मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2015
सत्र
गुरूवार, दिनाँक 17 दिसम्बर 2015
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 4 : लोक निर्माण, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, खेल एवं युवा कल्याण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, वन, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा)
गोपला
पांती मोड़ से
कोलही खोखला
मार्ग का
निर्माण
1. ( *क्र. 1818 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के लोक निर्माण संभाग के उप संभाग मऊगंज में गोपला पांती मोड़ से कोलही खोखला मार्ग निर्माण का शिलान्यास विधायक मऊगंज-71 द्वारा प्रश्न दिनाँक से 6 माह पूर्व कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उस सड़क का निर्माण कार्य प्रश्न प्रस्तुति दिनाँक तक क्यों प्रारंभ नहीं कराया गया है? कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कब तक कार्य प्रारंभ कराकर पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘’क’’ एवं ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास
2. ( *क्र. 1136 ) श्री विष्णु खत्री : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया विधानसभा अंतर्गत विभाग द्वारा अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कुल कितने भू-खण्ड बनाये गये हैं एवं इनमें से कितने भू-खण्डों का आवंटन किस-किस को दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) विभाग द्वारा अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिये वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कौन-कौन से कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राशि में कौन-कौन से विकास कार्यों में कितनी-कितनी राशि का उपयोग विभाग द्वारा किया गया है? वर्तमान में इन कार्यों की स्थिति क्या है एवं कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 158 औद्योगिक भू-खण्ड कुल क्षेत्रफल 20.79 हेक्टेयर एवं विशेष शिक्षा प्रक्षेत्र अंतर्गत 21 शैक्षणिक भू-खण्ड कुल क्षेत्रफल 48.51 हेक्टेयर के कुल 179 भू-खण्ड (70.30 हेक्टेयर) बनाये गये हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त 22.92 हेक्टेयर भूमि वेयरहाउसिंग, पब्लिक एवं सेमी पब्लिक, व्यवसायिक, हॉस्टल आदि के लिए आरक्षित रखी गई है। व्यवसायिक औद्योगिक क्षेत्र/विशेष शिक्षा प्रक्षेत्र में बुनियादी अधोसंरचना विकसित होने के उपरांत क्षेत्र को नियमानुसार अधिसूचित कर भूखण्डों के आवंटन की कार्यवाही की जावेगी। औद्योगिक शिक्षा प्रक्षेत्र से भिन्न भूखण्डों यथा-वेयर हाउस आदि का आवंटन क्षेत्र के अधिसूचित होने के उपरांत नियमानुसार ई-टेण्डरिंग पद्धति से किया जाना प्रस्तावित है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा जिला भोपाल में अधोसंरचना विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रावधानित राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा के अधोसंरचना विकास अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में उपयोग की गई मदवार राशि का विवरण वर्तमान स्थिति सहित संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
समर्थन मूल्य पर कच्ची लाख की खरीदी
3. ( *क्र. 2058 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने दिनाँक 26/9/2015 को प्रदेश में समर्थन मूल्य पर लाख खरीदी की व्यवस्था किये जाने हेतु प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्या. भोपाल को पत्र लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। लाख उत्पादित जिलों में लाख की खरीदी हेतु म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा पूर्व से ही दिनाँक 19.12.2014, 20.01.2015 एवं 30.03.2015 के स्पष्ट निर्देश हैं। प्रश्नाधीन पत्र पर की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शाजापुर जिले में वन्यप्राणी अभ्यारण्य हेतु भूमि का आरक्षण
4. ( *क्र. 2600 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मण्डलाधिकारी जिला शाजापुर द्वारा दिनाँक 04.03.14 से वन परिक्षेत्र शुजालपुर अंतर्गत तहसील शुजालपुर में वन्यप्राणी अभ्यारण्य हेतु भूमि आरक्षित करने के लिए कलेक्टर शाजापुर से मांग की गई थी? यदि हाँ, तो कलेक्टर शाजापुर द्वारा तहसील शुजालपुर के किन-किन ग्रामों की कितने-कितने हेक्टेयर भूमि वन्य प्राणी अभ्यारण्य हेतु आरक्षित की गई? ग्रामवार सूची देवें। (ख) क्या कलेक्टर शाजापुर के आदेश दिनाँक 23.03.2015 के प्रकरण क्र. 03/अ-59/2014-15 से वन्यप्राणी अभ्यारण्य हेतु भूमि आरक्षित की गई? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दिनाँक 30.07.2015 प्रश्न क्र. 3141 (ख) के उत्तर में जी नहीं जानकारी दिए जाने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कलेक्टर शाजापुर द्वारा आदेश दिनाँक 23.03.2015 द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार 175.691 हे. भूमि वन्यप्राणी अभ्यारण्य हेतु आरक्षित की गई। (ग) राज्य शासन द्वारा शुजालपुर अनुभाग अंतर्गत अभ्यारण्य बनाने की कोई योजना नहीं है और न ही अभ्यारण्य हेतु शासन स्तर से भूमि का आरक्षण कराया गया। उत्तरांश (ख) में भूमि का आरक्षण जिला योजना समिति की बैठक में निर्देश पाकर वन मण्डल अधिकारी, शाजापुर के आवेदन पर कलेक्टर शाजापुर द्वारा किया गया था। शुजालपुर में अभ्यारण्य बनाया जाना अव्यवहारिक होने से शासन स्तर से इस पर कोई कार्यवाही की जाना प्रस्तावित नहीं है। अत: उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुबंध की शर्तों के अनुरूप पुलों का निर्माण
5. ( *क्र. 1747 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से पुल-पुलिया बनाये जा रहे हैं अथवा प्रस्तावित हैं? मार्ग का नाम, नदी का नाम, पुल की लोकेशन बतायें? (ख) निर्माण कार्यों के अनुबंध के अनुसार किस पुल-पुलिया का कार्य किस-किस तिथि को कितने प्रतिशत होना चाहिये था? प्रत्येक पुल-पुलिया का अलग-अलग बतायें। (ग) क्या अनुबंध की शर्तों के अनुसार पुल-पुलियों का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा के अंदर निर्धारित मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता में किया गया? (घ) उपरोक्त निर्माण कार्यों के संबंध में, गुणवत्ता नियंत्रण के संबंध में कब-कब किस प्राधिकारी ने सेम्पल लिये? उसका नाम, पद, तिथि बतायें। (ड.) विभाग तथा उसके वरिष्ठ अधिकारी इस तथ्य की सुनिश्चितता कैसे निर्धारित करेंगे जिससे कि निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा के अंतर्गत हो और निर्धारित मापदंडो के अनुसार हो?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कोई पुल कार्य नहीं किया जा रहा है, केवल एक पुल कार्य प्रस्तावित की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) से (ड.) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''तीन''
भाण्डेर विधान सभा अंतर्गत सड़क/पुल निर्माण
6. ( *क्र. 1391 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री जी ने घोषणा क्र.ए. 3093 द्वारा सिंहपुरा तैड़ोत पहूज नदी पर पुल निर्माण की घोषणा की थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा समस्त प्रक्रियाओं का पालन कर नस्ती प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रमुख सचिव के पास लंबित है? यदि हाँ, तो किस कारण से लंबित है और कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो जावेगी? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या लहार-चिरगांव रोड के घटिया एवं धीमे निर्माण कार्य को लेकर कई बार शिकायतें की गई? यदि हाँ, तो आज तक उस पर क्या कार्यवाही हुई? दवोह से लेकर विछोदना तक टुकड़ों में निर्माण कार्य किया गया? इसके अतिरिक्त जहां-जहां सी.सी. निर्माण हुआ, वहां घटिया क्वालिटी का मटेरियल प्रयोग किया। रेत-बजरा का प्रयोग न करके डस्ट डाली गई, सीमेंट कम मात्रा में डाली गई? इसकी जाँच कब कराई जावेगी एवं जाँच के दौरान विधायकगण को सूचना दी जावेगी? (ग) क्या दतिया-उनाव, इन्दरगढ़-पण्डोखर, उड़ीना-तालगांव, उनाव-वसवाहा, सरसई-भाण्डेर, उनाव-इन्दरगढ़ सड़क निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं? यदि हाँ, तो यह कब तक पूर्ण होंगे? इन मार्गों के निर्माण कार्य में घटिया एवं कम मात्रा में डाली जा रही सामग्री की जाँच कब कराई जावेगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावित पुल के दोनों ओर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत निर्मित मार्ग से जुड़े होने के कारण सेतु निर्माण हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अत: इसके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। (ख) जी हाँ। माननीय मंत्री जी, लोक निर्माण एवं विभाग में प्राप्त शिकायत पर मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता), म.प्र. शासन एवं म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्ग की जाँच की गयी तथा जाँच उपरांत मार्ग निर्माण में पायी गई खामियों हेतु जिम्मेदार कंसल्टेंट रेसीडेंट इंजीनियर की सेवा समाप्त की गयी तथा खराब किये गये कार्य को ठेकेदार के हर्जे-खर्चे पर ठीक करवाया गया। जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''चार''
देवी अहिल्या वि.वि. इंदौर में लायब्रेरी साइंस में P.H.D. प्रारंभ करना
7. ( *क्र. 2083 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवी अहिल्या वि.वि. इंदौर में लायब्रेरी साइंस में पी.एच.डी. प्रारंभ करने का निर्णय कार्य परिषद में 2008 में किया था? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक पी.एच.डी. लायब्रेरी साइंस प्रारंभ करने की प्रक्रिया क्यों पूरी नहीं की गई? प्रवेश प्रक्रिया कब तक प्रारंभ की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) विश्वविद्यालय में लायब्रेरी साइंस विषय में मान्य शोध निदेशक नहीं होने के कारण पी.एच.डी. लायब्रेरी साइंस प्रारम्भ करने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बदरवास विकासखण्ड के खातौरा-बिजरौनी मार्ग पर पुलिया का निर्माण
8. ( *क्र. 1037 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विकासखण्ड के ग्राम खातौरा से बिजरौनी मार्ग पर जीर्ण-शीर्ण पुलिया निर्माण एवं 01 कि.मी.. रोड निर्माण की कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई और उक्त पुलिया और रोड निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा? (ख) उक्त निर्माण कार्य में माननीय मंत्री जी द्वारा 2014 में विधानसभा में दिए गए आश्वासन के बावजूद विलंब क्यों हो रहा है? निर्माण कार्य में आ रही बाधा कब तक दूर कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु बदरवास विकास खण्ड के ग्राम खातौरा से बिजरौनी मार्ग पर पुलिया निर्माण एवं 500 मीटर पहुँच मार्ग सहित स्वीकृति जारी, निर्माण कार्य प्रगति पर है एवं दिनाँक 31.03.2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य। (ख) दिनाँक 06.08.2015 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी एवं दिनाँक 17.11.2015 को अनुबंध किया गया और वर्तमान में पुलियों का निर्माण कार्य प्रगति पर।
फील्ड कर्मचारियों का कार्यालयीन कार्यों में संलग्नीकरण
9. ( *क्र. 1120 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा संलग्नीकरण पर रोक के बावजूद वन वृत बालाघाट में फील्ड कर्मचारियों को विशेष कर्तव्य के नाम पर कार्यालयीन कार्यों के लिए संलग्नीकरण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो संलग्नीकृत कर्मचारियों के नाम, पदनाम तथा कब से संलग्नीकरण किया गया है? जानकारी दें। (ग) यदि संलग्नीकरण नियम विरूद्ध है, तो कब तक संलग्नीकरण समाप्त कर दिया जाएगा तथा संलग्नीकरण करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्लांटेशन एवं खकरी निर्माण में व्यय
10. ( *क्र. 627 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले के वन परिक्षेत्र तारादेही के अंतर्गत जैतगढ़ वन समिति द्वारा करीब 4 वर्ष पूर्व पत्थर की खकरी बनाकर आंवला का प्लांटेशन किया गया था? प्लांटेशन एवं खकरी निर्माण में कुल कितनी राशि व्यय की गई तथा यह कार्य किस अधिकारी/कर्मचारी की निगरानी में सम्पन्न कराया गया? उसका नाम, पदनाम सहित बतलावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाये स्थल पर 7 तलैयों का निर्माण किस मद से कराया गया था, इसमें कितनी राशि व्यय की गई तथा यह कार्य किसके द्वारा कराया गया है? क्या तलैया का निर्माण मजदूरों से न कराकर राजस्थानी ट्रैक्टर एवं जेसीबी से कराया गया, यह किसकी अनुमति अथवा किन शासनादेशों के तहत कराया गया है? निर्माण कार्य का निरीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस दिनाँक को किया गया? (ग) क्या तलैया की पिचिंग निर्माण का कार्य वहां पर निर्मित खकरी के पत्थरों से कराया गया है तथा फर्जी बिल/वाउचर लगाकर शासकीय राशि का आहरण कर अनियमितता की गई है? (घ) जागरूक ग्रामवासियों द्वारा इस अनियमितता कार्य की लिखित शिकायत वन मण्डलाधिकारी एवं अन्य उच्चाधिकारियों से की जाकर जाँच चाही गई थी? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा उल्लेखित कार्य की जाँच की गई तथा जाँच के क्या परिणाम रहे? अवगत करावें। जाँच में दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, बतलावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांकित स्थल पर तलैयों का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित शिकायत वन मंडल कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि का डिमारकेशन/डिनोटिफिकेशन
11. ( *क्र. 2665 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में 681 राजस्व ग्रामों की भूमि को संरक्षित वन भूमि सर्वे डिमारकेशन एवं 1299 राजस्व ग्रामों की भूमि को नारंगी, भूमि सर्वे डिमारकेशन में शामिल किया गया एवं 829 ग्रामों की समस्त वन भूमि को वर्ष 1972 में डिनोटीफाईड किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त 681 राजस्व ग्रामों में से किस-किस ग्राम की कितनी-कितनी भूमि 1972 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार डिनोटीफाईड की गई? इनमें से किस ग्राम की डिनोटीफाईड कितनी भूमि को नारंगी भूमि सर्वे में शामिल किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार 829 में से कितने ग्रामों की कितनी भूमि को 31.12.1976 तक के काबिजों के लिए राजपत्र में किस दिनाँक को डिनोटिफाईड किया गया है तथा इनकी कितनी भूमि को नारंगी भूमि में शामिल किया गया है? राजपत्र की प्रति उपलब्ध कराते हुए? पृथक-पृथक बतावें। (घ) 1972 में डिनोटिफाईड भूमियों को 31.12.1976 तक के काबिजों के लिए पुन: डिनोटीफाईड किए जाने, नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी व खंड में शामिल किए जाने के क्या कारण रहे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं अपितु बैतूल जिले के 680 ग्रामों की संरक्षित वनभूमि सर्वे डिमारकेशन में शामिल की गयी नारंगी इकाई बैतूल द्वारा प्रारंभिक सर्वे में 1269 ग्रामों की वनभूमि शामिल की गयी। सर्वे डिमारकेशन में शामिल ग्रामों सहित कुल 829 ग्रामों की समस्त संरक्षित वनभूमि वर्ष 1972 में डिनोटिफाईड की गयी। (ख) सर्वे डिमारकेशन में शामिल 680 राजस्व ग्रामों में से 12 सितम्बर 1972 में प्रकाशित अधिसूचना में 243 ग्रामों की खसरा वार, रकबा वार जानकारी का उल्लेख नहीं है। इन डिनोटिफाईड ग्रामों में 240 राजस्व ग्रामों की भूमि नारंगी सर्वे क्षेत्र इकाई द्वारा सर्वे में शामिल की गयी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ग) बैतूल जिले में 15 सितम्बर 1962 से डिनोटिफाईड 829 ग्रामों में से 75 ग्रामों की 351.609 हेक्टेयर भूमि दिनाँक 31.12.1976 तक के काबिजों के लिए वर्ष 1990-91 में डिनोटिफाईड की गयी। राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। निर्वनीकृत ग्रामों में से 74 ग्रामों की 10699.165 हेक्टेयर भूमि नारंगी सर्वे क्षेत्र इकाई द्वारा शामिल की गयी। (घ) 15 सितम्बर 1972 को राजपत्र में प्रकाशित भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) की अधिसूचनाओं में डिनोटिफाईड ग्रामों के रकबे का उल्लेख नहीं होने के कारण दिनाँक 13.12.1976 के काबिजों के लिये वर्ष 1990-91 में पुनः डिनोटिफाईड की अधिसूचना जारी की गयी। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 25/43/90/10-3 दिनाँक 14 मई 1996 की कंडिका 3 में दिये निर्देशानुसार राजस्व के ऐसे खसरे जिसमें अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध हैं, को प्रबंधन हेतु वन विभाग को हस्तांतरण की कार्यवाही की जावे। अतः डिनोटिफाईड ग्रामों की ऐसी राजस्व भूमि भी नांरगी सर्वे क्षेत्र इकाई द्वारा शामिल की गयी।
राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का निर्माण
12. ( *क्र. 1716 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के चौड़ीकरण एवं निर्माण कार्य में किसानों की भूमि अधिग्रहण में मुआवजा किस दर से दिया जायेगा? (ख) उक्त मार्ग का कार्य किस एजेन्सी द्वारा कब से प्रारंभ किया जायेगा तथा रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ पर बाईपास बनाये जायेंगे? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के निर्माण में नरसिंहपुर जिले में किसानों तथा डायवर्सन वालों को किस दर से मुआवजा दिया जा रहा है? (घ) उक्त जिलों में मुआवजा राशि वितरण में विसंगतियों के संबंध में विगत दो वर्ष में जिला प्रशासन तथा मान. मंत्री जी को किन-किन मान. सांसद/विधायकों के पत्र प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जबलपुर से भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग 12 मार्ग का 4 लेन में उन्नयन एवं चौड़ीकरण मार्ग को 5 पैकेज में विभाजीत कर ई.पी.सी. पद्धति पर। अभी किसी भी पैकेज की एजेंसी तय नहीं हुई है। उक्त मार्ग में रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले भाग में कुल 5 बायपास प्रस्तावित किये गये हैं जो निम्नानुसार है :- (1) खरगौन बायपास-4.20 कि.मी. (2) बरेली बायपास-8.20 कि.मी. (3) बाड़ी बायपास-4.40 कि.मी. (4) गौहरगंज बायपास-3.75 कि.मी. (5) औबेदुल्लागंज बायपास-6.06 कि.मी. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) मान. सांसद श्री प्रहलाद पटेल के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माध्यम से प्राप्त पत्र का जवाब दिनाँक 01/07/2014, मान. सांसद, होशंगाबाद के पत्र का जवाब दिनाँक 12/09/2014 तथा मान. विधायक, तेंदूखेड़ा के पत्र का जवाब दिनाँक 12/09/2014 को भेजा जा चुका है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित गतिविधियाँ
13. ( *क्र. 1484 ) श्री राजकुमार मेव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी गतिविधियां किन-किन नियमों के तहत किनके द्वारा संचालित की जाती हैं? नियमावली उपलब्ध कराई जावे। (ख) इंदौर संभाग में जिलेवार वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनाँक तक कौन-कौन सी गतिविधियां कब-कब, कहाँ-कहाँ संचालित की गई? इसकी क्रियान्वयन एजेन्सी कौन-कौन है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में गतिविधियों हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ एवं किन-किन गतिविधियों पर कहाँ-कहाँ, कितना-कितना व्यय किया गया एवं इसका प्रत्यक्ष लाभ किन-किन को हुआ एवं क्या हुआ? (घ) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में खेल गतिविधियों के अंतर्गत क्रिकेट प्रतियोगिता, तैराकी प्रतियोगिता, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबाल आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं? यदि हाँ, तो कब-कब, कौन-कौन सी एवं कहाँ-कहाँ की गई? यदि नहीं, तो भविष्य में उक्त प्रतियोगिताएं किये जाने की कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो उपलब्ध कराई जावे।
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लो.नि.वि. पी.आई.यू. गुना के संभागीय परियोजना यंत्री द्वारा किए गए कार्य
14. ( *क्र. 769 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. गुना के संभागीय परियोजना यंत्री द्वारा गुना जिले में एकलव्य आवासीय विद्यालय निर्माण कार्य घटिया (खराब) कराया गया, जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा की गई? प्रमुख सचिव लो.नि.वि. के निरीक्षण के दौरान घटिया निर्माण कार्य पाया गया? क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है? (ख) लो.नि.वि. पी.आई.यू.गुना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में आई.टी.आई. भवन निर्माण कार्य घटिया किया जा रहा है व निर्माण कार्य बीस फीट के गड्ढे में किया जा रहा है। जिसकी प्लिंथ की उंचाई 6 मीटर से अधिक आ रही है। प्रश्नकर्ता द्वारा शिकायत की गई, क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है? (ग) लो.नि.वि. पी.आई.यू. गुना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के ग्राम जलालपुरा में आश्रमशाला निर्माण कार्य चल रहा है, जो बहुत ही घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। मिट्टी की रेत से कार्य किया जा रहा है। प्रश्नकर्ता द्वारा शिकायत की गई? क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है? (घ) लो.नि.वि. पी.आई.यू. गुना द्वारा गुना जिले के कई निर्माण कार्य घटिया और खराब किये जा रहे हैं। प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार शिकायत माननीय मंत्री महोदय एवं प्रमुख सचिव लो.नि.वि. व परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. को की गई उस पर क्या कार्यवाही की गई या क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रमुख सचिव लो.नि.वि. भोपाल व अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. ग्वालियर एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिनाँक 17/07/2015 को आदर्श एकलव्य आवासीय विद्यालय भवन गुना का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान जो-जो कमियां वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बताई गई थी। वह ठीक करा दी गई हैं एवं वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है। की गई कार्यवाही निम्नानुसार है (1) कार्य पर पदस्थ एस.क्यू.सी. में मेसर्स एप्रोन कन्सल्टेंटस को 1 वर्ष की अवधि हेतु निलंबित किया गया है। (2) ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है (3) सहायक परियोजना यंत्री, परियोजना यंत्री एवं संभागीय परियोजना यंत्री को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये व विभागीय कार्यवाही जारी है। (4) सुधार कार्य ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर पूर्ण कराया गया है। शेष कार्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में गुणवत्ता अनुसार किया जा रहा है। (ख) आई.टी.आई. भवन चाचौड़ा को जो भूमि आंवटित की गई थी। उक्त भूमि लगभग 6 माह विलंब से उपलब्ध कराई गई थी, वह भी पहाड़ पर ढलान वाले भाग में उपलब्ध कराई गई है, जिसमें भवन के एक छोर से दूसरे छोर तक लगभग 10 मीटर का ढलान है। अतः आधे भाग की 5 मीटर काटकर एवं आधे भाग को 5 मीटर में भराव कर भवन का ले-आउट किया जाकर कार्य कराया जा रहा है। एक ओर प्लिंथ ऊंचाई लगभग 5 मीटर है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण एवं शासन द्वारा नियुक्त कन्सल्टेंट एवं पी.आई.यू. के अधिकारियों के समक्ष किया जा रहा है एवं प्राप्त शिकायत के बाद एन.ए.बी.एल. लैब, ऐकरोपॉलिस इन्दौर से भी टेस्टिंग कराया गया है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराया जा रहा है। (ग) जलालपुरा में आश्रमशाला भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है एवं अभी केवल प्लिंथ लेवल तक ही निर्माण हुआ है। प्राप्त शिकायत की जाँच पी.आई.यू. के अन्य परियोजना यंत्री, सहायक परियोजना यंत्री एवं कन्सल्टेंट से कराया गया एवं जो कमियां पाई गई है, उन्हें ठेकेदार से ठीक करा दिया गया एवं मानक स्तर का मटेरियल का प्रयोग किया जा रहा है। (घ) गुना जिले में शासन द्वारा नियुक्त कन्सल्टेंट एवं वरिष्ठ अधिकारियों की देख रेख में गुणवत्ता पूर्वक कराये जा रहे हैं। कार्यवाही का विवरण उत्तरांश (क) से (ग) अनुसार।
अनियमितताओं पर कार्यवाही
15. ( *क्र. 1513 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में वनों की सुरक्षा, उत्पादन, अवैध कटाई, अवैध रेत उत्खनन के संबंध में पिछले तीन वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार बताएं। (ख) जिले में अवैध कटाई के और वन्य क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं अवैध उत्खनन के कितने मामले सामने आये, इनके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी प्रथम दृष्टया जिम्मेदार हैं? जिनके कार्य क्षेत्र/प्रभार के अंतर्गत उपरोक्त अनियमितताएं बरती गई, उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिले में रेन्ज में और बैरियर पर पिछले तीन वर्षों में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ हैं तथा पदस्थीकरण की नीति क्या है? इनमें से किस-किस के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुईं? इन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विगत 3 वर्षों में प्रश्नाधीन जिले में काष्ठ/बांस के उत्पादन की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में वन वृत्त के अंतर्गत वनक्षेत्र में अवैध कटाई के 3484 प्रकरण, अवैध निर्माण के 92 प्रकरण एवं अवैध उत्खन्न के 47 प्रकरण प्रकाश में आयें। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में वन वृत्त के अंतर्गत रेंज एवं बैरियर पर पिछले 3 वर्षों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। उक्त स्थानों पर पदस्थिति कार्य एवं पद के अनुरूप की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
सड़क मरम्मत एवं सुधार
16. ( *क्र. 1997 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनाँक तक निवाड़ी विधान सभा क्षेत्र में स्थित किन-किन सड़कों को सुधारने अथवा मरम्मत किये जाने के लिये प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं? वर्षवार दिनाँकवार प्रेषित प्रस्तावों की जानकारी सड़कों के नाम, प्रस्तावित कार्य, अनुमानित लागत, किमी. सहित बतायी जाये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रेषित प्रस्तावों में से किन-किन सड़कों की स्वीकृतियां प्राप्त हो गई हैं? स्वीकृति आदेश, क्रमांक, दिनाँक एवं स्वीकृत राशि की जानकारी सहित बतायें। जिन सड़कों की स्वीकृति आज दिनाँक तक अप्राप्त है, वह किस स्तर पर लंबित हैं? कार्यालय का नाम तथा लंबित रहने के कारण सहित बतायें। (ग) क्या निवाड़ी से टेहरका रोड, घुघवा-पुछीकरगुवां रोड से बीजौर तथा ओरछा से मडोर की सड़क भी जर्जर स्थिति में पहुँच गई है और क्या इनके प्रस्ताव भी स्वीकृत कराये गये हैं? यदि हाँ, तो इन सड़कों पर प्रस्तावित कार्य कब तक पूरे कर लिये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी प्रगतिरत एवं पूर्ण कार्यों की पृथक-पृथक दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वनखण्ड में सम्मिलित निजी भूमि
17. ( *क्र. 1174 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन द्वारा वनखण्डों में सम्मिलित कर ली गई निजी भूमि के संबंध में दिनाँक 01 जून 2015 को क्या आदेश दिया है? इस आदेश के अनुसार बैतूल एवं विदिशा जिले के किस ग्राम के किस किसान के किस खसरा नंबर के कितने रकबे को वनखण्ड के बाहर किया जाना प्रस्तावित है? (ख) कितनी निजी भूमियों को किस वनखण्ड में शामिल किया जाकर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) के तहत किस दिनाँक को अधिसूचना का राजपत्र में प्रकाशन किया, संशोधित अधिसूचना किस दिनाँक को राजपत्र में प्रकाशित की गई? (ग) भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 11 (क), धारा 11 एवं धारा 16 में क्या प्रावधान है? इनमें से किनका पालन प्रश्नांकित दिनाँक तक भी किन-किन कारणों से नहीं किया गया? (घ) वन विभाग के वनखण्डों एवं वर्किंग प्लान में सम्मिलित निजी भूमि का कब तक सीमांकन करवाया जाकर कब्जा वन विभाग से किसान को दिलवा दिया जावेगा? समय-सीमा सहित बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। निजी स्वामित्व के भू-खण्डों को पृथक किये जाने की कार्यवाही, वन व्यवस्थापन अधिकारी के रूप में कार्यरत, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा की जानी है। अभी तक बैतूल एवं विदिशा जिले से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ग) भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के प्रावधान, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘तीन‘ अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) वनखण्डों में शामिल निजी भूमियों पर भू-स्वामी के अधिकार पूर्ववत बने रहते हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दुर्घटना हेतु संवेदनशील घाटी का सुधार
18. ( *क्र. 1422 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत आने वाले किशनगढ़-बिजावर मार्ग में जनवरी-14 से प्रश्न दिनाँक तक कितने वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए? इन दुर्घटनाओं से कितनी जन-हानि हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन दुर्घटनाओं के क्या कारण थे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त मार्ग में दुर्घटना हेतु संवेदनशील घाटी के सुधार हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता एवं जिले के अधिकारी को लिखे गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अमानगंज-मलहेरा घाटी पर जोनल ठेकेदार द्वारा विशेष मरम्मत के अंतर्गत क्रैश बैरियर तथा साईनेज बोर्ड लगाए गए है।
परिशिष्ट - ''छ:''
छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
19. ( *क्र. 1428 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के अंतर्गत रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली स्थित शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान हेतु कितनी धन राशि प्रत्येक छात्रों को दिये जाने का प्रावधान है? (ख) सिंगरौली जिले के अंतर्गत स्थित अशासकीय विद्यालयों में स्नातक से स्नातकोत्तर स्तर के छात्र/छात्राओं को क्या मात्र 350/- रूपये प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अन्य जिलों की अपेक्षा इतनी कम राशि सिंगरौली जिले में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को दिये जाने का क्या कारण हैं? (ग) शासन द्वारा इस छात्रवृत्ति के भुगतान में विसंगति के लिये दोषी कौन है? इनके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी तथा जिला सिंगरौली के अंतर्गत कितने छात्रों को विगत तीन वर्षों से छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है? (घ) शासन द्वारा जिला सिंगरौली में छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिये जाने का क्या नियम/प्रावधान है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.आई.यू. द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य
20. ( *क्र. 2733 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर महोदय नरसिंहपुर को प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जे.एस.पी./2015/1379 दिनाँक 14.11.2015 को पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) उक्त पत्र में पी.डब्ल्यू.डी.पी.आई.यू. द्वारा निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन होने के संबंध में क्या कार्यवाही संदर्भित पत्रानुसार की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के अनुसार पत्र में उल्लेखित कार्यों की जाँच संभागीय परियोजना यंत्री नरसिंहपुर द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर नरसिंहपुर एवं प्रतिलिपि माननीय श्री जालम सिंह पटेल विधायक नरसिंहपुर की ओर प्रेषित की गयी है। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार एक कार्य अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में पायी गयी निर्माण की कमियों को ठेकेदार से ठीक करवाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जावरा रेल्वे क्रॉसिंग पर पुल निर्माण
21. ( *क्र. 457 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर मध्य स्थित रेल्वे क्रॉसिंग फाटक के कारण नगर का जन-जीवन बाधित होकर अस्त-व्यस्त रहता है? यदि हाँ, तो क्या कठिनाई के निराकरण हेतु अगस्त, 2013 में जावरा नगर में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य शासन से पूर्ण मदद की पेशकश कर रेल्वे पुल बनाने की सभा में घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या केन्द्रीय रेल्वे बजट में भी इसे सम्मिलित कर लिया गया है? (ग) शासन द्वारा समस्त औपचारिकताएं कब पूर्ण की जाकर जावरा रेल्वे फाटक पर पुल का निर्माण कार्य कब प्रारम्भ किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) प्रस्ताव का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। कार्य को बजट में शामिल करने एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के उपरांत कार्य प्रारंभ हो सकेगा। वर्तमान में निश्चित समय बताना संभव नहीं है।
सिटी फॉरेस्ट योजना
22. ( *क्र. 1553 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर के अंतर्गत शासन द्वारा क्या सिटी फॉरेस्ट योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस योजना का प्रस्तावित स्थल कहाँ है, लागत क्या है तथा कब तक पूर्ण हो जायेगी? (ख) क्या सागर जिले में चिड़िया घर नहीं है? प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तावित सिटी फॉरेस्ट योजना में क्या चिड़िया घर बनाने का प्रावधान सम्मिलित किया गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त योजना में चिड़िया घर बनाने का प्रावधान करने पर विचार करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। सागर शहर के निकट दक्षिण सागर वन मण्डल के कक्ष क्रमांक 735 पथरिया में रू. 1,99,60,000/- लागत की योजना प्रस्तावित है। योजना की स्वीकृति एवं राशि भारत शासन से प्राप्त होने पर ही योजना को क्रियान्वित किया जा सकेगा। अत: पूर्ण होने का समय बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांकित जिले में चिड़िया घर नहीं है। प्रस्तावित सिटी फॉरेस्ट योजना में यह सम्मिलित नहीं है। उक्त योजना मूलत: रोपण योजना है अत: इसमें चिड़िया घर बनाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भोज मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा का गलत विज्ञापन
23. ( *क्र. 2389 ) पं. रमेश दुबे : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल मध्यप्रदेश के द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में पी.जी. डिप्लोमा इन हॉस्पिटल एण्ड हेल्थ मैनेजमेंट कोर्स हेतु क्या कोई आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया? यदि हाँ, तो क्या इस कोर्स हेतु योग्यता स्नातक निर्धारित की गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन के द्वारा इस कोर्स हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था तथा इन आवेदकों से कितनी राशि कब जमा करायी गयी? आवेदकों के नाम, पता सहित जमा करायी गयी राशि की जानकारी दें। (ग) क्या कला स्नातकों के द्वारा भरे गये फार्म को निरस्त कर उन्हें उक्त कोर्स हेतु परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गयी? यदि हाँ, तो क्या उन्हें उनकी फीस वापस की गयी? यदि नहीं की गयी तो क्यों? इस पूरे प्रकरण के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं तथा शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के निज सहायक के द्वारा वाइस चांसलर से भेंट कर राशि वापस किये जाने के निवेदन पर वाइस चांसलर के द्वारा नस्ती बुलवाकर तत्काल राशि वापस करने के लिखित आदेश फाईल पर दिए गए? यदि हाँ, तो इस आदेश की प्रति सहित बतावे कि आदेश के पश्चात भी राशि अभी तक आवेदकों को वापस क्यों नहीं की गयी? शासन इसके लिए किसे जिम्मेदार मानता है? क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, मय ब्याज के आवेदकों की राशि अविलंब वापस करने का आदेश देगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) जी हाँ। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''सात''
खेल सामग्री क्रय में आर्थिक अनियमितता
24. ( *क्र. 2421 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3284 दिनाँक 30.07.2015 के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है, की जानकारी दी गई थी तो क्या जानकारी एकत्रित कर ली गई है? यदि हाँ, तो बिन्दुवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो निश्चित समय-सीमा में विधानसभा को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 776 दिनाँक 24.02.2015 की कंडिका (ग) के संदर्भ में ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-169 में किन बिंदुओं पर वित्त विभाग से अभिमत चाहा गया था? क्या अभिमत प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो वित्त विभाग ने क्या अभिमत दिया? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग में खेल सामग्री नियम प्रक्रियाओं के विरूद्ध खरीदी जाकर आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं? यदि नहीं, तो क्या उक्त सामग्री खरीदी की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। विभागीय पत्र दिनाँक 10.12.2015 द्वारा जानकारी प्रेषित की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 776 दिनाँक 24.02.2015 के संदर्भ में ध्यानाकर्षण पर वित्त विभाग का अभिमत विभाग को प्राप्त ही नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सामग्री खरीदी की कार्यवाही नियमानुसार की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय नागरिकों को रोजगार
25. ( *क्र. 1578 ) श्री महेश राय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत संचालित औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का कितने प्रतिशत का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत शिक्षित बेरोजगार एवं जिन किसानों की भूमि अधिगृहण की गयी थी? नियमावली उपलब्ध करायी जावे। (ग) स्थानीय नागरिकों को चिन्हित करते हुये क्या सुरक्षा गार्ड को सेवा से हटाया जा रहा है? यदि हाँ, तो उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? (घ) प्रबंधन द्वारा निकाले गये सुरक्षाकर्मी एवं अन्य सैकड़ों विधानसभा क्षेत्र के योग्यताधारी को पुन: वापसी हेतु क्या प्रावधान है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) किसी भी विशिष्ट विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है, अपितु उद्योग संवर्धन नीति एवं कार्ययोजना 2010 (यथा संशोधित 2012) में प्रदेश में स्थापित होने वाले नवीन उद्योगों के साथ निष्पादित किये जाने वाले अनुबंधों में न्यूनतम 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्तियों को दिये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश शासन एवं भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड के मध्य दिनाँक 06 मई 2005 को निष्पादित एम.ओ.यू. की कंडिका क्रमांक 8.1 में भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड द्वारा मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को केटेगरी III एवं IV (मिनीस्ट्रीयल) में इन केटेगरीज के एन्ट्री लेबल पोजीशन में 60 प्रतिशत की सीमा तक भर्ती किये जाने का उल्लेख है। प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में रोजगार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर एवं एम.ओ.यू. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) स्थानीय नागरिकों को सुरक्षा गार्ड की सेवा से हटाये जाने व इस संबंध में कार्यवाही हेतु भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड का प्रबंधन स्वतंत्र है। किन्तु प्रश्नांश में उल्लेखित कंडिका क्रमांक 8.1 का पालन करने हेतु भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड बाध्य है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में योग्यताधारी के पुन: वापसी के अधिकार संबंधित इकाई के प्रबंधन के हैं।
भाग-2
नियम
46
(2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
व्यापम
में कार्यरत
अधिकारियों
की सूची
1. ( क्र. 34 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम में वर्ष 2005 से वर्तमान समय तक कार्यरत अधिकारियों के नाम, पद, विभाग, कार्यावधि की सूची प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्न (क) में उल्लेखित सूची में से किस-किस अधिकारी के पुत्र अथवा पुत्री, पिता के व्यापम में कार्यरत के दौरान, व्यापम की किस-किस भर्ती/चयन परीक्षा में शामिल हुये तथा सफल/चयनित हुये विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करें? (ग) व्यापम द्वारा वर्तमान समय तक किस-किस परीक्षा में किस-किस अभ्यर्थी की पात्रता समाप्त की गई, उसकी सूची प्रस्तुत करें? (घ) व्यापम द्वारा वर्ष 2014 से अनुक्रमांक आवंटन हेतु किस फार्मूले का उपयोग किया जा रहा है, उसकी विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि पी.एम.टी. परीक्षाओं में जो फार्मूला उपयोग किया गया था, उस से वर्तमान से क्या भिन्नता है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2005 से वर्तमान में बोर्ड में पदस्थ किसी भी अधिकारियों के द्वारा उनके पुत्र अथवा पुत्री बोर्ड द्वारा आयोजित किसी भी भर्ती/चयन परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) व्यापम द्वारा वर्ष 2014 से अनुक्रमांक आवंटन हेतु रेण्डम फंक्शन पर आधारित फार्मूले का उपयोग किया जा रहा हैं। विगत पीएमटी परीक्षाओं में जो फार्मूले का उपयोग रोल नम्बर आवंटन हेतु किया गया था, वह इन्डेक्सिंग (INDEXING) आधारित था। इन्डेक्सिंग आधार पर रोल नम्बर का आवंटन करने पर रोल नम्बरों में एकल पैटर्न प्रदर्शित होता हैं। जबकि रेण्डम पद्धति में रोल नम्बर का आवंटन करने पर रोल नम्बर में यह एकल पैटर्न प्रदर्शित नहीं होता हैं।
वन्य प्राणी का संरक्षण
2. ( क्र. 228 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों से पकड़े जाने वाले बाघों व अन्य खतरनाक प्राणियों को वनों में शिफ्टिंग कर सकता है? (ख) क्या बिना अनुमति वन विभाग पकड़े गए बाघ आदि को किसी भी इलाके में शिफ्ट कर सकता है? (ग) यदि हाँ, तो किस नियम के तहत एवं नहीं, तो भोपाल व अन्य स्थानों से पकड़े गए बाघों व अन्य वन्य प्राणियों को विगत चार वर्षों में शिफ्टिंग करने पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) कितने वन्य प्राणियों को पकड़ने की प्रक्रिया में रेस्क्यु दौरान मृत्यु हुई? किस कारण? विगत चार वर्षों का ब्यौरा क्या है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) भोपाल व अन्य स्थानों से पकड़े गये बाघों व अन्य वन्यप्राणियों को विगत चार वर्षों में बिना अनुमति के शिफ्टिंग करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अत: कोई कार्यवाही करने का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
शासकीय आवासों का बकाया नल बिजली एवं अन्य देयकों का भुगतान
3. ( क्र. 557 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर अंतर्गत कलेक्टर, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर एस.डी.एम. तहसीलदार व आई.पी.एस., सी.एस.पी., एस.डी.ओ.पी. के अन्यत्र स्थानान्तरण हो जाने के कारण आवंटित शासकीय आवास/बंगलों के बिजली, नल व अन्य देयकों के बकाया बिलों की राशि का भुगतान लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में किन-किन अधिकारियों के निवास के समय कितनी-कितनी राशि के किस-किस प्रकार के देयक बकाया है? आवास/बंगला नंबर वर्षवार अधिकारी का नाम व पद सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या शासन द्वारा उक्त बकाया राशि वसूल करने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रालामण्डल से सामगी तक रोड का निर्माण
4. ( क्र. 705 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत रालामण्डल से ग्राम सामगी तक रोड स्वीकृत है या नहीं? यदि हाँ तो किस योजना अन्तर्गत है? (ख) कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो क्या?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग पंचायत स्तर का मार्ग है। जिला पंचायत देवास से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर अनुसार।
पीपलरावा से टाण्डा उमरोद रोड का निर्माण
5. ( क्र. 706 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीपलरावा से टाण्डा उमरोद रोड स्वीकृत है। (ख) यदि हाँ, तो कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है। यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी उक्त रोड निर्माण हेतु कोई कार्यवाही नहीं होना भी विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही दर्शाता है। क्या ऐसे अधिकारियों पर कोई कार्यवाही होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में निर्माण कार्य प्रारंभ करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। परीक्षणाधीन है। (ग) जी नहीं प्रश्नांश ‘’ख’’ के उत्तर अनुसार। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही
6. ( क्र. 726 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनाँक 19.05.2015 को परिक्षेत्र मानपुर के ग्राम गोण्डकुआं के कक्ष क्रमांक 21 वन क्षेत्र में तेन्दुए का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या यह सच है कि तेंदुआ मात्र 8 माह का बच्चा था? तेन्दुए को रेस्क्यू ऑपरेशन करते समय ट्रेंन्क्यूलाईज करने हेतु वनमण्डलाधिकारी इंदौर द्वारा निर्देश दिए गए थे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किसी भी वन्य प्राणी को ट्रेंन्क्यूलाईज करने के क्या नियम है? क्या तेन्दुए को दो बार ट्रेंन्क्यूलाईज किया गया जिसके कारण उसकी घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या तेन्दुए की मृत्यु के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। तत्कालीन वन मंडलाधिकारी के निर्देश पर रेस्क्यू टीम में प्रशिक्षित तथा अनुभवी कर्मचारी द्वारा ट्रेंक्यूलाईज किया गया था। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के द्वारा जारी एस.ओ.पी. के बिन्दु क्रमांक 8 (I) के अंतर्गत भटके हुये बाघ/तेन्दुआ को रासायनिक निश्चेतन करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। तेन्दुए को एक बार ही ट्रेंक्यूलाईज किया गया। तेन्दुआ की मृत्यु रेस्क्यू करने से नहीं होकर डीहाईड्रेशन से हुई है। रेस्क्यू कार्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाये गये। अत: कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कायाकल्प अभियान अंतर्गत विकास कार्यों की जानकारी
7. ( क्र. 727 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराज यशवंतराव चिकित्सालय इंदौर में वर्ष 2014 में प्रारंभ किया गया कायाकल्प अभियान के तहत कौन-कौन से निर्माण कार्य, सुधार कार्य किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सालय महाविद्यालय इंदौर द्वारा लोक निर्माण विभाग को कितनी राशि हस्तांतरित की गई है व इसकी स्वीकृति किन-किन अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोक निर्माण विभाग द्वारा महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर एवं महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इंदौर में कौन-कौन से कार्य किया जाना प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इंदौर में कायाकल्प अभियान अंतर्गत किये जा रहे निर्माण कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों द्वारा पूर्व में महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय बिल्डिंग को लेकर कोई रिपोर्ट/ आपत्ति जाहिर की थी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है। महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। एम.वाय. अस्पताल की प्रबंध समिति एवं लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों द्वारा पूर्व में किये गये संयुक्त निरीक्षण के पश्चात् प्राक्कलन बनाये एवं स्वीकृति उपरांत कार्य किये गये।
लोक निर्माण विभाग संभाग गुना के कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों में अनियमतता
8. ( क्र. 770 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लो.नि.वि. संभाग गुना में अप्रैल 2015 के बाद आदिम जाति कल्याण विभाग के कौन-कौन से कार्यों पर कितना-कितना भुगतान किस-किस व्हाउचर से किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों पर डामर काटिंग (परिवहन) स्टेशनरी, कपड़ा खरीदी, गाड़ी किराया, हेण्ड रिसीप्ट आदि का भुगतान किया गया? वर्ष 2014-15 में गुना जिले में स्वीकृत जो निर्माण कार्यों का भुगतान शासन से अप्राप्त राशि के बिना अन्य मद की राशि से कौन-कौन से भुगतान किये गये, सूची सहित विवरण दें? (ग) यदि हाँ, तो उक्त भुगतान शासन के किस नियम से किया? नियम की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) नियम विरूद्ध किये गये भुगतान के लिये दोषी अधिकारी को निलंबित किया जावेगा और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ, भुगतान हेतु कोई नियत नियम नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यपालन यंत्री से अन्य मद से भुगतान के लिये स्पष्टीकरण मांगा गया है, उत्तर प्राप्त होने पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जायेगी।
मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना
9. ( क्र. 973 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम मुहारा के मंदिर की भूमि खसरा क्र. 1398/1 रकवा, 0.113 हेक्टयर भूमि श्री राम चन्द्र जी महाराज के स्वामित्व की भूमि है? और उक्त मंदिर के प्रबंधक कलेक्टर टीकमगढ़ है? (ख) क्या खसरा क्र. 1398/1 रकवा 0.113 हेक्टयर भूमि पर ग्राम मुहारा के कुछ निवासियों ने अवैध कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिया है? जिसके संबंध में ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायत की है? (ग) क्या उक्त अपराधी प्रवृत्ति के अतिक्रमणकारियों कार्यों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई प्रशासन के अधिकारियों को उक्त अवैध निर्माण हटाये जाने हेतु आदेशित करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? क्या उक्त अवैध निर्माण हटाये जाने के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे यदि हाँ, तो समयावधि बतायें यदि नहीं, तो क्या उक्त अतिक्रमण की भूमि को मंदिर हेतु सुरक्षित करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रश्नांकित खसरा क्र.1398/1 रकवा 0.113 के अंश भाग पर ग्राम के कुछ परिवार पुश्तैनी रूप से अतिक्रमण कर निवासरत है। जी हाँ, जानकी देवी द्वारा शिकायत पेश की गई है। (ग) अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध तत्काल तहसीलदार जतारा द्वारा अतिक्रमण प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विचाराधीन है। प्रकरण में तहसीलदार जतारा द्वारा सुनवाई की जा रही है। अतिक्रमण प्रवर्तन विधि अनुसार सुनवाई करते हुये निराकरण किया जावेगा। इसमें किसी की भी कोई लापरवाही नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र खरगापुर के बल्देवगढ़ में महाविद्यालय की स्थापना
10. ( क्र. 977 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा में क्र. 13636 पर याचिका प्रस्तुत की गई थी जिसमें उल्लेख किया था कि खरगापुर या बल्देवगढ़ में कोई महाविद्यालय नहीं है और हा.से.स्कूल बालक/कन्या खरगापुर तथा बल्देवगढ़ एवं हा.से. देरी, हाई स्कूल कुडीला, हटा आदि संस्थाओं से निकलकर छात्र आते है? जिसमें छात्र/छात्राओं को बारहवीं उत्तीर्ण करके टीकमगढ़ में रहकर शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती है? गरीब की छात्र/छात्राएं विकलांग जिनकों रोज-रोज आवागमन में कठिनाई आती है और दूर भी पड़ता है ऐसी स्थिति में शिक्षा के व्यापीकरण तथा छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुये क्या बल्देवगढ़ में महाविद्यालय खोले जाने के आदेश जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) क्या खरगापुर विधानसभा के बल्देवगढ़ में महाविद्यालय की मांग छात्र-छात्राओं द्वारा बार-बार की जा रही है? क्या इसके समाधान हेतु आदेश जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक महाविद्यालय खोल दिया जावेगा समयावधि बतायें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) याचिका प्रश्न से आंशिकता समरूप है। जी नहीं। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1001/49/ विस/आउशि/यो/14 दिनाँक 10.10.2014 द्वारा याचिका का उत्तर भेजा गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1075/101/मं/आउशि/यो/12 दिनाँक 21.5.2012 द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित पाठ्यक्रमों के सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता एवं विकास करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अतः बल्देवगढ़ में महाविद्यालय प्रारम्भ करने में कठिनाई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार।
सड़क निर्माण
11. ( क्र. 1000 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दतिया जिले में कौन-कौन सी सड़कों का मरम्मतीकरण कार्य कराया गया सड़कों के नाम/लागत राशि/कार्य के विवरण सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित सड़कों के मरम्मतीकरण कार्य की विज्ञप्ति किस दिनाँक को कौन से अखबार में निकाली गई, कितने ठेकेदारों द्वारा टेण्डर भरे गये एवं किनके टेण्डर पास किये गये सड़कवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ग) विभाग द्वारा कौन-कौन से शासकीय कार्यालयों/निवास (भवनों) पर मरम्मतीकरण का कार्य कराया गया भवनवार/लागत राशि/किये गये कार्य के विवरण की जानकारी के साथ-साथ जानकारी उपलब्ध कराये की जिले में ऐसे कौन-कौन से भवन हैं जिन्हें विभाग द्वारा अनुपयोगी घोषित कर दिया है जिनसे जन हानि होने की संभावना है उनके लिये शासन के क्या नियम एवं योजनायें हैं? (घ) क्या दतिया जिले की सेवढ़ा तहसील में पुराना थाना एवं उसके सामने स्थित स्कूल भवन विभाग द्वारा अनुपयोगी घोषित किया गया है जिससे जनहानि होने की संभावना भी है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) आवासीय भवनों की मरम्मत संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब-1’ तथा शासकीय भवनों की मरम्मत संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार तथा अनुपयोगी भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। विभाग द्वारा वर्क मेन्युअल की कंडिका 3.036 से 3.039 में निहित प्रावधान अनुसार भवन अनुपयोगी घोषित की कार्यवाही की जाती है। (घ) भवन क्षतिग्रस्त है तथा मरम्मत योग्य नहीं है। भवनों की अनुपयोगी घोषित/अपलेखन किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शिवपुरी जिले में प्रचलित सड़क एवं भवन निर्माण
12. ( क्र. 1040 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में अक्टूबर 2015 की स्थिति में कौन-कौन से सड़क मार्गों के निर्माण एवं डामरीकरण तथा नवीन भवन निर्माण के कार्य स्वीकृत थे? कार्यों के पूर्ण नाम, योजना, लागत, स्वीकृति दिनाँक एवं कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ख) उक्त निर्माण कार्य किन-किन ऐजेंसियों द्वारा कब से कराए जा रहे है तथा कब तक पूर्ण कर दिए जावेगें? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अक्टूबर 2015 की स्थिति में कौन-कौन से सड़क मार्ग एवं भवन निर्माण कार्य प्रचलित थे? कार्य का नाम, योजना, लागत, स्वीकृति दिनाँक, निर्माण ऐजेंसी का नाम व पता एवं कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कार्य कब तक पूर्ण होगें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, अ-1, अ-2 एवं भवन कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ तथा प्रपत्र ‘ब-1’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, अ-1, अ-2 एवं प्रपत्र ‘ब-2’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब-2’, ‘ब-3 एवं प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब-1’, ‘ब-2’ एवं प्रपत्र ‘स’ एवं ‘द’ अनुसार है।
आई.टी.आई. भवन का जीर्णोद्धार
13. ( क्र. 1048 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद नगर में पूर्व से संचालित हो रही आई.टी.आई. को अपग्रेडेशन की शासन की क्या योजना है? (ख) खाचरौद शहर के 14 किलोमीटर की दूरी पर नागदा शहर स्थित यह प्रसिद्ध इण्डस्ट्रीज शहर है? इन उद्योगों में ट्रेण्ड विद्यार्थियों की आवश्यकता रहती है? (ग) शासन द्वारा चलाई जा रही तकनीकी कक्षाओं के अलावा शेष बची तकनीकी विषयों की क्लासेस खोलने की क्या योजना है? (घ) इसका भवन काफी जर्जर हो चुका है इसका जीर्णोद्धार कब तक कर लिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खाचरौद आई.टी.आई. में 04 ट्रेड क्रमश: इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, फिटर व कोपा संचालित है। वर्तमान प्रशिक्षण सत्र में व्यवसाय बढाने की योजना नहीं हैं। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान प्रशिक्षण सत्र में कोई योजना नहीं है। (घ) संचालनालय द्वारा दिनाँक 15.09.2015 को राशि रूपये 5.30 लाख भवन रेनोवेशन के लिए स्वीकृत किये गये हैं। रेनोवेशन मार्च-2016 तक पूर्ण करने की योजना है।
शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार
14. ( क्र. 1049 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने शासकीय मंदिर हैं? क्या धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के समक्ष सिंहस्थ 2016 को ध्यान में रखते हुए जीर्णोद्धार हेतु कलेक्टर/कमिश्नर उज्जैन द्वारा कोई प्रस्ताव बनाकर भेजा है? (ख) आगामी वर्ष 2016 में उज्जैन में सिंहस्थ पर्व होने एवं नागदा शहर मुंबई-दिल्ली का सेंटर पाईंट होने से यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी एवं समस्त राज्यों से दर्शनार्थी दर्शन करने यहां भी आयेंगे? इसलिए इन शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार की शासन की क्या योजनाएं है? (ग) उन योजनाओं को कब तक अमल में लाया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कुल 519 शासकीय मंदिर है। सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुये जी नहीं, किन्तु उज्जैन स्थित शासन संधारित मंदिरों को कलेक्टर एवं आयुक्त के प्रस्ताव अनुसार जीर्णोद्धार कार्य हेतु (मंदिरों) को राशि प्रदान की जा रही है। (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अब तक कुल 10 शासन संधारित मंदिरों को राशि (जीर्णोद्धार) हेतु राशि दी गई है। (ग) प्रश्नांश ख अनुसार कार्यवाही की जा रही है। समय-समय पर जीर्णोद्धार हेतु राशि उपलब्ध कराई जाती है। कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आई.टी.आई. खोले जाने के संबंध में
15. ( क्र. 1082 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय प्रधानमंत्री की 15 अगस्त 2007 की घोषणा के फलस्वरूप देश के सभी ब्लॉक मुख्यालय में स्किल डेवलपमेंट सेंटर (आई.टी.आई.) खोला जाना था? (ख) क्या उक्त प्रश्नांश-क में उक्त घोषणा के क्रियान्वयन में शासन को स्किल डेवलपमेंट सेंटर (आई.टी.आई.) प्रारम्भ कराने हेतु अनुदान राशि उपलब्ध करायी गयी थी? यदि हाँ, तो कितनी वर्षवार बतावे? (ग) क्या यह सही है कि छतरपुर जिले की चन्दला वि.स. अन्तर्गत स्थिति ब्लॉक गोरिहार मुख्यालय में आई.टी.आई. कॉलेज आदि नहीं है? (ग) यदि नहीं, तो चन्दला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आई.टी.आई. कॉलेजों को खोलने हेतु क्या प्रयास किये जायेगे एवं कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (ग) जी हाँ, समस्त आई.टी.आई. विहीन विकास खण्डों में प्रयास किया जा रहे है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
छतरपुर जिले में स्थापित उद्योग
16. ( क्र. 1083 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनाँक तक कितने उद्योग लगाये गये? (ख) क्या चन्दला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लगाये गये उद्योग, उद्योग विभाग के नियमों के अनुसार संचालित है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अंतर्गत कितने उद्योगों में कितने-कितने स्थानीय लोगों को रोजगार दिये गये? (घ) यदि नहीं, तो उद्योग विभाग ने इनके विरूद्ध क्या कर्यवाही की गई तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा उनके ऊपर कब तक कार्यवाही की जायेगी समय-सीमा बतायें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनाँक तक 15333 उद्योग स्थापित होकर पंजीकृत है। (ख) भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम अधिनियम, 2006 के अंतर्गत स्थापित उद्यमों द्वारा आवेदन करने पर अभिस्वीकृति जारी की जाती है। (ग) विधानसभा क्षेत्र चंदला में स्थापित कुल 327 उद्योगों में 449 स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है। (घ) प्रश्नांश-ख के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
वन विभाग द्वारा किए जाने वाले विकास कार्य
17. ( क्र. 1090 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितनी वन भूमि एवं कितनी राजस्व भूमि है? जिलेवार जानकारी देवें? वन विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में विकास कार्यों हेतु कितनी भूमि अन्य विभाग को दी है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल कितनी भूमि वन क्षेत्र है? क्या विगत 03 वर्षों में वन विभाग द्वारा अन्य विभाग को भूमि विकास कार्यों हेतु दी गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी निर्देशों की प्रमाणित छायाप्रति कृपया देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत गौ-अभ्यारण्य सालरिया में विभाग के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हैं? स्वीकृत कार्यों को कब तक पूर्ण किया जाना था व किस ठेकेदार द्वारा कार्य कराना था? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्य समय-सीमा में पूर्ण हुए या नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिए जवाबदारों पर उचित कार्यवाही की जावेगी व कार्य समय पर पूर्ण करवाया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश में 94,689.38 वर्ग कि.मी. वन भूमि है। जिलेवार वनभूमि एवं वन विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में विकास कार्य हेतु अन्य विभागों को व्यपवर्तित की गई वनभूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जिलेवार राजस्व भूमि की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) विधानसभा सुसनेर अन्तर्गत कुल 3219.121 हेक्टेयर वनभूमि है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) एवं (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अन्तर्गत गौ-अभ्यारण्य सालरिया में राजस्व भूमि पर चारागाह विकास हेतु पशु संचालनालय मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा दो परियोजनाएँ स्वीकृत है, स्वीकृत कार्य विभागीय स्तर से मार्च 2016 तक पूर्ण किये जाना है। समय-सीमा शेष होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा में एम.एड. परीक्षा का आयोजन
18. ( क्र. 1099 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा सत्र 2013-14 एवं 2014-15 की एम.एड. परीक्षा अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा द्वारा आयोजित नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिक्षा सत्रों की एम.एड. परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा कब तक आयोजित करा ली जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। सत्र 2013-14 की परीक्षा वर्तमान में चल रही है। सत्र 2014-15 की परीक्षा आयोजित करने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.एड. की पूरक परीक्षा
19. ( क्र. 1100 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के विश्वविद्यालयों में बी.एड. की पूरक परीक्षा करायी जाती है? यदि हाँ, तो ऐसे विश्वविद्यालयों के नाम बतायें? (ख) क्या अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा द्वारा बी.एड. की पूरक परीक्षा नहीं करायी जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ है, तो अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में बी.एड. की पूरक परीक्षा अन्य विश्वविद्यालयों की भॉति न कराने का क्या कारण है? (घ) म.प्र. के अन्य विश्वविद्यालयों की भॉति बी.एड. की पूरक परीक्षा में एकरूपता एवं छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए क्या अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में भी बी.एड. की पूरक परीक्षा कराना सुनिश्चित करायेंगे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल। (ख) जी हाँ। (ग) विश्वविद्यालय के अध्यादेश 27 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार बी.एड. में पूरक परीक्षा कराये जाने का कोई प्रावधान न होने से पूरक परीक्षा नहीं कराई जाती है। (घ) जी नहीं। बी. एड. पाठ्यक्रम में पूरक परीक्षा आयोजित कराए जाने के संबंध में समन्वय समिति में विचार करने हेतु कार्यवाही की जाएगी।
लहार भिण्ड रोड से वम्बा तक सड़क निर्माण
20. ( क्र. 1151 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 10 (क्र.410) दि. 30.7.2015 में बताया गया है कि लहार भिण्ड रोड से वम्बा तक सड़क की मोटाई 48 से.मी. है? भौतिक चौड़ाई 10.95 से.मी. है? किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब जाँच की जायेगी? (ख) क्या जल संसाधन विभाग का वम्बा तोड़कर मार्ग निर्माण कर लम्बाई पूरी की गई? वम्बा को नष्ट किया गया? इसके लिए कौन दोषी है? प्रश्नांश दिनाँक तक क्या कार्यवाही की जायेगी? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्ग गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किया गया? प्रयुक्त सामग्री का परीक्षण किस प्रयोगशाला में किया गया? क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? विवरण दें? (घ) मार्ग का निरीक्षण उपयंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री द्वारा कब किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन के विवरण सहित जानकारी दें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नोत्तर में सड़क की मोटाई 48 से.मी. एवं चौड़ाई 10.95 व 8.00 मीटर बताई गई थी। सड़क की मोटाई एवं चौड़ाई की जाँच समय-समय पर उपयंत्री, सहायक यंत्री व कार्यपालन यंत्री द्वारा की गई है। (ख) जल संसाधन विभाग का वम्बा छोड़कर सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है। सड़क का निर्माण वम्बा को छोड़कर पूर्ण किया जा चुका है इसलिए वम्बा को नष्ट करने का सवाल ही नहीं उठता है। वम्बा को तोड़ा नहीं गया है इसलिए कोई दोषी नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्ग का गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य किया गया है। प्रयुक्त सामग्री का परीक्षण शासन से अधिकृत प्रयोगशाला में कराया गया है। प्रयोगशाला से प्राप्त प्रतिवेदन में प्रयुक्त सामग्री गुणवत्तायुक्त पायी गई है। (घ) वर्णित मार्ग का निरीक्षण उपयंत्री, सहायक यंत्री व कार्यपालन यंत्री द्वारा समय-समय पर किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन में पाया गया है कि कार्य गुणवत्तायुक्त कराया गया है।
आयुक्त उद्योग विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखा गया पत्र
21. ( क्र. 1176 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनाँक 07 नवम्बर 2015 को आयुक्त उद्योग विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल को लिखे गए पत्र में मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम से संबंधित कोयले व्यापार के किस-किस बिन्दु पर पत्र लिखकर जाँच एवं कार्यवाही का निवेदन किया है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनाँक 07 नवबंर 2015 को लिखे गए पत्र के 6 बिन्दुओं में किन-किन तथ्यों का प्रश्नकर्ता ने उल्लेख किया? उनकी जाँच के लिए शासन ने किस दिनाँक को किसे आदेश/निर्देश दिया जाकर क्या समय-सीमा निश्चित की? (ग) मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के द्वारा किस प्रक्रिया, किस मापदण्ड एवं किसके आदेश से गत दो वर्षों में किस कोयला खदान से लघु उद्योगों को कोयला उपलब्ध करवाएं जाने के संबंध में किसे अपना अधिकृत प्रतिनिधि नियुक्त किया? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा 07 नवबर 2015 को लिखे गए पत्र की कब तक जाँच करवाई जाकर जाँच प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवा दी जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ख) प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनाँक 07 नवम्बर 2015 को उद्योग आयुक्त, मध्यप्रदेश, भोपाल को लिखे गए पत्र में, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार 06 बिन्दुओं एवं 16 उपबिन्दुओं पर जाँच एवं कार्यवाही का निवेदन किया है। चाही गई जाँच अत्यंत वृह्द, व्यापक, बहुराज्य स्तरीय एवं सम्पूर्ण अवधि के लिए है। अतः इस कारण माननीय विधायक महोदय को मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा पत्र दि. 02.12.2015 प्रेषित कर प्रकरण विशेष की जानकारी भेजने का अनुरोध किया गया है, जिससे की आवश्यक कार्यवाही की जा सकें। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। एस.सी.ई.एल. की कोयला खदानों से प्रदेश की लघु उद्योग इकाईयों को कोयला उपलब्ध करावाया जाने के संबंध में निविदा प्रक्रिया के द्वारा संचालक मण्डल के आदेश से गत दो वर्षों मे मेसर्स एस.के.जे एण्ड कंपनी कोल प्रायवेट लि. को अधिकृत प्रतिनिधि नियुक्त किया। डब्ल्यू.सी.एल. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। कोयला खदानों से प्रदेश की लघु उद्योग इकाई को कोयला उपलब्ध करावाया जाने के संबंध में पूर्व में प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार कोल उपभोक्ताओं की अनुशंसा पर लिफ्टरों को अधिकृत किया गया। (घ) प्रश्नांश ‘ख‘ के उत्तर अनुसार।
अधिसूचित भूमियों पर अधिकारों का अभिलेखन
22. ( क्र. 1177 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासनादेश एवं न्यायालयीन आदेशों का हवाला देकर प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनाँक 07 नवम्बर 2015 को श्री जब्बाद हसन प्रधान मुख्य वन संरक्षक वर्किंग प्लान वन मुख्यालय भोपाल को लिखे दो पत्रों पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने प्रश्नांकित दिनाँक तक किसे क्या आदेश, निर्देश दिए? (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित, आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित निजी भूमि, गैर जंगल मद की गैर संरक्षित वनभूमि, रैय्यतवारी, मसाहती ग्रामों की गैर संरक्षित वन भूमि एवं सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में परिभाषित एवं आदेशित भूमि को वर्किंग प्लान एवं पी.एफ. एरिया रजिस्टर में दर्ज किए जाने का प्रावधान किस कानून, किस नियम या किस न्यायालयीन आदेश में दिया है? (ग) धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों पर अधिकारों का अभिलेखन किए जाने के संबंध में 10 अप्रैल 2015 को शासन ने क्या आदेश दिए है? इन अधिकारों को पी.एफ. एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष इतिहास में दर्ज किए जाने के वन मुख्यालय ने किस दिनाँक को आदेश दिए यदि नहीं, तो कारण बतावें? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा 7 नवम्बर 2015 को लिखे गए पत्रों पर कब तक धारा 4 (1) में अधिसूचित वर्किंग प्लान एवं पी.एफ. एरिया रजिस्टर में दर्ज जमीनों के संबंध में वन मुख्यालय स्पष्ट आदेश जारी करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्रों पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य-आयोजना एवं वन भू-अभिलेख) द्वारा परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन भू-अभिलेख) म.प्र. को निर्देश दिये गये। (ख) प्रश्नाधीन भूमियाँ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित होने से इन वन भूमियों के प्रबंधन का अधिकार स्वतः ही वन विभाग का हो जाता है। इसलिये ऐसी अधिसूचित वन भूमियाँ प्रबंधन हेतु कार्य-आयोजना एवं पी. एफ. एरिया रजिस्टर में दर्ज की जाती है। (ग) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 25-36/2005/10-3 दिनाँक 10.04.2015 द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित वनभूमियों पर अधिकारों को अभिलेखित किये जाने बाबत् निर्देश समस्त कलेक्टर्स मध्यप्रदेश को जारी करते हुये प्रतिलिपि समस्त क्षेत्रीय वन अधिकारियों को दी गई। दिये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। निजी भूमियों के संबंध में वन मुख्यालय द्वारा वर्ष 2008, 2009 तथा 2011 में जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ के अनुसार वन मुख्यालय द्वारा पूर्व में ही निर्देश जारी किये जा चुके है। अतः पुनः निर्देश जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूंजी निवेश के प्रस्ताव
23. ( क्र. 1198 ) श्री मुकेश नायक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015 में 1 जनवरी, 2015 से अक्टूबर माह 2015 तक मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने तथा पूंजी निवेश के कुल कितने देशी विदेशी निवेशकों/उद्योगपतियों से कुल कितनी धनराशि के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये? (ख) इस अवधि तक कुल पूंजी निवेश के कितने एम.ओ.यू. सम्पन्न हुये और अब तक उनमें से कितनों पर कार्यवाही हुई है? (ग) एम.ओ.यू. सम्पन्न होने के बाद कितने पूंजी निवेश के प्रस्ताव निरस्त हुये? निरस्त होने का क्या कारण है? (घ) कृपया एम.ओ.यू. निरस्त होने वाली संस्थाओं के नाम दीजिए?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नागत अवधि में एम.पी.ट्रायफेक के वेब पोर्टल पर रूपये 70514 करोड़ राशि के 382 निवेश आशय के प्रस्ताव दर्ज हुए है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित नहीं हुआ है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि विद्वानों को नियमित कर नियमित वेतनमान दिया जाना
24. ( क्र. 1219 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा रीवा संभाग के सभी शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी द्वारा स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम कितने वर्षों से चलाए जा रहे हैं तथा कितने अतिथि विद्वान कार्यरत हैं इन अतिथि विद्वानों को क्या प्रति माह प्रति कालखण्ड मानदेय निर्धारित किया गया है? (ख) क्या स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम के लिए सहायक प्राध्यापकों के नियमित पदों का सृजन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों, क्या भविष्य में नियमित पदों का सृजन करते हुए शासन के निर्देशानुसार भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाएगी? (ग) क्या ये अतिथि विद्वान महाविद्यालयों में निरंतर सेवाऐं देते हुए निर्धारित उम्र की सीमा पार कर चुके हैं? क्या ऐसे अतिथि विद्वानों को कार्यरत महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर नियमित पद पर रखा जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग आदेश क्रमांक 1837/2977/2001/38-2 दिनाँक 05.10.2001 एवं आदेश क्रमांक 1098/38-2/2002 दिनाँक 04.05.2002 द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम जनभागीदारी समितियों द्वारा ही चलाये जाते हैं। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अतिथि विद्वान हेतु कोई आयु का निर्धारण नहीं है। जी नहीं।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
25. ( क्र. 1220 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 79 (क्रमांक 947 दिनाँक 9.12.14 एवं प्रश्न संख्या 10 (क्र. 1373) दिनाँक 27.2.15 पर आज दिनाँक तक विभागीय अधिकारियों द्वारा दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, यू.एस. राजपूत वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी, आर.एस. तोमर भण्डार अधिकारी, क्रय लिपिक राजेन्द्र भारद्वाज, क्रय लिपिक वाय.एस.यादव, भण्डारी/आवक लिपिक रामज्ञान प्रजापति कलेक्टर मुरैना के पत्र क्रमांक 10425/15.12.14 के जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 1003/27.9.14 में दोषी होने के बावजूद औ.प्र. संस्था मुरैना में पद पर पदस्थ हैं? (ख) संयुक्त संचालक कौशल विकास ग्वालियर ने पत्र क्रमांक क्षेकौ/स्था/गोपनीय/शिका./जाँच प्रति/2015/ 09/ ग्वालियर दिनाँक 14.02.15 से जाँच समिति अध्यक्ष सी.एल.कटारे, सदस्य नितीन मंदसौर वाले, व्ही.के. राव के विरूद्ध जाँच विधिवत न करने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु संचालक जबलपुर को लेख किया है लेकिन संचालक द्वारा इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही न कर सदस्य व्ही.के. राव वर्तमान में औ.प्र. संस्था मुरैना के संस्था प्रमुख है जो कि जाँच से संबंधित अभिलेखों में हेरा-फेरी कर दोषियों को बचाने का भरसक प्रयास कर रहे है एवं नितिन मंदसौर वाले को प्रमोशन देकर लाभान्वित किया है क्या इनके विरूद्ध निलंबन/अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी? (ग) यह कि संयुक्त संचालक कौशल विकास ग्वालियर ने पत्र क्रमांक क्षेकौ/स्था/गोप.शिका./जाँच प्रति/2015/09/ ग्वालियर दिनाँक 14.02.15 से आवक लिपिक, क्रय लिपिक, भण्डार अधिकारी, क्रय समिति तथा लेखापालन को पूर्णत: दोषी ठहराया है लेकिन इनके विरूद्ध संचालक कौशल विकास द्वारा निलंबन की कार्यवाही आज दिनाँक तक क्यों नहीं की गई है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी. नहीं, कार्यवाही की गई है। श्री पी.के.ओरिया, प्रशिक्षण अधीक्षक को संचालनालय आदेश क्रमांक-757 दिनाँक 20.02.2015 द्वारा निलंबित किया गया। श्री के.सी.जैन, संयुक्त संचालक से अंतिम जाँच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक-2446 दिनाँक 5.12.2015 द्वारा प्राप्त हुआ है। जाँच प्रतिवेदन में श्री पी.के. ओरिया, प्रशिक्षण अधीक्षक, श्री वाय.एस. यादव, सहायक ग्रेड-2 एवं श्री राजेन्द्र भारद्वाज, सहायक वर्ग-2 की संलिप्तता स्पष्ट होने के कारण श्री वाय.एस.यादव को संचालनालय आदेश क्रमांक-616 दिनाँक 07.12.2015 एवं श्री राजेन्द्र भारद्वाज को संचालनालय आदेश क्रमांक-618 दिनाँक 07.12.2015 को निलंबित किया गया है। निलम्बन पश्चात् इनका मुख्यालय आईटीआई शिवपुरी किया गया है। (ख) इस प्रकरण में जाँच श्री के.सी.जैन, संयुक्त संचालक द्वारा की गई। जाँच में अत्याधिक विलम्ब होने एवं आवश्यक कार्यवाही न करने के कारण संयुक्त संचालक श्री के.सी. जैन को भी निलम्बित किया गया। श्री सी.एल. कटारे, श्री व्ही.के. राव एवं श्री नितिन मंदसौर वाले के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए संचालनालय के परीक्षण में कोई आधार नहीं पाया गया। श्री व्ही.के. राव का मुरैना स्थानांतरण एवं श्री नितिन मंदसौर वाले का स्थानांतरण प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत किया गया है। इनके विरूद् कोई आरोप/आक्षेप नहीं है। इनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री के.सी. जैन, संयुक्त संचालक से अंतिम जाँच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक-2446 दिनाँक 05.12.2015 द्वारा प्राप्त हुआ है। जाँच प्रतिवेदन में श्री पी.के. ओरिया, प्रशिक्षण अधीक्षक, श्री वाय.एस. यादव, सहायक ग्रेड-02 एवं श्री राजेन्द्र भारद्वाज, सहायक ग्रेड-02 की संलिप्तता स्पष्ट होने के कारण श्री वास.एस. यादव को संचालनालय आदेश क्रमांक-616 दिनाँक 07.12.2015 एवं श्री राजेन्द्र भारद्वाज को संचालनालय आदेश क्रमांक-618 दिनाँक 07.12.2015 को निलंबित किया गया है। प्रारंभिक जाँच में श्री आर.एस. तोमर, भण्डार अधिकारी, श्री यू.एस. राजपूत, प्रशिक्षण अधिकारी एवं श्री रामज्ञान प्रजापति, आवक लिपिक की संलिप्तता नहीं पाई गई।
मेन सड़क से पास के ग्रामों का डामरीकरण
26. ( क्र. 1227 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा बनाई गई मुख्य सड़क से आधा किमी एवं एक किमी दूरी तक गांव में डामरीकरण छोड़ने से उसे प्रधानमंत्री सड़क योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है क्यों कि इसे मुख्य सड़क से जुड़ा हुआ गांव माना गया है? डामरीकरण से वंचित शेष मार्गों का डामरीकरण का कार्य इनमें से कौन से विभाग द्वारा किया जावेगा? प्रधानमंत्री सड़क योजना या पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के लदुना चौमेहला सड़क पर धतुरिया गांव की सड़क एवं कयामपुर बसई मार्ग पर बाकली गांव की सड़क कौन सा विभाग बनाएगा? (ग) विभाग द्वारा बनाई गई योजनाओं में धतुरिया, बाकली, कुचडोद से शेरगढ़ मार्ग की मांग कई वर्षों से नागरिकों द्वारा करने के बाद भी आज तक इसका प्रस्ताव नहीं भेजा गया, कारण बतावें? (घ) जनता की परेशानी एवं मूलभूत सुविधाओं को देखते हुवे धतुरिया, शेरगढ़, बाकली सड़क का कार्य कब तक प्रस्तावित कर निर्माण स्वीकृति प्रदान करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से प्राप्त जानकारी अनुसार ऐसे गांवों का यदि कोई प्रकरण जिसमें 500 मी से कम दूरी की सड़क निर्माण शेष है, तो उस पर म.प्र. शासन विचार करेगा। (ख) धतुरिया एवं बाकली गांव 500 मी. पर स्थित होने के कारण जुडे हुए गांव की श्रेणी में है शेष उत्तरांश ‘क’ अनुसार। (ग) पी.एम.जी.एस.वाय. के अंतर्गत दलौदा से कुचडौद एवं नकेडिया से शेरगढ़ को जोड़ जा चुका है। पी.एम.जी.एस.वाय. के अंतर्गत डबल कनेक्टिविटी का प्रावधान नहीं होने से कुचडौद से नकेडिया को योजना अंतर्गत नहीं जोडा जा सका। धतुरिया एवं बाकली को कोर-नेटवर्क में जुडे हुए गांवों की श्रेणी में है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्राम शेरगढ़ को योजनांतर्गत जोड़ा जा चुका है। इस तरह (धतुरिया एवं बाकली) के कोर-नेटवर्क में छूटे हुए गांवों को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भारत सरकार के दिशा निर्देश प्राप्त होने पर ही कोई कार्यवाही संभव होगी।
उद्योग एवं रोजगार की योजनाएं
27. ( क्र. 1228 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार हेतु क्या योजनाएं बनाई गई है जानकारी देवें? (ख) मंदसौर जिले में विभाग द्वारा कितने उद्योगों की स्थापना की गई है, कितने युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है? (ग) नवीन उद्योगों की स्थापना करने हेतु शासन द्वारा कितना अनुदान दिया जाता है अलग-अलग उद्योगों के नाम एवं उद्योगों पर मिलने वाले अनुदान की राशि बतावें? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा रोजगार हेतु प्राप्त आवेदनों में से कितने पर स्वीकृति प्रदान की गई है तथा किन-किन संस्थाओं से किन-किन व्यक्तियों को ऋण प्राप्त हुआ है? लाभार्थियों के नाम तथा उनको प्राप्त राशि एवं उनके ग्रामों के नाम बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग की निम्न योजनाएँ संचालित हैः- 1. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (भारत सरकार की योजना) 4. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2014, 5. वृहद श्रेणी हेतु निवेश प्रोत्साहन योजना 2014, 6. जॉब फेयर योजना 7. केरियर कॉउन्सिलिंग योजना 8. कौशल विकास सह-रोजगार संवर्धन योजना (ख) विगत दो वर्षों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रं |
वर्ष |
उद्योगों की संख्या |
रोजगार |
1 |
2013-14 |
401 |
814 |
2 |
2014-15 |
402 |
954 |
(ग) उद्योगों के प्रकार यथा वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म अनुसार सुविधा/सहायता प्रदान की जाती हैं। इस संबंध में “मध्यप्रदेश निवेश प्रोत्साहन योजना, 2014“ एवं “मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना, 2014” की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमशः प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (घ) विगत दो वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
ब्रान्द्राभान एवं सांगाखेड़ा मार्ग पर पुल एवं एप्रोच रोड निर्माण
28. ( क्र. 1237 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के सेतु निगम द्वारा ब्रान्द्राभान एवं सांगाखेड़ा कला के मध्य तवा नदी पर पुल एवं एप्रोच रोड का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या पुल एवं एप्रोच रोड का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा एप्रोच रोड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनाँक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त एप्रोच रोड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार हैं? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? तथा एप्रोच रोड का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? निश्चित समयावधि बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। पुल कार्य दिसम्बर 2008 में पूर्ण, बान्द्राभान साईड का पहुँच मार्ग मई 2013 में पूर्ण, सांगाखेड़ा कला साईड के पहुँच मार्ग का कार्य 90% पूर्ण कर शेष कार्य जनवरी 2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) जी नहीं। परन्तु तत्कालीन माननीय मंत्री जी की नोटशीट दिनाँक 8-4-2010 प्राप्त हुई थी। कार्यवाही की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ अनुसार है। पहुँच मार्ग का कार्य जनवरी 2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
कुवजा नदी पर माछा पुल का निर्माण
29. ( क्र. 1239 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभाग पिपरिया जिला होशंगाबाद के अंतर्गत ग्राम तिघड़ा माछा के बीच में कुवजा नदी पर पुल का निर्माण कब किया गया? इसकी निर्माण ऐजेन्सी कौन थी तथा इसकी निर्माण लागत क्या थी? (ख) क्या उक्त प्रश्नांकित स्थल पर बना पुल एवं पुल के दोनों तरफ का रास्ता पूर्णत: क्षतिग्रस्त तथा बाढ़ में बह गया? यदि हाँ, तो विभाग इस पर क्या कार्यवाही कर रहा है? तथा उपरोक्त प्रकरण में कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? क्या उनसे उपरोक्त घटिया निर्माण के संबंध में वसूली की गई है? नहीं तो क्यों? (ग) क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर नवीन पुल का निर्माण कब तक हो पायेगा जिससे आवागमन अवरूद्ध न हो?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) अनुविभाग पिपरिया जिला होशंगाबाद के अंतर्गत ग्राम तिघड़ा माछा के बीच में कुवजा नदी पर वेंटेड काजवे का निर्माण 06/2005 में पूर्ण किया गया हैं। श्री संजय पलिया, पिपरिया, लागत रूपये 36.15 लाख थी। (ख) जी नहीं, पुल का नहीं, अपितु वेंटेड काजवे का निर्माण किया गया। मात्र माछा की ओर रिर्टन वॉल एवं पहुँच मार्ग अत्यधिक बाढ़ एवं अतिवृष्टि के कारण बाढ़ में कटकर बह गया था। उक्त स्थान पर पुल निर्माण का प्रस्ताव परीक्षाणाधीन हैं। जिसका सुधार कार्य ठेकेदार द्वारा कराया गया था। अतः शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रस्ताव परीक्षणाधीन हैं। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रामजानकी मंदिर के न्यास का गठन
30. ( क्र. 1241 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रीवा, तहसील, त्यौंथर के ग्राम घटेहा में रामजानकी मंदिर के भूमियों, सम्पतियों के रख रखाव, प्रबंधन हेतु न्यास गठित करने का आश्वासन त्रयोदश विधानसभा का लंबित हैं? (ख) यदि हाँ, तो राम जानकी मंदिर घटेहा की भूमियों सम्पतियों के समुचित प्रबंधन हेतु न्यास अब तक गठित न करने के क्या कारण थे, स्पष्ट करें? (ग) यदि अब तक न्यास का गठन नहीं हुआ है तो बतायें न्यास का गठन कब तक कर लिया जायेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) न्यास गठित करने की प्रक्रिया प्रचलित है। प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक है। (ग) न्यास गठन की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक है इसके संपन्न होते ही न्यास का गठन संपादित हो जायेगा।
धरेटा रामजानकी मंदिर के नाम भूमि
31.
( क्र.
1245
) पं.
रमाकान्त
तिवारी :
क्या उद्योग
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) जिला
रीवा तहसील त्योंथर
के ग्राम
घटेहा में रामजानकी
मंदिर के नाम
कितनी भूमि है, खसरा
नंबर एवं
क्षेत्रफल (रकबा)
बतायें? (ख) क्या
उपरोक्त
भूमियों के
खसरा के कॉलम 03
में रामजानकी
मंदिर धरेटा
प्रबंधक
कलेक्टर
जिला रीवा
अंकित है? (ग) यदि
हाँ,
तो
प्रश्नांश (क)
में वर्णित
भूमियों के
रख-रखाव
प्रबंधन एवं अनाधिकृत
रूप से किये
जा रहे कृषि
कार्य के संबंध
में कलेक्टर
रीवा द्वारा
क्या व्यवस्था
की गई है? (घ) क्या
प्रश्नांश (क)
में वर्णित
आराजियों में
अनाधिकृत व्यक्तियों
द्वारा कृषि
कार्य किया
जाता है? यदि
हाँ,
तो
ऐसे अनाधिकृत
व्यक्तियों
से भूमियों को
मुक्त कराते
हुए अधिकृत
कृषि कार्य
कराने की क्या
व्यवस्था
करेंगे, ताकि
रामजानकी मंदिर
को आय प्राप्त
हो सके?
उद्योग
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) कुल
55
किता रकवा 39.091 हे.
है। जिसकी
खसरा बी-1 की
प्रति संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी हाँ।
(ग) मंदिर के
संबंध में
कलेक्टर व्यवस्थापक
है तथा उन्हें
रख-रखाव एवं
प्रबन्धक के
अधिकार हैं।
अनाधिकृत रूप
से किये गये
कब्जे से
मुक्त कराने
हेतु एवं कब्जे
की अवधि में
अनाधिकृत कब्जेदार
द्वारा उक्त
भूमियों से
प्राप्त
आमदनी का
आंकलन कर
भू-राजस्व की
तरह वसूली
करने के
निर्देश
तहसील त्योंथर
को दिए गये
हैं। (घ) मंदिर
की भूमि में
अनाधिकृत रूप
से
सूर्यप्रकाश
तनय शोभनाथ
समदरिया
द्वारा कब्जा
किया गया है।
शेष प्रश्नांश
‘ग’
अनुसार है।
बाई पास सड़क निर्माण
32.
( क्र.
1246
) श्री
रामपाल सिंह :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
विधानसभा
प्रश्नोत्तर
सूची दिनाँक 30
जुलाई 2015
प्रश्न संख्या
124
(क्र.
2802)
के
उत्तर में
लोक निर्माण
मंत्री
द्वारा वर्ष 1984-85 और
वर्ष 2005 में
प्रश्नानुसार
बाईपास सड़क
निर्माण
कार्य कराया
जाना स्वीकार
किया गया है
तथा विगत 08
वर्षों में
बंधा साप्ताहिक
बाजार के पास
कुल 58
दुर्घटनाऐं
घटित होने की
जानकारी दी गई
है?
क्या
अत्यधिक
दुर्घटना
उपरांत बाई
पास के पक्कीकरण
किये जाने की
कार्यवाही क्यों
नहीं की जा
रही है? (ख) बाई
पास का पक्कीकरण
कब तक किया
जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) जी
नहीं। जी हाँ।
प्रश्नाधीन
बाईपास
रीवा-शहडोल-अमरकटंक
(बी.ओ.टी.) मार्ग
का भाग नहीं
होने एवं बी.ओ.टी. योजनांतर्गत
टोल अवधि वर्ष
2017 तक
होने के कारण म.प्र.
सड़क विकास
निगम लि.
द्वारा
कार्यवाही
किया जाना
प्रस्तावित
नहीं है। (ख) उपरोक्तानुसार
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
टोल बैरियर का संचालन
33. ( क्र. 1247 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा से अमरकंटक तथा मैहर से उमरिया राज मार्ग को किसी कंपनी से संचालन के लिये संविदा की गई है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों सड़कों के संचालन की संविदा किस कंपनी से की कब की गई है? और कब तक के लिए की गई है? (ख) दोनों राजमार्ग के संचालन की शर्तें शासन और कंपनी के बीच शर्तें क्या हैं? (ग) क्या उक्त दोनों राजमार्गों में कंपनी द्वारा वाहनों से टोल टैक्स की वसूली की जाती है? यदि हाँ, तो सड़क में कितनी दूरी पर टोल टैक्स लगाने का प्रावधान है और टोल टैक्स वसूली के क्या नियम हैं? (घ) क्या रीवा अमरकंटक राजमार्ग में बघवार, भैंसहा (अर्जुन नगर), रोहनिया, किरर ग्राम, पोंडकी में संबंधित कंपनी द्वारा टोल बैरियर लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो इन टोल बैरियर की एक दूसरे से दूरी कितनी है और क्या ये सभी टोल बैरियर वैधानिक हैं? यदि नहीं, तो संबंधित कंपनी के विरूद्ध संविदा के विपरीत टोल टैक्स वसूली के संबंध में कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ,तो कब तक? (ड.) क्या विगत दिनों रीवा अमरकंटक राजमार्ग के भैंसहा (अर्जुन नगर), टोल बैरियर को शासन द्वारा अवैध घोषित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त बैरियर को हटाकर संबंधित कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और संबंधित दायित्वाधीन के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजबूतीकरण/मरम्मत मद से सड़़कों का निर्माण
34. ( क्र. 1267 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में मजबूतीकरण या मरम्मत मद से किन-किन सड़कों की मरम्मत या नवीन निर्माण दमोह जिले में कराया गया? जानकारी नामवार, राशिवार, ठेकेदार के नाम सहित उपलब्ध करायें। (ख) हटा-फतेहपुर मार्ग जो कि विगत 3-4 वर्षों से अधूरा पड़ा है कब तक पूर्ण कराया जायेगा? यह कार्य किस ऐजेन्सी से कराया जा रहा है? प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा क्षेत्र में जो पुल निर्माण कराये जा रहे हैं, उन पुलों का निर्माण कब तक कराया जावेगा? पुलवार, स्थानवार, समयावधि बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ख) संबंधित मार्ग बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) परियोजना के अंतर्गत मे. दिलीप बिल्डकॉन को दिनाँक 10.08.2015 को अवार्ड किया गया है। अनुबंधानुसार परियोजना हेतु वित्तीय प्रबंधन निवेशकर्ता द्वारा छ: माह में किया जाना है। वित्तीय प्रबंधन होने पर एपाइन्मेंट दिनाँक घोषित कर एपाइन्टमेंट दिनाँक से दो वर्ष में कार्य पूर्ण करने का प्रावधान है। मार्ग के सभी पुल पुलियों का निर्माण ऐजेंसी द्वारा परियोजना में सम्मिलित है। पुल निर्माण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है।
उज्जैन जिले में किये गये कार्य
35. ( क्र. 1351 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2013 से प्रश्न तिथि तक उज्जैन जिले में ऐसी कितनी सड़कें हैं जिनके निर्माण का ठेका ठेकेदार/फर्म ने लिया और निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण न करते हुए अधूरा छोड़ दिया? ऐसे ठेकेदारों/फर्मों द्वारा कितना-कितना भुगतान प्राप्त किया गया की जानकारी, तय राशि एवं अधूरे कार्य का प्रतिशत सहित प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्य बीच में अधूरा छोड़ने वाले ठेकेदारों/फर्मों के विरूद्ध प्रश्न दिनाँक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या उन्हें ब्लेक लिस्टेड किया गया अथवा किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ऐसी ठेकेदारों/फर्मों के विरूद्ध विभाग द्वारा कब-कब आर.सी.सी जारी की गई वर्षवार/कार्यवाहीवार जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कारण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पिपरिया से नरहिंपुर तक के बीच संचालित टोल प्लाजा
36. ( क्र. 1365 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिपरिया से गाडरवारा, करेली, नरसिंहपुर, शहपुरा तक जो सड़क है उसका निर्माण किस योजना के अंतर्गत हुआ है? इसमें कितनी जगह टोल वसूली हो रही है नाम व स्थान सहित बतावें? (ख) क्या टोल वसूली की स्थिति में कम्पनी को सड़क का रख-रखाव करना पड़ता है? यदि हाँ, तो सड़क क्षतिग्रस्त होने पर कम्पनी को टोल टैक्स वसूलने का अधिकार है? (ग) प्रश्न दिनाँक तक सड़क की स्थिति खराब होने पर इसका रख-रखाव नहीं होने का क्या कारण हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जबलपुर-नरसिंहपुर-पिपरिया मार्ग (राज्य मार्ग क्रं. 22) का उन्नयन कार्य बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत किया गया है, इस मार्ग पर चार जगह पर टोल वसूल किया जा रहा है, विवरण निम्नानुसार है:- (1) शहपुरा-कि.मी. 32+600 (2) बहोरीपार-कि.मी. 79+800 (3) करेली-कि.मी. 101+120 (4) पिपरिया-कि.मी. 185+800। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) संधारण एक सतत् प्रक्रिया है। निवेशकर्ता द्वारा समय-समय पर संधारण किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सबलगढ़ से अटार रोड की मरम्मत
37. ( क्र. 1373 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ से अटार की दूरी लगभग 12 कि.मी. है, जिस पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का आवागमन रहता है? इस रोड पर राजस्थान करौली के लिये प्रतिदिन करौली माता के दर्शन हेतु हजारों लोग निकलते हैं? नवीन रोड कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी? (ख) सबलगढ़ अटार रोड का मरम्मत कार्य पूर्व में कब कराया गया? क्या उक्त मरम्मत कार्य को केवल कागजों में ही किया गया? (ग) यदि हाँ, तो संबंधित ठेकेदार से राशि आहरण की वसूली कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) यात्रियों की परेशानी को देखते हुए सबलगढ़ से अटार रोड कब तक स्वीकृत कर दी जाएगी एवं कब तक कार्य शुरू कर दिये जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) स्वीकृति हेतु प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्ष 2014-15 में। यह कहना सही नहीं होगा कि मरम्मत कार्य केवल कागजों पर ही कराया गया है। चूंकि मार्ग का अधिकांश भाग खराब हो चुका है। ग्रामीण हिस्सों में गांव से ड्रेनेज व वर्षा का पानी मार्ग के ऊपर बहता है इसलिए मार्ग बार-बार खराब होता रहता है। (ग) कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (घ) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भोपाल - देवास कॉरीडोर
38. ( क्र. 1414 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल-देवास कॉरीडोर को 6 लेन करने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो क्या योजना है और कब तक कार्य प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है? (ख) भोपाल - देवास कॉरीडोर मार्ग पर विगत 2 वर्षों में कितनी दुर्घटनाएं हुई हैं, तथा कितने लोगों की मौत हुई? क्या दुर्घटना स्थल चयनित किए गए हैं? यदि हाँ, तो वहां सुरक्षा के लिए क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं? क्या भोपाल से देवास के बीच मार्ग संगमों पर फ्लाई-ओवर बनाने के प्रस्ताव हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ एवं कब-कब बनाए जाएंगे? (ग) क्या भोपाल से देवास के बीच सड़क की गुणवत्ता और रख रखाव के लिए शासन स्तर पर कोई निगरानी की जाती है? यदि हाँ, तो किस विभाग द्वारा निगरानी की जा रही है? क्षेत्रवार सड़क की स्थिति व निगरानीकर्ता विभाग व अधिकारी का ब्यौरा देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम भोपाल द्वारा की जा रही है। संपूर्ण सड़क की स्थिति ठीक है। निगरानीकर्ता अधिकारी श्री गोपाल सिंह, स्वतंत्र अभियंता एवं संभागीय प्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम, भोपाल है।
प्रदेश में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम
39. ( क्र. 1415 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा कौशल विकास के लिए योजनाएं/कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किस माध्यम से और क्या-क्या कार्यक्रम संचालित हैं? (ख) कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए पिछले 2 वर्षों में कितनी राशि व्यय की गई? किन-किन माध्यमों से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या वर्तमान में कौशल विकास की कोई योजना/कार्यक्रम संचालित हैं? यदि हाँ, तो जिलावार, संस्थावार खर्च व कार्यक्रम की जानकारी दें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। 213 आई.टी.आई. एवं 133 कौशल विकास केन्द्र संचालित है। जिसका संचालन कौशल विकास संचालनालय एवं म.प्र. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा किया जाता है। (ख) संचालित योजनाओं की जानकारी निम्न प्रकार है :-
क्रं. |
कार्यक्रम का नाम |
माध्यम |
पिछले दो वर्षों में व्यय की गई राशि |
1. |
शिल्पकार प्रशिक्षण योजना/अप्रेन्टिस प्रशिक्षण योजना/कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से अल्प अवधि के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण। |
आई.टी.आई. तथा एस.डी.सी. के माध्यम से संचालनालय कौशल विकास द्वारा |
50704.75 लाख |
2. |
मॉडयूलर एम्प्लायबल स्किल |
म.प्र. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद् भोपाल द्वारा |
8795.75 लाख |
(ग) उपरोक्त योजनाएं निरन्तर संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं।
कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्रियों के स्वीकृत पद
40. ( क्र. 1439 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने कार्यपालन, यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री हैं? (ख) म.प्र. के सभी जिलों में कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने-कितने पद भरे हैं? कितने पद खाली हैं? (ग) प्रदेश के कितने कार्यपालन, यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री के विरूद्ध शिकायत मिली है तथा कितने के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जा रहा है? विगत तीन वर्षों की जानकारी नामवार बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) कार्यपालन यंत्री-104, सहायक यंत्री-505, उपयंत्री-989. (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार।
प्रदेश में स्थापित उद्योगों में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार
41. ( क्र. 1446 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या स्थापित होने वाले नये उद्योगों में 50 प्रतिशत अमले की भर्ती स्थानीय लोगों में से करने की नीति है? (ख) यदि हाँ, तो 2005 से नवम्बर 2015 तक रीवा संभाग में कितने नये उद्योग स्थापित हुए और कितने स्थानीय लोगों को रोजगार मिला?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) उद्योग संवर्धन नीति, 2014 में प्रावधान नहीं है। (ख) नवम्बर 2005 से नवम्बर 2015 तक रीवा संभाग में 14677 उद्योग स्थापित हुए। इन उद्योगों में से सहायता/सुविधा प्राप्त उद्योगों में 7024 मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
सिरमौर वि.स. क्षेत्रान्तर्गत पुल का निर्माण
42. ( क्र. 1496 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा अंतर्गत - कल्याणपुर से जोड़ावपुर मार्ग में कोलहा घाट एवं सितलहा से जनकहाई घाट पर क्या वर्तमान में दोनों रपटे क्षतिग्रस्त हैं? यदि हाँ, तो नवनिर्माण हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोलहा घाट पुल निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग रीवा द्वारा पूर्व में प्रस्तुत प्राक्कलन जिसे प्रमुख अभियंता द्वारा वर्ष 2013-14 के पूरक बजट में शामिल नहीं किया गया था, तो क्या वर्ष 2015-16 के वित्तीय बजट में शामिल किया जायेगा? यदि हाँ, तो पुल निर्माण के कार्य का क्रियान्वयन कब तक किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में - जनकहाई घाट पर पुल के निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार करने की क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली गई? यदि हाँ, तो क्या भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गई है? यदि नहीं, तो स्वीकृत प्राप्ति एवं पुलिया निर्माण कार्य का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग के अधीन केवल एक पुल कोलहाघाट का परीक्षण कराया जा रहा है। सिवलाहा से जनकाईघाट मार्ग लंबाई 9.40 कि.मी. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित की गई है। इस मार्ग पर जनकाई घाट का पुल निर्माण हेतु डी.पी.आर. प्राप्त हो गया है, जिसे स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजा जायेगा। (ख) वर्तमान में परीक्षणाधीन है, वित्तीय उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
सागर जिले की सड़कों की पेंच मरम्मत, मेन्टेनेन्स एवं रिनूवल कार्य
43. ( क्र. 1532 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में किन-किन सड़कों पर विगत 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनाँक तक पेंच मरम्मत, मेन्टेनेन्स एवं रिनूवल कार्य कब-कब एवं कितना एवं कितनी राशि का कार्य किया गया है? (ख) किन-किन सड़कों पर पेंचवर्क का कार्य में गिट्टी, डामर व अन्य सामग्री का उपयोग किया गया एवं किस कार्य ऐजेंसी/विभाग द्वारा कार्य किया गया? किये गये कार्य एवं भुगतान की जानकारी देवें? (ग) किन-किन सड़कों पर रिनूवल कार्य किया गया एवं किस कार्य ऐजेंसी द्वारा कराया गया? कितना कार्य कराया गया एवं भुगतान की जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’अ-1’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है।
नई गल्ला मंडी से बिहारीपुरा, वनगुवां एवं पृथ्वीपुरा तक सड़क निर्माण
44. ( क्र. 1533 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नई गल्ला मंडी से बिहारीपुरा, वनगुंवा एवं पृथ्वीपुरा तक सड़क मार्ग कब और कितनी लागत से शुरू किया गया था? (ख) उक्त मार्ग किस कार्य ऐजेंसी को दिया गया था? इसके प्राक्कलन एवं समयावधि की जानकारी देवें? (ग) उक्त मार्ग का निर्माण यदि समयावधि में नहीं हुआ है तो विभाग द्वारा कार्य ऐजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है एवं उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनाँक 13.10.2008 को लागत राशि रू. 261.40 लाख। (ख) मार्ग के निर्माण हेतु मेसर्स दिलीप सिंह ठाकुर को दिया गया। प्राक्कलन में मिट्टी का कार्य डब्ल्यू.बी.एम. कार्य डामरीकरण कार्य एवं पुलियों का कार्य किया जाना प्रस्तावित था। कार्य पूर्ण करने हेतु 10 माह का समय अर्थात दिनाँक 12.08.2009 तक था। (ग) जी हाँ विलंब हेतु अनुबंध की धारा के अंतर्गत ठेकेदार के विरूद्ध दंड की राशि रू. 6.34 लाख अधिरोपित की गई। 800 मीटर का कार्य भूमि उपलब्ध न होने के कारण अनुबंध धारा 14 में समाप्त किया गया है। भूमि उपलब्ध होने पर नई निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी। कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शिक्षा समिति का पंजीयन
45. ( क्र. 1552 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत श्री तिलक राष्ट्रीय विधायक शिक्षा समिति संस्था क्या म.प्र. फर्म्स एवं सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन है? यदि हाँ, तो पंजीयन क्रमांक एवं दिनाँक बताएं तथा उक्त शिक्षा समिति के द्वारा कौन-कौन स्कूल संचालित हैं उनके नाम बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) की शिक्षा समिति के संविधान के अनुसार सामान्य समिति के अंतर्गत निर्मित प्रबंध समिति में वर्तमान में कौन-कौन पदाधिकारी एवं सदस्य हैं उनके नाम एवं पद बताएं तथा पदाधिकारी एवं सदस्य उक्त शिक्षा समिति के नियमावली संविधान के अनुसार किस प्रकार के सदस्य हैं एवं उनके सदस्य बनने का दिनाँक बताएं? (ग) क्या उक्त शिक्षा समिति की जाँच फर्म्स एवं सोसायटी द्वारा की जा रही है यदि हाँ, तो कब और किसके द्वारा की जाकर प्रतिवेदन दिया गया है? (घ) उक्त शिक्षा समिति की आयोजित बैठक दिनाँक 26.10.2010 की सूचना निकालने वाले का पद एवं नाम बताएं? दिनाँक 26.10.2010 को उक्त शिक्षा समिति में अध्यक्ष एवं सचिव के पद पर कौन पदस्थ थे? अनाधिकृत सूचना निकालने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) श्री तिलक राष्ट्रीय विद्यालय शिक्षा समिति, कटनी मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अधीन पंजीयन क्रमांक 39 दिनाँक 19-11-1950 पर पंजीकृत संस्था है। उक्त अधिनियम में संस्था द्वारा संचालित स्कूलों की जानकारी कार्यालय द्वारा संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) संस्था प्रबंध समिति द्वारा अधिनियम की धारा 27 के तहत् जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार दिनाँक 4-7-2014 को प्रस्तुत की गई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी अधिनियम के तहत् कार्यालय में संधारित करने का प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। संस्था की जाँच मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 (1) के तहत् आदेशित है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत् संस्था की बैठकों की सूचना निकालने संबंधी जानकारी कार्यालय के द्वारा संधारित करने का प्रावधान नहीं है। प्रशासक एवं जिला शिक्षा अधिकारी, कटनी द्वारा संस्था के निर्वाचन दिनाँक 26-10-2010 को कराए जाने की जानकारी कार्यालय में दिनाँक 11-12-2011 को प्रस्तुत की गई है, जिसमें संस्था अध्यक्ष श्री आर.के. तिवारी एवं सचिव श्री मनीष दुबे दर्शाया गया है। प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार संस्था की जाँच की जा रही है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर को पी.जी. का दर्जा देना
46. ( क्र. 1554 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर में जनभागीदारी से संचालित स्नातकोत्तर विषयों में कितने विद्यार्थी वर्तमान सत्र में अध्ययनरत है? कक्षावार बताएँ? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय सागर जिले का अग्रणी महाविद्यालयों में चिन्हित किया गया है तथा माननीय विभागीय मंत्री महोदय के विगत वर्ष सागर प्रवास के दौरान उक्त महाविद्यालय को पी.पी. का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई थी? इस संबंध में शासन द्वारा प्रश्नांश दिनाँक तक क्या प्रगति की गई है? (ग) क्या इस महाविद्यालय में लगभग 5 हजार विद्यार्थी स्नातक स्तर पर अध्ययनरत है और इन विद्यार्थियों को भविष्य में अध्ययन हेतु शासन स्तर पर पी.जी. कक्षाएँ संचालित नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के भविष्य के दृष्टिगत पी.जी. का दर्जा प्रदत्त करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ, प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर 4321 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जी नहीं, वाणिज्य संकाय में पी.जी. की कक्षायें शासन स्तर से संचालित हैं, तथा कला एवं विज्ञान संकाय में पी.जी. की कक्षायें प्रारम्भ करने की कार्यवाही विचाराधीन है। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग द्वारा कराए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन
47. ( क्र. 1559 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अन्तर्गत वन विभाग द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनाँक तक की अवधि में कितना-कितना, किस-किस कार्य के लिए बजट प्राप्त हुआ है? तथा किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? कितना भुगतान किया जाना शेष है? जो कार्य कराए गए हैं उनका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? उसका नाम, पद एवं भौतिक सत्यापन करने का दिनाँक व कार्य कराने वाले कर्मचारी का नाम सहित विवरण दें? कार्य किस-किस खसरे पर हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों को कराए जाने हेतु क्या निविदा जारी की गई या विभागीय स्तर से कार्य कराए गए विवरण दें तथा उक्त कार्यों को कराए जाने हेतु कोई प्राक्कलन तैयार कराए गए? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में हुए कार्यों की अनियमितता को लेकर शासन/प्रशासन एवं विभाग को कोई शिकातयें प्राप्त हो तो शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में वनमंडल कटनी के अंतर्गत अवैध रूप से पत्थर, खनिज व लकड़ी, वालू व वन सम्पत्ति के अवैध उत्खनन या चोरी करते पकड़े गए व्यक्ति/वाहन के नाम पते वाहन क्रमांक सहित उन पर की गई कार्यवाही संबंधित विवरण सहित बताएं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुसंधान एवं विस्तार के कार्यों के भौतिक सत्यापन में सत्यापन अधिकारी द्वारा प्रमाणकों पर सत्यापन की तिथि अंकित की गई। शेष कार्यों में सत्यापन की तिथि की जानकारी एकत्र की जा रही है। प्रश्नांकित कार्य विभागीय स्तर पर कराये गए। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।
जावरा नयागांव फोरलेन रोड पर दुर्घटनाओं में वृद्धि
48. ( क्र. 1600 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा नयागांव फोरलेन रोड पर जावरा जिला रतलाम में होने वाली दुर्घटनाओं एवं कृषि उपज मण्डी को देखते हुए बायपास बनाने की कोई योजना है यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्या उक्त दुर्घटनाओं को रोकने हेतु शासन ने कोई प्रयास किये? यदि हाँ, तो क्या विवरण दें? (ख) उक्त फोरलेन पर विगत वर्षों में कुल कितनी दुर्घटना हुई व उसमें कितने लोगों की मृत्यु हुई हसनपालिया से अरमियापीथा के बीच हुई दुर्घटनाओं की अलग से विस्तृत विवरण दें? (ग) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 123 (क्र. 2768) दिनाँक 30.07.15 के प्रपत्र स व परिशिष्ट अनुसार लेबड जावरा फोरलेन का माननीय मंत्री जी एवं विधायकों के निरीक्षण में पाई गई कमियों के संबंध में माननीय मंत्री जी के पत्र दिनाँक 22.07.15 में दिये गये कई बिन्दुओं पर कार्यवाही हेतु कुछ हफ्ते या माह का समय मांगा था किन्तु उक्त बिन्दुओं पर कोई कार्यवाही नहीं होने के क्या कारण है? स्पष्ट करें व उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। सुरक्षात्मक उपाय के तहत जावरा नगर चौपाटी स्थित पिपलौदा सर्कल पर गति नियंत्रण हेतु रम्बल स्ट्रीप का निर्माण किया गया है एवं सिग्नल स्थापित किये गये। निगम द्वारा लगाये गये सिग्नल संचालन हेतु नगर पालिका परिषद् जावरा में उपस्थित होकर दिनाँक 19.07.2012 को अनुबंध संपादित किया जाकर ट्रेफिक सिग्नल नगर पालिका के आधिपत्य में सौंप दिया गया है तथा भीमाखेड़ी फाटक स्थित क्रासिंग क्षेत्र पर रम्बल स्ट्रीप का निर्माण किया गया है। (ख) पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 123 (2768) दिनाँक 30.07.2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार लेबड जावरा फोरलेन का माननीय मंत्री जी एवं विधायकों के निरीक्षण में पाई गई कमियों के संबंध में माननीय मंत्रीजी द्वारा दिनाँक 22.07.2015 को कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। वरन् दिनाँक 22.07.2012 को पत्र जारी किया गया है। उक्त पत्र दिनाँक 22.07.2012 में उल्लेखित 20 बिन्दुओं में से 19 बिन्दुओं का पालन निवेशकर्ता द्वारा करा दिया गया है शेष एक बिन्दु पर कार्यवाही प्रगति पर है। विद्युत संयोजन की समय-सीमा निवेशकर्ता द्वारा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं। पुस्तकालय में रखे पालन प्रतिवेदन परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है।
वन अपराध के पी.ओ.आर. की जानकारी
49. ( क्र. 1614 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न वन अपराधों के पी.ओ.आर. प्रकरण वित्तीय वर्ष 2015-16 में दर्ज किए गये है? (ख) प्रदेश में वर्ष 2015-16 में पी.ओ.आर. संख्या अपराधियों की संख्या जप्त वनोपज की मात्रा/नग, प्रतिकार की राशि न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों की संख्या उपलब्ध करावें? (ग) वन अपराधों के प्रतिकर, जुर्माना की राशि हेतु विभाग द्वारा जारी किए आदेश/निर्देश की प्रति देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार है।
विभाग को प्राप्त राशि
50. ( क्र. 1698 ) श्री संजय शर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य योजना आयोग तथा भारत सरकार से विभाग को वर्ष 2013-14 से नवम्बर 15 तक कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) उक्त राशि किस आधार पर जिलों को आवंटित की गई? (ग) रायसेन जिले में उक्त राशि से उक्त अवधि में क्या-क्या कार्य करवाये? सामग्री का क्या उपयोग किया गया?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) राज्य योजना आयोग से कोई राशि प्राप्त नहीं होती है। भारत सरकार से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भारत सरकार के निर्धारित मापदण्ड अनुसार खेल प्रतियोगिताओं एवं अन्य कार्यों हेतु जिलों को आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा के भवन की जानकारी
51. ( क्र. 1706 ) श्री संजय शर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा में शासकीय महाविद्यालय का भवन स्वीकृत है? स्वीकृत राशि बतावें? (ख) भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं कराया जा रहा? (ग) क्या महाविद्यालय हेतु फर्नीचर क्रय हेतु राशि अलग से स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। फर्नीचर के लिये वित्तीय वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 1.00 लाख (राशि रूपये एक लाख मात्र) आवंटित किया गया है।
उद्योगों की स्थापना
52. ( क्र. 1717 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले के किन-किन विकासखण्डों में उद्योग स्थापना की क्या-क्या संभावना है? कौन-कौन से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं? (ख) महाप्रबंधक उद्योग केन्द्र रायसेन एवं मंडीदीप द्वारा जिले में उद्योग स्थापित हो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही प्रयास किये गये? (ग) शिक्षित बेरोजगारों को व्यवसाय हेतु कौन-कौन सी योजनाओं में ऋण किन-किन शर्तों पर देने का प्रावधान है? (घ) वर्ष 2013-14 से नवम्बर 15 तक किस-किस योजना में किन-किन को किस व्यवसाय हेतु ऋण दिया गया?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) उद्योग स्थापना की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए रायसेन जिले में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार औद्योगिक क्षेत्र/विकास केन्द्र स्थापित किए गए है, साथ ही जिले में औद्योगिक प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि चिन्हित कर लैंड बैंक बनाया गया है। औबेदुल्लागंज विकास खण्ड के ग्राम तामोट में भारत सरकार के सहयोग से प्लास्टिक पार्क हेतु अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है, इसके अलावा पूर्व में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र मण्डीदीप में अधोसंरचना उन्नयन संबंधी कार्य कराये जा रहे है। (ख) शासन द्वारा उद्यमियों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी दी जाती है। (ग) शिक्षित बेरोजगारों को व्यवसाय हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है। योजनांर्गत आवेदक म.प्र. का निवासी हो, कम से कम पांचवी उर्त्तीण हो, 18 से 45 वर्ष की आयु हो। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सड़कों का निर्माण/मरम्मत के कार्य
53. ( क्र. 1787 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिला अंतर्गत गुढ विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की सड़कें/रोडें हैं? अगर है तो कितनी स्वीकृत हैं? उनकी संख्या एवं उनकी लंबाई सहित बतावें कि कहाँ से कहाँ तक है? (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों/रोडों के निर्माण कार्य एवं सुधार हेतु विभाग द्वारा कब-कब निविदाएं बुलाई गई तथा निविदाएं कितनी-कितनी लागत एवं कितने निर्माण कार्यों की थी? उनमें से कौन-कौन सी निविदा स्वीकार कर किस-किस को कार्य करने का कार्यादेश विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश दिनाँक तक दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सड़क/रोडों के कार्य किस-किस निर्माण ऐजेंसी द्वारा कब-कब कितनी-कितनी लागत के कराए गए तथा कब से कार्य नहीं कराए गए? अगर वर्तमान में कार्य कराए जा रहे हों तो विवरण देवें तथा मौके पर सड़क/रोडों की स्थिति क्या है? अगर सड़कें/रोडें गुणवत्ताविहीन हैं तो इसके लिये कौन-कौन जवाबदार है? अगर निर्माण ऐजेंसी को दी गई राशि की कटौती की गई तो कब-कब किन-किन ऐजेंसियों से चलित देयकों अथवा अन्य माध्यमों से बतावें? (घ) यदि प्रश्नांश (क) की सड़कों/रोडों की मरम्मत/निर्माण कार्य मौके पर नहीं किया गया, बल्कि फर्जी बिल-वाउचर के आधार पर राशि का गबन किया गया है, तो इसके लिये दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ निर्माणकर्ता ऐजेंसियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही करते हुए आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? अगर करायेंगे तो कब तक, नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। रख रखाव के मार्गों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं निर्माण/नवीनीकरण की सड़कों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘ब-1’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है, तथा रीवा-हनुमना (म.प्र./उ.प्र. सीमा) रा.रा. क्रमांक-7 का कार्य दिनाँक 25.01.2012 को डी.बी.एफ.ओ.टी. पद्धति से अनुबंधित किया जाकर नियुक्त दिनाँक 20.02.2013 से प्रारंभ किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘ब-1’ अनुसार है। निर्माणाधीन डिहिया टीकरी शिवपुर्वा मार्ग एवं परफारमेंस गारंटी के अंतर्गत डिहिया शुकुलगवां मार्ग में हुये गुणवत्ताहीन कार्य के लिये संबंधित जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष मार्गों में सम्पादित कार्य गुणवत्ता अनुसार है। (घ) जी नहीं मौके पर कार्य किया गया है। उत्तरांश ‘ग’ में वर्णित मार्ग में संपादित कराये गये गुणवत्ताहीन कार्य के लिये संबंधित जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.-7 के निर्माण कार्य में अनियमितता
54. ( क्र. 1794 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के रीवा नगर निगम अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-07 चोरहटा से लेकर ढेकहा, जयस्तभ, कॉलेज चौराहा, सिरमौर, समान चौराहा सहित आर.टी.ओ. ऑफिस कार्यालय तक की कुल लंबाई कितने कि.मी. है तथा इसके निर्माण हेतु कब-कब, किस-किस कि.मी. की निविदा बुलाई गई एवं निविदा स्वीकार कर कब-कब, किस-किस को कार्य करने का कार्यादेश विगत वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनाँक तक दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ के सड़क के कार्य किस-किस ऐजेंसी से किस-किस कि.मी. के कार्य कितनी-कितनी लागत के कराए गए तथा कब से कार्य नहीं कराए गए, अगर वर्तमान में भी कार्य कराए जा रहे हैं तो विवरण देवें, मौके पर सड़क की स्थिति क्या है? अगर सड़क गुणवत्ताविहीन है तो इसके लिये कौन-कौन जवाबदार है? क्या निर्माण एजेंसियों के द्वारा दी गई राशि की कटौती की गई हो तो कब-कब किन-किन एजेंसियों से चलित देयकों अथवा अन्य माध्यम से यह भी बतावें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) की सड़क/मार्ग का कार्य मौके पर नहीं हुआ है, फर्जी बिल-वाउचर एवं मरम्मत के नाम पर राशि का गबन किया गया है तो इसके लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही करते हुए आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) कुल लंबाई 14.40 कि.मी., शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मौके पर कार्य हुआ है, जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
खेल प्रशिक्षकों के रिक्त पद
55. ( क्र. 1834 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में खेल प्रशिक्षण हेतु जिलेवार खेल प्रशिक्षकों के कितने-कितने पद स्थापित किये गए? जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) जिलों में खेल प्रशिक्षकों के कितने पद कहाँ-कहाँ कितने समय से रिक्त हैं? (ग) स्थायी व संविदा प्रशिक्षकों की नियुक्ति के प्रावधान क्या हैं तथा महिला जूडो-कराते प्रशिक्षकों के कहाँ-कहाँ स्थान रिक्त है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में खेल प्रशिक्षण हेतु जिलेवार संविदा खेल प्रशिक्षकों के स्वीकृत पद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) स्थायी प्रशिक्षकों की नियुक्ति के भर्ती नियम/प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है एवं संविदा खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति के भर्ती नियम/प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। जिलों में खेलवार प्रशिक्षकों के पद स्वीकृत नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शास. स्थान तक महाविद्यालय करैरा जिला शिवपुरी में रिक्त पदों की पूर्ति
56. ( क्र. 1888 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 156 (क्र. 2897) दिनाँक 28 जुलाई 2015 के उत्तर (ख) में जी हाँ, संविदा/ऑउटसोर्स के पदों की पूर्ति हेतु समुचित निर्देश जारी किये जा रहे हैं एवं उत्तर (ग) में संविदा/ऑउटसोर्स के पदों की पूर्ति हेतु निति निर्धारण हो चुका है, शीघ्र ही पद पूर्ति की जाएगी? उत्तर दिया है? तो संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के अनुसार पदों की पूर्ति हेतु जारी निर्देश कब दिये गये की प्रति उपलब्ध करावें? व संदर्भित प्रश्न के उत्तर (ग) में पदों की पूर्ति हेतु नीति निर्धारित की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ख) शासकीय स्नातक महाविद्यालय करैरा में उपरोक्त निर्देश व नीति निर्धारण के उपरांत कब तक रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। दिनाँक14/08/2015 को तथा
पुनरीक्षित
नीति निर्देश दिनाँक
04/12/2015
को। निर्देशों
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट पर है।
(ख) निविदा
जारी करने की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है,
निश्चित
तिथि बताना संभव
नहीं है।
करैरा भितरवार मार्ग बैरियर पर कर वसूली की जानकारी
57. ( क्र. 1889 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 27 (क्र. 552) दिनाँक 23 जुलाई 2015) के उत्तर (क) में निविदा विज्ञप्ति की प्रति संलग्न परिशिष्ट-अ 1, 2 एवं 3 अनुसार व (ख) के अनुसार प्रस्तुत निविदाओं में से उच्च दर श्री राजेन्द्र सिंह की दी जा कर उन्हें टेण्डर स्वीकृत हुये उत्तर दिया है, तो करैरा-भितरवार मार्ग के ग्राम सीहोर के पास स्थित बैरियर द्वारा वसूली हेतु किन-किन वाहनों से क्या-क्या रेट निर्धारित किया है? व क्या इस हेतु मौके पर रेट लिस्ट का बोर्ड/सूची उपलब्ध है? (ख) यदि हाँ, तो इस लिस्ट की सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो रेट्स का बोर्ड क्यों नहीं लगाया गया व कब लगाया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। वाहनों पर वसूली हेतु दर संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ, बैरियर पर दर सूची का बोर्ड उपलब्ध है। (ख) वाहनों से वसूली की जाने वाली दर सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लंबे समय से अपूर्ण रोड निर्माण कार्य
58. ( क्र. 1904 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग खण्ड मुरैना में कितने मार्ग हैं जिनका निर्माण कार्य, कार्य पूर्ण अवधि समाप्त के उपरांत भी अपूर्ण हैं? मार्ग का नाम, ठेकेदार का नाम, कार्य आदेश दिनाँक, प्राक्कलन राशि का कार्य समाप्ति दिनाँक आदि सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या मार्ग नावली से लालजीत का पुरा, किशनपुर से भौनपुरा दतहरा से दंपत का पुरा, विचौली से काजी बसई व बरेह से सिरमौर का पुरा के कार्य निर्माण कार्य पूर्ण अवधि के समाप्ति के बाद भी अपूर्ण है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त मार्ग अपूर्ण होने के क्या कारण हैं? व कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित मार्गों का कार्य लो.नि.वि. के द्वारा नहीं किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘’ख’’ के उत्तर अनुसार।
07 दिमनी क्षेत्र में आई.टी.आई प्रारंभ
59. ( क्र. 1905 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की नीति अंतर्गत प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर एक आई.टी.आई संस्था प्रारंभ करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कोई विकासखण्ड न होने से कौशल विकास अवरूद्ध है व दिमनी क्षेत्र राजस्थान की सीमा से लगा होकर चंबल व क्वारी नदी के बिहड़ों व जंगल व पहाड़ी क्षेत्र से घिरा हुआ है, जनसंख्या अधिकांश अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग बाहुल्य है एवं यहां के लोग अन्यत्र जगह तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने हेतु नहीं जा सकते है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन दिमनी क्षेत्र में आई.टी.आई की स्वीकृति प्रदान करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में शासन द्वारा ऐसे विकास खण्ड जिनमें कोई शासकीय/प्राईवेट आर्इ.टी.आई. संचालित नहीं हैं में शासकीय संसाधनों से या पीपीपी मोड में आर्इ.टी.आई. स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही हैं। (ख) जिला मुरैना के अंतर्गत सात विकासखण्ड क्रमश: मुरैना, अम्बाह, पोरसा, जौरा, पहाड़गंज, सबलगढ़ एवं कैलारस हैं। इन सभी विकासखण्डों में शासकीय अथवा प्रायवेट आर्इ.टी.आई. संचालित हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। इसके अतिरिक्त मुरैना जिले में पहाड़गंज, अम्बाह, पोरसा एवं जौरा में कौशल विकास केन्द्र भी संचालित हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल स्टेडियम का निर्माण
60. ( क्र. 1919 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिंगरौली के विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली अंतर्गत म.प्र.शासन द्वारा क्या इनडोर और ऑउटडोर स्टेडियम निर्माण हेतु कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो इसका निर्माण कब तक कराया जायेगा? शासन द्वारा अभी तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पंचायत राज विभाग, म.प्र. द्वारा प्रत्येक विकास खण्ड में 5-8 एकड़ भूमि पर आउटडोर एवं भारत सरकार की राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 50 प्रतिशत राज्यांश से 05 वर्षों में चरणबद्ध रूप से इन्डोर स्टेडियम निर्माण की योजना हैं। इन्डोर स्टेडियम योजना की समीक्षा भारत सरकार द्वारा की जा रही हैं, इसलिये वर्तमान में इस पर कार्यवाही रोकने हेतु भारत सरकार के पत्र F.No. 30-01/MYAS/ RGKA/2015/6419, Dated- 05.11.2015 द्वारा लेख किया गया हैं। (ख) वर्तमान में सिंगरौली जिले से कोई भी प्रस्ताव ऑउटडोर एवं इन्डोर स्टेडियम निर्माण हेतु प्राप्त नहीं हुये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोनघटा पर पुल निर्माण
61. ( क्र. 1970 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला मुख्यालय पर किले के नीचे से गुजर रही सीप नदी के सोनघटा पर नवीन पुल के निर्माण कार्य को वर्ष 2015-16 के अनुपूरक अथवा वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में शामिल करने, कार्य का प्राक्कलन तैयार कराकर उसे स्वीकृत करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनाँक 06.04.2015 एवं 09.10.2015 को आपको, मुख्य अभियंता सेतु भोपाल एवं ई.ई.सेतु ग्वालियर को पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त स्थान पर पुल न होने के कारण सीप नदी के बाये तरफ विद्यमान दर्जनों ग्रामों के नागरिकों को हर मौसम में नाव से नदी पार कर अथवा 10 से 30 कि.मी. की दूरी सड़क मार्ग से तय करके जिला मुख्यालय आना जाना पड़ता हैं? (घ) उक्त समस्या के समाधान हेतु सोनघटा पर नवीन पुल के निर्माण को देखते हुए तथा नागरिकों को वर्तमान तक हो रही कठिनाईयों के मद्देनजर उक्त पत्रों में की गई मांग अनुसार कार्यवाही करेंगे, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) परीक्षण कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) वित्तीय उपलब्धतानुसार कार्यवाही संभव हो सकेगी। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीप नदी पर पुल निर्माण
62. ( क्र. 1971 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नयागांव-शाहपुरा के मध्य से गुजर रही सीप नदी पर नवीन पुल का निर्माण कार्य चालू वर्ष के अनुपूरक/वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में शामिल कर प्राक्कलन तैयार करवाकर उसे स्वीकृत करने हेतु आपको मुख्य अभियंता सेतु भोपाल एवं ईई सेतु ग्वालियर को दिनाँक 09.10.2015 को प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखे गये थे? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि उक्त पत्रों पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या गहरी सीप नदी के दोनों और विद्यमान कई दर्जन ग्रामों के नागरिकों को दोनों ही ओर के गांवों में जाने आने हेतु वर्तमान तक 30 से 50 कि.मी. दूरी तय करना पड़ती हैं नतीजन उन्हें कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं एवं पुल निर्माण उपरांत ये कठिनाई दूर हो जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जनहित एवं नागरिकों को हो रही उक्त कठिनाईयों के निवारण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों में की गई मांग अनुसार कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) परीक्षण कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं। 22 से 38 कि.मी. दूरी तय करनी पडती है। पुल बनने से दूरी कम नहीं होगी। (घ) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार।
उद्योग भूखण्ड पर गैर औद्योगिक गतिविधियां
63.
( क्र.
2019
) श्री
यशपालसिंह
सिसौदिया :
क्या उद्योग
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता
विधायक के
प्रश्न संख्या
16
(क्रमांक
260)
दिनाँक
23
जुलाई के
लिखित उत्तर
में अवगत
कराया गया है
कि जिला व्यापार
एवं उद्योग
केंद्रों
द्वारा
आवंटित भू-खण्ड
में से 18
ईकाईयों
द्वारा अन्य
गतिविधियां (गैर
औद्योगिक) संचालित
की जा रही है
तथा क्या
प्रश्न दिनाँक
तक इस गैर
औद्योगिक
गतिविधियों
को बंद करवाकर
संबंधित के
खिलाफ
कार्यवाही की
गई है? यदि हाँ, तो
किस प्रकार की, यदि
नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्न
(क) संदर्भित 18
ईकाईयों कि
गतिविधियां (गैर
औद्योगिक) कहाँ-कहाँ
पर संचालित
हैं,
इन
फर्मों का नाम, मालिक
का नाम तथा कब
से ये संचालित
है,
उसकी
अवधि बतायें? (ग) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में बताया गया
है कि
औद्योगिक
क्षेत्रों की
भूमि पर 2 वेयर
हाउस संचालित
किये जा रहे
हैं,
ये
कहाँ पर हैं, तो
इसके फर्म, स्थान
एवं मालिक का
नाम बतायें?
उद्योग
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) एवं
(ख) जी हाँ। इन
इकाईयों के
विरूद्ध
लीजडीड की
धाराओं का उल्लघंन
करने के कारण
नियमानुसार
कार्यवाही की गई
है। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जानकारी
निम्नानुसार
है- 1.
औद्योगिक
क्षेत्र मक्सी
जिला शाजापुर
में केन्द्रीय
भण्डारण
निगम भारत
सरकार का एक
वेयरहाउस। 2. औद्योगिक
क्षेत्र जग्गाखेडी
जिला मंदसौर में
म.प्र.
औद्योगिक
केन्द्र
विकास निगम (उ.) लि.
उज्जैन का एक
वेयरहाउस।
महाविद्यालय शिक्षण शुल्क में भिन्नता
64. ( क्र. 2020 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में छात्रों से वसूली जा रही शिक्षण शुल्क में भिन्नता है, यदि हाँ, तो क्यों? (ख) उज्जैन संभाग के विभिन्न विद्यालयों में फीस निर्धारण, अधिक वसूली को लेकर 01 जनवरी, 2013 के पश्चात कितनी-कितनी शिकायत विभाग को महाविद्यालय को प्राप्त हुई उसका क्या निराकरण किया गया? क्या उज्जैन संभाग के विभिन्न महाविद्यालयों में स्वाध्यायी छात्रों से भी महाविद्यालय विकास शुल्क भी वसूला जा रहा है, किस नियम के तहत जानकारी देवें? (ग) क्या प्रदेश के सभी महाविद्यालय में विभिन्न फीस वसूली हेतु बैंकों (सहकारी/गैर सरकारी) के माध्यम से फीस वसूली प्रारंभ कर दी है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या कर्मचारियों के अभाव में परीक्षा फीस एवं अन्य फीस जमा कराने हेु छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, यदि हाँ, तो सुलभ फीस जमा हेतु क्या व्यवस्था की जा रही है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में शासन द्वारा स्वीकृत पाठ्यक्रम के शिक्षण शुल्क में भिन्नता नहीं है। प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्वाध्यायी विद्यार्थियों से विकास शुल्क नहीं लिया जाता। प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। इसकी आवश्यकता नहीं हैं। (घ) जी नहीं। महाविद्यालय स्तर पर फीस जमा करने हेतु पर्याप्त व्यवस्था है।
स्थानांतरण के संबंध में
65. ( क्र. 2034 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में इंदौर संभाग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में विभिन्न संकायों में कुल कितने प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक तथा प्रचार्यों के स्थानांतरण किये गये थे? (ख) स्थानांतरित सभी श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों में से कितनों ने आदेशित महाविद्यालय में ज्वाईनिंग प्रस्तुत नहीं की है? तथा कितनों के द्वारा माननीय न्यायालय से स्टे प्राप्त कर रखा है? (ग) क्या माननीय न्यायालय से स्टे प्राप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रकरण में जवाब प्रस्तुत कर स्टे वेकेंट करने की कार्रवाई की गई है? तथा कितने प्रकरण जवाब प्रस्तुति के अभाव में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है? (घ) माननीय न्यायालय में स्टे प्राप्त प्रकरणों में जवाब प्रस्तुत करने की समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो लंबित प्रकरणों में जवाब कब तक प्रस्तुत हो सकेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इंदौर संभाग के शासकीय महाविद्यालयों के वर्ष 2014-15 में कुल 19 प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों एवं प्राचार्यों के स्थानान्तरण किये गए हैं तथा वर्ष 2015-16 में कुल 159 प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों एवं प्राचार्यों के स्थानान्तरण किये गये हैं। (ख) 23 अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा ज्वाईनिंग प्रस्तुत नहीं की है। मात्र 02 प्रकरणों में स्थगन तथा 20 प्रकरणों में पुन: न्यायालय में गये हैं। 01 प्रकरण निराकृत हो चुका है। (ग) जी हाँ। सभी प्रकरणों में जवाबदावा प्रस्तुत कर दिया गया है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश-'ग' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय देव स्थानों का जीर्णोधार
66. ( क्र. 2038 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र शाजापुर के अंतर्गत शासकीय देव स्थानों के जीर्णोद्धार हेतु प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु क्या राशि की प्रशासनिक स्वीकृति की गई है? (ख) यदि हाँ, तो शाजापुर विधानसभा के देवस्थानों के जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है? (ग) प्रशासनिक आदेश कब तक होंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र शाजापुर के अंतर्गत शासकीय देवस्थानों के जीर्णोद्धार हेतु रूपये 54.80 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति की गई है। (ख) शाजापुर विधानसभा के देव स्थानों के जीर्णोद्धार हेतु निम्नानुसार राशि स्वीकृत हुई है- (1) श्री जयेश्वर महादेव मंदिर शाजापुर 14.50 (2) श्री राम मंदिर ग्राम चोसला 16.40 (3) श्री शिवमंदिर ग्राम चोसला 16.40 (4) श्री सिंगाजी महाराज मंदिर बावडीखेडा 4.50 (5) श्री बिजासन माता मंदिर शाजापुर 3.00 (ग) प्रशासनिक आदेश दिनाँक 3/8/2015 एवं 14/12/2015 से जारी किये जा चुके हैं।
म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत बन नहीं सिवनी-कटंगी-बोनकट्टा मार्ग
67. ( क्र. 2059 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा सिवनी-कटंगी-बोनकट्टा सड़का का निर्माण बी.ओ.टी. के अंतर्गत किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो ठेकेदार द्वारा कितने प्रतिशत कार्य आज दिनाँक तक किया जा चुका है? शेष कार्य कब तक ठेकेदार द्वारा पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मार्ग के कंसेशनायर द्वारा प्रश्न दिनाँक तक लगभग 40 प्रतिशत मार्ग का निर्माण कर लिया है एवं शेष कार्य प्रगति पर है। शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु दिसम्बर 2016 की अवधि निश्चित की गई है।
खेल मैदान का निर्माण एवं खेल सामग्री का क्रय
68. ( क्र. 2121 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले अंतर्गत विभाग की 01 अप्रैल 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कौन-कौन सी योजनायें संचालित की गई एवं कौन-कौन से खेल मैदान इस अवधि के दौरान कटनी नगर में कहाँ-कहाँ निर्मित किये गये, योजनावार, वर्षवार, व्यय राशिवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किस मद में क्या-क्या कार्य, कब-कब किस ऐजेंसी के माध्यम से हुये? कार्यवार, मदवार, व्ययवार, वर्षवार, ऐजेंसीवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या-क्या सामग्री/खेल सामग्री किस दर पर, किस फर्म/संस्था से कब-कब एवं कितनी-कितनी क्रय की गई? क्या सामग्री क्रय करने के लिये निविदाएं आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन फर्मों ने निविदाएं थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत बतायें कि क्रय की गई सामग्री/खेल सामग्री का उपयोग कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किया गया और इन्हें किन-किन को वितरित किया गया?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। कटनी नगर में कोई भी खेल मैदान निर्मित नहीं किया गया है। उक्त अवधि में मात्र एक मिनी क्रिकेट स्टेडियम झिझरी में निर्मित किया गया हैं। योजनावार, वर्षवार, व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार हैं। (ख) कटनी नगर में किये गये कार्य, एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है एवं कार्यवार, मदवार, व्ययवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। (ग) कटनी नगर में क्रय की गई खेल सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई’’ अनुसार हैं। जी हाँ। सामग्री कोटेशन/निविदा के आधार पर क्रय की गई थी जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई’’ अनुसार हैं। (घ) प्रश्नांश 'घ' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘फ’’ अनुसार है।
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना
69. ( क्र. 2122 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था हेतु अनुरक्षक के तौर पर शासकीय सेवकों को भेजे जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अनुरक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासन के नियम एवं विभाग द्वारा जारी सभी निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए बताये कि योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनाँक तक कटनी जिले से कितनी तीर्थ यात्राएं सम्पन्न हुई? इनमें कौन-कौन तीर्थयात्री एवं अनुरक्षक तीर्थयात्रा पर गये? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत बताये कि किन नियमों के तहत कई शासकीय सेवकों को एक से अधिक बार तीर्थ यात्राओं में अनुरक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया? क्या अनुरक्षण के दल में सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के कार्य से संबंधित शासकीय सेवकों का चयन नहीं किया जाता है? क्या कारण रहे कि अगस्त 2015 में तिरूपति तीर्थस्थल की यात्रा में अनुरक्षक के दल में शामिल समस्त शासकीय सेवक पुलिस/गृह विभाग के प्रधान आरक्षक शामिल रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बताये कि कटनी जिले में अनुरक्षकों के चयन में सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही क्या नियमानुसार सही है? यदि हाँ, तो कैसे? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें? (घ) मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत कटनी जिला एवं जिले की तहसीलों के किन कार्यालयों में किन शासकीय सेवकों द्वारा आवेदन प्राप्त किये जाते है? कार्यालय, शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम के विवरण, इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आदेशों की प्रतियां सहित प्रदान करें एवं बताये कि कटनी जिले की तहसीलों में आवेदन प्राप्त करने वाले शासकीय सेवक उपरोक्त कार्य हेतु पात्र है? यदि हाँ, तो किन आदेश/नियमों के तहत, यदि नहीं, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हिरन नदी पर बने भैंरोघाट पुल के दोनों ओर एप्रोच मार्ग का निर्माण
70. ( क्र. 2151 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिला की शहपुरा तहसील के अंतर्गत हिरन नदी पर बने भैंरोघाट पुल के दोनों ओर एप्रोच मार्ग नहीं होने के कारण प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग की उक्त एप्रोच मार्ग निर्माण स्वीकृत करने पत्र लिखे हैं? (ख) यदि हाँ, तो ग्रामीण जनता के आवागमन को सुचारू बनाने उक्त भैंरोघाट पुल के दोनों ओर एप्रोच मार्ग का निर्माण कार्य स्वीकृत कर कब तक कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पुल-पुलिया का निर्माण
71. ( क्र. 2168 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र चितरंगी अंतर्गत ग्राम दिपवा से बहेरी के मध्य चुनहवा नाला बहेरी से कोल्डिहा के मध्य झरिया नाला, बढ़नई से ढिलरी के मध्य सेमरा नाला, कपूरदेई से सूदा मार्ग में गोतान नाला में पुल-पुलिया निर्माण की आवश्यकता है? (ख) क्या उक्त पुल/पुलिया निर्माण हेतु आगामी बजट में शामिल करेंगे? यदि नहीं, तो उचित कारण बतायें? यदि हाँ, तो क्या आगामी वित्तीय वर्ष में निर्माण करा लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उसैथ घाट पुल व रोड का निर्माण
72. ( क्र. 2171 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह विधानसभा अंतर्गत M.P. से U.P. को जोड़ने वाली सड़क व पुल का निर्माण कराने का ठेका किस कंपनी को कब तथा किस रेट पर दिया गया एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी? (ख) क्या वर्तमान में अम्बाह से उसैथ घाट सड़क का कार्य बंद पड़ा है तथा पुल के निर्माण की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित स्थिति के लिये कौन दोषी है, दोषी ठेकेदार या अधिकारी के प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित पुल व सड़क का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पहले मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण का ठेका मेसर्स कानकास्ट अम्बाह रोड प्रोजेक्ट्स प्रा.लि. कोलकाता को दिनाँक 27.01.2012 को दिया गया था। कार्य बी.ओ.टी. पद्धति पर होने के कारण कार्य की दर का निर्धारण नहीं किया जाता है। कार्य पूर्ण करने की अवधि दो वर्ष थी। वर्तमान में सड़क कार्य के लिये नयी एजेन्सी दिनाँक 24.09.2015 को नियुक्त की गई है, जिसका नाम मेसर्स सी.एम.एम. इन्फ्रा. प्रा.लि; (मेसर्स के.टी. कन्स्ट्रक्शन लि. (जे.व्ही.) इन्दौर है। उसैथ घाट गांव के नजदीक चंबल नदी पर पुल निर्माण का ठेका वन विभाग से अनुमति प्राप्त न होने के कारण निविदा आमंत्रण की कार्यवाही स्थगित है। (ख) वर्तमान में अम्बाह से उसैथ घाट सड़क का कार्य पूर्व का ठेका निरस्त किये जाने के कारण बंद पड़ा था परन्तु उक्त सड़क का शेष निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए पुन: ठेका अनुबंध दिनाँक 24.09.2015 को निर्धारित कर दिया गया है। उक्त पुल चम्बल घडियाल अभ्यारण क्षेत्र में होने से वन विभाग से अंतिम स्वीकृति के अभाव में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही स्थगित है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार दोषी ठेकेदार पर कार्यवाही कर ठेका निरस्त कर दिया गया था, अत: कोई अधिकारी दोषी नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सड़क कार्य अनुबंधानुसार दिनाँक 23.09.2017 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य है। पुल कार्य के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सतना-रीवा फोर लेन के निर्माण में अनियमितता
73. ( क्र. 2173 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना-रीवा फोरलेन निर्माण के टेंडर प्रथमवार कब, किस कंपनी के, किस रेट से पास हुए तथा टेंडर की शर्तानुसार निर्माण करने की नियत तिथि क्या थी? (ख) क्या कार्य पूर्ण करने की अवधि व्यतीत हो जाने के बावजूद भी आज तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, इसके लिये दोषी कौन है? यदि कंपनी/ठेकेदार दोषी है तो संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या कंपनी/ठेकेदार ने बीच में ही काम छोड़ दिया था? इसके बाद पुन: टेंडर हुए, यदि हाँ, तो पुन: कितनी बार टेंडर हुए तथा प्रथम बार के टेंडर व अंतिमवार के टेंडर की C.S.R. रेट में जो अंतर आया, उसकी भरपाई किससे की जावेगी, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सतना-रीवा मार्ग की कुल लंबाई में से सतना-बेला मार्ग कुल लंबाई 48.04 कि.मी. का 4-लेन का निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष मार्ग बेला से रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली से संबंधित है। (ख) सतना-बेला मार्ग के कन्सेशन की अवधि 30 वर्ष है तथा निर्माण अवधि दो वर्ष है इस मार्ग को समय-सीमा में पूर्ण न करने हेतु कन्सेशनायर (निवेशकर्ता) उत्तरदायी है। उनके विरूद्ध कन्सेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। अनुबंध की कन्सेशन अवधि 30 वर्ष है। (ग) सतना-बेला मार्ग का निर्माण कार्य कंपनी द्वारा बीच में नहीं छोड़ा गया। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का सौंदर्यीकरण मरम्मत व उद्यानों की व्यवस्था
74. ( क्र. 2179 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के सौंदर्यीकरण मरम्मत व उद्यानों की व्यवस्था तथा उद्यानों के रख-रखाव देख-रेख सफाई व्यवस्था आदि पर किस-किस योजना मद से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई तथा कितनी राशि सामग्री, फूल पौधों की खरीदी पर व्यय की गई? वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांकित विश्वविद्यालय परिसर में कितने उद्यान हैं, इनका क्षेत्रफल कितना-कितना है? इनकी देखभाल रखरखाव के लिये कितने माली/मजदूर हैं? वर्तमान में इन उद्यानों की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांकित किन-किन उद्यानों में कब-कब, किस-किस प्रजाति के कितने-कितने फूल/पौधे एवं अन्य प्रकार के पौधों का रोपण कितनी राशि में कराया गया है? कितनी राशि के फूल पौधे आदि कब-कब कहाँ-कहाँ से क्रय किये गये? (घ) क्या प्रश्नांकित उद्यान उचित देखरेख के अभाव में उजड़ गये हैं, उनमें गाजरघास व जंगली पौधें उग गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सौंदर्यीकरण, मरम्मत उद्यानों के रख-रखाव, देख-रेख, सफाई व्यवस्था आदि के लिये कोई मद निर्धारित नहीं है, अतः प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक 20,000/- (बीस हजार) की राशि सामग्री क्रय पर व्यय की गई। फूल पौधों की खरीदी पर कोई राशि व्यय नहीं की गई।
(ख) विश्वविद्यालय
परिसर में कुल
12
उद्यान हैं, क्षेत्रफल
की जानकारी
निम्नानुसार
है-
1. मुख्य
प्रशासनिक
भवन 03
उद्यान 437
वर्गमीटर
प्रति उद्यान
2. मुख्य
प्रशासनिक
भवन के सामने 01
उद्यान 5160
वर्गमीटर
3. कुलपति
निवास 01
उद्यान 6500 वर्गमीटर
4. कुलसचिव
निवास 01
उद्यान 600
वर्गमीटर
5. स्वर्णजयंती
वाटिका 01
उद्यान 2193 वर्गमीटर
6. ग्रंथालय 01
उद्यान 629
वर्गमीटर
7. जीव
विज्ञान
विभाग 01
उद्यान 720
वर्गमीटर
8. रसायनशास्त्र
विभाग 01
उद्यान 645
वर्गमीटर
9. अतिथि
आवास गृह 01
उद्यान 600
वर्गमीटर
10. गणित
एवं एम.सी.ए.
विभाग 01
उद्यान 720
वर्गमीटर
इनकी
देखभाल के
लिये 17 माली
कार्यरत हैं।
उद्यानों की
स्थिति अच्छी
है।
(ग) उद्यानों में क्रोटन्स, डेहलिया एवं सेवन्ती के पौधे लगे हुए हैं, विश्वविद्यालय के मालियों द्वारा इन्ही पौधों की बडिंग कर रोपण किया जाता है। बाजार से फूल पौधों का क्रय नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। मालियों द्वारा निरंतर निदाई-गुड़ाई की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नवीन महावि़द्यालय की स्वीकृति
75. ( क्र. 2221 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डही में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ की स्वीकृति दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो शासन डही क्षेत्र में महाविद्यालय कब से प्रारंभ करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो क्या नवीन शिक्षा सत्र में महाविद्यालय प्रारंभ हेतु शासन प्रस्ताव पारित करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालय में सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता एवं विकास करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
मुलताई महाविद्यालय में प्राचार्य की पूर्ति
76. ( क्र. 2287 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई शासकीय महाविद्यालय में छात्र एवं छात्राओं की दर्ज संख्या कितनी है? (ख) शासकीय महाविद्यालय में छात्र एवं छात्राओं की दर्ज सख्ंया के मान तथा विषय के मान से कितने प्रोफेसर है? (ग) यहां प्राचार्य का पद कितने वर्षों से रिक्त है तथा इस पद की पूर्ति कब तक की जावेगी?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) कुल
छात्र
छात्राओं
संख्या- 1486 (छात्र-361
एवं छात्राएं-1125) (ख) अध्य्यनरत
छात्र-छात्राओं
के अध्यापन
हेतु संचालित
विषयों में
कुल 19
प्रोफेसर/सहायक
प्राध्यापक
के पद स्वीकृत
हैं। (ग) प्राचार्य
का पद विगत 10
वर्ष से रिक्त
हैं पदोन्नति
की कार्यवाही
प्रचलन में है
जैसे ही
पदोन्नति
होती है, तो
शासकीय
महाविद्यालय, मुलताई
के रिक्त
प्राचार्य के
पद की पूर्ति
की जावेगी।
मुलताई विधान सभा क्षेत्रांतर्गत गठित वन समितियां
77. ( क्र. 2288 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी वन समितियां गठित है? क्या वन सुरक्षा का कार्य भी इनके कराया जाना है? उस पर विगत दो वर्ष में सुरक्षा कार्य पर कुल कितना व्यय किया गया? (ख) वन समितियों के नियंत्रण हेतु वन विभाग के वनरक्षक, वनपाल, परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा माह में कितने बार निरीक्षण किया जाता है? वेतन आहरण अधिकारी द्वारा वेतन आहरण के पूर्व क्या दैनंदनी, प्राप्त कर वेतन आहरण किया जाता है? (ग) क्या वर्ष 2014 में सदाप्रसन्न घाट (मुलताई से वरूड मार्ग के बीच) में वन माफियों द्वारा वनों की कटाई का कार्य किया गया था? ऐसी स्थिति में वन समितियों द्वारा वनों की रक्षा में किया गया व्यय अपव्यय की श्रेणी में मानते हुये वन अमला एवं वन समिति को अपव्यय राशि एवं जंगल कटाई हेतु उत्तरदायी मानते हुये कार्यवाही की गई है? नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? (घ) काटे गये ठूठ के अनुसार पेड़ों की संख्या एवं लकड़ी की मात्रा कितने घनमीटर थी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 49 वन समितियां गठित हैं। इनके द्वारा वन सुरक्षा का कार्य भी कराया जाता है। विगत दो वर्षों में समिति द्वारा सुरक्षा कार्य पर रूपये 19.67 लाख राशि व्यय की गई। (ख) संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा मध्यप्रदेश शासन के संकल्प 22 अक्टूबर 2001 में निहित समस्त गतिविधियों का संचालन समिति की कार्यकारिणी एवं आमसभा के नियंत्रण में किया जाता है। वन समितियों द्वारा संपादित कार्यों का निरीक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन वनरक्षक, परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा समय-समय पर आवश्यकता अनुसार किया जाता है। माह में कितनी बार समिति कार्यों का निरीक्षण करना है, निर्धारित नहीं है। वेतन आहरण के पूर्व दैनंदनी प्राप्त करने का कोई व्यवस्था नहीं है। (ग) एवं (घ) वर्ष 2014 में सदाप्रसन्न घाट (मुलताई से वरूड़ मार्ग के बीच) में वन माफियों द्वारा वनों की अवैध कटाई किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खेल विभाग को उपलब्ध आवंटन
78. ( क्र. 2330 ) श्री सुदेश राय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सीहोर में खेल विभाग को वर्ष 2013 से प्रश्न दिनाँक कितना-कितना आवंटन किस-किस मद में उपलब्ध कराया गया है? (ख) प्राप्त आवंटन का उपयोग किस-किस मद में किया गया है? (ग) क्या खेल विभाग द्वारा खेल सामग्री का वितरण किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सामग्री का वितरण किस नियम के तहत किया जाता है तथा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनाँक किस-किस संस्था को क्या-क्या सामग्री उपलब्ध करायी गई है सूची उपलब्ध करावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) आवंटित एवं उपयोग की जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभागीय खेल प्रशिक्षण केन्द्रों को ही खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। खेल सामग्री वितरण के कोई नियम नहीं है। विभागीय प्रशिक्षण केन्द्रों को उपलब्ध कराई गई खेल सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में जर्जर रोडों का निर्माण
79. ( क्र. 2337 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग भोपाल के पत्र क्रं. 5839/6515/2015/19/ भो/दिनाँक 29/09/2015 श्री एस.के. कुलकर्णी के हस्ताक्षर से एवं कार्यालय मुख्य अभियंता म.प्र. लोक निर्माण विभाग उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर के पत्र क्रं. 452/ग्वालियर/आवेदन/सं/ 15/15644 दिनाँक 23.10.2015 द्वारा भितरवार विधानसभा क्षेत्र में बहुत ही ज्यादा जर्जर रोडों का शीघ्र निर्माण कराने बाबत् पत्र अधीक्षक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग ग्वालियर को लिखा गया है? (ख) उक्त दोनों पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? बिन्दुवार जानकारी दें? साथ ही उक्त रोडों का कब तक निर्माण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं, शासन के पत्र दिनाँक 24.09.2015 द्वारा मान. विधायक महोदय को मार्गों की वस्तुस्थिति जानकारी से अवगत कराया गया था एवं दिनाँक 23.10.2015 द्वारा मान. विधायक के पत्र की छायाप्रति मुख्य अभियंता ग्वालियर द्वारा अधीक्षण यंत्री व कार्यपालन यंत्री को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया था। (ख) पत्र दिनाँक 23.10.2015 के परिप्रेक्ष्य में कार्यपालन यंत्री ग्वालियर के पत्र दिनाँक 04.12.2015 द्वारा मान. विधायक जी को मार्गों की बिन्दुवार जानकारी भेजी गई है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
रोजगार मूलक योजनाएं
80. ( क्र. 2341 ) श्री संजय पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में वाणिज्य एवं उद्योग की कितनी रोजगार मूलक योजनायें हैं? योजनाओं की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनाओं का लाभ रोजगार कार्यालय के माध्यम से कितने बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया गया इनमें से तकनीकी क्षेत्र के कितने बेरोजगार हैं तथा गैर-तकनीकी क्षेत्र से कितने हैं? तहसीलवार, नाम सहित जानकारी देवें? (ग) क्या कटनी जिले के तहसील बरही एवं विजयराघवगढ़ में जिले में सर्वाधिक बेरोजगारों की संख्या है? (घ) क्या प्रश्नाधीन विभाग की योजनाओं के संदर्भ में प्रश्नाधीन क्षेत्र की बरही तहसील में राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनी के शिविर लगार बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा निम्न तीन योजनायें संचालित है:-1. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 2. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 3. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रोजगार मूलक योजनाओं का संचालन रोजगार कार्यालयों के माध्यम से नहीं किया जाता है। अतः प्रश्नांश ’’क’’ के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा जिलेवार व तहसीलवार बेरोजगारों की कुल संख्या की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। रोजगार कार्यालयों में रोजगार हेतु इच्छुक आवेदकों का पंजीयन रोजगार सहायता हेतु किया जाता है। रोजगार सहायता हेतु पंजीयन की संख्या क्षेत्र के बेरोजगारों की संख्या का परिचायक नहीं है। (घ) वर्तमान में बरही तहसील में कोई रोजगार मेला प्रस्तावित नहीं है। नियोजकों की मांग पर रोजगार मेले आयोजित किये जाते हैं। वर्तमान में किसी भी नियोजक द्वारा बरही क्षेत्र में रोजगार मेला आयोजित करने की मांग नहीं की है।
तकनीकी शिक्षण महाविद्यालय
81. ( क्र. 2342 ) श्री संजय पाठक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने तकनीकी शिक्षा के महाविद्यालय हैं? यह जिले के किस शहर एवं गांव में स्थापित हैं? नाम बतायें? यदि नहीं, तो तकनीकी शिक्षा महाविद्यालय को प्रश्नाधीन जिले में स्थापित किये जाने की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तकनीकी शिक्षा हेतु शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु यदि कोई प्रावधान हो तो उल्लेख करें? अशासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु यदि कोई आवेदन लंबित हो तो अभी तक न खोले जाने के कारण सहित स्थिति स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि प्रस्ताव लंबित है तो किस स्तर पर लंबित है बतायें तथा किस स्तर पर स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी जिले में 01 शासकीय पोलीटेकनिक महाविद्वालय संचालित है। संस्था कटनी जिला जेल के पीछे, झिंझरी में स्थापित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिले में कोई नवीन शासकीय पोलीटेकनिक महाविद्वालय खोला जाना विचाराधीन नहीं है। अशासकीय संस्थायें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के अनुमोदन उपरांत प्रारंभ किये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्चस्तरीय पुल निर्माण की स्वीकृति
82. ( क्र. 2353 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत सुठालिया-उकावद मार्ग पर पार्वती नदी पर लोक निर्माण विभाग संभाग गुना द्वारा लगभग 30 वर्ष पूर्व आवागमन हेतु दो-ढाई मीटर ऊंचाई के एक रपटे का निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त रपटा पिछले वर्षों की निरंतर बाढ़ के कारण टूट कर आवागमन योग्य नहीं रह गया है? साथ ही रपटे की डाउन साइड में एक बैराज निर्माण होने से उक्त रपटा लगभग 6 माह पानी में डूबा रहता है तथा भौगोलिक दृष्टि से उक्त रपटा विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के निकट होने से बड़ी संख्या में गुना जिले के मधूसूदनगढ़ क्षेत्र व ब्यावरा क्षेत्र के कृषकों को अपनी कृषि उपज को मण्डी ब्यावरा में विक्रय करने हेतु एक मात्र आवागमन का साधन है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त रपटे पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता एवं मा. विधायक चाचौड़ा द्वारा दिनाँक 05.11.2015 विशेष सत्र में मा. मुख्यमंत्री एवं दिनाँक 06.11.2015 को मा. विभागीय मंत्री महोदय को मांग पत्र सौंपा गया था? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त रपटे पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय मंत्रीजी मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग के निर्देशानुसार नवीन पुल निर्माण बाबत् परीक्षण कराया जा रहा है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सुठालिया नगर में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करना
83. ( क्र. 2354 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के नगर सुठालिया की आबादी लगभग 15 हजार है तथा नगर में संचालित हायर सेकेण्डरी स्कूल से प्रतिवर्ष 200-300 छात्र-छात्राऐं उत्तीर्ण होकर निकलते हैं? क्या नगर सुठालिया में महाविद्यालय नहीं होने से छात्र-छात्राऐं महाविद्यालयीन शिक्षा से वंचित हो जाते है अथवा नगर से सुदूर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर होना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या महाविद्यालयीन शिक्षा हेतु एक मात्र शासकीय महाविद्यालय, ब्यावरा में स्थित है जो कि सुठालिया से 26 कि.मी. की दूरी पर स्थित होने के अलावा संकायवार सीटों की संख्या भी सीमित रहती है? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में ब्यावरा महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा सुठालिया में महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की आवश्यकता प्रतिवेदित करते हुए उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए सुठालिया नगर में महाविद्यालय प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। आंकडे आंशिक रूप से सही है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। अभिमत भेजा गया। (ग) वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण एवं गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अतः नगर सुठालिया में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जाना
84. ( क्र. 2363 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चितरंगी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत लोहदा, क्योरली, तमई, बड़रम व नोदिहवा ग्रामों को चितरंगी चितावल मुख्य मार्ग से जोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त ग्रामों की प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जोड़ने की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक मुख्य मार्ग से जोड़ दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल की जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन ग्रामों को जोड़ने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति हेतु प्रकरण प्रस्तुत किये गये थे, जिन्हें माननीय न्यायालय द्वारा अनुमति प्रदान नहीं की गई है। अत: इन ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा जोड़ा जाना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोड निर्माण में अनियमितता
85. ( क्र. 2367 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी दमोह मार्ग एवं हटा, रैपुरा, बहोरीबंद, सिहोरा मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. योजना के तहत किया जा रहा है? उक्त रोड में वर्तमान में कौन-कौन सा कार्य किया जाना शेष है? उक्त कार्य की पूर्णता दिनाँक क्या निर्धारित थी बताएं तथा अनुबंध अनुसार नव निर्मित मार्ग में किन-किन स्थानों पर कितने कि.मी. पर टोल बूथ लगाया जाना था एवं टोल प्रारंभ किये जाने के बाद कितने वर्षों तक वसूली की जायेगी? उक्त रोड में प्रयुक्त होने वाले खनिज के उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण हेतु संबंधित विभागों से अनुज्ञा प्राप्त करना था? यदि अनुज्ञा प्राप्त की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के मार्ग में कुल कितने पुल-पुलियों के निर्माण का प्रावधान था? कितने पूर्व के बने थे, कितनों का विस्तार एवं मरम्मत का प्रावधान अनुबंध अनुसार किया गया था? वर्तमान में कितनों का निर्माण किया गया? कितने शेष है? मार्ग निर्माण के जंक्शन को सही स्लोप में नहीं मिलाया गया है, उन्हें कब तक ठीक करा दिया जायेगा? मार्ग के कुछ भाग में सोल्डर न बनाकर सीधे डामरीकरण के बाद नाली का निर्माण कर दिया गया है? इसके लिये कौन उत्तरदायी होगा? (ग) मार्ग निर्माण के दौरान गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सामग्री एवं कार्य के टेस्ट कराये जाने के प्रावधान है? कितने कराये गये? कितने कराये जाने शेष है? अनुबंध के अनुसार मार्ग निर्माण के समय एक पेड़ काटने पर 10 पेड़ लगाये जाने का प्रावधान था? वर्तमान में कितने पेड़ काटे गये? कितने लगाये गये? कितने लगाये जाना शेष है? उन्हें कब तक लगा दिया जायेगा, जो लग गये उनकी सुरक्षा की क्या व्यवस्था है? विवरण दें? (घ) राज्यीय राजमार्ग क्रं.52 में बहोरीबंद-सिहोरा मार्ग में स्थित सलैयामोड में ठेकेदार की लापरवाही से खडरा में हुई मृत्यु पर विभाग ने ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? और मृतक के परिवार को शासन क्या मिला और भविष्य में इस रोड के निर्माण में लापरवाही न हो, इस पर शासन ने क्या कदम उठाए? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में यदि कोई शिकायत शासन को प्राप्त हुई है तो शिकायतवार कार्यवाहीवार, विवरण देते हुये, शिकायत एवं जाँच का विवरण उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। कटनी दमोह मार्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ अनुसार तथा हटा-रैपुरा-बहौरीबंद-सिहोरा मार्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-2’ अनुसार है। (ख) पुल पुलियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। जी नहीं। कार्य प्रगतिरत् है एवं अनुबंधित अवधि में ही अनुबंधित कार्य करा लिया जावेगा। कार्य अनुबंधित प्रावधानों के अनुसार ही निवेशकर्ता एवं ठेकेदार द्वारा कार्य कराया जा रहा है। इसके लिये कोई उत्तरदायी नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। दमोह-कटनी मार्ग हेतु जी हाँ। दमोह–कटनी मार्ग पर पेड़ों के काटने की स्थित उपस्थित न होने के कारण पेड़ नहीं काटे गये है। अत: पेड़ नहीं लगाये गये है। हटा पटेरा कुम्हारी रैपुरा-सलैया-बहौरीबंद-सिहोरा मार्ग पर पेड़ काटने के विरूद्ध 10 पेड़ लगाने वाली शर्त का प्रावधान अनुबंध में नहीं है। उक्त मार्ग पर 1 नग पेड़ दिसम्बर माह में काटा गया है, जो अनुबंध के प्रावधानुसार लगाने की कार्यवाही प्रचलनशील है एवं शीघ्र ही अनुबंधानुसार पेड़ लगा दिये जायेगे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सुरक्षा व्यवस्था हेतु निवेशकर्ता/ठेकेदार उत्तरदायी है। (घ) शासन स्तर से की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द’’ ई-1 से ई-2 एवं एफ-1 से एफ-2 अनुसार है। अनुबंध में उल्लेखित सुरक्षा के प्रावधानों का समूचित पालन किया जा रहा है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’जी’’ अनुसार है।
धार्मिक स्थलों को आवंटित राशि
86. ( क्र. 2377 ) श्री आरिफ अकील : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार्मिक स्थानों के जीर्णाद्धार हेतु राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस-किस धर्म के धार्मिक स्थानों के लिए राशि आवंटित किए जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 में विभाग का कितना-कितना बजट स्वीकृत हुआ तथा किस-किस धार्मिक स्थलों के लिए कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, शासन संधारित देवस्थान/माफी औकाफ (व्यवस्थापक कलेक्टर) को जीर्णोद्धार हेतु राशि दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत बजट तथा आवंटित की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्वीकृत बजट एवं धार्मिक स्थलों को आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
लघु शास्ति के प्रकरणों का समयावधि में निराकरण
87. ( क्र. 2378 ) श्री आरिफ अकील : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी/6-3/2015/3/एक, भोपाल दिनाँक एक अगस्त 2015 को समस्त विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त कलेक्टर्स एवं कार्यपालन अधिकारियों को शासकीय सेवकों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 नियम-16 अंतर्गत लघु शास्ति के प्रकरणों का समयावधि में निराकरण करने हेतु निर्देश/आदेश जारी किए हैं? (ख) यदि हाँ, तो अधिकतम कितने समय में कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश जारी किए हैं और विभाग में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में किन-किनके विरूद्ध कौन-कौन से मामले कब-कब से किन-किन कारणों से लंबित हैं? जिलेवार वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जारी निर्देश/आदेश का पालन नहीं करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी, हाँ। (ख) अधिकतम 150 दिवस अर्थात 5 माह। खेल और युवा कल्याण विभाग में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 नियम-16 अन्तर्गत लघु शास्ति के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रशनांश (ख) के अंतर्गत प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घटिया सड़क निर्माण की जाँच एवं कार्यवाही
88. ( क्र. 2392 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में नदियों पर निर्मित पुल के अप्रोच सड़क तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न मदों से निर्मित की जाने वाली सड़कों के गुणवत्ता के माण्दण्ड क्या है? निर्माण के कितने वर्षों तक सड़क को आवागमन हेतु उपयोगी माना गया है? निर्माण के पश्चात कितने वर्षों तक सड़क का संधारण ठेकेदारों के अधीन रखे जाने का प्रावधान है? क्या छिन्दवाड़ा जिले में इसका पालन हो रहा है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में पौनिया से बादगांव पेंच नदी निर्मित पुल के दोनों ओर अप्रोच सड़क, पौनिया से टॉप सड़क, समसवाड़ा से खमरा सड़क, बजाज जोड़़ से राजना रोड तक की सड़क किस मद की कितनी राशि से किस ठेकेदार के द्वारा कब निर्माण कराया गया? इन सड़कों की उपयोगिता कितने वर्षों की आंकी गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या इन सड़कों का निर्माण कराने वाले ठेकेदारों द्वारा संधारण किया गया है यदि हाँ, तो कब-कब तथा कितनी राशि खर्च की गयी? सड़कवार जानकारी दें? यदि निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त था तो सड़कों के गड्डों को भरने की आवश्यकता क्यों पड़ी? (घ) क्या शासन उक्त सड़कों के गुणवत्ताहीन निर्माण करने, अल्प समय में ही सड़कों के खराब हो जाने, सड़कों में गड्डे पड़ जाने की प्रश्नकर्ता के उपस्थिति में जाँच करने के आदेश देकर ठेकेदारों, इस सड़कों में नियुक्त उपयंत्रियों, सहायक यंत्रियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग में निर्मित पुल की एप्रोच सड़क तथा विभिन्न मदों में निर्मित की जाने वाली सड़कों के गुणवत्ता के मापदण्ड ‘’ Specifications for road and bridge works’’ published by the Indian roads congress के अनुसार निर्धारित रहती है। IRC – 37:2012 की गाईड लाईन्स के अनुसार डिजाइन वर्ष तक सड़क को उपयोगी माना जाता है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” में दर्शित है। प्रश्नांश (क) के अनुसार इन सड़कों का निर्माण पेवमेन्ट डिजाइन के अनुसार 10 वर्ष के लिये किया गया हैं। (ग) जी हाँ, परफारमेंस गारंटी की अवधि में संबंधित ठेकेदारों द्वारा तथा स्वयं के व्यय पर मार्ग का नियमित रख रखाव किया गया है। तथा इस हेतु पृथक से कोई भुगतान नहीं किया गया है। कार्य गुणवत्तापूर्वक कराया गया हैं नियमित रख रखाव के तहत अल्प मात्रा में पेंचिग का कार्य किया गया हैं। (घ) कार्य गुणवत्तापूर्ण किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक स्थलों का रखरखाव
89. ( क्र. 2399 ) श्री सचिन यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने धार्मिक स्थल कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं और इनके रख-रखाव में कितनी-कितनी राशि का प्रावधान कब-कब, कितना-कितना किया गया और उक्त कार्य किस-किस के माध्यम से कितना-कितना प्रश्न दिनाँक तक किया गया विगत 3 वर्षों की जानकारी नाम एवं स्थानवार दें? (ख) उक्त धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई और कितनी करना अतिआवश्यक है के संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? प्रश्नांश (क) में दर्शित समय-सीमा के अंतर्गत रख-रखाव में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी खर्च एवं कितनी शेष है दिनाँकवार एवं कार्यवार जानकारी दें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुल-पुलियों का निर्माण
90. ( क्र. 2400 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा लोक निर्माण विभाग को कसरावद विधानसभा क्षेत्रातंर्गत पुल-पुलियों के निर्माण कार्य करने हेतु कितने-कितने पत्र किस-किस दिनाँक को प्राप्त हुए और उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त कार्यों के संबंध में स्थल निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब उनके पदनाम सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों में से कितने कार्य स्वीकृत किय जा चुके हैं कितने प्रारंभ किये गये और कितने शेष हैं? अलग-अलग कार्यवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों के संबंध में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई प्रश्न दिनाँक तक की जानकारी दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एक पत्र दि. 03.09.2015 को प्राप्त हुआ। मार्ग निर्माण मय पुल कार्य की स्वीकृति दिनाँक 17.8.2015 को प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। दिनाँक 13.10.2015 को अधीक्षण यंत्री, लो.नि.वि. खण्डवा मण्डल खण्डवा एवं कार्यपालन यंत्री, लो.नि.वि. संभाग खरगोन द्वारा मार्ग एवं पुल का संयुक्त निरीक्षण किया गया। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार। मार्ग निर्माण हेतु निविदाएं दिनाँक 14.12.2015 को खोली जावेगी। पुल निर्माण की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रगति पर है। (घ) पिपरी मछलगांव मार्ग एवं पुल निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 652.15 लाख की दिनाँक 17.08.2015 को प्रदान की गई।
सिहंस्थ क्षेत्र में फोरलेन मार्ग बनाना
91. ( क्र. 2411 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर रोड, मुल्लापुरा, नरसिंह घाट, माहाकाल क्षेत्र एवं चिंतामण मंदिर मुख्य सिंहस्थ मेला क्षेत्र में होकर उक्त क्षेत्र में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं का आवागमन रहेगा? (ख) क्या आगामी सिंहस्थ को दृष्टीगत रखते हुए आगर रोड 6 लेन इन्दौर रोड एवं देवास रोड 4 लेन बनाया गया है? जबकि उक्त मार्गों पर हरिफाटक से लाल पुल से बड़नगर रोड से कम आवागमन रहेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो सिंहस्थ मेला क्षेत्र के सर्वाधिक आवागमन वाले मार्ग हरिफाटक से लालपुल से बड़नगर रोड को 4 लेन अथवा 6 लेन बनाये जाने के संबंध में विभाग की क्या कार्य योजना है? यदि कोई कार्य योजना नहीं है, तो आवागमन को किस तरह नियंत्रित किया जावेगा अवगत करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, हरिफाटक से लालपुल से बड़नगर मार्ग पर बड़े वाहनों का दबाव कम एवं पैदल श्रृद्धालुओं का दबाव अधिक रहेगा। (ग) सिंहस्थ-2016 के दौरान हरिफाटक से लालपुल से बड़नगर रोड़ पर बड़े वाहनों का दबाव कम एवं पैदल श्रृद्धालुओं का दबाव अधिक रहेगा। वर्तमान में मार्ग पेव्ड शोल्डर सहित 10 मीटर चौड़ाई में निर्मित है। सर्वाधिक पेदल श्रृद्धालुओं के दबाव वाले क्षेत्र हरिफाटक से लालपुल तक शोल्डर पर उपलब्ध चौड़ाई में दोनों तरफ 2-2 मीटर चौड़ाई में पेवर ब्लाक लगाने का कार्य किया जा रहा है। पेवर ब्लाक के कार्य सहित उक्त क्षेत्र में मार्ग की चौड़ाई ज्यादातर भाग में 14 मीटर प्राप्त होगी, जो सिंहस्थ की दृष्टि से पैदल एवं चिन्हित छोटे वाहनों के आवागमन हेतु पर्याप्त होगी।
उज्जैन शहर में विश्राम गृह निर्माण
92. ( क्र. 2412 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में वर्तमान में विभाग के कितने रेस्ट हाऊस है? उनमें कितने-कितने कमरे बने हुए है एवं कितने कमरे निर्माणाधीन है? (ख) आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए रेस्ट हाऊस में कितने नये कमरे बनाये जाना प्रस्तावित हुए है प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उज्जैन शहर में विश्राम गृह के लिए सिहंस्थ मद में 12 कक्ष स्वीकृत किये गये थे किन्तु मात्र 06 कक्षों (छ: कक्ष) का ही निर्माण किया जा रहा है जिससे सिंहस्थ महापर्व के दौरान अतिवरिष्ठ अतिथियों को ठहराने में विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा यदि हाँ, तो इसके लिए विभाग कि क्या कार्य योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) उज्जैन शहर में विभाग का एक रेस्ट हाउस है, जिसमें 16 कमरे बने हुये है एवं 6 कमरे निर्माणाधीन है। (ख) स्वीकृति अंतर्गत प्रस्तावित 12 कमरों के स्थान पर 6 कमरे बनाये जाना प्रस्तावित है। प्रस्ताव की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ 12 स्वीकृत किये गये थे एवं 6 का निर्माण किया जा रहा है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खेल संघों को अनुदान
93. ( क्र. 2422 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा खेल संघों को अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में किन-किन खेल संघों को कितनी-कितनी राशि का अनुदान किस-किस प्रयोजन हेतु दिया गया? (ग) क्या ऐसे खेल संघों को अनुदान नहीं दिया गया जिन्होंने राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीता है बल्कि उन खेल संघों को अनुदान दिया गया है जिन्होंने नियम/मापदण्ड के अनुसार पिछली राष्ट्रीय स्पर्धा में एक भी पदक नहीं जीता? जिन खेल संघों को नियम विरूद्ध अनुदान दिया गया उनके नाम बताएं? इसके लिए दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार के नियमानुसार खेल संघ में किसी भी पद पर, कार्यकारी अध्यक्ष/अध्यक्ष पद पर शासकीय सेवक एक कार्यकाल अथवा चार वर्ष तक रहने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो हेण्डबॉल के वर्तमान अध्यक्ष क्या नियमानुसार पद पर बने हुए हैं? यदि नहीं, तो उन्हें कब तक हटाया जाएगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। अनुदान हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, विभाग द्वारा खेल संघों को प्रतियोगिता आयोजन हेतु अनुदान प्रदान किया जाता है, न कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने पर। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियम राष्ट्रीय खेल संघों में पदस्थ भारत सरकार के अधीन कार्यरत शासकीय सेवक के लिए है, जो कि राज्य शासन में कार्यरत शासकीय सेवकों पर लागू नहीं होते। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भवनों की मरम्मत के नाम पर फिजूल खर्चा
94. ( क्र. 2433 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक विभाग द्वारा शासकीय भवनों की मरम्मत (सर्किट हाउस, आवासीय भवन, अधिकारियों के बंगले) पर कब-कब कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में राशि किस-किस कार्य में खर्च की गई, भवन का आवंटन किसको है एवं राशि खर्च का स्थानवार विवरण बतायें? (ग) उक्त अवधि में भवनों के मरम्मत पर व्यय की गई राशि के कार्य के लिये कब-कब टेण्डर लगाये गये? कार्य किस-किस के द्वारा किया गया? (घ) शासकीय भवनों के मरम्मत के लिये 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी-कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन विभाग की जमीनों का रख-रखाव
95. ( क्र. 2434 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग की कहाँ-कहाँ कितनी जमीन है? स्थानवार, खसरा, रकवा सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इन जमीनों पर विभाग द्वारा क्या कार्य किया जा रहा है? स्थानवार स्थिति बतायें? (ग) वन विभाग की खाली पड़ी जमीनों के रख-रखाव पर 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कितना खर्च किया गया? स्थानवार, वर्षवार, कार्य सहित बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की प्रति नियुक्ति
96. ( क्र. 2443 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के कौन-कौन एस.डी.ओ. व अन्य अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर म.प्र. पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड में कार्यरत हैं? उनके नाम, प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना दिनाँक बताएं। (ख) क्या शासन/विभाग प्रचलित नियम/निर्देशों के विरूद्ध कई वर्षों से उक्त कॉर्पोरेशन में अनियमित रूप से कार्यरत एस.डी.ओ. व अन्य अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उनकी सेवायें मूल विभाग में तत्काल प्रभाव से वापस लिये जाने के आदेश जारी करते हुए समय रहते प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त नहीं करने वाले दोषियों पर कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) संलग्न परिशिष्ट में उल्लिखित यंत्रीगण की सेवायें नियमानुसार प्रतिनियुक्ति पर सौंपी गई है, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिवपुरी जिले के सेवानिवृत्त वनपालों पर कार्यवाही
97. ( क्र. 2444 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के वनमण्डल शिवपुरी से विगत 3 वर्षों में सेवानिवृत्त वनपालों को वनमण्डल शिवपुरी एवं श्योपुर के द्वारा कब व क्यों निलम्बित किया गया था? उनके नाम उपलब्ध करावे? (ख) विभाग द्वारा उक्त वनपालों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में आरोप पत्र का उत्तर नहीं देने पर क्या कार्यवाही की गई? आरोप पत्र को कारण बताओ सूचना पत्र में परिवर्तित करने के क्या नियमयुक्त/विधियुक्त कारण है? (ग) क्या संबंधित वनपालों की जाँच पूर्ण हो गई है? जाँच प्रतिवेदन के क्या निष्कर्ष निकले? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त वनपालों के संबंध में और कितनी शिकायतें किस-किस माध्यम से प्राप्त हुई? प्रश्न दिनाँक तक उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही किस-किस के द्वारा की गई? निष्कर्ष सहित अवगत करावे? क्या दोषियों को बचाने की नियत से कार्यवाही नहीं की जा रही है? क्या गम्भीर जांचों के चलते संबंधितों के सभी स्वतत्वों के भुगतान एवं पेंशन प्रकरण का निराकरण कर दिया गया है? दोषी कौन है? (ड.) क्या शासन/विभाग दोषी वनपालों के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन अनुसार कठोर कार्यवाही करने के साथ-साथ उन्हें बचाने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। प्रश्नाधीन वनपालों के आरोप पत्रों को कारण बताओ सूचना पत्र में परिवर्तित नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्नाधीन वनपाल को बचाने की नियत से कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, बल्कि उनके विरूद्ध कार्यवाही लंबित रहने के कारण उनको देय उपादान एवं पेंशन की राशि में से 10-10 प्रतिशत राशि रोकी गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) शासन नियमानुसार प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वि.वि. के वाहन नियम विरूद्ध आवंटित किया जाना
98. ( क्र. 2449 ) श्री विश्वास सारंग : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के वाहन की पात्रता किस-किस पदनाम के अधिकारी को है? प्रश्न दिनाँक को वि.वि. में कितने वाहन हैं और किस पदनाम/नाम के अधिकारी को आवंटित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या वि.वि. का वाहन वि.वि. से बाहर के अधिकारी/कर्मचारी को भी आवंटित हैं? यदि हाँ, तो किस-किस को? किस नियम के तहत आवंटित किए गए हैं? क्या वे उनके मूल विभाग में वाहन आवंटन की पात्रता रखते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या वि.वि. ने नियम विरूद्ध वाहन आवंटित किए हैं? यदि हाँ, तो क्या वाहनों का किराया वसूल किया जायेगा? यदि हाँ, तो किससे? आवंटी से या आवंटित करने वाले से? जानकारी दें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कुलपति को एवं कुलपति के द्वारा निर्देशित अन्य अधिकारियों को। प्रश्न दिनाँक को विश्वविद्यालय कुल 22 वाहन हैं। कुलपति, संचालक बी.यू.आई.टी. को वाहन आवंटित है, तथा कुलसचिव को वाहन उपयोग की अनुमति दी गयी है। (ख) जी नहीं। किन्तु विश्वविद्यालय के तीन वाहन क्रमश: माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा के कार्यालय, माननीय राज्य मंत्री, उच्च शिक्षा के कार्यालय एवं मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग की विश्वविद्यालयीन शाखा में संलग्न किये गए हैं। शेष प्रश्नांश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश-‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों का पेंचवर्क/मरम्मत कार्य
99. ( क्र. 2450 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन सड़कों का पेंचवर्क/मरम्मत कार्य 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनाँक तक ठेकेदारों और विभाग द्वारा किया जा रहा है? वर्कवार, सड़क नामवार, ठेकेदार के नामवार, विभाग द्वारा वार व व्यय राशि वार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या रायसेन जिले में वर्ष 2013, 2014 व 2015 में विभाग ने परफॉरमेंस गारंटी वाली सड़कों का भी पेंचवर्क/मरम्मत कार्य किया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कों का? कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या उक्त कार्य नियम विरूद्ध किए गए हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’, ‘अ-2’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
पंजीकृत स्नातक वर्ग के प्रतिनिधियों का चयन
100. ( क्र. 2470 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पंजीकृत स्नातक वर्ग से कार्यपरिषद में निर्धारित स्थान नहीं भरे गये हैं क्यों? नवम्बर 2015 तक किन-किन विश्व विद्यालयों में उक्त वर्ग के स्थान रिक्त हैं विश्वविद्यालय के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या कार्य परिषद के गठन में पंजीकृत स्नातक वर्ग से चुने जाने की अनिवार्यता म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम में है? यदि हाँ, तो नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जीवाजी विश्वविद्यालय में पंजीकृत स्नातक वर्ग के चुनाव कराने एवं कार्य परिषद में रिक्त उक्त वर्ग के स्थान को भरने का आश्वासन दिया गया था? उसे पूर्ण करने में क्यों देरी की जा रही है? (घ) क्या शासन प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय, जीवाजी विश्वविद्यालय सहित पंजीकृत स्नातक वर्ग के चुनाव कराकर कार्य परिषद रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही का निर्देश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) प्रश्नानुसार
प्रावधान
नहीं है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
नहीं।
प्रश्नानुसार
प्रावधान
नहीं है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
(ग) जी
हाँ। महासभा
के गठन का
प्रयास किया
जा रहा है। (घ) शीघ्र
चुनाव कराने
के लिए प्रयास
किए जा रहे हैं।
मुरैना के ग्राम-मैथाना रोड की मरम्मत नहीं होना
101. ( क्र. 2471 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा मुरैना के ग्राम मैथाना से ए.बी. रोड से मृगपुरा के गडौरा तिराहे तक की मरम्मत पिछले पाँच वर्षों में कब हुई वर्ष, माह सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) क्या उक्त मार्ग लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत होने के बावजूद इस की मरम्मत, डामीरकरण नवंबर 2015 तक कभी नहीं किया गया? नहीं करने के क्या कारण रहे तथ्यों सहित जानकारी दी जावें? (ग) क्या विभाग इस मार्ग की मरम्मत हेतु कोई योजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं मरम्मत करवाई गई है विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित मार्ग ग्रामीण श्रेणी अंतर्गत कच्चा मार्ग होने के कारण डामरीकरण नहीं कराया गया है। (ग) मजबूतीकरण योजना के अंतर्गत रू0 70.58 लाख का प्राक्कलन वर्तमान में परीक्षणाधीन है।
उद्योगों के निर्माण कार्य
102. ( क्र. 2483 ) श्री अजय सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2005 से प्रश्न दिनाँक तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में कौन-कौन से ऐसे उद्योगों के निर्माण कार्य आरंभ किये गये हैं, जिनमें 100 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में बनाये गये छ: औद्योगिक क्षेत्रों में से उपरोक्त अवधि में कितने उद्योग कारखाने किस-किस तारीख को बंद हो गये हैं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) वर्ष 2005 से प्रश्न दिनाँक तक मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों के क्षेत्रांर्न्गत ऐसे उद्योग जिनमें 100 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है एवं जिनका निर्माण कार्य आरंभ किया गया है। कुल इकाई-121 एवं रोजगार की संख्या-36317 है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ट्रायफेक एवं उद्योग संचालनालय के अधीन लगभग 200 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र एवं ओद्योगिक संस्थान हैं। किन 06 औद्योगिक क्षेत्रों की जानकारी चाही गई है स्पष्ट न होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
स्वरोजगार ऋण
103. ( क्र. 2521 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधानसभा अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक स्वरोजगार ऋण की किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कितने हितग्राहियों ने ऋण प्राप्त करने हेतु आवेदन किये, योजनावार संख्या बतलावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने आवेदन कितनी राशि के प्रस्ताव पास कर किस बैंक को भेजे गये? कितनों के स्वरोजगार ऋण प्राप्त करने के आवेदन किन कारणें से निरस्त किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बैंकों को भेजे गये स्वरोजगार ऋण आवेदनों में से किस-किस कार्य हेतु कितने आवेदनों को कितना ऋण स्वीकृत किया गया? कितने आवेदन बैंक द्वारा किस कारण से पास नहीं किये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बैंकों द्वारा प्रदत्त स्वीकृत ऋण अनुसार हितग्राहियों को दी गई आर्थिक सहायता की राशि क्लैम सेटलमेंट प्रतिक्रिया अंतर्गत नोडल बैंकों के माध्यम से कब कितनी राशि प्राप्त की गई? बैंकों को भेजे गये हितग्राहियों के ऋण प्रस्तावों को मंजूर न करने पर बैंकों पर शासन कब क्या कार्यवाही करेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी निम्नानुसार हैः-
वित्तीय वर्ष |
योजना का नाम |
संख्या |
2013-14 |
1 (i) मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना |
474 |
(ii) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
02 |
|
2014-15 |
2 (i) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
- |
(ii) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
251 |
|
(iii) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
- |
|
2015-16 |
3 (i) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
- |
(ii) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
328 |
|
(iii) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
01 |
(ख) जानकारी निम्नानुसार हैः-
वित्तीय वर्ष |
योजना का नाम |
संख्या |
राशि (रूपये लाखों में) |
2013-14 |
1 (i) मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना |
474 |
894.10 |
(ii) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
02 |
35.00 |
|
2014-15 |
2 (i) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
- |
- |
(ii) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
251 |
1013.51 |
|
(iii) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
- |
- |
|
2015-16 |
3 (i) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
- |
- |
(ii) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
328 |
1445.55 |
|
(iii) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
01 |
25.00 |
टास्क फोर्स कमेटी द्वारा कोई भी प्रकरण निरस्त नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'ब' 'स एवम् 'द' अनुसार है। शेष प्रकरण बैंको द्वारा लक्ष्यपूर्ति/वायबल नहीं/डिफाल्टर आदि होने के कारण स्वीकृत नहीं किए गए अथवा स्वीकृति की प्रक्रिया में है। (घ) क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया के निर्देशों के अनुसार बैंक शाखायें समय-समय पर हितग्राहियों की स्वीकृत परियोजना राशि के विरूद्ध पात्रता अनुसार मार्जिन मनी अनुदान नोडल बैंकों के माध्यम से सीधे प्राप्त कर हितग्राहियों के खाते मे समायोजित करती है जिसकी जानकारी संधारित नहीं है। बैंकों से जिले का लक्ष्य पूर्ण हो जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के संदर्भ में
104. ( क्र. 2522 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में सन् 2013-14 में नैक टीम आगमन के पूर्व क्या 97 कम्प्यूटर की खरीद की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त कम्प्यूटर किसकी मंजूरी से किसके द्वारा कब किस दर से किस कम्पनी से खरीदे गये एवं वर्तमान समय में ये किस स्थिति में है एवं इनका क्या उपयोग हो रहा है? क्या इनकी खरीद बिना ई-टेंडर का पालन किये नियम विरूद्ध की गई? यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोंषियों पर कार्यवाही करेगा? (ख) क्या सन् 2014 में नेक टीम के आगमन के पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा खुली निविदा बुलाये बगैर नियम विरूद्ध 1465 पर्दे (9,42,000/-) नौ लाख बयालिस हजार रूपये में खरीदे एवं नियम विरूद्ध करोड़ों रूपये की अन्य सामग्री की खरीद की गई? सन् 2014 में नेक टीम के आगमन के पूर्व कितनी-कितनी लागत से कौन से निर्माण कार्य एवं कौन-कौन सी सामग्री की खरीद की गई एवं इस वित्तीय अनियमितताओं का दोषी कौन है? क्या शासन इन सभी की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? (ग) वर्तमान में यहां पर कुल सचिव के पद पर कौन कब से पदस्थ है बतलावें एवं यह भी बतलावें की क्या उनके विरूद्ध अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय रीवा में पदस्थी के समय का मामला लोकायुक्त के समय का विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या यह विश्वविद्यालय की गरिमा के अनुकूल है? यदि नहीं, तो क्या प्रशासन इन्हें अलग कर इनके कार्यकाल में हुये भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2014-15 में नेक टीम आगमन के पूर्व 79 कम्प्यूटर की खरीद की गई थी। सक्षम प्रशासनिक स्वीकृति उपरांत विश्वविद्यालय द्वारा नवंबर 2014 में कॉन्फिग्रेशन अनुसार 54,844/- (चउवन हजार आठ सौ चवालीस), 35,444/- (पैंतीस हजार चार सौ चवालीस) एवं 56,956/- (छप्पन हजार नौ सौ छप्पन) रूपये प्रति कम्प्यूटर की दर से म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से असूस (Asus) कंपनी के कम्प्यूटर क्रय किये गये, वर्तमान स्थिति में सभी कंप्यूटर सही हैं तथा इनका उपयोग कार्यालयीन, परीक्षा, प्रायोगिक एवं शोध कार्यों में हो रहा है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। पर्दों की खरीद नियमानुसार भण्डार क्रय नियम के प्रावधानुसार की गई है, जी नहीं। नेक टीम के आगमन पूर्व पांच भवनों के कार्य निर्माणाधीन थे, जिनकी कुल लागत सात करोड़, सोलह लाख, आठ हजार सात सौ बानवे रूपये हैं। रूपये एक करोड़ बारह लाख तेईस हजार सात सौ अट्ठासी रूपये का फर्नीचर, 23 वाटर कूलर, 23 वाटर प्यूरीफायर तथा 11 अग्निशामक यंत्रों की खरीदी की गई। कोई वित्तीय अनियमितता नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) डॉ. मगनसिंह अवास्या दिनाँक 07.03.2013 से पदस्थ हैं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
रोजड़ा (कालापत्थर) से फोंगरया मार्ग निर्माण
105. ( क्र. 2534 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिचोली खंड (बैतूल) में फोंगरया सड़क की आवश्यकता है? (ख) क्या ग्राम फोंगरया चारो तरफ से रोजड़ा (कालापत्थर) से घिरा है? आवागमन हेतु मार्ग निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो बजट में प्रस्तावित हुआ था? (ग) चिचोली खंड के मार्ग निर्माण की मांग जनहित में है क्या आगमी बजट में उक्त मार्ग शामिल होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, जी हाँ, जी नहीं। (ग) जी हाँ, वित्तीय संसाधन की उपलब्धता अनुसार निर्णय लिया जावेगा।
सारनी परिक्षेत्र उ. वन मंडल में गांवों का सर्वे
106. ( क्र. 2535 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चोपना क्षेत्र (बैतूल) उ. वन मंडल सा.-सारनी परिक्षेत्र में वन विभाग विस्थापन हेतु ग्रामों में सर्वे कार्य प्रारंभ किया हैं? (ख) क्या ग्रामीणों को हटाया जाकर सतपुड़ा अभ्यारण्य में वन्य पशु हेतु गाँव खाली होंगे? (ग) सतपुड़ा टाइगर प्रोजेक्ट होशंगाबाद को बैतूल राजस्व विभाग के किन-किन ग्राम तक विस्तार का प्रस्ताव है? (घ) बैतूल के राजस्व ग्राम खाली करवाने का क्या औचित्य है? आदिवासी/जनता का व्यवस्थापन कहाँ होगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में ग्रामीणों की सहमति से विस्थापन कार्य किया जा सकेगा। (ग) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद का वर्तमान में विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) बैतूल जिले के किसी भी राजस्व ग्राम को खाली नहीं कराया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिला अंतर्गत वृक्षारोपण
107. ( क्र. 2562 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत वृक्षारोपण अभियान के तहत विगत 02 वर्षों में किन-किन स्थानों में वृक्षारोपण किये गये? स्थान सहित वृक्षों की संख्या स्पष्ट करें? (ख) जिन स्थानों पर वृक्षारोपण हुये है उनका रख-रखाव कैसे हो रहा है? सिंचाई आदि की सुविधा के बारे में बताते हुये उनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय रोपण क्षेत्रों का रख-रखाव रोपण योजना के अनुसार विभागीय अमले एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के द्वारा किया जाता है। विभागीय रोपण वर्षा आधारित है। अत: पानी का स्त्रोत न होने पर सिंचाई नहीं की जाती है। हरियाली महोत्सव वर्ष 2014 में निजी संस्था/निजी व्यक्तियों द्वारा अपनी जमीनों पर किये गये वृक्षारोपणों का रख-रखाव एवं सिंचाई आदि का कार्य किया जाता है।
वन ग्रामों की भूमि को आबादी घोषित करना
108. ( क्र. 2589 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले की कराहल, विजयपुर एवं वीरपुर तहसील में कुल कितनी ग्राम पंचायतें हैं व उक्त पंचायतों में कुल कितने गांव है? उक्त गांवों में से कुल कितने वन ग्राम है? यह वन ग्राम कब से बसे हैं तथा वर्तमान में इनमें कितनी आबादी बसी हुई है? (ख) कराहल तहसील में बसे हुए वन ग्राम कब से बसे है? क्या उक्त ग्राम कभी राजस्व ग्राम भी रहे हैं? उक्त ग्राम पीढी दर पीढ़ी के होने के बाद भी वन अधिकारी कभी भी गांव उठाने के नोटिस देते हैं? यदि हाँ, तो इन ग्रामीणों को परेशान करने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के ग्रामों की बसाहट की भूमि आबादी घोषित नहीं होने के कारण के.सी.सी., मुख्यमंत्री आवास आदि योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है साथ ही वन विभाग द्वारा इन ग्रामों में बसी आबादी को अतिक्रमण बता कर बेदखली के नोटिस दिए जा रहे हैं? क्या इस प्रकार के नोटिस दिया जाना मानव अधिकारों का हनन है? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे नोटिस देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर इन ग्रामों को राजस्व ग्राम या आबादी को बसाहट घोषित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) श्योपुर जिले की कराहल, विजयपुर एवं बीरपुर तहसील में कुल 121 ग्राम पंचायतें हैं व उक्त ग्राम पंचायतों में कुल 321 गांव हैं। शासन की अधिसूचना क्रमांक-3263-दस-62 दिनाँक 26.04.1962 से श्योपुर जिले के 44 वनग्रामों की बसाहट की भूमि प्रबंधन हेतु राजस्व विभाग को हस्तांतरित की गयी। ये सभी वनग्राम मध्य भारत के समय से ही अस्तित्व में थे। इन 44 वनग्रामों की कुल आबादी 32741 है। (ख) उत्तरांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में श्योपुर जिले के तहसील कराहल में बसे वनग्राम मध्य भारत राज्य के समय ही अस्तित्व में थे। वन अधिकारियों द्वारा उक्त ग्राम उठाने हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-80 ‘अ‘ के तहत कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश ‘क‘ के वनग्रामों की बसाहट की भूमि का निर्वनीकरण न होने से उनका वैधानिक स्वरूप आज भी आरक्षित वन होने से विकास के कार्य नियमानुसार सक्षमतानुसार स्वीकृति लेकर किये जा सकते है। बसाहट की भूमि पर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-80 ‘अ‘ के तहत बेदखली का नोटिस नहीं दिया गया है। अतः मानव अधिकार के हनन का प्रश्न एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इन ग्रामों की बसाहट की भूमि आबादी घोषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्राध्यापकों के अप-डाउन करने पर रोक
109. ( क्र. 2601 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुजालपुर एवं कालापीपल शासकीय महाविद्यालयों में संकायवार कितने प्राध्यापक/ सहा. प्राध्यापक पदस्थ हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापक/ सहा. प्राध्यापक मुख्यालय पर निवास करते है? यदि नहीं, तो कहाँ से अप-डाउन करते है? जो अप-डाउन करते है उनकी सूची देवें? (ग) शासन की नीति के अनुसार क्या प्राध्यापक/सहा. प्राध्यापक को अपने मुख्यालय पर निवास करना अनिवार्य है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो शासकीय महाविद्यालय कालापीपल में पदस्थ प्राध्यापक जो प्रभारी प्राचार्य भी हैं, उज्जैन से अप-डाउन करते है? क्या उन पर महाविद्यालय हित में रोक लगायी जायेगी? (घ) क्या शासकीय महाविद्यालय शुजालपुर में पदस्थ वाणिज्य संकाय के सहा. प्राध्यापक सीहोर से अप-डाउन करते है? यदि हाँ, तो क्या उनके अप-डाउन पर महाविद्यालय हित में रोक लगाई जावेगी या क्या कार्यवाही की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर एवं टीकमगढ़ में उद्योग की स्थापना
110. ( क्र. 2619 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ, कब से कौन-कौन से कार्यों का उद्योग स्थापित है, जिसमें कितने व्यक्तियों को क्रमश: रोजगार प्रदाय किया जा रहा है? उनकी संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि दोनों जिलों में कहाँ-कहाँ, किस-किस कार्य का उद्योग विभाग द्वारा कारखाना खोले जाने की योजना है? (ग) क्या खजुराहो जिला छतरपुर में खजुराहो इन्वस्टर्समीट का आयोजन किया गया था? तो कब? अगर हां, तो इससे टीकमगढ़, छतरपुर एवं पन्ना जिलों को प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्य करवाकर क्या लाभ हुआ है और कौन-कौन से उद्योग स्थापित किये जा चुके हैं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि कितनी-कितनी लागत के कहाँ-कहाँ कौन-कौन से उद्योग लग चुके हैं और कौन-कौन से कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी लागत के लगना शेष हैं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2011 से 2015 तक कुल 139 विनिर्माण उद्योग स्थापित हुये हैं, जिनमें 1223 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हुआ है, इसी प्रकार टीकमगढ़ जिले में उक्त अवधि में कुल 986 विनिर्माण उद्योग स्थापित हुये हैं, जिनमें 2730 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) उद्योग विभाग द्वारा कोई कारखाना नहीं खोला जाता है अपितु स्थापित होने वाले उद्योगों को पात्रतानुसार सुविधाएं प्रदान की जाती है। (ग) जी हाँ। इन्वेस्टर्स मीटस खजुराहो, जिला छतरपुर में दिनाँक 15-16 जनवरी 2007 एवं ग्लोबल इन्वेस्टस्र समिट 2010 का आयोजन दिनाँक 29 से 30 अक्टूबर 2010 को किया गया था। उक्त आयोजन में टीकमगढ़, पन्ना एवं छतरपुर जिले के लिए जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स अनुसार परियोजनाओं हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए है, इनकी अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब एवं स अनुसार है।
D-MAT 2015 परीक्षा केन्द्र
111. ( क्र. 2632 ) श्री जितू पटवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति को 08.10.2015 को 3 से 6 बजे तक सम्पन्न (DMAT) परीक्षा के बायोमेट्रिक डाटा किस-किस केन्द्र से कितनी बजे प्राप्त हुए तथा निजी स्कोर तथा निजी रैंक अभ्यार्थियों को कितनी बजे S.M.S. की गई? (ख) 52 केन्द्र क्या मा. उच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार थे? किन केन्द्रों पर विगत 3 वर्षों में 20 से अधिक रेल्वे, बैंक, इत्यादित परीक्षा आयोजित की गई तथा कौन-कौन से केन्द्र निर्धारित मापदंड के अतिरिक्त थे? (ग) इन 52 केन्द्रों में से कितने केन्द्रों पर 50 से कम परीक्षार्थी शामिल हुए? उन केन्द्रों नाम, परीक्षार्थी नाम, पिता नाम, पता अनुक्रमांक तथा प्राप्तांक बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
पी.एम.टी. परीक्षा
112. ( क्र. 2633 ) श्री जितू पटवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा 2006 से 2013 तक किस-किस वर्ष की परीक्षा रोल-नम्बर आवंटन प्रक्रिया की जाँच कर कितने अभ्यार्थियों को रोल नम्बर सेटिंग के आधार पर उनकी पात्राता समाप्त की गई? वर्ष अनुसार सूची नाम-पिता का नाम अनुक्रमांक परीक्षा में प्राप्तांक सहित देवे? (ख) प्रश्नांश (क) के सूची में से कौन-कौन अभ्यार्थी किस-किस शासकीय अथवा निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेशित है? अथवा अध्ययन पूर्ण कर चुके है? उसकी सूची दे तथा बतावें कि क्या उनको महाविद्यालयों में प्रवेश निरस्त कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची की जानकारी गृह विभाग के (STF) को विवेचना कर प्रकरण दर्ज करने हेतु किस-किस दिनाँक को भेजी गई तथा उन पर प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं? विभाग के किन-किन अधिकारियों कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किया गया? प्रकरण क्रमांक एवं दिनाँक बतावे? (घ) व्यापम द्वारा रोल नम्बर आवंटन में सेटिंग की जाँच किस-किस वर्ष की पीएमटी परीक्षा की जाँच यह किसके द्वारा तय किया गया? वर्ष 2000 के बाद वाली पीएमटी परीक्षा की जाँच की जायेगी या नहीं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
विधान सभा प्रश्न का जानबूझकर गलत जवाब देने संदर्भ में
113. ( क्र. 2641 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3266 दिनाँक 30.07.2015 के (ग) प्रश्न में दिनाँक 01.04.12 से 31.05.15 तक जानकारी दी गई लेकिन (घ) के उत्तर में दिनाँक 01-04-2015 से 31-05-2015 कर दी गई क्यों? कारण बतावें? संबंधितों पर पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें? (ख) संदर्भित प्रश्नांश के (घ) का पूर्ण उत्तर देवें? इसी प्रश्न के (क) में जानकारी एकत्र करने का उत्तर दिया गया था उसकी भी जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के प्रश्न क्रमांक 3266 दिनाँक 30.07.2015 के ''ग'' प्रश्न के उत्तर में दिनांक 01.04.2012 से 31.05.2015 तक की जानकारी दी गई थी। लेकिन प्रश्नांश ''घ'' में अपूर्ण कार्यों संबंधी जानकारी पूछने पर उत्तरांश ''घ'' में दिनांक 01.04.2015 से 31.05.2015 तक ही जानकारी इसलिये दी गई थी क्योंकि उत्तरांश ''ग'' में दी गई जानकारी अनुसार 01.04.2012 से 31.03.2015 तक के समस्त स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके थे। वित्तीय वर्ष 2015-16 के अन्तर्गत दिनाँक 04.04.2015 से 31.05.2015 तक जो कार्य अपूर्ण थे उन्हीं कार्यों के सम्बन्ध में उत्तरांश ''घ'' में जानकारी दी गई थी। अत: संबंधितों पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संदर्भित प्रश्नांश ''घ'' का पूर्ण उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। संदर्भित प्रश्नांश ''क'' की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
जबलपुर संभाग में वन भूमि की लीज
114. ( क्र. 2642 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01-01-09 से 31-07-2015 तक जबलपुर संभाग में वन भूमि किन फर्मों/कंपनियों/व्यक्तियों को लीज पर दी गई? नाम, वन भूमि रकवा, लीज शर्तों सहित बतावें? (ख) वैकल्पिक वृक्षारोपण, एन.पी.व्ही. औषधीय वृक्षारोपण, लीज किराया एवं स्वीकृति अनुसार अन्य राशियां जमा किए जाने के प्रावधान प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी राशि जमा की गई? प्रत्येक फर्म व्यक्ति, कंपनी की जानकारी प्रत्येक मद के अनुसार पृथक-पृथक देवें? (ग) प्राप्त राशि से वैकल्पिक वृक्षारोपण एवं औषधीय वृक्षारोपण जिन स्थानों पर किया गया उसकी जानकारी देवें? (घ) (ख) अनुसार जिन मदों में राशि नहीं जमा की गई वे कब तक जमा कर दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर में मॉडल स्कूल का निर्माण
115. ( क्र. 2653 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन के महिदपुर नगर में मॉडल स्कूल कब स्वीकृत हुआ था? इसकी लागत, पूर्णता दिनाँक सहित बतावें? (ख) अभी तक कितनी राशि कब-कब आहरित की जा चुकी है? (ग) कार्य में विलंब के लिए ठेकेदार पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनाँक 31.02.2012 को। लागत रू. 297.00 लाख। पूर्णता दिनाँक 16.01.2015। (ख) व्यय राशि रू.47,22,239.00 दिनाँक 27.12.2013 को, रू. 27,26,252.00 दिनाँक 28.04.2014 को, रू. 26,63,414.00 दिनाँक 18.09.2014 को, रू. 22,54,401.00 दिनाँक 21.11.2014 को रू. 40,04,612.00 दिनाँक 13.07.2015 एवं रू. 24,49,319.00 दिनाँक 28.10.2015 को इस प्रकार अब तक कुल व्यय राशि रू. 1,88,20,237.00। (ग) कार्य में विलम्ब के लिए ठेकेदार को अर्थ दण्ड की पूर्ति के लिये अन्तरिम राशि रू. 1,20,138.00 एवं रू. 24,493.00 रोकी गई है। अर्थदण्ड की राशि का अंतिम निर्णय कार्य पूर्ण होने पर गुण-दोषों के आधार पर लिया जावेगा। विलंब हेतु ठेकेदार को संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. उज्जैन के पत्र क्र. 1316 दिनाँक 30.07.14 एवं पत्र क्र. 1879 दिनाँक 27.10.2014 द्वारा समान्य नोटिस देकर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। संभागीय परियोजना यंत्री के पत्र क्र. 74 दिनाँक 10.01.2015 द्वारा ठेका विखण्डन के लिये धारा 3 सी का भी नोटिस जारी किया गया है, नोटिस के बाद ठेकेदार ने कार्य की गति को आगे बढ़ाया है एवं अब कार्य फाइनल स्तर पर है। जो मार्च 2016 तक पूर्ण होना संभावित है।
नवीन मार्ग स्वीकृति संबंध में
116. ( क्र. 2656 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेरे विधानसभा प्रश्न क्रं. 3265 दि. 30-07-2015 में बताया गया कि महिदुपर के खेड़ा खजूरिया से कुंडीखेड़ा मार्ग के संधारण के लिए रिन्यूवल व मजबूतीकरण मद में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है? क्या यह प्रस्ताव तैयार हो गया है? प्रस्ताव तैयार होने के बाद इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) इसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ग) यदि प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ है या उसके बाद इसके कार्य में प्रगति नहीं हुई तो इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में परीक्षणाधीन है। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर अनुसार। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
काचाल-कट्ठीवाड़ा मार्ग निर्माण
117. ( क्र. 2672 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-अलीराजपुर का काचला-कट्ठीवाड़ा मार्ग व्हाया हरोड, खरकालि रोड की स्वीकृति दिनाँक, लागत, पूर्णता दिनाँक सहित बतावें? (ख) जिस फर्म को उपरोक्त कार्य का टेंडर मिला उसने अभी तक कितना कार्य किया, कितनी राशि आहरित की? (ग) क्या कार्य गुणवत्ताहीन होने, अपूर्ण होने के लिए इस पर क्या कार्यवाही की गई है? कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनाँक 14.11.2006, रूपये 236.95 लाख, कार्य अपूर्ण। (ख) मार्ग निर्माण हेतु दो अनुबंध निष्पादित किये गये। प्रथम अनुबंध के अंतर्गत रूपये 286.00 लाख लागत राशि का ठेका श्री संजय कुमार शाह तथा द्वितीय अनुबंध लागत राशि रूपये 49.90 लाख का ठेका श्री मेहर इंजीनियरिंग एण्ड कान्ट्रेक्टर बंजारी (महू) को दिया गया। श्री संजय कुमार शाह द्वारा 6.00 कि.मी. डामरीकरण एवं 21 नग पुलियों का निर्माण कार्य किया गया, जिसके लिये राशि रूपये 198.57 लाख का भुगतान किया गया। यह अनुबंध दिनाँक 17.03.2015 को अनुबंध की धारा 3 सी के प्रावधानानुसार विखण्डित किया गया। शेष कार्य मेसर्स पर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरहानपुर द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। श्री मेहर इंजीनियरिंग एण्ड कान्ट्रेक्टर बंजारी (महू) द्वारा सी.सी. कार्य 1.20 कि.मी. में पूर्ण किया गया, जिसके लिये राशि रूपये 55.27 लाख का भुगतान किया गया। (ग) उत्तरांश ‘’ख’’ अनुसार। श्री संजय कुमार शाह द्वारा कार्य पूर्ण न करने के कारण उनका पंजीयन निलम्बित कर दिया गया। अनुबंधानुसार कार्य दिनाँक 14.03.2016 तक पूर्ण किया जाना है।
प्रदेश में संचालित इंजीनियरिंग संस्थान
118. ( क्र. 2673 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने शासकीय, अशासकीय इंजीनियरिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं? जिलावार नाम सहित सूची देवें? विगत 3 वर्षों में इनकी कुल सीट संख्या, दर्ज संख्या, रिक्त संख्या सहित जानकारी संस्थावार, जिलावार बतावें? (ख) विगत तीन वर्षों में इनमें जिन संस्थाओं में सीटें बढ़ी उनकी जानकारी देवें? कितनी सीटें छात्रों के अभाव रिक्त रही जिलावार, वर्षवार बतावें? (ग) विगत 04 वर्षों में कितने नए शासकीय, अशासकीय इंजीनियरिंग संस्थान, कितनी सीटों के साथ स्वीकृत होकर प्रारंभ हो गए हैं? जिलावार, वर्षवार बतावे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में 05 शासकीय, 03 अनुदान प्राप्त, 09 स्व-वित्तीय एवं 186 निजी क्षेत्र की कुल 203 इंजीनियरिंग संस्थान शैक्षणिक सत्र 2015-16 में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट' के प्रपत्र-02 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
वनभूमि पर खनन स्वीकृतियां
119. ( क्र. 2685 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में वर्तमान में किन-किन फर्मों को वन भूमि पर खनन की स्वीकृतियां प्राप्त हैं? किन-किन फर्मों ने कब से अनुबंध किया है? स्वीकृतियों व अनुबंध की पृथक-पृथक तिथियाँ उपलब्ध करावें? (ख) ऐसी कौन-कौन सी खनन फर्में/एजेसियां है, जिन्होंने स्वीकृति के लंबे समय बाद भी अनुबंध नहीं किया है? क्या बिना अनुबंध किये सिर्फ स्वीकृति के आधार पर कंपनियों/फर्मों द्वारा खनन कार्य किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस खनन ऐजेंसी ने अब तक वर्षवार कितना-कितना, खनन किस-किस खनिज का किया है? वर्षवार, फर्मवार, खनिजवार जानकारी दें? (घ) स्वीकृति प्राप्त व अनुबंधित फर्मों द्वारा पर्यावरणीय अनुमतियों, लीज आदि के लिए जो धनराशि जमा की है उनका विवरण दें व फर्मवार शेष राशि/बकाया की जानकारी दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है।
टीकमगढ़ जिले के वन परिक्षेत्र निवाड़ी के बीट बंजारीपुरा में अतिक्रमण
120. ( क्र. 2699 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग की बंजारीपुरा बीट की वन भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण हैं? यदि हाँ, तो कितनी वन भूमियों पर कब से एवं किसके द्वारा, रकबावार, अतिक्रमणाधारी वार एवं कब्जा के समयवार, बतावें? (ख) क्या वन परिक्षेत्र अधिकारी निवाड़ी द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु वन संरक्षक महोदय टीकमगढ़ को अतिक्रमण हटाने हेतु पर्याप्त पुलिस बल हेतु पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो कब एवं वनसरंक्षक महोदय द्वारा आज दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गयी और नहीं, तो क्यों, और होगी तो कब तक समय-सीमा बतावें? (ग) क्या वन विभाग की 300 बीघा जमीन पर विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से प्रश्न दिनाँक तक अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक एवं अतिक्रमण कब हटाया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। वन संरक्षक द्वारा पत्र क्रमांक 3551 दिनाँक 02.11.2015 से पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ एवं एस.डी.एम., निवाड़ी को लेख किया गया है। उत्तरांश (क) में वर्णित 28.350 हे. वनभूमि से अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही मजिस्ट्रेट तथा पुलिस बल मिलने पर की जावेगी। अतिक्रमण न हटाने हेतु किसी वन अधिकारी की मिलीभगत प्रकाश में नहीं आई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मधुबन औद्योगिक क्षेत्र विस्तार
121. ( क्र. 2701 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में औद्योगिक विस्तार की दिशा में किन-किन नये क्षेत्रों को विकसित करने की योजना शासन के पास लंबित है? (ख) क्या 23.7 हेक्टेयर में विकसित किये जा रहे मधुबन औद्योगिक क्षेत्र की भूमि का सीमांकन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक हो जायेगा? (ग) क्या वर्ष 2004 में 23.7 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक क्षेत्र मधुबन हेतु उद्योग विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है? जबकि 2003 में यही खसरा नं. वन विभाग को हर्बल नर्सरी के नाम से दी गई थी? इसके लिये कौन दोषी है तथा अब तक कौन सा आदेश प्रभावी है? (घ) नवीन स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र मधुबन को विकसित करने के साथ ही बड़ागांव (धसान) में नवीन क्षेत्र विकसित करने हेतु हेतु भूमि कि उपलब्धता कब तक कर ली जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) टीकमगढ़ जिले में औद्योगिक विस्तार हेतु औद्योगिक क्षेत्र मधुवन टीकमगढ़ क्षेत्रफल 23.7 हेक्टेयर के विकास की योजना विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, कलेक्टर द्वारा गठित संयुक्त दल द्वारा दिनाँक 14.10.2015, को सीमांकन के दौरान वन विभाग ने अवगत कराया कि हस्तांतरित भूमि वर्ष 2003 में हर्षल नर्सरी हेतु वन विभाग को दी गई थी। कलेक्टर के आदेशानुसार दिनाँक 25.05.2014 को भूमि का आधिपत्य विभाग को प्राप्त हो चुका है। (घ) औद्योगिक प्रयोजन हेतु बड़ागांव (धसांन) मे रिक्त शासकीय भूमि को चिन्हित कर भूमि की उपलब्धता हेतु तहसीलदार बड़ागांव को पत्र भेजा गया है। भूमि हस्तांतरण के उपरान्त औद्योगिक संभावनाओं को ध्यान मे रखते हुए विकसित करने की कार्यवाही की जायेगी।
टीकमगढ़ में हाकी मैदान पर ऐस्ट्रोटर्फ पर बिछाना
122. ( क्र. 2702 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में राष्ट्रीय खेल हॉकी के अखिल भारतीय स्तर के कितने शासकीय और अशासकीय आयोजन किन-किन जिलों में किन नामों से आयोजित होते है तथा शासन द्वारा उन्हें कितना आर्थिक अनुदान दिया जाता है? (ख) प्रदेश में हॉकी के कितने खेल मैदानों पर ऐस्ट्राटर्फ बिछाया जा चुका है तथा कितनों पर बिछाने की स्वीकृति दी गई है? क्या स्थान एवं मैदानों की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है? यदि हाँ, तो सूची दें? (ग) क्या हॉकी को बढ़ावा देने वाले जिला जहां बी-ग्रेड के अखिल भारतीय स्तर के 2-2 आयोजन होते हैं? उस टीकमगढ़ में ऐस्ट्रोटर्फ बिछाने की कोई योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? हां तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा हॉकी के अखिल भारतीय स्तर के शासकीय आयोजन नहीं किये जाते है तथा अशासकीय स्तर के आयोजन की जानकारी विभाग में संकलित नहीं की जाती है। विभागीय अनुदान नियमों में अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु अधिकतम राशि रू. 50,000/- प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (ख) 5 मैदानों पर हॉकी का एस्ट्रोटर्फ बिछाया जा चुका है। मात्र रानीताल जबलपुर में स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में किसी अन्य मैदान पर स्वीकृति नहीं दी गई है। शिवपुरी, दमोह, इंदौर, होशंगाबाद एवं मंदसौर में हॉकी एस्ट्रोटर्फ की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध हो गई है। (ग) टीकमगढ़ में एस्ट्रोटर्फ बिछाने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पुराने
तहसील
कार्यालय भवन
का उपयोग
1. ( क्र. 120 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की तहसील कार्यालय ब्यावरा का पुराना भवन जो दो मंजिला होकर रिसायतीकाल निर्मित हुआ था भवन में तल मंजिल में माननीय न्यायालय एवं प्रथम तल पर तहसील कार्यालय संचालित होता था? किंतु नवीन न्यायालय भवन निर्मित हो जाने व इसी प्रकार तहसील कार्यालय का भी नवीन भवन बन जाने से उक्त कार्यालय स्थानांतरित हो गये है? पुराना भवन मरम्मत के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो रहा है एवं कभी भी कोई दुर्घटना भी हो सकती है? (ख) चूंकि भवन का आधार तल काफी मजबूत है तो क्या शासन लोक निर्माण विभाग से उक्त भवन का तकनीकी परीक्षण कराकर आवश्यक मरम्मत कार्य शीघ्र कराकर उक्त भवन को पूर्णत: उपयोगी बनाने का कार्य करेगा? (ग) उपरोक्तानुसार यदि हाँ, तो क्या शासन यथा शीघ्र उक्त संबंध में आवश्यक निर्देश प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में भवन में न्यायालय संचालित हो रहा हैं। तथा समय-समय पर आवश्यक मरम्मत/संधारण कार्य कराया जाता हैं। मरम्मत हेतु प्राक्कलन शासन को प्रेषित करने की आवश्यकता नहीं, भवन उपयोग में है। (ग) उत्तरांश “ख” के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
स्टेडियम के निर्माण के संबंध में
2. ( क्र. 333 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में माह अप्रैल 2013 में प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी ने बड़ौदा जिला श्योपुर में स्टेडियम निर्माण कराया जावेगा ये घोषणा की थी तो घोषणानुसार उक्त स्टेडियम का निर्माण कार्य को स्वीकृत करने में विलंब के क्या कारण हैं? (ख) क्या एल.यू.एन. द्वारा तैयार कराया गया 70 लाख का प्राक्कलन मय टी.एस. के विभागीय संचालक द्वारा पत्र क्रमांक/243 दिनाँक 15.04.2015 द्वारा सचिव खेल एवं युवा कल्याण भोपाल को शासन स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है? (ग) क्या उक्त स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति में विलंब के कारण उक्त घोषणा का क्रियान्वयन संभव नहीं हो पा रहा है, क्षेत्रीय खिलाड़ी एवं खेलप्रेमी खेल गतिविधियों से वंचित बने हुए हैं? (घ) यदि हाँ, तो घोषणा का यथाशीघ्र क्रियान्वयन कराने एवं क्षेत्रीय खिलाड़ी/खेलप्रेमियों को खेल सुविधाओं का लाभ दिलाने हेतु क्या शासन उक्त स्टेडियम के प्राक्कलन राशि का प्रावधान चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक/आगामी वर्ष के वार्षिक बजट में करके स्टेडियम निर्माण कार्य की स्वीकृति शीघ्र जारी करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में लघु उद्योग निगम से रू.70.00 लाख का प्राक्कलन प्राप्त हुआ था, प्राप्त प्राक्कलन पर परियोजना परीक्षण समिति से अनुमोदन की आवश्यकता है। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा प्रस्तुत प्राक्कलन परियोजना परीक्षण समिति के अनुमोदन के लिये प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नोत्तर ‘‘ग’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संस्कृत महाविद्यालय हनुमना को पुन: चालू किया जाना
3. ( क्र. 550 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के हनुमना में संस्कृत महाविद्यालय संचालित था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्र, शैक्षणिक स्टाफ एवं भवन की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के प्रकाश में क्या संस्कृत भाषा के उत्थान हेतु उक्त संस्कृत महाविद्यालय भवन का जीर्णोद्धार/पुनर्निर्माण कराकर शैक्षणिक स्टाफ की व्यवस्था कर संस्कृत महाविद्यालय पुन: संचालित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दमोह जिले के शासकीय महाविद्यालय में प्राध्यापक/सहा.प्राध्यापक पद की पदस्थापना
4. ( क्र. 641 ) श्री प्रताप सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के शासकीय महाविद्यालय जबेरा एवं तेन्दूखेड़ा में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक एवं अन्य स्टॉफ की पदवार संख्या कितनी है, पृथक-पृथक बतलावें? (ख) स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हुए हैं तथा कितने रिक्त हैं? (ग) महाविद्यालय में रिक्त पदों की पद पूर्ति विषयवार कब तक कर दी जावेगी, समय-सीमा बतलावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रकियाधीन है। पूर्ति की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
खरपड़ी रोड से धतुरिया राम तक रोड का निर्माण
5. ( क्र. 709 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के खरपड़ी रोड से धतुरिया राम तक रोड स्वीकृत हैं? (ख) यदि स्वीकृत है, तो किस योजना के अंतर्गत स्वीकृत हैं? यदि नहीं, तो क्षेत्रवासियों के हित में उक्त रोड स्वीकृत होगा? (ग) उक्त सड़क निर्माण हेतु क्या विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में कोई नहीं।
जगदीशपुर से गुराडिया तक रोड निर्माण बाबत्
6. ( क्र. 710 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जगदीशपुर से ग्राम गुराडिया तक रोड स्वीकृत है? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ग) कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। विभागीय बजट में न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है।
गुना में कोन्याकला से नेवली मार्ग की निर्माण
7. ( क्र. 776 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में कोन्याकला से नेवली मार्ग निर्माण का अनुबंध ए.के. शिवहरे ब्यावरा को दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन के किस नियम के अनुसार कितनी-कितनी राशि की एफ.डी.आर. जमा करने का नियम है, नियम की छायाप्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के नियमानुसार कितनी-कितनी राशि की एफ.डी.आर. अनुबंध के साथ जमा कराई? विवरण छायाप्रति सहित देवें? (घ) शासन नियम के विरूद्ध कम राशि की एफ.डी.आर. जमा कराने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषी अधिकारी को निलंबित किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। नियम की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। नियमानुसार परफारमेंस गारन्टी की राशि कार्य की लागत रू. 384.61 लाख का 5 प्रतिशत रू. 1923050/- एवं अव्यवहारिक दर हेतु अतिरिक्त परफारमेंस गारन्टी की राशि कार्य की लागत का (14.11-10) 4.11 प्रतिशत रू. 1580747/- होती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) कोई दोषी नहीं है, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग गुना में की जा रही अनियमितताओं की जाँच के संबंध में
8. ( क्र. 777 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में वन विभाग के अनुविभाग गुना में वर्ष 2014 से आज दिनाँक तक कितने वन्य प्राणियों की मृत्यु/शिकार उपरांत पोस्टमार्टम हुये? पोस्टमार्टम उपरांत अनुविभागीय अधिकारी (वन) अनुविभाग गुना की मौजूदगी में मृत वन्य प्राणियों का शवदहन हुआ? (ख) क्या गुना जिले में मृत वन प्राणियों के पोस्टमार्टम एवं शवदहन में भारतीय वन अधिनियम 1927 में निहित प्रावधानों के अनुसार सक्षम अधिकारियों द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है तथा सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में मृत वन प्राणियों का शवदहन किया जा रहा है? अगर नहीं तो दोषी अनुविभागीय अधिकारी (वन) अनुविभाग गुना के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) गुना जिले में ग्राम वन समितियों के आहरण अधिकार किसके पास है तथा वर्तमान में कौन आहरण कर रहा है? ग्राम वन समितिवार जानकारी देवें? ग्राम वन समिति अन्तर्गत वन क्षेत्र में सुरक्षा हेतु गठित विकास दलों एवं विकास दूतों को वित्त विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार ई-पेमेंट के माध्यम से मानदेय का भुगतान क्यों नहीं किया गया? (घ) गुना जिले में वर्ष 2015 में तेंदू पत्ता संग्रहण के दौरान तेंदू पत्ता संग्राहकों को म.प्र. शासन द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान किये जाने के उपरांत भी नगद भुगतान क्यों किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) गुना, जिले के प्रश्नांकित अनुविभाग में प्रश्नांकित अवधि में वन्यप्राणियों की मृत्यु/शिकार के 46 प्रकरणों में 49 वन्यप्राणियों के पोस्टमार्टम हुये। पोस्टमार्टम उपरांत अनुविभागाधिकारी (वन) अनुविभाग गुना की मौजूदगी में 25 वन्यप्राणियों का शवदहन हुआ। शवदहन के समय उपस्थित वरिष्ठतम अधिकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 में मृत वन्यप्राणियों के पोस्टमार्टम एवं शवदहन का कोई प्रावधान नहीं है। मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के पत्र क्रमांक/ प्रबंध/830, दिनाँक 08.06.1994 में मृत वन्यप्राणियों को जलाकर नष्ट करने की प्रकिया का उल्लेख किया गया है। सक्षम अधिकारी (पशु चिकित्सक) द्वारा ही पोस्टमार्टम किया जाता है तथा यथासंभव सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में ही मृत वन्यप्राणियों का शवदहन किया जा रहा है। अपरिहार्य परिस्थितियों में ही सक्षम अधिकारी की अनुपस्थिति के कारण उनके अधीनस्थ अधिकारी की उपस्थिति में शवदहन करना पड़ा है। इसमें अनुविभागीय अधिकारी (वन) अनुविभाग, गुना का कोई दोष नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश शासन के परिपत्र क्रमांक/एफ-16-4/1991/10-2, दिनाँक 19.05.2014 के अनुसार संयुक्त वन प्रबंधन समिति के विकास खाते में जमा राशि का आहरण संबंधित संयुक्त वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अथवा सचिव एवं उस वन क्षेत्र के प्रभारी वनरक्षक/वनपाल एवं पदेन सदस्य के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा। समिति के खाते की राशि समिति द्वारा स्वयं अर्जित राशि होती है। अत: इस राशि का आहरण संबंधित संयुक्त वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा। गुना जिले में ग्राम वन समितियों द्वारा उपरोक्त प्रावधान अनुसार ही आहरण किया जा रहा है। ग्राम वन समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। ग्राम वन समिति अंतर्गत वन क्षेत्र में सुरक्षा हेतु गठित विकास दलों एवं विकास दूतों को भुगतान समिति द्वारा किया जाता है। विभाग द्वारा समिति को वित्त विभाग के दिशा निर्देशों के अनुसार ई-पेमेन्ट के माध्यम से ही मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। (घ) वर्ष 2015 तेन्दूपत्ता संग्रहण काल में संग्रहित तेन्दूपत्ते के पारिश्रमिक की राशि के तत्समय ई-पेमेन्ट के निर्देश न होने के कारण तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक का नगद भुगतान किया गया।
रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराने के संबंध में
9. ( क्र. 891 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले की जावरा एवं अशोकनगर जिले की मुगावली विधानसभा क्षेत्र के बैंकों में प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री/स्वरोजगार योजना व अन्य रोजगार योजना विगत 5 वर्षों में कुल कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ व प्राप्त लक्ष्य में से कितने-कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु ऋण उपलब्ध कराया गया? (ख) चालू सत्र में विधानसभा क्षेत्र की कितनी-कितनी बैंकों ने प्राप्त बजट में से कितना-कितना लोन स्वीकृत किया है व कितना-कितना शेष है व क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में क्षेत्र की विभिन्न बैंकों में स्वंय के रोजगार चलाने हेतु कितने-कितने आवेदकों ने आवेदन दिये? उसमें से कितने-कितने स्वीकृत किये गये, कितने निरस्त हुए एवं कितने लंबित हैं, कितने-कितने लोगों को बैंक के पास बजट होने के बाद भी लोन नहीं दिये गये व क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैंकों को ऋण राशि के लिए कोई बजट आवंटन नहीं किया जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार है।
अशोकनगर जिले में सड़कों की मरम्मत हेतु खर्च राशि
10. ( क्र. 893 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी कहाँ से कहाँ तक कितनी सड़के है व उनकी मरम्मत पर विगत 3 वर्षों में कितना-कितना खर्च किया गया? (ख) विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कों को अपने विभाग के अंतर्गत है के प्रस्ताव विभाग के पास है व किन-किन सड़कों को मेजर डिस्ट्रीक्ट रोड में लिया गया विवरण दें? (ग) पूर्व अतारांकित प्रश्न संख्या-115 (क्रमांक 2767), दिनाँक 30.07.2015 के उत्तर में यह नहीं बताया गया कि कितनी मेजर डिस्ट्रीक्ट रोड के प्रस्ताव सेन्ट्रल रोड फण्ड हेतु भेजे गये व वर्तमान में कहाँ लंबित है व कब से है दिनाँक सड़क सहित विवरण दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
प्रदेश में गिद्ध पक्षियों की संख्या में कमी आना
11. ( क्र. 938 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन्या भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग में विलुप्त हो रहे गिद्ध का सर्वे कराया था? यदि हाँ, तो कब और सर्वे में कितनी संख्या में गिद्ध पाये गये? (ख) क्या गिद्धों की संख्या में लगातार कमी आ रही है? यदि हाँ, तो इसके कारण क्या है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में गिद्धों के संरक्षण हेतु विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय हुई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पालतू पशुओं के शव, जो गिद्धों का भोजन है, में डाईक्लोफिनेक दर्द निवारक दवा का उपलब्ध रहना गिद्धों की मृत्यु का मुख्य कारण है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
PWD सड़क निर्माण
12. ( क्र. 1004 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेंवढ़ा एवं इंदरगढ़ तहसील में थरेट-बेहट, आलामपुर-देभई, चीना-दिगुवां, ररूवाराय-ऊंचिया मार्गों का निर्माण कराया गया? मार्गों का निर्माण कौन-कौन सी एजेन्सी द्वारा लागत राशि एवं उसके मापदण्ड तथा गुणवत्ता की जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) उक्त रोडों के निरीक्षण कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा किये गये उनके नाम एवं पद सहित उनके द्वारा दिये गये प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध कराया जावे? (ग) क्या उक्त रोडों में डामर का कम उपयोग हुआ है, रोड की मोटाई पर ध्यान न रखकर, एवं साइडें नहीं बनाई गई है अर्थात् गुणवत्ता का ख्याल न रखते हुये निर्माण कार्य हुआ परिणामस्वरूप रोडें उखड़ने लगी है, उनमें गड्ढे होने लगे है? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावे और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। प्रतिवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित मार्गों के निरीक्षण प्रतिवेदनों में जारी निर्देशानुसार मार्गों पर सुधार कार्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग के तालाबों की स्थिति
13. ( क्र. 1043 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग के कौन-कौन से तालाब कहाँ-कहाँ पर है? उक्त तालाबों की वर्तमान स्थिति क्या है? तालाबवार बतावे? (ख) उक्त तालाबों में से कौन-कौन से तालाबों की पार फूटी है एवं जीर्ण-शीर्ण है? उक्त फूटी पार एवं जीर्ण-शीर्ण तालाब की मरम्मत/सुधार कार्य कब तक कराया जावेगा? यदि नहीं, कराया जाएगा तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य वन संरक्षक वृत्त शिवपुरी को वर्ष 2015 में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग के तालाबों की मरम्मत/सुधार हेतु पत्र दिया था? यदि हाँ, तो उस पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्र में वर्णित कार्य कब तक कराए जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। समस्त तालाब अन्य विभागों द्वारा निर्मित हैं। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा प्रश्नांकित पत्र दिया गया था। वन्यप्राणियों के पेयजल व्यवस्था की दृष्टि से रामपुरा तालाब का सुधार कार्य विभाग द्वारा कराया गया है, शेष तालाबों में मरम्मत सुधार वन विभाग द्वारा कराया जाना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
14. ( क्र. 1087 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वन विभाग ने वर्ष 2013-14 में कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये? कार्य का नाम, लागत राशि, कार्य ऐजेन्सी, मूल्यांकन कराने वाले कर्मचारी का नाम, कितने कार्य पूर्ण कितने अपूर्ण है जानकारी सारणी में उपलब्ध कराये? (ख) क्या निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री अच्छी क्वालिटी की है? (ग) प्रश्न क्रमांक (ख) के उत्तर में नहीं तो घटिया सामग्री लगाने के लिए कौन दोषी है? (घ) दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर जिले में वन विभाग द्वारा लगाए गए उद्योग
15. ( क्र. 1088 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनाँक तक वन विभाग द्वारा किन-किन उद्योगों के लिये कितनी-कितनी जमीन एवं पहाड़ उद्योग लगाने के लिये आवंटित किये गये, उद्योग का नाम, खसरा नं. रकबा सहित विधानसभावार बताये? (ख) क्या छतरपुर जिले की चन्दला वि.स. क्षेत्र में वन विभाग द्वारा आवंटित भूमि एवं पहाड़ों में आवंटित रकबे से ज्यादा में उद्योग लगाये है? (ग) यदि हाँ, तो क्या वन विभाग द्वारा उनका पुन: सीमांकन टीम बनाकर करवाया जायेगा? (घ) यदि आवंटित भूमि, पहाड़ में अगर सीमा से अधिक पर उद्योग लगाये गये है तो ऐसे अवैध उद्योगों को वन विभाग निरस्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) छतरपुर जिले में वन मंडल, छतरपुर वन क्षेत्र में प्रश्न दिनाँक तक वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत 09 आवेदकों को केवल खनिज उत्खनन हेतु संलग्न परिशिष्ट अनुसार कुल 153.122 हे. वन भूमि व्यपवर्तित की गई है। विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन संधारित मंदिरों का व्यवस्थापन
16. ( क्र. 1091 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में शासन संधारित मंदिरों में कितनी आय हुई व इनका व्यय किस-किस कार्य में किया गया? कृपया मंदिरवार विवरण देवें? (ख) मंदिर प्रबंध समिति के गठन हेतु क्या नियम निर्धारित हैं व प्रबंध समिति में कौन-कौन पदाधिकारी एवं सदस्य रह सकते हैं? कृपया निर्देशों की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें? (ग) सिंहस्थ 2016 के तारतम्य में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत क्या कोई कार्य स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृत कार्यों की पूर्ण जानकारी देवें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील सुसनेर में स्थित प्रमुख मंदिरों से विगत 03 वर्षों में निम्नानुसार मंदिरों मे आय एवं व्यय है।
क्र. |
मंदिर का नाम |
वर्ष |
आय |
व्यय |
1 |
श्री पिपल्याखेडा बालाजी मंदिर तहसील सुसनेर |
2013-14 |
10,41,364 रूपये |
14,31,000 रूपये |
2 |
श्री मॉ बगुलामुखी मंदिर तहसील नलखेडा |
2013-14 |
35,69,435 रूपये |
12,67,637 रूपये |
3 |
श्री गणेश मंदिर नलखेडा |
2013-14 |
95,622 रूपये |
39,353 रूपये |
|
|
कुल योग |
1,56,12,311/- |
86,63,626 |
दानपेटी से प्राप्त आय में से मंदिर की सफाई व्यवस्था, सफाई कर्मचारियों का वेतन, मंदिर पुताई, बिजली बिल जमा करना इत्यादि खर्च सम्मिलित है। श्री पिपल्या खेड़ा बालाजी मंदिर तहसील सुसनेर, मां बगुलामुखी मंदिर तहसील नलखेडा एवं गणेश मंदिर नलखेडा की वर्षवार आय व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिला आगर मालवा के शासकीय देवस्थान तथा धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन हेतु आयुक्त उज्जैन संभाग के संभागीय स्थाई आदेश क्रमांक 51 अनुसार (आयुक्त उज्जैन के पत्र क्रमांक 08613/देवस्थान/79 दिनाँक 29/5/1979) के पालन मे मंदिर प्रबंध समितियों का गठन किया जाता है। प्रबंध समिति में न्यूनतम 05 सदस्य होते है। जिसमें समिति के अध्यक्ष सामान्य रूप से अनुविभागीय अधिकारी तथा सचिव, तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार रहेंगे। अशासकीय सदस्यों की पूर्ति देवस्थान से संबंधित क्षेत्र के जनपद अध्यक्ष, विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष अथवा सदस्य,सरपंच अथवा पंच ग्राम पंचायत तथा प्रतिष्ठित नागरिकों में से की जाती है। निर्माण कार्य के संबंध में परामर्श हेतु देवस्थान क्षेत्र के सहायक यंत्री अथवा जूनियर इंजीनियर को भी सदस्य मनोनीत किया जाता है। प्रबंध समिति का गठन आयुक्त महोदय द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं।
शास. महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान व्यवस्था
17. ( क्र. 1092 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक के पद वर्तमान में रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों पर क्या अतिथि विद्वानों की सेवायें ली जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन सहा. प्राध्यापक, प्राध्यापकों की नियुक्तियां करेगा या अतिथि विद्वान व्यवस्था ही चलती रहेगी? (ग) अतिथि विद्वानों की व्यवस्था किस प्रक्रिया से ली जा रही है व इन्हें क्या मानदेय दिया जा रहा है? क्या अतिथि विद्वान व्यवस्था से शास. महाविद्यालयों के परीक्षा परिणाम सुधार हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इसका विश्लेषण शासन स्तर से किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अतिथि विद्वानों को नियमित करने या मानदेय वृद्धि करने संबंधी कोई प्रस्ताव या मांग प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजा में भिन्नता
18. ( क्र. 1103 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संजय टाइगर रिजर्व जिला-सीधी के सीमा विस्तार में तहसील कुसुमी के ग्राम कंजरा एवं बहरेवार शामिल है? यदि हाँ, तो इन दोनों ग्रामों के मुआवजा हेतु किये गये सर्वेक्षण में भिन्नता क्यों हैं? (ख) ग्राम बहरेवार में पुस्तैनी आबाद लोगों के मुआवजे में अलग-अलग मापदण्ड बनाये गये हैं? वही ग्राम कंजरा में आदिवासी परिवारों को भारी भरकम राशि स्वीकृत की गई है ऐसा क्यों? (ग) उपरोक्त दोनों गांवों के काश्तकारों के बैक खाते बिना किसी आवेदन के यूनियन बैंक में खोलकर मुआवजा राशि जमा की जा रही है, ऐसा क्यों? (घ) क्या मुआवजा राशि का भुगतान नाबालिको को भी किया गया है? (ड.) क्या उक्त प्रकरण की जाँच उच्च अधिकारियों से कराकर आवश्यक कार्यवाही करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित ग्रामों के मुआवजा हेतु किये गये सर्वेक्षण में भिन्नता प्रकाश में नहीं आयी। (ख) जी नहीं। ग्राम कंजरा के हितग्राहियों को ग्राम सभा, उपखण्ड व जिला स्तर समिति द्वारा अनुमोदन पश्चात कलेक्टर, जिला-सीधी के द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप राशि स्वीकृत की गई है। (ग) प्रश्नांकित दोनों ग्रामों को हितग्राहियों द्वारा स्वयं अपनी सुविधा हेतु नजदीकी यूनियन बैंक में खाता खोले जाने के उपरांत मुआवजा राशि जमा की जा रही है। पात्र हितग्राही को देय समस्त राशि, हितग्राही एवं उनकी पत्नी एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के संयुक्त खाते में जमा किए जाने का प्रावधान अनुरूप हितग्राहियों के संयुक्त खाते में मुआवजा राशि जमा की जा रही है। (घ) जी हाँ। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली व मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के ज्ञाप क्रमांक दिनाँक 30.10.2008, के बिन्दु क्र.-1 (ग) में प्रत्येक शारीरिक एवं मानसिक तौर पर विकलांग व्यक्ति, जो किसी भी आयु या लिंग का हो सकता है, अवयस्क अनाथ जिसके माता पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो, को भी अलग परिवार माना गया है। अत: इस प्रावधान के अंतर्गत ग्राम बहेरवार के दो नाबालिगों को भी मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। (ड.) उत्तरांश (ख) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में किसी जाँच की आवश्यकता नहीं है।
सेवा निवृत्ति के पश्चात् विभागीय जाँच तथा दंडात्मक कार्यवाही
19. ( क्र. 1116 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन वृत बालाघाट में जनवरी 2006 से सितम्बर 2015 तक सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 10 के तहत विभाग द्वारा दंडात्मक कार्यवाही की गयी है? उन सभी शासकीय सेवकों के नाम प्रकरण तथा दंडात्मक कार्यवाही सहित जानकारी दें? (ख) क्या पेंशन नियम 9 में सेवा निवृत्ति पश्चात् दंडात्मक कार्यवाही करने के अधिकार वन संरक्षक के पास नहीं हैं यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध की गयी दंडात्मक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जो अर्थदंड दिया गया है वह राशि उन्हें वापिस की जाएगी तथा कब तक की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। श्री आर. सी. नागदेवे, सेवानिवृत्त, वनक्षेत्रपाल के विरूद्ध उत्तर बालाघाट (सामान्य) वन मण्डल के अंतर्गत पूर्व बैहर सामान्य परिक्षेत्र में पदस्थिति अवधि के दौरान वर्ष 2007-08 में आर. डी. एफ. क्षेत्र के कक्ष क्र. 1602 बाहीटोला रकबा 40 है, में कराये गये वृक्षारोपण असफल पाये जाने से शासन को हुई हानि की राशि रूपये 1,13,958 के संबंध में विभागीय जाँच हेतु मंत्रि परिषद का आदेश प्राप्त किया गया था। तद्परांत विभागीय जाँच संस्थित की गई थी। विभागीय जाँच में श्री नागदेवे दोषी पाये जाने के फलस्वरूप प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मध्यप्रदेश द्वारा वसूली हेतु आदेश पारित किया गया। (ख) जी हाँ। पूर्व में जारी आदेश में प्रक्रियात्मक त्रुटि के कारण आदेश को निरस्त किया गया था, जिसे विधिवत जारी करने की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन वृत बालाघाट के अंतर्गत अपीलिय प्रकरणों का निराकरण
20. ( क्र. 1122 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन वृत्त बालाघाट के अंतर्गत सभी वन मण्डल कार्यालयों में शासकीय सेवकों के द्वारा जनवरी 2006 से अगस्त 2015 तक किये गये अपीलिय प्रकरणों की जानकारी प्रकरण के विषय तथा शासकीय सेवकों के नाम सहित देवें? (ख) अपीलीय प्रकरण का निराकरण करने के लिए क्या शासन द्वारा कोई निश्चित समय-सीमा तय की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) के अपीलीय प्रकरणों में किन-किन कर्मचारियों के प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है? यह निराकरण कब तक कर दिये जाएगे? (घ) समयावधि में अपीलीय प्रकरणों का निराकरण न करने पर क्या किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गयी है यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क), (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपील में उल्लेखित तथ्यों से संबंधित अभिलेखों के उपलब्ध कराने एवं विभिन्न स्तर के अभिमत प्राप्त करने में अतिरिक्त समय लगता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन के परिपत्र क्रमांक/एफ-6-2-74-3-1 दिनाँक 19.04.1974 में किये गये उल्लेख के अनुसार शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि अपील प्रस्तुत किये जाने की तिथि से 06 माह भीतर अपीलीय अधिकारी द्वारा उस पर अंतिम निर्णय ले लिया जाना चाहिए।
एकत्रित की गई जानकारी उपलब्ध करवाया जाना
21. ( क्र. 1184 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1413 उत्तर दिनाँक 30 जुलाई 2015 में चाही गई जानकारी संकलित नहीं की गई हो तो कारण बतावें। (ख) निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किए जाने के संबंध में शासन के क्या आदेश निर्देश हैं? इन निर्देशों के अनुसार सतपुड़ा भवन भोपाल स्थित वन मुख्यालय एवं प्रमुख सचिव वन विभाग वल्लभ भवन भोपाल में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के पत्रों की पंजी कब से संधारित की जा रही है? (ग) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल एवं प्रमुख सचिव वन विभाग भोपाल के कार्यालय में संधारित पंजी में माह जून 2014 से प्रश्नांकित दिनाँक तक प्रश्नकर्ता एवं माननीय विधायक श्री उमंग सिंघार द्वारा किस विषय पर लिखे गए पत्रों के ब्यौरे दर्ज हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संकलित की गयी। (ख) निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन संसदीय कार्य विभाग के परिपत्र दिनाँक 23.01.2002 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन, भोपाल में पंजी दिनाँक 01.03.2007 से संधारित है। (ग) प्रश्नांकित पंजी में माह जून 2014 से प्रश्नांकित दिनाँक तक प्रश्नकर्ता एवं माननीय विधायक श्री उमंग सिंघार द्वारा वन भू-अभिलेख तथा संयुक्त वन प्रबंधन आदि से संबंधित विषयों पर लिखे पत्रों के ब्यौरे दर्ज है।
यू.जी.सी के छटे वेतनमान के अनुसार पेंशन भुगतान
22. ( क्र. 1208 ) श्री मुकेश नायक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों और राज्य के विश्वविद्यालयों में सेवानिवृत होने वाले प्राध्यापकों और शिक्षकों को कब से यू.जी.सी. के छटवे वेतनमान के अनुसार ही पेंशन का भुगतान किया जा रहा है? (ख) क्या कारण है कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, गैर शिक्षाकर्मियों को और शासन के कर्मचारियों को पेंशन नियम लागू होने के बाद भी अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के सेवानिवृत हुये और वर्तमान में सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों को अभी तक पांचवें वेतनमान के अनुसार ही पेंशन भुगतान किया जा रहा है और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कारण 2014 से इन शिक्षकों को छटवाँ वेतनमान आंशिक रूप से देने के बाद भी सेवानिवृति के बाद उन्हें छठवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन ग्रेच्युटी नहीं दी जा रही है? (ग) इस विसंगति और अवैध कार्यवाही को रोकने तथा शिक्षकों को संविधान के समानता के अधिकार के अनुसार समान वेतन पेंशन ग्रेच्युटी देने के लिये शासन कब तक न्यायोचित फैसला लेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों एवं शिक्षकों की दिनाँक 01.01.2006 से एवं राज्य के विश्वविद्यालयों में 01.04.2014 से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। (ख) अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा छठवें वेतनमान में पेंशन के आदेश प्रदान नहीं किये गये हैं। (ग) उत्तरांश ‘क’ एवं ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदिर का जीर्णोद्धार
23. ( क्र. 1224 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राप्त आवंटन में से तहसील रामपुर बघेलान अंतर्गत धार्मिक स्थल रामवर परिसर के अंदर रविदास मंदिर के कायाकल्प हेतु बजट उपलब्ध कराया जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या कलेकटर सतना को इस संबंध में निर्देश दिये जायेंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय मंदिरों पर सुविधा
24. ( क्र. 1233 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने शासकीय मंदिर स्थापित हैं जहां पेयजल, ठहरने हेतु प्रतिक्षालय नहीं है? ऐसे मंदिरों पर विभाग द्वारा क्या-क्या निर्णय लिया गया है? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने शासकीय मंदिर है जिसमें शासन द्वारा कोई मदद स्वरूप किसी प्रकार की राशि स्वीकृत नहीं की गई है? (ग) विभाग द्वारा कौन-कौन सी विकास एवं अन्य योजना स्वीकृत की जाती है? (घ) शासकीय मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति एवं हटाने की क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीतामऊ मिनी आई.टी.आई. उन्नयन
25. ( क्र. 1234 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कितने शासकीय आई.टी.आई प्रशिक्षण केन्द्र हैं, सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या सुवासरा विधानसभा के सीतामऊ क्षेत्र में मिनी आई.टी.आई. कब खोला गया है? वह वर्तमान में किस स्थिति में है, कौन-कौन सी ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है? (ग) क्या सीतामऊ का मिनी आई.टी.आई. को मेन आई.टी.आई. में परिवर्तित करने के लिए विद्यार्थियों एवं जनता द्वारा मांग की जा रही है? यह मांग कब तक पूर्ण हो जावेगी? (घ) सीतामऊ मिनी आई.टी.आई. बिल्डिंग होस्टल उपलब्ध होने के बाद भी संपूर्ण ट्रेड का प्रशिक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मंदसौर जिले में कुल क्रमश: 06 शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं:- 1. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था मंदसौर, 2. मल्हारगढ़, 3. सीतामऊ, 4. शामगढ़, 5. गरौठ, 6. भानपुरा। (ख) मिनी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था सीतामऊ वर्ष 1998-99 से प्रारंभ की गई। जिसमें वर्तमान में 4 व्यवसाय क्रमश: कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, फिटर, विद्युतकार, एवं सुईग टेक्नालॉजी में प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। (ग) मिनी आई.टी.आई. सीतामउ को पूर्ण आई.टी.आई. में परिवर्तित किया जा चुका है। (घ) सीतामऊ मिनी आई.टी.आई. बिल्डिंग में उपलब्ध स्थान/क्षेत्रफल के अनुसार 04 व्यवसायों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भवन का पूर्ण उपयोग प्रशिक्षण संपादित करने में किया जा रहा हैं।
अपूर्ण पुल का निर्माण
26. ( क्र. 1272 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृपा करेंगे कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी की घोषणानुसार हटा विकासखण्ड के वरैया नाले पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी? हां, तो स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) उक्त पुल कितनी राशि से स्वीकृत किया गया था एवं उक्त कार्य की कार्य एजेन्सी क्या थी व कितनी समय-सीमा में कार्य कराने हेतु आदेशित किया गया था? (ग) क्या उक्त ऐजेंसी द्वारा कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का कार्य किया गया है? 4-5 वर्ष बीत जाने के बाद यदि कार्य न होने पर उक्त ऐजेंसी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई एवं उक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) शासन द्वारा रूपये 155.57 लाख की स्वीकृति जारी की गई थी। श्री प्रीतम राय, दमोह को दिनाँक 30-03-2012 को कार्यादेश जारी किया गया। निर्माण अवधि 14 माह वर्षाकाल छोड़कर नियत था। (ग) जी नहीं, प्रथम ऐजेन्सी श्री प्रीतम राय हटा जिला दमोह द्वारा मात्र रूपये 8.81 लाख का कार्य किया गया था। कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण ठेका अनुबंध की धारा-3 सी के तहत निरस्त किया गया एवं ठेकेदार की लागत एवं जोखिम पर निविदा आमंत्रित कर मे. सिद्धि विनायक दमोह के पक्ष में कार्यादेश दिनाँक 4-3-2014 को जारी किया गया। मे. सिद्धि विनायक दमोह द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया जिसके कारण ठेका अनुबंध की धारा-3 सी के तहत निरस्त किया गया। पुनः ठेकेदार के लागत एवं जोखिम पर निविदा बुलाई गई तथा कार्यादेश दिनाँक 9-12-2014 को जारी किया गया है। अनुबंधानुसार दिनाँक 8-06-2016 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है।
भिण्ड में महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति
27. ( क्र. 1311 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत महाविद्यालयों में कौन से पद पर कौन, कब से पदस्थ है? कौन से पद कब से रिक्त है? पद रिक्त रहने का क्या कारण है? पद पूर्ति कब तक हो जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत प्राचार्य के पद पर कनिष्ठ को पदस्थ करने के क्या मापदण्ड है? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ग) भिण्ड जिले में पद रिक्त होने के कारण शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? शासन स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे है? (घ) क्या भिण्ड में महाविद्यालयों का वरिष्ठ कार्यालय द्वारा निरीक्षण करने का प्रावधान है? विगत तीन वर्षों में किसके द्वारा कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन में क्या कमियां आई?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। स्थानान्तरण/सेवानिवृत्ति/दिवंगत तथा नवनिर्मित पदों के कारण पद रिक्त हैं। सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही लोकसेवा आयोग के माध्यम से तथा अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही व्यवसायिक परीक्षा मण्डल के माध्यम से प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) कनिष्ठ को प्राचार्य के पद पर पदस्थ करने के संबंध में कोई मापदंड/निर्देश नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 05 बार निरीक्षण किया गया, जिसमें महाविद्यालयों में नियमित शैक्षणिक/अशैक्षणिक स्टाफ की कमी दृष्टिगत हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
ऊमरी सगरा टेहनगुर मार्ग
28. ( क्र. 1312 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दि. 06.01.2015 मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग ग्वालियर 447/कामन/निरीक्षण टीप/सं/2014/614 ग्वा. दि. 14.01.2015 ऊमरी सगरा टेहनगुर मार्ग पर सुधार कार्य गुणवत्ता परीक्षण लिखा गया है? (ख) ऊमरी सगरा टेहनगुर मार्ग निर्माण पूर्ण होते ही उखड़ने लगा? मा. मंत्री लोक निर्माण के प्रवास के समक्ष गुणवत्ता खराब दिखी? गुणवत्ता परीक्षण उच्च स्तरीय करवाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ऊमरी सगरा टेहनगुर मार्ग पर गुणवत्ताहीन कार्य होने के कारण मार्ग ध्वस्त हो रहा है? रेत खदान बंद होने के कारण अत्यधिक क्षमता न गुजरने के बावजूद मार्ग ध्वस्त क्यों हो रहा है? संबंधित के विरूद्ध कब तक कार्यवाही होगी? (घ) भिण्ड जिले में गुणवत्ताहीन कार्य/समय पर कार्य न होने के कारण क्या कार्यवाही करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अनुबंध की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही का प्रावधान है। भिण्ड जिले में जवासा-सुनारपुरा मार्ग, पावई-पृथ्वीपुरा मार्ग एवं नंदीगांव सेवड़ा मार्ग के निर्माण कार्य का ठेका (निर्माण एजेन्सी मेसर्स कॉनकास्ट इन्फ्राटेक प्रा.लि. नई दिल्ली) को दिनाँक 09.04.2015 को निरस्त किया जा चुका है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मंदिरों का रख रखाव
29. ( क्र. 1347 ) श्री संजय पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संस्कृति विभाग के अंतर्गत कटनी एवं पन्ना जिले में ऐसे कितने मंदिर हैं जिन्हें शासकीय माना गया है? मंदिरों की जानाकरी तहसीलवार एवं ग्रामवार देवें? (ख) किन-किन मंदिरों का संचालन सर्वराह द्वारा और किन मंदिरों का नियंत्रण पुजारियों द्वारा किया जा रहा है? विकासखण्डवार मंदिरवार जानकारी देवें? (ग) इन मंदिरों की देखरेख हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में शासन द्वारा कितना आवंटन दिया जाता है? क्या यह आवंटन मंदिर के रख रखाव एवं उसके पुजारियों के वेतन हेतु पर्याप्त है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन क्या इन मंदिरों के रख रखाव एवं गरिमामय खर्च तथा पुजारियों के वेतन के लिए बजट बढ़ाने का प्रावधान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गाडरवारा में संचालित प्राइवेट आई.टी.आई. संस्थान
30. ( क्र. 1366 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा नगर में कितने प्राइवेट आई.टी.आर्इ. संस्थान संचालित हैं? कृपया क्रमानुसार नाम सहित बताने का कष्ट करें? (ख) क्या उक्त सभी संस्थान मान्यता प्राप्त हैं और जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं उन संस्थाओं के विरूद्ध विभाग जाँच कर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में 03 आई.टी.आई. संचालित है:- 1. महाराणा प्रताप प्रायवेट आई.टी.आई. पीजी कॉलेज के पास। 2. बृज प्रायवेट आई.टी.आई. जमौला रोड प्रशांत निलयम। 3. मारूति नंदन प्रायवेट आई.टी.आई. एल.आई.सी. बिल्डिंग सिविल कोर्ट के सामने। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहडोल जिले में धार्मिक संस्थान एवं उसकी परिसंपत्ति का रख-रखाव
31. ( क्र. 1383 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले में ऐसे धार्मिक संस्थान हैं, जिनके पास भूमि और अन्य परिसंपत्तियां हैं? यदि हाँ, तो कितनी है और प्रत्येक धार्मिक संस्थान के पास कितनी-कितनी भूमि और अन्य परिसंपत्तियां हैं, जिनके ट्रस्टी कलेक्टर शहडोल व कलेक्टर रीवा है? (ख) क्या शहडोल जिले के धार्मिक संस्थानों की परिसंपत्तियों का रख-रखाव समुचित ढंग से हो रहा है? यदि हाँ, तो प्रत्येक धार्मिक संस्थान में कृषि भूमि तथा विभिन्न प्रकारों से कितनी वार्षिक आय होती है और उनका खर्च क्या है? (ग) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर तहसील के ग्राम बनचाचर के घाटी डोंगरी में शारदा मंदिर, ब्यौहारी तहसील के मउ में चिपाठनाथ, धार्मिक स्थल हैं, जहां अधिकांश श्रद्धालु आते हैं, जहां शासकीय ट्रस्ट न होनें से समुचित विकास नहीं हो पा रहा है? क्या इन स्थानों को शासकीय ट्रस्ट के संरक्षण में लिया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन परिक्षेत्राधिकारी जयसिंहनगर द्वारा दी गई अनियमितता
32. ( क्र. 1385 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 125 (क्र. 2805) के द्वारा शहडोल जिले के वन परिक्षेत्राधिकारी जयसिंहनगर के अनियमितताओं की शिकायत सी.एम.हेल्प लाइन 578480 दिनाँक 28.12.2014 में कार्यवाही के संबंध में जानकारी चाही गई थी? (ख) संबंधित अधिकारी के विरूद्ध उप वनमंडलाधिकारी जयसिंहनगर तथा ब्यौहारी के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की बात कही गई है की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराएं? (ग) संबंधित अधिकारी श्रीमान सिंह मरावी, उप प्रबंध संचालक, उत्तर शहडोल से जाँच लंबित बताया गया है? जाँच कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी? विलंब का कारण क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) प्रश्नांश ''क'' में की गई शिकायत श्री डी. पी. तिवारी द्वारा की गई थी तथा इस शिकायत में कुल 22 बिन्दु थे, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। श्री डी. पी. तिवारी द्वारा उपरोक्त शिकायत के पूर्व जो शिकायतें की गई थी उसकी जाँच उप वनमण्डलाधिकारी, जयसिंहनगर तथा ब्यौहारी द्वारा पृथक-पृथक की गई थी। उप वनमण्डलाधिकारी, जयसिंहनगर तथा ब्यौहारी द्वारा जिन शिकायतों की जाँच की गई थी उसमें श्री तिवारी द्वारा उपरोक्त 22 बिन्दुओं की शिकायत के बिन्दु क्र. 12, 13, 14, 15, 16 एवं 20 की शिकायत सम्मिलित हैं। इन बिन्दुओं पर हुई जाँच में दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रश्नांश ''ख'' में दिये उत्तर अनुसार की गई है। श्री तिवारी द्वारा 22 बिन्दुओं की शिकायत के शेष बिन्दुओं की जाँच श्री मान सिंह मरावी, उप प्रबंधक, जिला यूनियन, उत्तर शहडोल द्वारा की जा रही है।
खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु योजना
33. ( क्र. 1400 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग शासकीय स्कूलों एवं शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु योजना संचालित कर रहा है? यदि हाँ, तो योजना का नाम, क्रियान्वयनकर्ता अधिकारी का नाम बतावें? (ख) विदिशा जिले हेतु शहरी/ग्रामीण क्षेत्र एवं शासकीय स्कूल में खेल गतिविधियों के संचालन हेतु विगत 03 वर्षों में कितनी राशि किस-किस मद में आवंटित की गई? किस-किस प्रयोजन पर राशि व्यय की गर्इ? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) उल्लेखित राशि में से प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत किस-किस ग्राम पंचायतों एवं शासकीय स्कूलों के लिये कौन-कौन सी खेल सामग्री विगत 03 वर्षों में उपलब्ध कराई गई है? क्या उपलब्ध कराई गई सामग्री संबंधित कार्यालय के स्टाक पंजी पर दर्ज है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। क्रियान्वयनकर्ता अधिकारी श्रीमती वंदना सक्सेना संभागीय खेल और युवा कल्याण अधिकारी। (ख) विदिशा जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खेल गतिविधियों के संचालन हेतु 03 वर्षों में उपलब्ध कराई गई राशि के आवंटन एवं प्रायोजन पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शासकीय विद्यालयों को विभाग द्वारा कोई राशि आवंटित नहीं की जाती। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी हाँ।
शासकीय महाविद्यालय में संचालित संकाय
34. ( क्र. 1416 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले की इछावर तहसील मुख्यालय पर शासकीय कॉलेज स्थापित हैं? यदि हाँ, तो कब स्थापना की गई थी और कौन-कौन से संकाय संचालित किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कॉलेज में अगले सत्र में नए संकाय प्रारंभ किए जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से संकाय प्रारंभ किये जाएंगे? (ग) क्या इछावर कॉलेज में स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से पर रिक्त हैं और कब तक रिक्त पदों की पूर्ति कर ली जाएगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सन् 1983-84 को इछावर में महाविद्यालय की स्थापना की गई। महाविद्यालय में कला एवं वाणिज्य संकाय संचालित हैं। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति/लोक सेवा आयोग से भर्ती की प्रक्रिया जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
सीहोर-कोसमी मार्ग
35. ( क्र. 1417 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर से कोसमी के बीच सड़क BOT पर निजी कंपनी को दी गई है? यदि हाँ, तो किस कंपनी को कब तक के लिए, कितनी राशि में सड़क दी गई है? (ख) क्या कंपनी द्वारा वाहनों से शुल्क वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर टोल नाके संचालित हैं और किन-किन वाहनों से कितना-कितना शुल्क लिया जा रहा है? (ग) क्या सीहोर से कोसमी तक सड़क की गुणवत्ता व स्थिति की निगरानी के लिए किसी विभाग को जिम्मेदारी दी गई है? यदि हाँ, तो पूरा ब्यौरा दें? (घ) क्या सीहोर से कोसमी तक सड़क की स्थिति ठीक नहीं है? यदि हाँ, तो सड़क दुरूस्तीकरण के लिए क्या प्रयास किए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। बी.ओ.टी. (टोल+एन्युटी के अंतर्गत) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निवेशकर्ता एजेन्सी द्वारा मार्ग के ऑपरेशन एवं मेंटेनेन्स का कार्य संभागीय प्रबंधक, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लि. भोपाल की निगरानी में किया जाता है। (घ) जी हाँ। खराब हिस्सों में पेच रिपेयर का कार्य किया जा चुका है। कुछ स्थानों पर डामरीकरण की आवश्यकता है। निवेशकर्ता एजेन्सी को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए है।
सेवा से बर्खास्त यंत्री
36.
( क्र.
1431
) श्री
चम्पालाल
देवड़ा :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनाँक
1.7.14 से
प्रश्न दिनाँक
तक लोक
निर्माण
विभाग के अधीन
कार्यरत उपयंत्री, सहायक
यंत्री, कार्यपालन
यंत्री, मुख्यअभियंता
को सेवा से
बर्खास्त
तथा निष्कासित
किया गया उनका
नाम,
पद, दिनाँक
सहित बतावें? वर्तमान
में वे कहाँ
पर कार्यरत
हैं?
(ख) दिनाँक
1.7.14 से
प्रश्न दिनाँक
तक लोक
निर्माण के
अधीन कार्यरत
मुख्य
अभियंता, अधीक्षण
यंत्री, कार्यपालन
यंत्री, सहायक
यंत्री, के
विरूद्ध वेतन
वृद्धि रोकने
आर्थिक वसूली की
कार्यवाही की
गई,
उनका
नाम,
पद
वेतनवृद्धि
रोकने, आर्थिक
वसूली किस
कारण से किस दिनाँक
से की गई? (ग) विभाग
में कार्यरत
किन-किन मुख्य
अभियंता, अधीक्षण
यंत्री, कार्यपालन
यंत्री, सहायक
यंत्री, उपयंत्री
के विरूद्ध
अनुशासनात्मक
वेतनवृद्धि
रोकने, आर्थिक
दण्ड वसूलने
की
कार्यवाहियां
प्रचलित हैं? उनके
नाम,
पद
कार्यवाही का
विवरण सहित
बतावें?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ''
अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब''
अनुसार। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''स''
अनुसार।
महिलाओं की कम्प्यूटर शिक्षा
37. ( क्र. 1450 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिलाओं को कम्प्यूटर साक्षर बनाने के लिये सरकार ने अभियान चलाया है? (ख) यदि हाँ, तो जिला सीधी अंतर्गत अब तक कितनी महिलाएं कम्प्यूटर साक्षर हो गई है? (ग) किन संस्थाओं ने इस काम में भाग लिया?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में छात्रावास सुविधा
38.
( क्र.
1492
) श्री
राजकुमार मेव
:
क्या तकनीकी
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थानों
अजा/अजजा/अपिवर्ग
के अध्ययनरत
छात्रों को
रहने के लिये
शासन द्वारा छात्रावास
की सुविधा
उपलब्ध कराई
जाती है? (ख) यदि
हाँ,
तो
क्या
विधानसभा
महेश्वर
क्षेत्रांतर्गत
महेश्वर एवं
करही में
संचालित
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थानों
में
छात्रावास की
सुविधा उपलब्ध
है?
यदि
नहीं, तो
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थानों
द्वारा क्या
व्यवस्था
की जा रही है? (ग) महेश्वर
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
करही में औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थान का
अपना भवन
उपलब्ध है? यदि
नहीं, तो भवन
स्वीकृति के संबंध
में क्या
कार्यवाही की
गई है? (घ) क्या
करही
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थान
हेतु भवन की
स्वीकृत
शासन द्वारा
दी गई है? यदि
हाँ,
तो
भवन निर्माण
हेतु शासन
द्वारा
शासकीय भूमि
उपलब्ध करा
दी गई है? यदि
नहीं, तो कब तक
उपलब्ध करा
दी जावेगी?
तकनीकी
शिक्षा मंत्री
( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) एवं
(ख) जी नहीं। (ग)
जी नहीं।
निर्माण
एजेंसी
पीआईयू पीडब्ल्यूडी
द्वारा भवन
निर्माण की
कार्यवाही की
जा रही हैं। (घ)
जी हाँ। जी
हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्राचीन पुरातत्व के महत्व के मंदिरों के रख-रखाव एवं जीर्णोद्धार
39. ( क्र. 1493 ) श्री राजकुमार मेव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में कितने प्राचीन, पुरातत्व महत्व के मंदिर शासकीय रिकार्ड में दर्ज है एवं कितने ऐसे मंदिर जो शासकीय रिकार्ड में दर्ज होने से वंचित है? क्या ऐसे मंदिरों का सर्वे किया जाकर उन्हें शासकीय रिकार्ड में दर्ज किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनाँक तक अति प्राचीन, पुरातत्व महत्व के शासकीय रिकार्ड में दर्ज कितने, कौन-कौन से मंदिरों का जीर्णोद्धार, रख-रखाव किया गया, इस पर किस-किस मंदिरों पर कितना-कितना एवं कब-कब व्यय किया गया? (ग) किन-किन मंदिरों के पास कितनी-कितनी भूमि है? उक्त भूमि से शासन को मंदिरों की व्यवस्था हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हो रही है? क्या मंदिरों की भूमि पर अनाधिकृत रूप से लोगों ने कब्जा कर रखा है? किन-किन मंदिरों की भूमि पर? यदि हाँ, तो उक्त भूमि से कब्जा हटाने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्राचीन एवं पुरातन महत्व के मंदिर शासकीय रिकार्ड में दर्ज होने से छूटे हुये है? यदि हाँ, तो प्राचीन एवं पुरातत्व महत्व के मंदिरों को शासकीय रिकार्ड में कब तक दर्ज कर लिया जावेगा एवं उनके रख रखाव एवं जीर्णोद्धार की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बांधवगढ़ किले का संरक्षण
40. ( क्र. 1504 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उमरिया जिला अंतर्गत बांधवगढ़ किला महाराजा रीवा का पुस्तैनी किला है जिसमें कई पीढ़ी दर पीढ़ी से राजपरिवार द्वारा देखरेख व निवास करते थे, जिसमें हर वर्ष भारी मेला लगता है वर्तमान में कुछ वर्षों से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान वन विभाग द्वारा किले में अपना आधिपत्य कर लिया गया है? कृपया यह बतायें कि राजपरिवार की संपत्ति पर वन विभाग को अधिपत्य का क्या औचित्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के ही संदर्भ में बांधवगढ़ किला अंतर्गत कई प्राचीन मंदिर तथा वेशकीमती कलाकृतियों के दरवाजे एवं कमरे की क्या मरम्मत की जा रही है? यदि नहीं, तो मरम्मत के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहे किले की जिम्मेवारी किसकी होगी? (ग) प्रश्नांश (क) के ही संदर्भ में बांधवगढ़ किले के अंदर स्थापित बांधवाधीश मंदिर क्या बांधवगढ़ किला रीवा राज्य के धरोहर को सुरक्षित रखने के लिये समुचित रूप से कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। बांधवगढ़ किला, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के परिक्षेत्र ताला के आरक्षित कक्ष क्रमांक 317 में स्थित होने के कारण भारत जनहित याचिका क्रमांक 202/95 टी.एन. गोदावर्धन विरूद्ध शासन में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आई.ए. नम्बर 695-696 में पारित निर्णय दिनाँक 22 नवम्बर, 2004 व म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ.ए. 11-5/2001/एक (1) भोपाल, दिनाँक 17 मई, 2006 के कारण वन विभाग के आधिपत्य में है। (ख) एवं (ग) बांधवगढ़ किला जो वन विभाग के आधिपत्य में है उसे म.प्र. शासन, वन विभाग, भोपाल के अ.शा. पत्र क्रमांक/20/नि.स./प्र.स./वन, दिनाँक 14.02.2006 द्वारा आयुक्त पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय बाणगंगा रोड भोपाल को मरम्मत एवं अनुरक्षण हेतु सौंपा गया है।
नवीन महाविद्यालय खोलने के मापदंड
41. ( क्र. 1516 ) श्री मधु भगत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन कॉलेज खोलने के नियम, शर्तें मापदण्ड, पात्रता, प्रक्रिया क्या-क्या है और किसे प्राधिकार है? (ख) उपरोक्त मापदण्डों के अनुसार क्या परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से नगर/ग्राम/शहर में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने की संभावना है? (ग) प्रदेश में वे कौन-कौन से महाविद्यालय है जिन्हें कि मापदण्डों में छूट अथवा आवश्यक पात्रता ना होने पर भी शासन ने पिछले तीन वर्षों में खोला है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) निर्धारित नहीं। प्राधिकार शासन स्तर पर। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत पुलों का निर्माण
42. ( क्र. 1534 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनाँक तक कुल कितने पुल कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत हुये? स्वीकृत पुलों का कार्य कब प्रारंभ हुआ? पूर्ण होने की अवधि क्या थी? निर्माण समयावधि में पूर्ण नहीं होना एवं विलंब के क्या कारण है? (ख) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पुल निर्माण का कार्य कब आरंभ किये गये एवं कब पूर्ण हुये किनके द्वारा भूमि पूजन कार्य एवं लोकार्पण कार्य किया गया? (ग) नरयावली विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत पुलों का कार्य कब तक पूर्ण होगा? समयावधि में पूर्ण न होने पर विभाग द्वारा कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है।
वन विभाग द्वारा निर्माणधीन व निर्मित वाटर शेड व तालाब
43. ( क्र. 1535 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मंडल के परिक्षेत्र उत्तर वन मंडल सागर में बुंदेलखंड पैकेज के फेस-2 अंतर्गत कितने वाटर शेड के अंतर्गत विभाग द्वारा कार्य चयन किये गये है? (ख) वन विभाग द्वारा चयनित वाटर शेडों में से कितने वाटर शेडों के कार्य पूर्ण करा लिये गये है? तालाब परकोलेशन टेंक निर्माण कार्यों के क्षेत्रों का विवरण एवं व्यय राशि की जानकारी दें? (ग) फेस-2 अंतर्गत चयनित वाटर शेडों के कार्य किस-किस वर्ष कराये जाने थे? क्या समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराये गये हैं या कराये जा रहे हैं? (घ) निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण न करने एवं मापदण्डों के अनुसार स्थल पर कार्य न होने पर विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की है? विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उत्तर वन मंडल के अंतर्गत परिक्षेत्र उत्तर सागर में बुन्देलखण्ड पैकेज के फेस-2 में कार्य कराने हेतु 03 वाटरशेड का चयन किया गया है। (ख) चयनित किये गये 03 वाटरशेड में से किसी भी वाटरशेड का कार्य पूर्ण नहीं है। सभी वाटरशेड में कार्य प्रगति पर हैं। तालाब, परकोलेशन टेंक का संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) फेस-2 अंतर्गत चयनित वाटरशेड के कार्य वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 की अवधि में कराये जाने थे। समय-सीमा में कार्य कराये जा रहे हैं। (घ) मापदण्ड के अनुसार समय-सीमा में कार्य होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न की उपस्थित नहीं होता है।
वन मण्डल के अन्दर बसे ग्रामों का विस्थापन
44. ( क्र. 1556 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के नौरादेही वन्य प्राणी वन मण्डल के अन्दर बसे हुए ग्रामों का विस्थापन का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों का विस्थापन किया जाना है? कितने ग्रामों को किन जगहों पर विस्थापन किया जा चुका है? कितने ग्राम विस्थापित होना शेष है? इन ग्रामों के विस्थापन पर कितनी लागत व्यय हुई है? बिन्दुवार जानकारी देवें? (ख) सागर जिले के नौरादेही वन्य प्राणी वन क्षेत्र में क्या चीता लाने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक लाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्या चीता जैसे प्राणी को लाने के लिए शासन विचार करेगा तथा कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। नौरादेही (वन्यप्राणी) वनमंडल, सागर के अंदर बसे हुए 24 ग्रामों का विस्थापन कार्य प्रारंभिक तौर पर किया जाना है। पीपला, रमपुरा, कुशयारी, नौरादेही, विजनी 05 ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है इन ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा म.प्र.शासन वन विभाग के पत्र दिनाँक 30 अक्टूबर, 2008 के बिन्दु क्र.-2 के अनुसार पूरा नगद (All Cash) के विकल्प पर अपनी सहमति व्यक्त की थी। अत: ग्रामीणों ने अपने स्वेच्छा से अपने इच्छित स्थान पर बसाहट की है। 19 ग्रामों का विस्थापन होना शेष है। विस्थापित 05 ग्रामों के विस्थापन में रूपये 59,52,43,838/- राशि व्यय हुई है। (ख) सागर जिले के नौरादेही वन्यप्राणी वनक्षेत्र में चीता लाने की योजना परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट की चल-अचल सम्पति
45. ( क्र. 1570 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के ग्राम बहोरीबंद स्थित श्रीराम जानकी मंदिर की चल-अचल संपत्ति ग्राम बहोरीबंद, कजरवारा, कूडन, डुडसरा, सिमरापटी, सिंदुरसी, गाडा, सुहॉस, मरवारी, बिछियाकॉप, तथा अमरगढ़ में वर्ष 1954-55 में भू-अधिकार अभिलेख पंजी में कितनी दर्ज थी? 1989-90 में बंदोबस्त के पूर्व सभी ग्रामों में कितनी जमीन दर्ज थी, तथा बंदोबस्त के बाद वर्तमान में कितनी जमीन दर्ज है? कृपया सभी ग्रामों की किस्तबंदी का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 1954-55 के आधार पर 1989-90 में बंदोबस्त के पूर्व तथा बंदोबस्त के बाद वर्तमान में क्या अचल संपत्ति में कमी आई है? यदि हाँ, तो क्यों? किसके द्वारा अचल संपत्ति खुर्द बुर्द की गई है? (ग) वर्ष 1954-55 के बाद खुर्द बुर्द की गई अचल संपत्ति को क्या शासन मंदिर में विराजमान मूर्तियों के नाम वापस करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या बंदोबस्त में मंदिर/ट्रस्ट की खुर्द बुर्द की गई अचल संपत्ति के रिकार्ड दुरस्ती हेतु राजस्व प्रकरण श्रीराम जानकारी मंदिर ट्रस्ट बहोरीबंद द्वारा प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो प्रस्तुत आवेदन पत्र का विवरण उपलब्ध करावे। तथा अब तक प्रकरण यदि लंबित है तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कटनी जिले के ग्राम बहोरीबंद स्थित श्रीराम जानकी मंदिर की अचल संपत्ति ग्राम बहोरीबंद, कजरवारा, कूडन, डडसरा, सिमरापटी, सिंदूरसी, गाडा, सुहास, मरवारी बिछियाकाप तथा अमरगढ वर्ष 1954-55 में भू-अधिकार अभिलेख पंजी में 47.43 हे. भूमि दर्ज थी। 1989-90 में बन्दोबस्त के पूर्व सभी ग्रामों में 20.69 हे. जमीन दर्ज थी। तथा बन्दोबस्त के बाद वर्तमान में 20.17 हे. जमीन दर्ज है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, वर्ष 1954-55 के आधार पर 1989-90 में बन्दोबस्त के पूर्व तथा बन्दोबस्त के बाद वर्तमान में अचल संपत्ति में कमी आई है। चूंकि रकबे में विभिन्न वर्षों में कमी आई है। कमी का कारण अभिलेखीय गहन जाँच एवं परीक्षण उपरांत ही स्पष्ट हो सकेगा। जाँच की जा रही है। (ग) जी हाँ। जाँच में अवैधानिक अंतरण पाये जाने पर भूमि कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं।
खरगापुर विधानसभा के ग्राम अहार में लघु शक्कर उद्योग खोले जाने हेतु
46. ( क्र. 1584 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम अहार एवं लड़वारी में गन्ने की फसल भारी मात्रा में होती है तथा बुन्देलखण्ड के अंचल में गन्ने की पैदावार अच्छी है? क्या उद्योग एवं रोजगार विभाग से प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खरगापुर के ग्राम अहार में एक लघु शक्कर मील का कारखाना खोला जाना स्वीकृत किया जायेगा, जिससे किसान भी लाभान्वित होंगे एवं नव युवकों को रोजगार भी मिल जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) क्या टीकमगढ़ में कोई उद्योग कारखाने आदि नहीं है और बेरोजगार पलायन करके बाहर कार्य करने जाते है? यदि हाँ, तो लघु उद्योग स्थापित करने की कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो कारण बताये?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अहार एवं लड़वारी मे कार्यालय उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, टीकमगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान मे उक्त ग्रामों के 211 किसानो द्वारा लगभग 70 हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती की जा रही है। उनके अनुसार वर्तमान में गन्ने का उत्पादन अल्प एवं सीमित मात्रा में होने के कारण लघु शक्कर मील कारखाने की स्थापना तकनीकी एवं आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उपलब्ध अभिलेख अनुसार टीकमगढ़ जिले में 11715 सूक्ष्म एवं लघु श्रेणी के उद्योग स्थापित है जिनमें 23051 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। विभाग द्वारा लघु उद्योग स्थापित नहीं किये जाते है, अपितु स्थापित होने वाले उद्योगों को पात्रतानुसार सुविधाएं प्रदान की जाती है। जिले में बेरोजगार एवं पात्र युवाओं को चिन्हित कर शासन की विभिन्न्ा स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराकर उद्योग स्थापना की कार्यवाही की जा रही है।
विध्यवांसिनी माता मंदिर एवं कालका माता मंदिर में टीन शेड लगाये जाने हेतु
47. ( क्र. 1590 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा में माता विध्यवांसिनी का मंदिर बल्देवगढ़ में स्थित है और उक्त मंदिर में हर वर्ष चैत्र माह की नवदुर्गा के समय एक विशाल मेले का आयोजन होता है? क्या उक्त मंदिर की सीढि़यों हेतु टीन शेड लगाये जाने हेतु राशि स्वीकृत किये जाने के विभाग में प्रावधान है यदि हाँ, तो उक्त टीन शेड हेतु राशि प्रदाय करेंगे, यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) यह माता कालका का मंदिर ग्राम देरी में है जहां पर भी पूरे वर्ष भक्तों का आना-जाना लगा रहता है? क्या इस मंदिर की सीढ़ियों हेतु भी टीन शेड के लिये राशि विभाग उपलब्ध करायेगा, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण
48. ( क्र. 1712 ) श्री संजय शर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में किन-किन मंदिरों के पास कितनी भूमि है? (ख) उक्त भूमि की देखभाल वर्तमान समय में कौन-कौन कर रहा है? नाम, पता सहित सूची दें? (ग) किन-किन मंदिरों की भूमि पर किनका अतिक्रमण है? (घ) उक्त अतिक्रमण कब तक हटवा दिया जायेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग द्वारा कराये गये कार्य
49. ( क्र. 1732 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कौन-कौन से वन मार्ग है तथा उनके निर्माण तथा मरम्मत कार्य पर कब-कब कितनी राशि व्यय की गई? (वर्ष 2013-14 से नवम्बर 2015 तक) (ख) वर्ष 2013-14 से नवम्बर 2015 तक वन समितियों द्वारा जिले में क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ करवाये गये तथा कितनी राशि व्यय हुई? (ग) नवम्बर 2015 की स्थिति में किस-किस समिति के पास कितनी राशि है तथा उक्त राशि व्यय क्यों नहीं की गई कारण बतायें? (घ) रायसेन जिले में किन-किन तेंदूपत्ता श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं किया गया कारण बताये? कब तक भुगतान हो जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित जिले में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पूर्ण पारिश्रमिक भुगतान कर दिया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रमोन्नति का लाभ
50. ( क्र. 1734 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के लोक निर्माण विभाग संभाग बालाघाट के अंतर्गत उप संभाग वारासिवनी में पदस्थ अबरार अहमद कब से कब तक, किस वेतनमान पर स्थल सहायक के पद पर कार्यरत थे? उन्हें विभाग से कब सेवानिवृत्त किया गया? (ख) उपरोक्त कर्मचारी को सेवाकाल के दौरान कब-कब क्रमोन्नति का लाभ दिया गया? यदि क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं? बतावें? (ग) क्या यह सही है कि उक्त कर्मचारी को सेवाकाल के दौरान 12 एवं 24 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ प्राप्त नहीं होने के कारण उक्त कर्मचारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 16479/2012 (एस) में पारित आदेश दिनाँक 05.12.2012 में देयकों के भुगतान करने का आदेश पारित किया गया, उक्त आदेश के परिपालन में आज दिनाँक तक विभाग ने क्या कार्यवाही की गई बतावें? (घ) क्या संबंधित को देयकों के भुगतान के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा भी अनेको पत्र प्रेषित किये गये? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस को बतावें? उक्त कर्मचारी को क्रमोन्नति के देयकों राशि का भुगतान माननीय न्यायालय के आदेशानुसार कब तक प्रदान किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। दिनाँक 31/08/2007. (ख) कभी नहीं। कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों को क्रमोन्नति दिये जाने हेतु नियमों में प्रावधान न होने के कारण। (ग) दिनाँक 05/12/2012 को नहीं अपितु दिनाँक 05/10/2012 को पात्रतानुसार कार्यवाही करने हेतु। शासन अनुमति पश्चात् दिनाँक 27/08/2015 को भुगतान किया गया। (घ) जी हाँ। दिनाँक 23/01/2015 शासन को। भुगतान कर दिया गया है अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़कें
51. ( क्र. 1752 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विगत 03 वर्षों में कितने बीओटी मार्ग निर्मित किेये गये? कितने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित किये गये सड़कों के नाम, सिवनी जिले की सीमा में आने वाली दूरी, ठेकेदारों का नाम, निवेश राशि, कार्य की प्रगति, व्यय राशि सहित बतावें? बीओटी एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत बनने वाले मार्गों के पूर्ण होने एवं अपूर्ण मार्गों की जानकारी वर्षवार बतावें? (ख) किन मार्गों का कार्य ठेकेदार द्वारा निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किया गया? जिन ठेकेदारों द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं किया गया है, ऐसे ठेकेदारों को क्या शासन ब्लैक लिस्टेड करेगा? (ग) ठेकेदारों द्वारा निर्मित मार्गों के रख-रखाव की अवधि कितनी है? मार्गवार विवरण दें? प्रश्न दिनाँक तक किन मार्गों का रख-रखाव ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है? मार्ग का नाम, वर्तमान स्थिति कब तक खराब मार्गों की मरम्मत कर दी जायेगी? (घ) सिवनी जिले के अंतर्गत बीओटी एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत डामर रोड, पेंच रिपेयर डब्ल्यू.बी.एम. एवं सी.सी. सड़क का निर्माण पिछले 03 वर्षों से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन एजेंसियों द्वारा निर्माण कार्य कराये गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) बी.ओ.टी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) बी.ओ.टी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब-1’ अनुसार है। (ग) बी.ओ.टी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिषट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) बी.ओ.टी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ अनुसार है।
जंगली जानवरों से होने वाली क्षति की रोकथाम
52. ( क्र. 1760 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधान सभा क्षेत्र के नेशनल पार्क बेंच में लगभग 20 ग्राम पंचायतें जो वन के समीप स्थित है, उन पंचायतों व क्षेत्र में खरीफ व रबी फसल को नीलगाय (रोझ), हिरण आदि वन प्राणी द्वारा व्यापक क्षति के संबंध में जन शिकायत क्षेत्रीय वन विभाग के अमले को प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो क्या प्रभावी रोकथाम के लिये कोई उपाय किया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या उपाय किये जायेंगे, समय-सीमा बताया जाये? (ख) प्रश्नांश (क) के ही संदर्भ में ही क्या प्रदेश शासन द्वारा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कोई प्रस्ताव प्रेषित किया गया हो तो तिथि बताये एवं वन मंत्रालय द्वारा क्या निर्देश प्राप्त हुये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र के नेशनल पार्क के वन सीमा के समीप स्थित पंचायतों के क्षेत्र में खरीफ एवं रबी फसल को नीलगाय (रोझ), हिरण आदि वन्यप्राणियों द्वारा व्यापक क्षति के संबंध में जन शिकायतें वन वृत्त सिवनी एवं पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई। पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में फसल नुकसानी रोकने बाबत् पार्क की सीमा से लगे ग्रामों के पास पत्थर की दीवाल बनाई गई एवं सोलर फेंसिंग की जा रही है। बजट उपलब्ध होने पर अन्य क्षेत्रों में भी पत्थर की दीवाल बनाये जाने पर विचार किया जा सकता है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा जिले में उद्योग हेतु आरक्षित जमीन
53. ( क्र. 1802 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिला अन्तर्गत नगर निगम रीवा में उद्योग स्थापित करने हेतु उद्योग बिहार चोरहटा में जमीन के अधिग्रहण की कार्यवाही कर उद्योग स्थापित करने हेतु जमीन/भूमि आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) हां, तो उद्योग स्थापित करने हेतु किन-किन लोगों को कब-कब कितनी-कितनी जमीन/भूमि आवंटित की गई थी? तथा किन-किन आवंटित भूमि पर उद्योग स्थापित किए गए? अगर किए गए तो कौन-कौन से उद्योग किस दिनाँक को? कार्यरत मजदूरों की संख्या एवं तैयार किये जा रहे सामग्री का नाम बतावे? अगर उद्योग स्थापित नहीं किये गए तो क्यों? कितने उद्योग/फैक्ट्री चालू कर बंद किये गये? अगर बंद किए गए तो क्या प्रारंभ कराए जाएंगे? संचालित उद्योग/फैक्ट्री में कितने मजदूर स्थानीय एवं कितने बाहरी है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अगर उद्योग हेतु आवंटित जमीन उद्योग/फैक्ट्री के लिये उपयोग नहीं की जा रही है तो उसके वापस करने की कार्यवाही की जाकर दूसरे लोगों को आवंटित की जाएगी? अगर हां, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? नगर निगम रीवा अन्तर्गत क्या और अन्यत्र जमीने उद्योग स्थापित करने हेतु अधिग्रहित की गई है? अगर की गई है तो क्या उन पर भी उद्योग संचालित है? अगर संचालित हों तो बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'', ''स'', ''द'' एवं ''ड.'' अनुसार है। संचालित उद्योगों में कितने बाहरी एवं कितने स्थानीय मजदूर कार्यरत है, का संधारण नहीं किया जाता है। शासन द्वारा निर्धारित समयावधि में, अगर उद्योग आवंटित जमीन में चालू नहीं होते तो म.प्र. भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के तहत कार्य्रवाही कर आवंटित भूमि वापस लिये जाने की कार्यवाही की जायेगी। नगर निगम सीमा अन्तर्गत अन्यत्र कही भी उद्योग स्थापित करने के लिये भूमि अधिग्रहित नहीं की गयी है।
जानकारी अनुसार कार्यवाही
54. ( क्र. 1804 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं तथा उन महाविद्यालयों में किस-किस विषय के पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं तथा किन-किन पदों पर अतिथि विद्वान पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासन द्वारा रिक्त पड़े पदों पर नियमित रूप से नियुक्ति करने की कार्य योजना तैयार की है? अगर हां तो उसका अमल कब तक किया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों? रिक्त पदों पर कितने अतिथि विद्वान किस-किस विषय के किस-किस विद्यालय में कार्य कर रहे हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में महाविद्यालयों में रिक्त पड़े पदों पर कार्य कर रहे अतिथि विद्वानों को नियमित नियुक्ति करते समय अनुभव का लाभ देकर इनके नियुक्ति की कार्यवाही करेंगे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा जिले में 15 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) रिक्त पदों पर नियमित रूप से नियुक्ति हेतु लोक सेवा आयोग के माध्यम से कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) अतिथि विद्धानों को नियमित किये जाने की कोई नीति नहीं है। अतः इन्हें नियमित किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अनुपूरक बजट में शामिल करने बाबत
55. ( क्र. 1811 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में आवागमन के लिए आवश्यक छोटी-छोटी सड़कों एवं पुलो को बजट एवं अनुपूरक अनुमान बजट में शामिल करने के लिए माननीय लोकसभा अध्यक्ष व प्रश्नकर्ता द्वारा कितने पत्र दिसम्बर 2013 से प्रश्न दिनाँक तक आपको एवं लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उन पत्रों में किन-किन सड़कों एवं पुलों के निर्माण की मांग की गई हे? तथा उन पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं माननीय मंत्रीजी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्षेत्र की जनता द्वारा की जा रही मांगों में अतिआवश्यक शहणा बायपास मार्ग, इंदौर उज्जैन मार्ग से भांग्या पहुँच मार्ग, बुराना खेड़ी से जगमालपिपल्या होकर बिसाखेड़ी पहुँच मार्ग एवं उगमखेड़ी व कुड़ाना के बीच ब्रिज, जस्साकराडि़या ब्रिज एवं व्यासखेड़ी में क्षिप्रा नदी पर ब्रिज कब तक स्वीकृत होकर निर्मित हो जायेगें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) माननीय लोकसभा अध्यक्ष द्वारा 5 पत्र एवं प्रश्नकर्ता द्वारा 29 पत्र प्रेषित किये गये है। (ख) माननीय लोकसभा अध्यक्ष से प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं प्रश्नकर्ता से प्राप्त पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन से जावरा पहुँच मार्ग के निर्माण में पथकर वसूली
56. ( क्र. 1812 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन से जावरा पहुँच मार्ग (व्हाया, उन्हेल नागदा) के निर्माण में मार्ग निर्माणकर्ता एजेन्सी से पथकर (टोल) वसूली के लिए अनुबंध में शर्तों का प्रावधान किया गया है? टोल वसूलने वाली एजेन्सी एवं अनुबंधकर्ता का नाम क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन शर्तों का अनुबंध किया गया है? उन शर्तों में मार्ग के संधारण (रिपेयर), रख-रखाव, पौधा-रोपण एवं मार्ग में स्ट्रीट लाईट/सौर ऊर्जा द्वारा रोशनी करने का प्रावधान भी है क्या? संधारण (रिपेयर), रख-रखाव नहीं होने की दशा में क्या निर्माण एजेन्सी पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान भी है? यदि हाँ, तो कितना और किस दर से? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उज्जैन-जावरा पहुँच मार्ग की देख-रेख (मॉनिटरिंग) की जिम्मेदारी किन-किन अधिकारियों के पास है? उक्त मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे एवं अन्य अनियमितता होने पर निर्माण एजेन्सी पर कितनी राशि का दण्ड अनुबंध दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुबंध की अवधि क्या है? टोल राशि वसूली का मापदण्ड क्या है? क्या राशि प्रति किलोमीटर की दर से वसूली जाती है? यदि हाँ, तो प्रति किलोमीटर की दर से कितनी राशि का निर्धारण किया गया है? क्या टोल वसूलने वाली एजेन्सी को अनुबंध में सी.एस.आर. की शर्त भी शामिल है तथा अनुबंध किस भाषा में किया गया है? यदि अनुबंध अंग्रेजी भाषा में हो तो उसका हिन्हीं में अनुवाद करवाकर हिन्दी भाषा की एक प्रति भी उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। टोल वसूलने वाली एवं अनुबंधकर्ता एजेन्सी मेसर्स टॉपवर्थ टोलवेज (उज्जैन) प्रा.लि. रहेजा सेन्टर, ऑफिस नं. 4, ग्राउण्ड फ्लोर, 214, फ्री प्रेस जरनल मार्ग, नरीमन पॉइन्ट मुम्बई-400021 है। (ख) कन्शेसन अनुबंध में शर्तें समाहित है। शर्तों में मार्ग संधारण (रिपेयर) रख-रखाव, पौधा रोपण करने का प्रावधान भी है। संधारण (रिपेयर) रख-रखाव नहीं होने की दशा में निर्माण एजेन्सी पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान भी है। दण्ड की दर कंसेशन अनुबंध के क्लॉज 17.8 के अनुसार है। क्लॉज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उज्जैन-जावरा पहुँच मार्ग की देख रेख (मॉनिटरिंग) की जिम्मेदारी श्री अशोक शर्मा सहायक महाप्रबंधक एवं श्री राकेश जैन संभागीय प्रबंधक पर है। उक्त मार्ग पर कोई दण्ड आरोपित नहीं किया गया है। कंशेसन अनुबंध का उल्लंघन नहीं किया गया है। इसलिए दण्ड आरोपित नहीं किया गया है। (घ) अनुबंध की अवधि अपाइन्टेड दिनाँक 13.01.2011 से 20 वर्ष अर्थात दिनाँक 12.01.2031 तक है। टोल राशि की वसूली का मापदण्ड म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग की अधिसूचना क्रं. 4606/2473/2009/यो-19 भोपाल, दिनाँक 10.09.2009 द्वारा निर्धारित है। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ, राशि प्रति किलोमीटर से गणना कर निर्धारित की जाती है। दिनाँक 01.09.2015 से 31.08.2016 तक के लिए टोल दर निम्नानुसार है:-
सं.क्र. |
वाहन का प्रकार |
प्रथम सेक्शन (कि.मी. 54) के लिये टोल दर |
द्वितीय सेक्शन (कि.मी. 41.38) के लिये टोल दर |
1 |
कार |
30 |
25 |
2 |
हल्के व्यवसायिक वाहन |
75 |
55 |
3 |
बस |
155 |
120 |
4 |
ट्रक |
185 |
140 |
5 |
मल्टी एक्सल वाहन |
370 |
285 |
टोल वसूलने वाली एजेन्सी का अनुबंध में सी.एस.आर; की शर्त शामिल नहीं है। अनुबंध अंग्रेजी भाषा में किये जाने से यह अंग्रेजी भाषा में ही मान्य है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल योजनाओं विषयक
57. ( क्र. 1840 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तकनीकी शिक्षा एवं कौशल सत्र में वर्ष 2013 से अक्टूबर 2015 अब तक प्राप्त कुल बजट एवं बजट विरूद्ध व्यय राशि का मदवार ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त अवधि में उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में किन योजनाओं के तहत कितनी-कितनी राशि स्वीकृत एवं व्यय की गई? वर्षवार-जिलेवार योजनावार ब्यौरा क्या है? (ग) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में प्रचलित योजनाओं एवं उन पर किये गये व्ययों का 2013 से अक्टूबर 2015 तक ब्यौरा क्या है? किन आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा प्राप्त बजट राशि का उपयोग न किया जाकर उक्त राशि लेप्स या समर्पित की गई और शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया गया?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
उद्योग स्थापना व रोजगार विषयक
58. ( क्र. 1845 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं अक्टूबर 2015 तक प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्यम स्थापना का जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त उद्यम स्थापना में पूँजी वेष्ठन का वर्षवार उद्योगवार ब्यौरा क्या है? (ग) उपरोक्त अवधि में प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होने वाले व्यक्तियों का जिलेवार ब्यौरा क्या है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'ब' 'स' अनुसार है।
विस्थापित वन ग्रामों को उच्च सुविधा उपलब्ध कराई जाना
59. ( क्र. 1864 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत किन-किन वन ग्रामों का विस्थापन राजस्व क्षेत्रों में किया गया है उनकी ग्रामवार जानकारी तथा उपलब्ध कराई सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या जिन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बसाया गया है उनमें मूलभूत सुविधायें जैसे बिजली, पानी, सड़क एवं वनधिकारी पट्टे अभी तक नहीं मिल है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में विस्थापित ग्रामों के लोगों को कब तक यह सुविधायें प्राप्त हो जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी वनग्राम का राजस्व क्षेत्रों में विस्थापन ही किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदोन्नति के नियम
60. ( क्र. 1879 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत एक वर्ष में विभाग द्वारा अल्प अनुभव वाले, सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री के पद पर पदोन्नत कर पदस्थ किया गया है, विगत एक वर्ष में सहायक यंत्री से कार्यपालन यंत्री पद पर पदोन्नत एवं पदस्थ किये गये अधिकारियों की सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांक (क) के अनुसार सागर जिले के पीआईयू लोक निर्माण विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री ने म.प्र. भंडार क्रय नियमों का पालन न करते हुये बिना समाचार पत्रों में विज्ञप्ति दिये मनमर्जी और स्वविवेक से लाखों रुपये की सामग्री क्रय की और लघु भुगतान भी किये हैं? (ग) दिनाँक 1.4.2015 से प्रश्न दिनाँक तक प्रश्नांश (ख) में वर्णित अधिकारी ने कौन-कौन सी सामग्री, कब-कब, कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी कीमत की क्रय की है? और कौन-कौन से लघु भुगतान किये हैं? सूची देवें और विज्ञप्ति की प्रति उपलब्ध कराते हुये क्रय सामग्री पर टीडीएस कटौती की जानकारी बिलवार/व्हाउचर वार देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यपालन यंत्री के नियम विरूद्ध कार्यों की जाँच कराकर कब तक पद से अलग किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ एवं ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
ब्लेक लिस्टेड ठेकेदारों की सूची
61. ( क्र. 1881 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्वक न करने एवं अन्य अनियमिततायें करने के कारण बहुत से ठेकेदारों को विगत वर्षों में ब्लेक लिस्टेड किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो दिनाँक 1 जनवरी 2014 से 15.11.2015 तक विभाग द्वारा प्रदेश में कितने ठेकेदारों को ब्लेक लिस्टेड किया गया है? उनके नाम, कंपनी का नाम एवं किन कारणों से ब्लैक लिस्टेड किया गया है, सूची उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’, ‘’ब’’ एवं ‘’स’’ अनुसार है।
पुजारी पंचायत से संबंधित
62. ( क्र. 1915 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी के निवास पर आयोजित पुजारी पंचायत में घोषणानुसार अशासकीय मंदिरों के निर्माण, मरम्मत आदि कार्यों हेतु भी शासकीय अनुदान दिया जावेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन द्वारा कौन सी प्रक्रिया के तहत अशासकीय मंदिरों को अनुदान देने का प्रावधान नियत किया है? (ख) पुजारी पंचायत की घोषणा के उपरांत प्रश्न प्रस्तुत दिनाँक तक कितने अशासकीय मंदिरों को अनुदान राशि प्रदान की गयी है? नाम मंदिर, प्रदाय राशि, दिनाँक, आदि सहित बताया जावे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
07 दिमनी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत मार्ग (रोड) से संबंधित
63. ( क्र. 1916 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में दिसम्बर 2014 से अक्टूबर 2015 तक कितनी रोड निर्माण कार्य आम बजट व अनुपूरक अनुमान बजट में स्वीकृत हुयी व कितनी रोड स्वकृति हेतु प्रक्रियाधीन है? (ख) क्या (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत रोडों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी रोड कहाँ-कहाँ निर्माणाधीन हैं? यदि नहीं, तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एक सड़क कार्य स्वीकृत, अन्य कोई भी सड़क स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन नहीं है। (ख) जी हाँ। रमपुरा से महेबा का पुरा लंबाई 4.40 किमी.। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी निधि से अतिथि विद्वानों की भर्ती के संबंध में
64. ( क्र. 1926 ) श्री जतन उईके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांडुरना विज्ञान महाविद्यालय में जनभागीदारी निधि से वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक कितने अतिथि विद्वानों के लिये प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई? समाचार पत्र का नाम बतायें? (ख) क्या महाविद्यालय में जनभागीदारी निधि विषयवार अतिथि विद्वानों भर्ती की गई है? विषयवार, वर्गवार बतायें? अतिथि विद्वानों को कितना वेतन दिया जा रहा है? (ग) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक कितने बैठकों का आयोजन किया गया है? क्या-क्या प्रस्ताव पारित किये गये? बैठक की अध्यक्षता किन-किन अधिकारियों द्वारा ली गई है? यदि हाँ, तो नाम दर्शायें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2012-13 में 09 एवं वर्ष 2013-14 में 11 अतिथि विद्वानो के आमंत्रण हेतु समयाभाव के कारण समाचार पत्रों में विज्ञापन नहीं दिया गया। वर्ष 2012-13 में जनभागीदारी अध्यक्ष श्री आर. जी. खलगो एवं वर्ष 2013-14 में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री राजेंद्र राय की अनुमति से अध्यापन हेतु अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया गया। वर्ष 2014-15 में 13 अतिथि विद्वान हेतु दैनिक समाचार पत्र "दैनिक भास्कर" एवं "पत्रिका" (छिन्दवाड़ा संस्करण) में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। वर्ष 2015-16 में 12 अतिथि विद्वान हेतु दैनिक समाचार पत्र "जबलपुर एक्सप्रेस " (छिन्दवाड़ा संस्करण) में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार।
शासकीय महाविद्यालय के भवन हेतु राशि
65.
( क्र.
1962
) श्री
प्रदीप
अग्रवाल :
क्या तकनीकी
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) यह कि
विधान सभा
सेवड़ा की नगर
पंचायत
इंदरगड़ में
शा.
महाविद्यालय
के भवन के
लिये कोई राशि
शासन द्वारा
स्वीकृत की
गयी है? (ख) यदि
हाँ,
तो
कितनी व निर्माण
कार्य शुरू
हुआ या नहीं? (ग) यदि
निर्माण
कार्य शुरू
नहीं हुआ को
क्या कारण है, जबकि
छात्र संख्या
अधिक होने के
कारण शिक्षण
कार्य
प्रभावित हो
रहा है? (घ) उक्त
भवन का
निर्माण
कार्य कब तक
शुरू कर दिया
जायेगा?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
नहीं। (ख) से (घ)
प्रश्नांश 'क' के
उत्तर के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नवीन महाविद्यालय की स्थापना
66. ( क्र. 1981 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बड़ौदा तहसील मुख्यालय पर वर्तमान तक एक भी शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है? (ख) क्या उक्त कारण से ही प्रतिवर्ष बड़ौदा नगर/क्षेत्र के सैकड़ों विद्यार्थी प्रतिवर्ष इण्टरमिडिएट की शिक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत कालेज शिक्षा हेतु या तो 20 से 40 कि.मी. की दूरी तय करके श्योपुर महाविद्यालय में अथवा अन्यत्र जिलों के कॉलेजों में एडमिशन लेने को विवश होते हैं या जो माता-पिता अपने बेटे-बेटियों को गरीबी तथा अन्य कारणों से अन्यत्र नहीं भेज पाते हैं व कॉलेज शिक्षा से वंचित होकर घर बैठ जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन बड़ौदा नगर/क्षेत्र के विद्यार्थियों को बड़ौदा तहसील मुख्यालय पर ही कॉलेज शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नवीन महाविद्यालय की स्थापना करने हेतु गंभीरता से विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बड़ोदा में राजीव गांधी अशासकीय महाविद्यालय संचालित है, जहाँ पर छात्र-छात्रायें अध्ययन कर रहे हैं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालय के सुदृढ़ीकरण एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं, अत: अभी ग्राम बड़ोदा में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
3 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी
67. ( क्र. 1993 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वन विभाग में पिछले 3 वर्षों से अधिक समय से कितने अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) 3 वर्षों से अधिक समय पर एक स्थान पर कार्य करते रहने के बाद स्थानांतरण होने वाला शासन का नियम क्या वन विभाग में लागू होता है? (ग) यदि हाँ, तो 3 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उज्जैन जिले में वन विभाग में पिछले 03 वर्षों से अधिक समय से 107 अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) जी हाँ। (ग) 03 वर्ष की पदस्थापना अवधि के आधार पर स्थानांतर बन्धनकारी नहीं है बल्कि यह स्थानांतर के लिए विचारणीय है। अत: अधिकारियों/कर्मचारियों पर किसी कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में जी.एम.आर. समूह की अल्प प्रगति
68. ( क्र. 2002 ) श्री अनिल जैन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत पांच वर्षों से प्रश्न दिनाँक तक टीकमगढ़ जिले में क्या किन्हीं औद्योगिक समूह के द्वारा उद्योग की स्थापना के लिये शासन के साथ एम.ओ.यू. साईन किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार, समूहवार, उद्योग का उद्देश्य एवं उस पर निवेश की जाने वाली राशि की जानकारी दी जावें? (ख) जिले में प्रश्नांश (क) अनुसार इच्छुक औद्योगिक समूहों के द्वारा जो एम.ओ.यू. साईन किये गये उनके द्वारा अब तक कितनी राशि का निवेश किया जा चुका है? इनमें से कितनी इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं और कितनी निर्माणाधीन है? उनके नाम सहित प्रगति की जानकारी वर्षवार दी जावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम देवरीकलरऊ बीजौर में जी.एम.आर. समूह के द्वारा पावर प्लांट हेतु जो एम.ओ.यू. किया गया था? इसमें उन्हें शासन स्तर से क्या-क्या सुविधायें नहीं दी जा सकी है? जिसके कारण इस प्लांट की स्थापना नहीं हो सकी है, बिन्दुवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के एम.ओ.यू. के अनुसार समूह के द्वारा क्या-क्या कार्य एवं कितनी राशि का निवेश किया गया है? जिसके कारण इस प्लांट की आधारशिला तक नहीं रखी जा सकी है? साथ ही बतावें कि इस प्लांट की स्थापना को गति देने के लिये शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पिछले 5 वर्षों में टीकमगढ़ जिले में किसी भी औद्योगिक समूह द्वारा उद्योग की स्थापना के लिए शासन के साथ एम.ओ.यू. साईन नहीं किए गए है। (ख) उक्त प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी.एम.आर. समूह की कंपनी मेसर्स जी.एम.आर. बुन्देलखण्ड एनर्जी प्रा.लि. द्वारा ग्राम बिजोर, तहसील निवाड़ी, जिला टीकमगढ़ में 1980 मेगावाट क्षमता की ताप विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु राज्य शासन के साथ दिनाँक 22 अक्टूबर 2010 को समझौता ज्ञापन निष्पादित किया गया था। उक्त समझौता ज्ञापन के अनुसार परियोजना की स्थापना की जिम्मेदारी मेसर्स जीएमआर की थी एवं राज्य शासन द्वारा कंपनी को परियोजना स्थापना में यथायोग्य सहयोग प्रदान किया जाना था। राज्य शासन द्वारा समझौता ज्ञापन में निहित प्रावधानों के अनुसार कंपनी को परियोजना स्थापना हेतु समस्त सहयोग प्रदान किया गया है। अत: प्रश्नांश में चाही गई जानकारी निरंक है। (घ) कंपनी द्वारा परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया एवं परियोजना की केवल प्रारंभिक गतिविधियां तथा जल आवंटन भूमि आवंटन, टी.ओ.आर प्राप्ति इत्यादि ही की जा रही थी। कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार माह जनवरी 2012 की स्थिति में उनके द्वारा परियोजना पर रूपये 9.44 करोड़ व्यय किए गए थे। उत्तरांश (ग) में उल्लेखित अनुसार परियोजना के विकास की जिम्मेदारी मेसर्स जी.एम.आर. की थी। परियोजना को कोल आवंटन इत्यादि प्राप्त न होने से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त नहीं हो सकी। पर्यावरणीय स्वीकृति के अभाव में कंपनी द्वारा परियोजना की आधारशिला नहीं रखी गई। राज्य शासन द्वारा कंपनी के अनुरोध पर उक्त समझौता ज्ञापन की वैद्यता अवधि में 3 बार वृद्धि (31/12/2012 तक) की गई। तदुपरांत कंपनी द्वारा समझौता ज्ञापन की वैद्यता अवधि बढ़ाने में रूचि नहीं ली गई न ही 'इम्प्लीमेंट एग्रीमेंट' के निष्पादन में मापदण्ड पूर्ण किए। अब यह समझौता ज्ञापन 'अकृत और शून्य' हो गया है। अत: राज्य शासन द्वारा परियोजना की स्थापना के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
गांधी सागर (मंदसौर) झील को विकसित करना
69. ( क्र. 2029 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर गांधी सागर में लगातार मगरमच्छों की संख्या बढ़ रही है? यहां वर्तमान में कितने मगरमच्छ है? विभाग अनुसार जानकारी देवें? (ख) क्या वन विभाग मगरमच्छों के बढ़ते कुनबों को देखते हुए सरकार गांधी सागर झील को क्रकोडाईल सेन्चुरी के रूप में विकसित करने का विचार रखती, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वन विभाग गांधी सागर झील में मगरमच्छों को प्रजनन हेतु सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने तथा सुरक्षा एवं प्रबंधन हेतु स्टाफ नियुक्ति करवा कर विचार रखती है? क्या इस हेतु अन्य झीलों से गांधी सागर झील में मगरमच्छ छोड़ने की कोई योजना है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित गांधीसागर अभ्यारण्य के जलाशय में मौजूद मगरमच्छों की गणना नहीं हुई है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। यह क्षेत्र पूर्व से ही अभ्यारण्य के रूप में अधिसूचित है। (ग) गांधीसागर अभ्यारण्य में मगरमच्छों के प्रजनन हेतु पूर्व से ही सम्पूर्ण झील सुरक्षित है तथा वन्यजीव की सुरक्षा एवं प्रबंधन हेतु पूर्व से अमला पदस्थ है। अन्य झीलों से गांधीसागर झील में मगरमच्छ छोड़ने की कोई योजना वर्तमान में नहीं है।
नियम विरूद्ध पी.एच.डी. उपाधि
70. ( क्र. 2030 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय में 1 जनवरी 2013 पश्चात नियमों के विरूद्ध पीएचडी उपाधि प्राप्त करने की कितनी शिकायतें विश्वविद्यालय को कहाँ-कहाँ प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता का नाम, जिसके खिलाफ शिकायत की गई उस व्यक्ति का नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या प्रदेश के विश्वविद्यालयों में नियम विरूद्ध पीएचडी की उपाधि दिये जाने के प्रकरण सामने आ रहे हैं? विभाग द्वारा इसकी कब-कब समीक्षा की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत शिकायतों की वर्तमान स्थिति क्या है? इनका निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) उज्जैन, इन्दौर विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कितने विद्यार्थियों की फर्जी अंकसूची के प्रकरण सामने आए हैं? विश्वविद्यालय द्वारा इनके खिलाफ क्या कार्यवाही?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एक शिकायत, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में प्राप्त हुई है। शिकायतकर्ता श्री पी.के. सिंह, अधिवक्ता द्वारा डॉ. अजय कुमार मिश्रा के खिलाफ शिकायत की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) शिकायत की जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच पूर्ण होने के उपरांत। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के अंतर्गत कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के अंतर्गत फरवरी 2010 में फर्जी अंकसूची का एक प्रकरण सामने आने पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
गोपनीय चरित्रावली को लिखे जाने के नियम
71. ( क्र. 2052 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभागीय अधिकारी, कर्मचारी की गोपनीय चरित्रावली कितने समय के अंतराल में लिखे जाने के नियम है? (ख) क्या विभाग के प्रबंधक, सहायक संचालकों की विगत 05 वर्ष को गोपनीय चरित्रावली सक्षम अधिकारी के मतांकन उपरांत नियमित समयांतराल में प्राप्त हो चुकी है? (ग) प्रश्नांश (ख) नहीं है तो किन-किन अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली प्राप्त नहीं हुई है? उक्त चरित्रावली किस अधिकारी के पास लंबित है? (घ) समय पर गोपनीय चरित्रावली न भेजने वाले विभागीय अधिकारी के विरूद्ध क्या विभागीय कार्यवाही करने का नियम है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्ष में किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) अधिकारी/कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध मे निर्धारित समय के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की गई।
प्रदेश के विभिन्न गांवों में अथवा वि.ख. स्तर पर खेल स्टेडियम निर्माण
72. ( क्र. 2092 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न गांवों में या विकासखण्ड स्तर पर खेल स्टेडियम निर्माण किये जाने की योजना है जिसमें पंचायत एवं खेल युवा कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी लागत के किस प्रकार के स्टेडियम निर्मित किये जावेंगे? (ख) उक्त स्टेडियम निर्माण हेतु क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित हैं कहाँ-कहाँ बन सकते है? इनमें क्या-क्या सुविधाएं सुनिश्चित की जावेगी व कितनी भूमि की आवश्यकता होगी? (ग) क्या उज्जैन व ग्वालियर संभाग में शासन द्वारा खेल मैदानों व स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि का चयन कर राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर ली गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, किस-किस गांव में कितनी-कितनी भूमि? सर्वे क्रमांक, रकबा व गांव सहित विवरण दें साथ ही स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति कहाँ-कहाँ की गई है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। राशि रू. 80.00 लाख प्रति खेल परिसर के मान से आउटडोर खेल परिसर निर्माण किये जाने हेतु पंचायत राज विभाग को भेजी गई सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रदेश के सभी विकासखण्डों में भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम उपलब्ध होने पर पंचायत राज विभाग द्वारा राशि रू. 80.00 लाख से आउटडोर खेल परिसर निर्माण की योजना है। आउटडोर खेल परिसर में एथलेटिक्स, फुटबॉल/हॉकी, कबड्डी/खो-खो, व्हालीबॉल/बास्केटबॉल, तीरंदाजी/टेनिस/हैण्डबॉल खेल की सुविधा होगी। आउटडोर खेल परिसर के लिये 5 से 7 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। (ग) जी हाँ। उज्जैन एवं ग्वालियर संभाग में विभाग के नाम राजस्व रिकार्ड में स्टेडियम निर्माण के लिये दर्ज भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। आउटडोर खेल परिसर का निर्माण के लिये पंचायत राज विभाग द्वारा स्वीकृत खेल परिसर/स्टेडियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शासन संधारित देव स्थानों का जीर्णोद्धार
73. ( क्र. 2111 ) श्री कैलाश चावला : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नीमच जिले के मनासा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 05 वर्षों में शासन संधारित देवस्थानों के जीर्णोद्धार के लिए कौन-कौन से मंदिर के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है? (ख) क्या विगत पांच वर्षों में मंदिर जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत राशि से निर्माण एजेन्सी द्वारा नहीं किया गया है? (ग) निर्माण एजेन्सी द्वारा कार्य नहीं करवाए जाने के कारण शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) ऐसे मंदिर जिनके जीर्णोद्धार की राशि स्वीकृत है एवं कार्य नहीं करवाया गया है? कब तक कार्य पूर्ण किया जावेगा समय-सीमा बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत 05 वर्षों में शासन संधारित देवस्थान के जीर्णोद्धार के मंदिरों की स्वीकृत राशि वर्षवार निम्नानुसार है।
वर्ष |
मंदिरों के नाम |
स्वीकृत राशि |
2010-11 |
चारभुजा मंदिर ग्राम मालाहेडा |
1.00 लाख |
2010-11 |
चारभुजा मंदिर राम पिपल्या रावजी |
1.00 लाख |
2010-11 |
श्री राम मंदिर ग्राम मोया |
0.98 लाख |
2010-15 |
ओंकारेश्वर मंदिर जुनापानी |
0.50 लाख |
2010-16 |
श्री आत्रीमाता मंदिर आत्री बुजूर्ग |
10.70 लाख |
(ख) उत्तर ''क'' में अंतिम वर्ष 2010-11 के मंदिर 1. चारभुजा मंदिर ग्राम मालाहेडा 2. चारभुजा मंदिर ग्राम पिल्यिारावजी 3. श्री राम मंदिर ग्राम मोया, मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य क्रियान्वयन एजेंसी ग्रामीण सेवा विभाग के द्वारा नहीं किया गया इस कारण मंदिर जीर्णोद्धार क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया। 4. ओंकारेश्वर मंदिर जुनापानी-कार्य प्रगति पर है। 5. श्री आत्रीमाता मंदिर आत्री बुजूर्ग मनासा के मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य के टेंडर प्राप्त हो चुके है। टेंडर स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है। (ग) इस संबंध में कलेक्टर नीमच से जाँच कराई जायेगी। (घ) कार्य प्रगतिरत है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
औद्योगिक क्षेत्र कटनी में सड़क निर्माण
74. ( क्र. 2131 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी नगर के कटायेघाट औद्योगिक क्षेत्र में आर.सी.सी. सड़क निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो कार्य की डी.पी.आर., कार्यादेश तथा निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाली सामग्री की मात्रा पृथक-पृथक बताये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सड़क निर्माण कार्य, डी.पी.आर. एवं तकनीकी स्वीकृति के अनुसार वेच मिक्स प्लांट, सेंसर पेवर फिनिशर का उपयोग कर किया जाना था? एवं इस कार्य की निविदा भरने की पात्रता वेच मिक्स प्लांट, सेंसर पेवर फिनिशन धारक ठेकेदार को ही थी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के तहत, सड़क निर्माण कार्य, फ्लोरी मशीन का उपयोग कर, मेन्युअली तरीके से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा करने की स्वीकृति किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस नियम के तहत प्रदान की? क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर नियम विपरीत कार्य की अनदेखी कर, ठेकेदार को आर्थिक लाभ नहीं पहुँचाया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में अवैधानिक कार्य से शासकीय राशि के अपव्यय, कार्य की गुणवत्ता में कमी का, कौन-कौन जिम्मेदार है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कटनी नगर में कटायेघाट औद्योगिक क्षेत्र नहीं है। कटनी जिले के औद्योगिक क्षेत्र बरगंवा में आर.सी.सी. सड़क का निर्माण कार्य, जो कटायेघाट का भी पहुँच मार्ग है, कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) कार्य फलोरी मशीन उपयोग कर कराया गया। तथापि ठेकेदार के साथ निष्पादित अनुबंध में प्रावधित म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग के सड़क एवं पुलों से संबंधित कार्यों हेतु एस.ओ.आर. 2013 में यह भी प्रावधान है कि यदि कार्य इलेक्टॉनिक सेन्सर पेवर से संपादित नहीं किया जाता है, उस स्थिति में कार्य की गुणवत्ता को यथावत बनाये रखते हुए भुगतान से रूपये 350/- प्रति घनमीटर की दर से कटोत्री की जाये। कार्य मेन्युअल पद्धति से कराये जाने की स्वीकृति सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री की अनुशंसा पर प्रबंध संचालक द्वारा दी गयी। सेंसर पेवर का उपयोग नहीं किये जाने के कारण नियमानुसार ठेकेदार से रूपये 7.67 लाख की कटोत्री की गयी है, इस परिप्रेक्ष्य में ठेकेदार को कोई आर्थिक लाभ नहीं पहुंचाया है। (घ) म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम, जबलपुर द्वारा कार्य में उपयोग होने वाले सीमेंट कांक्रीट का मिक्स डिजाईन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से दिनाँक 12.12.2014 को अनुमोदित कराया गया, तदानुसार कार्य स्थल पर कार्य सम्पादित कराते हुये कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग जबलपुर से कराते हुये कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कटनी में कन्या महाविद्यालय में अधोसंरचना के कार्य
75. ( क्र. 2132 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा कटनी में शासकीय कन्या महाविद्यालय हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि स्वीकृत की गई है, यदि हाँ, तो बतायें कि स्वीकृत राशि कितनी है एवं इसे किस कार्य एवं मद में उपयोग किया जायेगा एवं राशि कब तक जारी की जाएगी? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय मंत्री महोदय को दिनाँक 07.10.2015 को लिखित पत्र क्रमांक 1003/18/2015-16 में किये गये अनुरोध पर शासन/विभाग द्वारा कार्यवाही हेतु कब तक आदेश दिए जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में बताये कि कटनी के शासकीय कन्या महाविद्यालय में नवीन भवन निर्माण के कार्य प्रारंभ किये जाने के संबंध में स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय कन्या महाविद्यालय, कटनी के भवन निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 में कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई। अतः प्रश्नांश ‘क‘ के शेष भाग के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा माननीय मंत्री महोदय को दिनाँक 07.10.2015 को लिखे पत्र क्रमांक 1003/18/2015-16 में शासकीय कन्या महाविद्यालय, कटनी में अधोसंरचना विकास नवीन आरक्षित स्थल पर कराये जाने के आदेश करने हेतु लिखा गया है। भवन निर्माण हेतु भूमि आरक्षित होने पर तथा महाविद्यालय के आधिपत्य में लिए जाने के बाद निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग से प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति, नक्शा आदि के साथ प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। प्राचार्य से प्रस्ताव अप्राप्त है। प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश 'ख‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन मार्ग निर्माण
76. ( क्र. 2156 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्र. संख्या 85 ( क्र. 2252) दि. 30.07.2015 के उत्तर में बताया था कि बरगी वि.स. क्षेत्र की वर्ष 2012 में निर्मित मनकेड़ी कुसली नवीन चरगंवा मार्ग एवं पिपरिया भैंरोघाट मार्ग जर्जर नहीं हुये है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों मार्गों का निरीक्षण किस अधि. द्वारा किया गया? (ख) उपरोक्त दोनों मार्ग निर्माण के दो वर्ष पूर्व ही जर्जर हो गये थे? उक्त मार्गों में भारी गड्डे होने से आवागमन दूभर हो गया है? (ग) क्या शासन उक्त दोनों मार्गों का सुधार संबंधित ठेकेदार या अन्य एजेंसी से करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त दोनों मार्गों का संयुक्त निरीक्षण अधीक्षण यंत्री, लो.नि.वि. मण्डल जबलपुर एवं कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. सं.क्रं. 2 जबलपुर द्वारा दिनाँक 19.06.2015 को किया गया था। (ख) जी नहीं, आंशिक रूप से। जी नहीं। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्वारीघाट फोर लेन निर्माण बाबत्
77. ( क्र. 2180 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटंगा (जबलपुर) से ग्वारीघाट फोरलेन 6.2 कि.मी. सड़क का निर्माण की मूल योजना क्या है तथा इसके लिये कब कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी गई एवं इसकी निर्माणाधीन अवधि क्या है? इसके लिए कितनी राशि आवंटित की गई तथा कितनी राशि व्यय हुई है? जून 2015 तक सड़क का कितना कार्य पूर्ण हुआ और कितना कार्य अपूर्ण है एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित ग्वारीघाट रोड सड़क की मूल योजना के तहत इसकी चौड़ाई कितने फिट निर्धारित की गई है तथा इसका निर्माण कहाँ से कहाँ तक कितने कि.मी. तक चौड़ाई कहाँ से कहाँ तक कितने-कितने फीट है? इसका निर्माण निर्धारित चौड़ाई के अनुरूप न कराने का क्या कारण है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांकित सड़के निर्माण कार्य हेतु सड़क के किनारे लगे हुए किस-किस प्रजाति के कितने वृक्षों को काटने की स्वीकृति कब किस स्तर पर दी गई और इसकी कटाई किसके आदेश से कब कितने वृक्षों की किसने कराई है? वृक्षों की कटाई की कितनी-कितनी मात्रा में लकड़ी का संग्रहण कहाँ पर किया गया है? इसका भौतिक सत्यापन कब और किसने किया है? प्रश्नांकित सड़क का कौन-कौन सा कितना कार्य कराया जाना शेष है एवं क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित सड़क के निर्माण हेतु सड़क के किनारे लगे हुये आम, पीपल, नीम, इमली आदि प्रजाति के कुल 109 वृक्षों की कटाई हेतु नगर निगम पालिका उद्यान विभाग द्वारा अनुमति प्रदान की गई। तदोपरान्त 23 वृक्षों की कटाई अनुबंधित ठेकेदार से कराई जाकर 67.265 घनमीटर मात्रा में लकड़ी का संग्रह उपसंभागीय स्टोर में किया गया। जिसका भौतिक सत्यापन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी उपसंभाग क्रं.1 के द्वारा दिनाँक 18.09.2012 को किया गया। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा डब्ल्यू.पी.-436/09 में पारित आदेश दिनाँक 05.02.13 तहत कुल 50 वृक्षों को कटाने की अनुमति प्रदान की गई। जिसके तहत समय-समय पर कुल 9 वृक्ष नगरनिगम द्वारा काटे गये एवं संग्रह नगरनिगम द्वारा किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
वृक्षारोपण कार्यों का सत्यापन
78. ( क्र. 2211 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर में वन विभाग में वृक्षारोपण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? विभाग द्वारा अप्रैल 2010 से आज दिनाँक तक किस-किस स्थान पर कौन-कौन सी प्रजाति के कितने-कितने वृक्ष लगाए गए हैं? योजना पर कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई? (ख) उपरोक्त में से किस-किस स्थान पर कितने वृक्ष जीवित हैं? (ग) वृक्षों का सत्यापन कब-कब किस-किस अधिकारी/ समिति द्वारा किया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
टीकमगढ़ जिले की नगर पंचायत पृथ्वीपुर में कोषालय कार्यालय की स्थापना
79. ( क्र. 2229 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पृथ्वीपुर नगर पंचायत क्षेत्र में कोषालय हेतु भवन निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो भवन सहित वर्ष राशि एवं कार्यपूर्ण दिनाँक बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित भवन में कार्यालय अभी तक शुरू नहीं हुआ हो यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें एवं खुलेगा तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। भवन का निर्माण वर्ष 1998-99 में किया गया है, जिस पर रू. 4,76,926/- व्यय किये गये। दिनाँक 31.08.1998 में कार्य पूर्ण किया गया। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भवन का उपयोग शासकीय कार्य में हो रहा है।
स्कूलों के खेलकूद की सामग्री का प्रदाय
80. ( क्र. 2293 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र मुलताई में खेलकूद विभाग द्वारा वर्ष 2014 से आज तक स्कूलों को खेलकूद की कौन-कौन सी सामग्री प्रदान की गई? (ख) जिन स्कूलों में सामग्री प्रदान की गई उनकी सूची उपलब्ध करावें? (ग) यह सामग्री कहाँ से क्रय की गई? उस पर किये गये व्यय की जानकारी प्रदान करें? (घ) इस सामग्री का उपयोग स्कूलों द्वारा किया जा रहा है या नहीं, जानकारी देवें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा चयनित पायका क्रीड़ा केन्द्र जो विद्यालय में स्थापित उन्हें वर्ष 2014 से आज दिनाँक तक उपलब्ध कराई गई अस्थाई खेल सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं स्थाई स्वरूप की खेल सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ग) अस्थाई स्वरूप की खेल सामग्री के क्रय व व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं स्थाई स्वरूप की खेल सामग्री के क्रय व व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ।
सिवना से आबापुरी मार्ग एवं तवोई से लाईखेड़ी मार्ग निर्माण
81. ( क्र. 2314 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में प्रगतिरत कार्य खोई से लाईखेड़ी मार्ग निर्माण से प्राक्कलन अनुसार कौन-कौन से कार्य होना है तथा यह कार्य करने की समयावधि विभाग द्वारा क्या निर्धारित कि गई थी? क्या निर्धारित समयावधि में कार्य प्रारंभ कर पूर्ण कर लिया गया है? (ख) उपरोक्त मार्ग में डामर डालने का प्रावधान नहीं हो तो उस मार्ग पर डामर डालने हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है तथा इसका क्रियान्वयन/स्वीकृति कब तक प्रारंभ हो जायेगी? (ग) क्या भीकनगांव से झिरन्या से मध्य मुख्य मार्ग शिवना-अभापुरी मार्ग निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बना कर स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित की गई है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति हेतु इतना विलंब क्यो हो रहा हैं? इस मार्ग का आवागमन एवं इस क्षेत्र की प्राथमिकता को देखते हुए यह कार्य कब प्रारंभ होगा? अनुमानित समयावधि बतायें? (घ) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन स्वीकृति हेतु कौन-कौन से मार्ग निर्माण हेतु कार्य योजना में सम्मलित किये गये है उनकी सूची उपलब्ध करावें तथा जो मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत नहीं हो सकते हैं उन्हें लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सम्मिलित किया जा सकता है? विभाग अंतर्गत सम्मिलित किये जाने वाले मार्गों के लिए दिशा निर्देश उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर अनुसार। (घ) कोई नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। उक्त संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं है।
बालाघाट जिले में मार्ग निर्माण
82. ( क्र. 2325 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की झालीवाड़ा-बासी-उन्सेरा-जराहमोहगांव-गजपुर-नवेगांव मार्ग अत्यंत जर्जर हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग इस मार्ग के कि.मी. 14/8 से 16/8 कि.मी. तक जो अत्यंत ही जर्जर है, निर्माण के लिये कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। झालीवाड़ा-बासी-उन्सेरा-जराहमोहगांव-गजपुर-नवेगांव मार्ग की कुल लंबाई 20.50 कि.मी. में से 9.00 कि.मी. इस विभाग के अधीन है, जिसकी स्थिति संतोषजनक है। शेष मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन है। (ख) प्रश्नांकित मार्ग के कि.मी. 14/8 से कि.मी. 16/8 (कुल लंबाई 2.20 कि.मी.) को डामरीकृत किये जाने हेतु रू. 169.18 लाख का प्राक्कलन परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बावनथड़ी नदी पर बड़पानी-देवनारा मार्ग पर पुल निर्माण
83. ( क्र. 2326 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में बड़पानी-देवनारा मार्ग पर बावनथड़ी नदी पर पुल निर्माण की कार्यवाही प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु कई वर्षों से लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो इस महत्वपूर्ण पुल निर्माण को कब तक प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्तमान में बजट में सम्मिलित नहीं है। अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
खेल शिविरों का आयोजन
84. ( क्र. 2347 ) श्री संजय पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग में कितने खेलों को मान्यता प्रदान की गई है? सूची प्रदान करें? विभाग द्वारा खेल एवं युवा कल्याण के प्रशिक्षण शिविर कहाँ-कहाँ आयोजित होते हैं तथा इन शिविरों में क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित जानकारी में क्या विभाग द्वारा प्रशिक्षित एवं अग्रिम पंक्ति के खिलाडि़यों को किस प्रतिशत में आरक्षण दिया जाता है? (ग) वित्तीय वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनाँक तक प्रदेश में कितने खिलाडि़यों को आरक्षण देकर नौकरी उपलब्ध कराई गई है? सूची देवें? जिलेवार खिलाडि़यों के नाम सहित सूची दें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राज्य स्तरीय खेल संघो को मान्यता प्रदान की जाती है, खेलों को नहीं। वर्ष 2015 में मध्यप्रदेश एमेच्योर कबड्डी संघ भोपाल, मध्यप्रदेश एमेच्योर क्याकिंग कैनोइंग संघ भोपाल, मध्यप्रदेश एमेच्योर व्हॉलीबॉल संघ देवास, मध्यप्रदेश टेबल टेनिस संघ इन्दौर एवं मध्यप्रदेश बास्केटबॉल संघ उज्जैन को विभाग द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। विभाग द्वारा माह मई एवं जून में ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन प्रत्येक जिले में किया जाता है, इसके कोई नियम नहीं है, समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते है। (ख) खेलों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) खिलाड़ियों को आरक्षण प्रदान किए जाने का प्रावधान न होने से वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित अवधि में किसी खिलाड़ी को नौकरी प्रदान नहीं की गई है। परन्तु वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित अवधि तक विक्रम पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ी को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर शासकीय सेवा में नियुक्ति प्रदान की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय कार्यों का सत्यापन
85. ( क्र. 2348 ) श्री संजय पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विकास कार्ययोजना एवं नवीन पौधरोपण योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के किस-किस बीट में कौन-कौन से जलाऊ/इमारती पौधों का रोपण कार्य किया गया और कितने हेक्टेयर में कितनी राशि का कार्ययोजना स्वीकृत की गई? जानकारी वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनाँक तक योजनावार बीटवार देवें? (ख) क्या नवीन पौधरोपण का कार्य विभाग के साथ-साथ गठित वन समितियों से कराया गया तो विभागवार, वर्षवार, समितिवार कराये गये कार्यों की जानकारी देवें एवं कौन-कौन से प्रजाति के कितने हेक्टेयर में रोपणी का कार्य किया गया? (ग) वन परिक्षेत्रों में उक्त अवधि में भूमि उपचार हेतु चैक डेम जलाशय का निर्माण किया गया? जानकारी वर्षवार उपलब्ध कराये एवं कितनी राशि व्यय की गई? कार्यवार जानकारी देवें? (घ) कराये गये कार्यों के सत्यापन हेतु शासन के क्या निर्देश हैं? किन-किन अधिकारियों द्वारा प्रश्नांश (क) (ख) (ग) कार्यों का वर्षवार किन-किन दिनांकों को सत्यापन किया गया? ऐसे कितने कार्य है जिनका वरिष्ठ अधिकारियेां के सत्यापन के बिना राशि का भुगतान किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। कार्य के दौरान तथा कार्य पूर्ण होने पर कार्यों का सत्यापन कराये जाने के निर्देश हैं। ऐसे कोई कार्य नहीं हैं जिनका वरिष्ठ अधिकारियों के सत्यापन के बिना राशि का भुगतान किया गया है।
वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही
86. ( क्र. 2359 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि वन विभाग के स्वामित्य की है तथा उक्त वनभूमि में से कहाँ-कहाँ कितनी भूमि रिक्त तथा कहाँ-कहाँ कितनी वनभूमि पर पट्टे दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त वनभूमि पर कहाँ-कहाँ अवैध रूप से अतिक्रमण है तथा विभाग द्वारा प्रश्न दिनाँक तक वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई है? तथा कितनी भूमि का रकबा कब-कब अतिक्रमण मुक्त कराया गया? (ग) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत वनभूमि बांस की खेती के लिये उपयुक्त है? यदि हाँ, तो क्या वन विभाग की रिक्त भूमि पर बांसरोपण कार्य को बढ़ावा देने के लिये कोई कार्ययोजना वर्तमान में प्रचलित है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र द्वारा ब्यावरा के अंतर्गत वनभूमि एवं पट्टों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत 416.036 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। वन विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर अतिक्रमण रोकने की कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2014 के दो प्रकरणों में 0.250 हेक्टेयर वनभूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सामयिक रूप से की जा रही है। (ग) राजगढ़ जिले की वनभूमि बांस की खेती के लिये सामान्यतः उपयुक्त नहीं है। परन्तु जिले में प्राकृतिक जल स्त्रोतों के समीप नदी-नाले के किनारे की मृदायुक्त भूमि पर बांस रोपण किया जा सकता है। वर्तमान में पृथक से बांस रोपण की कोई योजना प्रचलित नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा का आंचलिक कार्यालय प्रारंभ करना
87. ( क्र. 2360 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 45 (क्रमांक 2777) दिनाँक 12 मार्च 2015 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल का आंचलिक कार्यालय विधिवत प्रारंभ करने हेतु बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल की कार्यपरिषद बैठक में पदों के सृजन का निर्णय लिया गया है? आगामी कार्यवाही प्रचलन में है तो क्या उक्त आंचलिक कार्यालय हेतु किन-किन पदों का सृजन किया गया है तथा क्या उन पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन छात्र-छात्राओं के हित में इसी शैक्षणिक वर्ष में उक्त आंचलिक कार्यालय को प्रारंभ करवाऐगा? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। उक्त कार्यालय हेतु पदों का सृजन न कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा के अधिकारी/कर्मचारियों को आंचलिक कार्यालय का दायित्व सौंपा गया है। अतः नियुक्तियों का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आंचलिक केन्द्र प्रारंभ किया जा चुका है।
पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रारम्भ किया जाना
88. ( क्र. 2364 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2014-15 के बजट में कितने पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रारम्भ करने की स्वीकृति प्रदान की है? (ख) पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रारम्भ किये जाने हेतु क्या नीति है? (ग) सिंगरौली जिला अंतर्गत चितरंगी विधान सभा क्षेत्र के मुख्यालय चितरंगी जो कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग बाहुल क्षेत्र है, यहां पर पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रारंभ किये जाने हेतु क्या कार्य योजना शासन स्तर पर प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक यहां पर पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रारम्भ कर दिया जायेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा 2014-15 में एक पॉलिटेक्निक प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिले में स्थापित उद्योगों की जानकारी
89. ( क्र. 2369 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी एवं सतना जिले के अंतर्गत किन-किन उद्योगों की स्थापना वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक हुई? उक्त उद्योगों के नाम, पता, संचालक का नाम सहित विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के उद्योगों को स्थापित करने के लिये वर्ष 2009 से प्रश्न दिनाँक तक की अवधि में किन-किन को कितनी सब्सिडी प्रदान की गई है? उद्योगवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के उद्योगों को स्थापित करने के लिये प्रदूषण विभाग से अनापत्ति प्रमाण (एनओसी) लिया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कार्यालय रिकार्ड अनुसार वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कटनी जिले में 142 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा 1 वृहद उद्योग की स्थापना हुई सतना जिले में उक्त अवधि में 1153 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम तथा 3 वृहद उद्योगों की स्थापना हुई। इकाईवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उद्योगों को वर्ष 2009 से प्रश्न दिनाँक तक कटनी जिले में 52 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को ब्याज अनुदान एवं 28 उद्योगों को निवेश अनुदान प्रदान किया गया है। इसी प्रकार सतना जिले मे 11 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को निवेश अनुदान एवं 23 उद्योगों को ब्याज अनुदान प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5, 6 अनुसार है। (ग) कटनी जिले के अंतर्गत कुल 261 एवं सतना जिले के अंतर्गत कुल 30 उद्योग प्रदूषण बोर्ड की सम्मति प्राप्त कर संचालित है। प्रदूषण बोर्ड से नियमानुसार सम्मति प्राप्त करने का दायित्व संबंधित उद्योगों का होता है।
सीहोर की धरोहर बांसों के बाग की सुरक्षा में लापरवाही
90. ( क्र. 2383 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सीहारे अंतर्गत चर्च ग्राउण्ड में बांसों का बाग है जो कि सीहोर की शान व धरोहर के रूप में पहचाना जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत कुछ समय से अवैध रूप से बांसों की चोरी होने के संबंध में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विभाग को अवगत कराने पर विभाग के कतिपय लोगों द्वारा यह अवगत कराया गया कि यह वन विभाग के अंतर्गत नहीं है राजस्व विभाग के अधीन हैं? (ग) यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि पांच वर्ष पूर्व उक्त बांसों का बाग के कितने एरिये में कितने बांस थे और वर्तमान में कितने एरिये में कितने बांस बचे हैं? क्या शासन समय रहते बांसों के बाग की सुरक्षा एवं लापरवाही करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) बांस चोरी की कोई सूचना वन विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्नांकित भूमि राजस्व विभाग के अधीन है। अतः वन विभाग द्वारा इन बांस भिर्रों एवं उसके क्षेत्रफल के अभिलेखीकरण नहीं रखा जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन को वित्तीय हानि पहुंचाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किए जाने से उत्पन्न स्थिति
91. ( क्र. 2384 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर-चम्बल संभाग में स्नातकोत्तर प्राचार्य एवं प्राध्यापकों के वेतन निर्धारण में विसंगति के कारण पात्रता से अधिक वेतन निर्धारण का लाभ प्राध्यापकों ने प्राप्त किया जिससे शासन को वित्तीय क्षति हुई है? जिसके संदर्भ में दिनाँक 30 नवम्बर 2011 को पूछे गये अतारांकित प्रश्न संख्या 94 (क्र. 2938) में विभाग द्वारा गलत वेतन निर्धारण की विसंगति को स्वीकार किया था एवं उसके अनुसार कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया था तो किन्तु वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) क्या दिनाँक 25 जुलाई 2012 को पूछे गये प्रश्न क्र. 1078 में विभाग द्वारा स्वीकार किया गया था कि त्रुटिपूर्ण फिक्शेसन के प्रकरणों की कार्यवाही छठवें वेतनमान संबंधी आदेशों से संशोधन उपरान्त की जावेगी क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? इस संबंध में संबंधितों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये शासन की अधिक राशि के अपव्यय के संबंध में कब तक कार्यवाही की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। दिनाँक 1.1.2006 के पुनरीक्षित वेतनमान में विसंगति मात्र प्राध्यापकों के वेतनमान में थी, जिसे राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ-1/124/2010/38-1 दिनाँक 14.09.2012 द्वारा वेतनमान की विसंगति में नियमानुसार सुधार किया गया। उक्त आदेश के विरूद्ध प्राध्यापक संघ द्वारा मा. उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी.17891 तथा डब्ल्यू.पी. 17382/12 (एस) दायर की जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनाँक 20.8.2013 के विरूद्ध माननीय न्यायालय में शासन द्वारा अपील की गयी है जो वर्तमान में विचाराधीन है।
वन विभाग की योजनाएं एवं निर्माण कार्य
92. ( क्र. 2407 ) श्री सचिन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वन विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं, किस-किस प्रकार के निर्माण कार्य, कहाँ-कहाँ पर किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों हेतु विगत पांच वर्षों में कितना-कितना बजट आवंटित किया गया है प्रश्न दिनाँक तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण व अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिय जायेगा? समय-सीमा बतायें? (ग) उक्त क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य किये जाने की अति आवश्यकता है उनके संबंध में कार्य निरीक्षण कर कार्य योजनाएं बनाई गई है यदि हाँ, तो क्या नहीं तो क्यों कारण दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) समस्त कार्य पूर्ण हैं। (घ) प्रत्येक वर्ष कार्य आयोजना के क्रियान्वयन के तहत किये जाने वाले कार्यों का वनमण्डलवार कार्ययोजना (एक्शन प्लान) तैयार किया जाकर क्रियान्वयन की कार्यवाही की जाती है।
93. ( क्र. 2417 ) डॉ. मोहन यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के महाविद्यालयों में नेशनल कैडेट कोर के संचालन के संबंध में जारी पत्र-परिपत्र एवं राजपत्र प्रकाशन की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में एन.सी.सी. का संचालन किया जाना अनिवार्य किया गया है? यदि हाँ, तो कितने महाविद्यालय में एन.सी.सी. का संचालन किया जा रहा है तथा कितने महाविद्यालयों में नहीं किया जा रहा है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग द्वारा प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों तथा अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में एन.सी.सी. प्रारंभ करने के निर्देश समय-समय पर जारी किये गए हैं। 183 महाविद्यालयों में एन.सी.सी. का संचालन किया जा रहा है। शेष महाविद्यालयों में नहीं। शेष भाग में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खिलाड़ियों को शासकीय सेवा एवं स्वरोजगार हेतु ऋण
94. ( क्र. 2418 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01-01-2012 से प्रश्न दिनाँक तक प्रदेश के कितने खिलाड़ियों द्वारा अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड प्राप्त किये गये? जानकारी उपलब्ध करावें? उनमें से कितने खिलाड़ियों को शासकीय सेवाओं में अवसर दिये गये एवं कितने पात्र खिलाड़ियों को अवसर नहीं दिया गया कारण सहित अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी अनुसार पात्र खिलाड़ियों को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराने, अनुदान देने आदि के संबंध में शासन की क्या योजना है? यदि वर्तमान में इस प्रकार की कोई येाजना नहीं है तो क्या भविष्य में विभाग द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही की जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रदेश के खिलाड़ियों को विभाग द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। उक्त अवधि में जिन खिलाड़ियों को विक्रम पुरस्कार प्राप्त हुआ तथा उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर नियुक्ति प्रदान की गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है एवं जिन्हें नियुक्ति प्रदान नहीं की गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ग’ अनुसार है। (ख) जी नहीं कोई योजना नहीं है। जी नहीं।
शासकीय आवासों की मरम्मत/रखरखाव
95. ( क्र. 2424 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से माह अक्टूबर 2015 तक राजधानी भोपाल स्थित शासकीय आवासों की मरम्मत, रख-रखाव एवं साज-सज्जा पर कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार विवरण दें? (ख) क्या वर्ष 2013-14 में शासकीय आवासों की मरम्मत एवं रखरखाव हेतु विभाग द्वारा आई से एफ टाईप एवं बी, ई तथा डी टाईप आवास हेतु श्रेणीवार राशि व्यय किये जाने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या आई से एफ टाईप आवासों की मरम्मत/ रखरखाव हेतु स्वीकृत बजट की राशि बी, ई एवं डी टाईप आवासों की मरम्मत/रख-रखाव एवं साज-सज्जा पर व्यय की गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा जिस श्रेणी के आवासों की मरम्मत/रख-रखाव हेतु बजट का प्रावधान किया है? उस श्रेणी के आवासों की मरम्मत/रख-रखाव पर व्यय करने की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ‘’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्र सिंदगुंवा सागर की योजना
96. ( क्र. 2427 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिला स्थित औद्योगिक क्षेत्र सिंदगुंवा की योजना का कार्य कब प्रारंभ किया गया है? क्या उक्त योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो इसका कारण क्या है? (ख) क्या औद्योगिक क्षेत्र सिंदगुंवा जिला सागर में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार करने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो इस योजना का प्रकार एवं लागत क्या है? अब तक इस योजना में कौन-कौन से कार्य किए गये है और यह कब तक पूर्ण हो पायेगी? (ग) उक्त योजना के कार्य हेतु किस निर्माण एजेन्सी को अधिकृत किया गया है? क्या उसके द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जल प्रदाय योजना दिनाँक 09.09.2010 को व उक्त औद्योगिक क्षेत्र में विकास एवं उन्नयन कार्य दिनाँक 14.09.2013 को प्रारंभ किया गया। जी नहीं। जल प्रदाय योजना में एनीकट के कार्य हेतु निर्माण एजेन्सी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा कार्य के संपादन हेतु ठेकेदार के चयन में विलंब हुआ। द्वितीय योजना के संपादन में विलंब का कारण हुडको से ऋण स्वीकृति एवं आहरण की प्रक्रिया में अत्यधिक समय लगना है। (ख) जी हाँ। जल प्रदाय योजना में रूपये 10.35 करोड़ की स्वीकृति के विरूद्ध रूपये 482.90 लाख की भौतिक प्रगति है, व विकास कार्य एवं उन्नयन में रूपये 16.70 करोड़ की स्वीकृति के विरूद्ध रूपये 290.35 लाख की भौतिक प्रगति है। उक्त दोनों योजनाओं का कार्य जून 2016 तक पूर्ण होना संभावित है। (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग एवं म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा गुणवत्तापूर्वक कार्य कराया जा रहा है व समय-समय पर सक्षम इंजीनियर द्वारा कार्य का निरीक्षण कर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति
97. ( क्र. 2437 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में किन धार्मिक स्थलों की पूजा के लिये विभाग द्वारा पुजारी नियुक्त है? स्थानवार सूची बतायें? इन पुजारियों को कितना-कितना मानदेय दिया जाता है? (ख) मंदिरों में शासकीय पुजारी नियुक्त करने की क्या प्रक्रिया है? (ग) छतरपुर जिले में कितने ऐसे मंदिर हैं जहां शासन द्वारा पुजारी नियुक्त नहीं है? सूची स्थानवार बतायें इन मंदिरों में कब तक पुजारी नियुक्त कर दिये जायेंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धार्मिक स्थलों का रख-रखाव
98. ( क्र. 2440 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में विभाग द्वारा किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? वर्षवार, पृथक-पृथक बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आवंटित राशि में से कितना व्यय किस-किस कार्य पर किया गया? राशि स्थानवार दिनाँक सहित बतायें? (ग) विभाग द्वारा छतरपुर जिले में विभाग द्वारा धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिये कोई योजना तैयार की गई है? अगर हाँ, तो क्या, अगर नहीं तो क्यों नहीं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) छतरपुर जिले में वर्षवार निम्नानुसार राशि का आवंटन किया गया है- वर्ष 2012-13 में निरंक, वर्ष 2013-14 में नहदौरा मंदिर तहसील राजनगर के लिये रूपये 3.00 लाख, वर्ष 2014-15 में गिरधौरी मंदिर लवकुश नगर के लिये रूपये 1.00 लाख दिये गये एवं वर्ष 2015-16 में जानकी रमण मंदिर चन्द्रनगर के लिये 2,09,000 रूपये, धनुषधारी मंदिर राजनगर के लिये 2.41 लाख रूपये, बिहारी जू मंदिर सांदनी के लिये 5.98 लाख रूपये, शंकरजी मंदिर पिपट के लिये 3.00 लाख रूपये, जानकी रमण मंदिर बिजावर के लिये 1.64 लाख रूपये, राम जानकी मंदिर गिरधौरी लवकुश नगर के लिये 1.00 लाख रूपये, बिहारी जू मंदिर पिपरी (नौगांव) के लिये 5.90 लाख रूपये कुल योग 22.02 लाख रूपये। (ख) प्रश्नांश (क) में आवंटित राशि अनुसार कार्य प्रगतिरत है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, मंदिरों के जीर्णोद्धार/संरक्षण की कार्यवाही की जाती है। मंदिरों मे व्यवस्थापक कलेक्टर है।
बाघों की सुरक्षा व वन भूमि से अतिक्रमण हटाना
99. ( क्र. 2452 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग और एन.टी.सी.ए. ने बाघों की सुरक्षा के लिये प्रश्न दिनाँक तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत राजधानी भोपाल से लगे वन क्षेत्र में लोग रहने लगे हैं या फिर बाघ रहवासी क्षेत्र में आने लगे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या वनभूमि क्षेत्र में रसूखदारों द्वारा अतिक्रमण किये जाने के कारण बाघ असुरक्षित हो गए हैं? क्या वनभूमि क्षेत्र से अतिक्रमण को हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजधानी भोपाल से लगे वनों के पास राजस्व क्षेत्रों में लोग रहने लगे हैं। राजस्व वनक्षेत्र एवं रहवासी क्षेत्र साथ लगे होने के कारण कभी-कभी बाघ रहवासी क्षेत्र की तरफ आने लगे हैं। (ग) उतरांश (क) एवं (ख) अंतर्गत वनभूमि क्षेत्र में रसूखदारों द्वारा अतिक्रमण किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण पर व्यय की गई राशि
100. ( क्र. 2453 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक वन विभाग द्वारा भोपाल, रायसेन व सतना जिले में कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण कराया गया? वर्षवार, जिलावार, स्थानवार, संख्यावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वृक्षारोपण में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, जिलावार, स्थानवार व व्यय राशिवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत वर्तमान में कितने वृक्ष जीवित हैं? वर्षवार, जिलावार, स्थानवार, संख्यावार जानकारी दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पत्राचार के माध्यम से बी.एड. एवं डी.एड. पर रोक
101. ( क्र. 2462 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्राचार के माध्यम से बीएड एवं डीएड पर शासन द्वारा रोक लगाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रायवेट संस्थाओं को किस आधार पर पत्राचार के माध्यम से बीएड कराने पर छूट दे रखी है? क्या प्रायवेट संस्थाओं को बीएड कराने के व्यवसाय की छूट दी गयी है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। प्रत्राचार के माध्यम से बी.एड. संचालित नहीं होता है। रोक लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता एवं डी.एड. पत्राचार पाठ्यक्रम प्रवेश सत्र 2015-16 को स्थगित किया गया है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय पोरसा में प्राध्यापकों की कमी
102. ( क्र. 2472 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय पोरसा (मुरैना) में कितने पद प्राध्यापकों प्राचार्य सहित स्वीकृत हैं? वर्तमान में उनकी संख्या तथा लिपिकीय वर्ग कर्मचारियों की संख्या सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या प्रारंभ से नवम्बर 2015 तक महाविद्यालय मे स्थाई प्राचार्य पदस्थ नहीं हो सके हैं? क्यों? क्या कई बार महाविद्यालय के ग्रन्थपाल को ही प्रभारी प्राचार्य का प्रभार दिया गया है? (ग) वर्तमान में महाविद्यालय में कितनी संकायों के क्लास लगते हैं तथा छात्रों की कितनी संख्या है? छात्रों की संख्या कक्षावार बताई जावें? (घ) क्या स्थाई प्राध्यापक नहीं होने से तथा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में विलंब के कारण अध्यापन कार्य सुचारू रूप से नहीं चल सका है वर्ष 2012 से 2015 के शैक्षणिक सत्र में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कब हुई? दिनाँक सहित वर्षवार शिक्षा सत्र वार जानकारी दी जावे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' पर है। (ख) जी नहीं। चूंकि वर्तमान में स्वीकृत पदों विरूद्ध नियमित प्राचार्यों की कमी है। शासकीय महाविद्यालय पोरसा में दिनाँक 31.7.2009 से स्थाई प्राचार्य पदस्थ नहीं है। रिक्त पद होने के कारण महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य का प्रभार वरिष्ठता एवं नियमित कर्मचारी ग्रंथपाल को कई बार दिया गया है। प्रारंभ से नवम्बर 15 तक स्थाई प्राचार्य एवं प्रभारी प्राचार्य पदस्थ रहे हैं उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' पर है। (ग) वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय पोरसा में मात्र 01 कला संकाय स्नातक में ही अध्ययन होता है एवं बी.ए. प्रथम सेमेस्टर में 54 छात्र, बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर में 72 एवं बी.ए. तृतीय सेमेस्टर में 30 छात्र अध्ययनरत है। (घ) जी नहीं। स्थाई प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों विरूद्ध शासन द्वारा समय पर अतिथि विद्वानों का आमंत्रण यथासमय होने से अध्यापन कार्य सुचारू रूप से जारी है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' में है।
मुरैना जिले की परीक्षा-बाराहेड रोड निर्माण में विलम्ब
103. ( क्र. 2473 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की परीक्षा-बाराहेड रोड की कब किस ठेकेदार को निर्माण की निविदा दी गई थी? उसकी लागत राशि क्या है? ठेकेदार का नाम, स्वीकृति राशि सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) वर्तमान में सड़क निर्माण की स्थिति क्या है? निर्माण अवधि की सीमा कब तक थी? समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद निर्माण कार्य में विलम्ब के क्या कारण है? (ग) क्या शासन उन पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? क्या उक्त मार्ग के निर्माण नहीं होने से वाहन चालकों को काफी तकलीफ होती है एवं जनता को भी आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है? उक्त मार्ग पर डामरीकरण कब तक करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य पूर्ण अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। मार्ग पर आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। डामरीकरण कर दिया गया है।
शासकीय महाविद्यालय कुक्षी की वांछित जानकारी
104. ( क्र. 2510 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 248 दिनाँक 29.07.2015 द्वारा प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय कुक्षी से महाविद्यालय के संबंध में जानकारी हेतु पत्र प्रेषित कर जानकारी उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) कब तक सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या समय-सीमा में जानकारी नहीं देने वाले उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय कुक्षी से माननीय विधायक महोदय द्वारा अजा/अजजा को नि:शुल्क स्टेशनरी की कार्यवाही की मांग की गई थी। महाविद्यालय द्वारा पत्र क्र. 344/2015, दिनाँक 02.12.15 को उपलब्ध करा दी गई है। (ग) जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिगड़े वनों का सुधार
105. ( क्र. 2512 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर में वन विभाग को अप्रैल 2010 से प्रश्न दिनाँक तक बिगड़े वनों के सुधार एवं निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी दें? (ख) उपरोक्त प्राप्त राशि से विभाग द्वारा किस-किस स्थान पर क्या-क्या कार्य कराये गये? कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) बिगड़े वनों के सुधार संबंधी कार्यों का सत्यापन किया जाता है? हाँ, तो किसके द्वारा सत्यापन कब-कब किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विभिन्न निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन
106. ( क्र. 2513 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत जियावन ब्लाक देवसर जिला सिंगरौली में वर्ष 2007 से 2015 के बीच कितनी सड़कों एवं अन्य निर्माण कार्यों को कराया गया तथा किस किस मद से भुगतान किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या सड़कों एवं अन्य निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जाँच कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि निर्माण कार्य नहीं हुए तो इसका दोषी कौन है और उन पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार तथा दो नग भवन कार्य, माडल स्कूल देवसर का भुगतान राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की जमा राशि से एवं 6 ट्रेड आई.टी.आई. भवन देवसर का भुगतान नाबार्ड मद क्र. 47-4202-02-104-6952-64-1401-V-001/ 47-4202-03-003-6952-64-1401-V-001 से किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार 1 नग कार्य फोरलेन सड़क निर्माण, भूमि अनुपलब्धता के कारण बंद है एवं दो नग कार्य जिला पंचायत द्वारा क्रय सामग्री का भुगतान न किये जाने के कारण बंद है अत: अपूर्ण निर्माण कार्य हेतु कोई दोषी नहीं है तथा कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग की योजनाएं
107. ( क्र. 2527 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा वन प्राणियों द्वारा जनहानि एवं फसलों में हुये नुकसान की क्षतिपूर्ति हेतु मुआवजे का प्रावधान है? यदि हाँ, तो यह किस प्रकार से किसके द्वारा प्रदान किया जाता है? क्या वन विभाग द्वारा अन्य वन प्राणियों की तरह बंदरों द्वारा जनहानि या अनाज सब्जियों एवं फलों की फसलों को नुकसान पहुँचाने पर क्या मुआवजा राशि प्रदान करने का प्रावधान है? (ख) पाटन विधान सभा अंतर्गत वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण की कोई योजना बनाई गई है? उत्तर में यदि हाँ, तो किन-किन योजना अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य कराये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजनाओं में विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? योजनावार जानकारी देवे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि होने पर क्षतिपूर्ति का भुगतान वन विभाग द्वारा किया जाता है, तथा वन्यप्राणियों द्वारा फसलों में हुए नुकसान की नियमानुसार क्षतिपूर्ति का भुगतान राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1,2,3 एवं 4 अनुसार है। वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि एवं फसलों में हुए नुकसान पर क्षतिपूर्ति भुगतान के प्रावधान में बंदरों द्वारा कारित हानि भी सम्मिलित है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। कार्य योजना के अनुसार वृक्षारोपण कार्य हेतु योजनाएं तैयार की गईं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
उत्तर वन मंडल (सा.) के स्वीकृत एवं कार्यरत कर्मचारियों के पद
108. ( क्र. 2540 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उत्तर वन मंडल सामान्य बैतूल में वर्ग 03 के कितने पद स्वीकृत हैं? कार्यरत की संख्या एवं रिक्त पद से अवगत करायें? (ख) रेंजर के कितने पद स्वीकृत हैं? कार्यरत रेंजर की सूची देवें? (ग) सा. वन मंडल उत्तर में चतुर्थ श्रेणी कार्यरत की संख्या देवें? लिपिक वर्ग की जानकारी देवें? (घ) म.प्र. शासन वन विभाग उत्तर वन मंडल सा. बैतूल में कितने अंशकालीन कर्मचारी कार्यरत है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। चतुर्थ श्रेणी के 11 कर्मचारी कार्यरत है। (ख) रेंजर के 10 पद स्वीकृत हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) कोई नहीं।
आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घनौरा में महाविद्यालय खोले जाना
109. ( क्र. 2563 ) श्री रजनीश सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घनौरा में महाविद्यालय खोले जाने हेतु क्या कोई प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालय खोले जाने की समय-सीमा बतावे? (ग) यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालय में सुदृढीकरण, गुणवत्ता एवं विकास करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अतः विकासखण्ड घनौरा में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
महाविद्यालय केवलारी एवं छपारा जिला सिवनी में विज्ञान संकाय प्रारंभ करना
110. ( क्र. 2564 ) श्री रजनीश सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में भी शासकीय महाविद्यालय केवलारी, छपारा जिला सिवनी में विज्ञान संकाय प्रारंभ किये जाने हेतु मांग लंब समय से की जा रही है? (ख) क्या उक्त महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने का प्रस्ताव विचाराधीन है? (ग) यदि हाँ, तो विज्ञान संकाय कब से प्रारंभ किया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। शासकीय
महाविद्यालय
केवलारी जिला
सिवनी में
विज्ञान
संकाय
प्रारंभ किये
जाने की मांग
की गई।
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 1090/15/मुमं/आउशि/यो/14 दिनाँक
17/10/2014
द्वारा
प्रकरण
अमान्य कर
संबंधित को
अवगत कराया
गया (ख) जी
नहीं। (ग) 'ख' के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(घ) वर्तमान
में शासन
द्वारा पूर्व
से संचालित
पाठ्यक्रमों
के सुदृढ़ीकरण,
गुणवत्ता एवं
विकास करने के
प्रयास किये
जा रहे हैं।
अतः शासकीय
महाविद्यालय
केवलारी एवं
छपारा जिला सिवनी
में विज्ञान
संकाय
प्रारम्भ
करने में कठिनाई
है।
धरमपुरी नगर से बैंट संस्थान के मध्य पुल निर्माण
111. ( क्र. 2570 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला अंतर्गत धरमपुरी नगर के पास नर्मदा नदी के बीच में स्थित अति प्राचीन बैंट संस्थान/तपोस्थल (टापु) पुरातन काल से आस-पास के क्षेत्र के नागरिकों की धार्मिक आस्था का प्रमुख केन्द्र हैं? (ख) क्या उक्त स्थल पर प्रत्येक त्यौहार पर हजारों श्रद्धालु नाव, बोट आदि संसाधनों से प्राचीन शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने हेतु जाते हैं? तथा महाशिवरात्रि के पर्व पर लगने वाले भव्य मेले के समय शासन द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रूपये खर्च कर अस्थाई पुल का निर्माण किया जाता है? जिससे लाखों श्रद्धालु महाशिवरात्री पर्व पर शिवजी की सवारी के साथ बैंट संस्थान पहुँचते हैं? (ग) क्या अस्थाई पुल, निर्माण अवधि के दौरान ही कई बार तकनीकी त्रुटियों के कारण बह जाता है व मेले के दौरान हमेशा पुल दहने का डर बना रहता है? क्या क्षेत्र के नागरिकों द्वारा वर्षों से धरमपुरी नगर से बैंट संस्थान के बीच स्थाई पुल बनाने की मांग की जा रही है? शासन को प्रेषित प्रस्ताव भी विगत काफी वर्षों से स्वीकृति के अभाव में लंबित है? (घ) क्या शासन अब प्रस्तावित पुल निर्माण का सर्वे करवाकर, धरमपुरी नगर से बैंट संस्थान के मध्य पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति जारी करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा अस्थाई पुल का निर्माण नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता है। जी हाँ। जी नहीं, परीक्षण कराया जा रहा है। (घ) वित्तीय उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जायेगी। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सड़कों की मरम्मत
112. ( क्र. 2582 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा पूर्व वर्षों में निर्मित अधिकांश सड़कें पूर्णतया खराब हो चुकी है, उनकी मरम्मत के अभाव में सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है, जिससे वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया है प्रतिदिन छोटी-मोटी दुर्घटना होती रहती है? शासन द्वारा क्षेत्र की खराब हो चुकी सड़कों की मरम्मत का कार्य कब तक पूर्ण करवा दिया जावेगा? (ख) विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में धार-नागदा-गुजरी राजमार्ग क्र. 31 की सड़क मरम्मत पर राशि रु. 877.10 लाख रूपये व्यय किये जाना बताये गये है जबकि उक्त मार्ग पर मात्र वर्षाकाल उपरांत कुछ गड्ढे मुरम गिट्टी आदि से भरे गये है एवं मार्ग पर अभी भी बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे है? क्या शासन धार-नागदा-गुजरी राजमार्ग क्र. 31 की सड़क मरम्मत पर व्यय बताई गई राशि की जाँच व अन्य एजेंसी से मूल्यांकन/भौतिक सत्यापन करवाकर, राशि का दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम, के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में निम्न दो सड़कें आती हैं:- 1. खलघाट-मनावर मार्ग (राज्यमार्ग क्रं. 38) 2. नागदा-धार-गुजरी मार्ग ( राज्यमार्ग क्रं. 31) 3. बड़वाह-धामनोद मार्ग (राज्यमार्ग क्र. 38) धामनोद से कारम नदी तक। खलघाट-मनावर मार्ग एडीबी-।। योजना के अंतर्गत वर्ष 2010 में उन्नयन कार्य पूर्ण किया गया है। वर्तमान में इस मार्ग की स्थिति अच्छी है। नागदा-धार-गुजरी मार्ग लो.नि.वि. द्वारा पूर्व में बी.ओ.टी. योजना से स्थगित कर दिनाँक 10.01.2012 को अनुबंध समाप्त किया गया। इसके उपरांत उक्त मार्ग म.प्र. सड़क विकास निगम लि. को हस्तांतरित किया गया। हस्तांतरण के दो वर्ष तक मार्ग का (गुजरी से धार के मध्य) रखरखाव 2012 से 2014 तक मरम्मत कार्य हेतु लो.नि.वि. संभाग धार को राशि उपलब्ध कराई जाकर उनके द्वारा रखरखाव कार्य किया गया एवं नागदा से धार के मध्य रखरखाव का कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम लि. द्वारा किया गया। इसके उपरांत समय-समय पर रखरखाव का कार्य निगम द्वारा किया गया है। वर्तमान में ई.पी.सी. योजना के अंतर्गत संपूर्ण मार्ग का पुर्ननिर्माण सीमेंट कांक्रीट का कार्य मेसर्स पाथ इंडिया प्रा. लि. से अनुबंध दिनाँक 17/08/2015 द्वारा किया जाकर कार्य 560 दिन में पूर्ण किया जाना तय किया गया है। ठेकेदार द्वारा नागदा से धार के मध्य युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है इसी प्रकार धार से गुजरी के मध्य भी कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। बडवाह-धामनोद मार्ग ओ.एम.टी. योजना के अन्तर्गत प्रगतिरत है एवं वर्तमान में मार्ग स्थिति संतोषप्रद है। (ख) निगम द्वारा विगत 03 वर्षों में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में धार-नागदा-गुजरी राजमार्ग क्रं. 31 की सड़क मरम्मत पर लो.नि.वि. संभाग धार द्वारा 345.02 लाख रू. एवं म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा 213.75 लाख रू. तथा इस प्रकार नागदा-धार-गुजरी मार्ग (एस.एच.-31) पर कुल 558.77 लाख रू. का व्यय किया गया है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनाँक 7, 8 एवं 9 अक्टूबर 2014 ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को ध्यान में रखते हुये बगड़ी फाटे से माण्डव फाटे तक कुल 3.20 कि.मी. का कार्य सरफेस इम्प्रूवमेंट कार्य किया गया एवं अन्य मरम्मत कार्य भी डामर का उपयोग किया जा कर ही किया गया है। वर्षा ऋतु के दौरान यातायात की सुगमता हेतु मुरम गिट्टी से भी गढ्डे भरे गये है एवं वर्षा उपरान्त डामर से पक्के पैच बनाये गये जाकर मार्ग मोटरेबल किया गया है। व्यय की गई राशि का सही उपयोग किया गया है। अतः जाँच, मूल्यांकन, भौतिक सत्यापन का प्रश्न नहीं उठता।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
113. ( क्र. 2604 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कालापीपल विधान सभा क्षेत्र के श्री गोपाल मंदिर पोलायकलां, ओंकारनाथ मंदिर पोचानेर तथा ईलाही माता मंदिर रानीबड़ौद के जीर्णोद्धार की मांग ग्रामीण जनता द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो क्या जीर्णोद्धार के प्राक्कलन तैयार कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि के? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्राक्कलन अनुसार प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जीर्णोद्धार के प्राक्कलन तैयार किये जा रहे हैं। (ख) प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बालाघाट जिले के अंतर्गत गर्रा से मेवाड़ मार्ग को समय-सीमा में पूर्ण कराया जाना
114. ( क्र. 2607 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत गर्रा से मोवाड़ मार्ग की निविदा कब-कब आमंत्रित की गई थी तथा किन-किन दर पर किस-किस की निविदा प्राप्त हुई? न्यूनतम दर पर किस निविदाकार को निविदा स्वीकृत की गई? (ख) उक्त मार्ग का अनुबंध किस दिनाँक को किया गया? कार्य पूर्ण करने की अवधि कितने समय की थी? क्या ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर दिया गया? यदि नहीं, तो शासन द्वारा उस ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे कार्य के विरूद्ध प्रशासन के द्वारा किन-किन कारणों के कारण कब से रोक लगाई गई हैं? (घ) उक्त ठेकेदार द्वारा गिट्टी खदान, मुरम खदान एवं रेत घाट की अनुमति हेतु आवेदन पत्र कब दिया गया था? क्या प्रशासन द्वारा उक्त ठेकेदार को उक्त कार्य को पूर्ण कराने हेतु उपरोक्त सामग्री परिवहन करने के लिये अनुमति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उक्त मार्ग कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनाँक 17.09.2012 को, विवरण निम्नानुसार है:-
स.क्रं. |
निविदाकार |
निविदा की दर (रूपये में) |
1 |
मेसर्स एम.बी.एल. इन्फ्रा लि. नई दिल्ली |
8.15 करोड़ |
2 |
मेसर्स दिलीप बिल्डकान लि. |
8.82 करोड़ |
न्यूनतम दर रूपये 8.15 करोड़ पर मेसर्स एम.बी.एल. इन्फ्रा लि. नई दिल्ली की दर स्वीकृत की गई। (ख) दिनाँक 22.03.2013 को। 730 दिन। जी नहीं। अनुबंध की धारा 12.4.2 के तहत स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा समय समय पर कार्यवाही की गई। (ग) कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला बालाघाट द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार ठेकेदार से कराये जा रहे कार्य के विरूद्ध प्रशासन के द्वारा कभी कोई रोक नहीं लगाई गई। (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।
गुणवत्ताहीन पुल निर्माण
115. ( क्र. 2615 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में छिपानेर हरदा मार्ग पर ग्राम अवगांव से स्वीकृत पुल कब पूर्ण हुआ उसकी मियाद कितनी थी? क्या सक्षम अधिकारी द्वारा जाँच की गई यदि हाँ, तो दिनाँकवार विवरण देवें? (ख) क्या हरदा जिले के ग्राम अवगांव में स्वीकृत पुल टूट गया है? यदि हाँ, तो जन हानि हुई है जिससे शासन को कितना नुकसान हुआ इसकी जवाबदारी किसकी है? संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें? (ग) उक्त पुल टूटने पर संबंधित ठेकेदार पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या/यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताये। क्या उक्त पुल गुणवत्ता विहीन था निर्माणाधीन पुल का किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया था?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनाँक 31.12.2010 को पूर्ण हुआ। परफारमेंस अवधि तीन वर्ष अर्थात दिनाँक 31.12.2013 तक। जी हाँ, मुख्य अभियंता सेतु द्वारा दिनाँक 05.08.2014 को निरीक्षण किया गया। (ख) जी नहीं। रिटेनिंगवाल की मरम्मत करते समय दुर्घटनावश एक जन हानि हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा नगर पलेरा की सीमाओं के दोनों और नाली निर्माण
116. ( क्र. 2620 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में टीकमगढ़ धजरई-जतारा-पलेरा-नौगांव मार्ग का कार्य एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा कुल कितने कि.मी. लंबाई एवं कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी चौड़ाई एवं कितनी-कितनी पुल-पुलियों एवं कहाँ-कहाँ नालियों का निर्माण कुल कितनी-कितनी राशि व्यय करके पूर्ण करवा दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर जब इस मार्ग पर अनेकों ग्रामों में नालियों का निर्माण कराया गया है तो जिले के पलेरा नगर की सीमा क्षेत्र में नवनिर्मित रोड के दोनो ओर नालियों का निर्माण 3.4 km X2 पर क्यों नहीं कराया गया है? जबकि नावदानों का एवं बरसात का पानी घरों में प्रवेश हो रहा है? (ग) क्या पलेरा नगर की उपरोक्त नालियों का निर्माण प्रश्न दिनाँक तक न होने से माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी एवं विभागीय एम.डी. को नाली बनवाने हेतु अनुरोध पत्र दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब और किसके द्वारा? प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि नगर पलेरा सीमाओं की नालियों का निर्माण कार्य किस दिनाँक से प्रांरभ हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) टीकमगढ़ (धजरई) जतारा पलेरा नौगांव मार्ग का कार्य निवेशकर्ता द्वारा कन्सेशन अनुबंध के शेड्यूल बी, सी एवं डी अनुसार बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) योजनांतर्गत किया गया है। अनुबंध के शेड्यूल बी, सी एवं डी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त व्यय कर कार्य कराया गया है। (ख) पलेरा नगर में कन्शेसन अनुबंध शेड्यूल के तहत नाली निर्माण कार्य कराया जावेगा। वर्षाकाल में नाली निर्माण का कार्य अधूरा था। अत: वर्षा का पानी घरों में भर जाना स्वभाविक है, परन्तु आज ऐसा नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार निवेशकर्ता एवं स्वतंत्र इंजीनियर से किया जा रहा है, ताकि अनुबंध अनुसार पालन प्रतिवेदन सुनिश्चित किया जा सकें। (घ) निवेशकर्ता से अनुबंध 15 वर्ष का किया गया है, जिसमें निवेशकर्ता स्वयं की सामग्री व वित्तीय संसाधन अनुरूप अपने कार्य अनुबंधानुसार करने को स्वतंत्र है व अनुबंध के प्रावधानों के तहत निर्माण एवं संधारण संपादित करेगा। अत: किसी भी कार्य की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इन्दौर में आयोजित ग्लोबल समिट 2014 में भाग लेने वाली कम्पनियों के नाम
117. ( क्र. 2634 ) श्री जितू पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर में आयोजित ग्लोबल समिट 2014 में देश विदेश के निवेशकों को सुविधाएँ प्रदान करने की घोषणा के साथ म.प्र. में निवेश करने हेतु आमंत्रित किया गया था? उपरोक्त समिट में कौन-कौन सी कम्पनियों या संस्थानों ने भाग लिया था तथा वर्तमान में इनमें से कितनी कम्पनियों या संस्थानों ने म.प्र. में निवेश करने हेतु अनुबंध किया गया है? दोनों सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या इन्दौर जिले में किसी संस्थान को देश की प्रथम स्क्लि डेव्हलपमेण्ट यूनिवर्सिटी की घोषणा गई थी? जिसका भूमि पूजन माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा किया गया था? (ग) क्या अनुबंध की शर्तों के अनुसार सन् 2016 में उपरोक्त प्रोजेक्ट प्रारंभ होना था किन्तु इन्दौर में पदस्थ तत्कालीन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों एवं विभाग की लापरवाही की वजह से जानकारी संज्ञान में होने के बावजूद विवादित भूमि आवंटित की गई थी? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो विवादित भूमि क्यों आवंटित की गई थी? इसके पीछे तत्कालीन अधिकारियों की क्या मंशा या उद्देश्य रहा है? एवं प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं है तो उपरोक्त प्रोजेक्ट आकार क्यों नहीं ले पा रहा है? (ड.) क्या इस कृत्य से म.प्र. शासन की साख धूमिल नहीं हुई है? यदि हाँ, तो तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है तो क्या कारण रहा है? (च) क्या संस्थान को पुन: नवीन भूमि का आवंटन किया जाकर अनुबंध किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (च) तक जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृक्षारोपण, औषधीय वृक्षारोपण, वन प्राणी संरक्षण में आवंटित राशि
118. ( क्र. 2649 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01-01-12 से 31-10-2015 तक कावेरी वन मंडल क्षेत्र एवं बड़वानी जिले में वृक्षारोपण, औषधीय वृक्षारोपण वन्य प्राणी संरक्षण के लिए कितनी राशि आवंटित की गई? पृथक-पृथक वर्षवार औषधीय पौधारोपण बतावें? (ख) उपरोक्त राशि से किए कार्यों की जानकारी वर्षवार (क) अनुसार देवें? औषधीय वृक्षारोपण/खेती, वृक्षारोपण जिन स्थानों पर किए गए? उनके नाम तथा अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? औषधीय पौधारोपण भी बतावें? (ग) वन्य प्राणी संरक्षण के अंतर्गत किन प्राणियों को शामिल किया गया है और प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार इस मद में व्यय राशि की जानकारी वर्षवार देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि के पूर्व वनों एवं औषधियों स्थानों का कितना रकबा था? वर्तमान में कितना है? कावेरी वन मंडल क्षेत्र एवं बड़वानी जिले के संदर्भ में पृथक-पृथक बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। प्रश्नांकित क्षेत्र में सामान्यत: तेंदुआ, सियार, लकड़बग्घा, लंगूर, काले मुंह का बंदर, लोमड़ी, भेड़की, सेही, सोन कुत्ता, जंगली बिल्ली, खरगोश आदि वन्यप्राणी पाये जाते हैं, जिन्हें वन्यप्राणी संरक्षण के अन्तर्गत शामिल किया गया है।
प्रकरण की अद्यतन स्थिति
119. ( क्र. 2659 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र को बड़ा राम मंदिर झारड़ा के चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें? (ख) इसमें शासन की ओर से नियुक्त वकील कौन है? कब-कब इसकी तारीखें लगी? (ग) इन तारीखों में शासकीय वकील कब उपस्थित रहे, कब अनुपस्थित रहे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र झारड़ा ग्राम में स्थित राम मंदिर के संबंध में वादी के द्वारा अपील प्रकरण क्रमांक 7936/2002 माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के समक्ष प्रस्तुत की गई है। प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रतिरक्षण हेतु शासकीय अभिभाषक नियुक्त है। प्रकरण में माननीय न्यायालय के द्वारा दिनाँक 26.04.2002 को स्थगन आदेश जारी किया गया। उक्त अपील प्रकरण दिनाँक 26.04.02, 22.07.02, 16.09.02, 11.11.02, 16.07.04, 22.08.04, 15.05.09, 17.07.09 में पेशियां नियत की गई थी। (ग) माननीय न्यायालय के समक्ष शासन पत्र के प्रतिरक्षण हेतु 16.09.2002, 11.11.2002, 06.01.2003 एवं 16.07.2004 को श्री बी.एस.बांठिया अभिभाषक, दिनाँक 20.08.2004 को श्री सतीश अग्निहोत्री अभिभाषक तथा 15.05.2009 एवं 17.07.2009 को सुश्री विभा दत्ता माखीजा अभिभाषक के द्वारा उपस्थिति दी गई है।
महिदपुर के मंदिरों के नाम दर्ज भूमि
120. ( क्र. 2661 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने मंदिर हैं, कितनी भूमि इनके नाम पर दर्ज हैं, ग्रामवार बतावें? (ख) नगर पालिका सीमा क्षेत्र के बारे में पृथक से बतावें? (ग) सिंहस्थ मद इनके लिए कितनी राशि आवंटित की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 428 मंदिर है इनके नाम पर दर्ज भूमि की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगरपालिका महिदपुर क्षेत्र में स्थित 26 मंदिरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सिंहस्थ मद से कोई राशि आवंटित नहीं हुई है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आरा मशीनों पर लकड़ी का स्टाक
121. ( क्र. 2662 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कितनी आरा मशीनें हैं इनके पास किस-किस लकड़ी का कितना स्टाक है? (ख) वन विभाग से प्राप्त लकड़ी एवं उसके विक्रय की जानकारी विगत 3 वर्षों के संदर्भ में देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 3 वर्षों में समस्त आरा मशीन धारकों द्वारा कोई भी वनोपज वन विभाग से प्राप्त/क्रय नहीं की है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तृतीय समयमान वेतनमान की स्वीकृति
122. ( क्र. 2668 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा अपने अधिकारियों/कर्मचारियों को शासकीय सेवा में 30 वर्ष पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान दिये जाने के आदेश दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या वन विभाग द्वारा राज्य स्तरीय वरीयता सूची के ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों को जिनका सेवाकाल 30 वर्ष पूर्ण हो चुका है? तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत कर दिया गया है? (ग) यदि नहीं, तो किस-किस श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है? आदेश जारी होने के पश्चात् एक वर्ष से भी अधिक समय होने के पश्चात् भी तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं करने के क्या कारण हैं? (घ) जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को सरकार के प्रश्नांश (क) के आदेश का लाभ नहीं मिला है? उन्हें कब तक तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत कर दिये जायेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) वन विभाग में राज्य स्तरीय संवर्गों में वनक्षेत्रपाल एवं मानचित्रकार को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर पात्रता अनुसार तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है। राज्य वन सेवा, राज्य वन (राजपत्रित) सम्बद्ध सेवा एवं शीघ्रलेखक संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है। राज्य वन सेवा एवं राज्य वन (राजपत्रित) सम्बद्ध सेवा संवर्ग के लिए विभागीय पदोन्नति समिति स्तर की कार्यवाही प्रस्तावित है। शीघ्रलेखक संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान देने हेतु विभिन्न कार्यालायों से आवश्यक अभिलेख संकलित किये जा रहे है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार नियमानुसार निर्धारित प्रकिया का पालन आवश्यक है, अत: समय-सीमा निर्धारित किया जाना सम्भव नहीं है।
अनुदान प्राप्त मंदिर
123. ( क्र. 2676 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में अनुदान प्राप्त मंदिरों की संख्या, उनके नाम दर्ज भूमि सर्वे नं., रकबा, अनुदान राशि सहित वर्षवार बतावें? अनुदान राशि कितन कार्यों के लिए दी जाती है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) अनुदान राशि, मंदिरों के जीर्णोद्धार, धार्मिक मेलों, नदी तटों पर घाट बनाने के लिए राशि आवंटित करने के प्रावधान बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में स्टेट हाईवे पर टोल वसूली
124. ( क्र. 2692 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसे कौन-कौन से हाईवे/मार्ग हैं जिन पर टोल वसूली की जाती है? इन सड़कों/मार्गों की भौतिक स्थिति कैसी है? इनके निर्माण वर्ष की भी जानकारी दें? (ख) क्या मा. उच्च न्यायालय जबलपुर ने खराब सड़कों पर टोल वसूली न करने का आदेश पारित किया है? (ग) ऐसे कितने व कौन-कौन से राज्य मार्ग है जिनकी स्थिती खराब है व उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी टोल वसूली की जा रही है? क्यों? क्या शासन टोल वसूली पर रोक लगाएगा? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग, रा.रा. परिक्षेत्र अंतर्गत दो मार्गों पर टोल वसूल किया जा रहा है। दोनों बायपास मार्गों की स्थिति अच्छी है। कटनी बायपास का निर्माण वर्ष 2008 में एवं रीवा बायपास का निर्माण वर्ष 2007 में किया गया है। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ख) मान. उच्च न्यायालय से संबंधित मार्गों हेतु ऐसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
तेन्दुपत्ता संग्राहकों को सुविधाओं का प्रदाय
125. ( क्र. 2693 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूपत्ता संग्राहकों को विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधाये प्रदाय की जाती है? तेन्दूपत्ता संग्राहकों के कल्याणार्थ योजनाओं के संबंध में शासन विभाग के क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें? (ख) सागर जिले में 01 जनवरी 2013 से 01 नवंबर 2015 तक की अवधि में कितने व कौन-कौन तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई? किन-किन के प्रकरण बीमा कंपनी को भेजे गए? किन-किन के नहीं? प्रकरणवार कारण सहित बतावें? (ग) बीमा कंपनी तथा विभाग के पास ऐसे कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? इन प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (घ) जिले में उल्लेखित अवधि में कहाँ-कहाँ तेन्दूपत्ता बोनस का वितरण नहीं हुआ है तथा क्यों? कारण बतावें? कब तक कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित जिले में प्रश्नाधीन अवधि में 117 तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) बीमा कम्पनी तथा विभाग स्तर पर दिनाँक 14.07.2011 से दिनाँक 20.10.2015 की अवधि के क्रमशः 22 तथा 05 प्रकरण लम्बित है जिनका निराकरण शीघ्र किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिले में प्रश्नाधीन अवधि में समस्त तेन्दूपत्ता संग्राहकों को देय तेन्दूपत्ता बोनस राशि का भुगतान किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र में सड़कों की स्वीकृति
126. ( क्र. 2700 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 13-14 से प्रश्न दिनाँक विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी, सड़कवार, राशिवार बतावें? (ख) क्या वर्ष 14-15 मे पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नामवार, राशिवार बतावें? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र मे सड़कें खराब स्थिति में है यदि हाँ, तो ऐसी कौन-कौन सी सड़कें है एवं उन्हें कब तक ठीक किया जावेगा सड़क नामवार बतावें? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर के मोहनगढ़ तिगैला से पृथ्वीपुर तक बॉया जेरोन सड़क का चौड़ीकरण किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, (1) छोड़ा विरोरा पहाड़ मनेथा से पड़रा रोड उ.प्र. सीमा लागत रूपये 708.14 लाख, (2) दिगौडा नादिया मार्ग लागत रूपये 496.98 लाख (3) पृथ्वीपुर निवाड़ी मार्ग रूपये 47.79 करोड। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
माटूमर अस्तौन मार्ग कि प्रशासनिक स्वीकृति
127.
( क्र.
2705
) श्री
के. के.
श्रीवास्तव : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) टीकमगढ़
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
माटूमर अस्तौन
मार्ग में
विगत दो
वर्षों में
शासन द्वारा कौन
सी प्रशासकीय
स्वीकृति
एवं कितना
आवंटन किया
गया?
(ख) प्रशासकीय
स्वीकृति के
संबंध में
टेण्डर
प्रक्रिया
कब-कब की गई है? अगर
टेण्डर
प्रक्रिया
नहीं की गई तो
क्यों? (ग) टेण्डर
प्रक्रिया न
होने की
स्थिति पर
दोषी अधिकारियों
के लिये कोई
कार्यवाही की
गई कि नहीं और
नहीं तो कब तक
होगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) माडूमर
अस्तौन मार्ग
के कि.मी. 1/2 से 3/6, 3/6 से 5/10, 6/10 से 7/10
एवं 10/6 से 11/8 (कुल
लं. 7.2
कि.मी ) की
प्रशासकीय
स्वीकृति रू. 303.19
लाख की वर्ष 14-15
में दिनाँक 25.09.2014 को
प्रदान की गई
थी। स्वीकृति
के विरूद्ध
कोई कार्य
नहीं कराया गया
है अतः आवंटन
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता। (ख) टेण्डर
प्रक्रिया
नहीं की गई।
मार्ग के स्वीकृत
भाग के
प्राक्कलन
वर्ष 2012-13 में
ध्वस्त मार्गों
के कि.मी. की
स्वीकृति
हेतु भेजे गये
थे स्वीकृति
में विलम्ब
होने से जनहित
में वार्षिक
मरम्मत
योजनांतर्गत
बी.टी.
नवीनीकरण
कार्य वर्ष 13-14
कराये जाने के
कारण। (ग) प्रश्नांश
‘’ख’’ के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
सड़कों की मरम्मत
128. ( क्र. 2723 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सतना शहर एवं सतना ग्रामीण क्षेत्र में बाबूपुर से गोरइया रोड, कृपालपुर रामस्थान रोड, सतना से माधवगढ़ रोड एवं अन्य सड़कों की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है? (ख) क्या इन सड़कों की मरम्मत के लिए शासन से राशि प्राप्त होती है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो विगत एवं इस वर्ष में इन सड़कों के नाम, लंबाई मरम्मत के लिए प्राप्त राशि एवं मरम्मत में व्यय राशि एवं शेष बची राशि का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) सड़कों की मरम्मत के बाद भी सड़कों की हालत जर्जर होने के लिए दोषी तकनीकी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार, सतना से माधवगढ़ रोड, सतना-बेला मार्ग (एन.एच.-75) के कि.मी. 155.00 से 177.00 तक लंबाई 22.00 कि.मी. है, जो बी.ओ.टी. आधार पर निर्माणाधीन सतना बेला चार लेन परियोजना मार्ग का विद्यमान भाग है, जिसमें सतना शहर एवं सतना ग्रामीण क्षेत्र में बाईपास मार्ग का नव निर्माण किया जा रहा है, तथा वर्तमान में समय-समय पर विद्यमान भाग में कंसेशनायर मे. टापवर्थ द्वारा एन.एच.डी.पी.-4 बाण्ड बी.ओ.टी. योजना अंतर्गत 4-लेन मार्ग का एग्रीमेंट की शर्तो के अनुसार मरम्मत कार्य किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में वर्णित के कार्यों हेतु। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (घ) मार्गों की स्थिति एवं प्रस्तावित कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। अधिकारियों के दोषी होने व उन पर कार्यवाही आदि का प्रश्न उपस्थित नहीं होते। सतना बेला मार्ग (एन.एच.-75) में कंसेशनायर द्वारा मरम्मत कार्य किया जा रहा है। यातायात सुचारू रूप से संचालित है।
नौरादेही अभ्यारण के विस्थापितों को मुआवजा
129. ( क्र. 2735 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनमंडलाधिकारी नौरादेही वन अभ्यारण सागर को प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनाँक 14-10-2015 को पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में श्री रामगोपाल यादव 2 - श्री मदन यादव 3 - श्री रमेश मिश्रा, इन्हें विस्थापन का मुआवजा प्राप्त हुआ है या नहीं, यदि नहीं, हुआ है तो कब तक प्राप्त हो जावेगा? (ग) विस्थापन का मुआवजा में हेराफेरी करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) प्रश्नांकित तीन व्यक्तियों को विस्थापन मुआवजा नहीं दिया गया। तीनों व्यक्ति ग्राम नौरादेही के निवासी नहीं हैं। अत: विस्थापन मुआवजा देने का प्रश्न ही नहीं हैं। विस्थापन पैकेज की राशि संबंधित पात्र हितग्राही को उनके बैंक खाते के माध्यम से प्रदाय की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों के प्रस्ताव
130. ( क्र. 2737 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सत्र 2013-14, 2014-15 में विभाग द्वारा कितने निर्माण कार्य प्रारंभ किये गये हैं? उपरोक्त कार्य किस-किस ठेकेदार के पास है? कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा क्या दी गई है? (ख) ऐसे कितने कार्य है जिनको पूर्ण होने में समय-सीमा से अधिक समय हो गया है तथा जो अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैं। विभाग द्वारा बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस योजना के अंतर्गत सड़कों का निर्माण किया जा रहा है? (ग) ऐसे कितने प्रस्ताव है जिनके संदर्भ में शासन से राशि प्राप्त हो गई है तथा अभी तक कार्य आदेश प्रदान नहीं किया गया है? ऐसे कितने प्रस्ताव है जिनको आगामी सत्र की कार्य योजना में सम्मिलित किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो सड़कों का निर्माण कार्य ई.पी.सी. मोड़ में किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में सत्र 2013-14, 2014-15 में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निम्न दो मार्ग निर्माण कार्य प्रारंभ किये गये है:- 1. बडनगर-सुन्दराबाद-खरसौदकला-उन्हेल मार्ग लंबाई 51.30 कि.मी.। 2. सुन्दराबाद-रूनिजा-खाचरौद एवं रूनिजा-सतनवाडा मार्ग लंबाई 43.79 कि.मी.। उक्त दोनों मार्ग दिलीप बिल्डकान लिमिटेड भोपाल के पास है। उक्त कार्य को दिनाँक 27.08.2015 से प्रारंभ होकर दो वर्ष की समय-सीमा में पूर्ण किया जाना है। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो सड़कों का निर्माण कार्य ई.पी.सी. मोड़ में किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘ब-1’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। आगामी सत्र की कार्य योजना में सम्मिलित किसी कार्य का प्रस्ताव इस विभाग के पास लंबित नहीं है।
नवीन महाविद्यालय खोलने के मापदण्ड
131. ( क्र. 2738 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नवीन महाविद्यालय खोलने के क्या मापदण्ड बनाये गये हैं? क्या नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने के लिये सर्वे किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में बड़नगर के अलावा किसी अन्य स्थान पर नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने की शासन की क्या योजना है? (ग) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने के लिये शासन के पास कोई प्रस्ताव या आवेदन आया है? यदि हाँ, तो उस पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1258/59/सीएमएस/आउशि/यो/15 दिनाँक 01.12.2015 द्वारा प्रकरण अमान्य कर संबंधित को अवगत कराया गया कि शासन स्तर पर खरसौदा कला तहसील बड़नगर में शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ करने में कठिनाई है।
विक्रम विश्वविद्यालय में उपाधि वितरण
132. ( क्र. 2739 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान करने के नाम पर कोई शुल्क लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना शुल्क लिया जा रहा है और उस शुल्क में कितनी राशि किस-किस मद में ली जा रही हैं? क्या उपाधि शुल्क में डाक खर्च के नाम पर भी राशि ली जा रही है और यदि ली जा रही है तो कितनी राशि छात्रों से ली जा रही है? (ख) क्या वर्ष 2006 से विश्वविद्यालय द्वारा उपाधि डाक द्वारा ना भेजी जा कर सीधे महाविद्यालयों को भेजी जा रही हैं वर्ष 2006 से वर्ष 2014 तक विश्वविद्यालय द्वारा कितनी उपाधी महाविद्यालयों को भेजी गई है? क्या उपरोक्त उपाधियों में से अधिकतर उपाधियां आज भी अवितरीत होकर महाविद्यालयों में रखी हुई हैं? कितने महाविद्यालयों में कितनी उपाधियां अवितरित रखी गयी हैं? (ग) वर्ष 2006 से वर्ष 2014 तक कितनी राशि विश्वविद्यालय द्वारा उपाधी मद में डाक खर्च के नाम पर ली गई है तथा उपरोक्त राशि का क्या उपयोग किया गया हैं?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। प्रति
उपाधि रूपये 400/- उपाधि
मद में लिया
जा रहा है। जी
नहीं। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। 1,56,002 (एक लाख
छप्पन हजार दो
मात्र)। जी हाँ।
172
महाविद्यालयों
में 1,29,108
उपाधियाँ रखी
हुई हैं।
(ग) प्रश्नांश
’क’ के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।