मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2025 सत्र
मंगलवार, दिनांक 18 मार्च, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वन
परिक्षेत्र
सगोनी, हटा एवं
दमोह में
कराये गये
कार्य
[वन]
1. ( *क्र. 677 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की विधानसभा क्षेत्र हटा 57 अंतर्गत वन परिक्षेत्र सगोनी, हटा एवं दमोह में माह अप्रैल 2022 से जनवरी 2025 तक वृक्षारोपण, भू-जल संवर्धन, भूजल संरक्षण एवं वन्यजीवों को पेयजल की उपलब्धता के उद्देश्य से कितने निर्माण कार्य किस मद एवं योजना से स्वीकृत किये गये हैं एवं कितने कार्य पूर्ण किये गये हैं? सभी की वर्षवार कार्यवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) इन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गयी एवं कितनी राशि शेष है? कार्यवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या भुगतान से पहले इन कार्यों का भौतिक सत्यापन करवाया गया है? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन का विस्तृत विवरण उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) स्वीकृत 37 कार्यों में से 10 कार्य पूर्ण हैं, शेष प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) व्यय की गयी राशि रुपये 3,95,30,913/- एवं शेष राशि 2,03,03,710/- है, प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लघु वनोपज संघ द्वारा नलकूप खनन
[वन]
2. ( *क्र. 1723 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला लघु वनोपज संघ उत्तर बालाघाट में सप्लाई एवं नलकूप खनन आमंत्रित निविदा वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में संस्था/कंपनी को बगैर निविदा बुलाए, पुरानी दर से ही सामग्री प्रदान किये जाने का ठेका दिया गया? संपूर्ण सामग्री विवरण, दर सहित जानकारी दें। (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला लघु वनोपज संघ उत्तर बालाघाट में नलकूप खनन में भ्रष्टाचार हुआ है? यदि हाँ, तो किन-किन अधि./कर्मचारियों के द्वारा भ्रष्टाचार किया गया? उनके नाम, पदनाम का विवरण दें। विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी एवं दोषियों को कब तक निलंबित किया जायेगा? (ग) क्या वर्ष 2023-24 में जेम पोर्टल में बिड टेंडर 31 लाख रूपये था, किन्तु 1 करोड़ 87 लाख 89 हजार रूपये में निर्माण कार्यों के लिये ठेकेदार से सामग्री क्रय करना दिखाया गया, जो शासन के नियम विरूद्ध है? जिन अधि./कर्मचारियों द्वारा जो क्षति राज्य शासन को पहुंची है, उसकी भरपाई कोई करेगा? (घ) प्रश्न (क) से (ग) की जाँच हुई है तो जाँच प्रतिवेदन व संपूर्ण जानकारी देवें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बालाघाट अंतर्गत जिला लघु वनोपज संघ उत्तर बालाघाट में वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में मटेरियल सप्लाई एवं नलकूप खनन हेतु कोई निविदा नहीं बुलाई गई है। विभागीय कार्यों हेतु उत्तर सामान्य वनमण्डल द्वारा आमंत्रित निविदा वर्ष 2020-21 के सफल L-1 निविदाकारों/सप्लायर्स से ही जिला लघु वनोपज संघ के निर्माण कार्यों के लिये सामग्री क्रय की गई है तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में भी वर्ष 2020-21 की निविदा दर पर ही सामग्री संबंधित L-1 निविदाकारों/सप्लायर्स से प्राप्त की गई है। वर्ष 2023-24 में केम्पा मद के स्वीकृत विभागीय भवन निर्माण कार्य हेतु विभागीय आमंत्रित निविदा के सफल L-1 निविदाकारों/सप्लायर्स से ही जिला यूनियन के कार्यों की सामग्री प्राप्त की गई है। सामग्री का विवरण दर सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला लघु वनोपज संघ उत्तर बालाघाट में नलकूप खनन की प्रक्रिया में हुई वित्तीय अनियमितता के संबंध में वन मण्डलाधिकारी एवं पदेन प्रबंधक संचालक, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित उत्तर बालाघाट के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन महाप्रबंधक, बालाघाट से प्राप्त जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
राजस्व ग्रामों के अभिलेखों में सुधार
[वन]
3. ( *क्र. 933 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के अंतर्गत किस-किस जिले में कितने-कितने राजस्व ग्रामों के राजस्व अभिलेखों को पटवारी मानचित्र में वर्ष 1980, 2000 एवं 2020 में कितनी-कितनी गैरखाते की दखल रहित जमीन दर्ज की है तथा यह जमीन किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिये किस-किस वन विभाग एवं गैर वन विभाग की जमीन के अंतर्गत है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पटवारी मानचित्र एवं राजस्व अभिलेखों में दर्ज कितनी-कितनी दखल रहित भूमि किस वनमण्डल के वर्किंग प्लान में शामिल कर वन विभाग के कब्जे में की गई है तथा इनमें से कितनी भूमियों की किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक जांच की गई है और कितने की जांच अभी तक लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार गैर खाते की दखल रहित जमीनों को वर्किंग प्लान में दर्ज करने, संरक्षित वन प्रतिवेदित करने, कब्जा करने की अनुमति कलेक्टर एवं आयुक्त ने किस-किस दिनांक को भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा के अनुसार प्रदान की है? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कलेक्टर शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर कब तक गैर खाते की वर्किंग प्लान में दर्ज भूमि वन विभाग को आवंटित करने का आदेश जारी करेंगे?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) राजस्व विभाग से संबंधित होने के कारण जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) शहडोल वृत्त की समस्त दखल रहित भूमियां रीवा राजदरबार की अधिसूचना दिनांक 08.02.1937 से संरक्षित वनभूमि है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) समस्त दखल रहित भूमियां भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रभावशील होने के पूर्व से रीवा राजदरबार की अधिसूचना दिनांक 08.02.1937 से संरक्षित वन है। भू-राजस्व संहिता धारा-1 (2) अनुसार राजस्व उगाही से संबंधित मामलों को छोड़कर शेष उपबंध संरक्षित/आरक्षित वन भूमि पर लागू नहीं होते हैं। (घ) उत्तरांग 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक जिला एक उत्पाद योजना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
4. ( *क्र. 585 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में एक जिला एक उत्पाद में शामिल प्याज की फसल पंधाना विधानसभा में भारी मात्रा में होने के कारण, क्षेत्र में प्याज भंडारण गृह निर्माण योजना से किसानों को लाभ पहुँचाने की क्या कार्य योजना है? (ख) क्या आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र में प्याज प्रोसेसिंग कर उत्पाद बनाने के उद्योग लगाने की कोई कार्य योजना है? (ग) छैगांव माखन स्थित उप मण्डी में प्याज की खरीदी बिक्री कब से चालू करेंगे?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) एकीकृत बागवानी मिशन योजनांतर्गत प्याज भण्डार गृह निर्माण हेतु ऑनलाईन आवेदन प्राप्त होने पर लॉटरी उपरान्त कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 1.75 लाख अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। (ग) लाइसेंसधारी व्यापारियों की उपलब्धता होने पर उप मण्डी प्रांगण छैगांव माखन में प्याज की खरीदी बिक्री चालू हो सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
केला फसल बीमा का लाभ
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
5. ( *क्र. 222 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर में वर्ष 2018 में किसानों को केला फसल बीमा का लाभ मिल रहा था, जो वर्तमान में प्राप्त नहीं हो रहा है? किसानों को केला फसल बीमा का लाभ प्राप्त होने संबंधी शासन/विभाग की क्या विस्तृत कार्य योजना है? (ख) प्रदेश सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में कितने प्रस्ताव केला फसल बीमा का लाभ किसानों को देने हेतु भारत सरकार को भेजे गये हैं? जिला बुरहानपुर के ऐसे किसानों के नाम, ग्राम का नाम, कुल प्रभावित फसल एवं भेजे गये प्रस्ताव की सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की तरह म.प्र. में भी केला फसल बीमा योजना लागू की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं इसके क्या मापदंड होंगे? (घ) क्या राज्य सरकार ने केला फसल बीमा लागू किये जाने हेतु कोई टेंडर जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार के नवीन दिशा-निर्देशानुसार Weather Information and Data Network System (WINDS) Manual 2023 योजना के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा तहसील स्तर पर Automatic Weather Station (A.W.S.) एवं ग्राम पंचायत स्तर पर Automatic Rain Guage (A.R.G.) स्थापित करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूर्व से लागू है। पृथक से फसल बीमा योजना बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) खरीफ वर्ष 2020 से रबी 2022-23 के लिये 6 बार टेण्डर जारी किये गये, परन्तु बीमा दरें अधिक आने के कारण योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा सका। टेण्डर की प्रति/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। रबी 2022-23 से रबी 2023-24 के लिये निविदा आमंत्रित की गई, परन्तु एक ही निविदा प्राप्त होने के कारण निविदा नहीं खोली गई। निविदा की प्रति/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। खरीफ 2023-24 से रबी 2025-26 के लिये निविदा आमंत्रित की गई, किन्तु भारत सरकार के परिपत्र क्रमांक F.No.11019/04/2019-Credit-II, दिनांक 30.06.2023 के अनुक्रम में कार्यवाही प्रचलन में है। परिपत्र/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
दिव्यांगजनों को मिलने वाली पेंशन व उपकरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
6. ( *क्र. 2184 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने दिव्यांगजन हैं? क्या दिव्यागंजन उपकरण प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार, विकास खण्डवार संख्या एवं किस-किस प्रकार के उपकरण दिये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न (क) अनुसार कितने दिव्यागंजनों को उपकरण उपलब्ध नहीं करवाये गये हैं? विकास खण्ड वार संख्या एवं सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विगत वर्षों में एलिम्को जबलपुर द्वारा जिले में लगाये गये शिविरों में शत-प्रतिशत दिव्यांगजनों को परीक्षण कर उपकरण उपलब्ध कराये गये थे? यदि हाँ, तो वर्ष 2025 में पुनः एलिम्को उज्जैन द्वारा लगाये जाने वाले शिविर में क्या नवीन दिव्यागजंन के प्रमाण पत्र जारी कर चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (घ) दिव्यांगजनों को मिलने वाली पेंशन 600 रूपये से उनका गुजारा संभव नहीं है, क्या पेंशन को बढ़ाने का कोई प्रावधान सरकार की तरफ से किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक? अवधि बतावें नहीं तो कब तक किया जावेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) 6568 दिव्यांगजन है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 6017 दिव्यांगजनों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) द्वारा पात्रतानुसार दिव्यांगजनों का चिन्हांकन किया जाकर कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरण किये जाते हैं, यह निरंतर प्रक्रिया है। वर्ष 2025 में एलिम्को संस्थान द्वारा लगाये शिविर में नवीन दिव्यांगजनों के प्रमाण-पत्र/यू.डी.आई.डी. जारी किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) दिव्यांगजनों को प्रदाय की जाने वाली पेंशन राशि रूपये 600/- में वृद्धि का प्रस्ताव है, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पेंशन राशि में वृद्धि वित्त विभाग स्तर पर स्थगित रखा गया है, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग स्तर से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनु.जाति कन्या उत्कृष्ट छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
7. ( *क्र. 1425 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनु.जाति कन्या उत्कृष्ट छात्रावास जतारा एवं सीनियर अनु. जाति कन्या छात्रावास जतारा एवं बालक छात्रावास डूड़ा में अधीक्षकों के पदों पर नियुक्त अधीक्षक शिक्षा विभाग के कर्मचारी तैनात हैं? यदि हाँ, तो इनकी पदस्थापना किस सन् में की गई? यदि नहीं, है तो इनका संविलियन शिक्षा विभाग से अनु.जाति कल्याण विभाग में किस नियम या किस पात्रता के अनुसार हुआ है? समस्त आदेशों सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या टीकमगढ़ जिले में मात्र एक ही परिवार के तीनों कर्मचारी शासन के नियमों में उचित पाये गये और अनु.जाति विभाग में शिक्षा विभाग से संविलियन किया गया? क्या शिक्षा विभाग द्वारा या अनु.जाति विभाग द्वारा कोई पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी? किस आधार पर एक ही परिवार के तीनों व्यक्तियों को अनु. जाति विभाग के छात्रावासों में अधीक्षक बनाया गया? (ग) क्या अनु. जाति कन्या उत्कृष्ट छात्रावास जतारा में एवं सीनियर अनु. जाति कन्या छात्रावास जतारा में इन अधीक्षकों के द्वारा छात्रावासों में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश देकर अनैतिक कार्यों को संचालित किया जाता है? इनकी जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) इन तीनों छात्रावासों को शासन की ओर से वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि छात्रों के हित एवं सुविधाओं हेतु जारी की गई है? मदवार जानकारी देवें तथा व्यय की राशि के बिल, वाउचरों सहित पदावली उपलब्ध कराते हुये, इन तीनों छात्रावासों की गहन जांच हेतु क्षेत्रीय विधायक को शामिल करते हुये जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नांश जांच संबंधी कोई कार्यवाही प्रक्रियाधीन नहीं है।
नल-जल योजनांतर्गत जल प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 376 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा के किस-किस ग्राम में किस दिनांक को नल-जल योजना प्रारंभ की गई? इस योजना के तहत कितने घरों में कितने कनेक्शन दिए एवं कितने सार्वजनिक कनेक्शन लगाये गये? (ख) किस ग्राम में योजना के संचालन हेतु नलकूप का कब खनन किया गया? किस ग्राम में पुराने हैण्ड पंप का उपयोग किया? किस ग्राम में बिजली कनेक्शन किस दिनांक को लिया गया? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना पूर्णत: पूर्ण हो चुकी है एवं किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना अपूर्ण है, जो अपूर्ण है, वह किस ग्राम में किस कारण से अपूर्ण है? (घ) ऐसे कितने ग्राम हैं, जिनमें नल-जल योजना के नलकूप में से पानी नहीं निकला है, तो उस ग्राम में जल आपूर्ति के लिये शासन द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं एवं क्या किया जा रहा है एवं जल आपूर्ति का लक्ष्य इन ग्रामों में कब तक पूर्ण किया जायेगा? उदाहरण के तौर पर प्रश्नकर्ता के विधान सभा के ग्राम मालेगांव में पानी की समस्या है, ऐसे अन्य ग्राम और भी हैं, जिनमें जल संकट आज भी यथावत है? शासन अपनी कार्य योजनाओं एवं रूपरेखा से अवगत करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, पुराने हैण्डपंप का उपयोग नल-जल योजना के लिये नहीं किया गया है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 03 ग्राम में योजना के नलकूपों से पानी नहीं निकला, इन ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिये नवीन नलकूप खनन कराये जा कर नल-जल योजनाओं से जल आपूर्ति के लिये कार्यवाही की जा रही है, वर्तमान में इन ग्रामों में स्थापित हैण्डपंपों/सिंगलफेस मोटरपंप के द्वारा जल आपूर्ति की व्यवस्था उपलब्ध है। ग्राम मालेगांव में नलकूप सफल नहीं होने से अन्य ग्राम बोरपानी में स्त्रोत विकसित कर पुनरीक्षित योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है, पेयजल की व्यवस्था 04 कार्यरत हैण्डपंप, कुएँ एवं 03 सिंगल फेस मोटरपंप के द्वारा उपलब्ध है। ऐसे ग्रामों के लिए, जहां आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना हो, वहां विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार पूर्व स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाकर, उपलब्ध स्रोत पर सिंगल फेस मोटर पंप स्थापित करके अथवा नये नलकूप का खनन कर पेयजल उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया जाता है।
आदिवासी कल्याण विभाग को आवंटित भूमि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( *क्र. 36 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा नगर के वार्ड क्र. 6 में आदिवासी कल्याण विभाग को कितनी भूमि आवंटित है? (ख) क्या उक्त भूमि पर निर्मित भवन जर्जर एवं कई वर्षों से अनुपयोगी है एवं अतिक्रमणकारियों की चपेट में है? (ग) क्या उक्त परिसर वर्तमान में अनुपयोगी होने से कूड़ाघर एवं आवारा-गतिविधियों का केन्द्र बन चुका है? (घ) क्या उक्त भूमि/परिसर को जनजातीय महाविद्यालयीन छात्रावास की तरह विकसित करना संभव है? (ड.) अगर हाँ तो क्या इसकी प्रक्रिया का चरणबद्ध ब्यौरा प्राप्त हो पायेगा? (च) क्या विभाग द्वारा स्वयं महाविद्यालयीन छात्रावास का निर्माण करवाया जायेगा? (छ) क्या इस आशय का कोई प्रपोजल विभाग द्वारा तैयार किया गया है या किया जायेगा? (ज) अगर नहीं तो इसमे बाधा एवं कारण क्या है? (झ) छात्रावास नहीं बनने की स्थिति में क्या उक्त भूमि नगर के मध्य में होने से इसे नगर-परिषद बंडा को हस्तान्तरित किया जा सकता है? (ण) अगर हाँ तो उक्त भूमि नगर परिषद बंडा को हस्तान्तरित करने की चरणबद्ध प्रक्रिया का ब्यौरा प्राप्त हो पायेगा? (त) अगर नहीं तो इसका कारण क्या है? (थ) कई वर्षों से अनुपयोगी उक्त भूमि के उपयोग एवं संरक्षण हेतु विभाग की क्या योजना है?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) 0.181 हेक्टेयर भूमि आवंटित है। (ख) जी हाँ, जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। (ड.) वर्तमान में तत्संबंधी प्रस्ताव प्रक्रियाधीन नहीं। (च) से (ज) प्रश्नांश ''ड.'' अनुसार। (झ) जी नहीं। (ण) प्रश्नांश ''झ'' अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (त) विभाग को भूमि आवश्यकता होने से। (थ) प्रश्नांश ''ड.'' के उत्तर अनुसार।
शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( *क्र. 1989 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले की बमोरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल जीवन मिशन एवं नल-जल योजनाओं के माध्यम से हर घर नल के द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने की योजना किन-किन गांव में है? इन गांवों के चयन उपरांत किन-किन गांवों में कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ, प्रगतिरत, पूर्ण एवं हेण्डओवर किये गये हैं एवं कौन-कौन से गांवों में चयन उपरांत कार्य अस्थाई रूप से विलोपित किये गये हैं? गांववार, कार्यवार, लागत, व्यय सहित सूची देवें। कब तक इन योजनाओं के कार्य पूर्ण कर हर घर नल से पेयजल उपलब्ध कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जल जीवन मिशन एवं नल-जल योजना के कार्य हेतु किन-किन गांवों में पाइप लाईन बिछाने के लिये नाली खोदी गई है? पाइप लाईन बिछाने एवं लाईन की टेस्टिंग उपरांत कौन-कौन से गांवों में मरम्मत का कार्य पूर्ण किया गया है? कौन-कौन से गांवों में शेष है? गांववार सूची देवें। जो गांव मरम्मत हेतु शेष है, वह कब तक कराये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में जल जीवन मिशन एवं नल-जल योजना के कार्य पूर्ण एवं हेण्डओवर किये जाने के उपरांत सभी गांवों से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है? योजनावार, गांववार सूची देवें। यदि नहीं, तो कौन-कौन से गांव में इन योजनाओं के माध्यम से पेयजल उपलब्ध नहीं कराया गया है? सूची देवें एवं कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। समूह जलप्रदाय योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 एवं 03 अनुसार है। समूह योजना में योजना के कार्यों का कुल व्यय दिया गया है। ग्रामवार व्यय संधारित न किये जाने के कारण दिया जाना संभव नहीं। चयन उपरांत 133 ग्रामों में वन विभाग से अनुमति प्राप्त न होने से इन ग्रामों की पाइप लाइन (747 कि.मी.) एवं उच्च स्तरीय टंकियों (47 नग) के निर्माण, योजना से विलोपित किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। समूह योजना दिसम्बर 2025 तक योजना का कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) एकल ग्राम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। समूह जलप्रदाय योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 05 अनुसार है। भूमिगत पाइप लाइन बिछाने के लिये खोदी गई ट्रेंच (नाली) को पाइप बिछाने के बाद भरकर मार्ग को आवागमन योग्य बनाया जाता है, पाइप लाइन की टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूर्ण होने के उपरांत काटी गई सड़क की मरम्मत कराई जाती है, पाइप लाइन टेस्टिंग पूर्ण कर लिये गये ग्रामों में सड़क मरम्मत का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। एकल ग्राम योजनाओं की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है, समूह जल प्रदाय योजना के कार्य प्रगतिरत हैं, अतः पेयजल प्रदाय अप्रारंभ है।
घोड़ारोज/नीलगाय से फसलों को नुकसान
[वन]
11. ( *क्र. 2140 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोड़ारोज/नीलगाय से फसलों को हो रहे नुकसान और इससे हो रही दुर्घटनाओं के कारण आर्थिक मुआवजे हेतु क्या प्रक्रिया है? (ख) इनके स्थाई समाधान हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास किया जा रहा है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन्यजीवों जिनमें नीलगाय भी शामिल है, द्वारा फसल हानि होने पर मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की सेवा क्रमांक 4.6 के तहत् राजस्व विभाग द्वारा राहत राशि प्रभावित किसानों को 30 कार्य दिवस में भुगतान किये जाने का प्रावधान है। वन्यजीवों द्वारा जनहानि जनघायल/पशुहानि होने पर वन विभाग द्वारा उक्त अधिनियम की सेवा क्रमांक 10.1, 10.2, 10.3 के तहत् राहत राशि क्रमशः 03, 07, 30 कार्य दिवस में भुगतान किये जाने का प्रावधान है। प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ख) मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से वर्ष 2016 में 27 एवं NATRAX कैम्पस, पीथमपुर धार से वर्ष 2023-24 में 45 नीलगायों को प्रायौगिक तौर पर बोमा विधि से पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा गया है। फसल नुकसानी की रोकथाम हेतु क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के अतिरिक्त पायलट आधार पर शाजापुर वनमण्डल अंतर्गत 400 कृष्णमृगों एवं 100 नीलगाय का अन्यत्र स्थानांतरण की अनुमति दी गयी है। फसलें नुकसान कर रहे नीलगाय के आखेट की अनुज्ञा जारी करने हेतु प्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को उनके अधिकारिता के क्षेत्र में अधिकृत किया गया है।
वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत पट्टों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
12. ( *क्र. 1509 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अनुसार वन निवासी व्यक्तिगत वन अधिकार दावा करने के बाद उपखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय समिति के द्वारा बिना जांच किये दावेदारों को बिना सूचना देते हुए दावे निरस्त किये गये हैं? सेंधवा विधानसभा के कितने व्यक्तिगत दावे के आवेदन प्राप्त हुए? कितने दावों का निराकरण किया गया और कितने दावे निरस्त किये गये? कितने दावे लंबित हैं? उक्त अनुसार हितग्राही के नाम एवं ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत प्रत्येक ग्रामवासियों ने सामुदायिक दावे किये हैं, परंतु वन अधिकार समिति के सदस्यों के द्वारा उचित कार्रवाई नहीं करते हुए, उसे निरस्त कर उपखंड स्तर पर रखा है? क्या विभाग द्वारा लंबित दावों को पुन: निरीक्षण कर पट्टे बनवाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सेंधवा विधानसभा में कितने सामुदायिक दावे के आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने आवेदन पर कार्यवाही की गई? कितने आवेदन निरस्त किये गये हैं? कितने आवेदन लंबित हैं तथा कितने निरस्त हैं? निरस्त किये गये आवेदनों का क्या कारण है? कारण सहित ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जानकारी नहीं होने से कितने दावे छूट गये हैं? क्या उक्त छूटे दावों को बुजुर्ग कथन लेकर पट्टे बनवाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। सेंधवा विधानसभा में प्राप्त, मान्य, अमान्य एवं लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सेंधवा विधानसभा में सामुदायिक वन अधिकार के मान्य एवं लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। दावे निरस्त नहीं किये गये हैं। उपखंड स्तर पर लंबित दावे परीक्षणाधीन है। वन अधिकार के दावों का निराकरण त्रि-स्तरीय वन अधिकार समितियों द्वारा किया जाता है। दावेदार को उपखंड एवं जिला स्तर पर अपील का प्रावधान उपलब्ध होने से दावों के निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत (वन निवासी) वन अधिकारों की मान्यता की अधिनियम 2006, वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के अंतर्गत पात्रता अनुसार वन अधिकार पत्र दिये जाने हैं। वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 के नियम 13 में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' में से उल्लेखित कम से कम दो साक्ष्य के आधार पर विधि अनुसार वन अधिकार पत्र दिये जाते हैं, जिसमें बुजुर्ग के कथन भी उल्लेखित हैं।
आदिवासी विकासखंड और ब्लॉक में संचालित स्कूल
[जनजातीय कार्य]
13. ( *क्र. 2116 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग के अंतर्गत संचालित स्कूल और हॉस्टल में बालिकाओं के लिये "सेनिटरी पैड वेंडिंग मशीन" हेतु सभी स्कूल और हॉस्टल में आज दिनांक तक कितनी जगह उपलब्ध है? जहां नहीं है, उन सब की सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वेंडिंग मशीन और पैड के लिये वर्ष 2019 से 2025 तक विभाग का कितना बजट था और कितना उपयोग किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) यदि विभाग इस प्रकार की सुविधा बालिकाओं को नहीं दे रही तब विभाग की कार्य योजना की जानकारी प्रदान की जाये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में बजट शून्य था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासकीय शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा विभाग के द्वारा बालिकाओं को सेनेटरी पैड हेतु राशि प्रदाय की जा रही है। छात्रावासों में बालिकाओं को प्रतिमाह रूपये 45 के मान से राशि प्रदाय की जा रही है।
ई-राशन कार्ड से खाद्यान्न/राशन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( *क्र. 2205 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर-चंबल संभाग में निवासरत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के सभी पात्र परिवारों को ई-राशन कार्ड के माध्यम से खाद्यान्न/राशन प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त संभाग के समस्त जिलों में कुल कितने-कितने परिवार कितना-कितना राशन प्राप्त कर रहे हैं तथा ऐसे कितने परिवार हैं, जिन्हें राशन प्राप्त नहीं हो रहा है? जिलावार एवं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या ई-राशन कार्ड तथा समग्र परिवार आई.डी. में जिन सदस्यों के नाम अंकित हैं? उनका समग्र परिवार आई.डी./आधार कार्ड तथा ई.के.वाय.सी. लिंक नहीं होने आदि कारणों से परिवार का सदस्य होने के पश्चात भी उन्हें राशन प्रदाय नहीं किया जाता है? (ग) क्या विभाग ई राशन कार्ड व्यवस्था अंतर्गत राशन वितरण प्रणाली से आधार कार्ड लिंक तथा ई.के.वाय.सी. एवं समग्र परिवार आई.डी. की अनिवार्यता समाप्त कर परिवार के समस्त सदस्यों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्वालियर-चम्बल संभाग में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पात्र श्रेणी अंतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के पात्र परिवारों को खाद्यान्न/राशन का आवंटन जारी किया जाकर उचित मूल्य दुकान पर राशन प्राप्त करने हेतु उपस्थित होने वाले पात्र परिवारों को राशन का वितरण किया जाता है। ग्वालियर-चम्बल संभाग में जिलेवार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अंतर्गत पात्रता पर्चीधारी परिवारों को 5 किलोग्राम प्रतिमाह/सदस्य खाद्यान्न एवं 1 किलोग्राम नमक प्रतिमाह/परिवार वितरण किया जाता है, जिसकी जिलेवार एवं विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वैधता पात्रता पर्चीधारी एवं उचित मूल्य दुकान पर राशन प्राप्त करने हेतु उपस्थित परिवारों को राशन का वितरण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों के सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करने हेतु परिवार, सदस्य समग्र आई.डी. एवं आधार नंबर की अनिवार्यता है। वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को पात्रतानुसार राशन का वितरण किया जा रहा है। किसी भी पात्र परिवार के सदस्यों के ई.के.वाय.सी. न होने के आधार पर राशन सामग्री से वंचित नहीं किया जा रहा है। (ग) पात्र परिवारों की पहचान एवं पात्रता पर्ची जारी करने हेतु परिवार के सदस्यों के विवरण एवं निवास की जानकारी समग्र परिवार/सदस्य आई.डी. डाटाबेस से एवं पात्र परिवारों की बायोमेट्रिक सत्यापन से राशन वितरण करने हेतु आधार नंबर प्राप्त किया जाता है, इस कारण समग्र आई.डी. एवं आधार नंबर की अनिवार्यता को समाप्त किया जाना संभव नहीं है। शेष उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगजनों को शासन से निर्धारित सुविधाएं
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
15. ( *क्र. 1865 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 40 प्रतिशत से अधिक कितने या 40 प्रतिशत तक कितने दिव्यांगजन पंजीकृत हैं? कितने पंजीकरण हेतु शेष हैं? पृथक-पृथक जानकारी दी जावे। साथ ही शासन द्वारा दिव्यांगजनों को कौन-कौन सी सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दिव्यांगजनों के लिये शासन से क्या सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस दिव्यांग को कौन सी सुविधा का लाभ दिया जा रहा है? जानकारी देते हुए निकट भविष्य में कौन से लाभ जो दिये जाने शेष है, उन्हें उपलब्ध कराये जावेंगे? समयावधि सहित जानकारी दें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 40 प्रतिशत या 40 प्रतिशत से अधिक 3948 दिव्यांगजन पंजीकृत हैं। किसी भी पात्र दिव्यांगजन का पंजीकरण हेतु आवेदन शेष नहीं है। शासन द्वारा दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु संचालित प्रमुख योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। दिव्यांग हितग्राहियों का समस्त आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन प्राप्त होने पर पात्रतानुसार उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार योजनाओं का लाभ दिया जाता है, यह निरंतर प्रकिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फूड प्रोसेसिंग प्लांट प्रारंभ किया जाना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
16. ( *क्र. 256 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खाचरोद मटर उत्पादन एवं सब्जी उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है? यहां से देश भर में मटर भेजने का कार्य होता है। माननीय पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा खाचरोद में फूड प्रोसेसिंग प्लांट प्रारंभ किये जाने की घोषणा कब तक मूर्त रूप लेगी?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : जी हाँ। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा क्रमांक B-1511, दिनांक 10.01.2016 से खाचरोद में मटर फली हेतु फूड प्रोसेसिंग प्लांट प्रारंभ किये जाने की घोषणा की गई थी, किन्तु किसी भी निजी निवेशक द्वारा फूड प्रोसेसिंग प्लांट हेतु रूचि नहीं ली गई। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास योजना के स्वीकृत कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
17. ( *क्र. 1823 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले को बस्ती विकास योजना से अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को राज्य शासन से वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ? आवंटन से संबंधित आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें। वर्षवार प्राप्त आवंटन से विधानसभावार कितने कार्य कितनी लागत के स्वीकृत किये? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्राप्त आवंटन में से निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने के लिये क्या विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्राप्त आवंटन से किसकी अनुशंसा पर कौन-कौन से कार्य कितनी लागत के कार्य योजना में सम्मिलित कर, संबंधित समिति से क्या अनुमोदन लिये गये हैं? यदि हाँ, तो अनुमोदित कार्य योजना विधानसभावार एवं वित्तीय वर्षवार उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों से संबंधित राज्य शासन के निर्देशों की अवहेलना कर प्रशासकीय स्वीकृति जारीकर्ता अधिकारी ने नियमों को ताक में रख कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है, तो ऐसी स्थिति जारीकर्ता अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जांच प्रस्तावित कर, जांच में दोषी सिद्ध होने पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के उत्तर अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कंपनी द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
18. ( *क्र. 2162 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यू.पी.एल. कंपनी द्वारा वर्ष 2023-24 से जिला मुरैना में एकीकृत राष्ट्रीय विकास योजनांतर्गत आलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये योजना का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जिला मुख्यालय पर कंपनी के कार्यालय का पता, अनुबंध की छायाप्रति वर्ष 2023-24 में लाभान्वित कृषकों की सूची एवं उन कृषकों द्वारा उत्पादित किये गये आलू की मात्रा तथा कंपनी द्वारा कुल क्रय आलू की मात्रा, कंपनी द्वारा किसानों को भुगतान की गई राशि सहित संपूर्ण जानकारी देवें। कितने किसानों की कितनी-कितनी भुगतान राशि शेष है? क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किसानों को कब तक कर दिया जायेगा? (ख) अनुबंध अनुसार वर्ष 2023-24 में किन-किन किसानों के यहाँ प्रदर्शन प्लांट आयोजित किये गये तथा कितने किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गयी? प्रदर्शन प्लांट के परिणाम सहित कृषकवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2024-25 में यू.पी.एल. कंपनी द्वारा कहां-कहां पर कब-कब प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये गये? कृषकों के नाम जनप्रतिनिधि का नाम, विभागीय अधिकारी का नाम, विषय विशेषज्ञ का नाम, शिविर पर व्यय, प्रशिक्षण शिविरवार जानकारी दें। (घ) वर्ष 2024-25 में यू.पी.एल. कंपनी द्वारा की गई अनियमितताओं की कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ पर प्राप्त हुई तथा उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायती आवेदन पत्रों की छायाप्रति सहित जानकारी दें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के वनाधिकार दावे
[जनजातीय कार्य]
19. ( *क्र. 2093 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में अनुसूचित जनजाति वनाधिकार मान्यता अधिनियम 2006 के अंतर्गत वर्तमान स्थिति में दिनांक 31 जनवरी, 2025 तक कुल कितने दावे प्राप्त हुए? ग्राम सभा द्वारा शिवपुरी जिले के सभी ग्रामों में वनाधिकार समिति के कितने दावे सत्यापन किये गये और कितने दावे उपखण्ड स्तर पर समिति को भेजे गये? जिला स्तरीय समिति द्वारा कुल कितने दावे सत्यापित कर जिले में वितरण हुए, कितने दावे निरस्त हुए तथा कितने दावों का सत्यापन जारी है? (ख) शिवपुरी जिले में सामुदायिक संसाधन वनाधिकार दावे में वर्ष 2020 से जनवरी 2025 तक कितने दावे हुए एवं वन अधिकार समिति का पुनर्गठन अभी तक नहीं हुआ है? वन विभाग में 2005 से अभी तक कितने अतिक्रमणधारी हैं? उनकी सूची उपलब्ध करायें। वर्ष 2008 से जनवरी 2025 तक कितने आदिवासियों के अतिक्रमण किस आदेश से हटाये गये? (ग) शिवपुरी जिले में कितने आदिवासियों के पट्टे 2005 से हुए थे और कितने पट्टे आदिवासियों द्वारा मांगे गये? दिनांक 31 जनवरी, 2025 तक की जानकारी उपलब्ध करावें। वन विभाग द्वारा कितने अतिक्रमणधारी आदिवासियों के नामों की सूची आदिम-जाति कल्याण विभाग को उपलब्ध करायी गयी? यदि नहीं करायी तो क्यों? (घ) आदिम-जाति कल्याण विभाग ने वन अधिनियम लागू किये जाने से कितने आदिवासियों के जाति-प्रमाण पत्र बनाये हैं तथा कितने आदिवासियों के जाति-प्रमाण पत्र बनाये जाना शेष हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) शिवपुरी जिले में वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत प्राप्त एवं निराकृत दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) शिवपुरी जिले में वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (i) अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधन, संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकार के दावे प्राप्त नहीं हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'द' अनुसार है। (घ) आदिम जाति कल्याण विभाग (जनजातीय कार्य विभाग) द्वारा जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनाये जाते हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बस्ती विकास योजनांतर्गत विकास कार्य
[जनजातीय कार्य]
20. ( *क्र. 2132 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना एवं अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत रतलाम जिले में कुल कितनी-कितनी राशि का आवंटन विभाग द्वारा प्राप्त हुआ है? वर्षवार जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में विभाग से प्राप्त आवंटन के आधार पर रतलाम जिले में किन-किन स्थानों पर अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना एवं अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य किये गये हैं? पृथक-पृथक वर्षवार सूची उपलब्ध कराएं। (ग) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक हुए निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे हैं? अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है? वर्षवार पृथक-पृथक विवरण देवें तथा पूर्ण निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र की सत्यापित छायाप्रति भी देवें। (घ) क्या प्रश्न में उल्लेखित वर्ष में स्वीकृत कार्यों में से सभी कार्यों हेतु प्रथम एवं द्वितीय किश्तों का भुगतान संबंधित एजेंसी को विभाग द्वारा कर दिया गया है या भुगतान शेष है? अधूरे निर्माण कार्यों पर कितना भुगतान क्रियान्वयन एजेंसियों को किया गया है? क्या अधूरे निर्माण कार्यों में एजेंसी को किये गये भुगतान को वसूला जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक अधूरे निर्माण कार्य की जानकारी एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, कार्यों की स्वीकृत राशि का पूर्ण भुगतान संबंधित कार्य एजेंसी को विभाग द्वारा कर दिया गया है। अधूरे निर्माण कार्यों का पूर्ण भुगतान क्रियान्वयन एजेंसी को किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। स्वीकृत कार्य पूर्ण किये जाने के कारण कार्य की शेष राशि का पूर्ण उपयोग संभव है।
सिंगरौली वन मंडल के कार्यों की स्थिति
[वन]
21. ( *क्र. 2200 ) श्री रामनिवास शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मंडल सिंगरौली अंतर्गत वर्ष 2024-25 में कौन-कौन से कार्य कितने रकबे में कराया गया है? स्थलवार बताने का कष्ट करें। 2. वर्ष 2024-25 में कराये गये कार्यों की योजनावार, स्थलवार, कार्यवार स्वीकृति एवं व्यय की जानकारी दें। 3. वन मंडल सिंगरौली में योजनावार, रकबावार, वृक्षारोपण, स्थल सहित अन्य कार्य जो कराये गये हैं? स्थलवार स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की जानकारी सहित बतायें। 4. वन मंडल सिंगरौली अंतर्गत एन.सी.एल. (सी.एस.आर.)/डी.एम.एफ. एवं अन्य कार्य कराये गये हों तो स्थलवार, कार्यवार स्वीकृत एवं व्यय सहित जानकारी बतायें। इन योजनाओं के अलावा यदि कार्य कराये गये हों तो स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि सहित जानकारी दें। (ख) वन मंडल सिंगरौली में तेदूपत्ता संग्रहण से संबंधित कितनी समितियां नामवार हैं? 2. वन मंडल सिंगरौली अंतर्गत वर्ष 2024 में समितिवार कितना शाखकर्तन का कार्य हुआ है? स्वीकृति एवं व्यय सहित विवरण दें। 3. वन मंडल सिंगरौली अंतर्गत वर्ष 2024 में समितिवार संग्रहण लक्ष्य एवं भुगतान राशि की जानकारी दें। 4. वर्ष 2024 में वन मंडल सिंगरौली अंतर्गत समितिवार, कार्यवार, स्थलवार, अधोसंरचना विकास के कितने कार्य कराये गये हैं? स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की जानकारी बतायें। 5. वर्ष 2024-25 में अन्य कार्य जैसे वृक्षारोपण कार्य यदि तेंदूपत्ता योजना से कार्य कराये गये हैं, तो रकबा सहित स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन मंडल सिंगरौली अंतर्गत वर्ष 2024-25 में कराये गये कार्यों की योजनावार, स्थलवार, कार्यवार स्वीकृति एवं व्यय की जानकारी सहित प्रश्नांश की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में वन मंडल सिंगरौली अंतर्गत तेदूपत्ता संग्रहण से संबंधित 75 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तेंदूपत्ता शाखकर्तन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। समितिवार संग्रहण लक्ष्य एवं भुगतान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। समितिवार, कार्यवार, स्थलवार, अधोसंरचना विकास कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। अन्य कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
नियम विरूद्ध क्रय की जांच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
22. ( *क्र. 2314 ) श्री केशव देसाई : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग भिण्ड द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग में नियम विरूद्ध की गई खरीदी की शिकायत की जांच हेतु गठित जांच दल द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है तो इसका कारण बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नियम विरुद्ध खरीदी करने वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) आदिम जाति कल्याण विभाग भिण्ड द्वारा छात्रावासों हेतु खरीदी गई सामग्री को क्षेत्रीय विधायक के बगैर सत्यापन किये वितरित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला स्तर पर विभागीय छात्रावासों के लिये आवश्यक वस्तुओं एवं सामग्रियों का क्रय स्थानीय स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुरूप किया गया है। संगत नियम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शिकायत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
रिक्त पदों एवं उच्च पद का प्रभार
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
23. ( *क्र. 2100 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग में वर्तमान में कितने वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी कार्यरत हैं, कितने पद रिक्त हैं तथा दिसम्बर 2026 तक कितने पद रिक्त हो जायेंगे? संख्या से अवगत करायें। इनकी प्रतिपूर्ति के संबंध में विभाग की क्या योजना है? क्या आउटसोर्स के माध्यम से ये पद भरे जाने हैं? यदि हाँ, तो प्रक्रिया से अवगत कराएं? (ख) वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी जिनकी सेवा 12 से 30 वर्ष की हो चुकी है, वर्तमान में सहायक संचालक/उप संचालक पद की सेवा ली जा रही है, लेकिन उच्च पद की सेवा करने पर, उस पद के समकक्ष वेतन भत्ता इत्यादि क्यों नहीं दिया जा रहा है? उनमें उच्च पद की योग्यता है या नहीं है? यदि है, तो उन्हें प्रथम/द्वितीय/तृतीय क्रमोन्नति की पात्रता होने पर भी क्रमोन्नति क्यों नहीं दी जा रही है? प्रदेश में ऐसे कितने वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी हैं? उनकी नाम की सूची जिलेवार उपलब्ध करायें। (ग) 2 वर्ष से कम परीवीक्षा अवधि में अल्प अनुभव रखने वाले उद्यान विकास अधिकारियों को उच्च प्रभार देने की क्या मंशा थी? किस नियम के तहत उन्हें सहायक संचालक/उप संचालक जिला का प्रभार दिया गया, अवगत करायें तथा ऐसे अधिकारी की कितनी संख्या है? नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) संचालनालय, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के अधीनस्थ कुल 112 वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी कार्यरत हैं, 266 पद रिक्त हैं तथा दिसम्बर 2026 तक 37 पद रिक्त हो जायेंगे। वर्तमान में दिव्यांगजनों के 05 पदों की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर आवदेन बुलाये गये हैं। भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सीधी भर्ती के 18 पदों का मांग-पत्र म.प्र. कर्मचारी चयन मण्डल, भोपाल को दिनांक 27.12.2024 को भेजा गया है। आउटसोर्स के माध्यम से पद नहीं भरे जाने हैं। (ख) विभाग में अमले की कमी होने से अपने कार्य के साथ-साथ वरिष्ठ पद का प्रभार तात्कालिक व्यवस्था के तहत अस्थाई रूप से देने के कारण उच्च पद के समकक्ष वेतन भत्ता इत्यादि नहीं दिया गया है। उन्हें योग्यतानुसार म.प्र. शासन, वित्त विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ.11/1/2008/नियम/चार दिनांक 24.01.2008, क्रमांक एफ.11-17/2014/ नियम/चार, दिनांक 30.09.2014 एवं क्रमांक एफ.8-1/2023/नियम/चार, दिनांक 14.08.2023 के अनुसार क्रमोन्नति/समयमान की पात्रता होने पर क्रमोन्नति/समयमान का लाभ समय-समय पर दिया जा रहा है। यह सतत् प्रक्रिया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 2 वर्ष से कम परिवीक्षा अवधि में अल्प अनुभव रखने वाले किसी भी उद्यान विकास अधिकारी को सहायक संचालक उद्यान/उप संचालक उद्यान का प्रभार नहीं दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनांतर्गत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( *क्र. 2220 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1696, दिनांक 20.12.2024 के संदर्भ में एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्य नियत समयावधि में पूर्ण होने पर भी अपूर्ण पाए गये हैं? इन्दोख समूह जल प्रदाय योजना को पूर्ण करने की समयावधि माह दिसंबर 2024 नियत थी। बताएं कि माह दिसंबर 2024 के पश्चात भी प्रश्न दिनांक तक कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण कार्यों के लिये कौन जिम्मेदार है? कब तक अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करा लिया जायेगा? अपूर्ण रहे कार्यों के लिये संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाहियों का संपूर्ण विवरण छायाप्रतियों सहित देवें। (ख) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1696, दिनांक 20.12.2024 के तारतम्य में फर्म द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किये जाने से संबंधित को ब्लैक लिस्ट कर अनुबंध निरस्त कर शेष अपूर्ण कार्यों की नवीन निविदा आमंत्रित की गई थी? बताएं की प्रश्न दिनांक तक किस-किस फर्म को ब्लैक लिस्ट कर कब-कब नवीन निविदा किस-किस कार्य के लिये आमंत्रित की गई है? संपूर्ण विवरण छायाप्रतियों सहित देवें। किस-किस फर्म द्वारा शेष बचे अपूर्ण कार्यों को किया जा रहा है? कार्य प्रारंभ दिनांक एवं कार्य पूर्णता दिनांक सहित संपूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या कार्यालय सहायक यंत्री एवं कार्यालय कार्यपालन यंत्री के अनेकों पत्रों के माध्यम से निर्देशित करने पर भी संबंधित फर्मों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया? निर्देशित करने के पश्चात भी ठेकेदारों द्वारा कार्यों को पूर्ण नहीं किया गया तो विभाग द्वारा संबंधितों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। एकल ग्राम योजनाओं के कार्यों के अनुबंधों के अंतर्गत ठेकेदारों को समय-समय पर मौखिक निर्देश/लिखित नोटिस जारी किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं विभागीय वेबसाईट https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads पर उपलब्ध है। इन्दोख समूह जल प्रदाय योजना का कार्य निर्माण पूर्व कार्यस्थल की उपलब्धता, भूमि-आवंटन एवं विभिन्न विभागों से अनुमतियां विलंब से प्राप्त होने के कारण कार्य अपूर्ण हैं, कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण होना संभावित है। अपूर्ण कार्यों हेतु कोई जिम्मेदार नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं विभागीय वेबसाईट https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads पर उपलब्ध है। (ग) जी हाँ। एकल ग्राम योजनाओं के कार्यों हेतु ठेकेदार एजेंसियों को नोटिस/चेतावनी पत्र जारी किये गये हैं, वर्तमान में अधिकांश योजनाओं में कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं विभागीय वेबसाईट https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads पर उपलब्ध है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( *क्र. 352 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा अम्बाह के विकासखंड अम्बाह एवं पोरसा में जल जीवन मिशन में नल-जल योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर पानी की टंकियों का निर्माण कराकर पाइप लाइन डाली गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या उन पानी की टंकियों का निर्माण कर पाइप लाइन डालने के बाद भी उन्हें चालू नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या पानी की टंकियों के निर्माण कार्य एवं डाली गई पाइप लाइन में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिससे उनको चालू करने में परेशानी आ रही है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने लोगों द्वारा इसकी शिकायत विभाग को की गई है? उनकी नामवार संख्या सहित सूची उपलब्ध कराएं। (घ) क्या उन शिकायतों पर कार्रवाई की गई? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, टंकी के निर्माण में प्रयुक्त मटेरियल का प्रयोगशालाओं में परीक्षण उपरांत निर्धारित मानक अनुसार ही टंकियों के निर्माण में सामग्री का उपयोग किया गया है तथा पाइप लाइन बिछाने में उपयोग किये गये पाइप की गुणवत्ता की जांच थर्ड पार्टी एजेंसी सीपेट संस्था भोपाल द्वारा की गई है, टंकी एवं पाइप लाइन में घटिया सामग्री से संबंधित शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
3000 रूपये
क्विंटल गेहूँ
तथा 3500
रूपए क्विंटल
धान खरीदने का
आदेश
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
1. ( क्र. 13 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा समर्थन मूल्य के संबंध में तारांकित प्रश्न क्रमांक 143 दिनांक 14/02/2024 के उत्तर में (क) से (ड.) कि जानकारी एकत्रित की जा रही है, विभाग द्वारा उत्तर दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 143 की जानकारी समस्त रिकॉर्ड के साथ कब प्रदाय की जावेगी? (ग) 3000 रुपए प्रति क्विंटल गेहूँ एवं 3500 रुपए प्रति क्विंटल धान के समर्थन मूल्य पर किसानों से प्रदेश में फसलों को खरीदने के आदेश शासन कब आदेश जारी करेगा? (घ) शासन केबिनेट में चुनावी घोषणा अनुसार इस प्रस्ताव पर कब तक विचार कर किसानों को राहत देने का निर्णय लेगा? (ड.) क्या इस बजट सत्र में सरकार किसानों को 3000 रुपए गेहूँ तथा 3500 रुपए धान खरीदने के लिए पृथक से निर्णय लेकर बजट प्रावधान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? (च) सरकार के गठन दिनांक से अन्नदाता किसानों के हित में केबिनेट में कितनी बैठकें आयोजित हुई? कितने प्रस्ताव रखे गए? कितने ठहराव कर निर्णय आयोजित किया गया? दस्तावेजों सहित उपलब्ध करावें। (छ) क्या सरकार बोनस के रूप में अन्नदाता किसान भाईयों को रबी फसलों की बोनस राशि समर्थन मूल्य के अलावा विपणन वर्ष 2025-2026 में प्रदाय करेगी? यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें, क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, पूर्ण उत्तर तत्समय नहीं दिया जाकर, पश्चात में विधानसभा की ई-उत्तर पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन दिनांक 13.06.2024 को प्रेषित किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु रबी विपणन वर्ष 2024-25 में रु.125 एवं वर्ष 2025-26 में रु.175 प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन पर बोनस नहीं दिया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार। (ड.) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु घोषित समर्थन मूल्य राशि का प्रावधान बजट में किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) प्रश्नांश के संदर्भ में विभाग अंतर्गत सरकार के गठन दिनांक से दो प्रस्ताव रखे गये, उन पर केबिनेट में लिए गये निर्णयों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (छ) जी हाँ, समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन पर रू. 175 प्रति क्विंटल बोनस का भुगतान किया जाने के आदेश जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर गये शिक्षकों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
2. ( क्र. 44 ) श्री मधु भगत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजाति कार्य विभाग अंतर्गत डिंडौरी, मंडला एवं बालाघाट जिले में किस किस वर्ग के कितने शिक्षकों के पद रिक्त हैं पृथक-पृथक जिलावार, विकासखंडवार पदनाम सहित जानकारी देवें। (ख) उक्त जिला अंतर्गत जनजाति कार्य विभाग के कितने शिक्षक शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर किस-किस दिनांक को गए हैं, जिलावार जानकारी देवें। (ग) यदि इन जिलों में जनजाति कार्य विभाग अंतर्गत शिक्षकों के पद रिक्त हैं तो शिक्षा विभाग में शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर क्यों लिया गया है? कारण सहित जानकारी दें। (घ) जनजाति कार्य विभाग के ऐसे शिक्षक जो शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर गए शिक्षकों को कब तक मूल विभाग में वापस कर दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब” अनुसार है। (ग) शासन नियम निर्देशों के अनुरूप शिक्षा विभाग के शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर लिया गया तथा जनजातीय कार्य विभाग के शिक्षकों को शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। (घ) प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने पर प्रचलित नियम निर्देश अनुसार कार्यवाही की जाती है। शासन आदेश क्रमांक 564/1629354/2023/25/1 दिनांक 06.10.2023 से प्रतिनियुक्ति अवधि में दो वर्ष की वृद्धि की गई है।
गरीबी रेखा के राशन कार्ड
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 52 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा के राशन कार्ड शासन द्वारा बनाये जाना बंद कर दिया गया है। (ख) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है। जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं तो, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रानुसार गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनाये जाने क्या-क्या नियम व प्रावधान है। विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विगत पाँच वर्षों में हरदा जिला अंतर्गत कितने पात्र हितग्राहीयों को शासन द्वारा गरीबी रेखा के राशन कार्ड जारी किए गए है एवं कितने हितग्राहियों को अपात्र किया गया है व क्यों? विकासखण्डवार, व्यक्तिवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डीनोटिफाईड भूमि की जानकारी
[वन]
4. ( क्र. 97 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 27 व 34 अ के तहत राजपत्र में डीनोटिफाईड भूमियों को किस श्रेणी की वन भूमि माना गया है? (ख) क्या डीनोटिफाईड भूमि को वन भूमि माने जाने के संबंध में कोई नियम है? अथवा माननीय न्यायालय भारत सरकार अथवा राज्य सरकार ने कोई आदेश जारी किये है? (ग) बैतूल जिले के कितनो ग्रामों की जमीने धार 27 के तहत तथा कितने ग्रामों की जमीन धारा 34 अ के तहत राजपत्र में किस दिनांक को डीनोटिफाईड की गई है? डीनोटिफाईड की गई किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी जमीनों को नारंगी भूमि सर्वे में शामिल किया गया है, नारंगी वनखण्ड में शामिल कर लिया गया है? (घ) क्या उक्त धाराओं के अंतर्गत डीनोटिफाईड भूमि को नांरगी भूमि वनखण्डों से पृथक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि? यदि नहीं तो किन कारणों से तथा कब तक डीनोटिफाईड भूमि नारंगी भूमि वनखण्ड से पृथक कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 27 व 34 'अ' के तहत राजपत्र में डीनोटिफाईड भूमि जो राजस्व के अधीन है उनकी राजस्व विभाग के अभिलेखों में भूमि की नोईयत यदि बडे़ झाड़ एवं छोटे झाड़ है तो उन्हें राजस्व वन माना जाता है तथा ऐसी डिनोटिफाईड भूमियां जो मंत्री परिषद के निर्णय वर्ष 1976 के तहत राजस्व विभाग को हस्तांतरित नहीं की गई और वन विभाग के आधिपत्य में है, उन्हें अवर्गीकृत वन के रूप में माना जाता है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) डिनोटिफाईड भूमियों में ऐसी भूमि जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय की याचिका 202/95 के आदेश दिनांक 12.12.1996 एवं मध्यप्रदेश राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक 16-10-सात/2-ए/90 दिनांक 13.01.1997 में दी गई वन की परिभाषा में आती है, उनको वन माना गया है। (ग) बैतूल जिले के धारा-27 एवं धारा-34 'अ' की भूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। डिनोटिफाईड की गई भूमियों को नारंगी सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल एवं सामूहिक नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 100 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बैतूल में विगत 3 वर्षों में किन-किन ग्रामों को सम्मिलित कर नल-जल एवं सामूहिक नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? वर्षवार योजनावार जानकारी दी जाये। (ख) क्या स्वीकृत योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों के बाद भी कुछ ग्राम छूट गये हैं? यदि हाँ, तो इन ग्रामों को योजना में कब तक शामिल कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सामूहिक नल-जल योजनायें निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हो चुकी हैं? यदि नहीं तो किस-किस ग्राम की योजना अपूर्ण है? (घ) योजना के अपूर्ण रहने का कारण बतावें तथा योजना पूर्ण करने की समय-सीमा बताएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं तथा समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) बैतूल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 201 ग्राम हैं। जिनमें से 119 ग्रामों में एकल ग्राम नलजल योजना स्वीकृत है एवं 82 ग्रामों में म.प्र. जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु समूह जलप्रदाय योजना स्वीकृत है। इस प्रकार विधानसभा क्षेत्र के सभी 201 ग्रामों के लिए नलजल योजना स्वीकृत की गई हैं। (ग) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) योजनाओं के विलम्ब होने का मुख्य कारण जिला जल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा ग्रामों के स्वरूप में बल्क से डिस्ट्रीब्यूशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन से बल्क में परिवर्तन होना जिससे पुनः सर्वे करना पड़ा एवं अन्य विभागों से अनुमति विलम्ब से प्राप्त होना है। मेढ़ा समूह जल प्रदाय योजना के पूर्ण होने की लक्षित तिथि 31/03/2026 एवं गढ़ा समूह जल प्रदाय योजना की लक्षित तिथि 31/12/2025 है।
रबी फसलों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं बोनस
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 179 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के द्वारा वर्ष 2024-25 विपणन मौसम की रबी की फसलों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस फसल के लिए कितना-कितना समर्थन मूल्य रबी की फसलों हेतु निर्धारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले में कितने मैट्रिक टन उपार्जन का लक्ष्य रखा गया है? फसलवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या शासन द्वारा गेहूँ की फसल में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त शासन द्वारा बोनस देने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो ग्वालियर जिले में कितने रूपये प्रति क्विंटल एवं बोनस वितरण करने के लिए कितनी राशि का प्रावधान किया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रबी विपणन वर्ष 2024-25 में भारत सरकार द्वारा रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं उपार्जन का लक्ष्य 1,10,000 मे.टन अनुमानित था। भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु दलहन, तिलहन फसलों के उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। जिलेवार लक्ष्य नहीं दिया जाता है। कृषि विभाग द्वारा जारी उत्पादकतानुसार जिलों में फसलवार उपार्जन किया जाता है। (ग) जी हाँ। रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा राशि रु. 2275 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया था एवं राज्य सरकार द्वारा राशि रु. 125 प्रति क्विंटल बोनस दिया गया है। इस प्रकार, किसानों से राशि रु. 2400 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं का उपार्जन किया गया है। ग्वालियर जिले में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में 1489 किसानों से 15959 मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया जिसका कुल राशि रु. 38.30 करोड का भुगतान किसानों को किया गया है।
किसानों को बोनस का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 200 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे [श्री लखन घनघोरिया] : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार गेहूं उत्पादक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल के हिसाब खरीदी करने के स्थान उनके बोवनी के रकबे के आधार पर बोनस देने जा रही है? (ख) क्या सरकार संकल्प पत्र में किसानों से 2700 रूपये प्रति क्विंटल के दाम पर गेहूँ खरीदने की घोषणा पर क्रियान्वयन नहीं करके बोवनी के रकबे के आधार पर बोनस देने की योजना बना रही है? (ग) यदि हाँ, तो इसका पूरा विवरण उपलब्ध कराएं तथा बोवनी के रकबे के आधार पर बोनस देने का क्या कारण है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा राशि रू. 2275 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया था एवं राज्य सरकार द्वारा राशि रू. 125 प्रति क्विंटल बोनस दिया गया है। इस प्रकार, किसानों से राशि रू. 2400 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं का उपार्जन किया गया है। रबी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूं उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा राशि रू. 2425 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है एवं राज्य सरकार द्वारा राशि रू. 175 प्रति क्विंटल की दर से बोनस सहित समर्थन मूल्य रू. 2,600 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं उपार्जन किया जाएगा। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार पत्र का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 227 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिंडौरी के अंतर्गत वन ग्राम खुरपुडी दादर में निवासरत अ.ज.जाति के निवासियों को वन अधिकार पत्र कब तक दें दिये जायेंगे। (ख) सन 2005 के पूर्व काबिज कास्त होने के बावजूद खुरखुडी दादर, डाकरघाट के किसानों को पट्टा न देने के लिए दोषी कौन-कौन हैं? (ग) वन ग्राम खुरखुडी दादर बालकों ने लीज जमीन वापस नहीं किया हैं, इस पर गलती किसकी हैं? (घ) यदि वन विभाग को लीज की जमीन वापस नहीं की गई, फिर वन विभाग अपना कब्जा क्यों बतला रहा हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन ग्राम खुरखुरी दादर में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 27 दावे प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खुरखुरी दादर में निवासरत अतिक्रामकों का अवैध अतिक्रमण होने से वे वन अधिकार पत्र हेतु पात्र नहीं है। जिला वन अधिकार समिति द्वारा दावे अमान्य किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वन ग्राम खुरखुरी दादर एवं डाकरघाट में प्राप्त एवं निराकृत दावे जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतिक्रामकों का अवैध अतिक्रमण होने से वे वन अधिकार पत्र हेतु पात्र नहीं हैं। अत: दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बालको कंपनी को शेष 4.91 हैक्टेयर भूमि हेतु पत्राचार किया गया है। कंपनी के विरूद्ध वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के उल्लंघन की कार्यवाही की जा रही है। (घ) चूंकि 4.91 हैक्टेयर भूमि पर बालकों कंपनी के मजदूरों का अवैध अतिक्रमण है एवं उक्त भूमि की वैधानिक स्थिति वन ही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन ग्रामों में विकास हेतु आवंटन
[वन]
9. ( क्र. 228 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी के अंर्तगत किन-किन वन ग्रामों में 2020 से आज तक किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्यों में अनियमिता एवं घटिया निर्माण कार्यों की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुए है, हाँ तो किन कार्यों के लिए एवं क्या कार्यवाही? (ग) क्या सम्बंधित विधायकों से वन ग्राम विकास के प्रस्ताव लेने का प्रावधान नहीं है.? यदि हाँ तो कितने प्रस्ताव लिये गये?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्माण कार्यों में अनियमिता एवं घटिया निर्माण कार्यों के सम्बंध में कोई शिकायत प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजनान्तर्गत प्राप्त राशि लघु वनोपज समितियों के व्यवसाय से अर्जित लाभ का हिस्सा होने से उनसे प्रस्ताव लिए जाते हैं। सम्बंधित विधायकों से वन ग्राम विकास के प्रस्ताव लेने का प्रावधान योजना में नहीं है, तथापि प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार त्वरित कार्यवाही की जाती है।
राशन पात्रता पर्ची जारी न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 237 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आशीष कुमार गौतम, शक्ति केवट, अंजली रजक, बबीता दाहिया, रोशनी खंदल, सुमन चक्रवर्ती, तुलसा बाई, नम्रता विश्वकर्मा, मीणा कोष्टा एवं अन्य 2100 से अधिक हितग्राहियों की राशन पात्रता पर्ची विगत 4-5 माह से स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ख) यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्या ऑनलाईन पंजीकरण होने के दिनांक से 1 माह के भीतर राशन पात्रता पर्ची जारी करने का नियम है? (घ) क्या नगर निगम वार्ड क्र. 73 के हितग्राहियों की पात्रता पर्ची समय पर मिल रही है परन्तु प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वार्ड क्र. 72, 74, 75, 76, 77, 78 की पर्चियां लंबित हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आशीष कुमार गौतम, शक्ति केवट, अंजली रजक, बबीता दाहिया, रोशनी खंदल, सुमन चक्रवर्ती, तुलसा बाई, नम्रता विश्वकर्मा, मीणा कोष्टा की परिवार समग्र आई.डी. क्र. का उल्लेख न होने से यह बता पाना संभव नहीं है कि उक्त हितग्रहियों द्वारा पात्रता पर्ची हेतु आवेदन किया गया है या नहीं एवं पात्रता पर्ची जारी होना लंबित है या नहीं। शेष के संबंध में उल्लेख है कि शासन के संलग्न पत्र क्रमांक 94/PSFOOD/2025 भोपाल, दिनांक 07.01.2025 अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत निर्धारित पात्र हितग्राहियों की सीमा तक हितग्राहियों को सम्मिलित किया जा चुका है, इस कारण नवीन पात्रता पर्चियां जारी नहीं की जा रही है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 द्वारा राज्य के लिये पात्र हितग्राहियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में निर्धारित लक्ष्य सीमा पूर्ण होने से नवीन पात्रता पर्चियां जारी नहीं हो पा रही है। (ग) म.प्र.लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की कंडिका 9.1 के अंतर्गत पात्र परिवारों को आवेदन के 15 दिनों के अंदर स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता पर्ची जारी करने का नियम है। (घ) यह कहना सही नहीं है, कि नगर निगम वार्ड क्र. 73 के हितग्राहियों की पात्रता पर्ची समय पर मिल रही है परन्तु प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वार्ड क्र. 72, 74, 75, 76, 77, 78 की पर्चियां लंबित है वस्तुस्थिति यह है कि राज्य का लक्ष्य पूर्ण होने के कारण वर्तमान में पात्रता पर्चियां जारी नहीं की जा रही है।
हुजूर विधानसभा की समूह जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 243 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हुजूर विधानसभा में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत चल रही केरवा एवं हलाली समूह जल योजना में कार्य हेतु समयावधि क्या थी? क्या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण हो गया है? (ख) यदि कार्य पूर्ण नहीं है तो कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? योजना में विलंब होने पर कार्यवाही के प्रावधान क्या हैं और क्या इस अनुसार कार्यवाही की गई है? (ग) इस कार्य की विस्तृत कार्ययोजना सहित निर्माण एजेंसी द्वारा संधारण एवं संचालन की विस्तृत जानकारी भी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। योजना के कार्य पूर्ण होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर अर्थदंड की कार्यवाही किए जाने का प्रावाधान है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। योजना पूर्ण होने के उपरांत संबंधित फर्म द्वारा आगामी 10 वर्षों तक संचालन-संधारण अंतर्गत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना है।
शासकीय राशन वितरण व्यवस्था में परिवर्तन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 273 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानों में बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ताओं के लिए वितरण व्यवस्था में कब से क्या परिवर्तन किस उद्देश्य से किया हैं इससे राशन वितरण व्यवस्था में क्या सुधार होगा और गरीब उपभोक्ताओं को क्या लाभ होगा? (ख) क्या नवीन परिवर्तित राशन वितरण व्यवस्था से ऐसे आम गरीब उपभोक्ता जो किसी कारणवश किसी माह का राशन लेने से वंचित रह जाते हैं उन्हें आगामी माह में उक्त माह का भी राशन नहीं मिलने से उन्हें बाजार से ऊंची दर पर महंगा राशन खरीदने हेतु विवश नहीं होना पड़ेगा? इससे शासन को क्या फायदा होगा? (ग) प्रश्नांकित परिवर्तित नवीन वितरण व्यवस्था से जिला जबलपुर में संचालित कितनी उचित मूल्य की राशन दुकानों से पंजीकृत कितने प्रतिशत कार्डधारी बी.पी.एल. उपभोक्ताओं ने माहवार कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन क्रय नहीं किया हैं? वर्ष 2024-25 तक की माहवार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की तहसीलवार जानकारी दें। (घ) शहरी क्षेत्र जबलपुर में संचालित कितनी शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान संचालकों को माहवार किस मान से कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन का आवंटन किया गया हैं। पंजीकृत कितने-कितने प्रतिशत बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ताओं ने माहवार कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन का क्रय न करने से शासन को क्या लाभ हुआ हैं? वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक की जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. एवं अन्य श्रेणी के प्राथमिकता श्रेणी के एवं अन्त्योदय अन्न योजना के पात्रता परिवारों को खाद्यान्न की हकदारी में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। माह जनवरी, 2024 से पात्र परिवारों को नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। भारत सरकार के निर्देशानुसार माह अगस्त, 2024 से खाद्यान्न आवंटन माह में ही पात्र परिवारों को खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की गई है। पात्र परिवारों को आवंटन माह में खाद्यान्न उपलब्ध कराने एवं भारत सरकार को वितरित खाद्यान्न के अनुदान देयक समय पर प्रस्तुत करने के उद्देश्य से परिवर्तन किया गया है। व्यवस्था परिवर्तन से पात्र परिवारों को समय पर खाद्यान्न वितरण एवं भारत सरकार से अनुदान राशि समय पर प्राप्त हो सकेगी। (ख) पात्र परिवारों को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण की सुविधा माह की एक से 30 तारीख तक उपलब्ध कराई जाती है। इस अवधि में परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त किया जा सकता है। उचित मूल्य दुकान पर राशन प्राप्त करने हेतु उपस्थित सदस्य को राशन से वंचित नहीं किया गया है और न ही पात्र परिवारों ऊंची दर पर बाजार से मंहगा राशन प्राप्त करने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। शेष प्रश्न प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार। (ग) जबलपुर में माह अगस्त, 2024 से जनवरी, 2025 तक खाद्यान्न एवं शक्कर प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्चीधारी परिवार (बी.पी.एल. परिवार सहित), राशन प्राप्त करने वाले एवं शेष परिवार/मात्रा की दुकानवार, तहसीलवार, नगरीय एवं ग्रामीण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा केरोसीन का आवंटन अत्यन्त अल्प मात्रा में करने तथा जिलों द्वारा केरोसीन की मांग न करने के कारण केरोसीन का वितरण नहीं कराया जा रहा है। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित अन्त्योदय परिवार-35 किलो प्रति परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवार को 5 किलो प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न, एक किलो नमक प्रति परिवार तथा अन्त्योदय परिवार को एक किलो शक्कर का आवंटन जारी किया जाता है। उचित मूल्य दुकानों पर आवंटित सामग्री की मात्रा में से वितरण पश्चात शेष मात्रा के समायोजन उपरांत पात्रतानुसार राशन सामग्री का आवंटन जारी किया जाता है। वर्ष 2023-24 से 2024-2025 तक दुकानवार आवंटित मात्रा एवं वितरण पश्चात शेष राशन सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों से पात्र परिवारों को हकदारी अनुसार राशन वितरण के पश्चात शेष सामग्री का डायवर्सन न हो, इस दृष्टि से शेष मात्रा के समायोजन उपरांत आगामी माह का आवंटन जारी किया जाता है। यह व्यवस्था शासन को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से न की जाकर शेष मात्रा के दुरूपयोग को रोकने के लिए की गई है। केरोसीन वितरण के संबंध में उत्तरांश (ग) के उत्तर अनुसार है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावास का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
13. ( क्र. 274 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
जबलपुर में अनुसूचित
जाति-जनजाति कल्याण
विभाग के
कौन-कौन से
कितने-कितने
छात्रावास
संचालित हैं। इन्हें
किस-किस योजना
मद में कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई एवं
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई? वर्ष 2021-22 से 2024-25
तक की जानकारी
दें। (ख) प्रश्नांकित
किन-किन
छात्रावासों
का सुधार
मरम्मत,
रख-रखाव
पुनर्निर्माण
सामग्री आदि
की खरीदी पर
कितनी-कितनी राशि
व्यय हुई। किन-किन
छात्रावासों
का कब से
कौन-कौन सा
सुधार, मरम्मत
पुनर्निर्माण
कार्य कब से
नहीं कराया
गया? किन-किन
छात्रावासों
में कौन-कौन
सी बुनियादी
सुविधाएं
शुद्ध पेयजल
बिजली स्वच्छ
टायलेट,
मेस
आदि की सुविधा
क्यों नहीं
हैं? (ग) प्रश्नांश
(क) में
अनुसूचित
जाति पोस्ट
मैट्रिक बालक
छात्रावास
अधारताल की
वर्तमान में
क्या स्थिति हैं।
यह कब से किस
भवन में
संचालित हैं
एवं क्यों? इसमें
कौन-कौन सी
बुनियादी
सुविधाएं
नहीं हैं एवं
क्यों? इसके
नवीन भवन का
निर्माण
कार्य कराने
का कब कितनी
राशि का
प्रस्ताव
शासन को भेजा
गया हैं। प्रस्ताव
कब से किस
स्तर पर
लम्बित हैं
एवं क्यों? शासन
इसके लिये बजट
में आवश्यक
राशि का कब तक प्रावधान
कर बनवाना
सुनिश्चित
करेगा? इस
छात्रावास
में कितने
छात्र
निवासरत हैं?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
जिले
में विभागीय
छात्रावास
निम्नानुसार
है:-
क्र. |
विभाग |
जूनियर |
सीनियर छात्रावास |
पोस्ट मैट्रिक छात्रावास |
आश्रम |
कुल योग |
||||
कन्या |
बालक |
कन्या |
बालक |
कन्या |
बालक |
कन्या |
बालक |
|||
1 |
अनुसूचित जाति |
0 |
2 |
13 |
15 |
2 |
2 |
0 |
0 |
34 |
2 |
अनुसूचित जनजाति |
0 |
2 |
9 |
20 |
3 |
5 |
3 |
6 |
48 |
शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास अधारताल कैंपस में स्थित जनजातीय छात्रावास भवन में संचालित किया जा रहा है, जिसमें आवश्यकता अनुसार बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के 02 संस्थाओं के कुल 98 बच्चे निवासरत हैं। वर्तमान में उक्त छात्रावास के नवीन भवन निर्माण के संबंध में कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन नहीं है।
विभाग द्वारा कार्यों में की गई अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( क्र. 297 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत 5 वर्षों में कितने स्वसहायता समूहों द्वारा धान खरीदी का कार्य किया गया है, प्रश्न दिनांक तक कितने समूहों को धान खरीदी मात्रा के एवज में कमीशन का भुगतान किया गया है, यदि नहीं तो क्यों? इसमें दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) म.प्र. शासन से बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु 6.25 लाख एम.टी. लक्ष्य निर्धारित था, जिले में लक्ष्य के विरुद्ध कितनी धान खरीदी की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। किसानों से धान क्रय के पश्चात उसके परिवहन भण्डारण में कितना वेट शॉर्टेज (वजन की कमी) आयी है एवं इसमें कितने रूपये का नुकसान शासन को हुआ है कम धान खरीदी व नुकसान के लिये दोषी अधिकारी कौन हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) बालाघाट जिले के डोंगरिया (परसवाड़ा) धान संग्रहण केन्द्र में 2022-23 का 1164 मे.टन धान रखा हुआ है एवं उकवा के (वनोपज गोदाम) गोदाम में वर्ष 2021-22 से 47 मे.टन धान रखा है विगत वर्षों से इस धान की न मिलिंग न ही विक्रय हेतु टेण्डर प्रस्तावित किया गया? प्रश्न दिनांक तक उक्त केप/गोदाम में रखी धान की क्या स्थिति हैं इस कार्य में जिले के जिला विपणन अधिकारी की घोर लापरवाही है। संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बालाघाट जिले में विगत 5 वर्षों में से वर्ष 2021-22 में एवं वर्ष 2022-23 में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन किया गया। उपार्जन करने वाले स्व-सहायता समूह को कमीशन मद में भुगतान राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। महिला स्व-सहायता समूहों को कमीशन मद का अंतिम भुगतान के समय समर्थन मूल्य पर उपार्जित मात्रा के विरूद्ध भंडारित मात्रा में कमी होने के कारण अंतर राशि को रोका गया है, इस कारण किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में 6.26 लाख मे.टन धान खरीदी का अनुमान था, जिसके विरूद्ध 5.49 लाख मे.टन धान की खरीदी की गई है। उपार्जन केन्द्रवार धान मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के परिवहन के दौरान 2,715.55 मे.टन एवं उपार्जन समिति स्तर पर 31.92 मे.टन की शार्टेज परिलक्षित हुई है। उपार्जित धान में से परिवहन के कारण शार्टेज हुई मात्रा की वसूली परिवहनकर्ता से एवं उपार्जन समिति स्तर पर हुई शार्टेज मात्रा की वसूली संबंधित समिति से की जाती है। वसूली की कार्यवाही समितियों के अंकेक्षित मिलान उपरांत वित्तीय पत्रक प्राप्त होने के पश्चात की जा सकेगी। समर्थन मूल्य पर लक्ष्य के विरूद्ध कम खरीदी से एवं शार्टेज मात्रा की वसूली हो जाने से शासन को नुकसान नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बालाघाट जिले के बैहर शाखा अंतर्गत डोंगरिया केप (परसवाड़ा) धान संग्रहित केन्द्र में वर्ष 2022-23 में गोग्रीन कंपनी द्वारा धान का भंडारण किया गया था, जिसमें 1164 मे.टन शेष रहा है। गोग्रीन केप में धान का बार-बार पाला कराए जाने हेतु परिदान रोक दिया जाता था, जिससे शेष धान की असामान्य भरती एवं परिदान/मिलिंग योग्य न होने के कारण मिलर्स द्वारा धान का उठाव नहीं किया गया। वनोपज संघ उकवा गोदाम में वर्ष 2021-22 की 47.754 मे.टन भंडारित धान डेमेज एवं खराब स्थिति में है। खराब धान की जानकारी विलम्ब से प्रस्तुत करने का कारण शाखा प्रबंधक, मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन, बैहर से पूछा गया है। उक्त भंडारित धान के वांछित पर्यवेक्षण न करने पर तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी, बालाघाट को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है।
अन्त्यावसायी योजना का युवाओं को लाभ
[अनुसूचित जाति कल्याण]
15. ( क्र. 353 ) श्री
देवेन्द्र
रामनारायन
सखवार : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
अनुसूचित
वर्ग के
बेरोजगार
युवाओं को रोजगार
उपलब्ध
कराने के लिय
अन्त्यावसायी
योजना नाम की
कोई योजना
सरकार द्वारा
चलाई जा रही
है? (ख) जिला
मुरैना में
कितने
बेरोजगार
युवाओं को इस
योजना का लाभ
प्राप्त हुआ
है यदि हाँ तो
उनका नाम पता
उन्हें किस
प्रकार से
योजना का लाभ
दिया गया है
और वर्ष 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने युवाओं
ने आवेदन किया
है और कितने
आवेदनों का
निराकरण कर
रोजगार उपलब्ध
कराया गया है
तथा कितने
आवेदन निराकरण
न होकर लंबित
है। उसकी
वर्षवार सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (ग) अंत्यावसायी
योजना का व्यापक
प्रचार
प्रसार न करने
तथा इस योजना
के माध्यम से
ज्यादा से ज्यादा
बेरोजगार
युवाओं को
रोजगार से
वंचित रखने
वाले
अधिकारियों, कर्मचारियों
पर कार्यवाही
होगी?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
जी
नहीं। (ख) अन्त्यावसायी
योजना नाम की
कोई योजना
संचालित नहीं
होने से प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(ख) अनुसार।
वृद्ध महिलाओं को पेंशन का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
16. ( क्र. 377 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किस दर से कितनी वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन दी जा रही हैं? (ख) हरदा जिले में दी जा रही पेंशन की राशि में से राज्य शासन का कितना हिस्सा है, भारत शासन का कितना हिस्सा है, इन पेंशन धारियों को प्रतिमाह की 1 या 15 तारीख पर भुगतान नहीं करने का क्या कारण हैं? (ग) हरदा जिले में जनवरी एवं फरवरी 2025 में कितने वृद्धों का नाम सूची में जोड़ा गया इसमें से कितनी वृद्ध महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा था?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) हरदा जिले में विभाग अंतर्गत हितग्राहियों को राशि रूपये 600/- प्रति हितग्राही प्रतिमाह की दर से 15,207 वृद्धावस्था पेंशन के हितग्राही, 16,234 विधवा महिलाओं को पेंशन तथा 6,686 दिव्यांगजनों को पेंशन इस प्रकार कुल 38,127 हितग्राहियों को पेंशन प्रदाय की जा रही है। (ख) राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा प्रदाय की जा रही पेंशन की दर संलग्न परिशिष्ट पर है। पेंशनधारी हितग्राहियों को प्रत्येक माह की 01 तारीख से 10 तारीख के मध्य राज्य स्तर से सीधे हितग्राहियों के खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से पेंशन भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) हरदा जिला अंतर्गत जनवरी, 2025 से फरवरी, 2025 तक 329 वृद्ध हितग्राहियों के नाम जोड़े गये हैं। 60 वर्ष से अधिक उम्र की वृद्ध महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लाभांश की राशि का भुगतान
[वन]
17. ( क्र. 378 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1988 में जारी आदेश के बाद भी म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत बनाई गई प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों को ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की पूरी राशि प्रश्नांकित दिनांक तक भी भुगतान नहीं की है? (ख) वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक नर्मदापुरम संभाग के किस जिले की कितनी प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा संग्रहित कितनी लघु वनोपज पर कितना शुद्ध लाभ हुआ उसमें से ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की कितनी राशि निर्धारित हुई वर्षवार बतावें कि इसमें से कितनी राशि कितनी समितियों को भुगतान की गई? (ग) 2018 से 2023 तक भुगतान से शेष ग्रामीण विकास मद एवं वन विभाग मद की कितनी राशि वर्तमान में म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ के किस खाते में जमा है उस पर किस दर से कितना ब्याज प्राप्त हो रहा है? (घ) ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि का समितियों को भुगतान सुनिश्िचत करवाए जाने हेतु सहकारिता विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा वर्ष 1998 में जारी आदेश को वर्ष 2006, 2012 एवं 2022 में क्रमश: संशोधन किया जा चुका है, जिसके अनुसार वर्तमान में लघु वनोपज के व्यापार से अर्जित शुद्ध लाभ की राशि से ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद के कार्य मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3 दिनांक 11 मार्च, 2022 में दिये गये निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) नर्मदापुरम संभाग के जिलों की वर्ष 2018 से 2023 तक शुद्ध लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उसमें से ग्रामीण विकास में प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वन विकास मद में प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। इसमें से प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) की राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार समिति को प्रदाय की गई। ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की व्यय की राशि प्रश्नांश (क) के निर्देशों के अनुक्रम में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। राशि का भुगतान मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3 दिनांक 11 मार्च, 2022 में दिये गये निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद से भुगतान की गई राशि समितिवार संधारित नहीं की जाती है। जिला यूनियनवार राशि संधारित की जाती है। (ग) वर्ष 2018 से 2023 तक भुगतान से शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। शेष राशि मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक मर्यादित एवं भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में जमा है। उक्त राशि पर समय-समय पर बैंक द्वारा निर्धारित दर अनुसार ब्याज प्राप्त होता है। (घ) उत्तरांश (क) में मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के आदेश दिनांक 11 मार्च, 2022 में दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
दिनांक 11 मार्च 2022 के आदेश का पालन
[वन]
18. ( क्र. 382 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी एवं वन व्यवस्थापन अधिकारी देपालपुर जिला इन्दौर द्वारा प्रकरण क्रमांक 449/बी/121 वर्ष 2021-22 आदेश दिनांक 11 मार्च 2022 के विरूद्ध किस-किस दिनांक को कलेक्टर इन्दौर के समक्ष वन विभाग ने अपील की है। किस दिनांक को अपील निरस्त की गई पुनर्विचार आवेदन निरस्त किया प्रति सहित बतावे। (ख) दिनांक 11 मार्च 2022 के आदेश का पालन किए जाने के संबंध में वन विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है यदि कोई कार्यवाही वन विभाग ने आदेश का पालन किए जाने के संबंध में नहीं की हो तो कारण बताये। (ग) आदेश दिनांक 11 मार्च 2022 से किस ग्राम की मिसल बन्दोबस्त निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस मद एवं किस प्रयोजन के लिए दर्ज किस खसरा नम्बर का कितना रकबा पृथक किया इस जमीन को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के तहत किस दिनांक को संरक्षित वन अधिसूचित किया था अधिसूचना में किस मद का उल्लेख है। (घ) दिनांक 11 मार्च 2022 के आदेश का पालन करवाने हेतु राज्य शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुविभागीय अधिकारी एवं वन व्यवस्थापन अधिकारी के आदेश क्र. 11.03.2022 के विरूद्ध दिनांक 04.04.2022, दिनांक 11.05.2022 एवं दिनांक 06.06.2022 से कलेक्टर जिला इंदौर को अपील प्रस्तुत की गई। कलेक्टर जिला इंदौर ने दिनांक 15.07.2022 से अपील निरस्त की गई। मध्यप्रदेश शासन द्वारा पत्र दिनांक 09.05.2022 द्वारा वन व्यवस्थापन अधिकारी का आदेश अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत होने के कारण प्रावधान अनुसार अपील प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। दिनांक 03.08.2022 एवं दिनांक 11.01.2024 से पुनर्विचार आवेदन प्रस्तुत किया गया, जो निरस्त नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार अपील एवं पुनर्विचार की कार्यवाही की गई है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन आदेश का पालन करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत है, अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वन विभाग व समितियों द्वारा कराये गये कार्यों की जाँच
[वन]
19. ( क्र. 433 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत उत्तर वन मण्डल के विभिन्न परिक्षेत्रों में विभाग एवं वन समितियों द्वारा वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों एवं व्यय राशि का ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार कराये गये कार्यों की जाँच कब-कब, किस-किस के द्वारा की गयी एवं जाँच में पाईं गयी कमियों का ब्यौरा क्या है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उत्तर वनमंडल सागर के विभिन्न परिक्षेत्रों में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में विभागीय रूप से कराये गये निर्माण कार्यों एवं व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्य वन समितियों के माध्यम से नहीं कराये गये है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हर-घर नल योजना का कार्यान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 434 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा खुरई विधानसभा क्षेत्र में जल-जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल योजना के कार्य किन-किन ग्रामों में कराये जा रहे हैं? इनमें कहाँ-कहाँ कार्य अभी तक पूर्ण एवं कहाँ-कहाँ अपूर्ण हैं? (ख) क्या जिन ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है उनमें अभी तक मार्गों में सी.सी. कार्य नहीं किया गया अथवा गुणवत्ताविहीन कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कराए गए कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र स्थानीय निकायों से लिये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं तो क्या इस संबंध में विचार किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कराए जा रहे नल-जल योजनाओं के कार्यों की ग्रामवार पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी नहीं, जिन एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के सभी कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, उनमें आवश्यकतानुसार रोड रेस्टोरेशन/सी.सी. रोड मरम्मत का कार्य गुणवत्तापूर्ण किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नलजल योजना का कार्य तकनीकी कार्य है, जिसका पूर्णता प्रमाण-पत्र विभाग के इंजीनियर द्वारा बनाया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपार्जन नीति की कमी दूर की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 446 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी समितियों में उपार्जन नीति के तहत उपार्जन कार्य से संबंधित शर्तों के विरूद्ध केवल दो-वर्ष या चार-खरीदी (दो-रबी फसल, दो-खरीफ फसल) के पश्चात कार्य में संलग्न सेवा सहकारी समिति को पुन: दुबारा कार्य प्रदान कर दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या दो वर्ष पहले जिस सेवा सहकारी समिति द्वारा फर्जी किसानों के खातों में फर्जी पैसा जमा कर निकाला गया, अनियमितता की गई जिससे दो-वर्ष खरीदी कार्य से पृथक रहे, उन्हें पुन: तीसरे-वर्ष उपार्जन कार्य प्रदान कर दिया जाये, क्या यह उपार्जन-नीति में कमी नहीं है? क्या नीति की कंडिका 5.8 (3) में सुधार किया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पूर्व के उपार्जन घोटाले में शामिल ऐसी समितियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई जानी चाहिये थी? क्या प्रदेश के जिलो में करोड़ों-करोड़ों रूपये की शॉर्टेज राशि की वसूली बाकी है? न तो वसूली की गई, न ही एफ.आई.आर., ऐसा क्यों? इसके लिये दोषी कौन हैं? क्या उपार्जन नीति की कमी का फायदा उठाकर पुन: ऐसी समितियों को उपार्जन का दायित्व सौंपा गया है, जिन पर पूर्व में गंभीर वित्तीय अनियमिततायें रही हैं? जिलेवार पूर्ण जानकारी देवें? (घ) उपरोक्तानुसार क्या अनियमितता के समय एवं वर्तमान में समिति प्रबंधक वहीं हैं क्यों? क्या गंभीर अनियमितता के प्रकरण समाप्त किये गये हैं, यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत, पूर्ण जानकारी दें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु प्रतिवर्ष उपार्जन नीति अनुसार विगत दो रबी एवं दो खरीफ विपणन वर्षों में उपार्जित एवं स्वीकृत मात्रा में 0.50% से अधिक अंतर वाली संस्थाओं को अपरिहार्य कारणों से जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन कार्य देने की अनुशंसा की जाने के उपरांत संस्था के संबंधित कर्मचारियों से अंतर मात्रा की राशि की वसूली और स्कंध की अंतर मात्रा का 50% राशि (समर्थन मूल्य की दर से) एफडी के रूप में जिला प्रबंधक, MPSCSC के पास जमा कराए जाने के उपरांत संस्था को उपार्जन का कार्य सौंपे जाने का प्रावधान है। विगत वर्षों में उपार्जन में प्रमाणित गंभीर अनियमितता/कृषकों को भुगतान में विलंब/भुगतान न किया गया हो ऐसी संस्थाओं को उपार्जन का कार्य से पृथक रखा जाता है। (ख) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन में गंभीर अनियमितता करने वाली संस्थाओं को उपार्जन कार्य से पृथक रखने का प्रावधान नीति में किया गया है। सहकारी समितियों द्वारा अन्य कार्यों में की गई अनियमितता के संबंध में कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा की जाती है। सहकारी संस्थाओं की पात्रता के संबंध में निर्धारित मापदण्ड में संशोधन की वर्तमान में आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सहकारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन में अनियमितता/शार्टेज करने वाली संस्थाओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समितियों को उपार्जन नीति अनुसार खाद्यान्न उपार्जन का कार्य दिया गया है। (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन में अनियमितता करने वाले समिति प्रबंधकों को यथासंभव तत्समय हटाया गया है। उपार्जन कार्य में संलग्न कर्मचारी समिति स्तरीय होने, कैडर कर्मचारियों/स्टॉफ की कमी होने, न्यायालय से स्थगन प्राप्त करने, आर्बिट्रेशन में प्रकरण विचाराधीन होने तथा कतिपय प्रकरणों में दायित्व निर्धारण नहीं होने के कारण वर्तमान में समिति में कार्यरत हैं। गंभीर अनियमितता के प्रकरण समाप्त नहीं किए गए हैं। जिन समितियों के प्रकरण समाप्त किए गए हैं, वह आर्बिट्रेशन से समिति के पक्ष में निर्णय होने के कारण समाप्त हुए हैं।
जल-जीवन मिशन के तहत हुए भ्रष्टाचार की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( क्र. 495 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़ाछ के ग्राम रिमारी में जल-जीवन मिशन के तहत नलजल योजना स्वीकृत थी? यदि हाँ तो क्या कारण है कि लगभग 03 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात भी ग्रामवासियों को पेयजल की सुविधा प्राप्त नहीं हो सकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में किस संविदाकार को उक्त कार्य का टेंडर प्राप्त हुआ था? निविदा अनुबंध में कार्य की क्या शर्तें उल्लेखित की गई थीं? क्या उल्लेखित शर्तों का पूर्णरुपेण पालन संविदाकार के द्वारा किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या जल-जीवन मिशन के तहत ग्राम रिमारी में अपेक्षित कार्य पूर्ण कराया जा चुका है? क्या संविदाकार को विभाग के द्वारा अधूरे कार्य के उपरांत भी पूर्ण भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या विभागीय स्तर पर ग्राम रिमारी में नलजल योजना में हुए भ्रष्टाचार की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। योजना की मूल स्वीकृति अनुसार नलकूप खनन एवं पाइप-लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण किया गया। योजना में खनित नलकूप में जल आवक क्षमता कम होने के कारण जल प्रदाय नहीं हो पा रहा है। उक्त ग्राम में 8 नग स्थापित चालू हैण्डपंप द्वारा पेयजल उपलब्ध हो रहा है। ग्राम रिमारी की पुनरीक्षित योजना लागत परीक्षण उपरांत रु. 53.65 लाख की स्वीकृति के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) मे. अनुष्का कन्स्ट्रक्शन एण्ड अदर्स को ग्राम रिमारी के कार्य की निविदा प्राप्त हुई। जी हाँ, निविदा अनुबंध के तहत कार्य की शर्तें उल्लेखित की गई थी। अनुबंध की शर्त के अनुसार 6 माह में कार्य पूर्ण नहीं किए जाने के कारण संविदाकार को अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही करते हुए मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र जबलपुर के आदेश आदेश क्र. 604 दिनांक 17.02.2025 द्वारा काली सूची में दर्ज किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम रिमारी में पाइप-लाइन बिछाने एवं नलकूप खनन का कार्य किया गया है। संविदाकार को प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति अंतर्गत अनुबंधानुसार किए गए कार्य का ही भुगतान किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल-जीवन मिशन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 541 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) गांधी
सागर-1
समूह जल
प्रदाय योजना
के तहत जल-जीवन
मिशन के
अन्तर्गत
योजना की
स्वीकृति दिनांक
से प्रश्न दिनांक
तक सुवासरा
विधानसभा की
कितनी ग्राम पंचायतों
एवं सम्मिलित
ग्रामों में
पेयजल योजना
का कार्य किया
गया है? कार्य
स्थिति की
रिपोर्ट
उपलब्ध
करावें। (ख) सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
उपरोक्त
योजना के तहत
कितनी ग्राम
पंचायतों में
कार्य पूर्ण
करके ग्राम पंचायतों
को
हस्तांतरित
किया गया है? (ग) ऐसे
कितने ग्राम
है जिनमें पाइप-लाइन
बिछाकर नल
कनेक्शन कर
सी.सी. रोड
निर्माण का
कार्य पूर्ण
कर दिया गया
है जानकारी
देवें। कितने
ग्रामों में
कार्य अपूर्ण
है ग्रामवार
जानकारी
देवें। (घ)
जिन
ग्रामों में
नल कनेक्शन
देने एवं
सी.सी. रोड
निर्माण का
कार्य अपूर्ण
है उन ग्रामों
में कब तक
कार्य पूर्ण
कर लिया जाएगा
जानकारी देवें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
: (क) गांधीसागर-01 समूह
जलप्रदाय
योजना
अंतर्गत
सुवासरा विधानसभा
क्षेत्र की 111 ग्राम
पंचायतों के 209
ग्रामों में
कार्य किया जा
रहा है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) वर्तमान
में
गांधीसागर-1 समूह
जलप्रदाय
योजना का
कार्य
प्रगतिरत है। समूह
जल प्रदाय
योजना को
ग्राम
पंचायतों को हस्तांतरित
नहीं किया
जाता है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) समूह
जलप्रदाय
योजना का
कार्य
प्रगतिरत है एवं
30 जून 2025 तक
कार्य पूर्ण
किया जाना
संभावित है।
लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र भोपाल में भ्रष्टाचार
[वन]
24. ( क्र. 603 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र (एम.एफ.पी.पार्क-भोपाल) द्वारा हर्बल कच्ची औषधियां प्रदाय बाबत संबंधी आदेश (1) क्र./एम.एफ.पी.पार्क/उत्पादन/2020/437 भोपाल दिनांक 04.04.2020 मेसर्स आर्यन फार्मेसी (2) क्र./एम.एफ.पी-पार्क/मु.का.अधि./2020/437/443 भोपाल दिनांक 04.04.2020 मेसर्स आर्यन फार्मेसी (3) क्र./एम.एफ.पी.पार्क/उत्पादन/2020/508 भोपाल दिनांक 10.04.2020 मेसर्स आर्यन फार्मेसी (4) क्र./एम.एफ.पी.पार्क/उत्पादन/2020/556 भोपाल दिनांक 17.04.2020 मेसर्स आर्यन फार्मेसी (5) क्र./एम.एफ.पी.पार्क/उत्पादन/2020/600 भोपाल दिनांक 27.04.2020 मेसर्स संजीवनी इम्पेक्स आदेश (6) क्र./एम.एफ.पी.पार्क/उत्पादन/2020/605 भोपाल दिनांक 28.04.2020 मेसर्स आर्यन फार्मेसी आदेश (7) क्र./एम.एफ.पी.पार्क/उत्पादन/2020/ 606 भोपाल दिनांक 28.04.2020 मेसर्स सूरज एसोसिएट किस-किस निविदा की अधिसूचना के उपरांत आदेश जारी किए गए थे? निविदा क्रमांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र (एम.एफ.पी.-पार्क-भोपाल) वन परिसर, बरखेड़ा पठानी भोपाल जारी अल्पकालीन ई-निविदा की अधिसूचना निविदा क्रमांक, एम.एफ.पी-पार्क/अ.क.निविदा/2020/342 भोपाल, दि. 18.04.2020 के माध्यम से किन-किन इच्छुक निविदाकारों ने निविदा प्रपत्र में उल्लेखित शर्तों एवं प्रारूपों अनुसार निविदा भरी थी तथा उक्त निविदा के माध्यम से किन-किन फार्मेसी/फर्म/संस्था/सप्लायर को आपूर्ति क्रयादेश जारी किया गया था आदेश नम्बर, दिनांक, संस्था एवं सामग्री का नाम, मात्रा तथा राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त निविदाओं में भ्रष्टाचार के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम.एफ.पी.पार्क बरखेड़ा पठानी, प्रबंध संचालक राज्य लघुवनोपज संघ, भोपाल तथा अपर प्रबंध संचालक प्रशासन/समन्वय को शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में एम.एफ.पी-पार्क की अंकेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2020-2021 में किन-किन फर्म के नामों पर ऑडिट आपत्ति आई थी जानकारी उपलब्ध करावें तथा उपरोक्त फर्मों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) लघु वनोपज 1 से 7 तक संबंधी आदेश क्रमांक निविदा अधिसूचना क्रमांक/एम.एफ.पी.पार्क/निविदा/रॉ/2019/265 दिनांक 02.02.2019 के तहत जारी किये गये है। विवरण संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जांच की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) अंकेक्षण रिपोर्ट 2020-2021 में मेसर्स संजीवनी इंपेक्स, इन्दौर के नाम पर ऑडिट आपत्ति आयी थी, जिसका उत्तर अंकेक्षण को दिया गया। अंकेक्षक द्वारा उक्त ऑडिट आपत्ति को विलोपित किया जा चुका है।
शर्तों के उल्लंघन करने पर जारी की गई अनुज्ञा
[पर्यावरण]
25. ( क्र. 609 ) श्री देवेन्द्र पटेल [श्री सचिन बिरला] : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) Mp pollution control board के पत्र क्रमांक 118810, 05/09/2023 consent No cte 58855 के साथ संलग्न समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र की रिमार्क की कंडिका 2 के पालन में क्या एसोसिएट एल्कोहोल्स एंड ब्रेवरीज लिमिटेड (बोटलिंग प्लांट एवं पेट वॉटल) IMFL के द्वारा ग्राम सभा की ठहराव प्रस्ताव की कॉपी विभाग में सबमिट की गई है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव ठहराव और एनओसी की कॉपी देवें। यदि नहीं तो क्यों नहीं जमा की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र की शर्तों के उल्लंघन में क्या विभाग के द्वारा जारी की गई अनुज्ञा वापस ली जाएगी या नहीं? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या बिना ग्रामसभा के प्रस्ताव और एनओसी के बोटलिंग प्लांट पेट बॉटल को ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थापित करने की अनुमति विभाग के द्वारा दी जा सकती हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति देवें। (ड.) मामला संज्ञान में आने के बाद इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा या नहीं?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। लागू नहीं। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेसर्स ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड नागदा द्वारा किए गए वृक्षारोपण की जांच
[पर्यावरण]
26. ( क्र. 624 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) बिरलाग्राम नागदा द्वारा 10/07/2019 को पत्र क्रमांक 1406/Env-SFD/PCB/RO/VSQ के माध्यम से म.प्र. विधानसभा ध्यानाकर्षण (सत्र जुलाई 2019) के अंतर्गत प्रस्तुत प्रश्न क्रमांक 243 के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जानकारी देते हुए अवगत करवाया गया हैं कि उनके द्वारा 5 करोड़ 17 लाख रुपए की धनराशि खर्च कर कुल 81,110 पौधे नागदा में वर्ष 2015 से वर्ष 2019 तक की समयावधि में लगाए गए हैं। उक्त जवाब में ग्रेसीम उद्योग द्वारा लगाए गए 81,110 पौधों की वर्तमान स्थिति क्या है? वृक्षारोपण किए जाने की दिनांक, समय और स्थान सहित विस्तृत एवं प्रमाणित दस्तावेजी जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या नागदा में पर्यावरण सुधार हेतु ग्रेसीम उद्योग समूह के वृक्षारोपण अभियान के उपरांत कोई ग्रीन पार्क अथवा ग्रीन जोन निर्मित हुआ हैं? यदि हाँ, तो कृपया उस ग्रीन पार्क जोन का वर्तमान छायाचित्र स्थान सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में वृक्षारोपण कार्य के जवाब के संबंध में कोई शिकायती आवेदन प्रास हुए थे? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या जांच में 81,110 पौधों का वृक्षारोपण नागदा में होना पाया गया हैं? यदि नहीं, तो विधानसभा में भ्रामक एवं असत्य जानकारी देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण में लगभग 30000 छोटे-बड़े पेड़-पौधे पाए गए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उजाड़ एवं बंजर वन भूमि पर वृक्षारोपण
[वन]
27. ( क्र. 652 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.सी.सी.एफ. ने हाल ही में राज्य की 37 लाख हेक्टेयर उजाड़ वन एवं बंजर वन भूमि निजी क्षेत्र को लीज पर दिया जाकर वृक्षारोपण से संबंधित योजना पर चर्चा की है? (ख) यदि हाँ तो वन मुख्यालय राज्य में कितनी और किस श्रेणी की वन भूमि होना प्रतिवेदित कर रहा है, इसमें से किस श्रेणी की कितनी वनभूमि वर्किंग प्लान में दर्ज है, किस श्रेणी की कितनी वन भूमि पर वन विभाग का वास्तविक कब्जा है? (ग) वन मुख्यालय राज्य में किन भूमियों को उजाड़ वन एवं बंजर वन मानता है, वन मुख्यालय के पास किस वनमंडल में कितना उजाड़ वन एवं कितना बंजर वन होने की जानकारी उपलब्ध है, उजाड़ वन एवं बंजर वन की क्या परिभाषा है? (घ) उजाड़ वन एवं बंजर वन को लीज पर दिए जाने से संबंधित प्रस्तावित योजना या सार्वजनिक प्रस्ताव किसने बनाया है उस पर कितनी लागत आई है? योजना एवं प्रस्ताव की प्रति सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विरल वन (वन घनत्व 0.1 से 0.4) में उथली मृदा वाला चारागाह विकास योग्य क्षेत्र US-3 एवं चट्टानी क्षेत्र US-4 उजाड़ वन की श्रेणी में आता है तथा झाड़ी वन (वन घनत्व 0.1 से कम) में उथली मृदा वाला चारागाह विकास योग्य क्षेत्र BL-3 एवं चट्टानी क्षेत्र BL-4 बंजर वन की श्रेणी में आता है। वन मुख्यालय के पास समस्त वनमंडलों में उजाड़ वन एवं बंजर वन की जानकारी वनमंडलों की प्रचलित कार्य आयोजना में उपलब्ध हैं। (घ) उजाड़ वन एवं बंजर वन को लीज पर देने की कोई योजना नहीं है, अपितु बिगड़े वनों के सुधार हेतु मध्यप्रदेश वन विकास निगम के माध्यम से निजी निवेश की प्रारुप नीति तैयार कर नागरिकों से सुझाव मांगे गए थे। प्रारुप नीति बनाने पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है। जिस प्रारुप पर सुझाव मांगे गए थे, वह पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नीति स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
संरक्षित वन की अधिसूचना
[वन]
28. ( क्र. 653 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भा.व.अ.1927 की धारा 29 के तहत राजपत्र में दिनांक 1 अगस्त 1958 को प्रकाशित अधिसूचना में म.प्र. स्वामित्वाधिकारों के अन्तर का कानून 1950 के तहत अर्जित जमीनों में से “जंगल मद की जमीनों को ही संरक्षित वन अधिसूचित किया गया, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई मद की जमीनों का अधिसूचना में कोई उल्लेख नहीं है? (ख) बैतूल जिले के राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज पहाड़ चट्टान, घास मद की जमीनों को संरक्षित वन सर्वे में शामिल करने, भा.व.अ.1927 की धारा 4 में अधिसूचित करने का क्या कारण है? इन जमीनों को कलेक्टर बैतूल ने किस प्रकरण क्रमांक आदेश दिनांक से वन विभाग को आवंटित किया है? (ग) संरक्षित वन सर्वे में शामिल लेफ्ट आउट बताई गई पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई एवं गोचर मद की जमीनों को वनमंडल दक्षिण एवं उत्तर बैतूल किस प्रावधान या शासन के आदेशानुसार संरक्षित वन भूमि, नारंगी वन भूमि एवं वन भूमि वर्तमान में प्रतिवेदित कर रहे हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अधिसूचना दिनांक 10.07.1958 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 01.08.1958 को जारी की गई जिसमें भूमियों का विस्तृत विवरण न देकर संरक्षित वन के रूप में मान्य करने हेतु निम्नानुसार अर्हता का उल्लेख था:- 1. मध्यप्रदेश जागीरदारी उन्मूलन एक्ट 1950 (M.P. Abolition of Proprietary Rights (Estate, Mahala & Alienated Lands) Act-1950) के तहत वन भूमि राज्य शासन से निहित हो 2. प्रबंधन हेतु राजस्व विभाग से वन विभाग को हस्तांतरित की गई हो तथा 3. यह पूर्व से अधिसूचित संरक्षित/आरक्षित वन न हो। उक्त अर्हता वाली भूमियों को संरक्षित वनखण्डों में शामिल किया गया। (ख) जिला अध्यक्ष बैतूल के पृ.क्र./13 निस्तार दिनांक 10.10.1956 से तत्समय वनमंडलाधिकारी बैतूल को भूतपूर्व मालगुजारी तथा रैयतवारी ग्रामों का रकबा जो वन विभाग को हस्तांतरित किया गया उत्तरांश (क) में उल्लेखित अधिसूचना जारी होने के पश्चात वन एवं राजस्व विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से पटवारी मानचित्रों में प्रस्तावित वनखण्डों को रेखांकित किया जाकर वनभूमि का सर्वे किया गया जिनको भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-3 में वर्णित भूमि प्रकार होने के कारण धारा-4 में अधिसूचित किया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) अधिसूचना जारी होने के उपरांत सर्वे डिमार्केशन स्कीम में लेफ्टआउट वनभूमियों को संरक्षित वन एवं मध्यप्रदेश शासन वन विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 के पालन में वन प्रबंधन हेतु उपयुक्त संरक्षित वन एवं राजस्व भूमि का सीमांकन किया जाकर ऐसी भूमि जो लेफ्टआउट संरक्षित वन भूमि एवं राजस्व भूमि के वनखण्डों को नारंगी भूमि प्रतिवेदित किया जा रहा है।
जल-जीवन मिशन योजना में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 681 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुरवाई विधानसभा में जल जीवन मिशन योजना योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन पंचायत में किस फर्म/कंपनी/ठेकेदार द्वारा कार्य किए गए हैं जानकारी देवें? उक्त कार्यों की अनुबंध अवधि कब तक की थी क्या ठेकेदार/कंपनी द्वारा अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण कर दिया गया है? कितनी पंचायतों में कार्य पूर्ण कर टोटी लगाकर जल प्रदाय चालू कर दिया गया है एवं कितनी में नहीं जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन ग्राम पंचायतों में अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है उन एजेन्सी/ठेकेदारों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन ग्राम पंचायत में पानी की टंकियां बनाई है तथा पाइप-लाइन बिछाई गई है वहां सी.सी.रोड को खोदा गया है और खोदने के पश्चात उन्हें सही तरीके से रिपेयर नहीं किया गया है क्या लाखों रुपए की लागत से बने ग्रामीण क्षेत्रों में सी.सी.रोड का भारी नुकसान ठेकेदारों की लापरवाही से हुआ है? कहां-कहां सी.सी.रोड के पुनर्निर्माण करवाया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार संचालित कार्यों का निरीक्षण किन-किन स्थानीय और उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? क्या सम्पूर्ण कार्य तय मापदण्ड एवं अनुबंध अनुसार किया गया है यदि नहीं तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं सबंधित ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों पर अनुबंध की शर्तों के संदर्भ में उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए देयक के अंतिम निराकरण करते समय नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित करने की कार्यवाही की जायेगी। विभाग द्वारा ठेकेदार मेसर्स कात्यायनी कम्युनिकेशन ग्रुप भोपाल के एक अनुबंध के तहत आवंटित दो ग्रामों क्रमशः रतनियाखेडी, मोहनपुरकलां के कार्य पूर्ण नहीं करने पर जमा सुरक्षा निधि एवं परफारमेंस राशि रु. 4,31,047/- राजसात की गई है। (ग) जी नहीं, जी नहीं, एकल ग्राम नलजल योजना में ग्राम पठारी एवं बिसनपुर के अतिरिक्त समस्त ग्रामों में सी.सी. रोड का पुनर्निर्माण कराया गया है। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत किसी भी ग्राम में सी.सी.रोड के पुनर्निर्माण का कार्य अभी नहीं हुआ है, पाइप-लाइन की हाइड्रोटेस्टिंग उपरांत सी.सी.रोड का पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 04 अनुसार है। विभागीय मापदंडों एवं गुणवत्ता मानकों के अनुसार कराए गए कार्यों का सत्यापन उपरांत मापांकन किया जाकर ठेकेदार एजेंसी को देयक के माध्यम से भुगतान करने की कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मौसम आधारित उद्यान प्रधानमंत्री फसल योजना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
30. ( क्र. 685 ) श्री आरिफ मसूद : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में मौसम आधारित उद्यान प्रधानमंत्री फसल योजना से संबंधित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में किस-किस फसल पर मौसम आधारित बीमा योजना का लाभ किसानों को दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत 5 वर्षों में कितने किसान पंजीकृत किए गए एवं लाभान्वित किसानों की संख्या वर्षवार उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में बीमा कार्य करने वाली कम्पनियों के नाम उनकी पंजीकृत किसानों की संख्या, किसानों से प्राप्त प्रीमियम की राशि, केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रीमियम अंश की जानकारी एवं भुगतान की गई राशि का विवरण उपलब्ध करावें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) मौसम आधारित फसल बीमा योजनांतर्गत 16 अधिसूचित फसलें केला, मिर्च, संतरा, पपीता एवं खरीफ सब्जी वर्गीय फसलें (टमाटर, बैंगन, प्याज), धनिया, लहसुन, अंगूर, हरी मटर, आम, प्याज, अनार, आलू तथा रबी सब्जी वर्गीय फसलें (टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, पत्तागोभी) शामिल है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनाओं के अंतर्गत भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
31. ( क्र. 688 ) श्री आरिफ मसूद : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में उद्यानिकी विभाग के माध्यम से विगत 05 वर्षों में किन-किन योजनाओं के अंतर्गत भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य प्रदान किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्षवार एवं योजनावार व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत 5 वर्षों में कितने किसानों को लाभान्वित किया गया है? (घ) क्या योजनाओं में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं यदि हाँ, तो शिकायत किसके संबंध में थी तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) उद्यानिकी विभाग के माध्यम से भोपाल जिले में विगत वर्ष में निम्नलिखित योजनाओं में भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य प्राप्त हुए है। 1. राज्य पोषित योजना, 2. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, 3. एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना 4. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पी.एम.के.एस.वाई. योजनान्तर्गत अनियमितता संबंधी शिकायत श्री बी.एस. कुशवाह, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी (सेवानिवृत्त) के संबंध में प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जिला भोपाल से कराई गई। शिकायत झूठी एवं निराधार पाये जाने से शिकायत को नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा होने से शिकायत को नस्तीबद्ध कर दिया गया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में पंजीबद्ध शिकायत क्रमांक 31/2021 पर कार्यवाही EOW भोपाल द्वारा प्रचलन में है।
हैण्डपम्प स्थापित किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 754 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 4 दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में बण्डा विधानसभा अंतर्गत हैण्डपंप लगाने के लिये एक बोरवेल का खनन कर एक केवल नया हैण्डपंप स्थापित किया गया है? (ख) उक्त अवधि में बोरवेल खनन (हैण्डपंप स्थापित करने हेतु) के मामले में बण्डा विधानसभा की यह स्थिति सागर जिले की अन्य विधानसभाओं से कितनी भिन्न है? (ग) क्या बंडा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बोरवेल व हैण्डपंप की आवश्यकता के संबंध में कोई सर्वे कार्य अथवा प्रस्ताव तैयार किया गया है? (घ) अगर हाँ तो क्या उसकी प्रति प्राप्त हो पायेगी? (ड.) बण्डा विधानसभा में सार्वजनिक जल स्त्रोत हेतु हैण्डपंप स्थापित करने के लिये बोरवेल खनन के प्रति उदासीन रवैये कारण क्या है एवं इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (च) क्या पीएचई विभाग अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजना के कार्यों हेतु खोदी गई सड़कों का अनेक ग्रामों/स्थानों पर पुनर्निर्माण कार्य नहीं करवाया गया है? (छ) अगर हाँ तो इस लापरवाही का कारण क्या है? अगर नहीं तो क्या सभी कार्यस्थलों का प्रश्नकर्ता को भौतिक सत्यापन करवाया जायेगा? (ज) क्या इस लापरवाही के लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 8 नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापित किए गए। (ख) नलकूप (हैडपंप) के वार्षिक लक्ष्य विधानसभावार जारी नहीं किए जाते हैं, अपितु नए हैंडपंप के लिए मांग/प्रस्ताव प्राप्त होने पर संबंधित ग्राम में उपलब्ध सार्वजनिक पेयजल साधनों से पेयजल की उपलब्धता का आंकलन कर अतिरिक्त हैंडपंप की आवश्यकता होने की स्थिति में नया हैंडपंप लगाने के लिए कार्यवाही जिले को प्राप्त वार्षिक लक्ष्य के अंतर्गत की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न ग्रामों की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार संलग्न परिशिष्ट पर है। (ङ) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में भूमिगत पाइप-लाइन के लिए तोड़ी गई सड़कों का पाइप-लाइन टेस्टिंग पश्चात दुरूस्तीकरण/मरम्मत का कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार कराया जा रहा है, जिन ग्रामों में नलजल योजना कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है, उनमें पाइप-लाइन कार्य एवं टेस्टिंग के उपरांत रोड रेस्टोरेशन/सड़क मरम्मत कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार कराया जाना प्रावधानित है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में पाइप-लाइन बिछाने हेतु कुल 142 कि.मी. सी.सी. रोड को तोड़ा गया था, जिसमें से 110 कि.मी. रोड के रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष कार्य प्रगतिरत है। (छ) एवं (ज) जानकारी उत्तरांश (च) अनुसार, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल
लाइन चालू की
जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 755 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बण्डा नगर का पेयजल-स्त्रोत बेबस नदी एक अक्षम पेयजल-स्त्रोत है? जिसमें आवश्यक मात्रा में पेयजल नहीं होना विधानसभा-सत्र जुलाई 2024 के प्रश्न क्र.39 के उत्तर द्वारा भी स्वीकार किया गया है? (ख) क्या विकल्प हीनता के कारण मार्च 2024 में वैकल्पिक/अस्थाई रूप से चार-वर्ष के लिये जल-जीवन मिशन से नगर-परिषद् बण्डा को बल्क वॉटर-कनेक्शन प्रदान किया गया था, जिसके प्रभार स्वरूप प्रारंभिक तीन-बिलों में 10 गुना वृद्धि कर, दरों को संशोधित किया गया? (ग) क्या संशोधित-बिलों में जल की दरें जल-जीवन मिशन से प्रदाय घरेलू-कनेक्शन की दरों से कई गुना अधिक है? जल निगम की व्यवसायिक एवं घरेलू-कनेक्शन की जल दरों की जानकारी दी जाय? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रस्तुत बिलों में दर संशोधन हेतु प्रश्नकर्ता एवं नगर-परिषद बंडा के पत्रों पर विगत 8 माह से कार्यवाही लंबित है? (ड.) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार बल्क वॉटर कनेक्शन के देयकों के भुगतान के अभाव में अगस्त 2024 से जल आपूर्ति पूर्णतः बंद है? (च) क्या वर्तमान में नदी में जल की स्थिति एक भीषण जल-संकट का अटल-संकेत है? (छ) क्या आगामी जल-संकट से निपटने के लिये विकल्पहीनता की स्थिति पर लोकहित में सद् भावना पूर्वक, विचार करके नगर-परिषद बंडा की वित्तीय क्षमता अनुसार जलजीवन मिशन की घरेलू-दरों अनुसार दर का निर्धारण एवं लंबित-बिलो को उन-दरों से संशोधित करते हुये बल्क वॉटर-कनेक्शन से जल-आपूर्ति शीघ्र बहाल करवाई जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी जल संसाधन विभाग से संकलित की जा रही है। (ख) जी हां, मार्च 2024, अप्रैल 2024 एवं मई 2024 के मासिक बल्क जल प्रदाय देयकों में त्रुटिवश जल प्रदाय मात्रा का आकलन नहीं किया गया था, जिस कारण देयकों को संशोधित किया गया। (ग) नगरीय क्षेत्र में जलकर की दरें म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 26/09/2020 में दिए गए प्रावधान अनुसार जल शुद्धिकरण में होने वाले व्यय के अनुसार रु. 25.29 प्रति किलोलीटर की दर निर्धारित की गई है। नगरीय क्षेत्र में प्रदायित पेयजल हेतु जल दर जल शुद्धिकरण में होने वाले व्यय के आधार पर निर्धारित की जाती है। ग्राम के घरेलू-कनेक्शन की जल-दर रु. 6.50 प्रति किलो लीटर है। (घ) जी नहीं। (ड.) जी हां, नगर परिषद बंडा द्वारा लंबित जलकर राशि देयकों के भुगतान न किए जाने के कारण अगस्त-2024 से बंडा नगर परिषद को म.प्र. जल निगम द्वारा जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है। (च) जानकारी संकलित की जा रही है। (छ) जी नहीं, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 26/09/2020 अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
लैंक्सेस उद्योग द्वारा नियम विरूद्ध उद्योग का संचालन
[पर्यावरण]
34. ( क्र. 802 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लैंक्सेस इण्डिया प्रा.लि. नागदा द्वारा अपने उद्योग संचालन के लिए अनुज्ञप्ति हेतु दिए गए आवेदन पत्र, आवेदन पर लगाई गई निरीक्षण रिपोर्ट एवं दिए गए लायसेंस की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या नागदा नगर पालिका क्षेत्र में होने के बाद भी लैंक्सेस उद्योग द्वारा नगर पालिका नागदा से नियमानुसार एन.ओ.सी. नहीं ली गई है? क्या लैंक्सेस उद्योग द्वारा ग्राम एवं पोस्ट बिरलाग्राम के नाम से एन.ओ.सी. लगाई गई है? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी देवें। (ग) लैंक्सेस उद्योग द्वारा अपने विभिन्न उत्पादन तथा सह उत्पादन किस सम्मति वैधता हेतु आवेदन कब-कब किया गया है तथा कितने समय की सम्मति वैधता प्रदान की गई है? स्वीकृति की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) 01 जनवरी 2023 से 17 फरवरी 2025 तक नागदा के उद्योग समूह द्वारा वायु, जल प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन करने की कितनी शिकायत की गई है और उन शिकायतों पर की गई जांच और दोषी पाये गये व्यक्तियों पर की गई कार्यवाही व असत्य पाई गई शिकायतों की जानकारी छायाप्रति सहित वर्षवार उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' (पेनड्राइव) अनुसार है। (ख) मेसर्स लैंक्सेस इण्डिया प्रा.लि., नागदा को भवन नामांत्रण आदेश जारी किया गया है। जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' (पेनड्राइव) अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' एवं ''द'' (पेनड्राइव) अनुसार है।
भवन विहीन शालाओं का भवन निर्माण
[जनजातीय कार्य]
35. ( क्र. 900 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
अनूपपुर में
अ.ज.जा. विभाग
से कितने शासकीय
हाई स्कूल एवं
हायर सेकेण्ड्री
स्कूल
भवनविहीन है
तथा वे कब से
संचालित है उन
विद्यालयों
में कितने-कितने
छात्र-छात्रा
अध्ययनरत है
तथा उन्हें
किन
विद्यालयों
के भवनों में
संचालित की जा
रही है
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार स्वीकृत
जिला अनूपपुर
के हाई स्कूल, हायर
सेकेण्डरी व
आदिवासी संयुक्त
कन्या
छात्रावास
जैतहरी सहित
किन-किन
विद्यालयों
के भवन अभी तक
निर्माण नहीं
हो सके भवन
निर्माण
कार्य स्वीकृत
न होने के क्या
कारण है तथा
वर्तमान में
उन भवनों का
संचालन कहां
किया जाता है।
(ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
भवन विहीन
शालाओं में
अध्ययनरत छात्र-छात्राओं
की बैठक व्यवस्था
सहित अन्य
समस्त
सुविधाओं के
अभाव में
बड़े-बड़े
छात्र-छात्राएं
एक साथ बैठ कर
अध्ययन अध्यापन
करते है तथा
शौचालय कक्ष
बालक-बालिकाओं
के अलग-अलग
नहीं होने व
प्रयोगशाला
सहित अन्य
सुविधाओं के
कमी होने के
कारण क्या-क्या
परेशानियां
होती है जिसका
समाधान संस्था
प्रमुख कैसे
करते है जिले
के भवन विहीन
शालाओं की
सूची उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार क्या
यह सही है कि
हाई स्कूल
एवं हायर
सेकेण्डरी
स्कूलों में
प्राय: पन्द्रह
वर्ष से अठारह
बीस वर्ष के
छात्र-छात्राएं
एक साथ पढ़ाई
करते है जिनके
लिये बैठक व्यवस्था
शौचालय पेयजल
की सुविधा
खेलकूद की व्यवस्था
सहित अन्य कई
प्रकार की
सुविधाओं की
आश्यकता
होती है किन्तु
जिला अनूपपुर
सहित प्रश्नकर्ता
निर्वाचन
क्षेत्र के
शासकीय हाईस्कूल
परासी, देवरी, परसवार, बरगवा, बकही
कांसा, चकेठी, केल्हौरी, भालूमाडा, दुधमनिया, देवरी, अमलई व
जैतहरी में
आदिवासी
संयुक्त कन्या
छात्रावास
जैतहरी में
भवन नहीं होने
के कारण
परेशानियां
का सामना करना
पड़ता है क्या
भवन निर्माण
स्वीकृत
किये जाने के
संबंध में
अधोहस्ताक्षरी
एवं जिला
प्रशासन के
द्वारा कई बार
मांग पत्र
प्रेषित किया
जा चुका है
यदि हाँ, तो
अभी तक क्या
कार्यवाही की
गई है? भवन
निर्माण
कार्य कब तक
स्वीकृत की
जाएगी? समय-सीमा
बतावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जिला
अनुपपूर में
अनुसूचित
जनजाति विभाग
अन्तर्गत भवन
विहीन शालाओं, संचालन, शाला
में अध्ययनरत
छात्र-छात्राएं
तथा जिन भवनों
में शाला
संचालित की जा
रही है जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जिला
अनूपपुर
अंतर्गत 23 हाईस्कूल
भवन, भवन
विहीन हैं जो
माध्यमिक
विद्यालयों
के भवनों में
संचालित है एवं
3 हायर
सेकेण्ड्री
स्कूल भवन
विहीन हैं जो
हाई स्कूल
भवनों में
संचालित है। भवन
विहीन हाईस्कूल
व हायर सेकेण्डरी
स्कूल जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है, संयुक्त
कन्या
छात्रावास
जैतहरी का
म.प्र.शासन, जनजाति
कल्याण
विभाग के आदेश
क्रमांक 12-18/2014/2-25/230
दिनांक 07/02/2017
द्वारा जिला
मुख्यालय
अनुपपूर में स्थान
परिवर्तन
किया गया है, योजनान्तर्गत
भवन निर्माण
की स्वीकृति
उपलब्ध बजट
की सीमा में की
जाती है,
भवन
विहीन संस्थाओं
के संचालन
कराये जाने की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) भवन
विहीन शालाएं
को अन्य
भवनों में
संचालित किया
जा रहा है, जिसमें
छात्र-छात्राएं
के अध्ययन
एवं शौचालय
कक्ष
छात्र-छात्राएं
के लिये पृथक-पृथक
सुविधा उपलब्ध
है, जिससे
कोई परेशानी
नहीं होती, भवन
विहीन हाईस्कूलों
में
प्रयोगशाला
कक्ष पृथक से
नहीं है,
वर्तमान
में संचालित
भवनों के कक्ष
में
प्रयोगशाला
का कार्य संचालित
है ,भवन
विहीन संस्थाओं
की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) जी हां, जिले से
प्राप्त
प्रस्ताव
अनुसार विभाग
के पत्र
क्रमांक निर्माण/64/2024-25/1676
दिनांक 22/01/2025
द्वारा आयुक्त, लोक
शिक्षण संचालनालय
को हाईस्कूल
भवन निर्माण
किये जाने के
संबंध में
लिखा गया है। भवन
विहीन हायर
सेकेण्डरी
के भवन
निर्माण
विभाग में
उपलब्ध बजट
आवंटन की सीमा
में स्वीकृत
कराये जाते है।
संयुक्त कन्या
छात्रावास जैतहरी
का स्थान
परिवर्तन
अनूपपुर हो
चुका है। जी
हाँ, भवन
निर्माण स्वीकृति
योजनान्तर्गत
उपलब्ध बजट
की सीमा में
की जाती है, अत:
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
वन विभाग द्वारा जारी आदेशों का पालन
[वन]
36. ( क्र. 936 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन राज्य मंत्रालय वन विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ. 25-08/2015/10-3 दिनांक 04 जून, 2015 के तहत दिये गये किसी भी निर्देश का आयुक्त शहडोल द्वारा प्रश्न दिनांक तक पालन किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पत्र दिनांक 04 जून, 2015 में वन विभाग द्वारा वन खण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमि के संबंध में क्या क्या निर्देश दिये गये हैं? उसके अनुसार आयुक्त शहडोल ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की है? किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को क्या-क्या निर्देश दिये गये हैं? निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार शहडोल संभाग के अंतर्गत किस वनमण्डल के वर्किंग प्लान में किस-किस ग्राम के किस-किस किसान के किस-किस खसरा नंबर का कितना-कितना रकबा किस वनखण्ड में अधिसूचित किया गया है तथा आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) दिनांक 04 जून 2015 के पत्र में दिये गये निर्देशों का पालन करने के संबंध में आयुक्त शहडोल द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) :(क) आयुक्त शहडोल संभाग के पत्र दिनांक 18.06.2015 से कलेक्टर जिला शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर को यथोचित कार्यवाही हेतु लेख किया गया। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 4 जून 2015 आरक्षित तथा संरक्षित वनखण्डों के सीमा विवाद निराकरण के निर्देश है। उक्त निर्देश की कंडिका 5 अनुसार यदि कोई भूखंड विधिक प्राधिकार के बिना कार्य आयोजना में आरक्षित या संरक्षित वनखंडों के रूप में त्रुटिवश शामिल कर लिया गया है, तो उसे कार्य आयोजना से पृथक करने की कार्यवाही से सम्बंधित है। निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ में है। (ग) ग्रामवार एवं खसरावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
शैक्षणिक संस्थाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
37. ( क्र. 937 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल म.प्र. में अब तक अ.ज.जा एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान हेतु शासन द्वारा अब तक कितने विद्यालय, छात्रावास, मदर्सा, आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर मॉडल स्कूल, एकलव्य विद्यालय एवं सी.एम.राईज के विद्यालय खोले गये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में खोले गए कितने विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के बैठक व्यवस्था हेतु पर्याप्त भवनों का निर्माण किया जा चुका है और कितने भवन विहीन शालाएं है? जिले में संचालित कितने विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के बैठक व्यवस्था हेतु फर्नीचर एवं अन्य संसाधन उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिले के समस्त विद्यालयों, छात्रावासों, सी.एम.राईस विद्यालयों, एकलव्यों, मॉडल स्कूलों में किस-किस मद में किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित की जाती है तथा कितनी-कितनी राशि उन विद्यालयों के द्वारा छात्रहित में उपयोग किया गया है तथा कितना शेष है? विद्यालयवार मदवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) जिला शहडोल के अंतर्गत संचालित कितने विद्यालयों/छात्रावासों में प्रधानमंत्री पोषण आहार योजना अंतर्गत रुचिकर भोजन प्रदान किया जाता है? जिसके लिए शासन द्वारा आवंटित राशि, चावल, गेहूं, सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा प्रत्येक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन संचालन की स्थिति रसोईया, संचालित करने वाले समूह सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री पोषण आहार योजना अंतर्गत 2102 विद्यालयों में रूचिकर भोजन प्रदान किया जाता है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 969 ) श्री अभय मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 523 दिनांक 20 दिसंबर 2024 की जानकारी एकत्रित की जा रही है उत्तर दिया गया है यदि हाँ, तो जानकारी की प्रति देते हुये बताये कि प्रश्न अनुसार कब किन-कन पर कौन-कौन सी कार्यवाही की गई अगर नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) के तारतम्य में पत्र क्रमांक 599 दिनांक 15.10.2024 एवं पत्र क्रमांक 679 दिनांक 08.11.2024 के द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को जाँच एवं कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया था एवं जिसके पालन में मुख्य सचिव कार्यालय मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को जावक क्रमांक 9361 दिनांक 21.10.2024 एवं क्रमांक 10748 दिनांक 13.11.2024 द्वारा पत्र प्रेषित कर आगामी कार्यवाही का लेख किया गया था। इसी तरह विभाग के पत्र क्रमांक/126/2467935/2024/29-1 भोपाल दिनांक 10.01.2025 के द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन भोपाल को राज्य शासन के आदेश क्रमांक/3124 दिनांक 19 दिसंबर 2024 द्वारा दिये गये प्रतिवेदन अनुसार जिला प्रबंधक कटनी श्री तिवारी के विरुद्ध गंभीर अनियमितताएं पाई जाने से जिसमें श्री देवेन्द्र तिवारी को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये अवगत कराने का लेख किया गया यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही का पत्रावार विवरण देंवे। श्री तिवारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ विभागीय जांच संस्थित की गई तो जांच किस स्तर पर लंबित है तथा क्या वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करने के निर्देश देंगे अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में श्री तिवारी द्वारा विभाग में रहते हुये माननीय उच्च न्यायालय से कब-कब, किन-किन प्रकरणों में स्थगत प्राप्त किया गया का प्रकरणवार विवरण देवें तथा स्थगन समाप्ति बावत विभाग द्वारा कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई, न्यायालय में प्रस्तुत जवाब की प्रति देंवे? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने दोषियों को बचाने का प्रयास करने एवं प्रश्नांश (ख) के पत्रों का समय पर निराकरण न करने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है उन पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपराधिक प्रकरण पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 970 ) श्री अभय मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 516 उत्तर दिनांक 20 दिसंबर 2024 के उत्तर में (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है का उत्तर दिया गया था। यदि हाँ, तो प्रश्न में उल्लेखित आधारों पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें कि किन-किन पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई अगर नहीं की गई तो क्यों कब तक कार्यवाही पूर्ण कर जानकारी उपलब्ध कराएंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 564 दिनांक 10.10.2024 के द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल एवं पत्र क्रमांक 592 दिनांक 19.09.2024 द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग म.प्र. भोपाल को पत्र लिख कर जांच एवं कार्यवाही हेतु लेख किया गया था पत्र अनुसार जांच एवं कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें कि किन पर कब-कब किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित की गई अगर नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही न कर अंतरिम उत्तर देकर दोषियों को बचाने एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही को लंबित रखने व प्रश्नांश (ख) के पत्रों का समय पर निराकरण न करने दोषियों को बचाने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है उन पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं प्रश्नांश (क) अनुसार उत्तर उपलब्ध कराने एवं कार्यवाही बावत क्या निर्देश देंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, पूर्ण उत्तर दिनांक 24.02.2025 को ई-उत्तर के माध्यम से विधानसभा सचिवालय को भेजा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, रीवा के सहित कुल 9 व्यक्ति/कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है परन्तु आयुक्त सहकारिता के आदेश क्र. साख/सीबी-2/81/2019/660 दिनाक 27.02.2019 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी को उत्तरदायी नहीं ठहराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश (क) एवं (ख) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल-जीवन मिशन के कार्यों की जॉंच एवं कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 1115 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों में से किन-किन ग्राम पंचायतों में प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना कार्य किया जा चुका है, कितना शेष है? स्वीकृत कार्यों की जानकारी, कार्यादेश सहित पंचायतवार देवें? (ख) क्या जल जीवन मिशन का कार्य गुणवत्ता विहीन मानक अनुरूप नहीं है? बिछाई जाने वाली पाइप किन मानकों एवं मापदण्डों के अनुरूप है? क्या पाइप-लाइनें सड़क के साईड सोल्डर के बाहर न कर सड़क के किनारे से ही डाली जा रही हैं? क्या ऐसा करने से वाहनों के आवागमन में वह बार-बार टूट रही है/टूटेगी, पानी नहीं मिलेगा, सड़क बन्द होगी, आम जनता परेशान होगी एवं शासन राजस्व की भी क्षति होगी? इस संबंध में क्या उच्चस्तरीय जांच कराई जाकर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या के.ई.सी.कम्पनी एवं पूर्व जल निगम महाप्रबंधक सतना के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार एवं अनियमितता संबंधी शिकायत आयुक्त रीवा संभाग को दिनांक 08/01/25 को की गई है? बिन्दुवार जांच प्रतिवेदन की प्रति दें, बतायें दोषियों के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के अनुक्रम में जल-जीवन मिशन के तहत शेष कार्यों को सड़क के साईड सोल्डर के बाहर कराते हुये कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त स्वीकृत सतना बाण-सागर-02 समूह जल प्रदाय योजना में प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के समस्त 303 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है, इस समूह योजना के अंतर्गत उच्च स्तरीय टंकी बनाकर पाइप-लाइन बिछाने एवं नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय किए जाने का कार्य प्रगतिरत है, समूह योजना की भौतिक प्रगति 51 प्रतिशत है। समूह योजना में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, योजना हेतु कार्यादेश दिनांक 07/03/2023 को जारी किया गया है। (ख) जी नहीं, जल जीवन मिशन के तहत नल-जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित विभागीय मापदंडों तथा गुणवत्ता मानकों के अनुरूप कराए गए हैं, स्थान की उपलब्धता के अनुसार पाइप-लाइनें सड़क के साइड सोल्डर के बाहर तथा ट्रेन्च खोदकर भू-सतह के नीचे उपयुक्त गहराई पर बिछाई जा रही हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जांच की जा रही है, जांच पूर्ण होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) नल-जल योजनाओं के तहत स्थान की उपलब्धता के अनुसार पाइप-लाइनें सड़क के साइड सोल्डर के बाहर तथा ट्रेन्च खोदकर भू-सतह के नीचे उपयुक्त गहराई पर बिछाई जा रही हैं, स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य यथाशीघ्र पूरे कराने के लिए सतत प्रयास किये जा रहे हैं, कार्य पूरा किये जाने की कोई निश्िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है। समूह जल प्रदाय योजना का कार्य दिसंबर 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
वेयर हाउसों में उपलब्ध स्टॉक माल तथा बीमा का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 1116 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.डब्लू.एल.सी 2022-23 में बैग और स्टील साइलो के बजाय वेयर हाउसों में स्टॉक माल उपलब्ध था? स्टॉक माल की मात्रा सहित पूर्ण विवरण वेयर हाउसवार उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त माल का बीमा विभाग को नियमों के तहत कराना चाहिये था, यदि हाँ तो बीमा से संबंधित आदेश प्रति उपलब्ध करायें तथा किस कम्पनी को उक्त कार्य सौंपा गया, आदेश की प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार बीमा कम्पनी को सरकार द्वारा कितनी प्रीमियम राशि जमा की गई? वेयर हाउस में भण्डारित मात्रा के अनुसार कितने रूपये के हिसाब से प्रीमियम सरकार द्वारा दिया गया, पूर्ण विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार बीमा कम्पनी के प्रीमियम अनुसार कितनी राशि के क्लेम का भुगतान कब-कब, किन-किन वेयर हाउस को किया गया, कितना भुगतान किया जाना शेष है, भुगतान लंबित रखने का क्या कारण है? इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं, लंबित भुगतान कब तक कराकर दोषियों को दण्डित किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एम.पी.डब्ल्यू.एल.सी. वर्ष 2022-23 में बैग और स्टील साइलो की क्षेत्रीय कार्यालयवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
क्षे.कार्य. का नाम |
स्कंध का नाम |
गोदाम की संख्या |
वजन |
1. |
ग्वालियर |
गेहूँ |
270 |
4400 |
2. |
उज्जैन |
गेहूँ |
90 |
239791 |
3. |
इंदौर |
गेहूँ |
306 |
459568 |
4. |
भोपाल |
गेहूँ |
928 |
2189574 |
5. |
नर्मदापुरम |
गेहूँ |
617 |
1191837 |
6. |
सागर |
गेहूँ |
304 |
595731 |
7. |
जबलपुर |
गेहूँ +धान |
1095 |
833571 |
8. |
रीवा |
गेहूँ +धान |
422 |
1490292 |
योग |
4032 |
7004764 |
(ख) मुख्यालय द्वारा वर्ष 2022-23 में बीमा पालिसी के लिए राशि रूपये 32588591 बीमा कंपनी इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भुगतान की गई, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) बीमा कंपनी को वर्ष 2022-23 में 32588591 राशि का प्रीमियम जमा की गई। बीमा पॉलिसी की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) बीमा कंपनी के प्रीमियम क्लेम का भुगतान किये जाने की जानकारी निम्नानुसार है:-
(राशि रूपये लाख में)
क्र. |
क्षे.कार्य. का नाम |
शाखा का नाम |
बीमा क्लेम की भुगतान राशि |
बीमा क्लेम की लंबित राशि का भुगतान किया जाना शेष है |
1. |
ग्वालियर |
बडौदा |
0.174 |
0.174 |
|
|
|
15.46 |
15.46 |
|
|
|
109.05 |
109.05 |
|
|
बीनागंज |
1.88 |
1.88 |
2. |
उज्जैन |
- |
- |
- |
3. |
इंदौर |
- |
- |
- |
4. |
भोपाल |
ढोलखेडी |
13.740 |
69.708 |
|
|
शमशाबाद |
6.052 |
0.000 |
5. |
नर्मदापुरम |
सेमरीहरचंद |
2.25 |
2.25 |
6. |
सागर |
- |
- |
- |
7. |
जबलपुर |
बालाघाट |
163.10 |
81.25 |
|
|
जबलपुर |
246.00 |
1.93 |
8. |
रीवा |
- |
- |
- |
योग- |
557.706 |
281.702 |
प्रावधानुसार बीमा कंपनी को प्रस्तुत दावों की राशि मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन को प्राप्त होती है, जिसका कोई भुगतान गोदाम संचालकों को नहीं किया जाता है।
उपार्जन केन्द्रों द्वारा सामग्री क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 1155 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत कितने उपार्जन केन्द्र द्वारा धान, गेहूँ एवं सरसों की खरीदी की गई थी? वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में उपार्जन केन्द्रवार एवं क्रय एजेंसीवार क्रय की गई मात्रा की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्रय की गई धान, गेहूँ एवं सरसों की मात्रा को नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में भण्डारण हेतु कितनी मात्रा में जमा की गई थी? वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 की जानकारी उपार्जन केन्द्रवार, एजेंसीवार उपलब्ध करायें। क्रय एजेंसी द्वारा धान, गेहूँ एवं सरसों की खरीदी एवं जमा की गई मात्रा के अंतर की जानकारी वर्षवार, उपार्जन केन्द्रवार उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उपार्जन केन्द्रों के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम को क्रय एवं जमा की गई मात्रा के अंतर मात्रा के लिये कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी उत्तरदायी हैं? वर्षवार, उपार्जन केन्द्रवार, कर्मचारी व अधिकारियों के नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। उत्तरदायी अधिकारी एवं कर्मचारियों को दोषी पाये जाने के फलस्वरूप क्या उनके विरूद्ध अंतर मात्रा की राशि वसूली के लिये क्या कार्यवाही की गई? वसूली राशि जमा नहीं किये जाने पर एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण दोषियों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उपार्जन केन्द्रों में क्रय किये जाने के लिये जो अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाये गये? उन कर्मचारियों से वसूली किये जाने के बजाय क्या उपार्जन केन्द्रों को ही अपात्र कर उपार्जन केन्द्र बंद कर दिया गया? कारण बतायें। क्या बंद किये गये उपार्जन केन्द्रों को पुन: संचालित किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :(क) वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक सिंगरौली एवं सीधी जिले में समर्थन मूल्य पर धान, गेहूं एवं सरसों की उपार्जन केन्द्रवार, एजेंसीवार क्रय की गई मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक सिंगरौली एवं सीधी जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान, गेहूं एवं सरसों का उपार्जन एजेंसीवार एवं केन्द्रवार गोदामों में भण्डारित मात्रा, जमा एवं अंतर मात्रा की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कंध के उपार्जन समिति स्तर पर शार्टेज के कारण अंतर मात्रा की वसूली संबंधित उपार्जन समिति से की जाती है। सिंगरौली एवं सीधी जिले में वर्षवार, उपार्जन केन्द्रवार अंतर मात्रा के लिए दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु जारी नीति के प्रावधान अनुसार विगत दो खरीफ एवं दो रबी विपणन वर्षों में उपार्जित मात्रा एवं स्वीकृत मात्रा में 0.5 से अधिक अंतर वाली संस्थाओं को अपरिहार्य कारणों से जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन का कार्य देने की अनुशंसा की जाने के उपरांत संस्था के संबंधित कर्मचारियों से अंतर मात्रा की राशि की वसूली और स्कंध की अंतर मात्रा का 50 प्रतिशत राशि (समर्थन मूल्य की दर से) एफडी के रूप में जमा कराने उपरांत उपार्जन का कार्य दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीधी एवं सिंगरौली जिले में अवैध कटाई
[वन]
43. ( क्र. 1156 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत वन विभाग (सामान्य), वन विकास निगम एवं वन अनुसंधान के द्वारा वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कौन-कौन सी योजना/मद से वृक्षारोपण एवं निर्माण विकास कार्य कराये गये हैं? वन परिक्षेत्रवार, वर्षवार, मदवार, व्यय राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) सीधी जिले के अंतर्गत वन परिक्षेत्र मझौली में एफ.डी.ए. योजना मद से वर्ष 2013-14 में कक्ष क्र.1234 के 20 हेक्टेयर में 12500 बांस एवं 50 हेक्टेयर में 10 हजार सागौन का वृक्षारोपण किया गया था? यदि हाँ तो व्यय की गई राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। प्रश्न दिनांक में कितने बांस एवं कितने सागौन के वृक्ष मौजूद हैं? संख्यावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष 2022-23 में अवैध कटाई कर बांस एवं सागौन के वृक्षों को बगैर अनुमति के विक्रय कर दिया गया, साथ ही वृक्षों के अवशेष नष्ट कर दिये हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक एम.एल.ए./क्यू./498 दिनांक 25.11.2024 को अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन विभाग, भोपाल एवं पत्र क्रमांक एम.एल.ए/499 दिनांक 25.11.2024 को उच्च स्तरीय जांच किये जाने हेतु लेख किया गया था? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि जांच नहीं कराई गई तो कारण बतायें। (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत कटनी-चौपन रेलवे लाइन के दोहरीकरण के दौरान कितने वृक्षों की मार्किंग कराई गई एवं इमारती/जलाऊ लकड़ी के मूल्यों का निर्धारण कितना किया गया? कितने मूल्य के इमारती/जलाऊ लकड़ी की कटाई कराई गई? राष्ट्रीयकृत वनों की कटाई उपरांत चार गुना वृक्षारोपण किये जाने का नियम हैं? कितने वृक्षों का किस स्थान पर वृक्षारोपण कराया गया?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वनमंडल सीधी के अन्तर्गत्त वन परिक्षेत्र मझौली में वर्ष 2013-14 में एफ.डी.ए. योजना में कक्ष क्रमांक आर 1234 के 20 हे. क्षेत्र में 12500 बांस पौधों का रोपण नहीं किया गया है अपितु उक्त कक्ष के रकवा 50 हे. में 7000 सागौन पौधे एवं 3000 बांस पौधों का रोपण कराया गया था, जिसमें राशि रूपये 790629/- व्यय हुई। वर्तमान में 106 सागौन के पौधे जीवित हैं। (ग) वर्ष 2022-23 में अवैध कटाई कर बांस एवं सागौन के वृक्षों को बगैर अनुमति के विक्रय नहीं किया गया है, अपितु ग्राम वन समिति रूपई डोल के स्वीकृत माईक्रोप्लान के प्रावधान अनुसार वर्ष 2022-23 में बांस भिर्रा सफाई करायी गयी तथा भिरों से प्राप्त वनोपज ग्राम वन समिति के 12 हितग्राहियों को निःशुल्क प्रदाय की गयी। प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 25/11/2024 राज्य शासन को प्राप्त हुआ, अन्य माध्यमों से भी शिकायत प्राप्त हुई। उक्त वृक्षारोपण की जांच मुख्य वन संरक्षक रीवा के आदेश दिनांक 05.12.2024 से गठित वनमंडल स्तरीय जांच समिति से कराई गई है, अतः जांच न कराने का प्रश्न निहित नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। राष्ट्रीयकृत वनों की कटाई उपरान्त चार गुना वृक्षारोपण कराये जाने से संबंधित भारत सरकार के कोई नियम निर्देश नहीं हैं। रोपित किये गये पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
अपूर्ण नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
44. ( क्र. 1158 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2020 से आज दिनांक तक कुल कितनी नल जल योजना स्वीकृत हुई हैं उनमें कितनी पूर्ण हो चुकी है और कितनी अपूर्ण हैं? ग्रामवार एवं विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) नल जल योजना के निविदा का क्या प्रावधान था और निविदा स्वीकृत एवं वर्क आर्डर के बाद कितने समय में कार्य पूर्ण किया जाना था? (ग) जो नल-जल योजना प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में बनाई गई है उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है और कार्य बहुत ही घटिया हुआ है, जगह जगह ठेकेदार द्वारा सड़कों पर गड्ढे किये गये है तथा कई जगह से लाइन भी टूट गई है और विभाग द्वारा योजना पूर्ण बताकर राशि भी निकाल ली गई है, उसके संबंध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और उक्त घटिया निर्माण में दोषी पाये गये अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) कुल 291 स्वीकृत, जिनमें से वर्तमान में 120 पूर्ण तथा 161 अपूर्ण हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) जी नहीं। सभी नलजल योजनाओं में विभागीय मापदंडों तथा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार ही कार्य कराए गए हैं, पाइप-लाइन कार्य आवश्यकतानुसार सड़कों पर ट्रेंच खोदकर भूमि सतह के नीचे पाइप-लाइन बिछाकर कराया गया है, अनुबंध की शर्तों के अनुसार रोड रेस्टोरेशन के कार्य कराये गये हैं, पाइप-लाइन बिछाने के उपरांत ट्रेंच को भरकर मार्ग को आवागमन योग्य बना दिया जाता है एवं पाइन-लाइन की टेस्टिंग के उपरांत रोड रेस्टोरेशन का कार्य करा दिया जाता है। निर्धारित मापंदड एवं गुणवत्ता के अनुरूप किए गए कार्य को ही सत्यापन उपरांत मापांकन हेतु स्वीकार किया जाता है एवं देयकों के माध्यम से ठेकेदार एजेंसी को भुगतान की कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जाना
[वन]
45. ( क्र. 1159 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के कितने वन ग्रामों का विस्थापन किन-किन तहसीलों के अंतर्गत किया गया है उन ग्रामों के नाम तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में जिन वन ग्रामों का विस्थापन किया गया है उन्हें अभी तक राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है जिसके कारण विस्थापित ग्रामीण किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, राहत राशि, फसल बीमा, लाड़ली बहना राशि तथा क्षति होने पर मुआवजा राशि नहीं मिल पा रही है? इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ग) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व से विस्थापित ग्राम जो राजस्व क्षेत्र में बसाये गये हैं इन्हें कब तक राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया जायेगा समय-सीमा बताई जायें? साथ ही इनके रिकार्ड भी कब तक पोर्टल पर सुधारे जायेंगे? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जायें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर अन्तर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के 21 वनग्रामों के ग्रामीणों को उनकी सहमति अनुसार तहसील बाबई एवं सोहागपुर में विस्थापित/पुनर्वसित किया गया है। ग्रामों की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) उत्तरांश (क) के 21 वनग्रामों का विस्थापन कर इनमें से 16 ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। शेष 5 ग्रामों में से 3 ग्रामों को नया घोड़ानार, नया परसापानी एवं नया चूरना को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताव कलेक्टर नर्मदापुरम के पत्र दिनांक 30.09.2024 से आयुक्त, भू-अभिलेख ग्वालियर को भेजा गया है। नया सांकई ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्षेत्र संचालक, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम के पत्र दिनांक 07.12.2023 से कलेक्टर, नर्मदापुरम को प्रेषित किया गया है। मालनी ग्राम कक्ष क्रमांक पी-190 एवं पी-188 (रकबा 35 हेक्टे.) के निर्वनीकरण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। विस्थापित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, राहत राशि, फसल बीमा, लाड़ली बहना राशि एवं प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि दिलाने की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की जाती है, इस हेतु क्षेत्र संचालक, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम के पत्र दिनांक 19.04.2023 से तहसीलदार, सोहागपुर/माखननगर (बावई) को लेख किया गया है। (ग) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व से विस्थापित ग्रामों को राजस्व क्षेत्र में नहीं बसाया गया हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी क्षेत्रों के विकास हेतु राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
46. ( क्र. 1165 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों के विकास हेतु वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आवंटित हुई है? जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) मण्डला जिले में उक्त आवंटित राशि में से कितने एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं प्रत्येक निर्माण कार्य में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? वर्षवार एवं कार्यवार जानकारी प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ“ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब“ अनुसार है।
बजट एवं योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
47. ( क्र. 1312 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा जिला आगर-मालवा को वर्ष 2023-24 व वर्ष 2024-25 में किन किन योजनाओं में कितना बजट प्रदान किया तथा विभाग द्वारा उक्त राशि का भुगतान किस-किस कार्यों हेतु किन-किन संस्थाओं एवं कम्पनियों को किया गया, वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) क्या शासन की योजनानुसार किसानों को परीक्षणोपरांत प्रमाणीकृत शंकर बीज, की पर्याप्त उपलब्धता समय पर कराई जा रही है। वर्ष 2023-2025 तक कहाँ-कहाँ और कितने किसानों को किस-किस प्रजाति के प्रमाणीकृत बीज वितरित किये गये तथा कितने किसानों को उद्यानिकी विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं हेतु अनुदान दिया गया विकासखण्डवार किसानों के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ग) जिला आगर-मालवा अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद में संतरा की फसल को लिया गया है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा संतरे की खेती को बढ़ावा देने हेतु शासन स्तर पर या निजी स्तर पर फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किये जाने की कोई योजना है? संतरा उत्पादक किसानों के हित में विभाग की कोई योजना है यदि हाँ तो 2023 से आगर जिले के कितने किसानों को लाभ दिया गया? विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसर है। (ग) जी हाँ। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन (PMFME) योजना अंतर्गत निजी/समूह स्तर पर फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किसे जाने की योजना है। योजनान्तर्गत जिले में 01 इकाई स्थापित की गई है। जी हाँ। फल क्षेत्र विस्तार योजना संचालित है। वर्ष 2023 में आगर जिले में कुल 111 कृषकों को लाभान्वित किया गया है।
खदानों के लिये फॉरेस्ट का क्लीयरेंस
[वन]
48. ( क्र. 1348 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत मोहन कॉलरी (मोआरी माईन) भूमिगत खदान स्थित है और जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तानसी भूमिगत खदान स्थित है। दोनों ही खदानें वेकोलि कन्हान क्षेत्र के अन्तर्गत आती है, दोनों ही खदानों में फॉरेस्ट विभाग से परमिशन नहीं मिलने के कारण वेकोलि प्रबंधन द्वारा कोयले का उत्पादन बंद कर दिया गया है। जबकि दोनों ही खदानों में कई मिलियन टन कोल रिजर्व है। जिससे सरकार को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है खदानों को बंद कर खदानों में कार्यरत वेकोलि कामगारों को अन्य खदानों में स्थानांतरित किया जा रहा है एवं ठेकेदारी कामगारों को कार्य से बंद कर दिया गया है। जिसके कारण कामगार एवं उनका आश्रित परिवार छोटे-बड़े व्यापारी एवं स्थानीय निवासी प्रभावित हो रहे हैं और सरकार को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है। उपरोक्त संबंध में राज्य सरकार द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है, क्या राज्य सरकार सहयोग कर केन्द्र सरकार से फॉरेस्ट की परमिशन दिलाकर दोनों ही खदानों को सुचारू रूप से संचालित कराने हेतु कार्यवाही करेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक राज्य सरकार द्वारा सहयोग कर कार्यवाही कराते हुये केन्द्र सरकार से फॉरेस्ट का क्लीयरेंस कराकर दोनों ही खदानों में पुनः कोयले का उत्पादन प्रारम्भ कराकर खदानों को पूर्व की भांति संचालित करा दिया जायेगा ताकि मजदूरों को कार्य मिल सकें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) कन्हान क्षेत्र डुंगरिया में मोआरी माईन परियोजना भूमिगत खदान के प्रकरण में भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा चाही गई जानकारी नोडल अधिकारी, वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के पत्र दिनांक 16/07/2024 से प्रेषित की गई तथा पत्र दिनांक 24/01/2025 से स्मरण कराया गया है, प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार स्तर पर है। तानसी भूमिगत कोयला खदान के संबंध में भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के पत्र दिनांक 29.11.2023 से 05 बिंदुओं की जानकारी चाही गई है, जो आवेदक संस्था वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड से अप्राप्त है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार क्रमशः भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने तथा आवेदक संस्था वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड से जानकारी प्राप्त होने के उपरांत ही आगामी कार्यवाही सम्भव है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रिक्त वन भूमि निजी हाथों में सौंपी जाना
[वन]
49. ( क्र. 1380 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रिक्त वन भूमि पर वन आच्छादित करने के लिए निजी हाथों में देने की सरकार की कोई योजना है यदि हाँ तो आलोट विधान सभा क्षेत्र की रिक्त वन भूमि हितग्राहियों को कैसे उपलब्ध होगी, इसकी प्रक्रिया क्या रहेगी। (ख) वन भूमि प्राप्त करने के लिए कृषक अथवा हितग्राही को कब तक आवेदन करना पड़ेगा। (ग) क्या वन भूमि देने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन कोई योजना वर्तमान में स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राप्त बजट एवं निर्माण कार्य की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
50. ( क्र. 1381 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजाति कार्य विभाग जबलपुर को विगत 5 वर्षों में राज्य केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार प्राप्त राशियों से बरगी विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य किन-किन एजेंसियों द्वारा कराये गये? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2024 से प्रश्नांश दिनाँक तक किन-किन पंचायतों में उक्त मद से कार्य कराये जाने हेतु पत्र लिखे गये? इन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कितने कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने कार्य प्रस्तावित हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न वसूली पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 1408 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत तहसील करैरा एवं तहसील नरवर में कितनी उचित मूल्य की दुकानें को स्कोर सेल्स पर कार्य कर रही हैं? (ख) वर्ष 2020-2021 से किन-किन दुकानों पर कितना-कितना खाद्यान्न आवंटित किया गया? मात्रा सहित दुकानवार जानकारी दें। (ग) क्या आवंटित शेष खाद्यान्न में से कितना खाद्यान्न शेष रहा है? दुकान एवं सेल्समैन सहित जानकारी दें। (घ) तथा शेष खाद्यान्न की सेल्समैन से वसूली की गयी है, अगर नहीं की गयी तो क्यों? क्या कोई कार्यवाही हुई बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :(क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 अंतर्गत प्रावधानित सहकारी संस्थाओं एवं महिला स्व-सहायता द्वारा उचित मूल्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। उचित मूल्य दुकानों से राशन वितरण हेतु विक्रेता की नियुक्ति की कार्यवाही संस्था द्वारा की जाती है। उचित मूल्य दुकानों पर स्कोर सेल्स के रूप में विक्रेता नियुक्त करने एवं कार्य करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) करैरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तहसील करैरा एवं तहसील नरवर में संचालित उचित मूल्य दुकानों पर वर्ष 2020-2021 से दुकानवार आवंटित खाद्यान्न सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) उचित मूल्य दुकानवार आवंटित खाद्यान्न सामग्री में से वितरण पश्चात शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) उचित मूल्य दुकान से वितरण पश्चात शेष मात्रा के समायोजन उपरांत आगामी माह के आवंटन जारी किया जाता है, इस कारण शेष मात्रा की वसूली दुकान विक्रेता से करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न विक्रय की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
52. ( क्र. 1422 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा-47 के विकासखण्ड बल्देवगढ़ एवं पलेरा में शासन की खाद्यान्न विक्रय की कितनी दुकानें कहाँ-कहाँ संचालित हैं दुकानों के नामवार, ग्रामवार एवं नगरीय क्षेत्रों की दुकानों के नामवार तथा विक्रेता, सेल्समेनों के नामवार एवं किस समूह को आवंटित है समूहों के नामवार सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें तथा सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या खरगापुर विधान सभा के ब्लॉक बल्देवगढ़ में खाद्यान्न वितरण में कैलपुरा, जिनागढ़, सूरजपुर, डारगुंवा, भेलसी में विक्रेताओं द्वारा भारी अनियमिततायें करके आम जनता को समय पर राशन नहीं दिया जाता है जबकि भेलसी के ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ को ज्ञापन पत्र देकर सेल्समैन विक्रेता को हटाये जाने की मांग की गई थी आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या कई राशन की दुकानों पर जांच के दौरान प्रकरण तैयार किये गये थे तथा स्टाफ की कमियां भी पाई गई थी वसूली शेष पड़ी है समस्त प्रकरणों वसूली की कार्यवाही क्यों नहीं की गई कारण स्पष्ट करें तथा जिन विक्रेताओं की गंभीर शिकायतें प्राप्त होती हैं उनको तत्काल हटाये जाने की कार्यवाही अभी तक कितने विक्रेताओं के विरूद्ध की गई, यदि हाँ तो जानकारी स्पष्ट करें यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या जिला मुख्यालय से कौन-कौन से समूह संचालित है तथा इन समूहों कार्य संचालित किये जाने हेतु किस सक्षम अधिकारी द्वारा कार्य दिया गया, क्षेत्रीय समूहों को राशन की दुकानें संचालित किये जाने का कार्य क्यों नहीं दिया गया, शासन के नियम क्या हैं सम्पूर्ण जानकारी एवं आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें तथा खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उनके निराकरण किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई, सम्पूर्ण जानकारी की पत्रावली से अवगत कराये तथा किन-किन विक्रेताओं के विरुद्ध कार्यवाही की गई, कितनों पर लंबित है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा अंतर्गत बल्देवगढ़ एवं पलेरा की ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार एवं नगरीय क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) खरगापुर विधानसभा के ब्लॉक बल्देवगढ़ में खाद्यान्न वितरण में कैलपुरा, जिनागढ़, सूरजपुर एवं डारगुंवा के विक्रेताओं के द्वारा राशन वितरण में कोई अनियमितता प्रकाश में नहीं आयी है। भेलसी के ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ को ज्ञापन पत्र देकर विक्रेता को हटाने की मांग की गई थी। भेलसी दुकान की जांच में भौतिक सत्यापन में गेहूं 8.40 क्विंटल, शक्कर 1.01 क्विंटल कम पायी गई। कम पायी गई राशन सामग्री की वसूली की कुल राशि 29,745 रुपये जमा कराने हेतु प्रबंधक रामलला नागरिक सहकारी समिति मर्यादित भेलसी एवं विक्रेता शासकीय उचित मूल्य दुकान भेलसी को दिनांक 21.02.2025 को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया है एवं भेलसी दुकान के विक्रेता को हटाकर अन्य विक्रेता से दुकान संचालन करने हेतु समिति के समिति प्रबंधक को लिखा गया है। (ग) जी हां। जांच में जिन दुकानों में कम सामग्री पायी गई थी उनसे वसूली हेतु अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ के द्वारा तहसीलदार को पत्र जारी किया गया है। पुन: अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 314 एवं 313 दिनांक 03.03.2025 द्वारा तहसीलदार खरगापुर एवं तहसीलदार बल्देवगढ़ को स्मरण पत्र भेजा गया है। उचित मूल्य दुकानों के विरुद्ध अनियमितता पायी जाने पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जिला मुख्यालय में कोई समूह कार्यरत नहीं है। एक बहुद्देश्यीय एवं औद्योगिक सहकारी समिति टीकमगढ़ द्वारा संचालित है जिसका संपूर्ण कार्यक्षेत्र टीकमगढ़ है। उक्त समिति को 04 उचित मूल्य की दुकानें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा आवंटित की गई हैं जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों का आंवटन मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार किया जाता है। उक्त नियंत्रण आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्राप्त शिकायतों और उनके निराकरण हेतु कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है।
आयुष्मान कार्ड बनाया जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
53. ( क्र. 1464 ) श्री आरिफ मसूद : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा भोपाल गैस पीड़ित व उनके आश्रितों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे है? क्या आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु समय-सीमा निर्धारित हैं? क्या शीघ्र-अतिशीघ्र कार्ड बनाये जाने हेतु उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित गैस पीड़ित निगरानी समिति व वरिष्ठ कार्यालय द्वारा भी निर्देशित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आयुष्मान कार्ड बनाये जाने हेतु गैस पीड़ितों व उनके आश्रितों से चाहे गए दस्तावेज/अभिलेख गैस राहत विभाग द्वारा अधिकृत की गई चिकित्सा संस्थाओं में जमा किये जाने के बावजूद उनके द्वारा जानबूझकर 2 से 4 माह पश्चात कार्ड बनाये जाने हेतु संबंधित कार्यालय को भेजा जा रहा है? क्या इसी कारण समय रहते कार्ड नहीं बन पा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन विभाग गैस पीड़ितों व उनके आश्रितों के आयुष्मान कार्ड शीघ्र बनाये जाने हेतु क्या विभाग जानबूझकर कई माह की देरी करने वाले अधिकृत गैस राहत चिकित्सा संस्थाओं के दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए आयुष्मान कार्ड एक निश्िचत समय-सीमा में बनाया जाना सुनिश्िचत करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों के आयुष्मान कार्ड बनाने का निर्णय लिया गया है),समय-सीमा नियत नहीं है, कार्ड बनाये जा रहे है, जी नहीं। (ख) जी नहीं। संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय, गैस राहत, भोपाल द्वारा प्रतिमाह गैस पीड़ितों का डाटा एकत्रित कर आयुष्मान कार्य बनाये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आयुष्मान भारत ''निरामयम्'' भोपाल को प्रेषित किया जाता है। कार्ड बनाने की कार्यवाही आयुष्मान भारत ''निरामयम्'', भोपाल द्वारा की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में वर्णित है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
54. ( क्र. 1530 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्रामीण नल-जल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग द्वारा जल जीवन मिशन में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखंड सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड के किन-किन ग्रामों में प्रदान की गई थी? विकासखण्ड का नाम/ग्राम का नाम एवं ग्रामों के नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना में से कितनी योजनाएं प्रश्न दिनांक पूर्ण हो गई हैं एवं कितनी शेष है? (ग) प्रश्न दिनांक तक शेष ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना की क्या अद्यतन स्थिति है? जानकारी देवें तथा शेष नलजल योजनाओं का विभाग ने निविदा उपरांत कब अनुबंध किया था? निविदा की क्या समय अवधि थी? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित योजनाओं का कार्य यदि समय अवधि में पूर्ण नहीं हुआ है? तो विभाग ने कार्य एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की है? कार्यवाही की फोटो प्रति उपलब्ध करावें। योजनाओं का कार्य कब तक पूर्ण होगा एवं समय अवधि बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, इसके अतिरिक्त प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड सागर एवं राहतगढ़ के ग्रामों में पेयजल प्रदाय हेतु मडिया, मालथौन, सानौधा-1 (मडिया) एवं सानीधा-2 (बंडा) समूह जल प्रदाय योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गई थी, इन समूह योजनाओं में सम्मिलित विकासखंडवार, ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ख) 49 एकल ग्राम नल-जल योजना पूर्ण तथा शेष 31 एकल योजनाएं प्रगति पर हैं। समूह योजनाओं के अंतर्गत सभी 04 योजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 03 अनुसार है। (घ) जी हाँ, समूह जल प्रदाय योजनाओं में अनुबंधानुसार देयकों में राशि रोकी गई है। 09 एकल योजनाओं के अनुबंध निरस्त किए गए हैं तथा शेष योजना- ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। कार्यवाही की छायाप्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। योजनाओं को पूर्ण करने की निश्िचत समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नलजल योजनाओं की अद्यतन स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
55. ( क्र. 1532 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन योजनांतर्गत समूह जल प्रदाय योजना में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में कितनी योजनाओं की स्वीकृति प्रदाय की गई थी? ग्रामवार/विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समूह जल प्रदाय योजना की प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाओं का कार्य कितने ग्रामों में पूर्ण हो गया है? कितने ग्रामों में शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित शेष नलजल योजनाओं की प्रश्न दिनांक तक क्या अद्यतन स्थिति है? शेष कार्य की पूर्णता कब तक की जाएगी? विभाग द्वारा कार्यपूर्णता कब तक किया जाएगा? ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) क्या समूह जल प्रदाय योजना में नरयावली विधानसभा क्षेत्र के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड के सभी ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? यदि नहीं तो शेष या छूटे हुए ग्रामों को समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित करने के लिए विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) मडिया, मालथौन, सानौधा-1 (मडिया) एवं सानौधा-2 (बंडा) समूह जल प्रदाय योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गई है। योजना में सम्मिलित विकासखंडवार, ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- के प्रपत्र 02 अनुसार है। (घ) मडिया, मालथौन, सानौधा-1 (मडिया) एवं सानौधा-2 (बंडा) समूह जल प्रदाय योजनाओं में नरयावली विधानसभा के 156 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन के अनुसार 20 परिवार से कम आबादी, डेम के डूब क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित हो गए ग्रामों को समूह योजनाओं में सम्मिलित नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
बागवानी फसलों की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
56. ( क्र. 1536 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बागवानी फसलों पर जलवायु परिर्वतन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने एवं उपयुक्त सूखा सहिष्णु, गर्मी प्रतिरोधी फसल प्रजातियों के अनुसंधान और विकास में निवेश के लिए सरकार द्वारा कोई कदम उठाये गये है? क्या कोई योजना वर्तमान में संचालित है? (ख) बागवानी फसलों की कटाई के बाद नुकसान को कम करने और बागवानी करने वाले किसानों के लिए बाजार पहुँच में सुधार करने हेतु कोल्ड स्टोरेज, पैकहाउसी तथा परिवहन नेटवर्क के उन्नयन और विस्तार के लिए सरकार द्वारा कोई पहल की है? अगर हाँ तो बताएं नहीं तो क्यों नहीं? (ग) खरगोन जिले में विगत 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को पॉली हाउस एवं नेट हाउस प्रदान किए गये है? वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? क्या लाभान्वित किसानों को सब्सिडी दे दी गई है? अगर हाँ तो विधानसभावार, किसानवार जानकारी नहीं तो क्यों नहीं प्रदान की गई?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) बागवानी फसलों पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए संरक्षित खेती योजनान्तर्गत मध्यप्रदेश शासन एवं भारत सरकार द्वारा संचालित संरक्षित खेती योजना अंतर्गत कृषकों द्वारा प्रक्षेत्र पर शेडनेट हाउस एवं पॉली हाउस का निर्माण कार्य अनुदान सहायता से कराया जाता है। योजना वर्तमान में संचालित हैं। (ख) बागवानी फसलों की कटाई के बाद फसल नुकसान को कम करने के लिए फसल प्रबंधन योजनान्तर्गत कृषकों द्वारा अनुदान सहायता से कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस का निर्माण कराया जाता है, जिससे फसल उत्पाद को लम्बे समय तक भंडारण किया जा सकें। (ग) जिले में वर्ष 2021 से आज दिनांक तक कृषकों द्वारा अनुदान सहायता से 24 नेट हाउस व 02 पॉली हाउस का निर्माण कार्य किया है, जिनकी स्थिति क्रियाशील है तथा बागवानी फसलों के लिए उपयोग किये जा रहे हैं। लाभान्वित कृषकों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सामाजिक योजनाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
57. ( क्र. 1537 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में वृद्धा, विधवा, विकलांग, कल्याणी सहायता, मुख्यमंत्री अविवाहिता और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेशन योजनाओं में वर्ष 2018-19 में हितग्राहियों को कितनी राशि प्रदान की जाती थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन योजनाओं में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी राशि प्रदान की जा रही है? (ग) खरगोन जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनान्तर्गत कितने हितग्राही अपात्र हुए है? अगर हाँ तो अपात्र होने के कारण सहित खरगोन जिले के अपात्र हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी दें? (घ) वर्ष 20218 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में उच्च शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने स्वीकृत हुए हैं,? कितने शेष हैं? शेष का कारण सहित विवरण।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं यथा वृद्धा, विधवा, विकलांग, कल्याणी सहायता एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 300/- प्रति हितग्राही प्रतिमाह पेंशन प्रदाय की जा रही थी। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनाओं में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 600/- के मान से प्रति हितग्राही प्रतिमाह पेंशन प्रदाय की जा रही है। (ग) खरगोन जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनातंर्गत कुल 1077 प्रकरण अपात्र पाये गये। कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– अ अनुसार है। (घ) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में उच्च शिक्षा प्रोत्साहन हेतु 17 आवेदन एवं मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजनातंर्गत हेतु 10 आवेदन इस प्रकार कुल 27 आवेदन प्राप्त हुये हैं जिनमें से उच्च शिक्षा प्रोत्साहन में 17 एवं मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन में 10 स्वीकृत हुये हैं। किसी पात्र दिव्यांग आवेदक का आवेदन स्वीकृति हेतु शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ब अनुसार है।
जल निगम द्वारा पाइप-लाइन बिछाने का कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
58. ( क्र. 1544 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल-जीवन मिशन के तहत पाइप-लाइन बिछाने के कार्य की गाइड-लाइन की प्रति देवें। (ख) जल निगम किस विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहा है, क्या पाइप-लाइन डाले जाने के पूर्व संबंधित विभागों जैसे लोक निर्माण विभाग, मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम या मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क अभिकरण से पाइप-लाइन बिछाने से पूर्व अनुमति प्राप्त की गई है? यदि हाँ तो धार जिले के किन-किन विभागों से अनुमति ली गई। विभागों द्वारा अनुमति हेतु क्या शर्तें दी गई हैं और पाइप-लाइन बिछाने के दौरान क्या सड़कों की खुदाई के समय उन शर्तों का पालन किया जा रहा है? सड़कों के हार्ड शोल्डर पर खुदाई करने का क्या कारण है, इस अमानक-स्तर की खुदाई से सड़क की मूल संरचना को गंभीर क्षति पहुंची है और बिना दबाई किए रिफिलिंग किए जाने भारी वाहन फंसकर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। (ग) क्या जल निगम पाइप-लाइन डालने के पूर्व लेआउट डालकर संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त करता है? प्रायः देखा गया है निर्माण एजेंसी देर रात पाइप-लाइनों के लिए खुदाई करती हैं, यदि लेआउट संबंधित विभागों से अनुमोदन के बिना कार्य हो रहा है तो इसके लिए कौन दोषी है तथा संबंधित विभागों द्वारा आपत्ति के बावजूद मनमानी तरीके से कार्य जारी रखा गया है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग। जी हॉं। मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, जी हां। अन्य जगह उपलब्ध न होने के कारण। जी नहीं, शोल्डर रिपेयरिंग मानक अनुसार की जा रही है। (ग) जी हॉं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नागदा में एसिड युक्त टैंकर धोने का कार्य अवैध तरीके से किया जाना
[पर्यावरण]
59. ( क्र. 1553 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा में एसिड युक्त टैंकर धोने का कार्य विगत कई वर्षों से अवैध तरीके से किया जा रहा है और टैंकर धोने के बाद एसिड को तालाब में या अन्य कई जल स्त्रोतों के निकट ढोल दिया जाता है इस विषय में प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में भी प्रश्न किये गये है और इस सन्दर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से भी समय-समय पर अवगत करवाया जाता रहा है। (ख) क्या इस प्रकार का अवैध तरीके से एसिड टैंकर धोने के लिए ये लोग अधिकृत है जो इस प्रकार व्यवसाय नागदा में करते है साथ ही वेस्ट मटेरियल को जमीन में डंप भी करते है क्या इनके पास किसी प्रकार की शासन द्वारा दी गयी अनुमति है? (ग) इस प्रकार अवैध टैंकर धोने वालो के विरुद्ध आज तक क्या कार्यवाही की गयी और नहीं की गयी तो क्यों कार्यवाही नहीं हुई? (घ) क्या किसी पीने योग्य तालाब और उपजाऊ कृषि भूमि के पास इस प्रकार के केमिकल और एसिड का व्यवयास करने के लिए शासन द्वारा अनुमति दी जाती है? (ड.) क्या शासन द्वारा इसके आसपास के क्षेत्र की मिट्टी का परीक्षण किया आज तक कितनी बार किया गया है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हां। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इस तरह की अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ड.) जी हाँ। दो बार।
केमिकल उद्योग और लैंक्सेस उद्योग के निरीक्षण और मापदंडों की जानकारी
[पर्यावरण]
60. ( क्र. 1555 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है यहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय हाउसिंग बोर्ड कालोनी नागदा में संचालित होता था वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? (क) यदि यह बंद है तो कब से एवं क्यों बंद किया गया है? (ख) नागदा में केमिकल उद्योग और लैंक्सेस उद्योग जैसे बड़े केमिकल उद्योग है और क्षेत्र में कुछ छोटे लघु केमिकल संबंधित भी उद्योग चल रहे हैं इनके द्वारा शासन द्वारा निर्धारित मापदंड का पालन हो इसके लिए समय-समय पर इनके निरीक्षण की क्या प्रक्रिया या व्यवस्था है? (ग) इन उद्योगों के द्वारा भूमि, पानी, नदी और वायु को लगातार दूषित कर जन जीवन प्रभावित किया जा रहा है लैंक्सेस उद्योग तो लगातार आवासीय कॉलोनी व बस्ती जो मेहतवास है वही पर उद्योग अपना विस्तार करता जा रहा है जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है इसके लिए आमजनों द्वारा व पत्रकारों द्वारा कई बार शिकायतें प्रशासन को की गई है बीते एक वर्ष में शासन द्वारा इस पर कोई कार्रवाई की गई है क्या यदि की गयी और नहीं की गयी तो क्यों नहीं की गयी?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्तमान में कार्यालय संचालित है। (ख) सम्मति/नवीनीकरण/प्राधिकार/क्षमता विस्तार आवेदन के समय उद्योगों का निरीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त शिकायत प्राप्त होने पर भी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। नागदा में रियल टाईम मॉनिटरिंग सिस्टम की भी स्थापना कराई गई है। (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योगों को शून्य निस्त्राव की शर्त के साथ सम्मति जारी की गई हैं। सम्मति शर्तों के अनुपालन में उद्योगों द्वारा शून्य निस्त्राव की स्थिति सुनिश्िचत की जा रही है। मेसर्स लैंक्सेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सभी शासकीय विभागों से अनुमति प्राप्त कर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में क्षमता विस्तार हेतु सम्मति का आवेदन दिया गया जिसके आधार पर बोर्ड द्वारा दिनांक 09.08.2024 को सम्मति जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 1564 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में जल-जीवन मिशन में कितनी-कितनी लागत राशि की कौन-कौन सी पेयजल परियोजनाएं कहां-कहां कब से स्वीकृत होकर प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं? उक्त अपूर्ण परियोजनाओं में मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा कौन-कौन सी परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु कितनी समयावधि निर्धारित की गई थी? वर्तमान में कौन-कौन सा कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है? इस हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? वर्तमान में कितना कार्य शेष है व क्यों? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं तथा मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं तथा मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03, 04 एवं 05 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत योजनावार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है। प्रगतिरत समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य अपूर्ण होने का मुख्य कारण वन व अन्य विभागों से कार्य करने की अनुमति प्राप्त होने में विलंब है, समूह योजनाओं के शेष कार्य वर्ष 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
नल-जल योजना में हो रही अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
62. ( क्र. 1568 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में नल-जल योजना हर घर नल, हर घर जल" योजना को मूर्तरूप देने वृहद स्तर पर चलाई जा रही है, किंतु विभागीय उदासीनता से प्रतिफल शून्य है। उदाहरण के लिए ग्राम पंचायत बैसा जनपद-बल्देवगढ़ एवं ग्राम पंचायत बरेठी जनपद जतारा में न तो जल के स्त्रोत खोज किये गये और न ही मानक अनुसार लाइन बिछाई गई ऐसा क्यों? (ख) क्या हर घर में लोहे की टोटी स्थापित करनी थी, किंतु एक भी पंचायत में टोटी प्रतिस्थापित नहीं की गयी, जिससे प्रत्येक नल-जल वाले ग्रामों में पानी की आपूर्ति कैसे होगी? (ग) क्या नल-जल की पाइप-लाइन 1 मीटर गहरी डाली जानी थी, किंतु मात्र 6 इंची से एक फिट तक डाली गयी है। जिससे लाइन क्षतिग्रस्त हो रही है? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने अनेकों शिकायतें प्रश्नांश (ख) व (ग) में वर्णित तथ्यों पर विभाग सहित वरिष्ठ अधिकारियों व सी.एम. हेल्प लाइन में की किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई कार्यवाही न होने का कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हां, जी नहीं। ग्राम पंचायत बैसा जनपद बल्देवगढ़ में-02 नलकूप जल स्त्रोत तथा 4600 मीटर पाइप-लाइन एवं ग्राम पंचायत बरेठी जनपद पंचायत जतारा में 02 नलकूप जल स्त्रोत 5300 मीटर पाइप-लाइन निर्धारित मानक अनुसार बिछाई गई। (ख) जी, हां, प्रत्येक पंचायत के अंतर्गत ग्रामों में स्वीकृत योजना के प्रावधानानुसार घरेलू नल कनेक्शन के कार्यों में टोंटियां लगाई जा रही हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय मापदंडानुसार एवं कार्यस्थल की परिस्थिति/स्ट्रेटा अनुसार भूमिगत पाइप-लाइन बिछाने का कार्य कराया जा रहा है। लाइन क्षतिग्रस्त होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नलजल योजनाओं के कार्य विभागीय मापदंडों एवं निर्धारित गुणवत्ता के मानकों के अनुसार कराए जा रहे हैं, कार्यों का मैदानी अधिकारी सुपरविजन करते हैं, मापदण्ड अनुसार किए गए गुणवत्तापूर्ण कार्य को ही सत्यापन उपरांत भुगतान हेतु स्वीकार्य किया जाता है, प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच कराई गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 1588 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अशोकनगर में प्रश्न दिनांक तक श्री मुकुल भटनागर प्रभारी कार्यपालन यंत्री जिला अशोकनगर द्वारा कितनी बार जिला अशोकनगर में कार्यरत रहे है एवं इनके द्वारा किस-किस फर्म को कितना-कितना भुगतान किया गया है देयक एवं व्यय व्हाउचर की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में भुगतान किये गये देयकों पर सरपंच एवं सचिव की सत्यापन रिपोर्ट नहीं लगी है। यदि हाँ, तो बिना सरपंच सचिव के सत्यापन के देयकों का भुगतान कैसे कर दिया गया है यदि नहीं तो सरपंच सचिव के सत्यापन रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में किये गये भुगतान के कार्य का भौतिक निरीक्षण प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा नहीं किया गया एवं ऑफिस में बैठकर सीधे भुगतान कर दिया गया है यदि हाँ, तो प्रभारी कार्यपालन यंत्री जिला अशोकनगर पर कार्यवाही कर विभागीय जांच संस्थित की जावेगी अथवा नहीं, यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जिला अशोकनगर में प्रश्न दिनांक तक श्री मुकुल भटनागर की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड, अशोकनगर में पदस्थापना एक ही बार की गई है, जिले में पदस्थता कार्यावधि के दौरान इनके द्वारा किए गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है एवं देयक व व्यय व्हाउचर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जी हां, भुगतान किए गए देयकों पर सरपंच एवं सचिव की सत्यापन रिपोर्ट लगाए जाने का नियम/प्रावधान नहीं है, देयक का सत्यापन विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमानुसार किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, देयकों का भुगतान करने के पूर्व शत-प्रतिशत कार्यों का कार्यपालन यंत्री द्वारा भौतिक निरीक्षण अथवा सत्यापन किया जाना अनिवार्य नहीं है, मध्यप्रदेश कार्य विभाग संहिता में दिये गये प्रावधान/उत्तरदायित्वों के अंतर्गत कार्यों के समस्त मापांकन का सत्यापन करने का उत्तरदायित्व संबंधित उपखण्ड के सहायक यंत्री का है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी उपयोजना हेतु केन्द्र से स्वीकृत राशि
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 1598 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले हेतु आदिवासी उपयोजना विशेष केंद्रीय सहायता संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी गतिविधियां/कार्य केंद्र की पीएसी द्वारा स्वीकृत किये गए हैं? विस्तृत जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराएं? राज्य द्वारा भेजे गए प्रस्ताव की भी प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? उनमें से कौन-कौन से कार्य/गतिविधियों के लिए राशि जारी की गई, इन कार्यों/गतिविधियों के नाम राशि व पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) क्या संचालक संचालनालय जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाओं द्वारा पत्र क्रमांक/अनु.275 (1)/182/2024/2701, भोपाल दिनांक 14/08/2024 के माध्यम से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है कि मंडला जिले हेतु केवल वर्ष 2019-20 में ही उक्त राशि केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है एवं शेष वर्षों हेतु केंद्र सरकार से राशि प्राप्त नहीं हुई? (ग) क्या भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी द्वारा प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग म.प्र. को लिखे गए पत्र F.No. 18015/07/2019-grants (part1) दिनांक 23/08/2024 में यह स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 तक मंडला जिले के लिए गतिविधियों/कार्यों की स्वीकृति केंद्र की PAC द्वारा दी गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र में केंद्र से स्वीकृति नहीं मिलने का उल्लेख है जबकि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पत्र में केंद्र से स्वीकृति दिए जाने का उल्लेख है, दोनों पत्रों का आपस में मिलान नहीं होने के क्या कारण हैं? क्या प्रश्नकर्ता को वास्तविकता से अवगत कराया जायेगा? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र में भ्रामक/असत्य जानकारी देने के लिए संचालक के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? उक्त वर्षों हेतु केंद्र द्वारा स्वीकृत राशि मंडला जिले को कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी? (ड.) क्या वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 तक मंडला जिले हेतु केंद्र से स्वीकृत राशि का राज्य सरकार द्वारा अन्य उपयोग कर लिया गया है? यदि हाँ तो उक्त राशि कहाँ व किस कार्य व भुगतान हेतु व्यय की गई, दस्तावेजों सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं? (च) माननीय केंद्रीय जनजाति मंत्री द्वारा प्रश्नकर्ता को लिखे पत्र में बताया गया है मंडला जिले में जनजातीय संग्रहालय के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता के पत्र को मप्र राज्य सरकार से साझा किया गया है, क्या उक्त पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है, यदि हाँ तो उसमें अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय से प्रदेश हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक पीएसी द्वारा स्वीकृत गतिविधियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। राज्य द्वारा भेजे गये प्रस्तावों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। मंडला जिले हेतु स्वीकृत गतिविधियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। संचालक संचालनालय जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजनाओं के पत्र क्रमांक/अनु.275 (1)/182/2024/2701, भोपाल दिनांक 14/08/2024 के माध्यम से भेजी गयी जानकारी मंडला जिले हेतु न होकर माननीय विधायक द्वारा मंडला जिले की मंडला एवं निवास परियोजनाओं को प्रदत्त राशि के संबंध में चाही गयी जानकारी के संदर्भ में अवगत कराया गया था कि एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना मंडला एवं निवास हेतु वर्ष 2019-20 में ही उक्त राशि केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है एवं शेष वर्षों हेतु केंद्र सरकार से राशि प्राप्त नहीं हुई। (ग) जी हां। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र में मंडला जिले की एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना मंडला एवं निवास हेतु जानकारी प्रदान की गयी थी, जबकि केन्द्र के पत्र में मंडला जिले को राशि से संबंधित जानकारी दी गयी है। मंडला जिले में विभागों अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के लिये विभागों/क्रियान्वयन एजेन्सियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं अन्य वर्षों में भी राशि प्रदान की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जी हां। भारत सरकार द्वारा मंडला जिले में जनजातीय संग्रहालय के निर्माण के संबंध में कोई निर्देश एवं आवंटन जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था भोपाल को प्राप्त नहीं हुआ है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 1599 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना से मंडला जिले हेतु जारी राशि से स्वीकृत कार्यों के लिए समिति सदस्य के रूप में प्रश्नकर्ता व अन्य दो विधायकों के अनुमोदन हस्ताक्षर लिए बिना कार्यों की स्वीकृति जारी कर दी गई? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो अनुमोदन दस्तावेजों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? अनुसूचित जाति जनजाति बस्ती विकास योजना से सम्बंधित नियमावली उपलब्ध कराएं? (ख) सदन दिनांक 20/12/2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1687 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को डीसी के बालाघाट जिले से सम्बंधित प्रकरण के नोटिस व उत्तर प्रदाय किया गया है जबकि प्रश्नकर्ता का प्रश्न मंडला जिले से सम्बंधित था, कृपया मंडला जिले संबंधित की गई कार्यवाही से अवगत कराएं? नियम विरुद्ध आदेश करने को लेकर विभाग के संभागीय उपायुक्त संभाग जबलपुर के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? इनके आदेश से मंडला जिले के कितने शिक्षक आज भी जबलपुर जिले में कार्यरत हैं? (ग) संभागीय उपायुक्त जबलपुर द्वारा वर्ष 2024-25 में किये गए उच्च पद प्रभार के संभाग अंतर्गत सभी जिलों के सभी आदेशों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? संशोधित आदेशों की भी प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? संबंधित जिलों में आदेश के पूर्व जो काउंसलिंग की गई थी उसमें संबंधित कर्मचारियों द्वारा भरे गए फॉर्म की प्रतियाँ भी उपलब्ध कराएं? क्या यह सही है कि काउंसलिंग फॉर्म में कर्मचारियों द्वारा जो विकल्प भरे गए थे उनमें स्थान रिक्त होने के बाद भी पदस्थापना नहीं की गई? क्या मुख्य आदेश किये जाने के बाद अलग-अलग संशोधित आदेश जारी किये गए? क्या इसकी जाँच करवाई जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जनजाति योजनान्तर्गत कार्यों की स्वीकृति हेतु जिला स्तर पर गठित समिति के अध्यक्ष माननीय प्रभारी मंत्री के अनुमादेन से कार्यों को स्वीकृत किया गया, अत: कोई दोषी नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना से संबंधित नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अपितु तारांकित प्रश्न क्रमांक 1687 के प्रश्नांश (ग) के अंश भाग में प्रश्न किया गया है कि ''क्या यह सही है, क्या अब भी मण्डला जिले के कुछ शिक्षक जबलपुर जिले में कार्यरत है''। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। श्री जे.पी. सरवटे, संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर संभाग जबलपुर को जारी किये गये कारण बताओ सूचना पत्र का उत्तर सम्बन्धित से प्राप्त हो चुका है। इनके आदेश से वर्तमान में मण्डला जिले का कोई शिक्षक जबलपुर जिले में कार्यरत नहीं है। (ग) आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। संशोधित आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे प्ररिशिष्ट 'स' अनुसार है। कांउसिलिंग के फार्म पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। जी नहीं। प्रकरण का परीक्षण कराया जाकर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
कान्हा टाईगर रिजर्व को प्राप्त राशि
[वन]
66. ( क्र. 1603 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्हा टाईगर रिजर्व को राज्य/केन्द्र सरकार की योजना एवं पर्यटन से राशि प्राप्त होती है? (ख) हाँ तो कान्हा टाईगर रिजर्व के कोर एवं बफर जोन वनमंडल में वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत के कराये गये? किन-किन सामग्री/उपकरण का किस-किस एजेंसी से किस-किस दर पर कितनी-कितनी खरीदी किया गया? निर्माण कार्य में प्रयुक्त मशीनरी, मजदूरी भुगतान की जानकारी, कार्यवार एवं सामग्रियों/उपकरणों की खरीदी हेतु बुलाई गई निविदा में शामिल होने वाले फर्म/एजेंसी का नाम एवं दर, सफल निविदाकार का नाम एवं स्वीकृत दर की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या चैन लिंक फेंसिंग/सोलर पैनल/अन्य सामग्री की गुणवत्ता जांच कराई गई? हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हां। (ख) कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर एवं बफर जोन वनमण्डल में वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक निम्नानुसार राशि प्राप्त हुई है:-
योजना का नाम |
वर्ष 2022-23 |
वर्ष 2023-24 |
वर्ष 2024-25 |
कैम्पा मद |
41563905 |
109843493 |
139777993 |
3730-वन्यजीव पर्यावास का समन्वित विकास |
104319720 |
119390610 |
95238000 |
4342-वन अधोसंरचना का सुदृढीकरण |
0 |
3206000 |
8370000 |
विकास निधि मद |
131139815 |
162080126 |
148273335 |
7680-संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को लाभांश का प्रदाय |
0 |
0 |
5770000 |
कुल योग |
277023440 |
394520229 |
397429328 |
प्राप्त राशि से कराए गए निर्माण कार्यों की जानकारी, निर्माण कार्य में प्रयुक्त मशीनरी, मजदूरों की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। क्रय की गई सामग्री/उपकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। सामग्रियों/उपकरणों की खरीदी हेतु बुलाई गई निविदा में शामिल होने वाले फर्म/एजेंसी का नाम, सफल निविदाकार का नाम एवं स्वीकृत दर की प्रति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ग) समस्त निर्माण कार्यों में प्राप्त सामग्री की गुणवत्ता हेतु निविदाकार से आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त किए जाते हैं एवं सामग्री प्राप्त होने के उपरांत सक्षम स्तर के अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय अनियमितता पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
67. ( क्र. 1606 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल जीवन मिशन योजना के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) द्वारा पानी को साफ करने के लिए खरीदे सिल्वर आयोनाइजेशन वाटर डिसइन्फेक्शन इक्विपमेंट खरीदे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितनी राशि के कितने उपकरण खरीदे गये हैं? (ग) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) द्वारा पानी को साफ करने के लिए खरीदे सिल्वर आयोनाइजेशन वाटर डिसइन्फेक्शन उपकरण को आई.आई.टी. चेन्नई की रिपोर्ट में पेयजल को कीटाणु मुक्त (डिसइंफेक्टेड) और साफ करने में प्रभावी नहीं पाया गया है? (घ) यदि हाँ तो ऐसे उपकरण क्यों खरीदे गये जो साफ करने में प्रभावी नहीं हैं? (ङ) उपरोक्त गुणवत्ता के उपकरण खरीदने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (च) इस खरीद में कितनी राशि का नुकसान हुआ है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आई.आई.टी. चेन्नई की रिपोर्ट अनुसार इलेक्ट्रोक्लोरीनेशन उपकरण का परीक्षण किया गया है, न कि सिल्वर आयोनाइजेशन वॉटर डिसइन्फेक्शन उपकरण का तथा इस रिपोर्ट में सिल्वर आयोनाइजेशन वॉटर डिसइन्फेक्शन उपकरण के पेयजल को कीटाणु मुक्त और साफ करने में प्रभावी न पाये जाने के संबंध में कोई अनुशंसा नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) भारत सरकार की विषय विशेषज्ञ संस्था "राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्था'', नीरी (सीएसआईआर), नागपुर द्वारा सिल्वर आयोनाइजेशन वाटर डिसइन्फेक्शन उपकरण के संबंध में किए गए परीक्षण में इन उपकरणों के वाटर डिसइन्फेक्शन में प्रभावी/उपयुक्त पाये जाने पर '' नीरी'' नागपुर द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर इनका उपयोग किया गया है, साथ ही इस तकनीक/उपकरण को भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा भी सूचीबद्ध/अनुमोदित किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) उत्तरांश (ग) एवं (ङ) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धरमपुरी विधानसभा में जल निगम के कार्यों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 1623 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में जल निगम द्वारा पेयजल हेतु अपर नर्मदा और लोवर नर्मदा परियोजना का कार्य प्रगतिरत है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त दोनों ही योजना की तकनीकी स्वीकृति की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ग) उक्त योजना का प्रश्न दिनांक तक कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है और कितने प्रतिशत राशि का भुगतान किया गया है व किस-किस कार्य का भुगतान किया गया है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार निरीक्षण करने के दौरान यह पाया गया है कि उक्त कार्य की मापदंड अनुसार पाइप-लाइन की खुदाई नहीं की जा रही है और लेवल भी नहीं किया जा रहा है? इस दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा अधिकारी को जांच हेतु अवगत कराया गया था? लेकिन अधिकारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक जांच नहीं की गई है? (ड.) इन कार्यों की प्रश्नकर्ता समक्ष उच्च स्तरीय जांच की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हां। (ख) अपर नर्मदा एवं लोअर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजनाओं की डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जी नहीं, समस्त कार्य अनुबंधानुसार मापदण्डानुसार संपादित कराये जा रहे हैं। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनवृत्त में निजी भूमि का अर्जन
[वन]
69. ( क्र. 1626 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल वनवृत्त के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा के तहत निजी भूमि के कितने रकबे का प्रकरण किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष लंबित है? (ख) धारा 11 के आदेश हेतु लंबित भूमि को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में भा.व.अ. 1927 की किस धारा में दिए, किस प्रावधान के अनुसार किसके आदेश से शामिल की गई है या किसकी अनुमति से शामिल की गई है? (ग) निजी भूमि से संबंधित राज्य मंत्रालय ने पत्र क्रमांक 774/एफ-25.08/2015/10-3, दिनांक 1 जून 2015 एवं पत्र क्रमांक एफ 25-08/2015/10-3, दिनांक 4 जून 2015 में क्या-क्या निर्देश दिए हैं? उनका पालन किए जाने के संबंध में वन मुख्यालय ने शहडोल वनवृत्त एवं वन मंडलों को क्या-क्या निर्देश किस-किस दिनांक को दिए? (घ) निजी भूमि को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वन कक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र तथा संरक्षित वन के आंकड़ों से कब तक पृथक कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) शहडोल वनवृत्त के अंतर्गत निजी भूमि के 4249.726 हेक्टेयर रकबे का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सह पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी ब्यौहारी, सोहागपुर, अनुपपूर एवं बांधवगढ़ के पास भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 के तहत जांच की अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया में है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 के अनुसार वर्णित प्रावधानों के तहत धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमि को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में शामिल की गयी है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 1 जून 2015 समस्त कलेक्टर एवं 4 जून 2015 समस्त आयुक्त मध्यप्रदेश को क्रमशः आरक्षित वनखंडों का गठन एवं आरक्षित तथा संरक्षित वनखंडों की सीमा विवाद के निराकरण के लिये निर्देश दिये गये हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी उक्त निर्देश पत्र में है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन उक्त निर्देश के उपरांत वन मुख्यालय द्वारा पुनः निर्देश जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सह पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारियों द्वारा जांच की अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्भर है।
निजी भूमि का अर्जन
[वन]
70. ( क्र. 1627 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग के अंतर्गत आने वाले किस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष 1988 में अधिसूचित किस वनखण्ड में शामिल कितनी भूमि का धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित हैं, इससे किस ग्राम के किस किसान की कितनी-कितनी निजी भूमि का अर्जन करना प्रस्तावित है? (ख) निजी भूमि के संबंध में राज्य मंत्रालय वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 25.08/2015/10-3 दिनांक 4 जून 2015 एवं मुख्य सचिव ने पत्र क्रमांक 774/एफ-25-08/2015/10-3, दिनांक 1 जून को किस-किस धारा का उल्लेख कर क्या-क्या निर्देश दिए हैं? उसके अनुसार अनुविभागीय अधिकारियों ने किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है? (ग) निजी भूमि को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में किस प्रावधान के तहत किसकी अनुमति या आदेश से सम्मिलित किया है? प्रति सहित बतावें। (घ) निजी भूमि का अर्जन का प्रकरण निरस्त कर निजी भूमि को वर्किंग प्लान एवं संरक्षित वन के आंकड़ों से कब तक पृथक करवाया जावेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। ग्रामवार किसान एवं भूमि का रकबा जिसका अर्जन प्रस्तावित है, का कोई प्रस्ताव वन व्यवस्थापन अधिकारी से प्राप्त न होने के कारण बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित परिपत्रों में दिये गये निर्देशों का पालन अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन की कार्यवाही अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) रीवा राज दरबार की अधिसूचना दिनांक 08.02.1937 से शहडोल संभाग के आरक्षित वन, निजी भूमि व म्यूनिसिपल क्षेत्र को छोड़कर शेष सभी क्षेत्र संरक्षित वन घोषित किये गये है, जिसमें कोई राजस्व क्षेत्र नहीं था। उक्त अधिसूचना जारी होने के पश्चात वन एवं राजस्व विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से पटवारी मानचित्रों में प्रस्तावित वनखंडों को रेखांकित किया जाकर वनभूमि का सर्वे किया जाकर धारा-4 में अधिसूचित किया गया। वनखंड बनाते समय कुछ निजी भूमि ऐसी भी जो कि चारों ओर वन से घिरी थी व उसे वन के बाहर छोड़ना संभव नहीं था, अत: उन्हें भी वनखंड में इस आशय के साथ शामिल किया गया कि कालान्तर में उनका अधिग्रहण कर लिया जावेगा। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तांश (क) अनुसार। वन व्यवस्थापन की कार्यवाही अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत होने से समय-सीमा बताय जाना संभव नहीं है।
वन भूमि का संरक्षण
[वन]
71. ( क्र. 1628 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन संरक्षण अधिनियम के तहत गैर वानिकी कार्य के प्रकरणों में प्रभावित वन भूमि के बदले गैर वनभूमि प्राप्त किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. और उसे संरक्षित वन भूमि अधिसूचित किया जाना आवश्यक है? (ग) यदि हाँ तो म.प्र. के किस-किस वनमण्डलों में ऐसी परियोजनाओं में प्रभावित वन भूमि के विरूद्ध प्राप्त गैर वन भूमि अब तक संरक्षित अधिसूचित नहीं हो सकी और उन पर क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण संपन्न हुआ कि नहीं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निःशक्त एवं दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु पार्क निर्माण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
72. ( क्र. 1637 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में निःशक्त एवं दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु कोई पार्क निर्माण का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ तो इस हेतु कितना बजट प्रस्तावित है एवं कौन-कौन से कार्य किये जाना सम्मिलित है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित पार्क निर्माण हेतु कोई भूमि चिन्हित कर ली गई है? यदि हाँ तो कितनी और कहाँ पर निर्माण किया जाना है एवं प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) उक्त पार्क में कौन-कौन सी गतिविधियाँ समाहित की जायेंगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) भारत सरकार के पत्र क्रमांक 16-4/2023/SIPDA (E-26480) दिनांक 24/12/2024 द्वारा पार्क निर्माण के संबंध में प्रस्ताव चाहा गया है। जिसके लिए कलेक्टर जिला सागर को लिखा गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नहाल जाति एवं नाथ जाति की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
73. ( क्र. 1659 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में नहाल और निहाल जाति के लोग निवासरत् हैं। दोनों जातियों के लोगों में आचार-विचार, व्यवहार एवं आपस में बेटी व्यवहार भी है। म.प्र. की अनुसूचित जनजाति की सूची में निहाल जाति अनुक्रमांक 27 पर अंकित है परन्तु नहाल जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति में शामिल क्यों नहीं किया गया है? (ख) हरदा जिले में कालवेलिया, सपेरा और नाथ जाति के लोग निवासरत् हैं। तीनों जातियों के लोगों के आचार-विचार, व्यवहार एवं आपस में बेटी व्यवहार भी है। म.प्र. की अनुसूचित जाति की सूची में कालवेलिया और सपेरा जाति अनुक्रमांक 41 पर अंकित है परन्तु नाथ जाति के लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल क्यों नहीं किया गया है? (ग) नहाल जाति को अनुसूचित जनजाति एवं नाथ जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की कोई प्रक्रिया प्रचलन में है? (घ) यदि हाँ तो कब तक नहाल जाति को अनुसूचित जनजाति एवं नाथ जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया जावेगा, जिससे कि उक्त जाति के लोगों को भी शासन द्वारा दी जाने वाली समस्त शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल सके। (ड.) यदि नहीं तो इसका क्या कारण है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 पर्व 2002 के तहत भारत सरकार द्वारा म.प्र. राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमांक 27 पर कोरकू के साथ निहाल जाति संपूर्ण म.प्र. के लिये अनुसूचित जनजाति अधिसूचित है जबकि नहाल जाति म.प्र. राज्य पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 56 पर मानकर के साथ संपूर्ण म.प्र. के लिये पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित है। (ख) नाथ जाति आरक्षित वर्ग की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की तीनों सूचियों में से किसी भी सूची में सम्मिलित नहीं है। नाथ जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ग) जी नहीं (घ) उपरोक्त उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ड.) प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उद्यानों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
74. ( क्र. 1725 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने एवं कहाँ-कहाँ उद्यान है? स्थान व नामवार जानकारी देवें। उनके सौंदर्यीकरण हेतु शासन की क्या-क्या योजना है? योजनावार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विभाग एवं नगरपालिका बालाघाट में उद्यानों के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण हेतु वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवंटन प्राप्त हुआ है? क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? कार्य का विवरण सहित स्वीकृत आदेश, निर्देश, बजट आवंटन, आय-व्यय एवं सम्पूर्ण अभिलेख उपलब्ध करायें। (ग) बालाघाट जिले के बस स्टैण्ड में स्थित मूलना उद्यान बालाघाट की स्थिति जर्जर हो गई है। प्रशासन/नगरपालिका को बार-बार अवगत कराने पर भी उसका जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य नहीं किया जा रहा है। कब तक सौंदर्यीकरण किया जावेगा? नहीं किया जावेगा तो क्यों? इसके लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी कौन-कौन है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) विभाग द्वारा कराये गये सम्पूर्ण कार्यों की सूची वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्णता प्रमाण व प्रमाणीकरण अधिकारी का नाम, पदनाम, प्रारंभ दिनांक व कार्य पूर्णता दिनांक वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) उद्यानिकी विभाग अंतर्गत बालाघाट विधानसभा में शासकीय संजय निकुंज मोहगांव, विकासखण्ड लालबर्रा एवं शासकीय स्टेशन गार्डन बालाघाट, विकासखण्ड बालाघाट में स्थित है इनके सौंदर्यीकरण के लिये शासन की कोई भी योजना क्रियान्वित नहीं है। (ख) उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग अंतर्गत शासकीय उद्यानों में पौध उत्पादन का कार्य किया जाता है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मूलना उद्यान, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधीन संचालित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कोई कार्य नहीं कराया गया है। अत: कराये गये कार्यों की जानकारी निरंक है।
आवासीय शालाओं में क्रय की गई सामग्री की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
75. ( क्र. 1752 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र में संचालित एकलव्य विद्यालय एवं आदिवासी छात्रावासों की संख्या कितनी है? (ख) इनमें निवासरत छात्र-छात्राओं के लिए खाद्य सामग्री एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गई एवं किन-किन समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किए गए? इनकी कटिंग उपलब्ध कराई जावे। (ग) समस्त प्रक्रिया ई-टेंडर के दस्तावेज, सक्षम अधिकारी की स्वीकृति अनुमोदन के सभी दस्तावेज पृथक-पृथक संस्थाओं के उपलब्ध कराया जाए। (घ) इस प्रक्रिया के शासन द्वारा जारी आदेश-निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएँ एवं क्या चौरई विधान सभा क्षेत्र की समस्त आदिवासी छात्रावासों एवं एकलव्य विद्यालय में शासन के नियमों के अनुसार ई-टेंडरिंग प्रक्रिया की गई है? (ड.) यदि नहीं तो इसकी जाँच कर दोषियों पर विभाग कोई कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र में 01 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, 01 कन्या शिक्षा परिसर एवं 12 आदिवासी छात्रावास संचालित है। (ख) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, सिंगारदीप एवं कन्या शिक्षा परिसर, बिछुआ में मेस व्यवस्था आउटसोर्स के माध्यम से संचालित है। उक्त विद्यालयों द्वारा खाद्य सामग्री क्रय नहीं की जाती है एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु GEM Portal के माध्यम से निविदा आमंत्रित की जाती है। छात्रावासों में पी.टी.ए. समिति के माध्यम से म.प्र. भण्डार क्रय नियम-2015 (यथा संशोधित 2022) अनुसार सामग्री क्रय की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट''स'' अनुसार है। जी हाँ। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में ई-टेंडरिंग की गई है। आदिवासी छात्रावासों के संदर्भ में उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता। (ड.) शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन अंतर्गत जावरा वि.स. में कराये गए कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
76. ( क्र. 1771 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत केंद्र/राज्य परिवर्तित योजनाओं के माध्यम से वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जल जीवन मिशन में अनेक कार्य किए गए तो किए गए कार्यों की बजट स्वीकृति से अवगत कराते हुए कितने कार्य पूर्ण, कितने अपूर्ण, कितने लंबित रहे तो किन कारणों से? (ख) विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों के बावजूद भी कितनी बसाहटों/ग्रामों में फिर भी जल समस्या बनी रहती है तथा अनेक स्थानों पर हैंडपंप में राइजर पाइप बढ़ाने, नवीन नलकूप खनन किए जाने से पूर्व में स्थापित नलकूप में सिंगल फेस मोटर पंप लगाए जाने तथा पूर्व से संचालित नल-जल योजना का स्रोत सूख जाने इत्यादि कार्यों के संबंध में आगामी ग्रीष्म काल को दृष्टिगत रखते हुए क्या कार्ययोजना बनाई गई? विकासखंडवार बतायें l (ग) उपरोक्तानुसार उल्लेखित प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत किए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन के साथ ही विगत वर्षों के अपूर्ण, अप्रारंभ एवं जिन ग्रामों में सीसी सड़क तोड़कर पाइप-लाइन बिछाई वहां पुनः सी.सी. कार्य किए जाने के संदर्भ में क्या-क्या किया गया? (घ) संभागीय बैठकों में नल-जल योजनाएं हैंड-ओवर हेतु समिति बनाए जाने के संबंध में विचार किया गया तो शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की तथा ब्लैक लिस्टेड हुए ठेकेदारों के विरुद्ध एवं प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) उपरोक्त अवधि में किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं थर्ड पार्टी द्वारा किये जाने के उपरांत निर्धारित मापदण्ड का होने पर ही कार्य स्वीकार किया गया है, कार्य में विलंब, कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ होने पर अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। पाइप-लाइन बिछाने के दौरान खोदी गई सड़कों को पाइप-लाइन टेस्टिंग उपरांत अनुबंध अनुसार पूर्वानुसार किया जाता है। (घ) जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में दी गई व्यवस्था एवं प्रावधान अनुसार एकल ग्राम नल-जल योजनाओं को हैंड-ओवर करने की कार्यवाही नियमित रूप से की जा रही है, प्रश्नांश के संदर्भ में उपरोक्त प्रचलित व्यवस्था के अतिरिक्त कोई अन्य समानांतर व्यवस्था बनाए जाने के संबंध में निर्देश दिए जाने की प्रासंगिकता प्रतीत नहीं होती है। ठेकेदारों की कार्य की प्रगति अत्यन्त धीमी होने की शिकायत प्राप्त होने पर अनुबंध में किये गये प्रावधान के अनुसार काली सूची में दर्ज किया जाता है, जिससे वे अन्य निविदा में भाग लेने के लिए पात्र नहीं रह जाते हैं। समूह जल प्रदाय योजनाओं को हैंड-ओवर नहीं किया जाता है। माही समूह जल प्रदाय योजना के ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड नहीं किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
शासन/विभाग की परिसंपत्तियों की जानकारी
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
77. ( क्र. 1772 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा शासन की विभिन्न विभागों की विभागीय बहुतायत से अनुपयोगी परिसंपत्तियों का निर्धारण किये जाने हेतु प्रदेश भर के साथ ही उज्जैन संभाग अंतर्गत आने वाली विभिन्न विभाग की परिसंपत्तियों का निर्धारण कर विभागीय संधारित कर उन्हें दर्ज करने का कार्य किया है? (ख) यदि हाँ तो उज्जैन संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों में जिला अंतर्गत विभिन्न विभागों की तदाशय की संपत्तियों का निर्धारण किस प्रकार किया जाकर उन्हें कहाँ पर दर्ज किया गया है? (ग) किस वर्ष में संभागीय/जिलेवार किन-किन अधिकारियों के आदेश/निर्देश पर इन्हें दर्ज कर संधारित किया तथा तत्पश्चात शासन/विभाग द्वारा किस-किस प्रकार की कार्ययोजना बनाकर किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से आगामी क्या-क्या कार्यवाही की? जिलेवार, विभागवार, वर्षवार जानकारी दें। (घ) क्या संभागीय/जिला स्तर पर विगत वर्षों में विभिन्न संस्थाओं/फर्मों/ कंपनियों अथवा व्यक्तियों या अन्य किसी और प्रकार से भी क्या विक्रय किया या किसी समयावधि का लीज निर्धारण किया अथवा कोई अन्य प्रकार का अनुबंध कर शासकीय/विभागीय संपत्तियों का हस्तांतरण किया तो किन-किन को, किस-किस विभाग के द्वारा किस-किस जिले के किन-किन स्थानों पर किन वर्षों में किया गया?
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभागों/कलेक्टरों द्वारा लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल पर प्रदेश भर की इंद्राज की गई परिसंपत्तियों के प्रबंधन/निर्वर्तन का निर्णय कार्यपालिक समिति द्वारा किया जाता है। तत्पश्चात विभाग द्वारा परिसम्पत्ति के प्रबंधन/निर्वर्तन का कार्य किया जाता है। (ख) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन पोर्टल पर इंद्राज उज्जैन संभाग की परिसंपत्तियों के प्रबंधन/निर्वर्तन का निर्णय कार्यपालिक समिति द्वारा किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। परिसम्पत्ति के निर्वर्तन/प्रबंधन संबंधी कार्यवाही में औसतन 01 वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के कारण परिसम्पत्ति को किसी विशिष्ट वर्ष में जोड़ना उपयुक्त नहीं है। इसके दृष्टिगत क्रमिक जानकारी दी गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है।
जाति प्रमाण-पत्र में विसंगति
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 1779 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला नर्मदापुरम के तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी में निवासरत धानुक, धानक एवं धनका समाज के व्यक्तियों को छोडकर अन्य जिले एवं अन्य विधानसभाओं में निवासरत धानुक एवं धनका समाज के व्यक्तियों को अनुसूचित जाति वर्ग में सम्मिलित किया जाकर जाति प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के धानक समाज के व्यक्तियों को अनुसूचित जाति वर्ग में सम्मिलित न करते हुये जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जा रहे हैं जबकि धानुक, धानक एवं धनका एक ही जाति वर्ग समुदाय के व्यक्ति हैं एवं इनके विवाह सम्बंध भी पूर्व से सम्पन्न होते चले आ रहे हैं। इसके बावजूद भी इन्हें अनुसूचित जाति वर्ग में मिलने वाले लाभ से वंचित रखा जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ में है तो क्या इस वर्ग के लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग में सम्मिलित कर जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुभाग पिपरिया अंतर्गत तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी में निवासरत 'धानुक' समाज के व्यक्तियों के अनुसूचित जाति वर्ग के जाति प्रमाण-पत्र मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक भोपाल, दिनांक 13 जनवरी 2014 के अनुसार 'धानुक' जाति मध्यप्रदेश राज्य के लिए अनुसूचित जाति की सूची में सरल क्रमांक 20 पर उल्लेखित है, के जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाने का प्रावधान है। नियमानुसार जाति प्रमाण-पत्र बनाये जा रहे है। 'धानक' एवं 'धनका' म.प्र. की अधिकृत अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित नहीं है। (ख) अनुभाग पिपरिया अंतर्गत तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी में 'धानुक' समाज के जाति प्रमाण-पत्र नियमानुसार जारी किये जा रहे हैं। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल जीवन मिशन अंतर्गत जारी लागत राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
79. ( क्र. 1802 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी लागत राशि की नल-जल योजनाओं के निर्माण की स्वीकृतियां हुई हैं? उक्त नल-जल योजनाओं में कितनी योजनाओं के कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य प्रगतिरत हैं व प्रगतिरत कार्यों के पूर्ण होने की क्या अवधि निर्धारित है? कौन-कौन से कार्य किन-किन कारणों से अपूर्ण अथवा शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे? समस्त जानकारी ग्रामवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नल-जल योजनाओं में से कितनी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण होने के उपरांत हैंडओवर किया जा चुका है तथा कौन-कौन सी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण होने के बाद भी किन कारणों से हैंडओवर नहीं हुआ है? (ग) क्या घटिया पाइप लाइन होने के कारण क्षतिग्रस्त/टूट चुकी पाइप लाइन से घरों/मोहल्लों तक पानी नहीं पहुंचने एवं ट्यूबवेल फेल होने के कारण योजना हैंडओवर नहीं हो पा रही है? यदि हाँ तो कौन-कौन सी? अवगत कराएं! (घ) विभाग के श्योपुर विधानसभा में हैण्डपम्पों, मोटर पम्पों की पर्याप्त उपलब्धता है? अगर नहीं तो विगत एक वर्ष में कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी मांग प्राप्त हुई? कितनी पूर्ण की गई? कितनी अपूर्ण है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत 149 ग्रामों की योजनाओं में से 83 ग्रामों की योजनाएं पूर्ण की गई है। पूर्ण 83 योजनाओं में से 60 योजनाएं ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की जा चुकी हैं, शेष 23 ग्रामों की योजनाओं में ट्रायल एवं टेस्टिंग कार्य प्रगतिरत है, जिसके कारण हस्तांतरण किया जाना शेष है। योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य भौतिक रूप से पूर्ण करने के बाद संबंधित ठेकेदार द्वारा योजना की टेस्टिंग तथा ट्रायल रन की अवधि में प्रकट हुई टूट-फूट, पाइप-लाइन लीकेज इत्यादि कमियों को ठीक किया जाता है। ट्रायल रन अवधि के उपरांत योजना का हस्तांतरण ग्राम पंचायत को किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 में उल्लेखित विवरण के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आवश्यकतानुसार सामग्री की उपलब्धता है। श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत एक वर्ष में 37 हैण्डपम्प एवं 144 मोटर पंपों की मांग की गई, विभाग द्वारा उक्त मांगों से संबंधित स्थानों पर विद्यमान पेयजल व्यवस्था तथा वर्तमान प्रचलित मापदंडों के अंतर्गत औचित्य के आधार पर 16 हैण्डपम्प एवं 135 मोटर पंप स्थापना के कार्य कराए गए हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
वन विभाग द्वारा विस्थापित ग्रामों की जानकारी
[वन]
80. ( क्र. 1803 ) श्री
बाबू जन्डेल
: क्या
राज्य
मंत्री,
वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
कूनो वन्य
प्राणी वन
मण्डल श्योपुर
से विस्थापित
ग्राम ताल, बागचा
को श्योपुर
विधानसभा के
ग्राम रामवाडी
में बसाया गया
है। यदि
हाँ तो कितने
परिवारों को? सूची
उपलब्ध कराएं।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
विस्थापित
परिवारों को
कितनी-कितनी भूमि
आवंटित की गई
एवं कितनी
भूमि शेष है? शेष
भूमि पर वन विभाग
के
अधिकारियों
द्वारा
मिलिभगत कर
फसल पैदा की
जा रही है? यदि हाँ
तो किस-किस के
द्वारा?
जिम्मेदार
अधिकारियों
के नाम, पदनाम
बतावें। (ग) विस्थापित
परिवारों की
सुख-सुविधा के
उपयोग के लिए
विभाग द्वारा प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन से
कार्य
कितनी-कितनी
राशि के किन-किन
कार्य
एजेन्सियों
द्वारा कराये
गये? कराये
गये निर्माण
कार्यों की
टी.एस., ए.एस., मूल्यांकन, उपयोगिता
प्रमाण-पत्र, भौतिक
सत्यापन की
जानकारी
तालिका बनाकर
दें। उक्त
विस्थापितों
पर अभी तक कुल
कितनी राशि
व्यय की जा
चुकी है?
पृथक-पृथक
कार्यवार
बताएं।
राज्य
मंत्री, वन
( श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी हाँ।
कूनो
वन्यप्राणी
वनमण्डल
श्योपुर के
अंतर्गत कूनो
राष्ट्रीय उद्यान
के अंदर आने
वाले ग्राम
बागचा को
विस्थापित कर
सामान्य वन मण्डल
श्योपुर के वन
कक्ष क्रमांक 192 एवं 193 की 421.00
हेक्टेयर वन
भूमि पर कुल 173
परिवारों को
बसाया गया है।
परिवारों की सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है।
(ख) प्रत्येक
विस्थापित
परिवार को
कृषि कार्य हेतु
1.94
हेक्टेयर एवं
आवास हेतु 0.06
हेक्टेयर कुल 02
हेक्टेयर
भूमि आवंटित
की गई है। विस्थापित
परिवारों को (2 हेक्टेयर
प्रति परिवार
के मान से) कुल 346.00 हेक्टेयर
भूमि आवंटित
की गई है। खुली
भूमि/बंजर
भूमि, सड़कें, नाला, ऊर्जावान
वृक्षारोपण
एवं तालाबों
हेतु 59.72
हेक्टेयर
भूमि आवंटित
की गई है एवं
सामुदायिक
भूमि के रूप
में 15.28
हेक्टेयर
भूमि आवंटित
है। आवंटित
हेतु शेष भूमि
न होने से शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) विस्थापित
परिवारों को
सुख-सुविधा के उपयोग
हेतु सभी
कार्य वन
विभाग द्वारा
ही कराये गये
कार्यों की
सूची, कार्यवार, व्ययवार
जानकारी तथा
टी.एस., ए.एस., मूल्यांकन, उपयोगिता
प्रमाण-पत्र, भौतिक
सत्यापन की
विस्तृत
प्रमाणित छायाप्रतियां
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है।
जल जीवन मिशन योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 1804 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कितनी लागत के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य प्रारम्भ व पूर्ण हो चुके हैं? कौन-कौन से कार्य अप्रारम्भ हैं? स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने की निर्धारित तिथि क्या है? क्या कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये जा रहे हैं? अगर नहीं तो उसका क्या कारण है? कई ठेकेदारों द्वारा कार्यों को समय-सीमा पर पूर्ण नहीं किया जा रहा है और कार्यों को अपूर्ण छोड़ दिया गया है, ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही करते हुए अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करा दिया जायेगा? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में लगभग जितने भी कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी, उन सभी स्वीकृत कार्यों में संबंधित ठेकेदारों द्वारा बहुत सारी अनियमितता बरतते हुए, लाखों रूपयों का भ्रष्टाचार कर शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया है। विभाग द्वारा उपरोक्त कार्यों की सूक्ष्मता से जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत स्वीकृत विभिन्न कार्यों में की गई अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जाँच कर कार्यवाही किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान जिलाध्यक्ष महोदय छिंदवाड़ा एवं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग परासिया को ज्ञापन पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/302 दिनांक 24.05.2024 को प्रेषित किया गया था, जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की जाँच कराई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, निर्धारित समयावधि में अनुबंधित कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध अनुबंध की शर्तों के अनुसार नोटिस दिए जाने एवं आवश्यकतानुसार दंडात्मक कार्यवाही की जाती है। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण किए जाने के लिए सतत् प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु रू. 937.22 करोड़ लागत की माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत की गई है, इस समूह योजना में परासिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सम्मिलित हैं। समूह योजना का कार्य प्रगतिरत है, जिसे दिसम्बर 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) स्वीकृत कार्यों में उपयोग की जा रही सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण केन्द्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान (सीपेट), आई.आर. क्लास (सिस्टम एंड सॉल्यूशन प्रा.लि. प्रमोटेड बाय इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग) द्वारा एवं कार्यों का निरीक्षण अनुबंधित तृतीय पक्ष (टी.पी.आई.) संस्था तथा सुपरविजन एवं गुणवत्ता नियंत्रण एजेंसी द्वारा किया जाता है। सभी कार्य विभागीय मापदंडों तथा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप कराये जाने के उपरांत ही कार्य का मापांकन किया जाकर भुगतान के लिए कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित पत्र कलेक्टर छिन्दवाड़ा के माध्यम से विभाग के स्थानीय अधिकारी को प्राप्त हुआ, तत्संबंध में सहायक यंत्री, उपखंड परासिया ने पत्र क्रमांक 265, दिनांक 08.05.2024 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व विभाग) परासिया को जानकारी प्रेषित की गई है। शेष जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
82. ( क्र. 1832 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल जिले में जल जीवन मिशन द्वारा कुल कितने कार्य संचालित हैं, इनकी लागत क्या है, शासन द्वारा पेयजल आपूर्ति बाबत् क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? इनके टेण्डर की प्रक्रिया कब पूरी की गई है, टेण्डर अनुसार अनुबंध की शर्तें क्या हैं? अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या निर्धारित की गई है की जानकारी जनपदवार व जिलेवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में विधानसभा ब्यौहारी अन्तर्गत जल जीवन मिशन के कुल कितने कार्य संचालित है? इनकी लागत क्या है? कितने ग्रामीण लोगों को पेयजल आपूर्ति कर लाभान्वित किया जा रहा है का विवरण देते हुये बतावें। अगर कार्य समय पर पूरा कर पेयजल की आपूर्ति नहीं की जा रही है, तो क्या इस पर कार्यवाही के निर्देश देंगे? बतावें। प्रति योजना लागत क्या है? यह भी जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में जयसिंह नगर के अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा एक गांव सप्लाई योजना प्रारंभ की गई है। इसमें कितने ग्रामों को चयनित किया गया है, कितनी टंकिया एवं ट्यूबवेल निर्माण कराये गये, कितने निर्माणाधीन हैं, इनके कब तक पूरा किये जाने के अनुबंध हैं एवं कितने ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण कर पंचायतों को हस्तांतरित की गई का विस्तृत विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार संचालित योजनाओं में शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई, प्रदान की गई राशि के कब-कब कितनी-कितनी राशि किन-किन संविदाकारों को किन कार्यों हेतु भुगतान की गई? जिन कार्यों हेतु राशि भुगतान की गई उनके कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? इस बाबत् शासन की योजना पूरी कर जल आपूर्ति के निर्देश क्या हैं? प्रति देते हुए बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार योजनाओं को समय पर पूरा कर पेयजल आपूर्ति नहीं कराई गई, अनुबंध की शर्तों का संविदाकारों द्वारा पालन नहीं किया गया एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार बगैर काम के भुगतान कर व्यक्तिगत हित पूर्ति संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई? इस पर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 04 अनुसार है, प्रगतिरत योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर संबंधित ग्रामों में पेयजल उपलब्ध हो जाएगा। योजनाओं के कार्य समय पर पूर्ण न होने पर अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 05 अनुसार है। (ड.) अनुबंध की शर्तों के प्रावधानानुसार संविदाकारों द्वारा कार्य किया जा रहा है, कार्य में विलंब की स्थिति में अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत ठेकेदार एजेंसियों को नोटिस, पेनल्टी, ब्लैक-लिस्ट, इत्यादि दंडात्मक कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है, कार्य के निर्धारित मापदंड व उपयुक्त गुणवत्ता अनुसार पूर्ण किए जाने पर उपयंत्री/सहायक यंत्री द्वारा मापांकन एवं कार्य का सत्यापन करने के उपरांत भुगतान की कार्यवाही की जाती है, तद्नुसार भुगतान किए गए है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोल ब्लॉक द्वारा जंगल नष्ट किया जाना
[वन]
83. ( क्र. 1848 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले में जो कोल ब्लॉक है, उनके द्वारा कितने हेक्टेयर वर्षों पुराने हरे जंगल को नष्ट किया गया है? (ख) क्या कोल ब्लॉक द्वारा नष्ट किये गये पौधों की तुलना में नियमानुसार पौधों को लगाया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ तो किन-किन स्थानों में कितने-कितने पौधे लगाये गये हैं? वर्तमान में कितने पौधे विद्यमान हैं? जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (घ) प्रश्नांश (ख) में यदि नहीं तो कब तक पौधों का रोपण किया जाकर प्रभावित क्षेत्र में स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सिंगरौली जिले में आवंटित कोल ब्लॉकों को कुल 5873.180 हेक्टेयर वन भूमि भारत सरकार द्वारा वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत कोयला उत्खनन हेतु व्यपवर्तन कर उपयोग पर देने की स्वीकृति जारी की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) जी हाँ। (ग) वन मण्डल सिंगरौली अंतर्गत कोल ब्लॉकों के एवज में कराये गये वैकल्पिक वृक्षारोपणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनांतर्गत गुणवत्ता विहीन कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
84. ( क्र. 1849 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र 78 सिंहावल अंतर्गत जिला सीधी/सिंगरौली के कितने ग्रामों में जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल का कार्य जल निगम एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को कार्यादेश दिया गया है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या नल-जल योजना के प्रगतिरत कार्य में बड़े पैमाने पर मिल रही गुणवत्ता विहीन कार्य की शिकायतों की जाँच की जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ तो कब तक जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी एवं नल-जल का कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से कब तक पूर्ण होगा? (घ) नल-जल योजना में कार्य एजेन्सियों द्वारा कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त की गई सड़कों एवं नालियों की मरम्मत कब तक पूर्ण कर सुचारू आवागमन सुलभ होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 78 सिंहावल अंतर्गत जिला सीधी के 235 तथा जिला सिंगरौली के 91 ग्रामों में जल जीवन मिशन में नल-जल योजना का कार्य हेतु जल निगम एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्यादेश दिए गए हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रगतिरत अथवा पूर्ण की गई नल-जल योजनाओं में चल रहे कार्यों के गुणवत्ता विहीन होने की कोई तथ्यात्मक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नल-जल योजनांतर्गत कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों को समतल कर आवागमन योग्य बना दिया जाता है एवं मरम्मत का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है।
ग्रामों में पेयजल की आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
85. ( क्र. 1866 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना के तहत पेयजल सुविधा उपलब्ध है? ग्रामवार जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित ग्रामों के संबंध में क्या इन ग्रामों में पूर्व से स्थापित नल-जल योजनाओं के द्वारा जनापेक्षाओं के अनुरूप पेय-जल की आपूर्ति नहीं की जा रही है? यदि हाँ तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या कुछ ग्रामों की नल-जल योजना बंद पड़ी है? यदि हाँ तो क्यों? उन्हें कब चालू कर दिया जावेगा? समयावधि बताई जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह योजना के कार्य प्रगतिरत है। (ग) वर्तमान में 9 एकल ग्राम नल-जल योजनायें बंद हैं, प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत सभी नल-जल योजनायें संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित है, उक्त योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। ग्राम पंचायत द्वारा योजना बंद होने की सूचना विभाग को दिये जाने पर योजना को चालू कराने के लिये विभाग द्वारा तकनीकी सहायता तथा वांछित सुधार कार्यों के लिये प्राक्कलन इत्यादि ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराए जाते हैं, तद्नुसार ग्राम पंचायत द्वारा बंद नल-जल योजना का संधारण/मरम्मत कार्य कराया जाकर जल प्रदाय चालू कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वेयर हाउसों का बकाया किराया
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
86. ( क्र. 1879 ) श्री सूर्यप्रकाश मीणा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कृषि उत्पादन के लिये उपज संग्रहण हेतु कितने निजी वेयर हाउसों में विभागीय स्तर से भंडारण की प्रक्रिया विगत 3 वर्षों में की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में क्या भंडारण वाले वेयर हाउसों के लिए वेयर हाउस संचालकों को किराये का भुगतान नियमित किया गया? यदि नहीं तो कितने वेयर हाउसों का किस-किस वर्ष का किराया भुगतान शेष है एवं किराया शेष रहने के कारण सहित जानकारी दें। (ग) क्या शासन भंडारण वाले वेयर हाउसों के नियमित किराये के भुगतान के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगा एवं विदिशा जिले में लंबित वेयर हाउसों के किराये का भुगतान कब तक किया जाएगा और यह जानकारी भी उपलब्ध कराएं।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिले में विगत 03 वर्षों में 575 निजी वेयर हाउसों एवं विभागीय स्तर गोदामों में भंडारण की प्रक्रिया की गई है। (ख) भंडारण वाले वेयर हाउसों के लिए वेयर हाउस संचालकों को किराये का भुगतान जमाकर्ता एजेंसी से अनुबंध शर्तों के तहत भंडारण शुल्क राशि प्राप्त होने के पश्चात गोदाम संचालक को भुगतान करने का प्रावधान है, शेष गोदामों के लंबित किराये की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
गोदामों की संख्या |
भुगतान हेतु शेष गोदाम किराया (लाख में) |
लंबित रहने का कारण |
2022-23 |
81 |
102.61 |
जमाकर्ता एजेंसी द्वारा भंडारण शुल्क का भुगतान न किये जाने के कारण |
2023-24 |
128 |
382.61 |
|
2024-25 |
141 |
821.77 |
(ग) वेयर हाउसों में भंडारित स्कंध के किराया दरों का निर्धारण भारत सरकार एवं संबंधित एजेंसियों द्वारा निर्धारित किया जाता है। जमाकर्ता संस्था से निर्धारित भंडारण शुल्क राशि प्राप्त होने के उपरांत मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा जे.व्ही.एस. योजना में अनुबंधित वेयर हाउसों को निर्धारित दरों पर किराये का भुगतान किया जाता है। विदिशा जिले में लंबित गोदाम किराये का भुगतान जमाकर्ता एजेंसी मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन/नाफेड से प्राप्त होने पर अविलंब किया जावेगा। किराया भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। वेयर हाउस के नियमित किराया भुगतान के संबंध में मध्यप्रदेश शासन की कोई भूमिका नहीं रहती है।
बारेला समाज बाहुल्य ग्रामों में मूलभूत सुविधाएं
[जनजातीय कार्य]
87. ( क्र. 1888 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत बारेला समाज बाहुल्य कितने ग्राम हैं? विधान सभावार संख्या बतावें। (ख) देवास जिले के अंतर्गत वन क्षेत्र के निकट पहाड़ियों पर बारेला जाति के शायद कई परिवार निवासरत हैं, उन्हें बिजली, पानी जैसी सुविधा अभी तक क्यों नहीं मिल रही? (ग) बारेला जाति के जो परिवार जो दुर्गम पहाड़ियों पर निवासरत हैं, उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाये जाने हेतु शासन की क्या योजना है? जानकारी दें। (घ) देवास जिले के अंतर्गत बारेला जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरे-टोले में बिजली पानी की सुविधा नहीं है। इन्हें उक्त सुविधा का लाभ कब तक मिलेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत बारेला समाज बाहुल्य ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। केवल वन परिक्षेत्र में बारेला परिवार निवासरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। इन ग्रामों में बिजली पानी जैसी सुविधा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जनजाति बाहुल्य बस्ती, मजरे-टोले में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना के माध्यम से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्सरी की कार्ययोजना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
88. ( क्र. 1905 ) श्री राजेन्द्र मेश्राम : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्सरी पौध उत्पादन के प्रति वर्ष वार्षिक कार्ययोजना प्रदेश की सभी नर्सरी की बनाई जाती है? हाँ या नहीं। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24, 2024-25 में किस-किस जिले से नर्सरी की कार्ययोजना में कितने पौधे, फल, कलमी, बीजू फलदार, वानिकी एवं रूट स्टॉक पौधे कुल कितनी संख्या में तैयार करने की कार्ययोजना संचालनालय से स्वीकृति दी गई थी? जिस जिले की स्वीकृति दी गई, जिलेवार जानकारी दिया जाये। (ग) यदि किसी भी जिले की कार्ययोजना की स्वीकृति नहीं दी गई है, तो उसका कारण बतायें। (घ) वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में किस-किस जिले में पौधा उत्पादन हेतु कितनी राशि मजदूरी एवं गैर मजदूरी में अभी तक जारी की गयी, कितना व्यय किया गया? (ड.) वर्ष 2023 -2024, 2024-25 में पौधों के उत्पादन हेतु प्रत्येक जिले को बजट आवंटन का क्या आधार निर्धारित किया है? (च) वर्ष 2023-24, 2024-25 में कलमी पौधे, बीजू पौधे, रूट स्टॉक कुल कितने पौधे बिक्री योग्य तैयार किए गये? (छ) एक पौधा कलमी, बीजू फलदार, रूट स्टॉक, वानिकी एवं अन्य तैयार की लागत कितनी आ रही है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के सन्दर्भ में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ड.) बजट उपलब्धता के आधार पर जिलों को आवंटन जारी किया गया है। (च) जानकारी निम्नानुसार है :-
नाम पौध |
वर्ष 2023-24 |
वर्ष 2024-25 |
कलमी पौध |
535630 |
456858 |
बीजू पौध |
2891810 |
2638239 |
रूट स्टॉक |
872687 |
860315 |
वानिकी, अन्य |
1095351 |
977514 |
(छ) जानकारी निम्नानुसार है:-
नाम पौध |
लागत प्रति पौधा रूपये में |
कलमी पौध |
रूपये 30 से 50 |
बीजू पौध |
रूपये 20 से 25 |
रूट स्टॉक |
रुपये 15 |
वानिकी, |
रुपये 10 |
अन्य |
रुपये 10 |
वन
भूमि का क्रय-विक्रय
एवं अतिक्रमण
की जानकारी
[वन]
89. ( क्र. 1928 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया गर्द स्थित भूमि सर्वे नम्बर 2202 से 2212 तक की खतौनी में वर्ष 1943-1944 से जंगलात दर्ज है? क्या वन एवं राजस्व विभाग द्वारा क्रमश: अपनी-अपनी भूमि सर्वे नम्बरों का सीमांकन कराया गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 119 (क्र. 1702) दिनांक 24/12/2024 में (ख) में दी गई जानकारी अनुसार पंजीयन कार्यालय से जानकारी प्राप्त की गई है। क्या उक्त भूमि सर्वे नम्बर 2206 एवं 2207 का डायवर्सन किया गया है तथा उक्त जमीन का भी क्रय-विक्रय हुआ है? क्या 2206 एवं 2207 की भूमि सर्वे नम्बरों का वन विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा अलग-अलग सीमांकन किया गया है? 2206 एवं 2207 के भूमि सर्वे नं. का वन एवं राजस्व विभाग का अलग-अलग कुल कितना क्षेत्रफल है? क्या उक्त भूमि सर्वे नंबरों का डायवर्सन कराकर रेनू एसोसिएट के अशोक गोयल द्वारा क्रय की गई है। तत्पश्चात वर्ष 2024 में विक्रय की गई भूमियों के क्रय-विक्रय तथा वन भूमि डायवर्सन का विवरण दें। (ग) भूमि सर्वे नं. 2202 से लेकर 2012 तक वन विभाग से संबंधित वन अधिनियम 1927 एवं 1980 में प्रकाशित राजपत्र प्रदाय करते हुये बतायें कि दतिया डिवीजन की सिंध महुअर नदी वन विभाग के अंतर्गत खनिज-रेत इसी प्रकार ग्वालियर जिले की वेहट की सिंध नदी की वन भूमि में अवैध रेत खनन करने के लिये कौन-कौन से रेंजर अधिकारी को दो जिलों के अलग-अलग डिवीजनों का चार्ज दिया गया है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) पंजीयन कार्यालय से जानकारी प्राप्त की गयी है. सर्वे नम्बर 2206 एवं 2207 में वन विभाग के प्रभार की भूमि का डायवर्सन तथा क्रय-विक्रय नहीं हुआ है. सर्वे नम्बर 2206 एवं 2207 का सीमांकन है, वन विभाग के वनखण्ड में सम्मिलित क्षेत्रफल क्रमश: 63.58 एकड़ एवं 16.00 एकड़ है। शेष जानकारी राजस्व विभाग से संकलित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश से संबंधित भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत प्रकाशित राजपत्र दिनांक 03.05.1957 अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त अधिसूचना में वनखण्ड में शामिल खसरावार एवं ग्रामवार जानकारी उल्लेखित नहीं है। दतिया वनमण्डल से गुजरने वाली सिंध महुअर नदी के वनक्षेत्र के भाग में कोई अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। वनमण्डल ग्वालियर के बेहट परिक्षेत्र में सिंध नदी वनक्षेत्र के अंतर्गत नहीं आती है। वन परिक्षेत्र अधिकारी को रेंज का प्रभार दिया जाता है, अतः दो डिवीजन का प्रभार देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों एवं खाद्यान्न की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
90. ( क्र. 1929 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में खाद्यान्न वितरण हेतु कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं तथा उक्त दुकानों से कुल कितने परिवारों/सदस्यों को खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है? कृपया प्रश्न दिनांक तक जिलेवार अलग-अलग संख्या का विवरण प्रदान करें। 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिला सहित राशन वितरण हेतु कितने नाम जोड़े गये है एवं कितने नाम हटाये गये हैं? कृपया नाम एवं परिवारों की संख्या की जानकारी माहवार एवं वर्षवार प्रदान करें। दतिया जिले में कितनी राशन की दुकानों को अन्य दुकानों से संबंद्ध किया गया है? कृपया वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक मूल दुकानों एवं उससे संबद्ध राशन दुकानों की सूची अवधि सहित प्रदान करें। (ख) क्या एक राशन दुकान को दूसरी दुकान से संबद्ध किया जा सकता है? यदि हाँ तो नियम एवं आदेश की प्रति प्रदाय करें। (ग) म.प्र. में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर कालाबाजारी अनियमिततायें तथा अन्य गड़बड़ियों, गबन एवं घोटालों के संबंध में आपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं, यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने मामले पंजीबद्ध है? कृपया जिलावार, तहसीलवार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। क्या दतिया जिले में उक्त शासकीय दुकानों पर कार्यरत कर्मचारी/सैल्समेन वर्तमान में भी दुकानें संचालित कर रहे हैं? क्या उक्त अपराधियों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो कृपया विवरण प्रदान करें। यदि नहीं तो क्यों? कारण बतायें। (घ) क्या दतिया जिले में उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के बाद न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ तो कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें। क्या खुर्द-बुर्द राशन एवं रिकवरी राशि प्राप्त करने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गयी है? यदि हाँ तो की गई कार्यवाही की प्रतियां प्रदान करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. में खाद्यान्न वितरण हेतु कुल 27820 दुकानें संचालित की जा रही हैं तथा दुकानों से माह फरवरी 2025 के आवंटन अनुसार 13140374 परिवारों के 54899421 सदस्य राशन प्राप्त कर रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिला सहित राशन वितरण हेतु नाम जोड़े गये हैं एवं नाम हटाये गये हैं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। दतिया जिले में 32 राशन दुकानों को अन्य दुकानों से संबद्ध किया गया है। वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक मूल दुकानों एवं उससे संबद्ध राशन दुकानों की अवधि सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ख) हाँ। म.प्र. लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 16 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये एक राशन की दुकान को दूसरी से संबद्ध (अटैच) किया जा सकता है। नियम एवं आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है। दतिया जिले में जिन दुकान के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उनको पद से हटा दिया गया है। उनके द्वारा दुकान का संचालन नहीं किया जा रहा है। (घ) उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं द्वारा राशन खुर्दबुर्द अनियमितता करने वालो के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कार्यवाही माननीय न्यायालय में प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है। खुर्दबुर्द राशन एवं रिकवरी राशि प्राप्त करने हेतु विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास के मरम्मत हेतु राशि का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
91. ( क्र. 1947 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले के अनुसूचित जाति के छात्रावासों के मरम्मत के लिए जून 2023 में शासन द्वारा कोई राशि जारी की गई। (ख) यदि हाँ तो कितनी-कितनी राशि दी गई और किन-किन छात्रावासों को दी गई? (ग) राज्य शासन द्वारा एक छात्रावास के खाते में आर.टी.जी.एस. या अन्य इलेक्ट्रॉनिक मेथड से सीधे भेजी गई। (घ) राशि को किस स्तर का अधिकारी स्वविवेक से दूसरे छात्रावास के खाते में डालने के लिए पत्र जारी कर सकता है? यदि हाँ तो किस अधिकारी इसके लिए सशक्त किया गया है? जानकारी दें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गरीब छात्राओं हेतु संचालित योजना की राशि का दुरूपयोग
[अनुसूचित जाति कल्याण]
92. ( क्र. 1959 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुसूचित जाति विभाग एवं जनजाति विभाग के गरीब छात्रों के लिये संचालित छात्रावास आश्रमों हेतु क्रय की जाने वाली सामग्री के लिये जिला स्तर पर समिति गठित करने के नियमों में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विधायक को शामिल करने का प्रावधान है? यदि हाँ तो भिण्ड के छात्रावासों हेतु गठित समिति में किस मान. विधायक को रखा गया है? जानकारी दी जाये। (ख) क्या प्रदेश में अनुसूचित जाति विभाग एवं जनजाति विभाग के गरीब छात्रों के लिये संचालित छात्रावास-आश्रमों हेतु क्रय की जाने वाली सामग्री की खरीदी संबंधी टेण्डर प्रक्रिया में सप्लाई करने वाले सामान की निर्माता/डीलर फर्म होना आवश्यक है? (ग) क्या भिण्ड जिले में सामान की खरीदी हेतु मेसर्स सांई इन्टरप्राईजेज को 02 करोड़ का टर्न ओवर होने संबंधी फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर अधिकारियों की सांठगांठ से निर्माण कंपनी नहीं होते हुये भी टेण्डर स्वीकृत किया गया? यदि हाँ तो क्यों? (घ) क्या भिण्ड जिले में संचालित आश्रमों हेतु सामग्री क्रय करने में जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग भिण्ड द्वारा व्यापक भष्ट्राचार किये जाने की शिकायतें शासन स्तर पर प्राप्त हुई? यदि हाँ तो शिकायत की जांच का निष्कर्ष क्या रहा तथा विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? पूर्ण विवरण दिया जाये।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला स्तर पर विभागीय छात्रावासों के लिये आवश्यक वस्तुओं एवं सामग्रियों का क्रय स्थानीय स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुरूप किया जाना प्रावधानित है। संगत नियम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) संगत नियम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जिला स्तर पर विभागीय छात्रावासों के लिये आवश्यक वस्तुओं एवं सामग्रियों का क्रय स्थानीय स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुसार किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
यूनियन कार्बाइड भोपाल के कचरे का निपटान
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
93. ( क्र. 1960 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 2-3 दिसम्बर, 1984 की रात्रि भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसायनाईड के रिसाव संबंधी घटित घटना में लगभग 6, 000 मौतें व लाखों लोग प्रभावित हुये थे? आज तक के इतिहास में विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना थी। (ख) क्या यूनियन कार्बाइड के जहरीले 10 टन कचरे को पूर्व में परीक्षण के तौर पर पीथमपुर में जलाये जाने के उपरान्त हुये परीक्षण में आसपास के गांवों की मिट्टी व भू-जल स्त्रोत प्रदूषित होने की रिपोर्ट शासन को मिली थी? (ग) यदि हाँ तो पीथमपुर, धार व इंदौर के लोगों के घोर विरोध व मानव जीवन को खतरे में डालकर शासन द्वारा 377 टन जहरीले कचरे को पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में जलाने हेतु क्यों ले जाया गया? निपटान की इस प्रक्रिया का टेण्डर कुल कितनी राशि का स्वीकृत हुआ है? जानकारी दें। (घ) क्या जहरीले कचरे का निपटान पीथमपुर के स्थान के अलावा और अधिक राशि खर्च कर मानवीय जीवन को सुरक्षित करते हुये देश के बाहर भेजकर नहीं कराया जा सकता था जिससे कि इन्दौर धार के निवासी इसके दुष्परिणाम भुगतने से बच जाते? (ड.) शासन द्वारा जहरीले कचरे के निपटान हेतु वर्तमान में प्रचलित प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी सहित निपटान हेतु कचरे के प्रति टन निपटान हेतु पूर्व में प्राप्त की गई। क्या दरें थी तथा वर्तमान में किस दर पर प्रतिटन कचरे का निपटान कराया जा रहा है?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार, राशि रूपए 126, 08, 05, 365/- करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रदान की गई। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। (ड.) माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्देशों के अनुपालन में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देश अनुसार केन्द्र एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में निष्पादन किया जा रहा है। वर्ष-2015 में 10 मीट्रिक टन ट्रायल रन हेतु राशि 28.38 प्रति कि.ग्रा. एवं वर्ष 2021 में राशि रूपए 37.38 प्रति कि.ग्रा. दर निविदा के आधार पर स्वीकृत की गई है।
वर्ष 2025-26 हेतु पेय-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
94. ( क्र. 1980 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि वर्तमान ग्रीष्मकाल (2025-26) हेतु प्रदेश स्तर के पेय-जल से संबंधित विभाग के पास क्या कार्ययोजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत उक्त मिशन की गाइड लाइन के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक ग्राम के सभी घरों को पाइप-लाइन द्वारा जलापूर्ति योजना के माध्यम से घरेलू नल कनेक्शन द्वारा पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई जाना है। सभी ग्रामीण बसाहटों में पूर्व से हैंडपंपों के माध्यम से पेयजल व्यवस्था विद्यमान है तथा विभिन्न ग्रामों में उपरोक्तानुसार नल-जल योजनाओं के माध्यम से पेयजल व्यवस्था करने के लिए नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे ग्रीष्मकाल में भी ग्रामों में समुचित पेयजल की उपलब्धता रहेगी। उपरोक्त व्यवस्था के अतिरिक्त आगामी ग्रीष्मकालीन समयावधि में दिनांक 01.04.2025 से 30.06.2025 की समयावधि के लिए संभावित पेयजल संकट के निवारण हेतु विभाग द्वारा सभी जिलों को शामिल करते हुए "ग्रीष्मकालीन कार्ययोजना'' बनाई गई है। इस कार्ययोजना के अंतर्गत ग्रीष्मकाल में वास्तविक रूप से जिन ग्रामीण बसाहटों में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होगी, वहां स्थापित हैंडपंपों के नलकूपों में राइजर पाइप बढ़ाकर, नए हैंडपंप की स्थापना करके, जल आवक क्षमता घटने से प्रभावित नलकूपों में हाइड्रोफ्रेक्चरिंग/सफाई के कार्य, स्रोत अनुपयोगी होने से बंद नल-जल योजनाओं में नए नलकूप स्रोत खनन के कार्य प्रभावित बसाहट/बसाहटों की स्थानीय स्थिति के अनुसार एवं तकनीकी साध्यता के अनुसार कराया जाना प्रावधानित है। कार्ययोजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सार्वजनिक कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 1993 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सार्वजनिक कार्य कराये जाने हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? विधानसाभवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। वर्षवार राशि के वितरण का अनुपात किस आधार पर तय किया जाता है? विधान सभावार जानकारी देवें। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्डवार विभाग द्वारा विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर, सड़क निर्माण, मांगलिक/सामुदायिक भवन एवं अन्य कितने कार्य प्रस्तावित है? कितने कार्यों की विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदाय की गई है? ग्रामवार, पंचायतवार कार्य का विवरण देवें। (ग) क्या सिवनी विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को क़ृषि भूमि पर विद्युत पोल एवं ट्रॉसफार्मर प्रदान किये गये है? वर्षवार, ग्रामवार हितग्राही सहित विवरण देवें। विभाग द्वारा उक्त समयावधि में कितनी सोलर स्ट्रीट लाइट कहाँ-कहाँ प्रदान की गई एवं किस एजेन्सी द्वारा लगाई गई थी? उनकी गांरटी अवधि क्या थी? ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिम जाति विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों, बच्चों की संख्या, पदस्थ स्टाफ की जानकारी, पदस्थापना दिनांक आदि का विवरण देवें। संचालित छात्रावासों हेतु क्या-क्या सामग्री, किस-किस माध्यम से कब-कब कितनी-कितनी क्रय की गई? सामग्री क्रय आदेश एवं भुगतान संबंधी विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सिवनी जिले को विगत 05 वर्षों में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आवंटित की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। विभाग द्वारा आवंटन विधान सभावार एवं विकासखण्डवार जारी नहीं किया जाता है। आवंटन जिलों की मांग/कार्यों की स्वीकृति एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर जारी किया जाता है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा 27 कार्य प्रस्तावित है। इन कार्यों की स्वीकृति हेतु नस्ती मान. प्रभारी मंत्री जिला सिवनी के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रेषित की गई है। (ग) सिवनी विधान सभा अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति के 05 एवं जनजाति वर्ग के 30 हितग्राहियों को उनके खेतों तक विद्युत टॉसफार्मर प्रदान किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। विभाग द्वारा उक्त समयावधि में सोलर स्ट्रीट लाइट नहीं लगायी जाती है। जानकारी निरंक। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों, बच्चों की संख्या पदस्थ स्टाफ, पदस्थापना दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार है। संचालित छात्रावासों हेतु कार्यालय द्वारा सामग्री क्रय नहीं की गई है।
वन क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
96. ( क्र. 1995 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले एवं विधानसभा क्षेत्र सिवनी में वन मंडल ने वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने पौधों का वृक्षारोपण वनभूमि एवं राजस्व भूमि में किया गया तथा सबंधित विभागों को हैंड-ओवर किये गये, इसकी सूची उपलब्ध करावें। कितने पौधे जीवित हैं, कितने मृत हो गये? (ख) वृक्षारोपण किये गये कार्यों की मूल्यांकन रिपोर्ट प्रश्नांश (क) तिथि में तथा वन क्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं आर.ईए.स विभाग द्वारा कराये ये कार्यों तथा वर्तमान में चल रहे कार्यों की कार्यवार जानकारी उलपब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि तक वन क्षेत्र में कितनी भूमि पर अतिक्रमण था, कितना अतिक्रमण हटाया गया और वर्तमान में कितना अतिक्रमण हटाना शेष है? वीट रेंजवार जानकारी दी जावे। (घ) जो अवैध अतिक्रमण ग्रामीणों द्वारा किया गया है, उसकी जी.पी.एस. रीडिंग सहित अतिक्रमण की सूची उपलब्ध करायें तथा वन क्षेत्र में वन भूमि पर आदिवासियों एवं कब्जाधारियों को कितने पट्टे दिये गये और वर्तमान में कितने पट्टे दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, तो उसका विवरण देवें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। राजस्व भूमि का पौधारोपण स्थल हैण्ड ओवर नहीं किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 (1) एवं 02 (2) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 (1) एवं 04 (2) अनुसार है।
80% से कम विकलांग हितग्राहियों को बैटरी वाली साइकिल का आवंटन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
97. ( क्र. 2001 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय विभाग द्वारा विकलांगों को बैटरी वाली साइकिल एवं बिना बैटरी वाली साइकिल देने के क्या नियम हैं? कितने प्रतिशत विकलांगता पर एवं कौन-कौन सी अर्हता देखकर हितग्राहियों को साइकिल प्रदान की जाती है? नियम की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) दतिया जिले में वर्ष 2023- 24 एवं वर्ष 2024- 25 में शासन से कुल कितनी साइकिलों का आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन को किन्हें वितरण किया गया? विकासखंडवार हितग्राहियों के नाम सहित सूची उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या यह सत्य है की 80% विकलांगों को ही शासन द्वारा साइकिल वितरण करने का नियम है? इस नियम के चलते अनेकों पात्र हितग्राही को योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं? क्या इस विसंगति को दूर कर 80% से कम विकलांगता वालों को लाभ पहुंचाने हेतु आदेश देने की कृपा करेंगे ताकि शासन की योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को मिल सके? यदि हाँ तो कब तक आदेश प्रसारित होंगे?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजना अंतर्गत दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल तथा जिला मेडिकल बोर्ड के चिकित्सक/विशेषज्ञ की अनुशंसा पर अन्य कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। एडिप योजना की गाइड-लाइन/दिशा-निर्देश की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' तथा सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना में भी दिव्यांगजन विद्यार्थियों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल दिये जाने का प्रावधान है, शिक्षा प्रोत्साहन योजना के आदेश/नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ख) दतिया जिले को वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत अस्थिबाधित (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम न्यूनतम 60 प्रतिशत दिव्यांगता) होने पर नियमानुसार मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, पात्रतानुसार दिव्यांगजनों को मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत की समस्या का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
98. ( क्र. 2003 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता व जिला संयोजक के पत्र क्रमांक क्रमशः 554 दिनांक 08.02.2025 एवं पत्र क्रमांक 544 दिनांक 04.02.2025 के माध्यम से पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत आरामगंज में रूंझ बांध के डूब क्षेत्र से विस्थापित आदिवासी बाहुल्य ग्राम नवीन बस्ती आरामगंज एवं नई बस्ती विश्रामगंज जो कि विद्युत विहीन ग्राम है में विद्युत व्यवस्था किये जाने हेतु आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल को लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन द्वारा उक्त आदिवासी बाहुल्य ग्राम में विद्युतीकरण की समस्या को प्राथमिकता में लेते हुए समस्या का निराकरण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जिले को कार्य स्वीकृति हेतु पत्र लिखा गया। जी हाँ, योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैस राहत अस्पतालों में विशेषज्ञों एवं तकनीशियनों के रिक्त पदों की पूर्ति
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
99. ( क्र. 2008 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल गैस राहत विभाग के अस्पतालों में आवश्यक पूर्ण अमला उपलब्ध है? यदि नहीं तो यह अवगत करावें कि किन-किन अस्पतालों में कब-कब से मेडिकल विशेषज्ञ, शल्यक्रिया विशेषज्ञ, तकनीशियन व अन्य कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी दें कि गैस पीड़ित रोगियों के उपचार को दृष्टिगत रखते हुये पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो शासन क्या कार्ययोजना बना रहा है? जानकारी दें। (ग) क्या गैस पीड़ितों को अंतिम मुआवजा राशि देने की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ तो किस स्तर पर है? कब तक व कितनी मुआवजा राशि वितरित की जावेगी? यदि नहीं तो कारण सहित बतावें।
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) गैस राहत विभाग के अंतर्गत संचालित चिकित्सालयों में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) रिक्त पदों पर पूर्ति की एक सतत् प्रक्रिया है रिक्त पदों की पूर्ति के लिये संचालक, गैस राहत एवं पुनर्वास के स्तर से समय-समय पर विज्ञापन जारी कर पूर्ति की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गैस पीड़ितों के मुआवजा वितरण की कार्यवाही भारत सरकार, रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के नियंत्रण में, कल्याण आयुक्त, भोपाल गैस पीड़ित, भोपाल द्वारा की जाती है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
100. ( क्र. 2009 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अन्तर्गत विगत 2 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले में शासन द्वारा किन-किन स्थानों पर किस-किस दिनांक को विवाह/निकाह सम्मेलन आयोजित किया गया? जोनवार/वार्डवार/आयोजन दिनांक/संबंधित के मोबाईल नम्बर सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अन्तर्गत आयोजन स्वयं विभाग द्वारा न कराया जाकर निजी संस्थानों/स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराया जाता है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या आयोजित विवाह सम्मेलन में वर-वधुओं को शासन द्वारा 51 हजार रूपये की राशि दी जाती है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक कब-कब तथा कितने-कितने जोड़ों को राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं तो भुगतान न किये जाने के क्या कारण है? आयोजन/भुगतान दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अन्तर्गत विवाह सम्मेलन आयोजित करने के लिये निजी संस्था/स्व-सहायता समूहों द्वारा पंजीयन शुल्क वसूला जाता है? यदि हाँ तो शासकीय योजना का किस नियम के तहत शुल्क वसूला जाता है तथा क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनांतर्गत विगत 02 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन कार्यक्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ एवं ''ब'' अनुसार तथा जनपद पंचायत फंदा एवं बैरसिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–स एवं ''द'' अनुसार। (ख) जी नहीं, मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 3-39/2017/26-2 भोपाल दिनांक 22.04.2022 द्वारा जारी मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना (संशोधित योजना 2022) की बिंदु क्रमांक 08 अनुसार आयोजन हेतु अधिकृत संस्था नगरीय क्षेत्र - नगर निगम/नगरपालिका/नगर परिषद् एवं ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत को अधिकृत किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 3-39/2017/26-2/439 भोपाल दिनांक 28.03.2023 अनुसार वधु को राशि रूपये 49000/- सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। जनपद पंचायत फंदा जिला भोपाल द्वारा 154 जोड़ों का विवाह उपरांत भुगतान किया गया है एवं नगर निगम भोपाल द्वारा जनवरी एवं फरवरी 2025 के आयोजित विवाह सम्मेलनों में सम्मिलित विवाह जोड़ों को सहायता राशि प्रदाय किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सक्षम अधिकारी द्वारा राजसात एवं अपराध पंजीबद्ध करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 2048 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से जिला आपूर्ति अधिकारी तक के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किये गए हैं? यदि हाँ तो क्या उक्त विभाग में कुछ जिलों में कुछ भ्रष्ट मानसिकता के अधिकारी पदस्थ होना परिलक्षित होता है? (ख) जिला छतरपुर में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब जिला आपूर्ति विभाग के अधिकारियों एवं अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा गेहूं एवं चावल एवं पैट्रोल एवं डीजल एवं परिवहन को जप्त किया है? (ग) क्या उक्त जप्त सामग्री एवं परिवहन को राजसात एवं संलिप्त व्यक्तियों पर अपराध पंजीबद्ध करने के आदेश पारित किया था? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ एवं प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या उक्त अधिकारी की परिवहन मालिक एवं संलिप्त व्यक्तियों से भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति होने के कारण परिवहन एवं सामग्री को राजसात एवं संलिप्त व्यक्तियों पर अपराध पंजीबद्ध करने के आदेश पारित नहीं किया गया? यदि हाँ या नहीं तो क्यों? (ड.) क्या प्रदेश में पी.डी.एस. की दुकान से ए.ए.वाई. को शक्कर एवं समस्त पात्रताधारी को नमक का भी वितरण किया जाता है? यदि हाँ तो उक्त सामग्री को शासन ने वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कितने रूपए प्रति किलो के मान से भुगतान किया है? क्या शासन द्वारा उक्त सामग्री का भुगतान बाजार भाव से भी अधिक दर पर भुगतान किया जा रहा है? प्रदेश के किन-किन जिलों के राशन उपभोक्ताओं द्वारा नमक की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत दर्ज कराई एवं उक्त शिकायतों पर कब-कब वेयर हाउस से सेंपल लिया गया है? क्या उक्त सेंपल लेने के उपरांत जांच हेतु भेजा गया था? यदि हाँ तो सेंपल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई थी? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। भ्रष्टाचार प्रमाणित अथवा अप्रमाणित होना न्यायालयीन निर्णय पर निर्भर करता है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ के कॉलम-3 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट–अ के कॉलम 05 एवं 06 के अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) डीजल एवं पिकअप क्रमांक MP 16 ZD 4462 की जप्ती के एक प्रकरण में FIR दर्ज की गई है। शेष प्रकरण विचाराधीन है। जप्त सामग्री के प्रकरणों का निराकरण सक्षम अधिकारी द्वारा गुणदोष के आधार पर साक्ष्यों के परीक्षण उपरान्त किया जाता है। (ड़.) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि के भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट–ब अनुसार है। जी नहीं। विगत माह जिला छिन्दवाड़ा से नमक गुणवत्ता के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी जिसके सेम्पल लेकर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जांच कराई गई जिसकी रिपोर्ट मानक स्तर की पाई गई। इसी प्रकार विगत दिनों में ही जिला सागर एवं छतरपुर से नमक की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है जिसके सेम्पल खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को जांच हेतु प्रेषित किए गए है जिसकी रिपोर्ट अप्राप्त है।
जल जीवन मिशन में गुणवत्ता विहीन कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 2071 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला भिण्ड विधानसभा क्षेत्र लहार के अन्तर्गत जल जीवन मिशन में हुये गुणवत्ता विहीन कार्यों के सबंध में पूर्व में विधानसभा प्रश्न लगाया गया था, जिसमें आश्वासन दिया गया था कि जांच कमेटी गठित करके जांच करवाकर कार्यवाही की जावेगी। क्या आज दिनांक तक जांच कमेटी गठित कर जांच रिर्पोट आ गई है? रिर्पोट की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो कब तक जांच करवाकर कार्यवाही की जावेगी तथा विलम्ब के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर भिण्ड द्वारा जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता की जांच हेतु आदेश क्रमांक 8227, दिनांक 13.08.2024 द्वारा समिति गठित की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, इस संदर्भ में समिति की कोई जांच रिपोर्ट विभाग को प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
103. ( क्र. 2084 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण किए जाने हेतु चिन्हांकन शिविर आयोजित किए जाने का कोई रोस्टर निश्चित है? यदि नहीं तो शिविर आयोजन किए जाने की क्या प्रक्रिया है? जिला मुरैना में 2022-23 से वर्तमान वर्ष तक कितने शिविर कब-कब एवं कहाँ-कहाँ लगाए गए एवं कितने दिव्यांगजनों को चिन्हित किया गया एवं कितने दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण किए गए? शिविर आयोजन के प्रचार प्रसार हेतु कितनी राशि किस-किस मद में गई? सम्पूर्ण जानकारी वर्षवार एवं शिविरवार सूचीबद्ध दें। (ख) क्या सहायक उपकरण प्रदान किए जाने हेतु ऑनलाइन दिव्यांग प्रमाण-पत्र एवं पहचान-पत्र आवश्यक है? यदि हाँ तो दिव्यांगजनों की समस्या के समाधान हेतु ऑफलाइन प्रमाण-पत्रों को ऑनलाइन दर्ज किए जाने की प्रक्रिया को सरल बनाए जाने हेतु शासन की क्या योजना है? (ग) क्या पूर्व में बन चुके दिव्यांग प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन दर्ज किए जाने पर विकलांगता का प्रतिशत कम कर दिया जाता है? रिश्वत न देने पर विकलांगता प्रतिशत कम करने की कितनी शिकायत है जिला मुरैना अंतर्गत प्राप्त हुई है एवं उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? 3 वर्ष की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या दस्तावेज न होने पर जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर परीक्षण उपरांत सहायक उपकरण प्रदान किये जा सकते है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं, सहायक उपकरण वितरण हेतु चिन्हांकिन शिविर के लिये रोस्टर निश्चित नहीं है। समय-समय पर दिव्यांगजनों की आवश्यकतानुसार जिले स्तर पर कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण हेतु चिन्हांकन एवं वितरण शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिला मुरैना में वर्ष 2022-23 से वर्तमान वर्ष तक आयोजित शिविरों एवं दिव्यांगजनों के चिन्हांकन एवं कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''अ'' अनुसार है। शिविर आयोजन के प्रचार-प्रसार पर कार्यालय, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण जिला मुरैना स्तर से व्यय नहीं किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, भारत सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की अधिसूचना क्र. 1609 दिनांक 05.05.2021 अनुसार दिव्यांगता प्रमाण-पत्र/यूडी.आई.डी. केवल यूडी.आई.डी. पोर्टल http://WWW.swavlambancard.gov.in के माध्यम से ही जारी किये जाने के निर्देश है, उक्त निर्देशों के अनुपालन में ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण-पत्र/यूडी.आई.डी. जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन द्वारा सुचारू रूप से जनरेट किये जाते है। (ग) जी नहीं, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र/यूडी.आई.डी. के संबंध में जिला मुरैना स्तर पर प्राप्त शिकायतें एवं इस संबंध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, भारत सरकार/राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में पात्रतानुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। अत: दस्तावेज आवश्यक है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
104. ( क्र. 2085 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से 2024–25 तक सेगमेंट कोड 701 से 706 मुख्य शीर्ष 24 में परिवहन कमीशन तथा प्रशासनिक व्यय पर बजट प्रावधान तथा व्यय की मदद अनुसार जानकारी दें तथा इस अवधि में कितने खाद्यान्न का कुल कितने किलोमीटर परिवहन किया गया है तथा प्रति किलोमीटर परिवहन व्यय कितना रहा? (ख) वर्ष 2016-17 से 2024–25 तक योजना कोड 7165 सेगमेंट कोड 0101 में किस-किस निजी स्टील साइलो, निजी गोदाम तथा अन्य योजना के मालिक को कितना–कितना गारंटी योजना के तहत भुगतान किया गया? इस कोड में बजट प्रावधान कितना कितना था? (ग) वर्ष 2016-17 से 2024–25 तक योजना कोड 9087 तथा 9224 सेगमेंट कोड 101 से 103 तीनों कैटेगरी में बजट प्रावधान कितना-कितना था तथा कितना-कितना व्यय किया गया? (घ) वर्ष 2016-17 से 2024–25 तक विभिन्न योजना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से खाद्यान्न प्राप्त करने, शक्कर तथा नमक प्राप्त करने वाले कुल हितग्राहियों की संख्या तथा कुल मात्रा की जानकारी वर्षवार दें। (ड.) क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हितग्राहियों की संख्या बढ़ने पर वितरित खाद्यान्न में कमी हुई है तथा क्या प्रश्नांश 1 से 4 व्यय में काफी वृद्धि हुई है? कारण सहित जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ड.) सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हितग्राहियों की संख्या बढ़ने पर वितरित खाद्यान्न में कमी नहीं हुई हैं। पात्रता अनुसार आवंटन जारी कर वितरण कराया जाता है।
जनजातीय कार्य विभाग के कार्य
[जनजातीय कार्य]
105. ( क्र. 2088 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिला को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कितनी राशि विभिन्न मदों में प्राप्त हुई? मदवार एवं वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि से किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिए व्यय की गई? मदवार, कार्यवार एवं वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष एवं राशि का पूर्ण व्यय नहीं हुआ है? राशि कार्य की स्थिति एवं शेष राशि की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांकित वर्षों में विभिन्न मदों में शेष राशि क्या विभागीय खाते में जमा कर संरक्षित रखी गई है? यदि हाँ तो खातेवार ब्यौरा दें। राशि व्यय नहीं होने का क्या कारण है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) ग्वालियर जिले को अनुसूचित जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में विभिन्न मदों में प्रदत्त राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनावार में व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शेष राशि किसी भी खाते में जमा कर संरक्षित नहीं रखी गई है। अत: शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग द्वारा कराए जा हे कार्य
[वन]
106. ( क्र. 2091 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले को विभाग द्वारा वर्ष 2022-2023 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट किन-किन कार्यों के लिए प्राप्त हुआ है? वर्षवार, कार्यवार विवरण दें। (ख) विभाग में राशि व्यय करने के क्या नियम/निर्देश है? प्रति उपलब्ध करायें। क्या जिले में चल रहे कार्यों को विभाग स्वयं करा रहा है? यदि हाँ तो किस नियम से? कार्य कराने हेतु निविदायें आमंत्रित क्यों नहीं की गई? (ग) क्या निर्माण कार्यों के निरीक्षण, परीक्षण करने के लिए वन विभाग के पास कोई अमला नहीं है? यदि हाँ तो कार्यों की गुणवत्ता, पर्यवेक्षण किए बगैर भुगतान किस प्रकार किया जाता है? (घ) प्रश्नांकित वर्षों में ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आने वाले वन परिक्षेत्र में कराए गए कार्यों की तकनीकी जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) विभाग में राशि व्यय करने के म.प्र. शासन, वित्त विभाग के नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। विभाग में चल रहे कार्य म.प्र. शासन वन विभाग के निर्देश दिनांक 22-07-2024 के अनुसार कराया जा रहा है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 (क) अनुसार है, अतः शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण कार्यों के निरीक्षण, परीक्षण करने के लिए वन विभाग के पास पर्याप्त अमला है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आने वाले वन परिक्षेत्र में कराये गये कार्यों में अनियमितता प्रकाश में नहीं आई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरुद्ध योजनाओं का क्रियान्वयन एवं बजट व्यय पर कार्यवाही
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
107. ( क्र. 2094 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.एम.के.एस.वाई./पी.डी.एम.सी. योजना म.प्र. के कौन से जिलों में कब से लागू की गई है? योजना के लागू दिनांक से 31 जनवरी 2025 तक जिलों में किये गये कार्य, योजना के क्रियान्वयन हेतु रजिस्टर्ड की गई समस्त कंपनियां, वर्षवार प्राप्त बजट एवं व्यय की समस्त दस्तावेजों सहित विस्तृत जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कंपनियों को भुगतान किये गये समस्त देयकों, योजना के कार्यों की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट, समय-सीमा में बजट के व्यय एवं योजना का क्रियान्वयन नहीं किये जाने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के नाम एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति सहित उपलब्ध करावें। (ग) कार्यालय सहायक संचालक उद्यान, सिंगरौली द्वारा 01 अप्रैल 2015 से 31 जनवरी 2025 तक सिंगरौली जिले में क्रियान्वित की गई समस्त योजनाओं की जानकारी, प्रत्येक योजनान्तर्गत प्राप्त वर्षवार बजट एवं व्यय की समस्त दस्तावेज, क्रियान्वित की गई समस्त योजनाओं में जारी किये गये कार्य आदेश, भुगतान किये गये समस्त देयक, योजनाओं के कार्यों की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट, समय-सीमा में बजट के व्यय एवं योजना का क्रियान्वयन न हो पाने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों का नाम एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति सहित उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) योजना म.प्र. के सभी जिलों में वर्ष 1 अप्रैल 2017 से लागू की गई। योजना के लागू दिनांक से जिलों में 164163 कृषकों के यहां सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापना के कार्य कराये गये है, योजना के क्रियान्वयन हेतु रजिस्टर्ड की गई कंपनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार तथा वर्षवार प्राप्त बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कंपनियों को भुगतान किये गये समस्त देयकों, योजना के कार्यों की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी निरंक है।
वन भूमि पर अवैध उत्खनन
[वन]
108. ( क्र. 2096 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मण्डल सतना एवं मैहर के अंतर्गत चूना पत्थर की या अन्य खनिजों की खदानें प्रश्नतिथि तक चालू हैं? सूची देते हुये बतायें कि वन विभाग/वन परिक्षेत्र के भीतर किन नियमों के तहत इन खदानों को संचालित करने (खनिजों का उत्खनन किये जाने) की अनुमति किन-किन नियमों/शर्तों/मापदण्डों को शिथिल कर दी गई? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1620 जिसका उत्तर सदन में 20/12/2024 को दिया है, में स्वीकार किया गया है कि मैहर सीमेंट सरलानगर 163 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर, मे. रिलायन्स सीमेन्टेशन मैहर में 66 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर, मे. जयप्रकाश मैहर में 258 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर एवं मे. जीवन लाईम कटनी मैहर में 4.9 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर खदान का प्रश्नतिथि तक संचालन कर रही हैं/उत्खनन कर रही हैं? (ग) वन भूमि पर खदान संचालित करना उत्खनन करना खनिज निकालना किस नियमों/मापदण्डों/ शर्तों के तहत अवैध है? नियमों की एक प्रति दें। (घ) शासन कब तक (क) एवं (ख) में संचालित खदानें बंद करवायेगा? अगर नहीं बंद करवायेगा तो क्यों? कारण व नियमों की एक प्रति दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। वनमंडल सतना अंतर्गत जो खदानें प्रश्न तिथि तक संचालित हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। इन खदानों को वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है। जारी आदेशों एवं शर्तों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) वनभूमि से वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों का पालन किये बिना उत्खनन करना, खनिज निकालना, वन संरक्षण अधिनियम, 1980 एवं उसके तहत बनाये नियम तथा भारतीय वन अधिनियम, 1927 की आरक्षित वनक्षेत्र में धारा 26 एवं संरक्षित वनक्षेत्र में धारा 33 के तहत अपराध है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में संचालित खदानों को नियमानुसार वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनु. जाति एवं जनजाति कार्य विभाग के कार्य
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 2097 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं मैहर जिलों में दिनांक 01/04/2021 से प्रश्नतिथि के दौरान अनुसूचित जाति एवं जनजाति कार्य विभाग में किस-किस मद में, कितनी-कितनी राशि का आवंटन, कौन-कौन से कार्यों के लिये कब-कब हुआ? मदवार/राशिवार/कार्यवार/वर्षवार/माहवार/जिलेवार/ दिनांकवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं जिलों में प्राप्त मदवार आवंटन का व्यय किस-किस मद में, कितना-कितना, कब-कब हुआ? मदवार/राशिवार/माहवार/ वर्षवार/जिलेवार/दिनांकवार दें। क्या एक मद की राशि का व्यय दूसरे मद में कब, कहाँ, किसके लिखित आदेश से, कितनी राशि का, किस-किस दिनांक को किस स्थान पर किया गया? उक्त व्यय को शासन वैध मानता है कि अवैध? (ग) प्रश्नांश (क) में आई राशि एवं प्रश्नांश (ख) में हुये व्यय में किस-किस स्थान पर, कितनी-कितनी राशि व्यय करते हुये कब-कब व क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये? कार्यवार जारी सभी कार्यादेशों की सूची एवं भुगतान प्राप्त करने वाली कम्पनियों/नामों का पता एवं जी.एस.टी. क्रमांकों सहित विवरण उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित निर्माण कार्यों के उपयोगिता एवं गुणवत्ता प्रमाण पत्रों की सभी कार्यवार एक-एक प्रति उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सतना एवं मैहर जिलों में दिनांक 01/04/2021 में प्रश्नतिथि के दौरान अनुसूचित जाति एवं जनजाति कार्य विभाग द्वारा प्रदाय किये गये आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं जिले में प्रदाय मदवार आवंटन के व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। कालम क्रमांक 05 के अनुसार है। सतना एवं मैहर जिले में किसी भी मद की राशि का व्यय अन्य मद में नहीं किया गया है। अत: वैध-अवैध का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सतना एवं मैहर जिले में प्राप्त हुये आवंटन एवं व्यय से कराये गये निर्माण कार्यों एवं भुगतान प्राप्त करने वाली कम्पनियों/नामों का पता एवं जी.एस.टी.क्रमांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है तथा कार्योदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की उपयोगिता एवं गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''घ'' अनुसार है।
शिकायतों का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
110. ( क्र. 2102 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला बालाघाट में जल जीवन मिशन एवं नल-जल योजनांतर्गत कितने ग्रामों में योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है, कितने ग्रामों में पूर्ण होना शेष है एवं कितने ग्रामों में नल-जल योजना हस्तांतरित होकर ग्रामीणों को प्रतिदिन पेयजल सुविधा उपलब्ध हो रही है? ग्रामवार विकासखंडवार ठेकेदार/कंपनी के नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में जिन ग्रामों में कार्य अप्रारंभ/अपूर्ण हैं, वे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? अप्रारंभ/अपूर्ण होने का क्या कारण है? इसके उत्तरदाई अधिकारी कौन हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) बालाघाट जिले में जिन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना हस्तांतरित हो चुकी हैं वहां जल प्रदाय की क्या स्थिति है? विगत एक वर्ष में जल प्रदाय के संबंध में आमजनों द्वारा लिखित/सी.एम. हेल्पलाइन के माध्यम से कितनी शिकायतें दर्ज हुई? कितनी शिकायतें निराकृत हुई? निराकरण नहीं हो पाने वाली शिकायतों की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) नल-जल योजनाओं के बिजली बिल जमा नहीं हो पाने के कारण कितनी ग्राम पंचायतों में विद्युत विच्छेद के कारण जल आपूर्ति बंद है? विकासखण्डवार ग्रामों की सूची देवें। क्या पूर्व की भांति शासन द्वारा प्रदेश स्तर से नल-जल योजनाओं के बिजली बिल भुगतान किए जाएंगे? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजना का कार्य 71 ग्रामों में किया जा चुका है तथा किसी भी ग्राम में समूह जल प्रदाय योजना का कार्य शेष नहीं है। समूह जल प्रदाय योजना ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं की जाती है, समूह जल प्रदाय योजना से वर्तमान में 45 ग्रामों में जल प्रदाय किया जा रहा है, समूह जल प्रदाय योजना की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) अप्रारंभ, अपूर्ण एवं प्रगतिरत नल-जल योजनाओं एवं अपूर्ण का कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है तथा इस जानकारी के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिले की जल जीवन मिशन अंतर्गत हस्तांतरित नल-जल योजनाएं एवं वहां पर जल प्रदाय की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। विगत 01 वर्ष में जल प्रदाय संबंधित आमजनों द्वारा लिखित एवं सी.एम. हेल्पलाइन के माध्यम से 762 शिकायतें दर्ज हुई, जिसमें से 691 शिकायतें निराकृत हुई एवं 71 शिकायतें लंबित हैं। निराकरण नहीं हो पाने वाली शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है, इसके अतिरिक्त समूह योजना से संबंधित 144 शिकायतें दर्ज हुईं हैं, 144 निराकृत, शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) नल-जल योजनाओं में बिजली बिल जमा नहीं हो पाने के कारण 06 योजनाओं में विद्युत विच्छेद होने से जल आपूर्ति बंद है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जी नहीं, हस्तांतरित एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के बिजली बिलों का भुगतान का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदूषणकारी उद्योगों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
111. ( क्र. 2104 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत जुलाई, 24 के विधानसभा सत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न क्रमांक 717, दिनांक 05/07/2024 के तारतम्य में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा छिन्दवाड़ा जिले के सौंसर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कन्हान नदी के कैचमेंट एरिया में इस क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा छोड़े जाने वाले दूषित पानी के प्रवाहित होने के कारण नदी में होने वाले प्रदूषण के संबंध में जांच करके अपनी रिपोर्ट दी है? (ख) यदि हाँ तो उपरोक्त रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की उपरोक्त रिपोर्ट पर सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त कम्पनियों पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की जानकारी क्या विभाग के संज्ञान में है? क्या ट्यूबवेल तथा कुओं में इस प्रदूषित पानी का रिसाव हो रहा है जिसे पीकर लोगों को बहुत गंभीर बीमारियां हो रही हैं। कृषि भूमि की उर्वरता नष्ट हो गई है और मानव जीवन से खिलवाड़ हो रहा है? (ड.) यदि हाँ तो दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता है।
आदिवासी ग्रामों में विद्युत पोल प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
112. ( क्र. 2105 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम चिरकुटा गोंदी में लगभग पाँच वर्ष पूर्व ट्राइबल डिपार्टमेंट द्वारा स्वीकृत किए गए विद्युत पोल आज दिनांक तक नहीं लगाए गए हैं? (ख) यदि हाँ तो कार्य प्रारंभ नहीं करने का क्या कारण है? (ग) क्या आदिवासी परिवारों को सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन नहीं होने से सिंचाई हेतु असुविधा को ध्यान में रखते हुए स्वीकृत कार्य तत्काल शुरू किया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (अ) जी हाँ। (ख) कार्य की स्वीकृत राशि समर्पित होने से कार्य एजेन्सी को राशि प्रदाय नहीं की गई। जिससे कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 में कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है, जिला स्तरीय समिति द्वारा कार्य की स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य प्रारंभ किया जाना संभव है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हैण्डपम्प एवं मोटरपम्प का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 2112 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी विधानसभा में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कितने-कितने हैण्डपम्प लगे हैं? सूची प्रदान करें। वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा नलकूप खनन करवाने एवं मोटरपम्प व पाइप क्रय किये, खनन एवं क्रय सामग्री में निविदा, तुलनात्मक, अनुबंध, कार्यादेश एवं पंचायतों को हस्तान्तरण करने की दशा में हस्तान्तरण किये जाने संबंध अनुबंध स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगे हैण्डपम्पों में से कितनों में ग्रीष्माकाल में भी पेयजल की उपलब्धता रहती है? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) हैण्डपम्प सुधार कार्य हेतु प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में बड़वानी के स्थानीय कार्यालय के भंडारगृह में उपलब्ध सामग्री एवं प्रत्येक सामग्री की भंडारगृह में उपलब्ध संख्या का सम्पू्र्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) हैण्डपम्प सुधार कार्य हेतु सामग्री क्रय करने के क्या प्रावधान है? सामग्री आपूर्ति के लिये क्या-क्या समय-सीमा निर्धारित है? कितने हैण्डपम्प सुधार हेतु मरम्मत करवाये गये और इससे संबंधित देयकों के भुगतान की जानकारी उपलब्ध करायें। (ड.) खराब हैण्डपम्प मरम्मत करने के लिये समय-सीमा तय नहीं होने की दशा में प्रत्येक को मरम्मत करने की समय-सीमा निश्चित नहीं कर पाने के क्या कारण है? सभी खराब हैण्डपम्पों के बारे में अलग-अलग व स्पष्ट जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। नलकूप खनन, हैण्डपंप स्थापना एवं मोटरपंप स्थापना आदि में लगने वाली सामग्री मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम भोपाल के माध्यम से उनके द्वारा निर्धारित दर पर क्रय की जाती हैं। केवल नलकूप खनन का कार्य निविदा आमंत्रित कर न्यूनतम निविदा दर दाता फर्म के माध्यम से करवाया जाता है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। हैंडपंपों को पंचायतों को हस्तांतरण करने का अनुबंध संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विगत वर्ष विधानसभा में स्थापित 3548 हैंडपंपों में से 2553 हैंडपंप माह जून तक चालू रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) आवश्यकता अनुसार हैंडपंप संधारण कार्य की सामग्री का क्रय समय-समय पर मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम भोपाल के माध्यम से उनके द्वारा निर्धारित दरों के आधार पर किया जाता है। म.प्र. लघु उद्योग निगम भोपाल द्वारा जारी किये जाने वाले सामग्री प्रदायादेशों के अनुसार सामग्री के प्रदाय हेतु न्यूनतम 45 दिवस एवं अधिकतम 120 दिवस की समयावधि का प्रावधान रहता है। प्रश्नांकित अवधि में मरम्मत कर सुधारे गये हैंडपंपों की संख्या 12038 है। देयकों के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ड.) हैंडपंपों में ज़मीन से ऊपरी भाग की साधारण खराबी होने पर अधिकतम 07 दिवस में एवं ज़मीन के नीचे के भाग की साधारण खराबी पाये जाने पर अधिकतम 15 दिवस में सुधार कार्य करने की समय-सीमा तय की गई है। खराब हुए हैंडपंप की खराबी की ''स्पष्ट जानकारी'' उसे मरम्मत के लिए खोले जाने पर ही ज्ञात होती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
114. ( क्र. 2113 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप संचालक उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला बड़वानी को राज्य एवं केंन्द्र शासन प्रवर्तित संचालित किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? किन-किन योजनाओं से संबंधित कितनी-कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की गई एवं क्यों? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांकित संचालित किन-किन योजनान्तर्गत, सामग्री, खाद, बीज, पुष्प, फल, फूल आदि के पौधों का क्रय एवं रोपण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) संचालित किन-किन नर्सरियों को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि सामग्री, बीज, खाद, पुष्प, फल, फूल के पौधे आदि कब-कब प्रदाय किये गये? रोपणी कार्य नर्सरियों का रखरखाव, देखभाल, सुरक्षा आदि पर कितनी राशि व्यय हुई? (घ) प्रश्नांकित हितग्राही मूलक संचालित किन-किन योजनाओं में लाभान्वित कितने-कितने हितग्राहियों को किस मान से अनुदान की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया व कितने हितग्राहियों को कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया? योजनवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांकित किन-किन योजनान्तर्गत कितने-कितने दिवसीय कृषकों के भ्रमण कार्यक्रमों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कब-कब कितने-कितने दिवसीय कहाँ से कहाँ तक आयोजित कृषक भ्रमण कार्यक्रमों में कितने-कितने कृषकों ने भाग लिया? भ्रमण कार्यक्रमवार कृषकों की सूची उपलब्ध करायें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार । (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
115. ( क्र. 2118 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के प्रति जिले में "जल जीवन मिशन" के अंतर्गत, घर-घर नल, घर-घर जल की वर्ष 2019 से 2025 तक कितनी योजनाएं स्वीकृत हैं? प्रति योजना कितना बजट रहा? समस्त योजना की विस्तृत जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में कितनी योजनाएं आज दिनांक तक पूर्ण हो गयी है, कितनी योजना अपूर्ण है, कब तक पूर्ण होगी, कितनी योजना अभी बंद हैं और किन कारणों से बन्द हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत 27990 एकल ग्राम योजनाओं तथा 148 समूह योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। एकल ग्राम योजनाओं की शेष जानकारी जल जीवन मिशन के पोर्टल पर रखी गई है, जो लिंक https://ejalshakti.gov.in/JJM/Login.aspx? Ty=se पर प्रपत्र J-1 के अंतर्गत अवलोकन हेतु प्रकाशित/उपलब्ध है। समूह योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-। अनुसार है। (ख) एकल ग्राम योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं समूह योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, जो योजनाएं वर्तमान में अपूर्ण/प्रगतिरत हैं, इन्हें यथाशीघ्र पूर्ण किए जाने के प्रयास जारी हैं, पूर्ण करने की कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सरदारपुर की जांच
[जनजातीय कार्य]
116. ( क्र. 2120 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड शिक्षाधिकारी सरदारपुर जिला धार द्वारा 1.17 करोड़ के संदिग्ध/कपटपूर्ण भुगतान पर जांच दल द्वारा प्रतिवेदन में यह पाया गया कि संदिग्ध/कपटपूर्ण भुगतान शासकीय धन के गबन की श्रेणी में आते है? यदि हाँ तो बतावें कि क्या कार्यवाही की गई तथा जांच प्रतिवेदन से संबधित समस्त दस्तावेज/अभिलेख की प्रतियां देवें। जो संदिग्ध राशि अन्य व्यक्तियों के खातों में जमा की गई वह किन-किन शासकीय कर्मचारियों के खाते में जमा की जाना थी, उसकी जानकारी देवें। (ख) क्या कलेक्टर जिला धार ने सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग धार को लिखे गये पत्र क्रं.2032 दिनांक 09.12.2024 में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधित दोषी शासकीय सेवकों एवं राशि प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के विरूद्ध एफ.आई.आर./निलंबन/ अनुशासनात्मक/विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करने को लिखा? यदि हाँ तो बतावें कि दो माह बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) बीईओ सरदारपुर जिला धार का पत्र क्रं.2024/1143 दिनांक 19.06.24 की प्रति दें तथा जानकारी दें कि राशि 51, 65, 297 रू. तथा 325122 रू. किस-किस द्वारा किस-किस दिनांक को किसके आदेश से जमा की गई तथा कोषालय ने किस सक्षम अधिकारी के आदेश पर शासकीय खाते में राशि जमा की? राशि जमा कराने वाले व्यक्ति का नाम, पता, पद यदि हो तो जमा करने की दिनांक, जमा करने का शीर्ष सहित सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कलेक्टर धार के पत्र अनुसार कार्यवाही कब तक जायेगी तथा प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रमुख सचिव को लिखे गये पत्र क्र. 54/2025 दिनांक 10.02.2025 का उत्तर दिलाया जाये।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जांच प्रतिवेदन से संबंधित समस्त दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। संदिग्ध राशि का विवरण भी उपर्युक्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में उल्लिखित है। (ख) जी हाँ। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सरदारपुर, जिला धार के पत्र क्रमांक/आ.वि/शिक्षा-स्था./2025/378 दिनांक 05/03/2025 द्वारा राशि गबन के संबंध में एफ.आई.आर दर्ज किये जाने हेतु थाना प्रभारी, थाना सरदारपुर जिला धार को लिखा गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ-1” अनुसार है। (ग) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरदारपुर, जिला धार का पत्र क्रमांक/लेखा/2024/1143 दिनांक 01/07/2024 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित पत्र दिनांक 19/06/2024 नहीं, अपितु विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरदारपुर, द्वारा उक्त पत्र दिनांक 01/07/2024 को जारी किया गया है। राशि जमाकर्ता द्वारा राशि जमा किये जाने हेतु किसी भी अधिकारी की अनुमति प्राप्त नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य धार द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लिखित उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। माननीय विधायक द्वारा प्रमुख सचिव, को लिखे गये पत्र के संदर्भ में आयुक्त, जनजातीय कार्य के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 4317 दिनांक 25/02/2025 द्वारा कलेक्टर जिला धार को कार्यवाही हेतु लिखा गया है।
नवीन अभयारण्य का गठन
[वन]
117. ( क्र. 2123 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 1416 दिनांक 20.12.24 के संदर्भ में बतावें कि सागर जिले में नवीन अभयारण्य का गठन अभी तक क्यों नहीं किया गया क्या? गठन अगर दस साल तक नहीं होगा तो इतने वर्षों तक सरदारपुर अभयारण्य के डिनोटिफाई की अधिसूचना जारी नहीं की जायेगी? बुरहानपुर जिले में नवीन अभयारण्य के गठन की प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति क्या है तथा कुनो में 55.93 वर्ग मीटर तथा कर्मझिरी में 19.10 वर्ग किलोमीटर का समायोजन अभी तक क्यों नहीं हुआ? जनप्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित हुए या नहीं? (ख) सरदारपुर तथा सैलाना अभयारण्य में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक कितने खरमौर देखे गये तथा दोनों अभयारण्य पर इस अवधि में कितना-कितना खर्च किया गया? (ग) क्या भारत सरकार को किन जिलों के अभयारण्यों को डिनोटीफाई के लिए अभयारण्यों के प्रस्ताव दिए हैं, उन प्रस्तावों की प्रति देवें और उन पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त जानकारी प्रदान करें। (घ) राष्ट्रीय वन्य बोर्ड की स्टैंडिंग कमेटी को क्या-क्या प्रस्ताव भेजे गए एवं कमेटी द्वारा राज्य सरकार क्या पत्राचार किया गया? समस्त पत्रों की जानकारी देवें। (ड.) उपवन मण्डल सरदारपुर को वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्राप्त हुआ? कितना बजट खर्च किया गया? समस्त जानकारी देवें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सागर जिले में नवीन अभयारण्य के गठन के प्रस्ताव पर प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत अधिसूचना प्रारूप परिमार्जन की प्रक्रिया में है। अधिसूचना प्रारूप परिमार्जन उपरांत सागर जिले में अभयारण्य के गठन की अधिसूचना जारी करना संभव होगा। तत्पश्चात सरदारपुर अभयारण्य के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी की जा सकेगी। बुरहानपुर जिले में नवीन अभयारण्य के प्रस्ताव में जनप्रतिनिधियों के सुझाव प्राप्त हो गये हैं। सरदारपुर अभयारण्य के पुनर्गठन में अभयारण्य से कम होने वाला क्षेत्र 215.28 वर्ग किलोमीटर है जिसका समायोजन कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पूर्व से अधिसूचित 55.93 वर्ग किलोमीटर एवं कर्मझिरी अभयारण्य के पूर्व से अधिसूचित 14.10 वर्ग किलोमीटर तथा सागर जिले में प्रस्तावित अभयारण्य के रकबे में से 145.25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में होना है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 में है। (ग) सरदारपुर अभयारण्य के अतिरिक्त किसी अन्य जिले के अभयारण्यों को डिनोटिफाई किये जाने का कोई प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की स्टैंडिंग कमेटी की अनुशंसा हेतु प्रस्ताव भारत सरकार के परिवेश पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित किये जाते हैं। परिवेश पोर्टल पर राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की स्टैंडिंग कमेटी के विचारार्थ प्रेषित प्रस्ताव की दिनांक 27.02.2025 की स्थिति में सूची संलग्न परिशिष्ट-2 में है। (ङ) उप वनमंडल सरदारपुर को वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रूपये 29.21 लाख आवंटित किए गये जिसमें राशि रूपये 29.21 लाख व्यय किया गया।
लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
118. ( क्र. 2130 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 01/01/2023 से प्रश्न दिनांक तक जल जीवन मिशन की कौन-कौन सी नल-जल योजनाएँ संचालित हो रही है? कौन-कौन सी योजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हो पाये है? स्थान एवं कार्यवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस-किस निर्माण एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया है? प्रत्येक निर्माण की लागत, वर्क ऑर्डर सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में ऐसे कितने निर्माण कार्य है जो समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुए है? समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने वाले कार्यों के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? कार्यवार संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) निर्माणाधीन और पूर्ण हो चुके कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में विभाग को कितनी शिकायतें, किस-किस कार्य की प्राप्त हुई एवं विभाग के जिला अधिकारियों द्वारा कार्य गुणवत्ता के संबंध में निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियाँ, कौन-कौन से कार्यों में पायी गयी? कार्यवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम की नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, जिसकी वर्तमान प्रगति 73.31 प्रतिशत है। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत कोई भी योजना संचालित/पूर्ण नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत किए गए प्रावधान अनुसार दोषी पाए जाने पर ठेकेदार एजेंसियों/फर्मों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजना की समयावधि वर्तमान तक पूर्ण नहीं हुई है। (घ) निरीक्षण के दौरान ड्राईंग डिजाईन एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार कार्य नहीं पाए जाने पर संबंधित को तत्काल निर्देशित कर निर्धारित मापदण्ड एवं डिजाईन अनुसार कार्य करने की चेतावनी दी जाकर उपरोक्तानुसार कार्य उपयुक्त होने पर ही विभाग द्वारा स्वीकार किया जाता है। प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
सैलाना विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
119. ( क्र. 2134 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जल जीवन मिशन में कितने-कितने नल-जल योजना में ग्राम पंचायत लाभान्वित हुई हैं तथा उनकी वर्तमान स्थिति क्या हैं? वर्षवार, ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) क्या रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल हेतु नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण हो गया है या अपूर्ण हैं? यदि नल-जल योजना का कार्य पूर्ण हो गया हैं, तो पूर्ण हो गए नल-जल योजनाओं से कितनी ग्राम पंचायत में पेयजल सप्लाई किया जा रहा हैं और कितनी ग्राम पंचायत में पेयजल सप्लाई नहीं किया जा रहा हैं की जानकारी ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। क्या नल-जल योजना का अपूर्ण कार्य पूर्ण किया जायेगा? यदि हाँ तो निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नल-जल योजना में किस कंपनी के पाइप व मोटरों का उपयोग किया जा रहा है? नल-जल योजना में काम करने वाली एजेंसियों के नाम भी बतावें। नल-जल योजना में उपयोग लिए जा रहे पाइप व मोटरों की ग्यारंटी/वारंटी कितने वर्षों की दी गयी हैं? बिल वाउचरों की प्रतियां ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) सभी 112 ग्राम पंचायतों के 457 ग्रामों को जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत पेयजल प्राप्त होने जा रहा है। वर्तमान में 59 पंचायतों के ग्रामों में से 51 ग्राम पेयजल से लाभान्वित हो रहे हैं। एकल ग्राम योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु 02 समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य स्वीकृत हुए हैं, समूह जल प्रदाय योजनाओं से लाभान्वित ग्राम पंचायत-ग्राम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। नल-जल योजनाओं में उपयोग में लिए जा रहे पाइप व मोटर पंप विभाग द्वारा क्रय नहीं किए जा रहे हैं।
जंगल में अवैध कटाई
[वन]
120. ( क्र. 2136 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले अंतर्गत वन परिक्षेत्र केवलारी के जंगल में हुई अवैध कटाई पर रोक लगाई जायेगी? यदि हाँ तो कब और नहीं तो क्यों? (ख) वन परिक्षेत्र केवलारी अंतर्गत सैकड़ों की संख्या में अवैध सागौन कटाई के बाद भी लापरवाह रेंजर और एस.डी.ओ. पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिसके कारण उनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं? क्या विभाग दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब? (ग) क्या विभाग उच्च अधिकारियों की टीम गठित कर अवैध कटाई की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले अंतर्गत वन परिक्षेत्र केवलारी के जंगल में अवैध कटाई की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही की गई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वन परिक्षेत्र केवलारी अंतर्गत सागौन की अवैध कटाई की जांच उपरांत मुख्य वन संरक्षक, सिवनी के आदेश क्रमांक/स्था.प्र./42 दिनांक 11.02.2025 के माध्यम से वन परिक्षेत्राधिकारी, केवलारी को निलंबित किया गया है तथा श्री आर.के. गुरूदेव, सहायक वन संरक्षक, उप वनमंडलाधिकारी, केवलारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ग) जी हाँ। पत्र क्रमांक/शिका./2025/0001/10-10/168 दिनांक 15.01.2025 के माध्यम से उप वन संरक्षक, प्रभारी राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दल को जांच हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही वनमंडलाधिकारी, सामान्य वनमंडल दक्षिण सिवनी के आदेश क्रमांक/निस/शिकायत/कक्ष-संरक्षण/2025/18 दिनांक 20.01.2025 के माध्यम से उप वनमंडलाधिकारी, सिवनी के नेतृत्व में 03 परिक्षेत्राधिकारियों का जांच दल गठित कर जांच कराई गई है। जांच उपरांत तात्कालिक रूप से 03 वनरक्षक, 02 परिक्षेत्र सहायक तथा परिक्षेत्राधिकारी, केवलारी को निलंबित किया जा चुका है।
हैण्डपंप उत्खनन एवं नल-जल योजना की भौतिक स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 2137 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2019-2024 तक कितने नवीन हैण्डपंप उत्खनन हेतु वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य कितना था? कृपया विकासखंडवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दिये गये वित्तीय वर्षों में हैण्डपंप उत्खनन हेतु दिये गये भौतिक लक्ष्यों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु व्यवस्था पूर्ण की जा सकेगी? यदि नहीं तो शासन द्वारा हैण्डपंप उत्खनन के लक्ष्यों को बढ़ाने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र में पूर्व में स्थापित/स्वीकृत नल-जल योजना की भौतिक स्थिति किया है? पूर्व से बंद नल-जल योजना को पुन: चालू करने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पूर्व में स्वीकृत नल-जल योजना आज दिनांक तक विभाग द्वारा कार्य पूर्ण न होने के कारण संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं की गई है, उन्हें कब तक पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। नलकूप खनन के लक्ष्य संपूर्ण जिले के लिए प्रदाय किए जाते हैं। यह लक्ष्य विधान सभावार या विकासखंडवार नहीं दिए जाते हैं। (ख) नलकूप खनन शासन से प्राप्त बजट सीमा एवं लक्ष्यों के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार किए जाते हैं। वर्तमान में जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, अतःशेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
122. ( क्र. 2141 ) श्री विपीन जैन : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले अंतर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास ( निर्माण कार्य ) योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ था? (ख) प्राप्त राशि से मंदसौर विधानसभा में कौन-कौन से निर्माण कार्य, कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से किया गया है? सूची देवें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मंदसौर जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास (निर्माण कार्य) योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राशि रूपये 62.67 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
प्रभारी प्राचार्य का निलंबन
[जनजातीय कार्य]
123. ( क्र. 2143 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 1600 दिनांक 20/12/2024 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित किया गया है कि शिकायत एवं वायरल वीडियो एवं न्यूज चैनल में प्रसारित समाचार का जांच हेतु समिति का गठन संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य एवं अनु.जाति विकास, शहडोल द्वारा किया जाकर कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी तथा आरोप की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए श्री वर्मा के विरुद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो जांच हेतु गठित समिति एवं गठित समिति की प्रांरभिक जांच रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या कमिश्नर शहडोल द्वारा जारी निलंबन आदेश क्रमांक 1527 दिनांक 18/04/2024 में उल्लेखित किया गया है कि गठित समिति द्वारा प्रारंम्भिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसके लिए प्रथम दृष्टया प्राचार्य, कन्या शिक्षा परिसर कोतमा, जिला अनूपपुर श्री सुभाष चन्द्र वर्मा को दोषी पाया गया है, जिसके आधार पर उसे निलंबित किया गया है? यदि हाँ तो निलंबन आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा गठित समिति के प्रांरभिक जांच रिपोर्ट में श्री वर्मा को प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ तो जानकारी दें। यदि नहीं तो जांच प्रतिवेदन में क्या उल्लेख है? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति शहडोल के पत्र क्र. 756 दिनांक 7 अगस्त 2024 के द्वारा आवेदक सुभाष चन्द्र वर्मा का आरोप पत्रादि का उत्तर दिए जाने हेतु अभिलेख उपलब्ध कराये जाने के संबंध में लिखित जानकारी दी गई है कि वायरल वीडियो का तकनीकी परीक्षण की प्रमाणित प्रति इस कार्यालय में उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ तो किस आधार पर दोषी पाये जाने का उल्लेख कर निलंबित किया गया है? किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को कितने अवधि तक निलंबित रखे जाने का प्रावधान है और अभी तक इन्हें किस आधार पर निलंबित रखा गया है? निलंबन आदेश निरस्त नहीं करने के पीछे क्या उद्देश्य है? बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में गठित समिति के जांच प्रतिवेदन दिनांक 17/04/2024 में वायरल वीडियो 8 माह पुराना होने पर भी प्राचार्य श्री सुभाष चन्द्र वर्मा का निर्वाचन सामग्री वितरण मॉकड्रिल ड्यूटी होने के कारण कथन हेतु समय मांगे जाने तथा आपसी सामंजस्य का अभाव होने का उल्लेख किया गया है तथा कहीं भी प्रतिवेदन में प्राचार्य श्री सुभाष चन्द्र वर्मा का दोषी होने का उल्लेख नहीं है? यदि हाँ तो कैसे प्रथम दृष्टया दोषी मानकर निलंबित किया गया? अभी तक नियम विरुद्ध निलंबन आदेश के निरस्त नहीं किये जाने के क्या कारण है? यदि निरस्त किया गया हो तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। गठित समिति का जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। निलंबन आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। जांच समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के साथ संलग्न प्रभा मरावी, अधीक्षिका, शा. कन्या शिक्षा परिसर कोतमा जिला अनूपपुर के अभिलिखित कथन में ऑडियो की पुष्टि करते हुये प्राचार्य द्वारा राशि रू. 25000/- प्रतिमाह दिये जाने की मांग स्वीकार किये जाने के आधार पर प्राचार्य श्री वर्मा को प्रथम दृष्टया दोषी मानकर निलंबन की कार्यवाही की गई है। प्रांरभिक जांच प्रतिवेदन की उपरोक्त प्रति के साथ सहपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जांच समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के साथ संलग्न प्रभा मरावी, अधीक्षिका, शा. कन्या शिक्षा परिसर कोतमा जिला अनूपपुर के अभिलिखित कथन में ऑडियो की पुष्टि करते हुये प्राचार्य द्वारा राशि रू. 25000/- प्रतिमाह दिये जाने की मांग स्वीकार किये जाने के आधार पर प्राचार्य श्री वर्मा को प्रथम दृष्टया दोषी मानकर निलंबन की कार्यवाही की गई है। किसी अधिकारी/कर्मचारी के निलंबन की अवधि का निर्धारण नियम में नहीं है। श्री वर्मा द्वारा निलंबन आदेश के विरूद्ध शासन स्तर पर अपील अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके अनुक्रम में विभागीय आदेश क्र.257/2079168/2024/25/1 भोपाल दिनांक 28/02/2025 द्वारा श्री वर्मा को निलंबन से बहाल कर शा.उ.मा.वि. फुनगा, विकासखण्ड जैतहरी जिला अनूपपुर में पदस्थ किया गया है। आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश का शेष उत्तर उपरोक्तानुसार है।
वृक्षारोपण अभियान की भौतिक स्थिति
[वन]
124. ( क्र. 2152 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान एवं अन्य योजना के तहत वृक्षारोपण हेतु अभियान प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक शासन की ओर से क्या निर्देश मिले थे, क्या-क्या योजना बनाई गई थी? जानकारी देवें। (ख) मंदसौर जिले में कितने स्थानों का चयन कर उपरोक्त अभियान में वृक्षारोपण किया गया? स्थानों का नाम, वृक्षों की संख्या तथा व्यय की गई राशि की विधान सभावार जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त अभियान के तहत लगाए गए वृक्षों की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त अभियान के तहत वर्तमान में वन विभाग की भूमि के अतिरिक्त अन्य भूमि पर विभाग द्वारा वृक्षा रोपण किया जा सकता है या नहीं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्ष 2024 में विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान "एक पेड़ माँ के नाम" प्रारंभ किया गया। इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन एवं भारत सरकार द्वारा मुख्यतः निर्देश दिये गये हैं कि समस्त वृक्षारोपण स्थलों को एक पेड़ माँ के नाम अभियान से जोड़ा जावे। इस हेतु वृक्षारोपण पर बोर्ड बैनर लगाया जाए, जिसमें "एक पेड़ माँ के नाम" का उल्लेख हो। इस जन अभियान के अंतर्गत अधिक से अधिक प्रतिभागी वृक्षारोपण स्थलों पर आकर पौधा रोपण अभियान के भागीदार बनें। इस कार्यक्रम की रोपित पौधों के साथ सेल्फी/वीडियो/फोटोग्राफ मेरी लाइफ पोर्टल एवं अंकुर एप #एक पेड माँ के नाम# पर अपलोड कराया जावे। विभागीय प्रचलित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पौधा रोपण हेतु स्थलवार पृथक-पृथक प्रोजेक्ट बनाकर रोपण कार्य संपादित किया गया है। (ख) एवं (ग) मंदसौर वनमंडल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ।
नवीन उचित मूल्य की दुकान खोली जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
125. ( क्र. 2155 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच विधानसभा स्थिति ग्राम पंचायत घसुण्डीजागीर के ग्राम पिपल्याजागीर में नवीन उचित मूल्य की दुकान प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित वनांचल स्थित ग्रामों में नवीन उचित मूल्य की दुकान खोलने हेतु राशन कार्ड की संख्या के नियम को शिथिलीकरण करने का कोई प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है। (ग) क्या नीमच विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत घसुण्डीजागीर से ग्राम पंचायत के ही गांव पिपल्याजागीर की दूरी 12 कि.मी. है तथा यहाँ 710 राशन खाते है? दूरी अधिक होने के कारण यहां पर नियमों को शिथिल करते हुए कब तक नई उचित मूल्य की दुकान प्रारंभ कर दी जाएंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत घसुण्डीजागीर से ग्राम पंचायत के ही गांव पिपल्याजागीर की दूरी लगभग 05 कि.मी. है। उक्त ग्राम में 90 पात्रताधारी परिवार हैं जबकि घसुण्डीजागीर में 619 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के प्रावधान अनुसार 800 से अधिक परिवार होने पर ही किसी पंचायत में अतिरिक्त उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। वर्तमान में नियम में परिवर्तन का विचार नहीं है।
भ्रामक प्रचार पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
126. ( क्र. 2158 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की विभिन्न बीमा कंपनियां, कोचिंग केन्द्र और अन्य कंपनियों द्वारा भ्रामक प्रचार के माध्यम से उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है? यदि हाँ, तो गत 1 जनवरी 2020 के पश्चात प्रदेश में इन कंपनियों के खिलाफ कब-कब, किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ पर शिकायत दर्ज कराई? (ख) प्रदेश में भ्रामक विज्ञापनों को लेकर शासन के क्या निर्देश है? निर्देशों की प्रति दें। (ग) क्या प्रदेश में विभिन्न निजी बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर 100 प्रतिशत कैशलेस बीमे का वादा करती है और 41 प्रतिशत तक कटौती करती है? यदि हाँ, तो प्रदेश के विभिन्न उपभोक्ता न्यायालयों में उक्त अवधि में कितने प्रकरण दर्ज हुए और कितनों का निराकरण माननीय न्यायालय द्वारा उपभोक्ता के पक्ष में किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ऐसी शिकायतें उपभोक्ता आयोग में दर्ज हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा राजपत्र दिनांक 09.06.2022 के द्वारा मार्गदर्शक सिद्धांत जारी किये गये है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। (ग) प्रदेश के विभिन्न उपभोक्ता न्यायालयों में उक्त अवधि में दर्ज 88 प्रकरणों में से 33 प्रकरण निराकृत किये गये जिसमें से 27 प्रकरण उपभोक्ताओं के पक्ष में निराकृत किये गये है।
दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
127. ( क्र. 2159 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा में लाने हेतु अस्थिबाधित, दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित एवं मानसिक रूप से अविकसित बालक/बालिकाओं/व्यक्तियों के लिये शिक्षण, प्रशिक्षण, रोजगार, पुनर्वास कार्यक्रम, छात्रवृत्ति, शिक्षा प्रोत्साहन हेतु कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में प्रचलित है? शासन आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त दिव्यांगजनों को योजनाओं हेतु क्या-क्या पात्रता निर्धारित है, जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्ष 2023 व 2024 में जिला ग्वालियर में कितने दिव्यांगजनों के आवेदन प्राप्त हुये एवं कितने दिव्यांगजनों को उक्त प्रचलित योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया गया? योजनावार एवं संख्यावार जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में कितने दिव्यांगजनों के आवेदन लंबित प्रक्रिया में है एवं कितने आवेदन निरस्त किये गये? कारण सहित जानकारी स्पष्ट की जावे।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के संबंध में दिव्यांगजनों के आवेदन लंबित नहीं है, मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 03 आवेदन पत्र अन्य पाठ्यक्रम में अध्ययनरत होने से पात्र नहीं पाये गये हैं।
पौधारोपण पर व्यय
[वन]
128. ( क्र. 2161 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वन क्षेत्र में पौधारोपण किये जाने हेतु गड्ढे खोदने एवं पौधे क्रय करने की योजना किस वर्ष से लागू की गई? (ख) वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 में ग्वालियर एवं शिवपुरी वन वृत्तों के अधीन वन मण्डलों में किए गये वृक्षारोपणों में कितने गड्ढे खोदे गये एवं उन पर कितना व्यय हुआ? वन मंडलवार जानकारी दें। वृक्षारोपणों हेतु पौधे क्रय करने हेतु कितनी राशि का भुगतान किया गया? वन मण्डलवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में रोपे गये पौधों में से वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं, की संख्या वनमण्डलवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया, जिसमें लक्ष्य से निर्धारित मृत पौधों पर हुई अपव्यय की राशि के संबंध में क्या कार्यवाही की गई और नहीं तो क्यों? क्या अब की जायेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रदेश में वनक्षेत्र में पौधारोपण किये जाने हेतु गड्ढे खोदने एवं पौधा क्रय करने की योजना वन विभाग के अस्तित्व में आने के समय से ही प्रचलित है। वर्तमान में मुख्यत: कार्य आयोजना का क्रियान्वयन योजना एवं कैम्पा योजना के तहत तथा कुछ अन्य योजनाओं के तहत गड्ढे खोदने एवं पौधा क्रय करने की कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। पौधारोपण हेतु अधिकांश पौधे सामाजिक वानिकी इकाइयों की रोपणियों से प्राप्त किये गये हैं। जिन वनमंडलों द्वारा पौधे क्रय किये गये हैं, उसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ। गुना वनमंडल में मात्र एक स्थल पर लक्ष्य से निर्धारित कम जीवित पौधों के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है।
जे.व्ही.एस. अनुबंध अनुसार गोदाम संचालकों का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
129. ( क्र. 2163 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत वर्ष संयुक्त भागीदारी योजना जे.व्ही.एस. अंतर्गत प्रदेश के कितने गोदाम संचालकों द्वारा शासन/म.प्र. वेयर हाउस कॉर्पोरेशन के साथ अनुबंध किया था? गत वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में जिला भोपाल, जबलपुर एवं जिला मुरैना के अनुबंधकर्ता गोदाम संचालकों की जानकारी गोदाम का नाम, पता, मय संचालकों के मोबाइल नंबर की सूची जिलेवार उपलब्ध कराएं। इनमें से कितने गोदामों में धर्म कांटे की व्यवस्था नहीं है? (ख) प्रदेश के इन समस्त जे.व्ही.एस. अनुबंध गोदामों में कितना मीट्रिक टन अनाज/स्कंध भंडारित किया गया था? (ग) उक्त भंडारित स्कंध/अनाज के विरुद्ध गोदाम संचालकों को कितनी राशि का किराया प्रश्न दिनांक तक देय है? उक्त देय किराए में से कितना किराया वर्तमान में दिया गया एवं कितना किराया दिया जाना लंबित है? लंबित किराया क्यों नहीं दिया जा रहा है? कब तक संपूर्ण किराये का भुगतान किया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2023-24 के संयुक्त भागीदारी योजना के अंतर्गत गोदाम संचालकों एवं म.प्र. वेयर हाउस कार्पोरेशन के साथ अनुबंध निष्पादन किया गया है। जिला भोपाल, जबलपुर एवं मुरैना के गोदाम संचालकों के साथ अनुबंध की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भोपाल, जबलपुर एवं मुरैना के अनुबंधित जे.व्ही.एस. गोदामों में निम्न मात्रा में अनाज भण्डारित किया गया था:- 1. भोपाल- 428699 मे. टन 2. जबलपुर- 715444 मे. टन 3. मुरैना- 31002 मे. टन कुल- 1175145 मे. टन (ग) उक्त भंडारित स्कंध/अनाज के विरूद्ध गोदाम संचालकों को राशि का किराया प्रश्न दिनांक तक देय है जिसका विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
जिला |
प्रस्तुत देयक |
भुगतान राशि |
शेष लंबित राशि |
1 |
भोपाल |
1155475000 |
1025752000 |
129723000 |
2 |
जबलपुर |
374024345 |
79625965 |
42223531 |
3 |
मुरैना |
707295373 |
686202679 |
21092694 |
जमाकर्ता से राशि प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। राशि प्राप्त होते ही उक्त किराया भुगतान कर दिया जावेगा।
उपार्जन केन्द्र खोला जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
130. ( क्र. 2165 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा अंतर्गत ककरहटी में प्रतिवर्ष उपार्जन केन्द्र खोला जाता रहा है? यदि हाँ तो वर्ष 2024 के खरीफ सीजन में उपार्जन केन्द्र क्यों नहीं खोला गया है? क्या केन्द्र न खोले जाने के कारण किसानों को 20 से 25 किलोमीटर दूरी तक अपनी फसल बेचने के लिये नहीं जाना पड़ा है? क्या इससे किसान परेशान नहीं हुए है? जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा गुनौर विधानसभा के ककरहटी में विगत वर्षों की भॉति इस वर्ष 2024 खरीफ सीजन में पत्र दिनांक 26/10/24 व 26/11/2024 द्वारा ककरहटी में उपार्जन केन्द्र खोले जाने का अनुरोध किया गया था? यदि हाँ तो ककरहटी में उपार्जन केन्द्र क्यों नहीं खोला गया? क्या ककरहटी में केन्द्र न खोले जाने को लेकर जनता द्वारा जिला स्तर पर भी लिखित आवेदन पत्र दिया गया है? (ग) क्या यदि कोई समिति केन्द्र संचालित करने के लिये तैयार नहीं होती है तो क्या ऐसे केन्द्रों को संचालित नहीं किया जायेगा? क्या वर्ष 2025 सीजन रबी में ककरहटी में उपार्जन केन्द्र खोला जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जारी नीति के प्रावधान अनुसार पात्र एवं इच्छुक सहकारी समिति/महिला स्व-सहायता समूह के संबंध में उपायुक्त सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, पन्ना से ग्राम ककरहटी हेतु खरीदी केंद्र का प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने के कारण ग्राम ककरहटी में खरीदी केंद्र नहीं खोले गए। जारी उपार्जन नीति अनुसार किसानों की सुविधा हेतु ग्राम ककरहटी से 25 कि.मी. की परिधि में पाठक वेयर हाउस गुनौर, कृषि उपज मंडी, देवेन्द्र नगर, मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के बड़ागांव गोदाम, ग्राम गौरा में उपार्जन केंद्र खोले गए थे। ग्राम ककरहटी एवं आसपास के किसानों द्वारा अपनी सुविधा अनुसार इन उपार्जन केंद्रों पर धान का विक्रय किया गया। (ख) जी हाँ। गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ककरहटी में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान खरीदी केंद्र खोले जाने के संबंध में सहायक आयुक्त, सहकारिता, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं जिला परियोजना प्रबंधक म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला पंचायत पन्ना को पत्र प्रेषित कर प्रस्ताव मांगा गया किन्तु ग्राम ककरहटी में खरीदी केंद्र खोले जाने हेतु पात्र एवं इच्छुक सहकारी समिति/महिला स्व-सहायता समूह का प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से खरीदी केंद्र नहीं खोला गया। ग्राम ककरहटी में केंद्र न खोले जाने को लेकर जनता द्वारा जिला स्तर पर लिखित आवेदन पत्र नहीं दिया गया। (ग) उपार्जन नीति अनुसार पात्र एवं इच्छुक सहकारी समिति/महिला स्व-सहायता समूह का प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से खरीदी केंद्र का संचालन नहीं किया जा सकता है। रबी उपार्जन वर्ष 2025-26 में गेहूं उपार्जन हेतु किसान पंजीयन केन्द्र उपायुक्त सहकारिता, पन्ना से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार जिला उपार्जन समिति की अनुशंसा पर ग्राम ककरहटी में खोला गया है। उपार्जन केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
131. ( क्र. 2167 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा में जल-जीवन मिशन के तहत कितनी नल-जल योजनायें बनाई जा रही हैं? गुनौर विधानसभा की नल-जल योजनाओं के नाम, प्राक्कलन राशि एवं कार्यपूर्णता की निर्धारित अवधि सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त कितनी नल-जल योजनायें प्रारंभ हो चुकी है और कितनी अपूर्ण है? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त बन्द पड़ी नल-जल योजनाओं के ठेकेदारों का पूर्ण भुगतान हो चुका है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या उन ठेकेदारों पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) नल-जल योजना के निर्माण कार्य के दौरान ग्राम पंचायतों में डाली जाने वाली पाइप-लाइनों के लिये खोदी जाने वाली सड़कों के गड्ढों को पूर्ण रूप से बन्द क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या इससे आवागमन प्रभावित नहीं हुआ है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 01 ( सिंघौरा-02 समूह जल प्रदाय योजना) प्रारंभ हो चुकी है एवं योजना का कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजना निर्माणकर्ता ठेकेदार एजेंसी को अनुबंधित कार्य पूर्ण किए जाने के उपरांत विभाग द्वारा कार्य सत्यापन उपरांत भुगतान करने की कार्यवाही की जाती है तथा पूर्ण की गई योजना को संचालन-संधारण हेतु संबंधित ग्राम पंचायत को हस्तांतरित किया जाता है। योजना के पूर्ण होने के उपरांत हस्तांतरित कर दी गई योजना से जल प्रदाय बंद होने पर आवश्यक संधारण/मरम्मत कार्य करके पुनः जल प्रदाय चालू करने का उत्तरदायित्य ग्राम पंचायत का है, समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पाइप-लाइन बिछाने के लिए जहाँ सड़कों पर ट्रेंच खोदकर भूमि की सतह के नीचे गहराई पर पाइन बिछाने का कार्य कराया जा रहा है, वहाँ पाइप बिछाने के उपरांत ट्रेंच को भरकर मार्ग को आवागमन योग्य बना दिया जाता है तथा पाइप-लाइन की टेंस्टिंग के बाद आवश्यकतानुसार सड़क मरम्मत का कार्य अनुबंध में प्रावधानित शर्तों के तहत पाइप-लाइन के ठेकेदार द्वारा कराया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल जीवन मिशन योजना में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 2183 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र जिला आगर-मालवा अंतर्गत जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन पंचायत में किस फर्म/कंपनी/ठेकेदार द्वारा कार्य किए गए हैं? प्राक्कलन लागत सहित जानकारी देवें तथा उक्त कार्यों की अनुबंध अवधि कब तक की थी? क्या ठेकेदार/कंपनी द्वारा अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण कर दिया गया है? विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार/एजेन्सी से किये अनुबंध की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन ग्राम पंचायतों में अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है उन एजेंसी/ठेकेदारों पर विभाग द्वारा कब-कब क्या क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन ग्राम पंचायत में पाइप-लाइन बिछाई गई है वहां सी.सी. रोड को खोदा गया है और खोदने के पश्चात उन्हें सही तरीके से रिपेयर नहीं किया गया है। क्या लाखों रुपए की लागत से बने ग्रामीण क्षेत्रों में सीसी रोड का भारी नुकसान ठेकेदारों की लापरवाही से हुआ है? कहाँ-कहाँ सी.सी. रोड के पुनर्निर्माण करवाया गया है? ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें तथा उक्त कार्य की देखरेख किन अधिकारियों द्वारा की गई? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में संचालित कार्यों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? निरीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध करावें। क्या सम्पूर्ण कार्य तय मापदण्ड एवं अनुबंध अनुसार किया गया है? यदि नहीं तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं संबधित ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। मध्यप्रदेश जल निगम की समूह जल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन की अवधि समाप्त नहीं हुई अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। रोड रेस्टोरेशन का कार्य नल-जल योजना की ठेकेदार एजेंसी के द्वारा अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण एवं स्थल प्रभारी उपयंत्री तथा तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी के पर्येवेक्षण में कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) क्रियान्वित की जा रही नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों का निरीक्षण कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्रियों तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्थाओं द्वारा किया गया है। कार्य विभागीय मापदंड एवं अनुबंध अनुसार किए गए हैं। निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार है।
जिला अलीराजपुर में नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 2186 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल टंकी लगाई गई है? यदि हाँ तो कितनी-कितनी लगाई गई? विकासखण्डवार संख्या बतावें। क्या स्कूल तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल टंकी निर्माण के साथ बोर खुदाई की प्राक्कलन राशि भी सम्मिलित थी? हाँ तो कितनी? स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बोर खुदाई कार्य करवाया गया, विकासखण्डवार संख्या बतावें। (ख) क्या स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्र पर लगाई गई पेयजल टंकी सम्पूर्ण शैक्षणिक संस्था, आंगनवाड़ी केन्द्र में पेयजल चालू है? यदि नहीं तो क्या कारण है? क्या पेयजल टंकी बन्द होने पर जांच करवाई गई? यदि हाँ तो किस अधिकारी द्वारा की गई? हाँ तो नाम सहित प्रतिवेदन एवं जानकारी देवें। (ग) क्या पेयजल टंकी बन्द होने पर संबंधित निर्माण एजेन्सी पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) अलीराजपुर जिले में ग्रामीणजनों को पेयजल हेतु नल-जल योजनान्तर्गत निर्मित कितनी टंकियां चालू है, कितनी बंद हैं? जानकारी ग्रामवार देवें। यदि टंकी चालू नहीं है तो क्या कारण है? जहा टंकियां निर्मित की गई है वहाँ पर क्या ग्रामीणजनों को प्रत्येक घर पर पानी मिल रहा है। यदि हाँ तो ग्रामवार संख्या बतावें। यदि नहीं तो क्या कारण है? बंद टंकियों की जांच की गई है? यदि हाँ तो अवगत करावें। नहीं तो कब तक की जावेगी? अवधि बताएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल टंकी निर्माण के साथ बोर खुदाई की प्राक्कलन की राशि सम्मिलित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर लगाई गई पेयजल टंकी निर्माण उपरांत 15 दिवस का ट्रायल रन कर संबंधित संस्थाओं को हस्तांतरित कर दी गई है, उक्त पेयजल अधोसंरचना अब संबंधित संस्था की परिसंपत्ति है, जिसका संचालन एवं रख-रखाव उन्हीं के द्वारा किया जाना है। उक्त पेयजल व्यवस्था का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन/रख-रखाव किए जाने का प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत निर्मित 91 टंकियों से जल प्रदाय चालू है तथा 6 टंकियों से जल प्रदाय वर्तमान में बंद तथा 17 ग्रामों में टंकियों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है, एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 के अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत अलीराजपुर समूह जल प्रदाय योजना में कुल 223 उच्च स्तरीय टंकी निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, वर्तमान में 109 टंकियों का कार्य प्रगतिरत है तथा शेष 114 टंकियों का सर्वे कार्य पूर्ण एवं शेष कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
गांधीसागर अभयारण्य क्षेत्र का ब्लू प्रिंट
[वन]
134. ( क्र. 2191 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर चीता अभयारण्य कौन से जिले में स्थित है? उसकी सीमा क्षेत्र नीमच जिले की है या मंदसौर जिले की? अभयारण्य क्षेत्र का ब्लू प्रिंट उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त अभयारण्य क्षेत्र यदि नीमच जिले के भू-भाग पर स्थित है तो उसका व्यवस्थापन भी नीमच जिले के अधिकार क्षेत्र में दिया जाना चाहिए और प्रचार प्रसार में भी मनासा जिला नीमच के नाम का ही उपयोग किया जावे। (ग) अभी तक कहीं भी नीमच जिले का नाम प्रदर्शित क्यों नहीं किया गया जबकि पूरा वन क्षेत्र नीमच जिले में स्थित है? क्या यह मनासा विधानसभा एवं नीमच जिले की उपेक्षा नहीं है और यह त्रुटि कब तक ठीक कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सामान्य वनमण्डल मंदसौर के अंतर्गत गांधीसागर अभयारण्य, मन्दसौर एवं नीमच जिले में स्थित होने से इसकी सीमायें दोनों जिलों में स्थित है। गांधीसागर अभयारण्य क्षेत्र का मानचित्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश "क" के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यावरण में हो रहे प्रदूषण की रोकथाम
[वन]
135. ( क्र. 2201 ) श्री रामनिवास शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिला क्षेत्रांतर्गत कोल माइंस कंपनियों द्वारा कोयला उत्पादन हेतु पेड़ों की कटाई किये जाने के बाद प्रश्नांश दिनांक तक कितने पेड़ कहाँ-कहाँ लगाये गये हैं तथा ऊर्जा उत्पादन करने के पश्चात् रिलायंस पावर, अड़ानी पावर आदि कंपनियों द्वारा पर्यावरण में हो रहे प्रदूषण को साफ-स्वच्छ बनाये रखने हेतु क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) संबंधित कंपनियों द्वारा वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 सी.एस.आर. मद से कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से विकास कार्य किये गये हैं? आगामी वर्ष में 2025-26 में विकास कार्य की क्या योजना है? जानकारी बतायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) कोल माइंस कंपनियों को वन भूमि व्यपवर्तन के एवज में किये गये वैकल्पिक पौधारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में एवं कंपनियों द्वारा पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने हेतु किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) सी.एस.आर. मद से प्रश्नाधीन अवधि में कराये गये विकास कार्य/योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 तथा 3 अनुसार है।
योजनाओं हेतु राशि का आवंटन
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
136. ( क्र. 2203 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजना अंतर्गत कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई व प्राप्त राशि का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को संचालित योजनाओं का लाभ दिया गया? योजनावार, वर्षवार, ग्रामवार हितग्राही के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) हितग्राहियों को जिस योजनांतर्गत लाभ प्रदाय किया गया उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है? कितनी योजनाएँ चालू हैं व कितनी बंद हो चुकी हैं? योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) वर्तमान में चालू योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें तथा जो योजनाएं वर्तमान में बंद हो चुकी हैं, उनके बंद होने का क्या कारण है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) हरदा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक योजनाओं के अंतर्गत प्रदाय की गई राशि व उपयोग की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जिन हितग्राहियों को संचालित योजनाओं का लाभ दिया गया। उनके योजनावार, वर्षवार, ग्रामवार हितग्राही के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग का पुनः उन्नयन
[वन]
137. ( क्र. 2206 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना टाईगर रिजर्व द्वारा अपने पत्र क्रमांक 7219 दिनांक 1.11.2017 के माध्यम से अजयगढ़ में अजयपार पहुंच मार्ग के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) क्या अजयपार पहुंच मार्ग के पुनः उन्नयन के कार्य की स्वीकृति पन्ना टाईगर रिजर्व अंतर्गत लंबित है? यदि हाँ तो निर्माण कार्य की स्वीकृति पूर्व में प्राप्त होने के उपरांत पुनः उन्नयन हेतु स्वीकृति प्रदाय किये जाने की क्या आवश्यकता है? स्वीकृति प्रदान करने में इतना विलंब होने का क्या कारण है? कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। क्षेत्र संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा बफर क्षेत्र में स्थित अजयगढ़ से अजयपार पहुंच मार्ग हेतु 1610 मीटर लम्बाई में विद्यमान चौड़ाई 4-5 मीटर में उन्नयन कार्य की अनुमति यूजर एजेंसी को दी गई थी। निर्माण व चौड़ीकरण कार्य की अनुमति नहीं दी गई है। (ख) जी नहीं। पूर्व में स्वीकृत उन्नयन कार्य की पुनः अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है। उन्नयन कार्य हेतु दी गई अनुमति पर कार्यालय संरक्षण सहायक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण उप मण्डल रीवा द्वारा आपत्ति लिए जाने के कारण विभाग द्वारा रोक लगाई गई थी। नगरपालिका परिषद् अजयगढ़ द्वारा ऑनलाइन आवेदन क्रमांक/FP/MP/Road/ 486682/2024 दिनांक 08.07.2024 से अजयपाल पहुंच मार्ग चौड़ीकरण सहित निर्माण, आर.सी.सी. नाली एवं रिटर्निंग वॉल के निर्माण हेतु 1185 मीटर लम्बाई में मार्ग की चौड़ाई 7.00 मीटर एवं 585 मीटर लम्बाई में मार्ग की 10.00 मीटर चौड़ाई की अनुमति हेतु 1.40 हेक्टेयर का प्रस्ताव किया गया है। प्रकरण को प्रशासकीय अनुमोदन सहित दिनांक 04.12.2024 से भारत सरकार को सैद्धांतिक स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया था। भारत सरकार ने दिनांक 13.01.2025 से 05 बिन्दुओं पर आपत्ति ली गई है। आपत्ति की पूर्ति हेतु प्रस्ताव आवेदक संस्थान के स्तर पर लंबित है। आवेदक संस्थान द्वारा उक्त मार्ग हेतु वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के अन्तर्गत वन्यप्राणी अनुमति हेतु ऑनलाइन आवेदन क्रमांक/WL/MP/Road/495854/2024 किया गया है। अनुमति के अधिकार भारत सरकार को होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न का उपार्जन और भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
138. ( क्र. 2212 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उपार्जन समिति द्वारा वर्ष 2022-23 से खाद्यान्न उपार्जन के लिए क्या-क्या अनुशंसायें की गयी? किन-किन समूहों/सहकारी समितियों को उपार्जन केन्द्रों के संचालन की अनुमति दी गयी? उपार्जन केन्द्रों से भंडार गृहों की दूरी की क्या-क्या मैपिंग की गयी? (ख) कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में रबी एवं खरीफ की फसलों की उपार्जन वर्षवार कितनी-कितनी मात्रा में उपार्जन केंद्रवार खरीदी की गयी? किस-किस उपार्जन केंद्र की उपज को कितनी दूरी पर स्थापित किन-किन भंडारगृहों में कब-कब भंडारित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) भंडारित किए गए खाद्यान्न की गुणवत्ता का परीक्षण और माप/तौल की जांच किस-किसके द्वारा की गयी? और भंडारगृहों में कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न भंडारित किया गया? और क्या प्रश्नांकित अवधि में भंडारगृहों की किन्हीं शासकीय सेवकों द्वारा जांच और निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब और क्या प्रतिवेदन दिये गए? (घ) प्रश्नांश (क) भंडारगृहों को भंडारित उपज से किस सक्षम प्राधिकारी के किन-किन आदेशों से कब-कब खाली किया गया और खाद्यान्न की निकासी के समय गुणवत्ता की जांच और परीक्षण किस-किसके द्वारा की गयी? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत कटनी जिले में उपार्जन एवं भंडारण में लगातार ज्ञात हो रही अनियमितताओं की शासन/विभाग स्तर से जांच दल गठित कर समयबद्ध जांच कराई जाएंगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2022-23 से समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु जिला उपार्जन समिति, कटनी द्वारा उपार्जन नीति अनुसार पात्र संस्थाओं के चयन, उपार्जन स्थल निर्धारण तथा भंडारण केन्द्रों से मैपिंग आदि की अनुशंसा की गई। उपार्जन केन्द्र संचालन करने वाले समूहों/सहकारी समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। उपार्जन केन्द्रों से भंडारगृहों की मैपिंग एवं दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) कटनी जिले में विगत 3 वर्षों में रबी एवं खरीफ फसलों की वर्षवार एवं केन्द्रवार उपार्जन मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न उपार्जन अवधि में गोदामों में भंडारण कराया गया एवं उपार्जन केन्द्रों से भंडारगृहों की मैपिंग एवं दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जन कर भंडारित किए गए खाद्यान्न की गुणवत्ता परीक्षण समय-समय पर उपार्जन एजेंसी के गुणवत्ता सर्वेयर द्वारा किया गया है एवं तौल की कार्यवाही भंडारण एजेंसी द्वारा की जाती है। गोदामों में भंडारित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में भंडारगृहों की जांच एवं निरीक्षण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कटनी जिले के भंडारगृहों में भंडारित उपज को सक्षम प्राधिकारी (जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन) के आदेशानुसार समय-समय पर उपज को खाली कराया गया है। खाद्यान्न निकासी के समय गुणवत्ता की जांच केन्द्र प्रभारियों द्वारा की जाती है। (ड.) कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन एवं भंडारण में ज्ञात हो रही अनियमितताओं की अविलम्ब जांच कराई जाती है तथा अनियमितता करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
जल निगम एवं जल जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
139. ( क्र. 2243 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्र. 831 दिनांक 20 दिसम्बर 2024 के उत्तर में बताया गया था कि एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के 63 प्रतिशत कार्य पूर्ण हैं एवं शेष योजनाओं सहित 4 समूह जल प्रदाय योजनाओं में कार्य प्रगतिरत् है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत पूर्ण एवं अधूरी योजनाओं के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) क्या योजनाओं का पुनरीक्षण कराया गया है? यदि हाँ तो स्वीकृत एवं पुनरीक्षित राशि की योजनावार जानकारी दें? (घ) प्रश्न (ख) के अंतर्गत अधूरी योजनाओं को कब तक पूर्ण किया जायेगा? जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल जल योजनाओं के अंतर्गत पुनरीक्षित योजनाएं तैयार की गई हैं, जिनकी मूल स्वीकृत राशि एवं तैयार की गई पुनरीक्षित योजनाओं की राशि का योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (घ) निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
विस्थापितों की जानकारी
[वन]
140. ( क्र. 2245 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतपुड़ा नेशनल रिजर्व टाइगर से कितने विस्थापितों को सिवनी मालवा विधानसभा में किन-किन ग्रामों में विस्थापित किया गया है? (ख) मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा विस्थापितों को क्या-क्या सुविधा प्रदान की गई है? (ग) शासन द्वारा दी गई सुविधा के अनुसार विस्थापितों को सुविधा उपलब्ध हो चुकी है? यदि नहीं प्रदान की गई तो कब तक प्रदान की जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कुल 1387 हितग्राहियों में से विकल्प-1 (क) के तहत 642 हितग्राहियों तथा विकल्प-2 के तहत 745 हितग्राहियों को विस्थापित/पुनर्वसित किया गया है जिन्हें सिवनी मालवा के विधानसभा क्षेत्र में 19 ग्रामों में विस्थापित किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) समस्त 19 ग्रामों में विभागीय कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) शासन द्वारा दी जाने वाली समस्त सुविधाएं स्वीकृत की जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नल जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
141. ( क्र. 2246 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? (ख) कितने ग्रामों में योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं नल-जल योजना से पानी घरों में मिलने लगा है? (ग) शेष कितने ग्रामों में कार्य अपूर्ण है जो कब तक पूर्ण होगा? (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत नहीं हुई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 297 ग्रामों में। (ख) 119 ग्रामों की योजनाएं पूर्ण हैं, पूर्ण/प्रगतिरत 140 योजनाओं से पानी घरों में मिलने लगा है। (ग) 178 ग्रामों की योजनाओं के कार्य अपूर्ण होकर प्रगतिरत् हैं। प्रगतिरत् कार्यों को पूर्ण करने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) 22 ग्रामों में जल जीवन मिशन की गाइड लाइन के प्रावधानों के संदर्भ में नल-जल योजना के कार्य स्वीकृत नहीं किए गए हैं।
पौधारोपण में भ्रष्टाचार
[वन]
142. ( क्र. 2261 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1230 दिनांक 20.12.2024 के (ग) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट-3 के अनुसार निलेश नरेन्द्र, मोहित रामरतन, नन्दिनी संजय, नितेश प्रभुदयाल, दयाराम लक्ष्मण को 4 बार पवन इन्दर सिंह, श्याम देवीसिंह, रामचन्द्र हेमराज, सूरज अजीत, सर्वेश कालू, अजय राजेन्द्र राहुल राजेन्द्र, संजय इन्दरसिंह को 3 बार एवं राहुल विक्रम, पवन मनोहर, हेमेन्द्र विजय को 2 बार मजदूरी भुगतान की गई? ऐसा कैसे हो गया कि एक ही कार्य के लिए क्रमश: 4, 3 व 2 बार एक ही व्यक्ति को भुगतान किया गया, इनसे संबंधित मस्टर एवं अन्य दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रत्येक मजदूर के आधार कार्ड की कॉपी भी देवें। क्या कारण है कि कार्य बड़वानी जिले में हुआ एवं इसके मजदूरों के अकाउन्ट यहां से काफी दूर खरगोन जिले के गोगांवा के हैं? गोगांवा अकाउन्ट वाले सभी मजदूरों ने किन-किन कार्य दिवसों में कार्य किया? बतावें। साथ ही सभी मजदूरों के कार्य दिवसों की दिनांक भी देंवे। (ग) क्या कारण है कि लगभग 15-16 मजदूरों ने 34134 पौधे रोप दिए, इन रोपित पौधों की वर्तमान स्थिति की भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट देवें? (घ) पौधारोपण में उपरोक्तानुसार भ्रष्टाचार करने वाल संबंधित अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो इन्हें संरक्षण देने का कारण बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्न क्र.-1230 दिनांक 20.12.2024 के (ग) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट-3 के अनुसार निलेश नरेन्द्र, मोहित रामरतन, नन्दनी संजय, नितेश प्रभुदयाल, दयाराम लक्ष्मण, श्याम देवीसिंह, सर्वेश कालू, अजय राजेन्द्र, राहूल राजेन्द्र को चार बार पवन इन्दरसिंह, रामचन्द्र हेमराज, सुरज अजित, संजय इन्दरसिंह राहुल टिकम, पवन मनोहर को तीन बार एवं हेमेन्द्र विजय को दो बार मजदूरी भुगतान किया गया है। उक्त श्रमिकों द्वारा कार्य अलग-अलग तिथियों में किये जाने के कारण भुगतान एक से अधिक बार किया गया है। श्रमिकों द्वारा किये गये कार्य दिवस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। वनमण्डल अंतर्गत श्रमिकों को मस्टर पर कार्य नहीं कराया जाता है। संबंधित मजदूरों से कराये गये कार्यों का देयक के माध्यम से भुगतान किया गया है। देयकों की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। मेजरमेंट बुक की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (ख) आधार कार्ड की छायाप्रति संकलित नहीं की जाती है तथा आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान) अधिनियम, 2016 की धारा 29 के तहत सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। विभागीय कार्यों की अधिकता एवं समयावधि को ध्यान में रखते हुए समय पर कार्य पूर्ण कराने हेतु स्थानीय मजदूरों के साथ-साथ समीप के जिलों के मजदूरों का कैम्प लगाकर वृक्षारोपण क्षेत्र स्थल में कार्य कराया गया। खरगोन जिले के गोगांवा अकाउन्ट वाले मजदूरों एवं उनके द्वारा किये गये कार्य दिवस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। साथ ही सभी मजदूरों के कार्य दिवसों की दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''5'' अनुसार है। (ग) टोरी तालाब योजना अंतर्गत वैकल्पिक वृक्षारोपण वासवी, सर्वे नंबर-255/9, रकबा 34.134 बीट बकवाड़ी में पौधा रोपण एवं वानिकी कार्य 15-16 मजदूरों के द्वारा सह श्रमिकों को साथ रखकर पौधा रोपण कार्य दिनांक 23.06.2024 से 07.07.2024 की अवधि में कराया गया। रोपित पौधों की वर्तमान स्थिति की भौतिक सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''6'' अनुसार है। वृक्षारोपण स्थल पर जीवितता प्रतिशत 98 है। (घ) उक्त पौधा रोपण स्थल में संबंधित अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार किये जाने संबंधित कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः संबंधित अधिकारियों को संरक्षण देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अपूर्ण कार्य पूर्ण करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
143. ( क्र. 2262 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्रमांक 1229 दिनांक 20.12.2024 के प्रश्नांश (ख) उत्तर में प्रगतिरत कार्यों की अद्यतन स्थिति देवें। इसमें इन कार्यों की लागत, कुल भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित देवें। प्रत्येक कार्य का कितना प्रतिशत पूर्ण हुआ है की जानकारी कार्यवार देवें? (ख) उपरोक्त प्रश्न के (ग) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 में वर्णित प्रगतिरत कार्यों की अद्यतन स्थिति देवें। इन कार्यों की लागत, कुल भुगतान राशि एवं कार्य पूर्णता दिनांक बतावें। साथ ही लंबित राशि भी कार्यवार देवें। प्रत्येक कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हुआ है कार्यवार बतावें। राजपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम छापरी में जल जीवन मिशन के कार्यों से उखड़ी हुई सड़के कब तक बनाई जाएगी। समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित प्रश्नानुसार उत्तर में यह बताया गया है कि ''निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है'' ऐसा क्यों? जबकि कार्य के अनुबंध में कार्य पूर्णता की समय-सीमा होती है ऐसा उत्तर देने वाले विभाग के संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (घ) ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे कार्यवार समय-सीमा बतावें? यह भी बतावें कि प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कितनी फर्में ब्लेक लिस्ट की जा चुकी है इनके कार्य कैसे पूर्ण होंगे? कार्यवार स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। राजपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम छापरी में जल जीवन मिशन अंतर्गत नल जल योजना का कार्य नहीं कराया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यों की मात्रा एवं स्थान के अनुसार क्रियान्वयन की अवधि का आंकलन कर ठेकेदार फर्म से कार्य का अनुबंध किया जाता है, तथापि स्थानीय विवाद, वन विभाग की अनुमति, ठेकेदार फर्म द्वारा वांछित मानव श्रम/मशीनरी इत्यादि के नियोजन में कमी एवं कार्यस्थल पर अन्य आकस्मिक व्यवधानों इत्यादि के कारण कार्य पूर्ण करने में विलंब की स्थिति निर्मित होती है, जिसके परिणामस्वरूप कार्य पूर्ण करने की कोई एक निश्चित तिथि अथवा समयावधि बताया जाना संभव नहीं होता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ब्लैक लिस्ट की गई फर्मों की जानकारी सहित अन्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है।
प्रश्नों की जानकारी छुपाई एवं सदस्य सचिव द्वारा सबसे अधिक अनुमतियां दी जाना
[पर्यावरण]
144. ( क्र. 2264 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्त्ता के अता. प्रश्न क्र. 3289 दिनांक 05/7/24 में प्रश्नांश "क" में प्रोजेक्ट के लिये क्या नियम शर्तें, अनुमतियां इसी प्रकार प्रश्नांश "ख" में उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब और क्या की गई, इसी प्रकार प्रश्नांश (ग) में यह किस दर, कितनी मात्रा में कितनी अवधि में कितने स्थानों में कितनी संस्थाओं में (शा. निजी चिकित्सालय एवं क्लीनिक) से किस प्रकार के वाहनों से कितनी-कितनी दूरी से एकत्र किये जा रहे हैं, इसी प्रकार प्रश्नांश "घ" में किस प्रक्रिया तथा नियमों के तहत एवं इसी प्रकार प्रश्नांश "ड." में पूरे प्रश्न की जानकारी छुपाई गई? कारण सहित स्पष्ट करें क्यों? कब तक प्रश्नकर्त्ता को संपूर्ण प्रश्न की जानकारी उपलब्ध कराकर जिम्मेदार अधिकारी पर कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? बतायें। (ख) दिनांक 01.01.18 से प्रश्न दिनांक सीबीडब्ल्यूयूटीएफ अन्तर्गत संचालित सभी प्लांटों के निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति दें? समस्त प्लांटों के आय, व्यय, फार्म 16, जीएसटी, ऑडिट रिपोर्ट, वेस्ट एकत्र करने वाले वाहनों का क्र., वाहन चालक का नाम, सहयोगी स्टॉफ और उसकी योग्यता, व्याव./निजी वाहन, वाहन मालिक का नाम, इंश्योरेन्स, पीयूसी, प्लांट में कार्यरत स्टॉफ का नाम, योग्यता सहित समस्त जानकारी का गौशवारा बनाकर प्लांटवार पृथक बतायें। (ग) सदस्य सचिव ए.ए. मिश्रा विभाग में कब से किस-किस पद पर पदस्थ है? उनकी शैक्षणिक योग्यता, वेतनमान, संपत्ति की जानकारी सहित अन्य समस्त स्टॉफ की जानकारी का गौशवारा बनाकर आदेश की प्रति सहित बतायें। (घ) कार्यरत समस्त प्लांटों पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में और कमियों के परिलक्षित होने पर मानव जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, कौन कौन सी बीमारियां उत्पन्न होंगी तथा कौन जिम्मेदार होगा? बतायें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' (पेनड्राइव) अनुसार है। (घ) प्रदेश में कार्यरत समस्त सीबीडब्ल्यूटीएफ प्लांटों में आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थाएं स्थापित होकर संचालित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यावरण के मापदण्डों के विपरीत कचरे का निष्पादन
[पर्यावरण]
145. ( क्र. 2265 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्रॉयवेट लिमिटेड, जिला इंदौर एवं जे. के. मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम चंदेरी जिला अशोकनगर को प्लांट स्थापित करने हेतु कब अनुमति जारी की गई? दोनों प्लांट में कौन-सी मूलभूत सुविधाओं, नियम निर्देश, आदेश एवं अनुमतियों का पालन कर प्रारंभ किया गया? समस्त दस्तावेजों की प्रति सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में पीथमपुर के प्लांट में जिस वेस्ट का डिस्पोजल किया जाना है। वह कितनी मात्रा में है तथा कितना दुष्परिणाम वाला है? कितनी राशि में कितनी अवधि में यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरे का निष्पादन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित कर, कब से कार्य प्रारंभ कर अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 2010 से 2015 तक पीथमपुर के किस प्लांट पर कचरे को जलाने के लिये सात परीक्षण किये गये तथा उनमें किन-किन मापदण्डों का पालन करते हुये प्रत्येक बार क्या परिणाम प्राप्त हुये तथा पूर्ण सफल परीक्षण क्या रहा तथा उसके परिणाम क्या रहे? ट्रायल रन के तहत पीथमपुर में लगभग 10 टन कचरा कब और कहां जलाया गया? क्या भोपाल से पीथमपुर कचरे को उसी प्रोट्रोकॉल में लाया गया, जैसा कि 31 जनवरी 2025 को लाया गया? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतायें। (घ) चंदेरी एवं पीथमपुर प्लांट में विभागीय कितने निरीक्षण एवं जांच की गई, जांच अधिकारी का नाम मापदण्ड रिपोर्ट सहित बतायें? कितने बार संयुक्त दल द्वारा परीक्षण किया गया? संयुक्त दल का निरीक्षण करने का क्या आधार है? दोनों प्लांटों को प्रारंभ करने के समय प्रस्तुत समस्त दस्तावेज, अनुमतियाँ, निरीक्षण रिपोर्ट, आय-व्यय, ऑडिट रिपोर्ट, प्लांटों के विरूद्ध शिकायतों, सहित गौशवारा प्लांटवार पृथक-पृथक बतायें। (ड.) उपरोक्त दोनों प्लांट पर प्रश्न दिनांक तक कुल कितना कचरा, कहां से कब निपटान हेतु लाया गया की विस्तृत जानकारी वर्षवार, माहवार कचरा देने वाले संस्थान/फर्म का नाम, पता, लॉकबुक सहित संपूर्ण जानकारी दें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' (पेनड्राइव) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' (पेनड्राइव) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' (पेनड्राइव) अनुसार है। ट्रायल रन के तहत यूनियन कार्बाइड के 10 टन कचरे को दिनांक 13 अगस्त से 18 अगस्त 2015 तक मेसर्स पीथमपुर इंडस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेंट प्रा.लि. प्लाट क्रमांक 104, सेक्टर-2, इण्डस्ट्रीयल एरिया पीथमपुर, जिला धार में इंसीनरेट किया गया। जी हां। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 4.1, 4.2, 4.3, 4.4, 5.1, 5.2, 5.3 एवं 5.4 (पेनड्राइव) अनुसार है। आय-व्यय, ऑडिट रिपोर्ट के संबंध में जानकारी का संधारण पर्यावरण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ड.) प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 6.1 एवं 6.2 (पेनड्राइव) अनुसार है।
पुनर्घनत्वीकरण योजना
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
146. ( क्र. 2268 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की विभागीय संरचना क्या है तथा विभाग अंतर्गत कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम सहित, पदस्थापना दिनांक, संपर्क सूत्र सहित जानकारी देवें तथा विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? संचालित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या पुरानी तहसील सिरोंज, जिला विदिशा को पुनर्घनत्वीकरण योजना में शामिल किया गया है? यदि हाँ तो प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध करावें, अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पुनर्घनत्वीकरण योजना किस स्तर पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में योजना को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में साधिकार समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गई तथा उक्त योजना के प्रस्ताव पर कब-कब स्वीकृति की गई? बैठकवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा कितनी बार स्वीकृति के उपरांत बैठक की कार्यवाही जारी न होने के कारण स्वीकृति नहीं मिल पाई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में पुरानी तहसील सिरोंज, जिला विदिशा का पुनर्घनत्वीकरण योजना की स्वीकृति हेतु साधिकार समिति की बैठक कब आयोजित कर स्वीकृति आदेश जारी कर दिये जावेंगे? समय-सीमा बतावें। (ङ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या विभाग को मान. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा उक्त योजना की स्वीकृति हेतु ए+ मॉनिट, ए मॉनिट में दिनांक 14.02.2024 को चिन्हांकित किया गया है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? बतावें तथा विभाग द्वारा कब-कब योजना की स्वीकृति हेतु पत्राचार किये बतावें? साथ ही पुनर्घनत्वीकरण योजना लटेरी, जिला विदिशा की क्या कार्ययोजना है? डीपीआर की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा कब तक योजना की स्वीकृति की जावेगी?
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट–''अ'' अनुसार है। लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग अंतर्गत पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट –''ब'' अनुसार है। लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा विभिन्न विभागों की इंद्राज अनुपयोगी परिसम्पत्तियों का प्रबंधन किया जाता है। विभाग अंतर्गत लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन जिला प्रोत्साहन योजना का संचालन किया जाता है जिसमें जिला स्थित परिसम्पतियों के निर्वर्तन से प्राप्त राशि का 25% भाग संबंधित जिले के आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने हेतु प्रदाय किया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) से (ड.) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार पत्र की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
147. ( क्र. 2274 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम की जानकारी दें। (ख) वन अधिकार अधिनियम के तहत क्या सभी पात्र लोगों को वन अधिकार पत्र मिल गया है? अगर हाँ तो बतावें डिण्डौरी जिला के कई पात्र लोगों को अभी तक वन अधिकार पत्र क्यों नहीं मिला है और अगर नहीं तो सभी पात्र लोगों को वन अधिकार पत्र क्यों नहीं मिला है क्या कारण है? कौन जिम्मेदार है? कब तक पात्र लोगों को वन अधिकार पत्र दिये जायेंगे? समय-सीमा बतावें। (ग) वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने के क्या नियम है? क्या नियमानुसार प्रक्रिया के संचालन से जनता (वन ग्रामवासी) सहमत हैं? अगर हाँ तो डिण्डौरी जिला के वन ग्रामवासी शिकायत क्यों करते हैं? अगर नहीं तो नियमानुसार कार्य क्यों नहीं हो रहा है। जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत पात्रता अनुसार वन अधिकार पत्र दिये गये हैं। जिला डिण्डौरी में पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र का वितरण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ज) में वन ग्राम से राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन के प्रावधान हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देश दिनांक 12.07.2012, दिनांक 24.06.2013, दिनांक 08.11.2013 तथा मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग के पत्र दिनांक 26.05.2022 द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''स'' अनुसार है। जिला डिण्डौरी में ग्राम सभा से प्रस्ताव एवं उपखण्ड स्तरीय समिति की अनुशंसा उपरांत जिला स्तरीय समिति द्वारा वनग्राम को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गोदामों की जानकारी एवं भुगतान राशि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
148. ( क्र. 2280 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिकस कार्पोरेशन के कुल कितने गोदाम है तथा निजी कुल कितने गोदाम है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में म.प्र. वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिकस कार्पोरेशन कितने गोदामों में विगत पांच वर्षों में कितना अनाज भण्डारित किया गया तथा निजी गोदामों में कितना अनाज भण्डारित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में कितनी राशि का भुगतान निजी गोदाम मालिकों को अभी तक किया जाना है तथा कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? (घ) कितने वर्षों से निजी वेयरहाउस में अनाज भण्डारित हो रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश में म.प्र. वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के स्वनिर्मित-1593, बीओटी-73 कुल गोदाम 1666 एवं निजी 4615 गोदाम है। (ख) विगत 05 वर्षों में स्वनिर्मित गोदामों भंडारित मात्रा 33344450 मे.टन एवं निजी गोदामों में 116811810 मे.टन स्कंध का भंडारण किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
(ग)
क्र. |
क्षे.का. का नाम |
भुगतान किया जा चुका है (राशि रू. करोड़ में) |
भुगतान किया जाना है (राशि रू. करोड़ में) |
1 |
ग्वालियर |
69.42 |
10.33 |
2 |
भोपाल |
1095.16 |
956.33 |
3 |
नर्मदापुरम् |
366.81 |
98.19 |
4 |
सागर |
113.83 |
1.7 |
5 |
रीवा |
137.31 |
13.04 |
6 |
इन्दौर |
148.98 |
64.03 |
7 |
उज्जैन |
384.84 |
0.32 |
8 |
जबलपुर |
519.76 |
155.94 |
योग |
2836.13 |
1299.88 |
(घ) विपणन वर्ष 2008-09 से निगम द्वारा संयुक्त भागीदारी योजनान्तर्गत निजी वेयरहाउस को अनुबंधित कर भंडारण किया जा रहा है।
जल-जीवन मिशन कार्य अपूर्ण होना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
149. ( क्र. 2281 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 05 जुलाई 2024 को प्रश्न संख्या 14 (क्र. 1811) को पूछे गये पूरक प्रश्न के उत्तर पर चर्चा के दौरान जल जीवन मिशन योजना के कार्यों की जांच के संबंध में माननीय श्री कैलाश विजयवर्गीय, संसदीय कार्य मंत्री ने कहा था कि कलेक्टर अब इस बैठक को बुलाएंगे और उसमें सारे जन प्रतिनिधियों को बुलायेंगे और हर विधानसभा की समीक्षा करायेंगे। यह महीने में एक बार होगा और उसके बाद भी अगर शिकायत रही तो अधिकारी को भेजकर उसके निराकरण का पूरा प्रयास करूंगा? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कब-कब समीक्षा की? कितने स्थानों की जांच की? स्पष्ट जानकारी दें? (ग) केन्द्र शासन से अब तक कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी राशि की मांग की गई कितनी प्राप्त हुई? विगत तीन वर्ष की जानकारी दें? (घ) जल जीवन मिशन का कार्य पूर्ण होने के लिए क्या कोई उत्तरदायित्व निर्धारित किये गये है तो किसके विरूद्ध जानकारी दें? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (घ) प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्य कराए जाने का उत्तरदायित्व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिया गया है, तद्नुसार विभाग एवं म.प्र. जल निगम द्वारा नलजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य करते हुए दिनांक 28 फरवरी, 2025 तक प्रदेश के अंतर्गत कुल 75 लाख 63 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन देकर पेयजल सुविधा दी गई है तथा जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत की गई नलजल योजनाओं के शेष कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमानक स्तर के खाद्यान्न का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
150. ( क्र. 2285 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में खाद्यान्न वितरण में अनियमितता के संबंध में मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, प्रमुख सचिव खाद्य, आयुक्त, खाद्य एवं किस-किस जिला खाद्य अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब, किस-किस जनप्रतिनिधि द्वारा शिकायत की गई? प्राप्त शिकायतों में कब-कब, क्या-क्या नियमानुसार कार्यवाही हुई, जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र घटिया स्तर-अमानक स्तर का चावल वितरित किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 03.02.2025 को मुख्य सचिव व अन्य विभागीय अधिकारियों को अमानक स्तर के चावल के वितरण पर रोक लगाने एवं अमानक स्तर का चावल वितरित किये जाने के संबंध में संलग्न अधिकारियों के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही किये जाने के संबंध में उच्च स्तरीय समिति से जांच कराकर कार्यवाही किये जाने की मांग की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में खाद्यान्न वितरण से पूर्व किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब खाद्यान्न की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया, क्या प्रतिवेदन दिया गया और अनूपपुर जिले सहित प्रदेश में खाद्यान्न वितरण में अनियमितताओं को रोकने और कार्यवाही की विभाग की क्या योजना है? (घ) क्या विभाग अमानक स्तर के चावल के वितरण संबंधी उच्च स्तरीय जांच करके दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करेगा और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिये दिशा निर्देश जारी करेगा? उत्तर यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो कारण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औद्योगिक इकाइयों के गंदे पानी से उत्पन्न समस्या
[पर्यावरण]
151. ( क्र. 2286 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल अंतर्गत ओरिएंटल पेपर मिल संचालित इकाई से गंदा केमिकल युक्त दूषित पानी छोड़े जाने से आसपास के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है लोगों को स्वच्छ जल नहीं मिल पा रहा है, केमिकल युक्त दूषित पानी पीने से अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियां हो रही हैं, दूषित पानी पीने से अनेकों पशु मर रहे हैं पानी दूषित हो गया है और पीने योग्य नहीं बचा है। इसकी रोकथाम के लिये विभाग के द्वारा अथवा जिला प्रशासन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है. औद्योगिक इकाईयों द्वारा निर्धारित मानकों का पालन न करने पर किस प्रकार की कार्यवाही करने के नियम हैं, नियमों की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा विशेषज्ञों की टीम बनाकर, स्थल निरीक्षण करके जांच कराई जायेगी यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? नगर परिषद, बकहो के स्थानीय किसान ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के लोग इस दूषित पानी को रोके जाने के संबंध में जो निरंतर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी समस्या के निराकरण के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत दो वर्षों में प्रेषित कौन-कौन से पत्र किन-किन अधिकारियों को प्राप्त हुये। उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया. यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन दोषी है, दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई, विभाग द्वारा कब तक पत्रों पर कार्यवाही करके समस्या का निराकरण करवा दिया जायेगा।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रतिमाह जल नमूने एकत्रित कर विश्लेषित किये जाते है। जल-गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुसार श्रेणी-ए में पाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में ऐसी कोई स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जवला योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
152. ( क्र. 2289 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में उज्जवला योजना अंतर्गत कुल कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है विकासखण्डवार जानकारी देवें? इन हितग्राहियों को शासन द्वारा कितनी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। (ख) ऐसे कितने हितग्राही शेष है जिनको उज्जवला योजना का लाभ दिया जाना शेष है विकासखण्डवार जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला रायसेन में उज्ज्वला योजना अंतर्गत कुल 1,84,806 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है, विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। इन हितग्राहियों को केन्द्र सरकार द्वारा 300 रूपये एवं राज्य सरकार द्वारा 65 रूपये की सब्सिडी प्रति गैस सिलेण्डर रिफिल पर प्रदान की जा रही है। (ख) रायसेन जिला अंतर्गत 5,345 हितग्राही है, जिनको उज्जवला योजना का लाभ दिया जाना शेष है। उक्त हितग्राहियों द्वारा पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन किये गये हैं, किन्तु वर्तमान में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर का लक्ष्य पूर्ण हो जाने से उज्ज्वला पोर्टल बंद है एवं गैस कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया स्थगित है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट–''ब'' अनुसार है।
उद्योगों को पर्यावरण अनुमतियां
[पर्यावरण]
153. ( क्र. 2290 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी उद्योग/खदान को पर्यावरण अनुमति मिलने के पश्चात उसमें दी गई शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं? इसकी विभाग/कोई अन्य जांच करता है या नहीं। (ख) कृपया जांचकर्ताओं का पद/विभाग उल्लेखित करें। (ग) ऐसी जांच कितने माह/वर्ष के अंतराल पर की जाती है। किस-किस के द्वारा? (घ) बालाघाट जिलों में संचालित उद्योग/खदानों को विगत पांच वर्षों में प्रदान की गई पर्यावरण अनुमतियों में की गई जांच और उसके बाद की कार्यवाही का विवरण प्रदान करें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (ग) जी हां। क्षेत्रीय निदेशक, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार। कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजनाओं में भ्रष्टाचार की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
154. ( क्र. 2292 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के देवरी विधानसभा में विभाग द्वारा एवं जल निगम द्वारा नल-जल योजनाओं के चल रहे निर्माणाधीन कार्यों की निर्माण एजेन्सी के नाम बतायें। पूर्ण हो चुकी योजनाओं की ग्रामवार सूची लागत, लम्बाई आदि की जानकारी भी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र देवरी में विभाग कहां-कहां कार्य कर रहा है या उनके अन्तर्गत ठेकेदार/निर्माण एजेन्सी नल-जल योजनाओं के कार्य कर रही हैं? विवरण ग्रामवार, एजेन्सीवार एवं एजेन्सी के मालिक के नाम, पते सहित जानकारी देवें। पूर्ण एवं अपूर्ण एवं प्रगति पर जो कार्य हैं, उनकी पृथक-पृथक सूची देवें। (ग) क्या यह सत्य है कि केरघाट से मेन सप्लाई की पानी लाइन केसली तक लीकेज है? यदि हाँ तो कब तक मरम्मत कार्य करा दिया जावेगा? क्या यह भी सही है कि केसली की पानी की टंकी क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण नवीन टंकी/ओवर हेड/समवेल टैंक बनाये जावेंगे? क्यों अभी तक कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है? यदि हाँ तो कब तक? गुणवत्ताविहीन कार्य के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों? क्या शासन उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा किये गये एवं चल रहे गुणवत्ताविहीन कार्यों की जांच करायेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कौन-कौन से ग्रामों की नल-जल योजनाएं हैं जो ठेकेदार अधूरा कार्य छोड़कर वापिस काम पूर्ण नहीं कर रहे हैं? ऐसी निर्माण एजेन्सी कौन-कौन सी हैं? उन पर कब-कब क्या कार्यवाही हुई? विवरण देवें। क्या यह भी सही है कि नियम के विरुद्ध पानी की लाइनें एक ही ओर से डाली गई हैं जबकि दोनों ओर से लाइनें बिछाने का प्रावधान है एवं जो रोडें खोद दी गई हैं उनकी रिपेयरिंग भी नहीं की गई है? कब तक करा दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है तथा जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है तथा जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है। (ग) ग्राम केसली की नलजल योजना का कार्य प्रगतिरत है, वर्तमान में पाइप लाइन टेस्टिंग में पाए जा रहे लीकेज मरम्मत के कार्य भी कराए जा रहे हैं, टेस्टिंग/मरम्मत कार्य लगभग दो सप्ताह में पूर्ण होना संभावित है। जी हां, जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत योजना में नवीन उच्च स्तरीय टंकी व सम्पवेल का निर्माण कराया गया है, नई टंकी से जलप्रदाय प्रारंभ है, कराए गए कार्य विभागीय मापदंड एवं निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार कराए गए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''04'' अनुसार है, पाइप लाइन के कार्य स्वीकृत प्रावधानानुसार कराए जा रहे है, रोड़ रेस्टोरेशन के कार्य अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत भूमिगत पाइप लाइन की टेस्टिंग के उपरांत कराए जाना प्रावधानित हैं, प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण किए जाने की कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत देवरी-केसली समूह जल प्रदाय योजना का कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है।
रिजर्व टाईगर क्षेत्र के विस्थापितों को मुआवजा
[वन]
155. ( क्र. 2293 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में देवरी विधानसभा क्षेत्र के अर्न्तगत स्थित रानी दुर्गावती रिजर्व टाइगर क्षेत्र के कौन-कौन से विस्थापित ग्राम, मजरे-टोले हैं, जहां आज दिनांक तक मुआवजे की राशि का वितरण नहीं किया गया है? ग्राम के नाम एवं हितग्राही के नाम सहित जानकारी देवें, मुआवजा नहीं दिये जाने के कारण सहित। (ख) विस्थापित ग्रामों के लोगों को जिन स्थानों में विस्थापित किया गया है, वहां आज दिनांक तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, विलम्ब के क्या कारण हैं? विवरण देवें। क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध करा दी गई हैं? (ग) क्या ग्राम खमरा एवं जोगीपुरा एवं कुछ अन्य ग्रामों के विस्थापित पात्र हितग्राहियों को मुआवजा आज दिनांक तक नहीं दिया गया है? विलम्ब का क्या कारण है? कब तक पात्र लोगों को मुआवजा दिया जावेगा? जो अपात्र हैं, उनकी सूची देवें कारण सहित। (घ) विलम्ब के लिये दोषी लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक की जायेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सागर जिले में देवरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से विस्थापित ग्रामों के पात्र हितग्राहियों को मुआवजा वितरित किया गया है, मुआवजा वितरण शेष नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के विकल्प-1 (पूरा नगद) के अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा स्वेच्छा से चयनित विकल्प एवं ग्राम सभा सहमति तथा संबंधित कलेक्टर द्वारा विस्थापन हेतु गठित समिति द्वारा पात्र/अपात्र का परीक्षण उपरांत पात्र ग्रामीणों को नियमानुसार एक मुश्त मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। पात्र हितग्राही विस्थापन मुआवजा राशि प्राप्त करने के उपरांत अपनी स्वेच्छा से अन्यत्र कहीं भी बसते है। इस विकल्प में मुआवजा राशि प्रदाय करने के अतिरिक्त अन्य कोई सुविधा प्रदान करने का प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन विस्थापित ग्रामों के पात्र हितग्राहियों को नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया गया है। अपात्र व्यक्तियों की सूची पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
156. ( क्र. 2295 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा आने वाले माह में होने वाली भीषण गर्मी में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कोई योजना बनाई गई है? यदि हां, तो अवगत करावें। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में पेयजल के लिए नवीन हैण्डपंप जो 200 से अधिक की आवश्यकता है, उनके खनन की स्वीकृति विभाग द्वारा की जावेगी यदि हां, तो अवगत कराने का कष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। भिण्ड जिले की प्रस्तावित कार्य योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जल जीवन मिशन के अंतर्गत भिण्ड जिले के सभी ग्रामों में जल जीवन मिशन के मापदंड एवं प्रावधानों के अंतर्गत हर घर को नल से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नलजल योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, घरेलू नल कनेक्शन से पेयजल की व्यवस्था कराई जा रही है, अतः ग्रामों में नवीन हैंडपंपों की बड़ी संख्या में आवश्यकता नहीं रह गई है, तथापि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले को 40 नवीन हैण्डपंप खनन का लक्ष्य स्वीकृत किया गया है, जिसमें से अद्यतन भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में 10 नए हैंडपंप लगाए गए हैं। उपरोक्त वस्तुस्थिति के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध निजी फर्म को अनुचित लाभ
[अनुसूचित जाति कल्याण]
157. ( क्र. 2296 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-24 में किस की अनुशंसा पर नियम विरूद्ध तरीके से जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी को प्रभारी जिला संयोजक बनाया गया था? क्या इसी दौरान एक निजी फर्म के साथ मिलीभगत कर घटिया सामग्री विभिन्न छात्रावासों में प्रदाय की गई थी? (ख) क्या तत्कालीन जिला संयोजक जो कि प्रभारी के तौर पर पदस्थ, उनके खिलाफ गंभीर आर्थिक कदाचार की शिकायत वरिष्ठ अधिकारी व जिलाधिकारी को प्राप्त हुई थी, क्या उसके खिलाफ कोई कार्यवाही सुनिश्चित की गई है? (ग) क्या वर्ष 2023-24 में जिस फर्म को सामग्री प्रदाय करने हेतु निर्धारित किया गया था, उसके समस्त दस्तावेज जैसे टर्न-ओवर प्रमाण-पत्र सहित समस्त प्रकार के दस्तावेजों की जांच कराई गई थी? यदि नहीं तो यह जांच कब तक कराई जावेगी? (घ) क्या कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सामग्री प्रदाय करने वाली फर्म को काली-सूची में डाला जाकर कानूनी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताने का कष्ट करें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जिले का नाम उल्लेखित न होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
नल जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
158. ( क्र. 2303 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र-अमरपाटन जिला मैहर के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में प्रश्न तिथि तक नल-जल योजना के तहत पाइप लाइनें बिछ चुकी है? कितने-कितने लीटर के ओव्हर हेड टैंक बन चुके हैं, बन रहे है? कुल कितने मीटर पाइप लाइनें ग्रामवार प्रश्न तिथि तक बिछ चुकी हैं, का विवरण दें? क्या इनमें पानी की सप्लाई शुरू हो चुकी है का विवरण दें? अगर नहीं तों क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विधान सभा में किस-किस ग्रामों में कितनी-कितनी राशि से नल-जल योजना की कब-कब स्वीकृति हुई? जारी सभी कार्यादेशों की प्रश्न तिथि तक की जानकारी दें? किन-किन ग्रामों में क्या-क्या स्थिति है इस योजना के कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुके है? कितना-कितना भुगतान किस-किस को किया जा चुका है? कार्यादेशवार जानकारी दें। (ग) नल योजना के तहत कार्य करने वाली कंपनी ने कहां-कहां सार्वजनिक जगहों एवं निजी संपत्तियों को लापरवाही पूर्वक तोड़ने की जानकारी सामने प्रश्न तिथि तक आई? विभाग द्वारा कब व क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2017 में स्वीकृत। समूह योजना में ग्रामवार स्वीकृति नहीं होती है। कार्यादेश की प्रति पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है। योजना की स्वीकृत लागत रू. 1495.89 करोड़ है, अद्यतन व्यय रु. 934 करोड़ है योजना की भौतिक प्रगति 93.80% प्रतिशत है। (ग) सतना बाणसागर समूह के क्रियान्वयन के दौरान एजेंसी द्वारा सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को लापरवाही पूर्वक तोड़ने की कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आयी है, शेष प्रश्नांश उपस्थिति नहीं होता है।
वन भूमि पर कब्जा
[वन]
159. ( क्र. 2304 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर जिले में मैहर सीमेंट सरलानगर ने प्रश्नतिथि तक वन क्षेत्र कक्ष क्रमांक 636, 637 एवं 653 सहित अन्य वन कक्ष क्रमांकों कुल 163 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर जो अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य कर लिया है एवं फर्जी दस्तावेजों के जरिये खनिजों का उत्खनन करने की जो अनुमति भी प्राप्त कर ली गई है उसे राज्य शासन का वन एवं खनिज विभाग कब बंद करवायेगा? अगर नहीं तो क्यों? कारण दें। (ख) मैहर जिले में रिलायंस सीमेंटेशन सहित अन्य कंपनियों एवं फर्मों की वन कक्षों में चल रही उत्खनन साईडों का प्रकरणवार विवरण दें? कब तक शासन इन्हें बंद करवायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित वन कक्षों में अवैध कार्य करने एवं कब्जा कर निर्माण व उत्खनन करने वालों पर कब तक शासन वन अधिनियमों के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज करवायेगा? समय-सीमा बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खनिज उत्खनन के प्रकरणों की जानकारी प्रकाश में नहीं आई है, अपितु 163.898 हेक्टेयर वनक्षेत्र में वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त है। स्वीकृत क्षेत्र में ही खनन कार्य किया जा रहा है। मैहर सीमेंट द्वारा 25.583 हेक्टेयर वन क्षेत्र पर बिना अनुमति के निर्माण कार्य किया है, जिसके नियमितिकरण हेतु नए मालिक अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा आनलाईन आवेदन किया गया है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों में अनुमति प्राप्त है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
उपयंत्री के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
160. ( क्र. 2307 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के उपखण्ड जतारा में प्रभारी सहायक यंत्री के रूप में श्री सूर्यांश कटारे अक्टूबर 2023 से पदस्थ हैं। (ख) क्या वर्तमान में यह जतारा अनुभाग के मेरे विधानसभा क्षेत्र जतारा एवं मोहनगढ़ क्षेत्र के स्वयं उपयंत्री के रूप में 35 से 40 ग्राम पंचायतों के बड़ी-बड़ी नल-जल योजनाओं का कार्य देख रहे हैं? यह माप पुस्तिका पर बिल अंकित करने का कार्य स्वयं मॉनीटरिंग एवं सहायक यंत्री का कार्य स्वयं देख रहे हैं? क्या यह नियम के विरूद्ध नहीं है? अगर है तो इनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्यों कार्यवाही नहीं की गई? (ग) क्या पूर्व में यह जिला निवाड़ी में उपयंत्री के पद पर पदस्थ थे और टीकमगढ़ जिले के जतारा उपखंड में भी उपयंत्री का कार्य देखते रहे हैं? कब से कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जहाँ नल-जल योजनाएं प्रश्न दिनांक तक पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाये, स्वयं उपयंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री का कार्य दोनों देख रहे हों, कार्य में लापरवाही एवं जिला मुख्यालय पर निवास करना एवं विभागीय कार्यों में एवं फील्ड में जनता के साथ ढंग से बात न करने की एवं अन्य प्रकार की शिकायतें आ रही हों, इन्हें विभाग प्रभारी सहायक यंत्री पद से हटाकर अन्यत्र जिले में मूल पद उपयंत्री पर पदस्थ करने हेतु आदेश जारी करेगा, तो कब तक? क्या विभाग इन्हें तत्काल हटाने की कार्यवाही कर इनके जतारा उपखण्ड की जाँच करेगा, तो कब तक? निश्चित समय-सीमा बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हां। (ख) जी नहीं। प्रश्नांकित सहायक यंत्री द्वारा योजनाओं की मॉनिटरिंग/पर्यवेक्षण एवं कार्यों के मापांकन का सत्यापन करने का कार्य किया जा रहा है। माप पुस्तिका पर बिल अंकित करने का कार्य इनके द्वारा नहीं किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हां। उपखण्ड, जतारा में दिनांक 17/08/2021 से 30 अक्टूबर 2023 तक उपयंत्री के रूप में कार्य सम्पादित किया। (घ) श्री सूर्यांश कटारे, प्रभारी सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड जतारा को सौंपी गई योजनाओं की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, श्री सूर्यांश कटारे मुख्यालय पर उपस्थित रहकर कार्यालयीन कार्य संपादित करते हैं एवं उनके द्वारा योजनाओं का सतत् निरीक्षण किया जाता है, व्यक्तिगत रूप से कर्तव्य में लापरवाही एवं अभद्र व्यवहार संबंधी कोई शिकायतें आज दिनांक तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड, टीकमगढ़ में प्राप्त नहीं हुई है, विभागीय निर्माण कार्य की प्राप्त शिकायतों का संबंधित ठेकेदार से निराकरण कराया जाता है, अतः वस्तुस्थिति के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
161. ( क्र. 2308 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1763 दिनांक 20 दिसम्बर 2024 द्वारा नल-जल योजना के कार्य पूर्ण कराकर जनता को शीघ्र पेयजल उपलब्ध कराने की जानकारी चाही गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जब नल-जल योजना से पेयजल हेतु स्त्रोत उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं तो विभाग ने टीकमगढ़ जिले के जतारा एवं पलेरा विकासखण्डों के ग्रामों की ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से प्रश्न दिनांक तक योजना क्यों नहीं बनाई गई है? समूह जल प्रदाय योजना क्या धसान नदी, उर नदी, जामिनी नदी या कौन-कौन सी नदियों से बनाने का विभाग विचार कर रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक क्या जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत जतारा एवं पलेरा की ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना बनाई जावेगी तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) स्रोत के अभाव के कारण अप्रारंभ एवं अवरुद्ध योजनाओं को सतही स्रोत से जोड़ने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग टीकमगढ़ एवं जल निगम क्रियान्वयन इकाई छतरपुर द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर टीकमगढ़ जिले के सतही स्रोतों का सर्वेक्षण कर चिन्हित किया गया है तथा उसके आधार पर जिले के विकासखंड बल्देवगढ़, जतारा तथा पलेरा के 424 ग्रामों की पी.एफ.आर. (प्री फिजिबिल्टी रिपोर्ट) तैयार किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है, प्रथमतः इन ग्रामों के लिए धसान नदी एवं जामनी नदी से समूह जल प्रदाय योजना प्रस्तावित किए जाने के लिए तकनीकी साध्यता का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है, तकनीकी साध्यता के परीक्षण उपरांत निर्णय लिया जाना संभव होगा, कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदूषण नियंत्रण किया जाना
[पर्यावरण]
162. ( क्र. 2312 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदूषण नियंत्रण करने हेतु विभाग की क्या-क्या जिम्मेदारी एवं दायित्व हैं? पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की क्या भूमिका है? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रदूषण करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाती है अथवा एनओसी सर्टिफिकेट देने तक ही विभाग की कार्यवाहियां सीमित हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा वाहनों से फैलाए जाने वाले प्रदूषण की रोकथाम एवं प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के विरुद्ध चालानी कार्यवाही करने का प्रावधान है? गत तीन वर्षों में वाहनों द्वारा फैलाए जाने वाले प्रदूषण पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। कितने वाहनों पर कार्रवाई की गई? (घ) क्या विभाग के पास प्रदूषण नियंत्रण करने हेतु उपर्युक्त अमला पदस्थ है, जो स्थल निरीक्षण कार्यवाही करने में सक्षम हो? यदि हां, तो गत दो माह में समस्त प्रदेश में अमले द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जल ( प्रदूषण, निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974, वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 एवं पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 में निहित प्रावधानों के अनुसार। (ख) जी हां। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पर्यावरण विभाग के अंतर्गत प्रदूषण फैलाये जाने वाले वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हां, उपयुक्त अमला है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
163. ( क्र. 2315 ) श्री केशव देसाई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोहद विधानसभा क्षेत्र में कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित है उक्त संचालित दुकानों का संचालन किन-किन संस्थाओं/समूहों के द्वारा किया जा रहा है? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की पृथक-पृथक नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) वर्ष 2020 से आज दिनांक तक किस-किस स्व-सहायता समूह को पंचायत स्तर पर दुकानें आवंटित की गई है? नामवार सूची प्रदाय करें। क्या आवंटित करने के पूर्व विज्ञप्ति निकाली गई है, यदि हाँ तो विज्ञप्ति की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) विधानसभा गोहद में किस-किस स्व-सहायता समूह को एक से अधिक दुकानें संचालन हेतु आवंटित की गई है? क्या एक से अधिक दुकानें एक ही समूह को आवंटित करने के नियम है? यदि हाँ तो नियमों एवं शर्तों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। यदि नहीं है तो आवंटन निरस्त कर संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 123 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 13 स्व-सहायता समूहों को पंचायत स्तर पर दुकानें आवंटित की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जी हां, विज्ञप्ति की छायाप्रति पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में स्व-सहायता समूहों को मूलत: 01 दुकान ही आवंटित की गई है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में एक संस्था/समूह को एक से अधिक दुकान आवंटित करने पर प्रतिबंध नहीं है। नियंत्रण आदेश की प्रति पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। उचित मूल्य दुकान के निलंबन/निरस्तीकरण अथवा संस्था द्वारा दुकान संचालन में असमर्थता व्यक्त करने पर दुकानों का संलग्नीकरण वितरण व्यवस्था को सुचारू रूप से संपन्न कराने हेतु अन्य दुकानों से किया जाता है। प्रश्नांकित विधानसभा में उचित मूल्य दुकानों का आवंटन नियम विरुद्ध नहीं होने से शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनग्रामों का राजस्व ग्रामों में परिवर्तन
[वन]
164. ( क्र. 2459 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदले जाने के संबंध में क्या कोई निर्देश जारी किए गए हैं, यदि हाँ तो इन नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा भैंसदेही के अंतर्गत दक्षिण सामान्य वनमंडल तथा पश्चिम सामान्य वनमंडल के अंतर्गत कितने वनग्राम हैं, इन नियमों के जारी होने के बाद इन वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदले जाने हेतु क्या कार्यवाही हुई है तथा यह कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? (ग) सरकार द्वारा इन वनग्रामों को कब तक राजस्व ग्रामों में परिवर्तित कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ख) विधानसभा भैंसदेही अंतर्गत आने वाले वनग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। जिला कलेक्टर बैतूल से जारी अधिसूचना को मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 26.07.2024 में प्रकाशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (ग) वनग्रामों को राजस्व ग्राम में बनाने की उत्तरांश 'ख' अनुसार अधिसूचना जारी की गयी है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों की लंबित राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
165. ( क्र. 2510 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट विधानसभा अंतर्गत कारीगोही में गत वर्ष लगभग एक करोड़ से अधिक राशि का गेंहूँ खरीदी घोटाला किया गया है? खरीदी का जिम्मा जायतमाल स्वसहायता समूह को किस आधार पर दिया गया था? क्या गेंहूं खरीदी घोटाले की जांच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया गया है? यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रति दें? (ख) क्या कारीगोही में किसानों के उपार्जन की राशि का भुगतान अभी भी लंबित है? किन-किन किसानों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान अभी भी लंबित है? भुगतान लंबित रखने का क्या कारण है, स्पष्ट करें? उक्त घोटाले में जिन किसानों की राशि लंबित रखी गई है उनका क्या दोष है,स्पष्ट करें? कब तक लंबित राशि का भुगतान कर दोषियों को निलंबित किया जायेगा? (ग) क्या इतना बडा गेहूँ खरीदी घोटाला जो कि एक ही दिन में 3 घंटे के अंदर एक करोड़ से अधिक का गेहूँ खरीदकर, परिवहन कर, भण्डारण, भुगतान कर दिया उसकी उच्च स्तरीय जांच नहीं कराई जानी चाहिये? क्या इतने बड़े गबन के उत्तरदायियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही नहीं होनी चाहिये? क्या बिना विभागीय जिलास्तर एवं उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला हो सकता है? उक्त घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कब तक कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्यो?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चित्रकूट विधानसभा अंतर्गत कारीगोही में जायतमाल बाबा स्व-सहायता समूह द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ में से लगभग राशि रू. 93 लाख का गेहूँ का गबन किया जाना पाया गया। जायतमाल बाबा स्व-सहायता समूह को समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन का कार्य जिला पंचायत, सतना द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर जिला उपार्जन समिति द्वारा दिया गया है। गेहूँ उपार्जन में की गई अनियमितता की जांच कलेक्टर सतना द्वारा कराई गई, जिसके आधार पर 9 आरोपियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई। प्रकरण में पुलिस विभाग द्वारा विवेचना की जा रही है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट–''अ'' अनुसार है। (ख) जायतमाल बाबा स्व-सहायता समूह, कारीगोही उपार्जन केन्द्र पर गेहूँ विक्रय करने वाले किसानों को विक्रय किए गए गेहूँ का भुगतान किया गया है किन्तु, उपार्जित गेहूँ मात्रा में से 3,860 क्विंटल गेहूँ को मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के गोदाम में जमा न कर गबन किए जाने के फलस्वरूप संदेहास्पद 57 किसानों के बैंक खातों को होल्ड किया गया। किसानवार सूची पुस्तकालयय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। प्रकरण में न्यायालयीन निर्णयानुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। भुगतान की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रकरण में 9 आरोपियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ-साथ तत्कालीन जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सतना, जिला आपूर्ति अधिकारी, सतना एवं हल्का पटवारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) जायतमाल बाबा स्व-सहायता समूह, कारीगोही द्वारा गेहूँ उपार्जन में की अनियमितता की जांच कलेक्टर, सतना द्वारा कराई गई, जिसके आधार तत्कालीन जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सतना, जिला आपूर्ति अधिकारी, सतना एवं हल्का पटवारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है एवं 9 आरोपियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिसकी विवेचना पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है। प्रकरण में जांच एवं कार्यवाही हो जाने से अन्य जांच की आवश्यकता नहीं है।
वनक्षेत्रों को निजी कंपनियों/प्रॉयवेट सेक्टर को सौंपना
[वन]
166. ( क्र. 2687 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार वनक्षेत्रों को निजी कंपनियों/प्रॉयवेट सेक्टर को देने की योजना बना रही है? वह कौन-से वन क्षेत्र हैं, कहां-कहां स्थित हैं, कुल वन क्षेत्र का कितना प्रतिशत हिस्सा हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के वनक्षेत्रों के संदर्भ में क्या यह पता किया गया है, कि उक्त वनक्षेत्रों में कितने लोग निवासरत हैं, कितने हिस्से में कितने लोग खेती करते हैं, कितना क्षेत्र चारागाह है, कितने लोग वनोपज एवं अन्य जरूरतों के लिए उस वनक्षेत्र पर आश्रित हैं, निजी कंपनियों/प्रॉयवेट सेक्टर को वनक्षेत्र देने से कितने लोग पूर्णरूप से, कितने लोग आंशिक रूप से प्रभावित होंगे? यदि हाँ तो प्रति सहित बतावें, यदि नहीं तो कारण बतावें। (ग) किस नियम के तहत निजी कंपनियों/प्रॉयवेट सेक्टर को वन क्षेत्र दिया जाएगा, गाइड लाइन और अन्य ब्यौरा देवें। प्रभावित होने वाले आदिवासियों/ वननिवासियों के लिए क्या-क्या अनुतोष/प्रावधान है, यदि नहीं है तो कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के वनक्षेत्रों में निजी कंपनियां/प्रॉयवेट सेक्टर किस तरह के वन लगाएंगे, प्रॉफिट के लिए कार्य करेंगे अथवा लोक कल्याण के लिए, प्रति सहित बतावें? इसके लिए किस नियम के तहत सीईआर और सीएसआर फंड का इस्तेमाल किया जाएगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, अपितु बिगड़े वन क्षेत्रों में निजी निवेश हेतु प्रारूप नीति तैयार की गई है, जो प्रारम्भिक चरण में है तथा अभी तक शासन द्वारा स्वीकृत नहीं की गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राही को मुआवजे का प्रदाय
[वन]
167. ( क्र. 2702 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र जिला-उमरिया ग्राम-मझौलीखुर्द, पोस्ट-छतैनी, थाना-उमरिया निवासी मृतक श्री वीरेन्द्र सिंह पिता श्री नर्मद सिंह गौड़ उम्र-29 वर्ष को जंगली जानवरों द्वारा मारकर खा जाने के कारण क्या मृतक के परिवार को शासन/प्रशासन द्वारा मुआवजा प्रदान किया गया? नहीं तो क्यों? कब तक प्रदान किया जावेगा? (ख) क्या मृतक गौड़ आदिवासी के शव परीक्षण (पी.एम) रिपोर्ट में जिला चिकित्सालय उमरिया द्वारा दिनांक 25/09/2023 को लेख किया गया कि मृतक की मृत्यु जंगली जानवर के हमले से हुई थी? आदेश की प्रति दें। (ग) क्या मृतक गौड़ आदिवासी वर्ग के परिवार द्वारा शासन/प्रशासन द्वारा मुआवजे के लिये प्रस्तुत आवेदन में प्रश्न तिथि तक क्या कार्यवाही की गई है या नहीं? आदेशों की प्रति प्रदाय करें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन आवेदक को मुआवजा प्रदान नहीं किया गया है, क्योंकि प्रकरण में कलेक्टर द्वारा गठित जांच में मृतक श्री वीरेन्द्र सिंह की मृत्यु निर्विवाद रूप से जंगली जानवर के हमले से नहीं होना पाया गया, अतः मुआवजा राशि भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शव परीक्षणकर्ता चिकित्सक द्वारा कलेक्टर द्वारा गठित समिति के समक्ष स्पष्ट किया है कि मृतक की मृत्यु की संभावना जंगली जानवर के हमले से हुई है या मानव हमले से हुई है, स्पष्ट नहीं कहा जा सकता (Possibility of death due to animal attack and human attack can not be ruled out in this case.) जांच प्रतिवेदन अनुसार श्री वीरेन्द्र सिंह की मृत्यु निर्विवाद रूप से जंगली जानवर के हमले से नहीं होना पाया गया, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन प्रकरण की जांच हेतु कलेक्टर उमरिया के आदेश दिनांक 30.09.2024 द्वारा एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया जिसका आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति के पदों की पूर्ति
[जनजातीय कार्य]
168. ( क्र. 2741 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सीधी भर्ती के कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों में अनुसूचित जनजाति के कितने-कितने पद है? पदवार आरक्षण रोस्टर सहित विभागवार जानकारी उपलब्ध कराएं। रोस्टर अनुसार सीधी भर्ती के कितने पद कौन-कौन से संवर्ग के रिक्त है? विभागवार जानकारी दें। (ख) रोस्टर अनुसार स्वीकृत पदों के विरूद्ध अनुसूचित जनजाति के रिक्त पदों पर विशेष पिछड़ी जनजाति के उम्मीदवारों को नियुक्त करने के लिए कब-कब विज्ञापन जारी किए गए? विभागवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिले/शासन के सभी विभाग द्वारा निश्चित समय-सीमा में कार्यवाही नहीं की है? यदि हाँ तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) ग्वालियर जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में अनुसूचित जनजाति के सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने वाले पदों हेतु दिनांक 19/11/2019 को कृषि विभाग एवं दिनांक 12/02/2024 को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई है। (ग) विभागों द्वारा भर्ती सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुविधाहीन स्कूलों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
169. ( क्र. 2831 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में किस-किस मद में कितनी-कितनी-राशि आवंटित की गई, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, वर्तमान में कितना बजट उपलब्ध है? (ख) सरदारपुर विधानसभा में संचालित स्कूलों में छात्र-छात्राओं एवं कक्षावार के अनुपात के आधार पर कौन-कौन सी शाला में भवन नहीं हैं? जीर्ण-शीर्ण एवं मरम्मत योग्य सुविधाविहीन स्कूल के भवन कितने है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक विभाग प्रमुख, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जिला परियोजना समन्वयक को भेजे गये प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त पत्राचार की प्रति एवं नोटशीट प्रदान करें। (घ) क्या विभाग द्वारा धार जिले को वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त बजट में से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि लेप्स हुई, कितनी राशि विभाग द्वारा व्यय नहीं की गई? समस्त जानकारी देवें। राशि लेप्स होने एवं राशि व्यय नहीं होने का कारण वर्षवार बतायें एवं दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) विभाग को धार जिले में वित्तीय अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त जानकारी विधानसभावार प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले को मदवार आवंटित, व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ख) सरदारपुर विधान सभा अंतर्गत विभाग द्वारा हाईस्कूल/हायरसेकेण्डरी स्कूलों का संचालन किया जाता है। भवन विहीन संस्थाओं की। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाएं जीर्ण-शीर्ण एवं सुविधा विहीन नहीं है। प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों का संचालन जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र धार द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है (ग) जी हां। प्रमुख सचिव म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग को प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। प्रकरण में दोषियों पर कार्यवाही हेतु आयुक्त जनजातीय कार्य के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 4317 दिनांक 25.2.25 द्वारा कलेक्टर धार को लिखा गया है। पत्राचार एवं नोटशीट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ड.) धार जिले में वित्तीय अनियमितता की 03 शिकायतें प्राप्त हुई है। 1- विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय निसरपुर, 2- विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय सरदारपुर, 3- विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय डही। उक्त प्राप्त शिकायतों में विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय निसरपुर में दोषियों के विरूद्ध निलंबन एवं प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसी प्रकार विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय सरदारपुर में प्राप्त शिकायत में दोषी के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज किये जाने हेतु थाना प्रभारी थाना सरदारपुर को लिखा गया है एवं शेष कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जा रही है। तत्पश्चात आगामी कार्यवाही की जावेगी तथा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय डही की प्राप्त शिकायत की जांच हेतु अभिलेख चाहे गये है। अभिलेखों के परीक्षणोंपरांत दोषियों के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है।
नौरादेही अभयारण्य के ग्रामों का व्यवस्थापन
[वन]
170. ( क्र. 2919 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के अंतर्गत नौरादेही अभयारण्य में कितने गांव का व्यवस्थापन किया जाना है? (ख) कितने गांवों का व्यवस्थापन किया जा चुका है? (ग) विस्थापितों हेतु कुल कितनी राशि के अवार्ड अभी तक पारित किये गये हैं? (घ) संरक्षित क्षेत्र, टाईगर रिजर्व कोरीडोर क्षेत्र के ग्रामों में निवासरत प्रत्येक परिवारों को कुल राशि एवं भूमि दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ड.) प्रश्न (ग) एवं (घ) के प्रकाश में व्यवस्थापन की कितनी राशि किस खाते में कितनी अभी तक जमा है उस पर कुल कितना ब्याज प्राप्त हुआ है? ब्याज की राशि क्या उपयोग किया गया है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वीरांगना दुर्गावती टाईगर रिजर्व (तत्समय नौरादेही अभयारण्य) के अंतर्गत स्थित 93 ग्रामों का विस्थापन किया जाना है। (ख) वीरांगना दुर्गावती टाईगर रिजर्व (तत्समय नौरादेही अभयारण्य) के अंतर्गत वर्तमान तक 38 ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है। (ग) वर्तमान तक 38 ग्रामों के 5011 पात्र परिवारों को रूपये 6,68,06,06,193/- के अवार्ड पारित किए गये तथा राशि हितग्राहियों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जा चुकी है। (घ) जी हाँ। (ङ) संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के विस्थापन के पूर्व ग्रामसभा की विस्थापन हेतु सहमति प्राप्त होने तथा बजट प्राप्त होने पर विस्थापन पैकेज राशि को संबंधित जिला कलेक्टर के पी.डी. खाता में हस्तांतरण कर दिया जाता है। कलेक्टर पी.डी. खाता ब्याज रहित होता है। ग्राम विस्थापन हेतु समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर जिला कलेक्टर द्वारा विस्थापन पैकेज की राशि का हस्तांतरण संबंधित ग्राम के पात्र हितग्राही के बैंक खाते में कर दिया जाता है एवं खाते में जमा राशि पर संबंधित हितग्राही को ही बैंक से ब्याज प्राप्त होता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भूजल गुणवत्ता
की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 90 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में आर्सेनिक, फ्लोराइड एवं नाइट्रेट की मात्रा कितनी-कितनी है। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इसके निर्धारित मानकों की जानकारी दें। भारत में इसकी निर्धारित सुरक्षित सीमा कितनी-कितनी है। (ख) प्रदेश के किस-किस जिले के भूजल में फ्लोराइड एवं नाइट्रेट की मात्रा निर्धारित मात्रा से कितनी-कितनी अधिक है। (ग) पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड एवं नाइट्रेट की मात्रा अधिक सेवन किये जाने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है। (घ) नर्मदापुरम् जिले में किन स्थानों से कब-कब नमूने लिये गये। (ड.) वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 क्या प्रकाशित हो गयी है। यदि हाँ तो उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विभाग द्वारा प्रदेश के ग्रामों के सार्वजनिक पेयजल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाता है, परीक्षण की जानकारी भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पोर्टल पर प्रविष्टि कराई जाती है, उक्त जानकारी पोर्टल के लिंक https://ejalshakti.gov.in/WQMIS/Report/Labtestingdata पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है। आर्सेनिक, फ्लोराईड एवं नाइट्रेट की सुरक्षित सीमा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जारी मानक IS:10500 (2012) के अनुसार निर्धारित है, जिसके अंतर्गत आर्सेनिक, फ्लोराईड एवं नाइट्रेट की स्वीकार्य मात्रा इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पोर्टल के लिंक https://ejalshakti.gov.in/WQMIS/Report/Labtestingdata पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है। (ग) पेयजल में आर्सेनिक, फ्लोराईड एवं नाइट्रेट की अधिकता होने पर ऐसे जल का सेवन करने से क्रमशः त्वचा संबंधी रोग, फ्लोरिसिस एवं 'ब्लू बेबी सिंड्रोम' जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बताया गया है। (घ) जानकारी पोर्टल के लिंक https://ejalshakti.gov.in/WQMIS/Report/ Labtestingdata पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है। (ङ) विभाग द्वारा प्रदेश के ग्रामों के सार्वजनिक पेयजल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाता है, पृथक से विभाग द्वारा वार्षिक भूजल गुणवत्ता का प्रकाशन नहीं कराया जाता है, तथापि विभाग द्वारा कराये जाने वाले जल गुणवत्ता परीक्षण की जानकारी भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पोर्टल पर प्रविष्टि कराई जाती है, जो पोर्टल के लिंक https://ejalshakti.gov.in/WQMIS/Report/Labtestingdata पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है।
नर्मदापुरम नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 91 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन में नर्मदापुरम विधानसभा क्षेत्र की किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना कब से प्रारंभ हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी दें कि वर्तमान में किन-किन ग्रामों में योजना संचालित हैं एवं किन ग्रामों में योजना किन कारणों से बंद हैं। (ग) जल जीवन मिशन के अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में कितनी-कितनी राशि के कार्य कब-कब स्वीकृत हुए। उक्त कार्यों में कौन-कौन से कार्य कब-कब प्रारंभ हुए। उक्त कार्य किस-किस एजेंसी द्वारा कराये जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये, कौन से, किन कारणों से अधूरे एवं अप्रारंभ है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जल निगम के माध्यम से संचालित सामूहिक नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( क्र. 107 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बैतूल में जल निगम के माध्यम से किन-किन ग्रामों को सम्मिलित कर सामूहिक नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? ग्रामवार योजनावार जानकारी दी जाये? (ख) क्या स्वीकृत योजनाओं में कुछ योजनाएं निर्धारित तिथि के बाद भी अपूर्ण है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण थे? अपूर्ण योजनाएं पूर्ण करने की समय-सीमा बताएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मेढ़ा समूह जल प्रदाय योजना की कार्य प्रारंभ तिथि 10/03/2023 एवं निर्धारित पूर्णता अवधि 09/03/2025 है एवं वर्तमान प्रगति 16% है। गढ़ा समूह जल प्रदाय योजना की कार्य प्रारंभ तिथि 10/03/2023 एवं निर्धारित पूर्णता तिथि 09/10/2024 थी कार्य की वर्तमान प्रगति 27% हैं। योजनाओं के विलम्ब होने का मुख्य कारण ग्रामों के स्वरूप में परिवर्तन जैसे बल्क से डिस्ट्रीब्यूशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन से बल्क होना इस कारण पुनः सर्वे करना पड़ा एवं अन्य विभागों से अनुमति में विलम्ब होना आदि है। मेढ़ा समूह जल प्रदाय योजना के पूर्ण होने की लक्षित अवधि 31/03/2026 एवं गढ़ा समूह जल प्रदाय योजना के पूर्ण होने की लक्षित अवधि 31/12/2025 है।
ग्रेसिम उद्योग गैस दुर्घटना
[पर्यावरण]
4. ( क्र. 156 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग में विगत 10 वर्षों में कितनी बार किन-किन गैसों का रिसाव, दुर्घटना हुई हैं? वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) पर्यावरण व मानव शरीर पर क्या-क्या असर हुआ हैं? (ग) पर्यावरण नियंत्रण मंडल ने इस पर क्या-क्या कार्यवाही की?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
नर्सरी एवं स्टाफ की नियुक्ति
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
5. ( क्र. 158 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ जिला मंदसौर तहसील मुख्यालय होने के उपरांत भी यहां नर्सरी सुविधा क्यों नहीं हैं? जबकि यहां किसानों को नर्सरी की सख्त आवश्यकता है। (ख) शासन गरोठ में नर्सरी एवं पर्याप्त स्टाफ नियुक्ति दिशा में आवश्यक आदेश प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) गरोठ विकासखण्ड में शासकीय संजय निकुंज डिण्डोरी एवं शासकीय पौध शाला शामगढ़ नर्सरी स्थापित है। (ख) वर्तमान में मंदसौर जिले के तहसील विकासखण्ड गरोठ में 02 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी कार्यरत हैं।
जल जीवन मिशन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 277 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केन्द्रीय शासन नई दिल्ली द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत जिला जबलपुर को कब कितनी राशि आवंटित की गई है? मूल योजना क्या है? इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? इस पर अभी तक कितनी राशि व्यय हुई है? योजना के तहत कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है एवं कितना-कितना, कौन-कौन सा कार्य कब से निर्माणाधीन, अपूर्ण, अप्रारंभ है एवं क्यों? इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या हैं तथा इस पर कितनी राशि व्यय हुई है? (ख) प्रश्नांकित योजना के तहत जिले की किन-किन तहसीलों के किन-किन विकासखण्डों के कितने-कितने गांवों को नर्मदा जल पहुंचाने की योजना क्या है? इसके तहत किन-किन विकासखण्डों में कितनी-कितनी टंकियों का निर्माण कितनी राशि में कराया गया? वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इंटकबेल निर्माण कार्य की क्या स्थिति है? कितने गांवों में पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितने गांवों में पाईप लाईन बिछाने का कार्य कब से अपूर्ण है एवं क्यों? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में किस निर्माण एजेन्सी को किन शर्तों पर कब ठेका दिया गया? शर्तों के तहत निर्माण एजेंसी ने कब से कौन-कौन सा कार्य पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? एजेन्सी को कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितनी राशि बकाया है? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित कार्य में वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग, घटिया निर्माण कार्य व भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों व निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में जिलावार राशि आवंटित नहीं की जाती है। मूल योजना अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में नल-जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन कर जल जीवन मिशन के प्रावधानों के अनुसार ग्राम के प्रत्येक परिवार को नल से जल उपलब्ध कराया जाना है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत एकमुश्त आधार पर ठेका दिया गया है। अतः विकासखण्डवार टंकियों के निर्माण की राशि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजना एवं समूह जल प्रदाय योजना के निर्माण एजेंसी के लिए ठेके की शर्तें क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 एवं 06 अनुसार है। योजनाओं की निर्माण एजेंसी, कराए गए कार्य, अपूर्ण कार्य, किए गए भुगतान इत्यादि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 07 अनुसार है, ठेकेदार एजेंसियों द्वारा किए गए कार्य के अनुरूप देयकों के अंतर्गत भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं के कार्य निर्धारित मापदण्ड एवं गुणवत्ता मानकों का ध्यान रखते हुए क्रियान्वित किए गए हैं, ठेकेदार एजेंसियों द्वारा जो कार्य निर्धारित गुणवत्ता अनुरूप किए गए हैं उन्हें ही विभाग द्वारा भुगतान हेतु स्वीकार्य किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग पर अत्याचार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
7. ( क्र. 289 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग पर होने वाले अपराधों की रोकथाम उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करने आर्थिक सहायता शिक्षा रोजगार सेवाओं से सम्बंधित राज्य एवं केन्द्रीय शासन की संचालित किन-किन योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 एवं मा.द.वि (आई.पी.सी.) व पाक्सो एक्ट धाराओं के तहत पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों में एफ.आर.आई. दर्ज कर कितने-कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। कितने-कितने अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। कितने-कितने फरार/लापता हैं। कितने प्रकरण विवेचना में हैं। कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया गया। कितने प्रकरणों में कितने आरोपियों को सजा सुनाई गई। कितने प्रकरण लम्बित है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन धाराओं में तहत पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई एवं कितने-कितने प्रकरणों में कितने-कितने पीड़ितों के आश्रित परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई। कितने प्रकरणों में कब से कितनी स्वीकृत राशि नहीं दी गई है एवं क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में पाक्सो एक्ट एवं मा.द.वि.की धारा 376, 354 302 के तहत पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी पीड़ित नाबालिग युवतियों, लड़कियों व महिलाओं को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई। कितनी राशि नहीं दी गई एवं क्यों?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है।
वन भूमियों का क्रय-विक्रय
[वन]
8. ( क्र. 392 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मुख्यालय द्वारा आरक्षित वन भूमियों के क्रय विक्रय एवं नामान्तरण से संबंधित पत्र क्रमांक वन अधि/1054 दिनांक 22/06/2019 से पत्र क्रमांक वन भू-अभि./वनग्राम/1834 दिनांक 27 दिसम्बर 2024 तक लगातार पांच पत्र जारी करने के बाद भी वनभूमि की रजिस्ट्री, नामान्तरण से संबंधित कोई जानकारी वन मुख्यालय संकलित नहीं कर पाया। (ख) दिनांक 22/06/2019 से दिनांक 27/12/2024 तक वनभूमि के क्रय-विक्रय, नामान्तरण आदि को लेकर किस-किस दिनांक को वन मुख्यालय ने किस-किस को पत्र लिखकर क्या-क्या निर्देश दिए, वन मुख्यालय के पास किस वनमंडल के अन्तर्गत कितनी वनभूमि के क्रय विक्रय, नामान्तरण की जानकारी वर्तमान में उपलब्ध है। (ग) भा.व.अ.1927 की धारा 20 एवं धारा 29 में जिन जमीनों को राजपत्र में अधिसूचित नहीं किया, धारा 20अ के अनुसार जिन जमीनों से संबंधित कोई आदेश या अधिसूचना जारी नहीं की गई उन भूमियों को किस धारा के अनुसार आरक्षित वन एवं संरक्षित वन माने-जाने का क्या प्रावधान किया है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र वनभूमि के अवैधानिक क्रय-विक्रय एवं नामंतरण पर प्रभावी कार्यवाही/रोक के संबंध में जारी किए गए हैं। अतः वन मुख्यालय स्तर पर जानकारी संकलित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29, धारा-4 एवं धारा-20 के तहत अधिसूचित तथा धारा-20 'अ' (संशोधन दिनांक 20.03.1965) के तहत मान्य वन भूमियों का प्रबंधन आरक्षित एवं संरक्षित वनभूमि के रूप में किया जाता है।
नवाब भोपाल के एलान की जानकारी
[वन]
9. ( क्र. 393 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवाब भोपाल के एलान दिनांक 12 जनवरी 2016 में महफूज खास जंगल से संबंधित प्रावधान के बाद भी प्रश्न क्रमांक 954 दिनांक 20 दिसम्बर 2024 के उत्तरांश (ख) में भा.व.अ. 1927 की धारा 20अ के तहत नवाब भोपाल के एलान दिनांक 12/01/1916 द्वारा आरक्षित वन भूमि को आरक्षित वन भूमि माना गया है। (ख) नवाब भोपाल के एलान दिनांक 12/01/1916 में किन-किन जमीनों को महफूज खास जंगल माना गया है, महफूज खास जंगल को किस कानून या नियम में दी गई किस परिभाषा के अनुसार आरक्षित वन माना जा रहा है उस परिभाषा की प्रति सहित बतावें। (ग) नवाब भोपाल द्वारा 1916 से 1948 तक जंगल से संबंधित जारी किस क्रमांक दिनांक का एलान वन मुख्यालय के संकलन वनग्रामों का इतिहास एवं भविष्य वर्ष 1982 में उपलब्ध है उनका उल्लेख वर्किंग प्लान में नहीं किए जाने का क्या कारण है। (घ) धारा 20अ के अनुसार किसके आदेश किसकी अनुमति या किस दिनांक की अधिसूचना से कितनी महफूज खास जंगल को वर्किंग प्लान में आरक्षित वन दर्ज किया है।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित एलान में तत्समय दखल रहित भूमियों को महफूज खास जंगल माना गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वनग्रामों की जानकारी वर्किंग प्लान में उल्लेखित होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) नवाब भोपाल के एलान दिनांक 12.01.1916 द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-20 'अ' के तहत अधिसूचित आरक्षित वनभूमि, जिसको वर्किंग प्लान में दर्ज किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है।
लाभांश की राशि का समितिवार निर्धारण
[वन]
10. ( क्र. 395 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा किए गए व्यापार से हुए शुद्ध लाभ की राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को दिए जाने के संबंध में 1998 में दिए गए आदेश के बाद भी समितिवार लघु वनोपज के व्यापार से हुए शुद्ध लाभ का समितिवार भुगतान किए जाने की कोई व्यवस्था राज्य में लागू नहीं है? (ख) समिति के क्षेत्र में आने वाली लघु वनोपज के संग्रहण, परिवहन, भण्डारण एवं विपणन की क्या-क्या व्यवस्था लागू है? इस व्यवस्था के अनुसार समिति के लाभ की गणना समितिवार किए जाने की क्या व्यवस्था है? (ग) म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने समितिवार लाभांश का ब्यौरा किन कारणों से संधारित नहीं किया? संघ ने यूनियनवार समिति लाभांश का ब्यौरा किन कारणों से संधारित कर सार्वजनिक किया, प्रतिवेदित किया? (घ) सहकारिता विभाग समितिवार व्यापार एवं लाभांश का ब्यौरा तैयार करने हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन राज्य शासन के वर्ष 1998 के आदेश को वर्ष 2006, 2012 एवं 2022 में संशोधित किया जा चुका है। वर्तमान में लघु वनोपज के व्यापार से अर्जित शुद्ध लाभ की राशि का वितरण राज्य शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ 26-1/2007/ 10-3, दिनांक 11 मार्च, 2022 अनुसार किया जाता है। (ख) लघु वनोपज के संग्रहण, परिवहन, भण्डारण एवं परिवहन उपरांत विपणन की व्यवस्था हेतु जिला यूनियन स्तर पर सभी फड़ों से संग्रहित तेन्दूपत्ता का परिवहन उपरांत गोदामीकरण किया जाता है एवं क्रेताओं को परिदान दिया जाता है। शासन द्वारा निर्धारित टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से तेन्दूपत्ता का अग्रिम विक्रय अथवा गोदामीकरण के उपरांत विक्रय किया जाता है। विक्रय उपरांत प्राप्त शुद्ध लाभ का वितरण उत्तरांश (क) में उल्लेखित राज्य शासन के आदेश अनुसार किया जाता है। (ग) ब्यौरा संधारित किया जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लघु वनोपज समिति सहकारी प्रकरण
[वन]
11. ( क्र. 396 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल के द्वारा सहकारिता विभाग की अनुमति के बिना ही अधिकारियों को कलेक्टर रेट से किए गए अर्दली भत्ते के भुगतान से संबंधित सरचार्ज का प्रकरण प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं बनाया। (ख) मध्य प्रदेश सहकारी संघ की उपविधि में अधिकारियों को अर्दली भत्ते के भुगतान से संबंधित क्या प्रावधान था, सहकारिता विभाग ने अपने किस पत्र क्रमांक, दिनांक से किन अधिकारियों के लिए कितना अर्दली भत्ता भुगतान की अनुमति दी थी। इनका पालन लघु वनोपज संघ भोपाल द्वारा किन कारणों से नहीं किया गया। (ग) मध्य प्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ ने किस दिनांक से अर्दली भत्ते का भुगतान शासन के किस पत्र के कारण बन्द किया यह भुगतान बन्द किए जाने का क्या कारण रहा है। (घ) सहकारिता विभाग कब तक भुगतान किए गए अर्दली भत्ते की राशि के सरचार्ज का प्रकरण बनाकर प्रकरण पंजीबद्ध करेगा समय-सीमा सहित बतावे।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। सहकारिता विभाग की स्वीकृति प्राप्त है। (ख) मध्यप्रदेश सहकारी संघ की उपविधि में अधिकारियों को अर्दली भत्ते के भुगतान करने/नहीं करने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक/विप/वनो/99/3466 दिनांक 15.09.1999 के द्वारा संघ में तत्कालीन वेतनमान रूपए 2650-4200 के वर्तमान प्रबंधक पद श्रेणी तक एवं इससे ऊपर के वेतनमान पाने वाले अधिकारियों को कलेक्टर द्वारा अकुशल श्रमिकों के लिये समय-समय पर स्वीकृत दर से अर्दली भत्ते का भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसका पालन मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल द्वारा किया गया। (ग) मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल द्वारा दिनांक 01.03.2024 से मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक 1/2/1/0001/2024-Sec-4-10 (FOR) दिनांक 01.03.2024 के अनुसार अर्दली भत्ते का भुगतान बंद किया गया है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निजी भूमि अर्जन की जानकारी
[वन]
12. ( क्र. 403 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ. 25-08/2015/10-3 दिनांक 4 जून 2015 के द्वारा वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमि से संबंधित दिए गए निर्देशों के अनुसार आयुक्त नर्मदापुरम एवं आयुक्त शहडोल ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की है। (ख) राज्य मंत्रालय से मुख्य सचिव के पत्र क्रमांक 774/एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 1 जून 2015 के द्वारा निजी भूमि बाबत् दिए निर्देश के अनुसार नर्मदापुरम संभाग एवं शहडोल संभाग के अन्तर्गत किस कलेक्टर ने क्या-क्या कार्यवाही की है। (ग) नर्मदापुरम संभाग एवं शहडोल संभाग के किस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष किस ग्राम के किस किसान की कितनी निजी भूमि का प्रकरण भा.व.अ.1927 की धारा 11 के तहत आदेश हेतु कब से लम्बित है। (घ) आदेश दिनांक 1 जून 2015 एवं 4 जून 2015 के अनुसार धारा 11 के तहत कार्यवाही हेतु लम्बित निजी भूमियों को कब तक पृथक किया जावेगा? समय-सीमा सहित बतावे।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) आयुक्त शहडोल संभाग के पत्र दिनांक 02.06.2015 से कलेक्टर जिला शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर तथा आयुक्त नर्मदापुरम संभाग नर्मदापुरम के दिनांक 10.10.2024, दिनांक 05.11.2024, दिनांक 18.11.2024, दिनांक 04.12.2024, दिनांक 23.12.2024 एवं पत्र दिनांक 13.01.2025 से कलेक्टर नर्मदापुरम, बैतूल एवं हरदा को यथोचित कार्यवाही हेतु लेख किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सह पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारियों द्वारा जांच की अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्भर है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 411 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को गेहूं का समर्थन मूल्य आगामी सीजन में फसलों की उपज बिक्री पर कम दिया जा रहा है क्या गेहूं बिक्री के समर्थन मूल्य को शासन की घोषणा से अधिक बढ़ाकर दिये जाने का कोई प्रावधान है यदि हाँ तो जानकारी से अवगत करायें यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या चना, मसूर, राई, सरसों, मटर, धनियां, मैथी, इनकी बिक्री दरों में भी बढ़ोत्तरी की जा सकती है या इनकी दरें, किस प्रकार है समस्त दरों की जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या टीकमगढ़ जिले में खरगापुर विधानसभा से सबसे ज्यादा गेहूं की बिक्री किसानों द्वारा की जाती है इसका कोई आंकड़ा शासन के द्वारा जारी किया जाता है तथा विगत वर्ष 2024 में खरगापुर विधान सभा के किसानों द्वारा कितने क्विटल गेहूं, जवा, चना, सरसों किसानों द्वारा शासन के निर्धारित खरीदी केन्द्रों पर डाला था अब आगामी सीजन में लगभग क्या लक्ष्य माना जावेगा सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (घ) क्या खरीदी केन्द्रों पर किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनकी मानीटरिंग देख-रेख हेतु कृषि विभाग द्वारा कितने कर्मचारियों की तैनाती कहां-कहां पर कैसे सहयोग किसानों का किया जाता है। सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं का समर्थन मूल्य रू. 2275 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था, जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर रू. 2425 प्रति क्विंटल किया गया है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में रू. 125 प्रति क्विंटल एवं वर्ष 2025-26 में रू. 175 प्रति क्विंटल गेहूं उपार्जन बोनस देने का निर्णय लिया गया है। (ख) भारत सरकार द्वारा चना, मसूर, सरसों का प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में घोषित एवं समर्थन मूल्य में वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा मटर, धनियां, मैथी का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया जाता है। (ग) टीकमगढ़ जिले में विधानसभावार समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उपार्जन केन्द्रवार एवं किसानवार उपार्जित गेहूं की जानकारी ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्ध है। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2024-25 में उपार्जन केन्द्रवार गेहूं एवं सरसों की उपार्जन मात्रा एवं विक्रेता कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। टीकमगढ़ जिले में समर्थन मूल्य पर 15,000 मे.टन गेहूं उपार्जन अनुमानित है। चना एवं सरसों का उपार्जन अनुमान निर्धारित न करते हुए किसान पंजीयन, रकबा एवं उत्पादकता के आधार पर उपार्जन किया जाएगा। (घ) जी नहीं। समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन की मॉनीटरिंग एवं देख-रेख हेतु जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
छात्रावासों/आश्रम की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र. 425 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले अंतर्गत जनजाति कार्य विभाग एवं अनु.जाति कल्याण के कितने छात्रावास/आश्रम संचालित हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में जिले अंतर्गत कितना आवंटन प्राप्त हुआ? मदवार जानकारी देवें। किस-किस छात्रावास/आश्रम कौन-कौन सी सामग्री की सप्लाई की गई। (ख) क्या जिला संयोजक द्वारा किस-किस अधीक्षकों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया? नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। प्रभार का किस नियम के तहत अधिकार है? आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के आदेश क्र. स्था4/टी (27) 2024/23422 दिनांक 10/12/2024 पर जिला संयोजक द्वारा क्या कार्यवाही की गई। उल्लेखित आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी नहीं तो क्यों नहीं? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताये। (ग) जिला संयोजक के विरूद्ध कलेक्टर एवं आयुक्त सागर को कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई, उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों नही।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 06 छात्रावास एवं 08 आश्रम शालाएं तथा अनुसूचित जाति कल्याण के 08 छात्रावास संचालित है। आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है एवं सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। छात्रावास अधीक्षकों के पद रिक्त होने के कारण अतिरिक्त प्रभार एवं अन्य छात्रावास के अधीक्षकों को दिया गया है। आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के आदेश क्र.स्था4/टी/(27) 2024/23422 दिनांक 10/12/2024 के पालन में इस जिले में स्थानांतरण/संलग्नीकरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है। (ग) जिला संयोजक के विरूद्ध कलेक्टर एवं आयुक्त सागर को की गई शिकायतों के संबंध में कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार आयुक्त सागर संभाग सागर द्वारा जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग जिला छतरपुर की एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जैव विविधता अंतर्गत कार्यरत लायसेंसधारी व जमा राशि का ब्यौरा
[वन]
15. ( क्र. 435 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत उत्तर वन मण्डल के विभिन्न परिक्षेत्रों में जैव विविधता अन्तर्गत कार्यरत लायसेंसधारी कितने-कितने ठेकेदार वर्तमान में है? वर्ष 2023-2024 एवं 2024-25 में जैव विविधता समितियों द्वारा परिक्षेत्रवार कितनी प्राप्त राशि, किन-किन बैंकों में कब-कब जमा की गयी? (ख) जैव विविधता कार्य हेतु विभाग द्वारा परिक्षेत्रों को उक्त वर्षों में प्रदाय रसीद बंदियों एवं जमा रसीदों का ब्यौरा क्या है? परिक्षेत्रवार बतायें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्तमान में खुरई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उत्तर वनमण्डल सागर अंतर्गत परिक्षेत्र मालथौन में 02 एवं परिक्षेत्र खुरई में 01 व्यापारी को जैव संसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग के लिए अनुज्ञा पत्र जारी किये गये हैं। प्रश्नाधीन अवधि में जैव विविधता समितियों द्वारा कोई राशि प्राप्त नहीं की गयी है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकलव्य योजनातंर्गत प्राप्त एवं आवंटित राशि की जानकारी
[वन]
16. ( क्र. 436 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत उत्तर वन मण्डल के विभिन्न परिक्षेत्रों में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में एकलव्य योजनान्तर्गत कार्डधारी तेंदूपत्ता संग्राहकों को दी जाने वाली सहायता राशि के आवंटन एवं व्यय का ब्यौरा क्या है? परिक्षेत्रवार बतायें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : जिला वनोपज सहकारी यूनियन उत्तर वन मंडल सागर अंतर्गत खुरई विधान सभा क्षेत्र के परिक्षेत्र खुरई/मालथौन एवं बांदरी अंतर्गत वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में एकलव्य योजनांतर्गत कार्डधारी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को दी जाने वाली सहायता राशि के आवंटन एवं व्यय निरंक है।
अनुसूचित जनजाति में दर्ज करना
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 443 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मांझी और मझवार जाति जो कि अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमशः 28 और 29 नम्बर पर दर्ज है परन्तु उक्त जातियों की अन्य जातियों जैसे ढीमर, भोई, कहार, धीवर, मल्लाह, नावडा, तुरहा, केवट, कश्यप रायकवार, बाथम, कीर, भोपाल सीहोर रायसेन जिलों को छोड़कर वृत्तिया, वृतीया, सिंगरहा जालारी, (जलानूर बस्तर जिले में) सोधिया को पिछड़ा वर्ग में दर्ज किया गया है। इसके संबंध में मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 25 जून 2003 को यह निर्णय लिया गया था कि मांझी और मल्हार जाति की अन्य जातियों को पिछड़ा वर्ग से विलोपित कर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जावेगा, पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो, इसका कारण स्पष्ट करें। (ग) मांझी और मझवार जाति की अन्य जातियों को पिछड़ा वर्ग से विलोपित कर अनुसूचित जनजाति में कब तक दर्ज कर लिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भारत के संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश 1950 द्वारा प्रथमत: सम्पूर्ण राज्य अथवा राज्य के किसी विशेष भाग में निवासरत जातियों को भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के रूप में अधिसूचित किया जाता है। उक्त अधिसूचना में संशोधन एवं परिवर्धन की अनन्य अधिकारिता भारत सरकार को है। मध्यप्रदेश राज्य के लिये अधिसूचित अनुसूचित जनजातियों की सूची में क्रमांक 29 पर ''माझी'' एवं क्रमांक 30 पर ''मझवार'' जातियां अंकित हैं। मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक एफ-7-4/ 2004/25-2/1091 दिनांक 29.08.2018 द्वारा धीमर/ढीमर/भोई/कहार/केवट/निषाद/मल्लाह जातियों को अनुसूचित जनजाति की अनुसूची की ''माझी'' जनजाति के समक्ष सम्मिलित करने एवं अधिसूचना जारी करने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय को प्रेषित किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट -अ अनुसार है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के पत्र क्रमांक F.NO. 12016/14/2001-C&LM दिनांक 13 मार्च 2020 द्वारा धीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद आदि को मध्य प्रदेश राज्य के लिये अधिसूचित अनुसूचित जनजातियों में मांझी जाति के पर्याय (सिनोनेम) के रूप में सम्मिलित करने का प्रस्ताव अमान्य किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त विषय राज्य शासन के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन के गोदाम एवं उनकी क्षमता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( क्र. 489 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्तमान में वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के स्वयं के कितने गोदाम हैं? इन गोदामों में अनाज रखने की क्षमता क्या है? वर्ष 2023-24 एवं चालू वित्तीय वर्ष क्षमता विरूद्ध कितना-कितना अनाज रखा गया है? ब्यौरा दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : मध्यप्रदेश वेअरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के स्वयं के 1666 गोदाम है इनकी भण्डारण क्षमता 28.89 लाख मे. टन है। वर्ष 2023-24 में 9.58 लाख मे. टन का अनाज रखा गया है एवं चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10.05 लाख मे. टन अनाज रखा गया है की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वनखंड की अधिसूचना एवं ब्लाक हिस्ट्री
[वन]
19. ( क्र. 539 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1624 एवं 1634 दिनांक 5 जुलाई 2024 एवं प्रश्न क्रमांक 6 दिनांक 20 दिसंबर 2024 में बताए गए वन अपराध प्रकरण 31/12 दिनांक 24 फरवरी 2024 जिस वन भूमि पर कायम किया गया है उस वन भूमि की भा.व.अ. 1927 की धारा 4 के तहत किस दिनांक को पहली अधिसूचना प्रकाशित की गई, किस दिनांक को संशोधित अधिसूचना प्रकाशित की गई, अधिसूचना की प्रति एवं वनखंड की ब्लाक हिस्ट्री की प्रति उपलब्ध करवाए। (ख) वन कक्ष क्रमांक पी. 555 एवं पी. 546 में किस ग्राम के किस खसरा नंबर का कितना रकबा शामिल किया गया, इसमें से कितना रकबा कलेक्टर ने किस प्रकरण क्रमांक आदेश दिनांक से वन विभाग को आवंटित किया, किस खसरा नंबर का कितना रकबा किस प्रकरण क्रमांक दिनांक से किस कंपनी को किन शर्तों पर आवंटित किया, दोनों ही आदेशों की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) सतना जिले के राजस्व अभिलेखों में किस-किस मद एवं किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित भूमियों को राजपत्र में धारा 29 के तहत किस दिनांक को अधिसूचित किया, धारा 29 के तहत संरक्षित वन अधिसूचित किए बिना ही धारा 4 में अधिसूचित करने का क्या कारण रहा है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित वन अपराध प्रकरण की वनभूमि की भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 के तहत अधिसूचना क्रमांक 10800-8264-दस-68 दिनांक 12 दिसम्बर 1968 राजपत्र दिनांक 07 मार्च 1969 से प्रकाशित की गई है। उक्त अधिसूचना के परिप्रेक्ष्य में कोई संधोधित अधिसूचना प्रकाशित नहीं की गई है। अधिसूचना एवं वनखण्ड की ब्लॉक हिस्ट्री की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वन कक्ष क्रमांक पी-555 वनखण्ड बम्हनी एवं पी-546 वनखण्ड सढेरा का भाग है। इन वनखण्डों में सम्मिलित ग्रामवार, खसरावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उक्त वनखण्डों में सम्मिलित रकबा को रीवा राजदरबार के अधिसूचना दिनांक 06 फरवरी 1937 के माध्यम से संरक्षित वन अधिसूचित किया गया है, अत: कलेक्टर द्वारा आवंटित करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। मेसर्स मैहर सीमेन्ट (सेन्चुरी टेक्सटाइल एण्ड इंडस्ट्री लिमि.) कंपनी को आवंटित किये गये रकबे के संबंध में जारी आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। 193.186 हेक्टेयर भूमि म.प्र.शासन की ओर से कलेक्टर, जिला सतना द्वारा दिनांक 24.07.1993 के द्वारा 99 वर्ष की लीज पर, जो दिनांक 21.05.1977 से प्रारंभ होकर 20.05.2076 तक के लिये दिया गया। पूर्ववर्ती लीजकर्ता द्वारा सगमनिया बीट से लगी बम्हनी बीट, जो मैहर परिक्षेत्र के भदनपुर परिक्षेत्र सहायक वृत्त के अंतर्गत है, के कक्ष क्रमांक पी-555 में 27.9 हेक्टेयर भूमि पर बिना किसी अनुमति के बैंक भवन, कॉलेज भवन, लेबर कालोनी, हॉस्पिटल तथा बाजार का निर्माण किया गया है। अत: उक्त निर्माण गूगल अर्थ पर इमेजरी वर्ष 2002 से ही उपलब्ध हो सका। इसके पूर्व का इमेजरी पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। वर्ष 1983-84 की कार्य आयोजना में भी उक्त कक्ष में 30.00 हेक्टेयर अतिक्रमण दर्शाया गया है। अत: उक्त निर्माण कार्य अल्ट्राटेक मैहर सीमेंट द्वारा नहीं किया गया है। (ग) सतना जिले की धारा 4 में अधिसूचित भूमियों को रीवा राजदरबार के अधिसूचना क्रमांक 124 दिनांक 06 फरवरी 1937 से धारा 29 में से सर्वे डिमार्केशन उपरांत अधिसूचित किया गया है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा गंभीर समूह जलप्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 621 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नर्मदा गंभीर समूह जलप्रदाय योजना के अंतर्गत घट्टिया विधानसभा में कितने ग्रामों एवं पंचायतों में पाईप लाईन डालने एवं टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने ग्राम पंचायतों में किया जाना शेष है? उक्त योजना के माध्यम से कितने ग्रामों को उक्त पेयजल सुविधा प्रारंभ हो चुकी है? ग्राम एवं पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजना के अंतर्गत पाईप लाईन डालने से ग्राम आबादी के अंदर की सड़के जो खराब हो चुकी कितनी सड़कों की मरम्मत की जा चुकी है एवं कितनी सड़कों की मरम्मत किया जाना शेष है? शेष मरम्मत की जाने वाली सड़कों को कितने समय में सुधारा जाएगा? (ग) नर्मदा गंभीर समूह जलप्रदाय योजना की निर्माण एजेंसी द्वारा कितने वर्षों तक मैंटेनेंस किया जाना है? ग्रामों में उक्त योजना का सुचारु रूप से संचालन हो इसके लिए विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को दिये गए नियम एवं शर्तों की प्रमाणित प्रतियों के साथ जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) ग्रामवार एवं पंचायतवार पाईप लाईन, टंकी निर्माण, पेयजल सुविधा प्रारंभ एवं शेष कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में ग्राम आबादी के अंदर की सड़कों को मरम्मत एवं समयावधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) नर्मदा गंभीर समूह जलप्रदाय योजना की निर्माण एजेन्सी द्वारा 10 वर्षों का मेंटनेंस किया जाना है। सुचारु रूप से संचालन हेतु निर्माण एजेन्सी को दिये गये नियम एवं शर्तों की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
हलवा हलवी जाति के जाति प्रमाण-पत्र
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 636 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 नवंबर 1956 के पूर्व मध्य भारत प्रांत की राजधानी क्या थी? (ख) क्या मध्यप्रदेश की अनुसूचित जन जाति की सूची में हलवा हलवी जाति को शामिल किया गया है? यदि हाँ तो किस नंबर पर दर्ज है? (ग) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए शासन द्वारा रिलेक्सेशन के आदेश कब-कब जारी किए? (घ) उज्जैन, इंदौर, देवास, रतलाम एवं भोपाल जिले की सभी तहसीलों में सन् 2000 से अब तक हलवा हलवी जाति के कितने जाति प्रमाण पत्र जारी किए हैं? (ड.) उज्जैन, इंदौर, देवास, रतलाम एवं भोपाल जिले की सभी तहसीलों में में हलवा हलवी तथा महार जाति के कितने आवेदन सन् 2000 से 25 जनवरी 2025 तक निरस्त किए? उनकी जानकारी देवें। (च) निरस्त किए गए आवेदनों में पीठासीन अधिकारियों ने क्या टीप अंकित की है? (छ) शासनादेश की अवहेलना कर जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने वाले पीठासीन अधिकारियों के विरूद्ध सरकार क्या कार्यवाही करेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भारत की जनगणना 1951 वाल्यूम (XV) मध्यभारत एवं भोपाल पार्ट 1-A रिपोर्ट के पृष्ठ क्र. 31 एवं 32 (छायाप्रति संलग्न) पर उल्लेख अनुसार 1 नवम्बर, 1956 से पूर्व मध्य भारत प्रांत की पार्ट–टाइम राजधानी ग्वालियर एवं इंदौर थी। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित नाम से कोई जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल नहीं हैं। (ग) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए शासन द्वारा रिलेक्सेशन (संरक्षण) संबंधी म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के निम्नानुसार पत्र दृष्टव्य है:- 1. म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ-7-21/2011/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 07 मार्च, 20112 म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ-7-47/ 2016/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 01 जनवरी, 2018. (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश में उल्लेखित समुदाय हलवा हलवी नाम से म.प्र.राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में अधिसूचित नहीं होने के कारण जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश में उल्लेखित जाति हलवा हलवी नाम से म.प्र.राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में अधिसूचित नहीं होने के कारण जाति प्रमाण पत्र निरस्त किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उज्जैन, इंदौर, देवास, रतलाम जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार महार जाति के जाति प्रमाण-पत्र निरस्ती संबंधी जानकारी निरंक है एवं भोपाल जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार सन् 2000 से 25 जनवरी 2025 तक महार जाति के 3362 आवेदन पत्र निरस्त किये गये हैं। (च) भोपाल जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल (आरक्षण प्रकोष्ठ) आदेश क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 03.01.2024 की कंडिका 5.1 के अनुसार वर्ष 1950 या उससे पूर्व निवास की पुष्टि न होने से आवेदन पत्र निरस्त किये गये। (छ) भोपाल जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार शासन नियमानुसार टीप अंकित होने के परिप्रेक्ष्य में पीठासीन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
धारा 4 के प्रकरण एवं वन व्यवस्थापन
[वन]
22. ( क्र. 654 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भा.व.अ.1927 की धारा 4 की संशोधित अधिसूचना वर्ष 1988 में प्रकाशित करने के बाद भी धारा 5 से 19 तक की जांच के समस्त प्रकरण प्रश्नांकित दिनांक तक भी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैतूल, मुलताई एवं भैंसदेही के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए? (ख) वर्ष 1988 की किस दिनांक को राजपत्र में किस वनखण्ड में शामिल किस ग्राम की कितनी भूमि से संबंधित धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए किसे वन व्यवस्थापन अधिकारी नियुक्त किया, उसके समक्ष धारा 5 से 19 तक की जांच का प्रकरण किस दिनांक को प्रस्तुत किया कौन सा प्रकरण किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं किया? (ग) वर्ष 1988 में अधिसूचित किस वनखण्ड की ब्लॉक हिस्ट्री वनमंडल में उपलब्ध है, उसमें किस ग्राम की कितनी संरक्षित वन भूमि, कितनी अहस्तांतरित भूमि एवं कितनी निजी भूमि को वनखण्ड में शामिल करना और वनखण्ड के बाहर छोड़ा जाना दर्ज है किस ब्लाक हिस्ट्री में वनकक्ष मानचित्र भी उपलब्ध है। (घ) वर्ष 1988 से प्रश्नांकित दिनांक तक जिन प्रकरणों को प्रस्तुत नहीं किया है वह प्रकरण ब्लॉक हिस्ट्री के आधार पर बनाए जाकर कब तक प्रस्तुत कर दिए जावेंगे?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। (ख) भा.व.अ.1927 की धारा 4 की संशोधित अधिसूचना वर्ष 1988 में वनखंडवार रकबा एवं वन व्यवस्थापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। अधिसूचना में ग्रामवार रकबा का उल्लेख नहीं है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 1988 में अधिसूचित धारा 4 के 482 वनखंडों की ब्लॉक हिस्ट्री एवं वनखंड मानचित्र उपलब्ध है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
वृक्षारोपण में व्यय राशि
[वन]
23. ( क्र. 668 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में कितना-कितना वृक्षा रोपण किन-किन स्थानों पर किया गया व इस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उपरोक्त वृक्षारोपण पश्चात कितने पौधे सुरक्षित हैं? कितने पौधे मृत हो गये हैं? (ग) वृक्षारोपण में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे रोपे गए।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
घरेलू कनेक्शन प्रभार अनुसार कर आपूर्ति बहाल की जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 756 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बण्डा नगर के पेयजल स्त्रोत वेबस नदी से आवश्यक संभव नहीं होने के कारण मार्च 2024 में वैकल्पिक/अस्थाई रूप से चार वर्ष के लिये जल जीवन मिशन से नगर-परिषद बण्डा को बल्क वॉटर कनेक्शन प्रदान किया गया था? (ख) उक्त वॉटर कनेक्शन के प्रभार स्वरूप प्रारंभिक तीन बिलों में 10 गुना वृद्धि कर, दरों को संशोधित किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रस्तुत बिलों में दर संशोधन हेतु प्रश्नकर्ता एवं नगर परिषद बंडा के पत्रों पर विगत 8 माह से कार्यवाही लंबित है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार बल्क वॉटर कनेक्शन के देयकों के भुगतान के अभाव में अगस्त 2024 से जल आपूर्ति पूर्णतः बंद है? (ड.) क्या वर्तमान में नदी में जल की स्थिति एक भीषण जल संकट का अटल संकेत है फरवरी माह में जल आपूर्ति 4-5 दिन के अंतराल पर है? (च) क्या आगामी जल संकट से निपटने के लिये विकल्पहीनता की स्थिति पर लोकहित में सद्भावना पूर्वक, विचार करके नगर परिषद बंडा की वित्तीय क्षमता अनुसार जल जीवन मिशन की घरेलू दरों अनुसार दर का निर्धारण एवं लंबित बिलों को उन दरों से संशोधित करते हुये बल्क वॉटर कनेक्शन से जल आपूर्ति शीघ्र बहाल करवाई जायेगी? (छ) प्रश्नांश (च) अनुसार कार्यवाही नहीं होने की दशा में क्या लंबित देयक राशि माफ करते हुये एक्जिस्टिंग बल्क वॉटर कनेक्शन से चार-एम.एल.डी. पेयजल चार लाख रूपये प्रतिमाह की दर से प्रदान करने की अनुमति, अमृत-2.0 योजना के क्रियान्वयन अर्थात लगभग तीन वर्षों के लिये प्रदान की जा सकती है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हां। (ख) मार्च 2024, अप्रैल 2024 एवं मई 2024 के मासिक बल्क जल प्रदाय देयकों में त्रुटिवश जल प्रदाय मात्रा का सही आंकलन नहीं किया गया था। जिस कारण देयकों को संशोधित किया गया। (ग) जी नहीं। (घ) नगर परिषद बंडा द्वारा लंबित जलकर राशि देयकों के भुगतान न किए जाने के कारण अगस्त 2024 से बंडा नगर परिषद को म.प्र. जल निगम द्वारा जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है। (ड.) जानकारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग से संकलित की जा रही है। (च) जी नहीं। (छ) जानकारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग से संकलित की जा रही है।
मक्का फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 807 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मक्का फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी? (ख) यदि हाँ तो वर्तमान में मक्का फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर क्यों नहीं की जा रही है? कारण स्पष्ट करें। (ग) किसानों की मक्का फसल की खरीदी भविष्य में समर्थन मूल्य पर कब से शुरू की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 तक समर्थन मूल्य पर मक्का का उपार्जन किया गया है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 के पश्चात् में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु जारी नीति में मक्का उपार्जन का प्रावधान न होने के कारण मक्का का उपार्जन नहीं किया गया है। (ग) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु जारी नीति में प्रावधान होने पर मक्का का उपार्जन किया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धरती आबा योजना का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 833 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरती आबा योजनान्तर्गत शासन के किन-किन विभागों को किन योजना/कार्य हेतु शामिल किया गया है सूची उपलब्ध कराये। क्या इस योजना के सर्वे की कोई समयावधि है? यदि हाँ तो बताये एवं नेपा नगर विधानसभा में अब तक कितना सर्वे किस विभाग द्वारा किन कार्यों का किया जाकर शासन स्तर पर जानकारी भेजी गई है विस्तृत विवरण देवें। (ख) विधानसभा नेपा नगर में धरती आबा योजनान्तर्गत क्या अविद्युतीकृत स्थानों को ऑफग्रिड रूफटॉप एस.पी.व्ही. संयंत्र स्थापना हेतु चिन्हित किया गया है यदि हाँ तो सूची उपलब्ध कराये एवं नहीं तो क्यों? विलंब के लिए कौन अधिकारी दोषी है शासन स्तर से इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। (ग) धरती आबा अन्तर्गत सर्वेक्षित कार्यों को शासन स्तर से कब तक स्वीकृत किया जावेगा। शासन स्तर पर योजना के क्या मापदंड निर्धारित किये गये है एवं किन कार्यों को शामिल किया जावेगा? (घ) क्या धरती आबा अन्तर्गत नेपानगर विधानसभा के समस्त आदिवासी अविद्युतीकृत फाल्यों को चिन्हित कर विद्युतीकृत किया जावेगा यदि हाँ तो विभाग की इसमें क्या कार्ययोजना है एवं नेपानगर विधानसभा में ऐसे कितने स्थानों को चिन्हित किया गया है सूची उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–एक एवं 'दो' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–तीन अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–चार अनुसार। (घ) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–पांच अनुसार।
शहडोल संभाग की भूमियों का निर्धारण
[वन]
27. ( क्र. 934 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भा.व.अ. 1927 की धारा 4 एवं धारा 34 के तहत 1950 से 1975 तक राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचनाओं की प्रति शहडोल वनवृत्त और उनसे संबंधित वनमंडलों तथा वन मुख्यालय वन भवन तुलसी नगर भोपाल में उपलब्ध है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार धारा 4 के अनुसार कितने वनखण्डों में कितने ग्रामों की कितनी भूमि अधिसूचित किए जाने की अधिसूचनाएं एवं धारा 34अ के अनुसार कितने ग्रामों की कितनी भूमियों एवं कितने ग्रामों की समस्त भूमियों को अधिसूचित करने की अधिसूचना वन मुख्यालय वन भवन भोपाल और शहडोल वनवृत्त, वनवृत्त कार्यालय में उपलब्ध है वन मंडलवार बतावें। (ग) धारा 4 एवं धारा 34 के अनुसार अधिसूचित भूमियों को राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के अनुसार संरक्षित वन अधिसूचित किया अधिसूचना में किस कानून के अनुसार अर्जित किस-किस मद की जमीन को संरक्षित वन अधिसूचना करने का उल्लेख है। (घ) धारा 29 के अनुसार राजपत्र में संरक्षित वन अधिसूचित नहीं किया हो तो कारण बतावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) रीवा राजदरबार की अधिसूचना दिनांक 08.02.1937 से शहडोल वृत्त के संरक्षित वन अधिसूचित हुए है। इन अधिसूचनाओं को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-20'अ' के तहत संरक्षित वन के रूप में मान्यता दी गई है। इन संरक्षित वनों को ही सर्वे डिमार्केशन किया जाकर उपयुक्त भूमि को आरक्षित वन बनाने हेतु वनखण्डों का निर्माण के पश्चात धारा-4 (1) के तहत अधिसूचित की गई तथा वनखण्डों के बाहर छोड़ी गई भूमि को धारा-34'अ' के तहत डिनोटिफाईड की गई है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि का वर्किंग प्लान
[वन]
28. ( क्र. 938 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल वनवृत्त के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 11 के तहत आदेश के लिए लम्बित किस ग्राम के, किस किसान के, किस खसरा नम्बर का कितना रकबा वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में शामिल कर लिया है, यह कार्यवाही वन मुख्यालय भोपाल के किस निर्देश के तहत की गई? (ख) वन मुख्यालय वन भवन, भोपाल ने निजी भूमि को वनखण्ड, वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों से पृथक करने के संबंध में किस-किस पत्र क्रमांक, दिनांक से क्या-क्या निर्देश दिए, उनका पालन किए जाने के संबंध में वनवृत्त शहडोल एवं वनमण्डलों ने प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) निजी भूमि को वर्किंग प्लान, वनकक्ष इतिहास, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में शामिल करने का प्रावधान भा.व.अ. 1927, फॉरेस्ट मैनुअल एवं वर्किंग प्लान कोड की किस धारा में दिया है? यदि नहीं दिया तो निजी भूमियों को वर्किंग प्लान से पृथक क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) शहडोल वनवृत्त के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित वनखण्डों के मध्य स्थित निजी भूमि स्वामी की जानकारी किसानवार न होकर ग्रामवार एवं खसरावार है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। निर्देश पालन की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) वनखण्ड में सम्मिलित निजी भूमियों को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 की अधिसूचना में वनखण्ड में अर्जित करने का उद्देश्य था, वनखण्ड बनाते समय कुछ निजी भूमि ऐसी भी जो कि चारों ओर वन से घिरी थी व उसे वन के बाहर छोड़ना संभव नहीं था, अत: उन्हें भी वनखण्ड में इस आशय के साथ शामिल किया गया कि कालांतर में उनका अधिग्रहण कर लिया जाये। वर्तमान में इन वनखण्डों के वन व्यवस्थापन की अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया में होने के कारण निजी भूमियों को वनखण्ड से पृथक नहीं किया गया है।
वन भूमि का वर्किंग प्लान
[वन]
29. ( क्र. 939 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल वनवृत्त के अंतर्गत किस वन मंडल का किस अवधि का वर्किंग प्लान वर्तमान में प्रचलित है। इनमें से किस प्लान में कितनी आरक्षित वन भूमि, कितनी संरक्षित वन भूमि, कितनी असीमांकित वन भूमि, कितनी नारंगी वन भूमि एवं कितनी भा.व.अ. 1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड भूमि दर्ज है? (ख) वर्किंग प्लान में दर्ज आरक्षित वन भूमि को भा.व.अ. 1927 की धारा 20 के तहत किस-किस दिनांक को आरक्षित वन अधिसूचित किया, धारा 29 के तहत किस-किस दिनांक को संरक्षित वन अधिसूचित किया, असीमांकित वन एवं नारंगी वन भूमि को किस-किस धारा के तहत किस दिनांक को अधिसूचित किया गया? पृथक-पृथक बतावें। (ग) किस वर्किंग प्लान में धारा 4 के तहत अधिसूचित कितने वनखण्डों में अधिसूचित कितनी भूमि शामिल की गई है इनमें से कितनी भूमि निजी भूमि है, इन भूमियों को वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र, एरिया रजिस्टर में दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित करने का क्या कारण है? (घ) धारा 4 में अधिसूचित भूमियों को वर्किंग प्लान में आरक्षित वन बनाने के लिए प्रस्तावित भूमि दर्ज नहीं किए जाने का क्या कारण है वर्किंग प्लान में आरक्षित वन बनाने के लिए प्रस्तावित भूमि कब तक दर्ज किया जावेगा? समय-सीमा सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। जब किसी भूमि को आरक्षित वन भूमि बनाने का विनिश्चयन कर दिया गया हो तब राज्य सरकार भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचना जारी करती है। ऐसी भूमियों को वन अभिलेखों में संरक्षित वन प्रतिवेदित का कारण धारा 4 में अधिसूचित मुख्यतः भूमियों का स्वरूप संरक्षित वन होना है। (घ) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित भूमियों की अधिसूचनाओं को वर्किंग प्लान के परिशिष्ट में प्रतिवेदित किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमित व्यय पर राशि वसूली के साथ कार्यवाही
[वन]
30. ( क्र. 983 ) श्री अभय मिश्रा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश सितंबर 2000 अनुसार एक सर्वेक्षण म.प्र. में सी.ए. वृक्षारोपण के अन्तर्गत 75 प्रतिशत सर्वाइल प्राप्त करने के निर्देश वन मण्डलों को फरवरी 2004 में जारी किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के निर्देश अनुसार रीवा संभाग के विभिन्न जिलों में सी.ए. वृक्षारोपण के तहत कब-कब, कहां-कहां कितनी-कितनी लागत से वृक्षारोपण के कार्य किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मार्गदर्शन/उत्तरदायित्व में कितने-कितने लागत से कराये गये का विवरण देवें? शासन के निर्देशानुसार 75 प्रतिशत सर्वाइल कहां-कहां रहा इसका सत्यापन कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के निर्देशानुसार प्रश्नांश (ख) के रोपित वृक्षों में उनके सुरक्षा, पानी, खाद्य, उर्वरक में व्यय की गई का विवरण वृक्षारोपित जगहवार, जिलेवार संभाग का देवें? इस हेतु आवंटन शासन द्वारा कब-कब कितना-कितना, किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुआ? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नांश (ख) अनुसार रोपित वृक्षों में सर्वायलर दर 75 प्रतिशत से कम रहा उनके लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कब-कब किस-किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित की गई, अगर नहीं तो क्यों? वर्तमान में इस योजना के तहत वृक्षारोपण के कार्य पिछले तीन वर्षों में कराये गये तो विवरण देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार प्रश्नांश (ख) अनुसार वृक्षारोपण के कार्य कराये गये प्रश्नांश (ग) अनुसार राशियां उनके सुरक्षा एवं रख-रखाव में व्यय की गई लेकिन प्रश्नांश (घ) अनुसार सर्वाइल दर 75 प्रतिशत से कम रहा इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है उनके पदनाम के साथ उन पर कब कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई बतावें अगर नहीं तो कार्यवाही बावत् क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन मण्डलों में कराये गये क्षतिपूर्ति वृक्षारोपणों में शासन के निर्देशानुसार जीवितता प्रतिशत 75 से अधिक पाया गया है। इसका मूल्यांकन वर्ष में 2 बार माह मई एवं अक्टूबर में वन परिक्षेत्र अधिकारी/उप वन मण्डल अधिकारियों द्वारा किया गया है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समय पर कार्य पूर्ण कराकर पानी की आपूर्ति न करने पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 984 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिसंबर 2020 म.प्र. में जल जीवन मिशन प्रारंभ किया गया, इसके पालन में रीवा व मऊगंज जिले में कार्य कब प्रारंभ किये गये इनके प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति की जानकारी देते हुये बतावे कि भारत सरकार द्वारा दिये गये निर्देश के पालन में 2024 तक कितने परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है का विवरण पंचायतवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संचालित योजना के पूर्णतः प्रमाण पत्र देते हुये बतावे कि किन-किन ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण कर घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किये गये है ये योजनाएं किनके माध्यम से संचालित की जा रही है उनके नाम व इससे वसूल की जाने वाली जल कर राशि की जानकारी योजना संचालन से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें? (ग) प्रश्नांश (क) की संचालित योजना प्रश्नांश (ख) की पंचायतों में पूरी कर हस्तांतरित की गई उसके पूर्व हस्तानांतरण की कार्यवाही का विवरण देते हुये बतायें कि इन योजनाओं के संचालन की स्थिति के साथ प्रति योजना लागत एवं संविदाकार के द्वारा अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण कराये गये या नहीं बतावें अगर कार्य समय पर पूर्ण नहीं कराये गये तो उस पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1930 दिनांक 15 जुलाई 2024 में (ख) पर दिये गये उत्तर अनुसार पत्र पर प्रतिवेदन अनुसार की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की संचालित योजनाओं में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल एवं बिरला इन्डस्ट्री ऑफ टेक्नालॉजी एण्ड साईंस रांची के सहयोग से हाइड्रोजियोमॉफोजीकल मैप्स को अद्यतन किया जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति कराई जा रही है इसका सत्यापन कब-कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया प्रतिवेदन देते हुये बतायें? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन के निर्देश अनुसार प्रश्नांश (ख) की योजनाएं निर्धारित समय पर पूरी नहीं की गई एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार योजनाएं हस्तांतरित कागजों में कर, कोरम पूर्ति की गई, कार्य आज भी अधूरे है एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार जारी निर्देश का पालन कर जलापूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं की जा रही है पेयजल संकट आज भी ग्रामीण अंचलों में बना है इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जवाबदार है उन पर क्या कार्यवाही करेंगे अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, रीवा एवं मऊगंज जिले में एकल ग्राम योजनाओं का कार्य वर्ष 2020-21 में एवं समूह योजनाओं का कार्य वर्ष 2023 में प्रारंभ किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड रीवा एवं मऊगंज में जल जीवन मिशन के अंतर्गत एकल ग्राम योजना के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए गए हैं। समूह योजनाएं प्रगतिरत हैं। ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित योजनाओं की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। हस्तांतरित योजनाएं ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित की जा रही है, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल कर राशि की वसूली नहीं की जाती है। (ग) हस्तांतरित एकल ग्राम योजना की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है, समूह योजना हस्तांतरित नहीं की गई। हस्तांतरण की कार्यवाही निर्धारित प्रक्रियानुसार की जाती है, हस्तांतरित योजनाओं के संचालन/संधारण का कार्य संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। कार्य अनुबंध अनुसार पूर्ण कराए गए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मान. विधायक के पत्र पर प्रतिवेदन प्राप्त किया जा रहा है। (घ) विभाग द्वारा हाइड्रोजियोमॉर्फोजिकल मैप्स का उपयोग कठिन क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए स्थानीय भूमिगत जल स्रोतों (“एक्यीफर“) की उपलब्धता के संबंध में अध्ययन करने के लिए किया जाता है। विभाग द्वारा इन मैप्स के सत्यापन की कार्यवाही नहीं की जाती है, अपितु यह मानचित्र तकनीकी सहायता के लिए एक उपयोगी दस्तावेज है, जिसका उपयोग उपरोक्तानुसार किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) जिन ठेकेदारों ने नल-जल योजनाएं समय पर पूरी नहीं की हैं, उनके विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की गई है। योजना पूर्ण होने पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार संबंधित ठेकेदार एजेंसी द्वारा नल-जल योजना से जल प्रदाय का ट्रायल रन सीमित अवधि के लिए किया जाता है, सफलतापूर्वक ट्रायल रन पूरा होने के उपरांत योजना संबंधित ग्राम पंचायत को संचालन-संधारण के लिए हस्तांतरण की जाती है, ऐसी योजनाओं को संचालन-संधारण करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। ग्रामों में पूर्व से ही सार्वजनिक हैंडपंपों के माध्यम से पेयजल व्यवस्था उपलब्ध है, इसके अतिरिक्त जल जीवन मिशन के अंतर्गत मिशन की गाइड लाइन के प्रावधानों के अनुसार सभी ग्रामों को पाईप लाईन द्वारा जलापूर्ति के लिए नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, वर्तमान में पेयजल संकट की स्थिति नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 1140 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत हरदा जिला अंतर्गत कितनी नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिला अंतर्गत संचालित नल-जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है। ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) कितनी नल-जल योजना पूर्ण हो चुकी है, कितनी लंबित है, कितनी बंद है व कितनी चालू स्थिति में है। ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) हरदा जिला अंतर्गत नल-जल योजना के क्रियान्वयन में कितनी राशि का बजट प्रतिवर्ष स्वीकृत किया गया है। विगत 03 वर्षों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 458, शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 329 पूर्ण, 129 लंबित (प्रगतिरत), पूर्ण योजनाओं में से वर्तमान स्थिति में 315 चालू, 14 बंद एवं 129 प्रगतिरत योजनाओं में से 22 योजनाओं में पेयजल चालू है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) हरदा जिले के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में रू. 6409.79 लाख, वर्ष 2022-23 में रु. 10536.15 लाख की योजनाएं स्वीकृत की गईं, वर्ष 2023-24 में कोई योजना स्वीकृत नहीं की गईं। उपरोक्तानुसार स्वीकृत योजनाओं के क्रियान्वयन में वर्ष 2021-22 में रू 5917.76 लाख, वर्ष 2022-23 में रू.3508.88 लाख तथा वर्ष 2023-24 में रू. 5756.36 लाख का आवंटन जिले को दिया गया है एवं आवंटित राशि का पूर्ण व्यय किया गया।
संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र
[वन]
33. ( क्र. 1157 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्राम कोर जोन में एवं कितने ग्राम बफर जोन में नोटिफाइड हैं? सूची उपलब्ध करायें। विस्थापन एवं पुनर्वास के लिये भारत सरकार वन विभाग के द्वारा जारी मापदण्ड एवं दिशा-निर्देश क्या हैं? नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि, पालतू मवेशियों को क्षति पहुंचाये जाने पर क्षतिपूर्ति दिये जाने का नियम है? यदि हाँ तो आदेश/नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने ग्रामों का विस्थापन किया गया हैं? कितने विस्थापित परिवारों को विस्थापन पैकेज/ मुआवजा दिया गया है? ग्रामवार, विस्थापित परिवारों की सूची पैकेज राशि सहित उपलब्ध करायें। विस्थापित किये गये परिवारों में कितने परिवार मकान बनाकर आबाद नहीं हैं, जिन्हें विस्थापन पैकेज का लाभ दिया गया है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने ग्रामों का विस्थापन किये जाने की कार्यवाही प्रचलित हैं? विस्थापित परिवारों में वर्ष 2008 के पूर्व निवासियों के अतिरिक्त फर्जी नाम जोड़े गये हैं? सूची मय पते के साथ उपलब्ध कराये? वन ग्राम कार्यवाही में वर्ष 2008 के पूर्व कितने परिवार निवासरत थे? कितने परिवारों का विस्थापन किया गया हैं? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोर जोन में निवासरत परिवारों को मूलभूत आवश्यकता जैसे प्रधानमंत्री आवास निर्माण, सड़क, बिजली, पेयजल, रोजगार, सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों में प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ तो नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। यदि नियम/आदेश नहीं हैं तो प्रतिबंध क्यों लगाया जाता हैं? कारण बतायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) संजय टाइगर रिजर्व, सीधी के अधिसूचित कोर जोन में 53 राजस्व ग्राम तथा अधिसूचित बफर जोन में 01 वनग्राम करवाही सहित कुल 87 ग्राम स्थित है। जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। विस्थापन एवं पुनर्वास के लिये भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश शासन वन विभाग द्वारा संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के विस्थापन हेतु जारी मापदण्ड एवं दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि, पालतू मवेशियों को क्षति पहुंचाये जाने पर क्षतिपूर्ति दिये जाने के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) संजय टाइगर रिजर्व सीधी से 18 ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है। कलेक्टर द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा विस्थापन हेतु पात्र पाए गए 18 ग्रामों के 1001 परिवारों को विस्थापन मुआवजा पैकेज की राशि का भुगतान कलेक्टर जिला सीधी द्वारा पात्र हितग्राहियों के खातों में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया गया है। ग्रामवार परिवारों एवं मुआवजा राशि की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश शासन वन विभाग द्वारा संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देश के अनुसार ग्रामीणों तथा ग्राम सभा की सहमति उपरांत उनके द्वारा स्वेच्छा से चयनित विकल्प-1 (पूरा नगद) के तहत विस्थापित हुए हैं। इस विकल्प पात्र हितग्राही एक मुश्त विस्थापन पैकेज की राशि प्राप्त कर अपनी स्वेच्छा से कहीं भी अन्यत्र बस सकते हैं। इस विकल्प में मुआवजा राशि प्रदाय करने के अतिरिक्त अन्य कोई सुविधा का प्रदाय करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संजय टाइगर रिजर्व, सीधी के अन्तर्गत 35 ग्रामों के विस्थापन की कार्यवाही प्रचलित है। कलेक्टर जिला सीधी द्वारा अवार्ड पारित करने की कार्यवाही ग्रामसभा, उपखण्ड स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति द्वारा हितग्राहियों के दस्तावेजों की छानबीन/परीक्षण/जांच उपरान्त ही अनुशंसा की जाती है। वर्ष 2008 के पूर्व के निवासियों के अतिरिक्त फर्जी नाम जोड़े जाने की सम्भावना ही नहीं है। फर्जी नाम जोड़े जाने के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर क्षेत्र संचालक, संजय टाइगर रिजर्व एवं संबंधित कलेक्टर, जिला सीधी स्तर पर जांच उपरांत निराकरण किया जाता है। वनग्राम करवाही में वर्ष 2008 के पूर्व निवासरत ग्रामीणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। विस्थापन हेतु ग्रामीणों एवं ग्राम सभा की स्वेच्छिक सहमति अनुसार कलेक्टर जिला सीधी की त्रिस्तरीय समिति द्वारा पात्र पाए गए परिवारों को कलेक्टर जिला सीधी के प्रकरण क्रमांक 149/3-74/2019-20 आदेश दिनांक 11.02.2020 से 109 तथा प्रकरण क्रमांक 01/3-74/2024-25 आदेश दिनांक 13.01.2025 से 51 हितग्राहियों का अवार्ड पारित किया जाकर विस्थापित किया गया है। विस्थापित परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन
[वन]
34. ( क्र. 1175 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र में कुक्षी में वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन का काम जोरों-शोरों पर चल रहा है, हाँ या नहीं? यदि हां तो उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? बीते 1 वर्ष में कितने वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्यवाही की गई और यदि नहीं तो शासन स्तर पर इसकी जांच करवाई जाएगी? (ख) क्या दिनांक 1/1/2025 को डही ब्लॉक के पाटीपूरा सिदडी पंचायत में वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन करने आई जे.सी.बी. को वन विभाग द्वारा पकड़ा गया था जिसका पंचनामा भी बनाया गया, हाँ या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ तो उक्त जे.सी.बी. अभी तक क्यों जब्त नहीं की गई, उसके पीछे क्या कारण है जबकि मौका वारदात पर अवैध खनन करते रंगे हाथों वन विभाग की टीम ने पकड़कर पंचनामा प्रकरण बनाया था? (घ) क्या शासन प्रशासन की टीम वन क्षेत्र में अवैध खनन करने वालों के साथ मिलकर शासन को करोड़ों रूपए का चूना लगा रही है उक्त प्रकरण में जे.सी.बी. को जब्त ना करना यही साबित कर रहा है हाँ या नहीं? यदि नहीं तो उक्त वाहन किसका है क्या विभाग ने थाने में शिकायत दर्ज कराई और कब तक जब्त कर उन पर कार्यवाही की जाएगी और समय-सीमा से अवगत करवाएं।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) दिनांक 31.12.2024 को डही ब्लॉक के पाटीपुरा सिदड़ी पंचायत में वन क्षेत्र में बिना अनुमति तालाब निर्माण, अवैध उत्खनन में 2 जे.सी.बी. लिप्त पाई गई है, जो कि मौके से फरार हो गई, इनका फरारी पंचनामा बनाया गया तथा वन अपराध प्रकरण दर्ज किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) में वर्णित दोनों जे.सी.बी. जप्त की जा चुकी है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नीलगाय एवं हिरण से फसलों को होने वाली क्षति
[वन]
35. ( क्र. 1223 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्ष में नीलगाय एवं हिरण से फसलों को होने वाले नुकसान के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है तथा इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या विभाग द्वारा नीलगाय तथा हिरण के लिए कोई विशेष योजना बनाई गई है जिससे किसानों कि फसल एवं वन्यप्राणीयान का संरक्षण हो सके? यदि हाँ तो क्या यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या विभाग द्वारा कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नीलगाय एवं हिरणों को अन्य स्थान पर बसाने की कोई कार्य योजना बनाएगा यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बताएं।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) शाजापुर वनमंडल अंतर्गत कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में नीलगाय एवं हिरण से फसलों को होने वाले नुकसान के संबंध में विगत 05 वर्ष में 18 शिकायतें प्राप्त हुई है। वन्य जीव से फसल हानि होने पर प्रभावितों को अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने संबंधी लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाही कर फसल नुकसानी का मुआवजा प्रदान किये जाने का प्रावधान है। तदानुसार प्राप्त शिकायतें राजस्व विभाग को अंतरित की गई है। (ख) किसानों की फसल एवं वन्यजीवों के संरक्षण हेतु विभाग द्वारा शाजापुर जिले में प्रायोगिक तौर पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नीलगाय एवं हिरणों के स्थानांतरित करने की योजना स्वीकृत है, जिसके तहत् 400 काले हिरण एवं 100 नीलगाय अन्यत्र स्थानांतरित करने की कार्यवाही किया जाना लक्षित है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार, प्रायोगिक तौर पर पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों पर निर्भर होने के कारण समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
निजी भूमि का अर्जन
[वन]
36. ( क्र. 1230 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 359 दिनांक 20 दिसंबर 2024 के किस प्रश्नांश की जानकारी संकलित की गई। किस प्रश्नांश की जानकारी संकलित करने में समय लगने का क्या कारण है, वह जानकारी कब तक संकलित की जाएगी। (ख) राज्य मंत्रालय के पत्र क्र. 774/एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 01 जून 2015 एवं पत्र क्र. एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 04 जून 2015 में निजी भूमि से संबंधित भा.व.अ. 1927 की धारा 3 धारा 29 धारा 4 का उल्लेख कर क्या-क्या निर्देश दिए, भूमि अर्जन कानून 1894 एवं भूमि अर्जन कानून 2013 के संदर्भ में क्या-क्या निर्देश दिए, उनका पालन करने हेतु वन मुख्यालय भोपाल ने किस दिनांक को पत्र लिखे, प्रति सहित बताएं। (ग) नर्मदापुरम वनवृत्त के अंतर्गत किस वनमंडल के वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में किस ग्राम के किस किसान की भू-स्वामी हक में दर्ज कितनी भूमि किसकी अनुमति एवं किसके आदेश से भा.व.अ. 1927 की किस धारा के तहत शामिल की गई। (घ) वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों से निजी भूमि को पृथक करने का आदेश कौन देता है।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित विधानसभा प्रश्न का पूर्ण उत्तर विभागीय पत्र दिनांक 13 जनवरी 2025 के द्वारा विधान सभा सचिवालय को प्रेषित किया गया। जानकारी वृहद स्वरूप की होने के कारण समय लगा है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 01 जून 2015 समस्त कलेक्टर एवं 04 जून 2015 समस्त आयुक्त, मध्यप्रदेश को क्रमशः आरक्षित वनों के गठन तथा आरक्षित तथा संरक्षित वनखंडों के सीमा विवाद निराकरण के लिये निर्देश दिये गये। प्रश्नांश की शेष जानकारी उक्त निर्देशों में है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। मुख्य सचिव, म.प्र. शासन के उक्त निर्देश के उपरांत वन मुख्यालय द्वारा पुन: निर्देश जारी करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। वन कक्ष इतिहास में किसानवार जानकारी संधारित नहीं है। भू-स्वामी हक में दर्ज भूमि वनखण्ड के बीच में आने से तथा भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 के तहत वनखंड में शामिल की गई। (घ) भारतीय वन अधिनियम, 1927 के प्रावधानों के तहत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा धारा 6 से 18 तक विनिश्चयन की कार्यवाही उपरांत शासन द्वारा धारा 20 में आरक्षित वन बनाने की अधिसूचना जारी की जाती है। आरक्षित वन की अधिसूचना पश्चात धारा 4 (1) में अधिसूचित वनखंड से वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा पृथक की गई शेष भूमि पूर्व के मूल रूप में स्थापित हो जाती है।
गरीब एवं असहाय परिवारों को एम.राशन पोर्टल से पात्रता पर्ची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 1317 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण प्रदेश में एम.राशन मित्र पोर्टल पर विगत 6-7 माह से नवीन एवं अपडेट किये गए सदस्यों के नाम पर पात्रता पर्ची सम्पूर्ण श्रेणीयों की क्यों जारी नहीं हो पा रही है? पात्रता पर्ची जारी करने में क्या समस्या आ रही है? विभाग द्वारा एम.राशन पोर्टल पर कितने नवीन एवं कितने अपडेट सदस्य किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के सदंर्भ में उल्लेखित सदस्यों/परिवारों को कब तक राशन की पात्रता पर्ची जारी कर दी जावेगी? ताकि उन्हें दो समय का भोजन प्राप्त हो सके।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या सीमा तक हितग्राहियों को सम्मिलित किया जा चुका है, जिसके कारण वर्तमान में नवीन पात्रता पर्चियां जारी नहीं हो रही है। विभाग द्वारा विगत 6-7 माह से एम.राशन मित्र पोर्टल नवीन/अपडेट सदस्य 1257622 स्वीकृत किये गये है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षक विहिन शालाएं
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 1340 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में समस्त सीएम राईस स्कूल व अन्य निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच की गई है? यदि हाँ तो जांच की प्रति उपलब्ध करावें नहीं तो क्या कारण है? क्या जांच में कोई दोषी पाया गया है? यदि हाँ तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) अलीराजपुर जिले में कितनी शालाएं शिक्षक विहिन है? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें। शासन के द्वारा शिक्षक विहिन शालाओं में पद पूर्ति की व्यवस्था की गई है? यदि नहीं तो कब तक की जाएगी समयावधि बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, निर्माण कार्यों में उपयोग की जाने वाली सामग्री एवं कार्य की गुणवत्ता की जांच प्रयोगशाला में की गई हैं। प्रयोगशाला जांच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जी नहीं, प्रयोगशाला जांच में कोई दोषी नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शिक्षक विहीन शालाओं की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट''ब'' अनुसार है। शिक्षक विहीन शालाओं में अतिथि शिक्षकों से पदपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। भर्ती सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधोसंरचना विकास के अंतर्गत प्रस्तावों पर स्वीकृति
[वन]
39. ( क्र. 1349 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर अंतर्गत तेंदूपत्ता व्यापार के शुद्ध आय की 15 प्रतिशत की अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु जनवरी 2023 से प्रश्नांश दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्य कितनी राशि से स्वीकृत किये गये? सूची उपलब्ध करावें? उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है, कार्यों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? कब तक कार्य पूर्ण हो जावेंगे? कार्य अपूर्ण होने पर विलम्ब के लिये दोषी कौन है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा तेंदूपत्ता निधि अधोसंरचना मद से कब-कब कार्यों के प्रस्ताव दिये गये? उक्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जिला जबलपुर अंतर्गत लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित जबलपुर को तेन्दूपत्ता व्यापार के शुद्ध आय की 15 प्रतिशत की अधोसंरचना विकास मद से प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृति राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांश अवधि में स्वीकृत कार्यों की सूची एवं वर्तमान में इन कार्यों की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे है। कार्यों का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। कार्य अपूर्ण होने के कारण परिक्षेत्र अधिकारी शहपुरा एवं बरगी के विरूद्ध यथोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य का पत्र क्रमांक 1558 दिनांक 01.08.2024 मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल को दिनांक 08.08.2024 को प्राप्त हुआ। पत्र के साथ विस्तृत प्रस्ताव/ प्रोजेक्ट संलग्न नहीं था। विस्तृत प्रोजेक्ट/प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं जिसके प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर प्रस्ताव स्वीकृत करना सम्भव होगा। अतः समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
बजट एवं निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
40. ( क्र. 1382 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग जबलपुर को विगत 5 वर्षों में राज्य केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशियों से बरगी विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य किन-किन एजेंसियों द्वारा कराये गये? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2024 से प्रश्नांश दिनाँक तक किन-किन पंचायतों में उक्त मद से कार्य कराये जाने हेतु पत्र लिखे गये? इन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कितने कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने कार्य प्रस्तावित हैं?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
अपूर्ण नल-जल योजनाओं की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 1383 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जल जीवन मिशन अंतर्गत कुल कितनी योजना पूर्ण हो चुकी हैं? कृपया ग्रामवार जानकारी प्रदान करें तथा कितनी योजनाओं को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दिया गया है। ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या वर्तमान में हस्तांतरित योजनाओं में घरों पर नल न लगाना ग्राम में स्थित सभी भवनों में पानी न उपलब्ध कराने के उपरान्त विभाग द्वारा हस्तांतरित कर दी गई हैं? यदि हाँ तो क्या कारण है? यदि नहीं तो क्या हस्तांतरित योजनाओं में प्राक्कलन अनुसार शत-प्रतिशत कार्य कराकर शत-प्रतिशत घरों में नल के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? नहीं तो क्या कारण है? (ग) ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना के कार्यों में क्या कमियां है? किन-किन ग्रामों में सड़कें इस योजना के कारण उखड़ी पड़ी है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? इन सड़कों को कब तक बनाया जावेगा? क्या इन कमियों के कारण ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं, दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कोई भी योजना पूर्ण नहीं है, समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, अत: समूह जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नल-जल योजनाओं का कार्य विभागीय मापदंडों तथा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार कराया जाता है, ठेकेदार एजेंसी द्वारा कराए गए कार्य के सत्यापन में गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित मापदंड अनुसार किए गए कार्य को ही मापांकन के लिए स्वीकार किया जाकर देयक के माध्यम से ठेकेदार एजेंसी को भुगतान करने की कार्यवाही की जाती है। ठेकेदारों द्वारा सड़कों पर पाईप लाईन बिछाने हेतु खोदी गई ट्रेंच में भूमिगत पाईप लाईन बिछाकर ट्रेंच को भरा जाकर मार्ग को आवागमन योग्य बनाया जाता है, पाईप लाईन कार्य की टेस्टिंग पूरी हो जाने के बाद संबंधित ठेकेदार एजेंसी द्वारा आवश्यकतानुसार रोड रेस्टोरेशन का कार्य कराया जाता है। नल-जल योजनाओं के कार्यों में पाईप लाईन के बिछाने हेतु तोड़ी गई सड़कों एवं उनके पुनर्निर्माण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 में उल्लेखित योजनाएं प्रगतिरत होने के कारण इनमें रोड रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण कराया जाना शेष है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय परिवार सहायता एवं पेंशनधारियों को पेंशन का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
42. ( क्र. 1387 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राष्ट्रीय
परिवार
सहायता के
आवेदन दिए
जाने के बाद
ठीक 15
दिवस में
लाभार्थियों
को राष्ट्रीय
परिवार
सहायता की
राशि मिलना
चाहिए है किन्तु
वर्तमान तक कई
प्रकरण लंबित
है सेंधवा
विधानसभा में
उक्त अनुसार
विगत 6
माह में लंबित
प्रकरणों की
सूची उपलब्ध
करावें। (ख) सेंधवा
विधानसभा में
राष्ट्रीय
परिवार सहायता
के कितने
आवेदन
प्राप्त हुए। कितने
आवेदनों का
निराकरण किया
गया है कितने
आवेदन लंबित
है लंबित होने
का क्या कारण
है? कितने
आवेदन निरस्त
किए गए। निरस्त
हुए आवेदनों
का क्या कारण
सहित ग्रामवार
नामवार
सत्यप्रतिलिपि
सहित सूची
उपलब्ध करावे।
(ग) पेंशनधारियों
द्वारा पेंशन
के लिए आवेदन
दिया जाता है
परंतु जनपद
स्तर पर 1
साल के अधिक
हो जाने पर भी
लाभार्थियों
को पेंशन का
लाभ नहीं दिया
जाता है जनपद
पंचायत सेंधवा
में सभी
पेंशनों के
कितने आवेदन
प्राप्त हुए
कितने
आवेदनों का
निराकरण किया
गया है? कितने
आवेदन लंबित
है व कितने
आवेदन निरस्त
किए गए है। निरस्त
हुए आवेदन का
क्या कारण, सहित
ग्रामवार
नामवार
सत्यप्रतिलिपि
सहित सूची
उपलब्ध करावे।
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) राष्ट्रीय
परिवार
सहायता योजना
के अंतर्गत
लोक सेवा
प्रदाय गारंटी
अधिनियम 2010 के तहत 30 दिवस में
प्रकरण
निराकरण किये
जाने का
प्रावधान है।
जी हाँ, वर्तमान
में सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में जनवरी
माह से अद्यतन
34 आवेदन
विलंब सहित
भुगतान हेतु
लंबित है, लंबित
होने का कारण
यह है कि
प्रकरणों के
ऑनलाईन
निराकरण हेतु
भारत सरकार का
PFMS Portal मोडल
01 से
मोडल 02
में अपडेट हो
रहा है इस
मेंटनेंस
अवधि के कारण
उक्त प्रकरण
लंबित हैं। सेंधवा
विधानसभा में
विगत 06
माह से लंबित
प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट–क
अनुसार है। (ख)
राष्ट्रीय
परिवार
सहायता
योजनातंर्गत
विगत 06
माह में कुल
प्राप्त
आवेदन– 84, स्वीकृत
आवेदन- 64, अस्वीकृत
आवेदन- 06
एवं नवीन
प्राप्त
आवेदन 14
हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-ख
अनुसार है।
(ग) लोकसेवा
प्रदाय गारंटी
अधिनियम के
तहत 15
दिवस में लोक सेवा
केंद्र में
प्राप्त
आवेदनों पर
कार्यवाही
किये जाने का
प्रावधान है। जनपद
पंचायत
सेंधवा में
वर्तमान में 944 आवेदन
प्राप्त
हुये हैं
इनमें से 913 आवेदन
स्वीकृत
हुये एवं 31 आवेदन
निरस्त किये
गये, जिनकी
सूची कारण
सहित पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-
ग अनुसार है।
वन अधिकार पत्रों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
43. ( क्र. 1397 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वन विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत कितने वन अधिकार पत्र वितरित किए हैं। विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पन्ना जिले के पवई विधानसभा अंतर्गत विभिन्न ग्रामों, तहसील विकासखंड, नगरी क्षेत्रों में वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं? यदि हाँ तो हितग्राहियों की ग्रामवार तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों को मौके पर कब्जा प्रदान ही नहीं कराया गया है यदि नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी हैं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्रवाई की गई, हितग्राहियों को (वन अधिकार पत्र प्राप्त) कब तक मौके पर कब्जा दिलाया जाएगा? (घ) क्या प्रश्न दिनांक तक वन अधिकार दावों के प्रकरण अभी ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/जिला स्तर की कमेटी में लंबित हैं यदि हाँ तो उनके नाम/ग्राम/ पंचायत/विकासखंडवार जानकारी तीनों स्तर की प्रदान की जावें? वन अधिकार दावों का निपटारा कब तक किया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वितरित किए गए वन अधिकार पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में वन अधिकार पत्र धारक मौके पर काबिज हैं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। वन अधिकार के दावों का निराकरण त्रि-स्तरीय वन अधिकार समितियों-ग्राम, उपखंड एवं जिला स्तर समिति द्वारा किया जाता है। दावेदार को उपखंड एवं जिला स्तर पर अपील का अधिकार होने से लंबित दावों के निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय विभाग के कार्य एवं राशि का उपयोग
[जनजातीय कार्य]
44. ( क्र. 1401 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु किस दिनांक को मध्य प्रदेश शासन या केन्द्र शासन द्वारा आवंटित हुई हैं? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किन-किन कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? निविदा प्रकाशन किए गए विज्ञापन एवं निविदाकारों को दिए गए कार्यादेश की प्रति सहित समस्त बिल वाऊचर की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए हैं कितने अपूर्ण हैं बगैर विज्ञापन निकाले कितने कार्य मैन्यूअल आधार पर प्रदान किए गए? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) पन्ना जिला के पवई विधानसभा अंतर्गत विभाग द्वारा कितने छात्रावास संचालित हैं? इन छात्रावासों में विगत तीन वर्षों में छात्रावास अधीक्षकों द्वारा किए गए आय-व्यय की सम्पूर्ण जानकारी बिल वाऊचर सहित उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या विगत 3 वर्षों में छात्रावासों के संचालन में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई हैं यदि हाँ तो इन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक प्रदत्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ“ अनुसार है तथा कार्यों की राशि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के खाते में कार्य के उपयोगिता/पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर सीधे अंतरित की गई है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों द्वारा किसी भी कार्य की निविदायें नहीं लगाई जाती है। ग्राम पंचायतों को निविदा प्रणाली से मुक्त किया गया है। (ख) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ“ अनुसार है। (ग) पन्ना जिले के पवई विधानसभा अंतर्गत संचालित छात्रावास एवं छात्रावास अधीक्षकों द्वारा किये गये आय-व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब“ अनुसार है। (घ) पन्ना जिले में विगत 3 वर्षों में छात्रावासों के संचालन में अनियमितताओं के सबंध में शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। शेष कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं।
जलावर्धन योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 1447 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केवलारी विधानसभा अंतर्गत छपारा नगर में कई वर्षों से प्रगतिरत छपारा जलावर्धन योजना की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि जलावर्धन योजना अपूर्ण है, तो इसे कब पूर्ण कर लिया जायेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का कार्य पूर्णता की दिनांक में पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है? समयावधि में पूर्ण नहीं होने पर इसके लिए कौन जिम्मेवार है एवं उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई। (ग) उक्त योजना को किस सन् में स्वीकृत किया गया था? इसकी स्वीकृत राशि क्या थी, इसकी पूर्णता की दिनांक क्या थी, वर्तमान समय में इसमें कितनी राशि व्यय की जा चुकी है एवं कितनी राशि शेष है बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में छपारा नगर अंतर्गत जलावर्धन योजना को मैसर्स दीक्षा कन्स्ट्रक्शन कंपनी इकलौद, तहसील विजयपुर, जिला श्योपुर द्वारा कार्य पूर्ण किए जाने के उपरांत दिनांक 16/11/2022 को नगर परिषद छपारा को हस्तांतरित किया गया। (ख) छपारा जलावर्धन योजना कार्य पूर्ण हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) तत्कालीन ग्राम छपारा में पेयजल व्यवस्था के आवर्धन के लिए जलावर्धन योजना सन् 2010 में स्वीकृत हुई थी, इसकी स्वीकृत राशि रु. 275.00 लाख थी। स्वीकृत योजना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत तत्कालीन ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर अन्य कार्य जैसे ट्रीटमेंट प्लांट इत्यादि अतिरिक्त कार्य हेतु योजना पुनरीक्षित की गई, पुनरीक्षित योजना (लागत रु.423.00 लाख) के संदर्भ में कार्य पूर्णता दिनांक 23/03/2022 थी, योजना के कार्य दिनांक 14/08/2022 को पूर्ण हुए, कुल व्यय राशि रु. 423.00 लाख।
लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र में मटेरियल क्रय
[वन]
46. ( क्र. 1465 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र बरखेड़ा पठानी में उत्पादन के लिये रॉ मटेरियल क्रय की क्या प्रक्रिया हैं। (ख) क्या कच्चा माल (रॉ मटेरियल) वन समितियों के माध्यम से क्रय किया जाता है, यदि हाँ तो तीन वित्तीय वर्षों में कौन-कौन सा मटेरियल किस दर में कितना क्रय किया गया है। (ग) क्या कच्चा माल (रॉ मटेरियल) क्रय के लिये निविदा आमंत्रित की जाती है, यदि हाँ तो 1 जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2025 तक जारी की गई निविदा एवं भाग लेने वाले निविदाकारों से प्राप्त दरें और जारी किये गये क्रय आदेशों का विवरण देवें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) औषधीय निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल को प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों से किये गये एम.ओ.यू. व एम.एस.पी. दरों तथा अन्य से म.प्र. भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 (यथा संशोधित 2022) के प्रावधानों के अनुसार क्रय किया जाता है। (ख) जी हाँ। ऐसा कच्चा माल जो वन समितियाँ उपलब्ध करा सकती हैं, उसे वन समितियों के माध्यम से एम.ओ.यू./एम.एस.पी. दरों पर क्रय किया जाता है। तीन वित्तीय वर्षों में रॉ मटेरियल क्रय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। कच्चा माल (रॉ मटेरियल) क्रय के लिये निविदा आमंत्रित की जाती है। 1 जनवरी, 2022 से 31 जनवरी, 2025 तक जारी की गई निविदाएं हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार, निविदाओं में प्राप्त दरें हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार तथा जारी किये गये क्रय आदेशों हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
गैस राहत विभाग के कर्मचारियों की पेंशन
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
47. ( क्र. 1466 ) श्री आरिफ मसूद : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत, भोपाल के अंतर्गत कितने कर्मचारियों के प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण उनकी सेवानिवृत्त होने पर कौन सी पेंशन एवं शासकीय सेवा में रहते हुए असामयिक निधन हो जाने के कारण उनके आश्रित परिवार को कौन सी फैमली पेंशन प्रदान की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उनके विचाराधीन प्रकरणों की अद्यतन जानकारी देते हुए उन्हें प्रदान की जा रही पेंशन एवं आश्रित परिवार को फैमली पेंशन किस-किस को, कब-कब से प्रदान की जा रही है? उनके नाम पेंशन प्रदान किये जाने का माह व वर्ष सहित जानकारी देवें। किन-किन की पेंशन किन कारणों से रोक दी गई है? (ग) क्या कुछ विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की उदासीनता के कारण कई माह से उनको व मृत्यु उपरान्त उनके परिवार को जीवन यापन हेतु प्रदान की जा रही पेंशन बंद कर दिये जाने के कारण उनके समक्ष गंभीर वित्तीय स्थिति निर्मित कर दी गई है? क्या प्रश्नांश "क" में उल्लेखित न्यायालीन प्रकरण कर्मचारियों के पक्ष में न्यायालय द्वारा पारित कर दिया गया है? (घ) क्या शासन/विभाग इस प्रकरण पर माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल कार्यवाही करते हुए अन्य वंचितों को उनके स्वत्वों का भुगतान/लाभ देने के साथ-साथ पेंशन भोगियों एवं उनके परिवार को प्राप्त होने वाली फैमली पेंशन, उन्हें उस अवधि से जब से भुगतान बंद कर दिया है, उस माह से भुगतान प्रदान करते हुए अकारण पेंशन/फैमली पेंशन रोकने वाले उदासीन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत, भोपाल के अंतर्गत कुल 12 न्यायालयीन प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है जिनमें से 07 अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त है। शासन के प्रचलित नियमों के अंतर्गत पात्र 05 अधिकारी/कर्मचारियों को पेंशन प्रदान की जा रही है जिसमें से 01 अधिकारी को विभागीय जांच पूर्ण न होने के कारण एंटीशिपेटरी पेंशन प्रदान की जा रही है एवं 02 तदर्थ कर्मचारी होने के कारण अपात्र है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उचित मूल्य दूकानों से खाद्यान्न घोटाला
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 1478 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी विकास खण्ड शहपुरा के अंतर्गत किन-किन दुकानों से कितना-कितना राशन उपभोक्ता को 2023 से आज तक नहीं दिया गया, इसके लिये दोषी कौन हैं? (ख) जिला डिण्डौरी के अंतर्गत कितने उचित मूल्य दुकान संचालक द्वारा उपभोक्ताओं को आवंटित राशन में हेरा-फेरी की गई उनमें से किन-किन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) विकासखण्ड शहपुरा के अंतर्गत जेम्स, अमेरा के अंतर्गत चावल, गेहूं, शक्कर, नमक आवंटन में कितनी भागों में एवं राशि का गबन किया गया? (घ) यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो दोषी कौन हैं।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला डिण्डौरी के शाहपुरा विकासखण्ड अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों को पात्रतानुसार राशन का आवंटन जारी किया गया है। वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक वितरण पश्चात् शेष राशन मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। उचित मूल्य दुकान पर उपस्थित पात्र परिवार को राशन का वितरण किए जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिले में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक 08 उचित मूल्य की दुकानों के जांच में विक्रेताओं द्वारा अनियमितता किए जाने पर मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के प्रावधानों के तहत प्रकरण निर्मित कर उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दुकानवार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) विकासखण्ड शाहपुरा के अंतर्गत लैम्प्स अमेरा की राखी एवं अमेरा शासकीय उचित मूल्य दुकान में कुल गेहूं 86.34 क्विटंल, चावल 716.66 क्विंटल, शक्कर 1.44 क्विंटल तथा नमक 4.7 क्विंटल की अफरा-तफरी की गई थी, जिसकी आर्थिक लागत दर से राशि रू. 31.33 लाख होती है। (घ) विकासखण्ड शाहपुरा के अंतर्गत लैम्प्स अमेरा की राखी एवं अमेरा शासकीय उचित मूल्य दुकान के विक्रेता द्वारा राशन सामग्री की अफरा-तफरी किए जाने पर पुलिस थाना शाहपुरा में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करते हुये गबन सामग्री की राशि की वसूली एवं विक्रेता को दुकान से पृथक करने के आदेश जारी किए गए हैं।
जिला डिण्डौरी में जल-जीवन मिशन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 1479 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला डिण्डौरी में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कितनी नल-जल योजना संचालित हैं और किस-किस सन् से, विकासखण्ड एवं ग्रामवार बताएं। इनमें से कितनी बंद है और क्यों इसके लिए कौन दोषी है? (ख) जल स्त्रोत विहीन कितने ग्रामों में जल जीवन मिशन का कार्य हो रहा है या पूर्ण हो चुका? विकासखण्ड एवं ग्रामवार बतायें? (ग) पाईप लाईन बिछाने के दौरान किन-किन ग्रामों की C.C. रोड को खोदा गया। मरम्मत युक्त तथा मरम्मत विहीन ग्रामों की वे जानकारी दें। (घ) समय-सीमा में काम नहीं करने वाले कितने ठेकेदारों को काली सूची में डाला गया एवं उनसे किन-किन कार्यों में, कितनी-कितनी राशि अर्थदण्ड के रूप में वसूली गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जल जीवन मिशन अंतर्गत पूर्ण की गई एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में से वर्तमान में 19 योजनाओं में विभिन्न कारणों से जलप्रदाय बंद हैं, जलप्रदाय पुनः चालू कराने के लिये कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त डिंडौरी जिले में डिंडौरी, करंजिया एवं शहपुरा-मेहंदवानी ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना की स्वीकृति दिनांक 20/06/2023 को जारी की गई है, इन समूह योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, विकासखंड एवं ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जल स्त्रोत की सुनिश्चितता किए बिना जल जीवन मिशन के कार्य नहीं कराए जाते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 03 अनुसार है। (घ) डिंडौरी जिले में एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य समय-सीमा में पूरा न करने वाले कुल 4 ठेकेदारों को काली सूची में डाला गया है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
नलकूप खनन/स्कीम खनन बोर खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 1529 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरयावली विधानसभा अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में वर्ष 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में नलकूप/स्कीम खनन बोर कराये गए हैं? विकासखण्डवार/ग्रामवार विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किए गए बोर खनन कार्य उपरांत कितने बोर खनन में जल स्तर एवं कितने बोर खनन में जल स्तर प्राप्त नहीं हुआ/ असफल हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित बोर/स्कीम बोर में हैंडपंप संधारण/हैंडपंप स्थापित कार्य तथा मोटर पम्प स्थापित कराये गए? (घ) क्या विभाग के पास जनप्रतिनिधि/अन्य आवेदन बोर खनन के प्राप्त हुए है? यदि हाँ तो कितने एवं प्रश्नकर्ता के द्वारा दिए गए पत्रों पर बोर खनन कब तक किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (घ) जी हाँ, 22 आवेदन दिए गए। खनित किए गए नलकूपों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
वन समितियों का गठन
[वन]
51. ( क्र. 1538 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वन समितियों का गठन किया गया है? वन समितियों के गठन के क्या नियम है? कितने समय का कार्यकाल होता है? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने वन ग्रामों में वन समितियों का गठन किया गया है? यदि हाँ तो समितियों के गठन दिनांक, समिति अध्यक्ष का नाम सहित सदस्यों का विवरण? (ग) क्या विकासखण्ड भीकनगांव की वन समिति रोडिया का 20 वर्ष पूर्व गठन किया गया था? अगर हाँ तो आज तक समिति को भंग क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी संकल्प दिनांक 22 अक्टूबर 2001 में निहित प्रावधानों के अनुसार समितियों का गठन किया जाता है। संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में वनग्राम नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है। (ग) विकासखण्ड भीकनगांव के अन्तर्गत ग्राम वन समिति रोडिया का गठन दिनांक 26.03.1999 को किया गया तथा दिनांक 27.12.2013 एवं 27.03.2018 को पुनर्गठन किया गया। कार्यकाल पूर्ण हो जाने से ग्राम वन समिति रोडिया के पुनर्गठन के आदेश दिए गए हैं।
पदोन्नति एवं क्रमोन्नति की जांच
[जनजातीय कार्य]
52. ( क्र. 1539 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में खरगोन और बड़वानी जिले में कुल कितने माध्यमिक शिक्षक हैं जो शिक्षाकर्मी वर्ग 3 में नियुक्त हुए थे और प्रश्न दिनांक की स्थिति में माध्यमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं, सूची के साथ सेवा में आने का प्रथम नियुक्ति आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) की सूची अनुसार किन-किन शिक्षकों को प्रथम पदोन्नति/ क्रमोन्नति किस-किस दिनांक को प्रदान की गई? पदोन्नति/क्रमोन्नति के आदेश, ऑर्डर शीट/नोटशीट की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) की सूची में से कितने शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने के पश्चात भी प्रशानंश (ख) की सूची में उल्लेखित शिक्षकों को एक समान रूप से एक ही समय अवधि में क्यों लाभ प्रदान नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) की सूची अनुसार किस-किस शिक्षक को जनवरी 2025 में कुल कितना वेतन दिया जा रहा है? किस-किस शिक्षकों के वेतन में असमानता है और क्यों है? (ड.) सूची में 24 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले माध्यमिक शिक्षकों को उच्च पद पर कब तक प्रभार दे दिया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभागान्तर्गत खरगोन जिले में 391 एवं बड़वानी जिले में 657 माध्यमिक शिक्षक कार्यरत है जो शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर नियुक्त हुए थे। प्रथम नियुक्ति आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' के कालम क्र. 08 एवं 09 में अंकित तिथि अनुसार। नोटशीट एवं आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) पात्रता अनुसार लाभ दिया गया है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में उल्लेखित कालम 10 अनुसार वेतन दिया जा रहा है। कालम क्र.6,8,एवं 9 की तिथियों में अंतर होने एवं सेवा अवधि पूर्ण होने की तिथि में अंतर होने से संबंधित शिक्षा कर्मियों वर्ग-3 को पदोन्नत/वेतनमान का लाभ प्राप्त होने से पदोन्नत/ क्रमोन्नत वेतन में असमानता है। (ड.) पात्रता अनुसार माध्यमिक शिक्षकों को उच्च पद के प्रभार संबंधी कार्यवाही की जाती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल संबंधी कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 1545 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत मनावर और उमरबन विकासखंड में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक नल-जल योजनाओं के क्या-क्या कार्य किन-किन फर्मों/संस्थाओं/ठेकेदारों के द्वारा किया गया? उक्त समस्त पूर्ण/अपूर्ण कार्यों के निरीक्षण, भौतिक सत्यापन की प्रतिलिपि, सत्यापन करने वाले अधिकारी के नाम, जिन-जिन कार्यों के बिल अटैच किए गए उसकी प्रतिलिपि, समस्त बिल और सभी कार्यों के राशि के भुगतान की प्रतिलिपि देवें। (ख) वर्तमान में कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं, उनकी वर्तमान स्थिति क्या है, कब तक कार्य पूर्ण होंगे। ब्यौरा देवें। (ग) मनावर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति अत्यंत दयनीय है। वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक क्षेत्र में स्थापित पेयजल योजनाओं, उनकी वर्तमान स्थिति एवं नल-जल योजना के तहत स्वीकृत एवं लंबित परियोजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराएँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के पूर्ण/अपूर्ण कार्यों के भौतिक सत्यापन की प्रतिलिपि, कार्यों के सभी प्रकार के बिल/नोट की प्रतिलिपि एवं राशि भुगतान की प्रतिलिपि देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है, कार्यों के बिल एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाइट https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads पर उपलब्ध है। मध्य प्रदेश जल निगम अंतर्गत धार जिले के मनावर और उमरबन विकासखण्ड में फर्म मेसर्स डब्ल्यू.पी.आई.एल.लि. कोलकाता द्वारा लोवर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजना एवं फर्म मेसर्स दिनेशचन्द्र आर. अग्रवाल इन्फ्रा प्रा.लि. मुम्बई द्वारा अपर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजना के कार्य प्रगतिरत हैं। समूह योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। वर्तमान में दो समूह योजनाओं का कार्य प्रगतिरत है, जिसमें लोअर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्रमशः 38.21 प्रतिशत एवं 34.59 प्रतिशत है व योजना कार्य 22/03/2026 तक पूर्ण किया जाना है एवं अपर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्रमशः 55.12 प्रतिशत व 33.50 प्रतिशत व योजना का कार्य 22/09/2026 तक पूर्ण किया जाना है। (ग) विधानसभा क्षेत्र मनावर के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में पेयजल स्थिति सुदृढ़ है, वर्तमान में 2325 हैंडपंप स्थापित हैं, जिनमें से 2088 हैंडपंप सुचारू रूप से कार्यरत तथा 237 हैंडपंप जल स्तर की कमी से बंद हैं। इसके अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 116 ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजनाएं स्थापित हैं, जिनमें से 116 योजनाएं चालू हैं। इसके अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल स्तर में कमी वाले 83 नलकूपों पर सिंगल फेस मोटरपंप स्थापित कर ग्रामवासियों द्वारा पेयजल प्राप्त किया जा रहा है। विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु जल जीवन मिशन अंतर्गत विकासखंड मनावर में 46 एवं विकासखंड उमरबन में 51 ग्रामों में एकल ग्राम नल-जल योजना एवं 19 बसाहटों में स्टैंड अलोन स्थापित कर पेयजल प्रदाय किया जा रहा है, इस प्रकार कुल 116 नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण हैं तथा वर्ष 2019 से मनावर विधासभा क्षेत्र में स्वीकृत/स्थापित पेयजल योजनाओं की वर्तमान स्थिति एकल ग्राम नल-जल योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कोई भी परियोजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2 समूह जल प्रदाय योजनाओं (अपर नर्मदा एवं लोवर नर्मदा) का कार्य स्वीकृत होकर प्रगतिरत है। (घ) एकल ग्राम योजनाओं की जानकारी विभागीय वेबसाइट https:// www.phed.mp.gov.in/en/Downloads पर उपलब्ध है। समूह योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
खाद्यान पर्ची बनाने और पात्रता की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 1554 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरौद विधान सभा में विगत दिनों मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के अन्तर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जिन पात्र लोगों के द्वारा खाद्यान पर्ची बनाने के लिए आवेदन किया गया, उन आवेदन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) नागदा खाचरौद विधान सभा में कितने लोगों को खाद्यान्न पर्ची वितरित की गयी? (ग) विगत कई माह पहले या मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के पूर्व में भी कितने व्यक्तियों को खाद्यान पर्ची मिलने की पात्रता सूची में शामिल किया गया है और इनमें से कितने आवेदनों पर कार्यवाही की जा रही है और ऐसे कितनी पात्रता पर्ची के आवेदन है जो विभाग के समक्ष विचाराधीन है जिनको अभी तक खाद्यान मिलना प्रारम्भ नहीं हुआ है? ऐसे लोगों की संख्या कितनी है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नागदा खाचरौद विधान सभा में विगत दिनों मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान में खाद्य विभाग की कोई योजना शामिल नहीं थी। नियमित रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जिन पात्र लोगों के द्वारा खाद्यान्न पर्ची बनाने के लिए आवेदन किया गया, उन्हें स्थानीय निकाय एवं खाद्य विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा एवं राशन मित्र पोर्टल पर पात्रता स्वीकृत की गई है। (ख) नागदा खाचरौद विधान सभा में पूर्व से ही 44017 पात्र परिवारों को खाद्यान्न पर्ची वितरित की जा चुकी है (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के पूर्व तक 44017 परिवार खाद्यान पर्ची की पात्रता सूची में शामिल है, जिन्हें खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है। वर्तमान में 2220 आवेदन पात्रता पर्ची के हैं जिन्हें जिला स्तर से पात्रता पर्ची जारी की जाने हेतु स्वीकृत किया गया है, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत निर्धारित जनसंख्या सीमा तक हितग्राहियों को सम्मिलित किया जा चुका है, जिसके कारण वर्तमान में नवीन पात्रता पर्चियां जारी नहीं हो पा रही है।
पेयजल उपलब्धता और सड़कों की मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
55. ( क्र. 1556 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल निगम द्वारा नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितने गांव में पेयजल उपलब्ध कराने पर कार्य कर रहा है गांव की सूची सहित विधानसभा क्षेत्र में सम्पूर्ण योजना की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य कब तक है वर्तमान में कार्य की स्थिति क्या है? (ग) कार्य की गति लगातार धीमी होने के साथ-साथ कार्य में अनियमितताएं विद्यमान है जिस भी मार्ग चाहे वह P.M. सड़क हो या P.W.D. की उन पर जब भी पाईप लाईन विस्तार का कार्य किया जाता है तो सड़कों के गाला को ठीक नहीं किया जा रहा है और ठीक से मिट्टी भरने का कार्य नहीं किया जा रहा है जिससे वहां दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है, गांव में भी जहां PHE पूर्व में पानी की टंकी निर्माण कर चुकी है वहां भी टंकी तक पाईप लाईन डालने के बाद सड़कों को ठेकेदार द्वारा ठीक नहीं किया जाता है विभाग द्वारा गुणवत्ता को बनाए रखने की समय-सीमा तय हो और इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी अधिकारी या ठेकेदारों के खिलाफ शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी और कब की गयी और नहीं की गयी तो कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी जिससे की इस प्रकार की लापरवाही ना हो?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) नर्मदा गंभीर योजना को सितम्बर 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है एवं कार्य की भौतिक प्रगति 74 प्रतिशत है। (ग) पाईप लाईन का कार्य निरंतर है, MPRRDA, PWD अथवा अन्य विभाग से समन्वय कर नियमानुसार निर्धारित मापदण्ड अनुसार कार्य किया जा रहा है। PHE की पुरानी टंकियों को जोड़ने वाली पाईप लाईन का कार्य भी प्रगतिरत है, ऐसे स्थानों की सड़क को भी पूर्वानुसार बनाया जा रहा है। सभी प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण होने के पूर्व नियमानुसार सड़कों को पूर्वानुसार किया जाना निश्चित है। अतः कर्मचारी, अधिकारी या ठेकेदारों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्यूबवेल खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 1558 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के वर्ष 2020 से जनवरी 2025 तक कहाँ-कहाँ, किस-किस अधिकारी के आदेश से, किस-किस एजेंसी से ट्यूबवेल खनन करवाये गये? वर्षवार, स्थानवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त ट्यूबवेल खनन पर हुए व्यय का स्थानवार विवरण क्या है? (ग) कितने स्थानों पर पेयजल प्राप्त हुआ हैं? कितने हैंडपंप एवं कितने स्थानों पर मोटरपंप लगाये गये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वनमंडल में व्याप्त अनियमितताएं
[वन]
57. ( क्र. 1574 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधिकारी रेंज ऑफिसर जगह का निवासी है जहां रेंज है तो क्या गृह रेंज में उसकी पद स्थापना नहीं की जा सकती है यदि नहीं तो क्या औरछा, निवाड़ी रेंज पर यह नियम लागू नहीं है? (ख) क्या आदेश क्र. एफ.-1/1/4/0045- sec-1-10 दिनांक-10.02.25 के आदेश में रेंज ऑफिसर को उसकी गृह रेंज में पदस्थापना की गई है यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्या मेन रेंज औरछा प्रश्नांश (ख) में वर्णित की पदस्थापना के समय खूब अवैध कटाई सागौन वृक्षों की हुई जिसके गवाह पेड़ों के कटे हुए अवशेष है। (घ) कब तक प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की जांच कर कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण में पदस्थापना के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार किन्हीं भी कार्यपालिक कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके गृह जिले में स्थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्नति की स्थिति में सामान्यतः पदस्थ न किये जाने का प्रावधान है किन्तु नीति की कंडिका-3 में प्रावधान है कि स्थानांतरण नीति से हटकर किये जाने वाले स्थानांतरण के प्रकरणों में समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेश प्राप्त कर स्थानांतरण किये जा सकते हैं। (ख) प्रश्नाधीन आदेश द्वारा श्री आमिर खान वन क्षेत्रपाल की वन परिक्षेत्राधिकारी, वन परिक्षेत्र ओरछा के पद पर पदस्थापना की गई है, जिनका गृह जिला निवाड़ी है। (ग) वन परिक्षेत्र ओरछा में उत्तरांश (ख) में वर्णित अधिकारी की पदस्थापना के समय सागौन वृक्षों की अवैध कटाई के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। (घ) उत्तरांश 'ग' के अनुक्रम में जांच कर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
58. ( क्र. 1575 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में खाद्य विभाग में भारी अनियमितताएं हैं? यदि हाँ तो? (ख) क्या एक खाद्य निरीक्षक जो ग्वालियर जिले में भा.द.वि. की धारा 409, 420, 467, 468, 471 का दोषी है एवं उसे सार्वजनिक दुकानों के वितरण एवं निरीक्षण जांच से अलग रखने हेतु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर का आदेश है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित खाद्य निरीक्षक वर्तमान में किसके आदेश से दुकानों की जांच कर कार्यवाही कर रहा है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के आदेश करने में कौन-कौन दोषी है? कब तक उसके विरूद्ध कार्यवाही होगी एवं संबंधित अधिकारी को जांच कार्य से वंचित किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, ऐसे तथ्य प्रकाश में नहीं आएं है। (ख) ग्वालियर जिले में पदस्थ रहे श्री पंकज करौरिया, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध थाना विश्वविद्यालय, जिला ग्वालियर में अपराध क्रमांक 0251 दिनांक 15.06.2021 आई.पी.सी. की धारा 420, 409 के अंतर्गत दर्ज किया गया है। प्रकरण पुलिस विवेचना में है। (ग) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर की रिट याचिका क्रमांक 7181/2022 में दिनांक 26.04.2022 में पारित आदेश में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पंकज करौरिया के लिये लेख किया है कि पंकज करौरिया पर गंभीर आरोप लगे होने के कारण उक्त विशेष जांच में सम्मिलित नहीं होने के निर्देश दिये गये है। रिट याचिका पर आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैर वानिकी कार्यों हेतु वन भूमि का व्यपवर्तन
[वन]
59. ( क्र. 1602 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा गैर वानिकी कार्यों हेतु वन भूमि का व्यपवर्तन किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बैहर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस वन मण्डल की कौन-कौन से वनखण्डों की कितनी-कितनी वन भूमि का कब-कब, किन-किन फर्मों के कौन-कौन से खनिजों हेतु व्यपवर्तन किया गया? व्यपवर्तित वन भूमि के एवज में प्रतिपूरक रोपण, आवाह क्षेत्र उपचार, वन्य प्राणी प्रबंधन तथा निवल वर्तमान मूल्य आदि की कब-कब, कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई एवं किन-किन जिलों में कहां-कहां, कितनी-कितनी भूमि वन विभाग को किस खसरा, रकबा की भूमि हस्तांतरित की गई? (ग) वन भूमि व्यपवर्तन हेतु वनाधिकार कानून के तहत किस-किस ग्राम सभा से कब-कब अनापत्ति प्रमाण पत्र/सहमति ली गई? अनापत्ति प्रमाण पत्र/सहमति पत्र की प्रति उपलब्ध करावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से स्वीकृति के उपरान्त गैर वानिकी कार्यों हेतु वन भूमि का व्यपवर्तन किया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में बैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भारत सरकार से किसी भी खनिज प्रकरण में वन भूमि व्यपवर्तन की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। अतः प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अवैध परिवहन की जानकारी
[वन]
60. ( क्र. 1632 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग को अवैध परिवहन में लिप्त वाहनों को पकड़ने का अधिकार है? (ख) यदि हां, तो क्या निजी भूमि की अराष्ट्रीयकृत काष्ठ गैर वन भूमि से निकाले गए पत्थर अथवा बालू (रेत) के परिवहन के वाहन को भी पकड़ने का अधिकार है? (ग) यदि हां, तो विगत तीन वर्ष में वन विभाग द्वारा वन्य प्राणी अपराध को छोड़कर किस-किस वन अपराध में किस-किस वन मंडल में कौन-कौन से वाहन पकड़े गए? (घ) पकड़े गए वाहनों पर क्या कार्रवाई की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बिना परिवहन अनुज्ञा पत्र के अवैध वनोपज परिवहन में लिप्त वाहनों को जप्त करने का अधिकार है। (ख) बिना परिवहन अनुज्ञा पत्र के निजी भूमि की अराष्ट्रीयकृत काष्ठ के परिवहन पर वाहनों को जप्त करने का अधिकार है परन्तु गैर वनभूमि से लाये गये पत्थर अथवा रेत के परिवहन के वाहनों को जप्त करने का अधिकार वन विभाग को नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि उपज का भण्डारण और वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
61. ( क्र. 1642 ) श्री
धीरेन्द्र
बहादुर सिंह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा प्रश्न
क्रमांक–1168, दिनांक–14/02/2024 के प्रश्नांश-
“घ”
का
उत्तर क्या था? उत्तरानुसार
किन-किन भण्डारग्रहों
के स्कन्ध का
किन-किन
शासकीय सेवकों
के
पर्यवेक्षण
में कब-कब
परिदान कराया
गया? (ख) विगत-03 वर्षों
में कटनी जिले
के भण्डारग्रहों
में
खाद्यान्न भण्डारण
में अनियमितताओं
के कौन-कौन से
प्रकरण किस
प्रकार और
कब-कब ज्ञात
हुये? प्रकरणों
में प्रश्न दिनांक
तक की गयी
जांच एवं
कार्यवाही से
अवगत कराइए। (ग) क्या
विधानसभा प्रश्न
क्रमांक–1453, दिनांक
22/12/2022 के प्रश्नांश
”ग”
का
उत्तर-“जब
नान एफ.ए.क्यू.
राशन प्रदाय
होने की
जानकारी
प्राप्त होती
हैं, तो
उसको उसी स्तर
पर वितरण के
पूर्व ही वापस
कर एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता
का राशन
प्रदाय कर
वितरण कराया
जाता हैं,” था?
(घ)
प्रश्नांश
”ग”
जब
गुणवत्ता की
जांच कर खाद्यान्न
क्रय एवं
भंडारित किया
जाता हैं, तो नान
एफ.ए.क्यू. खाद्यान्न
किस प्रकार
भंडारित हुआ और
जब शासकीय
सेवकों
द्वारा स्टेक
का चयन किया तो नान एफ.ए.क्यू.
खाद्यान्न
वितरण हेतु
कैसे पहुँचा? स्पष्ट
कीजिये और
क्या लगातार
हो रही
अनियमितताओं
का संज्ञान
लिया जाकर
कार्यवाही की
जाएंगी?
(ङ) क्या
कटनी जिले में
धान मिलिंग
एवं मुख्यमंत्री
अन्नदूत
योजना के तहत
खाद्यान्न के
परिवहन में
वर्ष 2022 से
अनियमितताओं
के प्रकरण
ज्ञात हैं और
शासकीय
सेवकों
द्वारा जांच
भी की गयी हैं? हाँ, तो
क्या-क्या
अनियमितता के
कौन-कौन से
प्रकरण किस
प्रकार,
कब-कब
ज्ञात हुये? प्रकरणों
में प्रश्न दिनांक
तक की गयी
जांच एवं
कार्यवाही से
अवगत कराइए?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
150 नए हैंडपंप का उत्खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
62. ( क्र. 1652 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अभी से गांव-गांव में पीने के पानी की अत्यंत कमी हो गई है भीषण जल संकट ग्रामीण क्षेत्रों में आ चुका है। विभाग के पास न तो अधिकारी है और न ही फील्ड के कर्मचारी है। अधिकतर हैंडपंप सामग्री के अभाव में खराब पड़े है। पूर्व में उत्खनन हुए हैंडपम्पों की गहराई कम होने से सूख गये है। इनसे निपटने की क्या कार्य योजना बनाई गयी है। जल स्तर नीचे जाने के कारण लगभग 600 फीट गहराई वाले बोरवेल उत्खनन कर मोटर पंपों के जरिये पानी की व्यवस्था करना अनिवार्य है। क्या इस वर्ष के बजट में इसे शामिल किया जाएगा? (ख) क्या अशोकनगर जिले में विभागीय मशीनों के अधिकारियों/ठेकेदारों द्वारा बोर करने के बाद केशिंग कम डालते है जबकि केशिंग का पूरा भुगतान लेते है। क्या इसकी जांच करवाकर दोषी अधिकारियों को दण्डित किया जायेगा। क्या अशोकनगर जिले में कम क्रेशिंग डालने से अधिकतर हैंडपम्पों के बोर कोलेप्स हो गये हैं, फैल हो गये है? (ग) जिला अशोकनगर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में रिक्त पड़े पदों पर, पदों की स्वीकृति अनुसार अधिकारियों/कर्मचारियों को कब तक नियुक्त किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। विभागीय अमला उपलब्ध है एवं उनके द्वारा निरन्तर कार्य कराया जा रहा है। हैंडपंप संधारण हेतु समुचित सामग्री उपलब्ध है, सुधार योग्य हैंडपम्पों का संधारण कार्य निरंतर किया जा रहा है। जिन ग्रामों में पूर्व में उत्खनित हैंडपंप वर्तमान में स्रोत सूखने से बंद हुए हैं, वहां वैकल्पिक सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था उपलब्ध है तथा जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजनाएं भी स्वीकृत/क्रियान्वयन की जा रही हैं। ग्रीष्मकालीन संभावित पेयजल संकट के निवारण हेतु कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें राइजर पाइप वृद्धि, जल स्तर की कमी वाले हैंडपंपों के नलकूपों पर सिंगलफेस पावर पम्प स्थापना इत्यादि कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। रजिस्टीविटी सर्वे/तकनीकी विश्लेषण के आधार पर अनुशंसित गहराई के अनुसार नलकूपों का खनन् किया जाता है एवं तकनीकी मापदण्डानुसार मोटर पम्प स्थापित की जाती है। नए हैंडपंप लगाने एवं हैंडपंप संधारण कार्य के लिए विभागीय बजट प्रस्ताव में प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्वीकृत रिक्त पदों पर नियुक्ति/स्थानांतरण के माध्यम से अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना किया जाना शासन की सतत् प्रक्रिया है, कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न के ऑफलाइन वितरण की वसूली में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 1653 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीएमजीवाय योजनांतर्गत वर्ष 2020-2021 में अशोकनगर जिले में ऑफलाईन खाद्यान्न वितरित करने की मात्रा की वसूली गंभीर अनियमितता करने वाले तत्कालीन वास्तविक आरोपी एवं दोषियों से नहीं की जा रही है बल्कि आरोपित संस्थाओं द्वारा शा.उ.मू. दुकान कार्य त्यागने या इनसे कार्य संचालन हटाये जाने पश्चात उक्त शा.उ.मू. दुकानें संलग्न से वर्तमान में संचालन करने वाली संस्थाओं के कमीशन से वसूली की जा रही है। ऐसी दुकानें कौन-कौन सी है संस्थाओं के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) अपराध किसी और संस्था ने किया और कमीशन की राशि से वसूली किसी और संस्था पदाधिकारी से किया जाना क्या वैधानिक है। यदि नहीं तो क्या शासन निर्दोष संस्थाओं के कमीशन से वसूली गयी राशि वापिस करेगा या नहीं जानकारी देवें। यदि हाँ तो कब तक राशि वापिस की जावेगी बतायें। वास्तविक आरोपियों से शासन की वसूली कब तक की जावेगी, जानकारी दें। वास्तविक दोषियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किये जाने का कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश अंतर्गत संस्था मार्के. सोसा ईशागढ़, सेवा सह. संस्था पिपरिया के विक्रेताओं ने माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में प्रस्तुत याचिकाओं WP/31660/2024, WP/31619/2024 में फर्जी कूटरचित दस्तावेज संलग्न कर शासन को गुमराह करते हुए एक पक्षीय स्थगन प्राप्त कर लेने के संबंध में उचित कार्यवाही तत्काल करने बाबत् राजीव जैन अशोकनगर की शिकायत की प्रति देवें। फर्जी आधार पर प्राप्त उक्त स्थगन को समाप्त किये जाने बावत् शासन क्या कोई कार्यवाही कर रहा है तो बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भारत सरकार निर्देशानुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न (पीएमजीकेएवाय) योजनांतर्गत वर्ष 2020-2021 में आवंटित खाद्यान्न को डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से ही वितरण कराए जाने का प्रावधान था। योजनांतर्गत अशोकनगर जिले में डिजिटल ट्रांजेक्शन के स्थान पर ऑफलाईन वितरित खाद्यान्न मात्रा की राशि वसूली की जाना है। संस्था परिवर्तन के कारण 9 उचित मूल्य दुकानों से राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा वसूल की गई राशि की वापसी की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी। वास्तविक दोषियों से राशि की वसूली की कार्यवाही की जाएगी। प्रकरण का गुण-दोषों के आधार पर परीक्षण उपरांत अन्य कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। विपणन सहकारी समिति, ईसागढ़ विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य WP-31660/2024 संदीप सिंह सिख विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य WP-31619/2024 में दिनांक 17.10.2024 को माननीय उच्च न्यायालय, ग्वालियर से स्थगन दिया गया है, जिसे वेकेट करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है, आवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
अंतरित, आवंटित एवं डीनोटीफाईड भूमि
[वन]
64. ( क्र. 1657 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित भूमि में से वन विभाग द्वारा गैर वानिकी कार्यों के आवंटित, अंतरित एवं राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई भूमियों को वनखण्ड से पृथक करने के क्या-क्या अधिकार किस-किस को दिए गए है? पृथक किए बिना ही वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र में दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित करने के किस-किस को क्या अधिकार दिए गए है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) वन मुख्यालय वन भवन भोपाल की जानकारी में किस वनमंडल के वर्किंग प्लान में कितनी-कितनी आवंटित एवं अंतरित एवं कितनी-कितनी डीनोटीफाईड भूमि को दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है? (ग) अंतरित, आवंटित एवं डीनोटीफाईड भूमि को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र से पृथक करने का अधिकार किसे दिया गया है और पृथक नहीं करने का क्या कारण रहा है? (घ) अंतरित आवंटित एवं डीनोटीफाईट भूमियों का वर्किंग प्लान से कब तक पृथक किया जावेगा और अंतरण, आवंटन एवं डीनोटीफीकेशन की प्रविष्टि वर्किंग प्लान में कब तक दर्ज की जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 में अधिसूचित भूमि में से गैर वानिकी कार्य हेतु आवंटित वनभूमि को अंतरित करने का अधिकार भारत शासन को है तथा धारा-4 की भूमियों को डिनोटिफाई माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति उपरांत एवं भारत शासन की सहमति के पश्चात राज्य शासन द्वारा किया जाता है। (ख) मंत्री परिषद के निर्णय दिनांक 20.05.1976 द्वारा एवं राज्य शासन के पत्र दिनांक 17.01.1977 के तारतम्य में धारा-34 'अ' की डिनोटिफाईड भूमियों के कुछ प्रकरणों में वनखण्ड से पृथक नहीं किया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी अत्यंत वृहद होने के कारण एकत्रित की जा रही है। (ग) अंतरित एवं आवंटित भूमियों को एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास एवं वन मानचित्र में पृथक से दर्शाया जाता है। जब तक वनभूमि डिनोटिफाई न हो तब तक इनका स्वरूप वन होता है। राजपत्र में प्रकाशित डिनोटिफाईड भूमियों को मानचित्र/एरिया से पृथक करने का कार्य संबंधित क्षेत्रीय वनमण्डलाधिकारी का है। मंत्रि-परिषद के निर्णय दिनांक 20.05.1976 द्वारा एवं राज्य शासन के पत्र दिनांक 17.01.1977 के तारतम्य में राजपत्र में कुछ प्रकरणों के संबंध में डिनोटिफाईड भूमियों को पृथक नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के तारतम्य में नीतिगत प्रश्न होने के कारण अंतरित आवंटित भूमियों को कार्य आयोजना में पृथक से प्रतिवेदित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के परिपत्र दिनांक 14.05.1996 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 202/95 में पारित आदेश दिनांक 12.12.1996 के अनुसार कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लैक्सेस उद्योग द्वारा निष्कासित रसायनों का उपचार
[पर्यावरण]
65. ( क्र. 1681 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा लैक्सेस उद्योग में उत्पादन, सह उत्पादन के दौरान क्या-क्या घातक हजार्डस, केमिकल, गैस, वेस्ट एसिड तथा अन्य घातक रसायन कितनी-कितनी मात्रा में निकलते हैं? क्या उनका उपचार ना करते हुए उन्हें खुली जगह में फेंक दिया जाता है? वायुमण्डल में गैसों को छोड़ दिया जाता है और वही रासायनिक प्रदूषित जल उद्योग की मेहतवास पीट के माध्यम से चम्बल नदी व गंदे नाले में छोड़ दिया जाता है? यदि हाँ तो राज्य व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2019 से 18 फरवरी 2025 तक कब-कब निरीक्षण व जांचकर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ख) लैक्सेस इण्डिया प्रा.लि. नागदा द्वारा 01 जनवरी 2022 से 18 फरवरी 2025 तक कितनी मात्रा में हाईड्रो क्लोरिक एसिड (एच.सी.एल.) का उत्पादन किया है? माह, वर्षवार, पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) लैक्सेस इण्डिया प्रा.लि. नागदा द्वारा 01 जनवरी 2022 से 18 फरवरी 2025 तक किन-किन कम्पनियों को, कितनी-कितनी मात्रा में एच.सी.एल. दिया गया है? पृथक-पृथक माह, वर्षवार, कम्पनियों के नाम सहित विवरण दें। (घ) 01 जनवरी 2022 से 18 फरवरी 2025 तक लैक्सेस इण्डिया प्रा.लि. नागदा के रजिस्टर वेण्डर द्वारा एच.सी.एल. जिस भी पार्टी को दिया गया है? उक्त पार्टी के नाम, पता, जी.पी.एस. लोकेशन सहित कितनी मात्रा में एच.सी.एल. दिया गया है? माह व वर्षवार विवरण दें। (ङ) लैंक्सेस इण्डिया प्रा.लि. नागदा द्वारा 01 जनवरी 2019 से 18 फरवरी 2025 तक सी.एस.आर. फण्ड से कितने कार्य, कहां-कहां कितनी राशि से स्वयं द्वारा किए गए या नगर पालिका, पंचायत की संस्थाओं द्वारा करवाए गए? वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जी नहीं। शून्य निस्त्राव की स्थिति सुनिश्चित की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'', ''स'' एवं ''द''अनुसार है।
विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
66. ( क्र. 1692 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र अम्बाह के अन्तर्गत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिये कितने विद्युत ट्रांसफार्मर कहां-कहां लगाए गए? वर्षवार, नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या विभाग जिन अनुसूचित वर्ग के लोगों की बस्तियों में विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं है, वहां विद्युत ट्रांसफार्मर लगाएगा? यदि हाँ तो कब तक? सम्पूर्ण जानकारी देवें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी 'निरंक'। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 15 मई 2018 के अनुसार कार्यवाही संचालित की जाती है। नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हैंडपंप खनन एवं स्थापना कार्य की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
67. ( क्र. 1701 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिला छतरपुर द्वारा जो हैंडपंप खनन व स्थापना की गई है (वर्ष 2024 में) उन प्वाइंटों के चिन्हांकन में विधायकों से परामर्श किया गया? या कमीशन लेकर अपनी मनमर्जी से अपने चहेते व्यक्तियों के अनुसार कार्य किया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में तकनीकी स्वीकृति अनुसार खनन एवं स्थापना कार्य किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ग) जिले को जो टारगेट मिलता है उसके अनुसार प्वाइंटों का चयन किस आधार पर किया गया? क्या उसमें जनता की आवश्यकता को ध्यान में रखा गया? क्या क्षेत्रीय विधायकों से प्वाइंटों के चयन में परामर्श लिया गया? (घ) क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा तकनीकी मापदंड अनुसार कार्य नहीं कराया गया? इसकी जांच हेतु राज्य स्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराई जावेगी? कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिले में ग्रामों की विद्यमान पेयजल व्यवस्था एवं कार्य हेतु प्रचलित मापदंड के आधार पर अतिरिक्त पेयजल सुविधा की मांग का परीक्षण किया जाता है तद्नुसार माननीय विधायकगण की अनुशंसाओं/परामर्श को प्राथमिकता देते हुए जिले को आवंटित वार्षिक हैंडपंप लक्ष्य के अंतर्गत कार्य कराए जाते हैं। (घ) तकनीकी मापदंडानुसार कार्य कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन हैंडपंप खनन एवं स्थापना कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 1702 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी जिला छतरपुर को मेरी विधानसभा के 05 ग्रामों में नवीन हैंडपंप खनन एवं स्थापना कार्य हेतु पत्र क्रमांक 556 दिनांक 31/01/2025 प्रेषित किया गया था साथ ही दूरभाष पर संबंधित अधिकारी को सूचित किया गया था? (ख) प्रश्नांश 'क' के अनुक्रम में संबंधित अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या स्थानीय विधायक द्वारा स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप हैंडपंप खनन एवं स्थापना कार्य के संबंध में प्रेषित पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं होती यदि हाँ तो क्यों? (घ) उक्त पत्र में उल्लिखित हैंडपंप खनन एवं स्थापना कार्य कब तक कर दिए जावेंगे और यदि नहीं तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में कार्यपालन यंत्री खण्ड छतरपुर द्वारा अनुशंसित कार्यों को कराए जाने के लिए कार्यादेश जारी किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार कार्यादेश जारी किया जा चुका है, कार्य वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूर्ण किए जाना प्रावधानित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार पट्टों पर वन विभाग द्वारा आपत्ति
[जनजातीय कार्य]
69. ( क्र. 1703 ) श्री
अरविन्द
पटैरिया : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
राजनगर जिला
छतरपुर
अंतर्गत वन
अधिकार अधिनियम
2005 के
तहत वनों पर
निर्भर
जन-जातियों को
भूमि के पट्टे
आवंटित किये
गये हैं किंतु
कई आवंटित पट्टों
का रिकॉर्ड वन
विभाग के पास
उपलब्ध न
होने के कारण
वन विभाग
द्वारा ऐसे पट्टों
को अतिक्रमण
समझा जाकर वन विभाग
द्वारा लोगों
को अनावश्यक
परेशान किया
जाता है। (ख) प्रश्नांश
'क'
के
साथ ही कई
एकड़ भूमि ऐसी
भी है जो वन
विभाग की DCR पंजी
में भी दर्ज
है और वन
विभाग
अधिनियम-1927 की धारा-4
अंतर्गत वन
भूमि भी घोषित
है परन्तु
यही भूमि
राजस्व विभाग
अन्तर्गत
निजी एवं
शासकीय रूप
में भी दर्ज
है। ऐसी
स्थिति में वन
विभाग और
राजस्व
विभाग के मध्य
भूमि का
स्पष्ट
सीमांकन न
होने के कारण
स्थानीय
लोगों को
अनावश्यक
परेशानी का
सामना करना
पड़ता है। (ग) कब
तक राजस्व
विभाग एवं वन
विभाग की
भूमियों का स्पष्ट
सीमांकन कर
दिया जावेगा। इस
संबंध में
शासन क्या
कार्यवाही कर
रहा है? (घ) और
यदि नहीं तो
क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) वन
अधिकार
अधिनियम 2005 के
अंतर्गत
राजनगर
विधानसभा
क्षेत्र में
अनुसूचित
जनजाति वर्ग
के वितरित
किये गये वन
अधिकार पत्र
की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
इनके अभिलेख
वन विभाग के
पास उपलब्ध
है। वन अधिकार
पत्र धारकों
को अतिक्रमक
नहीं माना जा
रहा है न ही
अतिक्रामक
मानकर परेशान
किया जा रहा
है। (ख) भारतीय
वन अधिनियम 1927 की धारा 4 में
अधिसूचित एवं
वनखण्डों की
समस्त
वनभूमि
डी.सी.आर. पंजी
में दर्ज है, जिसकी
सूची राजस्व
विभाग को
अभिलेख
संशोधन हेतु
उपलब्ध कराई
गई है। भारतीय
वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19
तक की वन व्यवस्थापन
की कार्यवाही
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
पदेन वन व्यवस्थापन
अधिकारी
द्वारा
अर्द्ध न्यायिक
प्रक्रिया के
तहत सम्पादित
की जाती है। अत:
वनखण्डों
में शामिल
निजी भूमि के संबंध
में निर्णय
लेने का
अधिकार
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
पदेन वन व्यवस्थापन
अधिकारी को
प्रदान किये
गये है। (ग)
छतरपुर
जिले में वन
विभाग एवं
राजस्व
विभाग की भूमि
पूर्व से ही
सीमांकित है। भारतीय
वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19
तक की वन व्यवस्थापन
की कार्यवाही
अर्द्ध न्यायिक
प्रक्रिया के
तहत सम्पादित
की जाती है। अत:
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' अनुसार
है।
पशु पक्षियों के दाह संस्कार हेतु अपनायी गयी प्रक्रिया
[वन]
70. ( क्र. 1778 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के सेन्चुरी एरिया में पिछले एक वर्ष में शेड्यूल-01 के अन्तर्गत कितने वन्य प्राणी, पशु एवं पक्षियों की मृत्यु हुयी प्रजातिवार बतायें। इनके दाह संस्कार के नियम एवं प्रक्रिया क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मृत्यु हुये वन्य प्राणी पशु पक्षी का दाह संस्कार निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमानुसार किया गया हैं? यदि हाँ तो पीएम रिपोर्ट, पंचनामा, स्थल फोटो एवं की गयी प्रक्रिया की सत्यप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि वन्य प्राणियों के दाह संस्कार में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है? तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) यथा संशोधित वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में 597 वन्यप्राणियों के नाम हैं। विभाग द्वारा उन सभी की मृत्यु के अभिलेख नहीं संधारित किए जाते हैं। इस कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पट्टों का वितरण
[वन]
71. ( क्र. 1833 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में वन विभाग द्वारा कितने पट्टे वितरित किये गये का विवरण देते हुये बतावे कि इनको राजस्व अभिलेख/शासन के अभिलेखों में दर्ज कराये गये अथवा नहीं तो क्यों इसके लिये कौन-कौन जबावदार है? इनको रिकार्ड में दर्ज कराये जाने बावत् क्या निर्देश देंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में वन विभाग द्वारा प्रदान किये गये पट्टों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने व कराये जाने बावत् क्या निर्देश हैं? संबंधितों द्वारा शासन के जारी निर्देश के भी राजस्व अभिलेखों में आवंटित पट्टों का उल्लेख नहीं कराया गया तो इसके लिये कौन-कौन राजस्व अधिकारियों/कर्मचारी उत्तरदायी होंगे उन पर क्या कार्यवाही करेंगे व कब बतावे अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार चाही गई जानकारी शहडोल जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यौहारी की जानकारी तहसीलवार, रेन्जवार पृथक से देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित आधारों में संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही के साथ राजस्व अभिलेखों में प्राप्त पट्टाधारियों के नाम उल्लेख किये जाने बावत् क्या निर्देश देंगे अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) शहडोल जिले के अंतर्गत वन विभाग द्वारा पट्टे वितरित नहीं किये गये है अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्लान्टेशन कार्य की जानकारी
[वन]
72. ( क्र. 1839 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में वर्ष 2021 से कुल कितने प्लान्टेशन के कार्य वन विभाग द्वारा कराये गए? इनके रकवे क्या हैं? उनमें लगाये गये पौधों के साथ जीवित पौधों की संख्या क्या है? शासन द्वारा इन प्लान्टेशनों में व्यय की गई राशि की जानकारी वर्षवार प्रश्नांश दिनांक से उपरोक्त अवधि तक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में आगामी वित्तीय वर्ष हेतु प्लान्टेशन हेतु क्या कार्ययोजना शासन द्वारा तैयार की गई है? इस हेतु कहां-कहां कितने-कितने रकवे आरक्षित किये गये हैं का विवरण जिलेवार, रेन्जवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्लान्टेशन हेतु कितने पौधे विभाग द्वारा एवं अन्य जगहों से क्रय किये गये? उनकी कीमत क्या थी का विवरण प्लान्टेशनवार, रेन्जवार, जिलेवार देवें। वर्तमान में पौधे कितने जीवित हैं? कितने नष्ट हो गये की जानकारी प्लान्टेशनवार, मौके से सत्यापन कराकर छायाचित्र के साथ देते हुये बतावें कि अगर पौधे जीवित नहीं हैं, नष्ट हो गये तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? उन पर कार्यवाही के साथ राशि वसूली बावत् क्या निर्देश देंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित आधारों पर कार्यवाही के साथ राशि वसूली व अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश देंगे एवं नवीन प्लान्टेशन में वृक्षारोपण हेतु क्या कार्ययोजना है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। रोपण हेतु आवश्यक पौधे विभागीय रूप से संबंधित सामाजिक वानिकी वृत्तों की रोपणियों से प्रदाय किये गये हैं। शासन के निर्देशानुसार निर्धारित प्रतिशत से कम जीवित प्रतिशत पाये जाने पर नियमानुसार संबंधित अधिकारी/कर्मचारी से विभागीय जांच उपरांत वसूली की कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन प्रकरणों में ऐसी स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश में उल्लेखित आधारों पर कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने के कारण किसी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सोन घडि़याल अभ्यारण
[वन]
73. ( क्र. 1851 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी-सिंगरौली के भू-भाग में बहने वाली सोन नदी में सोन घडि़याल अभयारण्य कितने वर्षों से अधिसूचित है एवं प्रारम्भ से अब तक वर्षवार कितने घडि़याल की वृद्धि हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) सोन घडि़याल अभयारण्य में पिछले 10 वर्षों में घडि़यालों के लिये खाद्य सामग्री रख-रखाव, स्थापना व्यय सहित सभी मदों में कितना व्यय हुआ? (ग) सोन घडि़याल अभयारण्य से प्रभावित क्षेत्र के निवासियों को एवं शासन को कितना राजस्व मिला जानकारी उपलब्ध कराये? क्या प्रभावित क्षेत्र में किसानों को कूप, मेड़ बंधान एवं भूमि सुधार का कार्य कराने की अनुमति प्रदान की जायेगी? (घ) यदि इस अभयारण्य से क्षेत्र के निवासियों को कोई लाभ नहीं है और न ही शासन को राजस्व मिल रहा है और न ही घडि़यालों की संख्या में वृद्धि हुई है तो क्या इसे डीनोटिफाइड किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जिला सीधी सिंगरौली के भू-भाग में बहने वाली सोन नदी में सोन घड़ियाल अभयारण्य मध्यप्रदेश शासन भोपाल की अधिसूचना क्रमांक 14-47-80-दस (2) दिनांक 23 सितम्बर 1981 से अधिसूचित है। घड़ियालों की गणना वर्ष 1995 से प्रारंभ की गई है। वर्ष 1995 से 2024 तक वर्षवार घड़ियालों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) सोन घड़ियाल अभयारण्य में घड़ियालों के खाद्य सामग्री में कोई व्यय नहीं हुआ है। अभयारण्य के अंतर्गत घड़ियालों के रख-रखाव, कर्मचारियों के वेतन एवं स्थापना पर योजनावार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) सोन घड़ियाल अभयारण्य से शासन को प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार है। अभयारण्य में प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को कूप, मेड़ बंधान एवं भूमि सुधार कार्य पर प्रतिबंध नहीं होने से इन कार्यों के लिये अनुमति प्रदान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अभयारण्य का गठन घडियाल (विलुप्तप्राय प्रजाति), मगर व अन्य जलीय जीवों के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु किया गया है। अभयारण्य स्थानीय निवासियों को रोजगार, पर्यटन शुल्क से आय एवं जलीय जीवों विशेषतौर से विलुप्त प्राय घड़ियाल प्रजाति के संरक्षण एवं पारिस्थितिकीय संतुलन में सहायक है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला वन मण्डल में अमले की स्वीकृति
[वन]
74. ( क्र. 1870 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला मैहर में जनसामान्य की सुविधा की दृष्टि से क्या वनमण्डलाधिकारी का पदमय स्टाफ स्वीकृत किया गया है? यदि हां, तो स्वीकृत पद मय स्टाफ सहित की पदवार जानकारी दी जावें। यदि नहीं तो कब तक स्वीकृत कर पद स्थापना करा दी जावेगी? समयावधि सहित जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या नवगठित जिला मैहर के अस्तित्व में कार्यरत होने के बावजूद भी यहां वन विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय न खुलवाने तथा वनमण्डलाधिकारी मय स्टाफ पदस्थ न होने से जनसामान्य को अभी भी सतना भटकने जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? यदि हां, तो क्षेत्रीय जनसुविधा की दृष्टि से त्वरित कार्यवाही अपेक्षित अनुसार क्या की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित जानकारी दी जावे।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) नवगठित जिला मैहर में मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक/FOR/7/0001/2024-Sec-3-10 दिनांक 07 मार्च, 2025 से वनमण्डाधिकारी का पद मय स्टाफ स्वीकृत किया गया है। स्वीकृत पद की पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृद्धावस्था पेंशन की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
75. ( क्र. 1871 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 60 वर्ष उम्र व्यतीत होने के बाद यदि बी.पी.एल. प्रमाण पत्र नहीं है, तो ऐसे व्यक्तियों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पाती है? (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार यदि हां, तो क्या यह सही है कि 60 वर्ष व्यतीत करने के बावजूद 70-80 वर्ष तक के व्यक्तियों जो वास्तविक रूप से अति गरीब, शिथिलांग हैं और उनके पुत्र, पुत्री भी देखभाल नहीं करते या पुत्र, पुत्री भी अति गरीब शिथिलांग हैं, ऐसे परिवार के वृद्धजनों को भी पेंशन नहीं मिल पाती है? यदि हां, तो क्या वृद्धावस्था पेंशन योजना से बी.पी.एल. प्रमाण पत्र की बाध्यता को समाप्त अथवा संशोधित किये जाने की नीति बनाये जाने के संबंध में शासन स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक लागू की जावेगी? यदि नहीं तो क्या ऐसे व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन की पात्रता में जोड़कर पेंशन का लाभ दिलवाये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक, नहीं तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) हितग्राही की आयु 60 वर्ष अथवा उससे अधिक आयु के जिन हितग्राहियों का बी.पी.एल. कार्ड नहीं हैं, ऐसे हितग्राहियों को केंद्र सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त नहीं होती है, लेकिन यदि हितग्राही निराश्रित श्रेणी (जिनका परिवार में देखभाल/भरण-पोषण करने वाला कोई न हो) का है, तब ऐसे हितग्राहियों को राज्य सरकार की समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगजनों को बैटरी चलित 03 पहिये वाहनों का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
76. ( क्र. 1889 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में दिव्यांगजनों को बैटरी चलित 03 पहिये वाहन प्रदान करने की योजना कब से प्रचलन में है एवं वर्ष 2020 से 2025 तक किस कंपनी से 03 पहिये बैटरी चलित वाहन विभाग द्वारा खरीदे गये है? बतावें। (ख) बैटरी चलित 03 पहिये वाहनों की कीमत क्या है? उक्त वाहन खरीदी पर सरकार सबसिडी देती है, अगर हाँ तो दिव्यांगजनों को कितने प्रतिशत सबसिडी दी जा सकती है? जानकारी दें। (ग) तीन पहिया बैटरी चलित वाहन में लगने वाली बैटरी की ग्यारंटी एक वर्ष की होती है अगर ये सही है तो दिव्यांगजनों को प्रतिवर्ष 10 से 15 हजार रूपये वहन करना पड़ता है इस पर खर्च करने का प्रबंध दिव्यांगों के पास नहीं होता है? (घ) दिव्यांगजनों को दिये गये बैटरी चलित 03 पहिये वाहन की बैटरी नि:शुल्क बदलवाने संबंधी कोई व्यवस्था करेगा अथवा नहीं बतावें?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2013 से। वर्ष 2020 से 2025 तक क्रय किये गये बैटरी चलित मोटराईज्ड ट्रायसाइकिल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) द्वारा निर्धारित बैटरी चलित मोटराईज्ड ट्रायसाइकिल के संबंधित मूल्य सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। विभाग अंतर्गत संचालित ''मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना'' अंतर्गत दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार नि:शुल्क मोटराईज्ड ट्रायसाइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। योजनांतर्गत एक वर्ष पश्चात् गांरटी समाप्त होने पर बैटरी बदलने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
रोपे गये पौधों की जानकारी
[वन]
77. ( क्र. 1893 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत वन विकास निगम को कितने वन क्षेत्र में काम करने के लिये वन क्षेत्र आवंटित किया गया है एवं उक्त वन परिक्षेत्र में वन विकास निगम द्वारा कौन-कौन से कार्य किये गये अथवा कार्य किये जावेंगे? (ख) वर्ष 2018 से 2025 तक कितने क्षेत्र में वन विकास निगम द्वारा किस-किस प्रजाति के कितने पौधे लगाये गये एवं उक्त पौधे पर कितना खर्च किया गया? वर्षवार खर्च बतावें। (ग) वन विकास निगम द्वारा वर्ष 2018 से 2025 तक चेनल (ट्रेच) खुदाई एवं अन्य निर्माण कार्य किस प्रकार कराये गये एवं कितना खर्च हुआ? वर्षवार बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत वन विकास निगम द्वारा कितने पौधे लगवाये है एवं वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं एवं उन पौधों को लगाने में कितना खर्च हुआ है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत म.प्र. राज्य वन विकास निगम को कुल 3631.3 हे. वन क्षेत्र आवंटित किया गया है तथा उक्त क्षेत्रों में वृक्षारोपण तथा रख-रखाव कार्य किये गये हैं। (ख) वर्ष 2018 से 2025 तक म.प्र. राज्य वन विकास निगम लि. द्वारा कुल 39086.445 हे. वन क्षेत्र में निम्नानुसार वर्षवार कार्य किया गया हैः-
वित्तीय वर्ष |
प्रजाति |
पौधा संख्या |
राशि (रूपये) |
2018-19 |
सागोन/बांस/मिश्रित |
16037075 |
440445665 |
2019-20 |
सागौन/बांस/मिश्रित |
16382540 |
824536441 |
2020-21 |
सागौन/बांस/मिश्रित |
15067810 |
771993801 |
2021-22 |
सागौन/बांस/मिश्रित |
9043056 |
557672302 |
2022-23 |
सागौन/बांस/मिश्रित |
11820723 |
653374620 |
2023-24 |
सागौन/बांस/मिश्रित |
9922110 |
646543351 |
2024-25 |
सागौन/बांस/मिश्रित/शीशम/ मिलिया डूबिया |
11103838 |
565910122 |
योग |
|
89377152 |
4460476302 |
(ग) वर्ष 2018 से 2025 तक म.प्र. राज्य वन विकास निगम द्वारा चेनल (ट्रेच) खुदाई या निर्माण कार्य प्रोजेक्ट में स्वीकृत अनुसार कराये गये है एवं निम्नानुसार वर्षवार व्यय किया गया है:-
वित्तीय वर्ष |
चेनल (ट्रेंच) खुदाई पर व्यय की गयी (राशि रु में) |
अन्य निर्माण कार्य पर व्यय की गयी (राशि रु में) |
2018-19 |
10072900 |
8397363 |
2019-20 |
30060724 |
19445875 |
2020-21 |
39545200 |
57155155 |
2021-22 |
19031488 |
24365758 |
2022-23 |
20286119 |
33921827 |
2023-24 |
29181503 |
73028407 |
2024-25 |
30588483 |
19355892 |
योग |
178766417 |
235670277 |
(घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत म.प्र. राज्य वन विकास निगम द्वारा 6095917 पौधे लगाये गये है। वर्तमान में 5274292 पौधे जीवित हैं एवं पौधों को लगाने में राशि रूपये 321769460/- खर्च हुआ है।
जंगली जानवरों की देख-रेख
[वन]
78. ( क्र. 1894 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत वन परिक्षेत्रों में जंगली जानवरों की देखरेख किये जाने संबंधी क्या कार्य योजना है, खास तौर पर कृष्ण मृग" प्रजाती के लिये पीने के पानी के क्या इंतजाम है? (ख) आने वाले समय में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होने वाला है जिसके वन क्षेत्रों में पानी की समस्या एवं आगजनी जैसी घटनाएं होती है इनकी रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या उपाय करेगा बतावें। (ग) वन परिक्षेत्रों में आगजनी एवं पीने के पानी जैसी समस्याओं के कारण कई जंगली जानवर बसाहटों की ओर आएंगे जिसके कारण पालतू पशु एवं मानव जाति को नुकसान पहुंचेगा ऐसी समस्या से विभाग कैसे निपटेगा? (घ) उपरोक्तानुसार गत वर्षों में सियाघाट, हतलायघाट, आमला, सागोत्या, लिली के जंगलों से आग से जो नुकसान हुआ है उसकी पुनरावृत्ति न हो इसकी कोई कार्ययोजना है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन मण्डल क्षेत्रीय देवास अंतर्गत वन परिक्षेत्रों में पदस्थ अमले द्वारा वन्यप्राणियों की देखरेख एवं सुरक्षा संबंधित कार्य किया जाता है। कृष्णमृग प्रजाति एवं अन्य वन्यप्राणियों की पेयजल हेतु आवश्यकता अनुसार वन क्षेत्र में निर्मित सॉसर में टैंकरों से पानी की पूर्ति की जाती है एवं प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नदी नालों में पानी को बोरी बंधान, झिरी, चेकडेम द्वारा पानी को संरक्षित किया जाकर वन्यप्राणियों को पीने के पानी की व्यवस्था की जाती है। (ख) आने वाले समय में ग्रीष्म ऋतु के आगमन में वन्यप्राणियों की आवश्यकता अनुसार पेयजल हेतु वन क्षेत्र में निर्मित सॉसर में टैंकरों से पानी की पूर्ति की जाती है एवं प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नदी नालों में पानी को बोरी बंधान, झिरी, चेकडेम द्वारा पानी को संरक्षित किया जाकर वन्यप्राणियों को पीने के पानी की व्यवस्था की जाती है एवं आगजनी जैसी घटनायें होती है जिसकी रोकथाम हेतु भारतीय सर्वेक्षण संस्थान को वन अग्नि 3.0 पोर्टल से फायर अलर्ट से संबंधित कर्मचारी को प्राप्त होने पर कर्मचारी द्वारा नियंत्रण हेतु तत्काल कार्यवाही की जाती है। अग्नि घटना की रोकथाम हेतु वनक्षेत्रों में अग्नि पट्टी सफाई, जलाई कार्य एवं परिक्षेत्र में उपलब्ध गठित अग्नि दल, वन समिति सदस्यों एवं ग्रामीणों के सहयोग से आगजनी जैसी घटनाओं पर नियंत्रण किया जाता है। (ग) वन परिक्षत्रों के अंतर्गत आगजनी की घटना न हो इस हेतु विभाग द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाती है तथा वन्यप्राणी रहवासी क्षेत्र में आने की स्थिति में विभाग द्वारा टीम बनाकर मौके पर स्थिति अनुसार वन्यजीव को पुनः जंगल की ओर घेरा जाता है एवं ग्रामीणों को इस बाबत समझाईश भी दी जाती है तथा वन्यप्राणियों के पेयजल की व्यवस्था की जाती है। वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, जनघायल एवं पशुहानि होने पर मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग का आदेश क्र./एफ15-13/2007/10-2 दिनांक 29.04.2016 एवं संशोधित आदेश क्र./15-13/2007/10-2 दिनांक 10.12.2022 के प्रावधान अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाता है। (घ) वन परिक्षेत्र कन्नौद एवं खातेगांव अंतर्गत सियाघाट, हतलायघाट बीट सियाघाट आमला, सागौनिया एवं लिली में गत वर्षों में अग्नि घटना से कोई नुकसान नहीं हुआ है परन्तु अग्नि घटना न हो इस हेतु अस्थायी फायर केम्प एवं अग्नि सुरक्षा हेतु केम्प का संचालन किया जा रहा है, जिसमें तीन-तीन सुरक्षा श्रमिक कार्यरत है। वन परिक्षेत्र में अग्नि घटना की रोकथाम के लिए फायर लाईन का कार्य किया जाता है तथा फायर सीजन में लगातार निरीक्षण किया जाता है। उनमें से कचरा, सूखी पत्तियां आदि प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ को साफ किया जाता है ग्राम वन समिति व वन सुरक्षा समिति की बैठक के माध्यम से वनों को अग्नि से सुरक्षा के संबंध में समझाईश दी जाती है। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों, सुरक्षा श्रमिकों का फायर अलर्ट सिस्टम पोर्टल पर अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन कराया गया है। जिससे वन अग्नि घटना रोकने हेतु त्वरित कार्यवाही की जाती है।
पेयजल की आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
79. ( क्र. 1919 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम कस्बा, टोला, बस्तियां हैं जहां प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट व्याप्त होता है? बतलावें, सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थलों में पिछले वर्ष ग्रीष्म ऋतु में उत्पन्न पेयजल संकट के निवारण हेतु विभाग द्वारा कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य कराए गए? बतलावें। ग्रामवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें की आने वाली ग्रीष्म ऋतु में उत्पन्न होने वाले पेयजल संकट के स्थाई निवारण हेतु विभाग की कितनी लागत की क्या कार्य योजना है? (ग) पेयजल संकट के निवारण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा 1 अप्रैल, 2023 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां पर कब-कब हैंडपंप खनन की अनुशंसा की गई तथा की गई अनुशंसाओं से कहां-कहां पर कब-कब हैंडपंप खनन हुए तथा कहां-कहां के कौन से अनुशंसित स्थलों पर किन कारणों से हैंडपंप खनन विभाग द्वारा नहीं कराया गया बरतला में प्रश्न-दिनांक तक कहां-कहां पर हैंडपंप खनन किया जाना शेष है सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। ग्रीष्म ऋतु में उत्पन्न होने वाले पेयजल संकट के स्थाई निवारण हेतु विभाग द्वारा 22 एकल नलजल योजनाएं, जिनकी लागत रु. 20.952 करोड़ एवं विकासखण्ड रीठी की पेयजल समस्या के स्थाई निराकरण हेतु म.प्र. जल निगम मर्यादित की समूह योजना पवई-2 लागत रु. 270.25 करोड़ के कार्य प्रगतिरत हैं। ग्रीष्मकालीन संभावित अस्थाई पेयजल संकट के निवारणार्थ तात्कालिक उपायों हेतु विभाग की "ग्रीष्मकालीन कार्ययोजना'' में कटनी जिले के लिए रु. 280.78 लाख के प्रस्ताव सम्मिलित किए गए हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है, बहोरीबंद विधानसभा के अंतर्गत बरतला नाम से कोई राजस्व ग्राम नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
80. ( क्र. 1932 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में विभाग द्वारा जल जीवन मिशन में नल-जल योजना का कार्य कब प्रारंभ किया गया था तथा उक्त योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किन-किन एजेन्सी द्वारा किये गये हैं? कृपया तहसीलवार एवं ग्रामवार की जानकारी देते हुये प्राक्कलन की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) नल-जल योजना अंतर्गत ग्राम जिला एवं तहसील की सड़के खोदी गई है। यदि हाँ तो क्या विभाग द्वारा खोदी गई सड़के/मार्गों की लम्बाई एवं चौड़ाई, मेजरमेंट की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग द्वारा नल-जल योजना अंतर्गत सभी टोलो, मजरो, बस्तियों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिये पाइप लाइन तथा अन्य कार्य किये गये हैं? यदि हाँ तो कोई क्षेत्र पेयजल से वंचित तो नहीं रह गया है? कृपया अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त कंपनियों द्वारा किये गये कार्य तथा उसके किये गये भुगतान से संबंधित एम.बी. बुक, बिल वाउचर, कैशबुक, भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट भी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत दतिया जिले में विभाग द्वारा नलजल योजना का कार्य वर्ष 2020-21 से प्रारंभ किया गया था। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं समूह नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के प्राक्कलन की स्कैन-पीडीएफ प्रतियॉं के रूप में विभागीय वेबसाइट पोर्टल पर https://www.phed.mp.gov.in/en/ Downloads लिंक पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है। समूह जल प्रदाय योजनाओं में तहसीलवार एवं ग्रामवार प्राक्कलन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ख) जी हां। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत प्रश्नांकित, मेजरमेंट की माप पुस्तिकाओं में प्रविष्टियाँ अंकित हैं, जिनकी स्कैन-पीडीएफ प्रतियां विभागीय वेबसाइड पोर्टल पर https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads लिंक पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, वंचित टोलों, मजरों एवं बस्तियों में जल जीवन मिशन की गाइड लाइन प्रावधानों के अनुसार कार्य पुनरीक्षित योजनाओं में प्रस्तावित किए गए हैं, पुनरीक्षित योजनाएं परीक्षणाधीन हैं। भुगतान से संबंधित एम.बी. बुक (माप-पुस्तिका), बिल वाउचर, कैशबुक, भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट जानकारी विभागीय वेबसाइट https://www.phed.mp.gov.in/ en/Downloads पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है। म.प्र. जल निगम द्वारा दतिया जिले के 141 ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन जल जीवन मिशन मार्गदर्शिका अनुसार ही किया गया है, जल जीवन मिशन से पूर्व स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं अंतर्गत सम्मिलित मजरें, टोलों को रेट्रोफिटिंग योजना का कार्य कर शत-प्रतिशत आच्छादन करने का कार्य किया जा रहा है, समूह योजनाओं में भुगतान से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अनियमितताएं
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
81. ( क्र. 1933 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1047 दिनांक 14/2/2024 में दी गई जानकारी के अनुसार सामूहिक विवाह कार्यक्रम में वित्तीय अनियमिततायें किये जाने और गुणवत्ताविहीन सामग्री दिये जाने के संबंध में जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही करने का उल्लेख किया गया। कृपया बतायें कि क्या जांच हो चुकी है। यदि हाँ तो प्रतिवेदन प्रदाय करें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ख) उक्त संबंध में तत्कालीन कलेक्टर दतिया द्वारा पत्र कमांक/क्यू/ स्टेनो/पीएफ/2022/5419 दतिया दिनांक 17/08/2022 एवं पत्र क्रमांक/क्यू/कले./ मु.मं.क.वि.यो/ जॉच/ 2023/992 दतिया दिनांक 10/07/2023 द्वारा शासन को दोषी अधिकारियों के संबंध में अनियमितता और गड़बडियां करने के बावजूद शासन द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की गई? क्या शासन द्वारा भ्रष्ट अधिकारी को बचाया जा रहा है? यदि हाँ तो क्यों? कारण सहित दोषियों के नाम, पद एवं पता बतायें। (ग) क्या शासन की मंशा भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की है? यदि हाँ तो कारण सहित बतायें और यदि नहीं तो उक्त दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उक्त संबंध में विधानसभा को असत्य जानकारी किस अधिकारी के द्वारा दी गई है? कृपया अधिकारी का नाम, पद, पता सहित बतायें कि भ्रष्टाचार के तथ्यों और साक्ष्यों को छुपाने तथा दोषी अधिकारियों को बचाने के संबंध में जानकारी देने वाले अधिकारी के विरूद्ध भी विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बतायें और यदि हाँ तो कब तक?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1047 दिनांक 14.02.2024 में भेजी गई जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री कन्या विवाह आयोजन में कन्याओं को सहायता राशि का चैक वितरण हेतु राशि का अग्रिम आहरण किया गया था जिसमें कोई वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई थी एवं सामग्री गुणवत्ता आधार पर परीक्षण कर सामग्री की अंतर राशि रूपये 5250/- की आई.एस.आई. मार्क वाली पैर वाली सिलाई मशीन कन्याओं को वितरित कर संतुष्टि प्रमाण-पत्र प्राप्त किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इस संबंध में कलेक्टर जिला दतिया के पत्र क्रमांक/1027 दिनांक 12.02.2024 द्वारा प्राप्त अतिरिक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) उक्त संबंध में तत्कालीन कलेक्टर जिला दतिया के प्रेषित पत्रों पर विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 1371/सामा.-/22/वि-15/शिका./2024, दिनांक 06/03/2025 द्वारा प्रेषित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार।
पेयजल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
82. ( क्र. 1936 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत शुद्ध पेयजल आपूर्ति किये जाने हेतु जल जीवन मिशन में कितनी योजनाएं वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में स्वीकृत की गई थी? योजनावार स्वीकृत वर्ष, राशि, सम्मिलित ग्रामों की संख्या एवं पूर्णता की समय-सीमा क्या थी? योजनवार पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत योजनाओं का निर्माण कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया गया एवं किस दिनांक को पूर्ण किया गया? जानकारी देवें। समय-सीमा के अंदर कितनी योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया कितनी योजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया? पूर्ण न होने का कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पूर्ण पेयजल योजनाओं में कौन-कौन सी योजनाओं से पेयजल आपूर्ति की जा रही है? सूची उपलब्ध करायें। कौन-कौन सी योजनाएं बंद पड़ी हैं? बंद होने का कारण सहित सूची उपलब्ध करायें। कितनी योजनाओं का पुनरीक्षित प्राक्कलन स्वीकृति हेतु शासन को भेजा गया था? प्राक्कलन राशि सहित सूची उपलब्ध करायें। कितनी योजनाओं के पुनरीक्षित प्राक्कलन राशि की स्वीकृति प्रदान की गई? योजनावार स्वीकृत राशि सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितनी योजनाओं की स्वीकृति राशि एवं पुनरीक्षित स्वीकृत राशि में कुल व्यय की राशि कितनी है? व्यय राशि का विवरण योजनावार देवें। निर्मित ओवर हैड टेंक गुणवत्ताविहीन होने के कारण विकासखण्ड कुसमी के कुन्दौर, गोतरा, भदौरा एवं भुईमाड़ विकासखण्ड सीधी के शिवपुर्वा नं. 2, कमर्जी, उपनी, धुम्मा, खाम्ह, बटौली, पिपरोहर आदि के टंकी से पानी का रिसाव होता है? निर्धारित मापदण्ड की गहराई में पाइप लाइन बिछाने का कार्य नहीं किया गया है? क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जांच करायेंगे? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार एवं समूह जल प्रदाय योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) स्वीकृत योजना के निर्माण एवं पूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 03 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, पुनरीक्षित योजनाएं प्रश्न दिनांक की स्थिति में परीक्षणाधीन हैं। समूह योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। पुनरीक्षित योजनाएं परीक्षणाधीन हैं, परीक्षणोपरांत पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के लिए कार्यवाही की जाना प्रावधानित है। निर्मित ओव्हरहेड टैंक गुणवत्ताविहीन नहीं है। विकासखण्ड कुसमी के कुन्दौर, गोतरा, भदौरा एवं मुईमांड में रिसाव (लीकेज) नहीं है, अपितु टंकी टेस्टिंग के दौरान पाए गए सीपेज को ठीक करके टंकी भराव कर पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। इसी प्रकार विकासखण्ड सीधी के शिवपुरवा नं.2, कमर्जी, उपनी, धुम्मा, खाम्ह, बटौली, पिपरोहर में भी टंकी टेंस्टिंग का कार्य पूर्ण कर पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में ओव्हरहेड टैंक में रिसाव (लीकेज) की स्थिति नहीं है। पाइप लाइन की गहराई निर्धारित मापदण्ड अनुसार है, कतिपय स्थानों पर जमीनी स्थिति (कड़े/चट्टानी स्ट्रेटा, इत्यादि) को दृष्टिगत रखते हुए गहराई कम/ज्यादा की जाती है तथा पाइप की सुरक्षा के लिए यथोचित तकनीकी उपाय किए जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावास की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 1937 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय कुसमी में पोस्ट मैट्रिक बालक एवं बालिका छात्रावास की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? समय-सीमा बतायें। (ख) सीधी जिले के अंतर्गत आदिवासी छात्रावास गिजवार का भवन क्षतिग्रस्त है? छात्रावास भवन की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी? (ग) सीधी जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय मड़वास में पोस्ट मैट्रिक बालक एवं बालिका छात्रावास की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (घ) सीधी जिले के अंतर्गत आदिवासी विकासखण्ड कुसमी में शासकीय हाई स्कूल कुन्दौर में आदिवासी छात्रावास की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सीधी जिले अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयीन कन्या छात्रावास कुसमी संचालित है। महाविद्यालयीन बालक छात्रावास कुसमी का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ख) आदिवासी छात्रावास गिजवार का भवन क्षतिग्रस्त होने से भवन मरम्मत का कार्य वर्ष 2023-24 में स्वीकृत किया जाकर पूर्ण कराया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांकित छात्रावास स्वीकृति का कोई प्रस्ताव नहीं है।
वनग्राम की भूमि हस्तांतरित
[वन]
84. ( क्र. 1963 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25.5.1962 के राजपत्र में रायसेन जिले के किस वनग्राम के हस्तानान्तरण की अधिसूचना प्रकाशित की गई? उसमें से किस ग्राम की कुल कितनी भूमि राजस्व विभाग को किस दिनांक को हस्तानांतरित की गई? अधिसूचित किस ग्राम को प्रश्नांकित दिनांक तक भी किन कारणों से हस्तानांतरित नहीं किया? (ख) दिनांक 25.5.1962 को हस्तानांतरण के लिये अधिसूचित वनग्रामों की कितनी भूमि को राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धारा 20 एवं धारा 29 के अनुसार किस-किस दिनांक को अधिसूचित किया, किस वनग्राम में कितनी भूमि के पट्टे वन विभाग ने किस वनग्राम नियम के अनुसार बांटे? (ग) रायसेन वन मण्डल दिनांक 25.5.1962 को अधिसूचित ग्राम गीदगढ़ को किस आधार पर वर्तमान में वनग्राम तथा ग्राम गीदगढ़ की भूमि को आरक्षित वन या संरक्षित वन भूमि प्रतिवेदित कर रहा है? (घ) ग्राम गीदगढ़ की किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर किस किसान के काबिज होने की जानकारी वनमण्डल ने किस दिनांक को प्रेषित की है? प्रेषित पत्र की छायाप्रति सहित जानकारी दी जाय।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 25.05.1962 में वर्णित ग्रामों को भारतीय वन अधिनियम, 1927 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित नहीं किया गया है। अपितु नवाब भोपाल के ऐलान नं 3 दिनांक 12.01.1916 से जंगल मेहफूज खास को पूर्व से ही आरक्षित वन माना गया है, जिसे भारतीय वन अधिनियम, 1927 की संशोधित धारा -20 'अ' (संशोधन दिनांक 20.03.1965) के तहत मान्य किया गया है तथा शेष अवर्गीकृत वनभूमि है। राजस्व विभाग को हस्तांतरित वनग्रामों के समस्त अभिलेख राजस्व विभाग को सौंपे जाने के कारण पट्टों से संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 25.05.1962 में अंकित वनग्राम गीदगढ़ को दिनांक 31.08.1976 को राजस्व विभाग को हस्तांतरित ग्राम है। तत्समय उक्त भूमि का भारतीय वन अधिनियम, 1927 की सुसंगत धाराओं में डिनोटिफिकेशन नहीं होने से वैधानिक स्वरूप 'वन' है। वर्तमान में प्रचलित कार्य-आयोजना अनुसार उक्त भूमि अवर्गीकृत वन के रूप में प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
ऑफ लाइन खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
85. ( क्र. 1964 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र फरवरी 2024 में पूछे गये प्रश्न कमांक 1448 दिनांक 14.02.24 के उत्तर में अशोकनगर जिले में पीएमजीवाय योजनान्तर्गत खाद्यान का ऑफलाईन वितरण में गंभीर अनियमिततायें करने की आरोपी मनोरमा कौशिक जे.एस.ओ. के विरूद्ध की गई शिकायत की जांच संचालनालय के अधिकारी से एक माह में कराने संबंधी दिये आश्वासन के पालन में क्या खाद्य संचालनालय के आदेश क्रमांक 1806 भोपाल दिनांक 26/03/2024 से नियुक्त किये शिकायत जांच दल ने उक्त शिकायत की जांच पूर्ण कर ली गई है? जाँच में किसे दोषी पाया तथा उसके विरूद्ध आज तक क्या कार्यवाही की गई? प्रतिवेदन की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायी जाये। यदि जांच अभी पूर्ण नहीं हुई तो विलम्ब के क्या कारण हैं, कब तक जाँच पूर्ण कर ली जायेगी? (ख) क्या जिले में पीएमजीवाय योजना में वर्ष 2020-21 खाद्यान के ऑफलाईन वितरण की मात्रा की वसूली वास्तविक आरोपियों से न कर आरोपित संस्थाओं द्वारा संलग्न शा.उ.मू.दु. से कमीशन की वसूली की जा रही है? इस प्रकार अन्य संस्था, पदाधिकारी से वसूली की जाना क्या वैधानिक है? यदि नहीं तो क्या शासन निर्दोषों से वसूली गयी राशि वापस करायेंगे व एफ.आई.आर. दर्ज कराकर तथा वास्तविक दोषियों से वसूली करायेगा? यदि हाँ तो प्रकरण की वास्तविक दोषियों की पूर्ण जानकारी नाम/संस्था सहित दी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत संस्था मार्केटिंग सोसायटी ईसागढ, सेवा सह.सं. पिपरिया के विक्रेताओं ने मा.उच्च न्या. में प्रस्तुत याचिकाओं में फर्जी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर एकपक्षीय स्थगन प्राप्त करने संबंधी प्रकरण में राजीव जैन की शिकायत की छायाप्रति सहित स्थगन समाप्त करने हेतु की गई कार्यवाही की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाये। जिला खाद्य कार्यालय अशोकनगर में वर्तमान में पदस्थ अधिकारी का नाम व कब से पदस्थ हैं तथा इन अधिकारियों को आवंटित कार्य की पूर्ण जानकारी नाम, पदनाम सहित उपलब्ध करायी जाय।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजना एवं हैंडवाश यूनिट की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
86. ( क्र. 1979 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत जल जीवन मिशन योजना के तहत किए गए कार्य तथा नल-जल योजना अन्तर्गत पेयजल संबंधित तथा हैंडवाश यूनिट स्थापना के कार्य पूर्ण कर लिए गए है यदि हाँ तो किस-किस स्थान पर नल-जल योजना अन्तर्गत सम्पूर्ण कार्य कर लिया गया है। हैंडवाश यूनिट की वर्तमान स्थिति क्या है? कृपया ग्रामवार, केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या नल-जल योजना में एवं हैंडवाश यूनिट का कार्य अत्यन्त निम्न गुणवत्ता का है? यदि हाँ, तो निम्न गुणवत्ता का कार्य करने वाले कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी है? विभाग द्वारा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में खनित नल कूप में किस-किस स्थान पर मोटर पंप स्थापित/ प्रदाय किए गए तथा किन-किन स्थानों पर हैण्डपंप स्थापित किए गए? ग्रामवार, स्थलवार जानकारी प्रदाय किए गए। (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में विधानसभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में क्या कोई ऐसा स्थल है जहां पर नल कूप खनित किया गया है, किंतु मोटर पंप अथवा हैण्ड पंप स्थापित नहीं किए गए? क्यों नहीं किए गए? कारण सहित ग्रामवार, स्थलवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हां, एकल नलजल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा राजौंद समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित कुल 40 ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है, ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। हैंडवॉश यूनिट संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। जी नहीं, नलजल योजना एवं हैण्डवॉश यूनिट का कार्य निर्धारित गुणवत्ता का किया जाकर एकल ग्राम नल-जल योजनाएं एवं हैंडवॉश यूनिट संबंधित संस्थाओं को हस्तांतरित किए गए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में समस्त खनित सफल नलकूपों पर आवश्यकता अनुसार हैंडपंप/मोटर की स्थापना की जा चुकी है। किसी भी खनित सफल नलकूप पर हैंडपंप अथवा मोटर पंप की स्थापना शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोकसेवकों की पदस्थापना
[वन]
87. ( क्र. 1985 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग में 2022, 2023, 2024 प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले के समस्त वन विभाग में किस-किस पद पर अधिकारी एवं कर्मचारियों की पदस्थापना कितने-कितने वर्ष से कहाँ-कहाँ है? पदस्थापना दिनाँकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वन विभाग के किस-किस कार्यालय में किसी किस पद कितने-कितने कर्मचारी अटैचमेंट के माध्यम से अपनी सेवा दे रहे हैं? अटैचमेंट के नियम की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। वन विभाग में जिले के समस्त कार्यालयों में किस-किस पद पर कितने प्रभारी अधिकारी अपनी सेवा दे रहे हैं सेवा दे रहे अधिकारियों के वरिष्ठता सूची उपलब्ध करावें साथ ही यह भी बताये के किस नियम के आधार पर प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति की गई? (ग) दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट में कौन अधिकारी कब से पदस्थ है तथा नियुक्ति दिनांक से उन्होंने कब-कब, कहां-कहां अपनी सेवाएं दी है? संपूर्ण सेवाकाल में उनके खिलाफ कितनी शिकायत संपूर्ण रूप से प्राप्त हुई उनका निराकरण किस आधार पर हुआ? सत्यापित प्रतिलिपि सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित अधिकारी द्वारा अधीनस्थ कर्मचारियों को किस-किस कार्य में कार्य करने हेतु आदेश किया गया है? संपूर्ण अधीनस्थ/कर्मचारियों की पदस्थापना आदेश सहित कार्यरत संस्था में दिए गए आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वन विभाग में कोई भी कर्मचारी अटैचमेंट के माध्यम से सेवा नहीं दे रहे हैं। अटैचमेंट के संबंध में कोई नियम उपलब्ध नहीं है। प्रभारी अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 (अ) में है। प्रभारी अधिकारियों की वरिष्ठता पृथक से नहीं बनाई गई है। उच्च पद का प्रभार देने से संबंधित आदेश दिनांक 08.08.2023 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 (ब) में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 में है। (घ) जानकारी निरंक है ।
क्षेत्रीय अधिकारी की शिकायतों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
88. ( क्र. 1986 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय छिंदवाड़ा के क्षेत्रीय अधिकारी के विरुद्ध उनके पूरे सेवाकाल में प्राप्त शिकायतों की जांच कभी विभागीय स्तर पर या ईओडब्लू द्वारा की गई है? समस्त शिकायतों, जांच और की गई कार्यवाही का उल्लेख करते हुए विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अपने सेवा काल में किन-किन स्थानों पर किन पदों पर किस अवधि में पदस्थ रहें हैं? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) क्या उपरोक्त अधिकारी को पीएचडी करने हेतु विभाग द्वारा अनुमति और अवकाश प्रदान किया गया था? अगर हाँ तो अनुमति की प्रति और अवकाश की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (घ) उक्त अधिकारी द्वारा पिछले तीन वर्षों में जारी समस्त पर्यावरणीय सम्मति की विस्तृत सूची उपलब्ध करावें और इस सूची में उनके द्वारा इकाइयों के किए गए निरीक्षण की दिनांक और समय का उल्लेख अवश्य करने का कष्ट करें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हां। दो दिवस का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
अधिकारी/कर्मचारियों के संलग्नीकरण के नियम
[जनजातीय कार्य]
89. ( क्र. 1994 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सहायक आयुक्त कार्यालय सिवनी एवं जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों में शैक्षणिक संवर्ग के कितने प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक कार्यरत है? नाम व पदनाम एवं संलग्नीकरण की तिथि सहित विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्यालयों में शैक्षणिक संवर्ग के प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षकों को संलग्न किया गया है? यदि हां, तो किस नियम एवं आदेश के तहत प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या जनजातीय कार्य विभाग में शैक्षणिक वर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को संलग्न कर शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कार्य लिये जाने के नियम है? यदि हां, तो विवरण दें, यदि नहीं तो क्या संलग्न शैक्षणिक संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को मूल पद/संस्था में वापिस पदस्थ करने की कार्यवाही विभाग करेगा? यदि हां, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यालयों में विभागीय स्तर पर अधिकारी/कर्मचारी उपलब्ध होते हुये भी शैक्षणिक संवर्ग के कितनी अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है, कार्यालयवार सूची उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में सहायक आयुक्त कार्यालय सिवनी एवं जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों में शैक्षणिक संवर्ग के प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक संलग्न नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावासों में मिलने वाली सुविधाएं
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 1996 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत कितने एवं कौन-कौन से जनजाति कार्य विभाग द्वारा कन्या छात्रावास एवं बालक छात्रावास संचालित है? नामवार, विधानसभावार जानकारी दी जावें। (ख) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त छात्रावासों में शासन द्वारा दिये आवंटन से कितनी-कितनी राशि का किस-किस कार्य हेतु व्यय किया गया, छात्रावासवार जानकारी दी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में व्यय की गई राशि का परीक्षण एवं भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन-कौन रहे, उनके पद सहित नाम बताएं? क्या देयकों/व्हाउचरों का भण्डर क्रय नियमों के तहत आहरण अधिकारी द्वारा अवलोकन कर भुगतान की कार्यवाही की गई? यदि हां, तो विवरण बताएं। (घ) सिवनी जिले में संचालित छात्रावासों में बच्चों के निवास के दौरान प्रतिदिन नाश्ता व खाना कितना-कितना दिया जाता है तथा नियमित रूप से उनका डॉक्टर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है या नहीं? जानकारी दी जावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) छात्रावासों में बच्चों को प्रतिदिन नाश्ता एवं दोनों समय का खाना निर्धारित मीनु अनुसार दिया जाता है। नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है।
सरकारी खाद्य समितियों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 2000 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कितनी सरकारी समितियां है? इनमें कुल कितनी पीडीएस की दुकानें संचालित है इन पर किसी कर्मचारी द्वारा खाद्यान्न का वितरण किया जाता है, वितरण मशीन किसके अंगूठे से संचालित है, उसे कितनी वेतन दी जाती है? नाम एवं पद सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त दुकानें समिति के स्वयं के भवन में है अथवा किराए के भवन से संचालित हो रही हैं यदि किराए के भवन से संचालित हो रही है तो भवन मालिक के साथ हुए अनुबंध की छायाप्रति एवं किराया भुगतान संबंधी मासिक जानकारी हेतु आवश्यक दस्तावेज की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त दुकानों में मशीन के स्टॉक एवं फिजिकल स्टॉक में भारी मात्रा में अंतर है यदि हाँ तो प्रशासक एवं खाद्य विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कदम उठाए गए, की गई कार्रवाई से अवगत करायें, यदि प्रशासक एवं खाद्य विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसके क्या कारण है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित जिले में कुल 653 सहकारी समितियां हैं जिसमें से 113 सहकारी समितियों द्वारा 238 उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं। इन दुकानों पर संस्था द्वारा नियुक्त विक्रेता द्वारा खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। विक्रेता के अंगूठे से दुकानें संचालित हो रही हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकानों में से 238 शासकीय उचित मूल्य दुकानों में से 83 उचित मूल्य दुकानें स्वयं के भवन में संचालित हैं, जबकि 155 दुकानें किराये के भवन में चल रही हैं। 21 दुकानों द्वारा अनुबंध कराया गया है जिसकी छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शेष शासकीय उचित मूल्य दुकानों के साथ अनुबंध की कार्यवाही हेतु सहायक आयुक्त, सहकारिता, जिला दतिया के पत्र क्रमांक 727 दिनांक 27.12.2024 एवं पत्र क्रमांक 145 दिनांक 05.03.2025 के द्वारा प्रबंधक/प्रशासक को पत्र जारी किया गया है। भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) उचित मूल्य दुकानों में पीओएस मशीन में दर्ज स्टॉक एवं भौतिक रूप से उपलब्ध स्टॉक के सत्यापन हेतु राजस्व, खाद्य, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, नागरिक आपूर्ति निगम एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के दल गठित किये गये है। गठित दल द्वारा उक्त संबंध में जांच की जा रही है। अंतर पाये जाने पर संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध प्रकरण निर्मित कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
हैण्डपंप लगाए जाने हेतु निर्धारित लक्ष्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
92. ( क्र. 2004 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना विधान सभा अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में हैण्डपंप लगाए जाने हेतु कितना लक्ष्य विभाग को प्राप्त हुआ था? उसके विरूद्ध कितने हैण्डपंप क्षेत्र में लगाए गए है? स्थलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पन्ना विधानसभा अन्तर्गत हैण्डपंप लगाए जाने हेतु कितने पत्र पी.एच.ई. विभाग पन्ना को प्राप्त हुये है? उनमें से कितने स्थलों पर विभाग द्वारा हैण्डपंप लगाए गये है? कितने शेष है? कब तक शेष स्थलों पर हैण्डपंप लगाए जावेंगे? यदि नहीं तो कारण सहित स्थलवार बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्य नहीं दिए जाते हैं, तथापि पन्ना जिले हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 हेतु क्रमशः 95 एवं 75 नलकूप खनन का लक्ष्य जारी किया गया, जिसके अंतर्गत विधानसभा पन्ना अंतर्गत लगाए हैंडपंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) 15 पत्र प्राप्त हुए। प्राप्त पत्रों में 99 स्थलों पर हैंडपंप लगाने हेतु लेख किया गया है, विभागीय मापदंड एवं संबंधित ग्रामों में विद्यमान पेयजल व्यवस्था के परीक्षणोपरांत 13 स्थलों पर हैंडपंप लगाए गए, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
लंबित मानदेय का भुगतान
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
93. ( क्र. 2005 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अन्तर्गत उद्यानिकी विभाग में विभिन्न संवर्गवार कुल कितने पद स्वीकृत है एवं कितने पद भरे हुए है? क्या पन्ना जिले में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के स्वीकृत 17 पदों में से केवल 11 पद भरे हुए है? पद रिक्त होने से उद्यानिकी योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो रिक्त पदों की पद पूर्ति कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) पन्ना जिला अन्तर्गत उद्यानिकी विभाग में लगे हुए कितने स्थायीकर्मी एवं अस्थायी कर्मी का मानदेय का भुगतान हेतु लंबित है? कब तक उनके मानदेय का भुगतान किया जावेगा?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। पन्ना जिले में पदस्थ अमले के द्वारा समस्त विकासखण्डों में उद्यानिकी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वर्तमान में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के सीधी भर्ती के 114 पदों को भरने हेतु मांग पत्र पीईबी को दिनांक 30.12.2024 को भेजा गया है। (ख) कोई लंबित भुगतान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन संरक्षण अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही
[वन]
94. ( क्र. 2018 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डीएमओ को वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत 80-ए के तहत कार्यवाही करने के अधिकार है? यदि हाँ तो फिर अल्ट्राटेक सीमेंट मैहर द्वारा वन भूमि पर बलात कब्जा कर पक्के निर्माण किये जाने के बाद भी अभी तक 80-ए के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) फरवरी में पी.ओ.आर. कटने के बाद से लेकर अभी तक अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री मैहर के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पदनाम का कोई पद वन विभाग में नहीं है। वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 में मात्र 05 धारायें हैं, अतः धारा 80 (अ) के तहत कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पूर्ववर्ती लीजधारक मेसर्स मैहर सीमेंट (सेंचुरी टेक्सटाईल एंड इंडस्ट्री लिमि.) कम्पनी द्वारा लीज क्षेत्र के अतिरिक्त 27.9 हेक्टेयर वनभूमि पर बिना अनुमति के निर्माण कार्य किया गया था। उक्त अतिक्रमण का उल्लेख वर्ष 1983-84 की कार्य आयोजना में है। वर्तमान लीजधारक मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेन्ट लि. यूनिट सरलानगर, मैहर के स्वीकृति से अधिक अधिपत्य की भूमि के बाबत् वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत भारत सरकार के परिवेश पोर्टल पर नियमितीकरण हेतु आवेदन देने के कारण शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध ब्यूरो में दर्ज प्रकरण
[वन]
95. ( क्र. 2019 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग में कितने आई.एफ.एस. और सहायक वन संरक्षक के खिलाफ लोकायुक्त, राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो ने जांच कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किए है और कितने प्रकरणों में विभागीय जांच चल रही है? नाम और पदनाम सहित बतावें। (ख) क्या वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव की बैतूल और बालाघाट की यात्रा के दौरान डी.एफ.ओ. और सी.एफ. की शिकायत मिली थी? इन शिकायतों की जांच किस अधिकारी द्वारा कराई जा रही है? (ग) कितने आई.एफ.एस. और एस.एफ.एस. के विरूद्ध जांच प्रतिवेदन आने के बाद अंतिम निर्णय लेने के लिए राज्य शासन के पास लंबित है? जांच प्रतिवेदन आने के बाद निर्णय नहीं होने की वजह से किन-किन अधिकारियों को प्रमोशन नहीं मिल पाया है? उनके नाम और पदनाम सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्तमान में वन विभाग में 02 सहायक वन संरक्षक श्री गोपाल सिंह मुवेल एवं श्री विजय मोरे के विरुद्ध लोकायुक्त कार्यालय द्वारा माननीय विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये है। भारतीय वन सेवा के 15 एवं सहायक वन संरक्षक के 12 अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हां। बैतूल वृत्त के प्रवास के दौरान तत्कालीन वन संरक्षक, सामाजिक वानिकी वृत्त बैतूल की शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत की जांच समिति गठित कर कराई गई है। जांच पूर्ण होकर शिकायत नस्तीबद्ध की गई है। बालाघाट वृत्त के अंतर्गत वनमण्डलाधिकारी के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त होने पर मुख्य वन संरक्षक बालाघाट द्वारा समिति गठित कर जांच कराई जा रही है। (ग) 10 भारतीय वन सेवा एवं 06 सहायक वन संरक्षकों के विरूद्ध जांच प्रतिवेदन आने के बाद अंतिम निर्णय लेने के लिए राज्य शासन के पास प्रक्रिया में हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
लेखा परीक्षा उत्तीर्ण कर्मियों को पदोन्नति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 2043 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह [श्री कैलाश कुशवाहा] : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, खाद्य विभाग की अधिसूचना दिनांक 24.06.1999 एवं ब्रह्मस्वरूप समिति की अनुशंसा आदेश 2006 द्वारा लेखा प्रशिक्षित सहायक ग्रेड-3 से लेखापाल के पद पर पदोन्नति का लाभ वर्ष 2000 से निरंतर लेख किये जाने के पश्चात मध्यप्रदेश राज्य खाद्य आयोग के कर्मचारी जो कि वर्ष 1998 से लेखा परीक्षा उत्तीर्ण हैं, उन्हें क्या प्रश्न दिवस तक पदोन्नति का लाभ दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांकित राज्य खाद्य आयोग में लेखा परीक्षा उत्तीर्ण कर्मचारी होने के बाद भी संचालनालय में किन-किन अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों से लेखा संबंधी वित्तीय लेन-देन संबंधी कार्य सौंपा गया है अथवा कराया जा रहा है, क्यों? (ग) मध्यप्रदेश राज्य खाद्य आयोग अथवा संचालनालय में कब-कब, किन-किन कर्मचारियों ने वांछित पदोन्नति, वित्तीय अनियमितताएं होने, शासकीय धन के गबन किये जाने आदि की शिकायतें विभाग को कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांकित राज्य खाद्य आयोग में कार्यरत कर्मचारियों की वर्ष 2023-24 की चल-अचल संपत्ति का विवरण प्रदान करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। अराजपत्रित सेवा भर्ती नियम 1989 में उच्च श्रेणी लिपिक/अभिलेखापाल (लेखा प्रशिक्षण उत्तीर्ण) कर्मियों को लेखापाल के पद पर पदोन्नति का प्रावधान होने से पदोन्नत नहीं किया गया। (ख) संचालनालय में लेखा संबंधी वित्तीय लेन-देन संबंधी कार्य वित्त विभाग से नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री विष्णुबालक कुशवाहा सहायक ग्रेड-2 द्वारा दिनांक 18.04.2024, दिनांक 03.05.2024, दिनांक 08.05.2024 एवं दिनांक 24.05.2024 कुल 04 शिकायतें संचालनालय अन्तर्गत प्राप्त हुई है। उक्त शिकायतों की प्रकृति सामान्य होने के कारण जांच दल गठित कर जांच प्रतिवेदन आगामी कार्यवाही हेतु संचालनालय में स्थापना शाखा को प्रस्तुत किया गया है। (घ) राज्य खाद्य आयोग में कार्यरत कर्मचारी आउटर्सोस से पदस्थ होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न की काला बाजारी एवं वसूली
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
97. ( क्र. 2052 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर अनुविभाग छतरपुर में प्रकरण क्रमांक 2530/2022-23 आदेश दिनांक 07.02.2023 एवं जिला आपूर्ति विभाग में प्रकरण क्रमांक 812 आदेश दिनांक 12.10.2023 के आदेशों में दुकान कोड 2301017 एवं 2301081 एवं 2301084 के किस-किस दुकान संचालक द्वारा कितने खाद्यान्न की कालाबाजारी करने का उल्लेख किया था? (ख) क्या दुकान कोड 2301017 में गेहूं 9.12 क्विंटल एवं अन्य सामग्री की कालाबाजारी करने पर दुकान को निलंबित एवं एफ.आई.आर. एवं वसूली के आदेश एवं दुकान कोड 2301084 में गेहूं 75.88 क्विंटल की कालाबाजारी करने पर दुकान वसूली के आदेश पारित किया था एवं दुकान 2301081 के संचालक द्वारा कालाबाजारी न करने पर भी दुकान को निरस्त कर दिया था? (ग) यदि हाँ तो क्यो दुकान कोड 2301084 के संचालक पर एफ.आई.आर. एवं दुकान निलंबित नहीं की गई एवं दुकान कोड 2301017 के संचालक एवं एफ.आई.आर. एवं दुकान को निलंबित किया एवं दुकान कोड 2301081 को निलंबित किया था? (घ) क्यों दुकान कोड 2301081 के अस्तित्व विलुप्त कर पात्रता धारी को 2301082 में परिवर्तित किया था एवं क्यों दुकान कोड 2301077 एवं 2301107 में 2000 से अधिक पात्रता धारी होने पर दुकान कोड 2301081 में परिवर्तित या उपभोक्ताओं को सुविधा की दृष्टि से उक्त दुकान के मध्य दुकान खोलने के आदेश पारित नहीं किया था? (ड.) क्या उक्त प्रश्न के उपरांत जिला आपूर्ति अधिकारी से आयुक्त खाद्य तक के अधिकारियों के संज्ञान में आने के उपरांत सक्षम अधिकारी दुकान संचालक के आवेदन पर उपभोक्ताओं को सुविधा की दृष्टि से दुकान संचालक को घर-घर पीओएस मशीन ले जाकर खाद्यान्न वितरण करने के आदेश पारित कर सकता है? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां, दुकान कोड क्रमांक 2301017 के संचालक द्वारा गेहूं 9.12 क्विंटल, मूंग दाल 1.2 क्विंटल एवं मोटा अनाज 01 किलोग्राम का अपयोजन करने के कारण उक्त दुकान को निलंबित कर एफ.आई.आर. दर्ज करने एवं वसूली के आदेश अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आदेश पारित किया गया था। वार्ड क्रमांक 06 स्थित दुकान कोड क्रमांक 2301081 द्वारा राशन सामग्री का उठाव न करने के कारण वार्ड क्रमांक 09 स्थित नजदीकी दुकान क्रमांक 2301084, जो कि प्रियंका महिला प्राथमिक उपभोक्ता भण्डार द्वारा संचालित थी, पर संलग्न किया गया था। अंतिम आदेश में दुकान क्रमांक 2301081 को जारी प्राधिकार पत्र को निरस्त किया गया था। उचित मूल्य दुकान कोड 2301084 में गेहूं 75.88 क्विंटल की कालाबाजारी करने पर वसूली का आदेश मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 की कंडिका 16 (6) के तहत पारित किया गया था। (ग) उचित मूल्य दुकान कोड 2301084 में गेहूं 75.88 क्विंटल की कालाबाजारी करने पर वसूली का आदेश मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 की कंडिका 16 (6) के तहत पारित किया गया था, परन्तु इसमें एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करायी गयी थी एवं न ही इसे निलंबित किया गया था। इस संबंध में कलेक्टर से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्राप्त किया जायेगा। दुकान कोड क्रमांक 2301081 को सामग्री का उठाव न करने के कारण निलंबित किया गया था। उसे बाद में निरस्त कर दिया गया था। (घ) दुकान क्रमांक 2301081 के प्रकरण में निरस्ती उपरांत उपभोक्ताओं को नजदीकी दुकान क्रमांक 2301082 में संलग्न करने का आदेश पारित किया गया था। दुकान कोड 2301077 एवं 2301107 के संबंध में कोई प्रकरण प्रचलित नहीं होने से एवं उपभोक्ताओं को कोई असुविधा होने संबंधी तथ्य प्रकाश में नहीं आने से उपभोक्ताओं को परिवर्तित कर अन्य दुकानों में संलग्न करने का प्रश्न नहीं उठता है। (ड.) जी नहीं। वर्तमान में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। पात्र परिवार स्वेच्छा से पोर्टेब्लिटी के माध्यम से किसी भी दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है।
नल-जल योजना एवं पेयजल समस्या
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 2086 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला मुरैना अंतर्गत पेयजल व्यवस्था हेतु नवीन बोरवेल खनन कराए जाने वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ? कितने बोर कहां-कहां खनन कराए गए? गत वर्ष एवं वर्तमान वर्ष की जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध कराएं। (ख) जिला मुरैना अंतर्गत पाइप, सबमर्सिबल पंप एवं अन्य सामग्री क्रय किए जाने हेतु कितनी राशि व्यय की गई एवं क्या-क्या सामग्री किस-किस दर से कितनी–कितनी मात्रा में क्रय की गई एवं कहां-कहां, कितनी-कितनी मात्रा में पाइप, सबमर्सिबल पंप एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई? गत वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में क्रय की गई सामग्री की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा नल-जल योजना के तहत टंकियों के गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य, सड़कों के रेस्टोरेशन न किये जाने एवं कार्य अधूरा होने एवं क्षेत्र की पेयजल की समस्याओं से संबंधित प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 एवं 05 अनुसार है।
हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 2089 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में नवीन हैण्डपंप खनन हेतु विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2023-24 से 2024-25 में कितना बजट प्रावधान, कितने हैण्डपंप खनन के लिए रखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रावधानित राशि कौन-कौन से जिलों में कितनी-कितनी आवंटित की गई? आवंटित राशि से कितने हैण्डपंप जिलावार खनन किया गया? वर्षवार, जिलावार जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नांकित वर्षों में ग्वालियर जिले को निर्धारित लक्ष्यों से कम राशि प्रदाय की गई है? यदि हां तो क्यों? वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्वालियर जिले में कितने नवीन हैण्डपंप खनन का लक्ष्य रखा गया है? (घ) क्या ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आवश्यकतानुसार/मांग अनुसार नवीन हैण्डपंप खनन नहीं कराया गया है? यदि हाँ तो क्यों? वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कितने हैण्डपंप, किन-किन गांव में खनन कराए गए है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में बजट प्रावधान क्रमश: रु. 200 करोड़ एवं रु. 80 करोड़ तथा क्रमशः 12 हजार एवं 5 हजार हैंडपंप। (ख) जिलों का आवंटित राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जिलों में वर्षवार हैंडपंप स्थापना हेतु खनित नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु नवीन हैण्डपंपों हेतु जिलों को अभी लक्ष्य जारी नहीं किए गए हैं। (घ) जी नहीं, ग्रामों में हैंडपंप के लिए विभाग को प्राप्त होने वाली मांग का विभागीय मापदंड एवं ग्रामों में विद्यमान सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था के आधार पर परीक्षण किया जाता है, तद्नुसार आवश्यक पाए जाने पर जिले को प्राप्त वार्षिक लक्ष्य के अंतर्गत अतिरिक्त नए हैंडपंप लगाए जाने के लिए कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 (प्रश्न दिनांक तक) में हैंडपंपों के लिए खनित किए गए नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
वन एवं राजस्व विभाग की संयुक्त जांच
[जनजातीय कार्य]
100. ( क्र. 2090 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति के कृषकों को वन अधिकार पत्र दिये गये है? यदि हां तो ग्वालियर जिले में कितने वन अधिकार पत्र वितरित किए गए? ग्रामवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्राप्त वन अधिकार पत्र धारियों को उनकी भूमि पर काबिज नहीं किया गया है? क्या भूमि का सीमांकन नहीं होने से वन अधिकार पत्र धारियों को कठिनाई आ रही है? यदि हां तो आवंटित भूमि का सीमांकन कब तक कराया जायेगा? (ग) क्या यह भी सही है कि सीमांकन नहीं होने से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वन अधिकार पत्र धारियों को बेदखल किया गया है? क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 831 दिनांक 05.07.2024 में क्या यह आश्वासन दिया गया था कि बेदखली के प्रकरणों की जांच वन एवं राजस्व विभाग की समिति बनाकर कराई जायेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक जांच पूर्ण नहीं की गई है? यदि हां तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां तो क्या? नहीं तो क्यों? क्या जांच हेतु समय-सीमा निर्धारित की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर जिले में वितरित किये गये वनाधिकार पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार दिनांक 13.12.2005 के पूर्व से वन भूमि पर काबिज अनुसूचित जनजाति के पात्र व्यक्तियों को ग्राम वन अधिकार समिति द्वारा काबिज क्षेत्र के भौतिक सत्यापन एवं ग्राम सभा की अनुशंसा उपरान्त उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समिति की अनुशंसा के पश्चात जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा वन अधिकार पत्र स्वीकृत कर वितरित किये गये है। अत: वन अधिकार पत्र धारियों को उनकी भूमि पर काबिज कराये जाने एवं सीमांकन किये जाने के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वन भूमि पर काबिज वन अधिकार पत्र धारक को बेदखल नहीं किया गया है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उतरांश (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राथमिक वनोपज समितियां एवं तेंदूपत्ता खरीदी
[वन]
101. ( क्र. 2095 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में कितनी प्राथमिक वनोपज समितियां संचालित है? इनके द्वारा विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने कार्य कब-कब, कितनी-कितनी राशि से कराये गये? यह राशियाँ किन-किन मदों से कब-कब प्राप्त हुई? मदवार समितिवार कार्यवार बताये, कार्य की भौतिक स्थितियाँ क्या है? इसकी जानकारी भी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भुगतान कब-कब, किन-किन के द्वारा कितनी भुगतान राशि के किये गये कार्यों का विवरण समितिवार देवें, विगत 5 वर्षों में इन कार्यों का सत्यापन कब-कब, किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वन समितियों के द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी के कार्य प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार की गई का विवरण समितिवार देवें, तेंदूपता खरीदी मद से प्राप्त बोनस राशि का उपयोग कब-कब, कहाँ-कहाँ किया गया? समितिवार विस्तृत जानकारी बताये। (घ) शिवपुरी जिले में विगत दो वर्षों में कितनी-कितनी राशि, कितने-कितने संग्राहकों को वितरण की गई एवं कितनों को राशि वितरण नहीं की गई? परिक्षेत्रवार जानकारी दी जावे।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) शिवपुरी जिले में 34 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां संचालित है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कराये गये कार्यों की मदवार, समितिवार, कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्ष 2024-2025 के कार्यों को छोड़कर शेष वर्षों के कार्य पूर्ण हो चुके है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यों के भुगतान का विवरण, कार्यों का समितिवार विवरण एवं 05 वर्षों में किए गए कार्यों का सत्यापन करने वाले अधिकारियों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बोनस राशि का समितिवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
आश्रम शालाओं/हॉस्टलों में रहने वालों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
102. ( क्र. 2098 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं मैहर जिलों में अनु.जाति एवं जनजाति के छात्रों एवं छात्राओं के कहां-कहां, कितनी क्षमता वाले छात्रावास/हॉस्टल एवं आश्रम शालायें/अन्य कब-कब से संचालित की जा रही हैं? सूची उपलब्ध करायें। किस-किस स्थान पर कितनी संख्या में छात्र एवं छात्राएं रह रही हैं? स्थानवार संख्या छात्र/छात्रावार दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों में छात्रावासों में रहने वाले प्रत्येक छात्र को प्रतिदिन सुबह नाश्ता, दोपहर के खाने, शाम का नाश्ता/चाय एवं रात के भोजन में क्या-क्या देने के मापदण्ड/नियम हैं? किस-किस छात्रावासों में किस नाम/ पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? किस नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी छात्रावासों की बाउण्ड्रीवॉल के अंदर ही स्थित घरों/कमरों में स्थायी रूप से निवास करते हैं? छात्रावासवार स्थायी एवं अस्थायी कर्मचारीवार जानकारी प्रश्नतिथि तक की उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों में छात्राओं के छात्रावासों में, किस-किस स्थान पर (छात्रावासों में) छात्रावासों की बाउण्ड्री के अंदर बने घरों में रहने वाले कर्मचारियों के घरों में पुरूष रह रहे है या पुरूष कमर्चारी ही निवासरत है? उक्त सभी पुरूष कर्मचारियों के नाम/पदनाम दें। कारण बतायें कि वे किस नियमों/मापदण्डों के तहत छात्राओं के छात्रावास में रह रहे हैं? कब तक इन पुरूषों को बालिका छात्रावासों से बाहर किया जायेगा?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) विभागीय छात्रावासों में नाश्ता तथा भोजन का मीनू छात्रावासवार मैस कमेटी द्वारा निर्धारित किया जाता है तथा शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
खाद्यान्न परिवहन में हुए घोटालों की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
103. ( क्र. 2099 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2021 से प्रश्नतिथि के दौरान प्रदेश के किन-किन जिलों में खाद्यान्न परिवहन में गड़बड़ी/अमानत में ख्यानत/फर्जीवाड़े/घोटालों के प्रकरण कब-कब, कितनी-कितनी राशि के आये? वर्षवार/माहवार/जिलोंवार/प्रकरणवार/राशिवार आरोपियों के नामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित घोटालों में किस-किस नाम/पदनाम को राज्य शासन/जिला प्रशासन ने सस्पेंड किया? सस्पेंड करने के क्या कारण थे? जारी सभी सस्पेंशन आदेशों की एक प्रति दें। उक्त सस्पेंड किये गये किन-किन को बहाल भी कर दिया गया? जारी सभी बहाली के आदेशों की एक-एक प्रति दें। सस्पेंड किये किन-किन लोगों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित समयानुसार हुये घोटालों की प्रश्नतिथि तक क्या अद्यतन स्थिति है? प्रकरणवार बतायें। किन-किन प्रकरणों में शासन को कितनी-कितनी राशि का नुकसान हुआ? प्रकरणवार/राशिवार दें? किस-किस नाम/पदनाम पर आरोप तय किये गये? किस-किस को क्लीन चिट दे दी गई? प्रकरणवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 01.04.2021 से प्रश्नतिथि के दौरान प्रदेश में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा बनाये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार एवं जिला कार्यालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा बनाये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
उच्च पद के प्रभार की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
104. ( क्र. 2101 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट अंतर्गत विकासखंड बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ उच्च. माध्यमिक शिक्षकों के पदस्थ रहते हुए भी कनिष्ठ माध्यमिक शिक्षकों को विद्यालय के प्राचार्य पद का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ तो इनकी नाम, पदनाम एवं विद्यालय के नाम सहित विकासखण्डवार सूची उपलब्ध कराई जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में किन नियमों एवं नीति निर्देशों के तहत इन कनिष्ठ शिक्षकों को प्राचार्य पद का प्रभार दिया गया है एवं किस अधिकारी के माध्यम से इनके प्रभार के आदेश जारी किए गए हैं? संपूर्ण जानकारी मय दस्तावेज उपलब्ध कराएं। क्या इन कनिष्ठ शिक्षकों को प्राचार्य प्रभार से हटाकर वरिष्ठ उच्च माध्यमिक शिक्षकों को प्रभार दिया जाएगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। (ग) प्रदेश में विभाग अंतर्गत छात्रावास अधीक्षक के कितने पद स्वीकृत एवं कितने पद भरे हुए एवं रिक्त हैं? संख्यात्मक जानकारी जिलेवार देवें। बालाघाट जिले में छात्रावास अधीक्षक के रिक्त पदों पर कितने उच्च माध्यमिक/ माध्यमिक/प्राथमिक शिक्षकों को प्रभार देकर रखा गया है? इनकी नाम, पदनाम, मूल पदस्थापना सहित विकासखण्डवार सूची प्रदान करें। क्या इन्हें छात्रावास अधीक्षक का प्रभार दिए जाने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं? यदि हाँ तो इन प्रभारियों को उनके मूल पद पर वापिस भेजा जाकर अन्य मैदानी कर्मचारियों को छात्रावास अधीक्षक का प्रभार दिया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। अधीक्षकों के रिक्त पद पर शिक्षकों को अपने शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ अधीक्षक के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यह शिक्षक अपनी मूल संस्था में अध्यापन का कार्य भी कर रहे है जिस कारण शैक्षणिक कार्य प्रभावित होने की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है। शासन नियम/निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
नलकूपों की स्वीकृति
[वन]
105. ( क्र. 2103 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक दक्षिण सामान्य वनमण्डल बालाघाट एवं उत्तर सामान्य वनमण्डल बालाघाट में वर्किंग प्लान के तहत संपूर्ण परिक्षेत्रों के बीटों में कौन-कौन से मदो में वानिकी और अवानिकी कार्य किए गए हैं? परिक्षेत्रवार कार्यों की सूची, स्वीकृत लागत, ठेकेदार नाम सहित उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किन-किन परिक्षेत्रों के किन-किन कक्ष क्रमांको में कितने-कितने हेक्टेयर में कुल कितनी-कितनी राशि के कार्य कराए गए हैं? संपूर्ण विवरण सहित वर्षवार, परिक्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक दक्षिण सामान्य वनमंडल एवं उत्तर सामान्य वनमंडल बालाघाट कितने अवैध कटाई के पीओआर काटे गए हैं? यदि हाँ तो किस-किस परिक्षेत्र के अंतर्गत बांस नोशनल टन एवं लकड़ी घनमीटर में कितनी-कितनी क्षति राशि के काटे गए हैं? सम्पूर्ण विवरण सहित प्रदान करें। अवैध कटाई की जब्त सामग्री किन-किन को कितनी-कितनी सुपुर्दगी में एवं कब-कब चालान काटकर डिपो भेजी गयी? विवरण सहित परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला बालाघाट के दक्षिण सामान्य वनमंडल एवं उत्तर सामान्य वनमंडल के लघु वनोपज संघ अंतर्गत कुल कितने नलकूप खनन किये गए? वर्षवार परिक्षेत्रवार समस्त नलकूपों की स्वीकृति, निविदा, ठेकेदारों के नाम, लागत नलकूपन के लोकेशन उपलब्ध कराएं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक दक्षिण/उत्तर सामान्य वनमंडल बालाघाट के अन्तर्गत प्रश्नांश अनुसार चाही गई जानकारी अवैध कटाई में जप्त वनोपज की मात्रा एवं हानि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है एवं जप्त वनोपज की सुपुर्दगी डिपो परिवहन करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक दक्षिण/उत्तर सामान्य वनमंडल बालाघाट के लघुवनोपज संघ के अन्तर्गत प्रश्नांश अनुसार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
गैर आदिवासी अधीक्षकों की नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
106. ( क्र. 2108 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी जिले में संचालित आश्रम छात्रावास में गैर आदिवासी अधिक्षकों की नियुक्ति की गई यदि हाँ तो किस नियम के अंतर्गत की गई? क्या ये नियुक्तियां नियम के विरुद्ध हैं? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध कारवाही की जावेगी? किन-किन आश्रम छात्रावास में गैर आदिवासी अधिक्षकों की नियुक्ति की गई उन अधिक्षकों की जानकारी नियुक्ति दिनांक सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या बड़वानी जिले में संचालित आश्रम छात्रावास में विगत तीन वर्षों से अधिक समय से अधीक्षक कार्यरत है? यदि हाँ, तो उन अधिक्षकों को किस नियम के तहत रखा गया है छात्रावास और आश्रम में पदस्थापना की समय-सीमा तीन वर्ष निर्धारित है, उन अधीक्षकों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? विधानसभा सेंधवा में कार्यरत तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थ अधीक्षकों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जनजातीय कार्य विभाग में संचालित आश्रम छात्रावास में क्या-क्या सुविधा दी जाती है, उन सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। बड़वानी जिला में आश्रम/छात्रावास में अधीक्षक के रिक्त पद पर, शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को छात्रावास का प्रभार सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिन आश्रम छात्रावास में गैर आदिवासी शिक्षकों को अधिक्षक पद का प्रभार दिया गया है उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। छात्रावास/आश्रमों में जिन शिक्षकों को अधिक्षक पद का प्रभार सौंपा गया है, उनका वेतन उनकी मूल पदस्थ शाला से आहरित होता है। वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। प्रचलित नियम निर्देश अनुसार कार्यवाही की जाती है। विधान सभा सेंधवा में 3 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत अधीक्षकों जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) विभाग में संचालित आश्रम छात्रावास में प्रदाय की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
आदिवासी बस्तियों का विकास मद अंतर्गत आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
107. ( क्र. 2109 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के जनजातीय कार्य विभाग को आदिवासी बहुल जिलों में विकास हेतु आदिवासी बस्तियों का विकास मद अंतर्गत बजट आवंटन होता है, किन्तु वित्तीय वर्ष के समाप्ति के समय उक्त राशि को ऐसे विभागों को भी आवंटित कर दी जाती है, जिसमें आदिवासी विकास की योजनाएं संचालित नहीं होती है उक्त अनुसार ऐसे विभागो की सूची एवं आवंटन राशि की जानकारी उपलब्ध करवाए जो आदिवासी विकास से संबंधित नहीं होकर भी उनको आदिवासी विकास मद की राशि दी गई है? (ख) जनजातीय कार्य विभाग को आदिवासी विकास से संबंधित योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु कितना बजट आवंटन होता है तथा उक्त में से कितना बजट व्यय किया गया है? बड़वानी जिले की उक्त अनुसार विगत 3 वर्षों की जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। जी नहीं। (ख) जनजातीय कार्य विभाग के बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम सभाओं के अधिकार
[जनजातीय कार्य]
108. ( क्र. 2114 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्र. 895 दिनांक 30 अक्टूबर, 2024 से वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (i) अन्तर्गत सामुदायिक वनों के संसाधन, संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभाओं को सौंपे जाने के निर्देश है। (ख) उक्त निर्देशों के तहत जिला बड़वानी अन्तर्गत कितनी ग्राम सभाओं को इस आशय के अधिकार सौंपे गये? विवरण देवें। (ग) यदि नहीं तो क्यों? निर्देशों का पालन नहीं करने वाले संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग के निर्देश दिनांक 30 अक्टूबर, 2024 के पालन में जिला बड़वानी में ग्राम सभाओं को सामुदायिक वनों के संसाधन, संरक्षण एवं प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभाओं को नहीं सौंपे गये है। (ग) उत्तराशं (ख) में उल्लेखित निर्देश के अनुक्रम में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, अनुविभागीय अधिकारी वन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को जारी किये गये निर्देश तथा जिले में इस हेतु टी.एल. बैठक में सामुदायिक वन अधिकार पत्रों के संबंध में आयोजित बैठक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिले में शासन निर्देशों का पालन होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत राशि से हुए कार्य
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 2115 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से निर्माण कार्य करवाये गये? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत बड़वानी जिले हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है और प्राप्त राशि में से बड़वानी विधानसभा में कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति बस्तीय विकास योजनान्तर्गत जिला बड़वानी को कितनी राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बड़वानी विधानसभा अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत विगत 5 वर्षों में किये गये निर्माण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पृथक-पृथक सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत बड़वानी जिले को वित्तीय 2023-24 में राशि रूपये 18.62 लाख तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में राशि रूपये 18.59 लाख प्रदाय किये गये, प्रश्नाधीन अवधि में बड़वानी विधानसभा में कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किया गया। (ग) जी हां, वित्तीय वर्ष में उपलब्ध बजट से योजनान्तर्गत नियम अनुसार जिलो को राशि आवंटित की जाती है।
खाद्य सामग्री का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
110. ( क्र. 2117 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम जिले में संचालित समस्त उचित मूल्य की दुकान पर वर्ष 2023 से 2025 तक गेहूं, नमक, चावल की प्रति दुकान, प्रति माह, कितने किलो ग्राम आवंटन करा गया? सभी दुकानों के नाम और सूची, संपूर्ण जानकारी प्रदान करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : जिला झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम में संचालित समस्त उचित मूल्य दुकान पर वर्ष 2023 से 2025 तक गेहूं, नमक, चावल का दुकानवार, माहवार आवंटित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जनजाति उपयोजना की राशि
[जनजातीय कार्य]
111. ( क्र. 2121 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1415 दिनांक 20.12.24 में खण्ड (क) तथा (ख) की संकलित जानकारी उपलब्ध करावें तथा स्पष्ट बतावें कि 36 विभागों की जनजाति उपयोजना की राशि के कार्य अनुसार बजट प्रावधान/उपयोग में नोडल एजेंसी के रूप में विभाग की क्या भूमिका है? क्या विभाग को अन्य विभाग द्वारा राशि के उपयोग से क्या कार्य किया गया? उसकी जानकारी दी जाती है या नहीं यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3090 दिनांक 12.07.2024 का उत्तर दिया जाय तथा बतावें कि 2015-16, 2020-21 तथा 2024-25 में जनजातीय द्वारा संचालित शासकीय विद्यालयों की केटेगरी अनुसार संख्या, शिक्षकों की संख्या तथा 1 से 12 तक नामांकन कितना कितना था तथा इन वर्षों में योजना क्र. 2773 प्राथमिक शाला, 3496 माध्यमिक शाला, 581 हाई स्कूल हायर सेकेण्डरी शालाएं, 5276 हाई स्कूल, 8844 कन्याओं के प्रोत्साहन हेतु योजना तथा योजना क्र. 494, 495, 584, 1868, 2676, 5205, 6175, 6813 पर बजट प्रावधान तथा व्यय कितना-कितना था? (ग) वर्ष 2014-15 तथा 2023-24, 2024-25 विद्यालयों में कितने-कितने हितग्राहियों को किस-किस कक्षा में पुस्तके, गणवेश तथा सायकल एवं मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति प्रदान की गई? (घ) जनजातीय का (जीवनांक) औसत ऑफ, शिशु मृत्युदर, बाल मृत्युदर, गर्भवती महीला मृत्युदर, प्रति व्यक्ति आय की लेटेस्ट जानकारी प्रदान करें तथा बतावें की अनुसंधान एवं विकास विभाग द्वारा 2020-21 से 2024-25 तक क्या-क्या कार्य किये गये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। भारत सरकार नीति आयोग द्वारा दिनांक 18.06.2024 को जारी Revised Guidelines for implementation of SCSP/TSP by the states/UTs में दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही की जाती है। जी हां। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्न क्र. 3090 दिनांक 12.07.2024 का उत्तर विभागीय पत्र क्रमांक 2024/25-2/1 दिनांक 09.01.2025 से भेजा गया है। पुन: छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार है। संचालित विद्यालयों हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''चार'' अनुसार है। बजट प्रावधान एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''पांच'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''छ:'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''सात'' एवं ''आठ'' अनुसार है।
सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
112. ( क्र. 2122 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3091 दिनांक 12.07.24 का उत्तर दिलाया जाय तथा बतावें कि जून 2024 से जनवरी 2025 तक सार्वजनिक वितरण की कितनी दुकानों पर खराब सड़ा हुआ, अधिक मिट्टी वाला, किड़े लगा हुआ वितरण हेतु प्राप्त होने की कितनी शिकायतें दुकान संचालक तथा हितग्राही द्वारा की गई कितनी शिकायतों की जांच हुई कितनी सही पाई गई? क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2020 से 2025 के प्रत्येक वर्ष में जनवरी माह अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवार तथा पात्र परिवार की जनसंख्या की जानकारी 27 केटेगरी अनुसार बतावें। (ग) सतर्कता समिति द्वारा वर्ष 2019-20 से 2024 तक लक्षित सामग्री वितरण प्रणाली, मध्यान्ह भोजन तथा आंगनवाड़ी की जिला/तहसील स्तर पर की गई निगरानी की वर्षवार रिपोर्ट प्रमुख बिन्दु (वार्षिक प्रतिवेदन 2023-24) अनुसार देवें। (घ) क्या 2016-17 में पात्र परिवारो की 39.10 मैट्रिक टन खाद्यान्न जारी किया गया था जो 2021-22 में 30.44 मैट्रिक टन हो गया तथा 2023-24 में 32.93 मैट्रिक टन हो गया इसका कारण क्या है? क्या पात्र परिवारों की संख्या कम हुई या कम मात्रा में खाद्यान्न दिया गया वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक दिये गये गेहूँ, चावल तथा मोटा अनाज मिलाकर प्रति हितग्राही को कितना-कितना खाद्यान्न प्राप्त हुआ?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपर एवं लोवर नर्मदा परियोजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 2124 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में जल निगम द्वारा पेयजल हेतु अपर नर्मदा और लोवर नर्मदा परियोजना का कार्य प्रगतिरत है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो उक्त दोनों ही योजना की डी.पी.आर. उपलब्ध करावें। (ग) उक्त योजना का प्रश्न दिनांक तक कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है और कितने प्रतिशत राशि का भुगतान किया गया है व किस-किस कार्य का भुगतान किया गया है? संपूर्ण भुगतान के बिल वाउचर की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार निरीक्षण करने के दौरान यह पाया गया है की उक्त कार्य की मापदंड अनुसार पाइप लाइन की खुदाई नहीं की जा रही है और लेवल भी नहीं किया जा रहा है? इस दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा अधिकारी को जांच हेतु अवगत कराया गया था, किन्तु अधिकारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक जांच नहीं की गई है? (ड.) क्या इन कार्यों की मेरे समक्ष उच्च स्तरीय जांच की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) अपर नर्मदा एवं लोअर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजनाओं की डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) लोअर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्रमश: 38.21% व 34.59% है एवं विभिन्न अवयव जैसे इंटेकबेल, रॉ वॉटर पंपिंगमेन, वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के कार्यों का भुगतान किया गया है। अपर नर्मदा समूह जल प्रदाय प्रदाय योजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्रमशः 55.12 व 33.50% है एवं विभिन्न अवयवों जैसे इंटेकबेल, रॉ वॉटर पंपिंगमेन, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, क्लियर वॉटर पंपिंगमेन, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के कार्यों का भुगतान किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी नहीं, समस्त कार्य अनुबंधानुसार मापदण्डानुसार संपादित कराये जा रहे है। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनजातीय विकास हेतु राशि आवंटन
[जनजातीय कार्य]
114. ( क्र. 2125 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक जनजातीय विकास एवं 275/1 हेतु केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को किन-किन मदों से कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु आवंटित की गई हैं? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा इस राशि का निर्माण कार्यों हेतु उपयोग किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ तो राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को उपयोग की गई राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र कब-कब भेजे गये? उपयोगिता प्रमाण की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को यह राशि कब से प्रदाय नहीं की गई थी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– “एक” अनुसार है। (ख) जी हां, केन्द्र सरकार से प्राप्त स्वीकृति अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“दो” एवं “तीन” अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- “चार” अनुसार है।
केन्द्र/राज्य प्रवर्तित संचालित योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
115. ( क्र. 2133 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला रतलाम एवं झाबुआ को राज्य एवं केन्द्रीय शासन प्रवर्तित संचालित योजनाएं किन-किन योनजाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन योजनाओं से संबंधित कितनी-कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की गई? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी वर्षवार पृथक-पृथक देवें। (ख) संचालित किन-किन नर्सरियों को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि सामग्री, बीज, खाद, फल, फूल के पौधों आदि का कब-कब प्रदाय किया गया? रोपणी कार्य नर्सरियों का रख रखाव, देखभाल सुरक्षा आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांकित हितग्राही मूलक संचालित किन-किन योजनाओं में लाभांवित कितने-कितने हितग्राहियों को, किस मान से अनुदान की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितने हितग्राहियों को कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया? योजनावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) प्रश्नांकित किन-किन योजनान्तर्गत कितने-कितने दिवसीय कृषकों के भ्रमण कार्यक्रमों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कब-कब, कितने-कितने दिवसीय कहां से कहां तक के आयोजित कृषक भ्रमण कार्यक्रमों में कितने-कितने कृषकों ने भाग लिया? भ्रमण कार्यक्रमवार कृषकों की पृथक-पृथक सूची देंवें। (ङ) प्रश्नांकित संचालित किन-किन योजनान्तर्गत, सामग्री, खाद, बीज, फल, फूल आदि के पौधों का क्रय एवं रोपण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) उक्त अवधि में जिले को राज्य एवं केन्द्रीय शासन प्रवर्तित योजनाओं अंतर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) शासकीय नर्सरियों की मदवार प्रदाय राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) हितग्राही मूलक योजनाओं में विभिन्न हितग्राहियों को योजनावार किये गये अनुदान भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय योजनान्तर्गत कृषक भ्रमण कार्यक्रमों में व्यय राशि एवं कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (ड.) विभिन्न विभागीय योजनान्तर्गत सामग्री खाद, बीज, फल, फूल आदि के क्रय पर व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''य'' अनुसार है।
वन मंडल द्वारा कराये गये कार्य
[वन]
116. ( क्र. 2135 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, झाबुआ व अलीराजपुर जिलों में वन मंडल द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य वनक्षेत्रों में कराये गये हैं? (ख) वनक्षेत्रों में जंगली जानवरों के लिये पीने योग्य पानी हेतु पानी की क्या व्यवस्थाएं की गई हैं तथा जानवरों के भोजन की क्या व्यवस्थाएं की गई है, सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ग) रतलाम, झाबुआ व अलीराजपुर जिलों के अंतर्गत वनक्षेत्रों में शासन के निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार सरकारी निर्माणों की अनुमतियां नियमानुसार ली गई है अथवा नहीं की जानकारी से अवगत करावें? क्या आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के वन क्षेत्र में खेती कर रहे आदिवासी किसानों के लिए शासन द्वारा वन पट्टे की योजनायें हैं? यदि हाँ तो किसानों को वन पट्टे कब तक जारी किये जायेंगे? निश्चित समयावधि बतावें। (घ) वृक्षारोपण अंतर्गत रतलाम, झाबुआ व अलीराजपुर वनमण्डलों द्वारा कितने हेक्टेयर में वृक्षारोपण किया गया है व वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं और कितने मृत हैं? वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) रतलाम, झाबुआ व अलीराजपुर जिले के वनमण्डल द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2759 निर्माण कार्य कराये गये है। (ख) वनक्षेत्रों में जंगली जानवरों के लिये पीने योग्य पानी हेतु आवश्यकतानुसार कृत्रिम तालाब/झिरियां/कुआं, निर्माण कार्य तथा झिरियों की सफाई का कार्य करवाया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। जंगली जानवरों का भोजन उनके आस-पास उनके प्राकृतिक आवास, मौसम और आकार प्रकार के हिसाब से जंगल से ही प्राप्त होता है। जंगली जानवरो के घायल होने पर, रेस्क्यू करने पर उनके लिये आवश्यकतानुसार भोजन की व्यवस्था की जाती है। (ग) रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर जिलों के अंतर्गत वन क्षेत्रों में शासन के निर्देशों के तहत प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किये जाने के उपरांत ही स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार निर्माण कार्य करवाया जाता है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के वनक्षेत्रों में निवासरत अनुसूचित जनजाति वर्ग को वनभूमि पर दिनांक 13-12-2005 के पूर्व से काबिज होने पर अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत पात्रतानुसार जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा वन अधिकार पत्र जारी किये जाते है। वर्तमान में किसानों को वन पट्टे देने की कोई योजना नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है
छात्रवृत्ति में अनियमितता
[जनजातीय कार्य]
117. ( क्र. 2138 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने अनुसूचित जनजातीय विभाग द्वारा छात्रों की छात्रवृत्ति एवं खाद्य सामग्री के करोड़ों रूपये की राशि गबन किया गया? क्या विभाग द्वारा जांच की गई? (ख) क्या विभाग द्वारा दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? (ग) अनुसूचित विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार देखने को मिला, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जिससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है? क्या विभाग द्वारा इसकी जांच की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा छात्रों की छात्रवृत्ति का भुगतान विभागीय MPTAASC पोर्टल के माध्यम से छात्रों के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान किया जा रहा है। छात्रवृत्ति एवं खाद्य सामग्री राशि के गबन का मामला संज्ञान में नहीं आया है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुसूचित विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में हुई अनियमितता
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
118. ( क्र. 2139 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक ग्रामीण विस्तार अधिकारी एवं सहायक संचालक उद्यान पद पर परिवीक्षा पदस्थापना 2 वर्ष के अवधि लिए सेवा शर्त के अनुसार पदस्थापना की गई थी? (ख) जिनके द्वारा परिवीक्षा अवधि में ही अनियमिता में दोषी पाए जाने पर नियम अनुसार सेवा से पृथक, किया जाना था, नहीं किया गया। निलंबित कर पुनः सेवा में लेकर विभागीय जांच की जा रही है। जांच अभी भी अपूर्ण है फिर भी वेतन वृद्धि किस नियम के तहत दी जा रही है? (ग) ऐसे कितने अधिकारी हैं, जिनकी जांच प्रचलन में रहने के उपरांत वेतन वर्दी स्वीकृति की गई है? सूची से अवगत करायें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक परिवीक्षा अवधि में पदस्थ ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं सहायक संचालक, उद्यान को 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में अनियमितता में दोषी नहीं पाये जाने से जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एक जिला एक उत्पाद योजना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
119. ( क्र. 2142 ) श्री विपीन जैन : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय योजनाएं संचालित की जा रही है संचालित योजनाओं की जानकारी देवें। (ख) एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत मंदसौर जिले हेतु कौन सी फसल को चिन्हित किया गया है? इस हेतु मंदसौर जिले में कौन-कौन से उद्योग आगामी समय में स्थापित किया जाना प्रस्तावित हैं? विवरण देवें। (ग) एक जिला एक उत्पाद योजना अंतर्गत चिन्हित की गई फसलों को राज्य, देश और विदेश स्तर पर प्रमोट करने की शासन की क्या योजना है? विवरण देवें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग में निम्नानुसार योजनायें संचालित है:- I केन्द्र पोषित केन्द्र प्रवर्तित योजनाए:-1. एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) 2. पर ड्रॉप मोर क्रॉप (पीडीएमसी) 3. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) 4. प्रधानमत्री सूक्ष्म खाद्य उद्ययम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) II. राज्य पोषित योजनायें:- 1. फल पौध रोपण अनुदान योजना 2. मसाला क्षेत्र विस्तार योजना 3. उद्यानिकी अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षण योजना 4. कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम 5. व्यावसायिक उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना 6. प्रधानमंत्री मौसम आधारित फसल बीमा योजना 7. उद्योग संवर्धन नीति अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को अनुदान सहायता योजना। (ख) एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत मन्दसौर जिले हेतु लहसुन फसल का चयन किया गया है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना अंतर्गत लहसुन एवं खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित इकाई स्थापना हेतु अनुदान सहायता दिये जाने का प्रावधान है। (ग) एक जिला एक उत्पाद योजना अंतर्गत चिन्हित की गई फसलों को राज्य, देश और विदेश स्तर पर प्रमोट करने हेतु विभागीय योजनाओं के अंतर्गत प्रचार-प्रसार गतिविधियां, प्रदर्शनी, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आदि के माध्यम से प्रमोट किया जा रहा है।
विभागीय पदों पर पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
120. ( क्र. 2144 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग का आदेश क्र.-4-27/2017/25/1/भोपाल दि. 03/02/2018 एवं जनजातीय कार्य विभाग का पत्र क्र.1451/1000/2022/25/ दिनांक 01/09/2022 एवं आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग का पत्र क्र-स्था 5 (2)/181/2022/20497 भोपाल दि. 07/10/2022 की छायाप्रतियां उपलब्ध कराये। (ख) अनुसूचित जनजातीय बाहुल्य 89 विकासखण्डों की जनपद पंचायतों में सी.ई.ओं. एवं बी.डी.ओं/क्षे.त्र संयोजक के कितने-कितने पद किस-किस विभाग द्वारा स्वीकृत है तथा इन पदों के विभागाध्यक्ष कौन है? उक्त दोनों पदों पर वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार मूल रूप से किस विभाग के पास है? वर्तमान में दोनों पदों के पदस्थापना एवं स्थानांतरण का अधिकार किस विभाग के पास है और वर्तमान में इसका क्रियान्वयन कौन सा विभाग कर रहा है? बिन्दुवार जानकारी व आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या संविधान के अनुच्छेद 164 (1) में दी गई संवैधानिक व्यवस्था के अनुरुप म.प्र. राज्य के जनजातियों के कल्याण हेतु गठित विभाग एवं नियुक्ति जनजातीय कार्य के भारसाधक के विभागीय पदों पर पदस्थापना एवं स्थानांतरण के मूलभूत व संवैधानिक अधिकार है तथा किसी अन्य विभाग का नहीं है तथा इस संबंध में म.प्र. आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक दि. 23/12/2000 के एजेण्डा क्र. 6.1 में माननीय सदस्यों द्वारा विभागीय अधिकारियों का पदस्थापना करने को प्रस्तावित किया है? यदि हाँ तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा कौन-कौन से पदों पर कहां-कहां बिना प्रतिनियुक्ति के सीधे पदस्थापना की गई है? बिना प्रतिनियुक्ति के सीधे पदस्थापना किये गये अधिकारियों को अभी तक विभाग द्वारा उनके मूल पदस्थापना में वापस क्यों नहीं किया गया है तथा उन्हें उनके मूलविभाग में वापस किये जाने के क्या प्रावधान है? बिन्दुवार सप्रमाण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या संविधान के अनुच्छेद 164 (1) में दी गई संवैधानिक व्यवस्था में संशोधन कर सीधे पदस्थापना एवं स्थानांतरण के अधिकार जनजातीय कार्य विभाग में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को जनजातीय क्षेत्रों में सौंपा गया है? यदि हाँ तो संशोधित आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो बिना प्रतिनियुक्ति के सीधे पदस्थापना की कार्यवाही पर जनजातीय कार्य विभाग मौन एवं मूकदर्शक क्यों है? अभी तक इस संबंध में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंचायत एवं सामुदायिक विकास विभाग के आदेश दिनांक 19.06.1977 एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 340 दि. 08.01.1998 तथा म.प्र. शासन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-285/97/1/25 दिनांक 07.01.1998/22.01.1998 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद एक पद, प्रति जनपद पंचायत के मान से जनजातीय कार्य विभाग को सौंपे गए हैं एवं अनुसूचित जनजातीय बाहुल्य 89 विकासखण्डों में विकासखंड अधिकारी/क्षेत्र संयोजक के 89 पद जनजातीय कार्य विभाग में स्वीकृत है। आयुक्त जनजातीय कार्य म.प्र. उक्त पदों का वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकार मूल रूप से जनजातीय कार्य विभाग के पास है। वर्तमान में विकासखंड अधिकारी/क्षेत्र संयोजक की पदस्थापना एवं स्थानांतरण का अधिकार जनजातीय कार्य विभाग के पास है। शासन आदेश क्र. एफ 4-27/2017/25/1 दिनांक 03 फरवरी, 2018 अनुसार आदिवासी विकासखंडों की जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पदों पर प्रतिनियुक्ति पर अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी की सेवाऐं उपलब्ध कराये जाने की सहमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संविधान के अनुच्छेद 164 (1) में '' म.प्र. राज्य में जनजातीय के कल्याण का भारसाधक एक मंत्री होगा जो साथ ही अनुसूचित जातियों तथा पिछडे वर्गों के कल्याण का या किसी अन्य कार्य का भी भारसाधक हो सकेगा'' का उल्लेख है। राज्य शासन के आदेश क्र. एफ 4-27/2017/25/1 दिनांक 03 फरवरी 2018 में आदिवासी विकासखंडों की जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पदों पर प्रतिनियुक्ति पर अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की सेवाऐं उपलब्ध कराये जाने की सहमति प्रदान की गई है। दिनांक 23.12.2000 नहीं अपितु 23.12.2020 की बैठक के एजेण्डा क्र. 6.1 में प्रस्ताव है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राज्य शासन के आदेश क्र. एफ 4-27/2017/25/1 दिनांक 03 फरवरी 2018 में आदिवासी विकासखंडों की जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पदों पर प्रतिनियुक्ति पर अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की सेवाऐं उपलब्ध कराये जाने की सहमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शिवना नदी में प्रदूषण
[पर्यावरण]
121. ( क्र. 2146 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर स्थित शिवना नदी में मंदसौर के कौन-कौन से उद्योगों का जल प्रवाहित किया जा रहा है? सूची देवें। (ख) इन उद्योगों से निष्कासित जल का परीक्षण कब-कब किया गया है? संपूर्ण विवरण देंवे और जानकारी दें कि परीक्षित जल में विभिन्न रासायनिक पदार्थों की प्रतिशत मात्रा कितनी-कितनी पाई गई है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मंदसौर स्थित शिवना नदी के किनारे स्थापित उद्योगों को शून्य निस्त्राव की शर्त के साथ सम्मति जारी की गई हैं। सम्मति शर्तों के अनुपालन में उद्योगों द्वारा शून्य निस्त्राव की स्थिति सुनिश्चित की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगजनों के रिक्त पदों की पूर्ति
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
122. ( क्र. 2153 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांग (विकलांग) व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 36 में सीधी भर्ती में दिव्यांगजनों को आरक्षण का लाभ देने का क्या प्रावधान है एवं इस संबंध में राज्य/केन्द्र शासन ने कब क्या दिशा-निर्देश जारी किये है? अधिनियम एवं दिशा-निर्देश की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांकित एक्ट के तहत प्रदेश में दिव्यांग व्यक्तियों को सीधी भर्ती में कितने-कितने प्रतिशत आरक्षण देने का क्या प्रावधान है। (ग) प्रदेश में दिव्यांग व्यक्तियों के लिये सीधी भर्ती में आरक्षित कितने-कितने रिक्त पदों की भर्तियां कब की गई हैं? किन-किन विभागों में आरक्षित कितने-कितने रिक्त पदों की भर्तियां के आरक्षित कितने-कितने पद कब से नहीं भरे गये हैं एवं क्यों? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने दिव्यांग है दिव्यांगजनो का नाम, पता, मोबाईल नम्बर, दिव्यांगता प्रतिशत सहित जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 36 में नहीं, धारा 34 में सीधी भर्ती में दिव्यांगजनों को 04 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का प्रावधान है, किन्तु मध्यप्रदेश में दिव्यांगजन अधिकार नियम 2017 के तहत सीधी भर्ती में दिव्यांगजनों को 6 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है एवं इस संबंध में शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश की छायाप्रति एवं अधिनियम की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में दिव्यांगजन अधिकार नियम 2017 के तहत सीधी भर्ती में दिव्यांगजनों को 6 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
पॉलीहाउस निर्माण में अनियमितताएं
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
123. ( क्र. 2156 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2015 के पश्चात नीमच, मंदसौर, रतलाम जिले में विभाग की ओर से कुल कितने पॉलीहाउस, किस-किस व्यक्ति/कृषक की भूमि पर कहां-कहां लगाए गए? इसके लिए किस-किस कृषक को कुल कितनी-कितनी सब्सिडी विभाग द्वारा दी गई, प्रत्येक पॉलीहाउस की कुल लागत कितनी थी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या वर्तमान में प्रदेश में पॉलीहाउस विभाग द्वारा लगाए जा रहे है? यदि हाँ तो वर्तमान में कुल कितनी सब्सिडी पॉलीहाउस पर दी जा रही है? पॉलीहाउस निर्माण के लिए प्रदेश में कौन-कौन सी कंपनियां वर्तमान में कार्यरत है? (ग) उक्त पॉलीहाउस निर्माण वाली कितनी कंपनियों को उक्त अवधि में किस-किस कारण से ब्लैक लिस्ट किया गया तथा किस प्रकार की कार्यवाही निर्माणकर्ता कंपनी के खिलाफ की गई? (घ) क्या म.प्र. के अधिकांश जिलों का मौसम पॉलीहाउस के अनुकूल नहीं है? यदि नहीं तो उक्त अवधि में सैकड़ो पॉलीहाउस उक्त जिलों में क्षतिग्रस्त होने के क्या कारण रहें? क्या पॉलीहाउस निर्माण कंपनी द्वारा जिस प्लास्टिक शेड का निर्माण किया जा रहा है वह अनुबंध के अनुसार नहीं है? इस संबंध में किस-किस कृषक ने किस-किस कंपनी के खिलाफ, कहाँ-कहाँ शिकायत की और उसका क्या समाधान किया गया?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रश्नांश अवधि में नीमच, मंदसौर, रतलाम जिले में कुल 74 पॉली हाउस, कृषकों की भूमि पर लगाये गये। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा वर्तमान में प्रदेश में पॉली हाउस लगाये जा रहे है। विभाग द्वारा वर्तमान में पॉली हाउस पर निम्नानुसार सब्सिडी दी जा रही है:- 1. पॉली हाउस (1008 से 2080 वर्ग मी.) पर सब्सिडी राशि रूपये 445/- प्रतिवर्ग मी. है। 2. पॉली हाउस (2080 से 4000 वर्ग मी.) पर सब्सिडी राशि रूपये 422/- प्रतिवर्ग मी. है। पॉली हाउस निर्माण के लिए प्रदेश में 11 कंपनियां कार्यरत है। कंपनियों की सूची/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) वर्ष 2015 से वर्तमान तक 4 पॉली हाउस निर्माण वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कंपनी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार पॉली हाऊस का निर्माण किया जा रहा है। उक्त जिलों में किसी भी कृषक की किसी भी कंपनी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
वन क्षेत्र में सड़क निर्माण की अनुमति
[वन]
124. ( क्र. 2157 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में किन-किन वन क्षेत्रों में कहां-कहां पर लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा सड़क निर्माण एवं अन्य कार्य हेतु वन विभाग से अनुमति मांगी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित 1 जनवरी, 2020 के पश्चात कहां-कहां, किस-किस शर्त पर अनुमतियां दी गई और कहां-कहां, किन-किन कारणों से नहीं दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) संदर्भित क्या यह सही है कि, वनांचल क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों को अनुमति नहीं मिलने के कारण सड़क निर्माण का लाभ नहीं मिल पा रहा है? क्या शासन स्तर पर बैठक आयोजित कर किसी समिति का गठन किया गया है? यदि हां, तो समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की छायाप्रति दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उज्जैन संभाग के अंतर्गत दी गई स्वीकृतियों का विवरण उत्तरांश (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन भूमि व्यपवर्तन अनुमति के सभी प्रकरणों की शासन स्तर पर सतत् समीक्षा की जाती है।
अनुसूचित जाति विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
125. ( क्र. 2160 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में कौन-कौन सी विभागीय योजनाएं प्रचलित है? योजनाओं की जानकारी दें। (ख) क्या उक्त योजनाओं के अंतर्गत प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा के लिये किस-किस कक्षा के लिये कितनी-कितनी छात्रवृत्ति दी जाती है, कक्षावार एवं राशिवार जानकारी दी जावे। (ग) उक्त योजना के अंतर्गत वर्ष 2023 एवं 2024 में जिला ग्वालियर में कितने छात्र-छात्राओं को कितनी राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में कितने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान नहीं किया गया है तथा कब तक कर दिया जायेगा, कारण सहित जानकारी दी जावे।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
126. ( क्र. 2164 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नल-जल योजनाओं के कार्य हेतु कौन-कौन सी सड़क, किस-किस दिनांक से खोदी गई? उन सड़कों की खुदाई उपरांत कितने-कितने दिवस बाद उन सड़कों का रेस्टोरेशन/रिपेयरिंग कार्य पूर्ण हो सका? वर्तमान में ऐसी कितनी सड़कें हैं जिनकी रिपेयरिंग/ मरम्मत प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सकी सूची दें। इनकी मरम्मत कब तक पूर्ण हो सकेगी? (ख) नल-जल योजनाओं के कार्य के दौरान सड़कों पर उड़ने वाली धूल से आम जनता को होने वाली बीमारियों के खतरे से निजात दिलाने हेतु विभाग की क्या योजना है? (ग) क्या विभाग द्वारा नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण कर उनका संचालन स्थानीय निकाय को सौंपा जाता है? यदि हाँ तो बताएं इन योजनाओं का संचालन सुचारू नहीं कर पाने अथवा संचालन में लगने वाले व्यय को स्थानीय निकाय नहीं उठा पाने की स्थिति में योजनाओं का संचालन ठप्प पड़ने की स्थिति में विभाग के क्या दिशा-निर्देश है? क्या विभाग पुनः इन बंद पड़ी योजनाओं को अपने संधारण में लेते हुए पुनः संचालन प्रारंभ कराएगा?