मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
बुधवार, दिनांक 17 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शहरी/ग्रामीण
क्षेत्रों
में पेयजल व्यवस्था
का सुचारू
संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 688 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के ग्रामीण एवं शहरी अंचलों की बस्ती में अभी से पीने के पानी की समस्या से ग्रसित कितने स्थल हैं जहां पर बोर पेयजल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? यदि कोई ऐसा स्थान जहां पर सभी बोर बंद हो गये हैं तो वहां पर पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) ग्रामीण अंचलों में संचालित ऐसी कितनी नलजल योजनाएं हैं? जिनके बोर जल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं ऐसे स्थलों पर नलजल योजना को चालू किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) आगामी ग्रीष्म काल में पेयजल संकट और बढ़ने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) शहरी क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी निरंक है। ग्रामीण क्षेत्र में 327 नलकूपों का पेयजल स्तर नीचे जाने से बोर (हैण्डपंप) बंद हो गये हैं। ऐसी कोई बसाहट नहीं है जहाँ सभी हैण्डपम्प बंद हो गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) 06 नलजल योजनायें। 03 योजनाओं के अंतर्गत नलकूप खनन कर स्त्रोत विकसित कर दिये गये हैं, शेष 03 योजनाओं के अंतर्गत स्त्रोत विकसित किया जाना प्रक्रियाधीन है। (ग) आवश्यकता अनुसार नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगल फेस मोटरपंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रो फ्रैक्चरिंग आदि कार्य किये जाते हैं। शहरी क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भूमि व्यपवर्तन के प्रकरणों पर कार्यवाही
[राजस्व]
2. ( *क्र. 2585 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमि व्यपवर्तन प्रकरणों में भूमि क्रय करने के दस वर्ष का अवसान नहीं होने के बाद भी इकरारनामे के आधार पर व्यपवर्तन किया जाना म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) का उल्लंघन है? (ख) क्या इकरारनामे के आधार पर व्यपवर्तन किये जाने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) का उल्लंघन पाये जाने पर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी I.A.S. राजस्व राजपुर जिला बड़वानी द्वारा कलेक्टर बड़वानी से इस संबंध में मार्गदर्शन चाहा गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की छायाप्रति देवें। (ग) क्या तत्कालीन कलेक्टर बड़वानी द्वारा इस संबंध में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 उपधारा (5) तथा (6) के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि होगी तो कब? (घ) उक्त प्रकरण को लंबित रखने के दोषी अधिकारी/ कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) के तहत उपधारा 6 के अधीन घोषित किसी आदिम जनजाति के भूमिस्वामी से भिन्न किसी भूमिस्वामी द्वारा किसी ऐसे व्यक्ति को, जो आदिम जनजाति का न हो, अंतरित की गई कृषि भूमि ऐसे अंतरण की तारीख से दस वर्ष की कालावधि का अवसान होने के पूर्व किसी अन्य प्रयोजन के लिये व्यपवर्तित नहीं की जावेगी। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) के तहत मार्गदर्शन चाहा गया था। मार्गदर्शन पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, जिला बड़वानी में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, राजपुर का स्थानान्तरण दिनांक 04.05.2018 को होने के पश्चात् अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के पास अतिरिक्त प्रभार होने तथा नियमित अंतराल से अन्य शासकीय कार्य यथा बाढ़ राहत एवं सरदार सरोवर के डूब प्रभावित क्षेत्रों में लगातार दौरे करने तथा विधान सभा एवं लोकसभा की प्रक्रिया प्रचलित होने के कारण कार्यवाही वर्तमान समय तक लंबित रही। दिनांक 25.09.2018 से म.प्र. भू-राजस्व संहिता 2018 के लागू होने से धारा 172 का लोप हो चुका है। उक्त स्थिति में संहिता की धारा 172 (5) (6) अनुसार कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिवपुरी नगर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 1922 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी नगर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ, किन क्षेत्रों में संचालित हैं एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की दर्ज संख्या कितनी है? (ख) दर्ज बच्चों की संख्या के अनुसार कितना भोजन किस मीनू अनुसार किन समितियों द्वारा सप्लाई किया जा रहा है एवं सप्लाई किये जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जाँच किसके द्वारा की जाती है? (ग) क्या भोजन की गुणवत्ता के संबंध में विगत 1 वर्ष में किसी प्रकार की विभाग को शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) शिवपुरी नगर में 126 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन की क्षेत्रवार एवं इन केन्द्रों में दर्ज बच्चों की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दर्ज बच्चों की संख्या के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रदाय भोजन की मात्रा एवं प्रतिदिन के मीनू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भोजन प्रदायकर्ता महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडल द्वारा प्रतिदिन प्रदाय किये जा रहे भोजन की गुणवत्ता/मात्रा की निगरानी ग्राम सभा की स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति के सदस्यों के माध्यम से कराई जाती है तथा इस संबंध में आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर प्राप्त आहार का पंचनामा भी तैयार कराया जाता है। (ग) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
DMAT परीक्षा की CBI जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( *क्र. 961 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालय में स्टेट कोटे में चयनित किये गये वर्ष 2009 से 2013 तक के अभ्यार्थियों के नाम, पिता का नाम, पता PMT परीक्षा के प्राप्तांक तथा रैंक सहित सूची देवें तथा बतावें कि क्या उक्त चयन की जाँच संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा की गई? यदि हाँ, तो वर्षवार जाँच रिपोर्ट से अवगत करावें। (ख) AFRC के अपील अथॉरिटी पी.के. दास ने जिन 721 अभ्यर्थियों के 2009 से 2013 तक के चयन को फर्जी माना उनका नाम, पिता का नाम, पता, PMT के प्राप्तांक, रैंक सहित सूची देवें तथा बतावें कि इस संदर्भ में उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण का क्रमांक क्या है तथा प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) क्या उच्चतम न्यायालय ने श्री आनंद राय तथा श्री पारस सकलेचा की याचिका पर शासन से DMAT परीक्षा की CBI जाँच हतु सहमति पत्र मांगा हैं, यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक बताते हुये उल्लेख करें कि सहमति पत्र भेजा गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्या शासन व्यापम घोटाले से सबक लेकर शीघ्र सहमति पत्र भेजेगा? (घ) NRI कोटे से चयनित विद्यार्थियों के दस्तावेजों का अध्ययन एवं परीक्षण किस विभाग द्वारा किया जाता है, वर्ष 2016 तथा 2018 की जाँच रिर्पोट की प्रति देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी वृह्द स्वरूप की होने के कारण निजी संस्थाओं से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) वर्ष 2009 से वर्ष 2013 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में चयनित 721 फर्जी अभ्यर्थियों की जानकारी ए.एफ.आर.सी. से प्राप्त की जा रही है। ए.एफ.आर.सी. के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में निम्नलिखित याचिकाएं दायर हैं :-
संस्था का नाम |
याचिका क्रमांक |
एल.एन.मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेन्टर भोपाल। |
8267/2015 |
इण्डेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर इन्दौर। |
8598/2015, 8699/2015 |
पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल सांइस भोपाल। |
8602/2015 |
चिरायु मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल भोपाल। |
10857/2015 |
आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन। |
14559/2015 |
श्री अरविंदो मेडिकल कॉलेज इन्दौर। |
14570/2015 |
(ग) माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू. पी. (सी) 114/15 में पारित आदेशों में डी-मेट परीक्षा की जाँच सी.बी.आई. से कराने हेतु शासन से सहमति पत्र मांगे जाने संबंधी कोई निर्देश नहीं होने से, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2016 तक एन.आर.आई. कोटे में प्रवेशित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन संस्था स्तर पर गठित स्क्रूटनी एवं प्रवेश समिति द्वारा किया जाता था। वर्ष 2017 से एन.आर.आई. अभ्यर्थियों का आवंटन संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 2017 से प्रवेशित एन.आर.आई. अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जाँच संचालनालय द्वारा की गई थी। वर्ष 2018 में जाँच हेतु कोई निर्देश न्यायालय द्वारा नहीं किए गये।
वित्तीय लक्ष्य की जिलेवार पूर्ति
[परिवहन]
5. ( *क्र. 1626 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए जिलावार क्या-क्या वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया गया था? लक्ष्य विरूद्ध किन-किन जिलों द्वारा लक्ष्यों की पूर्ति की गई? वर्ष 2019-20 के लिए जिलों का क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन जिलों द्वारा लक्ष्यों की पूर्ति नहीं की गई? कारण सहित बतायें। (ग) यदि लक्ष्य विरूद्ध वसूली में लापरवाही हुई है तो क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन द्वारा वर्ष 2018-2019 के लिए रुपये 3000.00 करोड़ का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके विरुद्ध प्रदेश के जिलों द्वारा रुपये 3002.86 करोड़ लक्ष्य अर्जित किया गया है। जिलेवार आवंटित लक्ष्य एवं उसके विरुद्ध अर्जित राजस्व की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सतना, सिहोर, राजगढ़, खरगोन, सिंगरौली, शहडोल, टीकमगढ़, उज्जैन, विदिशा, झाबुआ, शाजापुर, दमोह, कटनी, धार, आगर मालवा, उमरिया, बालाघाट, सागर, खण्डवा, रीवा, छतरपुर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, हरदा, श्योपुर, सीधी, पन्ना, दतिया, डिण्डोरी, अनूपपुर, रायसेन, गुना, भिण्ड, मण्डला, अलीराजपुर जिलों द्वारा दिये गये लक्ष्य की पूर्ति की गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए विभाग द्वारा रुपये 4000.00 करोड़ का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें 3500.00 करोड़ का लक्ष्य जिलों का तथा शेष राशि कराधान संशोधन, बकाया वसूली एवं भारत सरकार से प्राप्त राजस्व से किया जावेगा। जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) अशोकनगर, छिंदवाड़ा, मंदसौर, भोपाल, सिवनी, देवास, बैतूल, शिवपुरी, रतलाम, बुरहानपुर, नीमच, मुरैना, जबलपुर, ग्वालियर, बड़वानी, इन्दौर जिलों द्वारा लक्ष्य की आंशिक पूर्ति नहीं की गई। मैदानी अमले द्वारा लक्ष्य पूर्ति हेतु अथक एवं निरंतर प्रयास किये जाते हैं, किन्तु राजस्व वसूली को प्रभावित करने वाले अनेक कारक (घटक) होते हैं, यथा राजमार्गों पर चक्काजाम की स्थिति, कानून व्यवस्था की स्थिति, अतिवृष्टि, मार्गों का क्षतिग्रस्त होना अथवा मार्गों का निर्माण, प्राकृतिक आपदा एवं प्रदेश में सम्पन्न हुए विधान सभा निर्वाचन 2018 के दौरान अन्य प्रान्तों की सीमाओं को सील करने पर यातायात की कमी होने के कारण भी किसी जिले में आंशिक राजस्व पूर्ति कम हुई है। ऐसी आकस्मिक परिस्थितिजन्य घटनाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। (ग) जी नहीं, लक्ष्य के विरुद्ध राजस्व वसूली में कोई लापरवाही नहीं हुई है, विभाग द्वारा लक्ष्य से अधिक राजस्व अर्जित किया गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
आगजनी की घटना में मुआवजा वितरण की नीति
[राजस्व]
6. ( *क्र. 2328 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा के खेतों में आगजनी की कितनी घटनाएं कब-कब घटित हुईं? किस-किस किसान की कितने-कितने एकड़ कौन-कौन सी फसल नष्ट हुई? ग्रामवार, किसानवार बतावें। (ख) आगजनी की घटना में कौन-कौन सी फसल के नष्ट होने पर प्रति एकड़ कितनी-कितनी राशि का मुआवजा प्रदान करने की नीति है? (ग) उक्त घटना में किस-किस किसान को प्रति एकड़ कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के परिशिष्ट–1 के निर्धारित मानदंड अनुसार प्रभावित कृषकों को अनुदान सहायता राशि स्वीकृत की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
कला मंडलियों को प्रदत्त राशि
[संस्कृति]
7. ( *क्र. 2747 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 590, दिनांक 20-2-2019 के संदर्भ में बतावें कि प्रदेश में कुल कितनी राशि कितनी कला मंडलियों को दी गई? जिलेवार संख्या बतावें तथा बतावें कि यह राशि किस विभाग के किस लेखा शीर्ष में खर्च की गई? क्या इसकी बजट स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो उस बजट की प्रति दें। (ख) कला मंडलियों का पंजीकरण किस नियम-प्रक्रिया से किया जाता है? अनुमोदन 26 जून, 2018 तक पंजीकृत या विभाग द्वारा अनुमोदित कला मंडलियों की जिलेवार संख्या बतावें तथा बतावें कि 27/6/18 को निर्णय लेने के मात्र 7 दिन में 25 हजार रू. कैसे वितरित कर दिये? कला मंडलियों के चयन की संपूर्ण जानकारी दें एवं दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) क्या कला मंडलियों को अनुदान देने के नाम पर 200 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ? क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) संस्कृति विभाग की ओर से प्रदेश की कला मण्डलियों को राशि के वितरण का दायित्व जिला कलेक्टर्स को सौंपा गया था। प्रदान की गयी राशि रूपये 57,02,25,000/- की जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। यह राशि संस्कृति विभाग के बजट लेखा शीर्ष मांग संख्या-26 संस्कृति विभाग से संबंधित व्यय शीर्ष-2205 कला और संस्कृति-102- कला और संस्कृति संवर्द्धन -2356 -42- सहायक अनुदान-007 - अन्य-0101 मद में खर्च की गई है। स्वीकृत बजट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) कला मण्डलियों का पंजीयन या अनुमोदन विभाग अथवा संचालनालय द्वारा नहीं किया जाता है इसलिए जिलेवार कला मण्डलियों की संख्या बताये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिनांक 27.06.2018 को निर्णय लेने के मात्र सात दिन के भीतर रूपये 25 हजार वितरित नहीं किये गये हैं। कला मण्डलियों के चयन के संबंध में संस्कृति विभाग के पत्र दिनांक 05.07.2018 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) किसी भी अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर जाँच कराई जावेगी।
शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में नामांतरण की प्रक्रिया
[राजस्व]
8. ( *क्र. 2282 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में खरीदी जाने वाली कृषि भूमि ग्रामीण क्षेत्र के नामांतरण संबंधित प्रक्रिया क्या है? इस प्रक्रिया से संबंधित नवीन आदेश/निर्देश परिपत्र उपलब्ध करावें तथा शहरी क्षेत्र में स्थित प्लाट तथा भवन की नामांतरण संबंधी प्रक्रिया क्या है? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) नगर पालिका क्षेत्र में स्थित प्लाट, भवन के स्वत्व उपरांत नामांतरण फौती नामांतरण बंटवारा का कार्य नगर पालिका द्वारा किया जाता है अथवा राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। शासन द्वारा इस प्रक्रिया के अंतर्गत जारी आदेश, निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत खरीदी गयी भूमि, प्लाट, भवन के डायवर्सन संबंधी कितने आवेदन अशोकनगर जिले के प्रत्येक अनुविभाग कार्यालय में वर्ष 2018 से लंबित हैं? अनुविभागवार नामवार सूची उपलब्ध करावें। डायवर्सन किये जाने संबंधी शासन द्वारा वर्तमान में लागू नवीन आदेश निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) अशोकनगर जिले के अनुविभाग अशोकनगर/मुंगावली/पिपरई में कौन-कौन सी शासकीय भूमि है जिन्हें भूमाफियाओं द्वारा नोटरी कर विक्रय करते हुये शासन को करोड़ों रूपये की हानि पहुँचायी है? इस दोषपूर्ण कार्यवाही में कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कृषि भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 में प्रावधानित है। भू-अभिलेखों में नामांतरण के नियम मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-अभिलेखों में नामांतरण) नियम 2018 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) नगरीय क्षेत्रों में भवनों का नामांतरण नगरीय निकायों द्वारा किया जाता है तथा भूमि संबंधी नामांतरण राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ग) अशोकनगर जिले के शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्रांतर्गत खरीदी गई भूमि प्लाट, भवन के डायवर्सन आवेदन वर्ष 2018 से निम्नानुसार लंबित है:-
क्रमांक अनुविभाग का नाम लंबित प्रकरणों की संख्या
1 अशोकनगर 81
2 चन्देरी 16
3 मुंगावली 25
4 ईसागढ़ 0
उपरोक्त प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। डायवर्सन किये जाने संबंधी शासन द्वारा वर्तमान में लागू नवीन आदेश निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) शासकीय भूमि के विक्रय संबंधी कोई सूचना प्राप्त न होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय रास्ते को पुन: प्रारंभ कराया जाना
[राजस्व]
9. ( *क्र. 2735 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत खिरसाडोह से रैयतवाड़ी जाने वाले मार्ग के समीप न्यायाधीशों के निवास हेतु भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ है तथा निर्माण एजेंसी द्वारा ग्राम खिरसाडोह से रैयतवाड़ी जाने वाले वर्षों पुराने शासकीय भूमि पर स्थित रास्ते में गड्ढे खुदवाकर, मिट्टी का ढेर लगाकर, चारों तरफ से बाउण्ड्रीवॉल बनाकर, जबरन रास्ते को बंद कर दिया गया है और जहां से रास्ता दिया जा रहा है, वह भूमि निजी स्वामित्व की है, जिस पर भूमि स्वामियों के द्वारा आपत्ति भी ली गई है तथा वर्षों पुराने रास्ते को बंद कर देने से विद्यार्थियों एवं ग्रामीणजनों को आवागमन में अनेक असुविधाओं तथा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार खिरसाडोह से रैयतवाड़ी जाने वाले वर्षों पुराने मार्ग पर किये गये अतिक्रमण को शीघ्र अतिशीघ्र हटाये जाने एवं मार्ग को पूर्व की तरह पुन: प्रारम्भ कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान जिलाध्यक्ष छिंदवाड़ा एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया को पत्र प्रेषित किये गये थे। जिसके संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त मार्ग पर किये गये अतिक्रमण को शासन द्वारा कब तक हटाकर, वर्षों पुराने मार्ग को पूर्व की तरह पुन: प्रारंभ करा दिया जायेगा? क्योंकि उक्त मार्ग से ही मॉडल स्कूल, किड्सजी स्कूल, छात्रावास, प्राथमिक शाला व अन्य स्कूल के छात्र/छात्राओं एवं विभिन्न ग्रामों के ग्रामीणजनों का प्रतिदिन आवागमन होता है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ है। ख.नं. 123 पर राजस्व अभिलेख अनुसार रूढ़ीगत रास्ता इन्द्राज नहीं है परन्तु ग्राम रैयतवाड़ी आने जाने हेतु उक्त खसरा नंबर में से प्रयोग किया जाता था। जी हाँ, वर्तमान नया परिवर्तित रास्ता ख.नं. 122/3, 122/4 के अंश भाग से उपलब्ध है, जो भूमि स्वामी का है। वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध होने से विद्यार्थियों एवं ग्रामीणजनों को असुविधा नहीं है। (ख) ख.नं. 123 भूमि आबादी मद गावठान न्यायाधीश आवास हेतु आवंटित की गई है। उक्त वर्णित मार्ग पर निर्माण एजेन्सी द्वारा निर्माण सामग्री रखी गयी है एवं वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध है अत: प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों के संबंध में कार्यवाही की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। (ग) आवंटित भूमि में प्राप्तकर्ताओं द्वारा निर्माण किया जा रहा है। भूमि अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आती। उपलब्ध वैकल्पिक मार्ग से मॉडल स्कूल, किड्सजी स्कूल, छात्रावास, प्राथमिक शाला व अन्य स्कूल के छात्र/छात्राओं एव ग्राम के ग्रामीणजनों के द्वारा प्रतिदिन आवगमन हो रहा है।
सुवासरा नगर की शासकीय एवं राजस्व भूमि
[राजस्व]
10. ( *क्र. 2591 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर की एवं राजस्व की दोनों शासकीय भूमि कहाँ-कहाँ पर है? स्थान एवं सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) भूमि सुवासरा नगर में किस-किस विभाग को कितनी-कितनी, किस कार्य हेतु प्रदान की गई है? वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) किस-किस भूमि पर कब्जा दे दिया गया? सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधान सभा में राजस्व विभाग के द्वारा खेल मैदान हेतु कितनी भूमि प्रदान की गई है? सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 984 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अन्तर्गत अनेक स्थानों पर आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां प्रदान की गईं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में वर्षानुसार किन-किन स्थानों पर भवन निर्माण के हेतु कितना-कितना बजट राशि स्वीकृत होकर किन-किन स्थानों पर कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण रहे एवं प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य अप्रारंभ होकर लंबित है? (ग) उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत पूर्ण हुए कार्यों, अपूर्ण कार्यों एवं अप्रारंभ हुए कार्यों के कारण तथा स्वीकृत बजट राशि की स्थिति सहित जानकारी दें? (घ) उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत बजट राशि के आधार पर स्वीकृत निर्माण कार्यों को किये जाने हेतु कार्य एजेंसी किस-किस को बनाया गया? कार्य एजेन्सी को किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई एवं कितनी अवधि बीत जाने के बाद निर्माण कार्य एवं बजट राशि किस स्थिति में है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 से 2018-19 तक जावरा नगर, पिपलौदा एवं जावरा तहसील अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की स्वीकृतियाँ प्रदान की गईं हैं। (ख) वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील में स्वीकृत भवन का स्थान, स्वीकृत बजट, निर्माण कार्य के पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील में स्वीकृत निर्माण कार्य, स्वीकृत बजट राशि, अपूर्ण निर्माण कार्य एवं अप्रारंभ कार्यों के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील में स्वीकृत बजट राशि के आधार पर स्वीकृत कार्यों को किये जाने हेतु संबंधित ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है। कार्य एजेंसी को निर्माण कार्य की स्वीकृत राशि, स्वीकृति का दिनांक, व्यय राशि एवं निर्माण की अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( *क्र. 1903 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में माह अप्रैल, मई, जून 2019 में प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर कौन कार्यरत थे एवं ये कटनी में कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी अपनी पदस्थापना दिनांक से वर्तमान तक की अवधि में कहाँ-कहाँ, किस-किस पद पर कब से कब तक पदस्थ रहे, इन पर कटनी जिले में पदस्थी के पूर्व विगत तीन वर्षों में अन्य जगहों में पदस्थी के समय इनके विरूद्ध कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी शिकायतें विभाग को कब-कब प्राप्त हुईं एवं शासन को प्राप्त इन शिकायतों पर कब, किसने क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब शासन प्रशासन की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुईं और उन पर कब किसने क्या कार्यवाही की? क्या शासन पारदर्शिता की दृष्टि से इन्हें कटनी जिले से अन्यंत्र स्थानांतरित कर इनके विरूद्ध प्राप्त गंभीर शिकायतों की जाँच करावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कटनी जिले में प्रश्नांकित अवधि में श्री रविकांत ठाकुर, सहायक आपूर्ति अधिकारी प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। श्री ठाकुर कटनी जिले में 04 अगस्त, 2017 से पदस्थ हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी की पदस्थापना का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में श्री ठाकुर के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध कटनी जिले में पदस्थी के दौरान केवल विगत डेढ़ माह में 6 शिकायतकर्ताओं द्वारा शिकायतें प्रस्तुत की गईं हैं। शिकायतों की जाँच प्रचलन में हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को सूखा राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
13. ( *क्र. 1216 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर, तहसील गुलाना के ग्राम सिमरोल शु. के सोयाबीन वर्ष 2017 की सूखा राहत राशि के लिए पात्र 825 किसानों में से कृषक गण खामंसिंह पिता करण सिंह परमार, पर्वत मोतीलाल, रामभव पूरणसिंह कुंवरलाल, पूरण सिंह कुंवरलाल, सईद खां छितर खा, लाडसिंह पिता बालचंद, जगदीश पिता लाडसिंह, बाबूलाल पन्नाल लाल मालवीय, कमल सिंह पिता अमर सिंह गुर्जर, लाडसिंह जगन्नाथ परमार, बाबूलाल जगन्नाथ परमार, रामचरण इंदरसिंह विष्णुचरण पिता देवकरण परमार, डूंगा जी बिजाजी बलाई, शिवनाराण शर्मा किशनलाल शर्मा, रामप्रसाद शर्मा किशनलाल शर्मा, शिवनारायण रामप्रसाद शर्मा आदि, गोवर्धन सिंह दरियाव सिंह, महेश पिता मानसिंह, संतर बाई मानसिंह, रेखा बाई ओमप्रकाश, इन्दर सिंह गजराज सिंह परमार, शिवराज सिंह गोवर्धनसिंह, मांगीलाल दरियाव सिंह कुल 23 किसानों को सोयाबीन वर्ष 2017 की सूखा राहत राशि कितनी-कितनी तथा किस-किस दिनांक को दी, जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसानों को सूखा राहत की राशि प्रश्न दिनांक तक नहीं दी गई है तो माह फरवरी 2019 के शून्यकाल की सूचना क्रमांक 70 में सूखा राहत राशि प्रदाय किए जाने की जानकारी किस प्रकार दी गई? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पात्र 825 हितग्राहियों में से प्रश्नांश में वर्णित 23 किसानों को सोयाबीन वर्ष 2017 की सूखा राहत राशि वितरण एवं वितरण से शेष राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसानों को सूखा राहत राशि का वितरण प्रश्न दिनांक के पूर्व ही किया जा चुका है जिसके आधार पर फरवरी, 2019 के शून्यकाल की सूचना क्रमांक 70 की वांछित जानकारी दी गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बुन्देलखण्ड महोत्सव का आयोजन
[संस्कृति]
14. ( *क्र. 1418 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के आतारांकित प्रश्न क्र. 368 दिनांक 09.03.2018 के उत्तरांश (क) में बताया गया था कि सांस्कृतिक संकुल भवन निर्माण की संशोधित डी.पी.आर. भारत सरकार मापदण्ड के अंतर्गत प्रस्तुत कर दी गई है तो डी.पी.आर. कितनी राशि की तथा कब प्रस्तुत की गई? (ख) क्या सांस्कृतिक संकुल भवन निर्माण की डी.पी.आर. भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेजी गई है? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या बुन्देली लोक संस्कृति के केन्द्र बिन्दु सागर में बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव प्रतिवर्ष मनाये जाने हेतु शासन स्तर पर स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम के आयोजन हेतु कितनी राशि प्रावधानित की गई है एवं किस माह में आयोजन किया जाना प्रस्तावित है? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन बुन्देली लोक कलाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं लोक कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु बुन्देलखण्ड महोत्सव आयोजन कराये जाने की शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
विजयलक्ष्मी
साधौ ) : (क) जी
हाँ। पी.आई.यू.
द्वारा पत्र
क्र. एफ-30-3-9/2018/रा.टे.भ.साग./कार्य-2/पीडी./222, दिनांक 23.02.2018 के माध्यम
से भारत सरकार
के मापदण्डों
के अंतर्गत
राशि रू. 1416.10
लाख की
संशोधित
डी.पी.आर.
उपलब्ध करा
दी गई है। (ख) सांस्कृतिक
संकुल भवन
निर्माण की
डी.पी.आर. भारत
सरकार को स्वीकृति
हेतु
संचालनालय के
पत्र क्र. 5257/सं.सं./कला
संकुल/15/2018,
दिनांक
15.03.2018
द्वारा
प्रेषित की गई
है। जिस पर
भारत सरकार से
स्वीकृति आज
दिनांक तक
अप्राप्त
है। प्रकरण
भारत सरकार
में
विचाराधीन
है।
(ग) जी
हाँ।
कार्यक्रम
हेतु राशि रू. 30.00 लाख
प्रावधानित
है।
कार्यक्रम
अक्टूबर, 2019 के अंतिम सप्ताह
में प्रस्तावित
है। (घ) उत्तरांश
(ग) अनुसार।
समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी हेतु किसानों के पंजीयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( *क्र. 1765 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में समर्थन मूल्य में किसानों पर फसल की खरीदी हेतु किसानों का पंजीयन कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने किसानों का पंजीयन हुआ? फसलवार विवरण सहित बतावें। जिले में लक्ष्य के अनुरूप कितनी खरीदी हुई? कितनी शेष है, शेष खरीदी के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या जिले में टोकन जारी करने के बाद किसानों की फसल की खरीदी नहीं हो पाई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की कितनी-कितनी खरीदी शेष रह गई है? फसलवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ सुनिश्चित करने, आवश्यक व्यवस्थाएं करने के साथ-साथ समस्त स्तरों पर बेहतर मॉनिटरिंग हेतु ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत ऑन लाइन किसान पंजीयन की व्यवस्था की गई है जिसमें किसानों के नाम, भूमि, फसल, बैंक खाता, मोबाइल नंबर आदि की जानकारी प्राप्त की जाती है। (ख) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत गेहूँ-5770,चना-2174,मसूर-289 तथा सरसों-344 कृषकों द्वारा समर्थन मूल्य योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पंजीयन कराया गया है। समर्थन मूल्य पर स्कन्ध उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। किसानों के एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की उपज का समर्थन मूल्य उपलब्ध कराने हेतु उपार्जन अनुमान के अनुसार तैयारी की जाती है। रीवा जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में 125400 मे.टन गेहूँ, 2241 मे.टन चना, 1009 मे.टन मसूर तथा 1337 मे.टन सरसों का उपार्जन किया गया है। जिले में गेहूँ उपार्जन के अंतिम दिनांक 24.05.2019 को किसानों की उपज की तौल पूरी न होने के कारण शेष रहे 717 ऑन लाइन टोकन सह किसान तौल पर्चीधारी किसानों से दिनांक 20.06.2019 से 23.06.2019 की अवधि में गेहूँ की खरीदी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों की पी.जी. सीट में वृद्धि
[चिकित्सा शिक्षा]
16. ( *क्र. 594 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2019-20 में पी.जी. की कितनी सीटें हैं? पी.जी. की सीट बढ़ाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या सीट वृद्धि हेतु केंद्र सरकार/एम.सी.आई. में आवेदन दिया गया था एवं कुछ कमियों के कारण सीट वृद्धि नहीं हो पाई है? (ख) क्या राज्य सरकार/चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा बताई गई कमियों को शीघ्र पूर्ण करने का वचन पत्र केंद्र सरकार/एम.सी.आई. को नहीं दे पाई जिस वजह से पी.जी. की अतिरिक्त सीटें चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर को नहीं मिल पाईं? (ग) समय पर सीटें न बढ़ने से हुए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? भविष्य में सीटें बढ़ाने के लिए क्या रणनीति अपनाई गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर में वर्ष 2019-20 में पी.जी. पाठ्यक्रम हेतु 167 (159 डिग्री एवं 08 डिप्लोमा) सीटें है। 185 पी.जी. सीट्स वृद्धि का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। प्रस्ताव भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली में विचाराधीन है। (ख) जी नहीं, प्रस्ताव भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली में विचाराधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रयास जारी है।
नजूल के पट्टों का नवीनीकरण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 448 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 31 मार्च, 2019 की स्थिति में नजूल के कितने स्थाई पट्टों की अवधि समाप्त हुई? वर्षवार बताएं। (ख) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2015 से आज दिनांक तक कितने पट्टों का नवीनीकरण किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन द्वारा पट्टा नवीनीकरण के अधिकार जिलाध्यक्ष को दिए गए हैं? जिन पट्टाधारियों द्वारा नियम का पालन नहीं किया गया है, उसमें कितने रूपये का अर्थदण्ड लगाकर नवीनीकरण करने का प्रावधान है? (घ) पट्टों का नवीनीकरण समयावधि में नहीं करने से शासन को कितनी राजस्व की हानि हुई है? 31 मार्च, 2019 की स्थिति में कितनी राजस्व प्राप्ति होनी थी जो पट्टा नवीनीकरण नहीं हो पाने के कारण नहीं हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में 31 मार्च, 2019 की स्थिति में बैतूल नजूल क्षेत्रान्तर्गत 937 स्थाई पट्टे एवं बैतूल बाजार नजूल क्षेत्रान्तर्गत 320 स्थाई पट्टे इस प्रकार कुल 1257 स्थाई पट्टे की अवधि समाप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2015 से आज दिनांक तक बैतूल नजूल क्षेत्रान्तर्गत 399 एवं बैतूल बाजार नजूल क्षेत्रान्तर्गत 159 इस प्रकार कुल 558 स्थाई पट्टों का नवीनीकरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-6-48/2014/सात/नजूल भोपाल दिनांक 01/05/2018 में नजूल के स्थाई पट्टों के नवीनीकरण तथा स्थाई पट्टों के शर्त उल्लंघन/अपालन के मामले में निराकरण की दी गई प्रक्रिया अनुसार अर्थदण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पट्टा नवीनीकरण के समय पट्टेदार से शासन के परिपत्र अनुसार बकाया भू-भाटक पुनरीक्षित भू-भाटक, प्रब्याजि राशि, विलम्बन राशि, शमन राशि, बकाया राशि पर साधारण ब्याज लिये जाने के पश्चात् नवीनीकरण किये जाते हैं। अत: राजस्व हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न का समर्थन मूल्य पर क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( *क्र. 655 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2016-17 से जून 19 तक की अवधि में किसानों से समर्थन मूल्य पर कुल कितना गेहूँ, चना, तुअर, मूँग, धान कितनी कीमत में खरीदा जाकर कहाँ-कहाँ रखा गया? (ख) क्रय खाद्यान्न एवं भण्डारण में कितना अन्तर है तथा क्यों? केन्द्रवार कारण बतायें। इसके लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान शेष है एवं क्यों? राशि का भुगतान कब तक होगा? क्या उक्त अवधि का ब्याज भी देंगे? (घ) किसानों को राशि भुगतान में विलंब के लिये कौन-कौन जवाबदार है? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले में वर्ष 2016-17 से जून 19 तक की अवधि में किसानों से समर्थन मूल्य पर क्रय किए गए गेहूँ, चना, तुअर, मूंग, धान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उपार्जन केन्द्रवार उपार्जित मात्रा एवं भण्डारण में अंतर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। परिवहन मात्रा में कमी तथा संस्था स्तर पर मात्रा में कमी, अन्तर का मुख्य कारण है। परिवहन में कमी के लिए उपार्जन एजेंसियों द्वारा परिवहन कर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही कर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। समिति स्तर पर पाई गई कमी के लिए दोषी सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध उपायुक्त, सहकारिता द्वारा सहकारिता अधिनियम की धारा-58-डी के तहत कार्यवाही की जा रही है। (ग) उपार्जन एजेंसी ने उपार्जन समितियों को गोदामों में जमा एफ.ए.क्यू. स्कन्ध का भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2018-19 में स्कंध कमी से उपार्जित धान का 18 कृषकों का 19.77 लाख एवं चना के 1681 किसानों का 233.84 लाख का भुगतान किया जाना समिति स्तर से लंबित है। वर्ष 2019-20 में उपार्जित गेहूँ के 194 कृषकों की राशि रूपये 169.96 लाख, चना के 1542 कृषकों की राशि रूपये 252.16 लाख का भुगतान शेष है, जिसमें समिति स्तर से क्रय मात्रा एवं उपार्जन एजेंसी में भंडारित मात्रा के मिलान का कार्य प्रगति पर है मिलान उपरांत स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के अनुसार।
कूपन योजना में अनियमितता की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( *क्र. 2509 ) श्री तरबर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य विभाग में कूपन योजना में हुई गड़बडी की जाँच करवाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही हुई? रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराया जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग अंतर्गत फूड कूपन योजना हेतु जारी निविदा एवं निष्पादित अनुबंध के मध्य पाई गई जटिलताओं/विसंगतियों के संबंध में कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्तानुसार योजनांतर्गत निष्पादित अनुबंध में आवश्यक संशोधन संबंधी कार्यवाही प्रचलित रहने के दौरान ही 5 जुलाई, 2013 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पारित कर दिया गया, जिसमें लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केवल अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवार दो ही पात्र श्रेणियां थीं जबकि फूड कूपन योजना का स्वरूप तत्समय प्रचलित अंत्योदय, बी.पी.एल. एवं ए.पी.एल. 3 श्रेणियों पर आधारित था। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश जिस रूप में पारित किया गया उससे फूड कूपन योजना की अवधारणा बुनियादी रूप से प्रभावित होने एवं अप्रासंगिक हो जाने से "Force Majeure Event" (अपरिहार्य घटना) उत्पन्न हुआ। अत: मुख्यमंत्रीजी से समन्वय में अनुमोदन प्राप्त कर योजना को निरस्त किया गया तथा मंत्रि-परिषद, मध्यप्रदेश शासन से तत्संबंधी अनुसमर्थन प्राप्त किया गया।
फर्जी अधिवक्ता की नियुक्ति
[राजस्व]
20. ( *क्र. 2615 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनिल कुमार आत्मज रघुवर दयाल रिछारिया, निवासी होशंगाबाद द्वारा जून 2019 में अध्यक्ष एवं सचिव राजस्व मण्डल, ग्वालियर को पुनरीक्षण याचिका क्रमांक 2039-3/2011 एवं 2040-3/2011 के संबंध में उनकी फर्जी हस्ताक्षर कर, फर्जी अधिवक्ता नियुक्त कर राजस्व मण्डल को गुमराह करने के संबंध में ईमेल एवं रजिस्टर्ड डाक से शिकायत की गयी थी। (ख) क्या शिकायत की जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? जाँच कब तक की जावेगी? (ग) जाँच से प्राप्त तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रभारी सचिव, राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा जाँच की गई। (ग) श्री अनिल रिछारिया द्वारा प्रस्तुत शिकायती आवेदन में मुख्य रूप से यह कहा गया है कि उक्त प्रकरणों में अजय कुमार दीवान एवं शशांक दीवान ने आवेदक व अनावेदक की ओर से अपना वकील नियुक्त कर उक्त दोनों प्रकरण में एक पक्षीय आदेश करवा लिया है जिसमें उनकी कोई स्वीकृति नहीं है और इसके प्रमाण स्वरूप उन्होंने वकालतनामा पर उनके हस्ताक्षर नहीं होना बताया है। उक्त वाद के संबंध में इस न्यायालय को कार्यवाही करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।
अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
21. ( *क्र. 2345 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद द्वारा प्रकरण क्रं. 24/बी-121/2011-12 एवं 25/बी-121/2011-12 पारित प्रतिवेदन दिनांक 23/06/2015 के पालन में प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज कर अर्थदण्ड की राशि वसूल की गई? अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की प्रति एवं अर्थदण्ड राशि वसूली की दिनांक एवं रसीद क्रमांक उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो दिनांक 23/06/2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रकरण दर्ज नहीं कराने एवं अर्थदण्ड की राशि वसूल नहीं करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है एवं कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या खाचरौद शहर में सर्वे नम्बर 220/1, 221/1, 220/3, 3771/3, 3779/2 पर अवैध कॉलोनी का निर्माण्ा किया गया था? यदि हाँ, तो नगर पालिका व राजस्व विभाग ने इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर कार्यालय जिला उज्जैन का पत्र क्रमांक/457/वि.स./का.से./2017 उज्जैन, दिनांक 20.11.2017 के निर्देश के पालन में अनुविभागीय अधिकारी, खाचरौद के द्वारा अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध पुलिस थाना खाचरौद में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही दिनांक 21.02.2018 से प्रचलित होकर थाना खाचरौद द्वारा एफ.आई.आर. प्रकरण क्र. 315, 316, 317, 318 दिनांक 29 व 30 जून 2019 से दर्ज की गई है। अर्थदण्ड राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलित है (ख) एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुलिस थाना खाचरौद में एफ.आई.आर. दर्ज हो चुकी है एवं वसूली की कार्यवाही प्रचलित होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार एफ.आई.आर. दर्ज की गई है एवं अर्थदण्ड वसूली की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद के कार्यालय में प्रचलित है।
विदिशा जिले में नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( *क्र. 2448 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 जनवरी, 2019 से 30 जून, 2019 तक विकासखण्डवार कुल कितने ग्रामों में हैण्डपंप व स्कूल एवं आंगनवाड़ी भवनों के परिसर, स्कीम बोर एवं नलजल योजना के बोर कराये गये हैं? विकासखण्डवार खनन कराये गये बोरों की सूची उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष में प्रत्येक विकासखण्ड में कितने ग्राम अथवा मजरे-टोले किस आधार पर पूर्णतः समस्या मूलक चिन्हित किये गये एवं उनमें कितने में नवीन हैण्डपंप 30 जून, 2019 तक खनन करवाये गये? गांव के नाम सहित विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्डवार कुल कितने हैण्डपंप उत्खनित हैं? कितने चालू हैं? कितने स्थाई रूप से बंद हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में जिले में प्रत्येक विकासखण्ड में हैण्डपंप/नल-जल योजना सुधारने हेतु दिनांक 30 जून, 2019 तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उनके अनुसार कितने हैण्डपंप एवं नल-जल योजनाएं सुधार कर चालू की गईं और कितने हैण्डपंप पानी के अभाव में बंद हुए? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हैण्डपंप सुधार एवं नवीन नलकूप खनन हेतु कौन-कौन सी एजेन्सियाँ तय की गईं हैं? एजेन्सियों के नाम सहित संपूर्ण जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 173 ग्रामों में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। 145 ग्राम/मजरे टोले। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अंतर्गत निर्धारित 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से न होने के आधार पर, 42 हैण्डपंप, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है।
किसान सम्मान योजना का क्रियान्वयन
[राजस्व]
23. ( *क्र. 2003 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में केन्द्र शासन द्वारा संचालित किसान सम्मान योजना लागू कर दी गयी है? प्रदेश में इस योजना के पात्र किसानों की संख्या कितनी है? (ख) क्या प्रदेश सरकार के विलंब के कारण प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के एक भी किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (ग) योजना का लाभ (धनराशि) किसानों को कब तक प्राप्त होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। पात्रता परीक्षण कर जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) पात्रता परीक्षण उपरांत पात्र किसानों को भुगतान की कार्यवाही सतत प्रचलित है।
महिदपुर व झारड़ा तहसील का सर्वे
[राजस्व]
24. ( *क्र. 2349 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रस्तावित नागदा जिले में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की महिदपुर व झारड़ा तहसील को शामिल करने हेतु किए गए सर्वे एवं अन्य रिपोर्ट्स की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या कारण है कि उपरोक्त तहसीलों के नागरिकों द्वारा इस संभावित निर्णय के विरोध के बावजूद इस पर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं? (ग) शासन कब तक इन तहसीलों को इससे बाहर कर उज्जैन जिले में ही बने रहने की स्थिति स्पष्ट करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन जिला कार्यालय द्वारा नागदा में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की महिदपुर व झारड़ा तहसील को शामिल करने हेतु कोई सर्वे नहीं किया गया है। प्रारंभिक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यथासमय इस संबंध में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसरण में सर्व संबंधितों से आपत्ति/सुझाव प्राप्त कर वैधानिक निर्णय लिया जायेगा। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में लागू नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( *क्र. 1734 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर ग्रामीण एवं शहरी लोगों में क्या-क्या पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? इसमें बच्चों के स्वास्थ्य एवं उनकी रूचि को ध्यान में रखते हुये, गुणवत्ता का मापदंड क्या निर्धारित है? इसमें कितनी कैलोरी एवं प्रोटीन होना चाहिये तथा महिलाओं एवं बच्चों को दिन में कितनी बार और कितना पोषण आहार दिया जाता है? (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों एवं महिलाओं की लाभार्थी संख्या किस मान से निर्धारित है? क्या उन सभी को पोषण आहार मिलता है तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चे पोषण आहार ग्रहण कर रहे हैं? इसकी समीक्षा का मापदंड क्या है? (ग) जिस पके हुये भोजन का पूर्ण भुगतान हो रहा है तो क्या पका हुआ नाश्ता व खाना एक साथ प्रदाय हो रहा है। (घ) ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र-16 के आंगनवाड़ी केन्द्रों के विगत एक वर्ष के रिकार्ड की समीक्षा जनप्रतिनिधि कैसे कर सकते हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं 11-14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से एवं शहरी क्षेत्रों में महिला स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से नाश्ता/भोजन/थर्ड मील हेतु पूरक पोषण आहार की व्यवस्था संचालित है। टेकहोम राशन एवं नाश्ता/भोजन/थर्ड मील अंतर्गत प्रदाय पूरक पोषण आहार (रैसिपीज) तथा बच्चों एवं महिलाओं के लिये निर्धारित रैसिपीज (पूरक पोषण आहार) में आवश्यक कैलोरी व प्रोटीन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह के 06 दिवस सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन तथा अति कम वजन को थर्ड मील दिया जाता है। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को एवं गर्भवती/धात्री माताओं को सप्ताह में 05 दिन के लिये टेकहोम राशन तथा आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रत्येक मंगलवार को 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन तथा गर्भवती/धात्री माताओं को दोपहर का भोजन दिया जाता है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र क्षेत्र के सर्वे अनुसार समस्त 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं 11-14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाएं, आंगनवाड़ी केन्द्र के पात्र हितग्राही होते हैं तथा जो पात्र हितग्राही आंगनवाड़ी केन्द्र से पूरक पोषण आहार सेवा का लाभ लेना चाहते हैं, उन सभी को पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जाता है। जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चे पोषण आहार ग्रहण कर रहे हैं। इसकी समीक्षा हेतु आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रतिदिन शासन द्वारा निर्धारित प्रारूप में पंचनामा संधारण किया जाता है। केन्द्र पर गठित मातृ सहयोगिनी समिति एवं पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारियों/वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा सतत् निगरानी की जाती है। (ग) जी नहीं। पका हुआ नाश्ता व खाना अलग-अलग समय पर प्रदान किया जा रहा है। (घ) ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र-16 के आंगनवाड़ी केन्द्रों के विगत एक वर्ष के रिकार्ड का अवलोकन मान. जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला/परियोजना स्तर पर विभाग द्वारा संधारित अभिलेखों से किया जा सकता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नियमित
प्राचार्य की
पदस्थापना
[आयुष]
1. ( क्र. 69 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज जबलपुर में नियमित प्राचार्य पदस्थ नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के ऐसे कितने शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज है जहां नियमित प्राचार्य नहीं है? (ग) क्या विगत 7 वर्षों से जबलपुर एवं अन्य कॉलेजों में प्रभारियों द्वारा कार्य कराया जा रहा है? (घ) क्या यह नियम के अनुसार है? यदि नहीं, तो नियमित प्राचार्य की पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) तीन (ग) जी हाँ। (घ) पद रिक्त होने की स्थिति में अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नित में आरक्षण संबंधी विषयवस्तु विचाराधीन होने के कारण।
शासकीय आयुर्वेद कॉलेज भवन का निर्माण
[आयुष]
2. ( क्र. 70 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर के महाविद्यालय भवन के निर्माण में लगभग 5 करोड़ रूपये व्यय किये गये है? (ख) क्या भवन में ऑडिटोरियम निर्माण किया जाना था? (ग) यदि हाँ, तो निर्माण क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या छात्रों के लिये ऑडिटोरियम होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या ऑडिटोरियम निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पूर्व स्वीकृत डिजाइन में सी.सी.आई.एम. के मापदण्डानुसार 388 वर्ग मीटर अतिरिक्त निर्माण होने से। तत्पश्चात ऑडिटोरियम निर्माण हेतु राशि उपलब्ध न होने से। (घ) यथासंभव। निर्माण हेतु आवंटन उपलब्ध होने पर। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( क्र. 198 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अद्यतन स्थिति में कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हैंडपंप/नलकूप सुधार हेतु किस एजेंसी का कब से कब तक एवं कितनी राशि का टेंडर स्वीकृत हुआ है? (ख) एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के नलकूपों/हैंडपंपों के सुधार कार्य पर कितनी राशि खर्च की गई? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री कटनी को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उपखण्ड विजयराघवगढ़ के सहायक यंत्री द्वारा एजेंसी को अपनें दायित्वों का निर्वहन न किये जाने तथा इस भीषण गर्मी में समय पर कार्य पूर्ण न करने के कारण अनेकों बार विभागीय पत्रों एवं मौखिक रूप से टेंडर निरस्त किये जाने हेतु आग्रह किया गया है? यदि हाँ, तो सभी पत्रों का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) क्या विभाग द्वारा उक्त अनियमितता एवं राशि के अपव्यय में शामिल अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) हैण्डपंप संधारण कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वित्तीय अनियमितता की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 220 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला राजगढ़ अन्तर्गत वर्ष 2016-17,2017-18,2018-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कितने बच्चे कुपोषण एवं अतिकुपोषण से जूझ रहे हैं? विश्व हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्ल्यू.एच.ओ.) की रिपोर्ट के आधार पर विधान सभा क्षेत्रवार ग्रामवार, नगर में वार्डवार वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कुपोषण का मापदण्ड विश्व हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के मान से न होकर सामान्य स्तर के मानकों के मान से किया जाकर कुपोषण/अतिकुपोषण की संख्या दर्शाई है? क्या विभाग द्वारा कुपोषित/अतिकुपोषित बच्चों की संख्या कम अथवा ज्यादा कर शासकीय आकड़ें दर्शायें जाते हैं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ में कुपोषण/अतिकुपोषण की रोकथाम हेतु उपरोक्तानुसार अवधि में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार जानकारी प्रदान करें। आवंटित राशि का उपयोग जिला द्वारा कैसे किया गया? वर्षवार आवंटित एवं उपयोग की गई राशि की जानकारी विकासखण्डवार देवें। (घ) क्या विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में मानदेय एवं भवन किराये के अतिरिक्त कितनी-कितनी राशि कब-कब डाली गई? वर्षवार, दिनांकवार, कार्यकताओं के खातो में डाली गई राशि की जानकारी से अवगत करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले में प्रश्नांकित अवधि में कम वजन एवं अतिकम वजन बच्चों की संख्या निम्नानुसार है:-
माह एवं वर्ष |
कम वज़न |
अति कम वज़न |
मार्च 2017 |
22123 |
2167 |
मार्च 2018 |
22309 |
2362 |
मार्च 2019 |
14327 |
1289 |
मई 2019 |
10582 |
1251 |
डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार, ग्रामवार, वार्डवार कोई रिपोर्ट जारी नहीं की जाती है। डब्ल्यू.एच.ओ. के मानक के आधार पर विधानसभा क्षेत्रवार, परियोजनावार एवं आंगनवाड़ीवार कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं। (ग) आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख पर है। मदवार राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। आवंटित राशि का उपयोग जिले द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार ही किया गया है। वर्षवार आवंटित एवं उपयोग की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख पर है। राशि का आवंटन विकासखण्डवार नहीं किया जाता है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खाते में मानदेय एवं भवन किराये के अतिरिक्त का प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र के मान से जमा की गई राशि का विवरण वर्षवार/दिनांकवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है।
बालाघाट जिले में धान खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 274 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कितने क्विंटल धान खरीदी गयी। धान खरीदी की क्या सरकार की आखिरी तारीख क्या थी, बालाघाट जिले के कितने किसानों का भुगतान आज तक नहीं हुआ है। और क्यों? इस हेतु दोषी कौन है। (ख) क्या बालाघाट में सरकार द्वारा घोषित तारीख खत्म होने के बाद बालाघाट में धान खरीदी की गयी है किस-किस नियम से और कितना क्विंटल धान खरीदी गई एवं किसान को किस रेट से भुगतान किया गया है। (ग) प्रबंधक विपणन सहकारी संघ बालाघाट ने शासन के किस आदेश पर तारीख खत्म होने बाद खरीदी की है। आदेश की छायाप्रति देवें। (घ) क्या प्रबंधक विपणन सहकारी संघ बालाघाट द्वारा प्रति क्विंटल 1400/- रूपये किसान को भुगतान किया गया है यदि है तो दोषी प्रबंधक के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे और किसान को बची राशि भुगतान कब तक करायेंगे।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 407870.15 मे.टन धान का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अंतिम तिथि दिनांक 25 जनवरी, 2019 थी। समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कुल राशि रू. 713.77 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बालाघाट जिले में धान उपार्जन की अवधि 25 जनवरी, 2019 निर्धारित की गई थी। उपार्जन के अंतिम दिवस के ऑनलाइन टोकनधारी किसानों जो दिनांक 23 से 25 जनवरी के मध्य आए, किन्तु उनकी उपज की तौल नहीं की जा सकी थी। ऐसे टोकनधारी किसानों से दिनांक 25 जनवरी, 2019 के पश्चात् 19,679.08 मे.टन धान का उपार्जन किया गया। किसानों को समर्थन मूल्य से उपार्जित एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की धान का भुगतान किया गया है। (ग) बालाघाट जिले में दिनांक 25 जनवरी, 2019 के पश्चात् ऑनलाइन टोकन प्राप्त किसानों से खरीदी हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसानों को रू. 1750 प्रति क्विंटल (समर्थन मूल्य) की दर से उपार्जित एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की धान का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 333 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रदाय हेतु नलजल योजना शुरू की गई है? यदि हाँ, तो कब तक योजना में शामिल ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या गाँवों में लाईन बिछाते समय सड़कों को तोड़कर नष्ट कर दिया गया हैं? इन सड़कों की मरम्मत के लिए क्या प्रावधान है? (ग) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के किन-किन ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है एवं कितने गाँव शेष हैं, जिनमें लाईन डालने का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? कब तक उक्त ग्रामों में पाईप लाइन डालने का कार्यपूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के जिन गाँवों में पाईप लाइन से पेयजल प्रदाय हो रहा है तो क्या उक्त गाँवों में सुचारू रूप से जल प्रदाय हो रहा है? यदि नहीं, तो इसकी रूकावट किन कारणों से है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। 32 ग्रामों की निवाड़ी समूह जलप्रदाय योजना के अंतर्गत म.प्र. जल निगम द्वारा तीन माह का ट्रायल रन के दौरान जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। (ख) योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों में पाईप लाइन डालते समय सड़कों की आवश्यकता अनुसार खुदाई की गई थी। अनुबंध अनुसार पाईप लाइन डालने एवं टेस्टिंग उपरांत सड़कों को पूर्ववत फर्म द्वारा मरम्मत करने का प्रावधान है। (ग) एवं (घ) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी ग्राम में मुख्यमंत्री ग्राम पेयजल योजना स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ऑटोमेटिक गैस पाईप लाइन लगाए जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( क्र. 596 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजा यशवंतराव चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में ऑक्सीजन एवं नायट्रस ऑक्साईड की गफलत में 2 बच्चों की मौत हो गई थी? क्या एक जनहित याचिका पर माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को यह निर्देशित किया है कि महाराजा यशवंतराव चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में एम्स की तर्ज पर आधुनिक ऑटोमेटिक मेडिकल गैस पाईप लाइन सिस्टम लगाया जावें? (ख) यदि हाँ, तो सरकार द्वारा इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया है? इसे कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) क्या यह सुविधा मध्यप्रदेश के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में भी है? क्या वहाँ भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एम.वाय. चिकित्सालय इंदौर में उक्त सिस्टम को स्थापित करने हेतु संभागीय, परियोजना यंत्री, पी.आई.यू., लोक निर्माण विभाग इंदौर के द्वारा राशि 13.28 करोड़ का प्राक्कलन प्राप्त हुआ हैं। कार्यवाही प्रचलन में हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय के आदेश के तारतम्य में समस्त नवीन निर्माणरत चिकित्सा महाविद्यालय में उक्त पाईप लाइनों का उन्नयन किया जा रहा हैं। जी हाँ।
नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारम्भ करना
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( क्र. 631 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने राजगढ़ जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारम्भ करने संबंधी प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने माननीय मुख्य मंत्री महोदय के राजगढ़ जिला मुख्यालय आगमन के समय हुऐ कार्यक्रम में भी माननीय मुख्यमंत्री महोदय से नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारम्भ करने संबंधी अनुरोध किया था? व माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने कार्यक्रम स्थल पर मंच से इस संबंध में आश्वासन किया था? यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री के कार्यालय से क्या निर्देश जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश की कंडिका (क) एवं (ख) के आधार पर क्या राजगढ़ जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्वीकृत हो जायेगा? हाँ तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जिला राजगढ़ में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु 200 बिस्तरीय अस्पताल की सुविधा एवं एम.सी.आई. की अन्य मापदण्ड पूर्ण न होने से नवीन चिकित्सालय महाविद्यालय संबंधी आगामी कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ख) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री महोदय के राजगढ़ मुख्यालय आगमन के समय कार्यक्रम स्थल पर दिये आश्वासन की जानकारी एकत्रित की जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्वाचन आचार संहिता को दृष्टिगत रखते हुये नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। (ग) (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( क्र. 656 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ पर समूह जल प्रदाय योजना का कार्य स्वीकृत है? योजनावार, ग्रामों की सूची दें। (ख) उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है? उक्त कार्य किसने किया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की योजना में पाईप लाइन बिछाने के दौरान ग्राम में बनी सी.सी. रोड को खोदा गया था? उक्त सड़कों की मरम्मत कब तक करवायेंगे। (घ) उक्त योजनाओं में किन-किन ग्रामों के सम्मिलित करने हेतु विगत 3 वर्षों में किन-किन सांसद, विधायकों के पत्र प्राप्त हुए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त कार्य मेसर्स एल.एण्ड टी. कंस्ट्रक्शन कम्पनी, चैन्नई द्वारा किया गया है। (ग) जी हाँ। लगभग 90 प्रतिशत ग्रामों में मरम्मत कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष लगभग 10 प्रतिशत कार्य अक्टूबर 2019 तक किया जाना लक्षित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नामांतरण के लम्बित प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
10. ( क्र. 808 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में राजस्व विभाग द्वारा नामांतरण के 2016 से आज तक कितने प्रकरण लम्बित हैं? हल्कावार जानकारी देवें? (ख) क्या बालाघाट जिले में ऋण पुस्तिकाओं की कमी हैं, यदि हाँ, तो ऋण पुस्तिका जिले को कब तक आवंटित करेंगे? कितनी पट्टी ऋण पुस्तिका के अभाव में बाकी हैं? हल्कावार/पंचायतवार जानकारी देवें। (ग) अमेडा, खुटिया, धनसुआ, सुरवाही में राजस्व की जमीन पर ईंट भटटे लगे हैं, क्या पटवारी की अनुमति से लीज प्रदाय की गयी? यदि नहीं, तो क्या क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? दोषी कौन-कौन हैं एवं किस-किस के भट्टे हैं, नाम सहित जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कुल 4,481 प्रकरण लंबित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) पटवारी द्वारा लीज की अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। अवैध ईंट भट्टों पर कार्यवाही खनिज तथा राजस्व विभाग द्वारा की गई है। वांछित जानकारी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
किसान सम्मान निधि योजना अन्तर्गत लाभ
[राजस्व]
11. ( क्र. 878 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत कृषकों हेतु प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदान किये जाने हेतु योजना लागू की गयी हैं यदि हाँ, तो राज्य शासन को लघु एवं सीमांत कृषकों के लिये किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पहुंचाये जाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा क्या-क्या आदेश/निर्देश प्राप्त हुये? आदेशों/निर्देशों की सत्यप्रति प्रदान की जावे। (ख) कंडिका (क) में वर्णित योजनानुसार राज्य शासन को किस समयावधि में लघु एवं सीमांत कृषकों के नाम उनकी भूमि के विवरण एवं खाता क्रमांक सहित भेजने के निर्देश थे यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) किस दिनांक तक कृषकों के खातो में किसान सम्मान निधि योजना की राशि हस्तांतरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की सत्यप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ख) योजना दिनांक 01.12.2018 से प्रभावशील है, जिसमें पात्रता परीक्षण उपरांत जानकारी पी.एम.किसान पोर्टल की ओर भेजने के निर्देश प्राप्त हुये हैं। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा दिनांक 18.02.2019 को निर्देश जारी कर पात्रता परीक्षण की कार्यवाही सतत् जारी है। (ग) पात्रता परीक्षण कर जानकारी पी.एम.किसान पोर्टल की ओर प्रेषित की जा रही है जिसमें भुगतान की कार्यवाही सतत् की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अरूणाम घोष स्टेडियम का विस्तारीकरण
[राजस्व]
12. ( क्र. 929 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका सिहोरा के अधीन अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण की मांग खेल प्रेमियों द्वारा लंबे समय से की जा रही है? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर जबलपुर/एस.डी.एम. सिहोरा को जनवरी 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक कब-कब पत्र लिखे गये पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) पत्रों पर की गई कार्यवाही से क्या प्रश्नकर्ता को न तो अवगत कराया गया न तो विस्तारीकरण के लिये इस भूमि पर कब्जाधारियों को अन्यत्र पट्टा देकर पुनर्वास की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला जबलपुर अन्तर्गत नगर पालिका सिहोरा के अधीन अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के सम्बन्ध में प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) सिहोरा को प.क्र. 514 दिनांक 09.02.2016 व प.क्र. 704 दिनांक 15.12.2016 को पत्र लिखे गए हैं जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के सम्बन्ध में सर्वे कार्य के दौरान लगभग 75 परिवार प्रभावित होना पाए जाने से उनके व्यवस्थापन की कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही पूर्ण न होने के कारण मान. विधायक को अवगत नहीं कराया गया है।
राजस्व व नजूल भूमियों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
13. ( क्र. 983 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम एवं जावरा नगर तथा दोनों नगरों की सीमा से लगे दो किमी की परिधि तक राजस्व विभाग एवं नजूल विभाग की शासनाधीन स्वयं के स्वत्व एवं स्वामित्व की काफी भूमियां हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त राजस्व विभाग एव नजूल विभाग के स्वामित्व की भूमियों का निर्धारण देश के बटवारे से पूर्व एवं देश के बटवारे के पश्चात् भी विभागीय पंजियों में संधारण लगातार किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो जिन स्थानों पर शासकीय भवनों अथवा शासकीय कार्य हेतु दी गई भूमियों को छोड़कर दोनों शहरों एवं शहरों की दो किमी की सीमा से लगी परिधि में वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कितनी रिक्त भूमियां शासन रिकार्ड में दर्ज होकर शासनाधीन है? (घ) प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त विभागीय भूमियां क्या शासनाधीन होकर संरक्षित है अथवा उन पर लगातार अवैध अतिक्रमण किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्या किये गये अतिक्रमण को चिन्हित किया गया? यदि किया गया तो वर्ष 2016-2017 एवं 2018-2019 में क्या-क्या कार्यवाहियां की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम शहर में कुल 2677.34 हेक्टर शासकीय भूमियां है तथा जावरा शहर में कुल भूमि 276.220 हेक्टर भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज होकर शासनाधीन है। (घ) उपरोक्त शासकीय भूमियां शासनाधीन होकर संरक्षित हैं तथा अवैध अतिक्रमण पाया जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2016-17 में नजूल भूमियों पर अतिक्रमण के 38 प्रकरण दर्ज किये गये तथा अतिक्रामकों पर अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली आदेश कर शासकीय भूमि से बेदखल किया गया, वर्ष 2018-19 में कुल 20 प्रकरण दर्ज किये गये उसमें से दो प्रकरणों का निराकरण किया जाकर शेष 18 प्रकरण विचाराधीन होकर कार्यवाही प्रचलित है।
दवाईयाँ, उपकरणों की खरीदी
[चिकित्सा शिक्षा]
14. ( क्र. 1068 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेताजी सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर को राज्य व केन्द्रीय शासन ने किन-किन योजनांतर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कुल कितनी राशि की दवाईयाँ उपकरण, मशीनरी आदि की खरीदी की गई? इनकी खरीदी के लिए क्या प्रकिया अपनाई गई? क्या इनमें से सभी मशीनों/उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है किन-किन विभागों से संबंधित कितने उपकरण व मशीनरी आदि बेकार एवं अनुपयोगी पड़ी है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में स्थानीय क्रय लोकल परचेस पर एम.पी.आर. वाली दवाईयाँ किन-किन फर्मों/विक्रताओं से कितनी-कितनी राशि की किसके आदेश से क्रय की गई? इनकी खरीदी हेतु कब-क्या प्रकिया अपनाई गई? किन-किन फर्मों के पास डब्लू.एच.ओ.जी.एम.पी. का सर्टिफिकेट नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क) में आई.वी.सेट कितनी-कितनी मात्रा में, कहाँ-कहाँ कितनी राशि के क्रय किये गये? आई.वी.सेट, एम.पी.एच.एस.सी.एल. से किस दर पर अनुमोदित है? क्या शासन दवाईयों/उपकरणों आदि की खरीदी में की गई वित्तीय अनिमितताओं, भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) राज्य व केन्द्रीय शासन से प्राप्त आंवटन, व्यय एवं व्यपगत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। राशि का उपयोग नहीं हो जाने के संबंध में लेख है कि शासन द्वारा वित्तीय वर्षों के अंतिम तिमाहियों में क्रय पर प्रतिबंध लागू किए जाने एवं शासन द्वारा क्रय नीतियों में समय-समय पर किए गये परिवर्तनों के कारण जिसमें दरों का निर्धारण आदि मुख्य है। (ख) दवाईयां, उपकरण, मशीनरी आदि के क्रय की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। प्रक्रिया-उपकरणों का क्रय समय-समय पर जारी म.प्र. भण्डार क्रय नियम का अनुपालन करते हुए म.प्र. पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन लि., एच.एल.एल. इन्फ्राटेक सर्विसेज लि. (HITES) केन्द्र शासन के उपक्रम लि. (GeM Government E- market place) की अनुमोदित दरों पर किया गया है। राशि रू. 1.00 लाख से कम यूनिट कास्ट के उपकरणों का क्रय लोकल कोटेशन के माध्यम से किया गया है। उपकरणों का उपयोग एवं बेकार तथा अनुपयोगी पड़े उपकरणों की जानकारी विभागवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय जबलपुर के द्वारा www.mpeproc.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन की गई निविदाओं में एम.आर.पी. पर अधिकतम छूट पर औषधि/चिकित्सा सामग्री का क्रय किया जाता है। विगत 5 वर्षों में निम्नलिखित फर्मों से क्रय की गई है :-
year |
Firm Name |
Details |
2014-15 |
M/s Dashmesh Pharmacuticul Jabalpur |
चिकित्सालय द्वारा अनुबंधित फर्म के द्वारा निविदा शर्तों के अनुसार WHO GNP प्रमाणित दवाईयां प्रदाय की गई। |
2015-16 to jan-2018 |
M/s Dashmesh Pharmacuticul Jabalpur |
|
11 jan-18 to 24 feb 2018 |
M/s Medinown Jabalpur |
|
25 feb-2018 to till date |
M/s HLL Lifecare Ltd. (Amrit Deendayal medical) |
(घ) चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा एम.पी. औषधि पोर्टल पर पोर्टल की दर से क्रय किए गए का विवरण (ii) कैन्सर चिकित्सालय जबलपुर
Year |
Rate |
Qty |
Amount |
2014-15 |
4.18 |
25000 |
104500 |
2015-16 |
4.39 |
30000 |
131700 |
2016-17 |
4.39 |
20000 |
87800 |
2017-18 |
Nill |
Nill |
Nill |
2018-19 |
4.76 |
15000 |
71400 |
(iii) चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय जबलपुर
Hospital Tender |
MPPHSCL Bhopal |
||||||
Year |
Rate |
Total Qty |
Total Amount |
Year |
Rate |
Total Qty |
Total Amount |
2014-15 |
4.18 |
183000 |
764940 |
11-Aug-2016 |
4.21 |
45000 |
198922.50 |
2015-16 |
4.18 |
111000 |
463980 |
28-Jan-2017 |
4.21 |
45000 |
198922.50 |
2015-16 |
4.39 |
30000 |
131700 |
24-Feb-2017 |
4.21 |
45000 |
198922.50 |
2016-17 |
4.19 |
126700 |
530873 |
07-Jul-2017 |
3.78 |
40000 |
189665.28 |
2018-19 |
4.19 |
104000 |
435760 |
17-Oct-2017 |
3.78 |
60000 |
254016.00 |
2018-19 |
4.76 |
30000 |
142800 |
11-Oct-2018 |
3.68 |
30000 |
123648.00 |
|
|
|
|
28-Jan-2019 |
3.68 |
30000 |
123648.00 |
समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 1095 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समर्थन मूल्य पर फसल की उपज के क्रय हेतु कृषकों के पंजीयन होना आवश्यक हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या पंजीयन हेतु कृषक को उसके दर्ज मोबाईल नम्बर पर संदेश भेजा जाता हैं? संदेशानुसार कृषक अपनी फसल की उपज को चिन्हित स्थल पर लेकर पहुंचता है जहां पर उसे टोकन जारी किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या जारी टोकन में कोई अनुक्रमांक नहीं होता हैं तथा तुलाई जारी टोकन अनुसार नहीं होती हैं जिससे कृषकों को परेशानी होती हैं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या शासन द्वारा आगामी समय में टोकनों में अनुक्रमांक दर्ज कराया जाकर अनुक्रमांक अनुसार तुलाई का कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) किसान तौल पर्ची एवं टोकन सह किसान तौल पर्ची में अनुक्रमांक अंकित है। टोकन के क्रम में उपज की तौल करने के निर्देश है जिससे कृषकों को परेशानी न हो। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व विभाग के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
16. ( क्र. 1138 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र के नटेरन एवं विदिशा विकासखण्ड अन्तर्गत दिनांक 20 जून 2019 तक राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, विवादित नामांतरण, बटवारे, अतिक्रमण, जाति प्रमाण पत्र, मजरे टोलों को नवीन ग्राम बनाने के कितने प्रस्ताव लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में राजस्व न्यायालयवार नामांतरण के लिये कितने प्रकरण प्रस्तुत हुए? आवेदकों के नाम सहित पटवारी हल्कावार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अनुसूचित जाति एवं जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र राजस्व विभाग द्वारा नहीं बनाये जा रहे हैं। यदि हाँ, तो इसके दोषी कौन है? दोषियों पर कार्यवाही कर आवेदकों को जाति-प्रमाण पत्र कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे ग्रामवार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिले में शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील शमशाबाद, नटेरन एवं तहसील विदिशा (मण्डल 1/1 व 1/2) में दिनांक 20 जून तक राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरण निम्नानुसार हैं:-
क्रमांक |
विषय |
शमशाबाद |
नटेरन |
विदिशा |
शमशाबाद |
कुल लंबित प्रकरण |
1 |
नामांतरण |
87 |
271 |
100 |
458 |
458 |
2 |
बटवारा |
88 |
105 |
50 |
243 |
243 |
3 |
अतिक्रमण |
0 |
3 |
8 |
11 |
11 |
4 |
जाति प्रमाण पत्र |
0 |
12 |
0 |
12 |
12 |
5 |
मजरे-टोलों को नवीन ग्राम बनाने के प्रस्ताव |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
(ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में विदिशा जिले में शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील शमशाबाद, नटेरन एवं तहसील विदिशा (मण्डल 1/1 व 1/2) में राजस्व न्यायालयों में वर्ष 2017-18 में 479 एवं वर्ष 2018-19 में 1197 नामांतरण के प्रकरण प्रस्तुत हुए जिसकी जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वर्ष |
शमशाबाद |
नटेरन |
विदिशा |
शमशाबाद |
1 |
2017-18 |
99 |
134 |
246 |
479 |
2 |
2018-19 |
411 |
443 |
343 |
1197 |
तहसील
शमशाबाद, नटेरन
एवं तहसील
विदिशा (मण्डल
1/1 व 1/2) में
राजस्व
न्यायालयों
में वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 नामांतरण
के प्रस्तुत
प्रकरणों की
आवेदकों के
नाम सहित
वर्षवार सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में अनुसूचित
जाति एवं
जनजाति के जाति
प्रमाण-पत्र
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
द्वारा
नियमानुसार
बनाए जा रहे
हैं। शेष प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता।
गरीबी – कुपोषण से मौत
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 1146 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में विगत पाँच वर्षों में कुपोषण के कितने प्रकरणों में बच्चों की मौत हुई विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बतायें? क्या कुपोषण से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी तय की जायेगी? (ख) विभाग द्वारा गत पाँच वर्षों में कुषोषण से बचाव के कार्यों पर कितनी-कितनी राशि किस-किस विधानसभा क्षेत्र में व्यय की है? वर्षवार जानकारी दे? (ग) क्या पिछले 25 सालों में कुपोषण के नाम पर विभाग द्वारा करोड़ों रु. खर्च करने के बाद भी अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिये खण्डवा जिले में पदस्थ रहे अधिकारी जिम्मेदार हैं? (घ) खण्डवा जिले में कुपोषण वाले क्षेत्रों में भेजे जाने वाला पौष्टिक आहार किस व्यक्ति/संस्था द्वारा भेजा जा रहा है? इसकी गुणवत्ता एवं मात्रा का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया जा रहा है? (ङ) खण्डवा जिले में विगत 5 वर्षों में पौष्टिक आहार की गुणवत्ता का परीक्षण शासन की किस अधिकृत एजेंसी से कितनी बार कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? क्या विभाग उन पर कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार खण्डवा जिले में विगत 5 वर्षों में कुपोषण के प्रकरणों में बच्चों की मृत्यु की जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नही। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 'अ' पर है। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद द्वारा प्रदेश में 05 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर के अध्ययन में खण्डवा जिले में वर्ष 2010 में कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 56.9 था जो इसी संस्था द्वारा वर्ष 2016 में कराये गये सर्वे में 39.5 प्रतिशत प्रतिवेदित हुआ है। इस प्रकार खण्डवा जिले में बच्चों के पोषण स्तर में सुधार परिलक्षित हुआ है। शेष का प्रश्न ही नहीं। (घ) वर्तमान में खण्डवा जिले में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं हेतु टेकहोम राशन का प्रदाय मेसर्स एम.पी.एग्रो न्यूट्री फूड इन्दौर के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को स्थानीय स्तर पर विभिन्न महिला स्व सहायता समूहों द्वारा सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन एवं थर्डमील प्रदाय किया जाता हैं। इसकी गुणवत्ता एवं मात्रा का सत्यापन निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी/परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा किया जाता हैं। (ड.) आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडल द्वारा प्रतिदिन प्रदाय किये जा रहे ताजे पके हुए नाश्ता/भोजन एवं थर्डमील की गुणवत्ता/मात्रा की निगरानी ग्राम सभा की स्वस्थ्य ग्राम तदर्थ समिति के सदस्यों के माध्यम से प्रतिदिन कराई जाती है तथा इस संबंध में आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर प्राप्त आहार का पंचनामा भी तैयार कराया जाता है। टेकहोम राशन. की गुणवत्ता हेतु कैलोरी/प्रोटीन की जाँच भारत सरकार, महिला बाल विकास खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला एवं माइक्रोन्यूट्रिएन्ट की जाँच चयनित नेबल प्रयोगशाला से प्रतिमाह कराई जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मेडिकल कॉलेज निर्माण में लापरवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( क्र. 1147 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा शासकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति किस वर्ष में मिली थी? इसकी स्वीकृत राशि एवं कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि क्या थी? (ख) खण्डवा शासकीय मेडिकल कॉलेज की निर्माण एजेंसी कौन सी है एवं दिनांक 25/08/2015 से अब तक कौन-कौन कार्यपालन यंत्री पदस्थ रहे? (ग) क्या निर्माण एजेंसी पी.आई.यु. के अधिकारियों द्वारा कार्य की समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं करने एवं उदासीनता बरतने के कारण निर्माण कार्य में बार-बार विलंब हुआ? (घ) क्या मेडिकल कॉलेज के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिसके कारण मेडिकल कॉलेज रहवासी भवन और हॉस्टल में जगह-जगह पानी का लिकेज हो रहा है तथा भवन में लगे दरवाजे एवं खिड़कियाँ चौखट से निकल कर गिर रही है? (ङ) क्या उक्त निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी? इसमें दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं विलंब के लिये संबंधित ठेकेदार के विरुध्द पेनाल्टी की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) खण्डवा शासकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति वर्ष 2015-16 में दिनांक 01.08.2015 द्वारा रूपयें 172.21 करोड़ की जारी की गई थी। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की दिनांक 24.08.2017 थी। किन्तु कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.6.2018 द्वारा 200.53 करोड़ की जारी की गई हैं। (ख) निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन ईकाई (पी.आई.यू.) खण्डवा है। दिनांक 25.8.2015 से आज दिनांक तक पदस्थ संभागीय परियोजना यंत्री की जानकारी निम्नानुसार हैं:- 1. श्री पी.एल.डोले, दिनांक 15.5.2015 से दिनांक 1.4.2016 तक, 2. श्री एस.के. जैन, दिनांक 1.4.2016 से दिनांक 10.9.2018 तक, 3. श्री बी.डी. शर्मा, दिनांक 10.9.2018 से दिनांक 8.3.2019 तक, 4. श्री सतीश शर्मा, दिनांक 8.3.2019 से आज दिनांक तक निरंतर कार्यरत हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। उत्तरांश (ग) एवं (घ) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऋण पुस्तिका के आधार पर ऑनलाइन रिकार्ड फीड किया जाना
[राजस्व]
19. ( क्र. 1173 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील जवा अंतर्गत कुल ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमें वारिसाना एवं बटवारे के प्रकरण एवं खसरा सुधार तथा ऑनलाइन फीडिंग का कार्य लंबित है? (ख) क्या कृषकों के राजस्व रिकार्ड संशोधन संबंधी आवेदन लंबे समय तक लंबित रखे जाते हैं? ऐसे लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब तक कृषकों की ऋण पुस्तिका के आधार पर ऑनलाइन रिकार्ड दर्ज किये जा सकेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कुल 3428 प्रकरण पंजीबद्ध है। 1297 प्रकरण का निराकरण किया गया है। जिसमें से वारिसाना के 74 प्रकरण एवं बटवारा के 122 प्रकरण तथा खसरा सुधार के 33 प्रकरण कुल 229 का निराकरण किया जा चुका है जिसमें से कुल 197 प्रकरण की ऑनलाइन फीडिंग का कार्य कराया जा चुका है शेष 32 प्रकरणों में फीडिंग का कार्य लंबित है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) रिकार्ड संशोधन संबंधी सक्षम आदेश के आधार पर सतत् प्रक्रिया के अनुसार ऑनलाइन राजस्व रिकार्ड बेव.जी.आई.एस के माध्यम से दर्ज किये जाते है।
ग्राम पंचायतों में पेयजल सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 1179 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में भीषण जल संकट व्याप्त है तथा पेयजल हेतु ग्रामीणजन भटक रहे हैं, यदि हाँ, तो इस समस्या के निदान हेतु शासन द्वारा क्या ठोस कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा पेयजल के संकट के स्थायी समाधान हेतु कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो जमीनी स्तर पर योजना का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा? (ग) क्या प्रत्येक ग्राम पंचायतों में नलजल योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस समस्या के निराकरण हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) रीवा जिले के 109 ग्रामों की बीहर नदी स्त्रोत आधारित समूह जलप्रदाय योजना लागत रू.150.59 करोड़ प्रगतिरत है, जिसमें सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के 35 ग्राम सम्मिलित हैं। योजना के कार्य दिनांक 01.01.2021 तक पूर्ण किये जाकर जलप्रदाय प्रारंभ किया जाना लक्षित है। (ग) वित्तीय संयोजन एवं आवश्यकतानुसार नलजल योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
किसानों की भू-अर्जन के मुआवजे की राशि का प्रदाय
[राजस्व]
21. ( क्र. 1189 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत अनुविभाग सारंगपुर एवं अनुविभाग खिलचीपुर द्वारा जिला अंतर्गत कुण्ड़ालिया वृहद परियोजना से प्रभावित डूब क्षेत्र के कितने-कितने कृषकों का भू-अर्जन का प्रकाशन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्तानुसार परियोजना अंतर्गत अभी तक कितने कृषकों के भू-अर्जन होना शेष है कितना समय व्यतीत हो गया है? (ग) अनुविभाग सारंगपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.03 के भू-अर्जन के कितने प्रकरणों में 3 ए का निराकरण करना शेष है? (घ) क्या एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने से पुनः 3 ए में प्रकाशन करना पड़ेगा? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सारंगपुर में 978 कृषक खिलचीपुर में 618 डूब क्षेत्र कृषकों का भू-अर्जन की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया। (ख) ग्राम कडलावद तहसील सारंगपुर के 50 कृषक तथा अनुविभाग खिलचीपुर के 139 कृषकों का भू-अर्जन होना शेष है। धारा 11 के प्रकाशन की कार्यवाही उपरांत निर्धारित समय-सीमा में कार्य संपादित किया जा रहा है। (ग) वर्तमान में कोई भी प्रकरण 3 ए के निराकरण हेतु लंबित नहीं है। (घ) जी हाँ। धारा-3 ए की अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष की अवधि के भीतर धारा-3 डी का प्रकाशन किए जाने का प्रावधान है। 3 ए के पुनः प्रकाशन में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
22. ( क्र. 1190 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के अनुविभाग सारंगपुर अंतर्गत दिनाँक 21.11.2017 से दिनाँक 15.06.2017 तक अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के न्यायालय में कितने-कितने प्रकरण अपील, दावे एवं अन्य के पेश किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त समयावधि में कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है? (ग) अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के न्यायालय में अंतिम सुनवाई के पश्चात कितने-कितने प्रकरण कितने-कितने समय से किन कारणों से निराकरण/फैसले के लिये पेन्डिंग है? (घ) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03 पर निर्माणाधीन उन्नयन मार्ग में आवासीय एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पानी निकासी का कोई प्रावधान नहीं किया गया है? शासन द्वारा इस समस्या का क्या हल निकाला गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न अवधि में अनुविभागीय अधकारी सारंगपुर के न्यायालय में कुल 143 अपील दावे एवं अन्य 637 दावे कुल 780 प्रकरण पेश किए गए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त समयावधि में अपील के 97 एवं अन्य के 626 प्रकरण कुल 723 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के न्यायालय में अंतिम सुनवाई के पश्चात निराकरण हेतु शेष प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) NH 3 का उन्नयन कार्य भारत सरकार की NHAI (नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इण्डिया) द्वारा किया जाता है। NHAI l से चर्चा कर समस्या का समाधान किया जाने का प्रयास किया जावेगा।
शासकीय भूमि पर शुगर मिल का निर्माण
[राजस्व]
23. ( क्र. 1210 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र.-534 दिनांक 21/02/2019 द्वारा तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत-लिंगा के ग्राम-खामघाट की शासकीय भूमि के सम्बंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में पुस्तकालय परिशिष्ट “अ’’ के अनुसार 43 व्यक्तियों को कृषि प्रयोजन हेतु पट्टे एवं परिशिष्ट “ब” के अनुसार 12 व्यक्तियों के नाम से भू-मिस्वामी हक में दर्ज है? जानकारी दी थी तो इन 43 व्यक्तियों को पट्टे किस-किस वर्ष में किस पात्रता के आधार पर दिये गये? (ख) क्या पट्टेधारियों को भूमि बेचने का अधिकार है? यदि नहीं, तो 12 व्यक्तियों के नाम से शासकीय भूमि का भूमिस्वामी हक किस वर्ष में कैसे शासकीय अभिलेखों में दर्ज हो गया? (ग) वर्तमान में मौजा खामघाट में कितने हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग के पास सुरक्षित है एवं त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अभिलेख में 1975-76 म.प्र. राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 (3) (अ) के प्रावधानों के तहत पट्टा आवंटित किया जाना प्रतीत होता है तथापि पुराने अभिलेखों की विस्तृत जाँच उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है। (ख) शासन अनुमति के बगैर पट्टेधारियों को भूमि विक्रय का अधिकार नहीं है। 12 व्यक्तियों के नाम से शासकीय भूमि कब और कैसे भूमिस्वामी हक में दर्ज हुई है, इसकी जाँच की जा रही है। (ग) वर्तमान में मौजा खामघाट में 134.565 हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग के नाम दर्ज होकर सुरक्षित है। जाँच उपरांत यदि अधिकारी कर्मचारी दोषी पाये जाते हैं, तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराना
[राजस्व]
24. ( क्र. 1241 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूरे म.प्र. में भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत कुल कितने भूमिहीन व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है? चिन्हित भूमिहीन व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रगति की गयी है? (ख) प्रमुख सचिव म.प्र. शासन राजस्व विभाग का पत्र क्रमांक- एफ 16-48/2017/सात-2ए भोपाल 03/01/2018 का पालन में प्रदेश स्तर पर क्या फीडबैक प्राप्त हुआ और आगामी वर्षों में भूमिहीन व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे है? (ग) भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत आगामी कार्ययोजना क्या है? और कितने हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराएं जा सकेंगे? (घ) मध्य प्रदेश में भूखंड अधिकार अभियान के शुभारंभ दिनांक से आज प्रश्न लगाए जाने की दिनांक तक कितने भूमिहीन व्यक्तियों को आवास दिया जा चुका है? कितने भूमिहीन शेष है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सम्पूर्ण म.प्र. में भूखण्ड अधिकार अधिनियम के अंतर्गत चिन्हित व्यक्तियों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्यवाही की गई है। आगामी वर्ष में आवासहीन व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने हेतु प्रचलित नियम/विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) वर्तमान में प्रचलित नियम/विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। संख्या बतायी जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र. भूखण्ड अधिकार अभियान के शुभारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक लांभावित हितग्राहियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। शेष हितग्राहियों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल की समस्या का स्थाई निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( क्र. 1246 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक गाँव की कितनी जनसंख्या है? उपरोक्त स्थानों में निवासरत रहवासियों को कितने लीटर पेयजल की आवश्यकता है? कितना लीटर पेयजल किन-किन माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है? (ख) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु शासन ने क्या योजना बनाई है? इसे कब तक क्रियान्वित किया जा सकेगा? (ग) क्या जल निगम द्वारा छतरपुर एवं बिजावर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या के स्थायी निराकरण हेतु Multi Village Rural Water Supply Scheme chhatarpur (Scheme A-57) नाम की अथवा कोई अन्य कार्ययोजना बनाई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावे। इस पर शासन स्तर पर क्या कार्य किया जा रहा है? इसे कब तक स्वीकृति प्रदान कर बजट आवंटित कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शहरी क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था हेतु नौगाँव छतरपुर समूह जलप्रदाय योजना (स्कीम-ए-57) म.प्र. जल निगम द्वारा बनाई गई है। वित्तीय संयोजन के उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, कार्ययोजना के विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वित्तीय संयोजन उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शिव मंदिर नरवर को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित होना
[संस्कृति]
26. ( क्र. 1265 ) श्री जसमंत जाटव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विधान सभा क्षेत्र करैरा क्षेत्रान्तर्गत शिव मंदिर नरवर हजीरा पहाड़ पर स्थित है को वर्ष 2013 में उपसंचालक पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय उत्तरी क्षेत्र ग्वालियर, द्वारा उनके पत्र क्रमांक 342 दिनांक 17.6.2013 से राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अब तक शासन स्तर से उक्त संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? उक्त संरक्षित स्मारक घोषित करने के पूर्व वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने में क्या वैधानिक समस्या है? (ग) क्या शासन उक्त स्मारक के लिये अब तक विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं करने के जिले जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाही करेंगे।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं. (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. जी नहीं, वन विभाग से वांछित अभिलेख/अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है. (ग) जी नहीं. विभाग का कोई भी अधिकारी वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त न होने के कारण दोषी नहीं है.
नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
27. ( क्र. 1272 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में विगत 01 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2019 तक कितने नामांतरण किये गये? (ख) नामांतरण के प्रकरण कितने समय में निराकृत करने एवं लंबित रखने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) लंबित प्रकरण किन-किन कारणों से एवं कितनी अवधि से लंबित है? सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 9542 प्रकरण निराकृत किये गये। (ख) अविवादित मामलों में समस्त कार्यवाही पंजीकृत होने की तारीख से दो माह के भीतर तथा विवादित मामलों में छ: माह के भीतर कार्यवाही पूर्ण की जाने का प्रावधान है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) लंबित प्रकरण, विवादित होने, समय-सीमा में होने इत्यादि कारण से वर्तमान में न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने से लंबित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सफल एवं असफल ट्यूबवेल/हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
28. ( क्र. 1307 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में लोक स्वा.यांत्रकीय विभाग द्वारा वर्ष 2017 से इस वित्ती़य वर्ष की समाप्ति तक विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं जैसे विधायक/सांसद/विभागीय अन्य योजनाओं के तहत किन स्थान/ग्राम में कितने-कितने नवीन पेयजल हेतु टयूबवेल एवं हैण्डपंप स्थापित किये गये हैं? (ख) ऐसे कितने नवीन उत्खनन हैं, जो सफल हुये और कितने असफल हुये हैं तथा कितने हैडपंप खनन हेतु शेष हैं, शेष खनन क्यों नहीं किये जा रहे हैं जबकि इस भीषण गर्मी में शिवपुरी जिले के व्यक्ति पेयजल अभाव के कारण पलायन की स्थिति में है। (ग) पेयजल भाव के कारण पलायन करने वाले व्यक्तियों के लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) सांसद/विधायक/एवं अन्य मदों से स्थापित टयूबवेल/हैण्डपंप का भौतिक सत्यापन किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया है उनका नाम एवं पद बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कुल 905 नवीन खनित नलकूपों में से 703 सफल एवं 202 असफल हुये हैं। वर्ष 2019-20 में प्राप्त विभागीय लक्ष्य में से 60 नलकूप खनन हेतु शेष हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में कोई पलायन की स्थिति नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दूकानों से ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण रोके जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 1372 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उचित मूल्य की दूकानों से पात्र हितग्राहियों को ऑनलाइन (पी.ओ.एस.) में अंगूठा निशान के आधार पर खाद्यान्न वितरण किया जाता है तथा जिनका अंगूठा कार्य नहीं करता क्या उन्हें ऑफलाइन वितरण करने की व्यवस्था की गयी है? (ख) क्या अन्य जिलों की तरह रीवा जिले में भी मई 2019 का खाद्यान्न ऑफलाइन वितरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो रीवा जिले में कुल कितने, हितग्राहियों को खाद्यान्न से वंचित होना पड़ा है? उनकी संख्या विकास खण्डवार बताने का कष्ट करें। (ग) पात्र हितग्राहियों को जिनके अंगूठे के निशान मिट गये है या अन्य कारण से (पी.ओ.एस.) से खाद्यान्न वितरित नहीं किया जा सकता है, क्या उन्हें ऑफलाइन सुविधा प्रदान की जायेगी? क्या मई 2019 का खाद्यान्न भी वितरित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब-तक वितरण किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की पहचान सुनिश्चित करने की दृष्टि से नेट कनेक्टिविटी क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों से बायोमेट्रिक सत्यापन से खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की गई है। नेट कनेक्टिविटीविहीन क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों से संलग्न पात्र परिवारों एवं जिन पात्र हितग्राहियों का बायोमेट्रिक सत्यापन विफल हो जाता है, उनको समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन से खाद्यान्न का वितरण कराया जाता है। (ख) जी नहीं। रीवा जिले में भी अन्य जिलों की तरह नेट कनेक्टिविटीविहीन क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों से संलग्न पात्र परिवारों को माह मई, 2019 में दिनांक 01 से 21 तारीख तक एवं बायोमेट्रिक सत्यापन से राशन वितरण हेतु चिन्हित उचित मूल्य दुकानों पर जिन पात्र परिवारों का बायोमेट्रिक सत्यापन विफल हुआ था उनको दिनांक 24 एवं 25 मई, 2019 तक समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन से खाद्यान्न वितरण कराया गया है इसके पश्चात् भी हितग्राही दुकान से राशन नहीं ले सके हैं तो ऐसे हितग्राही को अन-ऑटोमेटेड वितरण प्रणाली (वितरण पंजी से) राशन वितरण कराया गया है। जिले में राशन प्राप्त करने आने वाला कोई भी हितग्राही सामग्री से वंचित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बायोमेट्रिक सत्यापन से राशन वितरण हेतु चिन्हित उचित मूल्य दुकानों पर जिन पात्र परिवारों का बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होता है उन परिवारों को समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन से खाद्यान्न वितरण कराया गया है। माह मई, 2019 में समग्र आई.डी. के आधार पर राशन वितरण कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लंबित सीमांकन प्रकरण
[राजस्व]
30. ( क्र. 1373 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में सभी तहसीलों में सीमांकन का आवेदन एवं शुल्क जमा होने के बावजूद कितने प्रकरण, सीमांकन हेतु लंबित है? तहसीलवार संख्या बतावें तीन माह से एक साल एवं एक साल से पूर्व के कितने प्रकरण लंबित है? (ख) उक्त सभी लंबित सीमांकन प्रकरणों को विशेष टीम गठन कर कब-तक सीमांकन कर निराकरण कर दिया जायेगा? (ग) सीमांकन का आदेश होने के बावजूद जिन राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सीमांकन नहीं किया गया उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या सीमांकन प्रकरणों में समय-सीमा में सीमांकन नहीं किये जाने के कारण की टीप प्रकरणों में दर्ज कर आवेदक को कारण जानने का अवसर प्रदान किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले में लंबित सीमांकन प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार है -
क्रमांक |
तहसील का नाम |
कुल लंबित सीमांकनों की संख्या |
तीन माह से एक साल से लंबित सीमांकनों की संख्या |
एक साल से अधिक लंबित सीमांकनों की संख्या |
1 |
गुढ |
255 |
254 |
01 |
2 |
मऊगंज |
280 |
247 |
33 |
3 |
हुजूर |
353 |
236 |
117 |
4 |
नईगढ़ी |
243 |
236 |
07 |
5 |
हनुमना |
601 |
588 |
13 |
6 |
सेमरिया |
50 |
50 |
- |
7 |
सिरमौर |
476 |
476 |
- |
8 |
जवा |
86 |
68 |
18 |
9 |
त्योंथर |
191 |
110 |
81 |
10 |
रायपुर कर्चु. |
189 |
189 |
- |
11 |
मनगवां |
160 |
160 |
- |
|
कुल योग |
2884 |
2614 |
270 |
(ख) विशेष टीम गठित कर प्रतिदिन सीमांकन की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सीमांकन आदेश होने के बाद राजस्व अमले द्वारा यथाशीघ्र सीमांकन किया जाता है। प्रकरणों की अधिकता के कारण सीमांकन प्रकरण लंबित है। समय-सीमा में सीमांकन नहीं किये जाने के कारण की टीप प्रकरणों में दर्ज की जाती है तथा आवेदक को कारण जानने का पूर्ण अवसर प्रदान किया जाता है।
सस्ते राशन की पात्रता सूची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 1399 ) श्री अजय विश्नोई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत सरकार में प्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के तकरीबन 2.5 लाख परिवारों को सस्ते राशन की पात्रता सूची में जोड़ा गया था? (ख) यदि हाँ, तो 2.5 लाख परिवारों में से वर्तमान में कितने परिवारों को राशन पर्ची जारी कर दी गयी है और उन्हें सस्ता राशन मिलना प्रारंभ हो गया है? (ग) अनुसूचित जाति और जनजाति के कितने परिवारों को राशन पर्ची जारी नहीं की गयी है और उन्हें सस्ता राशन प्राप्त नहीं हो रहा है। इन परिवारों को सस्ता राशन मिलना कब से प्रारम्भ हो जायेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 प्रदेश में माह मार्च, 2014 में लागू किया गया है। अधिनियम के अंतर्गत राज्य हेतु निर्धारित सीमा तक पात्रता श्रेणी में चिन्हित परिवारों को निरंतर जोड़ते हुए पात्रता पर्ची जारी की गई है। वर्तमान में अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत कुल 17,25,874 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर राशन वितरण किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिवारों को जोड़ने की अवधि के पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के अंतर्गत नवीन सत्यापित 15,794 परिवार पात्रता पर्ची हेतु समग्र पोर्टल पर नाम प्रदर्शित हो रहे है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है।
आयुर्वेद महाविद्यालय में पी.जी. पाठ्यक्रम
[आयुष]
32. ( क्र. 1400 ) श्री अजय विश्नोई : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय जबलपुर पी.जी. पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु आवेदन किया गया है? यदि हाँ, तो पी.जी. पाठ्यक्रम के लिये आवश्यक प्राध्यापकों में से कितने और किस-किस विषय के शिक्षक महाविद्यालय में उपलब्ध है, किस-किस विभाग में कितनी कमी है? (ख) क्या महाविद्यालय में पी.जी. पाठ्यक्रम के लिये आवश्यक योग्यता वाले शिक्षकों को अन्यत्र पदस्थ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें अन्यत्र पदस्थ करने के पहले क्या यह सुनिश्चित कर लिया गया है कि इससे महाविद्यालय की पी.जी. पाठ्यक्रम की अनुमति प्रभावित नहीं होगी? (ग) आवश्यक शिक्षण अनुभव वाले चिकित्सक जिन्हें महाविद्यालय से अन्यत्र पदस्थ कर दिया है, को क्या वापस महाविद्यालय में शिक्षण कार्य हेतु स्थानान्तरण कर लिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) महाविद्यालय में शिक्षण का कार्य कर रहे चिकित्सकों के पास आवश्यक अध्यापन अनुभव कितना होना चाहिये और कितना है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आवश्यकतानुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) सी.सी.आई.एम. मापदण्ड अनुसार।
शासकीय आवंटन की भूमि क्रेसर संचालकों का विक्रय
[राजस्व]
33. ( क्र. 1496 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौरिहार तहसील जिला छतरपुर के सरकिल जुझार नगर के ग्राम प्रकाश बम्हौरी के भूमि खसरा क्रमांक 2436,2429 रकबा 0.526 हे. 1.433 हे. की भूमि शासकीय पट्टे में मुल्लू उर्फ मुलुवा एवं घंसी को प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त पट्टे वाली भूमि क्रेशर संचालकों को विक्रय करने के लिए तहसील गौरिहार के कम्प्यूटर रिकार्ड में छेड़छाड़ करते हुए भूमि स्वामी के कॉलम में अंकित शब्द शासन से प्राप्त भूमि हटाकर उपरोक्त भूमि का विक्रय पत्र 25 सितम्बर 2018 को सुधा सोनी पत्नी विनोद निवासी महोबा एवं बृजराज सिंह कुबेर निवासी करबई वंशीधर पिता ज्वाला प्रसाद निवासी हमीरपुर के पक्ष में करा दिया गया? (ग) क्या उप पंजीयक अधिकारी लवकुश नगर द्वारा 15 अक्टूबर 2018 को गौरिहार को एक पत्र लिखा गया कि उपरोक्त भूमि के संबंध में ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत इन्टरनेट से डाउनलोड की गयी खसरा की नकल में यह भूमि शासन से प्राप्त भूमि का लेख है। (घ) शासन की बेशकीमती सरकारी भूमि की बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के छेड़छाड़ करने एवं गलत कार्यवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन से प्राप्त भूमि विलोपित करने के संबंध में तहसील गौरिहार के कम्प्यूटर रिकार्ड में छेड़छाड़ किये जाने की जाँच प्रारंभ की गई है। यह बात सही है कि उक्त भूमि मूल्लू ऊर्फ मुलुआ एवं घंसी द्वारा सुधा सोनी पत्नी विनोद सोनी निवासी महोबा एवं बृजराज सिंह, कुबेर सिंह निवासी करबई, वंशीधर पिता ज्वाला प्रसाद निवासी हमीरपुर को उप पंजीयक कार्यालय लवकुशनगर के माध्यम से विक्रय पत्र निष्पादित कराया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) नायब तहसीलदार श्री आर.एस. शर्मा, संबंधित ऑपरेटर एवं हल्का पटवारी को नोटिस जारी किए जाकर जाँच प्रारंभ की गयी है। दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
फसल खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 1535 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में विगत 3 माह में किसानों की फसल तुलाई/खरीदी के लिए कहाँ-कहाँ केन्द्र खोले गये? (ख) क्या उपरोक्त केन्द्रों में तुलाई/एवं बारदानों के नाम को लेकर शिकायत प्राप्त हुई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर ग्वालियर दिनांक 25/05/2019 को शिकायत की थी? (घ) यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु 65 एवं चना एवं सरसों हेतु 8 उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे। उपार्जन केन्द्रों के स्थान का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) शिकायत की जाँच खाद्य विभाग के अमले द्वारा की गई जिसमें शिकायत निराधार पाई गई।
कुपोषित बच्चों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 1546 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में कितने कुपोषित बच्चे है, उनमें से कितने मध्य कुपोषण और कितने अति कुपोषण से पीड़ित हैं? बच्चोंवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं कुपोषण की रोकथाम हेतु कौन-कौन से अभियान कहाँ-कहाँ चलाए जा रहे हैं? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कुपोषित बच्चों को दिया जाने वाला भोजन/नाश्ता का मेन्यू कौन तय करता है? मेन्यू में क्या दिया जाता है? क्या कुपोषित बच्चे एवं उसकी माता को मेन्यू अनुसार आहार दिया जाता है एवं यदि हाँ, तो इसका सत्यापन किसके द्वारा किया जाता है? शासन द्वारा एक कुपोषित बच्चे और उसकी माता पर भोजन एवं ईलाज के नाम पर कितनी राशि खर्च की जाती है? (ग) उज्जैन जिले में कुपोषण से विगत एक वर्ष में कितने बच्चों की मृत्यु हुई? क्या यह सही है कि कुपोषण का आंकड़ा घटने के बजाए बढ़ता जा रहा है? इन सब के लिए किसे जिम्मेदार माना जावेगा? क्या शासन द्वारा जवाबदेही तय की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में 25478 बच्चे कुपोषित है जिनमें से 23671 बच्चे मध्यम कुपोषित तथा 1807 बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी में है। विभागीय एम.आई.एस. में कम एवं अतिकम वजन के बच्चों के नामवार सूची का संधारण नहीं किया जाता है। ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। कुपोषण की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से समूचे उज्जैन जिले में 10 जून 2019 से 20 जुलाई 2019 तक दस्तक अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों के पोषण स्तर का निर्धारण एवं वृद्धि निगरानी, 03 से 06 वर्ष के कुपोषित बच्चों को ताजा गरम पका नाश्ता, भोजन एवं थर्ड मील का प्रदाय किया जाता है एवं 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को टेक होम राशन का प्रदाय किया किया जाता है। गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उज्जैन जिले के माधवनगर, तराना, महिदपुर, खाचरौद, घटिट्या, इंगौरिया, नागदा एवं उन्हैल में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ग) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार विगत 01 वर्ष में कुपोषण से बच्चे की मृत्यु संबंध में जानकारी निरंक है। जी नहीं। उज्जैन जिले में माह अप्रैल 2018 में कुल कुपोषित बच्चों की संख्या 25174 थी, जो अप्रैल 2019 में घटकर 25052 रही। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
देशी एवं अंग्रेजी शराब की अवैध बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
36. ( क्र. 1547 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों एवं शहर में देशी एवं अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित है स्थानवार, ठेकेदारवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब के कितने प्रकरण बनाये गये? (ग) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में शराब ठेकेदार द्वारा डायरी बनाकर कानून कायदे की धज्जी उड़ाकर हर गाँव में शराब की बिक्री की जा रही है जिससे शासन को राजस्व की हानि होने के साथ ही अपराध बढ़ रहे है? ऐसे दोषी शराब माफिया/दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 21 देशी मदिरा की दुकानें एवं 06 विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय एवं परिवहन के निम्नानुसार प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं :-
क्रमांक |
वर्ष |
पंजीबद्ध प्रकरण |
1 |
2017-18 |
158 |
2 |
2018-19 |
270 |
3 |
2019-20 (दिनांक 25.06.2019 तक) |
117 |
|
योग |
545 |
(ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में शराब ठेकेदारों द्वारा डायरी बनाकर अवैध मदिरा का विक्रय गाँव-गाँव किये जाने के संबंध में कोई प्रकरण अद्यतन दिनांक तक प्रकाश में नहीं आया है। अतएव प्रश्नांश से संबंधित जानकारी निरंक है।
बिना स्टाम्प ड्यूटी के बटवारे करना
[राजस्व]
37. ( क्र. 1586 ) श्री जसमंत जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले एवं विधान सभा क्षेत्र करैरा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने बटवारे है जो तहसील न्यायालय में दर्ज न करके नामांतरण पंजी में बिना स्टाम्प ड्यूटी के सीधे रकबा हिस्साट अनुसार बटवारों में भिन्नता की गई है वर्षवार ब्यौंरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुल कितनी शासकीय भूमि है उक्त भूमि पर कितने व्यक्तियों द्वारा अवैध अतिक्रमण किया गया है अतिक्रमणकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है अतिक्रमण संबंधी कार्यवाही उपरांत कितनी भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है तथा कितनी भूमि पर अतिक्रमण हटाने में विभाग नाकाम रहा है कितनी भूमि का सेटलमेन्ट अतिक्रमणकारियों के नाम कर दिया है? (ग) प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पट्टों की भूमि हस्तांतरित की गई है उक्त वितरित पट्टों में ऐसे कितने पट्टे है जिसमे बिना कलेक्टर की अनुमति के सीधे तहसीलदार द्वारा विक्रय एवं हस्तांतरण की अनुमति दी है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 14 बटवारा नामांतरण पंजी पर किये गये हैं। जिनमें 03 बटवारों में हिस्सा अनुसार भिन्नता है। वर्षवार ब्यौरे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी निरंक। (ग) दो पट्टों की भूमि विक्रय अनुमति से हस्तांतरित की गयी है। किसी भी तहसील में तहसीलदार द्वारा विक्रय की अनुमति जारी नहीं की है।
कूटरचित फर्जी चालान पेश कर करोड़ों के राजस्व की हानि
[वाणिज्यिक कर]
38. ( क्र. 1598 ) श्री संजय शुक्ला : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कूटरचित फर्जी चालान मामले में इन्दौर जिला अंतर्गत देशी/विदेशी मदिरा भाण्डागार/वृत्त में कौन-कौन अधिकारी पदस्थ थे? क्या कूटरचित फर्जी चालान मामले में इन अधिकारियों द्वारा मासिक तौजी का सत्यापन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 02 वर्षों में कितने मदिरा भण्डार गृहों/वृत्तों पर प्रतिवर्ष/मासिक तौजियों का सत्यापन किन-किन के द्वारा कब-कब किया? क्या तौजी सत्यापन न होने के कारण इन्दौर जिले में शराब माफियाओं द्वारा अधिकारियों से सांठ-गांठ कर फर्जी तोजी चालान पेश कर शासन को करोड़ों के राजस्व की हानि पहुंचाई गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इस फर्जीवाड़े में लिप्त अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये गये थे? क्या विभाग द्वारा असंतुष्ट होकर विभागीय जाँच बैठा दी गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या दोषियों को विभाग द्वारा दोषी न मानते हुए अभ्यावेदन लेकर क्यों पुन: बहाल किया गया? क्या जाँच में ये दोषी नहीं पाये गये थे? क्या शासन को हुई हानि में इस कूटचरित फर्जी चालान के दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? क्या दोषी अधिकारियों को बहाल कर इन्दौर में ही पदस्थ किया गया है? क्या इनको जिले से बाहर स्थानांतरित किया जायेगा?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) कूटरचित फर्जी चालान मामले में इन्दौर जिला अंतर्गत देशी/विदेशी मदिरा भाण्डागार/वृत में पदस्थ अधिकारियों की सूची विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। परिशिष्टों में दर्शित अधिकारियों द्वारा मासिक तौजियों का सत्यापन नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 02 वर्षों के पूर्व किसी भी भाण्डागार/वृत्त अधिकारी द्वारा मासिक तौजी का सत्यापन नहीं किया गया है। तौजी सत्यापन हेतु निर्धारित प्रक्रिया अनुसार राजस्व का आंकलन न करने के कारण शासन को रूपये 41,65,21,890/- के राजस्व की क्षति हुई है, जिसमें से राशि रूपये 21,88,87,840/- की वसूली संबंधितों से की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, अपितु विभागीय जाँच आयुक्त के समक्ष विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन होने तथा इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को दृष्टिगत रखते हुए निलंबन से बहाल किया गया है। विभागीय जाँच आयुक्त के पास प्रकरण प्रक्रियाधीन है। विभागीय जाँच के निष्कर्षों के आधार पर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार प्रकरण निर्णीत होगा। किसी भी अधिकारी को इन्दौर में उसी स्थान पर पदस्थ नहीं किया गया है।
नोहलेश्वर महोदय का पुन: आयोजन
[संस्कृति]
39. ( क्र. 1672 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में शासन द्वारा जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नोहलेश्वर महोत्सव शुभारंभ किया गया था, जो अत्यंत लोकप्रिय रहा, जिसमें बुंदेलखण्ड की धरोहर, लोक संस्कृति को बढ़ावा मिला। (ख) क्या विगत सत्र में शासन द्वारा उक्त आयोजन नहीं कराया गया, यदि हाँ, तो नोहलेश्वर महोत्सव बंद क्यों किया गया? नोहटा में पुन: उक्त महोत्सव कब से प्रारंभ कराया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) उक्त आयोजन के लिए विभाग द्वारा 2.00 लाख कलेक्टर, दमोह को उपलब्ध कराए थे. आयोजन विभाग द्वारा नहीं किया गया था. (ख) विभाग का नियमित एवं घोषित आयोजन न होने से यह आयोजन नहीं किया गया. इस परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
विभागीय स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 1701 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला बुरहानपुर में वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक कितना बजट किन-किन मदों में, किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुआ और उसका व्यय कितना किन-किन कार्यों में किया गया। सूची प्रदान करें। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला बुरहानपुर के माध्यम से वर्ष 2019-20 में कौन-कौन सी योजनाओं में कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से कौन-कौन से क्षेत्र/ग्राम में प्रारंभ है एवं प्रारंभ होना शेष है, सूची प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विभागीय मदों में स्वीकृत कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
41. ( क्र. 1702 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास, जिला बुरहानपुर में वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक कितना बजट किन-किन मदों में, किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुआ और उसका व्यय कितना किन-किन कार्यों में किया गया। कृपया सूची प्रदान करें। (ख) महिला एवं बाल विकास, जिला बुरहानपुर के माध्यम से वर्ष 2019-20 में कौन-कौन सी योजनाओं में कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हैं एवं प्रारंभ होना शेष हैं। सूची प्रदान करें। (ग) महिला एवं बाल विकास, जिला बुरहानपुर द्वारा कितनी आंगनवाड़ियां संचालित है, क्षेत्रवार कार्यरत स्टॉफ की नियुक्ति दिनांक सहित सूची प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 4 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) जिला बुरहानपुर में 775 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 40 उप आंगनवाड़ी केन्द्र निम्नानुसार संचालित है :-
क्र. |
परियोजना का नाम |
आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या |
उप आंगनवाड़ी संख्या |
कुल आंगनवाड़ी संख्या |
1 |
बुरहानपुर शहरी-01 |
105 |
0 |
105 |
2 |
बुरहानपुर शहरी-02 |
107 |
0 |
107 |
3 |
बुरहानपुर ग्रामीण |
136 |
0 |
136 |
4 |
शाहपुर |
138 |
0 |
138 |
5 |
नेपानगर |
143 |
24 |
167 |
6 |
खकनार |
146 |
16 |
162 |
|
कुल योग |
775 |
40 |
815 |
आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 पर एवं क्षेत्रवार कार्यरत स्टॉफ की नियुक्ति दिनांक सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
भू-माफियों पर जाँच
[राजस्व]
42. ( क्र. 1838 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में टीकमगढ़ जिले की तहसील ओरछा के ग्राम ओरछा में स्थित खसरा नं. 455 शासकीय भूमि का अंश रकबा 1.113 हेक्टेयर जो भूमि मेन रोड से एक कि.मी. अन्दर तथा कच्चे से ढेड़ फलांग की दूरी पर थी जो कामता ढीमर पुत्र हरदास ढीमर के स्वामित्व की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उस भूमि को वर्ष 2016 में तत्कालीन कलेक्टर श्री केदार शर्मा ने ओरछा चकरपुर मेन रोड पर शासकीय भूमि से अदला बदली की थी तथा इस अदला-बदली का अधिकार कलेक्टर को नहीं था जिसकी शिकायत पत्रकार पुष्पेन्द्र सिंह निवासी टीकमगढ़ द्वारा वर्ष 2018 में प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग, आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो एवं लोकायुक्त डी.जी. को की गयी थी? उक्त मामले में तत्कालीन कलेक्टर श्री शर्मा के विरूद्ध अब तक क्या कार्य की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शासन द्वारा एक वर्ष पूर्व की गयी शिकायत पर क्या कार्यवाही की है अथवा प्रस्तावित है समय सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। श्री पुष्पेन्द्र सिंह, पत्रकार, निवासी टीकमगढ़ द्वारा वर्ष 2018 में की गई शिकायत सामान्य प्रशासन विभाग ‘’कार्मिक’’ में प्राप्त हुई है जिसके संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अंग्रेजी मदिरा दुकान हटाना
[वाणिज्यिक कर]
43. ( क्र. 1850 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय सिवनी अकबर वार्ड बारापत्थर क्षेत्र में संचालित अंग्रेजी मदिरा दुकान में दुकान स्थल से सटा हुआ (मार्ग के दूसरी और) शासकीय आवासीय नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र व मरचुरी गृह (शव परीक्षण गृह) , शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय एवं अल्पसंख्यक समुदाय कब्रिस्तान भी है। क्या उक्त मदिरा दुकान की स्थापना/संचालन के पूर्व जिला आबकारी अधिकारी सिवनी ने उपरोक्त शासकीय, अशासकीय संस्थाओं से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था यदि नहीं, तो क्यों। उन शासकीय आवासीय शैक्षणिक संस्थाओं के छात्राओं के साथ भविष्य में कोई दुर्घटना घटित होती है तो इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही किसकी होगी। क्या उपरोक्त वर्णित शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के जिला प्रमुखों ने मदिरा दुकान के संबंध में आज दिनांक तक कोई पत्राचार किया यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अंग्रेजी मदिरा दुकान को अन्यत्र हटाने हेतु किन-किन स्थानीय जनों, सामाजिक संस्थाओं ने जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर एवं कलेक्टर के माध्यम से शासन प्रशासन को ज्ञापन/आवेदन दिये गये है उसमें शासन/विभाग स्तर पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों उपरोक्त आवेदन एवं ज्ञापनों की जानकारी बिन्दुवार देवें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जिला मुख्यालय सिवनी अकबर वार्ड बारापत्थर क्षेत्र में संचालित अंग्रेजी मदिरा दुकान बारापत्थर श्री राकेश चौरसिया के स्वामित्व वाली जमीन में संचालित है, जो मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 62 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयोग के नियम-1 ’’दुकानों की अवस्थिति’’ के अंतर्गत आपत्ति रहित स्थल पर स्थापित एवं संचालित है। विदेशी मदिरा दुकान बारापत्थर दुकानों की अवस्थिति के अनुरूप स्थापित होने से किसी शासकीय/अशासकीय संस्थाओं से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिया जाना प्रावधानित नहीं है। उक्त संबंध में कोई शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के जिला प्रमुखों द्वारा कोई भी पत्राचार नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अंग्रेजी दुकान बारापत्थर को अन्यत्र हटाने हेतु कुल 01 शिकायत स्थानीय जनों द्वारा जिला कलेक्टर सिवनी के माध्यम से आवेदन प्राप्त हुआ, जिसकी जाँच सहायक जिला आबकारी अधिकारी सिवनी द्वारा की गई है। उपरोक्त शिकायती आवेदन पत्र एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी सिवनी का जाँच प्रतिवेदन क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। उक्त मदिरा दुकान नियमों के अंतर्गत संचालित है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को बढ़ा हुआ मानदेय न देना
[महिला एवं बाल विकास]
44. ( क्र. 1864 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जून 2018 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय पाँच हजार से बढ़ाकर दस हजार एवं सहायिकाओं का मानदेय ढ़ाई हजार से बढ़ाकर पाँच हजार रूपये किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उनको जुलाई 2018 से बढ़ा हुआ मानदेय मिलने लगा था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या जनवरी 2019 से उन्हें बढ़ा हुआ मानदेय नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या केन्द्र सरकार ने भी सहायिकाओं का मानदेय अगस्त 2018 में डेढ़ हजार बढ़ाया था? यदि हाँ, तो उनको क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) व (ग) के तहत बढ़ा हुआ मानदेय और केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाया मानदेय उनको कब तक दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मानदेय में की गई वृद्धि जनवरी 2019 में भी लागू थी अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। केन्द्र सरकार द्वारा माह अगस्त 2018 से सहायिकाओं के मानदेय राशि रुपये 1500/- की वृद्धि नहीं की गई है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग के आदेश दिनांक 27.06.2019 अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राशि रुपये 10000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा वृद्धि उपरांत देय मानदेय राशि रुपये 4500/- तथा राज्य सरकार द्वारा देय अतिरिक्त मानदेय 5500/- सम्मिलित है। इसी प्रकार आंगनवाड़ी सहायिकाओं को राशि रुपये 5000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा वृद्धि उपरांत देय मानदेय राशि रुपये 2250/- तथा राज्य सरकार द्वारा देय अतिरिक्त मानदेय 2750/- सम्मिलित है। शेष का प्रश्न नहीं।
किराये के भवनों में चल रही आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया न देना
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 1865 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल संभाग में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किस-किस जिले में किराये के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का किस दिनांक से किराये का भुगतान नहीं किया है? प्रश्न दिनांक तक किराये का भुगतान नहीं करने का कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या किराये का भुगतान न होने के कारण भवन मालिकों ने केन्द्रों में ताला ë