मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2024 सत्र


मंगलवार, दिनांक 17 दिसम्बर, 2024


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



सीधी जिले में अपराधिक प्रकरण

[गृह]

1. ( *क्र. 833 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) क्‍या सीधी विधानसभा में जनसंख्या, भौगोलिक परिस्थिति एवं कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पंचायत खाम्ह एवं ग्राम पंचायत पटेहरा (मुगुल चौराहा के पास) नवीन चौकियों के स्थापना की आवश्यकता है, ये चौकियाँ कब तक स्वीकृत की जायेंगी? (ख) सीधी विधानसभा के थाना जमोड़ी एवं कोतवाली सीधी हेतु नवीन भवन की आवश्यकता है, इन भवनों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ग) जिला सीधी में पुलिस विभाग में कई पद रिक्त हैं, पर्याप्त बल उपलब्ध न होने के कारण अपराधों के नियंत्रण में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, सीधी जिले में पर्याप्त पुलिस बल कब तक उपलब्ध होंगे? (घ) सीधी जिले में मानव तस्करी की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, पिछले एक वर्ष में कितने प्रकरण दर्ज हुए एवं कितने प्रकरण निराकृत हुए? मानव तस्करी को रोकने के लिए सीधी पुलिस विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इस अपराध में लिप्त गिरोहों पर क्या कार्यवाहियाँ की गई हैं? (ड.) सीधी में पुलिस विभाग को महिलाओं के प्रति अपराधों व अत्याचार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं कितने प्रकरण निराकृत हुए हैं? महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों के रोकथाम के लिए पुलिस की क्या तैयारियां हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) दोनों चौकियों को स्वीकृति किये जाने संबंधी प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पूर्ण नहीं होने से अमान्य किया गया है। (ख) भवन निर्माण हेतु योजना क्रमांक 7352 में राशि स्वीकृत हुई है, जिसके तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। प्रदेश स्तर पर आरक्षक के 7500 पदों की भर्ती प्रचलन में है। भर्ती उपरांत रिक्त पदों की पूर्ति की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) एवं (ड.) सीधी जिले में मानव तस्करी पिछले वर्ष में दर्ज एवं निराकृत हुए प्रकरणों एवं की गई कार्यवाहियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "एक"

समूहों/विभाग में खरीदी

[महिला एवं बाल विकास]

2. ( *क्र. 869 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में महिला बाल विकास अन्तर्गत समूहों को वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी धनराशि का व्यय किया गया? (ख) विभागीय योजनान्तर्गत बच्चों को कौन-कौन सी खाने पीने की चीजें मीनू अनुसार दिये जाने का प्रावधान है, जिसे प्रतिदिन दिया जाता है? नियमावली दें। (ग) जिला/ब्‍लॉक के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने के कितने-कितने दिवस दिये गये हैं? शासन आदेश की प्रति दें। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का सामान वर्षवार म.प्र. शासन द्वारा तथा जिले द्वारा क्रय किया गया? सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।  

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) छतरपुर जिले में महिला बाल विकास अन्तर्गत समूहों को वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक निम्नानुसार धनराशि का व्यय किया गया :-

 

क्र.

वर्ष

व्यय राशि

1.

2022-23

15,41,76,794/-

2.

2023-24

15,60,51,554/-

3.

2024-25

07,98,45,981/- (up to Nov. 2024)

 

(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गई है। जिला स्तर से क्रय की गई सामग्री एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सांझा चूल्‍हा अंतर्गत पोषण आहार वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

3. ( *क्र. 992 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या पूरे प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर सांझा चूल्‍हा में एक ही समूह को 8-10 स्‍थानों पर यानि आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर भोजन नाश्‍ता दिये जाने का कार्य सौंपा गया है? जिस कारण वह एक ही समूह शासन नीति के अनुसार भोजन एवं नाश्‍ता आंगनवाड़ी केन्‍द्रों/सांझा चूल्‍हों पर वितरण नहीं करते हैं और घोर लापरवाही बरतकर आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के बच्‍चों को पोषण आहार नहीं देते हैं? क्‍या नगर पंचायत बल्‍देवगढ़ में एक ही समूह को भोजन दिये जाने एवं नाश्‍ता दिये जाने का कार्य 8 से 10 स्‍थानों पर दिया गया है? जिसके संबंध में कई गंभीर शिकायतें हुईं? क्‍या ऐसे समूह को हटाकर सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर अलग-अलग समूहों को भोजन नाश्‍ते का कार्य सौंपा जाये, इसके लिये जिम्‍मेदार अधिकारियों द्वारा क्‍या प्रयास किये गये तथा बल्‍देवगढ़ नगर पंचायत में संचालित एक ही समूह को उक्‍त जिम्‍मेदारी से कब हटाकर अन्‍य समूहों को भोजन वितरण का कार्य देंगे? (ख) क्‍या नगर पंचायत बल्‍देवगढ़ के एक ही समूह को बदलने हेतु आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के वार्डवासियों द्वारा, प्रश्‍नकर्ता द्वारा कार्यालय में शिकायतें की थी, जिसके संबंध में शिकायतों के निराकरण हेतु तथा उक्‍त एक ही समूह को बदले जाने का पत्र प्रश्‍नकर्ता द्वारा परियोजना अधिकारी एवं कलेक्‍टर टीकमगढ़ को प्रेषित किया गया था, उसके अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या एक ही कार्यरत समूहों को हटाने हेतु कब तक कार्यवाही सुनिश्चित कर आदेश जारी कर दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं,              तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग के ज्ञाप क्र./क्यू/2020/50-2/भोपाल, दिनांक 05.05.2021 के अनुसार शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक             स्व-सहायता समूह को अधिकतम 10 आंगनवाड़ी केन्द्रों/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार दिये जाने का प्रावधान है। नगर पंचायत बल्देवगढ़ के आंगनवाड़ी केन्द्रों में धनुषधारी बचत एवं साख समूह द्वारा 09 तथा रामलला बचत एवं साख समूह द्वारा 08 आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्‍ता एवं ताजा पका गर्म भोजन का प्रदाय कार्य किया जा रहा है। प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र खरगापुर द्वारा दिनांक 13.01.2024 द्वारा की गई शिकायत का पत्र प्राप्त हुआ है। प्राप्त शिकायत की जांच अनुविभगीय अधिकारी राजस्व बल्देवगढ़ द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन में कार्यरत समूहों को हटाने के संबंध में कोई उल्‍लेख न होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र खरगापुर द्वारा दिनांक 13.01.2024 द्वारा की गई शिकायत का पत्र प्राप्त हुआ है। उक्त शिकायत की जांच अनुविभगीय अधिकारी राजस्व बल्देवगढ़ द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि धनुषधारी बचत एवं साख समूह बल्देवगढ़ द्वारा माह दिसम्बर 2023 एवं जनवरी 2024 में नाश्‍ता कम दिया गया। बच्चों की उपस्थिति एवं पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर समूह के देयक से राशि का कटौत्रा कर राशि का भुगतान किया गया, शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

4. ( *क्र. 766 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना का कितना कार्य पूर्ण हो गया है तथा कितना कार्य शेष है? रबी सीजन की सिंचाई हेतु कौन-कौन से ग्रामों में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध होगा तथा कब से पानी देना प्रारंभ किया जायेगा तथा परियोजना का शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) क्या पूर्व में सदन में मंत्री जी की घोषणा के बाद उक्त परियोजना के कार्य की गुणवत्ता एवं अन्य कार्य का निरीक्षण कर जांच की गई थी? हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि देवें तथा नहीं तो क्या कारण है तथा भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र का सिंचाई से वंचित क्षेत्र झिरन्या का पहाड़ी अंचल में सिंचाई हेतु नवीन परियोजना की स्वीकृति‍ प्रदान की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) :                                      (क) 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है तथा 02 प्रतिशत कार्य शेष है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। दिसम्बर 2024 तक कार्य की पूर्णता निर्धारित है। (ख) जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। झिरन्‍या के पहाड़ी अंचल में सिंचाई हेतु नवीन परियोजना के संबंध में तकनीकी साध्‍यता के आकलन उपरांत ही स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "दो"

सहकारी सूत मिल मर्या. बुरहानपुर

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

5. ( *क्र. 588 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी सूत मि‍ल मर्या. बुरहानपुर के श्रमिक एवं कर्मचारियों को देय वेतन, ग्रेज्‍युटी के भुगतान के संबंध में विभाग द्वारा कोई निर्णय प्रदेश के अन्य मिलों के कर्मचारियों को किए गए भुगतान के तरह लिया गया है? यदि नहीं, तो 25 वर्षों की परिसमापन अवधि व्यतीत होने के पश्चात भी भुगतान का निर्णय कितनी समय-सीमा में लिया जायेगा? (ख) मि‍ल परिसमापन के समय मि‍ल की समस्त चल-अचल संपत्ति की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या मि‍ल को 99 वर्ष की लीज पर दी गई भूमि भी शासन द्वारा अपने आधिपत्य में लिया गया था? यदि हाँ, तो मि‍ल की भूमि एवं सम्पत्तियां किस विभाग के आधिपत्य में हैं? (ग) मि‍ल के परिसमापन के समय मिल श्रमिक एवं कर्मचारियों को देय वेतन, ग्रेज्युटी के भुगतान संबंधी कितनी देनदारी शेष थी?                         प्रश्‍न दिनांक को श्रमिकों की कितनी देनदारियां शेष है? इन मि‍ल श्रमिकों के भुगतान शासन किस समय-सीमा तक भुगतान की व्यवस्था करेगा? (घ) मि‍ल परिसमापन के समय से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन विभागों को परिसमापक नियुक्त किया गया था? परिसमापकों के द्वारा श्रमिकों के देनदारियों के भुगतान के संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? क्या विभाग मि‍ल की परिसंपत्तियों का विक्रय कर समय-सीमा निश्चित कर श्रमिकों के देनदारियों का भुगतान सुनिश्चित करेगा?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आंगनवाड़ी भवनों/केन्द्रों की भौतिक व वित्तीय जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

6. ( *क्र. 941 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र, आंगनवाड़ी भवन स्‍वीकृत एवं निर्मित हुए, की जानकारी प्रदान करने का कष्‍ट करें? (ख) वर्तमान में कितने केन्‍द्र भवन विहीन, जर्जर स्थिति में हैं और इस स्थिति में केन्‍द्र संचालित हैं या नहीं? यदि हाँ, तो किन शासकीय, अशासकीय भवनों में संचालित हैं? (ग) सत्र 2022-23 एवं 2023-24 में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में खेल व शिक्षण सामग्री प्रदाय की या क्रय की गई है? यदि हाँ, तो सामग्री का केन्‍द्रवार विवरण उपलब्‍ध कराया जावें। (घ) खण्‍डवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बाउंड्रीवॉल नहीं है? यदि नहीं, है तो क्‍या कारण है एवं इसके निराकरण की क्‍या योजना व स्थिति है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विगत 5 वर्षों में 194 आंगनवाड़ी केन्द्र, 4320 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत एवं 1399 भवन निर्मित हुए हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है। (ख) वर्तमान में 34143 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन एवं 4044 भवन जर्जर स्थिति में है। भवन विहीन एवं जर्जर आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों यथा स्कूल भवन, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन एवं किराये के भवनों में संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 37 विभागीय आंगनवाड़ी भवनों में बाउंड्रीवॉल नहीं है। स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन निर्माण के नक्शे में बाउंड्रीवॉल का प्रावधान नहीं होने से आंगनवाड़ी भवन बाउंड्रीवॉल विहीन है। बाउंड्रीवॉल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाउंड्रीवॉल का निर्माण भूमि की उपलब्धता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है।

परिशिष्ट - "तीन"

दिव्यांग शासकीय सेवकों की पदोन्नति में आरक्षण

[सामान्य प्रशासन]

7. ( *क्र. 761 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की भांति मध्यप्रदेश में दिव्यांग शासकीय सेवकों को पदोन्नति में दिव्यांग अधिनियम 2016 की धारा 34 के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 28.9.2021 एप्लीकेशन नंबर 2171 2020 के अनुपालन में आरक्षण का लाभ कब तक प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं और नहीं तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कुपोषित बच्चों की देखभाल

[महिला एवं बाल विकास]

8. ( *क्र. 843 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला शिवपुरी में नवजात शिशुओं में गंभीर कुपोषण स्थिति को समाप्त करने एवं कुपोषित नौनिहालों की समुचित देखभाल जांच/परीक्षण, पौष्टिक आहार इत्यादि अन्य कौन-कौन से कार्य केन्द्र/राज्यों में प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से किए जा रहे हैं?                        (ख) यदि हाँ, तो जिला शिवपुरी में वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार कितने कुपोषित बच्चे जिले व तहसीलवार पाये गये एवं विभाग द्वारा उन बच्चों की समुचित देखभाल हेतु उक्त वर्षों में किस-किस दिनांक से बच्चों को चिन्हित कर स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हेतु क्या-क्या उपाय किये गये?                     (ग) जिला शिवपुरी में विकासखंडवार, वर्षवार कितने-कितने बच्चे कुपोषित होकर कुपोषण ग्रस्त पाए गए, उनकी देखभाल हेतु विकासखंडवार क्या-क्या कार्यवाही की गयी? साथ ही विभाग द्वारा किस फर्म, एजेंसी, एन.जी.ओ., संस्था अथवा अन्य किसी दानदाताओं के माध्यम से कोई कार्य किए गए हैं? तो जानकारी दी जावे। (घ) उपरोक्तानुसार उल्लेखित समस्त प्रश्‍नों में सम्मिलित विषयों के कार्य हेतु जिलेवार, विकासखंडवार कितना-कितना बजट स्वीकृत एवं व्यय किया गया? व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किस प्रकार किया गया? (ड.) केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों से संबंधित कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन'' कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार एवं पोषकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन किया जाता है। (ख) प्रत्येक माह की 11 से 20 तारीख तक सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में शारीरिक माप दिवसों का आयोजन किया जाकर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है। उल्लेखित अवधि में वर्षवार व परियोजनावार कुपोषित बच्चों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार एवं पोषकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन किया जाता है।               (ग) कुपोषित बच्चों की वर्षवार व परियोजनावार संख्यात्मक जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्‍नांश (ख) अनुसार है। विभाग द्वारा ''अडाप्ट एन आंगनवाड़ी'' कार्यक्रम के माध्यम से दानदाताओं द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु अधोसंरचना मूलक कार्यों में सहयोग, बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकता में सहयोग और स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु सहयोग किया गया है। (घ) कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस हेतु विभाग में अलग से कोई बजट प्रावधानित नहीं है। अतिकुपोषित बच्चों को राशि रूपए 4 का अतिरिक्त आहार देने का प्रावधान है, जो पोषण आहार के बजट में ही समाहित है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

9. ( *क्र. 967 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विकासखण्‍ड खनियाधाना के ग्राम नदनवारा में श्रीमती मेवाबाई, पत्‍नी कमलेश खँगकर आँगनवाड़ी केन्‍द्र मजरा कुन्‍दौली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत है? इनकी नियुक्ति कब किस वर्ष में किस नाम से की गई? क्‍या नियुक्त कार्यकर्ता और कार्यरत कार्यकर्ता एक ही व्‍यक्ति है या अलग-अलग? (ख) पिछोर विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास परियोजनाओं में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पद पर कई केन्‍द्रों में प्रश्‍नांश (क) जैसी स्थिति है? क्‍या विभाग में नियुक्ति किसी अन्‍य व्‍यक्ति को दी है और कार्य किसी अन्‍य व्‍यक्ति से लिया जा रहा है? क्‍या विभाग इस मामले में विस्‍तृत परीक्षण व जांच कराकर दोषियों को दंडित करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। नियुक्‍त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दोनों एक ही व्‍यक्ति है।                (ख) जी नहीं। जी नहीं। उत्‍तर '' के संदर्भ में लागू नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा सिंचाई परियोजना की जानकारी

[नर्मदा घाटी विकास]

10. ( *क्र. 792 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) म.प्र. के खरगौन जिले में सिंचाई हेतु 110 ग्रामों में नर्मदा जल मिल रहा है तथा बड़वानी जिले की राजपुर विधान सभा क्षेत्र में 116 ग्रामों को सिंचाई हेतु नर्मदा जल मिल रहा है? राजपुर विधानसभा के पास ही सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के एक भी ग्राम में वर्तमान तक नर्मदा जल का लाभ क्‍यों नहीं मिल रहा है? (ख) शासन द्वारा सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो इसमे सेंधवा एवं पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्राम लाभान्वित होंगे तथा उक्त दोनों विधानसभा क्षेत्रों के कितने ग्राम उक्त योजना से शेष रहेंगे? यदि शेष ग्राम रहेंगे तो क्यों? उक्त अनुसार शेष ग्रामों में माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना कब तक लागू की जावेगी? उक्त योजना में सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के वरला तहसील के 48 ग्राम पंचायतों में कब तक योजना लागू की जायेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की विस्तृत कार्य योजना क्या है तथा कार्य योजना स्वीकृति आदेश तथा डी.पी.आर. एवं संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करावें। सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों को धरातल पर कब तक उक्त योजना का लाभ प्राप्त होगा?  

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) : (क) खरगोन जिले में वर्तमान में 400 ग्रामों को सिंचाई हेतु नर्मदा जल उपलब्‍ध कराया जा रहा है। राजपुर विधानसभा क्षेत्र के 160 ग्रामों को सिंचाई हेतु नर्मदा जल उपलब्‍ध कराया जा रहा है। सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के 67 ग्रामों को सिंचाई हेतु जल उपलब्‍ध कराने के लिए सेंधवा माईक्रो उद्वहवन सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है। (ख) जी हाँ। सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के 67 एवं पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के 23 ग्राम लाभान्वित होंगे। नवीन परियोजना के संबंध में तकनीकी साध्‍यता के आकलन उपरांत ही स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माह सितम्‍बर 2030 तक।

परियोजना अधिकारियों की पदस्थापना

[महिला एवं बाल विकास]

11. ( *क्र. 96 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि () महिला एवं बाल विकास विभाग में मध्यप्रदेश में परियोजना अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) विभाग में परियोजना अधिकारी के कितने पद रिक्त हैं? () परियोजना अधिकारी के वर्तमान भरे कितने पदों पर महिला परियोजना अधिकारी एवं कितने पदों पर पुरुष परियोजना अधिकारी पदासीन हैं? () ऐसे परियोजना अधिकारियों के नामों की सूची जो 3 वर्ष से एक ही परियोजना में पदस्थ हैं? (ड.) परियोजना में पदस्थ होने की सूची इस प्रकार देने का कष्ट करें :- जिला एवं जिले की परियोजना का नाम (अ) दो वर्ष. (आ) तीन वर्ष. (इ) चार वर्ष. (ई) पांच वर्ष. (उ) छह वर्ष या उससे अधिक. (च) महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों के लिए स्थानान्तरण की क्या कोई अलग से स्पेशल नियमावली है, तो देने का कष्ट करें? (छ) विभाग में पदस्थ पुरुष अधिकारियों द्वारा महिला अधिकारी कर्मचारियों की प्रताड़ना अथवा परेशान करने की कितनी शिकायतें डायरेक्टरेट अथवा जिला महिला अधिकारी के कार्यालय पर लंबित हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : () 453 () विभाग में परियोजना अधिकारी के 113 पद रिक्‍त हैं। वर्ष 2018 में विभाग के दो संचालनालयों के एकीकरण उपरांत महिला सशक्तिकरण संचालनालय में परियोजना अधिकारी के समकक्ष संवर्ग के 82 विकासखण्‍ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी, परियोजना अधिकारी के रिक्‍त पदों के विरूद्ध कार्यरत हैं। 340 भरे पदों में से 291 बाल विकास परियोजनाओं में पदस्‍थ हैं, शेष 49 अधिकारी वन स्‍टॉप सेंटर, संचालनालय, आयोग, निगम आदि में पदस्‍थ हैं। (ग) परियोजना अधिकारी के वर्तमान भरे 340 पदों में से 152 पदों पर महिला अधिकारी एवं 188 पदों पर पुरूष अधिकारी पदासीन हैं। (घ) एवं                    (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) जी नहीं। (छ) डायरेक्‍टरेट स्‍तर पर 08 एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय पर 01 शिकायत लंबित है।

रेत के अवैध उत्‍खनन/परिवहन की रोकथाम

[खनिज साधन]

12. ( *क्र. 902 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना के विधान सभा क्षेत्र अम्‍बाह के अन्‍तर्गत कुछ क्षेत्र चम्‍बल नदी का आता है? (ख) क्‍या चम्‍बल नदी से रेत का अवैध उत्‍खनन हो रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग इसे रोकने के लिये कोई कार्यवाही करता है? (ग) पुलिस थाना महुआ क्षेत्र में दिनांक 01 जुलाई, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने रेत माफियाओं पर कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज किये? उनके नाम, पता एवं दर्ज अपराध क्रमांक सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देवें। (घ) अभी तक उक्‍त क्षेत्र से अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन क्‍यों नहीं रोका गया? (ड.) क्‍या रेत के अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन को रोकने में नाकाम अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में चम्‍बल नदी वन क्षेत्र के अंतर्गत है। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा रेत के अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु सतत् रूप से कार्यवाही की जा रही है। (ग) पुलिस थाना महुआ क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में 03 वन अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं :-

क्र.

प्रकरण क्रमांक/दिनांक

प्रकरण का प्रकार

आरोपी का नाम

1.

9803/22 दि. 25.07.2024

अवैध डम्‍प

अज्ञात

2.

9803/23 दि. 26.07.2024

अवैध डम्‍प

अज्ञात

3.

9662/23 दि. 14.11.2024

अवैध डम्‍प

अज्ञात

 

वन अपराध अज्ञात व्‍यक्तियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किए गए हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) चम्‍बल नदी में खनिज रेत के अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन को रोकने के लिये वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के साथ एस.ए.एफ. का फोर्स वनमण्‍डलाधिकारी मुरैना के मार्गदर्शन में लगातार गश्‍त एवं छापामार कार्यवाही करते हैं। दिनांक 01 जनवरी, 2024 से 30 नवम्‍बर, 2024 तक चम्‍बल नदी के क्षेत्र/रेत घाटों पर वन विभाग, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग एवं खनिज विभाग द्वारा एस.ए.एफ. फोर्स के साथ समय-समय पर कार्यवाही करते हुये खनिज रेत अवैध उत्‍खनन के 152 प्रकरण में वन अधिनियमों में दर्ज किये गये हैं। अवैध रेत परिवहन के 172 प्रकरण दर्ज कर रूपये 5,46,875/- का जुर्माना वसूल किया गया है। 61 वाहनों को वन अधिनियम के अधीन राजसात की कार्यवाही की गई है तथा 58 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। वन अधिनियम के अधीन 150 प्रकरणों में पी.ओ.आर. काटी गई है। वन विभाग द्वारा चम्‍बल नदी के विभिन्‍न घाटों के रास्‍तों को अवरूद्ध करने के लिये नालियां/घाट क्षेत्रों पर मार्ग अवरोधक किये जाने हेतु खंती खुदवाकर चम्‍बल नदी से रेत के अवैध उत्‍खनन को रोकने का प्रयास किया जाता है।             (ड.) प्रश्‍नांश (घ) में दिए उत्‍तर अनुसार कार्यवाही गतिशील है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

मक्सी में हुए उपद्रव में शामिल आरोपियों पर कार्रवाई

[गृह]

13. ( *क्र. 779 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शाजापुर जिला अंतर्गत मक्सी में हुए उपद्रव की घटना में शामिल आरोपियों पर प्रश्‍न दिनांक तक शासन द्वारा किस धारा अंतर्गत, कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? कार्रवाई दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) क्या दंगा/उपद्रव में मृत/घायलों को गृह मंत्रालय भारत सरकार एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार मुआवजा राशि प्रदान किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या मक्सी उपद्रव में गोली लगने से मृत व्यक्ति के परिवारजनों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार कोई मुआवजा राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो मुआवजा भुगतान दिनांक सहित अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) गृह मंत्रालय-भारत सरकार एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार क्या दंगा/उपद्रव में घायलों के नि:शुल्‍क उपचार की व्यवस्था किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो मक्सी उपद्रव में कितने घायलों का नि:शुल्‍क उपचार किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? शासन द्वारा उपद्रव में पीड़ित घायलों के नि:शुल्‍क उपचार की व्यवस्था न किए जाने के क्या कारण हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) :                                                         (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

प्रदेश के समस्त विभागों में की जा रही आउटसोर्स भर्ती की जांच

[सामान्य प्रशासन]

14. ( *क्र. 776 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या मध्यप्रदेश के अनेक विभागों में रिक्त पड़े पदों की पूर्ति आउटसोर्स के माध्यम से कंपनियों को ठेके पर दिए जाकर की जा रही है? यदि हाँ, तो इस भर्ती प्रक्रिया में आउटसोर्स कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के चयन हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदंड का पालन करते हुए पारदर्शिता पूर्ण प्रक्रिया अपनाई जा रही है? यदि हाँ, तो वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक समस्त भर्तियों के विज्ञापन, आवेदित अभ्यर्थी, चयनित एवं प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों की सूची मय विवरण सहित उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों/आउटसोर्स एजेंसी पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बताएं। (ख) क्या प्रदेश के अनेक विभागों में आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से रिक्त पड़े पदों पर की जा रही भर्ती में की जा रही अनियमितता एवं भ्रष्टाचार (रिश्‍वतखोरी) की अनेक खबरें दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रही हैं? यदि हाँ, तो कब-कब एवं किन-किन समाचार पत्रों में आउटसोर्स भर्ती में घोटाले की खबरें प्रकाशित हुई एवं इस पर शासन द्वारा संज्ञान लेकर कोई जांच करवाई गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक करवाई जायेगी? (ग) कुछ विभागों में बिना प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किये भर्ती की गयी? जांच की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) प्रश्‍नांश '''' में वर्णित अनेक विभागों की चाही गई जानकारी में विभागों के नाम स्‍पष्‍ट न होने के कारण उत्‍तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '''' में वर्णित अनेक विभागों की चाही गई जानकारी में विभागों के नाम स्‍पष्‍ट न होने के कारण उत्‍तर दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश '''' में वर्णित कुछ विभागों की चाही गई जानकारी में विभागों के नाम स्‍पष्‍ट न होने के कारण उत्‍तर दिया जाना संभव नहीं है।

सिविल सेवा आचरण नियमों के अंतर्गत पत्राचार

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

15. ( *क्र. 735 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल सेवा आचरण नियमों के अन्तर्गत शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपने हित में विधायक/सांसद/अन्य राजनेता से पत्राचार करना निषेध है? यदि हाँ, तो वर्ष 2003 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधीन कितने अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा उक्त नियम का उल्लंघन किया गया है? नामवार सूची दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त नियम का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी की अलग-अलग जानकारी दें।                        (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोहरे मापदण्ड अपनाये गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपील की गई हो तो अपील कहां और कब की गई? अपील की वर्तमान स्थिति की जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त नियम का उल्‍लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में दोहरे मापदण्‍ड नहीं अपनाये गये हैं, तत्‍समय गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया गया। (घ) जानकारी निरंक है।

प्रोटोकॉल का पालन

[सामान्य प्रशासन]

16. ( *क्र. 374 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) विधायक द्वारा प्रेषित किये गये पत्रों को विभाग में प्राप्‍त होने के कितने दिनों के अंदर जवाब/जानकारी प्रति उत्‍तर प्रेषित किये जाने के प्रावधान हैं? विभाग द्वारा समय-सीमा में जानकारी क्‍यों प्रेषित नहीं की जाती है? (ख) क्या निर्वाचित विधानसभा सदस्‍य से प्राप्‍त पत्रों का रिकॉर्ड संधारण किया जाना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो दिनांक 04.12.2023 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा हरदा जिले के विभिन्‍न विभागों को प्रेषित किये गये पत्रों के रिकॉर्ड/पंजी की छायाप्रति, पत्रों का जवाब विभाग द्वारा किस-किस पत्र के माध्‍यम से प्रेषित किया गया है? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि पत्रों का जवाब प्रस्‍तुत नहीं किया गया है, तो क्‍यों? (ग) क्‍या शासन द्वारा विधायक प्रोटोकॉल के संबंध में विभागीय अधिकारियों को समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जारी नियमों/निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित पत्रों का जवाब प्रस्‍तुत न किये जाने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रोटोकॉल का उल्‍लंघन किये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है। (ड.) जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की कण्डिका 3.4 के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधायक निधि से अनुमत कार्यों की स्‍वीकृति सामान्‍यत: कितने दिनों में जारी की गई है? स्‍वीकृति कितने दिनों में जारी करने के शासन निर्देश हैं?  

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विभाग द्वारा समय-सीमा में नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत जानकारी से माननीय विधायक को अवगत कराया जाता है।                        (ख) जी हाँ, निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) माननीय संसद सदस्‍यों एवं विधायकों के शिष्‍टाचार बाबत निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) सभी पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: निर्देश के उल्‍लंघन बाबत कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) तकनीकी/प्राक्‍कलन एवं खसरा-नक्‍शा प्राप्‍त होने के उपरांत यथाशीघ्र स्‍वीकृति जारी कर दी जाती है। जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की कंडिका 3.4 से संबंधित प्रावधान पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

संविदा नियुक्ति नियम 2017

[सामान्य प्रशासन]

17. ( *क्र. 16 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन में संविदा नियुक्ति नियम 2017 अद्यतन संशोधन सहित प्रचलित है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हाँ है तो उक्‍त नियम के अंतर्गत नियुक्त सेवानिवृत्‍त अधिकारी/कर्मचारी को जिस पद पर उसे संविदा नियुक्ति दी गई है, उस पद से एक या दो उच्‍च पद ऊपर का प्रभार दिया जा सकता है? (ग) यदि (ख) का उत्‍तर हाँ है तो नियम एवं कंडिका सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) जी हाँ।                              (ख) संविदा नियुक्ति नियमों के तहत सेवानिवृत्‍त अधिकारी/कर्मचारी को उसी पद पर संविदा नियुक्ति दी जाती है, जिस पद से शासकीय सेवक सेवानिवृत्‍त होते हैं। संविदा नियुक्ति नियमों में उच्‍च पद का प्रभार दिये जाने का कोई लेख नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

युवाओं में नशे की लत को कम किये जाने के प्रयास

[गृह]

18. ( *क्र. 1000 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्‍या सरकार युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है? यदि हाँ, तो पिछले दो कैलेंडर वर्षों के दौरान सरकार द्वारा जिला जबलपुर में एन.डी.पी.एस. (N.D.P.S.) अधिनियम और आबकारी अधिनियम के तहत कितने मामलों में क्या कार्यवाई की गई है?                              (ख) पंजीकृत प्रकरणों में नशे के स्रोत और सामग्री के तस्करों/आपूर्तिकर्ताओं के विरूद्ध क्या प्रभावी कदम उठाए गए हैं? (ग) क्या सरकार नशे के खिलाफ कार्रवाई को अधिक प्रभावी बनाने और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान चलाने या कोई विशेष योजना शुरू करने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा और क्रियान्वयन का विवरण प्रदान करें। (घ) क्या मध्यप्रदेश राज्य में खुले में मांस विक्रय पर किसी प्रकार का प्रतिबंध लागू है? यदि हाँ, तो कृपया इस संबंध में लागू नियमों और प्रावधानों का विस्तृत विवरण प्रदान करें। राज्य में खुले में मांस विक्रय प्रतिबंध के उल्लंघन के कितने मामले दर्ज किए गए हैं? जबलपुर और भोपाल शहरों में उल्लंघन के मामलों का दर्ज प्रकरण की संख्या एवं दोषियों पर किये गए दंडात्मक कार्यवाही का विवरण दें। इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए सरकार या नगर निगमों द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) वांछित जानकारी निम्नानुसार है :- 1. एन.डी.पी.एस. अधिनियम-वर्ष-2022 कुल प्रकरण-66 जब्त किया गया, मादक पदार्थ-गांजा/स्मैक, मात्रा-1032 किलो 472 ग्राम आरोपियों की संख्या-75,                       कीमत-7150960 2. वर्ष-2023 कुल प्रकरण-75, जप्त मादक पदार्थ-गांजा/स्मैक, मात्रा-10 क्विंटल 629 किलो 625 ग्राम 168 मि.ग्राम, आरोपियों की संख्या-104, कीमत 31287860 3. दिनांक 01.01.2024 से 23.11.2024 तक कुल प्रकरण-95 जब्त मादक पदार्थ गांजा/स्मैक, मात्रा-422 किलो 455 ग्राम 459 मि.ग्राम आरोपियों की संख्या-127, कीमत-50768202. आबकारी अधिनियम - 1. वर्ष-2022, आबकारी प्रकरण-5689, खुले में मांस के विरूद्ध कार्यवाही 00 2. वर्ष-2023, आबकारी प्रकरण-6563, खुले में मांस के विरूद्ध कार्यवाही 00 3. दिनांक 01.01.2024 से 23.11.2024 तक आबकारी               प्रकरण-4987, खुले में मांस के विरूद्ध कार्यवाही 00 (ख) 1. मादक पदार्थ की तस्कारी करने वालों पर विशेष रुचि लेकर अधिक से अधिक पर वैधानिक कार्यवाही की गई। 2. मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले व्यक्तियों पर भी आवश्यक कार्यवाही की गई। 3. सभी स्कूल एवं कॉलेजों के आस पास लगाये गये तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, पान में मिलाये जाने वाले नशीले पदार्थों को बेचे जाने वाले टपरों को हटाया गया एवं स्कूलों एवं कॉलेजों में नशा मुक्ति कार्यक्रम जैसे नशा मुक्ति रेली निकालकर, वाद विवाद प्रतियोगिता, वेलेट पेपर, लघु नाटिका, जैसे कार्यक्रम प्रतिमाह आयोजित करके लोगों को नशा मुक्ति केन्द्र जाने का सुझाव दिया गया। 4. गांव कस्‍बों में शराब, गांजा, स्मेक, तम्बाखू, बीड़ी आदि नशीली पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्तियो के बीच जाकर उन्हें नशे से होने वाली आर्थिक हानि, शारीरिक बीमारी, अपराधिक गतिविधियों, परिवारिक कलह, मानसिक रोगों से संबंधित जानकारी देते हुये, 'जिंदगी को हाँ और नशे को ना' 'say yes to life no to drug' http:pledge-mygov.in पर ई शपथ सार्वजनिक स्थलों पर दिलाई जाकर पोर्टल पर जानकारी अपलोड कराई गई। 5. जिलें में चिन्हांकित हॉटस्पॉट (जहां मादक पदार्थ की अधिक बिक्री खरीदी एवं मादक द्रव्यों का नशा करनें वाले व्यक्तियों की संख्या अधिक हो) पर अधिक से अधिक वैधानिक कार्यवाही कर एवं स्थानीय लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। 6. जिले में संचालित सभी शासकिय केन्द्रीय अनुदान प्राप्त, अशासकीय नशामुक्ति केन्द्रों की गतिविधियो पर सतत् नजर रखते हुये केन्द्रों को राष्ट्रीय नशामुक्ति टोल फ्री हेल्पलाईन 14446 का उपयोग करने का सुझाव दिया जाकर लोगों को जागरूक किया गया। कार्यवाही सतत् रूप से जारी है। 7. दिनांक 02 अक्टूबर, 2023 से 08 अक्टूबर, 2023 तक गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर नशा विरोधी जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया। 8. युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए वर्तमान में                समय-समय पर नशा विरोधी कार्यक्रमों को नियमित रुप से संचालित किया जा रहा है।                    (ग) वर्तमान में पृथक से कोई विशेष योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) जानकारी निरंक है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

19. ( *क्र. 582 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत विकासखण्ड शहपुरा एवं विकासखण्ड जबलपुर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्द्रों में स्वयं के भवन हैं एवं कितने केन्द्र भवन विहीन हैं? इन्हे कहाँ पर संचालित किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनाँक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्‍नांश दिनाँक तक किन-किन ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन बनाये जाने की मांग की गई है? उक्त मांगों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विकासखण्ड शहपुरा/जबलपुर में कितने आंगनवाड़ी स्वीकृत किये गये हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विकासखंड शहपुरा में 333 एवं विकासखंड जबलपुर में 208 कुल 541 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं। 283 केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित हैं। 258 केन्द्र भवन विहीन हैं, जिनमें से 92 किराये के भवनों में एवं 166 केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1", "2" एवं "3" अनुसार है। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कुल 10 ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन बनाये जाने की मांग की गई है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "4" अनुसार है। विकासखण्ड शहपुरा में 01 एवं विकासखण्ड जबलपुर में 01 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत है।

सरदार सरोवर परियोजनान्‍तर्गत अधिगृहित भूमि

[नर्मदा घाटी विकास]

20. ( *क्र. 816 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या सरदार सरोवर परियोजना अंतर्गत बड़वानी एवं धार जिले में डूब प्रभावितों के पुनर्बसाहट एवं अन्य उपयोग के लिये कृषि भूमियां अधिगृहीत की गई थी? (ख) उसमें कितने भू-स्वामियों ने मुआवजा नहीं लिया है, उनकी ग्रामवार सूची तथा ऐसी अधिगृहित भूमि जिस पर एन.वी.डी.ए. विभाग द्वारा उपयोग में नहीं लाई गई है तथा भू-स्‍वामियों का ही वर्तमान में कब्जा है, क्या ऐसे         भू-स्वामियों को विभाग द्वारा उनकी भूमि वापस लौटायी जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो किन नियमों के अन्तर्गत? (घ) यदि नहीं, तो किन कारणों से नियमों का उल्लेख करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं  '''' अनुसार है। वर्तमान में परियोजना के पुनर्वास/पुनर्बसाहट का कार्य जारी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं                               (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनिज उत्खनन

[खनिज साधन]

21. ( *क्र. 285 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) ग्वालियर जिले में बने हरसी बांध के हरसी मेन कैनाल के गेट एवं हरसी हाई लेवल कैनाल के गेट के मध्य स्थित पहाड़ जो कि बांध को रोकने वाली पार का महत्वपूर्ण हिस्सा है, पर खनन करने हेतु अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो कब एवं किस फर्म को? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या हरसी बांध की पार के पिचिंग का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसमें लगने वाले पत्थरों के लिए प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित स्थान से खनन किया गया है? यदि हाँ, तो किस फर्म के द्वारा? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित स्थान से प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित कार्य पर विभाग/जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या विभाग/जिला प्रशासन प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित अवैध उत्खनन की जांच वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में दिए उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध खनन

[खनिज साधन]

22. ( *क्र. 799 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन उज्जैन-गरोठ मार्ग के निर्माण ठेकेदार द्वारा नियम विरुद्ध अवैध खनन किया गया था, जिसमें प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय कलेक्टर महोदय को अवगत कराया गया था, जिसके संदर्भ में दिनांक 15 जून, 2024 को खनिज अधिकारी एवं संबंधित पटवारी द्वारा मौका पंचनामा बनाया गया था? पंचनामें की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।                                              (ख) क्या खनिज अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन बना कर माननीय कलेक्टर महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया गया? यदि किया गया तो उक्त प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन उज्जैन-गरोठ मार्ग के लिए खनिज विभाग द्वारा किस-किस ठेकेदार को किस-किस स्थान से कितने-कितने खनन एवं परिवहन की अनुमति दी गई थी? सर्वे नं., ग्रामवार विवरण देवें। (घ) क्या निर्माण ठेकेदारों द्वारा माइनिंग नियम के मापदंड से अधिक परिवहन व खनन किया गया है? उन स्थानों की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया है? यदि किया गया तो                    कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार महिदपुर विधान क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन उज्जैन गरोठ मार्ग के निर्माण ठेकेदार द्वारा नियम विरूद्ध किये गये अवैध खनन की जाँच दिनांक 15 जून, 2024 को सहायक खनि अधिकारी एवं पटवारी द्वारा की गई, मौका पंचनामा की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                           (ख) प्रश्‍नांश अनुसार न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में प्रकरण क्रमांक 0040/अ-67/2024-25 एवं क्रमांक 0041/अ-67/2024-25 में प्रकरण दर्ज होकर विचाराधीन है व प्रकरण में दिनांक 12.12.2024 को सुनवाई नियत है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार निर्माण ठेकेदारों द्वारा माईनिंग नियम के मापदंड से अधिक परिवहन व खनन किये जाने के कारण जाँच उपरांत 02 अवैध उत्खनन के प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में दर्ज किये गये हैं। संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

मैहर जिले में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र की स्‍थापना

[महिला एवं बाल विकास]

23. ( *क्र. 857 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की नीति क्या है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में आये नियमों/नीतियों के परिप्रेक्ष्य में मैहर विधानसभा क्षेत्र में क्या आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? यदि नहीं, तो क्या आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या बच्‍चों को पोषण आहार दिये जाने की दृष्टि से निर्धारित मापदण्डों के आधार पर आंगनवाड़ी केन्द्रों से वंचित ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्र के वार्डों में मैहर विधान सभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्र नवीन रूप से खोले जाने की आवश्‍यकता लोकहित में है? यदि हाँ, तो कब तक खुलवाये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार दी जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने संबंधी भारत सरकार के निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा केवल प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान (पी.एम.जनमन) एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अन्तर्गत चिन्हित क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में नवीन आंगनवा़ड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान न किये जाने से शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                                 (ग) जी हाँ। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान करने की अधिकारिता भारत सरकार के पास होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चार"

खनिज संसाधनों की नीलामी और सर्वे

[खनिज साधन]

24. ( *क्र. 571 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) वर्ष 2020 से 2024 तक "झाबुआ और अलीराजपुर" जिलों में केंद्र सरकार, राज्य सरकार के अधीन विभाग, संगठन और निजी समूह, निजी फर्म ने जो भी खनिज संसाधन (मेजर और माईनर मि‍नरल) के सर्वे किये हैं, वो सभी सर्वे रिपोर्ट, दस्तावेज, मैप आदि की पूर्ण जानकारी खाता, खसरा ग्राम का नाम के साथ प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) से जुड़े हुए कितने खनिजों की प्राप्ति हेतु, भूमि अधिग्रहण सरकार ने वर्ष 2020 से 2024 तक किया है? सभी भूमि के खाते, खसरे ग्राम के नाम की जानकारी दी जाये। (ग) वर्ष 2020 से 2024 तक "झाबुआ और अलीराजपुर" जिलों में किस प्रकार के सभी खनिजों की नीलामी, कब-कब केंद्र और राज्य के इकाई और विभाग ने की है? किस खदान के दोहन और कार्य की अनुमति दी गयी? कि‍स दर पर बोली लगी और कितने खनिज की मात्रा का दोहन हुआ? किस समूह और फर्म को नीलामी के बाद कार्य करने की अनुमति मिली है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जिला झाबुआ और अलीराजपुर में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (केन्द्र सरकार) एवं मिनरल्स एक्सप्लोरेशन कंसल्टेंसी लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) द्वारा वर्ष 2020 से 2024 तक                        भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण/अन्वेषण कार्य किया गया है। केन्द्र सरकार के उक्त विभाग एवं उपक्रम द्वारा प्रदत्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण/अन्वेषण कार्य की सम्पूर्ण जानकारी राज्य शासन के पास संधारित न होकर केन्‍द्र सरकार के विभाग तथा उनके उपक्रम के पास संधारित होती है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार नीलाम किये खनिज ब्लॉकों में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार वर्ष 2020 से 2024 तक ''झाबुआ और अलीराजपुर'' जिलों में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा नीलामी किये खनिज ब्लॉक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। वर्तमान में पूर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है, दोहन का कार्य नहीं किया जा रहा है।

संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाना

[गृह]

25. ( *क्र. 625 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) ग्वालियर जिले के चार चतुर एसोसिएट्स के संचालकों एवं अन्य के विरुद्ध प्लाट बेचने के नाम पर कितनी राशि की धोखाधड़ी की गई? पड़ाव थाना एवं अन्य थानों में इनके विरुद्ध कितने प्रकरण कब से दर्ज हैं, पुलिस द्वारा इनकी गिरफ्तारी के क्या-क्या प्रयास किये गये? इन फरार अपराधियों पर अंतिम बार कब इनाम घोषित किया गया? गिरफ्तारी के लिए किसी टीम का गठन किया गया तो उस टीम ने क्या-क्या वास्तविक प्रयास किये? (ख) एक आरोपी गिरफ्तार हुआ, उसके पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस ने कंपनी के खाते एवं उन खातों में आई रकम को किन-किन खातों में ट्रांसफर किया गया? जिस जमीन का एग्रीमेंट दिखाकर प्लाटिंग के नाम पर लोगों के साथ 100 करोड़ से ऊपर की धोखाधड़ी की गई, उस जमीन को क्या पुलिस विभाग द्वारा उसके क्रय विक्रय पर रोक की कोई कार्रवाई की गई? (ग) फरार आरोपियों की संपत्ति एवं बैंक खातों पर                 क्या-क्या कार्रवाई की गई? 0371/2022 थाना पड़ाव जिला ग्वालियर के प्रकरण में पूर्व में तीन बार सदन के माध्यम से सरकार और पुलिस विभाग को जगाने का कार्य किया गया, लेकिन अफसोस है कि‍ पुलिस विभाग ने उपरोक्त प्रकरण में विवेचक उपनिरीक्षक मुकेश शर्मा को आवेदक के आवेदन के बिंदुओं पर जांच न कराकर जिले में ही पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से जांच कर समय-समय पर क्लीन चिट दे दी, जबकि विवेचना और केस डायरी के आधार पर स्पष्ट है, विवेचक ने आरोपियों की मदद की, जिससे उनमें से एक आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई। उपरोक्त विवेचक उप निरीक्षक के इस कृत्य की जांच पुलिस मुख्यालय के किसी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के माध्यम से करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

 

 

 

 







भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


फर्जी परिवहन के चिन्हित आरोपी पर एफ.आई.आर. न होना

[गृह]

1. ( क्र. 2 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के जयतमाल बाबा स्व-सहायता समूह कारीगोही उपार्जन केन्द्र में आर्थिक अनियमिततायें पाई जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई, जिसमें उपार्जन केन्द्र से फर्जी परिवहन दर्शाने वाले ट्रक विशाल रोड लाईन्स के थे? अगर नहीं तो क्या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 72                  (क्र. 1635) जिसका उत्तर 05 जुलाई 2024 की प्रश्‍नोत्तरी सूची के पृष्ठ क्र. 142 पर मुद्रित है में मान. खाद्य मंत्री महोदय ने लिखित में स्वीकार किया है, वह सत्य है या असत्य? (ख) क्या उपरोक्त प्रकरण में सतना जिले में पुलिस के द्वारा धारा 406, 417, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है? अगर हाँ तो किस थाने में? एफ.आई.आर. की प्रति दें।                   (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍न क. 72 (क्र. 1635) में खाद्य मंत्री महोदय ने स्वीकार किया है कि उक्त फर्जी परिवहन दर्शाने वाले ट्रक विशाल रोड लाईन्‍स के थे तो प्रश्‍न तिथि तक सतना जिले की पुलिस के द्वारा ट्रक मालिक/रोड लाईन्स के मालिक विशाल जायसवाल के विरूद्ध किस के दबाव में आकर एफ.आई.आर. प्रश्‍न तिथि तक दर्ज नहीं की है? एफ.आई.आर. दर्ज नहीं होने के कारण किस नाम/पदनाम के विरूद्ध शासन कार्यवाही कब तक करेगा? (घ) उक्त फर्जी परिवहन का भुगतान विशाल रोड लाईन्‍स को प्राप्त हुआ? क्या उक्त फर्जी परिवहन विशाल रोड लाईन्‍स ने किया की जाँच पुलिस ने की या नहीं? अगर नहीं तो क्यों? कब तक एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से  (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

आरोपियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. नहीं की जाना

[वाणिज्यिक कर]

2. ( क्र. 3 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में आबकारी विभाग में कूटरचित दस्तावेजों से हुये 42 करोड़ रूपयों से ज्यादा के घोटाले में प्रकरण की प्रश्‍नतिथि तक अद्यतन स्थिति क्या है? उक्त घोटाला किस वर्ष में शासन के समक्ष आया? प्रश्‍नतिथि तक राज्य शासन ने किस नाम/पदनाम के विरूद्ध किस-किस प्रकार की जाँच करवाकर क्या-क्या निष्कर्ष पाया? सभी जांच रिपोर्टों, निष्कर्षों एवं शासन द्वारा घोटाले की जानकारी से लेकर प्रश्‍नतिथि तक जो भी आदेश जारी किये हो उनकी एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या राज्य शासन प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आबकारी अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है जिन्होंने शासन की धनराशि का खुलेआम गबन होने दिया? अगर नहीं तो शासन ने क्यों उक्त जाँचें बैठाई एवं अधिकारियों को निलंबित भी किया? इस प्रकरण में जिन-जिन को निलंबित किया उनके निलंबन आदेशों की एक एक प्रति दें? (ग) आबकारी विभाग म.प्र. के सहायक आबकारी अधिकारी के पद एवं उससे ऊपर के पद के उन अधिकारियों के नाम/पदनाम/वर्तमान पदस्थापना दें, जिनके विरूद्ध पुलिस में आपराधिक प्रकरण (धाराओं सहित दें) लोकायुक्त एवं ई.ओ. डब्लू में प्रकरण पंजीबद्ध हैं और ये अधिकारियों को शासन ने सस्पेंड न कर फील्ड में पोस्टिंग देकर उपकृत कर रखा है? प्रकरणों की सूची अधिकारीवार उपलब्ध करायें एक प्रति दें? क्या शासन दोषी अधिकारियों को फील्ड से हटायेगी? हाँ या ना?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 के माह अगस्त-2017 में बैंक चालान कूटरचना प्रकरण प्रकाश में आने पर प्रकरण से संबंधित 14 अनुज्ञप्तिधारियों व अन्य के विरुद्ध पुलिस थाना रावजी बाजार इंदौर में प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0172/2017 दर्ज करायी गयी थी। वर्तमान में उक्त प्रकरण माननीय अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ, जिला सत्र न्यायालय, इंदौर के समक्ष सत्र प्रकरण क्रमांक 88/18 से क्रमांकित होकर न्यायार्थ विचाराधीन है। साथ ही प्रकरण में लापरवाही करने/पदीय दायित्वों का निवर्हन नहीं करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों श्री संजीव कुमार दुबे (तत्‍कालीन सहायक आयुक्त आबकारी, जिला इंदौर) एवं अन्य 7 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 से संयुक्‍त विभागीय जांच संस्थित है। शासन आदेश दिनांक 02 जुलाई 2024 द्वारा उक्त विभागीय जांच प्रकरण में जांचकर्ता अधिकारी परिवर्तित किया जाकर, श्रीमती रजनी सिंह, अपर आयुक्त, वाणिज्यिक कर अधिकारी (भा.प्र.से.) को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। वर्तमान में उपरोक्त विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक से छ: अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा अधिकारियों को बचाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। प्रकरण में लापरवाही करने/पदीय दायित्वों का निवर्हन नहीं करने के संबंध में प्रश्‍नांश (क) में वर्णित 06 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को म.प्र. शासन, वाणिज्यिक कर विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक 2485/3114/2017/2/पांच दिनांक 06 सितम्बर 2017 द्वारा निलंबित किया गया, जिसकी छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-सात  अनुसार है। (ग) आबकारी विभाग म.प्र. में सहायक आबकारी अधिकारी का कोई पद स्‍वीकृत नहीं है, विभाग अंतर्गत सहायक जिला आबकारी अधिकारी के पद एवं उसके ऊपर के वर्तमान में सेवारत जिन अधिकारियों के विरूद्ध पुलिस/लोकायुक्‍त/ई.ओ.डब्‍ल्‍यू संबंधी प्रकरण पंजीबद्ध है, उनके संबंध में जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-आठ अनुसार है। शासकीय सेवकों के रिक्‍त हुये पदों पर राजस्‍व हित में प्रशासकीय आधार पर पदस्‍थापना की जाती है।

मंदसौर जिले में शासकीय आवास का आवंटन

[गृह]

3. ( क्र. 13 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर शहर मैं आवंटन अधिकारी कलेक्टर कार्यालय मंदसौर अधीन कितने शासकीय आवास, किस कॉलोनी में, किस-किस टाइप के,  मूलतः किस विभाग के स्थित है मकान नंबर सहित सूची देवें। (ख) आवास आवंटन से संबंधित पंजी/रजिस्टर संधारित किया गया है संधारित पंजी/रजिस्टर की प्रमाणित प्रति देवें और पिछले 25 वर्षों में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों ने शासकीय आवास हेतु आवेदन दिया है उनकी प्रतिया देवें तथा आवास आवंटन की प्रतीक्षा सूची भी आवेदित दिनांक से देवें।                 (ग) शासकीय आवास आवंटित करने के शासन की क्या नियमावली है उसकी प्रति देवें क्या आवास आवंटित करने हेतु जिला कलेक्टर मंदसौर द्वारा कोई समिति गठित की गई है यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें जिला स्तर पर शासकीय आवास आवंटन कि क़्या नियमावली है उसकी भी प्रति देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित शासकीय आवास, किस-किस श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों को, किस टाइप का, कब से आवंटित किया गया हैं उसकी सूची विभागवार, उन्हें आवंटित आवास के आदेश की छायाप्रतियाँ सहित उपलब्ध करायें। (ड.) क्या आउटसोर्स/संविदा कर्मचारीयों को आवास आवंटित किये गए है आवंटित आवास की जांच हेतु कोई दल गठित किया गया है यदि हाँ, तो विवरण देवें और आवंटित आवास में संबंधित कर्मचारी ही निवास कर रहा है इसका निरीक्षण         कब-कब,किस-किस स्तर के कर्मचारियों द्वारा कब-कब किया गया है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मंदसौर शहर में आवंटन अधिकारी कलेक्टर कार्यालय के अधीन शासकीय आवास की कॉलोनी सहित सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार।              (ख) आवास आवंटन रजिस्टर की छायाप्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। विगत 25 वर्षों में प्राप्त आवेदनों की जानकारी वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय की संबंधित शाखा में संधारित नहीं की जाती है। आवास की प्रतीक्षा सूची के आवेदन  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार।             (ग) शासकीय आवास आवंटन नियमावली  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। आवास आवंटन हेतु कोई समिति गठित नहीं की गई। शासकीय आवास आवंटन आवेदन का परीक्षण/पात्रता, आवास रिक्त होने की स्थिति में कलेक्टर मंदसौर द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।            (घ) आवास आवंटन संबंधी सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। (ड.) हाँ, आऊटसोर्स/संविदा कर्मचारी श्री वैभव बैरागी प्रबंधक लोक सेवा मंदसौर व श्री आनंद राठौर सहायक लोक सेवा प्रबंधक कार्यालय मंदसौर को आवंटित किये गये है। आवास की जांच हेतु कोई दल गठित नहीं किया गया है। जिस अधिकारी कर्मचारी को आवास आवंटित है, उसके स्थानांतरण/सेवानिवृत्ति पर आवास रिक्त कराने की कार्यवाही की जाती है।

लाड़ली बहना योजना हेतु अनुपूरक बजट का प्रावधान

[महिला एवं बाल विकास]

4. ( क्र. 15 ) श्री महेश परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वंचित लाड़ली बहिनों को लाभांवित करने हेतु नए पंजीयन कब शुरू किए जावेंगे? (ख) बहिनों की 1250 रुपए की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपए की राशि हेतु बजट कब बढ़ाया जावेगा? (ग) लाड़ली बहिनों को इस अनुपूरक बजट में नई बहिनों को जोड़ने एवं 3000 रुपए राशि प्रदान करने की क्या योजना हैं? (घ) क्या लाड़ली बहना योजना में ज्यादा से ज्यादा लाभ बहिनों को देने के लिए सरकार उम्र का दायरा 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष करने का प्रावधान लागू करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या लाड़ली बहना योजना में ज्यादा से ज्यादा लाभ बहिनों को देने के लिए सरकार उम्र का दायरा 60 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का प्रावधान लागू करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) से (ग) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) योजना अंतर्गत आयु सीमा घटाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है, अत: शेष का प्रश्‍न नहीं। (ड.) वर्तमान में आयु सीमा बढ़ाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है, अत: शेष का प्रश्‍न नहीं।

प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण

[गृह]

5. ( क्र. 17 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 01 वर्ष में प्रदेश के रीवा, इंदौर एवं उज्जैन जिले में कितने गंभीर एवं संगिन अपराध घटित हुए? घटित अपराधों की किन-किन धाराओं में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? तीनों जिले के प्रत्येक अनुविभाग के प्रत्येक थाने एवं चौकी में पंजीबद्ध अपराधों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) विगत 1 वर्ष में उज्जैन, इंदौर एवं रीवा जिले में महिलाओं बच्चियों से हुए दुष्कर्म एवं महिला संबंधी कितने गंभीर अपराध घटित हुए है? (ग) लूट, मर्डर, डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम, पास्को एक्ट आदि के अंतर्गत उपरोक्त अवधि‍ में कुल कितने प्रकरण किन-किन धाराओं में दर्ज हुए? दिनांक अपराध धारा सहित रिकॉर्ड देवें। (घ) विगत 1 वर्ष में उज्जैन, इंदौर एवं रीवा जिले में अवैध वसूली, जमीनों पर अवैध कब्जे के मामलों में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? दिनांक धारा सहित रिकॉर्ड देवें। (ड.) यह प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री जी के द्वारा मध्यप्रदेश में बढ़ते ड्रग्स तस्करी को लेकर सार्वजनिक रूप से चिंता जाहीर की थी? यदि हाँ, तो म.प्र. सरकार ने ड्रग्स तस्करी की रोकथाम के लिए क्या-क्या कदम उठायें है? (च) म.प्र. सरकार ने गंभीर अपराधों से पीड़‍ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए क्या-क्या कदम उठायें है? वर्तमान में गंभीर अपराधों के बढ़ते ग्राफ को रोकने के लिए एवं सायबर अरेस्ट के माध्यम से लूटी गई राशि, अपराधियों से वसूल कर पीड़‍ित परिवारों को कितनी राशि दिलाई जा चुकी है? रिकार्ड प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।

शराब ठेकों से प्राप्त राजस्‍व एवं अवैध शराब बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

6. ( क्र. 51 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार कुल कितनी शराब की दुकानें संचालित है। इससे शासन को कितना राजस्व प्राप्त होता है। ठेकेदार के नाम सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में बिक रही अवैध शराब को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और अवैध शराब बिक्री से शासन को सालाना कितने राजस्व की हानि होती है? (ग) आबकारी विभाग हरदा द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब बिक्री के कुल कितने प्रकरण बनाये गए है और दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) हरदा जिले में शासन के निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार 05 एकल समूहों में सम्मिलित कर कुल 18 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें संचालित है। इनका निष्‍पादन वर्ष 2024-25 में रूपये 101,56,20,964/- का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। जिले के 05 कम्‍पोजिट मदिरा के समूहों में सम्मिलित कर कुल 18 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के ठेकेदारों के नाम निम्‍नानुसार है:-

क्र.

नाम ठेकेदार

समूह स्‍थान

1

श्री पाटेन्‍द्र जायसवाल

हरदा/सी-1 टिमरनी समूह

2

श्री संजय जायसवाल

हरदा/एफ-1 हरदा शहर क्र.-1

3

श्री विवेक पटेल

हरदा/एफ-2 हरदा शहर क्र.-2

4

श्री राहुल जायसवाल

हरदा/सी-2 सिराली समूह

5

बाबुजी लिकर

हरदा/एफ-3 खिरकिया समूह

 

(ख) हरदा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में बिक रही अवैध मदिरा को रोकने के लिए विभाग द्वारा सतत् निगरानी रखी जाकर, मुखबिर से प्राप्‍त सूचना के आधार एवं स्‍वत: संज्ञान से विभाग के कार्यपालिक बल द्वारा अवैध मदिरा विनिर्माण, परिवहन, संग्रहण तथा विक्रय के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के सुसंगत धाराओं के अन्‍तर्गत प्रतिबन्‍धात्‍मक कार्यवाही की गई है। दिनांक 01 अप्रैल 2024 से दिनांक 15.11.2024 तक की अवधि में देशी, विदेशी मदिरा एवं हाथ भट्टी मदिरा के कुल 2005.62 लीटर अवैध मदिरा जप्‍त की गई है। उपरोक्‍त अवधि में जप्‍तशुदा देशी/विदेशी मदिरा के किसी भी प्रकार की नॉन ड्यूटी पेड अथवा प्रदेश में विक्रय से प्रतिबंधित श्रेणी की कोई मदिरा जप्‍त नहीं होने से उपरोक्‍त अवैध मदिरा की बिक्री के कारण राजस्‍व की हानि संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) आबकारी विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2024-25 के प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध मदिरा संबंधी कुल 715 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर संबंधित मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम,1915 के सुसंगत प्रावधानों के अन्‍तर्गत सक्षम माननीय न्‍यायालय में अभियोजित किये जाने पर माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपियों को प्रत्‍येक प्रकरण में पृथक-पृथक जुर्माना/अर्थदण्‍ड से दंडित किया गया है। उक्‍त प्रकरणों पर आरोपित राशि रूपये 3,59,000/- है। जिसका विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। जिला हरदा में अवैध शराब व्‍यापार के विरूद्ध विगत पांच वर्षो में अर्थात 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक विभाग द्वारा की गई प्रतिबन्‍धात्‍मक कार्यवाही विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।

विभागों को भूमि का आवंटन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

7. ( क्र. 66 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की तहसील बैतूल के ग्राम कढाई की भूमि को फर्नीचर/उड़न कलस्टर हेतु आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस धारा के तहत किस-किस खसरे की कितनी भूमि किस-किस विभाग को आंवटित की गई है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) धारा 273 में दिये गये प्रावधान अनुसार किसे कितनी भूमि आवंटित की गई? (ग) उक्त भूमि आवंटन में ग्राम सभा की सहमति एवं आदिवासी ग्रामीणों की भी सहमति ली गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। प्रकरण क्रमांक 0008/अ-20 (3)/2022-23 में कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बैतूल के आदेश दिनांक 07.07.2022 द्वारा ग्राम कढाई की भूमि अद्यतन खसरा नम्बर 187/1/2 रकबा 5.325 हेक्टेयर एवं खसरा नम्बर 187/1/3 रकबा 14.675 हेक्टेयर कुल रकबा 20 हेक्टेयर भूमि औ‌द्योगिक क्लस्टर विकास हेतु मध्य प्रदेश शासन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग को हस्तांतरित की गई है। कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल अनुसार ‍ग्राम कढाई की भूमि किस-किस विभाग को हस्तांतरित की गई है एवं आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल अनुसार मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959, संशोधित 2018 में धारा 273 का कोई उल्लेख नहीं होने के कारण प्रश्‍नांश से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल अनुसार मध्यप्रदेश नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 के त‍हत मध्यप्रदेश शासन के विभागों को भूमि का हस्तांतरण किया गया है। इन प्रकरणों में स्थानीय निकायों के अभिमत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है।

जिला जेल हेतु भूमि का आवंटन

[जेल]

8. ( क्र. 67 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) बैतूल जिले की तहसील बैतूल के ग्राम कढाई की भूमि को जिला जेल हेतु आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस धारा के तहत किस-किस खसरे की कितनी भूमि किस-किस विभाग को आंवटित की गई है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) धारा 273 में दिये गये प्रावधान अनुसार किसे कितनी भूमि आवंटित की गई? (ग) उक्त भूमि आवंटन में ग्राम सभा की सहमति एवं आदिवासी ग्रामीणों की भी सहमति ली गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959, संशोधित 2018 में धारा 273 का कोई उल्‍लेख नहीं होने के कारण प्रश्‍नांश से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) उक्‍त भूमि म.प्र. नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 के प्रावधानों के तहत हस्‍तांतरित की गयी है। भूमि हस्‍तांतरण के संबंध में स्‍थानीय निकायों के द्वारा प्रदाय अनापत्ति विषयक दस्‍तावेज/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

पर्याप्‍त पुलिस बल की पूर्ति

[गृह]

9. ( क्र. 73 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) गरोठ पुलिस थाना मंदसौर से 115 किलोमीटर दूर संवेदनशील क्षेत्र में आता है। यहां आबादी के मान से कितना बल स्वीकृत है तथा किस-किस पद पर? (ख) उक्त क्षेत्र राजस्थान सीमा से लगा है, वह अपराधों में अधिकता है, जबकि यहां पुलिस बल की कमी हैं, पुलिस वाहन व संसाधनों की कमी है, पुलिस आवासों की कमी है? क्या शासन उक्त सुविधा मुहैया कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) राजस्थान सीमा से लगे क्षेत्र भैसोदा एवं बोलियां में अपराध नियंत्रण हेतु गरोठ थाना पर्याप्त नहीं होने के कारण वहां पुलिस चौकी आवश्यक है। सरकार इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए क्या कदम उठा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। यहां उक्त आबादी पर 59 बल स्वीकृत है जिसमें निरीक्षक-01, उप निरीक्षक-04, सहायक उप निरीक्षक-08, प्रधान आरक्षक-10, आरक्षक-36 एवं आरक्षक चालक-01 है। (ख) जी हाँ। गरोठ मुख्यालय पर पर्याप्त बल एवं संसाधन उपलब्ध है। पुलिस आवास हेतु मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कराया जा रहा है। समय-सीमा बताई जाना संभव नही। (ग) थाना भानपुरा अंतर्गत भैसोदामण्डी में पुलिस चौकी स्वीकृत है एवं थाना गरोठ में पुलिस सहायता केन्द्र चलाया जा रहा है। चौकी एवं सहायता केन्द्र में पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध है तथा अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है।

अवैध गतिविधियों के संचालन पर प्रतिबंध

[गृह]

10. ( क्र. 105 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार अवैध गतिविधियां जैसे-कोयला चोरी, अवैध रेत उत्खनन कार्य, जुआं-फड़, अवैध शराब का विक्रय, गांजे व अन्य नशीलें पदार्थों का विक्रय आदि गतिविधियां संचालित है, इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों से निरंतर पत्राचार कर, मौखिक रूप से तथा दूरभाष पर भी अवगत कराया जा चुका है, परन्तु फिर भी शासन प्रशासन द्वारा अवैध गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है, परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की अवैध गतिविधियों के संचालन पर तत्काल रोक लगाये जाने एवं अवैध गतिविधियों को संचालित करने वाले व्यक्तियों पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु म.प्र.शासन द्वारा त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश जारी करेंगे? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की अवैध गतिविधियों के संचालन पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा व अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) परासिया को कार्यालयीन पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/689 दिनांक 13.11.2024 एवं श्रीमान जिलाध्यक्ष (कलेक्टर) छिंदवाड़ा को कार्यालयीन पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/690 दिनांक 13.11.2024 को प्रेषित किए गये थे, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और नहीं की गई तो इसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही करते हुए, अवैध गतिविधियों के संचालन पर रोक लगाई जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की गतिविधि‍यों जैसे कोयला चोरी, अवैध रेत उत्खनन कार्य, जुआं-फड़, अवैध शराब का विक्रय, गांजा एवं अन्य नशीले पदार्थों का विक्रय आदि की सूचना प्राप्त होने पर पुलिस द्वारा तत्काल प्रभावी वैधानिक कार्यवाही की जाती है. जिसके कारण उक्त प्रकार के अपराध नियंत्रण में है। उक्तानुसार मध्यप्रदेश शासन द्वारा पृथक से त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है।                    (ख) माननीय विधायक द्वारा प्रेषित पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/689 दिनांक 13.11.2024 प्राप्त होने के बाद जिले में समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को, पुलिस अधीक्षक छिन्दवाड़ा पत्र क्र/पुअ/छिद/रीडर/परवाना/74/24 दिनांक 19.11.2024 के माध्यम से जुओं, सट्टा, अवैध शराब एवं अवैध मादक पदार्थ में प्रभावी नियंत्रण कार्यवाही हेतु सतत् कार्यवाही किये जाने के संबंध में पत्र जारी किया गया है। पुलिस नियंत्रण कक्ष छिंदवाड़ा के माध्यम से भी समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को भी उपरोक्तानुसार अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। कलेक्टर छिन्दवाड़ा को कार्यालयीन पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2024/690 दिनांक 13.11.2024 प्राप्त होने पर जिला खनिज अधिकारी छिन्दवाड़ा के पत्र कमांक 1641/खनिज/2024 दिनांक 21.11.2024 के द्वारा खनिज निरीक्षक अनुभाग परासिया को अवैध गतिविधियों अतिशीघ्र बन्द कराए जाने हेतु निर्देशित किया है। जिसके अनुसार दिनांक 24.11.2024 एवं दिनांक 25.11.2024 को खनिज, राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये तहसील परासिया के पटवारी हल्का नं. 26 अंतर्गत ग्राम मण्डला के हरनभाटा (मण्डला) ओ.सी.एम (बंद) के समीप ख.क. 378 पर खनिज कोयले से भरी 126 नग बोरिया (खनिज कोयला का वनज 2580 किलोग्राम) अवैध रूप से भण्डारित पाई जाने पर आगामी आदेश पर्यन्त थाना प्रभारी शिवपुरी की अभिरक्षा में प्रदाय किया जाकर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रश्‍नाधीन अवधि में खनिज रेत के अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।

रेत के अवैध उत्खनन बन्द कराया जाना

[खनिज साधन]

11. ( क्र. 106 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा विभिन्न रेत खदानों का ठेका दिया गया है, किन्तु खनिज विभाग द्वारा इन रेत खदानों का सीमांकन नहीं किया गया है और ठेकेदारों द्वारा रेत खदानों नदियों से रेत का उत्खनन कार्य प्रारंभ भी किया जा चुका है, सीमांकन नहीं होने के कारण सीमा से बाहर अन्यत्र अवैध जगहों से रेत का उत्खनन कर बिना रायल्टी रेत का परिवहन कार्य ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है? जिसके कारण शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है? क्या रेत के अवैध उत्खनन कार्य को तत्काल बन्द कराया जायेगा? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला खनिज अधिकारी छिंदवाड़ा को कार्यालयीन अनुस्मरण पत्र 01 पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/204 दिनांक 27.02.2024 एवं पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/280 दिनांक 21.05.2024 तथा रेत खदानों का सीमांकन किए जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/626 दिनांक 09.10.2024 प्रेषित किए गये थे, परन्तु न तो अभी तक रेत के अवैध प्रतिबंध लगाया गया है और न ही रेत खदानों का सीमांकन किया गया है, कब तक कार्यवाही करते हुए, रेत के अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध एवं रेत खदानों नदियों का सीमांकन करा दिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में पूर्व से चिन्हित सीमांकित ठेके में दी गई विभिन्न रेत खदानों में विधिमान्य ठेकेदार द्वारा रेत उत्खनन/उत्पादन किया गया है और विधिमान्य ठेकेदार द्वारा रेत खदानों नदियों से खदान क्षेत्र से बाहर अन्यत्र अवैध जगहों से रेत का परिवहन करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। जिले के रेत खदान समूह के विधिमान्य ठेकेदार मेसर्स ग्रेवेलिया इंटरप्राईजेज प्रा. लिमि. द्वारा उच्चतम ऑफर राशि रूपये 73,18,24,999/- में राज्य खनिज निगम द्वारा माईन डेवलपर कम ऑपरेटर (एम.डी.ओ.) नियुक्त किया गया है। जिसके फलस्वरूप शासन को राजस्व का नुकसान नहीं हो रहा है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार माननीय विधायक द्वारा उल्लेखित पत्रों में लेख अनुसार परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पूर्व से चिन्हित सीमांकित ठेकेदार को आवंटित विभिन्न रेत खदानों एवं नदियों का निरीक्षण कर मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के अधीन विभिन्न उल्‍लंघनकर्ताओं के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में क्रमशः 14 एवं 7 प्रकरण पंजीबद्ध कर क्रमशः राशि रूपये 9,29,650/- एवं 1,58,125/- शासनाहित में जमा कराई जाकर रेत के अवैध उत्खनन पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।

पुलिस थानों का उन्‍नयन

[गृह]

12. ( क्र. 121 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस चौकियों को उन्नयन कर थाना बनाने के क्या मापदण्ड हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद की राष्ट्रीय महामार्ग की पुलिस चौकी खलटाका के उन्नयन में परीक्षण के दौरान किन मापदण्डों के अनुरूप उपयुक्त नहीं पाई गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत थाना कसरावद, बलकवाड़ा और चौकी खामखेड़ा, खलटाका और अहीरखेड़ा में स्वीकृत पदों के अनुसार सभी पदों पर कर्मचारियों की तैनाती है? अगर नहीं तो कब तक तैनाती की जावेगी? (घ) प्रदेश और खरगोन जिले में साईबर अपराधों में बढोतरी हुई है? अगर हाँ तो प्रदेश में और खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में व्यापारी, किसानों और आमजनों के साथ कितने अपराध घटित हुए हैं? थानावार विवरण देवें।          (ड.) प्रश्‍नांश अनुसार इन अपराधों को रोकने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ  अनुसार है।           (ख) पुलिस चौकी खलटाका के थाने में उन्नयन का प्रस्ताव 5 वर्षों में घटित बी.एन.एस. अपराधों के निर्धारित मापदण्ड को पूर्ण नहीं करने से उपयुक्त नहीं पाई गई। (ग) जी नहीं। कुछ पद रिक्त हैं, पदों का रिक्त होना एवं भरना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।              (घ) एवं (ड.) जी नहीं, खरगोन जिले में वर्ष 2022 में 03, वर्ष 2023 में 09 एवं वर्ष 2024 में 06 तथा प्रदेश में वर्ष 2022 में 958, वर्ष 2023 में 848 एवं वर्ष 2024 में 890 अपराध घटित हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं   अनुसार। सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं प्रदेश के समस्त जिलों द्वारा सायबर अपराधों के संबंध में जागरूकता अभियान संचालित किए गए। पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को सायबर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। ग्रामीण स्तर तक सोशल मीडिया, समाचार पत्रों द्वारा तथा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश आकाशवाणी एवं एफएम स्टेशनों पर सायबर सुरक्षा संबंधी जिंगल्स का प्रसारण किया जाकर प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। पुलिस आधुनिकीकरण योजना अंतर्गत सायबर अपराधों के अनुसंधान में सहयोग हेतु रेंज स्तर पर 13 सायबर फॉरेंसिक यूनिट की स्थापना की गई है।

नहरों द्वारा अंतिम छोर तक जलापूर्ति

[नर्मदा घाटी विकास]

13. ( क्र. 122 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा फरवरी 2024 सत्र के दौरान प्रश्‍न क्रमाक 643 से पूछे गये प्रश्‍न के संबंध में विभाग द्वारा सदन को माईनर और सब माईनर नहरों के माध्यम से अंतिम छोर के किसानों को पर्याप्त पानी मिलने की जानकारी दी गई है। परन्तु प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत इंदिरा सागर परियोजना की रतनपुर टेल माईनर सतवाड़ी, माईनर 2 के खरगोन सनावद रोड़ मछलगांव, रतनपुर माईनर 3, अदलपुरा के साथ ही ओंकारेश्वर परियोजना की माईनर नहर डीएम 22 भग्यापुर और डीएम 23 पीपलगोन के किसानों द्वारा सिंचाई का पानी नहीं मिलने की शिकायतें की जा रही है। (ख) क्या सरकार ओंकारेश्वर परियोजना और इंदिरा सागर परियोजना की माईनर नहरों से अंतिम छोर के किसानों को सिंचाई का पानी मिले इस हेतु कोई दल गठित कर जॉच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शिकायतों का निराकरण करते हुए पानी दिया जा रहा है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी भर्ती में हुई अनियमितता की जाँच

[महिला एवं बाल विकास]

14. ( क्र. 132 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता ने दिनांक 7 अक्टूबर 2024 को अपने पत्र क्रमांक 317 के माध्यम से नीमच के जमुनियाखुर्द केंद्र पर हुई आंगनवाड़ी भर्ती अनियमितता को लेकर जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया था? यदि हां, तो इस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) विधायकों के पत्रों के उत्तर देने की सामान्य प्रशासन की ओर से क्या समय-सीमा तय है? प्रश्‍नांश (क) संदर्भित पत्र का समय-सीमा में जवाब न देने के क्या कारण रहे? क्या कलेक्टर द्वारा संबंधित अधिकारी के खिलाफ इस संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित या अन्य किस-किस प्रकार की शिकायतें 1 जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक नीमच जिले में कुल कितनी शिकायतें, किस-किस विषयक को लेकर महिला बाल विकास अधिकारी एवं कलेक्टर को प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता का नाम, पत्र की प्रतिलिपि, की गई कार्यवाही की प्रतिलिपि सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत नीमच द्वारा शिकायत की जांच की जा रही है। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत नीमच द्वारा शिकायत की जांच किये जाने संबंधी स्थिति से माननीय विधायक महोदय को कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी नीमच द्वारा पत्र क्र.7418, दिनांक 29.11.2024 द्वारा अवगत कराया गया है। जांच की कार्यवाही पूर्ण होने पर नियमानुसार कृत कार्यवाही से भी अवगत कराया जावेगा। अतः शेष जानकारी का प्रश्‍न नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट पर है।

खनिज राजस्व में अनियमितता

[खनिज साधन]

15. ( क्र. 136 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) वर्तमान में नीमच जिले में रेत, गिट्टी, मुर्रम आदि खनन की कितनी राशि किन कारणों से किन ठेकेदारों एवं खनिज फर्म से वसूली जानी शेष है, इसकी सूची देते हुए वसूली के लिए जारी आदेशों, आरआरसी आदि आदेशों की प्रतियां दें, क्या अधिकारियों की अनियमितता के चलते खदान मालिक एवं ठेकेदार लाखों रुपये का राजस्व नहीं जमा कर रहे हैं? यदि हां, तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई? (ख) प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रश्‍न क्र.247 दिनांक                   2 जुलाई 2024 को पूछे गए प्रश्‍न के उत्तर में बताया गया है कि ठेकेदार/कंपनी से 15 लाख रुपये की राशि वसूल की जानी शेष है यदि हां, तो क्या पूर्ण राशि वसूल कर ली गई है? यदि नहीं, तो वसूली न करने के क्या कारण हैं? इस संबंध में क्या कार्रवाई विभाग द्वारा की गई? (ग) अवैधानिक रूप से खनन करने वालों पर दर्ज प्रकरणों की सूची दें जिसमें आरोपियों के नाम, प्रकरण क्रमांक और दिनांक अंकित हो। (घ) नीमच जिले में विभाग द्वारा कितनी खदानें किस-किस के नाम से रजिस्टर्ड हैं? इनमें ऐसी कितनी खदानें हैं जो तालाब, स्कूल, सड़क एवं पर्यावरण नियमावली के विरुद्ध संचालित हैं? इनकी कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं? सभी खदानों की पर्यावरण एनओसी की प्रतियां उपलब्ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ व ब  पर दर्शित है। संचालित खदानों में से 02 खदानों के अनिवार्य भाटक की राशि रूपये 8,00,000/- व अवैध खनन की राशि रूपये 4,54,57,000/- की राशि वसूल की जाना शेष है, जिसके लिये मांग पत्र/आर.आर.सी. जारी की गई है। यह सही नहीं है कि, अधिकारियों की अनियमितता के चलते खदान मालिकों एवं ठेकेदार लाखों रूपये का राजस्व नहीं जमा कर रहे है, वर्ष 2024 की छः माही तक 02 खदानों को छोड़कर समस्त खदानों का अनिवार्य भाटक जमा कराया गया है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍न  क्र. 247 दिनांक 02 जुलाई 2024 के प्रश्‍न अनुसार ठेकेदार/कंपनी से 15 लाख रूपये की रशि वसूली हेतु जिला कार्यालय नीमच के पत्र क्रमांक 1202 दिनांक 30.07.2024 से मांग पत्र जारी किया गया तथा पत्र क्रमांक 1693, 1694 दिनांक 28.11.2024 से कलेक्टर जिला गुडगांव, (हरियाणा) एवं कलेक्टर जिला बीकानेर (राजस्थान) को आरआरसी जारी की है, जिसकी प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द  पर दर्शित है। जी नहीं तालाब, स्कूल, सड़क नियमानुसार प्रतिबंधित दूरी पर स्थित खदानें ही संचालित है व जिसमें पर्यावरण अनुमति भी प्राप्त है। विभाग को 02 शिकायत प्राप्त हुई है, जिसका विवरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ई  पर दर्शित है। खदानों की पर्यावरण एन.ओ.सी की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-एफ  पर दर्शित है।

ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योगों को जारी दिशा निर्देशों का पलान

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

16. ( क्र. 138 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) तहसील नागदा में संचालित उद्योग ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योग में विगत 5 वर्षों में CRS Fund से किन संस्थाओं, व्यक्तियों को कितना फण्ड दिया गया है? जिसकी वर्षवार सूची उपलब्ध कराई जावे? उद्योगों को CSR Fund वितरण करने के क्या प्रावधान है? नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध कराते हुए सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या CSR Fund नियमानुसार वितरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? विगत 05 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ग) तहसील नागदा में संचालित उद्योग ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योग में प्रतिवर्ष कितना केमिकल उपयोग होता है? शासन द्वारा इन उद्योगों को कितना केमिकल उपयोग करने की परमि‍शन दे रखी है एवं इन उद्योगों में कितने पद परमानेंट एवं ठेकेदारी मजदूरों के अर्जित है? इन उद्योगों में वर्तमान में परमानेंट एवं ठेकेदारी के कितने श्रमिक कार्यरत है तथा इनमें से कितने श्रमिक दक्ष श्रमिक है? उद्योगवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विगत 5 वर्षों में इन उद्योगों में कितनी श्रमिक दुर्घटना हुई है? इन्हें रोकने के लिये उद्योगों ने क्या कार्यवाही की है? सम्पूर्ण जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) तहसील नागदा में संचालित उद्योग ग्रेसिम, केमिकल्‍स एवं लैंक्‍सेस द्वारा प्रदाय की गई CSR Fund अंतर्गत विगत 5 वर्षों में किये गये व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 एवं 2 पर है। सी.एस.आर. का वितरण, कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 अनुसार किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त मध्‍यप्रदेश शासनादेश 13/10/2017 द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व के फेसिलिटेशन हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये है। जिसकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। (ख) ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्‍सेस उद्योग द्वारा प्रदाय की गई जानकारी अनुसार सीएसआर फण्‍ड का वितरण नियमानुसार किया गया है। विगत 05 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) केमिकल के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 एवं 2 में समाहित है। श्रम विभाग से प्राप्‍त जानकारी निम्‍नानुसार है :- (1) कारखाना ग्रेसिम इण्‍डस्‍ट्रीज लिमिटेड स्‍टेपल डिवीजन बिरला ग्राम नागदा में वर्तमान में 1325 स्‍थाई श्रमिक एवं लगभग 2376 ठेका श्रमिक कार्यरत है। (2) कारखाना ग्रेसिम इण्‍डस्‍ट्रीज लिमिटेड केमिकल बिरला ग्राम नागदा में वर्तमान में 180 स्‍थाई श्रमिक एवं लगभग 1050 ठेका श्रमिक कार्यरत है। (3) कारखाना लैंक्‍सेस इंडिया प्रा.लि. नागदा में 222 स्‍थाई श्रमिक व लगभग 675 ठेका श्रमिक कार्यरत है। श्रमिक उक्‍त कारखानों में कार्य हेतु दक्ष है। (घ) श्रम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार विगत 05 वर्षों में तहसील नागदा में संचालित उद्योगों में श्रमिकों के साथ घटित दुर्घटना एवं उन्‍हें रोकने के लिये उद्योगों द्वारा की गई कार्यवाही का  विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

संचालित गिट्टी खदानें एवं क्रशर की जानकारी

[खनिज साधन]

17. ( क्र. 140 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा, बड़नगर विधानसभा, तराना विधानसभा, महिदपुर विधानसभा में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कितनी गिट्टी खदानें/क्रशर संचालित हैं? विधानसभावार, स्थान, नाम, संचालक का नाम, रकबा, लीज अवधि सहित देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्वीकृति से संबंधित तहसीलदार द्वारा कलेक्टर (खनिज शाखा) को प्रेषित प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति प्रत्येक स्वीकृत गिट्टी खदान/क्रशर के संदर्भ में विधानसभावार उपलब्ध करावें? प्रत्येक प्रकरण में पटवारी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट भी इसी अनुसार संलग्न करें। (ग) प्रत्येक खदान द्वारा लीज अवधि में जो खनन किया गया उसकी जमा रायल्टी की जानकारी प्रतिवर्षानुसार, प्रति खदान/क्रशर अनुसार विधानसभावार देवें। (घ) जिन खदानों में स्वीकृति से अधिक खनन किया गया है उन पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? इसे संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन ने अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कब तक इन पर कार्यवाही होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (घ) स्वीकृत खदानों में खनन (मात्रा) से अधिक होने के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेष प्रश्‍न उपथित नहीं होता है।

बावड़ियों का जीर्णोद्धार

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

18. ( क्र. 149 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र विकास निर्वाचन योजना के अंतर्गत कराये जा सकने वाले अनुमत कार्यों में भू-जल रिचार्जिंग सुविधायें, जल संवर्धन, स्‍टॉप डैम, तालाब का निर्माण एवं नदियों, नहरों, तालाबों के गहरीकरण, गाद निकालने के कार्यों के प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या बावड़‍ियों के गहरीकरण, गाद निकालने, जीर्णोद्धार के कार्य किये जा सकते हैं? (ग) यदि हाँ, तो विधायक निधि से अनुशंसित बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य का प्रस्‍ताव अगस्‍त 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍यों लंबित है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ।                      (ख) नदियों/नहरों/तालाबों का गहरीकरण/गाद निकालना योजनान्तर्गत अनुमत श्रेणी में है। बावड़‍ियों के गहरीकरण एवं जीर्णोद्धार के कार्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में अनुमत श्रेणी में उल्लेखित नहीं है। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष-2013 की कंडिका 2.4 सूची  परिशिष्‍ट-1 में उक्त कार्य अनुमत श्रेणी में नहीं है।

खदान की लीज के अतिरिक्‍त भूमि पर कब्‍जा

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 167 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या धरमपुरी विधान सभा के ग्राम बगवानिया में हंशा पति पांचीलाल मेडा के नाम से शासकीय भूमि सर्वे नंबर 392 पर लीज लेकर और इसके अतिरिक्‍त शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर क्रशर प्लांट संचालि‍त किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो लीज प्रक्रिया में विभागों द्वारा प्रदान की गई एनओसी की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या क्रशर प्लांट से 100 मीटर की दूरी के अंदर तालाब, नहर या अन्य शासकीय संपत्ति नहीं होना चाहिए? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त क्रशर प्लांट से 100 मीटर की दूरी के अंदर नहर और तालाब दोनों स्थित होने के बाद भी क्रशर प्लांट संचालित किये जाने हेतु भूमि कैसे लीज पर दे दी गई है? (ड.) शासन के नियम विरुद्ध क्रशर प्लांट संचालित किये जाने के लिए लीज पर दी गई भूमि की लीज निरस्त की जाएगी? यदि हाँ, तो लीज कब तक निरस्त की जाएगी और यदि नहीं, तो किस कारण? कारण स्‍पष्‍ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) धरमपुरी विधानसभा के ग्राम बगवानिया तहसील धरमपुरी में श्रीमती हंसा पति पांचीलाल मेडा निवासी धामनोद को शासकीय भूमि सर्वे नंबर 392 पेकी रकबा 2.500 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज पत्थर/गिट्टी उत्खनिपट्टा कार्यालय के आदेश क्रमांक 1807-08/धार दिनांक 06.07.2019 के द्वारा अवधि दिनांक 11.07.2019 से 10.07.2029 तक के लिये स्वीकृत किया गया है तथा ग्राम बगवानिया तहसील धरमपुरी के खसरा क्रमांक 397 पैकी रकबा 1.000 हेक्टेयर पर शासन के परिपत्र क्रमांक 19-32/2003/12/1 भोपाल दिनांक 10/12/2003 में दिये गये प्रावधानों के अन्तर्गत (संबंधित ग्राम पंचायत के द्वारा ठहराव-प्रस्ताव दिये जाने से) कार्यालय के पत्र क्रमांक                     2137-38 धार दिनांक 09.09.2019 के तहत क्रशर प्लांट हेतु भूमि आवंटित की गई है। (ख) लीज स्वीकृति पूर्व विभागों से प्राप्त की गई एन.ओ.सी. की प्रमाणित छायाप्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में क्रशर प्लांट से दूरी से प्रतिबंधित संबंधित कोई प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शिकायतों पर कार्यवाही न होना

[गृह]

20. ( क्र. 180 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुष्‍पेन्‍द्र सिंह निवासी तालदरवाजा, टीकमगढ़ द्वारा एक शिकायत लोकायुक्‍त पुलिस सहित पुलिस महानिदेशक भोपाल एवं माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय भोपाल सभी संबंधित विंगों को गिरी ग्रुप टीकमगढ़ एवं चंद्रप्रकाश गिरी निवासी श्री नगर के विरूद्ध बेनामी संपत्ति एवं छल-कपट के संबंध में की थी? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित शिकायत की जांच एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ द्वारा की गई और शिकायत सही पाये जाने पर भी कार्यवाही न कर यह लेख कर दिया कि जांच आयकर विभाग से कराई जाना उचित होगा यदि नहीं, तो एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ के पत्र क्र. अनु.वि.अ.पु टीकमगढ़/शिकायत/पु.मु.-22/24 दिनांक 02.07.2024 का क्‍या आशय है? (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित पत्र के विरूद्ध जब पुष्पेन्द्र सिंह ने पुनः शिकायत की तो पत्र क्रं. अनु.वि.अ. पुलिस/टी/रीडर/1384/24 दिनांक 10.07.2024 प्रेषित कर सूचना दी थी कि जांच प्रतिवेदन शिकायत शाखा पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेजा गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित तथ्यों की कब तक जांच कर फर्जी कार्यवाही करने वालों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय, भोपाल के निर्देशानुसार एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ द्वारा की गई शिकायत जांच को आवश्यक कार्यवाही हेतु कलेक्टर जिला टीकमगढ़ को भेजा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। उत्‍तरांश (ख) अनुसार कलेक्टर जिला टीकमगढ़ से वस्तुस्थिति का जांच निष्कर्ष प्राप्त होने के पश्‍चात परीक्षण उपरांत अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।

ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में दर्ज प्रकरण में कार्यवाही न होना

[सामान्य प्रशासन]

21. ( क्र. 181 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त खाद्य विभाग द्वारा की गयी जांच में सहकारी समितियां गेहूं खरीदी में दोषी पायी गयी थी? उन समितियों के प्रबंधकों, विक्रेता एवं अध्यक्ष पर फर्जी मृत व्यक्तियों के नाम गेहूं उपार्जित कर लाखों करोड़ों का भ्रष्टाचार करने का आरोप था, जिसके विरूद्ध प्रारंभिक जां. क्र. 36/2009 दिनांक 22.09.2009 में ई.ओ.डब्लू. में पंजीबद्ध किया गया था? (ख) क्या विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों की उदासीनता से 15-16 वर्षों बाद भी प्रकरण में कार्यवाही आगे नहीं बढ़ रही है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) में वर्णित तथ्यों पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) क्या प्रश्‍नकर्ता ने अनेकों पत्राचार सहित दो बार विधानसभा में प्रश्‍न करने के बाद भी 15 वर्षों तक लंबित प्रकरण का निराकरण न होने के लिए कौन-कौन दोषी है? उसके विरुद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रारंभिक जांच क्रमांक 36/2009 के जांच उपरांत अपराध क्रमांक 15/2012 धारा 409, 120-बी, 420 भादवि एवं 13 (1) डी, 13 (2) भ्रनिअ 1988 पंजीबद्ध किया गया था। (ख) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। विवेचना में प्राप्‍त तथ्‍यों व साक्ष्‍यों के आधार पर अग्रिम विधि सम्‍मत कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। (घ) प्रकरण विवेचना में है। साक्ष्‍य एकत्रित किये जा रहे हैं।

शक्ति फोर्स का गठन एवं महिलाओं/युवतियों की सुरक्षा

[गृह]

22. ( क्र. 209 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) जिला जबलपुर में नाबालिग युवतियों/छात्राओं व महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़, पीछा करने, परेशान करने, अश्‍लील हरकतें करने से बचाने, उन्‍हें सुरक्षा प्रदान करने एवं अवांछित तत्‍वों पर त्‍वरित कार्यवाही करने हेतु गठित शक्ति फोर्स में कितनी महिला पुलिस कर्मियों को शामिल कर उन्‍हें क्‍या-क्‍या सुविधाएं, संसाधन उपलब्‍ध कराये गये हैं? जानकारी दें। वर्तमान में इस शक्ति फोर्स की क्‍या स्थिति हैं? महिला पुलिस थाना में स्‍वीकृत एवं पदस्‍थ स्‍टॉफ की क्‍या स्थिति है? कौन-कौन से कितनी पद कब से रिक्‍त हैं एवं क्‍यों। (ख) जबलपुर शहर में चिन्हित कितने हाट स्‍पाटों पर घटित उक्‍त घटनाओं से संबंधित पंजीकृत कितने मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज कर कितने अवांछित तत्वों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? इन हाट स्‍पाटों पर सुरक्षात्‍मक क्‍या व्‍यवस्‍था की गई हैं? बतलावें। वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक की माहवार एवं थानावार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में अबोध नाबालिग युवतियों, स्‍कूली छात्राओं, युवतियों, महिलाओं के साथ दुष्‍कर्म, सामूहिक दुष्‍कर्म, यौनशोषण ब्‍लैक मेलिंग, हत्‍या, आत्‍महत्‍या के लिये प्रेरित करने, आत्‍महत्‍या, अपहरण, गुमशुदा, लापता होने से संबंधित पंजीकृत कितने-कितने मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज कर कितने नामजद अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। थानावार एवं माहवार जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जिला जबलपुर में दिनांक 08.04.2023 से शक्ति टास्‍क फोर्स का गठन किया गया है। जिसमें अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) को नोडल अधिकारी एवं उनके सहायतार्थ, रक्षित निरीक्षक व प्रभारी कंट्रोल रूम को नियुक्‍त किया गया है। गठित टास्‍क फोर्स टीम को एक चार पहिया वाहन, वायरलैस सेट सहित दो शिफ्टों में महिला पुलिसकर्मी टीम क्रमांक          (1) उपनिरीक्षक-1, प्रधान आरक्षक + आरक्षक-06 टीम क्रमांक (2) उप निरीक्षक-1, प्रधान आरक्षक + आरक्षक-06 को शामिल किया गया है। महिला थाना में स्‍वीकृत व रिक्‍त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

23. ( क्र. 232 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (‍क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी आंगनवाड़ी और मिनि आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है? केन्‍द्रवार जानकारी देवें? कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र हेतु भवन है एवं कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये से या अन्‍य भवनों में संचालित हो रहे है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों कें प्रति केन्‍द्र कितना किराया दिया जाता है? (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र भवन विहीन है तथा कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवनों का निर्माण कार्य अधूरा है, अधूरे निर्माण का क्‍या कारण है? उक्‍त कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में शुद्ध पानी/बिजली/एंव शौचालय की व्‍यवस्‍था है कितने केन्‍द्रों पर नहीं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार विगत वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भवन स्‍वीकृत किये गए है आंगनवाड़ी केन्‍द्रवार जानकारी देवें? भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन कब तक स्‍वीकृत कर दिये जायेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कुल 594 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। केन्द्रवार जानकारी पु्स्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। 169 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 133 किराये के भवन में एवं 292 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्र के भवनों के लिए शासन के नियमानुसार शहरी क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु अधिकतम राशि रूपये 6000/- प्रतिमाह एवं ग्रामीण/आदिवासी क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए अधिकतम राशि रूपये 2000/- प्रतिमाह प्रतिकेन्‍द्र किराया दिया जाता है। किराये के भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में 425 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। जिनमे से 133 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 292 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। 14 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। निर्माणाधीन का कारण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-'3' अनुसार है। समस्‍त 594 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। 231 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध है एवं 363 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। 469 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय व्यवस्था उपलब्ध है। 125 केन्द्रों में शौचालय व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार विगत वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक 20 आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन स्वीकृत किये गए है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "4" अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

लाड़ली बहना योजना

[महिला एवं बाल विकास]

24. ( क्र. 238 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के अता. प्रश्‍न क्र.180 दिनांक 02.07.2024 के प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि योजना क्रियान्‍वयन संबंधी निर्देश 15 माह बाद भी तय होकर जारी क्यों नहीं हुये? कब तक निर्देश जारी कर दिये जायेंगे तथा नया पंजीयन प्रारंभ कर दिया जायेगा, योजना के संबंध में प्रारंभ से अभी तक जारी समस्त परिपत्र आदेश की प्रति देवें। (ख) प्रश्‍नकर्ता के अता.प्रश्‍न क्र.180 दिनांक 02.07.2024  के प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में बतावें कि योजना में पंजीयन रोके जाने का उल्लेख नहीं हाने पर भी पंजीयन क्यों रोका गया तथा सतत् योजना में पंजीयन की प्रक्रिया चरणबद्ध कैसे रखी गई है 15 माह से नया पंजीयन न होने पर इसे चरणबद्ध भी कैसे माना गया है? (ग) क्या लाड़ली लक्ष्मी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, पोषण आहार, मध्यान्‍ह भोजन, वृद्धापेंशन, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना क्या सतत् प्रक्रिया की है क्या इनमे पंजीयन की प्रक्रिया चरणबद्ध है इनमें नया पंजीयन नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या यह सही है कि योजना के बारे में जानकारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 5 (2020-21) का उल्लेख करते लिखा कि प्रदेश में 23% महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स कम है, 15 से 40 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया का स्तर 54.7/है, श्रम में महिलाओं की भागीदारी कम है तथा महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत् सुधार एवं परिवार के निर्णय में सुदृढ़ भूमिका करने हेतु प्रारंभ की गई है यदि हाँ, तो बतावें कि 20 अगस्त 2023 से नया पंजीयन क्या इसलिये बंद कर दिया गया कि उपरोक्त सारे लक्ष्य प्राप्त हो गये है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहना योजना अंतर्गत प्रथम चरण में दिनांक 20 अगस्‍त 2023 तक हितग्रहियों का पंजीयन किया गया है। नवीन पंजीयन प्रारंभ नहीं किया गया है। योजना क्रियान्‍वयन संबंधी निर्देश  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) योजना अंतर्गत नवीन आवेदन प्राप्‍त करने हेतु पृथक से निर्देश जारी किये जाते हैं। विभाग के निर्देश दिनांक 04/03/2023 एवं 20/07/2023 के माध्‍यम से पूर्व में पंजीयन किया गया था इस प्रकार यह चरणबद्ध तरीके से लागू की गई है। (ग) जी हाँ, प्रश्‍नांकित योजना सतत् प्रकृति की है अत: पात्रता अनुसार लाभ दिया जा रहा है। (घ) वर्तमान में प्रश्‍न में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं के सापेक्ष कोई सर्वेक्षण नहीं कराया गया है। अत:शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध उत्खनन के प्रकरण

[खनिज साधन]

25. ( क्र. 241 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) शिवपुरी जिले में 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से खनिज साधन के अवैध उत्खनन के सम्बन्ध में कब-कब, किन-किन लोगों पर, क्या-क्या प्रकरण दर्ज किये गये। अवैध उत्खनन करने वाले किस-किस व्यक्ति के कौन-कौन से वाहन जब्‍त किये गये। जानकारी दिनांकवार, नामवार, प्रकरणवार, जब्‍त वाहनों की समस्त जानकारी सहित उत्खनन किये जाने वाले स्थान की जानकारी भी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्त अवैध उत्खनन के प्रकरणों में कौन-कौन से प्रकरण कब-कब कार्यवाही हेतु खनिज विभाग को प्रेषित किये गये व कौन-कौन से नहीं? कारण सहित स्पष्ट करें? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार खनिज विभाग द्वारा किस-किस प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई व किन पर नहीं? किन प्रकरणों में दण्डात्मक कार्यवाही की गयी? प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है।             (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। समस्‍त प्रकरण कार्यवाही हेतु कलेक्‍टर कार्यालय, खनिज शाखा को प्राप्‍त हुए हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है।

अनूपपुर जिले में रेत का अवैध उत्खनन

[खनिज साधन]

26. ( क्र. 256 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या वर्ष 2024 के दौरान अनूपपुर जिले की जैतहरी जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्रामों में स्थित खदानों से अवैध उत्खनन की शिकायत विभाग एवं खनिज अधिकारी अनूपपुर को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) वर्ष 2024 में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? शिकायतों की छायाप्रति दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में संबंधित खनिज अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही कर दी जायेगी? (घ) अनूपपुर जिले में खनिज विभाग अंतर्गत कौन-कौन अधिकारी कब से पदस्थ है किन-किन के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त है? प्रकरणों में दोषी पाये गये अधिकारियों का विवरण दें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर 107 तथा अन्य माध्यम से 08 शिकायतें प्राप्त हुई है। सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की सूची तथा अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायत की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में खनि अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त एक शिकायत पर जाँच हेतु क्षेत्रीय प्रमुख, रीवा को पत्र दिनांक 30.10.2024 द्वारा निर्देशित किया गया है। जाँच उपरांत दोषसिद्ध होने के आधार पर कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। इसकी समय-सीमा दर्शाया जाना संभव नहीं है। (घ) जिले में एक अधिकारी सुश्री आशालता वैद्य, उप संचालक (खनि प्रशासन) दिनांक 18.08.2021 से पदस्थ है। उत्‍तरांश (ग) अनुसार वर्तमान में कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है।

आबकारी विभाग की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

27. ( क्र. 295 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी आयुक्त सहित किन अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध किन आरोपों की जांच, किस दिनांक से किस स्तर/अधिकारी, जांच एजेंसी द्वारा की जा रही है? प्रकरण-क्रमांक, प्रतिवेदनों/वर्तमान स्थिति का विवरण सहित शिकायतों और जांच-पत्रों, प्रतिवेदनों की प्रतियां देवें। (ख) जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हैं, विभागीय जांच जारी है उन्हें स्थानांतरण नीति, सामान्य प्रशासन मंत्रालय के आदेश के विपरीत फील्ड में क्यों पदस्थ/प्रभार दिया गया है? प्रभार और पदस्थ करने में पदीय अधिकारों में क्या अंतर है? ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाया जाएगा तो कब तक? (ग) किस नाम की डिस्टलरीज से मदिरा तस्करी, 34 (2) के प्रकरण दर्ज किए है, प्रकरण-क्रमांक, दिनांक, आरोपी के नाम, पद, चालान पेश किए हों तो चालान-क्रमांक, न्यायालय सहित विवरण देवें, वर्तमान स्थिति बतावें। प्रकरण/FIR और चालान की प्रतियां देवें।            (घ) मदिरा परिवहन की परमिट की समयावधि समाप्त होने पर उसकी समयावधि बढ़वाने की जिम्मेदारी किसकी होती है? आदेश-नियम की प्रतियां देवें। क्या ऐसे प्रकरण में शिकायतें प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें। परमिट-धारक को आरोपी बनाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों। (ड.) एक्सपायर/बेस्ट बिफोर मदिरा/बीयर दर्ज करने का कारण, वैज्ञानिक कारण बतावें। बेस्ट बिफोर के उल्लेख के संबंध में निर्धारित नियम-आदेशों की प्रतियां देवें। 2020 से प्रश्‍न-दिनांक तक बीयर नष्ट करने के आदेशों की प्रतियां देवें। इस संबंध में प्राप्त शिकायतों और उनके निराकरण की प्रतियां देवें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विभाग अंतर्गत वर्तमान में सेवारत जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्‍त संबंध में जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- एकदो एवं तीन अनुसार है। (ख) शासकीय सेवकों के रिक्‍त हुये पदों पर राजस्‍व हित में प्रशासकीय आधार पर पदस्‍थापना की जाती है। कार्य को सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु किसी अन्‍य शासकीय सेवक को उसके मूल पद की जिम्‍मेदारियों के  साथ-साथ रिक्‍त पद का प्रभार दिया जाता है। (ग) प्रदेश में डिस्‍टलरीज से मदिरा तस्‍करी, 34 (2) के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (घ) आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र पृष्ठांकन क्रमांक/2017-18/3693 ग्वालियर दिनांक 18.07.2017 के बिंदु क्रमांक 1 अनुसार-रेक्टिफाइड स्प्रिट/एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल/बोतल बंद देशी मदिरा से संबंधित परेषण जो निर्यात या परिवहन परमिट के आधार पर परिवहित किया जा रहा हो, से संबंधित वाहन किसी आकस्मिकता के कारण मार्ग में रूक जाने पर, गंतव्य तक निर्धारित समय-सीमा में नहीं पहुंच सकने की स्थिति में स्थानीय आबकारी अधिकारी अथवा संबंधित पुलिस थाना को लायसेंसी/लायसेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि/वाहन चालक द्वारा लिखित सूचना दी जावेगी। उक्त पत्र के बिंदु क्रमांक 4 अनुसार परिवहन परमिट पर समय-सीमा बढ़ाये जाने हेतु आबकारी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सक्षम होंगे जो उपलब्ध प्रमाणों, प्रभारी आबकारी वृत, पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट पर परमिट पर समय-सीमा में वृद्धि किए जाने के आदेश जारी कर सकेंगे। ऐसे आदेश जारी किए जाने के उपरांत संबंधित वृत के आबकारी उपनिरीक्षक/सहायक जिला आबकारी अधिकारी परमिट पर नियमानुसार समय-सीमा में वृद्धि अंकित कर वाहन को गंतव्य स्थान की ओर रवाना करेंगे। जो पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। इन्दौर संभाग के अधीन जिला झाबुआ द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार जिले में समयावधि समाप्त होने की स्थिति में शिकायत प्राप्त होने पर 02 विभागीय प्रकरण एवं 07 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिसका विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। (ड.) मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 17 फरवरी 2006 अनुसार '' बीयर की बोतलों पर निर्माण के माह से छ: माह के भीतर सर्वोत्‍तम'' अंकित किया जाना प्रावधानित है। पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-छ: अनुसार है। 2020 से प्रश्‍न-दिनांक तक बीयर नष्ट करने के आदेशों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-सात अनुसार है। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं होने से जानकारी निरंक है।

दतिया जिले में अवैध जुआ सट्टा एवं नशे का व्यापार

[गृह]

28. ( क्र. 301 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) दिनांक 1/4/2023 से प्रश्‍न दिनांक तक दतिया जिला में जुआ, सट्टा,गांजा शराब, स्मैक एवं आई.पी.एल. सट्टा कारोबारि‍यों पर पुलिस विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई थानेवार एवं प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) उक्त कारोबारि‍यों पर कौन सी धारा में क्या कार्रवाई की गई FIR सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या इस जिले में गली-गली, मोहल्ले- मोहल्ले जुआ, सट्टा, आई.पी.एल. सट्टा एवं तरह-तरह के नशे का खुलेआम व्यापार चल रहा है जिससे युवा पीढ़ी गलत दिशा में जा रही है और बर्बाद हो रही है अपने ही घरों में चोरी और आत्महत्या करने को मजबूर है यदि नहीं, तो इसकी जांच कराई जाए और यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं। (घ) क्या पुलिस छोटे कारोबारियों पर कार्यवाही कर प्रचार करते हैं और बड़े कारोबारी खुले आम इन अवैध कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, क्या माननीय मंत्री महोदय इन अवैध धंधों को बंद कराने हेतु पृथक से आदेश जारी करने की कृपा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।              (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  में समाहित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। पुलिस अपने कार्य के बारे में समाचार पत्र/संवाददाताओं को अवगत कराती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियम विरुद्ध रजिस्ट्री

[वाणिज्यिक कर]

29. ( क्र. 304 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में रजिस्ट्रार कार्यालय डबरा जिला ग्वालियर में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी का नाम/पदनाम/जन्मतिथि/शैक्षणिक योग्यता/नियुक्ति दिनांक एवं पद/डबरा में पदस्थी दिनांक/स्थायी पता सहित बतावें। (ख) शहरी क्षेत्र अंतर्गत नगर निवेश की अनुमति बिना कृषि भूमि में कॉलोनी बनाकर प्लाटों की रजिस्ट्री/विक्रय करने संबंधी नियम आदेश की प्रति देवें l वर्ष 2021-22 से 2024-25 में (अक्टूबर 2024 तक) विधानसभा क्षेत्र डबरा अंतर्गत शहरी क्षेत्र बिलौआ, पिछोर एवं नगर डबरा अंतर्गत किस वार्ड में किस व्यक्ति/फर्म द्वारा किस व्यक्ति को कितनी भूमि का प्लाट किस दिनांक को कितनी राशि में विक्रय किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार उक्त अवधि में शहरी क्षेत्र बिलौआ, पिछोर एवं नगर डबरा के क्षेत्र की निजी भूमि को कृषि भूमि बताकर की गई रजिस्ट्री एवं प्लाट की रजिस्ट्री उपरान्त नामांतरण करवाए बिना इसी रजिस्ट्री से अन्य विक्रेता को की गई प्लाट की पुनः रजिस्ट्री की प्राप्त शिकायतों की जांच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? प्रत्येक शिकायत की जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति देवेंl

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ख) शहरी क्षेत्रांतर्गत नगर निवेश की अनुमति बिना कृषि भूमि में कालोनी बनाकर प्‍लाटों की रजिस्‍ट्री/विक्रय पर रोक संबंधी कोई विशिष्‍ट प्रावधान रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1908 एवं इसके अंतर्गत निर्मित नियमों में नहीं है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अवधि में वर्णित संपत्ति का नामांतरण कराए बिना अन्‍य को रजिस्‍ट्री करने के संबंध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

क्रशरों का नियम विरुद्ध संचालन

[खनिज साधन]

30. ( क्र. 312 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2457 दिनांक 09/07/24 के उत्तर में जानकारी दी गई थी कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड-लाइन दिनांक 19/02/04 के अनुसार ग्राम चिरपुरा के पास मेसर्स ब्रिजेश गुप्ता की स्टोन क्रशर ग्राम चिरपुरा की आबादी क्षेत्र से 500 मीटर से कम दूरी पर लगी होने से प्रदूषण फैलने के कारण क्रशर इकाई को बंद करने हेतु दिनांक 14/05/24 को लिखा गया था, क्‍या इसके बावजूद भी यह क्रशर यथावत स्थान पर संचालित है? जानकारी दें। गाइड-लाइन का उल्लंघन कर बिलौआ, छिराई, चिरपुरा, उदलपारा क्षेत्र में अभी भी किस-किस फर्म की क्रशर संचालित है? यदि नहीं, है तो ग्वालियर जिला खनिज अधिकारी प्रमाणीकरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2457 दिनांक 09/07/24 द्वारा जानकारी दी गई थी कि डबरा क्षेत्र के अंतर्गत बिलौआ, छिराई, चिरपुरा, उदलपारा में संचालित खदानों में 75 से 80 फीट गहराई से पत्थर निकालने से किस-किस व्यक्ति/फर्म द्वारा पत्थर निकालने की अनुमति खान सुरक्षा महानिर्देशक से ली गई? प्रत्येक व्यक्ति/फर्म का नाम, खदान का स्थान, खसरा क्रमांक एवं रकबा सहित बतावें एवं अनुमति पत्र की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें l (ग) क्या नियम अनुसार 06 मीटर की बाउंड्री न होने से डस्ट से आस-पास की कृषि भूमि एवं बस्तियां प्रदूषित हो रही हैं? यदि नहीं, तो खनिज अधिकारी प्रमाण सहित जानकारी देवेंl

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 28.11.2024 एवं 29.11.2024 को किए गए निरीक्षण में प्रश्‍नाधीन क्रशर कार्यरत नहीं पाया गया। मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्‍डल की  गाइड-लाइन दिनांक 19.02.2024 का उल्‍लंघन कर प्रश्‍नाधीन क्षेत्रों में कोई भी स्‍टोन क्रशर स्‍थापित नहीं हुआ है। कालान्‍तर में आबादी क्षेत्रों के विस्‍तार के कारण 5 स्‍टोन क्रशर वर्तमान में 500 मीटर से कम दूरी पर आ गये है। जिनका विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन क्षेत्रों में स्थित खदानों के संबंध में खान सुरक्षा निदेशालय भारत सरकार द्वारा जारी अनुमति पत्रों की सत्‍यापित प्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ग) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अवगत कराया गया है कि, दिनांक 09 एवं 10 नवम्‍बर 2024 को ग्राम बिलौआ में एवं दिनांक 28 एवं 29 नवम्‍बर 2024 को ग्राम चिरपुरा बस्‍ती में वायु गुणवत्‍ता की जाँच की गई। जाँच में यह निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं पाई गई। ग्राम बिलौआ एवं चिरपुरा के 35 स्‍टोन क्रशर के विरूद्ध क्रशर बन्‍द करने के आशय की सूचना पत्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए हैं। प्रश्‍नांकित क्षेत्रों में कृषि भूमि प्रदूषित होने से फसल खराब होने की स्थिति नहीं पाई गई है।

साईबर अपराध और ऑनलाईन बैंकिंग ठगी

[गृह]

31. ( क्र. 324 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला में वर्ष-2023-24, 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी, साईबर अपराध के कितने प्रकरण दर्ज किये गए हैं? कितनों का निराकरण किया जा चुका है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) ऑनलाईन बैंकिंग ठगी, साईबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु सागर जिले के कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। क्या उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण के लिए पृथक से साईबर सेल या कार्यालय है? साईबर अपराध के अन्वेषण हेतु क्या जिला में समस्त आधुनिक संसाधन उपलब्ध है? विस्तृत जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कब तक उपलब्ध करा दिये जाएंगे? (ग) ऑनलाईन ठगी, साईबर अपराध आदि को रोकने हेतु जिला में साईबर एक्सपर्ट अधिकारी, कर्मचारी की नियुक्तियां की गई है या की जा सकती हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) सागर जिले में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी, सायबर, सायबर अपराध के कुल 28 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिसमें से कुल 11 का निराकरण किया गया। (ख) साईबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु सागर जिले के 18 अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण के लिए पृथक से साईबर सेल नहीं है जिला साईबर सेल ही कार्यरत है। सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल अंतर्गत सायबर जोनल कार्यालय जबलपुर में भी सागर जिले से प्राप्त शिकायतों/अपराधों पर विवेचना की कार्यवाही की जाती है। सायबर अपराधों में जप्तशुदा डिजि‍टल डिवाईस से डाटा रिकवर कर अन्वेषण में सहायता प्रदान करने हेतु सायबर फोरेन्सिक यूनिट सागर संचालित है। सायबर अपराध की प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही हेतु भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा टोल फ्री नम्बर 1930 तथा सायबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायतें दर्ज की जाती है। (ग) ऑनलाईन ठगी, सायबर अपराध आदि को रोकने हेतु 27 सायबर कंसल्टेंट की नियुक्ति हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है।

शासकीय विभागों में आउटसोर्सिंग के पदों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

32. ( क्र. 330 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में स्थित समस्त शासकीय विभागों में कितने-कितने आउटसोर्सिंग के पद निर्मित हुए हैं? पदवार एवं श्रेणीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया क्या है? क्या इन पदों पर भर्ती कार्यालय प्रमुख/विभागाध्यक्ष द्वारा की जाती है? भर्ती के नियम उपलब्ध कराते हुए वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक क़ी गयी भर्ती की सूचीमय चयनित उम्मीदवारों के नाम, पद, शैक्षणिक योग्यता, मूल निवास का पता एवं देय मासिक वेतन सहित विभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) यदि आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती का ठेका किसी कम्पनी/फर्म को दिया गया है, तो विज्ञापन की प्रति, टेंडर की राशि एवं पूरी टेण्डर की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराते हुए ठेके वाली कम्पनी/फर्म का नाम पता और कितनी राशि में ठेका आवंटित किया गया है? आदेश की प्रति सहित उपलब्ध कराते हुए वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक भुगतान की गयी राशि की जानकारी माहवार उपलब्ध करावें। साथ ही उनके द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को कितना भुगतान किया जा रहा है की जानकारी भी माहवार उपलब्ध करावे? (घ) यदि विभागों में आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती/टेण्डर प्रक्रिया में गड़बड़ी है तो उन अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग ने क्या कार्यवाही की है? जानकारी से अवगत करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) चाही गई जानकारी का विभाग/विभागाध्‍यक्ष/कार्यलय प्रमुख आदि स्‍पष्‍ट नहीं होने के कारण संख्‍यात्‍मक उत्‍तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) म.प्र. सूक्ष्‍म,लघु और माध्‍यम उद्यम विभाग के पत्र क्रमांक एफ 9-20/2021/आ-73/दिनांक 13-1-2023 (.प्र. भंडार क्रय नियम तथा सेवाउपार्जन नियम 2015 तथा संशोधित 2022) में दिए गए निर्देशानुसार खुली निविदा अथवा उक्‍त नियम के भाग-1 की कंडिका 5 (ii) में दिए निर्देशानुसार उद्यमिता विकास केन्‍द्र म.प्र. से बिना निविदा आमंत्रित किए सीधे आदेश दे सकेंगे। वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक की गई भर्ती की सूची मय सूची चयनित उम्‍मीदावारों के नाम, पद,शैक्षणिक योग्‍यता, मूल निवास का पता एवं देय मासिक वेतन सहित विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। (ग) आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती का ठेका भंडार क्रय नियम 2015 संशोधित नियम 2022 के भाग-1 की कंडिका 5 (ii) में दिए निर्देशानुसार उद्यमिता विकास केन्‍द्र म.प्र. को बिना निविदा के ठेका कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1018 दिनांक 25-8-2023 से दिया गया है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार। वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक भुगतान की गई। राशि की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार इस कार्यालय द्वारा नियुक्‍त कर्मचारियों को सीधे भुगतान नहीं किया जाता है, बल्कि निर्देशानुसार उद्यमिता विकास केन्‍द्र म.प्र. के माध्‍यम से आउटसोर्स कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा है। (घ) आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती/टेंडर की प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है।

कुपोषित बच्चों को पोषण आहार

[महिला एवं बाल विकास]

33. ( क्र. 333 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति हेतु विशेष पोषण आहार प्रदान किये जाने के बाद भी कुपोषण से मुक्ति नहीं मिल पा रही है? जिलावार कुपोषित बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) क्या प्रदेश में आंगनवाड़ियों में बच्चों को नाश्‍ता/भोजन देने हेतु मैन्‍यू निर्धारित किया गया है? यदि हाँ तो क्या? (ग) प्रदेश में आंगनवाड़ियों में प्रदाय किये जा रहे नाश्‍ते/भोजन का कोई सोशल ऑडिट कराया गया है? या कराये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ तो सोशल ऑडिट के निष्कर्ष क्या रहे, प्रति उपलब्ध करायें?                    (घ) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने कुपोषित बच्चे है? क्या इन्हें एवं अन्य बच्चों को निर्धारित मैन्‍यू अनुसार नाश्‍ता/पोषण आहार दिया जा रहा है या नहीं इसकी जांच समिति बनाकर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। जिलेवार कुपोषित बच्चों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  '''' पर है। (ग) जी नही। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 664 कुपोषित बच्चे है। जी हाँ। शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पांच"

उप पंजीयक द्वारा नियम विरूद्ध भूमि का विक्रय

[वाणिज्यिक कर]

34. ( क्र. 338 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील करैरा में उप पंजीयक कब से पदस्‍थ हैं? उप पंजीयक के पद पर तथा स्‍‍थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इनकी भ्रष्‍टाचारी की पत्र लिखकर शि‍कायत की गई। दिनांक सहित बताएं। (ख) इनके द्वारा करैरा तहसील में ग्राम पंचायत सिलानगर के ग्राम धवरा के सर्वे क्र. 272/1 रकवा 0.3600 हेक्‍टर भूमि जो क्रेता और विक्रेता से लाखों रूपये लेकर विक्रय से वर्जित भूमि, जिसका रजि. क्र. MP392962024A1689258 दिनांक 3 जून 2024 को विक्रेता पुलआ पुत्र फोदू, मुन्‍नी देवी पत्‍नी पतुआ जाति गडरिया क्रेता प्रेमबती बघेल, उर्मिला बघेल को फर्जी तरीके से विक्रय की गई। (ग) क्‍या इनकी शिकायतें पूर्व में की गई थीं? उक्‍त शिकायतों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा इनके द्वारा विक्रय से वर्जित भूमि जो राशि लेकर की गई है, इनको यहां से हटाकर कार्यवाही की जावेगी क्‍या?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उप पजीयक दिनांक 12-08-2021 से पदस्‍थ हैं। उप पंजीयक के विरूद्ध स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा 01 शिकायत दिनांक 08-01-2024 को प्राप्‍त हुई है। (ख) विक्रय उप पंजीयक द्वारा नहीं किया गया है, बल्कि सर्वे क्रमांक 272/1 रकबा 0.3600 से संबंधित भूमि के दस्‍तावेज का पंजीयन किया गया था। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश (क) से संबंधित शिकायत का निराकरण किया जा चुका है। प्रश्‍नांश (ख) की शिकायत के संबंध में उप पंजीयक करेरा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जांच उपरांत प्राप्‍त निष्‍कर्ष अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

रीजनल इन्‍वेस्‍टर कॉन्‍क्‍लेव में प्राप्‍त प्रस्‍ताव एवं क्रियान्‍वयन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

35. ( क्र. 395 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) रीजनल इन्वेस्टमेंट कॉन्क्लेव सागर दिनांक 27 सितम्बर 2024 में प्राप्त Intent to invest के प्रत्येक प्रस्ताव का नाम, विवरण, प्रस्तावित निवेश, रोजगार संख्या तथा समयावधि की जानकारी सुलभ कराई जाये? (ख) प्रश्‍नांश (क) पर वर्णित प्रस्तावों पर अभी तक प्रत्येक पर हुये क्रियान्वयन की जानकारी दी जाये? (ग) जिन प्राप्त प्रस्तावों पर कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है, उनके उद्यमियों को प्रेरित किये जाने के लिये अभी तक किये गये प्रयासों की जानकारी दी जाय। (घ) क्या किसी प्रस्तावक ने शासन से संबंधित किसी समस्या अथवा सुझाव क्रियान्वयन हेतु दिया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी जानकारी दी जाय? साथ ही निराकरण की जानकारी भी दी जाय।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रीजनल इण्‍डस्‍ट्री कॉन्‍क्‍लेव सागर दिनांक 27 सितम्‍बर, 2024 में प्राप्‍त Intent to Invest के प्रत्‍येक प्रस्‍ताव का नाम, विवरण, प्रस्‍तावित निवेश, रोजगार संख्‍या की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। Intent to Invest हेतु कोई समयावधि निर्धारित नहीं हैं यद्यपि जिन उद्योगों को विभाग द्वारा शासकीय भूमि आवंटित की गई हैं, उन पर उद्योग स्‍थापित करने हेतु म.प्र. राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) अंतर्गत समयावधि निर्धारित है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) रीजनल इण्‍डस्‍ट्री कॉन्‍क्‍लेव में प्राप्‍त निवेश प्रस्‍तावों के अनुसरण एवं जानकारी उपलब्‍ध कराये जाने हेतु विभाग अंतर्गत संस्‍था एमपीआईडीसी में इन्‍वेस्‍टमेंट फेसिलिटेशन सेल का गठन किया गया हैं। जिसके द्वारा समस्‍त निवेशकों से लगातार संपर्क स्‍थापित कर उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने हेतु जानकारी उपलब्‍ध कराई जाकर प्रोत्‍साहित किया जाता है। (घ) प्रस्‍तावक द्वारा शासन से संबंधित किसी समस्‍या अथवा सुझाव क्रियान्‍वयन संबंधित पत्राचार विभाग को अप्राप्‍त हैं।

परिशिष्ट - "छ:"

हितग्राहियों को लाड़ली बहना योजना का लाभ

[महिला एवं बाल विकास]

36. ( क्र. 429 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली बहना योजना के क्‍या नियम है? (ख) मध्‍यप्रदेश के सभी पात्र लाड़ली बहनों को योजना का लाभ मिल रहा है अगर हाँ तो डिण्‍डौरी जिला के सभी पात्र लाड़ली बहनों को योजना का लाभ क्‍यों नहीं मिल रही है अगर नहीं तो बतावें सभी लाड़ली पात्र बहनों को योजना की लाभ क्‍यों नहीं दिया जा रहा एवं कब तक लाभ दिया जायेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नियम की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना हेतु प्रथम एवं द्वितीय फेज में आवेदन करने वाले समस्‍त पात्र हितग्राहियों को डिण्‍डौरी जिले में योजना का लाभ दिया जा रहा है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍थानांतरण, स्‍वीकृत एवं रिक्‍त पदों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

37. ( क्र. 430 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2023 से आज दिनांक तक सामान्‍य प्रशासन से कौन-कौन से स्‍थानांतरण आदेश जारी किये गये? स्‍थानांतरण स्‍वेच्‍छा से किया गया या प्रशासनिक जारी स्‍थानांतरण आदेश में से कितने आदेश निरस्‍त किये गये एवं कितने संशोधित किये गये? स्‍थानांतरण के, निरस्‍त के, संशोधन की क्‍या वजह थी? बतावें। (ख) म.प्र. सरकार के सभी विभागों में सभी श्रेणी के स्‍थाई एवं अस्‍थाई कितने पद स्‍वीकृत, स्‍वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हैं, कितने रिक्‍त हैं, कब से रिक्त हैं कब तक भरे जायेंगे? विभागवार, वर्गवार जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

माईनिंग लीज विक्रय एवं हस्‍तान्‍तरण की जानकारी

[खनिज साधन]

38. ( क्र. 450 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज नियमों के अंतर्गत माईनिंग लीज/प्रोस्पेक्टिंग लीज/लीज लेने के लिये विभाग को दिये आवेदनों से किन-किन को बेचा जा सकता है? किन-किन को हस्तान्तरित किया जा सकता है? माईनिंग लीज को क्या हस्तान्तरित किया जा सकता है? क्या माईनिंग लीज को बेचा जा सकता है? नियमों की एक-एक प्रति शासन के आदेशों सहित उपलब्ध करायें? (ख) तत्कालीन सतना वर्तमान मैहर जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2011 से 01.12.2014 के दौरान क्या सर्वेश्‍वरी मिनरल्स/तुलसीदास तिवारी/संकटा द्विवेदी/अनोद जायसवाल/कमलेन्‍द्र सिंह कमलू के द्वारा मैहर के ग्राम घुरवई/लटागांव/अन्य में एक हजार से पंद्रह सौ एकड़/हेक्टेयर लगभग की माईनिंग लीज जिसमें क्रशर भी शामिल था को संजीवनी (जे.पी. ग्रुप)/या अन्य किसी को हस्तान्तरित किया/बेच दिया गया? बिन्दुवार प्रकरण का पूर्ण विवरण दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित हस्तान्तरण में क्या पूरी तरह नियमों का पालन किया गया? किन-किन नियमों का पालन किया गया? बिन्दुवार विवरण दें? किस-किस सक्षम कार्यालयों भोपाल एवं सतना सहित अन्य के किस नाम/पदनाम के द्वारा उक्त हस्तान्तरण/बेचने (माईंनिग लीज को) को अपने हस्‍ताक्षर एवं पद मुद्रा (सील) से मंजूरी दी? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (घ) सतना जिले के ग्राम देवमउ दलदल में वित्तीय वर्ष 11-12 के दौरान ए.वी.एस मिनरल्स एण्ड लॉजिस्टिक ने 1145 हेक्टेयर/एकड़ भूमि पर लगाये आवेदन को क्या अल्ट्राटेक सीमेंट के पक्ष में वापस लिया/बेच दिया? किस-किस के आवेदन उक्त लीज हेतु लगे थे? सूची दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज नियमों के अंतर्गत माईनिंग लीज/प्रोस्पेक्टिंग लीज लेने के लिये विभाग को दिये गये आवेदन बेचने या हस्तांतरित किये जाने के प्रावधान नहीं है। माईनिंग लीज को बेचा नहीं जा सकता है। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित खनिज (परमाणु और हाईड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 के नियम 23 के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से माईनिंग लीज को हस्तांतरित किया जा सकता है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार प्रश्‍नाधीन अवधि में लीज बेचने या हस्तांतरित किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (घ) खनिज नियमों में लीज हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र किसी अन्य आवेदक के पक्ष में वापस लेने या बेचने के प्रावधान नहीं है। सतना जिले के ग्राम देवमउ दलदल रकबा 1145 हेक्टेयर भूमि पर ए.वी.एस मिनरल्स एण्ड लॉजिस्टिक द्वारा प्रस्तुत किये गये पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति आवेदन पत्र के अतिरिक्त अन्य प्राप्त आवेदनों की सूची  संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "सात"

कार्यालयों के भवनों का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

39. ( क्र. 476 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिले के महिला एवं बाल विकास कार्यालय हेतु स्वयं का भवन नहीं है और न ही कोई ट्रेनिंग सेन्टर भवन स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या शासन सागर जिले में महिला एवं बाल विभाग कार्यालय एवं ट्रेनिंग सेन्टर के भवन बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान करेगा तथा कब तक? (ख) क्या महिला एवं बाल विकास अंतर्गत सागर जिले में संचालित परियोजना कार्यालयों के भी स्वयं के भवन नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन परियोजना कार्यालयों के भवन बनाये जाने की स्वीकृति भी प्रदान करेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सागर जिले में महिला एवं बाल विकास कार्यालय कलेक्‍टोरेट परिसर में संचालित है। सागर जिले में ट्रेनिंग सेन्टर के लिए भवन निर्माण किये जाने की योजना वर्तमान में संचालित नहीं है। (ख) सागर जिला अन्‍तर्गत महिला एवं बाल विकास विभागमें स्‍वीकृत 16 परियोजनाओं में से 10 परियोजना कार्यालय शासकीय भवनों में तथा 06 परियोजना कार्यालय किराये के भवनों में संचालित है। शासकीय भवन की अनुपलब्‍धता की स्थिति में बाल विकास परियोजना कार्यालयों का किराये के भवनों में संचालन करने का प्रावधान है।

कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ

[वित्त]

40. ( क्र. 477 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना की अधिसूचना जारी होने की दिनांक या उसके पूर्व कार्मिकों की भर्ती हेतु विज्ञापित पदों के सापेक्ष भर्ती किये गये कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदाय हेतु निर्देश जारी किये हैं? उक्‍त निर्देश के परिपालन में मध्‍यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को लाभ प्रदाय हेतु सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी किये हैं? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो क्‍या प्रदेश के ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिनकी नियुक्ति भी उक्त अधिसूचना जारी होने की दिनांक या उसके पूर्व कर्मियों की भर्ती हेतु विज्ञापित पदों के आधार पर हुई है, ने भी भारत सरकार के उक्त आदेशानुसार पुरानी पेंशन में उन्हें भी सम्मिलित करने के लिए विभिन्न माध्यमों से शासन को आवेदन दिए हैं? यदि हाँ, तो इनके उक्त आवेदनों पर सरकार ने क्या विचार किया? क्या सरकार इनकी उक्त मांग को मानेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री,