मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2019 सत्र
बुधवार, दिनांक 18 दिसम्बर, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नियमित
पद पर पदस्थापना
[वित्त]
1. ( *क्र. 980 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग ने वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त श्री अजय चौबे, उप सचिव को सा.प्र.वि. के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2011/3/1 दिनांक 03.09.2011 के तहत संविदा पर नियुक्त किया है? (ख) यदि हाँ, तो इसी परिपत्र के साथ संलग्न संक्षेपिका में उल्लेखित अनुसार जिस पद पर संविदा नियुक्ति दी गई है, उस पद को भरने में राज्य शासन को क्या कठिनाई है? वित्त विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में इनके विकल्प तलाशने/तैयार करने से संबंधित अभिलेख उपलब्ध करावें। (ग) क्या श्री अजय चौबे को वित्त विभाग ने निर्माण विभागों से संबंधित बजट कार्य एवं निगम संबंधित कार्य सौंपे हैं? यदि हाँ, तो श्री चौबे निर्माण कार्यों का बजट का कार्य कब से देख रहे हैं? इनके कार्यों में परिवर्तन अभी तक नहीं करने के क्या कारण हैं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री अजय चौबे को वर्ष 2015 में अपर संचालक, वित्तीय प्रबंध सूचना प्रणाली एवं पदेन उप सचिव के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई थी। श्री चौबे को नियमों के विशुद् ज्ञान एवं अनुभव एवं तत्समय फीडर कैडर में समकक्ष अधिकारियों की अनुपलब्धता के दृष्टिगत नियुक्ति प्रदान की गई थी। वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश वित्त सेवा संवर्ग के लिये स्वीकृत पदीय संरचना के युक्तियुक्तकरण पश्चात् अपर संचालक या समकक्ष स्तर के अधिकारी उपलब्ध होने से अब पद पूर्ति में कठिनाई नहीं है। (ग) वित्त विभाग अंतर्गत मूल रूप से 11 शाखायें कार्यरत हैं, जिनमें स्थापना, नियम, आर्थिक विश्लेषण इकाई एवं आठ बजट शाखायें हैं। इन बजट शाखाओं में विभिन्न विभागों एवं उनसे संबंधित निगम/ मण्डल/बोर्ड आदि से संबंधित बजटीय कार्य संपादित होते हैं। सामान्यत: एक उप सचिव को 02 शाखाओं का कार्यभार सौंपा गया है, जो उन शाखाओं के अंतर्गत आवंटित विभागों एवं उनसे संबंधित निगम/मण्डल/बोर्ड संबंधी कार्य संपादित करते हैं। श्री चौबे को वर्ष 2013 में उप सचिव बजट के रूप में नियम शाखा एवं बजट शाखा-9 का कार्य सौंपा गया है। बजट-9 के अंतर्गत कुछ निर्माण विभागों का कार्य संपादित होता है। श्री चौबे द्वारा इन शाखाओं का कार्य कुशलतापूर्वक संपादित किये जाने के परिप्रेक्ष्य में कार्य परिवर्तन की प्रशासनिक आवश्यकता महसूस नहीं किये जाने से परिवर्तन नहीं किया गया है।
मेधावी छात्रवृत्ति योजना का लाभ
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
2. ( *क्र. 279 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिये योजना सत्र 2018-19 में कितने विद्यार्थियों की राशि शुल्क के रूप में मध्यप्रदेश शासन ने वहन की है? (ख) लाभार्थियों को देय शुल्क की राशि सहित स्पष्ट जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने विद्यार्थियों का चयन उक्त अवधि में किया गया? कितने आवेदन प्राप्त हुए? उनमें कितने लाभान्वित हुए?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजनांतर्गत मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिये योजना सत्र 2018-19 में 58201 विद्यार्थियों की राशि, शुल्क के रूप में मध्यप्रदेश शासन द्वारा वहन की गई है। (ख) लाभार्थियों को देय शुल्क के रूप में राशि रू. 128,39,64,466/- मध्यप्रदेश शासन द्वारा वहन की गई है। (ग) सत्र 2018-19 में कुल 60005 आवेदन प्राप्त हुये एवं 58201 विद्यार्थी लाभान्वित हुये।
सामु. स्वा. केन्द्र सेमरिया में स्टॉफ की पदपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( *क्र. 773 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में संरचनागत स्टाफ की कमी है तथा शासन द्वारा जो पद स्वीकृत किये गये हैं, उसके हिसाब से नियुक्तियां नहीं की गईं हैं। (ख) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में दो डॉक्टरों को अटैच किया गया है एवं एक आयुष चिकित्सक की पोस्टिंग की गई है जबकि यहाँ पर मेडिकल स्पेशलिस्ट मिलाकर कुल 7 डॉक्टरों की पदस्थापना होनी चाहिये? (ग) क्या तीन फार्मासिस्ट की जगह एक है, तीन लैब/अटेण्डेंट की जगह दो, तीन वार्ड वाय की जगह एक, दो ड्रेसर की जगह एक, 6 स्टाफ नर्स की जगह 4 ही हैं? क्या पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से मरीजों का समुचित उपचार हो पाना संभव नहीं हो पाता? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में आमजन को चिकित्सकीय सुविधा प्रदाय कराने हेतु उपरोक्त समस्त पदों को स्वीकृत कर कब तक समस्त नियुक्तियां कर दी जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सेमरिया में 02 चिकित्सा अधिकारी, 01 लैब टेक्नीशियन, 01 फार्मासिस्ट (संविदा), 05 स्टाफ नर्स, 01 वार्डवाय, 01 ड्रेसर, 01 स्वीपर (अनुबंध पर) कार्यरत हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की कमी है एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति संबंधी प्रकरण लंबित होने के कारण पदोन्नति संबंधी कार्यवाही नहीं हो सकी है, जिसके कारण भर्ती नियमों में प्रावधानित अनुसार पदोन्नति के पदों की पूर्ति नहीं हो सकी है। (ख) जी हाँ। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सेमरिया में फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के 02 पद के विरूद्ध 01, वार्डवाय के 01 पद के विरूद्ध 01 ड्रेसर के 01 पद के विरूद्ध 01 तथा स्टाफ नर्स के 06 पद के विरूद्ध 05 कर्मचारी पदस्थ हैं एवं लैब अटेण्डेंट का 01 पद स्वीकृत होकर रिक्त है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सेमरिया में पदस्थ स्टाफ द्वारा जन सामान्य को यथा संभव चिकित्सा सेवायें प्रदाय की जा रही हैं। विभाग द्वारा लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्यप्रदेश के माध्यम से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर चयन उपरांत नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। साथ ही बंध-पत्र चिकित्सकों एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा आधार पर पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के अनुक्रम में समस्त नियुक्तियों की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
भोजन पकाने वाले समूहों/रसोईयों को प्रशिक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 944 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनुबंधित समूहों, महिला मंडलों द्वारा भोजन/नाश्ता वितरण किया जाता है उसमें जिस पानी से भोजन/नाश्ता वितरण किया जाता है, जिस पानी से भोजन पकाया जाता है, क्या उसकी जल प्रशिक्षण रिपोर्ट उपरांत पंजीयन खाद्य औषधि प्रशासन द्वारा पंजीकरण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसके आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या जल प्रशिक्षण खाद्य औषधि विभाग द्वारा प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन समूहों को खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के अधीन पंजीकरण किया गया है? उनके प्रमाण-पत्र के विवरण सहित समूहों के नाम, पता की जानकारी देवें। (ग) क्या भोजन पकाने वाले समूहों/रसोइयों को भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के आदेश के तहत प्रशिक्षण दिलाया गया है? यदि हाँ, तो समूहों से कितनी राशि किस संस्था द्वारा किस आदेश के तहत ली गई और प्रशिक्षण के दौरान क्या-क्या सुविधाएं/सामग्री उपलब्ध कराई गई? परीक्षणार्थियों के नाम, पता की जानकारी देवें। क्या इसमें मात्र खाना पूर्ति की गई है और शासन के रूपयों का अपव्यय हुआ है? यदि हाँ, तो क्या दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शा. चिकित्सालयों में चिकित्सकों की पदपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( *क्र. 1365 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार में नालछा, धरमपुरी और धामनोद सरकारी हास्पिटल में कितने डॉक्टर पदस्थ हैं और कितने डॉक्टरों के पद रिक्त हैं? (ख) अगर रिक्त पद हैं तो कब तक इन्हें भरा जायेगा? (ग) क्या इन हॉस्पिटलों में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं, जिसकी वजह से मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो यह कब तक उपलब्ध कराई जायेंगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं में द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के सभी पदों पर चिकित्सक पदस्थ हैं। प्रथम श्रेणी के पद रिक्त हैं, प्रथम श्रेणी के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति के पद हैं वर्ष 2016 से पदोन्नति प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति/पदपूर्ति नहीं की जा सकी। (ग) नालछा, धरमपुरी और धामनोद सरकारी हॉस्पिटल में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शास. इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
6. ( *क्र. 974 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत एकमात्र शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में संचालित होने से आवश्यकता की दृष्टि से विद्यार्थियों की सुविधा हेतु शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) के परिसर में राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना कराई जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में शासकीय इंजीनियर महाविद्यालय की स्थापना कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विद्यार्थियों की अध्ययन संबंधी सुविधाओं को देखते हुए, उक्त इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वर्तमान में कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रकरण में निर्णय विचाराधीन है। (ग) निर्णय उपरान्त कार्यवाही की जायेगी।
जिला सह. बैंक होशंगाबाद के कालातीत/माफ किए गए ऋण
[सहकारिता]
7. ( *क्र. 530 ) श्री विश्वास सारंग : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न दिनांक को जिला सहकारी बैंक होशंगाबाद का कालातीत ऋण लगभग 243 करोड़ रूपये हो गया है? यदि हाँ, तो इसमें से कृषि ऋण और अकृषि ऋण कितना-कितना है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या पिछले वर्ष 2018 तक लगभग 50 करोड़ रूपये अकृषि ऋण था जिसमें से लगभग 12 करोड़ रूपये की वसूली हो चुकी थी? शेष लगभग 38 करोड़ रूपये ऋण था? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या कालातीत किसानों का वर्ष 2009 से मार्च 2017 तक का कृषि ऋण लगभग 260 करोड़ रूपये था और पिछली सरकार ने वर्ष 2017-18 में ब्याज का लगभग 70 करोड़ रूपया माफ कर समितियों द्वारा किसानों को प्रमाण-पत्र दिये गये थे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या सरकार ने कालातीत किसानों का कर्ज और वित्तीय वर्ष 2018-19 का रेग्युलर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो क्या कर्ज माफ हो गया है? यदि हाँ, तो बैंक का वसूली योग्य ऋण प्रश्न दिनांक को कितना है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद का दिनांक 31.03.2019 की स्थिति पर कालातीत ऋण राशि रू. 34,279.82 लाख है, जिसमें से कृषि ऋण राशि रू. 24,759.57 लाख, अकृषि ऋण राशि रू. 2840.75 लाख तथा संस्थाओं की साख सीमा राशि रू. 6679.50 लाख है। (ख) जी नहीं। गत वर्ष दिनांक 31.03.2018 की स्थिति पर अकृषि ऋण राशि रू. 3298.68 लाख शेष था, जिसमें से दिनांक 31.03.2019 तक राशि रू. 74.10 लाख की वसूली होकर राशि रू. 3224.57 लाख शेष है। वर्तमान स्थिति दिनांक 29.11.2019 पर अकृषि ऋणों में राशि रू. 204.18 लाख की वसूली होकर राशि रू. 3020.39 लाख बकाया शेष है। (ग) जी नहीं। दिनांक 31.03.2017 पर कुल 30,226 कालातीत कृषक सदस्यों पर राशि रू. 3950.00 लाख कृषि ऋण शेष था। मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में 14,333 सदस्य किसानों को ब्याज माफी राशि रू. 2724.00 लाख का लाभ दिया गया। (घ) जी नहीं। जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत बैंक कार्य क्षेत्र के कुल 46,606 कृषक सदस्यों का राशि रू. 13258.34 लाख का ऋण माफ हुआ है। दिनांक 30.11.2019 पर राशि रू. 32245.32 लाख का ऋण बकाया है।
प्रदेश में स्थापित उद्योगों की संख्या
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
8. ( *क्र. 1295 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने उद्योग स्थापित हुए हैं? ब्यौरा दें एवं इन उद्योगों में कितने लोगों को रोजगार दिया गया है? (ख) क्या प्रदेश में निवेश लाने की दृष्टि से जनवरी 2019 में मान. मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ प्रदेश के अधिकारियों के साथ दावोस यात्रा पर गए थे? उक्त यात्रा के बाद प्रश्न दिनांक तक इस यात्रा के माध्यम से कितने उद्योग स्थापित हुए एवं कितना निवेश मध्यप्रदेश में आया है? (ग) इंदौर में अक्टूबर 2019 में मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश का इंदौर में आयोजन किया गया था, इस आयोजन में कितनी राशि व्यय हुई एवं इस आयोजन में कितने निवेशकों के एम.ओ.यू. निष्पादित हुए हैं? विवरण दें। एम.ओ.यू. में उद्योग धंधे लगाने की समय-सीमा क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) प्रदेश में 01 जनवरी, 2019 से माह अक्टूबर, 2019 तक कुल 25 वृह्द उद्योग स्थापित हुए हैं एवं इन उद्योगों में कुल 13740 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश में निवेश प्रोत्साहन एवं प्रदेश के संसाधनों की देश एवं विदेशों में मार्केटिंग तथा मध्यप्रदेश की ब्रांडिग एवं प्रदेश में उपलब्ध निवेश के अवसरों से निवेशकों को अवगत कराये जाने के उदे्दश्य से जनवरी 2019 में माननीय मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल द्वारा दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के वार्षिक सम्मेलन में भाग लिया गया था। माननीय मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल एवं अन्य की यात्राएं विदेश में मध्यप्रदेश ब्रांड स्थापित करने तथा उद्योग स्थापना के लिए मध्यप्रदेश राज्य को आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रचारित करने के प्रयोजन से की जाती है। इसके अंतर्गत सम्भावित निवेशकों के साथ सेमीनार तथा वन टू वन मीटिंग का आयोजन किया जाता है। प्रदेश में पूंजी निवेश आना निरंतर प्रक्रिया है, अत: किसी यात्रा विशेष के परिप्रेक्ष्य में निवेश के बारे में ठोस आंकड़े दिया जाना संभव नहीं है। (ग) मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश 2019 के आयोजन में हुये व्यय के संबंध में नेशनल पार्टनर-सीआईआई द्वारा लेखा परीक्षित विवरण प्रस्तुत किये जा रहे हैं। सीआईआई द्वारा लेखा परीक्षित विवरण प्रस्तुत किये जाने के उपरांत ही आयोजन में हुये व्यय के संबंध में विवरण दिया जा सकेगा। उक्त आयोजन में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा किसी निवेशक के साथ एमओयू निष्पादित नहीं हुये हैं।
विधायक स्वेच्छानुदान राशि का समय-सीमा में उपयोग
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
9. ( *क्र. 899 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक विधान सभा क्षेत्र क्र. 84 जयसिंहनगर द्वारा जिला योजना एवं सांख्यिकीय अधिकारी शहडोल को, वित्तीय वर्ष 2019-20 के विधायक स्वेच्छानुदान योजनांतर्गत हितग्राहियों को स्वेच्छानुदान अनुशंसित कर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव किस तिथि को प्राप्त हुआ और उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) स्वेच्छानुदान की पात्रता का मापदण्ड विवरण सहित बतायें तथा स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत करने की समय-सीमा क्या है? (ग) प्रश्नाधीन स्वेच्छानुदान की राशि हितग्राहियों को किस तिथि तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ प्रस्ताव कार्यालय में दिनांक 30.08.2019 एवं 17.10.2019 को प्राप्त हुये, जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) मापदण्ड का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वेच्छानुदान के अंतर्गत प्राप्त प्रकरण पर 07 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है। (ग) हितग्राहियों को स्वेच्छानुदान राशि का भुगतान किया जा चुका है।
बुरहानपुर जिले के चिकित्सालयों में रिक्त पदों/संसाधनों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( *क्र. 1226 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय जिला चिकित्सालय बुरहानपुर में किस-किस संवर्ग के कितने पद रिक्त हैं? सूची प्रदान करें। साथ ही बुरहानपुर जिले के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं समस्त चिकित्सालयों में कितने पद रिक्त हैं। संवर्गवार सूची प्रदान करें। (ख) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या योजना है एवं रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा क्या है? (ग) बुरहानपुर जिला चिकित्सालय में वर्तमान में कितनी एम्बुलेंस एवं शववाहिनी चालू हालत में कार्यरत हैं? क्या पर्याप्त मात्रा में एम्बुलेंस उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कब तक एवं कितनी एम्बुलेंस एवं शववाहिनी उपलब्ध कराई जायेंगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्यप्रदेश के माध्यम से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर चयन उपरांत नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। साथ ही बंध-पत्र चिकित्सकों एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा आधार पर पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) बुरहानपुर जिला चिकित्सालय में 01 शासकीय एम्बुलेंस, 06-जननी एक्सप्रेस तथा 08 एम्बुलेंस 108 योजना के तहत् उपलब्ध हैं जो चालू हालत में हैं। चिकित्सालयों में शववाहिनी की सुविधा स्थानीय प्रशासन द्वारा की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु कमेटी का गठन
[सामान्य प्रशासन]
11. ( *क्र. 1388 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा पिछले विधान सभा सत्र में प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों के प्रमोशन हेतु शीघ्र ही कमेटी गठित करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो घोषणा के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों के प्रमोशन की कार्यवाही कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने हेतु शासन स्तर पर कोई कमेटी गठित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सरकार की अध्यापक संवर्ग हेतु 1994 वाला डाइंग केडर पुनर्जीवित कर पदनाम परिवर्तन के साथ शिक्षा विभाग की सभी सेवा शर्तें लागू करने की कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो कब तक लागू कर दी जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) मंत्रि-परिषद द्वारा विभिन्न सेवाओं के वेतनमान में विसंगतियों के संबंध में कर्मचारी आयोग का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है। (घ) अध्यापक संवर्ग को ''मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम-2018'' के तहत नवीन केडर में उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया जाकर स्कूल शिक्षा विभाग के ज्ञाप दिनांक 27.07.2019 द्वारा सेवा शर्तें जारी की गईं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मंदिरों का जीर्णोद्धार
[अध्यात्म]
12. ( *क्र. 1267 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग के माध्यम से केन्द्र/राज्य बजट एवं शासनाधीन मंदिरों की स्वयं की आय से प्राप्त राशि द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार एवं धर्मावलंबियों हेतु सुविधा दिये जाने के लिये मूलभूत कार्य किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र जिला अनूपपुर अंतर्गत वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों के मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं धर्मावलंबियों की सुविधा हेतु क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) उक्त स्थान एवं वर्षों में किन-किन स्थानों पर किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी बजट राशि किस-किस दिनांक को स्वीकृत की गई? स्वीकृत कार्यों एवं स्वीकृत बजट से कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने अपूर्ण रहे? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। स्वीकृत राशि उक्त वर्षों में किस-किस एजेंसी को किस-किस कार्य के लिये प्रदान की, उसके माध्यम से हुये कार्यों को व्यय सहित दर्शायें, कार्यस्थल का भौतिक सत्यापन किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? (ग) क्या पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माँ नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में माँ नर्मदा जयंती के अवसर पर नर्मदा महोत्सव मनाया जाता है? यदि हाँ, तो विभिन्न विभागों द्वारा नर्मदा महोत्सव हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु विगत तीन वर्षों में व्यय की गई वर्ष 2020 में मनाये जाने वाले इस उत्सव हेतु विभिन्न विभाग द्वारा कितनी राशि किस कार्य हेतु व्यय किये जाने की योजना है? क्या जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा नोटशीट क्रमांक 3181 दिनांक 07/11/2019 के माध्यम से संस्कृति विभाग तथा कलेक्टर, अनूपपुर के अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 5111 दिनांक 15.10.2019 के माध्यम से विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस आयोजन हेतु बजट आवंटन की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो प्रस्तावित राशि कब तक आवंटित कर दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। जिला अनूपपुर में शासन संधारित मंदिर नहीं होने से प्रश्नाधीन स्थान पर वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। माँ नर्मदा के उद्गम स्थली अमरकंटक में स्थानीय आम नागरिकों के सहयोग से माँ नर्मदा जयंती उत्सव मनाया जाता है। पूर्व में धर्मस्व वर्तमान अध्यात्म विभाग एवं संस्कृति विभाग द्वारा अनूपपुर को कोई राशि नहीं दी गई। वर्ष 2020 में मनाये जाने वाले इस उत्सव के लिए जिले के प्रभारी मंत्री माननीय श्री प्रदीप जयसवाल की ओर से नोटशीट क्रमांक 3181 दिनांक 07/11/2019 तथा कलेक्टर अनूपपुर के अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 5111 दिनांक 15/10/2019 के माध्यम से बजट आवंटन की मांग हेतु प्रस्ताव संस्कृति विभाग को भेजा गया है। जिस पर कार्यवाही संस्कृति विभाग में प्रचलित है।
जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 1188 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश अंतर्गत निवासरत नागरिकों के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने की क्या प्रक्रिया है? जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने हेतु किन-किन दस्तावेजों की अनिवार्यता की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रक्रिया में किसी नागरिक के पास वर्तमान तक उसके परिवार के सदस्यों का जाति प्रमाण-पत्र एवं अचल संपत्ति नहीं है तो ऐसी स्थिति में उनके बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने हेतु क्या-क्या प्रमाण की आवश्यकता है? क्या ऐसे प्रकरणों में प्रमाण प्रस्तुत करने की जवाबदारी आवेदक की होगी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नागरिकों के बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने हेतु शासन द्वारा कोई निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो कौन अधिकारी आवेदक के निवास स्थान पर जाकर जाँच करेगा और संतुष्ट होने के लिये क्या-क्या साक्ष्य जुटायेगा? (घ) उज्जैन संभाग अंतर्गत वर्ष 2019-20 में जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? उसमें से कितने स्वीकृत एवं कितने निरस्त किए गए हैं? निरस्त किए जाने के क्या कारण हैं? वर्गवार (अजा, अजजा, अपिव) की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जाति प्रमाण जारी किये जाने हेतु जारी परिपत्र दिनांक 13 जनवरी 2014 अनुसार प्रक्रिया निर्धारित है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर उपलब्ध है। जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाने हेतु दस्तावेजों की अनिवार्यता उक्त परिपत्र की कण्डिका 5.1 से 5.2 के अनुसार है। (ख) इसका प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ की कण्डिका 5.3 में वर्णित है। (ग) जी हाँ। उक्त संबंध में राजस्व अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर जांच करेंगे। साक्ष्य हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं मोहल्ले के सभ्रांत व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके बयान लेंगे व इस आधार पर प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्राथ.साख समिति रजौधा के KCC किसान क्रेडिट घोटाले की जाँच
[सहकारिता]
14. ( *क्र. 310 ) श्री बनवारीलाल शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव सहकारिता द्वारा प्राथमिक (सहकारी) समिति रजौदा जिला मुरैना के अपराधियों के विरूद्ध मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्र. 658/C.M.S./ABRTAT, दिनांक 28/2/2016 के संबंध में विधान सभा के 23 जुलाई 2019 के प्रश्न क्रमांक 3266 के संदर्भ में कलेक्टर मुरैना से कार्यवाही हेतु निर्धारित प्रपत्र पर अपराध (आर्थिक) अनुसंधान शाखा को भेजे जाने हेतु निर्धारित प्रपत्र पर प्रस्ताव/प्रतिवेदन प्राप्त कर लिया है? (ख) यदि हाँ, तो वह पत्र क्रमांक व दिनांक बतायें जिसमें प्रमुख सचिव सहकारिता ने कलेक्टर मुरैना से प्रस्ताव/प्रतिवेदन प्राप्त किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रतिवेदन/प्रस्ताव पर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (E.O.W.) ने प्रकरण पंजीबद्ध किस दिनांक को, किस क्रमांक से किया है? यदि नहीं, तो कब तक प्रकरण दर्ज हो जायेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर मुरैना के पत्र क्रमांक/सह./2019/2126, दिनांक 07.12.2019 से प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू. को सौंपने हेतु संक्षेपिका के साथ थाना चिन्नौनी जिला मुरैना का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। कलेक्टर मुरैना द्वारा यह भी बताया गया है कि माननीय लोकायुक्त मध्यप्रदेश के समक्ष जांच प्रकरण क्रमांक 21/2015 भी प्रचलन में है। (ग) कलेक्टर मुरैना का पत्र दिनांक 07.12.2019 ई-मेल के माध्यम से दिनांक 09.12.2019 को प्राप्त हुआ है। प्रकरण में परीक्षण कर आगामी कार्यवाही के संबंध में निर्णय लिया जावेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि उपार्जन केन्द्र पर विक्रय की गई उपज के मूल्य का भुगतान
[सहकारिता]
15. ( *क्र. 180 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम लुकवासा, खरई सहित अन्य शासकीय कृषि उपार्जन केन्द्रों पर वर्ष 2018 तथा 2019 में किसानों द्वारा विक्रय की गई चना तथा उड़द सहित अन्य कृषि उपजों के विक्रय मूल्य का भुगतान किया जाना आज दिनांक तक लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों तथा उक्त किन-किन कृषि उपार्जन केन्द्रों पर किन-किन किसानों की कौन-कौन सी उपज का कितनी-कितनी मात्रा तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान लंबित है? उपार्जन केन्द्रवार, उपजवार, किसानवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त किसानों की कृषि उपजों के विक्रय मूल्य का लंबित भुगतान संबंधितों को कब तक कर दिया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, उपार्जन संस्था स्तर पर शार्टेज होने/कृषि उपज के अमानक होने के कारण। वर्ष 2018-19 में चना, मसूर एवं सरसों के भुगतान हेतु शेष कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, उड़द के भुगतान हेतु शेष कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, 2019-20 में चना, मसूर, सरसों के भुगतान हेतु शेष कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार अंकित कृषकों के लंबित भुगतान हेतु रू. 48.21 लाख का प्रतिपूर्ति प्रस्ताव विपणन संघ को प्रेषित किया गया है, प्रस्ताव विचाराधीन है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में अंकित कृषकों के लंबित भुगतान हेतु संस्था स्तर पर हुई कमी के लिये केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (बी) के तहत प्रकरण दर्ज कराये गये हैं तथा परिवहन स्तर की कमी की वसूली हेतु आर्बीट्रेशन में प्रकरण प्रस्तुत किये गये हैं, निर्णय उपरांत केन्द्र प्रभारियों एवं परिवहनकर्ता से वसूली राशि से किसानों का भुगतान संभव हो सकेगा, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में अंकित कृषकों के भुगतान हेतु अमानक मात्रा की नीलामी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नीलामी से प्राप्त राशि, खरीदी केन्द्र प्रभारियों से वसूली योग्य राशि एवं आर्बीट्रेशन के प्रकरणों के निराकरण पश्चात कृषकों को भुगतान संभव हो सकेगा।
श्योपुर स्थित चिकित्सालय में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवाने की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 1134 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में तथा सरकारी चिकित्सकों को आदिवासी वर्ग के लोगों तथा विधायकों के परिजनों को उपचार तथा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवाने के निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करवाए? यदि नहीं, तो क्या श्योपुर स्थित सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा विजयपुर क्षेत्र के आदिवासी विधायक श्री सीताराम जी आदिवासी की बेटी की प्रसूति नहीं करवाई गई तथा प्रसव पीड़ा से पीड़ित आदिवासी महिला को 8 घंटे इंतज़ार करवाने के बावजूद प्रसव करवाने के लिए कोई डॉक्टर के नहीं पहुँचने का क्या कारण्ा है? (ख) अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों, सिविल सर्जन तथा सी.एम.एच.ओ. का ये कृत्य कर्तव्य पालन में लापरवाही, अनुशासनहीनता है अथवा नहीं? यदि है तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से अजजा के विधायक, श्योपुर जिला चिकित्सालय में दिनांक 18.11.2019 को प्रातः 9.30 बजे अपनी बेटी को द्वितीय प्रसव के लिए लेकर पहुंचे थे। डयूटी पर कार्यरत डॉक्टर स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं स्टॉफ के द्वारा प्रसूता की जांच कर मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कर ब्लड एवं सोनोग्राफी की जांच कराई गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में प्रसूता को सामान्य प्रसव के दौरान खतरा होने के संबंध में तथा सीजर ऑपरेशन की आवश्यकता एवं प्रेशयस प्रेग्नेंसी के कारण जिला चिकित्सालय शिवपुरी ले जाने हेतु परिजनों को कहा गया, क्योंकि चिकित्सालय में पदस्थ निश्चेतना विशेषज्ञ विजयपुर नसबंदी कैम्प में गए हुए थे एवं दो अन्य विशेषज्ञ अवकाश पर थे। (ख) दो निश्चेतना विशेषज्ञ द्वारा एक साथ अवकाश लेने के संबंध में सिविल सर्जन, श्योपुर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
शासकीय एजेंसी के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
17. ( *क्र. 296 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विगत पाँच वर्षों में क्षेत्रीय विकास निधि (विधायक निधि) से अनुशंसित प्रि-कॉस्ट स्वागत द्वार, यात्री प्रतीक्षालय, पेयजल हेतु पानी के टेंकर आदि के क्रय हेतु शासकीय एजेंसी एम.पी.एग्रो को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया जाकर योजना क्रियान्वित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्तमान में शासन द्वारा ऐसे कोई निर्देश जारी किये गये हैं कि, शासकीय एजेंसी के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन प्रतिबंधित है? यदि नहीं, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऐसे कौन-कौन से विधान सभा क्षेत्र हैं, जहाँ क्षेत्रीय विकास निधि (विधायक निधि) से अनुशंसित कार्यों में एम.पी.एग्रो को क्रियान्वयन एजेंसी मान्य नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में अनुशंसित कार्यों के संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी संबंधी मार्गदर्शन की पृथक से आवश्यकता है? यदि नहीं, तो किन कारणों से नीमच जिले में अनुशंसित एजेंसी के माध्यम से कार्य नहीं कराया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ख) में अनुशंसित कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेगें?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। मा. विधायक से प्राप्त अनुशंसा अनुसार जिलों द्वारा एम.पी. एग्रो को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है। (ग) जी नहीं। जिले में एम.पी. एग्रो को एजेंसी बनाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्यों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधायक निधि द्वारा स्वीकृत कार्यों में अनियमितता की जाँच
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( *क्र. 385 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र फरवरी 2019 में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 102, दिनांक 20 फरवरी, 2019 को विधायक निधि वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में चबूतरा निर्माण में हो रही अनियमितता के संबंध में प्रश्न प्रेषित किया गया था? (ख) क्या प्रश्न की कंडिका (ग) के उत्तर में कार्य के अपूर्ण रहने के लिये संबंधित निर्माण एजेंसी को उत्तरदायी बताया गया था एवं वर्तमान में सभी कार्य प्रगतिरत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होना बताया गया था? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 274 पिपरिया दिनांक 09/08/2019, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला होशंगाबाद को एवं पत्र क्रमांक 420 पिपरिया दिनांक 30/10/2019 कलेक्टर महोदय, जिला होशंगाबाद को प्रेषित किया गया था? (घ) कंडिका (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये पत्रों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण रहा है एवं इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) संबंधितों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु किये गये प्रयास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
19. ( *क्र. 119 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2019 से औद्योगिक निवेश हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किन-किन उद्योगों हेतु किन-किन शर्तों के साथ किस-किस कम्पनी से क्या-क्या अनुबंध हुए? पृथक-पृथक बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार किस-किस जिले में किस-किस स्थान पर कौन-कौन सी कम्पनी अपनी इकाइयां प्रारंभ कर रही हैं तथा प्रदेश के कितने बेरोजगारों को रोजगार देने के संबंध में अनुबंध हुआ है? (घ) अब तक उक्त प्रयास से कितने रूपये का एवं किस औद्योगिक इकाई ने म.प्र. में निवेश किया है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु किये गये प्रयास निम्नानुसार हैं :-
(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उद्योगों से अनुबंध निष्पादित नहीं किये गये हैं। (ग) प्रश्नांकित अवधि में निवेशकों द्वारा विभाग अंतर्गत एम.पी.आई.डी.सी. की वेब साईट पर दर्ज जिलेवार वृहद श्रेणी के निवेश आशय प्रस्ताव एवं प्रस्तावित रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। निवेशकों से रोजगार संबंधी अनुबंध निष्पादित नहीं किया गया है, अपितु उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2019) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है। (घ) माह जनवरी 2019 से अक्टूबर 2019 तक प्रदेश में कुल 25 वृहद इकाइयों द्वारा 225273.00 लाख का निवेश किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। माह जनवरी 2019 से अब तक रू. 7589.90 करोड़ के निवेश प्रस्ताव की 12 मेगा औद्योगिक इकाइयों को कस्टमाईज पैकेज स्वीकृत किये गये हैं। उक्त परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है।
डोंगरिया कैप में धान खराब होने की जांच
[सहकारिता]
20. ( *क्र. 175 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को पत्र क्रमांक/681/जॉच/2019 दिनांक 21-09-2019 को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या अर्पित तिवारी डी.एम.ओ. की लापरवाही से डोंगरिया कैप में धान सड़ रहा है? क्या विभाग द्वारा जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन देवें। (ग) क्या अर्पित तिवारी ने अपने करीबी राईस मिलरों को पहले गोदाम से धान प्रदाय किया जिसके कारण डोंगरिया कैप का धान नहीं उठाया गया जो बरसात के कारण भीगने से सड़ गया? यदि हाँ, तो क्या अर्पित तिवारी डी.एम.ओ. पर कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक/834/2019 दिनांक 16-11-2019 प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल म.प्र. को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा कलेक्टर बालाघाट से जांच कराकर तथ्यात्मक प्रतिवेदन चाहा है। (ख) जी नहीं, बालाघाट जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से डोंगरिया कैप में 231 मे.टन धान क्षतिग्रस्त हुई। उक्त स्थिति प्राकृतिक कारणों से निर्मित होने से जांच की आवश्यकता नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, श्री अर्पित तिवारी द्वारा अपने करीबी राईस मिलरों को पहले गोदाम से धान प्रदाय नहीं किया जाकर डोंगरिया कैप क्षेत्र के अन्तर्गत मिलर्स को सर्वप्रथम डोंगरिया कैप से ही धान प्रदाय किया गया। डोंगरिया कैप स्थित क्षेत्र में मिलर्स कम होने के कारण धान का उठाव कम हो रहा है। विगत वर्षों में निकटवर्ती मण्डला जिले एवं गोंदिया (महाराष्ट्र) के मिलर्स द्वारा भी डोंगरिया कैप की मिलिंग की जाती रही है, किन्तु इस वर्ष गोंदिया (महाराष्ट्र) के मिलर्स से मिलिंग कराई जाने की अनुमति खाद्य विभाग से प्राप्त न होने से गोंदिया (महाराष्ट्र) के मिलर्स से मिलिंग नहीं कराई जा सकी, इसी प्रकार मण्डला जिले के 2 राईस मिलर्स से बालाघाट जिले की 48360.00 क्विंटल धान की मिलिंग हेतु अनुबंध निष्पादित किया गया, किन्तु मण्डला जिले में म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा सी.एम.आर. चावल जमा किये जाने हेतु आवश्यकतानुसार स्थान उपलब्ध नहीं कराये जाने से मात्र 2418.00 क्विंटल धान का उठाव डोंगरिया कैप से हो सका एवं मण्डला जिले के मिलर्स से भी मिलिंग नहीं कराई जा सकी, फलस्वरूप मिलिंग में विलंब हुआ है। वर्तमान स्थिति में डोंगरिया कैप में कुल भंडारित धान 32080.70 मे.टन में 23870.80 मे.टन का परिदान मिलर्स को किया जा चुका है, शेष धान की मिलिंग का कार्य प्रगति पर है। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल को लेख किया गया पत्र क्र./834/2019 दिनांक 16.11.2019 विपणन संघ को प्राप्त नहीं हुआ, अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 1159 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ की स्थापना किस वर्ष कितने बिस्तर की स्वीकृति के साथ की गई थी एवं उस समय नरसिंहगढ़ की जनसंख्या एवं अस्पताल में ओ.पी.डी. की संख्या क्या थी? स्वीकृति आदेश की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अस्पताल स्थापना के बाद से नरसिंहगढ़ की जनसंख्या एवं ओ.पी.डी. की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है, लेकिन उक्त अस्पताल में बिस्तरों की संख्या एवं अन्य सुविधाओं का विस्तार प्रश्न दिनांक तक नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो इसके क्या मुख्य कारण रहे एवं प्रश्न दिनांक तक बिस्तरों की संख्या 30 से बढ़ाकर 100 करने एवं अन्य सुविधाओं का विस्तार करने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में वर्तमान ओ.पी.डी. की संख्या जिले के अन्य सिविल अस्पतालों के समकक्ष है तथा अन्य सभी सिविल अस्पतालों को शासन द्वारा 100 बिस्तर की सुविधा प्रदान की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्या शासन सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ की वर्तमान परिस्थितियों का परीक्षण कर 100 बिस्तर की स्वीकृति सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नरसिंहगढ़ में 37 बिस्तरीय सिविल अस्पताल की स्थापना वर्ष 1986 में हुई थी। जनसंख्या 26 हजार तथा अस्पताल की बाह्य रोगी संख्या लगभग 100 अनुमानित थी। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नरसिंहगढ़ की बाह्य रोगी संख्या 250-300 एवं भर्ती मरीजों की संख्या 20-23 प्रतिदिन की है। रोगियों की संख्या के अनुसार संस्था की बेड ऑक्यूपेंसी 80 प्रतिशत से अधिक होने पर उन्नयन की पात्रता आती है। सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ की बेड ऑक्यूपेंसी 80 प्रतिशत से कम है। अतः 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन की पात्रता नहीं आती है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों के मुख्यालय निवास का सत्यापन
[सामान्य प्रशासन]
22. ( *क्र. 1137 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में विगत तीन वर्ष से सभी विभाग के अधिकारी/कर्मचारी अपने-अपने पदस्थापना मुख्यालय पर निवासरत हैं? यदि हाँ, तो अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा पदस्थापना मुख्यालय का जो पता दिया गया है, क्या उसका सत्यापन किया गया है व समय-समय पर वह अपने-अपने मुख्यालय पर निवासरत हैं, का सत्यापन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी अपने-अपने पदस्थापना मुख्यालय पर निवासरत् हैं। जिनका समय-समय पर सत्यापन किया गया है। (ख) सत्यापन में अनुपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है।
सिवनी जिलांतर्गत जिला सहकारी बैंक की शाखाओं के सुदृढ़ीकरण में व्यय
[सहकारिता]
23. ( *क्र. 841 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक एवं जिले में इनकी संचालित शाखाओं में वर्ष 2007 से वर्ष 2015 तक बैंकों के सुदृढ़ीकरण, आधुनिकीकरण एवं अन्य कार्य हेतु व्यय राशि, व्यय प्रक्रिया व उक्त अवधि में क्रय किये गये कम्प्यूटर/सी.सी.टी.वी., कैमरे की क्रय प्रक्रिया सहित बिल वाउचरों व उक्त अवधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष/प्रबंधक द्वारा सत्कार/दौर भ्रमण में व्यय की गई राशि की जानकारी विवरण सहित उपलब्ध करायें। (ख) क्या सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक एवं जिले में इनकी संचालित शाखाओं में वर्ष 2007 से वर्ष 2015 तक की अवधि में बैकों में कम्प्यूटर कार्य, सुरक्षा-कार्य व अन्य कार्य हेतु निर्धारित समयावधि/अधिक समय के लिये कर्मचारियों की भर्ती/नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त भर्ती प्रक्रिया शासन/विभाग के निर्धारित मापदण्ड अनुसार की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या ऐसा करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन/विभाग स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी और कब तक। साथ ही उक्त भर्ती/नियुक्ति प्रक्रिया एवं नियुक्ति/भर्ती आदेशों व उस समय नियुक्त कर्मचारियों की अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सिवनी एवं इसकी शाखाओं में वर्ष 2007 से लेकर 2015 तक बैंक के सुदृढ़ीकरण, आधुनिकीकरण एवं अन्य कार्य हेतु व्यय राशि, व्यय प्रक्रिया एवं उक्त अवधि में क्रय किये गये कम्प्यूटर/सी.सी.टी.वी., कैमरे की प्रक्रिया सहित बिल व्हाउचर एवं जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंधक द्वारा सत्कार/दौरा भ्रमण में व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है तथा बिल/व्हाउचर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं इसकी शाखाओं में 2007 से 2015 तक की अवधि में बैंक में कम्प्यूटर कार्य, सुरक्षा कार्य व अन्य कार्य हेतु निर्धारित समयावधि/अधिक समय के लिए भर्ती का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त भर्ती प्रक्रिया विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
2005 के बाद नियुक्त शास. कर्मचारियों को परिवार पेंशन योजना का लाभ
[वित्त]
24. ( *क्र. 209 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा अपने वचन पत्र में 01 जनवरी, 2005 से बंद की गई परिवार पेंशन योजना का लाभ सभी शासकीय कर्मचारियों को प्रदान करने का वचन दिया गया था? यदि हाँ, तो इसका लाभ किस प्रकार से कब तक प्रदान किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) प्रदेश में वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों को क्या सेवानिवृत्त या सेवा में रहते हुये मृत्यु होने पर पेंशन का लाभ दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या यह पेंशन 2005 के पूर्व के शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन के समान है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों को 2005 के पूर्व के शासकीय कर्मचारियों के समान पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इसे कब तक प्रदान किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 47.34 में परिवार पेंशन योजना पर विचार करने का उल्लेख है। राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों की सेवा शर्तों हेतु कर्मचारी आयोग का गठन किया गया है। (ख) एवं (ग) दिनांक 01.01. 2005 के पूर्व सेवानिवृत्त/सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर राज्य शासन के कर्मचारियों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के प्रावधानों के अंतर्गत पेंशन/परिवार पेंशन का लाभ दिया जाता है। दिनांक 01.01.2005 या उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना के प्रावधानों के अनुसार पेंशन का लाभ दिया जाता है।
रोगी कल्याण समिति की बैठक के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( *क्र. 1082 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रोगी कल्याण समिति में कौन-कौन सी स्वास्थ्य संस्थाओं की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक द्वारा की जा सकती है? इन संस्थाओं की इन समितियों की बैठक वर्ष में कितनी बार अनिवार्य है? बासौदा विधानसभा क्षेत्र की इन संस्थाओं की विधिवत रूप से पिछली बैठक कब आयोजित की गई थी? दिनांकवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित दिनांक को आयोजित बैठकों की अध्यक्षता किसने की? नाम बतावें तथा कौन-कौन से निर्णय लिये गये थे? उसकी प्रोसीडिंग बतावें। (ग) क्या सिविल अस्पताल गंजबासौदा जिला विदिशा में रोगी कल्याण समिति साधारण सभा की पिछली बैठक जो प्रश्नकर्ता के कार्यकाल प्रारंभ होने से पहले आयोजित की गई थी, उसका सम्पूर्ण रिकॉर्ड प्रोसिडिंग रजिस्टर इत्यादि गायब हैं? यदि हाँ, तो उसके लिये दोषी के विरूद्ध क्या कड़ी कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त संबंध में विभाग के जिला एवं राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र क्र. 468-469 दिनांक 21.10.19 को सूचित किया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रोगी कल्याण समिति की। साधारण सभा की बैठक वर्ष में एक बार। गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं की आर.के.एस. की पिछली बैठकों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जांच पश्चात् जांच प्रतिवेदन के गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में पूर्व आर.के.एस लेखापाल श्री टी.आर. उच्चरिया के विरूद्ध कार्यवाही हेतु देहात थाना गंजबासौदा को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है (घ) जी हाँ। देहात थाना प्रभारी गंजबासौदा को कार्यालय राजीव गांधी जन चिकित्सालय गंजबासौदा के पत्र क्र./2019/1300-01 गंजबासौदा दिनांक 28/11/2019 को लेखापाल के विरूद्ध उचित कार्यवाही हेतु लिखा गया है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
कर्मचारियों
को केन्द्र के
समान गृह भाड़ा, गृह
भत्ता एवं
वाहन भत्ते का
प्रदाय
[वित्त]
1. ( क्र. 7 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2008 में म.प्र. शासन के राजपत्र में म.प्र. शासन के कर्मचारियों को केन्द्र के समान वेतन भत्ते देने हेतु प्रकाशन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. के कर्मचारियों को केन्द्र के समान गृह भाड़ा, भत्ता एवं वाहन भत्ता क्यों नहीं दिया गया है? (ग) क्या म.प्र. में पदस्थ आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारियों को केन्द्र के समान गृह भाड़ा, भत्ता एवं वाहन भत्ता दिया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो म.प्र. राज्य के अन्य अधिकारियों कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया जा रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा छठवें केन्द्रीय वेतन आयोग द्वारा की गई अनुशंसाओं को राज्य शासन के कर्मचारियों को लागू करने संबंधी निर्णय लिया जाकर उक्त विषयक संकल्प का राजपत्र में दिनांक 10.09.2008 को प्रकाशन किया गया था। (ख) (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी अखिल भारतीय सेवायें (गृह भाड़ा भत्ता) नियम 1977 के अनुसार प्रशासित है। इन सेवाओं के लिये वाहन भत्ता के संबंध में कोई निर्देश नहीं है। मध्यप्रदेश शासन के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिये वित्त विभाग के आदेश दिनांक 01.09.2012 द्वारा गृह भाड़ा भत्ता स्वीकृत किया गया है तथा सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 11.09.2012 के द्वारा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वाहन भत्ता स्वीकृत किया गया है।
मार्कफेड द्वारा कराये गये कार्य
[सहकारिता]
2. ( क्र. 26 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में बैरसिया विधान सभा अंतर्गत मार्कफेड के माध्यम से किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) विपणन संघ से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
किसानों की कर्जमाफी
[सहकारिता]
3. ( क्र. 27 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों की कर्ज माफी हो गयी है? संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों की दो लाख रूपये की राशि की कर्ज माफी हुई है? ग्रामवार, कृषक संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें। शेष कृषकों की कर्ज माफी कब तक हो जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) भोपाल जिले में विधानसभा क्षेत्र बैरसिया के अंतर्गत 21 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कुल 10,930 किसानों की कर्ज माफी हो गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक कालातीत/एनपीए राशि रू. 2 लाख तक के तथा अकालातीत/पीए राशि रू. 50 हजार तक के ऋण माफ हुये है। बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में उपरोक्त मापदण्ड के अनुसार सभी कृषकों पर रू. 2 लाख से कम ऋण शेष होने से किसी भी कृषक के राशि रू. 2 लाख की कर्जमाफी नहीं हुई है। शेष कृषकों की कर्ज माफी प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश के जिला मुख्यालयों में चिकित्सकों की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 57 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 19 के पश्चात किन-किन जिला मुख्यालयों पर कितने-कितने चिकित्सकों की नियुक्ति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या उज्जैन संभाग के समस्त जिला मुख्यालयों के जिला चिकित्सालयों में शल्य चिकित्सा की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या सभी जिला चिकित्सालयों में शल्य चिकित्सा हेतु अनिवार्य एनेस्थीसिया चिकित्सक उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो ऑपरेशन के लिये एनेस्थिसिया चिकित्सक की व्यवस्था कैसे सुनिश्चित की जा रही है? (ग) उज्जैन संभाग के समस्त जिला चिकित्सालयों में एनेस्थीसिया चिकित्सक की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (घ) गत 1 जनवरी 19 के पश्चात मंदसौर जिला चिकित्सालय में कितने नवीन चिकित्सकों की नियुक्ति की गई तथा कितनों ने नियुक्ति उपरांत त्यागपत्र दे दिया?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग अंतर्गत जिला चिकित्सालय आगर को छोड़कर अन्य समस्त जिला चिकित्सालयों में सर्जरी कार्य किया जा रहा है। निश्चेतना चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के कारण जिला चिकित्सालय आगर में माइनर सर्जरी कार्य संपादित किया जा रहा है। यथाशीघ्र निश्चेतना योग्यता के चिकित्सक की पदस्थाना की जावेगी। (ग) उज्जैन संभाग में आगर जिला चिकित्सालय के अतिरिक्त समस्त जिला चिकित्सालयों में निश्चेतना विशेषज्ञ/चिकित्सक उपलब्ध है। यथाशीघ्र। (घ) 1 जनवरी 2019 के पश्चात जिला चिकित्सालय मंदसौर में लोक सेवा आयोग से चयनित 03 चिकित्सकों की नियुक्ति/पदस्थापना की गई है इनके अतिरिक्त 03 चिकित्सकों की पदस्थापना स्थानांतरण के माध्यम से, 16 चिकित्सकों की पदस्थापना बंधपत्र के अनुक्रम में तथा 04 चिकित्सकों की पदस्थापना एन.एच.एम. के माध्यम से की गई है। जिला चिकित्सलय मंदसौर में पदस्थ 03 नियमित चिकित्सकों यथा डॉ. विशाल गौड, डॉ.कपिल देव शर्मा, डॉ. दीपक अग्रवाल द्वारा सेवा से त्याग-पत्र दिया गया है।
जन भागीदारी योजना के स्वीकृत कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
5. ( क्र. 62 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये गये? पत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये गये पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? (ग) जनभागीदारी योजना 25 प्रतिशत अंशदान राशि से कार्य स्वीकृत करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। कार्य स्थल वाले ग्राम, वार्ड में अ.जा/अ.जा.जा की जनसंख्या कितनी होनी चाहिए तथा इसका प्रमाणीकरण कौन करता है? कार्य स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है? (घ) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में योजना प्रारंभ होने से नवंबर 19 की अवधि में स्वीकृत कार्यों की सूची दें। कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मा. मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 22.06.2019 को दो एवं 17.10.2019 को एक पत्र प्राप्त हुये। मा. मंत्री जी द्वारा पत्रवार निम्नानुसार निर्देश दिये गयेः-1. परीक्षण करें। 2. परीक्षण करें। 3. परीक्षण उपरांत आवश्यक कार्यवाही करें। (ख) पत्र में उल्लेखित निर्देशों के पालन में कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं की गई कार्यवाही से मा. विधायक को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 926/20.11.2019,871/ दिनांक 07.11.2019 एवं पत्र क्रमांक 787/24.10.2019 द्वारा अवगत कराया गया। पत्र में उल्लेखित समस्याओं पर कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 25 प्रतिशत जनभागीदारी से कार्य कराये जाने हेतु ग्राम/वार्ड में अ.जा./अजा.जा. की जनसंख्या 50 प्रतिशत होना चाहिये। इसका प्रमाणीकरण ग्राम पंचायत/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा किया जाता हैं कार्यों की स्वीकृति योजना के निर्देशों के अनुरूप की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कार्यों के पूर्ण कराये जाने की अवधि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। परिशिष्ट के कालम 9 में उल्लेखित है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 63 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सांसद/विधायकों से प्राप्त पत्रों की अलग पंजी बनाने तथा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही कर की गई कार्यवाही से सांसद/विधायकों को अवगत कराने के निर्देश हैं? (ख) जिला रायसेन में प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागों के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया? (ग) उक्त प्राप्त पत्रों में से किन-किन पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई तथा क्यों तथा किन-किन पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत नहीं कराया तथा क्यों? कब-तक अवगत करायेंगे? (घ) क्या प्राप्त पत्रों पर जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा एस.डी.एम., तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र भेजने के उपरांत उन पत्रों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई? यदि कार्यवाही की गई तो किन-किन पत्रों पर कितने दिन में क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में जोमेटो सहित अन्य खाद्य सामग्री वितरक का रजिस्ट्रेशन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 87 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में खुला खाद्य पदार्थ किसी भी कम्पनी द्वारा कोरियर बाय के माध्यम से वितरित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो जोमेटो कम्पनी द्वारा विभाग की अनदेखी कर कैसे खाद्य सामग्री ग्राहक के घर तक पहुँचाई जा रही है? (ख) प्रदेश में किन-किन शहरों में जोमेटो कम्पनी सहित अन्य खाद्य पदार्थ वितरक कम्पनियाँ विभाग में कहाँ-कहाँ रजिस्टर्ड हैं या कार्य कर रही हैं? सूची देवें? इनके खिलाफ कब-कब किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ किस-किस तरह की शिकायत की? (ग) क्या जोमेटो जैसी कोरियर कम्पनियों को प्रदेश में कार्य करने हेतु केंद्र शासन से कोई दिशा निर्देश प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। जोमेटो कंपनी के संबंध इस प्रशासन को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। देश सहित प्रदेश में जोमेटो एवं अन्य ई-कामर्स कंपनियों को व्यवसाय करने के संबंध में भारतीय खाद्य संरक्षा मानक प्राधिकरण (भारत सरकार), नई दिल्ली द्वारा आदेश एवं व्यवसाय हेतु गाईड लाईन जारी की गई है जिसकी प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 101 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कन्नौद, खातेगांव, नेमावर, पानीगांव, अजनास एवं हरणगांव के अस्पतालों में चिकित्सकों के कितने पद रिक्त हैं? प्रत्येक की जानकारी देवें। (ख) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण होने वाली एक्सीडेंट की घटनाओं में घायल मरीजों को इंदौर या भोपाल रैफर करना पड़ता है? (ग) क्या कारण है कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले क्षेत्र में अभी तक डॉक्टरों के रिक्त पदों की पूर्ति विभाग द्वारा नहीं की गई है? (घ) खातेगांव में शल्य चिकित्सक एवं कन्नौद में महिला डॉक्टर की पदस्थापना कब तक होने की संभावना है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, केवल गंभीर रूप से घायल मरीजों को ही प्राथमिक उपचार के पश्चात हायर सेंटर पर रेफर किया जाता है। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है एवं विशेषज्ञ के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान होने तथा अप्रैल 2016 से मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पदों को भरे जाने में कठिनाई हो रही है। चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (घ) सा.स्वा.के. कन्नौद में शिशुरोग योग्यता के एक चिकित्सक तथा एक एम.बी.बी.एस. महिला चिकित्सक कार्यरत हैं। सा.स्वा.के. खातेगाँव में 02 नियमित चिकित्सकों की पदस्थापना है एवं सा.स्वा.के. बागली से 02 अधिकारियों को खातेगाँव में कार्य संपादित किए जाने हेतु स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत आदेशित किया गया है। संचालनालय के आदेश दिनांक 05.10.2019 के द्वारा पी.जी. बंधपत्र के अनुक्रम में एक सर्जरी योग्यता के चिकित्सक की पदस्थापना सा.स्वा.के. खातेगाँव में की गई है परंतु उक्त चिकित्सक द्वारा कार्यग्रहण नहीं किया गया है। कार्य ग्रहण नहीं करने वाले चिकित्सकों के मूल शैक्षणिक दस्तावेज संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय में संधारित रहते हैं एवं बंधपत्र अवधि पूर्ण करने अथवा बंधपत्र राशि जमा करने के उपरांत ही मूल शैक्षणिक दस्तावेज संबंधित चिकित्सक को वापस किए जाते है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है।
जिला योजना समिति में विशेष आमंत्रित सदस्यों की नियुक्ति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
9. ( क्र. 111 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला योजना समितियों में विशेष आमंत्रित सदस्यों की नियुक्ति प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या धार जिले में विशेष आमंत्रित दो सदस्यों की नियुक्ति की जा चुकी है? यदि हाँ, तो आदेश किस दिनांक को जारी हुए तथा आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या दिनांक 15/06/2019 को जिला योजना समिति जिला धार की बैठक में समिति सदस्य व अधिकारियों को छोड़कर समस्त पत्रकारगण सहित सभी अर्द्धशासकीय व्यक्तियों को बैठक कक्ष से बाहर जाने के निर्देश दिये गये थे तथा इसका कड़ाई से पालन करवाया गया था? (घ) यदि हाँ, तो दिनांक 15/06/2019 की बैठक में प्रश्नकर्ता विधायक की आपत्ति के उपरांत भी दो व्यक्तियों को विशेष आमंत्रित सदस्य बताकर बैठक में सम्मिलित करवाया गया तथा उनके सुझाव व आपत्तियां प्राप्त की गई जबकी उनके सदस्य के रूप में मनोनयन के आदेश प्रश्न पूछे जाने की दिनांक तक जारी नहीं हुए? (ड.) क्या इस प्रकार दोषपूर्ण व अलोकतांत्रिक तरीके से समिति को भ्रम में रखकर नियम विरूद्ध जिला योजना समिति की बैठक का संचालन करना उचित है? क्या इस पर दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्थानान्तरित स्टाफ नर्स को कार्यमुक्त नहीं किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 124 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर के आदेश क्रमांक पृ.क्र./स्था.नर्सिंग/2019/766-67 दिनांक 09.03.2019 के द्वारा श्रीमती चन्दा शर्मा स्टाफ नर्स का प्रशासनिक स्थानान्तरण सी.एच.सी. कोतमा से सी.एच.सी. पुष्पराजगढ़ के लिये किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, हो तो उक्त स्टाफ नर्स के कार्यमुक्त न होने पर अभी तक एक तरफा कार्यमुक्त न किये जाने हेतु कौन-कौन से अधिकारी दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी तथा श्रीमती चन्दा शर्मा स्टाफ नर्स को कब तक स्थानान्तरित स्थान हेतु एक तरफा कार्यमुक्त किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रीमती चन्दा शर्मा स्टाफ नर्स का स्थानान्तरण आदेश यदि निरस्त किया गया हो तो स्थानान्तरण निरस्त किये जाने वाले आदेश की भी छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सत्य है कि जिला-अनूपपुर अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा जारी आदेशों का पालन अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा नहीं किया जाता है? जिले की प्रशासनिक व्यवस्था ठप्प हो गई है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर की अनुशंसा एवं माननीय प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरान्त श्रीमती चन्दा शर्मा, स्टॉफ नर्स का स्थानान्तरण किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर के आदेश क्र./स्थापना नर्सिंग/2019/3462 दिनांक 03.12.2019 द्वारा चन्दा शर्मा, स्टॉफ नर्स को सी.एच.सी.पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर के लिये एकतरफा कार्यमुक्त किया जा चुका हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं स्थानान्तरण आदेश निरस्त नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। अधिकारियों के आदेशों का पालन पूर्णतः किया जाता है। जिले की प्रशासनिक व्यवस्था शासन के निर्देशानुसार व्यवस्थित रूप से संचालित है।
वर्ष 2018-19 में शासन द्वारा खरीदी गई उड़द एवं मूंग के संबंध में
[सहकारिता]
11. ( क्र. 137 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी बैंक दमोह द्वारा अपनी समितियों के माध्यम से F.C.I. की निगरानी में जिले के किसानों से उड़द एवं मूंग का क्रय किया गया किन्तु माल खरीदने के बाद प्रबंधन की लापरवाही से 5 माह बाद इसको अमानक करार देते हुए इसकी बाजार में नीलामी कर राशि किसानों को दी गई। यदि हाँ, तो इसमें दोषी कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) शासन को किसानों द्वारा बेची गई उड़द एवं मूंग का कितना मूल्य दमोह के कितने किसानों को दिया गया एवं क्रय मूल्य व प्रदाय मूल्य की राशि में प्रत्येक किसान को कितना नुकसान हुआ? (ग) शासकीय कर्मचारियों/व्यवस्था की लापरवाही से किसानों को हुये नुकसान की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा अभी तक क्यों नहीं की गई एवं इसे कब तक किया जावेगा? (घ) फसल उपार्जन में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों पर जिनके कारण किसान को नुकसान एवं शासन की छवि धूमिल हुई उन पर आज तक क्या दंडात्मक कार्यवाही की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दमोह द्वारा उपार्जन का कार्य नहीं किया जाता। सहकारी सोसायटियों द्वारा उपार्जन एजेंसी म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के एजेंट के रूप में उपार्जन किया जाता है। सहकारी संस्थाओं द्वारा सर्वेयर की निगरानी में उपार्जन किया गया था, जिसे उत्तरवर्ती समय में उपार्जन एजेंसी म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अमानक घोषित किया गया। म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अमानक घोषित की गई जिन्स को नीलाम कर कृषकों को भुगतान किया गया। दोषी समिति प्रबंधकों को बैंक द्वारा नोटिस जारी किया जाकर विभागीय कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ख) खरीफ वर्ष 2018-19 में 19,597 कृषकों के द्वारा विक्रय की गई 29,298.75 मे.टन उड़द में से 8,940 कृषकों को समर्थन मूल्य के मान से राशि रू. 65.38 करोड़ का भुगतान किया गया है, शेष 10,651 कृषकों को अमानक घोषित जिन्स 13,626.52 मे.टन जिन्स के नीलामी से प्राप्त राशि रू. 49.00 करोड़ का संस्थावार समान अनुपात में कृषकों को भुगतान किया गया। इस प्रकार 10,651 कृषकों को राशि रू. 37.32 करोड़ की राशि का भुगतान समर्थन मूल्य से कम दरों पर किया गया है। प्रत्येक किसान को समर्थन मूल्य की राशि एवं नीलामी से प्राप्त राशि के अंतर के बराबर की राशि कम प्राप्त हुई है। (ग) विक्रेता कृषकों को उनकी अमानक जिन्स की प्रति नीलामी से प्राप्त राशि का भुगतान किया गया है, जिन्स के अमानक होने के कारण किसानों को कम राशि प्राप्त हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) उपार्जित फसल के अमानक होने के कारण किसानों को कम राशि प्राप्त हुई है तथापि केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु बैंक द्वारा जांच अधिकारी नियुक्त किये गये है किन्तु समिति प्रबंधकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई रिट पिटीशन क्रमांक 6365/2019 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं के विरूद्ध बलपूर्वक कार्रवाई किये जाने का प्रतिषेध किया गया है।
कर्मचारियों का अटैंचमेंट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( क्र. 149 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शिवपुरी जिले में जून 2018 से वर्ष 2019 प्रश्न दिनांक तक ए.एन.एम. नियमित कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारियों के अटैचमेंट आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो किन-किन के कहाँ-कहाँ पर किस-किस कार्य हेतु कब-कब अटैचमेंट आदेश जारी किये गये, अटैचमेंट आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि उक्त कर्मचारियों की मूल पदस्थापना कहाँ एवं किस पद पर थी? (ख) उक्त अटैच किये गये नियमित कर्मचारियों, ए.एन.एम. एवं संविदा कर्मचारियों की जिस कार्य हेतु मूल पदस्थापना की गई है वह कार्य किन-किन कर्मचारियों का वर्तमान कौन संपादित कर रहा है? इनके नाम, पद एवं स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) जिन कर्मचारियों ए.एन.एम./संविदा/नियमित कर्मचारियों के अटैचमेंट करने के आदेश जारी किये गये है? क्या उसकी अनुमति किसी से ली गई है? यदि हाँ, तो किससे एवं कब ली गई। अनुमति आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी देवें। (घ) क्या यह सही है कि शासन द्वारा कर्मचारियों के अटैचमेंट करने पर रोक लगा रखी है यदि हाँ, तो रोक के बावजूद अटैचमेंट क्यों एवं कैसे किये गये?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) यह सही है कि प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से जून 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुछ नियमित ए.एन.एम. के कार्य अनुमति आदेश जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी के आदेश क्रं. स्था.नर्सिग/2019/14121 दिनांक 03.12.2019 द्वारा कार्य अनुमति आदेश निरस्त किये गये है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सक्षम अधिकारी है। माननीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा के आधार पर प्रसव केन्द्रों को क्रियाशील करने हेतु आदेश जारी किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। किसी भी ए.एन.एम. का अटैचमेन्ट नहीं किया गया है। केवल व्यवस्था स्वरूप कार्य की अनुमति की गई थी, जिसे आदेश क्र. स्था.नर्सिंग/2019/14121 दिनांक 03.12.2019 द्वारा निरस्त किया जा चुका है।
मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्यवाही में पक्षपात
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 154 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग द्वारा जनवरी 2019 से आज दिनांक तक कितने प्रकरण बनाकर जाँच हेतु राज्य प्रयोग शाला भोपाल भेजे गये है? कितने सैंपल मानक एवं कितने सैंपल अमानक पाये गये है? (ख) क्या यह सही है कि घी में मिलावट के एक प्रकरण में नमूना जाँच रिपोर्ट 15 से 20 दिन में प्राप्त हो गई थी जिसमें जिला प्रशासन द्वारा रासुका की कार्यवाही की गई है? (ग) क्या यह सही है कि अगस्त 2019 में मंछोडी रैयत की एक प्राथमिक शाला में बच्चों के भोजन में जानवर की चर्बी मिलाने वाले स्व. सहायता समूह के विरुद्ध जाँच की रिपोर्ट 3 माह बाद भी अप्राप्त है? जाँच रिपोर्ट कब प्राप्त होगी? (घ) क्या स्व.सहायता समूह द्वारा शाकाहारी बच्चों को चर्बीयुक्त भोजन कराने की पुष्टि होने पर उनके विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत रासुका एवं IPC की धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या राज्य सरकार मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु संकल्पित है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में संभाग स्तर पर ऐसी प्रयोग शालाओं की स्थापना किये जाने का प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ विक्रेता सुदीप पिता पवन जैन फर्म गणेश दूध डेयरी जलेबी चौक खंडवा से दिनांक 14.08.2019 को जांच हेतु घी एवं मावा का नमूना लिया गया था जिसकी जांच रिपोर्ट कार्यालय अभीहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा प्रशासन जिला खंडवा को दिनांक 28.08.2019 को ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हो गई थी। जिस पर जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। दिनांक 22.08.2019 को ग्राम मनछोड़ी रैयत के प्राथमिक स्कूल में संचालित बिस्मिल्लाह स्व-सहायता समूह के घी में जानवर की चर्बी की शिकायत के आधार पर घी और पुलाव के नमूने जांच हेतु लिए गए हैं। जिसके जांच प्रतिवेदन अनुसार पुलाव का नमूना मिथ्या छाप एवं घी का नमूना अवमानक पाया गया है अवमानक एवं मिथ्या छाप पाए गए प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किए जाने की कार्यवाही की जाती है। (घ) जांच हेतु लिए गए घी एवं पुलाव के नमूनों की जांच प्रतिवेदन अनुसार घी का नमूना अब मानक एवं पुलाव का नमूना मिथ्या छाप स्तर का पाया गया है मिथ्या छाप एवं अमानक पाए गए प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (ड) जी हाँ। खाद्य सुरक्षा प्रशासन मध्यप्रदेश द्वारा खाद्य नमूनों की जांच हेतु संभाग स्तर पर प्रयोगशाला इंदौर ग्वालियर जबलपुर सागर एवं उज्जैन में स्थापित करने के प्रशासकीय स्वीकृति आवेदन जारी हो चुके हैं
जिला चिकित्सालय में हो रही अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 155 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिला मुख्यालय के शासकीय चिकित्सालय में मेडिकल कालेज सहित कुल कितने चिकित्सक कार्यरत है? (ख) क्या खण्डवा जिला चिकित्सालय की ओ.पी.डी. एवं भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या के अऩुपात में कार्यरत कुशल चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त है? (ग) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को गंभीर बीमारी/ऑपरेशन के नाम पर इंदौर रैफर किया गया? (घ) क्या यह सही है कि खण्डवा जिला चिकित्सालय का विस्तार होने एवं चिकित्सकों की उपलब्धता के बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सिविल सर्जन की लापरवाही के कारण नागरिकों को अपेक्षित स्वास्थ उपचार/सुविधाएं नहीं मिल पा रही है? (ङ) क्या यह सही है कि विगत दिनों श्रीमती क्षमा पति धर्मेन्द्र की बच्ची के उपचार में लापरवाही बरती गई जिससे मरीज की स्थिति खराब होने पर उसे इंदौर रैफर किया गया किन्तु जिला चिकित्सालय की एम्बुलेंस सुविधा नहीं मिलने के कारण बालिका की रास्ते में मौत हुई थी? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (च) यदि हाँ, तो क्या इन दोनों घटनाओं की उच्च स्तरीय जाँच की जाकर दौषियों को दण्डित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खण्डवा जिला मुख्यालय के शासकीय चिकित्सालय में 88 चिकित्सक कार्यरत है। (ख) जिला चिकित्सालय में पर्याप्त चिकित्सक कार्यरत है। (ग) 2340 मरीजों को इन्दौर रेफर किया गया। (घ) जी नहीं। (ङ) जी नहीं, उपचार में लापरवाही नहीं बरती गई। 108 एम्बुलेंस की अनुपलब्धता में जिला चिकित्सालय की शासकीय एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई गयी। जिगित्सा हेल्थ केयर संस्था का वेन्डर मेसर्स साईराम टेक्नों मालिक श्री अमित गर्ग एवं वाहन चालक अमित सुरवे जिम्मेदार पाये गये है। (च) जी हाँ। प्रकरण में विस्तृत जाँच कराई जा रही है। जाँच रिपोर्ट के अनुसार गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
मध्यप्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 157 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नयी सरकार के गठन के पश्चात मिलावट खोरों के खिलाफ कितने प्रकरण दर्ज किये गये है? कितने प्रकरणों में सेम्पल जाँच हेतु भेजे गये हैं? (ख) जाँच हेतु भेजे गये सेम्पल में कितने प्रकरणों में अमानक खाद्य प्रदार्थ होने की पुष्टि की गई है? प्रदेश में ऐसे कितने व्यापारियों के विरुद्ध रासुका लगाई गई है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी बताएँ? (ग) खण्डवा जिले में अमानक खाद्य सामग्री के कितने प्रकरणों में रासुका लगाई गई? उनके नाम बताएँ? (घ) क्या गत माह खण्डवा में अमानक गुड़ कारखाने पर कार्यवाही की गई थी? जिसमें कई क्विटल अमानक गुड़ मरी हुई छिपकली के साथ बरामद किया गया था। (ड.) यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की सैंपल जाँच में क्या पाया गया? इस गंभीर प्रकरण में जाँच की कार्यवाही शिथिल क्यों है? कब तक पूर्ण होगी? (च) विभाग द्वारा मिलावटखोरों की कार्यवाही में भेदभाव किया जा रहा है? यदि नहीं, तो ऐसे सभी अमानक खाद्य प्रदार्थ के निर्माता एवं मिलावटखोरों के विरुद्ध सेम्पल जाँच के प्रतिवेदन के आधार पर रासुका की कार्यवाही की जाएँगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्यप्रदेश में नई सरकार गठन के पश्चात जनवरी 2019 से मिलावट खोरों के खिलाफ 696 प्रकरण दर्ज किये गये है 13681 खाद्य नमूने जांच हेतु भेजे गये है। (ख) जांच हेतु भेजे गये 13681 नमूनों में से 1868 नमूने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 विनियम, 2011 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अवमानक पाये गये। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत विभिन्न जिला कलेक्टर द्वारा की गयी कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खंडवा जिले में अवमानक खाद्य सामग्री विक्रय/संग्रह करने पर 01 आरोपी विक्रेता सुदीप जैन पिता पवन जैन मेसर्स गणेश दूध डेयरी जलेबी चौक खंडवा के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की गई है। (घ) जी हाँ। दिनांक 06.10.2019 को गुड कारखाने पर कार्यवाही कर 8 क्विटंल गुड़ जप्त किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ड.) दिनांक 06.10.2019 को गुड़ कारखाने पर कार्यवाही करते हुये गुड़ के 02 नमूने जांच हेतु लिये गये है जो कि राज्य खाद्य जांच प्रयोगशाला में विश्लेषणाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जांच हेतु लिये गये नमूने अवमानक पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विनियम, 2011 अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत प्रकरण में विचारोपरांत जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाती है।
कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका के विरूद्ध कार्यवाही करना
[सहकारिता]
16. ( क्र. 176 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाये म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/वि.प./उर्व/ध्या./2019/2327 दिनांक 20-09-2019 को लेख किया यदि हाँ, तो उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, की गई तो दोषी कौन? (ख) क्या कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या महाप्रबंधक विजयसिंह कुर्मी के कार्यकाल में बालाघाट में कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका का भुगतान किया गया यदि हाँ, तो महाप्रबंधक विजयसिंह कुर्मी को क्यों निलम्बित नहीं किया गया? (घ) केन्द्रीय मर्यादित बैंक म.प्र. के कितने जिले में रासायनिक खाद कृषकों को बेचती है किस नियम से नियम बतावें? बालाघाट जिले में नियम विरूद्ध कितने रासायनिक खाद बेचे जा रहे है क्या कलेक्टर बालाघाट ने जाँच हेतु पत्र लेख किये थे यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय सिंह कुर्मी एवं श्री पी.एस. धनवाल के विरूद्ध म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल के सेवायुक्त के (सेवायुक्तों के नियोजन, निबंधन एवं कार्यस्थिति) सेवानियम के अंतर्गत कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किये गये हैं तथा समान अनुपात में वसूली का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये आदेश जारी कर दिये गये हैं। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, बालाघाट को उत्तरदायी शाखा प्रबंधकों एवं समिति प्रबंधकों से कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका को भुगतान की राशि की वसूली हेतु कार्यवाही के निर्देश पूर्व में ही जारी कर दिये गये थे। पुन: बैंक के पत्र दिनांक 07.12.2019 से उत्तरदायी शाखा प्रबंधकों एवं समिति प्रबंधकों के विरूद्ध प्रशासनिक कार्रवाई एवं समान अनुपात में वसूली की कार्रवाई किये जाने बाबत निर्देश दिये गये हैं। उपायुक्त सहकारिता जिला बालाघाट के द्वारा जांच कराई जाकर जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी पाये गये महाप्रबंधक/शाखा प्रबंधक/समिति प्रबंधक एवं शासकीय प्रशासक/अशासकीय प्रशासक के विरूद्ध राशि की वसूली हेतु म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (बी) के तहत प्रकरण जांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किये गये है। प्रभारी उपायुक्त सहकारिता द्वारा उत्तरदायी व्यक्तियों की विभागीय जांच के संबंध में प्रस्ताव नहीं भेजे गये है, अत: उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) आपराधिक दायित्व के तहत जांच करने के लिये राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराये जाने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया गया है। (ग) जी हाँ, श्री विजय सिंह कुर्मी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट द्वारा समितियों को कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पत्रिका की सदस्यता के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिये गये। केवल इनके कार्यकाल में पूर्व में जारी निर्देशों के अंतर्गत पत्रिका की सदस्यता की प्रक्रिया जारी थी, अत: श्री कुर्मी को निलंबित नहीं किया गया। (घ) प्रदेश में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा कृषकों को रासायनिक खाद का विक्रय नहीं किया जाता है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अनुसार बालाघाट जिले में समितियों द्वारा नियम विरूद्ध रासायनिक खाद का वितरण नहीं किया जाता है। बालाघाट जिले की सेवा सहकारी समितियों में बिना सक्षम अनुमति के कृषक किंग गोल्ड जाइम लिक्विड का विक्रय किये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला बालाघाट द्वारा पत्र क्रमांक/टीए/शिकायत/2019-20/1247 दिनांक 17.07.2019 बैंक को संबोधित कर लिखा गया था जिसके परिपालन में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा श्री ओ.पी. मंडले संस्था प्रबंधक समिति हट्टा एवं श्री राम सिंह धुर्वे संस्था प्रबंधक समिति बोंदा को निलंबित किया गया था। वर्तमान में उक्तानुसार दोनों सेवायुक्तों को बैंक द्वारा बहाल कर दिया गया है। बैंक द्वारा कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका से संबंधित शिकायत की जांच जारी है, जांच उपरांत दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकेगी।
जबेरा विधान सभा में पदस्थ चिकित्सकों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 183 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सर्रा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेजगढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नोहटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोंड में वर्तमान में कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत है उनके विरुद्ध कितने चिकित्सक पदस्थ है, कितने पद कितने समय से रिक्त है, रिक्त पदों में चिकित्सकों को पदस्थ करने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है एवं कब तक पदस्थ किये जावेंगे। जिन चिकित्सा केन्द्रों में चिकित्सक उपलब्ध नहीं है वहा मरीजों के चिकित्सा हेतु क्या व्यवस्था की गई हैं। अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा में विगत 05 वर्षों में किन-किन वर्षों में कितने एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध रहे हैं उन पर कितना व्यय हुआ है वर्तमान में कितने वाहन है कितने बंद पड़े है अगर बंद है तो क्यों और कब तक मरीजों को एम्बुलेंस वाहन की सुविधा प्राप्त हो सकेंगी।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ती निरंतर जारी है। म.प्र.शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश क्र.2020 दिनांक 04.11.2019 द्वारा प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 547 चिकित्सकों की नियुक्ति की गई, इनमें से 11 चिकित्सक दमोह जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में पदस्थ किये गये है, इनमें से जबेरा विधानसभा अंतर्गत 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तेजगढ़ एवं रोंड में चिकित्सक पदस्थ किये गये है। साथ ही संचालनालय आदेश दिनांक 05.09.2019 द्वारा 07 स्नातक बंधपत्र चिकित्सक दमोह जिले में पदस्थ किये गये है, इनमें से 01 चिकित्सक को जबेरा विधानसभा अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सर्रा में पदस्थ किया गया है। ऐसी संस्थाओं में जहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं है, में स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई है तथा संस्था में उपलब्ध चिकित्सक/स्टाफ द्वारा आमजन को स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तेंदूखेड़ा में 01 एम्बुलेंस वाहन क्र. एम.पी. 02, 0562 स्वराज माजदा वर्ष 2004 में प्रदाय की गई थी, जो विगत 08 वर्षों से बंद है तथा वाहन कंडम स्थिति में है। विगत 05 वर्षों से सुधार कार्य में कोई राशि व्यय नहीं की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तेंदूखेड़ा में चार 108 एम्बुलेंस वाहनों के माध्यम से एम्बुलेंस सुविधा प्रदान की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोसायटीयों में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच
[सहकारिता]
18. ( क्र. 190 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सहकारिता मंत्री द्वारा दिनांक 15 या 16 नवंबर 2019 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित उज्जैन शाखा नागदा अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था रूपेटा, रोहलखुर्द, झांझाखेडी, झिरन्या शेख संस्थाओं में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किए गए भ्रष्टाचार व अनियमितता के संबंध में 8 बिन्दुओं की प्राप्त शिकायत में जिले के बाहर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सघन जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध जांच कराने की मांग पर जांच के आदेश दिए गए है? (ख) यदि हाँ, तो जांच किस अधिकारी द्वारा की गयी? जांच में क्या-क्या अनियमितताएं पायी गयी? पृथक-पृथक सोसायटीवार सम्पूर्ण विवरण दें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, शिकायत प्राप्त हुई है, परन्तु शिकायत प्रश्न दिनांक तक जांच हेतु नहीं है, शिकायत में उज्जैन जिले से बाहर के अधिकारियों से जांच का अनुरोध किया है परन्तु जांच आदेश में ऐसे कोई निर्देश नहीं है। (ख) शिकायत जांच हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला उज्जैन को आयुक्त सहकारिता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक साख/सीबी-3/यू-35/2019/4043 दिनांक 25.11.2019 से भेजी गई है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है।
सेवा सहकारी समिति में कार्यरत सेल्समेन
[सहकारिता]
19. ( क्र. 210 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी समिति रीठी, जिला कटनी द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में कहां-कहां पर कौन-कौन से विक्रेताओं द्वारा उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है? ये सेल्समेन किन प्रक्रियाओं के तहत वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी समिति रीठी, जिला कटनी में किसके आदेश से कब से कार्यरत हैं? संपूर्ण सूची देवें। (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी कटनी, जिला कटनी द्वारा सहायक आयुक्त सहकारी, जिला कटनी को लिखे अपने पत्र क्रमांक/1919/अ.वि.अ./खाद्य/10, दिनांक 21/7/2010 के अनुसार। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सेवा सहकारी समिति के सेल्समेन श्री ज्ञानचंद लंहगेर, श्री गंगाराम बर्मन एवं श्री दीपक दास बैरागी को विक्रेता के कार्य से निष्कासित/पृथक करते हुये ये निर्देश भी दिये गये थे कि भविष्य में कभी इनकी समिति में सेल्समेन के पद पर पुनर्नियुक्ति न की जावे? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में श्री गंगाराम बर्मन पुन: वृहत्ताकार साख सेवा सहकारी समिति रीठी द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान में क्या सेल्समेन का कार्य कर रहे हैं? तो क्या यह विधिसम्मत है? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी समिति रीठी जिला कटनी द्वारा वर्तमान में कुल 14 उचित मूल्य दुकानों का संचालन 7 विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। संस्था में कार्यरत सेल्समेनों की नियुक्ति तत्कालीन संचालक मंडल द्वारा की गई है। संस्था में कार्यरत विक्रेताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित विक्रेताओं की सेवाएं वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी संस्था रीठी जिला कटनी द्वारा कभी समाप्त ही नहीं की गई, श्री गंगाराम बर्मन वर्तमान में संस्था में विक्रेता के पद पर कार्यरत नहीं होकर, लेखापाल के पद पर कार्यरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मांगीलाल चूरिया चिकित्सालय एवं मूसाखेडी में चिकित्सालय बाबत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 225 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इन्दौर शहर के मांगीलाल चूरिया चिकित्सालय के निर्माण हेतु बजट आवंटन किया गया था? चिकित्सालय की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? इतने समय बीतने पर भी आज तक निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं हो पाया? कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) क्या यह सही है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इन्दौर शहर के मूसाखेडी क्षेत्र में चिकित्सालय निर्माण हेतु राशि आवंटित की गई थी? क्या यह सही है कि इस निर्माण कार्य का भूमिपूजन भी कर दिया गया था? अभी तक निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हो पाया है? कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। पूर्व निर्मित भवन में चिकित्सा संस्था संचालित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उन्नयन के लिये विभाग द्वारा संशोधित कॉन्सेप्ट प्लान अनुमोदन कर निर्माण एजेन्सी परियोजना संचालक, पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग को भेजा गया है, तदानुसार पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुबंध अनुसार कार्य किया जायेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। निर्माण हेतु चयनित भूमि पर विवाद होने के कारण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर का स्थगन है इस कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बागरी जाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करना
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 229 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 8 जुलाई 2019 में प्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/समस्त कलेक्टर/समस्त संभाग आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि जिनके परिवार के किसी भी सदस्य पिता/भाई/बहिन को पूर्व में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है उनके परिवार के अन्य सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र जारी किये जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के निर्देशों के बावजूद भी क्या जबलपुर जिला अंतर्गत निवासरत बागरी जाति के सदस्यों को अनुविभाग अधिकारी राजस्व द्वारा अनु.जाति के लिये प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जा रहे है। क्या यह कृत्य प्रश्नांश (क) निर्देशों का उल्लघंन नहीं है? 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय में लंबित हैं? कब तक इन्हें प्रमाण पत्र जारी कर दिये जावेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक बागरी जाति के प्रमाण-पत्र हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
22. ( क्र. 239 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से लागू किया गया है? आरक्षण के क्या मापदंड हैं? विवरण दें। (ख) शासन द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण को पिछड़ा/अति पिछड़ा वर्ग हेतु कितने-कितने प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया है? (ग) मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग तथा अति पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियां आती हैं? पिछड़ा वर्ग तथा अति पिछड़ा वर्ग की कुल कितनी जाति तथा उनकी कुल कितनी संख्या प्रदेश में है? क्या अति पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग हेतु एक समान आरक्षण व्यवस्था है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 08 मार्च 2019 से। आवेदक का परिवार क्रीमीलेयर की श्रेणी में नहीं आता हो। क्रीमीलेयर के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अति पिछड़े वर्ग में राज्य शासन द्वारा कोई जाति घोषित नहीं की गयी है।अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश में वर्तमान में पिछड़ा वर्ग की कुल 93 जाति/उपजाति/वर्गसमूह है। जातियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। अति पिछड़े वर्ग में राज्य शासन द्वारा कोई जाति घोषित नहीं की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों की लंबित मांग
[सामान्य प्रशासन]
23. ( क्र. 240 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की कौन-कौन सी मांगे विभाग के पास लंबित है, जिनकों सरकार द्वारा स्वीकार किये जाने पर कोई भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कर्मचारियों की लंबित मांगों को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत मध्यप्रदेश के शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की किन-किन मांगों पर सरकार सहमत नहीं है? कारण सहित बतावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिटफण्ड कंपनियों पर कार्यवाही
[वित्त]
24. ( क्र. 243 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में ग्वालियर जिले में प्रशासन द्वारा कितनी चिटफण्ड कंपनियों पर कार्यवाही की गई? दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें। शासन/प्रशासन द्वारा चिटफण्ड कंपनियों की कितनी चल व अचल सम्पत्तियों को कुर्क किया गया और कंपनियों की कितनी सम्पत्तियों पर विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है? सर्वे नंबर व रकबावार, स्थल नाम सहित जानकारी देवें। (ख) विक्रय पर प्रतिबंध के बाद भी कितनी कंपनियों द्वारा प्रतिबंधित भूमियों के विक्रय की कार्यवाही की गई? कंपनीवार सर्वे नबंरवार जानकारी दें। प्रतिबंधित विक्रयशुदा भूमियों के विक्रय पर संबंधित कंपनियों/संबंधितों उप पंजीयकों तथा राजस्व अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) इन भूमियों की पूर्व स्थिति में वापसी के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) दि चिट फण्ड्स एक्ट, 1982 (वर्ष 1982 का संख्या 40) की धारा 4 के प्रावधानों के तहत चिट का व्यवसाय करने हेतु राज्य शासन की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करनी होती है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त अधिनियम के तहत चिट का व्यवसाय करने अथवा संचालित करने हेतु कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही चिट का व्यवसाय करने हेतु किसी के द्वारा कोई चिट अनुबंध पंजीकृत करवाया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों के नाम पर फर्जी ऋण जारी किया जाना
[सहकारिता]
25. ( क्र. 253 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के द्वारा कृषकों के लोन माफी की घोषणा के पश्चात् सतना एवं रीवा जिलों में किन-किन पंचायतों के द्वारा लोन लेने वाले कृषकों की सूची पंचायत भवनों में चस्पा एवं जारी की? दिनांक 01.01.2019 से प्रश्नतिथि तक दोनों जिलों में क्या फर्जी लोन जारी करने के प्रकरण सामने आये? माहवार/प्रकरणवार/जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या सहकारिता विभाग के अंतर्गत कार्यरत बैंकों/सोसायटियों द्वारा कृषकों की जानकारी (सहमती) के विरूद्ध उनके नाम से फर्जी ऋण लिया जाना दिनांक 01.01.2019 से प्रश्नतिथि तक सतना एवं रीवा जिले में पाया गया? क्या उक्त फर्जी ऋण लेने की जांच सहकारिता विभाग एवं संबंधित स्थानों के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के द्वारा प्रश्नतिथि तक की गई? अगर हां, तो प्रकरणवार हुई सभी जांच रिपोर्ट की एक-एक प्रति निष्कर्षों सहित उपलब्ध करायें। (ग) किन-किन सहकारी समितियों ने कुल कितने किसानों के नाम पर कितनी राशि का फर्जी ऋण निकाल रखा था? जिलेवार/अनुविभागवार जानकारी दें। जिला कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारियों के द्वारा प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में उल्लेखित के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक संबंधित थाना क्षेत्रों से प्रकरणवार एफ.आई.आर. दर्ज करवाते हुये क्या कार्यवाही की? प्रकरणवार/जिलेवार जानकारी दें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना की घोषणा के पश्चात रीवा एवं सतना जिले की समस्त पंचायत भवनों पर कृषकों का दिनांक 31.03.2018 पर शेष ऋण की सूची जारी कर चस्पा की गई थी। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वरिष्ठ निरीक्षकों के एक स्थान पर तीन वर्षों से ज्यादा पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 254 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2018 से प्रश्नतिथि तक प्रदेश में किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी मात्रा में कोरेक्स एवं अन्य प्रतिबंधित दवाओं को पुलिस द्वारा/ड्रग कंट्रोलर के अंतर्गत आने वाले विभाग द्वारा पकड़ा गया? स्थानवार/पकड़ी गई प्रतिबंधित दवावार/उसकी कुल कीमतवार/किसके द्वारा पकड़ी गई (पुलिस/ड्रग कंट्रोलर के मातहत)/माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार इन प्रतिबंधित दवाओं को क्या पुलिस द्वारा ज्यादा जब्त किया? अगर नहीं तो पुलिस द्वारा कितने प्रकरण कायम किये? विभाग द्वारा कितने प्रकरण कायम किये? स्थानवार/प्रकरणवार/माहवार जानकारी दें। (ग) ड्रग कंट्रोलर म.प्र. के अंतर्गत प्रदेश में किन-किन स्थानों पर प्रश्नतिथि तक 3 वर्ष एवं उससे ज्यादा की अवधि से ड्रग इंस्पेक्टर (निरीक्षक) एवं वरिष्ठ ड्रग इंसपेक्टर (निरीक्षक) पदस्थ हैं? नाम/पदनाम/पदस्थापना स्थल/पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी दें? 3 वर्ष से ज्यादा एक ही पदस्थापना स्थल पर पदस्थ रहने वाले औषधि निरीक्षकों/वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों के कार्य क्षेत्र में पुलिस द्वारा कोरेक्स एवं अन्य प्रतिबंधित दवाओं को कितनी मात्रा में जब्ती की गई एवं प्रकरण कायम किये गये वहीं औषधि विभाग द्वारा कितनी मात्रा में जब्ती की गई और प्रकरण कायम किये गये? सूची प्रकरणवार उपलब्ध करायें। (घ) क्या विभाग कोरेक्स जैसी दवायें जिन्हें युवा नशे के तौर पर बहुतायत उपयोग कर रहे हैं की बरामदगी 3 वर्ष से ज्यादा एक ही स्थान पर पदस्थ औषधी निरीक्षकों/वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों के कार्य क्षेत्र में होने से उक्त कर्मचारियों की ड्रग माफियाओं से संलिप्तता पाता है? अगर नहीं तो 3 वर्ष से ज्यादा एक स्थान पर पदस्थ अधिकारियों को कब तक हटाया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कोरेक्स नाम की दवा से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। यह दवा प्रतिबंधित दवाओं की श्रेणी में नहीं आती है। अन्य प्रतिबंधित दवाओं के संबंध में जानकारी निरंक है। (ख) प्रतिबंधित दवाओं के संबंध में जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न ही नहीं उठता।
म.प्र.स्थापना दिवस आयोजन में स्थानीय विधायक के विशेषाधिकार का हनन
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 316 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.स्थापना दिवस आयोजित किये जाने हेतु क्या-क्या निर्देश प्रदान किये गये थे? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? विकासखण्ड सारंगपुर में किस सार्वजनिक स्थान पर म.प्र.स्थापना दिवस का आयोजन किया गया? स्थान, समय तथा किन-किन जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति एवं अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया? नाम सहित अवगत करावें। (ख) राजगढ़ जिले के किन-किन विकासखंड मुख्यालयों पर म.प्र.स्थापना दिवस मनाया गया एवं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं अध्यक्षता हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था? विकासखंडवार नामवार जानकारी देवें। (ग) विकासखंड सारंगपुर में म.प्र. स्थापना दिवस सार्वजनिक स्थल पर नहीं मनाने के कारणों से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार सारंगपुर विकासखण्ड मुख्यालय पर सार्वजनिक स्थान पर स्थानीय विधायक की अध्यक्षता में म.प्र.शासन का अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन नहीं करनें पर तथा स्थानीय विधायक के विशेषाधिकार का हनन करने वाले दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन के निर्देशानुसार समारोह जिला मुख्यालय पर आयोजित किया जाना था इसलिए विकासखंड सांरगपुर में आयोजन नहीं किया गया। (ख) कार्यक्रम जिला मुख्यालय में आयोजित किया गया जिसके कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय मंत्री जी ऊर्जा विभाग थे। उक्त आयोजन में सम्मिलित होने हेतु सभी माननीय विधायक महोदय एवं जनप्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया। (ग) शासन के निर्देशानुसार सारंगपुर में कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। (घ) उत्तर (ग) के संदर्भ में विशेषाधिकार हनन का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जय किसान ऋण माफी योजनान्तर्गत किसानों का ऋण राशि की स्वीकृति
[सहकारिता]
28. ( क्र. 319 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा राशि रू. 2.00 लाख तक की ऋण माफी होना थी? यदि हाँ, तो समितियों द्वारा किसानों के ऋणमाफी के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये थे? कलेक्टर लॉगिन से जय किसान ऋण माफी के शेष रहे किसानों की जानकारी समितिवार, ग्रामवार, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत होना शेष है की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समितियों के द्वारा जिन हितग्राहियों के ऋण माफी के प्रकरण कलेक्टर लॉगिन से स्वीकृति से शेष रहे है उन क्या किसानों को डिफाल्टर घोषित किया है? यदि हाँ, तो इसमें किसानों का क्या दोष हैं? यदि नहीं, तो कितने किसानों को कुल कितनी ऋणराशि/खादबीज सामग्री प्रदाय की गई है? पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जयकिसान ऋणमाफी योजनान्तर्गत कलेक्टर लॉगिन से ऋण स्वीकृति से शेष रहे किसानों को कब तक ऋण राशि माफी स्वीकृत की जाकर डिफाल्टर से मुक्त किया जाकर ऋण राशि/खाद बीज प्रदाय किया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजगढ़ से संबद्ध 140 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था के अंतर्गत ऋण माफी हेतु 88,167 पात्र कृषक थे, जिसमें से 67,462 कृषकों की ऋण माफी स्वीकृति हेतु कलेक्टर लॉगिन पर भेजे गये, जिसमें से 67,384 प्रकरण कलेक्टर लॉगिन से स्वीकृत हुये, 78 प्रकरण लंबित है, जिनके निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलित है, जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष कृषकों के नाम व ग्राम की जानकारी न होने से वांछित जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार एम.पी. ऑनलाईन के लॉगिन की तकनीकी समस्या के निराकरण के उपरांत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नि:शक्तता प्रमाण पत्र
[वित्त]
29. ( क्र. 323 ) श्री गिरीश गौतम : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव सामाजिक न्याय विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक/एफ-3-38/2008/26-2 भोपाल, दिनांक 28.05.2008 को लिखा गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ऐसे नि:शक्तजनों को जिनका नि:शक्तता प्रमाण पत्र अस्थायी स्वरूप का जारी किया जाता है की प्रक्रिया में संशोधन किया जाकर नि:शक्तता प्रमाण पत्र स्थायी होगा, जिसके नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या संभागीय पेंशन अधिकारी, रीवा संभाग, रीवा, म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/परि.पें./सं.प्र.अ./2019/13 रीवा, दिनांक 09-04-2019 को जिला कोषालय अधिकारी, रीवा को पत्र लिखकर प्रत्येक पाँच वर्ष में सिविल सर्जन द्वारा जारी विकलांगता से ग्रसित रहने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शासन के निर्णय अनुसार पेंशन कार्यालय में आदेश/निर्देश जारी किये जायेंगे कि प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्णय अनुसार एक बार जारी किया गया नि:शक्तता प्रमाण पत्र हमेशा के लिए मान्य होगा? यदि नहीं, तो क्यों? आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1976 के नियम 47 (6) के परन्तुक (ख) (iv) (v) के तहत् प्रत्येक पाँच वर्ष में सिविल सर्जन द्वारा जारी विकलांगता से ग्रसित रहने का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना विहित है। इस नियम का स्वरूप तथा लक्ष्य विशिष्ट प्रकृति का है।
नि:शक्तता प्रमाण पत्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 324 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव सामाजिक न्याय विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा 28.05.2008 प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक/एफ-3-38/2008/26-2 भोपाल दिनांक 28.05.2008 को लिखा गया जिसमें उल्लेख किया गया कि शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ऐसे नि:शक्तजनों को जिनका नि:शक्तता प्रमाण पत्र अस्थायी स्वरूप का जारी किया जाता है की प्रक्रिया में संशोधन किया जाकर नि:शक्तता प्रमाण पत्र स्थायी होगा जिसके नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या संभागीय पेंशन अधिकारी रीवा संभाग म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/परि.पें./सं.प्र.अ./2019/13 रीवा, दिनांक 09.04.2019 को जिला कोषालय अधिकारी रीवा को पत्र लिखकर प्रत्येक पाँच वर्ष में सिविल सर्जन द्वारा जारी विकलांगता से ग्रसित रहने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शासन के निर्णय अनुसार पेंशन कार्यालय में आदेश/निर्देश् जारी किये जायेंगे कि प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्णय अनुसार एक बार जारी किया गया नि:शक्तता प्रमाण पत्र हमेशा के लिए मान्य होगा? यदि हाँ, तो आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र' 'ब'' अनुसार है। (ग) पेन्शन, भविष्य निधि एवं बीमा विभाग मध्यप्रदेश शासन की विभागीय नीति अनुसार मान्य नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 330 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में स्थापित सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन हेतु शासन स्तर पर विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या प्रस्ताव भेजे गये हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए शासन स्तर पर कौन-कौन से सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन करने हेतु शासन की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र स्थापित सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही निरन्तर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (ख) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में नईसराय, बहादुरपुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं कदवासा, मुधुखेड़ी को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की योजना है।
मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
32. ( क्र. 331 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन अंतर्गत म.प्र. में शासन स्तर पर कौन-कौन से क्षेत्र को औद्योगीकरण हेतु चयनित किया गया है? (ख) क्या अशोकनगर जिले को भी नवीन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के तहत शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से लगे सागर जिले की बीना तहसील अंतर्गत भारत-ओमान रिफाईनरी, जे.पी.थर्मल पावर प्लांट आदि उद्योग स्थापित है लेकिन मुंगावली तहसील में उद्योग क्षेत्र स्थापित हेतु पर्याप्त यातायात साधन, पानी के लिए पर्याप्त नदी एवं भूमि होने के बावजूद भी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन अन्तर्गत निजी क्षेत्र की प्रतिभागिता के माध्यम से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की वृद्धि में तेजी लाकर उच्चतर और सुस्थिर आर्थिक वृद्धि प्राप्त करना है। निवेश के सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर में वृद्धि तथा थ्रस्ट सेक्टर (कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण वस्त्र उद्योग आटोमोटिव एवं आटो पुर्जों, पर्यटन, फार्मास्युटिकल, जैव प्रौद्योगिकी, आईटी, स्वास्थ्य सेवाओं और लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग) में निवेश को बढ़ावा देना है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन प्रदेश के सभी भौगोलिक क्षेत्रों हेतु लागू है। (ख) शासन द्वारा उद्योगपतियों और निवेशकों को आकर्षक एवं सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2019) पूरे प्रदेश में लागू की गई है। नीति अंतर्गत प्रावधानित सुविधाओं का लाभ अशोकनगर जिले में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी प्राप्त होगा। (ग) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के तहसील मुंगावली में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिये कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
सिविल हॉस्पीटल नागदा-खाचरौद में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 351 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल हॉस्पीटल नागदा/खाचरौद में डॉक्टरों के कितने पद कब से रिक्त हैं? पदवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं स्वास्थ्य मंत्री महोदय से 1 जनवरी 2014 से 16 नवंबर 2019 तक क्षेत्र में डॉक्टरों की नियुक्ति/स्थानातंरण हेतु कितने पत्र दिए? दिए गए पत्रों पर कार्यवाही करते हुए कितने डॉक्टरों की नियुक्ति की गयी है? (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चांपाखेड़ा एवं मडावदा में डॉक्टर/कर्मचारियों के कितने पद रिक्त हैं और उन पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा 1 जनवरी 2014 से 16 नवंबर 2019 तक कितने डॉक्टरों /कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? नाम सहित विवरण दें। (घ) नागदा शासकीय चिकित्सालय में दान की गई 2 डायलिसिस मशीन हेतु 2 ऑपरेटरों व विशेषज्ञों की नियुक्ति करने एवं डायलिसिस किट शासन के माध्यम से प्रदान करने की प्रश्नकर्ता द्वारा मांग करने पर स्वास्थ्य मंत्री व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन ने अपने पत्र क्रं. 18789 दिनांक 27/08/2019 द्वारा स्वास्थ्य आयुक्त को प्रेषित किया गया था? स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा क्या स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जी नहीं, चिकित्सालय में उपलब्ध 02 डायलिसिस मशीन के संचालन हेतु एक डायलिसिस टेक्नीशियन पर्याप्त है। डायलिसिस हेतु पृथक से चिकित्सक उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है, चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सकों में से एक चिकित्सक नामांकित कर डायलिसिस में प्रशिक्षित कर कार्य संपादन कराने के निर्देश है।
माननीय विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 361 ) श्री जसमंत जाटव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय विधायकों के पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु शासन के क्या निर्देश है? (ख) शिवपुरी जिले की विधान सभा करैरा क्षेत्र से संबंधित जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर विभिन्न विभागों को समय-समय पर विधायक करैरा की ओर से लिखे गये पत्रों पर आज दिनांक तक संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन विभागों को पत्र लिखे गये हैं उनमें उदाहरणार्थ कुछ पत्र निम्नानुसार है जिन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
क्र. |
विभाग /कार्यालय का नाम |
पत्र क्र. /दिनांक |
1 |
कार्यालय कलेक्टर जिला शिवपुरी |
२३, २५-१-१९ ३४२,३४४,३४५, २४-६-१९ ५२३, ५-८-१९ ९११, ०१-१०-१९ ७४२, ३०-८-१९ ५४१, १९-७-१९ |
2 |
कार्यालय कलेक्टर पंचायत शाखा जिला शिवुपरी |
५८५, २०-९-१९ ५७३, ११-८१९ ५७४, ११-८-१९ ६६७, १७-१-१९ ६६१, १५-११-१९ |
3 |
कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा जिला शिवपुरी |
५८४, १४-१०-१९ |
4 |
कार्यालय कलेक्टर शिक्षा शाखा जिला शिवपुरी |
०९, २५-०१-१९ ३७५, २७-६-१९ २१, २५-१-१९ |
5 |
कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व करैरा जिला शिवपुरी |
८५ १९-०१-१९ ९७, २३-२-१९ ५०७, २७-७-१९ ५०६, २७-७-१९ ५१९, ५-८-१९ |
6 |
कार्यालय तहसीलदार तहसील करैरा/नरवर जिला शिवपुरी |
५६, १०-८-१९ २२९, ७-६-१९५४१, १७-९-१९ |
(ग) यदि विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है तो माननीय विधायक को सूचित क्यों नहीं किया गया और अगर कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 19-76/2007/1/4, दिनांक 19 जुलाई 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा शिवपुरी जिले की विधानसभा करेरा क्षेत्र से संबंधित जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर विभिन्न विभागों को लिखे गये पत्रों पर संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रामा सेंटर पर व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में l
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 368 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय बड़वानी मुख्यालय पर स्थित ट्रामा सेन्टर का निर्माण कब, कितनी लागत से व किस उद्देश्य से किया गया? ब्यौरा देवें l (ख) उक्त सेंटर कब से प्रारम्भ किया गया है और क्या इसके लिए उपयोगी समस्त संसाधनों की उपलब्धता करा दी गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) सम्पूर्ण सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी तथा अभी तक सुविधा उपलब्ध करा पाने के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्सालय बड़वानी मुख्यालय पर स्थित ट्रामा सेन्टर का निर्माण कार्य दिनांक 23.04.2014 को पी.आई.यू. द्वारा पूर्ण किया जाकर दिनांक 05.05.2016 को विभाग द्वारा अधिपत्य में लिया गया, जिसकी लागत राशि रूपये 431.01 लाख है व इसका उद्देश्य आकस्मिक चिकित्सा हेतु उपचार एवं स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करना है। (ख) दिनांक 17.08.2016 से प्रारंभ किया गया है, ट्रामा सेंटर से संबंधित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है, शेष रिक्त पदों की पूर्ति एवं पुन: रिक्त हो जाने की स्थिति/भरने की प्रक्रिया जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धानुक जाति को अनु.जाति में सम्मलित कर स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाना
[सामान्य प्रशासन]
36. ( क्र. 388 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में स्थित धानुक जाति को अनुसूचित जाति में सम्मलित कर स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु शासन द्वारा आदेश-निर्देश प्रदान किये गये हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला होशंगाबाद के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सोहागपुर द्वारा प्र.क्र.592 बी-121 05-06 दिनांक 27/07/2006 एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय गोहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्र.क्र. 39518/बी-121/caste certificate दिनांक 17/08/2015 द्वारा धानुक जाति को अनुसूचित जाति का जाती प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पिपरिया जिला होशंगाबाद द्वारा धानुक जाति को प्र.क्र. 20182बी-121/जाति प्रमाण पत्र दिनांक 28/05/2015 के द्वारा पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र जारी किया गया हैं। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या/शासन द्वारा प्रत्येक जिले में एवं एक ही जिले के दो अनुविभागों में पृथक-पृथक आदेश जारी किये गये हैं यदि नहीं, तो होशंगाबाद जिले के अनुविभाग पिपरिया में धानुक जाति को अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी न किया जाकर पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र जारी किये जाने का क्या कारण हैं, यह विसंगतियां क्यों है, इसके कौन उत्तरदायी हैं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य के लिये अधिसूचित अनुसूचित जातियों की सूची के सरल क्रमांक 20 पर ''धानुक'' जाति सम्पूर्ण प्रदेश के लिये अधिसूचित है। भारत सरकार द्ववारा अधिसूचित अनुसूचित जाति/जनजातियों के प्रमाण पत्र जारी किए जाने के शासन के निर्देश है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिपरिया द्वारा प्र.क्र. 20182/बी-121 दिनांक 28.05.2015 द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची क्र. 24 पर अंकित ''धनका'' जाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया है न कि ''धानुक'' जाति का। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश में संचालित उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
37. ( क्र. 400 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में संचालित उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने के संबंध में क्या-क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उज्जैन संभाग में संचालित उद्योगों द्वारा प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को उद्योगों द्वारा रोजगार उपलब्ध करवाया गया? उद्योगवार जानकारी प्रदान करें। यदि उद्योगों द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, तो इस संबंध में स्थानीय उद्योगों पर क्या कार्रवाई की जा सकती है? नियमों के प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को अधिकाधिक संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निम्न प्रावधान किये गये है- ‘’उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2018) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाईयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराए गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा।‘’ आदेश दिनांक 19/12/2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। (ख) उज्जैन संभाग में इस कार्यालय के क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों द्वारा रोजगार उपलब्ध कराये जाने की संबंधित जानकारी 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। उद्योगों द्वारा मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के निवासियों को नहीं दिये जाने पर इकाईयों को उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2018 ) अंतर्गत सुविधाओं का लाभ प्राप्त नहीं होगा। यह आदेश दिनांक 19/12/2018 के बाद उत्पादन प्रारंभ करने वाली इकाईयों पर प्रभावी होगा।
गैसावाद फैक्ट्री की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
38. ( क्र. 409 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में हटा विकासखण्ड के गैसावाद में स्प्रिंगवे माईनिंग प्राईवेट लिमिटेड कंपनी नाम से फैक्ट्री कब स्वीकृत हुई? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। कितनी राशि उक्त फैक्ट्री में व्यय होगी? शासन के उक्त फैक्ट्री से क्या अनुबंध है? समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) उक्त फैक्ट्री हेतु कितनी भूमि कितनी दर से खरीदी गयी? जिनकी भूमि खरीदी गयी, नाम पतावार जानकारी उपलब्ध करायें तथा यह बतायें कि फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा वहां की आसपास की कृषि भूमि को बंजर होने से बचाने हेतु क्या उपाय किये जावेंगे? इस हेतु क्या प्लानिंग की गई है? साथ ही लोगों की बीमारी से बचाव हेतु भी क्या प्रयास होंगे एवं पर्यावरण प्रदूषण को रोके जाने हेतु क्या प्रबंध किये जावेंगे? क्या स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जावेंगा? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत, आदि समस्त जानकारियां बतायें। उक्त फैक्ट्री का कार्य कब प्रारंभ होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जिला दमोह में हटा विकासखंड के गैसावाद में स्प्रिंगवे माईनिंग प्राईवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा भारत सरकार वाणिज्य उद्योग मंत्रालय में आईईएम क्रमांक 498/एसआईएमओ/2013, दिनांक 11/03/2013 एवं संशोधित आईईएम दिनांक 01/06/2019 को दर्ज किया गया। कंपनी द्वारा एमपीआईडीसी की वेबसाईट में निवेश आशय प्रस्ताव दर्ज किया गया है जिसका क्रमांक 103204118686 दर्ज किया गया है। प्रस्ताव अनुसार 1400 करोड़ का स्थिर पूंजी निवेश प्रस्तावित है। कंपनी के प्रस्ताव पर स्वीकृत सुविधाओं का लाभ इस शर्त पर देय होगा कि कंपनी द्वारा 14/10/2022 के पूर्व उद्योग स्थापनार्थ सभी प्रभावी कदम उठाते हुए 14/10/2023 तक वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ कर लिया जावे (दस्तावेजों के 1-8 पृष्ठ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त फैक्ट्री हेतु वर्तमान में 67.010 हैक्ट. निजी भूमि रू. 15 लाख प्रति एकड़ की दर से क्रय की गई है। जिनकी भूमि क्रय की गई है के नाम, खसरा क्रमांक, रकबा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा वहॉ के आस-पास की कृषि भूमि को बंजर होने से बचाने हेतु एन्वायरमेंट मैनेजमेंट प्लान के अंतर्गत (एयर मैनेजमेंट, वॉटर मैनेजमेंट, नोईस मैनेजमेंट, सॉलिड एवं हजार्डस मैनेजमेंट, ग्रीन बेल्ट/डेव्हलपमेंट/प्लांटेंशन) कार्य किया जावेगा। लोगों को बीमारी से बचाव तथा पर्यावरण प्रदूषण को रोके जाने हेतु फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा एन्वायरमेंट मैनेजमेंट तथा म.प्र. प्रदूषण निवारण मंडल के अंतर्गत नियम एवं शर्तों का पालन किया जावेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार दिये जाने हेतु यह प्रावधानित है कि म.प्र.शासन की नीति अनुरूप सुविधा/सहायता का लाभ प्राप्त करने हेतु इकाई को न्यूनतम 70 प्रतिशत रोजगार म.प्र. के स्थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा।
जननी सुरक्षा की गाड़ियों के परिचालन में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 413 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितनी जननी सुरक्षा की गाड़ियां संचालित हैं एवं जिला दमोह में संचालित गाड़ियों के नंबर व मालिक के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या किसी प्रसूतिका के नाम से जननी एक्सप्रेस को बुलाया जाता है एवं गाड़ियों से बारात अन्य कार्यों में किराये में उपयोग किया जाता है? (ग) जिला दमोह में जननी सुरक्षा योजना की संचालित गाड़ियों के द्वारा विगत एक वर्ष 2019-20 में कितनी प्रसूतिकाओं को उनके स्थल से लाकर किस अस्पताल तक पहुँचाया इसकी पुष्टि किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा की गई? साथ ही जिले की कौन सी गाड़ी कितने कि.मी. चली? समस्त जानकारियां उपलब्ध करायीं जावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में 749 जननी एक्सप्रेस वाहन संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी, नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र' 'दो'' अनुसार है। शेष प्रश्न भाग के संबंध में प्रसूतिकाओं को अस्पताल में भर्ती की पुष्टि हेतु चिकित्सालय में पदस्थ अधिकारियों द्वारा ओ.पी.डी./आई.पी.डी. नम्बर दर्ज किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
होशंगाबाद के एसडीएम कलेक्टर विवाद
[सामान्य प्रशासन]
40. ( क्र. 442 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद के अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर होशंगाबाद के मध्य विवाद की जांच आयुक्त होशंगाबाद संभाग द्वारा सितम्बर/अक्टूबर 2019 में की गयी थी। (ख) आयुक्त नर्मदापुरम संभाग के जांच प्रतिवेदन किस कर्मचारी/अधिकारी को दोषी पाया गया? (ग) विवाद का क्या कारण था? (घ) दोषी पाये गये अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) क्या उक्त विवाद के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र दि. 01.11.2019 के संबंध में कलेक्टर के पत्र क्र. 1039 दि. 07.11.2019 द्वारा मांगी गयी जानकारी के संबंध में प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 467 कलेक्टर कार्यालय में दि. 13.11.2019 को प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करायी गयी। यदि नहीं, तो कब तक कराई जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुक्त के जांच प्रतिवेदन में घटनाक्रम से संबंधित परिस्थितियों की वस्तुस्थिति का उल्लेख किया है। अधिकारियों/कर्मचारियों की दोषसिद्धता के संबंध में स्पष्ट निष्कर्ष नही है। (ग) प्रशासकीय कार्यों में संबंधित अधिकारियों के मध्य मतभेद विवाद का मुख्य कारण प्रतीत होता है। (घ) तत्कालीन कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी का प्रशासनिक कारणों से अन्यत्र स्थानांतरण किया जा चुका है। अनुविभागीय अधिकारी को आयुक्त, नर्मदापुरम द्वारा ''कारण बताओं सूचना'' पत्र जारी किया गया है। (ड.) जी हां। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को उनके पत्र दिनांक 12/11/2019 जो कलेक्टर कार्यालय में दिनांक 13/11/2019 को प्राप्त हुआ, का कलेक्टर, होशंगाबाद के पत्र क्रमांक स्टेनो/2018-19/अन्य/1079 दिनांक 27/11/2019 द्वारा उत्तर प्रेषित किया गया है।
स्वेच्छानुदान राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
41. ( क्र. 443 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायकों को प्रदत्त स्वेच्छानुदान राशि किन-किन प्रयोजनों से दी जा सकती है? इस संबंध में नियम कब-कब जारी किये गये? (ख) क्या विधायक स्वेच्छानुदान राशि सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन के लिए दी जा सकती है? (ग) क्या होशंगाबाद जिले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन हेतु दिये गये प्रस्ताव अमान्य किये गये हैं, जबकि अन्य जिलों में ऐसे प्रस्ताव स्वीकृत किये जा रहे हैं? (घ) क्या उक्त राशि सिर्फ बी.पी.एल. कार्डधारियों को ही देने के नियम हैं? यदि हाँ, तो नियमों को जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधायक स्वेच्छानुदान के अनुमत प्रयोजन निम्नानुसार हैः- (1) व्यक्ति विशेष के मामले में:- चिकित्सा शिक्षा, ईमानदारी एवं वीरतापूर्ण कार्य के लिये पुरस्कार, पाठशाला योग्य तथा निर्धन बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार विधवा स्त्री एवं मुक्त बन्धुआ मजदूर की लड़की को शादी के लिये आर्थिक सहायता, अत्यन्त गरीब व्यक्ति, अनाथ या अपंग व्यक्ति को सहायता। (2) संस्था के मामले में:- इसके तहत ऐसे सभी सार्वजनिक प्रयोजन शामिल होगें जो जनहित के स्वरूप के हो। 21 सितम्बर 2007, 31 अक्टूबर 2007 (इस निर्देश में सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 1920/3670/एक (1) 81, भोपाल दिनांक 28 मई 1982 का उल्लेख है) तथा 24 जुलाई 2009, द्वारा निर्देश जारी किये गये। (ख) संस्था के मामले में स्वीकृत करने का प्रावधान है। व्यक्ति विशेष के लिये शासन निर्देश में उक्त प्रयोजन अंकित नहीं है। (ग) जी हाँ। शासन निर्देश 28 मई 1982 में जारी निर्देश के पैरा 62-अ (1) (क) में अंकित टीप (1) एवं (2) में उल्लेखित नहीं होने से स्वीकृत नहीं किया गया। कुछ जिलों में प्रस्ताव स्वीकृत हुए है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कर्मचारियों की पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 444 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पदोन्नति के संबंध में प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 7 (12) दि. 16.07.2019 के संबंध में समिति गठित की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त समिति सदस्यों की जानकारी देते हुए बतावें कि समिति की कब-कब बैठक की गयी एवं क्या कार्यवाही की गयी। (ख) क्या इस संबंध में शासन द्वारा उच्चतम न्यायालय में कोई पक्ष प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो क्या। यदि नहीं, तो क्यों। (ग) जानकारी दें कि कर्मचारियों को पदोन्नति कब तक मिल सकेंगी।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) मामला उच्च्तम न्यायालय में विचाराधीन है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में संचालित पैथोलॉजी एवं सोनोग्राफी सेन्टर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 468 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर एवं बड़नगर शहर में कितने पैथोलॉजी लैब एवं सोनोग्राफी सेन्टर संचालित हो रहे हैं? स्थानवार संम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) संचालित पैथोलॉजी लैब सोनोग्राफी सेन्टर का विगत एक वर्ष में मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया एवं क्या-क्या कमी पाई गई? सम्पूर्ण जानकारी तारीखवार देवें। (ग) संचालित पैथोलॉजी लैब सोनोग्राफी सेन्टर की जाँच कराने का निर्धारण किसके द्वारा किया जाता है? क्या वर्तमान में सभी पैथोलॉजी सोनोग्राफी सेन्टर की जाँच की दरें समान हैं या अलग-अलग हैं? यदि अलग-अलग हैं तो कारण क्या है? (घ) संचालित पैथोलॉजी लैब एवं सोनोग्राफी सेन्टर में होने वाली जाँच की वर्षवार सूची उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। वर्तमान में सभी पैथालॉजी सोनोग्राफी सेन्टर की जांच की दरें अलग-अलग हैं। दर का निर्धारण सेंटर संचालक द्वारा किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
अखबारों की प्रसार संख्या
[जनसंपर्क]
44. ( क्र. 509 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसंपर्क संचालनालय की विज्ञापन शाखा द्वारा नियमित विज्ञापन सूची के अखबार वालों से प्रतिवर्ष वार्षिक पुनरीक्षण फार्म भरवाया जाता है? यदि हाँ, तो क्या सिवनी जिले से प्रकाशित होने वाले डीएवीपी अखबारों से भी पुनरीक्षण फार्म भरवाए गए हैं। (ख) क्या वार्षिक पुनरीक्षण फार्म के साथ अखबार वालों को समाचार पत्र के मुद्रण के लिये खरीदे गये कागज के बिल, भुगतान के प्रमाण पत्र एवं कागज परिवहन के प्रमाण देने होते हैं? (ग) क्या सिवनी जिले से प्रकाशित होने वाले अखबारों की प्रसार संख्या की जाँच कभी संचालनालय या जिला स्तर से की गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन देवें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जिला स्तर पर जांच के लिए कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी सिवनी को आदेशित किया गया है, जांच प्रतिवेदन आना शेष है।
दोषियों के खिलाफ कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 521 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र कहां-कहां पर संचालित हैं? जिला अस्पताल एवं केन्द्रों में किस प्रकार की कौन-कौन सी सुविधायें उपचार हेतु उपलब्ध हैं तथा वर्तमान समय में कौन-कौन सी सुविधायें मरीजों को प्रदान की जा रही हैं? जिला अस्पताल एवं केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला अस्पताल एवं केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन हेतु कौन-कौन से पद कब से स्वीकृत हैं एवं इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हुये होकर शेष पद कब से रिक्त हैं? केन्द्रवार पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति कब तक व किस प्रकार से की जावेगी? (घ) क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अनूपपुर जिले में 200 बिस्तर का अस्पताल स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक, क्रमांक व स्वीकृत राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। उक्त स्वीकृत अस्पताल का कार्य अब तक प्रारंभ न होने का कारण स्पष्ट करें साथ ही स्वीकृत अस्पताल भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा? अभी तक उक्त कार्य कार्य पूर्ण न कराये जाने पर कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के खिलाफ विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। (घ) जी हाँ। आदेश क्रमांक एफ/12-24/2016/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 24.11.2016 के द्वारा 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय अनूपपुर का 200 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किया गया तथा भवन/उन्नयन निर्माण हेतु आदेश क्रमांक एफ 12-8/2018/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 14.08.2018 द्वारा राशि रूपये 1729.24 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। जिला चिकित्सालय के लिए नवीन आवंटित भूमि का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है। अतः कलेक्टर अनूपपुर द्वारा जनप्रतिन