मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016
सत्र
मंगलवार, दिनांक 19 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग 2 : सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमानन, संस्कृति, पर्यटन, प्रवासी भारतीय, नगरीय विकास एवं आवास, पर्यावरण, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, जल संसाधन, वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, जनसंपर्क, खनिज साधन )
पृथ्वीपुर
विधान सभा क्षेत्रांतर्गत
विद्युतीकरण
1. ( *क्र. 1074 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सभी विद्युतीकृत ग्रामों में प्राप्त घरेलू विद्युत कनेक्शनों के आवेदकों को कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो किन-किन में कितने घरेलू कनेक्शनों के आवेदकों के आवेदन लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में आवेदकों के लंबित प्रकरण कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर में ऐसे भी उपभोक्ता हैं, जिनका मीटर स्थापित होने के बाद भी विद्युत प्रवाह शुरू नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक विद्युत प्रवाह शुरू किया जाएगा एवं इसके लिए कौन दोषी है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में विद्युतीकृत ग्रामों में घरेलू कनेक्शन हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विधायक विकास निधि से अनुशंसित/प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति
2. ( *क्र. 555 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में विधायक विकास निधि से विधायकों द्वारा अनुशंसित एवं प्रस्तावित कार्यों को स्वीकृत करने की गाईड लाईन से हटकर कलेक्टर सतना को स्वीकृत करने का अधिकार किसके द्वारा दिया गया है? (ख) क्या गाईड लाईन में यह स्पष्ट प्रावधान है कि एक से अधिक ग्राम पंचायतों में कराये जाने वाले कार्यों की एजेंसी एक ग्राम पंचायत को नहीं बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो गाईड लाईन की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? यदि नहीं, है तो फिर कलेक्टर सतना को गाईड लाईन के विपरीत कार्य स्वीकृत करने एवं विधायकों की सहमति से हटकर कार्य करने पर इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही अमल में लाई जावेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के प्राप्त वंटन में से पानी के टैंकर क्रय करने हेतु स्थानीय एजेंसी को निर्माण एजेंसी प्रस्तावित किया गया था, लेकिन कलेक्टर सतना द्वारा विधायक की सहमति एवं अनुशंसित एजेंसी के नाम कार्य स्वीकृत नहीं किया गया जिससे इस भीषण गर्मी में ग्राम पंचायतों को प्रदाय किये जाने वाले टैंकर समय पर उपलब्ध नहीं कराये जा सकने से आम जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ा है? (घ) क्या वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक सतना जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में एक से अधिक ग्राम पंचायतों में कराये जाने वाले कार्यों की एजेंसी एक ग्राम पंचायत को बनाकर कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे स्वीकृत कार्यों की सूची, एजेंसी का नाम सहित जानकारी देवें? क्या ऐसे अस्पष्ट गाईड लाईन के प्रावधानों में संशोधन करेंगे, जिससे भविष्य में प्रदेश के माननीय विधायकों को कलेक्टरों द्वारा अनावश्यक परेशान न किया जा सके?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सतना जिले में विधायक विकास निधि से मा. विधायकों द्वारा अनुशंसित प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृतियाँ गाईड लाईन के अनुरूप जारी की गईं हैं। (ख) सामान्य प्रक्रिया के तहत सभी ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्रान्तर्गत विकास कार्यों के निर्माण कराने में सक्षम हैं। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक ग्राम पंचायत अन्य ग्राम पंचायत/पंचायतों के लिये विकास कार्य या सामग्री क्रय हेतु निर्माण क्रियान्वयन ऐजेन्सी हो सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त आवंटन एवं अनुशंसा के अनुरूप ऐजेन्सी का निर्धारण किया गया है। मान. विधायक के प्राप्त अनुशंसा पत्र दिनांक 21.06.2016 के अनुसार एवं दिनांक 27.06.2016 के अनुसार स्वीकृति जारी की गयी है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मार्गदर्शिका के बिन्दु क्रमांक 2.2 में स्थानीय निकायों के माध्यम से योजनाओं को क्रियान्वित करवाये जाने का प्रावधान है।
नवीन विद्युत ग्रिडों की स्वीकृति
3. ( *क्र. 1038 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विकासखण्ड जीरापुर के अंतर्गत ग्राम बालाहेड़ा में वर्तमान में 10-12 कि.मी. की दूरी पर स्थित विद्युत ग्रिड से विद्युत प्रदाय किया गया है? इसी प्रकार विकासखण्ड खिलचीपुर के अंतर्गत ग्राम दगल्या एवं बाजरोन ग्राम के मध्य स्थित लगभग 10-12 ग्रामों में लगभग 8-9 कि.मी. की दूरी पर स्थित जैतपुरा ग्रिड से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या अत्यधिक दूरी वाले विद्युत ग्रिडों से विद्युत प्रदाय होने के कारण निरंतर अल्प वोल्टेज एवं लाईन टूटने की समस्या के कारण किसानों का सिंचाई कार्य लगातार बाधित हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम बालाहेड़ा (जीरापुर) एवं खिलचीपुर के अंतर्गत ग्राम दगल्या एवं बाजरोन ग्राम के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापना की मांग माननीय ऊर्जा मंत्री जी से अनेकों बार की गई है? (ख) इसी प्रकार क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के नगर माचलपुर में वर्तमान जनसंख्या के मान से विद्युत आपूर्ति नहीं हो पाने के कारण प्रश्नकर्ता एवं क्षेत्र की जनता द्वारा निरंतर 132 के.व्ही. विद्युत सबस्टेशन स्थापित करने की मांग शासन से की जा रही है (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन ग्राम बालाहेड़ा एवं ग्राम दगल्या व ग्राम बाजरोन के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र तथा नगर माचलपुर में 132 के.व्ही. विद्युत सबस्टेशन की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विकासखण्ड जीरापुर के ग्राम बालाहेड़ा तथा विकासखण्ड खिलचीपुर के ग्राम डगल्या एवं बाजरोन के मध्य स्थित क्षेत्र में प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में उल्लेखित समस्या नहीं है तथापि ग्राम बालाहेड़ा को विद्युत प्रदाय कर रहा 11 के.व्ही. फीडर रबी सीजन में अतिभारित हो जाता है, जिसके दृष्टिगत ग्राम बालाहेड़ा में एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसे वित्तीय उपलब्धता अनुसार पूर्ण करने के प्रयास किये जावेंगे। ग्राम डगल्या एवं बाजरोन के मध्य स्थित ग्रामों में स्वीकृत भार के अनुसार अधोसंरचना उपलब्ध है, अत: वर्तमान में तकनीकी रूप से नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की आवश्यकता नहीं है। जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित मांग की गई है। (ख) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के नगर माचलपुर में वर्तमान में स्वीकृत भार के अनुसार विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध है। भविष्य की मांग एवं भार प्रबंधन की दृष्टि से ए.डी.बी. योजनान्तर्गत 33 के.व्ही. माचलपुर फीडर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने की तकनीकी रूप से वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम बालाहेड़ा में एस.एस.टी.डी. योजना के अन्तर्गत 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसे वित्तीय उपलब्धता अनुसार आगामी वर्षों में पूर्ण करने के प्रयास किये जायेंगे। उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार ग्राम डगल्या एवं बाजरोन के मध्य नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र तथा माचलपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने की वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं है।
नहरों का पक्कीकरण/मरम्मतीकरण
4. ( *क्र. 1102 ) श्री जतन उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा के अंतर्गत कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजना संचालित है? नाम सहित जानकारी देवें। साथ ही क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित परियोजनाएं कब तक पूर्ण कर ली जावेंगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूर्व से संचालित सिंचाई परियोजनाओं की नहरें क्या क्षतिग्रस्त हैं, कच्ची हैं? यदि हैं तो नाम सहित जानकारी देवें? (ग) मोही जलाशय, चांगोबा जलाशय की नहरों की मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या क्षतिग्रस्त कच्ची नहरों को पक्की नहरों की लाइनिंग में परिवर्तन हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित योजना का नाम बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई वृहद अथवा मध्यम सिंचाई परियोजना नहीं है। लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पेंढ़ोनी, जामलापानी एवं सेंदुरजना लघु सिंचाई परियोजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की गई है। परियोजनाओं की साध्यता स्वीकृति और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होने से स्वीकृति अथवा पूर्णता के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कच्ची नहरें जल प्रवाह हेतु संधारित होकर क्षतिग्रस्त नहीं हैं। (ग) क्रमश: राशि रू. 52.29 लाख एवं रू. 94.64 लाख स्वीकृत की गई है। (घ) जी नहीं। स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव शासन के विचाराधीन नहीं है।
पीलिया खाल नाले पर प्रदूषण मुक्त कार्ययोजना की स्वीकृति
5. ( *क्र. 209 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा शहर के मध्य बहने वाले प्रदूषित पीलिया खाल नाले पर पीलिया खाल प्रदूषण मुक्त कार्ययोजना बनाई गयी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग के निर्देश पर एवं आमजन को हो रही प्रदूषण की कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुए कार्ययोजना की डी.पी.आर. भी बन कर तैयार है? (ग) यदि हाँ, तो क्षेत्र की जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार इसकी स्वीकृति हेतु मांग की जाकर नगर पालिका परिषद जावरा के माध्यम से शासन/विभाग को डी.पी.आर. प्रस्ताव अग्रेषित किये गए हैं? (घ) यदि हाँ, तो नगर की अत्यंत गंभीर इस प्रदूषण मुक्त पीलिया खाल नाले की कार्ययोजना प्रस्ताव डी.पी.आर. को कब स्वीकृति दी जाकर बजट में कब सम्मिलित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
6. ( *क्र. 516 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या-10 (क्रमांक 5021) दिनांक 11 मार्च 2016 के उत्तर में चर्चा के दौरान माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत भोजपुरिया बैराज का साध्यता का आदेश 07.01.2016 को जारी किया जाना तथा सर्वेक्षण डी.पी.आर. बनाने में लगभग तीन माह का समय लगने की बात कही गई थी? तो क्या भोजपुरिया बैराज की सर्वेक्षण डी.पी.आर. बनाई जाकर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो बैराज की स्वीकृति किन कारणों से किस स्तर पर लंबित है? (ख) इसी प्रकार क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत पार्वती नदी पर समलापर बैराज की भी तकनीकी स्वीकृति सहित विस्तृत कार्ययोजना अधीक्षण यंत्री जलसंसाधन मंडल गुना द्वारा शासन को सक्षम स्वीकृति हेतु प्रेषित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार भोजपुरिया बैराज एवं समलापर बैराज की स्वीकृति के संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है तथा कब तक उक्त लघु सिंचाई योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। भोजपुरिया एवं समलापर बैराज की डी.पी.आर. बनाई जा चुकी है। उपलब्ध वित्तीय सीमित संसाधन पूर्व से स्वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने की पृष्ठभूमि में स्वीकृति के लिए समय-सीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है।
जबलपुर जिले को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाना
7. ( *क्र. 508 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने, पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटकों को लुभाने हेतु प्रदेश शासन पर्यटन वन व पर्यावरण विभाग तथा जिला प्रशासन ने क्या-क्या कार्ययोजना बनाई है? इसके लिए कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से प्रस्ताव किस-किस स्तर पर स्वीकृति हेतु कब कहाँ-कहाँ भेजे गये हैं? मूल कार्ययोजना क्या है? वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पर्यटन विभाग जबलपुर/म.प्र. राज्य पर्यटन निगम ने कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी योजनाएं बनाई हैं व कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से कार्य कराना प्रस्तावित/स्वीकृत हैं? इसके लिए क्या कार्यवाही की गई है? इसके लिए शासन ने कब कितनी राशि आवंटित की है? (ग) प्रश्नांश (क) में बरगी डेम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना क्या है? इसके तहत पर्यटकों के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं व मनोरंजन के कौन-कौन से साधन उपलब्ध कराने की क्या योजना है? इस हेतु शासन ने कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया है तथा कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अटल ज्योति अभियान अंतर्गत ग्रामों का विद्युतीकरण
8. ( *क्र. 217 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों में अटल ज्योति अभियान अंतर्गत फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं कितने ग्राम शेष हैं? वितरण केन्द्रवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) अटल ज्योति अभियान अंतर्गत किए जाने वाले फीडर सेपरेशन कार्य में कनेक्शन के मान से कितनी संख्या में ट्रान्सफार्मर लगाये जाना प्रावधानित हैं? क्या केबल की गुणवत्ता के संबंध में मापदण्ड निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या व इसकी मॉनीटरिंग किस प्रकार की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रावधान अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में कितने ट्रान्सफार्मर स्थापित किए गए हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। बाजना, रिछड़िया, दावतपुर ग्राम में लगाये गये ट्रान्सफार्मर एवं मापदण्ड अनुसार केबल गुणवत्तायुक्त लगाई गई है या नहीं? (घ) क्या उक्तानुसार स्थापित ट्रान्सफार्मर विद्युत उपलब्धता हेतु पर्याप्त है? यदि हाँ, तो इसकी मॉनीटरिंग किस प्रकार की जा रही है? विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्या ट्रान्सफार्मर की संख्या बढ़ाई जावेगी व कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत अटल ज्योति अभियान के तहत् कोई भी कार्य किया जाना प्रावधानित नहीं था, यह केवल एक अभियान था, जिसके तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में गैर कृषि कार्य हेतु 24 घंटे एवं कृषि कार्यों हेतु 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना था। फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में कुल 185 ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत 5 ग्रामों एवं अन्य योजना के अंतर्गत 14 ग्रामों का कार्य शेष है, जिसका केन्द्रवार वितरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत नहीं अपितु फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के तहत् विद्यमान उपभोक्ताओं के भार के अनुसार 573 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाना प्रावधानित है। जी हाँ, केबल की गुणवत्ता के संबंध में मापदण्ड कार्यादेश में उल्लेखित है। ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य में उपयोग की जा रही केबल का शासकीय अनुमोदन प्राप्त/एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशालाओं में टेस्टिंग करवाकर गुणवत्ता सुनिश्चित कराए जाने का प्रावधान है, जिसकी मॉनीटरिंग कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा की जाती है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत फीडर सेपरेशन योजना के तहत् 412 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ, प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित ग्रामों में लगाये गये वितरण ट्रांसफार्मर एवं केबल निविदा अनुबंध में उल्लेखित मापदण्डों के अनुसार ही लगायी गयी है। (घ) जी हाँ, वर्तमान में संबंधित ग्रामों में स्वीकृत विद्युत भार के अनुसार स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर पर्याप्त हैं। वितरण केन्द्र प्रभारी एवं नोडल अधिकारी फीडर सेपरेशन के द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। भार वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने की तकनीकी रूप से आवश्यकता पाये जाने पर नियमानुसार प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन उपरांत तदनुसार कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाने की आवश्यकता नहीं है।
ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन हेतु बजट आवंटन
9. ( *क्र. 954 ) श्री विष्णु खत्री : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन, नाले-नालियों के चैनलाईजेशन एवं श्मशानघाटों के विकास कार्य हेतु बजट प्रावधान किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों की आवश्यकता बैरसिया नगर पालिका में है? क्या विभाग इस हेतु बजट आवंटित करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभाग द्वारा ''स्वच्छ भारत मिशन'' अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ''अमृत'' तथा ''मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना'' अंतर्गत नाले-नालियों के चैनलाइजेशन एवं श्मशानघाटों के विकास कार्य हेतु बजट प्रावधान किया गया है। (ख) जी हाँ, निकाय से योजना के प्रावधानों के अनुरूप उपयुक्त प्रस्ताव आने पर नगर पालिका बैरसिया को बजट आवंटन किया जा सकेगा।
घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री
10. ( *क्र. 457 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितने देशी एवं कितने अंग्रेजी शराब ठेके लायसेंस प्राप्त कर चल रहे हैं? दुकानवार, ग्रामवार, स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में विगत 01 वर्ष में अवैध शराब बिक्री के कितने प्रकरण बनाये गये? (ग) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में भारी मात्रा में शराब माफिया द्वारा डायरी बनाकर अधिकारियों की मिलीभगत से कानून-कायदे की धज्जिया उड़ा कर हर गांव में अवैध रूप से शराब बिक्री की जा रही है, जिससे शासन को राजस्व की हानि होने के साथ ही आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है? ऐसे दोषी शराब माफिया एवं अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में 16 देशी मदिरा एवं 03 विदेशी मदिरा दुकानों के लायसेंस जारी किये गये हैं। दुकानवार, ग्रामवार, स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में विगत 01 वर्ष अर्थात जुलाई 2015 से जून 2016 अवधि में, आबकारी विभाग द्वारा आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1)/(2) अवैध शराब आधिपत्य, परिवहन, विनिर्माण, विक्रय आदि के 108 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में किसी शराब माफिया द्वारा डायरी बनाकर एवं अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर, अवैध रूप से गांवों में शराब बिक्री का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में शासन को कोई राजस्व की हानि का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अवैध शराब के कारण किसी आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ संबंधी कोई शिकायत/प्रकरण आलोच्य अवधि में प्रकाश में नहीं आया है। अतएव किसी तथाकथित शराब माफिया अथवा किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भिण्ड विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्टाप डेम का निर्माण
11. ( *क्र. 1012 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में प्रस्तावित कचोंगरा स्टाप डेम का निर्माण क्वारी नदी पर सिंचाई क्षेत्र 405 हेक्टेयर प्रति हेक्टेयर लागत 1.69 लाख में प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत भिण्ड विधान सभा क्षेत्र में स्टाप डेम, लघु डेम/चेक डेम निर्माण की योजना कहाँ पर प्रचलित है? (ग) क्या भिण्ड में भू-जल स्तर गिर रहा है? यदि हाँ, तो सिंचाई विभाग क्या प्रयास कर रहा है? कृषक को रबी/खरीफ की फसल के समय सिंचाई के लिये पानी की व्यवस्था के लिये डेम निर्माण होगा? यदि हाँ, तो कहाँ पर? कब तक? (घ) सिंचाई विभाग भिण्ड की उदासीनता के कारण नदियां/तालाब/नहरें पानी के कारण सूखी हैं? बारहमासी पानी के लिए सिंचाई हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं? कृषकों को 12 माह पानी देने के लिये शासन से क्या प्रयास होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नाधीन स्टॉपडेम का सर्वेक्षण कराया गया है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में बांध निर्माण के लिए तकनीकी रूप से उपयुक्त स्थल नहीं है। विभाग की चेकडेम बनाने की कोई योजना नहीं है। (ग) एवं (घ) भू-जल के आहरण एवं वर्षा ऋतु में भू-जल के पुनर्भरण पर भू-जल स्तर निर्भर होता है। विगत 3 वर्षों में अल्प वर्षा के कारण भू-जल के आहरण की तुलना में पुनर्भरण कम होने से भू-जल स्तर पर विपरीत प्रभाव होना संभावित है। जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं से गत रबी में भिण्ड जिले में 1,53,150 हे. में सिंचाई की गई है। सिंचाई परियोजनाओं से बारहमासी जल दिया जाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है।
वसूली के पंजीकृत प्रकरण
12. ( *क्र. 440 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शाहनगर जिला पन्ना कार्यालय में विगत् 5 वर्षों में खनिज अधिकारी पन्ना द्वारा कुल कितने प्रकरण दर्ज कर वसूली हेतु भेजे गये हैं? दिनांकवार, प्रकरणवार भेजे गये वसूली आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वसूली हेतु भेजे गये प्रकरणों में कितने प्रकरण में आज दिनांक तक वसूली की गई है, कितने प्रकरणों में अभी तक वसूली नहीं की गई है? प्रकरणवार जानकारी देवें। (ग) अगर वसूली नहीं की गई तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं उसके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शाहनगर जिला पन्ना में विगत 5 वर्षों में खनिज अधिकारी पन्ना द्वारा एक भी प्रकरण वसूली हेतु नहीं भेजा गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
करेली नहर की मरम्मत
13. ( *क्र. 1500 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिला अंतर्गत साराबहू रहली मायनर नहर करेली के क्षतिग्रस्त होने बाबत शिकायत कलेक्टर नरसिंहपुर को प्रश्नकर्ता सदस्य ने पत्र दिनांक 30.5.16 द्वारा की है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या श्री विदुर परिहार, कृषक ने जे.सी.बी. से नहर क्षतिग्रस्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी है तथा आगे के कृषकों को मिलने वाले पानी में बाधा पहुंचाई है? (ग) यदि हाँ, तो दोषी कृषक श्री परिहार से आर्थिक नुकसान की भरपाई कर तथा दोषी के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही कर कब तक दंडित किया जायेगा एवं इस नहर की मरम्मत कब तक कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। शिकायत में उल्लेखित समस्या का निराकरण पूर्व में ही किया जा चुका है। (ख) जी हाँ, परन्तु कृषक के व्यय पर नहर का सुधार कार्य कराने के उपरांत आगे के कृषकों को लगभग 25 हेक्टेयर में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया गया। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.आई.सी. का गठन
14. ( *क्र. 23 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका अधिनियम के तहत प्रेसिडेन्ट इन काउंसिल (पी.आई.सी.) के गठन के संबंध में क्या प्रावधान है? पी.आई.सी. में कितने सदस्यों का होना एवं किस-किस वर्ग के सदस्यों का होना आवश्यक है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के अनुसार सदस्य संख्या में से यदि किसी एक मात्र महिला सदस्य के द्वारा पी.आई.सी. की सदस्यता से त्याग पत्र दिया जाता है एवं अध्यक्ष द्वारा पी.आई.सी. का पुनर्गठन नहीं किया जाता है एवं 06 सदस्यीय पी.आई.सी. जिसमें कोई महिला सदस्य नहीं है, के द्वारा प्रस्ताव पारित कर प्रस्तावों पर अमल किया जाता है, तो क्या उक्त प्रस्तावों को वैध माना जावेगा? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? यदि नहीं, तो क्या उक्त पारित प्रस्तावों को शून्य माना जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) नियम में प्रश्नांश के उत्तर का उल्लेख न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत भीकनगांव के अध्यक्ष एवं अन्य अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
15. ( *क्र. 863 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत भीकनगांव के अध्यक्ष, मुख्य नगर पंचायत अधिकारी एवं लेखापाल के विरूद्ध दिनांक 29/05/2014 से सितम्बर 2014 तक के भुगतानों की जाँच कार्यालय संयुक्त संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा इन्दौर म.प्र. के एल.एफ.ए.आय./1050, दिनांक 15/03/2016 तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा जाँच कार्यवाही में गबन पाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान तक संबंधित दोषी पदाधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है तथा नहीं की गई तो क्या कारण है कि वर्तमान तक दोषी पदाधिकारी अपने पदों पर कार्यरत हैं? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ इन्दौर के आदेश क्र. 414/2015 दिनांक 15/12/2015 को प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग म.प्र. शासन भोपाल को श्रीमती ममता जायसवाल पति सुभाष जायसवाल अध्यक्ष नगर पंचायत भीकनगांव को नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 (क) के अंतर्गत 02 माह में पद से हटाने का आदेश दिया गया था? हाँ, तो वर्तमान तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के जाँच प्रतिवेदन में हुई अनियमितताओं के दोषी पदाधिकारियों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? हाँ, तो उसकी समयावधि क्या होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रकरण में कलेक्टर, खरगोन की रिपोर्ट में गबन बाबत कोई अंतिम निष्कर्ष अभी नहीं पाया गया है। यह सच है कि माह मई, 2014 से माह सितम्बर, 2014 तक हुए भुगतानों की जाँच कलेक्टर, जिला खरगोन द्वारा संयुक्त संचालक, स्थानीय निधि संपरीक्षा, इंदौर से कराई गई है। संयुक्त संचालक, स्थानीय निधि संपरीक्षा, इंदौर के जाँच प्रतिवेदन क्रमांक एफ.ए.आय./प्रति दिनांक 15.03.2016 के संदर्भ में कलेक्टर, खरगोन द्वारा पत्र क्रमांक 1153/व.लि.2/2016 दिनांक 04.07.2016 द्वारा वस्तुस्थिति शासन को प्रेषित की है। जिस पर शासन स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ, इंदौर में दायर याचिका क्रमांक 414/2015 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 15.12.2015 को पारित निर्णय प्रकरण में 02 माह में उपयुक्त कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये थे न कि पद से हटाने के। माननीय न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार प्रशासकीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रानी अवंती बाई सागर परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण
16. ( *क्र. 830 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई सागर परियोजना बायीं तट नहर की पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी एवं कौन-कौन सी माइनर एवं डिस्ट्रीब्यूटर नहरें कितनी-कितनी लम्बाई की स्वीकृत हैं? उक्त स्वीकृत माईनर एवं डिस्टीब्यूटरी नहरों में से नहर बार कितनी नहरों का कितना-कितना निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हुआ है एवं कितना-कितना निर्माण कार्य उक्त माईनरों का किन कारणों से शेष है? सूची देवें। (ख) क्या पाटन सब-डिवीजन में जल उपभोक्ता संस्था रियाना के अंतर्गत मोहनतारा के माईनर एवं उसकी सब-माईनर का निर्माण क्या प्रस्तावित था एवं इस हेतु भूमि अधिकृत कर ली गई परन्तु आज दिनांक तक निर्माण न होने के क्या कारण हैं? इसी प्रकार खजूरी टेल माईनर किलो मीटर 22 से 26 में नहर निर्माण न होने के क्या कारण हैं एवं इन शेष कार्यों का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) वित्त वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से सब-माईनरों की सफाई कितनी लागत से कराई गई एवं आधे सब माईनरों की सफाई न कराई जाने का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ख) जी हाँ, कृषकों के विवाद के कारण निर्माण नहीं हो सका है। खजूरी टेल माइनर की आर.डी. 22.70 कि.मी. से आर.डी. 26.00 कि.मी. तक आमंत्रित निविदाओं में ठेकेदार द्वारा भाग नहीं लेने एवं प्रतिस्पर्धा की कमी के कारण कार्य अपूर्ण है। वर्तमान में निविदा प्रक्रियाधीन है, निविदा की नियमानुसार स्वीकृति एवं एजेन्सी निर्धारण के पश्चात कार्य प्रारंभ हो सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। सब-माइनरों की जल प्रवाह क्षमता के 50 प्रतिशत भाग में अवरोध होने पर ही सफाई किये जाने के प्रावधान हैं।
ड्यूटी पर पदस्थ कनिष्ठ अभियंता से अभद्रता करने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
17. ( *क्र. 569 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड बिछुआ के विद्युत उपकेन्द्र खमारपानी में पदस्थ कनिष्ठ अभियंता श्री रंजीत साहू से उनके विरूद्ध आयोजित होने वाले धरना आंदोलन को स्थगित किये जाने के बदले में आयोजकों द्वारा रूपयों की मांग कर उन्हें ब्लैकमेल किये जाने का मामला विगत एक वर्ष के भीतर प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो इस मामले पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या उक्त पूरे मामले की जानकारी प्रश्नकर्ता को प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने आन्दोलनकर्ताओं के विरूद्ध प्राप्त शिकायत, शपथ पत्र, कथन आदि के दस्तावेजों सहित ऊर्जा मंत्री, म.प्र. शासन, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक छिन्दवाड़ा एवं अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षेत्र वि.वि.कं.लि. छिन्दवाड़ा को पत्र प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो पत्र और शिकायती पत्रों में किन बिन्दुओं का उल्लेख है? पत्रवार जानकारी दें। (ग) क्या आंदोलन स्थगित करने के बदले रूपयों की मांग करने वाले आन्दोलनकारियों के विरूद्ध सार्थक कार्यवाही करना तो दूर अधीक्षण यंत्री के द्वारा कनिष्ठ अभियंता श्री रंजीत साहू को ही विद्युत उपकेन्द्र खमारपानी से हटा दिया गया? क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या विद्युत उपकेन्द्र खमारपानी के कनिष्ठ अभियंता श्री रंजीत साहू के द्वारा अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध प्रस्तुत शपथ पत्र के आधार पर जाँच करने तथा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्रों पर जाँच कर कार्यवाही करने की मांग की गयी है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मामले में अधीक्षण यंत्री की संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित कर उक्त मामले की मजिस्ट्रीयल जाँच के आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, शिकायत पत्रों के माध्यम से धरना आन्दोलन की जानकारी अधीक्षण अभियंता, संचालन एवं संधारण वृत्त, छिन्दवाड़ा को प्राप्त हुई है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का उक्त संबंध में पत्र दिनांक 07.03.2016 प्राप्त होने पर अधीक्षण अभियंता, छिन्दवाड़ा द्वारा पत्र दिनांक 17.03.2016 से शिकायत की जाँच किये जाने एवं शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार समुचित कानूनी कार्यवाही करने हेतु पुलिस अधीक्षक छिन्दवाड़ा को लेख किया गया है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा ऊर्जा मंत्रीजी को पत्र क्रमांक 358, दिनांक 07.03.2016 एवं अधीक्षण अभियंता, संचालन एवं संधारण वृत्त, छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक 361 दिनांक 07.03.2016 एवं पुलिस अधीक्षक को पत्र क्रमांक 360 दिनांक 7.03.2016 प्रेषित किया गया है। उक्त पत्रों/शिकायती पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त जानकारी अनुसार कलेक्टर छिन्दवाड़ा कार्यालय में कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ग) दिनांक 23.03.2016 को ग्राम खमारपानी के ग्रामवासियों द्वारा शिकायती पत्रों का ज्ञापन, जनसुनवाई में कलेक्टर, छिन्दवाड़ा कार्यालय में दिया गया। अधीक्षण अभियंता, संचालन एवं संधारण वृत्त, छिन्दवाड़ा द्वारा इसकी जाँच करने हेतु कार्यपालन अभियंता, प्रवर्तन, छिन्दवाड़ा को निर्देशित किया गया। कार्यपालन अभियंता, प्रवर्तन, छिन्दवाड़ा द्वारा जांचोपरांत पत्र क्रमांक 973 दिनांक 29.02.2016 से जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर कार्यपालन अभियंता, संचालन एवं संधारण संभाग, सौंसर द्वारा कार्यवाही करते हुए श्री रंजीत साहू, कनिष्ठ अभियंता का स्थानान्तरण खमारपानी से संभागीय कार्यालय, सौंसर किया गया। (घ) विद्युत उपकेन्द्र प्रभारी श्री रंजीत साहू द्वारा अधीक्षण अभियंता, संचालन एवं संधारण वृत्त, छिन्दवाड़ा के विरूद्ध किसी भी प्रकार का शपथपत्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है। तथापि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा ऊर्जा मंत्री को प्रेषित पत्र क्रमांक 358 दिनांक 07.03.2016 प्राप्त हुआ है। जिस पर उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की गई है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मामले की जाँच में अधीक्षण अभियंता, संचालन एवं संधारण वृत्त, छिन्दवाड़ा की संलिप्तता नहीं पाई गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना, श्योपुर जिलों की नहरों की स्थिति
18. ( *क्र. 1087 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर से मुरैना तक नहरों में हुए सी.सी. कांक्रीट कार्य की गुणवत्ता ठीक नहीं होने से संपूर्ण नहरों में दरारें आ गई हैं, वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) क्या शासन उक्त निर्माण कार्य की जाँच वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या उक्त गुणवत्ताहीन निर्माण की शिकायत पूर्व में भी की गई थी, लेकिन उसके बावजूद भी निर्माण में कोई सुधार नहीं किया गया था? दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। नहरों में लाईनिंग की गुणवत्ता एवं स्थिति अच्छी है। निर्माण के पश्चात सामान्य स्वरूप की कुछ दरारें आईं थीं, जिन्हें निर्माण एजेंसी के व्यय से डिफेक्ट लायबिलीटी अवधि में ठीक करा लिया गया है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता अच्छी होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
अवैध खनन/ परिवहन पर कार्यवाही
19. ( *क्र. 932 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में सड़क निर्माण, भवन निर्माण, हाई-वे, टू-लेन, प्रधानमंत्री सड़क योजना आदि के निर्माण में उपयोग हेतु कौन-कौन सी फर्मों, कम्पनियों, संस्थाओं में गिट्टी, पत्थर, बोल्डर मुरम खनन/रेत खनन की अनुमति 01.04.2011 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त की थी और किसने-किसने कितनी राशि, रायल्टी के शुल्क के रूप में जमा की? (ख) क्या अवैध खनन, परिवहन स्वीकृत स्थान से अन्यत्र खनन की शिकायतें प्राप्त हुईं? उनका विवरण एवं जाँच का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) किस-किस की शिकायतें विचाराधीन हैं और कौन-कौन सी किस कारण से नस्तीबद्ध की गईं हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला छतरपुर में सड़क निर्माण, भवन निर्माण, हाई-वे, टू-लेन, प्रधानमंत्री सड़क योजना आदि के निर्माण में उपयोग हेतु पत्थर, बोल्डर खनन हेतु 1. खजुराहो मिनरल्स-खजुराहो बिल्डर्स एण्ड कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. छतरपुर, 2. एस.ई.डब्ल्यू. कंस्ट्रक्शन कंपनी हैदराबाद को अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये गये हैं तथा 3 सैद्धांतिक अनुमति जारी की गई है। अस्थाई अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा क्रमश: रूपए 3544055/-, 113600/- रूपये रायल्टी जमा की गई है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदारों के देयकों से काटी गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई छतरपुर द्वारा ठेकेदारों के बिलों से काटी गई रायल्टी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) अवैध खनन, परिवहन स्वीकृत स्थान से अन्यत्र पाये जाने पर दिनांक 01.04.2011 से अब तक अवैध खनन के 118 प्रकरणों में राशि रूपए 413177356/- प्रस्तावित कर प्रकरण बनाये जाकर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय में भेजे गये हैं एवं अवैध परिवहन के 1674 प्रकरण बनाये जाकर रूपये 40091499/- अर्थदण्ड आरोपित कर वसूल किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण
20. ( *क्र. 659 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की इन्दरगढ़ तहसील में मध्य क्षेत्र वि.वि. कंपनी द्वारा 132 के.व्ही. का विद्युत स्टेशन स्वीकृत किया गया है या उसे अपग्रेड किया गया है? यदि हाँ, तो कब? कार्य दिनांक/कार्य समाप्ति दिनांक/लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त विद्युत स्टेशन पूर्ण किया जाकर विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि इतना महत्वपूर्ण कार्य होने के बाद भी उसे समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया है? इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, दतिया जिले की इंदरगढ़ तहसील में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी नहीं अपितु मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा नवीन 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। कार्य के प्राक्कलन की स्वीकृति दिनांक 11.03.2013 है। कार्य पूर्ण किये जाने की तिथि कांट्रेक्ट अवार्ड दिनांक 20.04.2013 से 24 माह अर्थात् 19.04.2015 थी। कार्य की लागत राशि 1051.37 लाख रूपये है। (ख) टर्न-की कांट्रेक्टर द्वारा उपकेन्द्र कार्य पूर्ण नहीं किया गया है तथा कार्य बीच में ही रोक दिया गया है। कार्य में हो रहे विलंब के लिए ठेकेदार उत्तरदायी है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण कार्यादेश के अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है, जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण कार्यादेश की राशि के 10 प्रतिशत तक की पेनाल्टी टर्न-की कांट्रेक्टर के देयकों से काटी जा रही है। (ग) उक्त उपकेन्द्र का शेष कार्य विभागीय स्तर पर टर्न-की कांट्रेक्टर मेसर्स आइसोलक्स की रिस्क एवं कॉस्ट पर निविदा जारी कर शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्य के लिए निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कॉलोनी विकास एवं अन्य राशि की वसूली
21. ( *क्र. 690 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम सतना के वार्ड क्र. 33 (पूर्व वार्ड क्रमांक 31) में स्थित गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के द्वारा नगर पालिक निगम सतना से कॉलोनी बनाने हेतु किस अराजी क्रमांकों की कितने-कितने रकबे की भूमि का वैध लायसेंस कब-कब लिया? निगम द्वारा जारी लायसेंस की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समिति के द्वारा नगर निगम से लायसेंस जारी होने की तिथि से प्रश्न तिथि तक क्या-क्या सुविधायें (नाली, सड़क, बिजली के खंभे, सेप्टिक टैंक, ओव्हर हेड वाटर टैंक, पानी की पाईप लाईनें, खंभों पर बिजली के तार एवं अन्य सभी सुविधायें) उक्त कॉलोनी में उपलब्ध कराई गई हैं? बिन्दुवार सुविधावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सहकारी समिति के द्वारा कितना-कितना शुल्क नगर पालिक निगम सतना में किस-किस कार्य हेतु कब-कब जमा किया गया? मदवार, कार्यवार, राशिवार, दिनांकवार जानकारी दें। कितना-कितना शुल्क किस-किस कार्य का किस मद का किस दिनांक से नगर पालिक निगम को लेना है? राशिवार, मदवार, कार्यवार दें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समिति द्वारा नगर निगम सतना में राशि जमा नहीं कराये जाने के दोषी किस नाम/पदनाम के विरूद्ध राज्य शासन कब व क्या कार्यवाही कर कब तक उक्त राशि की वसूली करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) आराजी क्रं. 307/1/1, 308/1/1, 309/1, 311/1/1, 312/2/5, 312/2/5/1 व 519 मौजा धवारी कुल रकबा 4.07 एकड़। दिनांक 02.07.2008 नगर पालिका निगम द्वारा जारी विकास अनुमति की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) गंगा गृह सहकारी समिति द्वारा नगर पालिका निगम, सतना को अनुमति शुल्क रू. 6,600/- आश्रय शुल्क रू. 2,22,600/- पर्यवेक्षण शुल्क रू. 54,372/- क्रमश: दिनांक 17.01.2008 एवं 03.06.2008 को जमा किया गया है। कोई शुल्क जमा करना शेष नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पट्टे की भूमियों में फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम, 2010 का पालन
22. ( *क्र. 393 ) श्री राजकुमार मेव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों में स्थित पट्टे की भूमियों के संबंध में फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम, 2010 का पालन इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर, मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल इंदौर एवं रजिस्ट्रीकृत किसी गृह निर्माण सहकारी समिति सोसायटी द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ख) इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर के पास वर्ष, 2010 से प्रश्न दिनांक तक पात्र पट्टाधारी (लीज़ होल्ड) अधिकार में उनके द्वारा धारित भूमि के संबंध में फ्री होल्ड अधिकार के तहत कितने आवेदन प्राप्त हुये? किसके-किसके द्वारा किस-किस दिनांक को आवेदन प्रस्तुत किये गये? उन आवेदन पत्रों का क्या निराकरण किया गया? यदि लंबित हो तो कारण बतायें? (ग) इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर द्वारा निविदा, निरंतर पंजीयन, संकल्प-09, एस.सी., एस.टी., पूर्व दर, नियमित दर, व्यवस्था के अंतर्गत आवंटित आवासीय, व्यवसायिक भूखण्डों को फ्री होल्ड किये जाने के संपरिवर्तन करने से संपरिवर्तन प्रभार की कितनी राशि शासन को किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी प्राप्त हुई एवं जो संपरिवर्तन हेतु प्रकरण लंबित हैं, उनमें कितनी राशि का नुकसान शासन को हो रहा है? (घ) क्या शासन लंबित प्रकरणों में इंदौर विकास प्राधिकरण एवं गृह निर्माण मण्डल अथवा रजिस्ट्रीकृत गृह निर्माण समितियों को निर्देशित कर प्रक्रिया का पालन यथाशीघ्र करने हेतु निर्देशित करेगा? यदि हाँ, तो कब से?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) म.प्र.
नगरीय क्षेत्र
में स्थित पट्टे
की भूमियों के
संबंध में
राजस्व
विभाग द्वारा
अधिसूचना
क्रमांक 2-16-2009-7-6 भोपाल
दिनांक 21.09.2010 को फ्री
होल्ड
अधिकार नियम 2010
प्रभावशील
किये गये थे। प्राधिकरणों
के द्वारा म.प्र.
विकास
प्राधिकरणों
की सम्पत्तियों
का प्रबंधन
तथा व्ययन
नियम 2013 के
अंतर्गत
भूखण्डों के
व्ययन की
समस्त
कार्यवाही की
जाती है।
प्राधिकरणों
के द्वारा
उनकी योजनाओं
के लिये भूमि
तीन प्रकार से
यथा शासन से
आवंटन, आपसी
समझौते से
निजी भूमि स्वामी
से प्राप्त
करना तथा भू-अर्जन
अधिनियम के
अंतर्गत भू-अर्जन
से प्राप्त
की जाती है। राजस्व
विभाग की उक्त
अधिसूचना
राज्य सरकार
द्वारा
प्रदत्त
शासकीय भूमि
पर दिये गये
पट्टों के
संबंध में
प्रभावशील की
गई है, जबकि
प्राधिकरणों
के द्वारा
शासकीय भूमि
के अतिरिक्त
आपसी समझौते
से निजी भूमि
स्वामी से
भूमि प्राप्त
करना तथा भू-अर्जन
अधिनियम के
अंतर्गत सम्पत्ति
धारित की जाती
है। राजस्व
विभाग की उक्त
अधिसूचना को म.प्र.
विकास
प्राधिकरणों
की सम्पत्तियों
का प्रबंधन
तथा व्ययन
नियम 2013 के
अंतर्गत
प्रभावशील
करने हेतु
समस्त
प्राधिकरणों
से नीति
निर्धारण
चाही गई थी, जिस पर
नगरीय विकास
एवं आवास
द्वारा विचार
कर परीक्षणोंपरान्त
कार्यवाही
प्रचलित है। म.प्र.
गृह निर्माण
एवं
अधोसंरचना
विकास मंडल
द्वारा नियम 2010 के
परिप्रेक्ष्य
में शासकीय
भूमि पर तैयार
की गई योजना
के भूखण्डों
के संबंध में अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किये जा
रहे हैं तथा
संबंधित
कलेक्टर
द्वारा फ्री
होल्ड की
कार्यवाही की
जाती है।
रजिस्ट्रीकृत
किसी गृह
निर्माण
सहकारी समिति
सोसायटी
द्वारा नियम 2010 का पालन
किये जाने की
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख) इन्दौर
विकास
प्राधिकरण के
पास वर्ष 2010 से
प्रश्न
दिनांक तक कुल
1537 पट्टाधारी
(लीज़ होल्ड) अधिकार
में फ्री होल्ड
अधिकार के
संबंध में
आवेदन प्राप्त
हुये हैं। इन्दौर
विकास
प्राधिकरण
द्वारा 468
आवेदनों का
निराकरण किया
गया है, शेष
1069
आवेदन
विचाराधीन हैं।
जिसकी सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
शेष जानकारी
उत्तरांश (क) अनुसार।
(ग) फ्री
होल्ड
अधिकार का
प्रदान किया
जाना नियम-2010 के
अंतर्गत
संपरिवर्तन
के लिये केवल
आवासीय एवं
वाणिज्यिक
प्रयोजन के
लिये लीज़
पर आवंटित
भूमि ही
निर्धारित
श्रेणी में
आती है। नियम-5 के
प्रथम परन्तुक
अनुसार
रियायती दर/न
लाभ न हानि पर
अर्थात्
पूर्ण
प्रीमियम
प्रभारित
किये बिना
आवंटित की गई
भूमि, व्यवस्थापन
के अंतर्गत
आवंटित भूखण्ड
की पात्रता
संपरिवर्तन
की श्रेणी में
आने का राजस्व
विभाग के नियम
2010 में
वर्णन नहीं
है। अत: इस
प्रकार के
प्रकरण फ्री
होल्ड
अधिकार अधिनियम
2010 में
संपरिवर्तन
के लिये पात्र
श्रेणी में नहीं
आते हैं अत:
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) म.प्र.
नगरीय
क्षेत्रों
में स्थित पट्टे
की भूमियों के
संबंध में फ्री
होल्ड
अधिकार नियम 2010 के
परिप्रेक्ष्य
में नगरीय
विकास एवं
पर्यावरण
विभाग द्वारा म.प्र.
विकास
प्राधिकरणों
की सम्पत्तियों
का प्रबंधन
तथा व्ययन
नियम 2013
में संशोधन की
कार्यवाही
विचाराधीन
है। अत: समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
अधिगृहीत भूमि हेतु मुआवजा राशि का निर्धारण
23. ( *क्र. 59 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-अर्जन अधिकारी यूनिट क्रमांक 6 बाणसागर परियोजना रीवा म.प्र. द्वारा कोठार (राजस्थान) एवं घुघचिहाई तहसील रघुराजनगर की आराजी खसरा नं. 298, 299 के अधिग्रहण हेतु भू-स्वामियों को नोटिस दिये गये हैं और उनके लिए प्रति हेक्टेयर नौ लाख रूपये मुआवजा राशि निर्धारित की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित आराजी के समकक्ष आराजी खसरा नं. 1243 के भूस्वामी दीनावली पिता सरजू कोल सा.देह को भी भूमि अधिग्रहण हेतु नोटिस दिया गया है और इस हेतु प्रति हेक्टेयर 22 लाख रूपये मुआवजा राशि निर्धारित की गई है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) हाँ, तो एक ही तरह की आराजी के लिए मुआवजा राशि निर्धारण में इतना बड़ा अंतर क्यों है? इस त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण के लिये कौन उत्तरदायी है? इसे कब तक ठीक कर प्रश्नांश (क) के समान मुआवजा राशि निर्धारित की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, भू-अर्जन अधिकारी द्वारा रू. 9,16,666/- प्रति हेक्टर की दर से मुआवजा निर्धारित कर दिनांक 13.08.2012 को रू. 4,09,612/- का अवार्ड पारित कर भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी हाँ, भू-अर्जन अधिकारी द्वारा प्रति हेक्टर रू. 22/- लाख की दर से मुआवजा निर्धारित कर दिनांक 26.11.2012 को रू. 11,28,600/- का अवार्ड पारित कर भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) भू-अर्जन संबंधी अधिनियमों में अर्जित की जाने वाली भूमि के बाजार मूल्य का निर्धारण प्रारंभिक अधिसूचना जारी होने की तिथि में किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन दोनों प्रकरण में प्रारंभिक अधिसूचना की तिथि एवं वर्ष भिन्न-भिन्न है। मुआवजा निर्धारण में त्रुटि की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
सिंहस्थ, 2016 में कराए गए निर्माण कार्य
24. ( *क्र. 803 ) श्री रामनिवास रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ, 2016 में कुल कितनी राशि खर्च की जाना किस-किस वर्ष के बजट में प्रस्तावित था तथा किस-किस वर्ष में कितनी राशि किस-किस मद में की गई? सिंहस्थ 2016 में कुल कितनी राशि खर्च की गई? (ख) सिंहस्थ, 2016 में कितनी-कितनी राशि से किस वर्ष में क्या-क्या निर्माण कार्य किया गया? निर्माण कार्य का नाम, स्थान, कुल प्रस्तावित लागत, कुल वास्तविक लागत कार्य प्रारंभ तथा समाप्ति की दिनांक, भुगतान की दिनांक, ठेकेदार/फर्म का नाम, पता सहित सूची प्रदान करें? (ग) सिंहस्थ, 2016 में वस्तुओं की खरीदी पर कुल कितनी राशि खर्च की गई। वस्तु का नाम, दर, कुल क्रय किए गए नग, कुल देय राशि, विक्रेता का नाम, पता, टिन नं., भुगतान की दिनांक सहित बतावें, साथ ही यह भी बतावें कि उक्त वस्तुओं का उपयोग कहाँ किया गया? (घ) सिंहस्थ, 2016 में टॉयलेट किस दर से किस कम्पनी से खरीदे गए अथवा किराए से लिए गए तथा उसको स्थापित करने का कार्य किस ठेकेदार द्वारा किस दर से किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का सतत् प्रदाय
25. ( *क्र. 361 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है? यदि हाँ, तो आदिवासी क्षेत्र के कई ग्रामों में आज तक भी 24 घंटे बिजली नहीं दी जा रही है? क्यों? (ख) क्या वनवासी क्षेत्र में आदिवासी लोग मजरे टोलों में ही निवासरत् रहते हैं? यदि हाँ, तो पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के कई ग्रामों/टोलों/मजरों में 24 घंटे बिजली क्यों नहीं दी जा रही है? (ग) उक्त क्षेत्र में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा निम्न स्तर का कार्य किया जा रहा है? क्या गुणवत्ता सुधारी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, तकनीकी कारणों यथा-लाईन फाल्ट के कारण तार टूटना, विद्युत उपकरणों की खराबी आदि के कारण हुए आकस्मिक अवरोधों, आवश्यक रखरखाव कार्य हेतु अथवा नवीन विद्युत अधोसंरचना का निर्माण करने हेतु अपरिहार्य होने जैसे कारणों को छोड़कर प्रश्नाधीन क्षेत्र में गैर-कृषि कार्य हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में समस्त राजस्व ग्रामों के मुख्य आबाद क्षेत्र में गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर 10 घंटे नियमानुसार विद्युत प्रदाय की जा रही है। (ख) जी हाँ, वनवासी क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी लोग अपनी परम्परा के अनुसार पृथक-पृथक मजरों/टोलों/फल्यों में निवास करते हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित आदिवासी क्षेत्रों में समस्त राजस्व ग्रामों के मुख्य आबाद क्षेत्र में गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर 10 घंटे नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों के कुछ ग्रामों के मुख्य आबादी से दूर पृथक-पृथक बसे हुए ऐसे मजरे/टोले/फल्ये जो गैर कृषि फीडरों से संबद्ध नहीं है, उन्हे 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही उचित गुणवत्ता पूर्ण कार्य सम्पादित किये जा रहे हैं। कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये नोडल अधिकारियों व तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी द्वारा सतत् रूप से निगरानी कर ठेकेदार एजेंसी से आवश्यक सुधार कार्य कराए जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मस्टर
कर्मियों को
नगद भुगतान
1. ( क्र. 24 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-101 ( क्रमांक 7497), दिनांक 01.04.2016 के जवाब में विभाग द्वारा उज्जैन जिले की किसी भी नगर पालिका द्वारा मस्टरकर्मियों को नगद भुगतान नहीं किया जाता तथा किसी भी जनप्रतिनिधि का नगद भुगतान के संबंध में कोई सुझाव प्राप्त होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नगर पालिका परिषद् खाचरौद द्वारा वाउचर क्रमांक 968, दिनांक 14.12.2015, वाउचर क्रमांक 1126, दिनांक 05.01.2016, वाउचर क्रमांक 1185, दिनांक 13.01.2016 के माध्यम से मस्टरों का नगद भुगतान किया गया है, साथ ही आवक क्रमांक 63, दिनांक 12.01.2016 को पार्षद अर्जुन माली द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी खाचरौद एवं अध्यक्ष महोदय न.पा. खाचरौद को पत्र देकर मस्टरकर्मियों को एकाउंटपेयी चेक से भुगतान किये जाने का निवेदन किया था? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का जवाब हां है, तो क्या विभाग द्वारा सदन में गलत अपूर्ण जानकारी देने वाले तथा आर्थिक अनियमितता कर नगद भुगतान करने वाले संबंधित अधिकारी को निलंबित कर जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) अपूर्ण जानकारी देने वाले तथा आर्थिक अनियमितता कर नगद भुगतान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध जाँच करने हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग, उज्जैन को संचालनालय पत्र क्रं. 740 दिनांक 09.07.2016 द्वारा निर्देशित किया गया है। जाँच उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बालोदाकोरन तालाब की नहर का निर्माण
2. ( क्र. 36 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बालोदाकोरन में विभाग द्वारा तालाब का निर्माण किस वर्ष में कितनी लागत से किया गया है? उक्त तालाब की नहर किन-किन ग्रामों की सुविधा के लिये बनाई गई तथा किन-किन ग्राम के कृषकों को सुविधा का लाभ मिला हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा तालाब की नहर का अंतिम छोर ग्राम रावदियापीर तक है किन्तु इसका निर्माण (पक्की नहर) 200 मीटर दूरी तक ही किया गया है शेष नहर को 200 मीटर कच्ची भूमि में छोड़ दिया गया है जिससे कि ग्राम रावदियापीर के कृषकों के खेतों में पानी भर जाने से फसलों का नुकसान हो रहा हैं? विभाग द्वारा इस समस्या के निराकण के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है व दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विभाग द्वारा कृषकों कि समस्या का समाधान कब तक कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बालोदाकोरन परियोजना का निर्माण वर्ष 2015 में लागत राशि रू.1760.10 लाख से कराया गया। परियोजना की नहर ग्राम बालोदाकोरन, अजडावदा एवं रावदियापीर में सिंचाई के लिए बनाई गई है, जिससे कृषकों को सिंचाई लाभ मिला है। (ख) जी हाँ। यद्यपि नहर का कार्य अपूर्ण है, जिसे कच्ची नहर गहराई में होने से कृषकों के खेतों में पानी भरने की स्थिति नहीं है। वर्षा के पानी की निकासी के लिए नहर किनारे नाली बनाई जा रही है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। वर्षाऋतु उपरांत।
विकास कार्यों की कार्ययोजना
3. ( क्र. 58 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका निगम सतना के द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के तहत विकास कार्यों की कार्ययोजना बनाई गई थी? (ख) उक्त कार्ययोजना के तहत प्रश्नांश (क) नगर निगम क्षेत्र के कौन-कौन से विकास कार्य सम्मिलित किये गये थे? प्राक्कलन राशि, तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की विस्तृत जानकारी दें? (ग) उक्त कार्य योजना के तहत शासन/संचालनालय द्वारा कब-कब, किस-किस वार्ड में कराये जाने वाले कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि जारी की गई थी? कार्यवार विवरण दें? इन कार्यों का मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा कितनी-कितनी राशि का किया गया है? (घ) यदि उक्त कार्य योजना के तहत कार्य नहीं कराये गये हैं तो राशि किस-किस मद में कब-कब व्यय की गई है? बतायें? नियम विरूद्ध व्यय के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) योजनांतर्गत स्वीकृत अनुसार कार्य कराया जाकर, राशि व्यय की गई है। योजनांतर्गत प्राप्त राशि अन्य मद में राशि व्यय नहीं की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन पर कार्यवाही
4. ( क्र. 63 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर व शिवपुरी जिले में पिछले 3 वर्षों में कितनी अवैध खनन की शिकायतें मिली व उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) जिला मुख्यालय अशोकनगर के पास ग्राम पलकटोरी में अवैध उत्खनन को रोकने गये व जब्त वाहनों को ले जाते समय पुलिस, पटवारी, तहसीलदार से दुर्व्यवहार डरा धमकाकर वाहन छुड़ा कर ले जाने वाले अजय यादव, यादवेन्द्र यादव समेत 20 लोगों के खिलाफ प्रकरण माह जून में दर्ज हुआ एवं उस पर 20 लोगों की पहचान कर सभी को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? कब तक गिरफ्तारी हो जाएगी? (ग) जिस परिसर में इन वाहनों को रखा था उसको अतिक्रमण से मुक्त कर वहां रखे, सभी वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही में विलंब क्यों हो रहा है व कब तक शासन कार्यवाही करेगा? किस-किस धारा में प्रकरण दर्ज हुआ है? (घ) पलकटोरी खदान में पिछले कई वर्षों से सैकड़ों टन अवैध खनन की शिकायत जिला पंचायत की बैठक में के.पी.सिंह यादव द्वारा की थी उसका आंकलन कर कितना जुर्माना होता है यह बताएं तथा इसकी वसूली हेतु कब तक कार्यवाही करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार घटना में आरोपी 1- यादवेन्द्र सिंह पुत्र देशराज सिंह यादव, 2- अजय सिंह पुत्र देशराज सिंह यादव, 3- मनोज दांगी, 4- लखन यादव एवं अन्य 15-20 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 266/16 धारा 353, 341, 186, 379, 147, 148, 149 का प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया है। आरोपी घटना दिनांक से फरार है। प्रकरण विवेचना में है। आरोपीगणों की गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास जारी हैं। (ग) अतिक्रमण की भूमि सर्वे क्रमांक 555/2मि1 पर वर्तमान में राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा दिनांक 22.09.2016 तक अधीनस्थ न्यायालयों के आदेशों का क्रियान्वयन स्थगित किया गया है। अवैध उत्खनन में संलिप्त वाहनों को उक्त स्थल से जब्त किया गया था। उक्त वाहन थाना कोतवाली, अशोकनगर की अभिरक्षा में सौंपे गये हैं। प्रकरण में प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर में उल्लेखित धाराओं के अनुसार प्रकरण दर्ज किया गया है। (घ) ग्राम पलकटोरी सर्वे क्रमांक 459 रकबा 4.749 हेक्टेयर के अंश भाग एवं ग्राम मनकपुर सर्वे क्रमांक 40 रकबा 5.226 हेक्टेयर के अंश भाग पर 1,02,640 घन मीटर मुरम के अवैध उत्खनन का प्रकरण कलेक्टर, न्यायालय में दर्ज किया गया है। जिसमें राशि रूपये 10,26,40,000/- का अर्थदण्ड आरोपियों के विरूद्ध आरोपित किया गया है। प्रकरण न्यायालय कलेक्टर, अशोकनगर के समक्ष विचाराधीन है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है, अत: वसूली किये जाने की समयावधि बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को लिखे पत्रों पर कार्यवाही
5. ( क्र. 64 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2016 के प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 6602) के संदर्भ में बताएं कि प्रश्नकर्ता ने मुख्यमंत्री जी व मुख्य सचिव महोदय को पिछले 2 वर्ष में जो पत्र लिखे है, उन पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भित प्रश्न के उत्तर में बताया गया था कि राजस्व, खाद्य नागरिक उपभोक्ता व आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग तथा नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग को कार्यवाही के लिय प्रश्नकर्ता के पत्र भेज दिये है तथा कार्यवाही प्रचलित है तो बताएं कि कार्यवाही में क्या प्रगति हुई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिका/नगर पंचायतों में सीधी भर्ती
6. ( क्र. 82 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा दिनांक 8/3/2016 पत्र क्र. 3455 से प्रदेश की समस्त नगर पालिका/नगर परिषद् को पत्र भेजकर नगर पालिका/नगर परिषदों में आदर्श कार्मिक संरचना अनुसार प्रत्येक संवर्ग में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रेसिडेन्ट इन कौंसिल से संकल्प पारित कराकर व्यावसायिक परीक्षा मण्डल से भरे जाने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार पत्र क्र. 3455 दिनांक 8/3/2016 के बाद म.प्र. की कौन-कौन सी नगर पालिका/नगर पंचायत द्वारा सीधी भर्ती कर दी गई? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार नगर पालिका/नगर पंचायतों की भर्ती को निरस्त किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं व दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालनालय पत्र क्रमांक 3455 दिनांक 08-03-2016 के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश की नगर परिषद्, खुजनेर जिला राजगढ़ में सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की गई। (ग) नगर परिषद्, खुजनेर में निर्देश के पूर्व विगत दो माह पूर्व से कार्यवाही प्रचलित होने से सीधी भर्ती की कार्यवाही पूर्ण की गई। शेष के लिये प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
7. ( क्र. 104 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत कितनी नवीन सिंचाई योजनायें प्रस्तावित हैं? योजना का नाम सहित पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले के आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के लिए सिंचाई क्षमता को बढ़ाये जाने हेतु शासन स्तर पर कोई योजना प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजना प्रस्तावित है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले में जालापानी, निगरी, मवई डायवर्सन एवं मझौली मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण कराया गया है। इन परियोजनाओं की डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। परियोजनाओं की स्वीकृति विभाग के विशेषज्ञ संगठन ''बोधी'' द्वारा परीक्षण करने और तकनीकी साध्यता स्थापित होने पर निर्भर होने से स्वीकृति के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पेयजल योजना
8. ( क्र. 105 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पंचायत मझौली जिला सीधी में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु बनास नदी आधारित समूह पेयजल योजना के माध्यम से पेयजल आपूर्ति किये जाने हेतु निविदा जारी की गई हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निविदा जारी की गई हैं तो नगर पंचायत मझौली क्षेत्र के अंतर्गत पेयजल आपूर्ति हेतु निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करके पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) नगर परिषद् मझौली के द्वारा समूह नल जल योजना के निर्माण में रोक लगाये जाने हेतु परिषद् में कोई प्रस्ताव पास किया गया हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत निर्माण कार्य में रोक लगायी गयी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में नगर परिषद् मझौली के परिषद् को निर्माण कार्य में रोक लगाये जाने हेतु क्या अधिकार प्राप्त हैं। यदि नहीं, तो शासन स्तर से पेयजल आपूर्ति हेतु समूह नल जल योजना के निर्माण को जारी रखने के लिये आदेश प्रसारित किये जावेगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरगापुर विधान सभा के समस्त मजरों टोलों, ग्रामों में विद्युतीकरण
9. ( क्र. 126 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत ऐसे कितने ग्राम शेष पड़े हैं, जिसमें अभी तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है तथा जो ग्राम छूट गये उनमें बिजली कब तक लगा दी जावेगी? (ख) क्या उक्त कार्य ठेकेदारों के विलम्ब करने से देर से हो रहा है या विभाग की लापरवाही से? (ग) क्या ग्राम पंचायत बुदौरा के ठीमरन मुहल्ला में खम्बे डाल दिये हैं परन्तु आज तक खम्बे खड़े नहीं किये? इसी तरह ग्राम पंचायत रमपुरा के खुड़न में भी खम्बे लगा दिये, तार नहीं लगाये गये तथा बिजली सप्लाई नहीं की जा रही है? ग्रामीण क्षेत्र में बरसात को देखते हुए पूरे खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना से बिजली कब तक लगा दी जायेगी? समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) ग्राम पंचायत बुदौरा के ठीमरन मुहल्ला में 10 खंबे उपलब्ध है। उक्त खंबे किसी योजना के अंतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युतीकरण हेतु नहीं डाले गये है, अपितु ग्रामवासियों द्वारा स्वयं लाये गये है। ग्राम पंचायत रामपुरा का ग्राम खुडन दो भागों में विभाजित है, एक भाग जो अविद्युतीकृत था जिसे राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के 11 वें प्लान में प्रावधानानुसार दिनांक 20.09.2014 को विद्युतीकृत किया जा चुका है। दूसरा भाग पूर्व से विद्युतीकृत है, जिसके 11 केव्ही लाइन के तार चोरी हो गये है किन्तु उक्त भाग में कोई वैध कनेक्शन नहीं होने के कारण उक्त 11 के.व्ही. लाइन के तार पुन: नहीं लगाये गये है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त क्षेत्र में किसी भी योजना में वर्तमान में खंबे खड़े नहीं किए गए है किन्तु जाँच करने पर पाया गया है कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अवैधानिक रूप से 7 खंभे खड़े किये गये है, जिसकी संबंधित कनिष्ठ अभियंता खरगापुर द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। खरगापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सभी आबाद अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान में खरगापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 30 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत 39 मजरो/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य टीकमगढ़ जिले हेतु 12 वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित है, जिनमें से 27 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष कार्य प्रगति पर है जिसे माह फरवरी 2017 तक पूर्ण किया जाना है।
नहर निर्माण का मुआवजा
10. ( क्र. 139 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वान सुजारा की नहरों का निर्माण खरगापुर विधान सभा क्षेत्र 47 के कई ग्रामों के किसानों की पटैती भूमि-अधिग्रहण कर बनाई जा रही है? उक्त किसानों की भूमि का मुआवजा आज दिनांक तक क्यों नहीं दिया गया? कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या उक्त नहर निर्माण में किसानों को मुआवजा राशि शासन के मापदण्ड अनुसार नहीं दी जा रही है तथा ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से नहर की खुदाई का मटेरियल किसानों की भूमि में जबरन तरीके से जगह-जगह पर डाल दी गई है जिससे कई किसान परेशानी में है क्या किसानों को उक्त भूमि का मुआवजा दिया जायेगा जिस स्थानों पर नहरों की खुदाई का मटेरियल डाला गया है? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा जिन किसानों की भूमि पर मटेरियल डाला गया है और किसानों द्वारा आपत्ति की जा रही है ऐसी स्थिति में क्या ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बानणसुजारा परियोजना की मुख्य नहर का निर्माण कृषकों की सहमति से उनकी भूमि का अधिपत्य लेकर किया जाना होना प्रतिवेदित है। भूमि का अर्जन आपसी सहमति एवं अनिवार्य अधिग्रहण से करते हुए मुआवजा वितरण प्रगति पर होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं, निर्माण कार्य संबंधित कृषकों की सहमति से किया जाना प्रतिवेदित है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
मजदूरों को मजदूरी का भुगतान
11. ( क्र. 148 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 18.03.16 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 63 (क्रमांक 5349) के प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्रों को जाँच अधिकारी अधीक्षण यंत्री नर्मदा विकास मण्डल क्रमांक 6, कटनी एवं सतना क्रमश: दिनांक 8.12.16 एवं 1.3.16 को प्रेषित किए गए थे तो अभी क्या जाँच की गई? यदि जाँच नहीं हुई तो कब तक कर ली जावेगी बताएं और जाँच में विलंब के क्या कारण है, इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ख) टनल निर्माण हेतु मेसर्स पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड हैदराबाद व मेसर्स एस ई डब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड हैदराबाद के साथ विभाग ने क्या एग्रीमेंट किया है? (ग) टनल निर्माण में लगे ठेकेदार के कर्मचारियों/मजदूरों व अन्य मजदूरों के बकाया भुगतान का विवरण पी.एफ., जी.पी.एफ. कटौती की जानकारी यदि एकत्र कर ली गई हो तो दें, यदि एकत्र नहीं की गई तो क्यों तथा यह जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के ठेकेदार को अभी तक कितना अग्रिम (मोबेलाइजेशन एवं मशीनरी एडवांस आदि) किस-किस कार्य के लिए दिया गया है? कितना समायोजन हो गया है कितना शेष है? शेष राशि का समायोजन क्यों नहीं हुआ कब तक किया जायेगा?
राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) मुख्य अभियन्ता अपर नर्मदा जोन, जबलपुर द्वारा जाँच की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पटेल-एस.ई.डब्ल्यू. (संयुक्त उपक्रम) हैदराबाद के साथ बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद कैरियर नहर (दांयी तट नहर) की आर.डी. 104.00 कि.मी. से आर.डी. 129.00 कि.मी. तक का सर्वेक्षण, प्लानिंग, भू-तकनीकी, अन्वेषण, रूपांकन, प्राक्कलन, स्थाई भू-अर्जन प्रकरण तैयार करना, लाइन्ड सुरंग (लगभग 12 कि.मी. लम्बी व लगभग 10 मी. व्यास की) का मय कट एवं कवर, आर.सी.सी. ट्रांजीसन (लगभग 900 मी. लंबाई में) नहर का निर्माण कार्य (लगभग 13 कि.मी. लंबाई में ) जिसमें खुदाई, सीमेंट कांक्रीट लाइनिंग पक्के कार्यों का निर्माण एवं नहर प्रणाली की कमीशनिंग एवं परीक्षण आदि के कार्य का एग्रीमेंट टर्न-की आधार पर किया गया है। अनुबंध की राशि रूपये 799.00 करोड़ तथा कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित समयावधि 40 माह वर्षाकाल सहित है। (ग) ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत कर्मचारियों एवं मजदूरों के बकाया भुगतान एवं पी.एफ. कटौती का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ठेकेदार को रूपये 119.85 करोड़ (मोबेलाईजेशन एडवांस रूपये 79.90 करोड़ एवं इक्यूपमेंट एडवांस रूपये 39.95 करोड़) अग्रिम दिया गया है। प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त अग्रिम की संपूर्ण वसूली कर राशि का समायोजन किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों का प्रोफेशनल टैक्स समाप्त करने बावत्
12. ( क्र. 171 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में श्रमिकों से प्रतिवर्ष कितना प्रोफेशनल टैक्स शासन द्वारा वसूला जाता है? (ख) वर्तमान में श्रमिकों की आय कम एवं खर्चे अधिक हो चुके हैं, जिससे इन श्रमिकों को टैक्स देने में कठिनाई है? (ग) क्या प्रोफेशनल टैक्स समाप्ति की कोई योजना है? यदि नहीं, है तो कब तक बनायी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) श्रमिकों से कितना प्रोफेशनल टैक्स वसूल किया जाता है इसकी पृथक से कोई जानकारी संधारित नहीं की जाती है (ख) राज्य शासन द्वारा अल्प आय वर्ग के करदाताओं को लाभांवित करने के उद्देश्य से दिनांक 1 अप्रैल, 2013 से वृत्तिकर की छूट की सीमा रूपये 1,50,000/- से बढ़ाकर रूपये 1,80,000/- कर दी गई है। (ग) करारोपण के प्रावधान राज्य के वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता के अनुरूप किए जाते हैं। वर्तमान में ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
जलसंसाधन विभाग द्वारा बनाये गये बांध
13. ( क्र. 220 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग से किन-किन स्थानों में कितने बांधों के निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? स्वीकृत बांधों में से कितने बांधों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितने निर्माणाधीन है? स्वीकृत जिन बांधों का निर्माण कार्य अभी भी प्रारंभ नहीं हुआ है, उनके प्रारंभ न होने का क्या कारण है? (ख) क्या समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण न होने पर सामग्री का मूल्य बढ़ जाता है और शासन से पुनर्वांटन की मांग की जाती है? घटिया गुणवत्ता एवं समय पर कार्य पूर्ण न करने वाली निर्माण एजेंसी के दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा बांध एवं नहर निर्माण हेतु अधिग्रहित की जाने वाली भूमि में सिंचित एवं असिंचित माने जाने के क्या प्रावधान है? क्या कुछ कास्तकारों की भूमि-अभिलेख (खसरा) में सिंचित होने के बावजूद भी उन्हें असिंचित भूमि का मुआवज़ा प्रदाय किया जाता है, जिससे कृषक को आर्थिक नुकसान होता है? (घ) क्या भू-अभिलेख (खसरा) में सिंचित होने पर पंजीयन विभाग द्वारा जिले की गाइड लाइन के अनुसार सिंचित भूमि की स्टाम्प ड्यूटी ली जाती है और उसी भूमि का अर्जन होने पर उसका असिंचित का मुआवज़ा दिया जाता है? क्या यह कास्तकारों के साथ अन्याय नहीं है? शासन इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कब तक और क्या कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। कोई कार्य अप्रारंभ नहीं है। (ख) जी नहीं, प्रश्नाधीन कार्यों के अनुबंधों में मूल्य वृद्धि देय नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी होने और भूमि का अधिपत्य प्राप्त होने में विलंब के लिए निर्माण एजेंसी जिम्मेदार नहीं होती हैं। निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सतत् निगरानी रखे जाने के साथ-साथ कमी पाए जाने पर निर्माण एजेंसी के व्यय से कार्य ठीक कराया जाता है और निर्माण एजेंसी के विरूद्ध कार्रवाई की जाती है जो एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) एवं (घ) जिला कलेक्टर द्वारा भूमि का मुआवजा आदेश मौके पर भूमि के सिंचित अथवा असिंचित होने के विनिश्चयन के अनुसार किया जाता है। अत: कृषकों की किसी प्रकार के आर्थिक नुकसान की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
खनिज विभाग पन्ना द्वारा जारी किए गए उत्खनन पट्टे
14. ( क्र. 221 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिलांतर्गत वर्ष 2015-16 में कितने खनन पट्टे जारी कि एवं वर्तमान में कितनी खदानें किस खनिज के उत्खनन के लिये एवं किसके नाम किन-किन स्थानों में संचालित हैं? (ख) क्या संचालकों द्वारा खनिज विभाग पन्ना से सांठ-गांठ कर स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध उत्खनन किया जाता है और विभाग मूक दर्शक बनकर अवैध उत्खनन को अंजाम देता है? (ग) पन्ना जिला अंतर्गत संचालित कितनी खदानों का सीमांकन कर यह चिन्हित किया गया है कि खदान संचालकों का उत्खनन कार्य स्वीकृत क्षेत्र के अंदर है या बाहर और जो खदानें स्वीकृत क्षेत्र के अंदर संचालित नहीं पाई गई उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में जारी किये गये उत्खनिपट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ख) जी नहीं। अवैध उत्खनन पाए जाने पर अवैध खननकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (ग) संचालित खदानों में भू-प्रवेश की अनुमति के पूर्व सीमांकन के समय खदान की सीमा चिन्हित कर सीमा चिन्ह बनवाये जाते हैं। खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर इनका निरीक्षण किया जाता है। खदान संचालकों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र अंतर्गत खनन कार्य किया जा रहा है। स्वीकृत क्षेत्र के बाहर उत्खनन नहीं पाया गया है। अत: कार्यवाही किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अजा.वर्ग हेतु सिंचाई विद्युत कनेक्शन
15. ( क्र. 232 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को सिंचाई विद्युत पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु क्या प्रावधान है? (ख) मंदसौर जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को वित्तीय वर्ष 2015-16 में उपरोक्त प्रावधानों के अन्तर्गत कितने हितग्राहियों को सिंचाई पंप कनेक्शन दिये गये,संख्या बतावें? (ग) मंदसौर जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के कितने सिंचाई पंप कनेक्शन दिनांक 31.3.2016 तक की स्थिति में अवस्थित हैं? (घ) जिन अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को इस योजना के तहत सिंचाई पंप कनेक्शन दिये गये है, शासन द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इन्दौर को उसका भुगतान किया गया है अथवा नहीं की जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऐसे कृषक जिनके कुंए निम्नदाब विद्युत लाइन से 150 फीट तक की दूरी पर हैं, उन्हें जमीन के बी-1 एवं पी-2, ट्रेस नक्शा व जाति प्रमाण पत्र तथा फोटो संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर वितरण कंपनी द्वारा पंजीयन शुल्क रू. 5/- प्राप्त कर तत्काल स्थायी सिंचाई विद्युत पंप कनेक्शन दिये जा रहे है। प्रश्नाधीन श्रेणी के जिन कृषकों के कुंओं पर विद्युत कनेक्शन हेतु लाइन विस्तार कार्य आवश्यक है, उनको पंप कनेक्शन प्रदाय करने हेतु राज्य शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से कार्यवाही की जाती है। आदिमजाति कल्याण विभाग में उक्त श्रेणी के कृषकों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये जाते है तथा आदिम जाति कल्याण विभाग की मांग पर उनके द्वारा चयनित कृषकों के पम्पों हेतु लाइन विस्तार के प्राक्कलन विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा सर्वे करके बनाये जाते है। लाइन निर्माण का कार्य उक्त विभाग द्वारा ही कराया जाता है। कृषि पंप कनेक्शनों हेतु विद्युत लाइन के विस्तार कार्य का सुपरविजन वितरण कंपनी द्वारा किया जाता है तथा कार्य पूर्ण होने पर स्थायी कनेक्शन प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त यदि कृषक चाहे तो ‘‘कृषक अनुदान योजना” के तहत् भी वह सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन प्राप्त कर सकता है। कृषक अनुदान योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में लघु एवं सीमांत कृषकों द्वारा रु. 7000/- प्रति हार्सपॉवर एवं अन्य कृषकों द्वारा रु. 11200/- प्रति हार्सपॉवर की दर से राशि विद्युत वितरण कम्पनी के संभागीय कार्यालय में जमा कराई जाती है। प्रति पम्प लागत यदि रु. 1.50 लाख से अधिक की प्राक्कलित होती है, तो शेष राशि आवेदक द्वारा देय होती है। पहुंच मार्ग उपलब्ध होने पर राशि जमा करने की दिनांक से 150 दिवस में कार्य पूर्ण किये जाने का प्रावधान है। (ख) मंदसौर जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को वित्तीय वर्ष 2015-16 में उपरोक्त प्रावधानों के अंतर्गत कुल 1972 सिंचाई पंप कनेक्शन दिये गये है, जिनमें से 1946 कनेक्शन विद्यमान लाईनों से, 26 कनेक्शन आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सम्पादित कार्यों के अंतर्गत तथा अनुदान योजना के अंतर्गत निरंक कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। (ग) दिनांक 31.03.2016 की स्थिति में मंदसौर जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के सिंचाई विद्युत पंप कनेक्शनों की संख्या 23988 है। (घ) वर्ष 2015-16 में जिन अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को प्रश्नाधीन योजनाओं के तहत सिंचाई पंप कनेक्शन दिये गये है, वह कार्य राज्य शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कराया गया है। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को आदिम जाति कल्याण विभाग से इस कार्य हेतु नियमानुसार प्राक्कलन की लागत का 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज एवं लागू सर्विस टैक्स प्राप्त हुआ है।
सुवासरा नगर में पेयजल स्त्रोतों की जानकारी
16. ( क्र. 233 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा नगर पंचायत में वर्ष 2016-17 में कितने हैण्डपंप कूप एवं ट्यूबवेल में पानी प्राप्त हो रहा है एवं कितने बंद हैं? विगत 4 माह में पेयजल हेतु समस्त शासकीय कुओं एवं ट्यूबवेल में कुल कितनी विद्युत मोटर चली उन सब के विद्युत बिलों की राशि बतावें? (ख) नगर पंचायत सुवासरा द्वारा पेयजल हेतु परिवहन का उपयोग किया गया? अगर हाँ, तो कितने दिनों के लिये किया गया है, प्रतिदिन की संख्या बतावें? (ग) एक टैंकर कितनी राशि में लगाया गया एवं परिवहन में कुल कितने टैंकर एवं कुल कितनी राशि खर्च की गई है एवं किस मद से राशि खर्च की गई है? (घ) नगर परिषद् द्वारा पेयजल परिवहन प्रारंभ करने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पी.एच.ई.) अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) तथा उच्च अधिकारी से अनुमति ली गई है या नहीं? अगर ली गई है तो अनुमति की प्रतिलिपि बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सुवासरा नगर परिषद् में वर्ष 2016-17 में 08 हैण्डपंप, 02 कूप एवं 10 ट्यूब वैल से पानी प्राप्त हो रहा है। 14 हैण्डपम्प बंद है तथा एक भी कूप एवं ट्यूब वैल बंद नहीं है। 16 मोटर चलाई गई जिसकी विद्युत बिल की राशि रू. 4,23,879/- है। (ख) जी हाँ। 152 दिन पेयजल परिवहन किया गया है। प्रतिदिन की संख्या जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एक टैंकर (5000 लीटर क्षमता) राशि रू. 129/- में लगाया गया एवं कूल 13286 टैंकर पेयजल का परिवहन हुआ जिसमें कुल राशि रू. 21,12,474/- व्यय की गई। निकाय मद एवं अनुदान मद से व्यय किया गया। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर जिले के टेकनपुर हर्सी रोड का निर्माण
17. ( क्र. 247 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टेकनपुर से हर्सी तक मुख्य नहर की की सर्विस रोड को जल संसाधन विभाग से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण करने बाबत् विभाग द्वारा दिनांक 12/02/2016 को पत्र लिखा है जैसा प्रश्नकर्ता के 25 फरवरी 2016 के परि. अता. प्रश्न संख्या 58 (क्र. 1073) बताया है तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? प्रश्न दिनांक तक उक्त पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के रोड का 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, मुख्य अभियन्ता या भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कब-कब भौतिक निरीक्षण किया है दिनांकवार स्पष्ट करें? क्या उन्होंने अपने निरीक्षण में इस रोड की हालत (निर्माण) के लिये वरिष्ठालय को पत्र लिखे है यदि हाँ, तो कब-कब पत्रों का विवरण उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें? (ग) 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा भितरवार विधानसभा में किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस यंत्री, सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री के सुपरवीजन में किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य कराये गये है तथा कराये जा रहे है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्यपालन यंत्री, लोक-निर्माण विभाग, संभाग क्रमांक-2, ग्वालियर ने उनके वरिष्ठ से डी.पी.आर. बनाने की अनुमति दिनांक 20.04.2016 को मांगी है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
अमौघा तालाब से अवैध मुरूम निकालना एवं बेचना
18. ( क्र. 253 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरपालिक निगम सतना के वार्ड क्रमांक-एक में स्थित अमौघा तालाब के गहरीकरण हेतु नगर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा राशि स्वीकृत की गई है? अगर हाँ, तो कब-कब एवं कितनी-कितनी प्रश्न तिथि तक की स्थिति में जानकारी दें? (ख) क्या उक्त तालाब के गहरीकरण के नाम पर जो मुरूम निकल रही है उसको नगरपालिक निगम के द्वारा बिना खनिज विभाग की लिखित अनुमति के बिना टेंडर के बेचे जाने की शिकायत जिला कांग्रेस कमेटी शहर सतना के द्वारा कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अमौघा तालाब की मुरूम बेचे जाने से आई राशि नगरपालिक निगम सतना में किस-किस आवक क्रमांक से किस मद/खाते में कब-कब जमा की है? (ग) क्या राज्य शासन नगरपालिक निगम के मुरूम बेचने को वैध मानता है कि अवैध? क्या कार्यवाही राज्य शासन उक्त अवैध मुरूम बेचने पर किस नाम, पदनाम के विरूद्ध करेगा? बिन्दुवार जानकारी दें? अगर नहीं, तो क्यों? कारण दें, नियम बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर (जिला योजना एवं सांख्यिकी) सतना के पत्र क्रमांक 1048 दिनांक 23.05.2016 द्वारा वार्ड क्रमांक 1 अमौघा स्थित तालाब गहरीकरण निर्माण कार्य हेतु जनभागीदारी से प्रारंभ करने हेतु कुल लागत रूपयें 20.00 लाख प्रशासकीय स्वीकृति दी जाकर राज्य सरकार द्वारा उक्त योजनांतर्गत राज्य शासन के हिस्से के रूप में राशि रू. 10.00 लाख का अंशदान स्वीकृत किया गया, जिसकी प्रथम किस्त कार्यालय जिला योजना एवं सांख्यिकी सतना के आदेश क्रमांक 1053 दिनांक 24.05.2016 से रू. 5.00 लाख एवं द्वितीय किस्त आदेश क्रमांक 1278 दिनांक 15.06.2016 से रू. 5.00 लाख जारी की गई। (ख) जी हाँ। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा दिनांक 06.06.2016 को जिलाध्यक्ष सतना को संबोधित शिकायती ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था। इस ज्ञापन की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ज्ञापन में खनिज विभाग की लिखित अनुमति एवं टेण्डर के बिना अमौघा तालाब के गहरीकरण से निकली मुरूम को बेचे जाने संबंधी शिकायत सम्मिलित नहीं है। (ग) अमौधा तालाब से निकली मुरूम/मिट्टी नगर निगम द्वारा बेची नहीं गयी है। अत: शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अवैध खनिज परिवहन के दोषियों पर कार्यवाही
19. ( क्र. 259 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 03.03.2016 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न संख्या-115 (क्रमांक 3957) के उत्तर (क) से (घ) के संदर्भ में अवैध परिवहन के 590 प्रकरणों में आरोपित अर्थदण्ड की मात्रा प्रतिवाहन नहीं बताई गई? ऐसी कितनी खदानें हैं जिनकी समयावधि समाप्त हो चुकी है, लेकिन उनके द्वारा खदान बंद नहीं की गई? उनके विरूद्ध कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के खनिज पट्टाभिलेखों के प्रकरणों में मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन फीस शासन के मापदण्ड अनुसार ली गई? खनिज पट्टों के अनुबंध कम कीमत के स्टाप पर कर शासन को कितना आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार अगर कार्यवाही संबंधितों द्वारा शासन के मापदण्ड एवं अनुबंध के शर्तों अनुसार नहीं की गई, मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन शुल्क कम वसूला गया तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? शासन को हुई क्षति की वसूली क्या संबंधितों से करते हुए आपराधिक प्रकरण राशि के गबन का दर्ज करावेंगे? हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 3957 में अवैध परिवहन के प्रकरणों पर आरोपित अर्थदण्ड की राशि वाहनवार नहीं मांगी गई थी। उत्तर प्रश्न अनुरूप प्रेषित किया गया था। जिले में ऐसी कोई भी खदान संज्ञान में नहीं है, जो समयावधि समाप्ति के बाद बंद नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियो के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
20. ( क्र. 263 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 705 दिनांक 16.03.2016 के माध्यम से रीवा जिले में घटिया एवं गुणवत्ताविहीन नहरों का निर्माण किया जा रहा है, पर जल संसाधन विभाग से जानकारी चाही गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्य अभियंता गंगा बेसिन रीवा ने जिले की जवा तहसील में निर्मित वर्तमान 5 उद्वहन सिंचाई योजनाओं के रीस्ट्रक्चरिंग के कार्य की तकनीकी स्वीकृति जून 2013 में दी गई थी? सी.ई. गंगा बेसिन रीवा संभाग के कार्यपालन यंत्री (ई.ई.) संभाग को उद्वहन योजनाओं के कार्यों के निष्पादन को रोकने हेतु मई 2014 में निर्देशित किया? (ग) प्रश्नांश (ख) के योजनाओं को त्योंथर फ्लो योजना में आक्षादित होने के कारण मई 2014 में रोका गया? अगर इसको तकनीकी स्वीकृत देने हुए देख लिया जाता तो 5 उद्वहन सिंचाई योजनाओं के कार्य का प्रदाय नहीं होता और 60.26 लाख के व्यय को टाला जा सकता था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की योजनाओं हेतु अगर अधिकारियों द्वारा लापरवाही न बरती गई होती तो 60.26 लाख रूपये की बचत की जा सकती थी? क्या इस राशि की वसूली संबंधित अधिकारियों से करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) त्योंथर बहाव परियोजना का कार्य पूर्ण कराकर सिंचाई जल प्रदाय करने में 3-4 वर्ष का समय लगना संभावित होने से इस दौरान उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं के सैच्य क्षेत्र में सिंचाई लाभ दिए जाने हेतु परियोजनाओं के संधारण एवं मरम्मत के लिए स्वीकृति दी गई है। सिंचाई लाभ दिए जाने के कारण व्यय निष्फल नहीं है।
पचीपुरा में निर्माणाधीन 132 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन का निर्माण
21. ( क्र. 271 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पचीपुरा बैराढ़ में 132 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन वर्ष 2013 से निर्माणाधीन है? इसके निर्माण हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गयी थी? (ख) क्या मेसर्स आईसोलेक्स गुड़गांव द्वारा समय अवधि में कार्य पूर्ण न करने के कारण उक्त कंपनी का टेण्डर निरस्त किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु विभाग द्वारा वर्तमान में क्या कार्यवाही की गयी है? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) क्या उक्त 132 के.व्ही. विद्युत सबस्टेशन का निर्माण आज दिनांक तक भी पूर्ण नहीं हो पाया हैं जिससे क्षेत्र में विद्युत समस्या बनी हुयी है? (घ) उक्त विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, पचीपुरा बैराढ़ में 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र वर्ष 2013 से निर्माणाधीन है। कार्य पूर्णता की समय-सीमा, कांट्रेक्ट अवार्ड दिनांक 20.04.2013 से 24 माह अर्थात दिनांक 19.04.2015 निर्धारित की गयी थी। (ख) जी हाँ, टर्न की कान्ट्रेक्टर मेसर्स आइसोलक्स, गुडगांव द्वारा समयावधि में कार्य पूर्ण न करने के कारण उक्त कंपनी को जारी कार्यादेश निरस्त किया गया। कार्य पूर्ण किये जाने हेतु टर्न की कांट्रेक्टर मेसर्स आइसोलक्स गुडगांव की रिस्क एवं कॉस्ट पर विभागीय स्तर पर सामग्री क्रय एवं इरेक्शन हेतु निविदा दिनांक 05.07.2016 को जारी कर अन्य ठेकेदार को कार्यादेश प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त उपकेन्द्र का लगभग 29 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) जी हाँ। (घ) उक्त उपकेन्द्र का शेष कार्य विभागीय स्तर पर टर्न की कांट्रेक्टर मेसर्स आइसोलक्स की रिस्क एवं कॉस्ट पर निविदा जारी कर शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्य के लिए निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पचीपुरा तालाब के डूब क्षेत्र में पुल/रपटा निर्माण
22. ( क्र. 274 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित पचीपुरा लघु सिंचाई योजनान्तर्गत निर्मित तालाब के डूब क्षेत्र में सांपरारा से दुल्हारा सड़क पहुँच मार्ग व पुल/रपटा को शामिल नहीं किए जाने के कारण ग्राम सांपरारा से दुल्हारा मार्ग पर आवागमन बंद हो गया है जिससे कई गांवों के लोगों को आवागमन हेतु काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है? साथ ही लगभग 02 करोड़ की लागत से निर्मित सांपरारा से दुल्हारा सड़क की उपयोगिता समाप्त हो गयी है? (ख) क्या जल संसाधन विभाग सांपरारा से दुल्हारा मार्ग पर पचीपुरा तालाब के निर्माण के कारण डूब क्षेत्र में आये पुल/रपटा को ऊंचा बनाया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जल संसाधन विभाग द्वारा डूब क्षेत्र में आने कारण बंद उक्त सड़क पर नवीन पुल/रपटे को ऊंचा करके कब तक निर्मित करा दिया जावेगा? जिससे उक्त मार्ग पर आवागमन बहाल हो सके?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) पचचीपुरा लघु सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र में सांपरारा से दुल्हारा सड़क डूब में आने के कारण सांपरारा से मकलीझरा नवीन मार्ग एवं उच्च स्तरीय पुलिया का निर्माण किया जाकर वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
निज सहायक, विधायक कोलारस की सेवाएं यथावत रखे जाना
23. ( क्र. 286 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी के आदेश क्रं. 1185 बी/स्था./6-2/2014 शिवपुरी दिनांक 01/03/2014 से श्री ओ.पी. शर्मा कार्यालय सहायक वर्ग-2 म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. की सेवाएं प्रश्नकर्ता विधायक विधानसभा क्षेत्र कोलारस को उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो उक्त सेवा किन नियमों/निर्देश के तहत उपलब्ध कराई गई है? लागू नियमों की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी ने विधायक कोलारस के निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं विभाग को वापस किए जाने हेतु आदेश पृष्ठांकन क्रं. 10465 दिनांक 19/10/2015 जारी किया है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश किस पत्र के क्रम में जारी किया गया है? क्या उक्त पत्र में श्री ओ.पी. शर्मा का नाम लिखकर उनकी सेवाएं विभाग को वापस सौंपे जाने का उल्लेख किया है? यदि नहीं, तो सेवाएं वापिस करने का आदेश क्यों जारी किया गया? (ग) क्या विधायक कोलारस द्वारा अपने पत्र क्र. 06 दिनांक 14/01/2016 के द्वारा उनके निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं यथावत रखने हेतु अनुरोध किया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि निज सहायक की सेवाएं यथावत रखे जाने हेतु कलेक्टर शिवपुरी द्वारा क्या कार्यवाही की गई और की गई कार्यवाही से इस पत्र के क्रम में विधायक कोलारस को कब एवं किस पत्र द्वारा अवगत कराया? (घ) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी का आदेश पृष्ठांकन क्र. 10465 दिनांक 19/10/2015 कब प्रदान किया गया? श्री ओ.पी. शर्मा के द्वारा उक्त आदेश की दी गई प्राप्ति की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें? यदि उक्त आदेश कलेक्टर शिवपुरी द्वारा प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराया तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर शिवपुरी द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक (1), दिनांक 19 मई 1995 के अंतर्गत सौंपी गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के पत्र क्रमांक 836, दिनांक 31.07.2015 के क्रम में। जी नहीं। प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के पत्र क्रमांक 836 में लेख किया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक (1) दिनांक 19 मई, 1995 के बिंदु क्रमांक 3 के अनुसार राज्य शासन के किसी भी कर्मचारी की सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार माननीय सांसदों एवं विधायकों को है। चूंकि म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के कर्मचारी राज्य शासन के कर्मचारी (लिपिक) नहीं है, अत: प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के पत्र दिनांक 31.07.2015 द्वारा किये गये अनुरोध पर समान प्रकार के दो प्रकरण होने से आदेश क्रमांक 10465 दिनांक 19.10.15 द्वारा दोनों कर्मचारियों की सेवाएं माननीय विधायक महोदय कोलारस एवं पिछोर से वापस लेकर मूल विभाग को सौंपी गई। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक के पत्र के संबंध में कलेक्टर शिवपुरी के पत्र क्रमांक 3015 दिनांक 10.06.2016 द्वारा ऊर्जा विभाग से अभिमत चाहा गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है एवं कलेक्टर शिवपुरी के पत्र क्रमांक 86 दिनांक 23.06.2016 द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत चाहा गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है, साथ ही प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल को भी अवगत कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 1058/1729/2016/एक (1) दिनांक 08.07.2016 द्वारा परिपत्र दिनांक 19.05.1995 द्वारा जारी निर्देश को शिथिल करते हुए, श्री ओ पी शर्मा सहायक वर्ग-2 की सेवाएं श्री रामसिंह यादव, विधायक कोलारस को सौंपे जाने की अनुमति दी गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ड.' अनुसार है, जिसकी क्रम के कलेक्टर शिवपुरी के आदेश क्रमांक 3539/स्था/6-2/2016 दिनांक 08.07.2016 द्वारा श्री ओ.पी.शर्मा सहायक वर्ग-2 म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. की सेवाएं श्री राम सिंह यादव, विधायक कोलारस को निज सहायक के रूप में सौंपी गई हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''च'' अनुसार है। (घ) आदेश की प्रति माननीय विधायक एवं श्री ओ.पी. शर्मा को माननीय विधायक महोदय के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु भेजी गई थी, प्राप्ति की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''छ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय विधायकों एवं सांसदों को लिपीकीय सुविधा
24. ( क्र. 287 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी के आदेश क्र. 821, दिनांक 11.02.2015 से श्री बृजेन्द्र श्रीवास्तव कार्यालय सहायक श्रेणी-3 म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि.मि. संभागीय पिछोर की सेवाएं विधायक विधानसभा क्षेत्र पिछोर के निज सहायक के रूप में उपलब्ध कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्त सेवाएं शासन के किस आदेश/परिपत्र के तहत उपलब्ध कराई गई थी? शासन के आदेश/परिपत्र की एवं आदेश क्र. 821 की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) क्या श्री बृजेन्द्र श्रीवास्तव की सेवाएं नियमों के विपरीत उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो नियमों के विपरीत आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा? यदि शासन कार्यवाही नहीं करेगा तो क्यों? (ग) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी का आदेश क्र. 821 दिनांक 11.02.2015 शासन के आदेश परिपत्र एवं नियमों का अध्ययन किए बगैर एवं देखे बगैर जारी किया गया है? यदि हाँ, तो नियमों का उल्लंघन क्यों एवं किसके द्वारा किया गया? (घ) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी को किसी भी निगम-मण्डल अथवा म.प्र. शासन का उपक्रम म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि.मि. के कर्मचारी की सेवाएं माननीय विधायक के निज सहायक के रूप में उपलब्ध कराने का अधिकार है? यदि हाँ, तो शासन के कौन से नियम/आदेशों के तहत अधिकार हैं? इसकी छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें? यदि अधिकार नहीं है तो आदेश कैसे जारी किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ ए 10-15/1994/एक (1) दिनांक 19 मई, 1995 के अंतर्गत सौंपी गई हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं आदेश क्रमांक 821 दिनांक 11.2.2015 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। कलेक्टर शिवपुरी के आदेश क्रमांक 1185 (बी) /स्था/6-2/2014 दिनांक 01.03.14 से श्री ओ.पी. शर्मा, सहायक वर्ग-2, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. शिवपुरी की सेवाएं कोलारस विधायक श्री रामसिंह यादव की मांग पर विभाग एवं लिपिक की सहमति के आधार पर सौंपी गई थीं, उन्हीं के समान श्री बृजेन्द्र श्रीवास्तव, सहायक श्रेणी-3 म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. संभागीय पिछोर की सेवाएं माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र पिछोर के निज सहायक के रूप में उपलब्ध कराई गई थीं, अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कलेक्टर शिवपुरी के आदेश क्रमांक 1185 (बी) /स्था/6-2/2014 दिनांक 01.03.14 से श्री ओ.पी. शर्मा, सहायक वर्ग-2, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. शिवपुरी की सेवाएं कोलारस विधायक श्री रामसिंह यादव की मांग पर विभाग एवं लिपिक की सहमति के आधार पर सौंपी गई थीं, उन्हीं के समान श्री बृजेन्द्र श्रीवास्तव, सहायक श्रेणी-3 म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. संभागीय पिछोर को सचिवालयीन कार्य हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ ए 10-15/1994/एक (1) दिनांक 19 मई 1995 के अंतर्गत आदेश जारी किये गये हैं।
सेमरिया स्थित शंकरजी तालाब का सौन्दर्यीकरण
25. ( क्र. 317 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सेमरिया स्थित शंकर जी तालाब के सौन्दर्यीकरण हेतु वर्क आर्डर जारी होने के बाद भी आज दिनांक तक कार्य शुरू नहीं हुआ? (ख) कार्य शुरू न होने के कारण क्या है? इसमें दोषी कौन-कौन है? कार्य कब तक शुरू हो पायेगा एवं कब तक पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) तालाब की जमीन का सीमांकन न होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है। कोई दोषी नहीं है। सीमांकन उपरांत कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।
नगरीय क्षेत्रों की कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं
26. ( क्र. 364 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले के नगरीय क्षेत्रों में कितनी कॉलोनियां विस्तारित हुई है? नगरीय क्षेत्रवार संख्या एवं नाम सहित बतावें? (ख) कॉलोनाईजर द्वारा क्या-क्या मूलभूत सुविधायें दिये जाने के शासन के द्वारा नियम है? जिले में स्थित इन कॉलोनियों में क्या निर्धारित मापदंड अनुसार सुविधाएं दी जा रही है? (ग) खेतिया, पानसेमल एवं पलसूद में बेची गई कॉलोनियों का डायवर्सन कब हुआ तथा क्या शर्तें तय थी? क्या उन शर्तों का पालन हुआ है? यदि हाँ, तो सभी शर्तें एवं वहां की व्यवस्था की प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या इन कॉलोनियों के निवासियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? क्या इन अवैध कालोनाईजरों के विरूद्ध शासन/विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बड़वानी जिले अंतर्गत कुल 07 नगरीय निकायों में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार 107 कॉलोनियां विस्तारित हुई है। (ख) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के अनुसार कॉलोनी के आंतरिक एवं बाह्य विकास कार्य अनुसार कॉलोनाईजर को कॉलोनी वासियों को मूलभूत सुविधाएं दिये जाने का नियम है। नगरीय निकायों से प्राप्त जानकारी अनुसार कॉलोनियों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार सुविधायें दिये जाने संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) नगर परिषद् खेतिया, पानसेमल एवं पलसूद में बेची गई कॉलोनियों का डायवर्सन एवं शर्तों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शाला उपकर की प्राप्त राशि
27. ( क्र. 372 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका निगम इन्दौर में शाला उपकर के रूप में पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई? (ख) उक्त शाला उपकर राशि का कितने विद्यालयों पर किन-किन कार्यों के लिए खर्च किया गया है या व्यय प्रस्तावित है? (ग) शाला उपकर मद से कितने विद्यालयों में कार्य किया जाना प्रस्तावित है तथा क्या-क्या कार्य किये जाना है? (घ) वर्तमान में उक्त मद से किन-किन विद्यालयों में क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं, उनकी जानकारी दें तथा लंबित कार्यों कौन-कौन से है तथा उन्हें कब तक पूरा कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पिछले 03 वित्तीय वर्षों में शाला उपकर की राशि वर्षवार है :- वर्ष 2013-14 रूपये 12,71,09,000/-, वर्ष 2014-15 रूपये 15,93,17,000/-, वर्ष 2015-16 रूपये 18,33,87,346/- कुल राशि रूपये 46,98,13,346/- एकत्रित हुई है। (ख) विगत 03 वर्षों में शाला उपकर से विद्यालयों में किये गये कार्यों का विवरण वर्षवार है :- वर्ष 2013-14 में 78 विद्यालयों में कार्य किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, वर्ष 2014-15 में 72 विद्यालयों में कार्य किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, वर्ष 2015-16 में 43 विद्यालयों में कार्य किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) शाला उपकर मद से 24 विद्यालयों में कार्य किया जाना प्रस्तावित है एवं 12 विद्यालयों में एम.आई.सी. से निविदा पश्चात् वित्तीय स्वीकृति शेष है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) शाला उपकर मद से 39 विद्यालयों में कार्य किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''य'' अनुसार है, वर्तमान में कोई कार्य लंबित नहीं है।
पेंशन प्रकरणों का निराकरण
28. ( क्र. 373 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के पेंशन नियम 57 एवं 59 के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवक का 24 माह पूर्व पेंशन प्रकरण तैयार करना एवं 6 माह पूर्व पेंशन स्वीकृति का प्रकरण तैयार कर जिला कोषालय अधिकारी को भेजने का प्रावधान है? इस नियम के अंतर्गत इन्दौर जिले में विभागवार सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के संबंध में क्या स्थिति है? अवगत करावें। (ख) कितने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी हैं जिनके प्रकरण उक्त नियम के अंतर्गत तैयार कर कोषालय अधिकारी को समय-सीमा में प्रेषित किये गये हैं? विभागवार संख्या बतावें। (ग) ऐसे सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी कितने हैं जिनके प्रकरण सेवानिवृत्त होने के पश्चात् भी लंबित हैं। ऐसे कर्मचारियों की संख्या बतायें जिनको सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी पेंशन का भुगतान किया जाना लंबित है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी, हाँ। इन्दौर जिले के विभागीय कार्यालय प्रमुखों से संभागीय पेंशन कार्यालय इंदौर में दिनांक 30-06-2016 की स्थिति में कुल 52 पेंशन प्रकरण अग्रिम प्राप्त हुए है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार कुल 52 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रकरण उक्त नियमों के तहत अग्रिम रूप से समय-सीमा में प्रेषित किये गये है, विभागवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 30-6-2016 की स्थिति में लंबित न्यायालयीन प्रकरण, विभागीय जाँच, लोकायुक्त जाँच तथा शासकीय धन की वसूली से संबंधित कुल 137 पेंशन प्रकरण लंबित है।
जन अभियान परिषद् के कार्य
29. ( क्र. 379 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में जन अभियान परिषद् से जुड़ी कितनी समितियां गठित हैं, कितनी समितियां इस अभियान द्वारा लाभांवित हुई हैं? सूची नामवार, ग्राम, राशि सहित देवें? (ख) इस समितियों द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में क्या-क्या कार्य कराये गये, इन कार्यों से लाभांवितों की संख्या बतायें? (ग) उक्त समितियों ने भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र में कराये गये कार्यों की सूची समितिवार देवें? (घ) नयी समितियों को जोड़ने की प्रक्रिया क्या है? पुरानी जुड़ी समितियों को किन शर्तों पर कार्य दिया गया, प्रति देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) खरगोन जिले में जन अभियान परिषद् द्वारा 606 समितियों का गठन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इन 606 समितियों द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार चौपाल/बैठकों का आयोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, नशामुक्ति, हरियाली,/ पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, समग्र स्वच्छता एवं साफ-सफाई, कृषि को लाभकारी बनाना, कुपोषण एवं परिवार नियोजन विषयों पर कार्य किये गये है। समितियों द्वारा किये जा रहे कार्यों से संबंधित ग्राम के ग्रामवासी लाभांवित हुये है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) नयी समितियों को जोड़ने की प्रक्रिया एवं पुरानी समितियों द्वारा कार्य कराये जाने की शर्तों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
तालाबों हेतु स्वीकृति राशि
30. ( क्र. 394 ) श्री राजकुमार मेव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में कितने नवीन तालाबों के निर्माण एवं कितने पुराने तालाबों एवं उनकी नहरों के रख-रखाव एवं सुदृढ़ीकरण हेतु राशि स्वीकृत की गई? कितने कार्य प्रारंभ, कितने कार्य पूर्ण, कितने कार्य अपूर्ण एवं कितने कार्य अप्रारंभ है? उक्त कार्यों पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब, नवीन तालाबों के निर्माण, पूर्व के तालाबों एवं उनकी नहरों के रख-रखाव एवं सुदृढ़ीकरण हेतु प्रस्ताव विभाग को दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में वर्ष 2016-17 में कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? यदि नहीं, किये गये तो क्या कारण है? (घ) क्या शासन द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के किसानों की निरंतर की जा रही मांगों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? यदि नहीं, तो वर्ष 2016-17 में कितने कार्यों की स्वीकृति किसानों के हित में दी गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मा. प्रश्नकर्ता विधायक से शासन को प्राप्त पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने की पृष्ठभूमि में स्वीकृति के लिए समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है।
आंकलन खपत बिलों में अनियमितता
31. ( क्र. 404 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने घरेलू विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके विद्युत बिल आंकलन खपत के आधार पर दिये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित उपभोक्ताओं के माह अप्रैल 2016 के बिलों में उल्लेखित आंकलन खपत क्रमश: 100, 150, 200, 250 एवं 300 के स्थान पर माह मई 2016 के बिलों में लगभग दो गुना आंकलन खपत की वृद्धि कर क्रमश: 150, 250, 300, 350 एवं 400 रीडिंग के बिल दिये गये है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या प्रति उपभोक्ता पर 100 प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार किस आधार पर किस कारण से डाला गया है? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) माह मई 2016 के कितने घरेलू विद्युत बिलों का सुधार माह जून 2016 में किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया है? बिलों का सुधार कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विदिशा जिले के गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अप्रैल 2016 में कुल 7308 घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के बिल दिये गये हैं। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित घरेलू उपभोक्ताओं में से 1199 उपभोक्ताओं की खपत सम्बद्ध भार के अनुरूप नहीं पाये जाने पर वास्तविक भार के अनुसार खपत पुनरीक्षित की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए गए जिन उपभोक्ताओं की खपत भार के अनुरूप नहीं पाई गई, उन्हें ग्रीष्मकाल में कूलर, ए.सी. पंखे आदि का अधिक उपयोग पाये जाने के कारण उनके बिलों को वास्तविक भार के अनुरूप पुनरीक्षित किया गया है, जो कि नियमानुसार है। इसके लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (घ) माह मई-2016 के 299 घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों का सुधार माह जून-2016 में वितरण केन्द्रों में पदस्थ प्रबंधक/सहायक प्रबंधक के द्वारा परिसरों की जाँच कर किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वितरण केन्द्र का नाम |
अधिकारी का नाम व पद |
मई-16 के घरेलू उपभोक्ताओं के माह जून 2016 में सुधार किए गए विद्युत देयकों की संख्या |
1. |
बासौदा (श.) |
श्री शैलेश जराठे, प्रबंधक |
210 |
2. |
गंज |
श्री पंकज गोहिते, सहायक प्रबंधक |
89 |
कुल |
299 |
घरेलू उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी समस्याओं की जाँच कर आवश्यक सुधार किये जा रहे हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है, अत: इस हेतु कोई निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिहोरा बरझा मार्ग का निर्माण
32. ( क्र. 421 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या-15 (क्रमांक 2423) दिनांक 25 फरवरी, 2016 में खितौला से सिहोरा बरझा लिंक रोड की स्वीकृति के परिपालन में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) किन-किन भू-स्वामियों की भूमि अधिग्रहण कर ली गई है? सूची उपलब्ध करायें। इन्हें किस-किस दर से मुआवजे का भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जावेगा? (ग) कंडिका (क) सड़क निर्माण के लिये डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करायें? यह भी बतायें कि मार्ग निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निकाय द्वारा खितौला से सिहेरा बरझा लिंक रोड निर्माण हेतु परिषद् द्वारा चाही गई जानकारी तहसीलदार से दिनांक 22.02.2016 से प्राप्त की गई तथा रोड निर्माण की डी.पी.आर. राशि रू. 218.11 लाख की परिषद् द्वारा स्वीकृत की जाकर, रोड निर्माण में आने वाली भूमि के अधिग्रहण तथा देय मुआवजा राशि हेतु प्रस्ताव कलेक्टर जबलपुर को भेजा गया। मुआवजा राशि का आंकलन, कलेक्टर जबलपुर द्वारा किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। सड़क निर्माण हेतु अब तक भूमि स्वामियों की भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार सड़क निर्माण हेतु डी.पी.आर. की स्वीकृति नहीं दी गई है, डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। अत: उसकी प्रति उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
सिहोरा पेयजल योजना
33. ( क्र. 422 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा नगर पालिका में उदय परियोजना के तहत जल प्रदाय योजना का कार्य किया जाना प्रस्तावित है? इसके लिये एल.एन. मालवीय इंफा प्रोजेक्ट प्राईवेट लिमिटेड को कंसलटेंट नियुक्त किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) कंसलटेंट द्वारा बनाये गये डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करायें तथा यह भी बतायें कि इस परियोजना का कार्य किस एजेंसी के द्वारा कब तक पूरा कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगति पर है। इस योजना का क्रियान्वयन म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी के द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्य
34. ( क्र. 451 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री,संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अभी पर्यटन विभाग द्वारा वर्तमान में कितने कार्य निर्माणाधीन हैं, उनकी लागत सहित नाम बताएं वर्तमान में उनके निर्माण की क्या स्थिति है एवं यह कार्य कब तक पूरे कर लिये जायेंगे? (ख) क्या सागर नगर की विभिन्न बावडि़यों (जल स्त्रोत) एवं बाघराज मंदिर में निर्माण कार्य हेतु टेण्डर किये गये थे परन्तु अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किये जा सके हैं? इन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि के टेण्डर किये गये थे? यह कार्य कब तक शुरू कर लिये जायेंगे? समय-सीमा बताएं?
राज्यमंत्री,संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) 2 कार्य निर्माणाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार।
बाढ़ नियंत्रण योजनांतर्गत मोंगा बंधान कार्य
35. ( क्र. 452 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अतारांकित प्रश्न संख्या-127 (क्रमांक 5222) दिनांक 11 मार्च 2016 के उत्तरांश में बताया गया था कि, नाले के दोनों किनारों पर अतिक्रमण होने से कार्य पूर्ण कराना संभव नहीं है तो क्या अतिक्रमण को दृष्टिगत रखते हुये रिंग वॉल को एलायमेंट में परिवर्तन कर लिया गया है, जिससे कि अतिक्रमण के कारण कार्य अवरोध उत्पन्न होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता? (ख) यदि हाँ, तो यह कार्य अभी तक क्यों पूर्ण नहीं हो पाया है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या इस कार्य में एक स्टॉपडेम बनाने का प्रावधान था? यदि नहीं, तो आवश्यकतानुसार स्टॉपडेम बनाने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जायेगी और कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। विंग वॉल एलाईमेंट में परिवर्तन नहीं किया गया है। अतिक्रमण के कारण अवरोध की समस्या सतत् है। (ख) नाले के किनारे अतिक्रमण, नाले में गंदगी एवं जल सतत् प्रवाहित के कारण, निर्माण कार्य की गति धीमी है जिसके लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। कार्य की पूर्णता वर्ष 2017-18 में संभव है। (ग) जी नहीं। जी नहीं, स्टॉपडेम से कोई सिंचाई लाभ नहीं होने के कारण।
नगर परिषद् को प्राप्त राशि
36. ( क्र. 485 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर परिषद् बैहर को विभिन्न योजनाओं में शासन विभाग से नगर परिषद् को प्राप्त राशि द्वारा निर्माण कार्य/सामग्री खरीदी का कार्य किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य/सामग्री खरीदी हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई, सफल निविदाकार का नाम, दर, निविदा राशि सहित जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रायल्टी की राशि
37. ( क्र. 486 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, नगरीय निकाय, वन विभाग में चल रहे निर्माण कार्यों में उपयोग किये जा रहे गौण खनिज रेत, मुरूम, गिट्टी, बोल्डर की रायलटी की राशि विभागों द्वारा विभागीय निविदा प्राप्त ठेकेदारों के बिलों से सीधे काट कर खनिज विभाग में जमा की जा रही है? हां या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो किन नियमों/प्रावधानों से ठेकेदारों से बिलों की राशि काटकर जमा की जा रही है नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागों ने, किन-किन निर्माण कार्यों के, किन-किन ठेकेदारों की कितनी-कितनी राशि प्रतिवर्ष जमा की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) खनिज साधन विभाग के परिपत्र दिनांक 31-01-2006 एवं 04-03-2016 के अनुसार ठेकेदारों के बिलों से राशि काटकर जमा की जा रही है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
लघु सिंचाई योजनाओं का पुन: सर्वेक्षण व स्वीकृति
38. ( क्र. 517 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मण्डल गुना जिला गुना के पत्र क्रमांक /1906/कार्य./2016 गुना दिनांक 16.05.2016 से कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन संभाग नरसिंहगढ जिला राजगढ़ को विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत जामी तालाब, पातलापानी तालाब, भगोरा तालाब, सुन्दरपुरा तालाब, खेजडा महाराज तालाब, अमानपुरा तालाब, बंजारी तालाब, नाहरगढ़ (बांसखों) तालाब लघु सिंचाई योजनाओं का स्थल निरीक्षण करते हुये तकनीकी आधार पर परखते हुये शासकीय मापदण्ड़ों के अनुसार पाये जाने पर साध्यता हेतु प्रस्तावित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किन-किन लघ़ु सिंचाई योजनाओं का स्थल निरीक्षण संबंधित अधिकारी द्वारा किया गया तथा कौन-कौन सी लघु सिंचाई योजना शासकीय मापदण्ड अनुसार पाये जाने पर साध्यता हेतु कब प्रस्तावित की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या उक्त सभी लघु सिंचाई योजनाएं कम लागत में अधिक हेक्टेयर भूमि रकबा सिंचित करने वाली योजनाएं हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन यथाशीघ्र इन योजनाओं की स्वीकृति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन सभी परियोजनाओं का स्थल निरीक्षण कर विभागीय वेबसाईट पर साध्यता की जानकारी दर्ज की गई है। (ख) उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधन, पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं के निर्माण हेतु आबद्ध होने से वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता की सुनिश्चितता होने तक साध्यता परीक्षण कर आगामी कार्यवाही की जाना संभव नहीं है।
सिंहस्थ, 2016 में शौचालय का निर्माण कार्य
39. ( क्र. 534 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ, 2016 में पंचकोशी मार्ग व सिंहस्थ क्षेत्र में कितने अस्थायी शौचालय बनाये गये थे प्रति शौचालय किस दर पर निर्माण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार की जाँच जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई? यदि हाँ, तो उनके हस्ताक्षरित जाँच पत्रक का विवरण उपलब्ध करायें? (ग) मेला क्षेत्र में बनाये गये शौचालयों का निर्माण किस-किस ठेकेदार ने किस-किस शर्तों के अधीन किया की जानकारी एवं निर्माण हेतु निकाली गई निविदा की छायाप्रति उपलब्ध कराये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 की पंचक्रोशी यात्रा के दौरान मार्ग व सिंहस्थ क्षेत्र में निर्मित अस्थाई शौचालय एवं प्रति शौचालय की दर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के अंतर्गत शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार की जाँच जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की गई है, विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
वैचारिक महाकुम्भ में खर्च का विवरण
40. ( क्र. 535 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री,संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत वैचारिक कुम्भ कार्यक्रम सरकार ने आयोजित किया था? (ख) यदि हाँ, तो कार्यक्रम कितने दिवसीय था एवं मदवार कार्यक्रम में कुल कितना खर्च हुआ? (ग) तीन दिवसीय कार्यक्रम में किन-किन अतिथि को आमंत्रित किया गया प्रति अतिथियों की सूची उनके पदनाम सहित उपलब्ध करायें? (घ) वैचारिक कुम्भ में कुल कितनी जमीन अधिग्रहित की गई एवं कितना-कितना मुआवजा किन-किन किसानों को बांटा गया सूची उपलब्ध करायें?
राज्यमंत्री,संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) तीन दिवसीय ‘’अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ सिंहस्थ का सार्वभौम संदेश’’ महासंगोष्ठी (12-14 मई, 2016) ग्राम निनौरा, जिला उज्जैन में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मदवार व्यय की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार.
ग्रामों में पीने का पानी एवं सिंचाई व्यवस्था
41. ( क्र. 544 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कसरावद विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य ग्राम बलकवाड़ा, डोलानी सिनगुन, हीरापुर, बिलिदड, डाबरी, भैसावद, रसवा एवं बांमदी आदि 23 ग्रामों में पीने का पानी और सिंचाई के लिए पानी नहीं है तथा उक्त ग्राम पूर्ण रूप से सुखे की मार झेल रहे हैं? क्या इन ग्रामों को पेयजल के साथ सिंचाई का पानी देने हेतु बामंदी में बने साटक बांध से लिप्ट सिंचाई योजना बनाई गई है? हाँ, तो कब और उसकी अद्यतन स्थिति प्रश्न दिनांक तक क्या है? (ख) उक्त आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामों में पीने के पानी एवं सिंचाई की व्यवस्था हेतु प्रस्तावित योजना की स्वीकृति में विलंब के क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित योजना की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक जारी कर दी जायेगी? हाँ, तो बतायें नहीं तो उक्त ग्रामों में पानी की समस्याओं को दूर करने के लिए शासन स्तर पर निर्देश जारी शीघ्र किए जायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं, प्रश्नाधीन ग्रामों में से ग्राम बलकवाड़ा एवं डोलानी को छोड़कर निम्न 7 ग्रामों में विभाग की परियोजनाओं से सिंचाई सुविधा उपलब्ध है :-
क्रमांक |
ग्राम |
सिंचाई सुविधा |
1. |
सिनगुन |
अम्बादड़ तालाब |
2. |
हिरापुर |
डाबरी तालाब |
3. |
बिलीदड़ |
बिलीदड़ तालाब |
4. |
डाबरी |
डाबरी तालाब |
5. |
भैसावद |
बिलीदड़ तालाब |
6. |
रसवा |
अम्बादड़ तालाब |
7. |
बमंदी |
साटक तालाब |
जी
नहीं। साटक
बांध से उपलब्ध
जल से अतिरिक्त
सिंचाई संभव
नहीं है। शेष
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होते है।
ग्राम में पीने का पानी एवं सिंचाई व्यवस्था
42. ( क्र. 545 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह मई-जून, 2016 में इंदिरा सागर परियोजना और औंकारेश्वर बांध परियोजना की मुख्य नहर में कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामों के लिये पानी नहीं छोड़ने के क्या कारण हैं? प्रश्न दिनांक तक की वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए बताये कि उक्त समयावधि में किन-किन ग्रामों में पानी लगातार छोड़ा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों में पानी नहीं छोड़े जाने से संबंधित ग्रामों के किसान समय रहते कपास की बोनी नहीं कर पाये उन्हें कितनी-कितनी राशि का मुआवजा दिया जायेगा एवं रहवासियों को जनहानि हुई है उसकी क्षतिपूर्ति किस प्रकार की जायेगी और इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो इस संबंध में क्या शासन स्तर पर निर्देश जारी किये जायेंगे? हाँ तो बतायें नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों में पानी छोड़े जाने को लेकर विराधोभासी नीति क्यों अपनाई गई, उसके कारणों का उल्लेख करें?
राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) आर.डी. 105 कि.मी. से आगे लाईनिंग कार्य के कारण। दिनांक 06.06.2016 से कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम जैतापुर, मछलगांव, बिटनेरा, बडिया, बिलखेड खुर्द, ककडगांव, खानपुरा, रतनपुर, पछाया एवं सिरलाय में जल प्रवाहित किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषकों से कोई अनुबंध नहीं किया गया है एवं कोई जन-हानि नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय विदेशी शराब की दुकान
43. ( क्र. 548 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि.अता. प्रश्न संख्या-108 (क्र. 4876) दिनांक 11 मार्च 2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था कि आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत मधुकर शाह वार्ड सागर में स्थित शास.विदेशी शराब दुकान धार्मिक स्थल, नर्सिंग होम, शासकीय कॉलोनी, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय परिसर से 50 मीटर से अधिक की दूरी पर स्थित है? (ख) क्या शासकीय मदिरा दुकान एवं अहाता के समीप गुप्ता नर्सिंग होम एवं बाईबल भवन स्थित है? यदि हाँ, तो संदर्भित प्रश्न क्र. 4876 दिनांक 11 मार्च 2016 के प्रश्नांश (ख) में विभाग द्वारा गलत जानकारी प्रदान की गई थी? जिसमें दोषियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या संदर्भित प्रश्न क्र. 4876 दिनांक 11 मार्च 2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में बताया गया था कि उक्त विदेशी शराब दुकान वर्ष 2016-17 की अवधि में तहसील कार्यालय की ओर 500 मीटर की परिधि में किसी अन्य आपत्ति रहित स्थल पर स्थापित किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो मधुकर शाह वार्ड स्थित शास.विदेशी मदिरा दुकान एवं अहाता प्रश्न दिनांक तक अन्य आपत्ति रहित स्थल पर स्थापित क्यों नहीं किया गया? कारण बतावें एवं विधानसभा में गलत जानकारी देने पर विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। गुप्ता नर्सिग होम एवं बाईबल भवन शराब दुकान एवं अहाता के समीप स्थित है। लेकिन प्रश्न क्रमांक 4876 दिनांक 11 मार्च 2016 के प्रश्नांश (ख) में विभाग द्वारा गलत जानकारी प्रदान नहीं की गई थी। क्योंकि मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में प्रावधानित सामान्य प्रयुक्ति के नियम (1) दुकानों का अवस्थापन अन्तर्गत उक्त गुप्ता नर्सिंग होम एवं बाईबिल भवन के संदर्भ में 50 मीटर की दूरी के प्रतिबंध प्रभावी नहीं है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी ना होने से विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) विदेशी मदिरा दुकान मुधकरशाह वार्ड सागर मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के अवस्थापन संबंधी नियमों/प्रावधानों के अंतर्गत स्थापित होने से लायसेंसी द्वारा वर्ष 2015-16 के संचालन स्थल पर ही वर्ष 2016-17 में विदेशी मदिरा दुकान मधुकरशाह वार्ड सागर का संचालन किया जा रहा है। कलेक्टर, जिला सागर के प्रतिवेदन क्रमांक आब/वि.स./2016/400 दिनांक 22 फरवरी, 2016 अनुसार वर्ष 2016-17 की अवधि के लिए विदेशी मदिरा दुकान मधुकरशाह वार्ड सागर को उसके ‘’वर्तमान स्थल पर या’’ वर्तमान स्थल तहसील कार्यालय की ओर 500 मीटर की परिधि में किसी अन्य आपत्ति रहित स्थल पर स्थापित किया जाना निर्धारित किया गया था। तदनुसार वर्ष 2016-17 के लिए मदिरा दुकानों की निष्पादन सूचना (सेलमेमो) में भी इसी प्रकार उल्लेख किया गया था। लेकिन विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4876 के भेजे गये उत्तर में टंकण त्रुटिवश ‘’वर्तमान स्थल पर या’’ शब्द समूह टंकित होने से रह गया था। परिणामस्वरूप कलेक्टर द्वारा क्रमांक आब/वि.स./2016/400 दिनांक 22 फरवरी, 2016 से प्रेषित जानकारी की भाषा एवं आशय से भिन्न आशय के कारण, यह स्थिति निर्मित हुई है। इस संबंध में संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
सफाई कामगारों की बैकलॉग भर्ती
44. ( क्र. 558 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना नगरपालिक निगम सतना द्वारा म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग (मंत्रालय) भोपाल के परिपत्र क्र./6716/5989/18-1 भोपाल, दिनांक 22.11.02 एवं समसंख्या परिपत्र क्र. 2112/05/18-1 भोपाल, दिनांक 30.05.2005 एवं म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. एफ-6-1/02/अ.प्र./एक.भोपाल, दिनांक 24.03.05 के परिपालन में अ.जाति, अ.ज.जाति वर्ग के बैकलॉग कैरी फारवर्ड पदों पर (सफाई कामगार) दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर 50 पदों पर नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो आदेश क्रमांक एवं दिनांक सहित बताएं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त चयनित सफाई कामगारों द्वारा 29.08.05 को अपनी उपस्थिति नगरपालिक निगम कार्यालय में हलफनामा, मेडिकल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र एवं जाति, निवास एवं योग्यता संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हां है, तो क्या वर्तमान में इन सफाई कामगारों से सेवाएं नहीं ली जा रही हैं? कारण सहित बताएं? (घ) क्या नगरपालिक निगम सतना के महापौर एवं आयुक्त द्वारा इन अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लोगों के साथ विगत 11 वर्षों से शोषण करने के आरोप में कार्यवाही करते हुए नियुक्त किये गये 50 सफाई कामगारों की उपस्थिति कराकर नियुक्ति दिनांक से वेतन भुगतान कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक आदेश दिये जायेंगे? समय-सीमा बताई जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश क्रमांक 176 दिनांक 30-07-2015 द्वारा 50 सफाई कामगारों के नियुक्ति आदेश जारी किए गए थे। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। चयन प्रक्रिया में अनियमितता होने से मेयर इन कॉउंसिल के संकल्प क्रमांक 02 दिनांक 22-09-2005 द्वारा निर्णय लिया गया कि इन कर्मचारियों को कार्य पर उपस्थित न कराया जाये। महापौर, नगरपालिक निगम, सतना द्वारा चयन प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं की शिकायत राज्य शासन एवं आयुक्त, रीवा संभाग से की गई थी। आयुक्त, रीवा संभाग ने इन शिकायतों की जाँच कराई, जिसमें गंभीर अनियमितता पाई गई थी तथा तत्कालीन आयुक्त एवं नियुक्तकर्ता अधिकारी श्री एन.पी. नामदेव की दो वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। नगरपालिक निगम, सतना की मेयर इन कॉउंसिल की बैठक दिनांक 02-02-2006 के संकल्प क्रमांक 4/5 द्वारा भर्ती प्रक्रिया म.प्र. लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 की धारा 14 के प्रावधान के अधीन शून्यकरणीय मान्य करते हुए निरस्त की जाती है, का निर्णय पारित किया गया। बैकलॉग के चयनित अभ्यार्थियों को चयन के पश्चात् तथा मेयर इन कॉउंसिल द्वारा संकल्प पारित कर नियुक्ति अवैध घोषित करने के कारण कार्य पर उपस्थित नहीं कराया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
45. ( क्र. 570 ) पं. रमेश दुबे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने चौरई-हिवरखेड़ी मुख्यमार्ग के वार्ड क्रमांक 2 में नाले का लंबित कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाने के संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी चौरई जिला-छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक 169 दिनांक 28.01.2016 प्रेषित किया था? (ख) क्या इसी प्रकार प्रश्नकर्ता ने विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराये जाने के संबंध में पत्र क्रमांक 2045 दिनांक 31.12.2015 मुख्य नगरपालिका अधिकारी चौरई को प्रेषित किया था? (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' का उत्तर यदि हाँ, है तो अब तक उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी है? क्या प्रश्नकर्ता को उक्त पत्रों का जवाब दिया गया है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्रों पर समय पर कार्यवाही नहीं करने, प्रश्नकर्ता के पत्रों का समयावधि में जवाब नहीं देने के लिए शासन किसे दोषी मानता है? क्या शासन उक्त के लिए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए पत्रों में उल्लेखित विषयों पर संबंधित को कार्यवाही कर उसका जवाब दिये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों में वांछित जानकारी माननीय विधायक के कार्यालय को 11.07.2016 को प्राप्त हो गई है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य, गतिशील होकर पूर्णता की ओर है। जी हाँ। (घ) प्रश्नकर्ता के पत्रों का जवाब समय पर नहीं देने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कारण बताओं सूचना पत्र दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत निर्मित रेनबसेरा भवन एवं अन्य स्वीकृत कार्यों की जाँच
46. ( क्र. 577 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला गुना के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 1292-1293 दिनांक 18.05.2005 से ग्राम केदारपुरा में रेनबसेरा भवन का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत नागरखेड़ी में राशि रू. 3.00 लाख स्वीकृत कर क्रियान्वयन एजेन्सी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राघौगढ़ को नियत किया जाकर तत्कालीन सरपंच के फार्म हाउस पर निर्माण कार्य कराया गया है? क्या उक्त रैनबसेरा भवन का उपयोग तत्कालीन सरपंच एवं उसके परिजनों द्वारा किया जा रहा है? (ख) ग्राम पंचायत नादनखेड़ी में वर्ष 2005 से वर्ष 2013 तक जनभागीदारी योजनान्तर्गत स्वीकृत 13 निर्माण कार्यों की जाँच हेतु कलेक्टर जिला गुना के आदेश क्रमांक 934-935, दिनांक 29.04.2015 द्वारा जाँच दल का गठन कर 06 बिन्दुओं के आधार पर, जाँच दल अधिकारियों द्वारा जाँच क्यों नहीं की गई है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 16.05.16 को कलेक्टर जिला गुना को दिये गये पत्र के अनुक्रम में कलेक्टर जिला गुना द्वारा आदेश क्रमांक 934-935, दिनांक 29.04.2015 में उल्लेखित 06 बिन्दुओं के आधार पर 13 निर्माण कार्यों की पुन: जाँच कराई जावेगी? (ग) जाँच कमेटी द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आदेश के अनुक्रम में ग्राम पंचायत नागनखेड़ी में स्वीकृत 13 निर्माण कार्यों की जाँच क्यों नहीं की गई है, कारण सहित स्पष्ट करें? 13 निर्माण कार्य का उपयोग सार्वजनिक न होकर व्यक्ति विशेष द्वारा किये जाने के कारण संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) वित्त विभाग म.प्र. शासन की अधिसूचना क्रमांक जी-16/1/2000सी/चार भोपाल दिनांक 13.09.2000 के नियम क्रमांक 9 अनुसार जनभागीदारी योजनान्तर्गत स्वीकृत सम्पत्ति पर राज्य शासन के स्वामित्व होने संबंधी निर्देश हैं? उक्त निर्देशों के अनुक्रम में क्या ग्राम पंचायत नागनखेड़ी में जनभागीदारी योजना से स्वीकृत 13 परिसम्पत्तियों को शासन द्वारा राजसात कब तक किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) ग्राम केदारपुरा में भवन के निर्माण की जाँच हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गुना की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। समिति के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त रैनबसेरा भवन दान पत्र की भूमि पर बनाया गया है। जो शासकीय भूमि पर निर्मित है। प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 16-05-2016 को रैनबसेरा की पुन: जाँच करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के आधार पर अपर कलेक्टर को जाँच सौंपी गई है। जाँच उपरान्त वस्तु स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ख) जाँच दल द्वारा 6 बिन्दुओं के आधार पर जाँच की गई, जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र दिनांक 16-05-2016 के अनुक्रम में अपर कलेक्टर द्वारा जाँच कराई जा रही है। (ग) जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सभी निर्माण कार्यों का उपयोग सार्वजनिक रूप से हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों की जाँच
47. ( क्र. 578 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में वित्तीय वर्ष 2011-12 से जनभागीदारी योजनान्तर्गत मांग संख्या 64 एवं 41 से किस-किस ग्राम में क्या-क्या निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? कार्यवार ग्राम का नाम, स्वीकृत राशि एवं जनगणना 2011 के अनुसार उक्त ग्राम की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की पृथक-पृथक ग्रामवार जनसंख्या का भी प्रमाणीकरण सहित उल्लेख कर जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) जनभागीदारी योजनान्तर्गत मांग संख्या 64 एवं 41 अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के संबंध में दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शिका की सत्यप्रति उपलब्ध करावें? क्या जनभागीदारी योजना में मांग संख्या 64 में 50 प्रतिशत या उससे अधिक अनुसूचित जाति एवं मांग संख्या 41 में 50 प्रतिशत या उससे अधिक अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की जनसंख्या होने पर ही स्वीकृत किये जाने के निर्देशों की सत्यप्रति भी उपलब्ध करावें? (ग) क्या जनभागीदारी योजनान्तर्गत मार्गदर्शिका एवं दिशा निर्देशों के विपरीत गुना जिले में वर्ष 2011-12 से आज दिनांक तक मांग संख्या 64 एवं 41 अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बाहुल्य स्थानों की बजाय अन्य स्थानों हेतु जनभागीदारी से राशि व्यय की गई है, इस प्रकार के कार्यों की कार्यवार राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) जनभागीदारी निधि की मार्गदर्शिका के विरूद्ध अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों के स्थान पर अन्य स्थानों पर निर्माण कार्य स्वीकृत कराने वाले दोषी प्रभारी जिला योजना अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जनभागीदारी योजना के नियम-2000 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' पर है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सभी कार्य नियमानुसार स्वीकृत किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाना
48. ( क्र. 601 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर संचालित जल संसाधन संभाग श्योपुर के अंतर्गत सी.आर.एम.सी. के बायी ओर बसे ग्राम कूण्ड, कनापुर काठोदी सहित 35 ग्रामों में सिंचाई की सुविधा की अनुपलब्धता के कारण इन ग्रामों की हजारों बीघा कृषि भूमि असिंचित रहती हैं जिससे इन ग्रामों में कृषि उत्पादन पूरी तरह प्रभावित रहता है और वे सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कई दशकों से करते आ रहे हैं। (ख) क्या उक्त ग्रामों में सिंचाई सुविधा की उपलब्धता हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत पार्वती उद्वहन सिंचाई योजना हेतु राशि 79.53 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर दिनांक 28.07.2016 को सम्पन्न जिला योजना समिति से अनुमोदित कराकर स्वीकृति हेतु शासन को ई.ई. जल संसाधन विभाग श्योपुर द्वारा भेजा गया है। (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव में किन-किन कार्यों का समावेश किया गया है? प्रस्ताव वर्तमान में किस स्तर पर परीक्षणाधीन है इस कार्य में कितना समय और लगेगा। (घ) क्या शासन उक्त ग्रामों की स्थिति के मद्देनजर उक्त परीक्षणाधीन प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृत करेगा? तत्पश्चात् केन्द्र सरकार से उसे अविलम्ब स्वीकृत करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नाधीन 35 ग्रामों में से 19 ग्रामों में गत वर्ष चंबल नहर से कृषकों द्वारा स्वयं के साधनों से जल का उद्वहन कर 3,456 हेक्टर में तथा 14 ग्रामों में आबदा परियोजना की नहरों से 3,559 हेक्टर में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। (ख) कृषि विभाग के अधीन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत श्योपुर जिले की सिंचाई आयोजना में पार्वती उद्वहन सिंचाई परियोजना शामिल की जाना प्रतिवेदित है। (ग) कृषि विभाग की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत श्योपुर जिले की आयोजना में संभावित सभी कार्यों का समावेश किया जाना प्रतिवेदित है। पार्वती उद्वहन सिंचाई परियोजना जल संसाधन विभाग के मापदण्डों पर साध्य नहीं पाई गई है। भारत-सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जिले की आयोजना स्वीकार करने के लिए विभाग समय-सीमा निर्धारित नहीं कर सकता है।
श्योपुर में 220 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना
49. ( क्र. 602 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि बाहुल्य श्योपुर जिले में वर्तमान तक बिजली सप्लाई सबलगढ़ स्थित 220 के.व्ही.ए. उपकेन्द्र से होती है एवं प्रतिवर्ष वर्षाकाल में आंधी तूफान के कारण खम्भे टूटने, लाइनें गिरने व अन्य कई फाल्ट अक्सर आते रहते हैं जिससे जिले की बिजली सप्लाई बाधित होती है? (ख) क्या उक्त केन्द्र पर जिले के 132 के.व्ही.ए. के श्योपुर, बड़ौदा, विजयपुर तीन उपकेन्द्र निर्भर हैं लाइन लम्बी होने, कृषि सीजन में बिजली की मांग व लोड अधिक रहने के कारण जिले में बिजली/बोल्टेज की समस्या अक्सर विशेषकर कृषि सीजन में बनी रहती है नतीजतन किसान खासे परेशान रहते हैं? क्या चौथा 132 के.व्ही.ए. उपकेन्द्र कराहल में प्रस्तावित है? इसके निर्माण उपरांत उक्त समस्या और गंभीर हो जावेगी इसके निदान हेतु जिले में 220 के.व्ही.ए. उपकेन्द्र को स्थापित करने की आवश्यकता है। (ग) यदि हाँ, तो बतावें कि कम्पनी मुख्यालय में जिले में उक्त उपकेन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव क्या प्रस्तावित होकर वर्तमान में प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण/शेष रह गई है? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव तैयार करवाकर भविष्य की आवश्यकता के मद्देनजर इसे स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, वर्तमान में श्योपुर जिले की विद्युत सप्लाई 220 के.व्ही.उपकेन्द्र सबलगढ़ से होती है। वर्षाकाल में आँधी तूफान के कारण, कतिपय अवसरों पर खंबे टूटने अथवा तार टूटने के कारण विद्युत व्यवधान होता है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर सुधार कर विद्युत व्यवस्था बहाल करने की कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ, 132 के.वी. श्योपुर, बड़ौदा एवं विजयपुर उपकेन्द्रों को विद्युत सप्लाई 220 के.व्ही. उपकेन्द्र सबलगढ़ से है। कृषि सीजन की अधिकतम माँग/लोड की आपूर्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में जिले के 132 के.व्ही. उपकेन्द्र श्योपुर, विजयपुर एवं बड़ौदा में पर्याप्त ट्रांसफार्मर क्षमता रही है। 132 के.वी. श्योपुर उपकेन्द्र पर दिनांक 12.09.2015 को 132 के.व्ही. 1X33 एम.व्ही.ए.आर. केपेसिटर बैंक चालू किये जाने पर वोल्टेज समस्या काफी हद तक समाप्त हो चुकी है। कृषि सीजन में भी श्योपुर जिले के अति उच्च दाब उपकेन्द्रों में सामान्य रूप से वोल्टेज की समस्या नहीं रहती है। किन्हीं विशेष आकस्मिक परिस्थितियों जैसे लाइन/ट्रांसफार्मर की ट्रिपिंग की स्थिति में अल्प अवधि के लिये कम वोल्टेज की समस्या उत्पन्न होने पर शीघ्रातिशीघ्र सुधार लिया जाता है। अत: वोल्टेज की समस्या गंभीर होने का प्रश्न ही नहीं उठता। वर्तमान में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र कराहल स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। तथापि भविष्य की मांग को दृष्टिगत रखते हुये 220 के.व्ही. उपकेन्द्र श्योपुर की स्थापना तेरहवी पंचवर्षीय योजना में प्रस्तावित की गई है। (ग) जी हाँ, भविष्य की आवश्यकता के दृष्टिगत, म.प्र.पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा श्योपुर में 220 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना 13वीं पंचवर्षीय योजना में प्रस्तावित की गई है। उपकेन्द्र की स्थापना हेतु शासन द्वारा भूमि आवंटित की जा चुकी है। इस उपकेन्द्र की स्थापना के लिए वित्तीय संसाधन हेतु वित्तीय संस्थाओं से ऋण सहायता प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
नगर पंचायत इन्दरगढ़ द्वारा सामग्री क्रय
50. ( क्र. 669 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत इन्दरगढ़ जिला दतिया द्वारा कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गयी? इनमें से कौन सी सामग्री टेण्डर द्वारा और कौन सी बाजार से सीधे क्रय की गयी एवं किन-किन समाचार पत्रों में विज्ञप्ति निकाली गयी? क्रय की गयी सामग्री की मात्रा, लागत राशि, प्रति नग का मूल्य सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित क्रय की गयी सामग्री का किन-किन अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया उसका नाम, पद एवं रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करायें? (ग) नगर पंचायत इन्दरगढ़ द्वारा जो लाईट खरीदी गयी है वह किस कंपनी की है एवं उन्हें कहाँ-कहाँ लगाया गया है एवं क्या वह अभी भी ठीक तरह से कार्य कर रही है? (घ) लाईट जिस कंपनी से क्रय की गयी है क्या उन्हें उस कंपनी के इंजीनियर द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो सत्यापन की छायाप्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो इसकी जाँच करायी जायेंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षेत्रान्तर्गत सिंचाई परियोजना
51. ( क्र. 681 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय भारत उदय अभियान अंतर्गत आगर जिला अंतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत लखुन्दर नदी, भाटन नदी एवं कंठाल नदी पर कितने स्टॉपडेम वर्तमान स्थिति में निर्मित हैं एवं इनसे कितने क्षेत्र में सिंचाई/पेयजल उपलब्धता हो रही हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ में उल्लेखित नदियों पर स्टॉपडेम श्रृंखला निर्मित किए जाने संबंधी प्रस्ताव दिया गया या मांग की गई थी, यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई व कब तक स्वीकृति होगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सिया, लटुरीगुर्जर, कलारिया, दावतपुर ( हाथीखो. ) एवं लोहारिया में स्टॉपडेम/तालाब निर्माण की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक स्वीकृति होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत आगर जिले में सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) 5 बैराज गुदरावन, छार्दा, देवपुर, पड़ना एवं मेघाखेड़ी की साध्यता के आदेश जारी किए गए हैं। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति की स्थिति नहीं आई है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बकाया राशि समाधान योजना 2016
52. ( क्र. 704 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग (म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि.) द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में 25 फरवरी 2016 से ''बकाया राशि समाधान योजना 2016'' लागू की गई थी? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या-क्या दिशा निर्देश, प्रक्रियाएं निर्धारित थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में समाधान योजना में निर्मित दिशा निर्देशों के अनुसार कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्राम व मजरे, टोले आदि में योजना संबंधी हितग्राहियों से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष संपर्क कर कितने-कितने लोगों को योजना का लाभ दिया गया? की जानकारी ग्राम, मजरे, टोले का नाम, हितग्राही की संख्या, राशि विवरण आदि सहित जानकारी दी जावे? (ग) क्या बकाया राशि समाधान योजना जन-जागरण हेतु कोई नीति या नियम बनाए गए थे? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्रामों में जन-जागरण संबंधी क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 25.02.2016 से कंपनी के कार्यक्षेत्र में ''बकाया राशि समाधान योजना 2016'' लागू की गई थी। विस्तृत दिशा-निर्देशों/ प्रक्रिया के विवरण सहित योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में ''बकाया राशि समाधान योजना 2016'' के अन्तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की ग्राम/मजरे/टोलेवार संख्या एवं माफ की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र है। (ग) जी हाँ। ''बकाया राशि समाधान योजना 2016'' के सफल क्रियान्वयन एवं जन जागरण हेतु समस्त ग्राम पंचायतों एवं सभी ग्रामों में योजना संबंधी जानकारी का प्रचार-प्रसार समाचार पत्रों एवं पेम्पलेटों के माध्यम से कराया गया था। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय सहित समस्त माननीय विधायकों को भी उक्त योजना के संबंध में पत्र क्र. 2085 दिनांक 25.02.2016 द्वारा योजना लागू होने संबंधी जानकारी प्रेषित की गई थी।
टाउन हॉल मुरैना का निर्माण
53. ( क्र. 705 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निर्माण कार्य टाउन हॉल मुरैना का कार्यादेश क्रमांक 09-94-32-6-7 दिनांक 01.06.1994 का पाँचवा देयक का भुगतान क्यों नहीं किया गया जबकि पाँचवा देयक पास किया जा चुका है? (ख) माप पुस्तिका क्रमांक 2/94 में प्रथम चालू देयक से चौथा चालू देयक से काटी गई एस.डी. का भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ग) उक्त कार्य की निविदा में अर्नेष्ट मनी नगद जमा की गई अथवा एफ.डी.आर. या पे-ऑर्डर लगाया गया, स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व आय संबंधी
54. ( क्र. 734 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नॉन टैक्स रेवेन्यु में 2015-16 वित्त वर्ष में कमी आई है? यदि हाँ, तो कितनी एवं किस कारण? (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 की अवधि के लिए राजस्व आय का लक्ष्य विरूद्ध प्राप्ति का ब्यौरा क्या है? (ग) क्या कुल राजस्व संग्रहण में कमी की संभावना है? यदि हाँ, तो अनुमानित कितनी एवं किस कारण?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) संविधान के अनुच्छेद 151 के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 का लेखा महालेखाकार से अप्राप्त है I अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है I (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में (ख) एवं (ग) की जानकारी निरंक है I
फीडर सेपरेशन
55. ( क्र. 765 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फीडर सेपरेशन कार्य के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भोपाल संभाग में कितनी व कौन-कौनसी कंपनियों द्वारा कार्य किया जा रहा है? संभाग में सेपरेशन कार्य कितने प्रतिशत अपूर्ण है कारण सहित ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सेपरेशन कार्य करने वाली कंपनियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या फीडर सेपरेशन कार्य में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों के विरूद्ध ब्लैक लिस्टेड किए जाने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो अब तक कितनी कंपनियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित हैं? (घ) फीडर सेपरेशन कार्य में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? क्या नियंत्रण कार्य के अधिकारियों को जबावदेह बनाया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी जबावदेह हैं, ब्यौरा दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा भोपाल राजस्व संभाग में फीडर सेपरेशन के कार्य के लिये अनुबंधित 6 ठेकेदार एजेंसियों/कंपनियों का कार्य पूर्णता की स्थिति सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार फीडर सेपरेशन का कार्य कर रही ठेकेदार कंपनियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) फीडर सेपरेशन योजनान्तर्गत समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण भोपाल राजस्व संभाग के अंतर्गत ठेकेदार कंपनियों के विरूद्ध अनुबंध निरस्तीकरण एवं ब्लैक लिस्ट किये जाने की कार्यवाही की गई है जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन फीडर सेपरेशन के कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु मेसर्स एस.जी.एस. इंडिया प्रा.लि. (पूर्व में मेसर्स फीड बेक इन्फ्रा) को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेन्ट के रूप में नियुक्त किया गया है। उक्त एजेंसी के अतिरिक्त मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वृत्त स्तर पर परियोजना निगरानी इकाई का गठन किया गया है, जिसके अन्तर्गत महाप्रबंधक, संबंधित उप महाप्रबंधक एवं एक प्रबंधक स्तर के नोडल अधिकारी को योजनान्तर्गत किये जाने वाले कार्यों के पर्यवेक्षण का एवं क्षेत्रीय नोडल अधिकारी को सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण एन.ए.बी.एल. लैब से करवाने का दायित्व सौंपा गया है।
नगरीय निकायों में ई. पेमेंट व्यवस्था
56. ( क्र. 766 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में होने वाले निर्माण कार्यों के भुगतान की क्या व्यवस्था है। क्या सभी भुगतान ई-पेमेंट व्यवस्था के तहत किए जा रहे हैं यदि नहीं, तो क्यों। (ख) क्या नगरीय निकायों में भुगतान देयकों पर सी.एम.ओ. व अध्यक्ष द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर किए जा रहे हैं यदि नहीं, तो सी.एम.ओ. की कितनी राशि के देयकों पर हस्ताक्षर की पात्रता है। (ग) क्या नगरीय निकायों में ऑडिट कराया जाता है? यदि हाँ, तो किस स्तर पर ऑडिट किया जाता है। ऑडिट करने वाले अधिकारी किस विभाग से नियुक्त किये जाते हैं (घ) क्या नगरीय निकायों में भुगतान के पूर्व ऑडिट किया जाता है अथवा भुगतान के बाद वार्षिक ऑडिट की व्यवस्था है। (ड.) क्या नगरीय निकायों में बाह्य कंपनियों से ऑडिट कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों, ब्यौरा दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) निकायों के लिये नगर पालिका लेखा नियम 1971 के नियम 78 के अंतर्गत व्यवस्था है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। नगर पालिका लेखा नियम 1971 में ई-पेमेंट अनिवार्य नहीं है। (ख) जी नहीं। नगर पालिका लेखा नियम 1971 के नियम 90 के अंतर्गत नगर पालिका परिषद् की दशा में राशि रूपयें 10,000/- तथा नगर पंचायत की दशा में रूपयें 3,000/- तक सी.एम.ओ. को पात्रता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश स्थानीय निधि संपरीक्षा संचालनालय द्वारा नियुक्त अधिकारियों से ऑडिट कराया जाता है। (घ) आवासीय संपरीक्षा की व्यवस्था होने की स्थिति में भुगतान के पूर्व ऑडिट किया जाता है अन्यथा की स्थिति में वार्षिक केम्प ऑडिट के प्रावधान है। (इ) जी हाँ। तत्संबंधी विभागीय आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
पाटन विधानसभा अंतर्गत मारबल उत्खनन
57. ( क्र. 834 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर किस-किस को कब कितने रकबे में मारबल उत्खनन की अनुमति प्रदान की गई? खसरा नम्बर सहित सूची देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उत्खनन क्षेत्रों में प्रश्न दिनांक तक कितने रकबे में कितना उत्खनन किया गया एवं इससे शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? खदानवार सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में से कौन-कौन सी वर्तमान समय में प्रारंभ है तथा उनके द्वारा खदान से निकाला गया ओव्हर वडन किन खसरा नम्बरों पर डम्प किया जा रहा है? खदानवार सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों के उत्खनन क्षेत्र की माप-जाँच कब-कब किस अधिकारी द्वारा की गई एवं जाँच में क्या अनियमितताएं पाई गई? क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में से कुछ ने प्राप्त अनुमति क्षेत्र से बाहर भी उत्खनन का कार्य किया है? यदि हाँ, तो दोषियों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है।
ऑनलाइन व्यापार करने वाली कम्पनियों से टैक्स वसूली की नई नीति
58. ( क्र. 858 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग दवारा नवीन वित्तीय वर्ष में ऑनलाइन व्यापार की नई नीति लागू कर दी है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराए? (ख) दिनांक 18 मार्च 2016 को प्रश्नकर्ता विधायक के परि. अता. प्रश्न संख्या-113 (क्रमांक 6406) के खंड (ख) में अवगत कराया गया कि ऑनलाइन व्यापार से 1 जनवरी 2015 से उत्तर दिनांक तक मात्र 21.99 लाख रु. राजस्व प्राप्त हुआ है क्या विभाग यह राशि एक वर्ष के व्यापार के एवज में उचित मानता है? यदि नहीं, तो इसका आंकलन किस-किस सक्षम अधिकारी ने कब-कब किया? (ग) 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक ऑनलाइन व्यापार में कर चोरी के कितने प्रकरण विभाग के प्रकाश में आये, प्रकरणवार, कंपनीवार सम्पूर्ण जानकारी देवे? (घ) प्रदेश में उक्त अवधि में कितने ऑनलाइन व्यापारियों ने फार्म क्रमांक 49 एवं 50 भरकर कितना-कितना टैक्स चुकाया, व्यापारी एवं कम्पनी के नाम सहित जानकारी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आबकारी थानों में जब्त वाहनों की नीलामी
59. ( क्र. 859 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक आबकारी थानों में कौन-कौन से जिले में कितने थाने खोले गए? उनमे उज्जैन इंदौर संभाग में कितने दुपहिया, चोपहिया लोडिंग वाहन कब से जब्त शुदा हैं? (ख) क्या आबकारी थानों में जप्त सभी प्रकार के वाहनों में से कई वाहन नीलामी योग्य है यदि हाँ, तो क्या विभाग नीलामी हेतु कार्य योजना बना रहा है (ग) क्या सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में नियमानुसार अंग्रेजी/देशी शराब खोलने हेतु अनुज्ञा पत्र जारी किया जाता है परन्तु उज्जैन संभाग में अनुज्ञाधारी द्वारा आस-पास के गाँव में ब्रांच खोलकर आपसी मिलीभगत से शराब की अवैध बिक्री की जा रही है? यदि हाँ, तो संभाग के आबकारी थानों द्वारा 1 जनवरी 2013 के पश्चात् कितने प्रकरण दर्ज किये?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खिरहनी उद्वहन सिंचाई परियोजना
60. ( क्र. 861 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा अता. प्रश्न सं.-129 (क्रं-6382) दि.18/03/2016 के प्रश्नांश (ख) में परियोजना का शीर्ष कार्य लगभग एक तिहाई किये जाने एवं प्रश्नांश (ग) का परियोजना को पूर्ण कराया जाना लाभांवित कृषकों द्वारा विद्युत कनेक्शन लेने पर निर्भर होने से निर्माण कार्य अपूर्ण रहने के लिये कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है, उत्तर दिया गया था? तो परियोजना की सम्पूर्ण कार्ययोजना उपलब्ध करायें एवं परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने के दौरान लाभान्वित कृषकों के विदयुत कनेक्शन प्राप्त न करने की स्थिति से निपटने के विभागीय मार्गदर्शी निर्देश क्या थे एवं किन तत्कालीन शासकीय सेवकों द्वारा इस योजना का प्रारूप तैयार कर स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) क्या परियोजना में लगभग 82 लाख रूपये का व्यय होने के पश्चात् भी एक भी कृषक को लाभ प्राप्त नहीं है, यदि हाँ, तो त्रुटिपूर्ण कार्ययोजना बनाने, स्वीकृत कराने एवं शासकीय राशि के अपव्यय करने का कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के तहत लगभग 08 वर्ष पश्चात् भी परियोजना पूर्ण न होने एवं शासकीय राशि के अपव्यय का संज्ञान लेते हुये परियोजना की जाँच के निर्देश प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। परियोजना पर व्यय की जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना की स्वीकृति के समय कृषकों द्वारा विद्युत शुल्क का भुगतान किया जाना अपेक्षित था। कृषकों द्वारा विद्युत देयकों का भुगतान नहीं करने से शनै: - शनै: विभाग की अधिकांश उद्वहन सिंचाई परियोजनाएं बंद हो गयी। कृषकों द्वारा विद्युत देयकों का भुगतान नहीं करने की स्थिति के लिए किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाना संभव नहीं है। प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
डूब प्रभावित वन पट्टेधारियों को मुआवजा वितरण
61. ( क्र. 864 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब निर्माण करने के उपरांत डूब प्रभावित वन अधिकारी पट्टेधारियों को मुआवजा मिलने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत निर्मित करेली नाला तालाब में कितने वन अधिकारी पट्टेधारियों कि भूमि डूब में गई है तथा इन समस्त डूब प्रभवित पट्टेधारियों को समयावधि में मुआवजे का भुगतान हो चुका है? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग खरगोन द्वारा पत्र क्र/6052/कार्य/ दिनांक 16.11.2015 के द्वारा भू-अर्जन अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी रा. भीकनगांव को नवीन भू-अर्जन एवं पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकारी अधिनियम 2013 की धारा 3 (ख) एवं (ग) (iii) की छायाप्रति भेजते हुए अवगत कराया गया है कि वन अधिकार पट्टेधारियों को मुआवजा मिलने का प्रावधान है? हाँ तो फिर समयावधि में मुआवजे का वितरण क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या डूब प्रभावित वन अधिकार पट्टेधारियों को विगत 02 वर्षों से अपनी भूमि डूब में जाने के उपरान्त भी वर्तमान तक मुआवजे का वितरण नहीं हो पाया है, यह प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही नहीं दर्शाता है? हाँ तो संबंधित दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी जिससे पुन: इस प्रकार पुनरावृत्ति न हो?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) करेलीनाला परियोजना के डूब क्षेत्र के 7 वनाधिकार पट्टाधारियों की 11.854 हेक्टर वन-भूमि के मुआवजे के लंबित प्रकरण में कलेक्टर खरगोन को यथाशीघ्र अवार्ड पारित कर मुआवजा भुगतान करने के निर्देश दे दिए गए हैं। भू-अर्जन की प्रक्रिया में समय लगता है। किसी अधिकारी की लापरवाही/दोषी होने की स्थिति नहीं है।
शराब दुकानों का संचालन
62. ( क्र. 874 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर एवं ब्यौहारी तहसील क्षेत्रांतर्गत अंग्रेजी एवं देश शराब की दुकानें संचालित हैं? यदि हाँ, तो शराब दुकानों के संचालन के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से नियम निर्देश निर्धारित किये गये हैं, जिनका पालन शराब दुकानों के संचालन के लिए आवश्यक है। समस्त नियमों की जानकारी उपलब्ध करायी जाये? (ख) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर में अंग्रेजी शराब दुकान बस स्टैण्ड के बीचों-बीच संचालित है? उक्त दुकान से धार्मिक स्थल शिव मंदिर की दूरी 15 मीटर तथा शा. उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक एवं कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर की दूरी 50 से 60 मीटर के अंदर है और राजमार्ग रीवा अमरकंटक की दूरी केवल 10 मीटर है? इसी तरह ब्यौहारी अंग्रेजी शराब दुकान बस स्टैण्ड तथा राजमार्ग से लगा हुआ संचालित है? जहां से शासकीय महाविद्यालय की दूरी 40 से 50 मीटर है? उपरोक्त दुकानें विगत 10 वर्ष पूर्व से उक्त स्थानों में संचालित हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ, तो क्या उक्त दुकानों शराब दुकानों का संचालन शासन के नियमानुसार संचालित हैं? यदि नहीं, तो अब तक संबंधित विभाग द्वारा शराब दुकानों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई और संबंधित जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी जिससे शासन के नियमों की अनदेखी भविष्य में न हो और संबंधित दुकानों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शहडोल जिले के तहसील जयसिंहनगर एवं ब्यौहारी में अंग्रेजी एवं देशी शराब की दुकानें संचालित है। दुकानों का संचालन मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने नियम तथा आबकारी आयुक्त/शासन द्वारा समय-समय पर जारी नियम निर्देश के अन्तर्गत दुकानों का संचालन किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शहडोल जिले के जयसिंहनगर में अंग्रेजी शराब दुकान परम्परागत रूप से 31 मार्च 2010 के पूर्व से बस स्टैण्ड के बगल में आपत्तिरहित स्थान पर संचालित है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 29 भोपाल दिनांक 21 जनवरी 2015 में प्रकाशित शर्त क्रमांक 05 के अनुसार (नगर निगम, नगर पालिका तथा नगर पंचायत,) की परिसीमा में स्थित किसी राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा किसी राज्य राजमार्ग के मध्य बिन्दु से 100 मीटर या उससे कम दूरी पर स्थापित/अवस्थित मदिरा दुकान पर लागू नहीं है। ब्यौहारी में अंग्रेजी शराब दुकान आपत्ति रहित स्थान पर संचालित है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55 भोपाल दिनांक 06 फरवरी 2015 की शर्त क्रमांक 1 (स) एवं 04 के अनुसार विदेशी मदिरा दुकान जयसिंहनगर एवं ब्यौहारी ऑफ लायसेंसी की श्रेणी में आती है। दोनों दुकानों के परिसर में मदिरापान करने की अनुमति नहीं है एवं दोनों दुकाने आपत्ति रहित स्थान पर परम्परागत रूप से संचालित है। (ग) तहसील जयसिंहनगर एवं ब्यौहारी में शराब दुकानें शासन नियमानुसार संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जाना
63. ( क्र. 875 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर तहसील के क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत ग्राम छकता के मुख्य मार्ग मोहल्ला तथा ब्यौहारी के ग्राम गोपालपुर, मगरदहा के मोहल्लों में नवीन विद्युतीकरण पोल एवं तार तथा मीटर लगाने की कार्यवाही की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त कार्य किस संस्था के द्वारा कराया गया है और कब कराया गया है तथा विद्युत सप्लाई का कार्य प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है और विद्युत संचालन का कार्य कब तक किया जावेगा? विगत कई वर्षों पूर्व तार, पोल एवं मीटर लगाने के बाद अब तक विद्युत सप्लाई का कार्य न करने के कारण संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, जिला शहडोल हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में जयसिंहनगर तहसील के ग्राम छकता तथा ब्यौहारी तहसील के ग्राम गोपालपुर एवं मगरदहा में नवीन विद्युतीकरण कार्य हेतु कार्यवाही की गई है। (ख) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) के अन्तर्गत प्रश्नांश (क) से संबंधित कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स आई.सी.एस.ए., हैदराबाद द्वारा वर्ष 2012 में किया गया था। उक्त ठेकेदार एजेंसी का कार्य असंतोषजनक होने के कारण कंपनी का ठेका दिनांक 30.05.2012 को निरस्त कर दिया गया था। अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रस्तुत बिलों से रू.191.95 लाख की राशि लिमिटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप काटी गई है। ठेका निरस्त होने के कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य पूर्ण नहीं हुआ था। उक्त अधूरे कार्य को 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) में सम्मिलित किया गया है। उक्त कार्य सहित शहडोल जिले के विद्युतीकरण का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुम्बई को 02 फरवरी, 2015 को जारी किया गया है। उक्त कार्य दिसम्बर, 2016 तक पूर्ण कराने के प्रयास हैं। उक्तानुसार कार्य में विलंब के दृष्टिगत टर्न-की ठेकेदार एजेंसी को जारी अवार्ड निरस्त करने की कार्यवाही की जा चुकी है।
सोनकच्छ नगर हेतु आवास योजना
64. ( क्र. 921 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सोनकच्छ नगर के निम्न आय वर्ग एवं मध्यम आय वर्ग के लोगों के आवास हेतु भवन या प्लाट दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस योजना के तहत? (ख) उक्त योजना कब से लागू है तथा इसमें पात्र हितग्राहियों का चयन कौन करता है तथा किस प्रकार करता है? (ग) उक्त योजना का लाभ पाने के लिए हितग्राही को क्या कार्यवाही करनी होती है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिए आवास-2022) अंतर्गत है। (ख) 25 जून, 2015 से। हितग्राही चयन की प्रक्रिया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निकाय द्वारा आवासहीन हितग्राहियों की सूची तैयार कराने हेतु कराये जा रहे सर्वेक्षण अथवा निकाय में स्वयं उपस्थित होकर आवेदन करने पर निर्धारित पात्रता अनुसार परीक्षण उपरांत आवास पाने के लिए पात्र होंगे।
बिसाखेड़ी में स्टॉपडेम का निर्माण
65. ( क्र. 926 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ तहसील अन्तर्गत बिसाखेड़ी में स्टॉपडेम स्वीकृत है। हां, या नहीं यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ख) से (ग) निर्माण के लिए एजेंसी के साथ दिनांक 24.06.2016 को अनुबंध किया गया है। निर्माण कार्य वर्षा ऋतु में प्रारंभ करना संभव नहीं है।
खनिज उत्खनन
66. ( क्र. 955 ) श्री विष्णु खत्री : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खनिज उत्खनन हेतु किन-किन पट्टेधारियों की लीज अप्रैल 2017 को समाप्त हो रही है। सूची उपलब्ध करावें? (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में 15 जून 2016 तक कौन-कौन पट्टेधारियों द्वारा नियम/शर्तों का उल्लघंन किया गया है? इनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? विवरण सहित उपलब्ध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत उत्खनिपट्टों में से 02 उत्खननपट्टे अनुबंध शर्तों के उल्लंघन के कारण निरस्त किए गए हैं। ये निरस्त किए गए उत्खनिपट्टे जानकारी संलग्न परिशिष्ट के सरल क्रमांक 15 एवं 16 में दर्शित हैं। शेष 27 पट्टेदारों द्वारा पर्यावरणीय सम्मति प्रस्तुत न करने के कारण उन्हें स्वीकृत उत्खनिपट्टा क्षेत्र पर खनन कार्य बंद करने के आदेश जारी किये गये हैं। 05 पट्टेदारों को स्वीकृत क्षेत्र के चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से फेन्सिंग करने के पर्याप्त उपाय करने नोटिस जारी किये गये हैं।
देश के केन्द्र बिन्दु का पर्यटन विकास
67. ( क्र. 960 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री,संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम करौंदी में राष्ट्रीय महत्व का किसी के द्वारा निर्मित कोई स्मारक है ओर वहां किन्हीं वर्षों में कोई विकास कार्य किये गये है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पर्यटनीय क्षेत्र की देख-रेख, चौकीदारी व साफ-सफाई का दायित्व किसी को सौंपा गया है और इस हेतु कितनी राशि का वार्षिक प्रावधान किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) स्थल के समीप किसी शिक्षा पद्धति का कोई विश्वविद्यालय व किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था का मुख्यालय है तथा जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कोई गतिविधियां संचालित होती है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) संस्था के द्वारा दिनांक 12.12.2015 को कलेक्टर कटनी को किन्हीं बिन्दुओं पर कोई लेख किया है और जनवरी 2016 के प्रथम पखवाड़े में किन्हीं जनप्रतिनिधियों के साथ संस्था के किसी सर्वोच्च अधिकारी द्वारा प्रश्नांश (क) स्थल में कोई रचनात्मक कार्यों को सम्पादित किया है? विवरण देवें? (ड.) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (ग) संस्था के सहयोग में पर्यटन विकास की कोई योजनायें बनाई गई हैं?
राज्यमंत्री,संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृक्षों की गणना
68. ( क्र. 966 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के बाणसागर परियोजना यूनिट क्र. 5 के अंतर्गत ग्राम देवरीकला 2009 से प्रश्न दिनांक तक में मसमासी, पुरैना में प्रभावित किसानों के वृक्षों की गणना का विवरण अद्यतन कृषकवार आराजी नंबर सहित विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वृक्षों के पारित एवं घोषित एवार्ड की जानकारी अद्यतन वर्षवार, कृषकवार एवं तारीखवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नांश (ख) में पारित एवं घोषित एवार्ड के अनुरूप क्या मुआवजा कृषकों को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कृषकवार वर्षवार, तारीखवार भुगतान की गई राशि का विवरण दें? यदि नहीं, तो भुगतान हेतु शेष राशि का विवरण ग्रामवार, कृषकवार, राशिवार अद्यतन दें? (घ) राज्य शासन द्वारा उक्त ग्रामों के मुआवज़ा वितरण हेतु किन-किन वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई है वर्षवार, कृषकवार एवं राशिवार अद्यतन जानकारी दें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। कोई भुगतान शेष नहीं है। भू-अर्जन मुआवजा के लिए ग्रामवार एवं कृषकवार आवंटन नहीं दिया जाकर परियोजनावार आवंटन दिया जाता है।
मुआवजा वितरण
69. ( क्र. 967 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत रेमकी कंपनी हैदराबाद द्वारा खोह खोखरा से श्यामनगर में नहर का निर्माण कितनी लागत से कब से कराया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के नहर निर्माण हेतु अर्थवर्क तथा 10 किलोमीटर सी.सी. वर्क किया गया है, जो अधिकांश जगह में दरारें आ चुकी है, जिसमें भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है? क्या गुणवत्ताविहीन कार्य की जाँच शासन क्या करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) को नहर निर्माण में जिन कृषकों की भूमि आ रही है, उनमें किन-किन को कितना मुआवज़ा कब-कब भुगतान किया गया किस-किस का कितना-कितना भुगतान करना शेष है? उसके क्या कारण है? कब तक कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) अनुबंधित राशि रूपये 131.43 करोड़ का निर्माण कार्य कार्यादेश दिनांक 17.05.2012 से। (ख) अनुबंधित रीच में अर्थवर्क एवं 11.00 कि.मी. में सी.सी. लाईनिंग का कार्य किया गया है, जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रिवेयरा टाउन भोपाल में आवास आवंटन
70. ( क्र. 1013 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दो लाख रूपये चा.क्र. 61, दिनांक 27.11.2007 को चालान द्वारा रिवेयरा टाउन में आवास के लिये जमा किए गए? यदि हाँ, तो छाया प्रति सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में आवास आवंटन के लिये क्या प्रावधान थे? शपथ पत्र में भोपाल में आवास न होने बाबत दिया गया? किस हितग्राही को भोपाल में आवास होने के पश्चात् आवास आवंटन किया गया? (ग) रिवेयरा टाउन भोपाल में किसको कौन सा आवास आवंटन किया गया कितने आवासों का निर्माण किया गया? प्रश्नकर्ता को आवास आवंटन क्यों नहीं किया गया? कारण सहित जानकारी दें। (घ) रिवेयरा टाउन भोपाल में असत्य जानकारी के आधार पर आवास प्राप्त करने वालों के आवास निरस्त किए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) मा. सांसद/विधायकों के लिए निर्मित 146 भवनों के आवंटन का चयन म.प्र. विधान सभा की उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया गया। उच्च स्तरीय समिति द्वारा भोपाल में आवास न होने का शपथ पत्र लिए जाने का कोई दिशा-निर्देश नहीं दिये थे। (ग) आवंटन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। रिवेयरा टाउन में मा. सांसदों/विधायकों के लिए 146 भवनों का निर्माण किया गया। म.प्र. विधानसभा की उच्च स्तरीय समिति द्वारा चयनित सूची में प्रश्नकर्ता का नाम नहीं होने के कारण आवंटन नहीं किया गया। (घ) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक्वाडक्ट निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जाँच
71. ( क्र. 1029 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मिनी बाणसागर त्योंथर फ्लों सिंचाई परियोजना अंतर्गत विकासखण्ड जवा के ग्राम रौली में तमस नदी में निर्माणाधीन एक्वाडक्ट में हुए हादसे में विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य के गुणवत्ता की जाँच पृथक जाँच एजेंसी द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच की क्या स्थिति है? क्या जाँच होने तक संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया जावेगा, जिससे जाँच प्रभावित न हो?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन दुर्घटना ग्रीष्मकाल में दिनांक 15 एवं 16 मई 2016 को असामायिक वर्षा होने के कारण घटित हुई। वर्षा के कारण एक्वाडक्ट के स्लैब के सपोर्ट के सिकुड़ने की वजह से स्लैब गिरा। स्थल निरीक्षण विभाग के प्रमुख अभियंता द्वारा किया गया और विस्तृत जाँच विभाग के विशेषज्ञ संगठन, बोधी के दल द्वारा की गई। दुर्घटना तकनीकी एवं गुणवत्ता की कमी के कारण नहीं पाई गई। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
फीडर सेपरेशन योजना के अपूर्ण कार्य
72. ( क्र. 1039 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत विकासखण्ड जीरापुर एवं खिलचीपुर में फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं तथा सम्मिलित किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कराया गया है तथा कौन-कौन से ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य किन कारणों से अपूर्ण हैं? कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु शासन द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है तथा किन एजेन्सियों द्वारा विद्युतीकरण का कार्य कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न कराये जाने पर संबंधित निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत सम्मिलित ग्रामों को पूर्ण विद्युतीकृत करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अन्तर्गत विकासखण्ड जीरापुर एवं खिलचीपुर में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत 249 ग्राम सम्मिलित है। उक्त ग्रामों में से 81 ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा शेष 168 ग्रामों का कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने के कारण ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एस्टर प्रा.लि. हैदराबाद से किया गया अनुबंध नवम्बर 2014 में निरस्त किया जा चुका है एवं नई ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ऑफशोर इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुम्बई को शेष कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 19.02.2016 को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु कार्य प्रारंभ दिनांक 23.03.2016 से 18 माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित ग्रामों, कार्य पूर्ण ग्रामों व ऐसे ग्रामों जिनमें कार्य अपूर्ण है की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एस्टर प्रा.लि., हैदराबाद का अनुबंध नवम्बर, 2014 में निरस्त कर दिया गया है। साथ ही निविदा की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेंसी के देयकों में से रू. 66.43 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप काटी गई है तथा रू. 11.6 करोड़ की बैंक गारंटी राजसात कर ली गई है। (ग) जी हाँ, फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत सम्मिलित ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार सितम्बर, 2017 तक पूर्ण किया जाना है जिसे समय-सीमा में पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
दोषी के खिलाफ कार्यवाही
73. ( क्र. 1060 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उपभोक्ता विवाद प्रति तोषण फोरम रीवा जिला रीवा में सी.सी. क्रमांक-235/2013 से संस्थित दिनांक 18.04.2013 को परिवाद धारा 12 एवं 13 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत कार्यपालन अभियंता म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कम्पनी अनावेदक बनाकर समस्थित की गई थी, परिवादी का नाम, सर्विस क्रमांक, पूर्ण पता सहित विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में फोरम द्वारा अनुतोष में अनावेदक द्वारा परिवादी को माह जनवरी 2010 व उसके पश्चात् वर्ती जारी समस्त देयक निरस्त कर आदेशित किया कि अनावेदक परिवादी के संयोजन पर माह जनवरी 2010 से नवीन मीटर स्थापित तक की अवधि के देयक म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2004 के नियम 9,17 के प्रावधान अनुसार जारी करें तथा परिवादी द्वारा जमा की गई राशि को देयकों में समयोजित कर शेष राशि बचने पर उसके आगामी देयक में समयोजित करें एवं अनावेदक परिवादी को व्यय व मानसिक क्षति के लिये 1000 रूपये अदा कर परिवादी के आगामी देयक में समायोजित की जावे? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में क्या अनावेदक द्वारा पारित आदेश की अपील की गई है? यदि हाँ, तो अपील की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो पारित आदेश का पालन किया गया? यदि हाँ, तो आदेश उपलब्ध करावें? यदि पालन नहीं किया गया तो उसके कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में आदेश का पालन न किये जाने के लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें? नहीं की जावेगी तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। परिवादी श्री राजमणि पटेल तनय स्व. रामस्वयंवर पटेल उम्र 60 वर्ष पेशा खेती एवं पेंशनर, निवासी ग्राम विश्वविद्यालय रोड तिलक नगर खुटेही रीवा, मकान नं. 11/108 रीवा हाल निवासी ग्राम देवास तहसील मनगवां जिला रीवा म.प्र., सर्विस कनेक्शन क्रमांक 534502-11-2-213524 है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) अनावेदक कार्यपालन अभियंता, शहर संभाग, रीवा द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध कोई अपील नहीं की गयी है। उपभोक्ता फोरम द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.04.2014 में वर्णित टीप की ''माह जनवरी 2010 से नवीन मीटर स्थापित तक की अवधि तक के देयक म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2004 के नियम 9.17 के प्रावधान अनुसार जारी करें,'' के परिप्रेक्ष्य में कंपनी द्वारा म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता 2004 की कंडिका 9.17 के प्रावधान अनुसार पूर्व से की जा रही औसत बिलिंग को मान्य करते हुए, आदेश अनुसार परिवाद व्यय व मानसिक क्षति हेतु रू. 1000 का समायोजन परिवादी के माह अप्रैल 15 के देयक में कर दिया गया है। समायोजन के संबंध में दस्तावेज संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। फोरम द्वारा जनवरी 2010 व उसके पश्चात् जारी समस्त देयक निरस्त किये जाने के आदेश के परिप्रेक्ष्य में, फोरम के आदेशानुसार उक्त तिथि से नवीन मीटर स्थापित किये जाने की अवधि तक म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता 2004 की कंडिका 9.17 के प्रावधानानुसार बिल पुनरीक्षित करने हेतु पूर्व क्षेत्र कंपनी को निर्देशित किया गया है तथा आदेश का अक्षरश : पालन नहीं करने व लम्बे समय तक मीटर नहीं बदले जाने के परिप्रेक्ष्य में प्रथम दृष्ट्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
74. ( क्र. 1061 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे ग्राम हनुमना एवं लोढ़ी में स्वीकृत पट्टों के पट्टेधारियों को खनिज निकास/परिवहन हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 202/95 गोदावर्द्धन विरूद्ध भारत शासन एवं अन्य तथा इसके अंतर्गत प्रस्तुत अंतरिम याचिका क्रमांक 263/98 के द्वारा पारित आदेशों के पालन में दिनांक 20.04.1998 को कलेक्टर द्वारा समिति का गठन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या गठित समिति द्वारा पाँच बिंदुओं की अनुशंसा को माननीय न्यायालय द्वारा शीघ्र क्रियान्वयन करने हेतु निर्देशित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो बिन्दु क्रमांक 3 में यह उल्लेखित है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वीकृत पट्टों के पट्टाधारियों को ट्रांजिट पासबुक उपलब्ध नहीं कराई जाये अपितु इनके खनिज निकास/परिवहन के लिए संबंधित खनिज निरीक्षक द्वारा ट्रांजिट पास काटे जाना सुनिश्चित किया जाये? (घ) यदि हाँ, तो खनिज निरीक्षक द्वारा स्थल पर ट्रांजिट पास काटा जा रहा है तो अवैध उत्खनन/परिवहन का क्या प्रश्न उठता है? यदि नहीं, तो हनुमना क्षेत्र में अवैध उत्खनन/परिवहन के प्रकरण पट्टेधारियों को परेशान करने के लिये किये जा रहे हैं इसके लिए दोषी कौन है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? की जायेगी तो कब तक? (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अन्य समीपी ग्रामों की क्षेत्रों में स्वीकृत पट्टे के पट्टेधारियों को खनिज निकास/परिवहन का ट्रांजिट पास काटने का नियम प्रश्नांश (ग) अनुसार है? यदि हाँ, तो नियम उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो ट्रांजिट पास क्यों काटे जा रहे हैं? कारण स्पष्ट करें? इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? की जायेगी तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समिति द्वारा पाँच बिन्दुओं की अनुशंसा को क्रियान्वित किये जाने हेतु खनिज साधन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ 14-96/1999/12/2 दिनांक 08.10.1999 द्वारा कलेक्टर, रीवा को निर्देशित किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) खनि निरीक्षक द्वारा मौके पर अभिवहन पार पत्र काटा जा रहा है। तहसील का क्षेत्रफल काफी बडा है, जो कि स्वीकृत खदान क्षेत्र तक सीमित नहीं है। समय-समय पर खनि निरीक्षकों द्वारा स्थल निरीक्षण किये जाने पर अवैध उत्खनन/परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आने पर कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्देश दिनांक 08.10.99 के बिन्दु क्रमांक 3 के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वीकृत पट्टों के पट्टाधारियों को ट्रांजिट पास बुक उपलब्ध नहीं कराये जाने के निर्देश है। अपितु इनके खनिज निकास/परिवहन के लिये संबंधित खनि निरीक्षक द्वारा ट्रांजिट पास काटे जाने के निर्देश हैं। संबंधित निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है।
संचालित सिंचाई योजनाएं
75. ( क्र. 1077 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कौन-कौन सी सिंचाई योजना संचालित है तथा कौन सी प्रस्तावित है? (ख) जो योजनायें प्रस्तावित है वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है कब तक कार्य प्रारंभ होंगे एवं कब तक पूर्ण होंगे? अभी तात्कालिक स्थिति में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो? इसके लिये सरकार क्या उपाय कर रही है? (ग) क्या नई प्रस्तावित प्रधानमंत्री सिंचाई योजना से भी कोई सिंचाई प्लान उक्त विधान सभा क्षेत्र हेतु तैयार किया गया है?
राज्यमंत्री,नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर सिंचाई परियोजना संचालित है एवं शक्कर वृहद सिंचाई परियोजना प्रस्तावित है। (ख) शक्कर वृहद सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. केन्द्रीय जल आयोग को प्रेषित किया जा चुका है परियोजना की वन एवं पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु आवश्यक फार्म-1 पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। परियोजना स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ हो सकेगा जिसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) जी नहीं।
गाडरवारा तहसील के चौगान किले का जीर्णोधार
76. ( क्र. 1078 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री,संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में प्राचीन पुरातत्व महत्व के स्थल चौगान किले के जीर्णोधार हेतु विभाग द्वारा क्या कोई राशि विगत 03 वर्ष में दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कितनी राशि कब-कब दी गई उसमें कितनी राशि खर्च हुई और कितनी शेष है क्या इसका मूल्यांकन हो गया है या कितना शेष है? (ग) क्या कार्य की गुणवत्ता एवं कार्य की गति के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो कितनी बार शिकायतें आई एवं शिकायत की जाँच किस एजेंसी द्वारा कराई गई? (घ) उक्त जाँच का क्या निष्कर्ष निकला क्या कोई इसमें दोषी पाया गया यदि हाँ, तो विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री,संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2012-13 की कार्य योजना अनुसार राशि रूपये 50.00 लाख की राशि आवंटित की गई, जिसमें से राशि रूपये 49,76,577/- की राशि खर्च हुई है. वर्तमान में कोई राशि शेष नहीं है. कार्य का मूल्यांकन किया गया है. (ग) माननीय श्री गोविन्द सिंह पटेल, गाडरवारा विधायक, विधानसभा, जिला नरसिंहपुर ने मंत्री संस्कृति, विभाग मध्यप्रदेश शासन को शिकायत की थी, जिसके संबंध में कलेक्टर नरसिंहपुर को जाँच करने के निर्देश दिये थे. कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा जाँच कमेटी का गठन किया जाकर जाँच करायी गयी है. जाँच दल द्वारा एकत्रित नमूने कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग भ/स नरसिंहपुर द्वारा केलटेक टेस्ट एण्ड रिसर्च सेंटर प्रा.लि. परदेशीपुरा, इंदौर को भेजे गये हैं. (घ) जाँच लंबित है. दोष का निर्धारण जाँच समाप्त होने के पश्चात् ही हो सकेगा.
मीसाबंदी सम्मान निधि दिया जाना
77. ( क्र. 1082 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 13 (प्रश्न क्र. 433) दिनांक 03.03.2016 के संदर्भ में क्या जिला ग्वालियर की जानकारी एकत्र कर ली गई है? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी देने के साथ ही बताएं कि श्री उदयवीर सिंह भदौरिया के प्रकरण में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 27.01 .2016 को प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे पत्र में अभी तक कार्यवाही नहीं किए जाने का कारण क्या है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या श्री उदयवीर सिंह भदौरिया मीसाबंदी को सम्मान निधि दिए जाने के आदेश जारी किए गए है? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो कब तक आदेश जारी किए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ । प्रश्नकर्ता के निवेदन में श्री भदौरिया के द्वारा कलेक्टर ग्वालियर के आदेश क्रमांक क्यू/एस.सी.-१/१९-२१/मी.स.नि./एकजाई नस्ती /२०१३, ग्वालियर, दिनांक ०१-११-२०१४, (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार) के विरुद्ध “ लोक नायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/ डी.आई.आर. राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम २००८ “ के नियम-८ के विहित प्रावधान के अनुसार प्रस्तुत आवेदन/अपील विचाराधीन होकर निराकृत की जाने की बात विहित थी। श्री उदयवीर सिंह भदौरिया की विचाराधीन अपील स्वीकार करते हुये कलेक्टर का उक्त आदेश निरस्त करते हुये निर्देश दिए गये हे की “संबधित को नियमानुसार मीसाबंदी ( लोकतन्त्र सेनानी ) घोषित कर जारी संशोधन अधिसूचना क्रमांक F2-1/2008/1/13 dt 04/01/2012 के अनुसार कलेक्टर जिला दंडाधिकारी, ग्वालियर द्वारा जारी की जाने वाली स्वीकृति आदेश के दिनांक से पात्रतानुसार सम्मान निधि का लाभ दिया जाये “ इस विषय में अन्तिम आदेश क्रमांक F1-8/2016/1/13 भोपाल दिनांक ३१/०५/२०१६ जारी कर दिया गया है (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार)। अतः कार्यवाही नहीं की जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संबंधित की विचाराधीन अपील निराकृत होने से एवं उसमें नियमानुसार मीसाबंदी घोषित किये जाने के सम्बन्ध में कलेक्टर ग्वालियर को आदेश दिए जा चुके है। उक्त वर्णित नियम २००८ के नियम ६ के अंतर्गत जिला स्तर पर गठित समिति के द्वारा उक्त पारित अपील आदेश दिनांक ३१/०५/२०१६ के अनुपालन में जिलास्तर पर श्री सिंह के मामले में पुर्नविचार कर उन्हें मीसाबंदी घोषित करने एवं पात्रतानुसार सम्मान निधि दिया जाने बाबत् कार्यवाही की जावेगी। अतः आदेश प्रति उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
महोदत्त तालाब का गहरीकरण
78. ( क्र. 1092 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय नगर परिषद् बिजावर जिला छतरपुर म.प्र. के पत्र क्रमांक/354/लो.नि.वि./न.पं.बिजावर/15 दिनांक 4.06.2015 के द्वारा व्यंकटेश्वरा ट्यूबवेल बड़ामलहरा को महोदत्त सागर तालाब गहरीकरण एवं मिट्टी फिकाई का कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में व्यंकटेश्वरा ट्यूबवेल बड़ामलहरा म.प्र. का वैधानिक पंजीयन व इस फर्म की क्या-क्या वैधानिक कार्य करने की योग्यता है? संबंधित प्रमाण पत्रों सहित उपलब्ध करावें? कार्यादेश में उल्लिखित संदर्भ में बताये गये सहमति पत्र दिनांक 2.6.15 की छायाप्रति एवं वह वैधानिक पत्राचार उपलब्ध करावें जिसके आधार पर नगर पंचायत बिजावर व उक्त फर्म के बीच सहमति पत्र नगर पंचायत बिजावर को प्राप्त हुआ एवं करारनामा 03.06.15 को संपादित हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जे.सी.बी. थ्री डी 945/- रू. प्रति घण्टा, पूर्व स्वीकृत दर पूर्व में कब स्वीकृत की गई थी? पूर्व स्वीकृत दर किस वैधानिक आधार पर स्वीकृत की गई थी? नगर पंचायत बिजावर ने उक्त कार्य के लिए किन वैधानिक कारणों से नवीन निविदायें नहीं बुलाई? कार्यादेश प्राप्त करने वाली संस्था ने इस कार्य को करने के लिए कितनी मशीन व ट्रैक्टर का उपयोग किया है? उनके वैधानिक करारनामों का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में महोदत्त सागर तालाब से ले जाकर बगा नाला एवं जनपद कार्यालय के बीच छतरपुर मैन रोड के दोनों ओर पटरियों पर दूरी 02 कि.मी. लगभग के कुल कितनी ट्रैक्टर ट्राली मिट्टी फिकाई कार्य में उपयोग की गई? एक ट्रैक्टर ट्राली में कुल कितनी क्यू्.मी. मिट्टी का वैधानिक माप मानक तय किया गया? उक्त कार्य में कुल कितनी राशि का वैधानिक भुगतान किया गया है? नगर पंचायत बिजावर की उस बैठक एवं अन्य कोई वैधानिक बैठक की कार्यवाही व मिनिट्स उपलब्ध करावें जिसमें उक्त कार्यों की स्वीकृति और अनुमोदन किया गया हो?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मेसर्स व्यंकटेश्वरा ट्यूब वेल्स बड़ामलहरा का लोक निर्माण विभाग में ठेकेदार का पंजीयन प्रमाण पत्र तथा वाणिज्यिक कर विभाग में पंजीकृत प्रमाण की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। सहमति पत्र दिनांक 02.06.15 की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। नगर परिषद् तथा उक्त फर्म के बीच निष्पादित करारनामा दिनांक 03.06.15 की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। सहमति पत्र प्राप्ति के पूर्व नगर परिषद् बिजावर के बीच कोई पत्राचार नहीं हुआ। (ग) जे.सी.बी. 3 डी की पूर्व स्वीकृत दर 945/- रू. प्रति घंटा परिषद् द्वारा दिनांक 12.05.10 को निविदा आमंत्रण उपरांत स्वीकृत की गई थी। नवीन निविदा न बुलाने के लिये संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। कार्यादेश प्राप्त करने वाली संस्था ने 1 जे.सी.बी. एवं 32 ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग किया गया। करारनामा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। (घ) कुल 3139 ट्रॉली मिट्टी फिकवाई गई। एक ट्रॉली में 2 घन मीटर का माप तय किया गया था। कार्य में कुल 8,97,239/- रू. का भुगतान किया गया। उक्त कार्य कार्योत्तर स्वीकृति नगर परिषद् बिजावर द्वारा 15.07.2015 में दी गई। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द’’ अनुसार है।
नगर पंचायत बिजावर एवं सटई में निर्माण कार्य
79. ( क्र. 1093 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत बिजावर एवं सटई में वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल कितने एवं कितनी लागत के कौन-कौन से निर्माण कार्य कराए गए? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 में नगर पंचायत बिजावर एवं सटई एक हजार मूल्य के अधिक के मरम्मत कार्य एवं खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो उनके बिल वाउचर का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में क्या उक्त खरीदी भण्डार क्रय नियम के तय मापदण्डानुसार एवं शासन द्वारा निर्धारित नियमानुसार की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमेन्ट, ईंट, भट्टे का उद्योग
80. ( क्र. 1131 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में नदियों के समीप अभी तक कितने सीमेंट ईंट भट्टे के उद्योग स्थापित किए जा चुके हैं, उनकी सूचीवार जानकारी उपलब्ध करायें? क्या ये सभी सीमेन्ट ईंट भट्टे के उद्योग विभागीय नियमानुसार संचालित हो रहे है या अवैधानिक तरीके से? (ख) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में नदियों के समीप अभी तक जितने भी सीमेन्ट ईंट भट्टे के उद्योग स्थापित किए गये हैं, उनकी स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई है? यदि विभाग ने स्वीकृति नहीं दी है तो नदियों के समीप स्थापित सीमेन्ट ईंट भट्टों के संचालकों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र में नदियों के समीप अभी तक जितने भी सीमेन्ट अभी तक जितने भी सीमेन्ट ईंट भट्टे के उद्योग स्थापित किए गये हैं? क्या ये उद्योग स्थापित करने में पर्यावरण नियमों का पालन किया गया है? अगर उनकी स्वीकृति नियम विरूद्ध है तो स्वीकृति प्रदान करने वाले विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में सीमेंट ईंट भट्टे के उद्योग के संबंध में अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल में फ्लाई ऐश सीमेंट ब्रिक्स बनाने वाली चार ईकाईंयां पंजीकृत हैं। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में सीमेंट ईंट भट्टे के उद्योग के संबंध में अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: विभाग द्वारा नदियों के समीप स्थापित सीमेंट ईंट भट्टा के संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में फ्लाई ऐश सीमेंट ब्रिक्स की एक इकाई नदी के समीप स्थापित करने हेतु प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा स्थापना हेतु नियमानुसार सम्मति प्रदान की है। इस प्रकार की इकाई को अप्रदूषणकारी श्रेणी में सूचीबद्ध किया है। इस इकाई के विरूद्ध किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थल को बढ़ावा
81. ( क्र. 1132 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में पर्यटन स्थल के बढ़ावा हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को 03 प्रस्ताव (01. खेड़ापति मंदिर, चांदामेटा 02. देवरानी दाई मंदिर, तीतरा डुंगरिया एवं 03. जिल्हेरी घाट, मोरडोंगरी) भेजे गये थे? विभाग द्वारा इन प्रस्तावों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या उक्त प्रस्तावों को विभाग द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है? अगर स्वीकृत नहीं किया गया है तो कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
राज्यमंत्री,संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। विकास कार्य पूर्ण करा दिये गये हैं। (ख) जी हाँ। उल्लेखित स्थलों पर विकास हेतु पूर्व में स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं।
बिना टिन नंबर गलत सेल टैक्स विवरणी बनाने पर कार्यवाही
82. ( क्र. 1135 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के सुबोध एंटरप्राइजेस गांधी मार्ग में राजमल गेटमल दोखा किराना चौक बाजार, निधि ट्रेडर्स गांधी मार्ग, अलीशा स्टील फर्नीचर यशवंत मार्ग, सुल्तान शू-सेंटर सभी महिदपुर के टिन नंबर, सेल टैक्स विवरणी बिल बुक, परचेस लिस्ट वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 के संदर्भ में उपलब्ध करावें? सभी की प्रमाणित छायाप्रतियां देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी रत्न राज किराना चौक बाजार झारड़ा के संबंध में भी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी अनिल वस्त्रालय, राहुल मेडिक सौभाग्य मेडिकल, ऋषभ कलेक्शन, आकाश ट्रेडिंग कं., जयदयाल मोतीराम पंजाती-महिदपुर रोड के संबंध में भी देवें? (घ) बिना टिन नंबर के व्यापार करने वाले, सेल टैक्स विवरणी गलत दर्शाकर कम टैक्स देने वालों पर शासन कब तक कार्यवाही कर पेनाल्टी वसूलेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यवसायियों में से मे. सुबोध एंटरप्राईजेज, मे. राजमल जेठमल, मे. निधि ट्रेडर्स के वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 की अवधि के लिए प्रस्तुत विचारण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मे. सुबोध एंटरप्राईजेज के द्वारा 2013-14 की अवधि में केवल दो त्रेमास के विवरण पत्र प्रस्तुत किए गये हैं। मेसर्स सुल्तान शू-सेंटर एवं मे. अलीशा स्टील फर्नीचर द्वारा उक्त अवधि में कोई विवरणी प्रस्तुत नहीं की है। अत: इनके विरूद्ध अग्रिम कर सूचना पत्र जारी किए गये हैं तथा पंजीयन निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। (ख) रत्नराज किराना चौक बाजार झारडा के संबंध में वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) मे. अनिल वस्त्रालय महिदपुर रोड द्वारा विवरण पत्र प्रस्तुत नहीं किए जाने से उक्त व्यवसायी का पंजीयन दिनांक 01/04/2016 से निरस्त किया गया है। प्रश्नांश (ग) में वर्णित शेष व्यवसायियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) टिन नं. के व्यापार करने वाले व्यवसायियों के द्वारा गलत जानकारी दर्शाकर कम टैक्स देने के तथ्य प्रकाश में आने पर ऐसे व्यवसायियों के विरूद्ध विधि अनुसार न्यायिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अघोषित विद्युत कटौती व घटिया निर्माण कार्य
83. ( क्र. 1144 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में कितने-कितने घंटे की विद्युत कटौती की जा रही है? फीडरवार विगत दो माह का शेड्यूल उपलब्ध करावें? घोषित-अघोषित बिजली कटौती के क्या-क्या कारण है? (ख) उक्त क्षेत्र के किन-किन ग्रामों की विद्युत आपूर्ति किन-किन कारणों से कब से बंद है? एक ही उपभोक्ता को माह में दो-दो बिल दिये जाने की कितनी शिकायतें कंपनी को प्राप्त हुई है? क्या निराकरण किया गया है? ऐसी स्थिति निर्मित होने के क्या कारण है? (ग) क्षेत्र में चल रहे फीडर विभक्तिकरण के कार्यों में घटिया निर्माण कार्य कराये जाने के क्या कारण है? ग्यारंटी अवधि में भी लाइन गिरने खराब होने में निर्माण एजेंसी से मेंटनेंस कार्य क्यों नहीं कराया जाता है? कंपनी के पास निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रित करने हेतु क्या व्यवस्था है? क्या पर्याप्त मॉनिटरिंग की जा रही है? नहीं तो क्यों? (घ) विभाग द्वारा घटिया निर्माण कार्यों को नियंत्रित न कर पाने के क्या कारण है? क्या निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा बार-बार सबलेट करने के कारण कार्य घटिया हो रहे हैं? इस पर नियंत्रण के लिये क्या कार्यवाही कंपनी/विभाग द्वारा की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों के विगत दो माह के शेड्यूल संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। प्राकृतिक आपदाओं एवं तकनीकी कारणों यथा लाइन फाल्ट के कारण तार टूटना, विद्युत उपकरणों की खराबी आदि के कारण हुए आकस्मिक अवरोधों, आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु अथवा नवीन विद्युत अधोसंरचना का निर्माण करने हेतु अपरिहार्य होने जैसे, कारणों को छोड़कर सामान्यत: गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि उक्त कारणों से आये आकस्मिक अपरिहार्य विद्युत व्यवधानों की स्थिति में आवश्यक सुधार/मरम्मत कार्य शीघ्र पूर्ण कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है। (ख) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाए गये 8 ग्रामों की विद्युत आपूर्ति वहां के ट्रांसफार्मर फेल होने की दिनांक जो कि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाई गई है, से संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का नियमानुसार भुगतान नहीं किये जाने के कारण बंद है। विधानसभा क्षेत्र देवरी के अन्तर्गत देवरी, महाराजपुर, गौर झामर एवं केसली वितरण केन्द्रों के 45 विद्यमान उपभोक्ता जिनके द्वारा लंबे अन्तराल से बिल जमा नहीं किये जा रहे थे, उनके कनेक्शन अस्थाई रूप से सर्विस लाइन निकालकर कटे हुए थे। इन 45 उपभोक्ताओं द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना/फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्य सम्पादन के दौरान स्वयं की आई.डी. इत्यादि उपलब्ध कराकर संबंधित ठेकदार के कर्मचारियों से कनेक्शन करवा लिये गये थे, जिसके कारण इन 45 उपभोक्ताओं के एक ही परिसर में दो कनेक्शनों के बिल जारी हो रहे थे। शिकायत प्राप्त होने पर जाँच के दौरान एक ही परिसर में एक ही नाम से दो कनेक्शन पाये जाने पर माह दिसम्बर 15 में उनका दूसरा कनेक्शन स्थाई रूप से विच्छेदित कर प्रकरण का निराकरण कर दिया गया है। (ग) फीडर सेपरेशन के कार्य में उपयोग की जाने वाली सामग्री टर्न-की ठेकेदार द्वारा भारतीय मानक (आई.एस.) के अनुरूप क्रय की जाती है तथा क्रय करने के पूर्व, सामग्री का परीक्षण थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी एरडा/सी.पी.आर.आई. के द्वारा किया जाता है। सामग्री प्राप्त होने के पश्चात् सामग्री की रेण्डम सेम्पलिंग कर, सामग्री का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में किया जाता है। तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही सामग्री का उपयोग किया जाता है। कार्य की गुणवत्ता निविदा की शर्तें विद्युत अधिनियम, 2003 तथा आर.ई.सी. कंस्ट्रक्शन मैनुअल के प्रावधानों अनुसार थर्ड पार्टी पर्यवेक्षक एवं कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजनान्तर्गत टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर द्वारा किये गये कार्यों की मॉनीटरिंग योजनान्तर्गत निर्धारित मानक स्तर के अनुरूप तथा गुणवत्ता पूर्ण कार्य सम्पन्न कराने हेतु, थर्ड पार्टी मेसर्स फीडबैक इन्फ्रास्ट्रक्चर, गुड़गांव तथा मेसर्स यू.आर.एस. स्कॉटविल्शन को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है जिनके द्वारा टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर द्वारा किये गये कार्यों का निरीक्षण एवं परीक्षण करता है। कार्यों के दौरान यदि कोई कमियां अथवा त्रुटियां पाई जाती है तो उन्हें दूर करने हेतु ठेकेदार को सूचित/निर्देशित कर आवश्यक सुधार कार्य कराया जाता है। उक्त थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा नियुक्त रेसीडेन्ट इंजीनियर्स/फील्ड इंजीनियर्स द्वारा कार्यों की प्रतिदिन मॉनीटरिंग एवं निरीक्षण किया जाता है। गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराये जाने हेतु उक्तानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन योजना में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करने हेतु व्यवस्था बनाई गई है। ठेकेदार एजेंसी द्वारा थर्ड पार्टी एजेंसी मेसर्स फीड बैक इन्फ्रास्ट्रक्चर, गुडगांव तथा मेसर्स यू.आर.एस. स्कॉटविल्शन की देख-रेख में निर्धारित मापदण्डों के आधार पर कार्य कराया जा रहा है ताकि निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण हो। वितरण कंपनी द्वारा गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने के लिए पूर्व से ही थर्ड पार्टी एजेंसी की नियुक्ति की गई है, जिसकी देख रेख में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित किया जाता है।
नरसिंहपुर जिले में रेत का अवैध उत्खनन
84. ( क्र. 1145 ) श्री हर्ष यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिलांतर्गत वरमान खुर्द, धर्मपुरी, छोटा डीपा, रामघाट, चमारपाठा, नैनवारा आदि क्षेत्रों में नर्मदा नदी से रेत उत्खनन की अनुज्ञा किसे और कब जारी की गई है? यदि हाँ, तो कितनी मात्रा में कितनी अवधि में रेत खनन की अनुज्ञा है? यदि अनुज्ञा जारी नहीं की गई है तो रेत का उत्खनन किसके द्वारा किया जा रहा है? क्या यह सही है कि खनन विभाग, राजस्व व पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त क्षेत्रों में निरंतर अवैध उत्खनन किया जा रहा है? (ख) उक्त क्षेत्र में अवैध उत्खनन की शिकायतें लगातार शासन प्रशासन को मिलने के बावजूद भी रोक न लगाये जाने के क्या कारण है? प्राप्त शिकायतों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या शासन नर्मदा नदी के धार्मिक महत्व को देखते हुए अवैध उत्खनन को रोकने हेतु कोई प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्रों में नर्मदा नदी से रेत उत्खनन हेतु अनुज्ञा जारी नहीं की गई है। अत: अवधि एवं मात्रा की जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में रेत का उत्खनन किया जाना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ग्राम नैनवारा में नर्मदा नदी से व्यक्ति विशेष द्वारा अवैध रूप से रेत का उत्खनन किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसकी जाँच में रेत का अवैध उत्खनन होना नहीं पाया गया। (ग) समय-समय पर अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जाती है। अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन किया जाना
85. ( क्र. 1148 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के ग्राम निमास के ख.नं. 220 में उत्खनन किये जाने पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 16.09.2005 को रोक लगाई गई है? क्या मा. न्यायालय की रोक के बावजूद भी निरंतर अवैध उत्खनन किया जा रहा है? इस हेतु कौन उत्तरदायी है? (ख) उक्त स्थल पर अवैध उत्खनन की शिकायतों पर विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कब-कब जाँच व पंचनामें तैयार किये गये? क्या राजस्व विभाग द्वारा दिनांक 28.05.2011 को कराये गये सीमांकन की रिपोर्ट में अवैध उत्खनन की स्थिति स्पष्ट हुई थी? यदि हाँ, तो स्थानीय खनिज अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की गई? (ग) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित केन्द्रीय साधिकार समिति एवं राज्य शासन द्वारा उक्त क्षेत्र में अवैध उत्खनन को लेकर कब-कब जानकारी स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन चाहा? क्या-क्या जानकारी रिपोर्ट दी गई? गलत जानकारी देने के लिये कौन उत्तरदायी है? स्थिति स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त क्षेत्र में लगभग 200 करोड़ की कीमत का मार्बल अवैध रूप से उत्खनित किया गया है? स्थानीय खनिज अधिकारियों की मिलीभगत से हुए इस कार्य के मामले में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार वांछित जानकारी माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रश्नाधीन क्षेत्र के संबंध में विचाराधीन है। अत: सदन में चर्चा कराया जाना उचित नहीं होगा। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
शारदा सागर बांध की स्वीकृति की स्थिति
86. ( क्र. 1149 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत घुसडू नदी पर शारदा सागर बांध के निर्माण की योजना कब निर्मित की गई थी? यह योजना स्वीकृति हेतु किस स्तर पर कब से लंबित है? उक्त योजना की साध्यता की स्थिति क्या है? (ख) इस योजना का विस्तृत विवरण देते हुए लाभांवित ग्रामों के नाम, सिंचाई क्षमता व लागत की स्थिति बतावें? (ग) योजना को अब तक स्वीकृत न किये जाने के क्या कारण है? कब तक योजना का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) शारदा सागर बांध का सर्वेक्षण 1980-81 में कराया गया था। शारदा सागर परियोजना का कमाण्ड क्षेत्र बरगी नहर व्यपवर्तन परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में आ जाने के कारण स्वीकृति देने का औचित्य नहीं रहा। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
परियोजना की पी.एफ.आर. दिल्ली न भेजा जाना
87. ( क्र. 1151 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अता. प्रश्न संख्या 70 (क्रमांक 2691) दि. 3 मार्च, 2016 के प्रश्नांश (क) उत्तर सही दिया गया था यदि हाँ, तो वित्तीय मापदण्ड और साध्यता के मापदण्ड क्या है? प्रश्न में उल्लेखित सातनारी जलाशय और प्रदेश में निर्माणाधीन 10 वृहद परियोजनाएं तथा 26 मध्यम परियोजना जो निर्माणाधीन है उनकी लागत के मापदण्ड में प्रति एकड़ दरें क्या है प्रत्येक की अलग-अलग बतायें? (ख) प्रश्न के उत्तर में स्वीकार किया गया है कि लघु सिंचाई परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग भेजने की आवश्यकता/अनुमति नहीं है अर्थात मध्यम एवं वृहद परियोजना की पी.एफ.आर. भेजने तथा अनुमोदन की है क्या यह सही है यदि हाँ, तो बताये प्रश्न में प्रदेश की सभी वृहद/मध्यम परियोजना की पी.एफ.आर. के बारे में पूछा था, जिसे छुपाकर मात्र बालाघाट जिले की जानकारी देकर विधानसभा को गुमराह क्यों किया जा रहा है सभी वृहद और मध्यम परि. की पी.एफ.आर. केन्द्रीय जल आयोग से अनुमोदन न कराने का निर्णय किस प्राधिकारी का नाम, पद कारण सहित बतायें? (ग) क्या इच्छानुसार और मापदण्डों को अनदेखा कर परियोजना की स्वीकृति (अनुमोदन) या अस्वीकृति जैसा निर्णय लेने हेतु वृहद एवं मध्यम परियोजना की पी.एफ.आर. केन्द्रीय जल आयोग को नहीं भेजी गई और न ही अनुमोदन प्राप्त कर, निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो इसका गुण-दोष क्या है स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो कार्य पद्धति/नियम के विरूद्ध कार्य क्यों किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। लघु सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति के वित्तीय मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं में लागत के प्रति हेक्टर मापदण्ड लागू नहीं होते है वरन परियोजना से मिलने वाले लाभ एवं परियोजना की लागत के अनुपात (बी.सी. रेशो) की सकारात्मकता देखी जाती है। (ख) प्रश्नाधीन अतारांकित प्रश्न का उत्तर तथ्यात्मक है। संविधान की सातवीं अनुसूची की प्रविष्टी क्रमांक-17 के तहत जल राज्य के क्षेत्राधिकार में आने से केन्द्रीय जल आयोग अथवा केंद्र शासन की अनुमति की कानूनी बाध्यता नहीं है। केवल अंतर्राज्यीय परियोजनाओं के संबंध में संविधान की सातवीं अनुसूची की प्रविष्टी क्रमांक-56 के तहत केन्द्रीय जल आयोग अथवा केन्द्र शासन को परियोजना प्रतिवेदन भेजा जाना बंधनकारी है। प्रश्नाधीन अतारांकित प्रश्न में उल्लेखित प्रश्नावधि में किसी नई अंतर्राज्जीय परियोजना की न तो स्वीकृति मांगी गई और न ही स्वीकृति की आवश्यकता उद्भूत हुई।
ताप विद्युत गृहों की विद्युत इकाईयों बंद रखना
88. ( क्र. 1153 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी ताप विद्युत गृहों की विद्युत इकाइयों को मासिक मेरिट आर्डर डिस्पोज के आधार पर जिन विद्युत इकाईयों का वेरीएबल अधिक होती है? उन इकाईयों को बंद कर दिया गया है? ऐसी जानकारी सरकार द्वारा दी जा रही है? (ख) प्राइवेट कंपनियों से कितने एम.ओ.यू. हस्ताक्षर हुए है? जिनके वर्तमान में कितने मेगावाट क्षमता है? स्थान का नाम, फर्म का नाम, क्षमता कितने प्रतिशत, अनुबंध के अनुसार मेगावाट क्षमता में भी बताएं? (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा जिन फर्मों से क्रय अनुबंध किये हैं? उन फर्मों से क्रय अनुबंधों से अधिक बिजली, सरकार बिजली खरीद रही है? (घ) क्या पिछले वर्ष व वर्तमान में भी संजय गांधी ताप की विद्युत इकाईयां बंद रखी गई थी एवं वर्तमान में सिंगाजी ताप परियोजना की दोनों इकाईयों 9 फरवरी से बंद हैं एवं सतपुड़ा ताप की सभी विद्युत इकाईयां 25 मई से बंद है? मात्र दो दिन चलाई गई थी। मात्र इसके पीछे बिजली खरीदना ही उद्देश्य है एवं उत्तरोत्तर म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी जो प्रदेश की धरोहर है, को समाप्त करने का एक कुटील प्रयास हैं? मंत्री जी सभी इकाईयों में कार्य करने वाले ठेकेदार एवं दैनिक ठेका श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। उपभोक्ताओं को न्यूनतम दर पर विद्युत आपूर्ति कराने हेतु मेरिट आर्डर डिस्पैच के आधार पर प्रदेश को विद्युत आपूर्ति करने वाले सभी विद्युत उत्पादकों से मांग के अनुरूप सस्ती वेरियेबल दर वाली विद्युत इकाईयों से बिजली की आपूर्ति कराई जाती है, तद्नुरूप म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की इकाईयाँ भी संचालित कराई जाती है। (ख) प्राइवेट कंपनियों से हस्ताक्षरित हुए एम.ओ.यू., संबंधित ताप विद्युत गृहों की वर्तमान में स्थापित मेगावाट क्षमता, स्थान का नाम, फर्म का नाम, क्षमता का प्रतिशत तथा अनुबंध के अनुसार मेगावाट क्षमता का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ, मेरिट आर्डर डिस्पैच के आधार पर संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की इकाईयाँ वर्ष 2015-16 में आवश्यकता अनुसार बंद रखी गई थी एवं वर्तमान में संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की इकाई क्रमांक 1, 2, 3 एवं 4 क्रमश: दिनांक 13.06.2016, 10.06.2016, 11.06.2016 एवं 13.06.2016 से बंद है। जी नहीं, श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा की दोनों इकाईयाँ दिनांक 9 फरवरी, 2016 से नहीं, अपितु परियोजना की इकाई क्रमांक 1, दिनांक 20 मई, 2016 से तथा इकाई क्रमांक 2 दिनांक 9 मार्च, 2016 से बंद है। जी नहीं, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी की सभी विद्युत इकाईयाँ 25 मई से बंद नहीं है। अपितु सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी की इकाई क्रमांक 6, 7, 8, 9 एवं 10 क्रमश: दिनांक 03.05.2016, 04.05.2016, 04.05.2016, 09.05.2016 एवं 02.07.2016 से बंद है। इकाई क्रमांक 11 दिनांक 10.06.2016 से दिनांक 01.07.2016 तक बंद थी, तदोपरांत संचालन पश्चात् पुन: दिनांक 04.07.2016 को बंद कर दी गई। प्रदेश में बिजली की मांग की तुलना में उपलब्धता अधिक होने के कारण आवश्यकता अनुसार मेरिट आर्डर डिस्पैच के आधार पर ही इकाईयों को भी चलाया जाता है, जिसमें म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की इकाईयाँ शामिल है। इस प्रक्रिया से राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं पर विद्युत क्रय का कम भार आता है। अत: मेरिट आर्डर डिस्पैच का आधार उपभोक्ताओं का हित है, न कि विद्युत खरीदना। म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की इकाईयाँ उपरोक्तानुसार आवश्यकता अनुरूप सतत् संचालित हैं। अत: इन इकाईयों को समाप्त करने के प्रयास से संबंधित कथन सही नहीं है। उल्लेखित है कि म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में उपरोक्त कारण से ठेका कार्य बंद नहीं किये जाते हैं तथा ठेकेदार एवं श्रमिक बेरोजगार नहीं होते हैं। अपितु ठेका कार्य में निर्धारित शर्तों के अनुरूप कार्य संपादित कराये जाते हैं।
राजीव गांधी विद्युतीकरण द्वितीय चरण एवं फीडर सेपरेशन की जानकारी
89. ( क्र. 1155 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण द्वितीय चरण में कौन-कौन से ग्राम एक बत्ती कनेक्शन तथा फीडर सेपरेशन के अंतर्गत जोड़े जाना प्रस्तावित है? ब्लॉकवार जानकारी उपलब्ध की जाए? (ख) धार जिले में उक्त योजना को किस कंपनी द्वारा किया जा रहा है? कंपनी द्वारा कितना कार्य किया गया तथा कितना कार्य शेष है? ब्लॉकवार जानकारी उपलब्ध की जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) धार जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) के अन्तर्गत जिन ग्रामों में सघन विद्युतीकरण एवं घरेलू कनेक्शन देने का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, उनकी विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' से 'अ-13' अनुसार है। उक्त योजना में फीडर सेपरेशन का कार्य प्रस्तावित नहीं है। (ख) धार जिले में उक्त योजना का कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स यूबिटेक फरीदाबाद द्वारा किया जा रहा है। मेसर्स यूबिटेक फरीदाबाद को उक्त योजनान्तर्गत किये गए अवार्ड अनुसार प्रावधानित कार्य, पूर्ण किये गये कार्य एवं शेष कार्यों का विकासखण्डवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कॉलोनी विकास की अनुमति
90. ( क्र. 1179 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् धामनोद व धरमपुरी में नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय से विगत तीन वर्षों में कितनी नवीन कॉलोनियों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी भूमि पर कॉलोनी निर्माण हेतु अनुमति प्रदान की गई हैं? कॉलोनी के नाम सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त कॉलोनियों का निर्माण कार्य, अनुमति दी गई भूमि से अधिक भूमि पर किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो संबंधित कॉलोनाईजरों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी तथा कब तक समयावधि बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद् धामनौद एवं धरमपुरी में अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 के अंतर्गत प्राप्त होने वाले भू-व्यपवर्तनों के प्रकरणों में नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय इन्दौर से विगत 3 वर्षों में 1 प्रकरण में अभिमत/अनापत्ति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) ग्राम-धामनौद स्थित कॉलोनी का विकास/निर्माण कार्य दी गई अनुमति की भूमि पर ही किया जा रहा है। अधिक भूमि पर विकास/निर्माण कार्य कॉलोनाईजर द्वारा नहीं किया जा रहा है। (ग) उत्तराशं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन विकास की कार्ययोजना
91. ( क्र. 1180 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री,संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माण्डव नगर में देशी-विदेशी पर्यटकों की सुविधाओं में विस्तार और पर्यटन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिये अब तक विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये है? (ख) क्या माण्डव नगर को खजुराहों की तर्ज पर विकसित करने हेतु यहां पूर्व निर्धारित विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुन: गठन किये जाने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो विकास प्राधिकरण वापस कब तक गठित किया जावेगा? नहीं तो पर्यटन विकास की क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) क्या सरकार द्वारा इस पर्यटन नगरी के समुचित विकास के लिये पृथक से कोई योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक योजना का क्रियान्वयन किया जावेगा?
राज्यमंत्री,संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों पर शराब के प्रकरण
92. ( क्र. 1213 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिलों में गत तीन वर्षों में कितने आदिवासियों पर शराब के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये एवं कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने हेतु वर्तमान में लंबित हैं व क्यों? (ख) संविधान की 5 वीं अनुसूची में अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासियों को शराब के संबंध में क्या-क्या छूट दी गई है? इस छूट के बाद भी आदिवासियों पर शराब के प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने का क्या कारण रहा है? आदिवासियों पर न्यायालय में लंबित शराब के प्रकरण वापस किये जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक प्रकरण वापस ले लिये जावेंगे? समय-सीमा बतावें? (ग) देशी तथा विदेशी मदिरा दुकानों के संचालन, दुकान खुलने-बंद होने का समय, शराब के मूल्य संबंधी शासन के निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें? क्या शासन के पास ऐसी शिकायत आई हैं कि शराब ठेकेदार निर्धारित दुकान के अतिरिक्त गांव-गांव में अवैध शराब बेचते हैं? इन अवैध शराब को बेचने से रोकने के लिये विभाग के क्या निर्देश हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शहडोल संभाग के जिला शहडोल, जिला उमरिया एवं जिला अनूपपुर में विगत तीन वर्षों में आदिवासियों पर पंजीबद्ध शराब के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जिला शहडोल में नियत तिथि को आरोपीगणों के न्यायालय में उपस्थित नहीं होने से वर्तमान में 43 प्रकरण न्यायालय में अभियोजन हेतु लंबित है। (ख) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 61 अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को अग्रवर्णित छूट प्रदान की गई है :- (1) इस अधिनियम के उपबंध आसवन द्वारा देशी मदिरा के विनिर्माण, उसके कब्जे तथा उपभोग के संबंध में अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों पर लागू नहीं होंगे। (2) अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के सदस्य निम्नलिखित शर्तों के अध्याधीन रहते हुए, आसवन द्वारा देशी मदिरा का विनिर्माण कर सकेंगे, अर्थात :- (एक) अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों द्वारा देशी मदिरा का विनिर्माण केवल घरेलू उपभोग तथा सामाजिक और धार्मिक समारोहों पर उपभोग के प्रयोजनों के लिए ही किया जाएगा। (दो) इस प्रकार विनिर्मित की गई देशी मदिरा का विक्रय नहीं किया जाएगा। (तीन) इस प्रकार विनिर्मित की गई देशी मदिरा के कब्जे की अधिकतम सीमा प्रति व्यक्ति 4.5 लीटर और प्रति गृहस्थी 15 लीटर तथा विशेष परिस्थितियों में सामाजिक तथा धार्मिक समारोह के अवसर पर प्रति गृहस्थी 45 लीटर होगी। परन्तु ग्राम सभा देशी मदिरा के कब्जे की सीमा को कम कर सकेगी। उपरोक्त छूट में यह प्रावधानित है कि आदिवासियों द्वारा इस प्रकार विनिर्मित की गई देशी मदिरा का विक्रय नहीं किया जाएगा। आदिवासियों द्वारा ऐसी विनिर्मित शराब का विक्रय किये जाने तथा ऐसी विनिर्मित शराब की धारण एवं कब्जे की नियत सीमा से अधिक मात्रा में शराब का धारण पाये जाने पर, संबंधित के विरूद्ध दण्डिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। मध्यप्रदेश शासन गृह (सी अनुभाग) विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ/35-274/2004/दो/सी-2 दिनांक 04 मार्च 2014 द्वारा साधारण किस्म के प्रकरणों के प्रत्याहरण के संबंध में नवीन दिशा निर्देश जारी किये गये है, जिसके तहत् ऐसे प्रकरणों में प्रत्यहरण हेतु जिला स्तर पर जिला दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति को मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 61 आदिवासी उपयोजना अनुसूचित क्षेत्रों के आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज ऐसे प्रकरण जिनमें 49 बल्क लीटर तक अवैध शराब जप्त की गई है, के प्रत्याहरण के अधिकार दिये गये है। समिति के अध्यक्ष के आदेश पर जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रकरण के प्रत्याहरण हेतु न्यायालय में आवेदन देने का प्रावधान रखा गया है। ऐसे प्रकरणों की वापिसी एक निरंतर प्रक्रिया है। जिला स्तर पर ऐसे प्रकरणों के संबंध में सतत् कार्यवाही जारी है। (ग) देशी तथा विदेशी मदिरा दुकानों के संचालन, दुकान खुलने एवं उसके बंद होने के समय आदि के संबंध में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 05.02.2016 में प्रकाशित शर्तों एवं निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शराब के विक्रय मूल्य, उसके किस्मवार एवं धारितावार घोषित एवं बोतल पर चस्पा लेबिल पर मुद्रित न्यूनतम फुटकर मूल्य एवं मुद्रित अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य के बीच रखे जाने के लिए लायसेंसी स्वतंत्र हैं। शराब ठेकेदारों अथवा अन्य किसी व्यक्ति द्वारा निर्धारित दुकान के अतिरिक्त अवैध रूप से शराब विक्रय पर आबकारी एवं पुलिस विभाग द्वारा प्रभावी नियंत्रण रखा जाता है। तथापि ऐसी शिकायत प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 अंतर्गत तत्काल कार्यवाही की जाती है।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की जानकारी
93. ( क्र. 1214 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की जाती है? यदि नहीं, तो क्या शासन मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा की समय-सीमा निर्धारित करेगा? (ख.) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक की गई मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें? उक्त संभाग की अधूरी घोषणाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्टॉपडेम एवं तालाबों का निर्माण
94. ( क्र. 1217 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत भोपाल जिले में कुल कितने स्टॉपडेम ओर छोटे तालाबों का निर्माण विगत 5 वर्ष में किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इनकी वर्तमान में क्या वर्तमान में क्या वस्तुस्थिति है और इनके संधारण एवं दुरूस्ती का जिम्मा किस कार्यालय के अंतर्गत आता है? इनके द्वारा संधारित स्थल की क्षेत्रवार जानकारी एवं इसमें किये गये वार्षिक व्यय की जानकारी बतावें? (ग) क्या विगत वर्षों में क्या इन स्टॉपडेम एवं छोटे तालाबों का सर्वेक्षण कार्य विभागीय स्तर पर किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कब-कब? (घ) जल संधारण एवं संरक्षण योजनान्तर्गत भोपाल अथवा उसके आस-पास इनके निर्माण की क्या स्थिति है क्या कोई नये स्थल का चयन जल संधारण एवं संरक्षण की दृष्टि से किया गया हैं? यदि नहीं, तो क्या भविष्य में चयन किया जा सकता है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल जिले में विगत 5 वर्षों में 13 बैराज का निर्माण कराया गया। कालापीपल लघु सिंचाई परियोजना एवं जमुनिया बैराज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ख) निर्मित सभी बैराज जल संसाधन संभाग, भोपाल के क्षेत्राधिकार में होकर जल संसाधन संभाग, भोपाल द्वारा उनका संधारण किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय तौर पर कोई सर्वेक्षण कार्य नहीं किया गया है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में वर्णित निमाणाधीन परियोजनाओं के अतिरिक्त मीठीछापरी लघु सिंचाई परियोजना की साध्यता के आदेश जारी किए गए हैं।
नागरिकों को पानी उपलब्ध नहीं कराया जाना
95. ( क्र. 1235 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल गैस त्रासदी के उपरांत विभिन्न वार्डों के ट्यूबवेल एवं हैण्डपंप से विषेला पानी निकलने के कारण जनहित को दृष्टिगत रखते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा कुछ हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल से पानी सप्लाय बंद किए जाने के निर्देश जारी किए थे? यदि हाँ, तो किन-किन वार्डों/क्षेत्रों के ट्यूबवेल एवं हैण्डपंप से पानी सप्लाय बंद किए जाने के निर्देश जारी किए थे उसकी सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में जिन हैण्डपंप एवं टयूबवेल से पानी सप्लाय बंद किया है उन ट्यूबवेलों एवं हैण्डपंपों से कितनी-कितनी आबादी वाले किस-किस क्षेत्र/ऐरिये में पानी सप्लाय किया जाना बंद किया और उसकी निगम द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था क्या की गई और वर्तमान में क्या स्थिति है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में इन बस्तियों में नर्मदा/कोलार से नियमित रूप से जलप्रदाय किया जाता है।
24 घंटे बिजली का प्रदाय
96. ( क्र. 1240 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-105 (क्रमांक 1853) दिनांक 15 दिसम्बर 2015 के उत्तर में यह बताया गया है कि कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों के मुख्य आबादी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली प्रदाय की जा रही है तो कुक्षी विधानसभा के जिन आबादी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली प्रदाय नहीं की जा रही है उन्हें 24 घंटे बिजली कब तक प्रदाय की जावेगी? (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में 24 घंटे की बिजली हेतु फीडर सेपरेशन का कार्य किस कम्पनी/ठेकेदार द्वारा किया गया है वह कितना पूर्ण हो चुका है, उस पर कितना व्यय किया गया है? यदि शेष है, तो उसका क्या कारण है कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि कार्य में विलंब हुआ है तो उत्तरदायी पर कोई कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधानसभा के शीतकालीन सत्र दिसम्बर-2015 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1853 दिनांक 15.12.2015 के उत्तर में अवगत कराया गया था कि कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के मुख्य आबादी क्षेत्रों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में ग्रामों के मुख्य आबादी क्षेत्र के अतिरिक्त जिन आबादी क्षेत्रों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं की जा रही है, उनमें से 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित क्षेत्रों में सघन विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 17.02.2017 तक पूर्ण किया जाना सम्भावित है। तदनुसार उक्त कार्य पूर्ण होने के उपरांत इन चिन्हित बसाहटों/आबादी क्षेत्रों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा। (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र सहित सम्पूर्ण धार जिले में गैर कृषि फीडरों को 24 घण्टे तथा कृषि फीडरों को 10 घंटे विद्युत प्रदाय हेतु फीडर सेपरेशन का कार्य मेसर्स श्याम इण्डस पॉवर साल्यूशन लिमिटेड, दिल्ली (धार एवं मनावर संचालन/संधारण संभाग का कार्य) एवं मेसर्स आनन्द इलेक्ट्रिकल दिल्ली (राजगढ़ संचालन/संधारण संभाग का कार्य) के द्वारा पूर्ण किया जा चुका है। उक्त कार्य के लिए कार्यादेश विधान सभावार न होकर संचालन/संधारण संभागवार जारी किया गया था एवं कार्य भी संचालन/संधारण संभागवार पूर्ण किया गया है। मेसर्स श्याम इण्डस पॉवर साल्यूशन लिमिटेड, दिल्ली द्वारा सम्पादित कार्यों में फीडर सेपरेशन कार्य पर कुल राशि रू. 43.19 करोड़ एवं मेसर्स आनन्द इलेक्ट्रिकल दिल्ली द्वारा सम्पादित कार्यों में फीडर सेपरेशन कार्य पर कुल राशि रू. 36.27 करोड़ व्यय हुआ है। फीडर सेपरेशन योजनान्तर्गत जो कार्य प्रावधित था वह पूरा पूर्ण हो चुका है। उपरोक्त दोनों ठेकेदार एजेंसियों द्वारा कार्य में विलंब किये जाने के कारण निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उनके द्वारा प्रस्तुत बिलों से क्रमश: रू. 41.00 लाख एवं रू. 40.00 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप काटी गई है।
निजी भूमि पर अवैध उत्खनन
97. ( क्र. 1243 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभाग द्वारा
भोपाल जिले की
बैरसिया
तहसील के
ग्राम भौरासा
एवं बर्री
खीरखेड़ा के
समीप निजी
भूमि पर पत्थरों
के उत्खनन
एवं ब्लास्टिंग
की अनुमति या
अनुज्ञप्ति
दी गई है?
(ख)
यदि हाँ, तो
किन-किन व्यक्तियों
की निजी भूमि
पर किन नियमों
एवं शर्तों के
अनुसार
अनुमति दी गई? शासन के
नियमों में
उत्खनन एवं
ब्लास्टिंग
के क्या नियम
हैं? (ग) क्या
म.प्र. के बाहर
के निवासियों
को भी उत्खनन
की अनुमति दी
जाती है?
नियमों
की जानकारी
दें? (घ) क्या
वर्तमान में
प्रश्नांकित
उत्खनन एवं
ब्लास्टिंग
से दोनों
ग्रामों के
निवासियों के पर्यावरण
एवं स्वास्थ्य
पर प्रतिकूल
असर पड़ रहा
है? यदि
हाँ, तो
क्या अवैध
उत्खनन बंद
कराया जायेगा?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जिला
भोपाल, तहसील
बैरसिया की
ग्राम
भौंरासा में
उत्खनन की
कोई भी अनुमति
प्रदान नहीं
की गई है। ग्राम
बर्री
छीरखेड़ा में पत्थर
उत्खनन/परिवहन
हेतु जो
अनुमतियां
कार्यालय कलेक्टर
खनिज शाखा
भोपाल द्वारा
दी गई हैं, उसका विवरण
संलग्न
परिशिष्ट पर
है। ब्लास्टिंग
संबंधी कोई
अनुमति विभाग
द्वारा नहीं
दी गयी है। (ख)
प्रश्नांश
(क) में दर्शित
अनुमतियां
मध्यप्रदेश
गौण खनिज नियम
1996 में
निहित नियमों/
शर्तों के तहत
दी गई हैं। यह
नियम
अधिसूचित है।
भूमि स्वामियों
के नाम संलग्न
परिशिष्ट
में दर्शित
हैं। मध्यप्रदेश
गौण खनिज नियम
1996 में
ब्लास्टिंग
के कोई नियम
शामिल नहीं
हैं। (ग) जी
हाँ। मध्यप्रदेश
गौण खनिज नियम
1996 के
नियम 5 के
अनुसार ऐसा व्यक्ति
जो भारतीय
नागरिक हो उसे
खनन की अनुमति
दी जा सकती
है। यह नियम
अधिसूचित है।
(घ) प्रश्नांश
के संबंध में
ग्रामवासियों
की कोई शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है।
व्याख्याता के पद पर भर्ती
98. ( क्र. 1244 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा आयोग द्वारा पिछले पाँच वर्षों में शासकीय महाविद्यालयों में व्याख्याता के पदों पर सीधी/बैकलॉग भर्ती हेतु किस दिनांक को विज्ञप्ति प्रकाशित की गई तथा भर्ती परीक्षा/साक्षात्कार किस-किस दिनांक को आयोजित किया गया? (ख) क्या नियमानुसार व्याख्याता के पद पर भर्ती सीधे साक्षात्कार से नहीं की जा सकती है, इस हेतु लिखित परीक्षा आवश्यक है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भर्ती में इस नियम का पालन किया गया या नहीं किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भर्ती के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई उनकी शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी दें तथा बतावें कि उस पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में व्याख्याता के पद नहीं होते हैं, इसलिए व्याख्याताओं के पद विज्ञापित नहीं किये गये हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौण खनिज खदानों का निर्धारण
99. ( क्र. 1246 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौण खनिज की खदानों का निर्धारण किए जाने के पूर्व ग्राम सभा से सहमति लिए जाने के क्या प्रावधान है, गौण खनिज की खदान की नीलामी किए जाने या आवंटन किए जाने के पूर्व ग्रामसभा से सहमति लिए जाने के क्या-क्या प्रावधान है पृथक-पृथक बतावें? (ख) नरसिंगपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव के किस ग्राम में किस गौण खनिज की खदान का आरक्षण किया गया आवंटन किया गया नीलाम किया गया पृथक-पृथक बतावें? (ग) किस खदान के निर्धारण का किस ग्रामसभा से किस दिनांक को प्रस्ताव लिया गया किस खदान के आरक्षण आवंटन एवं नीलामी का किस ग्रामसभा से किस दिनांक को प्रस्ताव लिया गया किस खदान के निर्धारण आरक्षण एवं नीलामी का ग्रामसभा से प्रस्ताव किन कारणों से नहीं लिया गया? (घ) गौण खनिज की खदान के निर्धारण, आवंटन एवं नीलामी के प्रस्ताव ग्रामसभा से कब तक प्राप्त कर लिए जावेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में गौण खनिज की खदानों के निर्धारण हेतु तथा इनकी नीलामी किये जाने के पूर्व ग्रामसभा से सहमति लिये जाने का प्रावधान नहीं है। गौण खनिज के उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने के पूर्व ग्राम सभा से राय प्राप्त करने के प्रावधान नियमों में हैं। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में संलग्न परिशिष्ट अनुसार खदानें उत्खनिपट्टा पर स्वीकृत हैं। (ग) मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित खदानें मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 66 के तहत नियमों को शिथिल करते हुए स्वीकृत की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' में दिए उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत खदानों के संबंध में
100. ( क्र. 1247 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंगपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में कितने रकबे की कौन सी रेत अनुबन्ध किया कौन सी रेत खदान वर्तमान में संचालित की जा रही हैं? (ख) किस रेत खदान में रेत की कितनी मात्रा अनुबन्ध में दर्शाई जाकर कितनी राशि का अनुबन्ध किया गया है? अनुबन्ध की किस शर्त में प्रति क्यूबीक मीटर व्यवस्था शुल्क की कितनी राशि एवं प्रति क्यूबीक मीटर रेत का कितना मूल्य उल्लेखित किया गया है? (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के किस नियम में व्यवस्था शुल्क की राशि के संबंध में क्या प्रावधान दिए है रेत के अधिकतम या न्यूनतम मूल्य के संबंध में क्या-क्या प्रावधान दिए गए है? यदि यह दोनों ही प्रावधान नहीं हो तो उसका कारण बतावें? (घ) अनुबन्धित किस रेत की खदान से रेत का अधिकतम कितना मूल्य प्रति क्यूबीक मीटर रसीद देकर अनुबन्धकर्ता वसूल सकता है कितनी राशि बिना रसीद दिए अनुबन्धकर्ता को वसूल किए जाने का अधिकार हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किसी भी रेत खदान का अनुबंध निष्पादन नहीं किया गया है और न ही कोई रेत खदान संचालित है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में व्यवस्था शुल्क अथवा रेत के अधिकतम या न्यूनतम मूल्य के संबंध में कोई प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायकों के पत्रों का 7 दिवस में जबाव दिया जाना
101. ( क्र. 1250 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारियों को विधायकों के पत्रों का 7 दिवस के अंदर जबाव देने की समय-सीमा रखी गई है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले के सभी विभागों को प्रश्नकर्ता द्वारा कितने पत्र दिये गये? (ग) सभी विभागों द्वारा दिये गये पत्रों की जानकारी कितने दिनों में दी गई तथा कितने पत्रों की जानकारी नहीं दी सूची उपलब्ध करायें? (घ) क्या खनिज विभाग, जल संसाधन विभाग तथा लोक निर्माण विभाग (छतरपुर) द्वारा लगभग सभी पत्रों की जानकारी नहीं दी एवं दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चन्दला वि.क्षे. अंतर्गत अवैध उत्खनन
102. ( क्र. 1251 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के चंदला वि.क्षे. अंतर्गत 2014 से आज दिनांक तक सबसे ज्यादा अवैध उत्खनन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 2014 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध उत्खनन रोकने के लिए सैकड़ों आवेदन पत्र दिये? लेकिन आज तक खनिज विभाग द्वारा जवाब दिया गया और न ही कार्यवाही? (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक शासन एवं प्रशासन को कितने पत्र दिये गये? पत्र क्रमांक, दिनांक सहित सूची उपलब्ध करायें? (घ) उक्त पत्रों में से कितने पत्रों का जवाब दिया गया एवं कितने पत्रों का जवाब नहीं दिया गया एवं अवैध उत्खनन करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में खनिजों का अवैध उत्खनन पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिका गोटेगांव में पदस्थ इंजीनियर के विरूद्ध शिकायत
103. ( क्र. 1501 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरसिंहपुर जिला अंतर्गत नगर पालिक गोटेगांव में पदस्थ इंजीनियर श्री रमेश शुक्ला के विरूद्ध 8 माह से अधिक अवधि से अनुपस्थित रहने, इस अवधि का अनियमित तरीके से भुगतान लेने, गोटेगांव में न रहकर जबलपुर से अपडाउन करने से कार्यालय देरी से आने, नगर में बनाए जाने वाले 1350 शौचालयों के निर्माण में अनियमितता आदि किये जाने संबंधी शिकायतें लंबित हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या श्री रमेश शुक्ला विगत 9 वर्ष से अधिक समय से नगरपालिका गोटेगांव में पदस्थ हैं, यदि हाँ, तो इतनी लंबी अवधि तक एक ही स्थान पर पदस्थ किए जाने का क्या कारण है? (ग) क्या वर्ष 2012-13 में गोटेगांव अंतर्गत रेस्ट हाऊस चौराहे से पेट्रोल पंप तक नाली का निर्माण 20 लाख की लागत से किया गया है तथा वर्तमान में नाली तोड़कर पुन: नाली का निर्माण कराया जाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) सत्य है तो इन्हें नगरपालिका गोटेगांव से अन्यत्र स्थानांतरित कर संबंधित इंजीनियर के विरूद्ध जाँच कर कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। संभागीय संयुक्त संचालक, जबलपुर/कार्यपालन यंत्री, जबलपुर को संचालनालय के पत्र क्र. 6402, दिनांक 20.05.2016 द्वारा जाँच के निर्देश दिए गए हैं। (ख) जी हाँ। नियमानुसार पदस्थापना होने श्री रमेश शुक्ला, नगर पालिका परिषद्, गोटेगांव में दिनांक 22.02.2006 से कार्यरत हैं। (ग) एवं (घ) संयुक्त संचालक, जबलपुर द्वारा जाँच की जा रही है। जाँच निष्कर्ष प्राप्त होने पर उत्तरदायी के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भवन
भूमि
नामांतरण एवं
दुकान
निर्माण
1. ( क्र. 10 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2016 के अता.प्रश्न संख्या 43 (क्रमांक 6599) के संदर्भ में बताएं कि नगरपालिका पिपलौदा जिला रतलाम के विरूद्ध पिछले 5 वर्षों में कितनी शिकायतें मिली व उन पर शासन ने क्या कार्यवाही की? (ख) दिनांक 1 अप्रैल, 2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 2 क्रमांक 6602 के संदर्भ में मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री व प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव खाद्य आयुक्त, जिलाधीश गुना, जिलाधीश अशोकनगर व आयुक्त ग्वालियर की शिकायतों का विवरण देते हुए बताए कि जून 2016 तक क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कुल 08 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 03 नामांतरण संबंधी शिकायतों का निराकरण दिनांक 01.11.2014 को कर दिया गया, शेष 05 शिकायतें एक ही आवेदक की है जिसके संबंध में आवेदक को अवगत कराया गया कि मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 एवं मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम, 2012 के मार्गदर्शन सिद्धांत के अनुसार दुकान निर्माण हेतु नगर तथा ग्राम निवेश रतलाम से अभिन्यास मानचित्र अनुमोदित करवाकर प्रस्तुत करें साथ ही अंतिम मर्तवा पत्र क्रमांक 608/27.05.2016 के द्वारा सूचित भी किया गया है, परन्तु आवेदिका द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया का पालन ना किये जाने से दुकान निर्माण की अनुज्ञा नहीं दी जा सकी है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी विभाग से संबंधित नहीं है।
शासकीय जमीन पर अतिक्रमण
2. ( क्र. 20 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 03 मार्च 2016 के अता.प्रश्न संख्या 1 ( क्र. 99) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता ने अशोकनगर जिलें में शासकीय भूमि व भवनों पर अतिक्रमण तथा राशन की दुकानों के आवंटन में अनियमितता करने वाले गुना व अशोकनगर के जिला प्रशासन खाद्य व सहकारिता के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा राशन को ब्लैक करने व गरीबों को राशन से वंचित करने के विरूद्ध कब-कब मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, जिलाधीश गुना व अशोकनगर, आयुक्त, ग्वालियर को पत्र लिखे व उन पर पिछले 2 वर्ष में क्या-क्या कार्यवाही हुई? विवरण दें। (ख) 11.03.2010 में भाजपा विधायक राजकुमार सिंह यादव, चंदेरी के विधानसभा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव जिसमें अशोकनगर जिले में करोड़ों रूपये का राशन ब्लैक मार्केट होने व गरीबों को राशन नहीं मिलने के आरोप थे व प्रश्नकर्ता की तमाम शिकायतों व पत्रों के बाद भी शासन दोषियों की पहचान कर उन्हें दण्डित क्यों नहीं कर पाया व आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रकरण क्यों नहीं चला पा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूची क्र. 02 की प्रविष्ठि
3. ( क्र. 32 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के उपपंजीयक कार्यालयों में अभिलेख सूची क्रमांक 02 की किस वर्ष तक की अद्यतन प्रविष्ठि कर दी गई है? विगत 30 वर्षों के सूची क्रमांक 02 की क्या स्थिति है? क्या उक्त अवधि के सूची क्रमांक 02 कटे-फटे छिन्न-भिन्न होकर अपठनीय स्थिति में है? उप पंजीयक कार्यालयवार जानकारी प्रदान करें? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) उज्जैन जिले के संबंधित उप पंजीयक कार्यालयों में से किन-किन कार्यालयों के सूची क्रमांक 02 जिला कार्यालय में जमा कर दिये गये हैं एवं किन-किन कार्यालयों की सूची क्रमांक 02 जिला कार्यालय में जमा नहीं कराये गये हैं? उपपंजीयक कार्यालयवार जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार जिन कार्यालयों के सूची क्रमांक 02 जिला कार्यालय में जमा करा दिये गये हैं, उन अभिलेख सूची 02 की जिला कार्यालयों की कोई देख रेख एवं रख-रखाव नहीं होने से उक्त अभिलेख बहुत ज्यादा फट रहे हैं तथा पढ़ने लायक स्थिति में नहीं हैं। इस संबंध किन-किन व्यक्तियों एवं अभिभाषक संघ द्वारा शिकायत प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरण प्रस्तुत करें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उप पंजीयक कार्यालय उज्जैन, बड़नगर, नागदा, खाचरौद, तराना की सूची-2 पूर्ण है। उप पंजीयक कार्यालय घटिया एवं महिदपुर में वर्ष 12-13 तक पूर्ण है। उप पंजीयक घटिया को वरिष्ठ जिला पंजीयक उज्जैन द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 29.06.2016 द्वारा सूची-2 पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। 30 वर्ष की सूची-2 उप पंजीयक कार्यालय उज्जैन, बड़नगर, महिदपुर एवं तराना में अभिभाषकों एवं पक्षकारों द्वारा नियमित सर्च करने के कारण रिकार्ड क्षतिग्रस्त हो गया है। उप पंजीयकों को वरिष्ठ जिला पंजीयक उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 29.06.2016 से सूची-2 अद्यतन करने के निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) उप पंजीयक कार्यालय बड़नगर, घटिया एवं महिदपुर का अभिलेख पूर्व में स्थान अभाव होने के कारण स्थानांतरित नहीं किए गए है। चूंकि नए भवन में कार्यालय स्थानांतरित हो चुका है। अत: संबंधित उप पंजीयकों को वरिष्ठ जिला पंजीयक उज्जैन द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 29.06.2016 से नियमानुसार अभिलेख जिला मुख्यालय में जमा करने हेतु निर्देश दिये गये है। (ग) उप पंजीयक कार्यालयों से प्राप्त सूची क्रमांक 02 का निरीक्षण प्रतिदिन अभिभाषक एवं पक्षकार द्वारा किया जा रहा है। अभिभाषक संघ खाचरौद एवं नागदा द्वारा शिकायत में उल्लेख किया है कि रख-रखाव के अभाव में रिकार्ड जीर्ण-शीर्ण हो रहा है। अभिलेखों का निरंतर निरीक्षण अभिभाषकों एवं पक्षकारों द्वारा किया जाता है, जिससे कतिपय मामलों में अभिलेख क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इस हेतु संबंधित उप पंजीयक को वरिष्ठ जिला पंजीयक उज्जैन द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 29.06.2016 से उचित रखरखाव हेतु निर्देश दिये गये है।
खान डायवर्सन योजना
4. ( क्र. 33 ) डॉ.
मोहन यादव :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिंहस्थ
2016 के
मद्देनज़र
खान नदी से
आने वाले
प्रदूषित जल
को लेकर बनाई
गई प्रस्तावित
योजना (खान
डायवर्सन) का
कार्य कब तक
पूरा होना था।
अनुबंध की
प्रति उपलब्ध
कराते हुए
तिथि बतावें? (ख)
प्रश्नांश
(क) की जानकारी
अनुसार क्या
खान डायवर्सन
का कार्य नियत
समयावधि में पूर्ण
नहीं हुआ तथा
वर्तमान में
भी उक्त
कार्य चल रहा
है जिसके कारण
सिंहस्थ में
आने वाले
श्रद्धालुओं
को काफी
परेशानी का
सामना करना पड़ा
तथा सिंहस्थ
में होने वाले
पर्व एवं शाही
स्नान पर
श्रद्धालुओं
को खान नदी से
मिलने वाले प्रदूषित
जल से स्नान
करना पड़ा? (ग) यदि
हाँ, तो
इसके लिये कौन
अधिकारी दोषी
हैं? देरी
से काम करने
वाले
ठेकेदारों
एवं कार्य में
देरी के लिये
जवाबदार
अधिकारियों
के विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? की
गई कार्यवाही
की प्रति
उपलब्ध
करावें?
यदि
कार्यवाही
नहीं की गई तो
कारण बतावें?
जल
संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) दिनांक
17.11.2015 तक।
अनुबंध
अभिलेख पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) एवं (ग) जी
नहीं।
प्रदूषित जल
किलोमीटर 16.50 से 18.20
तक खुदाई की
गई चेनल से
निकालकर
कालियादेह पैलेस
के पास
क्षिप्रा में
मिलाया गया।
अतः शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
डार्क जोन घोषित करने के नियम
5. ( क्र. 75 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में डार्क जोन घोषित करने हेतु क्या नियम एवं निर्देश निर्धारित है प्रदेश में डार्क जोन घोषित करने हेतु 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् कब-कब, किस-किस स्तर की बैठक किस की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, किस-किस क्षेत्र को डार्क जोन से निकाला गया एवं किस किस क्षेत्र को नया डार्क जोन घोषित किया गया? (ख) प्रदेश में 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् किस किस जिले में भू-जल स्तर क्या रहा वर्तमान में किस-किस जिले में कितने फिट पर पानी रहने पर किसान अपने खेत में नलकूप खनन करवा सकता है? (ग) क्या प्रदेश में गत काफी समय से वर्षा में औसत गिरावट आई है एवं भू-जल स्तर भी नीचे जाने के कारण डार्क जोन क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि हो रही है जिससे पेयजल की ग्रीष्म ऋतु में गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है तथा राजस्थान से लगे म.प्र. के पश्चिमी जिले मंदसौर, नीमच इसके शिकार हो रहे है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो मंदसौर, नीमच जिले के जल स्तर वृद्धि करने के क्या प्रयास 1 जनवरी 2013 के पश्चात किये गए?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में प्रत्येक दो वर्ष में राज्य के डायनामिक भू-जल आंकलन करने का प्रावधान है जो केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा वर्ष 1997 में निर्धारित methodology के आधार पर किया जाता है। इस आंकलन में विकासखण्ड की भू-जल विकास दर के आधार पर विकासखण्डों को सुरक्षित, सेमीक्रिटीकल, क्रिटीकल एवं over exploited (डार्क जोन) की श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है। जनवरी 2013 के पश्चात् स्टेट लेवल कमेटी की बैठक प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश की अध्यक्षता में दिनांक 02.04.2014 को "Dynamic Ground Water Resources of Madhya Pradesh" as on March-2011 के अनुमोदन हेतु आयोजित की गई थी। तत्पश्चात् दिनांक 15.12.2015 को स्टेट लेवल कमेटी की बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। आधार वर्ष 2011 एवं 2013 के आंकलन में किसी भी क्षेत्र को over exploited (डार्क जोन) में से निकाला नहीं गया है। राजपुर विकासखण्ड जिला बड़वानी को नये over exploited श्रेणी में घोषित किया गया है। over exploited ब्लाक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2’’ अनुसार है। नलकूप खनन का भू-जल स्तर से कोई संबंध नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रदेश में विगत काफी समय से वर्षा औसत रही है, परन्तु भू-जल के दोहन में वृद्धि होने के कारण भू-जल विकास की दर निरन्तर बढ़ रही है। प्रदेश में सिंचाई क्षेत्र निरंतर बढ़ने के कारण से over exploited विकासखण्डों की संख्या में वर्ष 2011 की तुलना में वर्ष 2013 में मात्र 1 विकासखण्ड की वृद्धि हुई है। विभाग द्वारा पेयजल की समस्या की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पेड वाहन पार्किंग नियम
6. ( क्र. 85 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत द्वारा नागरिकों की सुविधा हेतु फुटपाथ तथा पेड वाहन पार्किंग बनाने के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) भोपाल नगर निगम द्वारा भोपाल महानगर में कुल कितने पेड वाहन पार्किंग स्थल हैं? प्रश्न दिनांक तक पेड वाहन पार्किंग स्थल किन-किन स्थानों पर है? स्थान का नाम दर्शाते हुये सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) में उपलब्ध कराई गई पेड वाहन पार्किंगों की सूची क्या प्रश्न की कंडिका (क) में उपलब्ध कराई गई शासकीय नियमों के अनुरूप हैं? (घ) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध कराई गई सूची तथा प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार पेड वाहन पार्किंग स्थल की सूची के संबंध में यदि शासन के ध्यान में कोई अनियमितता लाई जाती है, तो शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम-1956 की धारा 2 (सी) (दो) में परिभाषित अनुसार किसी भी सड़क से संलग्न पदमार्ग (फुटपाथ) सार्वजनिक सड़क का भाग है, अधिनियम की धारा 82 के अधीन नगर में स्थित ऐसी समस्त सार्वजनिक सड़के, खुली हुई भूमियां निगम में वैष्ठित होने से निगम की संपत्ति है, पेड़ पार्किंग से संबंधित राज्य शासन द्वारा दिनांक 03.03.2015 से नीति जारी की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) नगर निगम, भोपाल में कुल 35 पेड़ पार्किंग स्थल है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंजला जलाशय का निर्माण
7. ( क्र. 100 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मंजला जलाशय निर्माण की स्वीकृति कब हुई थी एवं उक्त कार्य किस ठेकेदार द्वारा किया गया एवं कितनी समयावधि में कार्य कराने हेतु अनुबंध किया गया? (ख) कार्य में विलंब के लिए ठेकेदार/विभाग पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? (ग) वर्तमान में उपरोक्त कार्य की क्या स्थिति है? एजेंसी द्वारा कितना कार्य पूर्ण कर लिया है तथा कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) क्या कार्य एजेंसी के द्वारा किए गए कार्य की जाँच की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लीज पर दी गई खनिज खदानें
8. ( क्र. 140 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में अधिकारी के रूप में खनिज विभाग में 2003 से 2004 तक खनिज अधिकारी, शैलेन्द्र सिंह की पदस्थापना हुई थी? (ख) क्या तत्कालीन खनिज अधिकारी, टीकमगढ़ द्वारा अपने सगे संबंधी ईश्वरदास राजपूत निवासी ग्राम गुन्डाह तह. रा. जिला हमीरपुर (उ.प्र.) के नाम खनिज खदान लीज पर दी गई थी क्या शासन के नियम विरूद्ध नहीं है? यदि हाँ, तो सगे संबंधीजन को लाभ पहुंचाये जाने की विधान सभा से कमेटी गठित कराकर जाँच करायेंगे यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या तत्कालीन खनिज अधिकारी जाँच के दौरान दोषी पाये जायेगे तो उनके विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बताये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या खनिज अधिकारी अपने सगे संबंधियों को लाभ दे सकते हैं? लीज पर खदाने देने के क्या नियम शासन द्वारा बनाये गये है संपूर्ण नियमावली से अवगत करायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में विभाग द्वारा किसी खनि अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गई थी। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 5 के अनुसार जो व्यक्ति भारतीय नागरिक हो उसे लीज प्रदान की जा सकती है। इस नियम में प्रश्नानुसार कोई प्रतिबंध नहीं है। यह नियम अधिसूचित नियम है।
नगर पालिक निगम कटनी से चाही गई जानकारी
9. ( क्र. 163 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 323, दिनांक 20.05.2016 लिखकर बिंदुवार जानकारी चाही गई थी जो प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है? यह जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) नगर पालिक निगम कटनी में प्रश्न दिनांक तक कितनी दुकानों का निर्माण कहाँ-कहाँ कितनी लागत से कराया गया है? उक्त दिनांकों को कब-कब, किस-किस को कितने किराए पर आवंटित की गई है? क्या आवंटन में आरक्षण नियम का पालन किया गया है या नहीं बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) की दुकानों में जो आवंटित है, उसमें किराएदारों का कब्जा है? आवंटित दुकानों का पंजीयक रजिस्ट्रार के यहां से पंजीयन न कराने से शासन को कितनी राजस्व की क्षति हुई? (घ) क्या शासन के यह दिशा-निर्देश है कि विधायकगण के पत्रों का उत्तर विभागों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में दिया जाये? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 3182, दिनांक 12.03.2016 एवं पत्र क्रमांक 402, दिनांक 09.06.2016 का उत्तर क्यों नहीं दिया गया? उसके लिये कौन दोषी है, बताएं तथा पत्र क्रमांक 2489, दिनांक 26.11.2015 के पत्र पर चाही गई जानकारी कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में की गई अनियमितताओं की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पत्र क्रमांक 2521/ लो.नि.वि./निर्माण/2016 दिनांक 29.06.2016 से जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है, आरक्षण नियम का पालन किया गया है। (ग) नगर पालिक निगम से जिनके नाम दुकानें आवंटित की गई है, अभिलेखों में उन्हीं के नाम पर दर्ज है तथा उनका कब्जा भी है। नगर पालिक निगम द्वारा आवंटित दुकानों के मुद्रांक शुल्क आदि के संबंध में जिला पंजीयक, कटनी को पत्र दिनांक 09.03.2016 से लिखा गया है तथा प्रथम चरण में 81 दुकानों की नस्तियां परीक्षण हेतु दिनांक 14.01.2016 को जिला पंजीयक, कटनी को भेजी गई हैं साथ ही जिला पंजीयक, कटनी द्वारा दिनांक 27.06.2016 को स्टाम्प शुल्क अपवंचन के संबंध में उप पंजीयक, कटनी को नगर निगम कटनी में अभिलेखों के परीक्षण हेतु नियुक्त किया गया है, जिसका अंतिम प्रतिवेदन अपेक्षित है। उक्त तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त होने पर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी हाँ। जानकारी पत्र दिनांक 17.06.2016 तथा 12.02.2016 से प्रदाय की जा चुकी है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, जिला पंजीयक कार्यालय, कटनी से परीक्षण टीप प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी।
भवनों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जाना
10. ( क्र. 164 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी नगरपालिक निगम द्वारा आई.एच.एस.डी.पी. योजना अंतर्गत कितने मकान कहाँ-कहाँ कितनी लागत से किस ठेकेदार से बनवाए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के निर्मित भवनों के आवंटन हेतु पात्र हितग्राहियों का चयन निर्माण के पूर्व क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन दोषी हैं? (ग) क्या योजना में कार्यरत ठेकेदारों द्वारा भवन मूल्यांकन किए जाने एवं कब्जा लेने हेतु भी आवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो उन आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई, पृथक-पृथक बताएं? यदि नहीं, की गई तो इनके लिये कौन दोषी हैं? (घ) क्या कुछ ठेकेदार कार्य अपूर्ण छोड़कर चले गए हैं? यदि हाँ, तो उन कार्यों का अनकंपलीट फाईल बनाकर शेष बचे कार्यों की निविदा बुलाई जाकर कार्यपूर्ण किए जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी और अब तक न करने के लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत बनवाये जा रहे मकानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत शासन द्वारा निर्धारित समिति की बैठक कलेक्टर एवं अध्यक्ष, आई.एच.एस.डी.पी. समिति कटनी की अध्यक्षता में दिनांक 19.12.2007 को कलेक्टर सभागार में आयोजित की गई थी, जिसमें भूमि आवंटन, हितग्राही चयन, ऋण की औपचारिकताएं एवं निर्माण हेतु निविदा स्वीकृति करते हुए निर्माण की कार्यवाही समांतर रूप से किये जाने का निर्णय लिया गया था। तदानुसार ही भूमि आवंटन, हितग्राहियों के चयन हेतु सर्वेक्षण कार्य एवं भवनों के निर्माण की कार्यवाही समानांतर रूप से की गई है। इसलिए कोई दोषी नहीं है। (ग) योजना में कार्यरत ठेकेदारों द्वारा दिये गये मूल्यांकन एवं कब्जा लेने दिये गये पत्रों का विवरण-
क्र. |
ठेकेदार का नाम |
पत्र दिनांक |
पत्र पर की गई कार्यवाही |
1 |
मे. प्रगति इंडिया, सतना |
17.10.2013 |
मूल्यांकन कर अंतिम देयक तैयार किया गया है, भुगतान संबंधी कार्यवाही की जा रही है। |
2 |
मे. लारेन्स रायल कंस्ट्रक्शन, कटनी |
13.05.2014 |
भवनों का निर्माण कार्य अपूर्ण है, जिसके संबंध में ठेकेदार को पत्र दिनांक 03.08.2014, 19.07.2015 एवं 14.06.2016 द्वारा भवनों का पूर्ण कराने एवं भवनों का कब्जा सौंपने हेतु निर्देशित किया गया है। |
(घ) जी
हाँ। एक
ठेकेदार मे.
ए.के. बिल्डर्स
द्वारा कार्यों
को अपूर्ण
छोड़ दिया गया
है, मे.
ए.के. बिल्डर्स, ठेकेदार
द्वारा
कार्यों को
अधूरा छोड़े
जाने से
प्रकरण
मेयर-इन-काउंसिल
में विचार एवं
निर्णय हेतु
प्रस्तुत
किये गये, जिसमें
मेयर-इन-काउंसिल
द्वारा कार्यों
को निरस्त
करते हुए शेष
कार्य को रिस्क
एण्ड कॉस्ट
के आधार पर
कराये जाने का
निर्णय लिया
गया, मेयर-इन-काउंसिल
के निर्णय के
अनुसार
ठेकेदार मे.
ए.के. बिल्डर्स, ठेकेदार
को अंतिम रूप
से पत्र
क्रमांक
दिनांक 09.04.2015
द्वारा किया
गया है।
अपूर्ण
कार्यों को
पूर्ण कराये
जाने हेतु
प्राक्कलन
तैयार कराये
गये हैं,
जिसकी
स्वीकृति की
प्रक्रिया
जारी है।
उपरोक्त
के अतिरिक्त
निम्नानुसार
ठेकेदारों
द्वारा कार्य
पूर्ण किये
जाने एवं कब्जा
सौपने हेतु
निर्देशित
किया गया है :-
1. मे. राज कंस्ट्रक्शन, ठेकेदार 92 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु दिनांक 21.03.2014, 22.04.2015 एवं 30.09.2015 द्वारा निर्देशित किया गया है।
2. मे. सांई निर्माण, ठेकेदार को पत्र दिनांक 30.04.2014 एवं 14.06.2016 द्वारा भवनों का निर्माण पूर्ण करते हुए कब्जा सौपने हेतु निर्देशित किया गया है।
3. मे. धनराज कंस्ट्रक्शन, ठेकेदार को पत्र दिनांक 08.06.2012 द्वारा भवनों को पूर्ण करने एवं कब्जा सौपने हेतु एवं पत्र दिनांक 17.10.2012, 02.10.2013, 21.10.2013 द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु तथा पत्र दिनांक 14.06.2016 द्वारा निर्माण पूर्ण कराने व भवनों का कब्जा सौपने हेतु निर्देशित किया गया है।
4. श्री एस.एन. खम्परिया, ठेकेदार को दिनांक 08.06.2016 द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने हेतु एवं पत्र दिनांक 14.06.2016 द्वारा भवनों का कब्जा सौपने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रकरण में कार्यवाही निरन्तर जारी होने के कारण कोई अधिकारी दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं हैं।
पर्यटन क्षेत्र की कार्ययोजना की स्वीकृति
11. ( क्र. 211 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील के पर्यटन संबंधी प्रस्ताव शासन/विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार प्रेषित कर मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जावरा नगर स्थित हुसेन टेकरी शरीफ़, स्वामीजी की कुटिया, दादावाडी तथा पिपलोदा तहसील की सुजापुर माताजी टेकरी, मामटखेडा रोग्या देवी स्थान के साथ ही जावरा तहसील के गोंदीधर्मसी स्थित मिडाजी त्रिवेणी स्थल एवं कान्करवा बालाजी स्थान के प्रस्ताव प्राप्त हुए है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग द्वारा उपरोक्त प्रस्तावों पर कार्ययोजनाएं बनाए जाने के निर्देश भी जारी किये गए है? (घ) यदि हाँ, तो बताये कि उपरोक्त प्रस्तावों के कार्यों को कार्ययोजना में सम्मिलित कर बजट कब तक स्वीकृत होगा एवं उक्त स्थलों की कार्ययोजनाओं के कार्यों को कब तक प्रारम्भ किया जाएगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) विभाग में प्रस्ताव अप्राप्त है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मल्टीलेवल पार्किंग मय शापिंग काम्प्लेक्स कार्ययोजना की स्वीकृति
12. ( क्र. 212 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर में शासन/विभाग से नगरीय आवश्यकता हेतु आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा चौपाटी स्थित प्रीमियर आईल मिल भूमि पर, कोर्ट के पास स्थित पुरानी सब्जी मंडी स्थल पर एवं शहर मध्य स्थित घंटाघर चौराहे पर मल्टीलेवल पार्किंग मय शापिंग काम्प्लेक्स इत्यादि की लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या आम जन की मांग पर एवं नगरीय क्षेत्र की आवश्यकता को दृष्टिगत रख शासन/विभाग द्वारा नगर पालिका परिषद जावरा से उपरोक्त सम्बन्धी प्रस्ताव, कार्ययोजना बुलवाई गयी है? (ग) क्या शासन/विभाग के निर्देश पर उपरोक्त सम्बन्धी समस्त प्रस्तावों की कार्ययोजना बनाकर नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा शासन/विभाग को अग्रेषित की गयी है? (घ) यदि हाँ, तो नगर की बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते हुए वाहनों की संख्या, एवं बढ़ती हुई बेरोजगारी को दृष्टिगत रखते हुए उपरोक्त प्रस्तावों को बजट में कब सम्मिलित करते हुए इन कार्ययोजनाओं को कब स्वीकृति दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) परिषद निर्णय के क्रम में निकाय द्वारा पत्र क्रमांक 3954 दिनांक 12.01.2016 से कलेक्टर जिला रतलाम को शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 226/1 पेकी रकबा 2.036 हेक्टर भूमि सार्वजनिक प्रयोजन हेतु अग्रिम अधिपत्य देने एवं निजी भूमि सर्वे क्रमांक 224 रकबा 1.050 हेक्टर को अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। प्रीमियर आइल मिल की भूमि विवादित होने से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा नहीं की जा रही है।
पर्यटन विभाग द्वारा मंदसौर जिले में प्रदत्त राशि तथा विकास
13. ( क्र. 242 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में पर्यटन हेतु विगत 03 वर्षों में कितनी राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई है? (ख) चारों विधानसभा मंदसौर, गरोठ, सुवासरा, मल्हारगढ़ में विभाग द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई एवं तथा कितनी खर्च की गई है? (ग) वर्तमान में पर्यटन के क्षेत्र में शासन द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या योजनाएं बनाई जा रही है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
नवीन स्टापडेम, तालाब निर्माण
14. ( क्र. 243 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा वरिष्ठ कार्यालय में नवीन स्टापडेम, तालाब निर्माण हेतु कौन-कौन सी योजना स्वीकृति हेतु भेजी गई है, बतावें? (ख) बंजारी, भटूनी, झांगरिया, ढाबला महेश, प्रतापपुरा, भाटखेड़ी, अजयपुर, सेमली कांकड, किशोरपुर, विश्नियां, तुम्बड़ डेम योजनाओं को कब तक स्वीकृति प्राप्त हो पाएगी? (ग) विभाग द्वारा पुराने बड़े स्टापडेमों एवं तालाबों की ऊंचाई बढ़ाने एवं मरम्मत हेतु कोई योजना बनाई है तो बतावें? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई योजना को कब तक स्वीकृति प्राप्त हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खण्डहर हुये अच्युतानन्द व्यायाम शाला को छत्री पार्क में सम्मलित करना
15. ( क्र. 251 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के 11 मार्च 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 57 (क्र. 3443) के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया था कि उल्लेखित पत्रों के संबंध में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम ग्वालियर को कार्यवाही हेतु लिखा गया है? तो उक्त दिवस से प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उक्त प्रश्न के (ख) भाग के उत्तर में नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा व्यायाम शाला को आधिपत्य में ले लिया गया है आगे की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, उत्तर दिया था? उक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इस बेशकीमती भूमि पर अतिक्रमण को रोकने के लिए तथा निगम के किस उपयोग के लिए निगम द्वारा दिनांकवार तथा किन-किन पत्रोंवार क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, ग्वालियर के वार्ड क्रं. 41 के क्षत्रि बाजार स्थित अच्युतानन्द व्यायाम शाला को लेडिज पार्क में सम्मिलित कर पार्क के क्षेत्र का विकास करने की मांग की गई है। अच्युतानन्द व्यायाम शाला तत्कालीन रियासत काल की ऐतिहासिक महत्व की है तथा तत्समय म्यूनिसिपल बोर्ड की जनरल कमेटी द्वारा दिनांक 23.01.1928 को स्थापित की गई थी। ऐसी स्थिति में अच्युतानन्द व्यायाम शाला को तोड़ा जाकर लेडिज पार्क का विकास किया जाना नीतिगत निर्णय होने से प्रस्ताव मेयर-इन-काउंसिल के समक्ष निर्णय हेतु प्रस्तुत किया गया है। (ख) नगर निगम, ग्वालियर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में केविएट प्रस्तुत की गई है। ताकि कोई व्यक्ति/संस्था अच्युतानन्द व्यायाम शाला की बेशकीमती भूमि पर अतिक्रमण न कर सकें एवं स्थगन आदि प्राप्त न कर सकें। वर्तमान में उक्त स्थल पर व्यायाम शाला संचालित है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी का प्रदाय
16. ( क्र. 252 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सूचना का अधिकार अधिनियम 2015 की धारा (6) (1) के अंतर्गत दिनांक 17.12.2015 को आवक क्रमांक 2599 आवेदक श्री दीपक यादव एवं दिनांक 6.01.2016 को आवेदक श्री निरंजन सिंह द्वारा नगर पालिक निगम ग्वालियर (कार्यशाला विभाग) से जानकारी मांगी थी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक आवेदकों द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों? इस लापरवाही के लिये कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी है क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अब कब तक जानकारी उपलब्ध करा दी जावेगी? (ख) ग्वालियर नगर पालिक निगम में श्री श्रीकांत कॉटे की नियुक्ति किस दिनांक को किस अधिकारी के आदेश से किस पद पर हुई थी? क्या श्री कॉटे भर्ती पद (फोर्थ क्लास) से इतनी जल्दी-जल्दी प्रमोशन पाकर आज कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ हैं? इनका प्रमोशन कब-कब, किस-किस पद पर हुआ हैं? क्या श्री कॉटे को विभागीय अधिकारियों की कृपा दृष्टि से कार्यपालन यंत्री एवं कचरा प्रबंधन अधिकारी के पद पर सीनियर अधिकारियों को ओवरटेक कर प्रभारी के रूप में पदस्थ किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? क्या अब श्री कॉटे को अपने मूल पद पर वापिस कर पद की योग्यताधारी अन्य अधिकारी को पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। लोक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदकों को पत्र दिनांक 11-01-2016 एवं दिनांक 03-02-2016 द्वारा सूचित किया गया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, की धारा 6 (1) के अंतर्गत सूचना सृजन करने अथवा सूचना की व्याख्या करने का प्रावधान नहीं है। उक्त के संबंध में लोक सूचना अधिकारी द्वारा दोनों आवेदकों को उपस्थित हो कर जानकारी उपलब्ध करने हेतु सूचित किया गया। लोक सूचना अधिकारी द्वारा उनको जानकारी अवलोकित कर उसकी सत्यापित प्रति लेने को कहा गया एवं संबंधित कर्मचारी को इस हेतु निर्देश भी दिये गये। किन्तु आज दिनांक तक दोनों आवेदकगण जानकारी के अवलोकन करने हेतु उपस्थित नहीं हुये। इस संबंध में लोक सूचना अधिकारी द्वारा पुन: आवेदकगणों को सूचित भी किया गया। यदि आवेदकगण सूचना का अवलोकन कर उन्हें चिन्हित करते है तो उन्हें जानकारी तत्समय उपलब्ध करा दी जायेगी। (ख) स्थाई समिति के संकल्प क्रमांक 1116 दिनांक 02-08-85 के पालन में श्री श्रीकांत काटे, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को कार्यशाला में रिक्त वल्कनाइजर के पद पर वेतन मान 515-840 में आदेश दिनांक 23-06-87 द्वारा नियुक्त किया गया। याचिका क्रमांक 422/94 में पारित निर्णय दिनांक 22-08-94 के अनुसार श्री श्रीकांत काटे को सुपरवाइजर के पद पर 3 माह में नियमितिकरण किये जाने के आदेश दिये। सुपरवाइजर का पद कार्यशाला में स्थापित/स्वीकृत न होने तथा शैक्षणिक योग्यता बी.ई. मैकेनिकल होने से कार्यशाला में रिक्त उपयंत्री (मैकेनिकल) के पद पर 01-04-95 से नियमित किया गया। मेयर इन काउंसिल के संकल्प क्रमांक 695 दिनांक 30-10-2007 एवं मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4-81/08/18-1 भोपाल दिनांक 22-07-2008 अनुसार सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
प्रदेश के ऊपर कर्जे की जानकारी
17. ( क्र. 255 ) श्री अजय सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च, 2016 तक की स्थिति में म.प्र. राज्य के उपर कितनी राशि का किस-किस का कर्ज, कब-कब से था? संस्थावार, मदवार राशिवार विवरण दें? (ख) क्या म.प्र. की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है? अगर नहीं तो पेट्रोल-डीजल पर कितना वैट एवं सेस प्रति लीटर निर्धारित किया हैं? (ग) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के दौरान कब-कब, कितनी राशि का कर्जा कहाँ-कहाँ से लिया? अनुपूरक बजट कब-कब लाया गया? (घ) राज्य शासन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें किस दिनांक से मानकर अपने कर्मचारियों को क्या-क्या लाभ किस प्रकार से देगी? कर्मचारियों की श्रेणीवार, बिन्दुवार जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये जाने वाले 31 मार्च 2016 के वित्तीय लेखे अप्राप्त हैं। अतः जानकारी दी जानी संभव नहीं है (ख) आर्थिक स्थिति संतोषजनक हैं। प्रश्न (क) के अंश के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रदेश सरकार ने 2014-15 में निम्नानुसार लोक ऋण प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों हेतु प्राप्तियों में सम्मिलित है : - (राशि करोड़ में)
स. क्र. |
ऋण का विवरण |
राशि |
01. |
बाजार से ऋण |
10300.00 |
02. |
वित्तीय संस्थाओं से ऋण |
1482.61 |
03. |
केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय अल्पबचत निधि को जारी विशेष प्रतिभूतियां |
1913.87 |
04. |
राज्य/संघ क्षेत्र की योजनागत स्कीमों के लिये ऋण |
1372.23 |
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा 2015-16 के वित्तीय लेखे अप्राप्त हैं। वर्ष 2014-15 का प्रथम अनुपूरक बजट 09/12/2014, वर्ष 2014-15 का द्वितीय अनुपूरक 24/03/2015, वर्ष 2015-16 का प्रथम अनुपूरक 21/07/2015, द्वितीय अनुपूरक 05/11/2015, तृतीय अनुपूरक 09/12/2015 एवं चतुर्थ अनुपूरक 11/03/2016 को प्रस्तुत किया गया। (घ) सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों अनुसार राज्य शासन के शासकीय सेवकों को लाभ देने का निर्णय यथा समय लिया जा सकेगा।
अवैध उत्खनन
18. ( क्र. 256 ) श्री अजय सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रामपुर बाघेलान में रामस्थान सहित कई स्थानों पर अवैध उत्खनन को लेकर धरना/ आंदोलन/ प्रदर्शन किया जा रहा है? अगर हाँ, तो 01.01.2016 से प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान पर धरना/आंदोलन/प्रदर्शन किन-किन मांगों को लेकर हुये का बिन्दुवार विवरण दें। (ख) रामपुर बाघेलान तहसील स्थित प्रिज्म सीमेंट कंपनी के द्वारा वित्तीय वर्ष 2012 से प्रश्न तिथि तक कितने टन क्लिकर का एवं कितने टन सीमेंट का उत्पादन किया? माहवार, वर्षवार, क्लिंकर टनवार, सीमेंट टनवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कंपनी के द्वारा वित्तीय वर्ष 2012 से प्रश्नतिथि तक कितने टन लेट्राईट, बाक्साईट एवं अन्य खनिजों की रायल्टी राज्य शासन को जमा की? खनिजवार, रायल्टी की राशिवार, माहवार, वर्षवार जानकारी दें। (घ) 01.04.2012 से प्रश्नतिथि तक प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कंपनी के द्वारा किन-किन खनिज सप्लाई करने वाली कंपनियों को एवं कंपनी की माईन्स से खनिज खोदकर कंपनी में सप्लाई करने वाली फर्मों को कितने-कितने टन का भुगतान कब-कब, कितना-कितना किया? खनिजों की मात्रावार, राशिवार, माहवार, वर्षवार विवरण दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अवैध उत्खनन को लेकर तहसील रामपुर बघेलान में रामस्थान सहित कई स्थानों पर आंदोलन/धरना/प्रदर्शन नहीं किया जा रहा है। तहसील रघुराजनगर अंतर्गत रामस्थान में दिनांक 20.04.2016 को विभिन्न मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया है। मांगो का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ग) प्रश्नाधीन कंपनी को चूनापत्थर खनिज का खनिपट्टा स्वीकृत है। जिसकी प्रश्नानुसार जमा रायल्टी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। प्रश्नाधीन कंपनी को लेटेराईट, बाक्साईट एवं अन्य खनिजों की खदानें स्वीकृत नहीं हैं। अत: इन खनिजों की रायल्टी जमा नहीं की गई है। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी विभाग द्वारा संधारित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
19. ( क्र. 267 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 25.02.2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 76 क्रमांक 1394 के प्रश्नांश (क) से (घ) तक दिया गया उत्तर के परिप्रेक्ष्य में परिशिष्ट-अ अनुसार दी गई जानकारी में कौन-कौन से कार्य कब-कब, कहाँ-कहाँ, किस-किस दिनांक को निविदा के आधार पर अथवा बगैर निविदा के कराए गए? नगर निगम रीवा सहित अन्य नगर पालिकाओं में क्या परिशिष्ट अनुसार अन्य कार्य नहीं कराये गए? प्रदूषण बोर्ड द्वारा निगरानी एवं मॉनिटरिंग के दौरान कब-कब कितने प्रकरण तैयार कर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर निगम रीवा में रोटरियों एवं फब्बारों का निर्माण कब-कब, कितनी-कितनी लागत से कराया गया? दिनांक 28.04.2016 को आयुक्त नगर निगम रीवा को पत्र लिखकर प्रश्नकर्ता द्वारा जानकारी चाही गई, जो आज तक अप्राप्त है? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) की जानकारी गलत एवं भ्रामक दी गई, योजनाओं का क्रियान्वयन शासन के मापदण्ड अनुसार नहीं किया गया, इसके लिए दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं, तो क्यों, साथ ही प्रश्नांश (ख) की जानकारी समय पर न देने के लिए कौन-कौन दोषी है, दोषियों के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, रीवा द्वारा उल्लेखित किये गये समस्त कार्य निविदा पद्धति से कराये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रीवा जिले में नगर पालिका नहीं है अपितु नगर पालिक निगम एवं नगर परिषदे है। प्रदूषण मण्डल द्वारा मॉनिटरिंग एवं निगरानी के दौरान कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जी हाँ। माननीय विधायक महोदय द्वारा चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, रीवा द्वारा गलत एवं भ्रामक जानकारी नहीं दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश (ख) की जानकारी समय पर नहीं देने पर संबंधित को कारण बताओं नोटिस दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द'' अनुसार है।
परियोजना का क्रियान्वयन
20. ( क्र. 268 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 03.03.2016 में मुद्रित प्रश्न संख्या 122 (क्रमांक 3970) के प्रश्नांश (क) एवं (ख) का दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या परियोजना का मसौदा (रूपरेखा) तात्कालीन भारत सरकार द्वारा तैयार नहीं की गई थी? अगर की गई थी तो केन्द्र में कौन सी सरकार थी? (ख) प्रश्नांश (क) की परियोजना का कार्य कब से प्रारंभ होकर पूर्ण कर लिया जायेगा वर्तमान में परियोजना के प्रगति की क्या स्थिति है? जिन किसानों की अधिग्रहित की गई क्या उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का प्रावधान भी रखा गया है, साथ ही क्या स्थानीय लोगों को रोजगार देने हेतु सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है? अगर की है तो जानकारी देवें? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) परियोजना का मसौदा म.प्र. शासन के द्वारा दिनांक 05.02.2014 को तैयार किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उपरोक्त परियोजना के बाहरी उप केन्द्रों के निर्माण का कार्य पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इण्डिया लिमि. द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। दिनांक 31.03.2018 तक परियोजना कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है। परियोजना हेतु निविदा आमंत्रण प्रस्ताव जारी किया जा चुका है। परियोजना हेतु किसानों की भूमि अधिग्रहित नहीं की गयी है। निजी भूमि का क्रय म.प्र. शासन की 'आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति' के आधार पर किया जा रहा है। परियोजना निर्माण के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
प्रबंध संचालक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. भोपाल को प्राप्त पत्रों पर की कार्यवाही
21. ( क्र. 298 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान प्रबंध संचालक, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. भोपाल को अपने निज सहायक की सेवाएं यथावत रखे जाने हेतु पत्र क्र. 890 दिनांक 22/10/2015 एवं पत्र क्र. 895 दिनांक 26/10/2015 एवं पत्र दिनांक 16/12/2015 तथा पत्र क्र. 57 दिनांक 09/06/2016 पर तथा माननीया मंत्री महोदया पशुपालन विभाग एवं प्रभारी मंत्री जिला शिवपुरी एवं तत्कालीन ऊर्जा मंत्री महोदय श्री जयंत मलैया जी द्वारा पत्र लिखे गए हैं? निर्देश दिए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो, उक्त पत्रों पर प्रबंध संचालक महोदय द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि क्या प्रबंध संचालक द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो कब एवं किस पत्र के माध्यम से अवगत कराया है? उन पत्रों की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा एवं अन्य प्राप्त पत्रों/निर्देशों पर प्रबंध संचालक महोदय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई एवं संबंधितों को पत्र द्वारा अवगत क्यों नहीं कराया गया? (घ) क्या कि प्रबंध संचालक द्वारा कलेक्टर जिला शिवपुरी को कलेक्टर शिवपुरी के आदेश क्र. 821 दिनांक 11/02/2015 के संदर्भ में लिखे पत्र क्र. 836 भोपाल दिनांक 31/07/2015 किनकी सेवाएं विभाग को वापस किये जाने का उल्लेख किया था? उक्त पत्र की प्रति संलग्न कर जानकारी दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रबंध संचालक, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 28.06.2016 (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ') से प्रकरण ऊर्जा विभाग, म.प्र.शासन के संज्ञान में लाया गया है। उल्लेखनीय है कि म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक (1) दिनांक 19 मई, 1995 के बिंदु क्रमांक 3 के अनुसार राज्य शासन के किसी भी विभाग से कर्मचारी की सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार माननीय सांसदों और विधायकों को है। चूंकि म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कर्मचारी (लिपिक) राज्य शासन के कर्मचारी नहीं है, अत: मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लिपिक की सेवाएं माननीय विधायक महोदय को सचिवालयीन कार्य हेतु सौंपा जाना उचित नहीं है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग की ओर से माननीय विधायक महोदय को पृथक से सूचित किया गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में दी गई जानकारी अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। (घ) प्रबंध संचालक, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 836 दिनांक 31.07.2015 के द्वारा उत्तरांश (ख) में वर्णित वस्तुस्थिति के परिप्रेक्ष्य में श्री बृजेन्द्र श्रीवास्तव, कार्यालय सहायक श्रेणी-तीन संभागीय कार्यालय, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, पिछोर की सेवाएं कंपनी को वापस सौंपे जाने हेतु लेख किया गया था। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
कलेक्टर जिला शिवपुरी को लिखे गए पत्र पर कार्यवाही
22. ( क्र. 299 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं यथावत रखे जाने हेतु नवंबर 2015 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर जिला शिवपुरी को पत्र लिखे हैं? यदि हाँ, तो कार्यालय में प्राप्त पत्रों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रों तथा की गई कार्यवाही एवं लिखी गई नोटशीट की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी ने प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कोई ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही नहीं की? यदि हाँ, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी ने प्रश्नकर्ता के निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं यथावत रखे जाने हेतु विभाग अथवा शासन को कोई पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो कौन सा पत्र लिखा है और उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यदि पत्र नहीं लिखा गया तो क्यों? (घ) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी द्वारा प्रश्नकर्ता के विधायकी कार्य को बाधित करने के लिए जुलाई-2016 विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने के उपरांत निज सहायक की सेवाएं विभाग को वापस सौंपने हेतु प्रश्नकर्ता पर अनावश्यक दबाव डाला गया था एवं धमकी दी गई थी कि यदि आपने निज सहायक वापस नहीं किया तो मैं उसे निलंबित कर दूंगा और उससे 07 माह का वेतन वसूल करेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक के पत्रों के संबंध में कलेक्टर शिवपुरी के पत्र क्रमांक 3015 दिनांक 10.06.2016 द्वारा ऊर्जा विभाग से अभिमत चाहा गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है एवं कलेक्टर शिवपुरी के पत्र क्रमांक 86 दिनांक 23.06.2016 द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत चाहा गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है, साथ ही प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल को भी अवगत कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 1058/1729/2016/एक (1) दिनांक 08.07.2016 द्वारा परिपत्र दिनांक 19.05.1995 द्वारा जारी निर्देश को शिथिल करते हुए, श्री ओ.पी. शर्मा सहायक वर्ग-2 की सेवाएं श्री रामसिंह यादव, विधायक कोलारस को सौंपे जाने की अनुमति दी गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'घ' अनुसार है, जिसकी क्रम के कलेक्टर शिवपुरी के आदेश क्रमांक 3539/स्था/6-2/2016 दिनांक 08.07.2016 द्वारा श्री ओ.पी. शर्मा सहायक वर्ग-2 म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. की सेवाएं श्री राम सिंह यादव, विधायक कोलारस को निज सहायक के रूप में सौंपी गई हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड.'' अनुसार है, माननीय विधायक के पत्रों एवं कलेक्टर शिवपुरी के कार्यालय द्वारा लिखी गई नोटशीट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''च'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कलेक्टर शिवपुरी द्वारा माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया था कि प्रबंध संचालक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि भोपाल द्वारा उनके विभाग के कर्मचारी को राज्य शासन का कर्मचारी न मानने के कारण निज सहायक को निरंतर रखना विभाग के आदेश के विरूद्ध होगा।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों
23. ( क्र. 329 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत गोटेगांव जिला नरसिंहपुर एवं नगर पालिक निगम कटनी में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी/निश्चित वेतन भोगी कर्मचारियों की सूची नियुक्ति दिनांक, नाम, पदनाम सहित बताएं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के समस्त कर्मचारियों के वेतन में से 12 प्रतिशत राशि काट कर एवं नगर निगम द्वारा 13.61 प्रतिशत राशि अंशदान मिलाकर कर्मचारी के ई.पी.एफ. खाते में प्रतिमाह जमा की जाती है? यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारियों के खाते में वर्ष 2012 से वर्तमान तक कितनी राशि वर्षवार जमा की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को प्रतिवर्ष साप्ताहिक अवकाश के अलावा कितने आकस्मिक अवकाश एवं राजपत्रित अवकाश एवं अन्य कितने अवकाशों की पात्रता है एवं क्या नगर पालिक निगम के इन कर्मचारियों को न तो आकस्मिक और न ही राजपत्रित अवकाश दिया जा रहा है? अगर दिया जायेगा तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों कारण/नियम बताएं? (घ) क्या दैनिक वेतन भोगी/फिक्स वेतन भोगी कर्मचारियों की सालाना वरिष्ठता सूची बनाई जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2011 से 2016 तक की वरिष्ठता सूची प्रदान करें? क्या इस वरिष्ठता सूची में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नहीं रखा जाता है? यदि रखा जायेगा तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को प्रतिवर्ष साप्ताहिक अवकाश के अलावा निम्नांकित अवकाश की पात्रता का प्रावधान है:- (1) राष्ट्रीय अवकाश-03 दिवस (2) त्यौहार 05 (3) आकस्मिक अवकाश 07 दिवस (4) महिला कर्मचारी-शासन नीति अनुसार मातृत्व अवकाश, उक्त प्रावधान नगर पालिक निगम भी लागू है। (घ) नगर पालिक निगम, कटनी में वर्ष 2011, वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में निश्चित वेतन कर्मचारियों (फिक्स वेतन) की वरिष्टता सूची बनाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’’ अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
132 के.व्ही. सब स्टेशन की स्थापना
24. ( क्र. 336 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के खाचरौद नगर में दिनांक 10-1-16 को मा. मंख्यमंत्री जी द्वारा क्षेत्र में 132 K.V. सब-स्टेशन निर्माण की घोषणा की थी? क्या उक्त सब-स्टेशन के निर्माण से स्थानीय निवासियों को वोल्टेज समस्या से छुटकारा मिलेगा? साथ ही क्षेत्र के ग्राम भीकमपुर, सुरेल एवं संदला के बीच एवं नंदियासी में 33 K.V. सब-स्टेशन की स्थापना की जावेगी तो स्थानीय निवासियों को घरेलू एवं सिंचाई के क्षेत्र में वोल्टेज समस्या से मुक्ति मिलेगी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजनायें कब तक बनाई जावेगी ताकि क्षेत्रवासियों की वोल्टेज समस्या हल हो सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में खाचरौद नगर में दिनांक 10.01.2016 को माननीय मुख्य मंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी कि ग्राम भैसोला एवं बरखेडा जावरा में 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का परीक्षण कराया जाएगा। खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 132 के.व्ही. का एक उपकेन्द्र, खाचरौद (बुरानाबाद) में स्थापित है। खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ीकरण हेतु म.प्र.पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा जायका-1 योजना के अंतर्गत वर्तमान 132 के.व्ही. खाचरौद उपकेन्द्र हेतु अतिरिक्त 132 के.व्ही. नागदा -खाचरौद-जावरा लाईन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर योजना के अंतर्गत जावरा में 220 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है। उपरोक्त कार्यों से खाचरौद क्षेत्र से वोल्टेज की गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार होगा एवं क्षेत्र की भविष्य की मांग की पूर्ति भी होगी। तथापि माननीय मुख्य मंत्रीजी की घोषणा के तारतम्य में ग्राम भैंसोला एवं बरखेडा जावरा क्षेत्र में नवीन 132 के.व्ही. उच्चदाब उपकेन्द्र की स्थापना के संबंध में तकनीकी परीक्षण करवाया जा रहा है, जिसके तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य होने पर ही भैंसोला में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण की कार्यवाही की जा सकेगी। साथ ही क्षेत्र के ग्राम भीकमपुर में 33 के.व्ही. का नवीन उपकेन्द्र दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में प्रस्तावित है एवं इस उपकेन्द्र हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई है। ग्राम सुरेल एवं ग्राम संदला के मध्य, नवीन 33 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर संपादित किया जावेगा। ग्राम नंदियासी व आस-पास के ग्रामों को ग्राम चिरोला में स्थापित 33 के.व्ही. उपकेन्द्र से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस उपकेन्द्र में पर्याप्त क्षमता उपलब्ध है तथा क्षेत्र में किसी प्रकार वोल्टेज की समस्या नहीं है। अत: नंदियासी में पृथक से नवीन 33 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 132 के.व्ही. नागदा-खाचरौद-जावरा लाईन निर्माणाधीन है एवं इसके जून, 2017 तक पूर्ण होने की संभावना है। 220 के.व्ही. जावरा उपकेन्द्र हेतु के.एफ.डब्ल्यू. (वित्तीय संस्थान) से ऋण स्वीकृत हो गया है एवं निविदा हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त उपकेन्द्र वर्ष 2018-19 तक पूर्ण होने की संभावना है। 132 के.व्ही. उपकेन्द्र भैंसोला के तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य पाये जाने पर कार्यवाही की जा सकेगी एवं 33 के.व्ही. उपकेन्द्र भीकमपुर हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई है एवं वर्तमान में कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। साथ ही ग्राम सुरेल एवं ग्राम संदला के मध्य नवीन 33 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर संपादित किया जावेगा।
स्टॉप डेम निर्माण
25. ( क्र. 337 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगें कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा खाचरौद में दिनांक 10-1-16 को घोषणा की गई थी की चम्बल नदी, बागेड़ी नदी एवं कुडेल नदी पर स्टॉप डेम बनाये जावेंगे। (ख) क्या उक्त स्टॉप डेम की कार्ययोजना बना ली गई है ? यदि हां, तो कब तक स्टॉप डेमों का निर्माण प्रारंभ हो जावेगा ?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) बागेड़ी नदी पर बागेड़ी बैराज की साध्यता स्वीकृति उपरांत डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। चंबल नदी एवं कुण्डेल नदी पर स्टॉप डेम हेतु स्थल चिन्हित किया गया है।
राजगढ़ विधानसभा के पर्यटन स्थल
26. ( क्र. 346 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने स्थान पयर्टन विभाग में दर्ज है? (ख) क्या राजगढ़ जिले में कोई स्थान पर्यटन विभाग में दर्ज है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से और कब से दर्ज है? (ग) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अत्यंत प्राचीन धार्मिक व ऐतिहासिक स्थान जालपा माताजी, बटेरी माताजी एवं होड़ा माताजी पर श्रद्धालुओं एवं दूर-दूर से भक्तों का आना जाना होता है जहां पर नवरात्री पर मेला भी लगता है? क्या शासन उक्त अत्यन्त प्राचीन धार्मिक व ऐतिहासिक स्थान को पर्यटन विभाग में जोड़ेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक जोड़ा जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन विभाग के अंतर्गत किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) ऐसी कोई नीति नहीं है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधानसभा में राजगढ़ महोत्सव का आयोजन
27. ( क्र. 347 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रदेश में संस्कृति विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं? (ख) क्या राजगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों में संस्कृति विभाग द्वारा कोई कार्यक्रम आयोजित करवाया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ग) क्या राजगढ़ जिले में विभाग द्वारा संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजगढ़ महोत्सव मनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के नगर राजगढ़ अथवा खुजनेर में विभाग द्वारा संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवरात्रि अथवा शिवरात्रि पर सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश में प्रतिवर्ष गायन, वादन, नृत्य, नाट्य, काव्य एवं विभिन्न विषयों पर केन्द्रित व्याख्यान एवं विमर्श आयोजित किये जाते हैं. (ख) जी हाँ. विभाग द्वारा निम्नानुसार राजगढ़ जिले के अंतर्गत कार्यक्रम सम्पन्न किये गये :- (1) नरसिंहगढ़ महोत्सव, नरसिंहगढ़ (26-27 अप्रैल, 2013) (2) भक्ति संगीत, खिलचीपुर (22-24 मई, 2013) (ग) जी नहीं. इस तरह की कोई योजना नहीं हैं. (घ) जी नहीं.
खारक तालाब की नहरों की गुणवत्ता
28. ( क्र. 385 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन की खारक तालाब की नहरों का स्टीमेट अनुसार निर्माण हुआ है? इस कार्य को किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा चेक किया गया? नहरों के कार्य पूर्णता दिनांक क्या है? विलंब के कारण क्या है? (ख) खारक तालाब की नहरों में कब-कब पानी छोड़ा गया? नहरों में पानी छोड़ने से पूर्व कितनी दरारें, टूट-फूट गई थीं तथा बाद में कितनी नहरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हुई? (ग) नहरों की दरारों में पानी जाने से कितनी जगह पर नहरों की दीवार उखड़ गई? इस गुणवत्ता विहीन कार्य से शासन को कितना नुकसान हुआ है? ठेकेदार पर क्या पेनाल्टी लगाई गई? (घ) खारक संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? इनका निवारण क्या किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। निर्माण प्रगतिरत है। श्री राजेश पटवा, कार्यपालन यंत्री, श्री एल.एस. सोलंकी अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यरत उपयंत्री श्री बी.आर. पाटीदार, एस.पी.एस. पवार, के द्वारा चैक किया जा रहा है। दिनांक 10.02.2016 एवं 01.02.2016 नहर निर्माण अंतर्गत प्रभावित भूमि के अर्जन हेतु भू-अर्जन प्रक्रिया में कृषकों के नामांतरण, बटांकन, सीमांकन, मृतक नामान्तरण आदि कारण है। (ख) एवं (ग) नहर टेस्टींग हेतु दिनांक 28.02.2016, 04.03.2016, 09.05.2016, 11.05.2016 एवं 05.06.2016 को नहर में पानी छोड़ा गया था। नहरों की दीवार उखड़ने की कोई स्थिति नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बनीहार विकअप वियर एवं निरीक्षण पथ पर अतिक्रमण
29. ( क्र. 386 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बनीहार विकअप वियर, खरगोन के नहर एवं निरीक्षण पथ पर अतिक्रमण हटाने हेतु कब-कब, कितने पत्र विभाग द्वारा किस-किस को जारी किए गये? इन अतिक्रमणों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) बनीहार पिकअप वियर एवं उसकी माईनर नहरों की जाँच अंतिम बार किस अधिकारी द्वारा कब की गई थी? (ग) खरगोन जिले में कितने स्थानों पर निरीक्षण पथ कच्चे, डामरीकृत हैं? कितने स्थानों पर पथ बनाने का कार्य चल रहा है, इस कार्य को किसके माध्यम से कितनी राशि व्यय कर बनाया जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री एल.एस.सोलंकी, अनुविभागीय अधिकारी उपसंभाग सेगांव द्वारा दिनांक 24.06.2016 को। (ग) कच्चे नहर पथ 14, 191 मीटर। डामरीकृत नहर पथ 1, 669 मीटर। पथ बनाने का कोई कार्य नहीं चल रहे हैं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक
30. ( क्र. 411 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा शासकीय सेवकों की समस्या का आपसी विचार विमर्श के माध्यम से समाधान करने के लिये राज्यस्तरीय संयुक्त परामर्श/विभागीय/ विभागाध्यक्ष तथा जिलास्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति गठित की गई हैं? क्या इन समितियों की बैठक वर्ष में चार बार आयोजित करने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां है तो विदिशा जिलान्तर्गत जिलास्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक विगत् वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में किस-किस वर्ष में किस दिनांक को कितनी बैठकें किस दिनांक को आयोजित की गई, नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश का उत्तर हां है तो उक्त बैठक में शासकीय सेवकों की कुल कितनी समस्याएं प्राप्त हुई कितनी समस्याओं का निराकरण किया गया, कितनी शेष रही, शेष समस्याओं का निराकरण कब तक किया जायेगा? (घ) वर्ष 2016-17 में किस-किस दिनांक को परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित किया जाना प्रस्तावित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक विगत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में आयोजित नहीं कराई गई। किंतु प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई के उपरांत शासकीय सेवकों की समस्याओं को सुनकर उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाता है। (ग) वर्तमान में कोई समस्या लंबित नहीं है। (घ) दिनांक 12.07.2016 को जिलास्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
खदानों की नीलामी/अवैध उत्खनन
31. ( क्र. 414 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के किस-किस जिले में कितनी रेत खदानें कहाँ-कहाँ हैं, नाम बतावें? (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितनी खदानों की नीलामी हुई और कितना राजस्व प्राप्त हुआ और नहीं तो क्यों? (ग) विगत वर्षों में यदि नीलामी नहीं हुई तो अवैध रेत के उत्खनन में कितने प्रकरण बनाये, प्रकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है और इनसे कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? प्रकरणवार सूची देवें। (घ) क्या अवैध उत्खनन में नीलामी नहीं करना एक कारण नहीं है? यदि नहीं, तो जनता रेत का उपयोग कैसे करेगी और कार्य कैसे होंगे? क्या नीलामी नहीं होने की स्थिति में रेत के लिये रियायत का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या कार्य बाधित नहीं रहेंगे? यदि नहीं, तो प्राक्कलन में रेत की क्या दर रखी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत खदानें
32. ( क्र. 443 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज कार्यालय कलेक्टर कार्यालय पन्ना द्वारा जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने फर्शी, पत्थर, खदानें स्वीकृत की गई? (ख) आवेदक का नाम, ग्राम का नाम एवं पट्टेधारी का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में फर्शी पत्थर की 24 तथा पत्थर की 3 खदानें स्वीकृत की गई हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित हैं।
राजीव गांधी/अटल ज्योति योजना
33. ( क्र. 444 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014 एवं 2015 में विद्युतीकरण हेतु कितने गाँव का लक्ष्य रखा गया था एवं कितने प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की गई? (ख) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में शाहनगर, सिमरिया, पवई, रैपुरा तहसील में खम्बे लगे हुये हैं, तार लगे हैं लेकिन विद्युत चालू नहीं है, ऐसे कितने गांव है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पन्ना जिले में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014 एवं 2015 में 02 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं 704 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2014 में 02 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं 204 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण तथा वित्तीय वर्ष 2015 में 500 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर शत प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की गई है। (ख) विगत तीन वर्षों से नहीं, अपितु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) के अन्तर्गत तहसील शाहनगर के ग्राम बंजारी, सारंगपुर (प्रजापति मोहल्ला), तिदुनी एवं देवरा तथा तहसील पवई के ग्राम कदना, बेलादावार, विजादुहा खिलसारी एवं सुनेही इस प्रकार कुल 8 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण हेतु विगत एक वर्ष से खंबे खडे हैं तथा तार लगाने एवं अन्य लाईन विस्तार का कार्य प्रगति पर है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल, मुम्बई से कराया जा रहा है। ठेके के प्रावधान के अनुसार योजनान्तर्गत सम्मिलित सभी कार्य फरवरी-2017 तक पूर्ण किये जाने हैं। तहसील सिमारिया तथा तहसील रैपुरा में ऐसा कोई ग्राम नहीं है जिसमें खम्बे एवं तार लगे हुए हैं लेकिन विद्युत प्रदाय चालू नहीं है।
स्थाई विद्युत कनेक्शन का प्रदाय
34. ( क्र. 475 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में कृषकों को कृषि कार्य हेतु विद्युत पम्प चलाने बाबत् ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिये किसानों को अनुदान योजना लागू है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर एवं अनुदान हेतु कितने-कितने किसानों के द्वारा आवेदन दिये गये हैं वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक वितरण केन्द्रवार जमा राशि से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कृषक अनुदान योजना अंतर्गत कृषक स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु योजना स्वीकृत की गयी है? विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के कितने ग्रामों में इस योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये हैं? कितने स्थापित किये जाना शेष है? प्राप्त आवेदनों की संख्या से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये शेष किसान जिन्हें स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदाय नहीं किया गया है उनके आवेदन निरस्त कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो शेष किसानों को अनुदान योजना का लाभ कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। कृषक अनुदान योजना अंतर्गत स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु आवश्यकतानुसार अधोसंरचना स्थापित किए जाने का प्रावधान है, जिसमें ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य भी शामिल है। राजगढ़ जिले में प्रश्नाधीन अवधि में कृषक अनुदान योजनान्तर्गत वितरण केन्द्रवार प्राप्त आवेदनों की संख्या, जमा कराई गई राशि तथा स्थापित किये गए वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता एवं संख्या का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कृषक अनुदान योजनान्तर्गत स्थापित ट्रांसफार्मर/ प्राप्त आवेदनों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
कृषकों से प्राप्त आवेदनों की संख्या |
ग्रामों की संख्या जिनमें ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये |
स्थापित ट्रांसफार्मरों की संख्या (25 के.व्ही.ए. क्षमता के) |
निरस्त आवेदनों की संख्या |
स्थापना हेतु शेष ट्रांसफार्मरों की संख्या |
1 |
2014-15 |
274 |
103 |
271 |
2 |
0 |
2 |
2015-16 |
226 |
107 |
178 |
9 |
30 |
3 |
2016-17 |
37 |
निरंक |
निरंक |
0 |
37 |
(ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में क्रमश: 02, 09 एवं निरंक किसानों के आवेदन योजनान्तर्गत आवश्यक औपचारिकताएँ पूर्ण नहीं किये जाने के कारण निरस्त किये गये हैं। शेष कार्यों को आगामी रबी सीजन के पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किये जायेंगे।
वित्तीय लक्ष्य की पूर्ति
35. ( क्र. 476 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज साधन विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जिला राजगढ़ अन्तर्गत कितना वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया गया है वर्षवार वित्तीय लक्ष्य के विरूद्ध कितनी राजस्व आय प्राप्त की गई? 2015-16 एवं 2016-17 में गौण खनिज एवं रेत खदान की नीलामी हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी? उक्त खदानों में से कौन-कौन सी खदाने नीलामी की जाकर स्वीकृत की गई एवं उनमें कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत कितनी-कितनी रायल्टी बुक विभाग द्वारा की जाकर राशि प्राप्त की गई? कृपया खदानवार जारी रायल्टी बुक एवं राशि की जानकारी देवें? (ग) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वित्तीय लक्ष्य से कम राजस्व वसूली होने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? ऐसे अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2015-16 हेतु रूपये 600 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसके विरूद्ध रूपये 915.64 लाख की प्राप्ति हुई। वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु वर्तमान में वित्तीय लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष समाप्ति उपरांत राजस्व प्राप्ति की जानकारी दिया जाना संभव हो सकेगा। वर्ष 2015-16 में 5 रेत खदानों की नीलामी की गई थी। जिनमें से 2 खदानों में शासकीय बोली से उच्चतम बोली प्राप्त होने पर स्वीकृति प्रदान की गई थी। इन खदानों में नियमानुसार पर्यावरण एवं प्रदूषण सबंधी अनापत्ति प्राप्त न होने के कारण, खदान का संचालन प्राप्त नहीं हुआ है। इन खदानों से नीलामी के समय प्राप्त प्रतिभूति राशि के अलावा अन्य कोई आय प्राप्त नहीं हुई है। इसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। इस वित्तीय वर्ष में रेत के अतिरिक्त अन्य किसी गौण खनिज की खदान नीलाम नहीं की गई है। वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किसी खनिज की खदानें नीलाम नहीं की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। वित्तीय वर्ष 2016-17 समाप्ति उपरांत राजस्व प्राप्ति की स्थिति स्पष्ट होगी। अत: प्रश्नानुसार जिम्मेदारी नियत करने तथा कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्सलटेंसी नियुक्ति
36. ( क्र. 495 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्रीय योजनाओं एवं राज्य सरकार की योजनाओं हेतु डी.पी.आर बनाने और मॉनीटिरिंग, बिलिंग कार्यों के लिए कन्सलटेंसी शासन/विभाग स्तर पर निविदा के माध्यम से नियुक्त किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग के नगरीय निकायों में किन-किन एजेन्सी/कन्सलटेंसी का कब-कब, किस-किस दर पर किन-किन कार्यों हेतु नियुक्त किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्टाम्प खरीदी का विवरण
37. ( क्र. 496 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं से नये विद्युत कनेक्शन हेतु स्टाम्प लिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो सिवनी वृत्त के वितरण केन्द्रवार, वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना स्टाम्प खरीदा गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं से नये विद्युत कनेक्शन में अनुबंध हेतु स्टाम्प शुल्क लिया जाता है। (ख) संचालन एवं संधारण वृत्त, सिवनी के अन्तर्गत विद्यमान वितरण केन्द्रों में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक खरीदे गये स्टाम्प की राशि का वितरण केन्द्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नहरों का निर्माण
38. ( क्र. 511 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंतिबाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध दायीतट नहर नर्मदा विकास संभाग क्र. 3 को नहरों का निर्माण संधारण रख-रखाव व मरम्मत कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कहाँ-कहाँ, की नहरों की मरम्मत, सुधार व निर्माण कार्य कब-कब, कितनी-कितनी राशि से कराया गया है तथा इसकी जाँच कब-कब किसने की है? कहाँ-कहाँ की नहरें टूट-फूट गई हैं तथा कहाँ-कहाँ की नहरों की साफ-सफाई, मरम्मत व सुधार कार्य कब से नहीं कराया गया है एवं क्यों? उपसंभागवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में नहरों से कितने गांवों की कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचाई की गई है? सिंचाई हेतु पानी की मांग और पूर्ति की जानकारी दें? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (क) में किसानों की सिंचाई हेतु समय पर पानी देने व नहरों के फूटने से किसानों की फसलें नष्ट होने की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) बरगी व्यपवर्तन परियोजना दांयी तट नहर के अंतर्गत नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-3 कटनी है। इस संभाग को पृथक से निर्माण, संधारण रख-रखाव व मरम्मत कार्य हेतु कोई भी राशि आवंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) संभाग के अंतर्गत सिंचाई शून्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नहर निर्माणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधारोपण हेतु बनाई गई नीति
39. ( क्र. 512 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पौधारोपण हेतु क्या नीति बनाई है तथा इस संबंध में हाई कोर्ट, पर्यावरण विभाग व एनजीटी ने कब क्या निर्देश जारी किये हैं? पौधारोपण नीति का पालन करने हेतु शासन ने कब, क्या निर्देश जारी किये हैं? नीति व निर्देश संबंधी परिपत्रों की छायाप्रति दें? (ख) नगर निगम जबलपुर को पर्यावरण संरक्षण के तहत पौधारोपण हेतु किस-किस स्तर से किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? पौधों की खरीदी, परिवहन व पौधारोपण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? पौधारोपण कार्य की लक्ष्य पूर्ति बतलावें वर्ष 2012-13 से 2016-17 जून 2016 तक की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ग) नगर निगम जबलपुर में किस-किस योजनांतर्गत कब-कब, कहाँ-कहाँ से किस-किस प्रजाति के किस दर पर कितनी-कितनी मात्रा में पौधों का क्रय किसके आदेश से किया गया है? पौधा रोपण नीति के तहत शहर के किन-किन प्रमुख मार्गों, उद्यानों, शासकीय कार्यालयों, सार्वजनिक स्थलों पर किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे कब-कब रोपित किये गये हैं? इस पर कितनी राशि व्यय हुई? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्षवार रोपित किये गये कितने-कितने पौधों में से कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? कितने प्रतिशत पौधे किस कारण से नष्ट या सूख गये हैं? इसका सत्यापन कब-कब, किसने किया है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति
40. ( क्र. 530 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्रमांक 3889 दिनांक 3 मार्च, 2016 एवं प्रश्न परि.अता.प्र. संख्या 118 क्रमांक 5022 दिनांक 11 मार्च, 2016 के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार नगर पालिका परिषद ब्यावरा एवं नगर परिषद सुठालिया जिला राजगढ़ द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में सम्मिलित किया गया है तथा योजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? तो क्या मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो स्वीकृति किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है? (ख) क्या मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना के द्वितीय चरण की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से नगरीय निकायों के मूलभूत अधोसंरचना विकास के कार्यों में अनावश्यक विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो कब तक योजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति प्राप्त कर नगर पालिका परिषद ब्यावरा एवं नगर परिषद सुठालिया द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति की कार्यवाही राज्य शासन स्तर पर प्रचलित है। (ख) जी नहीं। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
धार्मिक पर्यटक स्थल के विकास हेतु राशि की स्वीकृति
41. ( क्र. 531 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा राजगढ़ जिले के नगर ब्यावरा के अंतर्गत अजनार नदी के किनारे स्थित धार्मिक पर्यटक स्थल अंजनीलाल मंदिर के विकास हेतु राशि स्वीकृत किये जाने के अनुरोध पत्र पर माननीय राज्यमंत्री महोदय, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया है? जिसकी सूचनार्थ प्रति प्रश्नकर्ता माननीय राज्यमंत्री महोदय द्वारा अपने पत्र क्रमांक 669 दिनांक 01.04.2016 से दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त धार्मिक पर्यटक स्थल के विकास हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर लंबित है? (ग) क्या शासन उक्त धार्मिक पर्यटक स्थल को विकसित करने हेतु राशि स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) सीमित बजट प्रावधान के कारण कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
खान नदी के डायवर्सन हेतु आवंटित बजट
42. ( क्र. 540 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन सिंहस्थ 2016 हेतु इंदौर से आने वाली खान नदी को क्षिप्रा में मिलने से रोकने की क्या योजना बनाई थी एवं कितना बजट आवंटित हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत खान नदी को कितने किलोमीटर डायवर्ट करके पुन: क्षिप्रा में मिलाने का प्रावधान था? (ग) वर्तमान में प्रोजेक्ट की क्या स्थिती है एवं 20/04/2016 को प्रोजेक्ट की क्या स्थिति थी? क्या प्रोजेक्ट सिंहस्थ प्रारंभ होने के पहले पूर्ण हो चुका था? यदि हाँ, तो किस तारीख को उसका अधिकृत इंजीनियर द्वारा प्रमाणित कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराये? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं तो परियोजना कब तक पूर्ण होगी तारीख बतायें एवं परियोजना के निलंबन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। रूपये 7532.05 लाख। 19.29 कि.मी.। (ग) वर्तमान में आर.डी. क्र. 16500 मी. से 18200 मी. तक लंबाई में आंशिक खुदाई कर पाईप डालना शेष है एवं कार्य प्रगति पर है। दिनांक 20.04.2016 तक भी इसी रीच में आंशिक खुदाई शेष थी एवं पाईप डालना शेष थे। रेल्वे लाइन में क्रासिंग हेतु 1600 मि.मी. व्यास की लोहे की केसिंग पाईप लाइन डाल दी गई थी एवं एक पाईप लाइन शेष थी। प्रोजेक्ट, सिंहस्थ प्रारंभ होने के पूर्व पूर्ण नहीं हुआ था परन्तु चैनल के माध्यम से आर.डी. क्र. 16500 मी. से 18200 मी. तक पानी का प्रवाह कर खान नदी का पानी क्षिप्रा नदी में कालियादेह पैलेस के नीचे (मेला क्षेत्र के बाहर) मिला गया था। अभी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। अतः कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) दिनांक 15 नवम्बर 2016। विलम्ब के लिए कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है।
सिंहस्थ के प्रचार प्रसार में खर्च राशि
43. ( क्र. 541 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ, 2016 हेतु जनसर्म्पक विभाग ने किस-किस प्रकार के कार्यक्रम कहाँ-कहाँ आयोजित किये उसमें कितना खर्च किया गया, की मदवार जानकारी देवें? (ख) सिंहस्थ के प्रचार हेतु कितने रूपये के विज्ञापन होर्डिग एवं अन्य प्रकार के प्रचार पर कितना खर्च किया गया? (ग) सिंहस्थ के प्रचार प्रसार हेतु मुख्यमंत्रीजी ने जो यात्रा की उनमें कितना खर्च हुआ यात्रावार बतायें? (घ) सिंहस्थ के प्रचार प्रसार हेतु कुल कितना बजट आवंटन हुआ कितना खर्च हुआ मदवार बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जनसंपर्क विभाग द्वारा सिंहस्थ के लिये कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किये गये। सिर्फ प्रचार-प्रसार किया गया है। कार्यक्रमों पर व्यय राशि की जानकारी निरंक है। (ख) सिंहस्थ की कार्ययोजना में कुल राशि रूपये 49.79 करोड का व्यय किया गया। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) सिंहस्थ के प्रचार-प्रसार हेतु कार्ययोजना में रूपये 50.61 करोड का प्रावधान एक ही मद में था और व्यय रूपये 49.79 करोड का किया गया।
अवैध उत्खनन पर कार्यवाही
44. ( क्र. 546 ) श्री सचिन यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में विगत एक वर्ष में अवैध खनिज उत्खनन के कितने-कितने प्रकरण किस-किस के खिलाफ बनाये गये और कितने वाहनों को (डम्पर, ट्रेक्टर और जेसीबी आदि) राजसात किये गये वाहन मालिक, वाहन क्रमांक एवं ड्रायवरों के नाम सहित जानकारी दें? (ख) उक्त प्रकरणों के उपरांत शासन को कितनी-कितनी राशि का राजस्व प्राप्त हुआ? राशिवार जानकारी दें? (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जो मार्ग की क्षमता से अधिक लोड पाये गये और उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में अवैध खनिज उत्खनन के बनाये गये प्रकरणों की प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बनाये गये प्रकरणों में अर्थदण्ड वसूल किया गया है। अत: वाहन को राजसात किये जाने का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नानुसार कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाबों का विस्तारीकरण
45. ( क्र. 547 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अम्बक तालाब, बिठेर तालाब एवं जलखा तालाब के विस्तारीकरण करने के लिए क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? नहीं तो क्यो कारण दें क्या उक्त योजना बना कर इसी वित्तीय बजट में कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजना की प्रश्न दिनांक तक वस्तु स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजनाओं की स्वीकृति की समय-सीमा बताते हुए बताये कि उक्त तालाबों के विस्तारीकरण का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
नगर पालिका मकरोनिया में स्थित रजाखेड़ी बजरिया में बाजार बैठकी
46. ( क्र. 549 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग के अंतर्गत रजाखेड़ी बजरिया माह के प्रत्येक बुधवार एवं रविवार को आयोजित की जाती है एवं इसमें अस्थाई दुकान लगाने वाले दुकानदार/हाथ ठेला/अन्य से बाजार बैठकी के रूप में नगर पालिका द्वारा रूपये वसूली जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो नगर पालिका गठन के पश्चात् माह और 2016 तक बाजार बैठकी की वसूली का विवरण सप्ताह वार/माहवार प्रदान करें। (ग) क्या बाजार बैठकी का नगर पालिका द्वारा पूर्व में निविदा/ठेका द्वारा संचालन किया गया था? विवरण देवें एवं इसके बंद होने का कारण बतावें। (घ) बाजार बैठकी का नगर पालिका द्वारा क्या आधार रखा गया है? प्रत्येक दुकानदार से ली जाने वाली राशि का आधार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। परिषद के संकल्प क्रमांक 21 दिनांक 23.10.2015 में लिये गये निर्णय अनुसार नगर पालिका द्वारा दिनांक 01.01.2016 से 31.03.2016 तक बाजार वसूली का ठेका घोष विक्रय में प्राप्त अधिकतम बोली राशि रूपयें 3,35,000.00 पर दिया गया था। दिनांक 31.03.2016 को अनुबंध की समयावधि समाप्त होने के कारण वसूली का ठेका समाप्त कर दिया गया था। (घ) तत्कालीन ग्राम पंचायत रजाखेड़ी द्वारा निर्धारित दर दुकान की माप अनुसार रू. 1.25 प्रति वर्ग फुट की दर से शुल्क लिया जाता है।
कर्मचारियों के लंबित यात्रा देयकों का भुगतान नहीं होना
47. ( क्र. 574 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत ऐसे कितने कर्मचारी है जिनके यात्रा देयक भुगतान हेतु लंबित है? कर्मचारियों/अधिकारियों के नाम पता सहित उनके यात्रा देयक कब से किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने श्री कमल कुमार जैन उपयंत्री, पेंच व्यपवर्तन परियोजना चौरई जिला-छिन्दवाड़ा का जुलाई 2005 से अक्टूबर 2010 तक के यात्रा देयकों का भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में कार्यपालन यंत्री पेंच व्यपवर्तन परियोजना चौरई को पत्र क्रमांक 305 दिनांक 21/02/2016 प्रेषित किया है? (ग) यदि हाँ, तो इस पत्र पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी? यात्रा देयकों का भुगतान नहीं करने के क्या कारण है? स्पष्ट करें? (घ) जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों के लंबित यात्रा देयकों का कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। यात्रा के प्रयोजन के परीक्षण और आवंटन की उपलब्धता के आधार पर देयकों का निराकरण निर्भर होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) मा. प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों की जानकारी शासन द्वारा संधारित करना अपेक्षित नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
विद्युत देयकों में गड़बड़ी
48. ( क्र. 617 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बकाया राशि समाधान योजना 2016 के अंतर्गत दिनांक 25.02.2016 से 31.05.2016 तक कितने बी.पी.एल./शहरी क्षेत्र में अधिसूचित झुग्गी झोपडि़यों में निवासरत निम्न दाब वाले घरेलू उपभोक्ता लाभांवित हुए, इनसे कितनी राशि वसूल हुई? (ख) क्या विद्युत कंपनी के संबंधित अमले की लापरवाही के कारण उक्त उपभोक्ताओं द्वारा उक्त अवधि में योजना का लाभ उठाने हेतु ग्राम कलारना गांधीनगर सहित दर्जनों ग्रामों के हजारों उपभोक्ताओं ने जो देयक राशि जमा की वह अगले माह के देयकों में पुन: जोड़कर इन उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है, जमा राशि कम नहीं की जा रही है, देयकों में सुधार हेतु ये उपभोक्ता कंपनी कार्यालय में भटक रहे हैं? (ग) क्या उक्त कारण से देयक राशि जमा करने के बावजूद ये उपभोक्ता योजना के लाभ से वंचित बने हुए है? क्या शासन देयकों में गड़बड़ी व सुधार न करने के लिये उत्तरदायी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए तत्काल देयकों में सुधार करने व उचित राशि के देयक उपभोक्ताओं को वितरण करने के निर्देश विद्युत कंपनी को जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में बकाया राशि समाधान योजना 2016 के अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 1144 बी.पी.एल./शहरी क्षेत्र में अधिसूचित झुग्गी-झोपडियों में निवासरत निम्न दाब घरेलू उपभोक्ता लाभान्वित हुये तथा इनसे रूपये 81.15 लाख राशि की वसूली हुई। (ख) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में ग्राम कलारना एवं गाँधीनगर के बी.पी.एल. उपभोक्ताओं से प्रश्नाधीन योजना में सम्मिलित होने के लिये कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार प्राप्त सभी 1144 आवेदनों में नियमानुसार कार्यवाही कर आवेदकों को योजना से लाभान्वित किया गया है। उक्त के अतिरिक्त श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में 36 उपभोक्ताओं द्वारा योजनान्तर्गत आंशिक राशि जमा करने के कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा सका तथा इन उपभोक्ताओं को जारी अगले माह के देयक बकाया राशि जोड़कर जारी किये गये थे। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार, नियमानुसार देयक की राशि जमा करने के बाद कोई भी उपभोक्ता योजना के लाभ से वंचित नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने हेतु अनुमति
49. ( क्र. 618 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु आरक्षित 48.964 हेक्टेयर भूमि को औद्योगिक प्रयोजन में परिवर्तित किये जाने की अनुमति हेतु प्रमुख सचिव वाणिज्य, उद्योग व रोजगार भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण को दिनांक 09.10.2013 को प्रस्ताव भेजा था? (ख) प्रस्ताव भेजने उपरांत कलेक्टर श्योपुर के माध्यम से भी पृष्ठांकन पत्र दिनांक 28.12.2013, पत्र दिनांक 17.11.2015 डीओ लेटर नंबर 1124, दिनांक 18.02.2016 तथा उद्योग आयुक्त द्वारा दिनांक 19.02.2016 द्वारा प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण भोपाल को पत्र लिखे थे? इसके बावजूद उक्त अनुमति वर्तमान तक प्रदाय न करने के क्या कारण है? (ग) उक्त अनुमति प्रदाय करने में यदि कोई वैधानिक कठिनाई हो तो उससे अवगत कराते हुए बतावें कि इसके निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो कब तक अनुमति प्रदाय की जावेगी? (घ) क्या उक्त अनुमति के अभाव में जिले के औद्योगिक विकास में रूकावट पैदा हो रही है एवं औद्योगिक क्षेत्र की भूमि को विकसित करना संभव नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रस्ताव पर वांछित अनुमति शीघ्र जारी करवाएगा यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अवर सचिव वाणिज्यि उद्योग एवं रोजगार विभाग द्वारा पत्र भेजा गया था। (ख) जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक एफ-3/15/2014/32 भोपाल दिनांक 09.02.2014, स्मरण पत्र दिनांक 20.01.2016 द्वारा कलेक्टर जिला श्योपुर एवं अवर सचिव, म.प्र. शासन वाणिज्यिक उद्योग एवं रोजगार विभाग से, पत्र दिनांक 29.02.2016 उप सचिव म.प्र. शासन वाणिज्यिक उद्योग एवं रोजगार विभाग से एवं पत्र दिनांक 18.03.2016 द्वारा उद्योग आयुक्त, उद्योग संचालनालय से जानकारी चाही गई जो आज दिनांक तक अप्राप्त है। जिसके अभाव में प्रकरण अन्तर्गत अग्रेत्तर कार्यवाही संभव नहीं है। (ग) उत्तराशं (ख) में उल्लेखित जानकारी प्राप्त होने के पश्चात म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-23-क (1) (क) प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) जी नहीं। उत्तराशं (ख) एवं (ग) अनुसार जानकारी प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी, समय-सीमा बताया जाना संभंव नहीं है।
नगर पालिका द्वारा विकास कार्य
50. ( क्र. 636 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत स्थित विवेक कॉलोनी समिति द्वारा 15-20 वर्षों से अंशदान जमा कराया जा रहा है परंतु नगर पालिका गुना द्वारा विवेक कॉलोनी में सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है क्यों? (ख) पानी निकासी हेतु नालियों एवं सड़कों का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद गुना में विवेक कॉलोनी समिति द्वारा अंशदान नहीं जमा कराया गया है, नगर पालिका परिषद द्वारा विवेक कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। (ख) नगर पालिका परिषद गुना द्वारा विवेक कॉलोनी में वर्ष 2016-17 में सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण का कार्य कराया गया है।
गुना नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत विकास कार्य
51. ( क्र. 638 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत ग्रीष्मकाल में सत्र 2016-17 में कितने बोर कराये गये? प्रत्येक बोर की लागत, गहराई एवं स्थान की सूची उपलब्ध करावें? (ख) गुना नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत सत्र 2016-17 में किन-किन वार्डों में सड़कों का निर्माण कराया गया है? निर्माण ठेकेदार का नाम, निर्माण की लागत, सड़क की लंबाई-चौड़ाई तथा ऊंचाई एवं उस पर आई लागत की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) गुना नगर पालिका में तथा जल प्रकोष्ठ कार्यालय गुना में वर्तमान में दैनिक वेतनभोगी एवं ठेके प्रथा पर रखे गये कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? उनका विवरण उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 46। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 471। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
क्रेशर/पत्थर लीज की अनुमति
52. ( क्र. 667 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-131 (क्र. 4077) दि. 03.03.2016 के उत्तर में जानकारी दी गई कि जिन उत्खनिपट्टा धारियों द्वारा क्रेशर स्थापित नहीं किया गया उन्हें रायल्टी बुक जारी नहीं किये जाने का प्रावधान है जिसका पालन किया गया है, किंतु इसके साथ संलग्न पुस्तकालय परिशिष्ट पत्रक सूची 'अ' परिशिष्ट 'अ' के कॉलम 12 (बन्द पड़ी क्रेशर स्थापित नहीं खदानें जिन्हें रायल्टी कट्टे उपलब्ध कराये) सूची के क्र. 13 में समीर सिंह को 53900/- क्र. 21 सिंह माइल्स को 440,000/- क्र. 33 मानसी मिनरल को 3432000, क्र. 94 प्रकाश चन्द्र जाटव को 19800/- के रायल्टी कट्टे जारी करने संबंधी जानकारी अंकित है, अत: दी गई जानकारी एवं उसके साथ संलग्न परिशिष्ट-अ में भिन्नता क्यों है? जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या उक्त बंद पड़ी खदानों को रायल्टी कट्टे जारी कर यहां के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा शासन के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो प्रकरण की जाँच कब तक करा ली जावे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। अतारांकित प्रश्न संख्या 131 (क्रमांक 4077) दिनांक 03.03.2016 में विभाग द्वारा दिये गये उत्तर में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक 13, 21, 33 तथा 94 में उल्लेखित उत्खनिपट्टों के संबंध में जारी अभिवहन पार पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। जिसमें प्रश्नानुसार स्थिति स्पष्ट की गई है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार सकारण अभिवहन पार पत्र जारी किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जमुनिया जलाशय के नहरों की लाइनिंग कार्य के निर्माण में अनियमितता
53. ( क्र. 672 ) डॉ. योगेन्द्र
निर्मल :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) तारांकित
प्रश्न क्र. 16 (क्र. 6543 ) दिनांक 18 मार्च 2016 के प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
में मा.
मंत्री जी ने जी
हाँ एवं निजी
स्वत्व की
भूमि से लगभग
दो कि.मी. की
दूरी से
सेलेक्टेड
मिट्टी का
उपयोग किया
जाना बताया
गया है तो
बताये कि निजी
स्वत्व की
उक्त भूमि का
खसरा क्रमांक
क्या है? भूमि स्वामी
का नाम व खसरा
क्रमांक सहित
जानकारी देवें? (ख) क्या
जलाशय की
दोनों तरफ की
लाइनिंग के
कार्य में
एजेन्सी/ठेकेदार
के द्वारा
घटिया स्तर
के कार्य किये
जाने के कारण
निर्माणाधीन
कार्य के स्लीपर
बनते ही
जगह-जगह से
टूट-फूट एवं
बड़ी-बड़ी
दरारे आ चुकी
हैं? क्या
उक्त कार्य
की जाँच करायी
जावेगी?
यदि
हाँ, तो
किस-किस स्तर
के
अधिकारियों
से। (ग) क्या
उक्त नहरों
के पार (टप) पर
मुरूम डाला
जाना था?
यदि
हाँ, तो
कितने घन मीटर
मुरूम
ठेकेदार
द्वारा कौन सी
स्वीकृत
खदान से उक्त
दोनो तटों पर
डाली गई और
संबंधित
विभाग को कितने
रू. की रायल्टी
जमा की गई? (घ) क्या
उक्त
ठेकेदार
द्वारा उक्त्त
दोनों नहरों
के तटो पर
मुरूम के स्थान
पर बोल्डर
युक्त लाल
मिट्टी का
उपयोग
अधिकारियों
से सांठ-गांठ
कर किया जा
रहा है? यदि
नहीं, तो
क्या उक्त
संपूर्ण सम्पादित
कार्यों की
उच्च स्तरीय
जाँच कराकर
दोषियों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
जल
संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ’’
अनुसार है।
(ख) जी नहीं।
स्लीपर
क्षतिग्रस्त
नहीं हुए।
क्षतिग्रस्त
नहीं होने से जाँच
की आवश्यकता
नहीं है। (ग)
जी हाँ।
जमुनिया
जलाशय की
नहरों के तट (पार)
डाली जा रही
मुरूम की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब’’
अनुसार है।
ठेकेदार को
मुरूम हेतु
खदान स्वीकृत
नहीं है। खनिज
नियम-1996 की
धारा, 68 (ख) में
संशोधन
राजपत्र
दिनांक 06.09.2013
अनुसार मुरूम
पर रायल्टी
देय नहीं है। (घ)
जी नहीं। जाँच
की आवश्यकता
नहीं है।
पर्यटन विभाग की होटलों का संचालन
54. ( क्र. 683 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में पर्यटन विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए हैं? (ख) क्या इन्दौर-कोटा मार्ग पर पर्यटन विभाग की होटल आगर के निकट निर्माणाधीन हैं? यदि हाँ, तो कार्यपूर्णता उपरांत होटल के संचालन हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित होटल के संचालन हेतु कोई पद सृजित किए गए हैं? यदि हाँ, तो सृजित पदों पर पदपूर्ति कब तक किस प्रक्रिया से की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सोयत के निकट होटल प्रारम्भ करने संबंधी कोई प्रस्ताव/मांग दी थी? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग में प्रस्ताव अप्राप्त है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खराब मीटर के एवंज में विद्युत बिलों में देय छूट
55. ( क्र. 687 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में माह मई अंत तक मंदसौर एवं रतलाम जिले में कितने उपभोक्ताओं के विद्युत मीटर खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई संख्या बतावें? (ख) क्या खराब मीटर के एवंज में विद्युत उपभोक्ताओं को 5% छूट देने का प्रावधान है यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कितने उपभोक्ताओं को कितनी छूट किस नियम के तहत दी गई? (ग) क्या खराब मीटर के एवंज में विद्युत उपभोक्ताओं को मनमर्जी से ओसत आधार पर बिल दिए जा रहे है यदि हाँ, तो क्यों? (घ) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में माह मई अंत तक मंदसौर एवं रतलाम जिले में विद्युत मीटर खराब होने के उपरांत दर्ज कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया, कितनी शिकायतें लंबित है लंबित शिकायतों की संख्या बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 में माह मई अंत तक मंदसौर जिले में क्रमश: 2469 और 412 एवं रतलाम जिले में क्रमश: 3407 और 509 उपभोक्ताओं के विद्युत मीटर खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई। (ख) जी नहीं, खराब मीटर के एवंज में विद्युत उपभोक्ताओं को 5% छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। विद्युत उपभोक्ता का मीटर खराब पाये जाने पर म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की धारा 8.35 (ब) के प्रावधानों के अनुसार विद्युत उपभोक्ता की विद्युत खपत का निर्धारण विगत् तीन माह की औसत खपत के आधार पर किया जाता है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में मंदसौर एवं रतलाम जिलों में मीटर खराब होने की क्रमश: 2881 एवं 3916 शिकायतें प्राप्त हुई तथा उक्त सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है, जिसका वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निजी कालोनी में शासकीय योजनाओं से कार्य
56. ( क्र. 697 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम सतना के वर्तमान वार्ड क्रमांक 33 पूर्व वार्ड क्रमांक 31 में गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के द्वारा कुल कितने रकबे पर कालोनी का विकास किया जा रहा है? उक्त कालोनी में प्रश्न तिथि तक सड़क, बिजली, पानी, सेप्टिक टैंकों, ओव्हर हेड टैंक सहित अन्य सभी बुनियादी सुविधाओं की प्रश्न तिथि तक क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त कॉलोनी में किस-किस नाम की शासकीय योजनाओं के द्वारा किस-किस प्रकार के, कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या निर्माण/विकास कार्य कब-कब कराये गये? कार्यवार, राशिवार, दिनांकवार, योजनावार जानकारी दें? जारी सभी कार्यादेशों की एक-एक प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित उक्त निर्माण समिति को किस-किस प्रकार का कितना शुल्क नगर निगम को देना बाकी है? प्रश्न तिथि तक शुल्क क्यों जमा नहीं कराया गया है? शुल्क जमा नहीं कराये जाने के लिये नगर पालिक निगम के किस नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? (घ) उक्त समिति से नगर निगम को शुल्क जमा नहीं कराने वाले किस-किस के विरूद्ध राज्य शासन कब व क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका निगम, सतना द्वारा गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति को 4.07 एकड़ रकबे पर कॉलोनी विकास की अनुमति जारी की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत, सीमेंट कांक्रीट, सड़क का निर्माण, राशि रू. 13.00 लाख की लागत से वर्ष 2013-14 में कराया गया है। कार्यादेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा कोई शुल्क नगर निगम, सतना को देना शेष नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शहरी गरीबों को देयक सुविधा
57. ( क्र. 710 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रेश शासन नगरीय विकास द्वारा शहरी गरीबों के लिए आश्रय योजना के तहत क्या-क्या सुविधायें देने का प्रावधान है व इनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या दिशा-निर्देश प्रचलन में है? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) नगर पालिका मुरैना वर्तमान में नगर निगम मुरैना को वर्ष 2013-14 से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक (क) में वर्णित आश्रय योजना हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) से प्राप्त राशि में से नगर पालिका मुरैना वर्तमान में नगर निगम मुरैना द्वारा कहाँ-कहाँ (क) में उल्लेखित योजनाएं का क्रियान्वयन किया गया? जानकारी वर्षवार दी जावे? यदि नहीं, तो क्यों व कब योजना का लाभ दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) शहरी गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिए आवास-2022) के अंतर्गत आवास एवं अधोसंरचना उपलब्ध कराये जाने के प्रावधान है। भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शी सिंद्धांत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राशि रू. 1349.70 लाख। (ग) सबके लिए आवास की कार्ययोजना तैयार करने के लिए राशि 8.5 लाख दिनांक 18.01.2016 को उपलब्ध करायी गई है जिससे सबके लिए आवास की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। दिनांक 27.06.2016 को राशि रू. 1339.20 लाख उपलब्ध करायी गई है जिससे निर्माण किया जाना है। निर्माण कराये जाने हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नगर-निगम ग्वालियर के निर्माण कार्य
58. ( क्र. 711 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम ग्वालियर के डब्ल्यू.बी.एम. विटूमिनिस कार्य स्टेडियम केंपस मुख्यमार्ग एवं बाल भवन का निर्माण कार्य का कार्यादेश क्रमांक 24/12 व 3/5 जनकार्य/3740 ग्वालियर दिनांक 08.06.2012 को श्री मनीष कुमार जैन ठेकेदार को दिया गया था? यदि हाँ, तो इसकी समस्त जानकारी टेंडर प्रक्रिया से लेकर कार्य पूर्ण होने की अवधि तक उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य का भुगतान प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो भुगतान न करने के क्या कारण है? अवगत करावें व कब तक भुगतान करा दिया जावेगा? (ग) क्या बुक क्रमांक 2/2012, रसीद क्रमांक 12462 दिनांक 09.11.2012 के द्वारा राशि जमा कर डामरीकरण के कार्य का परीक्षण प्रयोगशाला में कराया गया है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा कार्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार नहीं कराये जाने से नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा कार्य को अमान्य कर दिया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जनसंपर्क विभाग द्वारा सिंहस्थ, 2016 में किया गया खर्च
59. ( क्र. 771 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ, 2016 में जनसंपर्क विभाग द्वारा किन-किन कार्यों को संपादित किया गया? उक्त कार्य में कितने अधिकारी/कर्मचारी संलग्न किए गए थे, ब्यौरा दें? (ख) क्या विभाग द्वारा सिंहस्थ पर्व के लिए बजट सुरक्षित किया गया था? यदि हाँ, तो कितना-कितना बजट मदवार ब्यौरा दें? (ग) क्या सिंहस्थ पर्व में संलग्न किए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के परिवहन, आवास व भोजन आदि के भुगतान विभाग द्वारा किए गए हैं? यदि हाँ, तो भुगतान आदि का कर्मचारी/अधिकारीवार ब्यौरा दें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिंहस्थ 2016 में जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार और मीडिया सेंटर का कार्य किया गया। उक्त कार्य के लिये 129 अधिकारी/कर्मचारी संलग्न किये गये थे। (ख) जी नहीं। (ग) अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवहन पर कोई व्यय नहीं किया गया। आवास व्यवस्था के लिये मकान किराये पर लिये गये थे जिस पर कुल राशि 5.38 लाख रूपये व्यय की गई। व्यय अधिकारी वार नहीं किया गया। किराये पर लिये गये मकान और वहां की गई व्यवस्थाओं पर व्यय किया गया।
रेत खदानों की नीलामी
60. ( क्र. 772 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल संभाग में शासन द्वारा रेत, पत्थर, मुरम आदि की खदानें चिन्हित की गई है? यदि हाँ, तो उत्खनन के लिए नीलामी की क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संभाग में कितनी रेत, पत्थर व मुरम खदानों से वर्तमान में उत्खनन बंद किया है? यदि हाँ, तो कारण का ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संभाग की कितनी खदानों से अवैध उत्खनन की शिकायतें सामने आई हैं? यदि हाँ, तो जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक शिकायतों का ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अवैध उत्खनन को लेकर हिंसा, अपहरण व हत्या के कितने मामले और कहाँ-कहाँ दर्ज हुए, ब्यौरा दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। इन खदानों की नीलामी हेतु ई-ऑक्शन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों का उत्तर
61. ( क्र. 779 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा माननीय सांसदों एवं विधायकों के पत्रों का उत्तर देने हेतु निर्देश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या कार्यालय कलेक्टर सागर के पत्र क्रमांक 1557 दिनांक 6.3.2014 एवं 6228 दिनांक 25.08.2014 के द्वारा माननीय विधायकों को समस्त योजनाओं एवं निर्माण कार्यों की जानकारी प्रदान करने हेतु भी निर्देश प्रसारित किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 1 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक सागर संभाग के विभिन्न विभागों के संभागीय एवं जिला प्रमुखों को लिखे गये पत्रों का उत्तर कार्यालय प्रमुखों के द्वारा कब-कब दिया गया है और कितने पत्रों का उत्तर प्रश्न दिनांक तक भी नहीं दिया गया है? जानकारी सूची सहित देवें? (घ) प्रश्नांश कंडिका (ग) वर्णित जिन पत्रों का उत्तर कार्यालय प्रमुखों द्वारा नहीं दिया गया और दिया भी गया और समय-सीमा में नहीं दिया गया तो इस पर सामान्य प्रशासन विभाग संबंधित कार्यालय प्रमुखों की इस लापरवाही एवं उदासीनता को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और क्या?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंहस्थ, 2016 में जल संसाधन विभाग द्वारा कराए गए निर्माण कार्य
62. ( क्र. 806 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ, 2016 के लिए नर्मदा नदी का पानी लिफ्ट कराकर क्षिप्रा नदी में छोड़ने पर कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई? (ख) सिंहस्थ, 2016 के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के कराए गए? इनमें से कौन-कौन से कार्य बिना ई-निविदा/टेण्डर के किस-किस ठेकेदार/फर्म से कराए गए? (ग) उपरोक्त कार्यों में आर्थिक अनियमितता किए जाने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई बतावें? (घ) उपरोक्त कार्यों में अनियमितता पर न्यायालयों में कितने प्रकरण दायर किए गए? प्रकरण क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें कि उनमें से किन-किन प्रकरणों पर क्या निर्णय हुआ?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिंहस्थ 2016 के लिये नर्मदा नदी का पानी लिफ्ट कराकर क्षिप्रा नदी में छोड़ने के लिए रू. 8.73 करोड़ की राशि के विद्युत व्यय का भुगतान म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को किया गया। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ एवं ‘‘ब’’ अनुसार है। आर्थिक अनियमितता किए जाने की कोई भी शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
म.प्र. विद्युत मण्डल की कंपनियों में अनुकंपा नियुक्ति
63. ( क्र. 807 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विद्युत मण्डल की विभिन्न कंपनियों में अनुकंपा नियुक्ति पर कब से रोक लगाई गई और क्यों? (ख) विद्युत विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए क्या जबलपुर में पिछले तीन वर्ष से धरना चल रहा है? यदि हाँ, तो बतावें कि आंदोलनकारियों की मांग क्या है तथा उनकी मांग अनुसार किस-किस कर्मचारी की मृत्यु पर अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की जा रही है? (ग) अनुकंपा नियुक्ति हेतु किस वर्ष में कंपनी द्वारा क्या नए नियम बनाए गए? उस अनुसार कितनों का अभी तक अनुकंपा नियुक्ति दी गई? उसकी सूची देवें? (घ) विद्युत कंपनियों में ठेकेदारी प्रथा (बाहा स्त्रोत प्रदाता) तथा संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. राज्य विद्युत मंडल की विभिन्न उत्तरवर्ती कम्पनियों द्वारा अनुकंपा नियुक्ति में रोक नहीं लगाई गई है। (ख) ''म.प्र.विद्युत मंडल अनुकंपा आश्रित दल'' संस्था के कुछ प्रतिनिधियों द्वारा शक्ति भवन परिसर के बाहर समय-समय पर धरना दिया जाता रहा है एवं कुछ ज्ञापन भी दिये गये हैं। संस्था के मांग पत्र की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) राज्य शासन के अनुमोदनानुसार, म.प्र.राज्य विद्युत मंडल की 6 उत्तरवर्ती कंपनियों द्वारा ''अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013'' वर्ष 2013 में जारी की गयी है, जिसके अनुसार, कंपनी के ऐसे कार्मिक जो राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 10.04.2012 के द्वारा कंपनी में अंतिम रूप से आंतरित एवं आमेलित हुए हैंएवं कंपनी द्वारा नियंत्रित है, की कंपनी सेवाकाल में मृत्यु होने पर, पात्र आश्रित को, नीति में निहित शर्तों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी। तदुपरांत, ''अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013'' में संशोधन कर ''अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) '' वर्ष 2014 एवं वर्ष 2015 में जारी की गई है, जिसके अनुसार दिनांक 10.04.2012 के पूर्व एवं दिनांक 15.11.2000 के पश्चात् पूर्ववर्ती म.प्र.विद्युत मंडल/कंपनी में, कार्य करते समय दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों को भी शामिल किया गया है। सभी छ : उत्तरवर्ती कंपनियों द्वारा दिवंगत कार्मिकों के पात्र आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित तथा कंपनियों द्वारा जारी अनुकंपा नियुक्ति नीति में चिन्हित संविदा पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है तथा अनुकम्पा नियुक्तियां संविदा के पदों पर दी गयी हैं। बाहय स्त्रोत के अंतर्गत ठेकेदार द्वारा नियुक्त कार्मिक आवश्यकतानुसार अस्थायी रूप से कार्य पर लगाए जाते है एवं इन्हें अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने का प्रावधान नहीं है।
क्रमोन्नत वेतनमान में विसंगति सुधारने में विलम्ब
64. ( क्र. 823 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 150 (क्रमांक. 6671) दि. 18.03.16 में पूछा था कि प्रश्नकर्ता के पत्रों पर शासन ने क्या निर्णय लिया जिसके उत्तर में लिये गये निर्णय से सूचित न करते हुए प्रश्नांश (क) का उत्तर असत्य भ्रामक क्यों दिया गया? स्पष्ट उत्तर बतायें? (ख) प्रश्नांश (ग) का उत्तर दिया गया है कि अन्य समान प्रकरण समक्ष में आने पर गुण-दोष के आधार पर परीक्षण कर यथा आवश्यक निर्णय लिया जावेगा? यदि हाँ, तो बतायें कि सहायक वर्ग-3 के समान अनेक पदों का वेतनमान (समकक्ष) था/है और उनकी भी पदोन्नति सहायग वर्ग-2 के समकक्ष वेतनमान 4000-6000 में की जाती है, तो मात्र सहायक वर्ग-2 को ही पदोन्नति पश्चात् कुल सेवा 24 वर्ष पूर्ण होने पर, क्रमोन्नति वेतनमान 4500-7000 परिपत्र दि. 21 मई, 2015 द्वारा क्यों दिया गया, इस मामले में अन्य समान प्रकरण की प्रतीक्षा क्यों नहीं की गई? (ग) क्या क्रमोन्नति वेतनमान पदनाम पर आधारित नहीं है, बल्कि वेतनमान पर आधरित है? यदि हाँ, तो जिन कर्मचारियों की प्रथम नियुक्ति 169-300 पर हुई थी तथा पदोन्नति (4000-6000) में हुई थी, उन्हें 24 वर्ष बाद क्रमोन्नति वेतनमान 4500-7000 क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र में उल्लेखानुसार आदेश कब तक जारी किये जायेगे, परीक्षण में गुण-दोष के मापदण्ड क्या है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) प्रश्न संख्या 150 के संदर्भ में दिये गये उत्तर में नियमों की स्थिति से प्रतिवेदित की गई थी I अतः उत्तर असत्य एवं भ्रामक नहीं रहा है I ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसा के आधार पर सहायक ग्रेड-2 के पद के वेतनमान का उन्नयन किया गया था तदनुसार उनकी क्रमोन्नति की पात्रता पुर्ननिर्धारित की गई I सहायक मानचित्रकार एवं सहायक ग्रेड-2 के वेतनमानों की स्थिति पृथक होने से पृथक निर्णय रहा है I (ग) म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 17-3-99/19-4-99 के अनुसार क्रमोन्नति योजना, वेतनमान पर आधारित है I इस परिपत्र के अनुसार 169-300 के वेतनमान के शासकीय सेवक को 24 वर्ष पश्चात वेतनमान 4000-6000 देय होगा I (घ) वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग के उपर्युक्त आदेश अनुसार ही क्रमोन्नत वेतनमान देय है I
पाटन विधान सभा अंतर्गत विद्युत व्यवस्था
65. ( क्र. 842 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एक जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक माहवार औसत कितने घंटे घरेलू एवं कृषि कार्य हेतु विद्युत प्रदाय की गई सब-स्टेशनवार आंकड़ों सहित सूची देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र के ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को रूक-रूक कर 10 से 12 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 5 से 6 घंटे विद्युत प्रदाय की गई इस अंधाधुंध विद्युत कटौती के क्या कारण है? (ग) वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा क्षेत्र के किन-किन कृषकों को 3 एच.पी. के स्थान पर 5 एच.पी. एवं 5 एच.पी. के स्थान पर 6.5 एच.पी. के बढ़े हुये अधिभार के बिल प्रदान किये गये इनमें से कितने कृषकों ने संशोधन हेतु आवेदन किया एवं कितने कृषकों के बढ़े हुये अधिभार के बिल कम किये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समयावधि में पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर खराब हुए इनमें से कितने बदले गये? प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के कितने ट्रांसफार्मर किन कारणों से खराब पड़े हुये हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत एक जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक (जून 2016) तक घरेलू एवं कृषि कार्य हेतु किये गये माहवार औसत विद्युत प्रदाय का सबस्टेशनवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्राकृतिक आपदाओं एवं विभिन्न तकनीकी कारणों यथा-लाईन फाल्ट के कारण तार टूटना, विद्युत उपकरणों की खराबी आदि के कारण हुए आकस्मिक अवरोधों, आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु अथवा नवीन विद्युत अधोसंरचना का निर्माण करने हेतु अपरिहार्य होने जैसे कारणों को छोड़कर उपभोक्ताओं को सामान्यत: निर्धारित अवधि हेतु निरंतर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया गया है। (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक (जून 2016) तक पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत पंप कनेक्शनों के भौतिक सत्यापन के दौरान पाए गए वास्तविक भार के अनुसार 3243 कृषकों को 3 एच.पी. के स्थान पर 5 एच.पी. एवं 335 कृषकों को 5 एच.पी. के स्थान पर 7.5 एच.पी. (6.5 एच.पी. नहीं) के बिल प्रदान किये गये, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। उक्त में से 3 से 5 एच.पी. के 1087 तथा 5 से 7.5 एच.पी. के 280 उपभोक्ताओं से बिलों में संशोधन हेतु आवेदन प्राप्त हुए तथा पुन: भौतिक सत्यापन के आधार पर पाए गए भार के अनुसार उक्त में से क्रमश: 485 एवं 172 उपभोक्ताओं के बिल कम किये गये। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अवधि में पाटन विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 1240 ट्रांसफार्मर फेल हुये, जिनमें से 1223 ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं। प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त में से 17 ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के कारण नहीं बदले जा सके हैं। उक्त बदलने हेतु शेष ट्रांसफार्मरों का स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों के उत्तर
66. ( क्र. 843 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में माननीय विधायकों के पत्रों के उत्तर देने संबंधी शासन के क्या नियम एवं दिशा निर्देश है बतलावें? निर्देशों की छायाप्रति देवें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय जिला पंचायत जबलपुर, जनपद पंचायत पाटन एवं मझौली, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय सेवा, लोक निर्माण, कार्यालय कलेक्टर जबलपुर, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण, जिला शिक्षा केन्द्र, आदिवासी विकास, जिला शिक्षा अधिकारी को कब-कब, किन-किन विषयों पर पत्र लिखे एवं इन पत्रों का जबाव संबंधित कार्यालयों द्वारा कब प्रदान किया गया? (ग) माननीय विधायकों के पत्रों का समयावधि में उत्तर न देने के क्या कारण हैं क्या शासन संबंधित विषयों में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों पर समुचित कार्यवाही कर पत्रों उत्तर समयावधि में दिया जाना सुनिश्चित करेगा उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) माननीय विधायकों के पत्रों का समयावधि में उत्तर दिया गया है। कतिपय पत्रों में वांछित कार्यवाही में समय लगने के कारण पत्रोत्तर देने में आंशिक विलंब हुआ है। उत्तर देने में लापरवाही नहीं बरती गई है।
कटनी जिले में संचालित रेत खदानें
67. ( क्र. 860 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के उपरांत वर्तमान में कौन-कौन सी खदानों का संचालन प्रारंभ है एवं इनमें से प्रत्येक के अनुबंध निष्पादन एवं भू-प्रवेश अनुमति पत्र की प्रति प्रदान करें एवं प्रथम रायल्टी बुक प्रदान करने की तारीख की जानकारी भी प्रदान करें . (ख) क्या पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के उपरांत अनुबंध निष्पादन, भू-प्रवेश अनुमति एवं रायल्टी बुक प्रदान करने में विभाग द्वारा किये गये विलंब के कारण म.प्र. शासन को विलंब अवधि में राजस्व की क्षति हुई है एवं खनिज निगम को मिलने वाली मासिक किस्त का नुकसान भी हुआ है. (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ, तो जवाबदार अधिकारियों पर इस क्षति हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक. यदि नहीं, तो कारण बतायें,
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मदिरा दुकानों को हटाया जाना
68. ( क्र. 862 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी नई बस्ती स्थित देशी मदिरा दुकान का अहाता स्वीकृत मानचित्र के अतिरिक्त अन्य स्थल पर दुकान संचालन के प्रश्नकर्ता सदस्य के तारांकित विधान सभा प्रश्न सं-11 (क्रमांक 7123) की चर्चा में मान. मंत्री महोदय द्वारा कथन किया गया था कि कटनी जिले में स्वीकृत स्थल से 6 मीटर की दूरी पर बिना अनुमति के शराब की दुकान आगे बढ़ाई गई है उसे वापिस 6 मीटर अंदर किया जावेगा. डी.ई.ओ. को निर्देशित कर दिया गया है . (ख) क्या 1 अप्रैल 2016 से उक्त शराब दुकान सदन में की गई घोषणा के विपरीत पूर्ववत् चल रही है एवं वहां पर पक्के अहाते का भी निर्माण किया जा रहा है. जिससे आम जनता में रोष व्याप्त है. यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी जवाबदार है एवं कब तक सदन में की गई घोषणा/ आश्वासन अनुसार देशी शराब दुकान/अहाता वहां से हटा लिया जावेगा.
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। सदन में की गई घोषणा अनुसार, दुकान के पीछे नाला होने एवं स्थानाभाव के कारण मदिरा दुकान को 6 मीटर अन्दर हटाया जाना संभव नहीं होने से उक्त मदिरा दुकान को वर्तमान स्थल से तीन मीटर पीछे (अंदर) हटाया जाकर दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से संचालित किया जा रहा है। वृत्त के प्रभारी सहायक जिला आबकारी अधिकारी/आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार वहां पर पक्के अहाते का निर्माण नहीं किया गया/नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में उक्त मदिरा दुकान टीन के टपरे/शेड में संचालित है। अत: कोई अधिकारी जवाबदार नहीं है। उक्त दुकान का वार्षिक मूल्य रूपये 81,97,249/- है। आम जनता में रोष व्याप्त होने की स्थिति नहीं है। उक्त मदिरा दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के नियम-1 के अनुरूप आपत्ति रहित स्थल पर संचालित होने से लायसेंसी के आवेदन पर कलेक्टर जिला कटनी द्वारा इसी स्थल (वर्तमान स्थल) पर संचालन की अनुमति दी गई है। अत: उक्त मदिरा दुकान के नियमानुसार संचालित होने से सदन में की गई घोषणा/आश्वासन अनुसार वहां से हटा लिये जाने की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
तालाबों का गहरीकरण
69. ( क्र. 865 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्व से निर्मित तालाबों की गाद निकालने/गहरीकारण करने हेतु वर्ष 2014-15 या उसके पश्चात् शासन से कोई दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं? हाँ तो उसकी प्रतिलिपी उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 2014 के पश्चात् भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने तालाबों का गहरीकरण कराया गया है तथा उन पर कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) भीकनगांव विधान सभा में ऐसे कितने तालाब है जिनका गहरीकरण हो सकता है? जिससे जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या तालाब गहरीकरण का कार्य जनभागीदारी से भी किया गया है? हाँ तो उनकी सूची भी उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। वर्ष 2014 के पश्चात विधान सभा क्षेत्र भीकनगांव अंतर्गत संभाग द्वारा किसी भी तालाब का गहरीकरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) तालाबों से गाद हटाना अव्यवहारिक कार्य है एवं इसमें मिट्टी का कवच हटने से तालाब से रिसाव की समस्या उत्पन्न होगी। बांध निर्माण का उद्देश्य जल स्तर बढ़ाना नहीं होता। विभाग द्वारा भीकनगांव विधान सभा में किसी भी तालाब का गहरीकरण प्रस्तावित नहीं है। (घ) विधान सभा क्षेत्र भीकनगांव अंतर्गत निर्मित किसी भी तालाब से जनभागीदारी के माध्यम से गहरीकरण का कार्य नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नगर पंचायत रानापुर जिला झाबुआ के कार्यों की स्वीकृति
70. ( क्र. 867 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत रानापुर जिला झाबुआ में वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक कौन-कौन से एवं कितनी-कितनी लागत के कार्यों की स्वीकृति दी गई वर्षवार बतावें? (ख) नगर पंचायत रानापुर में तालाब गहरीकरण का प्राक्कलन किसके द्वारा तैयार किया होकर प्रशासकीय स्वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई एवं कितनी लागत की स्वीकृति दी गई? (ग) उक्त तालाब गहरीकरण कार्य पर अब तक कितना व्यय हुआ? किस-किस को कितना-कितना भुगतान किया गया? माप पुस्तिका अनुसार विवरण सहित बतावें? (घ) उक्त किया गया भुगतान अनुसार कार्य हुआ है या नहीं? नहीं हुआ तो जो राशि भुगतान की गई उस अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश के प्रकाश में नगर परिषद् ने अवगत कराया है कि निकाय द्वारा तालाब गहरीकरण का कार्य नहीं कराया गया है तथा यह जानकारी भी उपलब्ध करायी गई है कि परिषद् के संकल्प दिनांक 05-01-2015 के अनुसार तालाब नलों एवं फिल्टर प्लांट एवं अन्य स्थानों पर सफाई एवं गाद निकालने का कार्य किया गया है जिसकी दर की स्वीकृति एवं भुगतान की स्वीकृति परिषद् के संकल्प दिनांक 01-06-2015 द्वारा की गई है। प्रकरण में विस्तृत जाँच के आदेश दिये गये हैं जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
बाणसागर परियोजना से सिंचाई सुविधा
71. ( क्र. 892 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला के बाणसागर परियोजना से शहडोल जिले में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने की योजना बनाई जावेगी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्या उक्त जिले के ग्राम पवेह के चंदिन घाटी नामक स्थान से लिफ्ट एरीगेशन के माध्यम से उस क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामों को सहज तरीके से सिंचाई हेतु पानी की व्यवस्था की जावेगी? (ग) क्या उक्त बांध के सिंचाई हेतु बुढवा क्षेत्र के लिये पानी उपलब्ध कराये जाने वाली नहर की चौड़ाई बढ़ाकर शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसील सहित अन्य तहसीलों में सिंचाई सुविधा हेतु पानी मुहैया कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) नयी योजनाओं के प्रस्तावों की वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता का परीक्षण कर साध्य पायी जाने वाली योजनाओं का वित्तीय संसाधनों की सीमा में नीतिगत प्राथमिकताओं के आधार पर निर्माण विभाग की सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान
72. ( क्र. 893 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में विगत एक वर्ष में मुख्य मंत्री स्वेच्छा अनुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु कितने आवेदन पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्रदान हुये? इनमें से कितने लोगों को कितनी राशि प्रदान की गई व कितने आवेदन वर्तमान में लंबित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शहडोल जिले में विगत एक वर्ष में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु 45 आवेदन पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त हुए हैं, इनमें से 29 आवेदन पत्र पर कुल राशि रूपये 9,67,000/- (अक्षर नौ लाख सड़सठ हजार) प्रदान की गई है, 10 आवेदन पत्र नस्तीबद्ध किये गये हैं, 04 आवेदन पत्र में प्राक्कलन चाहे गये हैं एवं 02 प्रकरण राज्य सहायता बीमारी निधि से आर्थिक सहायता स्वीकृत करने हेतु कलेक्टर को भेजे गए हैं।
जल प्रदाय राजघाट परियोजना
73. ( क्र. 914 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा सागर नगर की जल प्रदाय राजघाट परियोजना का फेस-2 का कार्य वर्ष 2011 में किया जाना प्रस्तावित था, परन्तु यह कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं हो पाया है? इस योजना के फेस-2 का कार्य प्रारम्भ नहीं होने के क्या कारण हैं? (ख) क्या फेस-2 का कार्य नहीं होने के कारण सागर नगर की जल प्रदाय योजना प्रभावित हो रही है एवं शहर में पुन: जल संकट गहराने लगा है? क्या शासन इसे शीघ्र ही पूर्ण कराये जाने पर विचार करेगा और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। यह योजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग परियोजना खण्ड सागर द्वारा तैयार की गई थी परन्तु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा योजना की डी.पी.आर. नगर निगम को न सौंपने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। (ख) जी नहीं, व्यवस्था की गई है। जी हाँ। सागर नगर फेज-2 की पेयजल प्रदाय योजना प्रोजेक्ट उदय के अंतर्गत एशियन डेव्हलपमेंट बैंक से वित्त पोषित योजना में शामिल है। योजना संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बुन्देली उत्सव का आयोजन
74. ( क्र. 915 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर संभागीय मुख्यालय के साथ-साथ बुन्देलखण्ड क्षेत्र का केन्द्र भी है? यहां बुन्देलखण्ड की अनेकों सांस्कृतिक विधायें एवं रीति-रिवाज प्रचलित हैं जो धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर है? क्या शासन बुन्देलखण्ड संस्कृति को बचाने हेतु प्रयास कर रहा है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या शासन बुन्देली संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्रत्येक वर्ष बुन्देली उत्सव प्रारम्भ करने हेतु विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या शासन बुन्देली लोक कला एवं संस्कृति के उत्थान हेतु बुन्देलखण्ड मुख्यालय सागर में लोक कलॉ केन्द्र खोलने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. जी नहीं. विलुप्त की स्थिति नहीं हैं. क्योंकि बुन्देली जीवन व्यवहार का भाग है. विभाग द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में आयोजित एवं प्रस्तावित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार. (ख) बुन्देली कलाओं के प्रदर्शन, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु साहित्य का संकलन, प्रकाशन आदि सुनिश्चित हैं. पृथक उत्सव की आवश्यकता नहीं है. (ग) सागर में संस्कृति संचालनालय को भूमि आवंटित है. भारत सरकार की योजना टैगोर कल्चरल कॉम्प्लेक्स अंतर्गत सभागृह इत्यादि हेतु डी.पी.आर. उनकी स्वीकृति के लिए प्रेषित किए गए हैं. स्वीकृति प्राप्त होने पर ही कार्यवाही संभव समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
स्टॉप डेम का निर्माण
75. ( क्र. 927 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ तहसील के ग्राम खेरीया साहु की महु नदी में स्टॉप डेम स्वीकृत हैं? हां या नहीं यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। निर्माण कार्य हेतु कार्य आदेश जारी किये जा चुके है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
आरक्षित वर्ग के उपभोक्ताओं को बिजली का नि:शुल्क प्रदाय
76. ( क्र. 937 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को घरेलू उपयोग हेतु प्रतिमाह 20 यूनिट तक ही विद्युत नि:शुल्क प्रदाय की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला छतरपुर में प्रश्नांश (क) के प्रत्येक हितग्राही के घर में विद्युत मीटर लगे हुए हैं? यदि नहीं, तो विद्युत देयक किस आधार पर दिये जाते हैं तथा विद्युत यूनिट की गणना कौन कैसे करता है? (ग) क्या अनुसूचित/अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1 हेक्टेयर से कम भूमि वाले 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पम्पों के उपभोक्तओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो जिला छतरपुर के तहसील नौगांव लवकुश नगर, चन्दला, गौरिहार में कितने व्यक्तियों को लाभ दिया जा रहा है? (घ) क्या जिला छतरपुर में उक्त वर्ग तथा श्रेणी किसानों से भी बिजली बिल वसूल किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25 यूनिट तक की खपत पर ऊर्जा प्रभार में शत्-प्रतिशत छूट दी जाती है एवं इस राशि की भरपाई राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में की जाती है। (ख) जी नहीं, प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिला छतरपुर के अन्तर्गत गरीबी-रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के 1729 अनमीटर्ड हितग्राही हैं। अनमीटर्ड हितग्राहियों को वित्तीय वर्ष 16-17 हेतु लागू म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ आदेश दिनांक 05.04.2016 के शेड्यूल की श्रेणी एल.व्ही.-1.2 में निहित प्रावधान अनुसार विद्युत देयक जारी किया जा रहे हैं। मीटर्ड हितग्राहियों की बिलिंग उनके मीटर में दर्ज खपत के आधार पर एवं अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की बिलिंग उक्त उल्लेखित टैरिफ आदेश में निर्धारित यूनिट के आधार पर की जाती है। (ग) जी हाँ। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के एक हेक्टेयर से कम भूमि वाले 5 अश्वशक्ति तक के कृषि पंपों के उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार पर शतप्रतिशत छूट दी जाती है एवं इस राशि की भरपाई राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में की जाती है। जिला छतरपुर के तहसील नौगांव, लवकुश नगर, चन्दला एवं गौरिहार में दिनांक 31.05.2016 की स्थिति में क्रमश: 7222, 1425, 336 एवं 762 हितग्राहियों को ऊर्जा प्रभार पर उपरोक्तानुसार छूट का लाभ दिया जा रहा है। (घ) जिला छतरपुर में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले घरेलू हितग्राहियों को मीटर किराया, विद्युत शुल्क एवं 25 यूनिट से अधिक खपत पर नियमानुसार ऊर्जा प्रभार हेतु नियमानुसार बिल जारी किये जा रहे हैं। उत्तरांश (ग) में वर्णित श्रेणी के कृषि पंप उपभोक्ताओं से बिल वसूल नहीं किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में बैरसिया तहसील का चयन
77. ( क्र. 956 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया तहसील को प्रधानमंत्री सिंचाई योजनान्तर्गत शामिल किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसमें क्या-क्या कार्य कराये जाने का प्रावधान है कार्ययोजना सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत बैरसिया तहसील को शामिल किया गया है। (ख) भोपाल जिले के अंतर्गत तहसील बैरसिया एवं तहसील हुजूर के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वरोजगार योजना का ऋण प्रदान कराना
78. ( क्र. 963 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में किस प्रकार की स्वरोजगार योजनायें संचालित है और उनमें किन उद्यम व व्यवसाय हेतु ऋण-अनुदान का प्रावधान किया गया है? (ख) वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. कटनी, बड़वारा और ढीमरखेड़ा के कितने बेरोजगारों ने विगत् 3 वर्षों में किन योजनाओं हेतु आवेदन किया है और किन बैंकों ने कितना ऋण कितनों को प्रदान किया है? (ग) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत प्रश्नांश (ख) क्षेत्र के कितने लोगों ने विगत् 3 वर्षों में महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र कटनी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किये हैं और जिन्हें किन बैंकों को भेजा गया है तथा किन बैंकों ने अभी तक कितनों को ऋण उपलब्ध कराया है? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक ने वर्ष 2014 से 2016 की अवधि में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी एवं जिला महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र कटनी को किन-किन तिथियों में किन हितग्राहियों का बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने हेतु लेख किया है और उन पर उक्त अधिकारियों ने किन-किन तिथियों में बैंकर्स की बैठकें कर किन्हें ऋण उपलब्ध कराया है? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) हितग्राहियों के भटकाव के लिये जिम्मेदार अधिकारियों की शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती गई उदासीनता पर कोई कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य अंतर्गत सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं केन्द्र शासन की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम संचालित है। इन योजनाओं में सभी प्रकार की सेवा एवं औद्योगिक गतिविधियों में ऋण एवं अनुदान का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 16-17 से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में व्यवसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है। (ख) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में - 01, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में - 228 एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 02 इस प्रकार कुल 231 बेरोजगारों ने उपरोक्त योजनाओं में आवेदन किया एवं राष्ट्रीकृत बैंक एवं म.प्र. सेन्ट्रल ग्रामीण बैंकों द्वारा 82 आवेदकों को ऋण प्रदान किया गया। (ग) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत प्रश्नांश (ख) अनुसार विगत 3 वर्षों में क्षेत्र के 228 आवेदकों ने महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किए जिन्हें बैंकों को भेजा गया तथा राष्ट्रीयकृत बैंक एवं म.प्र. सेन्ट्रल ग्रामीण बैंकों द्वारा 82 आवेदकों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा वर्ष 2014 से वर्ष 2016 की अवधि के दौरान हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध कराने हेतु मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी के माध्यम से आवेदकों को ऋण उपलब्ध कराये जाने हेतु पत्र जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कटनी को प्राप्त हुए जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिस पर महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कटनी द्वारा आयोजित टास्क फोर्स कमेटी की बैठकों की तिथियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जिनमें समस्त आवेदकों को ऋण उपलब्ध कराने हेतु बैकों को प्रकरण अनुशंसित किये गये। ऋण स्वीकृत करने का अंतिम निर्णय बैंक शाखा का होता है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार प्राप्त आवेदनों में से किसी भी प्रकरण में बैंक शाखा द्वारा ऋण वितरण नहीं किया गया है। (ड.) प्रश्नांश अवधि में बैंकों द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कटनी नगर में जलापूर्ति योजना
79. ( क्र. 964 ) श्री मोती कश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी नगर की किसी जनसंख्या पर किन-किन स्त्रोतों से प्रति व्यक्ति कितने लीटर के स्थान पर कितना जल उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) क्या कटनी नगर की किन्हीं बस्तियों के मध्य में किन्हीं फुट की गहराईयों की कोई खदानें है और उनसे किन्हीं बस्तियों में जल प्रदाय किया जा रहा है? (ग) क्या नगरपालिका निगम कटनी के द्वारा जन-पशु दुर्घटनाओं से बचाने की दृष्टि से प्रश्नांश (ख) खदानों को बाउण्ड्रीवाल द्वारा संरक्षित किया गया है तथा जल को कचरा व धूल आदि से बचाने के लिये कोई उपाय किये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के द्वारा कटनी नगर को पेयजल संकट से मुक्ति प्रदान कराने और आवश्यक जलापूर्ति कराने हेतु कोई योजनायें बनायी है? हाँ, तो कितनी लागत की कहाँ से?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मापदण्ड अनुसार 135 से 140 एल.पी.सी.डी. जल प्रदाय के स्थान पर नवम्बर, 2015 से कटनी नदी में पर्याप्त जल प्रवाह के अभाव के कारण शहर में लगभग 70 सो 75 एल.पी.सी.डी. जलप्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) खदानें माईनिंग विभाग से संबंधित है, जिसका स्वामित्व एवं अधिपत्य नगर निगम के पास नहीं है। खदानों के जल को नगर निगम द्वारा निर्धारित मानक अनुसार शुद्धिकरण उपरांत प्रदाय किया जाता है। (घ) जी हाँ। अमृत योजनांतर्गत राशि रू. 2401.00 लाख की योजना स्वीकृत की गई है। उक्त योजना में जलस्रोत नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा निर्माणाधीन नहर प्रस्तावित किया गया है।
दोहरी व्यवस्था की समाप्ति
80. ( क्र. 965 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार ने अपनी किसी अधिसूचना के द्वारा डोलामाइट को माइनर मिनरल एवं लाइम स्टोन को मेजर मिनरल की श्रेणी में रखा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की उत्पत्ति एक ही प्राकृतिक खनिज से होती है और क्या विभाग द्वारा दोनों का अनुबंध पट्टाधारियों से एक ही ''के फार्म'' में किया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के खनन कार्य, आई.बी.एम. स्वीकृति, पर्यावरण स्वीकृति और रॉयल्टी दर की प्रक्रिया पृथक-पृथक है? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) की अव्यवहारिक प्रक्रिया में परिवर्तन कर पट्टाधारियों को राहत प्रदान की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकृति में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खनिज की उत्पत्ति भू-वैज्ञानिक दृष्टि से पृथक-पृथक होती है। जी हाँ। पूर्व प्रचलित खनि रियायत नियम 1960 के प्रावधानों के तहत अनुबंध निष्पादित किया गया है। (ग) स्वीकृत खनिजों का खनन कार्य पृथक-पृथक नहीं होता है। आई.बी.एम. द्वारा खनन की स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है। पर्यावरण स्वीकृति स्वीकृत क्षेत्र में खनन कार्य हेतु होती है। डोलोमाईट एवं लाईमस्टोन की रायल्टी दर पृथक-पृथक है। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार किसी खनिज को गौण खनिज के रूप में घोषित करना भारत सरकार का विषय है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सहायक राजस्व निरीक्षक को निलम्बित किया जाना
81. ( क्र. 968 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के नगर परिषद् नागौद में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक विगत दस वर्षों से कार्यरत हैं जिनकी गंभीर शिकायतें भ्रष्टाचार संबंधी है विगत पाँच वर्षों में इनके विरूद्ध कितनी शिकायतें विभाग एवं शासन को प्राप्त हुई शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन म.प्र. भोपाल को दिनांक 16.03.16 को संबंधित निलंबित/स्थानान्तरित करने हेतु लिखा गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित को निलम्बित कर विभागीय जाँच कराई जायेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। सहायक राजस्व निरीक्षक, श्री आनंद शर्मा के संबंध में पत्र लिखा गया था, जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सर्वेक्षण सहायक को नियमित वेतन देने
82. ( क्र. 969 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक 1111/2016/ आ.सा.स./रा. सर्वे दिनांक 05.03.2016 से राज्य में सूचीबद्ध किये गये सर्वेक्षण सहायकों से कार्य लिये जाने एवं मानदेय के रूप में भुगतान किये जाने की प्रति घंटे की दर से दिये जाने के आदेश जारी किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो समान कार्य एवं समान वेतनमान सम्बंधित सर्वेक्षण सहायकों को शासन आदेश जारी करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) सर्वेक्षण सहायकों से कार्य प्रतिघंटे की दर से कराया जाना है। अत: शासन के किसी अन्य नियमित पद के समान वेतनमान का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका विधान में कुल सम्पत्ति का विवरण
83. ( क्र. 978 ) श्री प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरपालिका विधान में कुल सम्पत्ति का वितरण/आवंटन सार्वजनिक नीलामी/टेडर पद्धति से किये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो बतलावें? (ख) क्या वर्ष 2004 से 2016 तक दमोह में नगर पालिका अधिकारी श्री सुधीर सिंह के द्वारा कितनी दुकानें पृथक स्थलों पर बिना सार्वजनिक नीलामी प्रक्रिया अपनाये आवंटित की गई, वर्षवार बतलावें? (ग) नगरपालिका परिषद् दमोह द्वारा दुकानों के आवंटन में काफी अनियमितताएं बरती गई हैं? क्या शासन संज्ञान में लेकर संबंधित के विरूद्ध आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में मामला पंजीबद्ध कराकर जाँच एवं कार्यवाही करेगा? (घ) क्या दुकानों के वितरण में हुए भ्रष्टाचार मामले में अपराध पंजीबद्ध नहीं कराया गया, तो कब तक करा लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र.नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 109 के अंतर्गत परिषद् में निहित या उसके प्रबंध के अधीन नगर पालिका संपत्ति के व्ययन को शासित करने वाले उपबंध की व्यवस्था की गई तथा म.प्र. नगर पालिका अचल संपत्ति अंतरण नियम, 1963 बनाये गये हैं। (ख) जी हाँ, नगर पालिका दमोह द्वारा प्रेषित स्पष्टीकरण अनुसार जिला-कलेक्टर की अध्यक्षता में आहूत बैठक दिनांक 06.01.2005 में लिये गये निर्णय के अंतर्गत निकाय क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्थलों से अतिक्रमण में हटाई गई दुकानों का आवंटन व्यवस्थापन प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) नगर पालिका द्वारा किये गये आवंटन/व्यवस्थापन की वैधानिकता की जाँच के लिये संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, सागर संभाग, सागर को जाँच करने के निर्देश दिये गये है, जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पक्के मकान का प्रदाय
84. ( क्र. 979 ) श्री प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिल की नगर पंचायत तेन्दूखेड़ा में गरीबी रेखा के तहत जीवन यापन करने वाले परिवारों एवं झुग्गियों में रहने वाले कितने परिवार हैं, क्या यह पक्के मकान निर्मित कर प्रदाय किये जाने की योजना शासन के विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो भारत सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों के अनुरूप डी.पी.आर योजना तैयार की गई है, यदि हाँ, तो बतलावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कब तक गरीबी रेखा के अन्तर्गत जीवन यापन करने वाले परिवारों एवं झुग्गियों में रहने वाले परिवारों को पक्के मकान निर्मित कर उपलब्ध करा दिये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) झुग्गियों में रहने वाले परिवारों का सर्वेक्षण नहीं करवाया गया है अत: परिवारों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सर्वेक्षण किये जाने एवं डी.पी.आर. तैयार करने हेतु कंसलटेंट की नियुक्ति की निविदा प्रक्रियाधीन है। (ग) भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिए आवास-2022) के प्रावधान अनुसार वर्ष 2022 तक।
अचल संपत्ति का विवरण
85. ( क्र. 982 ) श्री प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले में नगर पालिका/नगर पंचायत/जिला पंचायत/जनपद पंचायत की कितनी अचल सम्पत्ति है, उसका विवरण खसरा नंबर, रकबा एवं स्थानवार बतलावें? (ख) क्या उक्त सम्पत्ति संस्था के आधिपत्य में है अथवा अतिक्रमणकर्ताओं कब्जे में है? यदि अतिक्रमणकर्ताओं के कब्जे में है, तो भूमि रिक्त कराने के लिये संस्थाओं द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कितनी भूमि अतिक्रमणकर्ताओं से मुक्त करायी गई तथा कितनी भूमि अभी भी अतिक्रमणकर्ताओं के कब्जे में है, संस्थावार एवं अतिक्रमणकर्तावार विवरण देवें? (ग) क्या संस्थाओं द्वारा अपनी भूमि के पट्टे भी जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो पट्टेदार के नाम, पता सहित बतलावें कि कितनी-कितनी भूमि कितने प्रीमियम भू-भाटक पर दी गई है? पट्टे पर दी गई भूमि से कितनी राजस्व आय प्राप्त हो रही है तथा अतिक्रमित भूमि से कितने राजस्व की हानि प्रतिवर्ष हो रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) दमोह जिले की नगर पालिका/नगर पंचायत के अचल संपत्ति, खसरा नंबर एवं रकबा की स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, शेष जानकारी ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित है।
अचल संपत्ति एवं दुकानों की जानकारी
86. ( क्र. 987 ) श्री प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले की तेन्दूखेड़ा नगर पंचायत के स्वामित्व में कौन-कौन सी एवं कितनी-कितनी अचल सम्पत्ति है एवं कितनी दुकानें किस-किस के पास है? (ख) आवंटित दुकानों की नीलामी से नगर पंचायत को 31.03.2016 तक कितनी मासिक राशि प्राप्त हुई व कितनी राशि किस पर कब से बकाया है? कितनी दुकानें अपूर्ण है? क्या पूर्व परिषद् एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं कर्मचारियों की सांठ-गांठ से कतिपय दुकानें विक्रय कर दी गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को की है? (ग) तेन्दूखेड़ा बस स्टैण्ड का शिलान्यास किस दिनांक को किया गया था? क्या निर्माण स्थल भूमि नगर पंचायत को स्थानांतरित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब? निर्माण स्थल जमीन का कितना रकबा है? क्या यात्रियों को बस स्टैण्ड पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 13.07.1984 को शिलान्यास किया गया, जी हाँ, वर्ष 2001 में दानदाता द्वारा दी गई भूमि का कुल रकबा 0.348 में निर्माण कार्य कराया गया, जी हाँ।
मांग संख्या 60 व 64 में गंभीर अनियमितता
87. ( क्र. 1014 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में मांग संख्या 60 में मद क्र. 2515-00-800-9999-5272-5-44-008 में अप्रैल 16 में 4000000.00 बजट दिया गया था? यदि हाँ, तो व्यय के लिये कौन से प्रकरण स्वीकृत किए गए? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) जिला भिण्ड में मांग संख्या 64 में मद क्र. 4515-00-103-6103-8817-5-32-000 में अप्रैल 2016 में 4375000.00 बजट दिया गया? यदि हाँ, तो व्यय के लिये कौन से प्रकरण स्वीकृत किए गए? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में स्वीकृत करने के लिये मा. विधायक द्वारा कब किस प्रकरण के लिये अनुशंसा की गई छायाप्रति सहित जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में असत्य प्रकरणों को स्वीकृत कर राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है, प्रश्नांश (ग) अनुसार अनुशंसा के बगैर प्रकरण स्वीकृत कर अनचाहे प्रकरणों पर राशि का दुरूपयोग हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। योजनान्तर्गत स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उपरोक्त मद में प्राप्त आवंटन के विरूद्ध स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृति जारी करने हेतु मा. विधायकों द्वारा की गई अनुशंसा पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। कोई भी प्रकरण अनुशंसा के बिना स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेरीफेरल पोण्ड का निर्माण
88. ( क्र. 1062 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग रीवा को वित्तीय वर्ष 2014-15 के तृतीय एवं चतुर्थ त्रैमास की राशि क्रमश: 25.68 लाख पत्र क्रमांक 3414 दिनांक 05.12.2014 तथा 4.12 लाख पत्र क्रमांक 4417 दिनांक 11.02.2015 को गोरमा बांध के समीप पेरीफेरल पोण्ड का निर्माण हेतु एवं वर्ष 2015-16 के प्रथम त्रैमास की राशि 10.00 लाख पत्र क्रमांक 1118 दिनांक 26.06.2015 लोनी जलाशय के समीप पेरीफेरल पोण्ड का निर्माण हेतु संचालक मत्स्योद्योग मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा बी.सी.ओ. कोड-3602 से डब्ल्यू.आर.डी. विभाग के बी.सी.ओ. कोड 3104 एवं जल संसाधन विभाग के सेंट्रल सर्वर बी.सी.ओ. कोड-3102 में राशि प्राक्कलन अनुसार प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग रीवा द्वारा राशि का उपयोग उपरोक्त कार्यों के निर्माण हेतु किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कार्य की प्रगति से अवगत करावें? यदि नहीं, किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में जल संसाधन विभाग द्वारा राशि का उपयोग न किये जाने से एवं कार्य पूर्ण न होने से शासन के आय में क्षति हुई है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार को चिन्हित कर उसके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है या अपूर्ण है तो इसे कब तक प्रारंभ कर पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि जल संसाधन विभाग को प्रदान नहीं की गयी। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
89. ( क्र. 1070 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-74 क्रमांक 2795 दिनांक 03 मार्च, 2016 के प्रश्नांश (क) में ग्राम मुदरिया चौवान तहसील मऊगंज जिला रीवा के उपभोक्ता द्वारा शिकायत निवारण फोरम जबलपुर के प्रकरण क्रमांक 607/2010 दिनांक 13.10.2010 के बाद पत्र के आदेश दिनांक 31.12.2010 के 5 बिंदुओं के निराकरण कर पालन प्रतिवेदन दिनांक 25.01.2011 तक प्रस्तुत करने का आदेश था? जिसके उत्तर में फोरम को अधिक्षण अभियंता (सं.धा.) वृत्त रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 8695-96 दिनांक 20.02.2016 से प्रेषित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में फोरम का आदेश बिंदु 3 है कि आवेदन पर कोई कार्यवाही प्रतिवादी कार्यपालन यंत्री द्वारा नहीं की गई न ही प्रतिवाद पत्र में वादी की शिकायत का प्रति उत्तर दिया गया? प्रस्तुत दस्तावेज शपथ-पत्र एवं आवेदन पर अंकित लाइनमेन की टीप सहित जानकारी तथ्य पूरक एवं उचित प्रतीत होती है? के पालन में कार्यपालन अभियंता (स./धा.) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. मऊगंज द्वारा निराकरण में संलग्न परिशिष्ट 66 के पेज 296 में आदेश के विपरीत मनमानी एवं निरंकुश पूर्वक झूठे कथन करते हुये दस्तावेजों को अमान्य कर निराकरण जून, 2015 की स्थिति में किया है, जबकि आदेश दिनांक 25.01.2011 तक प्रस्तुत करने का था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन्द्रमणि पाण्डेय लाइनमेन के टीप दिनांक 24.10.2007 शपथ-पत्र दिनांक 24.10.2007 के बाद उपभोक्ता को लाइनमेन एवं शपथ-पत्र न मानने के संदर्भ में पत्राचार किया था? यदि हाँ, तो पत्राचार की प्रमाणित प्रति दें? लाइनमेन की टीप के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ग) का निर्णय मनमानी पूर्ण कार्यवाही नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या फोरम के आदेश दिनांक 31.12.2010 का पालन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? निराकरण 25.01.2011 तक प्रस्तुत न करने के लिये कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों, कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन पालन प्रतिवेदन विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम, जबलपुर को, अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) वृत्त रीवा के पत्र दिनांक 20.02.2016 से प्रेषित किया गया है। (ख) विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम, जबलपुर के आदेश दिनांक 31.12.2010 में निष्कर्ष एवं आदेश के तहत् परिवाद पत्र एवं संलग्न दस्तावेज यथा-बिल संयोजन क्रमांक 70-28-32335, आवेदन दिनांक 24.10.2007 एवं शपथ पत्र इत्यादि का अध्ययन करते हुये प्रकरण का निराकरण करने एवं पालन प्रतिवेदन दिनांक 25.01.2011 तक प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। अत: उपभोक्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन, शपथ-पत्र एवं तात्कालिक परिस्थितियों में उपभोक्ता द्वारा लंबित बकाया राशि में से रू. 10,000/- एकमुश्त तथा शेष राशि किश्तों में जमा करने के अनुरोध को ध्यान में रखते हुये एवं विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम जबलपुर में प्रस्तुत किये गये शपथ पत्र दिनांक 24.10.2007 एवं कथित रूप से लाइनमेन की अंकित टीप युक्त आवेदन दिनांक 24.10.2007 के सूक्ष्म अध्ययन उपरांत कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा), मऊगंज द्वारा पत्र क्रमांक 4395, दिनांक 19.02.2016 द्वारा दी गई टीप के आधार पर पालन प्रतिवेदन दिनांक 20.02.2016 को विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम, जबलपुर को प्रेषित किया गया था। प्रकरण में पालन प्रतिवेदन समय-सीमा में उपलब्ध नहीं कराये जाने हेतु प्रथम दृष्ट्या दोषी श्री राम पाण्डेय, कार्यपाल अभियंता वर्तमान पदस्थापना (संचा./संधा.) संभाग पाढुर्णा का स्पष्टीकरण पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 44-45, दिनांक 20.02.2016 द्वारा चाहा गया था। स्पष्टीकरण का जबाव दिनांक 01.07.2016 को प्राप्त हुआ है, जिसका अध्ययन कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही शीघ्र की जायेगी। (ग) इस संबंध में कोई लिखित पत्राचार नहीं किया गया है। इन्द्रमणि पाण्डेय नाम का कोई लाइन कर्मचारी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ नहीं था, अपितु इन्द्रमणि मिश्रा, हेल्पर पदस्थ थे। श्री इन्द्रमणि मिश्रा, हेल्पर द्वारा दिनांक 30.06.2016 को लिखित रूप से कथन किया गया कि उनके द्वारा कोई टीप नहीं की गई और न ही उनके हस्ताक्षर टीप पर किये गये हस्ताक्षर से मेल खाते हैं। उक्त कथन की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस प्रकार प्रकरण के निराकरण में कोई मनमानी पूर्ण कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम, जबलपुर के प्रकरण दिनांक 31.12.2010 के संबंध में पालन प्रतिवेदन अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.), वृत्त रीवा के पत्र क्रमांक 8695-96 दिनांक 20.02.2016 द्वारा प्रेषित किया जा चुका है। प्रकरण का अंतिम निराकरण विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम, जबलपुर द्वारा किया जाना है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रकरण में पालन प्रतिवेदन समय-सीमा में उपलब्ध नहीं कराये जाने हेतु प्रथम दृष्ट्या दोषी श्री राम पाण्डेय, कार्यपालन अभियंता वर्तमान पदस्थापना (संचा./संधा.) संभाग पाढुर्णा के विरूद्ध उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
नगर पंचायत पृथ्वीपुर में प्रचलित विकास कार्य
90. ( क्र. 1075 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले की पृथ्वीपुर नगर पंचायत में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विकास कार्यों हेतु कुल कितना बजट आवंटित/स्वीकृत किया गया? कार्यवार, बजटवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य किस-किस वार्ड में कौन-कौन से कार्यों हेतु बजट दिया गया? कार्यवार, राशिवार, वार्डवार बतावें? (ग) क्या नगर पंचायत पृथ्वीपुर में पार्षदों द्वारा वर्ष 14-15 एवं 15-16 में विकास कार्यों के प्रस्ताव नगर पंचायत को दिये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन से वार्डवार, कार्यवार बताने एवं क्या इन प्रस्तावों पर तकनीकी प्रतिवेदन तैयार करवाने पी.आई.सी. की बैठक में स्वीकृत हेतु प्रस्तुत किये गये? यदि हाँ, तो कब-कब एवं नहीं तो क्यों? कब तक होंगे? समय-सीमा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार शासन से प्राप्त अनुदान वार्डवार प्राप्त नहीं हुआ है। वार्डवार विकास कार्यों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्य
91. ( क्र. 1076 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग से वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कार्य स्वीकृत हुए है यदि हाँ, तो कौन-कौन से वर्षवार, कार्यवार, राशिवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की पूर्णत: अवधि क्या थी क्या कुछ कार्य की पूर्णत: अवधि समाप्त होने पर भी वह कार्य पूर्ण नहीं किये गये यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य हैं, कार्यवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में जो कार्य अपूर्ण हैं, उन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा एवं जिन कार्यों की पूर्णत: अवधि समाप्त होने के बाद भी पूर्ण नहीं किये गये उनके लिए कौन दोषी है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। ऐसा कोई कार्य नहीं है, जो पूर्णता अवधि समाप्त होने पर भी पूर्ण नहीं किया गया, अतः कोई दोषी न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में नलकूप विभाग बंद किया जाना
92. ( क्र. 1079 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत नलकूप डिपार्टमेंट संचालित था क्या वर्तमान में यह नलकूप डिपार्टमेंट बंद हो चुका है? (ख) क्या इस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों का अन्यत्र स्थानांतरण करके कहाँ भेजे गये है? (ग) अन्यत्र स्थानांतरण किये गये कर्मचारियों को हो रही परेशानी से बच सके इस हेतु विभाग पुन: कोई नई सिंचाई योजना संचालित किये जाने हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि है तो क्या नहीं तो क्यों? (घ) यदि योजना प्रस्तावित है तो अन्यत्र स्थानांतरण किये गये कर्मचारियों/अधिकारी को पुन: अटैच कर गाडरवारा/नरसिंहपुर जिले में पदस्थ किया जा सके?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, गाडरवारा से लाईट मशीनरी एवं वि./यां. उप संभाग क्रमांक-1 को कार्यहित में अंतरित कर लाईट मशीनरी एवं वि./यां. उपसंभाग, राजगढ़ में स्थापित किया गया है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। जल संसाधन विभाग की कोई परियोजना प्रश्नाधीन क्षेत्र में चिन्हित, प्रस्तावित अथवा निर्माणाधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में मजरे टोले में विद्युत आपूर्ति
93. ( क्र. 1080 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्राम विद्युतीकरण सें वंचित हैं ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) इन ग्रामों में कब तक बिजली लाइनों का विस्तार किस योजना के द्वारा किया जायेगा? (ग) वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों में विद्युतीकरण योजना का लाभ दिया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में 3 वनग्राम यथा-टुइयापानी, भिलमाढ़ाना (राजस्व) एवं भिलमाढ़ाना अविद्युतीकृत है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत है। उक्त ग्रामों में से ग्राम भिलमाढ़ाना (राजस्व) के विद्युतीकरण का कार्य गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से किया जाना प्रस्तावित है एवं शेष 2 ग्रामों यथा-टुइयापानी एवं भिलमाढ़ाना को परंपरागत रूप से लाइन विस्तार कर विद्युतीकृत किया जाना है, जिस हेतु वन विभाग में स्वीकृति प्रतीक्षित है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक 03 अविद्युतीकृत वनग्रामों यथा गणेश नगर, भैंसा एवं मुकुंदा को विद्युतीकृत किया गया है।
पत्रकारों को आर्थिक सहायता
94. ( क्र. 1088 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चंबल संभाग में श्रमजीवी पत्रकारों की गंभीर बीमारी कैंसर, बाई-पास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी के कितने प्रकरण में राज्य शासन की नीतिनुसार आर्थिक सहायता वर्ष 2015 व जून 2016 तक की गई नाम, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) उक्त अवधि में अधिमान्यता प्राप्त श्रमजीवी पत्रकारों की आकस्मिक मृत्यु पर कितने प्रकरणों में उनकी पत्नि, नाबालिग बच्चों, परिवारजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? (ग) श्रमजीवी पत्रकारों को आकस्मिक विपत्ति के समय कितने लोगों को आगजनी, वाहन दुर्घटना आदि घटनाओं में उक्त अवधि में सहायता प्रदान की गई? नाम, पते, राशि सहित जानकारी दी जावे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर चंबल संभाग के 34 पत्रकारों को राज्य शासन की नीति अनुरूप स्वयं अथवा आश्रितों के उपचार हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी निरंक है।
लोक कल्याण शिविरों को लगाने के प्रावधान
95. ( क्र. 1089 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले में वर्ष 2015 एवं जून 2016 तक शासन की कार्यप्रणाली को विकासोन्मुखी, संवेदनशील एवं भ्रष्टाचार से मुक्त करने हेतु हर विकास खण्ड पर लोक कल्याण शिविर लगाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने शिविर, कहाँ लगाये गये? (ख) उक्त अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया, उनकी संख्या सहित राजस्व प्रकरणों एवं परिवार विवाद के प्रकरणों की संख्या सहित जानकारी देवें? (ग) जिले के विकासखण्डों में हुये कल्याण शिविरों में किन-किन अधिकारियों की उपस्थिति रही, उनकी जानकारी दी जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टाप डेम के गेट की स्वीकृति
96. ( क्र. 1094 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितने स्टाप डेम हैं? नाम एवं स्थान सहित जानकारी प्रदाय करें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त स्टाप डेम कब स्वीकृत हुए कब इनका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ एवं इनकी निर्माण लागत कितनी है? (ग) स्टाप डेम में गेट लगाने अथवा पानी रोकने हेतु विभाग के क्या नियम है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त स्टाप डेम में लगे गेट की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या पिछले वर्ष इन स्टाप डेम में पानी को रोकने हेतु गेटों को बंद किया गया था?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत जल संसाधन विभाग का कोई स्टापडेम नहीं है। स्टापडेम में सामान्यतः 15 अक्टूबर के बाद गेट लगाए जाते हैं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
नगर पंचायत बिजावर एवं सटई में कार्यरत कर्मी
97. ( क्र. 1095 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् बिजावर एवं सटई में वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने स्थायी कर्मचारियों के अलावा अस्थायी, दैनिक वेतनभोगी, कंटनजेंसी कर्मचारी लगाए गए? उनके नाम कार्यकाल एवं उनसे क्या-क्या कार्य लिए गए जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य मदों पर कब-कब कितना व्यय किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कॉलोनियों की अनुमति देना
98. ( क्र. 1119 ) श्री जतन उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में कितनी एवं किन-किन कॉलोनियों को नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अनुमति दी गई है? शहरवार एवं ग्रामवार कॉलोनियों की सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या नगरीय क्षेत्र से एक कॉलोनी से दूसरी कॉलोनी को जोड़ने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्तमान में ऐसी कौन-कौन सी कॉलोनियाँ है, जिसके द्वारा नगर विकास नियमों के विरूद्ध कॉलोनियों को तार क्रासिंग से बंद कर दिया गया है? (ग) कॉलोनियों को अनुमति प्रदान करने के बाद विभाग के अधिकारियों ने पिछले 05 वर्षों में कहाँ-कहाँ निरीक्षण किया तथा कितने कॉलोनियों में नियम के विरूद्ध कार्य पाये गये हैं? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा कॉलोनी के डायवर्सन की NOC एवं कॉलोनी के नक्शे पास करने के लिये बड़ी राशि की मांग की जाती है? यदि हाँ, तो नियम बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) छिन्दवाडा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में 7 विकास अनुज्ञायें जारी की गई है। सूची संलग्न परिशिष्ट पर है (ख) जी हाँ। वर्तमान में ऐसी कोई कॉलोनी नहीं है। (ग) कालोनियों को अनुमति जारी करने के पश्चात नगरीय निकाय द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण के दौरान कालोनियों में नियमानुसार कार्य होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 16 एवं 29 के अंतर्गत अनुज्ञा हेतु प्राप्त आवेदनों पर म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 21 (2) एवं 21 (3) के अनुसार आवेदन शुल्क एवं अनुज्ञा शुल्क लिये जाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
99. ( क्र. 1126 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा छिन्दवाडा जिले के सातों विधान सभा क्षेत्रों में वर्ष 2008 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कब-कब भ्रमण किया? (ख) उक्त समय अवधि में भ्रमण के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी ने क्या-क्या घोषणाएं की थी? विधान सभावार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में की गई किस-किस घोषणाओं पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा कितनी घोषणाएं शेष हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
पद का दुरूपयोग
100. ( क्र. 1133 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले की नगर पालिका जुन्नारदेव के अध्यक्ष द्वारा वार्ड क्रमांक 12 में 2.090 हेक्टेयर भूमि 1.25 करोड़ में कृषि भूमि खरीदकर पद का दुरूपयोग करते हुए उक्त भूमि पर नगर पालिका के माध्यम से सी.सी. रोड एवं वाटर सप्लाई पाइप लाइन का निर्माण कार्य कराया गया, यदि हाँ, तो क्या ये पद का दुरूपयोग नहीं है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) नगर पालिका जुन्नारदेव के अध्यक्ष द्वारा नगर की अन्नपूर्णा सहकारी उपभोक्ता समिति की दुकान/गोदाम वार्ड क्र. 09 बाजार क्षेत्र में स्थित है, उसमें अध्यक्ष द्वारा जो 02 अतिरिक्त कक्ष का निर्माण किया है, वह भूमि नगर पालिका के स्वामित्व की है, जिसका न तो कोई टैक्स पटाया है और न ही नगर पालिका से कोई अनुमति ली है, जो अध्यक्ष पद का दुरूपयोग है? क्या यह अनुचित नहीं है? (ग) नगर पालिका जुन्नारदेव के वार्ड क्र. 17 एवं 18 तक ओव्हर हेड टैंक (पानी की टंकी) के लिये पिछले वर्षों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वाटर सप्लाई पाइप लाइन बिछाई गई थी, जिसे निर्माण के 06 माह के अंदर बिना नगर पालिका के प्रस्ताव के निकाल ली गई, वह पाइप लाइन कहाँ गई, जिसका कोई पता नहीं है? इस विषय में अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) प्रश्न में उठाये गये बिन्दु के संबंध में संयुक्त संचालक जबलपुर को सूक्ष्म जाँच कराने के निर्देश दिये गये है। जाँच के निष्कर्ष प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन जिले में संचालित पवन ऊर्जा प्रोजेक्टस
101. ( क्र. 1137 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के कितने प्रोजेक्ट कहाँ-कहाँ चल रहे हैं? विधान सभावार बतावें? कंपनी नाम, प्रोप्राइटर/पार्टनर नाम सहित बतावें? (ख) इन्होंने शासन से विद्युत खरीदी का किस दर से अनुबंध किया है? (ग) इस अनुबंधों की प्रमाणित प्रतियां पृथक-पृथक देवें?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जिला उज्जैन में पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की कार्यशील परियोजनाओं की विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) परियोजनाओं के विकासकों/निवेशकों से विद्युत खरीदी के अनुबंध म.प्र. पावर मैनेंजमेंट कम्पनी लिमिटेड द्वारा किये गये/किये जाने है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विद्युत क्रय अनुबंध में लगभग 50 पृष्ठ होते हैं। फलस्वरूप 17 पृथक-पृथक अनुबंधों की प्रति प्रस्तुत करने पर जानकारी का स्वरूप अत्यन्त वृहद होगा। अतएवं सन्दर्भ में अवलोकन हेतु परियोजना क्रियाशील होने के पूर्व अग्रिम अनुबंध के उदाहरण के रूप में मेसर्स रिन्यू पावर वेन्चर्स प्रा.लि. के साथ किये गये अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार एवं परियोजना क्रियाशील होने के उपरान्त अनुबंध के रूप में निवेशक श्री संजय डी. घोदावत जयसिंहपुर, कोल्हापुर के साथ किये गये अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
ट्रांसफार्मर स्थापना विलंब के लिए दोषी कंपनी पर कार्यवाही
102. ( क्र. 1138 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राम स्विच गियर प्राइवेट लि. रतलाम को उज्जैन जिले में कितने, किस क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाने का टेंडर मिला है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृति दिनांक, कार्यपूर्णता दिनांक, दर का विवरण प्रश्न दिनांक तक किए भुगतान के साथ देवें? (ग) कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए कितने शेष है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। ट्रांसफार्मर स्थापित करने में विलंब के लिए कंपनी पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) इस पर निगरानी के लिए जिम्मेदार विलंब के लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री राम स्विच गियर प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम को उज्जैन जिले में एडीबी-III पीपीआर-42 योजना के अंतर्गत 305 नग 100 के.व्ही.ए. क्षमता के एवं एसएसटीडी-792 योजना के अंतर्गत 249 नग 100 के.व्ही.ए. क्षमता के इस तरह कुल 554 वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का कार्यादेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी किया गया है। स्थापित किये जाने वाले ट्रांसफार्मरों की विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) श्री राम स्विच गियर प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम को एडीबी-III पीपीआर-42 अवार्ड की स्वीकृति दिनांक 30.04.2014 तथा कार्य पूर्णता दिनांक 29.04.2016 (अर्थात् 24 माह) है। इसी प्रकार एसएसटीडी-792 पैकेज के अवार्ड की स्वीकृति दिनांक 03.11.2014 तथा कार्य पूर्ण दिनांक 02.05.2016 (अर्थात 18 माह) है। दर का विवरण कार्यादेशों में दर्शाया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपरोक्त दोनों कार्यादेशों के विरूद्ध क्रमश: राशि रू. 58.12 लाख एवं राशि रू. निरंक का भुगतान किया जा चुका है। (ग) श्री राम स्विच गियर प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम द्वारा एडीबी-III पीपीआर-42 योजना में 153 नग 100 के.व्ही.ए. क्षमता के एवं एसएसटीडी-792 योजना में 66 नग 100 के.व्ही.ए. क्षमता के, इस तरह कुल 219 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। एडीबी-III पीपीआर-42 योजना में 152 नग एवं एसएसटीडी-792 योजना में 183 नग इस तरह 100 के.व्ही.ए. क्षमता के कुल 335 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करना शेष है, जिनकी विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार मे. श्री राम स्विच गियर प्राइवेट लिमिटेड रतलाम द्वारा ए.डी.बी.योजना में कार्य में विलंब हेतु उनके देयकों से राशि रू. 7.35 लाख की कटौती की गई है। एसएसटीडी योजना में ठेकेदार एजेंसी द्वारा अभी तक कोई भी देयक प्रस्तुत नहीं किया गया है, देयक प्राप्त होने पर कार्य में विलंब हेतु निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नाधीन कार्य में विलंब के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
उज्जैन सिंहस्थ 2016 में खरीदी में अनियमितता
103. ( क्र. 1139 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन सिंहस्थ में कितने मटके किस दर से किन-किन फर्मों से खरीदे गये? (ख) क्या कारण है कि शौचालय, स्नानागार की 34 करोड़ रू. निविदा बिना नई विज्ञप्ति निकाले 117 करोड़ रू. की कर दी गई? (ग) अस्थायी पाइप लाइन कितने क्षेत्र में डाली गई? इसकी लागत कितनी थी एवं किन-किन फर्मों की इसका टेंडर मिला? उज्जैन नगर निगम ने विगत 2 वर्षों में जो स्थायी पाइप लाइने डाली उनके संबंध में भी उपरोक्त जानकारी देवें? (घ) अत्यधिक दर से मटके खरीदने, बिना नियम के निविदा परिवर्तन करने, अस्थायी पाइप लाइन की अधिक लागत रखने के दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें इन पर कब तक कार्यवाही होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोअर गोई परियोजना में विलंब
104. ( क्र. 1141 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की लोअर गोई परियोजना की पूर्णता दिनांक बतावें? क्या कारण है कि पूर्णता दिनांक निकल जाने के बाद भी कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ? विलंब के कारणों का पूर्ण विवरण देवें। (ख) इसके लिए संबंधित कंपनी को कितना भुगतान कब-कब किया? अभी तक कितना कार्य पूर्ण हुआ प्रतिशत में बतावें? (ग) परियोजना की distribute एवं miner नहरों का कितना कार्य शेष है बतावें? टनल की साईड वाल एवं छत की shot treating कब तक पूरी होगी? प्रश्न में वर्णित नहरों एवं टनल का कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बतावें। (घ) कार्य में विलंब होने के लिए संबंधित कंपनी को भेजे गए पत्रों एवं कंपनी द्वारा दिए जवाबी पत्रों की छायाप्रतियां देवे? कार्य कब तक पूर्ण होगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) बड़वानी जिले की लोअर गोई परियोजना की पूर्णता दिनांक 06.02.2013 निर्धारित थी। निम्न कारणों से कार्य निर्धारित तिथि तक पूर्ण नहीं हो सका :- 1. नर्मदा बचाओ आन्दोलन के व्यवधान। 2. भू-अर्जन में विलंब। 3. स्पिल-वे के स्थल चयन में विलंब। 4. केन्द्रीय जल आयोग द्वारा ड्राइंग अनुमोदन में विलंब। 5. नये भू-अर्जन अधिनियम के लागू होने से भू-अर्जन में परिवर्तन के कारण नहरों की वितरण प्रणाली हेतु अधिग्रहित की जाने वाली भूमि सीमित की जाने के कारण। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। अभी तक 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। (ग) परियोजना की डिस्ट्रीब्यूटरी एवं माईनर नहरों का लगभग 96 प्रतिशत कार्य शेष है। टनल निर्माण में साइड वाल लाईनिंग एवं छत की शार्टक्रीट का कार्य पूर्ण करना दिसम्बर 2016 में लक्षित है। पुनरीक्षित निर्माण कार्यक्रम अनुसार 05.12.2017 तक कार्य पूर्ण होना लक्षित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–‘’ब’’ अनुसार है। कार्य दिनांक 05.12.2017 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
इंदिरा सागर नहरों के निर्माण में विलंब
105. ( क्र. 1142 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदिरा सागर परियोजना की नहरों के निर्माण में विलंब का मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण न होना है? बड़वानी, धार जिले के संदर्भ में नहर निर्माण में विलंब के कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या कलेक्टर बड़वानी द्वारा 09.05.2015 को बुलाई बैठक में भूमि अधिग्रहण के लिए consert Purchase Policy पर चर्चा की थी? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? बैठक का समस्त एजेंडा उपलब्ध कराया जाए? (ग) यदि नहीं, तो भूमि अधिग्रहण के लिए शासन द्वारा की गई कार्यवाही की पूर्ण जानकारी देवें? (घ) नहरों का निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। मुख्य नहर के निर्माण में विलंब के अन्य कारण निम्नानुसार है :- 1. नर्मदा बचाओ आन्दोलन द्वारा कार्य में अवरोध पैदा करना। 2. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 01.07.2009 से दिनांक 23.02.2010 तक निर्माण कार्य पर रोक लगाना। 3. वन भूमि के अधिग्रहण में विलंब। 4. नेशनल हाईवे क्रासिंग की अनुमति प्राप्त होने में विलंब। 5. नहर निर्माण कार्य पूर्ण होने के पूर्व ही नहर में पानी छोड़ा जाना। 6. डिस्नेट कार्य के भू-अधिग्रहण में विलंब। 7. नर्मदा नदी से 02 कि.मी. की परिधि में निर्माण कार्य में कतिपय कृषकों एवं नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा आपत्ति लगाने के कारण रोक। (ख) दिनांक 09.05.2015 को नहीं वरन् दिनांक 09.05.2016 को बैठक हुई। कार्यवाही विवरण अनुसार आर.डी. 105 से 206 कि.मी. के लिए Consert Purchase Policy के अंतर्गत 4 ग्रामों में कार्यवाही प्रगति पर है। आर.डी. 206 से 243.895 कि.मी. के मध्य कार्यवाही विवरण में दिये गये बिन्दुओं के अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नहरों का निर्माण कार्य जून 2017 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
जुनिया तालाब की नहर निर्माण की गड़बड़ी
106. ( क्र. 1146 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवरी विधान सभा क्षेत्र स्थित जुनिया तालाब की नहर का निर्माण कार्य क्या तकनीकी रूप से ठीक तरह से किया गया है? क्या इसका लाभ सभी किसानों को मिल पा रहा है? यदि नहीं, तो उक्त तकनीकी त्रुटि के लिये कौन उत्तरदायी हैं? (ख) नहर की तकनीकी त्रुटि दूर करने व टेल तक पानी पहुंचाने सहित बार-बार नहर फूटने से किसानों को हो रहे नुकसान से बचाने के लिये विभाग क्या उपाय कर रहा है? यदि हाँ, तो क्या-क्या? (ग) नहर के निर्माण व योजना निर्मित करते समय की गई तकनीकी गड़बडि़यों व घटिया निर्माण के मामले में क्या विभाग द्वारा किसी मुख्य अभियंता स्तर के बड़े अधिकारी से विस्तृत जाँच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। जी हाँ। कोई तकनीकी त्रुटि नहीं है। जाँच की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मैहर नगर हेतु विभाग की योजनायें
107. ( क्र. 1150 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर नगर की धार्मिक व पर्यटन स्थिति को देखते हुए विभाग द्वारा यहां पर्यटन विकास व सुविधाओं के विस्तार के लिए क्या योजनायें है? (ख) उक्त निर्मित योजनायें कब से किस स्तर पर लंबित है? कब तक स्वीकृत की जाकर कार्य आरंभ कराये जायेंगे?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय अधिकारों का प्रत्यायोजन
108. ( क्र. 1152 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवानिवृत्त उपरांत सा. प्रशा. वि. के परिपत्र दि. 03.09.2011 के प्रावधान के अंतर्गत, संविदा पर नियुक्ति व्यक्ति की विभागाध्यक्ष घोषित या विभागाध्यक्ष के शक्ति तथा अधिकार प्रत्योजित किये जा सकते है यदि हाँ, तो किस नियम के आधार नियम बतायें? (ख) क्या उपरोक्तानुसार संविदा पर नियुक्त सेवा निवृत्त पेंशनर व्यक्ति के वित्तीय अधिकार जो कि नियमित सेवा वाले शासकीय सेवक को होते हैं प्रत्यायोजित किये जा सकते है यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत नियम बताये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, अधिकारों का प्रत्यायोजन पदनाम के आधार पर है।
सिंचाई विभाग में प्रस्तावित तालाबों की स्वीकृति
109. ( क्र. 1160 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधान सभा अंतर्गत सिंचाई तालाब केलीकला, गुंगीदेवी (भुरीयाकुण्ड), जामली (करोंदिया घाटी), धोलाहनुमान (माता वाला नाला), खोड़ (बड़वाला नाला), बलवारीकला (दुधीवाला नाला), होलीबयड़ा (काकड़वाला नाला), जलोख्या (आंबाझीरा वाला नाला), पाँचपिपल्या (भाटीखोदरा वाला नाला), धयड़ी (बेहड़ा वाला नाला), धावड़दा (मसाण वाला नाला), खेडलीहनुमान (काकड़ वाला नाला), जलोख्या (बिजलपुर वाला नाला) की स्वीकृति किन कारणों से नहीं दी गई है एवं कब तक प्रश्नांकित कार्य स्वीकृत किये जायेंगे? (ख) प्रश्नांकित कार्यों की साध्यता रिपोर्ट कब तक तैयार की जायेगी? क्या उक्त कार्यों को ग्रामोदय से भारत उदय के अंतर्गत भी प्रस्तावित किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) धार जिले की गंधवानी विधान सभा अंतर्गत पाँच पिपल्या (माटीखोदरा वाला नाका) की साध्यता बलकुण्डा तालाब के नाम से दिनांक 17.03.2016 को जारी की गई। डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। प्रश्न में शेष प्रस्तावित 12 योजनाओं के स्थल निरीक्षण पश्चात् साध्यता प्रतिवेदन परीक्षण किया जाना प्रतिवेदित है।
विकास कार्यों की जानकारी
110. ( क्र. 1161 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर नगर पालिका परिषद् एवं नागर पंचायत जैतहरी में विकास कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2013 से अब तक कुल कितनी राशि किस प्रयोजन हेतु प्रदाय की गई है? प्रदान की गई राशि के विरूद्ध कुल कितना व्यय किया गया है? (ख) नगर पालिका परिषद् अनूपपुर में वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल कितनी राशि प्रदान की गई है तथा वर्तमान में क्या कार्य चल रहे हैं? कार्य का प्रकार एवं लागत राशि का विवरण प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सिंचाई क्षमता की जानकारी
111. ( क्र. 1162 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2003 से अब तक अनूपपुर जिले में कुल कितने लघु एवं मध्यम परियोजनाओं की स्वीकृत प्राप्त हुई है? स्वीकृत दिनांक से कार्य प्रगति क्या है? (ख) अनूपपुर जिले में 2003 से पूर्व कुल कितने सिंचाई क्षमता थी तथा 2003 से 2016 तक सिंचाई क्षमता में कितनी वृद्धि हुई है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 7, 960 हेक्टर। 3041 हेक्टर।
अ.जा./अ.ज.जा. परिवारों को खेती करने हेतु पट्टा दिया जाना
112. ( क्र. 1167 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले के अंतर्गत तहसील देवेन्द्रनगर के शहरी क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब मध्यम योजना, जिसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 720 हेक्टेयर खरीफ एवं रबी 1600 हेक्टेयर कुल 2400 हेक्टेयर सिंचाई हेतु निर्माण कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या बांध के नीचे बसे अ.ज.जा. के प्रभावितों को अ.नं. 64/2 से लगी किसानों से अर्जित जमीन पर खेती करने हेतु कितने आदिवासी परिवारों को पट्टा दिया गया है? (ग) क्या अतिक्रमणकर्ता अजयवीर सिंह तनय देशपाल सिंह बुन्देला ग्राम बमुरी द्वारा अनाधिकृत रूप से 8.11 एकड़ बांध की नीचे सीवेज जमीन एवं अनसर्वेड भूमि लगभग 100 एकड़ पर भी कब्जा किया गया है? क्या इनके बेदखली की कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं? (घ) क्या उक्त जमीन में अनाधिकृत रूप से कब्जा करने वाले से कब्जा बेदखल करते हुए अ.जा., अ.ज.जा. के पात्र परिवारों को खेती करने हेतु पट्टे पर दी जायेगी यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं? क्या अनसर्वेड जमीन का सर्वे कराकर भूमिहीन परिवारों को पट्टा देने की कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) दो परिवारों को। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में स्थिति निर्मित नहीं होती। अनसर्वेड जमीन का सर्वे कराकर भूमिहीन परिवारों को पट्टा देने की कार्यवाही जल संसाधन विभाग के अंतर्गत नहीं आती है।
सर्वेक्षण सहायकों की नियुक्ति के बाद कार्य न दिया जाना
113. ( क्र. 1169 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा दिनांक 28 नवम्बर, 2014 को म.प्र में सर्वेक्षण सहायकों के 6603 एवं प्रगणक के 1214 पदों हेतु चयन के विज्ञापन प्रकाशित कर ऑनलाइन परीक्षा दिनांक 29 दिसम्बर, 2014 से 13 दिसम्बर, 2014 को आयोजित कराई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो सतना जिले में कितने सर्वेक्षण सहायकों को चयनित करते हुए संबंधित विकासखण्डों/नगर निगम/नगर पालिका निगम/ निगम पंचायत के कार्य आवंटित किये गये, सूची सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्या उक्त भर्ती में मानदेय श्रम विभाग/कलेक्टर द्वारा कुशल श्रमिकों के निर्धारित दर के अनुसार देने के साथ-साथ वाहन भत्ता के रूप में अतिरिक्त राशि देय होगी, के संबंध में रूल बुक के स.क्र. 13 एवं 14 में उल्लेख किया गया है, यदि हाँ, तो क्या इन्हें रूल बुक के शर्तों के अनुसार मानदेय भुगतान किया जा रहा है? (घ) क्या सतना जिले में चयनित सर्वेक्षण सहायकों को किसी स्तर पर कार्य आवंटित नहीं किया जा रहा है और न ही मानदेय भुगतान किया जा रहा है, अगर विभाग के पास काम नहीं था तो इस तरह की भर्ती करके आवेदकों को परेशान करने का क्या कारण है? क्या इन सर्वेक्षण सहायकों को नियमित कार्य और नियमित वेतन दिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) सतना जिले में कुल 237 चयनित सर्वेक्षण सहायकों में से 142 सर्वेक्षण सहायक उपस्थित हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार नगर निगम/नगर पंचायत/जनपद पंचायत कार्यक्षेत्र के रूप में आवंटन किये गये है। (ग) जी हाँ। रूलबुक में वाहन भत्ता पृथक दिये जाने का उल्लेख है। इस संबंध में पृथक से आदेश जारी किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। उपलब्ध कार्य आवंटित किया गया है। मानदेय भुगतान की कार्यवाही कार्य निष्पादन एवं इसके मूल्यांकन के आधार पर नियमानुसार किए जाने का प्रावधान है। सर्वेक्षण सहायकों का चयन किसी नियमित सेवा के लिये नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माण्डव में लाईट एवं साउण्ड सिस्टम की स्थापना
114. ( क्र. 1188 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पर्यटन को बढ़ावा देने के अनु्क्रम में विभाग की कार्ययोजना में माण्डव पर्यटन स्थल पर पर्यटकों व सेलानियों को प्रोत्साहित करने एवं उन्हें पुरातन सभ्यता से अवगत कराने के लिये नगर के जहाजमहल एवं छप्पन महल आदि स्थलों पर लाईट एवं साउण्ड सिस्टम स्थापित किये जाने की योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना कब से प्रस्तावित है तथा अब तक उक्त योजना के तहत क्या कार्यवाही की गई है, किस कारण से अब तक लाईट एवं साउण्ड सिस्टम स्थापित नहीं किये जा सके है? यदि योजना प्रस्तावित नहीं है तो क्या शासन इस और ध्यान देकर माण्डव के प्रस्तावित पुरातन महलों पर लाईट एवं साउण्ड सिस्टम स्थापित करेगा? यदि हाँ, तो कब से समयावधि बतावें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुनर्वास स्थल पर उपलब्ध मूलभूत सुविधाएं
115. ( क्र. 1189 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी नगर सरदार सरोवर परियोजना के बेक वाटर लेवल से प्रभावित कितने परिवारों को पुनर्वास स्थल पर भू-खण्ड कब-कब आवंटित किये गये है, तिथिवार जानकारी उपलब्ध करावें? क्या पुनर्वास नीति अनुसार 10 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् आवंटित भूखण्डों का पंजीयन किया जाना था? यदि हाँ, तो कितने भूखण्डों का पंजीयन किया गया व कितनों का नहीं किया गया? शेष भूखण्डों का पंजीयन नहीं किये जाने का तिथि एवं वर्ष सहित कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या पुनर्वास नीति अनुसार पुनर्वास स्थल पर निवास करने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं तथा पेय-जल विद्युत एवं सड़क आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो किस विभाग द्वारा उक्त सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कराई जा रही है, कारण बतावें? (ग) क्या पुनर्वास स्थल का संचालन व संधारण संबंधी कार्य वर्तमान में किसी भी विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है? यदि किया जा रहा है तो, किस विभाग द्वारा किया जा रहा है, विभाग का नाम एवं पुनर्वास स्थल हस्तांतरित होने संबंधी जानकारी उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) सरदार सरोवर परियोजना के पुनरीक्षित बैक वाटर लेवल 143.43 मीटर पर 208 विस्थापित परिवार (वयस्क पुत्रों सहित) डूब से प्रभावित हो रहे है। इनमें से 183 विस्थापित परिवारों को आवासीय भू-खण्ड तथा 25 विस्थापित परिवारों को भू-खण्ड के बदले नगद राशि का भुगतान वर्ष 2005 में किया जा चुका है। तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सरदार सरोवर परियोजना के पुनरीक्षण पूर्व बैक वाटर लेवल 148.35 मी. के अनुसार धरमपुरी के 2687 प्रभावित विस्थापित परिवारों को वर्ष 2005 से 2007 की अवधि के मध्य आवासीय भू-खण्ड आवंटित किये गये है लेकिन पुनरीक्षण उपरांत वास्तविक रूप से सिर्फ 208 विस्थापित परिवार ही प्रभावित हुये है। बैक वाटर लेवल में 4.92 मीटर का जल स्तर कम होने से अधिकांश अर्जित मकान डूब से बाहर हो गये है। पुनर्वास नीति में 10 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात आवंटित भूखण्डों के पंजीयन किये जाने का कोई प्रावधान नहीं होने से कोई पंजीयन नहीं किया गया है। प्रश्नांश (क) के शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी हाँ। उपलब्ध नागरिक सुविधाओं, नागरिक सुविधा हस्तांतरित विभाग तथा संचालन एवं संधारण हेतु विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
देशी एवं विदेशी शराब की दुकान
116. ( क्र. 1215 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में किस-किस नगरीय क्षेत्र एवं किस-किस ग्रामीण क्षेत्र में देशी शराब एवं विदेशी शराब की दुकान का वर्तमान में संचालन किया जा रहा है? ग्रामीण क्षेत्र की कौन-कौन सी दुकान का संचालन कब से हो रहा है? (ख) ग्रामीण क्षेत्र में शराब दुकान के संचालन की अनुमति या सहमति ग्राम सभा से किस दिनांक को ली गई? यदि ग्राम सभा की सहमति या अनुमति नहीं ली गई है तो उसका कारण बतावें? (ग) ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र की कौन-कौन सी दुकान का संचालन किस अवधि तक सरकार ने किया तथा उन दुकानों की नीलामी किस वर्ष से प्रारंभ की गई? (घ) संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत अधिसूचित क्षेत्र में शराब दुकान की नीलामी किये जाने का क्या कारण रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) परम्परागत श्रेणी की दुकाने तथा आपत्तिरहित स्थान पर संचालित है।
वेट तथा अन्य कर की वसूली
117. ( क्र. 1216 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा गत तीन वर्षों में पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. पर किस दर से वेट तथा अन्य कर एवं प्रवेश कर की राज्य में वसूली की गई? (ख) उपरोक्त अवधि में प्रति लीटर पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. सिलेण्डरों पर कुल कितना वेट एवं अन्य कर व प्रभार राज्य सरकार को प्राप्त हुआ है? प्रति सिलेण्डर किस विक्रय मूल्य पर किस दर से वेट तथा अन्य कर प्राप्त हुआ है? (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. सिलेण्डरों पर कुल कितना वेट एवं अन्य कर व प्रभार राज्य सरकार को प्राप्त हुआ है तथा कितना प्रवेश कर प्राप्त हुआ है? पृथक-पृथक जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विगत 3 वर्षों में पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. पर प्रभारित कर की दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रति लीटर पेट्रोल, डीजल एवं प्रति सिलेण्डर एल.पी.जी. के विक्रय अनुसार जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। पेट्रोल पर मात्रा के आधार पर अतिरिक्त कर दिनांक 25/11/2015 से तथा डीजल पर दिनांक 04/01/2016 से लगाया गया है। पेट्रोल एवं डीजल की मात्रात्मक जानकारी करदाता की ओर से विवरण के साथ प्रस्तुत की जाती है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. सिलेण्डर के विक्रय पर प्राप्त वेट एवं खरीदी पर प्राप्त प्रवेशकर की संकलित जानकारी निम्नानुसार है :-
(राशि करोड़ रूपये में)
वर्ष |
पेट्रोल |
डीजल |
एल.पी.जी. |
2014-15 |
2062.68 |
4414.30 |
105.16 |
2015-16 |
2480.63 |
4714.56 |
178.36 |
सिंचाई परियोजनाएं
118. ( क्र. 1219 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राईट बैंक केनॉल तवा परियोजना एवं दाई नहर और शुक्कड़वाड़ा कलां माईनर नहर की वर्तमान में क्या स्थिति है? इससे कितने हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई हो रही है? क्या इसके विस्तारीकरण की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसानों को इससे कितनी आय वृद्धि की संभावना है और शासन को कितना लाभ हुआ है या होगा? (ग) क्या आयकट परियोजना स्थित कमाण्ड एरिया में शासन की ओर से स्टॉपडेम बनाने की मनाही है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? (घ) नहरों के निर्माण, संधारण, मरम्मत आदि अन्य कार्यों की तकनीकी विशेषता का पालन किया जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नागरिकों को सुविधा दी जाना
119. ( क्र. 1237 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम द्वारा भोपाल में कहाँ-कहाँ कितने ट्रीटमेंट प्लांट कितनी-कितनी राशि के बनाए गए हैं? कौन-कौन से ट्रीटमेंट प्लांट प्रारंभ किए तथा कौन-कौन से व किन-किन कारणों प्रारंभ नहीं किए तथा निगम के किस-किस विभाग द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए? (ख) क्या वर्ष 2011-12 में जे.एम.सी. प्रा. इण्डिया लि. मुम्बई द्वारा पुराने भोपाल में लगभग 10 करोड़ की लागत से सिवेज पाइप लाइन डाली थी? यदि हाँ, तो इस सिवेज लाइन से कनेक्शन जोड़ने का कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? क्या सिवेज कनेक्शन देने की प्रक्रिया निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया है और यदि नहीं, तो जिन क्षेत्रों में सिवेज लाइन कनेक्शन दिये जा रहे हैं वह किस आधार पर दिये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या पुराने भोपाल में ट्रिटमेंट प्लांट बनाया गया है? यदि नहीं, तो सिवेज का मल किस प्रकार निकास किया जायेगा? क्या यह गम्भीर लापरवाही नहीं है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल द्वारा कहीं भी कोई भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भोपाल में नहीं बनाया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। क्योंकि फर्म से किए गए अनुबंध के स्कोप ऑफ वर्क में सीवेज लाइन से कनेक्शन जोड़ने का कार्य सम्मिलित नहीं था। वर्तमान में सीवेज कनेक्शन प्रदान करने की प्रक्रिया निर्धारित करने की कार्यवाही की जा रही है, वर्तमान में नगर निगम द्वारा सीवरेज कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जन सुनवाई में प्राप्त शिकायतों का निराकरण
120. ( क्र. 1238 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार क्या कलेक्टर जिला भोपाल के द्वारा जन सुनवाई में प्राप्त विभिन्न विभागों की शिकायतों के निराकरण हेतु संबंधित विभाग के जिला अधिकारी को दिए गए निर्देशों पर संबंधित अधिकारी द्वारा कार्यवाही किया जाना आवश्यक है? (ख) क्या कलेक्टर जिला भोपाल के आदेश क्रमांक/403/शिकायत/09, दिनांक 10.08.2009 एवं आदेश क्रमांक/जनसुनवाई/09/ 661 दिनांक 07.09.2009 से भोपाल जिले में कालोनाईजर्स/भूमि विक्रेताओं/गृह निर्माण सहकारी समितियों से संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु समिति का गठन किया गया है एवं समिति में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन का निर्देश सहकारिता विभाग एवं अन्य विभाग के जिला अधिकारियों को दिया जाता है? क्या उपरोक्त कार्यवाही हेतु कलेक्टर जिला भोपाल को अधिकार प्राप्त हैं? (ग) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला भोपाल के पत्र दिनांक 08.09.2009 से 10 गृह निर्माण सहकारी समितियों के भू-खण्ड पंजीयन के पूर्व उप आयुक्त, सहकारिता जिला भोपाल से पात्रता के सत्यापन हेतु निर्देशित किया गया था एवं क्या उक्त पत्र के आधार पर गृह निर्माण सहकारी समितियों के सदस्यों की पात्रता का सत्यापन किया गया है? क्या उपरोक्त कार्यवाही वैधानिक है? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बांध का मुआवजा
121. ( क्र. 1241 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की बंडा तहसील में निर्मित मटया बाबेर बांध का कार्य प्रांरभ कब किया गया था? कार्य प्रारंभ के समय उसकी अनुमानित लागत क्या थी एवं बांध कब पूर्ण हुआ? बांध पूर्ण होने के उपरांत अंतिम मूल्यांकन में बांध पर कुल कितना व्यय हुआ और कुल कितनी हेक्टेयर जमीन का अर्जन बांध हेतु (डूब, वेस्टवेयर एवं मलवा रखने में) किया गया है? कितनी जमीन शासकीय थी एवं कितनी निजी? पृथक-पृथक बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निजी भूमि स्वामियों का जो मुआवजा निर्धारित किया गया, उसकी सूची डूब प्रभावित, वेस्टवेयर से प्रभावित, मलवा रखने के उपयोग में आई भूमि से प्रभावित की पृथक-पृथक से देवें? मुआवजे का निर्धारण किस सी.एस.आर. दर पर किया गया? उसकी प्रति भी उपलब्ध करावें? क्या मुआवजा भुगतान से कोई प्रभावित शेष रह गया है? यदि हाँ, तो उसे कब तक मुआवजा भुगतान कर दिया जावेगा जो मुआवजा भुगतान किया जायेगा वह वर्तमान दर से दिया जायेगा या पुरानी दर से ही? (ग) क्या बांध के मलवे को किसी निजी भूमि स्वामी की अप्रभावित भूमि पर रखवा दिया गया है? यदि हाँ, तो उसे कब तक हटवा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1, 2 एवं 3'' अनुसार है। मुआवजा भुगतान से कोई प्रभावित शेष नहीं रह गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी, नहीं ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है।
बांध का निर्माण
122. ( क्र. 1242 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में उरी नदी पर बरखेड़ा बांध बनाने की स्वीकृति प्रदाय की गई है तो कब? कार्य कब से प्रारंभ होगा? इसके पूर्ण होने में कितना समय लगेगा और कितना व्यय होगा? (ख) क्या उक्त बांध के पूर्ण होने पर कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के निम्न ग्रामों उन्डली, उमरी, कुतेड़ी, मगरदा, डैहरी, बांकी, लोंगसरी, खरगोन, आसपुर, थुवाटी, कुण्डारा, बिरलई, झड़दी, टेकी, निमथल, बड़ग्यार, लोहारा, कापसी को बांध की नहर से पानी प्रदाय किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) उक्त बांध के पूर्ण होने पर कितने हेक्टयेर में सिंचाई होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दिनांक 12.05.2016 को राशि रू. 308.56 करोड़ की स्वीकृति दी गई। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा स्वीकृति उपरांत। निविदा प्रपत्र अनुसार निर्माण अवधि 36 माह है। (ख) उल्लेखित 18 ग्रामों में से 14 ग्रामों में नहर से पानी प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 9900 हे. में।
ऋण पर अदा किया गया ब्याज
123. ( क्र. 1245 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2016 तक कुल कितना बकाया ऋण है तथा इस ऋण पर इस वर्ष कितना वार्षिक ब्याज देय है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋण किस-किस संस्था से या बाण्ड आदि द्वारा किस दिनांक को, कितनी राशि में, किस ब्याज दर से लिया गया था? किस-किस वर्ष में कितना-कितना भुगतान किया गया तथा आज दिनांक को कितनी राशि शेष है? (ग) पिछले 5 साल में ऋण पर ब्याज के मद में प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कम ब्याज दर पर ऋण मिले इस हेतु क्या कदम उठाये गये? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ऋण राशि को प्राप्त करने के लिये क्या किसी वित्तीय सलाहकार की सेवाएं ली गई? यदि हाँ, तो संस्था/व्यक्ति का नाम, पता बतावें तथा बतावें कि सेवा के ऐवज में उन्हें कितना कमीशन का भुगतान किया गया?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वित्तीय लेखे तैयार किये जाने हैं I जून 2016 तक के वित्तीय लेखे अभी उपलब्ध नहीं हैं I अतः जानकारी दिया जाना संभव नहीं है I (ख) 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता I (ग) पिछले 05 वर्ष में किये गये ब्याज मद में भुगतान निम्नानुसार है :- (राशि करोड़. में ) 2011-2012 - 5299.77, 2012-13 - 5573.74, 2013-14 - 6391.32, 2014-15- 7071.25 वर्ष 2015-16 के वित्तीय लेखे तैयार होना है I ब्याज दर बाजार नियंत्रित होती है I मध्यप्रदेश शासन द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से खुले बाजार ऋण प्राप्त किये जाते है, जिसमें खुली प्रतिस्पर्धा अंतर्गत ब्याज दरें आंमत्रित की जाती हैI यह पारदर्शी प्रक्रिया है I (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता I
रॉयल्टी राशि
124. ( क्र. 1249 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौण खनिज एवं मुख्य खनिज की रॉयल्टी की राशि में से कितने प्रतिशत राशि पंचायती राज व्यवस्था को दिए जाने के वर्तमान में क्या प्रावधान है? यह राशि वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद कितनी अवधि में पंचायती राज संस्थाओं को उपलब्ध करवाई जाना चाहिए? (ख) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में किस-किस मुख्य खनिज की कितनी रॉयल्टी एवं किस-किस गौण खनिज की कितनी रॉयल्टी वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई इसमें से कितनी-कितनी राशि पंचायती राज व्यवस्था को उपलब्ध करा दी गई, कितनी राशि उपलब्ध कराया जाना शेष है वर्षवार पृथक-पृथक बतावें? (ग) उपरोक्त अवधि में शासन को प्राप्त रायल्टी की राशि निश्चित प्रावधानों के अनुसार कब तक पंचायती राज व्यवस्था को उपलब्ध करवा दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुख्य खनिजों से प्राप्त रायल्टी की राशि को पंचायती राज्य व्यवस्था में दिये जाने का प्रावधान नहीं है। गौण खनिजों से प्राप्त रायल्टी की राशि को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 56 के अनुसार ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायतों को दिये जाने के प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित है। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में मुख्य एवं गौण खनिज से प्राप्त रायल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सभी ग्रामों में विद्युतीकरण
125. ( क्र. 1253 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के चन्दला वि.स. क्षेत्र में कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य आज दिनांक तक नहीं किया गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में कितने ग्रामों में वितरण ट्रांसफार्मर खराब हैं कब तक बदल दिए जायेंगे सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में वर्तमान में किन-किन ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत विद्युतीकरण कार्य किया जाना प्रस्तावित हैं, सूची उपलब्ध करायें? (घ) विधान सभा क्षेत्र के प्रस्तावित ग्रामों में कब तक विद्युतीकरण किया जायेगा? समय-सीमा बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छतरपुर जिले के चंदला विधान सभा क्षेत्र में सभी ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका था किन्तु कालान्तर में 34 ग्राम डी-इलेक्ट्रिफाईड हो गए थे। उक्त सभी 34 डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्राम 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में पुर्नविद्युतीकरण हेतु शामिल है, जिनमें से 11 ग्रामों के पुर्नविद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 23 ग्रामों के पुर्नविद्युतीकरण का कार्य शेष है। ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) चंदला विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 30.06.2016 की स्थिति में 7 ग्रामों के 7 वितरण ट्रांसफार्मर खराब है। उक्त ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने पर इन्हें बदला जाना संभव हो सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में इन ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए गए चंदला विधान सभा क्षेत्र के कार्य पूर्णता हेतु शेष 23 ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत पुर्नविद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित शेष ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य माह दिसंबर 2016 तक पूर्ण किए जाने का कार्यक्रम है।
स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना
126. ( क्र. 1632 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा में कितने कर्मचारी कार्यरत है, तथा उनकी योग्यता क्या है और कहाँ के मूल निवासी हैं? कर्मचारियों के नाम की सूची उपलब्ध करवायें? (ख) क्या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो सर्कुलर उपलब्ध करावें? (ग) क्या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा में स्थानीय लोगों को रोजगार नियमानुसार उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो खण्डवा में कितने स्थानीय कर्मचारी कार्यरत हैं? कर्मचारियों के नाम की सूची उपलब्ध करावें? (घ) यदि म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा खंडवा में नियमानुसार स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया है तो इन पर क्या कार्यवाही की जावेगी तथा भविष्य में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (मप्रपाजकंलि) के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा में कार्यरत 646 अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम की सूची, उनकी योग्यता एवं मूल निवास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा स्थापित किए जाने वाले विद्युत गृहों हेतु प्रयुक्त भूमि से विस्थापित ऐसे परिवार जिनकी भूमि परियोजना हेतु अधिगृहित की गई है, के एक सदस्य को पद रिक्त होने एवं पद की आवश्यक शैक्षणिक अर्हता पूर्ण करने पर रोजगार देने का प्रावधान है। इस हेतु म.प्र.पा.ज.कं.लि. की ‘‘पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना नीति’’ दिनांक 14.08.2008 जारी की गयी थी, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश ‘ख’ में उल्लेखित नीति के तहत श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा में विभिन्न पदों पर वांछित शैक्षणिक अर्हता धारक 24 स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार प्रदान किया गया है। इसमें से 23 कर्मचारी श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा में एवं 01 कर्मचारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी में कार्यरत है। उक्त कर्मचारियों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) म.प्र.पा.ज.कं.लि. की ‘‘पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना नीति‘‘ के तहत नियमानुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया है, अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। भविष्य में भी तत्संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।