मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च-अप्रैल, 2020 सत्र
बुधवार, दिनांक 18 मार्च, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र में
उद्योगों की
स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
1. ( *क्र. 557 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन अंतर्गत म.प्र. शासन स्तर पर कौन-कौन से क्षेत्रों को औद्योगीकरण हेतु चयनित किया गया है? (ख) क्या सिवनी जिले को भी नवीन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के तहत शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत डालडा वनस्पति प्लांट, स्टील प्लांट आदि उद्योग स्थापित थे, लेकिन सिवनी विधानसभा क्षेत्र में उद्योग क्षेत्र स्थापित किये जाने हेतु पर्याप्त यातायात साधन, पानी के लिये पर्याप्त नदी एवं भूमि होने के बावजूद भी उक्त प्लांट बंद पड़े हुये हैं और शासन औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन अंतर्गत शासन स्तर पर वर्ष 2013 से औद्योगीकरण हेतु अधोसंरचना विकास के लिए चयनित क्षेत्रों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में औद्योगिक क्षेत्र भुरकलखापा में 390.931 हेक्टेयर भूमि में से प्रथम चरण में कुल 60.780 हेक्टेयर भूमि में अधोसंरचना विकसित की गई है। (ग) सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्र में राजाधिराज इण्डस्ट्रीज लि. की वनस्पति प्लांट दिनांक 01.03.1982 को एवं सॉल्वेंट एक्ट्रेक्शन प्लांट दिनांक 01.12.1990 को उत्पादन प्रारंभ किया था, जो फरवरी 1995 से बंद है। जिले में स्टील प्लांट स्थापित नहीं था। सिवनी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 07 से लगभग 5.00 कि.मी. की दूरी पर राजमार्ग क्र. 11-ए पर प्रथम चरण अंतर्गत 60.780 हेक्टेयर भूमि भुरकलखापा औद्योगिक क्षेत्र सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं यथा सड़क, पानी, बिजली आदि के साथ विकसित की गई है, जिसमें 35.836 हेक्टेयर भूमि आवंटन योग्य है। औद्योगिक क्षेत्र में 15 एम.एस.एम.ई. इकाइयों को भूमि आवंटित की गई है, जिनमें से 08 इकाइयां उत्पादनरत हैं। उक्त इकाइयों में रू. 21.45 करोड़ का पूंजी वैष्ठन होकर 273 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हुआ है।
प्राथ. स्वा. केन्द्र पिपरई का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( *क्र. 1300 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले के अन्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा संबंधित विभाग एवं मंत्री महोदय को जो पत्र प्रेषित किये गये थे, उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु वर्तमान वर्ष में बजट में शामिल किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरई की वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार स्थानीय जनसंख्या 12045 एवं इसके आसपास के 31 ग्रामों को मिलाकर कुल जनसंख्या 33004 होती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरई की औसतन बाह्य रोगियों की संख्या 28-30 एवं आंतरिक रोगियों की संख्या 1-2 प्रतिदिन की है तथा प्रसव की संख्या निरंक है। सामान्य क्षेत्र में 1.20 लाख की जनसंख्या पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का मापदण्ड निर्धारित है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरई की जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की पात्रता नहीं आती। (ख) जी नहीं।
पोरसा तहसील में उप कोषालय की स्थापना
[वित्त]
3. ( *क्र. 1202 ) श्री कमलेश जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के क्षेत्र क्र. 8 के तहसील पोरसा को पूर्णत: तहसील का दर्जा प्राप्त है तथा अनुविभागीय अधिकारी कोर्ट लगती है, किन्तु उपकोषालय नहीं हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब तक प्रश्नांश (क) के तहसील में उपकोषालय एवं सिविल न्यायालय खोल दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उपकोषालय एवं सिविल न्यायालय खोलने संबंधी अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। पोरसा तहसील मुख्यालय है। तहसील पोरसा अनुविभाग अम्बाह के अन्तर्गत आती है। पोरसा में उपकोषालय नहीं है। (ख) जी नहीं। राज्य के समस्त कोषालयीन संव्यवहार, एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के तहत् ऑनलाइन किये गए हैं। आहरण अधिकारियों को भौतिक रूप से कोषालय/उपकोषालय में उपस्थित होने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। अत: पोरसा में नवीन उपकोषालय खोलने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। म.प्र. उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति-2014 के तहत् सिविल न्यायालय स्थापना हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमानक स्तर के नर्सिंग होम संचालन पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 486 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किसी भी शहर में नर्सिंग होम संचालन की अनुमति जारीकर्ता अधिकारी/संस्थान/दल का नाम तथा मानकों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुरूप क्या टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़ नगर में संचालित राय नर्सिंग होम की अनुमति, विधि सम्यक प्राधिकारी द्वारा जारी की गई है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी का नाम, पदनाम तथा संस्तुतिकर्ता अधिकारी यदि कोई हो तो उसका नाम एवं पदनाम बताते हुए यह भी बतायें कि वह नर्सिंग होम आवासीय कॉलोनी या किसी रहवासी क्षेत्र में स्थित तो नहीं है? (ग) क्या टीकमगढ़ नगर में संचालित राय नर्सिंग होम का दिनांक 29.06.2019 को क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें सागर के दल ने निरीक्षण के दौरान नर्सिंग होम में निर्धारित मानकों के अनुरूप व्यवस्थायें, परिचर्या, उपकरण आम जानकारी के संसूचना पटल, पर्याप्त एवं दक्ष परिचारक/परिचारिकायें एवं सहायक सेवक आदि नियोजित पाये गये? यदि हाँ, तो दिनांक 29.06.2019 को कर्तव्यारूढ़ सेवकों आदि की सूची व संख्या उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो ऐसे अमानक स्तर के नर्सिंग होम संचालन के लिये दायित्वाधीन अधिकारी का नाम बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के लिये दायित्वाधीन/अधिकारियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) किसी भी नर्सिंग होम संचालन की अनुमति जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़ नगर में संचालित राय हॉस्पिटल को संचालन की अनुमति विधि सम्यक प्राधिकारी द्वारा जारी की गई है। यह अनुमति सर्वप्रथम तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सह पर्यवेक्षी प्राधिकारी डॉ. पी.एस. खंगार द्वारा दी गई थी एवं नवीनीकरण तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सह पर्यवेक्षी प्राधिकारी डॉ. वर्षा राय द्वारा किया गया था। यह नर्सिंग होम टीकमगढ़ नगर के रहवासी क्षेत्र इंद्रपुरी कॉलोनी में स्थित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अमानक स्तर के नर्सिंग-होम संचालन हेतु उक्त नर्सिंग होम के डॉ. वर्षा राय तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सह पर्यवेक्षी प्राधिकारी और संचालक डॉ. बी.के. राय उत्तरदायी हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (ग) हेतु नर्सिंग होम संचालक को दिनांक 03.03.2020 को चेतावनी-पत्र जारी किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( *क्र. 1241 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नालछा, धरमपुरी एवं माण्डव में हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी और बेड की संख्या कम है, इन्हें कब तक उपलब्ध कराया जायेगा? (ख) क्या माण्डव पर्यटन क्षेत्र होने से देश/विदेश से पर्यटक आते हैं, यहां हॉस्पिटल में इलाज हेतु पर्याप्त सुविधा नहीं है, जिससे पर्यटकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है? यहाँ कब तक सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी? (ग) क्या धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के लिए प्रसूती की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी, क्योंकि इन्हें इलाज हेतु धार जाना पड़ता जो कि काफी दूर है, जिसकी वजह से महिला मरीजों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार बेड संख्या उपलब्ध है। चिकित्सा अधिकारी भी निर्धारित मापदण्ड अनुसार उपलब्ध है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में विशेषज्ञ के स्वीकृत 03 पद रिक्त हैं, विशेषज्ञ का पद 100 प्रतिशत पदोन्नति का पद है, प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है तथा 30 अप्रैल 2016 से प्रदेश में पदोन्नति का मामला माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पदोन्नति पर प्रतिबंध है, इसलिए विशेषज्ञों की पदपूर्ति नहीं की जा सकी। (ख) जी हाँ, जी नहीं माण्डव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है तथा केन्द्र पर आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सामान्य प्रसव सुविधा उपलब्ध है। गंभीर, जटिल प्रसव संबंधी प्रकरण ही जिला चिकित्सालय धार हेतु रेफर किये जाते हैं।
अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[सहकारिता]
6. ( *क्र. 1039 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 648, दिनांक 09.07.2019 में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, बताया गया था तो क्या उक्त कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त कार्यवाही शासन के नियमों एवं निर्देशों के अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी का मूलपद एवं नाम बतायें। उक्त नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त कार्यवाही करने के आदेश कब किसके द्वारा दिये गये थे? उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। शासन के नियम एवं निर्देशों के अनुसार कितने दिवसों पर उक्त कार्यवाही करने का प्रावधान प्रावधानित है? उक्त नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या शासन के नियम व निर्देशों के तहत निर्धारित दिवसों पर कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या शासन निर्धारित समय-सीमा पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का सुचारू संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( *क्र. 1264 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र परासिया में स्थित विभिन्न उप-स्वास्थ्य केंद्र पगारा, मोरडोंगरी, उमरेठ, बागवर्धियां व अन्य उप-स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं? उपरोक्त सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज हेतु अनेकों मरीज जाते हैं, पंरतु सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारी तथा पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को उपचार से वंचित रहना पड़ता है, जिसका क्या कारण है? (ख) उप-स्वास्थ्य केंद्र पगारा, मोरडोंगरी, उमरेठ, बागवर्धियां व अन्य उप-स्वास्थ्य केंद्रों में कब तक डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारी पदस्थ कर, पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध करा दी जायेंगी? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उप-स्वास्थ्य केंद्र पगारा, मोरडोंगरी, उमरेठ, बागवर्धियां व अन्य उप-स्वास्थ्य केंद्र अधिकांशत: बंद रहने एवं उप-स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन विभाग द्वारा सुचारू रूप से नहीं कराये जाने की शिकायतें निरंतर ग्रामीणजनों द्वारा प्राप्त होती हैं, कब तक उपरोक्त उप-स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन विभाग द्वारा सुचारू रूप से प्रारंभ करा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत पगारा, मोरडोंगरी, उमरेठ, बागवर्धियां, भाजीपानी, रिधोरा एवं कुण्डालिकला नामक उप-स्वास्थ्य केन्द्र न होकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में संस्थाएं संचालित हैं एवं समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना है। उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सक एवं सहायक स्टाफ द्वारा मरीजों को उपचार प्रदान किया जाता है एवं उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध है एवं मरीजों को उपलब्ध कराई जाती हैं। (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक उपलब्ध हैं एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्था में चिकित्सा अधिकारी के पद स्वीकृत नहीं होते हैं। उप-स्वास्थ्य केन्द्रों पर ए.एन.एम./एम.पी.डब्ल्यू. के पद स्वीकृत होते हैं। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। स्वास्थ्य केन्द्रों से मांग-पत्र अनुसार पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। (ग) प्रश्नांकित स्वास्थ्य केन्द्रों पर पदस्थ चिकित्सक/स्टाफ द्वारा आमजन को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। संस्थाओं के संचालन के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया है। समय-समय पर जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है।
लिपिकों की वेतन विसंगति का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
8. ( *क्र. 483 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1974 पाण्डे वेतनमान एवं चौधरी वेतनमान में जिन संवर्गों के कर्मचारियों के वेतनमान लिपिक संवर्ग के वेतनमान से कम थे, उन संवर्गों का वेतनमान लिपिक संवर्ग के वेतनमान से अधिक हो गया है? यदि हाँ, तो वेतन विसंगति दूर करने हेतु शासन ने कब-कब कमेटी बनाई? कमेटियों की रिपोर्ट सहित जानकारी देवें। (ख) क्या प्रदेश सरकार के वचनपत्र बिन्दु 47.20 अनुसार लिपिक संवर्ग को शिक्षकों के समान समरूप वेतनमान दिया जाना है? यदि हाँ, तो पाण्डेय वेतनमान से लेकर 7वें वेतनमान तक लिपिक संवर्ग एवं शिक्षक संवर्ग का वेतनमान कब-कब क्या-क्या रहा? क्या लिपिकों के वेतनमान में समरूप वेतनमान के पदों के अनुपात में भारी अंतर किया गया है या नहीं? (ग) क्या शासन के विभागों के लिपिकीय संवर्ग के मैदानी पदों एवं मंत्रालयीन, सचिवालयीन, विधानसभा में पदस्थ लिपिकीय संवर्ग के वेतनमान अलग-अलग कर दिये गये हैं? कब-कब किन-किन नियमों के तहत अलग किये गये? पूर्ण विवरण देवें। कब तक समरूप किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि सत्य है तो सरकार के वचनपत्र के अनुसार लगभग 36 वर्ष पुरानी लिपिकों की वेतन विसंगति कब तक दूर की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शामगढ़-सीतामऊ सामु. स्वा. केन्द्रों में चिकित्सकों की पदपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( *क्र. 1116 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शामगढ़-सीतामऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी ओ.पी.डी. एवं डिलीवरी हुई है? (ख) वर्तमान में सीतामऊ में बी.एम.ओ. के अतिरिक्त एक चिकित्सक के लम्बे अवकाश पर जाने के बाद कितने चिकित्सक पदस्थ होकर कार्यरत हैं? (ग) सीतामऊ चिकित्सालय तथा शामगढ़ चिकित्सालय में चिकित्सकों के लम्बी छुट्टी पर जाने के उपरांत उक्त चिकित्सालयों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प सी हो गई हैं। उक्त चिकित्सालयों में स्वास्थ्य सेवाओं हेतु शासन की ओर से क्या प्रबंध किये गये हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ़ में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक ओ.पी.डी. 99841 एवं डिलीवरी 2504 हुई हैं एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतामऊ में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक (29.02.2020) ओ.पी.डी. 97764 एवं डिलीवरी 1879 हुई हैं। (ख) वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतामऊ में डॉ. अरविन्द चौहान (चिकित्सा अधिकारी) प्रभारी बी.एम.ओ. के अतिरिक्त डॉ. प्रेरणा शर्मा (संविदा चिकित्सा अधिकारी) के लम्बे अवकाश पर जाने के पश्चात् डॉ. मनीष मिण्डा (चिकित्सक अधिकारी) कार्यरत है। (ग) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतामऊ में बी.एम.ओ. एवं एक चिकित्सक की ड्यूटी लगाकर प्रशासकीय कार्य व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ़ में डॉ. राकेश पाटीदार (मेडिकल ऑफिसर) पदस्थ होकर कार्यरत हैं, चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन हेतु डॉ. मनीष पंजाबी (संविदा मेडिकल ऑफिसर) की सप्ताह में छः दिन एवं डॉ. मनीष दानगढ़ (संविदा मेडिकल ऑफिसर) की सप्ताह में दो दिन की ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ़ में लगाई गई है।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[सहकारिता]
10. ( *क्र. 1292 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में जय किसान ऋण माफी योजना के तहत कर्ज माफी की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं को कब-कब प्रदान की गई है? प्राथमिक सहकारी साख संस्थावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में मार्च 2018 की स्थिति में तथा 12 दिसम्बर, 2018 की स्थिति में कितने किसानों पर कितना-कितना ऋण बकाया था? संस्थावार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में प्रश्न दिनांक तक प्राथमिक सहकारी संस्था बोलाई, केथलाई, अरनिया कलॉं, पोचानेर, सुन्दर्सी, बेरछा, तिंगजपुर, उगली, मगरोला, सिलोदा, दास्ता खेडी, अकोदिया आदि संस्थाओं के खातों में कितना ऋण समायोजित किया गया तथा इन संस्थाओं के कितने किसानों को कितना ऋण पुन: दिया गया?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) दिनांक 31.03.2018 की स्थिति में 83,534 किसानों पर राशि रू. 466.95 करोड़ तथा दिनांक 12.12.2018 की स्थिति पर 84,339 किसानों पर राशि रू. 509.92 करोड़ ऋण बकाया थी। संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
11. ( *क्र. 1148 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वचन दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु कमेटी का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो उसमें कौन-कौन सदस्य हैं? नामवार जानकारी प्रदान करें। (ग) संविदा कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वचन पत्र के क्रियान्वयन करने के लिए आदेश दिनांक 29 नवम्बर, 2019 द्वारा समिति का गठन किया गया है। शेषांश जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्टाफ डेव्लपमेंट फण्ड में जमा राशि
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
12. ( *क्र. 193 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा शिक्षकों/कर्मचारियों को परीक्षा संबंधी कार्य हेतु देय मानदेय से 5 प्रतिशत स्टाफ डेव्लपमेंट फण्ड में राशि काटी जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त फण्ड में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि जमा हुई है तथा कितनी राशि व्यय की गई है? उक्त फण्ड में जमा राशि को व्यय करने हेतु क्या नियमावली है तथा इसमें आर्थिक सहायता किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को प्रदान की जा सकती है? (ग) जिन शिक्षकों/कर्मचारियों से उक्त राशि काटी जा रही है, क्या उन्हें भी उक्त फण्ड से आर्थिक सहायता की पात्रता है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) शिक्षकों के मानदेय से राशि काटी जाती है, कर्मचारियों के मानदेय से नहीं। उक्त राशि से नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
तदर्थ नियुक्ति की प्रक्रिया
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 1003 ) श्री महेश परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तदर्थ नियुक्ति कब, कहाँ, कैसे और किस प्रक्रिया के अंतर्गत की जाती है? इस संबंध में कौन-कौन से प्रावधान किस-किस पर लागू हैं? इस संबंध में पूर्व और वर्तमान के सर्कुलर उपलब्ध कराएं। (ख) मिशन (परियोजनाओं) के अंतर्गत नियुक्ति प्रक्रिया संबंधी नीति निर्देश एवं प्रावधान तैयार करने की प्रक्रिया क्या है? इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश शासन के समस्त परियोजनाओं में नियुक्ति संबंधी निर्देश तैयार करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के कौन-कौन से सर्कुलरों का पालन करना होता है? क्या सभी मिशन एवं परियोजनाएं नियुक्ति के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमोदन लिए बिना स्वतंत्र रूप से नीति, निर्देश, नियम बना सकती हैं? यदि हाँ, तो किस निर्देश के परिपालन में यह कार्यवाही की जाती है? (ग) मिशन और परियोजनाओं में नीति, निर्देश संबंधी मसौदा तैयार करने पर नियुक्ति के मामले में क्या GAD से अनुमोदन प्राप्त करना होता है? यदि हाँ, तो किन-किन सर्कुलरों के अंतर्गत करना होता है? सर्कुलरों की प्रतियों सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) वर्तमान में शासन की परियोजनाओं, मिशनों में सीधी भर्ती किये जाने के लिए पूर्व के एवं वर्तमान में प्रचलित नियम क्या हैं? क्रमवार प्रतियाँ उपलब्ध कराएं।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय नर्सिंग सिस्टर/सिस्टर ट्यूटर की भर्ती परीक्षा में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( *क्र. 794 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नर्सिंग शाखा द्वारा वर्ष 2019 में नर्सिंग सिस्टर/सिस्टर ट्यूटर के पदों पर सीधी भर्ती हेतु आयोजित भर्ती परीक्षा में भोज मुक्त विश्वविद्यालय से पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग पाठ्यक्रम उत्तीर्ण स्टाफ नर्सों को सम्मिलित किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन स्टाफ नर्सों को सम्मिलित किया गया था? क्या इनमें से एक स्टाफ नर्स संचालनालय में पदस्थ है? क्या उसके द्वारा इस परीक्षा से संबंधित गोपनीय कार्य किया गया था? (ख) यदि उक्त परीक्षा हेतु भोज मुक्त विश्विविद्यालय से पोस्ट बी.एस.सी. नर्सिंग पाठ्यक्रम उत्तीर्ण स्टाफ नर्स अपात्र थी तो एम.पी. ऑनलाईन द्वारा नियमों के विपरीत ऐसे आवेदकों को परीक्षा में सम्मिलित क्यों किया गया तथा अपात्र होने के बाद भी ऐसे अभ्यर्थी का परीक्षा परिणाम जारी क्यों किया गया? (ग) क्या संचालनालय में पदस्थ उक्त स्टाफ नर्स द्वारा इस भर्ती परीक्षा में स्वयं को सम्मिलित कराने हेतु अधिकारियों एवं एम.पी. ऑनलाईन से मिली भगत की गई थी? यदि नहीं, तो नियम के विरूद्ध परीक्षा में सम्मिलित होकर परीक्षा परिणाम जारी होने तक इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को क्यों नहीं थी? क्या उपरोक्त तथ्यों की निष्पक्ष जाँच कर संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्यवाही कर संबंधित स्टाफ नर्स को संचालनालय से अन्यत्र पदस्थ किया जावेगा? (घ) प्रश्न क्रमांक (क), (ख), (ग) में की गई अनियमितता का कार्य करने वाले नर्सिंग शाखा में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारियों पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा अधिनियम के तहत् क्या इन्हें सेवा से बर्खास्त किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों तथा उपरोक्त अधिकारी, कर्मचारियों एवं एम.पी. ऑनलाईन के विरूद्ध धारा 420 के तहत् एफ.आई.आर. की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं, परीक्षा की नियम पुस्तिका के नियम क्रमांक 5 के स्पष्टीकरण अनुसार अन्य संस्थायें भोज, इग्नू आदि से प्रशिक्षण प्राप्त आवेदक अपात्र होंगे। किन्तु सीधी भर्ती हेतु आयोजित भर्ती परीक्षा में भोज मुक्त विश्वविद्यालय से पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग पाठ्यक्रम उत्तीर्ण स्टाफ नर्स श्रीमती सीमा टीले, श्रीमती योगिता दोनोडेकर श्रीमती मर्सरत मिर्जा सम्मिलित हो गईं। जी हाँ, जी नहीं। (ख) एवं (ग) निष्पक्ष जाँच कराकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रकरण में जाँच के उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में दर्शन व्यवस्था
[अध्यात्म]
15. ( *क्र. 1170 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में शीघ्र दर्शन 250 रूपये एवं गर्भगृह दर्शन रूपये 1500 बिना रसीद के दर्शनार्थियों को पैसा लेकर दर्शन कराने वाले कर्मचारी जिसका वीडियो भी है, उक्त कर्मचारी का नाम, पद तथा उक्त कर्मचारी 01 जनवरी, 2016 से किस-किस सेक्शन में किस-किस पद पर रहा, संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें तथा भ्रष्ट कर्मचारी पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या भस्म आरती में दर्शनार्थियों से पैसा लेकर दर्शन कराने की शिकायत पर पूर्व कलेक्टर ने उक्त कर्मचारी को भस्म आरती व्यवस्था से हटाया था? (ग) क्या टेक रूट कम्पनी के साथ मिलकर उक्त कर्मचारी के द्वारा वित्तीय अनियमितता की गई, जिसे पकड़ाये जाने पर टेक रूट कम्पनी की तो अमानत राशि राजसात की गई, किन्तु इसमे लिप्त पाये जाने पर भी उक्त कर्मचारी पर उसके इस कृत्य के लिए कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं हुई? कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) यदि सही है तो उक्त कर्मचारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अंतर्गत श्री मनोज पटेल नामक कर्मचारी 01 जनवरी, 2016 से आज दिनांक तक समय-समय पर जारी स्थानांतरण आदेशों के अनुसार सर्वर शाखा में सहायक सर्वर, रात्रिकालीन भस्म आरती में कम्प्यूटर, चांदी द्वार पर चांदी द्वार निरीक्षक एवं लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई में कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है, जिनके विरूद्ध आई.टी. शाखा प्रभारी श्री राजकुमार सिंह द्वारा नंदी हॉल में रूपये लेने की शिकायत संबंधी रिपोर्ट की गई थी। उक्त शिकायती रिपोर्ट के संबंध में श्री मनोज पटेल को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 889, दिनांक 04.04.2019 द्वारा जाँच पूर्ण होने तक कार्य से पृथक निलंबित रखा जाकर सहायक प्रशासक श्री चन्द्रशेखर जोशी को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 891, दिनांक 04.04.2019 से जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया था। कार्यालयीन आदेश क्रमांक 2648, दिनांक 30.09.2019 से विभागीय जाँच का निराकरण होने तक श्री पटेल का कार्य से पृथक्कीकरण समाप्त कर लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई में कार्य करने करने हेतु बहाल किया गया। जाँच प्रतिवेदन अनुसार सी.सी.टी.व्ही. फुटेज की सी.डी. के अवलोकन में प्रथम दृष्टया स्पष्ट प्रतीत नहीं हो रहा है कि श्री मनोज पटेल द्वारा किसी श्रद्धालु को चांदी द्वार से रूपये लेकर प्रवेश कराया गया। इस हेतु कर्मचारी श्री मनोज पटेल पर दोष सिद्ध न होने के कारण किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही की जाना न्यायोचित नहीं है। (ख) श्री मनोज पटेल का स्थानांतरण रात्रिकालीन भस्म आरती से चांदी द्वार पर निरीक्षक के रूप में किया गया है। (ग) टेक रूट कंपनी के साथ मिलकर उक्त कर्मचारी द्वारा कोई भी वित्तीय अनियमितता नहीं की गई है, कंपनी द्वारा निविदा एवं अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन किये जाने का दोषी होने पर सक्षम स्वीकृति उपरांत अनुबंध की शर्तानुसार कंपनी की अमानत राशि राजसात की गई। (घ) शिकायत निराधार होने से कोई कार्यवाही की जाना शेष नहीं है।
बेरोजगारी भत्ते का प्रदाय
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
16. ( *क्र. 297 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अपने वचन पत्र में म.प्र. के बेरोजगार युवाओं के रू. 4000/- प्रतिमाह बेरोजगार भत्ता दिये जाने का वचन दिया था? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के कितने बेरोजगारों को भत्ता दिया गया है? जिलेवार संख्या बतायें। यदि नहीं, तो क्यों और कब तक भत्ता दिया जायेगा? (ख) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता योजना के स्थान पर युवा स्वाभिमान योजना के तहत मध्यप्रदेश के बेरोजगार युवाओं को उनकी रूचि अनुसार 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रदेश के जिले स्तर पर कितने युवाओं के रोजगार दिया गया? विगत 01 वर्ष में कितने युवाओं को किस-किस क्षेत्र (Trade) में प्रशिक्षण प्रदान किया जाकर भत्ते का भुगतान किया गया है? जिलेवार संख्या बतायें। यदि नहीं, तो क्यों और कब तक प्रशिक्षण दिया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त संबंध में दिनांक 07.02.2020 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को कोई पत्र लिख गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार जानकारी प्रदान करें। (घ) ग्वालियर जिले के 14 ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों की कितनी संख्या है? कितने बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता एवं 100 दिन रोजगार दिया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अंतर्गत चिकित्सकों/ अन्य स्टाफ की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( *क्र. 776 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के किस-किस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र व उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों तथा अन्य स्टाफ के कौन-कौन से और कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के नाम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? क्या विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र व उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों तथा अन्य स्टाफ के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) स्वीकृत पदों के अनुरूप रिक्त चिकित्सकों तथा अन्य स्टाफ के कमी के कारण जन समुदाय को हो रही असुविधा का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र व उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? साथ ही महिला चिकित्सकों की भी पूर्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घट्टिया में मूल रूप से विशेषज्ञ के पद रिक्त हैं। प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होने तथा पदोन्नति के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के फलस्वरूप उक्त पदों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। उपरोक्त स्थिति के कारण उपलब्ध चिकित्सक, पी.जी. चिकित्सा अधिकारियों एवं उपलब्ध स्टाफ के माध्यम से जन सामान्य को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। (घ) सेवा भर्ती नियमानुसार सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही क्रमशः म.प्र. लोक सेवा आयोग, प्राफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से चयन प्रक्रिया द्वारा निरंतर जारी है। उपरोक्त के अतिरिक्त विभाग के अधीन बंधपत्र एवं एन.एच.एम. के तहत चिकित्सक एवं पी.जी. चिकित्सकों की पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। विभाग में महिला चिकित्सक का पद पृथक से स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनूपपुर जिले में संचालित स्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
18. ( *क्र. 1214 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में जिला चिकित्सालय के अलावा और कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप-स्वास्थ्य केन्द्र के अलावा कितने स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने-कितने तथा कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद प्रश्न दिनांक की स्थिति में रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ग) स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक, कम्पाउंडर, नर्स, वार्ड बॉय के पदों पर अभी तक भर्ती न करने के क्या कारण रहे हैं? कब तक इन पदों पर भर्ती कर इनको स्वास्थ्य केन्द्रों में नियुक्ति दे दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही निरन्तर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) अनूपपुर जिले के अंतर्गत वर्तमान में जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है। चिकित्सकों की भर्ती हेतु मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से मांगपत्र अनुसार चयन सूची प्राप्त होने पर पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जाती है तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से प्रत्येक बुधवार को वॉक इन इन्टरव्यू की कार्यवाही जारी है। उत्तीर्ण स्टाफ नर्स का आवंटन एवं नियुक्ति की कार्यवाही प्रतिवर्ष रिक्त पदों पर की जाती है। पैरामेडिकल संवर्ग के सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से निरंतर जारी रहती है, वर्तमान में राज्य शासन द्वारा प्रावधानित नवीन आरक्षण में जिला स्तरीय रोस्टर जारी नहीं होने के फलस्वरूप कम्पाउंडर (फार्मासिस्ट ग्रेड-2) एवं वार्ड बॉय के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया लंबित है।
विधायक निधि/विधायक स्वेच्छानुदान निधि का समय-सीमा में प्रदाय
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
19. ( *क्र. 157 ) श्री संजय शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि एवं विधायक स्वेच्छानुदान निधि की राशि संबंधित विधायक की अनुशंसा उपरांत हितग्राही के खाते में पहुंचने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुशंसित विधायक निधि एवं विधायक स्वेच्छानुदान निधि की राशि तय समय-सीमा में संबंधित ग्राम पंचायत/हितग्राही के खातों में पहुंचाई गई? यदि हाँ, तो विधायक निधि एवं विधायक स्वेच्छानुदान निधि की पृथक-पृथक सूची संबंधितों के खातों में राशि पहुंचाने की दिनांक सहित प्रदान करें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति 30 दिवस में एवं विधायक स्वेच्छानुदान योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों को 07 दिवस में भुगतान किये जाने के निर्देश हैं। (ख) जी नहीं, कुछ विलम्ब हुआ है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं विधायक स्वेच्छानुदान के अन्तर्गत हितग्राहियों को भुगतान की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बेरोजगारी भत्ते का प्रदाय
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
20. ( *क्र. 377 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के संबंध में कोई नीति/प्रावधान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ग) यदि प्रावधान किया गया है तो शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता कब से/प्रतिमाह कितनी राशि प्रदाय की जायेगी? (घ) यदि नहीं, तो वचन पत्र/घोषणा पत्र में उल्लेखित शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता कब तक दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.ए.जी. की रिपोर्ट पर कार्यवाही
[वित्त]
21. ( *क्र. 329 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.ए.जी. (भारत के नियंत्रक महालेखा परिक्षक) के द्वारा म.प्र. शासन के अफसरों के व्यक्तिगत बैंक खातों में 5 हजार 370 करोड़ की राशि जमा रखने और इन खातों का संचालन तीन वर्ष से अधिक समय तक नहीं किये जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है? क्या राज्य के वित्त पर लेखा परीक्षक के प्रतिवेदन जो 31 मार्च, 2018 तक की स्थिति में प्रस्तुत किये गये हैं, उसमें सी.ए.जी. ने कई मामलों में आपत्ति दर्ज कराई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या इतनी बड़ी राशि अफसरों के व्यक्तिगत खातों में नियमानुसार रखी जा सकती थी? अगर हाँ, तो नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें? अगर नहीं तो किन-किन/पदनाम के अफसरों के बैंक खातों में कितनी-कितनी राशि कब से कब तक रही? उस राशि पर जो ब्याज प्राप्त हुआ, उसका उपयोग किसके द्वारा किया गया? (ग) क्या वर्ष 2010 से 2017-18 तक मंहगाई भत्ते के बकाया एन.पी.एस. की कटौती नहीं होने से उक्त अवधि में अंशदान 3 हजार 321 करोड़ में से केवल 3 हजार 203 करोड़ अंतरित किया गया और 117.82 करोड़ की राशि एन.एस.डी.एल. को अंतरित नहीं की गई? साथ ही वर्ष 2017-18 में शासन में कुल अंशदान रूपये 821.45 करोड़ में से 801.63 करोड़ का भुगतान किया? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में हुई अनियमितताओं पर राज्य शासन ने किस नामों/पदनामों को प्रश्नतिथि तक चिन्हित किया है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक द्वारा 31 मार्च, 2018 को समाप्त हुए वर्ष के लिए लेखा परीक्षा प्रतिवेदन उपलब्ध कराया है। प्रतिवेदन की कंडिका 3.2 एवं 3.2.1 में 31 मार्च, 2018 की स्िथति में म.प्र. शासन के 847 व्यक्तिगत जमा खातों में राशि रूपये 5370.06 करोड़ के अंतिम शेष का उल्लेख है। लेखा परीक्षा प्रतिवेदन में तीन अध्याय तथा 85 कंडिकाएं उप कंडिकाएं शामिल हैं। (ख) उत्तरांश (क) से स्पष्ट है कि अफसरों के व्यक्तिगत बैंक खातों में कोई राशि जमा नहीं की गई है। अपितु शासन के कोषालयीन व्यक्तिगत पदनाम से जमा खातों में राशि जमा करने का उल्लेख किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मंहगाई भत्ते के बकाया से एन.पी.एस. कटौती किए जाने के संबंध में निर्देश दिनांक 17.02.2017 द्वारा जारी किए गए हैं। इसके पूर्व एन.पी.एस. अभिदाताओं को महंगाई भत्ते के बकाया का नगद भुगतान किया जाता था। वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2017-18 तक एन.पी.एस. की नियमित कटौत्रा राशि रूपये 3320.61 करोड़ (जिसमें वर्ष 2017-18 की कटौत्रा राशि रूपये 856.02 करोड़ सम्मिलित है), एन.पी.एस. ट्रस्ट को अंतरित की गई है। अत: बकाया राशि रूपये 117.82 करोड़ का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में कोई अनियमितता नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी विकास खण्ड केसला के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( *क्र. 773 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 दिसम्बर, 2019 की स्थिति में आदिवासी विकासखण्ड केसला के अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप-स्वास्थ्य केन्दों में कौन-कौन महिला चिकित्सक कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में शहरी क्षेत्र में संलग्न/पदस्थ किस-किस महिला चिकित्सक का वेतन आहरण आदिवासी विकासखण्ड केसला के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों से हो रहा है? (ग) आदिवासी विकासखण्ड केसला के अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सों को अन्यत्र अटैच, संलग्न कब से एवं किस की अनुशंसा एवं आदेश से किया गया? (घ) क्या आदिवासी विकासखण्ड केसला अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ महिला चिकित्सकों को पुन: वापस पदस्थ किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्या किसी अन्य महिला चिकित्सक की पदस्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) 31 दिसम्बर, 2019 की स्थिति में आदिवासी विकासखण्ड केसला के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जमानी संचालित था जिसमें डॉ. पूनम गौर चिकित्सा अधिकारी जो महिला है, पदस्थ थीं। उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक का पद स्वीकृत नहीं होता है। (ख) शहरी क्षेत्र में संलग्न/पदस्थ किसी भी महिला चिकित्सक का वेतन आहरण आदिवासी विकासखण्ड केसला के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों से नहीं हो रहा है। (ग) वर्तमान में किसी भी चिकित्सक को अन्यत्र अटैच/संलग्न नहीं किया गया है। (घ) विभाग में महिला चिकित्सक के नाम से पद स्वीकृत नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सुखतवा में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का 01 पद स्वीकृत होकर रिक्त है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद स्वीकृत नहीं है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, कुल स्वीकृत 3620 पदों के विरूद्ध मात्र 765 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है, वर्ष 2016 से मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के संदर्भ में विगत लगभग 04 वर्षों से पदोन्नति प्रक्रिया विलंबित है, अतः जिला चिकित्सालय स्तर की संस्थाओं में भी विशेषज्ञों की शत-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में संचालित कौशल विकास केन्द्रों का ऑडिट
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
23. ( *क्र. 1096 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कौशल विकास केन्द्र के संचालन की आवश्कता एवं कौशल विकास केन्द्र के नियम व शर्तें एवं हितग्राहियों को दी जाने वाली सुविधाएं अनुदान आदि समस्त जानकारी प्रदान करते हुए बतावें कि उज्जैन जिले में कितने कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं एवं किनके द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? तहसीलवार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्जैन जिले में संचालित कौशल विकास केन्द्रों के द्वारा समस्त आवश्यकताएं एवं औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं अथवा नहीं? उज्जैन जिले में संचालित कौशल विकास केन्द्रों की वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक ऑडिट रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) व्यापक पैमाने पर रोजगार बढ़ाने, प्रशिक्षण के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने तथा तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए विभाग के तहत 113 विकासखण्डों में एक-एक कौशल विकास केन्द्र (स्किल डेव्लपमेंट सेंटर) खोले गये, जिसमें उज्जैन जिले में 02 शासकीय कौशल विकास केन्द्र घट्टिया एवं तराना थे। वर्तमान में दोनों कौशल विकास केन्द्र संचालित नहीं हैं। (ख) वर्तमान में दोनों केन्द्र संचालित नहीं हैं। महालेखाकार म.प्र. द्वारा आई.टी.आई. उज्जैन का 9/9 से 12/6 तक की अवधि के लिए किए गए ऑडिट के प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शा. महाविद्यालय/पॉलिटेक्निक कॉलेज भवनों का निर्माण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
24. ( *क्र. 1333 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर एवं शहडोल जिले में ऐसे कौन-कौन से शासकीय महाविद्यालय एवं शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं, जो प्रश्न दिनांक तक अन्य दूसरे विभाग की संस्था में या स्वयं के भवन में संचालित नहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक के मध्य इन भवनों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी भवन राशि स्वीकृत की गई थी और कितनी-कितनी भवन निर्माण में प्रश्न दिनांक तक राशि व्यय की जा चुकी है? संबंधित निर्माण कार्य किस दर पर किस विभाग द्वारा किस दर पर करवाया गया/करवाया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक संबंधित ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि दी जा चुकी है और कितनी राशि देना शेष है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण भवनों में क्या-क्या कार्य कराना शेष रह गए हैं? शेष कार्य पूर्ण कराये जावेंगे तो कब तक? कब तक स्वयं के भवनों में संस्थाएं संचालित होने लगेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा में स्थित पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, स्वास्थ्य विभाग के परिसर डेनेडा प्रोजेक्ट के भवन में संचालित है। (ख) पॉलीटेक्निक जतारा के भवन के लिए वर्ष 2015 में 265 लाख रूपये वर्ष 2018 में 102 लाख रूपये एवं वर्ष 2019 में 67.02 लाख रूपये स्वीकृत किये गये हैं। भवन निर्माण में 632.29 लाख रूपये व्यय किया जा चुका है। भवन निर्माण पी.आई.यू्. टीकमगढ़ का कार्य लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा उनके मानकों के अनुसार करवाया जा रहा है। (ग) निर्माण एजेंसी को 632.29 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है तथा निर्माण एजेंसी द्वारा शेष राशि का भुगतान कार्य पूर्णता पश्चात् किया जायेगा, वर्तमान में ठेकेदार का कोई देयक पी.आई.यू. के पास लम्बित नहीं है। (घ) भवन के फिनिशिंग, रंगाई-पुताई, बाउण्ड्रीवॉल तथा एप्रोच रोड का कार्य पूर्ण होना शेष है। उक्त कार्य जून-2020 तक पूर्ण होना संभावित है। सत्र 2020-21 से संस्था अपने स्वयं के भवन में संचालित की जायेगी।
कृषक सेवा सह. संस्था मर्या. बैजनाथ के प्रबंधक के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
25. ( *क्र. 237 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 599, दिनांक 18.12.2019 के उत्तर अनुसार कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्यादित बैजनाथ तहसील महिदपुर में श्री बनेसिंह, सहायक प्रबंधक के विरूद्ध माननीय न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महिदपुर जिला उज्जैन में अपराध क्रमांक 499/2018 विचाराधीन है। अपराध क्रमांक 499/2018 के विरूद्ध श्री बनेसिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश खण्डपीठ इन्दौर मध्यप्रदेश के समक्ष याचिका क्रमांक सी.आर.आर./667/2019 दायर की गई है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर (म.प्र.) के समक्ष दायर याचिका क्रमांक सी.आर.आर./667/2019 में अभी तक कौन-कौन अधिवक्तागण नियत तिथियों पर उपस्थित हुए हैं, जानकारी उपलब्ध करावें। जिन नियत तिथियों पर अधिवक्तागण उपस्थित नहीं हुए हैं, उसका कारण स्पष्ट करें व इसके लिये जिम्मेदार दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में प्रकरण में शासन की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय इन्दौर से शासकीय अभिभाषक उपस्थित होते हैं। म.प्र. उच्च न्यायालय की वेबसाईट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार निम्न दिनांकों को शासकीय अभिभाषक उपस्थित हुये :-
क्र. |
दिनांक |
अभिभाषक |
1 |
18.02.2019 |
शासकीय अभिभाषक उपस्थित |
2 |
05.03.2019 |
शासकीय अभिभाषक उपस्थित |
3 |
12.03.2019 |
श्री निलेश जगताप, शासकीय अभिभाषक उपस्थित |
4 |
19.03.2019 |
श्री गौरव वर्मा, शासकीय अभिभाषक उपस्थित |
5 |
29.03.2019 |
श्री मनीष वर्मा, शासकीय अभिभाषक उपस्थित |
6 |
05.04.2019 |
शासकीय अभिभाषक उपस्थित |
7 |
12.04.2019 |
श्री प्रणय जोशी, शासकीय अभिभाषक उपस्थित |
माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरणों में शासकीय अभिभाषक उपस्थित होते हैं, इसके लिये विभाग के अधिकारी दोषी नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुर्दा
घरों की समुचित
व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
1. ( क्र. 6 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दुर्घटनाओं आदि में मृत व्यक्तियों (जिनमें पोस्टमार्टम की आवश्यकता होती है) के शवों को सुरक्षित रखने व उनका पोस्टमार्टम किये जाने हेतु क्या नियम-नीति-निर्देश हैं और जिला, तहसील स्तर पर इस हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गई है? (ख) रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) वर्णित व्यवस्था कहाँ-कहाँ पर है? प्रत्येक पोस्टमार्टम कक्ष/स्थल में क्या-क्या सुविधायें और उपकरण आदि हैं? (ग) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में मुर्दाघरों/पोस्टमार्टम स्थलों में साफ-सफाई जैविक अवशेषों के निष्पादन, उपकरणों की खरीदी में कितनी-कितनी राशि व्यय की जाकर क्या-क्या व्यवस्थायें कहाँ-कहाँ पर की गई हैं? (घ) रायसेन जिले में ऐसे स्थलों पर कहाँ-कहाँ शीतलन व विद्युत व्यवस्था है और कहाँ-कहाँ पर नहीं एवं क्यों? कब तक उक्त व्यवस्थायें पोस्टमार्टम स्थलों पर की जावेगी? कब तक समुचित उपकरण क्रय कर लिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शवों को सुरक्षित रखने हेतु मार्चुरी कुलर एवं पोस्टमार्टम किये जाने हेतु पोस्टमार्टम किट की व्यवस्था है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में समाहित है। शीतलन व्यवस्था का प्रावधान वर्तमान में केवल जिला स्तर पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोगी कल्याण समिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 7 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समितियों के पास फरवरी 2020 की स्थिति में कितनी राशि है? उक्त राशि किन-किन कार्यों में व्यय की जा सकती है तथा उनकों मरीजों के हित में व्यय क्यों नहीं किया जा रहा है। (ख) 1 अप्रैल 2017 से फरवरी 2020 तक किन-किन रोगी कल्याण समिति की बैठक कब-कब हुई? उक्त बैठकों में पारित प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन प्रस्तावों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई (ग) किन-किन चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति द्वारा बनाई गई दुकानें किन-किन को किन-किन शर्तों पर दी गई? किराया प्रतिमाह कितना है? (घ) किराया नियमित रूप से क्यों वसूल नहीं किया जा रहा है? किस-किस से कितना किराया लेना बकाया है? कब तक वसूल किया जायेगा? किराया वसूल न होने के किए कौन-कौन अधिकारी जबावदार हैं तथा विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। रोगी कल्याण समिति से प्राप्त आय नियमानुसार मरीजों के हित में व्यय की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उक्त बैठकों में पारित प्रस्ताव एवं इन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति द्वारा बनाई गई दुकानें, शर्तें एवं प्रतिमाह किराये का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (घ) किराया वसूलने की कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
आयुष्मान भारत योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( क्र. 35 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, सागर, नरसिंहपुर एवं जबलपुर जिलों में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से हॉस्पिटल किन-किन बीमारियों के लिए चिन्हित किये गये है सूची उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक किन-किन हॉस्पिटल में कितने मरीजों का आयुष्मान भारत योजना में इलाज हुआ तथा कितनी राशि व्यय हुई? (ग) उक्त योजनान्तर्गत संबंधित हॉस्पिटल द्वारा मरीजों से विभिन्न जाँचों के नाम पर राशि क्यों जमा करवाई जाती है विभिन्न जाँचों को योजनान्तर्गत पैकेज में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया? (घ) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) के हॉस्पिटलों में उक्त योजनान्तर्गत मरीजों से जाँच के नाम पर राशि लेने एवं अन्य अनियमित्ताओं के संबंध में मान. मंत्री जी को किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) भोपाल, सागर, नरसिंहपुर एवं जबलपुर जिलों में योजना से सम्बद्ध/निजी हॉस्पिटल द्वारा बिमारीवार दी जाने वाली सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सम्बन्धित चिकित्सालय द्वारा हितग्राही से राशि नहीं जमा कराई जा सकती है, जाँचों को योजनान्तर्गत पैकेज में सम्मिलित किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
उपार्जन केन्द्रों में राशि कृषकों से वसूली
[सहकारिता]
4. ( क्र. 92 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धान उपार्जन केन्द्रों में कृषकों से उपार्जन के समय हम्माली तुलाई सिलाई एवं भराई के नाम से शासन स्तर से राशि स्वीकृत की जाती है। जिसका भुगतान उपार्जन केन्द्रों में संबंधित हम्मालों को उपार्जन केन्द्र के प्रभारी द्वारा भुगतान किया जाता है? यदि हाँ तो प्रति क्विंटल कितना भुगतान किया जाता है? कटनी जिले के किन-किन उपार्जन केन्द्रों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान वर्ष 2019-20 में किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या उपार्जन के समय प्रभारी अधिकारी एवं हम्मालों द्वारा बीस रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों से राशि ली जाती है यदि हाँ तो किसके आदेश से। क्या ली गई राशि संबंधित किसानों जिनके द्वारा अपना खाद्य उपार्जन केन्द्र को दिया गया है, को वापस की गई? यदि हाँ तो उपार्जन केन्द्रवार, कृषकवार वापस की गई राशि की जानकारी देवें। (ग) यदि राशि वापस नहीं की गई तो अवैध वसूली के लिये कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये कृषकों से अवैध रूप से वसूल की गई राशि वापस की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
सामान्य
प्रशासन
मंत्री ( डॉ.
गोविन्द सिंह )
: (क) जी
हाँ, जी
हाँ, आयुक्त
सहकारिता एवं पंजीयक
सहकारी संस्थाएं
के पत्र
क्र./विप./उपा./2018/630 दिनांक 28.02.2018 के
द्वारा धान
उपार्जन हेतु
अधिकतम
प्रासंगिक व्यय
राशि रू. 15/- प्रति
क्विंटल
निर्धारित
किया गया है। कटनी
जिले में वर्ष
2019-20 में
प्रासंगिक व्यय
मद में किये
गये भुगतान की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
नहीं, उपार्जन
के समय खरीदी
प्रभारी एवं हम्मालों
द्वारा
किसानों से
कोई भी राशि
नहीं ली जाती
है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(ख)
के
अनुक्रम में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "चार"
सी.एम. हेल्पलाईन में की गई शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
5. ( क्र. 93 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरभाष क्रमांक 181 सी.एम. हेल्पलाईन में कटनी जिले के विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिये जनता द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ तो कटनी जिले में वर्ष 2019-20 में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) शिकायतों में प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतों का निराकरण एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 में किया गया? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में एल-1, एल-2 एवं एल-3 निराकरण में कितनी शिकायतों में शिकायतकर्ताओं से सम्पर्क किया गया? (घ) क्या संबंधित विभागों द्वारा शिकायत कर्ताओं से बिना संपर्क किये एल-1, एल-2, एल-3 में निराकरण बता दिया जाता हैं, जिसके कारण शिकायतें एल-4 में पहुँच जाती हैं? ऐसे दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ वर्ष 2019-20 में कटनी जिले में कुल 47908 (सैतालिस हजार नौ सौ आठ) शिकायतें प्राप्त हुई है। विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शिकायतों का निराकरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में एल-1, एल-2 एवं एल-3 निराकरण में 37208 शिकायतों में शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया। (घ) सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायत विशेष के लिए संबंधित विभाग/कार्यालय से स्पष्ट जानकारी अपलोड किये जाने के पश्चात् सी.एम. हेल्पलाइन कॉल सेंटर भोपाल द्वारा संबंधित शिकायतकर्ता को दूरभाष पर संपर्क कर समस्या के समाधान के बारे में पूछकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि वह संतुष्ट है। यदि शिकायतकर्ता संतुष्ट है तो तद्नुसार जानकारी दर्ज कर शिकायत को विलोपित किया जाता है। यदि शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है तो शिकायत विलोपित नहीं की जाती है। निराकरण से असंतुष्ट होने पर शिकायत वरिष्ठ अधिकारी को प्रेषित की जाती है, जिसका उच्च स्तर एल-4 है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आई.टी.आई. खोले जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
6. ( क्र. 138 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रत्येक विकासखंड स्तर पर एक शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने का प्रावधान है? (ख) क्या विकासखंड बिजावर जिला छतरपुर में क्या शासकीय आई.टी.आई. है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में क्या शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने पर शासन स्तर पर विचार होगा? यदि हाँ तो कब तक खोला जा सकता है.
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं।
भोपाल जिले में कैंसर पीड़ितों का उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र.
185 ) श्रीमती
कृष्णा गौर : क्या
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
जिले में माह
दिसम्बर 2019
से प्रश्न
दिनांक तक कैंसर
से पीड़ित
कुल कितने
रोगी पंजीकृत
किये गये? पूर्व
में उपचारित
कैंसर
रोगियों को
मिलाकर अब कुल
कितनी संख्या
हो गई है? (ख) प्रश्नकर्ता
द्वारा पूछे
गये प्रश्न क्रमांक
1255
के उत्तर
दिनांक 18/12/19 में
यह बताया गया
है कि कैंसर
पीड़ितों के
उपचार हेतु
रेडियो
थेरेपी की कुल
7
मशीने स्थापित
है। उनके स्थापना
का स्थान एवं
नियंत्रणकर्ता
के नाम बताया
जायें? (ग) प्रश्नांश
(ख) में उल्लेखित
नियंत्रण
कर्ताओं
द्वारा कैंसर
रोगी से प्रति
रेडियो
थेरेपी उपचार
हेतु कितना
शुल्क लिया
जाता है? क्या
यह शुल्क
राज्य शासन
द्वारा
निर्धारित दर
के अनुरूप है? यदि
नहीं, तो कारण
बताया जायें?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
तरूण भनोत ) : (क)
भोपाल
जिले में माह
दिसम्बर 2019
से प्रश्न
दिनांक तक
कैंसर से पीड़ित
कुल 3563
रोगी पंजीकृत
किये गये। पूर्व
में उपचारित
रोगियों को
मिलाकर कुल मरीजों
की संख्या 60718
हो गई हैं। (ख)
पूछे गये
प्रश्न
क्रमांक 1255
में लिपिकीय
त्रुटिवश 07
मशीन स्थापित
हो गयी थी। भोपाल
जिले में
रेडियोथेरेपी
की 06
मशीन स्थापित
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ग) रेडियोथेरेपी
के दर की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। जी हाँ, प्रदेश
में संचालित
योजनाओं के
हितग्राहियों
की दरों की
सूची अनुसार
शासन द्वारा
संबंधित
चिकित्सालयों
को भुगतान
किया जाता है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भोपाल शहर के अस्पतालों में हो रही नवजातों की मौत
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 197 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल शहर के शासकीय अस्पतालों में कितने नवजातों की मौत किस कारण हुई हैं? अस्पतालवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या बिस्तर के अभाव में महिलाओं के साथ नवजात को भी जमीन पर सुलाया जाता है, जिसके कारण उनकी मौत हो रही है? (ग) भोपाल के सरकारी अस्पतालों में ओ.पी.डी. में प्रतिदिन कितने मरीज आते हैं? उन्हें देखने के लिए कितने डॉक्टर हैं? अस्पतालवार जानकारी दें। (घ) क्या भोपाल के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, पलंग, दवायें और आवश्यक उपकरणों की बहुत कमी है? यदि हाँ, तो उनको कब तक पूरा किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत भोपाल शहर के शासकीय अस्पतालों में प्रश्नावधि में कुल 142 नवजातों की मृत्यु हुई, जिसके प्रमुख कारण समय पूर्व जन्म, कम वज़न आर.डी.एस., बर्थ एस्फिक्सिया, संक्रमण, जन्मजात विकृति आदि हैं। अस्पतालवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य सरकार द्वारा वृहद उद्योगों में आरक्षण लागू न करना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
9. ( क्र. 198 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा वृहद (बड़े) उद्योगों पर कुल रोजगार का न्यूनतम 70 प्रतिशत मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों को प्रदान करना और उक्त 70 प्रतिशत रोजगार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को राज्य शासन द्वारा घोषित आरक्षण अनुसार प्रतिनिधित्व भी दिये जाने के नियम को अनिवार्य नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत नियम को अनिवार्य क्यों नहीं किया गया है? कारण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या इस नियम को अब अनिवार्य किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? नियम बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा आदेश दिनांक 19.12.2018 द्वारा उद्योग संवर्धन नीति-2014 (यथा संशोधित 2018) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों को उत्पादन प्रारंभ करने वाली तिथि से दिया जाना अनिवार्य किया गया है। उक्त 70 प्रतिशत रोजगार में जातिगत आधार पर प्रतिनिधित्व का प्रतिशत निर्धारित नहीं है। (ख) वृहद श्रेणी के उद्योगों में उत्पादन एवं संचालन की एक विशिष्ट प्रक्रिया होती है तद्नुसार ही श्रम संसाधन की मांग भी आवश्यकताओं के अनुरूप एवं विशिष्ट होती है अत: प्रदेश के औद्योगिकीकरण और रोजगार सृजन के माध्यम से प्रदेश के लोगों की आर्थिक समृद्धि समग्र प्रगति के दृष्टिगत एवं निवेश के वातावरण को निरंतर बनाये रखने के लिये प्रश्नांश (क) अनुसार रोजगार में जातिगत आधार पर प्रतिनिधित्व का प्रतिशत निर्धारित नहीं किया गया है। (ग) वर्तमान में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा लागू नीति (क) अनुसार ही नियत है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
10. ( क्र. 291 ) श्री संजय उइके, डॉ. अशोक मर्सकोले, श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2004 से 2018 तक कितनी ग्लोबल इन्वेसटर्स समिट का आयोजन हुआ? इनमें कुल कितने निवेश प्रस्ताव आये? कितनों का क्रियान्वयन हो रहा है और कितने युवाओं को रोजगार मिला? (ख) 2004 से 2018 तक निवेश आकर्षित करने कितनी विदेश यात्राएं कब-कब और किन देशों में की गई? (ग) इन देशों से प्रदेश में कितना निवेश आया?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2004 से 2018 तक 05 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ। जिसमें 6431 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये, इनमें से 4696 निवेश प्रस्ताव क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में है और 97816 युवाओं को रोजगार मिला। (ख) वर्ष 2004 से 2018 तक प्रदेश में निवेश आकर्षित करने हेतु की गई विदेश यात्राओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) यद्यपि विदेशी पूंजी निवेश भारत सरकार का विषय है तथापि मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा प्रदेश में कुल रू. 7349.30 करोड़ का निवेश विभिन्न उद्योगों में किया गया है।
औद्योगिक नीति का पालन न करना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
11. ( क्र. 308 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के विभिन्न जिलों में संचालित फैक्ट्रियों/कंपनियों/सोलर पावर प्लांटों में ठेकेदारी प्रथा पर कार्य करने हेतु कितने ठेकेदारों/संविदाकारों का पंजीयन किन-किन फैक्ट्रियों/कंपनियों में किया गया है? कंपनीवार संविदाकारों/ठेकेदारों के नाम व पते सहित विवरण वर्ष 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में किन कंपनियों/फैक्ट्रियों/सोलर पावर प्लांटों में कितने ठेकेदार/संविदाकार कार्य कर रहे हैं, उनको कार्यादेश कंपनियों/फैक्ट्रियों/सोलर पावर प्लांट द्वारा किस आदेश एवं नियमों के आधार पर दिये गये है बतायें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में जिन संविदाकारों/ठेकेदारों द्वारा कंपनियों/फैक्ट्रियों व सोलर पावर प्लांटों में काम लिये जा रहे हैं उनके द्वारा कितने श्रमिक किन फैक्ट्रियों में ठेकेदारी पर कार्य बाबत् लगाये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कंपनियों/फैक्ट्रियों/सोलर पावर प्लांटों में जिन ठेकेदारों/संविदाकारों को कार्यादेश जारी किये जाते हैं उस बाबत् क्या मापदण्ड अपनाया जाता है इस बाबत् अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के ठेकेदार/संविदाकार कार्य से वंचित किये जाते हैं, सामान्य वर्ग के ठेकेदार लाभांवित हो रहे हैं? इस बाबत् क्या नीति एवं निर्देश जारी करावेंगे जिससे अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के संविदाकार/ठेकेदार लाभांवित हो सकेंगे उनको भी कार्य मिल सकेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने, अधिनियम एवं नियम का पालन न करने, श्रमिकों एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के ठेकेदारों का कंपनी द्वारा कार्य न देने, मानसिक रूप से शोषण से बचाव बाबत् क्या निर्देश जारी करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ड.) जिलों में संचालित फैक्ट्रियों/कंपनियों/सोलर पावर प्लांटों में ठेकेदारी प्रथा पर कार्य करने हेतु ठेकेदारों/संविदाकारों का पंजीयन से संबंधित जानकारी विभाग के अधीन संधारित नहीं की जाती है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
12. ( क्र. 309 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 25 दिनांक 18.01.2020 के माध्यम से आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा को पत्र लिखकर कार्यालय में 20.01.2020 को पत्र देकर जानकारी चाही गई थी उक्त जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं करायी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के पत्र में उल्लेखित बिन्दु क्र. 1 से 5 में की जानकारी बाबत् आयुक्त कार्यालय से कब-कब पत्र लिखे गये, पत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें अगर पत्र संबंधितों को नहीं लिखे गये जिसके कारण जानकारी संकलित नहीं हुई और न दी गई इसके लिये किनको जिम्मेदार मानकार कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? जिम्मेदारों के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार जिले के जिम्मेदारों को अगर आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा द्वारा पत्र जारी किये गये उनके द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गई तो जिले के जिम्मेदार विभिन्न विभागों के अधिकारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही इनको जानकारी देने बाबत् क्या निर्देश जारी करेंगे बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही न करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, जिम्मेदारों के नाम एवं पद सहित जानकारी देवें एवं इन पर किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे यह भी बतावें? साथ ही पत्र अनुसार चाही गई बिन्दुवार जानकारी दिये जाने बाबत् निर्देशित करेंगे एवं विलम्ब के लिये कार्यवाही क्या प्रस्तावित करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ पत्र प्राप्त हुआ है। संबंधितों को वांछित जानकारी उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखा गया है। जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने के कारण जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही प्रगति पर है इसलिए किसी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मकरोनिया का भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 378 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मकरोनिया का भवन निर्माण कार्य का अनुबंध कार्य एजेन्सी द्वारा कब किया गया था? कार्य कब तक पूर्ण किया जाना था वर्तमान में भवन निर्माण की स्थिति क्या हैं? (ख) यदि कार्य कार्य अवधि तक पूर्ण नहीं हुआ है तो इसके लिए कौन दोषी है? कार्य अवधि की सीमा कब तक बढ़ाई गई है एवं कार्य कब तक पूर्ण होगा? समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर ठेकेदार के ऊपर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) प्रश्न दिनांक तक निर्माणधीन भवन का कार्य किस स्तर तक पूर्ण कर लिया गया है? कितना निर्माण कार्य शेष है? कार्य एजेन्सी को कब-कब कितना भुगतान किया गया? (घ) क्या निर्माणधीन भवन कार्य का प्रदेश स्तर/उच्च से तकनीकी परीक्षण कराया गया है? यदि हाँ तो कब-कब कराया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) अनुबंध दिनांक 01.10.2018 को किया गया। अनुबंधानुसार पूर्णता दिनांक 31.03.2020 है वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ख) कोई दोषी नहीं। कार्य पूर्ण करने की निर्धारित समयावधि दिनांक 31.03.2020 है, कार्य स्थल पर अतिक्रमण होने एवं हाईटेंशन लाइन गुजरने तथा निर्माण स्थल ढ़लान में होने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ है, जिला प्रशासन द्वारा दिनांक 24.02.2020 को निर्माण स्थल से अतिक्रमण हटा दिया गया है, कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किया जायेगा। ठेकेदार पर कार्य पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) बाउण्ड्रीवाल का कार्य लगभग पूर्ण है, अस्पताल भवन का आशिंक भाग का कॉलम फुटिंग कार्य प्लिंथ स्तर तक का पूर्ण कर लिया गया है एवं 03 आवासीय भवनों का कार्य लिंटल स्तर पर है। अस्पताल भवन का प्लिंथ एवं ऊपर का कार्य शेष है एवं आवासीय भवनों का कार्य लिंटल के ऊपर एवं स्लैब का कार्य शेष है। कार्य एजेन्सी को दिनांक 03.09.2019 को राशि रूपये 27.93 लाख एवं दिनांक 25.01.2020 को राशि रूपये 54.24 लाख का भुगतान किया गया है। (घ) जी हाँ। दिनांक 16.10.2019 एवं दिनांक 08.11.2019।
प्रश्नकर्ता द्वारा की गयी शिकायत की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 428 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, को होशंगाबाद कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह एवं अनुविभागीय अधिकारी श्री हरेन्द्र नारायण के संबंध में की गयी शिकायत मुख्य सचिव कार्यालय से 15 नवम्बर 2019 को प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी गयी थी। (ख) यदि हाँ तो जाँच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये प्रकाश में आये तथ्यों पर क्या कार्यवाही की गयी। जाँच कब तक पूर्ण हो सकेगी।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत पत्र पर प्रतिवेदन आयुक्त, नर्मदापुरम संभाग, होशंगाबाद से दिनांक 09/03/2020 को प्राप्त हुआ है, जो परीक्षणाधीन है। प्रकरण में गुण-दोष पर विचारकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कीटनाशकों के मानव जीवन पर प्रभाव
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 430 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा फरवरी 2020 में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पत्र द्वारा एवं आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल को दिनांक 10.02.2020 को ई-मेल एवं पत्र द्वारा कीटनाशकों के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन करने का अनुरोध किया गया था। (ख) क्या कीटनाशकों के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन की प्रदेश में कोई व्यवस्था है। यदि हाँ तो जानकारी दें। (ग) क्या शासन होशंगाबाद जिले में कीटनाशकों के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन करेगा। (घ) यदि हाँ तो किसके द्वारा कब तक। यदि नहीं, तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कीटनाशकों के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन हेतु कृषि विभाग के कीटनाशी (संशोधन) नियम 2017 द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा कृषि विभाग से समन्वय कर प्रभाव का मूल्यांकन किया जायेगा। (ग) जी हाँ। (घ) कृषि विभाग से समन्वय कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कीटनाशकों के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव हेतु कार्यवाही की जायेगी।
फर्नीचर एवं बस स्टॉप हेतु विधायक निधि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
16. ( क्र. 464 ) श्री संजीव सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 से 2018 के कार्यकाल में विधायक भिण्ड द्वारा विधायक निधि से बस स्टॉपेज एवं स्कूलों में फर्नीचर के लिए राशि दी गई थी? क्या उक्त कार्यों हेतु एजेंसी द्वारा कोई कोटेशन या टेंडर आमंत्रित किए गए थे, यदि हाँ तो विवरण देवें? (ख) क्या स्कूलों में फर्नीचर एवं बस स्टॉप प्रदाय करने वाली एजेंसियों को विधायक निधि से कार्य कराये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या प्रदाय की गई फर्नीचर एवं बस स्टॉप के लिए विधायक निधि से दी गई राशि एवं एजेंसी का भौतिक सत्यापन कराया गया था? यदि सत्यापन कराया गया था तो वर्तमान में किस स्थिति में है? (घ) उक्त कार्यों के लिए विधायक भिण्ड द्वारा वर्ष 2013 से 2018 तक कितनी राशि दी गई थी? सम्पूर्ण विवरण कार्यवार एवं वर्षवार बताएं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। उक्त कार्यों हेतु निर्धारित क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा अपनी स्वयं की निर्धारित दरों पर कार्य किया गया था। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष 2013 की कंडिका 3.6 के अनुसार नहीं है। (ग) भौतिक सत्यापन तथा वर्तमान स्थिति की सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 14 एवं 15 अनुसार हैं। (घ) विधायक भिण्ड द्वारा उक्त कार्यों हेतु वर्ष 2013 से 2018 तक राशि रुपये 100.324 लाख की अनुशंसा की गई, कार्यवार एवं वर्षवार सम्पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 2 एवं 7 अनुसार हैं।
जनभागीदारी राशि जारी कराना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
17. ( क्र. 515 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जनभागीदारी मद से निर्माण कार्य कराये जाने हेतु राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो वर्ष 2019-2020 में सागर जिले में कितनी राशि प्रदाय की गई हैं? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या शासन द्वारा इस योजना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? यदि नहीं, तो शहर विकास हेतु जनभागीदारी से कार्य कराये जाने हेतु शीघ्र ही राशि प्रदान करेगा तथा कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 1,25,00,000/- आवंटित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। बजट आवंटन प्राप्त होने पर संभव है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विधान सभा क्षेत्र विकास निधि योजना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( क्र. 516 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग अंतर्गत विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की मार्गदर्शिका 2013 में वर्णित अनुमत कार्यों की सूची में कुछ कण्डिकाओं को विलोपित किया गया है? यदि हाँ तो कारण सहित बताएं। (ख) क्या पंजीकृत, मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्थायें शिक्षण के महत्वपूर्ण कार्य हेतु भवन निर्माण एवं फर्नीचर, टाट पट्टी क्रय आदि की व्यवस्था हेतु विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकास निधि से राशि स्वीकृति पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ तो कारण सहित बताएं। (ग) क्या विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकास निधि से सामाजिक संगठनों के लिये अनुमोदित धर्मशाला, सामुदायिक भवन निर्माण उपरांत क्षेत्र के आमजन के उपयोग में आते है? यदि हाँ तो इन कार्यों पर रोक लगाये जाने का क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा जनहित में निर्णय लिया गया है। (ख) जी हाँ। जनहित में निर्णय लिया गया है। (ग) आमजन के उपयोग से संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं है। इन कार्यों पर जनहित में रोक लगाई गई है।
कृषकों के नाम पर फर्जी ऋण
[सहकारिता]
19. ( क्र. 558 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन के द्वारा कृषकों के ऋण माफी की घोषणा के पश्चात सिवनी जिले में किन-किन पंचायतों के द्वारा ऋण लेने वाले कृषकों की सूची पंचायत भवनों में चस्पा एवं जारी की? घोषणा के पश्चात प्रश्न तिथि तक जिले में क्या फर्जी लोन जारी करने के प्रकरण सामने आये प्रकरणवार, जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या विभाग के अंतर्गत कार्यरत बैंकों/सोसायटियों द्वारा कृषकों की जानकारी (सहमति) के विरूद्ध उनके नाम से फर्जी ऋण लिया जाना ऋण माफी घोषणा के पश्चात प्रश्न तिथि तक सिवनी जिले में पाया गया? क्या उक्त फर्जी ऋण लेने की जाँच विभाग एवं संबंधित स्थानों के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के द्वारा प्रश्नतिथि तक की गई? यदि हाँ, तो प्रकरणवार हुई सभी जाँच रिपोर्ट की एक-एक प्रति निष्कर्षों सहित उपलब्ध करावें। (ग) किन-किन सहकारी समितियों ने कुल कितने किसानों के नाम पर कितनी राशि का फर्जी ऋण निकाल रखा था? जिलेवार/अनुविभागवार जानकारी दें। जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के द्वारा प्रश्नांश ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' में उल्लेखित के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक संबंधित थाना क्षेत्रों से प्रकरणवार एफ.आई.आर. दर्ज करवाते हुये क्या कार्यवाही की? प्रकरणवार जानकारी दें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषक ऋण माफी घोषणा के पश्चात सिवनी जिले की समस्त पंचायत भवनों में दिनांक 31.03.2018 पर शेष ऋण एवं ब्याज की कृषकों की सूचियां चस्पा कर जारी की गई। ग्राम पंचायतों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरणवार जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जिले की सेवा सहकारी समिति ताखलाकला, द्वारा 293 कृषकों के नाम राशि रू. 85,18,817.21 एवं आदिमजाति सेवा सहकारी समिति धनोरा द्वारा 335 कृषकों के नाम राशि रू. 41,06,766.00 फर्जी ऋण निकाल रखा था। दर्ज एफ.आई.आर. का विवरण निम्नानुसार है:-
जिले का नाम |
अनुविभाग का नाम |
संस्था का नाम |
थाना |
एफ.आई.आर क्रमांक व दिनांक |
आरोपित कर्मचारी का नाम एवं पद |
अनुशासित कार्यवाही |
सिवनी |
बरघाट |
1 ताखलाकला |
अरी |
0037/15.02.2019 |
1 श्री सत्यनारायण वघेल सहायक समिति प्रबंधक/लेखापाल |
निलंबित |
2. श्री यशवंत ठाकुर, लेखापाल |
निलंबित |
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3. श्री अनिल लांजेवार, कम्प्यूटर आपरेटर |
सेवा समाप्त |
|||||
4. श्री भरत हरदे, कम्प्यूटर आपरेटर |
सेवा समाप्त |
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|
घनसौर |
2 धनोरा |
अरी |
0065/02.03.2019 |
1.श्री श्रवण कुमार सोनी, समिति प्रबंधक निलंबित |
निलंबित |
शासनादेश/विभागीय निर्देशों का पालन
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 568 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3532 दिनांक 23/07/2019 के प्रश्नांश (ख) से (घ) की जानकारी एकत्रित कर ली गयी है यदि हाँ तो यह जानकारी क्या है और शासनदेश के पालन न करने के जिम्मेदार शासकीय सेवकों पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नकर्ता की ओर से जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिले के पवई विधानसभा के शासकीय विभागों/कार्यालयों को किस-किस विषय पर कब-कब पत्र लिखे गए और क्या विभाग के पत्र क्रमांक एफ-19-76/2007/1/4 दिनांक 11 दिसम्बर 2019 के निर्देशानुसार पत्रों की अभिस्वीकृति प्रदान की गयी और कृत कार्यवाही से अवगत कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ प्रश्नकर्ता के पत्रों पर अभिस्वीकृति कब प्रदान की गयी और कृत कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया गया? पत्रवार एवं कार्यालयवार बतायें एवं विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिले में जिला स्तरीय एवं पवई विधान सभा में किस-किस विभाग एवं कार्यालय द्वारा सार्वजनिक समारोंहो/कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है और क्या शासनादेश के पालन में प्रश्नकर्ता सदस्य को विभागीय निर्देशानुसार कार्यक्रम की सूचना एवं आमंत्रण दिया गया था? यदि हाँ तो समारोहों/कार्यक्रम एवं कार्यालय/विभागवार कार्यक्रमों के आमंत्रण एवं दी गयी सूचना से अवगत कराएं? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) क्या शासनादेशों का पालन न करने पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3532 के प्रश्नांश (ख) से (घ) की जानकारी दिनांक 20/02/2020 को संलग्न परिशिष्ट अनुसार ऑनलाईन भेजी जा चुकी है। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय चिकित्सा खाचरोद में डॉक्टरों के न होने से ओ.पी.डी बंद होना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( क्र. 589 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाचरोद सिविल हॉस्पीटल में डॉक्टर की व्यवस्था नहीं होने के कारण ओ.पी.डी. बंद रहती है और मरीजों को ईलाज नहीं मिल पाता है? यदि हाँ तो किन-किन दिनांक को खाचरोद अस्पताल में एक भी डॉक्टर उपस्थित नहीं रहे है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को अस्पताल में डॉक्टर पदस्थ करने की मांग करने पर मुख्यमंत्री के पत्र क्रमांक:- 5515/सीएमएस/एमएलए/212/2019 दिनांक 28/12/2019, 1078/सीएमएस/ आई.आर.टी./2019 दिनांक 19/09/2019-ए, 3371/सीएमएस/एमएलए/212/2019 दिनांक 17/09/2019 व 3299/सीएमएस/एमएलए/212/2019 दिनांक 13/09/2019 के द्वारा जारी निर्देश के बावजूद भी डॉक्टरों की पदस्थापना नहीं हो पायी है? (ग) क्या खाचरोद में पदस्थ डॉक्टर एवं स्टाफ का अन्य स्थानों पर अटैचमेंट किया गया है? यदि हाँ तो डॉक्टरों एवं कर्मचारियों का नाम, अटैचमेंट दिनांक सहित संपूर्ण विवरण दें। (घ) खाचरोद अस्पताल में कब तक रिक्त पदों के डॉक्टरों की पदस्थापना कर दी जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। खाचरोद में चिकित्सा अधिकारी के 03 पद स्वीकृत एवं 03 चिकित्सकों की पदस्थापना है परंतु संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित तिथियों को चिकित्सकों का सि.अ. खाचरोद में उपस्थित होना नहीं पाया गया। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन संभाग उज्जैन को उक्त चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) जी नहीं, पदपूर्ति हेतु प्राप्त पत्रों अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही निरंतर की जाती है। सिविल अस्पताल खाचरोद में चिकित्सा अधिकारी के 03 पद स्वीकृत होकर 03 चिकित्सक पदस्थ है। सिविल अस्पताल खाचरोद में विशेषज्ञ के 04 पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं परंतु प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, कुल स्वीकृत 3620 पदों के विरूद्ध मात्र 765 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है वर्ष 2016 से मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के संदर्भ में विगत लगभग 04 वर्षों से पदोन्नति प्रक्रिया विलंबित है, अतः जिला चिकित्सालय स्तर से सिविल अस्पताल स्तर तक की संस्थाओं में भी विशेषज्ञों की शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। हाल ही में बंधपत्र के अनुक्रम में आदेश दिनांक 06.03.2020 के द्वारा एक अतिरिक्त चिकित्सक की पदस्थापना सि.अ. खाचरोद की गई है। (ग) जी हाँ, एक चिकित्सक डॉ. अनिल कण्डारदिया को स्थानीय स्तर पर सि.अ. खाचरोद से जिला चिकित्सालय उज्जैन पदस्थ किया गया था। संचालनालय के आदेश दिनांक 11.3.2020 द्वारा डॉ. अनिल कंडारदिया चिकित्सा अधिकारी का जिला चिकित्सालय उज्जैन किया गया संलग्नीकरण समाप्त किया गया है। डॉ.कल्पेश दाहिमा चिकित्सा अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित होने के कारण उन्हें बी.एम.ओ. खाचरोद के प्रभार से मुक्त करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उन्हेल पदस्थ किया गया है। शेष अन्य किसी अधिकारी/कर्मचारी का संलग्नीकरण नहीं है। (घ) चिकित्सकों के स्वीकृत समस्त 03 पद भरे हुए हैं, उत्तरांश (ख) अनुसार पदोन्नति पर प्रतिबंध हटने पर विशेषज्ञों की पदपूर्ति की जा सकेगी।
सी.एस.आर. फण्ड की राशि का जनहित में सदुपयोग
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
22. ( क्र. 590 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 34 (क्र. 353) दिनांक 18 दिसम्बर 2019 सी.एस.आर. फण्ड के अंतर्गत उद्योगों द्वारा किए जनहित के कार्य के अंतर्गत मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केमिकल डिवीजन सहित) द्वारा वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक एवं मेसर्स लैंक्सेस इण्डिया प्रा.लि. द्वारा वर्ष 2016-17 से 2019 तक सी.एस.आर. फंड अंतर्गत किये गये कार्यों एवं व्यय की वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराई थी? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण कार्यों के नाम, राशि, कार्यों के स्थान सहित पृथक-पृथक सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्न के उत्तर में प्रोजेक्ट एक्टीविटी:- शिक्षा में रूपये 1615.35 लाख, स्वास्थ्य में रूपये 757.78 लाख, Sustainable Development में 106.60 लाख, Infrastructures में रूपये 60.06 लाख एवं Social में रूपये 192.94 लाख ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा वर्ष 2014 से 2018-19 तक कुल रूपये 2734.83 लाख रूपये सी.एस.आर. फण्ड अंतर्गत व्यय किये गये है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण कार्यों के नाम, राशि, कार्यों के स्थान सहित पृथक-पृथक वर्षवार संपूर्ण विवरण दें? (ग) सी.एस.आर. फण्ड व शासन के नियमों के अंतर्गत उद्योग द्वारा स्थापित/संचालित अस्पताल एवं विद्यालयों में सी.एस.आर. फण्ड की राशि खर्च नहीं की जा सकती है? यदि हाँ, तो शासन उद्योगों से सी.एस.आर. फण्ड की राशि नियमानुसार खर्च कराने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) कंपनी अधिनियम 2013, भारत शासन द्वारा प्रशासित है, वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है तथापि कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड़ द्वारा वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक एवं मेसर्स लैंक्सेस इंडिया प्रा.लि. द्वारा वर्ष 2016-17 से 2019 तक सी.एस.आर मद में किये कार्यों एवं व्यय की जानकारी उपलब्ध कराई गई थी। पुन: कंपनी से प्राप्त संपूर्ण कार्यों के नाम, राशि एवं कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' पर है। (ख) वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य, Sustainable Development एवं अधोसंरचना विकास में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक विभिन्न मदों में कुल व्यय रूपये 2734.83 लाख से सी.एस.आर. मद अंतर्गत किये गये कार्यों के स्थान पर मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ग) कंपनी संबंधी मामले भारतीय संविधान की संघ सूची अंतर्गत वर्गीकृत किये गये है। कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है। कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के निर्वहन व्यवस्थित करने के लिये भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम 2013 के अधीन ''कंपनी (कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014 लागू किये गये है। जिसमें कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व निर्वहन हेतु गतिविधियां सामाजिक दायित्व निर्वहन हेतु गतिविधियां चिन्हित है। मध्यप्रदेश में कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व की गतिविधियों को फेसिलिटेट करने एवं व्यवस्थित करने के उद्देश्य से दिशा निर्देश जारी किये गये, के अनुसार कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व की मध्यप्रदेश में एक वेबसाइट है जिसमें विभागवार एवं जिलेवार सेल्फ आफ प्रोजेक्ट प्रदर्शित होते है। कंपनियां इन सेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में से उसकी इच्छानुसार प्रोजेक्ट का चयन कर सकेंगी। कंपनियों के उपर यह बंधन नहीं होगा कि वह इसी प्रोजेक्ट में से कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के कार्य करे वह स्वतंत्र है कि कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व की गतिविधियां किस प्रकार और कैसे मध्यप्रदेश में संचालित करना चाहते है।
राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
23. ( क्र. 623 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन भारत सरकार के नीति आयोग के अनुरूप किये जाने संबंधी प्रस्ताव शासन स्तर पर दो साल से लंबित है? यदि हाँ तो इस प्रस्ताव पर सरकार ने क्या निर्णय लिया? (ख) क्या योजना आयोग द्वारा भेजे गये प्रस्ताव में आयोग का नाम बदलकर म.प्र. नीति आयोग करने की अनुशंसा की गई थी तथा आयोग के अधिकार एवं कर्तव्यों में भी बदलाव कर उसे नीति आयोग की तरह सक्षम और शक्तिशाली बनाने का प्रस्ताव था? यदि हाँ तो इन अनुशंसाओं में शासन ने क्या निर्णय लिया? (ग) राज्य योजना आयोग के दायित्वों, अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में राज्य शासन का क्या अभिमत है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। पुनर्गठन का प्रस्ताव जुलाई, 2018 में आयोग द्वारा राज्य शासन को भेजा गया, शासन स्तर पर परीक्षण व विभागों का अभिमत प्राप्त करने के उपरांत मंत्री परिषद द्वारा दिनांक 27.11.2019 को आयोग का पुनर्गठन, नवीन भूमिका एवं संरचना का अनुमोदन किया गया। जिसका राजपत्र (असाधरण) में दिनांक 10 फरवरी 2020 को प्रकाशन किया गया। (ख) जी हाँ। अनुशंसाओं के संबंध में राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन का निर्णय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्राथमिक सहकारी साख समितियों की स्थिति
[सहकारिता]
24. ( क्र. 624 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की राशि के कतिपय भाग को प्राथमिक साख सहकारी समितियों को वहन करने के निर्देश दिये थे, इसके तहत रतलाम जिले की कितनी प्राथमिक साख समितियों द्वारा कितनी राशि जमा की गई एवं उन पर कुल कितनी राशि का भार आया? (ख) आज की स्थिति में इन समितियों की आर्थिक स्थिति क्या है? उनकी संचित निधि बची है या समाप्त हो गई है? समितियों को संचित निधि पर क्षतिपूर्ति कैसे और कब की जायेगी? (ग) किसान कर्जमाफी की घोषणा सरकार की थी तो प्राथमिक सहकारी साख समितियों पर भार क्यों डाला गया? समितियों की संचित निधि पर तो सदस्य कृषकों का अधिकार होता है? इस तरह कर्जमाफी से तो सदस्य कृषकों को ही नुकसान पहुंचा है। सदस्य कृषकों को क्षतिपूर्ति कैसे की जायेगी? इनकी स्पष्ट कार्ययोजना क्या है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) म.प्र. शासन, वित्त विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 489 दिनांक 13.02.2019 के द्वारा एनपीए ऋणों को माफ करने के लिए एकमुश्त समझौता योजना जारी की गई थी, जिसके अनुसार आयुक्त सहकारिता के पत्र क्रमांक 573 दिनांक 20.02.2019 के द्वारा प्रदेश के समस्त सहकारी संस्थाओं को उक्त योजना में विचारण कर अपना निर्णय अवगत कराने हेतु निर्देश दिये गये थे। जिसके अनुसार प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वित्त विभाग की एकमुश्त समझौता योजना को स्वीकार किया गया। इसके अंतर्गत सब स्टैण्डर्ड एन.पी.ए. ऋणों की माफी में 75 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा एवं 25 प्रतिशत राशि संबंधित संस्थाओं द्वारा वहन करनी थी तथा उसके पुराने एन.पी.ए. पर 50 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा तथा 50 प्रतिशत राशि संबंधित संस्थाओं द्वारा वहन किए जाने का प्रावधान था। उक्त आदेश एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। इसके तहत रतलाम जिले की 102 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं पर रूपये 8831.28 लाख का वित्तीय भार आया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रतलाम से संबद्ध 103 समितियों में से 88 समितियां संचित हानि तथा 15 समितियां संचित लाभ में है। संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। जय किसान फसल ऋण माफी योजना के कारण पैक्स को क्षतिपूर्ति हेतु अंशपूजी के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। 103 पैक्स संस्थाओं को राशि रूपये 2011.48 लाख उपलब्ध कराई जा चुकी है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है तथा वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में भी अंशपूजी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। (ग) जय किसान फसल ऋण माफी योजना को प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा स्वीकार करने के बाद ही लागू किया गया है। समितियों की संचित निधि कृषकों की नहीं होती है। इस प्रकार कर्ज माफी से सदस्य कृषकों को कोई हानि नहीं है। इसलिये उन्हें क्षतिपूर्ति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय मुरैना में क्रय की गई सामग्री
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 635 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय मुरैना में भर्ती मरीजों की सुविधा हेतु क्या-क्या सामग्री एवं दवाइयां क्रय की गई, विगत 03 वित्तीय वर्ष से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्रय की गई सामग्री, फर्म का नाम, भुगतान बिल, चैक बुक/कैश मेमो की प्रति, सामग्री व दवाइयों की दर आदि सहित उपलब्ध करावे व इस हेतु क्या कोई निविदा प्रकाशित की गई? यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध करावे? (ख) दवा विक्रेताओं को दवाइयां विक्रय हेतु कौन-कौन से अधिकारी लायसेंस/स्वीकृति प्रदान करने हेतु अधिकृत है व जिला मुरैना में विगत 03 वित्तीय वर्ष से फरवरी 2020 तक कितने लायसेंस जारी किये गये व क्या लायसेंसधारी दवाई विक्रेताओं की दुकानों/फर्मों का समय पर निरीक्षण किया जा रहा है? यदि हाँ तो निरीक्षण के समय कौन-कौन से दवा विक्रेता अवैध कार्य में पकड़े गये व उन पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जिला चिकित्सालय मुरैना में क्रय की गई सामग्री एवं दवाइयों की फर्मवार एवं दर सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं भुगतान किये गये देयकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। औषधि एवं सामग्री के देयकों का भुगतान चैक बुक एवं कैश मेमो द्वारा नहीं किया गया। जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मुरैना द्वारा आमंत्रित निविदा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) दवा विक्रेताओं को दवाइयां विक्रय लायसेंस/स्वीकृति हेतु अनुज्ञापन प्राधिकारी अधिकृत है। विगत 3 वित्तीय वर्ष में 239 औषधी विक्रय लायसेंस प्रदाय किये गए है। जी हाँ। निरीक्षण दिनांक 20.11.2019 को श्री संजीव पाराशर पुत्र श्री जगदीश पाराशर अवैध रूप से बिना औषधि विक्रय लाइसेंस के दवाओं के संधारण व विक्रय में लिप्त पाये गये। नियमानुसार प्रकरण तैयार कर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
पत्रों के उत्तर से संबंधित
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 636 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर, 2018 से मार्च 2020 तक प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्ट्रेट मुरैना में जन समस्याओं से संबंधित जो पत्र भेजे गये है, उनके उत्तर न देने के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने पत्र कार्यालय कलेक्टर जिला मुरैना में प्राप्त हुए, विधायक कार्यालय का जावक क्रमांक, संबंधित विभाग में प्राप्त आवक क्रमांक व दिनांक व पत्रों की फोटो प्रति सहित दी जावें। (ग) क्या म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विगत वर्षों से कई बार यह आदेश/निर्देश भेजे जा चुके है कि माननीय सांसद व विधायकगणों के पत्रों की अलग से पंजी में दर्ज कर उनके पत्रों की सूचना एवं बाद में कार्यवाही से भी अवगत करावें, यदि हाँ तो क्या यह विभाग के आदेशों का उल्लंघन नहीं है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कलेक्ट्रेट मुरैना में 40 पत्र प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय विधायकों से प्राप्त होने वाले पत्रों का इस विभाग के निर्देश दिनांक 11/12/2019 के पालन में पंजी में संधारित कर दर्ज किया गया है। संबंधित विभाग द्वारा माननीय विधायक महोदय को कार्यवाही कर अवगत कराया जाएगा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में औद्योगिक निवेश के तहत स्थापित इकाईयों
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
27. ( क्र. 654 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु किये गये प्रयासों के तहत जनवरी 2009 से अक्टूबर 2018 के मध्य कितनी औद्योगिक इकाईयों/कम्पनियों से कितनी राशि के निवेश की स्वीकृतियां जारी हुईं? इनमें से कितनी इकाईयों द्वारा प्रदेश में उद्योग स्थापित किए जा चुके है अथवा प्रारंभ हुए? इन इकाईयों से कितने रोजगारों का सृजन हुआ? (ख) सरकार द्वारा जनवरी 2019 से औद्योगिक निवेश हेतु किए जा रहे प्रयासों से कितनी इकाईयों से कितने राशि के निवेश हेतु करार अथवा स्वीकृतियां जारी हुईं? उक्त इकाईयों द्वारा कब-कब कार्य प्रारंभ अथवा उत्पादन प्रारंभ कर दिया जावेगा? इन इकाईयों से प्रदेश को कितने रोजगार प्राप्त हो सकेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) प्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु किये गये प्रयासों के तहत जनवरी 2009 से अक्टूबर 2018 के मध्य औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत कुल 792 वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों/कम्पनियों से रू. 523019.26 करोड़ राशि के एम.ओ.यू./निवेश प्रस्तावों की स्वीकृतियां जारी हुई। इनमें से 180 इकाईयों द्वारा उत्पादन प्रारंभ किया जा चुका है। इन इकाईयों से 63868 रोजगारों का सृजन हुआ। (ख) सरकार द्वारा जनवरी 2019 से औद्योगिक निवेश के परिप्रेक्ष्य में कोई करार नहीं किया गया अपितु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत जनवरी 2019 से 29 फरवरी 2020 तक एम.पी.आई.डी.सी. के वेब पोर्टल पर वृहद श्रेणी की इकाईयों द्वारा 137 निवेश आशय प्रस्ताव दर्ज किये गये है जिनके द्वारा राशि रू. 21939.44 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इकाईयों में उत्पादन प्रारंभ करने की संभावित तिथि/अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इकाईयों से प्रदेश में 46853 रोजगार सृजित होना संभावित है।
आईफा अवॉर्ड समारोह में विभिन्न विभागों द्वारा व्यय की स्वीकृति
[वित्त]
28. ( क्र. 655 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश में आयोजित आईफा अवॉर्ड समारोह में कितनी-कितनी राशि के आवंटन/व्यय की स्वीकृति किस-किस विभाग को प्रदान की गई अथवा किन-किन विभाग द्वारा प्राप्त की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दिए गए आवंटन से किस-किस विभाग के द्वारा, कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों में व्यय की गई?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रदेश में आईफा अवार्ड समारोह हेतु सह आयोजक के रूप में ब्रांड फी भुगतान किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया गया था जिस पर रूपये 5.00 करोड़ की सीमा तक विभाग के पास उपलब्ध बजट से व्यय करने का परामर्श दिया गया है। अन्य किसी विभाग से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) समारोह के आयोजन पर व्यय कार्यक्रम के आयोजक द्वारा किया जाएगा। उत्तरांश (क) अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षेत्रीय उद्योग की कार्य योजना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
29. ( क्र. 662 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा नगर स्थित शुगर मिल परिसर में एवं शुगर मिल से संलग्न रिक्त खाली पड़ी भूमियों पर जो कि पूर्व शुगर मिल के स्वामित्व की है तथा उस पर विभिन्न उद्योग धन्धे स्थापित किये जाने की कार्य योजना बनाई जा रही है? (ख) यदि हाँ तो शासन/विभाग द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर पूर्व शुगर मिल परिसर में टेक्सटाईल पार्क बनाया जाना है तो शेष अन्य भूमियों पर क्या-क्या कार्य योजना प्रस्तावित है? (ग) बताएं कि पूर्व स्थापित शुगर मिल परिसर अन्तर्गत कुल कितनी भूमि है तथा पूर्व शुगर मिल से संलग्न रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कुल कितनी भूमि है? (घ) क्या पूर्व शुगर मिल परिसर के भीतर कोई अतिक्रमण है अथवा क्या कोई किरायेदार है? साथ ही पूर्व मिल से संलग्न जिला अन्तर्गत अन्य भूमियां शासन/विभाग के आधिपत्य में हैं अथवा किसी से अनुबंधित हैं या उस पर कोई अतिक्रमण है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। परिसर में व मिल से संलग्न रिक्त भूमि में से 35.00 हेक्टेयर भूमि पर नवीन टेक्सटाईल गारमेंट पार्क विकसित करने की डी.पी.आर. बनाई गई है। (ख) शुगर मिल परिसर के अलावा मिल की अन्य भूमियों को विकसित करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है क्योंकि शेष भूमि अलग-अलग लोकेशन पर होने से तथा ये भूमियां मुख्य पहुच मार्ग से दूर होने के कारण इन्हें विकसित किया जाना उचित नहीं होगा। (ग) शुगर मिल परिसर अंतर्गत कुल भूमि 112.504 हेक्टेयर है। शासन आदेश के परिपालन में उपरोक्त भूमि में से 4.527 हेक्टेयर भूमि एम.एस.एम.ई. विभाग को हस्तांतरित की गई है। इस तरह विभाग के पास पूर्व शुगर मिल की 107.977 हेक्टेयर भूमि एवं रतलाम जिला अंतर्गत ग्राम करमदी में 18.14 हेक्टेयर तथा रतलाम अल्कोहल प्लांट लगून की भूमि 19.84 हेक्टेयर भूमि है। शुगर मिल परिसर से संबंधित भूमियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मिल परिसर के भीतर कोई अतिक्रमण नहीं है अपितु परिसर में निर्मित भवनों में कतिपय व्यक्ति अनाधिकृत रूप से निवास कर रहे है। पूर्व मिल से संलग्न जिला रतलाम में विभाग के आधिपत्य की भूमियों का विवरण उपरोक्त प्रश्नांश (ग) अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र करमदी में 03 इकाईयां अनुबंध के अनुसार कार्यरत है। भूमियों पर कोई अतिक्रमण नहीं है, अपितु जावरा शुगर मिल की ग्राम इस्लाम नगर की भूमि पर कहीं-कहीं स्थानीय व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से मौसमी खेती की जा रही है।
विभागीय ऑडिट आपत्तियाँ
[वित्त]
30. ( क्र. 664 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग की केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं एवं भिन्न-भिन्न विभागीय कार्यों, योजनाओं तथा विकास कार्यों हेतु बजट स्वीकृत होकर अनेकानेक कार्य किये जाते है? (ख) यदि हाँ तो क्या शासन/विभाग द्वारा स्वीकृत कार्यों की बजट राशि का ऑडिट प्रदेश के महालेखाकार एवं विभागों के प्रादेशिक, संभागीय, जिला स्थानीय (क्षेत्रीय) विभागीय ऑडिटर द्वारा भी ऑडिट किया जाता है? (ग) यदि हाँ तो रतलाम जिला अंतर्गत विगत वर्षों से लेकर प्रश्न दिनांक तक (1) नगरीय निकाय (2) पंचायती राज व्यवस्था (3) स्वास्थ्य (4) महिला व बाल विकास (5) ऊर्जा तथा (6) जिला शिक्षा केन्द्र के कितने प्रदेश महालेखाकार तथा स्थानीय ऑडिट के कितनी ऑडिट आपत्तियां लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ग) वर्णित विभागों में वर्षवार निरंतर भौतिक सत्यापन सहित ऑडिट किये गये उन पर कितनी ऑडिट आपत्तियां ली गई उनमें से कितनी आपत्तियों का निराकरण हुआ तथा कितनी लंबित है वर्षवार विभागीय जानकारी दे तथा लापरवाही एवं अनियमितताओं के संबंध में कब-कब किस पर कार्यवाही हुई?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम जिला अंतर्गत स्थानीय निधि संपरीक्षा अधिनियम,1973 के तहत् अधिसूचित स्थानीय निकायों यथा नगरीय निकाय, पंचायतीराज व्यवस्था की लंबित ऑडिट आपत्तियों एवं महालेखाकार ऑडिट आपत्तियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (घ) म.प्र.स्थानीय निधि संपरीक्षा की विभागीय नियमावली 1981 के अध्याय-7 की कंडिका-18 अनुसार किसी भी भण्डार के भौतिक सत्यापन की अपेक्षा नहीं की गई है। जानकारी निरंक है। महालेखाकार की लंबित ऑडिट आपत्तियों का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केंद्र
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
31. ( क्र. 665 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज को प्रारंभ किये जाने एवं पिपलौदा नगर से आई.टी.आई. को प्रारंभ किये जाने हेतु विगत कई वर्षों से मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो इन्हें प्रारंभ किये जाने हेतु कब तक स्वीकृति दी जाएगी? जावरा नगर में 24वीं बटालियन परिसर में विगत वर्षों में प्रारंभ कौशल विकास केन्द्र के माध्यम से कितने युवा लाभान्वित हुए? प्रारंभ से अब तक की जानकारी दें। (ग) क्या सभी विकासखण्डों में तकनीकी शिक्षा केन्द्रों की अत्यंत आवश्यकता हैं, तो रतलाम जिले में एक मात्र पिपलौदा तहसील केन्द्र किन कारणों से लंबित है तथा कब प्रारंभ किया जाएगा? (घ) रतलाम जिले में कितने शासकीय एवं कितने अर्द्धशासकीय अथवा निजी संस्थागत इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक कॉलेज, कौशल विकास केन्द्र तथा आई.टी.आई. इत्यादि संचालित होकर कार्यरत हैं? स्थान एवं छात्र संख्या सहित जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं। कौशल विकास केन्द्र जावरा में वर्ष 2011 से 2016 तक कुल 301 युवा लाभांवित हुए वर्ष 2016 के उपरांत प्रशिक्षण संचालित नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं। (घ) रतलाम जिले में 01 शासकीय पॉलीटेक्निक तथा निजी क्षेत्र में 02 इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित हैं:-
क्र. |
संस्था का नाम |
स्थान |
अध्यनरत छात्र |
1 |
शास. पॉली. महा. |
जावरा |
405 |
2 |
श्री योगेन्द्र सागर इंस्टीट्यूट एण्ड सांईंस |
रतलाम |
484 |
3 |
सृजन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड साईंस |
रतलाम |
326 |
रतलाम जिले में शासकीय एवं अर्द्धशासकीय आई.टी.आई. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
32. ( क्र. 699 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल सिहोरा में राज्य शासन द्वारा चिकित्सक एवं अन्य कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं, पदवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार कितने चिकित्सक/अन्य अमला पद स्वीकृत दिनांक से प्रश्नांश दिनांक तक पदस्थ है। स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने वर्षों से विशेषज्ञ डॉक्टर/अन्य कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, कुल स्वीकृत 3620 पदों के विरूद्ध मात्र 765 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है वर्ष 2016 से मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के संदर्भ में विगत लगभग 04 वर्षों से पदोन्नति प्रक्रिया विलंबित है, अतः जिला चिकित्सालय स्तर, सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों की शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। विभाग निरंतर चिकित्सकों/बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही कर रहा है। हाल ही में लोक सेवा आयोग से चयनित 03 चिकित्सकों की पदस्थापना सिविल अस्पताल सिहोरा में की गई थी परंतु चयनित 547 चिकित्सकों में से अधिकांश चिकित्सकों के द्वारा कार्यग्रहण नहीं करने के कारण इन्हें ऑफ लाईन काउन्सिलिंग का अवसर प्रदान किया गया तथा उक्त तीनों चिकित्सकों द्वारा अन्य जिलों की संस्थाओं का चयन कर लिया गया है। बंधपत्र के अनुक्रम में शीघ्र ही चिकित्सकों की पदस्थापना की जा रही है। अतः विभाग पदपूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। अन्य पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति/पदस्थापना संबधी कार्यवाही निरंतर जारी है।
कुपोषित बच्चों की निरंतर बढ़ती संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 708 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है? (ख) यदि हाँ तो कुपोषित बच्चों की रोकथाम के लिये विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) क्या जुलाई 2019 में दस्तक अभियान के तहत जिले में कुपोषित बच्चें चिन्हित किये गये थे? जिले की विधानसभावार संख्या बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत कितने कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति मिली?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथापि स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों में पोषण स्तर में सुधार हेतु की जा रही कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
फर्जी ऋण माफी पर कार्यवाही
[सहकारिता]
34. ( क्र. 718 ) श्री कमल पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि ऋण माफी/राहत योजना, 2008 में हरदा जिले की टिमरनी तहसील के अंतर्गत आने वाली आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित मन्याखेड़ी के कृषक के रूप में सूची क्र. 7 एवं 9 पर पानतलाई के गणपत पन्नालाल का 100305/- रू. का कर्ज माफ किया गया था? (ख) क्या मन्याखेड़ी समिति की कर्ज माफी सूची में ही एकनाथ बद्रीप्रसाद पानतलाई के कृषक के रूप में सूची क्रमांक 95 एवं 117 पर 82950 रू. का कर्ज माफ किया गया था? (ग) क्या विभिन्न स्तर पर हुई जाँच में गणपत पन्नालाल एवं एकनाथ बद्रीप्रसाद के नाम पर कर्ज माफी को फर्जी माना गया था? (घ) क्या गणपत पन्नालाल एवं एकनाथ बद्रीप्रसाद के द्वारा फर्जी तरीके से प्राप्त किए गए कर्ज माफी के लाभ की वसूली कर उन लोगों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतावें। कब तक कार्यवाही की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. होशंगाबाद के कार्यक्षेत्र जिला हरदा में कृषि ऋण माफी/ऋण राहत योजना 2008 के अंतर्गत समिति मान्याखेडी के गणपत पन्नालाल सूची के क्रमांक 07 एवं 09 पानतलाई राशि रू. 1,13,470.00 का प्रथम दावा राशि अनुसार श्री गणपत पन्नालाल का कर्ज माफ किया गया था। (ख) एकनाथ बद्रीप्रसाद सूची के क्रमांक 117 पानतलाई (खिरकीवाला) की राशि रूपये 62,520 का प्रथम दावा राशि सूची अनुसार मान्याखेडी समिति के एकनाथ बद्रीप्रसाद का कर्ज माफ किया गया था। परन्तु ऋण माफी सूची के क्रमांक 95 पर एकनाथ बद्रीप्रसाद का नाम दर्ज नहीं है, क्रमांक 95 पर संस्था के अन्य सदस्य रवि शंकर महेश नाम था, जिनकी राशि रूपये 57,783.00 का प्रथम दावा का ऋण माफ किया गया था। (ग) जी हाँ। विभिन्न स्तर से जाँच में गणपत पन्नालाल एवं एकनाथ बद्रीप्रसाद के नाम पर कर्ज ऋण माफी योजना में फर्जी दावा माना गया था। (घ) कृषि ऋण माफी योजना 2008 अंतर्गत संस्था मान्याखेडी के गणपत पन्नालाल एवं एकनाथ बद्रीप्रसाद के नाम से संस्था कर्मचारी श्री देवेन्द्र शर्मा प्रभारी समिति प्रबंधक द्वारा कर्ज ऋण माफी योजना के अंतर्गत फर्जी ऋण माफी दावा दर्ज किया गया था। जिसके लिये श्री देवेन्द्र शर्मा प्रभारी समिति प्रबंधक के विरूद्ध पुलिस थाना टिमरनी में अपराध क्रमांक 190/2011 दर्ज है। साथ ही समिति मान्याखेडी के कृषि ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना 2008 में हुई अनियमितताओं के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई भोपाल में दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 38/2011 दर्ज है। इस प्रकरण में ऋण माफी की दावा राशि की रिवर्स एन्ट्री करा दी गई थी, इस प्रकार वसूली का प्रश्न नहीं रह गया। शाखा - टिमरनी से सबंद्ध मान्याखेडी में कृषि ऋण माफी योजना अंतर्गत पाई गई अनियमितताओं के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर बैंक सेवानियम अनुसार क्रमशः श्री सतीशचंद सिटोके शाखा प्रबंधक (सूचियों के क्रास चैकिंग अधिकारी) की 03 वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई, श्री हेमंत व्यास, शाखा प्रबंधक शाखा टिमरनी की 03 वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई एवं श्री सुरेश तिवारी पर्यवेक्षक शाखा-टिमरनी 03 वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई तथा श्री देवेन्द्र शर्मा, प्रभारी समिति प्रबंधक समिति मान्याखेडी को आदेश दिनांक 04.08.2011 से सेवा समाप्त की जाकर कार्यवाही की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
माध्यम द्वारा निर्मित फिल्में
[जनसंपर्क]
35. ( क्र. 746 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश माध्यम में फिल्म शाखा द्वारा वर्ष 2013 से 2018 तक स्वयं तथा बाहरी निर्माताओं से कितनी फिल्मों का निर्माण कराया गया? प्रत्येक फिल्म की व्यय राशि तथा उसके विषय की जानकारी वर्षवार बतायें। (ख) प्रश्न क्रमांक (क) के अनुसार फिल्म निर्माण के पैनल बद्ध करने हेतु किन-किन विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया तथा आमंत्रित व्यक्ति का नाम, पता व अनुभव तथा योग्यता का विवरण बतायें तथा उनका चयन किस आधार पर किया गया तथा उनकों कितना भुगतान किया गया। (ग) माध्यम कि विभिन्न शाखाओं में रिटर्नशिप आधार पर कितने कर्मचारियों का भुगतान किया गया तथा उनकी नियुक्ति किस आधार पर की गई तथा किस व्यक्ति को कितना भुगतान किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (घ) माध्यम द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि निर्मित फिल्मों का प्रसारण कहाँ-कहाँ और कब-कब किया गया तथा प्रसारण कार्य में कितना खर्च किया? फिल्मवार जानकारी बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ख) फिल्म निर्माण के पैनल बद्ध करने हेतु आमंत्रित विशेषज्ञों की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। सभी आमंत्रित विशेषज्ञ शासकीय सेवा के अधिकारी है। जिन्हें कम से कम 15 से 20 वर्ष से अधिक अवधि का अनुभव रहा है। आमंत्रित किसी भी विशेषज्ञ को कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ग) माध्यम की विभिन्न शाखाओं में रिटेनरशिप आधार पर किसी कर्मचारी को कोई भुगतान नहीं किया गया। जनसंपर्क संचालनालय के आदेश पर वर्तमान में कुल 25 कर्मचारियों को रिटेनरशिप पर रखा गया है। प्रतिमाह किये गये भुगतान संबंधी देयक प्रतिपूर्ति के लिए जनसंपर्क संचालनालय को भेजा जाता है। जनसंपर्क संचालनालय के लिए रिटेनरशिप पर रखे गये कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा विभिन्न शासकीय विभागों/निगमों/मण्डलों के आदेशानुसार फिल्म निर्माण के कार्य पैनलबद्ध बाहरी निर्माताओं से या स्वयं (Inhouse) किये जाते है। उक्त फिल्मों के प्रसारण या प्रदर्शन आदि का उत्तरदायित्व संबंधित विभाग का होता है।
प्रधानमंत्री कौशल योजना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
36. ( क्र. 747 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2016 से 2018 दिसंबर तक प्रधानमंत्री कौशल योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया तथा कितने युवाओं को उसका प्रमाण पत्र वितरित किया गया व कितने युवाओं को उसमें से रोजगार प्राप्त हुआ वर्षवार तथा जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल योजना 2016 से 2018 तक कितना भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य रखा गया था, जिलेवार जानकारी बतायें। किन-किन जिलों में लक्ष्य प्राप्त नहीं किया गया? इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) कितने युवाओं को प्रशिक्षण के बाद रोजगार मिला हैं तथा रोजगार प्राप्त युवाओं के पास रोजगार 90 दिनों के बाद भी हैं या नहीं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा क्या छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान कुछ सहायता राशि दी गई थी? यदि हाँ तो कितनी राशि दी गई? (घ) किन-किन शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों ने कितने छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया तथा प्रशिक्षण केन्द्रों को कितना भुगतान किया है तथा कितना भुगतान करना शेष है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा अशासकीय संस्थाओं का चयन किस आधार पर किया गया था? उनका अनुभव बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सन् 2016 से 2018 तक प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनेंट के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 23338 युवकों को प्रशिक्षण दिया गया तथा 17073 युवाओं को प्रमाण-पत्र वितरित किया गया व 4727 युवकों को रोजगार प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनेंट के अंतर्गत 2016 से 2018 तक युवाओं को प्रशिक्षित करने का भौतिक लक्ष्य 29278 एवं वित्तीय लक्ष्य रूपये 41.28 करोड़ निर्धारित किया गया था। इस योजना में जिलेवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्किल इंडिया पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी अनुसार 4727 युवाओं को प्रशिक्षण के बाद रोजगार मिला। 90 दिवस के बाद युवाओं के पास रोजगार संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं है। (घ) किसी शासकीय संस्थान द्वारा प्रशिक्षण संचालित नहीं किया गया। कुल 100 अशासकीय संस्थानों ने 23338 युवक/युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण केन्द्रों को किए भुगतान की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा जिन 03 अशासकीय संस्थाओं का भुगतान करना शेष है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अशासकीय संस्थाओं के चयन का आधार निम्नानुसार थे- ऐसे प्रशिक्षण केंद्र जो पूर्व में प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना सेंट्रल कम्पोनेंट संचालित कर रहे थे तथा जिनकी न्यूनतम रेटिंग 04 स्टार थी, ऐसे प्रशिक्षण केंद्र जिनके द्वारा दिए गए लक्ष्य को पूर्ण किया गया हो एवं ऐसे प्रशिक्षण केंद्र जो दिनांक 28.03.2018 को प्रशिक्षण प्रारम्भ के लिए तैयार थे। अशासकीय संस्थानों की योजना संचालित करने संबंधी अनुभव की जानकारी उपलब्ध नहीं है।
खण्डवा जिले में उद्योगों को प्रोत्साहन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
37. ( क्र. 786 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले के ग्राम रुधी औद्योगिक क्षेत्र में नवीन उद्योगों की स्थापना के लिये क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध है वर्तमान में कितने उद्योग स्थापित हुए है? (ख) क्या इस औद्योगिक क्षेत्र की भूमि की दरे प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्र की भूमि की दरों की अपेक्षा अधिक है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) विगत दिनों इंदौर में उद्योगपतियों के लिये आयोजित समिट में खण्डवा जिले के ग्राम रुधी औद्योगिक क्षेत्र के लिये किन-किन कम्पनियों द्वारा उद्योग स्थापित करने की सहमति प्रदान की गई है? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी छिदंवाड़ा मॉडल की तर्ज पर प्रदेश के सभी जिलों में उद्योगों की स्थापना की नीति बनाकर लागू करेंगे? ताकि प्रदेश के सर्वांगिण विकास के साथ बेरोजगारों को भी रोजगार मिल सकेगा? (ङ) रेल्वे-सड़क परिवहन, बिजली-पानी की पर्याप्त उपलब्धता वाले खण्डवा जिले के रुधी औद्योगिक क्षेत्र में बड़े उद्योगों की स्थापना कब तक होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) खण्डवा जिले के ग्राम रूधिभावसिंहपुरा में नवीन औद्योगिक आधारभूत सुविधाएं जैसे डामरीकृत सड़कें, जल प्रदाय पाईप लाईन, पक्की नाली, विद्युत लाईन की सुविधाएं उपलब्ध है वर्तमान में 04 उद्योग इकाई उत्पादनरत है तथा 02 इकाईयों द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। प्रदेश में सभी विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के लिये विकास दर विकास लागत के अनुसार निर्धारित मॉड्यूल के अनुसार तय की जाती है। (ग) उद्योगपतियों के साथ आयोजित समिट में औद्योगिक क्षेत्रवार उद्योग स्थापित करने की सहमति प्रदान नहीं की जाती है, अपितु प्रदेश में उद्योग स्थापना हेतु निवेशकों को जानकारी प्रदान कर उन्हें निवेश हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। निवेशकों द्वारा प्रदेश में उपलब्ध अधोसरंचना एवं संसाधनों के आधार पर निवेश संबंधी निर्णय लिया जाता है। (घ) प्रचलित उद्योग नीति संपूर्ण प्रदेश हेतु प्रभावशील है एवं राज्य शासन प्रदेश के सर्वांगिण विकास एवं रोजगार सृजन हेतु संकल्पित है। (ड.) उद्योगों की स्थापना विभाग द्वारा नहीं की जाती है, अपितु निवेशकों को उद्योग स्थापना हेतु नियमानुसार फेसिलिटेट किया जाता है।
जनभागीदारी योजनांतर्गत राशि का आवंटन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
38. ( क्र. 787 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जनभागीदारी योजना अंतर्गत विगत 3 वर्षों में इंदौर संभाग में कितनी राशि आवंटित की है वर्षवार जिलेवार बताएँ? (ख) आवंटित राशि के विरुद्ध खण्डवा जिले में कितनी राशि के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये है तथा कितनी राशि शेष रही और क्यों? (ग) क्या खण्डवा जिले को जनभागीदारी योजनान्तर्गत विगत वर्षों में कोई बजट आवंटन प्रदाय नहीं किया गया है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) क्या जनभागीदारी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं एवं अधोसंरचना के तहत होने वाले विकास कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के कार्य हुए है? (ङ) यदि हाँ तो क्या जनभागीदारी योजना अंतर्गत खण्डवा जिले को वार्षिक बजट आवंटन प्रदाय किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में इन्दौर संभाग में जनभागीदारी योजनान्तर्गत कुल राशि रु. 10137.85 लाख आवंटित की गई है वर्षवार, जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) खण्डवा जिले में आवंटित राशि के विरूद्ध कुल रु. 74.29 लाख के कार्य/प्रस्ताव स्वीकृत किये गये है। राशि रु. 54.54 लाख शेष रही है, स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव नहीं होने से यह शेष राशि शासन को समर्पित की गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। (ड.) बजट आवंटन प्राप्त होने पर संभव है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम
[सामान्य प्रशासन]
39. ( क्र. 806 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम क्या है? इसे आयोजित करने के मध्य प्रदेश शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? जिला राजगढ़ अंतर्गत शासन निर्देश के तहत कहाँ-कहाँ तथा कब-कब कार्यक्रम आयोजित किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यक्रमों में कितने-कितने आवेदन किस-किस विभाग की समस्या से संबंधित प्राप्त किए जाकर पंजीबद्ध किये गये तथा कितने आवेदनों का निराकरण किया गया एवं शेष लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक किया जावेगा? विभागवार, पंजीबद्ध आवेदन की जानकारी से अवगत करावें। (ग) "आपकी सरकार आपके द्वार" कार्यक्रम का आयोजन विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कब तक कराया जाएगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) व (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रोगी कल्याण समिति की बैठक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 810 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अन्तर्गत शासन द्वारा मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु रोगी कल्याण समिति का गठन करने के नियम है? यदि हाँ तो शासन दिशा निर्देश की प्रति देवें। जिला अन्तर्गत सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्रा.स्वा.केन्द्रों पर कहाँ-कहाँ समिति का गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सिविल आस्पताल सारंगपुर, सामु.स्वा.केन्द्र पचोर, प्रा.स्वा.केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ तो समिति की संरचना, साधारण सभा/कार्यकारणी के दायित्वों की जानकारी से अवगत करावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत शा.चिकित्सालयों में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक रोगी कल्याण समिति अन्तर्गत उपभोक्ता शुल्क, दानदाताओं, अनुदान, व्यवसायिक गतिविधि तथा अन्य स्त्रोतों से कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई तथा आय के विरूद्ध समिति द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय करने का निर्णय लिया गया वर्षवार गतिविधिवार आय तथा व्यय की जानकारी से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अन्तर्गत रोगी कल्याण समिति की साधारण समिति की बैठक स्थानीय विधायक की अध्यक्षता में विगत 5 वर्षों में कब-कब की गई? बैठक में क्या-क्या निर्णय लिये गये? दिनांकवार जानकारी देवें। यदि नहीं, की गई तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। पचोर में बैठक आयोजित नहीं की गई है। क्षेत्रीय संचालक भोपाल को पत्र क्र.432-433 दिनांक 07.03.2020 से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़, बी.एम.ओ. पचोर/सारंगपुर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने एवं 01 माह में विधायक महोदय की अध्यक्षता में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पचोर की साधारण सभा की बैठक आयोजित करने हेतु निर्देश जारी किये है।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 833 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2017 से 2020 के मध्य कुल कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड सिरमौर एवं विकासखण्ड जवा में स्वीकृत हुए हैं। (ख) क्या सभी स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु भवन निर्माण कराया जा चुका है? यदि नहीं, तो कुल कितने उप स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु भूमि उपलब्ध हो चुकी है? कुल कितने उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कुल कितने लंबित हैं? (ग) लंबित उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण एवं सुचारु संचालन कब तक प्रारंभ कराया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड सिरमौर एवं जवां में वर्ष 2017 से 2020 के मध्य कोई भी उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत नहीं किये गये है। (ख) जी नहीं, विधान सभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा में अभी तक कुल 48 उप स्वास्थ्य केन्द्र संस्था स्वीकृत है। जिसमें से 27 में भवन उपलब्ध है। 04 के निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष 17 लंबित है। (ग) उपयुक्त भूमि उपलब्ध होने एवं वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता होने पर भवन निर्माण की प्रक्रिया प्रांरभ की जा सकेगी। 48 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में सुचारू संचालन किया जा रहा है। उक्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ ए.एन.एम. की नामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
धान उर्पाजन केन्द्रों हेतु लेपटॉप खरीदी
[सहकारिता]
42. ( क्र. 842 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के अंतर्गत प्रत्येक धान उपार्जन केन्द्रों के लिये इस वित्तीय वर्ष में लेपटॉप की खरीदी की गई है? यदि हाँ तो किस नियम से की गई? (ख) क्या दो आपरेटर रखने का प्रत्येक उपार्जन केन्द्र में व्यवस्था के आदेश किये थे? यदि हाँ तो किस-किस केन्द्र में किये गये एवं किस किस केन्द्रों में नहीं किये गये? केन्द्रवार जानकारी देवें। (ग) यदि जिन-जिन समितियों ने लेपटॉप खरीदी की है तो क्या खरीदी के नियमों का पालन किया गया है? सम्पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (निविदा किस अधिकारी के अनुमोदन के बाद स्वीकृत की गई छायाप्रति सहित जानकारी देवें)? (घ) क्या लेपटॉप एक ही कम्पनी से खरीदी गई? यदि हाँ तो राशि बिल सहित सम्पूर्ण विवरण सहित जानकारी बतावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं, जिले में उपार्जन में कार्यरत 126 सेवा सहकारी समितियों एवं 04 विपणन सहकारी समितियों के 167 उपार्जन केन्द्रों में से 48 सेवा सहकारी समितियों के 61 केन्द्रों पर लेपटॉप की खरीदी की गई है। समितियों द्वारा कलेक्टर बालाघाट के पत्र क्र./2492/खाद्य-2/2019 दिनांक 23.11.2019 एवं उप आयुक्त सहकारिता जिला बालाघाट के पत्र क्र./उपंबा/उपार्जन/2019/1375 दिनांक 25.11.2019 एवं बैंक के पत्र क्र/3141/विपणन/उपार्जन/2019 दिनांक 27.11.2019 के परिपालन में संस्था की पंजीकृत उपविधि की कंडिका क्र. 36 (32) के अनुसार समिति द्वारा प्रशासकीय बैठक में निर्णय लेकर 3 कोटेशन प्राप्त कर निम्न दर वाले कोटेशन के आधार पर क्रय किये गये है। (ख) जी हाँ, कलेक्टर बालाघाट के पत्र क्र./2492/खाद्य-2/2019 दिनांक 23.11.2019 एवं उप आयुक्त सहकारिता बालाघाट के पत्र क्र./उपंबा/उपार्जन/2019/1375 दिनांक 25.11.2019 एवं बैंक के पत्र क्र./3141/विपणन/उपार्जन/2019 दिनांक 27.11.2019 के द्वारा 2 ऑपरेटर रखने के आदेश किये गये थे किन्तु उपार्जन समितियों द्वारा कोई अतिरिक्त डाटा आपरेटर नियुक्त नहीं किये गये है। (ग) जी हाँ, उत्तरांश 'क' अनुसार, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ, लेपटॉप लेनोवो कंपनी का 02 प्रदायकों रितांश एसोसिएट, बालाघाट एवं एपी इंटरप्राईस बालाघाट से लिया गया है, राशि का संपूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
धान उपर्जन केंद्र हेतु निजी भूमि का क्रय
[सहकारिता]
43. ( क्र. 843 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट के पत्र क्रमांक/4352 दिनांक 07-02-2020 पर क्या क्या कार्यवाही हुई? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट के पत्र क्रमांक/3305/विषयक/उपार्जन/2019 दिनांक 09-12-2019 द्वारा शाखा प्रंबंधक को लेख किया था? यदि हाँ तो सम्पूर्ण बिन्दु पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी (छायाप्रति सहित) देवें। (ग) उपायुक्त सहकारिता बालाघाट के पत्र क्रमांक/1375 दिनांक 25-11-2019 पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) बालाघाट जिले में धान उपार्जन केन्द्रों के लिये क्या निजी जमीन ली गयी यदि हाँ तो कितना-कितना किराया तय किया गया प्रत्येक उर्पाजन केन्द्रों की जानकारी एवं अनुबंध तथा भुगतान किये गये राशि की जानकारी बिल के विवरण सहित देवें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट के पत्र क्र./4352 दिनांक 07.02.2020 के द्वारा उपार्जन समितियों से जानकारी हेतु पत्र लिखा था, उपार्जन केन्द्रों से जानकारी प्राप्त होने पर जाँच अधिकारी को प्रदाय की गई है, जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित। (ख) जी हाँ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट के पत्र क्र./3305/विपणन/उपार्जन/2019 दिनांक 09.12.2019 के द्वारा शाखा प्रबंधकों को जानकारी प्रेषित करने हेतु लेख किया गया था, शाखाओं से प्राप्त जानकारी जाँच अधिकारी को प्रदाय की गई है, प्रतिवेदन अपेक्षित। (ग) उप आयुक्त सहकारिता जिला बालाघाट के पत्र क्र./1375 दिनांक 25.11.2019 से जिले की 48 समितियों के 61 उपार्जन केन्द्रों पर लेपटॉप क्रय की कार्रवाई की गई थी। (घ) जिले की 1 सेवा सहकारी समिति रजेगांव द्वारा निजी जमीन किराये पर ली गई थी, अनुबंध एवं भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
धर्मार्थ चिकित्सालयों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 845 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी नगर में संचालित धर्मार्थ चिकित्सालय बाबा माधवशाह में चिकित्सा हेतु लाए गए घायल व्यक्ति श्री करामल पिता सखामल नागवानी निवासी निरंकारी भवन के पास माधव नगर कटनी की चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा न करने के कारण दिनांक 24.07.2019 को मृत्यु हो गयी? इसकी जाँच थाना प्रभारी माधवनगर द्वारा की जाकर उचित कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक कटनी को लिखा? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? पुलिस अधीक्षक के पत्र क्र./पु.अ./कटनी/रीडर/1450/19 दिनांक को 30.10.2019 के आधार पर डिप्टी कलेक्टर ने अपने पत्र क्रमांक 10842 (सामान्य शाखा 2019) दिनांक 11.11.2019 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को विधि अनुसार उचित कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो इसके लिए दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के धर्मार्थ चिकित्सालय बाबा माधव शाह में विगत 5 वर्षों में बीमार व्यक्तियों की चिकित्सा न करने तथा लापरवाही बरतने पर हुई मृत्यु के संबंध में या अन्य विषयों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? विवरण देवें तथा उन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) नियमानुसार प्रदेश में किसी धर्मार्थ चिकित्सालय/नर्सिंग होम मे&