मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च-अप्रैल, 2020 सत्र
गुरुवार, दिनाँक 19 मार्च, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भोपाल
जिले के राजस्व
नक्शे में
बटान के
लंबित प्रकरण
[राजस्व]
1. ( *क्र. 1015 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के ग्रामों में मूल राजस्व खसरे में तो बटान हो गये हैं, किन्तु राजस्व नक्शे में बटान अंकित नहीं हैं? (ख) राजस्व नक्शे में खसरे के अनुसार बटान अंकित न करने का क्या कारण है? (ग) नक्शे में बटान के कितने प्रकरण किस-किस राजस्व न्यायालय में प्रचलित हैं? (घ) राजस्व अभिलेख खसरा नक्शा, खतौनी एक समान, अद्यतन रखने की जिम्मेदारी किसकी है? (ड.) राजस्व अभिलेख अद्यतन न रखने के लिये कौन दोषी है तथा शासन किसान हित में क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) विवादित प्रकरण तहसीलदार/नायब तहसीलदार न्यायालय में विचाराधीन होने से राजस्व नक्शे में खसरे अनुसार बटान अंकित होने से शेष हैं। (ग) भोपाल जिले के नक्शे में बंटान के 471 प्रकरण लंबित हैं। न्यायालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राजस्व अभिलेख खसरा, नक्शा, खतौनी एक समान अद्यतन रखने की जिम्मेदारी संबंधित तहसील अंतर्गत पदस्थ राजस्व अमले यथा पटवारी, राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार/नायब तहसीलदार की है। (ड.) राजस्व अभिलेख अद्यतन रखना निरंतर प्रक्रिया है। प्रक्रियाधीन प्रणाली होने के कारण किसी के दोषी होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
रीवा संभाग अंतर्गत धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( *क्र. 306 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धान खरीदी हेतु किसानों के रजिस्ट्रेशन बाबत् शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये, जिसके पालन में किसानों द्वारा धान बिक्री बाबत् उपज अनुसार अनुमानित वजन के बिक्री बाबत् रजिस्ट्रेशन कराये गये? रीवा संभाग के ऐसे किसानों का संख्यात्मक विवरण धान खरीदी केन्द्र की दुकानवार वर्ष 2019-20 का जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कितने किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराये गये, रजिस्ट्रेशन अनुसार वजन अनुसार कितने किसानों की धान खरीदी की गई एवं कितने किसानों की कम खरीदी की गई? किसानों का संभागवार व दुकानवार तुलनात्मक विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में रीवा संभाग के जिला सिंगरौली, सीधी, रीवा व सतना में कितने ऐसे किसान हैं, जिनके धान का वजन/तौलने की कार्यवाही खरीदी केन्द्रों में करा ली गई, पोर्टल न खुलने का बहाना कर धान खरीदी नहीं की गई, ऐसे कितने किसान हैं, जिनके धानों के वजन कराने के बाद खरीदी नहीं की गई? इस बाबत् क्या कार्यवाही करेंगे? क्या धान खरीदी एवं पोर्टल में किसानों के नाम दर्ज कराये जाने बाबत् आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही न करने एवं किसानों की धान खरीदी तौलने के बाद भी न कर परेशान करने, पोर्टल पर नाम दर्ज न करने के दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? जिन किसानों की धान खरीदी की जा चुकी है, उनमें से कितने किसानों के पैसे का भुगतान शासन द्वारा करा दिया गया एवं कितने शेष हैं? संभाग के जिलेवार खरीदी केन्द्रवार का विवरण भुगतान एवं भुगतान न किये जाने वाले किसानों की संख्यात्मक जानकारी देवें। साथ ही समय पर भुगतान न करने हेतु जिम्मेदारों के नाम व उन पर की जाने वाली कार्यवाही बतावें।
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय हेतु बजट का आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 263 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पोषण शक्ति विकसित करने हेतु विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय को लाभ पहुंचाने हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बजट आवंटित किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन जिलों में आवंटित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में प्रश्नांश (ख) अवधि में बालाघाट जिले में कहाँ-कहाँ, किस-किस विकासखण्ड के किन-किन विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के कितने व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया? नाम, पिता का नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आदिम जाति कल्याण विभाग से महिला एवं बाल विकास विभाग को कुल 3188.41 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई है। उक्त राशि किसी भी जिले को आवंटित नहीं की गई। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी अधिकारी का निलंबन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( *क्र. 1040 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1286, दिनाँक 19.12.2019 को माननीय खाद्य मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया गया था कि सामान्य प्रशासन विभाग में प्रकरण प्रचलित है? (ख) क्या माननीय खाद्य मंत्री जी द्वारा विधान सभा कार्यवाही के समय उक्त अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच एवं आरोप पत्र जारी कर दिया गया है, उत्तर दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी को विभागीय जाँच एवं आरोप पत्र जारी करने के पूर्व या उपरांत उक्त अधिकारी को शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो कब? उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या उक्त अधिकारी द्वारा पद एवं शक्ति का दुरूपयोग कर अधिकारिता विहीन आदेश जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्टाफ की नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
5. ( *क्र. 1210 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा में नव-निर्मित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के संचालन हेतु चिकित्सकों के विभागवार एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति संबंधित विवरण दें। क्या नियुक्ति में जिला या राज्य का रोस्टर लागू होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में यह स्पष्ट करें कि चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं और कब तक नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? विभागवार स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में स्पष्ट करें कि उपकरण एवं चिकित्सकों की उपस्थिति के बावजूद रीवा के मरीज अन्य जिलों में क्यों रेफर किये जा रहे हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, रीवा में चिकित्सकों की नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। चिकित्सकों की नियुक्ति हेतु राज्य स्तरीय एवं अन्य स्टाफ हेतु जिला स्तरीय रोस्टर लागू किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उल्लेख है कि नव-निर्मित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा में नियुक्त किये जाने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के स्वीकृत पदों की विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, यह सतत् प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी के मरीजों को भर्ती, ऑपरेशन तथा अन्य संभव इलाज संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में किया जा रहा है। मरीजों को अन्य जिलों में रेफर नहीं किया जा रहा है।
प्याज की खरीदी/ भण्डारण/विक्रय की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( *क्र. 570 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 605, दिनाँक 10.07.2019 के उत्तर में विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन होने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो लगभग 03 वर्ष पश्चात् भी अब तक जाँच और कार्यवाही पूर्ण न होने का क्या कारण है और वर्ष 2017 से अब तक किस-किस अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई है तथा वर्तमान में क्या कार्यवाही किस स्तर पर कब से लंबित है। (ख) वर्ष 2017-18 में प्याज खरीदी, परिवहन, भण्डारण एवं विक्रय में अनियमितताओं पर कितनी और कौन-कौन सी जाँच कब से की गई एवं की जा रही है और क्या प्रचलित जाँच पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो जाँच विवरण बताएं एवं जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों? वर्तमान में जाँच किस स्तर पर कब से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्याज खरीदी/परिवहन/भण्डारण/विक्रय में अनियमितताओं पर प्रचलित जाँच कार्यवाही को शीघ्रता से नियत अवधि में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में संचालित शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालय
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( *क्र. 1280 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय की सूची तथा प्रथम वर्ष में प्रवेश की पात्रता सहित सूची देवें तथा बतावें कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में कितने स्वशासी हैं? (ख) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के संबंध में निर्णय किस स्तर पर लिया गया? क्या यह विधान सभा में रखा गया? किस दिनाँक की केबिनेट बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान की गई तथा स्वशासी महाविद्यालय का खर्च किस मद से दिया जायेगा तथा उसमें नियुक्ति, निलंबन का अधिकार किसका होगा? क्या उसमें आरक्षण के रोस्टर का पालन होगा? (ग) स्वशासी महाविद्यालय में भर्तियां कैसे किस नियम से की जा रहीं हैं? (घ) क्या स्वशासी महाविद्यालय का स्वरूप शासकीय, अशासकीय या अर्द्धशासकीय कहलायेगा? क्या इसी तर्ज पर अन्य महाविद्यालय खोले जायेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा प्रथम वर्ष में प्रवेश की पात्रता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। प्रदेश में 13 शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय हैं। (ख) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के संबंध में निर्णय शासन स्तर पर लिया गया। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। स्वशासी महाविद्यालय का खर्चा मांग संख्या-52 चिकित्सा शिक्षा अन्तर्गत मुख्य शीर्ष-2210 राजस्व एवं 4210 पूंजीगत में प्रावधानित बजट से किया जाता है। स्वशासी संस्थाओं के अधीन नियुक्ति, निलंबन आदि की कार्यवाही करने का सम्पूर्ण अधिकार स्वशासी संस्था को प्रदत्त है। स्वशासी संस्थाओं में संस्था स्तर पर आरक्षण का रोस्टर लागू है। (ग) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में समस्त चिकित्सा शिक्षकों एवं अन्य संवर्गों में नियुक्तियां ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018'', ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सकीय सेवा आदर्श नियम, 2018'', ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय गैर शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018'' में दिये गये प्रावधान के अन्तर्गत की जा रही हैं। (घ) स्वशासी महाविद्यालय का स्वरूप शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय का होगा। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति कर उनसे अनुमति प्राप्त होने पर नियमानुसार नए कॉलेज खोले जायेंगे।
नियम विरूद्ध संचालित नर्सिंग कॉलेजों को प्रतिबंधित किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( *क्र. 1089 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 364, दिनाँक 31.07.2019 से माननीय विभागीय मंत्री जी को पाराशर कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल के नियम विरूद्ध संचालन होने से पत्र में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर उच्च स्तरीय जाँच कर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र पर प्रश्न दिनाँक पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त संबंध में कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पाराशर कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल में छात्र-छात्राओं की अनियमित उपस्थिति तथा पाठयक्रम संचालन हेतु 3000 नर्सिंग पुस्तकों का अभाव सहित उक्त कॉलेज का छात्रावास कॉलेज परिसर में न होकर 12 कि.मी. अन्यत्र स्थित है, जो कि आई.एन.सी. एवं एस.एन.सी. द्वारा निर्धारित मापदण्डों का स्पष्ट उल्लघंन है तथा माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भी जुलाई 2019 विधानसभा सत्र में नियमों की परिधि से बाहर संचालित ऐसे सभी नर्सिंग कॉलेजों पर ठोस कार्यवाही किये जाने के निर्देश भी सदन में दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के पालन एवं नियम विरूद्ध तथा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संचालित उक्त कॉलेज को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) विभाग द्वारा जाँच के निर्देश दिये गये हैं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
शा. चिकित्सा महा. में वेतन भत्ते का हेड (शीर्ष) परिवर्तन
[चिकित्सा शिक्षा]
9. ( *क्र. 1355 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को ''शासकीय से स्वशासकीय संस्था'' में परिवर्तन हेतु शासन द्वारा कोई आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो क्या कारण है कि समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत् सभी श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन-भत्ते का आहरण पिछले छ:, सात माह से 'शासकीय हेड (शीर्ष)' के स्थान पर ''स्वशासी हेड (शीर्ष)'' से किया जा रहा है? (ग) प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में एकाएक कर्मचारियों के वेतन हेड (शीर्ष) को बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी? (घ) वेतन हेड (शीर्ष) ''स्वशासी'' में परिवर्तन होने से वर्ष 2005 से पूर्व सेवा में आए कर्मचारियों को पेंशन अथवा अन्य शासकीय स्वत्व का लाभ नियमानुसार प्राप्त होगा या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित गजट अधिसूचना क्रमांक एफ 1-18-95-पचपन/चि.शि./एक, दिनाँक 25 मार्च, 1997 द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार स्वशासी संस्थाओं के पद हो जाने से मात्र शासकीय कर्मचारियों जिनका वेतन 11 वेतन मद से आहरित हो रहा था, को भी 42-007 सहायक वेतन भत्तों के अनुदान से अन्य स्वशासी संस्था के कर्मचारियों/अधिकारियों के समरूप करना पड़ा। (घ) आदर्श भर्ती नियम की कंडिका 5.1 अनुसार शासकीय सेवक प्रतिनियुक्ति पर होने से उन्हें पेंशन नियम अनुसार देय है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आबकारी, परिवहन एवं खनिज की टैक्स वसूली के लक्ष्य की पूर्ति
[वाणिज्यिक कर]
10. ( *क्र. 958 ) श्री अजय विश्नोई : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) IGR, आबकारी, परिवहन एवं खनिज मद में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में टैक्स वसूली का लक्ष्य क्या था और जनवरी माह तक प्रत्येक वित्त वर्ष में कितना-कितना टैक्स वसूल हुआ था? (ख) SGST, CGST एवं IGST मद में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में वसूली का क्या-क्या लक्ष्य था एवं जनवरी माह तक कितना-कितना टैक्स वसूला जा सका है? वित्त वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या वर्तमान शासन टैक्स वसूली में पिछड़ गया है, जिसके कारण सभी विभागों के खर्च पर 20% की कटौती करना पड़ी है? यदि हाँ, तो कटौती के कारण विकास पर पड़ने वाले विपरीत असर के लिये कौन-कौन दोषी है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी.एस.टी. के अंतर्गत प्रदेश सरकार को एस.जी.एस.टी. एवं आई.जी.एस.टी. सेटलमेंट के तहत राजस्व की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त जी.एस.टी. के लागू होने से राजस्व के संग्रहण में आने वाली कमी की क्षति पूर्ति भारत सरकार द्वारा समय-समय पर की जाती है। एस.जी.एस.टी. (SGST) की राशि सीधे राज्य सरकार के कोष में करदाताओं द्वारा जमा की जाती है। प्रदेश के करदाताओं द्वारा प्रांत के बाहर से आई.जी.एस.टी. चुकाकर क्रय किए गए मालों का प्रदेश में विक्रय करने पर अथवा ऐसे क्रय किए गए मालों से निर्मित मालों की बिक्री करने पर देय कर के विरूद्ध प्रांत के बाहर चुकाई गई आई.जी.एस.टी. की राशि का समायोजन किए जाने पर, ऐसी राशि भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जाती है, जिसे आई.जी.एस.टी. सेटलमेंट कहा जाता है। सी.जी.एस.टी. (CGST) एवं आई.जी.एस.टी. (IGST) की राशि राज्य सरकार को प्राप्त नहीं होती है, उक्त राशि केन्द्र सरकार के मद में जमा होती है। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में राजस्व वसूली हेतु निर्धारित लक्ष्य एवं माह जनवरी 2020 तक जी.एस.टी. के तहत् राज्य को प्राप्त हुए राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रदेश सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जी.एस.टी. के अतिरिक्त वेट, केन्द्रीय विक्रय कर, वृत्तिकर एवं डीजल पेट्रोल पर सेस का संग्रहण किया जाता है। इसके अतिरिक्त पुरानी बकाया राशियों की वसूली विभाग द्वारा की जाती है। राज्य शासन द्वारा विभाग को उपरोक्त सभी मदों में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रूपए 36888.74 करोड़ के राजस्व संग्रहण का लक्ष्य दिया गया, जिसके विरूद्ध जनवरी 2020 तक विभाग द्वारा रूपए 29,384.22/- करोड़ का राजस्व संग्रहित किया गया, जो निर्धारित लक्ष्य का 80 प्रतिशत है। म.प्र. शासन वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक 500/470/2019/चार/ब-1 भोपाल, दिनाँक 30.07.2019 के अनुसार (मुक्त श्रेणी के व्यय) में अंकित बजट शीर्षों में 100 प्रतिशत प्रावधानित बजट आवंटन जारी किया गया। इसके अतिरिक्त राजस्व व्यय के अन्य बजट शीर्षों में प्रावधानित बजट का 80 प्रतिशत आवंटन जारी किया गया तथा अतिरिक्त आवंटन की आवश्यकता होने पर वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजने पर शेष 20 प्रतिशत राशि भी मुक्त करने के निर्देश दिये गये। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक 103/470/2019/चार/ब-1/भोपाल, दिनाँक 11.02.2020 के अनुसार वित्तीय वर्ष की शेष अवधि माह फरवरी एवं मार्च हेतु व्यय सीमा तथा मितव्ययता के संबंध में निर्देश दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान सम्मान निधि का भुगतान
[राजस्व]
11. ( *क्र. 401 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि का पात्रता अनुसार भुगतान किया जाना था? उक्त राशि में से कितने किसानों को कुल कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा कितने किसानों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान आज पर्यन्त किया जाना शेष है व क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसान सम्मान निधि के भुगतान किए जाने हेतु शासन के क्या-क्या नियम एवं निर्देश हैं? क्या शासन द्वारा जारी उक्त सभी नियम, निर्देशों का समय-समय पर पालन किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि भुगतान हेतु राशि लंबित है, तो किस स्तर पर किसानों की उक्त राशि का भुगतान किए जाने में लापरवाही की गई है? किसान सम्मान निधि के भुगतान के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियम, निर्देशों की स्वच्छ प्रति उपलब्ध कराते हुए बताएं कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र में किसान सम्मान निधि की लंबित राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा में कुल 53343 किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि की पात्रता अनुसार भुगतान करने हेतु जानकारी पी.एम. किसान पोर्टल पर भेजी जा चुकी है। उक्त किसानों में से प्रथम किश्त 37388, द्वितीय किश्त 33199, तृतीय किश्त 22052 किसानों को रूपये 2000 प्रति किश्त के मान से भुगतान की जा चुकी है। भुगतान संबंधी कार्यवाही ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से भारत सरकार द्वारा सीधे किसानों के खातों में की जाती है। इसलिये शेष किसानों की संख्या एवं कारण बताया जाना संभव नहीं है। (ख) किसान सम्मान निधि के भुगतान किए जाने हेतु शासन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ। (ग) भुगतान हेतु नियमित प्रक्रियानुसार कार्यवाही जारी है, कोई लापरवाही नहीं की गई है। किसान सम्मान निधि के भुगतान के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियम,निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। भुगतान की कार्यवाही सतत प्रकिया के रूप में जारी है। समय-सीमा बताया जाना साध्य नहीं है।
अवैध खनिज उत्खनन के प्रकरण में वसूली
[राजस्व]
12. ( *क्र. 244 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल की एस.एल.पी. क्रमांक 28983/2018 के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के दिनाँक 09.12.2019 के पारित निर्णय अनुसार न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन (म.प्र.) के प्रकरण क्रमांक जावक क्रमांक 1356/री./अप.कले./19, दिनाँक 01.01.2020 में प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में दिनेश पिता मांगीलाल के विरूद्ध अपराध क्रमांक जावक क्रमांक 1356/री./अप.कले./19, दिनाँक 01.01.2020 के सूचना पत्र अनुसार खनिज विभाग उज्जैन द्वारा क्या न्यायालय में शासन हित में पैरवी करने के लिये अधिवक्ता नियुक्त कर दिया गया है? यदि नहीं, तो दोषी उत्तरदायी खनिज अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) दिनेश पिता मांगीलाल के विरूद्ध 30,29,25,600/- रूपये राशि की वसूली में विलम्ब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) दिनेश पिता मांगीलाल की एस.एल.पी. क्रमांक 28983/2018 के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के दिनाँक 09.12.2019 के पारित निर्णय अनुसार न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में विचाराधीन होकर प्रकरण में अनावेदक के जवाब के परिप्रेक्ष्य में संबंधित जनपद पंचायत महिदपुर तथा महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्र. 02 उज्जैन से जानकारी प्राप्त की जाकर पेशी दिनाँक 05.03.2020 नियत होकर न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित है (ख) अपर कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई तिथियों में खनिज अधिकारी स्वयं उपस्थित होकर प्रकरण में शासन हित में पैरवी कर रहीं हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
आंगनवाड़ी सहायिकाओं को प्रदत्त मानदेय
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( *क्र. 1187 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिका को कितना-कितना मानदेय दिया जा रहा है? इसमें कितना हिस्सा केन्द्र सरकार का है एवं कितना राज्य सरकार का? (ख) पिछले 01 वर्ष में केन्द्र सरकार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में क्या कोई वृद्धि की है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी? (ग) पिछले 01 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को दिए जाने वाले मानदेय में अपने हिस्से में क्या कमी की है? यदि हाँ, तो कितनी और क्यों? (घ) क्या आंगनवाड़ी में दिए जाने वाले भोजन के मेन्यू में कोई परिवर्तन वर्तमान सरकार द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो क्या और क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राशि रूपये 10000/- एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को राशि रूपये 5000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रतिमाह भुगतान की जा रही कुल राशि रूपये 10000/- में से राशि रूपये 2700/- केन्द्रांश तथा राशि रूपये 7300/- राज्यांश है। इसी प्रकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह भुगतान की जा रही कुल राशि रूपये 5000/- में से राशि रूपये 1350/- केन्द्रांश तथा राशि रूपये 3650/- राज्यांश है। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2018 से राशि रूपये 1500/- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा राशि रूपये 750/- आंगनवाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि की गई है। (ग) जी नहीं। पिछले 01 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को प्रतिमाह देय कुल मानदेय की राशि में कोई कमी नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[राजस्व]
14. ( *क्र. 637 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग के द्वारा राजस्व ग्राम का दर्जा देने हेतु क्या कोई अधिनियम/नियम आदि हैं? यदि हाँ, तो फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विगत वर्ष 05 से फरवरी 2020 तक जिला मुरैना के कितने मजरे आदि को राजस्व गाम का दर्जा दिया गया है व कितने प्रक्रियाधीन हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 71 एवं संहिता के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार 2 या अधिक ग्रामों का गठन करने के लिये किसी ग्राम को विभाजित किया जा सकेगा तथा 2 या अधिक ग्रामों को सम्मिलित कर एक ग्राम गठित किया जा सकेगा। मजरों टोलों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिये जाने के संबंध में राजस्व विभाग अन्तर्गत आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा नियम प्रसारित किये हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) विगत वर्ष 05 से फरवरी 2020 तक जिला मुरैना में 36 राजस्व ग्राम के 55 मजरे/टोलों को राजस्व ग्राम अधिसूचित किया गया है। तहसीलवार मजरे/टोलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ख) अनुसार है। जिला मुरैना की तहसील मुरैना में 01 मूल ग्राम (नावलीवडा गांव) का 01 मजरा टोला (महेबाकापुरा) को राजस्व ग्राम बनाया जाना प्रक्रियाधीन है।
प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 967 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनायें संचालित हैं एवं कितनी नल-जल योजनाओं की स्वीकृति मिलने के उपरांत निविदा लगाई गई है या लगाई जा रही है? (ख) प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं की लागत क्या है, किन फर्मों को यह कार्य दिया गया है, कब तक प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजना में क्या-क्या कार्य होना है, जो कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) ग्रामीण जनता को इस नवीन प्रधानमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं से कब तक पानी मिलने लगेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कोई नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर व इटारसी में अतिक्रमण पर कार्यवाही
[राजस्व]
16. ( *क्र. 424 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला प्रशासन द्वारा नवम्बर/दिसम्बर 2019 में कितने अवैध भवन गिराये गये? (ख) गिराये गये प्रत्येक भवन की जानकारी देते हुए बतावें कि किस भवन के अवैध होने के संबंध में कब-कब शिकायत प्राप्त हुई एवं कब भवन गिराये गये? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा कुख्यात अपराधी जितेन्द्र राजवंशी द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी को वर्ष 2019 में लिखे गये पत्र कब-कब प्राप्त हुए? क्या अतिक्रमण हटाया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या तहसीलदार इटारसी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी को नवम्बर 2011 में उपलब्ध कराये गये जाँच प्रतिवेदन में जितेन्द्र राजवंशी का अतिक्रमण बताया था? (ड.) अपराधियों के अतिक्रमण हटाने में इंदौर प्रशासन और इटारसी प्रशासन के मापदण्डों में अंतर क्यों है? (च) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित पेटर्न क्या सारे प्रदेश में लागू करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) इस संबंध में सम्पूर्ण विवरण नगर निगम से प्राप्त किया जाकर सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इस संबंध में सम्पूर्ण विवरण नगर निगम से प्राप्त किया जाकर सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर निगम द्वारा अवैध निर्माणों को हटाया जाना एक निरंतर प्रक्रिया है। स्वयं संज्ञान में आने पर अथवा शिकायत प्राप्त होने पर निगम अधिनियम के प्रावधानों अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही करते हुये अवैध निर्माणों को हटाया जाता है। इस क्रम में माह नवम्बर/दिसम्बर 2019 में नगर निगम इन्दौर द्वारा अवैध निर्माण, अवैध भवनों को हटाने की कार्यवाही नगर पालिका निगम, अधिनियम 1956 के प्रावधान अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही जिला एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से की गई है। (ग) दिनाँक 30.03.2019, 13.04.2019, 17.04.2019, 09.05.2019, 31.07.2019, 03.09.2019, 17.09.2019, 24.09.2019, 14.10.2019, 17.10.2019, 27.11.2019, 29.01.2020 को पत्र प्राप्त हुये संदर्भित पत्र बैल बाजार एवं गरीबी लाईन में नजूल भूमि के व्यवसायिक उपयोग एवं अतिक्रमण से संबंधित थे। बैल बाजार में टीन का टप्पर रखकर अतिक्रमण पाया गया था, जिसे दिनाँक 27.07.2019 को हटाया गया। गरीबी लाईन के संबंध में नजूल भूमि के पट्टे का व्यवसायिक उपयोग एवं अतिक्रमण नहीं पाया गया है। (घ) उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर प्रश्नाधीन जानकारी उपलब्ध होना नहीं पाया गया। (ड.) इटारसी व इन्दौर दोनों स्थानों पर शासन के नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (च) नगरीय निकायों द्वारा अपने क्षेत्र में अवैध निर्माणों को हटाया जाना एक निरंतर प्रक्रिया है। स्वयं संज्ञान में आने पर अथवा शिकायत प्राप्त होने पर अधिनियम के प्रावधानों अनुसार विधिसम्मत कार्यवाही करते हुए अवैध निर्माण/अतिक्रमण को हटाया जाता है।
8 लाइन एक्सप्रेस-वे निर्माण में कृषकों की जमीन का अधिग्रहण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 1112 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1313, दिनाँक 19 दिसंबर, 2019 के संदर्भ में कितने कृषकों को कितनी जमीन का कितनी राशि का मुआवजा अभी तक दिया जा चुका है तथा कितने कृषक शेष हैं? (ख) प्रस्तावित 8 लेन में रतलाम जिले के कुल कितने किसानों की कितनी हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उसमें आदिवासी तथा अनुसूचित जाति के कृषक कितने-कितने हैं तथा उनकी कितनी-कितनी जमीन है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कृषकों में ऐसे कितने कृषक हैं, जिनकी 100% जमीन जा रही है या जिनके पास मात्र 0.2 हेक्टेयर जमीन ही बच रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1313, दिनाँक 19 दिसम्बर, 2019 के संदर्भ में मंदसौर जिले के 1. सीतामऊ उपखण्ड में 58 कृषकों को रूपये 4,65,90,809/- का मुआवजा वितरण किया गया है तथा 452 कृषकों को मुआवजा वितरण किया जाना है। 2. गरोठ उपखण्ड में 622 किसानों का रूपये 70,02,64,530/- का मुआवजा वितरण किया गया है तथा 130 कृषकों को मुआवजा वितरण किया जाना है। रतलाम जिले के अंतर्गत दिल्ली-वड़ोदरा 8 लेन हेतु अधिग्रहित की गई भूमि के कुल ग्राम 60 कुल कृषकों की संख्या 2327, कुल रकबा 772.468 हेक्टेयर भूमि में से कृषक 1663, रकबा 512.228 हेक्टेयर का मुवाअजा राशि रूपये 1,18,88,49,858/- का भुगतान किया जा चुका है। 664 कृषकों को भुगतान किया जाना शेष है। न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से एवं आपत्तियां दर्ज कराने तथा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के अभाव में उक्त कृषकों का मुवाअजा वितरण से शेष है। (ख) प्रस्तावित 8 लेन में रतलाम जिले के अंतर्गत कुल 60 ग्रामों के कुल कृषक 2327 की भूमि रकबा 772.468 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा रही है, उसमें से आदिवासी कृषकों की संख्या 414 रकबा 101.422 हेक्टेयर तथा अनुसूचित जाति के कृषकों की संख्या 206 रकबा 70.650 हेक्टेयर अधिग्रहित की जा रही है। (ग) रतलाम जिले के प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कृषकों में से 53 कृषक हैं, जिनकी 100 प्रतिशत जमीन जा रही है तथा 110 कृषक हैं, जिनके पास मात्र 0.2 हेक्टेयर भूमि बच रही है। आदिवासी 19 कृषक हैं, जिनकी 100 प्रतिशत भूमि जा रही है एवं 16 कृषक हैं, जिनकी 0.2 हेक्टेयर जमीन बच रही है। 100 प्रतिशत व 0.2 हेक्टेयर की जमीन की श्रेणी में अनुसूचित जाति वर्ग के कोई कृषक नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषक आहार के रूप में अण्डे का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( *क्र. 517 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषक आहार (मिड-डे मील) के रूप में अण्डा वितरण किये जाने की कोई योजना प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ, तो भारतीयों की धार्मिक भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए, क्या शासन इस पर प्रतिबंध लगायेगा? (ख) क्या शासन आंगनवाड़ी केंद्रों में वितरण किये जाने वाले पोषक आहार में अण्डे के स्थान पर अन्य आहार जैसे दालें, चना, गुड़, पनीर, दूध, दही, ड्रायफ्रूट आदि प्रोटीनयुक्त पदार्थ ही वितरण कराये जाने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या शासन बच्चों को कुपोषण से बचाये जाने हेतु दूध, गुड़ एवं महिलाओं को सस्ता एवं प्रोटीनयुक्त हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ भुना चना एवं गुड़ वितरण, पोषक आहार के रूप में शामिल कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार के रूप में बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं हेतु अण्डा वितरण किया जाना प्रस्तावित है। अंतिम निर्णय होना शेष है। प्रस्तावित कार्ययोजना अंतर्गत बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को सहमति अनुसार अण्डे का वितरण तथा शाकाहारी बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को समान राशि के फल/दूध/अन्य पौष्टिक सामग्री का वितरण प्रस्तावित है। अण्डे का वितरण हितग्राही की सहमति से प्रदान किये जाने एवं शाकाहारी पौष्टिक सामग्री के विकल्प होने से धार्मिक भावनाओं के आहत होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र में अण्डे वितरण के साथ शाकाहारी हितग्राहियों के लिये वैकल्पिक शाकाहारी पौष्टिक आहार वितरण भी प्रस्तावित है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र में कुपोषण निवारण हेतु अण्डा एवं वैकल्पिक शाकाहारी पौष्टिक आहार प्रदाय प्रस्तावित किया गया है। शेष प्रस्तावित नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान सम्मान निधि का भुगतान
[राजस्व]
19. ( *क्र. 454 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने किसानों के किसान सम्मान निधि के रजिस्ट्रेशन हुये हैं? उनमें कितने किसानों को किसान सम्मान निधि की प्रथम किस्त, द्वितीय किस्त, तृतीय किस्त प्राप्त हुई है और कितने किसानों को किसान सम्मान निधि प्राप्त नहीं हुई है तथा क्यों और कब तक प्राप्त हो पायेगी? क्या तेंदूखेड़ा तहसील के हल्का तेंदूखेड़ा में किसी भी किसान को किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त नहीं हुई है? शासन द्वारा किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों के लिये संबधितों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रजिस्ट्रेशन के समय जिन किसानों के खाता नंबर व आधार नंबर की गलत फीडिंग हो गई है, उनके खाता नंबर में सुधार तो हो जाता है, परंतु आधार नंबर गलत होने पर सुधार नहीं हो पाता, जिससे अनेकों किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि उनके खातों में नहीं पहुंच पा रही है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा आधार नंबर सुधार कार्य के लिये क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) पी.एम. किसान पोर्टल अनुसार दिनाँक 09.03.2020 की स्थिति में जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 45074 किसानों की जानकारी पी.एम. किसान पोर्टल पर भेजी गई है। किश्तवार कृषकों को राशि भुगतान की जानकारी निम्नानुसार है :-
तहसील |
किसानों की संख्या |
||
|
प्रथम किस्त |
द्वितीय किस्त |
तृतीय किस्त |
जबेरा |
16624 |
14222 |
10695 |
तेंदूखेड़ा |
14348 |
12633 |
9728 |
कुल राशि विधानसभा जबेरा अंतर्गत |
30972 |
26855 |
20423 |
पी.एम. किसान पोर्टल के माध्यम से भारत सरकार द्वारा भुगतान की कार्यवाही की जाती है, जो सतत् जारी है, जिसमें समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केरोसिन का खुले बाजार में विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 8 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुले बाजार में केरोसिन बेचने के लिए शासन ने क्या-क्या व्यवस्था की है? भोपाल संभाग में खुले बाजार में केरोसिन बेचने हेतु किन-किन को लाइसेंस जारी किये गये? जिलेवार सूची दें। (ख) खुले बाजार में उपभोक्ताओं को केरोसिन उपलब्ध हो, इस संबंध में शासन को क्या-क्या कठिनाइयां हैं? (ग) खुले बाजार में उपभोक्ताओं को केरोसिन उपलब्ध हो इस संबंध में शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) खुले बाजार में उपभोक्ताओं को केरोसिन उपलब्ध हो, इस संबंध में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनाँक तक मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीमांकन एवं बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
21. ( *क्र. 1174 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ जिला कटनी में प्रश्न दिनाँक तक सीमांकन एवं बंटवारा के कितने-कितने प्रकरण वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनाँक तक प्राप्त हुये? राजस्व मण्डलवार जानकारी देवें? (ख) कितने सीमांकन के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कर लिया गया एवं कितने सीमांकन एवं बंटवारा के प्रकरण प्रश्न दिनाँक तक लंबित हैं? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) सीमांकन एवं बंटवारा के लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनाँक तक सीमांकन एवं बंटवारा के दर्ज प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है :-
तहसील |
वर्ष |
दर्ज बंटवारा प्रकरण |
दर्ज सीमांकन प्रकरण |
विजयराघवगढ़ |
2018-19 |
76 |
160 |
सिनगौंड़ी |
2018-19 |
54 |
93 |
बरही |
2018-19 |
117 |
372 |
योग |
|
247 |
625 |
तहसील |
वर्ष |
दर्ज बंटवारा प्रकरण |
दर्ज सीमांकन प्रकरण |
विजयराघवगढ़ |
2019-20 |
189 |
417 |
सिनगौंड़ी |
|
88 |
307 |
बरही |
|
194 |
420 |
योग |
|
471 |
1144 |
(ख) बंटवारा एवं सीमांकन के निराकृत एवं लंबित प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है :-
तहसील |
वर्ष |
बंटवारा प्रकरण |
सीमांकन प्रकरण |
||
|
|
निराकृत |
लंबित |
निराकृत |
लंबित |
विजयराघवगढ़ |
2018-19 |
76 |
0 |
160 |
0 |
सिनगौड़ी |
2018-19 |
54 |
0 |
93 |
0 |
बरही |
2018-19 |
117 |
0 |
372 |
0 |
योग |
|
247 |
0 |
625 |
0 |
तहसील |
वर्ष |
बंटवारा प्रकरण |
सीमांकन प्रकरण |
||
|
|
निराकृत |
लंबित |
निराकृत |
लंबित |
विजयराघवगढ़ |
2019-20 |
141 |
48 |
260 |
157 |
सिनगौड़ी |
2019-20 |
66 |
22 |
195 |
112 |
बरही |
2019-20 |
134 |
60 |
279 |
141 |
योग |
|
341 |
130 |
734 |
410 |
विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ अंतर्गत लंबित सीमांकन एवं बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण यथासंभव समय-सीमा के अंदर होने से किसी को दोषी नहीं माना जा सकता है। (ग) सीमांकन एवं बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करने के निर्देश जारी किये गये हैं।
ग्राम पंचायत कालाडूमर की नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( *क्र. 124 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत क्या ग्राम पंचायत कालाडूमर की नल-जल योजना जुलाई 2019 में स्वीकृत की गई थी? (ख) क्या विभाग द्वारा जनवरी 2020 में टेंडर स्वीकृत किये गये हैं? (ग) क्या पानी की भीषण समस्या के पश्चात् भी वर्क आर्डर रोककर रखा गया है? (घ) यदि हाँ, तो कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, अपितु फरवरी 2018 में स्वीकृत की गई। (ख) जी नहीं, अपितु दिसम्बर 2019 में स्वीकृत किया गया। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिवपुरी जिले में खाद्यान्न/सामग्री वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
23. ( *क्र. 1161 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में सहकारिता विभाग द्वारा विपणन संस्थाओं/उपभोक्ता भण्डार/पैक्स संस्थाओं को वर्ष 2019 एवं 2020 में किस-किस मद का कितना-कितना खाद्यान्न वितरण करने हेतु उपलब्ध कराया गया है? माहवार, संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) विपणन संस्थाओं/उपभोक्ता भण्डार/पैक्स संस्थाओं द्वारा उचित मूल्य की दुकानों के सेल्समेनों/विक्रेताओं के माध्यम से उपभोक्ताओं/स्व-सहायता समूहों को प्राप्त खाद्यान्न/सामग्री के विरूद्ध वितरण किए गये खाद्यान्न एवं सामग्री की वर्षवार एवं संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या तहसील करैरा के ग्राम बघेदरी में अभी हाल ही में प्राप्त संपूर्ण खाद्यान्न ब्लैक कर दिया गया है और ग्रामीणों को खाद्यान्न एवं सामग्री का वितरण नहीं किया गया है? ऐसे ही अधिकतर संस्थाओं एवं विक्रताओं/सेल्समेनों द्वारा सांठ-गांठ कर प्राप्त खाद्यान्न/सामग्री को उपभोक्ताओं को वितरण न कर अपने निजी स्वार्थ के लिये ब्लैक कर दिया गया है और कई माहों का खाद्यान्न एवं सामग्री वितरण नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कितने सेल्समेन/विक्रेता एवं संस्थाएं हैं जिनके द्वारा खाद्यान्न ब्लैक कर दिया गया है? उनकी सूची उपलब्ध कराई जावे तथा ब्लैक करने वाले व्यक्तियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? नहीं की गई तो क्यों एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( डॉ. गोविंद सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी जिले में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलें
[राजस्व]
24. ( *क्र. 713 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की कितनी तहसीलों में इस वर्ष औसत से अधिक वर्षा होने से अतिवृष्टि/ओलावृष्टि की स्थिति निर्मित हुई है? (ख) क्या अतिवृष्टि/ओलावृष्टि प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आती है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रभावित खरीफ एवं रबी फसलों का रकबा कितना है एवं कितने किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे शासन द्वारा कराया गया है? (ग) किसानों को फसल नुकसान के सर्वे में शासन द्वारा अब तक कितनी राशि का मुआवजा भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिले के किसानों को अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से हुये नुकसान का मुआवजा एवं गत वर्ष के देय गेहूँ व मक्का का बोनस का भुगतान कब तक किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) सिवनी जिले की आठ तहसीलों में अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित हुई है। (ख) जी हाँ। सिवनी जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित खरीफ फसल की रकबा 2235.05 हेक्टेयर एवं ओलावृष्टि के नुकसान की अंतिम जानकारी प्राप्त नहीं है। अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से प्रभावित समस्त किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे कराया गया। (ग) अतिवृष्टि से हुयी फसल क्षति का किसानों को रूपये 3,01,95,853/- का भुगतान कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अतिवृष्टि से हुयी फसल क्षति का प्रभावित किसानों को संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है। उत्तरांश (ख) अनुसार ओलावृष्टि से हुये फसल क्षति का मुआवजा नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सिवनी जिले में विपणन वर्ष 2018-19 में फ्लै्ट भावांतर भुगतान योजना अन्तर्गत मक्का फसल के पात्र कृषकों को राशि 141,62,28,250/- भुगतान कर दिया गया है वर्ष 2018-19 में रबी फसल गेहूँ का वर्तमान तक भुगतान नहीं किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रतलाम मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( *क्र. 667 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों/भवनों की संपूर्ण डी.पी.आर. अंतर्गत उल्लेखित कार्यों से संबंधित समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा अन्य कोई कार्य अपूर्ण अथवा अप्रारंभ हैं? (ख) मेडिकल कॉलेज के समस्त विभिन्न कार्य किये जाने हेतु कुल कितने-कितने किस-किस प्रकार के पदों का सृजन कर भिन्न-भिन्न कार्यों हेतु कितने-कितने पद सृजित किये? कार्यवार, स्वीकृत पदों की संख्या की स्पष्ट जानकारी दें। (ग) उक्त सृजित विभिन्न उल्लेखित पदों के विरूद्ध कुल कितनी पदस्थानाएं की गईं, कितनी किस-किस प्रकार के कार्य किये जाने की पदस्थापनाएं शेष रहीं? (घ) क्या संपूर्ण कार्य योजना में आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु समस्त प्रकार के स्वास्थ्य उपकरण वेस्ट मटेरियल मेनेजमेंट, सफाई उपकरण संपूर्ण विद्युतीकरण इत्यादि कार्य भी पूर्ण कर लिये गये? साथ ही मेडिकल कॉलेज में सर्व सुविधायुक्त चिकित्सालय कब प्रारंभ किया जाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) डी.पी.आर. में उल्लेखित कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वास्थ्य उपकरणों की स्थापना एच.आई.टी.ई.एस. लिमिटेड के माध्यम से, वेस्ट मटेरियल को नगर निगम द्वारा नियमित रूप से निष्कासित किया जाता है। बायो मेडिकल वेस्ट एवं सफाई उपकरण, आउटसोर्स पर देने की कार्यवाही सतत् जारी है तथा विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। चिकित्सालय प्रारंभ होने की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शुद्ध
पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 9 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में राजस्व संभाग भोपाल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में कौन-कौन से वार्ड तथा ग्राम के नागरिक फ्लोराईड युक्त पानी पी रहे हैं तथा क्यों? (ख) उक्त वार्ड एवं ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई? (ग) भोपाल संभाग की किन-किन ग्राम पंचायतों को वर्ष 2017-18 से फरवरी 20 तक की अवधि में विभाग द्वारा किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि किस आधार पर दी? (घ) उक्त राशि से ग्रामपंचायतों द्वारा क्या-क्या कार्य कितनी राशि के कहाँ-कहाँ करवाये गये? उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं अंतिम मूल्यांकन कब-कब किस अधिकारी ने किया वर्तमान में किन-किन ग्रामपंचायतों द्वारा राशि व्यय नहीं की गई है तथा क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) राजस्व संभाग भोपाल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी नागरिक फ्लोराइड युक्त पानी नहीं पी रहा है। (ख) जिन ग्रामों में फ्लोराइड प्रदूषण पाया गया, उनमें फ्लोराइड प्रभावित पाये गये सार्वजनिक स्त्रोत बंद कर वैकल्पिक स्त्रोत विकसित करके पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 38 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक हर घर में नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है? इस संबंध में रायसेन जिले में क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में समूह जल प्रदाय योजना का कार्य कहाँ-कहाँ चल रहा है? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? उक्त कार्यों का 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई पूर्ण विवरण दें। (ग) नर्मदा नदी से समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों में पेयजल व्यवस्था की योजना बनाने के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र मान. मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता लोकस्वास्थ यांत्रिकी विभाग को कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतायें। विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु विभाग की क्या-क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। रायसेन जिले के लिये परियोजना प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही की जा रही हैं। (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना का कार्य चल रहा है, अनुबंधानुसार उक्त कार्य 31.07.2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है एवं उदयपुरा समूह जलप्रदाय योजना के कार्य पूर्ण किये जा कर वर्तमान में योजना से जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना का निरीक्षण 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक महाप्रबंधक, प्रबंधक, सुपरवीजन कन्सल्टैन्ट एवं पी.एम.सी. कन्सल्टैन्ट द्वारा किया गया है एवं उदयपुरा समूह जलप्रदाय योजना का निरीक्षण 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक, प्रबंधक एवं उप-प्रबंधक द्वारा निरीक्षण किया गया है तथा निरीक्षण के दौरान कोई अनियमितता नहीं पायी गयी है। (ग) नर्मदा नदी से समूह जलप्रदाय योजना के संबंध में प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी द्वारा प्रेषित पत्र, माननीय मंत्रीजी, मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को दिनाँक 07.02.2020 को, प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को दिनाँक 01.02.2020 को एवं प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को दिनाँक 01.02.2020 को प्राप्त हुए। (घ) उक्त पत्रों के आधार पर बेगमगंज एवं सिलवानी जनपद पंचायत के ग्रामों में पेयजल समस्या के निराकरण हेतु नर्मदा नदी, सेमरी बांध तथा बारना बांध स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजना से जल प्रदाय किये जाने हेतु स्टेज-1 प्राक्कलन बनाने की कार्यवाही की जा रही है। जल उपलब्धता एवं तकनीकी व्यवहार्यता के परिक्षण उपरान्त अगामी कार्यवाही के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
3. ( क्र. 39 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त का भुगतान हुआ तहसीलवार संख्या बतायें। कितने किसानों को भुगतान क्यों नहीं हुआ? (ख) वंचित किसानों को राशि का भुगतान कब तक होगा? इस हेतु वंचित किसानों को क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ेगी? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को राशि भुगतान के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन किसानों को राशि का भुगतान हुआ तथा किन-किन किसानों की राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ तथा कब तक होगा? प्रश्नकर्ता को पत्रों के जबाव क्यों नहीं दिये गये तथा पत्रों के जबाव कब तक दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) पीएम किसान पोर्टल अनुसार फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले मे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त के भुगतान की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है:-
तहसील |
प्रथम किश्त |
द्वितीय किश्त |
तृतीय किश्त |
रायसेन |
15801 |
13629 |
10587 |
गैरतगंज |
12658 |
10868 |
7396 |
बेगमगंज |
15722 |
11289 |
9501 |
गौहरगंज |
10115 |
7999 |
6252 |
बरेली |
10971 |
11161 |
9053 |
बाडी |
8544 |
6616 |
5347 |
सिलवानी |
12427 |
11065 |
7566 |
उदयपुरा |
14504 |
11080 |
4172 |
सुल्तानपुर |
1777 |
1396 |
1019 |
योग |
102519 |
85103 |
60893 |
किसानों के पात्रता परीक्षण की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यवाही लगातार जारी है। (ख) पात्रता परीक्षण की कार्यवाही सतत् प्रक्रियाधीन है, जिसमें भुगतान की कार्यवाही पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से भारत सरकार द्वारा की जाती है, जिसमें समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। किसानों को आधार नंबर, बैंक खाता, समग्र आईडी आदि जानकारी उपलब्ध कराना होती है। (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को राशि भुगतान के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रं. 841 दिनाँक 23.10.2019, पत्र क्र.789 दिनाँक 16.10..2019, पत्र कं.1073 दिनाँक 23.11.2019 एवं पत्र क्र. 1193 दिनाँक 17.12.2019 को चार पत्र प्राप्त हुये तथा उक्त पत्रों के संबंध में संबंधित तहसीलदारों को कार्यवाही करने हेतु कार्यालय कलेक्टर रायसेन द्वारा निर्देशित किया गया है। (घ) पत्र दिनाँक 23.10.2019 में उल्लेखित 10 किसानों में से निम्नानुसार 07 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो गया हैः- 1. श्री कमोद सिंह लोधी आ. दरयाव सिंह लोधी ग्राम झिरिया ता चैका 2. श्री दिलीप सिंह आ. दयाचंद ग्राम पडरिया राजाधार 3. श्री निर्भय आ. दुर्गा ग्राम गोरखा 4. श्री प्रेमनारायण आ. बिहारी ग्राम सकरधा 5. श्री महाराज सिंह आ. काषीराम ग्राम सकरदा 6. श्री मूरत सिंह आ. ग्यारसी ग्राम पडरिया राजाधार 7. श्रीमति विमला आ. दिलीप सिंह ग्राम खिरिया ता पापडा। तीन किसानों में श्री रघुनाथ आ. पूरन गोरखा फौत हो जाने एवं उनके दो पुत्रों राजेश आ. रघुनाथ एवं दिनेश आ. रघुनाथ के मध्य आपसी विवाद होने से उनका नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं होने के कारण इनकी प्रविष्टि पीएम किसान पोर्टल पर नहीं की जा सकी है। पत्र दिनाँक 16.10.2019 के अनुसार ग्राम पडरिया खुर्द के निर्भय सिंह सहित पात्र 138 किसानों में से 125 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो चुका है। शेष 13 किसानों का भुगतान प्रक्रियाधीन है। पत्र दिनाँक 23.11.2019 के साथ संलग्न सूची अनुसार ग्राम खमरियाकलॉ के 31 किसानों में से 22 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो चुका है शेष 09 किसानों में से 03 किसानों का एफ.टी.ओ. जारी हो चुका है 01 किसान का खाता रिवेलीडेशन में होने से, 02 किसानों के नवीन आधार कार्ड अनुसार नाम सुधार होने से, 03 किसानों के मध्य बंटवारा होने से उनका नवीन रिकार्ड प्राप्त कर रजिस्ट्रेशन करने के कारण भुगतान लंबित है। पत्र दिनाँक 17.12.2019 में वर्णित 17 किसानों में से 03 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान हो चुका है शेष 14 किसानों में से 09 किसानों का एफ.टी.ओ. जारी हो चुका है, 01 किसान का खाता वर्तमान में पी.एफ.एम.एस. द्वारा स्वीकृत होने से, 02 किसानों के बैंक खाता न. में सुधार होने से, 02 किसानों का पी.एम. किसान पोर्टल पर नवीन पंजीयन होने से भुगतान लंबित है। प्रश्नकर्ता से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही करने हेतु संबंधित तहसीलदारों को कार्यालय कलेक्टर रायसेन को निर्देशित किया गया है। समय-समय पर पत्रों की प्रतिलिपि दी गई।
कैंसर चिकित्सालय में दवाईयों की उपलब्धता
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( क्र. 84 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर व आसपास के जिलों हेतु कैंसर रोग के लिए एकमात्र शासकीय कैंसर चिकित्सालय इन्दौर में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत कुछ महीनों से वहाँ पर मरीजों हेतु पर्याप्त दवाईयाँ उपलब्ध नहीं हैं? क्या मेडिकल कॉरपोरेशन द्वारा दवाईयों के दर निर्धारण नहीं होने से वहाँ दवाईयाँ नहीं खरीदी जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो पर्याप्त दवाई आदि हेतु दर निर्धारण एवं पर्याप्त बजट कब तक उपलब्ध कराया जावेगा एवं भविष्य में यह स्थिति निर्मित न हो इसके लिए क्या उपाय किए गए हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कुछ दवाईयों की दर कॉर्पोरेशन में निर्धारित नहीं हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मेडिकल कॉर्पोरेशन में जो दवाईयां उपलब्ध नहीं हैं, स्थानीय क्रय के माध्यम से रोगियों को दवा उपलब्ध करायी जा रहीं है। आवंटन उपलब्ध कराया गया हैं व स्वशासी संस्था के मद से भी व्यय किया जा रहा हैं।
फिल्मों को टैक्स फ्री करने के नियम
[वाणिज्यिक कर]
5. ( क्र. 102 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रदेश में कितनी फिल्मों को टैक्स फ्री किया गया? (ख) प्रदेश में फिल्मों को टैक्स फ्री करने के क्या नियम हैं? क्या कोई कमेटी फिल्म देखकर टैक्स फ्री का निर्णय देती है या फिल्म को बैगर देखे ही टैक्स फ्री कर दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने छपाक फिल्म रिलीज होने के पूर्व ही फिल्म को बैगर देखे ही टैक्स फ्री की घोषणा कर दी? यदि हाँ, तो फिल्म को रिलीज होने के पूर्व ही टैक्स फ्री करने का क्या आधार था? (घ) गत 1 जनवरी 2020 के पश्चात किन-किन फिल्मों को टैक्स फ्री करने से कितने-कितने राजस्व की हानि सरकार को हुई?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात मध्यप्रदेश विलासिता, मनोरंजन, आमोद एवं विज्ञापन कर अधिनियम, 2011 की प्रभावशील अवधि दिनाँक 30.06.2017 तक मध्यप्रदेश शासन ने फिल्मों क्रमश: हिन्दी मिडियम, सचिन, भाग मिलखा भाग, मांझी, पीकू, हमारी अधूरी कहानी, जयगंगा जल, टायलेट एक प्रेम कथा (कुल 8) फिल्मों को टैक्स फ्री घोषित किया है। दिनाँक 01.07.2017 से एस.जी.एस.टी. अधिनियम की प्रभावशीलता पश्चात फिल्मों को करमुक्त करने के निर्णय का अधिकार केवल जी.एस.टी. काउंसिल को है। (ख) दिनाँक 01.07.2017 से जी.एस.टी. अधिनियम की प्रभावशीलता पश्चात किन्हीं मालों अथवा सेवाओं जिसमें फिल्म प्रदर्शन की सेवाएं भी सम्मिलित हैं, को करमुक्त करने का निर्णय केवल जी.एस.टी. काउंसिल के द्वारा ही लिया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा छपाक फिल्म (मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित) का कथानक समाज उपयोगी होने को दृष्टिगत रखते हुए इस पर देय एस.जी.एस.टी. के समतुल्य राशि की प्रतिपूर्ति संबंधित सिनेमाघरों/मल्टी फ्लेक्स के स्वामियों को करने का निर्णय लेकर सिने दर्शकों को उक्त राशि की छूट दी गई। सिनेमाघरों/मल्टी फ्लेक्स के स्वामियों को नियमानुसार एस.जी.एस.टी. की राशि का भुगतान करने पर भुगतान की गई एस.जी.एस.टी. की राशि के समतुल्य प्रतिपूर्ति सेवा प्रदाता को किये जाने का आदेश क्रमांक एफ ए 3-04/2020/1/पाँच, दिनाँक 09.01.2020 को राज्य शासन द्वारा जारी किया गया है। (घ) दिनाँक 01.07.2017 से जीएसटी अधिनियम की प्रभावशीलता पश्चात किन्हीं मालों अथवा सेवाओं (फिल्मों) को करमुक्त घोषित करने का अधिकार केवल जी.एस.टी. काउंसिल को प्राप्त है। दिनाँक 01 जनवरी, 2020 के पश्चात राज्य शासन द्वारा किसी भी फिल्म को टैक्स फ्री घोषित नहीं किया गया है, राज्य शासन द्वारा फिल्मों के प्रदर्शन पर जमा की गई एस.जी.एस.टी. की राशि के बराबर की राशि फिल्म प्रदर्शन करने वाले सेवा प्रदाता को प्रतिपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। कर संग्रहण में राजस्व हानि की कोई स्थिति नहीं है।
नलकूपों के गिरते भूजल स्तर
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 125 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रीष्मकाल में भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण अनेक नलकूप सूख जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जबलपुर द्वारा विधान सभा क्षेत्र पनागर के धनपुरी, सिलुआ पड़रिया, पिपरियाखुर्द, बारहा, नर्रई, मलारा, तिलहरी एवं अन्य 17 ग्रामों में जहाँ नलकूपों का जलस्तर नीचे चला गया है, के लिये क्या उपाय किये गये हैं? (ग) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जबलपुर के द्वारा गहरें बोर न करने एवं पूरी केसिंग न डालने के कारण पेयजल समस्या उत्पन्न होती है? (घ) यदि हाँ, तो क्या गहरे बोर एवं पूरी केसिंग डाली जायेगी? यदि नहीं, तो क्या प्रतिवर्ष नलकूप फेल होते रहेगें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, अपितु जल की उपलब्धता कहीं कहीं कम हो जाती है। (ख) प्रश्नांकित ग्रामों के पर्याप्त जलक्षमता वाले जलस्तर की गिरावट से प्रभावित नलकूपों पर स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाये गये हैं। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओलावृष्टि के सम्बंध में
[राजस्व]
7. ( क्र. 139 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनाँक 12 दिसम्बर 2019 को नरसिंहपुर जिले में ओलावृष्टि हुई थी? यदि हाँ, तो ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामों की सूची प्रदान करें। (ख) क्या शासन द्वारा ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामों का सर्वे करवाया गया था? यदि हाँ, तो ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति का आंकलन करने हेतु क्या-क्या मापदण्ड है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों को फसल क्षति का मुआवजा प्रदान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कितने कृषक को कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत की गई? तहसीलवार संख्या बतायें।
राजस्व मंत्री (श्री जीतू पटवारी) : (क) जी हाँ। 12 दिसम्बर 2019 को नरसिंहपुर जिले की तहसील गाडरवाडा के विधानसभा क्षेत्र तेंदूखेडा के कुल 08 ग्रामों में ओलावृष्टि हुई। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत फसल क्षति का आंकलन किया जाता है। मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तहसीलदार द्वारा नियम विरूद्ध नामांतरण
[राजस्व]
8. ( क्र. 199 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसीलदार गोविन्दपुरा वृत्त भोपाल द्वारा राजस्व प्रकरण क्र.-257/अ-2018-19 के तहत भूमि खसरा क्र.-33-41/1 एवं 33-41/2 कुल रकबा-6.67 एकड़ हरीराम का बाग, गोविन्दपुरा, भोपाल को बिना रजिस्टर्ड दस्तावेज निष्पादित किये केवल न्यायालय के आदेशानुसार एवं न्यायालय व महाधिवक्ताओं के अभिमत के विरूद्ध जाकर भू-स्वामियों के वैधानिक उत्तराधिकारियों को दर किनार करते हुए थर्ड पार्टी को दिनाँक 19-03-2019 को नामांतरण आदेश दिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या भोपाल कलेक्टर द्वारा पत्र क्र.-2346/व.जि.पं./2014, दिनाँक 18-09-2014 को समस्त तहसीलदारों को आदेश पारित किया था कि किसी भी न्यायालय के आदेश या समझौते के आधार पर प्रकरणों को बिना स्टाम्प शुल्क अदायगी और पंजीयन कराये संपत्ति का राजस्व रिकार्ड में नामांतरण नहीं किया जाये? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या तहसीलदार द्वारा किये गये उक्त नामांतरण से म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 व 110 का उल्लंघन किया गया है तथा बिना स्टाम्प शुल्क अदा किये थर्ड पार्टी के नाम पंजीकृत करने से कलेक्टर गाईड लाईन के मुताबिक करीब 19,69,37,502/- रूपये का नुकसान म.प्र. शासन को पहुँचाया है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध और शासन को नुकसान पहुंचाने वाले तहसीलदार व अन्य के खिलाफ क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी? जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) माननीय व्यवहार न्यायालय वर्ग-02 के डिक्री प्रकरण क्रमांक 652 ए/2006 आदेश दिनाँक 10.01.2007, पंजीकृत वसीयत कमांक 346 दिनाँक 30.09.2006 के आधार एवं माननीय प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के आदेश क्रमांक EXP 18773/10 दिनाँक 06.10.2010 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सिविल अपील क्रमांक 775/2018 में पारित आदेश दिनाँक 15.01.2019 माननीय हाईकोर्ट जबलपुर मध्यप्रदेश के सेकेन्ड अपील क्रमांक 772/2011 में पारित आदेश दिनाँक 15.03.2018 द्वारा पारित आदेशों के अनुक्रम में माननीय महाधिवक्ता हाईकोर्ट जबलपुर मध्यप्रदेश के डी.ओ. क्रमांक 1603 दिनाँक 25.02.2019 से कलेक्टर भोपाल को प्राप्त विधिक अभिमत उपरांत तहसीलदार नजूल वृत गोविन्दपुरा द्वारा रा.प्र.क्र. 257/अ-6/2018-2019 में आदेश दिनाँक 19.03.2019 को नामांतरण आदेश पारित किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) उपरोक्त किया गया नामान्तरण मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 में वर्णित विधिक प्रावधानों के तहत किया गया है एवं जिस वसीयत नामे के आधार पर नामांतरण किया गया है। उक्त वसीयतनामा रजिस्टर्ड है एवं तत्समय प्रभार्य पंजीयन फीस अदा की गई है। अतः मध्यप्रदेश शासन को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है। शेषांश की कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जमीन पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
9. ( क्र. 200 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के गौहरगंज ग्राम के वार्ड क्रमांक 3 माता मंदिर रोड ब्राह्मण मोहल्ला में आरजी क्र. 522 शासकीय रकबा है तथा इस पर सार्वजनिक कुआं भी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कुआं और कुएं की आसपास की जमीन पर किसी दबंग ने अवैध कब्जा कर रखा है? अवैध कब्जाधारी का नाम, पते सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत अवैध कब्जे को लेकर तहसीलदार गौहरगंज के पास प्रकरण क्रमांक 4/अ-13/19-20 दर्ज कराया गया है? प्रकरण को लेकर संबंधित ने कब्जा हटान के कब-कब क्या-क्या प्रयास किये हैं और किस-किस दिनाँक को क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, किये तो क्यों नहीं किये गये? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या उक्त कुआं और आसपास की भूमि का अवैध कब्जा हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? नियम बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ, रायसेन जिले के गौहरगंज ग्राम के वार्ड क्रमांक 3 माता मंदिर रोड ब्राम्हण मोहल्ला में आराजी क्र. 522 शासकीय आबादी मद का रकबा है तथा इस रकबे में पुराना सार्वजनिक कुआं बना हुआ है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कुआं तथा कुएं के आसपास रिक्त भूमि है जिसका ग्रामवासी निस्तार के लिये उपयोग करते है कुएं पर किसी दबंग ने अवैध कब्जा नहीं किया है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत अवैध कब्जे के संबंध में कोई भी प्रकरण तहसीदार गौहरगंज के पास दर्ज नहीं कराया गया है। प्रकरण क्रमांक 4/अ-13/19-20 म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 131 के तहत रास्ता विवाद के संबंध में तहसीलदार गौहरगंज के पास दर्ज कराया गया है जिसमें कार्यवाही प्रचलित होकर प्रकरण आदेशार्थ दिनाँक 12/03/2020 को नियत है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत कुआं पर अवैध अतिक्रमण न होने से अवैध कब्जा हटाये जाने का प्रश्न ही नहीं है।
धार्मिक स्थलों की भूमि
[राजस्व]
10. ( क्र. 218 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर की तीनों विधान सभा क्षेत्र डबरा, भितरवार, ग्वालियर ग्रामीण में मंदिर मस्जिद बाबा कपूर से लगी भूमि राजस्व विभाग की है, यदि हाँ, तो तीनों विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित ऐसे धार्मिक स्थान कहाँ-कहाँ पर हैं व धार्मिक स्थलों से लगी हुई कितनी-कितनी रकबा भूमि है? (ख) धार्मिक स्थलों से लगी हुई ऐसी भूमियों को रख-रखाव हेतु किसके अधिपत्य में सौंपा गया है व ऐसी भूमि को वर्तमान में कौन जोत रहा है एवं कब से कृषि/कार्य कर रहा है? दिनांकित, स्थानवार नाम सहित सूची उपलब्ध कराई जावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे धार्मिक स्थलों (मंदिर/मस्जिद) के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितनी धनराशि खर्च की जाती रही है? स्थलवार सम्पूर्ण जानकारी दी जावें। प्रश्नकर्ता द्वारा राजस्व विभाग भोपाल को उक्त संबंध में लिखे गये पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) ग्वालियर जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र डबरा, भितरवार, ग्वालियर ग्रामीण के अन्तर्गत शासन संधारित मंदिर, मस्जिद बाबा कपूर से कितनी-कितनी रकबा भूमि है, संबंधी सूची अनुसार निम्नानुसार रकबा भूमि है :-
क्र |
विधान सभा क्षेत्र |
मंदिर से लगी कृषि भूमि की जानकारी |
दरगाह बाबा कपूर से लगी कृषि भूमि की जानकारी |
रिमार्क |
||
कुल किता |
कुल रकबा |
कुल किता |
कुल रकवा |
|||
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
1 |
तहसील भितरवार |
665 |
385.188 |
01 |
1.494 |
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। |
चीनोर |
772 |
544.273 |
27 |
38.393 |
||
घाटीगाँव |
610 |
242.639 |
18 |
5.16 |
||
2 |
तहसील डबरा |
1791 |
1257.5 |
15 |
6.602 |
|
3 |
तहसील ग्वालियर |
61 |
14.934 |
137 |
9.208 |
|
मुरार |
49 |
27.667 |
09 |
6.401 |
||
सिटी-सेन्टर |
194 |
97.043 |
08 |
4.284 |
||
तानसेन |
292 |
172.934 |
34 |
15.177 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) तहसीलवार सूची सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। धार्मिक स्थलों के रख-रखाव हेतु राशि राजस्व विभाग द्वारा जारी नहीं की जाती है।
खसरा-खतोनी प्राप्त करने की प्रकिया
[राजस्व]
11. ( क्र. 219 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में खसरा-खतोनी की नकल किस व्यवस्था के तहत प्रदाय की जा रही है? (ख) क्या वर्तमान में किसानों को प्रति खसरा नकल के एवज में शुल्क राशि ली जा रही है? कितनी-कितनी राशि प्राइवेट कम्पनी को दी जा रही है एवं कितनी राशि सरकार के खजाने में जमा हो रही है? (ग) क्या जिस सॉफ्टवेयर में नकल प्रदाय की जा रही है उसमें वर्ष 2011 से 2017 तक की नकलों का खाना नम्बर 03 खाली आ रहा है? प्रश्न दिनाँक तक वर्ष 2011 से 2017 तक की नकल सम्पूर्ण ग्वालियर जिले में कितने किसानों के द्वारा निकाली गई? इसमें नकल के एवज में कितनी राशि वसूल की गई? अनुपयोगी खसरों से वसूली गई राशि को सरकार किसानों को कब तक वापिस करेगी? (घ) उक्त कम्पनी को एक तहसील में कम से कम कितने सेंटर स्थापित करना अनिवार्य थे वर्तमान में ग्वालियर जिले की सभी तहसीलों में कितने सेंटर संचालित है? उक्त कम्पनियों का शासन से साफ्टवेयर डेव्हलप करने का अनुबंध किस दिनाँक से किस दिनाँक तक था? क्या उक्त कम्पनियों की कार्य अवधि बढ़ाई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) वर्तमान में सम्पूर्ण प्रदेश में खसरा खतौनी की नकल वेब बेस्ड जी.आई.एस. से ऑनलाईन प्रदाय की जा रही है। (ख) जी हाँ। वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर से प्रतिलिपि प्रदाय करने पर विभिन्न हितधारकों के मध्य शुल्क विभाजन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उपरोक्त के क्रम प्रश्नांश की जानकारी उद्भूत नहीं होती है। (घ) कम्पनी को एक तहसील में एक आई.टी. सेन्टर स्थापित करना था। ग्वालियर जिले की 5 तहसीलों (नवगठित छोड़कर) में एक-एक आई.टी. सेन्टर स्थापित है। सॉफ्टवेयर डेव्हलप करने का अनुबंध दिनाँक 19.02.2013 से 30.09.2014 तक था। जी हाँ। कार्य के वृहद स्वरूप को देखते हुए इसे बढ़ाया गया है।
अवैध कब्जाधारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
12. ( क्र. 245 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 601 दिनाँक 19.12.2019 के (घ) के उत्तर अनुसार माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय महिदपुर के आदेशानुसार तत्कालीन कब्जाधारियों को विधि की सम्यक प्रक्रिया के बगैर बेदखल न करने के आदेश के अनुक्रम में तहसील न्यायालय झारड़ा में प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2019-20 मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत प्रकरण विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2019-20 मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत बड़ा राम मंदिर के समस्त पुजारी परिवार को बेदखल नहीं किया गया है एवं कब्जाधारी 12 दुकानदारों की दुकानों को बेदखल करने की कार्यवाही भी नहीं की गई है। क्या राजनीतिक दबाव के कारण तहसील न्यायालय झारड़ा में विचाराधीन प्रकरण को जानबूझकर लंबित किया जा रहा है? शासन द्वारा बड़ा राम मंदिर झारड़ा के पुजारी परिवार एवं 12 दुकानों का कब्जा शासन हित में कब तक ले लिया जावेगा? (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के पारित आदेश के पालन में विलम्ब के लिये उत्तरदायी, दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ (ख) प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2019-20 में अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही हेतु नियमानुसार सुनवाई की जा रही है। प्रकरण में आगामी तिथि अनावेदकगण के साक्ष्य हेतु 12.03.2020 नियत है। प्रकरण को जानबुझकर लंबित नहीं किया जा रहा है। प्रकरण का निराकरण कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है अतः संबंधित अधिकारियों पर कोई कार्यवाही किये जाने का कोई आधार नहीं है।
इन्दौर के ग्राम खजराना की अतिशेष भूमि
[राजस्व]
13. ( क्र. 285 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर की ग्राम खजराना की सर्वे क्रमांक 543/2 की भूमि शासन की अतिशेष भूमि है? क्या उस पर भूमाफिया द्वारा जी प्लस 4 बहुमंजिला इमारत बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो करोड़ों की शासकीय भूमि के केस में माननीय उच्च न्यायालय एवं राजस्व न्यायालय ग्वालियर में शासन का पक्ष कमजोर क्यों रखा गया? शासन को जो आर्थिक क्षति हुई है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भूमाफिया को करोड़ों का लाभ क्यों पहुँचाया गया? (ग) शासन की इस भूमि को बचाने के लिए सही एवं वास्तविक तथ्यों के साथ माननीय उच्च न्यायालय में पुनः अपील कब की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) वर्तमान राजस्व अभिलेख में ग्राम खजराना की सर्वे 543/2 रकबा 0.103 हेक्टेयर भूमि म.प्र.शासन शहरी सीलिंग मद में दर्ज होकर मौके पर बहुमंजिला इमारत बनी हुई है। तहसीलदार न्यायालय में संधारित कार्यलयीन रिकार्ड अनुसार सर्वे नंबर 543/2 की भूमि पर बहुमंजिला इमारत निर्माण की रिर्पोट पर अतिक्रमण का प्रकरण दर्ज होकर दिनाँक 28.12.2014 को अतिक्रामक के विरूद्ध बेदखली का निर्णय किया गया है जिसके विरूद्ध अतिक्रामक द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जूनी इन्दौर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई भी जो दिनाँक 15.09.2015 को निरस्त की गई। उक्त आदेश के विरूद्ध अपीलान्ट द्वारा द्वितीय अपील अपर आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर के समक्ष प्रस्तुत की गई थी जो भी दिनाँक 12.04.2017 निरस्त कर दी गई थी किन्तु अनावेदक अतिक्रामक द्वारा अपर आयुक्त के आदेश दिनाँक 12.04.2017 के विरूद्ध माननीय राजस्व मण्डल के समक्ष रिवीजन याचिका प्रस्तुत की गई जिसमें राजस्व मण्डल द्वारा आदेश दिनाँक 21.05.2019 द्वारा अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों के आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। (ख) राजस्व मण्डल के निर्णय के विरूद्ध शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष विधिवत अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत उपरांत रिट याचिका क्रमांक 24820/2019 दायर की गई जिसमें दिनाँक 09.01.2020 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शासन के विरूद्ध निर्णय देते हुए याचिका खारिज की गई है तथा प्रति प्रार्थी द्वारा दायर याचिका क्रमांक 23375/19 स्वीकार की गई और शासन को राजस्व मण्डल के निर्णय दिनाँक 21.05.2019 का शीघ्र क्रियान्वयन किये जाने के निर्देश दिए गए। माननीय उच्च न्यायालय एवं राजस्व मण्डल ग्वालियर में शासन का पक्ष कमजोर तरीके से नहीं रखा गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की रिट याचिका क्रमांक-24820/2019 एवं प्रति प्रार्थी द्वारा दायर याचिका क्रमांक 23375/2019 में संयुक्त रूप से पारित आदेश दिनाँक 09.01.2020 के विरूद्ध पुन: अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत दिनाँक 01.02.2020 को प्राप्त किया गया है। जिसके अनुरूप माननीय उच्च न्यायालय के उपरोक्त आदेश दिनाँक 09.01.2020 के विरूद्ध नियत समयावधि में रिट अपील प्रस्तुत की जाने की कार्यवाही की जा रही है।
जनजातीय सांस्कृतिक केन्द्र निर्माण
[संस्कृति]
14. ( क्र. 290 ) श्री संजय उइके : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को वित्तीय वर्ष 2018-19 में विशेष पिछड़ी जनजातीय सांस्कृतिक केन्द्रों की स्थापना शिवपुरी (सहरिया) बालाघाट (बैगा) भवन निर्माण हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग से राशि आवंटित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? स्वीकृत राशि के विरूद्ध शिवपुरी एवं बालाघाट जिले में किस स्थान पर भवन निर्माण प्रारम्भ किया गया है? (ग) यदि स्वीकृत निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है तो कारण बातएं। कब तक भवन निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता.
पुनर्स्थापन व पुनर्वास नीति का पालन
[राजस्व]
15. ( क्र. 310 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 82 दिनाँक 20.12.2019 अनुसार शासन पावर कोल ब्लाक से 237, एस्सार पावर लि. से 751, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया विन्ध्यनगर से 234, एन.टी.पी.सी. विन्ध्यनगर बलियरी से 400, हिण्डाल्को पावर प्लांट बरगवां से 2059 किसान प्रभावित हुए, इन प्रभावित किसानों के परिजनों को राष्ट्रीय पुनर्वास व पुर्नस्थापन नीति 2002 व 2007 एवं अन्य नवीन नियमों अनुसार किन-किन को नौकरी, भत्ता, मकान, पेंशन व अन्य सुविधायें नीति अनुसार प्रदान की गई विवरण नाम व पते सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही न करने के लिये किन-किन को जिम्मेदार मानते हुये कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं प्रश्नांश (क) अनुसार प्रभावित किसानों के परिजनों को राष्ट्रीय पुनर्वास नीति अनुसार सुविधायें प्रदान नहीं की गई तो इनको कब तक नौकरी एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध करावाएंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 82 दिनाँक 20.12.2019 अनुसार जिला सिंगरौली में संचालित सासन पावर कोल ब्लॉक से 237, एस्सार पावर लि. से 751, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया विंध्यनगर से 234, एन.टी.पी.सी. विंध्यनगर बलियरी से 400, हिण्डाल्को पावर प्लांट बरगवां से 2059 किसान प्रभावित हुए, इन प्रभावित किसानों के परिजनों को राष्ट्रीय पुनर्वास व पुर्नस्थापन नीति 2002 व 2007 के तहत दी जाने वाली सुविधाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विस्थापित पात्र हितग्राहियों को पुनर्वास सुविधा प्रदान की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( क्र. 311 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्र. 568, दिनाँक 19.12.2019 के उत्तर में अनुसूचित जाति/जनजाति सीमा से बाहर है का उत्तर दिया गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो सिंगरौली, रीवा व सीधी जिले के जनपद पंचायतों में निवासरत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों में से कितने परिवारों को विभिन्न जनपदों के द्वारा खाद्य पर्चियाँ जारी की गई वर्तमान में इन जनपद पंचायतों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कुल कितने परिवार निवासरत हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने परिवार हैं, जिनका B.P.L. में नाम दर्ज होने के कारण खाद्यान्न पर्चियाँ जारी की गई एवं कितनी पर्चियाँ जातिगत आधारों पर जारी की गई थी? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वर्ष 2019-2020 के दौरान प्रश्नांश (क) के जिलों में बगैर अंगूठे व पोर्टल पर कार्यवाही न कर खाद्यान्न वितरण किये गये? यदि हाँ, तो इस तरह के मशीनें में बगैर अंगूठे लगाए सीधे वितरित करने बाबत् निर्देश किनके द्वारा दिये गये एवं इस तरह के वितरण किन जिलों एवं किन दुकानों से किये गये? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को किन आधारों पर सीमा से बाहर बताया गया एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों को खाद्य पर्चियाँ जारी नहीं की गई तो क्यों? इनको कब तक जारी करायेंगे बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों में हुये कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 327 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्रं में विभिन्न मदों के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम की ग्राम पंचायतों में हैण्डपंपों का खनन, किस-किस नाम की शासकीय एजेंसी या निजी एजेंसी के द्वारा कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त हैण्डपंपों में से किस-किस स्थान पर, किस नाम की ग्राम पंचायतों में हैण्डपंपों में मोटर लगाये गये? उक्त सभी कार्यों का कार्यादेश किस-किस नाम से अधिकारियों ने जारी किया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समयानुसार जब हैण्डपंपों की जगह मोटर डाली गई तो उन सभी हैण्डपंपों से जो भी सामग्री निकली वह प्रश्नतिथि तक किस नाम से कितनी संख्या, मात्रा में थी? क्या उसकी सूची बनाई गई थी? सूची ग्राम पंचायत के नामवार स्थलवार दें? उक्त सामग्री प्रश्नतिथि तक कहाँ है? जानकारी दें। क्या प्रश्नतिथि तक प्रश्नांश (ख) में लगाई सभी मोटरें चल रही है? या बंद हैं। खराब पड़ी है। ग्राम पंचायतवार/स्थलवार/सूची दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधी में खनित उक्त हैण्डपंपों में प्रश्न तिथि तक मोटर पंप नहीं लगाये गये है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परिवहन उप निरीक्षक पर नियुक्ति की जानकारी
[परिवहन]
18. ( क्र. 330 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, परिवहन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के क्रमांक/एफ-1-42-97/आठ भोपाल दिनाँक 07.04.1998 या अन्य पत्र क्रमांकों एवं दिनाँक से परिवहन आयुक्त, म.प्र. ग्वालियर को पत्र लिखकर (या आदेश जारी कर) श्री मोहम्मद अलीम खान, निम्न श्रेणी लिपिक (या सहायक ग्रेड-3) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल को परिवहन विभाग में परिवहन उप निरीक्षक के पद पर, विशेष प्रकरण मानकर निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमों को शिथिल कर नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी हुये? जारी पत्र या आदेश की प्रति प्रमुख सचिव परिवहन के काउण्टर हस्ताक्षरों से उपलब्ध करायें यह आदेश सत्य हैं या कूट रचित? (ख) क्या कार्यालय परिवहन आयुक्त म.प्र. ग्वालियर ने पत्र क्रमांक/प्रवर्तन/टीसी/98 ग्वालियर दिनाँक 18.05.1998 या अन्य आदेश क्रमांकों या दिनांकों से आदेश जारी कर प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्ति को परिवहन उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किये? जारी नियुक्ति आदेश की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति की परिवहन विभाग में चयन एवं प्रथम पदस्थापना किस दिनाँक को, किस पद पर, किन-किन शैक्षणिक योग्यता के आधार पर, किस कार्यालय में, किस माध्यम से हुई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित जारी पत्र (आदेश) ओरिजनल है या फर्जी?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
चार्टेड बस सेवा में लगेज/सामान भेजना
[परिवहन]
19. ( क्र. 375 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चार्टेड बस सेवा सर्विस में लगेज/सामान भेजने हेतु शासन से एजेंसियों को स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो चार्टेड बस सेवा सर्विस में लगेज/सामान भेजने की क्या दरें निर्धरित की गई है? कितनी मात्रा/वजन/संख्या के मापदंड निर्धारित है क्या बुकिंग किये गये लगेज/सामान की जाँच संबंधी उपकरण बुकिंग सेन्टर पर मौजूद है? (ग) क्या लगेज/सामान की निर्धारित दर की बुकिंग सेन्टर पर उल्लेख किये जाने का प्रावधान है? यदि, हाँ तो सभी चार्टेड बस सेवा सर्विस बुकिंग काउंटर पर इस का पालन किया जा रहा है? (घ) यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा एवं उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली किये जाने के लिए कौन उत्तरदायी है? विभाग इस संबंध में कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
परिवहन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) चार्टड बस सेवा सर्विस को लगेज/सामान भेजने हेतु पृथक से कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है, किन्तु मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 एवं 80 में मंजिली गाड़ी पर माल का परिवहन किये जाने का प्रावधान है। (ख) चार्टड बस सेवा सर्विस में लगेज/सामान भेजने की दरें शासन द्वारा निर्धारित नहीं है, मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 के उपनियम 6 में मात्रा/वजन/संख्या के मापदण्ड निर्धारित है। बुकिंग सेंटर पर जाँच संबंधी उपकरण का प्रावधान नियम में नहीं है। (ग) एवं (घ) म.प्र. मोटरयान नियम 1994 में लगेज/सामान की दरें निर्धारित करने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में संचालित अहाता
[वाणिज्यिक कर]
20. ( क्र. 376 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अहाता संचालित करने हेतु शासन से स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब से/किस दर से? (ख) सागर जिलें में पूर्व में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में संचालित अहातों की कुल संख्या एवं संचालित अहातों के नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) सागर जिलें में वर्तमान में कितने देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अहाता संचालित/स्वीकृति प्रदान की गई है? नाम, स्थान एवं स्वीकृति दर सहित जानकारी देवें। (घ) क्या पूर्व में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में संचालित अहातों ने यदि अहाता खोलने की स्वीकृति नहीं ली हैं तो क्या शासन ने इन अवैध अहातों की जाँच कराई है? वीडियोग्राफी की कार्यवाही की है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 454 दिनाँक 14.11.2019 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार ऑफ श्रेणी की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों को नियमानुसार पात्रता होने पर। दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन नीति अनुसार पूर्व वर्ष 2018-19 में सागर जिले के अंतर्गत कोई अहाता/शॉप बार लायसेंस स्वीकृत नहीं किये गये है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2019-20 में दिनाँक 14.11.2019 के पश्चात् ऑफ श्रेणी की देशी मदिरा दुकान बण्डा एवं ऑफ श्रेणी की विदेशी मदिरा दुकान मकरौनियां, कटरा एवं बड़ा बाजार में शॉप बार का वार्षिक मूल्य रूपये 19,54,045/- के अग्रिम भुगतान पर अहाता/शॉप बार लायसेंस की स्वीकृति प्रदान की गई। (घ) पूर्व में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में अवैध अहाता संचालन होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतएव प्रश्न अनुसार जाँच एवं वीडियोग्राफी नहीं कराई गई है।
अंडे व अन्य शाकाहारी पदार्थों का तुलनात्मक पत्रक
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 429 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की आंगनवाड़ियों में बच्चों को कुपोषण से दूर करने ''अंडे'' देने हेतु योजना बनाई गई है? (ख) अंडे में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में होते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कुपोषण को दूर करने के लिए क्या शाकाहारी पदार्थों यथा मूंगफली, गुड़, सोयाबीन बड़ी, चने भी दी जा सकती है? यदि हाँ, तो इनमें और अंडे के पोषक तत्वों एवं कीमत का तुलनात्मक पत्रक उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रदेश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शाकाहारी होने एवं शाकाहार के प्रबल समर्थक महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष में आंगनवाड़ी में अंडों को खिलाये जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) अण्डे में सम्मिलित पोषक तत्वों के नाम एवं पाई जाने वाली मात्रा से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को कुपोषण से दूर रखने हेतु प्रस्तावित योजना में जो बच्चे, महिलाए अण्डे का उपयोग नहीं करेंगे उन्हें अण्डे के स्थान पर शाकाहारी पदार्थ फल, दूध, अन्य पौष्टिक आहार दिया जाना प्रस्तावित है। अण्डे एवं अन्य शाकाहारी पदार्थों यथा मूंगफली, गुड़, सोयाबीन बड़ी, चने का तुलनात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। अण्डा तथा अन्य पौष्टिक सामग्री पर प्रति हितग्राही प्रतिदिन 5/- रूपये अनुमानित रूप से व्यय किया जाना प्रस्तावित है। (घ) प्रदेश में बच्चों में कुपोषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों एवं महिलाओं को अण्डा वितरण संबंधी प्रस्ताव प्रस्तावित है जिसमें शाकाहारी भोजन लेने वाले बच्चों एवं महिलाओं को अण्डे के स्थान पर समतुल्य राशि के फल, दूध, अन्य पौष्टिक आहार दिया जाना प्रस्तावित है वर्तमान में अंतिम निर्णय नहीं होने से पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से वंचित किसान
[राजस्व]
22. ( क्र. 449 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में किसान सम्मान निधि के अब तक कुल कितने पात्र किसान हैं तथा उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का भुगतान किया जा चुका है? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) क्या योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के कारण सैकड़ों किसान योजना में लाभान्वित होने से वंचित रह गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या जिला स्तर पर योजना के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन करने तथा पात्र सभी किसानों को सम्मान निधि प्राप्त होने के लिये बैठक/कार्यशाला का आयोजन किया गया है? मैदानी स्तर पर कौन कर्मचारी जिम्मेदार है? (घ) क्या प्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना के पंजीयन में कृषि तथा राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त प्रयास के अभाव के कारण लाखों किसान प्रदेश भर में वंचित हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ङ) क्या प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है? यदि हाँ, तो प्रत्येक किसान को लाभ देने के लिये क्या शासन स्तर से कोई कार्ययोजना जिला स्तर पर बनाकर भेजी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) खण्डवा जिले में किसान सम्मान निधि के दिनाँक 05.03.2020 तक कुल 138339 पात्र परिवार हैं। इनमें से 104400 परिवारों को पहली किश्त, 86081 परिवारों को दूसरी किश्त तथा 66755 परिवारों को तीसरी किश्त का भुगतान किया जा चुका है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) जी हाँ। प्रेत्यक किसान को लाभ देने के लिये शासन स्तर से समय-समय पर परिपत्र जारी किये गये है। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
बाढ़ पीड़ितों को गेहूँ का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
23. ( क्र. 453 ) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अगस्त, सितम्बर
2019 में
बाढ़ पीड़ित के
लिए माननीय
मुख्यमंत्री
जी ने 50-50
किलो गेहूँ
देने की जो
घोषणा की थी, क्या
सभी बाढ़ पीड़ित
परिवारों को
सितम्बर माह
से 50-50
किलो गेहूँ
दिया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
कहाँ-कहाँ पर
कितना-कितना? मंदसौर
जिले की
जानकारी माहवार
देवें?
(ख)
मंदसौर
बाढ़ पीड़ित
परिवारों को
मा.मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
के अनुरूप 50-50 किलो गेहूँ
प्राप्त हो इस
हेतु जिला
प्रशासन एवं
खाद्य विभाग
की कब-कब बैठक
आयोजित की गयी, इसमें
क्या निर्णय
लिए गये?
पीड़ित
परिवारों को गेहूँ
नहीं मिलने के
क्या कारण रहे
कौन-कौन
अधिकारी
इसमें दोषी
हैं? उनके
खिलाफ क्या
कार्यवाही की
गयी? की
गई कार्यवाही
से अवगत कराये।
(ग) मंदसौर
बाढ़ पीड़ित
परिवारों के
लिए कब-कब
कितना गेहूँ
का आवंटन
विभाग को प्राप्त
हुआ? कब
तक
मुख्यमंत्री
जी घोषणा के
अनुरूप 50-50
किलो गेहूँ
पीड़ित
परिवारों को
प्रदान कर
दिया जावेगा?
खाद्य
मंत्री ( डॉ.गोविन्द
सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
अचल संपत्तियों के विक्रय पत्रों का पंजीयन एवं नामान्तरण
[वाणिज्यिक कर]
24. ( क्र. 490 ) श्री राकेश गिरि : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला स्थित मुख्यालय उपपंजीयक कार्यालय में प्रश्न दिनाँक से पाँच वर्ष पूर्व तक अचल संपत्तियों के कितने दस्तावेज पंजीकृत हुए,? (ख) क्या अचल संपत्तियों के विक्रय पत्रों/विक्रय के करारों के पंजीयन उपरान्त ऐसे संव्यवहारों की सूचना, संबंधित तहसीलदार एवं स्थानीय निकाय जहाँ संपत्ति अवस्थित है, को भेजे जाने का नियम है? यदि हाँ, तो नियमों/विधि/विधियों का नाम बतायें और क्या इन नियमों के तहत टीकमगढ़ के मुख्यालय उपपंजीयक द्वारा तहसीलदार और विभिन्न स्थानीय निकायों को क्या सूचनाएं भेजी गई। यदि सूचनायें नहीं भेजी गई तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार पंजीकृत विक्रय पत्रों की संख्या के अनुपात में राजस्व विभाग में कितनी संपत्तियों के नामान्तरण किये गये है? नामान्तरण विहीन शेष संपत्तियों के नामान्तरण न करने के क्या कारण है? शेष संपत्तियो के नामान्तरण कब तक होंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) समय पर नामान्तरण न होने से कितनी संपत्तियाँ कई व्यक्तियों को विक्रय होने के कारण विवादित है? संपत्ति विक्रय के उपरान्त स्वतः नामान्तरण की व्यवस्था हेतु शासन क्या प्रबंध कर रहा है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मुख्यालय उप पंजीयक कार्यालय टीकमगढ़ में प्रश्न दिनाँक से पाँच वर्ष पूर्व अचल संपत्तियों के 17198 दस्तावेज पंजीबद्ध हुए (ख) भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 कार्यपालिक अनुदेश की कंडिका क्रमांक 187 अधिकार अभिलेख व भू-राजस्व संहिता की धारा 112 के अंतर्गत जब कोई ऐसी दस्तावेज जिसके द्वारा किसी ऐसी कृषि भूमि जो कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग में लाई जाती है या जिसके संबंध में क्षेत्र पुस्तक तैयार की जा चुकी है, के संबंध में कोई हक या उस पर कोई हक या उस पर कोई भार सृजित किया जाना, समुनेदिशत किया जाना, निर्वाचित किया जाना, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 (1908 का संख्यांक 16) के अधीन पंजीकृत की जाती है तो पंजीयन अधिकारी द्वारा उस क्षेत्र जिसमें कि वह भूमि स्थित है अधिकारिता रखने वाले तहसीलदार को सूचना परिशिष्ट ''घ'' के प्रारूप 11 में प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में भेजे जाने का नियम है। मुख्यालय उप पंजीयक टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक 95/उ.पं./दिनाँक 07.09.2017 से 01.04.2015 से दिनाँक 31.07.2017, पत्र क्रमांक 16/उ.पं./दिनाँक 06.06.2018 से माह अक्टूबर 2017 से दिसम्बर 2017, पत्र क्रमांक 76/उ.पं./दिनाँक 22.06.2018 माह जनवरी 2018 से मई 2018 की जानकारी तहसीलदार टीकमगढ़ को प्रेषित की गई। मार्च 2018 से विभाग में संपदा पोर्टल से राजस्व विभाग के आर.सी.एम.एस. पोर्टल में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) संपदा पोर्टल से आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर जिले के तहसीदार/नायब तहसीलदारों के न्यायालयों में नामान्तरण हेतु कुल 5657 पंजीकृत विक्रय पत्रों के नामांतरण प्राप्त हुए। जिनके विरूद्ध 3572 नामांतरण स्वीकृत किये जा चुके है तथा 2085 प्रकरण प्रचलित है। लंबित नामांतरण प्रकरणों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 के तहत नियमानुसार निराकरण किया जाता है। (घ) नामांतरण न होने से किसी संपत्ति के कई व्यक्तियों को विक्रय होने संबंधी विवाद का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।
बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर के आयोजन की पुर्नस्थापना
[संस्कृति]
25. ( क्र. 491 ) श्री राकेश गिरि : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र एवं पर्यटन स्थल कुण्डेश्वर में विगत तीन बर्षों 2016-17 एवं 2018 में महाशिवरात्रि के पर्व पर तीन दिवसीय बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर का आयोजन विभाग द्वारा कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2019 एवं 2020 में महाशिवरात्रि के अवसर पर बसंत महोत्सव विभाग द्वारा क्यों नहीं कराया गया है? विभाग द्वारा जिले में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक विरासत के इकलौते बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर को उपेक्षित कर किन कारणों से बन्द किया गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार व दोषी है? (ग) भविष्य में बसंत महोत्सव कुण्डेश्वर में यथा समय अनवरत रूप से आयोजित किये जाने के लिए शासन की क्या योजना है? कृपया अवगत करायें? (घ) क्या वर्ष 2020-21 में बसंत महोत्सव शिवधाम कुण्डेश्वर में आयोजित किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं. केवल वर्ष 2018 में संचालनालय के लिए अनुषंग अकादमी उस्ताद अलाउद्दीन खॉ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा 11 से 13 फरवरी तक टीकमगढ़ स्थित कुण्डेश्वर में बसन्त महोत्सव का आयोजन सम्पन्न किया गया है. (ख) यह विभाग की नियमित गतिविधि नहीं है. शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता. (ग) यह विभाग की नियमित गतिविधि नहीं है. इसलिए ऐसी कोई योजना संचालनालय में विचाराधीन नहीं है. शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है. (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता.
बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
26. ( क्र. 518 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुंदेलखण्ड क्षेत्र के संभागीय मुख्यालय सागर में बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं जैसे कार्डियोलॉजी, कार्डियोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, गेस्ट्रोलॉजी, गेस्ट्रोसर्जरी, यूरोलॉजी, यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी एवं ऑन्कोलोजी आदि सुविधायें मुहैया कराये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के सक्षम विचाराधीन है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनाँक तक इसकी क्या प्रगति हुई? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन चिकित्सा जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए बुंदेलखण्ड के संभागीय मुख्यालय सागर के एक मात्र बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी सुविधायें शीघ्र उपलब्ध करायेगा तथा कब तक? (ग) क्या मरीजों को रेडियोथैरेपी (लीनियर एक्सीलेटर) की सुविधा नहीं मिल रही है? यदि हाँ, तो यह सुविधा कब तक शुरू करा दी जायेगी? (घ) क्या शासन बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में बी.पी.टी (बेचलर एण्ड फिजियोथैरेपी) की सुविधा उपलब्ध करायेगा तथा कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कब्जों को विभाग द्वारा विशेष संरक्षण
[राजस्व]
27. ( क्र. 553 ) श्री
रामकिशोर
कावरे : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
बालाघाट जिले
के अंतर्गत
वारासिवनी तहसील
के ग्राम
कोस्ते में
अवैध कब्जों
को हटाने की
कार्यवाही की
गई, यदि
हाँ, तो
कितने लोगों
के कब्जे
हटाये गये? (ख) क्या
वर्तमान में
कुछ लोगों को
विभाग द्वारा विशेष
संरक्षण देकर
अवैध कब्जों
को नहीं हटाया
गया, जिस
संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा
कलेक्टर
बालाघाट को
पत्र क्रमांक 62 दिनाँक 11.01.2020 एवं 117 दिनाँक 27.01.2020 के
माध्यम से
सम्पूर्ण
प्रकरण की
जाँच हेतु लेख
किया गया
किन्तु आज दिनाँक
तक कलेक्टर
बालाघाट
द्वारा कोई
स्पष्ट उत्तर
जवाब नहीं
दिया गया? उक्त
जानकारी
प्रश्नकर्ता
को कब तक
प्रदान की
जावेगी?
(ग)
क्या
जिन
अधिकारियों
द्वारा अवैध
कब्जों को
नहीं हटाकर
विशेष संरक्षण
दिया गया उन
अधिकारियों
के विरूद्ध
विभाग क्या
कोई
कार्यवाही
करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व
मंत्री ( श्री जीतू
पटवारी ) : (क) बालाघाट
जिले के तहसील
वारासिवनी के
अन्तर्गत
ग्राम कोस्ते
के 13
अतिक्रमणकर्ताओ
के विरूद्ध
तहसील न्यायालय
वारासिवनी मे
प्रकरण
प्रचलित है
जिसमे विधिवत
सुनवाई की
जाकर
अतिक्रमणकर्ताओं
के विरूद्ध
बेदखली की
कार्यवाही
जारी है। (ख) जी
नहीं। प्रश्नकर्ता
के कलेक्टर
बालाघाट को
प्राप्त
पत्र के
अनुक्रम में
जाँच दल गठित
किया जाकर
विधिवत जाँच
उपरान्त
अवगत कराया
जावेगा। (ग) जाँच
वस्तुस्थिति
के आधार पर
यथोचित कार्यवाही
की जायेगी।
सामाजिक संस्थाओं से कर वसूली
[वाणिज्यिक कर]
28. ( क्र. 571 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुल्क प्राप्त कर सेवायें देने वाली सामाजिक संस्थाओं से जी.एस.टी. शुल्क की वसूली के क्या नियम/निर्देश लागू हैं और क्या सार्वजनिक शौचालयों का संचालन करने वाली सुलभ इंटरनेशनल संस्था जी.एस.टी. के दायरे में आती हैं तथा तो किस नियम के तहत और सुलभ संस्था को कितने प्रतिशत जी.एस.टी. देना होता है एवं क्यों? जबकि सुलभ संस्था द्वारा शौचालयों का उपयोग करने वाले नागरिकों से सेवा के बदले में शुल्क की वसूली की जाती हैं। (ख) क्या कार्यालय सहायक आयुक्त सी.जी.एस.टी. एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क प्रभाग भोपाल-1, के पत्र क्रमांक-iv (16) 11-25/CGST/BPL-1/RTI/Report/2018/1152, दिनाँक 22/05/2019 से -''जी.एस.टी. से पहले की अवधि के लिए सुलभ इंटरनेशनल सोशल सिक्योरिटी ओर्गेनाईजेशन के खिलाफ जाँच चलने और जाँच पूर्ण होने के बाद ही जी.एस.टी. से संबंधित पूछताछ/जाँच की जायेंगी'' की जानकारी सूचना का अधिकार के तहत प्रदान की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत सुलभ संस्था पर प्रचलित जाँच किस विषय पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब से की जा रही हैं और इस जाँच को कब तक पूर्ण किया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) परिप्रेक्ष्य में, सुलभ इंटरनेशनल संस्था द्वारा नगरीय क्षेत्रों में संचालित सार्वजनिक शौचालयों को शासन/नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में मुफ्त में विद्युत और जल क्यों दिया जाता था और क्या इस पर रोक के पश्चात् भी वर्तमान में पुन: कई नगरीय क्षेत्रों में मुफ्त में विद्युत और जल दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम और किन आदेशों से और क्या इस विसंगति पर कोई जाँच एवं कार्यवाही कर राशि एवं कर की वसूली की जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के अध्यधीन जारी अधिसूचना क्रमांक एफ ए-3-42/2017/1/पाँच (53) दिनाँक 30.06.2017 के तहत लोक सुविधाओं हेतु उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ जैसे कि स्नानागार, वॉश रूम, शौच घर, मूत्रालय या शौचालयों के उपबंध को जी.एस.टी. से मुक्त रखा गया है। (ख) सी.जी.एस.टी. एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। सी.जी.एस.टी. एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क भोपाल संभाग-1 द्वारा विभाग को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार सुलभ इन्टरनेशनल पर संस्थापित कार्यवाही सर्विस टैक्स से संबंधित है, जो दिनाँक 30.06.2017 के पूर्व की है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग केन्द्र सरकार के अधीनस्थ कार्यालय होने से प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है। (घ) आयुक्त, वाणिज्यिक कर द्वारा संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल से प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार वर्ष 1983 से अनुबंध के आधार पर सुलभ इन्टरनेशनल के सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया जिसमें जल एवं विद्युत मुफ्त देने का उद्देश्य, संचालन एवं साधारण लागत कम करना था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
नक्शा विहीन नगर एवं ग्रामों की जानकारी
[राजस्व]
29. ( क्र. 583 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम/नगर के नक्शा उपलब्ध नहीं है एवं कितने ग्रामो के नक्शे जीर्णशीर्ण अवस्था में है? उन नक्शा विहीन ग्राम एवं जीर्णशीर्ण नक्शों के ग्रामों की संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित नक्शा विहीन जीर्णशीर्ण नक्शों को कब तक उपलब्ध करा दिए जाएंगे? (ग) क्या ग्राम नगर में भूमि की खरीद फरोख्त एवं सीमांकन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस आधार पर अवगत करावे?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) कोई भी ग्राम नक्शा विहीन नहीं है एवं 38 ग्रामों के नक्शे जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त ग्रामों के नक्शों की दुरूस्ती का कार्य प्रचलित है। (ग) ग्राम, नगर में भूमि की खरीद फरोख्त की जा रही है। जीर्णशीर्ण नक्शा वाले ग्रामों के अंशभाग को छोड़कर शेष भागों एवं अन्य ग्रामों/नगर का सीमांकन किया जा रहा है। उपलब्ध नक्शा के आधार पर सीमांकन किया जा रहा है।
वीनस नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
30. ( क्र. 585 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वीनस नर्सिंग एण्डं पैरामेडिकल कालेज भोपाल में कब से तथा किस नाम से संचालित है रजिस्ट्रेशन नम्बर सहित जानकारी देवे? (ख) . उक्त कालेज क्या किराये के भवन अथवा शादी हाल में संचालित है? क्या मान्यता देने के पूर्व कमेटी द्वारा जाँच की गयी है, यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करे एवं दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) वर्तमान में कुल कितने छात्र-छात्रायें एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी./सामान्य वर्ग के अध्ययनरत है तथा छात्रों के बैंक खातो में स्कालरशीप दी गई अथवा संस्था के खाते में। (घ) क्या उक्त कालेज में वर्तमान में प्रयोगशाला/खेल मैदान/स्टाफरूम एवं एक्ट के अनुसार सुविधा उपलब्ध है यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उपरोक्त अनियमितता के कारण कब तक उक्त संस्थान को बंद अथवा मान्यता रद्द करने की कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) वीनस पैरामेडिकल कॉलेज वर्ष 2017-18 से, वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस, नाम से संचालित है तथा वीनस नर्सिंग कॉलेज वर्ष 2018 से, वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग, नाम से संचालित है। उक्त दोनों संस्थाओं के समिति का रजिस्ट्रेशन नंबर 8680। (ख) जी हाँ। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस किराए के भवन में संचालित है। पैरामेडिकल कौंसिल के नियमानुसार मान्यता प्रदान किये जाने के पूर्व कमेटी द्वारा जाँच की गई है। जाँच की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग, किराए के भवन में संचालित है। मध्यप्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के तहत मान्यता देने से पूर्व में जाँच किया जाने का वर्तमान में प्रावधान नहीं है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छात्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार। स्कॉलरशिप छात्रों के बैंक खाते में दी गई। (घ) जी हाँ। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस में प्रयोगशाला/खेल मैदान/स्टॉफ रूम की सुविधा उपलब्ध है। वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग में उक्त सुविधा नहीं है, नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) वीनस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइन्सेस नर्सिंग की जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
मुआवजा एवं बीमा राशि का भुगतान
[राजस्व]
31. ( क्र. 587 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 व 2019-20 में अत्यधिक वर्षा, अफलन, ईल्ली प्रकोप आदि से कितने किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं वर्षवार, तहसीलवार विवरण दें। (ख) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कितने किसानों की सिंचित/असिंचित फसल खराब की कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? शासन द्वारा किसानों को प्रति हेक्टेयर कितनी राशि मुआवजे के रूप में दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ग) शासन के आदेश के तहत पात्र कितने किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है? तहसीलवार कृषकों की संख्या, मुआवजा राशि विवरण सहित दें। कितने कृषकों को मुआवजा राशि प्रदान करना शेष है? शेष रहने का क्या कारण हैं? तहसीलवार विवरण दें। भुगतान से वंचित किसानों को कब तक भुगतान कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में अत्याधिक वर्षा, अफलन, ईल्ली प्रकोप आदि से किसानों की फसलें नष्ट नहीं हुई वर्ष 2019-20 में अत्याधिक वर्षा व बाढ़ से कुल 46893 किसानों की फसलें प्रभावित हुई थी। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' अनुसार है। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में अत्याधिक वर्षा व बाढ़ से प्रभावित कुल 46,893 किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत कुल राशि रूपये 95,79,35,222/- (रूपये पिच्यानवे करोड़ उन्यासी लाख पैंतीस हजार दौ सौ बाईस मात्र) स्वीकृत की गई है। शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत निर्धारित मापदण्डों में प्रति हेक्टेयर राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''ब'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2019-20 में नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में आज दिनाँक तक अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित कुल 41966 कृषकों को राहत राशि का भुगतान किया गया है। कुल 4927 कृषकों को राहत राशि प्रदान करना शेष है। तहसीलवार कृषकों की संख्या मुआवजा राशि का विवरण एवं शेष कृषकों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''स'' अनुसार है। तत्समय बजट उपलब्ध नहीं होने से शेष कृषकों का भुगतान नहीं किया गया था वर्तमान में 25 % राशि वितरण हेतु राशि उपलब्ध है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश के हर गांव व घर तक नल द्वारा पेयजल सप्लाई
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 638 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रदेश के हर गांव व घर तक नल-जल योजना द्वारा पेयजल पहुंचाने का निर्णय लिया है, यदि हाँ, तो इस हेतु मार्गदर्शिका आदि की जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संचालन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अलग से राशि भी प्रदाय की जा चुकी है, यदि हाँ, तो राशि की जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्न प्रस्तुत दिनाँक तक विभाग द्वारा योजना संचालन हेतु क्या-क्या गतिविधियां/कार्यक्रम आदि संचालित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, मार्गदर्शिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ वर्ष 2019-20 में रुपये 571.60 करोड़। (ग) जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक गतिविधि/कार्यक्रम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे हैं।
राहत राशि का भुगतान
[राजस्व]
33. ( क्र. 714 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जून 2019 से प्रश्न तिथि तक में बाढ़, अतिवृष्टि से सिवनी जिले के कितने किसानों का नुकसान हुआ? तहसीलवार संख्या बतायें। उनको किस-किस योजना में कितनी राहत राशि का भुगतान हुआ? यदि नहीं, तो कारण बताएं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में बाढ़, अतिवृष्टि, आंधी से सिवनी जिले में कितनों के मकान गिरे, कितनों के घरों में पानी भरने से सामग्री, अनाज खराब हुआ, उनको किस-किस योजना में कितनी राहत राशि का भुगतान हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में सर्पदंश, पानी में डूबने, कुआं में गिरकर मृत्यु होने के आवेदन पर राज्य सरकार की किस-किस योजना में कितने लोगों को कितनी राशि का भुगतान हुआ। कितनों को भुगतान नहीं हुआ तथा क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) 01 जून 2019 से प्रश्न तिथि तक सिवनी जिले में बाढ़ अतिवृष्टि से 3350 किसानों को नुकसान हुआ। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में अतिवृष्टि/आंधी से सिवनी जिले में 5984 मकान क्षतिग्रस्त हुये है। घरों में पानी भरने से सामग्री, अनाज क्षति की जानकारी निरंक है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत राहत राशि भुगतान की गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत आवेदित 127 पीड़ित व्यक्तियों में से 117 लोगों को राशि रूपयें 4.68 करोड़ का भुगतान किया गया है। शेष 10 लोगों को राहत राशि वितरण बजट के अभाव में नहीं किया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
प्रदेश में स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउन्सिल का गठन
[चिकित्सा शिक्षा]
34. ( क्र. 721 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में "स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउन्सिल" का गठन की प्रक्रिया विचाराधीन है यदि हाँ, तो कब तक इसका गठन कर दिया जायेगा? (ख) क्या दिनाँक 19 जुलाई 2019 को माननीय मंत्री जी ने विधानसभा में अशासकीय संकल्प के जवाब में "स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउन्सिल" का गठन को लेकर शीघ्र कमेटी बनाकर इसके स्वरूप को दिशा देकर गठन की घोषणा की थी तथा संकल्प को भी पारित किया गया था यदि हाँ, तो क्या इस हेतु कमेटी का गठन किया का चुका है इसमें कौन-कौन सदस्य है, इस कमेटी की कितनी बैठक अब तक आयोजित की गयी इसमें क्या निर्णय लिए गये, संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या यह सही है उक्त गठन को लेकर मा. मंत्री जी ने इस सम्बन्ध में अन्य प्रदेशों से भी चर्चा का आश्वासन दिया था यदि हाँ, तो विभाग ने प्रश्न दिनाँक कितने-कितने प्रदेशों से इस सम्बन्ध में चर्चा की प्रश्न दिनाँक तक लगभग 6 माह पश्चात गठन की तैयारी किस स्थिति में है समस्त जानकारी देवें। (घ) क्या विधान सभा में अशासकीय संकल्प के दौरान माननीय मंत्रीजी या आसंदी से उक्त गठन को लेकर कोई समय-सीमा निर्धारित की गयी थी यदि हाँ तो कितनी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, अपितु कार्यवाही विचाराधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ में कार्यरत फिजियोथेरेपी कौंसिल के अधिनियम का अध्ययन कर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ
[राजस्व]
35. ( क्र. 755 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना कब से लागू हुई है? योजना की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में कुल कितने किसान हैं? इसमें कितने किसानों को इस योजना का लाभ मिलने लगा और कितनों को नहीं? जिले की संख्या बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले की जतारा, लिधौरा एवं पलेरा तहसीलों में अनेकों ऐसे किसान हैं जो प्रश्न दिनाँक तक इस योजना से आज भी वंचित हैं, क्यों? ऐसे वंचित किसानों की संख्या बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इस योजना से वंचित किसानों को लाभ दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? कब तक सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिलने लगेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) दिनाँक 01.12.2018 से प्रभावशील है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर किसानों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दिनाँक 06/03/2020 की स्थिति में जिला टीकमगढ़ में हितग्राहियों की संख्या 103790 है, जिन्हें पीएम किसान पोर्टल द्वारा योजना का लाभ दिया जा रहा है। पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यवाही लगातार जारी है, अत: शेष किसानों की संख्या बताया जाना सभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किसानों को पात्रता परीक्षण अनुसार लाभ सतत् रूप से दिया जा रहा है, जिसमें शेष किसानों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पात्रता परीक्षण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यवाही लगातार जारी है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आम नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा देने के प्रावधान
[चिकित्सा शिक्षा]
36. ( क्र. 768 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग सहित प्रदेश में कितने मेडिकल कॉलेज कहाँ-कहाँ पर संचालित है? आम नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा देने को लेकर क्या प्रावधान है? (ख) क्या संबंधित मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से शासन को फर्जी उपचार का आंकड़ा प्रस्तुत किया जाता है? क्या उपचार प्राप्त व्यक्तियों की सूची प्रस्तुत की जाती है कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त सूची किस स्तर पर संधारित है? इनमें कई ऐसे मरीज जिनका फर्जी तरीके से उपचार होना या गलत नामों का आंकड़ा देना प्रमाणित हो जाने पर क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही होगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) 13 शासकीय एवं 07 प्रायवेट मेडिकल कॉलेज संचालित है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आम नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा प्रदाय करने हेतु आयुष्मान भारत योजना लागू है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। उक्त सूची लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत आयुष्मान भारत स्टेट हेल्थ एजेन्सी के ट्रांजेक्शन मैनेजमेन्ट सिस्टिम (टी.एम.एस.) के पोर्टल पर संधारित है। जी हाँ।
आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 777 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनाँक 17 जुलाई 2019 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1569 के प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में 14 बाल विकास परियोजनाओं में से मात्र 6 परियोजनाओं (उज्जैन शहर क्र. 1, 2, 3, 4, बड़नगर-1 तथा नागदा शहर ) की ही 2 वर्ष की जानकारी प्रस्तुत की गई थी? शेष 8 बाल विकास परियोजनाएँ जैसे उज्जैन-ग्रामीण, तराना, घट्टिया, महिदपुर क्र. 1 व 2, खाचरौद क्र. 1 व 2 तथा बड़नगर क्र. 2 की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 की जानकारी क्यों नहीं दी गई? विधानसभा प्रश्न की अधूरी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए लेखा शाखा के किस प्रभारी द्वारा लापरवाही की गई? (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार शेष 8 बाल विकास परियोजनाओं की जानकारी देते हुए लापरवाही करने वाले शाखा प्रभारी का नाम बतावे तथा उक्त पर क्या कार्यवाही कब तक प्रस्तावित की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। शेष 8 बाल विकास परियोजनाओं की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय महिला बाल विकास उज्जैन के स्तर पर लिपिकीय त्रुटिवश प्रश्न क्रमांक 1569 के साथ प्रस्तुत नहीं की जा सकी थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय महिला बाल विकास उज्जैन के लेखा शाखा प्रभारी श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री गुंजन मिश्रा, सहायक ग्रेड-3 की लापरवाही प्रदर्शित हुई। (ख) शेष 07 बाल विकास परियोजनाओं जिनके पूर्व विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1569 के प्रश्नांश (क) अनुरूप पत्र के साथ देयक प्राप्त हुऐ थे, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार है। शेष 01 परियोजना तराना द्वारा पत्र के साथ देयक प्रस्तुत नहीं किये थे, के व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। लेखा शाखा प्रभारी श्री सुरेश जीनवाल, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री गुंजन मिश्रा, सहायक ग्रेड-3 को कारण बताओ सूचना पत्र कलेक्टर द्वारा जारी किये जा चुके हैं। इसके साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी उज्जैन को पृथक से स्पष्टीकरण जारी किया गया है, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति
[वाणिज्यिक कर]
38. ( क्र. 779 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
वाणिज्यिक कर
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
सरकार की वर्ष
2020-21 के
लिए नई आबकारी
नीति क्या है? कौन-कौन
से नवीन
प्रावधान
उक्त नीति में
किए गए है? (ख) क्या
नई नीति में
प्रत्येक
दुकान
अंतर्गत एक उपदुकान
का भी
प्रस्ताव रखा
गया है? यदि
हाँ, तो
सरकार को
उपदुकानों से
कितना
अतिरिक्त राजस्व
प्राप्त होगा?
वाणिज्यिक
कर मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
वर्ष 2020-21 के
लिए अनुमोदित
नई आबकारी
नीति
मध्यप्रदेश राजपत्र
(असाधारण) क्रमांक
77 दिनाँक
25.02.2020 एवं
क्रमांक 84 दिनाँक 28.02.2020 पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है। उक्त
नीति में किए
गए नवीन
प्रावधान पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। अतएव
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सरकार की नवीन नजूल निर्वतन नियम 2020 नीति
[राजस्व]
39. ( क्र. 781 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राज्य
सरकार की नजूल
निर्वतन नियम 2020 नीति का
ब्यौरा क्या
है? उक्त
नीति प्रदेश
में कब से
लागू की जा
रही है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
हाऊसिंग
बोर्ड, विकास
प्राधिकरण और
नगरीय
निकायों को
जमीन लीज की
बजाय
मालिकाना हक
पर देने के
निर्णय के साथ
ही पूर्व से
निजी, धार्मिक
व सामाजिक
संस्थाओं एवं
उद्योगों को
आवंटित नजूल
भूमियों के
संबंध में
किये गये
प्रावधान
क्या हैं?
राजस्व
मंत्री ( श्री जीतू
पटवारी ) : (क) राज्य
सरकार द्वारा
नजूल निवर्तन
नियम 2020
नीति जारी
नहीं की गई है
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जबेरा विधानसभा क्षेत्र में पेयजल की समस्याएँ
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 785 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में ग्रीष्मकाल में पेयजल की समस्या के लिए विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई हैं? (ख) प्रश्न कर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग दमोह को विगत 1 वर्ष में नलकूप खनन, पाइप लाइन विस्तार, नल जल योजना व नल-जल योजनाओं के सुधार कार्य के लिए भेजे गए प्रस्ताव व पत्र के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, स्थान व कार्य का विवरण सहित बतावे? अगर नहीं की गई है तो क्यों नहीं की गई व कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नियम
विरूद्ध
नामंतरण
बटवारे तथा
अतिक्रमण के
प्रकरण
[राजस्व]
41. ( क्र. 812 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 01.8.2019 से 15.02.2020 तक की अवधि में नामंतरण बटवारे, अतिक्रमण के कितने प्रकरण, दावे प्रचलित हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार प्रचलित प्रकरणों दावों में से किस किस व्यक्ति के प्रकरण, दावें खारिज किये गये? खारिज प्रकरणों, दावों के लिये किस-किस व्यक्तियों के द्वारा आभिभाषकों के माध्यम से पुनर्विचार हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये तथा कितने प्रकरणों, दावों को दर्ज किये बगैर ही अस्वीकार कर दिये? अस्वीकार करने के कारणों से अवगत कराते हुये अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार क्या उक्त कार्यवाही नियमानुसार की गई? यदि नहीं, तो नियम के उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या दिनाँक 05.02.2020 को नगर पचोर के निजी मंदाकिनी नगर कालोनी में तहसीलदार पचोर द्वारा पक्के निर्माण कार्यों को तोड़ा गया? यदि हाँ, तो ऐसी कार्यवाही करने का इनकों अधिकार है?
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जिला राजगढ़ की विधानसभा सांरगपुर के अन्तर्गत प्रश्नांकित अवधि मे नामंतरण, बटवारे, अतिक्रमण के प्रकरणो की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
नामान्तरण |
बटवारे |
अतिक्रमण |
1 |
सांरगपुर |
1461 |
196 |
33 |
2 |
पचोर |
579 |
79 |
142 |
(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित प्रकरणों की खारिज, पुनर्विचार हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र, दावों को दर्ज किये बगैर ही अस्वीकार करने, अस्वीकार का कारण के संबंध मे जानकारी निम्नानुसार है:-
तहसील का नाम |
मद |
खारिज दावों की संख्या |
पुनर्विचार हेतु आवेदनों पर दावा प्रचलित करने की संख्या |
दावों को दर्ज किये बगैर ही अस्वीकार करने की संख्या |
अस्वीकार करने का कारण |
सांरगपुर |
नामान्तरण |
25 |
0 |
0 |
निरंक |
सांरगपुर |
बटवारा |
37 |
1 |
0 |
निरंक |
सांरगपुर |
अतिक्रमण |
0 |
0 |
0 |
निरंक |
पचोर |
नामान्तरण |
25 |
0 |
0 |
निरंक |
पचोर |
बटवारा |
19 |
0 |
0 |
निरंक |
पचोर |
अतिक्रमण |
0 |
0 |
0 |
निरंक |
खारिज प्रकरणों दावों के लिए मात्र 01 व्यक्ति गोपाल सिंह द्वारा आवेदन पुनर्विचार हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जिसे पुनः प्रकरण क्रमांक 47 दिनाँक 10.12.2019 पर दर्ज किया जाकर बटवारा स्वीकृत किया गया है एवं खारिज प्रकरणों मे से एक भी प्रकरण बिना दर्ज किए अस्वीकार नहीं किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं।
कृषकों द्वारा विक्रय की गयी धान के भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 879 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गयी हैं जिसका भुगतान कृषकों को किया जाना शेष हैं। (ख) यदि हाँ, है तो कितने कृषकों को कितने क्विंटल धान की कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष हैं तथा यह भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कृषकों द्वारा बेची गयी धान का भुगतान आज दिनाँक तक न होने का क्या कारण रहा है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या संबंधित के प्रति उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( डॉ.गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
43. ( क्र. 882 ) श्री सीताराम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में कराहल ब्लॉक व तहसील अनुसूचित जनजाति हेतु अधिसूचित क्षेत्र है एवं अधिसूचित क्षेत्र होने के बावजूद भी कराहल क्षेत्र में बाहरी लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति के लोगों की भूमि का क्रय-विक्रय हो रहा है। यह क्रय-विक्रय किस कानून के तहत तथा किस की अनुमति से हो रहा है। (ख) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के बाद किन-किन लोगों ने पुन: अतिक्रमण शासकीय भूमि पर कर लिया है। पुन: अतिक्रमण करने वाले किन-किन लोगों के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा-248 के तहत सिविल जेल भेजने की कार्यवाही की गई है, ग्रामवार व व्यक्तिवार जानकारी दी जावे। (ग) कराहल क्षेत्र में कितने व किन-किन अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भूमियों पर बहाली पर लोगों के अवैध कब्जे हैं। ग्रामवार व व्यक्तिवार जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री जीतू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, अधिसूचित क्षेत्र में बाहरी लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति के लोगों की भूमि का क्रय-विक्रय का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ख) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के बाद जिन लोगों ने पुनः अतिक्रमण किये है। उनके विरूद्ध सिविल जेल की कार्यवाही की जा रही है। ग्रामवार व व्यक्तिवार सूची संलग्न परिशिष्ट है। (ग) कराहल क्षेत्र में समय-समय पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भूमियों पर कब्जे दिलाने की कार्यवाहियों की गई है वर्तमान में ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है।
स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 897 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर में विभागान्तर्गत तीन वर्षों से कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी जिले में पदस्थी दिनाँक सहित उपलब्ध कराये? (ख) क्या उक्त जिले में विगत तीन वर्षों से अधिक अवधि से अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो एक ही जिले में तीन वर्षों से कार्यरत रहने की शासन की कोई विभागीय नीति है? यदि नहीं, तो इन अधिकारी एवं कर्मचारी किस समय-सीमा में जिले के बाहर स्थानान्तरित किया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करेæ