मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी, 2019
सत्र
सोमवार, दिनांक 18 फरवरी, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
आवास योजना के
सर्वे का आधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 20 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वे किस आधार पर होते हैं? क्या जो सूची ग्राम पंचायतों को दी गई है, उसमें वास्तविक गरीबों के नाम ही नहीं हैं एवं जिन्हें लाभ मिलना चाहिए, उन्हें नहीं मिल रहा? (ख) पथरिया विधानसभा क्षेत्र की सर्वे सूची उपलब्ध करायें। कुछ ग्राम पंचायतों की सर्वे सूची ही उपलब्ध नहीं है, ऐसे में उन ग्रामवासियों को इसका लाभ कैसे मिलेगा? (ग) सर्वे प्रक्रिया क्या है और कब सर्वे हुये और कितने लोगों को इसका लाभ मिला है? जिलेवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण हेतु पृथक से सर्वे नहीं कराया जाता है। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 का सर्वे वर्ष 2011 में किया गया था। सर्वे की प्रकिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सर्वे सूची अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से लाभांवित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के कोर ऐरिया में पेयजल व्यवस्था
[वन]
2. ( *क्र. 101 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के कोर ऐरिया अन्तर्गत ग्रीष्म काल प्रारंभ होने के पूर्व जंगली जानवरों को पीने के पानी की व्यवस्था हेतु कृत्रिम कुण्डों का निर्माण किये जाने के निर्देश हैं? (ख) क्या विगत वर्षों में उक्त निर्देश/आदेश के तहत् कृत्रिम कुण्डों का निर्माण सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के कोर ऐरिया में कराया गया है? (ग) कंडिका (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, में है तो क्या विगत वर्षों में निर्मित कुण्डों में ग्रीष्म काल के समय पर्याप्त पानी न रहने के कारण जंगली जानवरों की मौतें भी हुयी हैं एवं वर्तमान वर्ष में औसत से कम वर्षा होने के कारण पूरे क्षेत्र में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है? यदि हाँ, तो टाईगर रिजर्व क्षेत्र में जानवरों को पेयजल व्यवस्था मुहैया कराने हेतु किस प्रकार की कार्य योजना बनायी जायेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अंतर्गत किसी भी जंगली जानवर की मौत ग्रीष्म कालीन समय में पानी के अभाव में नहीं हुई है। टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में विभिन्न प्राकृतिक जल स्रोत उपलब्ध हैं, जिसमें वर्ष भर पानी उपलब्ध रहता है। इसके अतिरिक्त 2 x 2 कि.मी. के ग्रिड पर कृत्रिम जल स्रोत बनाये जाने की कार्य योजना बनाई गई है, ताकि वन्यप्राणियों को पेय जल संकट के दौरान पानी उपलब्ध हो सके। वर्ष 2018-19 में विभिन्न मद अंतर्गत 96 तालाब एवं डाईक निर्मित कराये गये हैं एवं 49 तालाब एवं डाईक निर्मित करने की योजना है, इसके अतिरिक्त कृत्रिम कुण्डों में विभागीय ट्रक/टैंकर द्वारा पानी भरा जाता है।
पंजीबद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
3. ( *क्र. 37 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के अंतर्गत आने वाले थानों में 01 जनवरी, 2018 से 31 दिसम्बर, 2018 तक नाबालिग बेटियों के साथ छेड़छाड़, यौन शोषण एवं अपहरण के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिसम्बर 2018 तक कितनी नाबालिग बेटियों को बरामद किया गया तथा कितने प्रकरण विवेचना में हैं? अलग-अलग थानेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन विशेष अभियान चलाकर बरामदगी की कार्यवाही करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब-तब? यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शासन द्वारा विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है।
वन ग्रामों का विस्थापन
[वन]
4. ( *क्र. 266 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद द्वारा जो वन ग्रामों का विस्थापन किया गया है, उनमें अभी तक विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें क्यों प्राप्त नहीं हो पा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में किन-किन ग्रामों का विस्थापित होना शेष है? इन्हें अभी तक विस्थापन का लाभ क्यों नहीं दिया गया है तथा पूर्व में जो विस्थापन हुआ है, उनके भी कुछ लोग पात्रता सूची में विस्थापन लाभ से वंचित हो गये हैं? इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) विस्थापित वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण इन विस्थापित लोगों को कई मूलभूत सुविधायें प्राप्त नहीं हो पा रही हैं? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग में पत्राचार भी किये गये हैं, जिस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विस्थापन हेतु शेष रहे ग्रामों को मूलभूत सुविधाओं के साथ कब तक विस्थापित कर दिया जायेगा? साथ ही पात्रता सूची में छोड़े गये शेष लोगों को भी कब तक शामिल कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद के ग्रामों का विस्थापन राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार दो विकल्पों में किया जाता है। विकल्प 1 में सहमत ग्रामीण निर्धारित पूर्ण मुआवजा राशि लेकर स्वत: की व्यवस्था से अन्यत्र बस जाते हैं, ऐसे परिवारों को पुनर्वसित स्थल पर विभिन्न विभागों के सहयोग से मूलभूत सुविधायें प्रदान की गई हैं। विकल्प 2 में सहमत ग्रामीणों को प्रावधान अनुसार भूमि के बदले भूमि एवं नगद राशि देकर विकास योजना अनुसार विकास कार्य कराकर मूलभूत सुविधायें प्रदान की गई हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 1 वनग्राम सुपलई का विस्थापन तथा वनग्राम खामदा का आंशिक विस्थापन होना शेष है। ग्रामीणों द्वारा वैकल्पिक भूमि का चयन नहीं करने के कारण विस्थापन नहीं हो सका है। पूर्व में हुये विस्थापन में पात्र में से कोई भी व्यक्ति विस्थापन के लाभ से वंचित नहीं है, केवल वनग्राम खामदा के 35 व्यक्ति विचाराधीन श्रेणी में हैं, जिनकी पात्रता का निर्धारण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाना है। इस संबंध में क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद के पत्र दिनांक 04.02.2019 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी को लेख किया गया है। (ग) विस्थापित वन ग्रामों की भूमि का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि नहीं होने के कारण ऐसी भूमियों को राजस्व ग्रामों का दर्जा नहीं दिया गया है। वन भूमि को राजस्व भूमि में परिवर्तित करने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दिनांक 21.07.2016 को याचिका प्रस्तुत की गई है। माननीय विधायक के पत्र पर कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार विस्थापन हेतु शेष रहे ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा वैकल्पिक भूमि का चयन करने के उपरांत ही आगे की कार्यवाही संभव है। ग्राम खामदा के विचाराधीन 35 व्यक्तियों की समिति द्वारा पात्रता निर्धारण उपरांत ही कार्यवाही संभव है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
संबल योजना अन्तर्गत लाभांवित हितग्राही
[श्रम]
5. ( *क्र. 406 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संबल योजना के तहत् श्रमिकों को किन-किन योजनाओं के तहत् कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांकित योजना के तहत् योजना के प्रारंभ दिनांक से दिसम्बर, 2018 तक विधानसभा क्षेत्र केंट (जबलपुर) के तहत् नगर निगम जबलपुर के किन-किन वार्डों के कितने-कितने श्रमिकों का पंजीयन किया गया है? वार्डवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन वार्डों के पंजीकृत कितने-कितने श्रमिकों को किन-किन योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया है एवं कितने-कितने श्रमिक किन-किन योजनाओं के लाभ से वंचित हैं एवं क्यों? इन्हें कब तक लाभान्वित किया जावेगा? सूची दें। दिसम्बर, 2018 तक की जानकारी दें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) संबल योजना के अन्तर्गत असंगठित श्रमिकों के लिये संचालित योजनाएं तथा देय सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र कैंट में स्थित नगर निगम वार्डों में अनुग्रह/अन्त्येष्टि सहायता के 23 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है, 25 प्रकरण लंबित हैं, सरल बिजली योजना के अंतर्गत 11528 उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया गया है, प्रसूति सहायता के अन्तर्गत 217 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है, बिजली बिल माफी योजना के अन्तर्गत 4908 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है तथा शिक्षा सहायता के अन्तर्गत 126 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मनरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 294 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर के अन्तर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कपिलधारा, खेत तालाब, मेढ़ बंधान एवं सुदूर ग्राम सड़क के कितने कार्य स्वीकृत किए गए? स्वीकृत राशि सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य पूर्ण किये व कितने कार्य अपूर्ण हैं? कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? कार्य पूर्ण नहीं करने के दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उल्लेखित निर्माणाधीन कार्यों की कहाँ-कहाँ की मजदूरी भुगतान की जाना शेष है? भुगतान नहीं किये जाने के कारण बतावें। मजदूरी भुगतान कब तक कर दी जावेगी? प्रश्न दिनांक तक मजदूरी भुगतान नहीं करने वाले दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पूर्ण कार्यों का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र कब तक जारी कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जनपद पंचायत कुसमी में स्वीकृत कार्यों में से 148 कार्य पूर्ण एवं 399 कार्य प्रगतिरत, जनपद पंचायत मझौली में स्वीकृत कार्यों में से 97 कार्य पूर्ण एवं 202 प्रगतिरत तथा जनपद पंचायत देवसर में स्वीकृत कार्यों में से 604 कार्य पूर्ण एवं 430 कार्य प्रगतिरत हैं। (ग) जनपद पंचायत कुसमी में राशि रू. 29.73 लाख, जनपद पंचायत मझौली में राशि रू. 24.47 लाख एवं जनपद पंचायत देवसर में राशि रू. 73.71 लाख रू. की मजदूरी भुगतान शेष है। भारत सरकार से राशि प्राप्त नहीं होने के कारण भुगतान शेष है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होते ही मजदूरी भुगतान करा दिया जावेगा। भुगतान नहीं होने का मुख्य कारण राशि प्राप्त नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) कार्यों के भुगतान उपरांत पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने की कार्यवाही सतत् रूप से की जा रही है।
घटित अपराधों की संख्या
[गृह]
7. ( *क्र. 52 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 11 नवम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में हत्या, चोरी, लूटपाट, डकैती, महिलाओं पर अत्याचार के कुल कितने प्रकरण दर्ज हुये? जिलेवार जानकारी दें। (ख) अपराधों में दिनोंदिन वृद्धि के लिये कौन दोषी है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न में तुलनात्मक अवधि लेख नहीं होने के कारण तुलना की जाकर अपराधों में वृद्धि/कमी के संबंध में टीप दी जाना संभव नहीं हो पा रहा है।
विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत लाभांवित हितग्राही
[श्रम]
8. ( *क्र. 13 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा संबल योजना के तहत् ग्रामीण एवं शहरी हितग्राहियों को तथा गरीब परिवारों को मृत्यु एवं दुर्घटना में लाभ देने की योजना है? (ख) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में इस योजना के तहत् कितने हितग्राहियों को लाभ पहुँचाया गया? नगर पंचायत, पंचायतवार, हितग्राहीवार एवं आवंटन राशि की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित हितग्राहियों को इस योजना के तहत् कब तक लाभ पहुंचाया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) विजयराघवगढ़ विधानसभा के अन्तर्गत 38 हितग्राहियों को सामान्य मृत्यु पर एवं 04 हितग्राहियों को दुर्घटना मृत्यु पर लाभांन्वित किया गया है। विधानसभा विजयराघवगढ़ के अन्तर्गत नगर पंचायत कैमोर में 04 हितग्राहियों को तथा जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ में 38 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। राशि का पूर्व से आवंटन नहीं होता है। अर्जित आवश्यकता अनुसार राशि प्रदाय की जाती है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.जे.एस.वाई. योजनांतर्गत गठित समूहों की मॉनीटरिंग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 268 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दो वर्षों से स्वर्ण जयंती स्व-रोजगार योजना अंतर्गत गठित समूहों सहित सभी समूहों की मानीटरिंग एन.आर.एल.एम. द्वारा की जा रही है? (ख) जिला पंचायत टीकमगढ़ द्वारा पत्र क्र. 3251, दिनांक 22.10.2017 द्वारा सात समूहों की ग्रेडिंग किन नियमों के अधीन की गई एवं पत्र क्र. 5068, दिनांक 22.12.2018 द्वारा निरस्त की गई? (ग) स्वर्ण जयंती ग्राम स्व-रोजगार योजना अंतर्गत गठित टास्क फोर्स समिति की बैठक दिनांक 06.10.2017 में कौन-कौन अधिकारी उपस्थित थे, जिनके द्वारा अनुमोदन किया गया? (घ) यदि ग्रेडिंग नहीं थी (समूह पात्रता की श्रेणी में नहीं थे) तो ग्रेडिंग प्रपत्र पर किस अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए गए तथा नियम विरूद्ध ग्रेडिंग किए जाने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। पुनर्गठित होकर एन.आर.एल.एम. प्रक्रिया (FOLD) में आने वाले समूहों की ही मॉनिटरिंग एन.आर.एल.एम. द्वारा की जा रही है। (ख) यह सही है कि जिला पंचायत में दिनांक 12.10.2017 को 7 समूहों के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, लेकिन जिला पंचायत द्वारा अधिकृत किसी बैठक हेतु कोई पत्र जारी नहीं किया गया और न ही कोई बैठक हुई है। ग्रेडिंग प्रपत्र पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की सील में सहायक परियोजना अधिकारी श्री रफीक खान द्वारा हस्ताक्षर किये गये थे, जो अनाधिकृत पाये गये। इस कारण उक्त बैठक को निरस्त किया गया। (ग) दिनांक 06.10.2017 को जिला कार्यालय टीकमगढ़ में टॉस्क फोर्स समिति की कोई बैठक आयोजित नहीं की गई थी। अतः अधिकारियों की उपस्थिति एवं अनुमोदन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अनुमोदन के बिना ग्रेडिंग प्रपत्र पर हस्ताक्षर कराने वाले संबंधित लेखापाल एवं हस्ताक्षर करने वाले सहायक परियोजना अधिकारी के विरूद्ध जिला पंचायत टीकमगढ़ के पत्र क्र. 433-434, दिनांक 02.02.2019 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं।
खण्डवा-इंदौर मार्ग पर बड़ी बसों का संचालन
[गृह]
10. ( *क्र. 139 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मृत्यु हुई है? (ख) क्या खण्डवा इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर टोल टैक्स बंद होने के कारण मुम्बई आगरा राष्ट्रीय राज्य मार्ग का भारी यातायात इस मार्ग पर डायवर्ट हो गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर प्रतिदिन लगने वाले जाम एवं सड़क दुर्घटना में हुई मौतों का जिम्मेदार भारी यातायात है? यदि हाँ, तो क्या इस पर नियंत्रण किया जायेगा? (घ) इंदौर-इच्छापुर राज्य मार्ग को फोरलेन करने अथवा राष्ट्रीय राज्यमार्ग घोषित करने की कार्यवाही किस स्तर पर और क्यों लंबित है? क्या व्यापक जनहित में इस मार्ग पर फोरलेन होने तक भारी वाहनों का आवागमन बंद किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या ख्ाण्डवा इंदौर मार्ग जो कि 100 कि.मी. से अधिक है, यात्री परिवहन के साधन सुविधाजनक नहीं होने से यात्री परेशान हैं क्या इस मार्ग पर 52 सीटर वाली बड़ी बसों का संचालन अनिवार्य किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (च) क्या ए.आई.सी.टी.एल. बसों का संचालन खण्डवा-इंदौर-खण्डवा किया जायेगा? हाँ तो कब से?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) कुल 697 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। (ख) यातायात आंशिक रूप से डायवर्ट हुआ है। भारी वाहनों का आवागमन बढ़ गया है। (ग) काफी हद तक यह सही है कि इस मार्ग पर भारी यातायात का दबाव है, जिससे आये दिन जाम लग जाता है। परन्तु सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों का जिम्मेदार भारी यातायात नहीं बल्कि सड़क की चौड़ाई कम होने, पहाड़ी घाटी, अधिक मोड़ एवं सड़क किनारे सोल्डर कटने से दुर्घटनाएं होती हैं। मार्ग पुराना होकर संकरा है, टोल-टैक्स बंद होने से कंपनी ने मेंटीनेंस बंद कर दिया है, इससे भी दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है, संबंधित जिले के जिलाधीश को शहरी क्षेत्र में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित करने एवं रात्रि के समय शहरी क्षेत्रों से होकर जाने देने के लिए सुझाव भेजा गया है। साथ ही जाम एवं सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हेतु बल तैनात किया जाता है तथा दुर्घटनाओं को कम करने के लिए इस मार्ग पर 12 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गये हैं। मार्ग से सटे पेड़ों तथा अंधे मोड़ों पर रिफ्लेक्टर, पुल/पुलियों पर डेलीनेटर तथा वाहनों की गति को नियंत्रित करने हेतु स्पीड बम्प भी लगवाये गये हैं। (घ) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग को फोरलेन किये जाने हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा डी.पी.आर. कार्य प्रक्रियारत है। प्रोजेक्ट डारेक्टर, परियोजना कार्यान्वयन इकाई, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, संपत हिल्स, इन्दौर के पत्र क्रमांक भा.रा.रा.प्रा./परि.का.इ./इन्दौर/ पी.क्यू./2019/395, दिनांक 05.02.2019 द्वारा की जा रही कार्यवाही की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। भूतल परिवहन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उक्त मार्ग के इच्छापुर से देशगांव तक के भाग का दिनांक 03.01.2017 को गजट में प्रकाशन किया जाकर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 753-एल घोषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार एवं देशगांव से इन्दौर तक के भाग को दिनांक 03.08.2018 को राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 347-बीजी घोषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। इन्दौर-इच्छापुर मार्ग एक मात्र सड़क मार्ग होने से लोकहित दृष्टि से भारी वाहनों का आवागवन रोके जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ड.) यह सही है कि खण्डवा-इन्दौर मार्ग की दूरी 100 कि.मी. से अधिक है। वर्तमान में इस मार्ग पर यात्रियों की सुविधा हेतु 32 स्थाई अनुज्ञापत्र एवं 08 अस्थाई अनुज्ञा पत्र कुल 40 अनुज्ञा पत्र पर यात्री वाहन संचालित हैं, 14 परमिटों पर 50 सीटर यात्री वाहनों तथा 26 परमिटों पर 50 सीटर से कम बैठक क्षमता के यात्री वाहन संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। यात्री बसों की बैठक क्षमता एवं एकल फेरे की दूरी के आधार पर अनुज्ञात किये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 522, दिनांक 25.12.2015 द्वारा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 77 में प्रावधान लागू किये गये हैं, जो वर्तमान में प्रभावशील हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' एवं '4' अनुसार है। (च) ए.आई.सी.टी.एल. द्वारा बस 2015 से खण्डवा से इन्दौर मार्ग पर 5 बसों का संचालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '5' अनुसार है।
शहरों को स्मार्ट सिटी का दर्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( *क्र. 183 ) श्री मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के कितने नगरों को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है? (ख) गत 5 वर्षों में कितना पैसा केन्द्र सरकार द्वारा म.प्र. को स्मार्ट सिटी हेतु प्रदान किया गया तथा 30 दिसम्बर, 2018 तक कितना रूपया (स्मार्ट सिटी फण्ड का) विभिन्न नगरों में खर्च किया गया? जिलेवार जानकारी दें। (ग) क्या प्रदेश सरकार ने स्मार्ट सिटी फण्ड से नगरों/शहरों में किये जा रहे विकास कार्यों के मूल्यांकन की कोई नीति तैयार की है? यदि नहीं तो क्या सरकार द्वारा कोई उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी गठित कर इसकी जाँच कराई जायेगी? (घ) क्या शहरों में स्मार्ट सिटी फण्ड से किये गये विकास कार्यों के मूल्यांकन में स्थानीय विधायकों को शामिल किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत मध्य प्रदेश के सात नगरों क्रमश: भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है। (ख) भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई वर्षवार राशि एवं स्मार्ट सिटी शहरों द्वारा दिसम्बर 2018 तक के व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन गाइड लाइन अनुसार राज्य एवं शहर स्तर पर समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा समय-समय पर समीक्षा एवं मार्ग दर्शन दिया जाता है। समिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) भारत सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन गाइड लाइन अनुसार शहर स्तरीय समिति में स्थानीय माननीय विधायक को सम्मिलित करने का पूर्व से प्रावधान किया गया है।
वन भूमि पर सड़क निर्माण/विद्युतीकरण के लंबित प्रकरण
[वन]
12. ( *क्र. 363 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन भूमि पर सड़क निर्माण, ग्रामों के विद्युतीकरण, अभ्यारण्य क्षेत्र में निजी तथा वन अधिकार अधिनियम के पट्टा की भूमि पर नलकूप खनन आदि कार्यों की अनुमति हेतु शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में D.F.O. तथा उनके ऊपर के अधिकारियों, राज्य शासन, भारत सरकार को कितनी भूमि की अनुमति देने का अधिकार है? निर्देश की प्रति दें। (ग) रायसेन जिले में प्रश्न दिनांक तक वन विभाग के किन-किन कार्यालयों में प्रश्नांश (क) से संबंधित प्रकरण कब से क्यों लंबित हैं? प्रकरणवार कारण बतायें। उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों की विभाग के किस-किस अधिकारी ने कब-कब समीक्षा की? लंबित प्रकरणों के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन भूमि पर सड़क निर्माण तथा ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के तहत् भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है। वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय उद्यानों तथा अभ्यारण्यों की वन भूमि/निजी भूमि पर गैर वानिकी कार्यों के लिये राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की अनुमति आवश्यक है व इस हेतु निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत करना होता है। राष्ट्रीय उद्यानों तथा अभ्यारण्य क्षेत्रों में वन भूमि/वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत् प्राप्त अधिकार पत्र की वन भूमि/निजी भूमि पर ग्रामीणों को पीने के पानी की सुविधा देने हेतु कुआं, हैण्डपम्प, छोटे तालाब इत्यादि कार्यों पर छूट है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश दिनांक 26.10.2007 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के तहत् भारत सरकार द्वारा पत्र दिनांक 13.02.2014 से राज्य शासन को विभिन्न 13 कार्यों हेतु शासकीय विभागों को 01 हेक्टेयर रकबे से कम की वन भूमि प्रत्यावर्तित करने के अधिकार प्रदत्त किये गये हैं। भारत सरकार के पत्र दिनांक 13.02.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदत्त इन अधिकारों को राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 31.05.2014 से सभी क्षेत्रीय वनमण्डलाधिकारियों को प्रदत्त किया गया है। राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 31.05.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा पत्र दिनांक 13.02.2014 से राज्य शासन को प्रत्यायोजित अधिकार दिनांक 31.12.2018 को समाप्त हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत् विभिन्न 13 कार्यों हेतु शासकीय विभागों को 01 हेक्टेयर रकबे से कम की वन भूमि प्रत्यावर्तित करने के अधिकार प्रदत्त किये गये हैं। राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 29.05.2009 से यह अधिकार समस्त वनमण्डलाधिकारियों को प्रदत्त किये गये हैं। राज्य शासन के पत्र दिनांक 29.05.2009 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। 01 हेक्टेयर या इससे अधिक की वन भूमि प्रभावित होने के प्रकरणों तथा गैर शासकीय विभागों के प्रकरणों में वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के तहत् स्वीकृति दिये जाने के अधिकार भारत सरकार को हैं। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित रायसेन जिले में निर्धारित प्रारूप में केवल 01 प्रकरण वनमण्डलाधिकारी स्तर पर दिनांक 24.01.2019 को प्राप्त हुआ है। इस प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। वन मंडलाधिकारी स्तर पर उनके स्तर की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु एक माह की समय-सीमा निर्धारित है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 में उल्लेखित प्रकरण वर्तमान में वन मंडल स्तर पर कार्यवाही हेतु निर्धारित समय-सीमा में है। अतः लंबित होने व समीक्षा करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इसके अतिरिक्त औबेदुल्लागंज वनमण्डल में अभ्यारण्य क्षेत्र की निजी भूमि पर सिंचाई करने के उद्देश्य से नलकूप खनन हेतु 13 व्यक्तियों के आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। अभ्यारण्य की वन भूमि/निजी भूमि पर सिंचाई कार्यों के लिए नलकूप खनन की अनुमति के लिये आवेदक से निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार राज्य वन्यप्राणी बोर्ड तथा राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत वनमण्डलाधिकारी औबेदुल्लागंज द्वारा नलकूप खनन की स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में इन आवेदकों से निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही नहीं की जा सकती है। अतः रायसेन जिले में लंबित प्रकरण में कोई अधिकारी दोषी नहीं है।
सलसलाई थाना अंतर्गत हत्या के प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
13. ( *क्र. 208 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के सलसलाई थाना अंतर्गत मेहरबान सिंह, निवासी सुनेरा की हत्या का प्रकरण अपराध क्र. 4/19 धारा 302, 201, घटना दिनांक 20.12.2018, घटना स्थान फरीद पिता नन्ने खॉ का मसूर का खेत मोचीखेडी तिंगजपुर रोड घटना की कायमी दिनांक 04.01.2019 में किस-किस को आरोपी बनाया गया है? क्या मृतक की पत्नी गीताबाई द्वारा दिनांक 02.01.2019 को लिखित आवेदन मय शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया था? क्या उसके आधार पर अनुसंधान किया गया हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शपथ-पत्र में जिनके नाम व सहयोगियों का उल्लेख किया गया है, उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? क्या प्रकरण में मिलीभगत करके शेष आरोपियों को बचाया गया है? यदि नहीं, तो क्या गिरफ्तार आरोपी मंसूर खॉ, शिव मालवीय एवं मृतक की पत्नी गीताबाई को पुलिस रिमांड पर लिया गया था? यदि हाँ, तो पुलिस रिमांड पर उनके द्वारा दिये गये बयान (मेमोरण्डम) एवं रोजनामचे की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित अपराध अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था। जी हाँ। प्रकरण विवेचना से संबंधित होने से वांछित दस्तावेज प्रदाय किया जाना न्यायसंगत नहीं है। (ख) प्रकरण अनुसंधान से संबंधित होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं है।
श्रमिकों को पुनर्वास भत्ते का भुगतान
[श्रम]
14. ( *क्र. 230 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा पिटीशन क्रमांक 12/2004, दिनांक 27.03.2015 के आदेश द्वारा भारत कॉमर्स नागदा के 150 श्रमिकों को पुनर्वास भत्ते की क्लेम राशि दिये जाने के शासन को निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो आदेश के पालन में कितने श्रमिकों को क्लेम की राशि का भुगतान कर दिया है? कितने श्रमिक शेष हैं? नाम सहित विवरण दें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : जी नहीं। प्रश्नांकित याचिका में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा श्रम विभाग मध्यप्रदेश शासन को कोई निर्देश नहीं दिये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में सोलर लाइट का क्रय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 17 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2018 तक प्रदेश के किन-किन जिलों में सोलर लाइट क्रय की गई है? उसकी लागत क्या है? क्या इसकी खरीदी भण्डार क्रय नियमों के विपरीत हुई है? (ख) क्या रीवा जिले में सोलर लाइट क्रय किये जाने में भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्राम पंचायतों में किस मद से सोलर लाइट की खरीदी की गई तथा किस एन्जेसी से खरीदी की गई है? (ग) क्या वर्ष 2016 में प्रमुख सचिव म.प्र. शासन ने भण्डार क्रय नियमों के विपरीत सोलर लाइट क्रय किये जाने की जाँच हेतु समस्त कलेक्टरों, मुख्य कार्यपालन अधिकरीयों को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) क्या प्रदेश सहित रीवा जिले में भी जाँच दल गठित किया गया था? यदि हाँ, तो इसमें दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि की जायेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वर्ष 2010 से 2018 तक प्रदेश के 43 जिलों में सोलर लाईट क्रय की गई है, उसकी कुल लागत रू. 69.92 करोड़ है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रीवा जिले में 223 ग्राम पंचायतों में से 107 ग्राम पंचायतों द्वारा भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है। रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर लाइट खरीदने का मद एवं एजेंसी जिससे लाइट खरीदी गई, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। जाँच वृहद होने के कारण कार्यवाही प्रचलन में है। अतः समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
पाँच वर्षों से ज्यादा एक स्थान पर पदस्थ कर्मियों का स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 285 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा राजस्व संभाग के अंतर्गत आने वाली नगर पालिका निगमों में उप यंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री के पदों पर किस-किस नाम एवं पदनाम वाले व्यक्ति पाँच वर्षों से ज्यादा एक ही स्थान (नगर निगम) पर पदस्थ हैं? नगर निगमवार/नामवार/पदनामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर पालिका निगमों में चतुर्थ/तृतीय/द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? उन पदों के विरूद्ध कितने अधिकारी कब से पदस्थ हैं? उपरोक्त श्रेणी में अस्थायी/संविदा पर कुल कितने कर्मचारी वर्तमान में पदस्थ हैं? श्रेणीवार/निगमवार/संख्यावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभिन्न पदों पर पदस्थ यंत्रियों की एक ही स्थान पर पदस्थापना के क्या नियम निर्धारित हैं? प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत किस-किस नगर पालिका निगम में इस नियम का पालन हो रहा है? अगर नहीं हो रहा है तो किस-किस यंत्री को पाँच वर्ष से ज्यादा एक स्थान पर रहने की राज्य शासन ने छूट दे रखी है? (घ) क्या शासन पाँच वर्षों से ज्यादा एक स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों/यंत्रियों को अन्यत्र स्थानांतरित करेगा? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 58 के तहत् राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अध्यधीन अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति प्राधिकारी, नगर पालिक निगम हैं। नगर पालिक निगम के किसी अधिकारी या सेवक का स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति पर अन्य नगर पालिक निगमों में किये जाने का प्रावधान है, स्थानांतरण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2017/एक/9, दिनांक 19 मई, 2017 है, जिसके अनुसार अधिकारियों/ कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाता है। 05 वर्ष से ज्यादा एक स्थान पर रहने की राज्य शासन द्वारा किसी यंत्री को छूट नहीं दी गई है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिवपुरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ओ.डी.एफ. घोषित पंचायतें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 61 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र में कितनी पंचायतों को कितने शौचालय निर्माण करने का कितना लक्ष्य रखा गया था? (ख) इनमें से कितनी पंचायतें ओ.डी.एफ. घोषित की गई हैं? (ग) क्या जिन पंचायतों को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया, उनमें शत-प्रतिशत हितग्राहियों के लिये शौचालय बना दिये गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में 75 ग्राम पंचायतों को बेस लाईन सर्वे 2012 में दर्ज पात्र घरों के 21409 शौचालय निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया था। (ख) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में 75 ग्राम पंचायतें ओ.डी.एफ. घोषित की जा चुकी हैं। (ग) जी नहीं, शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में 75 ग्राम पंचायतों को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया है, जिसमें से बेसलाईन सर्वे 2012 में दर्ज शत-प्रतिशत पात्र घरों के 21409 हितग्राहियों के शौचालय बना दिये गये हैं।
गौण खनिज की रॉयल्टी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 327 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा निर्माण कार्यों में उपयोग की जाने वाली गौण खनिज की रॉयल्टी ठेकेदारों के बिल से काटी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग के आदेश निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) निर्माण कार्यों में ठेकेदारों के बिल से रॉयल्टी काटे जाने से क्या यह प्रमाणित नहीं होता है कि ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से खनिज परिवहन/उत्खनन कर निर्माण कार्यों में प्रयुक्त किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत निविदाकारों से निर्माण कार्यों में उपयोग की जाने वाली गौण खनिज की लीज़ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा, स्वीकृत होने पर रनिंग देयकों से खनिज विभाग द्वारा अनुमोदित दरों पर राशि काटी जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत पंजीकृत बालिकाएं
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( *क्र. 41 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत् कितनों को लाभ दिया गया है? लाभार्थीवार, जिलावार जानकारी दें। (ख) उक्त योजना के तहत् प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में कितनी राशि जारी की गयी है? यदि नहीं की गयी है, तो कारण दें? नियम बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत् यदि उक्त योजनांतर्गत राशि जारी नहीं की है तो कब तक जारी कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) 01 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत् 9216 बालिकाओं को पंजीकृत कर वचन पत्र दिया गया है, जिलेवार पंजीकृत बालिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) उक्त योजना के तहत् प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में रूपये 43,59,78,000/- की राशि जारी कर मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी निधि में जमा की गई। निधि में राशि जमा करने के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार हैI (ग) विभागीय नियमानुसार निधि में राशि जमा की जाती हैI
नगरीय क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 135 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण हेतु क्या योजनायें बनाई गयी हैं? (ख) विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में किन-किन स्थानों पर स्टेडियम का निर्माण कराया गया है? (ग) विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों (नगर परिषद् शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ) में क्या कोई स्टेडियम निर्मित कराया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें? (घ) नगर परिषद् शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ को नवीन स्टेडियम निर्माण योजना में कब तक सम्मिलित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण की कोई विशिष्ट योजना नहीं बनाई गयी है, अपितु मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के चरण-1 में सामाजिक अधोसंरचना विकास एवं चरण-2 में खेल मैदानों के विकास के घटक के रूप में स्टेडियम निर्माण की योजनाएं तथा विशेष निधि की राशियां, निकायों के प्रस्ताव पर स्वीकृत की गयी हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांकित निकायों द्वारा स्टेडियम निर्माण की कार्य योजना प्रस्तुत नहीं करने के कारण, स्टेडियम निर्माण स्वीकृत नहीं किया गया। नगर परिषद सीतामऊ को स्वीकृत विशेष निधि रूपये 1.00 करोड़ की डी.पी.आर. बनाये जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रचलित है। (घ) नगर परिषद सीतामऊ में डी.पी.आर. तैयार नहीं होने से, शामगढ़ एवं सुवासरा से प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से एवं मुख्य मंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना में पात्रता राशि शेष नहीं होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घटित अपराधों की संख्या
[गृह]
21. ( *क्र. 16 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 17 दिसंबर, 2018 के पश्चात् उज्जैन संभाग में किस-किस स्तर के, कितने-कितने अपराध, किस-किस जिले में हुए? जिलेवार संख्या बतायें। (ख) उज्जैन संभाग में 01 जनवरी, 2017 से बैंकिग सेक्टर से जुड़े ऑनलाइन लेन-देन व ऑनलाइन खरीदी धोखाधड़ी के कितने-कितने प्रकरण, किस-किस जिले में, कितनी-कितनी राशि की धोखाधड़ी के दर्ज हैं, उनमें कितनों का निराकरण किया गया? (ग) 01 जनवरी, 2017 से उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में चेक-अनादरण की कितनी-कितनी शिकायत, किन-किन व्यक्तियों द्वारा, किस-किस के खिलाफ की गयी? इनमें से कितनों का निराकरण हो चुका है, कितने प्रकरण मान. न्यायालय में पंजीबद्ध हैं? (घ) चेक अनादरण एवं ऑनलाइन आर्थिक अपराध को लेकर क्या केंद्र शासन द्वारा राज्य शासन को कोई दिशा निर्देश दिए गये हैं? चेक अनादरण के मामले में चेक प्राप्तकर्ता को और अधिक राहत प्रदान करने वाला परक्राम्य लिखित (संशोधन) विधेयक 2017 (नेगोशियेबल इन्स्ट्रमेंट अमेंडमेंट बिल) पारित होने के पश्चात् उज्जैन संभाग में कितने व्यक्तियों को 2 साल की सजा दी गयी? सिर्फ जिलेवार संख्या बतायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) चेक अनादरण संबंधी प्रकरण दीवानी प्रकृति के होने के कारण इनसे संबंधित शिकायतें एवं प्रकरण माननीय न्यायालयों में व्यवहारित किये जाते हैं। अतः इसकी जानकारी संधारित नहीं किये जाने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष जानकारी प्रश्नांश (ग) अनुसार है।
नगर पालिका परिषद मैहर को विकास कार्य हेतु प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 360 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत चार वर्षों 2015-16, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में नगर पालिका परिषद् मैहर जिला सतना को किस-किस मद में राज्य शासन से कब-कब कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? वर्षवार-मदवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में प्राप्त राशि से परिषद द्वारा कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत से कराये गये हैं? कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन हैं? इनकी भौतिक स्थिति क्या है? (ग) नगर पालिका परिषद मैहर में 10 लाख से ज्यादा लागत के कौन-कौन से स्वीकृत निर्माण कार्य अप्रारंभ हैं एवं क्यों? (घ) नगर पालिका परिषद मैहर के पास किन-किन निर्माण कार्यों/योजनाओं के लिए वर्तमान में राशि उपलब्ध है? परिषद् के खातों में योजनावार उपलब्ध राशि का विवरण भी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया स्टेडियम का विकास
[खेल और युवा कल्याण]
23. ( *क्र. 253 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया स्टेडियम हेतु आरक्षित भूमि पर स्टेडियम एवं खेल संरचनाओं का विकास क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या उक्त स्टेडियम का कार्य शासकीय विभागों की आपसी खींचतान में उलझा है? (ख) राजमाता विजयाराजे सिंधिया स्टेडियम नानाखेड़ा, उज्जैन का निर्माण एवं खेल गतिविधियों का संचालन कब तक शुरू कर दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग को प्रस्तावित भूमि आवंटित नहीं होने के कारण विकास कार्य नहीं कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पंचायत पचोर में प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 279 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की नगर पंचायत पचोर में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू है? यदि हाँ, तो उक्त नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराये गये? संख्या एवं उनके नामों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) पात्र हितग्राहियों को आज दिनांक तक आवास उपलब्ध ना कराने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? यदि कार्यवाही नहीं की गयी, तो कारण बतावें? (ग) यदि प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने हेतु परिषद द्वारा कोई कार्यवाही की गयी हो, तो जानकारी उपलब्ध करावें। परिषद् की कार्यवाही के अनुसार पात्र हितग्राहियों को कब तक प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध करा दिये जावेंगे? (घ) पचोर नगर परिषद के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत कुल कितने पात्र हितग्राही चिन्हित किये गये हैं? उनकी सूची उपलब्ध करावें तथा पात्र चिन्हित हितग्राही को कब तक प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध करा दिये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पंचायत पचोर में योजना लागू होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किसी भी हितग्राही को आवास उपलब्ध नहीं कराया गया शेष जानकारी निरंक। (ख) हितग्राहियों की सूची जिला कलेक्टर से अनुमोदन कराये जाने का प्रावधान है। सूची अनुमोदन कार्यवाही प्रचलन में होने से किसी भी कर्मचारी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ग) नगर परिषद पचोर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना उपलब्ध कराने हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृत 1543 हितग्राहियों में से मात्र 15 हितग्राहियों की सूची अनुमोदित की गई है। शेष सूची अनुमोदन उपरांत भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर हितग्राहियों को लाभ दिया जा सकेगा। तिथि बतायी जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिला जेल के नवीन भवन का निर्माण
[जेल]
25. ( *क्र. 94 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला जेल का भवन निर्माण कब हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या वर्तमान समय में जेल की बिल्डिंग छोटी पड़ रही है? क्या यह सुरक्षा की दृष्टि से उचित है? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार यदि जेल बिल्डिंग छोटी पड़ रही है एवं सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है, तो क्या शासन नवीन जेल के प्रस्ताव को स्वीकृत कर आवश्यक राशि उपलब्ध करावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्ष 1905 में। (ख) जी हाँ, जेल में परिरूद्ध बंदियों को पूर्ण सुरक्षा के साथ रखा गया है। (ग) पर्सपेक्टिव प्लान के द्वितीय चरण में भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था जो मान्य नहीं किया गया। समयावधि तय करना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खेत सड़क
योजना
अंतर्गत सड़क
निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 1 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि. ख. मऊगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत पहाड़ी निरपति सिंह में गणेश गिरि के घर से चंद्रिका प्रसाद तिवारी के घर तक सत्र 2013-2014 में खेत सड़क योजना अंतर्गत सड़क निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गयी, जिसकी एजेन्सी ग्राम पंचायत पहाड़ी निरपति सिंह को बनाया गया? यदि हाँ, तो उक्त सड़क के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गयी और ग्राम पंचायत द्वारा कितनी राशि का आहरण किया गया? आहरण करने वाले सरपंच एवं सचिव का नाम बताएं? (ख) क्या उक्त सड़क का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं तो पूरी राशि आहरित करने वाले सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत राशि रू. 14,79,000/- है। पूर्व सरपंच श्री राजकुमार कुशवाहा एवं सचिव श्री संतोष कुमार सिंह द्वारा राशि रू. 90,000/- तथा वर्तमान सरपंच श्रीमती ऊषा सिंह एवं पंचायत सचिव श्री अरविन्द कुमार पाठक द्वारा राशि रू. 5,38,8000/- का आहरण किया गया है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश 'क' अनुसार पूर्ण राशि का आहरण नहीं पाये जाने से सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क की योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 2 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मऊगंज वि.ख. अंतर्गत ग्राम मलकपुर के लिए हर्रहा से मलकपुर सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत है और सड़क के कार्य हेतु निविदा स्वीकृत की जाकर कार्यादेश भी जारी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो ठेकेदार का नाम बताएं तथा कार्यादेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें तथा कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बतावें। (ख) क्या सड़क कार्य शुरू किया गया है? यदि नहीं तो सड़क का कार्य कब तक शुरू कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत न होकर राज्य मंडी बोर्ड मद के अंतर्गत स्वीकृत है। जी हाँ। मेसर्स सोनभद्र कंस्ट्रक्शन कंपनी रीवा, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। 12 माह (वर्षाकाल सहित)। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरेला क्षेत्र में जानवरों के पीने के पानी की समस्या
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 5 ) श्री सुशील कुमार तिवारी (इंदु भैया) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत बरेला क्षेत्र के नदी नालों का पानी दिन प्रतिदिन सूखने के कारण जानवरों के लिये पीने के पानी की समस्या बढ़ती जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान स्थिति में पानी रहते पिपरिया, हिनौतिया भौई, सिलुआ, बल्हवारा, मिड़की, बम्हनी, बैरागी, सरौरा, बिलगड़ा, मनकवारा ग्रामों के नदी नालों में स्टॉप डेम बनाकर जल संरक्षण कर जानवरों के लिये पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो, क्या तात्कालिक कार्यवाही होगी? (घ) यदि नहीं तो जानवरों के पीने के पानी की समस्या कैसे हल होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बारिश कम होने पर नदी नालों का पानी का स्तर कम होता जाता है। (ख) प्रश्नांश (ख) के दर्शाये गये ग्राम बड़ी नदियों/नालों पर स्थित हैं तथा इनके निर्माण में अधिक लागत होगी। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायतों का लेबर बजट सीमित होता है एवं योजना के प्रावधान अंतर्गत 60:40 का मजदूरी सामग्री अनुपात न होने के कारण इनका निर्माण किया जाना संभव नहीं हैं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में स्टॉप डेम निर्माण संभव नहीं है। (घ) विभाग के परिपत्र क्रमांक 67/2018/22/पं-1 भोपाल, दिनांक 16.02.2018 द्वारा पशुओं के पानी पीने हेतु संरचना निर्माण के निर्देश दिये गये है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत पुराने तालाबों में अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 6 ) श्री सुशील कुमार तिवारी (इंदु भैया) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2000 की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र पनागर में कितने शासकीय एवं निजी तालाब थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने तालाबों का अस्तित्व बचा है? शासकीय एवं निजी तालाबों की अलग-अलग संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या शासकीय संरक्षण में शासकीय एवं निजी तालाबों में आवासीय कॉलोनियां विकसित की गई हैं? (घ) यदि नहीं तो नगर निगम वार्ड क्र. 74 अमखेरा, नगर परिषद् बरेला के ब्रम्हकेशरी मंदिर एवं अन्य 16 तालाबों में अवैध आवासीय एवं अन्य निर्माण की जाँच कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर में वर्ष 2000 की स्थिति में कुल शासकीय 124 एवं निजी 44 तालाब थे। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल 165 तालाब अस्तित्व में है, जिसमें से शासकीय 124 एवं निजी 41 तालाब है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कुठिया महगवां से ताली रोहनिया मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 14 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत बड़वारा जिला कटनी के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुठिया महगवां से ताली रोहनिया मार्ग स्वीकृत है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) मार्ग का निर्माण प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नाधीन मार्ग के संबंध में कलेक्टर जिला कटनी एवं अनुविभागीय अधिकारी विजयराघवगढ़ द्वारा तत्काल हस्तक्षेप कर सड़क निर्माण में आने वाली रूकावटों को दूर कराया जाकर सड़क का निर्माण पूर्ण कराया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित मार्ग की लंबाई 5.00 कि.मी. में 4.74 कि.मी. लंबाई का कार्य पूर्ण हो गया है। शेष 0.26 कि.मी. में निजी भूमि होने से कार्य नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। जिला कलेक्टर को निर्देशित कर मार्ग में आ रही रूकावट को दूर कर कार्य कराए जाने का प्रयास किया जाएगा।
शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियों का प्रशिक्षण एवं रोजगार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 19 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.जी.एस.वाय योजनान्तर्गत क्या आजीविका एवं कौशल उन्नयन योजना के तहत बी.पी.एल. शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु योजना संचालित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में रीवा जिले में कितने बेरोजगार युवक एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? प्रशिक्षण देने वाली संस्था का नाम एवं प्रशिक्षण का स्थान बतावें? प्रशिक्षण प्राप्त युवक/युवतियों को कहाँ-कहाँ रोजगार उपलब्ध कराया गया? (ख) प्रशिक्षण के बाद बेरोजगार युवक/युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं द्वारा प्रदाय वेतन की जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ग) प्रशिक्षण हेतु रीवा जिले में व्यय राशि की संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावे? क्या उक्त योजना में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ? यदि हाँ, तो उसमें कौन कौन से अधिकारी दोषी पाये गये है? क्या इसकी जाँच आर्थिक अपराध शाखा रीवा में की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई थी? (घ) दोषी अधिकरियों के खिलाफ क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? यदि की जायेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। 92 युवक एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। संस्था उद्यमिता विकास केन्द्र, भोपाल (म.प्र.) द्वारा बी.आर.सी.सी. कार्यालय जनपद पंचायत, रीवा में प्रशिक्षण दिया गया। संस्थावार रोजगार उपलब्ध कराने संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) संस्थाओं द्वारा प्रदाय वेतन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रशिक्षण हेतु उद्यमिता विकास केन्द्र को राशि रूपये 48.60 लाख उपलब्ध कराई गयी। जी नहीं। किसी भी प्रकार की जाँच आर्थिक अपराध शाखा रीवा में की जाने का संज्ञान नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तात्कालीन सी.ई.ओ. जिला पंचायत द्वारा असत्य जानकारी प्रदाय करने की जाँच एवं कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 35 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तात्कालीन सी.ई.ओ. श्री स्वरोचिष सोमवंशी जिला पंचायत सिवनी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये अनुबंधित वाहन क्रमांक MP 66 T 3565 सफारी वाहन मालिक श्री कपिल कुमार खान चंदा राजपूत कालोनी सिवनी फर्जी पता बताकर अनुबंधित किया गया था? यदि हां, तो उक्त वाहन का किस दिनांक से किस दिनांक तक फर्जी भुगतान किया गया? (ख) दिनांक 30/11/2017 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1160 के उत्तर में भ्रामक एवं असत्य जानकारी उपलब्ध कराने पर विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1718 दिनांक 08/03/2018 के उत्तर में बताया गया था कि प्रकरण की जाँच कराई जाकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी? तो क्या प्रकरण की निष्पक्ष जाँच करा ली गई है? यदि हॉ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या दिनांक 30/11/2017 तारांकित प्रश्न क्रमांक 1160 का उत्तर भ्रामक और असत्य जानकारी उपलब्ध कराने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हां, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला पंचायत, सिवनी के तात्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा टाटा सफारी वाहन क्रमांक MP66 C 3565 का किराया अनुबंध पूर्व वाहनों का अनुबंध समाप्त होने के कारण मासिक किराया रूपये 18000/- प्रतिमाह दर पर किया गया था। वाहन का माह जून 2017 से परिचालन कर लॉगबुक विधिवत् तैयार की जाकर वाहन के किराये का भुगतान नियमानुसार किया गया है। वाहन किराया अनुबंध में लिपिकीय त्रुटिवश वाहन क्रमांक MP66 T 3565 दर्ज हो गया है, जबकि MP 66 C 3565 किया जाना था। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1718 में दिये गये उत्तर के अनुसार आयुक्त, जबलपुर एवं भोपाल संभाग से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 36 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से प्रत्येक जनपद पंचायतों के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कितने परिवारों को योजना का लाभ दिया गया है? प्रत्येक लाभान्वित हितग्राही की जानकारी उसके आवास की भौतिक स्थिति की जानकारी सहित उपलब्ध कराई जावें। (ख) प्रश्नांश (क) योजना से संबंधित कितने हितग्राहियों को प्रत्येक जनपद पंचायतों में योजना का लाभ देकर प्रथम किश्त प्रदाय उपरांत अपात्र घोषित कर उन्हें योजना से वंचित किया गया है? जनपद पंचायतवार हितग्राहियों के विवरण सहित की गई कार्यवाही सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में एस.ई.सी.सी. 2011 के सर्वेक्षित परिवारों का नाम भारत सरकार की पोर्टल Awas Soft पर प्रदर्शित नहीं हो रहा है? उसमें सुधार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत थांवरी में किसी भी हितग्राही को योजना प्रांरभ से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया है? यदि हां, तो कारण स्पष्ट करें। उक्त पंचायत के पात्र हितग्राहियों को कब तक योजना का लाभ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत सिवनी अन्तर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सर्वेक्षित ग्राम पंचायत थांवरी (कान्हीवाडा) के ग्राम टेकररांझी तथा ग्राम पंचायत थांवरी (कलार) के ग्राम सालीवाडा, लुंगसा एवं थांवरी के नाम भारत सरकार के पोर्टल आवास साफट पर प्रदर्शित नहीं थे। राज्य सरकार की पहल पर उपरोक्त गांव दिनांक 05.02.2019 से आवास साफट पोर्टल पर प्रदर्शित हो गए है। (घ) जी हाँ। आवास पोर्टल पर हितग्राहियों के नाम प्रदर्शित नहीं होने के कारण योजना का लाभ नहीं दिया जा सका है। हितग्राहियों के नाम आवास पोर्टल पर प्रदर्शित होने पर लाभ दिया जायेगा। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
नगर निगम भोपाल सीमा के अंतर्गत आने वाली वैध कालोनियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 38 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाली कितनी आवासीय कॉलोनियां पूरी तरह से वैध हैं तथा किन-किन कॉलोनियों से प्रापर्टी टैक्स वसूला गया? (ख) क्या त्रिलंगा गुलमोहर कॉलोनी (जी-1, जी-2, जी-3) में पीने के पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से क्रियान्वित नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के कॉलोनीवासियों को पीने के पानी की सप्लाई का सुचारू रूप से क्रियान्वयन कब तक किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत कुल 1239 वैध कॉलोनिया है। नगर निगम सीमा के अंतर्गत सभी कॉलोनियों से सम्पत्ति कर वसूल किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। त्रिलंगा गुलमोहर कॉलोनी (जी-1, जी-2, जी-3) में पीने के पानी की व्यवस्था नगर निगम द्वारा बल्क कनेक्शन के माध्यम से सुचारू रूप से क्रियान्वित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि का हितग्राहियों को भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
10. ( *क्र. 50 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों की राशि बढ़ाकर 1000/- रूपये किये जाने का वचन दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को प्राप्त हो चुका है? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन की बढ़ी हुई राशि का लाभ अनेक हितग्राहियों को समय पर प्राप्त नहीं हो सका है, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है ?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर नगर में महिला विश्वविद्यालय खोला जाना
[उच्च शिक्षा]
11. ( क्र. 56 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर के डॉ. सर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाये जाने में क्षतिपूर्ति राशि रू.लगभग 468.00 करोड़ शासन के पास कस्टोडियन की हैसियत से सागर में नया राजकीय विश्वविद्यालय स्थापित कराये जाने हेतु अमानत के रूप में रखी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शासन के द्वारा इस राशि का क्या उपयोग किया गया है? क्या शासन सागर नगर में शीघ्र ही नये राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा सागर नगर में महिला विश्वविद्यालय खोले जाने हेतु आश्वासन दिया था? यदि हाँ, तो इस विषय में अब तक क्या प्रगति हुई? (घ) यदि नहीं तो क्या शासन सागर नगर में महिला विश्वविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शहरी क्षेत्र की सड़कों के संधारण विषयक
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 57 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहरी क्षेत्र की जो सड़कें लोक निर्माण विभाग द्वारा संधारित की जाती थी उन सड़कों की संधारण व्यवस्था नगरीय निकायों को सौंप दी गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो सागर विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी सड़कें हैं जो लोक निर्माण विभाग से नगरीय निकाय को संधारण हेतु हस्तांतरित की गई है? इनकी लम्बाई सहित बताएं। (ग) क्या इन सड़कों के संधारण हेतु शासन द्वारा कोई अतिरिक्त राशि नगरीय निकायों को प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो सागर विधान सभा क्षेत्र को अभी तक कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? (घ) यदि नहीं तो क्या शासन इन सड़कों के संधारण हेतु कोई अतिरिक्त संसाधन नगरीय निकायों को उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) शासन के परिपत्र दिनांक 04/07/2017 से नगरीय निकायों के क्षेत्र में स्थित लोक निर्माण विभाग की सडकों में से ऐसे एम.डी.आर जो बी.ओ.टी/एन.यू.टी पद्धति से निर्मित है अथवा परफार्मेंस गारंटी में है, को छोड़कर शेष सड़कों का हस्तांतरण किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, शासन के परिपत्र दिनांक 04/07/2017 के अनुसार प्रस्तावित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-2019 में नगर पालिक निगम सागर को प्रश्न दिनांक तक सड़क मरम्मत अनुरक्षण मद से राशि रूपये 296.80 लाख प्रदान किये गये है। (घ) उत्तरांश (क) के अनुसार कार्यवाही प्रस्तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
मुख्यमंत्री सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 62 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र में कितने राजस्व ग्रामों को मुख्यमंत्री सड़क योजना से जोड़ा गया है? (ख) क्या मजरे टोले को भी मुख्यमंत्री सड़क योजना से जोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या मुख्यमंत्री सड़क योजना से बनाई गई गिट्टी मुरम की सड़कों पर डामरीकरण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में 25 राजस्व ग्रामों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत जोड़ा गया है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मजरे टोले को जोड़े जाने का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत पूर्ण की गई 13 सड़कों का डामरीकरण कराया जा रहा है। डामरीकरण कार्य जून, 2019 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। शेष सड़कों में डामरीकरण का कार्य वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
प्रदेश में बढ़ते सायबर अपराध
[गृह]
14. ( क्र. 66 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 से प्रश्न-दिनांक तक सायबर अपराध के कितने प्रकरण प्रदेश के थानों में रजिस्टर्ड हैं? कितनों का निराकरण किया जा चुका है? कितने पेंडिंग हैं वर्षवार जिलेवार सिर्फ संख्या बतायें। (ख) क्या प्रदेश में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के पेज/प्रोफाइल को ब्लॉक कराने के लिए "सोशल मिडिया कमाण्ड रिसर्च सेंटर" की स्थापना हेतु विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ इन्हें स्थापित किया जाएगा? (ग) क्या प्रदेश में समस्त सोशल नेटवर्किंग (वाट्सअप, फेसबुक अन्य) उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का विचार विभाग कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रदेश के क्राइम ब्रांच की इन्वेस्टिगेशन यूनिट में कार्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? इन्हें कब तक भरा जाएगा? क्या सायबर इन्वेस्टिगेशन यूनिट में कार्य करने के लिए टेक्निकल एजुकेशन होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितने अधिकारी/कर्मचारी टेक्निकल एजुकेशन प्राप्त नहीं हैं? संख्या बतायें। प्रदेश में 1 अप्रेल 2014 से सत्रवार प्रश्न दिनांक तक सायबर अपराध में प्रतिवर्ष कितने % की बढोत्तरी हुई वर्षवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) प्रदेश के क्राईम ब्रांच (अअवि) की इन्वेस्टीगेशन यूनिट में वर्तमान में 359 पद रिक्त है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से की जाती है, पदों का रिक्त होना और भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। सायबर इन्वेस्टीगेशन यूनिट में कार्य करने के लिये टेक्निकल एजुकेशन अनिवार्य नहीं है किंतु सामान्यतः बेसिक इन्वेस्टीगेशन एवं तकनीकी योग्यता के आधार पर नियुक्ति की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
नगर पालिका की प्राप्त शिकायतों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 68 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय कल्याण मंत्री, म.प्र.शासन एवं प्रमुख सचिव नगरीय कल्याण को जनवरी 2016 से जनवरी 2019 तक नगर पालिका होशंगाबाद के संबंध में कितनी शिकायतें किन तारीखों में प्राप्त हुई? (ख) क्या उक्त शिकायतों के संबंध में एक चार सदस्यीय समिति गठित की गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो समिति द्वारा जाँच से प्राप्त तथ्यों की बिन्दुवार जानकारी देते हुये बतावें कि इस संबंध में कौन-कौन लोग उत्तरदायी पाये गये? नाम सहित बतावें। (घ) उत्तरदायी लोगों के खिलाफ अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो इसके क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं दोषी पाए गए पदाधिकारियों/अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रारंभिक जाँच में उत्तरदायी पाये गये अध्यक्ष एवं अधिकारियों तथा कर्मचारियों को नोटिस जारी कर उत्तर प्राप्त किये गये है। जो परीक्षणाधीन है। शेष का प्रश्न नहीं है।
नगरीय निकाय के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 81 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा विदिशा जिले की नगरपालिकाओं एवं नगर पंचायतों को मूलभूत, अधोसंरचना एवं अन्य विकास कार्यों हेतु 1 जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2018 तक कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये स्वीकृत की गई है एवं नगर पालिकाओं द्वारा किन-किन कार्यों के कराये जाने हेतु प्रस्ताव दिये गये हैं? नगरपालिकावार एवं कार्यों के अनुसार वर्षवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले की जिन नगरपालिकाओं ने जो प्रस्ताव दिये गये थे क्या विभाग ने उनकी स्वीकृति दे दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों नहीं दी गई? आवश्यक कार्यों के प्रस्ताव हेतु राशि कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी? (ग) क्या नगर पंचायत लटेरी में सिरोंज मार्ग से भोपाल मार्ग (जेल के पास) उत्कृष्ट सड़क का निर्माण स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत हुई? दिनांक 20 जनवरी 2019 की स्थिति में कितना निर्माण हुआ है और कितना व्यय हुआ है? विगत 4 वर्ष में बार-बार कितनी मुरम किस मद से और क्यों डाली गई? क्या सम्पूर्ण सड़क निर्माण सहित लटेरी नगर पंचायत में हुये निर्माण कार्यों की उच्चस्तरीय जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो किससे और कब तक? दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरीय निकायों द्वारा मूलभूत सुविधा मद के अंतर्गत कार्य प्रस्तावित कर संचालनालय को प्रस्तुत नहीं किये जाते है। नगरीय निकायों को उनकी पात्रता के अनुसार राशि प्रदान की जाती है। इस राशि से निकाय अपनी प्राथमिकता के अनुसार कार्य कराते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विदिशा जिले की नगरपालिकाओं एवं नगर परिषदों के प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत स्वीकृत आवासों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 82 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 मार्च 2015 से 31 दिसम्बर 2018 तक विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्डों में प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत कितने आवास किन-किन पंचायतों में स्वीकृत हुए? हितग्राही के नाम सहित ग्रामवार, निर्माण की स्थिति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या अनेक पंचायतें ऐसी हैं जहाँ अपेक्षाकृत कम आवास स्वीकृत हुये हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? ग्राम पंचायतवार बतावें। (ग) ग्राम पंचायत ताजपुरा, महावन, नेवली, विशेपुर, घुटुआ, तरवरिया, नेकान, टोरी बागरोद, पठेरा चाण्डू, बनारसी, रूसिया में कम आवास क्यों स्वीकृ हुए हैं? जिन हितग्राहियों के नाम सर्वेक्षण या अन्य कारणों से रह गये हैं उन्हें स्वीकृत कराने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) जनपद पंचायत लटेरी ने कितने आवासों का स्वयं स्थल निरीक्षण किया है एवं छूटे हुये हितग्राहियों के लिये CEO द्वारा क्या-क्या प्रयास या पत्राचार किये हैं? भेजे गये पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण दिनांक 01 अप्रैल 2016 से प्रारंभ हुई। योजना के प्रारंभ से विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में लाभाविंत हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन ग्राम पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की संख्या तथा वर्ग के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन किया गया है। सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 के सर्वेक्षण से वंचित तथा योजना के मापदण्डों के अनुसार पात्रता रखने वाले परिवारों को योजना का लाभ दिलाने हेतु आवास प्लस एप के माध्यम से सूची तैयार की गई है। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लटेरी द्वारा 2376 आवासों का स्वयं निरीक्षण किया गया है। जनपद स्तर पर छूटे हुए हितग्राहियों के नाम आवास एप के माध्यम से जोडे गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिसकर्मियों के भत्ते में वृद्धि
[गृह]
18. ( क्र. 85 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर पर पुलिसकर्मियों का आवास भत्ता 5 हजार प्रतिमाह एवं पोषण आहार भत्ता/अन्य भत्तों को तीन गुना बढ़ाने की योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो महानगर एवं जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा पुलिस में आर./प्र.आर./ए.एस.आई. एवं टी.आई. स्तर के कर्मचारी/अधिकारियों के लिये सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो पूरे प्रदेश में एक दिन में कितने कर्मचारी/अधिकारियों को अवकाश मिल जाएगी। जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो अवकाश के स्थान पर थानों में तैनात स्टॉफ की पूर्ति का क्या प्रावधान रहेगा? इससे कानून व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) थाने में उपलब्ध बल के अनुपात से ही अवकाश रोस्टर इस तरह बनाया गया है कि जिससे थानों का दैनिक कार्य कम से कम प्रभावित हो। विशेष परिस्थिति होने पर जिलों से रक्षित केन्द्र में उपलब्ध रिजर्व बल की सहायता से कानून व्यवस्था पर नियंत्रण रखा जावेगा।
प्रदेश में घटित अपराध
[गृह]
19. ( क्र. 86 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 11 दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक चोरी, लूटपाट, हत्या, डकैती, महिलाओं पर अत्याचार के कुल कितने प्रकरण थानों में पंजीबद्ध हुये हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) शासन/प्रशासन द्वारा प्रदेश में 11 दिसम्बर 2018 के बाद से प्रश्न दिनांक तक घटित अपराधों में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या शासन में विशेष अभियान चलाकर अपराधियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही हेतु कोई कार्ययोजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की, यदि नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) पुलिस द्वारा अपराधियों के विरूद्ध नियमित कार्यवाही के अतिरिक्त समय-समय पर विभिन्न विशेष अभियान चलाकर धरपकड़ की कार्यवाही की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है।
कुपोषण रोकने की योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 91 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कितने बच्चे अभी कुपोषण से जूझ रहे हैं? इसमें कितने अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं और कितने गैर-जनजाति के? (ख) कुपोषण रोकने के लिए कितनी योजनाएं किन-किन माध्यमों से चलाई जा रही हैं? (ग) इन योजनाओं से कुपोषण में कितनी कमी आयी है? कुपोषण का सर्वे कौन एजेंसी कर रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रतिमाह 05 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर पर निर्धारण किया जाता है। विभागीय पोर्टल में दर्ज माह दिसम्बर 2018 मासिक प्रगति रिपोर्ट अनुसार 93081 अति कम वजन के बच्चे चिन्हांकित हैं। इन बच्चों में 35627 बच्चे अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं और 57454 बच्चे गैर-जनजाति वर्ग के हैं। (ख) कुपोषण की रोकथाम हेतु आंगनवाड़ी सेवाएं, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन एवं राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण अभियान) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनके अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को थर्डमील का प्रदाय, चिन्हित ग्रामों में स्नेह शिविरों का आयोजन एवं समुदाय आधारित गतिविधियां यथा-मंगल दिवस, बाल चौपाल, लालिमा योजना का आयोजन किया जा रहा है। अतिकम वजन वाले बच्चों में से चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण की देखभाल जनसमुदाय, जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने हेतु स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ग) राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एन.एफ.एच.एस-3) द्वारा 2015-16 में कराए सर्वेक्षण में 2005-06 की तुलना में सामान्य से कम वजन वाले कुल बच्चों में 28.7 प्रतिशत एवं गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों में 27 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य शासन द्वारा वर्तमान में कुपोषण का सर्वे किसी भी एजेन्सी से नहीं कराया जा रहा है।
सरपंच का निलंबन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 113 ) श्री संजीव सिंह (संजू) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरपंच, ग्राम पंचायत, जहाजपुरा, जनपद पंचायत नसरूल्लागंज, जिला सीहोर को कलेक्टर,जिला-सीहोर द्वारा खनिज नीति का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं करने एवं बैठक दिनांक 07.01.2019 में अनुपस्थित रहने पर सरपंच के पद से निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो कलेक्टर के आदेश की प्रति देते हुये बताये कि सरपंच के द्वारा क्या अनियमितता एवं लापरवाही की गई है? (ख) क्या जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि को किसी बैठक में उपस्थित नहीं होने पर निलंबित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम/अधिनियम एवं शर्तों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या निलंबन से पूर्व सरपंच को नोटिस जारी किया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? नोटिस की प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, सरपंच ग्राम पंचायत जहाजपुरा जनपद पंचायत बुधनी (जनपद पंचायत नसरूल्लागंज नहीं)। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, परंतु कार्यालय जिला पंचायत सीहोर के आदेश क्रमांक/1024 दिनांक 28.01.2019 द्वारा निलंबन से बहाल किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं।
नगर पालिका भिण्ड एवं फूप की बैठकों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 121 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् भिण्ड एवं फूप में दिनांक 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब परिषद्/नगर पंचायत की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई एवं इन बैठकों में कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत किये गये तथा किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थल निरीक्षण कर प्राक्कलन तैयार किये गये एवं किस अधिकारी (कार्यपालन यंत्री) द्वारा उसकी तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश अवधि में किस-किस ठेकेदार को कार्यादेश जारी किये गये? अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि एवं कार्य प्रारंभ तिथि एवं किस दिनांक को पूर्ण किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निर्माण कार्यों का किस स्तर के अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस कार्य की भ्रष्टाचार/अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई एवं किस स्तर के अधिकारी के द्वारा शिकायत की जाँच की गई? जाँच प्रतिवेदन का विवरण देते हुये किस अधिकारी/कर्मचारी को दोषी पाया गया एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 01 से 07 तक हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 08 से 11 तक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 12 में है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में परिषद् से स्वीकृत कार्यों की शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
थाना अटेर में दर्ज अ.क्र.-69/2017 की जानकारी
[गृह]
23. ( क्र. 122 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना अटेर जिला-भिण्ड के अपराध क्रमांक-69/2017 में फरार अभियुक्त हेमंत कटारे जिनके विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-173 (8) के तहत अनुसंधान लंबित था की गिरफ्तारी कब और किस स्थान पर की गई? यदि गिरफ्तारी नहीं की गई तो कारण सहित बतावें? (ख) क्या थाना अटेर जिला-भिण्ड के अपराध क्रमांक - 69/2017 के फरियादी पीड़ित पक्षकार को पुलिस अधीक्षक, भिण्ड ने माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर के द्वारा डब्ल्यू.पी. क्रमांक -2323/17 एवं 2227/17 में पारित आदेश दिनांक 11.01.2019 के पालन में मुआवजा राशि की प्रदायगी की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) थाना अटेर जिला-भिण्ड के अपराध क्रमांक-69/2017 के पीड़ित पक्षकार को उसकी जीवन की सुरक्षा के लिये कौन-कौन से कदम उठाये गये? (घ) क्या थाना अटेर जिला-भिण्ड के अपराध क्रमांक-69/2017 के पीड़ित पक्षकार को एस.सी., एस.टी. एक्ट के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि मुहैया कराई गई है? यदि कराई गई है तो कितनी और कब?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध विवेचना से संबंधित होने से जानकारी दी जाना न्याय संगत नहीं होगा। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित याचिकाओं में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा मुआवजा राशि के संबंध में पारित दिनांक 11.01.2019 के आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च-न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दिनांक 24.01.2019 को रिव्यू याचिका पेश की गई है जिनका आर.पी. क्रमांक क्रमशः 140/19 एवं 141/19 है। उक्त याचिकायें वर्तमान में माननीय न्यायालय में लंबित हैं। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध के पक्षकार की जीवन सुरक्षा के लिए पीड़ित के निवास ग्राम खेरी में नियमित पुलिस भ्रमण कर नजर रखी जा रही है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध के पीड़ित पक्षकार को प्रावधान अनुसार दिनांक 10.09.2018 को 75000/- रूपये की राहत राशि शासन से प्रदाय कराई गई है।
संबल योजना के लाभांवित हितग्राही
[श्रम]
24. ( क्र. 124 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2018 में गरीबों के कल्याण हेतु प्रारम्भ की गई मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) में कितने पंजीयन हुये वर्तमान में स्मार्ट कार्ड वितरण का कार्य बन्द होने के क्या कारण हैं? (ख) उपरोक्तानुसार योजना में किस-किस विभाग द्वारा पंजीकृत हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ प्रदान किये जाना प्रारंभ किये गये थे? (ग) वर्तमान में किस-किस विभाग द्वारा पंजीकृत हितग्राहियों को योजना का लाभ किन कारणों से बन्द कर दिया गया है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के अन्तर्गत अभी तक 2.20 करोड़ असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। स्मार्ट कार्ड को आधार/मोबाईल से लिंक किये जाने का निर्णय लिया गया है, इसीलिये आगामी आदेश तक स्मार्ट कार्ड वितरण का कार्य स्थगित है। (ख) योजना अन्तर्गत विभिन्न विभागों द्वारा असंगठित श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है। विभिन्न विभागों द्वारा दिये गये लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजना का लाभ दिया जाना बंद नहीं किया गया है।
प्रदेश में घटित अपराधों की स्थिति जानकारी
[गृह]
25. ( क्र. 125 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 15 दिसम्बर 2018 से वर्तमान तक हत्या,लूट, डकैती, दुष्कृत्य व जान से मारने के प्रयास की कितनी-कितनी घटनाएं घटित हुई? अपराध अनुसार बतायें। (ख) प्रदेश में कितने किसानों द्वारा 15 दिसम्बर 2018 से अभी तक कर्ज के कारण आत्महत्या की गई? (ग) उपरोक्तानुसार संभागवार जानकारी देते हुये विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विस्तृत ब्यौरा दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 136 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में योजना के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुये थे? हितग्राही के नाम सहित पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने आवास अपूर्ण हैं? व्यक्तियों के नाम सहित पंचायतवार जानकारी देवें। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूर्व में स्वीकृत सूची से वंचित हितग्राहियों की वर्तमान में पंचायत द्वारा ऑनलाईन प्रस्तावित किये गये नामों की पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना की सर्वे सूची में एक कच्चा कमरा, दो कच्चे कमरों वाले व्यक्तियों की सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) एवं (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 10,627 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का लाभ दिया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सर्वे सूची में पात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये जाते है। वर्तमान में 3579 पात्र हितग्राही आवास से वंचित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सम्बल योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
27. ( क्र. 140 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के हर वर्ग के गरीब तबके के उत्थान के लिये असंगठित मजदूरों के पंजीयन का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो खण्डवा जिले में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में कुल कितने लोगों का पंजीयन किया जा चुका है? नगरीय निकाय एवं जनपदवार संख्या बतावें। (ख) क्या इस योजना से प्रदेश के लाखों गरीब मजदूर परिवारों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में मदद मिलेगी? यदि हाँ, तो मुख्य रूप से कौन-कौन से लाभ मिलने की संभावना थी? (ग) क्या यह योजना वर्तमान में प्रभावशील है? यदि नहीं तो क्यों? क्या गरीब वर्ग के उत्थान के लिये बनाई गई इस महत्वपूर्ण योजना को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये वरदान सिद्ध होने वाली योजना में आगामी बजट सत्र में क्या प्रावधान किये जा रहे हैं? क्या इसे बजट सत्र में प्राथमिकता दी जाएगी? (ड.) क्या प्रदेश सरकार गरीब मजदूरों के हित में सम्बल योजना को पूर्ववत क्रियान्वित रखने का निर्णय लेकर उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिये प्रतिबद्ध है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। अधिकांश असंगठित मजदूरों के पंजीयन का कार्य पूर्ण हो चुका है। खण्डवा जिले में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र को मिलाकर कुल 447973 श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। नगरीय निकाय/जनपदवार जानकारी पंजीकृत संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना अन्तर्गत मुख्य रूप से मिलने वाले लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बजट में किये जाने वाले प्रावधान बजट में ही प्रकट किये जा सकते है। (ड.) जी हाँ।
निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों को पारिश्रमिक
[श्रम]
28. ( क्र. 155 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय (गुड्डू भैया ) : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निर्माण कार्यों में कार्यरत् दैनिक श्रमिक, ठेका श्रमिकों को किस दर से मजदूरी एवं अन्य कौन-कौन सी सुविधायें प्रदान करने के नियम कानून हैं? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) क्या कटनी जिले में बरगी नहर परियोजना अंतर्गत खिरहनी, स्लीमनाबाद क्षेत्र में अन्डरग्राउन्ड नहर एवं अन्य निर्माण कार्य विगत अनेक वर्षों से श्रमिकों से कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान समय में उक्त निर्माण कार्यों में कितने श्रमिक कब से कार्यरत हैं? संख्यात्मक जानकारी बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित श्रमिक किन-नियमों के अधीन कार्यरत है? इन कार्यरत श्रमिकों को नियमानुसार किन-किन सुविधाओं की पात्रता है तथा उन्हें किस दर से कितना पारिश्रमिक दिया जा रहा है? (घ) क्या यहाँ पर कार्यरत श्रमिकों का विगत 14 माह से पी.एफ. का पैसा नियोक्ताओं द्वारा जमा नहीं कराया गया तथा श्रमिकों को रोजगार गारंटी के बराबर लेबर रेट देकर टर्नर के अंदर खतरनाक कार्य कराये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या श्रम विभाग इसकी उच्च स्तर पर जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में निर्माण कार्यों में कार्यरत दैनिक श्रमिक, ठेका श्रमिकों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर अनुसार मजदूरी प्रदान करने का नियम है। वर्तमान में 01.10.2018 से 31.03.2019 तक मासिक एवं दैनिक वेतन की दरें प्रभावशील है।
क्र. कर्मचारियों का वर्ग मजदूरी की दर प्रतिमाह मजदूरी की दर प्रतिदिन
1. अकुशल 7375/- 284/-
2. अर्ध कुशल 8232/- 317/-
3. कुशल 9610/- 370/-
4. उच्च कुशल 10910/- 420/-
नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान समय में उक्त निर्माण कार्यों में 111 श्रमिक नियोजित है इनमें से 95 श्रमिक दिनांक 11.07.2017 से नियोजित है एवं 16 श्रमिक दिनांक 26.12.2018 से नियोजित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित श्रमिक ठेका श्रम (विनियमन एवं समाप्ति) अधिनियम 1970 एवं मध्यप्रदेश नियम ए-1973 के अंतर्गत कार्यरत है एवं भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनिमय) अधिनियम 1996 एवं मध्यप्रदेश नियम 2002 के अंतर्गत कार्यरत है एवं इन्हें, इन अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत सुविधाओं की पात्रता है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इन श्रमिकों को दिये जाने वाले पारिश्रमिक संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) पी.एफ. की राशि नियोक्ताओं द्वारा जमा करायी जाती हैं। समस्त श्रमिकों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर अनुसार मजदूरी दी जाती है एवं टनल के अंदर कार्यरत श्रमिकों को उनकी मजदूरी का 20 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाता है। श्रमिकों को रोजगार ग्यारंटी के बराबर लेबर रेट देकर टनल के अंदर खतरनाक कार्य कराये जाने की शिकायत प्राप्त नहीं है। अतः दोषियों पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बहोरीबंद विधान सभा अन्तर्गत संचालित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
29. ( क्र. 156 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय (गुड्डू भैया ) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कहाँ-कहाँ पर शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं तथा किन विषयों में कितने-कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं एवं अध्यापन कार्य हेतु, कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन कब से पदस्थ है तथा कितने पद कब से रिक्त हैं? महाविद्यालयवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अध्यापन कार्यों हेतु रिक्त पदों की पूर्ति किस प्रकार से कब तक कर दी जावेंगी? इन उल्लेखित महाविद्यालयों में क्या कला संकाय के अलावा विज्ञान एवं कामर्स संकाय की कक्षायें तथा बी.ए. के अलावा एम.ए. की कक्षायें प्रारंभ करने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत रीठी तहसील में शासकीय महाविद्यालय न होने से इस क्षेत्र के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के सुलभ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के सपनों को पूरा करने हेतु कटनी जिले की रीठी तहसील में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद तथा बहोरीबंद संचालित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों के विरूद्ध अध्यापन कार्य सुचारू रूप से अतिथि विद्वानों द्वारा कराया जा रहा है। उल्लेखित महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन संकाय/विषय प्रारंभ करने में कठिनाई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) रीठी तहसील के आस-पास अशासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, रीठी तथा लगभग 30 कि.मी. पर कटनी में दो शासकीय एवं तीन अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। इसके अतिरिक्त सत्र 2016-17 में सिलोडी, ढीमरखेडा एवं उमरियापान में भी शासकीय महाविद्यालय खोले गये है, जो कटनी जिले में स्थित हैं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण रीठी में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
दक्षिण वन मंडल द्वारा किये गये निर्माण/विकास कार्य
[वन]
30. ( क्र. 166 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दक्षिण वन मंडल सागर द्वारा किन-किन ग्रामों में निर्माण कार्य/विकास कार्य किये गये हैं? अप्रैल 2017 से मार्च 2018 एवं अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) क्या उपरोक्त किये गये निर्माण कार्यों/विकास कार्यों की जानकारी के संबंध में विभाग द्वारा कभी जनप्रतिनिधि को भी अवगत कराया गया है? (ग) क्या उपरोक्त निर्माण कार्यों/विकास कार्यों का विभाग द्वारा किसी जनप्रतिनिधि से भूमिपूजन/लोकार्पण कार्य संपन्न कराया गया है? यदि हाँ, विवरण देवें। (घ) क्या विभाग में निर्माण कार्यों/विकास कार्यों का भूमिपूजन/लोकार्पण कार्य संपन्न कराये जाने का प्रावधान/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्यों नहीं कराये गये?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत दक्षिण वन मण्डल सागर द्वारा अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पथरियाजाट में ईको पर्यटन विकास के अंतर्गत ईको पार्क का निर्माण कार्य कराया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। ग्राम पथरियाजाट स्थित ईको पार्क पथरिया जाट का लोकार्पण तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा किया गया है। (घ) जी हाँ। निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में ही उत्तरांश (ग) अनुसार लोकार्पण कराया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 167 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल कितने हितग्राहियों को आवास बनाये जाने की स्वीकृति दी गई है? (ख) उपरोक्त स्वीकृत हितग्राहियों को आवास बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को कब-कब स्वीकृत राशि उनके खातों में भेजी गई है? (ग) कितने स्वीकृत हितग्राहियों को स्वीकृत राशि पूर्ण प्रदान कर दी गई है? कितने हितग्राहियों को प्रथम किस्त जारी कर दी गई है? कितने हितग्राहियों को द्वितीय किस्त जारी कर दी गई है एवं कितने स्वीकृत हितग्राहियों की राशि शेष रह गई है? (घ) उपरोक्त स्वीकृत आवास निर्माण के हितग्राहियों को नपा परिषद् मकरोनिया द्वारा कब तक राशि उनके खातों में प्रदाय की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल 1965 हितग्राहियों को आवास बनाये जाने की स्वीकृति दी गई है। (ख) उपरोक्त स्वीकृत हितग्राहियों को आवास बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार राशि उनके खातों में भेजी गई है। (ग) न.पा.परि. मकरोनिया द्वारा निम्नानुसार तालिका में दर्शाये अनुसार स्वीकृत हितग्राहियों को राशि प्रदान कर दी गई है:-
किश्तवार जानकारी |
प्रश्न किये जाने तक प्रदत्त राशि रू. लाख में |
हितग्राहियों की संख्या |
1 |
2 |
3 |
स्वीकृत हितग्राहियों की संख्या जिन्हें स्वीकृत राशि पूर्ण प्रदान कर दी गई है। |
2.50 लाख |
25 |
हितग्राहियों की संख्या जिन्हे प्रथम किश्त की राशि जारी कर दी गई है। |
(केंद्रांश+राज्यांश) 1.00 लाख (केंद्रांश) 60000 |
499 कुल - 1766 |
हितग्राहियों की संख्या जिन्हे द्वितीय किश्त की राशि जारी कर दी गई है। |
2.00 लाख |
201 |
स्वीकृत हितग्राही जिनको कोई राशि नहीं दी गई है। |
0.00 |
199 |
(घ) उपरोक्त स्वीकृत आवास निर्माण के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार शेष 199 हितग्राहियों को नगर पालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा भूमि स्वत्व संबंधी दस्तावेज प्राप्त होने या अन्य कारण का निराकरण होने पर यथाशीघ्र प्रथम किस्त की राशि प्रदान की जा सकेगी। तिथि बताया जाना संभव नहीं है। द्वितीय एवं तृतीय किश्त की राशि प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रावधानानुसार भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर प्रदान की जा सकेगी।
बरगी विधान सभा में शासकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
32. ( क्र. 173 ) श्री संजय यादव (सिवनी टोला) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्त्ता की विधानसभा क्षेत्र बरगी के अन्तर्गत वर्तमान में कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? सूची देंवे। यह भी बताया जावे कि संचालित महाविद्यालयों में किन-किन विषयों की शिक्षा प्रदान की जा रही है? सूची देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) में यदि शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है तो क्यों? क्या प्रश्नकर्ता की विधानसभा आदिवासी बाहुल्य एवं पिछड़ा क्षेत्र है? क्या ऐसे क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय का संचालन आवश्यक नहीं है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा महाविद्यालय खोलने की क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण देंवे। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि महाविद्यालय संचालित नहीं है तो क्या शासन बरगी, चरगवां एवं शहपुरा में शासकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत एकमात्र शासकीय महाविद्यालय, बरगी जिला जबलपुर संचालित है। उक्त महाविद्यालय में वर्तमान में कला संकाय अन्तर्गत हिन्दी, अग्रेंजी, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र तथा इतिहास विषय संचालित है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में घटिया निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 174 ) श्री संजय यादव (सिवनी टोला) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी अन्तर्गत वर्ष 2016-17,2017-18 एवं वर्ष 2018.19 तक विभाग द्वारा कितना आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ एवं प्राप्त आवंटन से कितने निर्माण कार्य कराये गये वर्षवार ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में निर्मित सड़क, नाली निर्माण एवं भवन की वर्तमान स्थिति क्या हैं? क्या नालियां एवं सड़कें पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुकी है? जिससे घरों का गन्दा पानी सड़कों पर बहता रहता है? घटिया निर्माण के लिये कौन दोषी हैं? क्या इसकी जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में निर्मित भवन जर्जर हो चुके हैं? क्या इस अवधि में सड़कों का निर्माण मापदण्ड अनुसार नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन हैं? क्या शासन ऐसे निर्माण? कार्यों की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में ग्राम पंचायतों को विभाग द्वारा मदवार प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्राप्त आवंटन से कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्ष 2016-17 में निर्मित सड़क/नाली निर्माण एवं भवन की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निर्मित सड़कों, नाली एवं भवन की स्थिति ठीक है। ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित नालियां एवं सड़कें क्षतिग्रस्त होने एवं घरों का गंदा पानी सड़कों पर बहने एवं घटिया निर्माण से संबंधित कोई स्थिति संज्ञान में नहीं है। अत: घटिया निर्माण हेतु कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम पंचायतों के द्वारा निर्मित सड़क, नाली, भवनों का निर्माण जर्जर नहीं हुआ है। सड़क, नाली एवं भवनों का निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा मापदण्ड अनुसार किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों की आत्महत्या प्रकरण
[गृह]
34. ( क्र. 184 ) श्री मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में गत 3 वर्षों में किसानों द्वारा कुल कितनी आत्महत्याएं की गई? जिलेवार जानकारी दें। (ख) वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक ग्वालियर संभाग में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या कितनी है? जिलेवार जानकारी दें? (ग) क्या आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवारों को सरकार द्वारा कोई राहत राशि उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो कब व कितनी राहत राशि किसानों को प्रदान की गई? (घ) क्या सरकार आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवारों को पूरी तरह ऋण मुक्त कराने तथा संपूर्ण पुनर्वास करने के लिये कोई नीति बना रही है? क्या शासन इन परिवारों को 5 लाख रूपये की राशि प्रदान करने की कोई नीति बनायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम घोटाले की जाँच में STF की संदिग्ध भूमिका
[गृह]
35. ( क्र. 195 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम जाँच के दौरान STF को 1300 से अधिक शिकायती आवेदन प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो उनमें से कितनों की जाँच की गई तथा उनमें कितने सही पाए गए तथा उनके आधार पर दर्ज प्रकरणों के क्रमांक, दिनांक तथा आरोपी के नाम एवं धारा बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों में से एक हजार से अधिक की अभी तक जाँच ही नहीं की गई? यदि हाँ, तो किसके निर्देश पर जाँच कार्यवाही रोकी गई? क्या शेष आवेदनों पर जाँच की जावेगी या नहीं? (ग) क्या 13 जुलाई 2015 को सी.बी.आई को दर्ज प्रकरण सौंपने के बाद STF ने शेष विवेचनाधीन प्रकरणों पर कार्यवाही बंद कर दी? यदि हाँ, तो सूची के साथ जानकारी देवें कि किसके निर्देश पर सारी कार्यवाही रोकी गई? (घ) क्या विधान सभा में प्रश्नों के उत्तर में यह बताया गया कि CBI जाँच कर रही है अत: व्यापम जाँच संबंधी शेष सारी कार्यवाही रोक दी गई? यदि हाँ, तो उसे कब से प्रारंभ किया गया? यदि नहीं किया गया तो क्यों? (ड.) क्या शासन व्यापम जाँच में STF की भूमिका से संतुष्ट है? यदि नहीं तो क्या उसकी नये सिरे से जाँच की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। व्यापम जाँच के दौरान स्पेशल टॉस्क फोर्स में लगभग 1355 शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे, जिनमें जाँच उपरान्त 34 शिकायत आवेदन पत्रों पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे। पंजीबद्ध किये गये व्यापम संबंधी समस्त आपराधिक प्रकरणों की अग्रिम विवेचना हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 372/15 में दिनांक 09/07/2015 दिये निर्णय अनुसार सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सी.बी.आई.) को हस्तान्तरित किये जा चुके है। अत: प्रश्नांश से संबंधित जानकारी एवं दस्तावेज उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) 1040 शिकायत पत्रों की जाँच एजेंसी निर्धारण के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में रिट पिटीशन क्रमांक 417/15 एवं विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 11977/15, 11978/15 लंबित होने की समयावधि तक व्यापम संबंधी शिकायत आवेदन पत्रों पर जाँच कार्यवाही एस.टी.एफ. द्वारा स्थगित की गई थी। उपरोक्त याचिकाओं की सुनवाई के दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा याचिकाओं में कोई आदेश पारित न करते हुये समाप्त कर निराकृत कर दी गई है, इस स्थिति में व्यापम संबंधी शिकायत जाँच के संबंध में पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन उपरान्त 1040 शिकायतों में से 530 शिकायत पत्रों को संबंधित जिलों में आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये है। शिकायतों के संबंध में कोई जाँच कार्यवाही नहीं रोकी गई है। शेष लंबित 510 आवेदन पत्र अज्ञात/गुमनाम/अदमपता/परिवर्तित/छदमनाम आदि की श्रेणीमें होने से म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश/परिपत्र क्रमांक एफ 11-14/2007/एक/9, भोपाल दिनांक 25 अप्रैल 2007 अनुसार नस्तीबद्ध किये जाने हेतु आदेशित है। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार व्यापम घोटाले से संबंधित समस्त आपराधिक प्रकरण सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सी.बी.आई.) को हस्तांतरित करने के उपरान्त एस.टी.एफ. में व्यापम संबंधी कोई भी प्रकरण शेष नहीं रहा। प्रकरण पूर्णत: सी.बी.आई. को सौंपे जाने से पृथक से समानान्तर जाँच किया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। विगत विधानसभा शीतकालीन सत्र 2017 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2145 एवं तारांकित प्रश्न क्रमांक 1550 में लेख किया गया था कि व्यापम संबंधी समस्त आपराधिक प्रकरणों को माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/15 निर्णय दिनांक 09.07.2015 के अनुसार सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन को हस्तान्तरित किये जा चुके हैं। (ड.) सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार (सी.बी.आई.) के द्वारा अग्रिम विवेचना की जा रही है। अतएव इस स्तर पर टिप्पणी किया जाना न्यायसंगत नहीं होगा।
मंदसौर में किसानों पर गोलीचालन
[गृह]
36. ( क्र. 196 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 6 जून 2017 को मंदसौर के पिपलिया मण्डी में हुये गोलीकाण्ड पर पुलिस कर्मचारी एवं अन्य अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया? इस संबंध में किसानों से प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) जिन पुलिस कर्मियों ने यह बयान दिया कि उन्हें वही पार्श्वनाथ चौराहे पर आंदोलनकारी किसानों ने हथियारों से बुरी तरह घेरकर मारा, नीचे गिरा दिया और रायफले छीनने की कोशिश की उनके नाम बतावें तथा बतावें कि उनका मेडिकल टेस्ट घटना के कितने घण्टे बाद किया गया तथा उन्हें क्या चोटें आई? (ग) क्या पुलिस एवं अन्य अधिकारियों ने यह बयान दिया कि किसान आंदोलनकारी बही पार्श्वनाथ चौपाटी तथा पिपलिया मण्डी थाने पर पिस्तौल एवं देसी कट्टे से फायर कर रहे थे? यदि हाँ, तो क्या जैन आयोग ने अपनी जाँच में बिन्दु क्र. 10 में उल्लेख किया कि ''यह सिद्ध नहीं हो पाया कि उपद्रवी देसी कट्टे व पिस्टल से थाने की ओर फायर कर रहे थे''? ऐसे में झूठे बयानों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या मन्दसौर गोली कान्ड के आरोपियों पर प्रकरण दर्ज किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त न्यायिक जाँच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) से (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किये गये सामूहिक विवाह
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
37. ( क्र. 199 ) श्री रामकिशोर (नानो) कावरे : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में 2013 से अब तक कितने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह किये गये? क्या सभी को शासन की योजना के तहत लाभ दिया गया? नाम पता सहित जानकारी देवें। योजना के तहज शासन के क्या प्रावधान थे? (ख) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में विवाह सहायता योजना के कितने प्रकरण लंबित हैं? कितने प्रकरण में राशि प्रदाय नहीं की गयी? क्या कारण हैं? दोषी कौन है, दोषी पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र की विधायक निधि से 2013 से 2018 तक क्या-क्या कार्य किये गये? सूची सहित जानकारी देवें। जनसंर्पक निधि एवं स्वेच्छानुदान किस-किस को प्रदाय किये गये? (घ) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में 2013 से अब तक कितने कार्यों का मूल्यांकन एवं सत्यापन किया गया? छायाप्रति सहित जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) बालाघाट जिले के विधान सभा क्षेत्र परसवाडा अन्तर्गत वर्ष 2013 से अब तक कुल 1706 कन्याओं का विवाह मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत कराया गया है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क''' अनुसार कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जनसंपर्क निधि एवं स्वेच्छानुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 200 ) श्री रामकिशोर (नानो) कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से 2018 तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत कितने सड़क निर्माण कार्य हुए हैं वर्तमान में सड़क की क्या स्थिति है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रधानमंत्री सड़कों के निर्माण में प्रयोग की गई सामग्री रेत गिट्टी की रायल्टी जमा की गई? (ग) सड़कों की गुणवत्ता की जाँच समय-समय पर किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? जानकारी देवें। यदि नहीं तो कारण बतायें। (घ) परसवाड़ा विधान सभा में वर्ष 2013 से अब तक निर्मित कितनी सड़कों का बी.टी रिनुवल कार्य प्रधानमंत्री सड़क योजना में किया जा रहा है? जानकारी प्राक्कलन सहित देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वर्ष 2013 से वर्ष 2018 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कुल 50 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। वर्तमान में सभी मार्ग की आवागमन की स्थिति संतोषजनक है। (ख) जी हाँ। (ग) सड़कों की गुणवत्ता की जाँच संबंधित महाप्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक द्वारा नियमित रूप से की जाती है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय गुणवत्ता पर्यवेक्षक एवं राज्य गुणवत्ता पर्यवेक्षक द्वारा सड़क निर्माण के विभिन्न स्तरों पर जाँच की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से अब तक निर्मित 18 सड़कों का रिन्यूवल कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किया जा रहा है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
व्यापम घोटाले पर पूर्व विधायक के आवेदन पर कार्यवाही
[गृह]
39. ( क्र. 204 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले में SIT ने STF को क्या निर्देश दिये थे तथा उन पर क्या क्या कार्यवाही की गई? क्या SIT ने सभी चयनित के थम्ब इम्प्रेशन के मिलान संबंधी कोई निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो उस पत्र की प्रति देवें। (ख) व्यापम घोटाले पर पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा SIT तथा STF को दिये गये आवेदन तथा बयान पर क्या कार्यवाही की गई? क्या पारस सकलेचा का आवेदन STF द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के तहत आया था? यदि हाँ, तो उस पर कार्यवाही को किस कारण से किसके निर्देश पर रोका गया? क्या उनके आवेदन पर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो बतावें कि विज्ञापन क्यों निकाला गया था? (ग) व्यापम घोटाले पर किस-किस वर्ष की चयन परीक्षा तथा कौन-कौन सी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा पाया गया? निजी चिकित्सा महाविद्यालय की 2009 से 2015 तक स्टेट कोटे की सीट में फर्जीवाड़ा पाया गया या नहीं? यदि पाया गया तो उनका चयन निरस्त कर पुलिस प्रकरण दर्ज किया या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या व्यापम की भर्ती परीक्षा में घोटाले के मद्देनजर 2007 से 2018 की सारी भर्ती परीक्षाओं के परिणामों का गहन परीक्षण किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में पारित निर्णय दिनांक 09/07/2015 के अनुसार सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सी.बी.आई.) को हस्तान्तरित किये जा चुके है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश 'क' में समाहित है। (ग) व्यापम घोटाले के संबंध में एसटीएफ द्वारा पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2013, पीएमटी परीक्षा वर्ष 2012, प्रीपीजी परीक्षा वर्ष 2012, खाद्य निरीक्षक परीक्षा वर्ष 2012, दुग्ध संघ भर्ती परीक्षा 2012, पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2012, पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012, संविदा शिक्षक वर्ग-3 भर्ती परीक्षा 2011, संविदा शिक्षक वर्ग-2 भर्ती परीक्षा 2011, पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2012, पीएमटी परीक्षा वर्ष 2013 वन रक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2013 वन रक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2012, जेल प्रहरी परीक्षा वर्ष 2012, परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2012, डाटा एंट्री आपरेटर भर्ती परीक्षा वर्ष 2013, में फर्जीवाडा पाये जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे। व्यापम घोटाले से संबंधित समस्त आपराधिक प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में पारित निर्णय दिनांक 09/07/2015 के अनुसार सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सी.बी.आई.) को हस्तान्तरित किये जा चुके है। प्रश्नांश के शेष भाग के संबंध में एस.टी.एफ. में कोई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रकरण मान. सर्वोच्च न्यायालय के रिट याचिका क्रमांक 372/15 में पारित निर्णय दिनांक 09.07.2015 के अनुपालन में सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जा चुके है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हत्याकांड पर दर्ज प्रकरण की जानकारी
[गृह]
40. ( क्र. 205 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन 6 जून 2017 की मंदसौर गोलीकाण्ड की जाँच नये सिरे से करने हेतु कोई कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो उसकी विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या शासन मंदसौर गोलीकाण्ड के जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज करेगी? यदि हां तो कब तक। (ग) क्या शासन किसान आंदोलन के दौरान 6-8 जून 2017 के दरम्यान घनश्याम धाकड़ को पुलिस द्वारा पीट-पीट कर मार डाले जाने पर कोई कार्यवाही करेगी? क्या जिम्मदारों पर हत्या का प्रकरण दर्ज करेगी? यदि हाँ, तो कब तक तथा घनश्याम धाकड़ की हत्या पर गठित जाँच अधिकारी की रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) क्या शासन किसान आंदोलन के दौरान रतलाम के पास डेलनपुर में 4 जून 2017 को किसानों पर किये गये अत्याचार की जाँच करवायेगी? क्या पुलिस कर्मचारियों ने सादी वेशभूषा में आकर गाड़िया जलाई तथा पत्थर बाजी की? यदि हाँ, तो जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) जून 2017 के किसान आंदोलन के दौरान पूरे प्रदेश में कुल मिलाकर कितने किसानों पर प्रकरण दर्ज किया गया।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) न्यायिक जाँच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मजिस्ट्रियल जाँच प्रचलित है। अतएव शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जून 2017 के किसान आंदोलन के दौरान पूरे प्रदेश में कुल 3183 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए।
चोरी के प्रकरणों में की गई कार्यवाही
[गृह]
41. ( क्र. 209 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के पुलिस थाना शुजालपुर, पुलिस थाना अकोदिया, पुलिस थाना सुन्दरसी, पुलिस थाना सलसलाई अंतर्गत दिनांक 12.12.2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस गांव के लूट/चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं तथा उन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुलिस थानों में कितने चोरी के प्रकरणों के आवेदन लंबित हैं जिनमें प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरणों में से शुजालपुर पुलिस थाना अंतर्गत ग्राम नरोला हीरापुर कृषक राकेश पिता परसराम एवं पुलिस थाना सुन्दरसी अंतर्गत ग्राम सुन्दरसी के बाबूलाल पिता लालजीराम के आवेदनों पर प्रकरण अभी तक क्यों पंजीबद्ध नहीं किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुलिस थानों के अंतर्गत चोरी के प्रकरणों में केवल आवेदन लिये जा रहे हैं एवं प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित थाना शुजालपुर अंतर्गत ग्राम नरोला हीरापुर के श्री राकेश पिता परसराम एवं थाना सुन्दरसी अंतर्गत ग्राम सुन्दरसी के श्री बाबूलाल पिता लालजीराम के चोरी की घटना के आवेदन पत्र क्रमशः इन थानों के प्रधान आरक्षक क्रमांक 410 कमलेश राठोरिया एवं प्रधान आरक्षक क्रमांक 75 कचरू लाल द्वारा प्राप्त कर थाना रिकार्ड में अंकित नहीं किये गये थे। इस कारण यह प्रकरण तत्समय पंजीबद्ध नहीं किये गये थे, किन्तु इन दोनों घटनाओं से संबंधित प्रकरण अब पंजीबद्ध कर लिये गये हैं। दोषी पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय दण्डात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश का उत्तर 'ख' में समाहित है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित दो प्रकरणों में यह त्रुटि हुई हैं। शेष प्रकरणों में चोरी की सूचना प्राप्त होने पर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 211 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम रीवा अंतर्गत रीवा-सिरमौर रोड में खुटेही पर नीलम, अभय मिश्रा के नाम बहुमंजलीय इमारत का निर्माण कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त बहुमंजिली इमारत के कितने एफ.ए.आर. (ऊंचाई) तक की मंजूरी है, उसमें कितने फ्लोर का निर्माण कराया गया है एवं कितना शेष है? पार्किंग की क्या व्यवस्था है? क्या भवन मालिक एवं विभाग के बीच भू-तल एवं प्रथम तल को कम्प्रोमाइज करके पार्किंग के उपयोग हेतु सहमति दी गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। क्या उक्त सहमति को दर किनार कर भू-स्वामी द्वारा इसमें कमर्शियल दुकानें बनाकर जनता को बेचने की तैयारी है? इसका जिम्मेदार कौन होगा? नियम विरूद्ध कार्य करने के दोषी भवन मालिक के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या दोषी भवन मालिक के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ही उक्त भवन के स्वामित्व, मंजूरी एवं प्राक्कलन सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) माननीय न्यायालय के अंतिम आदेश उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
चौकी की स्थापना
[गृह]
43. ( क्र. 212 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले का सेमरिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्राज्यीय सीमा से जुड़ा होने के कारण दस्यु प्रभावित क्षेत्र था जिसके कारण ककरेड़ी, दरेहटी एवं जदुआ में आमजन के रक्षार्थ पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या इन चौकियों को अब समाप्त किया गया है जिसके कारण डोणी कटाई से ललित सिंह का अपहरण भी हो चुका है एवं समय-समय पर दस्युओं द्वारा आये दिन अपहरण की घटना घटित की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या आमजन के सुरक्षार्थ समाप्त की गई ककरेड़ी, दरेहटी एवं जदुआ की पुलिस चौकियों की पुन: स्थापना कर इन्हें पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। जिला रीवा का सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अन्तर्राज्यीय (उ.प्र.) की सीमा से जुड़ा होने के कारण पूर्व में दस्यू प्रभावित क्षेत्र था। आवश्यकतानुसार इन स्थानों पर सशस्त्र बल एस.ए.एफ. की पोस्ट लगायी जाती है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनवरी 2018 में ललित सिंह पिता विजयराज सिंह के अपहरण की घटना घटित हुई है। (ग) जी नहीं। आवश्यकतानुसार एस.ए.एफ. की पोस्ट लगायी जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 221 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत कुंजवन, गहरा, मोहनपुरवा एवं पुराना पन्ना के निवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत और कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें किसी भी हितग्राही को आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है? कारण सहित सूची देवें। (ख) क्या पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत कुंजवन, गहरा, मोहनपुरवा एवं पुराना पन्ना के निवासियों को तत्कालीन प्रशासकीय त्रुटियों एवं अधिकारियों के उदासीनता के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? क्या शासन इसके लिए कोई पहल करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन उपरोक्त ग्राम पंचायतों के निवासियों को आज दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ न मिल पाने के लिये दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिन्हांकित कर दंडित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन ग्राम पंचायतें आवास सॉफ्ट पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। प्रश्नाधीन पंचायतों के अतिरिक्त पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसी कोई ग्राम पंचायत नहीं है जिसमें योजना का लाभ न दिया गया हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी हाँ। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण की जानकारी
[वन]
45. ( क्र. 222 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला से अजयगढ़ मार्ग वाया हरसा बगौंहा जो गंगउ अभयारण्य से होकर गुजरता है जिससे 25 से 30 ग्रामों का आवागमन होता है, के निर्माण में वन विभाग द्वारा अपने क्षेत्र में रोक लगाई गई? यदि हाँ, तो क्यों एवं किन नियमों के तहत रोक लगाई गई? (ख) यह उक्त मार्ग से ग्रामीणों के सूर्यास्त के बाद से सूर्योदय तक प्रवेश पर रोक लगाई गई है, जिससे आपातकाल में भी ग्रामीण रात्रि में अपने ग्रामों में बंधक की तरह रहते हैं और सुबह होने पर ही मार्ग का उपयोग कर पाते हैं? क्या शासन इस मार्ग को 24 घंटे चालू रखने के संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ग) क्या ग्रामीणों को अपने जीवन उपयोगी सामग्री जैसे स्वयं के मकान निर्माण की सामग्री, बारात की गाड़ी आदि के परिवहन पर भी उक्त मार्ग के लिये उनसे शुल्क वसूल करने के बाद ही प्रवेश दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या शासन ग्रामीणों को उक्त शुल्क से मुक्त कराने के लिये कोई कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग के निर्माण पर वन विभाग द्वारा अपने क्षेत्र में कोई रोक नहीं लगाई गई है। विद्यमान मार्ग की यथास्थिति में बदलाव या मार्ग चौड़ीकरण किया जाना है तो भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसके लिये राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड से अनुमोदन आवश्यक है। (ख) प्रश्नाधीन मार्ग पर अभयारण्य में स्थित ग्रामों के स्थानीय ग्रामीणों के आवागमन पर रोक नहीं है, ग्रामीण चौबीस घंटे उक्त मार्ग से आवागमन करते हैं। अभयारण्य से गुजरने वाले मार्ग से लगे ग्राम अवैध उत्खनन, अवैध शिकार एवं अवैध कटाई के लिए संवेदनशील क्षेत्र है, अतः बाहरी ग्रामों से आने वाले ग्रामीणों के आवागमन पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रवेश दिया जाता है, किन्तु विशेष परिस्थितियों में अनुमति प्रदान कर बाहरी ग्रामीणों को प्रश्नाधीन मार्ग पर आवागमन की सुविधा दी जाती है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन मार्ग के अंतर्गत आने वाले स्थानीय ग्रामों के ग्रामीणों के आवागमन पर कोई शुल्क वसूल नहीं किया जाता, परन्तु बाहरी ग्रामों के ग्रामीणों का अभयारण्य में स्थित वनमार्ग का उपयोग किये जाने पर नियमानुसार वनमार्ग शुल्क वसूल किया जाता है। यह सही नहीं है कि स्थानीय ग्रामीणों को सामग्री जैसे स्वयं के मकान निर्माण की सामग्री आदि के परिवहन पर नियमानुसार शुल्क वसूल करने के बाद ही प्रवेश दिया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पौधा क्रय हेतु निविदा की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 226 ) श्री कमल पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् खिरकिया, जिला हरदा द्वारा अगस्त 2015 में वृक्षारोपण हेतु पौधा खरीदी के लिए निविदा निकाली गई थी? यदि हाँ, तो कुल कितनी फर्म/नर्सरी द्वारा निविदा डाली गई तथा किस-किस फर्म/नर्सरी द्वारा किस-किस पौधे की क्या-क्या दरें प्राप्त हुईं? (ख) क्या दिनांक 7/8/15 को निविदा समिति ने उपरोक्त प्राप्त निविदा की दरों को निरस्त कर दिया? यदि हाँ, तो निरस्त करने के क्या कारण थे? (ग) क्या उपरोक्त निविदा को निरस्त कर पुन: पौधा खरीदी की निविदा निकाली गई? यदि हाँ, तो कब? (घ) पौधा खरीदी हेतु नगर परिषद् खिरकिया द्वारा द्वितीय निविदा में किस-किस फर्म/नर्सरी द्वारा किस-किस पौधे की क्या दरें प्राप्त हुई तथा नगर परिषद् द्वारा किस-किस दर पर कौन-कौन से पौधे क्रय किए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम क्रमांक 18 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
म.प्र. राज्य आजीविका मिशन अंतर्गत जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 227 ) श्री कमल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में मानव संसाधन नीति बनाई गयी है? यदि हाँ, तो नीति की प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो इसके क्या कारण है एवं कब तक बनाई जाएगी? (ख) राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में समूह प्रेरकों का कार्यक्षेत्र औसतन कितने ग्रामों का है? क्या इनके क्षेत्र भ्रमण के दौरान टी.ए./डी.ए. का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या प्रावधान है एवं यदि नहीं तो क्यों? (ग) म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों के चयन के क्या आधार एवं मापदण्ड हैं? क्या इन मापदण्डों में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब एवं संशोधन के क्या कारण रहे? (घ) म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत विगत 5 वर्षों में अधिकारियों/कर्मचारियों के पदों के चयन से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतों का विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत मानव संसाधन नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समूह प्रेरकों का कार्यक्षेत्र औसतन 50 ग्रामों का है। इनके कार्यक्षेत्र में भ्रमण के दौरान टी.ए., डी.ए. का प्रावधान नहीं है। सेवा शर्तों में प्रावधान नहीं होने से एवं वित्तीय अलिप्ति होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों के चयन का आधार एवं मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। जिला परियोजना प्रबंधक के पद हेतु वांछित अर्हता एवं आयु सीमा का संशोधन दिनांक 02/08/2016 में किया गया है। यह संशोधन जिला स्तरीय गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के कार्य अनुभव को वरीयता दिये जाने हेतु किया गया। (घ) म.प्र. डे. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत विगत 05 वर्षों में 23 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत राशि का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 231 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 तक नागदा एवं खाचरौद नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर कितनी राशि उनके बैंक खातों में प्रदान की गई? हितग्राहियों के नाम, वार्ड क्रमांक और पते सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक दें। (ख) नागदा-खाचरौद नगर पालिका द्वारा स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना की कितनी शिकायतें स्थानीय नगरीय प्रशासन विभाग, कलेक्टर, कमिश्नर उज्जैन को प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता के नाम सहित उसमें की गई संपूर्ण कार्यवाही का विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत निम्नानुसार स्वीकृत योजनाओं की राशि निकायों के खातों में प्रदान की गई है।
निकाय |
हितग्राही़ |
प्रदत्त राशि |
नागदा |
1251 |
2957.00 लाख |
खाचरौद |
834 |
1959.50 लाख |
योग |
2085 |
4916.50 लाख |
हितग्राहियों के नाम, वार्ड क्र., पते सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “क” अनुसार है। (ख) नगर पालिका नागदा एवं खाचरौद में प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थानीय नगरीय प्रशासन विभाग, कलेक्टर, कमिश्नर उज्जैन को प्राप्त शिकायतें निम्नानुसार हैं -
कार्यालय का नाम |
शिकायतों की संख्या |
नपा नागदा |
03 |
न.पा. खाचरौद |
00 |
कलेक्टर उज्जैन |
02 |
कुल |
05 |
शिकायतकर्ताओं के नाम व शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
मनरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 240 ) श्री सुनील उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्षों 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में छिंदवाड़ा जिले की जनपद पंचायत जामिया (जुन्नारदेव) व तामिया में महात्मा गांधी नरेगा योजना से कपिलधारा कूप, खेत, तालाब, मेंढ़ बंधन, नंदन फलोद्यान, निर्मल नीर कूप, स्टॉप डेम एवं तालाब पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की संख्या एवं स्वीकृत राशि/व्यय राशि एवं वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? (ख) महात्मा गांधी नरेगा मद से दोनों जनपद पंचयातों में वर्ष 2016-17 से अधूरे पड़े तालाब स्टॉप डेम एवं कूपों की क्या स्थिति है? (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितने कूपों, तालाब, स्टॉप डेम, निर्मल नीर कूप निर्माण करने की क्या योजना है?