मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2015
सत्र
शुक्रवार, दिनाँक 18 दिसम्बर 2015
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 5 : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, संसदीय कार्य, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, श्रम, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण)
विधि
अधिकारी के पद
पर नियुक्ति
1. ( *क्र. 1259 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रम विभाग में विधि अधिकारी का पद होता है? यदि हाँ, तो यह पद सरकार द्वारा कब सृजित किया गया था एवं उक्त पद पर किस व्यक्ति की नियुक्ति हुई एवं नियुक्त व्यक्ति को कहाँ पदस्थ किया गया था? (ख) क्या पदोन्नति के पूर्व उन्हें विभाग प्रमुख द्वारा उनकी विधि डिग्री फर्जी पाये जाने पर नोटिस जारी किया गया था? क्या वे शासकीय सेवा के साथ-साथ एल.एल.डी./एल.एल.एम. की कक्षाओं में नियमित छात्र के रूप में उपस्थित रहे एवं पदस्थ कार्यालय में भी हस्ताक्षर पाये गये एवं डी.पी.सी. के दौरान उन्हें निलंबित एवं बहाल भी किया गया था। क्या उक्त व्यक्ति की पदोन्नति भी विभागीय जाँच के चलते की गई? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह नियमों का उल्लंघन नहीं है? तत्संबंध की समस्त जानकारी उपलब्ध कराकर उक्त लापरवाही में संलग्नित अधिकारियों पर कार्यवाही की समय-सीमा बतावें।
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। श्रम विभागीय आदेश दि. 31.12.1985 द्वारा विधि अधिकारी का 01 पद सृजित किया गया था। उक्त पद पर प्रथमत: श्री एम.के. पोरवाल एवं तत्पश्चात् श्री जी.डी. द्विवेदी को पदोन्नत करते हुए विधि अधिकारी के पद पर मुख्यालय, इंदौर में पदस्थ किया गया था। (ख) जी नहीं। विधि अधिकारी के पद पर पदोन्नति के पूर्व श्री जी.डी. द्विवेदी को प्रश्नांकित नोटिस जारी नहीं किया गया था। श्री जी.डी. द्विवेदी के सहायक श्रमायुक्त के पद पर पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक दिनाँक 8.7.14 को आयोजित हुई थी। श्री जी.डी. द्विवेदी को प्रश्नांकित आरोपों के संबंध में विभागाध्यक्ष द्वारा आरोप पत्र दिनाँक 14.8.14 को जारी किया गया था तथा एक अन्य प्रकरण में उन्हें विभागाध्यक्ष द्वारा एक अन्य आरोप पत्र दिनाँक 9.7.14 को जारी किया गया था। श्री द्विवेदी को श्रमायुक्त द्वारा दिनाँक 15.7.14 को निलंबित किया गया था तथा श्रम विभाग, म.प्र. शासन के आदेश दिनाँक 4.8.14 द्वारा बहाल किया गया था। (ग) उनकी संस्थित विभागीय जाँच प्रचलित है। पदोन्नति में किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ। किसी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
2. ( *क्र. 2666 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों के वर्तमान में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने रिक्त हैं? जिलावार जानकारी संख्या सूची सहित प्रतिशत में देवें। (ख) क्या किन्हीं जिलों में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत चिकित्सकों का प्रतिशत अधिक है तथा किन्हीं जिलों में यह प्रतिशत काफी कम है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार द्वारा जिन जिलों में कार्यरत चिकित्सकों की संख्या काफी कम है, उन जिलों में अन्य जिलों के प्रतिशत के बराबर चिकित्सकों की पूर्ति की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या बैतूल जिले में यह प्रतिशत काफी कम है? यदि हाँ, तो अन्य जिलों के अनुसार बैतूल जिले में चिकित्सकों की पूर्ति के संबंध में क्या सरकार कोई कार्यवाही करेगी तथा कब तक चिकित्सकों की पूर्ति कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है, प्रदेश में विशेषज्ञों/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी है, अतः शत-प्रतिशत विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों की पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञ के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। चिकित्सकों की पदपूर्ति के प्रयास अंतर्गत ही वर्ष 2015 में 1896 पदों के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से विज्ञापन जारी किए गए हैं, चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची अप्राप्त है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) प्रदेश में बैतूल जिले का कार्यरत प्रतिशत 44 है एवं इससे कम प्रतिशत वाले 15 जिले हैं, जिनमें विशेषज्ञ/चिकित्सक बैतूल जिले से भी कम है। शेष उत्तरांश ’’क’’ अनुसार।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत ठेकेदार
3. ( *क्र. 1007 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के फेस 1 में कार्य का संचालन एवं संधारण करने हेतु किन-किन ठेकेदारों को किस काम के टेण्डर दिये गये हैं? (ख) प्रश्न (क) में उल्लेखित परियोजना के ठेकेदारों के द्वारा कितने कुशल, अर्द्धकुशल व अकुशल मजदूर किस कार्य के लिये लगाए गए हैं? उन मजदूरों की काम के अनुसार कितनी राशि बैंक खाते में जमा की जा रही है तथा कितनी राशि पी.एफ. के नाम से काटी जा रही है? (ग) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत ठेकेदारों के पास से काम करने वाले मजदूरों को बीच में काम छोड़ने पर किन मजदूरों को पी.एफ. की राशि बैंक खाते में जमा की गई है। उन मजदूरों की सूची पी.एफ. राशि सहित दें।
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। कार्यरत् मजदूरों की मजदूरी बैंक खाते में जमा नहीं की जाती है, बल्कि नगद भुगतान किया जाता है। ठेकेदार द्वारा मजदूरों से 12 प्रतिशत व स्वयं का 13.61 प्रतिशत अंशदान जोड़कर पी.एफ. (कर्मचारी भविष्य निधि) खाते में जमा किया जाता है। (ग) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में कोटे से चयनित अभ्यार्थी
4. ( *क्र. 31 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-2016 सत्र के लिये निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के MBBS पाठ्यक्रम में एन.आर.आई. कोटा स्टेट (AIPMT से चयनित) कोटा तथा DMAT कोटा से चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित AIPMT से चयनित तथा DMAT से चयनित अभ्यार्थियों के कॉलेज अनुसार AIPMT तथा DMAT परीक्षा के अनुक्रमांक परीक्षा केन्द्र का नाम, प्राप्तांक तथा संबंधित परीक्षा में रेंक सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अभ्यार्थियों के संबंधित विश्वविद्यालय अथवा मेडिकल काउन्सलिंग ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन क्रमांक तथा दिनाँक की सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
साफ-सफाई एवं सुरक्षा ठेके में अनियमितता
5. ( *क्र. 2645 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में इंदौर एम.वाय. अस्पताल एवं अन्य शासकीय अस्पतालों में साफ-सफाई एवं सुरक्षा का टेंडर कब-कब निकाला गया? (ख) इनमें किन फर्मों/कंपनियों ने भाग लिया? उनके पूरे दस्तावेज जिनमें उनके भरे टेंडर फार्म, अनुभव प्रमाण पत्र, लाइसेंस प्रकार, लाइसेंस अवधि सहित उपलब्ध करावें। (ग) ईगल स्क्यिोरिटी सर्विस को केवल 1 वर्ष का अनुभव एवं लाइसेंस प्रकार L-4 होने के बाद कार्य दे दिया गया, जबकि ज्यादा अनुभवी व L-1 पात्रता वाली फर्में टेंडर प्रक्रिया में थी? कारण स्पष्ट करें? (घ) उपरोक्त कार्य कब तक निरस्त किया जाएगा? इसके लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एम.वाय. चिकित्सालय इन्दौर में वर्ष 2015 में साफ-सफाई का टेण्डर दिनाँक 17/09/2015 एवं सिविल सर्जन इन्दौर द्वारा दिनाँक 29/06/2015 को साफ-सफाई एवं सुरक्षा का टेण्डर निकाला गया। (ख) मेसर्स कामथेन सिक्यूरिटी सर्विस इन्दौर, मेसर्स प्रथम नेशनल सिक्यूरिटी सर्विस इन्दौर, मेसर्स न्यू बुन्देलखण्ड सिक्यूरिटी सर्विसेस इन्दौर, मेसर्स ईगल सिक्यूरिटी सर्विस भोपाल, मेसर्स एक्वा क्लीन सर्विस प्रा.लि. भोपाल, मेसर्स हृयूमन मेट्रिक्स सिक्यूरिटी सर्विस इन्दौर, रियल सिक्यूरिटी एण्ड हाउसकीपिंग सर्विसेस इन्दौर, रतन एम्पोरियम धार ने भाग लिया। सिक्युरिटी सर्विसेस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं हाउसकीपिंग सर्विसेस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) एम.वाय. चिकित्सालय इन्दौर में वर्ष 2015 में प्रकाशित टेण्डर के पृष्ठ 5 के कॉलम 06 के अनुच्छेद ’’बी’’ में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि जितनी भी कम्पनियाँ एक वर्ष का सन्तोषप्रद अनुभव रखती हैं, वह टेण्डर प्रक्रिया के टेक्नीकल बिड में शामिल हो सकती हैं। मेसर्स ईगल सिक्यूरिटी सर्विसेस इस नियम के अन्तर्गत पात्र थी, इसलिये उन्हे अन्य 05 पात्र कम्पनियों के साथ टेण्डर प्रक्रिया एवं टेक्नीकल बिड में शामिल किया गया था। इसके पश्चात् मेसर्स ईगल सिक्यूरिटी सर्विसेस को सबसे ज्यादा अंक के आधार पर साफ-सफाई का ठेका दिया गया। जिला चिकित्सालय इन्दौर द्वारा मेसर्स ईगल सिक्यूरिटी सर्विसेस को साफ-सफाई एवं सुरक्षा का ठेका नहीं दिया गया। (घ) प्रश्नांश ’’ग’’ के उत्तर अनुसार संपूर्ण प्रक्रिया वैधानिक रूप से की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक पुरूष संवर्ग का निकाय परिवर्तन
6. ( *क्र. 1067 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक पुरूष संवर्ग की स्थानांतरण नीति यदि शासन द्वारा जारी की गई है तो आदेश/स्थानांतरण नीति की एक प्रति देवें। होशंगाबाद जिले में अध्यापक पुरूष संवर्ग के कितने शिक्षक हैं, जो अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति एवं रीडिप्लायमेंट के कारण अन्य विभागों में कार्य कर रहे हैं? सूची प्रदान करें। (ख) क्या अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों का पदोन्नति उपरांत अथवा अन्य कारण से निकाय परिवर्तन हुआ है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, किस सक्षम अधिकारी के आदेश से बतायें तथा पूर्व निकाय की पदस्थापना एवं वर्तमान निकाय की पदस्थापना की जानकारी भी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केवल महिला, नि:शक्त एवं परस्पर आधारित एक निकाय से अन्य निकाय में ऑनलाईन संविलियन की नीति है। प्रश्नांकित जिले में अध्यापक संवर्ग के पुरुष अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति एवं रीडिप्लायमेंट के अन्तर्गत कार्यरत नहीं है। (ख) जी हाँ। श्री अजय कुमार दुबे, अध्यापक मूल पदस्थापना शा. मावि जामरा बनखेड़ी जिला पंचायत होशंगाबाद के अन्तर्गत थी और प्रतिनियुक्ति पर इनकी पदस्थापना शा. उत्कृष्ट उमावि पिपरिया जिला-होशंगाबाद हुई थी। मुख्य नगर अधिकारी पिपरिया जिला-होशंगाबाद के आदेश क्र./1693, दिनाँक 28.02.14 के द्वारा श्री अजय कुमार दुबे की पदोन्नति अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक (गणित) के पद पर की जाकर शा. हाईस्कूल नगर पालिका पिपरिया की गई है। यह पदोन्नति त्रुटिपूर्ण होने के कारण कलेक्टर, जिला-होशंगाबाद को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं।
केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत योजनाओं का संचालन
7. ( *क्र. 2546 ) श्री रजनीश सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में आदिम जाति कल्याण की योजनायें जो शासन से संचालित हैं, चलाई जा रही हैं? (ख) इन ग्रामों में शासन द्वारा विकास कार्यों के लिए कितनी राशि का आवंटन किस मद से किया गया? (ग) IAP योजना से लाभांवित ग्रामों का भी उल्लेख करते हुये स्पष्ट जानकारी देवें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर संलग्न है।
वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति
8. ( *क्र. 634 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में अध्यापक संवर्ग में वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति प्रश्न दिनाँक तक नहीं की गई है? (ख) क्या सरकार द्वारा वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति हेतु कोई नीति तैयार की है? यदि हाँ, तो बतलावें। यदि नहीं, तो कब तक नीति का स्वरूप तैयार किया जावेगा तथा इसका लाभ वरिष्ठ अध्यापकों को कब तक प्राप्त होगा? समय-सीमा बतलावें। (ग) प्रदेश में अध्यापक संवर्ग की स्थानांतरण नीति नहीं है फिर भी दमोह जिले में अनेक पुरूष अध्यापकों के पदांकन मूल शाला से अन्य शालाओं में किये गये हैं? क्या नियम नीति के विरूद्ध प्रतिनियुक्ति समाप्ति एवं निलम्बन से बहाल उपरांत पुरूष अध्यापकों के स्थान परिवर्तन किये गये हैं? जानकारी दें। (घ) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध किये गये स्थान परिवर्तन वाले पुरूष अध्यापकों को कब तक मूल शाला में भेजा जावेगा तथा अनियमितता करने वाले संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत/नगरीय निकाय अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्तें) नियम, 2008 की अनुसूची-चार के अनुसार वरिष्ठ अध्यापक को पदोन्नति का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वरिष्ठ अध्यापकों के पूर्व से नियुक्त, नियुक्त व्याख्याताओं की शत-प्रतिशत पदोन्नति होने तक वरिष्ठ अध्यापकों के लिए पदोन्नति की व्यवस्था प्रारम्भ की जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। स्थानांतरण नीति नहीं है। सहायक अध्यापक संवर्ग संबंधित जनपद तथा अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक संवर्ग संबंधित जिला पंचायत के अधीन होता है। निलंबित अध्यापकों के निलम्बन उपरांत पदस्थापना विभागीय जाँच प्रभावित नहीं हो, को दृष्टिगत रखते हुये उसी निकाय की अन्य शाला में की जाना गलत नहीं है। प्रतिनियुक्ति से वापसी पर मूल शाला में पदस्थ किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में विद्यार्थियों को कोचिंग की सुविधा
9. ( *क्र. 1331 ) श्री जतन उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग के पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में छात्रों को कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त सुविधा कब से उपलब्ध कराई जा रही है एवं इसके लिए कोई आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रावासों में निवासरत को भी उपलब्ध कराई जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत छात्र/छात्राओं को उक्त सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जायेगी तथा कब तक आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त सुविधा मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के पृष्ठांकन क्रमांक एफ-12-24/2007/दो/पच्चीस भोपाल, दिनाँक 03.06.2008 द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रों को साईकिल एवं गणवेश की राशि का भुगतान
10. ( *क्र. 1426 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली के अंतर्गत विकासखण्ड बैढ़न, चितरंगी एवं देवसर स्थित विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को साईकिल एवं गणवेश हेतु क्या नगद राशि देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्तमान में विद्यार्थियों को क्या राशि का भुगतान दिया गया है? यदि नहीं, तो विगत कितने वर्षों से छात्र/छात्राओं को उक्त धन राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त पैसा को-ऑपरेटिव बैंक में जमा कर दिया गया है? क्या छात्र/छात्राओं का बैंक खाता को-ऑपरेटिव बैंक में नहीं होने के कारण उक्त राशि का भुगतान पाने से अभी तक वंचित हैं? यदि हाँ, तो प्रत्येक विकासखण्डवार संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या ब्लॉक चितरंगी में विगत तीन वर्षों से छात्र/छात्राओं के खाते में पैसा नहीं दिया गया है और न ही इनका भुगतान किसी भी माध्यम से किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए उत्तरदायी/दोषी अधिकारी कौन हैं तथा इनके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जाकर छात्र/छात्राओं का भुगतान दिया जा सकेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासकीय शाला में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत समस्त बालक बालिकाओं को 400 रूपये के मान से निःशुल्क गणवेश का वितरण अकाउंटपेयी चेक के माध्यम से तथा निःशुल्क सायकिल वितरण की राशि रू. 2300/- कक्षा 6वी के पात्र हितग्राहियों को शाला प्रबंधन समितियों के माध्यम से चेक द्वारा प्रदान की गई है। वर्तमान में विगत वर्षों की उक्त मद की राशि नियमानुसार हितग्राहियों को प्रदान की जा चुकी है। वर्ष 2015-16 में कक्षा 9वी के छात्र-छात्राओं को ऑनलाईन समग्र पोर्टल के माध्यम से पात्रता निर्धारित की जाकर राशि हितग्राही विद्यार्थियों के बैंक खाते में अंतरित की जाती है। 7471 पात्र छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया जा चुका है तथा लगभग 1800 विद्यार्थियों को लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टॉफ नर्स के पदों पर भर्ती
11. ( *क्र. 1214 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा महिला स्टॉफ नर्स के 1868 पदों हेतु फरवरी 2015 में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था? (ख) क्या विभाग द्वारा बी.एस.सी./जी.एन.एम. नर्सिंग का कोर्स पुरूष एवं महिला दोनों को कराते हुए डिग्री एवं डिप्लोमा प्रदान किये जा रहे हैं एवं समान रूप से शासन द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति भी बराबर प्रदान की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो स्टॉफ नर्स की भर्ती में पुरूष वर्ग को शामिल क्यों नहीं किया गया? इसी भेदभाव के चलते माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक 2757/ दिनाँक 15 अप्रैल 2015 को दायर किया गया था जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी कर महिला स्टॉफ नर्स की भर्ती में रोक लगा दी गई किंतु विभाग द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर महिला स्टॉफ नर्स की भर्ती प्रक्रिया क्यों चालू रखी गई? कारण सहित बतायें। (घ) क्या पुरूष स्टॉफ नर्स की डिग्री/डिप्लोमा धारी युवकों द्वारा समय समय पर संबंधित मंत्री/राज्य मंत्री एवं मुख्य मंत्री को ज्ञापन सौंप कर भर्ती प्रक्रिया का विरोध जताया गया जिस पर मुख्य मंत्री जी द्वारा आश्वासन देते हुए 26 जुलाई 2015 के पूर्व की गई स्टॉफ नर्स की भर्ती स्थगित कर दी गई लेकिन 16 सितम्बर 2015 में पुन: विभाग द्वारा महिला स्टॉफ नर्स की भर्ती क्यों प्रारंभ कर दी गई कारण सहित बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित बी.एस.सी. नर्सिंग कॉलेज एवं जी.एन.एम. प्रशिक्षण केंद्रो में केवल महिला उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाता है एवं क्रमशः डिग्री एवं डिप्लोमा प्रदाय किया जाता है तथा शासन द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति भी प्रदाय की जाती है। उक्त संस्थाओं बी.एस.सी. नर्सिंग कॉलेज एवं जी.एन.एम. प्रशिक्षण केंद्रो में पुरूष उम्मीदवारों को प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। (ग) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तृतीय श्रेणी परिचारिका भर्ती नियम में केवल महिला उम्मीदवारों को स्टॉफ नर्स के पद पर नियुक्त करने का प्रावधान है। भर्ती नियम में प्रावधान न होने के कारण पुरूषों को स्टॉफ नर्स के पद पर नियुक्त नहीं किया जाता। (घ) विभाग से संबंधित नहीं है।
नरसिंहपुर जिले में भवन विहीन स्कूल
12. ( *क्र. 1700 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल स्वयं के भवन में संचालित हैं? कौन-कौन से भवन विहीन हैं तथा उनके भवन निर्माण की क्या-क्या योजना है? (ख) किन-किन हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूलों के भवन निर्माण का कार्य चल रहा है तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? नवीन हाई स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध करवाने की क्या योजना है तथा कितने विद्यालयों को कितनी राशि दी गई? (ग) कौन-कौन सी माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल तथा किन-किन हाई स्कूलों को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन प्रस्तावित है? शालावार जानकारी दें। (घ) क्या आगामी सत्र से हाई स्कूल तथा हायर सेकण्डरी स्कूलों में प्रस्तावित कक्षायें प्रारंभ हो जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहपुर जिले के तेन्दुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र 34 में से 27 हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल स्वयं के भवन में संचालित हैं। शेष 7 हाई/हायर सेकण्डरी स्कूल भवन निर्माणधीन हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) नरसिंहपुर जिले के तेन्दुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 7 हाई/हायर सेकण्डरी विद्यालयों में निर्माण कार्य चल रहा है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। इस वर्ष 04 हाई स्कूलों में फर्नीचर प्रदाय किया जाना है। फर्नीचर हेतु विद्यालयों को राशि जारी नहीं की गई है। (ग) निर्धारित मापदंड अनुसार माध्यमिक शालाओं से हाईस्कूल में उन्न्यन हेतु एक शाला, माध्यमिक शाला हीरापुर एवं हाई स्कूल से हायर सेकण्डरी में उन्नयन हेतु कोई भी शाला पात्र नहीं है। (घ) उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा जिले में संचालित श्रम विद्यालय
13. ( *क्र. 1816 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में संचालित 8 श्रम विद्यालय के संदर्भ में संचालित श्रम विद्यालयों का माह मार्च-अप्रैल 2014-15 में बी.आर.सी.सी. मऊगंज एवं हनुमना द्वारा निरीक्षण किया जाकर जिला पंचायत रीवा को भेजा गया है? यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें। (ख) क्या विद्यालय में उपस्थित छात्र एवं उनको मिलने वाली सुविधाओं का वर्ष 2015-16 का सत्यापन करा लिया गया है? यदि हाँ, तो इसका विवरण देवें एवं यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) हाँ प्रश्नानुसार बिन्दु क्रमांक ‘क’ में चाही गयी जानकारी अनुसार बी.आर.सी.सी. मऊगंज एवं हनुमना द्वारा माह मार्च-अप्रैल, 2014-15 में जिला पंचायत रीवा को प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर केन्द्रवार निरीक्षण का विवरण निम्नानुसार है :- 1. केन्द्र भाठी हनुमान में दिनाँक 03.03.15 को निरीक्षण दौरान औसत उपस्थिति 39 रही अन्य व्यवस्थाओं में शिक्षक उपस्थित एवं मध्यान्ह भोजन का वितरण होना पाया गया। 2. केन्द्र बेलौही कलॉ में दिनाँक 03.03.15 को निरीक्षण में दर्ज छात्र संख्या 50 कुल छात्र उपस्थिति 37 रही एवं मध्यान्ह भोजन वितरित किया जाना पाया गया। अन्य व्यवस्थाएं सामान्य रूप से होना पाया गया। 3. केन्द्र हनुमना (सगरा) में निरीक्षण दिनाँक 03.03.15 को नगर पंचायत अंतर्गत केन्द्र सगरा वार्ड क्र. 6 में दर्ज संख्या 50 उपस्थित छात्र 32 एवं औसत उपस्थिति 34 पाई गई निरीक्षण के दौरान 5 शिक्षक उपस्थित पाए गये, एमडीएम का वितरण होना पाया गया। 4. केन्द्र भुअरी हनुमना में दिनाँक 03.03.15 को केन्द्र के निरीक्षण में दर्ज छात्र संख्या 50 उपस्थित एवं औसत उपस्थिति 40 होना पाया गया, अन्य व्यवस्थाओं में सभी शिक्षक केन्द्र में उपस्थित पाये गये तथा निरीक्षण दिनाँक को एमडीएम का वितरण होना पाया गया। 5. केन्द्र मसुरिहा में दिनाँक 03.03.15 को निरीक्षण में केन्द्र में दर्ज छात्र संख्या 50 उपस्थित एवं औसत उपस्थिति 30 पायी गयी साथ ही शिक्षकों की उपस्थिति एवं एमडीएम का वितरण होना पाया गया। 6.केन्द्र सलैया में दिनाँक 03.03.15 को निरीक्षण पर केन्द्र में दर्ज छात्र संख्या 50 सहित उपस्थिति 38 एवं औसत उपस्थिति 37 पाई गयी केन्द्र में 3 शिक्षक उपस्थित पाये गये। एमडीएम का वितरण नियमित रूप से होना पाया गया। 7. केन्द्र टटिहरा पहाड़ में दिनाँक 03.03.15 को निरीक्षण में केन्द्र में दर्ज छात्र संख्या 50 एवं उपस्थिति 30 एवं औसत उपस्थिति 35 पाई गयी। केन्द्र में 5 शिक्षक उपस्थित पाये गये साथ ही केन्द्र में एमडीएम का वितरण सुनिश्चित रूप से किया जाना पाया गया। 8. केन्द्र मऊगंज में दिनाँक 10.03.15 को निरीक्षण किया गया। दर्ज छात्र संख्या 50 छात्र उपस्थिति 17 पाई गयी, एमडीएम का वितरण होना पाया गया। उपरोक्त प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित संचालन समितियों का व्यवस्था संबंधी कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये थे तथा संबंधित संचालन समितियों से प्राप्त स्पष्टीकरण के परिप्रेक्ष्य में भविष्य में व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिये निर्देशित किया गया था। (ख) हाँ, प्रश्नानुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में संबंधित संचालन समितियों को प्रदत्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है तथा नियमित रूप से होने वाले निरीक्षण के दौरान संबंधित मदों में व्यय राशि का सत्यापन किया जाता है।
विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत शालाओं में निर्माण कार्य
14. ( *क्र. 1582 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनाँक तक कितने शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष/शौचालय के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायी जावे। (ख) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनाँक तक कितने शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष/शौचालय बनकर तैयार हो गये हैं एवं कितनों का निर्माण कार्य चल रहा है तथा उक्त कार्य के लिये क्या समय-सीमा निर्धारित की गयी थी? (ग) यदि आज दिनाँक तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुये हैं, तो संबंधित निर्माण एजेंसी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है? (घ) विधानसभा क्षेत्र बीना में कितनी माध्यमिक शालायें/ प्राथमिक शालायें एवं हाईस्कूल/उ.मा.वि. शिक्षक विहीन शालायें हैं? सूची उपलब्ध करायी जावे। यदि हाँ, तो शालाओं में कब तक शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनाँक तक 05 माध्यमिक शाला भवन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार एवं 80 शौचालय जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’अनुसार स्वीकृत किये गये हैं, कोई अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनाँक तक स्वीकृत 05 माध्यमिक शाला भवन में से 02 पूर्ण हैं एवं 03 अपूर्ण हैं, जिनके निर्माण पूर्ण करने की अवधि मार्च, 2013 थी। स्वीकृत 80 शौचालय में से 80 के निर्माण पूर्ण हो गये हैं। कोई अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत नहीं किया गया। (ग) संबंधित निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बी.आर.सी.सी. बीना द्वारा दिनाँक 05.05.2015 दिनाँक 20.10.2015 दिनाँक 24.11.2015 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर द्वारा एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बीना को लिखा गया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बीना के न्यायालय में कार्यवाही हेतु प्रकरण प्रचलन में है। (घ) विधान सभा क्षेत्र बीना में 08 प्राथमिक/माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’अनुसार शालाओं में अतिथि शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शाला शिक्षक विहीन नहीं हैं। सभी शालाओं में नियमित शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं।
आरक्षित वर्ग हेतु सामुदायिक भवन/छात्रावास का निर्माण
15. ( *क्र. 2091 ) श्री अंचल सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी, अनूपपुर, मण्डला, शहडोल एवं उमरिया में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये कितने सामुदायिक भवन छात्र/छात्राओं के छात्रावास, स्कूलों का निर्माण किया गया? लागत सहित कार्य पूर्ण होने का वर्ष बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) क्या वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में स्वीकृत किये गये कार्यों को आज दिनाँक तक पूर्ण नहीं किया गया है, क्यों? कारण बतावें। कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में क्या निर्माण कार्य की लागत में वृद्धि होगी? यदि हाँ, तो कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक होगी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा एवं जाँच क्या समय-समय पर की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने कार्यों की जाँच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई एवं उनमें क्या-क्या अनियमितताएं पाई गईं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विलम्ब का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं अनुसूचित जाति से संबंधित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' में उल्लेखानुसार है। लागत वृद्धि अनेक कारणों से संभावित होती है, इसके लिये कोई व्यक्ति विशेष उत्तरदायी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार तथा अनुसूचित जाति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'' अनुसार है।
सुमावली विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामों में डेंगू का प्रभाव
16. ( *क्र. 2466 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम पंचायत देवगढ़ में अक्टूबर-नवंबर 2015 में डेंगू रोग फैलने से काफी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं, कितनों को परीक्षण कर डेंगू पॉजीटिव्ह निकला है? (ख) क्या गांव में अस्पताल होने के बावजूद चिकित्सक स्थाई रूप से अस्पताल में न रहकर उनकी अन्यत्र पदस्थापना की जाती रही है क्यों? अन्यत्र अस्थाई पदस्थापना के क्या कारण रहे हैं? (ग) क्या भारी पैमाने पर रोग फैलने से गांव के लोग भयभीत होकर जिले व बाहर अस्पतालों में चिकित्सा करा रहे हैं? (घ) शासन द्वारा रोग की रोकथाम हेतु अभी तक क्या प्रयास किये गये, कितने रोगियों का परीक्षण किया तथा उनके इलाज की क्या व्यवस्था की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सुमावली विधान सभा मुरैना के ग्राम पंचायत देवगढ़ में माह नवंबर 2015 में विभाग द्वारा भेजे गए चिकित्सीय दल द्वारा 60 मरीजों का परीक्षण किया गया, जिनमें 5 मलेरिया प्रकरण पाए गये, जिनका उपचार किया गया। तत्पश्चात् ग्वालियर मेडिकल कॉलेज से 2 डेंगू पॉजीटिव्ह केस की सूचना प्राप्त हुई तो उपरोक्त 60 मरीजों में से 22 बुखार के मरीज को जिला चिकित्सालय में भर्ती कर उपचार किया गया। इनमें से 7 मरीजों के सेंपल डेंगू की जाँच हेतु मेडिकल कॉलेज ग्वालियर भेजे गये संभावित सभी सेंपल डेंगू निगेटिव्ह पाए गए। (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवगढ़ में दो चिकित्सा अधिकारी पद स्वीकृत हैं, जिसके विरूद्ध एक चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जौरा में चिकित्सकों की कमी होने के कारण चिकित्सकों की आकस्मिक ड्यूटी आवश्यकतानुसार सप्ताह में एक दिन लगाई जाती है। अस्थायी पदस्थापना संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। (ग) उक्त ग्राम व आस-पास के क्षेत्र में रोग फैलने की कोई घटना नहीं हुई है, गांव के लोगों में कोई भय नहीं है। (घ) विभाग द्वारा जिला स्तर से उक्त क्षेत्र में निरंतर सघन लार्वा सर्वे एवं लार्वा विनिष्टिकरण का कार्य कराया गया। कुल 60 मरीजों का परीक्षण किया गया, जिसमें से 22 मरीज बुखार पीड़ित पाए गए, जिनका उपचार जिला चिकित्सालय मुरैना में भर्ती कराकर किया गया।
छात्रावासों में वितरित सामग्री की जाँच
17. ( *क्र. 1536 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में सामग्री वितरण के संबंध में अता. प्रश्न संख्या 36 (क्र. 935) दिनाँक 24.07.15 के उत्तर में बताया गया था? संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास सागर द्वारा अनियमितता के दोषियों के नाम स्पष्ट नहीं किये गये हैं? (ख) क्या संभागीय उपायुक्त द्वारा पत्र क्र. 506 दिनाँक 30.05.15 द्वारा प्रश्नांश (क) में दोषियों के नाम स्पष्ट करते हुये कार्यवाही हेतु अनेक पत्र सक्षम अधिकारी को दिये गये? (ग) यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी द्वारा संभागीय उपायुक्त के जाँच प्रतिवेदन क्र. 138 दिनाँक 12.02.15 के पालन में प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या संभागीय उपायुक्त सक्षम अधिकारी नहीं हैं? (घ) कार्यवाही नहीं करने के लिये विभाग के कौन-कौन सक्षम अधिकारियों द्वारा दोषियों को बचाया जा रहा है? नाम बतायें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) संभागीय उपायुक्त के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण एक में एक सदस्य राजपत्रित होने के कारण उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रकरण आयुक्त, आदिवासी विकास के स्तर पर प्रचलित है। अनुशासनात्मक कार्यवाहियों हेतु संभागीय उपायुक्त, सक्षम अधिकारी नहीं हैं। (घ) कार्यवाही प्रचलित होने से शेष प्रश्न नहीं उठता।
एन.आर.एच.एम. योजना के तहत प्राप्त राशि
18. ( *क्र. 1442 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार से एन.आर.एच.एम. योजना के तहत म.प्र. को वर्ष 2013 से आज दिनाँक तक कितनी राशि मिली? वर्षवार आवंटन की जानकारी बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से वर्षवार जिला डिण्डोरी में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई तथा प्राप्त आवंटन में कितना-कितना व्यय हुआ? जानकारी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन के विरूद्ध क्या-क्या कार्य किये गये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भारत सरकार से एन.आर.एच.एम. योजना के तहत म.प्र. को वर्ष 2013 से आज दिनाँक तक आवंटन निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
वित्तीय वर्ष |
भारत सरकार से प्राप्त आवंटन (राशि करोड़ में) |
1 |
2012-13 |
832.32 |
2 |
2013-14 |
855.34 |
3 |
2014-15 |
116.33 |
4 |
2015-16 (माह नवम्बर 15 तक) |
844.67 |
(ख) एन.आर.एच.एम. योजना के तहत जिला डिण्डोरी को वर्ष 2013 से आज दिनाँक तक वर्षवार आवंटन एवं व्यय निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त राशि |
व्यय राशि |
1 |
2012-13 |
131666000 |
106819763 |
2 |
2013-14 |
133249190 |
165289321 |
3 |
2014-15 |
185773237 |
201884499 |
4 |
2015-16 (माह नबंबर 15 तक) |
112686150 |
100462383 |
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मनासा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माड़ा पाकेट कलस्टर गठन
19. ( *क्र. 2101 ) श्री कैलाश चावला : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग को मनासा विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी गांवों का माड़ा पाकेट गठन हेतु जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसके प्रकाश में संचालनालय आदिवासी क्षेत्र विकास योजनाएं भोपाल द्वारा दिनाँक 10.06.15 को जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग जिला नीमच को निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो माड़ा पाकेट गठन हेतु दिनाँक 15.11.15 तक क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला स्तर पर आदिवासी बाहुल्य ग्रामों को चिन्हांकित कर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
आरक्षित वर्ग की बस्तियों में विकास कार्य
20. ( *क्र. 2039 ) श्री अरूण भीमावद : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लोगों की बस्ती के विकास हेतु विभाग के क्या प्रावधान हैं? (ख) शासन के निर्देशानुसार 40 % से अधिक अ.जा. व अ.ज.जा. के लोग निवास करते हैं, तो उस बस्ती में सी.सी. रोड एवं नाली, पेयजल, विद्युतीकरण करने के निर्देश हैं? (ग) क्या उक्त बस्तियों में अ.जा. एवं अ.ज.जा. की बस्ती का विकास प्रतिशत के आधार पर वरीयता क्रम में किये जाने का निर्देश है? (घ) यदि हाँ, तो क्या निर्वाचित सदस्यों द्वारा की गई अनुशंसा पर बस्तियों में 40 % वाली में विकास होगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति बस्ती के विकास हेतु विभिन्न प्रावधान मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम 2014 में किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार तथा अनुसूचित जनजाति बस्ती के विकास हेतु प्रावधान अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियम 2005 (यथा संशोधित) में किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति के 40 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या पर सी.सी. रोड, नाली निर्माण एवं पेयजल व्यवस्था के कार्यों का प्रावधान है। अनुसूचित जनजाति बस्ती में 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या होने पर सी.सी. रोड, नाली निर्माण एवं पेयजल व्यवस्था का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। (घ) नियमों में ऐसा प्रावधान नहीं है।
सर्वशिक्षा योजना अंतर्गत स्वीकृत शालाओं का भवन निर्माण
21. ( *क्र. 1461 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के सर्वशिक्षा योजना के अंतर्गत झाबुआ जिले हेतु स्वीकृत नवीन माध्यमिक शालाओं/हाईस्कूलों के भवनों के निर्माण कार्य स्वीकृत कियें गयें और संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा स्वीकृत राशि आहरण कर ली गई है तथा एजेन्सी के द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है? विभाग द्वारा ऐसे अपूर्ण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करवाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? स्वीकृत भवनों की भवन निर्माण की स्वीकृति सूची उपलब्ध करावें। (ख) झाबुआ जिले की समस्त शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु राशि उपलब्ध करवाई गई है, शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो चुका है और संस्थाओं द्वारा शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं करवाया गया है? कार्य पूर्ण नहीं कियें जाने वाली संस्थाओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा उन संस्थाओं की सूची (स्वीकृति) उपलब्ध करावें जहां शौचालय स्वीकृत हैं, निर्माण किया गया या नहीं आदि की जानकारी उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) झाबुआ जिले में सर्व शिक्षा अभियान मद से 315 माध्यमिक शाला भवनों का निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये, जिसमें से 304 माध्यमिक शालाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा राशि का आहरण भी कर लिया गया है। 11 माध्यमिक शाला भवनों का कार्य अपूर्ण/प्रगति पर है। 10 अपूर्ण कार्य के संबंध में एस.डी.एम. कोर्ट में प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सर्व शिक्षा योजना अंतर्गत हाईस्कूल निर्माण का प्रावधान नहीं है। (ख) सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत स्वच्छता अभियान द्वारा वर्ष 2014-15 में 497 शौचालय स्वीकृत किये गये। वर्ष 2015-16 में 597 शौचालय स्वच्छता मद से 08 शौचालय स्वच्छता कोष से स्वीकृत किये गये। उक्त शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है, अतः किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। स्वीकृत कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
विद्यार्थियों को कक्ष उपलब्ध कराना
22. ( *क्र. 2682 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर टीकमगढ़ में शास. स्कूलों में हायर सेकण्डरी एवं हाई स्कूल में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? (ख) अध्ययनरत विद्यार्थी को शासन के नियमानुसार कितने कक्ष आवश्यक हैं? (ग) विद्यार्थियों को संस्थावार कितने कक्ष उपलब्ध हैं? यदि कमी है, तो विवरण दें। (घ) दो पालियों में संचालित विद्यालयों के नाम एवं समय सारणी बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कुल 4881 विद्यार्थीगण हैं। (ख) एक कक्ष में अधिकतम 45 छात्र के बैठने की व्यवस्था मान्यता नियमों में है, तद्नुसार 110 कक्षों की आवश्यकता है। (ग) शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्र. 1 टीकमगढ़ में आवश्यक कक्ष- 35, उपलब्ध कक्ष- 12, कमी- 23, शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्र. 2 टीकमगढ़ में आवश्यक कक्ष- 26, उपलब्ध कक्ष- 20, कमी- 06, शासकीय कन्या उमावि टीकमगढ़ में आवश्यक कक्ष- 42, उपलब्ध कक्ष- 18, कमी- 24 एवं शासकीय हाईस्कूल सीनियर बेसिक टीकमगढ़ में आवश्यक कक्ष- 07, उपलब्ध कक्ष- 07, कमी- 00 कुल आवश्यक कक्ष- 110, उपलब्ध कक्ष-57 एवं कमी-53 है। (घ) शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्र.-1 टीकमगढ़ में प्रथम पाली प्रातः 7 से 12 एवं द्वितीय पाली 12.30 से 5.30 तक, शासकीय उमावि क्र.-2 टीकमगढ़ में प्रथम पाली प्रातः 7 से 12 बजे एवं द्वितीय पाली 12.30 से 5.30 तक एवं शासकीय कन्या उमावि टीकमगढ़ में प्रथम पाली प्रातः 7 से 12 बजे तक एवं द्वितीय पाली 12.30 बजे से 5.30 बजे तक है।
निजी एजेंसियों को सुरक्षा एवं सफाई कार्य का ठेका
23. ( *क्र. 2445 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गैस राहत एवं पुर्नवास विभाग के अधीन गैस राहत चिकित्सकों में नवंबर 2011 से सुरक्षा एवं सफाई का कार्य करने वाली निजी एजेंसियों के नाम, पता बतावें। उनके ठेके में प्रश्न दिनाँक तक कब-कब कितनी बढ़ोत्तरी कब व क्यों की गई है? अनुबंध अनुसार विभाग एवं एजेंसी किन-किन अधिनियमों का पालन किस प्रकार कब से कर रही है? (ख) अनुबंध अनुसार भुगतान की शर्तों व पार्टी नं. 2 को भुगतान एवं शर्तों एवं नियमों में दर्शाये गये बिंदुओं में से किन बिंदुओं का पालन किया जा रहा है? बिंदुवार बतावें। अनुबंध का पालन नहीं किये जाने के बावजूद किस एजेंसी को कितना भुगतान किया गया है? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रावधानों का पालन नहीं किये जाने पर संबंधित एजेंसियों के विरूद्ध कितनी शिकायतें व लीगल नोटिस विभाग को प्राप्त हुये? उन पर प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित प्रकरण पर अविलंब कार्यवाही करते हुए कई गंभीर शिकायतों पर लीगल नोटिस के बावजूद संबंधित एजेंसियों को अनुबंध प्रावधानों के विरूद्ध किये जा रहे अनियमित भुगतान एवं सेवा बढ़ोत्तरी को तत्काल प्रभाव से रोकते हुए दोषी एजेंसियों पर कार्यवाही व ठेका समाप्त कर उन्हें अनैतिक संरक्षण देने वाले दोषियों पर कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। गैस राहत चिकित्सालयों में सुरक्षा एवं सफाई कार्य हेतु निविदा के आधार पर निजी एजेन्सी के माध्यम से एक वर्ष की अवधि हेतु एक एजेन्सी नियुक्त करने का प्रावधान है। एजेन्सी का चयन दिनाँक 01-11-2011 से 31-10-2012 की अवधि के लिये किया गया था। निविदा में उल्लेखित शर्तों के अनुरूप कार्य सन्तोषजनक होने पर दोनों पक्षों की सहमति से वृद्धि किये जाने का प्रावधान है। उक्त शर्त के आधार पर निविदा समिति की अनुशंसा पर दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर दिनाँक 31-03-2014 तक की अवधि में वृद्धि की गई। न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अनुसार पालन किया जाता है। (ख) जी हाँ। संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा नियुक्त एजेन्सी से किये गये अनुबंध की शर्तों के पालन उपरान्त ही भुगतान किया जाता है। शेष बिन्दुओं पर प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) एजेन्सी के विरूद्ध शिकायतकर्ता श्री आनंद शरण श्रीवास्तव से एक शिकायत प्राप्त हुई थी‚ जिसका चिकित्सालय के संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा अनुबंध में उल्लेखित शर्तों के अनुक्रम में परीक्षण किया गया। कोई तथ्य शिकायत से संबंधित संज्ञान में नहीं आया। अत: नियमों के अनुरूप भुगतान किया गया। (घ) प्रश्नांश ''क'' से ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में शासकीय चिकित्सालयों में संचालित वाहन
24. ( *क्र. 1352 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने शासकीय चिकित्सालयों में 01 जनवरी 2014 से कौन-कौन सी सुविधाएं दी गई? इन पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? जिले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंर्तगत कितने वाहन संचालित हो रहे हैं? 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक इन वाहनों एवं ईंधन के नाम पर कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) उक्त जिले में प्रत्येक चिकित्सालय में उक्त अवधि में कितना-कितना शासकीय आवंटन प्राप्त हुआ और उसको कहाँ-कहाँ खर्च किया गया? इस व्यय राशि का सत्यापन किस-किस सक्षम अधिकारी ने कब-कब किया, उसमें क्या-क्या कमियां पाई गई, इनमें कौन-कौन अधिकारी दोषी पाए गए? (ग) उक्त जिले के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में कितनी-कितनी एम्बुलेंस कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं, इन एम्बुलेंस ने 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनाँक तक कितने किलोमीटर की यात्रा की तथा उन्हें अनुबंध में कितनी-कितनी राशि दी गई? (घ) उक्त जिले में चलित चिकित्सालयों में कौन-कौन से वाहन किस-किस व्यक्ति से अनुबंधित हैं? उनकी फिटनेस, बीमा एवं समस्त जानकारी उपलब्ध कराएं। इन चलित चिकित्सालयों ने 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनाँक तक कब-कब, कौन-कौन से गांव में दौरा कर कितने-कितने मरीजों का इलाज किया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उज्जैन जिले में 42 शासकीय चिकित्सालयों को प्रश्नावधि में दी गई सुविधाओं/सेवाओं एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। जिले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत 12 वाहन संचालित हो रहे हैं। प्रश्नावधि में वाहनों एवं ईंधन पर कुल राशि रूपये 53,50,376/- का भुगतान किया गया। (ख) जिले में नियमित बजट शीर्ष में शासकीय आवंटन पृथक-पृथक मुख्य लेखा शीर्ष एवं एन.आर.एच.एम. में आवंटन फ्लेक्सी पूल में प्राप्त होता है, किन्तु चिकित्सालयवार पृथक से कोई आवंटन प्राप्त नहीं होता है। जिले को प्राप्त आवंटन एवं खर्च का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। व्यय राशि के सत्यापन का कार्य नियमित बजट में कार्यालय प्रमुख तथा आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा एवं एन.आर.एच.एम. अंतर्गत जिला स्तर पर जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा भुगतान के समय किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उज्जैन डॉ. अशोक यादव, द्वारा माह 10/2014 को 12/2014 के मध्य विभिन्न फर्मों को क्रय आदेश उद्देश्य शीर्ष 22-008 (अन्य आकस्मिक व्यय) 34-009 (मटेरियल सप्लाय) एवं 51-000 (अन्य प्रभार) के अंतर्गत क्रय आदेश 70 जारी किये गये थे, जिनकी कुल राशि 16,30,339/- थी, पश्चात् उनके द्वारा 17 क्रय आदेश माह 12/2014 में ही निरस्त किये गये, जिसकी राशि रूपये 3,51,887/- थी। शेष 53 आदेश जिसमें से 02 आदेशों के विरूद्ध सामग्री प्राप्ति के पश्चात् इस कार्यालय को भुगतान हेतु प्राप्त हुए, किंतु दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों पर कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा संज्ञान लेते हुए जाँच बिठाई जाकर जाँच प्रतिवेदन को कलेक्टर द्वारा आयुक्त उज्जैन संभाग को प्रेषित किया गया, जिसके आधार पर आयुक्त उज्जैन संभाग, उज्जैन द्वारा आदेश क्र. 864/एफ/02-01/15/विकास-2/दिनाँक 12.12.2014 के द्वारा डॉ. अशोक यादव को निलंबित किया गया तथा वर्तमान में प्रकरण लोकायुक्त कार्यालय विशेष पुलिस स्थापना संभाग उज्जैन में अनुसंधान में है। (ग) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (घ) उज्जैन जिले में कुल 05 चलित चिकित्सालय में वाहन क्रमांक MP46D0208, MP46DO213, MP46DO214, MP46DO230, MP46DO231 ज्ञान योगेश्वर विद्यापीठ समिति, कुक्षी जिला धार से अनुबंधित है। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’द’’ अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई’’ अनुसार है।
पिछड़े वर्ग हेतु छात्रावास की स्थापना
25. ( *क्र. 2657 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग की कुल जनसंख्या कितनी है? आंकड़ें प्रतिशत में भी देवें। (ख) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में विभाग द्वारा छात्रावास स्थापित नहीं है? क्यों? (ग) क्या कस्बा झारड़ा भौगोलिक रूप से काफी ग्रामीण आबादी से जुड़ा है? यदि हाँ, तो कब तक छात्रावास की स्थापना कर दी जावेगी?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) भारत सरकार जनगणना कार्य निदेशालय द्वारा करवाई जाने वाली दशकीय जनगणना-वर्ष 2011 में पिछड़ा वर्ग के संबंध में जानकारी संकलित नहीं की गई है, अत: उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ख) जी हाँ। वर्तमान में विभाग की केवल जिला स्तर पर ही बालक तथा कन्या छात्रावास संचालित करने की योजना है। (ग) उपरोक्तनुसार।
भाग-2
नियम
46
(2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पी.एम.टी.
2013 की
काउन्सलिंग
में चयनित अभ्यार्थियों
की सूची
1. ( क्र. 36 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.एम.टी. 2013 की काउन्सलिंग में शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के लिये चयनित/आवंटित अभ्यर्थियों के नाम, पिता का नाम, पता, प्राप्तांक, अनुक्रमांक, रेंक सहित सूची प्रस्तुत करें तथा बतायें कि किन-किन अभ्यर्थियों को कौन-कौन सा महाविद्यालय आवंटित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से कितनी की परीक्षा पात्रता व्यापम द्वारा किस दिनाँक को समाप्त कर दी गई? उनकी सूची महाविद्यालय अनुसार प्रदान करें तथा बतावें कि उक्त अभ्यार्थी वर्तमान में अध्ययनरत् है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से कितने क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा आरोपी की सूची में शामिल थे उन्हें फिर काउन्सलिंग में क्यों शामिल किया गया? (घ) क्या प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा पी.एम.टी. 2013 की परीक्षा में आरोपी अभ्यर्थियों की सूची हेतु पुलिस महानिदेशक को पत्र तथा तीन स्मरण पत्र लिखे गये थे? यदि हाँ, तो उत्तर कब प्राप्त हुआ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की संविदा नियुक्ति बढ़ाने में भेदभाव
2. ( क्र. 40 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मंडल मुख्यालय भोपाल एवं संभागीय कार्यालयों में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कितने डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कब नियुक्त किये गये? नाम तथा नियुक्ति दिनाँक बताएं तथा कितने वेतनमान पर नियुक्त किया गया था? (ख) सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के आदेश क्रमांक प्रशा./स्था./ए-2/2168/2014 से जिन कर्मचारियों की संविदा अवधि बढ़ाई गई है उनकी प्रथम संविदा नियुक्ति किसके द्वारा किस प्रक्रिया से की गई थी बताएं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) की नियुक्ति पर माध्यमिक शिक्षा मंडल म.प्र. संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा शर्तें) विनियम 2006 की कंडिका 6 में क्या प्रावधान है? क्या इन नियुक्तियों में उक्त नियम का पालन किया गया है या नहीं बताएं? (घ) रीवा संभागीय कार्यालय द्वारा बार-बार डाटा एन्ट्री के कार्य को संतोषजनक पाए जाने और आवश्यकता को देखते हुये संविदा अवधि बढ़ाने एवं रूका हुआ वेतन भुगतान किए जाने का अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2010 से कार्यरत् डाटा एन्ट्री आपरेटरों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल में डाटा एण्ट्री आपरेटरों के पंजीयन हेतु जारी विज्ञापन के अनुक्रम में पात्रताधारी अभ्यार्थियों का टेस्ट आयोजित कर मेरिट के क्रम में मण्डल के कार्य को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित पारिश्रमिक पर कार्य करने हेतु अधिकृत किया गया था। (ग) माध्यमिक शिक्षा मण्डल, म.प्र. संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा शर्त) विनियम 2006 की कंडिका 6 में संविदा नियुक्ति की कालावधि एवं पदस्थापना-संविदा कर्मचारी की संविदा की कालावधि अधिकतम एक वर्ष होगी। मण्डल आवश्यकता अनुसार कालावधि में वृद्धि कर सकेगा, का उल्लेख है। जिसके अनुसार पालन किया जा रहा है। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है।
ग्राम खेलागांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन निर्माण
3. ( क्र. 382 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम खेलागांव तहसील नलखेड़ा जिला आगर मालवा के अंतर्गत क्या शासन द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण हेतु वर्ष 2007 में राशि 04 लाख स्वीकृत की गई थी? स्वीकृत राशि का पूर्ण उपयोग कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि तथा उस राशि का संपूर्ण उपयोग हो चुका है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार भवन निर्माण किस ऐजेंसी द्वारा किया गया एवं भवन का सत्यापन किस ऐजेंसी द्वारा किया गया? क्या निर्माण स्वीकृति प्राक्कलन अनुसार किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो भवन निर्माण कब तक करा लिया जायेगा? (ग) क्या शासन द्वारा लगभग 10 वर्ष पूर्ण स्वीकृति राशि का आहरण कर पंचायत सचिव, सरपंच तथा विकासखण्ड के अधिकारियों, ठेकेदारों द्वारा केवल कागज पर भवन दर्शाया गया है, मूल रूप से आज दिनाँक तक कोई निर्माण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में शासन दोषी लोगों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, ग्राम खेलागांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए नहीं बल्कि उपस्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण हेतु वर्ष 2007 में नहीं बल्कि दिनाँक 15.07.2003 को राशि रूपये 4.00 लाख स्वीकृत की गई थी। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उपस्वास्थ्य केन्द्र खेलागांव की भवन निर्माण ऐजेंसी , ग्राम पंचायत खेलागांव एवं भवन निर्माण का सत्यापन उपयंत्री जनपद पंचायत, नलखेड़ा द्वारा किया गया। जी नहीं। जी नहीं के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, भवन का निर्माण कार्य केवल कुर्सी स्तर तक किया गया है। इस संबंध में जिला कलेक्टर आगर मालवा द्वारा अपने पत्र क्रमांक/डी-1/सा.आ./2015/601-602 आगर मालवा दिनाँक 07.07.2015 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शाजापुर/आगरमालवा व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शाजापुर को संबंधित दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दियें हैं। दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुष्ट रोगी कर्मचारी को समयमान वेतनमान का लाभ
4. ( क्र. 569 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नियमित कुष्ठ रोगी कर्मचारी जो सीधी भर्ती उपरांत नियुक्त किये गये थे, उन्हें शासन द्वारा समयमान-वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ख) क्या वर्णित (क) के नियमित कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान प्रदाय हेतु प्रस्ताव की नस्ती लोक स्वा. एवं परि. कल्याण विभाग से वित्त विभाग को पुन: प्रेषित की गई थी? (ग) कब तक उक्त वर्णित (क) के नियमित कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त होगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नियमानुसार समयमान वेतनमान का लाभ सीधी भर्ती पर नियुक्त कर्मचारियों को दिये जाने का प्रावधान है। विभागीय भर्ती नियम 1989 में नियमित कुष्ठ रोगी कर्मचारी (नॉन मेडिकल असिस्टेंट) का पद 100 प्रतिशत पदोन्नति का पद होने से इस संवर्ग को समयमान-वेतनमान देने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल काउन्सलिंग आफ इंडिया के निर्देश का पालन
5. ( क्र. 596 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालय को MBBS प्रथम वर्ष में पहली बार प्रवेश देने के लिये काउन्सलिंग में शामिल किये जाने हेतु शासन से अनुमति लेना होती है? यदि हाँ, तो बतावें कि वर्ष 2015-16 के लिये RKDF चिकित्सा महाविद्यालय तथा माडर्न मेडिकल कालेज को किस आधार पर काउन्सलिंग की अनुमति दी गई? (ख) क्या मेडिकल काउन्सलिंग ऑफ इंडिया ने भारत शासन के द्वारा जारी विशेष गजट दि. 1.3.2004 तथा मा. उच्चतम न्यायालय के प्रकरण क्रं. SLP NO. 14919/2000 - (2002), 7SSC258 में अंतरिम आदेश अनुसार 30 सितम्बर बाद MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेश पर रोक लगाई है तथा इस संदर्भ में परिपत्र क्रं. MCI 34 (MC) /2012 Gen/158572 दि. 8.2.2013 जारी कर निर्देश दिये हैं? (ग) क्या मा. उच्च न्यायालय जबलपुर ने प्रकरण क्रं. PIL 8810/2015 पारस सकलेचा वि. म.प्र. शासन एवं अन्य में आदेश दि. 16.10.2015 में निजी चिकित्सा महा. में 30 सितम्बर के बाद प्रवेश का पंजीकरण (Registration) करने हेतु विश्वविद्यालय को निर्देश दिये हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) के विश्लेषण में बतावें कि क्या 30 सितम्बर बाद निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश का पंजीकरण किया जावेगा या उनके लिये MCI से अनुमति प्राप्त करने के बाद पंजीकरण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रशनांश में उल्लेखित दोनों निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2015-16 में एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णयानुसार कार्यवाही की गई है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) पंजीयन के संबंध में कोई अधिसूचना आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा जारी नहीं की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल उन्नयन एवं नवीन छात्रावास की स्थापना
6. ( क्र. 625 ) श्री राजकुमार मेव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक प्रश्नकर्ता द्वारा माध्यमिक विद्यालय से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकण्डरी में उन्नयन एवं नवीन छात्रावास खोलने से संबंधित कितने-कितने कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गये, कितने स्वीकृत नहीं किये गये? स्वीकृत नहीं किये जाने का कारण बतावें अथवा प्रस्ताव विचाराधीन हैं, तेा किस स्तर पर है तथा उन पर कब तक स्वीकृति दी जावेगी? (घ) छात्र/छात्राओं की शिक्षा सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये प्रस्तावित प्रस्तावों में स्कूल उन्नयन एवं छात्रावासों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) महेश्वर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग के 04 माध्यमिक शाला से हाईस्कूल, 03 हाईस्कूल से उमावि, 05 नवीन छात्रावास तथा स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित 06 माध्यमिक शाला से हाईस्कूल एवं 01 हाईस्कूल से उ.मा. विद्यालय खोलने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में संलग्न परिशिष्ट अनुसार कार्यवाही की गई। (ग) 01 माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन किया गया है। शेष प्रस्ताव सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण स्वीकृति नहीं किये गये हैं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाईस्कूल उन्नयन
7. ( क्र. 670 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्रश्न संख्या 35 क्र.916 दिनाँक 24 जुलाई 2015 के उत्तर प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ प्रस्ताव में शामिल किये गये उन्नयन के आदेश 9/9/14 को जारी किये जा चुके हैं? उनकी सूची उपलब्ध करावें? (ख) छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा क्षेत्र के हाईस्कूलों के उन्नयन विगत सात वर्षों से कम होने के क्या कारण रहे? (ग) क्या 15-16 की गणनानुसार शास.मा. शाला बरा, कुरेला, पहरी, पुरवा उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्डों को पूरा करती है? यदि हाँ, तो जुलाई 16 तक आदेश कर दिये जावेंगे स्पष्ट करें? (घ) हाई स्कूल से हा.से. की क्या कार्ययोजना बनाई गई? केबिनेट बैठक में क्या निर्णय लिये गये उसकी सूची तथा गाईड लाईन उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विगत सात वर्षों में विधानसभा क्षेत्र राजनगर में 06 हाईस्कूल खोले गये हैं। स्वीकृति बजट में उपलब्ध वित्तीय प्रावधानों पर निर्भर करती है। (ग) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों की वजह से सभी पात्र शालाओं का उन्नयन संभव नहीं है। (घ) वर्ष 2015-16 हेतु 100 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल एवं 100 हाईस्कूलों का हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन हेतु संख्यात्मक बजट प्रावधान किया गया है। शालाओं के उन्नयन के संबंध में अभी निर्णय नहीं हुआ है। कोई नवीन गाइड-लाईन नहीं बनाई गई है।
राज्य कोटे की सीटों के आवंटन तथा शासन निर्देश
8. ( क्र. 671 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में ए.आई.पी.एम.टी. के जरिये राज्य कोटे की सीटों के आवंटन में 450 सीटों में इस वर्ष कितने राज्यों के छात्रों को आवंटित की गई जानकारी दें? (ख) क्या सरकारी मेडीकल कॉलेजों में राज्य कोटे की सीटें केवल प्रदेश के मूल निवासी छात्रों को आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें? (ग) क्या अन्य राज्यों के छात्रों के दाखिले निजी मेडीकल कॉलेजों में प्रवेश के लिये योग्यता का पैमाना राष्ट्रीय नागरिकता रखा गया है, जिस कारण दूसरे राज्यों के छात्रों को प्रवेश दे दिया गया, शासन की गाईड लाईन दें? (घ) वर्ष 2015-16 में दाखिल किये गये छात्रों की सूची नामवार जो अन्य राज्यों से आये हैं, जिनकी संख्या 250 है, सूची दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ए.आई.पी.एम.टी के जरिये राज्य कोटे की सीटस् पर 10 राज्यों के 90 छात्र/छात्राओं को एम.बी.बी.एस./बी.डी.एस.की सीट्स आवंटित की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रवेश नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2015 के निजी चिकित्सा/दन्त चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश ‘‘क‘‘ में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
सेन्ट्रल पर्चेसिंग कमेटी द्वारा चिकित्सालय में क्रय सामग्री
9. ( क्र. 730 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल कॉलेज इन्दौर में सेन्ट्रल पर्चेसिंग कमेटी (सी.पी.सी.) 1 एवं 2 में कितनी फर्मों को पंजीबद्ध किया गया? सूची मय फर्मों के नाम व नंबर सहित प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सी.पी.सी. 1 एवं 2 में कितनी फर्मों का चयन किस नियमावली के तहत् किया गया? किस नियम को दृष्टिगत् रखते किन-किन फर्मों को कार्यादेश जारी किया गया? नियमावली की प्रति उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सेन्ट्रल पर्चेसिंग कमेटी 1 एवं 2 द्वारा कितने बजट की स्वीकृति प्रदान की गई? बजट वर्ष 2013-14, 2014-15 में इसमें से कितना क्रय आज दिनाँक तक किन-किन फर्मों के माध्यम से किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 एवं - 2 अनुसार है। (ख) चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जानकारी आदेश क्रमांक एफ-1-1/2009/2/55, दिनाँक 27/02/2009 एवं आदेश क्रमांक एफ-1-1/2009/55/2, दिनाँक 07/12/2012 द्वारा विभाग के अधीन चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों में दवाईयां एवं औषधि, अन्य सामग्री एवं उपकरण की उपलब्धता हेतु निविदा कर दर निर्धारित करने के लिये अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर की अध्यक्षता में क्रय समिति एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी। दवा नीति के अंतर्गत चिकित्सा महाविद्यालयों तथा संबद्ध चिकित्सालयों में दवाईयां एवं उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुये भण्डार क्रय नियम, 2015 से छूट प्रदान की गई थी। क्रय समिति इन्दौर द्वारा वर्ष 2009 एवं 2013 में किसी भी फर्म को कार्य आदेश जारी नहीं किया गया है। निर्धारित न्यूनतम दर पर क्रय किये जाने की कार्यवाही संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं संबद्ध चिकित्सालय के अधीक्षक द्वारा की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' में उल्लेखित केन्द्रीय क्रय समिति 1 एवं 2 को शासन द्वारा कोई बजट स्वीकृत नहीं किया गया था। वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में सी.पी.सी. द्वारा कोई क्रय नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डीमेट परीक्षा में अनियमितता पर दर्ज प्रकरण
10. ( क्र. 895 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में वर्ष 2005 से निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के M.B.B.S. पाठ्यक्रम में प्रवेश में अनियमितता चयन होने के बाद भी प्रवेश नहीं देना, काउन्सलिंग में अनियमितता आदि को लेकर दर्ज प्रकरण क्रमांक, दिनाँक, पिटीशनर तथा रिस्पोन्डेन्ट का नाम सहित सूची प्रदान करें? (ख) प्रदेश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में वर्ष 2012 से DMAT परीक्षा में अनियमितता, परीक्षा में पारदर्शिता न होना, परीक्षा में आरक्षण न होना, परीक्षा में धांधली होना, स्टेट कोटे की सीट के स्थान पर अन्य राज्य के अभ्यर्थियों को प्रवेश दे देना, DMAT परीक्षा मेडिकल काउन्सील ऑफ इंडिया द्वारा तय की गई दिनाँक के बाद आयोजित करने को लेकर दर्ज प्रकरणों के क्रमांक, दिनाँक, पिटीशनर तथा रिस्पोन्डर के नाम सहित सूची प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित प्रकरणों में किस-किस प्रकरण में किस दिनाँक को अंतिम आदेश हुए? (घ) क्या वर्ष 2015 की DMAT परीक्षा ऑन लाइन कराने हेतु ऐजेन्सी का चयन मा. उच्च न्यायालय जबलपुर ने AP DMC द्वारा दी गई सूची में से किया है? तथा परीक्षा 8 अक्टूबर 2015 को हुई? क्या DMAT परीक्षा मा. उच्च न्यायालय जबलपुर के सुपरविजन में हुई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) ए.एफ.आर.सी. से प्राप्त जानकारी अनुसार डीमेट 2015 की ऑनलाईन परीक्षा माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार दिनाँक 08/10/2015 को आयोजित की गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्णय के तहत ऑनलाईन परीक्षा की मॉनीटरींग का कार्य ए.एफ.आर.सी. एवं तकनीकी पर्यवेक्षवण का कार्य माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मनोनीत डाटा बेस एडमिनिस्ट्रेटर के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति को सौंपे गये निगरानी के कार्य से संबंधित रिपोर्ट दिनाँक 15/10/2015 को ए.एफ.आर.सी. के अधिवक्ता के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर को उपलब्ध करा दी गई है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय में 2011 से 2015 तक प्रवेशित विद्यार्थी
11. ( क्र. 899 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा MBBS प्रथम वर्ष में वर्ष 2011 से 2015 तक प्रवेशित विद्यार्थियों के नाम, पिता का नाम, पता, सहित सूची देवें तथा बतावें कि महाविद्यालय अनुसार, NRI कोटा स्टेट कोटा तथा DMAT कोटा के माध्यम से कौन-कौन विद्यार्थी चयन हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) में 2011 से 2015 तक चयनित विद्यार्थियों की सूची महाविद्यालय से शासन को किस-किस दिनाँक को प्राप्त हुई? पत्र क्रमांक, पत्र दिनाँक तथा प्राप्ति दिनाँक सहित जानकारी प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डी-मेट कोटा में प्रवेशित विद्यार्थियों का पंजीकरण
12. ( क्र. 900 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रकरण क्र. PIL 8810/2015 पारस सकलेचा एवं अन्य में आदेश दिनाँक 16.10.2015 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में DMAT कोटा में MBBS प्रथम वर्ष में कट ऑफ डेट 30 सितम्बर के बाद प्रवेशित विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय में पंजीकरण कर लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालय अनुसार उन विद्यार्थियों की सूची उपलब्ध कराये तथा बतावें कि यह सूची विश्वविद्यालय को किस दिनाँक को प्राप्त हुई? क्या यह सूची सीधे महाविद्यालय से प्राप्त हुई या संचालनालय चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त हुई, पत्र क्रमांक तथा दिनाँक भी बतावें? (ग) क्या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने परिपत्र क्र. MCI 34 (MC) 2012Gen/158572 dt. 08.02.2013 में MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु अंतिम तिथि के बारे में परीक्षा की दिनाँक के बारे में निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) तथा (ख) के संदर्भ में क्या पंजीकरण हेतु MCI से अनुमति प्राप्त की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित न्यायालयीन प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के दिये गये निर्देशों के अनुसार ए.पी.डी.एम.सी. के द्वारा डीमेट कोटे की सीटों हेतु सत्र 2015-16 में ऑनलाईन प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई, तत्पश्चात् काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेश दिये गये। वर्ष 2015-16 के लिये चिकित्सा महाविद्यालयों के संलग्नीकरण की निरंतरता एवं प्रवेशित छात्रों के पंजीयन हेतु मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा अधिसूचना जारी नहीं की गई हैं। प्रवेश अर्हता की जाँच पश्चात् ही छात्रों का पंजीयन विश्वविद्यालय द्वारा किया जा सकेगा। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित एम.सी.आई. के परिपत्र अनुसार कार्यवाही की गई हैं। (घ) प्रशनांश ‘‘क’’ में उल्लेखित न्यायालयीन प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनाँक 16/10/2015 की कण्डिका 17 के अनुसार आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत मजदूरों का कम भुगतान
13. ( क्र. 1009 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत राज सिक्युरिटी कंपनी को किस दिनाँक से कार्य दिया गया है? कंपनी के द्वारा कितने कुशल, अर्द्धकुशल व अकुशल मजदूरों को काम दिया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजना के कमाण्डेंट ने लिखित रूप से स्वीकार किया है कि राज सिक्युरिटी कंपनी के अंतर्गत कार्य करने वाले मजदूरों को मिनीमम वेजेस रेट से कम वेतन, 4200 रूपये नगद दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो राज सिक्युरिटी कंपनी के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की है तो उसका क्या कारण हैं?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वारा मेसर्स राज सिक्युरिटी कंपनी को दिनाँक 16/10/2014 से 1 वर्ष के लिये एवं दिनाँक 16/11/2015 से 2 माह के लिये ठेका कार्य दिया गया है। कंपनी द्वारा 3 कुशल एवं 68 अकुशल श्रमिकों को काम दिया है। (ख) जी नहीं। तथापि श्रम पदिाधिकारी खण्डवा द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 एवं संविदा श्रम अधिनियम 1970 के अंतर्गत दिनाँक 02/12/2015 को निरीक्षण किये गये। निरीक्षण के दौरान मजदूरों को न्यूनतम वेतन से कम भुगतान किया जाना पाया गया है। निरीक्षण टीप में नियोजक को न्यूनतम वेतन से कम दी गई अंतर की राशि का 3 दिन में भुगतान करने एवं अन्य प्रावधानों के परिपालन के निर्देश दिये गये है। नियोजक के विरूद्ध दावा एवं अभियोजन प्रकरण सक्षम न्यायालय में दायर किया जाना प्रक्रियाधीन है।
उपचार हेतु आर्थिक सहायता के प्रकरण
14. ( क्र. 1029 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा उपचार हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने संबंधी प्रस्तावों के स्वीकृत अथवा अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी के संबंध में कलेक्टर हरदा को लिखे पत्र क्रं./1003, दि. 18.3.15, पत्र क्रं. 83, दि. 08-05-15 एवं पत्र क्रमांक 712 दि. 7-11-15 से चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराये जाने का क्या कारण है? (ख) उक्त पत्रानुसार जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (घ) हरदा जिले में मुख्यमंत्री सहायता अथवा राज्य बीमारी सहायता अंतर्गत कितने हितग्राहियों को कितनी राशि स्वीकृत की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार बताएं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कलेक्टर जिला हरदा के पत्र क्रमांक/16011 (ए)/राहत/2015 दिनाँक 04.12.2015 के द्वारा प्रश्नकर्ता को चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) हरदा जिले में मुख्यमंत्री सहायता एवं राज्य बीमारी सहायता निधि की वर्ष 2013 से 2015 तक की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
योजना का नाम |
विधान
सभा क्षेत्र-135 |
विधान
सभा क्षेत्र-134 |
1 |
मुख्य
मंत्री
सहायता |
लांभावित
हितग्राही- 166 |
लांभावित
हितग्राही- 102 |
2 |
राज्य
बीमारी
सहायता निधि |
लांभावित
हितग्राही- 133 |
लांभावित
हितग्राही- 68 |
चिकित्सकों
एवं
कर्मचारियों
के रिक्त
पदों की
पूर्ति
15. ( क्र. 1038 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 15 नवंबर, 2015 की स्थिति में कहाँ-कहाँ पर चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के कौन-कौन से कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? उक्त स्वीकृत पद कब-कब से रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भर दिये जायेंगे? निश्चित समयावधि बतावें? उक्त रिक्त पद अभी तक क्यों नहीं भरे गये हैं? कारण सहित बतावें? (ख) चिकित्सकों के स्वीकृत पद रिक्त होने के कारण आम जनता को बीमारी के इलाज में हो रही परेशानी से निजात दिलाने के लिये शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्या कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक डॉ. श्री नीतराज गौड़ एवं महिला चिकित्सक डॉ. श्रीमती अमीता सक्सेना का स्थानांतरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की पूर्व से कमी होने के बावजूद क्यों किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है, प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है, पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। चिकित्सा अधिकारी की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के 1896 रिक्त पदों की चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की जावेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) पदपूर्ति की कार्यवाही उत्तरांश ’’क’’ अनुसार प्रचलन में है। उपलब्ध चिकित्सकों/स्टॉफ द्वारा आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाऍ प्रदान की जा रही है। (ग) डॉ. नीतराज गौड़ एवं डॉ. श्रीमती अमीता सक्सेना, संविदा आर.सी.एच. चिकित्सक के रूप में कोलारस में कार्यरत थे एवं इनका स्थानांतरण नहीं हुआ है अपितु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयन उपरांत वरीयता अनुसार आन लाईन काउन्संलिग के माध्यम से इन्हें इनके द्वारा प्राथमिकता चयन अनुसार पदस्थापना प्राप्त हुई है।
शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
16. ( क्र. 1039 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी में नवीन मेडिकल कॉलेज खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) शिवपुरी में नवीन मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु प्रस्ताव एवं डी.पी.आर. भेजे जाने के कब-कब पत्र प्राप्त हुए? उन पत्रों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या भारत सरकार द्वारा राज्य शासन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है? यदि हाँ, तो जानकारी दें कि स्वीकृति उपरांत राज्य शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु भारत सरकार एवं राज्य शासन में पत्राचार हुआ है? यदि हाँ, तो क्या-क्या पत्राचार किस बाबत् किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिवपुरी में शासकीय नवीन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रोजेक्ट डायरेक्टर (पी.आई.यू) लोक निर्माण विभाग, निर्माण भवन भोपाल को डी.पी.आर संचालक, चिकित्सा शिक्षा के माध्यम से प्रस्तुत करने हेतु पत्र जारी किया गया है। प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग से डी.पी.आर प्राप्त नही हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) डी.पी.आर प्राप्त होने पर सक्षम स्तर पर स्वीकृति प्राप्त की गई अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नही होता। (घ) जी हाँ । दिनाँक 09/09/2014, 29/07/2015 को भारत सरकार स्वास्थ मंत्रालय नई दिल्ली से पत्राचार किया गया।
अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को डी.पी. उपलब्ध कराना
17. ( क्र. 1054 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों की कितनी फाईलें आदिम जाति कल्याण विभाग को ट्रांसफार्मर (डी.पी) लगाने हेतु प्राप्त हुई? उनमें से कितने किसानों के यहां डी.पी. लगा दी गई है एवं कितने किसान अभी इस योजना में लंबित है? (ख) उन लंबित फाईलों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? लंबित फाईलों पर कब तक डी.पी. उपलब्ध करा दी जावेगी? समय-सीमा बताएं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' तथा ''ख'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' तथा ''ख'' अनुसार लंबित हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष का नियम का पालन
18. ( क्र. 1060 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राजपत्र में दिनाँक 28 जून, 2014 को एक आदेश प्रकाशित किया गया, उक्त आदेश के आधार पर राज्य सरकार एतद् द्वारा म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश) नियम 1963 में संशोधन कर कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति की आयु 58 वर्ष की जगह 02 वर्ष बढ़ाकर 60 वर्ष की गई है, परंतु ग्रेसीम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड बिरलाग्राम नागदा के मेनेजमेंट के द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है और कंपनी द्वारा 58 वर्ष की आयु में ही श्रमिकों को सेवानिवृत्ति दी जा रही है? अभी तक करीब 200 श्रमिकों को सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है? (ख) शासन का आदेश ना मानने पर उक्त इण्डस्ट्रीज पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त नियम का पालन इण्डस्ट्रीज द्वारा कब से किया जावेगा? समय-सीमा बतावें एवं अभी तक नियम ना मानने पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज नागदा की विभिन्न इकाईयों द्वारा 167 कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त किये जाने की जानकारी है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित प्रावधान न मानने पर उक्त इण्डस्ट्री की विभिन्न इकाईयों के विरूद्ध मध्यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्थाई आज्ञाएं) अधिनियम 1961 के अंतर्गत 7 अभियोजन प्रकरण दायर किये गये हैं तथा 57 श्रमिकों के प्रकरणों में औद्योगिक विवादों को न्यायालय में अधिनिर्णय हेतु संदर्भ किया गया है। जिन शेष श्रमिकों द्वारा आवेदन दिये गये हैं उनमें भी औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ग) उद्योग द्वारा प्रावधानों के निरंतर उल्लंघन की स्थिति में श्रम विभाग द्वारा सतत् वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। अभी तक की गई कार्यवाही एवं जानकारी प्रश्नांश ‘ख’ में उल्लेखित है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से पालन संबधी समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की राशि ऐजेंसी को प्रदाय न करना
19.
( क्र.
1068
) श्री
ठाकुरदास
नागवंशी :
क्या स्कूल
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
पिपरिया
अंतर्गत प्राथमिक
शालाओं में
अतिरिक्त
कक्ष निर्माण
माध्यमिक
शालाओं में
प्रधान पाठक
कक्ष निर्माण
प्राथमिक
शालाओं में बाउण्ड्रीवाल
के कार्य वर्ष
2008-09 से
वर्ष 14-15 तक स्वीकृत
किये गये थे? यदि
हाँ, तो
स्वीकृत
कार्यों/पूर्ण
कार्यों/अपूर्ण
कार्यों की
बी.आर.सी. वार
जानकारी
देवें? (ख) क्या
प्रश्नांश (क)
में वर्णित
वर्ष में कुछ
कार्य तृतीय
एवं अंतिम
किस्त
प्रदाय न करने
के कारण लंबित
है?
(ग) क्या
राज्य
शिक्षा मिशन
द्वारा/केन्द्र
शासन द्वारा
स्वीकृत
कार्यों की
संपूर्ण
एकजाई राशि
नोडल ऐजेंसी को
प्रदाय की
जाती हैं? (घ)
यदि हाँ, तो
अपूर्ण
निर्माण
कार्यों को
पूर्ण कराने हेतु
लंबित राशि कब
तक भुगतान की
जावेगी बतायें? नहीं
तो क्यों?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) जी हाँ।
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार।
(ख) जी हाँ। (ग)
जी नहीं। राशि
50
प्रतिशत, 35
प्रतिशत एवं 15
प्रतिशत के
अनुपात में
प्रदाय की
जाती है। (घ) भारत
शासन से
प्राप्त
अवशेष की राशि
जारी करने की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
20. ( क्र. 1079 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या आवास गृहों में निवासरत अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र-छात्राओं को प्रत्येक माह आवास गृह का किराया देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में कितने छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह किराया दिया गया? कॉलेज का नाम तथा मासिक किराया की सूची उपलब्ध कराऐं? (ग) यदि नहीं, तो क्या समय पर किराया न देने वाले अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) जी नहीं। स्वीकृत राशि 3 माह, 6 माह, 3 माह के अन्तराल में तीन किश्तों में देने का प्रावधान है। छतरपुर जिले में वर्ष 2014-15 में अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र-छात्राओं को दिए गए किराये की राशि की जानकारी कॉलेज के नाम सहित संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति वर्ग जिला छतरपुर द्वारा आवंटन की सीमा में आवास किराया की राशि विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई गई है। अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को आवासा सहायता राशि का भुगतान किया गया है। वर्ष 2015-16 में 90 विद्यार्थियों को देय राशि रू. 11,53,750/- के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रिया में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली में वित्तीय अनियमितता
21. ( क्र. 1098 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा केन्द्र रीवा के पत्र क्र. जि.शि.के/स्था./जाँच/2015/3132 दिनाँक 25/04/2015 द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली में की गई वित्तीय अनियमितता की जाँच हेतु तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया जाकर जाँच समिति को 7 दिवस में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो गठित जाँच समिति द्वारा क्या जाँच की गई और प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराये यदि नहीं, तो जाँच समिति द्वारा जाँच न करना अथवा जाँच कर प्रतिवेदन न देना क्या जाँच समिति के अधिकारी, कर्मचारी की स्वेच्छाचारिता एवं कर्तव्य निर्वहन में अवचार के दोषी हैं? (ग) यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवदेन संलग्न परिशिष्ट पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली को राशि उपलब्ध
22. ( क्र. 1101 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के विकासखण्ड त्योथर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली को वित्त वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में जिला शिक्षा केन्द्र अथवा राज्य शिक्षा केन्द्र से आवर्ती एवं अनावर्ती मद में किस व्यय शीर्ष के लिये कितनी राशि उपलब्ध करायी गई तथा वार्डन द्वारा कितनी राशि किस व्यय शीर्ष में व्यय की गई, वित्त वर्षवार बतायें? किस व्यय शीर्ष में कितना वित्तीय प्रावधान था? (ख) उपरोक्त वित्त वर्षों में आवर्ती एवं अनावर्ती मद के व्यय शीर्षों के लिये नियत वित्तीय प्रावधान के विपरीत क्या वार्डन द्वारा अधिक राशि व्यय की गई? यदि हाँ, तो कितनी शीर्षवार एवं वर्षवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि व्यय शीर्षों के लिये नियत वित्तीय प्रावधान के विपरीत वार्डन द्वारा अधिक राशि व्यय की गई है तो क्या वित्तीय प्रावधान से अधिक राशि व्यय करना वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है? क्या अधिक व्यय की गई राशि वसूली योग्य है? (घ) यदि हाँ, तो वित्तीय प्रावधान के विपरीत अधिक व्यय राशि की वसूली एवं अपराधिक प्रकरण वार्डन के विरूद्ध संस्थित कराने की कार्यवाही करेगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला रीवा के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली को वित्तीय वर्ष 2011-12 से वर्ष 2014-15 तक जिला शिक्षा केन्द्र एवं राज्य शिक्षा केन्द्र से उपलब्ध कराई गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार हैः- (1) वर्ष 2011-12 - 1949000.00 (2) वर्ष 2012-13 - 2086750.00 (3) वर्ष 2013-14- 1526125.00 (4) वर्ष 2014-15- 2192065.00. वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक आवर्ती एवं अनावर्ती मदों में मदवार प्रावधानित राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के वित्तीय वर्ष में आवर्ती एवं अनावर्ती मद के लिए नियत प्रावधानित राशि से अधिक राशि का व्यय विवरण वर्ष संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) नियत वित्तीय प्रावधान से अधिक जिन मदों पर व्यय किया गया है उन मदों पर प्रावधान से अधिक व्यय राशि की जाँच के लिए जिला स्तर से समिति गठित की गई है। यदि वित्तीय अनियमितता पायी जाएगी तो नियमानुसार राशि की वसूली एवं दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (घ) कंडिका- ‘ग’ के उत्तर अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की गई अनियमितता की शिकायतें
23. ( क्र. 1106 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में पदस्थ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कटनी पदस्थापना डिन्डोरी, पन्ना एवं उमरिया कार्यकाल के दौरान वर्ष 2010 से 2015 की अवधि में खरीदी की गई अनियमितताओं की शिकायतें कब एवं किसके द्वारा की गई? (ख) विधानसभा के किसी सदस्य द्वारा पंजीकृत डाक से कार्यालय पत्र क्रमांक 2003 दिनाँक 07.09.2015 स्मरण पत्र क्रमांक 2257 दिनाँक से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डिन्डोरी से तत्कालीन सी.एम.एच.ओ. के कार्यकाल की बिंदुवार जानकारी चाही थी? क्या उनको जानकारी उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के सी.एम.एच.ओ. के विरूद्ध कब-कब विभागीय जाँच किए जाने हेतु आरोप पत्र जारी किये गये? उक्त आरोपों की विभागीय जाँच क्या पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो उनके परिणाम क्या थे, बताएं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कटनी जिले में पदस्थ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक चौदहा के विरूद्ध वर्ष 2010 से वर्ष 2015 के मध्य जिला डिण्डोरी एवं उमरिया में डॉ.चौदहा द्वारा खरीदी में की गई वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित शिकायत श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री निवासी कटनी ने उनके पत्र दिनाँक 27.08.2015 एवं पत्र दिनाँक 05.11.2015 द्वारा संचालनालय को तथा श्री कुँवर सौरभ सिंह माननीय विधायक महोदय जिला कटनी ने उनके पत्र क्रमांक 2003/दिनाँक 07.09.2015 द्वारा 04 बिन्दुओं पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला डिण्डोरी को की गई थी। (ख) जी हाँ। जी नहीं। डॉ. अशोक चौदहा के विरूद्ध चाही गई जानकारी माननीय विधायक महोदय को उपलब्ध नहीं कराये जाने संबंधी तथ्य संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, जबलपुर के संज्ञान में आने के उपरान्त उनके पत्र क्रमांक./शिका/2015/11975/दिनाँक 09.12.2015 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला डिण्डोरी से स्पष्टीकरण चाहा गया है जिसका प्रतिवाद उत्तर संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, जबलपुर को प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक चौदहा के विरूद्ध वर्ष 2010 से वर्ष 2015 की अवधि में खरीदी में की गई वित्तीय अनियमितता से संबंधित शिकायतों के संबंध में संचालनालय स्तर पर विभागीय जाँच संस्थित नहीं है। अपितु उत्तरांश ’’क’’ में उल्लेखित शिकायत जो संचालनालय में श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री के माध्यम से प्राप्त हुई जो जाँच हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, जबलपुर की ओर प्रेषित की गई है का जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा समिति के विरूद्ध कार्यवाही
24. ( क्र. 1107 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनाँक 11 जुलाई 2014 में मुद्रित परि.अता.प्र.सं. 69 (क्रमांक 2666) के प्रश्नांश (क) एवं (ख) एवं (ग) तथा प्रश्नोत्तरी दिनाँक 25 नवम्बर 2011 में मुद्रित प्रश्न संख्या 59 (क्रमांक 1104) के प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या प्राचार्य उ.मा.वि. देवराकलां तहसील विजयराघवगढ़ जिला कटनी की जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रकरण पुलिस थाना कैमोर में एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी कटनी के द्वारा लेख किया गया था या सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थायें जबलपुर के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज कराने हेतु लेख किया गया था? बतायें कि थाना प्रभारी द्वारा किन-किन मूल अभिलेख देने हेतु लेख किया गया है तथा कौन-कौन से अभिलेख फर्म्स एवं संस्थाओं में उपलब्ध है? (ख) क्या विधि अनुसार प्रकरण से संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने का उत्तरदायित्व शिकायतकर्ता का होता है तथा यह भी बताएं कि बिना मूल अभिलेख प्राप्त किये एवं उनकी जाँच किये बिना पुलिस थाना में प्रकरण पंजीबद्ध कराने हेतु लेख किया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या गलत उत्तर देकर विधानसभा को गुमराह किया जा रहा है एवं मिलीभगत कर दोषियों को बचाया जा रहा है तथा बतायें कि आवश्यक मूल अभिलेख थाना प्रभारी कैमोर को कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा ताकि प्रकरण पंजीबद्ध किया जा सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जाँच से संबंधित मूल अभिलेख उपलब्ध कराये गये हैं। रजिस्ट्रार फर्म्स एवं सोसायटी संस्था द्वारा दिनाँक 28.08.2015 को मूल अभिलेख पुलिस अधीक्षक कटनी को उपलब्ध कराये गये हैं। (ख) जी नहीं। प्राचार्य शासकीय उ.मा.वि. देवरा कलां जिला कटनी द्वारा की गई जाँच का जाँच प्रतिवदेन के आधार पर थाने में प्रकरण पंजीबद्ध करने हेतु निर्देशित किया गया था। (ग) जी नहीं। प्रकरण के मूल अभिलेख रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्था जबलपुर द्वारा दिनाँक 28.08.2015 के द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी को उपलब्ध कराये गये हैं।
सोनकच्छ अस्पताल का स्वीकृत स्टाफ
25. ( क्र. 1128 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ, भौरासा, पीपलरावा, टोंकखुर्द के शा. अस्पतालों में कुल कितने लोगों का स्टाफ स्वीकृत है पद नाम सहित जानकारी देवें? (ख) स्वीकृत पदों में से कितने पद रिक्त हैं पदनाम व संस्था नाम सहित जानकारी देवें? (ग) रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है वर्ष 2015 में 1896 पद चिकित्सा अधिकारियों के पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से विज्ञापन जारी किए गए हैं, चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रदेश में पैरामेडिकल स्टॉफ के 900 पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है परंतु संविदा कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी थी, दिनाँक 30.11.2015 को मा. न्यायालय द्वारा स्थगन हटाया गया है, शीघ्र पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
साक्षरता अभियान अंतर्गत नियुक्तियाँ
26. ( क्र. 1131 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में कितनी साक्षरता अभियान अंतर्गत 2014 व 2015 नियुक्तियां हुई हैं? यदि हुई है तो किन-किन पदों, किस वेतनमान पर किस अधिकारी के द्वारा हुई है? (ख) देवास जिला अंतर्गत साक्षरता अभियान अंतर्गत 2014 वे 2015 में हुई नियुक्ति में नियुक्त कर्मचारी को नाम व पद नाम विकासखण्डवार देवें? (ग) उक्त कर्मचारी को कितने समय के लिए नियुक्त किया गया है? क्या उक्त सभी कर्मचारी अपने कर्तव्यों को स्वयं निभाते है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) निरंक। देवास जिले में वर्ष 2014 व 2015 में साक्षरता अभियान अंतर्गत किसी प्रकार की नियुक्ति नहीं हुई हैं। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांक ''क'' के अनुक्रम में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मापदण्ड के प्रतिकूल सुरक्षा ऐजेंसी तैनात
27. ( क्र. 1153 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 25 क्र. 414 दिनाँक 24 जुलाई, 2015 के अनुसार ए.डी.जी.पी. कार्यालय से वैध प्रमाण के बिना सुरक्षा गार्ड जिला चिकित्सालय भिण्ड में तैनात करने के लिये शासन द्वारा क्या निर्देश जारी किये गये? अप्रशिक्षित गार्ड रखने का जिला चिकित्सालय भिण्ड में क्या औचित्य है? बिना शस्त्र के गार्ड रखने का क्या कारण है? (ख) जिला चिकित्सालय भिण्ड में क्यों गार्ड रखने की आवश्यकता हुई? कितने गार्ड रखने के लिये किस समिति द्वारा कब आवश्यकता महसूस की गई? क्या शस्त्र सहित गार्ड रखना उपयुक्त था? यदि हाँ, तो कितने गार्ड कब-कब रखे गये? (ग) शासन द्वारा सुरक्षा गार्ड रखने के लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए? गार्ड की जानकारी पुलिस विभाग को कब दी गई? क्या गार्ड प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित रखने के निर्देश प्राप्त हुए? (घ) मई-जून 2015 में विमलेश उपाध्याय की हत्या प्रशासन जिला चिकित्सालय भिण्ड की लापरवाही के कारण हुई? क्या भवानी इंटरप्राइजेज इंदौर सुरक्षा ऐजेंसी ने अपने कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही बरती? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी, नहीं। जिला चिकित्सालय में गाईड लाईन वर्ष 2014 के अनुसार निविदा आमंत्रित कर पात्र ए.डी.जी.पी प्रमाण पत्र प्राप्त ऐजेंसी भवानी इण्टरप्राइजेज के द्वारा प्रशिक्षित गार्ड ही रखें गये है अतः जिला चिकित्सालय भिन्ड में अप्रशिक्षित गार्ड रखने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गाईड लाईन वर्ष 2014 के अनुसार प्रशिक्षित डण्डाधारी गार्ड ही रखें गये है। (ख) जिला चिकित्सालय भिण्ड की ओ.पी.डी एवं दवा वितरण हेतु लाईन लगवाने के लिये गार्ड की आवश्यकता महसूस की गई। रोगी कल्याण समिति की बैठक में स्वीकृति पश्चात सैनिक कल्याण बोर्ड से 08 सेवानिवृत्त आर्मीमेन वर्ष 2010 से 2013 तथा 2013-2014 में निविदा से न्यूनतम दरों पर आवश्यकतानुसार 18 गार्ड रखे गये थे। गाईड लाईन वर्ष 2014 के अनुसार प्रशिक्षित डण्डाधारी गार्ड ही रखें गये है। मई-जून 2015 में जिला चिकित्सालय में हत्या की घटना के पश्चात पुलिस अधीक्षक भिण्ड द्वारा सशस्त्र एस.ए.एफ गार्ड उपलब्ध कराया गया जो अभी तक तैनात है। वर्ष 2010 से 2013 के बीच 08 सेवानिवृत्त आर्मीमेन, वर्ष 2013-2014 में निविदा से न्यूनतम दरों पर 18 गार्ड तथा वर्ष 2014-2015 निविदा गाईड लाईन के अनुसार 20 गार्ड कार्यरत है। (ग) जी हाँ। चिकित्सालय परिसर में स्थापित पुलिस चौकी को चिकित्सालय में गार्ड व्यवस्था की जानकारी थी। जी हाँ। आउटसोर्स ऐजेंसी द्वारा प्रशिक्षित गार्ड रखे जाने के निर्देश है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवनों का निर्माण
28. ( क्र. 1154 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में सभी प्रा.शाला भवन या मा.शाला भवन उपयुक्त है? अगर नहीं है तो कौन से शाला भवन उपयुक्त नहीं है? उनका नाम तथा भवन निर्माण वर्ष मद राशि बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो भवन उपयुक्त नहीं है, उन्हें उपयुक्त बनाने हेतु क्या प्रयास किया गया? (ग) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के किस-किस प्रा.शाला एवं मा.शाला में बाउण्ड्रीवाल है? क्या बाउण्ड्रीवाल बनाने की कोई योजना है? (घ) क्या भिण्ड विधान सभा क्षेत्र में नवीन प्रा.शाला भवन/मा.शाला भवन का निर्माण प्रस्तावित है? क्या निर्माण अपूर्ण/अप्रारंभ है? यदि हाँ, तो निर्माण ऐजेंसी का नाम सहित जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भिण्ड जिले में 12 प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन को छोड़कर सभी शाला भवन उपयुक्त है। अनुपयुक्त भवन का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में स्वीकृति हेतु भारत शासन को भेजा जावेगा। (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में 40 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवाल है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। बाउण्ड्रीवाल बनाने हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में भारत शासन को भेजा जावेगा (घ) जी हाँ। युक्तियुक्तकरण के तहत नवीन प्राथमिक शाला भवन का निर्माण प्रस्तावित है। शेष प्रश्नांश का उत्तर निरंक है।
शालाओं का उन्नयन
29. ( क्र. 1164 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाई स्कूल उन्नयन हेतु 5 कि.मी. एवं उ.मा.वि. उन्नयन हेतु 8 कि.मी. की दूरी का मापदण्ड निर्धारित है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पनागर की शा.मा.शा. बिलहरी, सरसवां, बैरागी, सूखा, गधेरी, इमलिया टिकारी एवं शा.हा. स्कूल बरौदा, कैलवास, निरंदपुर, खिरिया कला, कालाडूमर का उन्नयन अति आवश्यक हैं, क्योंकि यहां की शालाओं से अन्य शालाओं में आने जाने का मार्ग सुनसान एवं दुर्गम रास्तों से होकर जाता है? यहां की छात्राए असुरक्षा के कारण आगामी शिक्षा से वंचित है? (ग) क्या बालिकाओं को 5 कि.मी या 8 कि.मी की दूरी के स्कूलों में अकेले सुनसान दुर्गम रास्तों से आने जाने विद्यमान परिस्थतियों को ध्यान में रखते हुये शासन वर्तमान मापदण्ड को शिथिल करने में विचार करेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या इन शालाओं का उन्नयन विशेष परिस्थितियों में किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय माध्यमिक शाला बिलहरी, सरसवां, सूखा, गधेरी, इमलिया टिकारी एवं शासकीय हाईस्कूल कैलवास, निरंदपुर, खिरियाकला शालाएं मापदण्ड की पूर्ति नहीं करती हैं एवं शासकीय माध्यमिक शाला बैरागी एवं शासकीय हाईस्कूल बरौदा, कालाडूमर शालाएं निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र हैं। अपनी सुविधानुसार निकटस्थ शालाओं में छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। (ग) एवं (घ) सीमित वित्तीय संसाधनों की वजह से सीमित संख्या में ही शालाओं का उन्नयन संभव हो पाता है। इसलिये सभी पात्र शालाओं का उन्नयन फिलहाल संभव नहीं है।
शालाओं में बाउण्ड्रीवाल निर्माण
30. ( क्र. 1167 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राज्य मार्ग, नाले नदियों के किनारे तथा भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों के लिये बाउण्ड्रीवाल विहीन शालाएं सुरक्षा की दृष्टि से खतरानाक है? (ख) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र की ऐसी शालाओं में बाउण्ड्रीवाल निर्माण की कार्य योजना वर्ष 2015-16 स्वीकृत नहीं होने से बाउण्ड्रीवाल का निर्माण नहीं हो पा रहा है? (ग) क्या ऐसी शालाओं के बच्चों की सुरक्षा के लिये शासन गंभीर नहीं है? (घ) क्या बच्चों की सुरक्षा के उपाय करने हेतु बाउण्ड्रीवाल निर्माण की समय-सीमा बताई जा सकती है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) शालाओं में बच्चों की सुरक्षा के लिये बाउण्ड्रीवाल बनाने हेतु शासन पूर्णतः गंभीर है। (घ) बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन अधिकार कानून में परिभाषित वन भूमि
31. ( क्र. 1172 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 में वनभूमि की क्या-क्या परिभाषा दी गई है? इस परिभाषा में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 (अ) के तहत राजपत्र में डीनोटीफाईड भूमियों को वन भूमि माने जाने का क्या प्रावधान दिया है? (ख) मध्यप्रदेश शासन, भारत शासन या सर्वोच्च अदालत के द्वारा राजपत्र में धारा 27 एवं धारा 34 (अ) के अनुसार डीनोटीफाईड भूमियों को वन अधिकार कानून 2006 की किस धारा के अनुसार वन भूमि माने जाने का अधिकार किसे दिया गया है? (ग) प्रश्न संख्या 107 क्रमांक 3748 दिनाँक 17 मार्च 2015 के उत्तरांश (ग) में बैतूल जिले में 235 ग्रामों की डीनोटीफाईड भूमियों पर 3989 वन अधिकार पत्र वितरित किया जाना बताया है, डीनोटीफाईड भूमियों पर वन अधिकार पत्र वितरित किए जाने का क्या कारण रहा हैं? (घ) धारा 27 एवं धारा 34 (अ) के अनुसार राजपत्र में डीनोटीफाईड भूमियों पर दावों को मान्य एवं अमान्य किए जाने की कार्यवाही के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर कब तक करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत अधिनियम 2006 के अध्याय-1 की धारा-2 (घ) के अनुसार ’’वन भूमि’’ से किसी वन क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली किसी प्रकार की भूमि अभिप्रेत है और उसके अन्तर्गत अवर्गीकृत वन, असीमांकित विद्यमान वन या समझे गए वन, संरक्षित वन, आरक्षित वन, अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान भी है। इस परिभाषा में पृथक से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-27 एवं 34 (अ) के डीनोटीफाईड भूमियों के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 (अ) के तहत राजपत्र में प्रकाशित डीनोटीफाईड भूमियों को वन भूमि माने जाने का भारत सरकार, सर्वोच्च न्यायालय अथवा मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के अन्तर्गत वन भूमि माने जाने के कोई निर्देश जारी नहीं किये गये है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के नियम 2 (घ) के अनुसार ग्राम सभा एवं उपखंड स्तरीय समिति के अनुशंसा के आधार पर जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा निर्णय लिया जाकर वितरण किया गया। (घ) धारा 27 एवं धारा 34 (अ) के अनुसार राजपत्र में डीनोटीफाईड भूमियों पर पृथक से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। अधिनियम में परिभाषित ’’वन भूमि’’ पर दावों के संबंध में कार्यवाही की जा रही है।
विद्युतीकरण पर खर्च राशि
32. ( क्र. 1173 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में बैतूल जिले एवं विदिशा जिले में विभाग ने विद्युत पंप के लिए बिजली पहुँचाए जाने, विद्युत पंप पर बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने एवं ग्रामों, मजरे टोलों, ढानों में विद्युत पहुँचाए जाने के कार्य के बदले किस दिनाँक को किसे कितनी राशि का भुगतान किया? (ख) भुगतान किए गए कार्य की किस दिनाँक को कितनी लागत की प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति किसके द्वारा दी गई, कितनी लागत के किस कार्य की निविदा किस दिनाँक को आमंत्रित की गई? निविदा को किसके द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) किस कार्य का आदेश किस दिनाँक को दिया गया? कार्य आदेश एवं एन.आई.टी की प्रति सहित बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) गत वर्ष 2014-15 में भुगतान किये गये कार्यों से संबंधित बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। विदिशा जिले में किसी भी कार्य का भुगतान नहीं किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) भुगतान किये गये कार्यों के कार्य आदेशों की तिथि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। कार्य आदेश एवं एन.आई.टी. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
भारत स्काउट एवं मुख्यालय भोपाल के कार्यकलापों की जाँच
33. ( क्र. 1185 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 63-04/2014/20-3 भोपाल दिनाँक 19 सितम्बर 2014 द्वारा भारत स्काउट एवं गाइड मुख्यालय भोपाल के कार्यकलापों की जाँच हेतु उपसचिव स्कूल शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जाँच किन-किन बिन्दुओं पर की गई और जाँच प्रतिवेदन शासन को किस दिनाँक को सौंपा गया? जाँच निष्कर्षों के आधार पर किन-किन दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 63-05/2015/20-3 दिनाँक 18.11.2014 द्वारा भारत स्काउट गाइड म.प्र. के क्रियाकलापों के बारे में प्राप्त वित्तीय अनियमितता की शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुए कार्यालय के लेखा परीक्षण हेतु श्रीमती सुषमा दुबे, अपर संचालक कोष एवं लेखा/नियंत्रक, वित्त विभाग शिक्षण केन्द्र को अधिकृत कर 15 दिवस की अवधि में कार्यवाही पूर्ण कर प्रतिवेदन करने हेतु आदेशित किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो उक्त प्रतिवेदन शासन को सौंप दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई एवं इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं एवं उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। किन्तु उक्त आदेश को परिवर्तित कर आदेश दिनाँक 10.11.2014 द्वारा आंशिक संशोधन कर अपर संचालक लोक शिक्षण को समिति का अध्यक्ष बनाया गया (ख) जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जाँच प्रतिवेदन शासन को दिनाँक 13.10.2015 को प्राप्त हुआ है। कार्यवाही प्रचलित है।
शिवम अस्पताल को अनुदान/सहायता
34. ( क्र. 1196 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में अरेरा कालोनी में स्थित शिवम अस्पताल को शासन की राज्य बीमारी सहायता योजना और मुख्यमंत्री बीमारी के अंतर्गत कब से अनुदान/सहायता दी जा रही है? विगत 05 वर्षों में दी गई अनुदान सहायता राशि का विवरण देवे? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में शासन द्वारा कैंसर और दूसरे जटिल असाध्य रोगों के उपचार के लिये शिवम अस्पताल से कितने रोगियों को शासन द्वारा दी गई अनुदान सहायता राशि का लाभ मिला? (ग) शिवम अस्पताल में कैंसर रोग के उपचार के लिये उपलब्ध तकनीकी, मशीनी और विशेषज्ञों की शासन के पास क्या जानकारी है? कृपया विशेषज्ञों के नाम उनकी योग्यता सहित जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजधानी भोपाल में अरेरा कालोनी में स्थित शिवम अस्पताल को राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत वर्ष 2009 से अनुदान/सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री बीमारी सहायता योजना में अनुदान की स्वीकृति मुख्यमंत्री सहायता कोष अन्तर्गत 25 जनवरी 2006 के दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। विगत 05 वर्षों में दी गई अनुदान सहायता राशि का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्रमांक |
वर्ष |
राज्य बीमारी सहायता निधि योजना अन्तर्गत स्वीकृत राशि |
मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना अन्तर्गत स्वीकृत राशि |
मुख्यमंत्री बीमारी सहायता कोष उपचार योजना अन्तर्गत स्वीकृत राशि |
1 |
2010-11 |
6657000/- |
0 |
0 |
2 |
2011-12 |
9652000/- |
0 |
25000/- |
3 |
2012-13 |
4877000/- |
0 |
20000/- |
4 |
2013-14 |
100000/- |
0 |
25000/- |
5 |
2014-15 |
0 |
0 |
0 |
(ख) उत्तर ’क’ में उल्लेखित अवधि में निम्नानुसार रोगियों को सहायता राशि का लाभ मिलाः-
क्रमांक |
वर्ष |
राज्य बीमारी सहायता निधि योजना अन्तर्गत लाभान्वित रोगी |
मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना अन्तर्गत लाभान्वित रोगी |
मुख्यमंत्री बीमारी सहायता कोष उपचार योजना अन्तर्गत स्वीकृत राशि |
1 |
2010-11 |
59 |
0 |
0 |
2 |
2011-12 |
68 |
0 |
1 |
3 |
2012-13 |
33 |
0 |
1 |
4 |
2013-14 |
0 |
0 |
1 |
5 |
2014-15 |
0 |
0 |
0 |
(ग) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -’ब’ अनुसार।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
35. ( क्र. 1202 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के पवई और शाहनगर विकासखण्डों में स्थित शासकीय चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों, महिला चिकित्सकों, नर्स, कम्पाउंडर और अन्य चिकित्साकर्मियों के कुल कितने पद स्वीकृत है और वास्तव में कितने पद रिक्त हैं तथा कितने पदस्थ है? (ख) रिक्त पदों पर भर्ती करने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) पवई तथा शाहनगर विकासखण्डों में चिकित्सा सेवा को सुचारू बनाने के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण शतप्रतिशत पदपूर्ति संभव नहीं हो पाई है। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से 1896 पदों हेतु चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी। प्रदेश में पैरामेडिकल स्टॉफ के 900 पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है परंतु संविदा कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी थी, दिनाँक 30.11.2015 को मा. न्यायालय द्वारा स्थगन हटाया गया है, शीघ्र पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति होने तक, निकट के स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाकर वैकल्पिक व्यवस्था कर चिकित्सकीय कार्य संपन्न कराया जा रहा है।
प्रदेश के शास. हाई स्कूलों में प्राचार्यों की पदोन्नति
36. ( क्र. 1216 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूरे प्रदेश के अंदर स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय हाई स्कूलों में प्राचार्यों के कितने पद रिक्त हैं? (ख) यदि रिक्त हैं तो इन्हें भरने के लिए कब तक डी.पी.सी. आयोजित कर पदोन्नति की कार्यवाही कर प्राचार्यों के रिक्त पदों की पूर्ति कर ली जाएगी? (ग) क्या पदोन्नतियां न होने से हाई स्कूल के प्राचार्य के रिक्त पदों पर प्रभारी प्राचार्य से काम चलाया जा रहा हैं? कब तक पदोन्नति की कार्यवाही की जाएगी समय-सीमा बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश अंतर्गत प्राचार्य हाईस्कूल के 2114 पद रिक्त हैं। (ख) प्राचार्य हाईस्कूल पद पर पदोन्नति हेतु 27/05/2015 को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक उपरांत प्राचार्यों के पदांकन हेतु आनलाईन काउंसलिंग की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश ‘ख‘ के उत्तर अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पदोन्नति प्राप्त सहायक अध्यापकों को संशोधित ग्रेड-पे दिया जाना
37. ( क्र. 1223 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा क्रमोन्नति प्राप्त सहायक अध्यापकों को क्रमोन्नति संवर्ग वेतन में संशोधन करते हुए ग्रेड पे रू.1250 के स्थान पर रू.1650 के आदेश शासन द्वारा जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के अनुसार आदेश प्रसारित किये गये हैं तो सतना जिले के किन-किन संकुल केन्द्रों में संशोधित आदेश के मुताबिक ग्रेड पे दिया जा रहा है? संकुलवार एवं विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) क्या विकासखण्ड सोहावल के कई संकुल केन्द्रों में क्रमोन्नति प्राप्त सहायक अध्यापकों को संशोधित ग्रेड पे नहीं दिया जा रहा है इसके लिये कौन दोषी है? कब तक ग्रेड पे दे दिया जायेगा? (घ) क्या विभाग द्वारा अंतरिम राहत की किस्त रू. 1000 प्रति वर्ष माह सितम्बर में देने के निर्देश है? यदि हाँ, तो सतना जिले के किन-किन विकासखण्डों एवं संकुल केन्द्रों द्वारा तृतीय किस्त नहीं दी गई है, क्या वित्त विभाग द्वारा हर वर्ष अनुमति देने के पश्चात अंतरिम राहत देने के निर्देश हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘एक‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘दो‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित विकासखंड के सहायक अध्यापकों को संशोधित ग्रेड-पे नहीं, अपितु शासन आदेश दिनाँक 3/10/2013 के अनुसार 12 या 24 वर्ष में क्रमोन्नत संवर्ग वेतन देय है। इस आदेश के अनुसार सहायक अध्यापकों को पात्रतानुसार क्रमोन्नत वेतन संवर्ग दिया गया है। अतः ‘शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शासनादेश दिनाँक 4/9/2013 के अनुसार 06 से 08 वर्ष वाले सहायक अध्यापकों को शासन निर्देशों के अधीन रू. 1000/- अंतरित राहत दिए जाने के आदेश हैं। तृतीय किश्त के आदेश जारी नहीं किये गये हैं। जी हाँ।
कर्मचारियों का स्थानांतरण
38. ( क्र. 1229 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान सत्र 2015-16 में कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए शासन द्वारा कब से कब तक के लिए प्रतिबंध हटाया था? (ख) मंदसौर जिले में इस वर्ष शिक्षा विभाग के द्वारा कितने शिक्षकों (व्याख्याताओं, सहायक शिक्षकों) के स्थानांतरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर किये गये नाम एवं स्थानवार जानकारी देवें? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा विभाग में जो स्थानांतरण प्रभारी मंत्री जी की अनुशंसा पर किये गये हैं, उन स्थानांतरणों के लिए किन व्यक्तियों के आवेदन/शिकायतों के आधार पर किये गये हैं, उनके नाम बतावें? (घ) शिक्षा विभाग में इस वर्ष प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर जो स्थानांतरण किये गये थे कुछ ही दिनों में उन कर्मचारियों का स्थानांतरण परिवर्तन/निरस्त किया गया है? इनकी सूची उपलब्ध करावें एवं स्थानांतरण परिवर्तन/निरस्त करने का कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति वर्ष, 2015-16 में दिनाँक 16/05/2015 से 10/06/2015 तक प्रतिबंध अवधि शिथिल थी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘एक‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘दो‘ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘तीन‘ अनुसार है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन
39. ( क्र. 1230 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है? विकासखण्डवार अलग-अलग नाम सहित बतावें? (ख) शासन किन मापदण्डों के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र एवं प्राथमिक केन्द्र खोलती है उन नियमों या आधारों की जानकारी देवें? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने प्राथमिक केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं? (घ) माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कयामपुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने की घोषणा अपने कयामपुर प्रवास के दौरान की थी? यदि हाँ, तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रारंभ करने की अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में 335 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्य क्षेत्र में 1.20 लाख पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 30 हजार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा आदिवासी क्षेत्र में 80 हजार पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 20 हजार की जनसंख्या पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का प्रावधान है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 06 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 03 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। (घ) जी हाँ। विकासखण्ड सीतामउ में 02 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पूर्व से संचालित है एवं जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डानुसार कयामपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की पात्रता नहीं आती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सहायक परियोजना समन्वयकों की वापसी
40. ( क्र. 1242 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. राशि के/नियुक्ति/ 2010/4928 दिनाँक 01.07.2010 द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि जिला शिक्षा केन्द्रों में प्रतिनियुक्ति में पदस्थ सहायक परियोजना समन्वयकों की प्रतिनियुक्ति तीन वर्ष तक ही रहेगी? (ख) यदि हाँ, तो जिला शिक्षा केन्द्र रीवा में ऐसे कितने सहायक परियोजना समन्वयक हैं जो तीन वर्ष से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं, नाम तथा प्रतिनियुक्ति का दिनाँक बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के परिपालन में प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताये गये ऐसे सहायक परियोजना समन्वयकों को जो तीन वर्ष से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं कब तक इन्हें इनके मूल पद पर कार्य मुक्त करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। किन्तु जिला स्तर पर सहायक परियोजना समन्वयक के विभिन्न पदों एवं विकासखण्ड स्तर पर विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक के पदों की पूर्ति हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पत्र क्रमांक राशिके/नियु./2010/4928 दिनाँक 01/07/2010 एवं पत्र क्रमांक राशिके/नियु./2010/9141 दिनाँक 04/11/2010 द्वारा समस्त जिलों में नियुक्ति की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये थें। जिन्हें राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा पत्र क्र.राशिके/स्था./066(ए)/ 2011/1100 दिनाँक 03/02/2011 द्वारा पदस्थापना संबंधी उक्त कार्यवाही आगामी आदेश तक के लिये स्थगित की गयी। तत्पश्चात राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र.राशिके/स्था./2011/10887, दिनाँक 02/12/2011, 01/07/2010 एवं 04/11/2010 को जारी निर्देशों को निरस्त कर सहायक परियोजना समन्वयक के पदों की पूर्ति परीक्षा के माध्यम से किये जाने के निर्देश दिये गये थे। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला शिक्षा केन्द्र, रीवा के पत्र क्र.स्था./जिशिके/2011/944, दिनाँक 24/05/2011 द्वारा श्री इन्द्रवली पटेल, सहायक परियोजना समन्वयक की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर पदांकन मूल पद में किया गया था किन्तु नवीन सहायक परियोजना समन्वयक (अकादमिक) की प्रतिनियुक्ति न होने के कारण भारमुक्त नहीं किया गया। जिला शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक स.शि./वि.स./स्था./2015/1691, दिनाँक 08/12/2015 द्वारा श्री पटेल की सेवायें मूल विभाग में वापिस करने का आदेश जारी किया गया है। श्री रविप्रकाश तिवारी एवं श्री राजेश बाजपेयी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका डब्ल्यू.पी.क्रमांक 20862 में माननीय न्यायालय द्वारा दिनाँक 15/12/2011 द्वारा उनकी सेवायें यथास्थिति बनाय रखने के निर्देश दिये गये हैं।
नीति विरूद्ध स्थानांतरण
41. ( क्र. 1265 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले अंतर्गत स्थानांतरण नीति वर्ष 2015 अनुसार कितने शिक्षकों के स्थानांतरण किस स्थान से किस स्थान पर किये गये हैं? स्थानांतरण नीति किस दिनाँक से किस दिनाँक तक के लिए लागू की गई थी? नीति की एक सत्यप्रति उपलब्ध करायें। (ख) यदि स्थानांतरण नीति तिथि के उपरांत स्थानांतरण कराये जाना है तो क्या प्रक्रिया है, व यदि स्थानांतरण नीति के विरूद्ध जिला शिक्षा अधिकारी दमोह द्वारा स्थानांतरण किये गये हैं, तो उन पर प्रश्नकर्ता द्वारा शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपे जाने के उपरांत भी कार्यवाही आज दिनाँक तक क्यों नहीं हुई? कार्यवाही की समयावधि उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दमोह जिला अंतर्गत स्थानांतरण नीति वर्ष-2015 अनुसार, 83 शिक्षकों के स्थानांतरण किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल द्वारा वर्ष-2015 के लिये दिनाँक-16.5.2015 से 10.06.2015 तक स्थानांतरण आदेश जारी करने के निर्देश थे। स्थानांतरण नीति-2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति वर्ष-2015 में उल्लेखित तिथि के उपरांत स्थानांतरण कराये जाने हेतु कंडिका 10.1 एवं 10.2 के तहत निर्धारित प्रक्रिया है। प्रश्नकर्ता द्वारा शिकायत संभागीय आयुक्त, सागर संभाग सागर को की गयी थी जिसकी जाँच संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण सागर संभाग सागर को सौंपी गयी है। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रमुख खण्ड चिकित्सा अधिकारी के अधिकार एवं दायित्व
42. ( क्र. 1284 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को अपने कार्य क्षेत्र में संपूर्ण प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार (आहरण एवं संवितरण सहित) सौंपे जाने हेतु शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ,? तो म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी ज्ञापन क्र./एफ 13-2/2005/17/मेडि-3/1004, दिनाँक 24.04.2005 एवं संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें मध्यप्रदेश जारी ज्ञापन क्र./1 जी/विज्ञप्त/सेल-5/2013/1775, भोपाल, दिनाँक 22.11.2013 का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या प्रदेश में कार्यरत प्रमुख खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को डी.डी.ओ. नम्बर जारी कर दिये गये है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिये जावेंगे? शासन द्वारा प्रमुख खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को कौन-कौन सी सुविधाओं का प्रावधान है? (ग) क्या स्वास्थ्य विभाग के संस्था प्रभारी अधिकारियों द्वारा पुलिस विभाग को की गई शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? शासकीय भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए मैदानी संस्थाओं में बाउंड्रीवाल/तार फेंसिंग की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, कोषालय से आहरण संवितरण अधिकार को छोड़कर। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विवेचना उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। स्वास्थ्य विभाग में प्राथमिकता एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार कार्यवाही की जाती है।
चिकित्सालयों में रिक्त पदों पर पदस्थापना
43. ( क्र. 1289 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में विभाग के कितने चिकित्सालय, स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्थापित एवं संचालित है एवं इनमें विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, तकनीशियनों एवं अन्य शासकीय सेवकों के पद शासन/विभाग द्वारा स्वीकृत है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत इन चिकित्सालयों एवं केन्द्रों में कौन-कौन, कब से, किन-किन पदों पर कार्यरत हैं एवं कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ, कब से रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रायसेन जिले में शासकीय सेवकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है एवं इन रिक्त पदों पर कब तक पदस्थापना कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञ/ चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण शतप्रतिशत पदपूर्ति संभव नहीं हो पाई है। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से 1896 पदों हेतु चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी। प्रदेश में पैरामेडिकल स्टॉफ के 900 पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है परंतु संविदा कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी थी, दिनाँक 30.11.2015 को मा. न्यायालय द्वारा स्थगन हटाया गया है, शीघ्र पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय सागर में डायलेसिस सुविधा उपलब्ध कराना
44. ( क्र. 1296 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय/बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज, सागर में कौन-कौन सी चिकित्सीय जाँच सुविधायें उपलब्ध है? (ख) क्या किडनी रोगियों के लिये डायलेसिस हेतु निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता हैं? क्या शासन शीघ्र ही जिला चिकित्सालय सागर में भी डायलेसिस की सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर से संबद्ध चिकित्सालय में सभी विभागों से संबंधित क्लीनिकल जाँच की सुविधा मरीजों को दी जा रही हैं। शासन द्वारा निर्धारित निःशुल्क जाँच योजना के अंतर्गत रक्त की जाँच 24 घण्टे की जाती हैं। मरीजों को एक्स-रे, सोनोग्राफी जाँच की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। बी.पी.एल. मरीजों का आउटसोर्स से सी.टी. स्कैन जाँच की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिला चिकित्सालय से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय में दो डायलेसिस मशीन दिनाँक 30.10.2013 से स्थापित हैं। प्रश्न दिनाँक को संस्था में कोई नेफ्रोलोजिस्ट तथा डायलेसिस टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं हैं। इन पदों की पूर्ति के पश्चात् डायलेसिस सुविधायें निरन्तर निर्बाध रूप से संचालित की जा सकेंगी। चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय में अभी तक केवल 09 डायलेसिस किये गये हैं। जिला चिकित्सालय से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर की मान्यता
45. ( क्र. 1297 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर का भवन निर्माण कब तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित था? इस निर्माण कार्य पर किये गये व्यय का ब्यौरा तिथिवार बताएं? (ख) प्रस्तावित निर्माण कार्य कितना पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष कार्य की प्रगति क्या है? (ग) क्या एम.सी.आई. के द्वारा बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर को इस शैक्षणिक वर्ष के लिये मान्यता नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो जिन कमियों के कारण मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं दी गई है उन कमियों को दूर कर लिया गया? यदि नहीं, तो उन कमियों को कब तक दूर किया जायेगा? (घ) क्या बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर के एम.बी.बी.एस. अंतिम वर्ष के उत्तीर्ण छात्रों को मान्यता के अभावव में एम.सी.आई. में चिकित्सीय पंजीयन नहीं हो पाया है? इस कारण से वह प्रेक्टिस व जॉब से वंचित है इस दिशा में शासन के द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो क्या शासन छात्रों के भविष्य के दृष्टिगत विचार करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासकीय स्वशासी बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर का निर्माण कार्य फरवरी 2015 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित था। निर्माण कार्य पर व्यय की गई राशि की जानकारी निर्माण ऐजेन्सी म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल से एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रस्तावित निर्माण कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका हैं। निर्माण कार्य की लागत में वृद्धि होने से विभाग द्वारा दिनाँक 15.09.2015 को रूपये 158.17 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई हैं। पुनरीक्षित स्वीकृति उपरांत लागत वृद्धि राशि रूपये 12.75 करोड़ का प्रावधान द्वितीय अनुपूरक अनुमान मे करने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। प्रावधानित राशि उपलब्ध होने पर निर्माण ऐजेंसी को नियमानुसार भुगतान किया जाकर शेष निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। (ग) एम.सी.आई. द्वारा बुन्देलखण्ड स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय सागर का निरीक्षण दिनाँक 02.03.2015, 27.04.2015 एवं 09.09.2015 को किया गया था। एम.सी.आई. द्वारा दर्शाई गई कमियों की पूर्ति का प्रतिवेदन एम.सी.आई. को भेजा गया था। एम.सी.आई. द्वारा दिनाँक 20.11.2015 को पुनः चिकित्सा महाविद्यालय, सागर का निरीक्षण किया गया, जिसकी रिपोर्ट दिनाँक 04.12.2015 को ईमेल से अधिष्ठाता सागर के कार्यालय को प्राप्त हुई हैं। रिपोर्ट में वर्णित कमियों की पूर्ति कर एक माह में प्रगति प्रतिवेदन एम.सी.आई. द्वारा चाहा गया हैं। कमियों की पूर्ति की कार्यवाही संचालक, चिकित्सा शिक्षा द्वारा करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। (घ) प्रश्न दिनाँक तक बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर को एम.सी.आई. से मान्यता प्राप्त नहीं हुई हैं। उत्तरांश ‘‘ग’’ में उल्लेखित एम.सी.आई. के प्रतिवेदन में दर्शाई गई कमियों की पूर्ति एक माह में करने की कार्यवाही के पश्चात् एम.सी.आई. द्वारा पुनः निरीक्षण किये जाने के पश्चात् मान्यता प्राप्त होने पर छात्र/छात्राओं का पंजीयन हो सकेगा।
सहायक अध्यापकों की पदोन्नति एवं अन्य जानकारी प्राप्त करना
46. ( क्र. 1318 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र चांदामेटा व परासिया में कार्यरत पदस्थ सहायक अध्यापकों की पदोन्नति हो गई है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जायेगी? समय-सीमा बताये? (ख) मध्यप्रदेश में कार्यरत अध्यापक संवर्ग किस विभाग के कर्मचारी हैं? क्या उस विभाग के समस्त लाभ उन्हें प्रदान किये जा रहे है? यदि नहीं, तो अध्यापक संवर्ग की नीति स्पष्ट करें? (ग) सहायक अध्यापक, अध्यापक संवर्ग में पेन्शन कटौती की जाती है? क्या इसकी जानकारी प्रतिवर्ष संबंधित कर्मचारी को दी जाती है? क्या उक्त कटौती राशि का संधारण संकुल स्तर पर होता है? (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र में शासकीय अंग्रेजी माध्यम की शालायें संचालित है, इसमें विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है या नहीं? यदि नहीं, तो नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की नगरीय निकाय चांदामेटा में सहायक अध्यापक से अध्यापक के पद पर पदोन्नति के कोई पद स्वीकृत नहीं है। परासिया नगरीय निकाय में अध्यापक (कला/अंग्रेजी/विज्ञान) विषयमान से 03 पद पदोन्नति के स्वीकृत है परन्तु पात्र सहायक अध्यापक उपलब्ध नहीं होने के कारण पदोन्नति की जाना संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन के अनुसार अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी स्थानीय निकाय के अंतर्गत नियुक्त किये गये है। मध्यप्रदेश पंचायत/नगरीय अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम 2008 के अनुसार समस्त लाभ दिये जा रहे है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अध्यापक संवर्ग में अंशदायी पेंशन योजना दिनाँक 01.04.2011 से लागू की गयी है। एन.एस.डी.एल. मुम्बई की वेबसाइट पर उपलब्ध रहती है तथा संबंधित डीडीओ को उक्त संस्था द्वारा प्रतिवर्ष उपलब्ध भी कराई जाती है। संकुल स्तर पर अभिदाता की 10 प्रतिशत कटोत्रा राशि का लेखा संधारित होता है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक,दो एवं तीन अनुसार। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है
बड़वानी जिले में विभागीय पदोन्नति में अनियमितता
47. ( क्र. 1327 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विकास विभाग बड़वानी में सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक से प्रधान पाठक के पदों पर वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक अवधि में विभागीय पदोन्नति समिति के बैठक किस-किस दिनाँक को आयोजित की गई? (ख) क्या उक्त अवधि में जिले में पदों की गणना हेतु गठित समिति द्वारा पदों की गणना कर जिला अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त किया गया? (ग) उक्त अवधि में पदोन्नत किए गए प्रधान पाठक, उच्च श्रेणी शिक्षक कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं और उनका वेतन कहाँ से आहरित किया गया/किया जा रहा है? नाम, पदनाम, आहरण स्थान संबंधी पूर्ण जानकारी देवें? इस प्रकिया जिसमें पदस्थापना और आहरण स्थान अलग-अलग हो के संबंधित नियम/आदेश की प्रमाणित प्रति देवे? (घ) (ग) अनुसार ऐसा नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी विकास विभाग बड़वानी में सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक से प्रधान पाठक के पदों पर वर्ष 2012-13 से 2014-15 में पदोन्नति हेतु दिनाँक 14/06/2012 एवं 05/04/2013 को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गई। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पदस्थापना और वेतन आहरण स्थान अलग-अलग हो, ऐसे पृथक से कोई नियम नहीं है। राज्य शिक्षा केन्द्र मध्यप्रदेश भोपाल से प्राप्त प्रधान पाठक के पदों से सेन्ट्रल सर्वर में प्रविष्टि न होने से 11 प्रधान पाठकों का वेतन आहरण संवितरण अधिकारी अधिनस्थ संचालित शालाओं में रिक्त पदों से किया जा रहा है। (घ), (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों
48. ( क्र. 1328 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में कौशल विकास के अंतर्गत बड़वानी जिले में कौशल उन्नयन के तहत प्रशिक्षण केंद्र कहाँ-कहाँ प्रारंभ किए गए हैं? प्रशिक्षण कार्यक्रम नाम, स्थान, प्रशिक्षणार्थी संख्या सहित जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार देवे? (ख) (क) उपरोक्त समयावधि में कितने सिलाई प्रशिक्षण केंद्र वर्तमान में चालू हैं, कितने बंद हो गये हैं, पूरी सूची देवे? बंद होने के कारण बतावे? इस अवधि में सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग केंद्रों की पूरी जानकारी देवे? (ग) इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से संबंधित परीक्षाएं कब-कब आयोजित की गई? क्या इन परीक्षाओं पर विभाग द्वारा रोक लगाई गई है क्यों? कारण स्पष्ट करें? (घ) यदि रोक लगाई गई है तो कब तक रोक हटाकर परीक्षाएं आयोजित की जाएगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उपरोक्त समयावधि में एक केन्द्र में सिलाई का ट्रेड संचालित रहा जो वर्तमान में बंद है। संचालित 01 सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र टीसीपीसी बड़वानी वर्तमान में बन्द है। एमईएस योजना के संचालन संबंधित नवीन नियम निर्देश क्रमांक 2 के तहत एमपीसीवेट तकनीकी कौशल विकास विभाग द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें बड़वानी जिला भी सम्मिलित है। (छायाप्रति संलग्न) सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेन्टर संचालित नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) व्हीटीसी सेंधवा में दिनाँक 23 एवं 24 दिसम्बर 2014 को एवं व्हीटीसी बड़वानी में दिनाँक 30.11.2014 को परीक्षा सम्पन्न करायी गई। जी नहीं। ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में ''घ'' का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
49. ( क्र. 1335 ) श्री जतन उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार राज्य के 925 वन ग्रामों को प्रश्नांकित तिथि तक भी राजस्व ग्राम नहीं बनाया जा सका है? (ख) यदि हाँ, तो छिन्दवाड़ा जिले में कौन से वन ग्राम है? (ग) प्रश्न (क) अन्तर्गत किस वन ग्राम के कितने आदिवासियों एवं कितने गैर आदिवासी को प्रश्नांकित तिथि तक कितनी-कितनी वन भूमि के कितने वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए हैं? कितने प्रकरण लंबित हैं? कितने प्रकरण अमान्य कर दिए गए हैं? (घ) वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने की बजाए वन ग्रामों में वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने का क्या कारण है कानून में वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने एवं वन ग्रामों के वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने का प्रावधान किस धारा में दिया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) एवं धारा 3 (1) के प्रावधान अनुसार वनग्रामों में वन अधिकार पत्र दिये जा रहे है।
उज्जैन जिले में पेयजल, शौचालय, बाउण्ड्रीवाल एवं अतिक्रमण
50. ( क्र. 1353 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों एवं मापदण्ड अनुसार उज्जैन जिले में कितनी शालाओं में पर्याप्त पेयजल, शौचालय तथा बाउण्ड्रीवाल सहित अतिक्रमण मुक्त शाला परिसर एवं भवन उपलब्ध है? तथा कितनी शालाओं में उक्त सुविधाओं का अभाव है? जिन शालाओं में सुविधाओं का अभाव है उनको कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) जिले में किन-किन शालाओं में अतिक्रमण है? सूची उपलब्ध करावें? जिन शालाओं में अतिक्रमण है उस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी/जिला परियोजना समन्वयक/विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने संबंधित तहसीलदार/ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं जिला कलेक्टर को विगत 02 वर्षों में कब-कब पत्र के माध्यम से सूचित किया? यदि नहीं, तो क्यों? यदि किया तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) उपरोक्त बिन्दु (ख) में जिला शिक्षा अधिकारी/जिला परियोजना समन्वयक/विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक/विकाखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा पत्र द्वारा सूचित करने के बाद भी राजस्व अधिकारियों द्वारा कितने अतिक्रमण हटाये गये? कितने अतिक्रमण नहीं हटाये गये? नहीं हटाने के पीछे क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन जिले में कुल 2210 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाएं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में प्रावधानित मापदण्ड अनुसार उक्त शालाओं में से सभी शालाओं में पेयजल व्यवस्था है एवं पृथक-पृथक बालक एवं बालिका शौचालय उपलब्ध है तथा 1516 शालाओं में बाउन्ड्रीवाल तथा 58 शालाओं में भवन नहीं है। 31 शालाओं में अतिक्रमण मुक्त परिसर नहीं है। भवन विहीन शालाओं में से 28 नवीन शालाओं में भवन स्वीकृत कर निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। 30 स्थानांतरित शालाएं वैकल्पिक व्यवस्था के साथ संचालित हो रही है। बाउन्ड्रीवाल की सुविधा हेतु जिले की वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2016-17 में भारत शासन से स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किया जावेगा। स्वीकृति एवं आवंटन प्राप्त होने पर ही निर्माण कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। समस्त 159 हाई स्कूल/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शौचालय एवं पेयजल की उपलब्धता है। 117 विद्यालयों के स्वयं के भवन है। शेष 42 शालाओं के स्वयं के भवन नहीं है। यह विद्यालय माध्यमिक/प्राथमिक विद्यालय के भवनों में संचालित है। स्वयं के भवन वाली 43 शालाओं में बाउन्ड्रीवाल है जबकि 74 शालाओं में बाउन्ड्रीवाल नहीं है। 154 शालाएं अतिक्रमण मुक्त परिसर में संचालित है जबकि 5 शाला परिसरों में अतिक्रमण है। सीमित संसाधनों के कारण सभी भवन निर्माण एवं बाउन्ड्रीवाल निर्माण संभव नहीं है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी हाँ। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जिले की कुल 5 हाई स्कूल/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अतिक्रमण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। जिन शालाओं में अतिक्रमण है, उनके संबंध में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को पत्र दि. 17.11.14 एवं 15.6.15 को सूचित किया गया। (ग) प्रश्नांश ’’ख’’ में जिला शिक्षा अधिकारी/जिला परियोजना समन्वयक/विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक/विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा पत्र द्वारा सूचित करने पर राजस्व अधिकारियों द्वारा जिले में 71 अतिक्रमणयुक्त शालाओं में से 40 शालाओं को अतिक्रमण मुंक्त करवा लिया गया एवं 31 विद्यालय परिसरों से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों के अतिक्रमण नहीं हटाये गये है।
रेवाश्री पैरा मेडिकल साइंस कॉलेज की प्राप्त शिकायत
51. ( क्र. 1361 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के गाडरवारा नगर में संचालित रेवाश्री पेरामेडिकल साइंस कॉलेज क्या मान्यता प्राप्त संस्थान है? (ख) क्या इस संस्थान के विरूद्ध कुछ छात्रों ने SDM गाडरवारा एवं कलेक्टर नरसिंहपुर तथा विभाग को इसके फर्जीवाड़े के संबंध में कोई शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो इसकी जाँचकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जिन छात्रों ने उक्त संस्थान में प्रवेश हेतु फीस जमा की जिससे उन छात्रों का समय एवं पैसा दोनों की भरपाई हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रेवा श्री पैरामेडिकल कॉलेज गाडरवारा को शैक्षणिक सत्र 2013-14 के लिए आदेश क्रमांक एफ 5-22/2013/1/55 दिनाँक 23/5/15 तथा शैक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए आदेश क्रमांक एफ 5-22/2013/1/55 दिनाँक 13/2/2015 के सह चिकित्सीय पाठ्यक्रम संचालित करने की अस्थाई अनुज्ञा जारी की गई थी (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ में उल्लेखित संस्थान के विरूद्ध शैक्षणिक सत्र 2014-15 में छात्रों द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर से शिकायत की गई थी। जो परिषद् कार्यालय में कलेक्टर के माध्यम से दिनाँक 8/5/2015 को प्राप्त हुई थी। मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद् द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर की समिति का गठन, परिषद् के पत्र दिनाँक 8/5/2015 एवं 13/5/15 द्वारा किया जाकर उक्त संस्थान की जाँच कराई गई थी। जाँच समिति द्वारा जाँच कर जाँच प्रतिवेदन परिषद् कार्यालय को दिनाँक 30/5/15 को उपलब्ध कराया गया था। जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) छात्रहित को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं है।
नरसिंहपुर जिले में संचालित स्कूलो में पदस्थ कर्मचारी
52. ( क्र. 1364 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है जहां पर भृत्यों एवं चौकीदार आदि के पद रिक्त हैं? स्कूलों के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हायर सेकण्डरी स्कूलों में अंशकालीन भृत्य, चौकीदार एवं सफाई कर्मचारी किस दिनाँक से पदस्थ एवं इन्हें कितना वेतन प्रतिमाह प्रदान किया जा रहा है और किस मद से प्रदाय किया जा रहा है? स्कूलों के नामवार जानकारी दें? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल से दिनाँक 01 अप्रैल, 2011 द्वारा पारिश्रमिक रूपये 1600 प्रतिमाह दिये जाने का आदेश जारी हुआ है? (घ) क्या शासकीय हायर सेकण्डरी स्कूल नांदनेर विकास खण्ड सांईखेड़ा जो कि संकुल केन्द्र शाला है कितने नियमित भृत्य, चौकीदार एवं सफाई कर्मचारी के पद स्वीकृत है तथा इनके विरूद्ध कितने पदों पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है? इन्हें कितना वेतन प्रतिमाह किस मद से प्राप्त किया जा रहा है? (ड.) प्रश्न (ग) के अनुसार शासन द्वारा स्वीकृत पदों हेतु स्कूल शिक्षा विभाग फंड उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) शासकीय हायर सेकण्डरी स्कूल नादनेर विकास खंड सांईखेड़ा जो संकुल केन्द्र है जिसमें 1. नियमित भृत्य पद स्वीकृत-निरंक है। 2. आकस्मिक निधि भृत्य-स्वीकृत पद 01 (माध्यमिक शाला नांदनेर में) भरे पद-01 रिक्त पद-00 है। हायर सेकण्डरी स्कूल नादनेर में भृत्य का पद स्वीकृत नहीं है। इनके विरूद्ध कोई दौनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। कार्यरत आकस्मिकता निधि भृत्य को प्रतिमाह वेतन रू 21273-मद-77-581-19 के अंतर्गत भुगतान किया जा रहा है। (ड.) स्वीकृत पदों हेतु आवश्यक बजट का प्रावधान मद अनुसार किया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सबलगढ़ में डॉक्टरों के पदों की पूर्ति
53. ( क्र. 1370 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सबलगढ़ में शासन द्वारा कितने पद स्वीकृत है? संख्या बतावें? एवं वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं? संख्या बतावें? लेब टेक्निशियन के कितने पद स्वीकृत, रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी बतावें? (ख) क्या सिविल अस्पताल मुरैना में स्वीकृत पदों की तुलना में चिकित्सा अधिकारियों की संख्या ज्यादा है? क्या इन अतिरिक्त डॉक्टरों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सबलगढ़ में डॉक्टरों की कमी की पूर्ति की जाएगी? (ग) वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विषय विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, एक्सरे मशीन का चालू न होना, पैथालॉजी में खून, पेशाब एवं मलेरिया की जाँच न होने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) प्रश्न (ग) के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इन कमियों को कब तक दूर कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला चिकित्सालय मुरैना/ट्रामा सेन्टर एवं रोग निदान केन्द्र मुरैना हेतु विशेषज्ञों के 35 तथा चिकित्सा अधिकारियों के 24 पद, इस प्रकार कुल 59 पद स्वीकृत हैं। 17 विशेषज्ञ एवं 27 चिकित्सक पदस्थ है परन्तु विशेषज्ञों की कमी के कारण पदस्थ चिकित्सकों में 19 चिकित्सक स्नाकोत्तर योग्यता के हैं जो जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञता संबंधी सेवायें प्रदान कर रहे हैं। कुल 59 पदों के विरूद्ध 44 विशेषज्ञ/चिकित्सक कार्यरत हैं। अतः विशेषज्ञ/चिकित्सक आधिक्य में कार्यरत नहीं है। (ग) जी नहीं, सामु.स्वा.केन्द्र सबलगढ़ में संलग्न परिशिष्ट अनुसार विशेषज्ञ/चिकित्सक पदस्थ है एवं पदस्थ विशेषज्ञ/चिकित्सकों में मेडिसिन, सर्जरी, निश्चेतना, नेत्र, शिशुरोगरोग पैथालॉजी योग्यता के चिकित्सा अधिकारी है। एक्स-रे मशीन चालू है, पैथोलॉजी में खून पेशाब एवं मलेरिया की जाँच की जा रहीं है, मरीजों में किसी प्रकार की कोई परेशानी की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत सिविल अस्पताल
54. ( क्र. 1371 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिविल अस्पताल निर्माण की मंजूरी शासन द्वारा किस दिनाँक को दी गई एवं किस दिनाँक तक राशि मंजूर की गई? (ख) क्या शासन की मंजूरी एवं राशि स्वीकृत होने के बाद भी आज दिनाँक तक सिविल अस्पताल का कार्य शुरू नहीं हो सका है? इसका क्या कारण है? (ग) क्या विभाग द्वारा सिविल अस्पताल निर्माण हेतु जगह चयनित कर ली है यदि हाँ, तो जगह का पता बतावें? क्या सिविल अस्पताल निर्माण हेतु टेंडर जारी किया जा चुका है तो ठेकेदार को नाम बतावें? (घ) सिविल अस्पताल का कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सबलगढ़ का 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन दिनाँक 18.07.2014 को किया गया है। राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक 13.02.2013 को की गई। (ख) जी हाँ। भूमि विवाद के कारण स्थल चयन में विलंब हुआ। (ग) जी हाँ। नवीन भूमि सबलगढ़ से रामपुरकला रोड, अलखिया खो पर स्थित है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) यथाशीघ्र। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलियन
55. ( क्र. 1381 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण म.प्र. के अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी शिक्षा विभाग में संविलियन सहित समान कार्य समान वेतन, छठवें वेतन का लाभ 2016 से पहले दिये जाने, संविदा शिक्षकों का मानदेय दुगना करनें सहित शिक्षकों की भांति अध्यापकों की ट्रांसफर नीति की मांग को लेकर 13.09.2015 से आंदोलनरत थे? (ख) यदि खण्ड (क) अनुसार अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी आंदोलनरत थे तो उनकी मांग के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक, उनके कार्य को देखते हुये क्या कार्यवाही की गई? क्या अध्यापक संवर्ग के मांगो पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) मांगों पर शासन द्वारा विचार किया गया। मांग शासन द्वारा मान्य नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वास्थ्य व्यवस्था
56. ( क्र. 1386 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा अंतर्गत उपस्वास्थ्य केन्द्र/स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक केन्द्र में चिकित्सकों का अभाव है? (विशेषकर महिला चिकित्सक) यदि हाँ, तो कब तक इनकी पूर्ति हो जावेगी? कई उपस्वास्थ्य केन्द्र चिकित्सक विहीन हैं? (ख) क्या अधिकांश उपस्वास्थ्य केन्द्र जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़े है वर्षों से उनमें किसी का प्रवेश नहीं हुआ है यदि हाँ, तो उनकी मरम्मत अथवा नवीन केन्द्रों का निर्माण कब तक कराया जावेगा? (ग) क्या दस से अधिक वर्षों में पदस्थ (एक ही स्थान पर) कर्मचारियों के स्थानांतरण की कोई कार्य योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भाण्डेर में विशेषज्ञों के 05 पद स्वीकृत पदों के विरूद्ध एक सर्जरी योग्यताधारी चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत 03 पद के विरूद्ध 02 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है। पदपूर्ति हेतु बंधपत्र के अनुक्रम में डॉ. मीनाक्षी राजपुत, एम.बी.बी.एस. की पदस्थापना मई 2015 में की गई थी परंतु वे कार्य से अनुपस्थित हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। उपस्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में चिकित्सकों के पद स्वीकृत नहीं होते हैं। (ख) उपस्वास्थ्य केन्द्र दलपतपुर, विल्हेंटी, गोंदन व उड़ीना के भवन जीर्ण शीर्ण होने संबंधी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा हाल ही में प्रस्तुत की गई है, नियमानुसार प्रक्रिया से मरम्मत संबंधी प्रस्ताव प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ग) कर्मचारियों के स्थानांतरण के संबंध में विभाग अंतर्गत पृथक से कोई कार्य-योजना/नीति निर्धारित नहीं है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 में निहित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। उक्त नीति अनुसार चिकित्सकों को लंबे समय तक एक ही स्थल पर रखा जा सकता है।
अ.जा./ज.जा./अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रवृति/छात्रावास
57. ( क्र. 1393 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कितने अ.जा./ज.जा./अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रावास संचालित है और उनमें कितनों में नियमित छात्रावास अधीक्षक और कितनों में प्रभारी तथा कब से पदस्थ हैं सूची उपलब्ध करावें? (ख) दतिया जिले में उपरोक्त वर्गों के छात्रों को कब तक की छात्रवृत्ति भुगतान की जा चुकी है? यदि लंबित है तो कब तक की और क्यों? (ग) दतिया जिले में किस-किस शैक्षणिक संस्था के कितने छात्रों ने डबल छात्रवृत्ति ली है या फर्जी छात्रवृत्ति भुगतान की है और उस पर क्या कार्यवाही हुई संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाए? (घ) दतिया जिले में छात्रावासों की स्थिति ठीक नहीं है स्वास्थ्य सुरक्षा आदि हेतु क्या कार्य योजना है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) दतिया जिले में अनुसूचित जाति के 31 छात्रावास/आश्रम संचालित हैं। पदस्थ अधीक्षकों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। पिछड़ा वर्ग ''क'' के अनुसार दतिया जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के दो छात्रावास जिला स्तर पर संचालित हैं। (1) पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास (2) पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास। दोनों छात्रावासों में प्रारंभ से ही प्रभारी अधीक्षक कार्यरत हैं। 1- श्रीमती मनीषा गुप्ता आदिम जाति कल्याण विभाग से एवं श्री हरिमोहन द्विवेदी पिछड़ा वर्ग से प्रभारी नियुक्त हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में लेख है कि वर्ष 2014-15 तक की छात्रवृत्त्िा भुगतान किया जा चुका है। कोई भुगतान शेष नहीं है। (ग) दतिया जिले में अनुसूचित जाति की विगत वर्षों में दोहरी छात्रवृत्ति (संभावित) की सूची पोर्टल पर प्राप्त हुई है। वर्तमान तक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अन्तर्गत 06 संस्थाओं में 33 छात्रों से दोहरी छात्रवृत्ति की राशि 566784/- वसूल की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं पिछड़े वर्ग में विगत वर्षों में 60 शैक्षणिक संस्थाओं के दोहरी छात्रवृत्ति पोर्टल से उपलब्ध हुई है, अभी तक 90 छात्र पाये गये हैं जिनसे राशि रूपये 6,07,721/- वसूल की गई है कोई फर्जी छात्रवृत्ति भुगतान नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा ता है। स्वास्थ्य खराब होने पर अधीक्षक द्वारा आवश्यक चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक छात्रावास में रात्रिकालीन चौकीदार की व्यवस्था है।
डिजीटल एक्स-रे मशीनों के संदर्भ में
58. ( क्र. 1418 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले के अस्पतालों में डिजीटल एक्स-रे मशीनें उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में कितनी-कितनी मशीनें उपलब्ध हैं? मशीनें वर्तमान में चालू हैं? यदि हाँ, तो औसतन प्रतिदिन कितने एक्स-रे किए जा रहे हैं? (ख) क्या जिला अस्पतालों में गैर-डिजीटल एक्स-रे मशीनों से भी एक्स-रे किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो माहवार किए गए एक्स-रे का ब्यौरा दें? (ग) गैर डिजीटल एक्स-रे मशीनों के लिए खरीदी गई एक्स-रे फिल्मों पर पिछले 2 वर्षों के दौरान व्यय की गई राशि का ब्यौरा दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सीहोर जिले के अस्पतालों में से जिला चिकित्सालय में 01 डिजिटल एक्स रे मशीन उपलब्ध है। जानकारी एकत्रित की जा रही है। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ब्रिजिशनगर हा.से. स्कूल के संदर्भ में
59. ( क्र. 1419 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्रिजिशनगर हायर सेकण्डरी स्कूल की स्थापना कब हुई थी? भवन निर्माण कब हुआ था? अतिरिक्त भवन कक्ष का कब-कब निर्माण कराया गया? (ख) कितने विद्यार्थी उक्त स्कूल में किस-किस कक्षा में अध्ययनरत् हैं? (ग) क्या भवन की स्थिति जर्जर है? यदि हाँ, तो नवीन भवन का निर्माण कब तक होगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 1978 में। विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हुआ है, वर्ष 2012-13 में दो अतिरिक्त कक्ष एक गतिविधि कक्ष का निर्माण कराया गया। वर्तमान में उक्त कक्षों एवं माध्यमिक शाला के भवन में कक्षायें संचालित की जा रही है। (ख) उक्त स्कूल में कक्षा 9वीं में 187 छात्र, कक्षा 10वीं में 120 छात्र, कक्षा 11वीं में 100 छात्र, कक्षा 12वीं में 122 छात्र, कुल 529 छात्र अध्ययनरत् है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंगरौली जिले में मॉडल स्कूल की स्थापना
60. ( क्र. 1429 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली के अंतर्गत ब्लॉक बैढ़न में मॉडल स्कूल हेतु स्वीकृति की गई है? यदि हाँ, तो इस विद्यालय के भवन निर्माण हेतु क्या राशि स्वीकृत की गई है? (ख) यदि हाँ, तो इस विद्यालय भवन का निर्माण कब तक में आरंभ कराया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, रूपये 297.6 लाख। (ख) भारत सरकार द्वारा योजना समाप्त किये जाने के कारण भवन निर्माण का कार्य निरस्त कर दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विशेष केन्द्रीय मद एवं 275 (1) के आवंटन की जानकारी
61. ( क्र. 1441 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 के विशेष केन्द्रीय मद एवं 275 (1) योजनान्तर्गत क्या सभी परियोजनाओं को जनसंख्या के आधार पर आवंटन उचित किया गया है? अगर हाँ तो बतावें डिण्डौरी परियोजना को कम आवंटन क्यों दिया गया है, कम आवंटन देने के लिए कौन जिम्मेदार है और अगर नहीं तो बतावें डिण्डौरी परियोजना के साथ आवंटन में भेदभाव क्यों किया गया है? (ख) अगर आवंटन में कोई गलती हुई है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा संसूचित राशि अनुसार जनसंख्या के आधार पर विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत राशि रूपये 477.81 लाख तथा 275 (1) अन्तर्गत रूपये 360.80 लाख के प्रस्ताव प्रेषित किये गये। भारत सरकार स्तर पर गठित प्रोजेक्ट एप्रजल कमेटी की बैठक दिनाँक 16/09/2014 में विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत पशुपालन सेक्टर बैलजोड़ी एवं दुधारू पशुओं का प्रदाय तथा पूंजीगत मद के कार्यों को अमान्य किया गया। इसी प्रकार 275 (1) अन्तर्गत सड़क निर्माण के कार्यों को अमान्य किया गया। पी.ए.सी. द्वारा कुछ योजनाओं में प्रस्तावित राशि से कम राशि अनुमोदित की गई। इस कारण डिण्डौरी परियोजना के प्रेषित प्रस्तावों में उपरोक्तानुसार गतिविधियों को अमान्य किये जाने के कारण शेष गतिविधियों हेतु आवंटन दिया गया है। इस प्राकर आवंटन दिये जाने जाने में कोई भेदभाव नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षा विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
62. ( क्र. 1473 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग में निर्माण कार्य कराये जाने के क्या प्रावधान है? क्या प्राप्त आवंटन के अनुरूप निर्माण कार्य कराये जा रहे है? (ख) विधानसभा क्षेत्र गुनौर के अंतर्गत कितने निर्माण कार्य विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनाँक तक स्वीकृत किये गये है? निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? यदि कार्य अपूर्ण हैं तो क्यों? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूरा किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों की निर्माण ऐजेंसी क्या है? किस कार्य को पूर्ण करने की क्या अवधि निर्धारित है? यदि समयावधि में कार्यपूर्ण नहीं हुआ है तो क्या संबंधित निर्माण ऐजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही कर, कार्य पूर्ण किया जावेगा? (घ) क्या नहीं निर्माण ऐजेंसी द्वारा समयावधि में कार्य पूर्ण न कर विकास की गति को अवरूद्ध किया जा रहा है और दूसरी ओर कार्य में अनावश्यक व्यय बढ़ रहा है? क्या शासन निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत जिले की वार्षिक कार्य योजना तैयार कर भारत शासन को प्रस्ताव भेजा जाता है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कार्य कराये जाने का प्रावधान है। जी हाँ। हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूल में भवन अतिरिक्त कक्ष शौचालय, पेयजल एवं बाउन्ड्रीवॉल निर्माण किये जाने का प्रावधान है। आवश्यकतानुसार एवं उपलब्ध आवंटन के आधार पर निर्माण ऐजेंसी द्वारा कार्य कराये जा रहे हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र गुन्नौर के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक प्राथमिक शाला भवन-1, माध्यमिक शाला भवन-18, अतिरिक्त कक्ष-42 एवं शाला शौचालय-114 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। 175 स्वीकृत कार्यों में से 152 कार्य पूर्ण है एवं 23 कार्य अपूर्ण है। अपूर्ण कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 व 2 अनुसार। (ग) प्रश्नांश-’’ख’’ में वर्णित कार्यों की ऐजेंसी संबंधित ग्राम पंचायत अथवा शाला प्रबंधन समिति है। स्वीकृत निर्माण कार्यों को इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराने के निर्देश है। वर्ष 2012-13 में स्वीकृत कार्यों को समय पर कार्य न करने वाले निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय में प्रचलन में है। हाई एवं हायर सेकण्डरी भवनों के निर्माण ऐजेंसी पी.आई.यू. एवं आर.ई.एस. है। (घ) जी हाँ। समय पर कार्य न करने वाले निर्माण ऐजेंसियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि के वन अधिकार पत्र हेतु दावे
63. ( क्र. 1485 ) श्री राजकुमार मेव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में जनवरी 2011 से प्रश्नांकित दिनाँक तक कितने आदिवासी एवं कितने गैर आदिवासियों के कितनी वन भूमि के वन अधिकार पत्र हेतु आवेदन/दावे प्राप्त हुये? उनमें से कितने आदिवासी एवं कितने गैर आदिवासियों के दावे मान्य किये? कितने दावे अमान्य किये गये? (ख) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में दावों को अमान्य किये जाने के क्या-क्या कारण रहे है? (ग) प्रश्नांकित तिथि तक कितने ग्रामों की कितनी भूमियों के कितने वन अधिकार पत्र एवं कितने सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये गये? कितने वन अधिकार पत्र धारियों को शासन की किन-किन लाभकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया? (घ) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांकित दिनाँक तक भी वन अधिकार पत्र दावों से संबंधित आवेदन पत्र लंबित है? यदि हाँ, तो कितने एवं किस-किस ग्राम में?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) दावा की गई भूमि वन भूमि न होना, दिनाँक 31.12.2005 के पूर्व का काबिज न होना, दावा की गई भूमि पर काबिज न होना, भूमि विवादित होना, गैर आदिवासी के मामले में 75 वर्ष का साक्ष्य उपलब्ध न होना। (ग) प्रश्नांकित तिथि तक 15 ग्रामों की 209.117 हेक्टयर भूमि में 186 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। कोई भी सामुदायिक वन अधिकार पत्र नहीं दिये गये है। शासन की विभिन्न लाभकारी योजनाओं से लाभान्वित किये गए हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) कोई दावा आवेदन पत्र लंबित नहीं है।
आदिवासी उप योजनांतर्गत बजट एवं निर्माण
64. ( क्र. 1486 ) श्री राजकुमार मेव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत आदिवासी परियोजना क्षेत्र खरगोन एवं महेश्वर के अंतर्गत आदिवासी उपयोजन की विभिन्न मदों में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी राशि किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य में किस-किस विभाग को आवंटित की जाकर व्यय की गई? जनपदवार जानकारी बतावें? (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनाँक तक कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? निर्माण कार्यवार लागत क्या है? अभी तक कितने निर्माण कार्य पूर्ण किये गये, कितने अधूरे हैं? अधूरे रहने के कारण क्या है? (घ) अधूरे निर्माण कार्यों की निर्माण ऐजेन्सी कौन है, कितने प्रकरणों मे नियमानुसार दण्डात्मक एवं राशि वसूली की कार्यवाही की गई है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
योजना का नाम |
परियोजना खरगोन को प्राप्त आवंटन (राशि लाखों में) |
परियोजना महेश्वर को प्राप्त आवंटन (राशि लाखों में) |
1 |
2013-14 |
विशेष केन्द्रीय सहायता (राजस्व मद) |
381.00 |
58.60 |
|
|
विशेष केन्द्रीय सहायता (पूंजी मद ) |
125.00 |
15.00 |
|
|
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
522.33 |
60.49 |
|
|
योग- |
1028.33 |
134;09 |
2 |
2014-15 |
विशेष केन्द्रीय सहायता (राजस्व मद) |
97.03 |
17.81 |
|
|
विशेष केन्द्रीय सहायता (पूंजी मद ) |
51.24 |
6.94 |
|
|
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
321.50 |
- |
|
|
योग- |
469.77 |
24.75 |
3 |
2015-16 |
विशेष केन्द्रीय सहायता (राजस्व मद) |
- |
- |
|
|
विशेष केन्द्रीय सहायता (पूंजी मद ) |
- |
- |
|
|
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
- |
- |
|
|
योग- |
- |
- |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' में उल्लेखानुसार है।
पदोन्नति के संबंध में
65. ( क्र. 1537 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग में मंडल संयोजक/कार्यक्रम निरीक्षक से क्षेत्र संयोजक/विकासखण्ड अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु प्रश्न दिनाँक तक कितने पद रिक्त है? (ख) क्या इस पद पर पदोन्नति हेतु प्रक्रिया वर्ष 2007-08 से प्रचलन में है एवं इस संवर्ग के अधिकारी एक ही पद पर 25 वर्ष से कार्यरत है जबकि आतारांकित प्रश्न क्र.10 (3072) दिनाँक 25.07.14 जिला संयोजक के 19 पद एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रशासन (संवर्ग) के 15 पद पदोन्नति हेतु रिक्त पद बताये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो आयुक्त आदिवासी विकास के प्रस्ताव पत्र क्र. 19321 दिनाँक 11.09.09 के अनुसार 35 पद एवं पत्र क्र.8733 दिनाँक 29.05.10 के अनुसार 48 पद रिक्त होने पर भी (क) एवं (ख) में वर्णित पदों के लिये प्रश्न दिनाँक तक पदोन्नति क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के पदों पर पदोन्नति कर विभाग ने वर्तमान में कार्यरत विभागीय एवं गैर विभागीय प्रभारी सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, ए.ए.डी.सी., सी.ई.ओ. क्षेत्र संयोजक, व्याख्याता को कब तक हटाया कर प्रक्रिया पूर्ण कर लेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) मण्डल संयोजक/कार्यक्रम निरीक्षक से क्षेत्र संयोजक/विकास खण्ड अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु प्रश्न दिनाँक तक 38 पद संभावित रिक्त है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रक्रियाधीन है। (घ) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। ।
उपकर 1% की वसूली
66. ( क्र. 1557 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार उपकर अधिनियम 1996 के प्रावधान अनुसार सभी शासकीय एवं अशासकीय भवन मालिकों को एक प्रतिशत उपकर जमा करना है? क्या वर्ष 2010 से 8 जुलाई 2013 तक 287 प्रकरणों में सूचना पत्र जारी किए गए थे, उनसे 2 वर्ष पूर्ण होने पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों और कब-तक की जावेगी बताए और अब तक न करने के लिए कौन उत्तरदायी है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी बताऍं? (ख) 8 जुलाई 2013 से प्रश्न दिनाँक तक उपकर की राशि की किस-किस से वसूल की गई? (ग) नगर निगम कटनी द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन से कितनी-कितनी राशि भवन एवं संनिर्माण कर्मकार उपकर की राशि वसूल की है तथा किन-किन से कितनी-कितनी राशि शेष है? अब तक वसूल न करने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) यह सही है कि कटनी जिले में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के प्रावधान अनुसार सभी शासकीय एवं अशासकीय भवन मालिकों को 1 प्रतिशत उपकर जमा करना है। वर्ष 2010 से 08 जुलाई 2013 तक 287 प्रकरणों में सूचना पत्र जारी किये गये थे जिसमें से 17 प्रकरणों में 56,43,688/- रूपये उपकर राशि जमा की गयी है। शेष प्रकरणों में उपकर निर्धारण कार्यवाही की प्रक्रिया निरंतरित है। (ख) दिनाँक 08 जुलाई 2013 से प्रश्न दिनाँक तक 403 निर्माण एजेंसियों (जिसमे शासकीय, गैर शासकीय एवं निजी संस्था) द्वारा रूपये 5,13,52,930/- उपकर राशि जमा की गयी है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) नगर निगम, कटनी द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक 2474 प्रकरणों में उपकर राशि रूपये 3,87,24,208 वसूल की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपकर वसूली हेतु राशि शेष नहीं है।
योजनाओं की जानकारी
67. ( क्र. 1558 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण योजनान्तर्गत कटनी जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिये कौन-कौन सी योजनाएं, बेरोजगारों, किसानों, मजदूरों एवं छात्र-छात्राओं के लिये संचालित है? पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित योजनाओं के लिये कितनी-कितनी राशि जिले को प्राप्त हुई है? वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनाँक तक प्राप्त राशि, व्यय राशि, शेष राशि का विवरण वर्षवार पृथक-पृथक दें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, किसने की, कब जाचं की गई और उन पर क्या कार्यवाही की गई, शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत बेरोजगारों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना/मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना तथा किसानों के लिए विद्युतीकरण योजना एवं विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में उल्लेखित अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
खरगापुर विधान सभा के नगर पलेरा में अम्बेडकर कर मंगल भवन स्वीकृत किया जाना
68. ( क्र. 1585 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के नगर पलेरा सहित बल्देवगढ़ एवं निवाड़ी के लिये वर्ष 2013-14 में अम्बेडकर मंगल भवन स्वीकृति की प्रक्रिया में थे जिसमें बल्देवगढ़ एवं में स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ है परन्तु नगर पलेरा का अम्बेडकर मंगल भवन शासन स्तर पर अस्वीकृत कर दिया गया जिसका क्या कारण है? क्या भवन हेतु भूमि भी है तथा वहाँ पर अनुसूचित जाति को नागरिकों को उक्त भवन की आवश्यकता भी क्योंकि पलेरा में बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के व्यक्ति निवास करते हैं? क्या उक्त अम्बेडकर मंगल भवन हेतु राशि स्वीकृत करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या शासन स्तर पर इस अम्बेडकर मंगल भवन को निरस्त किया गया था या किसी अन्य खास कारण था। क्या पुन: इसे स्वीकृत कर अनुसूचित जाति के समाज को लाभान्वित करेंगे? यदि हाँ, तो कब नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़, निवाडी व पलेरा हेतु वर्ष 2013-14 में डा. अम्बेडकर मंगल भवन की स्वीकृति जारी की गयी है। नगर पलेरा के अम्बेडकर मंगल भवन को इस कारण से प्रारंभ नहीं किया गया क्योंकि वर्ष 2006-07 में पलेरा में अम्बेडकर मंगल भवन पूर्व से निर्मित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगापुर विधान सभा-47 में डाक्टरों एवं महिला डॉक्टरों की पद पूर्ति
69. ( क्र. 1586 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर एवं बल्देवगढ़ में डाक्टरों की अत्यंत कमी है तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बल्देवगढ़ में शासन से निर्धारित पदों के अनुसार डॉक्टर एवं महिला डॉक्टर नहीं है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों को आम लोगों को इलाज के दौरान काफी परेशानी उठानी पड रही है? क्या बल्देवगढ़ एवं खरगापुर में एक-एक महिला डॉक्टर एवं एक-एक पुरूष डॉक्टरों की तैनाती करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या खरगापुर अस्पताल में महिला डॉक्टर न होने के कारण महिलाओं के मृत शरीर का पी.एम. होने तक की परेशानी आ जाती है? क्या खरगापुर में महिला डॉक्टर तैनात करेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या खरगापुर अस्पताल में पदस्थ डॉ. सेवानिवृत्त के बाद एक्सटेंशन के तहत पदासीन किये गये है? स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाये जाने हेतु खरगापुर अस्पताल में किसी और चिकित्सक की तैनाती करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरगापुर एवं बल्देवगढ़ में विशेषज्ञों की कमी है उक्त संस्थाओं में विशेषज्ञों के 03-03 पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं। खरगापुर में चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत एवं 01 चिकित्सक पदस्थ है। बल्देवगढ़ में चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत एवं 02 चिकित्सकों की पदस्थापना है परंतु एक चिकित्सक पी.जी. अध्ययनरत है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। प्रश्नांकित स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सक एवं स्टॉफ द्वारा आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। विभाग पदपूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है, चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से 1896 पदों हेतु चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जा सकेगी। (ख) जी हाँ, परंतु विशेष परिस्थितियों में जिला चिकित्सालय से महिला चिकित्सक को उक्त कार्य करने हेतु भेजा जाता है। विभाग में महिला चिकित्सक के नाम से पद स्वीकृत नहीं है, स्त्रीरोग विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है। लोक सेवा आयोग से चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार चिकित्सक (महिला) की पदस्थापना हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। अतः पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। पदपूर्ति की कार्यवाही उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कलस्टर ग्रामों के चयन के प्रावधान
70. ( क्र. 1618 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाओं हेतु केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से आदिवासी क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु कलस्टर ग्रामों के चयन के निर्देश जारी किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो निर्देश कब जारी किए गए है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) निर्देंश दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक शासन के निर्देशानुसार एकीकृत आदिवासी परियोजना बैहर द्वारा वर्षवार किन-किन कलस्टर ग्रामों का चयन किया गया एवं उक्त कलकस्टर ग्रामों में आदिवासी एवं बी.पी.एल. आदिवासी जनसंख्या की जानकारी उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
पीडि़त या गवाह को कोर्ट पेशी पर जाने पर किराया एवं उस दिन की मजदूरी की सुविधा
71. ( क्र. 1646 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में एससी/एसटी के पीडि़त व्यक्ति या गवाह को मान.न्यायालय में पेशी पर जाने पर किराया एवं उस दिन की मजदूरी देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सुविधा वर्तमान में बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से, किस कारण से उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) का यदि हाँ, तो क्या यह एससी/एसटी वर्ग के नागरिकों के साथ अन्याय नहीं है? यदि हाँ, तो शासन कब तक उक्त सुविधाओं को बहाल करने संबंधी आदेश जारी करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 व नियम 1995 के तहत म.प्र. सराकर द्वारा आकस्मिकता योजना नियम 1995 बनाए गए हैं। जिसके बिनदु क्रमांक 8 अनुसार गवाहों को यात्रा भत्ता एवं मजदूरी दिए जाने का प्रावधान है। नियम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास कार्यों की जानकारी
72. ( क्र. 1707 ) श्री संजय शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास कार्यों हेतु प्रश्न दिनाँक तक कितने पत्र जिला संयोजक नरसिंहपुर को प्रेषित किये गये? (ख) प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) पत्र में उल्लेखित ग्राम/ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों हेतु कितनी राशि प्रदान की गई? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास अन्तर्गत चार पत्र प्राप्त हुए। (ख) पांच कार्य हेतु लागत 10.80 लाख की राशि स्वीकृत की गई। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संचालित योजनायें
73. ( क्र. 1720 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों तथा छात्र-छात्राओं के कल्याण के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार द्वारा कौन-कौनसी योजनायें संचालित की जा रही हैं पात्रता की शर्तें, मापदण्ड सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) रायसेन जिले में वर्ष 2011-12 से नवंबर 2015 तक किस-किस योजना में कितनी राशि प्राप्त हुई, उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? (ग) कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा आप्रारंभ है तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) उक्त कार्यों का निरीक्षण कब-कब, किस-किसने किया तथा क्या-क्या अनियमिततायें पाई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''01'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति वर्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2-अ'' तथा अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2-अ (1)'' तथा कार्यवाही विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2-ब'' एवं ''2-ब (1)'' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति की योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2-ब'' तथा अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2-ब (1) '' में उल्लेख अनुसार है। (घ) विवरण उपरोक्तानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2-ब'' एवं 2-ब (1) '' में उल्लेख अनुसार है।
अतिग्रस्त शौचालय
74. ( क्र. 1721 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किन-किन शासकीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय नहीं है तथा किन-किन विद्यालय के शौचालय उपयोग लायक नहीं है तथा क्यों कारण बतायें? (ख) वर्ष 2009-10 से नवम्बर 15 तक की अवधि में किन-किन विद्यालयों में शौचालय का निर्माण किस ऐजेंसी ने करवाया उनमें से किन-किन विद्यालयों के शौचालय उपयोग लायक नहीं है तथा क्यों कारण बतायें? (ग) किन-किन शौचालयों में पानी की व्यवस्था नहीं है तथा क्यों? इस हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये? (घ) प्रश्नांश (ख) में घटिया शौचालय निर्माण करने वालों के खिलाफ विभाग क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रायसेन जिले की समस्त शासकीय शालाओं में छात्र-छात्राओं के लिये एक-एक बालक एवं बालिका शौचालय की व्यवस्था है, जो उपयोगी है। इसके अतिरिक्त 159 प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय के शौचालय मरम्मत योग्य है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-अनुसार। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के अनुसार है। सभी शौचालय उपयोग लायक है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) समस्त शासकीय शालाओं के शौचालयों में पानी की व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में घटिया निर्माण की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य संपादित कराये जाने के संबंध में
75. ( क्र. 1742 ) श्री दिनेश राय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कार्यरत शिक्षक संवर्ग/अध्यापक संवर्ग को शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्यों में लगाया जाता है, यदि हाँ, तो क्यों? दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो विगत वर्ष में सिवनी जिले में कार्यरत शिक्षक संवर्ग/अध्यापक संवर्ग को शिक्षक कार्य के अतिरिक्त कब-कब अन्य कार्य में लगाया गया है? बतायें तथा शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्यों में लगाये जाने से कितनों दिनों का शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है? क्या जिन अधिकारियों के द्वारा गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों को संलग्न किया गया है तो अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (ग) क्या माननीय न्यायालय द्वारा शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य ना करवाने के संबंध में कोई आदेश/निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब और क्या उनका पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विभाग द्वारा शिक्षक संवर्ग को राष्ट्रीय महत्व के कार्यों के अतिरिक्त अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों में नहीं लगाया जाता। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल के ज्ञापन क्र./एफ-44-47/2011/20-2 दिनाँक 25.03.2013 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी, नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक/एफ-44-47/2011/20-2 दिनाँक 25.03.2013 की कंडिका 3 में दिये गये निर्देशानुसार विधान मंडल/संसद/स्थानीय निकायों के निर्वाचन में मतदान, मतगणना एवं प्रशिक्षण तथा सामग्री प्राप्त करने के कार्य में शिक्षकों को नियोजित किया जा सकेगा। लेकिन मतदाता सूची के पुनरीक्षण से जुड़े हुए कार्य अवकाश के दिन और गैर शैक्षिक दिन एवं समय में सौपे जा सकेंगे। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी विधानसभा में शासकीय चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
76. ( क्र. 1743 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शासकीय चिकित्सालयों में कितने-कितने पद किस-किस वर्ग के स्वीकृत हैं और कितने पदों की पूर्ति की जा चुकी हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित रिक्त पदों की पूर्ति करने हेतु प्रश्नकर्ता को पूर्व में आश्वासन दिया हैं, यदि हाँ, तो कब तक इन रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी? नहीं, तो कारणों का उल्लेख करें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार चिकित्सकों के पद किस दिनाँक से रिक्त हैं और समय रहते इनकी पूर्ति क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त रिक्त चिकित्सकों के पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) क्या शासकीय चिकित्सालय बखारी में पदस्थ एकमात्र चिकित्सक को सिवनी अटैच कर दिया गया है, यदि हाँ, तो क्यों? कारण स्पष्ट करते हुए बतावें कि वर्तमान में उक्त चिकित्सालय में आने वाले गरीब मरीजों का ईलाज कौन कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्राप्त चिकित्सा अधिकारियों की चयन सूची में से सिवनी जिला अंतर्गत 17 चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। साथ ही विभाग द्वारा व्यापम के माध्यम से पैरामेडिकल (रेडियोग्राफर/ नेत्रसहायक/फार्मासिस्ट /लेबटेक्नीशियन) संवर्ग के 900 पदों हेतु परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसकी चयन सूची प्राप्त हो गई है शीघ्र ही पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। विभाग पदपूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है परन्तु प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण प्रदेश की संस्थाओं में शत्-प्रतिशत पदपूर्ति संभव नहीं हो पाई है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के 1896 रिक्त पदों की चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की जावेगी। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कालेज जबलपुर से हटाये गये एवं वर्तमान में लगाये गये कर्मचारियों को भुगतान
77. ( क्र. 1764 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित शा. नेता जी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सालय में अनुभवी 341 कर्मचारियों को कार्य से पृथक किया गया है? उक्त कर्मचारियों को पूर्व में स्वशासी समिति के माध्यम से कितना भुगतान किया जाता रहा एवं ठेकेदारी प्रथा से कितना भुगतान किया जाता रहा? (ख) क्या पूर्व में ज्यादा एवं अनुभवी कर्मचारियों से कार्य लेकर उन्हें कम भुगतान किया जाता था एवं वर्तमान में कम एवं नये कर्मचारियों पर पहले की अपेक्षा आधे कर्मचारियों को दो से तीन गुना ज्यादा राशि का भुगतान किया जा रहा क्या यह न्यायोचित है? (ग) वर्णित (क) की संस्था में कितनी डायलेसिस की मशीनें उपलब्ध हैं एवं कितनी चालू स्थिति में हैं एवं कितनी मशीनों की और आवश्यकता है? क्या डायलेसिस मशीनों की आवश्यकतानुसार प्रस्ताव शासन को भेजा गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर के मेडीसिन विभाग में डायलेसिस मशीनों की संख्या 05 हैं, जिनमें से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में 04 मशीनें सुचारू रूप से संचालित हैं तथा 01 मशीन बंद है। 20 डायलेसिस मशीनों का प्रस्ताव संचालक, चिकित्सा शिक्षा को भेजा गया है जो प्रक्रियाधीन है।
कर्मकार मण्डल के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों के संबंध में कार्यवाही
78. ( क्र. 1795 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा अधिनियम 1996 की धारा 12 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के भवन एवं अन्य संनिर्माण में संलग्न श्रमिकों के पंजीयन हेतु प्राधिकृत अधिकारी नियत किये गये हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो रीवा जिले के जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान, जनपद पंचायत रीवा, जनपद पंचायत गंगेव, जनपद पंचायत सिरमौर सहित अन्य जनपदों में वर्ष 2009 से प्रश्न दिनाँक तक कितने असंगठित श्रमिकों का पंजीयन कर पंचायतों के सचिवों द्वारा परिचय पत्र जारी किये गये साथ ही परिचय पत्र जारी करते समय लिए गए शुल्क का पूर्ण विवरण देवें? क्या कैश बुक में क्या उक्त राशि दर्ज की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या अब श्रमिकों के पंजीयन कर परिचय पत्र जारी करने का अधिकार संबंधित जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को हस्तानांतरित किया जा चुका है, अगर हाँ तो प्रश्नांश (ख) के जनपदों द्वारा अब तक कितने श्रमिकों का पंजीयन कर उनका परिचय पत्र जारी किया तथा कुल कितना शुल्क प्राप्त हुआ? शुल्क का विवरण देते हुए कैश बुक में अगर राशि दर्ज की गई है तो इस राशि का आडिट हुआ, अगर हुआ तो विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ग्राम पंचायतों के सचिवों द्वारा श्रमिकों के जारी परिचय पत्र एवं पंजीकृत श्रमिकों के कितने नवीनीकरण के कार्य जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा किये गये तथा कितने नवीनीकरण हेतु आवेदन लंबित हैं लंबित आवेदनों के लिए कौन दोषी है, क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए पंचायत के द्वारा जारी श्रमिकों के परिचय पत्र का तत्काल नवीनीकरण करवायेंगे? (ड.) क्या कर्मकार मण्डल के तहत पंजीकृत श्रमिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित किया जा रहा है, अगर किया जा रहा है तो कितनों को?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, यह सही है कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत म.प्र. के असंगठित क्षेत्र के भवन एवं अन्य संनिर्माण में संलग्न श्रमिकों के पंजीयन हेतु ग्रामीण क्षेत्र के लिए समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र के लिए आयुक्त, नगर पालिक/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् को प्राधिकृत अधिकारी नियत किया गया है। (ख) रीवा जिले के समस्त जनपद पंचायतों में ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा वर्ष 2009 से वर्ष 2013 तक निम्नानुसार निर्माण श्रमिकों का पंजीयन जारी किया जाकर पंजीयन शुल्क प्राप्त की गई हैः- 1. जनपद पंचा. मऊगंज पंजीकृत श्रमिक 3109 पंजीयन शुल्क प्राप्तः रू. 31090 2. जनपद पंचा. रायपुर कर्चु. पंजीकृत श्रमिक 3400 पंजीयन शुल्क नहीं लिया गया 3. जनपद पंचा. रीवा पंजीकृत श्रमिक 3772 पंजीयन शुल्क रू. 37720 4. जनपद पंचा. सिरमौर पंजीकृत श्रमिक 8430 पंजीयन शुल्क रू. 84300 5. जनपद पंचा. गंगेव पंजीकृत श्रमिक 4506 पंजीयन शुल्क रू. 45060 6. जनपद पंचा. त्योथर पंजीकृत श्रमिक 6690 पंजीयन शुल्क रू. 66900 7. जनपद पंचा. हनुमना पंजीकृत श्रमिक 9210 पंजीयन शुल्क 92100 8. जनपद पंचा. जवा पंजीकृत श्रमिक 4004 पंजीयन शुल्कं नहीं लिया गया 9. जनपद पंचा. नईगढी पंजीकृत श्रमिक 4374 पंजीयन शुल्क नहीं लिया गया सभी जनपद पंचायतों के कुल पंजीकृत श्रमिक का योग 47495 एवं कुल प्राप्ती पंजीकृत शुल्क का योग रू. 357170. परिचय पत्र जारी किए जाने के समय प्राप्त पंजीयन शुल्क की राशि पंचायत सचिवों द्वारा कैशबुक में संधारित की गई है। (ग) हाँ, यह सही है कि परिचय पत्र जारी करने का अधिकार समस्त जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को हस्तांतरित किया गया है। जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारीयों द्वारा प्रश्नांश दिनाँक तक निम्नानुसार निर्माण श्रमिकों के पंजीयन जारी किये गये हैः- 1. जनपद पंचा. मऊगंज पंजीकृत श्रमिक 35 पंजीयन शुल्क प्राप्त रू. 435 2. जनपद पंचा. रायपुर कर्चु. पंजीकृत श्रमिक 766 पंजीयन शुल्क रू. 7660 3. जनपद पंचा. रीवा पंजीकृत श्रमिक 638 पंजीयन शुल्क रू. 6380 4. जनपद पंचा. सिरमौर पंजीकृत श्रमिक 291 पंजीयन शुल्क रू. 4365 5. जनपद पंचा. गंगेव पंजीकृत श्रमिक 29 पंजीयन शुल्क रू. 435 6. जनपद पंचा. त्योंथर पंजीकृत श्रमिक 36 पंजीयन शुल्क रू. 360 7. जनपद पंचा. हनुमना पंजीकृत श्रमिक 150 पंजीयन शुल्क रू. 2250 8. जनपद पंचा. जवा पंजीकृत श्रमिक 0 पंजीयन शुल्का रू. 0 . जनपद पंचा. नईगढी पंजीकृत श्रमिक 30 पंजीयन शुल्क 450 सभी जनपद पंचायतों के कुल पंजीकृत श्रमिक का योग 1975 एवं कुल प्राप्त पंजीकृत शुल्क रू. का योग 22335 पंजीयन शुल्क की राशि प्राप्त कर कैशबुक में दर्ज की गई है। ऑडिट कार्य अभी नहीं कराया गया है। (घ) जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों में निम्नानुसार नवीनीकरण की कार्यवाही की गई तथा सचिवों द्वारा जारी श्रमिकों के परिचय पत्रों को नवीनीकरण हेतु प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। 1. जनपद पंचा. मऊगंज नवीनीकरण की संख्या 250 रिमार्क कार्यवाही निरंतरित 2. जनपद पंचा. रायपुर कर्चु. नवीनीकरण की संख्या निरंक रिमार्क निरंक 3. जनपद पंचा. रीवा नवीनकीरण की संख्या 290 रिमार्क निरंक 4. जनपद पंचा. सिरमौर नवीनीकरण की संख्या 270 रिमार्क कार्यवाही निरंतरित 5. जनपद पंचा. गंगेव नवीनीकरण की संख्या निरंक रिमार्क निरंक 6. जनपद पंचा. त्योंथर नवीनीकरण की संख्या निरंक रिमार्क निरंक 7. जनपद पंचा. हनुमना नवीनीकरण की संख्या 210 रिमार्क निरंक 8. जनपद पंचा. जवा नवीनीकरण की संख्या निरंक रिमार्क निरंक 9. जनपद पंचा. नईगढी नवीनीकरण की संख्या निरंक रिमार्क निरंक सभी जनपद पंचायतों के कुल नवीनीकरण की संख्या का योग 1020 (ड.) जनपद पंचायतों द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत् निम्नांकित निर्माण श्रमिकों को लाभांवित किया जा रहा है- 1. जनपद पंचायत का नाम मऊगंज खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या 3190 रिमार्क निरंक, 2. जनपद पंचायत का नाम रायपुर कर्चुलियान खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या 4166 रिमार्क निरंक, 3. जनपद पंचायत का नाम रीवा खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या 4408 रिमार्क निरंक, 4. जनपद पंचायत का नाम सिरमौर खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या 8243 रिमार्क निरंक, 5. जनपद पंचायत का नाम गंगेव खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या 3132 रिमार्क निरंक, 6. जनपद पंचायत का नाम त्योंथर खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या निरंक रिमार्क निरंक, 7. जनपद पंचायत का नाम हनुमना खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या निरंक रिमार्क निरंक, 8. जनपद पंचायत का नाम जवा खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या 4004 रिमार्क निरंक, 9. जनपद पंचायत का नाम नईगढी खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की संख्या 4374 रिमार्क निरंक, सभी जनपद पंचायतों का खाद्य सुरक्षा के तहत् लाभांवितों की कुल संख्या का योग 31436.
ग्वालियर चंबल संभाग में माध्यमिक एवं हाईस्कूल शालाओं का उन्नयन
79. ( क्र. 1825 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चंबल संभाग में वर्ष 2014-15 में कितनी और कहाँ-कहाँ माध्यमिक शालाओं को हाईस्कूल एवं किन-किन हाईस्कूल का उ.मा.वि. में उन्नयन किया गया स्थान व जिले का विधानसभा क्षेत्रवार विवरण दें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा 01 जुलाई 2010 से प्रश्न दिनाँक तक भिण्ड जिले के लहार एवं रौन विकासखण्ड में कौन-कौन सी माध्यमिक शालाओं एवं हाईस्कूल के उन्नयन के प्रस्ताव शासन को दिये गये थे? प्रस्ताव अनुसार उन्नयन न करने का कारण बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय हाईस्कूल जसावली, जेतपुरामढ़ी, गुढा, असनेट तथा मछण्ड का उन्नयन कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या विकास खण्ड लहार के शासकीय प्राथमिक विद्यालय सिद्धपुरा ग्राम पंचायत रोहानी सीगपुरा शासकीय प्राथमिक विद्यालय के ग्राम मडोरी के आवास के भवन न होने से खुले में पेड के नीचे छात्रों को अध्ययन करना पड़ता है? यदि हाँ, तो भवनों के निर्माण कब तक किया जायेगा? (ड.) उक्तानुसार क्या शासकीय माध्यमिक बालक विद्यालय लहार क्रमांक 01 का भवन वर्ष 1930 में निर्माण होने से जीर्ण शीर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो भवन का निर्माण कब तक करा दिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सभी पात्र शालाओं के उन्नयन की स्वीकृति संभव नहीं है। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सभी पात्र शालाओं के उन्नयन की स्वीकृति अभी संभव नहीं है। (घ) शासकीय प्राथमिक विद्यालय ग्राम पंचायत रोहानी सींगपुरा निजी भवन में संचालित है तथा शासकीय प्राथमिक विद्यालय ग्राम मडौरी के आवास (नारदेशवर) वाटर शेड के कक्ष में संचालित है। दोनों शालाएं युक्तियुक्तकरण के तहत स्थानांतरण की गई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में शाला भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया जाएगा। (ड.) जी नहीं। शाला प्रबंधन समिति द्वारा भवन की मरम्मत करा दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण
80. ( क्र. 1842 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक कितने बच्चों को पुस्तकें वितरित की गई? (ख) रतलाम जिले में कक्षा 6 वीं के छात्रों को नि:शुल्क सायकिल वितरण अन्तर्गत विकासखण्डवार लाभान्वित छात्र/छात्राओं की संख्या एवं व्यय राशि की जानकारी दी जायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रतलाम जिले में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक कुल 669841 बच्चों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरित की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
हाई-स्कूलों हेतु प्रचलित नियम
81. ( क्र. 1872 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र में बालक एवं कन्या तथा संयुक्त बालक/कन्या (Co-Education) हाईस्कूलों एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के लिये पूर्व में कभी अलग-अलग नियम बनाये गये थे? वर्तमान में कौन से नियम प्रचलन में हैं? (ख) क्या लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश के पत्र दिनाँक 23 जनवरी 2015 एवं 23.10.2015 के द्वारा प्रश्नकर्ता को इन दोनों ही पत्रों में दो अलग-अलग कारण बताये गये हैं? सही कारण क्या हैं? (ग) सागर जिले के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के विकासखंड राहतगढ़ जो नगरीय क्षेत्र है, में केवल एक हायर सेकण्डरी स्कूल होने से दर्ज संख्या का दबाव के कारण, नगर में संचालित कन्या हाईस्कूल को कब तक हायर सेकण्डरी में उन्नयन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्रामीण क्षेत्र हेतु संयुक्त रूप से पूर्व के (वर्ष 1995) निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार/वर्तमान में निर्धारित मापदण्ड (वर्ष 2006) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) दिनाँक 23.01.2015 में ‘‘कन्या शाला हेतु शासन द्वारा मापदण्ड निर्धारित न होने से उन्नयन में कठिनाई है‘‘ एवं पत्र दिनाँक 23.10.2015 में ‘‘दूरी के मान से पूर्ति नहीं करती‘‘ अंकित किया गया है। यद्यपि दोनों में कारण अलग अलग दर्शाया है, किन्तु तात्पर्य एक ही है। अर्थात सह शिक्षा की सुविधा निकटस्थ दूरी पर प्राप्त होना है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोगी कल्याण समिति को स्त्रोतों से आय
82. ( क्र. 1890 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 30 (क्र. 554) दिनाँक 24 जुलाई 2015 के उत्तर (ग) में वर्तमान में रोगी कल्याण समिति को निम्न स्त्रोतों से आय होती है- 1. ओ.पी.डी./आई.पी.डी./प्रायवेट वार्ड (जिला चिकित्सालय में) से लिए जा रहे शुल्क से। 2. दानदाताओं द्वारा। 3. राष्ट्रीय स्वास्थ्य ग्रामीण मिशन से अनटाईटेड फंड। 4. रोगी कल्याण समिति द्वारा पूर्व में निर्मित दुकानों से प्राप्त आय बताया गया है तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्त्रोतों द्वारा जनवरी 2014 से अक्टूबर 2015 तक किन-किन स्त्रोतों से कितनी-कितनी आय हुई? स्त्रोतवाईस जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आय राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जनवरी 2014 से अक्टूबर 2015 तक आय निम्नानुसार है -
क्र |
आय का स्त्रोत |
जिला चिकित्सालय |
करैरा |
नरवर |
कुल योग |
1 |
ओ.पी.डी./आई.पी.डी./प्राइवेट वार्ड |
2093305 |
10302 |
100825 |
2204432 |
2 |
दानदाता |
11000 |
0 |
0 |
11000 |
3 |
एन.एच.एम. ग्रांट |
0 |
100000 |
0 |
100000 |
4 |
रोगी कल्याण द्वारा निर्मित दुकान |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
कुल |
2104305 |
110302 |
100825 |
2315432 |
(ख) प्रश्नांक (क) में प्राप्त आय राशि निम्न कार्यों में व्यय की गई- कम्प्यूट्रीकृत व्यवस्था, लाउण्ड्री व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था (पानी टेंकर क्रय), निविदा प्रकाशन, ट्यूब वैल, ए.सी., कूलर, पंखे, जनरेटर आदि मरम्मत/सर्विसिंग, नवीन थाली, कटोरे (स्टील वर्तन) क्रय, जनरेटर/एम्बुलेंश हेतु पी.ओ.एल. आदि क्रय, कर्मचारी मानदेय, जनरेटरों मरम्मत एवं सर्विसिंग सामग्री, जनरेटर लीवर एवं वैटरी चार्जर क्रय आदि पर व्यय, दैनिक व्यय (विविध), विद्युत सामग्री क्रय, आयरन गमले क्रय, टेलीफोन बिल का भुगतान, स्टाफ नर्सेज समायोजन की स्थिति में वेतन भुगतान, निविदा प्रकाशन, पलंग, स्ट्रेचर, एल्यूमीनियम गेट रिपेरिंग, साईनेज बोर्ड, ग्रीन जाली, ओ.पी.डी., आई.पी.डी., रंगाई-पुताई, एम्बुलेंस हेतु टायर-ट्यूब क्रय, एक्स-रे रेडियेशन बैज मेनगेट पर स्थापित स्टील रेलिंग, पलंग, स्ट्रेचर, हाथ गाड़ी क्रय/रिपेयरिंग, 8 नवीन बेटरी क्रय, नेत्र शिविर व्यवस्था पर व्यय इत्यादि पर मरीजों एवं जनहित को दृष्टिगत रखते हुये व्यय की गई।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शालाओं में प्रदत्त सुविधाएं
83. ( क्र. 1892 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न 31 (क्र.555) दिनाँक 24 जुलाई 2015 के उत्तर (ख) में बताया है कि विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा अन्तर्गत 534 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालायें हैं? जिनमें 6 तथा 10 युक्तियुक्तकरण से स्वीकृत भवन विहिन प्राथमिक शालाओं में मूलभूत सुविधाएं नहीं है एवं 313 शालाओं में बाउण्ड्रीवाल को छोड़कर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2015-16 में प्रस्तावित कर भारत सरकार को प्रेषित किया गया है? जिसकी स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। व उत्तर (ग) में 16 भवनविहीन शालाओं में से 6 शालाओं के भवनों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। शेष 10 शालाओं में 3-3 कक्ष तथा बाउण्ड्रीवाल की स्वीकृति अपेक्षित है, उत्तर दिया है। तो उत्तर (ख) और (ग) से संबंधित कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? क्या राशि प्राप्त हो चुकी है व कार्य प्रारम्भ कर दिये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्यों व कब तक कार्य प्रारम्भ कर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। उत्तर (ख) एवं (ग) से संबंधित 6 प्राथमिक शालाओं में से 03 शलाओं के भवन निर्माण की जिले स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। बाउण्ड्रीवाल के संबंध में भारत शासन से स्वीकृति अप्राप्त है। (ख) 03 शाला भवन की स्वीकृति उपरांत राशि जारी कर कार्य प्रारंभ कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष तीन शाला भवन हेतु स्थान परिवर्तन का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जिसका परीक्षण किया जा रहा है। 313 बाउण्ड्रीवाल एवं 10 युक्तियुक्तकरण के तहत् खाली गई शालाओं हेतु अतिरिक्त कक्षों का निर्माण समक्षम स्वीकृति व बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति बस्ती योजना से संबंधित
84. ( क्र. 1908 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2013 से अक्टूबर 2015 तक जिला मुरैना को अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत किन-किन विधानसभाओं को किन-किन हेतु कितनी राशि प्रदाय की गयी व राशि हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा कितनी-कितनी राशि के किन-किन कार्यों हेतु अनुशंसा प्रस्ताव प्रस्तुत किये? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिसम्बर 2013 से अक्टूबर 2015 तक अनुसूचित बस्ती विकास योजनांतर्गत कितने आवेदन सी.सी. रोड, हैण्डपंप खनन, विद्युतीकरण व ऊर्जीकरण की स्वीकृति हेतु अनुशंसित पत्र प्रस्तुत किये गये व उन पत्रों पर किस-किस आवेदक को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? (ग) क्या माननीय सांसद व माननीय विधायकगणों द्वारा प्रस्तुत पत्रों के उत्तर समय-सीमा में देने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिसम्बर 2013 से अक्टूबर 2015 तक प्रस्तुत अनुशंसित पत्रों पर अभी तक जवाब न देने के क्या कारण हैं? व इस हेतु कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी हैं व शासन संबंधित के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आवंटन विधान सभा वार नहीं दिया जाता है। शेष स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता मा. विधायक द्वारा दिसम्बर,2013 से अक्टूबर, 2015 तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत 27 आवेदन पत्रों के माध्यम से 36 सी.सी.रोड निर्माण, 67 हैण्डपम्प खनन कार्य किए जाने की अनुशंसा की गयी थी। इनमें से 10 कार्यों के लिए राशि रू. 11.60 लाख स्वीकृत की गयी है। विद्युतीकरण एवं पम्प ऊर्जीकरण हेतु मा. विधायक द्वारा 16 आवेदन पत्रों के द्वारा 17 कार्यों की अनुशंसा की गयी थी जिनमें से 01 कार्य पम्प ऊर्जीकरण का स्वीकृत हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार मा. सांसद एवं विधायकगणों से प्राप्त पत्रों के उत्तर समय-सीमा में दिये जाने के निर्देश हैं। प्रश्नकर्ता मा. विधायक द्वारा अनुशंसित पत्रों के उत्तर दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास योजनान्तर्गत प्रावधान
85. ( क्र. 1909 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत किन-किन कार्यों को राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है व इसकी स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या-क्या दिशा निर्देश प्रचलन में है? (ख) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राशि स्वीकृति हेतु माननीय सांसद, माननीय विधायक व अन्य किन-किन प्रतिनिधिगणों को अनुशंसा प्रस्ताव भेजने के अधिकार हैं व किस-किस कार्य को कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन जनप्रतिनिधि प्रस्तावों की अनुशंसा करके किस अधिकारी को प्रस्तुत करने का प्रावधान है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत प्रावधान एवं निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। इस प्रकार के प्रावधान नियमों में नहीं है।
जिला चिकित्सालय में सुविधाएं
86. ( क्र. 1968 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला चिकित्सालय में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ चिकित्सकों के कौन-कौन से पद कब से व किन कारणों से रिक्त हैं? कब तक भरे जावेंगे? (ख) क्या उक्त चिकित्सालय में डीजिटल एक्सरे, सोनोग्राफी मशीन की स्थापना हेतु तीसरी बार किसी भी फर्म द्वारा निविदा दरें न देने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने शासन से मार्गदर्शन चाहा है? यदि हाँ, तो मार्गदर्शन देने में विलम्ब क्यों किया जा रहा है? कब तक दिया जावेग? हीमोडायलिसिस मशीन की स्थापना/आईसीयू की सुविधा के अभाव के क्या कारण है? कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित मशीनों की स्थापना में विलम्ब होने, वर्तमान तक संचालित रही पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन मेकेनिकों द्वारा कण्डम घोषित किए जाने, विशेषज्ञ चिकित्सकों के अधिकांश पद रिक्त होने, सर्जरी चिकित्सक के लम्बे अवकाश पर रहने के कारण जिले के मरीज उपचार ऑपरेशन हेतु अन्यत्र जाने को विवश हो रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो मरीजों के हित में उक्त मशीनों की स्थापना व रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, इस कारण जिला चिकित्सालय श्योपुर में मेडिसिन योग्यता के 01, सर्जरी योग्यता के 01, स्त्रीरोग योग्यता के 02, शिशुरोग योग्यता के 04 एवं नेत्ररोग योग्यता के 01 स्नातकोत्तर योग्यताधारी चिकित्सा अधिकारी पदस्थ किए गए हैं। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है, प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञ के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। चिकित्सकों की पदपूर्ति के प्रयास अंतर्गत ही वर्ष 2015 में 1896 पदों के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से विज्ञापन जारी किए गए हैं, चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची अप्राप्त है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जिला चिकित्सालय द्वारा चौथी बार ई-टेण्डर के माध्यम से दरें प्राप्त की जा चुकी है तथा मशीन क्रय करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। हीमोडायलिसिस मशीन जिला चिकित्सालय में प्राप्त हो चुकी है इन्सटॉलेशन की प्रक्रिया प्रचलन में है। शासन द्वारा 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। यथाशीघ्र। (ग) जी नहीं। जिला चिकित्सालय श्योपुर में पदस्थ सर्जरी विशेषज्ञ अनाधिकृत अनुपस्थित हैं परंतु डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव, एम.एस. सर्जरी, चिकित्सा अधिकारी द्वारा सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। (घ) उत्तरांश ’’ख’’ एवं ’’क’’ अनुसार।
स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा
87. ( क्र. 1969 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या-8 (क्रमांक-806) दिनाँक 18.07.2014 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में श्योपुर जिले में हेडस्टार्ट योजनान्तर्गत कम्प्यूटर शिक्षा हेतु 372 कम्प्यूटर विद्यालयों में उपलब्ध कराने व स्कूली बच्चों को कम्प्यूटर समर्थित शिक्षा उपलब्ध कराने की जानकारी दी गई है? तो किन-किन विद्यालयों को किस-किस दिनाँक को उक्त कम्प्यूटर प्रदाय किये गये? इनमें कौन-कौन प्रशिक्षित शिक्षक कब से कम्प्यूटर शिक्षा स्कूली बच्चों को दे रहे हैं के नाम व पदनाम बताये? (ख) क्या कम्प्यूटर प्रदाय दिनाँक से वर्तमान तक कई विद्यालयों में से कम्प्यूटर कई वर्षों से खराब पड़े हैं तथा कई कम्प्यूटरों का उपयोग अन्यत्र कार्यालयीन उपयोग/निजी तौर पर किया जा रहा है? कई विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन का अभाव व प्रशिक्षित शिक्षक भी पदस्थ नहीं है? (ग) उक्त कारणों से उक्त विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन उत्तरदायी है? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त विद्यालयों में उक्त कम्प्यूटरों व इनकी संचालन व्यवस्था का भौतिक सत्यापन करायेगा तथा योजना के सुचारू संचालन हेतु प्रभावी कदम उठायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जिले में स्थापित हेडस्टार्ट केन्द्रों पर पदस्थ शिक्षकों की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कम्प्यूटर रिपेयरिंग का कार्य संबंधित विद्यालय की शाला प्रबंधन समिति द्वारा शाला आकसिमक निधि से कराया जाता है। कभी-कभी कम्प्यूटर संबंधी शासकीय कार्य की अधिकता जैसे निर्वाचन, जन गणना, समय हेतु अन्य कार्यालयों द्वारा भी उपयोग किया जाता है। निजी तौर पर कम्प्यूटर का उपयोग नहीं किया जाता है। जी हाँ कुछ केन्द्रों में विद्युत का अभाव होने के कारण कम्प्यूटर बंद पड़े हुए है। हेडस्टार्ट केन्द्रों पर प्रशिक्षित कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति के अभाव में पदस्थ शिक्षक को ही कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार संचालित हेडस्टार्ट केन्द्रों पर बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा का लाभ मिल रहा है। बिजली के अभाव, कम्प्यूटर की खराबी या कम्प्यूटर अन्यत्र उपयोग के कारणों से जो केंद्र असंचालित/आंशिक रूप से संचालित है, उन्हें संचालित करने हेतु यथा आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
उद्योगों में मृतक कर्मचारियों के प्रकरण
88. ( क्र. 2017 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-उज्जैन संभाग के कितने उद्योगों में 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक कितने-कितने कर्मचारी मजदूरों की मृत्यु किन-किन कारणों से हुई? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) क्या उद्योग में लापरवाही के कारण मौत होने पर उद्योग मालिक पर प्रकरण दर्ज किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त जिलों में मृत्यु के उपरांत किन-किन मालिकों पर किन-किन धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या रतलाम में एवं दवाई निर्माता कंपनी से गैस रिसाव के दौरान कंपनी की लापरवाही से सत्र 2014 में एक मजदूर की मौत हुई जिसमें पुलिस विभाग द्वारा प्रकरण मालिक पर दर्ज करने की बजाय मैनेजर के खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) इंदौर, उज्जैन राजस्व संभाग में 15 जिले आते हैं। इंदौर संभाग में इंदौर, खरगोन, खण्डवा, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, अलीराजपुर, झाबुआ तथा उज्जैन संभाग में -उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर, देवास, शाजापुर जिले आते हैं। इन जिलों में 01.01.13 से 30.11.15 तक जिन कर्मचारी एवं मजदूरों की कारखाना अधिनियम-1948 के तहत् पंजीकृत कारखानों में दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई है, के संबध में-कारखाने का नाम, मृतक श्रमिकों का नाम, दुर्घटना दिनाँक एवं दुर्घटना का कारण, की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 2, 3, 4, 5 अनुसार है। (ख) हाँ कारखानों में हुई दुर्घटनाओं में, जाँच में पाये गये कारखाना अधिनियम 1948 एवं मध्यप्रदेश कारखाना नियमावली 1962 के धाराओं एवं नियमों के उल्लंघन हेतु कारखाने के अधिभोगी एवं प्रबंधकों के विरूद्ध संबंधित जिले के माननीय सी.जे.एम. के न्यायालय में कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के तहत् अपराधिक प्रकरण दायर किये जाते है। उक्त जिलों में प्रश्नावधि में कारखानों में हुई, श्रमिकों की मृत्यु दुर्घटनाओं में कारखाना अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध कारखाना अधिनियम 1948 सहपठित म.प्र. कारखाना नियमावली 1962 के प्रावधानों के उल्लंघन स्वरूप दायर अपराधिक प्रकरणों की जानकारी मय धाराओं एवं नियमों के उल्लेख के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 6, 7, 8, 9 एवं 10 अनुसार है। (ग) नहीं, रतलाम में किसी दवाई निर्माता कंपनी में वर्ष 2014 में कोई गैस का रिसाव नहीं हुआ एवं गैस लगने से किसी श्रमिक की मृत्यु नहीं हुई। पुलिस से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवन विहीन विद्यालय
89. ( क्र. 2021 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में ऐसे कितने शा.उ.मा. विद्यालय हैं, जिनके 10 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी स्वयं का भवन नहीं है, जिलेवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे कितने विद्यालय है, जिनका प्रारंभ हुए मात्र 5 वर्ष से भी कम समय हुआ है, उनके पास स्वयं का भवन है, यदि भवन है तो किस मद से किन नीति के तहत भवन बनाया गया? (ग) मंदसौर जिले में 15 वर्ष से अधिक पुराने ऐसे कितने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है, वर्तमान में ये विद्यालय किस भवन में संचालित हैं? गत 5 वर्षों में इन विद्यालयों के भवन निर्माण हेतु सक्षम अधिकारियों ने कब-कब विभाग का ध्यान आकर्षित कराया, यदि कोई पत्र लिखा हो तो प्रतिलिपि देवें? विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत उज्जैन में 10, देवास में 10, शाजापुर में 6, आगरमालवा में 2, रतलाम में 3, मंदसौर में 5 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें 10 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्वयं के भवन नहीं है। नीमच में ऐसा कोई विद्यालय नहीं है। (ख) उज्जैन संभाग अन्तर्गत 52 शालाएं है, जिनके पास स्वयं का भवन है। मॉडल स्कूल योजनातंर्गत खोले गए मॉडल स्कूलों के भवन योजना के तहत भारत शासन द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत ऐसी माध्यमिक शालाएं जिनके हाईस्कूल उन्नयन की स्वीकृति दी जाती है उनके लिए भवन निर्माण की स्वीकृति भी दी जाती है। इसके अतिरिक्त सुदृढ़ीकरण हेतु शालाओं में भारत शासन द्वारा यू-डाइस के आधार पर शाला में कक्षा 9वीं व 10वीं के विद्यार्थियों की संख्या एवं आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये जाते है। राज्य बजट योजना के तहत बजट की उपलब्धता के आधार पर 2 स्कूल में भवन स्वीकृत किया गया है। 2 अन्य स्कूलों में भवन निर्माण विद्यालय की स्थानीय निधि एवं पंचायत निधि से करवाया गया है। (ग) मंदसौर में 15 वर्ष से अधिक पुराने स्वयं के भवन विहीन शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर एवं किए गए पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिले के इसी वर्ष प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। सीमित बजट की उपलब्धता के कारण सभी भवन विहीन विद्यालयों में निर्माण की स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है।
बोतल बंद पानी से स्वास्थ्य पर असर
90. ( क्र. 2022 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर एवं भोपाल में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस कम्पनी के शीतल पेय के कितने-कितने नमूने किस-किस जिले में कहाँ-कहाँ सक्षम अधिकारी ने लिये? (ख) उक्त नमूने में कितने नमूने निर्धारित मानकों पर खरे उतरे तथा कितने नमूने किन-किन कारणों से खरे नहीं उतरे? उनमें किस प्रकार की मिलावट पाई गई? (ग) प्रदेश में बोतलबंद शुद्ध पानी की दर निर्धारित करने हेतु क्या कोई कमेटी है? यदि नहीं, तो क्यों प्रदेश में धड़ल्ले से 20-25 रूपये तक 1 लीटर पानी बेचने पर उसके रोकथाम हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? प्रदेश में विगत एक वर्ष में बोतलबंद शुद्ध जल के अमानक स्तर के कितने-कितने प्रकरण सामने आए? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें? कार्यवाही से भी अवगत करावे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
औद्योगिक क्षेत्र मक्सी में ट्रामा सेंटर की स्वीकृति
91. ( क्र. 2040 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा सिंहस्थ 2016 की कार्य योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रं. 3 पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र मक्सी जिला शाजापुर में सिंहस्थ 2016 में सम्मिलित श्रद्धालुओं हेतु ट्रामा सेंटर स्वीकृत हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त ट्रामा सेंटर का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ग) सिंहस्थ 2016 में आने वाले श्रद्धालु के लिए मक्सी क्षेत्र को शासन ने महत्वपूर्ण पाईंट माना है? (घ) सिंहस्थ 2016 में आने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिये विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) सिंहस्थ 2016 में आने वाले लोगों के उपचार के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मक्सी में अतिरिक्त चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं ऐम्बूलेंस की व्यवस्था सिंहस्थ के समय की जावेगी।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण विभाग द्वारा प्री-मैट्रिक छात्रावास स्वीकृत करना
92. ( क्र. 2057 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्ध-घुमक्कड़ विभाग द्वारा बालाघाट जिले में तिरोडी में घुमक्कड़ जाति के विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रावास स्वीकृत करने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक प्री-मैट्रिक छात्रावास स्वीकृत कर दिया जावेगा?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मान.मुख्यमंत्रीजी की घोषणा क्रमांक 3544 अनुसार सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में 50 नवीन छात्रावास खोले जाने का प्रावधान रखा गया है। बालाघाट जिले में तिरोड़ी में प्री-मैट्रिक छात्रावास खोले जाने संबंधी पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक शिक्षा केन्द्र के प्रेरकों को मानदेय वितरण एवं समयावधि बढ़ाने
93. ( क्र. 2064 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 में लोक शिक्षा केन्द्रों पर प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी? यदि हाँ, तो गुना जिले में कितने-कितने प्रेरकों की नियुक्तियां की गई, ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत नियुक्त प्ररेकों को मानदेय का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है? यदि हाँ, तो आज तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी देवें यदि नहीं, तो उनको मानदेय अभी तक क्यों नहीं दिया गया? (ग) क्या नियुक्त प्रेरकों का 6 माह बाद समयावधि बढ़ाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो उनकी समयावधि बढ़ाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। गुना जिले में 2012 में प्रेरकों की नियुक्ति नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के अनुक्रम में दर्शित अवधि में प्रेरकों की नियुक्ति न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश ‘क’ के अनुक्रम में दर्शित अवधि में प्रेरकों की नियुक्ति न होने से समयावधि बढ़ाए जाने का प्रश्न ही नहीं है।
हायर सेकण्डरी स्कूलों में लायब्रेरियन के रिक्त पदों की पूर्ति
94. ( क्र. 2082 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की हायर सेकण्डरी स्कूलों में लायब्रेरियन के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने रिक्त हैं? (ख) लायब्रेयिन के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया कब प्रारम्भ की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश के हायर सेकण्डरी स्कूलों में लायब्रेरियन के स्वीकृत पद 186 एवं रिक्त पद 166 है। (ख) अभी प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गयी है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्री. मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अधीक्षकों की पदस्थापना
95. ( क्र. 2094 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक कन्या एवं बालक छात्रावास में वर्तमान में अधीक्षक के पद पर कौन-कौन, कहाँ-कहाँ व कब-कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने अधीक्षक नियमित एवं कितने प्रभारी अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं, इनमें संविदा शिक्षक, सहायक अध्यापक, अध्यापक संवर्ग के किस-किस को कहाँ-कहाँ पर प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है? नाम एवं पदांकन स्थान सहित विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त में से अधिकांश प्रभारी अधीक्षक हैं, अधीक्षकों को उनके गृह तहसील में किस कारण पदस्थ किया गया है? स्पष्ट कारण बतायें? (घ) विगत दो वर्षों में उक्त छात्रावासों का निरीक्षण कब-कब, किस-किस अधिकारियों के द्वारा किया गया? निरीक्षण के दौरान कितने अधीक्षक अपने मुख्यालय में उपस्थित नहीं पाए गये तथा अनुपस्थित अधीक्षकों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई और कितने अधीक्षकों के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों की जाँच किसके द्वारा कब-कब की गई? (ड.) क्या उक्त प्रभारी अधीक्षकों की सेवाएं उनके मूल पद पर वापस की जाकर नियमित अधीक्षकों को पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रशासनिक दृष्टि से छात्रावास में अधीक्षक के पद का निर्वहन कार्य आवश्यक होने के कारण शिक्षकों को प्रभारी अधीक्षक के पद के निर्वहन हेतु पदस्थ किया गया है। अधीक्षकों (तृतीय श्रेणी अकार्यपालिक श्रेणी के शासकीय सेवक) को उनके गृह तहसील में पदस्थ किये जाने सम्बन्धी कोई बंधन नहीं है। (घ) विगत दो वर्षों में छात्रावासों का निरीक्षण सम्बंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। निरीक्षण के दौरान 02 प्रभारी अधीक्षक के अपने नियत मुख्यालय में उपस्थित नहीं पाये जाने तथा छात्रावास संचालन कार्य में लापरवाही बरतने के फलस्वरूप उन्हें छात्रावास अधीक्षक के दायित्वों से मुक्त किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में माननीय विधायक बैहर के द्वारा शासकीय प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास मोहगांव (बिरसा) के विरूद्ध छात्रावास के संबंध में लापरवाही बरतने सम्बन्धी शिकायत प्राप्त हुई थी। उक्त शिकायत के सम्बन्ध में सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, बालाघाट के द्वारा दिनाँक 20.11.2015 को स्थल पर पहुंचकर जाँच की गई। (ड.) जी हाँ। उक्त प्रभारी अधीक्षकों के वर्तमान कार्यरत छात्रावास में संविदा शिक्षक वर्ग-02 की नियुक्ति/नियमित पदस्थापना होने तक शिक्षक संवर्ग से अधीक्षक के पद का कार्य लिये जाने का प्रावधान है।
आदिवासी क्षेत्र में विकास कार्य
96. ( क्र. 2102 ) श्री कैलाश चावला : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री आदिम जाति कल्याण विभाग को मनासा विधानसभा क्षेत्र के 80-100 प्रतिशत आदिम जाति की आबादी के गांवों के विकास हेतु कुछ प्रस्ताव पत्र क्र. 190 दिनाँक 28.6.2015 के संलग्न प्रेषित किये गये थे? (ख) प्रश्नांक (क) में प्रेषित किए गए प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई और कब तक स्वीकृत हो जाएगें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) स्वीकृत योग्य दो कार्य स्वीकृत किये गये हैं, सीमित वित्तीय संसाधन होने से निश्चित समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में भोजन व्यवस्था
97. ( क्र. 2119 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार हेतु भर्ती किये मरीजों हेतु भोजन के संबंध में शासन के क्या नियम हैं एवं विभाग द्वारा इसके लिये क्या-क्या निर्देश जारी किये गये है कटनी जिले के जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचाररत मरीजों के भोजन हेतु किस प्रकार की व्यवस्था वर्तमान में लागू है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में वित्तीय वर्ष 2012 से प्रश्न दिनाँक तक की अवधि में किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को किस-किस आदेश के तहत मरीजों हेतु भोजन प्रदाय करने हेतु अधिकृत किया था एवं इसमें कितनी राशि व्यय की गई, भुगतान की गई, माहवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला चिकित्सालय कटनी में किचन शेड निर्मित कर कर्मचारियों की भर्ती कर उपचाररत मरीजों को भोजन प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भर्ती किये गये व्यक्तियों के नाम, पिता का नाम, जाति वर्ग की जानकारी देवें एवं उक्त भर्तियां किस नियम, किन आदेशों के तहत की गई? उक्त कार्य हेतु लगाये गये कर्मचारियों की भर्ती एवं नियुक्ति के संबंध में की गई कार्यवाही का ब्यौरा प्रदान कर बताये कि क्या उपरोक्त भर्तियां नियमानुसार की गई? यदि हाँ, तो कैसे, यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ अनुसार। वर्तमान में जिला चिकित्सालय कटनी में कर्मचारियों द्वारा भोजन तैयार कर उपचाररत् मरीजों को भोजन प्रतिदिन शासकीय मापदण्ड के अनुसार निःशुल्क प्रदाय किया जा रहा है एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संस्था द्वारा भोजन तैयार कर उपचाररत् मरीजों को निःशुल्क प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में शासकीय चिकित्सालय कटनी में वित्तीय वर्ष 2012 से फरवरी 2015 तक मेसर्स हनुमान प्रसाद तीतविरासी भोजनालय कटनी को आदेश क्रमांक/भोजन/2012/42-44 दिनाँक 04/04/2012 एवं आदेश क्रमांक 743 दिनाँक 14/06/2012 आदेश क्रमांक 2436 दिनाँक 20/05/2013 द्वारा रोगियों को भोजन प्रदाय करने हेतु अधिकृत किया गया। वर्ष 2014-15 में भी मेसर्स हनुमान प्रसाद तीतविरासी भोजनालय कटनी द्वारा 10 फरवरी तक रोगियों कों भोजन उपलब्ध कराया गया। फरवरी 2015 से आज तक जिला चिकित्सालय के भोजनालय (किचन) में कर्मचारियों से भोजन तैयार कर रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ व ‘’द’’ अनुसार। उक्त भर्तियाँ एन.एच.एम. के अन्तर्गत संविदा आधार पर की गई। जिला अध्यक्ष/अध्यक्ष कार्यकारणी रोगी कल्याण समिति कटनी द्वारा तीन समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर निविदा आमंत्रित कर उक्त भर्तियाँ चयन समिति के द्वारा नियमानुसार की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाईस्कूल एवं इन्टर कॉलेज के निर्माण कार्यों की स्वीकृति
98. ( क्र. 2143 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह कि शिक्षा विभाग द्वारा दतिया जिले में लघु उद्योग निगम के माध्यम से कितने प्रा./मा./हाईस्कूल एवं इन्टर कॉलेज के निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी गयी है? अभी तक की समस्त जानकारी उपलब्ध कराये? स्थानवार/निर्माण ऐजेन्सी/समय-सीमा/लागत राशि सहित? (ख) क्या उक्त कंडिका (क) में वर्णित समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं या अभी कुछ कार्य अपूर्ण हैं? यदि अपूर्ण हैं तो क्या कारण रहे कि इतने वर्षों के बाद भी इतनी लागत लगने के बाद निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुये? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? साथ ही समय-सीमा बढ़ने के कारण जो लागत राशि में वृद्धि हुयी है उसका भुगतान किसके द्वारा किया जायेगा? (ग) क्या उक्त किये गये निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं है? समय-सीमा पर संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया है? यदि किया गया है तो उन अधिकारियों के नाम एवं किये गये निरीक्षण के प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराये एवं दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दतिया जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत किसी भी प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों की लघु उद्योग निगम के माध्यम से निर्माण कार्यों की स्वीकृति नहीं दी गई। हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. शाला
का नाम निर्माण
ऐजेंसी लागत
राशि पूर्णता
हेतु अवधि
1 शा.उ.मा.वि. क्र.भाण्डेर
ल.उ.नि. 38
लाख 18 माह
2 शा.उ.मा.वि. इंदरगढ़
ल.उ.नि. 38
लाख 18 माह
3 शा.उ.मा.वि. दिगुवां
ल.उ.नि. 38
लाख 18 माह
(ख) उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। प्रश्नांश ’’क’’ में वर्णित कार्यों की निर्माण संबंधी स्थिति निम्नानुसार हैः-
स.क्र. शाला
का नाम निर्माण
की स्थिति
1 शा.उ.मा.वि. क्र.
भाण्डेर पूर्ण
2 शा.उ.मा.वि. इंदरगढ़
पूर्ण
3 शा.उ.मा.वि. दिगुवां
अपूर्ण
शा.उ.मा.वि. दिगुवां के अपूर्ण कार्य को पूर्ण कराने हेतु ल.उ.नि. द्वारा पुनरीक्षित प्राक्कलन राशि 69.42 लाख दिया है। इस संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। उक्त शाला भवनों का तकनीकी परीक्षण मध्यप्रदेश ल.उ.नि. द्वारा कराया गया। ल.उ.नि. द्वारा श्री के.एल.अग्रवाल, महाप्रबंधक (स/नि), श्री अनिल गंगराड़े, प्रबंधक (स/नि), श्री आर.के.वर्मा, उपयंत्री द्वारा भवनों का निरीक्षण किया गया। गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत नवीन/मरम्मत कार्य
99. ( क्र. 2144 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में सर्व शिक्षा अभियान (राजीव गांधी शिक्षा मिशन) के अंतर्गत 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक कितने नवीन/मरम्मत के कार्य कराये गये है? कार्य का नाम/निर्माण ऐजेंसी /लागत राशि एवं कार्य पूर्ण होने की अवधि सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) उक्त कंडिका (क) में वर्णित कार्यों में से क्या कुछ ऐसे भी कार्य हैं जो अवधि पूर्ण होने के बाद भी अधूरे हैं एवं इसके अलावा क्या इस अवधि से पूर्व के स्वीकृत निर्माण कार्य भी अधूरे है? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग द्वारा इस संदर्भ में अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है और यदि नहीं, की गयी है तो क्यों? (ग) क्या कुछ निर्माण कार्यों को 5-5 वर्ष से अधिक हो गये हैं और वे अपूर्ण हैं विभाग द्वारा सतत् निरीक्षण न किये जाने के कारण एवं लागत राशि का संपूर्ण भुगतान कर दिये जाने के कारण ठेकेदारों द्वारा कार्य बीच में ही छोड़ दिया गया है? जिससे शिक्षा के साथ-साथ शासन के पैसों का भी नुकसान हुआ है? (घ) क्या उक्त लंबित कार्यों के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दतिया जिले में सर्व अभियान के अंतर्गत 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक शासकीय/माध्यमिक विद्यालयों में 14 बालिका शौचालयों का निर्माण कराया गया। सभी कार्य जनवरी, 2015 में पूर्ण हो गये हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जी नहीं। जी हाँ। इनके अलावा पूर्व वर्षों के 202 निर्माण कार्य अधूरे है। निर्माण ऐजेंसी के कार्य का पर्यवेक्षण किया जाता है एवं कई प्रकरणों में संबंधित निर्माण ऐजेंसी सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार 202 निर्माण कार्यों में से 91 कार्य ऐसे है जो 05 वर्षों से अधिक के हैं एवं निर्धारित समयावधि व्यतीत हो जाने के बाद भी अपूर्ण हैं जिनका विभाग द्वारा सतत् निरीक्षण किया गया। निर्माण ऐजेंसी ग्राम पंचायत/शाला प्रबंधन समिति होने से लागत राशि का संपूर्ण भुगतान कर दिये जाने के कारण ठेकेदार द्वारा कार्य बीच में ही छोड़ने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराये जाने पर संबंधित निर्माण ऐजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है। अतः शिक्षा के साथ-साथ शासन के पैसों का नुकसान होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। उक्त निर्माण कार्यों की निर्माण ऐजेंसी का प्रश्न सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में पंचायतीराज अधिनियम की धारा-92 के तहत कार्यवाही प्रचलित है। न्यायालयीन प्रक्रिया होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्यालयों का उन्नयन
100. ( क्र. 2162 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले की तहसील चितरंगी के अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल सकरिया को हायर सेकण्डरी तथा देवरी माध्यमिक शाला को हाई स्कूल में वर्ष 2014-15 में उन्नयन किया जा चुका है? (ख) क्या उक्त विद्यालयों के उन्नयन हेतु सीमित वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने से उन्नयन नहीं किये गये हैं? (ग) क्या उक्त शालाओं का उन्नयन अगले वित्तीय सत्र में किया जाएगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों की वजह से शालाओं का उन्नयन अभी संभव नहीं है।
माडल स्कूल निर्माण
101. ( क्र. 2163 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के सभी विकासखण्डों में कुल कितने मॉडल स्कूल स्वीकृत किये गये हैं? क्या सिंगरौली जिले के चितरंगी विकासखण्ड में मॉडल स्कूल स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण करा ली गई है? क्या ठेकेदार द्वारा मॉडल स्कूल का निर्माण कराया जा रहा? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदारों के प्रति क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त स्वीकृत मॉडल स्कूल यदि पूर्ण कराया जाना है तो कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 201. जी हाँ। टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कराने के बाद ठेकेदार का कार्य निरस्त कर दिया गया है, क्योंकि भारत सरकार ने यह योजना वित्तीय वर्ष 2015-16 से समाप्त कर दी है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पेंशन प्रकरणों का निराकरण
102. ( क्र. 2169 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के समक्ष (विभागीय जाँच पूर्ण होने के उपरांत भी) कितने व्याख्यताओं, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों के पेंशन प्रकरण लंबित हैं? नाम, पद सहित पूरा विवरण देवें तथा उनकी सेवा निवृत्ति किस विद्यालय से हुई है उसका विवरण देवें? (ख) यदि पेंशन प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया है तो कर्मचारियों को परेशान होने के लिए कौन जिम्मेवार है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के समक्ष व्याख्याताओं, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों के पेंशन प्रकरण विभागीय जाँच पूर्ण होने के उपरांत लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ’क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जाना
103. ( क्र. 2170 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि हरिशंकर पाण्डेय ग्राम कटरा जिला रीवा द्वारा एक व्यक्ति के रीवा एवं सीधी में एक साथ नौकरी किये जाने तथा दोनों स्थान से वेतन आहरण किए जाने की शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के आदेश पर प्राचार्य गढ़ एवं प्राचार्य चौफाल द्वारा जाँच कर आरोप प्रमाणित हुआ। जिस आधार पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा ने आयुक्त रीवा को पत्र/शिक्षा/ सतर्क/ 2012/13/160 - 25.4.12 कार्यवाही हेतु सम्प्रेषित हुआ है? (ख) क्या यह सही है कि सी.ई.ओ. जिला पंचायत रीवा आदेश 2354/जि.पं.शि. सेल/24.07.2013 तथा सी.ई.ओ. जिला पंचायत सीधी के आदेश 4316/सतर्क/परिवाद/2015 दिनाँक 9.10.15 से अनुबंध समाप्त कर सेवा समाप्ति का आदेश दिया गया? जिसका प्रतिवेदन भोपाल एवं संभागायुक्त रीवा को दिनाँक 28.2.15 एवं 25.4.13 को भेजा गया? (ग) क्या यह भी सही है कि कलेक्टर रीवा द्वारा दिनाँक 06.11.2015 को पुलिस अधीक्षक रीवा के पत्र 17815 एवं सी.ई.ओ. रीवा के पत्र 21.08.2015 के निर्देशानुसार प्रकरण दर्ज करने हेतु समुचित निर्देश बाबत् पत्र लिख गया। तीनों पत्रों की कॉपी उपलब्ध कराये? प्रकरण क्यों कायम नहीं हुआ? कब तक होगा? समय-सीमा बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, रीवा का पत्र क्र./शिक्षा/सतर्क/2012/13/160 दिनाँक 25/04/2012 नहीं, अपितु पत्र क्र./शिका./सतर्क/2012-13/160 दिनाँक 25/04/2013 द्वारा जारी हुआ है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनाँक 06/11/15 एवं 21/08/15 संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पुलिस अधीक्षक, रीवा का पत्र क्र. 17815 उपलब्ध नहीं है। थाना प्रभारी मझौली द्वारा प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापकों की वरिष्ठता के संबंध में
104. ( क्र. 2223 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग का अन्य निकाय के संविलियन के पश्चात वरिष्ठता के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) क्या दिनाँक 26.03.2014 को लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी मार्गदर्शन अनुसार अन्य निकाय से संविलियन के आधार पर 2006 में पदांकित अध्यापक निकाय में वर्ष 2006 की स्थिति में पूर्व से पदस्थ अध्यापकों से नीचे वरिष्ठता प्राप्त करेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) हां तो, अन्य निकाय से संविलियन के आधार पर 1998, 2001, 2003 एवं 2009 में पदांकित अध्यापकों की वरिष्ठता क्या होगी? (घ) क्या इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर अनुसार अन्तर्निकाय संविलियन में वरिष्ठता का निर्धारण शासन के निर्देश अनुसार एक निकाय से दूसरे निकाय में संविलियन किया जायेगा तो उसकी वरिष्ठता संबंधित शिक्षाकर्मी/अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों में सबसे नीचे मान्य होगी। (घ) पूर्व से प्रश्नांश (क) उत्तर के अनुसार स्पष्ट आदेश है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जननी एक्सप्रेस
105. ( क्र. 2286 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जननी एक्सप्रेस के रूप में मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला बैतूल द्वारा उनके किस पत्र क्र. दिनाँक के द्वारा ठेकेदार को कितने वाहनों को स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) क्या उक्त स्वीकृति के अनुसार दर्शाये गये सूची के वाहन क्र. MP48 BC 1559 & MP48 BC 1952 वाहनों का समावेश किया गया है, यदि हाँ, तो उक्त वाहन स्वास्थ्य विभाग के निविदा आमंत्रण शर्तों का पालन करते हुये लगाये गये है? यदि हाँ, तो क्या वे 2 साल से अधिक पुराने नहीं है, ऐसे दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई, नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या वाहन क्र. MP04 HB 1959 जिला बैतूल के स्वास्थ्य विभाग में लगाया गया था? किस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या उपस्वास्थ्य केन्द्र में लगाया गया था एवं कितने वर्षों तक उक्त वाहन को लगाये रखा गया समय-सीमा बताई जावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार लगाया गया वाहन क्या कंडम एवं 5 साल पुराना था? इस हेतु क्या निविदा का आमंत्रण किया गया था? यदि हाँ, तो किस समाचार पत्र में निविदा छपवाई गई थी? उक्त वाहन को अधिग्रहित करने वाले अधिकारी द्वारा दस्तावेजों की अनदेखी कर अपने कर्मचारी रिश्तेदार या परिजनों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से अधिग्रहित किया गया था? ऐसे अधिकारी पर शासन द्वारा क्या अनुशासनात्क कार्यवाही की गई, यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला बैतूल द्वारा पत्र क्र. डीपीएमयू./आर.सी.एच/2015/24023 बैतूल दिनाँक 08/08/2015 द्वारा 03 वाहनों को जननी एक्सप्रेस के रूप में संचालन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। वाहन क्र. MP48BC1559 पुराना होने के कारण ठेकेदार द्वारा उसके स्थान पर नवीन वाहन क्र. MP48T0895 माह सितम्बर-15 में लगाया गया। (ग) जी हाँ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई में जून-2007 से सितंबर-2014 तक। (घ) जी नहीं। वाहन दो वर्ष पुराना एवं अच्छी हालत में था। जी हाँ। पत्र क्र/आर.सी.एच./डी.पी.एम.यू./07/2775 बैतूल दिनाँक 02/04/07 द्वारा निविदा प्रकाशन हेतु आयुक्त, जनसम्पर्क संचालनालय भोपाल को विज्ञप्ति भेजी गई थी, जिसके परिपालन में विज्ञप्ति दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर में दिनाँक 15-अप्रैल-2007 को प्रकाशित हुयी थी। जिसके आधार पर प्राप्त निविदाओं में से समिति द्वारा न्यूनतम दरें अनुमोदित कर उक्त वाहन को अधिकृत किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फालियों (मजरे टोलों) में निवासरत बच्चों को साईकिल उपलब्ध कराना
106. ( क्र. 2311 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण बच्चों को शाला जाने हेतु अपने निवास स्थल से शाला की तीन किलोमीटर दूरी होने पर शासन द्वारा साईकिल उपलब्ध कराई जाती है? (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में जो बच्चे फालियों (मजरे, टोले) में निवास करते हैं तथा उनकी फालियों से स्कूल की दूरी 2 से 3 कि.मी. है जिसमें फालिया का नाम एवं स्कूल का नाम अंकित हो? ऐसे वर्णित बच्चों को साईकिल देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने बच्चों को उपलब्ध कराई गई है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) अंतर्गत बच्चों को साईकिल वर्तमान तक उपलब्ध नहीं कराई गई तो क्या कारण हैं तथा इसके लिए कौन दोषी है? इन साईकिल से वंचित पात्र बच्चों को कब तक साईकिल उपलब्ध करा दी जायेगी तथा वर्तमान में विलंब के दोषी कर्मचारी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शासकीय शालाओं में कक्षा 6वीं एवं 9वीं में अध्ययनरत ऐसे ग्रामीण छात्र/छात्राओं को जिनके ग्राम में शाला संचालित नहीं होने के कारण दूसरे ग्राम/शहर में अध्ययन के लिए जाते हैं, को निःशुल्क साईकिल उपलब्ध कराने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के प्रकाश में पात्र पाये गये कुल 4064 छात्र/छात्राओं को निःशुल्क साईकिल योजना का लाभ प्रदान किया गया है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शा.उ.मा. शालाओं में बाउन्ड्रीवाल निर्माण
107.
( क्र.
2321
) श्री
के.डी. देशमुख :
क्या स्कूल
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विभाग द्वारा
प्रदेश में
शा.उ.मा.
शालाओं की
बाउन्ड्रीवाल
बनाने की कोई
योजना है? (ख)
यदि हाँ, तो क्या
बालाघाट जिले
में शा.कन्या
उ.मा. शाला
कटंगी शा. उत्कृष्ट
उ.मा. शाला
कटंगी, शा.उ.मा.
शाला महके पार, शा.उ.मा.
शाला
वरूड़/शा.उ.मा.
शाला अमई, शा.उ.मा.
शाला गोरेघाट
शा.उ.मा. शाला
जराहमोह गांव, शा.उ.मा.
शाला जाम की बाउण्ड्रीवाल
को योजना में
शामिल किया
जावेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) शासकीय
विद्यालय भवन
की
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण हेतु
बजट में मद
रखा गया है। (ख)
शासकीय कन्या
उच्चत्तर
माध्यमिक
विद्यालय
कटंगी में
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण की
प्रशासकीय स्वीकृति
दी गई है, शेष की
सीमित बजट
प्रावधान
होने से स्वीकृति
दी जाने में
कठिनाई है।
स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया, पीलिया से पीडि़त एवं मृत्यु के प्रकरण में आर्थिक सहायता
108. ( क्र. 2336 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनाँक तक मलेरिया, पीलिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू जैसी खतरनाक बीमारियों से कितने व्यक्तियों का पीडि़त होने का परीक्षण हुआ कितने ठीक हुये तथा कितनों की मृत्यु किस-किस बीमारी से हुई? शासन द्वारा इन खतरनाक बीमारियों के रोकथाम के लिये क्या-क्या उपाय किये? मृतक के प्रकरणो में शासन द्वारा क्या आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विभाग में कौन-कौन डॉ./अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पदस्थापना दिनाँक एवं मुख्यालय बतावें साथ ही कितने डॉ./कर्मचारियों के पद किस-किस स्थान पर रिक्त है उनकी कब तक पूर्ति कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर जिले में 01 अप्रैल 2015 से 30.11.2015 तक डेंगू, स्वाईन फ्लू, पीलिया एवं मलेरिया बीमारियों होने का परिक्षण एवं मृत्यु की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र |
बीमारी का नाम |
कुल परिक्षण की संख्या |
सकारात्मक
पाये गये |
मृत्यु |
1 |
डेंगू |
2357 |
449 |
02 |
2 |
स्वाईन फ्लू |
20 |
04 |
03 |
3 |
मलेरिया |
207805 |
3318 |
निरंक |
4 |
पीलिया |
945 |
158 |
निरंक |
इन बीमारियों की रोकथाम के लिये आम नागरिकों में जनजागृति के अतिरिक्त समुचित प्रतिरोधात्मक एवं उपचारात्मक कार्यवाही की गई है। उपरोक्त बीमारियों में आर्थिक सहायता दिये जाने संबधी कोई योजना विभाग में प्रचलित नहीं है अतः आर्थिक सहायता स्वीकृति संबधी जानकारी निरंक है। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ चिकित्सक एवं स्टाफ की जानकारी तथा उनकी नाम, पदस्थापना दिनाँक एवं मुख्यालय तथा डॉ. एवं कर्मचारी के रिक्त पदों की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। पदपूर्ति हेतु निरंतर प्रयास जारी है, निश्चित समयावधि बतलाना संभव नहीं।
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया
109. ( क्र. 2343 ) श्री संजय पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण की जो प्रक्रिया मई 2015 में की गई उसमें हुई व्यापक पैमाने पर अनियमितताओं के संबंध में प्रश्नकर्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा तथा अध्यापक संगठनों ने शिकायत की थी? यदि हाँ, तो शिकायतों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या जिला पंचायत कटनी की सामान्य सभा का निर्णय दिनाँक 02.07.2015 शिक्षा समिति के निर्णय दिनाँक 09.07.2015 कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर का पत्र दिनाँक 24.06.2015 एवं 05.08.2015 तथा कलेक्टर कटनी का पत्र दिनाँक 05.08.2015 के द्वारा जाँच के निर्देश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो किस-किस पत्र के परिपालन में कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई तो इस स्वेच्छाचारिता के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या जिला शिक्षा अधिकारी कटनी द्वारा कलेक्टर जिला कटनी के पृ.क्र. 4733 कटनी दिनाँक 05.08.2015 के बिन्दु क्रमांक 02 में दिये गये निर्देश युक्तियुक्तकरण के तहत की गई पदस्थापनाओं को स्थगित रखा जावे का पालन किया गया? यदि हाँ, तो संपूर्ण पत्राचार का विवरण उपलब्ध करावें? (ड.) यदि प्रश्नांश (घ) नहीं है तो वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना के दोषी संबंधित प्रश्नाधीन विभाग के जिला अधिकारी कटनी एवं जाँच अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) संयुक्त कलेक्टर कटनी को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। जाँच के संबंध में पत्र दिनाँक 05.08.2015 के बिन्दु-2 के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी कटनी द्वारा पृथक से निर्देश जारी करने का कोई औचित्य नहीं होने के कारण कोई निर्देश जारी नहीं किये गये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच पूर्ण होने पर निष्कर्ष उपरान्त आगामी कार्यवाही संभव है।
योजना की जानकारी
110. ( क्र. 2344 ) श्री संजय पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी उपयोजना एवं माड़ा परियोजना कुण्डम के द्वारा विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत 2011-12 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये गये विभागवार, कार्यवार, वर्षवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) कार्य यदि कराये गये तो आदिवासी हितग्राहियों के खाते में कितनी राशि जमा कर हितग्राहियों को डीजल पम्प, विद्युत पम्प दिये गये तथा अन्य सामग्रियां प्रदाय की गई? प्रदाय सामग्री का किस-किस अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हितग्राहियों को सामग्री नहीं मिली है तो उनके खातों से राशि निकलवाने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं बतायें? क्या आदिम जाति विभाग को दी गई राशि के कार्यों का सत्यापन किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में आदिम जाति विभाग द्वारा सत्यापन नहीं किया गया तो उपयोगिता प्रमाण पत्र किस नियम के तहत मान्य करते हुए राशि का समायोजन किया गया बतायें? (ड.) नियम विरूद्ध गलत राशि का समायोजन कराने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है क्या अलग से टीम गठित कर उक्त वर्षों के कराये गये कार्यों का सत्यापन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2014-15 में कार्ययोजना स्वीकृत ही नहीं की गई। वर्ष 2013-14 के कार्य का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सामग्री का सत्यापन संबंधित ग्राम पंचायत सचिव द्वारा किया गया है। आदिवासी हितग्राहियों के खाते में रू. 3.60 लाख की राशि जमा कर हितग्राहियों को विद्युत पम्प प्रदाय किये गये हैं। (ग) सत्यापन संबंधित ग्राम पंचायत सचिव द्वारा किया गया है। हितग्राहियों द्वारा स्वयं भुगतान किये जाने के निर्देश के कारण राशि हितग्राहियों के बैंक खाते में जमा की गई। (घ) जी हाँ। उपयोगिता प्रमाणपत्र अप्राप्त होने से समायोजन नहीं किया गया। (ड.) अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
100 सीटर डी-मैट्रिक बालक छात्रावास की स्वीकृति
111. ( क्र. 2355 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा के टप्पा सुठालिया की वर्तमान जनसंख्या लगभग 75 हजार होकर 70-75 ग्राम सम्मिलित हैं? उक्त ग्रामों में 60 प्रतिशत से अधिक आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की निवास करती है? क्या यह पिछड़ा वर्ग की बड़ी आबादी वाले क्षेत्र सुठालिया में पिछड़ा वर्ग का प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास नहीं होने से गरीब वर्ग के छात्रों को बेहद असुविधा होकर शासन की महत्वपूर्ण आवासीय छात्रावास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन सुठालिया क्षेत्रांतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत नगर सुठालिया में 100 सीटर प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में विभाग की केवल जिला स्तर पर ही बालक तथा कन्या छात्रावास संचालित करने की योजना है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला उन्नयन एवं भवन निर्माण
112. ( क्र. 2356 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय विद्यालयों के उन्नयन संबंधी वर्तमान में क्या नियम है? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत कहाँ-कहाँ शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं तथा उक्त तीनों श्रेणी के संचालित स्कूलों में से ऐसे कितने स्कूल हैं जो कि नियमानुसार उन्नयन की पात्रता रखते हैं? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें? (ग) उपरोक्तानुसार पात्रता रखने वाले स्कूलों के उन्नयन के संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा ऐसे विद्यालयों का उन्नयन कब तक किया जावेगा? (घ) उपरोक्तानुासार प्रश्नांश (ख) में वर्णित तीनों श्रेणी के विद्यालयों में से कितने विद्यालय हैं जिनका उन्नयन तो किया जा चुका है, लेकिन उन्नयन अनुसार भवन की स्वीकृतियां प्रदान नहीं की गई? क्या शासन ऐसे उन्नत विद्यालयों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृतियां प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में संचालित शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। पड़ोस की सीमा के प्रावधान अन्तर्गत कोई भी प्राथमिक विद्यालय माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन की पात्रता नहीं रखता है। हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। (ग) सीमित बजट प्रावधान के अनुरूप सीमित संख्या में शालाओं के उन्नयन की प्रक्रिया प्रचलन में है। उत्तरांश ‘ख’ अनुसार पात्रता रखने वाले शालाओं के उन्नयन की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष ड्रग इन्सपेक्टरों की भर्ती
113. ( क्र. 2371 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष ड्रग कंट्रोलर कार्यालय भोपाल में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी के नियमानुसार (एक्ट के अनुसार) कितने ड्रग इन्सपेक्टर बनाये जाने का प्रावधान है और वर्तमान में कितने कार्यरत हैं? कृपया नाम व पद सहित बताने का कष्ट करें? (ख) क्या होम्योपैथिक के ड्रग इंसपेक्टरों का उक्त एक्ट में प्रावधान है या नहीं? यदि है, तो कितने का है? (ग) क्या विभाग द्वारा तथाकथित होम्योपैथिक ड्रग इन्सपेक्टरों को संचालनालय से बाहर किया गया था इसके बाद भी उक्त दोनों होम्योपैथिक ड्रग इन्सपेक्टर शासन नियमों के विरूद्ध कार्यरत रहे हैं, उन दोनों ड्रग इन्सपेक्टरों का नाम बतायें? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या उनमें से कोई कनिष्ठतम चिकित्सक पुन: ओ.एस.डी. बनाकर संचालनालय में पदस्थ किया गया उसके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि होगी तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। एक्ट में ड्रग इन्स्पेक्टर की संख्या निर्धारित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। संख्या निर्धारित नहीं है। (ग) जी हाँ। संचालनालय से अन्यत्र पदस्थ किया गया किन्तु ड्रग एक्ट के प्रावधान के तहत ड्रग इन्स्पेक्टर अधिसूचित होने के कारण नियमानुसार कार्य करते रहे। डॉ. सुशील कुमार तिवारी एवं डॉ. जे.के. गुप्ता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) डॉ. जे.के. गुप्ता वर्ष 2010 में पदोन्नत होम्यो. चिकि.अधिकारी को पुन: ओ.एस.डी. के पद पर संचालनालय में पदस्थ किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों का उन्नयन
114. ( क्र. 2374 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम झिरिया, कटकी, दादर, चचाई, मनकहरी में माध्यमिक शाला है एवं मझियार में प्राथमिक शाला है तथा यहां के छात्राओं एवं छात्रों को आगे की शिक्षा के लिये गांव से बाहर जाना पड़ता है? (ख) क्या उपरोक्त ग्रामों में बालिकाओं की शिक्षा सिर्फ इसलिये रोक दी जाती है कि आगे की शिक्षा के लिये उन्हें अपने गाँव से दूर अन्यत्र जाना पड़ता है? (ग) क्या बालिकाओं के शिक्षा अनुपात को बढ़ाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त ग्रामों में विद्यालयों का उन्नयन कब तक होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, ग्राम-झिरीया, कटकी, दादर, चचाई, मनकहरी में माध्यमिक शाला एवं मझियार में प्राथमिक शाला संचालित है। माध्यमिक शाला झिरिया से हाईस्कूल चैरा की दूरी 3 कि.मी., कटकी से उ.मा.वि. मझिगवां 4 कि.मी., दादर से उमावि रहट 3 कि.मी., माध्यमिक शाला मनकहरी से अन्जान उ.मा.वि. गंगहरा की दूरी 3 कि.मी. एवं प्राथमिक शाला मझियार से माध्यमिक शाला बडी हर्रई 2 कि.मी. की दूरी पर संचालित है। मात्र माध्यमिक शाला चचाई निर्धारित मापदण्ड अनुसार उन्नयन हेतु पात्र है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश ‘क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियमों को अनदेखा कर सदस्य बनाया जाना
115. ( क्र. 2379 ) श्री आरिफ अकील : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अधीन मुतावल्ली कमेटी औकाफ-ए-आम्मा का गठन भोपाल संभाग की कुछ वक्फ सम्पत्तियों की व्यवस्था के मद्देनजर बोर्ड के संकल्प जुलाई 1961 और मार्च 1969 के तहत किया गया था? (ख) क्या मुतावल्ली कमेटी वक्फ अधिनियत 1995 की धारा 36 के तहत पंजीकृत होकर धारा 37 के अंतर्गत वक्फ पंजी में रजिस्टर्ड होकर शासन के राजपत्र में प्रकाशित होकर क्या वक्फ की श्रेणी में आती है? (ग) क्या वक्फ एक्ट की धारा 14 के अंतर्गत वक्फ बोर्ड का एक सदस्य जिसकी वार्षिक आय एक लाख से अधिक है बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किये जाने का प्रावधान है? (घ) गठित मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में मुतावल्ली श्रेणी से नियुक्त किस प्रावधान एवं किस प्रस्ताव के आधार पर शासन द्वारा उन्हें बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है? वक्फ नियुक्ति वैधानिक है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। वक्फ बोर्ड के संकल्प दिनाँक 23 जुलाई 1961 के द्वारा मुतावल्ली कमेटी औकाफ आम्मा भोपाल का गठन किया गया था। (ख) म.प्र. वक्फ ट्रिब्यूनल में औकाफ-ए-आम्मा के गठन एवं मुतावल्ली एवं सदस्यों की नियुक्ति एवं अधिनियम के प्रावधानों को लेकर रिट याचिका क्र. 155/2015 प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। (घ) म.प्र. वक्फ ट्रिब्यूनल में औकाफ-ए-आम्मा के गठन एवं मुतावल्ली एवं सदस्यों की नियुक्ति एवं अधिनियम के प्रावधानों को लेकर रिट याचिका क्र. 155/2015 प्रचलन में है।
छिंदवाड़ा जिले में असफल नसबंदी के हितग्राहियों को आर्थिक सहायता
116. ( क्र. 2387 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में नसबंदी के असफल हो जाने पर हितग्राहियों को क्या कोई क्षतिपूर्ति अथवा आर्थिक सहायता भुगतान किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किन आदेशों-निर्देशों में कितनी राशि भुगतान करने के क्या प्रावधान हैं? प्रक्रिया की जानकारी देते हुए आदेश निर्देश की प्रति भी संलग्न करें? (ख) वर्ष 2010 से छिंदवाड़ा जिले में नसबंदी के असफल होने के कितने प्रकरण प्रकाश में आये हैं? विकासखण्डवार असफल नसबंदी हितग्राहियों के नाम पता सहित जानकारी दें? (ग) क्या प्रकाश में आये असफल नसबंदी के हितग्राहियों के क्षतिपूर्ति राशि अथवा आर्थिक सहायता प्रदान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या बजट की कमी है अथवा किसी स्तर से लापरवाही की जा रही है? कारण स्पष्ट करें? (घ) कब तक असफल नसबंदी वाले हितग्राहियों को राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, भारत सरकार के द्वारा जारी क्षतिपूर्ति योजना के विस्तृत दिशा-निर्देशों में भुगतान का उल्लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ अनुसार। जिस हितग्राही का ऑपरेशन असफल होता है वह दावा का क्लेम फार्म भरकर संबंधित बीएमओ को प्रस्तुत करता है। तत्पश्चात बीएमओ द्वारा जिला क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी में भेजा जाता है। जिला क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी द्वारा जिला स्तर पर परीक्षण उपरांत निराकरण हेतु राज्य क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी को भेजा जाता है। राज्य स्तर पर कमेटी द्वारा परीक्षण उपरांत दावा प्रकरणों का गुणदोष के आधार पर निराकरण किया जाता है। (ख) वर्ष 2010 से छिंदवाड़ा जिले के नसबंदी असफल होने के प्रकरणों की संख्या 402 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार। (ग) प्रकाश में आये असफल नसबंदी के समस्त पात्र हितग्राहियों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पात्र हितग्राही को भुगतान कर दिया गया है अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध कर्मचारियों का संलग्नीकरण
117. ( क्र. 2388 ) पं. रमेश दुबे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के कार्यालय में कौन-कौन से कर्मचारियों को कब से किस स्थान व कार्यालय से किन आदेश-निर्देश के तहत संलग्न किया गया है? क्या यह संलग्नीकरण नियमानुकूल है? (ख) क्या श्री सुरेन्द्र साहू नाम कर्मचारी को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय छिन्दवाड़ा में संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो इनकी मूल पदस्थापना कहाँ की है? इन्हें कब से किन नियमों के तहत अथवा आदेशों-निर्देशों के तहत संलग्न किया गया है? आदेश निर्देश व नियम की प्रति दें? (ग) क्या श्री सुरेन्द्र साहू के विरूद्ध जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध कटाक्ष करने, आशोभनीय कथन करने, के संबंध में जनप्रतिनिधियों के द्वारा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा को शिकायत की गयी है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त कर्मचारी के विरूद्ध क्षेत्र भ्रमण के दौरान जनप्रतिनिधियों से शिकायत प्राप्त होने पर उन्हें मूल पदस्थापना स्थान के लिए भारमुक्त करने तथा आय से अधिक सम्पत्ति की जाँच कर कार्यवाही करने हेतु सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा को पत्र प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो क्या इस पत्र पर कार्यवाही की गयी? नहीं की गयी तो क्यों? अनैतिक तौर पर उक्त कर्मचारी को संरक्षण प्रदान करने के क्या कारण है? क्या शासन उक्त कर्मचारी को मूल पदस्थापना स्थान के लिए भारमुक्त कर आय से अधिक अर्जित सम्पत्ति की जाँच करने तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश देगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय छिन्दवाड़ा में किसी भी कर्मचारी को संलग्न नहीं किया गया है। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ (घ) जी हाँ। पत्र प्राप्त होने के उपरांत श्री सुरेन्द्र साहू को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा के पत्र दिनाँक 28/02/2015 से कारण बताओ सूचना पत्र दिया जाकर स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया, जिसके पालन में उनके द्वारा भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं किये जाने की क्षमा याचना की गई है। साथ ही श्री साहू को निमार्ण कार्य की शाखा से पृथक कर दिया गया है। उक्त कार्यवाही की सूचना सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा के पत्र क्रमांक 5400 दिनाँक 02/11/2015 से माननीय विधायक को दी गई है। आय से अधिक सम्पत्ति की जाँच की कार्यवाही जिला स्तर पर नहीं की गई है।
चिकित्सकों की पूर्ति
118. ( क्र. 2402 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 24 जुलाई, 2015 की प्रश्नोत्तरी के तारांकित प्रश्न संख्या 09 (क्रमांक 109) के प्रश्नांश (क) का परिशिष्ट ‘अ’ के क्रमांक एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रिमार्क पर दर्शित दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक पद की पूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? क्या शासन इस पर गंभीरता से संज्ञान लेगा? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों कारण दें? (ख) उक्त चिकित्सालय में एक भी मेडीसिन विशेषज्ञ, शल्य विशेषज्ञ एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण विशेषकर महिलाओं के प्रसव आदि गंभीर बीमारियों से पीडि़त लोगों की उपचार के अभाव में मौत हो जाती है तो शासन एवं प्रशासन उक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित परिशिष्ट के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने-कितने पत्र कब-कब प्राप्त हुए और उन पर प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण प्रदेश की संस्थाओं में शत्-प्रतिशत पदपूर्ति संभव नहीं की जा सकी है। विभाग पदपूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है। विशेषज्ञ के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। जी हाँ। चिकित्सकों की पदपूर्ति के प्रयास अंतर्गत ही म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के 1896 रिक्त पदों हेतु चयन की प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की जावेगी। साथ ही पैरामेडिकल संवर्ग (लेब टेक्नीशियन/फार्मासिस्ट/रेडियोग्राफर/नेत्र सहायक) के 900 पदों हेतु व्यापमं द्वारा परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसकी चयन सूची प्राप्त हो गई है, पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार विशेषज्ञों की कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कसरावद चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत है एवं 03 चिकित्सक पदस्थ हैं, जिसमें 01 महिला चिकित्सक डॉ. अमिता पाण्डे भी पदस्थ है। कसरावद में पदपूर्ति हेतु वर्ष 2015 में लोक सेवा आयोग के माध्यम से एक चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना की गई है जो अगस्त 2015 से कार्यरत है। साथ ही वर्ष 2015 में बंधपत्र के अनुक्रम में एक चिकित्सक की भी पदस्थापना की गई है जो मई 2015 से कार्यरत है। उक्त समस्त चिकित्सकों द्वारा आमजन को आवश्यक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। रिक्त पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ग) पदपूर्ति की कार्यवाही उत्तरांश (क) अनुसार निरंतर जारी है। माननीय विधायक महोदय श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव का अर्द्धशासकीय पत्र क्र.241 दिनाँक 06.04.2015 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खरगोन के पत्र दिनाँक 06.07.2015 के माध्यम से संचालनालय में प्राप्त हुआ है, परन्तु विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में संसाधनों की कमी
119. ( क्र. 2403 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बोरावां में संचालित उप स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों, विशेष कर महिलाओं के लिए अतिआवश्यक 12 बिस्तरों की व्यवस्था, अन्य संसाधनों एवं लैब आदि की व्यवस्था के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित संबोधित पत्र माननीय मंत्रीजी एवं कमिश्नर, स्वास्थ्य पर प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त सुविधाओं के अभाव में कई मरीजों एवं महिलाओं की मृत्यु हो जाती है तो क्या विभाग इस संवेदनशील प्रकरण पर अविलंब कार्यवाही कर उक्त सुविधाओं को मुहैया करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो विलंब के क्या कारण हैं? (ग) क्या मरीजों एवं विशेषकर महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सुविधा मुहैया कराने में प्राथमिकता दी जाना चाहिए? यदि हाँ, तो उल्लेख करें साथ ही उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपरोक्त सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्रीजी एवं आयुक्त स्वास्थ्य को संबंधित पत्र पर दिनाँक 09.10.2014 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खरगौन से उप स्वास्थ्य केन्द्र बोरावा को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई है। प्रकरण का परीक्षण किया गया। उप स्वास्थ्य केन्द्र बोरावा जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डानुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की पात्रता नहीं आती है। उप स्वास्थ्य केन्द्र बोरावा का नवीन भवन निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। इसके लिये दिनाँक 19.11.2015 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वर्तमान संस्था से महिलाओं को आवश्यक सेवाऐं प्रदाय की जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की सेवाओं हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गृह जिले में पदस्थापना
120. ( क्र. 2409 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ अधिकारियों, शिक्षकों के गृह जिले में पदस्थ रहने के संबंध में एवं तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थ रहने के संबंध में विभाग एवं शासन के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) उज्जैन जिले में कितने कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक गृह जिले में पदस्थ हैं तथा कितने तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं? तहसीलवार जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या कतिपय अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक वरिष्ठ अधिकारियों से मिलीभगत कर शासन एवं विभाग के नियमों के विपरीत कई वर्षों से एक ही स्थान पर एवं गृह जिले में पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? उन दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की कंडिका 8.7 जिले में प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों को एक ही स्थान पर तीन वर्ष पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानांतरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित ही नहीं होता है।
जीर्ण-शीर्ण घोषित विद्यालय
121. ( क्र. 2410 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में कितने स्कूल भवनों को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया है? तहसीलवार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार कितने जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवनों में वर्तमान में कक्षाएं संचालित की जा रही है? तहसीलवार, ग्रामवार, स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवनों में कक्षाएं संचालित करने से पढ़ रहे बच्चों की जान का खतरा होकर कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना घटित हो सकती है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में 06 प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया है। तहसीलवार, ग्रामवार जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
तहसील |
ग्राम |
डाइस कोड |
विद्यालय का नाम |
1 |
महिदपुर |
पलवा |
23210611801 |
प्राथमिक विद्यालय पलवा |
2 |
उज्जैन |
उज्जैन |
23210703601 |
प्राथमिक विद्यालय नीलगंगा |
3 |
उज्जैन |
उज्जैन |
23210704002 |
प्राथमिक विद्यालय माधवपुरा |
4 |
उज्जैन |
निनौरा |
23210104501 |
प्राथमिक विद्यालय निनौरा |
5 |
उज्जैन |
मुजाखेड़ी |
2321011005 |
प्राथमिक विद्यालय मुंजाखेड़ी |
6 |
उज्जैन |
उज्जैन |
23210702902 |
माध्यमिक विद्यालय दौलतगंज क्र. 3 |
उज्जैन जिले में किसी भी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय/हाईस्कूल को जीर्ण-शीर्ण घोषित नहीं किया गया है। । (ख) प्रश्नांश ’’क’’ में वर्णित किसी भी जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवन में कक्षाएं संचालित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
घोषणा के बाद भी स्कूल न खोला जाना
122. ( क्र. 2435 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर में मुख्यमंत्री द्वारा कन्याओं के लिये एक और हाई स्कूल खोले जाने की घोषणा विगत 5 वर्षों के अन्तराल में की गई थी? अगर हाँ तो कब? (ख) मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा किये जाने के बाद भी अब तक कन्या हाई स्कूल न खोले जाने का कारण क्या है? (ग) क्या मुख्यमंत्री द्वारा घोषित छतरपुर में कन्या हाई स्कूल स्थापना की घोषणा विभाग पूरी करेगा? अगर हाँ तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2007 एवं 2010 में जिनका उन्नयन आदेश जारी किया जा चुका है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश क के पकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों की अनदेखी
123. ( क्र. 2436 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में आदिम जाति बस्ती क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत विकास कार्यों को करने हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विभाग को कितना बजट प्राप्त हुआ वर्षवार बतायें? उक्त राशि को किस-किस कार्य में कहाँ-कहाँ खर्च की गई स्थानवार, दिनाँकवार व्यय राशि बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्यों का मूल्यांकन किसके द्वारा किया गया? कार्य का नाम, मूल्यांकन करने वाले अधिकारी सहित बतायें? (ग) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में स्वीकृत राशि के कितने कार्य पूर्ण हो गये स्थानवार बतायें और कौन-कौन से अधूरे हैं कारण सहित बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में क्रमश: राशि रूपये 21.20 लाख तथा रूपये 15.96 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनपद पंचायतों में पदस्थ उपयंत्री तथा कार्यों का भौतिक सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री एवं संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखानुसार है।
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर में स्वीकृत पदों के अनुरूप अध्यापकों
124. ( क्र. 2467 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर में स्वीकृत पदों के अनुसार प्रोफेसर, रीडर, असिटेंट प्रोफेसर व अन्य के पद काफी समय से रिक्त पड़े हैं? क्या कारण है, उनकी संख्या विषय रिक्तता के समय सहित नवंबर 2015 तक की जानकारी दी जावे? (ख) क्या 2012 से 2015 नवंबर तक अनेक प्राध्यापकों अध्यापकों द्वारा स्तीफे देकर महाविद्यालय छोड़ा जा चुका है? स्तीफों के क्या कारण रहे? किस-किस प्राध्यापकों द्वारा कब इस्तीफे दिये, नाम, विभाग समय सहित जानकारी दी जावें? (ग) क्या एम.सी.आई. द्वारा महाविद्यालय में मापदण्डों के अनुसार अध्यापक नहीं होने से कई बार मान्यता रद्द करने हेतु नोटिस जारी किये? शासन द्वारा इन रिक्तियों को भरने के क्या प्रयास किये तथा रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा? (घ) क्या अध्यापकों के अभाव में चिकित्सा छात्रों का अध्यापन कार्य ठीक से संचालित नहीं हो पा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभिन्न संवर्ग के रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कुछ चिकित्सकों के सेवानिवृत्त होने एवं विभागीय पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में होने से पद रिक्त है। सहायक प्राध्यापक के पदों को वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से भरा जा रहा है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2012 से 2015 तक गजराराजा चिकित्सालय ग्वालियर में जिन चिकित्सकों द्वारा अपनी निजी एवं पारिवारिक कारणों से त्याग पत्र दिया गया है। उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एम.सी.आई. द्वारा भारत शासन को दिनाँक 10/04/2014 को पत्र जारी किया गया है, प्राध्यापकों एवं सह प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति विभागीय पदोन्नति द्वारा तथा सहायक प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति साक्षात्कार आयोजित कर, रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर प्रक्रियाधीन है। यह निरंतर प्रक्रिया है। अतएवं रिक्त पदों की पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) गजराराजा चिकित्सालय ग्वालियर द्वारा वैकल्पिक एवं अन्य चिकित्सा शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य पूर्ण कराया जाता हैं।
अनुसूचित जाति फर्जीवाड़ा प्रकरण में की गई कार्यवाही
125. ( क्र. 2476 ) श्री अजय सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा चुनाव 2008 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित क्षेत्र क्र. 29 गुना से निर्वाचित पूर्व विधायक श्री राजेन्द्र सिंह सलूजा के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र की राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र की छानबीन समिति द्वारा जाँच की गई है? यदि हाँ, तो इस समिति में कौन-कौन सदस्य थे? (ख) क्या छानबीन समिति द्वारा इस प्रकरण में आदेश पारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस तारीख को तथा पारित आदेश में क्या निष्कर्ष पाए गये हैं? (ग) क्या उपरोक्त छानबीन समिति के आदेश के परिपालन में अब तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो इसका क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। छानबीन समिति में प्रमुख सचिव, आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग समिति के अध्यक्ष, आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास, सदस्य सचिव, संचालक, आदिम जाति अनुसंधान संस्थान, भोपाल सदस्य एवं सचिव, मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति आयोग, भोपाल सदस्य थे। (ख) छानबीन समिति द्वारा पारित आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र चुरहट अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य/उप स्वास्थ्य केन्द्र
126. ( क्र. 2480 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधानसभा क्षेत्र में कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं व कितने संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अधिकांश संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/उपस्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करायी जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्रवार एक्स-रे मशीन एवं अन्य स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी उपकरण/ सुविधाएं उपलब्ध है? यदि उपलब्ध नहीं है तो कब तक उपलब्ध कराया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चुरहट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 02 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 52 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत एवं संचालित है। (ख) जी हाँ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन एवं चुरहट में में विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं परंतु चुरहट में 02 चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं तथा रामपुरनैकिन में 01 चिकित्सा अधिकारी पदस्थ है। प्रदेश में विशेषज्ञों/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। प्रदेश में पैरामेडिकल स्टॉफ के 900 पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है परंतु संविदा कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी थी, दिनाँक 30.11.2015 को माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन हटाया गया है, शीघ्र पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। अन्य पदों की पूर्ति की प्रक्रिया निरंतर जारी है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में एक्स-रे मशीन व अन्य स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी उपकरण/सुविधाएं उपलब्ध हैं। उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर एक्स-रे मशीन का प्रावधान नहीं होता है, अन्य स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
डॉक्टर की पदस्थापना के संबंध में
127. ( क्र. 2509 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डेहरी में स्थित उपस्वास्थ्य केन्द्र पर वर्तमान में कितने डॉक्टर एवं कम्पाउंडर पदस्थ है? (ख) क्या उक्त स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत लगभग 14-15 ग्राम आते हैं? (ग) क्या डॉक्टरों के अभाव में नागरिकों के इलाज हेतु कुक्षी बड़वानी जाना पड़ता है जिस कारण मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कब तक डॉक्टरों की पदस्थी कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डेहरी में चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत एवं स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत डॉ. डी.आर. पाटील, चि.अ. कार्यरत हैं, कम्पाउन्डर का पद रिक्त है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, डॉ. डी.आर. पाटील, चि.अ.प्रा. स्वा.के. डेहरी में सेवायें दे रहें हैं, अतः मरीजों को अन्यत्र नहीं जाना पड़ता है। (घ) रिक्त पद की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत् है, चिकित्सा अधिकारियों के 1896 पदों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
जिला शिक्षा अधिकारी गुना द्वारा शिक्षकों के अटैचमेन्ट में भ्रष्टाचार
128. ( क्र. 2516 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी गुना द्वारा जिले में शिक्षकों/अध्यापकों के अटैचमेंट/संलग्नीकरण किये गये हैं? उक्त अटैचमेन्ट/संलग्नीकरण किस नियम अंतर्गत किये गये हैं? (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी गुना द्वारा विद्यालयों में विषय मान से पदस्थ शिक्षक/अध्यापकों को ऐसे विद्यालयों में अटैच किया गया है जहां उक्त विषय के शिक्षक पूर्व से पदस्थ हैं तथा क्या एक शिक्षकीय शालाओं से भी अटैचमेन्ट/संलग्नीकरण किये गये हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ है तो उक्त नियम विरूद्ध किये गये अटैचमेन्ट/संलग्नीकरण के लिए दोषी अधिकारियों पर विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांक ‘क‘ एवं ‘ख‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत चिकित्सकों की नियुक्ति
129. ( क्र. 2523 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है एवं यहां पर कौन-कौन से पद स्वीकृत है एवं उसके विरूद्ध यहां पर कौन-कौन कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से कितने विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है सूची देवें? (ग) क्या पूर्व में प्रश्नकर्ता द्वारा चिकित्सकों के नियुक्ति के संबंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में यह बतलाया गया था कि चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है? चयन होने पर उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही की जावेगी? क्या पद पूर्ति कर दी गई बतलावें? (घ) यदि हाँ, तो क्या चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया क्या पूरी हो चुकी है कितने नवीन चिकित्सक भर्ती किये गये एवं इनमें से कितने ग्रामीण एवं कितने शहरी क्षेत्रों में पदस्थ किये गये? पाटन विधानसभा के चिकित्सकों के रिक्त पदों पर कब तक चिकित्सक पदस्थ कर दिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार । (ग) जी हाँ। जी हाँ। मा.सदस्य को पूर्व में दिए गए आश्वासन अनुसार मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयन उपरांत पदस्थापना हेतु जबलपुर जिले के पाटन एवं मझौली हेतु 05 रिक्तियाँ प्रदर्शित की गई थी किंतु आन लाईन कॉउन्सिलिंग उपरांत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझौली में डॉ. निधी शर्मा द्वारा पदस्थापना का विकल्प दिया गया, इन्हें पदस्थ किया जा चुका है तथा डॉ. श्रीमती नीता पराशर, चि.अ. को स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति उपरांत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझौली में पदस्थ किया गया है। (घ) जी हाँ। उपरोक्त भर्ती प्रक्रिया उपरांत शहरी क्षेत्र की संस्थाओं में 05 तथा 03 चिकित्सकों की पदस्थापना की गई वर्तमान में 03 चिकित्सक पदस्थ होकर कार्यरत हैं एवं एक चिकित्सक उच्च अध्ययन हेतु प्रस्थित हो गए हैं। शेष अनुपस्थित हैं। प्रदेश में चिकित्सकों की कमी के पूर्ति हेतु 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया लोक सेवा आयोग के माध्यम से पुनः प्रचलन में है, पैरामेडिकल संवर्ग के 900 पदों हेतु पदस्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है ।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम
130. ( क्र. 2524 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा का अधिनियम क्या है? अधिनियम की छाया प्रति देवें एवं इस अधिनियम के तहत एक कक्षा में कितने छात्र एवं कितने शिक्षक का अनुपात होना आवश्यक है? (ख) पाटन विधानसभा अंतर्गत कितनी शालायें संचालित हो रही हैं एवं इनमें से कितनी शासकीय एवं कितनी प्रायवेट हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्या सभी शालाएं प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिनियम का पालन नहीं कर रही है? शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन करने हेतु शासन कब तक क्या कदम उठायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) यह एक केन्द्रीय अधिनियम है, जिसके तहत 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई है। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। आर.टी.ई के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में छात्र संख्या के मान से प्रावधानित शिक्षकों के प्रावधान निम्नानुसार है:- 1. शिक्षकों की संख्या:- (अ) पहली कक्षा से पांचवी कक्षा के लिए प्रवेश किय गये बालक - शिक्षक संख्या, साठ तक- दो, इकसठ से नब्बे के मध्य- तीन, इकयानवे और एक सौ बीस के मध्य- चार, एक सौ पचास बालकों से अधिक-पांच, धन एक प्रधान अध्यापक- दो सौ बालकों से अधिक- छात्र - शिक्षक अनुपात (प्रधान अध्यापक को छोड़कर) चालीस से अधिक नहीं होगा। (ब) छठवीं कक्षा में आठवीं कक्षा के लिए - (1) कम से कम प्रति कक्षा एक शिक्षक इस प्रकार होगा कि निम्नलिखित प्रत्येक के लिए कम से कम एक शिक्षक हो - (अ) विज्ञान और गणित (ब) सामाजिक विज्ञान (स) भाषा। (2) प्रत्येक पैंतीस बालकों के लिए कम से कम एक शिक्षक। (3) जहां एक सौ से अधिक बालकों को प्रवेश दिया गया है वहा (अ) एक पूर्णकालिक प्रधान अध्यापक (ब) निम्नलिखित के लिए अंशकालिक शिक्षक- (क) कला शिक्षा (ख) स्वास्थ्य और शरीरिक शिक्षा (ग) कार्य शिक्षा (ख) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रारम्भिक शिक्षा देने वाली कुल 694 शालाएं संचालित है, जिनमें 617 शासकीय तथा 77 अशासकीय है। (ग) विभागीय संसाधनों उपलब्धता के क्रम में यथा संभव अधिनियम के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है तथा वार्षिक कार्य योजना में भारत सरकार से अपेक्षित मानकों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये जाते हैं एवं प्राप्त राशि अनुसार कार्यवाही की जाती है।
घोड़ाडोंगरी क्षेत्र आदिवासी भवन का निर्माण
131. ( क्र. 2530 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के चिचोली खंड (बैतूल) में आदिवासी सामु. भवन कब बना था? भवन की दशा क्या है? (ख) आदिवासी भवन शाहपुर में कौन सा कार्यालय संचालित है? क्या आदिवासी समाज को उक्त भवन से लाभ मिल रहा है? (ग) घोड़ाडोंगरी के आदिवासी भवन को किराये से दिया गया है? समाज के भवन का उपयोग अलग विभाग कर रहा है? (घ) आदिवासी भवनों का समाज को लाभ कब तक मिलेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सामुदायिक भवन का निर्माण वर्ष 2008-09 में हुआ है। वर्तमान में मरम्मत योग्य है। (ख) सामुदायिक भवन शाहपुर के कक्षों में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय संचालित है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में इस भवन में आई.टी.आई संचालित है, जिसका किराया नहीं लिया जा रहा है। (घ) चाहे जाने पर समय-समय पर लाभ उपलब्ध कराया जाता है।
जिला आयुर्वेद चिकित्सालय बैतूल में व्यवस्था
132. ( क्र. 2531 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आयुर्वेद चिकित्सालय बैतूल में चिकित्सक के कितने पद स्वीकृत है तथा कितने चिकित्सक कार्यरत है? (ख) चिकित्सालय में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के कितने पद रिक्त है? (ग) क्या चिकित्सालय में बाउंड्रीवॉल की व्यवस्था नहीं है? यदि हाँ, तो निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव है? (घ) म.प्र. शासन आयुर्वेद चिकित्सा हेतु बैतूल में रिक्त पदों की कब तक पूर्ति करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला आयुर्वेद चिकित्सालय बैतूल में चिकित्सक के 03 पद स्वीकृत हैं तथा तीनों पद भरे हुये है। (ख) चिकित्सालय में तृतीय श्रेणी कर्मचारी में स्टाफ नर्स के 02 पद रिक्त हैं। (ग) जी हाँ। बाउंड्रीवॉल बनाया जाना संभव नहीं है। (घ) जिला आयुर्वेद चिकित्सालय बैतूल में चिकित्सक के सभी पद भरे है।
म.प्र. में छात्रवृत्ति की जानकारी
133. ( क्र. 2542 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में किन-किन विद्यालयों/महाविद्यालयों में कब से कितनी-कितनी राशि का विद्यालय एवं महाविद्यालयवार जानकारी देवें? (ख) छात्रवृत्ति घोटाला की जाँच किन-किन वर्षों में किया गया है? तथा जाँच में दोषियों के प्रति क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रदेश के ऐसे कितने माध्यमिक शाला/हाईस्कूल/हा.से./महाविद्यलायों में पिछले 03 वर्षों से प्रश्न दिनाँक तक एस.टी./एस.सी./ ओ.बी.सी. के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान न किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक किया जायेगा? समय-सीमा बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी वर्ग के लिए महाविधालीन छात्रवृत्ति की जाँच सभी जिलों में कराई गई है, प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, लोकायुक्त संगठन एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में विचाराधीन है। 23 जिलों का जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुसूचित जाति विभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) महाविद्यालयीन छात्रवृति की जाँच वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में की गई। वसूली एवं अपराधिक प्रकरण की कार्यवाही की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अनुसूचित जाति विभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों की लंबित छात्रवृति का परीक्षण कर भुगतान कराया जा रहा है। छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया निरंतर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। माध्यमिक शाला/हाईस्कूल/हा.से. संस्थाओं में पिछडा वर्ग छात्रवृत्ति योजना का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। पिछडा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण विभाग द्वारा पिछडा वर्ग पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति का क्रियान्वयन किया जा रहा है। पिछले 03 वर्षों से प्रश्न दिनाँक तक महाविद्यालयों में ओ.बी.सी. के छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति प्रदान न किये जाने संबंधी कोई भी शिकायत निराकरण हेतु लंबित नहीं है। अनुसूचित जाति विभाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन एवं पदों की पूर्ति
134. ( क्र. 2543 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कहाँ-कहाँ किस-किस स्तर के कितनी क्षमता वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्रा.स्वा.केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है? पिछले तीन वर्षों में किन-किन का उन्नयन हुआ है? नाम एवं वहां उपलब्ध सुविधाओं सहित बतायें? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार इन अस्पतालों में किस-किस श्रेणी के चिकित्सा अधिकारी/कर्मचारी के पद है? रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी देवें? और कब से रिक्त हैं? (ग) भवन विहीन एवं बाउण्ड्रीवॉल किन-किन केन्द्रों में नहीं हुआ है? क्या भवन व बाउण्ड्रीवॉल बनाया जाना आवश्यक है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनाँक तक न बनाये जाने का क्या कारण है? निश्चित समयावधि बतावें कि कब तक कार्य प्रारंभ हो जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। पिछले 03 वर्षों में पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र की किसी भी स्वास्थ्य संस्था का उन्नयन नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाएं
135. ( क्र. 2547 ) श्री रजनीश सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण सिवनी जिले के अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं शासन द्वारा संचालित है? (ख) इन योजनाओं से कितने व्यक्तियों को लाभ मिल रहा है? बतावें और यदि नहीं, तो क्यों स्पष्ट करें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की संचालित योजनाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालित योजनाओं से लाभांवित व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वर्ग - 1, 2, 3 के शिक्षकों की भर्ती
136. ( क्र. 2548 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ग 1, 2 व 3 के शिक्षकों की भर्ती जो शासन द्वारा होना है? इन रिक्त शिक्षकों के पद कब तक भरे जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? (ख) वर्ग 1, 2, 3 के शिक्षकों के भर्ती नियम क्या होंगे? (ग) क्या शासन अतिथि शिक्षकों के लिए भी अलग से मापदंड भर्ती हेतु तैयार करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) संविदा शाला शिक्षक के चयन के लिये शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) भर्ती नियम को अभी अंतिम स्वरूप नहीं दिया गया है। (ग) अतिथि शिक्षकों के लिए मापदण्ड पूर्व से शासन आदेश दिनाँक 17.3.2015 के द्वारा निर्धारित है।
जिला श्योपुर में अ.जा./अ.ज.जा/कल्याण की योजनाओं में प्राप्त आवंटन एवं व्यय
137. ( क्र. 2590 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं (अ.जा. एवं अ.ज.जा. बस्ती विकास सहरिया विकास एकीकृत आदिवासी विकास, अनुच्छेद 375 (1), आदिवासी विकास उप योजना, आदि) में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी-कितनी राशि, किस-किस मद में प्राप्त हुई? प्राप्त राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर कितनी-कितनी राशि व्यय की? कितनी राशि किस-किस मद में शेष हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि से कार्यों की स्वीकृति हेतु जिला स्तरीय गठित समितियों की बैठक आयोजित अनुमोदन उपरांत ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन कार्यों हेतु बैठक आयोजित कर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए जाने का अनुमोदन लिया गया है? 2015-16 में कौन-कौन से कार्य बिना बैठकों में अनुमोदन के स्वीकृत कर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 65 क्रमांक 1354 दिनाँक 24.07.15 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संलग्न परिशिष्ट (अ) में जिला श्योपुर वर्ष 2014-15 में सी.सी.डी. प्लान एवं विशेष केन्द्रीय सहायता मद में प्राप्त राशि क्रमश: 859.16 लाख एवं 11.27 लाख तथा 2015-16 में प्राप्त राशि क्रमश: 466.96 लाख एवं 11.27 लाख व्यय न कर समर्पित किए जाने की जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो विशेष पिछड़ी जनजाति के उत्थान के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं की राशि व्यय न कर समर्पित किए जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारण कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? वर्ष 2015-16 वित्तीय वर्ष समाप्ति से पहिले ही राशि समर्पित किये जाने का क्या औचित्य है? क्या यह विशेष पिछड़ी जनजाति के अधिकार का हनन नहीं हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अन्तर्गत श्योपुर जिले को वर्ष 2014-15 में रू. 57.80 लाख की राशि आवंटित की गई थी। जिसमें से राशि रू. 16.57 लाख आहरित हुई। शेष राशि रू. 41.23 समर्पित की गई। आहरित राशि के विरूद्ध कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ। वर्ष 2015-16 में राशि रू. 31.35 लाख आवंटित की गई है जिसके विरूद्ध प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार 929.41 लाख के विरूद्ध संपूर्ण राशि समर्पित हुई है। वर्ष 2015-16 में 548.77 लाख के विरूद्ध 466.96 लाख समर्पित की गई है। केन्द्रीय सहायता राशि 81.81 लाख में से 25.00 लाख व्यय की गई। शेष राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2015-16 में विभिन्न मदों में प्राप्त राशि में से गवर्निंग बॉडी की बैठकों में प्रावधानित राशि अनुसार स्वीकृत किये जा रहे कार्यों के अनुमोदन अनुसार जिले में गठिन विभिन्न उद्वहन सिंचाई समिति एवं फल-फूल साग-भाजी एवं उद्वहन सिंचाई सहकारी समितियों का संलग्न परिशिष्ट के अनुसार जिला सहरिया विकास अभिकरण को प्राप्त आवंटित राशि से 06 समूह को राशि रूपये 25.00 लाख आदिवासी कृषकों के कूपों/जल स्त्रोंतों एवं ट्यूबवेल के ऊर्जीकरण हेतु सहरिया वर्ग के कृषकों के समूहों को सिंचाई कार्य हेतु उपलब्ध कराये गये है। जिसका समूहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। तत्समय, समय-समय पर आचार संहिता प्रभावशील होने एवं कोषालय से अग्रिम आहरण प्रतिबंधित हो जाने से उक्त आवंटन समर्पित किया गया। इस परिप्रेक्ष्य में राशि समर्पित हो जाने के लिये अधिकारी दोषी नहीं है। वर्ष 2015-16 वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रैमास में जिला कार्यालय को प्राप्त कुल राशि रूपये 466.96 लाख समर्पित हुई है। उक्त तथ्यों के प्रकाश में समर्पित हुई है। उक्त तथ्यों के प्रकाश में समर्पित हुई राशि के लिये अधिकारी दोषी नहीं है।
डी-मेट परीक्षा 2015
138. ( क्र. 2591 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति यह बतावे कि दिनाँक 08.10.215 को हुई डी-मेट परीक्षा में मान. उच्च न्यायालय जलबपुर द्वारा पिटीशन क्र. पी/एल 8810/2015 पार सकलेचा एवं अन्य विरूद्ध म.प्र. शासन एवं अन्य में परीक्षा में पारदर्शिता एवं शुद्धता हेतु दिए गए निर्देश दिनाँक 28.07.2015, 26.08.2015, 24.09.2015 तथा 28.09.15 में से किस-किस निर्देश का पालन नहीं किया गया? (ख) क्या मान. उच्च न्यायालय जबलपुर ने प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में यह निर्देश दिया था कि सारे केन्द्रों पर परीक्षा एक साथ प्रारंभ तथा समाप्त हो तथा समय का कन्ट्रोल मेन सर्वर के पास हो, लोकल सर्वर के पास न हो? यदि हाँ, तो बतावें कि 52 में से 32 केन्द्रों पर परीक्षा निर्धारि समय के बाद भी कैसे चालू रही? (ग) डीमेट 2015 परीक्षा में 52 केन्द्र किस प्रकार के मा.उच्च न्यायालय जबलपुर के अनुसार थे? केन्द्र अनुसार जानकारी दें तथा बतावें कि कौन-कौन से केन्द्र निर्देशानुसार नहीं थे? तथा कितने केन्द्रों पर फायरवाल इन्सटाल नहीं की गई थी एवं कितने पर लोकर सर्वर की इन्टरनेट कनेक्टिविटी बंद नहीं थी? (घ) डीमेट परीक्षा 2015 को लेकर प्रवेश एवं फीस विनियामक की रिपोर्ट में इस बिन्दु का उल्लेख है की परीक्षार्थियों को आई.डी आवंटन रेन्डमली किया गया था या नहीं? तथा कितने केन्द्रों पर जैमर नहीं लगे थे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) डीमेट 2015 की ऑनलाईन परीक्षा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय अनुसार दिनाँक 08/10/2015 को आयोजित की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनाँक 28/07/2015, 26/08/2015 तथा 24/09/2015 को दिए गए निर्देशों के तहत ऑनलाईन परीक्षा की मॉनिटरिंग का कार्य ए.एफ.आर.सी. एवं तकनीकी पर्यवेक्षण का कार्य माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मनोनित डाटाबेस ऐडमिनिस्ट्रेटर के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति को सौंपे गए निगरानी के कार्य से संबंधित रिपोर्ट दिनाँक 15/10/2015 को ए.एफ.आर.सी. के अधिवक्ता के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर को उपलब्ध करा दी गई है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निगरानी से संबंधित कार्य हेतु विभिन्न केन्द्रों पर भेजे गए निगरानी पर्यवेक्षकों से प्राप्त जानकारी संकलित कर दिनाँक 15/10/2015 को माननीय उच्च न्यायालय को समिति द्वारा प्रेषित रिपोर्ट के साथ संलग्न की गई। निगरानी पर्यवेक्षकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा कक्षों/कम्प्यूटर लैब में दो के स्थान पर एक ही सी.सी.टी.वी. कैमरा एवं कुछ केन्द्रों पर परीक्षार्थियों के कम्प्यूटर पर फॉयरवाल का न होना बताया गया है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कुछ कम्प्यूटर केन्द्रों को भी परीक्षा बनाए जाने की जानकारी निगरानी पर्यवेक्षकों द्वारा दी गई है। समिति की रिपोर्ट के साथ संलग्न कर भेजी गई निगरानी पर्यवेक्षकों की संकलित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायलय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 8810/2015 में दिनाँक 28/07/2015 को निम्नानुसार निर्देश दिए :- B (5) - As soon as the exam gets over and data is submitted to database on Examination server at each examination centerem immediately the DML (Data manipulation Language) get locked for the database so that the data could not be changed at any situation (Databse access time must be limited upto exam period only, whatever it may be 2 hrs or 3 hrs and after examination is over it must be blocked immediately and no command or deletion, addition, alteration shall be allowed. It is to ensure that the test is taken in a certain amount of time. Some automated testing programs allow this feature) . The auto generated ID is for the internal use only and not be opened to anyone except Examination In-Charge having exclusive password. C (1) IX- The exam should close when the allotted time period for work expires. It is suggested that the exam end should be triggered by Examination server to all of the examinee computers at once and not the local time of Examinee computer/browser script should be used. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मनोनीत परीक्षा ऐजेंसी ए.पी.डी.एम.सी. को उक्त बिंदुओं के अनुसार कार्यवाही करना थी। जिसकी जानकारी प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति को सचिवालय के पत्र क्रमांक/सचि./ओएसडी/2015/2991 दिनाँक 29/11/2015 एवं क्रमांक 3007 दिनाँक 30/11/2015 द्वारा भेजने के निर्देश दिये गये है। (ग) प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निगरानी से संबंधित कार्य हेतु विभिन्न केन्द्रों पर भेजे गए निगरानी पर्यवेक्षकों से प्राप्त जानकारी संकलित कर दिनाँक 15/10/2015 को माननीय उच्च न्यायालय को समिति द्वारा प्रेषित रिपोर्ट के साथ संलग्न की गई है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। निगरानी पर्यवेक्षकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों के कम्प्यूटर पर फॉयरबाल इंस्टाल नहीं था, जबकि परीक्षा केन्द्रों पर स्थापित लोकल सर्वर की इंटर कनेक्टिविटी बंद थी। समिति की रिपोर्ट के साथ संलग्न कर भेजी गई निगरानी पर्यवेक्षकों की संकलित की गई जानकारी उत्तरांश "क" में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में सम्मिलित है। ए.पी.डी.एम.सी. को प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति सचिवालय के पत्र क्रमांक/सचि./ओएसडी/2015/2991 दिनाँक 29/11/2015 एवं पत्र क्रमांक 30/11/2015 द्वारा आवश्यक जानकारी भेजने के निर्देश दिये गये है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 8810/2015 में दिनाँक 28/07/2015 एवं 26/08/2015 को दिये गये निर्देशानुसार है :- B (2) Each examinee should be validated by his/her own credential (ID and password) through the server. (3) Exam Hall must have auto generated encrypted code for paper. This auto generated code (ID) must be distributed randomly. The first candidate who comes in exam room shall have first code, second shall get second code and likewise. (4) The password of each user stored in the database should be in encrypted form. 18. "That jammers will be arranged at the examination Centres during the examination period to ensure that no unfair practice is resorted to be any examinee."प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निगरानी संबंधी कार्य हेतु भेजे गये विभिन्न केन्द्रों पर निगरानी पर्यवेक्षकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार परीक्षा आयोजित की जाने वाली ऐजेंसी एवं ए.पी.डी.एम.सी. द्वारा केन्द्रों पर अभ्यर्थियों को आई.डी. आवंटन रेंडमली आधार पर किया गया था तथा सभी केन्द्रों पर जेमर स्थापित किए गए थे।
हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी में प्रयोगशाला सहायक के रिक्त पद
139. ( क्र. 2598 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विकासखण्ड में दिनाँक 10.06.2015 से 10.07.2015 तक कौन-कौन से हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल में अध्यापक संवर्ग में प्रयोगशाला सहायक के पद रिक्त थे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पद महिलाओं एवं नि:शक्तों के अंर्तजिला अंर्तनिकाय के संविलियन के आवेदन के समय दिनाँक 10.06.2015 से दिनाँक 10.07.2015 तक म.प्र. एज्यूकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित क्यों नहीं हो रहे थे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पद यदि रिक्त थे तो म.प्र. एज्यूकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित न होने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाए उक्त पद पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाने से म.प्र. एज्यूकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो पा रहे थे। (ग) श्री गौरव सोनी, सहायक ग्रेड-3, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शाजापुर को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर द्वारा श्री सोनी की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
140. ( क्र. 2599 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कालापीपल, पोलायकलां एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अवन्तिपुर बडोदिया व तिलावाद में प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी चिकित्सक के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के कितने-कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी में कार्यरत अधिकारियों की सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सी.एस.सी में रिक्त चिकित्सकों के पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है। पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। चिकित्सा अधिकारी की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के 1896 रिक्त पदों की चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की जावेगी।
वरिष्टता संबंधी प्रकरणों की जानकारी
141. ( क्र. 2606 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि संचालनालय आयुष म.प्र. के आदेश क्रमांक 2/स्था/2015/3763-3842 भोपाल दिनाँक 29.6.15 के द्वारा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लंबित प्रकरणों का समाधान अभियान के तहत समय-सीमा में निराकरण किया जाना था? (ख) यदि हाँ, तो प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा क्या तय की गई थी दिनाँक बतावें? (ग) क्या सभी प्रकरणों के निराकरण कर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन मान. मुख्यंत्री महोदय की 8 अगस्त 2015 को सौंपा जाना था? (घ) यदि हाँ, तो बिन्दु (क) में दिए गए आदेश के ग्रुप 2 में वरिष्ठता संबंधी कितने प्रकरण संचालनालय को प्राप्त हुए थे? प्रकरणों की संख्या बतावें? उनमें से कितने प्रकरणों का विभाग द्वारा निराकरण समय-सीमा में कर दिया गया है? तथा कितने प्रकरण लंबित है प्रकरणों का समाधान कब तक कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरणों के निराकरण हेतु 03 अगस्त 2015 से 07 अगस्त 2015 तक लंबित प्रकरणों का कार्यालय प्रमुख द्वारा निराकरण करने के निर्देश थे। (ग) जी हाँ। (घ) वरिष्ठता संबधी चार प्रकरण प्राप्त हुए थे। जिनमें से तीन प्रकरणों का निराकरण किया गया, एक प्रकरण लंबित है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
वेतनमान में विसंगति
142. ( क्र. 2609 ) श्री मधु भगत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 1525 दि. 24/7/15 का उत्तर सत्य और तथ्यों पर आधारित दिया गया था, यदि हाँ, तो तत्समय कर्मचारियों की एकजाई परिलब्धियां किस आधार, प्रतिमाह निर्धारित की गई थी? परिलब्धियां निर्धारण करने वाले पत्रक की प्रति बतायें? (ख) राज्य स्तरीय कार्यकारिणी के समक्ष कर्मचारियों को वेतन निर्धारण संबंधी जो प्रस्ताव पेश किये गये थे, सभी प्रति बतायें तथा उनमें गणना, किस आधार पर की गई थी तथा कौन से नियम, परिपत्र, मापदण्ड के आधार पर, प्रतिमाह कितनी परिलब्धियां होना चाहिए? यह प्रस्ताव में किस आधार पर, प्रस्तावित किया था? गणना पत्रक की प्रति बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर दिया है कि पांचवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है? क्या यह उत्तर सही था? यदि हाँ, तो बतायें कि, फिर परिलब्धियां में बढ़ोत्तरी किस आधार पर की गई? (घ) संविदा पर दी जाने वाली परिलब्धियों निर्धारण करने संबंधी आदेश कब-कब जारी हुए? उनकी प्रति तथा वेतन/परिलब्धियों में हुए अंतर का कारण बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1525 दिनाँक 24.07.2015 को दिया गया उत्तर तथ्यों के आधार पर ही दिया गया था। संविदा कर्मचारियों की एकजाई परिलब्धियाँ राज्य कार्यकारिणी की 44वीं बैठक दिनाँक 26.08.2011 में लिये गये निर्णयानुसार प्रत्येक वर्ष कार्य मूल्यांकन के आधार पर तथा राज्य शासन द्वारा जारी मंहगाई भत्ते के अनुरूप निर्धारित की जाती है। 01.04.2015 से लागू परिलब्धियों का निर्धारण पत्रक, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ'' अनुसार है। (पृ. क्रं. 1 से 3) (ख) उपरोक्त प्रश्नांश ‘‘क'' अनुसार राज्य कार्यकारिणी के अनुमोदन से परिलब्धियां निर्धारित की जा रही है। राज्य कार्यकारिणी में रखा गया प्रस्ताव, निर्णय की प्रति तथा तत्समय गणना पत्रक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब'' अनुसार है। (पृ. क्रं.1 से 5) (ग) पूर्व प्रश्न क्रमांक 1525 दिनाँक 24.07.2015 के अंश ‘‘ख'' में दिया गया उत्तर सही है। कार्यकारिणी के निर्णयानुसार वेतनमान का आधार लिया जाकर परिलब्धियां कर्मचारियों की ग्रेड अनुसार एकजाई निर्धारित की गई है। परिलब्धियों में बढ़ोत्तरी राज्य कार्यकारिणी के निर्णयानुसार प्रश्नांश ‘‘क'' में दिया गया उत्तर अनुसार है। (घ) राज्य कार्यकारिणी के निर्णय के फलस्वरूप समय समय पर संविदा कर्मचारियों की संशोधित परिलब्धियों के जारी आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (पृ. क्रं.1 से 7) परिलब्धियाँ निर्धारण के संबंध में स्थिति प्रश्नांश ‘‘ग'' अनुसार है।
जतारा सी.एच.सी. भवन का निर्माण
143. ( क्र. 2618 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2009 से प्रश्न दिनाँक तक छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिलों में कहाँ-कहाँ स्वास्थ्य भवनों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की थी? कहाँ-कहाँ भवनों का निर्माण हुआ? कहाँ-कहाँ शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर ऐसे भवनों का निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ करायेंगे और जिन भवनों की राशि लंबित है? ऐसे ठेकेदारों का भुगतान कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के आधार पर टीकमगढ़ जिले के जतारा सी.एच. (सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र) के भवन निर्माण हेतु कहाँ जमीन कब आवंटित की गई थी? भवन निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर जतारा भवन निर्माण का कार्य कब प्रारंभ होगा और नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में अंकित अप्रारंभ कार्य भूमि उपलब्ध न होने के कारण प्रारंभ नहीं हो सके हैं। कोई ठेकेदारों का भुगतान लंबित नहीं है। (ग) टीकमगढ़ जिले के जतारा सी.एच.सी (सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र) भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित नहीं हुई है। भवन निर्माण हेतु रुपये 141.81 लाख की राशि स्वीकृत थी। (घ) प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एससी/एसटी/ओबीसी छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
144. ( क्र. 2630 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् कक्षा 1 से 12 तक के एससी/एसटी/ओबीसी, छात्र/छात्राओं को कितने प्रकार की छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है क्या उपरोक्तानुसार भुगतान की जाने वाली छात्रवृत्ति विगत 3 वर्षों से ऑनलार्इन भुगतान की जा रही है? आनलाईन भुगतान की संपूर्ण प्रक्रिया बताते हुए छात्रवृत्ति के नाम जातिवार भुगतान की जाने वाल राशि बताएँ? (ख) क्या विभाग द्वारा वर्तमान में सन् 2013-14 एवं 2014-15 के तहत शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अध्यनरत समस्त एससी/एसटी/ओबीसी, छात्र/छात्राओं की मेपिंग, रजिस्ट्रेशन लॉकिंग उपरांत छात्रवृत्ति भुगतान किये जाने के निर्देष संकुल प्राचार्य को दिये गये हैं? (ग) रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के तहत छात्र की पात्रता/अपात्रता हेतु कौन-कौन से मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? क्या पात्र-अपात्र समस्त छात्रों का सौ फीसदी रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करवायें एवं नहीं तो संकुल प्राचार्य द्वारा सौ फीसदी रजिस्ट्रेशन क्यों किया जा रहा है? (घ) क्या रजिस्ट्रेशन उपरांत देयक में अंकित समस्त पात्र अपात्र छात्रों को अंकित राशि का अनुसार भुगतान कोषालय के माध्यम से किया जाता है? यदि हाँ, तो किस आधार पर एवं नहीं तो कैसे किया जाता है? (ड.) संकुल कार्यालय द्वारा कोषालय में प्रस्तुत देयकों के आंकड़ों में एवं पोर्टल पर उपलब्ध आकंडों में भिन्नता होने का कारण बताईये तथा इंदौर जिले में वर्ष 2014-15 में कुल कितने छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान किया गया है एवं समग्र शिक्षा पोर्टल के अनुसार कितनों को? दिनाँक 25.11.2015 की स्थिति में छात्र संख्या प्रदान करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2013-14 से ऑनलाइन भुगतान की जा रही छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। केवल पात्र छात्रों को ही छात्रवृत्ति का भुगतान ऑनलाइन उनके बैंक खाते में राशि अंतरित कर किया जाता है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल एवं म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड की छात्रवृत्ति की स्वीकृति ऑनलाइन की जाती हैं किन्तु भुगतान संबंधित विभाग द्वारा ही किया जा रहा है, क्योंकि उनकी राशि बजट में प्रावधानित नहीं होती है। (ड.) पोर्टल पर स्वीकृत छात्रवृत्ति में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल एवं म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड की छात्रवृत्ति योजनाओं में स्वीकृति के आंकड़े भी सम्मिलित है। जबकि उक्त योजनाओं का भुगतान संबंधित विभाग द्वारा ही किया जाता है। शेष छात्रवृत्ति योजनाओं के देयक भुगतान हेतु कोषालय में प्रस्तुत किए जाते है एवं कोषालय में प्रस्तुत समस्त देयकों का भुगतान एक साथ नहीं हो पाता है। इसके अतिरिक्त कोषालय द्वारा ऑनलाइन भुगतान कर दिए जाने के बाद कोषालय से व्हाउचर प्राप्त कर उसकी पोर्टल पर प्रविष्टि मेन्यूअल करने में कई बार बहुत समय लग जाता है, जिस कारण वास्तविक भुगतान और पोर्टल पर दिखाए गए भुगतान में अंतर होता है। इंदौर जिले में वर्ष 2014-15 की दिनाँक 25.11.2015 की स्थिति में कुल 217755 पात्र स्वीकृत विद्यार्थियों में से कोषालय द्वारा 159261 विद्यार्थियों को भुगतान किया गया।
R.K.D.F. कॉलेज पर कार्यवाही
145. ( क्र. 2631 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.के.डी.एफ. मेडिकल कालेज तथा मार्डन मेडिकल कालेज में प्रवेश हेतु 2015-16 की अनुमति माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त किये जाने या नहीं दिये जाने से उन कालेजों में प्रवेशित 150-150 विद्यार्थियों को क्या अन्य कालेज में प्रवेश दिया जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन होनहार विद्यार्थियों ने किसी कारण से उक्त दोनों कालेज में प्रवेश लिया अगर ये दोनों कालेज काउन्सलिंग में नहीं आते तो उन्हें अन्य कालेज में आसानी से प्रवेश मिल जाता? क्या दोनों कालेजों पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया जावेगा? (ग) DMAT-2015 से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेशित 471 विद्यार्थियों की सूची शासन को किस दिनाँक को प्राप्त हुई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भगवानपुरा वि.स. के छात्रावासों के संदर्भ में
146. ( क्र. 2670 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा वि.स. क्षेत्र में संचालित छात्रावासों में विद्याथियों की स्वीकृत संख्या, रिक्त संख्या, छात्रावास अधीक्षक के नाम, उनकी पदस्थापना दिनाँक सहित छात्रावासवार देवें? (ख) विगत 3 वर्षों में कितनी राशि किन कार्यों के लिए आवंटित की गई उनका व्यय, कैसे किया गया छात्रावासवार जानकारी देवें? चौकीदार कहाँ पदस्थ है कहाँ नहीं है? (ग) विगत 3 वर्षों में हुए निरीक्षण के जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
जिला खरगोन के रिक्त पदों की पूर्ति
147. ( क्र. 2671 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) C.M.H.O कार्यालय जिला खरगोन द्वारा B.A.M., B.P.M., I.E.C. कंसलटेंट के प्राप्त आवेदनों की संपूर्ण मेरिट सूची देवें? B.C.M. के संबंध में भी बतावें? (ख) वर्तमान में B.P.M. के कितने पद रिक्त हैं? कितने कार्यरत हैं? नाम, स्थान सहित देवें? विधानसभा, क्षेत्रवार, पदस्थापना दिनाँक सहित बतावें? (ग) जिला खरगोन में कार्यरत B.A.M., B.C.M., B.P.M., I.E.C. कंसलटेंट के नाम, पद, स्थान नियुक्त दिनाँक सहित बतावें? (घ) (ग) अनुसार कितने अपने मूल पदस्थापना स्थान पर हैं तथा कितने अस्थाई तौर पर विभागीय आदेश से अन्य स्थान पर कार्यरत हैं? कारण सहित सूची देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार। (ग) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 में उल्लेखित कर्मचारियों में से 03 कर्मचारी अन्य स्थान पर कार्यरत हैं। इनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार।
चिकित्सा अधिकारी पर पंजीबद्ध अपराध
148. ( क्र. 2695 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के आयुष औषधालयों में जो चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं उनमें से कुछ चिकित्सा अधिकारी ऐसे हैं जिनके विरूद्ध गंभीर अपराध पंजीबद्ध हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम, पदस्थापना स्थल, शैक्षणिक योग्यता बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित चिकित्सा अधिकारी के विरूद्ध अधीनस्थ महिला कर्मचारी द्वारा महिला उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की गयी थी? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही विभाग के द्वारा की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? उस अधिकारी का नाम सहित धारा सहित बतायें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित अधिकारी को संगीन अपराध दर्ज होने के बाद भी पदस्थापना स्थल से नहीं हटाया गया? यदि हाँ, तो क्यों एवं इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी एवं हटाया जाएगा तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। डॉ. आर.एस.परिहार, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, शासकीय आयुष औषधालय, पंचशील नगर, भोपाल ए.व्ही. एम.एस.। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा चार सदस्यीय जाँच समिति गठित की गई जिसके द्वारा डॉ. परिहार पर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होना प्रतिवेदित किया गया। फलस्वरूप डॉ. परिहार के विरूद्व आरोप पत्र जारी किये गये। डॉ. परिहार द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद उत्तर संतोषप्रद नहीं होने से जाँचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निष्कर्षों एवं गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। डॉ. आर.एस. परिहार के विरूद्ध इस प्रकरण में अपराध क्रमांक 34/14 धारा 354 क (1) (2) 506, 509 भादवि कायम किया गया है। (ग) संबंधित महिला कर्मचारी ने अपना स्थानांन्तर वर्ष 2012 में जिला विदिशा में करवा लिया था इसलिए डॉ. आर.एस.परिहार को औषधालय पंचशील नगर भोपाल से नहीं हटाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्थानांतरण के संबंध में
149. ( क्र. 2715 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि लोक शिक्षक संचालनालय के पत्र क्रमांक 2291 दिनाँक 09.12.2014, क्रमांक 337 दिनाँक 31.02.2015 एवं क्रमांक 794 दिनाँक 23.05.2015 द्वारा तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ स्थापना लिपिकों के स्थानांतरण के निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सतना में कई लिपिक 10 वर्ष से भी अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे हैं तथा इनके विरूद्ध गंभीर शिकायतें हैं? (ग) क्या यह सही है जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सतना में शिक्षकों के जी.पी.एफ. आहरण में विकासखण्डवार अलग-अलग 8 लिपिकों को लगाया गया है? विकासखंडवार लिपिकों की सूची दें? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) (ग) सही है तो इन लिपिकों को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से कब तक हटा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यलय जिला शिक्षा अधिकारी सतना में 10 वर्ष से अधिक समय से 07 लिपिक पदस्थ है। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक‘‘ अनुसार है। इनके विरूद्ध गम्भीर शिकायत नहीं है। (ग) जी हाँ। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो‘‘ अनुसार है। (घ) तीन वर्ष से अधिक एक स्थान पर पदस्थ लिपिकों का स्थानांतरण अन्यत्र कार्यालय में किये जाने हेतु पत्र क्रमांक/स्था.-4/स्थानांतरण/2015/2015-16, दिनाँक 27.11.2015 द्वारा निर्देशित किया गया है। इसका पालन प्रमाण पत्र जनवरी के प्रथम सप्ताह दिनाँक 2016 तक मांगा गया है।
सी.एम.ओ. कार्यालय नरसिंहपुर द्वारा क्रय की गई सामग्री
150. ( क्र. 2728 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन कार्यालय नरसिंहपुर द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में विभिन्न मदों के अंतर्गत क्या-क्या सामग्री, किस-किस दर पर, किस-किस ऐजेन्सी से क्रय की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन कार्यालय नरसिंहपुर द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में क्रय की गई सामग्री, सामग्री की दर एवं सामग्री किस-किस ऐजेंसी से क्रय की गई के नामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
सी.एम.एच.ओ. नरसिंहपुर द्वारा अनियमितता की जाना
151. ( क्र. 2729 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर सी.एम.एच.ओ. द्वारा शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार करने संबंधी जाँच कलेक्टर नरसिंहपुर ने जिला कोषालय अधिकारी नरसिंहपुर से पूर्ण कराकर संचालनालय को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर, नरसिंहपुर से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन का संचालनालय स्तर पर परीक्षण किये जाने के उपरान्त, प्रकरण में डॉ. प्रदीप धाकड़, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला नरसिंहपुर को दोषी पाते हुये उनके विरूद्ध संचालनालय के पत्र क्रमांक. 2518/ दिनाँक 06.10.2015 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
डी
मेट परीक्षा
में प्राप्त
शिकायतों पर
कार्यवाही
1. ( क्र. 18 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आठ अक्टूबर 2015 को संपन्न डी मेट परीक्षा के बारे में ए.एफ.आर.सी. द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के पैरा 14 के अनुसार 168 शिकायतकर्ताओं की शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्न क्रमांक 41, 55, 42, 57 के अपलोडेड आंसर शीट में सही उत्तर और गलत उत्तर की जानकारी देवें। बतायें कि रिपोर्ट अनुसार यदि सही आंसर शीट से मूल्यांकन हुआ है, तो गलत आंसर शीट कम्प्यूटर पर अपलोड कैसे हुई तथा उसे क्यों बनाया गया था?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. में 108 एम्बुलेंस का क्रय
2. ( क्र. 46 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर व उज्जैन संभाग में 108 एम्बुलेंस कब-कब, किस-किस कंपनी की कितनी-कितनी राशि में किन-किन शर्तों पर क्रय की गई या अनुबंध पर ली गई व प्रत्येक जिले में इसको चलाने की जिम्मेदारी किस-किस को किन-किन शर्तों पर दी गई व किस आधार पर दी गई? (ख) क्या उक्त एम्बुलेंस में स्टॉफ की कोई व्यवस्था की गई तो उक्त पद किस आधार पर भरे गये? (ग) यदि ठेके पर चलाने की जिम्मेदारी दी है तो किस-किस जिले में कब-कब किन शर्तों पर किस-किस कंपनी या व्यक्तियों को दी? (घ) अभी तक 108 एम्बुलेंस के चलने पर प्रत्येक एम्बुलेंस पर अशोकनगर एवं रतलाम जिले में कितने वाहन पर रख-रखाव व ईंधन पर कितना-कितना खर्च हुआ, जिलेवार विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (ख) जी हाँ, उक्त एम्बुलेंस में वाहन चालक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की व्यवस्था की है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त पदों की सेवा प्रदाता संस्था द्वारा विज्ञापन निकाल कर लिखित परीक्षा कराकर एवं साक्षात्कार लेकर भर्ती की है। (ग) समस्त प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा के संचालन हेतु जी.व्ही.के. ई.एम.आर.आई. संस्था के साथ अनुबंध 25 नवम्बर 2007 को हस्ताक्षरित किया गया। शर्तों की जानकारी हेतु अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार। (घ) अशोकनगर जिले में सेवा प्रारंभ अप्रैल 2013 से अक्टूबर 2015 तक कुल 08 संजीवनी 108-एम्बुलेंस वाहनों में र्इंधन पर रू. 10889318/- तथा रख-रखाव पर रू. 2194452/- की राशि व्यय हुई। रतलाम जिले में सेवा प्रारंभ जून 2013 से अक्टूबर 2015 तक कुल 11 संजीवनी 108-एम्बुलेंस वाहनों में ईंधन पर रू. 6668822/- तथा रख-रखाव पर रू. 1274851/- की राशि व्यय हुई है।
इंसपायर एवार्ड योजना की राशि प्रदाय करने बाबत्
3. ( क्र. 360 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2009-10 में केंद्र प्रवर्तित इंसपायर एवार्ड योजना रीवा जिला में भी लागू की गई है, जिसमें प्रतिभावान छात्रों को चयनित कर एवार्ड की राशि दिये जाने हेतु फीडिंग का कार्य किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या उक्त फीडिंग के कार्य में पात्र अभ्यर्थियों की जगह अपात्रों का नाम गलती से फीड हो गया है, जिसमें उन्हें एवार्ड की राशि नहीं मिल पाई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में पूरे रीवा जिले में क्या शालेय अभिलेखों के आधार पर पात्र अभ्यर्थियों का नाम फीड कराकर एवार्ड की राशि दिलायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संलग्नीकरण की जानकारी
4. ( क्र. 549 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने शिक्षकों को विभिन्न कार्यालयों में संलग्न किया गया है? सभी के नाम, पदस्थापना, पद संलग्नीकरण का स्थान, कार्यालय एवं कार्य का विवरण सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में क्या शासन द्वारा शिक्षकों के संलग्नीकरण का कोई आदेश है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश के संदर्भ में यदि शिक्षकों का संलग्नीकरण किया गया है तो उन्हें कब तक शिक्षण कार्य के लिये भारमुक्त कर दिया जावेगा? यदि नहीं, किया तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिला अंतर्गत 10 शिक्षकों को सलंग्न किया गया है जिनमें से 05 शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी, रीवा द्वारा कार्यमुक्त कर दिया गया है। शेष को कार्यमुक्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संस्कार कार्यक्रम का संचालन
5. ( क्र. 638 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के माध्यम से विगत वर्ष का संस्कार कार्यक्रम संचालित किया गया था? यदि हाँ, तो दमोह जिले में उल्लेखित कार्यक्रम के अंतर्गत शासकीय स्कूल की कक्षा छटवीं से आठवीं तक के छात्र/छात्राओं को कुल कितने पौधे प्रदान किये गये? इस पर कितनी राशि व्यय हुई? (ख) जिले के स्कूल के छात्र/छात्राओं ने प्रोजेक्ट तैयार किये थे, उनमें से कितने छात्र/छात्राओं ने पौधे वापिस कर प्रोजेक्ट जमा किया? (ग) क्या यह भी सत्य है कि शासकीय कार्यक्रम के अनुसार जिन छात्र/छात्राओं ने प्रोजेक्ट तैयार किये एवं पौधे स्कूल वापिस लाये, तो ऐसे छात्रों को मूल्यांकन उपरांत कितने अंक प्रदान किये गये हैं? कितने छात्र/छात्राएं लाभान्वित हुए? यदि नहीं, तो कार्यक्रम को विफल करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। उद्यान विभाग के माध्यम से 71156 पौधे उपलब्ध कराये गये। कुल राशि रूपये 5,31,307/- व्यय हुई। (ख) 52029 छात्र-छात्राओं द्वारा पौधे वापस करते हुए प्रोजेक्ट जमा किए गए। (ग) नियमानुसार 5 से 10 अंक दिए गए। प्रोजेक्ट जमा करने वाले छात्र छात्राओं के अतिरिक्त अध्ययनरत छात्र छात्राओं में वृक्षारोपण एवं पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत हुई, वह भी लाभान्वित हुए। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अल्पसंख्यक वर्ग के निर्धन परिवारों के बच्चों के छात्रवृत्ति
6. ( क्र. 639 ) श्री प्रताप सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अल्पसंख्यक वर्ग के निर्धन परिवारों के कक्षा पहली से दसवी तक अध्ययनरत प्रति परिवार के अधिकतम दो बच्चे को शैक्षणिक उत्थान हेतु आर्थिक सहायता के रूप में छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है? (ख) दमोह जिले में अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक/पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कितनी राशि का भुगतान वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक किया गया है, शालावार एवं छात्रवार बतलावें? (ग) क्या विगत वर्ष अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान करने संबंधी शासनादेश समय पर संबंधित ग्रामीणस्तरीय शालाओं के प्राचार्य एवं हेडमास्टर को प्राप्त नहीं हुए थे? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के लिए राज्यस्तर/जिलास्तर पर कौन दोषी है? ऐसे कितने छात्र/छात्राएं जो उक्त अनियमितता के फलस्वरूप छात्रवृत्ति प्राप्ति से वंचित हुए हैं, उनकी संख्या शालावार बतलावें? यदि नहीं, तो प्राप्त किये गये अथवा आनलाईन जमा हुए आवेदन फार्म की संख्या शालावार बतलावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) दमोह जिले में अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक योजना के अन्तर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक कुल 4079 विद्यार्थियों को राशि रू. 50,60,346/- तथा पोस्टमैट्रिक योजना के अन्तर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक कुल 357 विद्यार्थियों को राशि रू. 16,81,431/- का भुगतान किया गया है। शालावार एवं छात्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। विगत वर्ष अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (कक्षा 10वीं से ऊपर) संबंधी सूचना सर्व संबंधितों को स्थानीय/राज्य स्तरीय समाचार पत्रों तथा जिला कार्यालय के पत्रों द्वारा दी गई थी। वर्ष 2014-15 में अल्पसंख्यक पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत कुल 617 विद्यार्थियों द्वारा आनलाइन आवेदन भरे गये। शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अवकाश लाभ
7. ( क्र. 640 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य के सभी विश्राम अवकाश विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारियों (शिक्षकों) को मध्यप्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 1977 की धारा 27 के तहत अर्जित अवकाश स्वीकृत किये जाते हैं? यदि हाँ, तो दमोह जिले के शिक्षक श्री भगवानदास राय, श्री सुशील कुमार श्रीवास्तव, श्रीमती सुशीला उग्ले एवं श्री रामेश्वर चतुर्वेदी को उक्त नियम के तहत लाभ न दिये जाने का क्या कारण रहा है? क्या उपरोक्त शिक्षकों के प्रकरणों की पुन: समीक्षा कर वंचित लाभ से लाभांवित किया जावेगा, यदि हाँ, तो समय-सीमा बतलावें? (ख) कार्यालय में संधारित सेवापुस्तिका को अद्यतन रखने की जिम्मेदारी कार्यालयीन लिपिक की होती है अथवा संबंधित कर्मचारी की, शासन के नियम क्या है, बतलावें? यदि प्रश्नांश (ग) में दर्शाये कर्मचारियों की सेवापुस्तिका को अद्यतन रखने में संबंधित लिपिक द्वारा अपने कर्तव्यों में कोताही बरती गई है, तो जाँच कराकर दोषी कर्मचारी को दण्डित किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। परिशिष्ट ''एक'' में वर्णित जानकारी के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यालय में संधारित सेवा पुस्तिका को अद्यतन रखने की जिम्मेदारी संबंधित कार्यालय की है। नियम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। संबंधित लिपिक द्वारा कोई कोताही नहीं बरती गई है। अत: दण्डित करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल लोगों के विरूद्ध जाँच
8. ( क्र. 674 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में छात्रवृत्ति घोटाले में जाँच कमेटी का गठन किया गया था? (ख) क्या जाँच में गंभीर अनियमितताओं के प्रकरण पाये गये उसके बाद भी कार्यवाही नहीं की गई? (ग) दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही हुई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से क्रियान्वित समेकित छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत नहीं, अपितु जिला छतरपुर अंतर्गत श्रम विभाग में छात्रवृत्ति वितरण में कथित अनियमिततायें एवं वर्ष 2012-13 में शासकीय म.ल.बा. कन्या उमावि. छतरपुर में वितरित की गई छात्रवृत्ति में गबन संबंधी प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु कलेक्टर छतरपुर द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया था। (ख) कलेक्टर छतरपुर की सूचना पर पुलिस महानिरीक्षक सागर द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लिया जाकर प्रकरण पुलिस की विवेचना में है एवं वर्ष 2012-13 में शासकीय म.ल.बा. कन्या उमावि. छतरपुर में वितरित की गई छात्रवृत्ति गबन की जाँच हेतु गठित समिति द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के क्रम में कार्यवाही जिला स्तर पर प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ’ख’ अनुसार।
पंचायतों द्वारा फर्नीचर का क्रय
9. ( क्र. 690 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत भगवानपुरा की कितनी पंचायतों द्वारा वर्ष 2015 में कुर्सी, अलमारी आदि फर्नीचर क्रय की गई है? पंचायतवार क्रय सामग्री का नाम, दर की सूची देवें? क्या इस फर्नीचरों के खरीदी से पहले निविदा बुलाई गई थी? कितनी दुकानों से सामग्री मूल्य को लेकर तुलना की गई है? (ख) वर्तमान सीईओ जनपद पंचायत भगवानपुरा को जिला पंचायत खरगोन द्वारा कितने कारण बताओं सूचना पत्र दिये गये तथा इन सूचना पत्रों के जवाब की एक प्रति देवें? वर्तमान सीईओ जनपद पंचायत भगवानपुरा पर विभागीय कितनी जांचे तथा न्यायालयीन प्रकरण प्रचलन में है प्रकरणवार जानकारी देवें? वर्तमान सीईओ जनपद पंचायत भगवानपुरा की पूर्व पदस्थापना स्थान पर सीईओ पर किसी प्रकरण में पुलिस कार्यवाही की गई है? (ग) जनपद पंचायत भगवानपुरा सीईओ को ग्राम पीपरीपाला के हिरालाल वगैरा के कुएं की शिकायत के जाँच प्रकरण में प्राप्त जाँच प्रतिवेदन तथा इस प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (घ) जनपद पंचायत भगवानपुरा एवं सेगांव में विगत 3 वर्षों में सीईओ को विभिन्न प्रकरणों में कुल कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए तथा कितने जाँच प्रतिवेदन जिला पंचायत खरगोन की और कब-कब भेजे गये विषयवार दिनाँक सहित बतायें? (ड.) मध्यप्रदेश विधानसभा जुलाई, 2015 सत्र, शुक्रवार दिनाँक 24 जुलाई 2015 के परिवर्तित तरांकित प्रश्न क्रंमाक 495 के बिंदु (घ) की जानकारी में जनपद पंचायत भगवानपुरा द्वारा ग्राम पंचायत खापरजामली, भातुड़, गुलझिरा, लाहोरपानी, देवनल्या की कोई जानकारी नहीं दी गई कारण बताये तथा भगवानपुरा ग्राम पंचायत की जानकारी क्यों अधूरी भेजी गई? क्या सीईओ जनपद पंचायत भगवानपुरा द्वारा इस जानकारी को भेजने से पहले जाँच किया गया यदि नहीं, तो कारण बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। म.प्र. राज्य उपभोक्ता इन्दौर से क्रय किये जाने से निविदा नहीं बुलाई गई। (ख) 03 सूचना पत्र के जवाब की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। वर्तमान सी.ई.ओ. जनपद पंचायत भगवानपुरा पर कोई विभागीय जाँच/न्यायालयीन वर्तमान में प्रकरण प्रचलित नहीं हैं। (ग) दैनिक समाचार पत्र प्रदेश टुडे में दिनाँक 07 मई 2015 को प्रकाशित समाचार में उल्लेखित हीरालाल वगैरा के कुएं की शिकायत के संबंध में जनपद पंचायत भगवानपुरा द्वारा की गई जाँच के दौरान प्रकरण में कोई अनियमितता परिलक्षित नहीं हुई। (घ) जनपद पंचायत भगवानपुरा को विगत तीन वर्षों से सी.ई.ओ. को विभिन्न प्रकरणों में कुल 09 जाँच प्रतिवेदन एवं जनपद पंचायत सेगांव को कुल 17 प्रतिवेदन प्राप्त हुए। जिला पंचायत खरगोन को प्रेषित किये गये कुल 10 प्रतिवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' में प्रेषित है। (ड.) मध्यप्रदेश विधानसभा जुलाई 2015 सत्र शुक्रवार दिनाँक 24 जुलाई 2015 के परिवर्तित तारांकित प्रश्न क्रमांक 495 के बिन्दु (घ) में ग्राम क्षापर जामली, भातुड़, गुलझिंरा, लाहेर पानी, देवनल्या की जानकारी पंचायत सचिवों द्वारा प्रस्तुत नहीं किये जाने से अपूर्ण दी गई। हाँ सी.ई.ओ. जनपद पंचायत भगवानपुरा द्वारा इस जानकारी भेजने से पहले जाँच की गई थी।
आई.ई.सी. कंसलटेंट की नियुक्ति संदेहास्पद
10. ( क्र. 700 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम.एच.ओ. कार्यालय जिला खरगोन में आई.ई.सी. कंसलटेंट की नियुक्ति हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं इंदौर संभाग द्वारा प्राप्त पत्रों की एक प्रति देवे। आई.ई.सी. कंसलटेंट की नियुक्ति की निविदा कब, किस समाचार पत्र में किस माध्यम से प्रकाशित कराई गई जानकारी देवें? (ख) बिंदु (क) के पदों के लिए चयन प्रक्रिया की जानकारी देवें। उक्त पद हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए। कितने लोगों को चयनित किया गया? (ग) बिंदु (ख) में उल्लेखित पद हेतु धीरज गुप्ता का चयन किया गया है। क्या धीरज गुप्ता पूर्व से ही एन.आर.एच.एम. में किसी पद पर कार्यरत थे। क्या इनके चयन में पूर्ण पारदर्शिता रखी गई है। इस संबंध में कोई शिकायत आई है। शिकायत का निवारण कैसे किया गया। (घ) जिला स्वास्थ्य समिति में आई.ई.सी. कंसलटेंट की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया किस बैठक में पूर्ण कराई गई। इस बैठक के कार्यवृत्त का विवरण देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। निविदा दिनाक 16.03.2012 को दैनिक भास्कर समाचार पत्र में संचालक, जनसंपर्क विभाग म.प्र. भोपाल के माध्यम से प्रकाशित कराई गई। (ख) आई.ई.सी. कंसलटेंट की नियुक्ति हेतु समाचार पत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित कर आवेदन पत्र बुलाये गये, प्राप्त आवेदनों की जाँच की गई तदुपरांत पात्र अभ्यर्थियों का साक्षात्कार किया गया, लिखित परीक्षा, शैक्षणिक योग्यता, अनुभव व साक्षात्कार के अंको के आधार पर चयन किया गया। कुल 92 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। 01 अभ्यर्थी का चयन किया गया। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनाँक 16.02.2013 को कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति, खरगोन के द्वारा मनोनीत चयन समिति द्वारा चयन प्रक्रिया पूर्ण की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
औषधि विभाग द्वारा सेंपलिंग कार्य
11. ( क्र. 731 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में 2013 से 2015 तक कुल कितने संस्थाओं पर खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा सेंपलिंग की कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने संस्थानों पर दण्ड एवं जुर्माना लगाया गया? (ग) खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा कितने फर्मों को 2013 से 2015 तक औषधि विक्रय संचालित करने हेतु अनुज्ञा पत्र जारी किया एवं कितने फर्मों के नवीनीकरण किये गये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इंदौर जिले में 2013 से 2015 तक कुल 133 औषधि विक्रय संस्थाओं पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला इंदौर के द्वारा सेंपलिंग की कार्यवाही की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक हैं। (ग) खाद्य एवं औषधि प्रशासन इंदौर द्वारा वर्ष 2013 से 2015 तक कुल 1247 संस्थानों को औषधि विक्रय संचालित करने हेतु अनुज्ञा पत्र जारी किये गये एवं कुल 1041 औषधि विक्रय संस्थानों के नवीनीकरण किये गये।
महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय में सीटी स्केन एम.आ.आई जाँच सेन्टर
12. ( क्र. 732 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इंदौर में एस.एल.आर. डायग्नोस्टिक सेंटर कितने समय से बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त सेंटर के बंद होने से महाराजा यशवंत राव चिकित्सलय में आने वाले दीनदयाल व अन्य हितग्राहियों कि सीटी स्केन, एम.आर.आई. कहां पर कराई जा रही है व किसकी अनुमति से कराई जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय में आने वाले हितग्राहियों की जाँच यदि अन्य जगह कराई जा रही है तो किस दरों पर कराई जा रही है व उस पर कितना भुगतान आज दिनाँक तक किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय में जल्द ही सीटी स्केन व एम.आर.आई. सेंटर कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर का एस.आर.एल. डायग्नोस्टिक सेन्टर दिनाँक 10/09/2015 से बन्द है। (ख) महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर में आने वाले दीनदयाल एवं अन्य योजना के हितग्राहियों की सी.टी. स्कैन एवं एम.आर.आई. की जाँच विशेष हॉस्पिटल, ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल एवं सी.एच.एल. हॉस्पिटल, इन्दौर में अधिष्ठाता, इन्दौर की अनुमति से कराई जा रही हैं। (ग) महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर में आने वाले योजना के हितग्राहियों की जाँच उत्तरांश ‘‘क’’ में उल्लेखित एस.एस.एल. डायग्नोस्टिक सेन्टर द्वारा पूर्व निर्धारित दरों पर कराई जा रही हैं। प्रश्न दिनाँक तक रूपये 6,64,600/- का भुगतान किया गया है। (घ) महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर में सी.टी. स्केन एवं एम.आर.आई. की सुविधा प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अशासकीय विद्यालयों में शासन योजनांतर्गत प्रवेश विषयक
13. ( क्र. 874 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के बच्चों को अशासकीय (प्रायवेट) विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश की शासन द्वारा कोई योजना चलार्इ जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु क्या-क्या नियम/शर्तों के तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है व कौन-सी क्लास से? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इंदौर जिले के सभी अशासकीय विद्यालय इस योजना के अंतर्गत आते हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से व विगत 02 वर्षों में व चालू शैक्षणिक सत्र में किन-किन स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिया गया नाम, सहित सूची दें? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या कुछ अशासकीय विद्यालयों को इस योजना से छूट की पात्रता है, यदि हाँ, तो किस नियम के तहत छूट की पात्रता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत निःशुल्क प्रवेश का प्रावधान है। (ख) शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धार 12 (1) (ग) में किये गए प्रावधान अनुसार अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था है l वंचित समूह में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ वनग्राम के पट्टाधारी परिवार, विमुक्त जाति तथा निःशक्त बच्चे शामिल हैं । कमजोर वर्ग के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार शामिल हैं। (ग) अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को छोड़कर शेष सभी प्रारंभिक शिक्षा देने वाले अशासकीय विद्यालयो में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। इंदौर जिले में विगत दो वर्षों व चालू शैक्षणिक सत्र में निःशुल्क प्रवेश देने वाले विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" "ब" एवं "स" अनुसार है। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार भाषाई एवं धार्मिक अल्पसंख्यक द्वारा संचालित अशासकीय शिक्षण संस्थाओं पर उक्त प्रावधान है लागू नहीं हैl
सागर मेडिकल कालेज की वर्ष 2015-16 की मान्यता न मिलने हेतु जाँच कमेटी का गठन करना
14. ( क्र. 908 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर चिकित्सा महाविद्यालय को वर्ष 2015-16 में प्रवेश देने की MCI द्वारा अनुमति क्यों नहीं दी गई? इस संबंध में हुये सारे पत्र व्यवहार की प्रतियां देवें तथा बतावें कि शासन स्तर पर अनुमति हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुमति हेतु शासन ने मा. उच्चतम न्यायालय अथवा मा. उच्च न्यायालय में कोई वाद दायर किया यदि हाँ, तो उनके अंतिम आदेश से अवगत करावे यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुमति न मिलने के कारणों पर जाँच हेतु कोई कमेटी गठित कर जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेगी यदि हाँ, तो समयावधि बतावें? (घ) क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालयों ने षडयंत्रपूर्वक सागर चिकित्सा महाविद्यालय की अनुमति निरस्त करवाई तथा इसमें शासन के कई अधिकारियों की मिली भगत भी है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय सागर में एम.सी.आई. के मापदण्ड के अनुसार सुविधाएं एवं अन्य व्यवस्थाएं न होने से वर्ष 2015-16 में प्रवेश हेतु एम.सी.आई. द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की गई है। एम.सी.आई. द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन में दर्शाई गई कमियों की पूर्ति के संबंध में दिनाँक 15/04/2015, 11/06/2015, 16/10/2015 एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एम.सी.आई. को दिनाँक 16/10/2015 को प्रेषित अण्डरटेकिंग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के ज्ञाप दिनाँक 14/11/2015 द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय, सागर से संबंद्ध चिकित्सालय हेतु विभिन्न श्रेणी के नवीन पदों के सृजन की छायाप्रतियां सहपत्रों सहित संलग्न है। दिनाँक 12/10/2015 को स्थायी वित्त समिति की बैठक हेतु जारी अवर सचिव के पत्र एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में दिनाँक 23/09/2015 को आयोजित स्थायी वित्त समिति की बैठक का कार्यवाही विवरण की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2015-16 में एम.सी.आई. द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर की अनुमति/मान्यता हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहे हैं। अतएव जाँच हेतु कोई समिति गठित करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ऐसे कोई प्रमाण शासकीय अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहडोल संभाग अंतर्गत अनु.जाति विभाग द्वारा संचालित संस्थायें
15. ( क्र. 950 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग अन्तर्गत अनुसूचित जाति विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी और कब से अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थायें संचालित हैं? नाम स्थान सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) उक्त अनुदान प्राप्त संस्थाओं को वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं शेष बकाया राशि कितनी है, कब तक प्रदान की जायेगी? (ग) उक्त संचालित अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत है? (घ) उपरोक्त संस्थाओं में पदस्थ अनुदान प्राप्त अधिकारी एवं कर्मचारियों की वर्गवार संख्या का पूर्ण विवरण दें तथा उक्त अनुदान प्राप्त संस्थायें किन-किन समितियों द्वारा संचालित की जा रही है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) शहडोल संभाग में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से अनुदान प्राप्त संस्थाएं संचालित नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकविहीन व एक शिक्षकीय स्कूलों के संबंध में
16. ( क्र. 989 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/ हायर सेकण्डरी स्कूलों में से ऐसे कौन-कौन से स्कूल हैं, जिनमें या तो कोई शिक्षक पदस्थ नहीं है या केवल एकमात्र शिक्षक पदस्थ हैं? जानकारी स्कूलवार, छात्र संख्या सहित पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) पोहरी विधानसभा क्षेत्र में किस-किस प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी विद्यालयों में वर्तमान शिक्षण सत्र में अतिथि शिक्षकों को शिक्षण कार्य हेतु नियुक्त किया गया है? अतिथि शिक्षक का नाम बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त शिक्षकविहीन व एकशिक्षकीय स्कूलों में छात्र संख्या के मान से रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित शालाओं में शिक्षकविहीन, एक शिक्षकीय शालाएँ तथा स्कूलवार छात्र संख्या सहित पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक‘‘ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो‘‘ पर है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों के समय-सीमा में जवाब
17. ( क्र. 1026 ) श्री हरवंश राठौर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनाँक तक सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग जिला सागर को कब-कब, किस-किस संबंध में पत्र प्रेषित किए गए हैं? पत्रवार पत्रों में उल्लेखित विषयों की एवं क्रियान्वयन की जानकारी दी जाए? (ख) विधानसभा सदस्यों के पत्रों पर कार्यवाही कर जवाब दिए जाने हेतु क्या कोई निर्देश या समय-सीमा निश्चित की गई है? (ग) यदि हाँ, तो संबंधित विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कोई कार्यवाही एवं पत्रों के जवाब प्रस्तुत न करने के कारण दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा 01 अप्रैल 2015 से संबंधित विभाग द्वारा प्रश्न दिनाँक तक किए गए पत्राचारों के जवाब न देने के पत्र क्रमांक एवं जारी दिनाँक तक की जानकारी उपलब्ध कराई जाए?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों पर प्राथमिकता के साथ-साथ योजनाओं में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही की जाती है प्रश्नकर्ता से प्राप्त अधिकांश पत्रों में अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों की अनुशंसा की गई है उक्त प्रस्तावों का परीक्षण किये जाने पर उक्त ग्रामों में अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या बस्ती विकास योजना नियम 2014 के अनुरूप नहीं पाये जाने के फलस्वरूप कार्यालयीन पत्र क्र./1866 दिनाँक 22/09/2015, क्र.1867 दिनाँक 22/09/2015 एवं पत्र क्र. 1932 दिनाँक 26/09/2015 द्वारा योजना वर्णित प्रावधानों की जानकारी स्पष्ट करते हुए तदानुसार प्रस्ताव प्रेषित किये जाने बावत् सूचित किया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांक ''क'' एवं ''ग'' के उत्तर अनुरूप।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हाई स्कूलों का उन्नयन
18. ( क्र. 1044 ) श्री रामसिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 15 नवंबर, 2015 की स्थिति में कौन-कौन से हाई स्कूल प्रस्ताव अनुसार हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन हेतु पात्र पाए गए हैं उक्त हाई स्कूल हायर सेकण्डरी स्कूलों में कब तक उन्नयन कर दिये जायेंगे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित हाई स्कूलों को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन करने में अनावश्यक रूप से विलंब किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उक्त हाई स्कूलों का उन्नयन आदेश अभी तक क्यों जारी नहीं किया गया? (ग) विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में वर्ष 2015 में किन-किन हाई स्कूलों को हायर सेकण्डरी स्कूलों में कब-कब उन्नयन किये जाने के आदेश जारी किए हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) शासकीय हाई स्कूल खतौरा एवं शासकीय हाई स्कूल ऐजवारा हायर सेकेण्डरी एवं शाला में उन्नयन हेतु पात्र पाये गये है। उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अन्तिम निर्णय उपरांत ही शालाओं के नाम ज्ञात हो सकेंगे। सीमित वित्तीय संसाधनों के वजह से सभी पात्र शालाओं का उन्नयन संभव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कार्यालय जिला शिवपुरी द्वारा क्रय सामग्री
19. ( क्र. 1045 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी द्वारा 01 जनवरी, 2014 से 15 नवंबर, 2015 तक दवायें एवं चिकित्सीय सामग्री/उपकरण एवं अन्य सामग्री क्रय की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी दवायें एवं चिकित्सीय सामग्री/उपकरण एवं अन्य सामग्री किन-किन की मांग पर कब-कब, कहां-कहां से एवं किस-किस फर्म से कितनी राशि की क्रय की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित समस्त सामग्री क्रय किये जाने की मांग कही से प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो मांग पत्र का विवरण दें? यदि नहीं, तो उक्त सामग्री किस आधार पर एवं किसके द्वारा क्रय की गई? (ग) क्या जो भी सामग्री जिस फर्म से क्रय की गई? क्या वह फर्म उक्त सामग्री विक्रय करने के लिये विधिवत अधिकृत थी? यदि नहीं, थी तो कौन-कौन सी फर्में किस-किस सामग्री को विक्रय करने के लिये अधिकृत नहीं थी? (घ) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शिवपुरी द्वारा बगैर मांग के दवायें, चिकित्सीय सामग्री/उपकरण एवं अन्य सामग्री क्रय की है? यदि हाँ, तो बगैर मांग के अनावश्यक रूप से उक्त खरीददारी क्यों की गई? इसके लिये शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दवायें एवं चिकित्सीय सामग्री/उपकरण एवं अन्य सामग्री के क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार। यह क्रय, जिला कार्यालय सेंट्रल स्टोर एवं स्वास्थ्य संस्थाओं की मांग पर किया गया। फर्मों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ (1)'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जिला स्टोर एवं शिवपुरी जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं से मांग पत्र प्राप्त हुये थे। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। (ग) जी हाँ। अधिकृत फर्म से सामग्री क्रय की गई। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नेत्र सहायक की नियुक्ति में अर्हता सम्बन्धी विसंगती
20. ( क्र. 1061 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में नेत्र सहायक की नियुक्ति में आवश्यक अर्हता जीव विज्ञान, रसायन तथा भौतिकी में बी.एस.सी. प्रथम वर्ष उत्तीर्ण होना आवश्यक है? जबकि अन्य प्रदेशों में एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में भी इस पद हेतु आवश्यक अर्हता हायर सेकेन्ड्री उत्तीर्ण एवं डिप्लोमा मांगा जाता है? (ख) क्या उक्त विसंगति होने से राज्य के हजारों पात्र छात्र इस पद से वंचित रह जाते है? (ग) क्या शासन इस पद पर अर्हता अन्य राज्यों की तरह करने हेतु गजट में प्रावधान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनाँक 05 दिसम्बर 2011 द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अलिपिक वर्गीय (संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित) तृतीय श्रेणी सेवा भर्ती नियम, 1989 में संशोधन उपरांत नेत्र सहायक पद हेतु निर्धारित अर्हता विज्ञान समूह से हायर सेकेण्डरी (12वी) उत्तीर्ण एवं राज्य की चिकित्सा संस्था से नेत्र सहायक (आप्थल्मिक असिस्टेंट) का दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठयक्रम उत्तीर्ण या दृष्टिमिति तथा अपवर्तन (आप्टोमेट्री एंड रिफेरक्शन) में डिप्लोमा तथा नेत्र शिविर तथा अन्य में 03 माह का प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए स्थापित की गई है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों के बच्चों के कल्याण हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन
21. ( क्र. 1084 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में छतरपुर जिले में श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल, राम कल्याण मण्डल, अन्य श्रमिक योजनाओं के तहत छतरपुर जिले के विकासखण्डवार कितने श्रमिकों को, श्रमिकों के बच्चों को योजना लाभान्वित दिया गया? (ख) उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन में कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार योजनावार व्यय की गई? वर्ष 2014-15 की स्थिति में ब्यौरेवार जानकारी प्रदान करे? (ग) छतरपुर जिले में एवं चन्दला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने बीड़ी श्रमिक है? उक्त बीड़ी श्रमिकों के कल्याण हेतु कितने बीड़ी श्रमिकों को आवास हेतु शासकीय सहायता प्रदान की गयी? (घ) श्रमिकों के नाम पते सहित वर्ष 2014-15 की स्थिति में जानकारी प्रदान करे?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विगत एक वर्ष में छतरपुर जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा 04 श्रमिकों को प्रसूति सहायता तथा 35 श्रमिकों को विवाह सहायता अंतर्गत लाभांवित किया गया, विवरण निम्नानुसार है - 1- विकासखण्ड का नाम छतरपुर, विवाह सहायता योजना 08, प्रसूति सहायता योजना निरंक, 2- विकासखण्ड का नाम राजनगर, विवाह सहायता योजना निरंक, प्रसूति सहायता योजना निरंक, 3- विकासखण्ड का नाम नौगांव, विवाह सहायता योजना 01, प्रसूति सहायता योजना निरंक, 4- विकासखण्ड का नाम लवकुश नगर, विवाह सहायता योजना 12, प्रसूति सहायता योजना निरंक, 5- विकासखण्ड का नाम गौरिहार, विवाह सहायता योजना 13, प्रसूति सहायता योजना निरंक, 6- विकासखण्ड का नाम बिजावर, विवाह सहायता योजना निरंक, प्रसूति सहायता योजना निरंक, 7- विकासखण्ड का नाम बड़ामलहरा, विवाह सहायता योजना 01, प्रसूति सहायता योजना 04, 8- विकासखण्ड का नाम बक्सवाहा, विवाह सहायता योजना निरंक, प्रसूति सहायता योजना निरंक, विवाह सहायता कुल योग 35 एवं प्रसूति सहायता कुल योग 04. म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं में छतरपुर जिले में राजनगर विकासखण्ड के खजुराहों में वर्ष 2014-15 में 33 हितग्राहियों को रूपये 28,850- कर हितलाभ वितरित किया गया (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा योजनाओं में कुल रूपये 905000- राशि वितरित की गई विवरण निम्नानुसार है - 1- विकासखण्ड का नाम छतरपुर, विवाह सहायता वितरित राशि 200000, प्रसूति सहायता वितरित राशि निरंक, 2- विकासखण्ड का नाम राजनगर, विवाह सहायता वितरित राशि निरंक, प्रसूति सहायता वितरित राशि निरंक, 3- विकासखण्ड का नाम नौगांव, विवाह सहायता वितरित राशि 25000, प्रसूति सहायता वितरित राशि निरंक, 4- विकासखण्ड का नाम लवकुश नगर, विवाह सहायता वितरित राशि 300000, प्रसूति सहायता वितरित राशि निरंक, 5- विकासखण्ड का नाम गौरिहार, विवाह सहायता वितरित राशि 305000, प्रसूति सहायता वितरित राशि निरंक, 6- विकासखण्ड का नाम बिजावर, विवाह सहायता वितरित राशि निरंक, प्रसूति सहायता वितरित राशि निरंक, 7- विकासखण्ड का नाम बड़ामलहरा, विवाह सहायता वितरित राशि 15000, प्रसूति सहायता वितरित राशि 60000, 8- विकासखण्ड का नाम बक्सवाहा, विवाह सहायता वितरित राशि निरंक, प्रसूति सहायता वितरित राशि निरंक, विवाह सहायता वितरित राशि का कुल योग 845000 एवं प्रसूति सहायता वितरित राशि का कुल योग 60000. म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं में छतरपुर जिले के राजनगर विकासखण्ड के खजुराहों में वर्ष 2014-15 में 33 हितग्राहियों को रूपये 28,850- कर हितलाभ वितरित किया गया। (ग) विधानसभा क्षेत्र चंदला के अंतर्गत कोई बीड़ी श्रमिक नहीं है। न ही कोई बीड़ी श्रमिक पंजीकृत है। वर्तमान में छतरपुर जिले में बीड़ी आवास योजना लागू नहीं होने से सहायता राशि प्रदान करने संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश क्रमांक (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
मैदानी स्तर पर शैक्षिक गुणवत्ता हेतु प्रोत्साहन
22. ( क्र. 1096 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शिक्षा सेवा अंतर्गत मैदानी स्तर पर ए.ई.ओ. की पदपूर्ति की जाना थी? यदि हाँ, तो इसके लिये क्या समय-सीमा निर्धारित थी? राज्य शिक्षा सेवा संवर्ग में उच्च स्तर पर अधिकारियों की पदपूर्ति कर दी गई है फिर ए.ई.ओ. की पदपूर्ति को लंबित रखे जाने का क्या कारण है? क्या इस ओर शीघ्र कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रदेश में शासकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की संख्या देवें? क्या अतिथि शिक्षण व्यवस्था से शैक्षिक गुणवत्ता में परिवर्तन का विश्लेषण शासन स्तर से किया गया है? यदि हाँ, तो क्या निष्कर्ष निकाला गया? यदि सकारात्मक परिणाम आए तो क्या अतिथि शिक्षकों को प्रोत्साहित करने हेतु कोई कदम उठाया जायेगा? (ग) क्या 2007 से पूर्व प्रदेश में शिक्षा ग्यारंटी शालाओं में गुरूजी कार्य करते थे? यदि हाँ, तो गुरूजी की नियुक्ति/चयन किस प्रक्रिया से हुआ? कृपया तद्संबंधी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? जिला अंतर्गत कार्यरत अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान कब तक का कर दिया गया है, प्रमाणित जानकारी देवें? (घ) क्या अतिथि शिक्षकों को गुरूजियों के समान संविदा शाला शिक्षक बनाए जाने संबंधी विभागीय परीक्षा लेने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है या मांग है? यदि हाँ, तो कब तक निर्णय लिया जावेगा, यदि नहीं, तो अतिथि शिक्षकों के हित हेतु शासन क्या कदम उठायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एरिया एज्युकेशन आफिसर की नियुक्ति के संबंध में प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित होने से आगामी कार्यवाही स्थगित है। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की संख्या 61257 है। ऐसा कोई विश्लेषण नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। गुरूजी की चयन नियुक्ति/चयन संबंधी मध्यप्रदेश शिक्षा गारंटी योजना (ई.जी.एस.) 30 जून, 2002 तक पुनरीक्षित जानकारी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं जिला अंतर्गत कार्यरत अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अतः शेषांश का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
23. ( क्र. 1108 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं कटनी जिले के सामु./प्राथ. स्वास्थ्य केंद्रों के लिये वर्ष 2014 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया? (ख) आशाओं के चयन के लिये क्या मापदण्ड/आदेशों/निर्देश शासन द्वारा जारी किए गए हैं, उन आदेशों/निर्देश/मापदण्डों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त अवधि के चयनित आशाओं के चयन में शासन के आदेशों का उल्लंघन किया गया है, जिसकी गंभीर शिकायतें होने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई उक्त अवधि में किन-किन के द्वारा कब-कब शिकायतें की गई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? उक्त के अनुसार दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई बताएं? (घ) सतना एवं कटनी के जिला चिकित्सालय की वर्ष 2013 से प्रश्न दिनाँक तक कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई, उनमें से किन-किन की जाँच पूर्ण हो गई? किन-किन की शेष है, उन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा बताएं? जिन शिकायतों की जाँच पूर्ण हो गई है, उनके जाँच प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सतना एवं कटनी जिले के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिये वर्ष 2014 से प्रश्न दिनाँक तक क्रमश: 219 एवं 132 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया। (ख) प्रश्नभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ अनुसार। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शिकायतों एवं उन पर की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’ अनुसार। (घ) सतना एवं कटनी के जिला चिकित्सालय की वर्ष 2013 से प्रश्न दिनाँक तक प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार।
उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की राशि का भुगतान
24. ( क्र. 1121 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा शिक्षण सत्र 2014-15 की दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षाएं ली गयी थी उन परीक्षाओं के मूल्यांकन हेतु मूल्यांकनकर्ता को किस दर से राशि देना तय किया गया था? (ख) क्या आज दिनाँक तक प्रश्न (क) में वर्णित परीक्षाओं के मूल्यांकन की राशि नहीं दी गयी है? (ग) यदि हाँ, तो यह राशि कब तक दे दी जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। हाई स्कूल परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं मूल्यांकन हेतु रूपये 11/- प्रति उत्तरपुस्तिका एवं हायर सेकण्डरी उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन हेतु रूपये 12 /- प्रति उत्तरपुस्तिका आदेश क्रमांक गोपनीय/1142 दिनाँक 15.09.2014 द्वारा निर्धारित की गई है। (ख) प्रदेश के सभी मूल्यांकनकर्ताओं की पारिश्रमिक राशि का भुगतान मूल्यांकन अधिकारियों को कर दिया गया है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में ''ग'' का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मदरसों को अनुदान राशि
25. ( क्र. 1155 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत विगत तीन वर्षों से कौन से मदरसों को कब कितना अनुदान की राशि भुगतान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत मदरसों की जाँच विगत तीन वर्षों में किस-किस के द्वारा कब-कब की गई जाँच कमेठी में किस स्तर के अधिकारीगण शामिल किए गए? (ग) मदरसों की जाँच करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए प्रतिकूल होने पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (घ) उर्दू प्रभारी नियुक्त करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए भिण्ड जिले में कौन पदस्थ हैं, के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई क्या कार्यवाही की गई? यदि मदरसे मापदण्ड अनुसार संचालित नहीं थे, क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) भिण्ड जिले में संचालित मदरसों की वर्ष 2012-13 में जाँच नहीं कराई गई, वर्ष 2013-14 में संकुल प्राचायों के माध्यम से जाँच कराई गई तथा वर्ष 2014-15 में कलेक्टर द्वारा जाँच कमेटी गठित कर जाँच कराई गई, जाँच कमेटी के अधिकारियों का विवरण एवं वर्षवार जाँच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रतिकूल होने पर मदरसों को अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया गया। (घ) वर्तमान में उर्दू प्रभारी नियुक्त करने का कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड द्वारा श्री एहसान खान, वरिष्ठ अध्यापक को अपने कार्य के साथ-साथ उर्दू प्रकोष्ठ का कार्य सौंपा गया था, जिसको तत्काल प्रभाव से निरस्त कर मूल शाला के लिये कार्यमुक्त कर दिया गया। श्री खान के विरूद्ध तीन शिकायतें प्राप्त हुई थी। जाँच उपरान्त शिकायतें निराधार पाई गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जो मदरसे मापदण्ड अनुसार संचालित नहीं पाए गए उनको अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया गया।
अनुबंध अंतर्गत जननी एक्सप्रेस का संचालन
26. ( क्र. 1161 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रदेश शासन ने आर.सी.एच./ एन.आर.एच.एम. प्रोग्राम के तहत जननी एक्सप्रेस संचालन करने हेतु अनुबंध के अन्तर्गत क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए? (ख) भिण्ड जिले में कितनी अनुबंधित जननी एक्सप्रेस संचालित है? वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनाँक तक कौन से वाहन किन शर्तों में कितनी अवधि के लिए मासिक दर पर अनुबंधित किए गए? कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) एन.आर.एच.एम. योजना के अन्तर्गत भिण्ड जिले में वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनाँक तक कितनी राशि व्यय हुई? वाहन मालिक/ वाहन क्र./माहवार बतायें? (घ) भिण्ड जिले के अन्तर्गत जननी एक्सप्रेस के संबंध में कौन सी शिकायत प्राप्त हुई? क्या कार्यवाही हुई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’एक’’ अनुसार। (ख) भिण्ड जिले में वर्तमान में 16 जननी एक्सप्रेस वाहन संचालित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’दो’’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’तीन’’ अनुसार। (घ) प्रश्नभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’चार’’ अनुसार।
अपमिश्रण अधिनियम के तहत् कार्यवाही
27. ( क्र. 1162 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2011 से प्रश्नांश दिनाँक तक अपमिश्रण अधिनियम के तहत् भिण्ड जिले में कहां पर छापामार/सेम्पल नमूने लिए गए? जनवरी 2013 के पश्चात् किस दुकान प्रतिष्ठान पर छापामार कार्यवाही कर किस प्रकार के प्रकरण किसके विरूद्ध दर्ज किए गए? (ख) द्वारिका पेडा हाउस भिण्ड पर प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में कब सेम्पल नमूने लिए गए? किस स्तर के अधिकारीगण को सेम्पल लेने के लिए अधिकृत किया गया? कौन सा सेम्पल नमूना लेब में भेजा गया? क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? (ग) दिनाँक 04 अक्टूबर 2015 को किसके आदेश से द्वारिका पेड़ा हाउस पर सेंपल लेकर लेब में भेजा गया? छायाप्रति सहित जानकारी दें? क्या अधिकारियों की मिली भगत से जिले में भारी मात्रा में अमानक खाद्य पदार्थ बिक रहा हैं? जनवरी 2013 के पश्चात् कर्मचारी के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई क्या कार्यवाही हुई? (घ) खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के तहत लिपिक को सेंपल लेने का अधिकार हैं? यदि नहीं, तो कार्यवाही में लिपिक को किस आदेश से सम्मिलित किया जाता है? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर की शाला भवनों का निर्माण
28. ( क्र. 1170 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कितनी शालाओं के भवन एवं अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये? (ग) यदि हाँ, तो? कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ । (ग) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जबलपुर जिले की वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त न होने तथा राज्य मद में सीमित बजट प्रावधान के कारण कार्य स्वीकृत नहीं किये जा सके है।
स्वीकृत सेटअप अनुसार शिक्षकों की पदस्थी
29. ( क्र. 1171 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र की शा.उ.मा.वि सोनपुर, बेलखाडू, कुशनेर एवं सालीवाड़ा को छोड़कर शेष शालाओं में स्वीकृत सेटअप अनुसार शिक्षक पदस्थ नहीं होने से अतिथि शिक्षकों को रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन सी शालाओं में रिक्त पदों के विरूद्ध कितने अतिथि शिक्षकों को किस अवधि में पदस्थ किया गया है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक पदस्थ किया जावेगा? (घ) स्वीकृत सेटअप अनुसार नियमित शिक्षकों की पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है? यदि की जावेगी तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिये नियुक्त किये गये अतिथि शिक्षकों की शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सीधी भर्ती अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा उपरांत एवं पदोन्नति के रिक्त पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया उपरांत पूर्ति की जा सकेगी। पदपूर्ति सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सामुदायिक वन अधिकार पत्र
30. ( क्र. 1183 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों एवं सर्वोच्च अदालत द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में 12 दिसम्बर, 1996 को परिभाषित वन भूमि पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों के सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रश्नांकित दिनाँक तक भी बनाए जाकर उपलब्ध नहीं करवाए गए? (ख) बैतूल एवं विदिशा जिले में धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित कितनी भूमि वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज है, अदालत द्वारा परिभाषित कितनी भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज है, इन जमीनों पर राजस्व अभिलेखों में कौन-कौन से अधिकार, सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन वर्तमान में भी दर्ज है? (ग) अधिसूचित एवं परिभाषित भूमि पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज अधिकार, सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिए जाने के संबंध में वन अधिकार कानून, 2006 की धारा 3 में क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं? (घ) कब तक अधिसूचित एवं परिभाषित वन भूमि पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज अधिकार एवं प्रयोजनों के सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वन अधिकर अधिनियम 2006 में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमि एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 202/95 में परिभाषित वन भूमि का पृथक से उल्लेख नहीं है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में परिभाषित वनभूमि में नियमानुसार सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिये जा रहे है। (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 में अधिसूचित भूमि बैतूल जिले में 39788.843 हेक्टेयर तथा विदिशा जिले में 655.861 हेक्टेयर एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित बैतूल जिले में 74606.436 हेक्टेयर तथा विदिशा जिले में 66395.462 हेक्टेयर वनभूमि वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज है। शेष प्रश्नांश राजस्व विभाग से संबंधित। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 में परिभाषित वनभूमि पर सामुदायिक अधिकार देने के प्रावधान है। अधिनियम की धारा 2 (घ) एवं धारा 3 के प्रावधान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अधिनियम में परिभाषित वनभूमि पर वन अधिकार पत्र देने की कार्यवाही प्रचलित है। प्रक्रिया अर्द्धन्यायायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फ्लेट में नियम विरूद्ध निवास
31. ( क्र. 1195 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड भोपाल के गीतांजलि कॉम्पलेक्स स्थित फ्लेट क्रमांक 2/9 में केवल बोर्ड के सदस्यों के नि:शुल्क ठहरने की व्यवस्था है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त फ्लेट में आयुष विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी जो बोर्ड पदनाम से पदेन सदस्य हैं के द्वारा बिना अनुमति के लम्बे समय से उपयोग कर रहे हैं जबकि उन्हें शासकीय आवास आवंटित हैं? (ग) क्या बोर्ड के उक्त फ्लेट में बोर्ड सदस्यों के अलावा अन्य के ठहरने पर रोक लगाने हेतु बोर्ड के सदस्यों द्वारा अध्यक्ष एवं रजिस्ट्रार, म.प्र. आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड, भोपाल को पत्र लिखकर आपत्ति जाहिर की थी? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई एवं क्या नियम विरूद्ध बोर्ड मेम्बर के अतिरिक्त अन्य के ठहरने पर, उन पर हुए शासकीय व्यय आदि की वसूली की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) बोर्ड की अनुमति से ही आवास आवंटित किया गया। शासकीय आवास आवंटित नहीं हुआ। (ग) जी हाँ। बोर्ड के सदस्य के अतिरिक्त किसी अन्य को आवास आवंटित नहीं किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जातियों की जनगणना
32. ( क्र. 1205 ) श्री मुकेश नायक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार विभिन्न अनुसूचित आदिम जनजातियों की जनसंख्या का जातिवार विवरण दीजिए? (ख) क्या राज्य में कुछ आदिम जनजातियों की संख्या में पिछले 30 वर्षों से लगातार कमी आ रही है और अब राज्य में कुछ आदिम जनजातियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है? (ग) भारत सरकार ने देश की अति अल्प और खतरे में पड़ी जनजातियों को संरक्षण देने के लिये विशेष कार्यक्रम लागू किये हैं? इन कार्यक्रमों को मध्यप्रदेश में लागू कराने के लिये शासन ने क्या प्रयास किये हैं और इसके लिये केंद्र से कितनी सहायता प्राप्त की है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) भारत सरकार की सहायता से संरक्षण सह विकास योजना स्वीकृत कराई जा रही है। वर्ष 2014-15 व वर्ष 2015-16 में भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृत योजना व राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
मेडीकल कॉलेजों में शोध/अनुसंधान
33. ( क्र. 1207 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के सरकारी मेडीकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में वर्ष 2015-2016 में अक्टूबर माह तक कितने हार्ट ऑपरेशन, किडनी ट्रांसप्लांटेशन आदि के जटिल ऑपरेशन हुये? कॉलेज और अस्पतालवार जानकारी दीजिए? (ख) इस अवधि में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में शोध/अनुसंधान/नई खोज के लिये किन परियोजनाओं पर काम चल रहा है और उनके अब तक क्या परिणाम निकले हैं? (ग) चिकित्सा शिक्षा में शोध/अनुसंधान/नई खोज को प्रोत्साहन देने के लिये शासन की क्या नीति है और उस पर क्या काम हो रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी उत्तरांश ''क'' में संलग्न परिशिष्ट में सम्मिलित है। (ग) चिकित्सा शिक्षा में शोध/अनुसंधान/नई खोज के संबंध में चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा कार्यवाही की जाती है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश के समस्त संकुल केन्द्रों में लिपिक का पद स्वीकृत
34. ( क्र. 1217 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूरे प्रदेश के अंदर संकुल व्यवस्था के तहत संकुल केन्द्रों में लिपिकीय व्यवस्था की गई थी? यदि हाँ, प्रत्येक संकुल केन्द्रों में कितने-कितने पद स्वीकृत किये गये थे? (ख) क्या प्रत्येक संकुल केन्द्रों में एक-एक पद लेखापाल के मात्र स्वीकृत हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या संकुल केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों की संख्या अधिक होने के कारण एक लेखापाल पदस्थ होने से समय पर विभिन्न कार्य नहीं हो पाते हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो क्या संकुल केन्द्रों में लेखापाल के अलावा एक अन्य लिपिक के पद स्वीकृत किये जा कर पदस्थगी की कार्यवाही की जाएगी जिससे समय पर कार्य पूर्ण हो सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। लिपिकीय व्यवस्था की गई थी किन्तु संकुल केन्द्रों हेतु पृथक से कोई पद स्वीकृत नहीं किये गये थे। (ख) जी नहीं। संकुल केन्द्रों हेतु पृथक से पद स्वीकृत नहीं किये गये थे, पूर्व से संचालित हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूलों को ही संकुल केन्द्र बनाया गया था, इस कारण इन शालाओं में पूर्व से ही स्वीकृत स्टॉफ से ही लिपिकीय व्यवस्था की गई थी। (ग) जी नहीं। (घ) उपरोक्त 'ग' के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संचालित औषधालय
35. ( क्र. 1235 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में आयुष विभाग के कितने औषधालय ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्थित है उन क्षेत्र के नामों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) किसी औषधालय के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र कितने पद स्वीकृत है? इनमें से कितने पदों पर सरकार द्वारा स्थाई नियुक्ति कर दी गई है तथा कितने पद अब भी रिक्त हैं उन पदों के नामों तथा अलग-अलग औषाधालयों की सूची उपलब्ध कराकर जानकारी देवें? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने औषधालय है जिनके भवन पूर्णत: निर्मित है तथा ऐसे कितने औषधालय है जो दूसरे भवनों में संचालित किये जा रहे है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में एक वर्ष में कितने मरीजों का पंजीयन हुआ है अलग-अलग औषधालयों की जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मंदसौर जिला अंतर्गत विभाग के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में संचालित औषधालयों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के औषधालयों में स्वीकृत पद/भरे पद एवं रिक्त पदों के नामों की औषधालयवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 05 औषधालय हैं, जिनके भवन पूर्णत: निर्मित हैं, कोई भी औषधालय दूसरे भवनों में संचालित नहीं है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित औषधालयों में एक वर्ष में निम्नानुसार मरीजों के पंजीयन हुए है:-1. आयुर्वेद औषधालय, बोरखेडी-2837, 2. आयुर्वेद औषधालय, अजयपुर-4148, 3. आयुर्वेद औषधालय, गोवर्धनपुरा-5603, 4. आयुर्वेद औषधालय, बसई -5603, 5. आयुर्वेद औषधालय, रूनीजा-4445.
विभाग द्वारा संचालित जनकल्याणी योजनाएं
36. ( क्र. 1236 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़ जाति वर्ग की कितनी जनसंख्या किन-किन गांवों या नगरों में कितनी संख्या में निवास करती है बतावें? (ख) विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कितने व्यक्तियों को क्या-क्या सुविधायें दी गई है? विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाऐं संचालित की जा रही है? (ग) शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़ वर्ग के किन-किन व्यक्तियों/समाज के लोगों को सम्मिलित किया जाता है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में गाडूलिया समाज के व्यक्तियों को क्या शासन की योजनाओं का लाभ विभाग द्वारा दिया गया है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति वर्ग की जनगणना का कार्य पृथक से संधारित नहीं किया जाता है (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) जी हाँ।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में वार्डनों की नियुक्ति
37. ( क्र. 1244 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. राशि के/नियुक्ति/2013/7849 दिनाँक 13.08.2013 द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ वार्डनों को तीन वर्ष तक ही प्रतिनियुक्ति में रखा जाये? (ख) यदि हाँ, तो जिला रीवा में ऐसी कौन-कौन सी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय है? जहां तीन वर्ष से अधिक समय से वार्डन पदस्थ है, विद्यालय का नाम वार्डन का नाम प्रतिनियुक्ति का दिनाँक बताये? (ग) प्रश्नांक (क) में वर्णित पत्र के परिपालन में तथा प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित तीन वर्ष से अधिक समय से प्रतिनयिुक्ति में पदस्थ वार्डनों को कब तक उनके मूल पद के लिये कार्य मुक्त करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में वार्डन के पद पर प्रतिनियुक्ति नहीं की जाती अपितु चयनित विद्यालय, जहां छात्रावास की बालिकाएं अध्ययनरत है, की महिला शिक्षिका द्वारा कार्य करने की सहमति दिये जाने पर उसे वार्डन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जाता है। (ख) एवं (ग) ''क'' खण्ड के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैगा विकास अभिकरण में ब्यौहारी तथा जयसिंह नगर का चयन
38. ( क्र. 1251 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के सोहागपुर एवं गोहपारू जनपद पंचायत में विशेष पिछड़ी अनुसूचित जन जाति बैगा जाति के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिये बैगा विकास प्राधिकरण की स्थापना की गई है? (ख) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में बैगा जाति के लोग निवास कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उक्त दोनों जनपद पंचायतों के विभिन्न ग्रामों में ग्रामवार बैगा जाति के लोगों की कितनी संख्या है? (ग) यदि ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर पंचायत के विभिन्न ग्रामों में बैगा जाति के लोग निवास कर रहे हैं तो अब तक उनके आर्थिक एवं सामाजिक सुधार हेतु उक्त जनपद पंचायत में बैगा विकास अभिकरण की योजनाएं क्यों लागू नहीं की गई? क्या भविष्य में उक्त बैगा जाति के लोगों के लिये बैगा विकास अभिकरण के तहत लाभांवित किये जाने का प्रावधान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आयुक्त आदिवासी विकास (विशेष पिछड़ी जनजाति समूह) म.प्र. भोपाल के पत्र दिनाँक 17/01/2011 द्वारा जारी निर्देश के अनुक्रम में शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ सम्पूर्ण जिले में सभी पात्र हितग्राहियों को दिये जाने के निर्देश हैं। चिन्हांकित ग्रामों के बाहर निवासरत बैगा परिवारों को सामान्य आदिवासी परिवारों को देय समस्त लाभ दिये जा रहे हें।
स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण
39. ( क्र. 1258 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु नियुक्त संविदा कर्मचारियों को विभाग द्वारा नियमितिकरण किया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) किस-किस पद के लिये संविदा नियुक्ति प्रदेश स्तर से की गई है तथा किस-किस पद के लिये चिकित्सालय स्तर में संविदा नियुक्ति की गई है? (ग) क्या अन्य विभागों की भांति स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और उसकी प्रक्रिया क्या होगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन प्रचलित ‘‘म.प्र. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा नियुक्ति तथा सेवा की शर्ते नियम, 2002’’ के बिन्दु क्र.10 अन्य शर्ते के उपबिन्दु (10) तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा मानव संसाधन के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं होने के कारण। (ख) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2002’’ के आधार पर नियमित पद के विरूद्ध रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक, फार्मासिस्ट, ड्रेसर, की संविदा नियुक्ति की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राज्य स्तर की एवं जिला व जिला चिकित्सालय की संविदा नियुक्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रम विभाग की दुकानों एवं कुटीरों का आवंटन
40. ( क्र. 1268 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में श्रम विभाग द्वारा कितनी दुकानों का पंजीयन है? दुकान मालिक के नाम पता सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) दमोह जिले में श्रम विभाग द्वारा वर्ष 2009 से वर्ष 2016 तक कितनी कुटीरें बीडी मजदूरों व अन्य मजदूरों को प्रदाय की गई है? (ग) क्या प्रदत्त कुटीरें संबंधित बीडी श्रमिक/श्रमिक के पास तक पहुंची? यदि हाँ, तो निर्मित कुटीरों का मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा किया गया? क्या उक्त कुटीर निर्माण में भारी अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही हैं? क्या इसकी जाँच समिति बनाकर जाँच करवाने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें व दोषियों पर कार्यवाही भी कराना सुनिश्चित करेंगे।
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) दमोह जिले में श्रम विभाग द्वारा मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 में 4198 दुकानों का पंजीयन किया गया है। इनके दुकान मालिकों के नाम व पते की जानकारी अत्यन्त विस्तृत होने से संकलित की जा रही है। (ख) दमोह जिले में श्रम विभाग द्वारा वर्ष 2009 से वर्ष 2016 तक कोई भी कुटीरें प्रदान नहीं की गई है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों/अध्यापकों को समय पर वेतन न मिलने के संबंध में
41. ( क्र. 1291 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शिक्षकों, अध्यापकों, संविदा शाला शिक्षकों को प्रतिमाह 5 तारीख तक वेतन भुगतान करने के शासन के आदेश हैं? यदि हाँ, तो रायसेन जिले के उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत संकुलों में जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनाँक तक कब-कब बैंक खातों में वेतन डाला गया जानकारी दें? (ख) क्या रायसेन जिले के उदयपुरा विकासखण्ड में समय पर वेतन न मिलने की शिकायतें, शिक्षकों, अध्यापकों, संविदा शाला शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार जानकारी दें? (ग) उदयपुरा विकासखण्ड में शिक्षकों, अध्यापकों के वेतन प्रदान करने में भेदभाव एवं विलंब करने वाले शासकीय सेवकों पर क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांकित जिले के विकासखण्ड में कार्यरत शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलने की शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के अनुसार शिक्षकों एवं अध्यापकों को तकनीकी कारणों से किसी-किसी माह में वेतन के भुगतान में विलम्ब हुआ है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में अवैध नियुक्तियों के संबंध में
42. ( क्र. 1329 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास/आश्रम प्रारंभ करने के कितनी स्वीकृतियां विगत 3 वर्षों में दी गई और उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? वर्षवार जानकारी देवे? (ख) इन छात्रावास/आश्रमों में कलेक्टर दर पर कितने पद स्वीकृत हैं, इन पदों की पूर्ति के लिए विभाग के निर्देशों की प्रमाणित प्रति देवे? यदि स्पष्ट निर्देश नहीं हैं तो पदों की पूर्ति की प्रक्रिया क्या है? (ग) क्या निर्देशों के अभाव में संबंधित नियंत्रण अधिकारी व जिलाधिकारी द्वारा बिना लिखित आदेश एवं आरक्षण रोस्टर का पालन न करते हुए अंशकालीन दर पर कर्मचारी नियुक्त कर उन्हें कलेक्टर दर से भुगतान किया जा रहा है? (घ) बड़वानी जिले में कार्य पर रखे ऐसे कर्मचारियों के नाम, पदनाम, उनकी शैक्षणिक योग्यता जानकारी, भुगतान दर संबंधी पूर्ण विवरण देवे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग द्वारा जिला बड़वानी में विगत 3 वर्षों में संचालित संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा इन वर्षों में कोई स्वीकृतियां नहीं दी गई हैं। (ख) अनुसूचित जनजाति के 07 एवं अनुसूचित जाति के 06 छात्रावास/आश्रम कुल 13 संचालित होकर अनुसूचित जनजाति छात्रावास/आश्रमों में 61 एवं अनुसूचित जाति छात्रावासों में 18 कुल 79 कलेक्टर दर के पद स्वीकृत हैं। शासन निर्देश दिनाँक 20/10/1996 संलग्न है। (ग) इन छात्रावास/आश्रमों में तद्समय पदस्थ प्राचार्यों द्वारा विभागीय जिला अधिकारी के अनुमोदन पश्चात् कलेक्टर दर पर आदेश जारी किये गये हें। तदनुसार उन्हें वेतन भुगतान किया जा रहा है। अनुसूचित जाति छात्रावासों में अंशकालीन दर पर कार्य लिया जा रहा है। नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये गये हें। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बड़वानी जिले में पदस्थापना विसंगतियों के संदर्भ में
43. ( क्र. 1330 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विकास विभाग बड़वानी में न्यायालयीन आदेशों से नियमित वेतन प्राप्त कर रहे नियमित कांटीजेंसी कर्मचारियों की पदस्थापना कितने नियमित पदों के विरूद्ध की गई है? (ख) क्या उपरोक्त पदस्थापना यह दर्शाकर की गई है कि भुगतान में कठिनाईयां नहीं आ रही है? (ग) क्या आदिवासी विकास विभाग बड़वानी जिला कार्यालय ने स्वीकृत पदों से कई अधिक संख्या में चतुर्थ श्रेणी एवं लिपिकीय कर्मचारी को अटैच कर रखे गये है? यदि हाँ, तो इनकी सूची देवें? (घ) (ग) अनुसार ऐसा नियम विरूद्ध कार्य करने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी विकास विभाग बड़वानी में 148 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को न्यायालयीन आदेशों से कार्यभारित/आकस्मिकता निधि अंतर्गत नियमित वेतनमान का लाभ दिया गया हैं। इन नियमित वेतन प्राप्त कर रहे कर्मचारियों में से 97 कर्मचारियों का नियमित भृत्य के पद से वेतन आहरण किया जा रहा है। तथा शेष 51 कर्मचारियों को आवंटन के आधार पर आकास्मिक निधि (मजदूरी मद) अंतर्गत वेतन भुगतान किया जा रहा है। (ख) माननीय न्यायालय के निर्देशों के पालन में उक्त कर्मचारियों को मूल पदस्थ संस्था में ही कार्यभारित/आकस्मिकता निधि अंतर्गत नियमित वेतनमान का लाभ दिया गया है। 16 कर्मचारियों का उनकी पूर्व पदस्थ संस्था में नियमित भृत्य का पद रिक्त न होने से अन्य संस्था में रिक्त पद के विरूद्ध वेतन आहरण की व्यवस्था की गई है। (ग) आदिवासी विकास विभाग बड़वानी जिला 1998 में नवीन जिला खरगोन से पृथक कर बनाया गया था। परन्तु इस जिले में अन्य जिलों की तुलना में मात्र 03 चतुर्थ श्रेणी एवं 08 लिपिक कर्मचारियों के ही पद स्वीकृत होने तथा कार्यालय में कार्याधिक्य होने से आवश्यकता अनुसार समय समय पर कर्मचारियों से कार्यालयीन कार्य लिया जा रहा है सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) परीक्षण उपरांत गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
परिशिष्ट - ''सैंतालीस''
शासकीय चिकित्सालय में स्वीकृत पदों की पूर्ति के संबंध में
44. ( क्र. 1355 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के शासकीय चिकित्सालयों (प्राथमिक/सामुदायिक) में कितने पद स्वीकृत किये गये हैं? उक्त पदों में कितने पद दो वर्ष से ज्यादा समयावधि से रिक्त हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) उक्त रिक्त पद भरने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? जनस्वास्थ्य के मद्देनजर शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग द्वारा व्यापमं के माध्यम से पैरामेडिकल (रेडियोग्राफर/नेत्रसहायक/फार्मासिस्ट/ लेबटेक्नीशियन) संवर्ग के 900 पदों हेतु परीक्षा आयोजित की गई थी जिसकी चयन सूची प्राप्त हो गई है शीघ्र ही पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। साथ ही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के 1896 रिक्त पदों की प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत राशि
45. ( क्र. 1372 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत पंचायतों की सूची उपलब्ध कराने का कष्ट करें? (ख) वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत कितनी पंचायतों को राशि प्रदाय की गई? कृपया निम्न प्रारूप पर जानकारी दें? क्र. नाम पंचायत स्वीकृत राशि कार्य का नाम अनुशंसाकर्ता का नाम कार्य पूर्ण या अपूर्ण (ग) क्या प्रश्नकर्ता का अनुशंसा किए बिना सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत राशि जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी और कब तक समयावधि बतावें? (घ) स्वीकृत राशि एवं स्वीकृत कार्यों की जानकारी पिछले 02 वर्षों से आज दिनाँक तक पत्र द्वारा नहीं दी गई है? कारण बतावें एवं दोषी अधिकारी के प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) ऐसी कोई सूची उपलब्ध नहीं है। (ख) राशि पंचायतवार नहीं दी जाती है। जिला स्तर पर स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) योजनान्तर्गत मा. विधायक की अनुशंसा के आधार पर राशि स्वीकृति का बंधन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मा. विधायक को स्वीकृत कार्यों के आदेश की प्रतियां पृष्ठांकित की गयी हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सबलगढ़ विकासखण्ड में रिक्त पदों की पूर्ति
46. ( क्र. 1379 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विकासखण्ड के अंतर्गत प्रा.वि., मा.वि. में प्रधानाध्यापक के कितने पद रिक्त हैं? विद्यालयवार सूची उपलब्ध करावें? मा.वि. एवं हाई स्कूल में कितने विषयों के पद रिक्त हैं, विषयवार विद्यालयों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) शिक्षा के अधिनियम के तहत प्रा.वि. एवं मा.वि. में कितनी छात्र संख्या के आधार पर प्रधानाध्यापक का पद प्रा.वि. में स्वीकृत हैं? क्या कम छात्र संख्या होने के बाद भी प्रा.वि. में प्रधानाध्यापक के रिक्त पद भर दिए गए? (ग) यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी? समयावधि बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सबलगढ़ विकासखण्ड के तहत प्राथामिक विद्यालय के 15 एवं माध्यमिक विद्यालय में प्रधान अध्यापक के 40 रिक्त पद है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' माध्यमिक विद्यालय एवं हाई स्कूल में विषयवार रिक्त पद एवं विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ख) शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालय में 150 छात्र एवं माध्यमिक विद्यालय में 100 छात्र संख्या होने पर प्रधान अध्यापक का पद स्वीकृत करने का प्रावधान है। सबलगढ़ विकासखण्ड में 31 प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जिनमें छात्र संख्या 150 से कम है इन विद्यायलों में प्रधान अध्यापक पूर्व से कार्यरत है जिन्हें युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अन्तर्गत समायोजित किया जाना है। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गरीब/निर्धन छात्र निधि का संचालन
47. ( क्र. 1401 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा संचालित शासकीय हाई स्कूल/हा.से. स्कूलों में गरीब/निर्धन छात्र निधि संचालित करने का प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो इस शुल्क का उद्देश्य क्या है? (ख) विदिशा जिले के किन-किन हा.से./हाई स्कूलों में गरीब निर्धन छात्र निधि का संचालन किया जा रहा है, किन-किन विद्यालय में नहीं? निधि संचालित करने वाले स्कूलों द्वारा प्रतिवर्ष प्रति छात्र कितनी शुल्क ली जाती है, प्रश्नांश दिनाँक तक कितनी शुल्क खाते जमा है? (ग) विदिशा जिले में संचालित हा.से./हाई स्कूल विद्यालयों द्वारा विगत 03 वर्षों में गरीब निर्धन छात्र निधि में से कितने छात्रों की शिक्षण, परीक्षा शुल्क, बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा की, कितने को यूनिफार्म, पुस्तकें उपलब्ध कराई गई है? इस निधि में से कितनी राशि अन्य प्रयोजन/फोटोकॉपी इत्यादि पर व्यय पर किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उद्देश्य की प्रतिपूर्ति नहीं करते हुये अन्य प्रयोजनों पर व्यय करने के लिये कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? अन्य मद नाम से शुल्क किस-किस विद्यालय द्वारा वसूल की जा रही है? किस नियमों के तहत बतावें? (ड.) प्रश्नकर्ता द्वारा तहसील बासौदा एवं ग्यारसपुर के किस-किस छात्र की शुल्क माफ करने के लिये हेतु पत्र लिखा गया है? पत्र प्राप्ति दिनाँक बतावें हुये कितने छात्रों की शुल्क प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार माफ की गई है? कितनों की नहीं, कारण सहित बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गरीब/निर्धन छात्र निधि से गरीब एवं निर्धन छात्र-छात्राओं की शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क एवं यूनिफार्म एवं पाठ्यपुस्तक उपलब्ध कराये जाने का उद्देश्य है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) विगत 03 वर्षों में गरीब/निर्धन छात्र निधि से गरीब/निर्धन छात्रों को शिक्षण शुल्क एवं गणवेश के अतिरिक्त अन्य प्रयोजन में व्यय करने का कोई प्रकरण प्राप्त नहीं होने से अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अन्य मद के नाम से शुल्क वसूली किये जाने का भी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नकर्ता से तहसील बासौदा एवं ग्यारसपुर में फीस माफ का कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इछावर तहसील के खेरी ग्राम के शासकीय स्कूल के संदर्भ में
48. ( क्र. 1420 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले के इछावर तहसील के खेरी ग्राम में शासकीय हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस स्कूल का कब उन्नयन किया गया है तथा उक्त स्कूल में कितने कक्षों का भवन उपलब्ध है? (ख) क्या भवन के अभाव में एक कक्ष में दो-दो कक्षाएं लगाई जा रही हैं? यदि हाँ, तो नवीन भवन निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) क्या भवन निर्माण का कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो निर्माण कब तक कर लिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। 2013-14 में हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन किया गया। उक्त स्कूल का स्वयं का भवन नहीं है। वर्तमान में यह माध्यमिक शाला के 05 कक्षों एवं प्राथमिक शाला के 03 कक्षों में संचालित है। (ख) जी नहीं। विद्यालय का भवन स्वीकृत नहीं है। (ग) राज्य मद में सीमित बजट प्रावधान के कारण भवन स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है।
जिला अस्पतालों में पदस्थ डॉक्टरों/तकनीशियनों के संदर्भ में
49. ( क्र. 1421 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला अस्पतालों में पदस्थ डॉक्टरों को नवीन तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों में सीहोर जिले के अन्तर्गत किन-किन स्तर के डॉक्टरों को कितने-कितने दिनों का प्रशिक्षण दिया गया है? यदि नहीं, तो कब से प्रशिक्षण नहीं दिया गया? (ख) क्या जिला अस्पतालों में पदस्थ लेब तकनीशियनों को प्रशिक्षण दिया गया है? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों में किन-किन स्तर के तकनीशियनों को कितने-कितने दिनों का प्रशिक्षण दिया गया? यदि नहीं, तो कब से प्रशिक्षण नहीं दिया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। विगत 03 वर्षों में जिला चिकित्सालय सीहोर के प्रथम श्रेणी विशेषज्ञो, द्वितीय श्रेणी चिकित्सा अधिकारियों को विभिन्न कार्यक्रमों में 02, 03, 04, 05, 10, 15 दिवस एवं 01 माह की अवधि के लिए नवीन तकनीकी का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पिछले 03 वर्षों मे जिला चिकित्सालय के लेब टेक्नीशियनों को विभिन्न कार्यक्रमों में 01, 02, 03, 04, 05, 07, 13, 15, 16, 21 दिवस एवं 01 माह की अवधि के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.जा., अ.ज.जा. एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों की उच्च शिक्षा
50. ( क्र. 1448 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिये पढ़ने जाने में मदद देती है? (ख) यदि हाँ, तो 2011 से नवम्बर 2015 तक अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कितने विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिये विदेश भेजा गया? विद्यार्थियों के नाम, पते सहित सूची उपलब्ध करायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2011 से नवम्बर, 2015 तक अनुसूचित जाति के 11, अनुसूचित जनजाति के 02 तथा अन्य पिछडा वर्ग के 33 विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिए विदेश भेजा गया है। अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के नाम, पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार, अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार तथा अन्य पिछडा वर्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
सर्व शिक्षा अभियान में बजट एवं निर्माण
51. ( क्र. 1494 ) श्री राजकुमार मेव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत इंदौर संभाग के अंतर्गत किन-किन जिलों में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 हेतु कुल कितनी राशि आवंटित की गई, किस-किस मद में एवं कितनी-कितनी राशि दी गई है? जनपद वार बतावे? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? जनपद वार जानकारी बतावें? (ग) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत इंदौर संभाग में वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनाँक तक कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? निर्माण कार्यवार लागत क्या है? अभी तक कितने निर्माण कार्य पूर्ण किये गये, कितने अधूरे है? अधूरे रहने के कारण क्या है? (घ) अधूरे निर्माण कार्यों की निर्माण ऐजेन्सी कौन है, कितने प्रकरणों में नियमानुसार दण्डात्मक एवं राशि वसूली की कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर है। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोगी कल्याण समितियां
52. ( क्र. 1495 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में संचालित किस स्तर तक के अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियां गठित है एवं इनमें कौन-कौन सदस्य किसकी अनुशंसा से मनोनीत होते है? क्या खरगोन जिले में इस प्रकार की समितियां गठित है? यदि हाँ, तो कहां-कहां है और यदि नहीं, है तो किस आदेश से इन्हें समाप्त किया गया है? (ख) रोगी कल्याण समितियों के नाम से मरीजों से कितना शुल्क प्रति मरीज लिया जाता है? खरगोन जिले में विगत तीन वर्षों में संचालित प्रत्येक रोगी कल्याण समिति में कितनी राशि समितियों को प्राप्त हुई? समितिवार अलग-अलग बतावें? क्या समितियों द्वारा एकत्रित राशि का कोई उपयोग किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त राशि व्यय करने की अनुमति किससे लेने का प्रावधान है? (ग) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में महेश्वर, मण्डलेश्वर, करही, बागोद, बलवाड़ा, पिपल्याबुजुर्ग में भी रोगी कल्याण समितियों द्वारा कोई निर्माण कार्य या अन्य उपयोग उक्त राशि से किया गया है? यदि हाँ, तो क्या और कब तथा किसकी अनुमति से किया गया? (घ) क्या रोगी कल्याण समितियों में क्षेत्रीय विधायक की कोई भूमिका है? यदि हाँ, तो क्या? प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की रोगी कल्याण समितियों में आज तक माननीय सदस्य को बैठक में आमंत्रित किया अथवा कोई जानकारी दी गई? यदि हाँ, तो कब व क्या और नहीं तो क्या नहीं? इसके लिये जिम्मेदार कौन है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इन्दौर संभाग के अन्तर्गत आने वाले जिलों में जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरों पर रोगी कल्याण समितियां गठित है। शासन स्तर से रोगी कल्याण समिति की नियमावली 2010 में दिये गये दिशा-निर्देश अनुसार सदस्य मनोनित किये जाते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। जी हाँ। खरगोन जिले के अन्तर्गत रोगी कल्याण समितियां गठित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। जी हाँ शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) खरगोन जिले की रोगी कल्याण समितियों में स्थानीय स्तर पर गठित समिति के द्वारा मरीजों से लिया जाने वाले शुल्क का निर्धारण पृथक-पृथक किया जाता है। रोगी कल्याण समितियों में मरीजों से लिया जाने वाला शुल्क की सूची एवं विगत तीन वर्षों में रोगी कल्याण समिति से प्राप्त आय की सूची अलग-अलग समिति वार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। रोगी कल्याण समिति का उपयोग मरीजों के हित के लिये किया जाता है। जिसकी अनुमति गठित रोगी कल्याण समिति अध्यक्ष से ली जाती है। (ग) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में महेश्वर, मण्डलेश्वर, करही, बागोद, बलवाडा, पिपल्याबुजुर्ग में रोगी कल्याण समितियों द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है। तथा राशि का अन्य उपयोग किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार। रोगी कल्याण समिति की व्यय की राशि की अनुमति अध्यक्ष एवं सचिव से ली जाती है। (घ) क्षेत्रीय विधायक की रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा में अध्यक्ष की भूमिका होती है। माननीय विधायक महोदय को अक्टूबर 2013 में आयोजित बैठक में आमंत्रित किये गये थे एवं माह दिसम्बर 2015 में साधारण सभा की बैठक प्रस्तावित है। जिसमे आमंत्रित किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति जनजाति आवासीय विद्यालयों की स्थापना
53. ( क्र. 1500 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत - ग्राम पंचायत घूमन, लोहगड़, लूक (सागी बस्ती), बड़ाछ (रिमारी) विकासखण्ड जवा एवं ग्राम पंचायत राजगढ़ विकासखण्ड सिरमौर में क्या अनुसूचित जाति जनजाति छात्र-छात्राओं के लिये आवासीय विद्यालय स्वीकृत एवं संचालन हेतु कार्यवाही चल रही है? (ख) प्रश्न (क) के ही संदर्भ में उक्त ग्राम पंचायतो में अनुसूचित जाति जनजाति विद्यालय संचालित न होने के कारण क्या अनुसूचित जाति जनजाति के छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो क्या शीघ्र ही आवासीय संस्थान की स्वीकृत प्रदान कर संचालन कराया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष ''क'' अनुसार।
स्कूलों के उन्नयन
54. ( क्र. 1501 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत माध्यमिक शाला अंदवा, घूमन, रिमारी, खुटवा, ड़भौरा, जनकहाई, पल्हान, डेल्ही आदि विद्यालयों को क्या हाई स्कूलों में उन्नयन करने की कार्यवाही की जा रही है यदि हाँ, तो कब स्वीकृत प्रदान की जायेगी? (ख) प्रश्न (क) के ही संदर्भ में उक्त माध्यमिक शालाओं के हाई स्कूल में उन्नयन न होने के कारण छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक सुविधा प्रभावित नहीं हो रही है यदि हाँ, तो जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुये क्या शैक्षणिक संस्थाओं का क्या विस्तार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कृपया समय-सीमा बताये जाने का कष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) शासकीय माध्यमिक शाला अंदवा, घूमन, रिमारी, डेल्ही मापदण्ड की पूर्ति करते हैं एवं शासकीय माध्यमिक शाला डभौरा, जनकहाई, पल्हान मापदण्ड एवं की पूर्ति नहीं करते है। शासकीय माध्यमिक शाला खुटवा रीवा जिले में संचालित नहीं है। शालाओं के उन्नयन प्रस्ताव पर अभी अंतिम नर्णय नहीं हुआ है। अतः शालाओं के नाम बताना संभव नहीं है। सीमित वित्तीय संसाधनों की वजह से सभी पात्र शालाओं का उन्नयन संभव नहीं है।
क्षतिग्रस्त भवनों की जानकारी
55. ( क्र. 1517 ) श्री मधु भगत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत जबलपुर संभाग में कौन-कौन सी शालाएं, प्रशिक्षण केन्द्र, होस्टल और आश्रम शालाएँ कहां-कहां हैं विकासखण्डवार जानकारी देवें उपरोक्त शालाएं, प्रशिक्षण केन्द्र, होस्टल और आश्रम शालाएं के उन्नयन हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है? (ख) क्या कई शालाएं, प्रशिक्षण केन्द्र, होस्टल और आश्रम शालाओं के भवन क्षतिग्रस्त हो चुके है? समस्त प्रकार के भवनों के निर्माण वर्ष की जानकारी प्रदाय करें? (ग) क्या विभाग छात्र-छात्राओं के हित में आवश्यक अतिरिक्त फंड की व्यवस्था करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या आदिवासी विभाग में कई शालाओं में शिक्षकों के पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम के तहत कब तक कर ली जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी मद से जबलपुर संभाग में संचालित संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जिले की आवश्यकता एवं औचित्य पूर्ण आवश्यकता अनुसार उन्नयन की कार्यवाही की जाती है। (ख) जबलपुर संभाग अंतर्गत जिलों में क्षतिग्रस्त भवनों का विवरण निम्नानुसार है-
क्षतिग्रस्त भवन है |
क्षतिग्रस्त भवन नहीं है |
1.जबलपुर 01 भवन |
1. छिन्दवाडा |
2.सिवनी 170 भवन |
2. बालाघाट |
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3. कटनी |
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4. नरसिंहपुर |
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5. मण्डला |
क्षतिग्रस्त भवनो की एवं भवन निर्माण वर्ष की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) शासन द्वारा प्रदेश के भवन विहीन/जीर्णशीर्ण एवं क्षतिग्रस्त भवनों की संस्थाओं हेतु प्रति वर्ष 30 छात्रावास एवं 20 आश्रम शाला के नवीन भवन स्वीकृत किये जा रहे हैं। (घ) जी हाँ। आदिवासी विकास अंतर्गत संचालित शालाओं में पद रिक्त हैं इन रिक्त पदों की पूर्ति अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम के मापदण्डों के अनुरूप अतिथि शिक्षकों के द्वारा पदपूर्ति की गई है। तथा शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार व्यापमं के माध्यम से आयोजित परीक्षाओं से चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना किये जाने का प्रावधान है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय होम्योपैथिक आयुष अस्पताल रजाखेड़ी मरोनिया के भवन के संबंध में
56. ( क्र. 1539 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय होम्योपैथिक आयुष अस्पताल रजाखेड़ी मकरोनिया में किस वर्ष से शासन द्वारा संचालित किया जा रहा है? (ख) क्या शासकीय होम्योपैथिक आयुष अस्पताल का भवन शासन द्वारा स्वीकृत है? यदि हाँ, तो किस वर्ष में कितनी राशि से स्वीकृत किया गया था? (ग) यदि अस्पताल भवन स्वीकृत है तो भवन कब तक तैयार होगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासकीय होम्योपैथिक अस्पताल रजाखेड़ी मकरोनिया में वर्ष 1996 से संचालित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2010 में रू. 7.28 लाख से स्वीकृत किया गया है। (ग) शासकीय होम्योपैथिक अस्पताल रजाखेड़ी मकरोनिया के भवन निर्माण हेतु प्राक्कलन अनुसार राशि रूपये 7.28 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक 22/03/2010 द्वारा जारी की गई है। दिनाँक 27/03/2010 को लोक निर्माण विभाग को राशि उपलब्ध कराई गई। कई बार पत्र लिखे जाने पर लोक निर्माण विभाग के पत्र दिनाँक 02/06/2015 द्वारा अवगत कराया गया है कि निर्माण कार्य प्लेंथ लेवल तक पूर्ण किया गया है, दिनाँक 01/08/2014 से एस.ओ.आर. की दरों में वृद्धि होने से निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। पी.डब्ल्यू.डी से नवीन प्राक्कलन चाहा गया है। भवन तैयार होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों की जानकारी
57. ( क्र. 1571 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में प्राथमिक माध्यमिक एवं हाई स्कूल तथा हायर सेकण्डरी स्तर पर वर्गवार शिक्षकों अध्यपकों के कितने पद रिक्त है? वर्गवार, विषयवार जिले में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की संख्या बतावें? शेष पदों का कार्य कैसे संचालित हो रहा है? (ख) कटनी जिले की ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष नवम्बर, 2013 से नवम्बर, 2015 की अवधि में शिक्षक संवर्ग एवं अध्यापक संवर्ग के रिक्त पदोन्नत पदों पर पदोन्नतियों की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विषयवार शिक्षकों/अध्यापकों की कमी के कारण बोर्ड परीक्षा परिणाम में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है? यदि हाँ, तो इसकी जवाबदारी कब तक तय की जावेगी? (घ) राज्य शासन द्वारा वन स्टेप अप योजना अंतर्गत कितनी-कितनी सीटें किन-किन कॉलजों में कटनी जिले में आरक्षित की गई थी? इसके क्या प्रावधान है? इनमें प्रवेश लेने के लिये जिले के विभाग को क्या-क्या कार्यवाहियां करनी थी? कर्मचारियों को प्रवेश दिलवाने की जवाबदारी किसकी थी? कितनी सीटों पर प्रवेश दिलवाये गये? यदि नहीं, तो क्यों, क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार। पदोन्नत एवं अतिथि शिक्षक की नियुक्ति से शैक्षणिक कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश अवधि में क्षेत्र के (निकाय) के अध्यापकों की पदोन्नति नहीं हुई है। शिक्षक संवर्ग निकायवार कार्यरत नहीं होते है किन्तु इस संवर्ग की भी प्रश्नांश अवधि में पदोन्नति की कार्यवाही नहीं हुई है। वर्ष 2014 में विधान सभा/लोक सभा/ग्रामीण निकाय/नगरीय निकाय/विधान सभा उप चुनाव के कारण पदोन्नति की कार्यवाही नहीं हो सकी है। (ग) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनाँक 18.06.15 के अनुसार जिले में कंडिका क्रमांक 12 अनुसार सीट आरक्षित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार। कटनी जिले के महाविद्यालयों में रिक्त सीट्स जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘तीन’ अनुसार है। आदेश की कंडिका 13 के अनुसार जिलों में चयन प्रक्रिया हेतु समिति गठित की गई है। सत्र 2015-16 में शासनादेश अनुसार प्रवेश की जानकारी निरंक है। आगामी सत्र में प्रवेश की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राशि का विवरण देने बाबत्
58. ( क्र. 1572 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन कार्यों हेतु लोक शिक्षण संचालनालय, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन अथवा राज्य शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? तथा उक्त राशि किन-किन शालाओं में व्यय की गई है? 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र कटनी को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्रों पर बिन्दुवार कार्यवाही का विवरण दें? यदि नहीं, दिया गया तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में जिले के अंतर्गत रेडक्रास, खेलकूद एवं स्काऊड गाईड मद में हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय में जमा कराई गई? शालावार विवरण दें? तथा उक्त राशि में से किस कार्य में व्यय किया गया? कार्यवार, व्यय राशि का विवरण दें? (ग) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक शिक्षा विभाग में गबन के कितने प्रकरण प्रकाश में आये? प्रकरणवार विवरण दें? उक्त प्रकरणों में विभाग/शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं? (घ) प्रश्न दिनाँक तक जिले के किन-किन प्राचार्यों, शिक्षकों एवं अन्य के विरूद्ध विभागीय जाँच हेतु आरोप पत्र जारी किये गये हैं? आरोप पत्र की प्रतियां उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पूर्वांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर एवं मध्यांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के विरूद्ध जाँच
59. ( क्र. 1619 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त महोदय, आदिवासी विकास को जिला पंचायत बालाघाट का ज्ञापन क्र. 4200/मनरेगा शिकायत/2011 बालाघाट दिनाँक 31.05.2011 प्राप्त हुआ है, जिसमें तात्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बिरसा, बैहर एवं परसवाड़ा के विरूद्ध मनरेगा योजना में डी.पी.आर. की राशि का नियम विरूद्ध भुगतान करने हेतु उनके विरूद्ध कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? और क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई है, कार्यवाही कब तक की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आय एवं व्यय की जानकारी
60. ( क्र. 1625 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर में वित्तीय वर्ष 2008 से प्रश्न दिनाँक तक योजनावार एवं मदवार कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किए गए? (ख) कार्य किस-किस एजेंसी से कराये गये? कार्यादेश कब जारी किए गए? कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण होने का दिनाँक, कार्य की स्थिति एवं कार्यवार व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध कराये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) तथा (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एनआरएचएम के तहत नियुक्त फार्मासिस्टो के वेतन में बढ़ोत्तरी
61. ( क्र. 1648 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जिला श्योपुर एवं मुरैना में कितने फार्मासिस्ट एनआरएचएम के तहत कार्यरत है? नियुक्ति दिनाँक, नाम, मय स्वा.केन्द्र के बतावे तथा कितने पद रिक्त है? स्वा.केन्द्रवाइज जानकारी दी जावे? (ख) एनआरएचएम के तहत नियुक्त फार्मासिस्ट, सपोर्ट स्टाफ, कम्प्यूटर ओपरेटिव को वर्तमान में कितना-कितना वेतन दिया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित कर्मचारियों की सेवा तीन वर्ष पूरी करने पर 15% प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावे तथा ओदश के मुताबिक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ कब तक दिलाया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला श्योपुर में 10 फार्मासिस्ट एवं मुरैना में फार्मासिस्ट 35 कार्यरत है। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 व 02 अनुसार। (ख) एन.आर.एच.एम. के तहत नियुक्त फार्मासिस्ट का मासिक मानदेय राशि रूपयें 15,000/-, सपोर्ट स्टाफ का 6,000/- एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर का रूपये 10,000 है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को नियुक्ति दिनाँक से पूर्ण वेतनमान देने बाबत्
62. ( क्र. 1652 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति दिनाँक से ही पूर्ण वेतनमान देने संबंधी आदेश कब-कब जारी किये गये हैं? ऐसे समस्त आदेशों की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या उक्त आदेशों में वर्ष 1981 में एवं 1982 में जो शिक्षक चयनित हुए थे जो कि दो वर्षीय प्रशि. प्राप्त कर विद्यालयों में पदांकित हुए थे वो सभी प्रथम नियुक्ति दिनाँक से पूर्ण वेतनमान नहीं पा सके हैं जबकि 82 से 95 तक के सभी पूर्ण वेतनमान के पात्र हैं फिर 1981 के क्यों नहीं? (ग) क्या शासन शिक्षकों की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए जनहित में एक जनरल आदेश जारी करेगा कि जो भी शिक्षक/स.शि./चयनित होकर प्रथम नियुक्ति चाहे वह विद्यालय में हुई हो या बुनियादी प्रशिक्षण संस्था में भेजा गया हो प्रथम नियुक्ति दिनाँक ही मानकर पूर्ण वेतनमान प्राप्त करने की पात्रता में होंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा न्यायालयीन निर्णय के क्रम में दिनाँक 04.08.2005 एवं 11.11.2008 को आदेश जारी किये गये। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है! (ख) मात्र वर्ष 1982-83 से 94-95 तक के चयनित शिक्षक पूर्ण वेतनमान के पात्र है। शेष के संबंध में कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ग) नीतिगत निर्णय है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विमुक्त, घुमक्कड़ जाति के कल्याण की योजना
63. ( क्र. 1714 ) श्री संजय शर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों के आवास एवं भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ख) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में लोहा पीटा समाज के लोगों को क्या-क्या सुविधायें दी जा रही है? (ग) उक्त जिलों में उनके व्यवस्थापन हेतु शासन तथा जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त वर्ग की पंचायत में मान. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा क्या-क्या घोषणायें की गई उनके क्रियान्वयन की क्या स्थिति है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ एवं ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में पात्रता अनुसार जाति प्रमाण-पत्र बनाकर दिये जा रहे है एवं विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियों के छात्र-छात्राओं के लिये आश्रम/छात्रावासों में निवास एवं भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। नरसिंहपुर जिले में लोहा पीटा समाज के लोग निवासरत नहीं हैं (ग) अधीक्षक भू-अभिलेख की जानकारी अनुसार रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले की जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है।
विभाग द्वारा संचालित योजनायें
64. ( क्र. 1715 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन चिकित्सालयों में पद स्वीकृत के उपरांत भी चिकित्सक पदस्थ नहीं है तथा क्यों कारण बतायें? (ख) रायसेन जिले में वर्ष 2013-14 से नवम्बर 15 तक की अवधि में कितनी राशि किस-किस योजना में प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहां-कहां करवाये जा रहे हैं? (ग) रायसेन जिले में कौन-कौन से चिकित्सालयों में भवन क्षतिग्रस्त, जर्जर, भवनविहीन है? उनके भवन निर्माण की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में कोई शासकीय चिकित्सालय क्षतिग्रस्त, जर्जर, भवनविहिन स्थिति में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के ग्रामों में स्वीकृत कार्य
65. ( क्र. 1726 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के अंतर्गत भाडा पाकेट सिलवानी में वर्ष 2010-11 से नवम्बर 15 तक की अवधि में क्या-क्या कार्य कहां-कहां स्वीकृत किये गये? उनमें से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है तथा क्यों कारण बतायें? (ख) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के ग्रामों में भारत सरकार तथा राज्य सरकार किस-किस योजना/मद में किन-किन कार्यों हेतु किस आधार पर राशि स्वीकृत करती है? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र सिलवानी के ग्रामों सड़क, पुल तथा अन्य कार्य स्वीकृत करने के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन जन प्रतिनिधियों के पत्र 01.01.13 से प्रश्न दिनाँक की अवधि में प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। (ख) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में भारत सरकार स्तर पर गठित प्रोजेक्ट एप्रेजल कमेटी द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत परिवार/स्व-सहायता समूह/समुदाय मूलक रोजगार सह आय सृजित योजनाओं में तथा इनसे संबंधित अधोसंरचना विकास क्षेत्रों हेतु तथा संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की जाती है। (ग) प्रश्नांश अन्तर्गत विभागीय मंत्री तथा मंत्री राजस्व एवं पुर्नवास विभाग के पत्र प्राप्त हुए। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है।
आश्रम/छात्रावास के भवन निर्माण
66. ( क्र. 1727 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी में कहां-कहां पर आश्रम छात्रावास संचालित है? भवन, स्वीकृत सीट, छात्र-छात्राओं का क्या-क्या सुविधायें दी जा रही है पूर्ण विवरण दें? (ख) किन-किन आश्रम छात्रावास के भवन कब से निर्माणाधीन है? भवनविहीन कौन-कौन से है? क्षतिग्रस्त भवन किन-किनके है तथा उक्त स्थानों पर छात्र-छात्रायें कहां रह रहे है? (ग) निर्माणाधीन भवन शीघ्र पूर्ण हो, भवनविहीन के क्षतिग्रस्त के शीघ्र भवन स्वीकृत हो इस संबंध में विभाग तथा शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) सीटवृद्धि नवीन आश्रम/छात्रावास स्वीकृत करने के संबंध में विभाग को विगत तीन वर्ष में किन-किन के प्रस्ताव कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला रायसेन के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी में आदिवासी विकास मद से 14 छात्रावास/आश्रम संचालित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। छात्रावासों में नि:शुल्क निवास, भोजन नाश्ता, बिस्तर, पलंग शिष्यवृत्ति, मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। जिन संस्थाओं के भवन निर्माणाधीन है, वे ही भवनविहीन है। गांधी आश्रम सिलवानी का भवन क्षतिग्रस्त है। जिसके छात्र वर्तमान में अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास सिलवानी के भवन में रह रहे हैं। (ग) निर्माणाधीन भवन शीघ्र पूर्ण हो, इस हेतु विभिन्न स्तरों पर समीक्षा की जाती है। जिला संयोजक द्वारा जीर्णशीर्ण भवन घोषित किये जाने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, रायसेन को पत्र लिखे गये है। शासन द्वारा प्रदेश के भवन विहीन/जीण शीर्ण भवनों की संस्थाओं हेतु प्रति वर्ष 30 छात्रावास एवं 20 आश्रमों के भवन स्वीकृत किये जा रहे हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
विद्यालयों में पेयजल अभावग्रस्त विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था
67. ( क्र. 1755 ) श्री दिनेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत किन-किन शासकीय विद्यालयों में पेयजल की स्थाई व्यवस्था नहीं हैं, अनेक विद्यालयों में केवल नल-कूप खनन की औपचारिकताएं पूर्ण कर दी गई है किंतु पेयजल उपलब्ध नहीं हुआ है तथा अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से छात्र-छात्राओं को स्वयं अपने घरों से पीने का पानी लाना पड़ता है? (ख) क्या शासन ऐसे पेयजल अभावग्रस्त विद्यालयों में पेयजल हेतु कोई ठोस व्यवस्था करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्तानुसार ऐसे कितने शासकीय विद्यालय है जिनके स्वामित्व की भूमि अतिक्रमणग्रस्त है तथा शासन द्वारा विद्यालयों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन उक्त विद्यालयों की भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल कर अतिक्रमण से मुक्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 79 प्राथमिक/माध्यमिक तथा शासकीय हाई स्कूल दिघौरी, शासकीय हाई स्कूल मारबोडी एवं शासकीय हाई स्कूल बलारपुर में पेयजल की स्थायी व्यवस्था नहीं है। जी नहीं, अन्य स्त्रोतों से अस्थायी व्यवस्था कर पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। (ख) शासन की नीति अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में हेण्डपम्प खनन कर प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में पेयजल उपलब्ध कराने की कार्यवाही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा की जाती है, कार्यवाही प्रचलन में है। प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित हाई स्कूलों में से शासकीय हाई स्कूल दिघौरी में नल जल योजना से पेयजल व्यवस्था हेतु पीएचई विभाग को लिखा गया है। हाई स्कूल मारबोडी एवं बलारपुर में नल जल योजना का कार्य प्रगति पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र की कुल 26 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं तथा 02 हाई स्कूलों की भूमि अतिक्रमण ग्रस्त है। संबंधित राजस्व अधिकारी के कार्यालय में सूचना दी जाकर/प्रकरण दर्ज कर अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। सीमित बजट के कारण बाउन्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति करना संभव नहीं है।
शासकीय चिकित्सालयों में चिकित्सकों की ड्यूटी की समयावधि
68. ( क्र. 1756 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सालयों में चिकित्सकों को ड्यूटी पर रहने की समय अवधि तय है? यदि हाँ, तो कब से कब तक समय बतायें? (ख) क्या शासकीय चिकित्सालयों में चिकित्सक समय अवधि में पूरे समय ड्यूटी पर उपस्थित रहते है इस हेतु चिकित्सक की उपस्थिति लेने की व्यवस्था क्या है? (ग) क्या चिकित्सकों को मुख्यालय पर ही निवास करने के निर्देश है? क्या सिवनी जिले के ग्रामीण चिकित्सालयों में पदस्थ चिकित्सकों को मुख्यालय पर निवास करना आवश्यक नहीं है? (घ) क्या चिकित्सकों के जिला तथा तहसील मुख्यालय से अप-डाउन करने के कारण चिकित्सालय में समय पर उपस्थित नहीं होते हैं, जिसके कारण क्षेत्र में मरीज इलाज के लिये न भटके, यदि हाँ, तो क्या मुख्यालय पर निवास करने की अनिवार्यता की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। चिकित्सकों की उपस्थिति हस्ताक्षर पंजी में ली जाती है। (ग) जी हाँ। सभी चिकित्सकों को मुख्यालय पर निवास करना आवश्यक है एवं सिवनी जिले के सभी चिकित्सक मुख्यालय में निवास करते है। (घ) जी नहीं। सभी चिकित्सक मुख्यालय पर निवास करते है एवं ड्यूटी टाईम में अस्पताल में उपस्थित रहते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माँझी समाज को आदिवासी समाज के समान सुविधाएं
69. ( क्र. 1772 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माँझी समाज को आदिवासी समाज के समान सुविधाएँ प्रदान करने या न करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णयों की जानकारी देवें? (ख) मध्यप्रदेश शासन की पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 12 के अंतर्गत कौन-कौन सी जातियां आती है? सूची देवें? एवं आदिवासी की सूची क्रमांक 29 में कौन सी जाति दर्ज है? (ग) क्या प्रदेश के बर्मन, केवट, रैकवार, सोधिया, कश्यप, ढीमर, कहार, भोई, मल्लाह, निषाद आदि जाति के लोग विगत अनेक वर्षों से मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजाति माँझी आदिवासी की सूची क्रमांक 29 में शामिल होना मांग करते आ रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 12 में सम्मिलित एक ही जाति की विभिन्न शाखाओं के साथ भेदभाव समाप्त कर सभी उपजातियों को माँझी आदिवासी समाज की तरह सुविधाएं उपलब्ध करावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष दायर क्रमांक 4639/89 पर इस याचिका में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनाँक 25/09/1990 में अवधारित किया कि माझी जनजाति में केवट, मललाह, ढीमर, निषाद, भोई, कहार आदि जातियाँ माझी की उपजातियाँ नहीं हैं। इस निर्णय के विरूद्ध दायर स्पेशल लीव पिटीशन पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज कर दी तथा उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय दिनाँक 25/09/1990 को यथावत रखा। एक अन्य याचिका डब्लू.पी. 1900/11 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनाँक 20/03/2011 में "We are therefore, of the view that the grievance raised by the petitioners can not be entertained as a public interest litigation. The petition being devoid of substance is hereby dismissed." निर्णय पारित किया गया। माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर स्पेशल लीव पिटीशन क्रमांक 22817/2012 के संबंध में दायर कंटेम्ट याचिका (सी) क्रमांक 26/2015 दिनाँक 10 अगस्त 2015 में वादी द्वारा शासन को प्रस्तुत अभ्यावेदन पर शासन द्वारा दिये गये निर्णय को मान्य किया गया। (ख) मध्यप्रदेश शासन की पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक-12 के अन्तर्गत ढीमर, भोई, कहार, कहरा, छीवर/मल्लाह/नावड़ा/तुरहा/केवट (कश्यप, निषाद, रायकवार, बाथम), ब्रितिया (व़तिया), सिंगरहा, जालारी (जालारन्प्तु बस्तर जिले में), सोंधिया (सूची संलग्न) एवं मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक-29 पर अनुसूचित जनजाति माझी (Majhi) दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) इस विभाग से संबंधित नहीं।
दोषियों के विरूद्ध जाँच उपरांत कार्यवाही
70. ( क्र. 1796 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की गई है? मापदण्ड एवं शर्तों सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत रीवा संभाग में उक्त वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए कहां-कहां आश्रम/छात्रावास संचालित हैं तथा उनमें भिन्न-भिन्न श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं? उन पर कौन-कौन, कब-कब से कार्यरत है? कौन-कौन से पद क्यों रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत रीवा संभाग में वर्ष 2008 से प्रश्नांश दिनाँक तक भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा कब-कब किन-किन योजनाओं हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा प्राप्त राशि कब-कब कहां-कहां किस-किस कार्य में खर्च की गई? खर्च की गई राशि का पूर्ण विवरण प्रश्नांश (ख) के अनुसार संचालित आश्रम/छात्रावासवार देवें, अगर उक्त राशि की ऑडिट की कार्यवाही की गई है तो विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार अगर राशि नियम विरूद्ध एवं शासन के मापदण्ड से हटकर खर्च की गई है तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों को चिन्हांकित कर क्या कार्यवाही कब तक करेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति/जनजाति छात्र/छात्राओं के लिये शासन द्वारा संचालित योजनायें मापदण्ड एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) अनुसूचित जाति विभाग द्वारा निर्धारित नियमों के तहत एवं मापदण्ड अनुसार राशि व्यय की गई। अनुसूचित जनजाति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग की वरिष्ठता सूची
71. ( क्र. 1801 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्र. 1-2/09/22/पं.2, भोपाल दिनाँक 27.11.2009 एवं संदर्भ म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग का पत्र क्र. ए 1-102/08/20-1, भोपाल दिनाँक 15.10.2008 में अध्यापक संवर्ग की सूची का संधारण एवं पदोन्नति करने का आदेश समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत म.प्र. समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत म.प्र. एवं समस्त विकासखण्ड शिक्षाधिकारियों को दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो पालन में अधिकांश जिलों में अध्यापक संवर्ग की वरिष्ठता सूची संधारण एवं पदोन्नति की कार्यवाही की जाकर आदेश संबंधितों को जारी किए जा चुके हैं, परंतु जिला रीवा में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों सहित अन्य निकायों में इसका पालन आज दिनाँक तक नहीं किया गया? (ग) यह कि प्रश्नांश (क) के आदेश के पालन में रीवा जिले में प्रश्नांश (ख) के निकायों द्वारा अध्यापक संवर्ग की वरिष्ठता सूची संधारण एवं पदोन्नति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। दिनाँक 01.04.2015 की स्थिति में वरिष्ठता सूची संधारण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जानकारी प्रदाय करने बावत्
72. ( क्र. 1823 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 96 (क्रमांक 2752) दिनाँक 4 मार्च, 2015 के उत्तर में मऊगंज के 34 तथा हनुमना के पांच कुल 39 जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को वितरित हक प्रमाण पत्रधारियों के नाम, पूर्ण पता सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में 301 दावों का सी.डी.ए. सर्वे की क्या प्रगति है? पूर्व प्रश्न दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक कितनी प्रगति हुई? प्रत्येक के पृथक-पृथक प्रगति की कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रक्रिया की सत्यापन में कितने वर्ष लगेंगे? क्या शासन द्वारा कोई समय-सीमा नियत है? यदि हाँ, तो बतावें? एवं यदि नहीं, तो क्या शासन इस प्रकार की कार्यवाही की समय-सीमा तय करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘अ‘' अनुसार है। (ख) 248 दावों का पी.डी.ए. सर्वे किये जा कर हक प्रमाण पत्र का वितरण किया जा चुका है। 53 में पी.डी.ए. सर्वे कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘ब‘' अनुसार है। (ग) सत्यापन की प्रक्रिया एवं पी.डी.ए. सर्वे में कितना समय लगेगा, बताया जाना संभव नहीं है। शासन से लंबित हक प्रमाण पत्र के वितरण की समय-सीमा 15.11.2015 नियत की गई थी किन्तु लंबित प्रकरणों मे पी.डी.ए. के समय दावेदारों द्वारा स्थल पर उपस्थित न रहने के कारण समय-सीमा मे कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका।
विकास कार्यों के व्यय की जानकारी
73. ( क्र. 1882 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा सागर जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग (आदिवासी विकास कार्यालय सागर) को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में विकास कार्य हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दिनाँक 15.11.2015 तक तिमाही आवंटन के रूप में प्राप्त राशि, विकास कार्यों में नियमानुसार व्यय न करते हुये अन्य कार्यों में व्यय की गयी है तथा शेष राशि समर्पित कर दी गयी है? (ख) यदि नहीं, तो बतावे कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में किस-किस तिमाही में कितना-कितना आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ और उक्त आवंटन से कब-कब, किस-किस कार्य के लिये कहां-कहां किस-किस पंचायत के किस ग्राम को किसकी अनुशंसा पर राशि स्वीकृत की जाकर व्यय की गयी है? तथा किस-किस तिमाही की कितनी-कितनी राशि कब-कब समर्पित की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभाग के पास किस-किस पंचायत के अंतर्गत किस-किस कार्य के प्रस्ताव राशि स्वीकृति हेतु लंबित हैं, और इन कार्यों के लिये कब तक राशि स्वीकृत की जाकर कार्य कराने की मंजूरी दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है।
चिकित्सा शिक्षक/डॉक्टर की कर्तव्य से अनुपस्थित
74. ( क्र. 1907 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय अधिष्ठाता, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के आदेश क्रमांक 772/एम.सी./4/स्था./राज./2015, भोपाल दिनाँक 24.03.2015 के द्वारा अनाधिकृत अनुपस्थित चिकित्सा शिक्षकों की सूची जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन चिकित्सा शिक्षक/डॉक्टर कब से अपने कर्तव्य से अनुपस्थित हैं एवं शासन द्वारा अब तक इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) क्या कुछ चिकित्सा शिक्षक/डॉक्टर वर्ष 1991 के बाद से ही अपने कर्तव्य से अनुपस्थित हैं तथा विदेशों में प्रशिक्षण लेने जाने के पश्चात से ही अनुपस्थित हैं? यदि हाँ, तो इनमें से कई चिकित्सा शिक्षक/डॉक्टर भोपाल शहर एवं आस-पास के शहरों के निजी चिकित्सालयों में सेवायें दे रहे हैं? (घ) प्रश्नांकित चिकित्सा शिक्षक/डॉक्टर 20 से 25 वर्षों तक कार्य पर उपस्थित नहीं हुये इस संबंध में समय-समय पर शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की? इन्हें अभी तक सेवा से पृथक क्यों नहीं किया गया है? इन प्रकरणों में चिकित्सा शिक्षक/डॉक्टर एवं कार्यवाही न करने वाले दोषी अधिकारियों पर अब शासन क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। कर्तव्य से अनुपस्थित चिकित्सा शिक्षक/डॉक्टर निजी चिकित्सालयों में सेवायें प्रदान कर रहे हैं, इसकी कोई जानकारी शासकीय अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। (घ) अनुपस्थित चिकित्सा शिक्षकों के विरूद्ध समय-समय पर कार्यवाही की गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा रोगी का उपचार सहायता
75. ( क्र. 1917 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसबंर 2013 से अक्टूबर 2015 तक प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा शासन द्वारा मरीजों के ईलाज हेतु सहायता देने हेतु कितने आवेदन राज्य शासन एवं जिला प्रशासन मुरैना को प्रस्तुत किये गये की जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत आवेदनों में से किन-किन रोगियों को कितनी-कितनी राहत राशि प्रदान की गयी है? इसकी जानकारी दी जावें? (ग) क्या सभी रोगियों को राहत राशि स्वीकृत होकर प्रदाय कर दी गयी है? यदि नहीं, तो कितने शेष है? व उन्हें कब तक राहत राशि प्रदाय कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उक्त समयावधि में माननीय विधायक द्वारा मरीजों के ईलाज हेतु सहायता देने हेतु पांच आवेदन कार्यालय कलेक्ट्रेट मुरैना एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मुरैना कार्यालय में सीधे प्राप्त हुए है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्राप्त आवेदनों में से चार आवेदन राज्य बीमारी सहायता निधि योजनान्तर्गत चिन्हित बीमारियों के न होने के कारण आर्थिक सहायता प्रदाय नहीं की गई शेष एक आवेदन श्री रामविलास पुत्र श्री चन्दन सिंह जाटव निवासी ग्राम इमलिया पोस्ट लालौर कैंसर रोग से पीडि़त होने पर आर्थिक सहायता प्रदाय किये जाने के संबंध में संबंधित को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मुरैना द्वारा पत्र क्रमांक/बी.सहा./2014/21618 दिनाँक 19.09.2014 के माध्यम से योजनान्तर्गत निर्धारित वांछित दस्तावेज एवं निर्धारित आवेदन मय छायाप्रति के प्रस्तुत करने के लिये लेख किया गया था किन्तु संबंधित द्वारा वांछित जानकारी प्रस्तुत न किये जाने के कारण योजनान्तर्गत लाभ प्रदाय नहीं किया जा सका है। (ग) जी नहीं। शेष एक आवेदन श्री रामविलास पुत्र श्री चन्दन सिंह को राज्य बीमारी सहायता निधि योजनान्तर्गत निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन एवं दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने की दशा में आर्थिक सहायता प्रदाय की जावेगी।
07 दिमनी क्षेत्र में शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
76. ( क्र. 1918 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 जुलाई 2015 के अता.प्रश्न संख्या 124 (क्रमांक 2917) के उत्तर 'ख' में 372 प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में से 213 शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है व जिला वार्षिक योजना के आधार पर प्रस्ताव भारत सरकार को दिया गया है? स्वीकृति उपरांत पूर्ति की जावेगी बताया गया है? तो क्या शासन से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? (ख) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना के बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। 31 जुलाई, 2015 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2917 के उत्तर 'ख' में 372 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में से 213 शालाओं में बाउन्ड्रीवाल नहीं है का उल्लेख किया गया है। जी हाँ, वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2015-16 में प्रस्ताव भारत शासन का प्रेषित किया गया था। इस वर्ष स्वीकृति अप्राप्त है। (ख) भारत शासन को वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2016-17 स्वीकृति प्राप्त होने पर ही बाउन्ड्रीवाल का निर्माण किया जा सकेगा।
सर्व शिक्षा अधिनियम के तहत नि:शुल्क शिक्षा
77. ( क्र. 1923 ) श्री जतन उईके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में छिन्दवाड़ा जिले में किन-किन अशासकीय विद्यालयों ने कितने-कितने विद्यार्थियों को अनिवार्य शिक्षा के तहत् विद्यालय में नि:शुल्क प्रवेश दिया? विद्यालयवार संख्या सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) विद्यार्थियों को किस आधार पर चयनित किया गया, क्या विद्यार्थी के प्रवेश में कलेक्टर या वी.ई.ओ. अनुशंसा अनिवार्य है? यदि हाँ, तो अनुशंसा की जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) शिक्षा नि:शुल्क के लिये प्रवेश न देने के लिये किन विद्यालयों को शिकायत शिक्षा विभाग एवं कलेक्टर को प्राप्त हुई उस पर क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या यह सही है नि:शुल्क शिक्षा में विद्यार्थी किसी तरह से कोई शुल्क लेना अनिवार्य है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा-12 (1) (ग) में किये गये प्रावधान अनुसार अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था है। वंचित समूह में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ वनग्राम के पट्टाधारी परिवार, विमुक्त जाति तथा निःशक्त बच्चे शामिल है। कमजोर वर्ग के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार शामिल है। यदि विद्यालय में निर्धारित सीट से कम आवेदन प्राप्त होते है तो सभी पात्र आवेदकों को प्रवेश मिलेगा। निर्धारित सीट से अधिक आवेदन प्राप्त होते है, तो लाटरी द्वारा नाम निकालकर प्रवेश दिया जायेगा। जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। विद्यार्थी से शुल्क लेने का प्रावधान नहीं है।
सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी
78. ( क्र. 1925 ) श्री जतन उईके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने विद्यालय, शौचालय किचिन शेड, हैण्डपंप एवं भवनहीन है? विद्यालय में कौन-कौन सी सुविधा नहीं हैं? (ख) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक उपरोक्त कार्यों हेतु किस विद्यालय में कितनी राशि दी गई है? क्या स्वीकृति के उपरांत निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हुआ? (ग) वर्तमान में पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कितने भवन अभी लंबित है? (घ) वर्षों से अधूरे पड़े निर्माण कार्य के लिये कौन अधिकारी दोषी है? क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सभी शाला परिसर में शौचालय उपलब्ध हैं। 44 शालाओं में किचिन शेड, 68 शालाओं में हैण्डपम्प नहीं है एवं 02 शालाएं भवनहीन हैं। (ख) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक उपरोक्त कार्यों हेतु दी गई राशि एवं पूर्णता की स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) वर्तमान में पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत 07 भवन, 11 अतिरिक्त कक्ष एवं 03 एच.एम. कक्ष का कार्य लंबित है विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) अधूरे पड़े निर्माण कार्य के लिये निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव दोषी हैं। अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने की कार्यवाही प्रचलन में है।
सतना जिले में दहायत अनु. जाति के जातीय प्रमाण-पत्र
79. ( क्र. 1938 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में दहायत, दाहिया जाति अनुसूचित जाति की सूची के क्र. 18 में विधिमान्य अधिसूचित है? यदि हाँ, तो संविधान के किस अनुच्छेद तथा किस आदेश के तहत अधिसूचित है? (ख) अनु. जाति कल्याण विभाग मंत्रालय का पत्र क्र. 23-40/2000/25/4 दिनाँक 15/10/2004 क्यों तथा किसलिये जारी किया गया था? तथा दिनाँक 11/12/2014 को समसंख्यक पत्र क्यों किसलिये निरस्त कर दिया गया है? समसंख्यक पत्र निरस्त हो जाने से सतना जिला में क्या दहायत जाति की अनुसूचित जाति (18) की अधिसूचना समाप्त हो गई है, तो दहायत, दाहिया जाति के प्रमाण पत्र क्यों जारी नहीं हो रहे है? क्या भारत सरकार ने रोक लगाई है? (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 धारा 230 के तहत क्या कोटवार पद है की जाति तथा T.R.I. के पत्र क्र. 726 दिनाँक 08.05.2001 में कोटवार को क्या मान्य किया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 18 पर दहायत जाति सम्पूर्ण राज्य के लिए अधिसूचित है। इस सूची में दाहिया अंकित नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 341 में संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 अधिसूचित है। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का पत्र क्रमांक एफ 23-40/2000/25/4 दिनाँक 15.10.2004 में कोटवार को ‘दहायत’ अनुसूचित जाति मान्य करने के लिये जारी किया गया था तथा विधि विभाग की टीप दिनाँक 16.12.2005 द्वारा इस आदेश को असंवैधानिक बताया गया क्योंकि किसी जाति को अनुसूचित जाति मान्य करने अथवा विलोपित करने का अधिकार केंद्र शासन को है तथा अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 18 पर दहायत, दहैत, दाहत अंकित है, कोटवार जाति अंकित नहीं है इसलिये निरस्त किया गया है। पत्र निरस्त किये जाने से अधिसूचना का कोई संबंध नहीं है। क्रमांक 18 पर अधिसूचित जातियों के प्रमाण पत्र नियमानुसार पाने की पात्रता है। कोई रोक नहीं लगायी गयी है। (ग) भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 230 के तहत कोटवार एक पद है किंतु अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों की सूची के क्रमांक 51 पर कोटवार जाति भी है। टी.आर.आई. के पत्र दिनाँक 8.5.2001 में रीवा संभाग में निवासरत कोटवार को जाति प्रतिपादित किया गया है।
पम्प उर्जीकरण कार्यों की स्वीकृति
80. ( क्र. 1982 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 में आदिम जाति कल्याण विभाग को पम्प उर्जीकरण योजना अन्तर्गत किन-किन अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों के आवेदन सीधे एवं किन-किन कृषकों के नामों के प्रस्ताव किन-किन जनप्रतिनिधियों की ओर से प्राप्त हुए की सूची उपलब्ध करावे? (ख) उक्त अवधि में उक्त सूची में उल्लेखित किन-किन कृषकों के नामों का अनुमोदन जिले के माननीय प्रभारी मंत्रीजी द्वारा किया गया तत्पश्चात् किन-किन कृषकों के प्रकरण स्वीकृत कर उन्हें लाभान्वित किया गया? (ग) उक्त अवधि में जिले को उक्त योजनान्तर्गत वर्षवार कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया गया? (घ) क्या विभागीय अमले की उदासीनता के कारण वर्ष 2014-15 में उपलब्ध आवंटन समर्पण/लेप्स हुआ एवं चालू वित्त वर्ष में प्रश्न दिनाँक तक जिले को आवंटन ही उपलब्ध नहीं कराया गया, नतीजन एक भी पात्र कृषक को योजना का लाभ नहीं मिला? (ड.) यदि हाँ, तो इस हेतु कौन उत्तरदायी है यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच कराएगा तथा प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में लंबित पड़े प्रकरणों की स्वीकृति हेतु आवंटन उपलब्ध कराकर शीघ्र स्वीकृत करने के निर्देश विभाग को जारी करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' तथा ''दो'' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति विकास द्वारा क्रमश: वर्ष 20114-15 में रू. 31.10 लाख, वर्ष 2015-16 में रू. 10.00 लाख तथा जनजाति विभाग अन्तर्गत वर्ष 20114-15, वर्ष 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2014-15 में लोकसभा निर्वाचन, नगर निकाय एवं पंचायत निर्वाचन की समय-समय पर आचार संहिता लागू होने से त्रैमासवार प्राप्त आवंटन से कार्य स्वीकृत कर पूर्ण कराया जाना संभव न होने एवं वित्त विभाग द्वारा अग्रिम आहरण पर रोक लगाने से राशि समर्पित की गई। चालू वर्ष में उपलब्ध आवंटन से पात्र कृषकों के प्रकरणों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार राशि समर्पित हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उपलब्ध आवंटन की सीमा में लंबित प्रकरणों का पिराकरण करने के निर्देश जारी किये गये।
माध्यमिक शाला का उन्नयन
81. ( क्र. 1983 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नयागांव ढोंढपुर में संचालित माध्यमिक शाला के उन्नयन का प्रस्ताव डीईओ श्योपुर द्वारा कलेक्टर श्योपुर के माध्यम से शासन को कब भेजा प्रस्ताव पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक किन-किन माध्यमिक शालाओं के उन्नयन का प्रस्ताव तैयार कर विभाग द्वारा शासन को भेजे गये क्या उनमें अलापुरा, अड़वाड़, पनवाड़, सौठावा व सेमल्दा की माध्यमिक शालाओं के उन्नयन के प्रस्ताव भी शामिल है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित माध्यमिक शालाएं उन्नयन हेतु शासन के सभी मापदण्डों को भी पूरा करती है तथा इन शालाओं से माध्यमिक शिक्षा उत्तीर्ण करने उपरांत स्कूली बच्चे 5 कि.मी. से अधिक दूरी तय कर अन्यत्र हाईस्कूलों में पढ़ने जाने को विवश है इस कारण उक्त शालाओं का उन्नयन किये जाने की आवश्यकता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त माध्यमिक शालाओं के उन्नयनों के प्रस्तावों को चालू वर्ष के अनुपूरक/आगामी वर्ष के वार्षिक बजट में शामिल कर इनकी स्वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी, श्योपुर द्वारा शासकीय माध्यमिक शाला नयागांव ढोंढपुर का हाईस्कूल में उन्नयन का प्रस्ताव लोक शिक्षण संचालनालय को दिनाँक 04.12.14 में भेजा गया है। कलेक्टर के माध्यम से नहीं। (ख) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों की वजह से सभी पात्र शालाओं का उन्नयन संभव नहीं हो पाता है। उपलब्ध बजट अनुसार स्वीकृति निर्भर करेगी।
जननी एक्सप्रेस एवं रोगी वाहन की जानकारी
82. ( क्र. 1994 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में संचालित सिविल हास्पिटल बड़नगर/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंगोरिया/प्रा. स्वा. केन्द्र भाटपचलाना/प्रा.स्वा. केन्द्र खरसौद कला/प्रा. स्वा. केन्द्र लोहाना जननी एक्सप्रेस से अतिरिक्त अन्य वाहन भी उपलब्ध हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से वाहन उपलब्ध हैं? वाहन अनुबंधित हैं या विभाग द्वारा क्रय किये गये हैं? (ग) यदि अनुबंधित है तो किस-किस दर पर कितने समय के लिये अनुबंधित किये गये हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) आर.बी.एस.के. कार्यक्रम अंतर्गत 1 बोलेरो तथा 1 जायलो वाहन उपलब्ध हैं। उक्त वाहन अनुबंधित है। इनके अतिरिक्त एक वाहन विकासखण्ड स्तर से आवश्यकतानुसार दैनिक आधार पर किराये से लिया जाता है। संस्था द्वारा किसी भी प्रकार का कोई वाहन क्रय नहीं किया गया है। (ग) आर.बी.एस.के. कार्यक्रम अंतर्गत 02 अनुबंधित वाहन प्रथम 1500 किलोमीटर हेतु रु. 23500/- प्रतिमाह प्रति वाहन निर्धारित हैं एवं अतिरिक्त किलोमीटर हेतु रु. 6.90/- प्रति किलोमीटर की दर से स्वीकृत है। उक्त वाहनों का गतवर्ष अनुबंध 02 वर्ष हेतु किया गया है। विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधन इकाई का वाहन मासिक आधार पर अनुबंधित न किया जाकर आवश्यकता पड़ने पर प्रतिदिवस रु. 675/- दिवस का किराया एवं 12 किलोमीटर पर 01 लीटर डीजल की राशि देय है। आवश्यकता होने पर ही वाहन ऑन कॉल पर गाड़ी किराये पर ली जाती है।
सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा हेतु
83. ( क्र. 1995 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत उज्जैन रोड पर उज्जैन से 25 कि.मी. दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंगोरिया में रोग विशेषज्ञों के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) वर्तमान में कितने रोग विशेषज्ञ कार्यरत है तथा कितने पद रिक्त है? (ग) रिक्त पद पर कब तक नियुक्ति की जावेगी तथा उपरोक्त पदों के अतिरिक्त अन्य मेडिकल आफिसरों की नियुक्ति और पदस्थापना कब तक होगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंगोरिया में मेडिकल विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ, स्त्रीरोग विशेषज्ञ के एक-एक पद स्वीकृत हैं। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंगोरिया में मेडिकल विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ, स्त्रीरोग विशेषज्ञ के एक-एक पद रिक्त है। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों के पद पर पदस्थापना में कठिनाई हो रही है। इंगोरिया में चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत एवं 01 चिकित्सक की पदस्थापना है परंतु वे अध्ययन अवकाश पर हैं, स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र झारड़ा में पदस्थ चिकित्सक डॉ. प्रमोद अर्गल की ड्युटी लगाई गई है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
निवाड़ी में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना
84. ( क्र. 2008 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में एक केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या उक्त विद्यालय प्रारंभ करने की स्वीकृति शासन द्वारा दे दी गई है यदि हाँ, तो आदेश जारी होने का दिनाँक तथा कब तक कक्षायें प्रारंभ हो सकेगी? समयावधि बतावें? (ख) क्या उक्त केन्द्रीय विद्यालय हेतु आवश्यक भूमि का आवंटन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जायेगा? (ग) क्या नवीन स्वीकृत भवन निर्माण होने तक कक्षायें प्रारंभ करने के लिये किसी वैकल्पिक भवन की व्यवस्था हो गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी दी जावे तथा यदि नहीं, तो यह व्यवस्था कब तक हो सकेगी? (घ) उक्त केन्द्रीय विद्यालय के संबंध में केन्द्र शासन और राज्य शासन स्तर से क्या-क्या कार्यवाहियां और स्वीकृतियां शेष रह गई है? वे कब तक पूरी कर ली जायेगी? अनुमानित समयावधि बतायी जावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) से (घ) राज्य शासन में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल में निर्माण कार्य में अनियमितता
85. ( क्र. 2031 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में स्कूल शिक्षा विभाग में 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस निर्माण कार्य पर किस-किस की अनुशंसा पर खर्च की गई? (ख) उक्त जिलों में उक्त अवधि में कितने-कितने भवन कक्ष किस प्राथमिकता से बनाये गये, भवन कक्ष चयन के मापदण्ड क्या है? क्या इनके लिये जनप्रतिनिधि की अनुशंसा ली जाती है, यदि हाँ, तो कितने जनप्रतिनिधियों ने कहां-कहां पर अनुशंसा की? (ग) उक्त समस्त निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, ऐसे कितने निर्माण कार्य है, जिनकी राशि 06 माह पूर्व जारी की गई, किंतु निर्माण कार्य अधूरे हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य के लिये विभागीय सहायक यंत्री, उपयंत्री से कार्यों का प्राक्कलन सत्यापन लिये गये? यदि हाँ, तो 5 लाख से उपर समस्त निर्माण कार्यों की उक्त जिलों की सत्यापन रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मंदसौर, रतलाम एवं नीमच जिले में 01 जनवरी, 2013 के पश्चात् प्रश्न दिनाँक तक प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं पर जिलावार/कार्यवार निर्माण कार्यों पर खर्च की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त राशि जिला निर्माण समिति की अनुशंसा पर व्यय की गई। हाईस्कूल निर्माण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भारत शासन से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत प्राप्त स्वीकृति के अनुरूप व्यय किया गया है। (ख) उक्त अवधि में उक्त जिलों में से मंदसौर जिले में 32 अतिरिक्त कक्ष, 320 शौचालय एवं 18 बाउन्ड्रीवाल बनाये गये। जिला स्तर पर जिला इकाई समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत शासन को भेजा जाता है। स्वीकृति उपरांत जिले में तद्नुसार निर्माण कार्य संपादित कराये जाते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत उन्नयन किये गये हाईस्कूलों के लिए भवन निर्माण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति भी भारत शासन दवारा दी जाती है। इसके अतिरिक्त सुदृढ़ीकरण के तहत यू-डाईस के डेटा के आधार पर दर्ज विद्यार्थियों की संख्या एवं स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं को आधार मानकर भारत शासन द्वारा अतिरिक्त कक्ष, आर्ट क्राफ्ट कक्ष, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, शौचालय एवं पेयजल हेतु स्वीकृति दी जाती है। जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा लेने का कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, मंदसौर जिले को छोड़कर रतलाम एवं नीमच जिले के उक्त समस्त कार्य पूर्ण हो चुके है। मंदसौर जिले मात्र 2 अतिरिक्त कक्ष के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति दि. 4.7.2015 को जारी होने से प्रगतिरत है। निर्माण कार्य की पूर्ण राशि एक साथ संबंधित एजेंसियों को जारी नहीं की जाती है। कार्य प्रगति के आधार पर 3 से 4 किश्तों में राशि संबंधित एजेंसी को जारी की जाती है। कार्य निर्माण एजेंसियों को सौंपे गये है, कार्यवाही उन्हीं के द्वारा की जाती है। अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। रतलाम एवं नीमच जिले में उक्त अवधि में रूपये 5 लाख से अधिक के कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराये गये। हाई/ हायर सेकेण्डरी स्कूलों का निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी को सौंपे गये है तथा निर्माण एजेंसी के यंत्रियों द्वारा ही प्राक्कलन सत्यापन किए जाते है। मंदसौर जिले के उक्त अवधि में रूपये 5.00 लाख से अधिक के बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्यों के प्राक्कलन की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
अध्यापकों को 3 वेतन वृद्धि का लाभ
86. ( क्र. 2032 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र मन्दसौर अन्तर्गत कार्यरत अध्यापकों को वर्ष 1998 से 2001 तक 03 वेतन वृद्धि का लाभ कितने अध्यापकों को नहीं दिया है? जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ माननीय न्यायालय ने परीक्षा अवधि अंतर्गत 3 वेतन वृद्धि का लाभ दिये जाने हेतु निर्देशित किया है? यदि हाँ, तो किस दिनाँक को, निर्देशित दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक शेष बचे अध्यापकों को 3 वेतन वृद्धि का लाभ दिये जाने हेतु की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) संदर्भ में शेष बचे अध्यापकों को 3 वेतन वृद्धि का लाभ कब तक दे दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 1998 से 2001 के मध्य कार्यरत शिक्षाकर्मियों को तीन अतिरिक्त वेतनवृद्धियां दिये जाने का प्रावधान शिक्षाकर्मी नियम 1997 में नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। WP (एस) 5843/2004 में पारित निर्णय दिनाँक 12.04.2005 के द्वारा परिवीक्षा अवधि के लिये वेतन वृद्धि दिये जाने के आदेश दिये गये थे, इसके उपरांत शासन द्वारा उक्त निर्णय के विरूद्ध रिट याचिका मान. उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई। WA NO. 1098 / 2006 म.प्र.शासन विरूद्ध राघवेन्द्र सोहगरा एवं अन्य में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय दिनाँक 21.01.2009 के द्वारा WP (एस) 5843/ 2004 में पारित निर्णय को निरस्त किया गया है, अतः परिवीक्षा अवधि के लिये तीन वेतन वृद्धि दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
विमुक्त घुमक्कड़ जाति के लोगों का पलायन
87. ( क्र. 2041 ) श्री अरूण भीमावद : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा विमुक्त एवं घुमक्कड़ जाति के लोगों का रोजगार हेतु अन्य राज्यों में कार्य करने हेतु लगातार पलायन होता रहता है? इसे रोकने हेतु शासन के पास क्या कार्य योजना है? (ख) ऐसे कौन-कौन से रोजगार है, जो विभाग लोगों के पलायन रोककर स्थाई आमदनी हेतु रोजगार उपलब्ध करवा रही है? (ग) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर के उक्त जातियों के लोग दूसरे राज्यों में पलायन नहीं हो इसके लिये शासन स्तर पर कौन-कौन रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध करवा रही है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लोगों के लिये मध्यप्रदेश राज्य विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति विकास अभिकरण के माध्यम से स्वरोजगार अनुदान योजना संचालित है। (ख) मा. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत स्वरोजगार एवं सभी वर्ग के लोगों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध है। (ग) विधान सभा क्षेत्र शाजापुर अन्तर्गत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के लोग मुख्यतः चादर, दरी, फर्श, आदि हेतु अन्य जगह जाते है। मा. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत स्वरोजगार हेतु सभी वर्ग के लोगों के लिये ऋण सुविधा उपलब्ध है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के डेरों में विकास
88. ( क्र. 2042 ) श्री अरूण भीमावद : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन की योजनाओं में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के लोग पहाडि़यों, डेरों एवं कस्बों में निवासरत की बस्तियों के विकास हेतु कोई कार्य योजना स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त बस्तियों के विकास हेतु कौन-कौन से कार्य एवं लागत विकास राशि स्वीकृत की गई है? (ग) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के लोगों की कई बस्तियां हैं जिनके विकास कार्य हेतु जिला प्रशासन से एक कार्य योजना प्रस्तावित की गई है? (घ) प्रस्तावित कार्य योजना का क्रियान्वयन कब तक होगा? समयावधि बतलावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक ‘‘एक’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पत्रक ‘‘दो’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति जनजाति के लिये प्राप्त कार्य योजना अपूर्ण प्राप्त होने से नियमानुसर विधिवत पूर्ण प्रस्ताव उपलब्ध कराने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमाक 1032 दिनाँक 31/03/2015 द्वारा जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण, शाजापुर को लिखा गया है। विधिवत पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ठेके पर सफाईकर्मी रखे जाना
89. ( क्र. 2068 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सफाईकर्मियों के कितने पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पद अनुसार सफाईकर्मी कार्यरत है अगर हाँ, तो संख्या बतावें? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ठेके पर सफाईकर्मियों को रखे जाने का ठेका किसे कब किस स्तर में कितनी अवधि के लिये किन-किन शर्तों पर दिया गया? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जो सफाईकर्मी कार्यरत है उन्हें प्रतिमाह कितना परिश्रमिक दिया जाता है एवं निश्चित समयावधि में पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है अगर हाँ, तो भुगतान की प्रक्रिया बतावें? (घ) विगत दो वर्षों में कितने सफाईकर्मियों को पारिश्रमिक का भुगतान किस माध्यम से किया गया दो वर्ष का पारिश्रमिक बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खातेगांव एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कन्नौद में सफाईकर्मियों के स्वीकृत एवं कार्यरत कर्मियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ अनुसार। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ठेके पर सफाईकर्मियों को रखे जाने का ठेका मेसर्स प्रथम नेशनल सिक्यूरिटी इन्दौर को वर्ष 2014 में जिला स्तर से दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’ अनुसार। (ग) नियमित पदों पर कार्यरत सफाईकर्मियों को उनके वेतनमान के अनुसार कोषालय के माध्यम से उनके खाते में ई-भुगतान किया जाता है। आउटसोर्स पर रखे गये सफाईकर्मियों को प्रचलित कलेक्टर दर अनुसार प्रतिमाह निश्चित समयावधि में ई-ट्रांसफर के माध्यम से ठेकेदार द्वारा भुगतान किया जाता है। (घ) वर्ष 2014-15 में 44 सफाईकर्मी एवं दिनाँक 27/07/2015 से 41 सफाई कर्मचारियों को प्रथम नेशनल सिक्यूरिटी इन्दौर के माध्यम से क्रमश: 29.38 लाख रूपये एवं 4.17 लाख रूपये (जून 2015 तक) किया गया है।
चिकित्सा अधिकारी के पदों के संबंध में
90. ( क्र. 2069 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में ब्लाक मेडिकल अधिकारी के कितने पद स्वीकृत है एवं किन-किन विकासखण्डों में चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं? विकासखण्डों के नाम बताये? (ख) देवास जिले के कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर महिला चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है विकासखण्ड का नाम बतायें? (ग) विधानसभा क्षेत्र कन्नौद खातेगांव के अंतर्गत ऐसे कितने प्रा.स्वास्थ्य केन्द्र है एवं प्रत्येक प्रा.स्वास्थ्य केन्द्र में कौन-कौन से पद स्वीकृत है पदनाम बतावें? (घ) कन्नौद खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की अंतर्गत ऐसे कितने प्रा.स्वास्थ्य केन्द्र है जहां पर पदस्थापना होने के पश्चात् चिकित्सा कर्मचारी/अधिकारी प्रश्नांश दिनाँक तक पदस्थापना स्थल पर उपस्थित नहीं हुए है नाम बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) देवास जिले अंतर्गत प्रमुख खण्ड चिकित्सा अधिकारी के 06 पद स्वीकृत हैं तथा 04 विकासखण्डों यथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टोंकखुर्द, बागली, खॉतेगाँव एवं कन्नौद में चिकित्सा अधिकारी प्रभार में कार्यरत हैं। (ख) देवास जिले के सभी 06 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों यथा टोंकखुर्द, बागली, खॉतेगॉव, कन्नौद, सोनकच्छ एवं विजयागंज मण्डी में महिला चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी निरंक है।
एम्बुलेंस जननी एक्सप्रेस की व्यवस्था
91. ( क्र. 2071 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत ऐसे कितने प्रा. स्वास्थ्य केन्द्र है जहां पर शासन/विभाग द्वारा एम्बुलेंस जननी एक्सप्रेस वाहन प्रदाय किये गये है? (ख) क्या शासन/विभाग द्वारा प्रा. स्वास्थ्य केन्द्र पर एम्बुलेंस/जननी एक्सप्रेस सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु कोई मापदण्ड निर्धारित किया गया है? अगर हाँ तो निर्धारित मापदण्ड क्या है बतावें? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत ऐसे कितने प्रा. स्वास्थ्य केन्द्र जहां पर एम्बुलेंस/जननी एक्सप्रेस उपलब्ध कराई गई है? प्रा.स्वा.केन्द्र का नाम एवं वाहन का नाम बतावें? (घ) विधानसभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत कई ग्राम ऐसे है जिन की विकासखण्ड कार्या. दूरी लगभग 50-60 कि.मी. है? चिकित्सा सुविधा अभाव के कारण कई प्रसूताओं की मृत्यु हो जाती है, क्या शासन ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों के प्रा.स्वास्थ्य केन्द्रों पर एम्बुलेंस/जननी एक्सप्रेस सुविधा उपलब्ध कराने पर विचाराधीन है अगर हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत कुल 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जननी एक्सप्रेस की वाहन विभाग द्वारा उपलब्ध है। (ख) जी हाँ। निर्धारित मॉपदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत 01 जननी एक्सप्रेस सामुदायिक स्वा. केन्द्र खातेगांव में, 01 जननी एक्सप्रेस तथा 01 एम्बुलेंस प्राथमिक स्वा. केन्द्र नेमावर में एवं 01 जननी एक्सप्रेस उप स्वास्थ्य केन्द्र हरणगांव में उपलब्ध करवाए गये हैं। जननी एक्सप्रेस वाहन हेतु मारुति ओमनी वाहन लगाये गये हैं। (घ) जी हाँ। जी नहीं, विकासखंड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुख्यालय पर जननी एक्सप्रेस/एम्बुलेंस की सेवाएं उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक शिक्षकों के पदोन्नति
92. ( क्र. 2112 ) श्री कैलाश चावला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी जिला नीमच को सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति किये जाने हेतु विधायक मनासा द्वारा दिनाँक 17.10.15 को पत्र प्रेषित किया गया? (ख) क्या विभाग पर सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति हेतु परीक्षण कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक इन सहायक शिक्षकों की पदोन्नति शिक्षक पद पर कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटनी जिले में विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रम
93. ( क्र. 2129 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में आदिम जाति/अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कितने-कितने छात्रावास/आश्रम किन-किन स्थानों पर संचालित है एवं इन छात्रावास/आश्रमों में वर्तमान में कौन-कौन शासकीय सेवक, किस सक्षम प्राधिकारी के किन आदेशों के तहत, कब से पदस्थ/कार्यरत है? संस्थावार बतायें? (ख) क्या शासन/विभाग द्वारा छात्रावास/आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों के उपयोग की सामग्री क्रय करने एवं संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण, रख-रखाव के संबंध में समय-समय पर दिशा-निर्देश दिये गये है? यदि हाँ, तो विभागीय नियमों, दिशा निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले के छात्रावासों/आश्रमों हेतु निवासरत विद्यार्थियों के उपयोग में आने वाली सामग्रियों का भौतिक सत्यापन किया गया था, यदि हाँ, तो जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक क्रय की गई, सामग्रियों के सत्यापन का विवरण उपलब्ध करायें, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले के छात्रावासों/आश्रमों की सुचारू व्यवस्था हेतु शासन के नियमानुसार गठित दल एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक, इन संस्थाओं का कब-कब निरीक्षण किया गया, निरीक्षण में क्या पाया गया, क्या कार्यवाही की गई, निरीक्षणवार, संस्थावार बताये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला कटनी में आदिवासी मद से 21 छात्रावास एवं 09 आश्रम शाला एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के 26 छात्रावास संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति द्वारा जारी शासन निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। माह जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक क्रय सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
जिला चिकित्सालय का निरीक्षण
94. ( क्र. 2130 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय कटनी में मरीजों के उपचार हेतु क्या-क्या सुविधायें, चिकित्सालय उपकरण एवं व्यवस्थायें उपलब्ध है? (ख) क्या शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी का विभागीय उच्चाधिकारियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगणों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो जनवरी 2012 से प्रश्न दिनाँक तक विभागीय उच्चाधिकारियों एवं जिला प्रशासन कटनी के अधिकारियों द्वारा किये गये समस्त निरीक्षणों के प्रतिवेदन एवं संबंधितों द्वारा निर्देशों के पालन में किये गये कार्यों के पालन संबंधी जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला चिकित्सालय कटनी के निरीक्षण में दिये गये निर्देशों एवं प्रतिवेदनों आदेशों का पालन किया जा रहा है, यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के उल्लंघन का कौन-कौन जिम्मेदार है, इस पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय कटनी में आने वाले सभी मरीजों के उपचार हेतु जिला स्तर की जाँचें, उपचार तथा उपकरण उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय कटनी में मरीजों की पैथालॉजी जाँचें, एक्सरे जाँच, सोनोग्राफी जाँच, दांत निकालने की सुविधा, ऑपरेशन की सुविधा, 24 घंटे आपातकालीन उपचार सेवाऐं, 24 घंटे प्रसव सेवाऐं, प्लास्टर की सुविधाऐं, ब्लड बैंक की सुविधा, नेत्र जाँच एवं आपरेशन की सुविधाऐं एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि सेवाऐं उपलब्ध है साथ ही भर्ती मरीजों को निःशुल्क भोजन व्यवस्था भी उपलब्ध है। चिकित्सालयों में उपलब्ध उपकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार। (ग) जी हाँ। निरीक्षण में दिये गये निर्देशों में अधिकांश निर्देशों का पालन किया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक विद्यालयों का भवन निर्माण
95. ( क्र. 2140 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली के अंतर्गत संचालित नये प्राथमिक विद्यालय में स्वयं का भवन नहीं है? यदि हाँ, तो इन भवनविहीन विद्यालयों के भवन निर्माण का कार्य कब तक कराया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जिला सिंगरौली में भवन विहीन प्राथमिक विद्यालयों की सूची विकासखण्डवार दी जाये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। नवीन खोले गये 135 प्राथमिक शालाओं हेतु भवन स्वीकृत किये जा चुके है। भवन निर्माण कार्य प्रारंभ करना बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में MBBS की सीटों पर प्रवेश
96. ( क्र. 2152 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2015 में स्टेट कोटे की कितनी सीटों पर म.प्र. राज्य के बाहर के कितने अभ्यार्थियों को प्रवेश दिया गया? एवं किस नियम के तहत, कितनी सीटों पर म.प्र. राज्य के अभ्यार्थियों की स्टेट कोटे के अंतर्गत प्रवेश दिया गया? सामान्य, अनु.ज.जा., अनु.जा., अ.पि.वर्ग की जानकारी महाविद्यालय वार अलग-अलग दें? (ख) वर्ष 2015 में कांऊसलिंग के दौरान निजी शिक्षा महाविद्यालय की रिक्त हुयी सीटों पर (स्टेट कोटे की) किन-किन अभ्यार्थियों को प्रवेश दिया गया? महाविद्यालयवार जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में 2015 में स्टेट कोटे की 90 सीट्स पर काउंसलिंग के माध्यम से सीट्स आवंटित की गई हैं। वर्ष 2015 में निजी चिकित्सा/दन्त चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, प्रवेशित सभी छात्र अनारक्षित श्रेणी के हैं। (ख) काउंसलिंग की प्रक्रिया एक सतत् प्रक्रिया होती है, जिसमें छात्रों को मेरिट के आधार पर अपग्रेडशन की पात्रता होती है। उत्तर दिनाँक की स्थिति में प्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सा/ दन्त चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रम में किसी भी श्रेणी की सीट रिक्त नहीं हैं। निजी दन्त चिकित्सा महाविद्यालयों में अनुसूचित जाति श्रेणी की 11 एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी की 100 सीट्स वर्तमान में रिक्त है।
शालाओं के उन्नयन
97. ( क्र. 2154 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के माध्यमिक शालाओं से हाईस्कूल में उन्नयन एवं हाईस्कूल से हायर सेकेन्ड्री स्कूल में उन्नयन के कितने प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग के पास लंबित है? (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं को शिक्षित करने एवं शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु जिले की उपरोक्त शालाओं के उन्नयन की शासन कब तक स्वीकृति प्रदान करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जबलपुर जिले में माध्यमिक शाला से हाई स्कूल हेतु 01 एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल हेतु 07 शालाएं मापदण्ड की पूर्ति करती है, प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। अंतिम निर्णय उपरांत ही शालाओं के नाम ज्ञात हो सकेंगे, सीमित वित्तीय संसाधनों की वजह से सभी पात्र शालाओं का उन्नयन संभव नहीं हो पाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त करने बाबत्
98. ( क्र. 2155 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को संलग्नीकरण समाप्त करने के आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें वर्तमान में जबलपुर जिले में कितने शिक्षकों द्वारा गैर शिक्षिकीय कार्य में संलग्नीकरण किया गया है? नामवार पदवार एवं स्थानवार जानकारी दें? (ख) जबलपुर जिले में कितने सहायक शिक्षक/शिक्षक के पद रिक्त हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। वर्तमान में जबलपुर जिले में गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में सहायक शिक्षक के 463 पद, शिक्षक के 530 पद, सहायक अध्यापक के 258 तथा अध्यापक के 764 पर रिक्त है।
शिक्षक शुल्क, परीक्षा शुल्क के संबंध में
99. ( क्र. 2166 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के रीवा और सिंगरौली जिले के महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे जी.एन.एम. एवं ए.एन.एम. के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के छात्रों को वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक छात्रवृत्ति, शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क हेतु स्वीकृत आदेश कुल कितने किये गये हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र छात्राओं का शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क, छात्रवृत्ति जिलेवार पृथक-पृथक निर्धारण किये गये हैं? यदि शुल्क का अलग-अलग निर्धारिण है तो सिंगरौली जिले में जी.एन.एम., एन.एम. में शुल्क का कितना निर्धारण है और यदि सभी जिलों का एक ही है तो शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क एवं छात्रवृत्ति उपरोक्त कोर्स का वर्गवार बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित रीवा संभाग के रीवा एवं सिंगरौली जिले में संचालित जी.एन.एम एवं ए.एन.एम पाठयक्रम के आरक्षित वर्ग के छात्रो को वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक छात्रवृत्ति, शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क के सबंध में कोई स्वीकृति आदेश जारी नहीं किए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश '' क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दवाई क्रय के संबंध में
100. ( क्र. 2167 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में विगत 03 वर्षों में कितनी राशि की दवाईयां खरीदी गई और किन-किन फर्मों के माध्यम से खरीदी की गई है उन फर्मों का नाम बतायें? यदि फर्मों के माध्यम से की गई तो फर्म का निर्धारण कैसे किया जाता है? (ख) क्या दवाईयों का पूर्ण उपभोग होता है? क्या इसका उपयोगिता प्रमाण-पत्र जिला चिकित्सालय द्वारा जारी किया जाता है? यदि हाँ, तो उसका विवरण उपलब्ध करायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन सिंगरौली द्वारा विगत 03 वर्षों में कितनी राशि की दवाईयां खरीदी गई और किन-किन फर्मों के माध्यम से खरीदी की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। फर्मों का निर्धारण संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें एवं मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कारपोरेशन के द्वारा ई-निविदा के माध्यम से निर्धारित दरों पर एवं स्थानीय स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा निविदा के माध्यम से निर्धारित दरों पर किया जाता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय प्रायमरी/मा./हाई व हायर सेकण्डरी कन्या शालाओं की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
101. ( क्र. 2181 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर केंट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी-कितनी शासकीय प्रायमरी/माध्यमिक/हाई व हायर सेकेण्ड्री कन्या शालायें हैं? किन-किन शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल बनी हुई है एवं कितनी-कितनी शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल नहीं बनी है, यदि नहीं, तो क्यों? 2013-14 से 2015-16 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांकित (क) अंतर्गत कन्याओं की सुरक्षा की दृष्टि से सभी प्रायमरी/माध्यमिक/हाई/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में बाउण्ड्रीवालों का निर्माण कब तक किया जायेगा, क्या शासन से बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु राशि प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक पूर्ण किया जावेगा, यदि नहीं, तो राशि आवंटन की कमी है तो राशि आवंटित करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जबलपुर केंट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 शासकीय कन्या प्राथमिक एवं 02 शासकीय माध्यमिक शालाएं है। शासकीय कन्या प्राथमिक शाला रांझी, शासकीय कन्या माध्यमिक शाला सदर, शासकीय कन्या माध्यमिक शाला करौदी ग्राम, में बाउण्ड्रीवॉल बनी हुई है। शासकीय कन्या माध्यमिक शाला गोकलपुर में बाउण्ड्रीवॉल नहीं बनी है। वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त न होने से बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण नहीं किया गया। 02 हाई स्कूल शासकीय कन्या हाई स्कूल व्हीकल जबलपुर एवं शासकीय कन्या हाई स्कूल गोकलपुर तथा एक हायर सेकेण्डरी शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करौदी ग्राम है। वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में बाउण्ड्रीवॉल स्वीकृत नहीं की गई है। वर्ष 2015-16 शासकीय कन्या हाई स्कूल में गौकलपुर में बाउण्ड्रीवॉल स्वीकृत की गई है। (ख) प्रश्नांकित ’’क’’ अंतर्गत भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर शासकीय कन्या माध्यमिक शाला गोकलपुर में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण किया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शासकीय कन्या हाई स्कूल गोकलपुर में बाउण्ड्रीवॉल की प्रशासकीय स्वीकृति दी जा चुकी है। सीमित बजट के कारण सभी शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण संभव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सुमावली विधान सभा के स्कूल एवं आंगनवाड़ी में पेयजल की व्यवस्था
102. ( क्र. 2186 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना में कितने प्राथमिक, माध्यमिक उच्चतर विद्यालय एवं आंगनवाड़ी भवनों में पेयजल (हैण्डपंप) की सुविधा उपलब्ध नहीं है? विद्यालय का नाम, स्थान सहित जानकारी दें? (ख) क्या शासन की नीति के अनुसार प्रत्येक शा. विद्यालय एवं आंगनवाड़ी भवनों पर हैण्डपंप खनन कराये जाने की नीति है? यदि हाँ, तो विलम्ब के क्या कारण है? (ग) क्या ग्राम-पंचायत खाण्डोली के मजरा बरवासिन के शासकीय विद्यालय पर अभी तक हैण्डपंप खनन नहीं हो सका है? क्यों? जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा पी.एच.ई. को कब-कब पत्राचार एवं कार्यवाही हेतु लिखा गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना में 31 शासकीय प्राथमिक शालाओं, 03 शासकीय माध्यमिक शालाओं 01 शासकीय हाईस्कूल गुढा चंबल तथा 20 आंगनवाड़ी भवनों में पेयजल (हैण्डपंप) की सुविधा नहीं है। विद्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय नीति अनुसार शासकीय शालाओं में पेयजल सुविधा प्रदान करने का प्रावधान है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) ग्राम पंचायत खाण्डोली मंजरा बरवासिन में शासकीय विद्यालय न होकर अशासकीय अनुदान प्राप्त प्राथमिक विद्यालय संचालित है। जिसमें शासन द्वारा हेण्ड पंप खनन का प्रावधान नहीं है। यद्धपि छात्रों को पेयजल व्यवस्था विद्यालय परिसर में स्थित कुओं से की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रवृत्ति प्रदान के संबंध में
103. ( क्र. 2224 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा आदिवासी वर्ग के छात्र-छात्राओं को विगत 2 वर्ष में कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत छात्रवृत्तियां प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रदाय की गई छात्रवृत्ति की राशि, छात्र-छात्रा का नाम, पिता का नाम, अध्ययनरत संस्था के नाम सहित उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विभाग द्वारा कुक्षी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत दो वर्षों में जनजाति वर्ग के विद्याथियों को पोस्टमैट्रिक योजना अन्तर्गत पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रोगी कल्याण समिति के संबंध में
104. ( क्र. 2225 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रोगी कल्याण समिति की बैठक कितने समय में रखने के प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्ष में रोगी कल्याण समिति की बैठक कब-कब आयोजित हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बैठक में क्या-क्या प्रस्ताव पारित हुए थे? उन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रोगी कल्याण समिति की नियमावली 2010 के अनुसार साधारण सभा के बैठक वर्ष में कम से कम एक बार एवं कार्यकारणी समिति बैठक 02 माह में एक बार आयोजित करने का प्रावधान है। (ख) वर्ष 2015-16 में दिनाँक 04/04/2015 को साधारण सभा की बैठक आयोजित हुई एवं वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 कार्यकारणी समिति की कोई भी बैठक आयोजित नहीं की गई। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
वेतन गणना में विसंगति दूर करने विषयक
105. ( क्र. 2237 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार सभी कर्मचारियों को क्रमोन्नति प्राप्त होने पर अगले पद का वेतनमान दिया जाता है? किन्तु अध्यापक वर्ग को क्रमोन्नति मिलने के बाद भी अगले पद का वेतनमान नहीं दिया जा रहा है? ऐसा भेदभाव अध्यापक वर्ग के साथ क्यों किया जा रहा है? क्या इस विंसगति को दूर करने के लिये शासन ने कोई योजना बनाई है? (ख) सितम्बर 2013 से छठवें वेतनमान के अनुरूप अंतरिम राहत की किश्तें दी जा रही है? किन्तु सहायक अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक की अंतरिम राहत की गणना में विसंगति होने से अंतरिम राहत का वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है? क्या इस विसंगति को दूर किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) समय-समय पर जारी शासन आदेशों के अनुसार क्रमोन्नति का लाभ दिया जाता है। वर्तमान में अध्यापक संवर्ग को शासन आदेश दिनाँक 3.10.2013 के अनुसार क्रमोन्नति का लाभ दिया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आदेश दिनाँक 4.9.2013 एवं 20.10.2014 के अनुसार अध्यापक संवर्ग को पात्रता अनुसार अंतरिम राहत दी जा रही है। आदेश में अंतरिम राहत की गणना में कोई विसंगति नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. के रघुवंशी समाज को पिछड़ा वर्ग में घोषित करने की कार्यवाही
106. ( क्र. 2238 ) श्रीमती ममता मीना : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत 10 वर्षों में म.प्र. शासन के पिछड़ा वर्ग विभाग में रघुवंशी समाज को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की कोई कार्यवाही की है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की है, जानकारी दें? (ख) क्या रघुवंशी समाज केन्द्र शासन की सूची में पिछड़ वर्ग में शामिल है? यदि हाँ, तो म.प्र. में क्यों नहीं केन्द्र में पिछड़ा वर्ग की सूची में रघुवंशी समाज का सूची में कौन सा नंबर है? (ग) क्या शासन की कोई ऐसी योजना है जिसमें रघुवंशी समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की कोई कार्यवाही की जा रही है या की जाने वाली है? यदि हाँ, तो क्या रघुवंशी समाज ने पिछड़ा वर्ग में शामिल होने की मांग की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं पर क्या शासन आगामी वर्षों में विचार कर कोई आयोग गठित करेगा? क्या रघुवंशी समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए शासन के क्या नियम है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक दिनाँक 14.06.2004 में विचार किया जाकर राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। राज्य शासन द्वारा विचारोपरांत शासन के पत्र क्रमांक एफ 10-09/2004/54-1 दिनाँक 06.05.2011 द्वारा रघुवंशी समाज को पिछड़े वर्ग में सम्मिलित करने संबंधित प्रस्ताव अमान्य किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्तानुसार। (घ) जी नहीं। प्रदेश में जातियों को पिछड़े वर्ग की सूचियों में सम्मिलित करने संबंधी अनुसंधान एवं अनुशंसा करने हेतु राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पूर्व से ही गठित है। रघुवंशी समाज को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने हेतु शासन के पृथक से कोई नियम नहीं है।
प्रदेश के शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या के संबंध में
107. ( क्र. 2242 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में अशोकनगर जिले व जावरा विधानसभा क्षेत्र के नि:शुल्क गणवेश एवं सायकल हेतु पात्र छात्र-छात्राओं की जानकारी देते हुए बताएं कि इनमे से कितनो को नि:शुल्क गणवेश व सायकल या इनकी राशि प्रदाय की गई? (ख) कितने शेष है व क्यों स्कूलवार वर्षवार विवरण दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विगत 3 वर्षों में अशोकनगर जिले व जावरा विधानसभा क्षेत्र के निःशुल्क गणवेश एवं सायकिल हेतु पात्र छात्र-छात्राओं एवं इनको प्रदाय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) विगत 3 वर्षों में जावरा विधानसभा क्षेत्र में शासकीय शाला में अध्ययनरत कक्षा 1-8 तक कोई बालक/बालिका गणवेश वितरण हेतु शेष नहीं है। अशोकनगर जिले में वर्ष 2014-15 में गरीबी रेखा से ऊपर के बालकों को आवंटन तत्समय न होने के कारण, राशि वितरित नहीं की गई। इन बालकों हेतु राशि वितरित की जा रही है। शेष वर्षों में कोई छात्र गणवेश वितरण हेतु शेष नहीं है। जावरा विधानसभा क्षेत्र एवं अशोकनगर जिले में सायकिल वितरण हेतु कोई भी पात्र बालक/बालिका शेष नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों एवं अन्य रिक्त पद भरने के संबंध में
108. ( क्र. 2243 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में कई वर्षों से डॉ. एवं अन्य पद रिक्त उन्हें भरने हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है? प्रदेश के डॉक्टर के कुल कितने पद स्वीकृत है व कितने भरे व कितने रिक्त हैं? लम्बे समय से रिक्त होने के क्या कारण हैं? साथ ही क्या शासन प्रायवेट डॉक्टरों की भी सेवा शासकीय अस्पतालों में लेने हेतु कोई योजना बना रही है? यदि हाँ, तो वह क्या है? (ख) क्या शासन प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु स्वंयसेवी संस्थाओं के माध्यम से अस्पतालों के संचालन की व्यवस्था कराने जा रही है? यदि हाँ, तो योजना का विवरण देते हुए बताएं कि कौन से एन.जी.ओ. उक्त कार्य करने को पात्र होंगे? एन.जी.ओ. प्रदेश के ही होंगे या बाहर के? (ग) उक्त एन.जी.ओ. का मापदण्ड क्या होगा? क्या किसी एन.जी.ओ. को उक्त कार्य दिये गये हैं? यदि हाँ, तो किसको और कहां-कहां? योजनाओं का विस्तृत विवरण उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं चिकित्सा अधिकारियों की रिक्त पदों की पूर्ति के प्रयास अंतर्गत वर्ष 2012 में 1416 पद, वर्ष 2014 में 1271 पद एवं वर्ष 2015 में 1896 पद चिकित्सा अधिकारियों के पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से विज्ञापन जारी किए गए परंतु वर्ष 2012 में 1416 के विरूद्ध 865, वर्ष 2014 में 1271 के विरूद्ध 874 चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त हुई। प्रदेश में पैरामेडिकल स्टॉफ के 900 पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है परंतु संविदा कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी थी, दिनाँक 30.11.2015 को मा0 न्यायालय द्वारा स्थगन हटाया गया है, शीघ्र पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों के कुल 8126 पद स्वीकृत एवं 4156 विशेषज्ञ/चिकित्सक पदस्थ हैं। विशेषज्ञों के पद चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान है, विभाग में स्नातकोत्तर चिकित्सकों की कमी के कारण विशेषज्ञ संवर्ग के अधिकांश पद रिक्त है। चिकित्सा अधिकारी संवर्ग में निरंतर प्रयास होने के उपरांत भी ग्रामीण क्षेत्र की संस्थाओं में चिकित्सकों द्वारा निरंतर कार्य नहीं किया जाता है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तता की स्थिति अधिक है। जी हाँ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत सीमॉक संस्थाओं को क्रियाशील किए जाने की दृष्टि से संचालक, एन.एच.एम के पत्र क्रमांक एन.एच.एम/एम.एच./2015/442 दिनाँक 13.07.2015 के द्वारा विशेषज्ञ सेवाओं हेतु निजी चिकित्सकों की सेवायें लिए जाने संबंधी दिशा निर्देश जारी किए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ, प्रदेश में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के अनेक प्रयास विफल रहे हैं, अतः प्रयोग के तौर पर अलीराजपुर जिले के सीमॉक संस्था, जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जोबट को क्रियाशील करने के लिये एन.जी.ओ. के माध्यम से चिकित्सकों की उपलब्धता कराने के लिये अनुबंध किया गया है। यह व्यवस्था अभी प्रायोगिक रूप में है एवं इस प्रयोग के परिणाम के आधार पर इस संबंध में नीति बनाकर आगामी कार्यवाही की जावेगी। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। अनुबंधित एन.जी.ओ. को अभी कार्य आदेश जारी नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल, माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय की स्वीकृति
109. ( क्र. 2246 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनाँक तक कितने नवीन हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल, माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त नवीन स्वीकृत शालाओं में नवीन भवन भी स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार विधानसभावार स्वीकृत राशि की जानकारी देवें? (ग) स्वीकृत किये गये निर्माण कार्य की क्या स्थिति है? जानकारी वर्षवार एवं विधानसभावार बतावें? (घ) अपूर्ण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें? कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' पर है। (ग) एवं (घ) वर्ष 2012-13 में स्वीकृत 08 माध्यमिक शाला भवन कार्य पूर्ण है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' पर है। कार्यवाही प्रचलन में हैं, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अध्यापकों की स्थानांतरण नीति
110. ( क्र. 2247 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/सहायक अध्यापक) की स्थानान्तरण नीति लागू की गई है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त अध्यापक संवर्ग में पदस्थ अध्यापकों की पदस्थापना एक ही शाला के लिये की गई थी जिससे इनका स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो फिर सहायक अध्यापक से अध्यापक पद पर पदोन्नति कर उनकी पदस्थापना दूसरी शालाओं में किस नियम के अधीन की जा रही है? (घ) ग्रामीण एवं नगरी क्षेत्रों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/सहायक अध्यापक) का एक शाला से दूसरी शाला में जाने के लिये स्थानांतरण नीति कब तक लागू की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केवल महिलाओं, निःशक्त एवं परस्पर आधारित एक निकाय से दूसरे निकाय में अन्तर्निकाय ऑनलाईन संविलियन की नीति लागू है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में वरिष्ठ अध्यापक एवं अध्यापक संवर्ग जिला पंचायत एवं सहायक अध्यापक संवर्ग जनपद पंचायत के अधीन पदस्थ रहता है। नहरीय निकाय में तीनों संवर्ग पदस्थ रहते है। निकाय के अन्तर्गत उनकी पदस्थपना में युक्तियुक्तकरण, पदोन्नति एवं अन्य कारणों में शाला परिवर्तन संभव है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सम्यक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति देने के संबंध में
111. ( क्र. 2251 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मिसरोद, होशंगाबाद रोड जिला भोपाल में प्राचार्य के पद पर श्रीमती मधुलिका मिश्रा पदस्थ है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) दिनाँक 2.11.2015 को पत्र क्रमांक स्था. 2015/337 के संदर्भ में प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मिसरोद, होशंगाबाद रोड़, जिला भोपाल द्वारा प्राचार्य से रिकार्ड उपलब्ध कराने के संबंध में पत्र लिखा गया था, जिसकी प्रतिलिपि प्रमुख सचिव, शिक्षा विभाग, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय, संचालक शिक्षा, कलेक्टर भोपाल, जिला शिक्षा अधिकारी को भी भेजी गई है, के संदर्भ में क्या स्थायी रूप से पदस्थ प्रिसिंपल ने जानकारी उपलब्ध कराई है या नहीं? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है और यदि रिकार्ड उपलब्ध कराने में असहयोगात्मक रवैया अपनाया है तो क्या प्राचार्य श्रीमती मधुलिका मिश्रा के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या मिसरोद प्राचार्य मधुलिका मिश्रा दिनाँक 5.10.2015 से बिना किसी को शाला प्रभार दिये अनुपस्थित है? इसके संबंध में मिसरोद क्षेत्रवासियों ने क्या कोई शिकायत माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा को की है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) सम्यक छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 का कार्य पूर्ण प्रमाण पत्र एवं 2015-16 समयावधि में छात्रवृत्ति देने के संबंध में कार्यवाही किन कारणों से पूर्ण नहीं की गई तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। दिनाँक 02.09.2011 से। (ख) जी हाँ। जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गई, क्योंकि श्रीमती मधुलिका मिश्रा, प्राचार्य, दिनाँक 05.10.2015 से दिनाँक 29.11.2015 तक चिकित्सा अवकाश पर थी अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अवकाश अवधि में शाला का प्रभार वरिष्ठ व्याख्याता श्रीमती मधु शर्मा को दिया गया था। मिसरोद क्षेत्रवासियों से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) समग्र छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 का कार्य अपूर्ण रहने पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित प्राचार्य श्रीमती मधुलिका मिश्रा को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है।
महाविद्यालय भोपाल में पदस्थ नि.श्रे.लि. का नियमितीकरण
112. ( क्र. 2254 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा दिनाँक 31.08.2015 को हमीदिया चिकित्सालय में पदस्थ 5 नि.श्रे.लि. का नियमितीकरण अनियमित मानते हुए अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय द्वारा जारी नियमितीकरण आदेश क्र. 10554-68/स्थापना-2/ह.चि./99 दिनाँक 06.10.99 तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया? (ख) उपरोक्त प्रकरण पर चिकित्सा शिक्षा कर्मचारी कल्याण द्वारा कब-कब विरोध जताया गया एवं उन पत्रों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभागीय मंत्री द्वारा दिनाँक 11.09.2015 को प्रकरण पर परीक्षण कर यथा उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे? प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त प्रकरण पर अधिष्ठाता, संचालनालय एवं शासन द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई? कब-कब जाँच कमेटी बनाई गई? जाँच कमेटी द्वारा कब-कब क्या-क्या अनुशंसा की गई? क्या अनुशंसाओं का पूर्णत: पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) चिकित्सा शिक्षा कर्मचारी कल्याण समिति द्वारा दिनाँक 05/06/2015 एवं 02/09/2015 को प्रस्तुत ज्ञापन के संदर्भ में समिति के पदाधिकारियों के साथ अधिष्ठाता, भोपाल द्वारा बैठक की गई एवं ज्ञापन में उल्लेखित मांगों के निराकरण का प्रयास किया गया। अधिष्ठाता, भोपाल के पत्र दिनाँक 28/09/2015 द्वारा संचालक, चिकित्सा शिक्षा को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। (ग) जी हाँ। माननीय विभागीय मंत्री जी के मिनिट्स के परिपालन में अधिष्ठाता, भोपाल द्वारा प्रकरण की जाँच की जा रही है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने एवं बिना अनुमति विदेश यात्रा करने पर कार्यवाही
113. ( क्र. 2255 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय मासिक पत्रिका अदभुत आवाज द्वारा दिनाँक 19.10.2015 को हमीदिया चिकित्सालय में पदस्थ एक ड्रेसर ग्रेड-2 द्वारा फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी करने एवं बिना शासन अनुमति के विदेश यात्रा करने की जानकारी माननीय मुख्यमंत्री को देते हुए प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, संचालक चिकित्सा शिक्षा एवं अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल को सूचित किया गया था? (ख) क्या उपरोक्त पत्र में उक्त ड्रेसर द्वारा फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी करने, बिना शासन अनुमति के विदेश यात्रा करने, साथ-साथ फर्जी मेडिकल बिल, धर्म परिवर्तन नैतिक पतन कर्मचारियों को डराने धमकाने इत्यादि अनेक कृत्यों की जानकारी दी गई हैं? (ग) यदि हाँ,तो उक्त पत्र पर शासन/विभाग संबंधितों द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई बतावें? क्या दोषी को तत्काल निलंबित करते हुए नियमानुसार पारदर्शी जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के पत्र क्रमांक 13598-100/अधी./2015 दिनाँक 06/11/2015 के द्वारा डॉ. प्रशांत कुमार, सहायक अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल को शिकायत की जाँच हेतु जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया हैं, जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।
फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जाँच
114. ( क्र. 2263 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय सेवकों के फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के मामले में अनुसूचित जनजाति कल्याण आयोग द्वारा जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु आयोग को अधिकार प्राप्त है? यदि नहीं, तो आयोग से जाँच किस आधार पर कराई जाती है? (ख) आयोग की जाँच में किसी शासकीय सेवकों का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो संबंधित पर कार्यवाही का उत्तरदायित्व किसका है? आयोग द्वारा जाँच करने के बाद भी किसी अन्य समिति से जाँच कराई जाती है क्यों? औचित्य बतावें? (ग) क्या आयोग द्वारा कृषि विभाग के एक उप संचालक के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में संबंधित पर कार्यवाही करने हेतु प्रमुख सचिव कृषि को बार-बार लेख किये जाने के बावजूद कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण है? (घ) क्या आयोग की इस संबंध में सिफारिशें मानने हेतु शासन बाध्य नहीं है? यदि नहीं, तो सिफारिशों पर क्या कार्यवाही की जाती है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) यद्यपि प्रश्नांश ''क'', ''ख'' तथा ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। तथापि म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम, 1995 की कंडिका 14 के तहत आयोग की अनुशंसायें सामान्यत: बन्धनोरी होती हैं, यदि राज्य शासन अनुशंसा सिफारिश से सहमत नहीं होता है तो कारण अभिलिखित कर विधानसभा में प्रस्तुत किया जाता है।
स्कूलों में साइकिल प्रदान करना
115. ( क्र. 2291 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितनी माध्यमिक शाला हाई स्कूल हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं? संख्या बताएं? (ख) क्या कक्षा 6वीं एवं कक्षा 9वीं में शिक्षा ग्रहण करने वाले ऐसे छात्र/छात्राओं को साइकिल प्रदान की जाती है, जिनके ग्राम में विद्यालय नहीं है। यदि हाँ, तो बैतूल जिले में कक्षा 6वीं एवं कक्षा 9वीं में अध्ययनरत कितने-कितने छात्र/छात्राओं को साइकिल हेतु राशि प्रदाय की गई तथा कितने छात्र/छात्राएं लाभान्वित होने को शेष है? (ग) शेष स्कूलों में किन कारणों से निश्चित समयावधि में एवं प्रश्न दिनाँक तक साइकिल प्रदान नहीं की गई और इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है एवं शासन उनके ऊपर क्या कार्यवाही करेगा? (घ) यदि कार्यवाही नहीं गई तो कब तक की जावेगी ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 166 माध्यमिक शाला, 24 हाईस्कूल एवं 29 हायर सेकेण्डरी स्कूल। ख) जी हाँ। कक्षा 6वीं में अध्ययनरत 4707 छात्र/छात्राओं को राशि प्रदाय की गई हैं एवं 569 पात्र छात्र/छात्राओं को राशि वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है। कक्षा 9वीं में अध्ययनरत 10952 छात्र/छात्राओं को राशि प्रदाय की गई हैं एवं 195 पात्र छात्र/छात्राओं को राशि वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य विभाग रिक्त पदों की जानकारी
116. ( क्र. 2292 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बैतूल में कुल कितने स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हो रहे हैं? संख्या दी जावे? संचालित केन्द्रों में नियमानुसार कर्मचारी/अधिकारी की संख्या पर्याप्त है, यदि नहीं, तो कितने पद रिक्त हैं? पदवार संख्या देते हुए पद पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र ग्रामीण अंचलों में क्या नियमित एवं निर्धारित समय-सीमा में खुलते हैं एवं तैनात स्वास्थ्यकर्मी का मुख्यालय नियत स्थानों में रखा गया है? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी द्वारा वेतन आहरण के पूर्व तैनात कर्मचारी नियत मुख्यालय पर रहता है या नहीं? कब-कब चैक किया गया है? सत्यापन दिनांकों, माहवार, वर्षवार ब्यौरा दिया जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि तैनात स्वास्थ्यकर्मी नियत मुख्यालय पर नहीं रहते तो विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला बैतूल अंतर्गत 01 जिला चिकित्सालय, 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 264 उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं शहरी क्षेत्र में 02 डिस्पेंसरी संचालित है। जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार। विभाग के अधीन सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं के माध्यम से तथा विभागीय भर्ती नियमों के अनुसार पदोन्नति की कार्यवाही सक्षम स्तर से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’ब’’ अनुसार। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भृत्यों एवं लिपिकों की पदोन्नति के संबंध में
117. ( क्र. 2296 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा वर्ष 2013 में भृत्यों एवं लिपिकों की पदोन्नति हेतु निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो सीधी एवं सिंगरौली जिले में पदस्थ भृत्यों एवं लिपिकों की पदोन्नति का विवरण दें? यदि नहीं, तो विलम्ब हेतु दोषी कौन है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या स्कूल शिक्षा विभाग कर्मचारियों को पदोन्नति संबंधी हितलाभ देने हेतु उदासीन है? यदि नहीं, है तो पदोन्नति पश्चात् पदांकन की कार्यवाही पूर्ण करने की निश्चित तिथि क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा संभाग अंतर्गत सीधी एवं सिंगरौली जिले में भृत्य एवं लिपिकों की गई पदोन्नति का विवरण निम्नानुसार है- सीधी जिले में पदोन्नत कर्मचारियों की संख्या सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल हेतु अनारक्षित 22, अ.जा. 00, अनुसूचित जनजाति 03, सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 अनारक्षित 01, अ.जा. 02, अनुसूचित जनजाति 03, भृत्य से सहायक ग्रेड-3 अनारक्षित 00, अ.जा. 01, अनुसूचित जनजाति 01, सिंगरौली जिले में पदोन्नत कर्मचारियों की संख्या सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल हेतु अनारक्षित 05, अ.जा. 00, अनुसूचित जनजाति 00, सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 अनारक्षित 02, अ.जा. 00, अनुसूचित जनजाति 01, भृत्य से सहायक ग्रेड-3 अनारक्षित 06, अ.जा. 00, अनुसूचित जनजाति 02 है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर पात्र लोक सेवकों की पदोन्नति पश्चात पदांकन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री राज्य बीमारी सहायता
118. ( क्र. 2315 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री राज्य बीमारी सहायता अंतर्गत कौन-कौन सी बीमारियों के निदान हेतु योजना में प्रावधान किये गये हैं तथा इसके लिए अधिकतम कितनी राशि प्रदाय की जा सकती है? (ख) क्या जो परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन नहीं करते तथा पारिवारिक स्थिति दयनीय नहीं होती है? क्या इन्हें इन योजना में लाभ दिया जा सकता है? नहीं, तो वैकल्पिक अन्य कोई योजना है? (ग) मुख्यमंत्री राज्य बीमारी सहायता में थेलीसिमिया व सिकलसेल ऐनीमिया से रोग ग्रस्त के ईलाज हेतु प्रावधान किया जा सकता है? (घ) बीमारी सहायता अंतर्गत जिला कार्यालय से कौन-कौन सी बीमारी की सहायता हेतु तथा कितनी राशि अधिकतम प्रदाय की जा सकती है? कृपया इस योजना की समस्त जानकारी हेतु दिशा-निर्देश (नियमावली) की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत- 1. कैंसर रोग 2. हृदय शल्य क्रिया 3. गुर्दा प्रत्यारोपण 4. घुटना बदलना 5. कूल्हा बदलना 6. थोरेसिक सर्जरी 7. सिर की चोटें 8. स्पाइनल सर्जरी 9. रेटीनल डिटेचमेंट 10. प्रसवोत्तर जटिलतायें 11. ब्रेन सर्जरी 12. न्यूरो सर्जरी 13. एम.डी.आर. 14. पैस मेकर 15. वेसकुलर सर्जरी 16. कंजेनेटल मेलफार्मेशन 17. एप्लास्टिक एनीमिया 18. बर्न एण्ड पोस्ट बर्न कॉन्ट्रेक्चर 19. क्रॉनिक रीनल डिसिसेज (अ-नेफ्रोटिक सिन्ड्रॉम, ब- पैरिटोनियल डायलीसिस, स- हिमोडायलीसिस) 20. स्वाईन फ्लू (’’सी’’ कैटेगरी) बीमारियों के निदान हेतु योजना में प्रावधान किये गये है। तथा इसके लिये अधिकतम राशि रूपये 2,00,000/- (दो लाख) तक राशि प्रदाय की जाती है। (ख) जी नहीं। मुख्यमंत्री सहायता कोष के अन्तर्गत। (ग) वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (घ) जानकारी प्रश्नांश ’’क’’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
उप स्वास्थ्य केन्द्र झिरन्या एवं हेलापडावा में स्टाफ की पूर्ति
119. ( क्र. 2316 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र झिरन्या पर वर्तमान में कितने पद डॉक्टर, नर्स, वार्डबॉय, स्वीपर व अन्य स्टॉफ के लिए स्वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने पदों पर पदस्थ है एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत हेलापडावा उप स्वास्थ्य केन्द्र पर वर्तमान में बिजली, पेयजल, स्वीपर, वार्डबॉय, नर्स एवं अन्य स्टॉफ की व्यवस्था है? नहीं तो इसके बिना अस्पताल कैसे चल सकता है? (ग) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झिरन्या एवं हेलापडावा स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक सुविधाओं के अभाव में रोगियों की परेशानियों को रोकने हेतु स्वीकृत स्टॉफ पद की पूर्ति कब तक की जावेगी? (घ) उपरोक्त स्वस्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त स्टॉफ नहीं है? क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था शासन द्वारा की जावेगी जिससे हेलापडावा जैसे दूरस्थ अस्पताल सुचारू रूप से संचालित हो सके?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न में झिरन्या को उप स्वास्थ्य केन्द्र लेख किया गया है, किंतु भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झिरन्या का उन्नयन शासन आदेश क्रमांक एफ 9-26/90/17/मेडि-3 दिनाँक 17.05.1991 के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में किया जा चुका है। । पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्न में हेलापड़ावा को उप स्वास्थ्य केन्द्र लेख किया गया है किंतु भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र हेलापड़ावा का उन्नयन शासन पत्र क्रमांक एफ 01-02/08/17/मेडि-3 दिनाँक 24.05.2008 के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में किया जा चुका है एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु निर्मित भवन में बिजली, पेयजल आदि की व्यवस्था है। चिकित्सकीय कार्य हेतु एक चिकित्सा अधिकारी, एक ड्रेसर तथा 01 ए.एन.एम. की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। पैरामेडिकल संवर्ग के पद रिक्त है एवं विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है, प्रदेश में पैरामेडिकल स्टॉफ के 900 पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है परंतु संविदा कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी थी, दिनाँक 30.11.2015 को मा. न्यायालय द्वारा स्थगन हटाया गया है, शीघ्र पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ’ख’’ अनुसार। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ’ख’’ अनुसार। जी हाँ, चिकित्सक/पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, पर्याप्त मात्रा में चिकित्सक/पैरामेडिकल स्टॉफ उपलब्ध न होने की स्थिति में स्थानीय व्यवस्था हेतु निर्देश जारी किए जावेंगे।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ बस्ती में विकास कार्य की स्वीकृति
120. ( क्र. 2317 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत शासन द्वारा बस्तियों के विकास हेतु ग्राम पंचायतो से प्रस्ताव आमंत्रित किये गये हैं? (ख) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र से इन बस्तियों के विकास हेतु कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हुए है तथा इन प्राप्त प्रस्ताव पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास खरगोन द्वारा पत्र क्रमांक/4575/दिनाँक 22.05.2015 एवं पत्र क्र./8599/01.08.2015 द्वारा भीकनगांव जनपद क्षेत्र के 158 लाख के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो इनकी स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (घ) उपरोक्त वर्णित भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र के प्राप्त प्रस्तावों की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदाय की जायेगी? समयावधि बतावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों से प्राप्त प्रस्ताव संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, इन पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, भीकनगांव से विधिवत पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। प्राप्त प्रस्ताव अपूर्ण होने के कारण सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, खरगोन को नियमानुसार विधिवत पूर्ण प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु लिखा गया था। सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, खरगोन द्वारा अवगत कराया गया है कि विधिवत पूर्ण प्रस्ताव मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भीकनगांव से अपेक्षित है। पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जवेगी। (घ) विधिवत पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बालाघाट जिले के शा.उ.मा. शालाओं में अध्यापन कक्षों का अभाव
121. ( क्र. 2322 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के शा.उ.मा. शाला झालीवाड़ा, महकेपार, वरूड़, जाम, जराहमोहगांव, गोरेघाट शा. उत्कृष्ट उ.मा. शाला कटंगी, कन्या उ.मा. शाला कटंगी अमई में अध्यापन कक्षों की कमी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा द्वारा शा.उ.मा. शालाओं में अध्यापन कक्षों की कमी को अतिरिक्त कक्षों हेतु राशि स्वीकृत कर दूर किया जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) सीमित बजट प्रावधान होने के कारण अतिरिक्त कक्षों की स्वीकृति नहीं की जा सकी है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रसूताओं की मौत के दोषी डॉक्टर एवं स्टाफ नर्स के विरूद्ध उच्च स्तरीय जाँच
122.
( क्र.
2329
) श्रीमती
ऊषा चौधरी :
क्या लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सतना जिले के
सामुदायिक स्वास्थ्य
केंद्र
रामपुर
बघेलान में
श्रीमती पूजा
साकेत पति
नंदकिशोर
साकेत निवासी
ग्राम महुरक्ष
कदैंला एवं
ललिता केवट
पति अजय केवट
निवासी ग्राम
नरसिंहपुर (कटरा)
दो प्रसूताओं
की मौत एक सप्ताह
के अंदर हुई
हैं,
जिसमें
पूजा साकेत की
मृत्यु 26/10/15
एवं ललिता
केवट की 12/11/2015 को
हुई थी? (ख) इन
दोनों
प्रसूताओं की
मौत का कारण
क्या था, क्या
सामुदायिक स्वास्थ्य
केंद्र रामपुरबघेलान
में कार्यरत
डॉ. एवं स्टाफ
नर्स की
लापरवाही के
कारण इनकी
मृत्यु हुई
है?
यदि
हाँ,
तो
डॉ. द्वारा
मृत्यु
घोषित करने के
बावजूद
प्रसूता पूजा
साकेत का पोस्टमार्टम
क्यों नहीं
कराया गया? क्या
यह मौत संदिग्ध
के घेरे में
है?
क्या
उच्च स्तरीय
जाँच कराकर
दोषी चिकित्सक
एवं कर्मचारी
के खिलाफ
कार्यवाही
करेंगे? (ग) क्या
सामुदायिक स्वास्थ्य
केंद्र
रामपुर
बघेलान में
श्री जितेन्द्र
सिंह
फार्मासिस्ट
ग्रेड-2 के पद
पर विगत 20
वर्षों से
पदस्थ है? यदि
हाँ,
तो
क्या दिनाँक 09.11.2015 को
इनका स्थानांतरण
कलेक्टर
सतना द्वारा
सामुदायिक स्वास्थ्य
केंद्र
अमरपाटन में
किया गया है? क्या
इन्हें
कार्यमुक्त
किया गया है
या नहीं? यदि
नहीं, किया
गया तो कब तक
किया जाएगा? (घ) यदि
शासन के
नियमों के
अनुसार
कार्यमुक्त
नहीं किया गया
तो दोषी
अधिकारी व
फार्मासिस्ट
के खिलाफ कब
तक कार्यवाही
की जाएगी?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। (ख) श्रीमती
पूजा साकेत 21
वर्ष पत्नी
श्री नन्द
किशोर साकेत
निवासी महुरछ
कदैंला की
मृत्यु
सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
रामपुर
बघेलान से
जिला
चिकित्सालय
सतना ले जाते
समय रास्ते
में ही दिनाँक
26.10.2015 को
गंभीर
एनीमिया के
कारण हुई थी। डाक्टर
द्वारा
पोस्टमार्टम
कराने की सलाह
मृतिका के
परिजनों को दी
गई थी, परन्तु
मृतिका के
परिजनों ने
पोस्टमार्टम
कराने से मना
कर दिया और शव
को घर ले गये। सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में
उपलब्ध
चिकित्सा
सुविधा के तहत
उसका उपचार
किया गया था
परंतु रक्त की
अत्यधिक कमी
को देखते हुए
ब्लड
ट्रांसफ्यूजन
हेतु जिला
चिकित्सालय
रेफर किया गया, परंतु
दुर्भाग्यपूर्ण
परिस्थितियों
में उसकी
मृत्यु हो गई श्रीमती
ललिता केवट
पत्नी श्री
अजय केवट निवासी
ग्राम
नरसिंहपुर
कटरा की
मृत्यु दिनाँक
12.11.2015 को
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
रामपुर बघेलान
में प्रसव के
उपरांत
पी.पी.एच. (अत्यधिक
रक्तस्त्राव) के
कारण हुई (पोस्टमार्टम
रिपोर्ट में
भी यह तथ्य
पाया गया) । जिला
स्तर पर जाँच
दल गठित कर जाँच
प्रारंभ की गई
है। जाँच
प्रतिवेदन के
आधार पर
कार्यवाही की
जाएगी। (ग) जी
हाँ। जी हाँ। जी
हाँ
कार्यमुक्त
किया गया अतः
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) कार्यमुक्त
किया गया, अतः
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मेडीकल कॉलेज की स्थापना
123. ( क्र. 2349 ) श्री संजय पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कटनी जिले में मेडीकल कॉलेज खोलने की शासन की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मेडीकल कॉलेज हेतु जिले में कब तक प्रावधान किया जायेगा? क्या जिले के चारों ओर सौ किलोमीटर की दूरी पर कोई भी मेडीकल कॉलेज नहीं है? जिले की जनसंख्या एवं आवागमन तथा उद्योग नगरी के परिप्रेक्ष्य में मेडीकल कॉलेज की अत्यंत आवश्यकता है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि सही है तो मेडीकल कॉलेज की स्थापना कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कटनी जिले से लगभग 100 किलोमीटर की दूर पर जबलपुर चिकित्सा मुख्यालय में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय एवं लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा एवं लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चिकित्सा महाविद्यालय, शहडोल स्वीकृत है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रशिक्षणार्थियों हेतु कोचिंग व्यवस्था
124. ( क्र. 2350 ) श्री संजय पाठक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियॉ हैं तथा जिले में इनका कितना प्रतिशत है? क्या इनके कल्याण हेतु विभाग में योजनायें हैं? तो कौन-कौन सी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यू.पी.एस.सी. एवं पी.एस.सी. रोजगार मूलक नौकरियों हेतु कोई प्रशिक्षण/कोचिंग की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो इस हेतु विभाग द्वारा प्रशिक्षण/कोचिंग कहां दी जाती है और इसके क्या नियम हैं? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत कोई प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रहा है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो प्रचार-प्रसार के अभाव में यह स्थिति है क्या शासन प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करेगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) कटनी जिले में पिछडे वर्ग में मुख्य रूप से अहीर, यादव, राउत बैरागी, बंजारा, नायक, बरई, चौरासिया, बढई (विश्वकर्मा) बारी, भरभुजा, भुजवां, भाट, ढीमर, कहार, दर्जी, मीना, मीणा, गडरिया, कडेर, कोष्ठा, लोहार, सुनार, काछी, माली, लखेरा, कचेर, कसेरा, कुर्मी, कुरमी, कलार, लोनिया, नाई, पटवां, लोधी, तेली, कोटवार, इसके साथ-साथ म.प्र. शासन द्वारा घोषित, मुस्लिम धर्मावलंबी के पिछडा वर्ग के जातियां निवास करती है। कटनी जिले में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी का 56.21 प्रतिशत इस वर्ग के लोग निवासरत थे। इनके कल्याण हेतु शासन द्वारा जिले में निम्नलिखित योजना संचालित की जा रही है। 1. प्री मैट्रिक एवं पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना। 2. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना। 3. पिछडा वर्ग मेधावी पुरूस्कार योजना। 4. सिविल सेवा परीक्षा मे सफलता के लिए प्रोस्ताहन योजना। 5. पिछडा वर्ग प्रशिक्षण योजना। (ख) जी हाँ। म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा की पूर्व तैयारी के लिए वर्ग के प्रतियोगियों को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र, भदभदा रोड, भोपाल में संचालित है। इस प्रशिक्षण केन्द्र में इस वर्ग के स्नातक प्रतियोगी प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं। उक्त 100 सीटर आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र हेतु 350/- रूपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इस प्रशिक्षण केन्द्र में प्रारंभिक परीक्षा हेतु 06 माह तथा मुख्य परीक्षा हेतु ढाई माह का प्रशिक्षण दिया जाता है। (ग) जी नहीं। योजना अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित करायी गई है साथ ही आकाशवाणी द्वारा भी निर्धारित समय में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने हेतु समाचार प्रसारित किया है जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश के विभिन्न जिलों से 792 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से एक आवेदन पत्र एवं संबंधित जिला कटनी से कुल 03 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। अभ्यार्थियों का चयन मेरिट के आधार पर किया गया। विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से प्राप्त एक आवेदक का चयन स्वीकृत सीटों के विरूद्ध तैयार मैरिट सूची में न आने से नहीं हो सका। योजना में पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम सेमलापार में आयुष औषधालय की स्वीकृति
125. ( क्र. 2361 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा का ग्राम सेमलापार टप्पा सुठालिया मुख्यालय से 35 कि.मी. की दूरी पर बसा होकर जिले की सबसे बड़ी नदी पार्वती के उस पार है, जहां लगभग वर्षभर आवागमन बाधित रहता है? उक्त ग्राम, पंचायत का मुख्यालय भी है तथा आसपास की 5-7 हजार की आबादी को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से विजन डाक्यूमेंट के माध्यम से एवं माननीय लोक स्वास्थ्य मंत्री जी से उक्त ग्राम सेमलापार में आयुष औषधालय स्वीकृत करने हेतु निरंतर आग्रह किया गया है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त ग्राम व आसपास की आबादी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की दृष्टि से ग्राम सेमलापार में आयुष औषधालय की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम सेमलापार में उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है तथा लगभग 16 किलोमीटर दूरी पर आयुष औषधालय एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है। (ख) जी नहीं। (ग) जनसंकल्प 2013 के अंतर्गत 200 नवीन औषधालय खोले जाने की योजना के लिए ग्रामों की सूची तैयार की है उसमें 2000 से अधिक आबादी वाले ग्राम सम्मिलित किये गये हैं जबकि ग्राम सेमलापार की आबादी लगभग 1000 है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्यावरा नगर में अनुसूचित जाति वर्ग हेतु अम्बेडकर भवन की स्वीकृति
126. ( क्र. 2362 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा नगर राजगढ़ जिले का सबसे बड़ा नगर होकर इसकी आबादी लगभग 65 हजार है तथा नगर में लगभग तीन हजार परिवार अनुसूचित जाति के निवास करते हैं? यदि हाँ, तो क्या अनुसूचित जाति वर्ग के कोई भी सामाजिक एवं मांगलिक कार्यक्रमों के लिये अम्बेडकर भवन/सामुदायिक भवन/मांगलिक भवन नहीं है। जिससे इस वर्ग को अपने कार्यक्रम करने में काफी असुविधा होती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन ब्यावरा नगर में अनुसूचित जाति वर्ग हेतु लगभग 50 लाख रूपये की लागत का सर्वसुविधा युक्त अम्बेडकर भवन/सामुदायिक भवन/मांगलिक भवन निर्माण की कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृत प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले के नगर ब्यावरा की वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार कुल जनसंख्या 49093 है जिसमें से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 8374 है। अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक, मांगलिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों हेतु ब्यावरा में वर्ष 2006-07 में रूपये 14.77 लाख की लागत से डॉ. अम्बेडकर मंगल भवन का निर्माण एजेंसी नगर पालिका परिषद, ब्यावरा के माध्यम से कराया जा चुका है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार मान्यता कानून के अन्तर्गत प्राप्त दावे
127. ( क्र. 2365 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में वन अधिकार मान्यता कानून लागू होने के बाद वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक कितने दावे प्रस्तुत किये? वर्गवार, ब्लाकवार, वर्षवार जानकारी दें? एवं कितने दावे शेष रह गये उनका कब तक निपटारा किया जायेगा? (ख) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र में वनाधिकार कानून के अंतर्गत कितने गांवों में सामुदायिक दावे प्रस्तुत किये? कितने मान्य कर पट्टे दिये शेष बचे दावों को कब तक मान्य कर पट्टे दिये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2014-15 में सामुदायिक दावे प्राप्त नहीं हुए। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष संचालनालय में पदस्थ कनिष्ठ चिकित्सकों को प्रभार
128. ( क्र. 2372 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष संचालनालय भोपाल के सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के विरूद्ध वरिष्ठ पदों पर कनिष्ठों को प्रभार दिये जाने की परम्परा है? यदि नहीं, तो आयुष संचालनालय में ऐसे कनिष्ठ चिकित्सकों को क्यों पदस्थ किया गया? उक्त के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या संचालनालय आयुष में सीधी भर्ती/पदोन्नति के विरूद्ध कनिष्ठ चिकित्सकों को पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो विसंगति क्यों है? (ग) क्या ऐसे कनिष्ठ चिकित्सकों को जिससे वरिष्ठ अनेकों अधिकारी विभाग में पदस्थ हैं फिर भी उनको प्रथम श्रेणी से चतुर्थ तक का कार्य सौंपा गया है, यदि हाँ, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। संयुक्त संचालक/ उप संचालक के लिये सेवाभर्ती नियमों में निहित अर्हताधारी अधिकारी उपलब्ध न होने के कारण रिक्त पदों पर कार्य व्यवस्था की दृष्टि से संचालनालय का कार्य कर सकने के योग्य उपयुक्त चिकित्सकों को पदस्थ किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार।
नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
129. ( क्र. 2385 ) श्री आरिफ अकील : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वक्फ दरगाह बुरहान उद्दीन कलिया देह जिला उज्जैन वक्फ पंजी 34 सर्वे क्रमांक 705 में 6 सर्वे नंबरों को तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा डीनोटिफाईड कराया जाकर दिनाँक 23.10.2013 को विलोपित कराया गया है? (ख) क्या तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड को इस प्रकार वक्फ संपत्ति को डीनोटिफाईड कराने की अधिकारिता थी? (ग) यदि नहीं, तो लगभग 6 करोड़ की लागत की इस वक्फिया संपत्ति को अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर डीनोटिफाईड कराने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही कब की जावेगी?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) तहसीलदार घटिया, जिला उज्जैन, कमिश्नर उज्जैन संभाग, उज्जैन के प्रतिवेदन के आधार पर म.प्र. वक्फ बोर्ड की उक्त भूमि निजी स्वामित्व में है। वक्फ बोर्ड एवं कलेक्टर उज्जैन द्वारा मा. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ, इंदौर में अपील दायर की गई है।
हमीदिया अस्पताल में ड्रेस के नाम पर भारी वित्तीय हानि
130. ( क्र. 2386 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी मेडिकल कॉलेज एवं हमीदिया अस्पताल भोपाल में ड्रेस कोड लागू है? यदि हाँ, तो कब से और वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में ड्रेस क्रय के नाम पर कितनी-कितनी राशि व्यय की, वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राशि व्यय करने के बाद भी क्या कुछ कर्मचारियों द्वारा ड्रेस पहनकर ड्यूटी पर नहीं आते है जिससे यह पहचान कर पाना मुश्किल होता है कि कौन डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय और ड्रेसर कौन-कौन है? (ग) क्या ओपीडी में तैनात डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय ड्रेसर ड्रेस पहनकर ही चिकित्सालय में आए, यह सुनिश्चित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं नर्सेस के लिए ड्रेस कोर्ड लागू है। वित्तीय वर्ष 2010 से वित्तीय वर्ष 2015-16 की जानकारी निम्नानुसार हैं :-
क्र. |
संस्था का नाम |
वित्तीय वर्ष |
व्यय राशि |
1. |
गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल |
2010-11 |
2,28,448/- |
2. |
सुल्तानिया महिला चिकित्सालय, भोपाल |
2010-11 |
99,784/- |
3. |
हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल |
2010-11 |
2,36,200/- |
(ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। चिकित्सालय की ओ.पी.डी. में तैनात डॉक्टर, नर्स, वार्डबाय एवं ड्रैसर, ड्रेस पहनकर ही चिकित्सालय में अपनी ड्यूटी पर आते हैं।
स्कूलों में मूलभूत व्यवस्था
131. ( क्र. 2404 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने शासकीय स्कूल कहां-कहां संचालित है? क्या वर्तमान में छात्र-छात्रा की संख्या के अनुपात अनुसार सभी व्यवस्थाएं पर्याप्त है, यदि हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों? इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही किस-किस प्रकार की गई? (ख) उक्त सभी शासकीय स्कूल शासकीय भवन में संचालित हैं? यदि हाँ, तो बतायें? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें? उक्त भवनों के निर्माण/विस्तार की क्या योजना है? (ग) उक्त स्कूलों में विगत 03 वर्षों में किस सामग्री का क्रय किन-किन एजेंसियों से किन मापदण्डों के आधार पर किया गया और कब-कब, किस-किस के द्वारा निरीक्षण किया गया? क्या-क्या अनियमिततायें पाई गई और इन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित सभी शासकीय स्कूलों में खेल मैदान एवं वालबाउण्ड्री का निर्माण कार्य हो चुका है, यदि हाँ, तो बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? साथ ही इस संबंध में कितने-कितने प्रस्ताव कब-कब भेजे गये और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? उक्त स्कूलों में वालबाउण्ड्री निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। कुछ कमियां है। पात्रतानुसार प्रस्ताव भारत शासन को भेजा जाता है। तद्नुसार प्राप्त राशि के अनुसार व्यवस्थाएं की जाती है। (ख) जी हाँ। (ग) शाला प्रबंधन समिति को आकस्मिक मद में प्राथमिक शाला को रू. 5000/- एवं माध्यमिक शाला को रू. 7000/- प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है, जिसे शाला प्रबंधन समिति शाला की आवश्यकतानुसार व्यय करती है। समय-समय पर निरीक्षण जिले के लिए नियुक्त वित्तीय अंकेक्षक द्वारा किया जाता है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। प्रतिवर्ष सी.ए. ऑडिट किया जाता है। कोई भी गंभीर वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई। (घ) 352 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में खेल मैदान उपलब्ध है एवं 428 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। वर्ष 2015-16 की कार्ययोजना में शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल का प्रस्ताव भेजा गया था, भारत शासन से स्वीकृति जारी नहीं हुई है। दर्शित सभी हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में खेल मैदान है एवं 17 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु वार्षिक कार्य योजना के साथ प्रस्ताव प्राप्त हुए। सीमित बजट प्रावधान के कारण सभी विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण संभव नहीं है।
आवासीय छात्रावास
132. ( क्र. 2405 ) श्री सचिन यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में विभाग द्वारा बालक-बालिका आवासीय छात्रावास कहां-कहां संचालित है? इन छात्रावासों में वर्तमान में छात्र-छात्रा की संख्या बतलावें? और इनके अनुपात अनुसार सभी व्यवस्थाएं पर्याप्त है? हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही किस-किस प्रकार की गई? (ख) उक्त छात्रावास क्या शासकीय भवन में संचालित है अथवा किराये के भवनों में? शासकीय भवन निर्माण/विस्तार की क्या योजना है? (ग) उक्त छात्रावासों में विगत 5 वर्षों में किस-किस सामग्री का क्रय किन-किन एजेंसियों से किन मापदण्डों के आधार पर किया गया? नियमों का पालन न होने का क्या कारण है? (घ) उक्त छात्रावासों का विगत 03 वर्षों में कब-कब, किस-किस के द्वारा निरीक्षण किया गया? क्या-क्या अनियमिततायें पाई गई और इन पर क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला खरगोन के कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी मद से 05 छात्रावास संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। छात्रावास 250 स्वीकृत सीट के विरूद्ध 250 छात्र-छात्रायें प्रवेशित है। तथा अनुपात अनुसार सभी व्यवस्थायें पर्याप्त है। (ख) जिला खरगोन के कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त छात्रावास शासकीय भवन में संचालित है। शासन द्वारा प्रदेश के भवनविहीन/जीर्णशीर्ण एवं क्षतिग्रस्त भवनों की संस्थाओं हेतु प्रति वर्ष 30 छात्रावास एवं 20 आश्रम शाला के भवन स्वीकृत किये जा रहे है। (ग) जिला खरगोन में विगत 05 वर्षों में भण्डार क्रय नियम अंतर्गत शासन द्वारा अधिकृत संस्थाओं से सामग्री का क्रय किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) विगत 03 वर्षों में निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
लंबित चिकित्सा देयकों का भुगतान
133. ( क्र. 2408 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 47 (क्र. 1815) दिनाँक 31 जुलाई 2015 के उत्तरांश (ख) में, सभी शिक्षकों एवं व्याख्याताओं के लंबित देयकों का भुगतान करने एवं भोपाल दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के शेष सहायक शिक्षकों के चिकित्सा देयकों के भुगतान के लिए राशि रूपये 6000/- का बंटन दिनाँक 24.07.15 को दिया जा चुका है, जानकारी दी थी, तो किन-किन शिक्षकों व्याख्याताओं एवं सहायक शिक्षकों के चिकित्सा देयकों का भुगतान कर दिया गया है, नामवार जानकारी दें? किस दिनाँक को संबंधितों के बचत बैंक खातों में राशि जमा हो चुकी है, देयक क्रमांक क्या है? (ख) क्या संबद्ध व्याख्यताओं, शिक्षकों एवं सहायक शिक्षकों को भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ग) भोपाल दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के शेष सहायक शिक्षकों के चिकित्सा देयकों के भुगतान के लिए राशि रूपये 6000/- का बंटन दिनाँक 24.07.15 को दे दिए जाने के बावजूद भी उन्हें प्रश्न दिनाँक तक भुगतान न किए जाने हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैं, नामवार जानकारी दें? संबंधितों पर क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। तीन सहायक शिक्षक श्रीमती रक्षा चोरे, सुषमा गौर, सुमन चोरे के लंबित चिकित्सा देयकों की राशि का भुगतान दिनाँक 01.12.2015 को संबंधित के खाते में ई-भुगतान द्वारा किया गया है। (ख) भुगतान किया जा चुका है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भुगतान में हुये विलंब के लिये श्रीमती अर्चना शर्मा प्राचार्य शासकीय नवीन कन्या उ.मा.वि. तुलसी नगर भोपाल को कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया है।
मॉडल स्कूल खोलने की कार्य योजना
134. ( क्र. 2416 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मॉडल स्कूल बनाने के संबंध में विभाग की क्या कार्य योजना है? इस संबंध में 01 जनवरी, 2009 से प्रश्न दिनाँक तक कौन-कौन से पत्र परिपत्र एवं राजपत्र प्रकाशित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के प्रकाश में उज्जैन जिले में कितने मॉडल स्कूल संचालित किये जा रहे हैं? तहसीलवार, ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम में मॉडल स्कूल संचालित किया जाना अनिवार्य किया गया है? इसके पश्चात् भी उज्जैन जिले में अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई स्थानों पर मॉडल स्कूलों का संचालन नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों में मॉडल स्कूल संचालित किये जाने की भारत सरकार की योजना थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) उज्जैन जिलांतर्गत उज्जैन, घटिया, खाचरौद एवं महिदपुर विकासखण्ड में क्रमशः मॉडल स्कूल उज्जैन, घटिया, खाचरौद एवं महिदपुर संचालित है। (ग) जी नहीं। विभाग के निर्देशानुसार जिले में चारों मॉडल स्कूल संचालित है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
डाक्टरों के रिक्त पदों की पूर्ति
135. ( क्र. 2420 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में डाक्टरों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं उन स्वीकृत पदों के परिप्रेक्ष्य में कितने पदों पर डाक्टरों की नियुक्ति की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के अनुसार क्या स्वीकृत पदों के मुकाबले पदस्थ डाक्टरों की संख्या काफी कम है तथा कई पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में डॉक्टरों (विशेषज्ञ/चिकित्सकों) के कुल 8126 पद स्वीकृत एवं 4156 नियमित विशेषज्ञ/चिकित्सक पदस्थ हैं। (ख) जी हाँ। विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। विभाग द्वारा विशेषज्ञों के पदों पर स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति हेतु अर्हतकारी सेवा जो पूर्व से 07 एवं 05 वर्ष थी को क्रमशः 05 एवं 03 वर्ष किया है जिससे अधिक मात्रा में विशेषज्ञों की उपलब्धता हो तथा लोक सेवा आयोग के माध्यम से चिकित्सा अधिकारियों के 1896 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत वॉक इन इन्टरव्यू द्वारा जिले स्तर पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही जारी है।
प्रदेश में 108 संजीवनी बिना निविदा के संचालित किए जाना
136. ( क्र. 2425 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में 108 संजीवनी कब से किस एजेंसी से संचालित की जा रही है? इसके लिए कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा में शामिल सभी फर्म एजेंसियों के एन.आई.टी, आर.एफ.पी. एवं ई.ओ.आई. सहित जानकारी दें? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2015 में उक्त कार्य की निविदा किन-किन शर्तों के आधार पर आमंत्रित की गई? उक्त शर्त लगाने के कारण बताएं? (ग) क्या विशेष फर्मों को लाभांवित करने की दृष्टि से उक्त शर्तें रखी गई हैं? यदि हाँ, तो पूर्व में वर्ष 2009 में शर्तें क्यों नहीं रखी गई? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण की जाँच कराकर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 16 जुलाई 2009 से जी.व्ही.के-ई.एम.आर.आई. संस्था द्वारा संचालित की जा रही है। दिनाँक 23 जून 2007, दिनाँक 04 मार्च 2014, दिनाँक 12 सितम्बर 2014 एवं दिनाँक 08 अक्टूबर 2015 को। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) वर्ष 2015 में उक्त कार्य की निविदा की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। उक्त शर्त लगाने का मुख्य कारण प्रदेश के आमजनों को अविलंब, त्वरित, उत्कृष्ट अनुक्रिया अवधि में अनवरत कुशल तकनीकी एवं उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करने के उददेश्य से किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर नगर में संचालित शासकीय वाचनालय, ग्रंथालय एवं पुस्तकालय भवन
137. ( क्र. 2428 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में शासकीय वाचनालय, ग्रंथालय एवं विद्यालयों में पुस्तकालय भवनों की संख्या कितनी है? नामवार बताएं? इस संबंध में शासन की क्या नीति है? (ख) क्या सागर नगर में जिला शिक्षा विभाग का ग्रंथालय भवन जर्जर अवस्था में है तथा ग्रंथालय अन्यत्र भवन में संचालित है? यदि हाँ, तो क्या शासन ग्रंथालय की महत्वपूर्ण पुस्तकें व संदर्भ ग्रंथों के संरक्षण हेतु एवं पाठकों के लिए बैठक कक्ष की स्थायी व्यवस्था पर विचार करते हुये सर्वसुविधायुक्त भवन निर्माण पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) निम्नांकित 07 विद्यालयों के एक कक्ष में पुस्तकालय संचालित है।
1. शासकीय उत्कृट उ.मा.वि. सागर
2. शासकीय एम.एल.बी. क्र -1 सागर
3. शासकीय उ.मा.वि. मोराजी
4. शासकीय उ.मा.वि. बाघराज तिली
5. शासकीय कन्या उ.मा.वि. रविशंकर
6. शासकीय कन्या हाईस्कूल कनेरादेव
7. शासकीय कन्या हाईस्कूल सुभाष नगर
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय भवन के दो कक्षों मे जिला ग्रंथालय संचालित है। शिक्षा संहिता मे उल्लेखित नियम-निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण जिला ग्रंथालय के नवीन भवन निर्माण हेतु स्वीक्रृति दी जाना सम्भव नहीं है।
शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विद्यालयों में खेल सुविधाओं हेतु बजट प्रावधान
138. ( क्र. 2429 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में कितने शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विद्यालयों में खेल के मैदान उपलब्ध हैं तथा उनमें से कितने खेल गतिविधियों के लिए उपयुक्त हैं? विद्यालयवार नाम बताएँ? (ख) सागर नगर के विद्यालयों में खेल सुविधाओं को लेकर कितना बजट प्रावधान किया गया है? विगत दो वर्षों में कितनी राशि आवंटित हुई एवं कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय हुई? (ग) सागर नगर के माध्यमिक एवं हाई स्कूल छात्रों के लिए विगत दो वर्षों में कौन-कौन सी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया एवं उन्हें कौन-कौन सी सुविधायें शासन की ओर से मुहैया कराई गई? (घ) क्या शासन द्वारा खेल मैदानों के उन्नयन एवं खेल सुविधाओं हेतु प्रदत्त बजट प्रावधान पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या शासन खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के दृष्टिगत बजट बढ़ाये जाने पर विचार करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सागर नगर में निम्नांकित 02 शासकीय, 02 अर्द्धशासकीय एवं 04 अशासकीय (अनुदान प्राप्त) विद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध हैं :- (1) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. सागर-शासकीय (2) शासकीय म.ल.बा.उ.मा.वि. क्र. 1 सागर-शासकीय (3) पं. मोतीलाल उ.मा.वि. सागर-अर्द्धशासकीय (4) पद्माकर उ.मा.वि. सागर-अर्द्धशासकीय (5) स्वीडिश मिशन उ.मा.वि. सागर-अशासकीय (अनुदान प्राप्त) (6) जैन उ.मा.वि.सागर-अशासकीय (अनुदान प्राप्त) (7) सी.आर.मॉडल उ.मा.वि. सागर-अशासकीय (अनुदान प्राप्त) (8) जनता उ.मा.वि.सागर-अशासकीय (अनुदान प्राप्त) उक्त विद्यालयों में उपलब्ध खेल मैदानों में से खेल गतिविधियों के लिए शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. सागर एवं शासकीय म.ल.बा.उ.मा.वि.क्र. 1 सागर एवं अशासकीय विद्यालय स्वीडिश मिशन उ.मा.वि. सागर का खेल मैदान उपयुक्त है। (ख) विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में सागर नगर के लिए खेल सुविधाओं के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं किया गया है। (ग) विगत दो वर्षों में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता कैलेण्डर के अनुसार फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, टेबलटेनिस, खो-खो, कबड्डी, एथेलेटिक्स, कुश्ती, क्रिकेट, हॉकी, हेंडबॉल, तैराकी आदि खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। खिलाडि़यों को खेल सामग्री उपलब्ध करायी गयी। (घ) बजट में बहुत सीमित प्रावधान है। सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए अतिरिक्त प्रावधान करना वर्तमान में संभव नहीं है।
ग्राम त्योंधरी में विद्यालय भवन निर्माण के संबंध में
139. ( क्र. 2430 ) श्री हर्ष सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर बाघेलान विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड अमरपाटन के ग्राम त्योंधरी में विद्यालय भवन स्वीकृत वर्ष एवं राशि का नाम बतावें कौन सी निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य किया गया है? (ख) क्या विद्यालय भवन का निर्माण कार्य कई वर्षों से अधूरा पड़ा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) यदि निर्माण अवधि पूरी हो चुकी है तो विलम्ब होने के कारण से अवगत करावे निर्माण कार्य अधूरा होने की स्थित में कौन दोषी है? क्या दोषी के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने की निर्धारित समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रामपुर बघेलान विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड अमरपाटन के ग्राम त्योंधरी में शासकीय कन्या माध्यमिक शाला भवन वर्ष 2007-08 में स्वीकृत हुआ एवं भवन की स्वीकृत राशि 6,78,000/- है, जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत त्यौंधरी है। हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन के निर्माण हेतु राशि रूपये 25 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी, जिसकी निर्माण एजेंसी म.प्र. लघु उद्योग निगम है। (ख) जी हाँ। माध्यमिक शाला भवन के संबंध में तत्कालीन निर्माण एजेंसी द्वारा राशि आहरित करने एवं फर्श का कार्य नहीं कराने से कार्य अधूरा है। हायर सेकेण्डरी भवन के निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण न करने के कारण निर्माण कार्य अधूरा है। (ग) तत्कालीन सरपंच एवं सचिव दोषी है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत त्यौंधरी के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अमरपाटन द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही कर राशि वसूल कर ली गई है। शासकीय उ.मा.वि. त्यौंधरी के भवन निर्माण कार्य धन राशि के अभाव में पूर्ण नहीं हो सका है। उक्त स्कूल के भवन निर्माण पर राशि रूपये 31..24 लाख व्यय करने के उपरान्त निर्माण कार्य अपूर्ण एवं बन्द है। इस हेतु पुनरीक्षित प्राक्कलन रूपये 45.65 लाख का प्रस्तुत किया है। इस संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्युत कार्य पर व्यय राशि
140. ( क्र. 2438 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनाँक तक विद्युत कार्य पर विभाग द्वारा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में व्यय राशि का उपयोग किन-किन ग्रामों में किया गया? ग्राम का नाम, दिनाँक, व्यय राशि, कार्य के प्रकार सहित बतायें? (ग) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने गांव हैं जहां अनुसूचित जाति के लोगों के यहां विद्युत के कार्य विभाग द्वारा नहीं कराये गये हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सामग्री क्रय की प्रक्रिया
141. ( क्र. 2439 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी (दवाएं, सर्जिकल उपकरण व अन्य सामग्री) सामग्री क्रय की गई? दिनाँकवार, भुगतान राशि व सामग्री बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में खरीदी गई सामग्री के लिये टेण्डर डाले गये या कुटेशन से खरीद की गई? सामग्री देने वाली फर्म का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर, प्रोपराइटर/पार्टनर, ड्रग लायसेंस सहित बतायें? (ग) सामग्री क्रय के लिये क्या विज्ञापन का प्रकाशन किया गया? अगर हाँ तो कब?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) छतरपुर जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक क्रय की गई (दवाएं, सर्जिकल उपकरण व अन्य सामग्री) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। दिनाँकवार, भुगतान राशि व सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ख) प्रश्नांश क के प्रकाश में संचालनालय एवं म.प्र.प.हे.स. कारपोरेशन द्वारा दवाएं, सर्जिकल उपकरण व अन्य सामग्री क्रय हेतु ई-निविदा आमंत्रित कर उच्च गुणवत्ता की औषधियां एवं उपकरण व अन्य सामग्री का न्यूनतम मूल्य निर्धारण किया जाता है। संचालनालय एवं म.प्र.प.हे.स. कारपोरेशन द्वारा निर्धारित दरों पर दवाएं, सर्जिकल उपकरण व अन्य सामग्री प्रदाय करने वाली फर्मों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। इन दवा प्रदायकर्ता फर्मों के ड्रग लायसेंस का परीक्षण निविदा के समय ही किया जाता है एवं इनका संधारण संचालनालय एवं म.प्र.प.हे.स. कारपोरेशन द्वारा किया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छतरपुर द्वारा स्थानीय क्रय की जानकारी एवं सामग्री देने वाली फर्म का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर, प्रोपराइटर/पार्टनर, ड्रग लायसेंस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार। (ग) जी हाँ। ई-निविदा के लिये विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छतरपुर द्वारा स्थानीय क्रय हेतु विज्ञापन प्रकाशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ई’’ अनुसार।
संचालक गैस राहत के पत्रों पर की गई कार्यवाही
142. ( क्र. 2446 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय, गैस राहत एवं पुनर्वास भोपाल को किन प्राप्त शिकायतों पर उनके पत्र क्र. 3169 दि. 26.08.2014, क्र. 3436 दि. 12.09.2014, क्र. 3586 दि. 24.09.2014 एवं पत्र क्र. 3851 दि. 29.10.2014 के अंतर्गत क्या निर्देश दिये गये? उक्ताशय से संबंधित और कितनी शिकायतें विगत पांच वर्षों में प्राप्त हुई? (ख) क्या उक्त पत्रों के निर्देशानुसार कराई गई जांचों में शिकायतकर्ताओं के शिकायत की पुष्टि सहित अभिकथन पश्चात् शिकायतें सही पाये जाने के बावजूद कतिपय अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से जाँच को प्रभावित करने के कारण दोषियों पर कार्यवाही नहीं कर निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना की जा रही है? दोषी कौन है? (ग) क्या शासन शिकायतों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए दोषियों पर तत्काल समुचित कार्यवाही कर उन्हें संरक्षण प्रदान करते हुए जाँच को अनावश्यक रूप से प्रभावित करने वाले दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ख) संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय के द्वारा शिकायतों की जाँच हेतु अधीक्षक, खान शाकिर अली खान चिकित्सालय‚ गैस राहत को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जाँच अधिकारी ने जाँच निष्कर्ष दिया है कि ''शिकायतकर्ताओं के बयान में व्यक्तिगत घटना का विवरण नहीं है‚साथ ही किसी व्यक्तिगत घटना का साक्ष्य‚ दस्तावेज‚ फोटो‚ वीडियों प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: प्रथम दृष्टया में आरोप की पुष्टि नहीं होती।'' (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद शिक्षा केन्द्रों को बैंक खातों के माध्यम से भुगतान
143. ( क्र. 2455 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र गुना द्वारा वर्ष 2013-14 में जनपद शिक्षा केन्द्रों को सेहरिया छात्राओं की माताओं को प्रोत्साहन छात्रवृत्ति की कितनी राशि (व्ही.ई.आर.) (डाईस) से संकलित होकर गणना उपरांत छात्र संख्या केमान से जनपद शिक्षा केन्द्रों को बैंक खातों के माध्यम से भुगतान किये जाने हेतु आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्न (क) में उल्लेखित राशि प्रदाय करने का आधार क्या था? जिन-जिन विद्यालयों में वितरण हेतु राशि प्रदाय की गई? वर्षवार, ब्लॉकवार एवं शालावार जानकारी देवे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि के लाभांवित माताओं की बच्चियों की चाईल्ड आई-डी सहित शालावार, वर्षवार बैंक खाते नंबरों की जानकारी दी जावे? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि का ब्लॉकवार, वर्षवार, शालावार वास्तविक हितग्राहियों को राशि वितरण हुई है? इस क्रम में जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा प्राप्त उपयोगिता प्रमाण पत्र सहित इसके आधार पर मॉनीटरिंग की गई? जानकारी का विवरण देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग गुना से राशि 13014000/- प्राप्त हुई जो समस्त बी.आर.सी.सी. को संबंधित छात्राओं को भुगतान हेतु आवंटित की गई थी। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में दर्ज कक्षा 5 से 8 तक की सेहरिया जाति की छात्राओं की संख्या को आधार मानकर राशि प्रदाय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। (ग) वर्ष 2013-14 चाईल्ड आई.डी. का प्रावधान नहीं होने से विवरण निरंक है। शालाओं में अध्ययनरत छात्राओं के बैंक खातों के नंबर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' पर है। (घ) जी हाँ, समय-समय पर जिला कार्यालय के अधिकारियों एवं बी.आर.सी./बी.ए.सी. तथा जनशिक्षकों के द्वारा वास्तविक हितग्राही को भुगतान योग्य राशि की मॉनिटरिंग शाला भ्रमण के दौरान की गई है।
उच्च श्रेणी शिक्षक की पदोन्नति
144. ( क्र. 2456 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षक (उच्च श्रेणी शिक्षक) की पदोन्नति प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला तथा व्याख्याता पद पर की जाती है? (ख) क्या व्याख्याता की पदोन्नति प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर की जाती है? प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शाला) की पदोन्नति व्याख्याता पद पर की जाने की व्यवस्था है? दोनों पदों का वेतनमान एक ही है? फिर विसंगति क्यों? (ग) क्या इस विसंगति को दूर कर प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला को भी प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नति करने की नीति बनायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्र.अ.मा.वि.की पदोन्नति शिक्षक संवर्ग की वरिष्ठता एवं भर्ती तथा पदोन्नति नियम, 1982 के प्रावधान अनुसार व्याख्याता उ.मा.वि. के पद पर की जाती है। जी, हाँ शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।
डाइट प्रशिक्षण केन्द्र संचालन
145. ( क्र. 2460 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शिक्षा विभाग द्वारा कितने डाइट प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किये जा रहे है? (ख) इन प्रशिक्षण केन्द्र के प्राचार्य की शैक्षणिक योग्यता क्या होना चाहिए? (ग) म.प्र. के डाइट प्रशिक्षण केन्द्र में पदस्थ प्राचार्यों की शैक्षणिक योग्यता, जन्मतिथि एवं आहरण के अधिकार किस अधिकारी द्वारा प्रदाय किये गये है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. में 47 डाइट प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है। (ख) म.प्र. स्कूल शिक्षा, शिक्षक शिक्षा एवं प्रशिक्षण अकादमिक (राजपत्रित) सेवा भर्ती तथा सेवा शर्ते नियम 2011 अनुसार डाइट प्राचार्य पद की सीधी भर्ती के लिये शैक्षणिक योग्यता प्रथम श्रेणी सहित स्नातकोत्तर एवं एम.एड./एम. एड. प्रारंभिक अथवा प्रथम श्रेणी में एम.ए. (शिक्षा) तथा प्राथमिक या प्रारंभिक शिक्षा में प्रथम श्रेणी सहित डिप्लोमा/डिग्री निर्धारित है। (ग) शैक्षणिक योग्यता, न्यूनतम एवं अधिकतम आयु सीमा भाग ''ख'' में उल्लेखित नियम में निर्धारित है। प्रशासकीय नियंत्रणकर्ता अधिकारी जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा आहरण संवितरण के अधिकार प्रदाय किये जाते है।
सुमावली विधानसभा मुरैना के ग्राम सराय छौला, नायकपुरा में चिकित्सक पदस्थ करने
146. ( क्र. 2474 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम सरायछौला, नायकपुरा किस स्तर का अस्पताल, औषधालय कब से स्थापित है एवं उसके भवनों की क्या स्थिति वर्तमान में है? (ख) उक्त शा.अस्पताल, औषधालय में कितने कर्मचारी एवं चिकित्सक वर्तमान में पदस्थ है कर्मचारियों के नाम, संख्या, चिकित्सक की पदस्थापना है या नहीं? (ग) क्या चिकित्सक एवं कर्मचारियों के अभाव में शासन की नीति के अनुसार ग्रामीण जनों को स्वास्थ्य संबंधी लाभ नहीं मिल रहा है? इस कारण लोगों को मुरैना शहर जाना पड़ता है चिकित्सक व कर्मचारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम सरायछोला में कोई अस्पताल स्वीकृत नहीं है एवं ग्राम नायकपुरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अस्पताल है जो वर्ष 1989-90 से संचालित है। भवन की स्थिति संतोषजनक है। (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नायकपुरा में स्वीकृत पदों का विवरण निम्नानुसार हैः-
संस्था का नाम |
पदनाम |
स्वीकृत |
कार्यरत |
रिक्त |
पदस्थ कर्मचारी का नाम |
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, नायकपुरा |
चिकित्सा अधिकारी |
1 |
0 |
1 |
- |
|
स्टाफ नर्स |
1 |
1 |
0 |
श्रीमती ऊशा शाक्य (ए.एन.एम.) |
|
ड्रेसर |
1 |
1 |
0 |
श्री ओम प्रकाश भार्मा |
|
वार्डबाय |
1 |
1 |
0 |
श्री रमेश चन्द्र |
|
स्वीपर (पार्ट टाईम) |
1 |
1 |
0 |
श्रीमती गुड्डी बाई |
(ग) जी हाँ। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आयुष के नये केन्द्र खोले जाना
147. ( क्र. 2498 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आयुष केन्द्र संचालित है? (ख) सिंहस्थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुए आयुष विभाग द्वारा स्थायी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 11 आयुष औषधालय संचालित है। (ख) जी नहीं।
छात्रावास हेतु सामग्री का क्रय
148. ( क्र. 2499 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास संचालित है? नाम व स्थानवार जानकारी देवें? (ख) विधानसभा क्षेत्र में संचालित छात्रावासों में कितने-कितने बच्चे दर्ज है? वर्ष 2014 व 2015 में छात्रावासों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु प्रदाय की गई तथा कितना-कितना किस कार्य में राशि खर्च की गई? (ग) उक्त छात्रावास में बच्चों को क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की जाती है उक्त सुविधाओं के लिए होने वाला खर्च किसके माध्यम से होता है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) निरंक।
प्राथ.मा.शालाओं में शौचालयों का निर्माण
149. ( क्र. 2515 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. के.एम. द्विवेदी का मूल पद क्या है? वे जिला परियोजना समन्वयक सीधी के पद पर कब से पदस्थ है? नियमानुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि का नियम क्या है? (ख) जिला परियोजना समन्वयक सीधी द्वारा वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में प्राथ.मा. शालाओं में कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया? (ग) सीधी जिले में डी.पी.सी. के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने भवन निर्माणों की स्वीकृति दी गई थी? कितने निर्माण पूर्ण हो गये, कितने अधूरे है क्रमवार जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के कार्यों का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो भुगतान कब तक किया जायेगा? दोषी कौन है और उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) डॉ.के.एम. द्विवेदी का मूल पद, प्राचार्य हाईस्कूल है एवं वह दिनाँक 25.08.2012 से जिला परियोजना समन्वयक सीधी के पद पर पदस्थ है। सामान्यतः चार वर्ष, यदि इससे अधिक अवधि तक रखा जाना आवश्यक है, तो दोनों विभाग की आपसी सहमति से अवधि बढ़ाई जा सकती है। (ख) जिला शिक्षा केन्द्र, सीधी द्वारा वर्ष 2012-13 में कोई शौचालय नहीं बनाये गये है। वर्ष 2013-14 में 08 तथा वर्ष 2014-15 में 58 शौचालयों का निर्माण कराया गया। (ग) जिला शिक्षा केन्द्र, सीधी में विगत 03 वर्ष में सर्व शिक्षा अभियान के तहत् वर्ष 2012-13 में 11 माध्यमिक शाला भवन स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 10 शाला भवन पूर्ण हो गये है, एक शाला भवन छत स्तर पर अधूरा है। वर्ष 2013-14 में शून्य एवं वर्ष 2014-15 में 31 शाला भवन स्वीकृत हुए हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) (ग) के वर्ष 2012-13 के कार्यों का भुगतान किया गया है एवं वर्ष 2013-14 तथा वर्ष 2014-15 में स्वीकृत शौचालयों का पूर्ण भुगतान किया गया। वर्ष 2014-15 में स्वीकृत 31 कार्यों की जिले स्तर से राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
स्टेटीशियन की भर्ती में अनियमितता
150. ( क्र. 2517 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या साप्ताहिक समाचार पत्र समय की रफ्तार द्वारा दिनाँक 28.10.2015 को संचालक चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखकर गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में पदस्थ स्टेटीशियन की भर्ती, पदोन्नति इत्यादि में अनियमितताओं की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायती पत्र में उक्त स्टेटीशियन द्वारा नियम विरूद्ध शासकीय आवंटन, भर्ती नियमों के विरूद्ध नियुक्ति, नियम विरूद्ध पदोन्नति/पदस्थापना, फर्जी जाति प्रमाण पत्र, एम.सी.आई. के निर्देशों के विरूद्ध पदस्थापना की जानकारी दी गई थी? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्र पर विभाग द्वारा कब क्या-क्या कार्यवाही की गई, दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? नियम विरूद्ध पदोन्नति को तत्काल निरस्त करते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ में उल्लेखित प्रकरण की जाँच अधिष्ठाता भोपाल द्वारा डॉ. करण पीपरे, प्राध्यापक, न्यूक्लियर मेडिसिन से कराई गई। जाँच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन पर अधिष्ठाता, भोपाल द्वारा सहमति व्यक्त करते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा के साथ उनके पत्र क्रमांक 858-59 दिनाँक 31/03/2015 द्वारा संचालक चिकित्सा शिक्षा को प्रेषित की गई। संचालनालय के पत्र क्रमांक 665/सतर्कता/5/15, दिनाँक 24/04/2015 द्वारा शिकायतकर्ता को शिकायत जाँचोपरान्त नस्तीबद्ध किये जाने की जानकारी प्रेषित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
गरीबी रेखा, परिवार को विद्युत व्यवस्था
151. ( क्र. 2537 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितने बी.पी.एल. परिवार (अ.ज.जा.) को बिजली सुविधा दी गई है? (ख) कितने अ.ज.जा. परिवार के प्रकरण प्रस्तावित है? (ग) क्या आदिवासी लघु कृषक को नि:शुल्क बिजली दी जा रही है? (घ) क्या म.प्र. शासन की योजना से बैतूल में अ.ज.जा. परिवार विकास दर में सुधार हो रहा है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में 104 अनुसूचित जनजाति परिवार को पम्प ऊर्जीकरण योजना अंतर्गत उनके कपिलधारा कूपों/जल स्त्रोतों तक विद्युत विस्तार किया जाकर सुविधा दी गई है, जिनमें से 16 हितग्राही बीपीएल सूची में सम्मिलित हैं। (ख) अनुसूचित जनजाति पम्प ऊर्जीकरण योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 के तृजीय त्रैमास में 1192 अनुसूचित जनजाति परिवार के प्रकरणों में उनके कृषि भूमि स्थित कुआं/जल स्त्रोतों तक विस्तार किये जाने के प्रकरण प्रस्तावित हैं। (ग) जी हाँ। (घ) अनुसूचित जनजाति पम्प ऊर्जीकरण योजना अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राही के कृषि भूमि में कुआं/जल स्त्रोतों तक विस्तार किये जाने से सिंचाई की जाकर उपज में वृद्धि होने से विकास दर में सुधार हो रहा है।
आयुष विभाग के अन्तर्गत औषधालय की जानकारी
152. ( क्र. 2549 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष विभाग के अन्तर्गत कितने औषधालय सिवनी जिले में संचालित हो रहे हैं? इनमें कितने डॉ. व कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) क्या औषधालय में स्टाफ की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्यों? शासन द्वारा स्टाफ की पूर्ति के लिये क्या कारण उठाये जा रहे हैं? (ग) औषधालयों में प्रमुख रूप से कितने प्रकार की दवाओं का वितरण किया जा रहा है एवं इन औषधालयों से कितने ग्राम लाभांवित है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आयुष विभाग के अन्तर्गत 48 औषधालय सिवनी जिले में संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’अनुसार। (ख) आयुष औषधालयों में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 07, होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के 06, कंपाउण्डर के 47, महिला आयुर्वेद स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 41 एवं औषधालय सेवक के 42 पद भरे हुये है। लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की चयन सूची जारी कर दी गई है। शीघ्र ही नियुक्तियाँ कर दी जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
सिवनी जिले में गंभीर बीमारी से पीडि़त व्यक्ति एवं उसके उपचार
153. ( क्र. 2550 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी में कितने केंसर रोग एवं गंभीर बीमारी से चिन्हित व्यक्ति है? कृपया विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ख) इनके उपचार के लिये शासन द्वारा इन्हें क्या सुविधायें दी जा रही है, बतावें? (ग) राज्य बीमारी से अब तक कितने व्यक्तियों का एकल इलाज हो चुका हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला सिवनी में वर्ष 2015-16 में कैंसर रोग एवं गंभीर बीमारी से चिन्हित व्यक्तियों का विवरण निम्नानुसार है :-
विकासखण्ड का नाम |
गंभीर मरीजों की संख्या |
कैंसर मरीजों की संख्या |
सिवनी |
44 |
11 |
छपारा |
10 |
00 |
लखनादौन |
19 |
04 |
धनौरा |
03 |
00 |
घंसौर |
11 |
02 |
केवलारी |
03 |
01 |
बरघाट |
19 |
05 |
कुरई |
14 |
01 |
कुल योग |
123 |
24 |
(ख) कैंसर पीड़ित मरीजों एवं गंभीर मरीजों को शासन द्वारा निम्न सुविधाएं दी जा रही है - गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार या जो इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं को बीमार होने पर दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना के अंतर्गत शासकीय अस्पताल में भर्ती होने पर 30,000/- रूपये तक का निःशुल्क जाँच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध है। -चिन्हित कैंसर मरीजों को प्रोटोकाल अनुसार कीमोथैरेपी जिला चिकित्सालय में दी जा रही है। -चिन्हित 20 गंभीर बीमारियों के मरीजों को जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते हैं उन्हें राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत 2.00 लाख रूपये तक के उपचार की सुविधा दी जाती है। -मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के अंतर्गत हृदय की गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों को जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते हैं या जो इलाज कराने में सक्षम नहीं है। उन्हें 1.00 लाख रूपये तक का उपचार उपलब्ध कराया जाता है। -जिला चिकित्सालय में गंभीर मरीजों हेतु निःशुल्क जांचें 48 प्रकार की, सिविल अस्पताल में जांचें 32 प्रकार की, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर गंभीर मरीजों हेतु निःशुल्क जांचें 28 प्रकार की, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर गंभीर मरीजों हेतु निःशुल्क जांचें 16 प्रकार की तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर गंभीर मरीजों हेतु जांचें 5 निःशुल्क की जा रही है। -कैंसर पीड़ित मरीजों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को ‘‘108’’ वाहन की एवं एम्बुलेंस की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। (ग) राज्य बीमारी सहायता निधि से वर्ष 2015-16 में अब तक निम्नलिखित संख्या में व्यक्तियों का ईलाज हो चुका है -
त्रैमास |
लाभान्वित की संख्या |
प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में अभी तक |
123 |
ब्लड बैंक स्टोरेज सेंटर की स्थापना
154. ( क्र. 2576 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों को ब्लड स्टोरेज सेंटर की स्थापना का अधिकार है? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु क्या प्रावधान निर्धारित किये गये हैं? (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पिछड़े, आदिवासी एवं नगरीय जिलों में शासकीय मान्यता प्राप्त निजी नर्सिंग कॉलेज खोलने एवं चलाने हेतु वर्तमान में वर्णित नियमों एवं कानूनों में क्या परिवर्तन एवं शिथिलता प्रदान की गई है, बतावें? क्या इसी तरह के मध्यप्रदेश के शासकीय मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों के लिये ब्लड स्टोरेज सेंटर/ब्लड बैंक खोलने हेतु बनाये गये नियमों में परिवर्तन एवं शिथिलता होना प्रस्तावित है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) इस हेतु प्रावधान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 की अनुसूची ‘‘के’’ के भाग 5 बी में वर्णित है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग को पिछड़े, आदिवासी एवं नगरी जिलों में शासकीय मान्यता प्राप्त निजी नर्सिग कॉलेज खोलने एवं चलाने हेतु वर्तमान में वर्णित नियमों एवं कानूनों में परिवर्तन एवं शिथिलता प्रदान करने का अधिकार नहीं है। राज्य रक्ताधान परिषद् द्वारा ब्लड स्टोरेज सेंटर/ब्लड बैंक की स्थापना हेतु निम्न शिथिलताएं प्रस्तावित हैं। “6 अथवा अधिक बिस्तर वाले समस्त शासकीय एवं अशासकीय अस्पतालों को ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित करने हेतु मान्य किया जायें”। उक्त ब्लड स्टोरेज यूनिट में आवश्यकता अनुसार चिन्हित मदर ब्लड बैंक से रक्त की प्रदायगी की जा सकेगी। इन संस्थाओं द्वारा स्वेच्छिक रक्तदान शिविरों का विधि अनुसार आयोजन कर अपनी आवश्यकता का 130 प्रतिशत रक्त एकत्रित कर मदर ब्लड बैंक को उपलब्ध कराने की बाध्यता होगा एवं “प्रत्येक अस्पताल जिसमें 50 या उससे अधिक बिस्तर हैं, ब्लड बैंक का संचालन कर सकेगा”। ऐसे ब्लड बैक का संचालन अस्पताल परिसर में ही व संबंधित अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वयं किये जाने की बाध्यता होगी।
मरीजों को ब्लड प्रदाय
155. ( क्र. 2577 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय अस्पतालों की ब्लड बैंक के इंचार्ज ऑफिसर की अनुपस्थिति अथवा पदस्थापना के अभाव में क्या गंभीर मरीजों को ब्लड प्रदाय किया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु क्या प्रावधान है तथा निजी चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को आवश्यकता होने पर ब्लड उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या प्रावधान निर्धारित किये गये है? (ग) क्या उक्त नियम मान्यता प्राप्त निजी क्षेत्र की ब्लड बैंक पर भी उसी रूप से लागू होते हैं तथा क्या मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक निजी चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को ब्लड देने से इंकार कर सकता है? (घ) निजी चिकित्सालयों में ब्लड बैंक स्थापित करने हेतु क्या नियम व पात्रता निर्धारित की गई है एवं वर्ष अप्रैल 2011 से वर्ष अप्रैल, 2015 तक किन-किन निजी चिकित्सालयों को ब्लड बैंक की स्थापना की मान्यता प्रदान की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शासकीय अस्पतालों में ब्लड बैंक प्रभारी की व्यवस्था रहती है। (ख) राज्य रक्ताधान परिषद, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 1274/एसबीटीसी/2015 दिनाँक 09.11.2015 द्वारा निर्धारित प्रोसेसिंग चार्ज का भुगतान कर मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से ब्लड प्राप्त कर सकते हैं। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) में समाहित है। (घ) औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 के शेडयूल एफ तथा भाग 12 बी में वर्णित है एवं निजी चिकित्सालयों को ब्लड बैंक की स्थापना की मान्यता देने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
156. ( क्र. 2578 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक MBBS चिकित्सक, जिन्हें 10 वर्ष या उससे अधिक समय का कार्यानुभव हो, ऐसे चिकित्सक को किसी मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में स्वतंत्र रूप से सामान्य प्रसूती, ऑपरेशन द्वारा प्रसूती एवं गर्भपात जैसी प्रक्रियाए करवाने के लिये अधिकृत किया जा सकता है अथवा नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) स्टेट मेडिकल रजिस्टर में पंजीकृत एमबीबीएस अर्हताधारी चिकित्सक भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1956 की धारा 15 (2) (बी) सहपठित धारा 2 (एफ) के प्रावधान अनुसार सामान्य प्रसूती करा सकते है, किन्तु ऑपरेशन द्वारा प्रसूती के लिए एमबीबीएस अर्हताधारी तभी पात्र है जब भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के क्रमांक एमसीआई-211 (2) / (आरटीआई) /2014-ईथिक्स/110199-200 दिनाँक 30.05.2015 में जारी स्पष्टीकरण अनुसार उनके द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद द्वारा मान्य किसी चिकित्सीय संस्थान में संबंधित विशेषज्ञता (आब्सटेट्रिक्स एवं गायनिकोलॉजी) में उनके द्वारा अभिलिखित प्रशिक्षण/प्रदर्शन उपरांत उपर्युक्त क्षमता एवं अनुभव अर्जित कर लिया हो। गर्भपात प्रक्रिया (चिकित्सीय गर्भ समापन) की पात्रता हेतु एमबीबीएस अर्हताधारी चिकित्सकों का ‘‘गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971’’ के नियम 2003 के नियम 4 (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार अनुभव अथवा प्रशिक्षण धारी होना अनिवार्य है।
चिकित्सा सुविधा
157. ( क्र. 2579 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छोटे शहरों, कस्बों एवं गांवों में (अस्पताल) में कार्यरत BAMS BHMS चिकित्सकों को आकस्मिक दुर्घटनाओं (आग से जलना, करंट लगना, गिरना, हथियार की चोट, सड़क दुर्घटना) से ग्रसित मरीजों का ईलाज करना पड़ता है? क्या इन परिस्थितियों में प्रथम दृष्ट्या चिकित्सक को ऐसे मरीजों की वास्तविक स्थिति की जानकारी, परीक्षण, इलाज, मरणासन्न बयान अथवा पुलिस रिपोर्ट (MLC) से संबंधित समस्त दस्तावेज बनाने की पात्रता है अथवा नहीं? (ख) यदि पात्रता है तो प्रदेश में इनके लिए क्या निर्देश, नियम एवं प्रावधान है? (ग) यदि पात्रता नहीं है तो प्रदेश में इनके लिए क्या निर्देश, नियम एवं प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पात्रता नहीं है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
आर.के.डी.एफ. मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाले परीक्षार्थियों की जानकारी
158. ( क्र. 2592 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.के.डी.एफ. मेडिकल कॉलेज में जिन अभ्यार्थियों को वर्ष 2015-16 के लिए आवंटित किया गया (एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष के लिए) उनकी सूची नाम, पिता का नाम, पता, परीक्षा का नाम, प्राप्तांक, रैंक (ए.आई.पी.एम.टी. तथा डीमेट) सहित उपलब्ध करावें तथा बतावें कि इन्हें काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति किसके द्वारा प्रदान की गई? (ख) मा. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रिट पिटीशन नं. 7521/15 के आदेश दिनाँक 01.07.2015 को मान. उच्चतम न्यायालय प्रकरण क्र. 19513/2015 द्वारा स्थगित कर दिया गया था, फिर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेज द्वारा किस आधार पर किसकी अनुमति से काउंसिलिंग में भागीदारी की गई? (ग) मा. उच्चतम न्यायालय प्रकरण क्र. 19513/2015 में प्रश्नांश (क) उल्लेखित मेडीकल कॉलेज द्वारा दिनाँक 08.10.15 को मा. उच्च न्यायालय में जाने के लिए अपना आवेदन वापिस ले लिया गया तो फिर डीमेट परीक्षा की काउंसिलिंग दिनाँक 11 से 14 अक्टूबर 2015 में भागीदारी क्यों की गई? क्या शासन प्रश्नाधीन कॉलेज पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नाधीन मेडिकल कॉलेज की मा. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें तथा बतावें कि आवंटित विद्यार्थियों की जमा राशि वापस कराने के क्या प्रयास किए गए हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डीमेट परीक्षा 2015 में सम्मिलित परीक्षार्थी
159. ( क्र. 2595 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डीमेट 2015 हेतु 8 अक्टूबर 2015 की परीक्षा निर्धारित अवधि 3 से 6 बजे के बाद किन-किन केन्द्रों पर चालू रही? उन केन्द्रों के नाम बतावें तथा बतावें कि उन केन्द्रों पर कुल कितने परीक्षार्थी शामिल हुए? वे कुल शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के कितने प्रतिशत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षा केन्द्रों पर शामिल परीक्षार्थियों के नाम तथा अनुक्रमांक परीक्षा केन्द्र अनुसार बतावें तथा बतावें कि इनमें से किस-किस परीक्षार्थी ने निर्धारित अवधि के बाद परीक्षा दी तथा उसके कारण क्या थे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षा के व्यक्तिगत प्राप्तांक तथा रेंक दि. 08.10.15 की रात्रि 8.30 बजे किसके निर्देश पर एस.एम.एस. किए गए जबकि प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति की रिपोर्ट में दिनाँक 09.10.15 को दोपहर 1.00 बजे का उल्लेख क्यों किया गया? कारण बतावें? (घ) प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने अपनी रिपोर्ट में किस आधार पर यह लिखा कि मूल्यांकन सही उत्तर कुंजी से हुआ तथा गलती से गलत उत्तर कुंजी अपलोड कर दी गई? अगर मूल्यांकन सही कुंजी से हुआ तो फिर 200 अंकों से प्राप्तांक को 199 अंकों से क्यों कर दिया गया? दोनों उत्तर कुंजी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
160. ( क्र. 2608 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में वर्ष 1986 से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को अधीक्षक के आदेश क्र. 10554-68 दिनाँक 06.10.99 द्वारा नियमित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त आदेश को दिनाँक 21.08.2000 को निरस्त करने पर उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिये गये थे कि नियमितीकरण की कार्यवाही शासन के प्रचलित नियमानुसार की जाये एवं दिनाँक 21.08.2000 के आदेश के Quashe किया गया था? (ग) क्या उक्त प्रकरण में अधिष्ठाता गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल ने अपने पत्र क्र. 26567 दिनाँक 14.01.2011 में उक्त नियमितीकरण को औचित्यपूर्ण एवं सही दर्शाया था? (घ) यदि हाँ, तो शासन के नियमों एवं उच्च न्यायालय के निर्देश तथा पूर्व अधिष्ठाताओं की अनुशंसाओं के विपरीत दिनाँक 31.08.2015 को उक्त नियमितीकरण आदेश को क्यों निरस्त किया गया है? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) तत्कालीन अधिष्ठाता भोपाल ने अपने पत्र दिनाँक 14/12/2011 द्वारा समिति के प्रतिवेदन से सहमति व्यक्त करते हुये आदेश दिनाँक 21/08/2000 के सन्दर्भ में अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिये जाने हेतु भेजा गया था, अधिष्ठाता का प्रस्ताव नियमानुसार औचित्यपूर्ण नहीं था। (घ) विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 995 पर निर्मित आश्वासन क्रमांक 123 के निराकरण हेतु अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा नियमानुसार परीक्षण किया गया तथा नियमितिकरण त्रुटिपूर्ण होने से अधिष्ठाता द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर नियमितिकरण को निरस्त किया गया है इसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं है। अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा दिनाँक 31/08/2015 को जारी आदेश पर माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 15236/2015 में दिनाँक 24/11/2015 को पारित आदेश द्वारा स्थगन जारी किया गया है।
नवीन हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी भवनों का निर्माण
161. ( क्र. 2627 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिलों में शासन द्वारा कब-कब नवीन कहां-कहां प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी 10 + 2 स्कूल नवीन जनवरी 2004 से प्रश्न दिनाँक तक खोले गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर कितनी-कितनी राशि से किस-किस भवनों का निर्माण कार्य किया जा चुका है? और किस-किस का शेष है? (ग) विभाग द्वारा ऐसे भवनों के लिए जो राशि स्वीकृत नहीं है? शासन राशि स्वीकृत करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) सीमित बजट प्रावधान के कारण सभी विद्यालयों के लिए भवन स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी विकास विभाग को विद्युतीकरण हेतु आवंटन राशि
162. ( क्र. 2636 ) श्री जितू पटवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2015-16 में आदिवासी विकास विभाग को पम्प ऊर्जीकरण/मजरा/ टोला विद्युतीकरण हेतु कितना आवंटन प्रदान किया गया? कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये? तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति कब-कब प्राप्त की गई? स्वीकृत कार्यों की निविदा कब-कब आहूत की गई कार्यवार जानकारी देवें? (ख) क्या बैतूल जिले में आदिवासी विकास विभाग द्वारा पम्प ऊर्जीकरण कार्यों की निविदा बिना तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के म.प्र.वि.क्र. के एस.ओ.आर. राशि के आधार पर बुलाई गई है जबकि बिना तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के निविदा आहूत नहीं की जा सकती? इसका आधार क्या है? विभाग द्वारा निविदा दर स्वीकृति के दिनाँक तक जिले के म.प्र. वि.क. लो.नि.वि. में समान प्रकृति कार्यों के निविदा दर क्या थी? विभाग द्वारा निविदा किस आधार पर स्वीकृत की गई है? आदेश प्रति देवें? (ग) सन् 2014-15 में आदिवासी विकास विभाग द्वारा पम्प ऊर्जीकरण कार्यों हेतु बिना निविदा आहुत किये पूर्व स्वीकृत निविदा दरों पर कितने कार्य कितने राशि के कब-कब ठेकेदारों को दिेये गये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) बैतूल जिले को पम्प ऊर्जीकरण/मजरा टोला विद्युतीकरण हेतु राशि रुपये 450.00 लाख का आवंटन दिया गया है। राशि रुपये 339.87 लाख के कार्य स्वीकृत किये गये। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने एवं निविदा आहुत करने की तिथियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। कार्यवार निविदायें आमंत्रित न की जाकर पूरे वर्ष के लिए एक दर अनुमोदित करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। (ख) बैतूल जिले में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में वर्ष में होने वाले सभी अनुसूचित जनजाति हितग्राहियों के पम्प ऊर्जीकरण कार्यों के लिए पूरे वर्ष के लिए एक दर अनुमोदित करने हेतु ‘टर्न की बेसिस‘ (सामग्री लेबर परिवहन सभी कर सहित) पर निविदा आमंत्रित की गई है। यह कार्यवार निविदा नहीं है। अतः निविदा पूर्व तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति नहीं ली गई है। विभाग द्वारा निविदा स्वीकृति के दिनाँक तक लोक निर्माण विभाग में वर्ष 2015-16 में जिला स्तर से निविदायें आहुत नहीं की गई हैं। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा ठेकेदार को स्वयं प्रदाय की जाने वाली सामग्री को छोड़कर पृथक-पृथक कार्यों के लिए वर्ष में कई बार टेण्डर किये जाते हैं। पूरे वर्ष के लिए वर्ष में होने वाले सभी कार्यों के लिए एक दर अनुमोदित नहीं की जाती है। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा वर्ष 2015-16 में आमंत्रित निविदाओं में अनुमोदित दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। जिले में विभाग के परिपत्र दिनाँक 19.12.2014 के निर्देश अनुसार ‘टर्न की बेसिस‘ (सामग्री लेबर परिवहन सभी कर सहित) के आधार पर निविदा स्वीकृत की गई है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। पूर्व स्वीकृत निविदा दरों पर कोई भी कार्य किसी भी ठेकेदार को नहीं दिये गये।
व्याख्याता की पदस्थापना
163. ( क्र. 2637 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी में फिजिकल कॉलेज में तकनीकी जानकारी रखने वाले व्यायाम शिक्षकों, व्याख्याताओं को ही पदस्थ किया जाता है? यदि हाँ, तो उपरोक्त कॉलेज में कितने शिक्षक एवं व्याख्याता कार्यरत है? जिन्हें किसी विशेष खेल में विशेष योग्यता या तकनीकी की जानकारी है? नाम सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांक (क) के अनुसार अगर तकनीकी योग्यता वाले व्यायाम शिक्षक एवं व्याख्याता नहीं है तो रिक्त पदों पर कब तक नियुक्ति की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संस्था में व्याख्याता (शारीरिक शिक्षा) के पदोन्नति के कुल स्वीकृत 7 पदों के विरूद्ध 5 पद भरे हुए है एवं 2 पद रिक्त है तथा वरिष्ठ व्यायाम निर्देशकों के कुल स्वीकृत 4 पदों के विरूद्ध 2 पद भरे हुए है एवं 2 पद रिक्त है। रिक्त पदो की पूर्ति पदोन्नति से की जावेगी। पदोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
DMAT परीक्षा 2015
164. ( क्र. 2639 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति द्वारा 08-10-2015 को हुई DMAT परीक्षा के बारे में शिकायतकर्ता का नाम, अनुक्रमांक तथा प्राप्तांक (यदि उपलब्ध हो) सहित सूची उपलब्ध करावें तथा किस शिकायत के निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 32 परीक्षा केन्द्रों पर निर्धारित समय 6 बजे के बाद किसके निर्देश पर परीक्षा जारी रही? केन्द्र अनुसार जानकारी देवें? बतावें कि 6 बजे बाद तक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों में से कौन-कौन परीक्षार्थी प्रावीण्यता सूची में 1 से 600 के मध्य हैं? (ग) दिल्ली के विभिन्न केन्द्रों पर डाटा डंप की जानकारी एकत्रित करने को भेजे गए अधिकारियों के नाम देवें? (घ) 20 सितम्बर 2015 को 85 केन्द्रों पर DMAT परीक्षा का आयोजन में से 60 केन्द्रों पर गड़बड़ी होने के बाद भी उसी एजेंसी से परीक्षा क्यों करवाई गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रेसीम उद्योग नागदा जंक्शन में कार्यरत ठेका श्रमिक
165. ( क्र. 2650 ) श्री बाला बच्चन : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रेसीम उद्योग नागदा जंक्शन जिला उज्जैन में कितने ठेका श्रमिक कार्यरत हैं? राज्य के एवं राज्य से बाहर के श्रमिकों की संख्या पृथक-पृथक बतावें? (ख) राज्य से बाहर के श्रमिकों का क्या कंपनी द्वारा पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया, यदि नहीं, तो कब तक कराया जाएगा? (ग) ठेका श्रमिकों जैसे कार्य में राज्य के निवासियों को प्राथमिकता न देकर बाहरी राज्य के निवासियों को कार्य पर रखने का कारण स्पष्ट करें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) ग्रेसिम उद्योग नागदा जंक्शन, जिला उज्जैन की विभिन्न स्थापनाओं में कुल 3514 ठेका श्रमिक कार्यरत् हैं, जिनमें राज्य से बाहर के 123 व राज्य के 3391 ठेका श्रमिक हैं। (ख) ठेका श्रमिकों के पुलिस वेरीफिकेशन कराये जाने का प्रावधान किसी श्रम कानून में नहीं हैं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) यद्यपि श्रम कानूनों में इस आशय का प्रावधान नहीं है तथापि प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फूड इंस्पेक्टर के रिक्त पद
166. ( क्र. 2652 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में फूड इंस्पेक्टर, सीनियर फूड इंस्पेक्टर के कितने पद रिक्त है? (ख) तीन साल या इससे अधिक समय से भोपाल में पदस्थ श्री डी.के वर्मा, धर्मेन्द्र नुगनैया, श्री भोजराज धाकड़ का स्थानांतरण कब तक किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल जिले में खाद्य निरीक्षक के 9 पद स्वीकृत है, जो भरे हुये हैं। वर्तमान में कोई भी पद रिक्त नहीं है। वरिष्ठ खाद्य निरीक्षक का कोई पद जिले में स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित खाद्य निरीक्षक प्रशासनिक दृष्टि से भोपाल में पदस्थ है। स्थानांतरण नीति, 2015 में मात्र 20 प्रतिशत ही स्थानांतरण के निर्देश थे, जिसके कारण 97 खाद्य निरीक्षक अभी भी 03 वर्ष से अधिक समय से जिलों में पदस्थ हैं। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महिदपुर में विभागीय राशि का आवंटन
167. ( क्र. 2663 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अल्पसंख्यक विभाग द्वारा महिदपुर वि.स. क्षेत्र में दि. 01-01-10 से 30-10-15 तक कितनी राशि किन कार्यों के लिए आवंटित की गई? कार्यवार, राशि, वर्षवार बतावें? (ख) वक्फ बोर्ड समिति महिदपुर को कितनी राशि उपरोक्त अवधि में किन कार्यों के लिए दी गई? कार्यनाम, राशि सहित वर्षवार देवें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण
168. ( क्र. 2664 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 100 क्र. 1547 दि. 24.07.2015 के (ख) में बताया गया कि 40 शिक्षकों ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है? इनकी वर्तमान स्थिति बतावें? (ख) इनमें से जिन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है? इसके क्या कारण है? (ग) इन्हें कब तक कार्यभार ग्रहण करा दिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश अनुसार 40 शिक्षकों में से 02 शिक्षक कर्मचारी संघ के पदाधिकारी होने से स्थानान्तरण निरस्त किये गये। 02 शिक्षकों के पदांकन संशोधित किये गये तथा 33 शिक्षकों द्वारा कार्यभार ग्रहण कर लिया गया है। शेष 03 शिक्षकों द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। (ख) 03 शिक्षक कार्यमुक्त होने के उपरान्त अवकाश पर चले जाने से पदभार ग्रहण नहीं किया है। (ग) स्थानांतरित संस्था में उपस्थित नहीं होने के परिणामस्वरूप कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। कारण बताओं सूचना पत्र की समय-सीमा उपरान्त ही आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है।
हिंदी विषय के शिक्षकों के पद समाप्त करना
169. ( क्र. 2667 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा भाषाओं के जो समूह बनाये गये हैं उसमें हिन्दी विषय को किसी अन्य समूह में समाहित किया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? (ख) क्या माध्यमिक शालाओं में हिन्दी विषय के उच्च श्रेणी शिक्षकों के पद समाप्त कर हिन्दी विषय के शिक्षक को अन्य विषय में समाहित किया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि नहीं, तो बैतूल विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा विभाग की ऐसी कौन-कौन सी माध्यमिक शालाएं हैं जहां हिन्दी विषय के उच्च श्रेणी शिक्षकों के एवं L.D.T पद स्वीकृत नहीं है? क्या कारण है? माध्यमिक शालाओं में विषयवार स्वीकृत एवं प्रश्न दिनाँक तक कार्यरत शिक्षकों की सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्या हिन्दी विषय के उच्च श्रेणी शिक्षकों के पदों को समाप्त कर अन्य भाषा समूह में मिलाया जाना उचित है? क्या शिक्षा विभाग हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए शालाओं में अलग से हिन्दी समूह का गठन करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्तर पर हिन्दी विषय पृथक विषय के रूप में है। माध्यमिक शालाओं के लिए भाषाओं के कोई समूह नहीं बनाये गये है अपितु शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत (1) विज्ञान और गणित (2) सामाजिक अध्ययन और (3) भाषा के समूह है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पदों की स्वीकृति विषयवार नहीं की जाती अपितु छात्र संख्या के मान से की जाती है। माध्यमिक शालाओं में स्वीकृत पद एवं कार्यरत शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत् पृथक से हिन्दी समूह गठित किये जाने का प्रावधान नहीं है।
खरगोन की ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता समिति संदर्भ
170. ( क्र. 2677 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों की सूची दी गई राशि, व्यय राशि सहित विगत 3 वर्षों के संबंध में विधानसभावार, वर्षवार, कार्य नाम सहित बतावें? इनके गठन की प्रकिया बतावें? (ख) जननी एक्सप्रेस का कार्य क्षेत्र सीमा बतावें? खरगोन जिले में दिनाँक 01.01.14 से 30.10.15 तक संचालित जननी एक्सप्रेस वाहनों की संख्या प्रत्येक द्वारा तय दूरी सहित माहवार बतावें? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? (ग) दिनाँक 01.01.13 से 30.10.15 तक खरगोन जिले में आवंटित अनटाईड फंड की पूरी जानकारी, आवंटित राशि, संस्था नाम, कार्य प्रकार, व्यय सहित विधानसभा क्षेत्रवार देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार। (ख) जननी एक्सप्रेस वाहन का कार्यक्षेत्र सीमा संबंधित स्वास्थ्य संस्था के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र/ग्रामों/जिले तक होता है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार। (ग) प्रश्नभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द“ अनुसार।
कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना के मापदण्ड
171. ( क्र. 2678 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत क्या मापदंड हैं? (ख) खरगोन जिले में वर्ष 2013 से 2015 तक कितनी बालिकाओं को इस योजना से लाभान्वित किया गया? क्या उनके आय प्रमाण पत्र, आवेदन, निवासी प्रमाण पत्र पूर्ण थे? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) वर्ष 2012 में कक्षा 9वीं तथा 11वीं में खरगोन जिले में कितनी बालिकाओं ने प्रवेश लिया था उनकी संख्या बतावें? यही वर्ष 2016 में संदर्भ में देवें? (जुलाई शैक्षणिक से)
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचिज जनजाति की ऐसी बालिका जो कक्षा 5वी उत्तीर्ण होने पर कक्षा 6वीं में प्रवेश लेने पर, कक्षा 8वीं उत्तीर्ण होने पर कक्षा 9वीं में प्रवेश लेने पर एवं कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होकर 11वीं में प्रवेश लेने पर छात्रवृत्ति की पात्रता होती है। योजनान्तर्गत बालिका के माता-पिता का आयकरदाता की श्रेणी में नहीं होना चाहिए। (ख) प्रश्नांकित अवधि में खरगोन जिलान्तर्गत 24,317 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया। सभी बालिकाओं के प्रमाण-पत्र पूर्ण थे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2012 में कक्षा 9वीं में 8519 व कक्षा 11वीं में 2615 छात्राओं ने प्रवेश लिया तथा 2015-16 में कक्षा 9वीं में 9293 व कक्षा 11वीं में 3227 छात्राओं ने प्रवेश लिया।
छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षकों की जानकारी
172. ( क्र. 2683 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितने छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं? सूचीवार जानकारी दें। (ख) छात्रावासों में अधीक्षकों के नाम पद कब से स्थापना आदि को सूचीबद्ध कर जानकारी दें एवं इनको क्या नियमानुसार छात्रावासों में अधीक्षक की व्यवस्था में रखा गया? (ग) क्या एक से अधिक अधीक्षक छात्रावासों को संचालित कर रहे हैं? (घ) कस्तूरबा गांधी/बालिका छात्रावास में वर्तमान अधीक्षकों द्वारा की गई खरीद फरोख्त क्या नियमानुसार है? इसकी विधिवत जानकारी से अवगत करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत पलेरा में संचालित बालिका छात्रावास में पदस्थ अधीक्षिका के पास आदिम जाति कल्याण विभाग के दो छात्रावास का अस्थायी प्रभार है। (घ) शाला प्रबंधन समिति द्वारा नियमानुसार सामग्री का क्रय किया जाता है।
सागर जिले में स्कूली शिक्षकों की पदोन्नति
173. ( क्र. 2688 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माध्यमिक शालाओं के प्रधान अध्यापकों एवं उच्च श्रेणी शिक्षकों को व्याख्याता/प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो सागर जिले में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में विषयवार कितनों को पदोन्नति दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों को भी पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में सागर जिले में विकासखण्डवार किन-किन को पदोन्नत किया गया है? (ग) क्या अध्यापक संवर्ग व शिक्षक संवर्ग को समान रूप से पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है? नहीं तो क्यों? क्या सागर जिले में नियमानुसार डी.पी.सी. हुई है? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्र.अ.मा.वि. एवं उच्च श्रेणी शिक्षकों को शिक्षक संवर्ग की वरिष्ठता एवं भर्ती तथा पदोन्नति नियम 1982 के अनुसार व्याख्याता उमावि के पद पर पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है। सागर जिले में प्रश्नांकित अवधि में शिक्षक संवर्ग से व्याख्याता उमावि के पद पर 05 लोक सेवकों को पदोन्नति प्रदाय की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। सहायक अध्यापक से अध्यापक एवं अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है किन्तु वरिष्ठ अध्यापक को पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन
174. ( क्र. 2689 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूलों में कार्यरत अध्यापक पंचायत एवं स्थानीय निकायों के विभागों के अन्तर्गत आते हैं? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) वर्णित अध्यापकों द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग का कार्य किया जाता है? क्या उक्त अध्यापक दोहरी शासन व्यवस्था के अधीन कार्य करते हैं? क्या यह व्यवस्था उचित है? क्या अध्यापकों का संविलियन शिक्षा विभाग में किये जाने की कोई योजना है? (ग) अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने हेतु अब तक क्या कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग की शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के अध्यापको को स्थानीय निकायों द्वारा शासित नियमो के अंतर्गत नियुक्त किया गया है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के अनुसार अध्यापक शैक्षणिक संस्थाओं में अध्यापन का कार्य करते है। जी नहीं। 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन अनुसार प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा का कार्य स्थानीय निकायों को सौपा गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। संविलियन की कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
स्कूल शिक्षा विभाग में विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति
175. ( क्र. 2696 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हायर सेकेन्डरी (10+2) में कला संकाय समूह में समाजशास्त्र विषय को शामिल किया गया है, अगर हाँ तो कब किया गया है वर्ष बतायें? (ख) क्या विभाग के द्वारा समाजशास्त्र के विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है? अगर नहीं तो कब तक की जायेगी, समय-सीमा बतावे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। आगामी पात्रता परीक्षा में सम्मिलित किया जायेगा। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टीकमगढ़ जिले के वड़ागांव में CHC में जबरन वसूली
176. ( क्र. 2709 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में CHC एवं PHC में पदस्थ स्टॉफ के द्वारा मनमाने तरीके से आशा कार्यकर्ताओं से जबरन वसूली की जा रही है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार वड़ागांव घसान CHC में आशाओं की नियुक्ति करने पर जबरन वसूली एवं आशाओं के भुगतान पर जबरन वसूली कर निकालने की धमकी दी जाती है? (ग) सम्बंधित दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। इस प्रकार की कोई भी शिकायत क्षेत्र की आशा कार्याकर्ताओं द्वारा इस कार्यालय में प्रश्न दिनाँक तक प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्न (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा का अधिकार एवं शिक्षकों के पदों की पूर्ति
177. ( क्र. 2718 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 27-13/2012/20-2 भोपाल दिनाँक 21.08.2012 द्वारा माध्यमिक शालाओं के लिये सतना जिले में शिक्षक/अध्यापक/सं.शा.शि.वर्ग-2 के 929 पद स्वीकृत किये गये थे? क्या इसके पूर्व भी पद स्वीकृत किये गये थे, संख्या दें? (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक /एफ 27-3/2012/20-2 भोपाल, दिनाँक 16.01.2012 द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 19 के तहत माध्यमिक शालाओं में छात्रों की संख्या के अनुपात में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना की जानी थी? (ग) क्या सतना जिले में दिनाँक 23.05.2015 की स्थिति में 939 माध्यमिक शालाओं में 1709 पद रिक्त है जिसमें गणित विषय के 609 एवं अंग्रेजी विषय के 724 पद रिक्त है तथा जिले की माध्यमिक शालाओं में 1600 शिक्षक पद विरूद्ध पदस्थ होकर कार्यरत है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है हिन्दी, कला जैसे विषयों में पदोन्नति एवं पद विरूद्ध पदस्थापना कर अधिनियम की धारा 19 एवं आदेश का पालन न कर, की गई व्यापक अनियमितताओं की जाँच कर संदर्भित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। पूर्व के 2125 पद स्वीकृत है। (ख) उपलब्ध एवं कार्यरत पदों के अनुक्रम में शासन आदेश दिनाँक 16.1.2012 के अनुसार रिक्त पदों पर पदस्थापना किये जाने के आदेश हैं। (ग) जिला सतना में वर्तमान में माध्यमिक शालाओं में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिला सतना में माध्यमिक शालाओं में दिनाँक 4.11.2015 को सहायक अध्यापक से अध्यापक (हिन्दी) के पद पर की गई पदोन्नति प्रथम दृष्टया शासन आदेश दिनाँक 16.1.2012 के अनुरूप नहीं होने से संभागीय संयुक्त संचालक, रीवा संभाग रीवा को जाँच हेतु लिखा गया है। जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
शिक्षकों के वेतन का आहरण
178. ( क्र. 2720 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक/एफ-1-42/2014/20-1 भोपाल दिनाँक 08.09.2014 द्वारा शालाओं में स्वीकृत शैक्षणिक पदों के अनुरूप पदस्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है? साथ ही पत्र की कंडिका 4 (फ) में स्पष्ट निर्देश दिये गये है कि स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक पदस्थ होने पर इन शिक्षकों का वेतन आहरित नहीं किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के पालन में सतना जिले की प्राथमिक, माध्यमिक शाला, हाईस्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूलों में स्वीकृत पदों से अधिक पदस्थ शिक्षकों की विकासखण्डवार, शालावार, पदवार, नामवार एवं विषयवार सूची दे? (ग) प्रश्नांश (ख) में सूचीबद्ध शिक्षकों का वेतन कब से आहरित नहीं किया गया है? यदि किया गया है तो क्यों? इन्हें कंडिका 8 द्वारा निर्धारित कैलेण्डर अनुसार क्यों नहीं हटाया गया? कब तक हटाया जावेगा? (घ) यदि शासनादेश प्रश्नांश (क) का पालन सतना जिले में नहीं किया गया तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या पत्र की कंडिका 10 अनुसार समय-सीमा में पदस्थापना की कार्यवाही सम्पन्न न करने वाले अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली में उल्लेख किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्नांश-‘क‘ में शिक्षकों का वेतन आहरित हो रहा है। अतिशेष शिक्षकों को अन्यत्र पदस्थ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) शासन आदेश के पालन में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रभारी जिला संयोजक द्वारा अनियमितता
179. ( क्र. 2730 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग अन्तर्गत प्रभारी जिला संयोजक द्वारा अनियमितताएं किये जाने संबंधी जाँच हेतु डिप्टी कलेक्टर नरसिंहपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित कर दिनाँक 17.07.2015 को आदेश जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त गठित टीम द्वारा जाँच में क्या तथ्य सामने आये? (ग) यदि प्रभारी जिला संयोजक द्वारा अनियमितताएं पाई गई है तो क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रभारी जिला संयोजक द्वारा अनियमितताएं किये जाने संबंधी जाँच हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नरसिंहपुर के आदेश दिनाँक 15/07/2015 द्वारा डिप्टी कलेक्टर नरसिंहपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम के गठन का आदेश जारी किया गया, इस आदेश में संशोधन कर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नरसिंहपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित कर आदेश दिनाँक 29/07/2015 द्वारा पुन: संशोधित जाँच आदेश जारी किये गये है। (ख) गठित जाँच समिति से जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शास. अस्पतालों के रिक्त पद
180. ( क्र. 2736 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में शासकीय अस्पतालों में एलोपैथी, आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी के कितने डॉक्टर्स के पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं एवं कितने पदों पर कार्यरत हैं? (ख) कौन-कौन से पद कब तक भरे जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से 1896 पदों हेतु चयन प्रक्रिया प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं हैं। आयुर्वेदिक, चिकित्सा अधिकारियों के 710 पदों का परीक्षा परिणाम घोषित किया जा चुका है। रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र की जावेगी।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित छात्रावास
181. ( क्र. 2740 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कितने छात्रावास संचालित किये जा रहे है? उन छात्रावासों को कितनी छात्र संख्या के मान से स्वीकृति प्रदान की गई है तथा वर्तमान में कितने छात्र/छात्राओं का प्रवेश छात्रावास में है? (ख) उपरोक्त छात्रावास क्या स्वयं के भवन में लग रहे है या कि किराये के भवन में संचालित हो रहे है क्या नगर में संचालित होने वाले कन्या छात्रावास वर्तमान में किराये के भवन में लग रहा है तथा उपरोक्त भवन में पर्याप्त स्थान ना होने के कारण वहां की रहवासी छात्राएं है? (ग) क्या उपरोक्त छात्रावास के लिये विभाग द्वारा कोई भवन तैयार किया जा रहा है या कि किसी अन्य शासकीय भवन में उपरोक्त भवन को स्थानांतरित करने की योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत 01 छात्रावास संचालित है। इस छात्रावास में 100 छात्राओं के मान से स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में 100 छात्राओं का प्रवेश छात्रावास में है। (ख) बालिका छात्रावास नगर में स्थित किराये के भवन में संचालित हो रहा है। वर्तमान में रहवासी छात्राओं के रहने का पर्याप्त स्थान उपलब्ध है। (ग) जी नहीं। छात्रावास का भवन विभाग द्वारा निर्माणाधीन नहीं है। वर्तमान में किसी अन्य शासकीय भवन में स्थानांतरित करने की योजना नहीं है।