दिये गये स्पष्टीकरण एवं सचेत किये जाने संबंधी पूरे पत्राचार की छायाप्रतियाँ विभाग के प्रमुख सचिव से चाही गयी थी, जो प्रश्न दिनांक तक भी प्रतीक्षित हैं? (ग) यदि हाँ, तो बतावें कि विभाग द्वारा कब तक संबंधित अधिकारी को दोषी पाये जाने पर मांगे गये स्पष्टीकरण या जारी नोटिस की प्रति, अधिकारी द्वारा दिये गये उत्तर की प्रति एवं विभाग द्वारा संबंधित को सचेत किये जाने संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय विद्यालय में अतिक्रमण
[राजस्व]
14. ( क्र. 296 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग अंतर्गत शासकीय विद्यालय परिसरों में फैलें अतिक्रमण हटाये जाने के लिये विगत वर्षों में शासन स्तर से अनेकों बार कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो सरकार द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में क्या जिला प्रशासन द्वारा सरकारी स्कूलों एवं परिसरों से अतिक्रमण हटवाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के किन-किन विधान सभा क्षेत्रों के किन-किन विद्यालयों एवं उनके परिसरों में अतिक्रमण बना हुआ है, जिसको संबंधित अधिकारियों द्वारा अब तक हटवाया नहीं जा सका है? कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार बतावें कि विद्यालयों एवं परिसरों से अब तक अतिक्रमण न हटवाये जाने के लिये कौन दोषी है और उस पर क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों तथा अतिक्रमण कब तक हटवाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अतिक्रमण मुक्त शालाओं की सूची पृथक से संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ग) सागर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में शासकीय विद्यालयों एवं उनके परिसरों में अतिक्रमण बना हुआ है। जिन्हें हटाने की कार्यवाही जारी है, जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर है। (घ) विद्यालयों एवं परिसरों में अतिक्रमणों को न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर हटाया जा रहा है। अब तक अतिक्रमण न हटाये जाने के लिये कोई दोषी नहीं है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही विधि अनुसार की जा रही है।
सीमांकन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
15. ( क्र. 323 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत भोपाल संभाग में भूमि सीमांकन के कुल कितने प्रकरण लंबित हैं? गत एक वर्ष के दौरान प्राप्त आवेदनों और निराकरण का माहवार, तहसीलवार, ग्रामवार विवरण दें। (ख) क्या सीहोर जिले में राजस्व अंतर्गत भूमि सीमांकन के प्रकरण एक वर्ष से अधिक समय से लंबित है? यदि हाँ, तो तहसीलवार लंबित प्रकरणों का ब्यौरा दें? (ग) क्या भोपाल संभाग में शासन द्वारा डिजीटल मशीन के माध्यम से भूमि सीमांकन कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या किसी निजी सेवा प्रदाता की सहायता ली जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (घ) सीहोर जिले में कितने सीमांकन डिजीटल मशीन द्वारा किए गए हैं? तहसील, ग्रामवार ब्यौरा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
BS IV मानक के वाहनों हेतु नीति निर्धारण
[परिवहन]
16. ( क्र. 324 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा BSIV मानक वाहनों के संबंध में किसी प्रकार की नीति निर्धारित की है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) क्या प्रदेश में 15 वर्ष से अधिक पुराने व्यवसायिक व यात्री वाहन चल रहे हैं? यदि हाँ, तो कितने वाहन चल रहे हैं? (1) आने वाले 2 वर्ष में कितने वाहन 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेंगे व उनके निष्पादन की क्या नीति बनाई गई है? (ग) क्या प्रदूषण नियंत्रण के लिए कंडम वाहनों को सड़क से हटाने की दिशा में कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कब तक बनाई जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश सरकार द्वारा नहीं अपितु भारत सरकार द्वारा एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा W.P. (CIVIL) नम्बर 13029/1985, एम.सी. मेहता विरूद्ध भारत गणराज्य एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 29.03.2017 के अनुसार दिनांक 01.04.2017 से BSIV मानक की वाहनों का ही विक्रय एवं पंजीयन करने के निर्देश है। उक्त निर्देशों का पालन राज्य में कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। प्रदेश में 15 वर्ष से अधिक पुराने 1,24,678 भारवाही एवं 65,055 व्यवसायिक यात्री वाहन चल रहे है। आने वाले 2 वर्ष में 5,412 भारवाही एवं 1,917 व्यवसायिक यात्री वाहन 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेंगे। निष्पादन हेतु पृथक से वर्तमान में कोई नीति नहीं है। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्राकृतिक आपदा में फसलों को हुआ नुकसान
[राजस्व]
17. ( क्र. 331 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में प्राकृतिक आपदा जैसे अतिवृष्टि, ओला, पाला, सूखे आदि के कारण फसलें नष्ट होने से कितनी राशि के नुकसान का आंकलन किया गया? आंकलन के विरूद्ध कुल कितनी राशि राहत/मुआवजा राशि के रूप में कृषकों को प्रदाय की गयी वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार ऐसे कौन-कौन से जिले हैं जिनमें किसानों की फसलें नष्ट होने के बाद अभी तक मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है एवं इसके क्या कारण हैं? जिले का नाम, कृषकों की संख्या एवं राशि सहित जानकारी दें? (ग) प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना लागू होने के बाद से कुल कितने कृषकों का फसल बीमा किया गया है? किस-किस कंपनी को कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष की प्रीमियम के रूप में जमा की गयी है? इसमें से कितनी राशि, केंद्र सरकार की, कितनी राज्य सरकार की एवं कितनी कृषकों द्वारा जमा की गयी है? (घ) प्रश्नाश 'क' 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्राकृतिक आपदा में फसल नष्ट होने के बाद कितने कृषकों को फसल बीमा की दावा राशि का भुगतान किया गया एवं कितने कृषकों की कितनी दावा राशि का भुगतान किया जाना शेष है वर्षवार, जिलेवार बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
18. ( क्र. 343 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बगड़ी में पुलिस चौकी स्थापित किये जाने के प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये गये हैं? उक्त प्रस्ताव पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) ग्राम बगड़ी में पुलिस चौकी की स्थापना कब तक कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। ग्राम बगड़ी में पुलिस चौकी स्थापित किये जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक धार से प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जो निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस द्वारा किसानों पर की गई फायरिंग
[गृह]
19. ( क्र. 359 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान आंदोलन के दौरान पिपलिया मण्डी में पुलिस द्वारा क्या किसानों को समझाईश, आंसू गैस, लाठी चार्ज, चेतावनी देने के उपरांत ही फायरिंग की गई थी? (ख) मंदसौर किसान आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मृत्यु हुई थी? मृतक किसानों के नाम व पिता के नाम एवं शरीर के किस हिस्से (जगह) पर गोली लगी थी जानकारी देवें। (ग) किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर गोली किस ग्राम व ग्राम के किस स्थान पर चलाई गई थी? प्रत्येक मृत किसान पर की गई फायरिंग का स्थान व ग्राम बतावें। फायरिंग एवं समय की भी जानकारी देवें तथा घायलों को किस समय जिला चिकित्सालय लाया गया था जानकारी देवें। (घ) शासकीय अभिलेख (रिकॉर्ड) अनुसार किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर जिले में कितने किसान एवं अधिकारी/कर्मचारी घायल हुये अथवा चोट आई थी तथा कितने किसानों एवं अधिकारियों/कर्मचारियों को उपचार हेतु अन्य स्थानों पर रेफर किया गया था? प्रत्येक किसान व अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पिता का नाम, पता सहित जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इस घटना क्रम के संबंध में न्यायिक आयोग गठित किया जा चुका है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (ख) घटना दिनांक 06.06.2017 को गोली लगने से कुल 05 आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई, मृतक आंदोलनकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। न्यायिक आयोग का क्षेत्राधिकार होने से मृतकों की चोटों के संबंध में टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (ग) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' एवं ''ग'' अनुसार है।
कंजरों द्वारा पूर्व विधायक की घेराबंदी
[गृह]
20. ( क्र. 360 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार निवासी गुराडिया प्रताप के घर को किसान आंदोलन के दौरान कंजरों द्वारा घेरा गया था या नहीं? (ख) यदि कंजरों द्वारा बंगले (घर) को घेरा गया था तो राधेश्याम पाटीदार द्वारा किस थाने पर सूचना दी गई थी तथा जानकारी के बाद पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) घर को घेरने वाले कंजर कहाँ के रहने वाले थे? उन्होंने क्या-क्या नुकसान किया था एवं कितने घण्टों या दिनों तक कंजरों द्वारा घर को घेर रखा था? (घ) किस व्यक्ति द्वारा कंजरों को पैसा देकर बुलाया गया एवं घर को घिरवाया गया एवं किन शर्तों पर कौन सी कार्यवाही से कंजरों की वापसी हुई एवं कितने कंजर थे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) आंदोलन के दौरान पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार निवासी गुराडिया प्रताप के घर को कंजरों द्वारा घेरने संबंधी कोई प्रत्यक्ष/परोक्ष सूचना प्राप्त नहीं हुई है और न ही इस प्रकार की सूचना श्री राधेश्याम पाटीदार द्वारा थाने पर दी गई है। (ख) पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार द्वारा बंगले (घर) को घेरने की कोई लिखित, मौखिक एवं दूरभाष द्वारा जानकारी थाने को नहीं दी गई है। (ग) ऐसी कोई घटना घटित होना प्रकाश में नहीं आया। (घ) पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार के साथ कंजरों द्वारा कोई घटना घटित करने संबंधी कोई शिकायत थाने पर प्राप्त नहीं हुई है और न ही इस प्रकार की कोई घटना घटित होना प्रकाश में आया है।
भू-जलस्तर वृद्धि व नदी जल समृद्धि योजना.
[पर्यावरण]
21. ( क्र. 382 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य के जिलों में पर्यावरण की स्थिति क्या है और देश के राज्यों में उसकी स्थिति क्या है? (ख) मा. मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में किसी अवधि में सम्पन्न नर्मदा सेवायात्रा का उद्देश्य क्या रहा है और उसके प्रतिरूप राज्य में किस प्रकार की योजनायें बनाई गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) राज्य के विभिन्न जिलों की पर्यावरणीय स्थिति का आंकलन नहीं किया जाता तथापि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेश के प्रमुख 14 जिलों के 15 नगरों में राष्ट्रीय परिवेशीय वायु मॉनिटरिंग के अंतर्गत परिवेशीय वायु मॉनिटरिंग का कार्य उक्त नगरों के 39 बिंदुओं पर किया जाता है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन कार्य के अंतर्गत नदियों, तालाबों तथा भू-जल की जल गुणवत्ता मॉनिटरिंग का कार्य प्रदेश के 40 जिलों में 188 बिंदुओं पर किया जाता है तथा अधिकांश नदियों के जल की गुणवत्ता सामान्यत संतोषजनक पाई गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेयजल संकट का निदान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( क्र. 383 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड बड़वारा, कटनी, ढीमरखेड़ा में निरन्तर भूजलस्तर घटने से चालू वर्ष सहित विगत 3 वर्षों में किन-किन ग्रामों के हैण्डपम्पों के कितने राईजर पाइप बढ़ाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों की जलप्रदाय योजनायें एवं हैण्डपम्प सूखकर निष्क्रय हो गये हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्त्ता द्वारा विभागीय कार्यपालन यंत्री को कार्यालयीन पत्रों द्वारा शिकायतों पर ध्यान आकर्षित कराये जाने पर किन-किन ग्रामों में हैण्डपम्प एवं नल-जल योजना के खनन किये गये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के शेष खनन कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्र की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
23. ( क्र. 384 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनदर्शन यात्रा दिनांक 11-9-2016 को ग्राम खमतरा में मा. मुख्यमंत्री जी ने घोषित किया है कि जिला कटनी के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के उमरियापान में कौशल विकास केन्द्र संचालित है और जिन 125 विकासखण्डों में शासकीय आई.टी.आई. नहीं हैं, उनमें खोली जाने की योजना है, जो मुख्यमंत्री घोषणा के आई.डी. कोड बी-2552 में दर्शित है? (ख) प्रश्नांश (क) के उमरियापान में किस दिनांक को कौशल विकास केन्द्र प्रारंभ हुआ है और उस दिनांक से प्रतिवर्ष किन ट्रेडों में कितने प्रशिक्षणार्थियों ने प्रवेश एवं प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं और अब केन्द्र की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बडवारा के विकासखण्ड मुख्यालय बडवारा एवं ढीमरखेडा में कब तक शासकीय आई.टी.आई. स्थापित कर दिये जावेंगे? (घ) क्या वि.स.क्षे. बडवारा के विकासखण्ड कटनी के दूरस्थ ग्राम देवरीहटाई में कौशल विकास केन्द्र स्थापित किया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) उमरियापान में दिनांक 28.11.2011 को कौशल विकास केन्द्र प्रारंभ हुआ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विकासखण्ड बडवारा में शासकीय आई.टी.आई. बरही में संचालित है। वर्तमान में ढीमरखेडा में आई.टी.आई. खोले जाने की योजना नहीं है। (घ) जी नहीं।
अवैध कब्जाधारियों की जानकारी
[राजस्व]
24. ( क्र. 416 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं ग्वालियर संभाग में ऐसे कितने शासकीय भवन हैं जिन पर किसी व्यक्ति विशेष का अवैध कब्जा है? प्रश्न दिनांक तक उनके अवैध कब्जे को हटाने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज विकासखंड की ग्राम पंचायत तरावली के पुराने पंचायत भवन पर अवैध कब्जा संबंधी शिकायत जन शिकायत निवारण विभाग को शिकायत क्रमांक 10109319 प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या उक्त भवन को संबंधित विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्यों? नियम बताएं। फिर से अवैध कब्जे की स्थिति में कौन जिम्मेदार होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
25. ( क्र. 436 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31.03.2016 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 7010 की जानकारी एकत्रित किये जाने तथा प्रश्नोत्तरी दिनांक 22 जुलाई 2016 के प्रश्न संख्या 71 क्रमांक 1399 के उत्तर (क) एवं (ख) कलेक्टर से जानकारी अप्राप्त, जानकारी एकत्रित की जा रही है, दिया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि जानकारी एकत्रित हो गई हो तो प्रति देते हुए बतावें कि नियम विरूद्ध शासकीय नियमों से हटकर बिल्डरों/ठेकेदारों को शहर एवं गांव की शासकीय जमीन आवंटित करने के लिए कौन-कौन दोषी है? (ग) क्या संबंधित अधिकारियों एवं बिल्डरों के विरूद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कराते हुए जमीन का आवंटन निरस्त करेंगे? करेंगे यदि हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों? साथ ही कम राजस्व पर आवंटित भूमियों के राजस्व की वसूली भी संबंधितों से करावेंगे एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? प्रश्नांश (क) अनुसार कलेक्टर द्वारा जानकारी अप्राप्त पर क्या कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
26. ( क्र.
437 ) श्री
सुन्दरलाल
तिवारी :
क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक
27
फरवरी 2017 के अता.
प्रश्न
क्रमांक 533 के
उत्तर में
भारत सरकार
द्वारा
खाद्यान्न
आवंटन की सीमा
से अधिक
खाद्यान्न
की आवश्यकता
होने के कारण
माह सितम्बर 2016 से
सत्यापित
नवीन
परिवारों की
पात्रता
पर्चियां जारी
नहीं की गई
हैं, उत्तर
दिया था? हाँ तो
विभिन्न
योजनाओं के
तहत पंजीबद्ध
कार्डधारियों
एवं बी.पी.एल.
के पात्र हितग्राहियों
के नाम की
पात्रता
पर्चियां क्या
अब जारी की जा
रही हैं? अगर की जा
रही हैं तो
रीवा संभाग
अंतर्गत कितनी
पर्चियां माह
सितम्बर 2016 के
बाद जारी की
गई, का
विवरण विभिन्न
योजनाओं के
जारी कार्ड
एवं बी.पी.एल.
के पात्र
हितग्राहियों
की संख्यावार
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
म.प्र. सरकार
द्वारा ग्राम
उदय से भारत
उदय अभियान का
शुभारंभ क्या
14
अप्रैल 2017 से किया है, जिसके
तीसरे और चौथे
चरण में पात्र
हितग्राहियों
के आवेदनों का
निराकरण करना
था? इनमें
से बी.पी.एल.
एवं अन्य
योजना के तहत
रीवा संभाग
में जनपदवार
कितने कार्ड
जारी किये गये? जारी
कार्ड अनुसार
कितने लोगों
की पात्रता पर्चियां
जारी कर
संबंधितों को
लाभान्वित किया
गया? (ग)
यदि
प्रश्नांश (क) एवं
(ख) के पात्र
हितग्राहियों
को खाद्यान्न
पर्ची न होने
के कारण
खाद्यान्न
से वंचित होने
के लिए कौन-कौन
दोषी है? क्या इन
हितग्राहियों
को एक वर्ष
पूर्व से खाद्यान्न
आवंटित कराकर
खाद्यान्न
की पूर्ति
करायेंगे? हाँ
तो कब तक? अगर नहीं तो
क्यों? साथ ही
पात्रता
पर्ची नियम से
विपरीत जारी
किये जाने के
कारण कब तक
पात्र
हितग्राहियों
को खाद्यान्न
से वंचित रखेंगे?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) जी
हाँ। जिलेवार
जारी नवीन
पात्रता
पर्ची की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। ग्राम
उदय से भारत
उदय अभियान के
अंतर्गत
पात्र
हितग्राहियों
के आवेदन में
से जारी बी.पी.एल.
एवं अन्य योजनांतर्गत
जारी
राशनकार्ड की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग) भारत
सरकार द्वारा
निर्धारित
खाद्यान्न
आवंटन की सीमा
से अधिक
खाद्यान्न
की आवश्यकता
होने के कारण
सत्यापित
नवीन
परिवारों को
पात्रता
पर्ची जारी नहीं
की जा सकी है।
जिला कलेक्टर
को निर्देश
दिए गए हैं कि
जिले में 01 मई, 2017
की स्थिति में
जितनी संख्या
में अपात्र व्यक्तियों
के नाम पोर्टल
पर विलोपित
किए जाएंगे
उतनी ही संख्या
में संबंधित
जिले के नवीन
सत्यापित व्यक्तियों
के नाम
सम्मिलित किए
जा सकेंगे। जिले
में जुड़ने
वाले नवीन
हितग्राही के
लिए पात्र
बी.पी.एल.
परिवारों को
प्राथमिकता
दी जाए, इसके पश्चात्
अनुसूचित
जाति/जनजाति
के नवीन सत्यापित
व्यक्तियों
को
प्राथमिकता
दी जाए। उक्त
दोनों
श्रेणियों के
परिवारों को
पात्रता पर्ची
जारी होने के
उपरांत अन्य
श्रेणी के
परिवारों के
नाम जोड़े
जाने की
कार्यवाही की
जाए। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पट्टा वितरण एवं खसरा वितरण में धांधली
[राजस्व]
27. ( क्र. 470 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समस्त जिले में पटवारियों के स्वीकृत पदों के अनुरूप पटवारियों की पदस्थापना नहीं है एवं कर्मचारियों की कमी के चलते हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? कब तक पटवारियों की कमियों को पूरा कर लिया जावेगा? (ख) क्या परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम जरेरा, लिंगा, कोसमी जैसे अनेकों ग्रामों में माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार कई वर्षों से काबिज भूमिहीनों को पट्टा वितरण करने से इसलिये इंकार कर दिया गया है क्योंकि उस उक्त खसरा, रकबा में छोटे घास या छोटे घास के जंगल लिखा हुआ है? (ग) यदि हाँ, तो पट्टा वितरण में राजस्व या वन भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तित करने के लिये नये नियमों का क्या प्रावधान किया गया है तथा पट्टा वितरण की क्या कार्यवाही प्रचलित है वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 में मेरे विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पट्टा वितरण संबंधी कितने आवेदन प्राप्त हुये कितने हितग्राहियों को पट्टा प्रदाय किये गये? कितने को पट्टा वितरित नहीं किया गया? क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) जरूरी कार्यों के लिये किसानों/भूमिस्वामियों को नक्शा खसरा प्राप्त करने के लिये महीने दो महीने का समय लग जाता है उक्त कार्यों के प्रति लापरवाह कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है विगत 3 महीने में नक्सा खसरा प्राप्त किये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये है कितने प्रकरण का निराकरण हो चुका है कितने बाकी ब्यौरा देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कम्प्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति में अनियमितता
[श्रम]
28. ( क्र. 471 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त जिलों के श्रम विभागीय कार्यालयों में कितने-कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर/डाटा एंट्री ऑपरेटर किस अधिकारी के आदेश पर कब-कब से पदस्थ हैं तथा वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्या सचिव म.प्र. भवन व अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल भोपाल द्वारा माह अगस्त 2016 से प्रदेश के समस्त कम्प्यूटर ऑपरेटरों का वेतन भुगतान देना बंद कर दिया जाकर उनकी सेवाएं ऑउटसोर्स एजेंसी (ठेकेदारी प्रथा) के माध्यम से दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो शासन के किस आदेश एवं किस श्रम नियमों के तहत ऐसा किया गया? विवरण देवें। यदि नियम विरूद्ध ऐसा किया गया है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध श्रमायुक्त द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या उपरोक्त समस्त ऑपरेटरों को आउटसोर्स एजेंसी से हटाकर पूर्ववत स्थापित किया जावेग? यदि नहीं, तो क्यों तथा उनके लिए श्रम विभाग के क्या निर्देश होंगे? विभिन्न श्रम कार्यालयों में 10 वर्षों से कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों के लिए श्रम विभाग के नियमों के अनुसार वे क्या-क्या लाभ/सुविधाएं पाने की पात्रता रखते है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के आदेश दिनांक 11.07.2006, 26.10.2006 द्वारा मंडल की योजनाओं के विकेन्द्रीकरण एवं निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के कार्य की अधिकता को दृष्टिगत रखते हुए समस्त श्रम विभागीय मैदानी कार्यालयों में कार्य के अनुपात में आउटसोर्स कर कम्प्यूटर आपरेटर/डाटा एन्ट्री आपरेटर की सेवायें ली जाने हेतु निर्देशित किया गया था। तद्नुसार प्रदेश के समस्त जिलों के श्रम विभागीय अधिकारियों द्वारा कम्प्यूटर आपरेटर/डाटा एन्ट्री आपरेटर की सेवायें आउटसोर्स पर ली गई। प्रदेश के समस्त जिलों के श्रम विभागीय कार्यालयों में वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। सचिव म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के द्वारा किसी भी कम्प्यूटर आपरेटर का वेतन दिया जाना बंद नहीं किया गया है। मंडल द्वारा लिए गये निर्णय के परिपालन में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कम्प्यूटर आपरेटरों की सेवा ली जा रही है। आउटसोर्स आपरेटरों के पारिश्रमिक का भुगतान आउटसोर्स एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। (ग) मंडल द्वारा कम्प्यूटर आपरेटरों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से रखे जाने के निर्णय के विरूद्ध आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई थी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मंडल के निर्णय को सही मानते हुये आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से रखे जाने की कार्यवाही को सही माना गया। कम्प्यूटर आपरेटरों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध डबल बैंच में अपील की गई, माननीय उच्च न्यायालय की डबल बैंच द्वारा भी मंडल द्वारा की गई कार्यवाही को उचित माना गया। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रूप से परिवहन चेक पोस्ट का संचालन
[परिवहन]
29. ( क्र. 495 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 5830, दिनांक 27.03.2017 के संदर्भ में बताएं कि परिवहन चेक पोस्ट मानलपुर/दीनपुरा में स्वीकृत करने के लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? (ख) क्या भिण्ड जिले में दो चेक पोस्ट स्वीकृत करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्यों? अवैध चेक पोस्ट संचालित करने के लिये कौन दोषी है? (ग) विगत 3 वर्ष में चेक पोस्ट से कितना राजस्व व शास्ति प्राप्त हुई? माहवार जानकारी दें। कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया, कितना व्यय किया गया? (घ) क्या परिवहन चेक पोस्ट पर वाहनों को अनाधिकृत रोका जाता है, शास्ति के नाम पर अवैध वसूली की जाती है इसके लिए कौन उत्तरदायी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 5830 दिनांक 27-03-2017 के संदर्भ में परिवहन चेक पोस्ट दीनपुरा (फूफ) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 92, इटावा-ग्वालियर मार्ग पर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों से ‘’मध्यप्रदेश मोटरयान परिवहन यानों पर पथकर (शासकीय राजस्व) उद्ग्रहण अधिनियम 1985 में विहित प्रावधानों के तहत, मोटरयान अधिनियम 1988 एवं अन्य सहपठित नियमों/अनुदेशों का उल्लंघन पाये जाने पर एवं अवैध संचालन/ओव्हरलोड वाहनों के संचालन को नियंत्रित करने की दृष्टि से व शासकीय कर, समझौता शुल्क व शास्ति शुल्क वसूल करने हेतु दिनांक 20-12-1985 के द्वारा स्थापित किया गया है। भिण्ड जिले की औद्योगिक इकाइयां, औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में संचालित है वहाँ पर सभी राज्यों की वाहनों का आवागमन रहता है, इन वाहनों पर परिवहन विभाग की चेकिंग नहीं हो पाने के कारण कर एवं शासकीय राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही थी। जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड के प्रस्ताव अनुसार कर अपवंचन रोकने एवं नियमानुसार वाहनों के चैकिंग करने हेतु शासकीय राजस्व हित में दिनांक 21/12/2015 के द्वारा मालनपुर चेकपोस्ट अस्थाई रूप से स्थापित की गई है। परिवहन चेकपोस्ट खोलने हेतु मध्यप्रदेश मोटर परिवहन यानों पर पथकर उद्ग्रहण अधिनियम 1985 में प्रावधान विहित है। अवैध संचालन/ओव्हरलोड नियंत्रण एवं कर अपवंचन रोकने/शासकीय राजस्व की वसूली व मोटरयान अधिनियम 1988 एवं अन्य सहपठित नियमों में विहित प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु चिंहित स्थानों पर आवश्यकता अनुसार शासकीय राजस्व हित में कभी-कभी किसी जिले में या स्थान विशेष पर अस्थाई परिवहन चेकपोस्ट स्थापित किये जाते है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विगत 3 वर्ष में परिवहन चेकपोस्ट दीनपुरा (फूफ) पर कुल राजस्व कर रूपये 3,19,95,908/- एवं शास्ति/समझौता शुल्क रूपये 4,95,46,334/- वसूल किया गया एवं चेकपोस्ट मालनपुर में राजस्व कर रूपये 18,85,255/- एवं शास्ति/समझौता शुल्क रूपये 1,31,85,580/- वसूल किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिवहन चेकपोस्ट फूफ/मालनपुर को गत 3 वर्षों में निम्नानुसार शासन द्वारा राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया था एवं किये गये व्यय की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
लक्ष्य (आंकड़े लाख में) |
व्यय (आंकड़े रूपये में) |
1 |
2014-15 |
72.40 |
1724947.00 |
2 |
2015-16 |
142.32 |
1730168.00 |
3 |
2016-17 |
220.00 |
1833689.00 |
(घ) परिवहन चेकपोस्ट पर वाहनों को रोककर उनके दस्तावेज एवं ओव्हरलोड चैक किया जाता है। गलती पाये जाने पर शासकीय राजस्व कर एवं शास्ति वसूल की जाती है। किसी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवारा पशुओं की व्यवस्था
[पशुपालन]
30. ( क्र. 496 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भिण्ड में आवारा पशुओं की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं? यदि हाँ, तो आवारा पशुओं के लिए आवश्यकतानुसार गौशाला बनाने की क्या योजना है वर्तमान में कितनी गौशालाएं संचालित हैं, उनमें कितने पशु रहते हैं? (ख) क्या आवारा पशुओं जिसमें गौवंश की मात्रा अधिक है उन वजह से मुख्य मार्ग एवं शहर के व्यस्ततम मार्ग अवरूद्ध हो रहे हैं, आए दिन गौवंश की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो रही है, वाहन चालक घायल हो रहे हैं, क्या उनकी रोकथाम के लिए कोई अभियान चलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? दुर्घटना के लिए क्या राशि स्वीकृत है? (ग) भिण्ड जिले में कितनी सामाजिक संस्था गौवंश संवर्द्धन के लिए संचालित हैं? उनके द्वारा क्या कार्य किए जा रहे हैं? विगत एक वर्ष में किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण किया गया, निरीक्षण प्रतिवेदन सहित जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में समस्या निवारण के लिए कलेक्टर भिण्ड द्वारा क्या उपाय किए जा रहे हैं, दुर्घटना रोकने के लिए क्या उपाय कब तक होंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जिले के 6 विकासखण्ड में 5-5 गौशालाओं के मान से जिले में 30 गौशलाएं सहचारा विकास खोलने की योजना है। निराश्रित गौवंश के लिए जिले में समाज सेवी संगठनों द्वारा 13 गौशालाएं संचालित की जा रही है जिनमें वर्तमान में लगभग 1242 गौवंश उपलब्ध है। (ख) जी नहीं, पर आवारा पशुओं को मुख्य मार्ग से हटाकर सड़क दुर्घटनाएं नियंत्रण रोकथाम के लिए निकाय द्वारा मुख्यमार्ग एवं शहर के व्यस्ततम मार्ग से आवारा पशुओं को मदाखलत दल से नगरीय सीमा क्षेत्र से बाहर भिजवाने का अभियान समय-समय पर चलाया जाता है। आवारा गौवंश की यदि सड़क दुर्घटना से घायल होते तो पशुपालन विभाग द्वारा मौके पर इलाज किया जाता है। दुर्घटना हेतु अलग से दवाइयों के लिए कोई राशि स्वीकृत नहीं की जाती है। पशुपालन के विभागीय बजट से क्रय की गई दवाइयों से चिकित्सा कराई जाती है। (ग) जिले में कुल 13 गौशालायें संचालित है। जिनमें निराश्रित गौवंश का पालन पोषण किया जा रहा है। विगत वर्ष द्वितीय श्रेणी अधिकारी पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों के द्वारा निरीक्षण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कलेक्टर भिंड के निर्देशानुसार समय-समय पर निराश्रित गौवंश को नगर पालिका एवं नगर पंचायत के द्वारा पकड़वाकर जिले की संचालित तेरह (13) गौशालाओं में भेजने की कार्यवाही की जाती है।
पंप अटेंडेट के स्वत्वों का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 644 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अता. प्रश्न क्र. 6556 दिनांक 20 मार्च 2017 के उत्तर भाग (ख) में भुगतान संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन बतायी गयी है तो शासन द्वारा संबंधित श्री अशोक शर्मा पम्प अटेंडेंट को माननीय उच्च न्यायालय एवं शासन द्वारा कितनी राशि भुगतान देने हेतु आदेश किये हैं व आदेश की प्रति की छायाप्रति भी दी जावें? (ख) क्या वर्तमान में जो (ख) में उल्लेखित पम्प अटेंडेंट को राशि दी गई है वह नियम विपरीत हैं इन्हें जो राशि दी जानी थी वह 950-1400 हैं जबकि इन्हें 750-945 दी गई है जो गलत है। (ग) इन्हें देयक राशि की शेष अंतर राशि कब तक दे दी जायेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ, ग्वालियर के आदेश दिनांक 06.02.2012 एवं विभागीय आदेश दिनांक 18.10.2016 में कोई राशि अंकित नहीं है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। मुख्य अभियंता, ग्वालियर के आदेश क्रमांक 62/स्था./मु.अ./लो.स्वा.यां.वि./2017/परिक्षेत्र/ग्वालियर, दिनांक 25.02.2017 द्वारा नियमानुसार तत्समय प्रचलित वेतनमान रूपये 2550-55-2660-3200 पर देय न्यूनतम वेतन (रूपये 2550/- देय महंगाई भत्ता) दिया गया है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पम्प अटेंडेट के गलत भुगतान पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 659 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा 07 मई, 2017 को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा माननीय उच्च न्यायालय व विभाग द्वारा पम्प अटेंडेंट के पद के अनुसार वेतनमान दिये जाने में जो त्रुटि हुई है, उसे सुधार कर उचित वेतनमान दिये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री को आवेदन प्रस्तुत किया था? यदि हाँ, तो प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार माननीय सांसद विधायक के प्राप्त आवेदन पत्र की प्राप्ति की सूचना व कार्यवाही से अवगत कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता विधायक को पत्र प्रस्तुत दिनांक से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक पत्र से संबंधित उत्तर क्यों नहीं दिया गया है, कारण बतावें? (ग) क्या यह कृत्य G.A.D. के निर्देशों का सरासर उल्लंघन है? यदि हाँ, तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण, सीमांकन व बंटवारे के प्रकरण
[राजस्व]
33. ( क्र. 660 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामोदय से भारत उदय के दौरान ग्राम संसद कार्यक्रम के दौरान विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में कितने आवेदन, नामांतरण, बंटवारे व सीमांकन से संबंधित प्राप्त हुए, उनकी संख्या व कार्यवार जानकारी दी जावें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक निराकृत हो चुके हैं व कितने शेष हैं की जानकारी नाम कृषक-प्रकरण विवरण आदि सहित दी जावे। इन्हें कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला मुरैना में विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी में ग्राम उदय से भारत उदय के दौरान ग्राम संसद कार्यक्रम में तहसील अम्बाह एवं मुरैना में नामांतरण, बंटवारा तथा सीमांकन के प्राप्त आवेदनों का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील |
नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
1. |
अम्बाह |
85 |
10 |
05 |
2. |
मुरैना |
174 |
05 |
04 |
योग |
259 |
15 |
09 |
उक्त अभियान के दौरान प्राप्त समस्त आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी में ग्राम उदय से भारत उदय के दौरान प्राप्त समस्त आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन संकाय के विषयों की पढ़ाई की सुविधा
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
34. ( क्र. 690 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर में संचालित पॉलिटेक्निक कॉलेज में वर्तमान तक ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल्स संकाय के विषयों की पढ़ाई की सुविधा का अभाव है? (ख) क्या उक्त कारण से उक्त संकाय की पढ़ाई के इच्छुक छात्र अब भी अन्य जिले के पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमीशन लेने को विवश हैं और उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। (ग) यदि हाँ, तो जिले के छात्रों के हित में क्या विभाग द्वारा उक्त संकाय प्रारंभ कराने हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है? यदि हाँ, तो कब भेजा? इसे कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (घ) क्या जिले के उक्त कॉलेज में भवन, फर्नीचर व अन्य सुविधाएं पूर्व से ही उपलब्ध हैं? केवल संकायवार एक-एक व्याख्याता का पद स्वीकृत पदों पर इनकी पदस्थापना की जाने की आवश्यकता है? जिसमें शासन का नाम मात्र का वित्तीय भार आयेगा? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त संकाय के विषयों की पढ़ाई की सुविधा प्रारंभ कराने हेतु इस हेतु प्राप्त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर ए.आई.सी.टी.ई. से प्रस्ताव को अनुमोदित करवाकर यथाशीघ्र उक्त कॉलेज में उक्त संकाय की पढ़ाई प्रारंभ करवायेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। वर्तमान में पोलिटेक्निक महाविद्यालय श्योपुर में मैकेनिकल ब्रांच में 03 शिक्षक एवं कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में 05 शिक्षक कार्यरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चोरी के आरोपी की गिरफ्तारी
[गृह]
35. ( क्र. 711 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील नागौद निवासी बजरंग कालोनी वार्ड क्र. 04 नगर परिषद नागौद के द्वारा पुलिस थाने में अपराध क्रमांक 106/16 दिनांक 24.03.16 को दर्ज कराया गया था तथा उक्त अपराध करने वाले के विरूद्ध प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल को दिनांक 07.06.17 को पत्र लिखकर आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग की गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो नामजद आरोपी की रिपोर्ट होने के बाद भी पुलिस थाना नागौद द्वारा अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई जबकि पीड़ित द्वारा दिनांक 16.07.16 एवं 11.01.17 को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस नागौद एवं एस.पी. सतना को गिरफ्तारी किये जाने एवं चोरी का माल बरामद करने का आग्रह किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा अलग से जाँच दल गठित कर चोरी के आरोपी पर कार्यवाही करते हुये चोरी के सामान की बरामदी की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध क्र.-106/16 धारा 454, 380 भा.द.वि. थाना नागौद में उल्लेखित दिनांक को आवेदक उपेन्द्र सिंह निवासी नागौद द्वारा अज्ञात आरोपी के विरुद्ध दर्ज कराया गया था एवं किसी पर संदेह व्यक्त नहीं किया गया था। प्रश्नांश में वर्णित पत्र पुलिस अधीक्षक सतना को उचित माध्यम से प्राप्त हुआ था, जिसमें उल्लेखित संदेही की जाँच की जा चुकी है। (ख) थाना नागौद के अपराध क्रमांक 106/16 की विवेचना में प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों में बताये गये संदेहियों से विधि अनुसार एवं तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पूछताछ की गयी है एवं संदेही के मकान की विधि अनुसार तलाशी भी ली जा चुकी है। अपराध में संलिप्तता के कोई साक्ष्य नहीं पाये जाने से गिरफ्तारी नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। प्रकरण की विवेचना विधि सम्मत तरीके से की गयी है, अतः पृथक से जाँच दल गठित करने का औचित्य नहीं है।
सुसाइड करने की जाँच एवं कार्यवाही
[गृह]
36. ( क्र. 712 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के ग्राम बाघड़ के निवासी शौखीलाल के पुत्र प्रवीण शर्मा द्वारा सुसाइड किया गया जिसका अपराध क्रमांक 13/17 थाना मोरबा जिला सिंगरौली में दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या मृतक द्वारा मृत्यु के पूर्व सुसाइड नोट लिखा था जो कि दि. 16.03.17 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के माध्यम से उप-पुलिस निरीक्षक वर्मा थाना मोरबा को सुपुर्द किया गया था। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या थाना मोरबा में दर्ज अपराध में सुसाइड नोट में आरोपी अभिमन्यु उर्फ मुन्ना गुप्ता की प्रताड़ना से आत्महत्या करना उल्लेखित है? जिसकी शिकायत मृतक के पिता द्वारा इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस रीवा को दि. 13.04.17 एवं पुलिस अधीक्षक सिंगरौली को की गई थी एवं सुनवाई न होने पर जन शिकायत पोर्टल पर शिकायत क्रमांक 3616606 दि. 04.04.17 को की गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में सुसाइड नोट में उल्लेखित प्रताडि़त करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध अपराध दर्ज कर गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में वर्णित घटना के संबंध में थाना मोरवा जिला सिंगरौली में मर्ग क्रमांक 13/17 धारा 174 जा.फौ. के तहत दर्ज है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। आवेदक सौखीलाल शर्मा द्वारा पुलिस महानिरीक्षक रीवा को प्रस्तुत शिकायत की जाँच अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस सिंगरौली द्वारा की गई है। मर्ग जाँच में मृतक का सुसाईड नोट व स्वाभाविक लिखावट का परीक्षण हेण्डराईटिंग एक्टपर्ट से कराए जाने हेतु भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अप्राप्त है। परीक्षण की रिपोर्ट प्राप्त होने पर विधि अनुरुप कार्यवाही की जावेगी। प्रकरण वर्तमान में जांचाधीन है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रावनवाड़ा थाने के संचालन हेतु बजट, पुलिस बल उपलब्ध कराना
[गृह]
37. ( क्र. 726 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है किन्तु आज भी थाने के उन्नयन के लिये कोई बजट प्राप्त क्यों नहीं हो पाया है? कब तक बजट प्रदान कर दिया जायेगा? (ख) क्या पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन की स्वीकृति के बाद भी पर्याप्त पुलिस बल की पदस्थापना नहीं की गई है? जिसके कारण आज भी रावनवाड़ा थाना पुलिस चौकी की तरह ही संचालित हो रहा है और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश भी नहीं लग पा रहा है तथा क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है? ऐसी परिस्थितियों में कब तक थाने हेतु पर्याप्त पुलिस बल की पदस्थापना कर दी जायेगी? (ग) रावनवाड़ा थाने के व्यवस्थित संचालन हेतु नवीन भवन निर्माण के कार्य हेतु कितनी राशि का आवंटन कर, भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर, भवन निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह सही है कि परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत पुलिस चौकी रावनवाड़ा को थाने में उन्नयन की स्वीकृति शासन ज्ञाप क्रमांक एफ.2 (क)-10/ 2015/बी-3/दो दिनांक 23.11.2016 के द्वारा प्रदान की जा चुकी है। गृह विभाग में पुलिस महकमे के लिये प्रशासकीय भवनों की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन की सकल योजना राशि रूपये 44516.60 लाख तैयार कर विचाराधीन है। बजट प्रावधान उपलब्ध होने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। (ख) पुलिस चौकी रावनवाड़ा का थाने में उन्नयन होने के बाद जिले में पुलिस बल की उपलब्धता के अनुसार पर्याप्त पुलिस बल की पदस्थापना की गई है तथा थाना रावनवाड़ा का संचालन थाने के रूप में किया जा रहा है एवं पुलिस बल द्वारा आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है। जिले में पुलिस बल के 25 प्रतिशत पद वर्तमान में रिक्त हैं। जिले में रिक्त पद पूर्ति होने पर थाना रावनवाड़ा में शेष रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। (ग) थाना रावनवाड़ा हेतु नवीन भवन का निर्माण कार्य भविष्य में बनाये जाने वाली आगामी परियोजना प्रतिवेदन में शामिल किया जाकर प्रारंभ कराया जायेगा।
परासिया में उपजेल का निर्माण
[जेल]
38. ( क्र. 727 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत परासिया में उपजेल के निर्माण हेतु भूमि आरक्षित करने की कार्यवाही की जा चुकी है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उपजेल खोले जाने के संबंध में अनेकों पत्र विभाग को प्रेषित किए गये है, उन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) परासिया में उपजेल खोले जाने हेतु भूमि आरक्षित करने के बाद भी उपजेल की स्वीकृति में काफी विलंब के क्या कारण है? उपजेल खोले जाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, किन्तु विभागीय प्राथमिकताओं जैसे-निर्माणाधीन जेलों को पूरा कराना एवं कार्यरत् जेलों को अधिक सुरक्षित व सुविधायुक्त बनाने को दृष्टिगत रखकर परासिया में जेल निर्माण संभव नहीं हो सका है। (ग) उत्तर ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तकनीकी शिक्षा प्रशिक्षण केन्द्र का उन्नयन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
39. ( क्र. 737 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट विधानसभा क्षेत्र के आलोट शहर में आई.टी.आई. उन्नयन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र विभाग को कार्यवाही हेतु प्राप्त हआ है? यदि हाँ, तो कब? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्ष २०१५ से अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) आलोट में आई.टी.आई. प्रशिक्षण केन्द्र उन्नयन कब तक स्वीकृत होगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक द्वारा माननीय मंत्रीजी तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को लिखा गया पत्र दिनांक 25.10.2016 संचालनालय को दिनांक 03.12.2016 को प्राप्त हुआ। (ख) प्रदेश में ऐसे 38 आई.टी.आई. है, जिनमें केवल तीन ट्रेड का भवन निर्मित है। समस्त 38 संस्थाओं में तीन अतिरिक्त ट्रेड के भवन निर्माण के लिये गृह निर्माण मण्डल को निर्माण एजेन्सी नियुक्त किया गया है। संचालनालय के पत्र दिनांक 01.07.2017 द्वारा आयुक्त, मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल एवं अधोसंरचना विकास को निर्माण कार्य की डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु लिखा गया है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बसाहटों में पेयजल व्यवस्था.
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 740 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन ने बसाहटों में पेयजल प्रदाय हेतु प्रति व्यक्ति कितनी मात्रा में जल उपलब्धि निर्धारित की है? उज्जैन संभाग की कितनी बसाहटों में व्यवस्था लागू हो चुकी है? पूर्ण ब्यौरा जिलेवार, तहसीलवार दें? (ख) उज्जैन संभाग की कुल बसाहटों में से कितनी एवं कौन-कौन सी बसाहटें पेयजल उपलब्धता से वंचित हैं? जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा दें। (ग) शासन का पेयजल उपलब्धि संबंधी लक्ष्य वर्ष २०१५,२०१६ एवं जून २०१७ तक क्या था? लक्ष्य विरूद्ध प्राप्ति का ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्रामीण क्षेत्र की बसाहटों में न्यूनतम 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से जल उपलब्ध कराने की मात्रा निर्धारित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कोई भी बसाहट पेयजल उपलब्धता से वंचित नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
भू-अर्जन से संबंधित प्रकरण
[राजस्व]
41. ( क्र. 756 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भोपाल जिले के ग्राम नरेला शंकरी के भूअर्जन प्रकरण क्रमांक 3अ/82 वर्ष 87-88 अवार्ड आदेश दिनांक 30/08/91 के संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व भोपाल, आयुक्त, भोपाल एवं कलेक्टर भोपाल को लिखा गया पत्र क्रमांक 6990, दिनांक 12 जून 2017 प्राप्त हुआ है? (ख) दिनांक 30/08/1991 को पारित अवार्ड में किस किसान का किस खसरा नम्बर के कितने रकबे का कितना मुआवजा निर्धारित किया गया, किस किसान को उस मुआवजा राशि का भुगतान किस दिनांक को किया, किस किसान की कितनी भूमि पर प्रश्नांकित दिनांक तक आवासीय योजना का क्रियान्वयन नहीं हुआ? (ग) जनवरी, 2014 से लागू भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में वयस्क उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 24 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण है? अधिनियम की धारा 84 धारा 85 धारा 86 एवं धारा 87 के क्या प्रावधान है। (घ) आवार्ड आदेश दिनांक 30/08/1991 में उल्लेखित भूमियों के संबंध में जनवरी 2014 से लागू कानून की धारा 24 के अनुसार वर्तमान में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विदिशा जिले की खाद्यान्न पर्ची का सत्यापन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 757 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता की श्रेणी में आने वाले नवीन परिवारों की खाद्यान्न पात्रता पर्ची एवं जारी खाद्यान्न पर्ची में आवश्यक सुधार हेतु दिनांक 01.07.2017 से 30.05.2017 तक कितने परिवारों की खाद्यान्न पर्ची अपलोड हो चुकी है? विकासखंडवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपलोड हो चुकी खाद्यान्न पर्चियों में से कितनी पर्ची जनरेट (सत्यापित) की जा चुकी है, कितनी शेष है, शेष का क्या कारण है? विकासखंडवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अपलोड हो चुकी शेष खाद्यान्न पर्चियों को अभी तक जनरेट (सत्यापित) नहीं किये जाने के लिये कौन दोषी है, क्या शासन पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत खाद्यान्न से वंचित रखना चाहती है? यदि नहीं, तो कब अपलोड खाद्यान्न पर्ची जनरेट (सत्यापित) की जावेगी? समय-सीमा बतावें? (घ) उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव, म.प्र. शासन को दिनांक 10.06.2017 को लिख गये पत्र की प्रति आयुक्त, खाद्य नागरिक आपूर्ति, म.प्र., कलेक्टर एवं जिला आपूर्ति अधिकारी विदिशा के ई-मेल पर दिनांक 10.06.2017 एवं 21.06.2017 को प्राप्त हुई? इस पत्र को किस रजिस्टर पर किस क्रमांक पर दर्ज किया है? उक्त पत्र की अभिस्वीकृति एवं कार्यवाही की सूचना प्रश्नकर्ता को दी गई या नहीं? नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि त्रुटिपूर्ण है तथापि विदिशा जिले में दिनांक 01.07.2016 से 30.05.2017 तक की अवधि में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवार श्रेणियों में से स्थानीय निकाय द्वारा 12436 परिवारों के सत्यापन एवं पूर्व से जारी पात्रता पर्ची में आवश्यक संशोधन हेतु जानकारी पोर्टल पर अद्यतन की गई है। जिसकी विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण उक्त परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। उक्तानुसार अपात्र परिवारों का विलोपन एवं उसके स्थान पर नवीन सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अपात्र परिवारों का विलोपन एवं उसके स्थान पर नवीन सत्यापित परिवारों कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। आयुक्त, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय एवं जिला खाद्य कार्यालय को दिनांक 10.06.2017 एवं 21.06.2017 को माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा ई-मेल भेजा गया था जो संचालनालयीन आवक क्रमांक 738 दिनांक 28.06.2017 पर एवं जिला खाद्य कार्यालय की आवक पंजी क्रमांक 1271 दिनांक 20.06.2017 पर दर्ज किया गया है। जिस पर कार्यवाही प्रचलित है।
किसान आन्दोलन के दौरान पुलिस द्वारा गोली चालन
[गृह]
43. ( क्र. 760 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के मंदसौर जिले में माह जून 2017 में किसानों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से किये जा रहे आन्दोलन के दौरान किसानों के ऊपर पुलिस प्रशासन द्वारा गोली चालन के दौरान कितने किसानों की मृत्यु हुई नाम सहित बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) गोली चालन के आदेश किन-किन अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं क्या उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गए या नहीं विवरण सहित बताएं? (ग) क्या किसानों के ऊपर गोली चलाने के आदेश शासन स्तर से किये गए या पुलिस प्रशासन/जिला प्रशासन द्वारा अपनी मर्जी से गोली चलाने के आदेश दिए गए विवरण सहित बताएं? (घ) क्या मृत किसानों के पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि दी गई यदि हाँ, तो प्रति पीड़ित परिवार कितनी-कितनी राशि दी गई नाम सहित बताएं? उक्त घटना में कितने बेक़सूर किसानों के ऊपर फर्जी मुकदमे लगाए गए धारा सहित जानकारी देवें, क्या निर्दोष किसानों के ऊपर दर्ज मुक़दमे वापस लिए जाएंगे? क्या उक्त संपूर्ण प्रकरण के लिए म.प्र. शासन स्वयं दोषी है? क्या भविष्य में किसानों के कर्जे माफ करने के आदेश जारी किये जाएंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मंदसौर जिले में माह जून में हुए आंदोलन ने हिंसक रुप ले लिया था। मंदसौर जिले के घटनाक्रम में हुए गोली चालन में 05 आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई, मृतक आंदोलनकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (ग) जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित है। अतः टीप दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। (घ) जी हां, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इस घटना की जाँच में न्यायिक आयोग गठित है अतः न्यायिक जाँच पूर्ण होने पर ही तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जावेंगी।
तोल कांटे विक्रेता लायसेंसधारियो की सूची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 768 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्तमान में कार्यरत इलेक्ट्रॉनिक/सामान्य तोल कांटे विक्रेता लायसेंसधारियों एवं सुधारक लायसेंसधारियों के नाम, पता सहित सूची देवें। विक्रेता लायसेंसीयों के पास किस ब्रांड के उपकरण विक्रय किये जा रहे हैं? लायसेंसीवार बतायें। (ख) विगत 3 वर्षों की खरगोन कार्यालय की शिविर पंजी की प्रति देवें। जिले में सत्यापन एवं मुद्रांकन शिविर कब-कब, कहाँ-कहाँ पर लगाये गये? स्थानवार दिनांक सहित सूची देवें। (ग) खरगोन जिले से विगत 3 वर्षों में कितने अभियोजन प्रकरण/राजीनामा प्रकरण बनाये गये? दुकान का नाम, पता सहित सूची देवें। खरगोन शहर में वर्ष 2017 में ड्रिप पाईप संबंधी बनाये गये प्रकरण की सूची, दुकान का नाम, स्थान सहित देवें। वर्तमान में इन ड्रिप पाईप वाले प्रकरणों की स्थिति क्या है? (घ) खरगोन जिले में कार्यरत विभागीय अधिकारी/निरीक्षक के भ्रमण कार्यक्रम की विगत 3 वर्षों की सूची देवें। क्या यह भ्रमण कार्य वरिष्ठ कार्यालय से अनुमोदन प्राप्त है? संबंधित प्रति देवें। खरगोन जिले के निरीक्षक अधिकारी की विगत 3 वर्षों की दौरा डायरी/लॉग बुक की प्रति देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित लायसेंसधारी विक्रेता व सुधारक के नाम व पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' तथा विक्रेता लायसेंसधारी द्वारा विक्रय किए जाने वाले उपकरण के ब्रांड की लायसेंसवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) विगत तीन वर्षों में अभियोजन प्रकरण की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं ड्रिप पाईप संबंधी खरगोन शहर के निर्मित 2017 के प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) वर्तमान में कार्यरत निरीक्षकों द्वारा पृथक से अभिलेख संधारित नहीं किया गया है।
पेट्रोल पंपों का निरीक्षण/सत्यापन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
45. ( क्र. 769 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में ड्रिप पाईप प्रकरणों में हुए वरिष्ठ कार्यालय एवं संबंधित दुकानदार से हुए पत्राचार की प्रति देवें। (ख) सहायक नियंत्रक कार्यालय खण्डवा या निरीक्षक कार्यालय खरगोन को प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/मेल किसी भी माध्यम से वर्ष 2017 में प्राप्त हुए हैं? विषयवार दिनांक सहित सूची देवें। इन पत्रों/मेल के जवाब की प्रति देवें। यदि जवाब नहीं दिये गये हैं तो पत्रवार कारण सहित बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) निरीक्षक नापतौल खरगोन ने ड्रिप पाईप प्रकरणों में 13 स्थानीय विक्रेता व्यापारियों एवं 10 निर्माता/डिस्ट्रीब्यूटर्स कंपनियों को प्रकरणों से संबंधित जानकारी प्रस्तुत करने के संबंध में पत्राचार किया है। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित कार्यालय को कोई भी पत्र या मेल किसी भी माध्यम से प्राप्त नहीं हुए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जब्त गौवंश की संख्या
[गृह]
46. ( क्र. 770 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में खरगोन जिले के पुलिस विभाग द्वारा कब-कब किस-किस वाहन से कितनी संख्या में गौवंश जब्त किये हैं? प्रकरणवार, थानावार, वाहन के पंजीयन क्रमांक सहित गौवंश की संख्या सहित सूची देवें। (ख) उक्त गौवंश को कब-कब किस व्यक्ति/संस्था/समूह को सौंपा/अभिरक्षा में रखा गया? प्रकरणवार, व्यक्ति/संस्था/समूह के नाम व पता सहित गौवंश की संख्या सहित सूची देवें। वर्तमान में इन गोवंशों की स्थिति क्या है? प्रकरणवार बतायें। (ग) उक्त प्रकरणों में आरोपियों/वाहनों की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रकरणवार थानावार बतायें। उक्त प्रकरणों में गौवंश को सौंपने/अभिरक्षा में देने संबंधी विभागीय नीति/निर्देश की प्रति देवें। इस संबंध में गौवंश को संभालने/देख-रेख करने हेतु व्यय राशि संबंधी विभागीय नीति/निर्देश की प्रति देवें। (घ) वर्ष 2017 में खरगोन जिले में प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/मेल विभाग के किसी भी स्तरीय कार्यालय में प्राप्त हुए? विषयवार दिनांक सहित सूची देवें। इन पत्र/मेल के जवाब की प्रति देवें। यदि जवाब नहीं दिया गया है तो पत्रवार कारण सहित बतायें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ‘’ में समाहित है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’‘ में समाहित हैं। माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा वाहन एवं गौवंश को संबंधित को सुपर्दगी पर एवं गौशालाओं को देखरेख हेतु दिये जाते हैं। गौवंश को संभालने एवं देखरेख हेतु व्यय संबंधी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’‘ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’‘ अनुसार है।
चयनित पटवारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
47. ( क्र. 821 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला श्योपुर में आयोजित पटवारी चयन परीक्षा 2005-06 से चयनित पटवारियों की पदस्थापना के सम्बन्ध में आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त, म.प्र. से प्राप्त निर्देश के पालन में कलेक्टर श्योपुर द्वारा दिनांक 28-09-2015 को समिति गठित कर संपूर्ण प्रकरण का परीक्षण कर कार्यवाही हेतु निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो क्या समिति द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है? यदि हाँ, तो कब एवं समिति द्वारा क्या-क्या अनुशंसाएं की हैं? (ख) क्या कलेक्टर श्योपुर द्वारा पत्र क्रमांक 2743/भू-अभि./स्था./प.च.प.05-06/2015 दिनांक 17-11-2015 से सी.एल.आर. एवं पत्र पृष्ठा. क्रमांक 2744/भू-अभि./स्था./प.च.प.05-06/2015 दिनांक 17-11-2015 से प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन राजस्व विभाग एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त, भोपाल को पत्र लिखकर श्योपुर में पटवारियों की पदस्थापना हेतु 60 पदों की स्वीकृति चाही गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के सम्बन्ध में शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है? क्या पटवारियों के पद स्वीकृत कर दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कितने? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की परीक्षा में चयनित पटवारियों में से आधे से अधिक अन्य शासकीय सेवाओं में चयनित हो चुके हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उनसे सहमति लेकर शेष चयनित उमीदवारों को पद उपलब्धता के आधार पर नियुक्ति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो पटवारियों की पदस्थापना किस प्रकार एवं कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। समिति द्वारा की गई अनुशंसा संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। पटवारियों के रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
प्रदेश में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएँ
[गृह]
48. ( क्र. 822 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2017 से 20 जून 2017 की अवधि में प्रदेश में कितनी महिलाओं के साथ बलात्कार/सामूहिक बलात्कार की घटनाएँ घटित हुई? अ.जा., अ.ज.जा., पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग तथा वयस्क/अवयस्क महिलाओं सहित जिलेवार जानकारी दें? इनमें से कितनी महिलाओं की हत्या हुई एवं कितनों ने आत्महत्या की? (ख) प्रश्नाश (क) की घटनाओं के कितने आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है? कितने आरोपी अभी तक फरार है? (ग) प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराध एवं बलात्कार की घटनाओं को रोकने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गए हैं? (घ) क्या शासन के तमाम प्रयासों के बावजूद भी महिला अपराधों में कमी आने के बजाय लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है? यदि हाँ, तो शासन महिला अपराधों को रोकने में असफल क्यों हो रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में बलात्कार की घटित घटनाओं में 2283 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, 409 आरोपी फरार हैं। सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में 286 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, 74 आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी का प्रयास निरन्तर जारी है। (ग) प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराधों एवं बलात्कार की घटनाओं को रोकने हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से महिलाओं में जागरुकता लाने के लिये निरंतर अभियान चलाये जा रहे हैं। निर्भया मोबाइल एवं पुलिस पेट्रोलिंग मोबाइल द्वारा स्कूल, कॉलेज एवं संवेदनशील स्थानों पर निरंतर गश्त की जा रही है एवं आंगनवाड़ी सहायिका आशा कार्यकर्ता एवं समर्थ संगिनी योजना से जुड़े कार्यकर्ताओं द्वारा शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में निरंतर महिलाओं को जागरुक कर अपराधों में कमी लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) यह सही नहीं है कि शासन के तमाम प्रयासों के बावजूद भी महिला अपराधों में कमी आने के बजाये लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। वास्तविकता यह है कि निरंतर जागरुकता अभियान चलाये जाने से महिला वर्ग जागृत हो रहा है, फलतः महिलायें अपने ऊपर होने वाले अत्याचार एवं अपराधों की भयमुक्त तथा निडर होकर सूचनाएं दे रही हैं। प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर मुक्त पंजीयन सुनिश्चित किया जा रहा है। दण्डविधि संशोधन अधिनियम 2013 के अनुसार सभी संज्ञेय अपराधों में तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नवीन ट्रेड प्रारम्भ करना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
49. ( क्र. 841 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में विगत 02 वर्षों में कौन-कौन से नवीन ट्रेड प्रारम्भ किये गये हैं? संस्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रं. 309 दिनांक 05.05.17 से आई.टी.आई. सुसनेर में फैशन डिजाइनिंग एवं हिन्दी स्टेनो ट्रेड प्रारम्भ करने हेतु माननीय मंत्रीजी से अनुरोध किया था, जिस पर माननीय मंत्रीजी ने संचालक को नवीन ट्रेड प्रारम्भ करने हेतु निर्देशित किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में माननीय मंत्रीजी के पत्र के परिपालन में की गई कार्यवाही से संबंधित पत्राचारों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (घ) आई.टी.आई. सुसनेर में कितने पद स्वीकृत हैं, इनमें से कितने रिक्त एवं कितने भरे हैं? क्या रिक्त पदों पर पदपूर्ति तक अतिथि व्याख्याता/शिक्षक रखने की व्यवस्था प्रावधानित है? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया एवं मापदण्ड हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। सत्र अगस्त 2017 से कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं प्रोग्राम असिस्टेंट व्यवसाय प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना/मुख्यमंत्री कौशल्या योजना को संचालित करने की योजना के दृष्टिगत संस्था में अन्य कोई ट्रेड प्रारंभ नहीं किये गये है। (ग) पत्राचार की सत्यापित प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
खाद्य पात्रता पर्चियों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र. 842 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ऐसे कितने पात्र उपभोक्ता हैं जिनकी खाद्य पात्रता पर्चियों को रबी विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर 50 क्विंटल से अधिक गेहूँ विक्रय करने पर खाद्यान्न आवंटन की सीमित उपलब्धता के कारण अस्थाई रूप से अनमेप किया गया है? सूची उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपभोक्ताओं के गेहूँ विक्रय पंजीयन की उचित जाँच की जाकर अस्थाई रूप से अनमेप की गई पात्रता पर्चियों को पात्र पाये जाने पर पुनः मेप किया जाकर पात्रतानुसार खाद्यान्न प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ऐसे कितने पात्र उपभोक्ता हैं जिनको बी.पी.एल. कूपन जारी हो चुके हैं लेकिन आधार लिंक न होने या खाद्यान्न आवंटन की सीमित उपलब्धता के कारण या अन्य कारण से खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई हैं? कारण बताते हुए सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित उपभोक्ताओं को पात्रतानुसार खाद्य पात्रता पर्ची जारी कर खाद्यान्न प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में रबी विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर 50 क्विंटल से अधिक गेहूं विक्रय करने वाले किसान आर्थिक रूप से सक्षम होने के कारण उनको पोर्टल से अस्थाई रूप से अनमेप कर खाद्यान्न आवंटन बंद किया गया है। किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 50 क्विंटल से अधिक गेहूं का विक्रय करने वाले किसान आर्थिक रूप सम्पन्न होने के कारण खाद्यान्न आवंटन बंद किया गया है। जिनकी जाँच कराने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के कुल 2116 बी.पी.एल. हितग्राहियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। जिन परिवारों की पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है उनके नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
निजी एवं सरकारी चिकित्सलायों को एन.ओ.सी.
[पर्यावरण]
51. ( क्र. 845 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से "नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल" ने चिकित्सलायों में हो "रहे बायो मेडिकल वेस्ट" के खतरे से बचाने के लिए राज्य के निजी एवं सरकारी चिकित्सलायों को पर्यावरण एन.ओ.सी. लेने हेतु निर्देश दिए हैं, यदि हाँ, तो निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित इंदौर, उज्जैन, संभाग के किन-किन सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों ने उक्त संभाग में एन.ओ.सी. ले ली है और कितनों ने नहीं ली है? (ग) क्या राज्य नियंत्रण प्रदूषण बोर्ड द्वारा पर्यावरण से एन.ओ.सी. लिए जाने के नोटिस भी जारी किये हैं, यदि हाँ, तो किस-किस को कब-कब नोटिस जारी किये गये? (घ) मेडिकल वेस्ट का संग्रहण कर उसके निस्तान्तरण को लेकर प्रदूषण विभाग के क्या निर्देश हैं, मध्यप्रदेश में ऐसी कितनी संस्था रजिस्टर्ड हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जैव चिकित्सा अपशिष्ट (प्रबंधन एवं हथालन) नियम, 1998 एवं नवसृजित जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के नियम-5 में मेडिकल वेस्ट को संग्रहित कर उसका निस्तारण साझा-जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार और निपटान सुविधा के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश में ऐसी 12 साझा-जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार और निपटान सुविधा (सी.बी.डब्ल्यू.एफ.) संस्थाएं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्राधिकृत है।
जल प्रदाय योजना का कार्य प्रारंभ कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
52. ( क्र. 913 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मंत्री परिषद् की बैठक दिनांक 8/6/16 को प्रदेश में 47 समूह जल प्रदाय योजनाओं का प्रशासकीय अनुमोदन किया गया था, जिसमें खरगापुर विधानसभा में 974.52 करोड़ सम्मिलित ग्राम-155 वानसुजारा टीकमगढ़ एवं वल्देवगढ़ तथा- 525.11 करोड़ सम्मिलित ग्राम-59 का भी अनुमोदन शामिल था। (ख) क्या इस योजना के प्रारंभ हो जाने से बहुत बड़ी संख्या में कई ग्रामों को पेयजल उपलब्ध हो जायेगा और खरगापुर विधानसभा में पेयजल की समस्या का निराकरण हो जायेगा? उक्त योजना का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं कराया जा रहा है कारण स्पष्ट करें, यदि कार्य शुरू कराया जायेगा तो कब तक समयावधि बतायें। (ग) क्या इस योजना से बहुत बड़ी आबादी को पेयजल प्राप्त हो सकता परंतु राशि का अनुमोदन होने पर भी धरातल पर कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा, इसकी मुख्य वजह क्या है? (घ) क्या उक्त समूह जलप्रदाय योजना को प्रशासकीय स्वीकृति मंत्री परिषद् से प्राप्त होने से शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, योजनाओं के कार्य आवश्यक जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन उपरांत प्रारंभ किये जा सकेंगे। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजनाओं हेतु आवश्यक जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन होने के उपरांत कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे। (घ) योजनाओं हेतु आवश्यक जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर निर्माण कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
शासन की भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण
[राजस्व]
53. ( क्र. 914 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की छतरपुर तहसील में हल्का मौजा बगौता के खसरा क्र.-33 में मध्यप्रदेश शासन का नाम दर्ज था? यदि हाँ, तो समस्त दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि म.प्र. शासन दर्ज है तो भी उक्त खसरा-33 की भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किस प्रकार करा लिया गया है? उक्त अवैध निर्माण करने वालों के विरूद्ध शासन कार्यवाही कर शासन की बेश कीमत भूमि से अतिक्रमण करने वालों को कब तक बेदखल कर देगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि अतिक्रमण करने वालों को बेदखल क्यों नहीं किया जा सकता है। (ग) आज दिनांक तक उक्त अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा उसके क्या परिणाम हुये?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। मौजा बगौता के वर्ष 2017 की नकल संलग्न परिशिष्ट अनुसार (ख) मौजा बगौता के खसरा नम्बर 33, म.प्र.शासन में कोई अतिक्रमण नहीं है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 932 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से गेहूं, चावल एवं नमक गरीबों को देने की योजना है? यदि हाँ, तो कितने श्रेणियों को लाभ देने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने शासकीय उचित मूल्य की दुकानें उपरोक्त जिलों में संचालित हैं? क्या समस्त उचित मूल्य की दुकानों हेतु भवन उपलब्ध है? यदि नहीं, तो भवन कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने लोगों को अन्नपूर्णा योजना का लाभ मिल रहा है? संख्या बतावें। कितने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं पात्र परिवारों को अभी भी खाद्यान्न का लाभ नहीं मिल पा रहा है? जनपद सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पात्र लोगों को अभी भी खाद्यान्न नहीं मिल पाने का क्या कारण है? पात्र लोगों को कब तक सस्ता खाद्यान्न उपलब्ध करा दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लाभान्वित पात्र परिवारों की श्रेणियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सीधी जिले में 426 एवं सिंगरौली जिले में 382 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। सीधी जिले में सभी उचित मूल्य दुकानों हेतु शासकीय भवन उपलब्ध हैं। सिंगरौली जिले में 183 उचित मूल्य दुकानों हेतु शासकीय भवन उपलब्ध हैं, जबकि 199 उचित मूल्य दुकानें शासकीय भवन में संचालित नहीं हैं। उचित मूल्य दुकानों के भवन निर्माण के लिए बजट राशि प्रावधानित होने पर चरणबद्ध रूप से भवनों का निर्माण कार्य संभव हो सकेगा। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत संचालित लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सीधी जिले में 209294 एवं सिंगरौली जिले में 233640 पात्र परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण नवीन सत्यापित परिवारों को लाभान्वित नहीं किया जा रहा है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिये गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किये जाएंगे, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किये जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाये, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाये। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाये।
किसानों की फसल नष्ट होने पर राहत
[राजस्व]
55. ( क्र. 942 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा (मुरैना) तहसील के ग्राम ताजपुर की भूमि सर्वे क्रमांक 132, 185, 186, 119, 210, 34, 35, 36 में अरहर की फसल को जंगली जानवरों द्वारा नष्ट करने का आवेदन तहसील जौरा में भूमि स्वामियों द्वारा फरवरी 2017 में दिया गया था? यदि हाँ, तो आवेदनकर्ताओं के नाम, तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या उक्त आवेदन के क्रियान्वयन में राजस्व विभाग की टीम एवं वन विभाग की टीम द्वारा संयुक्त दौरा फसल नष्ट का आंकलन किया गया था? उक्त टीम द्वारा किस दिनांक किन अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा निरीक्षण किया? (ग) क्या उक्त निरीक्षण के बाद जून 2017 की स्थिति में किसानों को ना तो किसी प्रकार की राहत राशि उपलब्ध कराई गई है, ना ही उन्हें किसी प्रकार की जानकारी, सूचना विभाग द्वारा दी गई है? प्रभावित किसानों को राहत राशि कब तक दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
बिच्छु के काटने पर सहायता हेतु
[राजस्व]
56. ( क्र. 943 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिहौरी तहसील जौरा (मुरैना) के मजरा उदयाजीत का पुरा के मंगल सिंह गुर्जर की पुत्री कुमारी आसिकी उम्र 5 वर्ष को दिनांक 30.03.2017 को बिच्छु काटने से मृत्यु हुई थी? (ख) क्या म.प्र.शासन की नीति के अनुसार जहरीले कीट के काटने से मृत्यु होने पर राजस्व पुस्तक पत्रक के अनुसार पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है, इनको कब तक सहायता दी जावेगी, पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त प्रकरण में विधायक सुमावली द्वारा जिलाधीश मुरैना को दिनांक 01.04.2017 को पत्र लिखा, इसकी जाँच कर क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, प्रकरण परीक्षण उपरान्त बिच्छू के काटने से ऐसा होना अवधारित नहीं हुआ। (ख) जी हाँ, म.प्र. शासन, राजस्व विभाग के द्वारा राहत हेतु निर्मित राजस्व पुस्तक परिपत्र संशोधित दिनांक 01 अप्रैल 2015 के अनुसार जहरीले जन्तु के काटने से मृत्यु होना सिद्ध होने पर आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ, यह सही है कि मा. विधायक महोदय द्वारा कलेक्टर मुरैना को पत्र लिखा गया। जिसकी जाँच तहसीलदार जौरा से कराई गई। प्रकरण में बिच्छू के काटने से मृत्यु सिद्ध न होने से आर्थिक सहायता दिये जाने की पात्रता नहीं है।
भूमि सर्वे क्र. 580 रकबा 17 विस्वा कस्बा जारी का नाम इन्द्राज विषयक
[राजस्व]
57. ( क्र. 965 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि परि. अतां. प्रश्न क्र. 2485 दिनांक 27.02.2017 के उत्तरांश (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है बताया है। तो क्या जानकारी एकत्रित कर ली गयी है? जानकारी एकत्रित करने में विलंब के क्या कारण है? स्पष्ट किया जा सकेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : जी हाँ। जी हाँ। जानकारी निर्धारित तिथि के पश्चात प्राप्त होने के कारण उत्तर नहीं भेजा जा सका।
राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में संचालित आई.टी.आई.
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
58. ( क्र. 999 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में आई.टी.आई. संचालित है? यदि हाँ, तो कब से और कहाँ पर संचालित है? (ख) उक्त आई.टी.आई. में किस-किस संकाय की कौन-कौन सी कक्षायें संचालित हैं? (ग) उक्त आई.टी.आई. के कार्यालय में तथा कक्षाओं के किस-किस संकाय के कितने-कितने पद स्वीकृत है उनमें कितने रिक्त हैं? कार्यरत के नाम सहित बतावें। (घ) उक्त आई.टी.आई. में रिक्त पदों की पूर्ति कब की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। अगस्त 2012 से जनवरी 2015 तक किराये के भवन 31/32 एमपी नगर बायपास रोड़ राजगढ़ में तथा फरवरी, 2015 से स्वयं के भवन, संकट मोचन कॉलोनी, राजगढ़ में संचालित है। (ख) कुल 06 व्यवसाय क्रमश: विद्युतकार, फिटर, वेल्डर, आर्किटेक्चर असिस्टेंट, मोटर मैकेनिक व्हीकल एवं डीजल मैकेनिक संचालित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ विधानसभा में संचालित शा.उचित मूल्य दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
59. ( क्र. 1002 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में किन-किन स्थानों/ग्रामों/वार्डों में खाद्य पदार्थों का शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से वितरण करवाया जाता है? स्थानों/ग्रामों/वार्डों का नाम बतावें। (ख) राजगढ़ विधानसभा के सभी स्थानों/ग्रामों/वार्डों की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने-कितने हितग्राही किस-किस श्रेणी के हैं? शासकीय उचित मूल्य की दुकानवार बतावें। (ग) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में उक्त हितग्राहियों को कौन-कौन सा राशन कितना-कितना दिया जाता है? राशन सामग्री का नाम व मात्रा बतावें। (घ) उक्त दिये जाने वाली राशन सामग्री का परिवहन शासकीय उचित मूल्य की दुकान तक कैसे और किस माध्यम से किस दर पर किससे करवाया जाता है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) राजगढ़ जिले में उचित मूल्य दुकान तक खाद्य सामग्री को 'द्वार प्रदाय योजना' अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई राजगढ़ से अनुबंधित परिवहनकर्ताओं द्वारा परिवहन करवाया जाता है। परिवहन हेतु ट्रक, ट्रेक्टर ट्रालियों का उपयोग किया जाता है। विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत तहसील राजगढ़ हेतु मेसर्स ओम साहू की स्वीकृत दर 28.75 रूपये/क्विंटल एवं तहसील खिलचीपुर हेतु मेसर्स न्यू अपना ट्रांसपोर्ट की स्वीकृत दर 27.86 रूपये/क्विंटल पर अनुबंधित किया गया है। विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत मेसर्स ज्योति ऑयल एजेन्सी एवं मेसर्स गोपाल ऑयल एजेन्सी, ब्यावरा द्वारा दूरी के आधार पर कैरोसीन का परिवहन शासन द्वारा निर्धारित दर पर किया जाता है। शासन द्वारा जारी कमीशन दरें एवं परिवहन दर का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
आरोपित अर्थदण्ड की राशि
[राजस्व]
60. ( क्र. 1021 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक में खरगोन जिले में भू-राजस्व संहिता की धारा 59 (2), 59 (5), 172 (4), 172 (1) के आधार पर कितने प्रकरणों में किन-किन व्यक्ति/समूह/संस्था पर कितनी-कितनी प्रब्याजी, वाणिज्यिक पुनर्निर्धारण राशि एवं आरोपित अर्थदण्ड की राशि के आदेश जारी किये गये हैं। प्रकरणवार व्यक्ति/समूह/संस्था के नाम, पता, प्रब्याजी राशि, पुनर्निर्धारण राशि, आरोपित अर्थदण्ड राशि सहित सूची देवें। इन समस्त प्रकरणो में कितनी राशि की वसूली हो गई है तथा कितनी राशि किन-किन से वसूली हेतु शेष है? (ख) उक्त समस्त आदेश के बाद किन-किन व्यक्ति/समूह/संस्था ने कब-कब भूमि व्यपवर्तन अनुज्ञा प्राप्त की है तथा किन-किन व्यक्ति/समूह/संस्था के आवेदन आज दिनांक तक अप्राप्त हैं? व्यक्ति/समूह/संस्थावार नाम सहित सूची देवें। (ग) उक्त समस्त आदेश के बाद किन-किन व्यक्ति/समूह/संस्था द्वारा भूमि पूर्व स्थिति में कर दी गई है तथा किन-किन व्यक्ति/समूह/संस्था ने आज दिनांक तक भूमि पूर्व स्थिति में नहीं की गई है, व्यक्ति/समूह/संस्थावार नाम सहित सूची देवें। (घ) उक्त समस्त आदेश के बाद आरोपित व्यक्ति/समूह/संस्था के स्थल पर पुनः निरीक्षण कब-कब विभागीय/संबंधित किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया, नाम एवं स्थान सहित निरीक्षण दिनांकवार सूची देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक में खरगोन जिले में भू-राजस्व संहिता की धारा 59 (2),59 (5),172 (4),172 (1) के आधार पर कुल 1364 प्रकरणों में व्यक्ति/समूह/संस्था पर रूपये 47626330/- प्रब्याजी, रूपये 44970692/- वाणिज्यिक पुनर्निर्धारण राशि तथा रूपये 189188629/- आरोपित अर्थदण्ड की राशि के आदेश जारी किये गये है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ), (ब) एवं (स) अनुसार (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (द) अनुसार। (ग) उक्त समस्त आदेश के बाद अनुभाग खरगोन में प्रकरण क्रमांक 41 अ-2/2012-13 में भूमि पूर्व स्थिति में लाने हेतु आदेशित किया जाकर भूमि पूर्व स्थिति में लाई जा चुकी है। प्रकरण क्रमांक 114 अ-2/2015-16 में भूमि मूल स्थिति में लाने संबंधी कार्यवाही जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पटवारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
61. ( क्र. 1060 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के पटवारियों का मुख्यालय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पटवारी आवास सह कार्यालय निर्माण किए जाने हेतु कितना बजट प्रावधान रखा गया था? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पटवारी मुख्यालय पर कितने आवास निर्माण किए जाने थे? जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अधिकांश हल्का रिक्त होने के कारण एक पटवारी को कई हल्कों के प्रभार दिए जाने के कारण कृषकों के कार्य समय-सीमा में न होने एवं एक से अधिक पटवारियों के पास प्रभार होने से मुख्यालय पर निवास न करने के कारण कार्य संपादित नहीं हो रहे हैं एवं अधिकांश कृषक पटवारियों की मनमानी के कारण समय-सीमा में कृषि से संबंधित कार्य नहीं होने से परेशान हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत रिक्त हल्कों के विरूद्ध कब तक पटवारियों की पदस्थापना की जाएगी? (घ) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत रिक्त या प्रभार वाले हल्कों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फटाखा एवं आतिशबाजी विनिर्माण कारखाने में श्रमिकों के लायसेंस
[श्रम]
62. ( क्र. 1063 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के ग्राम खैरी में फटाखा एवं आतिशबाजी विनिर्माण कारखाना/गोडाऊन में श्रमिकों से कार्य कराने हेतु श्रमिक विधि अनुसार श्रमिक लायसेंस जारी किया गया था? हाँ या नहीं। (ख) यदि हाँ, तो कितने श्रमिकों का लायसेंस जारी किया गया था? श्रमिक लायसेंस की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) श्रमिक विधि अनुसार किस-किस पद श्रेणी के अधिकारियों को निरीक्षण का अधिकार है? विगत 3 वर्षों में कब निरीक्षण किया गया ? निरीक्षणकर्ता अधिकारी के नाम पदनाम एवं निरीक्षण की प्रति उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत कोई लायसेंस जारी नहीं किया गया, ना ही कारखाना प्रबंधन द्वारा कोई आवेदन किया। (ख) उपरोक्त प्रश्न ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत कारखाना निरीक्षण के अधिकार, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संचालनालय के अंतर्गत पदस्थ सहायक संचालक, उप संचालक, संयुक्त संचालक एवं संचालक को वेष्ठित है। विगत 3 वर्षों में इस कारखाने का निरीक्षण दिनांक 08.06.2017, 09.06.2017 एवं 10.06.2017 को संयुक्त रूप से सहायक संचालक एवं उप संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, जबलपुर द्वारा किया गया, यह निरीक्षण कारखाने में दिनांक 07.06.2017 को घटित दुर्घटना की जाँच करने के उद्देश्य से किया गया।
प्रदेश में मैनेजमेंट के कॉलेजो की जानकारी विषयक
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
63. ( क्र. 1069 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दस वर्षों में प्रदेश में मैनेजमेंट के कुल कितने कॉलेज खोले गये है? इन कॉलेजो में कुल सीटों की संख्या तथा वर्षवार खाली रह गयी सीटों की संख्या सहित जानकारी दें? (ख) उक्त कॉलेजों में प्रवेशित छात्र-छात्राओं में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बतायें? मैनेजमेंट का कोर्स करने वाले कितने छात्र-छात्राओं को रोजगार प्राप्त हो चुका है इसकी भी जानकारी दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्र की जा रही है।
ग्राम पंचायत किरनापुर में पेयजल की सप्लाई
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 1071 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले के तहसील मुख्यालय की ग्राम पंचायत किरनापुर में पेयजल प्रदाय करने हेतु ग्राम किरनापुर तथा ग्राम सोनपुरी में पानी की टंकी का निर्माण कब कराया गया? (ख) क्या टंकी का कार्य गुणवत्ता पूर्ण न होने के कारण पानी की दोनों टंकियों से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है जिसमें सोनपुरी में तो पानी की टंकी बनने के बाद भी पानी की सप्लाई नहीं की गयी? (ग) पेयजल सप्लाई हेतु ग्राम पंचायत किरनापुर जो की प्रश्नकर्ता विधायक का गृह ग्राम है, संबंधित अधिकारियों को बार-बार निर्देश देने के बाद भी इस संबंध में कोई पहल न करने पर शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा पीने के पानी की नियमित सप्लाई कब तक प्रांरभ कर दी जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्राम पंचायत किरनापुर में नवम्बर 1985, अप्रैल 2009 तथा बसाहट सोनपुरी में मार्च 2000 में पानी की टंकियाँ निर्मित की गई हैं। (ख) जी नहीं। टंकियों का निर्माण कार्य निर्धारित गुणवत्ता का है तथा ’’ट्रायल रन’’ पश्चात् योजनाऐं ग्राम पंचायत को हस्तांतरित हैं। किरनापुर की दोनों टंकियों से जलप्रदाय किया जा रहा है परन्तु सोनपुरी की टंकी से ग्राम पंचायत द्वारा जलप्रदाय नहीं किया जा रहा है। (ग) ग्राम किरनापुर हस्तांतरित योजना के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का है। विभाग द्वारा योजना के सुचारू संचालन हेतु समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन पंचायत को दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रीवा जिले में कार्यशील संभाग/उपसंभाग
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
65. ( क्र. 1074 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कितने संभाग एवं कितने उपसंभाग कार्यशील हैं? जानकारी संभाग/उपसंभागवार नाम, पता, तहसील सहित विधानसभावार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में दिनांक 01/04/2015 से 30/06/2017 तक किस योजना में कितनी-कितनी राशि का बजट आवंटन प्राप्त हुआ है तथा राशि के व्यय हेतु शासन के आदेश व दिशा-निर्देशों के प्रतियों के साथ व्यय की गई राशि की जानकारी विधानसभावार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अंकित अवधि में विधायक/सांसद निधि से तथा शासन द्वारा प्राप्त आवंटन से कितने नवीन हैण्डपम्प खनन/नल जल योजना सुधार एवं पुराने हैण्डपम्प मरम्मत/मोटर खरीदी में कितनी राशि व्यय हुई। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में की गई अनियमितता के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रीवा जिले में 3 संभागीय (खण्ड) कार्यालय एवं 6 उपसंभागीय (उपखण्डीय) कार्यालय कार्यशील हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में योजनावार आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, आदेश व दिशा-निर्देश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बजट आवंटन विधानसभावार नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) प्राप्त आवंटन के अनुसार कार्य कराये गये हैं, किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रीवा जिले में कैरोसीन का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
66. ( क्र. 1075 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को दिनांक 01/04/2015 से 30/06/2017 तक कितनी कैरोसीन (मिट्टी तेल) का आवंटन प्राप्त हुआ है? वर्षवार, तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त आवंटन का वितरण किस प्रकार से तहसीलवार एवं ग्राम पंचायतवार हितग्राहियों को संख्या के मान से वितरित किया गया है? तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कैरोसीन वितरण के सम्बन्ध में क्या कोई शिकायत प्राप्त हुई है एवं उसमें क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के लिए कौन अधिकारी दोषी है उसके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रीवा जिले को प्रश्नांकित अवधि में राज्य शासन द्वारा आवंटित कैरोसीन की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। कैरोसीन का आवंटन तहसीलवार न जारी करते हुए नगरीय निकायवार एवं जनपद पंचायतवार (दुकानवार के साथ-साथ) जारी किया जाता है। प्रश्नांकित अवधि में रीवा जिले के अंतर्गत नगरीय निकायवार/जनपद पंचायतवार जारी आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) शासन से प्रदत्त आंवटन का वितरण अन्त्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों को राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित मात्रा अनुसार हितग्राहियों को दिया गया है। रीवा जिले में वर्तमान में अन्त्योदय परिवार को 5 लीटर प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवार को 2 लीटर प्रति परिवार प्रति माह के मान से वितरित किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। रीवा जिले में कैरोसीन वितरण के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं जाँच के दौरान पाई गई अनियमितता के कारण कुल 23 प्रकरण निर्मित किये गये हैं, जिनमें आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 एवं चोर बाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय संधारण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के कारण प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उपपंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत दस्तावेज
[राजस्व]
67. ( क्र. 1078 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के समस्त उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत होने वाले दस्तावेजों की एक प्रति तहसील कार्यालयों में नियमानुसार प्राप्त हो रही है अथवा नहीं? इस संबंध में शासन एवं विभाग के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार प्राप्त प्रति की तहसील कार्यालय के पटवारी रिकार्ड एवं कम्प्यूटर रिकार्ड में अद्यतन प्रविष्टि की जा रही है अथवा नहीं? 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने दस्तावेजों की प्रति तहसील कार्यालय में प्राप्त हुई? उनमें से कितने दस्तावेजों की अद्यतन प्रविष्टि की गई है? तहसीलवार, माहवार, ग्रामवार, जानकारी प्रदान करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। दिनांक 01 अगस्त 2015 से पंजीयन विभाग द्वारा सम्पूर्ण म.प्र. में सम्पदा सॉफ्टवेयर के माध्यम से दस्तावेजों के ई-पंजीयन की व्यवस्था प्रारंभ किये जाने से सभी विलेख ऑनलाइन पंजीबद्ध कराये जाने के कारण सिवनी जिले के समस्त उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत होने वाले दस्तावेजों की एक प्रति तहसील कार्यालयों को उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि डायवर्सन के प्रावधान
[राजस्व]
68. ( क्र. 1079 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व 1959 की धारा 59 में भूमि के प्रयोजन के आधार पर रेंट बढाने तथा संहिता की धारा 172 में डायवर्सन का प्रावधान है? (ख) क्या डायवर्सन संहिता की धारा 172 के अलावा अन्य किसी धारा में किये जाने का प्रावधान संहिता में है? सिवनी जिले में डायवर्सन के कितने प्रकरण लंबित हैं? कितने प्रकरणों का निराकरण धारा 172 के अंतर्गत एवं कितने प्रकरणों का निराकरण धारा 59 के अंतर्गत किया गया है? वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक पृथक-पृथक संख्यावार उपलब्ध करावें। (ग) क्या किसी भूमि के मौजूदा प्रयोजन के बगैर बदले रेंट में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, जो संहिता की धारा 172 के अंतर्गत ही संभव है या संहिता की धारा 59 भी डायवर्सन की धारा है, जिसके अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा डायवर्सन किये जाते हैं? क्या शासन द्वारा धारा 59 में डायवर्सन किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या संहिता की धारा 59 में डायवर्सन होने एवं धारा 172 में डायवर्सन न होने से बैंक द्वारा उसे डायवर्सन न मानकर गृह लोन नहीं दिया जाता है, जिससे सिवनी जिले के व्यक्ति परेशान हैं? गलत धारा में डायवर्सन करने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? नामवार सूची उपलब्ध करावें तथा शासन इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशु औषधालय एवं पशु नस्ल सुधार प्रजनन केन्द्र
[पशुपालन]
69. ( क्र. 1080 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर में कितने पशु औषधालय तथा कितने पशु नस्ल सुधार प्रजनन केन्द्र हैं? किस केन्द्र के अन्तर्गत कितने ग्राम आते हैं? केन्द्रवार ग्रामवार ब्यौरा दें। (ख) क्या पशुपालन एवं पशु संवर्धन से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन पशु औषधालय एवं प्रजनन केन्द्र द्वारा किया जाता है जिसके लिये पशु चिकित्सक एवं सहायक का भी प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो किस-किस केन्द्र में कौन सी योजना का क्रियान्वयन पशु चिकित्सक/सहायक के द्वारा किया गया तथा विगत 1 वर्ष में कितने हितग्राहियों को किस योजना से लाभ मिला केन्द्रवार क्रियान्वित योजना में पदस्थ पशु चिकित्सक/सहायक व हितग्राही की संख्यात्मक जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर में 06 पशु चिकित्सालय, 08 पशु औषधालय एवं 03 पशु नस्ल सुधार प्रजनन केन्द्र संचालित है। केन्द्र के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सकों द्वारा तथा पशु औषधालयों एवं पशु प्रजनन केन्द्रों में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। (ग) पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय एवं प्रजनन केन्द्रवार, पशु चिकित्सक/सहायक द्वारा क्रियान्वित की गई विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
राजस्व ग्रामों की संख्या
[राजस्व]
70. ( क्र. 1083 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर में किन-किन ग्रामीण क्षेत्रों को वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व ग्राम घोषित किया गया है सूची उपलब्ध कराये एवं कौन-कौन से ग्रामीण क्षेत्रों के राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव जिला स्तर पर विचाराधीन हैं? इसमें वर्तमान में किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? (ख) ग्रामीण बसाहट को राजस्व ग्राम घोषित करने के क्या प्रावधान हैं? क्या इन क्षेत्रों में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं पाने का अधिकार है? (ग) गुनौर विधान सभा क्षेत्र के ऐसे किन-किन ग्रामों के प्रस्ताव जिला प्रशासन/राजस्व विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किये गये हैं, प्रेषित प्रस्तावों का विवरण उपलब्ध कराये? (घ) उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर एवं किन कारणों से कार्यवाही हेतु लंबित हैं? ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कलेक्टर जिला पन्ना के पत्र क्र 1577, दिनांक 4.7.2017 अनुसार विधान सभा क्षेत्र गुनौर के वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 21 मूल ग्रामों के 25 मजरे टोले जो निर्धारित मापदण्ड में आतें है उन्हें पृथक नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ”अ” अनुसार है। इसके अतिरिक्त अन्य कोई ग्राम राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव जिला स्तर पर विचाराधीन नहीं है। (ख) ग्रामीण बसाहट को राजस्व ग्राम घोषित करने के निम्नलिखित मापदण्ड अपनाये जाने का प्रावधान है - (अ) मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोले की दूरी 2 कि.मी. या अधिक होना चाहिए। (ब) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुए उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिए। (स) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चतुर्सीमायें मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिए, मजरे टोलों से पृथक बनाये जा रहे, राजस्व ग्राम की सीमायें मूल ग्राम की सीमाओं के अन्दर ही स्थित न रहे, संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ”ब” अनुसार है। जी हाँ (ग) प्रश्नांश ”क” के उत्तर अनुसार (घ) सभी प्रस्तावों का निराकरण जिला प्रशासन द्वारा कर लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों को मुआवजा के प्रावधान
[राजस्व]
71. ( क्र. 1086 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा फसल जलने, मकान जलने, अतिवृष्टि में मकान ढ़हने, पर मुआवजा प्रदान किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में प्रदाय किये जाने वाले मुआवजा प्रदान करने हेतु नियमावली उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में तहसील गोटेगांव एवं तहसील नरसिंहपुर अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में फसल जलने, मकान जलने, अतिवृष्टि में मकान ढ़हने, गाज गिरने, आंधी में मकान उखड़ने के कारण कितने लोगों के पंचनामा तैयार कर मुआवजा प्रदान किया गया? (ग) प्रश्नांश ‘ख‘ के अनुसार जिन लोगों का प्राकृतिक घटनाओं में नुकसान हुआ एवं उनका पंचनामा तैयार किया गया किन्तु मुआवजा प्रदान नहीं किया गया की संख्यात्मक जानकारी के साथ ही बतावें कि इन्हें मुआवजा प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त होने का क्या कारण है एवं प्रभावित हितग्राही को कब तक मुआवजा प्रदान कर दिया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है।
एस.डी.ओ.पी.कार्यालय की स्थापना
[गृह]
72. ( क्र. 1087 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगांव में एस.डी.ओ. (पुलिस) कार्यालय खोला गया है? यदि हाँ, तो कार्यालय में पद संरचना के मान से कितना स्टाफ वर्तमान में कार्यरत है? नाम, पद सहित सूची प्रदान करें। (ख) एस.डी.ओ. (पुलिस) कार्यालय भवन निर्माण की शासन की क्या कार्ययोजना है? इसका निर्माण कब तक कर दिया जावेगा।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एस.डी.ओ. (पुलिस) कार्यालय भवन का निर्माण आगामी कार्ययोजना में शामिल किया जावेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में आवश्यक संसाधन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
73. ( क्र. 1090 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ब्यावरा में कौन-कौन ट्रेड (व्यवसाय) कब से संचालित हैं तथा वर्तमान में ट्रेडवार छात्र-छात्राओं की संख्या क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन नियमानुसार किस-किस ट्रेड हेतु संस्था में कौन-कौन से आवश्यक संसाधन, उपकरण, आदि अन्य सुविधाऐं होना आवश्यक है? शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार संस्थान के पास किन-किन आवश्यक संसाधन व उपकरणों का अभाव है तथा उक्त आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ब्यावरा का भवन गत वर्ष राशि रूपये 7 करोड़ की लागत से प्री-फेव तकनीकी पर तैयार हुआ है, लेकिन संस्थान में महज चार-पाँच ट्रेडों का संचालन किया जा रहा है,जिसमें भी आवश्यक संसाधनों व उपकरणों का अभाव है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन सभी आवश्यक ट्रेडों को प्रारंभ कर आवश्यक संसाधन व उपकरण तथा संस्थान में रिक्त प्राचार्य एवं प्रशिक्षकों के पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) राजगढ़ जिले के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ब्यावरा में छ: व्यवसाय संचालित है जिसमें निम्नानुसार छात्र-छात्राऐं प्रशिक्षणरत है:-
क्रं. |
संचालित व्यसाय |
स्वीकृत सीट |
कब से संचालित है |
वर्तमान प्रशिक्षणरत छात्र/छात्राऐं |
|
कनिष्ठ |
वरिष्ठ |
||||
1 |
वेल्डर |
42 |
1995 |
- |
24 |
2 |
फिटर |
42 |
2012 |
10 |
11 |
3 |
विदयुतकार |
42 |
2015 |
17 |
15 |
4 |
मोटर मैकेनिक |
42 |
2015 |
18 |
14 |
5 |
ड्राफ्टमेन सिविल |
52 |
2016 |
18 |
- |
6 |
आर.ए.सी. |
52 |
2016 |
19 |
- |
(ख) डी.जी.टी., नई दिल्ली के अनुसार भवन, उपकरण, अमला तथा विद्युत कनेक्शन हेतु मापदण्ड निधारित किये गये है। अमले तथा उपकरण की कमियों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब अनुसार है। (ग) भवन छ: ट्रेड के लिये है, जिसमें छ: ट्रेड संचालित हो रहे है। शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (घ) भवन में उपलब्ध स्थान अनुसार छ: ट्रेड संचालित है। ट्रेड अनुसार उपकरणों की व्यवस्था रहेगी। अमले की पूर्ति हेतु समयावधि बताना संभव नहीं है।
बंद नल-जल योजनाओं को प्रारंभ करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
74. ( क्र. 1091 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा भीषण पेयजल संकट को देखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में बंद नल-जल योजनाओं को पुन: प्रारंभ करने अथवा स्त्रोत उत्पन्न करने हेतु लगभग राशि रूपये 2.00 लाख उपलब्ध कराई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों को उक्त राशि प्रदान की गई तथा क्या प्राप्त राशि के उपयोग का भौतिक सत्यापन कराया गया? साथ ही ग्रीष्मकाल के माह अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी नल-जल योजना चालू तथा कौन-कौन सी योजना किन कारणों से कब से बंद है? क्या सभी नल-जल योजनाओं को सुचारू कर पेयजल उपलब्ध करा दिया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जिन बंद नल-जल योजनाओं का सुधार कार्य ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाना अपेक्षित था, उनके लिए संबंधित ग्राम पंचायत को प्राक्कलन अनुसार सामान्यतः रूपये 2 लाख तक की राशि उपलब्ध कराई गई थी। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार हैं, जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। तीन योजनाओं को छोड़कर सभी योजनाएं चालू हैं। योजनाओं को चालू करने के प्रयास किये गये हैं। अतः कोई अधिकारी दोषी नहीं है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों का नियंत्रण एवं प्रबंधन
[राजस्व]
75. ( क्र. 1095 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न क्रमांक 2158 दिनांक 27 फरवरी 2017 के उत्तर में जानकारी एकत्र किये जाने के संबंध में अवगत कराया था, तो क्या चाही गई जानकारी एकत्र की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो बतायें कि म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाये गये निस्तार पत्रक की प्रति एवं निस्तार पत्रक में दर्ज संसाधनों का अधिकार, प्रबंधन एवं नियंत्रण संबंधित पंचायती राज व्यवस्था को सौंपे जाने का क्या प्रावधान है? इस संबंध में शासन ने किस दिनांक को पत्र जारी किया? प्रति सहित बतावें। (ग) होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक की प्रति एवं कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज कितनी जमीनों का अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपा जाना शेष है, कितने ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को निस्तार पत्र की प्रति सौंप दी है? तहसीलवार बतावें। (घ) निस्तार पत्रक की प्रति सौंपे जाने एवं निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों का प्रबंधन, नियंत्रण एवं अधिकार सौंपे जाने की कार्यवाही कब तक पूरी की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग में चालान बनाने के नियम और राशि की वसूली
[परिवहन]
76. ( क्र. 1096 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 वर्षों में सत्र 2014-15, 2015-16, 2016-17 में परिवहन विभाग द्वारा उज्जैन जिले में कितने दो पहिया वाहनों के तथा कितने बड़े वाहनों के चालान बनाये गये तथा उनसे कितनी राशि की वसूली की गई वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) परिवहन विभाग द्वारा चालान बनाये जाने के संदर्भ में क्या दिशा-निर्देश हैं तथा चालान किस-किस आधार पर बनाये जाते हैं और चालान की राशि का निर्धारण किस आधार पर किया जाता है? (ग) उज्जैन जिले में विगत 3 वर्षों में चालान से कितनी राशि प्राप्त हुई तथा प्राप्त राशि का क्या उपयोग किया गया जानकारी प्रदान करें? (घ) परिवहन विभाग द्वारा यात्री परिवहन हेतु उपयोग में लाये जाने वाले वाहनों के फिटनेस के संदर्भ में क्या दिशा-निर्देश हैं तथा कितने वर्षों तक वाहनों का उपयोग किया जा सकता है? जिले में कितने प्रकरण ऐसे बनाये गये है जिनमे फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त किये बिना ही यात्री परिवहन वाहनों का उपयोग किया जा रहा था?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में परिवहन विभाग उज्जैन द्वारा दो पहिया वाहनों सहित बड़े वाहनों के 3708 चालान बनाये गये जिनसे रूपये 1,80,22,356/- की राशि वसूल की गई। वर्षवार बनाये गये चालान एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) परिवहन विभाग द्वारा मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 200 एवं म.प्र. मोटरयान नियम 1994 में वर्णित प्रावधानों के आधार पर चालान बनाये जाते है एवं इन नियमों के तहत निर्धारित शेड्यूल (अनुसूची) के अंतर्गत वाहन स्वामियों से समझौंता राशि की वसूली की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) वसूल की गई राशि की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार है। चालान से प्राप्त राशि शासन के खाते में जमा कराई गयी है। (घ) परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार नये यात्री वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र वाहन पंजीयन से 2 वर्ष के लिये दिया जाता है, तत्पश्चात् एक-एक वर्ष की अवधि के लिये यात्री वाहन के फिटनेस प्रमाण पत्र दिये जाते है। मोटरयान अधिनियम 1988 के धारा 56 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 62, की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। स्टेज केरिज वाहन हेतु 15 वर्ष तक वाहन का उपयोग किया जा सकता है तथा कॉन्ट्रेक्ट केरिज एवं स्कूल वाहन हेतु उपयोग अवधि का प्रतिबंध नहीं है। पिछले तीन वर्ष के अंतर्गत जिले में 104 यात्री वाहनों के बिना फिटनेस के चलते पाये जाने पर नियमों के अनुसार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द‘ अनुसार है।
गौशालाओं को राशि का आवंटन
[पशुपालन]
77. ( क्र. 1097 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी गौशाला पंजीकृत हैं तथा कौन-कौन सी गौशालाओं को शासकीय मद से राशि का आवंटन किया जाता है? (ख) पिछले 3 वर्षों में सत्र 2014-15, 2015-16, 2016-17 में उज्जैन जिले में किस-किस गौशाला को कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? गौशाला और आवंटन राशि एवं आवंटन की दिनांक सहित जानकारी प्रदान करें? (ग) पिछले 3 वर्षों में जिले में कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा उसका वितरण किस आधार पर किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 08 गौशालाऐं पंजीकृत है तथा म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड से प्राप्त राशि से गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण-पोषण हेतु आर्थिक सहायता राशि प्रदाय की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) गौशालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15 में प्राप्त राशि रू. 3386324/- वर्ष 2015-16 में प्राप्त राशि रू. 6593445/- वर्ष 2016-17 में प्राप्त राशि रू. 4021244/-, गौशालाओं रखे गये गौवंश के मान से अनुदान राशि का वितरण किया जाता है।
रतलाम अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सालयों एवं औषधालय
[पशुपालन]
78. ( क्र. 1100 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम अंतर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्र में पशुओं की देखभाल एवं स्वास्थ्य व्यवस्था हेतु चिकित्सालय, औषधालय एवं चिकित्सकों, कर्मचारियों की कमियों की पूर्ति हेतु लगातार मांग की जाती रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग द्वारा व्यवस्थाओं को सुगम किये जाने हेतु चिकित्सकों, कर्मचारियों की कमियों के साथ ही पशु औषधालय एवं चिकित्सालयों की स्वीकृति दी गयी है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ किये जाने हेतु किस-किस प्रकार की क्या-क्या स्वीकृतियां कब-कब दी गयी? (घ) उपरोक्तानुसार दिए गए आदेशों/निर्देशों की पालना में कितने चिकित्सकों, कर्मचारियों की नियुक्ति कब-कब की गयी, साथ ही औषधालयों, चिकित्सालयों की स्वीकृतियां कब-कब दी जाकर कितना बजट स्वीकृत हुआ? कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, नई संस्थाओं की स्वीकृति के पश्चात् पद सृजन किये जाते है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार।
उज्जवला योजना के क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
79. ( क्र. 1103 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय प्रधानमंत्री जी की महती उज्जवला योजना राज्य शासन की एजेंसियों द्वारा प्रदेश भर के साथ ही रतलाम जिले एवं जावरा विधानसभा क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो योजना से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन एजेंसियों एवं व्यवस्थाओं के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ग) बतायें कि उपरोक्त सम्बन्धित व्यवस्थाओं द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने स्थानों पर नगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों में कितने परिवारों को इससे लाभान्वित किया जा चुका है? (घ) क्या नियमानुसार चिन्हित निश्चित सूची के अतिरिक्त बाद में बने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बी.पी.एल. कार्ड धारी परिवारों को क्या इस योजना का लाभ दिए जाने हेतु सम्मिलित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो इन्हें गैस चूल्हे कब तक प्राप्त होंगे? यदि नहीं, तो इन्हें कब तक दिए जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थित सिद्धि विनायक जावरा, गंगोत्री गैस जावरा, भोलेनाथ गैस जावरा, वर्धमान गैस जावरा, गर्ग गैस, पिपलौदा गैस एजेंसियों के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 के डाटा में शामिल पात्र परिवारों को ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर एवं एजेंसी स्तर पर हितग्राहियों से आवेदन भरवाकर योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। (ग) जावरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में कुल 6,966 हितग्राहियों को योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय किए गए हैं। एजेंसीवार नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में जारी गैस कनेक्शन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को ही गैस कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान है। नवीन चिन्हांकित बी.पी.एल. परिवारों को गैस कनेक्शन प्रदाय किए जाने हेतु भारत सरकार से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नमकीन निर्माताओं द्वारा पैकिंग में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
80. ( क्र. 1105 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन-इंदौर संभाग में नमकीन निर्माताओं द्वारा मनमाने दामों पर बेची जाने वाली खाद्य सामग्री की पैकिंग पर एम.आर.पी. एवं सामग्री का वजन अंकित नहीं है? 1 जनवरी 2015 के पश्चात ऐसे कितने प्रकरण विभाग के समक्ष आये, उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या नमकीन व अन्य खाद्य सामग्री कारखाना चालू करने से पहले "पैकेज कमोडिटी" एक्ट के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य है जिसमे निर्माता पैककर्ता का नाम, पता, पैकेज का अलाट नं. पैकिंग का माह, वर्ष की घोषणा बैच नं. आदि दर्ज किया जाना अनिवार्य है? यदि "हाँ" तो उक्त संभाग में कितने खाद्य सामग्री निर्माता फर्म द्वारा उक्त अवधि में पंजीयन कराया गया? (ग) जिन खाद्य सामग्री कारखानों फर्म द्वारा पैकेज कमोडिटी के तहत पंजीयन नहीं कराया गया उनके खिलाफ उक्त अवधि में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या खाद्य पदार्थों (तेल, बेसन) के भाव कम होने बावजूद भी उज्जैन संभाग में नमकीन व्यापारियों द्वारा बाजार में नमकीन के भाव कम नहीं किये जाते ? इसकी निगरानी हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सामान्यत: नमकीन निर्माताओं द्वारा बेची जाने वाली पैक खाद्य सामग्री पर एम.आर.पी. एवं सामग्री का वजन अंकित होना पाया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बंद वस्तु) नियम, 2011 के प्रावधानों के अनुसार पैकेज में निर्माता/पैककर्ता/आयातकर्ता को पंजीयन कराना आवश्यक है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विधिक माप विज्ञान डिब्बा बंद वस्तु नियम, 2011 के प्रावधानों के अनुसार पंजीयन नहीं कराने वालों के खिलाफ की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) इस वस्तु के मूल्य पर नियंत्रण का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समूह जल प्रदाय योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 1110 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने हेतु समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत क्या 1. बक्स्वाहा समूह जल प्रदाय योजना 2. कूटने (राजनगर) समूह जल प्रदाय योजना 3. बिजावर समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत की गई है? (ख) प्रश्नांश ‘क” में यदि हाँ, है तो इस योजना का क्रियान्वयन किस प्रकार किया जायेगा? कार्य कब से प्रारंभ होगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनाओं हेतु जल संसाधन विभाग से आवश्यक जल आवंटन एवं वित्तीय संयोजन प्राप्त होने के उपरांत क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
आदिवासी परिवारों की जमीन अतिक्रमण से मुक्त करायी जाना
[राजस्व]
82. ( क्र. 1111 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील नागौंद अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मंडल सिंहपुर के पटवारी हल्का भैहाई के ग्राम भैहाई के अ.ज.जा. के परिवारों क्रमश: ढेडाकोल पिता मितीलाल की आराजी न. 149/0.291, 148/0.065, 18/1/0.036, 150/0.437, 156/1.015, 134/1/0.181, 152/0.008, 88/0.065 एवं विशेसर उर्फ़ कउआ पिता जस्वा कोल की आराजी न. 376/2.144, 47/1/2.144, 356,4/1/ख/1.403, 62/0.206, 66/0.134, 73/2/0.121, 79/1/0.174, 84/0.624 तथा बेवा ललतीबाई कोल पति स्व. मिल्ला की आराजी न. 19, 22, 24, 25/1 राजस्व अभिलेख अनुसार इनके नाम कब से पट्टा है? (ख) क्या उपरोक्त भूमि धारक वर्तमान में उक्त आराजियातों में काबिज होकर खेती कर रहे हैं या नहीं? यदि नहीं, तो क्या इन जमीनों में दबंग व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ताओं के नाम एवं पते सहित जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के भूमिधारकों द्वारा सीमांकन कराकर उपरोक्त जमीनों पर वैध कब्जा दिलाने हेतु तहसीलदार नागौंद के कार्यालय में विगत तीन वर्ष से लगातार आवेदन पत्र देने के बावजूद भी आज दिनांक तक दबंगों के दबाव में आकर न तो सीमांकन एवं न ही कब्जा दिलाने की कार्यवाही की गई है? क्या कारण है कि सीमांकन नहीं किया जा रहा है? कारण सहित बताएं? (घ) क्या तहसीलदार नागौंद, आर.आई. एवं पटवारी को निर्देशित किया जाएगा कि पूर्व से लगे आवेदन पत्रों के आधार पर सीमांकन करें? कब तक अतिक्रमणकर्ताओं से उपरोक्त आराजियातों से अवैध कब्जा हटाकर संबंधितों को जमीन का कब्जा दिलाया जाएगा? समय-सीमा बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन ग्राम मेहाई के अ.ज.जा. के परिवारों क्रमश: टेढा कोल पिता मितीलाल विशेषर उर्फ कउवा पिता जसवा कोल तथा बेवा ललती बाई पति स्व. मिल्ला को राजस्व अभिलेख अनुसार वर्ष 1976 से पट्टा मिला है। (ख) उपरोक्त भूमिधारक मौके पर काबिज है। कुछ भूमि पड़त पड़ी है, कुछ भूमि पर पक्की ड़ामर रोड़ बनी है। दबंग व्यक्तियों द्वारा कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है। (ग) उपरोक्त भूमि स्वामियों को भूमि मौके पर नापकर बताई जा चुकी है। मौका पंचनामा भी तैयार किया गया है, जिसमें भूमिस्वामियों एवं ग्रामवासियों के हस्ताक्षर भी है। अत: शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
सतना नगर के वार्ड क्र. 13 घूरडांग पर केप्टिव पॉवर प्लांट की अनुमति
[पर्यावरण]
83. ( क्र. 1112 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नगर निगम के वार्ड क्र.13 घूरडांग को ग्राम पंचायत बताकर मेसर्स बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड के सतना सीमेंट वर्क्स में लगे 27 मेगावाट के केप्टिव पावर प्लांट की प्रस्तावित क्षमता 33 मेगावाट बढ़ाने की अनुमति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आलोक कुमार जैन द्वारा जारी की गई है? (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर सुखवीर सिंह द्वारा शहर को प्रदूषण से मुक्त कराने की हैसियत के तौर पर अपने आदेश पत्र क्र.479/8SW/दिनांक 02/09/2010 में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि नगरीय सीमा एवं उसके आस-पास से लगे गावों में टाल/डेयरी/स्टोनक्रेसर, आरा मशीन या इससे संबंधित उद्योग न तो कोई खोल सकेगा और न ही किसी प्रकार का नया व्यवसाय कर सकेगा, साथ ही धारा 188 के आदेश का उल्लंघन करने वालों पर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या दिनांक 05/11/2016 को वर्तमान कलेक्टर की मौजूदगी में लोक सुनवाई की गई जिसमे बिरला प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भी उपस्थित थे जिस पर किसी प्रकार की आपत्ति लेने तक का जिक्र नहीं किया गया प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी द्वारा अनुमति कैसे जारी की गई? विवरण सहित बताएं। (घ) क्या नगर निगम के वार्ड क्र. 13 घूरडांग को ग्राम पंचायत बताकर केप्टिव पावर प्लांट की प्रस्तावित क्षमता 33 मेगावाट का आदेश करने वाले प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी एवं उनके द्वारा दी गई अनुमति निरस्त की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जिलाध्यक्ष,सतना की अध्यक्षता में दिनांक 5/11/2016 को लोक सुनवाई संपन्न कराई गई,जिसमें उपस्थित नागरिकों को लिखित एवं मौखिक आपत्ति/विचार व्यक्त किये जाने का अवसर दिया गया था। लोक सुनवाई की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई एवं कार्यवाही विवरण मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाईट पर आम जनता को अवलोकन हेतु अपलोड किया गया है। लोक सुनवाई के दौरान प्राप्त आपत्तियॉ, सुझाव व विचार सहित कार्यवाही विवरण भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण को नियमानुसार प्रेषित किया गया है, जिस पर पर्यावरण स्वीकृति प्रदान करने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी द्वारा केप्टिव पॉवर प्लांट की प्रस्तावित क्षमता 33 मेगावाट करने की कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन कार्ड से अधिक आवंटन पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 1120 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी को प्रस्तुत प्रकरण दिनाँक 12/6/2012,29/6/2012, 13/9/2012, 19/11/2013 एवं 17/5/2014 में कब-कब, कितने-कितने राशन कार्डों का अधिक आवंटन प्रतिवेदित है? प्रकरणवार बताये? (ख) क्या वर्तमान जिला आपूर्ति अधिकारी, पूर्व में कटनी जिले में सहायक आपूर्ति अधिकारी के रूप में पदस्थ होने के दौरान प्रश्नांश (क) अनियमितताओं में लिप्त रहे हैं? इस कारण वे जाँच एवं कार्यवाहियों को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं? (ग) क्या शासन वर्तमान जिला आपूर्ति अधिकारी को निलंबित करके मामले की निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब एवं यदि नहीं, तो क्यो?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला कटनी को प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित दिनांकों में से मात्र एक प्रकरण उचित मूल्य दुकान, परसेल के संबंध में दिनांक 13.09.2015 को प्राप्त हुआ था, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में पदस्थ जिला आपूर्ति अधिकारी पूर्व में सहायक आपूर्ति के पद पर पदस्थ थे परन्तु किसी अनियमितताओं में लिप्त होने संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के खिलाफ कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
85. ( क्र. 1143 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रबी विपणन वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य पर रीवा जिले में की गई धान की कस्टम मिलिंग संबंधित मिलर द्वारा आज तक नागरिक आपूर्ति निगम को पूरा चावल वापस नहीं किया क्या अभी भी लगभग 80 हजार क्विंटल सरकारी चावल मिलर्स अपनी गोदाम में रखे हुए हैं? (ख) क्या यह सही है कि रीवा में मिलर्स ने धान मिलिंग करवाये जाने में गड़बड़ियां की जिसके कारण या तो उनके पास निर्धारित मापदण्ड से चावल की मात्रा कम है या जिस धान की कस्टम मिलिंग करवाई गयी उसमें चूरी (किनकी) की मात्रा मानक से ज्यादा है? कस्टम मिलिंग के लिये जिन व्यापारियों को सरकारी धान दी जाती है उनके लिए क्या अनिवार्य शर्त है कि धान के आवंटन के 8 दिन के अंदर निर्धारित मानक के मुताबिक चावल नागरिक आपूर्ति निगम को लौटा दिया जाए? (ग) सी.एम.आर. (राइस कस्टम मिलिंग) के तहत जो धान अनुबंधित व्यापारियों को दी जाती है? उसकी कस्टम मिलिंग करवाकर 67 प्रतिशत चावल नागरिक आपूर्ति निगम को वापस किये जाने वाले चावल में 24 प्रतिशत से ज्यादा टूटन (चूरी) की मात्रा नहीं होनी चाहिए शेष 33 प्रतिशत बचत में 18 प्रतिशत भूसी, 8 प्रतिशत करना एवं 7 प्रतिशत किनकी-खण्डा संबंधित मिलर के लिये छोड़ दिये जाने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के प्रकाश में रीवा जिले में मिलिंग हेतु धान किसे-किसे, कितनी-कितनी मात्रा दी गयी और किसके द्वारा नियम अनुसार कितनी-कितनी मात्रा वापस की गई प्रमाण-पत्र उपलब्ध करावें? वापस नहीं किये जाने वालों के खिलाफ क्या-क्या, कब-कब कार्यवाही की गयी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें नहीं की गयी तो क्यों कारण स्पष्ट करें? की जावेगी तो कब तक? उपरोक्त कार्यवाही नहीं किये जाने के लिये कौन दोषी है, दोषी के खिलाफ क्या कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में जिले में धान मिलिंग का कार्य चालू है, मिलर्स द्वारा धान की मिलिंग कर चावल जमा किया जा रहा है। मिलिंग की अवधि दिनांक 31.07.2017 तक निर्धारित की गई है। (ख) जी नहीं। जिले में अनुबंधित मिलर्स द्वारा धान मिलिंग उपरांत सी.एम.आर. चावल जमा किया जा रहा है। मिलिंग हेतु मिलर्स को दी गई धान पर 67 प्रतिशत चावल (मानक स्तर) प्राप्त किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में मिलर्स को दी गई धान की मात्रा एवं उनके द्वारा जमा किये गये चावल की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मिलिंग कार्य दिनांक 31.07.2017 तक पूर्ण कराये जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
86. ( क्र. 1144 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था हेतु 827 ग्राम पंचायत, 2415 ग्राम तथा कुल 8653 बसाहटें आती हैं, इन बसाहटों में से 7732 बसाहटे पेयजल की दृष्टि से पूर्ण श्रेणी में घोषित हुई हैं तथा 01.04.17 की स्थिति में 814 बसाहटें आंशिक पूर्ण श्रेणी में हैं जिनमें शासन द्वारा दिये गये लक्ष्यों के अनुरूप कार्य किया जाना है? (ख) जल प्रदाय योजनाएं रीवा जिले में कितनी बन्द हैं, बन्द योजनाओं को चालू करने हेतु लघु सुधार में कितनी योजनाएं आती हैं तथा इन्हें किनके माध्यम से सुधारा जावेगा? क्या ग्राम पंचायतों द्वारा दी गयी राशि से योजनाएं चालू करा दी गयी हैं? यदि हाँ, तो उनका प्रमाण-पत्र उपलब्ध करावें। दीर्घ सुधार हेतु कितनी परियोजनाएं लंबित हैं? इन्हें किस तरीके से क्रियान्वयन कराया जावेगा? समय-सीमा बतावे। (ग) रीवा जिले में वर्ष 2017-18 में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध नलकूप खनन हेतु कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितना आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कितने नलकूप खनन किये गये? खनन की सूची विधानसभावार, ब्लाकवार, स्थान, सहित उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों की सूची एवं प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में लघु सुधार हेतु बन्द जल प्रदाय योजना को कितनी-कितनी राशि दी गयी, विधानसभावार, ब्लाकवार, ग्राम पंचायतवार, उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) 185 योजनाएं बन्द थी जिनमें 150 योजनाएं लघु सुधार से बन्द थी जिन्हें चालू करने हेतु संबंधित ग्राम पंचायतों को जिला पंचायत के माध्यम से राशि उपलब्ध करवाई गई है उससे पंचायतों द्वारा 126 योजनाएं चालू करवा दी गई है, उनसे प्रमाण-पत्र अपेक्षित है। दीर्घ सुधार वाली 35 योजनाएं हैं, जिन्हें चालू कराये जाने हेतु विभाग द्वारा निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। दीर्घ सुधार वाली योजनाएं 23 स्थल पर चालू कर दी गई हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) रीवा जिले के अंतर्गत खण्ड रीवा में 190 बसाहटों में, 10 शालाओं में, 8 आंगनवाड़ियों में एवं खण्ड मऊगंज में 130 बसाहटों में, 10 शालाओं में, 8 आंगनवाड़ियों में इस प्रकार कुल 320 बसाहटों में, 20 शालाओं में एवं 16 आंगनवाड़ियों में नलकूप खनन का लक्ष्य दिया गया है, जिसके विरूद्ध बसाहटों में 213 नलकूप, शालाओं में 5 नलकूप खनित किये गये हैं। उक्त लक्ष्यों के विरूद्ध दिनांक 30.6.17 तक रू. 158.58 लाख का आवंटन दिया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 के अनुसार है।
अनूपपुर खण्ड में निविदा अनियमिता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
87. ( क्र. 1148 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनूपपुर खण्ड में वित्तीय वर्ष 2013-14 में दिनांक 22.07.13 को कार्यपालन यंत्री द्वारा पत्र क्रमांक 2958 में उक्त निविदा के संबंध में हार्ड कॉपी, सी.डी. एवं प्रपत्रों को वेबसाईड में डालने हेतु जानकारी मुख्य अभियंता जबलपुर को भेजा गया था? (ख) क्या शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया प्रारंभ हो इसके पूर्व उसी दिन यानि 22.07.13 को ही निविदा सूचना जारी करने की जानकारी एवं दिनांक 05.08.2013 को आवेदन पत्र क्रय करने व दिनांक 06.08.2013 को निविदा दर डालने व उसी दिन खोलने की जानकारी कार्यपालन यंत्री के पत्र क्रमांक 3346 में जिसमें निविदा में प्राप्त दरों की तुलनात्मक सारणी स्वीकृत हेतु एस.ई. शहडोल को भेजा गया था? (ग) यदि हाँ, तो चन्द ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के हिसाब से प्रक्रिया की गोपनीय रखा गया था? क्या उक्त प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जाँच की जावेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रकरण में अधीक्षण यंत्री स्तर के अधीकारी से जाँच करवाई जायेगी। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
राजस्व न्यायालयों में पेशी की तारीख बढ़ाने पर कार्यवाही
[राजस्व]
88. ( क्र. 1163 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 36 में राजस्व प्रकरणों में तीन से अधिक तारीखे नहीं बढ़ाने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले की राजनगर तहसील के चन्द्रनगर के राजस्व सर्किल के नायब तहसीलदार ने कितने प्रकरणों में तीन से अधिक पेशियां बढ़ाकर जनता को परेशान किया है? (ग) क्या प्रकरण क्रमांक 100 तथा 101 अ-6-अ/15-16 में तीन से अधिक तारीखे बढ़ाई गयी है? यदि हाँ, तो इस गंभीर अनियमितता के लिये नायब तहसीलदार चन्द्रनगर को कब तक निलंबित किया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या तीन से अधिक तारीखे बढ़ाने पर विरोधी पक्षकार को क्षतिपूर्ति के रूप में भत्ता (खर्चा) दिलवाया गया है? यदि नहीं, तो पक्षकार की इस आर्थिक हानि के लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, की जायेगी तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 36 में किसी भी प्रकरण में सुनवाई के दौरान किसी भी पक्षकार को सुनवाई का स्थगन किए जाने पर प्रतिपक्षीय पक्षकार को न्यायालय खर्च इत्यादि दिलवा सकेगा परंतु यह प्रावधान पक्षकारों पर लागू होता है न्यायालय पर नहीं। (ख) तहसील राजनगर अंतर्गत राजस्व निरीक्षक सर्किल चन्द्रनगर के नायब तहसीलदार द्वारा प्राय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केन्द्र खजुराहों के प्रोटोकॉल विषयक उत्तर दायित्व का निर्वहन किया जाता है जिसके कारण अधिकांश प्रकरणों में पेशियां बढ़ाई गई है। जनता को जानबूझकर परेशान नहीं किया गया है। (ग) प्रकरण क्रमांक 100/अ-6/2015-16 एवं 101/अ-6/ 2015-16 दोनों प्रकरणों में शासन का हित अंतर्निहित होने के कारण अनेक आपत्तियां प्राप्त होने तथा बेशकीमती शासकीय भूमि को हड़पने की संसूचना प्राप्त होने पर प्रकरणों की गहन एवं विस्तृत जाँच की गयी थी। इसके अतिरिक्त प्रकरण में दस्तावेजी साक्ष्य समय पर प्राप्त न होने के कारण पेशियां बढ़ाई गई है। नायब तहसीलदार चंद्रनगर तहसील राजनगर द्वारा उक्त प्रकरणों की सुनवाई के दौरान कोई अनियमितता नहीं की गई है। निलंबित किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 36 के प्रावधान न्यायालय पर लागू न होने के कारण विरोधी पक्षकारों को कोई क्षतिपूर्ति भत्ता प्रदाय करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। उक्त भूमि में शासन का हित अंतनिर्हित था जिससे प्रकरणों में गहन जाँच एवं दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त करने हेतु तिथियां बढ़ाई गयी है तथा प्रकरण के प्रचलन के दौरान ही मान. राजस्व मण्डल ग्वालियर से प्रकरण भेजने हेतु मांग पत्र प्राप्त होने पर प्रश्नाधीन प्रकरण मान. राजस्व मण्डल की ओर मूलत: प्रेषित किए गए थे।
शासन द्वारा प्राप्त पट्टे की भूमियों का विक्रय
[राजस्व]
89. ( क्र. 1164 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन से प्राप्त पट्टे की भूमियों को बिना कलेक्टर की अनुमति के विक्रय नहीं किया जा सकता? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में ऐसी कितनी भूमियां एवं कितने तथा कौन-कौन पट्टेदार हैं, जिन्होंने बिना अनुमति के पट्टे की भूमि का विक्रय कर दिया है वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या ऐसा किया जाना विक्रय पट्टे की शर्तों का उल्लंघन नहीं है यदि हाँ, तो उनके नामान्तरण निरस्त कर कब तक भूमि म.प्र. शासन में दर्ज कर दी जावेंगी। (घ) क्या विक्रेताओं के विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में छतरपुर जिले में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना पट्टे की भूमि विक्रय संबंधी कुल 05 प्रकरण प्रकाश में आए है। जिसका संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी हाँ कलेक्टर छतरपुर के स्वमेव निगरानी में प्रकरण को लेने के निर्देश दिए जा रहे है। जिसका संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) 01 प्रकरण में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अधीन विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। 01 प्रकरण में मान. राजस्व मण्डल ग्वालियर के आदेशानुसार कार्यवाही की गई है। शेष 03 प्रकरणों में पट्टे के शर्तों के उल्लंघन की दशा में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में विनिर्दिष्ट कार्यवाही की जावेगी।
पर्यावरण संरक्षण
[पर्यावरण]
90. ( क्र. 1190 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की पर्यावरण संरक्षण को लेकर कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? संपूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें। (ख) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया? योजनावार ब्यौरा प्रस्तुत करें? (ग) वर्ष 2017-2018 में कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ उज्जैन दक्षिण विधान सभा में दिया जाना प्रस्तावित है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) पर्यावरण संरक्षण हेतु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल/वायु/ध्वनि स्तर/वाहन उत्सर्जन पर निगरानी रखने के लिए प्राकृतिक जल स्त्रोतों की गुणवत्ता जाँच, परिवेशीय वायु की गुणवत्ता जाँच, ध्वनि प्रदूषण स्तर का मापन व वाहनों से उत्सर्जित होने वाले धुएं की जाँच की जाती है तथा गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव, दीपावली आदि पर्वों पर भी जल, वायु व ध्वनि की गुणवत्ता निगरानी की जाती है। एप्को की पर्यावरण संरक्षण से संबंधित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्त कार्यक्रम के अंतर्गत उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र भी लाभान्वित है, जिसमें जनवरी-2015 से प्रश्न दिनांक तक जल गुणवत्ता पर निगरानी रखने हेतु प्राकृतिक जल स्त्रोतों -क्षिप्रा नदी के इंदौर रोड ब्रिज, क्षिप्रा नदी के डाउन स्ट्रीम में 1 कि.मी. दूर त्रिवेणी संगम से पहले एवं क्षिप्रा नदी के गौघाट की जल गुणवत्ता मॉनिटरिंग की जाती है। परिवेशीय वायु पर निगरानी हेतु जिला उद्योग केन्द्र, उज्जैन एवं क्षेत्रीय कार्यालय, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भरतपुरी में परिवेशीय वायु मापन कार्य नियमित रूप से किया जाता है। ध्वनि प्रदूषण स्तर की निगरानी रखने के उद्वेश्य से ध्वनि स्तर मापन एवं वाहन उत्सर्जन का मापन भी किया जाता है। (ग) वर्ष 2017-18 में प्रदूषण मापन किया जा रहा है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस बल के लिए आवासीय व्यवस्था
[गृह]
91. ( क्र. 1196 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में पदस्थ पुलिस बल के लिये आवासीय व्यवस्था क्या है? इसमें किस-किस स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिये कहाँ-कहाँ पर किस-किस टाईप के कितने-कितने आवास निर्मित हैं? कितने प्रतिशत पुलिस बल को आवासीय सुविधा उपलब्ध है? (ख) प्रश्नांश (क) में निर्मित किस-किस टाईप के कितने-कितने भवन जर्जर खण्डहर व छप्पर विहीन हैं? (ग) प्रश्नांकित कितने भवनों की मरम्मत सुधार व पुर्ननिर्माण कार्य पर कितनी राशि व्यय हुई/इसके लिये कितनी राशि आवंटित की गई? बतलावें। वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक की जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में पुलिस बल के लिये नये आवासों का निर्माण कराने की क्या योजना है? इसके लिये कब कितनी राशि का प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु भेजा गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा 292 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक के पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को निःशुल्क आवास गृह उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। 36.79 प्रतिशत पुलिस बल को आवासीय सुविधा उपलब्ध है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार। (घ) जी हाँ। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजनांतर्गत आगामी 5 वर्षों में 25 हजार आवासों के निर्माण की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन योजना राशि रू. 5726.25 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 12.04.2017 को प्रदान की गई। प्रस्तावित कार्य योजना में जबलपुर जिले में पदस्थ पुलिस बल के लिये वर्ष 2016-17 में कुल 790 आवास गृह बनाये जाना प्रस्तावित है।
मानव तस्करी/अपहरण की घटनाएं
[गृह]
92. ( क्र. 1197 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से 2017-18 जून 2017 तक जबलपुर जिले में मानव तस्करी, खरीद फरोक्त, महिलाओं नाबालिग बालिकाओं बच्चों का अपहरण, हत्या व गुमशुदगी के कुल कितने प्रकरण पंजीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितनी महिलाओं, बालिकाओं व बच्चों को बरामद किया गया है? कितने प्रकरणों में कितनी महिलाओं/बालिकाओं व बच्चों का कोई पता नहीं चला है? (ग) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया? कितने प्रकरण विवेचना में है? कितने प्रकरणों में खात्मा रिपोर्ट लगाई गई है? (घ) प्रदेश शासन ने मानव तस्करी की बढ़ती घटनाओं को रोकने हेतु जिला स्तर पर क्या प्रयास एवं उपाय किये है इसके लिये किस स्तर के अधिकारियों को क्या जिम्मेदारी सौंपी गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2014-15 से 2017-18 जून 2017 तक जबलपुर जिले में मानव तस्करी, खरीद फरोक्त, महिलाओं, नाबालिग बालिकाओं, बच्चों का अपहरण, हत्या व गुमशुदगी के कुल 4456 प्रकरण पंजीकृत किये गये हैं। जिसमें मानव तस्करी, खरीद फरोक्त के 04 प्रकरण, अपहरण के 1432 प्रकरण, हत्या के 98 प्रकरण व गुमशुदगी के कुल 2922 प्रकरण पंजीकृत किये गये हैं। (ख) वर्ष 2014-15 से 2017-18 जून 2017 तक जबलपुर जिले में 2409 महिलाओं को, 921 बालिकाओं को, 296 बच्चों को बरामद किया गया। 532 महिलाओं, 164 नाबालिग बालिकाओं एवं 36 बच्चों का कोई पता नहीं चला। (ग) वर्ष 2014-15 से 2017-18 जून 2017 तक जबलपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों में कुल 417 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। 325 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया गया। 763 प्रकरण विवेचना में हैं तथा 878 प्रकरणों में खात्मा रिपोर्ट लगाई गई है। (घ) प्रत्येक जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी मनोनीत किया गया है। इन घटनाओं को रोकने हेतु पुलिस अधिकारियों के लिये प्रशिक्षण एवं सेमीनार आयोजित किये जाते हैं। सूचना संकलन करने बाबत एवं मार्गदर्शक निर्देश समय-समय पर मुख्यालय द्वारा प्रसारित किये जाते हैं।
गौवंश की सुरक्षा
[गृह]
93. ( क्र. 1198 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से 2017-2018 जून, 2017 तक जबलपुर जिले में मवेशियों को क्रूरतापूर्वक बांधकर उनका अवैध रूप से परिवहन व विक्रय करने तथा गौवंश की तस्करी करने से संबंधित पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने वाहनों को पकड़ा गया एवं कितने मवेशियों को मुक्त कराया गया? किन-किन प्रकरणों में कितने-कितने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने गौवंश की सुरक्षा व पशुक्रूरता को रोकने हेतु गौवंश अधिनियम व पशुक्रूरता अधिनियम के तहत पंजीकृत किन-किन प्रकरणों में वाहन चालकों व अन्य आरापियों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है? किन-किन प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है? (ग) जिला पुलिस प्रशासन जबलपुर ने गौवंश की सुरक्षा व पशुक्रूरता को रोकने हेतु क्या उपाय किये है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ग) गौवंश की सुरक्षा व पशुक्रूरता को रोकने हेतु गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम एवं पशुक्रूरता अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।
मूक पशुओं की देखभाल
[पशुपालन]
94. ( क्र. 1212 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत किन-किन स्थानों पर प्रारंभ से पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय कार्यरत होकर मूक पशुओं की देखभाल हेतु अपनी सेवायें प्रदान कर रहे हैं? क्या ये सभी अपने स्वयं के भवनों में कार्यरत हैं या किराये के भवनों व अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से कार्य कर रहे हैं? (ख) वित्तीय वर्ष 2016 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा जिले में किन-किन स्थानों पर नवीन पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय प्रारंभ किये गये, विधान सभा क्षेत्रवार अवगत करायें? (ग) नवीन स्वीकृत चिकित्सालय/औषधालय उक्त अवधि में कितने प्रारंभ हुये, कितने अप्रारंभ हैं, भवन निर्माण की क्या स्थिति हैं? इस हेतु उपरोक्त वर्षों में कितना बजट स्वीकृत होकर मदवार किन-किन स्थानों पर कितना व्यय हुआ? (घ) उक्त जिले में उक्त अवधि में पशु चिकित्सा विभाग में चलित चल वाहन चिकित्सा सुविधा किन-किन स्थानों पर संचालित है वर्तमान में इन पशु चिकित्सकों की चल वाहनों के वाहन मालिक का नाम, मासिक किराये की जानकारी उपलब्ध करायें? उक्त अवधि में इन वाहनों पर कितना व्यय किया गया। विकासखण्डवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं
[पशुपालन]
95. ( क्र. 1213 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि मांग संख्या-41 एवं अन्य मद में प्राप्त हुई? (ख) विभागीय योजनाओं में प्राप्त राशि से कितने एवं कहाँ-कहाँ के आदिवासी हितग्राही को योजनावार जनपद पंचायतवार लाभान्वित किया गया है? (ग) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि डेयरी विकास परियोजना हेतु पूर्व वित्तीय वर्ष 2015-16 की स्वीकृत राशि का वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ तथा डेयरी विकास परियोजना के डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अनूपपुर जिले को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की डेयरी विकास परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
हैण्डपंप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 1232 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपंप खनन किस-किस योजना में स्वीकृत हुये थे? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किये गये हैण्डपंपों के लिये बोर खनन किस-किस ग्राम में किस स्थान पर किया गया? खनन किये गये बोर में कितने बोर सफल हुये व कितने असफल? सफल हुये बोर में कितने पर हैण्डपंप स्थापित कर दिये गये है, कितने शेष हैं? (ग) क्या असफल बोर पर हैण्डपंप स्थापित कर गांव में संचालित हैण्डपंप को गांव की जनगणना के मापदण्ड में सम्मिलित किया गया है या नहीं? सूची उपलब्ध करावें। इन असफल बोर के स्थान पर ग्राम में अन्य स्थान पर नवीन बोर खनन की क्या कार्य योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। असफल बोर के स्थान पर ग्राम में अन्य स्थान पर नवीन बोर कराने की कार्यवाही की जाती है।
हैण्डपंप मैकेनिक की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 1233 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में कितने रेग्युलर हैण्डपंप मैकेनिक कार्यरत हैं तथा वे किस-किस स्थान पर पदस्थ हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) जिले में किन-किन स्थानों पर हैण्डपंप रिपेयरिंग के कार्य को ठेके पर दिया गया है वह कार्य किस एजेंसी को प्रदान किया गया है, उनका नाम, पता एवं दूरभाष बतावें? (ग) हैण्डपंप संधारण का कार्य ठेके पर दिये जाने के बाद भी ऐसे कितने स्थान है, जहां पर अभी भी रेग्युलर हैण्डपंप मैकेनिक पदस्थ हैं तथा अन्य जगह स्थान खाली हैं? ऐसी स्थिति में क्या शासन ऐसे लोगों को रिक्त स्थानों पर पदस्थ करने की क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 17 रेग्युलर हैण्डपंप मैकेनिक कार्यरत हैं। पदस्थगी का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) विकासखण्ड कुरई, बरघाट, धनौरा एवं घंसौर में हैण्डपंप रिपेयरिंग का कार्य ठेके पर दिया गया है। एजेन्सी संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) हैण्डपंप संधारण का कार्य ठेके पर दिये जाने के बाद भी उन विकासखण्डों में 1-1 नियमित हैण्डपम्प मैकेनिक पदस्थ है। अन्य रिक्त स्थानों पर शेष नियमित एवं कार्यभारित मेकेनिकों से हैण्डपम्प संधारण का कार्य कराया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी कृषक की भूमि पर सड़क का निर्माण होना
[राजस्व]
98. ( क्र. 1236 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल-नागपुर एन.एच. के निर्माण में छिंदवाड़ा जिले के ग्राम मोही और मांडवी की भूमियों एवं परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन की कितनी-कितनी भूमियों का अधिग्रहण किया गया है? (ख) क्या मौजा मांडवी के आदिवासी भूमिस्वामी लच्छी पिता नवलसा गोड़ एवं सुमरलाल वगैरह की भूमि खसरा नं. 248 एवं 249 की भूमियों पर विगत 3 वर्ष पूर्व जबरन एन.एच. सड़क का निर्माण कराया गया है और उनकी भूमियों का मुआवजा आज तक भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार है? (ग) क्या आदिवासी वर्ग के उक्त भूमियों के भूमिस्वामी अपनी भूमि का मुआवजा प्राप्त करने के लिए विगत 3 वर्षों से भटक रहे है? मुख्यमंत्री हेल्प लाईन में भी शिकायत की गयी है पर किसी भी स्तर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है? (घ) क्या शासन और प्रशासन उक्त मामले को संज्ञान में लेकर मौजा मांडवी के उक्त आदिवासी कृषकों के भूमियों पर किये गये एन.एच. सड़क निर्माण के चलते उनकी भूमियों का वर्तमान गाईड लाईन दर पर अविलंब मुआवजा भुगतान करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग-47 के निर्माण के लिये परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग इकाई नागपुर द्वारा ग्राम मांडवी के कृषकों में लच्छी पिता नवलसा की भूमि खसरा नं.249 में से 0.962 हेक्टेयर एवं कृषक सुमरलाल वगैरह की भूमि ख.नं. 248 में से 0.262 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। (ख) जी नहीं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिये भूमि का जबरन अधिग्रहण नहीं किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई नागपुर द्वारा स्वीकृत डिजायनिंग मेप अनुसार 3 वर्ष पूर्व अधिग्रहण किया गया है। अधिग्रहित की गई मुआवजा राशि का भुगतान संबंधित कृषकों को नहीं किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई नागपुर के अनुरोध पर संबंधित प्रकरण में। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के प्रावधान अनुसार 3 (ए) की प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन भारत के राजपत्र में कराये जाने हेतु पत्र क्रमांक 365 दिनांक 4.1.2016 एवं पत्र क्रमांक 1676 दिनांक 11.8.2016 एन.एच.ए.आई. इकाई नागपुर की ओर प्रेषित किये गये है। (ग) जीं नहीं। परियोजना निदेशक भा.रा.रा.47 इकाई नागपुर को पत्र क्रमांक 1208 दिनांक 4.4.2017 एवं पत्र क्रमांक 1562 दिनांक 7.6.2017 द्वारा संबंधितों के प्रकरण में पुन: अधिसूचना का प्रकाशन किये जाने हेतु अनुरोध किया गया है। (घ) जी हाँ। परियोजना निदेशक भा.रा.रा.47 इकाई नागपुर के द्वारा भारत के राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन किये जाने उपरान्त नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाकर मुआवजा राशि का अधिनिर्णय पारित किया जावेगा तथा परियोजना निदेशक भा.रा.रा.47 इकाई नागपुर से नियमानुसार निर्धारित मुआवजा राशि प्राप्त की जाकर संबंधित कृषकों को भुगतान किया जा सकेगा।
उज्जवला योजना में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
99. ( क्र. 1237 ) पं. रमेश दुबे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई एवं विछुआ में अब तक उज्जवला योजनांतर्गत लाभांवित किये गये हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी विकासखण्ड, ग्रामवार, वितरणकर्ता गैस एजेंसी का नाम व पता सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वितरणकर्ता गैस एजेंसी द्वारा लाभांवित हितग्राहियों से 500 से 1500 रूपये तक की राशि अनैतिक तौर पर वसूलने के संबंध में क्या कोई शिकायतें विभाग को अथवा जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किस स्तर से किसे और कब-कब प्राप्त हुई हैं? (ग) क्या उक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता को भी शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने भी पत्र क्रमांक 124 दिनांक 02/02/2017 एवं पत्र क्र. 693 दिनांक 30/05/2017 शिकायत की प्रति सहित कलेक्टर छिन्दवाड़ा को सौंपा है? यदि हाँ, तो शिकायत आवेदनों में किन-किन से कितनी-कितनी राशि गैस एजेंसी द्वारा वसूलने की शिकायते है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित शिकायतों पर किस स्तर से अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं की गयी है तो क्यों? क्या शासन प्रश्नकर्ता अथवा उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में उक्त शिकायत की जाँच कर कार्यवाही का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उज्जवला योजनांतर्गत वांछित जानकारी विकासखण्ड चौरई की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं विकासखण्ड विछुआ की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उल्लेखित शिकायत माननीय विधायक चौरई द्वारा कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला छिंदवाड़ा में की गई, जो कि कार्यालय में दिनांक 02-02-2017 एवं 05-06-2017 को प्राप्त हुई है। (ग) जी हाँ, उल्लेखित शिकायत में गैस एजेंसी के वितरक एवं एजेण्ट द्वारा गैस एजेन्सी के उपभोक्ताओं से राशि रूपये 500 से 1500 तक वसूलने का उल्लेख किया गया है। (घ) उल्लेखित शिकायतों के संबंध में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी चौरई/बिछुआ द्वारा जाँच कर प्रतिवेदन दिनांक 24-06-2017 को कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला छिंदवाड़ा में प्रस्तुत किया गया। जाँच में संबंधित गैस एजेन्सी के अधिकृत वितरक एवं एजेण्ट द्वारा राशि वसूलना नहीं पाये जाने से गैस एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई, जिसके परिप्रेक्ष्य में माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) जिला छिंदवाड़ा के पत्र क्रमांक/704/खा.लि.2/2017 दिनांक 30-06-2017 के अनुसार कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी चौरई/बिछुआ द्वारा की गई जाँच एवं कार्यवाही से अवगत कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन पर्चियों को आधार कार्ड से जोड़ना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 1240 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले की कितनी उचित मूल्य की दुकानों में राशन पर्ची को दूसरे आधार नम्बरों से जोड़े जाने की जानकारी मिली थी? उक्त अनियमितताओं पर प्रशासन/विभाग द्वारा कराई गई जाँच में क्या तथ्य सामने आये? जाँच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) फर्जी आधार नम्बर उपयोग कर कितने खाद्यान्न और अन्य सामग्री का वितरण किया गया? केन्द्रवार, हितग्राहीवार की संख्या वितरित खाद्यान्न के कुल मूल्य का विवरण देवें? (ग) उपरोक्त प्रकरण में विभाग ने किन-किन जिम्मेदार लोगों पर क्या-क्या कार्यवाही की है? उचित मूल्य की दुकान संचालित करने वाले संचालकों सहित सभी दोषी पाये गये व्यक्तियों तथा उनके खिलाफ की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (घ) प्रदेश के कौन-कौन से जिलों में गलत आधार नम्बर से राशन पर्ची जारी कर खाद्यान्न वितरण की जानकारी विभाग को मिली है? जिलों के नाम एवं संख्या बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भोपाल जिले में 38 उचित मूल्य दुकानों पर माह मार्च 2017 की अवधि में एक ही आधार के सत्यापन पर एक से अधिक परिवारों को राशन सामग्री वितरण की जानकारी मिली थी, उक्त सभी दुकानों की जाँच कराई गई। प्रारंभिक जाँच प्रतिवेदन में राशन सामग्री के वितरण में अनियमितता पाये जाने पर उक्त सभी दुकानों के विरूद्ध म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण में विस्तृत जाँच के संबंध में कार्यवाही जारी है। (ख) प्रारंभिक जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) प्रारंभिक जाँच में 38 उचित मूल्य दुकानों में पाई गई अनियमितताओं एवं प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधित विक्रेता एवं सहायक को उनके दायित्व से पृथक कर दिया गया है। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) वर्तमान में प्रदेश में गलत आधार नम्बर से राशन पर्ची जारी कर खाद्यान्न वितरण की जानकारी विभाग को भोपाल जिले के संबंध में मिली है।
प्याज की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 1243 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 12 जून, 2017 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जिले में कुल कितने टन प्याज शासन द्वारा कितनी राशि में खरीदी गयी? दिनांक एवं जिले अनुसार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्याज भण्डारण हेतु किस दर से किस वाहन के माध्यम से किस शहर में भेजा गया सड़क मार्ग से भेजी गयी? प्याज परिवहन पर किस-किस ट्रांसपोर्टर को किस दर से कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? सूची प्रस्तुत करें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मात्रा की खरीदी में लागत मूल्य, परिवहन, भण्डारण, हम्माली, बारदाना, प्रशासकीय खर्च, कर्मचारियों को वेतन भत्ते मीडिया/समाचार पत्रों में विज्ञापन/विज्ञप्ति इत्यादि अन्य खर्च की अलग-अलग खर्च अनुसार कुल राशि बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मात्रा में से कितनी मात्रा में प्याज किस दर से बेचा गया? कुल प्राप्त राशि की जानकारी दें तथा बतावें कि कुल कितनी मात्रा में प्याज खराब होने के कारण फेंक दिया गया? खराब प्याज को फेंकने से कितनी राशि की हानि व फेंकने में कितना खर्च आया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा सेवा यात्रा के समापन में बसों का अधिग्रहण
[परिवहन]
102. ( क्र. 1244 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 मई 2017 को प्रधानमंत्री के नर्मदा सेवा यात्रा के समापन पर अमरकंटक आने पर नागरिकों को भेजने के लिये किस-किस जिले में कितनी-कितनी बसों को अधिग्रहित किया गया बस क्रमांक मालिक/कंपनी का नाम, भुगतान की जाने वाली राशि सहित जिलेवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बस के मालिक को किस दिनांक को कितनी राशि का चेक या नगद भुगतान किया क्या दिये गये चेक बैंक में खाते में राशि के अभाव में वापस कर दिये गये यदि हाँ, तो उसी सूची देवें? (ग) क्या इंदौर संभाग में अधिग्रहित 380 बस में से लगभग एक तिहाई अमरकंटक नहीं गई फिर भी उन्हें 60 से 80 हजार रूपयें का या अन्य राशि का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो नहीं जाने वाली बसों की सूची प्रस्तुत करें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दिनांक को अमरकंटक पहुंचने के लिये प्रत्येक जिले में किस-किस क्रमांक की बस को अस्थायी परमिट दिये गये जिलेवार बस क्रमांक परमिट की राशि भुगतान की दिनांक सहित सूची देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बुनकरों के कल्याण की योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
103. ( क्र. 1245 ) श्री मुकेश नायक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा हथकरघा उद्योग के विकास और आधुनिकीकरण तथा बुनकरों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनाएं और कार्यक्रम प्रदेश में लागू किये गये हैं तथा इनके लिये वर्ष 2014-15 और 2015-16 में मध्यप्रदेश को भारत सरकार से कितनी धनराशि प्राप्त हुई तथा कितनी धन राशि खर्च हुई? (ख) राज्य के बुंदेलखण्ड क्षेत्र में बुनकर उद्योग के विकास तथा बुनकरों के कल्याण के लिये कौन से कार्यक्रम राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? जिलेवार जानकारी दी जाए।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में हाथकरघा बुनकरों के विकास एवं कल्याण हेतु संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो में उल्लेखित योजनाएं संचालित है।
महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं
[गृह]
104. ( क्र. 1246 ) श्री मुकेश नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक राज्य में अपराध की जिलेवार स्थिति क्या थी? (ख) क्या राज्य में महिलाओं के प्रति अत्याचार, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास के अपराध लगातार बढ़ रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं और इन अपराधों की रोकथाम के लिये सरकार क्या उपाय कर रही हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक राज्य में कुल-686900 अपराध पंजीबद्ध हुए हैं। इनमे वर्ष 2015 में 284128 वर्ष 2016 में 280563 तथा वर्ष 2017 में 122209 अपराध पंजीबद्ध हुये हैं जिसकी जिलेवार स्थिति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि महिला अपराधों के कमी आने के बजाये लगातार बढ़ोतरी हो रही है जबकि वास्तविकता यह है कि निरंतर जागरुकता के अभियान चलाये जाने से महिला वर्ग जाग्रत हो रहा है फलतः महिलायें अत्याचार एवं अपराधों की भयमुक्त तथा निडर होकर सूचनाएं दे रही हैं। प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर मुक्त पंजीयन सुनिश्चित किया जा रहा है। दण्डविधि संशोधन अधिनियम 2013 के अनुसार सभी संज्ञेय अपराधों में तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है।
भंडार गृहों की अनियमितताओं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 1257 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के अता. प्रश्न क्रमांक 839, दिनांक 20/7/2016 के प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में बताएं कि किस-किस से कितनी राशि वसूल की गई? सूची देवें तथा अपचारी शासकीय सेवकों पर अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) जबलपुर संभाग के जिलों में वर्ष 2015-16 से लायसेंसधारी भण्डार गृहों में भण्डारित शासकीय उपज की मात्रा/वजन में कमी एवं राशन दुकानों तक कम खाद्यान्न एवं अपमिश्रित खाद्यान्न पहुंचने के कितने मामले किन-किन जाँच/शिकायत पर कब-कब सामने आये? इन प्रकरणों पर, किस-किस के द्वारा अब तक क्या जाँच/कार्यवाही की गई? प्रकरणवार बतलावें तथा प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भण्डार गृहों के निरीक्षण का अधिकार किन-किन को है? उनके द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग अंतर्गत संचालित भण्डार गृहों का किन-किन शासकीय सेवकों द्वार कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही सहित भण्डार गृहवार सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत भण्डार गृहों में भंडारित उपज के अमानक एवं अन्य अनियमितता पाये जाने की जानकारी प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रतिवेदनों में परिलक्षित क्यों नहीं हुई? जबकि बाद में इन्हीं भण्डार गृहों में इसी समयावधि की यह अनियमितता सामने आयी है? भण्डार गृहों का अपने-अपने दायित्वों के अधीन निरीक्षण न करने और व्याप्त अनियमितताओं को प्रतिवेदित न करने के जिम्मेदारों पर कब, क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में अनुदान प्राप्त गौ-शालायें
[पशुपालन]
106. ( क्र. 1258 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत कुल कितनी, कौन-कौन सी गौ-शालायें हैं जिनको शासन से अनुदान प्राप्त होता है? गौ-शाला प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार संस्थान को प्राप्त अनुदान, गायों की संख्या, गौ-शाला के नाम सहित सूची देवें? (ख) अशासकीय एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा प्रदेश में गौ-शाला संचालन हेतु कितना अनुदान, किन नियमों के तहत प्राप्त होता है? नियम की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की वर्तमान समय में ऐसी कितनी गौ-शालायें प्रदेश में संचालित हैं? (ग) क्या शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लावारिस, आवारा घूमने वाले अनुत्पादक गौ-वंशों को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित गौ-शालाओं में रखने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इन आवारा अनुत्पादक गौ-वंशों को गौ-शाला तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसकी है और क्या इस प्रावधान का पालन जबलपुर जिले में किया जा रहा है? (घ) क्या प्रदेश में वर्तमान समय में पशु पालकों द्वारा अनुत्पादक गौ-वंशों को आवारा छोड़ देने की वजह से आये दिन सड़क दुघटनायें हो रही है तथा फसलों को नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या शासन द्वारा अशासकीय एवं स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक गौ-शाला खोलने हेतु प्रेरित करने हेतु कोई कार्य योजना बनायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जबलपुर जिला अंतर्गत कुल 12 पंजीकृत क्रियाशील गौशालाएं संचालित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को गौशालाओं को आर्थिक सहायता वितरण हेतु राशि म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड से प्राप्त होती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रदेश में 585 पंजीकृत, क्रियाशील गौशालाऐं संचालित हैं। (ग) जी हाँ। स्थानीय एवं नगरीय निकायों द्वारा यदि ऐसे गौवंश को पहुंचाया जाता है। जी हाँ। (घ) जबलपुर नगर निगम सीमा अंतर्गत पशु-पालकों द्वारा अनुत्पादक गौ-वंशों को आवारा छोड़ देने की वजह से आये दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है तथा फसलों का नुकसान को देखते हुए आवारा मवेशियों को पकड़कर निगम कांजी हॉऊस एवं स्वयंसेवी संस्था के दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र (गौ-शाला) तिलवारा में रखा जा रहा है। कार्य शालाओं एवं विभागीय पशु चिकित्सा शिविरों के माध्यम से अशासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को गौवंश के संरक्षण हेतु गौशाला खोलने हेतु प्रेरित किया जाता है। गौशाला खोलने हेतु प्रेरित करने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भिण्ड जिले अंतर्गत गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन]
107. ( क्र. 1270 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत वर्तमान में कितनी गौशालाएं संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार संचालक का नाम संचालित करने वाली संस्था का नाम, पता, गौशालावार वर्तमान में गायों की संख्या आदि की जानकारी दी जाये। (ख) संचालित गौशालाओं हेतु शासन द्वारा क्या-क्या सहायता, जैसे भूमि का आवंटन (नि:शुल्क/सशुल्क) गौशाला को प्रतिवर्ष दी जा रही। आर्थिक राशि आदि की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार, गौशालावार उपलब्ध करायी जाये? गौशालावार शासन से मिल रही आर्थिक राशि का विवरण पिछले तीन वर्ष का दिया जाये।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) भिण्ड जिले में 13 गौशालाएं संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) भूमि आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। गौशालाओं को दी जा रही आर्थिक राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
वाहनों का पंजीयन
[परिवहन]
108. ( क्र. 1271 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में दिनांक 24.03.2017 से 30.04.2017 के बीच नवीन पंजीकृत सभी श्रेणी के दो पहिया/तीन पहिया/चार पहिया के प्रथम पंजीयन संबंधित जानकारी लेटर, बीमा, टैक्स-फीस, पंजीयन संबंधित उपलब्ध करावें? (ख) भिण्ड जिले में दिनांक 01.04.2017 से 30.05.2017 के बीच कितने दो पहिया/तीन पहिया/चार पहिया वाहनों का दूसरी बार विक्रय (Resale) किया गया है, जिनकी प्रथम पंजीकरण तिथि 01.03.2017 से 30.04.2017 के बीच है। ऐसे वाहनों का पंजीकरण क्रमांक एवं विक्रय तिथि उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार वाहनों के बीमा तिथि एवं संबंधित बीमा एजेंसी का नाम, वाहन पंजीकरण कमांक के साथ उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है।
गेहूँ का रख-रखाव
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 1275 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की अवधि में इन्दौर संभाग के कितने-कितने जिलों में कितनी-कितनी मात्रा में गेहूं के रख-रखाव तथा खराब होने एवं पूर्ण रूप से नष्ट होने की कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब, किस-किस प्रकार प्राप्त हुईं? (ख) उक्त समयावधि में समर्थन मूल्य पर कुल कितनी मात्रा में गेहूं खरीदा गया और कुल कितनी मात्रा में, रख-रखाव के अभाव में, पूर्ण रूप से किस प्रकार नष्ट हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित नष्ट गेहूं की कुल मात्रा से राज्य शासन को कुल कितनी राशि की हानि हुई? जिलेवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) इंदौर संभाग में विपणन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक जिलों में गेहूं के रख-रखाव तथा खराब होने एवं पूर्ण रूप से नष्ट होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) इंदौर सभांग के जिलों में समर्थन मूल्य पर विपणन वर्ष 2014-15 में 672022 मे.टन, 2015-16 में 719730 मे.टन एवं 2016-17 में 261420 मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया है। गेहूं के रख-रखाव के अभाव में नष्ट होने की स्थिति नहीं है। (ग) इंदौर संभाग के जिलों में उक्त अवधि में गेहूं नष्ट नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घोटालाकाण्ड में दर्ज FIR.
[गृह]
110. ( क्र. 1282 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के घोटाला काण्ड में किस दिनांक को रजनीश तिवारी कटनी द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज की गई और कटनी कोतवाली में किन-किन के विरूद्ध किन-किन धाराओं में एफ.आई.आर. दर्ज हुई? (ख) वर्तमान में इस शिकायत की कार्यवाही में किन-किन लोगों को आरोपी बनाया गया है? क्या एक्सिस बैंक कटनी में खोले गये खाते फर्जी पाये गये हैं? यदि हाँ, तो खाता नंबर सहित विवरण दें? क्या इन खातों से प्रदेश में एवं प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में कितनी-कितनी राशि का कब-कब लेन-देन हुआ है? (ग) क्या घोटाला काण्ड में तत्समय दर्ज धाराओं में से वर्तमान में कुछ धाराएं कम हुई हैं? यदि हाँ, तो पूर्व में दर्ज धाराओं एवं वर्तमान में कम की गई धाराओं का विवरण दें? प्रश्नांकित प्रकरण की विवेचना प्रक्रियाधीन है तो धाराएं कम करने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) रजनीश तिवारी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली कटनी में दिनांक 12.07.2016 को अप.क्र. 738/16 धारा 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया था। (ख) उपरोक्त मामले में अब तक तीन आरोपियों -1. संदीप वर्मन, 2. मानवेन्द्र मिस्त्री तथा 3. सतीश सरावगी को गिरफ्तार किया गया है। एक्सिस बैंक कटनी से संबंधित प्रकरण विवेचनाधीन है, अतः बैंक खातों की जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं हैं। (ग) जी नहीं। अप.क्र. 738/16 में प्रथम सूचना पत्र में दर्ज धारा 420, 467, 468, 471 में धारा 423, 424, 120बी बढ़ाई गई है।
खाद्यान्न कूपन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
111. ( क्र. 1283 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत कितने हितग्राहियों के नाम विभाग के पोर्टल में दर्ज किये गये? दर्ज हितग्राहियों में से कितनों को खाद्यान्न कूपन जारी किया गया वर्ष 2014-15 से विकासखण्डवार वर्षवार, दुकानवार, संख्यात्मक विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पोर्टल में दर्ज सभी हितग्राहियों को खाद्यान्न कूपन जारी किये गये? यदि नहीं, तो विभाग का पोर्टल बंद होने के कारण, कूपन जारी न होने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या दर्ज पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न दिलाये जाने की वैकल्पिक व्यवस्था शासन द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रश्नांकित विषय पर विभाग को पत्र प्रेषित किये गये हैं? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, तिथिवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के 68,074 परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा पोर्टल पर सत्यापित किया गया है, जिनमें से 66,633 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी किये गये है। पात्रता पर्चीधारी परिवारों की दुकानवार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम सम्मिलित किए जा सकेंगे। जिले में जुड़ने वाले नवीन हितग्राही के लिए पात्र बी.पी.एल. परिवारों को प्राथमिकता दी जाए, इसके पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति के नवीन सत्यापित व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाए। उक्त दोनों श्रेणियों के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत अन्य श्रेणी के परिवारों के नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जाए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जिला खाद्य कार्यालय कटनी को माननीय सदस्य द्वारा प्रेषित पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
ग्रेसीम उद्योग नागदा जं. के प्रकरण
[श्रम]
112. ( क्र. 1286 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.02.2017 से 20.06.2017 तक ग्रेसिम उद्योग नागदा जं. के विरूद्ध चल रहे प्रकरणों में कितनी तारीखे लगी? इनमें उद्योग के अधिकारियों की उपस्थिति/अनुपस्थिति भी बतावें? (ख) श्रम आयुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा दायर प्रकरणों में उपरोक्त अवधि में विभाग के अधिकारी किन तारीखों पर उपस्थित/अनुपस्थित थे, नाम सहित बतावें? (ग) प्रश्न (ख) अनुसार यदि विभाग के अधिकारी अनुपस्थित रहे तो उसका कारण भी बतावें? (घ) विगत 05 वर्षों में कितने प्रकरणों में फैसले दिये गये एवं उनका परिपालन विभाग ने कैसे कराया? जानकारी ग्रेसीम उद्योग नागदा जं. के प्रकरणों के संदर्भ में देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) दिनांक 1.2.17 से 20.6.17 तक ग्रेसिम उद्योग नागदा जं. में विभिन्न प्रकरणों में नियत तिथियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इनमें उद्योग के अधिकारियों की उपस्थिति/अनुपस्थिति की जानकारी संबंधित न्यायालय में संधारित है, इस कार्यालय द्वारा दी जाना संभव नहीं है। (ख) श्रमायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा दायर प्रकरणों में माननीय सी.जी.एम. न्यायालय में दर्ज प्रकरणों में ए.पी.ओ श्री अमित छारी उपस्थित थे। माननीय श्रम न्यायालय के प्रकरणों में समन्स अप्राप्त रहे, अतः उपस्थिति संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्न (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विगत 5 वर्षों में विभिन्न श्रम अधिनियमों में ग्रेसिम उद्योग नागदा जं. संबंधित प्रकरणों के निराकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माननीय न्यायालय द्वारा निराकृत प्रकरणों में आरोपित अर्थदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, जो नियोजक द्वारा जमा करायी जा चुकी है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
113. ( क्र. 1287 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अतंर्गत वर्ष 2017 में कितने नामांतरण बटवारे एवं अन्य प्रकरणों का निराकरण किया गया? (ख) कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित है एवं क्यों? (ग) इनका निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत वर्ष 2017 में नामांतरण के 618 बंटवारे के 80 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ख) वर्तमान में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान आंदोलन में दर्ज प्रकरण
[गृह]
114. ( क्र. 1290 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2017 में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के किसान आंदोलन के संदर्भ में कुल कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं? जिलेवार जानकारी आरोपी का नाम, पता, व्यवसाय, धारा थाना नाम सहित देवें? (ख) इनमें कितने आरोपी गिरफ्तार हुए, कितनों को जमानत मिली, की जानकारी जिलेवार देवें? (ग) पुलिस पिटाई से मृत दलौदा निवासी का नाम, पता बतावें। इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु के कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की छायाप्रति सहित देवें? क्या इस मौत की जाँच भी जैन आयोग करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या (ग) अनुसार पुलिस पिटाई से मृत्यु के दोषियों पर शासन ने कोई कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) मृतक का नाम घनश्याम पिता दुर्गालाल धाकड़, उम्र 23 वर्ष निवासी बड़वन, तहसील मंदसौर, थाना अफजलपुर है। पी.एम. रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' में समाहित है। मृतक घनश्याम धाकड़ की मृत्यु के कारणों को स्पष्ट किये जाने हेतु जिला मजिस्ट्रेट मंदसौर द्वारा अपने आदेश क्र0/662/सा/लेख/2017 मंदसौर दिनांक 22.06.17 द्वारा मजिस्ट्रियल जाँच आदेशित की गई है। (घ) मृतक घनश्याम धाकड़ की मृत्यु के कारणों को स्पष्ट किये जाने हेतु जिला मजिस्ट्रेट मंदसौर द्वारा आदेश क्र./662/सा/लेख/2017 मंदसौर दिनांक 22.06.17 द्वारा मजिस्ट्रियल जाँच आदेशित की गई है। जाँच उपरांत पाये गये तथ्यों के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
जल प्रदाय योजना की स्वीकृति में विलम्ब
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
115. ( क्र. 1295 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि. अता. प्र.क्र. 6541 दिनांक 20.03.2017 में (ग) उत्तर में वर्णित कार्यवाही वर्तमान में किस स्थिति में है? (ख) उपरोक्त वर्णित कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सरदारपुर खण्ड जिला धार के विकासखण्ड डही के 5 ग्राम क्रमशः कलमी, बाबली बुजुर्ग, बाबली खुर्द, मालपुरा एवं पेंडरवानी की स्थाई पेयजल व्यवस्था हेतु विकासखंड कुक्षी बाग, निसरपुर एवं डही के गुणवत्ता प्रभावित बसाहटों हेतु नर्मदा नदी पर आधारित समूह योजना से जोड़ने हेतु अनुमानित लागत रू. 285.00 लाख की तैयार की गई है। भारत शासन द्वारा नवीन नलजल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध एवं सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत योजना स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की गई थी। (ख) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
116. ( क्र. 1296 ) श्री कमलेश शाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुषमा कुमरे द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर खाद्य निरीक्षक जिला उज्जैन के पद पर नियुक्ति प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो प्रमाण-पत्र किस दिनांक को किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन कब तक जाँच कर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा
[राजस्व]
117. ( क्र. 1300 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी सिंगरौली जिले में प्रस्तावित ललितपुर-सिंगरौली रेल लाईन के लिए अधिग्रहीत की जा रही भूमियों का मुआवजा अधिनियम 2013 के तहत किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 30 व 26 के तहत सभी भूमिस्वामियों को मुआवजा दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या भूमि के बाजार भाव का दोगुना तथा दोगुने के बराबर राशि के ही तोषण राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो भूमि स्वामियों को कम मुआवजा क्यों दिया जा रहा है? (ग) क्या भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 30 की अनुसूची 1 एवं 2 में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त संशोधन में मुआवजे की राशि घटाई गई है? क्या केन्द्र सरकार के बनाये गये कानून को राज्य सरकार संशोधित कर भूमि स्वामियों के साथ घोर अन्याय नहीं कर रही है? (घ) भूमिस्वामियों को अधिक से अधिक मुआवजा दिलाये जाने हेतु सरकार द्वारा क्या प्रयास किये गये? कब तक सीधी सिंगरौली के भूमिस्वामियों को मुआवजा राशि वितरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 30 व 26 के तहत बाजार मूल्य का एकगुना तथा उसके बराबर तोषण राशि तथा धारा-11 के प्रकाशन दिनांक से अवार्ड पारित दिनांक तक 12 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) सीधी जिले में कुल 42 ग्रामों में भू-अर्जन अवार्ड पारित किया जा चुका है। प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया जा रहा है। सिंगरौली जिले के अंतर्गत भू-अर्जन नहीं हुआ है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध जाँच एवं कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
118. ( क्र. 1303 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्र. 4845 दिनांक 20.03.2017 के उत्तर में प्रकरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? बताया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण में जाँच के आदेश किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब-किसके द्वारा? उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें। क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, समय-सीमा बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रकरण की जाँच हेतु नामांकित किये गये अधिकारी के संबंध में आयुक्त खाद्य द्वारा जारी आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जाँच एवं कार्यवाहियाँ
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
119. ( क्र. 1304 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न क्रमांक 1298 दिनांक 27.02.2017 में जवाब दिया कि न्यायालय कलेक्टर छतरपुर में दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु तहसीलदार द्वारा कलेक्टर, जिला छतरपुर को प्रतिवेदित किया गया था, यदि हाँ, तो क्या उक्त दण्डात्मक कार्यवाही प्रतिवेदन में नियम व धारा का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो किस नियम व धारा का लेख किया गया था, उल्लेख करें? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें? (ख) प्रश्न में जवाब यह भी दिया गया था कि उर्पाजन नीति अतंर्गत उपार्जित गेहूं के रसायनिक परीक्षण का अनिवार्य प्रावधान न होने से परीक्षण नहीं कराया गया था। यदि हाँ, तो क्या उपार्जन नीति में गेहूं जप्त करने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो उक्त नीति की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या यह भी जवाब दिया गया कि प्रकरण विशेष परिस्थितियों के आधार पर माल के साथ वाहन जप्ती की कार्यवाही की जा सकती है। यदि हाँ, तो किन विशेष परिस्थितियों पर वाहन की जप्ती जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा की जा सकती हैं। स्पष्ट लेख करें? क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार वाहन मालिक एवं ड्राईवर के कथन लिये गये थे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न में माननीय मंत्री जी द्वारा जवाब दिया गया था कि म.प्र. भू.रा.सं. 1959 की अनुसूची-1 के अतंर्गत है। जिसका पूर्णरूपेण परिपालन किया गया था? यदि हाँ, तो क्या संलग्न परिशिष्ट के नियम 15 (अ) के तहत जब व्यक्ति तामीली का प्रतिग्रहण करने से इंकार करे तो चस्पांगी करने का प्रावधान में लेख है? हाँ या नहीं। यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी द्वारा चस्पांगी आदेश जारी किये गये थे। यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। यदि नहीं, तो क्यों स्पष्ट कारण सहित बतायें? (ड.) क्या शासन उक्त प्रकरण में विधि का पूर्णरूपेण पालन न होने के कारण किसान का गेहूं या राजसात राशि मय ब्याज के वापिस देगा। यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, तत्कालीन तहसीलदार छतरपुर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में नियम व धारा का उल्लेख नहीं किया गया था अपितु उपार्जन केन्द्र में गेहूं पुराना एवं संदिग्ध प्रतीत होने से दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु किया गया है। (ख) जी हाँ, उल्लेखित प्रश्न में उत्तर दिया गया था कि उर्पाजन नीति अतंर्गत उपार्जित गेहूं के रसायनिक परीक्षण का अनिवार्य प्रावधान न होने से परीक्षण नहीं कराया गया था। जी नहीं, उपार्जन नीति में गेहूं जप्त करने का प्रावधान नहीं था, अपितु तत्कालीन तहसीलदार द्वारा गेहूं पुराना एवं संदिग्ध पाये जाने पर गेहूं जप्त किया गया था। (ग) जी हाँ, तत्कालीन तहसीलदार, छतरपुर के प्रतिवेदन अनुसार उपार्जन केन्द्र पर गेहूं बगैर पंजीयन के खरीदा जा रहा था, जिसमें गेहूं की गुणवत्ता पुराना प्रतीत होना पाया गया था। उपार्जन केन्द्र पर बारदाना नहीं होने के बावजूद उक्त गेहूं परिवहन हेतु लगाये गये ट्रक में लादा जाना संदिग्ध परिस्थितियों को स्वयं स्पष्ट करता है। वाहन मालिक एवं ड्राईवर के कथन प्रकरण में योजित नहीं है। (घ) जी हाँ, उल्लेखित प्रश्न में उत्तर दिया गया था कि म.प्र. भू.रा.सं. 1959 की अनुसूची-1 के अतंर्गत पूर्णरूपेण परिपालन किया गया था। तत्कालीन तहसीलदार द्वारा तामीली प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जाँच किये जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जिला छतरपुर को आदेशित किया गया है। (ड.) उल्लेखित प्रकरण में सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ जबलपुर एवं न्यायालय कलेक्टर, जिला छतरपुर द्वारा की गई, जिसमें जप्तशुदा गेहूं की नीलामी में प्राप्त राशि शासनहित में राजसात किये जाने संबंधी आदेश न्यायालय कलेक्टर जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 14-10-2014 को पारित किये जा चुके है। अतएव उक्त प्रकरण में शासन स्तर से कार्यवाही लंबित नहीं है।
शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
120. ( क्र. 1306 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 3.6.2017 को एक सामाजिक संगठन द्वारा उप पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक भोपाल को हमीदिया चिकि.भोपाल के अधीक्षक के विरूद्ध सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट डालने के मामले में शिकायत कर संवैधानिक कार्यवाही हेतु निवेदन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्राप्त शिकायत/ज्ञापन पर अब तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायत/ज्ञापन का थाना प्रभारी थाना कोहेफिजा द्वारा जाँच की जा रही है। जाँच उपरांत उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधि अनुरुप कार्यवाही की जावेगी।
पशुपालन विभाग द्वारा जिले में दी गई राशि
[पशुपालन]
121. ( क्र. 1309 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में पशुपालन विभाग में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि शासन के द्वारा दी गई? राशिवार, माहवार बतावें एवं जो राशि दी गई उसमें कितने लोगों को लाभान्वित किया गया है? ग्रामवार, नामवार, जनपदवार बतावें। (ख) वर्ष 2016-17 में किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि दी गई और व्यय की जा चुकी है? योजनावार जानकारी देवें। (ग) टीकमगढ़ जिलान्तर्गत कितनी गौशालाएं हैं, जिनको शासन के द्वारा सहायता दी जा रही है? गौशालावार, नामवार, जनपदवार बतावें। (घ) वर्तमान में जितनी गौशालाएं हैं, उनका निरीक्षण कब-कब किस अधिकारी के द्वारा किया गया एवं निरीक्षण के दौरान कितनी गौशालायें सही पाई गईं और कितनी में गड़बड़ी पाई गई? नामवार बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) गौशालाओं का निरीक्षण संबंधित अधिकारी द्वारा नियमित किया जाता है। वर्ष 2016-17 में किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
[गृह]
122. ( क्र. 1310 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में गृह विभाग के ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जो तीन वर्ष से एक ही जगह पर पदस्थ है, अधिकारीवार, थानावार बताने की कृपा करें? (ख) जिन अधिकारी/कर्मचारियों को तीन वर्ष से अधिक समय हो गया है ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों को विभाग कब तक हटायेगा और नहीं तो क्यों कारण बतावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जिनके विरूद्ध शिकायतें की गई और वो आज तक उसी जगह पदस्थ हैं ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों को विभाग कब तक हटायेगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में कितने पद विभिन्न थानों में सृजित हैं और कितने वहाँ पर पदस्थ हैं खाली पड़े पदों को कब तक भर लिया जायेगा समय-सीमा बतावे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार कर्मचारियों के स्थानांतरण की कार्यवाही की जाती है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) माह जनवरी 2016 से जून 2017 तक की अवधि में पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस थानों में पदस्थ पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों में से 13 के विरूद्ध कुल 25 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनमें से 4 शिकायतें प्रमाणित पाई गई। कोई भी शिकायत गम्भीर प्रकृति की नहीं होने से, अधिकारी कर्मचारियों को नहीं हटाया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। पदों को भरने की प्रक्रिया निरंतर चलने वाली होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
न्यायालयीन आदेश व पालन
[पर्यावरण]
123. ( क्र. 1763 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सदस्य/सचिव पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) कार्यालय रीवा द्वारा वर्ष 1990 में चौकीदार के पद पर पदस्थ जगदीश प्रसाद साहू को सेवा से पृथक कर दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो संबंधित चौकीदार द्वारा माननीय उच्च न्यायलय जबलपुर में अपनी रिट याचिका क्र. 3056/2001 दायर की गई थी जिस पर न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 08.12.2015 द्वारा विभाग की अपील निरस्त की गई थी? क्या श्रम न्यायालय द्वारा भी दिनांक 07.03.2001 को विभाग को निर्देश दिए गए थे कि आवेदक को पूर्व पद पर पदांकित करते हुए बकाया वेतन का भुगतान किया जावे साथ ही आवेदक को सेवा में रखने के निर्देश दिए गए थे? (ग) क्या विभाग द्वारा संबंधित न्यायालयों के आदेशों का पालन करते हुए संबंधित चौकीदार को सेवा में वापस लिया गया? यदि नहीं, तो कारण सहित बताएं? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उपरोक्त माननीय न्यायालयों के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? क्या यह विभाग द्वारा माननीय न्यायालयों के आदेश की अवमानना नहीं है? यदि है तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी नहीं। एप्को द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक आरपी 213/2016 दायर की गई है, प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वेयर हाउस का निर्माण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 1929 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने वेयर हाउस हैं इनमें से कितने निजी और कितने सरकारी है? (ख) निजी वेयर हाउस के मालिक कौन-कौन हैं उन वेयर हाउस की भण्डारण क्षमता क्या है तथा वह किन-किन ग्रामों में स्थित है? (ग) क्या विगत 3 वर्षों में वेयर हाउस निर्माण के लिये कोई अनुदान प्राप्त किया है तो कितना-कितना अनुदान किस-किस को प्राप्त हुआ है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में 19 वेयर हाउस हैं, जिनमें 15 निजी वेयरहाउस एवं 4 शासकीय वेयर हाउस हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
चंदेरी एवं ईसागढ़ विकासखंड में स्थापित हैंडपंप
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
125. ( क्र. 2119 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर जिले के चंदेरी एवं ईसागढ़ विकासखंड में पी.एच.ई. द्वारा वर्ष २०१६-१७ से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन हैंडपंप एवं किस-किस ग्राम में लगाये गए है सूची उपलब्ध कराये? (ख) अशोकनगर जिले के चंदेरी एवं ईसागढ़ विकासखंड में वर्तमान समय में कुल कितने हैण्डपंप हैं इनमे कितने चालू हैं एवं कितने बंद हैं यदि बंद हैं तो किस कारण से बंद हैं कारण स्पष्ट करते हुए सम्पूर्ण हैण्डपम्पों की सूची उपलब्ध कराये? (ग) जो हैंडपंप खराब हो गए हैं उनको कब तक सही कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 90 नवीन हैण्डपंप लगाए गए हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’1’’ के अनुसार है। (ख) कुल 2814 हैण्डपंप स्थापित हैं जिसमें 2420 चालू एवं 394 बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’2’’ एवं प्रपत्र ’’3’’ के अनुसार है। (ग) सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत सामान्यतः 7 दिवस के अंदर हैण्डपंपों का सुधार कार्य किया जाता है।