मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2024 सत्र
मंगलवार, दिनांक 17 दिसम्बर, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सीधी
जिले में
अपराधिक
प्रकरण
[गृह]
1. ( *क्र. 833 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी विधानसभा में जनसंख्या, भौगोलिक परिस्थिति एवं कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पंचायत खाम्ह एवं ग्राम पंचायत पटेहरा (मुगुल चौराहा के पास) नवीन चौकियों के स्थापना की आवश्यकता है, ये चौकियाँ कब तक स्वीकृत की जायेंगी? (ख) सीधी विधानसभा के थाना जमोड़ी एवं कोतवाली सीधी हेतु नवीन भवन की आवश्यकता है, इन भवनों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ग) जिला सीधी में पुलिस विभाग में कई पद रिक्त हैं, पर्याप्त बल उपलब्ध न होने के कारण अपराधों के नियंत्रण में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, सीधी जिले में पर्याप्त पुलिस बल कब तक उपलब्ध होंगे? (घ) सीधी जिले में मानव तस्करी की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, पिछले एक वर्ष में कितने प्रकरण दर्ज हुए एवं कितने प्रकरण निराकृत हुए? मानव तस्करी को रोकने के लिए सीधी पुलिस विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इस अपराध में लिप्त गिरोहों पर क्या कार्यवाहियाँ की गई हैं? (ड.) सीधी में पुलिस विभाग को महिलाओं के प्रति अपराधों व अत्याचार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं कितने प्रकरण निराकृत हुए हैं? महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों के रोकथाम के लिए पुलिस की क्या तैयारियां हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) दोनों चौकियों को स्वीकृति किये जाने संबंधी प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पूर्ण नहीं होने से अमान्य किया गया है। (ख) भवन निर्माण हेतु योजना क्रमांक 7352 में राशि स्वीकृत हुई है, जिसके तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। प्रदेश स्तर पर आरक्षक के 7500 पदों की भर्ती प्रचलन में है। भर्ती उपरांत रिक्त पदों की पूर्ति की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) एवं (ड.) सीधी जिले में मानव तस्करी पिछले वर्ष में दर्ज एवं निराकृत हुए प्रकरणों एवं की गई कार्यवाहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
समूहों/विभाग में खरीदी
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( *क्र. 869 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में महिला बाल विकास अन्तर्गत समूहों को वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी धनराशि का व्यय किया गया? (ख) विभागीय योजनान्तर्गत बच्चों को कौन-कौन सी खाने पीने की चीजें मीनू अनुसार दिये जाने का प्रावधान है, जिसे प्रतिदिन दिया जाता है? नियमावली दें। (ग) जिला/ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने के कितने-कितने दिवस दिये गये हैं? शासन आदेश की प्रति दें। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का सामान वर्षवार म.प्र. शासन द्वारा तथा जिले द्वारा क्रय किया गया? सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) छतरपुर जिले में महिला बाल विकास अन्तर्गत समूहों को वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक निम्नानुसार धनराशि का व्यय किया गया :-
क्र. |
वर्ष |
व्यय राशि |
1. |
2022-23 |
15,41,76,794/- |
2. |
2023-24 |
15,60,51,554/- |
3. |
2024-25 |
07,98,45,981/- (up to Nov. 2024) |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गई है। जिला स्तर से क्रय की गई सामग्री एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सांझा चूल्हा अंतर्गत पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 992 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पूरे प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सांझा चूल्हा में एक ही समूह को 8-10 स्थानों पर यानि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भोजन नाश्ता दिये जाने का कार्य सौंपा गया है? जिस कारण वह एक ही समूह शासन नीति के अनुसार भोजन एवं नाश्ता आंगनवाड़ी केन्द्रों/सांझा चूल्हों पर वितरण नहीं करते हैं और घोर लापरवाही बरतकर आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों को पोषण आहार नहीं देते हैं? क्या नगर पंचायत बल्देवगढ़ में एक ही समूह को भोजन दिये जाने एवं नाश्ता दिये जाने का कार्य 8 से 10 स्थानों पर दिया गया है? जिसके संबंध में कई गंभीर शिकायतें हुईं? क्या ऐसे समूह को हटाकर सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर अलग-अलग समूहों को भोजन नाश्ते का कार्य सौंपा जाये, इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा क्या प्रयास किये गये तथा बल्देवगढ़ नगर पंचायत में संचालित एक ही समूह को उक्त जिम्मेदारी से कब हटाकर अन्य समूहों को भोजन वितरण का कार्य देंगे? (ख) क्या नगर पंचायत बल्देवगढ़ के एक ही समूह को बदलने हेतु आंगनवाड़ी केन्द्रों के वार्डवासियों द्वारा, प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यालय में शिकायतें की थी, जिसके संबंध में शिकायतों के निराकरण हेतु तथा उक्त एक ही समूह को बदले जाने का पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा परियोजना अधिकारी एवं कलेक्टर टीकमगढ़ को प्रेषित किया गया था, उसके अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या एक ही कार्यरत समूहों को हटाने हेतु कब तक कार्यवाही सुनिश्चित कर आदेश जारी कर दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग के ज्ञाप क्र./क्यू/2020/50-2/भोपाल, दिनांक 05.05.2021 के अनुसार शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक स्व-सहायता समूह को अधिकतम 10 आंगनवाड़ी केन्द्रों/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार दिये जाने का प्रावधान है। नगर पंचायत बल्देवगढ़ के आंगनवाड़ी केन्द्रों में धनुषधारी बचत एवं साख समूह द्वारा 09 तथा रामलला बचत एवं साख समूह द्वारा 08 आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाश्ता एवं ताजा पका गर्म भोजन का प्रदाय कार्य किया जा रहा है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र खरगापुर द्वारा दिनांक 13.01.2024 द्वारा की गई शिकायत का पत्र प्राप्त हुआ है। प्राप्त शिकायत की जांच अनुविभगीय अधिकारी राजस्व बल्देवगढ़ द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन में कार्यरत समूहों को हटाने के संबंध में कोई उल्लेख न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र खरगापुर द्वारा दिनांक 13.01.2024 द्वारा की गई शिकायत का पत्र प्राप्त हुआ है। उक्त शिकायत की जांच अनुविभगीय अधिकारी राजस्व बल्देवगढ़ द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि धनुषधारी बचत एवं साख समूह बल्देवगढ़ द्वारा माह दिसम्बर 2023 एवं जनवरी 2024 में नाश्ता कम दिया गया। बच्चों की उपस्थिति एवं पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर समूह के देयक से राशि का कटौत्रा कर राशि का भुगतान किया गया, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
4. ( *क्र. 766 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना का कितना कार्य पूर्ण हो गया है तथा कितना कार्य शेष है? रबी सीजन की सिंचाई हेतु कौन-कौन से ग्रामों में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध होगा तथा कब से पानी देना प्रारंभ किया जायेगा तथा परियोजना का शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) क्या पूर्व में सदन में मंत्री जी की घोषणा के बाद उक्त परियोजना के कार्य की गुणवत्ता एवं अन्य कार्य का निरीक्षण कर जांच की गई थी? हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि देवें तथा नहीं तो क्या कारण है तथा भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र का सिंचाई से वंचित क्षेत्र झिरन्या का पहाड़ी अंचल में सिंचाई हेतु नवीन परियोजना की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी) : (क) 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है तथा 02 प्रतिशत कार्य शेष है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिसम्बर 2024 तक कार्य की पूर्णता निर्धारित है। (ख) जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। झिरन्या के पहाड़ी अंचल में सिंचाई हेतु नवीन परियोजना के संबंध में तकनीकी साध्यता के आकलन उपरांत ही स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी सूत मिल मर्या. बुरहानपुर
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
5. ( *क्र. 588 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी सूत मिल मर्या. बुरहानपुर के श्रमिक एवं कर्मचारियों को देय वेतन, ग्रेज्युटी के भुगतान के संबंध में विभाग द्वारा कोई निर्णय प्रदेश के अन्य मिलों के कर्मचारियों को किए गए भुगतान के तरह लिया गया है? यदि नहीं, तो 25 वर्षों की परिसमापन अवधि व्यतीत होने के पश्चात भी भुगतान का निर्णय कितनी समय-सीमा में लिया जायेगा? (ख) मिल परिसमापन के समय मिल की समस्त चल-अचल संपत्ति की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या मिल को 99 वर्ष की लीज पर दी गई भूमि भी शासन द्वारा अपने आधिपत्य में लिया गया था? यदि हाँ, तो मिल की भूमि एवं सम्पत्तियां किस विभाग के आधिपत्य में हैं? (ग) मिल के परिसमापन के समय मिल श्रमिक एवं कर्मचारियों को देय वेतन, ग्रेज्युटी के भुगतान संबंधी कितनी देनदारी शेष थी? प्रश्न दिनांक को श्रमिकों की कितनी देनदारियां शेष है? इन मिल श्रमिकों के भुगतान शासन किस समय-सीमा तक भुगतान की व्यवस्था करेगा? (घ) मिल परिसमापन के समय से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागों को परिसमापक नियुक्त किया गया था? परिसमापकों के द्वारा श्रमिकों के देनदारियों के भुगतान के संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? क्या विभाग मिल की परिसंपत्तियों का विक्रय कर समय-सीमा निश्चित कर श्रमिकों के देनदारियों का भुगतान सुनिश्चित करेगा?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी भवनों/केन्द्रों की भौतिक व वित्तीय जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( *क्र. 941 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत एवं निर्मित हुए, की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें? (ख) वर्तमान में कितने केन्द्र भवन विहीन, जर्जर स्थिति में हैं और इस स्थिति में केन्द्र संचालित हैं या नहीं? यदि हाँ, तो किन शासकीय, अशासकीय भवनों में संचालित हैं? (ग) सत्र 2022-23 एवं 2023-24 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में खेल व शिक्षण सामग्री प्रदाय की या क्रय की गई है? यदि हाँ, तो सामग्री का केन्द्रवार विवरण उपलब्ध कराया जावें। (घ) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाउंड्रीवॉल नहीं है? यदि नहीं, है तो क्या कारण है एवं इसके निराकरण की क्या योजना व स्थिति है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विगत 5 वर्षों में 194 आंगनवाड़ी केन्द्र, 4320 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत एवं 1399 भवन निर्मित हुए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है। (ख) वर्तमान में 34143 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन एवं 4044 भवन जर्जर स्थिति में है। भवन विहीन एवं जर्जर आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों यथा स्कूल भवन, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन एवं किराये के भवनों में संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 37 विभागीय आंगनवाड़ी भवनों में बाउंड्रीवॉल नहीं है। स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन निर्माण के नक्शे में बाउंड्रीवॉल का प्रावधान नहीं होने से आंगनवाड़ी भवन बाउंड्रीवॉल विहीन है। बाउंड्रीवॉल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाउंड्रीवॉल का निर्माण भूमि की उपलब्धता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है।
दिव्यांग शासकीय सेवकों की पदोन्नति में आरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
7. ( *क्र. 761 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की भांति मध्यप्रदेश में दिव्यांग शासकीय सेवकों को पदोन्नति में दिव्यांग अधिनियम 2016 की धारा 34 के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 28.9.2021 एप्लीकेशन नंबर 2171 2020 के अनुपालन में आरक्षण का लाभ कब तक प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं और नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुपोषित बच्चों की देखभाल
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( *क्र. 843 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला शिवपुरी में नवजात शिशुओं में गंभीर कुपोषण स्थिति को समाप्त करने एवं कुपोषित नौनिहालों की समुचित देखभाल जांच/परीक्षण, पौष्टिक आहार इत्यादि अन्य कौन-कौन से कार्य केन्द्र/राज्यों में प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से किए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिला शिवपुरी में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने कुपोषित बच्चे जिले व तहसीलवार पाये गये एवं विभाग द्वारा उन बच्चों की समुचित देखभाल हेतु उक्त वर्षों में किस-किस दिनांक से बच्चों को चिन्हित कर स्वास्थ्य लाभ हेतु क्या-क्या उपाय किये गये? (ग) जिला शिवपुरी में विकासखंडवार, वर्षवार कितने-कितने बच्चे कुपोषित होकर कुपोषण ग्रस्त पाए गए, उनकी देखभाल हेतु विकासखंडवार क्या-क्या कार्यवाही की गयी? साथ ही विभाग द्वारा किस फर्म, एजेंसी, एन.जी.ओ., संस्था अथवा अन्य किसी दानदाताओं के माध्यम से कोई कार्य किए गए हैं? तो जानकारी दी जावे। (घ) उपरोक्तानुसार उल्लेखित समस्त प्रश्नों में सम्मिलित विषयों के कार्य हेतु जिलेवार, विकासखंडवार कितना-कितना बजट स्वीकृत एवं व्यय किया गया? व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किस प्रकार किया गया? (ड.) केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों से संबंधित कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन'' कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार एवं पोषकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन किया जाता है। (ख) प्रत्येक माह की 11 से 20 तारीख तक सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में शारीरिक माप दिवसों का आयोजन किया जाकर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है। उल्लेखित अवधि में वर्षवार व परियोजनावार कुपोषित बच्चों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार एवं पोषकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन किया जाता है। (ग) कुपोषित बच्चों की वर्षवार व परियोजनावार संख्यात्मक जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। विभाग द्वारा ''अडाप्ट एन आंगनवाड़ी'' कार्यक्रम के माध्यम से दानदाताओं द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु अधोसंरचना मूलक कार्यों में सहयोग, बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकता में सहयोग और स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु सहयोग किया गया है। (घ) कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस हेतु विभाग में अलग से कोई बजट प्रावधानित नहीं है। अतिकुपोषित बच्चों को राशि रूपए 4 का अतिरिक्त आहार देने का प्रावधान है, जो पोषण आहार के बजट में ही समाहित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( *क्र. 967 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विकासखण्ड खनियाधाना के ग्राम नदनवारा में श्रीमती मेवाबाई, पत्नी कमलेश खँगकर आँगनवाड़ी केन्द्र मजरा कुन्दौली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत है? इनकी नियुक्ति कब किस वर्ष में किस नाम से की गई? क्या नियुक्त कार्यकर्ता और कार्यरत कार्यकर्ता एक ही व्यक्ति है या अलग-अलग? (ख) पिछोर विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास परियोजनाओं में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पद पर कई केन्द्रों में प्रश्नांश (क) जैसी स्थिति है? क्या विभाग में नियुक्ति किसी अन्य व्यक्ति को दी है और कार्य किसी अन्य व्यक्ति से लिया जा रहा है? क्या विभाग इस मामले में विस्तृत परीक्षण व जांच कराकर दोषियों को दंडित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दोनों एक ही व्यक्ति है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। उत्तर 'क' के संदर्भ में लागू नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा सिंचाई परियोजना की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
10. ( *क्र. 792 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के खरगौन जिले में सिंचाई हेतु 110 ग्रामों में नर्मदा जल मिल रहा है तथा बड़वानी जिले की राजपुर विधान सभा क्षेत्र में 116 ग्रामों को सिंचाई हेतु नर्मदा जल मिल रहा है? राजपुर विधानसभा के पास ही सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के एक भी ग्राम में वर्तमान तक नर्मदा जल का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? (ख) शासन द्वारा सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो इसमे सेंधवा एवं पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्राम लाभान्वित होंगे तथा उक्त दोनों विधानसभा क्षेत्रों के कितने ग्राम उक्त योजना से शेष रहेंगे? यदि शेष ग्राम रहेंगे तो क्यों? उक्त अनुसार शेष ग्रामों में माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना कब तक लागू की जावेगी? उक्त योजना में सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के वरला तहसील के 48 ग्राम पंचायतों में कब तक योजना लागू की जायेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की विस्तृत कार्य योजना क्या है तथा कार्य योजना स्वीकृति आदेश तथा डी.पी.आर. एवं संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करावें। सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों को धरातल पर कब तक उक्त योजना का लाभ प्राप्त होगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी) : (क) खरगोन जिले में वर्तमान में 400 ग्रामों को सिंचाई हेतु नर्मदा जल उपलब्ध कराया जा रहा है। राजपुर विधानसभा क्षेत्र के 160 ग्रामों को सिंचाई हेतु नर्मदा जल उपलब्ध कराया जा रहा है। सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के 67 ग्रामों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने के लिए सेंधवा माईक्रो उद्वहवन सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है। (ख) जी हाँ। सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के 67 एवं पानसेमल विधानसभा क्षेत्र के 23 ग्राम लाभान्वित होंगे। नवीन परियोजना के संबंध में तकनीकी साध्यता के आकलन उपरांत ही स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माह सितम्बर 2030 तक।
परियोजना अधिकारियों की पदस्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 96 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में मध्यप्रदेश में परियोजना अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) विभाग में परियोजना अधिकारी के कितने पद रिक्त हैं? (ग) परियोजना अधिकारी के वर्तमान भरे कितने पदों पर महिला परियोजना अधिकारी एवं कितने पदों पर पुरुष परियोजना अधिकारी पदासीन हैं? (घ) ऐसे परियोजना अधिकारियों के नामों की सूची जो 3 वर्ष से एक ही परियोजना में पदस्थ हैं? (ड.) परियोजना में पदस्थ होने की सूची इस प्रकार देने का कष्ट करें :- जिला एवं जिले की परियोजना का नाम (अ) दो वर्ष. (आ) तीन वर्ष. (इ) चार वर्ष. (ई) पांच वर्ष. (उ) छह वर्ष या उससे अधिक. (च) महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों के लिए स्थानान्तरण की क्या कोई अलग से स्पेशल नियमावली है, तो देने का कष्ट करें? (छ) विभाग में पदस्थ पुरुष अधिकारियों द्वारा महिला अधिकारी कर्मचारियों की प्रताड़ना अथवा परेशान करने की कितनी शिकायतें डायरेक्टरेट अथवा जिला महिला अधिकारी के कार्यालय पर लंबित हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 453 (ख) विभाग में परियोजना अधिकारी के 113 पद रिक्त हैं। वर्ष 2018 में विभाग के दो संचालनालयों के एकीकरण उपरांत महिला सशक्तिकरण संचालनालय में परियोजना अधिकारी के समकक्ष संवर्ग के 82 विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी, परियोजना अधिकारी के रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत हैं। 340 भरे पदों में से 291 बाल विकास परियोजनाओं में पदस्थ हैं, शेष 49 अधिकारी वन स्टॉप सेंटर, संचालनालय, आयोग, निगम आदि में पदस्थ हैं। (ग) परियोजना अधिकारी के वर्तमान भरे 340 पदों में से 152 पदों पर महिला अधिकारी एवं 188 पदों पर पुरूष अधिकारी पदासीन हैं। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) जी नहीं। (छ) डायरेक्टरेट स्तर पर 08 एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय पर 01 शिकायत लंबित है।
रेत के अवैध उत्खनन/परिवहन की रोकथाम
[खनिज साधन]
12. ( *क्र. 902 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना के विधान सभा क्षेत्र अम्बाह के अन्तर्गत कुछ क्षेत्र चम्बल नदी का आता है? (ख) क्या चम्बल नदी से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इसे रोकने के लिये कोई कार्यवाही करता है? (ग) पुलिस थाना महुआ क्षेत्र में दिनांक 01 जुलाई, 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने रेत माफियाओं पर कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज किये? उनके नाम, पता एवं दर्ज अपराध क्रमांक सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (घ) अभी तक उक्त क्षेत्र से अवैध उत्खनन एवं परिवहन क्यों नहीं रोका गया? (ड.) क्या रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को रोकने में नाकाम अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में चम्बल नदी वन क्षेत्र के अंतर्गत है। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु सतत् रूप से कार्यवाही की जा रही है। (ग) पुलिस थाना महुआ क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 03 वन अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं :-
क्र. |
प्रकरण क्रमांक/दिनांक |
प्रकरण का प्रकार |
आरोपी का नाम |
1. |
9803/22 दि. 25.07.2024 |
अवैध डम्प |
अज्ञात |
2. |
9803/23 दि. 26.07.2024 |
अवैध डम्प |
अज्ञात |
3. |
9662/23 दि. 14.11.2024 |
अवैध डम्प |
अज्ञात |
वन अपराध अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किए गए हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) चम्बल नदी में खनिज रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को रोकने के लिये वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के साथ एस.ए.एफ. का फोर्स वनमण्डलाधिकारी मुरैना के मार्गदर्शन में लगातार गश्त एवं छापामार कार्यवाही करते हैं। दिनांक 01 जनवरी, 2024 से 30 नवम्बर, 2024 तक चम्बल नदी के क्षेत्र/रेत घाटों पर वन विभाग, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग एवं खनिज विभाग द्वारा एस.ए.एफ. फोर्स के साथ समय-समय पर कार्यवाही करते हुये खनिज रेत अवैध उत्खनन के 152 प्रकरण में वन अधिनियमों में दर्ज किये गये हैं। अवैध रेत परिवहन के 172 प्रकरण दर्ज कर रूपये 5,46,875/- का जुर्माना वसूल किया गया है। 61 वाहनों को वन अधिनियम के अधीन राजसात की कार्यवाही की गई है तथा 58 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। वन अधिनियम के अधीन 150 प्रकरणों में पी.ओ.आर. काटी गई है। वन विभाग द्वारा चम्बल नदी के विभिन्न घाटों के रास्तों को अवरूद्ध करने के लिये नालियां/घाट क्षेत्रों पर मार्ग अवरोधक किये जाने हेतु खंती खुदवाकर चम्बल नदी से रेत के अवैध उत्खनन को रोकने का प्रयास किया जाता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) में दिए उत्तर अनुसार कार्यवाही गतिशील है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मक्सी में हुए उपद्रव में शामिल आरोपियों पर कार्रवाई
[गृह]
13. ( *क्र. 779 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शाजापुर जिला अंतर्गत मक्सी में हुए उपद्रव की घटना में शामिल आरोपियों पर प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा किस धारा अंतर्गत, कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? कार्रवाई दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) क्या दंगा/उपद्रव में मृत/घायलों को गृह मंत्रालय भारत सरकार एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार मुआवजा राशि प्रदान किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या मक्सी उपद्रव में गोली लगने से मृत व्यक्ति के परिवारजनों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार कोई मुआवजा राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो मुआवजा भुगतान दिनांक सहित अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) गृह मंत्रालय-भारत सरकार एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार क्या दंगा/उपद्रव में घायलों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो मक्सी उपद्रव में कितने घायलों का नि:शुल्क उपचार किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? शासन द्वारा उपद्रव में पीड़ित घायलों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था न किए जाने के क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रदेश के समस्त विभागों में की जा रही आउटसोर्स भर्ती की जांच
[सामान्य प्रशासन]
14. ( *क्र. 776 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के अनेक विभागों में रिक्त पड़े पदों की पूर्ति आउटसोर्स के माध्यम से कंपनियों को ठेके पर दिए जाकर की जा रही है? यदि हाँ, तो इस भर्ती प्रक्रिया में आउटसोर्स कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के चयन हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदंड का पालन करते हुए पारदर्शिता पूर्ण प्रक्रिया अपनाई जा रही है? यदि हाँ, तो वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक समस्त भर्तियों के विज्ञापन, आवेदित अभ्यर्थी, चयनित एवं प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों की सूची मय विवरण सहित उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों/आउटसोर्स एजेंसी पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बताएं। (ख) क्या प्रदेश के अनेक विभागों में आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से रिक्त पड़े पदों पर की जा रही भर्ती में की जा रही अनियमितता एवं भ्रष्टाचार (रिश्वतखोरी) की अनेक खबरें दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रही हैं? यदि हाँ, तो कब-कब एवं किन-किन समाचार पत्रों में आउटसोर्स भर्ती में घोटाले की खबरें प्रकाशित हुई एवं इस पर शासन द्वारा संज्ञान लेकर कोई जांच करवाई गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक करवाई जायेगी? (ग) कुछ विभागों में बिना प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किये भर्ती की गयी? जांच की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अनेक विभागों की चाही गई जानकारी में विभागों के नाम स्पष्ट न होने के कारण उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित अनेक विभागों की चाही गई जानकारी में विभागों के नाम स्पष्ट न होने के कारण उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ग'' में वर्णित कुछ विभागों की चाही गई जानकारी में विभागों के नाम स्पष्ट न होने के कारण उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
सिविल सेवा आचरण नियमों के अंतर्गत पत्राचार
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
15. ( *क्र. 735 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल सेवा आचरण नियमों के अन्तर्गत शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपने हित में विधायक/सांसद/अन्य राजनेता से पत्राचार करना निषेध है? यदि हाँ, तो वर्ष 2003 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधीन कितने अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा उक्त नियम का उल्लंघन किया गया है? नामवार सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त नियम का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी की अलग-अलग जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोहरे मापदण्ड अपनाये गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपील की गई हो तो अपील कहां और कब की गई? अपील की वर्तमान स्थिति की जानकारी दें।
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त नियम का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोहरे मापदण्ड नहीं अपनाये गये हैं, तत्समय गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया गया। (घ) जानकारी निरंक है।
प्रोटोकॉल का पालन
[सामान्य प्रशासन]
16. ( *क्र. 374 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक द्वारा प्रेषित किये गये पत्रों को विभाग में प्राप्त होने के कितने दिनों के अंदर जवाब/जानकारी प्रति उत्तर प्रेषित किये जाने के प्रावधान हैं? विभाग द्वारा समय-सीमा में जानकारी क्यों प्रेषित नहीं की जाती है? (ख) क्या निर्वाचित विधानसभा सदस्य से प्राप्त पत्रों का रिकॉर्ड संधारण किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो दिनांक 04.12.2023 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा जिले के विभिन्न विभागों को प्रेषित किये गये पत्रों के रिकॉर्ड/पंजी की छायाप्रति, पत्रों का जवाब विभाग द्वारा किस-किस पत्र के माध्यम से प्रेषित किया गया है? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि पत्रों का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा विधायक प्रोटोकॉल के संबंध में विभागीय अधिकारियों को समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जारी नियमों/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों का जवाब प्रस्तुत न किये जाने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। (ड.) जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की कण्डिका 3.4 के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक निधि से अनुमत कार्यों की स्वीकृति सामान्यत: कितने दिनों में जारी की गई है? स्वीकृति कितने दिनों में जारी करने के शासन निर्देश हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विभाग द्वारा समय-सीमा में नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत जानकारी से माननीय विधायक को अवगत कराया जाता है। (ख) जी हाँ, निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के शिष्टाचार बाबत निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) सभी पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: निर्देश के उल्लंघन बाबत कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) तकनीकी/प्राक्कलन एवं खसरा-नक्शा प्राप्त होने के उपरांत यथाशीघ्र स्वीकृति जारी कर दी जाती है। जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की कंडिका 3.4 से संबंधित प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
संविदा नियुक्ति नियम 2017
[सामान्य प्रशासन]
17. ( *क्र. 16 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन में संविदा नियुक्ति नियम 2017 अद्यतन संशोधन सहित प्रचलित है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो उक्त नियम के अंतर्गत नियुक्त सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी को जिस पद पर उसे संविदा नियुक्ति दी गई है, उस पद से एक या दो उच्च पद ऊपर का प्रभार दिया जा सकता है? (ग) यदि (ख) का उत्तर हाँ है तो नियम एवं कंडिका सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) जी हाँ। (ख) संविदा नियुक्ति नियमों के तहत सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी को उसी पद पर संविदा नियुक्ति दी जाती है, जिस पद से शासकीय सेवक सेवानिवृत्त होते हैं। संविदा नियुक्ति नियमों में उच्च पद का प्रभार दिये जाने का कोई लेख नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
युवाओं में नशे की लत को कम किये जाने के प्रयास
[गृह]
18. ( *क्र. 1000 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है? यदि हाँ, तो पिछले दो कैलेंडर वर्षों के दौरान सरकार द्वारा जिला जबलपुर में एन.डी.पी.एस. (N.D.P.S.) अधिनियम और आबकारी अधिनियम के तहत कितने मामलों में क्या कार्यवाई की गई है? (ख) पंजीकृत प्रकरणों में नशे के स्रोत और सामग्री के तस्करों/आपूर्तिकर्ताओं के विरूद्ध क्या प्रभावी कदम उठाए गए हैं? (ग) क्या सरकार नशे के खिलाफ कार्रवाई को अधिक प्रभावी बनाने और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान चलाने या कोई विशेष योजना शुरू करने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा और क्रियान्वयन का विवरण प्रदान करें। (घ) क्या मध्यप्रदेश राज्य में खुले में मांस विक्रय पर किसी प्रकार का प्रतिबंध लागू है? यदि हाँ, तो कृपया इस संबंध में लागू नियमों और प्रावधानों का विस्तृत विवरण प्रदान करें। राज्य में खुले में मांस विक्रय प्रतिबंध के उल्लंघन के कितने मामले दर्ज किए गए हैं? जबलपुर और भोपाल शहरों में उल्लंघन के मामलों का दर्ज प्रकरण की संख्या एवं दोषियों पर किये गए दंडात्मक कार्यवाही का विवरण दें। इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए सरकार या नगर निगमों द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) वांछित जानकारी निम्नानुसार है :- 1. एन.डी.पी.एस. अधिनियम-वर्ष-2022 कुल प्रकरण-66 जब्त किया गया, मादक पदार्थ-गांजा/स्मैक, मात्रा-1032 किलो 472 ग्राम आरोपियों की संख्या-75, कीमत-7150960 2. वर्ष-2023 कुल प्रकरण-75, जप्त मादक पदार्थ-गांजा/स्मैक, मात्रा-10 क्विंटल 629 किलो 625 ग्राम 168 मि.ग्राम, आरोपियों की संख्या-104, कीमत 31287860 3. दिनांक 01.01.2024 से 23.11.2024 तक कुल प्रकरण-95 जब्त मादक पदार्थ गांजा/स्मैक, मात्रा-422 किलो 455 ग्राम 459 मि.ग्राम आरोपियों की संख्या-127, कीमत-50768202. आबकारी अधिनियम - 1. वर्ष-2022, आबकारी प्रकरण-5689, खुले में मांस के विरूद्ध कार्यवाही 00 2. वर्ष-2023, आबकारी प्रकरण-6563, खुले में मांस के विरूद्ध कार्यवाही 00 3. दिनांक 01.01.2024 से 23.11.2024 तक आबकारी प्रकरण-4987, खुले में मांस के विरूद्ध कार्यवाही 00 (ख) 1. मादक पदार्थ की तस्कारी करने वालों पर विशेष रुचि लेकर अधिक से अधिक पर वैधानिक कार्यवाही की गई। 2. मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले व्यक्तियों पर भी आवश्यक कार्यवाही की गई। 3. सभी स्कूल एवं कॉलेजों के आस पास लगाये गये तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, पान में मिलाये जाने वाले नशीले पदार्थों को बेचे जाने वाले टपरों को हटाया गया एवं स्कूलों एवं कॉलेजों में नशा मुक्ति कार्यक्रम जैसे नशा मुक्ति रेली निकालकर, वाद विवाद प्रतियोगिता, वेलेट पेपर, लघु नाटिका, जैसे कार्यक्रम प्रतिमाह आयोजित करके लोगों को नशा मुक्ति केन्द्र जाने का सुझाव दिया गया। 4. गांव कस्बों में शराब, गांजा, स्मेक, तम्बाखू, बीड़ी आदि नशीली पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्तियो के बीच जाकर उन्हें नशे से होने वाली आर्थिक हानि, शारीरिक बीमारी, अपराधिक गतिविधियों, परिवारिक कलह, मानसिक रोगों से संबंधित जानकारी देते हुये, 'जिंदगी को हाँ और नशे को ना' 'say yes to life no to drug' http:pledge-mygov.in पर ई शपथ सार्वजनिक स्थलों पर दिलाई जाकर पोर्टल पर जानकारी अपलोड कराई गई। 5. जिलें में चिन्हांकित हॉटस्पॉट (जहां मादक पदार्थ की अधिक बिक्री खरीदी एवं मादक द्रव्यों का नशा करनें वाले व्यक्तियों की संख्या अधिक हो) पर अधिक से अधिक वैधानिक कार्यवाही कर एवं स्थानीय लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। 6. जिले में संचालित सभी शासकिय केन्द्रीय अनुदान प्राप्त, अशासकीय नशामुक्ति केन्द्रों की गतिविधियो पर सतत् नजर रखते हुये केन्द्रों को राष्ट्रीय नशामुक्ति टोल फ्री हेल्पलाईन 14446 का उपयोग करने का सुझाव दिया जाकर लोगों को जागरूक किया गया। कार्यवाही सतत् रूप से जारी है। 7. दिनांक 02 अक्टूबर, 2023 से 08 अक्टूबर, 2023 तक गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर नशा विरोधी जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया। 8. युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए वर्तमान में समय-समय पर नशा विरोधी कार्यक्रमों को नियमित रुप से संचालित किया जा रहा है। (ग) वर्तमान में पृथक से कोई विशेष योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) जानकारी निरंक है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( *क्र. 582 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत विकासखण्ड शहपुरा एवं विकासखण्ड जबलपुर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्द्रों में स्वयं के भवन हैं एवं कितने केन्द्र भवन विहीन हैं? इन्हे कहाँ पर संचालित किया जा रहा है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनाँक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्नांश दिनाँक तक किन-किन ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन बनाये जाने की मांग की गई है? उक्त मांगों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विकासखण्ड शहपुरा/जबलपुर में कितने आंगनवाड़ी स्वीकृत किये गये हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विकासखंड शहपुरा में 333 एवं विकासखंड जबलपुर में 208 कुल 541 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। 283 केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित हैं। 258 केन्द्र भवन विहीन हैं, जिनमें से 92 किराये के भवनों में एवं 166 केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1", "2" एवं "3" अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल 10 ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन बनाये जाने की मांग की गई है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "4" अनुसार है। विकासखण्ड शहपुरा में 01 एवं विकासखण्ड जबलपुर में 01 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत है।
सरदार सरोवर परियोजनान्तर्गत अधिगृहित भूमि
[नर्मदा घाटी विकास]
20. ( *क्र. 816 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरदार सरोवर परियोजना अंतर्गत बड़वानी एवं धार जिले में डूब प्रभावितों के पुनर्बसाहट एवं अन्य उपयोग के लिये कृषि भूमियां अधिगृहीत की गई थी? (ख) उसमें कितने भू-स्वामियों ने मुआवजा नहीं लिया है, उनकी ग्रामवार सूची तथा ऐसी अधिगृहित भूमि जिस पर एन.वी.डी.ए. विभाग द्वारा उपयोग में नहीं लाई गई है तथा भू-स्वामियों का ही वर्तमान में कब्जा है, क्या ऐसे भू-स्वामियों को विभाग द्वारा उनकी भूमि वापस लौटायी जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो किन नियमों के अन्तर्गत? (घ) यदि नहीं, तो किन कारणों से नियमों का उल्लेख करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में परियोजना के पुनर्वास/पुनर्बसाहट का कार्य जारी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज उत्खनन
[खनिज साधन]
21. ( *क्र. 285 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में बने हरसी बांध के हरसी मेन कैनाल के गेट एवं हरसी हाई लेवल कैनाल के गेट के मध्य स्थित पहाड़ जो कि बांध को रोकने वाली पार का महत्वपूर्ण हिस्सा है, पर खनन करने हेतु अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो कब एवं किस फर्म को? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या हरसी बांध की पार के पिचिंग का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसमें लगने वाले पत्थरों के लिए प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थान से खनन किया गया है? यदि हाँ, तो किस फर्म के द्वारा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थान से प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य पर विभाग/जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या विभाग/जिला प्रशासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवैध उत्खनन की जांच वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिए उत्तर के प्रकाश में प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध खनन
[खनिज साधन]
22. ( *क्र. 799 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन उज्जैन-गरोठ मार्ग के निर्माण ठेकेदार द्वारा नियम विरुद्ध अवैध खनन किया गया था, जिसमें प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय कलेक्टर महोदय को अवगत कराया गया था, जिसके संदर्भ में दिनांक 15 जून, 2024 को खनिज अधिकारी एवं संबंधित पटवारी द्वारा मौका पंचनामा बनाया गया था? पंचनामें की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या खनिज अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन बना कर माननीय कलेक्टर महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया गया? यदि किया गया तो उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन उज्जैन-गरोठ मार्ग के लिए खनिज विभाग द्वारा किस-किस ठेकेदार को किस-किस स्थान से कितने-कितने खनन एवं परिवहन की अनुमति दी गई थी? सर्वे नं., ग्रामवार विवरण देवें। (घ) क्या निर्माण ठेकेदारों द्वारा माइनिंग नियम के मापदंड से अधिक परिवहन व खनन किया गया है? उन स्थानों की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया है? यदि किया गया तो कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) प्रश्नांश अनुसार महिदपुर विधान क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन उज्जैन गरोठ मार्ग के निर्माण ठेकेदार द्वारा नियम विरूद्ध किये गये अवैध खनन की जाँच दिनांक 15 जून, 2024 को सहायक खनि अधिकारी एवं पटवारी द्वारा की गई, मौका पंचनामा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में प्रकरण क्रमांक 0040/अ-67/2024-25 एवं क्रमांक 0041/अ-67/2024-25 में प्रकरण दर्ज होकर विचाराधीन है व प्रकरण में दिनांक 12.12.2024 को सुनवाई नियत है। (ग) प्रश्नांश अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश अनुसार निर्माण ठेकेदारों द्वारा माईनिंग नियम के मापदंड से अधिक परिवहन व खनन किये जाने के कारण जाँच उपरांत 02 अवैध उत्खनन के प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में दर्ज किये गये हैं। संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मैहर जिले में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र की स्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( *क्र. 857 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की नीति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में आये नियमों/नीतियों के परिप्रेक्ष्य में मैहर विधानसभा क्षेत्र में क्या आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? यदि नहीं, तो क्या आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या बच्चों को पोषण आहार दिये जाने की दृष्टि से निर्धारित मापदण्डों के आधार पर आंगनवाड़ी केन्द्रों से वंचित ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्र के वार्डों में मैहर विधान सभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्र नवीन रूप से खोले जाने की आवश्यकता लोकहित में है? यदि हाँ, तो कब तक खुलवाये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार दी जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने संबंधी भारत सरकार के निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा केवल प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान (पी.एम.जनमन) एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अन्तर्गत चिन्हित क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में नवीन आंगनवा़ड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान न किये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान करने की अधिकारिता भारत सरकार के पास होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
खनिज संसाधनों की नीलामी और सर्वे
[खनिज साधन]
24. ( *क्र. 571 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से 2024 तक "झाबुआ और अलीराजपुर" जिलों में केंद्र सरकार, राज्य सरकार के अधीन विभाग, संगठन और निजी समूह, निजी फर्म ने जो भी खनिज संसाधन (मेजर और माईनर मिनरल) के सर्वे किये हैं, वो सभी सर्वे रिपोर्ट, दस्तावेज, मैप आदि की पूर्ण जानकारी खाता, खसरा ग्राम का नाम के साथ प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) से जुड़े हुए कितने खनिजों की प्राप्ति हेतु, भूमि अधिग्रहण सरकार ने वर्ष 2020 से 2024 तक किया है? सभी भूमि के खाते, खसरे ग्राम के नाम की जानकारी दी जाये। (ग) वर्ष 2020 से 2024 तक "झाबुआ और अलीराजपुर" जिलों में किस प्रकार के सभी खनिजों की नीलामी, कब-कब केंद्र और राज्य के इकाई और विभाग ने की है? किस खदान के दोहन और कार्य की अनुमति दी गयी? किस दर पर बोली लगी और कितने खनिज की मात्रा का दोहन हुआ? किस समूह और फर्म को नीलामी के बाद कार्य करने की अनुमति मिली है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जिला झाबुआ और अलीराजपुर में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (केन्द्र सरकार) एवं मिनरल्स एक्सप्लोरेशन कंसल्टेंसी लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) द्वारा वर्ष 2020 से 2024 तक भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण/अन्वेषण कार्य किया गया है। केन्द्र सरकार के उक्त विभाग एवं उपक्रम द्वारा प्रदत्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण/अन्वेषण कार्य की सम्पूर्ण जानकारी राज्य शासन के पास संधारित न होकर केन्द्र सरकार के विभाग तथा उनके उपक्रम के पास संधारित होती है। (ख) प्रश्नांश अनुसार नीलाम किये खनिज ब्लॉकों में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश अनुसार वर्ष 2020 से 2024 तक ''झाबुआ और अलीराजपुर'' जिलों में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा नीलामी किये खनिज ब्लॉक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। वर्तमान में पूर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है, दोहन का कार्य नहीं किया जा रहा है।
संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाना
[गृह]
25. ( *क्र. 625 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के चार चतुर एसोसिएट्स के संचालकों एवं अन्य के विरुद्ध प्लाट बेचने के नाम पर कितनी राशि की धोखाधड़ी की गई? पड़ाव थाना एवं अन्य थानों में इनके विरुद्ध कितने प्रकरण कब से दर्ज हैं, पुलिस द्वारा इनकी गिरफ्तारी के क्या-क्या प्रयास किये गये? इन फरार अपराधियों पर अंतिम बार कब इनाम घोषित किया गया? गिरफ्तारी के लिए किसी टीम का गठन किया गया तो उस टीम ने क्या-क्या वास्तविक प्रयास किये? (ख) एक आरोपी गिरफ्तार हुआ, उसके पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस ने कंपनी के खाते एवं उन खातों में आई रकम को किन-किन खातों में ट्रांसफर किया गया? जिस जमीन का एग्रीमेंट दिखाकर प्लाटिंग के नाम पर लोगों के साथ 100 करोड़ से ऊपर की धोखाधड़ी की गई, उस जमीन को क्या पुलिस विभाग द्वारा उसके क्रय विक्रय पर रोक की कोई कार्रवाई की गई? (ग) फरार आरोपियों की संपत्ति एवं बैंक खातों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई? 0371/2022 थाना पड़ाव जिला ग्वालियर के प्रकरण में पूर्व में तीन बार सदन के माध्यम से सरकार और पुलिस विभाग को जगाने का कार्य किया गया, लेकिन अफसोस है कि पुलिस विभाग ने उपरोक्त प्रकरण में विवेचक उपनिरीक्षक मुकेश शर्मा को आवेदक के आवेदन के बिंदुओं पर जांच न कराकर जिले में ही पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से जांच कर समय-समय पर क्लीन चिट दे दी, जबकि विवेचना और केस डायरी के आधार पर स्पष्ट है, विवेचक ने आरोपियों की मदद की, जिससे उनमें से एक आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई। उपरोक्त विवेचक उप निरीक्षक के इस कृत्य की जांच पुलिस मुख्यालय के किसी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के माध्यम से करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
फर्जी
परिवहन के
चिन्हित
आरोपी पर
एफ.आई.आर. न होना
[गृह]
1. ( क्र. 2 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के जयतमाल बाबा स्व-सहायता समूह कारीगोही उपार्जन केन्द्र में आर्थिक अनियमिततायें पाई जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई, जिसमें उपार्जन केन्द्र से फर्जी परिवहन दर्शाने वाले ट्रक विशाल रोड लाईन्स के थे? अगर नहीं तो क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 72 (क्र. 1635) जिसका उत्तर 05 जुलाई 2024 की प्रश्नोत्तरी सूची के पृष्ठ क्र. 142 पर मुद्रित है में मान. खाद्य मंत्री महोदय ने लिखित में स्वीकार किया है, वह सत्य है या असत्य? (ख) क्या उपरोक्त प्रकरण में सतना जिले में पुलिस के द्वारा धारा 406, 417, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है? अगर हाँ तो किस थाने में? एफ.आई.आर. की प्रति दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न क. 72 (क्र. 1635) में खाद्य मंत्री महोदय ने स्वीकार किया है कि उक्त फर्जी परिवहन दर्शाने वाले ट्रक विशाल रोड लाईन्स के थे तो प्रश्न तिथि तक सतना जिले की पुलिस के द्वारा ट्रक मालिक/रोड लाईन्स के मालिक विशाल जायसवाल के विरूद्ध किस के दबाव में आकर एफ.आई.आर. प्रश्न तिथि तक दर्ज नहीं की है? एफ.आई.आर. दर्ज नहीं होने के कारण किस नाम/पदनाम के विरूद्ध शासन कार्यवाही कब तक करेगा? (घ) उक्त फर्जी परिवहन का भुगतान विशाल रोड लाईन्स को प्राप्त हुआ? क्या उक्त फर्जी परिवहन विशाल रोड लाईन्स ने किया की जाँच पुलिस ने की या नहीं? अगर नहीं तो क्यों? कब तक एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आरोपियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. नहीं की जाना
[वाणिज्यिक कर]
2. ( क्र. 3 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में आबकारी विभाग में कूटरचित दस्तावेजों से हुये 42 करोड़ रूपयों से ज्यादा के घोटाले में प्रकरण की प्रश्नतिथि तक अद्यतन स्थिति क्या है? उक्त घोटाला किस वर्ष में शासन के समक्ष आया? प्रश्नतिथि तक राज्य शासन ने किस नाम/पदनाम के विरूद्ध किस-किस प्रकार की जाँच करवाकर क्या-क्या निष्कर्ष पाया? सभी जांच रिपोर्टों, निष्कर्षों एवं शासन द्वारा घोटाले की जानकारी से लेकर प्रश्नतिथि तक जो भी आदेश जारी किये हो उनकी एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या राज्य शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित आबकारी अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है जिन्होंने शासन की धनराशि का खुलेआम गबन होने दिया? अगर नहीं तो शासन ने क्यों उक्त जाँचें बैठाई एवं अधिकारियों को निलंबित भी किया? इस प्रकरण में जिन-जिन को निलंबित किया उनके निलंबन आदेशों की एक एक प्रति दें? (ग) आबकारी विभाग म.प्र. के सहायक आबकारी अधिकारी के पद एवं उससे ऊपर के पद के उन अधिकारियों के नाम/पदनाम/वर्तमान पदस्थापना दें, जिनके विरूद्ध पुलिस में आपराधिक प्रकरण (धाराओं सहित दें) लोकायुक्त एवं ई.ओ. डब्लू में प्रकरण पंजीबद्ध हैं और ये अधिकारियों को शासन ने सस्पेंड न कर फील्ड में पोस्टिंग देकर उपकृत कर रखा है? प्रकरणों की सूची अधिकारीवार उपलब्ध करायें एक प्रति दें? क्या शासन दोषी अधिकारियों को फील्ड से हटायेगी? हाँ या ना?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 के माह अगस्त-2017 में बैंक चालान कूटरचना प्रकरण प्रकाश में आने पर प्रकरण से संबंधित 14 अनुज्ञप्तिधारियों व अन्य के विरुद्ध पुलिस थाना रावजी बाजार इंदौर में प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0172/2017 दर्ज करायी गयी थी। वर्तमान में उक्त प्रकरण माननीय अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ, जिला सत्र न्यायालय, इंदौर के समक्ष सत्र प्रकरण क्रमांक 88/18 से क्रमांकित होकर न्यायार्थ विचाराधीन है। साथ ही प्रकरण में लापरवाही करने/पदीय दायित्वों का निवर्हन नहीं करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों श्री संजीव कुमार दुबे (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी, जिला इंदौर) एवं अन्य 7 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 से संयुक्त विभागीय जांच संस्थित है। शासन आदेश दिनांक 02 जुलाई 2024 द्वारा उक्त विभागीय जांच प्रकरण में जांचकर्ता अधिकारी परिवर्तित किया जाकर, श्रीमती रजनी सिंह, अपर आयुक्त, वाणिज्यिक कर अधिकारी (भा.प्र.से.) को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। वर्तमान में उपरोक्त विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक से छ: अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा अधिकारियों को बचाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। प्रकरण में लापरवाही करने/पदीय दायित्वों का निवर्हन नहीं करने के संबंध में प्रश्नांश (क) में वर्णित 06 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को म.प्र. शासन, वाणिज्यिक कर विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक 2485/3114/2017/2/पांच दिनांक 06 सितम्बर 2017 द्वारा निलंबित किया गया, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-सात अनुसार है। (ग) आबकारी विभाग म.प्र. में सहायक आबकारी अधिकारी का कोई पद स्वीकृत नहीं है, विभाग अंतर्गत सहायक जिला आबकारी अधिकारी के पद एवं उसके ऊपर के वर्तमान में सेवारत जिन अधिकारियों के विरूद्ध पुलिस/लोकायुक्त/ई.ओ.डब्ल्यू संबंधी प्रकरण पंजीबद्ध है, उनके संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-आठ अनुसार है। शासकीय सेवकों के रिक्त हुये पदों पर राजस्व हित में प्रशासकीय आधार पर पदस्थापना की जाती है।
मंदसौर जिले में शासकीय आवास का आवंटन
[गृह]
3. ( क्र. 13 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर शहर मैं आवंटन अधिकारी कलेक्टर कार्यालय मंदसौर अधीन कितने शासकीय आवास, किस कॉलोनी में, किस-किस टाइप के, मूलतः किस विभाग के स्थित है मकान नंबर सहित सूची देवें। (ख) आवास आवंटन से संबंधित पंजी/रजिस्टर संधारित किया गया है संधारित पंजी/रजिस्टर की प्रमाणित प्रति देवें और पिछले 25 वर्षों में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों ने शासकीय आवास हेतु आवेदन दिया है उनकी प्रतिया देवें तथा आवास आवंटन की प्रतीक्षा सूची भी आवेदित दिनांक से देवें। (ग) शासकीय आवास आवंटित करने के शासन की क्या नियमावली है उसकी प्रति देवें क्या आवास आवंटित करने हेतु जिला कलेक्टर मंदसौर द्वारा कोई समिति गठित की गई है यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें जिला स्तर पर शासकीय आवास आवंटन कि क़्या नियमावली है उसकी भी प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शासकीय आवास, किस-किस श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों को, किस टाइप का, कब से आवंटित किया गया हैं उसकी सूची विभागवार, उन्हें आवंटित आवास के आदेश की छायाप्रतियाँ सहित उपलब्ध करायें। (ड.) क्या आउटसोर्स/संविदा कर्मचारीयों को आवास आवंटित किये गए है आवंटित आवास की जांच हेतु कोई दल गठित किया गया है यदि हाँ, तो विवरण देवें और आवंटित आवास में संबंधित कर्मचारी ही निवास कर रहा है इसका निरीक्षण कब-कब,किस-किस स्तर के कर्मचारियों द्वारा कब-कब किया गया है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मंदसौर शहर में आवंटन अधिकारी कलेक्टर कार्यालय के अधीन शासकीय आवास की कॉलोनी सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) आवास आवंटन रजिस्टर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। विगत 25 वर्षों में प्राप्त आवेदनों की जानकारी वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय की संबंधित शाखा में संधारित नहीं की जाती है। आवास की प्रतीक्षा सूची के आवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ग) शासकीय आवास आवंटन नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। आवास आवंटन हेतु कोई समिति गठित नहीं की गई। शासकीय आवास आवंटन आवेदन का परीक्षण/पात्रता, आवास रिक्त होने की स्थिति में कलेक्टर मंदसौर द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आवास आवंटन संबंधी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। (ड.) हाँ, आऊटसोर्स/संविदा कर्मचारी श्री वैभव बैरागी प्रबंधक लोक सेवा मंदसौर व श्री आनंद राठौर सहायक लोक सेवा प्रबंधक कार्यालय मंदसौर को आवंटित किये गये है। आवास की जांच हेतु कोई दल गठित नहीं किया गया है। जिस अधिकारी कर्मचारी को आवास आवंटित है, उसके स्थानांतरण/सेवानिवृत्ति पर आवास रिक्त कराने की कार्यवाही की जाती है।
लाड़ली बहना योजना हेतु अनुपूरक बजट का प्रावधान
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 15 ) श्री महेश परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वंचित लाड़ली बहिनों को लाभांवित करने हेतु नए पंजीयन कब शुरू किए जावेंगे? (ख) बहिनों की 1250 रुपए की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपए की राशि हेतु बजट कब बढ़ाया जावेगा? (ग) लाड़ली बहिनों को इस अनुपूरक बजट में नई बहिनों को जोड़ने एवं 3000 रुपए राशि प्रदान करने की क्या योजना हैं? (घ) क्या लाड़ली बहना योजना में ज्यादा से ज्यादा लाभ बहिनों को देने के लिए सरकार उम्र का दायरा 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष करने का प्रावधान लागू करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या लाड़ली बहना योजना में ज्यादा से ज्यादा लाभ बहिनों को देने के लिए सरकार उम्र का दायरा 60 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का प्रावधान लागू करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) से (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) योजना अंतर्गत आयु सीमा घटाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, अत: शेष का प्रश्न नहीं। (ड.) वर्तमान में आयु सीमा बढ़ाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, अत: शेष का प्रश्न नहीं।
प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण
[गृह]
5. ( क्र. 17 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 01 वर्ष में प्रदेश के रीवा, इंदौर एवं उज्जैन जिले में कितने गंभीर एवं संगिन अपराध घटित हुए? घटित अपराधों की किन-किन धाराओं में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? तीनों जिले के प्रत्येक अनुविभाग के प्रत्येक थाने एवं चौकी में पंजीबद्ध अपराधों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) विगत 1 वर्ष में उज्जैन, इंदौर एवं रीवा जिले में महिलाओं बच्चियों से हुए दुष्कर्म एवं महिला संबंधी कितने गंभीर अपराध घटित हुए है? (ग) लूट, मर्डर, डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम, पास्को एक्ट आदि के अंतर्गत उपरोक्त अवधि में कुल कितने प्रकरण किन-किन धाराओं में दर्ज हुए? दिनांक अपराध धारा सहित रिकॉर्ड देवें। (घ) विगत 1 वर्ष में उज्जैन, इंदौर एवं रीवा जिले में अवैध वसूली, जमीनों पर अवैध कब्जे के मामलों में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? दिनांक धारा सहित रिकॉर्ड देवें। (ड.) यह प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री जी के द्वारा मध्यप्रदेश में बढ़ते ड्रग्स तस्करी को लेकर सार्वजनिक रूप से चिंता जाहीर की थी? यदि हाँ, तो म.प्र. सरकार ने ड्रग्स तस्करी की रोकथाम के लिए क्या-क्या कदम उठायें है? (च) म.प्र. सरकार ने गंभीर अपराधों से पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए क्या-क्या कदम उठायें है? वर्तमान में गंभीर अपराधों के बढ़ते ग्राफ को रोकने के लिए एवं सायबर अरेस्ट के माध्यम से लूटी गई राशि, अपराधियों से वसूल कर पीड़ित परिवारों को कितनी राशि दिलाई जा चुकी है? रिकार्ड प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।
शराब ठेकों से प्राप्त राजस्व एवं अवैध शराब बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
6. ( क्र. 51 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार कुल कितनी शराब की दुकानें संचालित है। इससे शासन को कितना राजस्व प्राप्त होता है। ठेकेदार के नाम सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में बिक रही अवैध शराब को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और अवैध शराब बिक्री से शासन को सालाना कितने राजस्व की हानि होती है? (ग) आबकारी विभाग हरदा द्वारा प्रश्न दिनांक तक अवैध शराब बिक्री के कुल कितने प्रकरण बनाये गए है और दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) हरदा जिले में शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार 05 एकल समूहों में सम्मिलित कर कुल 18 कम्पोजिट मदिरा दुकानें संचालित है। इनका निष्पादन वर्ष 2024-25 में रूपये 101,56,20,964/- का राजस्व प्राप्त हुआ है। जिले के 05 कम्पोजिट मदिरा के समूहों में सम्मिलित कर कुल 18 कम्पोजिट मदिरा दुकानों के ठेकेदारों के नाम निम्नानुसार है:-
क्र. |
नाम ठेकेदार |
समूह स्थान |
1 |
श्री पाटेन्द्र जायसवाल |
हरदा/सी-1 टिमरनी समूह |
2 |
श्री संजय जायसवाल |
हरदा/एफ-1 हरदा शहर क्र.-1 |
3 |
श्री विवेक पटेल |
हरदा/एफ-2 हरदा शहर क्र.-2 |
4 |
श्री राहुल जायसवाल |
हरदा/सी-2 सिराली समूह |
5 |
बाबुजी लिकर |
हरदा/एफ-3 खिरकिया समूह |
(ख) हरदा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में बिक रही अवैध मदिरा को रोकने के लिए विभाग द्वारा सतत् निगरानी रखी जाकर, मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार एवं स्वत: संज्ञान से विभाग के कार्यपालिक बल द्वारा अवैध मदिरा विनिर्माण, परिवहन, संग्रहण तथा विक्रय के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही की गई है। दिनांक 01 अप्रैल 2024 से दिनांक 15.11.2024 तक की अवधि में देशी, विदेशी मदिरा एवं हाथ भट्टी मदिरा के कुल 2005.62 लीटर अवैध मदिरा जप्त की गई है। उपरोक्त अवधि में जप्तशुदा देशी/विदेशी मदिरा के किसी भी प्रकार की नॉन ड्यूटी पेड अथवा प्रदेश में विक्रय से प्रतिबंधित श्रेणी की कोई मदिरा जप्त नहीं होने से उपरोक्त अवैध मदिरा की बिक्री के कारण राजस्व की हानि संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) आबकारी विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2024-25 के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक अवैध मदिरा संबंधी कुल 715 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर संबंधित मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम,1915 के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत सक्षम माननीय न्यायालय में अभियोजित किये जाने पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को प्रत्येक प्रकरण में पृथक-पृथक जुर्माना/अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। उक्त प्रकरणों पर आरोपित राशि रूपये 3,59,000/- है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। जिला हरदा में अवैध शराब व्यापार के विरूद्ध विगत पांच वर्षो में अर्थात 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक विभाग द्वारा की गई प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
विभागों को भूमि का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
7. ( क्र. 66 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की तहसील बैतूल के ग्राम कढाई की भूमि को फर्नीचर/उड़न कलस्टर हेतु आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस धारा के तहत किस-किस खसरे की कितनी भूमि किस-किस विभाग को आंवटित की गई है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) धारा 273 में दिये गये प्रावधान अनुसार किसे कितनी भूमि आवंटित की गई? (ग) उक्त भूमि आवंटन में ग्राम सभा की सहमति एवं आदिवासी ग्रामीणों की भी सहमति ली गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हाँ। प्रकरण क्रमांक 0008/अ-20 (3)/2022-23 में कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बैतूल के आदेश दिनांक 07.07.2022 द्वारा ग्राम कढाई की भूमि अद्यतन खसरा नम्बर 187/1/2 रकबा 5.325 हेक्टेयर एवं खसरा नम्बर 187/1/3 रकबा 14.675 हेक्टेयर कुल रकबा 20 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक क्लस्टर विकास हेतु मध्य प्रदेश शासन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग को हस्तांतरित की गई है। कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल अनुसार ग्राम कढाई की भूमि किस-किस विभाग को हस्तांतरित की गई है एवं आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल अनुसार मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959, संशोधित 2018 में धारा 273 का कोई उल्लेख नहीं होने के कारण प्रश्नांश से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला बैतूल अनुसार मध्यप्रदेश नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 के तहत मध्यप्रदेश शासन के विभागों को भूमि का हस्तांतरण किया गया है। इन प्रकरणों में स्थानीय निकायों के अभिमत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
जिला जेल हेतु भूमि का आवंटन
[जेल]
8. ( क्र. 67 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की तहसील बैतूल के ग्राम कढाई की भूमि को जिला जेल हेतु आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस धारा के तहत किस-किस खसरे की कितनी भूमि किस-किस विभाग को आंवटित की गई है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) धारा 273 में दिये गये प्रावधान अनुसार किसे कितनी भूमि आवंटित की गई? (ग) उक्त भूमि आवंटन में ग्राम सभा की सहमति एवं आदिवासी ग्रामीणों की भी सहमति ली गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959, संशोधित 2018 में धारा 273 का कोई उल्लेख नहीं होने के कारण प्रश्नांश से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) उक्त भूमि म.प्र. नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 के प्रावधानों के तहत हस्तांतरित की गयी है। भूमि हस्तांतरण के संबंध में स्थानीय निकायों के द्वारा प्रदाय अनापत्ति विषयक दस्तावेज/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
पर्याप्त पुलिस बल की पूर्ति
[गृह]
9. ( क्र. 73 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ पुलिस थाना मंदसौर से 115 किलोमीटर दूर संवेदनशील क्षेत्र में आता है। यहां आबादी के मान से कितना बल स्वीकृत है तथा किस-किस पद पर? (ख) उक्त क्षेत्र राजस्थान सीमा से लगा है, वह अपराधों में अधिकता है, जबकि यहां पुलिस बल की कमी हैं, पुलिस वाहन व संसाधनों की कमी है, पुलिस आवासों की कमी है? क्या शासन उक्त सुविधा मुहैया कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) राजस्थान सीमा से लगे क्षेत्र भैसोदा एवं बोलियां में अपराध नियंत्रण हेतु गरोठ थाना पर्याप्त नहीं होने के कारण वहां पुलिस चौकी आवश्यक है। सरकार इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए क्या कदम उठा रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। यहां उक्त आबादी पर 59 बल स्वीकृत है जिसमें निरीक्षक-01, उप निरीक्षक-04, सहायक उप निरीक्षक-08, प्रधान आरक्षक-10, आरक्षक-36 एवं आरक्षक चालक-01 है। (ख) जी हाँ। गरोठ मुख्यालय पर पर्याप्त बल एवं संसाधन उपलब्ध है। पुलिस आवास हेतु मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कराया जा रहा है। समय-सीमा बताई जाना संभव नही। (ग) थाना भानपुरा अंतर्गत भैसोदामण्डी में पुलिस चौकी स्वीकृत है एवं थाना गरोठ में पुलिस सहायता केन्द्र चलाया जा रहा है। चौकी एवं सहायता केन्द्र में पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध है तथा अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है।
अवैध गतिविधियों के संचालन पर प्रतिबंध
[गृह]
10. ( क्र. 105 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार अवैध गतिविधियां जैसे-कोयला चोरी, अवैध रेत उत्खनन कार्य, जुआं-फड़, अवैध शराब का विक्रय, गांजे व अन्य नशीलें पदार्थों का विक्रय आदि गतिविधियां संचालित है, इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों से निरंतर पत्राचार कर, मौखिक रूप से तथा दूरभाष पर भी अवगत कराया जा चुका है, परन्तु फिर भी शासन प्रशासन द्वारा अवैध गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है, परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की अवैध गतिविधियों के संचालन पर तत्काल रोक लगाये जाने एवं अवैध गतिविधियों को संचालित करने वाले व्यक्तियों पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु म.प्र.शासन द्वारा त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश जारी करेंगे? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की अवैध गतिविधियों के संचालन पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा व अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) परासिया को कार्यालयीन पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/689 दिनांक 13.11.2024 एवं श्रीमान जिलाध्यक्ष (कलेक्टर) छिंदवाड़ा को कार्यालयीन पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/690 दिनांक 13.11.2024 को प्रेषित किए गये थे, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और नहीं की गई तो इसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही करते हुए, अवैध गतिविधियों के संचालन पर रोक लगाई जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे कोयला चोरी, अवैध रेत उत्खनन कार्य, जुआं-फड़, अवैध शराब का विक्रय, गांजा एवं अन्य नशीले पदार्थों का विक्रय आदि की सूचना प्राप्त होने पर पुलिस द्वारा तत्काल प्रभावी वैधानिक कार्यवाही की जाती है. जिसके कारण उक्त प्रकार के अपराध नियंत्रण में है। उक्तानुसार मध्यप्रदेश शासन द्वारा पृथक से त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है। (ख) माननीय विधायक द्वारा प्रेषित पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/689 दिनांक 13.11.2024 प्राप्त होने के बाद जिले में समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को, पुलिस अधीक्षक छिन्दवाड़ा पत्र क्र/पुअ/छिद/रीडर/परवाना/74/24 दिनांक 19.11.2024 के माध्यम से जुओं, सट्टा, अवैध शराब एवं अवैध मादक पदार्थ में प्रभावी नियंत्रण कार्यवाही हेतु सतत् कार्यवाही किये जाने के संबंध में पत्र जारी किया गया है। पुलिस नियंत्रण कक्ष छिंदवाड़ा के माध्यम से भी समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को भी उपरोक्तानुसार अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। कलेक्टर छिन्दवाड़ा को कार्यालयीन पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2024/690 दिनांक 13.11.2024 प्राप्त होने पर जिला खनिज अधिकारी छिन्दवाड़ा के पत्र कमांक 1641/खनिज/2024 दिनांक 21.11.2024 के द्वारा खनिज निरीक्षक अनुभाग परासिया को अवैध गतिविधियों अतिशीघ्र बन्द कराए जाने हेतु निर्देशित किया है। जिसके अनुसार दिनांक 24.11.2024 एवं दिनांक 25.11.2024 को खनिज, राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये तहसील परासिया के पटवारी हल्का नं. 26 अंतर्गत ग्राम मण्डला के हरनभाटा (मण्डला) ओ.सी.एम (बंद) के समीप ख.क. 378 पर खनिज कोयले से भरी 126 नग बोरिया (खनिज कोयला का वनज 2580 किलोग्राम) अवैध रूप से भण्डारित पाई जाने पर आगामी आदेश पर्यन्त थाना प्रभारी शिवपुरी की अभिरक्षा में प्रदाय किया जाकर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में खनिज रेत के अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
रेत के अवैध उत्खनन बन्द कराया जाना
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 106 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा विभिन्न रेत खदानों का ठेका दिया गया है, किन्तु खनिज विभाग द्वारा इन रेत खदानों का सीमांकन नहीं किया गया है और ठेकेदारों द्वारा रेत खदानों नदियों से रेत का उत्खनन कार्य प्रारंभ भी किया जा चुका है, सीमांकन नहीं होने के कारण सीमा से बाहर अन्यत्र अवैध जगहों से रेत का उत्खनन कर बिना रायल्टी रेत का परिवहन कार्य ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है? जिसके कारण शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है? क्या रेत के अवैध उत्खनन कार्य को तत्काल बन्द कराया जायेगा? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जिला खनिज अधिकारी छिंदवाड़ा को कार्यालयीन अनुस्मरण पत्र 01 पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/204 दिनांक 27.02.2024 एवं पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/280 दिनांक 21.05.2024 तथा रेत खदानों का सीमांकन किए जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया को पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/626 दिनांक 09.10.2024 प्रेषित किए गये थे, परन्तु न तो अभी तक रेत के अवैध प्रतिबंध लगाया गया है और न ही रेत खदानों का सीमांकन किया गया है, कब तक कार्यवाही करते हुए, रेत के अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध एवं रेत खदानों नदियों का सीमांकन करा दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में पूर्व से चिन्हित सीमांकित ठेके में दी गई विभिन्न रेत खदानों में विधिमान्य ठेकेदार द्वारा रेत उत्खनन/उत्पादन किया गया है और विधिमान्य ठेकेदार द्वारा रेत खदानों नदियों से खदान क्षेत्र से बाहर अन्यत्र अवैध जगहों से रेत का परिवहन करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। जिले के रेत खदान समूह के विधिमान्य ठेकेदार मेसर्स ग्रेवेलिया इंटरप्राईजेज प्रा. लिमि. द्वारा उच्चतम ऑफर राशि रूपये 73,18,24,999/- में राज्य खनिज निगम द्वारा माईन डेवलपर कम ऑपरेटर (एम.डी.ओ.) नियुक्त किया गया है। जिसके फलस्वरूप शासन को राजस्व का नुकसान नहीं हो रहा है। (ख) प्रश्नांश अनुसार माननीय विधायक द्वारा उल्लेखित पत्रों में लेख अनुसार परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पूर्व से चिन्हित सीमांकित ठेकेदार को आवंटित विभिन्न रेत खदानों एवं नदियों का निरीक्षण कर मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के अधीन विभिन्न उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में क्रमशः 14 एवं 7 प्रकरण पंजीबद्ध कर क्रमशः राशि रूपये 9,29,650/- एवं 1,58,125/- शासनाहित में जमा कराई जाकर रेत के अवैध उत्खनन पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।
पुलिस थानों का उन्नयन
[गृह]
12. ( क्र. 121 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस चौकियों को उन्नयन कर थाना बनाने के क्या मापदण्ड हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद की राष्ट्रीय महामार्ग की पुलिस चौकी खलटाका के उन्नयन में परीक्षण के दौरान किन मापदण्डों के अनुरूप उपयुक्त नहीं पाई गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत थाना कसरावद, बलकवाड़ा और चौकी खामखेड़ा, खलटाका और अहीरखेड़ा में स्वीकृत पदों के अनुसार सभी पदों पर कर्मचारियों की तैनाती है? अगर नहीं तो कब तक तैनाती की जावेगी? (घ) प्रदेश और खरगोन जिले में साईबर अपराधों में बढोतरी हुई है? अगर हाँ तो प्रदेश में और खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में व्यापारी, किसानों और आमजनों के साथ कितने अपराध घटित हुए हैं? थानावार विवरण देवें। (ड.) प्रश्नांश अनुसार इन अपराधों को रोकने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) पुलिस चौकी खलटाका के थाने में उन्नयन का प्रस्ताव 5 वर्षों में घटित बी.एन.एस. अपराधों के निर्धारित मापदण्ड को पूर्ण नहीं करने से उपयुक्त नहीं पाई गई। (ग) जी नहीं। कुछ पद रिक्त हैं, पदों का रिक्त होना एवं भरना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) एवं (ड.) जी नहीं, खरगोन जिले में वर्ष 2022 में 03, वर्ष 2023 में 09 एवं वर्ष 2024 में 06 तथा प्रदेश में वर्ष 2022 में 958, वर्ष 2023 में 848 एवं वर्ष 2024 में 890 अपराध घटित हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं स अनुसार। सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं प्रदेश के समस्त जिलों द्वारा सायबर अपराधों के संबंध में जागरूकता अभियान संचालित किए गए। पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को सायबर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। ग्रामीण स्तर तक सोशल मीडिया, समाचार पत्रों द्वारा तथा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश आकाशवाणी एवं एफएम स्टेशनों पर सायबर सुरक्षा संबंधी जिंगल्स का प्रसारण किया जाकर प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। पुलिस आधुनिकीकरण योजना अंतर्गत सायबर अपराधों के अनुसंधान में सहयोग हेतु रेंज स्तर पर 13 सायबर फॉरेंसिक यूनिट की स्थापना की गई है।
नहरों द्वारा अंतिम छोर तक जलापूर्ति
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( क्र. 122 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा फरवरी 2024 सत्र के दौरान प्रश्न क्रमाक 643 से पूछे गये प्रश्न के संबंध में विभाग द्वारा सदन को माईनर और सब माईनर नहरों के माध्यम से अंतिम छोर के किसानों को पर्याप्त पानी मिलने की जानकारी दी गई है। परन्तु प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत इंदिरा सागर परियोजना की रतनपुर टेल माईनर सतवाड़ी, माईनर 2 के खरगोन सनावद रोड़ मछलगांव, रतनपुर माईनर 3, अदलपुरा के साथ ही ओंकारेश्वर परियोजना की माईनर नहर डीएम 22 भग्यापुर और डीएम 23 पीपलगोन के किसानों द्वारा सिंचाई का पानी नहीं मिलने की शिकायतें की जा रही है। (ख) क्या सरकार ओंकारेश्वर परियोजना और इंदिरा सागर परियोजना की माईनर नहरों से अंतिम छोर के किसानों को सिंचाई का पानी मिले इस हेतु कोई दल गठित कर जॉच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शिकायतों का निराकरण करते हुए पानी दिया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी भर्ती में हुई अनियमितता की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 132 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने दिनांक 7 अक्टूबर 2024 को अपने पत्र क्रमांक 317 के माध्यम से नीमच के जमुनियाखुर्द केंद्र पर हुई आंगनवाड़ी भर्ती अनियमितता को लेकर जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया था? यदि हां, तो इस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) विधायकों के पत्रों के उत्तर देने की सामान्य प्रशासन की ओर से क्या समय-सीमा तय है? प्रश्नांश (क) संदर्भित पत्र का समय-सीमा में जवाब न देने के क्या कारण रहे? क्या कलेक्टर द्वारा संबंधित अधिकारी के खिलाफ इस संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित या अन्य किस-किस प्रकार की शिकायतें 1 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक नीमच जिले में कुल कितनी शिकायतें, किस-किस विषयक को लेकर महिला बाल विकास अधिकारी एवं कलेक्टर को प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता का नाम, पत्र की प्रतिलिपि, की गई कार्यवाही की प्रतिलिपि सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत नीमच द्वारा शिकायत की जांच की जा रही है। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत नीमच द्वारा शिकायत की जांच किये जाने संबंधी स्थिति से माननीय विधायक महोदय को कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी नीमच द्वारा पत्र क्र.7418, दिनांक 29.11.2024 द्वारा अवगत कराया गया है। जांच की कार्यवाही पूर्ण होने पर नियमानुसार कृत कार्यवाही से भी अवगत कराया जावेगा। अतः शेष जानकारी का प्रश्न नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
खनिज राजस्व में अनियमितता
[खनिज साधन]
15. ( क्र. 136 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में नीमच जिले में रेत, गिट्टी, मुर्रम आदि खनन की कितनी राशि किन कारणों से किन ठेकेदारों एवं खनिज फर्म से वसूली जानी शेष है, इसकी सूची देते हुए वसूली के लिए जारी आदेशों, आरआरसी आदि आदेशों की प्रतियां दें, क्या अधिकारियों की अनियमितता के चलते खदान मालिक एवं ठेकेदार लाखों रुपये का राजस्व नहीं जमा कर रहे हैं? यदि हां, तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्र.247 दिनांक 2 जुलाई 2024 को पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बताया गया है कि ठेकेदार/कंपनी से 15 लाख रुपये की राशि वसूल की जानी शेष है यदि हां, तो क्या पूर्ण राशि वसूल कर ली गई है? यदि नहीं, तो वसूली न करने के क्या कारण हैं? इस संबंध में क्या कार्रवाई विभाग द्वारा की गई? (ग) अवैधानिक रूप से खनन करने वालों पर दर्ज प्रकरणों की सूची दें जिसमें आरोपियों के नाम, प्रकरण क्रमांक और दिनांक अंकित हो। (घ) नीमच जिले में विभाग द्वारा कितनी खदानें किस-किस के नाम से रजिस्टर्ड हैं? इनमें ऐसी कितनी खदानें हैं जो तालाब, स्कूल, सड़क एवं पर्यावरण नियमावली के विरुद्ध संचालित हैं? इनकी कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं? सभी खदानों की पर्यावरण एनओसी की प्रतियां उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ व ब पर दर्शित है। संचालित खदानों में से 02 खदानों के अनिवार्य भाटक की राशि रूपये 8,00,000/- व अवैध खनन की राशि रूपये 4,54,57,000/- की राशि वसूल की जाना शेष है, जिसके लिये मांग पत्र/आर.आर.सी. जारी की गई है। यह सही नहीं है कि, अधिकारियों की अनियमितता के चलते खदान मालिकों एवं ठेकेदार लाखों रूपये का राजस्व नहीं जमा कर रहे है, वर्ष 2024 की छः माही तक 02 खदानों को छोड़कर समस्त खदानों का अनिवार्य भाटक जमा कराया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न क्र. 247 दिनांक 02 जुलाई 2024 के प्रश्न अनुसार ठेकेदार/कंपनी से 15 लाख रूपये की रशि वसूली हेतु जिला कार्यालय नीमच के पत्र क्रमांक 1202 दिनांक 30.07.2024 से मांग पत्र जारी किया गया तथा पत्र क्रमांक 1693, 1694 दिनांक 28.11.2024 से कलेक्टर जिला गुडगांव, (हरियाणा) एवं कलेक्टर जिला बीकानेर (राजस्थान) को आरआरसी जारी की है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। जी नहीं तालाब, स्कूल, सड़क नियमानुसार प्रतिबंधित दूरी पर स्थित खदानें ही संचालित है व जिसमें पर्यावरण अनुमति भी प्राप्त है। विभाग को 02 शिकायत प्राप्त हुई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। खदानों की पर्यावरण एन.ओ.सी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एफ पर दर्शित है।
ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योगों को जारी दिशा निर्देशों का पलान
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
16. ( क्र. 138 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील नागदा में संचालित उद्योग ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योग में विगत 5 वर्षों में CRS Fund से किन संस्थाओं, व्यक्तियों को कितना फण्ड दिया गया है? जिसकी वर्षवार सूची उपलब्ध कराई जावे? उद्योगों को CSR Fund वितरण करने के क्या प्रावधान है? नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध कराते हुए सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या CSR Fund नियमानुसार वितरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? विगत 05 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ग) तहसील नागदा में संचालित उद्योग ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योग में प्रतिवर्ष कितना केमिकल उपयोग होता है? शासन द्वारा इन उद्योगों को कितना केमिकल उपयोग करने की परमिशन दे रखी है एवं इन उद्योगों में कितने पद परमानेंट एवं ठेकेदारी मजदूरों के अर्जित है? इन उद्योगों में वर्तमान में परमानेंट एवं ठेकेदारी के कितने श्रमिक कार्यरत है तथा इनमें से कितने श्रमिक दक्ष श्रमिक है? उद्योगवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विगत 5 वर्षों में इन उद्योगों में कितनी श्रमिक दुर्घटना हुई है? इन्हें रोकने के लिये उद्योगों ने क्या कार्यवाही की है? सम्पूर्ण जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) तहसील नागदा में संचालित उद्योग ग्रेसिम, केमिकल्स एवं लैंक्सेस द्वारा प्रदाय की गई CSR Fund अंतर्गत विगत 5 वर्षों में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 एवं 2 पर है। सी.एस.आर. का वितरण, कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 अनुसार किया जाता है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश शासनादेश 13/10/2017 द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के फेसिलिटेशन हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। (ख) ग्रेसिम, केमिकल एवं लैंक्सेस उद्योग द्वारा प्रदाय की गई जानकारी अनुसार सीएसआर फण्ड का वितरण नियमानुसार किया गया है। विगत 05 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) केमिकल के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 एवं 2 में समाहित है। श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी निम्नानुसार है :- (1) कारखाना ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड स्टेपल डिवीजन बिरला ग्राम नागदा में वर्तमान में 1325 स्थाई श्रमिक एवं लगभग 2376 ठेका श्रमिक कार्यरत है। (2) कारखाना ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड केमिकल बिरला ग्राम नागदा में वर्तमान में 180 स्थाई श्रमिक एवं लगभग 1050 ठेका श्रमिक कार्यरत है। (3) कारखाना लैंक्सेस इंडिया प्रा.लि. नागदा में 222 स्थाई श्रमिक व लगभग 675 ठेका श्रमिक कार्यरत है। श्रमिक उक्त कारखानों में कार्य हेतु दक्ष है। (घ) श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार विगत 05 वर्षों में तहसील नागदा में संचालित उद्योगों में श्रमिकों के साथ घटित दुर्घटना एवं उन्हें रोकने के लिये उद्योगों द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
संचालित गिट्टी खदानें एवं क्रशर की जानकारी
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 140 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा, बड़नगर विधानसभा, तराना विधानसभा, महिदपुर विधानसभा में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी गिट्टी खदानें/क्रशर संचालित हैं? विधानसभावार, स्थान, नाम, संचालक का नाम, रकबा, लीज अवधि सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृति से संबंधित तहसीलदार द्वारा कलेक्टर (खनिज शाखा) को प्रेषित प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति प्रत्येक स्वीकृत गिट्टी खदान/क्रशर के संदर्भ में विधानसभावार उपलब्ध करावें? प्रत्येक प्रकरण में पटवारी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट भी इसी अनुसार संलग्न करें। (ग) प्रत्येक खदान द्वारा लीज अवधि में जो खनन किया गया उसकी जमा रायल्टी की जानकारी प्रतिवर्षानुसार, प्रति खदान/क्रशर अनुसार विधानसभावार देवें। (घ) जिन खदानों में स्वीकृति से अधिक खनन किया गया है उन पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? इसे संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन ने अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कब तक इन पर कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) स्वीकृत खदानों में खनन (मात्रा) से अधिक होने के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेष प्रश्न उपथित नहीं होता है।
बावड़ियों का जीर्णोद्धार
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( क्र. 149 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र विकास निर्वाचन योजना के अंतर्गत कराये जा सकने वाले अनुमत कार्यों में भू-जल रिचार्जिंग सुविधायें, जल संवर्धन, स्टॉप डैम, तालाब का निर्माण एवं नदियों, नहरों, तालाबों के गहरीकरण, गाद निकालने के कार्यों के प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या बावड़ियों के गहरीकरण, गाद निकालने, जीर्णोद्धार के कार्य किये जा सकते हैं? (ग) यदि हाँ, तो विधायक निधि से अनुशंसित बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य का प्रस्ताव अगस्त 2024 से प्रश्न दिनांक तक क्यों लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत यदि नहीं, तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) नदियों/नहरों/तालाबों का गहरीकरण/गाद निकालना योजनान्तर्गत अनुमत श्रेणी में है। बावड़ियों के गहरीकरण एवं जीर्णोद्धार के कार्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में अनुमत श्रेणी में उल्लेखित नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष-2013 की कंडिका 2.4 सूची परिशिष्ट-1 में उक्त कार्य अनुमत श्रेणी में नहीं है।
खदान की लीज के अतिरिक्त भूमि पर कब्जा
[खनिज साधन]
19. ( क्र. 167 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धरमपुरी विधान सभा के ग्राम बगवानिया में हंशा पति पांचीलाल मेडा के नाम से शासकीय भूमि सर्वे नंबर 392 पर लीज लेकर और इसके अतिरिक्त शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर क्रशर प्लांट संचालित किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो लीज प्रक्रिया में विभागों द्वारा प्रदान की गई एनओसी की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या क्रशर प्लांट से 100 मीटर की दूरी के अंदर तालाब, नहर या अन्य शासकीय संपत्ति नहीं होना चाहिए? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त क्रशर प्लांट से 100 मीटर की दूरी के अंदर नहर और तालाब दोनों स्थित होने के बाद भी क्रशर प्लांट संचालित किये जाने हेतु भूमि कैसे लीज पर दे दी गई है? (ड.) शासन के नियम विरुद्ध क्रशर प्लांट संचालित किये जाने के लिए लीज पर दी गई भूमि की लीज निरस्त की जाएगी? यदि हाँ, तो लीज कब तक निरस्त की जाएगी और यदि नहीं, तो किस कारण? कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) धरमपुरी विधानसभा के ग्राम बगवानिया तहसील धरमपुरी में श्रीमती हंसा पति पांचीलाल मेडा निवासी धामनोद को शासकीय भूमि सर्वे नंबर 392 पेकी रकबा 2.500 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज पत्थर/गिट्टी उत्खनिपट्टा कार्यालय के आदेश क्रमांक 1807-08/धार दिनांक 06.07.2019 के द्वारा अवधि दिनांक 11.07.2019 से 10.07.2029 तक के लिये स्वीकृत किया गया है तथा ग्राम बगवानिया तहसील धरमपुरी के खसरा क्रमांक 397 पैकी रकबा 1.000 हेक्टेयर पर शासन के परिपत्र क्रमांक 19-32/2003/12/1 भोपाल दिनांक 10/12/2003 में दिये गये प्रावधानों के अन्तर्गत (संबंधित ग्राम पंचायत के द्वारा ठहराव-प्रस्ताव दिये जाने से) कार्यालय के पत्र क्रमांक 2137-38 धार दिनांक 09.09.2019 के तहत क्रशर प्लांट हेतु भूमि आवंटित की गई है। (ख) लीज स्वीकृति पूर्व विभागों से प्राप्त की गई एन.ओ.सी. की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में क्रशर प्लांट से दूरी से प्रतिबंधित संबंधित कोई प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों पर कार्यवाही न होना
[गृह]
20. ( क्र. 180 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुष्पेन्द्र सिंह निवासी तालदरवाजा, टीकमगढ़ द्वारा एक शिकायत लोकायुक्त पुलिस सहित पुलिस महानिदेशक भोपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय भोपाल सभी संबंधित विंगों को गिरी ग्रुप टीकमगढ़ एवं चंद्रप्रकाश गिरी निवासी श्री नगर के विरूद्ध बेनामी संपत्ति एवं छल-कपट के संबंध में की थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायत की जांच एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ द्वारा की गई और शिकायत सही पाये जाने पर भी कार्यवाही न कर यह लेख कर दिया कि जांच आयकर विभाग से कराई जाना उचित होगा यदि नहीं, तो एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ के पत्र क्र. अनु.वि.अ.पु टीकमगढ़/शिकायत/पु.मु.-22/24 दिनांक 02.07.2024 का क्या आशय है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित पत्र के विरूद्ध जब पुष्पेन्द्र सिंह ने पुनः शिकायत की तो पत्र क्रं. अनु.वि.अ. पुलिस/टी/रीडर/1384/24 दिनांक 10.07.2024 प्रेषित कर सूचना दी थी कि जांच प्रतिवेदन शिकायत शाखा पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेजा गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित तथ्यों की कब तक जांच कर फर्जी कार्यवाही करने वालों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय, भोपाल के निर्देशानुसार एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ द्वारा की गई शिकायत जांच को आवश्यक कार्यवाही हेतु कलेक्टर जिला टीकमगढ़ को भेजा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार कलेक्टर जिला टीकमगढ़ से वस्तुस्थिति का जांच निष्कर्ष प्राप्त होने के पश्चात परीक्षण उपरांत अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज प्रकरण में कार्यवाही न होना
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 181 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त खाद्य विभाग द्वारा की गयी जांच में सहकारी समितियां गेहूं खरीदी में दोषी पायी गयी थी? उन समितियों के प्रबंधकों, विक्रेता एवं अध्यक्ष पर फर्जी मृत व्यक्तियों के नाम गेहूं उपार्जित कर लाखों करोड़ों का भ्रष्टाचार करने का आरोप था, जिसके विरूद्ध प्रारंभिक जां. क्र. 36/2009 दिनांक 22.09.2009 में ई.ओ.डब्लू. में पंजीबद्ध किया गया था? (ख) क्या विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों की उदासीनता से 15-16 वर्षों बाद भी प्रकरण में कार्यवाही आगे नहीं बढ़ रही है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में वर्णित तथ्यों पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने अनेकों पत्राचार सहित दो बार विधानसभा में प्रश्न करने के बाद भी 15 वर्षों तक लंबित प्रकरण का निराकरण न होने के लिए कौन-कौन दोषी है? उसके विरुद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रारंभिक जांच क्रमांक 36/2009 के जांच उपरांत अपराध क्रमांक 15/2012 धारा 409, 120-बी, 420 भादवि एवं 13 (1) डी, 13 (2) भ्रनिअ 1988 पंजीबद्ध किया गया था। (ख) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। विवेचना में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। (घ) प्रकरण विवेचना में है। साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं।
शक्ति फोर्स का गठन एवं महिलाओं/युवतियों की सुरक्षा
[गृह]
22. ( क्र. 209 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में नाबालिग युवतियों/छात्राओं व महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़, पीछा करने, परेशान करने, अश्लील हरकतें करने से बचाने, उन्हें सुरक्षा प्रदान करने एवं अवांछित तत्वों पर त्वरित कार्यवाही करने हेतु गठित शक्ति फोर्स में कितनी महिला पुलिस कर्मियों को शामिल कर उन्हें क्या-क्या सुविधाएं, संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं? जानकारी दें। वर्तमान में इस शक्ति फोर्स की क्या स्थिति हैं? महिला पुलिस थाना में स्वीकृत एवं पदस्थ स्टॉफ की क्या स्थिति है? कौन-कौन से कितनी पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों। (ख) जबलपुर शहर में चिन्हित कितने हाट स्पाटों पर घटित उक्त घटनाओं से संबंधित पंजीकृत कितने मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज कर कितने अवांछित तत्वों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? इन हाट स्पाटों पर सुरक्षात्मक क्या व्यवस्था की गई हैं? बतलावें। वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक की माहवार एवं थानावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में अबोध नाबालिग युवतियों, स्कूली छात्राओं, युवतियों, महिलाओं के साथ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, यौनशोषण ब्लैक मेलिंग, हत्या, आत्महत्या के लिये प्रेरित करने, आत्महत्या, अपहरण, गुमशुदा, लापता होने से संबंधित पंजीकृत कितने-कितने मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज कर कितने नामजद अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। थानावार एवं माहवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जिला जबलपुर में दिनांक 08.04.2023 से शक्ति टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसमें अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) को नोडल अधिकारी एवं उनके सहायतार्थ, रक्षित निरीक्षक व प्रभारी कंट्रोल रूम को नियुक्त किया गया है। गठित टास्क फोर्स टीम को एक चार पहिया वाहन, वायरलैस सेट सहित दो शिफ्टों में महिला पुलिसकर्मी टीम क्रमांक (1) उपनिरीक्षक-1, प्रधान आरक्षक + आरक्षक-06 टीम क्रमांक (2) उप निरीक्षक-1, प्रधान आरक्षक + आरक्षक-06 को शामिल किया गया है। महिला थाना में स्वीकृत व रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 232 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी आंगनवाड़ी और मिनि आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? केन्द्रवार जानकारी देवें? कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवन है एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये से या अन्य भवनों में संचालित हो रहे है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों कें प्रति केन्द्र कितना किराया दिया जाता है? (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है तथा कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कार्य अधूरा है, अधूरे निर्माण का क्या कारण है? उक्त कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पानी/बिजली/एंव शौचालय की व्यवस्था है कितने केन्द्रों पर नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विगत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन स्वीकृत किये गए है आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी देवें? भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन कब तक स्वीकृत कर दिये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कुल 594 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। केन्द्रवार जानकारी पु्स्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। 169 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 133 किराये के भवन में एवं 292 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र के भवनों के लिए शासन के नियमानुसार शहरी क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु अधिकतम राशि रूपये 6000/- प्रतिमाह एवं ग्रामीण/आदिवासी क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए अधिकतम राशि रूपये 2000/- प्रतिमाह प्रतिकेन्द्र किराया दिया जाता है। किराये के भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में 425 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। जिनमे से 133 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 292 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। 14 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। निर्माणाधीन का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'3' अनुसार है। समस्त 594 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। 231 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध है एवं 363 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। 469 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय व्यवस्था उपलब्ध है। 125 केन्द्रों में शौचालय व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विगत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक 20 आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन स्वीकृत किये गए है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "4" अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
लाड़ली बहना योजना
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 238 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्र.180 दिनांक 02.07.2024 के प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि योजना क्रियान्वयन संबंधी निर्देश 15 माह बाद भी तय होकर जारी क्यों नहीं हुये? कब तक निर्देश जारी कर दिये जायेंगे तथा नया पंजीयन प्रारंभ कर दिया जायेगा, योजना के संबंध में प्रारंभ से अभी तक जारी समस्त परिपत्र आदेश की प्रति देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न क्र.180 दिनांक 02.07.2024 के प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बतावें कि योजना में पंजीयन रोके जाने का उल्लेख नहीं हाने पर भी पंजीयन क्यों रोका गया तथा सतत् योजना में पंजीयन की प्रक्रिया चरणबद्ध कैसे रखी गई है 15 माह से नया पंजीयन न होने पर इसे चरणबद्ध भी कैसे माना गया है? (ग) क्या लाड़ली लक्ष्मी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, पोषण आहार, मध्यान्ह भोजन, वृद्धापेंशन, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना क्या सतत् प्रक्रिया की है क्या इनमे पंजीयन की प्रक्रिया चरणबद्ध है इनमें नया पंजीयन नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या यह सही है कि योजना के बारे में जानकारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 5 (2020-21) का उल्लेख करते लिखा कि प्रदेश में 23% महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स कम है, 15 से 40 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया का स्तर 54.7/है, श्रम में महिलाओं की भागीदारी कम है तथा महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत् सुधार एवं परिवार के निर्णय में सुदृढ़ भूमिका करने हेतु प्रारंभ की गई है यदि हाँ, तो बतावें कि 20 अगस्त 2023 से नया पंजीयन क्या इसलिये बंद कर दिया गया कि उपरोक्त सारे लक्ष्य प्राप्त हो गये है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना अंतर्गत प्रथम चरण में दिनांक 20 अगस्त 2023 तक हितग्रहियों का पंजीयन किया गया है। नवीन पंजीयन प्रारंभ नहीं किया गया है। योजना क्रियान्वयन संबंधी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) योजना अंतर्गत नवीन आवेदन प्राप्त करने हेतु पृथक से निर्देश जारी किये जाते हैं। विभाग के निर्देश दिनांक 04/03/2023 एवं 20/07/2023 के माध्यम से पूर्व में पंजीयन किया गया था इस प्रकार यह चरणबद्ध तरीके से लागू की गई है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांकित योजना सतत् प्रकृति की है अत: पात्रता अनुसार लाभ दिया जा रहा है। (घ) वर्तमान में प्रश्न में उल्लेखित बिन्दुओं के सापेक्ष कोई सर्वेक्षण नहीं कराया गया है। अत:शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन के प्रकरण
[खनिज साधन]
25. ( क्र. 241 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से खनिज साधन के अवैध उत्खनन के सम्बन्ध में कब-कब, किन-किन लोगों पर, क्या-क्या प्रकरण दर्ज किये गये। अवैध उत्खनन करने वाले किस-किस व्यक्ति के कौन-कौन से वाहन जब्त किये गये। जानकारी दिनांकवार, नामवार, प्रकरणवार, जब्त वाहनों की समस्त जानकारी सहित उत्खनन किये जाने वाले स्थान की जानकारी भी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अवैध उत्खनन के प्रकरणों में कौन-कौन से प्रकरण कब-कब कार्यवाही हेतु खनिज विभाग को प्रेषित किये गये व कौन-कौन से नहीं? कारण सहित स्पष्ट करें? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार खनिज विभाग द्वारा किस-किस प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई व किन पर नहीं? किन प्रकरणों में दण्डात्मक कार्यवाही की गयी? प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। समस्त प्रकरण कार्यवाही हेतु कलेक्टर कार्यालय, खनिज शाखा को प्राप्त हुए हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
अनूपपुर जिले में रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
26. ( क्र. 256 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2024 के दौरान अनूपपुर जिले की जैतहरी जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्रामों में स्थित खदानों से अवैध उत्खनन की शिकायत विभाग एवं खनिज अधिकारी अनूपपुर को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) वर्ष 2024 में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? शिकायतों की छायाप्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में संबंधित खनिज अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही कर दी जायेगी? (घ) अनूपपुर जिले में खनिज विभाग अंतर्गत कौन-कौन अधिकारी कब से पदस्थ है किन-किन के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त है? प्रकरणों में दोषी पाये गये अधिकारियों का विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर 107 तथा अन्य माध्यम से 08 शिकायतें प्राप्त हुई है। सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की सूची तथा अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में खनि अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त एक शिकायत पर जाँच हेतु क्षेत्रीय प्रमुख, रीवा को पत्र दिनांक 30.10.2024 द्वारा निर्देशित किया गया है। जाँच उपरांत दोषसिद्ध होने के आधार पर कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। इसकी समय-सीमा दर्शाया जाना संभव नहीं है। (घ) जिले में एक अधिकारी सुश्री आशालता वैद्य, उप संचालक (खनि प्रशासन) दिनांक 18.08.2021 से पदस्थ है। उत्तरांश (ग) अनुसार वर्तमान में कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है।
आबकारी विभाग की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
27. ( क्र. 295 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी आयुक्त सहित किन अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध किन आरोपों की जांच, किस दिनांक से किस स्तर/अधिकारी, जांच एजेंसी द्वारा की जा रही है? प्रकरण-क्रमांक, प्रतिवेदनों/वर्तमान स्थिति का विवरण सहित शिकायतों और जांच-पत्रों, प्रतिवेदनों की प्रतियां देवें। (ख) जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हैं, विभागीय जांच जारी है उन्हें स्थानांतरण नीति, सामान्य प्रशासन मंत्रालय के आदेश के विपरीत फील्ड में क्यों पदस्थ/प्रभार दिया गया है? प्रभार और पदस्थ करने में पदीय अधिकारों में क्या अंतर है? ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाया जाएगा तो कब तक? (ग) किस नाम की डिस्टलरीज से मदिरा तस्करी, 34 (2) के प्रकरण दर्ज किए है, प्रकरण-क्रमांक, दिनांक, आरोपी के नाम, पद, चालान पेश किए हों तो चालान-क्रमांक, न्यायालय सहित विवरण देवें, वर्तमान स्थिति बतावें। प्रकरण/FIR और चालान की प्रतियां देवें। (घ) मदिरा परिवहन की परमिट की समयावधि समाप्त होने पर उसकी समयावधि बढ़वाने की जिम्मेदारी किसकी होती है? आदेश-नियम की प्रतियां देवें। क्या ऐसे प्रकरण में शिकायतें प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें। परमिट-धारक को आरोपी बनाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों। (ड.) एक्सपायर/बेस्ट बिफोर मदिरा/बीयर दर्ज करने का कारण, वैज्ञानिक कारण बतावें। बेस्ट बिफोर के उल्लेख के संबंध में निर्धारित नियम-आदेशों की प्रतियां देवें। 2020 से प्रश्न-दिनांक तक बीयर नष्ट करने के आदेशों की प्रतियां देवें। इस संबंध में प्राप्त शिकायतों और उनके निराकरण की प्रतियां देवें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विभाग अंतर्गत वर्तमान में सेवारत जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक, दो एवं तीन अनुसार है। (ख) शासकीय सेवकों के रिक्त हुये पदों पर राजस्व हित में प्रशासकीय आधार पर पदस्थापना की जाती है। कार्य को सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु किसी अन्य शासकीय सेवक को उसके मूल पद की जिम्मेदारियों के साथ-साथ रिक्त पद का प्रभार दिया जाता है। (ग) प्रदेश में डिस्टलरीज से मदिरा तस्करी, 34 (2) के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (घ) आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र पृष्ठांकन क्रमांक/2017-18/3693 ग्वालियर दिनांक 18.07.2017 के बिंदु क्रमांक 1 अनुसार-रेक्टिफाइड स्प्रिट/एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल/बोतल बंद देशी मदिरा से संबंधित परेषण जो निर्यात या परिवहन परमिट के आधार पर परिवहित किया जा रहा हो, से संबंधित वाहन किसी आकस्मिकता के कारण मार्ग में रूक जाने पर, गंतव्य तक निर्धारित समय-सीमा में नहीं पहुंच सकने की स्थिति में स्थानीय आबकारी अधिकारी अथवा संबंधित पुलिस थाना को लायसेंसी/लायसेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि/वाहन चालक द्वारा लिखित सूचना दी जावेगी। उक्त पत्र के बिंदु क्रमांक 4 अनुसार परिवहन परमिट पर समय-सीमा बढ़ाये जाने हेतु आबकारी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सक्षम होंगे जो उपलब्ध प्रमाणों, प्रभारी आबकारी वृत, पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट पर परमिट पर समय-सीमा में वृद्धि किए जाने के आदेश जारी कर सकेंगे। ऐसे आदेश जारी किए जाने के उपरांत संबंधित वृत के आबकारी उपनिरीक्षक/सहायक जिला आबकारी अधिकारी परमिट पर नियमानुसार समय-सीमा में वृद्धि अंकित कर वाहन को गंतव्य स्थान की ओर रवाना करेंगे। जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। इन्दौर संभाग के अधीन जिला झाबुआ द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार जिले में समयावधि समाप्त होने की स्थिति में शिकायत प्राप्त होने पर 02 विभागीय प्रकरण एवं 07 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 17 फरवरी 2006 अनुसार '' बीयर की बोतलों पर निर्माण के माह से छ: माह के भीतर सर्वोत्तम'' अंकित किया जाना प्रावधानित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-छ: अनुसार है। 2020 से प्रश्न-दिनांक तक बीयर नष्ट करने के आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-सात अनुसार है। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है।
दतिया जिले में अवैध जुआ सट्टा एवं नशे का व्यापार
[गृह]
28. ( क्र. 301 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1/4/2023 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिला में जुआ, सट्टा,गांजा शराब, स्मैक एवं आई.पी.एल. सट्टा कारोबारियों पर पुलिस विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई थानेवार एवं प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) उक्त कारोबारियों पर कौन सी धारा में क्या कार्रवाई की गई FIR सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या इस जिले में गली-गली, मोहल्ले- मोहल्ले जुआ, सट्टा, आई.पी.एल. सट्टा एवं तरह-तरह के नशे का खुलेआम व्यापार चल रहा है जिससे युवा पीढ़ी गलत दिशा में जा रही है और बर्बाद हो रही है अपने ही घरों में चोरी और आत्महत्या करने को मजबूर है यदि नहीं, तो इसकी जांच कराई जाए और यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं। (घ) क्या पुलिस छोटे कारोबारियों पर कार्यवाही कर प्रचार करते हैं और बड़े कारोबारी खुले आम इन अवैध कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, क्या माननीय मंत्री महोदय इन अवैध धंधों को बंद कराने हेतु पृथक से आदेश जारी करने की कृपा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। पुलिस अपने कार्य के बारे में समाचार पत्र/संवाददाताओं को अवगत कराती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरुद्ध रजिस्ट्री
[वाणिज्यिक कर]
29. ( क्र. 304 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में रजिस्ट्रार कार्यालय डबरा जिला ग्वालियर में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी का नाम/पदनाम/जन्मतिथि/शैक्षणिक योग्यता/नियुक्ति दिनांक एवं पद/डबरा में पदस्थी दिनांक/स्थायी पता सहित बतावें। (ख) शहरी क्षेत्र अंतर्गत नगर निवेश की अनुमति बिना कृषि भूमि में कॉलोनी बनाकर प्लाटों की रजिस्ट्री/विक्रय करने संबंधी नियम आदेश की प्रति देवें l वर्ष 2021-22 से 2024-25 में (अक्टूबर 2024 तक) विधानसभा क्षेत्र डबरा अंतर्गत शहरी क्षेत्र बिलौआ, पिछोर एवं नगर डबरा अंतर्गत किस वार्ड में किस व्यक्ति/फर्म द्वारा किस व्यक्ति को कितनी भूमि का प्लाट किस दिनांक को कितनी राशि में विक्रय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त अवधि में शहरी क्षेत्र बिलौआ, पिछोर एवं नगर डबरा के क्षेत्र की निजी भूमि को कृषि भूमि बताकर की गई रजिस्ट्री एवं प्लाट की रजिस्ट्री उपरान्त नामांतरण करवाए बिना इसी रजिस्ट्री से अन्य विक्रेता को की गई प्लाट की पुनः रजिस्ट्री की प्राप्त शिकायतों की जांच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? प्रत्येक शिकायत की जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति देवेंl
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) शहरी क्षेत्रांतर्गत नगर निवेश की अनुमति बिना कृषि भूमि में कालोनी बनाकर प्लाटों की रजिस्ट्री/विक्रय पर रोक संबंधी कोई विशिष्ट प्रावधान रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 एवं इसके अंतर्गत निर्मित नियमों में नहीं है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अवधि में वर्णित संपत्ति का नामांतरण कराए बिना अन्य को रजिस्ट्री करने के संबंध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रशरों का नियम विरुद्ध संचालन
[खनिज साधन]
30. ( क्र. 312 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 2457 दिनांक 09/07/24 के उत्तर में जानकारी दी गई थी कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड-लाइन दिनांक 19/02/04 के अनुसार ग्राम चिरपुरा के पास मेसर्स ब्रिजेश गुप्ता की स्टोन क्रशर ग्राम चिरपुरा की आबादी क्षेत्र से 500 मीटर से कम दूरी पर लगी होने से प्रदूषण फैलने के कारण क्रशर इकाई को बंद करने हेतु दिनांक 14/05/24 को लिखा गया था, क्या इसके बावजूद भी यह क्रशर यथावत स्थान पर संचालित है? जानकारी दें। गाइड-लाइन का उल्लंघन कर बिलौआ, छिराई, चिरपुरा, उदलपारा क्षेत्र में अभी भी किस-किस फर्म की क्रशर संचालित है? यदि नहीं, है तो ग्वालियर जिला खनिज अधिकारी प्रमाणीकरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार तारांकित प्रश्न क्रमांक 2457 दिनांक 09/07/24 द्वारा जानकारी दी गई थी कि डबरा क्षेत्र के अंतर्गत बिलौआ, छिराई, चिरपुरा, उदलपारा में संचालित खदानों में 75 से 80 फीट गहराई से पत्थर निकालने से किस-किस व्यक्ति/फर्म द्वारा पत्थर निकालने की अनुमति खान सुरक्षा महानिर्देशक से ली गई? प्रत्येक व्यक्ति/फर्म का नाम, खदान का स्थान, खसरा क्रमांक एवं रकबा सहित बतावें एवं अनुमति पत्र की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें l (ग) क्या नियम अनुसार 06 मीटर की बाउंड्री न होने से डस्ट से आस-पास की कृषि भूमि एवं बस्तियां प्रदूषित हो रही हैं? यदि नहीं, तो खनिज अधिकारी प्रमाण सहित जानकारी देवेंl
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 28.11.2024 एवं 29.11.2024 को किए गए निरीक्षण में प्रश्नाधीन क्रशर कार्यरत नहीं पाया गया। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की गाइड-लाइन दिनांक 19.02.2024 का उल्लंघन कर प्रश्नाधीन क्षेत्रों में कोई भी स्टोन क्रशर स्थापित नहीं हुआ है। कालान्तर में आबादी क्षेत्रों के विस्तार के कारण 5 स्टोन क्रशर वर्तमान में 500 मीटर से कम दूरी पर आ गये है। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्रों में स्थित खदानों के संबंध में खान सुरक्षा निदेशालय भारत सरकार द्वारा जारी अनुमति पत्रों की सत्यापित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अवगत कराया गया है कि, दिनांक 09 एवं 10 नवम्बर 2024 को ग्राम बिलौआ में एवं दिनांक 28 एवं 29 नवम्बर 2024 को ग्राम चिरपुरा बस्ती में वायु गुणवत्ता की जाँच की गई। जाँच में यह निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं पाई गई। ग्राम बिलौआ एवं चिरपुरा के 35 स्टोन क्रशर के विरूद्ध क्रशर बन्द करने के आशय की सूचना पत्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए हैं। प्रश्नांकित क्षेत्रों में कृषि भूमि प्रदूषित होने से फसल खराब होने की स्थिति नहीं पाई गई है।
साईबर अपराध और ऑनलाईन बैंकिंग ठगी
[गृह]
31. ( क्र. 324 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला में वर्ष-2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी, साईबर अपराध के कितने प्रकरण दर्ज किये गए हैं? कितनों का निराकरण किया जा चुका है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) ऑनलाईन बैंकिंग ठगी, साईबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु सागर जिले के कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। क्या उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण के लिए पृथक से साईबर सेल या कार्यालय है? साईबर अपराध के अन्वेषण हेतु क्या जिला में समस्त आधुनिक संसाधन उपलब्ध है? विस्तृत जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कब तक उपलब्ध करा दिये जाएंगे? (ग) ऑनलाईन ठगी, साईबर अपराध आदि को रोकने हेतु जिला में साईबर एक्सपर्ट अधिकारी, कर्मचारी की नियुक्तियां की गई है या की जा सकती हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) सागर जिले में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी, सायबर, सायबर अपराध के कुल 28 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिसमें से कुल 11 का निराकरण किया गया। (ख) साईबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु सागर जिले के 18 अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण के लिए पृथक से साईबर सेल नहीं है जिला साईबर सेल ही कार्यरत है। सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल अंतर्गत सायबर जोनल कार्यालय जबलपुर में भी सागर जिले से प्राप्त शिकायतों/अपराधों पर विवेचना की कार्यवाही की जाती है। सायबर अपराधों में जप्तशुदा डिजिटल डिवाईस से डाटा रिकवर कर अन्वेषण में सहायता प्रदान करने हेतु सायबर फोरेन्सिक यूनिट सागर संचालित है। सायबर अपराध की प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही हेतु भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा टोल फ्री नम्बर 1930 तथा सायबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायतें दर्ज की जाती है। (ग) ऑनलाईन ठगी, सायबर अपराध आदि को रोकने हेतु 27 सायबर कंसल्टेंट की नियुक्ति हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है।
शासकीय विभागों में आउटसोर्सिंग के पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
32. ( क्र. 330 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में स्थित समस्त शासकीय विभागों में कितने-कितने आउटसोर्सिंग के पद निर्मित हुए हैं? पदवार एवं श्रेणीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया क्या है? क्या इन पदों पर भर्ती कार्यालय प्रमुख/विभागाध्यक्ष द्वारा की जाती है? भर्ती के नियम उपलब्ध कराते हुए वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक क़ी गयी भर्ती की सूचीमय चयनित उम्मीदवारों के नाम, पद, शैक्षणिक योग्यता, मूल निवास का पता एवं देय मासिक वेतन सहित विभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) यदि आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती का ठेका किसी कम्पनी/फर्म को दिया गया है, तो विज्ञापन की प्रति, टेंडर की राशि एवं पूरी टेण्डर की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराते हुए ठेके वाली कम्पनी/फर्म का नाम पता और कितनी राशि में ठेका आवंटित किया गया है? आदेश की प्रति सहित उपलब्ध कराते हुए वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक भुगतान की गयी राशि की जानकारी माहवार उपलब्ध करावें। साथ ही उनके द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को कितना भुगतान किया जा रहा है की जानकारी भी माहवार उपलब्ध करावे? (घ) यदि विभागों में आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती/टेण्डर प्रक्रिया में गड़बड़ी है तो उन अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग ने क्या कार्यवाही की है? जानकारी से अवगत करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) चाही गई जानकारी का विभाग/विभागाध्यक्ष/कार्यलय प्रमुख आदि स्पष्ट नहीं होने के कारण संख्यात्मक उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) म.प्र. सूक्ष्म,लघु और माध्यम उद्यम विभाग के पत्र क्रमांक एफ 9-20/2021/आ-73/दिनांक 13-1-2023 (म.प्र. भंडार क्रय नियम तथा सेवाउपार्जन नियम 2015 तथा संशोधित 2022) में दिए गए निर्देशानुसार खुली निविदा अथवा उक्त नियम के भाग-1 की कंडिका 5 (ii) में दिए निर्देशानुसार उद्यमिता विकास केन्द्र म.प्र. से बिना निविदा आमंत्रित किए सीधे आदेश दे सकेंगे। वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक की गई भर्ती की सूची मय सूची चयनित उम्मीदावारों के नाम, पद,शैक्षणिक योग्यता, मूल निवास का पता एवं देय मासिक वेतन सहित विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती का ठेका भंडार क्रय नियम 2015 संशोधित नियम 2022 के भाग-1 की कंडिका 5 (ii) में दिए निर्देशानुसार उद्यमिता विकास केन्द्र म.प्र. को बिना निविदा के ठेका कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1018 दिनांक 25-8-2023 से दिया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक भुगतान की गई। राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार इस कार्यालय द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को सीधे भुगतान नहीं किया जाता है, बल्कि निर्देशानुसार उद्यमिता विकास केन्द्र म.प्र. के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा है। (घ) आउटसोर्सिंग पद पर भर्ती/टेंडर की प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है।
कुपोषित बच्चों को पोषण आहार
[महिला एवं बाल विकास]
33. ( क्र. 333 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति हेतु विशेष पोषण आहार प्रदान किये जाने के बाद भी कुपोषण से मुक्ति नहीं मिल पा रही है? जिलावार कुपोषित बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) क्या प्रदेश में आंगनवाड़ियों में बच्चों को नाश्ता/भोजन देने हेतु मैन्यू निर्धारित किया गया है? यदि हाँ तो क्या? (ग) प्रदेश में आंगनवाड़ियों में प्रदाय किये जा रहे नाश्ते/भोजन का कोई सोशल ऑडिट कराया गया है? या कराये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ तो सोशल ऑडिट के निष्कर्ष क्या रहे, प्रति उपलब्ध करायें? (घ) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने कुपोषित बच्चे है? क्या इन्हें एवं अन्य बच्चों को निर्धारित मैन्यू अनुसार नाश्ता/पोषण आहार दिया जा रहा है या नहीं इसकी जांच समिति बनाकर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। जिलेवार कुपोषित बच्चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' पर है। (ग) जी नही। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 664 कुपोषित बच्चे है। जी हाँ। शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उप पंजीयक द्वारा नियम विरूद्ध भूमि का विक्रय
[वाणिज्यिक कर]
34. ( क्र. 338 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील करैरा में उप पंजीयक कब से पदस्थ हैं? उप पंजीयक के पद पर तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इनकी भ्रष्टाचारी की पत्र लिखकर शिकायत की गई। दिनांक सहित बताएं। (ख) इनके द्वारा करैरा तहसील में ग्राम पंचायत सिलानगर के ग्राम धवरा के सर्वे क्र. 272/1 रकवा 0.3600 हेक्टर भूमि जो क्रेता और विक्रेता से लाखों रूपये लेकर विक्रय से वर्जित भूमि, जिसका रजि. क्र. MP392962024A1689258 दिनांक 3 जून 2024 को विक्रेता पुलआ पुत्र फोदू, मुन्नी देवी पत्नी पतुआ जाति गडरिया क्रेता प्रेमबती बघेल, उर्मिला बघेल को फर्जी तरीके से विक्रय की गई। (ग) क्या इनकी शिकायतें पूर्व में की गई थीं? उक्त शिकायतों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा इनके द्वारा विक्रय से वर्जित भूमि जो राशि लेकर की गई है, इनको यहां से हटाकर कार्यवाही की जावेगी क्या?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उप पजीयक दिनांक 12-08-2021 से पदस्थ हैं। उप पंजीयक के विरूद्ध स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा 01 शिकायत दिनांक 08-01-2024 को प्राप्त हुई है। (ख) विक्रय उप पंजीयक द्वारा नहीं किया गया है, बल्कि सर्वे क्रमांक 272/1 रकबा 0.3600 से संबंधित भूमि के दस्तावेज का पंजीयन किया गया था। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) से संबंधित शिकायत का निराकरण किया जा चुका है। प्रश्नांश (ख) की शिकायत के संबंध में उप पंजीयक करेरा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जांच उपरांत प्राप्त निष्कर्ष अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
रीजनल इन्वेस्टर कॉन्क्लेव में प्राप्त प्रस्ताव एवं क्रियान्वयन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
35. ( क्र. 395 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीजनल इन्वेस्टमेंट कॉन्क्लेव सागर दिनांक 27 सितम्बर 2024 में प्राप्त Intent to invest के प्रत्येक प्रस्ताव का नाम, विवरण, प्रस्तावित निवेश, रोजगार संख्या तथा समयावधि की जानकारी सुलभ कराई जाये? (ख) प्रश्नांश (क) पर वर्णित प्रस्तावों पर अभी तक प्रत्येक पर हुये क्रियान्वयन की जानकारी दी जाये? (ग) जिन प्राप्त प्रस्तावों पर कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है, उनके उद्यमियों को प्रेरित किये जाने के लिये अभी तक किये गये प्रयासों की जानकारी दी जाय। (घ) क्या किसी प्रस्तावक ने शासन से संबंधित किसी समस्या अथवा सुझाव क्रियान्वयन हेतु दिया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी जानकारी दी जाय? साथ ही निराकरण की जानकारी भी दी जाय।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव सागर दिनांक 27 सितम्बर, 2024 में प्राप्त Intent to Invest के प्रत्येक प्रस्ताव का नाम, विवरण, प्रस्तावित निवेश, रोजगार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। Intent to Invest हेतु कोई समयावधि निर्धारित नहीं हैं यद्यपि जिन उद्योगों को विभाग द्वारा शासकीय भूमि आवंटित की गई हैं, उन पर उद्योग स्थापित करने हेतु म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) अंतर्गत समयावधि निर्धारित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के अनुसरण एवं जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु विभाग अंतर्गत संस्था एमपीआईडीसी में इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेल का गठन किया गया हैं। जिसके द्वारा समस्त निवेशकों से लगातार संपर्क स्थापित कर उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने हेतु जानकारी उपलब्ध कराई जाकर प्रोत्साहित किया जाता है। (घ) प्रस्तावक द्वारा शासन से संबंधित किसी समस्या अथवा सुझाव क्रियान्वयन संबंधित पत्राचार विभाग को अप्राप्त हैं।
हितग्राहियों को लाड़ली बहना योजना का लाभ
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 429 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली बहना योजना के क्या नियम है? (ख) मध्यप्रदेश के सभी पात्र लाड़ली बहनों को योजना का लाभ मिल रहा है अगर हाँ तो डिण्डौरी जिला के सभी पात्र लाड़ली बहनों को योजना का लाभ क्यों नहीं मिल रही है अगर नहीं तो बतावें सभी लाड़ली पात्र बहनों को योजना की लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा एवं कब तक लाभ दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना हेतु प्रथम एवं द्वितीय फेज में आवेदन करने वाले समस्त पात्र हितग्राहियों को डिण्डौरी जिले में योजना का लाभ दिया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्थानांतरण, स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 430 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2023 से आज दिनांक तक सामान्य प्रशासन से कौन-कौन से स्थानांतरण आदेश जारी किये गये? स्थानांतरण स्वेच्छा से किया गया या प्रशासनिक जारी स्थानांतरण आदेश में से कितने आदेश निरस्त किये गये एवं कितने संशोधित किये गये? स्थानांतरण के, निरस्त के, संशोधन की क्या वजह थी? बतावें। (ख) म.प्र. सरकार के सभी विभागों में सभी श्रेणी के स्थाई एवं अस्थाई कितने पद स्वीकृत, स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हैं, कितने रिक्त हैं, कब से रिक्त हैं कब तक भरे जायेंगे? विभागवार, वर्गवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
माईनिंग लीज विक्रय एवं हस्तान्तरण की जानकारी
[खनिज साधन]
38. ( क्र. 450 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज नियमों के अंतर्गत माईनिंग लीज/प्रोस्पेक्टिंग लीज/लीज लेने के लिये विभाग को दिये आवेदनों से किन-किन को बेचा जा सकता है? किन-किन को हस्तान्तरित किया जा सकता है? माईनिंग लीज को क्या हस्तान्तरित किया जा सकता है? क्या माईनिंग लीज को बेचा जा सकता है? नियमों की एक-एक प्रति शासन के आदेशों सहित उपलब्ध करायें? (ख) तत्कालीन सतना वर्तमान मैहर जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2011 से 01.12.2014 के दौरान क्या सर्वेश्वरी मिनरल्स/तुलसीदास तिवारी/संकटा द्विवेदी/अनोद जायसवाल/कमलेन्द्र सिंह कमलू के द्वारा मैहर के ग्राम घुरवई/लटागांव/अन्य में एक हजार से पंद्रह सौ एकड़/हेक्टेयर लगभग की माईनिंग लीज जिसमें क्रशर भी शामिल था को संजीवनी (जे.पी. ग्रुप)/या अन्य किसी को हस्तान्तरित किया/बेच दिया गया? बिन्दुवार प्रकरण का पूर्ण विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित हस्तान्तरण में क्या पूरी तरह नियमों का पालन किया गया? किन-किन नियमों का पालन किया गया? बिन्दुवार विवरण दें? किस-किस सक्षम कार्यालयों भोपाल एवं सतना सहित अन्य के किस नाम/पदनाम के द्वारा उक्त हस्तान्तरण/बेचने (माईंनिग लीज को) को अपने हस्ताक्षर एवं पद मुद्रा (सील) से मंजूरी दी? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (घ) सतना जिले के ग्राम देवमउ दलदल में वित्तीय वर्ष 11-12 के दौरान ए.वी.एस मिनरल्स एण्ड लॉजिस्टिक ने 1145 हेक्टेयर/एकड़ भूमि पर लगाये आवेदन को क्या अल्ट्राटेक सीमेंट के पक्ष में वापस लिया/बेच दिया? किस-किस के आवेदन उक्त लीज हेतु लगे थे? सूची दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज नियमों के अंतर्गत माईनिंग लीज/प्रोस्पेक्टिंग लीज लेने के लिये विभाग को दिये गये आवेदन बेचने या हस्तांतरित किये जाने के प्रावधान नहीं है। माईनिंग लीज को बेचा नहीं जा सकता है। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित खनिज (परमाणु और हाईड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 के नियम 23 के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से माईनिंग लीज को हस्तांतरित किया जा सकता है। (ख) प्रश्नांश अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में लीज बेचने या हस्तांतरित किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) खनिज नियमों में लीज हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र किसी अन्य आवेदक के पक्ष में वापस लेने या बेचने के प्रावधान नहीं है। सतना जिले के ग्राम देवमउ दलदल रकबा 1145 हेक्टेयर भूमि पर ए.वी.एस मिनरल्स एण्ड लॉजिस्टिक द्वारा प्रस्तुत किये गये पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति आवेदन पत्र के अतिरिक्त अन्य प्राप्त आवेदनों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कार्यालयों के भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
39. ( क्र. 476 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिले के महिला एवं बाल विकास कार्यालय हेतु स्वयं का भवन नहीं है और न ही कोई ट्रेनिंग सेन्टर भवन स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या शासन सागर जिले में महिला एवं बाल विभाग कार्यालय एवं ट्रेनिंग सेन्टर के भवन बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान करेगा तथा कब तक? (ख) क्या महिला एवं बाल विकास अंतर्गत सागर जिले में संचालित परियोजना कार्यालयों के भी स्वयं के भवन नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन परियोजना कार्यालयों के भवन बनाये जाने की स्वीकृति भी प्रदान करेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सागर जिले में महिला एवं बाल विकास कार्यालय कलेक्टोरेट परिसर में संचालित है। सागर जिले में ट्रेनिंग सेन्टर के लिए भवन निर्माण किये जाने की योजना वर्तमान में संचालित नहीं है। (ख) सागर जिला अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभागमें स्वीकृत 16 परियोजनाओं में से 10 परियोजना कार्यालय शासकीय भवनों में तथा 06 परियोजना कार्यालय किराये के भवनों में संचालित है। शासकीय भवन की अनुपलब्धता की स्थिति में बाल विकास परियोजना कार्यालयों का किराये के भवनों में संचालन करने का प्रावधान है।
कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ
[वित्त]
40. ( क्र. 477 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना की अधिसूचना जारी होने की दिनांक या उसके पूर्व कार्मिकों की भर्ती हेतु विज्ञापित पदों के सापेक्ष भर्ती किये गये कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदाय हेतु निर्देश जारी किये हैं? उक्त निर्देश के परिपालन में मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को लाभ प्रदाय हेतु सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी किये हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या प्रदेश के ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिनकी नियुक्ति भी उक्त अधिसूचना जारी होने की दिनांक या उसके पूर्व कर्मियों की भर्ती हेतु विज्ञापित पदों के आधार पर हुई है, ने भी भारत सरकार के उक्त आदेशानुसार पुरानी पेंशन में उन्हें भी सम्मिलित करने के लिए विभिन्न माध्यमों से शासन को आवेदन दिए हैं? यदि हाँ, तो इनके उक्त आवेदनों पर सरकार ने क्या विचार किया? क्या सरकार इनकी उक्त मांग को मानेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न माध्यमों से प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारी को उक्त लाभ देने के संबंध में आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में उक्त संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। राज्य शासन अपने वित्तीय संसाधनों एवं प्राथमिकताओं के दृष्टिगत कर्मचारी हित में समय-समय पर उचित निर्णय लेता है।
पुलिस का आधुनिकीकरण
[गृह]
41. ( क्र. 487 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार ने अपराधों की बदलती प्रकृति, आधुनिक संसाधनों के उपयोग आदि को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस बल को और अधिक सक्षम बनाने के लिए पुलिस आधुनिकीकरण के लिए क्या कदम उठाए हैं? (ख) अपराधों पर नियंत्रण, अंकुश, अन्वेषण, गतिविधियों पर नजर आदि हेतु पुलिस को जिस प्रकार के संसाधनों की आवश्यकता होनी चाहिए वह सभी पुलिस थानों, मुख्यत: छतरपुर जिले में कब तक उपलब्ध हो सकेंगे? साथ ही प्रदेश की पुलिस सभी विधाओं एवं देश की सभी एजेंसी में श्रेष्ठ हो ऐसा करने में सरकार का क्या प्रयास होगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अपराधों की बदलती प्रकृति, आधुनिक संसाधनों के उपयोग आदि को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस बल को और अधिक सक्षम बनाने के लिए पुलिस आधुनिकीकरण के लिए निम्नांकित संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं - (1) भारी वाहन (2) मध्यम वाहन (3) हल्के वाहन (4) दो पहिया वाहन (5) रायफल रैक (6) नवीन आधुनिक शस्त्र-यू.बी.जी.एल. (7) एम.जी.एल. (8) असाल्ट रायफल घातक (9) स्नाईपर रायफल (10) पिस्टल रिवाल्वर (11) रायफल (12) टीयर गैस (13) बॉडीगार्ड, (14) शील्ड (15) लाठी (16) हेलमेट (17) कम्प्यूटर, डेस्कटॉप, ऑल इन वन, लेपटॉप, प्रिंटर (18) मल्टीफंक्शन फोटोकॉपी (19) मोबाइल स्मार्ट फोन (20) रेफ्रिजरेटर (21) ब्रीथ एनालाईजर (22) एनालाइसिस सॉफ्टवेयर (23) सी.सी.टी.वी. (24) ड्रोन कैमरा (25) पी.एस.टी.एन. टूल किट (26) इन्वर्टर (27) सर्वर (ख) अपराधों पर नियंत्रण, अंकुश, अन्वेषण, गतिविधियों पर नजर आदि हेतु पुलिस को जिस प्रकार के संसाधनों की आवश्यकता होनी चाहिए वह छतरपुर जिले सहित सभी पुलिस थानों को आवश्यकतानुसार समय-समय पर उपलब्ध कराये गये हैं। प्रदेश की पुलिस सभी विधाओं में देश की सभी एजेंसी में श्रेष्ठ हो, ऐसा करने के लिए आवश्यकता एवं मांग अनुसार संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
42. ( क्र. 493 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 में केवलारी विधानसभा क्षेत्र की खुर्शीपार माल रेत खदान नीलामी में उक्त प्रक्रिया का पालन न किया जाकर अवैध तरीके से ई.सी. जारी कर दी गई? इसकी शिकायत प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा की गई है? जिसमें प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई और नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ग्राम बागडोंगरी में ग्रामवासियों की जनसुनवाई की कार्यवाही के दौरान ग्रामवासियों ने 24 मई 2024 को पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य एवं विधायक ने मौके पर आपत्ति दर्ज कराई किन्तु इसके बावजूद भी इसे नजर अंदाज कर अवैध तरीके से रेत खदान की ई.सी. जारी कर दी गई, तो क्यों? (ग) क्या शासन पूरे प्रकरण की जाँच कर खदान निरस्त करने की कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियमों की अवहेलना कर रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
43. ( क्र. 494 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हिरी नदी में खुरर्सीपार माल रेत खदान में ठेकेदार द्वारा एन.जी.टी. एवं ई.सी. (एनवायरमेंट क्लीयरेंस) के नियमों की अवहेलना कर रेत उत्खनन किया जा रहा है। क्या रेत ठेकेदार पर कोई प्रकरण दर्ज किया गया है, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग द्वारा पूर्व में क्षेत्रीयजनों की शिकायत पर ठेकेदार पर कोई प्रकरण दर्ज किया गया? यदि नहीं, किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ठेकेदार को नदी के दोनों किनारों से पांच-पांच मीटर जगह छोड़कर उत्खनन किया जाना था परंतु ठेकेदार द्वारा नियम विरूद्ध नदी के किनारों से मशीनों द्वारा उत्खनन कराया गया, जिसमें किसानों की कृषि भूमि नदी में समाहित हो गई? अवैध उत्खनन से कृषि भूमि जिन किसानों की नष्ट हुई है, उनका मुआवजा किसके द्वारा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला सिवनी अंतर्गत स्वीकृत रेत खदानों के लिए एम.पी. स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन भोपाल द्वारा दिनांक 04.09.2023 को आशय पत्र (LOI) जारी किया गया था। तदोपरांत ठेकेदार द्वारा खनन योजना, पर्यावरणीय अनुमति, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु सम्मति दिनांक 06.06.2024 को प्राप्त होने के उपरांत वैधानिक अनुमतियों के अनुरूप उत्खनन कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
निर्देशों का पालन कर समय-सीमा में पत्रों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 517 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ 19-76/ 2007/1/4 दिनांक 19.07.2019, दिनांक 12.11.2021 एवं दिनांक 04.04.2022 के द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, जो माननीय सांसद सदस्यों/माननीय विधायकों के पत्रों का समय-सीमा पर निराकरण कराने एवं शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित किये जाने के हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 668/2024 दिनांक 07.11.2024 के द्वारा आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा, कलेक्टर रीवा को लिखे गये पत्रों पर कार्यवाही करते हुये अवगत कराने बाबत् लेख किया गया था। पत्र पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा एवं कलेक्टर रीवा को पत्रों के निराकरण बाबत् किस तरह के निर्देश जारी किये गये? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासन के निर्देशों के पालन न करने के जिम्मेदार आयुक्त, राजस्व रीवा संभाग रीवा, कलेक्टर रीवा एवं अन्य जो इसके लिये जिम्मेदार हैं, उन पर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे जबकि इस बाबत् शासन के निर्देश में स्पष्ट उल्लेख है कि समय पर पत्रों का निराकरण कर अवगत न कराने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? इन जिम्मेदारों पर कार्यवाही हेतु क्या निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के जारी निर्देशों का प्रश्नांश (ख) के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पालन न करने एवं न कराने का जिम्मेदार मानते हुये इन सब पर कार्यवाही हेतु क्या निर्देश देंगे? साथ ही भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो, उस बाबत् भी निर्देश देंगे तो बतायें। अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय विधायक जी के पत्रों पर कार्यवाही प्रचलित है। तत्संबंधी विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उल्लेखित पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं होता।
विधायकों के पत्रों का समय-सीमा में निराकरण
[गृह]
45. ( क्र. 518 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ 19-76/ 2007/1/4 दिनांक 19.07.2019, दिनांक 12.11.2021 एवं दिनांक 04.04.2022 के द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं कि माननीय सांसद सदस्यों/माननीय विधायकों के पत्रों का समय-सीमा पर निराकरण कराने एवं शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित किये जाने के हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार जारी निर्देशों के पालन में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखे गये। पत्र क्रमांक 201 दिनांक 19.02.2024 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल, प्रमुख सचिव म.प्र. शासन भोपाल, पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं पुलिस अधीक्षक रीवा को अवगत कराया गया था। पत्र क्रमांक 323 दिनांक 22.05.2024, पत्र क्रमांक 14 दिनांक 22.12.2023 को पुलिस अधीक्षक रीवा को पत्र लिखा गया था। पत्र क्रमांक 248 दिनांक 27.02.2024 को पुलिस महानिदेशक म.प्र. भोपाल को पत्र लिखा गया था। पत्र क्रमांक 350 दिनांक 13.06. 2024 के माध्यम से पुलिस अधीक्षक रीवा को अवगत कराया गया था। पत्र क्रमांक 409 दिनांक 03.08.2024 के द्वारा एवं पत्र क्रमांक 415 दिनांक 05.08.2024 के द्वारा पुलिस अधीक्षक जिला रीवा को पत्र लिखा गया था। (ग) प्रश्नांश (क) के निर्देशों का पालन एवं प्रश्नांश (ख) के पत्रों पर समय पर कार्यवाही नहीं की गई, जिसके कारण रीवा जिले में आए दिन हत्या, बलात्कार, चोरी, लूट के साथ अवैधानिक रूप से मादक पदार्थों कोरेक्स, गांजा की तस्करी बढ़ी। वर्ष 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक में अपराध की स्थिति जिले की थानावार क्या है? विवरण देवें। इनमें मादक पदार्थों से संबंधित प्रकरणों की जानकारी पृथक से देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार रीवा जिले में अपराध की रोकथाम बाबत् शासन द्वारा संचालित योजनाओं पर कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं एवं कार्यों में व्यय की गई का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का योजनावार, थानेवार जिले का देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) के निर्देशों का पालन कर प्रश्नांश (ख) के पत्रों का समय पर निराकरण कर अवगत न कराने के कारण प्रश्नांश (ग) अनुसार अपराधों में वृद्धि हुई। अपराधों की रोकथाम के नाम पर प्रश्नांश (घ) अनुसार शासन से राशियों का फर्जी रूप से गबन कर शासन को क्षति पहुंचायी गई। इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों के पद व नाम की जानकारी के साथ इन पर किस तरह की कार्यवाही करेंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) मान. विधायक द्वारा दिये गये पत्रों की जांच समय पर की गई है एवं जांच पर आये तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की गई है। हत्या, बलात्कार, चोरी, लूट की अपराधिक स्थिति सामान्य एवं नियंत्रण में हैं। साथ ही अवैधानिक रूप से मादक पदार्थ कोरेक्स, गांजा के धंधे की सूचना प्राप्त होने पर थाने में वैधानिक कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक थानावार अपराधिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) अपराधों की रोकथाम बाबत् शासन द्वारा पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है। जिलों को जो बजट आवंटित किया जाता है, उक्त बजट का ही उपयोग अपराधों की रोकथाम बाबत् किया जाता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''स'' अनुसार है।
मोरंड गंजाल परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
46. ( क्र. 535 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मोरंड गंजाल परियोजना निर्माण कार्य कब शुरू होगा? कार्य में देरी होने का निराकरण कब तक किया जावेगा? (ख) परियोजना निर्माण के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है अथवा नहीं? (ग) विधानसभा सिवनी मालवा के कुल कितने ग्रामों को इस परियोजना का लाभ प्राप्त होगा? कृपया सूची उपलब्ध करावें। (घ) विधानसभा सिवनी मालवा की कुल कितने हेक्टेयर भूमि इस परियोजना से सिंचित होगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पर्यावरणीय स्वीकृति का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार की स्वीकृति उपरांत मोरंड गंजाल परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
47. ( क्र. 554 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि 25 अगस्त 2024 को श्री जुगल किशोर, मंदिर पन्ना में श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र के विकास को लेकर 9 मांगे रखी गई थीं, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अपने (उद्बोधन) में सभी मांगों को मानकर पूर्ण करने का आश्वासन दिया था? क्या इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं की पूर्ति किये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र क्रमांक 287 दिनांक 03.09.2024 एवं कलेक्टर पन्ना द्वारा प्रमुख सचिव को पत्र क्रमांक 1433 दिनांक 02.09.2024 प्रेषित किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री जी के दिये गये आश्वासन एवं पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें। यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौण खनिज मद से राशि की स्वीकृति
[खनिज साधन]
48. ( क्र. 560 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में वर्ष 2023-24 में गौण खनिज मद से स्वीकृत राशि किस-किस विभाग को जारी की गई? (ख) राशि जारी करने के लिए जिस विभाग को राशि जारी की गई है, उस विभाग से उसकी स्वीकृति दी जाना थी। क्या संबंधित विभाग द्वारा आवश्यक स्वीकृति जारी कर दी गई? यदि हाँ, तो स्वीकृति पत्र की प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो स्वीकृति जारी करने की समय-सीमा क्या है और अभी तक स्वीकृति जारी क्यों नहीं की गई और इस विलंब का कारण क्या है? क्या इसके लिए संबंधित विभाग जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई करेंगे और यदि नहीं, तो फिर दोषी किसको माना जाएगा? उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की जावेगी और कब तक? (ग) क्या अभी भी राशि की स्वीकृति जारी नहीं की गई है? कब तक जारी कर दी जाएगी? (घ) क्या भविष्य में राशि स्वीकृत करने के लिए समय नहीं लगे, इस हेतु नियमों में सुधार किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नीमच जिले में वर्ष 2023-24 में गौण खनिज मद से किसी भी विभाग को राशि जारी नहीं की गई है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 के उपनियम (2) के प्रावधानों के तहत गौण खनिज से जमा रॉयल्टी वित्त विभाग द्वारा बजट प्रावधान के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध करायी जाती है। वित्त विभाग द्वारा आवंटित रकम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नियंत्रण के अधीन रहती है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन के प्रकरण पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 567 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह सही है की अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिला धार वर्तमान अनुविभाग, पीथमपुर में प्रकरण क्र. 17/खनिज/2011-12 धार, दिनांक 09-01-2012 लंबित है? (ख) क्या श्रीमती राधाबाई ठाकुर निवासी चिपखोदरा धार के ग्राम फालकियाघाटपुरा में खसरा क्र. 28/3 पर स्वीकृत खदान कार्यालय, कलेक्टर, खनिज शाखा के अनुबंध निष्पादन में अंकित चतुर सीमा तथा तत्कालीन तहसीलदार, खनिज निरीक्षक व आर.आई. व पटवारी के प्रतिवेदनों का अवलोकन करते हुये चतुर सीमा का अवलोकन किया जायेगा। (ग) क्या अनावेदक को खसरा क्र. 28/3 पर खदान स्वीकृत की गई है परन्तु विभागीय अधिकारियों द्वारा खसरा क्र. 28/3 की चतुर सीमा का सीमांकन न करते हुए दूसरे खसरे की चतुर सीमा का सीमांकन कर कब्जा दिया गया है? (घ) क्या कब्जा स्थान अनुबंध तथा अनुबंध निष्पादन में चिन्हित स्थान में भिन्नता है? (ड.) प्रश्नांश (ग) व (घ) अनुसार यदि हाँ, तो तत्कालीन तहसीलदार, खनिज निरीक्षक व आर.आई. व पटवारी ने मौका स्थल पर गलत कब्जा दिया गया है जबकि अनुबंध में चिन्हित चतुर सीमा मौके पर दिए गए कब्जे से मिलान नहीं होती है? इससे स्पष्ट होता है की अनावेदक के ऊपर गलत प्रकरण निर्मित किया गया? कृपया यह भी बतावें कि इस प्रकरण को कब तक बहाल कर दिया जायेगा व दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी पीथमपुर द्वारा दिनांक 24.11.2024 को म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 की उपधारा (7) के तहत कलेक्टर न्यायालय में दर्ज किये जाने हेतु अग्रेषित किया गया है। (ख) श्रीमति राधाबाई ठाकुर निवासी चिपखोदरा धार के ग्राम फालकियाघाटपुरा में खसरा क्रमांक 28/3 पर स्वीकृत खदान कार्यालय कलेक्टर, खनिज शाखा के अनुबंध निष्पादन में अंकित चतुर सीमा अनुसार ही तत्कालीन अपर तहसीलदार के पत्र दिनांक 20/10/2009 के साथ सलग्न कब्जा रसीद में उल्लेख किया गया है कि, पट्टाधारी को स्वीकृत नक्शा अनुसार मौके पर कब्जा दिया गया है। (ग) जी हाँ। अनुबंध निष्पादन में अंकित चतुर सीमा अनुसार ही तत्कालीन अपर तहसीलदार के पत्र दिनांक 20.10.2009 के साथ संलग्न कब्जा रसीद में उल्लेख किया गया है कि पट्टाधारी को स्वीकृत नक्शा अनुसार मौके पर कब्जा दिया गया है। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। पट्टाधारी द्वारा ग्राम फालकियापुरा तहसील पीथमपुर के खसरा क्रमांक 36 में अवैध उत्खनन किये जाने से पूर्व में नायब तहसीलदार टप्पा नालछा द्वारा अवैध उत्खनन का प्रकरण निर्मित किया गया था। वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी पीथमपुर द्वारा दिनांक 24.11.2024 को म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 की उपधारा (7) के तहत कलेक्टर न्यायालय में दर्ज किये जाने हेतु अग्रेषित किया गया है।
नियम विरूद्ध शराब की दुकानों का संचालन
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 579 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक जिला-सतना द्वारा श्री दिलीप कुमार मिश्रा अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी सतना (ग्रा.) के शिकायती पत्र दिनांक 27/05/2024, 27/02/2024, 16/10/2024 एवं 08/11/2024 पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र. के राजपत्र अनुसार जिन क्षेत्रों की जनसंख्या बीस हजार या उससे कम है, मदिरा बिक्री की कोई भी दुकान राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग अथवा राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग के सर्विस लेन के बाहरी किनारे से 220 मीटर एवं बीस हजार से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र में 500 मीटर से कम दूरी पर स्थित नहीं होगी का स्पष्ट उल्लेख है परन्तु प्रश्नांश (क) अनुसार सतना जिले में संचालित नियम विरूद्ध मदिरा दुकानों को प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं हटाया गया? (ग) सतना जिले में नियम विरूद्ध संचालित हो रही अवैध मदिरा दुकानों पर कार्यवाही कर उन्हें उनके वर्तमान स्थान से कब तक हटाया जावेगा?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) श्री दिलीप कुमार मिश्रा अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी सतना (ग्रा.) के शिकायती पत्र दिनांक 27/05/2024, 27/02/2024, 08/11/2024 पर की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शिकायती पत्र दिनांक 16.10.2024 कार्यालय में प्राप्त न होने के कारण की गई कार्यवाही की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सतना जिले में प्रश्न दिनांक तक मदिरा दुकानें राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग से 220 मीटर से अधिक पदाति (Pedestrian) दूरी पर संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सतना जिले में कोई भी मदिरा दुकान नियम विरूद्ध संचालित नहीं होने से उन्हें उनके वर्तमान स्थल से हटाये जाने संबंधी जानकारी निरंक है।
रिक्त पदों पर भर्ती
[गृह]
51. ( क्र. 592 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक लोक अभियोजन अधिकारी के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा अंतिम बार वर्ष 2021 में विज्ञापन जारी किया गया था। इसके पश्चात वर्ष 2024 से वर्तमान तक उक्त परीक्षा का आयोजन नहीं कराया गया है। (ख) क्या रिक्त पदों पर भर्ती हेतु परीक्षा का आयोजन गृह विभाग म.प्र. शासन द्वारा मांग पत्र म.प्र. लोक सेवा आयोग को भेजकर परीक्षा आयोजित करायी जावेगी? (ग) क्या भर्ती प्रक्रिया शासन की नीति अनुसार की जावेगी या मान. सर्वोच्च न्यायालय की निर्देशित गाइड-लाइन वन-कोर्ट वन-प्रोसीक्यूटर की नीति के अनुसार होगी? बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? बतायें। नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2021 में अंतिम बार विज्ञापन जारी किया गया था। वर्ष 2021 में जारी विज्ञापन से संबंधित परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है, जिसका वर्ष 2024 में परिणाम भी आ चुका है। (ख) पदों की रिक्तता की स्थिति में भर्ती हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग को मांग-पत्र भेजा जाता है जिनके द्वारा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। यह सतत प्रक्रिया है। (ग) भर्ती प्रक्रिया शासन द्वारा स्वीकृत व रिक्त पदों पर ही की जाती है। (घ) वर्ष 2021 में जारी भर्ती विज्ञापन की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। शासन द्वारा नियुक्ति आदेश दिनांक 14.11.24 को जारी कर दिये गये हैं। समय-समय पर रिक्त होने वाले पदों की भर्ती, सतत प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पुलिस कर्मियों की पदस्थापना
[गृह]
52. ( क्र. 596 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से पुलिस थाने और पुलिस चौकियां संचालित हैं? (ख) उक्त थाने तथा पुलिस चौकी में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में किस-किस पद पर कितने-कितने पुलिस कर्मी पदस्थ हैं? (ग) प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से पद रिक्त हैं? क्या रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी? (घ) यदि हाँ, तो समय-सीमा बताने की कृपा करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सौंसर विधान सभा क्षेत्र में थाना-मोहखेड़, सौंसर एवं लोधीखेड़ा तथा चौकी उमरानाला एवं पिपलानारायणवार संचालित है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पी.आर.-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर तथा स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है। यह एक सतत प्रक्रिया है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कच्चे माल का जिले से बाहर परिवहन
[खनिज साधन]
53. ( क्र. 600 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित जे.के. सीमेंट कम्पनी द्वारा पन्ना जिले से कच्चा मटेरिलय उठाकर बाहर की कंपनी में परिवहन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इस तरह का अनुबंध कंपनी का हुआ था? क्या जिले में इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो उनका क्या निराकरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या यह सही है कि जे.के. सीमेंट कंपनी द्वारा कंपनी के अपशिष्ट पदार्थ केन नदी के पानी में डाले जा रहा है जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है? क्या केन नदी के पानी के प्रदूषण के संबंध में स्थानीय निवासियों द्वारा कई शिकायतें की गई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों का कोई निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या निराकरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? बतावें। (ग) क्या जे.के. सीमेंट कंपनी द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के संबंध में कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्या स्थानीय लोगों की भूमि लेकर उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है? उनके परिवार को रोजगार क्यों नहीं दिया जा रहा है? जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार शिकायतें प्रकाश में नहीं आई हैं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार जे.के. सीमेंट द्वारा अपशिष्ट केन नदी में नहीं डाला जा रहा है। केन नदी में जल प्रदूषण संबंधी शिकायत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्राप्त नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जे.के. सीमेंट कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में स्थानीय व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर आवश्यकतानुसार उनकी योग्यता एवं कुशलता के आधार पर रोजगार प्रदान किया जा रहा है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[गृह]
54. ( क्र. 604 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर के थाना सिविल लाइन के अंतर्गत एलगिन अस्पताल के सामने दिनाँक 11/11/2024 को सुबह 06:45 बजे के लगभग वाहन बोलेरो नियो क्रमांक एच.आर. 03 जी.व्ही. 7055 जो कि हरियाणा पुलिस के नाम से पंजीकृत है, के द्वारा मोटर साईकल क्रमांक एम.पी. 21 एम.एच. 4335 सवार तीन छात्र 1. अनुराग प्रताप सिंह ठाकुर 2. कमल पटेल 3. सौरभ अहिरवार को टक्कर मारकर गंभीर रूप से घायल किया गया, जिसकी सूचना घायलों के परिजन द्वारा सिविल लाइन थाना में सूचना दी गई किन्तु थाने में इनकी एफ.आई.आर. दर्ज करने से मना कर दिया गया एवं पुनः थाने जाने पर 12/11/2024 को रात्रि में एफ.आई.आर. दर्ज की गई किन्तु कथन अनुसार दुर्घटना करने वाली कार का नम्बर एफ.आई.आर. में नहीं लिखा गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत घटना के कथन अनुसार एफ.आई.आर. न होने पर इसकी शिकायत आवेदक सौरभ अहिरवार पिता रामनाथ अहिरवार स्टेशन रोड साहू मोहल्ला रीठी थाना रीठी जिला कटनी के द्वारा पुलिस अधीक्षक जबलपुर को लिखित में की गई? यदि हाँ, तो इस पर दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जबलपुर के थाना सिविल लाइन अंतर्गत एलगिन अस्पताल के सामने, दिनांक 11.11.2024 को हुये एक्सीडेंट में प्रार्थी चन्नू पटेल के बताए अनुसार रिपोर्ट पर अज्ञात सफेद रंग की फोर व्हीलर चालक के विरूद्ध अपराध क्रमांक 331/24 धारा 281, 125ए बी.एन.एस., दिनांक 12.11.2024 को पंजीबद्ध किया गया। फरियादी के द्वारा रिपोर्ट करने पर तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। एफ.आई.आर. लेखबद्ध करने में कोई विलंब नहीं किया गया है। विवेचना के दौरान आहत कमल पटेल के कथनों के आधार पर वाहन सफेद कार क्रमांक एच.आर. 03 जी.व्ही. 7055 का खुलासा किया गया है एवं वाहन चालक को आरोपी बनाया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन है। (ख) उक्त घटना के संबंध में कोई शिकायत प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है।
विधायक विकास निधि से स्वीकृत कार्यों का भुगतान
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
55. ( क्र. 607 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक विकास निधि से स्वीकृत कार्यों के भुगतान के क्या नियम, दिशा-निर्देश हैं? बतलावें। भुगतान के नियमों की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि स्वीकृत कार्यों का एक-मुश्त 100% भुगतान का प्रावधान है या इसका भुगतान दो किश्तों में प्रदान करने का नियम है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा वित्त-वर्ष 2023-24 में कब-कब कौन-कौन से निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की अनुसंशा की गई तथा इनकी स्वीकृति कब-कब प्राप्त हुई तथा इन स्वीकृत निर्माण-कार्यों में से किन-किन कार्यों का कितना-कितना कब-कब भुगतान किया गया? निर्माण कार्यवार, स्वीकृति दिनांक, भुगतान दिनांक एवं भुगतान राशि सहित संपूर्ण सूची देवें। (ग) वित्त वर्ष 2023-24 में कटनी जिला अंतर्गत विधानसभावार विधायक विकास निधि से कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए? बतलावे एवं यह भी बतलावें कि क्या इन स्वीकृत सभी कार्यों का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कहाँ का कितना भुगतान किन कारणों से शेष है? बतलावें एवं सूची देवें। (घ) शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में प्रश्नकर्ता की विधायक निधि की राशि किस जिला योजना अधिकारी द्वारा समय पर देयक प्रस्तुत न करने के कारण कितनी राशि लैप्स हुई तथा कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरे हैं। बतलावें एवं सूची देवें। यह भी बतलावें कि ऐसे लापरवाह अधिकारी के विरुद्ध क्या शासन कार्यवाही करते हुए शेष राशि के भुगतान का प्रावधान करेगा, जिससे अधूरे निर्माण कार्य पूर्ण हो सकें? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? बतलावें।
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका 2013 के बिन्दु क्रमांक 3.12 में योजना के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की राशि जारी करने के संबंध में प्रावधान है। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेत खदानों पर घटित अपराध की जानकारी
[गृह]
56. ( क्र. 609 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1/4/2021 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले की कौन-कौन सी रेत खदानों पर अपराध घटित हुए? थानेवार जानकारी एफ.आई.आर. की छायाप्रति के साथ उपलब्ध करायें। (ख) क्या दिनांक 7/11/2024 को सेवड़ा तहसील की खमरौली रेत खदान पर बाहरी अपराधियों द्वारा पूर्व नियोजित योजना से दहशत फैलाने की उद्देश्य से एक व्यक्ति की हत्या की और स्थानीय खदान संचालक व उसके परिवार को झूठा फंसा दिया जबकि यह सब लोग अपने घर सो रहे थे, जिसकी CDR पुलिस के पास है। संपूर्ण प्रकरण में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। यदि नहीं, तो क्या जांच कराई जावेगी? (ग) क्या वर्तमान में सेवड़ा विधानसभा क्षेत्र की ज्यादातर वैध एवं अवैध रेत खदानों का संचालन भिंड-मुरैना के आपराधिक छवि के लोग कर रहे हैं? ग्रामवासी भयभीत हैं। यदि नहीं, तो जांच कराई जावे। यदि हाँ, तो इन पर नियंत्रण किया जाए। बाहरी असमाजिक तत्वों को इन पर से हटाया जाए। (घ) क्या शासन इन बाहरी दहशत फैलाने वाले रेत माफियाओं से प्रश्नकर्ता के सेवड़ा विधानसभा को मुक्त कराने के लिए पृथक से आदेश करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 01/04/2021 से प्रश्न दिनांक तक जिला दतिया की खमरौली रेत खदान (सिंध नदी) से संबंधित घटना पर दिनांक 07/11/2024 को अपराध क्रमांक 61/24 धारा 103, 109, 125, 351 (2), 191 (2), 190 बी.एन.एस. दर्ज कर अनुसंधान में लिया गया। चूंकि प्रकरण विवेचनाधीन है, अतः एफ.आई.आर. की प्रति प्रदान किया जाना विधि सम्मत नहीं है। (ख) जिला दतिया की खमरौली रेत खदान (सिंध नदी) से संबंधित घटना पर दिनांक 07/11/2024 को घटित विवाद के संदर्भ में थाना अतरैटा में दर्ज किये गये अपराध कमांक 61/24 धारा 103, 109, 125, 351 (2), 191 (2), 190 बी.एन.एस. की विवेचना की जा रही है। प्रकरण की विवेचना सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर निष्पक्ष रूप से की जा रही है। प्रकरण का अनुसंधान पूर्ण होने पर अनुसंधान में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों एवं घटना के संबंध में निष्पक्ष एवं विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। चूंकि निष्पक्ष विवेचना जारी है, पुलिस भूमिका संदिग्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में सेवड़ा विधानसभा क्षेत्र में अवैध रेत खदानों का संचालन नहीं है। वैध रेत खदानों का संचालन जिला प्रशासन के अधीन है जो नियमानुसार प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश "ग" के उत्तर में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों के स्थापित उद्योग हेतु ऋण पर ब्याज अनुदान
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
57. ( क्र. 614 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम के माध्यम से यदि कोई हितग्राही ऋण स्वीकृत कराकर उद्योग स्थापित करता है तो उसे पात्रता अनुसार ऋण पर ब्याज अनुदान की छूट दी जाती है? यदि हाँ, तो किन-किन हितग्राहियों को किस वर्ष तक कटनी जिले में ब्याज अनुदान की छूट प्रदाय की गई? यदि हाँ, तो हितग्राहीवार जानकारी प्रश्न दिनांक तक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो श्री लवलेश त्रिपाठी के ढ़ीमरखेड़ा विकासखंड में जो स्टोन क्रशर स्थापित है उस पर अभी तक कितना ब्याज अनुदान दिया गया है एवं कितना अनुदान राशि दिया जाना शेष है? शेष राशि कब तक दी जायेगी? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि समय पर हितग्राहियों को ब्याज अनुदान का लाभ नहीं दिया जाता है तो उन्हें आर्थिक क्षति होती है एवं उद्योग भी प्रभावित होते हैं, जिसके कारण उद्योग बंद हो रहे हैं। क्या इसका निराकरण होगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के माध्यम से यदि कोई हितग्राही मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजनान्तर्गत ऋण स्वीकृत कराकर उद्योग स्थापित करता है तो उसे पात्रता अनुसार ऋण पर 3% प्रतिवर्ष की दर से अधिकतम 7 वर्षों तक ब्याज अनुदान प्रदाय किया जाता है। हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्व संचालित मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत श्री लवलेश त्रिपाठी के प्रकरण में नोडल बैंक के माध्यम से राशि रु. 469146/- ब्याज अनुदान दिया गया है तथा नोडल बैंक से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में ब्याज अनुदान का कोई क्लेम लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) हितग्राहियों को ब्याज अनुदान के भुगतान की प्रक्रिया में सम्बंधित बैंक शाखा द्वारा अनुदान राशि क्लेम की जाती है तथा नोडल बैंक द्वारा क्लेम के परीक्षण उपरान्त अनुदान राशि जारी की जाती है जो कि एक सतत प्रक्रिया है तथा प्रक्रियानुसार हितग्राहियों को ब्याज अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोडा फैक्ट्री से गैस रिसाव की घटना की जांच
[गृह]
58. ( क्र. 621 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर के चचाई में सोडा फैक्ट्री के अंदर क्लोरीन गैस रिसाव की रिपोर्ट एच.जे.आई. सोडा फैक्ट्री द्वारा प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराया गयी थी। प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 418 दिनांक 17.10.2024 एवं पत्र क्रमांक 425 दिनांक 3/11/2024 के तहत जानकारी चाही गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार थाना प्रभारी चचाई द्वारा पत्रों पर जानकारी प्रश्नकर्ता को दे दी गई है। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सोडा फैक्ट्री में गैस रिसाव से कई लोग प्रभावित हुए थे तथा जिला चिकित्सालय अनूपपुर व मेडिकल कॉलेज शहडोल में पीड़ितों को दाखिल कराया गया था? क्या थाना प्रभारी चचाई द्वारा घटना की जांच की गई है? यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। यदि जांच नहीं की गई तो कारण सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं, एच.जे.आई. सोडा फैक्ट्री द्वारा क्लोरीन गैस रिसाव के संबंध में थाना चचाई में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई। जरिये मोबाईल सूचना दी गई थी, सूचना पर तत्काल थाना चचाई एवं जिला मुख्यालय अनुपपूर से पुलिस बल भेज कर सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई थी। प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 418 दिनाँक 17.10.2024 एवं पत्र क्रमांक 425 दिनांक 03.11.2024 के माध्यम से क्लोरीन गैस रिसाव के संबंध में सोडा फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा थाना चचाई में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई है या नहीं, की जानकारी चाही गई थी। सोडा फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है, की जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रदाय कर दी गई है। (ख) जी हाँ, थाना प्रभारी चचाई द्वारा एच.जे.आई. सोडा फैक्ट्री से जानकारी प्राप्त कर थाना प्रभारी चचाई के पत्र कमांक 1121 दिनाँक 23.11.2024 के माध्यम से प्रदान की जा चुकी है एवं प्रश्नकर्ता के मोबाईल क्रमांक-9425898329 में व्हाट्सएप के माध्यम से भी दिनाँक 23.11.2024 को भेजी जा चुकी है। (ग) जी हाँ, एच.जे.आई. सोडा फैक्ट्री में गैस रिसाव से 12 लोग प्रभावित हुये थे, जिन्हें प्राथमिक उपचार हेतु एच.जे.आई. सोडा फैक्ट्री प्रबंधन के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिक तकलीफ वाले 07 लोगों को जिला अस्पताल अनुपपूर में एवं 05 लोगों को मेडिकल कॉलेज शहडोल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया था। एच.जे.आई. सोडा फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा थाना चचाई में कोई रिपार्ट दर्ज नहीं कराई। इसलिये थाना प्रभारी चचाई द्वारा घटना की जांच नहीं की गई। संपूर्ण घटना की जांच कलेक्टर जिला अनुपपूर द्वारा गठित टीम द्वारा की जा रही है। थाना प्रभारी चचाई एवं जिला पुलिस बल द्वारा केवल सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गई है। दिनांक 21.9.2024 को सोडा फैक्ट्री में क्लोरीन गैस रिसाव की सूचना प्राप्त होने पर थाना चचाई के रोजनामचा सान्हा क्रमांक 023 एवं 025 दिनाँक 21.9.2024, रोजनामचा सान्हा क्रमांक 004 एवं 007 दिनांक 22.9.2024 तथा रक्षित केन्द्र अनुपपूर के रोजनामचा सान्हा क्रमांक 734 दिनांक 21.9.2024, रोजनामचा सान्हा क्रमांक 738 दिनांक 22.9.2024 के द्वारा पुलिस बल सुरक्षा व्यवस्था हेतु रवाना किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार।
रिलायंस कंपनी द्वारा मीथेन गैस का उत्सर्जन
[खनिज साधन]
59. ( क्र. 622 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत जिला शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर में रिलायंस कंपनी द्वारा किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी मीथेन गैस कुओं से निकाली जा रही है? ग्रामवार, जिलावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिलायंस कंपनी द्वारा मीथेन गैस निकालने के लिए कितनी भूमि शासकीय एवं कितनी भूमि निजी पट्टेधारियों की ली गई है? जिलावार पृथक–पृथक जानकारी देवें तथा निजी भूमि मालिकों को मुआवजा भुगतान हो चुका है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मीथेन गैस उत्सर्जन के बाद मीथेन गैस को कहाँ-कहाँ और कितने किलोमीटर दूर भेजा जा रही है? किस माध्यम से भेजा जा रही है? जानकारी देवें। (घ) क्या मीथेन गैस ज्वलनशील होने के कारण वातावरण में घुलकर लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है तथा क्या कृषि पैदावार पर भी प्रभाव पड़ रहा है? कंपनी द्वारा संभाग में इसकी रोकथाम के लिए किए गए उपायों की जानकारी देवें। (ड.) रिलायंस कंपनी कब से मीथेन गैस शहडोल संभाग के ग्रामों से उत्सर्जित कर रहा है तथा कितने लोगों को नौकरियां दी गयी हैं? शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सुविधा देने के अनुबंध के अनुसार ग्रामवासियों को लाभ मिला या नहीं? शासन और कंपनी के बीच किये गये अनुबंध की छायाप्रति देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय सेवकों के संलग्नीकरण की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
60. ( क्र. 665 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनेक विभागों में विभागाध्यक्ष के द्वारा स्थानीय व्यवस्था और संलग्नीकरण के आधार पर अघोषित रूप से विभागीय मंत्री के प्रशासकीय अनुमोदन के बिना एक जिले से दूसरे जिले में संलग्नीकरण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत किया जा रहा है? नियमों की प्रति उपलब्ध कराएं और यदि नहीं, तो ऐसा गलत आदेश देने वाले विभागाध्यक्ष पर सरकार क्या कार्यवाही करेगी? (ग) क्या आबकारी विभाग में आबकारी आयुक्त के द्वारा आदेश क्रमांक 571 दिनांक 22.02.2024 जिला खरगोन से जिला इंदौर में कार्य करने के लिए आदेशित किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति व नोटशीट की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में किया गया संलग्नीकरण नियमानुसार किया गया हैं? क्या विभागाध्यक्ष को ऐसा आदेश जारी करने का अधिकार है? यदि नहीं, तो इस पर कब रोक लगेगी और दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्थानांतरण नीति की कंडिका 12 अनुसार स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत एक ही मुख्यालय पर स्थित दूसरे कार्यालय में स्थानीय परिवर्तन किया जाना प्रावधानित है, जो स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आता है। विभाग में प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत प्रशासकीय कार्य सुविधा, प्रभावी उपलंभन की अनिवार्य आवश्यकता, राजस्व सुरक्षा एवं स्थानीय स्थापना की अनिवार्य आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये विभिन्न संवर्गों के कुछ शासकीय सेवकों को एक जिले से दूसरे में ड्यूटी/कार्य करने हेतु आदेशित किया जाता रहा है। (ख) स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, आदेश की प्रति व नोटशीट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग में प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत प्रशासकीय कार्य सुविधा, प्रभावी उपलंभन की अनिवार्य आवश्यकता, राजस्व सुरक्षा एवं स्थानीय स्थापना की अनिवार्य आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये विभिन्न संवर्गों के कुछ शासकीय सेवकों को एक जिले से दूसरे में ड्यूटी/कार्य करने हेतु आदेशित किया जाता रहा है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र की जांच एवं कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
61. ( क्र. 666 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यकर कर विभाग अंतर्गत वर्तमान में कितने अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध फर्जी जाती प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की शिकायत कब-कब और किस माध्यम से प्राप्त हुई है? (ख) ऐसी प्राप्त सभी शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं हुई? विलंब के लिए कौन ज़िम्मेदार है? (ग) अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त कर एवं ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले कितने अधिकारी हैं जिनके ख़िलाफ़ शिकायत प्राप्त हुई है? ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कब तक होगी? (घ) क्या धर्म परिवर्तन के बाद किसी अधिकारी को अनुसूचित जनजाति होने का लाभ पदोन्नति में दिया जा सकता है या नहीं? विभाग में ऐसे कितने अधिकारी हैं जो अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं और जिन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया है और उन्हें पदोन्नति में छूट दी गई है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग अंतर्गत विभागाध्यक्ष कार्यालय वाणिज्यिक कर अंतर्गत 13 अधिकारियों/कर्मचारियों, विभागाध्यक्ष कार्यालय पंजीयन अंतर्गत 08 अधिकारियों/कर्मचारी एवं आबकारी विभाग अंतर्गत 03 अधिकारियों के विरूद्ध फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। (ख) प्राप्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्रवाई संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। शिकायतों पर की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित जानकारी निरंक है। (घ) विभाग में धर्म परिवर्तन किये जाने वाले अधिकारियों की जानकारी निरंक होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस विभाग द्वारा बनाए गए चालान की जानकारी
[गृह]
62. ( क्र. 689 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल, दतिया, ग्वालियर जिले में पुलिस विभाग द्वारा हेलमेट चेकिंग के द्वारा आमजन वाहन चालकों के साथ ही कितने पुलिस वाहन चालकों का चालान बनाया गया है? पुलिस चालकों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आमजन के साथ ही पुलिस चालकों को भी ऑनलाइन चालान दिये गये हैं। न्यायालय में चालान भरने की क्या प्रक्रिया है? विभाग द्वारा पुलिस चालकों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने पुलिस कर्मियों को वर्दी में बिना हेलमेट के चैंकिग में पकड़ा गया है? उन पर क्या चालानी कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो पुलिस कर्मियों के नाम, पदनाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (घ) विभाग में वर्ष 2022 से नवंबर, 2024 तक कितनी राशि ऑनलाइन एवं कितनी राशि ऑफलाइन चालान से वसूल की गई है एवं प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा कितने ऑनलाइन चालान बनाये गये तथा उससे कितना समन शुल्क प्राप्त हुआ? विभाग ने उक्त समन शुल्क किस मद से राजकोष में जमा किया? कितने चालान का निराकरण न्यायालय में लंबित है? सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस विभाग द्वारा हेलमेट चेकिंग के दौरान बनाये गये चालानों की संख्या निम्नानुसार : भोपाल कुल चालान संख्या-4,84, 971 ग्वालियर कुल चालान संख्या-1, 82, 951. दतिया - कुल चालान संख्या 66, 888 पुलिस वाहन चालकों के चालान बनाते समय पृथक से विभाग या पद का उल्लेख नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांकित अवधि में ऑनलाइन चालानों की संख्या निम्नानुसार है : भोपाल ऑनलाइन चालान संख्या 3, 79, 141, ग्वालियर ऑनलाइन चालान संख्या 73.634, दतिया ऑनलाइन चालान संख्या 8, 281 मोटर व्हीकल एक्ट में उल्लेखित धाराओं के अन्तर्गत एक सामान्य प्रक्रिया के तहत् वाहन चेकिंग के दौरान नियमों के उल्लंघन कर्ताओं के विरूद्ध चालान बनाये जाते हैं। जब किसी वाहन चालक का चालान न्यायालय में जाता है तो वाहन चालक संबंधित जिले के सी.जे.एम. कोर्ट में वाहन के दस्तावेजों के साथ स्वंय उपस्थित होकर चालान भरते हैं। इस कारण सूची उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। पुलिस वाहन चालकों के चालान बनाते समय पृथक से विभाग या पद का उल्लेख नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक वाहन चेकिंग की सामान्य प्रक्रिया के अन्तर्गत नियमों के उल्लंघन कर्ताओं के विरुद्ध चालानी प्रक्रिया अपनाई जाती है। किसी भी यातायात नियम तोड़ने वालों के विरूद्ध चालान बनाते समय उसके विभाग अथवा पृष्ठ भूमि का उल्लेख नहीं किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग में वर्ष 2022 से नवम्बर 2024 तक ऑनलाइन एवं ऑफलाइन वसूल की गई चालानी राशि का विवरण निम्नानुसार है : भोपाल ऑनलाइन समन शुल्क - 4, 30, 34, 500, भोपाल ऑफलाइन समन शुल्क - 8, 47, 25, 904, ग्वालियर ऑनलाइन समन शुल्क - 41, 94, 050, ग्वालियर ऑफलाइन समन शुल्क - 7, 06, 07, 700, दतिया ऑनलाइन समन शुल्क - 48, 85, 000, दतिया ऑफलाइन समन शुल्क 1, 91, 45, 250, सम्पूर्ण जानकारी की छायाप्रति वहृद एवं विस्तृत होने के कारण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (पेनड्राईव) अनुसार। (ड.) प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा ऑनलाइन बनाये गये चालान एवं उससे प्राप्त समन शुल्क का विवरण निम्नानुसार है :- भोपाल ऑनलाइन चालान-3.79, 141, ऑनलाइन समन शुल्क-4, 30, 34, 500, न्यायालय में लंबित चालान संख्या-188572, ग्वालियर ऑनलाइन चालान-46560 ऑनलाइन समन शुल्क-41, 94, 050, न्यायालय में लंबित चालान संख्या-35535, दतिया ऑनलाइन चालान-10357, ऑनलाइन समन शुल्क-48, 85, 000 न्यायालय में लंबित चालान संख्या-222, उक्त समन शुल्क राजकोष के हेड - 0055-00-103-9685 मद में जमा किया जाता है। न्यायालय में निराकरण हेतु लंबित चालानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (पेनड्राईव) अनुसार ।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
63. ( क्र. 690 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कितनी रेत खदानें है? मय सर्वे नं. एवं रकबा सहित बतायें। (ख) उक्त रेत खदानों में से किन-किन खदानों को ठेके पर दिया गया है? ठेकेदारों/कम्पनी का नाम उल्लेख करें। (ग) क्या रेत खदान के सर्वे नम्बर एवं रकबा के अलावा अन्य सर्वे नं. से रेत निकाली जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम संलग्न करें। यदि नहीं, तो भाण्डेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत सर्वे नम्बरों के अलावा कहाँ-कहाँ से रेत निकाली जा रही है? रॉयल्टी लेने की क्या व्यवस्था है? (घ) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उनाव (बालाजी) में रेत खदान स्वीकृत है? यदि हाँ, तो सर्वे नं. एवं रकबा बतायें। यदि नहीं, है तो म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की रोक के बावजूद भी यहां पांच-पांच पनडुब्बी डालकर रेत का खनन किया जा रहा है? इसके लिये कौन दोषी है, इनके रॉयल्टी के टोकन कौन जारी कर रहा है, यदि यह अवैध उत्खनन है तो कब तक बंद किया जायेगा? विगत एक वर्ष से अवैध उत्खनन हो रहा है। इससे शासन को कितनी क्षति पहुंची है तथा इसके लिये कौन दोषी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) उक्त समस्त स्वीकृत रेत खदानें मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि तथा रेत खदानों के समूह के माइन डेवलपर कम ऑपरेटर (MDO) रिद्धी-सिद्धी प्रा.लि. को ठेके पर दी गई है। (ग) जी नहीं। भाण्डेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत सर्वे नम्बरों के अलावा रेत निकाले जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा उनाव बालाजी स्थित सूर्य मन्दिर के आसपास दिनांक 30.06.2024, 02.07.2024, 08.07.2024 एवं 13.07.2024 को मौका निरीक्षण के दौरान अवैध उत्खनन पाये जाने पर 04 पनडुब्बियों को जलाकर नष्ट किया गया है। उनाव बालाजी मन्दिर नदी से रात के समय रेत का अवैध उत्खनन न हो इस हेतु कलेक्टर दतिया द्वारा थाना प्रभारी उनाव को भी दिनांक 04.11.2024 को लिखा गया है। उनाव बालाजी में रेत खदान स्वीकृत न होने से अभिवहन पारपत्र जारी नहीं की जा रही है। उनाव बालाजी में दिनांक 28.11.2024 को पुनः निरीक्षण किया गया। वर्तमान में बोट/पनडुब्बी आदि नहीं पायी गई। रेत का अवैध उत्खनन न हो इस हेतु समय-समय पर कार्यवाही की जाकर सतत निगरानी रखी जा रही है। क्षेत्र में अवैध उत्खनन/परिवहन पाये जाने पर प्रकरण दर्ज किए जाते हैं। विगत दो वर्षों में अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण के कुल 235 प्रकरण दर्ज कर रूपये 87, 83, 558/- का अर्थदण्ड जमा कराया गया है। अतः शासन को क्षति होने एवं इसके लिए किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध भूमि का नामांतरण
[वाणिज्यिक कर]
64. ( क्र. 702 ) श्री सतीश मालवीय : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के गोयलाखुर्द की भूमि सर्वे क्रमांक 38/1, 38/2 एवं 42/4 रकबा 3.093 है। भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में रिव्यू पिटीशन क्रमांक-680/24 आदेश दिनांक 24.06.2024 द्वारा यथा स्थिति के आदेश प्रदान किये गये है, जो कि अंतिम आदेश दिनांक 26.07.2024 तक यथा स्थिति कायम थे। इस बीच किसान तेजकरण परमार आदि द्वारा भूमि दिनांक 26.06.2024 को तिरूपति इन्फ्रा को विक्रय कर दी गई। माननीय न्यायालय के स्थगन के पश्चात रजिस्ट्री विक्रय पत्र कैसे निष्पादित किया गया? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या सायबर तहसील भोपाल को हल्का पटवारी द्वारा 13.07.2024 माननीय न्यायालय के स्थगन के बावूजूद भी गलत जानकारी देकर उक्त भूमि स्थगन के पश्चात भी नामांतरण किया गया? इस संबंध में कलेक्टर उज्जैन को कितनी शिकायतें हुईं एवं कलेक्टर उज्जैन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या नामांतरण जो नियम विरूद्ध किया गया था, उसे कलेक्टर उज्जैन के द्वारा निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नामांतरण निरस्त नहीं किया गया है तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? विभाग दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही करेगा?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उज्जैन जिले के गोयलाखुर्द की भूमि सर्वे क्रमांक 38/1, 38/2 एवं 42/4 रकबा 3.093 हेक्टेयर भूमि के पंजीयन हेतु पंजीयन प्रस्तुतीकरण दिनांक 24.06.2024 को मध्यान्ह पश्चात 03:04 बजे प्रस्तुत किया गया एवं दिनांक 24.06.2024 को ही पंजीकृत विक्रय पत्र क्रमांक MP432022024A1801239 दिनांक 24.06.2024 के द्वारा दस्तावेज का पंजीयन किया गया। दस्तावेज का पंजीयन दिनांक 26.06.2024 को न होकर दिनांक 24.06.2024 को हुआ है, दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उक्त संपत्ति पर किसी भी माननीय न्यायालय के स्थगन या अन्य संबंधित आदेश की प्रति/जानकारी, किसी भी संस्था/निजी व्यक्ति/वरिष्ठ कार्यालय/माननीय न्यायालय द्वारा पंजीयन के पूर्व एवं निकट पश्चात् तक भी वरिष्ठ उप पंजीयक कार्यालय, उज्जैन में नहीं दी गई। अतः उक्त विक्रय पत्र का पंजीयन, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 एवं सुसंगत नियमों के पालन में किया गया है। (ख) ग्राम गोयलाखुर्द की सर्वे क्रमांक 38/1, 38/2 एवं 42/4 रकबा 3.093 हेक्टेयर भूमि के संबंध में प्रकरण क्रमांक 0170/अ-6/2024-25 आदेश दिनांक 27-07-2024 से सायबर तहसीलदार भोपाल से नामांतरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एस.एल.पी. क्रमांक 41396/2024 आदेश दिनांक 30-09-2024 से यथा स्थिति के आदेश दिये गये हैं। उक्त भूमियों के संबंध में कलेक्टर, उज्जैन को दो शिकायत प्राप्त हुई हैं। तत्कालीन पटवारी को निलंबित किया जा चुका है तथा तत्कालीन तहसीलदार तहसील कोठीमहल को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। उक्त दोनों पर जांच प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) उक्त नामांतरण निरस्त नहीं किया गया, क्योंकि प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित एस.एल.पी. आदेश दिनांक 30-09-2024 से यथा स्थिति के आदेश दिये गये हैं।
रेमण्ड कंपनी में युवाओं को प्रशिक्षण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
65. ( क्र. 714 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड सौंसर अंतर्गत ग्राम बोरगांव में संचालित रेमण्ड वूलन मिल बोरगांव द्वारा वर्ष 2022- 23 की अवधि में कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया? (ख) वर्ष 2023 - 24 में प्रश्न दिनांक तक मिल ने कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया? (ग) मिल में कुल कितने युवाओं को प्रशिक्षण देने का प्रावधान है? (घ) इस वर्ष में कितने युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है? उनकी संख्या बताएं। (ड.) यदि संस्था के अनुपात में नहीं दिया जा रहा है तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विकासखण्ड सौंसर अंतर्गत ग्राम बोरगांव में संचालित मेसर्स रेमण्ड लिमि. द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार वर्ष 2022-23 की अवधि में कुल 243 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। (ख) कम्पनी द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार वर्ष 2023-24 में प्रश्न दिनांक तक कुल 248 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। (ग) युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए संबंधित विषय या ट्रेड (ब्रांच) से एक समय में तीन प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। (घ) वर्ष 2024 में आज दिनांक तक 228 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया गया है। (ड.) संस्था में संख्या के अनुपात से अधिक प्रशिक्षण दिया जाता है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों की एक ही स्थान पर पदस्थी
[वित्त]
66. ( क्र. 728 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू [श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर] : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कोष एवं लेखा में एक ही अधिकारी के द्वारा सारे सेक्शन संचालित हैं? यदि हाँ, तो क्यों? संचालनालय कोष एवं लेखा में कुल कितने अधिकारी पदस्थ हैं? उन्हें कौन-कौन से सेक्शन आवंटित हैं? उक्त आवंटन कब से है और कब तक रखा जाएगा? (ख) संचालनालय में एक संयुक्त संचालक को सारे महत्वपूर्ण सेक्शन क्यों आवंटित है? इस पर अगली सुधार योजना क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) संचालनालय कोष एवं लेखा तथा उसके अधीनस्थ कार्यालयों में कितने सेवा अधिकारी पदस्थ हैं? पृथक-पृथक बताएं। इनमें तीन वर्ष से अधिक कार्यरत कर्मचारियों की संख्या एवं नाम पृथक-पृथक बताएं। संयुक्त संचालक की कार्य अवधि एक जगह कितने वर्ष तक रखी जा सकती है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। कुल 55 वित्त सेवा अधिकारी एवं 74 अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी पदस्थ हैं। उन्हें कोई सेक्शन आवंटित नहीं किया जाता है। प्रशासनिक आवश्यकता के अनुरूप कार्य आवंटित किया जाता है। कार्य विभाजन आदेश दिनांक 02.08.2024 द्वारा जारी किया गया है। प्रशासनिक आवश्यकता के अनुरूप कार्य विभाजन संशोधित किया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संचालनालय कोष एवं लेखा एवं उसके अधीनस्थ कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों का विवरण निम्नानुसार है :- सरल क्रमांक-1 पदनाम - वित्त सेवा अधिकारी, 1. संचालनालय-55 एवं 2. अधीनस्थ कार्यालय-80, 3 वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत संख्या, 19 एवं 33, सरल क्रमांक-2 पदनाम - अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी, 1. संचालनालय-74 एवं 2. अधीनस्थ कार्यालय-255, 3 वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत संख्या 21 एवं 126, तीन वर्ष से अधिक कार्यरत अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
सामग्री का क्रय एवं आंगनवाड़ी कर्मियों की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
67. ( क्र. 742 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1464 दिनांक 09/07/2024 के उत्तरांश (घ) में गठित जांच पर की गई कार्यवाही की स्टेटस रिपोर्ट देवें। यदि महिला उत्पीड़न पर जांच नहीं की गई है तो आरोपी को कौन संरक्षण प्रदान कर रहा है? उस अधिकारी का नाम एवं पदनाम बतावें। (ख) अशोकनगर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग में सभी प्रकार की सामग्री सप्लाई करने हेतु किस-किस एजेंसी को टेंडर दिया गया है? टेंडर की शर्त एवं अनुबंध की प्रतिलिपि देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग में कुछ सामग्री बिना टेंडर जारी किये पुराने टेंडर के आधार पर ठेकेदार से सप्लाई कराई जा रही है और अनावश्यक लाभ ठेकेदार को पहुंचाया जा रहा है। यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) चन्देरी विधानसभा में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं की नियुक्ति लंबित है? समस्त आवेदकों के आवेदनों की जानकारी देवें। ग्राम पंचायतवार आवेदकों की वरीयता क्रम सूची एवं उस पर आपत्ति तथा आपत्ति का क्या निराकरण किया गया है? संपूर्ण जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जांच रिर्पोट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला अशोकनगर में पूरक पोषण आहार (टी.एच.आर.) परिवहन कार्य हेतु ऑनलाइन टेंडर की कार्यवाही माह जुलाई 2024 में गई है। निविदा प्रक्रिया एवं नियम व शर्तों की पूर्ति नहीं होने से उक्त टेंडर की कार्यवाही को निरस्त किया जाकर पुनः विज्ञप्ति क्रमांक 2449 दिनांक 07.08.2024 अनुसार सूचना जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिना टेंडर जारी किये पुराने टेंडर के आधार पर ठेकेदार से सप्लाई नहीं कराई जाने से शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चंदेरी विधानसभा में 13 ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्ति लंबित है। नियुक्ति से संबंधित आवेदकों की वरीयता सूची, प्राप्त दावा/आपत्ति एवं निराकरण से सबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''3'' अनुसार है।
आनंद विभाग की योजनाओं का संचालन
[आनंद]
68. ( क्र. 744 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में आनंद विभाग में वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक कितना बजट प्राप्त हुआ है एवं कितना व्यय किया गया है? वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें। भुगतान किये गये देयक एवं व्हाउचर की छायाप्रति भी उपलब्ध करावें। (ख) आनन्द विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं का लाभ शासकीय सेवक के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति भी ले सकता है अथवा नहीं? योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाले समस्त व्यक्तिओं की नामवार, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिला अशोकनगर में आनंद विभाग के प्रभारी का नाम, पदनाम एवं मूल पदस्थापना एवं प्रभार देने की गाइड-लाइन प्रदाय करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक जिला अशोक नगर को संस्थान द्वारा कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है, बल्कि कार्यक्रम आयोजित करने पर व्यय की प्रतिपूर्ति की जाती है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अ' अनुसार है। भुगतान किये गये देयक एवं व्हाउचर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) आनंद विभाग द्वारा कोई योजना संचालित नहीं की जाती है, बल्कि कोई भी शासकीय अथवा अशासकीय व्यक्ति विभागीय कार्यक्रमों से संस्थान की वेबसाइट के माध्यम से स्वेच्छा से जुड़ सकता है। उपरोक्त के संदर्भ में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिलों में आनंद विभाग का कोई भी नियमित पद स्वीकृत नहीं है। संस्थान के कार्यों के सुचारू संचालन तथा शासकीय विभागों से संपर्क हेतु प्रशिक्षण प्राप्त आनंदक (स्वैच्छिक कार्यकर्ता) को जिला संपर्क व्यक्ति घोषित किया जाता है। अशोक नगर में जिला संपर्क व्यक्ति के रूप में श्री बलबीर सिंह बुंदेला, सहायक परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र, कार्य कर रहे हैं।
विधायक विकास निधि की लैप्स राशि का पुर्नावंटन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
69. ( क्र. 752 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्र क्र. 63 की विधायक विकास निधि वर्ष 2022-23 और 2023-24 में कितनी राशि लैप्स हुई? राशि लैप्स होने का कारण क्या है? पिछले 5 वित्तीय वर्षों में प्रदेश के किन-किन विधानसभा क्षेत्रों की कितनी-कितनी राशि लैप्स हुई थी? क्या प्रदेश के उक्त विधानसभा क्षेत्रों की लैप्स राशि का पुर्नावंटन किया गया? यदि हाँ, तो पिछले 5 वित्तीय वर्षों में लैप्स राशि के पुर्नावंटन की विधानसभावार, राशिवार विस्तृत जानकारी के साथ सूची उपलब्ध कराएं। (ख) यदि पिछले 5 वित्तीय वर्षों में प्रदेश के अन्य विधानसभा क्षेत्रों की लैप्स राशि का पुर्नावंटन किया गया है तो फिर सतना विधानसभा की वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 की लैप्स राशि का पुर्नावंटन क्यों नहीं किया गया? क्या सतना विधानसभा की उक्त लैप्स राशि का पूरक बजट में पुर्नावंटन किया जाएगा? (ग) विधायक विकास निधि के अलावा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त विभाग से कितनी राशि के एवं कौन-कौन से विकास कार्यों को किए जाने का प्रावधान है? सूची उपलब्ध कराएं।
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपराधियों एवं हिस्ट्रीशीटर पर जिलाबदर की कार्यवाही
[गृह]
70. ( क्र. 753 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विभिन्न थानों में पिछले 05 वर्षों में चोरी की कितनी घटनायें हुईं? किन-किन घटनाओं पर किस-किस समान की बरामदगी और किन अपराधियों से माल बरामद हुआ? जो बार-बार चोरी/अपराध करते हैं और नामी हैं, उन पर जिलाबदर की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कितने अपराधियों पर कब-कब की गई? थानावार, अपराधवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) सतना जिले के पुलिस विभाग के प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी के कुल कितने पद सृजित हैं? कितने पद खाली हैं? कितने भरे हैं? श्रेणीवार पदों की सूची उपलब्ध कराएं। प्रत्येक श्रेणी के पुलिस कर्मियों के रहने/निवास की क्या व्यवस्था है? क्या सभी पुलिस कर्मियों को कमरा एलॉट है? यदि नहीं, तो कितने कर्मियों को एलॉट और कितने कर्मियों को एलॉट नहीं है? पिछले 8 वर्षों की वर्षवार सूची दें। (ग) पुलिस विभाग में घटना दिनांक के कई दिनों बाद मुकदमा कायम किया जाता है, क्यों? जबकि बड़े एवं वी.आई.पी. लोगों का चेहरा देखकर तुरंत उसी समय कायमी की जाती है, ऐसा भेदभाव क्यों? क्या कायमी की इस प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा? (घ) सतना एवं मैहर जिले के अन्तर्गत आने वाले थानों में पिछले 8 वर्षों से प्रश्नांक दिनांक तक जिलाबदर के कितने केस हैं? उन केसों की क्या स्थिति है? कितने अपराधियों/हिस्ट्रीशीटर को कब-कब जिलाबदर किया गया? जिलेवार, थानावार, अपराधवार, अपराधियों/हिस्ट्रीशीटर की सूची उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ", "ब" एवं "स" अनुसार है। (ख) जिले के पुलिस विभाग के प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी के पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। आरक्षक से निरीक्षक रैंक के 521 पुलिस कर्मियों को शासकीय आवास एलॉट है एवं 448 पुलिस कर्मियों को एलॉट नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "य" अनुसार है। (ग) रिपोर्टकर्ता के द्वारा घटना की सूचना जिस दिनांक, समय पर थाने में दी जाती है उसी समय रिपोर्ट लेख की जाती है, भेदभाव नहीं किया जाता है। (घ) जिला सतना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "र" एवं जिला मैहर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ल" अनुसार है।
ट्रस्ट की भूमि की व्यक्ति विशेष के नाम से रजिस्ट्री
[वाणिज्यिक कर]
71. ( क्र. 754 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ट्रस्ट की भूमि (प्राइवेट एवं पब्लिक) को व्यक्ति विशेष के नाम से रजिस्ट्री करने के क्या नियम हैं? इस हेतु रजिस्ट्रार कार्यालय में कौन-कौन से दस्तावेज अनिवार्य होते हैं? (ख) क्या जिला मंडला तहसील मंडला अंतर्गत ग्राम देवदरा पहनं 27 के खसरा क्रमांक 157 की कुल भूमि में से 8.6320 हे. भूमि का विक्रय दस्तावेज क्रमांक MP238362024A1328005 के माध्यम से धीरेन्द्र चौधरी को किया गया है? क्या इस भूमि के विक्रेता एम.एस. ईरानी उर्फ़ मेहेर बाबा पंजीयन के दौरान उपस्थित थे? यदि नहीं, तो विक्रेता के रूप में कौन किस अधिकार से उपस्थित रहा? सम्बंधित दस्तावेज की प्रतियां उपलब्ध कराएं। क्या रजिस्ट्री के दौरान संबंधित ट्रस्ट के बोर्ड मीटिंग के प्रस्ताव की प्रति एवं भूमि विक्रय पूर्व जारी इश्तिहार की प्रति प्रस्तुत कर दस्तावेजों में लगाई गई थी? क्या इसमें दूसरे ट्रस्टियों की सहमति संबंधित दस्तावेज लगाए गए थे? क्या इस रजिस्ट्री में उल्लेखित माननीय उच्च न्यायालय की जिस डिक्री का उल्लेख किया गया है, उसका अवलोकन संबंधित अधिकारी द्वारा किया गया? क्या यह माननीय न्यायालय द्वारा पारित डिक्री है या सिर्फ राजीनामा उपरांत प्रकरण समाप्त करने का आदेश मात्र है? क्या माननीय न्यायालय द्वारा इसमें भूमि के क्रय-विक्रय या व्यक्तिगत उपयोग का अधिकार किसी को दिए जाने या अधिकृत किये जाने का उल्लेख है? संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। क्या संबंधित अधिकारियों ने गलत दस्तावेज को आधार बनाकर या दस्तावेज के तथ्यों को छिपाकर उक्त रजिस्ट्री की है? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? क्या उक्त रजिस्ट्री निरस्त की जाएगी? (ग) क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा) मंडला के द्वारा आदेश क्रमांक/प्रवा-अविअ/ 2024/1010, दिनांक 24/10/2024 से ग्राम देवदरा पहनं 55 तहसील मंडला स्थित भूमि खसरा क्रमांक 157, 158, 159 के समस्त बटांको के क्रय-विक्रय पर रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त रजिस्ट्रियां त्रुटिपूर्ण मानते हुए निरस्त की जाएंगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) किसी भी दस्तावेज की रजिस्ट्री पंजीयन अधिनियम 1908 एवं उसके अंतर्गत निर्मित नियमों के अनुसार की जाती है। इस हेतु रजिस्ट्रार कार्यालय में मध्यप्रदेश पंजीयन नियम 1939 के नियम 19 में उल्लेखित दस्तावेज अनिवार्य होते हैं, संगत नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जिला मण्डला अंतर्गत ग्राम देवदरा पहनं. 27 के खसरा क्रमांक 157 की कुल भूमि में से 8.6320 हे. भूमि का विक्रय दस्तावेज क्रमांक MP238362024A1328005 के माध्यम से धीरेन्द्र चौधरी को किया गया है। दस्तावेज के पंजीयन के दौरान एम.एस. ईरानी उर्फ मेहेर बाबा उपस्थित नहीं थे। दस्तावेज में विक्रेता एम.एस. चौधरी उर्फ मेहेर बाबा प्रबंधक श्री धीरेन्द्र चौधरी वर्णित है। श्री धीरेन्द्र चौधरी उपस्थित थे। दस्तावेज के पंजीयन के समय प्रस्तुत राजस्व अभिलेख खसरा, नक्शा एवं ई-ऋण पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' अनुसार है। रजिस्ट्री के दौरान प्रश्नांश में वर्णित शेष दस्तावेज नहीं लगाए थे। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डिक्री नहीं पारित की गई। यह माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत राजीनामा उपरांत प्रकरण समाप्त करने का आदेश है। माननीय न्यायालय द्वारा इसमें भूमि के क्रय-विक्रय या व्यक्तिगत उपयोग का अधिकार किसी को दिए जाने या अधिकृत किये जाने का उल्लेख नहीं है। संबंधित अधिकारी द्वारा राजस्व अभिलेखों के आधार पर पंजीयन किया गया है। संबंधित से उत्तर प्राप्त होने पर निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उक्त रजिस्ट्री को निरस्त की अधिकारिता पंजीयन अधिकारी को नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, किसी पंजीबद्ध दस्तावेज की वैधता विनिश्चित करने की अधिकारिता माननीय सिविल न्यायालय को है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला मंडला अंतर्गत आबकारी विभाग द्वारा राजस्व की वसूली
[वाणिज्यिक कर]
72. ( क्र. 755 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-2018 में किस व्यक्ति या ठेकेदार द्वारा अंजनिया समूह में लॉटरी आवेदन किया गया था और स्वीकृति के बाद इनके द्वारा प्रतिभूति की राशि जमा न करने के कारण दुकान या समूह को टेंडर में लगाना पड़ा? इससे शासन को राजस्व का कितना नुकसान उठाना पड़ा? उपरोक्त व्यक्ति या ठेकेदार पर कितनी रकम का खिसारा या राजस्व वसूली शेष है? अब तक वसूली न होने के क्या कारण हैं? वसूली न कर पाने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) वर्ष 2018-2019 में किस व्यक्ति या ठेकेदार द्वारा बम्हनी समूह में लॉटरी आवेदन किया गया था और स्वीकृति के बाद इनके द्वारा प्रतिभूति की राशि जमा न करने के कारण दुकान या समूह को टेंडर में लगाना पड़ा? इससे शासन को राजस्व का कितना नुकसान उठाना पड़ा? उपरोक्त व्यक्ति या ठेकेदार पर कितनी रकम का खिसारा या राजस्व वसूली शेष है? अब तक वसूली न होने के क्या कारण हैं? वसूली न कर पाने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) वर्ष 2017 से 2024 तक उन व्यक्ति फर्म या ठेकेदार का नाम बतायें जिनसे आबकारी विभाग को खिसारा या राजस्व वसूली करना है और कितनी राशि की वसूली की जानी है? राजस्व वसूली के लिए अब तक क्या-क्या प्रयास किये गए? सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें। राजस्व वसूली अब तक नहीं हो पाने के लिए कौन-कौन दोषी है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक मंडला जिले में किन-किन व्यक्तियों, फर्म, ठेकेदारों द्वारा जिले के विभिन्न समूहों दुकानों का ठेका लिया गया एवं रिन्युवल कराया गया? राशि सहित जानकारी प्रदान करें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2017-18 में श्री दीपक चंद तिवारी पिता श्री अनिल तिवारी निवासी ग्राम गढ़वा पोस्ट पूरब पताई, जिला चित्रकूट, उत्तरप्रदेश द्वारा अंजनिया समूह के लिये लॉटरी आवेदन प्रस्तुत किया गया था। आवेदक पात्र पाये जाने पर वार्षिक मूल्य रूपये 87413460/- में जिला समिति द्वारा निष्पादन स्वीकृत किया गया था। आवेदक द्वारा समूह के लिये निर्धारित प्रतिभूति रूपये 9134706/- निर्धारित अवधि तक जमा नहीं किये जाने से आवेदक की जिम्मेदारी पर अंजनिया समूह का ई-टेण्डर द्वारा रूपये 58000000/- में पुनर्निष्पादन किया गया। पुनर्निष्पादन में रूपये 29413460/- का खिसारा उत्पन्न हुआ। खिसारे राशि में से आवेदक द्वारा जमा रूपये 4370700/- को राजसात किया जाकर समायोजन के पश्चात शेष खिसारे की राशि रूपये 25042760/- आवेदक से वसूल किया जाना है। इस राशि की वसूली हेतु आवेदक के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में उल्लेखित प्रावधानों के अन्तर्गत आवेदक को मांग पत्र तामील कराया गया है। तत्पश्चात आवेदक के विरूद्ध आर.आर.सी. जारी कर आवेदक का पता जिला चित्रकूट होने से वसूली की कार्यवाही हेतु आर.आर.सी. जिला चित्रकूट भेजी गई है। वसूली के संबंध में समय-समय पर पत्राचार किया जा रहा है। इस वसूली के संबंध में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है। (ख) वर्ष 2018-19 में श्री आनन्द पटेल पिता ब्रजमोहन पटेल, निवासी इन्द्राजी वार्ड, जिला मण्डला द्वारा बम्हनीबंजर समूह के लिये लॉटरी आवेदन प्रस्तुत किया गया था। आवेदक पात्र पाये जाने पर वार्षिक मूल्य रूपये 125254918/- में जिला समिति द्वारा निष्पादन स्वीकृत किया गया था। आवेदक द्वारा समूह के लिये निर्धारित धरोहर राशि की 50 प्रतिशत राशि रूपये 3131373/- निर्धारित अवधि तक जमा नहीं किये जाने से आवेदक की जिम्मेदारी पर बम्हनीबंजर समूह का ई-टेण्डर द्वारा रूपये 88800111/- में पुनर्निष्पादन किया गया। पुनर्निष्पादन में रूपये 36454807/- का खिसारा उत्पन्न हुआ। खिसारे राशि में से आवेदक द्वारा जमा रूपये 3131373/- को राजसात किया जाकर समायोजन के पश्चात शेष खिसारे की राशि रूपये 33323434/- आवेदक से वसूल किया जाना है। इस राशि की वसूली हेतु आवेदक के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में उल्लेखित प्रावधानों के अन्तर्गत आवेदक को मांग पत्र तामील कराया गया है। तत्पश्चात आवेदक के विरूद्ध आर.आर.सी. जारी कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। आवेदक जिला मण्डला का निवासी होने से इनकी संपत्ति की जानकारी प्राप्त करने हेतु संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है। इस वसूली के संबंध में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है। (ग) वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक निम्नलिखित व्यक्तियों के नाम पर खिसारा राशि उत्पन्न हुई है :-
क्रं. |
वर्ष |
व्यक्ति का नाम |
खिसारा राशि |
1 |
2017-18 |
श्री दीपक चंद तिवारी निवासी ग्राम गढ़वा, पो. पूरब पताई, जिला चित्रकूल |
25042760 |
2 |
2018-19 |
श्री आन्नद पटेल, निवासी इन्द्राजी वार्ड, जिला मण्डला |
33323434 |
3 |
2023-24 |
श्री साहिल खान, निवासी डॉ. राजेन्द्र पटेल वार्ड, जिला मण्डला |
31410361 |
उपरोक्त बकायादारों के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में उल्लेखित प्रावधानों के अन्तर्गत बकाया प्रकरण पंजीबद्ध कर वसूली के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इस वसूली के विरूद्ध किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है। उक्त वसूली हेतु समय-समय पर की गई कार्यवाही संबंधी दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (घ) वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक जिन-जिन व्यक्तियों, फर्म, ठेकेदारों द्वारा जिले के मदिरा समूहों का नवीनीकरण अथवा ई-टेण्डर द्वारा ठेका लिया गया है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
पोषण अभियान अंतर्गत स्मार्ट फोन खरीदी की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
73. ( क्र. 758 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा सत्र जुलाई 2024 में अतारांकित प्रश्न 3873 के आधार पर विभाग द्वारा दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) उक्त खरीदी के संबंध में कार्यालय कलेक्टर बालाघाट के पत्र क्रमांक 2757 दिनांक 27/08/2024 एवं जाँच प्रतिवेदन दिनांक 08/08/2024 संभाग राज्य एवं शासन स्तर पर प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र एवं जाँच प्रतिवेदन पर जिला एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) जिला बालाघाट में 2651 स्मार्ट फोन खरीदी में पेगासस रिटेल इंडिया प्रायवेट लिमिटेड इंदौर द्वारा शासन निर्देशानुसार ई.एम.डी. राशि 0.50 प्रति एवं उत्पादन परफॉर्मेंस गारंटी 2 प्रति जमा नहीं कराई गई है, फिर भी राशि 2.45 करोड़ का भुगतान नियम विरुद्ध फर्म को किया गया हैं। दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत जिला राज्य एवं शासन स्तर पर किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा लापरवाही, वित्तीय अनियमितता एवं शासन निर्देशों का पालन नहीं करने पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? नामवार जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो संबंधितों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? जानकारी उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) दोषी अधिकारी-कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार है। (ख) सम्बंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किये गए, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब” अनुसार है। (ग) दोषी अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र एवं आरोप पत्र जारी किये गए। (घ) निम्नलिखित अधिकारियों/कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र तथा आरोप पत्र जारी किया गया :- 1. सुश्री वंदना धूमकेती सहायक संचालक, तत्कालीन प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला बालाघाट। 2. श्री योगेश पात्रीकर सहायक ग्रेड 01, तात्कालिक लेखा शाखा प्रभारी, कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला बालाघाट। 3. श्री योगेश खजरे सहायक ग्रेड 03, सह डाटा एंट्री ऑपरेटर तत्कालीन भंडार शाखा प्रभारी कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला बालाघाट।
नीलाम की गई खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
74. ( क्र. 764 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितनी-कितनी रेत खदान की कितनी मात्रा की नीलामी वर्ष 2018 से 2023 तक की जाकर, कितनी शासकीय बोली निर्धारित की गई एवं कितनी राशि में किस-किस दिनांक को अनुबंध किया गया? इस अवधि में रॉयल्टी की दर क्या निर्धारित थी? पर्यावरणीय अनुमति किसे लेनी था? (ख) उपरोक्त अवधि में किस स्थान पर कितनी रेत के भंडारण की अनुमति किस दिनांक को दी गई? किस दिनांक को कितनी मात्रा में अवैध रेत खनन एवं अवैध रेत भंडारण का किस स्थान पर किसके विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? उस पर किस दिनांक को कितना अर्थदंड किया गया? (ग) किस रेत भंडारण में किस रेत खदान से कितनी रेत का परिवहन किया गया? परिवहन की गई रेत में से कितनी रेत की पीट-पास जारी की गई? कितनी रेत की पीट-पास भंडारण स्थल से जारी की गई? दिनांकवार बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 765 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में कितनी आंगनवाड़ी संचालित हैं? कितनी आंगनवाड़ी भवन विहीन हैं? (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ियां कहाँ संचालित हो रही हैं? (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ियों का भवन कब तक निर्माण किया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) बैतूल जिले में कुल 2347 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। 575 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। (ख) बैतूल जिले के 337 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 238 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
पुलिस चौकी का उन्नयन एवं नवीन पुलिस चौकी की स्वीकृति
[गृह]
76. ( क्र. 767 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने पुलिस थाना एवं पुलिस चौकियां स्वीकृत हैं तथा यह भी बतायें कि पुलिस चौकी को थाने में परिवर्तित करने एवं नवीन पुलिस चौकी खोलने हेतु शासन द्वारा क्या निर्धारित नियमावली है? कृपया प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या हेलापड़ावा पुलिस चौकी को थाना में उन्नयन कर स्वीकृती प्रदाय की जा सकती है? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है? यह भी बतायें कि पूर्व में दौडवा में अस्थाई पुलिस चौकी आवश्यकता को देखते हुए खोली गई थी? हाँ तो बंद क्यों कर दी गई है तथा क्या नवीन पुलिस चौकी की स्वीकृति प्रदाय की जा सकती है? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है? (ग) महिला उत्पीड़न के संबंध में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी संख्या में प्रकरण दर्ज है? उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई है? कृपया दर्ज प्रकरण की पीड़ित के ग्राम सहित जानकारी प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 2 थाने (थाना भीकनगांव एवं चैनपुर) तथा 2 चौकी (बमनाला एवं हेलापड़ावा) स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) हेलापड़ावा पुलिस चौकी का थाने में उन्नयन किये जाने हेतु निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। दौडवा में अस्थाई पुलिस सहायता केन्द्र खोला गया था जिसे वर्तमान में बंद कर दिया गया है। दौडवा में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के पूर्ण नहीं होने से नियमानुसार स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है। (ग) जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक 106 प्रकरण दर्ज हुए है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
खनिज / गौण खनिज उत्खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 770 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा खनिज/गौण खनिज उत्खनन (नीलामी) के संबंध में नीति/नियम/निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 हेतु रेत उत्खनन हेतु टेंडर आमंत्रित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब? (ग) कृपया चौरई, चाँद तहसील खनिज/राजस्व/वन विभाग की रेत उपलब्धता वाली खदानें/स्थानों की अलग-अलग सूची प्रदान करें। (घ) क्या ठेकेदार चिन्हित खदानों के अलावा भी अन्य स्थान से उत्खनन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) अवैध उत्खनन रोकने के लिए शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (घ) प्रश्नांश अनुसार चिन्हित खदानों के अलावा भी अन्य स्थान से उत्खनन संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा राज्य स्तरीय उड़नदस्ता, संभाग स्तरीय उड़नदस्ता एवं जिले में टास्क फोर्स गठित किया जाकर सतत निगरानी की जाती है।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत संचालित संस्थाएं
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
78. ( क्र. 773 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय संस्थाएं, प्रशासनिक इकाइयां आदि सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाइयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2004-05 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन कार्यों हेतु विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष हैं तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सरकार द्वारा निवेश प्रोत्साहन हेतु ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट व अन्य कौन-कौन से कार्यक्रम, बैठक, सम्मेलन आयोजित किये गये? वर्षवार, कार्यक्रमवार, स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में 2016 से प्रश्नांकित अवधि तक उक्त कार्यक्रमों में किन-किन उद्योगपतियों, कम्पनी, फर्मों ने भाग लिया तथा किन-किन क्षेत्रों में कितनी राशि निवेश की गई? बतावें। (च) प्रश्नांश (ड.) के संदर्भ में सरकार द्वारा उद्योगपतियों, कम्पनी, फर्म, शासकीय व्यवसायिक एजेन्सियों को कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई तथा कितने उद्योगपतियों, कम्पनियों ने उद्योग लगा दिये हैं तथा आयोजित कार्यक्रमों से कितने प्रतिशत निवेश में वृद्धि हुई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।
शासकीय सेवकों के अचल संपत्ति का वार्षिक विवरण
[सामान्य प्रशासन]
79. ( क्र. 777 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय आदेश क्रमांक सी-5-1/2010/3/एक भोपाल दिनांक 29 दिसंबर 2010 में दिए गए निर्देशानुसार म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 19 (1) के अनुसार समस्त शासकीय सेवकों द्वारा अचल संपत्ति विवरण के संबंध में वार्षिक विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक शासकीय सेवक अपने अचल संपत्ति का विवरण विहित प्रपत्र में सक्षम प्राधिकारी को प्रतिवर्ष 31 जनवरी के पूर्व प्रस्तुत करेगा। यदि कोई शासकीय सेवक उपनियम 19 (1) में विहित विवरणी प्रस्तुत करने में असफल रहता है तो इसे अवचार मानकर उसके विरुद्ध आचरण नियमों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? क्या जिला बालाघाट में इन विभागीय निर्देशों का अक्षरशः पालन हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या जिले में पदस्थ शासकीय सेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए विवरण पत्रकों को वेबसाइट पर प्रतिवर्ष अपलोड किया जा रहा है? यदि हाँ, तो 31 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2024 तक की वेबसाइट पर अपलोड विवरण पत्रक की जानकारी प्रदान की जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में जिला बालाघाट अंतर्गत कोई शासकीय सेवक विहित विवरणी प्रस्तुत करने में असफल रहा है अथवा उसकी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो पाई है, तो उसके विरुद्ध आचरण नियमों के अंतर्गत क्या कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शेषांश जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्री में ड्रग्स का कारोबार
[गृह]
80. ( क्र. 780 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत माह अक्टूबर 2024 में राजधानी भोपाल के बागरोदा औद्योगिक क्षेत्र में किराए की फैक्ट्री में एम.डी. ड्रग्स बनाई जाने व दूसरे प्रदेशों में सप्लाई और बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा फैक्ट्री में किए जा रहे नशा कारोबारियों की जांच के लिए शासन ने टीम/एजेंसी को अधिकृत किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जांच के दौरान ड्रग्स बनाने के लिए कच्चा माल कितनी मात्रा में प्राप्त हुआ? कच्चे माल की सप्लाई किन प्रदेशों से की जाती थी? फैक्ट्री में बनाई गई ड्रग्स को किन-किन प्रदेशों में किन माध्यमों से बेचा गया? जांच रिपोर्ट की सत्यापित प्रति के साथ पृथक-पृथक संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में राजधानी भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ड्रग्स निर्माण में कितने व्यक्ति शामिल हैं तथा किन व्यक्तियों के संरक्षण पर संचालित हो रहा था? क्या संबंधित थाने के अधिकारी/कर्मचारी/फैक्ट्री मालिक के संयुक्त संरक्षण में हो रहा था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक आरोपियों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई? कार्यवाही दिनांक/दोषी का नाम सहित जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण की जांच नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) द्वारा की जा रही है, शासन द्वारा पृथक से किसी एजेन्सी को अधिकृत नहीं किया गया है। (ग) प्रकरण की संपूर्ण जांच नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) द्वारा की जा रही है।
विभागीय योजनाओं एवं अनुदान राशि की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
81. ( क्र. 784 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ जिला देवास अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापित किये गये है? उद्योगवार नामवार जानकारी देवें। (ख) सोनकच्छ जिला देवास अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्षों में नवीन उद्योग स्थापित करने की क्या योजना है एवं संचालित उद्योगों में से कितने उद्योग वर्तमान में चालू है? प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित उद्योगों से कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाये गये हैं? (ग) स्थापित उद्योगों को किन-किन योजनान्तर्गत कौन-कौन से विभागों द्वारा कितनी-कितनी अनुदान राशि उपलब्ध करवाई गई है? (घ) विभाग द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिये कौन-कौन सी योजनाएं हैं जिसमें वह अपना उद्योग लगाकर रोजगार प्राप्त कर सकें?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक सोनकच्छ विधानसभा में कुल 56 स्थापित उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रं-''अ'' अनुसार है। (ख) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किए जाते है अपितु उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है तथा विभागीय नियमों अनुसार सहायता एवं सुविधाएं प्रदान की जाती है। सोनकच्छ जिला देवास में 56 उद्योग वर्तमान में चालू हैं। सोनकच्छ विधानसभा में स्थापित उद्योगों में रोजगार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) स्थापित उद्योगों में विभागवार एवं योजनावार लाभान्वित इकाईयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित हैं।
नवजात शिशुओं में कुपोषण की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
82. ( क्र. 785 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में नवजात शिशुओं में गंभीरतम स्थिति कुपोषण को समाप्त करने हेतु कुपोषित नौनिहाल की समुचित देखभाल जांच/परीक्षण, पौष्टिक आहार इत्यादि अन्य कार्य केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से प्रदेशभर में किए जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो जिला-देवास अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने कुपोषित बच्चे जिले व तहसीलवार पाए गए हैं, शासन/विभाग द्वारा उन बच्चों की समुचित देखभाल हेतु किस वर्ष में किस दिनांक से किस व्यवस्था के माध्यम से चिन्हित कर बच्चों के स्वास्थ्य हेतु क्या-क्या किया गया है? (ग) जिला-देवास अंतर्गत विकासखंडवार, वर्षानुसार कितने-कितने बच्चे कुपोषित होकर कुपोषण ग्रस्त पाए गए, उनकी देखभाल हेतु किस-किस प्रकार, विकासखंडवार, क्या-क्या कार्य किये गए है? (घ) उपरोक्तानुसार उल्लेखित समस्त प्रश्नों में सम्मिलित विषयों के कार्य हेतु जिलेवार, विकासखंडवार कितना-कितना बजट स्वीकृत किया जाकर उन कार्यों पर कितना-कितना व्यय हुआ? व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किस प्रकार किया गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्षवार एवं परियोजनावार कुपोषित बच्चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रत्येक माह की 11 से 20 तारीख तक सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में शारीरिक माप दिवसों का आयोजन किया जाकर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है। बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन” कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार एवं पोषकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन किया जाता है। (ग) कुपोषित बच्चों की वर्षवार व परियोजनावार संख्यात्मक जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। (घ) कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस हेतु विभाग में अलग से कोई बजट प्रावधानित नहीं है। अतिकुपोषित बच्चों को राशि रूपए 4/- का अतिरिक्त आहार देने का प्रावधान है, जो पोषण आहार के बजट में ही समाहित है। शेष का प्रश्न नहीं।
उद्योग विभाग अंतर्गत भूमि का अधिग्रहण
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
83. ( क्र. 800 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी भूमि उद्योग विभाग द्वारा अधिग्रहण की गई है? सर्वे न.,ग्रामवार, तहसीलवार विवरण देवें। भूमि अधिग्रहण किस दिनांक को किस नियम के तहत उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई। (ख) क्या उद्योग विभाग द्वारा नई औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यदि भेजा गया तो कौन-कौन से उद्योगिक इकाईयां स्थापित की जाएगी। (ग) महिदपुर रोड़ शुगर मिल की भूमि पर उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है,कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। निर्माण कार्यों का स्थल निरीक्षण एवं गुणवत्ता की जांच कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? स्थल निरीक्षण एवं गुणवत्ता में क्या-क्या कमियां पाई गई? (घ) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत महिदपुर में कुल कितनी भूमि उद्योग विभाग की है, कितनी भूमि पर लीज आवंटित की गई एवं कितनी भूमि शेष बाकी है? क्या शेष बाकी भूमि पर उद्योग के लिए लीज आवंटित की जाएगी। यदि की जाएगी तो कब तक?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कोई भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभाग द्वारा औद्योगिक इकाई की स्थापना नहीं की जाती है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, लगभग 65 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की कुल 54.55 हेक्टेयर भूमि है। विभाग द्वारा 74 इकाईयों को 4,92,499 वर्गफिट भूमि पर लीज आवंटित की गई। गोगापुर क्षेत्र में 43.46 हेक्टेयर भूमि पर विकास कार्य प्रचलन में है, विकास कार्य पूर्ण होने पर पात्र उद्योगों को नियमानुसार विकसित प्लाट आवंटित किये जावेंगे। प्लाट/भूमि आवंटन एक सतत् प्रक्रिया है, अत:समय बताना युक्तियुक्त नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है।
औद्योगिक कार्य में विलंब
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
84. ( क्र. 803 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्माणाधीन बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र जावरा में कार्ययोजना अंतर्गत विकसित किए जाने हेतु स्वीकृत कौन-कौन से कार्य सम्मिलित होकर कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए? अपूर्ण कार्य कौन-कौन से होकर कब तक पूर्ण होंगे? (ख) कुल कितनी भूमि अधिग्रहीत होकर सीमांकित हुई एवं सीमांकन के पश्चात रेलवे भूमि के प्रकरण निराकरण के पश्चात कुल कितनी भूमि औद्योगिक कार्य हेतु उपयोगी होकर शेष रही? (ग) क्या लगभग 225 निवेशकों ने औद्योगिक कार्य हेतु निवेश किया किंतु निर्माण कार्य की विलंबता के कारण लगभग 200 निवेशकों ने राशि पुनः आहरित कर कार्य की विलंबता के प्रति अप्रत्यक्ष असंतोष व्यक्त किया तो इसके क्या कारण रहे? (घ) शेष कार्य कब तक पूर्ण होकर वर्तमान तक शेष रहे निवेशकों को प्लाट आवंटन एवं रजिस्ट्री कर कार्य प्रारंभ करने की अनुमति कब तक दी जा सकेगी तथा पर्यावरण की दृष्टि से जो पौधे हजारों की संख्या में औद्योगिक भूमि पर लगे हुए थे वह किस प्रक्रिया से हटाए जाकर कहां गए एवं पर्यावरण हेतु पुनःकिस प्रकार लगाए जा सकेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग के अधीन संस्था एम.पी. इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत निर्माणाधीन बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र जावरा में कार्य योजना अंतर्गत विकसित किए जाने हेतु स्वीकृत कार्य में से पूर्ण कार्य एवं अपूर्ण कार्य संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुल भूमि रकबा 35.856 हेक्टेयर सीमांकित की गई थी एवं सीमांकन के पश्चात रेलवे की भूमि छोड़कर (रकबा 2.239 हेक्टेयर) शेष रकबा 33.617 हेक्टेयर पर औद्योगिक कार्य हेतु पुनरीक्षित अभिन्यास तैयार कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ। औद्योगिक कार्य की विलंबता के निम्न कारण रहे है:- (अ) औद्योगिक क्षेत्र जावरा में आंतरिक एवं बाह्य विद्युतीकरण का कार्य निर्माण एजेंसी द्वारा म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा प्राक्कलन स्वीकृत नहीं करने से संपादित नहीं किया जा सका। (ब) औद्योगिक क्षेत्र जावरा में जल संसाधन विभाग से जलापूर्ति हेतु स्वीकृति नहीं होने से जल प्रदाय कार्य का संपादन निर्माण एजेंसी द्वारा नहीं किया गया। (स) औद्योगिक क्षेत्र जावरा में रेलवे की भूमि आने के कारण पुनरीक्षित अभिन्यास तैयार कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। (घ) शेष कार्य पूर्ण होने की अवधि संबंधी जानकारी प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। विकास कार्य पूर्ण होने के उपरांत प्रचलित नियमानुसार भूमि आवंटन की कार्यवाही की जाती है। निगम द्वारा औद्योगिक क्षेत्र जावरा में वृक्षों को ट्रांसप्लांट करने हेतु अनुमति तत्कालीन क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर के पत्र क्रमांक 16858, दिनांक 31/01/2022 अनुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका जावरा से प्राप्त करने हेतु 300 वृक्षों हेतु पत्र प्रेषित किया गया। जिसके परिपालन में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका जावरा द्वारा पत्र क्रमांक 5074, दिनांक 15/02/2022 को अनुमति प्रदान की गई। उक्त के परिपालन में शुगर मिल परिसर से 300 वृक्षों में से जलाऊ लकड़ियों के वृक्षों को छोड़कर शेष 69 वृक्षों को औद्योगिक क्षेत्र में ही ट्रांसप्लांट किया गया है तथा जलाऊ लकड़ी स्थानीय शमशानगृह में सौंप दी गई।
मादक पदार्थों की तस्करी
[वाणिज्यिक कर]
85. ( क्र. 804 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम,मंदसौर,नीमच जिला अंतर्गत अवैध डोडा चूरा एवं अवैध शराब की तस्करी लगातार बढ़ती जाकर शासन/विभाग द्वारा लगातार इसे पकड़ा भी जा रहा है? साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त गुटों में आपसी द्वंद भी बढ़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो डोडा चूरा कई वर्षों से नष्ट नहीं किया जाकर गोदाम में जमा किया जा रहा है तो कहां-कहां पर कितनी- कितनी मात्रा में किन-किन वर्षों में गोदाम में जमा किया जा रहा है? साथ ही शराब विक्रय के ठेके चिन्हित स्थान एवं क्षेत्र के विशेष की दिए जा रहे हैं तो फिर अवैध शराब का विक्रय किस प्रकार किया जा रहा है? (ग) जिन-जिन गोदामों में डोडा चूरा जमा किया जाता रहा तो उनका भौतिक सत्यापन कब-कब किसके द्वारा किया गया? तथा अवैध रूप से डायरियो के माध्यम से सैकड़ों हजारों गांव में अवैध शराब की बिक्री हो रही है तो उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) उल्लेखित उपरोक्त तीनों जिलों की सीमाएं राजस्थान एवं गुजरात से लगी होकर अन्य राज्यों को भी सम्पर्कित करती है तो अवैध मादक पदार्थों का धंधा किस तरह से निरंकुश होकर चलाया जा रहा है? इस हेतु विभाग ने वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला-रतलाम में आबकारी विभाग द्वारा विगत वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में अवैध डोडाचूरा संबंधी कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। जिला रतलाम में अवैध शराब के विरूद्ध विगत वर्ष 2023-24 में कुल 1860 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष अप्रैल, 2024 से अक्टूबर 2024 तक कुल 1177 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला रतलाम में मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त गुटों में आपसी द्वंद संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। जिला-मंदसौर में आबकारी विभाग द्वारा विगत 05 वर्ष में अवैध डोडाचूरा संबंधी कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। जिला मंदसौर में अवैध शराब के विरूद्ध वर्ष 2020-21 से माह अक्टूबर 2024 तक कुल 3510 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला मंदसौर में मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त गुटों में आपसी द्वंद संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। जिला-नीमच में आबकारी विभाग द्वारा विगत 05 वर्ष में अवैध डोडाचूरा संबंधी कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। जिला नीमच में अवैध शराब के विरूद्ध वर्ष 2020-21 से माह अक्टूबर 2024 तक कुल 3058 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला नीमच में मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त गुटों में आपसी द्वंद संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (ख) जिला-रतलाम में जुलाई 2016 से पोस्ता भूसा नियम निरसित होने के पश्चात डोडाचूरा के लायसेंस जारी नहीं हुए है एवं स्वीकृत गोदाम में डोडा चूरा संग्रहित नहीं होने से जानकारी निरंक है। जिला रतलाम में कुल 99 कम्पोजिट मदिरा दुकानों के लायसेंस स्वीकृत हैं। जिले में अवैध शराब विक्रय की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार प्रकरण कायम किये जाते हैं। जिला- मंदसौर में जुलाई 2016 से पोस्ता भूसा नियम निरसित होने के पश्चात डोडाचूरा के लायसेंस जारी नहीं हुए है एवं गोदाम स्वीकृत नहीं है। जिला मंदसौर में वर्तमान में उत्पादित डोडाचूरा को किसी भी गोदाम में संग्रहित नहीं होने से जानकारी निरंक है। जिला मंदसौर में कुल 96 कम्पोजिट मदिरा दुकानों के लायसेंस स्वीकृत है। जिले में अवैध शराब की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार प्रकरण कायम किये जाते हैं। जिला-नीमच में जुलाई 2016 से पोस्ता भूसा नियम निरसित होने के पश्चात डोडाचूरा के लायसेंस जारी नहीं हुए है एवं गोदाम स्वीकृत नहीं है। जिला नीमच में किसी भी गोदाम में डोडाचूरा संग्रहित नहीं होने से जानकारी निरंक है। जिला नीमच में कुल 54 कंपोजिट मदिरा दुकानों के लायसेंस स्वीकृत है। जिले में अवैध शराब की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार प्रकरण कायम किये जाते हैं। (ग) जिला-रतलाम में किसी भी स्वीकृत गोदाम में डोडाचूरा संग्रहित नहीं होने से जानकारी निरंक है। जिला रतलाम में अवैध शराब के विरूद्ध विगत वर्ष 2023-24 में कुल 1860 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष अप्रैल, 2024 से अक्टूबर 2024 तक कुल 1177 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला- मंदसौर में वर्तमान में उत्पादित डोडाचूरा किसी भी गोदाम में संग्रहित नहीं होने से जानकारी निरंक है। अवैध शराब विक्रय के विरूद्ध वर्ष 2020-21 से माह अक्टूबर 2024 तक कुल 3510 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला-नीमच में किसी भी गोदाम में डोडाचूरा संग्रहित नहीं होने से जानकारी निरंक है। अवैध शराब विक्रय के विरूद्ध वर्ष 2020-21 से माह अक्टूबर 2024 तक कुल 3058 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (घ) जिला-रतलाम में मदिरा के अवैध धारण, परिवहन, विक्रय एवं चौर्यनयन की रोकथाम हेतु वर्ष 2020-21 से माह अक्टूबर 2024 तक कुल 8122 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला-मंदसौर में मदिरा के अवैध धारण, परिवहन, विक्रय एवं चौर्यनयन की रोकथाम हेतु वर्ष 2020-2021 से माह अक्टूबर 2024 तक कुल 3510 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला-नीचम में मदिरा के अवैध धारण, परिवहन, विक्रय एवं चौर्यनयन की रोकथाम हेतु वर्ष 2020-21 से माह अक्टूबर तक कुल 3058 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
म.प्र. कर्मचारी मण्डल द्वारा आयोजित परीक्षाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
86. ( क्र. 813 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. कर्मचारी मण्डल द्वारा कितनी भर्ती परीक्षा एवं प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई जानकारी देवें? क्या मण्डल द्वारा उक्त अवधि में परीक्षा आयोजित करवाने हेतु कैलेण्डर जारी किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें कि दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी परीक्षा आयोजित की गई एवं कैलेण्डर अनुसार कितनी परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिन परीक्षाओं को मण्डल आयोजित नहीं कर पाया है उनका आयोजन कब तक एवं किस एजेन्सी से करवाया जायेगा? (ग) क्या मण्डल की वेबसाईट में परिक्षाओं की जानकारी जो पूर्व से डाली गई है उन्हें अपडेट कर दिया गया है? (घ) कर्मचारी चयन मण्डल को प्रश्न दिनांक तक कितने वर्गों की चयन परीक्षा आयोजित किये जाने हेतु विभागों द्वारा भेजी गई रिक्त पदों की जानकारी कितने विभागों से प्राप्त हुई है विभागवार विभागों से प्राप्त रिक्त पदों की सम्पूर्ण जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मंडल द्वारा दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक 02 भर्ती परीक्षाएँ, 01 पात्रता परीक्षा एवं 05 प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''1'' अनुसार। मंडल द्वारा माह जुलाई 2024 में जारी परीक्षा कैलेण्डर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार। उक्त कैलेण्डर में से 05 परीक्षाओं का आयोजन मंडल द्वारा किया जा चुका है। शेष परीक्षाओं के संबंध में विभागों से आवश्यक जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण कैलेण्डर अनुसार आयोजन नहीं किया जा सका है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा व एजेन्सी के संबंध में अवगत कराया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार।
लाड़ली बहना योजना की राशि में वृद्धि
[महिला एवं बाल विकास]
87. ( क्र. 815 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिला हितग्राहियों को ₹ 3000 तक योजना की राशि प्रदान करने हेतु प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा करते हुए यह वचन दिया गया था परंतु वर्तमान में योजना के अंतर्गत महिला हितग्राहियों को प्रतिमाह 1250 रुपए की राशि ही प्रदान की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिला हितग्राहियों को ₹3000 की राशि कब से सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी? समय-सीमा बताएं। (ग) योजना के अंतर्गत ऐसी महिलाएं जो पात्र होते हुए भी किसी कारण से मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना के अंतर्गत फॉर्म नहीं भर पाई है और उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल रहा है? क्या सरकार द्वारा प्रदेश की ऐसी सभी पात्र महिलाओं के फार्म भरवा कर उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा? अगर हाँ तो कब तक? (घ) प्रदेश में ऐसी कितनी महिलाएं हैं जिन्हें पहले पात्र कर मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ प्रदान किया गया एवं उन्हें बाद में अपात्र कर दिया गया? प्रत्येक जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में आवेदन आमंत्रित नहीं किये जा रहे हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जिलेवार सूची संलग्न परिशिष्ट पर है।
महिला गुमशुदगी की जानकारी
[गृह]
88. ( क्र. 817 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश के पुलिस थाना में अ.ज.जा. (वयस्क एवं अवयस्क) महिला गुमशुदगी कितनी संख्या दर्ज हुई है? (ख) कितनी महिलाओं को दस्तयाब किया गया तथा दस्तयाब महिलाओं की सुपुर्दगी किन्हें दी गई है उनके नाम, पूर्ण पता की जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) कितनी महिलाओं को प्रश्न दिनांक तक दस्तयाब नहीं किया जा सका उनकी सूची कारण सहित उपलब्ध कराये?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
आवास आवंटन में अनियमितता
[वित्त]
89. ( क्र. 824 ) श्री विपीन जैन : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता (HRA) दिया जाता है क्या शासकीय आवास आवंटन के पश्चात भी कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता दिया जाता है? (ख) मंदसौर कलेक्टर कार्यालय क्षेत्राधिकार अंतर्गत आवंटित कर्मचारियों को शासकीय आवास प्रदाय करने के बाद उन कर्मचारियों का गृह भाड़ा भत्ता (HRA) काटा जा रहा है यदि हाँ, तो इस संबंध में आवंटित आवास कर्मचारियों के नियोक्ताओं से इस संबंध में प्रमाणीकरण की प्रति देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में आवंटित आवास प्रदान करने के बाद भी कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता प्रदाय किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्यों? क्या यह वित्त विभाग के नियमानुसार है गृह भाड़ा भत्ता काटौत्रा नहीं होने से कर्मचारियों को दोहरा लाभ दिया गया है इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) कर्मचारियों के स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति के पश्चात भी कितने ऐसे कर्मचारी है जो आवास का अभी तक उपयोग कर रहे हैं उनकी सूची देवें? (ड.) जिन स्थानीय शासकीय कर्मचारियों के स्वयं के आवास हैं क्या उन्हें भी शासकीय आवास आवंटित किया गया है उनकी सूची देवें? क्या यह आवास आवंटन की नियमावली के अनुसार है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिन शासकीय सेवकों को शासकीय आवास आवंटन नहीं है, उन्हें राज्य शासन के नियमानुसार गृह भाड़ा भत्ता दिया जाता है। जी नहीं। (ख) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय सेवकों का निलम्बन
[सामान्य प्रशासन]
90. ( क्र. 825 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अन्तर्गत कलेक्टर/संभागीय आयुक्त को किस श्रेणी के शासकीय सेवकों को किन आधारों पर निलम्बन करने के अधिकार है? नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावें? (ख) वर्ष 2020 से दिनांक 30.11.2024 तक ग्वालियर-चम्बल संभाग में किन-किन शासकीय सेवकों को किन आधारों पर निलम्बित किया गया? नाम/पदनाम/पदस्थापना स्थल सहित बताया जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के कितने शासकीय सेवकों के विरूद्ध अन्तिम निर्णय लिया गया? अन्तिम निर्णय की जानकारी प्रदाय की जावें। (घ) उक्त अवधि के निलम्बित शासकीय सेवकों के लम्बित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (घ) विभागीय जांच की कार्यवाही पूर्ण होने तथा मान. न्यायालय के निर्णय उपरान्त ही निराकरण किया जावेगा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सीधी जिले में खनिज अधिकारियों की पदस्थापना
[खनिज साधन]
91. ( क्र. 834 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में खनिज निरीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं और इन पदों पर वर्तमान में कोई खनिज निरीक्षक पदस्थ नहीं हैं, क्यों? (ख) सीधी जिले में कोई भी खनिज निरीक्षक पदस्थ न होने के कारण खनिज के अवैध उत्खनन की शिकायतें बड़ी मात्रा में प्राप्त होती रहती हैं। इन पदों पर खनिज निरीक्षकों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? (ग) सीधी जिले में खनिज निरीक्षक के पद रिक्त होने के साथ-साथ कोई जिला खनिज अधिकारी स्थाई रूप से पदस्थ नहीं है, जिस कारण से पड़ोसी जिला सिंगरौली के अधिकारी को यहाँ प्रभार दिया गया है। सीधी जिले में नियमित खनिज अधिकारी की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभागीय सेटअप अनुसार सीधी जिले में खनि निरीक्षक के 04 पद स्वीकृत है। वर्तमान में सीधी जिले में पदस्थ खनि सर्वेयर तथा सहायक मानचित्रकार को खनि निरीक्षक का प्रभार सौंपा गया है। विभाग में खनि निरीक्षक के पदों की पूर्ति की कार्यवाही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही है। (ख) अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर प्रभारी खनि निरीक्षक एवं जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही निरंतर की जा रही है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा खनि निरीक्षक के चयन उपरान्त इनकी पदस्थापना किया जाना संभव हो सकेगा। (ग) जी हाँ। जिलों में प्रशासकीय आवश्यकता अनुसार अधिकारियों की पदस्थापना की जाती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर जिलांतर्गत संचालित खदानें
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 838 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में वर्ष 2022-23, 2023-24 से संचालित सभी प्रकार की खनिज खदानें जो की आदिवासी ब्लॉक में स्थित है, इनकी नीलामी, संचालन और भूमि में खनिज के सर्वे हेतु, कितनी ग्राम सभा से स्वीकृति है और कितनी ग्राम सभा की स्वीकृति नहीं है। (ख) इंदौर संभाग में खनिज विभाग में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी जो की एक ही जिले में 3 वर्ष से अधिक समय से पद पर है, सभी जिलों के कब से है, नाम और पद की जानकारी दी जाए और इनके ट्रांसफर करने की सरकार के नियम है और कब तक ट्रांसफर की कार्य योजना है। (ग) अनूपपुर जिले में स्वीकृत चचाई खदान को एन.जी.टी. की एन.ओ.सी. के बिना संचलन की स्वीकृति किस नियम के तहत की गयी। पिछले 5 वर्ष में अवैध खनन के तहत कितने फर्म पर कितना अर्थदंड लगाया गया और कितना वसूली हुए। फर्म का नाम और कार्यवाही की जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1999 एवं मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 में मुख्य खनिज की नीलामी, संचालन में खनिज के सर्वे हेतु ग्राम सभा से स्वीकृति प्राप्त किया जाना प्रावधानित नहीं है। गौण खनिज हेतु खदान स्वीकृत किये जाने के पूर्व मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में ग्राम सभा से अनुमति अनिवार्य है। इंदौर संभाग में इस प्रावधान का पालन किया गया है। (ख) इंदौर संभाग के अंतर्गत विभाग के 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी की पदस्थापना दिनांक सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार स्थानांतरण किये जाने का प्रावधान है। इसके संबंध में विभाग में पृथक से कोई कार्य योजना नहीं है। (ग) अनूपपुर जिले अंतर्गत स्वीकृत चचाई रेत खदान को मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में उल्लेखित वैधानिक अनुमतियां प्राप्त करने के पश्चात संचालन की स्वीकृति प्रदाय की गई है। रेत खदान संचालन हेतु एन.जी.टी. की एनओसी की आवश्यकता नहीं होती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पिछले 05 वर्षों के अवैध खनन के तहत दर्ज प्रकरणों, प्रस्तावित अर्थदण्ड तथा जमा अर्थदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिये किए गए प्रयास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
93. ( क्र. 840 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2023 तक तथा जनवरी 2024 से 20 नवम्बर 2024 तक प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिये किस-किस प्रकार के कितने आयोजन किस शहर में, देश में किस दिनांक को हुये तथा प्रत्येक आयोजन पर कुल व्यय कितना-कितना हुआ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजन में किस-किस संस्था/उद्योग द्वारा किस शहर में लगाने हेतु कितनी राशि के निवेश हेतु एम.ओ.यु. साइन हुए, आयोजन अनुसार जानकारी दें। हातोद औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी देवें। (ग) जनवरी 2024 से 20 नवम्बर 2024 तक किस-किस एम.ओ.यु. के तहत किस संस्था की कितनी जमीन किस शहर में किस दर से किस दिनांक को आवंटित की गई तथा वहाँ उद्योग निर्माण किस दिनांक को प्रारंभ हुआ तथा कब तक पूर्ण हुआ। (घ) उद्योग हेतु वर्ष 2024 में किस-किस को जमीन पहले आंवटित की गई तथा कुछ समय बाद उसे क्यो निरस्त कर दिया गया? (ड.) प्रदेश में 2014 से 2024 तक निवेश हेतु साइन किये गये एम.ओ.यु. की राशि, उद्योगों की संख्या कुल कितनी है तथा उन्हें धरातल पर उतारकर उद्योग लगाने की प्रक्रिया प्रारम्भ करने की सक्सेस रेट संख्या तथा राशि अनुसार कितने प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने के कारण संकलित की जा रही है।
योजना आर्थिक एवं सांख्यकीय कार्यालय की स्थापना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
94. ( क्र. 858 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला मैहर में जनहितकारी योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन हेतु योजना आर्थिक एवं सांख्यकीय कार्यालय खोले जाने एवं अधिकारी मय स्टॉफ पदस्थ कराये जाने की नीति क्या शासन द्वारा बनायी गयी है यदि हाँ, तो ऐसी नीति एवं निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जनहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कार्यालय खोला जाना तथा अधिकारी मय स्टॉफ पदस्थ किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब तक पदस्थ किए जाने की कार्यवाही पूर्ण कर दी जावेगी? समयावधि स्पष्ट की जावें। यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित जानकारी दी जावे?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में नीति नहीं बनाई गयी है अपितु समक्ष अनुमोदन उपरांत नवीन कार्यालय प्रारंभ किये जाते हैं। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्तियों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
95. ( क्र. 870 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुकम्पा नियुक्तियों के निराकरण हेतु विभाग ने आदेश जारी किये उनकी प्रति दें। (ख) छतरपुर जिले में जिन विभागों में रिक्त पद पड़े है, उन विभागों के आश्रित परिवारों के योग्यता के आधार पर विभाग से NOC के आधार पर अनुकम्पा नियुक्तियां वर्ष 2024 तक दी गई। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या रोस्टर के आधार पर कलेक्टर छतरपुर ने भू-अभिलेख ग्वालियर पर आयुक्त को विधिवत पत्रावलियां तैयार कर अन्य विभागों से NOC के आधार पर नियुक्तियां दिये जाने के प्रस्ताव भेजे गये? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्यों लंबित है? (घ) क्या प्रकरणों में TL लगाया गया? यदि हाँ, तो क्यों लंबित है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) निर्देश दिनांक 29.09.2014, 05.01.2019 एवं 18.11.2019 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फैक्ट्री में अवैध ड्रग्स का संचालन
[गृह]
96. ( क्र. 888 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत अक्टूबर 24 में भोपाल में पकड़ी गई खतरनाक ड्रग्स की फैक्ट्री को किस दिनांक से अन्य फैक्ट्री मालिक से किराए पर लिया गया था? (ख) यह फैक्ट्री भोपाल के किस थाना अंतर्गत आती है? इस फैक्ट्री को खतरनाक ड्रग्स बनाने के लिए, लिए जाने के बाद से पकड़े जाने तक उपरोक्त पुलिस थाने में कौन-कौन थाना प्रभारी किस-किस अवधि के लिए पदस्थ रहे? (ग) क्या उपरोक्त अवधि में थाने में पदस्थ रहे किसी भी थाना प्रभारी ने शासन को अवैध ड्रग्स फैक्ट्री संचालित होने की जानकारी दी है? (घ) यदि नहीं, तो क्या यह सम्भव है कि इतने बड़े पैमाने पर खतरनाक ड्रग्स की फैक्ट्री थाना प्रभारी की जानकारी के बिना संचालित होती रहे? क्या इस लापरवाही के लिए इन पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) MPIDC से प्राप्त जानकारी अनुसार विभाग के अधीन संस्था एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र बगरौदा में भूखण्ड क्रमांक एफ.63 इकाई मेसर्स वास्तुकार को दिनांक 30-06-2018 को आवंटित किया जाकर पट्टाभिलेख का निष्पादन दिनांक 16-11-2018 को किया गया था। मूल इकाई द्वारा फैक्ट्री को किराये पर दिये जाने संबंधी किसी प्रकार की जानकारी एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल को नहीं दी गई है। (ख) उक्त फैक्ट्री थाना कटारा हिल्स क्षेत्र भोपाल के अंतर्गत आती है। वर्तमान में दिनांक 25-05-2024 से श्री विजेन्द्र निगम थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ है। (ग) अवैध ड्रग्स फैक्ट्रीज का संचालन बगरोदा इंडस्ट्रीयल एरिया में बंद फैक्ट्री के अंदर होना पाया गया। फैक्ट्रियों से संबंधित संचालन, अनुमति और नियमित जांच व अन्य गतिविधियां उद्योग विभाग एवं MPIDC के अंतर्गत आती है। (घ) थाना प्रभारी की किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अग्निवीर जवानों को पुलिस विभाग में आरक्षण
[गृह]
97. ( क्र. 889 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बल में आरक्षण देने की घोषणा की है? (ख) यदि हाँ, तो किस दिनांक को किस अवसर पर उपरोक्त घोषणा की गई? (ग) क्या मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बल में आरक्षण देने हेतु आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं? (घ) अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बल में कितने प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के आदेश किये गये हैं? इसके कौन-कौन सी अहर्तायें निर्धारित की गई हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 14.06.2022 को ट्वीट कर निम्नानुसार घोषणा की गयी थी :- ’’अग्निपथ योजनांतर्गत सेना में भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जायेगा तथा 4 वर्ष पश्चात इन अग्निवीरों को मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जायेगी।’’ इस संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मदिरा विक्रय की दर एवं अधिकारियों की पदस्थापना की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
98. ( क्र. 915 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के जिलों में बॉटल पेक मदिरा का विक्रय विभाग द्वारा निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर किये जाने की शिकायत उपभोक्ताओं एवं अन्यजनों द्वारा जिला प्रशासन/शासन/विभाग को की गई है? यदि हाँ, तो प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, अलीराजपुर, धार, झाबुआ व अन्य जिलों की जानकारी तिथि एवं स्थानवार देवें। (ख) क्या इस हेतु दोषी मदिरा विक्रेताओं के विरूद्ध जिला प्रशासन/शासन/विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसकी रोकथाम हेतु शासन/विभाग द्वारा कोई ठोस कदम उठाये गये है? यदि हाँ, तो वे क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जिलों में अवैध शराब के नाम पर जनजातीय जनों को अनावश्यक प्रताड़ित करने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करायें? (ग) क्या विभाग द्वारा कार्यों की निविदा में उपयोग किये जाने वाले ज्वाइन्ट वेन्चर एग्रीमेंट का पंजीयन रजिस्टार फर्म एवं सोसायटी से किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था से ज्वाइन्ट वेन्चर एग्रीमेंट का बिना पंजीयन किये निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाले उद्यमियों/ठेकेदारों को शासकीय विभागवार चिन्हित कर उनके विरूद्ध शासन/विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या जिला सिवनी में आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्वत की राशि लेने के प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? क्या वर्षों से एवं बार-बार उसी स्थान पर पदस्थ होने वाले अधिकारियों को अन्यत्र जिला पदस्थ किये जाने संबंधी शासन/विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2020 से माह अक्टूबर 2024 तक प्रदेश के जिलों में बॉटल पेक मदिरा का विक्रय विभाग द्वारा निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर किये जाने की शिकायत उपभोक्ताओं एवं अन्यजनों द्वारा प्रदेश के जिला झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी एवं बुरहानपुर, बैतूल, निवाड़ी को छोड़कर अन्य सभी जिलों की जानकारी तिथि एवं स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक से सात'' अनुसार है। प्रदेश के जिला झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी एवं बुरहानपुर, बैतूल, निवाड़ी में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (ख) वर्ष 2020 से वर्ष 2023-24 तक निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर मदिरा विक्रय करने पर दोषी मदिरा विक्रेताओं के विरूद्ध उत्तरांश (क) में उल्लेखित परिशिष्ट –'' एक से सात'' अनुसार कार्यवाही की गयी है। धार जिले में अवैध शराब के नाम पर जनजातीय जनों को अनावश्यक प्रताड़ित किये जाने के संबंध में 01 शिकायत प्रकाश में आने पर नियमानुसार जांच की गई है, परन्तु शिकायत प्रमाणित/सिद्ध न होने से किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''आठ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्र.77 दिनांक 25.02.2020 की कंडिका 25, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्र.41 दिनांक 21.01.2022 की कंडिका 15.5, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्र.62 दिनांक 22.02.2023 की कंडिका 21 एवं मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्र.27 दिनांक 08.02.2024 की कंडिका 20.2 के अनुसार ऐसी अनियमितता पाये जाने पर उक्त कंडिकाओं के अनुसार दोषी मदिरा विक्रेताओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) नियमों में कोई प्रावधान नहीं होने से जानकारी निरंक है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग, भोपाल के आदेश पृष्ठांकन क्रमांक/1924/2411919/2024-Sec-2-05 (CT) दिनांक 22.11.2024 से श्री शैलेष जैन, सहायक आबकारी आयुक्त, जिला सिवनी एवं श्री पवन कुमार झारिया, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, जिला सिवनी (प्रभारी अधिकारी, विदेशी मदिरा भाण्डागार, सिवनी) को अस्थायी रूप से कार्यालय आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, ग्वालियर में पदस्थ किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति तथा प्रशासकीय सुविधा की दृष्टि से अधिकारियों की पदस्थापना की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग का स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
99. ( क्र. 942 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01.12.2023 से प्रश्न दिनांक तक से प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग के अधिकारियों के स्थानांतरण में राज्य शासन के नियम, निर्देश एवं स्थानांतरण बोर्ड की अनुशंसा का पालन नहीं किया जाकर निरंतर स्थानांतरण किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यो? आलोच्य अवधि में स्थानांतरित किये गये अधिकारियों की सूची उपलब्ध करायी जाये। (ख) क्या प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग के अधिकारियों के स्थानांतरण एक वर्ष में दो या दो से अधिक बार किये गये? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों के नाम सहित स्थानांतरण करने का कारण स्पष्ट किया जाये। (ग) प्रदेश अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग के अधिकारियों के स्थानांतरण हेतु क्या-क्या निर्धारित मापदण्ड हैं? पूर्ण जानकारी दी जाये। (घ) क्या इस संवर्ग के ईमानदारी से कार्य करने वाले अधिकारियों को सरकार अपने गलत कार्यों, गुप्त एजेण्डा के क्रियान्वयन का दबाव स्थानांतरित कर डाल रही है? यदि हाँ, तो क्यो स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण/पदस्थापना प्रशासनिक आवश्यकता एवं जनहित को दृष्टिगत रखते हुए सिविल सेवा बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर किए जाते हैं। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भ्रष्टाचार के विरूद्ध दर्ज प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
100. ( क्र. 943 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक भ्रष्टाचार के संबंध में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कितने प्रकरण किन-किन अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध पंजीबद्ध किये? वर्षवार जानकारी जिसमें पंजीबद्ध प्रकरणों की विवेचना की वर्तमान स्थिति क्या है, सहित पूर्ण जानकारी दी जाये। (ख) क्या उपरोक्त अवधि में पंजीबद्ध सभी प्रकरणों के चालान न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो चालान लंबित रहने के क्या कारण हैं? पूर्ण जानकारी दी जाये। (ग) उपरोक्त अवधि में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पंजीबद्ध हुये किन-किन अधिकारी/कर्मचारी के प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति प्रदान नहीं की गई? अनुमति नहीं देने के क्या कारण रहे? अधिकारी/कर्मचारी के नाम सहित अनुमति हेतु लंबित प्रकरणों की पूर्ण जानकारी दी जाये। (घ) अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित प्रकरणों में कब तक शासन द्वारा अनुमति प्रदान कर दी जायेगी? समय-सीमा बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में गुमशुदा महिलाओं/कन्याओं की एफ.आई.आर
[गृह]
101. ( क्र. 958 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 6 दिनांक 02/07/2024 के (क) व (ख) उत्तर अनुसार जो महिलाएं/कन्याएं लापता बताई गई है उनकी अद्यतन स्थिति जिलेवार प्रश्न दिनांक की स्थिति में देवें। (ख) उपरोक्त प्रश्नानुसार महिलाओं के लापता होने संबंधी प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की जाती क्या कारण है कि विभाग इनकी बरामदगी के प्रति गंभीर नहीं है? यह प्रकरण कब से पंजीबद्ध किये जावेंगे यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार फरार आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक कर ली जावेगी? समय-सीमा देवें। (घ) गुमशुदा महिलाओं/कन्याओं के प्रकरण शीघ्रता से निराकृत हो सके इसके लिए माननीय मुख्यमंत्रीजी कब तक दिशा निर्देश जारी करेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय न्याय संहिता/भारतीय दंड संहिता में महिलाओं के लापता होने पर एफ.आई.आर. दर्ज करने का प्रावधान नहीं है जब तक कि उनके साथ अपराध घटित करने की जानकारी न हो। वर्तमान में माननीय सुप्रीम कोर्ट के याचिका क्र. 75/12 आदेश के आलोक में अवयस्क बालिकाओं (महिलाओं) के लापता होने के प्रत्येक मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की जा रही है और उनकी दस्तयाबी का स्पष्ट प्रावधान होने से तलाश कर दस्तयाबी की जाती है। पुलिस रेग्युलेशन पैरा क्र. 419 में लापता व्यक्तियों के गुम इंसान दर्ज करने का प्रावधान है और उसमें उन महिलाओं की दस्तयाबी का कोई प्रावधान नहीं है जिनमें कि लापता महिलायें स्वेच्छा से गईं हो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दस्तयाबी के आंकड़ों से स्पष्ट है कि जहां दस्तयाबी के प्रावधान है वहां बरामदगी का प्रतिशत वयस्क महिलाओं के दस्तयाबी के प्रतिशत से काफी ज्यादा है। पुलिस प्रावधानों के अंतर्गत दस्तयाबी के हर गंभीर प्रयास करती है। उपरोक्तानुसार थाने पर महिलाओं/कन्याओं के लापता होने पर प्रत्येक मामले में एफ.आई.आर./गुम इंसान सूचना दर्ज कर तद्नुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु प्रत्येक प्रकरण में विधिसम्मत कार्यवाही की जाकर आरोपीगण को स्थिति अनुसार उद्घोषणा जारी कराकर कुर्की आदि की कार्यवाही की जाती है। (घ) भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 का प्रभावी कार्यान्वयन प्रदेश में कराया गया है। इन अधिनियमों में महिला/बालिकाओं के अपराधों के निराकरण को प्राथमिकता एवं विशेष दर्जा दिया गया है अतः पृथक से दिशा-निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
नाबालिग दुष्कर्म एवं हत्या के प्रकरणों पर कार्यवाही
[विधि एवं विधायी कार्य]
102. ( क्र. 959 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में जबलपुर उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर उच्च न्यायालय एवं खण्डपीठ ग्वालियर उच्च न्यायालय में नाबालिग दुष्कर्म के कितने प्रकरण विचाराधीन है? इनमें वे प्रकरण अलग से बतावें जिनमें नाबालिग दुष्कर्म के पश्चात हत्या के प्रकरण भी शामिल है? दोनों जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रकरण क्र., प्रकरण प्रस्तुत दिनांक, प्रकरण की अभी तक लगी तरीखे इनमें उपस्थित/अनुपस्थित शासकीय अधिवक्ता की जानकारी आरोपी जमानत पर है/बाहर है सहित तीनों न्यायालयों के संदर्भ में पृथक-पृथक देवें। (ग) ऐसे प्रकरणों की जानकारी भी देवें जिनमें उपरोक्तानुसार प्रश्न (क) अनुसार संबंधित न्यायालय ने फांसी की सजा दी है और वे उपरोक्त तीनों उच्च न्यायालयों में लंबित है इसकी भी पूरी जानकारी प्रश्न (क) एवं (ख) अनुसार देवें। (घ) प्रश्न (क) एवं (ग) अनुसार प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है प्रकरण अनुसार जानकारी देवें? क्या इस संबंध में मा. मुख्यमंत्री जी ने विगत 01 वर्ष में कोई निर्देश/आदेश जारी किए है? यदि हाँ, तो उसकी प्रमाणित प्रति देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई और माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा कोई निर्देश/आदेश जारी नहीं किए है।
सागर जिला अंतर्गत आंगनवाड़ियों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 964 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में महिला एवं बाल विकास अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है, परियोजनावार केन्द्रवार नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या देवरी विधान सभा के आदिवासी बाहुल्य परियोजना केसली में सर्वाधिक आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। यदि हाँ, तो कब तक आंगनवाड़ी केन्द्रों को भवन उपलब्ध करा दिये जावेंगे। (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के साथ परियोजना कार्यालय भवन भी उपलब्ध नहीं है और न ही सेक्टर के पर्यवेक्षकों हेतु आवास है। परियोजना अधिकारी कार्यालय भवन एवं सेक्टर पर्यवेक्षकों को आवास कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे। समय-सीमा बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिले में कहां-कहां विभाग द्वारा नारी निकेतन केन्द्र, बाल गृह, कामकाजी महिलाओं हेतु वसति गृह संचालित है एवं कौन-कौन से (स्वयं सेवी संस्थाओं) एन.जी.ओ. द्वारा संचालित है, संस्थाओं के नाम एवं संचालनकर्ता समिति एवं पदाधिकारियों के नाम बतायें, प्रत्येक वर्ष किस संस्था को शासन द्वारा कितना अनुदान दिया जाता है, मदवार जानकारी देवें। (ड.) क्या देवरी विधान सभा के देवरी मुख्यालय में महिलाओं के लिये शासन द्वारा कामकाजी महिलाओं के लिये वसतिगृह उपलब्ध कराये जाने की योजना है यदि हाँ, तो कब तक निर्माण करा दिया जावेगा? नहीं तो क्यों, वसतिगृह संचालन की नियमावली सहित जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"क" अनुसार है। (ख) जी नहीं। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं परियोजना कार्यालयों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं परियोजना कार्यालयों के लिए भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। विभाग अन्तर्गत सेक्टर पर्यवेक्षकों के आवास निर्माण की योजना संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले में नारी निकेतन एवं कामकाजी महिलाओं हेतु वसति गृह केन्द्र संचालित नहीं है। बाल गृह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ख" अनुसार है। (ड.) जी हाँ। देवरी विधानसभा हेतु सखी निवास (वर्किंग वूमन होस्टल) निर्माण/संचालन का कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वसति गृह संचालन की नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ग" अनुसार है।
विधायक निधि का उपयोग
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
104. ( क्र. 965 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के बाहर निधि विकास कार्य हेतु दे सकते हैं? यदि हाँ, तो कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु? यदि हाँ, तो नियम/निर्देश देवें। (ख) क्या विधायक निधि से स्कूल/कॉलेजों को वाटरकूलर एवं वाटर प्यूरीफायर, स्वास्थ्य केन्द्रों में डीप फ्रीजर एवं स्कूल कॉलेजों की लैबों के लिये ए.सी. भी प्रदान करा सकते है? यदि हाँ, तो कितनी राशि नियमावली प्रदान कराये। (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन नियम/निर्देशों में कब तक संशोधन कर स्कूल कॉलेजों की शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की समस्या का निदान कर देगी? समय-सीमा बतायें।
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। नियम/निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना से स्वीकृत किये जाने वाले अनुमत कार्यों की सूची में वाटर कूलर, वाटर प्यूरीफायर, डीप फ्रीजर एवं ए.सी. शामिल नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में शासन स्तर पर उक्त विषयक कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 970 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी का सीधी एवं सिंगरौली जिले के प्रवास के दौरान वर्ष 2020-2021, 2021-22 एवं 2022-23 में धौहनी विधानसभा क्षेत्र के लिये विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी घोषणायें की गई थीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन किया जा चुका है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निवास जिला सिंगरौली (म.प्र.) में महाविद्यालय संचालित किये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुलिस चौकी मढ़वास को थाना बनाये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कब तक थाने के रूप में उन्नयन कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत् प्रक्रिया है। विभाग द्वारा इन पर विभाग में निहित प्रावधानों/प्रक्रिया हेतु त्वरित कार्यवाही की जाती है। उनकी पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है। (ग) जी हॉ। शेष जानकारी प्रश्नांश ''ख'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी प्रश्नांश ''ख'' अनुसार है।
विभागीय नियुक्तियां एवं पदस्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
106. ( क्र. 972 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्तियां की जाती है। यदि हाँ, तो नियम निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध कराये? कृपया वर्ष 2008 से 2023 तक दतिया जिला में कितने-कितने पदों के विरूद्ध कितनी-कितनी नियुक्तियां की गई? कृपया जिलावार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त नियुक्तियों के विरुद्ध कितनी-कितनी शिकायतें एवं अपीलें की गई है। कृपया दतिया में वर्षवार अपीलों में पारित निर्णय एवं शिकायतों के आधार पर नियुक्तिकर्ता अधिकारियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृपया विवरण सहित पूर्ण जानकारी दें। (ग) दतिया जिला में डी.पी.ओ. पद के विरूद्ध कितने प्रभारी कार्यरत है। कृपया नाम/पद एवं अवधि (कब से) का विवरण देते हुये बताये कि एक व्यक्ति को कितने-कितने जिलों में एक से अधिक पद का प्रभार है। क्या उक्त पदस्थी नियमों के अंतर्गत है? यदि हाँ, नाम/पद सहित योग्यता एवं आवश्यकता सहित संपूर्ण विवरण दें। (घ) दतिया जिला में वर्ष 2008 से 2023 तक की गई कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की चयन/नियुक्ति हेतु चयनकर्ताओं द्वारा चयनित सूची एवं आवेदन पत्रों सहित सहपत्रों की प्रतियां वर्षवार उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिषिष्ट-''03'' अनुसार है। नियुक्ति प्रक्रिया के प्रावधान अनुसार अपील में पारित निर्णय के आधार पर ही नियुक्तिंया किये जाने से शेष का प्रश्न नहीं। (ग) दतिया जिले में डी.पी.ओ. के पद के विरूद्ध श्री अरविंद कुमार उपाध्याय, परियोजना अधिकारी, दतिया ग्रामीण, दिसम्बर 2020 से प्रभारी डी.पी.ओ. के पद पर कार्यरत हैं। विभाग में किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक जिलों का प्रभार नहीं है। अतः शेष का प्रश्न नहीं। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डकैती उन्मूलन हेतु विशेष अधिनियम
[गृह]
107. ( क्र. 973 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा राज्य में डकैती उन्मूलन हेतु विशेष अधिनियम लाया गया था? यदि हाँ, तो कब। संपूर्ण म.प्र. में उक्त अधिनियम लागू है यदि नहीं, तो क्यों तथा किन जिलों एवं संभागों में लागू है। क्या प्रदेश में वर्ष 2007 से पूर्णतः डकैती उन्मूलन हो चुका है। यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में सूचीबद्ध डकैत सक्रिय है। यदि हाँ, तो डकैत गैंगों का विवरण देते हुये विस्तृत जानकारी दें। (ख) शासन की डकैत उन्मूलन के पश्चात् डकैती अधिनियम की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो क्यों, यदि आवश्यकता है तो कारण सहित बतायें। (ग) डकैतों के उन्मूलन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने आपराधिक मामलों में डकैती अधिनियम की धारायें लगाई गई है? कृपया वर्षवार/जिलावार/वर्षवार जानकारी दें। (घ) क्या डकैती उन्मूलन के पश्चात उसकी जरुरत न होते हुये एवं उसके दुरुपयोग को रोकने के लिये क्या शासन अधिनियम को समाप्त/निरस्त करने की कार्यवाही करेगा। यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। यदि हाँ, तो कब तक? क्या विभाग में दतिया जिला सहित एवं अन्य जिलों के लंबित प्रकरणों की सीआईडी एवं उच्च स्तरीय जांच कराकर प्रकरण को खात्मा लगायेगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कृपया कारण सहित बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में डकैती की समस्या को नियंत्रण में लाने हेतु म.प्र. डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 1981 के प्रावधान बहुत प्रभावी सिद्ध हुये है, अतः अधिनियम आवश्यक है। (ग) वर्ष 01.01.2007 से प्रश्न दिनांक तक जिन आपराधिक मामलों में डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 1981 की धारायें लगाई गई है, उनका विवरण वर्षवार/जिलावार संख्यात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
पुलिस चौकी का थाने में उन्नयन
[गृह]
108. ( क्र. 978 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन थाना बनाये जाने के विभाग के क्या मापदण्ड हैं? (ख) क्या बैरसिया विधानसभा में ललरिया पुलिस चौकी थाना बनाये जाने की पात्रता रखती है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हां, तो विभाग द्वारा ललरिया पुलिस चौकी को पुलिस थाना बनाये जाने की क्या कार्ययोजना है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रस्ताव का परीक्षण प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रस्ताव का परीक्षण कर नियानुसार कार्यवाही की जावेगी।
आदेशों की अव्हेलना
[खनिज साधन]
109. ( क्र. 982 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अद्योहस्ताक्षरकर्ता का पत्र क्र. 707 दिनांक 07.08.24 एवं 726 दिनांक 10.10.24 जो कलेक्टर, जिला भोपाल को प्रेषित किया गया था प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनाक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बताये? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरुद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में समाचार पत्रों, पीआरओ कक्ष, जनप्रतिनिधियों/राजनैतिक दल के पत्र, आर.टी.आई. अन्तर्गत कितनी सूचनायें प्राप्त हुई है गौशवारा बनाकर बतायें? उनकी प्रतियों सहित एवं व कृत कार्यवाही के अभिलेखों से अवगत करायें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसकी जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्य में लापरवाही के लिये कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपराधिक प्रकरणों में विवेचना में अनदेखी
[गृह]
110. ( क्र. 983 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में विगत 10 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक पशु चोरी, लूट एवं पशु चोरों द्वारा हत्या के कितने प्रकरण कब, किस के विरूद्ध, किन धाराओं में, किस थाने में पंजीबद्ध हुये? वर्षवार संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में किस-किस प्रकरण में किन-किन बिन्दुओं पर क्या-क्या कार्यवाही कर कितने पशु चोरों, लूट एवं पशु चोरों द्वारा हत्या के विरूद्ध कार्यवाही संपादित की गई? कितनी अपूर्ण है? कितनी पूर्ण है? कितनी विवेचनाधीन है? प्रकरणवार विस्तृत जानकारी दें। (ग) राघौगढ़ में 6 सितम्बर 2024 को पशुलूट में हत्या का प्रकरण में घटना स्थल कहां पर है? हत्यारे उक्त स्थल पर क्या कर रहे थे? क्या उक्त भूमि उनके स्वामित्व की है? घटना स्थल की भूमि का मालिकाना हक किसका है? भूमि मालिक एवं हत्यारों में आपसी सांठगांठ, मोबाईल पर निरंतर बात होने की पुष्टि विवेचना में की गई है? यदि हाँ, तो कितनी बार, कितनी देर? यदि नहीं, तो विवेचना में इन बिन्दुओं को शामिल नहीं होने से पुलिस अधि. एवं कर्म. के विरूद्ध कार्यवाही कर कॉल डिटेल को विवेचना में सम्मिलित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में केवट समाज एवं स्थानीय लोगों द्वारा उक्त घटना के परिप्रेक्ष्य में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया था? यदि हाँ, तो उक्त ज्ञापन में क्या उल्लेखित था? उस ज्ञापन के किन बिन्दुओं को विवेचना में शामिल किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
खनिज पट्टों की जानकारी
[खनिज साधन]
111. ( क्र. 984 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने एवं कहाँ-कहाँ रेत खनन पट्टों की स्वीकृति दी गई? स्थलवार, खसरा रकबा व ग्राम की जानकारी देवें। (ख) रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ खनिज भण्डारण की अनुमतियां दी गई है? वर्तमान में वैध अनुमति स्थानों की जानकारी देवें एवं कहाँ-कहाँ अवैध भण्डारण पर कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी खनिज पट्टों से प्रतिवर्ष स्थानवार कितनी रॉयल्टी शासन को प्राप्त हुई एवं रॉयल्टी की राशि किस-किस दिनांक को किस-किस हेड/मद में जमा की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रायसेन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक रेत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
जिले में संचालित मदिरा दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
112. ( क्र. 985 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितनी देशी/विदेशी कम्पोजिट मदिरा दुकानें संचालित हैं, दुकानवार लायसेंसी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित मदिरा दुकानों के लायसेंसियों पर विगत 10 वर्षों में आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो लायसेंसी का नाम एवं पंजीबद्ध प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई, विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) रायसेन जिले में अवैध शराब विक्रय, भण्डारण एवं परिवहन पर कितने-कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, आरोपी का नाम व पता सहित जप्त शराब की मात्रा (बल्क ली. में), जप्त वाहन क्रमांक एवं वाहन की वर्तमान वस्तुस्थिति भी बतावें। (घ) आमजन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब विक्रय की कितनी-कितनी शिकायतें, कहाँ-कहाँ से प्राप्त हुई एवं इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार कार्यवाही का संपूर्ण विवरण देवें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रायसेन जिले में 20 मदिरा एकल समूह अन्तर्गत 66 कम्पोजिट मदिरा दुकानें संचालित है। वर्ष 2024-25 की अवधि हेतु संचालित मदिरा दुकानों एवं लायसेंसी का नाम संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला रायसेन में संचालित मदिरा दुकानों के लायसेंसियों पर विगत 10 वर्षो में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (2) के अन्तर्गत कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (ग) रायसेन जिले में विगत 10 वर्षों में अवैध मदिरा भण्डारण एवं परिवहन के कुल 160 प्रकरण चारों वृत्त प्रभारी एवं उड़नदस्ता प्रभारी अधिकारी द्वारा पंजीबद्ध किये गये है। जिनमें वृत्त रायसेन के 56 प्रकरण, वृत्त बेगमगंज के 13 प्रकरण, वृत्त बरेली के 47 प्रकरण, वृत्त औबेदुल्लागंज के 38 प्रकरण एवं उड़नदस्ता प्रभारी के 06 प्रकरण इस तरह कुल 160 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। (घ) आमजन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब विक्रय की कुल 104 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिन पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। शिकायतवार कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है।
मुरम व पत्थर का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
113. ( क्र. 987 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में विगत पांच वर्षों में सड़क निर्माण कार्य हेतु निर्माण एजेंसियों को मुरम व पत्थर उत्खनन हेतु कहां-कहां (स्थल) कब-कब विभाग द्वारा अनुमतियां जारी की है? क्या उक्त सड़क निर्माताओं द्वारा बिना अनुमति के ही शासकीय व वनभूमि से मुरम व पत्थर का अवैध उत्खनन कर सड़क निर्माण कार्य किया है व किया जा रहा है? इस पर रोक हेतु व अवैध उत्खनन पर कार्यवाही हेतु विभाग क्या प्रयास कर रहा है? (ख) विगत पांच वर्षों में सड़क निर्माताओं द्वारा मुरम व पत्थर के अवैध उत्खनन के मामले में विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की है? कार्यवाही न किये जाने व अवैध उत्खनन को नजर अंदाज किये जाने के क्या कारण है? कब तक विभाग अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश अनुसार रायसेन जिले में विगत पाँच वर्षों में सड़क निर्माण कार्य हेतु निर्माण एजेन्सियों को मुरम व पत्थर उत्खनन हेतु अनुमति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। बिना अनुमति के शासकीय व वन भूमि से पत्थर व मुरम का अवैध उत्खनन का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अवैध उत्खनन पर विभाग द्वारा सतत् कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नांश अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 988 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक 19.11.2024 की अवधि में विभागीय पूर्व एवं वर्तमान मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन, माननीय मुख्यमंत्री एवं सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को अपनी ई.मेल आई kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई.मेल. आई.डी. cs@mp.nic.in, cs@nic.in, cm@mp.nic.in, mohan.yadav@mpvidhansabha.nic.in, psgad@mp.gov.in पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई है सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में संबंधित प्रशासकीय विभाग के प्रमुख सचिव/सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन प्रशासकीय विभाग के प्रमुख सचिव/सक्षम अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनामवार बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर मध्यप्रदेश शासन के पूर्व एवं वर्तमान मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें, क्या प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन/कार्यवाही विवरण प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश विभागीय प्रमुख सचिव/सक्षम अधिकारी को आदेश जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय विधायक द्वारा सतत रूप से भेजे गए पत्रों पर सतत् रूप से कार्यवाही की जाती है। माननीय मुख्यमंत्री जी को उक्त अवधि में प्रेषित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न का यह भाग अत्यंत वृहद स्वरूप का है। शेष पत्रों की कार्यवाही की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) माननीय विधायक के पत्रों पर कार्यवाही की जा रही है प्रश्न का स्वरूप अत्यंत वृहद होने से जानकारी संकलित की जा रही है। सतत् प्राप्त हो रहे पत्रों पर कार्यवाही की प्रक्रिया भी सतत् प्रक्रिया है जो की प्रचलित है अत: अधिकारियों के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सतत् प्राप्त हो रहे पत्रों पर कार्यवाही की प्रक्रिया सतत् प्रक्रिया है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारी हित में पुरानी पेंशन योजना लागू करना
[वित्त]
115. ( क्र. 989 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना की अधिसूचना 02.04.2005 को जारी कर भूतलक्षी प्रभाव से 01.01.2005 को लागू किया गया है? क्या यह कर्मचारी हित में है? यदि हाँ, तो कैसे? नहीं तो उक्त में सुधार हेतु क्या कदम मध्यप्रदेश शासन एवं वित्त विभाग द्वारा उठाये गये हैं? क्या इस हेतु कोई समिति अथवा कमेटी का गठन किया गया है जिसकी जानकारी वित्त विभाग को है, यदि हाँ, तो यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना की अधिसूचना जारी होने के दिनांक या उसके पूर्व कार्मिकों की भर्ती हेतु विज्ञापित पदों के सापेक्ष भर्ती किये गये कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदाय हेतु निर्देश जारी किये हैं? उक्त निर्देशों/आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें, उक्त निर्देश/आदेश के परिपालन में मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को लाभ प्रदाय हेतु मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के कार्मिकों हेतु ऐसा आदेश कब तक जारी किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 1745/व्ही.आई.पी./2024 एवं पत्र कमांक 1744/व्ही.आई. पी./2024 दिनांक 18.11.2024 को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं विभागीय प्रमुख सचिव को लिखा जाकर कर्मचारी हित में पुरानी पेंशन योजना की मांग की गई है एवं मध्यप्रदेश के कार्मिकों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के संबंध में आदेश कब तक जारी किया जावेंगे निश्िचत समय अवधि बतावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुरानी पेंशन योजना एवं प्रश्नकर्ता विधायक की मांग की पूर्ति हेतु मुख्यमंत्री अथवा उप मुख्यमंत्री वित्त की अध्यक्षता में मंत्री मंडल समिति का गठन करेंगे यदि हाँ, तो बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शासन का नीतिगत निर्णय है। योजना में संशोधन संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। जी नहीं। राज्य शासन कर्मचारी हित में यथासमय उचित निर्णय लेता है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन के कार्मिकों हेतु इस संबंध में कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। राज्य शासन यथासमय उचित निर्णय लेती है। (ग) जी हाँ। पुरानी पेंशन योजना लागू करने के संबंध में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) प्रश्नांश "क" के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न ही नहीं उठता।
थाना-चौकियों की सीमाओं का निर्धारण
[गृह]
116. ( क्र. 993 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन गृह विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 01/1770880/2023/बी-3/दो भोपाल दिनांक 2.1.2024 के अनुसार थाना चौकियों की सीमाओं का निर्धारण किये जाने का प्रावधान था जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्ताव शासन की ओर भेजा गया था कि ग्राम फूलपुर, भटगोरा, गुड़ा नज.पाली, पाली, मोररमन्ना, मगरई को थाना खरगापुर से हटाकर थाना जतारा में जोड़े जाने की प्रार्थना की थी और दिनांक 2.7.2024 को विधानसभा के सदन में मान.मंत्री जी के द्वारा अपने उत्तर में स्वीकार किया गया था कि आपका प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुआ है परंतु मान.उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन लगी है उसे वापिस लेने के बाद सरकार इन ग्रामों को जतारा थाने में जोड़ देगी? (ख) क्या याचिकाकर्ता आशा सिंह के द्वारा अपनी रिट पिटीशन मान.उच्च न्यायालय से दिनांक 02.09.2024 को विधिवत याचिका वापिस ले ली गई है क्या अब इन ग्रामों को सुविधा प्रदाय करते हुये जनहित में जतारा थाने में जोड़े जाने की घोषणा करेंगे? (ग) क्या आम जनता की सुविधा पर या थाना खरगापुर से थाना जतारा में जोड़ने हेतु सरकार पर कोई वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है करोड़ों रूपये की धनराशि खर्च करनी पड़ेगी क्या? इसलिये आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुये थाना खरगापुर से हटाकर थाना जतारा में इन वर्णित ग्रामों को जोड़ने के आदेश करेगें क्या? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, माननीय मंत्री जी ने दिनांक 02.07.2024 को सदन में यह आश्वासन दिया था कि याचिका वापिस होने के बाद जिले की समिति तय करेगी, जिले की समिति सभी पक्षों को सुनेगी और जो निर्णय होगा वह सबके सामने आएगा। (ख) जी हाँ। जन प्रतिनिधियों/ग्रामवासियों का मत प्राप्त कर जिला स्तरीय समिति द्वारा इन ग्रामों को जतारा थाने में जोड़े जाने का निर्णय किया जावेगा। (ग) जी नहीं। उक्त वर्णित ग्रामों को थाना खरगापुर से हटाकर थाना जतारा में शामिल करने का प्रकरण जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रक्रियाधीन है। ग्रामीणों एवं जनसुविधा को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षण उपरांत जिला स्तरीय समिति द्वारा निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जी.एस.टी. चोरी पर अंकुश लगाना
[वाणिज्यिक कर]
117. ( क्र. 996 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2024 में ई.ओ.डब्ल्यू. आर्थिक अपराध शाखा प्रकोष्ठ मध्य प्रदेश को जी.एस.टी. चोरी पर अंकुश लगाने एवं चोरी करने वाले अधिकारियों की नामजद शिकायत संबंधी पत्र दिया गया था यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ख) क्या रोलिंग मिलों में मध्यप्रदेश से गुजरात और गुजरात से मध्यप्रदेश माल का सप्लाई किया जाता है यदि हाँ, तो उन पर जी.एस.टी. चोरी संबंधित प्रकरणों की जांच की गई है यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध कराए नहीं तो कारण बताएं। (ग) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक जी.एस.टी. के चोरी के संबंध में मध्य प्रदेश में कितने प्रकरण प्राप्त हुए जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या जी.एस.टी. चोरी के प्रकरण में बहुत बड़े पैमाने पर सरकार को चूना लगाया जा रहा है जिसकी शिकायत पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा नामजद संबंधित विभाग को दिया गया था जिसमें उन व्यापारियों एवं अधिकारियों की मिली भगत को दर्शाया गया था क्या सरकार द्वारा जी.एस.टी. चोरी का प्रकरण में शामिल व्यापारियों एवं अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी और उसकी निष्पक्ष जांच करवाएगी हाँ या नहीं यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। जनवरी, 2024 में आर्थिक अपराध शाखा प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) मध्य प्रदेश को जी.एस.टी. चोरी पर अंकुश लगाने एवं चोरी करने वाले अधिकारियों की नामजद शिकायत संबंधी प्रस्तुत पत्र विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। रोलिंग मिलों में मध्यप्रदेश से गुजरात और गुजरात से मध्यप्रदेश माल का सप्लाय किया जाता है। दिनांक 01.04.2024 के पश्चात जी.एस.टी. चोरी करने से संबंधित एक प्रकरण में जांच की गई है, जिसमें कर एवं शास्ति के रूप में राशि रु. 60.79 लाख जमा कराए गए। प्राधिकार पत्र आई.एन.एस.-01 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 में जी.एस.टी. चोरी के संबंध में मध्यप्रदेश में 1388 प्रकरणों में प्रवर्तन के अंतर्गत धारा-67 एवं धारा-70 के तहत कार्यवाही की जाकर राशि रु. 593.59 करोड़ की कर एवं शास्ति जमा करायी गयी। वर्ष 2024-25 में (25 नवम्बर, 2024 तक) जी.एस.टी. चोरी के संबंध में मध्यप्रदेश में 827 प्रकरणों में प्रवर्तन के अंतर्गत धारा-67 एवं धारा-70 के तहत कार्यवाही की जाकर राशि रु.566.10 करोड़ की कर एवं शास्ति जमा करायी गयी। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्रीजी, मध्यप्रदेश एवं मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को शिकायती पत्र प्रेषित किया गया है, जो विभाग को प्राप्त हुआ है। वर्ष 2023-24 में बिना ई-वे बिल/बिल से मालों का परिवहन करने वाले 1087 वाहनों पर जी.एस.टी. चोरी के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर राशि रुपये 26.49 करोड़ की शास्ति जमा करायी गयी। जिसमें से आयरन स्टील/स्क्रेप से संबंधित 297 वाहनों पर राशि रु. 7.11 करोड़ की शास्ति जमा करायी गयी। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 में जी.एस.टी. चोरी के प्रकरणों में शामिल 1388 व्यापारियों पर प्रवर्तन के अंतर्गत धारा-67 एवं धारा-70 के तहत कार्यवाही की जाकर राशि रु. 593.59 करोड़ की कर एवं शास्ति जमा करायी गयी। वर्ष 2024-25 (25 नवम्बर, 2024 तक) में बिना ई-वे बिल/बिल से मालों का परिवहन करने वाले 561 वाहनों पर जी.एस.टी. चोरी के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर राशि रुपये 9.53 करोड़ की शास्ति जमा करायी गयी, जिसमें से आयरन स्टील/स्क्रेप से संबंधित 125 वाहनों पर राशि रु. 2.55 करोड़ की शास्ति जमा करायी गयी। वर्ष 2024-25 में (25 नवम्बर, 2024 तक) जी.एस.टी. चोरी के संबंध में मध्यप्रदेश में 827 प्रकरणों में प्रवर्तन के अंतर्गत धारा-67 एवं धारा-70 के तहत कार्यवाही की जाकर राशि रु. 566.10 करोड़ की कर एवं शास्ति जमा करायी गयी। जी.एस.टी. चोरी के प्रकरणों के संबंध में अधिकारियों की संलिप्तता नहीं पायी गयी है। अत: अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल की व्यवस्था
[सामान्य प्रशासन]
118. ( क्र. 997 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों को शासकीय कार्य के आयोजनों में उपस्थिति के लिए कोई पत्र जारी किया गया है यदि हाँ, तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं। (ख) उक्त पत्र का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाती है क्या प्रोटोकॉल और लंदन के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर धार को पत्र दिया गया था यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण रहा। (ग) क्या कुक्षी विधानसभा में वर्ष 2024-25 में जनपद पंचायत निसरपुर के देशवाल्या हाईसेकेंडरी स्कूल, तलवाड़ा, लिंगवा, सुसारी, लोहारी चीखल्दा में हाई स्कूल एवं माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को साईकिल वितरण का कार्यक्रम संपन्न किया गया है यदि हाँ, तो क्या उसमें विधानसभा क्षेत्र के प्रथम नागरिक होने के नाते विधायक को सूचना/आमंत्रण दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध करवाये नहीं तो क्या ये सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों का उल्लंघन है या नहीं। (घ) उक्त कार्यक्रम में कौन-कौन जनप्रतिनिधि उपस्थित हुए सूची उपलब्ध करवाये एवं कंडिका (ग) के अनुसार उक्त कार्यक्रम में क्या विधायक की उपस्थिति अनिवार्य होना था? यदि हाँ, तो उक्त स्कूलों के प्राचार्य पर क्षेत्र के विधायक को जानकारी नहीं देने व सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित प्राचार्यों पर कार्यवाही की जाएगी यदि हाँ, तो कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हॉ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाती है। इस संबंध में प्राचार्य एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर स्पष्टीकरण चाहा गया है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2024–25 में जनपद पंचायत निसरपुर अंतर्गत विद्यार्थियों को साईकिल वितरण हुआ है। नि:शुल्क साईकिल प्रदाय योजना अंतर्गत सत्र 2024–25 अंतर्गत कक्षा 9वीं के पात्र विद्यार्थियों को साईकिल प्रदाय हेतु जिला शिक्षा अधिकारी धार द्वारा जारी पत्र क्रमांक/नि शुल्क साय./2024/5784 धार दिनांक 07.10.2024 अनुसार साईकिल वितरण कार्यक्रम में किसी जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में सम्पन्न किये जाने के निहित निर्देश का पालन किया गया है। (घ) नि:शुल्क साईकिल वितरण कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि जैसे– जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सरपंच एवं गणमान्य नागरिक व पालकगण भी उपस्थित रहें। माननीय विधायक महोदय को उक्त कार्यक्रम में आहूत नहीं किये जाने पर संबंधितों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये।
आई.टी. पार्क जबलपुर में की जा रही अनियमितताएं
[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]
119. ( क्र. 1001 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आई.टी. पार्क जबलपुर में आवंटित 83 इकाइयों में से 59 इकाइयों पर कंपनियों द्वारा कार्य/उत्पादन प्रारंभ नहीं किए जाने पर उन कंपनियों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई? कितनी कंपनियों के प्लाट आवंटन निरस्त किए गए? (ख) जिन 24 कंपनियों द्वारा कार्य/उत्पादन प्रारंभ कर लिए गए हैं, उनके द्वारा कितने-कितने व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया है? कंपनीवार विवरण देवें एवं नियमानुसार कितना रोजगार प्रदान करना था और किन कंपनियों द्वारा कम रोजगार दिया गया है? (ग) जिन कंपनियों द्वारा कम रोजगार दिया गया है, उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो उचित कारण देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आई.टी.पार्क जबलपुर में 87 इकाईयों को प्लाटों का आवंटन किया गया है, जिसमें 32 इकाईयों द्वारा अपना कार्य/उत्पादन प्रारंभ किया गया है। शेष 52 इकाईयों द्वारा कार्य/उत्पादन प्रारंभ नहीं किये जाने पर लीज डीड की प्रभावशील कंडिकाओं एवं आई.टी. नीति अनुसार नोटिस दिये गये हैं एवं व्यक्तिगत सुनवाई कर निर्णय लिये जा रहे हैं। इकाईयों के प्लाट आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। 03 इकाईयों के 04 भूखंड निरस्त अथवा समर्पण किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) 32 इकाईयों द्वारा प्रदान किये गये रोजगार की इकाईवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) आई.टी. नीति एवं लीजडीड की कंडिका ऑब्लिगेशन ऑफ लीज डीड अनुसार समय-समय पर इकाईयों को रोजगार बढ़ाने हेतु सूचित किया गया है। आई.टी.नीति-2023 में न्यूनतम रोजगार प्रदान करने का प्रावधान नहीं है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
120. ( क्र. 1012 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के विभिन्न कार्यालयों में प्रश्नकर्ता द्वारा विभिन्न कार्यालयों में समय-समय पर लोकहित संबंधी पत्रों पर कब-कब, कौन-कौन कार्यवाही की गई। अगर नहीं तो क्यों? की जानकारी वर्ष 2023-24-25 अनुसार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में खनिज साधन व वन विभाग से संबंधित लिखे गये पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पृथक से देवें अगर कार्यवाहियां नहीं की गई तो इस बावत् जिम्मेदारों की पहचान कर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के पत्रों का समय पर निराकरण कर अवगत न कराने, पत्रों को लंबित रखने के जिम्मेदार अधिकारियों के पदनाम का विवरण देते हुये कार्यवाही इन पर क्या प्रस्तावित करेंगे तो किस तरह के बतावें, अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थति नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा प्राप्त पत्रों पर निर्देशों/प्रक्रिया के अनुक्रम में त्वरित कार्यवाही की जाती है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थति नहीं होता।
अनियमित क्रशर संचालन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
121. ( क्र. 1013 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में स्टोन माइंस/पत्थरों के क्रशर कितने स्थापित है। स्थापित क्रशरों के संचालन बावत् स्वीकृति कब प्रदान की गई का विवरण क्रशरवार देवें। इनके स्वीकृति बावत् शासन के क्या निर्देश है की प्रति देते हुये बतावे कि निर्देश के पालन में क्या क्रशर संचालन की अनुमति प्रदान की गई अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संचालित क्रशरों हेतु पत्थर के उत्खनन बावत कितने रकबे की लीज स्वीकृत की गई आराजी रकबा सहित का विवरण पृथक-पृथक क्रशरवार, तहसीलवार देवें। रायल्टी की राशि कितनी कब-कब वसूल की गई किन-किन से का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। अगर रॉयल्टी वसूले बगैर संचालन पर कार्यवाही के निर्देश कब-कब दिये गये उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संचालित क्रशरों के सत्यापन पर कार्यवाही हेतु कब-कब निर्देश जारी किये गये अनुबंध के शर्तों अनुसार संचालन न करने पर किन-किन पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई बतावें, अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित क्रशर प्रश्नांश (ख) की लीज प्राप्त किये बगैर अवैधानिक खनन कर पत्थर का उपयोग किया जा रहा है अनुबंध अनुसार क्रशर संचालित नहीं है इस पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे बतावें, अगर नहीं तो क्यों साथ ही इसके जिम्मेदारों पर भी क्या कार्यवाही करेंगे? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिले में 52 क्रशर स्थापित है। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। क्रशर हेतु पत्थर का भण्डारण करने के लिए मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 में खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। यह दोनों नियम अधिसूचित नियम है। क्रशर संचालन हेतु पृथक से अनुमति दिए जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) संचालित क्रशर हेतु पत्थर के उत्खनन हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टा, खसरा क्रमांक, रकबा, वसूल की गई रायल्टी की राशि एवं अनियमितता पाये जाने पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत स्वीकृत पत्थर खनिज के उत्खनिपट्टा के लिए निष्पादित अनुबंध अनुसार उत्खनिपट्टे का संचालन किया जाता है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के प्रावधान के अनुसार क्रशर हेतु पत्थर के भण्डारण के लिए खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति जारी की जाती है। इन नियमों के तहत क्रशर का संचालन किये जाने का प्रावधान है। अतः क्रशर के सत्यापन हेतु पृथक से निर्देश की आवश्यकता नहीं है। अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पैकारी की शराब, कोरेक्स एवं गांजा की बिक्री
[गृह]
122. ( क्र. 1021 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मऊगंज जिले में पैकारी की शराब, कोरेक्स और गांजा की बिक्री हो रही है? यदि हाँ, तो पुलिस ने अवैध मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने क्या कदम उठाए हैं? (ख) जिला बनने से लेकर प्रश्न दिनांक तक थानावार जानकारी दें कि किन-किन थानों में किस-किस तारीख को अवैध मादक पदार्थों की कितनी कार्यवाही की गई और कितना मशरूका बरामद कर जब्त किया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
औद्योगिक क्षेत्र का विकास
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
123. ( क्र. 1266 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिलांतर्गत बेगमगंज व सिलवानी क्षेत्र में विभाग अथवा एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा कहीं कोई औद्योगिक क्षेत्र आरक्षित कर विकसित किया गया है? यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कहां पर औद्योगिक गतिविधियां विस्तार व विकास की योजना है? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) उल्लेखित क्षेत्र में रोजगार व औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु कोई स्थान चिन्हित कर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उसका विकास किया जायेगा? क्या इस हेतु कोई सर्वे आदि किया गया है या पूर्व से कोई प्रस्ताव विचाराधीन है जानकारी दें एवं बतावें कि इस संबंध में कब तक समुचित कार्यवाही की जावेगी?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हाँ, रायसेन जिले के बेगमगंज में विभाग का अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्र है। औद्योगिक क्षेत्र आवंटित है। (ख) विभाग द्वारा बेगमगंज में पूर्व से औद्योगिक क्षेत्र अधिसूचित है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण
[गृह]
124. ( क्र. 1720 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया, भिण्ड, शिवपुरी, श्योपुर एवं मुरैना जिलों में वर्ष जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों पर अनु. जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के अन्तर्गत कितने प्रकरण दर्ज हुये है, जिनमें कितनों में चालान प्रस्तुत किये तथा कितनों के चालान लंबित हैं? इनकी सूची संलग्न हैं। इनको कब तक न्यायालय में भेजा जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित दर्ज प्रकरणों में पीड़ितों/आश्रितों को कितनी-कितनी सहायता राशि प्रदाय की गई है? श्रेणीवार बतायें। यदि सहायता राशि का भुगतान नहीं हुआ है, तो कारण बतायें। पीड़ितों को समय पर भुगतान न होने के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) अत्याचार संबंधी प्रकरणों में पीड़ित/मृतक के आश्रितों को एक्ट के तहत पुनर्वास सहायता के अन्तर्गत अनुकंपा नियुक्ति/रोजगार/मासिक निर्वाह भत्ता संबंधी प्रावधान अनुसार कितने लोगों को कौन-कौन सी पुनर्वास सहायता प्रदान की गई है? जिलेवार बतायें। यदि नहीं, दी गई है तो कारण बतायें तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक पंजीबद्ध प्रकरणों की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। दर्ज प्रकरणों के लंबित चालानों की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। सूची अनुसार लंबित चालानों की शीघ्र न्यायालय प्रस्तुत किया जावेगा। (ख) अपर आयुक्त अनुसूचित जाति विकास मध्यप्रदेश से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रश्नांश 'क' में वर्णित दर्ज प्रकरणों में पीड़ितों एवं आश्रितों को प्रदत्त सहायता राशि जिलावार व श्रेणीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है। सहायता राशि के प्रकरण सक्षम समिति से स्वीकृत होने पर पीड़ितों को समय पर भुगतान किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अपर आयुक्त अनुसूचित जाति विकास मध्यप्रदेश से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" अनुसार है। पुनर्वास संबंधी जिला श्योपुर में 01 नवीन प्रकरण दिनांक 02.12.2024 को प्राप्त हुआ जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
कर चोरी के
प्रकरणों एवं
कार्यवाहियों
की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
1. ( क्र. 8 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम/पते वाली कंपनी/ प्रोपराइटरशिप फर्मों/पार्टनरशिप की फर्मों के द्वारा स्टेट जी.एस.टी. की कर चोरी करने के क्या-क्या प्रकरण पकड़ में आये/जांच में है? प्रकरणवार/जिलेवार/वर्षवार/माहवार/राशिवार/फर्मवार/फर्मों के मालिकों के नामवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर चोरी के प्रकरणों में प्रश्नतिथि तक किस-किस को कितनी राशि की कर की चोरी करने पर क्या-क्या नोटिस/आदेश वसूली के लिये जारी किये गये? प्रकरणों की प्रकरणवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार रीवा संभाग की किस-किस जनपद पंचायतों ने बिना जी.एस.टी. क्रमांक की फर्मों को क्रय आदेश देकर बिना जी.एस.टी. का बिल लेकर भुगतान करने के किन-किन प्रकरणों में कब व क्या जांच कर क्या कार्यवाही जनपद पंचायतवार की, का बिन्दुवार विस्तृत विवरण उपलब्ध करायें? (घ) क्या स्टेट जी.एस.टी. विभाग के पास प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जनपद पंचायतों के नियम विरूद्ध भुगतान करने की कब-कब, क्या-क्या शिकायतें, किस-किसके द्वारा, जिला स्तर पर/राज्य शासन स्तर पर प्राप्त हुई? उन पर कब किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से किस-किस नाम के सक्षम कार्यालयों के द्वारा क्या कार्यवाही/आदेश जारी किये? सभी की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रीवा संभाग में 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक जिन नाम/पते वाली कंपनी/ प्रोपराइटरशिप फर्मों/पार्टनरशिप की फर्मों के द्वारा स्टेट जी.एस.टी. की कर चोरी करने के प्रकरणों की प्रकरणवार/जिलेवार/ वर्षवार/माहवार/राशिवार/ फर्मवार/फर्मों के मालिकों की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर चोरी के प्रकरणों में प्रश्नतिथि तक की कर की चोरी करने पर नोटिस/आदेश वसूली के लिये प्रकरणों की प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
खुली हुई खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
2. ( क्र. 9 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं मैहर जिले में स्थित प्रिज्म सीमेंट कंपनी, मनकहरी, अल्ट्राटेक सीमेंट मैहर, मेसर्स सतना सीमेंट वर्क्स सतना एवं अन्य के द्वारा किस-किस पटवारी हल्कों में खदान खोदना बंद कर दिया है की सूची कंपनीवार/खदान के रकवेवार/आराजी क्रमांकवार/पटवारी हल्का एवं तहसीलवार जिलेवार उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त कम्पनियों के द्वारा खुली खदानें जिनमें पानी भरा है, में डूबने से बच्चों सहित कई वयस्कों की अकाल मृत्यु गत पाँच वर्षों में बहुत बड़ी संख्या में हुई है? विवरण दें। (ग) क्या खनिज नियमों में प्रावधान है कि जिन खदानों से गौण खनिज उत्खनित कर लिया गया हो और खदानों में अब कार्य बंद हो चुका हो तो उसे पूरी तरह भरना एवं समतल करना सीमेंट कंपनी की जवाबदारी है? अगर हाँ तो नियमों एवं कानूनों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या राज्य शासन सतना/मैहर जिले में ऐसी खदानों को जिनमें उत्खनन बंद हो चुका है को वापस भरने/समतलीकरण करने के आदेश नियमों के अनुरूप कब तक जारी करेगा? कहां-कहां के एवं किस-किस कंपनी के, अगर नहीं करेगा तो क्यों? नियम बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सतना जिले स्थित प्रिज्म सीमेंट कंपनी, मनकहरी, अल्ट्राटेक सीमेंट मैहर, मेसर्स सतना सीमेंट वर्क्स सतना एवं अन्य खदानें बंद नहीं है। मैहर जिला स्थित बंद खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) कम्पनियों के द्वारा खुली खदानें जिनमें पानी भरा है, में डूबने से बच्चों सहित कई वयस्कों की अकाल मृत्यु संबंधी कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। (ग) अधिसूचित मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 42 के उपनियम (ञ) (3) में अंतिम खान बंद योजना प्रस्तुत करने के प्रावधान है तथा उपनियम (ञ) (5) अनुसार उत्खनन पट्टे के धारक का यह उत्तरदायित्व है कि, अनुमोदित खनन योजना के आधार पर खदान बंद करने के उपाय किये जाये। अधिसूचित खनिज संरक्षण और विकास नियम, 2017 के नियम 24 में खान बंद करने की अंतिम योजना प्रस्तुत करने के प्रावधान है तथा नियम 26 अनुसार खनन पट्टाधारक का यह उत्तरदायित्व है कि भारतीय खान ब्यूरो द्वारा अनुमोदित खनन योजना के आधार पर खदान बंद करने के उपाय किये जाये। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
3. ( क्र. 22 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक प्रयोजन हेतु कलेक्टर से भूमि आवंटन की प्रक्रिया नियम/आदेश की समस्त छायाप्रति उपलब्ध करावें। किस नियम के तहत औद्योगिक प्रयोजन हेतु आवंटित भूमि को विभाग स्वयं के लिए पुन: आवंटन की प्रक्रिया कर सकता है नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) कलेक्टर से भूमि आवंटन आवेदन के साथ विभाग द्वारा कौन-कौन से दस्तावेज संलग्न करने होते है की जानकारी देवें। भूमि आवंटन के कितने समय के भीतर प्रोजेक्ट पूर्ण करना आवश्यक है? किस आधार पर विभाग को आवंटित भूमि का हस्तांतरण आदेश निरस्त हो जाता है इंदौर संभाग में विगत 5 वर्षों में जो आवंटन निरस्त किये गये उनकी सूची आदेश की छायाप्रति सहित वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) MPIDC क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर को दिनांक 01 जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 23 तक भूमि आवंटन हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए कि सम्पूर्ण जानकारी देवें। इनमें कितने प्रकरणों में संबंधित कलेक्टर द्वारा भूमि आवंटन कर दिया गया कितने प्रकरण लंबित है यह सम्पूर्ण जानकारी उद्योग नाम, आवंटन दिनांक, रकबा एवं प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति सहित उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक प्रयोजन हेतु कलेक्टर से भूमि मांगे जाने के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा जारी मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति-2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार तथा भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी अधिसूचनाएं/नियम/परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 के तहत भूमि की मांग की प्रक्रिया है। पूर्व में किसी अन्य को औद्योगिक प्रयोजन से आवंटित भूमि प्रचलित मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) तथा निष्पादित लीजडीड के प्रावधानों के उल्लंघन होने पर आवंटित भूमि वापस लिए जाने का प्रावधान है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ख) कलेक्टर से भूमि मांगे जाने हेतु राजस्व विभाग के RCMS पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन विभाग अंतर्गत संस्था एम.पी.आई.डी.सी. के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के कार्यकारी संचालक द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। आवश्यक दस्तावेज यथा खसरा, नक्शा संलग्न किए जाते हैं। कलेक्टर द्वारा विभाग को आवंटित भूमि के आदेश में वर्णित समय-सीमा के आधार पर कार्यवाही करना अनिवार्य हो जाता है। तथापि इस संबंध में कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 में वर्णित प्रक्रिया के आधार पर कार्यवाही की जाती है। कलेक्टर द्वारा विभाग को हस्तांतरित भूमि को अतिआवश्यक अन्य महत्वपूर्ण केन्द्र/राज्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर द्वारा निरस्त की जा सकती है। इंदौर जिले में कार्यालय कलेक्टर जिला इंदौर के संशोधित आदेश क्रमांक 491/प्र.अ.न./2024 इंदौर, दिनांक 28/08/2024 के द्वारा ग्राम रेवती में हस्तांतरित शासकीय भूमि 4.717 हेक्टेयर को निरस्त किया गया। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'5' अनुसार है। (ग) विभाग के अधीन एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर के द्वारा 01 जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 2023 तक शासकीय भूमि आवंटन के 34 एवं निजी भूमि अधिग्रहण के 23 इस प्रकार कुल 57 आवेदन/प्रस्ताव एम.पी.आई.डी.सी. मुख्यालय भोपाल को प्रेषित किए गए है, शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'6' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 52 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिला अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है व ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जो कि भवन विहिन है? विस्तृत क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिले में जो आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहिन है, उनका संचालन कहां और किस प्रकार किया जा रहा है? (ग) हरदा जिला अंतर्गत भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण कार्य कराये जाने के संबंध में कोई कार्य योजना प्रचलन में है क्या? (घ) यदि हाँ, तो आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 699 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है जिसमें 412 विभागीय भवनों में, 163 अन्य शासकीय भवनों में एवं 124 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। विस्तृत क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 124 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 163 अन्य शासकीय भवनों में संचालित किये जा रहे है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर राज्य मद की योजना 5360 अन्तर्गत जारी की जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य आयोजना मद अन्तर्गत जिला हरदा के 03 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है। (घ) निरंक।
स्व-रोजगार योजनाओं के प्रकरणों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
5. ( क्र. 54 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक हरदा जिले में कितने हितग्राहियों को कितनी स्वरोजगार योजनाओं के तहत प्रकरण स्वीकृत किए गए? हितग्राहियों की संख्या, नाम, अनुदान राशि, योजना का नाम सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) स्वीकृत योजनाओं में से कितने हितग्राहियों को शासन द्वारा लोन के लिए बैंक गारंटी दी गई है? हितग्राही संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार हरदा जिले में ऐसे कितने प्रकरण है, जो शासन स्तर से स्वीकृत हुए है परन्तु बैंक द्वारा लोन न देने के कारण लंबित है? हितग्राहियों के नाम सहित प्रकरणों की संख्या बतावे।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) राज्य शासन की वर्तमान संचालित स्वरोजगार योजना-मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजनान्तर्गत प्रश्नावधि में हरदा जिले में 785 हितग्राहियों के ऋण प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत/वितरित किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन द्वारा लोन के लिए बैंक गारंटी नहीं दी जाती है। इस संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजनान्तर्गत हितग्राहियों को प्रदाय ऋण की गारंटी बैंक द्वारा भारत सरकार की CGTMSE योजना अंतर्गत कवर की जाती है, इसमें हितग्राही को लगने वाली CGTMSE फीस की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा हितग्राही को की जाती है। जिसके अंतर्गत 785 हितग्राहियों के ऋण प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत/वितरित किए गए हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजनान्तर्गत विभाग द्वारा पात्र प्रकरणों को संबंधित बैंक शाखाओं को अनुशंसित किया जाता है, ऋण स्वीकृत किए जाने की अधिकारिता बैंकों की है। बैंकों में वर्तमान में लंबित प्रकरणों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विगत 10 वर्षों में रेत एवं गिट्टी खदानों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 61 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भैंसेदही में विगत 05 वर्षों में रेत एवं गिट्टी की कितनी खदानें स्वीकृत आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ तो यदि हाँ तो किस-किस क्षेत्र में कौन-कौन सी रेत एवं गिट्टी खदानें के लिए कितनी मात्रा घनमीटर का किस-किस व्यक्ति/फर्म को स्वीकृति दी गई है? क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावे? (ग) इन खदानों में विगत 10 वर्षों में कितनी-कितनी मात्रा में रेत एवं गिट्टी का खनन किया गया तथा रेत एवं गिट्टी कहां-कहां परिवहन की गई है? खदानवार जानकारी उपलब्ध करावे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र भैंसदेही में विगत 05 वर्षों में खनिज रेत की 01 खदान एवं खनिज गिट्टी की 07 खदानें आवंटित की गई है। जिसकी जानकारी क्रमशः संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' पर है। (ख) जानकारी खनिज रेत हेतु संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं खनिज गिट्टी हेतु संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त खदानें विगत 05 वर्ष से कार्यशील है। अतः विगत 10 वर्षों में कितनी-कितनी मात्रा में रेत व गिट्टी का खनन एवं परिवहन किया गया है, की जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विगत 05 वर्ष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ व 'ब' पर है। रेत व गिट्टी का परिवहन स्थानीय क्षेत्र के साथ तहसील भैंसदेही में लगे महाराष्ट्र क्षेत्र में किया गया है, परिवहन किये गये खनिज की पृथक-पृथक खदानवार जानकारी संधारित नहीं है।
राशि की जानकारी एवं कार्यों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
7. ( क्र. 107 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले में पिछले 4 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का किन-किन कार्यों में व्यय किया गया है? कार्यों के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) छिन्दवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले के समस्त विधायकगणों द्वारा अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रतिवर्ष विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रदान कराये जाने हेतु प्रस्ताव जिलाध्यक्ष एवं जिला खनिज अधिकारी को प्रेषित किए गये है, किन्तु उन प्रस्तावों के एक भी विकास एवं निर्माण कार्य की स्वीकृति जिला खनिज मद से प्रदान नहीं की गई, जिसका क्या कारण है? (ग) वर्तमान में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद कितनी राशि छिन्दवाड़ा एवं पांढुर्णा दोनों जिलों में उपलब्ध है, दोनों ही जिलों की विधानसभाओं के विधायकगणों के द्वारा इस वर्ष प्रेषित प्रस्तावों पर कब तक कार्यवाही करते हुए स्वीकृति प्रदान कर कार्यों हेतु राशि आवंटित कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। प्राप्त प्रस्तावों पर जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक में अनुमोदन प्राप्त नहीं किये जाने के कारण स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। (ग) वर्तमान में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद अंतर्गत जिला छिन्दवाड़ा जिला खनिज प्रतिष्ठान में राशि 56,09,21,159/- एवं जिला पांढुर्णा में राशि रूपये 18,61,791/- उपलब्ध है। दोनों ही जिलों की विधानसभाओं के विधायकगणों के द्वारा इस वर्ष प्रेषित प्रस्तावों पर आगामी बैठक में स्वीकृति के संबंध में विचार किया जायेगा।
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि विधायक द्वारा प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 108 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के निराकरण एवं विभिन्न कार्यों की स्वीकृति हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं अन्य विभागीय मंत्री जी को अनेकों पत्र प्रेषित कर कई बार समक्ष में पत्र देकर समस्याओं का निराकरण व कार्यों की स्वीकृति हेतु निवेदन कर चर्चा भी की गई है किन्तु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं अन्य विभागीय मंत्री जी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जाता है और ना ही समस्याओं का निराकरण व कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा रही है, जिसका क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पत्रों पर जवाब नहीं देना एवं समस्याओं का निराकरण व कार्यों की स्वीकृति प्रदान नहीं होने के कारण हम हमारे क्षेत्र की जनता को जवाब नहीं दे पाते है? क्या शासन द्वारा इस प्रकार की अव्यवस्था में सुधार करते हुए व्यवस्था बनाकर हम सभी जनप्रतिनिधि द्वारा प्रेषित पत्रों का जवाब देते हुए विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का निराकरण एवं विभिन्न कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) संबंधित विभाग द्वारा निर्देशों/प्रक्रिया के अनुक्रम में आवश्यक कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजनाओं की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
9. ( क्र. 123 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनभागीदारी योजनान्तर्गत आवंटन दिया जाता है? अगर हाँ तो विगत 5 वर्षों में किन-किन जिलों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि लैप्स हुई? कितनी राशि को निर्माण कार्यों में व्यय किया गया? (ग) खरगोन जिले को विगत 5 वर्षों में कोई राशि का आवंटन किया गया है? अगर नहीं तो क्यों नहीं?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जनभागीदारी योजनान्तर्गत विगत पांच वर्षों में जिलों को आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लैप्स राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। आवंटित राशि के विरूद्ध निर्माण कार्यों पर व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) खरगोन जिले को विगत पांच वर्षों में राशि रू.2,62,13,976/- (दो करोड़, बासठ लाख, तेरह हजार, नौ सौ छियत्तर) का आवंटन किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा देयक के भुगतान
[गृह]
10. ( क्र. 134 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीमती मधुकांता बैंस, सहायक ग्रेड 03, जिला अधियोजन कार्यालय, जिला नीमच द्वारा स्वयं का उपचार राज्य से बाहर कराए जाने के संबंध में महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर का पत्र क्रमांक 434/वैज/2023 दिनांक 24.03.2023 द्वारा कार्योंत्तर स्वीकृति पत्र संचालक को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकृति नहीं प्रदान करने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित श्रीमती बैंस के भुगतान के लिए अधिष्ठाता महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के पत्र क्रमांक 4364/वैज/2023 दिनांक 24.03.2023 द्वारा संभाग आयुक्त इंदौर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुशंसित राशि रुपये 163047/- की स्वीकृति हेतु म.प्र. शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 12.12.2018 के कंडिका क्रमांक 05 एवं परिपत्र दिनांक 13.12.2019 के संदर्भ में सहमति प्राप्त करने हेतु प्रकरण क्या शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो किन-किन कारणों से। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) संदर्भित स्व.श्रीमती मधुकांता बैंस के परिवारजनों को रू.163,047 की राशि उनके खाते में कब तक जमा की जाएगी? (घ) उक्त प्रकरण में संबंधित के खाते में प्रकरण का निराकरण कर कब तक राशि जमा कर दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, चिकित्सा शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 21/12/2018 की कंडिका 05 एवं परिपत्र दिनांक 13/12/2013 के परिपालन में विभागीय कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण में वित्त विभाग की पृच्छाओं के जवाब देने की प्रक्रिया चल रही है। (ग) एवं (घ) प्रकरण प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नीमच आबकारी विभाग की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
11. ( क्र. 137 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में नीमच और मंदसौर जिले की शराब दुकानों में मदिरा स्टॉक की नियमित जांच और निगरानी के दौरान किस प्रकार की अनियमितताएं किन तिथियों को पाई गईं? लाइसेंसियों या अधिकृत व्यक्ति पर अब तक लगाए गए अर्थदंड और कार्यवाही आदेशों की प्रतियां दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लाइसेंसियों द्वारा प्राप्त मदिरा, किसी व्यक्ति द्वारा अवैधानिक रूप से परिवहन, विक्रय करते हुए जब्त हुई? मात्रा सहित प्रकरणों का विवरण प्रतियों सहित दें। साथ ही कितनी दुकानों पर अंकित मूल्य से अधिक मूल्य वसूलने एवं बिल नहीं देने की शिकायतें प्राप्त हुईं? (ग) उक्त अवधि में दोनों जिलों की मदिरा दुकानों के आस-पास व बाहर मदिरा पान करने पर दर्ज प्रकरणों का विवरण दें। क्या भोपाल की तरह मदिरा दुकानों के बाहर मदिरा पान के साथ खाई जाने वाली खाद्य सामग्री विक्रय करने वालों पर कार्यवाही की है? दिनांकवार जानकारी दें। (घ) उक्त जिले के लाइसेंसियों पर दर्ज अपराध और बकाया का विवरण देते हुए बताएं कि क्या उनके आपराधिक रिकॉर्ड का सत्यापन किया गया है? यदि हां, तो उसकी प्रतियां दें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला-नीमच में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में शराब दुकानों में मदिरा स्टॉक की विभाग द्वारा नियमित जांच और निगरानी के दौरान पाई गई लायसेंस शर्तों के उल्लंघन/अनियमितताओं पर मासिक तिथिवार लाईसेंसियों के विरूद्ध कुल 2963 विभागीय प्रकरण कायम किये जाकर रूपये 2539725/- शास्ति/अर्थदंड आरोपित किया गया है। आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। जिला मंदसौर में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में मंदसौर जिले की शराब दुकानों मदिरा स्टॉक की नियमित जांच और निगरानी के दौरान पाई गई अनियमितताओं पर संबंधित लायसेंसियों के विरूद्ध कुल 2910 विभागीय प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, जिसमें 2902 प्रकरणों में रूपये 2382250/- की शास्ति आरोपित की गई है। शेष 08 प्रकरणों में शास्ति आरोपित की जाना प्रकियाधीन है। आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) जिला-नीमच उत्तरांश (क) के अनुसार जिले में लाईसेंसियों द्वारा प्राप्त मदिरा, किसी व्यक्ति द्वारा अवैधानिक रूप से परिवहन, विक्रय करते हुए पाये जाने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। विभाग द्वारा अंकित मूल्य से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय की शिकायतें प्राप्त हुई जिस पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। विभाग को बिल नहीं देने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जिला मंदसौर विभाग द्वारा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। विभाग द्वारा अंकित मूल्य से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय किये जाने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। (ग) जिला-नीमच में मदिरा दुकानों के आसपास एवं मदिरा दुकानों के बाहर मदिरा पान के साथ खाई जाने वाली खाद्य सामग्री विक्रय करने वालों पर कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। जिला- मंदसौर विभाग द्वारा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (घ) जिला नीमच में आलौच्य अवधि में नीमच जिले के किसी भी लायसेंसी के विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है एवं न ही किसी लायसेंसी पर किसी भी प्रकार की कोई राशि बकाया है। जिला मंदसौर में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में मंदसौर जिले में लायसेंसियों पर कोई भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है। जिले के वर्तमान लायसेंसियों पर कोई राशि बकाया नहीं है ना ही कोई आर.आर.सी. वर्तमान लायसेंसियों के विरूद्ध जारी की गई है। इस कारण से लायसेंसियों के आपराधिक रिकार्ड का सत्यापन नहीं किया गया है।
विक्रम उद्योगपुरी में भूमि आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
12. ( क्र. 142 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अन्तर्गत विक्रम उद्योगपुरी में कितने उद्योगों को भूमि का आवंटन किया गया है? आवंटन के पश्चात कितने उद्योग प्रारंभ हुए हैं एवं कितने उद्योग भूमि आवंटन के पश्चात भी प्रारम्भ नहीं हो पाये हैं, उसके क्या कारण है? (ख) भूमि आवंटन के क्या नियम हैं? भूमि आवंटन के पश्चात कितने समय-सीमा में उद्योग लगाये जाना आवश्यक है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विक्रम उद्योगपुरी के विकास कार्यों में कितनी राशि किस-किस मद में खर्च की गई है? कौन-कौन सी एजेन्सी द्वारा कौन-कौन से निर्माण/अन्य कार्य किए जा रहे हैं? मदवार एवं एजेन्सीवार सम्पूर्ण राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या विक्रम उद्योगपुरी के उद्योगों को भूमि आवंटन के दौरान क्या यह शर्त रखी गई है कि स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जावेगा? इस संबंध में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उज्जैन
जिले के
अंतर्गत
विक्रम
उद्योगपुरी
में कुल 46
उद्योगों को
भूमि आवंटित
की गई है।
आवंटन पश्चात
10
उद्योगों
द्वारा उत्पादन
प्रारंभ किया
गया है एवं 33
उद्योगों की
नियमानुसार उत्पादन
हेतु समय-सीमा
शेष है तथा 3
औद्योगिक
इकाइयों
द्वारा
निर्धारित
समय-सीमा में
उत्पादन
प्रारंभ नहीं
किया गया है
जिसका विवरण संलग्न
परिशिष्ट-'अ' पर है।
(ख) औद्योगिक
क्षेत्र में
भूमि आवंटन
डी.एम.आई.सी.
वी.यू.एल. की
लैंड डिस्पोजल
पॉलिसी एवं
मध्यप्रदेश
राज्य
औद्योगिक
भूमि एवं भवन
प्रबंधन नियम 2019 (यथा
संशोधित 2022) के
तहत किया जाता
है। मध्यप्रदेश
राज्य
औद्योगिक
भूमि एवं भवन
प्रबंधन नियम 2019 (यथा
संशोधित 2022) की
कंडिका 16 (i) अनुसार
उद्योग
प्रारंभ करने
हेतु सूक्ष्म
एवं लघु
उद्योगों को
दो वर्ष, मध्यम
उद्योग को तीन
वर्ष, वृहद
उद्योग को चार
वर्ष तथा
रक्षा उत्पाद
निर्माता
इकाइयों के
लिए पांच वर्ष
की समयावधि
निर्धारित
है। समयावधि
की गणना लीजडीड
निष्पादन
दिनांक से की
जाती है। (ग) विक्रम
उद्योगपुरी
के विकास
कार्यों में
खर्च की गई
राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट-'ब' पर है।
(घ) जी
नहीं। अपितु
शासनादेश
दिनांक 19.12.2018
द्वारा
उद्योग
संवर्धन नीति 2014 (यथा
संशोधित 2018) अंतर्गत
प्रावधानित
वित्तीय तथा
अन्य
सुविधाओं का
लाभ लेने वाली
वृहद श्रेणी
की औद्योगिक
विनिर्माण
इकाइयों को
उनके द्वारा उपलब्ध
कराये गये कुल
रोजगार का 70
प्रतिशत
रोजगार मध्यप्रदेश
के स्थाई
निवासियों को
दिया जाना
अनिवार्य
होगा।
परिशिष्ट
- "चौबीस"
नहरों से सिंचाई
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( क्र. 154 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम कसही मदना, परियट पिपरिया सिंगौद, बिहर, लोहारी एवं अन्य नहरों से किसानों के खेतों तक लक्ष्य के अनुरूप पानी पहुंच रहा है? (ख) क्या माईनर, सब माईनर एवं नहरों में जमा सिल्ट, कचरा, झाड़ियां हटाई गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नहरों की कब-कब सफाई की गई? कितना व्यय हुआ? गत 5 वर्षों की जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि का आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
14. ( क्र. 165 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक प्रयोजन हेतु कलेक्टर से भूमि मांगे जाने की क्या प्रक्रिया है? नीति, नियम, निर्देश की प्रति देवें? (ख) लैंड बैंक से विभाग का क्या आशय है और क्या पूर्व से किसी अन्य को औद्योगिक प्रयोजन से आवंटित भूमि को विभाग किस आधार पर अपने लिए मांग सकता है? उससे संबंधित समस्त नीति, नियम, निर्देश की प्रति देवें? (ग) कलेक्टर से भूमि मांगे जाने के आवेदन के साथ विभाग के द्वारा कौन-कौन से आवश्यक दस्तावेज संलग्न किए जाते हैं? उसकी जानकारी देवेंl भूमि आवंटन के कितने समय के बाद प्रोजेक्ट के अनुसार कार्यवाही करना अनिवार्य हो जाता है? किस आधार पर विभाग को आवंटित भूमि का हस्तांतरण आदेश निरस्त हो जाता है? इंदौर जिले में पिछले 05 वर्षों में आवंटन निरस्त भूमि के आदेश की कॉपी देवें? (घ) Mpidc क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर के द्वारा 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2023 तक भूमि आवंटन हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं कौन-कौन सा प्रस्ताव किस-किस दिनांक को प्राप्त हुआ, किस-किस प्रस्ताव पर कलेक्टर से भूमि मांगी गई, किस अधिकारी, कमेटी ने प्रस्ताव का परीक्षण किया, किस आधार पर भूमि मांगे जाने का निर्णय लिया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक प्रयोजन हेतु कलेक्टर से भूमि मांगे जाने के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा जारी मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार, आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति-2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार तथा भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी अधिसूचनाएं/नियम/परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार भूमि की मांग की प्रक्रिया है। उक्त अधिनियम/नीति/परिपत्र के परिप्रेक्ष्य में प्रबंध संचालक, एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल से प्राप्त प्रस्तावों पर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर संबंधित जिला-कलेक्टर को विभाग के पक्ष में शासकीय भूमि हस्तांतरण एवं निजी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही हेतु मांग प्रेषित की जाती है। (ख) लैंड बैंक से विभाग का आशय औद्योगिक, व्यावसायिक, आवासीय, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक प्रयोजन हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की आरक्षित भूमि को पूर्व में किसी अन्य को औद्योगिक प्रयोजन से आवंटित भूमि प्रचलित मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) तथा निष्पादित लीजडीड के प्रावधानों के अधीन उल्लंघन होने पर आवंटित भूमि वापस लिए जाने का प्रावधान है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (ग) कलेक्टर से भूमि मांगे जाने हेतु राजस्व विभाग के RCMS पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन संबंधित क्षेत्र के कार्यकारी संचालक द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। आवश्यक दस्तावेज में यथा खसरा, नक्शा संलग्न किए जाते हैं। कलेक्टर द्वारा विभाग को आवंटित भूमि के आदेश में वर्णित समय-सीमा के आधार पर कार्यवाही करना अनिवार्य हो जाता है। तथापि इस संबंध में कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 में वर्णित प्रक्रिया के आधार पर कार्यवाही की जाती है। कलेक्टर द्वारा विभाग को हस्तांतरित भूमि को अतिआवश्यक अन्य महत्वपूर्ण केन्द्र/राज्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर द्वारा निरस्त की जा सकती है। इंदौर जिले में कार्यालय कलेक्टर जिला इंदौर के संशोधित आदेश क्रमांक 491/प्र.अ.न./2024 इंदौर दिनांक 28/08/2024 के द्वारा ग्राम रेवती में हस्तांतरित शासकीय भूमि 4.717 हेक्टेयर को निरस्त किया गया। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर के द्वारा 01 जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 2023 तक भूमि आवंटन हेतु 34 प्रस्ताव एम.पी.आई.डी.सी. मुख्यालय भोपाल को प्रेषित किए गए है। उक्त अवधि में निजी भूमि अधिग्रहण के 23 प्रस्ताव भूमि प्राप्त करने के लिए एम.पी.आई.डी.सी. मुख्यालय भोपाल प्रेषित किए गए। उक्त प्रस्तावों की सूची संलग्न है। उक्त कुल 57 प्रस्तावों में से 37 प्रस्तावों का एमपी इण्डस्ट्रियल कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा परीक्षण करने के उपरांत एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को प्रेषित किया जाता है। विभाग के अधीन एम.पी.आई.डी.सी. से प्राप्त प्रस्तावों का विभाग द्वारा पुन: परीक्षण किया जाकर प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत संबंधित जिला-कलेक्टर से औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि की मांग की गई है। शेष प्रस्तावों के परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
औद्योगिक निवेश की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
15. ( क्र. 177 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किरनापुर विकासखंड जिला बालाघाट अंतर्गत 320 एकड़ जमीन पर औद्योगिक कंपनियां लगाकर उद्योग स्थापित किया जाना है? माननीय तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रस्ताव पारित भी किया गया था? उक्त उद्योग के संबंध में प्रथम क्रियाविधि से लेकर प्रश्न दिनांक तक के सभी पारित निर्णय नीतियों के दस्तावेज उपलब्ध करावे? (ख) समस्त रूप से कौन-कौन सी कंपनियों ने निवेश हेतु सहमति प्रदाय की तथा कौन-कौन से शासकीय उपक्रम लगाए जाने की कार्यवाही की जानी है? (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के तहत कब तक उद्योगों को स्थापित किया जा सकेगा? उक्त उद्योगों को स्थापित किए जाने हेतु शासन से क्या बजट पारित किया गया है? यदि हाँ, तो स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे? (घ) तत्कालीन मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं पर कब तक अमल किया जा सकेगा तिथि बताएं? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, जिला बालाघाट, विकासखण्ड किरनापुर के ग्राम बोडुंदाकला की 305.210 एकड़ अविकसित भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु विभाग अंतर्गत एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के आधिपत्य में है, जिसमें से 05 इकाइयों द्वारा 189.974 एकड़ भूमि पर उद्योग स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। माननीय तत्कालीन मुख्यमंत्री जी का उक्त के संबंध में प्रस्ताव/निर्देश विभाग को अप्राप्त है। (ख) विकासखण्ड किरनापुर में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार 05 कंपनियों द्वारा निवेश हेतु सहमति प्रदाय की गई है। उक्त भूमि पर शासकीय उपक्रम लगाने संबंधी कोई कार्यवाही प्रक्रियाधीन नहीं है। (ग) जिला बालाघाट, विकासखण्ड किरनापुर के ग्राम बोडुंदाकला में 05 औद्योगिक कंपनियों को उद्योग स्थापनार्थ अविकसित भूमि आवंटित की गई है। उक्त पांचों इकाइयां वृहद श्रेणी की हैं, अत: ''मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019'' के नियम 16 (i) (स) अनुसार वृहद श्रेणी की इकाइयों को लीजडीड निष्पादन दिनांक से परियोजना क्रियान्वयन हेतु 4 वर्ष की समय-सीमा प्राप्त है। उक्त उद्योग निजी श्रेणी के है, उक्त उद्योगों की स्थापना हेतु शासन द्वारा बजट पारित नहीं किया गया है। प्राप्त प्रस्ताव अनुसार 05 निजी उद्योगों की स्थापना होने से शासनादेश दिनांक 19.12.2018 द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2018) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक विनिर्माण इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों की अवेहलना
[सामान्य प्रशासन]
16. ( क्र. 188 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है? (ख) क्या प्रश्नांकित में वर्णित अधिकारी द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्रों पर भी कार्यवाही नहीं की जाती है? यदि नहीं, तो वर्ष 2024-25 में प्रश्नकर्ता द्वारा कुल कितने पत्र कलेक्टर टीकमगढ़ को दिये और उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही के परिणामों सहित अवगत करावें। (ग) क्या कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा आयुक्त सागर, संभाग सागर के पत्रों पर कार्यवाही नहीं की जाती है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विगत एक वर्ष में कमिश्नर महोदय सागर से कलेक्टर टीकमगढ़ को कितने पत्र लेख किये गये उन पर क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही के परिणामों सहित अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। वरिष्ठ अधिकारियों के पत्रों पर विभागीय स्तर से कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। कलेक्टर टीकमगढ द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही की जाती है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। आयुक्त सागर संभाग से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही की जाती है। (घ) विगत वर्ष में आयुक्त सागर सम्भाग सागर से प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पत्रों पर कार्यवाही न होना
[सामान्य प्रशासन]
17. ( क्र. 189 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. एम.एल.ए./टी.के.जी./1-182/2024 दिनांक 09.03.2024 को करोड़ों रूपयों की हेराफेरी की शिकायत लोकायुक्त म.प्र. शासन भोपाल को की थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? विस्तृत विवरण दें। (ग) क्या प्र.क्रं.72-ई./24-25 विरूद्ध तहसीलदार खरगापुर कार्यालय लोकायुक्त भोपाल में तथ्यात्मक शिकायत होने के बावजूद 1 वर्ष से कोई कार्यवाही नहीं की गई यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) लोकायुक्त कार्यालय के पत्र क्र. 3880 प्रकरण क्र. 72/ई./24-25 भोपाल दिनांक 27.09.2024 पर कब तक कार्यवाही की जायेगी एवं आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनाथ बेसहारा बच्चों को राशि का आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 219 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जबलपुर को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं पी.एम. केयर फार चिल्ड्रन (स्पॉन्सरशिप) योजना में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की गई एवं क्यों? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत अनाथ एवं बेसहारा कितने-कितने बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा आदि के लिये किस मान से उनके खातों में या उनके अभिभावकों के संयुक्त खातों में कतनी-कितनी राशि जमा की गई एवं कितनी-कितनी राशि कब से जमा नहीं की गई एवं क्यों? बतलायें। महावार व वर्षवार जानकारी दें। (ग) कितने-कितने बच्चों के स्वास्थ्य शिक्षा पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कितने-कितने बच्चों की शिक्षा हेतु रोजगार की क्या व्यवस्था की गई। कितने बच्चों को बाल गृहों में रख-रखाव उनके लिये क्या व्यवस्था की गई? जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में कितने अनाथ बेसहारा हुये बच्चों के आवेदन पत्र प्राप्त हुये। कितने-कितने स्वीकृत/अस्वीकृत किये गये? कितने प्रकरण जांच/परीक्षण हेतु लम्बित हैं। कितने-कितने पात्र बच्चों को कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? बतलायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जबलपुर को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रन (स्पॉन्सरशिप) योजना में वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–क पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' एवं 'ग' पर है। (ग) मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना अंतर्गत हितग्राहियों की मूलभूत आवश्यकताओं यथा भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य पर प्रति माह रुपये 4000/- के मान से कुल राशि रूपये 2,11,20,000/- की राशि व्यय हुई एवं पी.एम. केयर फॉर चिल्ड्रन योजनांतर्गत प्रतिमाह रुपये 4000/- के मान से कुल राशि रूपये 16,86,000/- व्यय हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजनांतर्गत ऑफ्टर केयर से लाभांवित 08 बच्चे रोजगार से जोड़े गए हैं। जबलपुर जिले में प्रश्नांकित सभी बच्चे अपने संबंधियों के साथ परिवार में निवास कर रहे है। एक भी बालक बाल गृह/संस्थाओं में निवासरत नहीं है। (घ) मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना हेतु 295 आवेदन प्राप्त हुए। 293 प्रकरणों को स्वीकृत किया गया, योजना अंतर्गत अपात्र पाए गए 02 प्रकरणों को अस्वीकृत किया गया है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना अंतर्गत 28 आवेदन प्राप्त हुए, 16 प्रकरणों को स्वीकृत किया गया एवं 12 प्रकरणों को अस्वीकृत किया गया है, पी.एम. केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम अंतर्गत कोई भी भुगतान लंबित नहीं है। वर्ष 2024-25 में कुल स्वीकृत हितग्राहियों में से 26 हितग्राहियों का माह अप्रैल से सितम्बर 2024 तक का भुगतान किया जा चुका है। शेष 97 बाल हितग्राहियों को अप्रैल से अगस्त 2024 तक (रुपये 19,40,000/-), 46 हितग्राहियों को माह सितम्बर 2024 का (रुपये 1,84,000/-) एवं 72 हितग्राहियों को माह अक्टूबर 2024 का (रुपये 2,88,000/-) भुगतान भारत सरकार से बजट प्राप्त न होने के कारण लंबित है।
अबोध किशोर युवितायों से दुष्कर्म
[गृह]
19. ( क्र. 220 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अबोध, किशोर, नाबालिग युवतियों, स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़, अश्लील हरकतें करने, ब्लैक मेलिंग, अपहरण, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हैवानियत, दरिंदगी करने, हत्या से सम्बंधित कितने-कितने मामले पाक्सो एक्ट, भा.द.वि. की धारा 376, 302 एवं अन्य किन धाराओं के तहत पंजीकृत किये गये हैं। कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. में दर्ज कितने-कितने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। कितने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। कितने आरोपी फरार/लापता हैं? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित पंजीकृत कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया गया? कितने प्रकरण लम्बित, विवेचना में हैं। पाक्सो एक्ट एवं अन्य कितने प्रकरणों में कितने आरोपियों को मृत्यु दण्ड/फांसी की सजा सुनाई गई? न्यायालयों में कितने प्रकरण लम्बित हैं? कितने प्रकरणों में कितने आरोपी दोष मुक्त हुये हैं? वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित अपराधों से पीड़ित कितनी युवतियों/छात्राओं का मुफ्त इलाज शासन ने कराया है एवं कितने प्रकरणों में पीड़ित कितनी युवतियों को कानूनी सहायता एवं कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता निःशुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था की गई हैं? बतलावें। (घ) शासन ने प्रश्नांकित पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने आरोपियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की हैं? प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने, आरोपियों, कानून का भय पैदा करने, सामाजिक जागरूकता लाने, प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने हेतु क्या व्यवस्था की हैं? बतलावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
उद्योगों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
20. ( क्र. 233 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र जिला विदिशा अंतर्गत विगत 03 वर्षों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग द्वारा कितने उद्योग स्थापित किये गए? उद्योगवार नामवार जानकारी देवें। (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन उद्योग स्थापित किये जाने की क्या योजना है एवं संचालित उद्योगों में से कितने उद्योग चालू है विगत 2020 से अब तक कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जानकारी देवें? (ग) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग द्वारा उद्योग स्थापित किये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है जानकारी देवें? मार्च 2022 से प्रश्न दिनांक तक कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के कितने युवाओं/उद्यमियों को योजना का लाभ दिया गया?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये जाते अपितु उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है तथा विभागीय नियमों के अनुसार सहायता/सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। कुरवाई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 03 वर्षों में विभिन्न उद्यमियों द्वारा उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर 55 उद्योग पंजीकृत कराये गये। उद्योगवार नामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुरवाई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन उद्योगों की स्थापना हेतु औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने के लिए भूमि चिन्हांकन की कार्यवाही प्रचलन में है। स्थापित उद्योगों में से 48 उद्योग चालू हैं। विगत 2020 से अब तक 288 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। (ग) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना संचालित है। मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के 79 युवाओं/उद्यमियों को योजना का लाभ दिया गया।
डिजिटल अरेस्ट और ऑन लाईन राशि ठगी के प्रकरण
[गृह]
21. ( क्र. 239 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट और ऑन लाईन राशि ठगी के कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं? संख्या और राशि बतावे और जिले, विधानसभा, थानावार जानकारी देवें। (ख) अब तक दर्ज प्रकरणों में कितनी राशि पीड़ितों की वापस मिल गई/दिलाई जा चुकी है? जिलेवार जानकारी देवें। डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाईन राशि ठगी के प्रकरणों में कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है? थानावार जानकारी देवें और आरोपी किन स्थानों के निवासी है? (ग) क्या डिजिटल अरेस्ट करने में अपराधियों/ठगों के द्वारा किन-किन विभाग के अधिकारी बन कर जनता से ठगी की जा रही है? इसके कारण क्या हैं? क्या विभाग ने इसके प्रति जागरूकता अभियान चलाया है? विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के प्रश्न दिनांक तक कुल 27 प्रकरण तथा ऑनलाईन ठगी के कुल 965 प्रकरण दर्ज हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। जनता में सायबर अपराधों के प्रति सावधानी एवं जागरूकता का अभाव होने के कारण सायबर अपराध हो रहे हैं। राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा सायबर अपराधों से संबंधित एडवायजरी समय-समय पर जारी की जाती है एवं सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में आकाशवाणी एवं एफ.एम. स्टेशनों पर सायबर सुरक्षा संबंधी जिंगल्स का प्रसारण किया जाकर प्रदेश के नागरिकों को सायबर अपराधों से बचाव के प्रति जागरूक किया गया है।
रेत की खदानों की ऑन लाईन नीलामी
[खनिज साधन]
22. ( क्र. 259 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2018-19 से वर्ष 2023-24 तक कितनी रेत मात्रा के लिए कितनी रेत खदानों की कितनी न्यूनतम बोली निर्धारित कर ऑनलाईन नीलामी की किस-किस दिनांक को विज्ञप्ति जारी की गई? (ख) नीलामी की जारी विज्ञप्ति के अनुसार आयोजित किस-किस दिनांक की ऑनलाईन नीलामी में किस-किस के द्वारा कितनी बोली लगाई गई, किसकी अंतिम बोली स्वीकार की गई बोली लगाने वालों के नाम एवं पते सहित बतावे? (ग) बालाघाट जिले की किस रेत खदान के लिए सिया ने किस दिनांक को कितनी रेत खदान की अनुमति दी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किस दिनांक को जल एवं वायु से संबंधित अनुमति/सम्मति प्रदान की है? (घ) बालाघाट जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक अवैध रेत खनन एवं अवैध रेत भण्डारण का किसके विरूद्ध किस दिनांक को किसने प्रकरण बनाया उस पर किस दिनांक को कितना अर्थदण्ड हुआ उसमें से कितना अर्थदण्ड वसूला गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2018-19 से वर्ष 26.05.2023 की अवधि में रेत खदानों की ई-नीलामी का प्रावधान नहीं था। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार) नियम, 2019 में दिनांक 26 मई 2023 से हुए संशोधन के फलस्वरूप मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को प्रदेश की समस्त रेत खदानों का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है एवं इन खदानों में रेत उत्खनन एवं विक्रय का कार्य ई-निविदा सह नीलामी के माध्यम से चयनित माइन डेवलपर कम ऑपरेटर द्वारा किया जाना है। दिनांक 26.05.2023 से 2023-24 वर्षांत तक बालाघाट जिले की रेत खदानों से रेत के उत्खनन एवं विक्रय हेतु माइन डेवलपर कम ऑपरेटर की नियुक्ति हेतु जारी ई-निविदा सह नीलामी सूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) ऑनलाइन नीलामी में बोली लगाने वाले निविदाकारों एवं प्रस्तुत की गई बोली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। स्वीकार की गई अंतिम बोली लगाने वालों के नाम एवं पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर है।
जनभागीदारी योजना की मार्गदर्शिका
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
23. ( क्र. 263 ) श्री संजय उइके : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को जन भागीदारी योजना में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से किन-किन को कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु आवंटित किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) जन भागीदारी योजना की मार्गदर्शिका/आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
रेत खदान से रायल्टी के रूप में प्राप्त राशि
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 264 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 21 (5) के अनुसार रेत खनिज से प्राप्त राशि का अंतरण यदि कोई ग्राम पंचायत द्वारा एक वर्ष में 25 लाख तक आय प्रदान करती है तो शेष राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान के मद में अंतरित की जायेगी का प्रावधान है? (ख) यदि हां, तो बैहर जिला बालाघाट के ग्राम पंचायत लहंगाकन्हार को वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि ग्राम पंचायत लहंगाकन्हार के रेत खदान से रायल्टी के रूप में राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमानुसार कितनी-कितनी राशि ग्राम पंचायत लहंगाकन्हार को आंवटित किया गया बतावें? यदि नहीं, किया गया तो किन कारणों से नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 संशोधित 2023 के नियम 21 (1) में प्रावधान निम्नानुसार है:- "रूपये 75/- प्रति घनमीटर संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय के लिए राज्य शासन कोः परन्तु यदि कोई ग्राम पंचायत या नगर पंचायत किसी एक वर्ष में रेत खनिज से रूपये 25 लॉख से अधिक आय प्राप्त करने के पात्र है तो शेष राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान के शीर्ष में अंतरित की जायेगी। नगर पालिका अथवा नगरपालिका निगम के लिए आय की उपरोक्त सीमा लागू नहीं होगी।'' उक्त के परिपालन में रेत खनिज से प्राप्त सम्पूर्ण राशि में से निगम की प्रोत्साहन राशि छोड़कर, शेष राशि शासन मद में जमा कराई जाती है। प्रश्न का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के अनुसार है।
कर्मचारियों द्वारा राजनीतिक दलों की सदस्यता
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 276 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैसे भोपाल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन आदि के दैनिक वेतन भोगी, विनियमित एवं नियमित कर्मचारी राजनीतिक दलों के सदस्य होकर राजनैतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं? यदि हाँ, तो संबंधित नियम एवं समय-समय पर जारी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन उपक्रमों के कर्मचारियों के विरुद्ध जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक राजनैतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने पर विभागीय कार्यवाही की गई है अथवा लंबित है की जानकारी उपलब्ध करावें एवं ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेने पर क्या कार्यवाही की जाती है? नियम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-5 में उल्लेखित प्रावधान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दैनिक वेतन भोगी एवं विनियमित कर्मचारियों के संबंध में पृथक से कोई निर्देश नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्णित निगम एवं उपक्रमों के साथ 'आदि' शब्द होने के कारण तथा निगमों एवं उपक्रमों का स्पष्ट उल्लेख न होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2023 में प्रदेश में आयोजित विकास यात्रा
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 290 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2023 में सभी विधान सभा क्षेत्र में विकास यात्रा का आयोजन हुआ, सरकार ने किस मद से सभी जिलों में राशि खर्च किया। सभी जिलों में आयोजित सभा, रैली, यात्रा और अन्य सभी प्रचार प्रसार, भोजन आदि का कुल खर्च, की जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में झाबुआ विधान सभा में आयोजित विकास यात्रा में किये गए वादे, घोषणा और उसकी पूरी जानकारी विस्तृत में दी जाए। यह भी जानकारी दें कि विकास यात्रा में की गए घोषणाओं में से कितनी पूर्ण हो चुकी है और कितनी अपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेट्रोल, डीजल की अवैध बिक्री लगाया जाना
[गृह]
27. ( क्र. 300 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1/4/2023 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले में अवैध रूप से पेट्रोल/डीजल विक्रय करने अथवा परिवहन करने पर किन-किन व्यक्तियों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई है कितने प्रकरण थानों में रजिस्टर्ड किए गए, थानेवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) उक्त प्रकरणों में कौन सी धारा के तहत क्या-क्या कार्रवाई की गई FIR की जानकारी सहित, की गई सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या यह सत्य है कि उक्त दोषियों के अलावा भी अनेकों व्यक्तियों द्वारा खुलेआम डीजल पेट्रोल की गली-गली गांव-गांव मोहल्लों-मोहल्लों में बिक्री की जा रही है पेट्रोल पंप संचालक बिक्री न होने के कारण परेशान है, जिसकी प्रश्नकर्ता द्वारा प्रशासन को मौखिक एवं लिखित शिकायत भी की गई है जिस पर प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही कर जांच कराई जाएगी जांच नहीं करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय इस अवैध कारोबार को रोकने एवं वैध रूप से पेट्रोल डीजल विक्रय करने वाले पेट्रोल पंप संचालकों को राहत पहुंचाने हेतु पृथक से आदेश जारी करने की कृपा करेंगे यदि हाँ, तो कब तक कार्रवाई होगी, जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रोटोकॉल की सूचना
[सामान्य प्रशासन]
28. ( क्र. 306 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देश-प्रदेश के विभिन्न वी.वी.आई.पी. व्यक्तियों के इंदौर शहर आगमन के अवसर पर उनके आगमन की सूचना देने के प्रोटोकॉल एवं सूचना के माध्यम क्या है? (ख) पिछले एक वर्ष में विभिन्न वी.वी.आई.पी. के आगमन के विषय में इंदौर के माननीय विधायकों को इस बाबत् सूचना किस प्रकार से प्रदान की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इंदौर में वी.वी.आय.पी. के आगमन के समय प्रोटोकॉल अनुसार आगन्तुक अतिथिगणों के भ्रमण कार्यक्रम जारी किये जाते है एवं व्हाटसएप के माध्यम से पृथक से अवगत कराया जाता है। (ख) जारी भ्रमण कार्यक्रम की सूचना व्हाटसएप के माध्यम से दी जाती है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग योजनाओं का क्रियान्वयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
29. ( क्र. 313 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में संचालित जन कल्याणकारी योजनायें एवं इनके क्रियान्वयन संबंधी शासन आदेश/नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराएं तथा वर्ष 2021-22 से अक्टूबर 2024 तक जिला ग्वालियर की जनपद पंचायत मुरार, बरई, भितरवार एवं डबरा में योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या बतावेंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त अवधि में लाभान्वित हितग्राही के ग्राम का नाम, पिता/पति का नाम/प्रयोजन/स्वीकृत राशि एवं अनुदान राशि तथा दिनांक व्यवसाय/उद्योग स्थापना का पूर्ण पता सहित जनपद पंचायतवार एवं वर्षवार पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार लाभान्वित प्रत्येक हितग्राहियों का स्थापित उद्योग/व्यवसाय का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को किया गया? अधिकारी का नाम/पद तथा मोबाइल नम्बर सहित वर्षवार एवं जनपदवार पृथक-पृथक बतावें?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में संचालित योजनाओं सम्बंधित आदेश/नियमों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। वर्ष 2021-22 से अक्टूबर 2024 तक जिला ग्वालियर की जनपद पंचायत मुरार, बरई, भितरवार एवं डबरा में योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार उक्त अवधि में लाभान्वित हितग्राही के ग्राम का नाम, पिता/ पति का नाम/प्रयोजन/स्वीकृत राशि एवं अनुदान राशि तथा दिनांक व्यवसाय/उद्योग स्थापना की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत स्थापित उद्योगों के भौतिक सत्यापन हेतु एम.एस.एम.ई. मंत्रालय, भारत सरकार एवं डाक विभाग के मध्य अनुबंध किया गया है कार्यवाही जारी है।
जिला ग्वालियर में रायरू स्थित शराब/बीयर फैक्ट्री का संचालन
[वाणिज्यिक कर]
30. ( क्र. 314 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शराब/बीयर फैक्ट्री लगाने संबंधी मध्यप्रदेश शासन की गाइडलाइन, नियम आदेश की सत्यापित प्रति देवेl जिला ग्वालियर में ग्राम मिलावली-रायरू स्थित शराब/बीयर फैक्ट्री कब से संचालित है? फैक्ट्री के क्षेत्र का खसरा नंबर तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ली गई अनुमति की सत्यापित प्रति देवेl (ख) रायरू स्थित संचालित शराब/बीयर फैक्ट्री की किस खसरा नंबर की कितनी भूमि किस दिनांक को कब से कब तक के लिए कितनी राशि में लीज पर दी गई? (ग) क्या संचालित शराब/बीयर फैक्ट्री के बीच क्षेत्र में से तिघरा बाँध की नहर ग्राम जिगसोली होकर ग्राम निरावली तक गई थी जिसे फैक्ट्री प्रबंधक द्वारा नष्ट कर इस भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर भवन निर्माण कराने से इनके विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) किस जिला आबकारी अधिकारी द्वारा वर्ष 2022-23 एवं 2024-25 में किस-किस दिनांक को रायरू फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया? जिसमें कौन-कौन सी अनियमितताएं पाई गई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या यह सत्य है की ग्राम मिलावली-रायरू स्थित शराब फैक्ट्री बस्ती से लगी होने से इससे निकल रहा गन्दा पानी जमा होने से आस-पास के नलकूप/हैण्डपंप से बदबूदार गन्दा पानी निकल रहा है जो की पीने योग्य नहीं होने से अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश आसवनी नियम 1995 के उप नियम (3) अनुज्ञप्ति की मंजूरी में आसवनी के संनिर्माण हेतु प्रक्रिया प्रावधानित है तथा मध्यप्रदेश बीयर तथा मद्य नियम 2002 के उप नियम (3) अन्तर्गत बीयर फैक्ट्री (यवासनी) स्थापित किये जाने की प्रक्रिया प्रावधानित है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। जिला-ग्वालियर ग्राम मिलावली रायरू में स्थित शराब फैक्ट्री का संचालन वर्ष 1985-86 से किया जा रहा है तथा जिला-ग्वालियर ग्राम मिलावली रायरू में कोई भी बीयर फैक्ट्री संचालित नहीं है। जिला-ग्वालियर रायरू में स्थित शराब फैक्ट्री का खसरा क्रमांक 232, 233, 234, 235 एवं 236 का कुल रकवा 11.810 हेक्टेयर तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त स्थान पर संचालित शराब फैक्ट्री की कोई भी जमीन लीज पर नहीं है। (ग) जिला-ग्वालियर ग्राम मिलावली रायरू में कोई भी बीयर फैक्ट्री संचालित नहीं है परन्तु जिला-ग्वालियर ग्राम मिलावली रायरू में संचालित आसवनी मेसर्स बापुना एल्कोब्रू प्रा.लि. आसवनी, रायरू जिला ग्वालियर के परिप्रेक्ष्य में केनाल डिप्टी कलेक्टर, जल संसाधन संभाग ग्वालियर चम्बल कॉलोनी, ठाटीपुर ग्वालियर के पत्र क्रमांक 117/सी.डी.सी./2024 ग्वालियर, दिनांक 03.07.2024 के अनुसार विभागीय नहर जो पूर्व में तिघरा से निकलकर जिगसौली से निरावली तक गई है। उक्त नहर के सर्वे क्रमांक 225, 226, 227 रकवा 1.470 हेक्टेयर है। इस नहर के दोनों तरफ शराब फैक्ट्री की जमीन तथा फैक्ट्री है। शराब फैक्ट्री के संचालकों द्वारा अपनी फैक्ट्री के अन्दर शासकीय नहर की भूमि पर अतिक्रमण किया जाकर नहर अवरूद्ध कर दी गई है, जिस पर केनाल डिप्टी कलेक्टर, जल संसाधन संभाग ग्वालियर चम्बल कॉलोनी, ठाटीपुर ग्वालियर द्वारा लगातार कार्यवाही जारी है। पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। केनाल डिप्टी कलेक्टर, जल संसाधन संभाग ग्वालियर चम्बल कॉलोनी, ठाटीपुर ग्वालियर के पत्र क्रमांक 194/सी.पी.सी./24 ग्वालियर, दिनांक 29.11.2024 द्वारा प्रेषित जानकारी के अनुसार उनके द्वारा पुनः बेदखली नोटिस दिनांक 16.10.2024 क्रमांक 170 रायरू एल्कोब्रू प्रा.लि. को भेजा गया है। पत्रानुसार कार्यवाही उनके विभाग में वरिष्ठ स्तर पर बेदखली हेतु जारी है। पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। (घ) वर्ष 2022-23 में निम्न आबकारी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया –
क्र. |
अधिकारी का नाम |
निरीक्षण दिनांक |
1. |
श्री नरेश कुमार चौबे, उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता ग्वालियर |
22.07.2022 |
2. |
श्री नरेश कुमार चौबे, उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता ग्वालियर |
12.12.2022 |
वर्ष 2024-25 में निम्न आबकारी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया :-
क्र. |
अधिकारी का नाम |
निरीक्षण दिनांक |
1. |
डॉ. प्रमोद कुमार झा, उपायुक्त आबकारी संभागीय उडनदस्ता ग्वालियर |
25.06.2024 |
2. |
श्री राकेश कुमार कुर्मी, सहायक आबकारी आयुक्त, जिला-ग्वालियर |
22.10.2024 |
उपरोक्त निरीक्षणों में कोई गंभीर अनियमिततायें प्रकाश में नहीं आई। गन्दे पानी की आज दिनांक तक कोई शिकायत आबकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण बोर्ड ग्वालियर के पत्र क्रमांक 3185/क्षेकाप्रनिबो/ग्वा/2024 दिनांक 02.12.2024 के अनुसार उनके विभाग द्वारा निगरानी के तारतम्य में रायरू स्थित शराब फैक्ट्री के पास ग्राम जिनावली के एक हैण्डपम्प का जल नमूना हर 06 माह अन्तराल से एकत्रित कर विश्लेषण कराया जाता है। माह अक्टूबर 2024 एवं अप्रैल 2024 की विश्लेषण रिपोर्ट के संलग्न-2 के अनुसार हैण्डपम्प का जल नमूना रंगहीन तथा गंधहीन पाया गया है तथा जल गुणवत्ता आई.एस. 10500 ड्रिंकिंग वाटर स्टेण्डर्ड के अनुरूप संलग्न-3 के अनुसार पीने योग्य पाया गया। पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड ग्वालियर के पत्र क्रमांक 3503/तक/का.यं./लो.स्वा.यॉ. विभाग/खण्ड ग्वालियर, दिनांक 02.12.2024 द्वारा अवगत कराया गया है कि गन्दे पानी की समस्या नहीं है। आसपास के हैण्डपम्पों के पानी का नियमित परीक्षण कराया जा रहा है। पानी पीने योग्य पाया गया। पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-छ:अनुसार है।
महिला बाल विकास अंतर्गत अधीनस्थ कार्यालयों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र.
315 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) जिला
ग्वालियर एवं
महिला बाल
विकास विभाग
एवं अधीनस्थ
कार्यालयों
हेतु जिला
स्तर पर
विभिन्न सामग्री
क्रय करने
हेतु "क्रय
समिति" के अध्यक्ष, सदस्य
के आदेश की
प्रति देवें
तथा वर्ष 2022-23 से 2024-25 में
क्रय समिति की
बैठक किस-किस
दिनांक को आयोजित
की गई? इसमें
क्या-क्या
सामग्री
कितनी-कितनी
मात्रा में किस
फर्म से किस
दर से कुल
कितनी राशि की
क्रय की गई? वर्षवार
पृथक-पृथक
बतावें (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
उक्त अवधि में
क्रय की गई
विभिन्न सामग्री
कितनी-कितनी
मात्रा में
किस दिनांक को
किस कार्यालय
को प्रदाय की
गई? वर्षवार
बतावें।
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला
भूरिया ) : (क) क्रय
समिति गठन
आदेश की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ” पर
है। वर्ष 2022-23 से 2024-25 में
क्रय समिति की
बैठक व फर्म
से क्रय की
गयी सामग्री
की मात्रा व
दर तथा क्रय
की गयी कुल राशि
की जानकारी
वर्षवार पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब” पर
है। (ख)
प्रदाय
सामग्री की
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स” पर
है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
32. ( क्र. 329 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहां-कहां पर संचालित हो रहे हैं? केन्द्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में तथा कितने किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं? किराये के भवनों में संचालित हो रहे केन्द्रों को प्रतिमाह कितना-कितना किराया भुगतान किया जा रहा है? केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें तथा वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने पूर्ण होना शेष हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे? (ग) क्या नगर पालिका परिषद, मकरोनिया के गठन के उपरांत प्रश्न दिनांक तक सम्मिलित ग्राम पंचायतों के परिमापन से ही आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है? यदि हाँ, तो किन-किन वार्डों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? जानकारी देवें। (घ) क्या नगर पालिका परिषद मकरोनिया के 18 वार्डों में वार्ड की जनसंख्या अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही की गई है तो जानकारी देवें तथा वार्डों में जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक संचालित होंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 287 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"क" अनुसार है। (ख) 164 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 61 अन्य शासकीय भवनों में तथा 62 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। किराये के भवनों में संचालित हो रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रतिमाह किराया भुगतान की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ख" अनुसार है। नरयावली विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 164 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो चुके है एवं 26 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "ग" अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है भवन निर्माण की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"घ" अनुसार है। (घ) जी हाँ। भारत सरकार से नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
प्राप्त राशि की जानकारी एवं राशि का उपयोग
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 331 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सागर जिले में वर्ष-2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक गौण खनिज मद से कितनी राशि प्राप्त हुई हैं, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त राशि का उपयोग किस कार्य में किन स्थानों के लिए किया गया? स्थान, कार्य का नाम, राशि एवं कार्य की पूर्णता की स्थिति से संबंधित सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) की वर्षवार सूची अनुसार क्या प्राप्त राशि का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त वर्षवार प्राप्त राशि, कार्य के लिए स्वीकृत राशि एवं प्रश्न दिनांक तक शेष राशि कितनी है? सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या सागर जिले में वर्ष-2022-23, 2023-24, 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक गौण खनिज परिवहन में ट्रेक्टर/डम्फर/ट्रक या अन्य वाहन से अवैध परिवहन करते हुए विभाग ने कितने प्रकरण दर्ज किये एवं कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई हैं, माहवार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में गौण खनिज मद से राशि प्राप्त होने का कोई प्रावधान नहीं है। अपितु स्वीकृत गौण खनिजों से रायल्टी/डी.एम.एफ. प्राप्त होने का नियमों में प्रावधान है। जिसकी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) गौण खनिजों से प्राप्त रॉयल्टी राशि का मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 (2) अनुसार, वित्त विभाग को प्रदान की जाती है। जिसे वित्त विभाग द्वारा बजट प्रावधान के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध कराया जाता है एवं जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्राप्त राशि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के अंतर्गत निर्धारित क्षेत्रों में कार्य किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
विशेष पिछड़ी जनजाति (सहरिया, बैगा, भारिया) की नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 332 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के विभिन्न विभागों में रिक्त सीधी भर्ती के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर विशेष पिछड़ी जनजाति (सहरिया, बैगा, भारिया) की नियुक्ति के संबंध में क्या नियम/निर्देश हैं? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में विभिन्न विभागों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ग) रिक्त पदों पर प्रश्नांश (क) में दिये गये नियमों/निर्देशों के पालन में विशेष पिछड़ी जनजाति के नियुक्ति हेतु कितने उम्मीदवारों के जिलावार, विभागवार आवेदन प्राप्त हुये हैं? कितने उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी दें। (घ) क्या विशेष पिछड़ी जनजाति के उम्मीदवारों की नियुक्ति हेतु शासन द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये जाते हैं शासन के निर्देशों के बाद भी जिलों द्वारा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। क्या यह शासन नियमों का उल्लंघन नहीं है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन दोषी है? (ड.) क्या शासन विशेष पिछड़ी जनजातियों के उम्मीदवारों की नियुक्ति हेतु समय-सीमा निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) ग्वालियर संभाग अंतर्गत जिला ग्वालियर में कार्यालय सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग, जिला ग्वालियर द्वारा 01 रिक्त पद अनुसूचित जनजाति वर्ग में चतुर्थ श्रेणी पद के विरूद्ध विज्ञप्ति द्वारा आवेदन चाहे गये है। उक्त 01 रिक्त पद के विरुद्ध 109 आवेदन प्राप्त हुए है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिला शिवपुरी में वन विभाग अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति (सहरिया, बैगा, भारिया) पद की नियुक्ति के संबंध में वनरक्षक के पद हेतु 2442 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 04 उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई है। जिला गुना-प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। जिला दतिया-प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। जिला अशोकनगर- उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। चंबल संभाग अंतर्गत जिला मुरैना में प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुये है। जिला भिण्ड में पद स्वीकृत न होने से जानकारी निरंक है। जिला श्योपुर में सामान्य वन मण्डल वन रक्षक पद पर भर्ती के लिये 3292 आवेदन प्राप्त हुये और विज्ञप्ति में प्रकाशित पदों के विरूद्ध पात्र 05 उम्मीदवारों का वनरक्षक के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई। (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस स्टॉफ की जानकारी
[गृह]
35. ( क्र.
334 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि
(क) ग्वालियर
जिले की
विधानसभा 18
भितरवार
अंतर्गत
पुलिस थानों
में कितने पद
किस-किस
संवर्ग के
स्वीकृत हैं
तथा कितने पद
भरे हुए हैं
एवं कितने पद
रिक्त हैं इन
रिक्त पदों को
कब तक भरा
जायेगा? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
पुलिस थानों
में पर्याप्त
स्टॉफ न होने
से क्या कानून
व्यवस्था
बनाये जाने
में कठिनाई हो
रही है? यदि हाँ, तो
सेटअप अनुसार
पदस्थापना कब
तक की जायेगी?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्वीकृत, उपलब्ध
एवं रिक्त
पदों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
विभाग में
रिक्त पदों
की पूर्ति
सीधी भर्ती, पी.आर.-72 के
अंतर्गत उच्चतर
प्रभार दिया
जाकर एवं स्थानांतरण
के माध्यम से
की जा रही है, जो
एक निरंतर
चलने वाली
प्रक्रिया
है। अत: समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) ग्वालियर
जिले की
आपराधिक पृष्ठभूमि
एवं कानून व्यवस्था
के दृष्टिकोण
से आवश्यकतानुसार
समानुपात में
नियमानुसार
स्वीकृत
पदों के
अनुरूप पदस्थापना
की जाती है, जो
एक निरंतर
चलने वाली
प्रक्रिया
है। जिले में
कानून व्यवस्था
के दौरान आवश्यकतानुसार
बल की पूर्ति
रिजर्व बल से
कर ली जाती है।
शेष प्रश्नांश
का उत्तर, उत्तरांश (क) के
अनुसार है।
करैरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्रेशर संचालन
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 345 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी खदानें है? क्रशर कहां-कहां पर उस स्थान एवं ग्राम का नाम जिन्हें पर्यावरण विभाग ने एन.ओ.सी. दी गई है? किन-किन नाम पर? (ख) सलईया (करैरा) में नेशनल हाईवे से लगा हुआ गिट्टी क्रेशर को हाईवे रोड से कितनी दूरी पर लगा हुआ है। लगे हुए क्रेशर की धूल से कई बार दुर्घटना घटित हो रही है। क्या इस क्रेशर को पर्यावरण विभाग से एन.ओ.सी. दी गई है? अगर एन.ओ.सी. दी गई तो क्या नेशनल हाईवे क्रमांक एन.एच. 27 जिसकी दूरी मात्र 50 फिट पर है यदि नियम विरूद्ध दी गई क्रेशर की एन.ओ.सी. रद्द की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र में 12 उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) सलईया (करैरा) में स्थापित क्रशर नेशनल हाईवे से 100 मीटर से अधिक दूरी पर है। इसके संबंध में क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिनांक 15.07.2024 को निरीक्षण भी किया है। क्रशर की धूल से दुर्घटना का कोई प्रकरण पुलिस विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में दर्ज नहीं किया गया है। जी हाँ, उत्खनिपट्टाधारी को पर्यावरण अनुमति एवं प्रदूषण सम्मति प्राप्त है। क्रशर चूंकि नेशनल हाईवे से 100 मीटर से अधिक दूरी पर स्थापित है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला अभिलेखागार में दस्तावेज
[वाणिज्यिक कर]
37. ( क्र. 362 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम जम्मठी बन्दोबस्त नम्बर 244 ख.न. 26 तह. जिला बैतूल के खसरा नम्बर नया 359 मद आबादी की उप पंजीयक मुद्रांक शुल्क बैतूल के द्वारा रजिस्ट्री किए जाने के दस्तावेज विभागीय अभिलेखागार में उपलब्ध है? (ख) यदि हाँ, तो खसरा क्रमांक 359 या उसके पुराना खसरा नम्बर 258 एवं 263 की उप पंजीयक बैतूल ने किस-किस दिनांक को किसके द्वारा किसे विक्रय किए जाने के दस्तावेज पंजीबद्ध किए है प्रति सहित बतावें। (ग) आबादी मद की भूमि की रजिस्ट्री किए जाने का क्या कारण रहा है, आबादी मद की जमीन की रजिस्ट्री कब से किन कारणों से किस-किस प्रावधान के अनुसार बंद की गई है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालय उप पंजीयक बैतूल में वर्ष 1962 से प्रश्न दिनांक तक कि अवधि के कार्यालय में उपलब्ध सूची-2 के अवलोकन में प्रश्नांश में उल्लेखित खसरा नंबर 258 पुराना के सबंध में कोई प्रविष्टि नहीं पाई गई एवं खसरा क्रमांक नया 359 एवं पुराना 263 के पंजीबद्ध हुये दस्तोवजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में पंजीयन अधिनियम, 1908 के प्रावधानों अनुसार स्थिति यह है कि आबादी भूमि के पंजीयन पर रोक संबंधी कोई विशिष्ट प्रावधान उपलब्ध नहीं है। मध्यप्रदेश रजिस्ट्रीकरण नियम, 1939 के नियम 19 में वर्णित दस्तावेजों की यथास्थिति पूर्ति के साथ अधिनियम में अपेक्षित जांच उपरांत किसी दस्तावेज का पंजीयन नियमानुसार किया जा सकता है। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 अनुसार आबादी भूमि में कब्जेदार को भूमि स्वामी अधिकार प्राप्त होते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध खनिज खनन भण्डारण
[खनिज साधन]
38. ( क्र. 363 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत तीन वर्षों में गौण खनिज के अवैध खनन एवं अवैध भण्डारण के बनाए गए प्रकरणों में किए गए अर्थदण्ड की जानकारी ''संचालक खनि कर्म एवं भौमिकी खनिज भवन अरेरा हिल्स भोपाल के द्वारा नियमित रूप से बुलवाई गई? (ख) यदि हाँ, तो गत तीन वर्षों में किस प्रकरण क्रमांक, आदेश दिनांक से कितने और किस गौण खनिज के अवैध खनन एवं अवैध भण्डारण पर किस व्यक्ति के विरूद्ध कितने अर्थदण्ड किए जाने की जानकारी संचालनालय में उपलब्ध है जिलेवार बतावें। (ग) जिन प्रकरणों में अर्थदण्ड किया है उनमें से कितने प्रकरणें में कितनी राशि की वसूली हुई है कितने प्रकरणों की अपील कहां लंबित है, कितने प्रकरणों में उच्च न्यायालय का स्थगन होने की जानकारी संचालनालय को है? (घ) गत तीन वर्षों में किए गए अर्थदण्ड के किस प्रकरण को न्यायालय में किन-किन कारणों से प्रस्तुत नहीं किया इस संबंध में एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 एवं 22 में क्या प्रावधान है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। जिले द्वारा विभागीय ई-खनिज पोर्टल पर जानकारी दर्ज की जाती है। (ख) विभागीय ई-खनिज पोर्टल पर विगत तीन वर्षों के दर्ज प्रकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में है। (ग) अधिरोपित अर्थदण्ड एवं जमा अर्थदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''ब'' में दर्शित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संचालनालय स्तर पर संधारित नहीं है, जिलों से एकत्रित की जा रही है। (घ) म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के प्रावधान के अनुसार दर्शित प्रकरणों में दण्डात्मक कार्यवाही की गयी है। इस नियम में अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण के प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत करने के प्रावधान नहीं है। MMRD एक्ट 1957 की धारा 21 एवं 22 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित हैं।
हरदा जिले में रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
39. ( क्र. 380 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा एवं बैतूल जिले में वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक किस रेत खदान की कितनी मात्रा के लिए किस दर से शासन या राज्य खनिज विकास निगम ने किस दिनांक को अनुबंध किया उस रेत खदान से कितने क्यूबिक मीटर रेत के ऑनलाईन पिटपास प्रश्न दिनांक तक जारी किए गए? किस रेत खदान को किन कारणों से प्रारंभ नहीं किया गया ? (ख) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक किस ग्राम के किस खसरा नम्बर के कितने रकबे पर कितने मात्रा के अवैध खनन एवं अवैध भण्डारण का किस-किस के विरूद्ध प्रकरण बना उस पर कितना अर्थदण्ड किसके द्वारा किया गया? अर्थदण्ड के आदेश की प्रति सहित बतावें। (ग) नीलाम की गई रेत खदान का अनुबन्ध किए जाने पर भी रेत का खनन नहीं किए जाने पर रेत की आपूर्ति किए जाने की शासन क्या व्यवस्था करता है, हरदा जिले में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक शासन ने क्या व्यवस्था रेत आपूर्ति बाबत् की है यदि नहीं, की तो कारण बतावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। रेत खदानों के संचालन हेतु आवश्यक अनुमतियों के अभाव में खदानों को प्रारंभ नहीं किया जा सका है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब व ''स'' पर है। (ग) अधिसूचित मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 26 में प्रावधान हैं। जिला हरदा में रेत आपूर्ति हेतु भण्डारण अनुज्ञप्ति जारी की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निगम द्वारा रेत खदान की ऑनलाईन नीलामी
[खनिज साधन]
40. ( क्र.
381 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) म.प्र.
राज्य खनिज
विकास निगम
पर्यावास भवन
अरेरा हिल्स
भोपाल रेत
खदानों की
ऑनलाईन निलामी
कब से कर रहा
है? निगम
को रेत खदानों
के संबंध में
राज्य शासन ने
किस आदेश या
अधिसूचना से
क्या-क्या
अधिकार दिए है
इस संबंध में
एम.एम.आर.डी.
एक्ट 1957 की किस-किस
धारा के
अनुसार
राजपत्र में
किस दिनांक को
अधिसूचना
प्रकाशित की
है। (ख) निगम ने
वर्ष 2019 से 2023 तक
नर्मदापुरम
संभाग के किस
जिले की कितनी
रेत खदानों
में कितनी
मात्रा की
न्यूनतम बोली
क्या-क्या
निर्धारित कर
किस दिनांक को
नीलामी की विज्ञप्ति
जारी की उसके
अनुसार
किस-किस के द्वारा
ऑनलाईन कितनी
बोली लगाई
किससे किस
दिनांक को
कितनी बोली
बावत्
अनुबन्ध किया
गया। (ग) निगम
द्वारा
उपरोक्त अवधि
में किए गए
अनुबन्ध के
आधार पर कितनी
रेत की मात्रा
हेतु खदानों
से पिटपास
जारी की, कितनी
रेत की मात्रा
हेतु भण्डारण
स्थल से पिटपास
जारी की, इनमें
से कितनी रेत
की किस दर से
जी.एस.टी. का भुगतान
किया, जिलेवार
बतावें।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन की
अधिसूचना
दिनांक 26 मई 2023
द्वारा
संशोधित मध्यप्रदेश
रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण
तथा व्यापार)
नियम, 2019 (मध्यप्रदेश
राजपत्र
असाधारण, दिनांक
30.08.2019
में प्रकाशित)
के नियम 5 (4) के
तहत निगम को
प्रदेश में
घोषित समस्त
रेत खदानों का
उत्खनिपट्टा 10
वर्षों के लिए
आवंटित किया
गया है एवं
रेत खदानों से
रेत खनिज के
खनन एवं
विक्रय हेतु
माईन डेवलपर
कम ऑपरेटर का
चयन, नियम 8
अनुसार ई-
निविदा सह
नीलामी के
माध्यम से किया
जा रहा है।
राज्य शासन
द्वारा
एम.एम.डी.आर. एक्ट
1957
में प्रदत्त
शक्तियों के
अंतर्गत जारी
अधिसूचना
दिनांक 26 मई 2023 की
प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 पर
है। (ख) वर्ष 2023 में
मध्यप्रदेश
रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण
तथा व्यापार)
नियम 2019 के अंतर्गत
प्रदेश की रेत
खदानों से खनन
एवं विक्रय
हेतु
ठेकेदार/एम.डी.ओ.
का चयन बावत्
जारी
विज्ञप्ति
दिनांक 28.06.2023, 11.08.2023, 27.09.2023,
22.12.2023 पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 जारी
की गई है। रेत
नियम 2019 में संशोधन
दिनांक 26.05.2023 के
क्रम में रेत
खदानों से
उत्खनन एवं
विक्रय का
कार्य
ई-निविदा सह
नीलामी के
माध्यम से चयनित
एम.डी.ओ. से
कराया जाता
है। वर्ष 2019 से
वर्ष 26.05.2023 की अवधि
में रेत
खदानों की
ई-नीलामी का
प्रावधान
नहीं था। उक्त
विज्ञप्तियों
में लगाई गई
बोली एवं उच्चतम
बोली लगाने
वाले
प्रतिभागी के
साथ निष्पादित
अनुबंध का
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 पर
है। (ग) निगम
द्वारा
उपरोक्त
कंडिका (ख) अनुसार
रेत समूहों
हेतु
निष्पादित
अनुबंध के
आधार पर
खदानों से एवं
भण्डारण स्थल
से जारी पिटपास
का विवरण
क्रमशः पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 एवं 5 पर
है। निगम
द्वारा ठेका
राशि पर 18% की दर
से जी.एस.टी.
वसूल कर, नियमानुसार
जमा की जा रही
है।
माइक्रो उद्वहन परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
41. ( क्र. 383 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहीद इलाप सिंह माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजनांतर्गत प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र के कुल 21 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। इसमें ग्राम काथड़ी करताना, रूंदलाय, बिल्लौद योजना से वंचित है एवं ग्राम मलगांव कला का कुछ क्षेत्र जो सिंचाई से वंचित है, को क्यों योजनांतर्गत शामिल नहीं किया गया है। (ख) यह सिंचाई परियोजना वर्तमान में किस स्तर पर प्रक्रियाधीन है? योजना के क्रियान्वयन हेतु किसे निर्माण एजेंसी बनाया गया है? विभाग एवं निर्माण एजेंसी/कंपनी के मध्य हुए अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या निर्माण एजेंसी/कंपनी द्वारा समस्त कार्य अनुबंध में उल्लेखित शर्तों के अनुसार ही समय-सीमा में किये जा रहे है यदि हाँ, तो इसे अब तक एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है, सम्पूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं, तो निर्माण एजेंसी/कंपनी पर क्या कोई अर्थदण्ड लगाया गया है? (घ) निकट भविष्य में ग्राम काथड़ी करताना, रूदलाय, बिल्लौद एवं मलगांव (पूर्ण) के किसानों की सुविधा हेतु शहीद इलाप सिंह सिंचाई परियोजना से जोड़े जाने हेतु शासन की क्या कोई योजना है, यदि हाँ, तो कब तक इन ग्रामों को भी सम्मिलित कर लिया जावेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। काथड़ी, करताना एवं रूदलाय ग्राम तवा सिंचाई परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में आते हैं। ग्राम मलगांव कला के 883.22 हेक्टेयर में से 833.00 हेक्टेयर क्षेत्र तवा सिंचाई परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र के अंतर्गत आता है, मलगांव कला का शेष 50.22 हेक्टेयर क्षेत्र एवं ग्राम बिल्लौद का पूर्ण क्षेत्र 377.75 हेक्टेयर शहीद ईलाप सिंह माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में शामिल किया जाना प्रक्रियाधीन है। (ख) सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है। मेसर्स जगदीश गुप्ता एंड फालौदी कंस्ट्रक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. (जे.व्ही.) इन्दौर (म.प्र.)। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मोबेलाइजेशन एडवान्स की राशि रू. 12.72 करोड़। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
वित्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदस्थापना एवं कार्य विवरण
[वित्त]
42. ( क्र. 389 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि - (क) क्या यह सच है कि संचालनालय कोष एवं लेखा में एक ही अधिकारी के द्वारा सारे सेक्शन संचालित है। यदि हाँ, तो क्यों? क्या अन्य अधिकारी योग्य नहीं है? साथ ही यह बतायें की कुल कितने अधिकारी पदस्थ हैं। उन्हें कौन-कौन सेक्शन आवंटित है? उक्त आवंटन कब से है और कब तक रखा जायेगा? (ख) संचालनालय में एक संयुक्त संचालक को सारे महत्वपूर्ण सेक्शन क्यों आवंटित है? इस पर अगली सुधार योजना क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) संचालनालय कोष एवं लेखा तथा उसके अधीनस्थ कार्यालयों में कितने सेवा अधिकारी पदस्थ है? पृथक-पृथक बताये? इनमें तीन वर्ष से अधिक कार्यरत आधिकारियों की संख्या एवं नाम पृथक-पृथक बताये की संयुक्त संचालक की कार्य अवधि एक जगह कितने वर्ष तक रखी जा सकती है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। कुल 55 वित्त सेवा अधिकारी एवं 74 अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी पदस्थ हैं। उन्हें कोई सेक्शन आवंटित नहीं किया जाता है। प्रशासनिक आवश्यकता के अनुरूप कार्य आवंटित किया जाता है। कार्य विभाजन आदेश दिनांक 02.08.2024 द्वारा जारी किया गया है। प्रशासनिक आवश्यकता के अनुरूप कार्य विभाजन संशोधित किया जाता है। (ख) सभी महत्वपूर्ण सेक्शन एक अधिकारी को आवंटित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संचालनालय कोष एवं लेखा एवं उसके अधीनस्थ कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों का विवरण निम्नानुसार है:- सरल क्रमांक-1 पदनाम- वित्त सेवा अधिकारी, 1.संचालनालय-55 एवं 2. अधीनस्थ कार्यालय-80 3 वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत संख्या, 19 एवं 33, सरल क्रमांक-2 पदनाम- अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी, 1. संचालनालय-74 एवं 2. अधीनस्थ कार्यालय-255, 3 वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत संख्या 21 एवं 126.
किसान उड़ान योजना से खजुराहो विमानपत्तन को जोड़े जाना
[विमानन]
43. ( क्र. 401 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बुंदेलखंड में उत्पादित दूध, सब्जी आदि को देश के अन्य शहरों में पहुंचाने में सुविधा हो सके इस हेतु किसान उड़ान योजना से खजुराहो विमानपत्तन को जोड़ने हेतु क्या राज्य सरकार केंद्र सरकार को प्रस्ताव देने पर विचार करेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : किसान उड़ान योजना भारत सरकार द्वारा संचालित है। वर्तमान में इस विभाग में कोई प्रस्ताव नहीं है। भविष्य में यदि कोई मांग/प्रस्ताव प्राप्त होता है तो तत्समय विचार किया जाएगा।
असत्य तथा फर्जी शपथ पत्र पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[गृह]
44. ( क्र. 404 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) असत्य तथा फर्जी कथन के आधार पर शपथ-पत्र द्वारा सारंगपुर, जिला-राजगढ़ से तहसील कार्यालय सारंगपुर से मूल निवासी प्रमाण-पत्र क्र. आरएस/442/0101/969/2013 दिनांक 01.03.2013 को बनवाया गया था, जिसकी थाना सारंगपुर जिला-राजगढ़ तथा पुलिस अधीक्षक राजगढ़ को शिकायत करने के पश्चात् अभी तक दोषी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया है? (ख) अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर के कार्यालय में शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 29.07.2024 को बयान तथा साक्ष्य देने के पश्चात् भी असत्य कथन तथा असत्य शपथ-पत्र के माध्यम से म.प्र. का मूल निवासी प्रमाण-पत्र बनाने तथा उसके आधार पर म.प्र. कोटे को दुरूपयोग कर म.प्र. कोटे से सेवियर कॉलेज, भोपाल में 2013 में बी.एड. में प्रवेश लेने की दोषी होने पर तथा शिकायत के 6 माह पश्चात भी आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही नहीं करने पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ग) फर्जी मूल निवासी प्रमाण-पत्र के आधार पर सेवियर कॉलेज भोपाल में बी.एड. में सन् 2013 में प्रवेश लेने पर तथा रजिस्ट्रार बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल को म.प्र. कोटे का दुरूपयोग कर, वर्ष 2014 में बी.एड. करने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा एवं की गई कार्यवाही से सभी पक्षों एवं शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) अनुसार मूलनिवासी प्रमाण पत्र संबंधित प्रस्तुत दस्तावेजों की सत्यता की जांच अभी अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व सारंगपुर द्वारा की जा रही है। ऐसे प्रकरणों में जांच निष्कर्ष के आधार पर आगामी विधिसम्मत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ऋण की जानकारी
[वित्त]
45. ( क्र. 431 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2023 से आज दिनांक तक म.प्र. सरकार ने कब-कब, किस-किस वजह से, कितना-कितना कर्ज, कहां-कहां से, किस-किस ब्याज दर से लिया है? (ख) सरकार द्वारा कर्ज लेने के लिये क्या नियम है? (ग) वर्तमान समय में सरकार के ऊपर कितना कर्ज है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश शासन पर कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्त लेखे वर्ष 2022-23 के खण्ड 2 के Statement No.17 में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे अभी विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत नहीं होने तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्त लेखे नियंत्रक महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से शेष जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य के साथ प्रकाशित वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कर्ज, वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। राज्य द्वारा ऋण की राशि का उपयोग अधोसंरचना विकास कार्यों में किया जाता है। (ख) वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य के साथ प्रकाशित 31 मार्च 2024 की स्थिति में म.प्र.राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम,2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित प्रतिवेदन के प्रकाशित राजकोषीय सूचक-चल लक्ष्य (रोलिंग-टारगेटस) बताए गए है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार।
विज्ञापन एवं कार्यक्रम आयोजनों की जानकारी
[जनसंपर्क]
46. ( क्र. 432 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2023 से आज दिनांक तक जनसंपर्क विभाग द्वारा किस-किस योजना के प्रचार प्रसार हेतु क्या-क्या विज्ञापन कब-कब दिया गया, उसका भुगतान कितना-कितना, कब-कब किया गया? (ख) 1 जनवरी, 2023 से आज दिनांक तक किस-किस विभाग के कौन-कौन से कार्यक्रमों का आयोजन जनसम्पर्क विभाग द्वारा किया गया, कब-कब किया गया, कितना-कितना खर्च हुआ, कब-कब किसको-किसको, कितनी-कितनी राशि भुगतान किये कार्यक्रमवार जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घटित अपराधों की जानकारी
[गृह]
47. ( क्र. 457 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01.01.2021 से प्रश्नतिथि तक रीवा जिले एवं मऊगंज जिला बनने की तिथि से प्रश्न तिथि के दौरान किस-किस थानों एवं चौकियों में किस-किस अपराध क्रमांकों एवं धाराओं के तहत अपराध कायम किये गये? एफ.आई.आर. दर्ज की गई। दिनांकवार/माहवार/वर्षवार/एफ.आई.आर. की प्रत्येक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किस-किस प्रकरण में चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है? अपराध क्रमांकवार/धारावार/थानावार/जिलावार प्रकरण की जानकारी दें। (ग) शासन किन-किन धारा के प्रकरणों को गंभीर अपराध की श्रेणी में मानता है? जिलेवार/थानावार धारावार बतायें कि प्रश्नतिथि तक इन प्रकरणों में आरोपी फरार हैं? क्या प्रकरणों का चालन न्यायालयों में पेश कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार बतायें कि किस-किस नाम के थाना प्रभारी (उप निरीक्षक/निरीक्षकों) को किस-किस थाने में पदस्थापना दी गई/ हटाया गया? पदस्थापना देने एवं हटाने के कारण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) पुलिस रेग्युलेशन के पैरा कमांक 894 के अनुसार हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक मानव वध, डकेती, मूर्छा लाने वाली औषधियों का पान करना एवं विशेष हित या महत्व का अन्य कोई अपराध गंभीर अपराध की श्रेणी में आते है जिनका पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 19 के अनुसार पर्यवेक्षण किया जाता है। प्रश्न की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स” अनुसार है।
फर्जी परिवहन के प्रकरण
[गृह]
48. ( क्र. 458 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में जयतमाल बाबा स्व-सहायता समूह कारीगोही उपार्जन केन्द्र में 93 लाख रूपयों से ज्यादा की फर्जी परिवहन के प्रकरण में पुलिस द्वारा धारा 406, 417, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत आपराधिक प्रकरण कायम किया है? क्या पुलिस अपराधियों को संरक्षण देकर उनसे सांठ-गांठ कर प्रकरण में खात्मा लगाकर मामले को रफा दफा करना चाहती है? (ख) प्रश्न तिथि तक सतना जिले की पुलिस के द्वारा तात्कालीन प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी नागेन्द्र सिंह, नागरिक आपूर्ति निगम के डिवीजनल या डिस्ट्रिक्ट मैनेजर एवं परिवहनकर्ता के मालिक के विरूद्ध प्रश्न तिथि तक आपराधिक प्रकरण क्यों कायम नहीं किया? क्यों पूरक चालान प्रस्तुत कर इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया? (ग) ए.डी.जी. (सी.आई.डी.) प्रकरण की केस डायरी पर टीप देते हुये बताये कि जो प्रमुख गबनकर्ता एवं षड़यंत्रकारी थे वे सांठ गांठ कर आरोपी नहीं बने? शासन कब तक उक्त तीन प्रमुख आरोपियों के नाम पूरक चालान में पेश करेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
49. ( क्र. 475 ) श्री मधु भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) समस्त परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? विगत 3 वर्षों में किस-किस हितग्राहियों को किस योजनाओं के तहत लाभान्वित किस प्रकार से किया गया तिथिवार, हितग्राहीवार जानकारी प्रदान करावें? (ख) क्या यह सही है की लाड़ली बहना योजना अंतर्गत शासन से राशि प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो बताएं कि विगत दो वर्षों में किस-किस को कितनी राशि वितरित की गई? (ग) संपूर्ण बालाघाट जिले में कौन-कौन लोक सेवक किस पद पर किसी कार्यालय में किस दिनांक से पदस्थ है तथा कहां पर कार्यरत है किस लोक सेवक को अन्यंत्र स्थान पर कर्तव्यस्थ किया गया है क्यों? (घ) जिला प्रमुख अधिकारी द्वारा विगत 3 वर्षों में जिले में किस-किस तिथि को भ्रमण/दौरा किया गया तथा किस अनुबंधित वाहन से किया गया तिथिवार भ्रमण/दौरा कार्यक्रम कारण सहित स्पष्ट करें, साथ ही विगत 3 वर्ष का आय-व्यय का ब्यौरा उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। परसवाडा विधानसभा अंतर्गत संचालित प्रमुख योजनाओं यथा मुख्यमंत्री कोविड-19 योजना, पी.एम.केयर फॉर चिल्ड्रन योजना, फॉस्टर केयर/स्पॉन्सरशिप योजना, मुख्यमंत्री बाल आर्शीवाद योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ”, ''ब”, ''स”, ''द” ''इ1”, ''इ2”, ''इ3” एवं ''ई” पर है। लाड़ली बहना योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ख) अनुसार है। (ख) जी हाँ, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''पेन ड्राईव'' में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' एवं ''दो'' पर है। महिला एवं बाल विकास विभाग बालाघाट अंतर्गत कोई भी अधिकारी/कर्मचारी को अन्यत्र स्थान पर कर्तव्यस्थ नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' पर है। भ्रमण/दौरा अनुबंधित वाहन से नहीं किये जाने के कारण व्यय राशि निंरक है।
पुलिसकर्मियों की जानकारी
[गृह]
50. ( क्र. 478 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा 3 के अंतर्गत आने वाले थाने में कितने पुलिसकर्मी पदस्थ हैं? (ख) 3 वर्ष या उससे ज्यादा समय से पदस्थ पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों के नाम सहित सूची एवं जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा 03 के अंतर्गत आने वाले थानों में कुल 1766 पुलिसकर्मी पदस्थ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध रेत का उत्खनन
[खनिज साधन]
51. ( क्र. 500 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में रेत खदानों का ठेका किन फर्मों को वर्ष 2022-23 में दिया गया है? वर्तमान किसके द्वारा रेत उत्खनन का कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या वर्ष 2023-24 में राजेश पाठन के द्वारा सिवनी जिले में रेत खदानों का उत्खनन किया जा रहा है? यदि हां, तो इनके विरूद्ध कितनी शिकायतें खनिज अधिकारी सिवनी को अभी तक प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) उक्त अवैध उत्खनन के संबंध में क्या माननीय मुख्यमंत्री जी को दिनांक 13/11/24 के केवलारी जिला सिवनी के ग्रामवासियों द्वारा शिकायत की गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सिवनी जिले में रेत खदानों का ठेका वर्ष 2022-23 में श्री राजेश पाठक आत्मज श्री रामलाल पाठक वार्ड नंबर 15 बैहर रोड बालाघाट को दिया गया है तथा वर्तमान में ठेकेदार द्वारा रेत उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्नांश अनुसार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) जी हाँ।
ई.पी.एफ.ओ. एवं एन.पी.एस. अंतर्गत संविदा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 501 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निगम मण्डल व शीर्ष सहकारी संस्थाओं से सेवानिवृत्त सेवायुक्त जो ई.पी.एफ.ओ. अंतर्गत पेंशन (दो हजार से पांच हजार तक) प्राप्त कर रहे हैं में किन-किन को शासन में संविदा नियुक्ति मिली है? क्या इनका वेतन निर्धारण संबंधी दिशा-निर्देश/परिपत्र आदेश विभाग ने जारी किया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से अब तक जारी आदेशों की छायाप्रति दें? (ख) एन.पी.एस. लाभ अंतर्गत सेवानिवृत्त शासकीय सेवायुक्तों को संविदा नियुक्ति पर वेतन निर्धारण संबंधी दिशा-निर्देश प्रसारित है? यदि हाँ, तो छायाप्रति दें। यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट करें? क्या आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) एन.पी.एस. अंतर्गत कार्यरत सेवायुक्त के सेवानिवृत्ति पर क्या-क्या लाभ की पात्रता है आदेशों की छायाप्रति दें, सेवारत के आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को क्या-क्या लाभ की पात्रता है? आदेशों की छायाप्रति दें। (घ) ई.पी.एफ.ओ./एन.पी.एस. पेंशन लाभ अंतर्गत सामान्य प्रशासन विभाग में कौन-कौन सेवायुक्त संविदा/परामर्शी पद पर किन-किन संस्थाओं से पदस्थ है/रहे? संबंधितों का वेतन निर्धारण आदेश व वेतन गणना पत्रक सहित वर्ष 2014 से वर्ष 2023 तक की जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम, 2017 में शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति उपरांत संविदा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। निगम, मण्डल व शीर्ष सहकारी संस्थाओं से सेवानिवृत्त सेवायुक्त को शासन स्तर पर संविदा नियुक्ति देने संबंधी सामान्य प्रशासन विभाग के कोई दिशा-निर्देश नहीं है, अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनियमितताओं के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
53. ( क्र. 527 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में अल्ट्राटेक सीमेन्ट फैक्ट्री के द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक के दौरान कितनी सीमेन्ट का उत्पादन कर बिक्री किया गया, विवरण वर्षवार, माहवार देवें, इस हेतु उपयोग किये गये पत्थर की मात्रा क्या थी? पत्थर हेतु रॉयल्टी की राशि कितनी-कितनी, कब-कब, किन-किन माध्यमों से जमा की गई का भी विवरण देवें? उत्पादित सीमेन्ट का पत्थर जो उपयोग हुआ उस अनुसार रॉयल्टी जमा हुई इसका सत्यापन कब, किन-किन के द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में सीमेन्ट उत्पादन हेतु कितने विद्युत का उपयोग कर उत्पादन किया गया, विद्युत देयक का भुगतान उत्पादन अनुसार कब-कब, किन-किन माध्यमों से ऊर्जा विभाग को किया गया का विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देवें, अगर उत्पादन अनुसार बिल का भुगतान नहीं किया गया क्या फैक्ट्री द्वारा स्वयं विद्युत उत्पादन किया जाता है तो कितनी मात्रा में उसका विवरण पृथक से देवें? (ग) प्रश्नांश (क) की फैक्ट्री से सी.एस.आर. मद की राशि कितनी मात्रा में खर्च की गई, इसका सत्यापन कब-कब, किन-किन के द्वारा किया गया, सत्यापन की प्रति देते हुये बतावें जिला प्रशासन को कब-कब, किन-किन माध्यमों से प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार प्रदान की गई, इन राशियों का उपयोग कब-कब, कहां-कहां, किन कार्यों हेतु किया गया, इस राशि के उपयोग बावत शासन के क्या निर्देश है, निर्देश की प्रति देते हुये बतावें, अगर फैक्ट्री द्वारा स्वयं सी.एस.आर. मद की राशि का उपयोग कर कार्य कराये गये तो कब-कब, कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत से इस बावत अनुमति कब-कब, किन-किन सक्षम अधिकारियों से प्राप्त की गई का विवरण प्रश्नांश (क) अनुसार देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा रॉयल्टी व विद्युत बिलों की वसूली नहीं की गई मनमानी तरीके से बगैर रॉयल्टी भुगतान कर पत्थर का उपयोग किया गया, सी.एस.आर. मद की राशि का जिला प्रशासन को कम भुगतान किया गया इस राशि का उपयोग कर कार्य नहीं कराये गये इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है जिम्मेदारों के पदनाम सहित विवरण देते हुये बतावें इन पर क्या कार्यवाही करेंगे अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इकाई मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी लिमि. रीवा एवं कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) रीवा के द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक 1,26,07,024 टन सीमेंट का उत्पादन किया गया। 12,62,635.46 टन सीमेंट का विक्रय किया गया, 1,56,40,894 टन लाइम स्टोन (पत्थर) का उपयोग किया गया। पत्थर हेतु रॉयल्टी की राशि 123.54 करोड़ रूपये जमा की गई। उत्पादित सीमेंट का पत्थर जो उपयोग हुआ उस अनुसार रॉयल्टी जमा हुई इसका सत्यापन प्रत्येक छः माह में खनिज निरीक्षक के द्वारा किया गया है, जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में सीमेंट उत्पादन हेतु 1048642168 यूनिट बिजली का उपयोग किया गया जिसकी 103.47 करोड़ रूपये विद्युत देयक का भुगतान किया गया उसी दौरान 1065477633 यूनिट बिजली का उत्पादन फैक्ट्री द्वारा स्वयं किया गया, जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी रीवा द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में 37,85,163 रूपये, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 51,49,798 रूपये, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,07,08,319 रूपये, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 84,29,336 रूपये, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 95,22,029 रूपये, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4,26,77,141 रूपये एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,91,15,609 रूपये सी.एस.आर. मद में खर्च किये गये, जिसका विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) प्रश्नांश (क, ख एवं ग) अनुसार कंपनी द्वारा उत्खनित खनिज की रायल्टी नियमानुसार समय पर जमा की गई है, जिसका सत्यापन खनिज निरीक्षक द्वारा किया गया है। अतएव अनियमितता के लिये कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
54. ( क्र. 528 ) श्री अभय मिश्रा : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन अभियान परिषद् द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं का संचालन कार्यक्षेत्र तथा प्रभाव क्षेत्र के आधार पर उसका वर्गीकरण एवं मूल्यांकन करना स्वयं सभी संस्थाओं की शासकीय विभागों द्वारा संचालित योजनाओं पर भागीदारी कराना कोष की स्थापना व अनुदान उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो रीवा संभाग के विभिन्न जिलों व जनपदों में कितनी संस्थाओं/विभागों का मूल्यांकन व शासकीय विभागों के साथ संलग्नीकरण कराकर कितनी-कितनी राशियां किन-किन संस्थाओं को किन-किन कार्यों हेतु कब-कब दी गई का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में परिषद् द्वारा संचालित योजनाएं एवं विकासात्मक गतिविधियां कौन-कौन सी हैं? इनमें से रीवा संभाग के विभिन्न जिलों व जनपदों में किन लोगों को कब-कब, किन-किन योजनाओं में समायोजित कर कितना-कितना लाभ किन-किन योजनाओं द्वारा हितग्राहियों को प्रदान किया गया का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का जिला/जनपदवार देवें। इनमें से शासन से प्राप्त आवंटन व व्यय का विवरण भी उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। पत्र क्रमांक 543 दिनांक 04.10.2024 के माध्यम से कलेक्टर रीवा व संयुक्त संचालक योजना एवं सांख्यिकी विभाग से जानकारी चाही गई थी जो आपेक्षित है, क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में संचालित प्रस्फुटन योजना, नवांकुर योजना, समृद्धि योजना के तहत कितनी समितियों, संस्थाओं का चयन किया गया? उनके पदनाम सहित विवरण देवें। इस हेतु कितनी राशि शासन द्वारा प्राप्त हुई एवं कितनी व्यय की गई? योजनावार, व्यक्तिवार, समितिवार, संस्थावार जानकारी वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें। चयन बाबत् शासन के क्या निर्देश हैं? प्रति देते हुये बतायें। निर्देशों का पालन कर चयन नहीं किया गया तो इसके सत्यापन व जांच बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित आधारों पर संबंधितों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई, मनमानी तरीके से समितियों एवं संस्थाओं को व्यक्तिगत हितपूर्ति कर लाभान्वित किया गया। प्रस्फुटन योजना एवं नावांकुर योजना का क्रियान्वयन कर मनमानी तरीके से अपने निजी स्वजनों को लाभान्वित करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डायमंड बिजनेस पार्क का निर्माण
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
55. ( क्र. 556 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पन्ना जिले में स्वीकृत डायमंड बिजनेस पार्क हेतु ग्राम जनकपुर तहसील पन्ना की आराजी क्रमांक 67/1/1/1 में कुल रकवा 11 हेक्टेयर भूमि आवंटित है, के निर्माण हेतु क्या क्या कार्यवाही की जा चुकी है एवं किस स्तर पर लंबित है? निर्माण कार्य कब तक पूरा किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : पन्ना जिले में स्वीकृत (डायमंड बिजनेस पार्क) औद्योगिक प्रयोजन हेतु ग्राम जनकपुर तहसील पन्ना की आराजी क्रमांक 67/1/1/1/2 में कुल रकवा 11 हेक्टेयर आवंटित भूमि में से वन भूमि वाले प्रभावित क्षेत्र 2.06 हेक्टेयर भूमि को छोड़कर शेष रकवा 8.94 हेक्टेयर भूमि न्यायालय कलेक्टर जिला पन्ना के आदेश प्रकरण क्रमांक/0012/अ- 19 (3) पन्ना दिनांक 02.07.2024 को आवंटित की गई है एवं न्यायालय कलेक्टर जिला पन्ना के संशोधित आदेश प्रकरण क्रमांक/0012/अ- 19 (3)/2022-2023 पन्ना दिनांक 30.10.2024 के द्वारा आराजी क्रमांक 67/1/1/2 रकवा 4.00 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। उक्त अनुसार औद्योगिक प्रयोजन (डायमंड बिजनेस पार्क) हेतु कुल 12.94 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। उक्त भूमि का अभिन्यास तैयार किया गया है। प्रश्नागत भूमि पर विकास कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कर्मचारियों के गृह भाड़ा सहित अन्य भत्तों में वृद्धि
[वित्त]
56. ( क्र. 568 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुनावी वर्ष के दौरान सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनॉंक 25 जनवरी, 2023 द्वारा शासकीय कर्मचारियों के गृह भाड़ा सहित अन्य भत्तों के पुनरीक्षण हेतु सचिव, वित्त विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित कर दो महीने रिपोर्ट देने को कहा था। क्या वह रिपोर्ट शासन को दे दी गई है? यदि हॉं, तो रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त रिपोर्ट के आधार कर्मचारियों को लाभ कब से दिया जावेगा? यदि नहीं, तो, दो माह की अवधि में रिपोर्ट दिये जाने के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी अभिलेख सहित उपलब्ध करावें। (ग) मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को यह भत्ते अभी वर्ष 2012 की स्थिति में दिये जा रहे हैं, वर्तमान में महंगाई का स्तर देखते हुए सरकार गृह भाड़ा सहित अन्य भत्तों में वृद्धि कब तक करेगी? समय-सीमा बताएं।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रतिवेदन पर कार्यवाही विचाराधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। राज्य शासन अपने वित्तीय संसाधनों एवं अन्य प्राथमिकताओं के आधार पर निर्णय लेती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तत्कालीन बी.एम.ओ. द्वारा की गई अनियमितता
[गृह]
57. ( क्र. 572 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्न क्रमांक 356 में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ़ जिला पन्ना में पदस्थ तत्कालीन बी.एम.ओ. द्वारा रोगी कल्याण समिति की राशि का गलत तरीके से उपयोग करते हुये आहरित की गई राशि के संबंध में थाना अजयगढ़ में प्राथमिकी दर्ज की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हां तो उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही पूर्ण की जाकर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में साक्षियों के कथन लिये गये तथा दस्तावेज जब्त किये गए हैं। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के जमानत आदेशानुसार प्रकरण के सभी 04 आरोपीगण वर्तमान में अग्रिम जमानत पर है। कार्यवाही विचाराधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुपोषित बच्चों एवं आबादी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवनों की उपलब्धता
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 581 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी-मालवा विधानसभा में कुपोषित बच्चों की कुल संख्या क्या है? (ख) कुपोषित बच्चों को पोषित करने हेतु विभाग की क्या योजनाएं हैं? (ग) क्या विधानसभा सिवनी- मालवा के सभी आबादी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवन उपलब्ध हैं अथवा नहीं? (घ) जिन आबादी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवन उपलब्ध नहीं हैं, वहां कब तक भवन बनवाए जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) वर्तमान में सिवनी-मालवा विधानसभा से 234 अतिकुपोषित एवं 909 कुपोषित बच्चे दर्ज है। (ख) बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन'' कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार एवं पोषकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन किया जाता है। (ग) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र में 581 आंगनवाडी केन्द्र संचालित है, जिसमें से 328 आंगनवाडी केन्द्र विभागीय भवनों में, 200 आंगनवाडी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 53 आंगनवाडी केन्द्र किराए के भवनों में संचालित है। (घ) आंगनवाड़ी भवनो का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
ग्रामोद्योग लगाने की योजना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
59. ( क्र. 595 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग लगाने हेतु कौन-कौन सी योजना संचालित की जाती है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग लगाने की क्या प्रक्रिया है? शासन द्वारा इसके लिए कितना अनुदान/ऋण उपलब्ध कराया जाता है? (ग) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक आगर-मालवा जिले में विभाग की किन-किन योजनाओं में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ कौन-कौन से उद्योग लगाने हेतु दिया गया? हितग्राहीवार जानकारी देवें एवं कितने हितग्राहियों के प्रकरण अपात्र कर दिये गए अपात्र करने का क्या कारण रहा है?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में संचालित योजनाओं संबंधित आदेश/नियमों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग लगाने की प्रक्रिया एवं ऋण/अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में प्रत्येक योजना में पृथक-पृथक उल्लेखित है। (ग) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक आगर-मालवा जिले में विभागीय योजनाओ में लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। योजनाओं में पात्रता के मापदंड की पूर्ति नहीं होने पर अपात्र माना जाता है। अपात्र आवेदकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
बंद पड़े सूक्ष्म, लघु उद्योगों को वित्तीय सहायता
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
60. ( क्र. 601 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने सागर संभाग में बंद पड़े सूक्ष्म, लघु ओर मध्यम उघोगों (MSME) का कोई सर्वेक्षण किया है हाँ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है? (ख) विगत 05 वर्षों से छतरपुर जिले में चालू एवं बंद पड़े सूक्ष्म, लघु ओर मध्यम उघोगों को सुदृढ बनाने, वित्तीय सहायता प्रदाय करने, पुनरुद्धार ओर पुनर्निर्माण करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए? (ग) क्या सरकार ने विशेष रूप से वित्तीय संस्थानों के साथ लेन देन करते समय उद्यमियों के समक्ष आ रही कठिनाइयों के संबंध में कोई बातचीत की है? हाँ तो कठिनाइयों को दूर करने हेतु क्या कदम उठाए गए?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी नहीं। (ख) विगत 05 वर्षों में छतरपुर जिले के उद्योगों को सृदृढ़ बनाने हेतु प्रदान की गई वित्तीय सहायता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। वित्तीय संस्थानों के साथ उद्यमियों के समक्ष आ रही कठिनाइयों तथा योजना के लक्ष्यपूर्ति के संबंध में राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में तथा जिला प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति में बैंकों के साथ सतत समीक्षा की जाती है।
सुशासन सूचकांक पैमाने की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
61. ( क्र. 602 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार प्रत्येक राज्य के लिए सुशासन सूचकांक निर्धारित किया है? इसके पैमाने क्या है? (ख) उक्त सूचकांक के सभी स्तर पर प्रदेश की क्या स्थिति रही? सभी पैमानों में और बेहतरीन करने के लिए क्या योजना एवं इसका क्रियान्वयन है?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) हाँ। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में प्रकाशित (गुड गवर्नेंस इंडेक्स, असेसमेंट ऑफ स्टेट ऑफ गवर्नेंस) प्रकाशन में मध्यप्रदेश के संदर्भ में 10 विकास क्षेत्रकों की रैंकिंग जारी की गई है। रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। पैमाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) उक्त सूचकांक के सभी स्तर पर प्रदेश की स्थिति के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। सभी पैमानों में और बेहतरीन करने के लिए विकसित मध्यप्रदेश 2047 के लक्ष्य पूर्ति हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त गठित समिति के अध्याधीन, मध्यप्रदेश के विकास पैमाने तय करने के लिए विभिन्न विभागों के समूहों का गठन कर कार्ययोजना तैयार करने हेतु विभागों को निर्देश दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
सोयाबीन प्लांट को चिन्हित किया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
62. ( क्र. 603 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा के बनापुरा स्थित सोयाबीन प्लांट को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन हेतु चिन्हित किया गया है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में तहसील सिवनी-मालवा एवं तहसील डोलरिया औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गई हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा के बनापुरा स्थित सोयाबीन प्लांट को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन हेतु कब तक योजना में लिया जावेगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में तहसील सिवनी-मालवा एवं तहसील डोलरिया औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन में कब तक शामिल किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी, नहीं। विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा के बनापुरा स्थित सोयाबीन प्लांट की भूमि कुल रकबा 17.029 हेक्टेयर कलेक्टर, जिला-नर्मदापुरम के आदेश क्रमांक 921, दिनांक 10/10/2024 से म.प्र. शासन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को हस्तांतरित की गई है। (ख) जी नहीं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं निवेश प्रोत्साहन हेतु मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2021 लागू की गई है जो संपूर्ण प्रदेश के साथ-साथ विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा के तहसील सिवनी-मालवा एवं तहसील डोलरिया में भी लागू है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में असंबंधित। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार औद्योगिक क्षेत्र का विकास भूमि की उपयुक्तता निवेशकों की मांग एवं बजट उपलब्धता अनुसार किया जाता है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार।
स्वीकृत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
63. ( क्र. 608 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में जबलपुर जिले के मझौली तहसील एवं कटनी जिले अंतर्गत बहोरीबंद एवं स्लीमनाबाद तहसीलों के अंतर्गत कहां-कहां पर कौन-कौन से खनिजों के उत्खनन की अनुमति किस-किस को कब-कब, किन खसरा नंबरों के कितने क्षेत्र में कितनी अवधि हेतु प्रदान की गई जानकारी दें। खदान मालिकों के नाम सहित संपूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित स्वीकृत खदानों में से कौन-कौन सी कब से वर्तमान में क्रियाशील हैं बतलावें एवं यह भी बतलावें कि इनमें से कौन-कौन सी खदानें कब से अक्रियाशील है एवं इन खदानों में कब से किन कारणों से उत्खनन कार्य बंद है,बतलावे बिंदुवार संपूर्ण सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लिखित अक्रियाशील बंद पड़ी खदानों में से कहां-कहां पर विगत 3 वर्षों में अवैध उत्खनन की शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई? बतलावें। (घ) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत खदानों में से किन-किन ने स्वीकृत क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में उत्खनन किया तथा उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत खदानों में स्वीकृत क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में उत्खनन किये जाने के संबंध में जानकारी संज्ञान में नहीं आने से प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
बाहरी व्यक्तियों द्वारा अवैध रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
64. ( क्र. 610 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितनी रेत खदाने शासन से स्वीकृत हैं, यह कहां-कहां, किस स्थान पर किस सर्वे नंबर पर संचालित हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित स्थानों पर शासन से स्वीकृत रेत खदानों के अलावा भी अवैध रूप से अवैध खदानों से रेत का उत्खनन जिले के बाहरी सामाजिक तत्वों द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जांच कराई जावे, यदि हाँ, तो यह किन की स्वीकृति से कहां-कहां चल रही हैं? जानकारी दें। (ग) क्या दिनांक 7/11/2024 को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की खमरौली खदान पर दहशत फैलाने के लिए पूर्व नियोजित योजना से बाहरी सामाजिक तत्वों ने एक व्यक्ति की हत्या की और स्थानीय रेतखदान संचालक एवं उसके परिवार को झूठा केश में खदान हथियाने के उद्देश्य से फंसा दिया यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जांच कराई जावे, यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन जिम्मेदार है? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या शासन जिले से बाहर के असामाजिक तत्वों को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सेंवढा में दहशत फैलाकर रेत उत्खनन करने वालों पर प्रतिबंध लगाने हेतु निर्देश जारी करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। जिले में स्वीकृत रेत खदानें रेत के वैध ठेकेदार के द्वारा संचालित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित घटना के संबंध में पुलिस विभाग द्वारा थाना अतरैटा में अपराध क्रमांक 61/24 धारा 103, 109, 125, 351 (2), 191 (2), 191 (3), 190 बी.एन.एस., कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है। प्रकरण चूंकि विवेचना में है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में रेत उत्खनन किए जाने में किसी प्रकार का दहशत का वातावरण नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
65. ( क्र. 656 ) श्री सचिन बिरला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक प्रयोजन हेतु कलेक्टर से भूमि मांगे जाने की क्या प्रक्रिया है? नीति, नियम निर्देश की प्रति देवें। (ख) लैंड बैंक से विभाग का क्या आशय है और क्या पूर्व से किसी अन्य को औद्योगिक प्रयोजन से आवंटित भूमि को विभाग किस आधार पर अपने लिए मांग सकता है? उससे संबंधित समस्त नीति, नियम, निर्देश की प्रति देवें। (ग) कलेक्टर से भूमि मांगे जाने के आवेदन के साथ विभाग के द्वारा कौन-कौन से आवश्यक दस्तावेज संलग्न किए जाते है? भूमि आवंटन के कितने समय के बाद प्रोजेक्ट के अनुसार कार्यवाही करना अनिवार्य हो जाता है? किस आधार पर विभाग को आवंटित भूमि का हस्तांतरण आदेश निरस्त भूमि के आदेश की कॉपी देवें? (घ) MPIDC क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर के द्वारा 1 जनवरी, 2022 से 31 मार्च, 2024 तक भूमि आवंटन हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं कौन-कौन सा प्रस्ताव किस-किस दिनांक को प्राप्त हुआ, किस-किस प्रस्ताव पर कलेक्टर से भूमि मांगी गई, किस अधिकारी, कमेटी ने प्रस्ताव का परीक्षण किया, किस आधार पर भूमि मांगे जाने का निर्णय लिया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक प्रयोजन हेतु कलेक्टर से भूमि मांगे जाने के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा जारी मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार, आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति-2014 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार तथा भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी अधिसूचनाएं/नियम/परिपत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार के तहत भूमि की मांग की प्रक्रिया है। उक्त अधिनियम/नीति/परिपत्र के परिप्रेक्ष्य में प्रबंध संचालक, एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड़, भोपाल द्वारा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल से प्राप्त प्रस्तावों पर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर संबंधित जिला-कलेक्टर को विभाग के पक्ष में शासकीय भूमि हस्तांतरण एवं निजी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही हेतु मांग प्रेषित की जाती है। (ख) लैंड बैंक से विभाग का आशय औद्योगिक, व्यावसायिक, आवासीय, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक प्रयोजन हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की आरक्षित भूमि पूर्व में किसी अन्य को औद्योगिक प्रयोजन से आवंटित भूमि प्रचलित मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) तथ निष्पादित लीजडीड के प्रावधानों के अधीन उल्लंघन होने पर आवंटित भूमि वापस लिए जाने का प्रावधान है। नियम की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (ग) कलेक्टर से भूमि मांगे जाने हेतु राजस्व विभाग के RCMS पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन संबंधित क्षेत्र के कार्यकारी संचालक द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। आवश्यक दस्तावेज में यथा खसरा, नक्शा संलग्न किए जाते हैं। कलेक्टर द्वारा विभाग को आवंटित भूमि के आदेश में वर्णित समय-सीमा के आधार पर कार्यवाही करना अनिवार्य हो जाता है। तथापि इस संबंध में कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 में वर्णित प्रक्रिया के आधार पर कार्यवाही की जाती है। कलेक्टर द्वारा विभाग को हस्तांतरित भूमि को अति आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण केन्द्र/राज्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर द्वारा निरस्त की जा सकती है। इंदौर जिले में कार्यालय कलेक्टर जिला इंदौर के संशोधित आदेश क्रमांक 491/प्र.अ.न/2024 इंदौर दिनांक 28/08/2024 के द्वारा ग्राम रेवती में हस्तांतरित शासकीय भूमि 4.717 हेक्टेयर को निरस्त किया गया। आदेश की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'5' अनुसार है। (घ) एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर के द्वारा 01 जनवरी, 2022 से 31 दिसम्बर, 2023 तक भूमि आवंटन हेतु 46 प्रस्ताव एमपीआईडीसी मुख्यालय भोपाल को प्रेषित किए गए है। उक्त अवधि में निजी भूमि अधिग्रहण के 25 प्रस्ताव भूमि प्राप्त करने के लिए एमपीआयडीसी मुख्यालय भोपाल प्रेषित किए गए। उक्त प्रस्तावों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'6' अनुसार है। उक्त कुल 71 प्रस्तावों में से 49 प्रस्तावों का एमपी इण्डस्ट्रियल कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा परीक्षण करने के उपरांत एमपीआईडीसी द्वारा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को प्रेषित किया जाता है। विभाग के अधीन एमपीआईडीसी से प्राप्त प्रस्तावों का विभाग द्वारा पुन: परीक्षण किया जाकर प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत संबंधित जिला-कलेक्टर से औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि की मांग की गई है। शेष प्रस्तावों के परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
66. ( क्र. 657 ) श्री सचिन बिरला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अंवति मिल वर्कर्स इण्डस्ट्री कोऑपरेटिव सोसायटी सनावद के थाना सनावद में दर्ज प्रकरण क्रमांक 129/16 में पुलिस थाना सनावद द्वारा चालान प्रस्तुत कर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन के तत्कालिन पदाधिकारियों प्रबंध संचालक, लेखाधिकारी व संस्था के तत्कालिन पदाधिकारियों को दोषी माना है? (ख) यदि हाँ, तो दोषियों के नाम बतावें व प्रकरण के दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रकरण में आरोपी प्रबंधक संचालक सूतमिल राजेन्द्र पिता हजारीलाल साकलिया उम्र 56 वर्ष निवासी. 268 श्रीमंगल नगर इंदौर के विरूद्ध विवेचना पूर्ण कर चालान दिनांक 20.10.2019 को तैयार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जो विचाराधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधायकों द्वारा दिये गये पत्रों पर कार्यवाही/निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
67. ( क्र. 669 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के जारी आदेशों एवं परिपत्रों में विधायकों द्वारा प्रेषित पत्रों का शासकीय कार्यालय एवं विभागों में पंजी संधारित किए जाने एवं उनका समय-सीमा में निराकरण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेशों एवं परिपत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र जौरा की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु विधायक जनसंपर्क कार्यालय से जारी किए गए सैकड़ों पत्रों पर जिला मुरैना के शासकीय खंड स्तरीय, तहसील स्तरीय, अनुभाग स्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यालय/विभाग प्रमुखों द्वारा नियमानुसार निराकरण कर अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो निराकरण प्रतिवेदनों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो संबंधित विभाग/कार्यालय प्रमुखों के विरुद्ध क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है (ग) जिला मुरैना के समस्त शासकीय कार्यालयों एवं विभागों में विधायकों से प्राप्त पत्रों के लिए संधारित पंजियों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
प्रदेश में तबादलों पद रोक के बाद भी स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
68. ( क्र. 670 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 11 माह से प्रदेश में तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है? (ख) क्या यह स्थानांतरण पर प्रतिबंध के बाद भी सरकार के द्वारा प्रभावशाली लोगो के सीएम समन्वय के माध्यम से विभिन्न विभागों में फेरबदल किया जा रहा है? 3 दिसंबर, 23 से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारियों का स्थानांतरण बीमारी एवं पारिवारिक समस्याओं के कारण विभिन्न विभागों में किया गया की जानकारी मय आदेश व आवेदन सहित उपलब्ध कराएं। (ग) क्या यह सत्य है कि सरकार ने प्रतिबंध के बाद भी 1034 से ज़्यादा भारतीय व राज्य प्रशासनिक पद के अधिकारियों के स्थानांतरण विगत 10 माह में किए हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) असत्य है तो कितने स्थानांतरण किए गए उनकी संख्या कैडरवार बताते हुए लिस्ट उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) प्रशासनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु समन्वय में अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण किये जाते है। विभाग विशेष का नाम नहीं दिये जाने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' एवं 'ख' अनुसार है।
शस्त्र लायसेंस की नियमावली
[गृह]
69. ( क्र. 691 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जाने के क्या नियम है, संलग्न करें? (ख) क्या आदतन अपराधी को शस्त्र दिया जा सकता है यदि हाँ, तो कृपया नियम संलग्न करें, यदि नहीं, तो ग्राम सालौन-बी तहसील भाण्डेर निवासी श्री प्रदीप धाकड़ पुत्र श्री कमलसिंह धाकड़ के विरूद्ध जिले में कितने अपराध दर्ज है, थानावाईज अपराध क्रमांक एवं कौन-कौन सी धारायें लगी है, सूची संलग्न करें तथा अन्य जिलों में अपराध दर्ज है, तो उन्हें भी उल्लेख करें। (ग) श्री प्रदीप धाकड़ पुत्र श्री कमल सिंह धाकड़ निवासी-सालौन-बी तहसील-भाण्डेर के नाम कोई शस्त्र लायसेंस जारी किया गया है, यदि हाँ, तो किस जिले से जारी किया गया है तथा जारी करने का आधार एवं पुलिस की चरित्र रिपोर्ट संलग्न करें। (घ) नियम विरूद्ध दिया गया शस्त्र लायसेंस निरस्त किया जायेगा अथवा नहीं यदि हाँ, तो कब तक, गलत जानकारी के लिये संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार हैं। (ख) ऐसा व्यक्ति जिसका आपराधिक रिकार्ड है, उसे सामान्यतः शस्त्र लायसेंस जारी नहीं किया जाता है। श्री प्रदीप धाकड़ पुत्र श्री कमलसिंह धाकड निवासी ग्राम सालौन-बी, तहसील भाण्डेर, जिला दतिया के विरूद्ध जिला दतिया में पंजीबद्ध अपराधों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। श्री प्रदीप धाकड के विरूद्ध जिला दतिया में अपराध पंजीबद्ध हैं किन्तु जिला ग्वालियर में अपराध पंजीबद्ध नहीं हैं। श्री प्रदीप धाकड को जिला ग्वालियर से शस्त्र लायसेंस जारी किया गया है। श्री प्रदीप धाकड़ के विरूद्ध जिला दतिया में अपराध पंजीबद्ध होने की जानकारी संज्ञान में आने पर जिला ग्वालियर में इन्हें जारी शस्त्र लायसेंस निरस्त/समाप्त करने हेतु कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। श्री प्रदीप धाकड के विरूद्ध दर्ज अपराधों का थानावार एवं धारावार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' में समाहित है। (ग) श्री प्रदीप धाकड़ को जिला ग्वालियर से शस्त्र लायसेंस जारी किया गया है। शस्त्र लायसेंस के संदर्भ में पुलिस की रिपोर्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है, जिसमें लायसेंस जारी करने के आधार उल्लेखित हैं। (घ) श्री प्रदीप धाकड का शस्त्र लायसेंस निरस्त करने के लिये कलेक्टर जिला ग्वालियर से पत्राचार किया गया है। शस्त्र लायसेंस निरस्त करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनु.जाति, जनजाति वर्ग के थाना प्रभारियों की पदस्थी
[गृह]
70. ( क्र. 695 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कौन-कौन से थाने हैं? इन पर कौन-कौन पदस्थ है, नाम सहित बतायें? (ख) इनमें किस-किस थाने पर अनु.जाति, जनजाति वर्ग के थाना प्रभारी है, नाम सहित बतायें? (ग) क्या अनु. जाति, जनजाति के अनुपात से अनुसूचित जाति जनजाति के थाना प्रभारी नियुक्त किये जायेंगे, यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निम्नलिखित थानों में अनु.जाति, जनजाति वर्ग के थाना प्रभारी पदस्थ है :-
नाम थाना प्रभारी |
थाने का नाम |
संवर्ग |
कार्यवाहक निरीक्षक श्री सुनील बनोरिया |
सिविल लाईन |
अनुसूचित जाति |
उप निरीक्षक श्री नीरज कुमार |
जिगना |
अनुसूचित जाति |
(ग) विभाग में जाति के आधार पर थाना प्रभारियों की नियुक्ति नहीं की जाती है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के विरूद्ध आर्थिक अपराध की जांच
[सामान्य प्रशासन]
71. ( क्र. 704 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के विरुद्ध सुरक्षा एजेंसी को फर्जी भुगतान अथवा अन्य किसी कारण में कोई जांच आर्थिक अपराध शाखा में लंबित है? यदि हाँ, तो कृपया जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की कौन-कौन से दस्तावेज का अवलोकन किया/जब्त किया विश्वविद्यालय के किन-किन अधिकारी/कर्मचारी से आर्थिक अपराध शाखा के किन अधिकारी ने किस दिनांक को पूछताछ की दिनांक सहित अधिकारी का नाम व पद बताते हुए जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर विश्वविद्यालय में क्या कोई अनियमितता हुई यदि हाँ, तो क्या? शासन दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेगी? हाँ तो क्या व कब तक? नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रथम सूचना रिपोर्ट की जानकारी
[गृह]
72. ( क्र. 705 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रथम सूचना रिपोर्ट नं. 0162 थाना एम.पी. नगर भोपाल शहरी वर्ष 2022 में दिनांक 01/01/2024 से प्रश्न दिनांक तक जो कार्यवाही की गई का पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। प्रथम सूचना रिपोर्ट कौन सी धारा के तहत पंजीबद्ध की गई, कौन से अधिनियम एवं धाराओं के तहत अपराध हुआ? इन धाराओं के तहत क्या कार्यवाही होनी थी, क्या कार्यवाही की गई और कब कार्यवाही की गई, मय दस्तावेज जानकारी प्रदान करें। (ख) उपरोक्त (क) के तहत 01/01/2024 से प्रश्न दिनांक तक शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए बयान, दस्तावेज एवं पत्राचार, ईमेल की छायाप्रति प्रदान करें। आरोपियों के नाम एवं उनके द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) क्या थाना एम.पी. नगर को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग द्वारा यह अवगत कराया गया है कि उपरोक्त एफ.आई.आर. में जो आरोपी है उसको विभाग द्वारा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सर्वसम्मति से विभाग से दोषी मानते हुए हटा दिया गया है? हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो कृपया विभाग का पत्र प्रदाय करें। यदि नहीं, तो क्या थाना एम.पी. नगर अपनी ओर से इस संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे? हाँ अथवा नहीं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
स्टॉम्प की अनुउपलब्धता
[वाणिज्यिक कर]
73. ( क्र. 715 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर में स्टॉम्प न मिलने के कारण छिन्दवाड़ा ट्रेजरी से स्टॉम्प लाना पडता है, जिसका लाने का खर्चा स्टैंप वेंडर जनता से लेते हैं? (ख) क्या शासन ऐसी व्यवस्था करेगी ताकि सौंसर की जनता को स्टॉम्प लेने के लिये अतिरिक्त भुगतान न करना पड़े?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सौंसर में स्टाम्प की उपलब्धता जिला कोषालय छिंदवाडा द्वारा सुनिश्चित की जाती है। सक्रिय पंजीकृत समस्त स्टाम्प वेंडर्स को कार्यालय जिला कोषालय छिंदवाडा से स्टाम्प प्राप्त करने पर शासन द्वारा निर्धारित दर पर छूट प्राप्त होती है। जिसके लाने का खर्च स्टाम्प वेंडर द्वारा जनता से लिए जाने संबंधी कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आयी है। नवीन विकसित ई-पंजीयन एप्लीकेशन संपदा 2.0 के माध्यम से सेवा प्रदाता के साथ आमजन भी किसी दस्तावेज के लिए आवश्यक ई-स्टाम्प सृजित कर सकते है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्नांश (ख) उपस्थित नहीं होता।
मातृत्व सहायता योजना की राशि का भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 716 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक ऐसी कौन-कौन सी महिलाएं हैं जिन्हें प्रसूति उपरान्त मिलने वाली मातृत्व सहायता योजना की राशि नहीं मिली है? (ख) उपरोक्त महिलाओं को मातृत्व सहायता योजना की राशि नहीं मिलने का क्या कारण है? (ग) किस दिनांक तक मातृत्व सहायता योजना की राशि दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार 537 महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत मातृत्व सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के स्वरूप में परिवर्तन कर दिनांक 01.04.2022 से नवीन प्रावधान अनुसार पूर्व पोर्टल को बंद कर नवीन पोर्टल पर हितग्राहियों का डेटा शिफ्ट नहीं किये जाने, हितग्राहियों के आधार प्रमाणीकरण नहीं होने एवँ खाते का एनपीसीआई के साथ मैप नहीं होने के कारण भुगतान लंबित है। (ग) उत्तर (ख) में उल्लेखित कार्यवाही पूर्ण होने वाले प्रकरणों में हितग्राहियों को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत मातृत्व सहायता की राशि का भुगतान निरन्तर किया जा रहा है।
स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित)
[सामान्य प्रशासन]
75. ( क्र. 729 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के अधीनस्थ कार्यालयो एवं भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु क्या व्यवस्था है? (ख) क्या इन कार्यालयो एवं भवनों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) लगाए गए हैं अथवा नहीं यदि हाँ, तो स्थलवार सूची उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र कब तक लगा दिए जाएंगे? इस विषय में विभाग अथवा शासन द्वारा कोई ठोस नीति बनाई गई है या नहीं यदि हाँ, तो कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदान करें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों (वल्लभ भवन, सतपुड़ा एवं विंध्याचल भवन) भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु स्थापित अग्निशमन यंत्रों का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मंत्रालय, वल्लभ भवन क्रमांक-02 एवं 03 में स्थापित स्वचालित अग्निशामक यंत्र का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। मंत्रालय वल्लभ भवन क्रमांक-01 में नवीनीकरण कार्य प्रस्तावित है, जिसमें स्वचालित अग्निशामक यंत्र का भी प्रावधान सम्मलित है। अन्य भवनों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र स्थापित करने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।
जिला योजना अधिकारी/जिला सांख्यिकी अधिकारी के पद की पूर्ति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
76. ( क्र. 736 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधीन जिला स्तर कार्यालय पर जिला योजना अधिकारी/जिला सांख्यिकी अधिकारी के पद अस्तित्व में है यदि हाँ, तो स्वीकृत पद, भरे पद एवं रिक्त पद की जिलेवार जानकारी दें? (ख) क्या यह सही है कि विभाग के अधीन अधिकांश जिलों में विभागीय अधिकारी पदस्थ नहीं है जिसके कारण शासकीय कार्य प्रभावित होता है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन जिलों में विभागीय अधिकारी नहीं है वहां पर विभागीय अधिकारी की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभागीय अधिकारी एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। (ग) प्रथम श्रेणी के समस्त पद पदोन्नति से भरे जाने का विभागीय भरती नियमों में प्रावधान है। पदोन्नति प्रारंभ होने पर पद पूर्ति किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना से सिंचित क्षेत्र
[नर्मदा घाटी विकास]
77. ( क्र. 737 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एनवीडीए की रानी अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना के कमांड में कितना सिंचाई का क्षेत्र स्वीकृत है? कितनी जल भंडारन क्षमता का सृजन हुआ है? परियोजना की मुख्य नहर एवं उसकी वितरण नहर प्रणाली की कितनी लम्बाई स्वीकृत है तथा कितनी लम्बाई का कार्य पूर्ण हो चुका है? मुख्य नहर की अधिकतम जल वहन क्षमता (डिस्चार्ज) और वार्षिक उपयोगी पानी की मात्रा कितनी निर्धारित है? प्रति हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में सिंचाई के लिए कितनी जल मात्रा (ड्यूटी) तकनीकी रूप से स्वीकृत है? जानकारी दी जावे। (ख) अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना के स्वीकृत सिंचित क्षेत्र में से कितना क्षेत्र विकसित कर लिया है? पिछले 05 वर्षों में (i) कितने क्षेत्र में सिंचाई हुई? (ii) कितना पानी सिंचाई के लिए उपयोग हुआ? (iii) प्रति हेक्टेयर जल कर की दरें क्या निर्धारित थीं? (iv) कितना राजस्व किसानों से मिलना था, कितना मिला और कितना बकाया है? (v) जलमात्रा के उपयोग, सिंचाई रकवा और राजस्व के निर्धारित लक्ष्य पूरे नहीं हुए तो उनके क्या कारण है? वर्षवार जानकारी दी जावे। (ग) रानी अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना की ओपन नहरों से कितनी और कहां-कहां लिफ्ट इरिगेशन स्कीम मंजूर की गई है? ओपन नहरों के नाम, पानी लिफ्ट करने का स्थान/किमी, स्वीकृत कमांड क्षेत्र और नहर की जल वहन क्षमता (डिस्चार्ज) बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जी.पी. सिंघल आयोग की रिपोर्ट
[वित्त]
78. ( क्र. 739 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु पूर्व वित्त सचिव जी.पी. सिंघल जी की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो आयोग का गठन किस वर्ष में किया गया था तथा आयोग को वेतन विसंगतियों पर विचार कर प्रतिवेदन देने हेतु कब तक का समय दिया गया था? क्या आयोग द्वारा वेतन विसंगतियों के निराकरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है? आयोग के गठन संबंधी आदेश की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि आयोग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है तो आयोग के समक्ष कौन-कौन सी विसंगतियां आयीं? प्राप्त विसंगतियों की जानकारी दें। उक्त प्राप्त विसंगतियों में से आयोग ने अपनी प्रतिवेदन में किन-किन विसंगतियों को शामिल किया गया है? किन विसंगतियों का निराकरण करने हेतु आयोग ने अनुसंशाएं की हैं? आयोग ने अपनी अनुसंशाओं में क्या अभिमत दिया है? समस्त बिन्दुओं की विस्तृत जानकारी दें, साथ ही आयोग द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रतिवेदन की स्वच्छ एवं पठनीय छायाप्रति उपलब्ध करावें?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। कर्मचारी आयोग का गठन वर्ष 2019 में किया गया था तथा प्रतिवेदन देने हेतु प्राथमिक रूप से एक वर्ष का समय निर्धारित था। आयोग के कार्यकाल में आवश्यकतानुसार वृद्धि की गई है। आयोग द्वारा दिसम्बर, 2023 में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। आयोग के गठन संबंधी अधिसूचना दिनांक 12 दिसम्बर, 2019 की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कर्मचारी आयोग के द्वारा सौंपा गया प्रतिवेदन वर्तमान में विचाराधीन है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अभियोजन अधिकारियों की पदस्थापना एवं प्रशिक्षण
[गृह]
79. ( क्र. 740 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिला ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर में न्यायालयों में विगत 05 वर्षों में अभियोजन अधिकारियों के कुल कितने पद स्वीकृत रहे हैं? वर्षवार, जिलावार इन स्वीकृत पदों पर कितने अभियोजन अधिकारी कार्यरत रहे हैं? वर्षवार, जिलावार, स्वीकृत और कार्यरत अभियोजन अधिकारियों की जानकारी का विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत पदस्थ अभियोजन अधिकारियों के दक्षता संवर्धन के लिए विगत 05 वर्षों में प्रशिक्षण/रिफ्रेशर/दक्षता संवर्धन के क्या प्रयास किए गए हैं?वर्षवार जिलावार जानकारी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में वर्ष 19-20 तथा 20-21 में अभियोजन अधिकारियों के 117 पद स्वीकृत रहे। वर्ष 21-22 में इन्हीं जिलों में 04 अतिरिक्त पद स्वीकृत किये गये। अतः वर्तमान में स्वीकृत अभियोजन अधिकारियों की संख्या 121 है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है।
अनुसंधान अधिकारियों की पदस्थापना एवं दक्षता संवर्धन
[गृह]
80. ( क्र. 741 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिला ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर में पुलिस विभाग एवं अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों में विगत 05 वर्षों में अनुसंधान अधिकारियों (इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर) के रूप में कितने पुलिस या अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों के अनुसंधान अधिकारी पदस्थ रहे हैं? वर्षवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पदस्थ अनुसंधान अधिकारियों के दक्षता संवर्धन के लिए विगत 05 वर्षों में कितने एवं किस प्रकृति के प्रशिक्षण/ओरिएंटेशन/रिफ्रेशर/दक्षता संवर्धन के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं? कृपया वर्षवार, जिलावार विस्तृत विवरण उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
पत्र क्रमांक 247 एवं 428 दिनांक 10/07/2024 की जांच
[सामान्य प्रशासन]
81. ( क्र. 743 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 247 दिनांक 10/07/2024 एवं पत्र क्रमांक 428 दिनांक 10/07/2024 जो विशेष पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर को लिखा गया था, पर की गई जांच की स्टेटस रिपोर्ट देवेंl (ख) जांच रिपोर्ट किस अधिकारी के पास लंबित है? उस अधिकारी का नाम एवं पदनाम बतावें। (ग) क्या शिकायती तथ्यों के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध प्राईमरी इंक्वायरी दर्ज कर ली गई है या नहीं, हाँ तो प्राईमरी इंक्वायरी का नंबर देवें नहीं तो आज दिनांक तक भी क्यों दर्ज नहीं की गई है? कारण बतावें l
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
माईनिंग लीज को हस्तान्तरित एवं बेचने का नियम
[खनिज साधन]
82. ( क्र. 750 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में खनिज साधन विभाग में माईनिंग लीज को हस्तान्तरित/बेचा जा सकता हैं?अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें? क्या एमएल/पीएल के लगे आवेदनों में से एक फर्म अपना आवेदन वापस लेकर दूसरी फर्म से चेक से धनराशि प्राप्त कर सकती है, अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या मिनरल्स एण्ड लाजिस्टिक के द्वारा माईनिंग लीज चूना पत्थर की लेने आवेदन लगाया गया था, अगर हाँ तो उक्त स्थान की चूना पत्थर की एम.एल. हेतु किस-किस फर्म/कं./व्यक्तियों के द्वारा कब-कब आवेदन लगाये गये थे? किस-किस के शासन में निरस्त किये? सूची दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित समयानुसार ए.बी.एस. मिनरल्स ने अपना आवेदन अल्ट्राटेक सीमेंट के पक्ष में वापस लेकर लगभग 4 करोड़ से ज्यादा की धनराशि का चेक अल्ट्राटेक सीमेंट से लेकर यूनियन बैंक, आर्दश नगर कालोनी, सतना ब्रांच में अपने एकाउण्ट में वर्ष 2010 से 2014 के दौरान जमा कर राशि आहरित कर ली? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में किये गये कृत्य नियमानुसार सहीं है या गलत? क्या शासन अगर इन्हें गलत मानता है तो नियमों के अनुरूप किस-किस पर कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। खनिज (परमाणु तथा हाईड्राकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 के अंतर्गत माईनिंग लीज/प्रोस्पेक्टिंग लीज को बेचने के प्रावधान नहीं है। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित खनिज (परमाणु ओर हाईड्रोकार्बन उर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम 2016 के नियम 23 के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से माईनिंग लीज को हस्तांतरित किया जा सकता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा नीति 2023
[सामान्य प्रशासन]
83. ( क्र. 751 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, राजस्व विभाग, कृषि विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, सहकारिता विभाग, गृह विभाग, खनिज विभाग, वाणिज्यकर विभाग, महिला एवं बाल विकास, परिवहन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, वन विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, परिवहन विभाग, जल संसाधन विभाग, पर्यावरण विभाग, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में प्रथम, द्तीय, तृतीय श्रेणी के कितने-कितने कर्मचारी/अधिकारी, कौन-कौन से अनुभाग में कब से पदस्थ है? पदस्थापना की तिथि क्या है? उक्त सभी विभाग/अनुभाग के प्रत्येक श्रेणी के अधिकारी एवं कर्मचारियों के पदस्थापना के नियम क्या है? नियम की प्रति सहित सभी के अलग-अलग विस्तृत जानकारी के साथ सूची उपलब्ध कराये? सभी विभाग में कितने अधिकारी/कर्मचारी 10 वर्ष या 5 वर्ष से अधिक एक ही स्थान/जगह/अनुभाग पर पदस्थ है? नाम, पद, स्थान, विभाग, सहित सूची दें और इनके कई वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थापना का नियम क्या है? कितने अधिकारी/कर्मचारी अतिरिक्त प्रभार में है और अतिरिक्त प्रभार में कब से है? सबकी अलग-अलग सूची दें। (ख) क्या मुख्यमंत्री के द्वारा दिनांक 04 जुलाई 2023 को संविदा महापंचायत में संविदा नीति 2023 में समान कार्य, समान वेतन, NPS, छुट्टी, बीमा के संबंध में घोषणा की गई थी? उक्त घोषणाओ को अभी तक संविदा नीति में शामिल नहीं किया गया क्यों? घोषणा के विपरीत बार-बार अनुबंध का प्रावधान किया गया। क्या संविदा नीति में सुधार किया जाएगा? यदि हां तो कब तक नहीं तो क्यों? क्या संविदा नीति ने आरक्षण नीति लागू है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या आरक्षण नीति लागू की जाएगी? यदि हाँ, तो कब?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) दिनांक 04 जुलाई, 2023 को संविदा कर्मियों के लिये की घोषणा के अनुरूप दिनांक 22 जुलाई, 2023 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। संविदा नीति में संशोधन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नर्मदा घाटी विकास]
84. ( क्र. 757 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 09/09/2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा बिछिया विधानसभा अंतर्गत हालोन परियोजना में डूब प्रभावित बिरसा गाँव की पुनर्व्यवस्थापन की कार्ययोजना बनाने और संबंधित ग्रामीणों की मांगे पूरी किये जाने की घोषणा की गई थी एवं क्षेत्र में जहाँ हालोन परियोजना का पानी नहीं पहुँच पा रहा है वहां सर्वे कराकर लिफ्ट सिस्टम से पानी पहुंचाने की कार्ययोजना बनाए जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इसकी पूर्ति हेतु क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई? अब तक क्या-क्या प्रयास/कार्य किये गए जानकारी देवें एवं संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री जी को कौन-कौन से पत्र दिए गए हैं उनमें क्या कार्यवाही की गई है? पत्रों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य हेतु राशि 5 करोड़ रुपये के प्रस्ताव माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किये गए थे? यदि हाँ, तो उसमें से कितने कार्यों की स्वीकृति अब तक दी गई है और कितने कार्यों की स्वीकृति किन कारणों से शेष है, शेष कार्यों की स्वीकृति कब तक दे दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) घोषणा क्रमांक 5149 में हालोन परियोजना में डूब प्रभावित बिरसा गॉव की पुनर्विस्थापन की कार्ययोजना बनाये जाने की घोषणा की गई थी एवं घोषणा क्रमांक 5154 में क्षेत्र में जहॉं हालोन परियोजना का पानी सिंचाई के लिये नहीं पहुँच पा रहा है वहॉं सर्वे कर लिफ्ट सिस्टम से पानी पहुँचाने की कार्ययोजना बनाये जाने की घोषणा की गई थी। घोषणा क्रमांक 5149 के तहत पुनर्विस्थापित किये गये परिवारों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। घोषणा क्रमांक 5154 के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि हालोन बांध में रूपांकित कमाण्ड क्षेत्र हेतु निर्धारित जल की मात्रा के अतिरिक्त जल उपलब्ध नहीं होने के कारण घोषणा का क्रियान्वयन संभव नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में माननीय सदस्य का कोई भी पत्र विभाग में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्रों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 759 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधायक कार्यालय से प्रेषित पत्र क्रमांक 181 दिनांक 05/03/2024 क्रमांक 255 दिनांक 04/04/2024 क्रमांक 568 दिनांक 05/10/2024 क्रमांक 569 दिनांक 05/10/2024 विभाग को प्रेषित किया गया हैं। पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई है तो संबंधितों दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) जिला बालाघाट के महिला व बाल विकास विभाग में विगत 6 माह में किस-किस जनप्रतिनिधि के कौन से कौन से पत्र प्राप्त हुए समस्त पत्रों की प्रति बतावें एवं कौन-कौन सी जानकारी चाही गई थी? आपके विभाग के द्वारा कौन-कौन सी जानकारी समय-सीमा में जनप्रतिनिधियों को प्रदान की गई? कौन-कौन सी जानकारी प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई? विस्तृत ब्यौरा प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) (1) विधायक कार्यालय से प्राप्त पत्र क्रमांक 181 दिनांक 05-03-2024 के संबंध में जानकारी कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बालाघाट के पत्र क्रमांक 4095 दिनांक 21-11-2024 के द्वारा प्रदाय की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (2) विधायक कार्यालय के पत्र क्रमांक 255 दिनांक 04-04-2024 की जानकारी कार्यालय कलेक्टर (महिला एवं बाल विकास) बालाघाट के पत्र क्रमांक 2095 दिनांक 16-05-2024 द्वारा प्रदाय की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। (3) विधायक कार्यालय से प्राप्त पत्र क्रमांक 568 दिनांक 05-10-2024 की जानकारी कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बालाघाट के पत्र क्रमांक 4101 दिनांक 21-11-2024 के द्वारा प्रदाय की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' पर है। (4) विधायक कार्यालय से प्राप्त पत्र क्रमांक 569 दिनांक 05-10-2024 की जानकारी कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बालाघाट के पत्र क्रमांक 4103 दिनांक 21-11-2024 के द्वारा प्रदाय की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संबंधित पत्रों पर कार्यवाही की जाकर जानकारी प्रदाय की जा चुकी है अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत 6 माहों में जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्र एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ई'' पर है। प्राप्त पत्रों पर समय-सीमा निर्धारित नहीं थी। जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रानुसार समस्त जानकारी प्रदान कर दी गई है।
बालाघाट जिले के समस्त विभाग की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
86. ( क्र. 760 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के समस्त विभाग में अधिकारी (संविदा सहित) कब से पदस्थ हैं? विभागवार, पदवार, नामवार जानकारी दें। शासन निर्देशानुसार 3 वर्ष में अधिकारियों के स्थानान्तरण करने के निर्देश हैं, 3 वर्ष पूर्ण होने पर भी किन-किन अधिकारियों के स्थानान्तरण नहीं किये गये? विभागवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बालाघाट जिले के समस्त विभाग में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक केंद्र व राज्य शासन से कितना आवंटन प्राप्त हुआ, किस-किस कार्य हेतु व्यय किया गया हैं, योजनावार, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अवैध खनिज एवं अवैध भंडारण के प्रकरण
[खनिज साधन]
87. ( क्र. 762 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग के किस-किस जिले में गत 3 वर्षों में गौण खनिज के अवैध खनन एवं अवैध भंडारण के कितनी-कितनी मात्रा के किस-किस दिनांक को किस-किस के विरुद्ध प्रकरण बनाए गए? उनमें से किस-किस प्रकरण में किस-किस दिनांक को कितना अर्थदंड किया गया? (ख) किस-किस प्रकरण की किस-किस स्थान पर अपील लंबित है, किस-किस से अर्थदंड की कितनी-कितनी राशि वसूल की गई, किस पर अर्थदंड की कितनी राशि बकाया है? (ग) अवैध खनन एवं अवैध भंडारण के बनाए गए प्रकरणों को सिविल न्यायालय में प्रस्तुत करने के संबंध में एम.एम. आर.डी.एक्ट 1957 की धारा 21 एवं 22 में क्या-क्या प्रावधान है, इन प्रावधानों को कब समाप्त किया गया है? (घ) अवैध खनन एवं अवैध भंडारण के बने प्रकरण में किस-किस के द्वारा प्रशमन करने या समझौता करने का आवेदन या पत्र या बयान किस दिनांक को दिया प्रति सहित बतावे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ व ब पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ व ब पर है। (ग) एम.एम.आर.डी. एक्ट, 1957 की धारा 21 एवं 22 में प्रावधान भारत सरकार द्वारा किये गये हैं, जो कि अधिसूचित है, समाप्त नहीं किये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ व ब पर है।
मुद्रांक शुल्क विभाग का अभिलेखागार
[वाणिज्यिक कर]
88. ( क्र. 763 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुद्रांक शुल्क विभाग के भोपाल स्थित अभिलेखागार में भोपाल नगर निगम की सीमा में आने वाले ग्राम प्रेमपुरा, धरमपुरा एवं चंदनपुरा ग्राम की वर्ष 1968 से 1972 तक की गई रजिस्ट्रियों के दस्तावेज उपलब्ध है? उन रजिस्ट्रियों का बुक या पंजी में दर्ज ब्यौरा भी उपलब्ध है। (ख) यदि हाँ, तो विभाग के अभिलेखागार में उपलब्ध बुक या पंजी में वर्ष 1968 से 1972 तक ग्राम प्रेमपुरा, धरमपुरा एवं चंदनपुरा में किस दिनांक को किसके द्वारा किस-किस खसरा नंबर के कितने रकबे की रजिस्ट्री का ब्यौरा दर्ज है? प्रति सहित बतावें। (ग) वर्ष 1968 से 1972 तक की बुक या पंजी को प्रश्न दिनांक तक भी ऑनलाइन नहीं किए जाने का क्या कारण है, यह बुक या पंजी कब तक किस साइट पर ऑनलाइन कर दी जाएगी? समय-सीमा बतावें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दस्तावेजों के डिजिटाईजेशन की प्रक्रिया में प्रथम चरण में वर्ष 1993 तक के दस्तावेजों को डिजिटाईज किया जा रहा है। वर्ष 1993 के पूर्व पंजीकृत दस्तावेजों की सत्यापित प्रति प्राप्त किये जाने हेतु कोई भी व्यक्ति अनुरोध कर संपदा 2.0 पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन प्राप्त कर सकता है। वेबसाईट का विवरण (URL- www.sampada.mpigr.gov.in) है।
संचालित खनिज खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
89. ( क्र. 768 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितनी खदानों के पट्टे स्वीकृत किये गये है तथा कौन-कौन से खनिज उत्खनन हेतु स्वीकृति जारी की गई है? कृपया खदान का स्थान, खसरा नं., रकबा सहित जानकारी उपलब्ध करावें। वर्तमान में कुल कितनी खदाने संचालित होकर खनिज का उत्खनन किया जा रहा है? कृपया स्थान सहित जानकारी देवें। खनिज उत्खनन की रायल्टी दर वर्तमान में क्या है? (ख) खनिजवार निर्धारित दर की जानकारी उपलब्ध करावें तथा नवीन खदान की स्वीकृति हेतु क्या निर्धारित प्रक्रिया है? कौन-कौन से आवेदन फार्म एवं दस्तावेज लगते है तथा निर्धारित नियमावली की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भीकनगाँव विधानसभा अंतर्गत स्वीकृत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रॉयल्टी दर अधिसूचित है। (ख) खनिजवार निर्धारित रॉयल्टी दर अधिसूचित है। नवीन खदान स्वीकृति की प्रक्रिया एवं आवेदन फर्म में लगने वाले दस्तावेजों के नियम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है।
जनभागीदारी निधि अंतर्गत राशि प्रदाय
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
90. ( क्र. 769 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जनभागीदारी निधि अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से जिले को कितनी राशि प्रदाय की गई है? कृपया जिलेवार प्रदाय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें तथा यह भी बतायें कि खरगोन जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों से प्रदाय राशि से कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की गई है? कृपया कार्यवार स्वीकृत राशि सहित जानकारी प्रदाय करें। क्या विगत वर्षों से खरगोन जिला अंतर्गत जनभागीदारी निधि अंतर्गत राशि प्रदाय नहीं की गई है? हाँ तो क्या कारण है तथा कब तक राशि प्रदाय की जायेगी?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : जनभागीदारी निधि अंतर्गत विगत तीन वर्षों में जिलों को प्रदाय की गई राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। खरगोन जिला अंतर्गत विगत तीन वर्षों से प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं कार्यों की स्वीकृति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में खरगोन जिले को राशि रू. 30.00 लाख का आवंटन किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकियों की जानकारी
[गृह]
91. ( क्र. 771 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितने पुलिस थाने, पुलिस चौकी संचालित है? स्वीकृत पद, पदस्थापना रिक्त पद सहित जानकारी थानेवार, तहसीलवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय विदिशा अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय विदिशा, बासौदा, कुरवाई, सिरोंज एवं जिले के समस्त थानों एवं पुलिस चौकी में पदस्थ कर्मचारी, अधिकारियों के नाम, पदनाम, नियुक्ति दिनांक विदिशा जिले में पदस्थ स्थापना दिनांक, वर्तमान पदस्थापना दिनांक, गृह तहसील एवं थाना व जिलों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में एक ही स्थान में तीन वर्ष से अधिक पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम, पदनाम, पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। एक ही थाना, शाखा कार्यालय में पदस्थ रहने के विभाग एवं पुलिस मुख्यालय भोपाल के क्या नियम निर्देश, आदेश हैं, छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कई वर्ष से एक ही कार्यालय, थाने, अनुविभाग में पदस्थ रहने वाले कर्मचारियों को कब तक अन्यत्र पदस्थ किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति दिनांक 24 जून 2021 की कंडिका-17 एवं कंडिका-18 में स्थानांतरण हेतु प्रावधान का उल्लेख किया गया है। (घ) जिला, थानों एवं चौकियों में कर्मचारियों के स्थानांतरण रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुये जिले की आपराधिक पृष्ठभूमि एवं कानून व्यवस्था के दृष्टिकोण से आवश्यकतानुसार समानुपात में नियमानुसार स्वीकृत पदों के अनुरूप की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बजट का आवंटन की जानकारी
[आनंद]
92. ( क्र. 774 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आनंद विभाग का गठन कब हुआ? क्या उद्देश्य हैं? विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं सम्मिलित हैं एवं क्या-क्या गतिविधियाँ सम्मिलित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग में विभाग गठन के उपरांत कितना-कितना बजट आवंटित किया गया है? उसके विरूद्ध कितनी राशि का व्यय किया जा चुका है तथा कितनी राशि शेष है? कितनी राशि लेप्स हुई? राशि लेप्स के लिए उत्तरदायी कौन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग अंतर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य के नाम, लागत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश, निविदा सहित अद्यतन जानकारी बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश स्तर के अल्प विराम एवं आनंद सहयोगी के कितने प्रशिक्षण आयोजित किये गये? प्रशिक्षणवार जानकारी देवें तथा कितने आनंदम् सहयोगी बनाये गये? आनंदम् सहयोगियों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में ग्राम स्तर, विकासखण्ड स्तर, जिला स्तर, संभाग स्तर पर क्या-क्या गतिविधियां कब-कब आयोजित की गई तथा इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया? कितनी राशि व्यय हुई? क्या भुगतान संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी तथा प्राप्त शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग का गठन अगस्त-2016 में हुआ। विभाग के गठन के उद्देश्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अल्पविराम, आनंद सभा, आनंदम केन्द्र, आनंद शिविर, आनंद क्लब, आनंदक, ऑनलाइन कोर्स, आनंद फैलोशिप, हैप्पीनेस इंडेक्स, आनंद की ओर, आनंद ग्राम, अंतर्राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम संचालित किये जाते है। (ख) विभाग को आवंटित, व्यय, लैप्स एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। राज्य आनंद संस्थान ''स्वशासी संस्थान'' है। व्यय उपरांत उपयोगिता प्रमाण-पत्र के आधार पर ही राशि का आहरण किया जाता हैं। अधिकांश गतिविधियां आनंदक (स्वैच्छिक कार्यकर्ता) एवं आनंद क्लबों द्वारा आयोजित हाने से आवश्यकतानुसार ही राशि का आहरण किया गया। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आनंद विभग द्वारा कार्य स्वीकृत नहीं किये जाते है अपितु विभाग के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यक्रम किये जाते हैं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता है। (घ) गठन से अब तक प्रदेश स्तर के 3490 अल्पविराम के कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें से 63 आनंदम सहयोगी प्रशिक्षण आयोजित किए गए। प्रशिक्षणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन एवं चार अनुसार है। कुल 3070 आनंदम सहयोगी बनाये गये। आनंदम सहयोगियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में राज्य आनंद संस्थान का जिला, विकासखंड एवं ग्राम स्तर पर कोई अमला नहीं है। संस्थान से जुड़े आनंदको एवं आनंद क्लब के द्वारा समय-समय पर स्वैच्छिक रूप से स्थानीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम जैसे-आनंद उत्सव, अल्पविराम, अंर्तराष्ट्रीय दिवस, आनंदम केन्द्रों का संचालन तथा अन्य सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाती है। संस्थान द्वारा जिलों को कोई बजट आवंटित नहीं किया जाता है, बल्कि व्यय की प्रतिपूर्ति की जाती है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में आउटसोर्स भर्ती
[गृह]
93. ( क्र. 775 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में अनेक विभागों में आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से की जा रही भर्ती में हुए घोटालों/भ्रष्टाचार के संबंध में प्रदेश के पुलिस थानों में पीड़ितों अथवा आमजन द्वारा शिकायतें/ एफ.आई.आर. कराई गई हैं? यदि हाँ, तो क्या इस पर कोई जांच कर आरोपियों पर कानूनी कार्यवाही की गई? विस्तृत विवरण सहित वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक सूची मय जानकारी प्रदान की जाए। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में आउटसोर्स भर्ती घोटालों में दोषी पाई गई एजेंसियों अथवा व्यक्ति विशेष को ब्लैक लिस्टेड एवं जेल भेजने की कार्यवाही शासन द्वारा की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं पीड़ितों को न्याय दिलाए जाने हेतु क्या प्रक्रिया की जाएगी? समय-सीमा बताएं। (ग) बालाघाट जिले के पुलिस थानों वारासिवनी, रामपायली, खैरलांजी एवं लालबर्रा में वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक चोरी, डकैती, लूटपाट, महिला गुमशुदगी एवं साइबर ठगी, ऑनलाइन ठगी के विरुद्ध कितनी लिखित शिकायतें प्राप्त हुई? तहत इनमें से कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई? एफ.आई.आर. की वर्तमान स्थिति क्या है? सम्पूर्ण विवरण सहित सूची मय जानकारी उपलब्ध करवाई जाये।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश में अनेक विभागों में आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से की जा रही भर्ती में हुए घोटालों/भ्रष्टाचार के संबंध में प्रदेश के पुलिस थानों में पीड़ितों अथवा आमजन द्वारा शिकायतें/एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करायी गई है। (ख) शिकायत/रिपोर्ट प्राप्त होने पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय सेवकों की कार्यालयीन समय पर उपस्थिति
[सामान्य प्रशासन]
94. ( क्र. 778 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय आदेश क्रमांक एफ 3-4/2010/1/4 भोपाल दिनांक 26/06/2024 में दिए गए निर्देशानुसार संपूर्ण प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालयों के कार्यालयीन समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक नीयत किया गया है, प्रदेश में सुशासन स्थापित हो एवं आमजनता के काम समय पर हो जाएं इस दृष्टि से समस्त शासकीय सेवकों की कार्यालय प्रारंभ होने के निर्धारित समय प्रातः 10 बजे कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित की गई है? क्या इस आदेश का जिला बालाघाट के कार्यालयों में अक्षरशः पालन सुनिश्चित किये जाने हेतु कोई प्रयास किए गए? यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में कोई शासकीय सेवक विभागीय आदेश में नियत समय पर लगातार बहुत दिनों से कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रहा है तो उस पर विभागीय अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारी पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। उक्त आदेश पूरे प्रदेश के लिए लागू किये गये। जिला बालाघाट के कार्यालयों में अक्षरश: पालन हेतु कार्यालय कलेक्टर, बालाघाट के पत्र पृ.क्रमांक 2774/वि.लि.1/2024 दिनांक 28/6/2024 द्वारा सभी कार्यालय प्रमुखों को निर्देश जारी किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के पालन में कलेक्टर, जिला बालाघाट के कार्यालयीन आदेश क्र. 3425/स.वि.लि.1/2024 दिनांक 2/8/2024 द्वारा संबंधित शासकीय सेवकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिलाओं पर बढ़ते हुए यौन शोषण की घटनाओं की रोकथाम
[गृह]
95. ( क्र. 781 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में महिलाओं/बालिकाओं पर यौन शोषण/आगजनी की घटनाएं निरंतर बढ़ने के साथ ही ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में शासन/विभाग असमर्थ सिद्ध हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत 1 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं नर्मदापुरम संभाग के किन-किन जिलों में कब-कब तथा कितनी-कितनी महिलाओं/बालिकाओं के साथ यौन शोषण के प्रकरण पंजीबद्ध किए गए तथा किन-किन प्रकरणों में शासन द्वारा किन-किन आरोपियों पर कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? जिलेवार/तिथिवार आरोपियों पर की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या महिला/बालिका यौन उत्पीड़न मामलों में संबंधित अपराध अंतर्गत धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध न किया जाकर अन्य छोटी धाराओं में प्रकरण पंजीकृत कर आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या प्रदेश सरकार का महिलाओं/बालिकाओं पर हो रहे अत्याचार के प्रति ऐसी उदासीनता उचित है? बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। बल्कि प्रदेश में महिलाओं/बालिकाओं पर यौन शोषण/आगजनी की घटनाओं से संबंधित वर्ष 2023 में कुल 9589 तथा वर्ष 2024 में प्रश्न दिनांक तक कुल 8588 प्रकरण दर्ज हुए है। इस प्रकार वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 प्रश्न दिनांक तक दर्ज प्रकरणों में कमी आई हैं। जिलों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) महिलाओं/बालिकाओं पर यौन शोषण/आगजनी की घटनाओं के संबंध में भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं नर्मदापुरम संभाग की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) महिला/बालिका यौन उत्पीड़न मामलों से संबंधित फरियादी/पीडिता द्वारा प्रस्तुत किये गये लिखित/मौखिक रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित समुचित धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते है। पंजीबद्ध प्रकरणों की विधि-सम्मत सजगता एवं गंभीरता विवेचना के आधार पर कार्यवाही की जाती है। महिलाओं/बालिकाओं पर हो रहे अत्याचार के प्रति ऐसी कोई उदासीनता नहीं बरती जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिवीक्षा अवधि में वेतन का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
96. ( क्र. 782 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा म.प्र. विधानसभा में नवनियुक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को परिवीक्षा अवधि में शासन द्वारा वेतन एवं भत्ते का भुगतान राज्य के अन्य विभागों में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों के समान भुगतान किए जाने के संबंध में घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा पर शासन द्वारा क्या कार्रवाई की गई? (ख) क्या एक राज्य के शासन के अधीनस्थ नवनियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को अलग-अलग नियम के तहत वेतन भत्तों का भुगतान किया जाना न्याय संगत है? यदि नहीं, तो एक ही शासन के अधिकारियों/कर्मचारियों को अलग-अलग नियमों के तहत वेतन भत्तों का भुगतान किए जाने के क्या कारण है? (ग) मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग/कर्मचारी चयन मंडल तथा अनुकंपा नियुक्ति द्वारा चयनित कर्मचारियों का परिवीक्षाकाल अलग-अलग निर्धारण तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के नवनियुक्त कर्मचारियों को 70%, 80% एवं 90% भुगतान 3 वर्षों के उपरांत पूर्ण वेतन दिए जाने का नियम किस आधार पर बनाया गया है? क्या शासन नवनियुक्त सभी कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए एक समान नियम बनाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) राज्य शासन द्वारा पर्याप्त परीक्षण उपरांत नीतिगत निर्णय लिया गया है। (ग) राज्य शासन के सीधी भर्ती के नियुक्त कार्मिकों को तीन वर्ष की परिवीक्षा पर नियुक्त करने एवं नियत मान से स्टायपेंड के निर्धारण विषयक दिनांक 12 दिसम्बर, 2019 द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये है। उक्त निर्देशों में संशोधन विषयक कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशि का आवंटन
[आनंद]
97. ( क्र. 783 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के जिला देवास एवं इंदौर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने स्थानों पर आनंद सभा का आयोजन किया गया है? आनंद सभा की समय सारणी शेड्युल क्या है? किस-किस आनंद सभा में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी ने भाग लिया? वर्षवार, जिलेवार जानकारी प्रदान करने का आग्रह है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का आंवटन किया गया था कितनी राशि खर्च की गयी? जिलेवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासकीय एवं अशासकीय शिक्षकों के लिये विभागीय अनुमति के संबंध में क्या कार्यवाही की जाती है? (घ) आनंद सभा लेने के लिए कौन-कौन पात्र होता है? जानकारी उपलब्ध करवाने का आग्रह है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) देवास जिले की 08 एवं इंदौर जिले की 15 शालाओं में सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर आधारित आनंद सभा कार्यक्रम का संचालन वर्ष 2023 से आयोजित किया जा रहा हैं। संबंधित विद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा शनिवार को किसी एक कालखंड में आनंद सभा की समय-सारणी शेडयूल का निर्धारण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक शुक्रवार को ऑनलाइन आनंद सभा का कार्यक्रम अन्य विद्यार्थियों के लिए दोपहर 02:30 बजे से 04:00 बजे तक आयोजित किया जाता हैं। आनंद सभा कार्यक्रम कक्षा 9वी एवं 10वी के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जाता हैं। इस हेतु देवास जिले के 21 शिक्षकों एवं इंदौर जिले के 41 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। वर्षवार जिलेवार शिक्षकों के प्रशिक्षण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार हैं। (ख) इस कार्यक्रम के लिए जिलों को कोई भी आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) आनंद सभा कार्यक्रम केवल शासकीय विद्यालयों में आयोजित किया जा रहा हैं। विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण में नामांकित करने हेतु लोक शिक्षण संचालनालय से पत्र जारी किया जाता हैं। (घ) आनंद सभा का कार्यक्रम कक्षा 9वीं तथा 10वीं के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जा रहा हैं, जिसे प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों के द्वारा संचालित किया जाता हैं। प्रशिक्षण हेतु लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश अनुसार संबंधित विद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा शिक्षकों को नामांकित किया जाता हैं।
ग्रामोद्योग योजनाओं की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
98. ( क्र. 786 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामोद्योग लगाने हेतु योजनाएं संचालित करता है, यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराने का आग्रह है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला देवास अंतर्गत ग्राम पंचायतों में ग्रामोद्योग लगाने की क्या प्रक्रिया है एवं शासन द्वारा इसके लिये कितना अनुदान/ऋण उपलब्ध कराया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिला देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में किस-किस जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत में कौन-कौन से ग्रामोद्योग संचालित किये जा रहे हैं? वर्षवार, जनपद पंचायतवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह है?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामोद्योग स्थापना हेतु संचालित योजनाओं की सूची एवं नियमों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है । (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग लगाने की प्रक्रिया एवं ऋण/अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में प्रत्येक योजना में पृथक - पृथक उल्लेखित है। (ग) जिला देवास अंतर्गत सोनकच्छ वि.स. क्षेत्र में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, जनपद पंचायतवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
औद्योगिक संस्थानों का पलायन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
99. ( क्र. 794 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सेंधवा में 150 से अधिक औद्योगिक संस्थान संचालित थे, किन्तु कर वृद्धि के कारण उक्त उद्योगों का पलायन हुआ है? क्या शासन के पास उक्त उद्योगों को पुर्नविस्थापित करने की कोई योजना है? (ख) महाराष्ट्र राज्य में मध्यप्रदेश से कम टैक्स होने के कारण सेंधवा का व्यापार महाराष्ट्र में चले जाने से इसका सीधा असर यहां के आदिवासी, मजदूरों ओर आमजन पर पड़ा है। क्या शासन उद्योगों का पलायन रोकने के लिए महाराष्ट्र के समकक्ष कोई कर प्रणाली ला रही है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या निमाड़ क्षेत्र की अन्य कृषि उपज मंडियों की तुलना में सेंधवा मंडी में कपास की आवक में कमी आई है? यदि हाँ, तो क्या यह माना जावे कि कपास की आवक बढ़ाने में विभाग द्वारा प्रयास नहीं किए जा रहे हैं तथा इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा सेंधवा में विभाग के अधीन संस्था एमपी इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का कोई भी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं है। शासन के पास वृहद श्रेणी के उद्योगों को पुर्नविस्थापित करने की कोई योजना नहीं है, तथापि शासनादेश दिनांक 28/08/2018 द्वारा वृहद श्रेणी की बंद औद्योगिक इकाईयों के प्रबंधन परिवर्तन उपरांत पुर्नसंचालित करने पर विशेष पैकेज का प्रावधान किया गया है। (ख) उद्योगों के पलायन के संबंध में कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है। वर्तमान में इस संबंध में कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार कृषि उपज मंडी सेंधवा में कपास की आवक में गत वर्ष की तुलना में कमी आई है। दिनांक 01 अप्रैल 2023 से 25 नवम्बर 2023 तक सेंधवा मंडी में कपास की आवक 26120 टन थी, इस वर्ष दिनांक 01 अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक कपास की आवक 13276 टन रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस संबंध में ज्ञात किए गए कारण अनुसार इस वर्ष कपास की बुआई देर से हुई है। माह दिसम्बर से कपास की आवक बढ़ने की संभावना है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं मातृ वंदना योजना
[महिला एवं बाल विकास]
100. ( क्र.
802 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) लाड़ली
लक्ष्मी
बालिका योजना
अंतर्गत वर्ष 2006 से
जो वंचित
बालिकाएं रह
गई है। क्या
उन्हें इस
योजना में
जोड़ने का
प्रावधान है।
क्या उन वंचित
बालिकाओं को
इस योजना में
जोड़ा जाएगा। (ख) महिदपुर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत मातृ
वंदना योजना
में योजना
प्रारंभ
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक
प्रथम
डिलिवरी
द्वितीय
डिलिवरी में
किन-किन
महिलाओं को
लाभ दिया गया
है। नामवार, ग्रामवार, पंचायतवार
सूची उपलब्ध
कराएं। (ग) महिदपुर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत विगत
पांच वर्षों
में गोद भराई
एवं जन्मदिवस
कार्यक्रम
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ताओं
द्वारा कब-कब
आयोजित किया
गया एवं
किन-किन
महिलाओं को
इसका लाभ दिया
गया।
आंगनवाड़ीवार
सूची देवें।
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला भूरिया
) : (क) नियमानुसार
पात्रताधारी
बालिकाओं को
जोड़ने का
प्रावधान है।
निर्देश की
प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट पर
है। (ख) महिदपुर
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
प्रधानमंत्री
मातृ वंदना
योजना में
योजना प्रारंभ
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक
प्रथम
डिलिवरी में 15992
महिलाओं तथा
द्वितीय
डिलिवरी में 1374
महिलाओं को
लाभ दिया गया
है। भारत
सरकार द्वारा
प्रधानमंत्री
मातृ वंदना
योजना के
स्वरूप में
परिवर्तन
करते हुये
दिनांक 01.04.2022 से
नवीन
प्रावधान
लागू कर पूर्व
पोर्टल को बंद
कर नवीन
पोर्टल PMMVY-Soft संचालित
किया जा रहा
है, नवीन
पोर्टल पर
योजना
प्रारंभ
दिनांक से हितग्राहियों
की नामवार,ग्रामवार,पंचायतवार
सूची
प्रदर्शित
नहीं होने के
कारण प्रदान किया
जाना संभव
नहीं है। (ग) महिदपुर
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत विगत
पांच वर्षों
में माह के
प्रथम
मंगलवार को
गोद भराई दिवस
का आयोजन
आंगनवाड़ी
केन्द्रों पर
किया गया।
शासन
निर्देशानुसार
15.04.2019 से
जन्म दिवस के
स्थान पर
तृतीय
मंगलवार बाल
चौपाल का आयोजन
किया जा रहा
है। महिदपुर
विधान सभा
क्षेत्र अंतर्गत
218
आंगनवाड़ी
केन्द्र
संचालित हैं।
प्रति आंगनवाड़ी
माह में 2 से 5
महिलाओं तक की
गोदभराई की
जाती है। पांच
वर्षों में
महिदपुर
विधानसभा
क्षेत्र में
लगभग 40 हजार महिलाओं
की गोदभराई
हुई। 5 वर्षों में
हितग्राही
महिलाओं की
संख्या अधिक
होने से
नामवार
जानकारी
प्रदान किया
जाना संभव
नहीं है।
विभागीय कार्य योजना की जानकारी
[गृह]
101. ( क्र. 805 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन सुरक्षा की दृष्टि से शासन/विभाग द्वारा पुलिस विभाग को रतलाम जिला अंतर्गत अनेक स्थानों पर पुलिस थाना भवन,पुलिस चौकियां, पुलिस आवास, विभागीय अधिकारियों के कार्यालय एवं आवास की भूमि आरक्षित कर प्रदान की गई एवं उन पर भवन निर्माण किए गए? (ख) यदि है तो रतलाम जिला अंतर्गत आजादी के पश्चात मध्य भारत एवं म.प्र. राज्य गठन होने की स्थिति में किन-किन कार्यों हेतु किन-किन स्थानों पर कितने-कितने बीघा जमीन आवंटित की गई एवं उनका क्या उपयोग चला आ रहा है? क्षेत्र/नगर/ग्रामवार जानकारी दें। (ग) क्या आवंटित क्षेत्र भूमि पर विगत वर्षों के विभिन्न निर्माण कार्य अत्यंत जर्जर क्षतिग्रस्त एवं वीरान होकर अनुपयोगी पड़े हैं, इनका वर्तमान में कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो जर्जर/क्षतिग्रस्त एवं वीरान पड़े अनुपयोग स्थलों को चिन्हित कर आगामी वर्षों में विभागीय कार्यों की आवश्यकता अनुसार क्या-क्या कार्य किया जा सकते हैं इसे हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि बनाई गई है तो बताये एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर किन-किन स्थानों पर नवीन थाना/चौकी प्रारंभ की जाने की कार्य योजना एवं आवासीय भवन हेतु किन-किन स्थानों पर कार्य योजना पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिला अंतर्गत आजादी के पश्चात मध्य भारत एवं म.प्र. राज्य गठन होने की स्थिति में अनेकों कार्यों हेतु स्टेशन रोड सालाखेड़ी, राजगढ़, बंजली, हाकिमवाड़ा, कस्बा, तरलाम, माणकचौक, दीनदयाल नगर, यातायात खेतलपुर, ग्राम बिबडोद, नामली बांगरोउ, बिलपांक, बिरमावल, शिवगढ़, सैलाना, सरवन, रावटी, बेढ़दा, बाजना, लुखीपाडा, कस्बा, जावरा, सरसी, अरिनियापीथा, कालूखेड़ा, मावता, विक्रमगढ़, भेजाखेड़ी, कनाडिया, ताल, खरवाकला, बरखेड़ाकला, रिंगनोद, ढोढर, असावती, माननखेड़ा, पिपलौदा, सुखेड़ा, बडावदा, हाट पिपल्या, विरियाखेड़ी, आदि रतलाम जिले के विभिन्न जगह पर थाना/चौकी/प्रशासकीय भवन एवं पुलिस आवास हेतु भूमि आवंटित की गई, तदनुसार ही आवंटित भूमि का उपयोग किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, शासकीय भवनों का निर्माण एवं उनका रख-रखाव एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में कोई भवन रख-रखाव के अभाव में अनुपयोगी नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनप्रतिनिधियों द्वारा रतलाम जिले के जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन थाना/चौंकी प्रारंभ किये जाने हेतु वर्ष 2024 में कुल 7 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। खाचरौदा नाका जावरा, अरनियापीथा मण्डी, ताल नाका आम्बा, हसनपालिया एवं हतनारा में नवीन चौकी के प्रस्ताव एवं पुलिस चौकी ढोढर का पुलिस थाने में उन्नयन का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किये गये हैं एवं 8 लेन नेशनल हाईवे पर ग्राम रफ्फुखेड़ी, ग्राम उपलई, ग्राम इसरथुनी, ग्राम हड़ाखों में हाईवे चौकी खोलने हेतु प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है।
औद्योगिक प्लॉटों का भौतिक सत्यापन
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
102. ( क्र. 806 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर अंतर्गत रेल्वे फाटक के पास चौपाटी बस स्टैंड मार्ग पर पुराना औद्योगिक क्षेत्र होकर वर्तमान में व्यस्ततम एवं रहवासी क्षेत्र के अंतर्गत आ गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि नाम मात्र के ही उक्त स्थल पर औद्योगिक कार्य होकर लगभग उन पुराने औद्योगिक प्लाटों पर झूठे दस्तावेजों एवं साठगांठ के माध्यम से अवैध कब्जा कर अधिकृत अन्य कार्य किये जा रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो उक्त स्थल पर कुल कितने औद्योगिक प्लाट होकर किस-किस को किन-किन वर्षों में किन-किन कार्यों हेतु किस प्रयोजन के औद्योगिक कार्य निमित कितनी अवधि हेतु प्रदान किए गए? नामवार, वर्षवार भौतिक सत्यापन सहित संपूर्ण जानकारी दें? (घ) नगर के अत्यंत व्यस्ततम आवागमन एवं आवास क्षेत्र अत्यंत समीप होने के बावजूद तथा कार्य प्रयोजन की दृष्टि से विपरीत होने की दशा में उक्त औद्योगिक स्थल को निरस्त कर अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने हेतु विचार क्यों नहीं किया जा रहा एवं व्यापार एवं उद्योग केंद्र का उपकार्यालय जावरा, पिपलोदा,बड़ावदा,ताल, आलोट स्थान के केंद्र हेतु प्रारंभ किया जाए। यह कार्ययोजना कब तक की जा सकेगी?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हॉ। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) औद्योगिक क्षेत्र की अधिकांश इकाइयां कार्यरत होने से औद्योगिक क्षेत्र के स्थानांतरण पर विचार नहीं किया जा रहा है। शेष के संबंध में वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है।
कुपोषण से ग्रसित बच्चों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 811 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वर्ष 2019 से वर्ष 2024 तक कितने बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं। जिलेवार एवं वर्षवार पंजीकृत (कुपोषण से ग्रसित) बच्चों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) मण्डला जिले में कुपोषण से ग्रसित पंजीकृत बच्चों की जानकारी विकास खण्डवार एवं वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या इन पंजीकृत बच्चों को पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कर कुपोषण मुक्त करने हेतु उचित पोषण आहार एवं देखभाल किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में चिकित्सकीय जटिलता वाले गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उपचारित किया जाता है।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
104. ( क्र. 812 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्ड्ला जिले में वर्ष 2022 से मार्च 2024 तक कितने युवाओं को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के अंतर्गत लोन प्रदाय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2022 से मार्च 2024 तक का कितना लक्ष्य मिला है? वर्षवार लक्ष्य की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) उक्त योजना का लाभ लेने कितने लोगों द्वारा आवेदन किया गया? यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के अंतर्गत लाभांवित लोगों की जानकारी नाम, पता एवं किन-किन जाति वर्ग के हैं, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) मंडला जिले में प्रश्नांश अवधि में युवाओं को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत निम्नानुसार लोन प्रदान किया गया:-
वित्तीय वर्ष |
वितरित प्रकरणों की संख्या |
2022-23 |
564 |
2023-24 |
93 |
(ख) मंडला जिले में प्रश्नांश अवधि में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत निम्नानुसार लक्ष्य मिला :-
वित्तीय वर्ष |
लक्ष्य (संख्या) |
2022-23 |
1200 |
2023-24 |
450 |
(ग) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्नांश अवधि में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का लाभ लेने हेतु निम्नानुसार आवेदन प्राप्त हुये :-
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त आवेदन |
2022-23 |
693 |
2023-24 |
249 |
योजनान्तर्गत लाभान्वित लोगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय
योजनाओं की
जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र.
814 ) श्री
भैरो सिंह
बापू : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) विभाग
अंतर्गत कौन-कौन
सी योजनाएं
संचालित की जा
रही है विवरण
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
संचालित स्पोंसरशिप
योजना में उज्जैन
संभाग में
कितने
हितग्राहीयों
को लाभ दिया
जा रहा है
जिलेवार संख्या
देवें? इनका
भुगतान कब से
शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) के
संदर्भ में
योजना
अंतर्गत
आगर-मालवा
विधानसभा में
कितने
हितग्राहियों
द्वारा योजना से
लाभान्वित
होने हेतु
प्रश्न
दिनांक तक
आवेदन किया है
हितग्राहियों
की सूची
उपलब्ध कराये? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार
हितग्राहियों
को शासन
द्वारा संचालित
योजना का लाभ
कब तक प्रदान
कर दिया जाएगा?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला भूरिया
) : (क) विभाग
द्वारा
संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट – 1
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
संचालित
योजना में
उज्जैन संभाग
में 2094
हितग्राहियों
को लाभ दिया
जा रहा है।
जिलेवार
लाभान्वित
हितग्राहियों
की संख्या एवं
कब से भुगतान
शेष है, की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट – 2
अनुसार है। (ग)
योजना
अंतर्गत आगर-मालवा
विधानसभा
अंतर्गत 61
हितग्राहियों
द्वारा प्रश्न
दिनांक तक
आवेदन किया
गया है। सूची पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट – 3
अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार
हितग्राहियों
को योजना अंतर्गत
लाभ, भारत सरकार
से बजट
प्राप्त होने
पर प्रदान किया
जाता है, अतः
लाभ कब तक
प्रदान कर
दिया जायेगा, बताया
जाना संभव
नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
106. ( क्र. 818 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला बड़वानी अन्तर्गत विकासखण्ड पाटी एवं बड़वानी में कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन एवं निजी भवन में संचालित है? पंचायतवार सूची उपलब्ध कराये। (ख) निजी भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र भवन मालिक से किये गये किराया अनुबन्ध की प्रति भवन मालिक का नाम एवं प्रतिमाह किराया का विवरण पंचायतवार उपलब्ध कराये। (ग) संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज बच्चों की संख्या व उनकी सूची केन्द्रवार उपलब्ध कराये। (घ) संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ/कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं सुपरवाईजर की सूची उपलब्ध कराई जाये।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिले बड़वानी के विकासखण्ड पाटी में 188 शासकीय भवनों में एवं 05 निजी भवनों में तथा विकासखण्ड बड़वानी में 197 शासकीय भवनों में एवं 18 निजी भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) विकासखण्ड पाटी के 05 आंगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों में संचालित है, जिनके किराया निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा विकासखण्ड बड़वानी के 18 आंगनवाड़ी केन्द्र जो किराये के भवनों में संचालित है। किराये से संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची एवं अनुबंध की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'द' अनुसार है।
लोकहित स्पॉन्सरशिप योजना
[महिला एवं बाल विकास]
107. ( क्र. 822 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग अंतर्गत शासन द्वारा लोकहित योजना स्पॉन्सरशिप योजना संचालित की जा रही है जिसमें ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या पिता की मृत्यु के पश्चात उन्हें आर्थिक सहायता प्रदाय की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो इस योजना अंतर्गत मंदसौर जिले में कितने बच्चों को इस योजना का लाभ वर्तमान में दिया जा रहा है विधान सभावार इसकी सूची देवें इन्हें कब तक की आर्थिक सहायता राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ग) योजना अंतर्गत मंदसौर जिले में कितने हितग्राहियों द्वारा योजना से लाभान्वित होने हेतु प्रश्न दिनांक तक आवेदन किया है तहसीलवार आवेदित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराये? (घ) क्या इन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है यदि नहीं, तो इन हितग्राहियों को शासन द्वारा संचालित योजना का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जाएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा योजना की पात्रता अनुसार पात्र पाए जाने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। (ख) मंदसौर जिले में वर्तमान में 34 हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। विधान सभावार हितग्राहियों की सूची एवं उन्हें भुगतान की गयी राशि की भुगतान अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) योजना अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में 1210 आवेदन प्राप्त हुए हैं। तहसीलवार आवेदित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) हितग्राहियों को योजना अंतर्गत लाभ, भारत सरकार से बजट प्राप्त होने पर प्रदान किया जाता है, अतः लाभ कब तक प्रदान कर दिया जायेगा, बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. पेंशनर्स संगठनों की विभिन्न मांगों पर कार्यवाही
[वित्त]
108. ( क्र.
823 ) श्री
विपीन जैन : क्या
उप मुख्यमंत्री, वित्त
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र के
पेंशनर्स
संगठनों और
जनप्रतिनिधियों
द्वारा
पेंशनरों के
आर्थिक हित और
विभिन्न
मांगों को लेकर
समय-समय पर
मांग की जाकर
मध्य प्रदेश
पुनर्गठन
अधिनियम 2000 की छठी
अनुसूची की
धारा 49 (6) को
विलोपित करने
की मांग की
जाती रही है (ख) इस
संबंध में
म.प्र.की 15 वीं
विधानसभा में
पेंशनरों के
संबंध में
धारा 49 (6) को
विलोपित करने
हेतु अशासकीय
संकल्प प्रस्तुत
किया गया है
उसकी वर्तमान
में क्या
कार्यवाही प्रचलित
है (ग) क्या
गवर्नमेंट ऑफ
इंडिया ईपी
सेक्शन नई
दिल्ली
द्वारा दिनांक
13.11.17 को
चीफ
सेक्रेटरी
म.प्र राज्य
भोपाल और
छत्तीसगढ़ को
म.प्र.पुनर्गठन
अधिनियम 2000 की
धारा 49 (6) को
विश्लेषित
करने के आदेश
दिए गए हैं? (घ) क्या
माननीय
न्यायालय
द्वारा
पेंशनरों के हित
में पुराने
महंगाई राहत
के एरियर
भुगतान के
संबंध में
निर्देश दिए
गए हैं, यदि
हाँ, तो बताएं कि
इनका पालन कब
तक किया जाएगा?
उप
मुख्यमंत्री, वित्त
( श्री जगदीश
देवड़ा ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। वर्तमान
में इस संबंध
में राज्य
शासन स्तर पर
कोई
कार्यवाही
प्रचलित नहीं
है। (ग) जी
हाँ। निर्देश
जारी किये गये
है। (घ) राज्य
शासन अपने
उपलब्ध वित्तीय
संसाधनों एवं
अन्य
प्राथमिकताओं
के दृष्टिगत
कर्मचारी हित
में यथासमय
उचित निर्णय
लेती है।
सी.पी.सी.टी. उत्तीर्ण न होने के कारण सेवा समाप्ति
[सामान्य प्रशासन]
109. ( क्र. 827 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से कितने अनुकम्पा नियुक्त सहायक ग्रेड-03 की 04 वर्ष में सी.पी.सी.टी. उत्तीर्ण न करने के कारण सेवाएं समाप्त की गयी। (ख) क्या सी.पी.सी.टी. का नियम पटवारियों पर भी लागू था, ऐसे कितने पटवारी है जिनके द्वारा आज दिनांक तक सी.पी.सी.टी. उत्तीर्ण नहीं की गयी, यदि 04 वर्ष में सेवाएं समाप्त करने का नियम था तो कितने पटवारियों की सेवाएं समाप्त की गयी और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मानवीय आधार पर परिवार के भरण पोषण के लिए दी गयी अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण में सेवाएं समाप्त करना किस आधार पर सही है, यदि नहीं, तो सेवा समाप्त किये गये सहायक ग्रेड-03 को सेवा में पुन: लेने के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) सी.पी.सी.टी. को आसान करने के लिये शासन की कोई योजना बना रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) की चाही गई जानकारी में विभाग तथा जिले का नाम स्पष्ट न होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ग) अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में जारी किए गए निर्देश दिनांक 29.09.2014 की कण्डिका-6.5 का प्रावधान स्पष्ट है। जिसके परिप्रेक्ष्य में शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
भ्रष्टाचार में कार्यवाही से बचने के लिये स्टे प्राप्त किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
110. ( क्र. 828 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जो जिन पर भ्रष्टाचार की जांच चल रही है और कार्यवाही से बचने के लिये स्टे पर है? (ख) क्या स्टे की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि समय-सीमा निर्धारित है तो कितनी और नहीं तो सरकार की इसके बारे में क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में 01 अधिकारी है जिन्होंने माननीय सर्वोच्च न्यायालय से प्रकरण की विवेचना पर स्टे लिया गया है। (ख) स्टे की समय-सीमा माननीय न्यायालय के आदेशानुसार निर्धारित होती है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
111. ( क्र. 829 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये जा रहे है? यदि हाँ, तो इस प्रकार के किन-किन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये जा चुके है और किन-किन ग्रामों में केन्द्र बनाया जाना शेष है? जिन ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं बनाये जा सके है उसका क्या कारण है? क्या उक्त ग्रामों में भूमि उपलब्ध कराने हेतु समय-सीमा में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) से संबंधित शासकीय भूमि की अनुपलब्धता का उल्लेख कर प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं बनाये जा रहे है तो क्या उन ग्रामों में बच्चों के लिये आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं बनाये जायेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित जिन ग्रामों में भूमि की अनुलपब्धता का कारण दर्शाकर आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं बनाये जा रहे है उनमें मात्र आंगनवाड़ी केन्द्र बनाने के लिये भी भूमि उपलब्ध नहीं है? क्या जिला स्तर पर भूमि उपलब्ध कराने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्या विभाग के स्तर पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'अ' अनुसार है। ग्रामों में आंगनवाड़ी भवन नहीं बनाये जाने का कारण भूमि की उपलब्धता नहीं होना है। समय-समय पर तहसीलदारों से भूमि चिन्हांकित/उपलब्ध कराये जाने के लिए निरन्तर पत्राचार किया गया है। (ख) जी, नहीं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य एक सतत् प्रक्रिया है जो कि शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ग) जिला संयोजक, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, जिला पन्ना से प्राप्त जानकारी अनुसार शासकीय भूमि चिन्हांकित नहीं होने के कारण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण नहीं कराया जा सका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। जिला स्तर पर शासकीय भूमि की उपलब्धता हेतु तहसीलदारों कार्यालय से भूमि चिन्हांकित/उपलब्ध कराया जाना प्रक्रियाधीन है।
जन प्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 830 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर जिला पन्ना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर/पन्ना, तहसीलदार तहसील गुन्नौर/अमानगंज/देवेन्द्रनगर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना/गुनौर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी गुनौर, अमानगंज, ककरहटी, देवेन्द्रनगर जिला पन्ना को कितने पत्र प्रेषित किये गये एवं प्रेषित किये गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत न कराने का क्या कारण है? (ख) क्या सत्र जुलाई 2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2604 के उत्तर में पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है का उल्लेख किया गया था। यदि हाँ, तो क्या पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22 मार्च 2011 द्वारा माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश शासन के समस्त विभागों सहित जिला कलेक्टर्स को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही न करने अथवा कार्यवाही से अवगत न कराने के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज ब्लॉक निलामी के संबंध में
[खनिज साधन]
113. ( क्र. 835 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल में केंद्र सरकार की ओर से कितने खनिज ब्लॉक की नीलामी कर दी गयी है? कितने खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रस्तावित है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) अलीराजपुर जिले में खनिज ब्लॉक की ग्रामसभा की अनुमति मिली है? तो क्या उस ग्रामसभा की वीडियो रिकार्डिंग करवाई गयी है? या आगे ऐसी ग्रामसभाओं की वीडियोग्राफी करवाने का सरकार का कोई प्रस्ताव है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने खनिज ब्लॉक में ग्राम सभा सहित अन्य जरूरी अनुमतियां मिल गयी है? क्या ग्रामसभा में पैसा एक्ट का विधि अनुसार पालन किया जा रहा है यदि हाँ, तो ग्रामसभा में प्रभावित ग्रामीणजन भू-स्वामी की उपस्थिति थी? कार्यवाही की प्रति मय विडियोग्राफी क्लिप अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) अलीराजपुर जिले में पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल ग्रामीणजन जमीन अधिग्रहण होने से भयभीत है शासन स्तर से इसका क्या निराकरण किया जाएगा? क्या खदान ब्लॉक की निलामी निरस्त की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला अलीराजपुर तहसील जोबट स्थित खट्टाली छोटी ग्रेफाईट खनिज ब्लॉक रकबा 599.76 हेक्टेयर क्षेत्र पर संमेकित अनुज्ञप्ति हेतु ई-नीलामी प्रक्रिया दिनांक 09.07.2024 को सम्पन्न हुई, जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा उच्चतम बोली 150.55 प्रतिशत प्राप्त हुई। भारत सरकार, खान मंत्रालय व्दारा अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 20.07.2024 से कोल इंडिया लिमिटेड को अधिमानी बोलीदार घोषित किया गया। भारत सरकार, खान मंत्रालय व्दारा आगामी चरण के लिये जिला अलीराजपुर के 01 खनिज ब्लॉक बडी जुवारी ग्रेफाईट एवं वेनेडियम ब्लॉक रकबा 268 हेक्टेयर नीलाम किया जाना प्रस्तावित है। (ख) मुख्य खनिज ब्लॉक नीलामी किये जाने के पूर्व मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1999 एवं मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 में ग्राम सभा की अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार भारत सरकार खान मंत्रालय द्वारा की गई नीलामी संमेकित अनुज्ञप्ति हेतु की गई है। जिसमें वर्तमान में भूमि अधिग्रहण का कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारी/कर्मचारियों की पदपूर्ति के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
114. ( क्र. 836 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला बाल विकास अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं उसके अधीन परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कहां कहां ओर कब से अवधि बतावे। (ख) क्या रिक्त पद पर जिला एवं परियोजना स्तर पर किस स्तर के अधिकारियों से कार्य करवाया जा रहा है, क्या रिक्त पदों कि पूर्ति शासन स्तर से कि जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक अवधि बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों पर यथासंभव उपलब्ध समकक्ष अथवा वरिष्ठ कनिष्ठ श्रेणी के अधिकारियों से कार्य करवाया जा रहा है। सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है। वर्तमान में प्रदेश में पदोन्नतियां बाधित हैं, समस्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी और कुपोषण के सम्बन्ध में
[महिला एवं बाल विकास]
115. ( क्र. 837 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ और अलीराजपुर जिले में कुल कितनी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी है, कुल कितने 0-5 वर्ष के बालक-बालिका कितने है। (ख) झाबुआ और अलीराजपुर जिले में 2020 से 2024 तक कुपोषित और अति कुपोषित बालक-बालिका की संख्या कितनी है और कितने न.ई. सी.यू. में भर्ती होकर स्वस्थ हुए, परियोजना अनुसार जानकारी प्रदान करे। (ग) झाबुआ और अलीराजपुर के सभी परीयोजना में सरकार और अन्य संघठन से प्राप्त बजट वर्ष 2020 से 2024 तक खर्च की जानकारी प्रदान की जाए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वर्षवार कुपोषित और अति कुपोषित बालक-बालिका की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। कुपोषित बच्चों को न.ई. सी.यू. में भर्ती कर उपचारित नहीं किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार है।
हवाई यात्राओं की जानकारी
[विमानन]
116. ( क्र. 839 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी, मंत्रिगणों एवं राज्य के अधिकारियों द्वारा कुल कितनी हवाई यात्रा की गई एवं इन यात्राओं पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त हवाई यात्राएं कितनी यात्राएं शासकीय विमान/हेलीकॉप्टरों से की गई एवं कितनी यात्राएं निजी विमानों एवं हेलीकॉप्टरों से की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन कंपनियों के निजी विमानों/हेलीकॉप्टरों से यात्रा की गई? यह यात्राएं कितने-कितने घंटों में की थी? इन यात्राओं के एवज में इन कंपनियों को कितनी-कितनी राशि का कुल भुगतान किया गया? (घ) उक्त सभी यात्राओं में से कितनी यात्राएं निजी थी एवं कितनी यात्राएं शासकीय थी?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विमानन
विभाग के
अंतर्गत कुल 666
हवाई
यात्राएं
संपादित की गई
एवं इन
यात्राओं पर
कुल राशि
रूपये 32,85,02,090/- व्यय
की गई। (ख) शासकीय
विमान/हेलीकॉप्टर
से कुल
यात्राएं 238 हैं
एवं निजी
विमानों/हेलीकॉप्टरों
से की गई कुल
यात्राएं 428
हैं। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) उक्त
सभी यात्राएं
शासकीय
प्रयोजन से की
गई हैं।
परिशिष्ट
- "सैंतालीस"
शासकीय सेवकों की पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
117. ( क्र. 846 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शासकीय सेवकों की पदोन्नति क्यों रोकी गई है तथा सरकार द्वारा शासकीय सेवकों की पदोन्नति कब तक लागू की जाएगी। (ख) वर्ष 2016 के बाद मध्यप्रदेश में कितने कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो गए हैं? वर्षवार, जिलावार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 30.04.2016 के तहत अपास्त किया गया है, जिसके विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर एस.एल.पी क्रमांक 13954/2016 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा यथास्थिति बनाये रखने से पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित है। उक्त संबंध में इस विभाग द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये है, अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' में चाही गई जानकारी का विभाग, संवर्ग, पदनाम आदि स्पष्ट न होने के कारण उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
संचालित योजनाओं एवं पदस्थ अधिकारियों द्वारा कृत कार्यों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
118. ( क्र. 847 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले हेतु विभाग की किन-किन योजनाओं के तहत् वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक किस मद में कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी रीवा अन्तर्गत कार्यालय परियोजना अधिकारी विकासखण्ड रीवा एवं रायपुर कर्चुलियान में किन-किन योजनाओं के प्रचार-प्रसार में शिविरों के आयोजन, प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा अन्य कार्यक्रमों में कितनी राशि कब-कब एवं कहां-कहां व्यय की गई? वर्षवार, योजनावार, गतिविधिवार व्यय राशि एवं उपस्थित प्रतिभागियों के नाम, पता की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिला कार्यक्रम अधिकारी रीवा अन्तर्गत कार्यालय परियोजना अधिकारी विकासखण्ड रीवा एवं रायपुर कर्चुलियान में पदस्थ परियोजना अधिकारियों एवं सुपरवाईजरों द्वारा शासन के दिशा-निर्देशों अनुसार कार्यक्षेत्र में किये गये भ्रमण/निरीक्षण से संबधित प्रतिवेदन/रिपोर्ट की प्रतियां, भ्रमण/निरीक्षण में पाई गई अनियमितताओं में की गई कार्यवाही से संबधित दस्तावेजों की प्रतियों वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे पेनड्राईव ''अ” अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे पेनड्राईव ''ब” अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे पेन ड्राईव ''स” अनुसार है।
जनभागीदारी योजना से निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
119. ( क्र. 850 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी योजना से निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु विभाग की क्या योजना है या पूर्व में संचालित रही है? विस्तृत जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक जिला विदिशा में कुल कितने निर्माण कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई थी तथा कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई जानकारी देवें? क्या वर्तमान में जनभागीदारी योजना बंद है?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक विदिशा जिले में कोई भी निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं।
उद्योग संचालित करने हेतु आवंटित भूमि की व्यवस्था
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
120. ( क्र. 862 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मैहर में औद्योगिक केन्द्र विकास निगम द्वारा लघु उद्योग के लिये औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु क्या उद्योग लगाने वाले लोगों को विगत कई वर्ष पूर्व आवंटित की गई थी, यदि हाँ, तो क्या ऐसे लोगों जिनको कि भूमि आवंटित की गई थी, उनके द्वारा अपनी-अपनी इकाईयों की स्थापना की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या आवंटन में प्राप्त लघु उद्योग स्थापित करने वाले व्यक्तियों/संस्थानों से भू-भाटक की राशि जमा कराने के बावजूद भी भूखण्डों में कब्जा नहीं दिये जाने से इकाईयों की स्थापना नहीं हो पाई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या निरन्तर भू-भाटक जमा कराये जाने के बावजूद भी कब्जा नहीं दिया गया क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे तथा यह भी स्पष्ट किया जावे कि कब तक कब्जा दिलवाया जावेगा जिससे लघु उद्योग स्थापित हो सके? समयावधि बतायी जावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हॉ, विभाग के अधीन संस्था एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय रीवा द्वारा जिला मैहर के औद्योगिक क्षेत्र उद्योग धाम में 27 इकाइयों को भूमि आवंटित की गयी थी, जिनमें से 2 इकाईयां स्थापित की गई है। (ख) एवं (ग) जिला - मैहर की उक्त इकाईयों से वर्ष 2022 से भू-भाटक नहीं जमा कराया जा रहा है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक 7816/2017 एवं 10043/2017 में यथास्थिति का आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश प्राप्त होने के उपरांत तदनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकती है।
अधिकारियों की पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
121. ( क्र.
864 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नवगठित
जिला मैहर में
जिला प्रशासन
द्वारा विभिन्न
विभागों के
जिला
अधिकारियों
के मय स्टॉफ
पदस्थ किये
जाने के प्रस्ताव
पत्र शासन की
ओर प्रेषित
किये गये है
यदि हाँ, तो इस
संबंध में अभी
तक क्या
कार्यवाही
शासन स्तर
में की गयी
जानकारी
उपलब्ध
करायी जावे। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में क्या
नवगठित जिलों
मैहर के
अस्तित्व
में आने के
बाद
जनापेक्षाओं
के अनुरूप सभी
विभागों के
जिला
कार्यालय
खोलकर
जिलाधिकारियों
की मय स्टॉफ
यह स्थापना
तथा क्रियान्वयन
प्रारंभ
कराया जाना
अतिआवश्यक
है? यदि
हाँ, तो कब तक यह
प्रक्रिया
पूर्ण करा दी
जावेगी समयावधि
सहित जानकारी
दी जावें और
यदि नहीं, तो क्यों? कारण
सहित जानकारी
दी जावे।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
जानलेवा हमला कर हत्या किये जाने के संबंध में
[गृह]
122. ( क्र. 877 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना देहात भिण्ड अपराध क्र. 0526 दिनांक 20.9.24 समय 22:56 बजे FIR दर्ज की गई है? (ख) यदि हाँ, तो अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर जानलेवा हमला करने वाले व्यक्तियों/अपराधियों को प्रश्न दिनांक तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या मृतक के बयान के आधार पर धाराएं लगाई गई? यदि नहीं, तो क्यों शासन प्रावधानों के आधार पर जिन अपराधियों ने घटनाओं को अन्जाम दिया उनके विरूद्ध धाराएं बढ़ाएं जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो कारण बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) आरोपी योगेश भदौरिया पुत्र पुत्तु सिंह भदौरिया निवासी कीरतपुरा जिला भिण्ड एवं अज्ञात चार लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। घटना दिनांक से आरोपी फरार है जिनकी गिरफ्तारी के लगातार प्रयास किये जो रहे हैं। घटना के फरार आरोपी योगेश भदौरिया पुत्र पुत्तु सिंह भदौरिया नि. कीरतपुरा थाना देहात जिला भिण्ड की गिरफ्तारी हेतु 5000/-रू. का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी योगेश भदौरिया पुत्र पुत्तू सिंह भदौरिया की चल एवं अचल संपत्ति की जानकारी प्राप्त की जा रही है। घटना में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये 8 सदस्यीय टीम गठित की गई है जो लगातार गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। (ग) अपराध के फरियादी रवि शाक्य पुत्र राजकुमार शाक्य उम्र 28 निवासी ग्राम परा थाना अटेर जिला भिण्ड द्वारा दिये गये बयान के पर थाना देहात जिला भिण्ड में में अप.क. 526/24, धारा 115 (2), 296, 351 (3) 126 (3) बीएनएस एससी एसटी एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया गया। ईलाज के दौरान फरियादी रवि शाक्य पुत्र राजकुमार शाक्य उम्र 28 साल निवासी ग्राम परा थाना अटेर जिला भिण्ड की मृत्यु हो जाने तथा दिनांक 13.10.24 को मर्ग डायरी प्राप्त होने पर से जॉच उपरांत धारा 103 (1) बीएनएस एवं 3 (2) (व्हीए) एससी/एसटी एक्ट का ईजाफा किया गया।
अपराधों के संबंध में
[गृह]
123. ( क्र. 908 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना के पुलिस थाना महुआ में 01 जुलाई 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने अपराध पंजीबद्ध किये गये? (ख) उन दर्ज पंजीबद्ध अपराधों की संख्या एवं उनके फरियादी और आरोपियों के नाम, पता सहित एवं उन पर की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी माहवार बतायें। (ग) क्या पुलिस थाना महुआ क्षेत्र में 01 जुलाई 2024 से प्रश्न दिनांक तक अपराधों में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो क्यों। (घ) क्या इसके लिये संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) थाना महुआ में 01 जुलाई 2024 से प्रश्न दिनांक तक 67 अपराध पंजीबद्ध हुये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 01 जुलाई 2024 से प्रश्न दिनांक तक अपराधों में कोई वृद्धि नहीं हुई हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
3 वर्ष से अधिक समय तक पदस्थ कर्मचारियों के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
124. ( क्र. 909 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी कर्मचारी को 3 वर्ष से अधिक समय तक किसी एक ही जगह पदस्थ रहने पर उसको अन्यत्र स्थानान्तरण करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो। (ख) जिला मुरैना में ऐसे कितने अधिकारी कर्मचारी है जो 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ है? उनके नाम, पद कार्यालय का नाम एवं पदस्थापना की दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हॉ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लोकायुक्त संगठन के द्वारा अभियोजन की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
125. ( क्र. 916 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त संगठन द्वारा कुल कितने अधिकारियों के संबंध में अभियोजन की अनुमति शासन से मांगी गई है? वर्ष 2019 से 2024 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई है? स्पष्ट जानकारी दें। किस-किस प्रकरणों में नहीं दी गई? प्रकरणवार दें। (ग) जिन अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई है, उनके प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) अद्यतन स्थिति की जानकारी दें। जिन प्रकरणों में स्वीकृति नहीं दी गई उन प्रकरणों को किस नियम/कानून के तहत लंबित रखा गया है? बिन्दुवार/प्रकरणवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 01.11.2014 द्वारा शासकीय/प्रशासकीय व्यवहार में अधिकारी/कर्मचारी का संबोधन समाप्त करते हुए लोक सेवकों को शासकीय सेवक शब्द से संबोधित किए जाने के निर्देश हैं, अत: प्रश्न में 'अधिकारियों' शब्द से स्पष्ट नहीं है कि किन लोक सेवकों के संबंध में जानकारी चाही जा रही है, अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीजनल इंडस्ट्री कांकलेव की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
126. ( क्र. 917 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01.01.2024 से प्रश्न तिथि तक राज्य सरकार द्वारा प्रश्न दिनांक तक विनिवेश को आकर्षित करने के लिए किन-किन स्थानों पर किस-किस दिनांक को रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव आयोजित किये गये? (ख) उपरोक्त रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में अलग-अलग किन निवेशकों, औद्योगिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा किस-किस ने कितने-कितने निवेश का प्रस्ताव किस उद्योग के लिए दिया है? किन-किन कंपनियों को अनुज्ञा पत्र शासन के द्वारा जारी किया? (ग) उपरोक्त प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या प्रगति हुई है, इसका अलग-अलग विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) उपरोक्त आयोजनों पर सरकार के किस-किस विभाग द्वारा किस-किस मद में किस-किस स्थानों पर, क्या-क्या कार्य हेतु कितना-कितना व्यय किया गया? मदवार/विभागवार/स्थानवार/राशिवार जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
खनन कारोबारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही
[खनिज साधन]
127. ( क्र. 945 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर, जिला ग्वालियर द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक जिले के बिलौआ, रफादपुर एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों की क्रेशर व गिट्टी आधारित खनन कारोबारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो आलोच्य अवधि में फर्म/खनन कारोबारी बार जानकारी जिसमें उनके विरूद्ध किस कारण से क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई पूर्ण जानकारी सहित कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाएं। (ख) क्या कलेक्टर द्वारा उक्त कार्यवाही में बिलौआ, रफादपुर एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों की क्रेशर व गिट्टी आधारित 23 खनन कारोबारियों पर 425 करोड़ रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या स्थिति है? फर्म/खनन कारोबारी के नाम सहित अधिरोपित दण्ड राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जाये। (ग) क्या इस कार्यवाही में कतिपय खनन करोबारियों को दण्डित किया तथा कुछ को बाद में दोषमुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो दोषमुक्त करने का क्या आधार रहा? फर्म/खनन कारोबारी के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जाये।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर ग्वालियर द्वारा खनन कारोबारियों के विरूद्ध अवैध उत्खनन के 50 प्रकरण एवं अवैध भण्डारण के 05 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कलेक्टर ग्वालियर द्वारा दर्ज प्रकरणों में से 06 प्रकरणों में दण्डात्मक कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। दण्डात्मक कार्यवाही के संबंध में अभिलेख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। इनमें से 6 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रकरण अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत निराकरण हेतु कलेक्टर ग्वालियर के समक्ष प्रचलित है। (ग) जी नहीं। निराकृत किए गए प्रकरणों में किसी को दोषमुक्त नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डेवलपर द्वारा धोखाधड़ी
[गृह]
128. ( क्र. 963 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2863 दिनांक 16.07.2024 के (ग) परीक्षण उत्तर अनुसार अनावेदन नवनीत सिंह सिकरवार द्वारा जो लेख किया गया था का परीक्षण विभाग द्वारा करा लिया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कब तक परीक्षण कराकर आवेदक के विषय का निराकरण कर दिया जावेगा। समय-सीमा देवें। (ख) दिनांक 04.11.2024 को आवेदक द्वारा जो लिखित बयान थाना नीलगंगा उज्जैन को प्रस्तुत किया गया उस पर विभाग द्वारा उत्तर दिनांक तक जो कार्यवाही की गई है उसकी जानकारी देवें। (ग) प्रश्न क्र. 2863 दिनांक 16.07.2024 के (ख) प्रश्न का उत्तर प्रदाय न कर अन्य जानकारी उपलब्ध करायी गई है इसमें वांछित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। प्रश्न का उत्तर प्रश्नानुसार न देकर जो अन्य जानकारी उपलब्ध करायी गयी उसके प्रदायकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शिकायत जांच के अनुक्रम में आवेदक मो. असलम पिता अल्लाउद्दीन निवासी 252 सी माधवनगर, रेल्वे कॉलोनी, उज्जैन हाल न्यू करीमगंज रोड न0 15 थाना सिविल लाईन जिला, गया बिहार की ओर से गिरवरसिंह गौतम को इस विषय के लिये प्राधिकृत किया गया है। गिरवरसिंह गौतम द्वारा थाना प्रभारी थाना नीलगंगा को लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत कर लेख किया है कि अनावेदक नवनीतसिंह सिकरवार द्वारा दिनांक 10-12-2024 का चेक व एक फ्लैट देने का आश्वासन दिया गया है। इसलिये जो आवेदन पत्र दिनांक 09-05-2024 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था उस पर कोई पुलिस कार्यवाही नहीं चाहते है। आवेदक अपनी शिकायत पर वर्तमान में पुलिस कार्यवाही नहीं चाहता है। (ख) आवेदक मोहम्मद असलम पिता मोहम्मद अलाउद्दीन निवासी 252 सी माधवनगर, रेल्वे कॉलोनी, उज्जैन वर्तमान पता न्यू करीमगंज रोड नंबर 15, थाना सिविल लाईन जिला गया, बिहार के लिखित कथन को शिकायत जांच में शामिल किया गया एवं आवेदक की ओर से शिकायत जांच में प्राधिकृत व्यक्ति गिरवरसिंह गौतम द्वारा अनावेदक नवनीतसिंह सिकरवार से एक 750000/- रूपये चेक व निर्धारित फ्लैट दिनांक 10-12-2024 तक देने के आश्वासन पर आवेदक की ओर से कोई पुलिस कार्यवाही नहीं चाहने बावत् लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है। (ग) प्रश्न क्र. 2863 के ''ख'' का उत्तर प्रश्नानुसार न दिये जाने के संबंध में किसी की संलिप्तता परिलक्षित नहीं हुई है, जो जानकारी प्रदाय की गई थी वह तथ्यों पर आधारित थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गृह विभाग के नियम निर्देशों का पालन
[गृह]
129. ( क्र. 974 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग के अंतर्गत ऐसे नियम/निर्देश है की डी.पी.ओ/ए.डी.पी.ओ एवं पुलिस कर्मियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित रहते हुये प्रशासनिक/थाना प्रभारी की जिम्मेदारी नहीं दी जाती है? यदि हाँ, तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग के नियम/निर्देशों के अंतर्गत गृह विभाग में भी एक ही जिला/थाना में कार्य करने की अवधि तीन वर्ष नियत है? यदि हाँ, तो स्थानांतरण/पदस्थापना से संबंधित नियम/निर्देशों की प्रतियॉ उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर एवं दतिया जिला में लोक अभियोजन अधिकारी एवं सहायक लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर कौन-कौन कार्यरत है और कब से कार्यरत है? कृपया नाम/पद का उल्लेख करते हुये ग्वालियर एवं दतिया जिला में पदस्थापना/स्थानांतरण से संबंधित विभागीय नोटशीट एवं आदेशों की प्रतियॉ उपलब्ध करायें। क्या उक्त अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच प्रचलित है? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारियों को प्रशासनिक पद पर रखा जा सकता है? यदि हाँ, तो क्यों कृपया कारण सहित बतायें कि कब तक हटाया जायेगा? (ग) क्या गृह विभाग दतिया जिला में लंबी अवधि (3 वर्ष से अधिक) पदस्थ पुलिस अधिकारियों को शिकायत/डी.ई. के आधार पर दतिया जिला से तहसील एवं थाना से हटाने की कार्यवाही करें। यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं, विभागीय जांच संस्थित होने पर प्रशासनिक थाना प्रभारी की जिम्मेदारी देने पर रोक नहीं है। अद्यतन स्थानांतरण नीति की कंडिका 18 अनुसार यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावें। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। लंबित विभागीय जांच की जानकारी निरंक है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" में स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण किये जाते हैं। शिकायत/डीई के आधार पर जांच उपरांत आवश्यक निर्णय/दंड दिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय जांच एवं पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
130. ( क्र. 975 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने आय.ए.एस./आई.पी.एस/सी.ई.ओ. जिला पंचायत एवं राज्य प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त एवं विभाग में जांच प्रचलित है। उक्त जांच कब से प्रचलित है? कृपया विगत पांच वर्ष की अवधि सहित नाम/पद एवं शिकायतों सहित अलग-अलग जांच का विवरण दें। (ख) प्रदेश में कितने अधिकारियों को लोकायुक्त एवं विभाग में दोषी पाया गया है। कृपया अलग-अलग विवरण देते हुये बताये कि विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है। (ग) क्या नियमानुसार विभागीय जांच संस्थित रहते हुये एवं दोषी अधिकारियां को प्रशासनिक पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है? यदि हाँ, तो कारण सहित बताये और यदि नहीं, तो क्यों तथा उक्त अधिकारियों को कब तक पद से हटाया जायेगा। (घ) क्या विभागीय स्थानांतरण नीति में अनुसार तीन वर्ष का प्रावधान है। यदि हाँ, तो दतिया जिला सहित कितने अधिकारी तीन वर्ष पश्चात भी शिकायतों के बावजूद जिम्मेदारी के पद पर कार्यरत है। कृपया योग्यता/दक्षता एवं आवश्यकता का विवरण देते हुए पदस्थी का कारण बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिले में लोकायुक्त की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
131. ( क्र. 976 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 से आज दिनांक तक लोकायुक्त पुलिस द्वारा कुल कितने प्रकरण, किन-किन विषयों के और संबंधित विभागों या अन्य दर्ज किए गए हैं? जिलेवार सूची एवं संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 से आज दिनांक तक कुल कितने प्रकरणों में चालान पेश किया जा चुका है? जिलेवार संख्या बताएँ और कितने प्रकरण में आज दिनांक तक चालान पेश नहीं किया गया है? जिलेवार आरोपियों के नाम, प्रकरण क्रमांक/दिनांक सहित सूची प्रदान करें एवं चालान पेश नहीं करने के कारण भी बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2019 से आज दिनांक तक मध्यप्रदेश में दर्ज लोकायुक्त प्रकरणों के आरोपियों को निलंबन या अन्य कोई दण्ड प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं दिया गया? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित उत्तर दें। (घ) क्या मध्यप्रदेश में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज किये प्रकरणों में से अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति/रिपलेस्मेंट पर आये हुए कर्मचारी को लोकायुक्त प्रकरण दर्ज होने के बाद उनके मूल विभाग में वापस भेजा जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण सहित बताएँ।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2019 तक आज दिनांक तक ट्रेप एवं अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने एवं पद के दुरूपयोग करने संबंधी विषयों के कुल दर्ज 1455 प्रकरणों की जिलेवार एवं संख्यात्मक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2019 से आज दिनांक तक विशेष पुलिस स्थापना में पंजीबद्ध 1455 प्रकरणों में से कुल 494 प्रकरणों में चालान पेश किया जा चुका है, जिसकी जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 7 में अंकित है तथा जिन 961 प्रकरणों में चालान पेश नहीं किया गया, उनकी जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 8 पर अंकित है। उक्त 961 प्रकरणों में से 741 प्रकरण विवेचनाधीन होने, 145 प्रकरण अभियोजन स्वीकृति हेतु शासन के पास लंबित होने, 18 प्रकरणों में आरोपी की मृत्यु अथवा पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में खात्मा कार्यवाही किये जाने तथा शेष 57 प्रकरणों में माननीय न्यायालय से समय प्राप्त नहीं होने के कारण चालान पेश नहीं किये जा सके है। अतारांकित प्रश्न होने तथा गोपनीयता की दृष्टि से सूची दिया जाना संभव नहीं है। (ग) भिन्न-भिन्न प्रकरणों के निर्णय अनुसार शासकीय प्रावधान अनुसार गुणदोष के आधार पर न्यायोचित कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) भिन्न-भिन्न प्रकरणों में कार्यवाही प्रकरण के गुणदोष पर आधारित होती है। सभी प्रकरणों में एक समान कार्यवाही संभव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वाहन चेकिंग के दौरान चालान बनाया जाना
[गृह]
132. ( क्र.
977 ) श्री
केशव देसाई : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
भोपाल, दतिया, ग्वालियर, भिण्ड
जिले में
पुलिस विभाग
द्वारा
हेलमेट चेकिंग
के द्वारा
आमजन वाहन
चालकों के साथ
ही कितने
पुलिस वाहन
चालकों का
चालान बनाया
गया है? पुलिस
चालकों की
सूची उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांकित
अवधि में आमजन
के साथ ही
पुलिस चालकों को
भी ऑनलाईन
चालान दिये
गये है, न्यायालय
में चालान
भरने की क्या
प्रक्रिया है? विभाग
द्वारा पुलिस
चालकों की
सूची उपलब्ध करावे।
(ग) दिनांक
01.01.2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितने
पुलिसकर्मियों
को वर्दी में
बिना हेलमेट
के चेकिंग में
पकड़ा गया है, उन
पर क्या
चालानी
कार्यवाही की
गई? यदि
हाँ, तो
पुलिसकर्मियों
के नाम, पदनाम
सहित सूची
उपलब्ध
करावे। (घ) विभाग
में वर्ष 2022 से
नवंबर, 2024 तक
कितनी राशि
ऑनलाईन एवं
कितनी राशि
ऑफलाईन चालान
से वसूल की गई
है एवं प्रश्न
दिनांक तक
क्या
कार्यवाही की
गई? संपूर्ण
कार्यवाही की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें।
(ड.) प्रश्नांकित
अवधि में
विभाग द्वारा
कितने ऑनलाईन चालान
बनाये गये तथा
उससे कितना
समन शुल्क प्राप्त
हुआ विभाग ने
उक्त समन
शुल्क किस मद
से राजकोष में
जमा किया।
कितने चालान
का निराकरण
न्यायालय में
लंबित है, सूचीवार
जानकारी
उपलब्ध
करावे।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष
2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
पुलिस विभाग
द्वारा
हेलमेट चेकिंग
के दौरान
बनाये गये
चालानों की
संख्या निम्नानुसार
भोपाल कुल
चालान संख्या
-4,84,971
ग्वालियर कुल
चालान संख्या-1,82.951, भिण्ड
कुल चालान
संख्या-15.581, दतिया
कुल चालान
रांख्या 66,888
पुलिस वाहन
चालकों के
चालान बनाते
समय पृथक से
विभाग या पद
का उल्लेख
नहीं किया
जाता है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांकित
अवधि में
ऑनलाईन
चालानों की
संख्या निम्नानुसार
है।
भोपाल-ऑनलाईन
चालान संख्या 3.79.141
ग्वालियर
ऑनलाईन चालान
संख्या 73,634
भिण्ड ऑनलाईन
चालान संख्या-
28.212
दतिया ऑनलाईन
चालान संख्या 8,281
मोटर व्हीकल
एक्ट में
उल्लेखित
धाराओं के अन्तर्गत
एक सामान्य
प्रक्रिया के
तहत् वाहन
चेकिंग के दौरान
नियमों के
उल्लंघनकर्ताओं
के विरुद्ध
चालान बनाये
जाते है। जब
किसी वाहन
चालक का चालान
न्यायलय में
जाता है तो
वाहन चालक
संबंधित जिले
के सीजेएम
कोर्ट में
वाहन के
दस्तावेजों
के साथ स्वयं
उपस्थित होकर
चालान भरते है।
इस कारण सूची
उपलब्ध कराया
जाना संभव
नहीं है।
पुलिस वाहन
चालकों के
चालान बनाते
समय पृथक से
विभाग या पद
का उल्लेख
नहीं किया
जाता है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) दिनांक
01.01.2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
वाहन चेकिंग
के सामान्य
प्रक्रिया के
अन्तर्गत नियमों
के
उल्लंघनकर्ताओं
के विरुद्ध
चालानी प्रक्रिया
अपनाई जाती
है। किसी भी
यातायात नियम
तोड़ने वालो
के विरूद्ध
चालान बनाते
समय उसके विभाग
अथवा
पृष्ठभूमि का
उल्लेख नहीं
किया जाता है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) विभाग
में वर्ष 2022 से
नवम्बर 2024 तक ऑनलाईन
एवं ऑफलाईन
वसूल की गई
चालानी राशि
का विवरण
निम्नानुसार
है भोपाल
ऑनलाईन समन
शुल्क 4,30,34,500 भोपाल
ऑफलाईन समन
शुल्क -8.47.25.904 ग्वालियर
ऑनलाईन समन
शुल्क 41,94,050
ग्वालियर
ऑफलाईन समन
शुल्क -7,06,07,700 भिण्ड
ऑनलाईन समन
शुल्क 1,96,58,250, भिण्ड
ऑफलाईन समन
शुल्क 58.38,350 दतिया
ऑनलाईन समन
शुल्क -48.85,000, दतिया
ऑफलाईन समन
शुल्क 1,91,45,250 सम्पूर्ण
जानकारी की
छायाप्रति
वहृद एवं विस्तृत
होने के कारण जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट (पेन
ड्राईव) अनुसार
है। (ड.) प्रश्नांकित
अवधि में
विभाग द्वारा
ऑनलाईन बनाये
गये चालान एवं
उससे प्राप्त
समन शुल्क का
विवरण
निम्नानुसार
है भोपाल
ऑनलाईन चालान 3.79.141 ऑनलाईन
समन शुल्क-4,30,34,500 न्यायालय
में लंबित
चालान संख्या-188572, ग्वालियर
ऑनलाईन चालान-46560
ऑनलाईन समन
शुल्क-41,94,050
न्यायालय में
लंबित चालान
संख्या-35535, भिण्ड
ऑनलाईन चालान-43486
ऑनलाईन समन
शुल्क 1,96,58,250
न्यायालय में
लंबित चालान
संख्या-45 दतिया
ऑनलाईन चालान 10357
ऑनलाईन समन
शुल्क-48,85,000
न्यायालय में
लंबित चालान
संख्या-222 उक्त
समन शुल्क
राजकोष के
हेड-0055-00-103-9685 मद में
जमा किया जाता
है। न्यायालय
में निराकरण
हेतु लंबित
चालानों की
सूची पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट (पेनड्राईव)
अनुसार है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
133. ( क्र. 986 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामोद्योग लगाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रामोद्योग लगाने की क्या प्रक्रिया है संचालित ग्रामोद्योग को कितनी-कितनी अनुदान/ऋण उपलब्ध कराया गया है? पंचायतवार विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा आगामी वर्ष में रोजगार हेतु कितने लोगों को अनुदान/ऋण देने की क्या योजना है?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामोद्योग स्थापना हेतु संचालित योजनाओं की सूची एवं नियमों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग लगाने की प्रक्रिया एवं ऋण/अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में प्रत्येक योजना पृथक-पृथक उल्लेखित है। वर्ष 2024-25 में प्रश्न दिनांक तक 09 हितग्राहियों को ऋण राशि 49.55 लाख एवं अनुदान राशि रु. 17.31 लाख कुल 66.86 लाख स्वीकृत की गयी है। पंचायतवार विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2025-26 में एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना अंतर्गत 20 किसानो की निजी भूमि में मलबरी पौधरोपण कर योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
विधायक के पत्रों पर कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
134. ( क्र. 990 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक 19.11.2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन एवं प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल को अपनी ई-मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई-मेल आई.डी. pscomnind@mp.gov.in एवं अन्य विभागीय आई.डी. पर सतत रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई है? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क़्या प्रश्नांश "क" में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया एवं चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता विधायक को कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है? पृथक-पृथक नाम, पदनामवार बतावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को अपने पत्र क्रमांक 1367/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 19.10.2024 को रतलाम निवेश क्षेत्र की योजना को लोकहित में निरस्त किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था एवं विभाग के प्रमुख सचिव एवं प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल से उक्त रतलाम निवेश क्षेत्र की जानकारी लोकहित में मांगी गई थी? यदि हाँ, तो सदन में उत्तर देने की दिनांक तक उक्त रतलाम निवेश क्षेत्र योजना को निरस्त नहीं करने का क्या कारण है? चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता विधायक को कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय विधायक जी द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से दिनांक 19/11/2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग एवं प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड़ भोपाल को ई-मेल आई.डी.kamleshwar.d[at]mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ईमेल आई.डी. pscomnind[at]mp. gov.in एवं अन्य विभागीय आई.डी. से भेजे गये कुल 09 पत्र एमपीआईडीसी को प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 06 पत्रों पर कार्यवाही की गई तथा शेष 03 पत्रों पर कार्यवाही की जा रही है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लेख है कि उक्त पत्रों द्वारा चाही गई जानकारी विस्तृत/व्यापक स्वरूप की होने के कारण अन्य कार्यालयों से संकलित की जा रही है। जानकारी प्राप्त होने के उपरांत यथाशीघ्र प्रश्नकर्ता माननीय विधायक को उपलब्ध करा दी जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां। उक्त पत्र पर कार्यवाही की जा रही है। यथाशीघ्र प्रश्नकर्ता माननीय विधायक को उपलब्ध करा दी जावेगी। (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मा. सदस्यों के पत्रों पर की गई कार्यवाही
[गृह]
135. ( क्र. 991 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक 19.11.2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल मध्यप्रदेश को अपनी ई-मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई-मेल आई.डी. pshome@mp.gov.in dgpmp@mppolice.gov.in पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश "क" में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनाम वार बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश "क" में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन/कार्यवाही प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे, यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें? क्या प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले एवं जानकारी नहीं देने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यो नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भ्रष्टाचार के विरूद्ध जांच एवं कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
136. ( क्र. 994 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी पलेरा जिला टीकमगढ़ बहुत लम्बे समय से पदस्थ है और उक्त परियोजना अधिकारी का स्थानान्तरण 15 वर्षों से इधर-उधर क्यों नहीं किया जाता है? (ख) क्या पलेरा में पदस्थ परियोजना अधिकारी द्वारा लम्बे समय से पदस्थ होने कारण भारी भ्रष्टाचार भी किया जा रहा है और कई गंभीर शिकायते क्षेत्र से मुझे प्राप्त हो रही है तथा इनके द्वारा शासन से आवंटित वाहन अपने निजी कार्यों में उपयोग किया जाता है? क्या इस भ्रष्ट परियोजना अधिकारी की जाँच कराने हेतु टीम में क्षेत्रीय विधायक को शामिल कर जाँच करायेंगे। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या इतने लम्बे समय से पलेरा में पदस्थ परियोजना अधिकारी को हटाये जाने के आदेश जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों तथा इनको हटाये जाने पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा इसलिये महिला बाल विभाग पलेरा को भ्रष्टाचार से मुक्त कराये जाने हेतु इनके विरुद्ध जाँच कराकर दोषी पाये जाने पर विधि अनुसार कार्यवाही करेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग में परियोजना अधिकारी पलेरा श्री प्रदीप मिश्रा जिला टीकमगढ़ दिनांक 01/02/2014 से पदस्थ हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार ही स्थानांतरण किये जाते हैं। (ख) परियोजना अधिकारी पलेरा द्वारा भ्रष्टाचार किये जाने संबंधी कोई शिकायत जिला/संचालनालय स्तर पर प्राप्त नहीं हुई है। परियोजना अधिकारी पलेरा के द्वारा शासकीय वाहन के निजी कार्य में उपयोग संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ग) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्थानांतरणों पर प्रतिबंध शिथिल किये जाने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुक्रम में शेष का प्रश्न ही नहीं है।
पिपरौदा औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
137. ( क्र. 1002 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में उद्योगों को प्रोत्साहन देने पिपरौदा में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के प्लॉट निवेशकों को आवंटन हेतु कब तक उपलब्ध करायें जावेंगे? (ख) उक्त प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण पूर्ण होने की क्या समय-सीमा थी? निर्माण में विलंब होने के क्या कारण है? निर्माण में हुई देरी के लिए जिम्मेदार दोषी एजेंसी/अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) पार्क की अधोसंरचना विकास कार्य पूर्ण होने के उपरांत निवेशकों को प्रचलित नियमानुसार प्लॉट आवंटन किया जाता है। इण्डस्ट्रियल पार्क गुना (पिपरौदा) जिला गुना के अधोसंरचना विकास कार्य पूर्ण होने की निर्धारित तिथि दिनांक 05/04/2025 है, निर्माण कार्य प्रगति पर है। निर्माण में विलंब नहीं होने के कारण एजेंसी/अधिकारियों पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पत्रकारों से जुड़े मुद्दों हेतु बनाई गई समितियां
[जनसंपर्क]
138. ( क्र. 1003 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की दिशा में क्या प्रगति हुई? (ख) जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत जो समितियाँ पत्रकारों से जुड़े मुद्दों के लिए बनाई जाती रहीं उनका गठन लम्बे समय से नहीं हुआ। इनका गठन कब तक हो जाएगा? (ग) अनेक बुजुर्ग पत्रकार और प्रेस छायाकार किसी संस्थान से सम्बन्धित न होने के कारण अधिमान्यता से वंचित हैं। उन्हें अधिमान्यता देकर सम्मान निधि देने के लिए क्या नीति है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के संबंध में देश में प्रचलित प्रावधानों का अध्ययन हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-19-45/2023/1/4 दिनांक 20/09/2023 द्वारा समिति का गठन किया गया है। (ख) (1) विभागीय आदेश क्रमांक PRE/6/0048/2024-sec-1-24 (PRE) दिनांक 12/08/2024 द्वारा वरिष्ठ एवं बुजुर्ग पत्रकारों के लिये सम्मान निधि निर्णायक मण्डल का गठन किया जा चुका है। (2) मीडिया प्रतिनिधियों को अधिमान्यता प्रदान करने के लिये 01 राज्य एवं 10 संभागीय स्तरीय समितियों के गठन की प्रक्रियाधीन है। (3) पत्रकारों को चिकित्सकीय उपचार हेतु ''म.प्र. संचार प्रतिनिधि कल्याण समिति'' के गठन की प्रक्रियाधीन है। (ग) नियमानुसार अधिमान्यता किसी संचार संस्थान कार्य करने वाले पत्रकार/प्रेस छायाकार को दी जाती है। पूर्व से अधिमान्य पत्रकार को किसी संस्थान में कार्य न करने पर भी नियमानुसार स्वतंत्र पत्रकार के रूप में अधिमान्यता देने का प्रावधान है। सम्मान निधि के लिये नियमानुसार आवेदक की दस वर्ष अधिमान्यता होना आवश्यक है।
खनन पट्टा एवं क्रेशर पट्टा के संबंध में
[खनिज साधन]
139. ( क्र. 1010 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम चुरवारी जनपद पंचायत नौगांव के खसरा नं. 3653 गरौली पहाड़िया किस के नाम से किस खनन हेतु आवंटित है? यदि आवंटित है तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश "क" के खसरा अनुसार अनुबंध का समय कितना है? शासन को इससे कितनी राशि का लाभ हुआ? पूर्ण जानकारी सहित अवगत करायें। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने खनन की विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में अनुमति दी गई? किसके नाम से? पूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। आवंटित खनन की समय-सीमा से भी अवगत करायें। (घ) विभाग को विगत 5 वर्षों में कितनी राशि का लाभांश प्राप्त हुआ? लाभांश किस मद में जमा कराया गया है? समस्त विवरण की जानकारी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी एवं आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में लाभ प्राप्त किये जाने के कोई प्रावधान नहीं है अपितु शासन को इससे रॉयल्टी राशि रूपये 28,80,360/- प्राप्त हुये है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में लाभांश प्राप्त किये जाने के कोई प्रावधान नहीं है अपितु विभाग को विगत 5 वर्षों में रायल्टी राशि रूपये 759.22 करोड़ रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुआ है। प्राप्त रॉयल्टी को खनिज शीर्ष मद 0853-00-102-278 में जमा किया गया है।
अनियमितता के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
140. ( क्र. 1018 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले अन्तर्गत उद्योगों की स्थापना हेतु कितनी भूमि आरक्षित की गई है विवरण आराजी नं. सहित तहसीलवार देवें। इनके आरक्षण की कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर आराजी आरक्षित नहीं की गई तो क्यों? ब्यौहारी तहसील अन्तर्गत लघु उद्योगों का लाभ कितने लोगों को पहुँचाया गया विवरण नाम सहित देवें। अगर नहीं पहुंचाया गया तो क्यों? इस बाबत क्या निर्देश देंगे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पात्र कितने हितग्राहियों का इसका लाभ प्रदान किया गया। इस हेतु प्राप्त आवंटन एवं व्यय का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि आरक्षित नहीं की गई पात्र को लाभान्वित नहीं किया गया व प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राप्त आवंटन का उपयोग कर लाभ नहीं दिया गया। इन अनियमितताओं पर क्या निर्देश देंगे?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) शहडोल जिले अन्तर्गत उद्योगों की स्थापना हेतु निम्नानुसार शासकीय भूमि आवंटित है:-(1) ग्राम मऊ तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल में खसरा नं. 219 रकबा 32.367 हेक्टे. के अंश रकबा 15 हेक्टेयर शासकीय भूमि दिनांक 08 जुलाई 2020 को आवंटित हुई है। (2) औद्योगिक क्षेत्र नरसरहा, शहडोल के विस्तार हेतु अराजी खसरा नं. 36 रकबा 0.607 हे. एवं अराजी खसरा नं. 45 रकबा 0.360 हे. कुल 0.967 हेक्टेयर शासकीय भूमि दिनांक 05 मार्च, 2020 को आवंटित हुई है। (ख) भूमि आवंटित है। ब्यौहारी तहसील अंतर्गत लघु उद्योगों के लाभ के अंतर्गत उद्योगों को भूमि आवंटित की गई है। साथ ही 02 प्रकरणों में राशि रूपये 71,73,245/- अनुदान स्वीक़ृत/वितरित की गई है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ हेतु बजट का प्रावधान
[वित्त]
141. ( क्र. 1023 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2028 में उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व के आयोजन के लिये वर्ष 2024-25 के बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है तथा वर्ष 2025-26 के बजट अनुमानों के पूर्व अनुपूरक बजट में उक्त मद में कितनी राशि का प्रावधान किये जाने का अनुमान विभाग ने किया है? (ख) प्रश्नांकित वर्ष 2024-25 के बजट में प्रावधानित राशि से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किन-किन विभागों हेतु कराये जाना प्रस्तावित है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सिंहस्थ हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के बजट में राशि रूपये 505.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्य अपने वित्तीय संसाधनों के आधार पर निर्णय लेता है। (ख) बजट में प्रावधानित राशि से राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार स्वीकृत कार्य कराये जाते है।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा
[वित्त]
142. ( क्र. 1024 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त विभाग द्वारा मध्यप्रदेश शासन में ऐसे कौन-कौन से पद हैं, जिन्हें मध्यप्रदेश लोक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण किये बिना ही ग्रेड-पे 5400, मेट्रिक 12 वेतनमान 15600-39100 प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांकित पदों में से कतिपय पद जिनकी मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के चिन्हित केन्द्रों पर परीक्षा नहीं होती है, इसके बावजूद भी किन-किन पदों पर 5400 ग्रेड-पे प्रदाय किया गया है? (ग) विभाग ने वर्ष 2008 में समयमान वेतनमान के निर्धारण के समय प्रश्नांश (ख) के कतिपय पदों को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के समान मानकर कुछ विभागों को 'ब' श्रेणी में समयमान प्रदान किया है? यदि हां, तो उसका आधार किस विभाग के किस प्रस्ताव पर तथा कौन-सी सहमति से मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के उत्तीर्ण किये बिना ही 5400 ग्रेड पे के पदों को प्रथम समयमान 08 वर्ष, द्वितीय समयमान 16 वर्ष तथा तृतीय समयमान 16 वर्ष दिया गया है? (घ) वित्त विभाग क्या इस विसंगति में सुधार करायेगा?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्काडा सिस्टम स्थापना
[नर्मदा घाटी विकास]
143. ( क्र. 1084 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के बरगी में निर्मित रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना जिसमें पानी की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने हेतु जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के अंतर्गत स्काडा सिस्टम लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं हुआ है तो कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो स्काडा सिस्टम स्थापित करने वाली कम्पनी का नाम, पता सहित स्काडा सिस्टम लगाने हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई। स्वीकृत वर्ष एवं अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला खनिज मद से स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
144. ( क्र. 1267 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में जिला खनिज प्रतिष्ठान/जिला खनिज मद अंतर्गत वर्षवार क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी लागत के कहाँ-कहाँ हेतु प्रस्तावित अनुमोदित एवं स्वीकृत किये गये हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित मैहर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित उक्त स्वीकृत कार्यों की वर्तमान पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति है? किस कार्य हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि जारी की गई विवरण एवं जानकारी दें कि स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण है? कार्यवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित वर्षों में स्वीकृत किन-किन कार्यों को कौन से कारणों से निरस्त किया गया है? यह भी जानकारी दें कि वर्ष 2022-23 से अब तक प्रतिष्ठान की कितनी बैठके हुई और उनमें किस-किस की अनुशंसा पर मैहर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित क्या-क्या कार्य स्वीकृत हुए और उन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में से वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में स्वीकृत किये गये कार्यों में से कोई भी कार्य निरस्त नहीं किये गये हैं। वर्ष 2022-23 में अब तक जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मण्डल की 04 बैठके आयोजित की गई है। मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माननीय सांसद लोकसभा क्षेत्र सतना, माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र मैहर एवं माननीय अध्यक्ष जिला पंचायत सतना, मैहर एवं प्रशासकीय अनुशंसा अनुसार कार्य स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
ग्राम/मजरे टोलो की जानकारी
[खनिज साधन]
145. ( क्र. 1412 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र जिला खनिज प्रतिष्ठान अन्तर्गत सेंधवा विधान सभा के कितने ग्रामों/मजरे टोलों को कार्य योजना में सम्मिलित किया गया है, सूची उपलब्ध करावे तथा इनके अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र सेंधवा के कितने ग्रामों एवं मजरों टोलों को कार्य योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है सम्मिलित नहीं करने का कारण बतावें। उक्त अनुसार कार्य योजना में शेष रहे ग्रामों/मजरे टोलों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र जिला खनिज अन्तर्गत सेंधवा विधान सभा में चयनित ग्रामों एवं मजरे टोलों में वर्तमान तक उक्त योजना से विद्युतीकरण का लाभ दिया गया है अथवा नहीं यदि नहीं, तो वर्तमान तक प्रस्तावित कार्य योजना में कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई कारण बतावें। (ग) म.प्र जिला खनिज योजना अन्तर्गत विधानसभा सेंधवा क्षेत्र में वर्तमान तक की गई कार्यवाही/सर्वे की जानकारी तथा उक्त योजना की सम्पूर्ण कार्य योजना, डीपीआर, टेण्डर प्रक्रिया उपलब्ध करावें। (घ) सेंधवा विधानसभा के कितने ग्रामों में 24 घंटे बिजली प्रदाय की जा रही हैं कितने ग्राम उक्त सुविधा से वंचित हैं सूची उपलब्ध करावे 24 घंटे बिजली प्रदाय से वंचित ग्रामों में कब तक बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दिव्यांगजनों को उपकरण उपलब्ध कराया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
146. ( क्र. 1551 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजनों को अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में दिव्यांगजनों के उपकरण, जैसे मोटराईज्ड ट्राई साईकिल तथा अन्य उपकरण विधायक विकास निधि से दिये जाने का कोई प्रावधान क्यों नहीं है जबकि सांसद को यह अधिकार दिये गये है? क्या म.प्र. की सरकार भी दिव्यांगजनों को विधायक विकास निधि मोटराईज्ड ट्राई साईकिल क्रय किये जाने हेतु प्रावधान करेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या म.प्र. सरकार की कैबिनेट बैठक में इस विषय में कभी विचार किया गया सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें? (ग) क्या विभाग प्रश्नांश (क) में वर्णित विषय पर विचार कर विधायक विकास निधि की सूची में इसको शामिल कराने की कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग अंतर्गत विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष 2013 की कंडिका 2.4 परिशिष्ट-1 के क्रमांक 21 में दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु मोटर युक्त व्हील चेयर का ही प्रावधान है। नियमों में मोटराईज्ड ट्राई साईकिल क्रय किये जाने हेतु प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में शासन स्तर पर उक्त विषयक कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है।