मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
बुधवार, दिनांक 17 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शहरी/ग्रामीण
क्षेत्रों
में पेयजल व्यवस्था
का सुचारू
संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 688 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के ग्रामीण एवं शहरी अंचलों की बस्ती में अभी से पीने के पानी की समस्या से ग्रसित कितने स्थल हैं जहां पर बोर पेयजल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? यदि कोई ऐसा स्थान जहां पर सभी बोर बंद हो गये हैं तो वहां पर पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) ग्रामीण अंचलों में संचालित ऐसी कितनी नलजल योजनाएं हैं? जिनके बोर जल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं ऐसे स्थलों पर नलजल योजना को चालू किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) आगामी ग्रीष्म काल में पेयजल संकट और बढ़ने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) शहरी क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी निरंक है। ग्रामीण क्षेत्र में 327 नलकूपों का पेयजल स्तर नीचे जाने से बोर (हैण्डपंप) बंद हो गये हैं। ऐसी कोई बसाहट नहीं है जहाँ सभी हैण्डपम्प बंद हो गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) 06 नलजल योजनायें। 03 योजनाओं के अंतर्गत नलकूप खनन कर स्त्रोत विकसित कर दिये गये हैं, शेष 03 योजनाओं के अंतर्गत स्त्रोत विकसित किया जाना प्रक्रियाधीन है। (ग) आवश्यकता अनुसार नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगल फेस मोटरपंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रो फ्रैक्चरिंग आदि कार्य किये जाते हैं। शहरी क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भूमि व्यपवर्तन के प्रकरणों पर कार्यवाही
[राजस्व]
2. ( *क्र. 2585 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमि व्यपवर्तन प्रकरणों में भूमि क्रय करने के दस वर्ष का अवसान नहीं होने के बाद भी इकरारनामे के आधार पर व्यपवर्तन किया जाना म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) का उल्लंघन है? (ख) क्या इकरारनामे के आधार पर व्यपवर्तन किये जाने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) का उल्लंघन पाये जाने पर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी I.A.S. राजस्व राजपुर जिला बड़वानी द्वारा कलेक्टर बड़वानी से इस संबंध में मार्गदर्शन चाहा गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की छायाप्रति देवें। (ग) क्या तत्कालीन कलेक्टर बड़वानी द्वारा इस संबंध में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 उपधारा (5) तथा (6) के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि होगी तो कब? (घ) उक्त प्रकरण को लंबित रखने के दोषी अधिकारी/ कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) के तहत उपधारा 6 के अधीन घोषित किसी आदिम जनजाति के भूमिस्वामी से भिन्न किसी भूमिस्वामी द्वारा किसी ऐसे व्यक्ति को, जो आदिम जनजाति का न हो, अंतरित की गई कृषि भूमि ऐसे अंतरण की तारीख से दस वर्ष की कालावधि का अवसान होने के पूर्व किसी अन्य प्रयोजन के लिये व्यपवर्तित नहीं की जावेगी। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.-ड.) के तहत मार्गदर्शन चाहा गया था। मार्गदर्शन पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, जिला बड़वानी में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, राजपुर का स्थानान्तरण दिनांक 04.05.2018 को होने के पश्चात् अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के पास अतिरिक्त प्रभार होने तथा नियमित अंतराल से अन्य शासकीय कार्य यथा बाढ़ राहत एवं सरदार सरोवर के डूब प्रभावित क्षेत्रों में लगातार दौरे करने तथा विधान सभा एवं लोकसभा की प्रक्रिया प्रचलित होने के कारण कार्यवाही वर्तमान समय तक लंबित रही। दिनांक 25.09.2018 से म.प्र. भू-राजस्व संहिता 2018 के लागू होने से धारा 172 का लोप हो चुका है। उक्त स्थिति में संहिता की धारा 172 (5) (6) अनुसार कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिवपुरी नगर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 1922 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी नगर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ, किन क्षेत्रों में संचालित हैं एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की दर्ज संख्या कितनी है? (ख) दर्ज बच्चों की संख्या के अनुसार कितना भोजन किस मीनू अनुसार किन समितियों द्वारा सप्लाई किया जा रहा है एवं सप्लाई किये जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जाँच किसके द्वारा की जाती है? (ग) क्या भोजन की गुणवत्ता के संबंध में विगत 1 वर्ष में किसी प्रकार की विभाग को शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) शिवपुरी नगर में 126 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन की क्षेत्रवार एवं इन केन्द्रों में दर्ज बच्चों की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दर्ज बच्चों की संख्या के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रदाय भोजन की मात्रा एवं प्रतिदिन के मीनू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भोजन प्रदायकर्ता महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडल द्वारा प्रतिदिन प्रदाय किये जा रहे भोजन की गुणवत्ता/मात्रा की निगरानी ग्राम सभा की स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति के सदस्यों के माध्यम से कराई जाती है तथा इस संबंध में आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर प्राप्त आहार का पंचनामा भी तैयार कराया जाता है। (ग) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
DMAT परीक्षा की CBI जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( *क्र. 961 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालय में स्टेट कोटे में चयनित किये गये वर्ष 2009 से 2013 तक के अभ्यार्थियों के नाम, पिता का नाम, पता PMT परीक्षा के प्राप्तांक तथा रैंक सहित सूची देवें तथा बतावें कि क्या उक्त चयन की जाँच संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा की गई? यदि हाँ, तो वर्षवार जाँच रिपोर्ट से अवगत करावें। (ख) AFRC के अपील अथॉरिटी पी.के. दास ने जिन 721 अभ्यर्थियों के 2009 से 2013 तक के चयन को फर्जी माना उनका नाम, पिता का नाम, पता, PMT के प्राप्तांक, रैंक सहित सूची देवें तथा बतावें कि इस संदर्भ में उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण का क्रमांक क्या है तथा प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) क्या उच्चतम न्यायालय ने श्री आनंद राय तथा श्री पारस सकलेचा की याचिका पर शासन से DMAT परीक्षा की CBI जाँच हतु सहमति पत्र मांगा हैं, यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक बताते हुये उल्लेख करें कि सहमति पत्र भेजा गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्या शासन व्यापम घोटाले से सबक लेकर शीघ्र सहमति पत्र भेजेगा? (घ) NRI कोटे से चयनित विद्यार्थियों के दस्तावेजों का अध्ययन एवं परीक्षण किस विभाग द्वारा किया जाता है, वर्ष 2016 तथा 2018 की जाँच रिर्पोट की प्रति देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी वृह्द स्वरूप की होने के कारण निजी संस्थाओं से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) वर्ष 2009 से वर्ष 2013 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में चयनित 721 फर्जी अभ्यर्थियों की जानकारी ए.एफ.आर.सी. से प्राप्त की जा रही है। ए.एफ.आर.सी. के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में निम्नलिखित याचिकाएं दायर हैं :-
संस्था का नाम |
याचिका क्रमांक |
एल.एन.मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेन्टर भोपाल। |
8267/2015 |
इण्डेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर इन्दौर। |
8598/2015, 8699/2015 |
पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल सांइस भोपाल। |
8602/2015 |
चिरायु मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल भोपाल। |
10857/2015 |
आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन। |
14559/2015 |
श्री अरविंदो मेडिकल कॉलेज इन्दौर। |
14570/2015 |
(ग) माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू. पी. (सी) 114/15 में पारित आदेशों में डी-मेट परीक्षा की जाँच सी.बी.आई. से कराने हेतु शासन से सहमति पत्र मांगे जाने संबंधी कोई निर्देश नहीं होने से, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2016 तक एन.आर.आई. कोटे में प्रवेशित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन संस्था स्तर पर गठित स्क्रूटनी एवं प्रवेश समिति द्वारा किया जाता था। वर्ष 2017 से एन.आर.आई. अभ्यर्थियों का आवंटन संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 2017 से प्रवेशित एन.आर.आई. अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जाँच संचालनालय द्वारा की गई थी। वर्ष 2018 में जाँच हेतु कोई निर्देश न्यायालय द्वारा नहीं किए गये।
वित्तीय लक्ष्य की जिलेवार पूर्ति
[परिवहन]
5. ( *क्र. 1626 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए जिलावार क्या-क्या वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया गया था? लक्ष्य विरूद्ध किन-किन जिलों द्वारा लक्ष्यों की पूर्ति की गई? वर्ष 2019-20 के लिए जिलों का क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन जिलों द्वारा लक्ष्यों की पूर्ति नहीं की गई? कारण सहित बतायें। (ग) यदि लक्ष्य विरूद्ध वसूली में लापरवाही हुई है तो क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन द्वारा वर्ष 2018-2019 के लिए रुपये 3000.00 करोड़ का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके विरुद्ध प्रदेश के जिलों द्वारा रुपये 3002.86 करोड़ लक्ष्य अर्जित किया गया है। जिलेवार आवंटित लक्ष्य एवं उसके विरुद्ध अर्जित राजस्व की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सतना, सिहोर, राजगढ़, खरगोन, सिंगरौली, शहडोल, टीकमगढ़, उज्जैन, विदिशा, झाबुआ, शाजापुर, दमोह, कटनी, धार, आगर मालवा, उमरिया, बालाघाट, सागर, खण्डवा, रीवा, छतरपुर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, हरदा, श्योपुर, सीधी, पन्ना, दतिया, डिण्डोरी, अनूपपुर, रायसेन, गुना, भिण्ड, मण्डला, अलीराजपुर जिलों द्वारा दिये गये लक्ष्य की पूर्ति की गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए विभाग द्वारा रुपये 4000.00 करोड़ का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें 3500.00 करोड़ का लक्ष्य जिलों का तथा शेष राशि कराधान संशोधन, बकाया वसूली एवं भारत सरकार से प्राप्त राजस्व से किया जावेगा। जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) अशोकनगर, छिंदवाड़ा, मंदसौर, भोपाल, सिवनी, देवास, बैतूल, शिवपुरी, रतलाम, बुरहानपुर, नीमच, मुरैना, जबलपुर, ग्वालियर, बड़वानी, इन्दौर जिलों द्वारा लक्ष्य की आंशिक पूर्ति नहीं की गई। मैदानी अमले द्वारा लक्ष्य पूर्ति हेतु अथक एवं निरंतर प्रयास किये जाते हैं, किन्तु राजस्व वसूली को प्रभावित करने वाले अनेक कारक (घटक) होते हैं, यथा राजमार्गों पर चक्काजाम की स्थिति, कानून व्यवस्था की स्थिति, अतिवृष्टि, मार्गों का क्षतिग्रस्त होना अथवा मार्गों का निर्माण, प्राकृतिक आपदा एवं प्रदेश में सम्पन्न हुए विधान सभा निर्वाचन 2018 के दौरान अन्य प्रान्तों की सीमाओं को सील करने पर यातायात की कमी होने के कारण भी किसी जिले में आंशिक राजस्व पूर्ति कम हुई है। ऐसी आकस्मिक परिस्थितिजन्य घटनाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। (ग) जी नहीं, लक्ष्य के विरुद्ध राजस्व वसूली में कोई लापरवाही नहीं हुई है, विभाग द्वारा लक्ष्य से अधिक राजस्व अर्जित किया गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
आगजनी की घटना में मुआवजा वितरण की नीति
[राजस्व]
6. ( *क्र. 2328 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा के खेतों में आगजनी की कितनी घटनाएं कब-कब घटित हुईं? किस-किस किसान की कितने-कितने एकड़ कौन-कौन सी फसल नष्ट हुई? ग्रामवार, किसानवार बतावें। (ख) आगजनी की घटना में कौन-कौन सी फसल के नष्ट होने पर प्रति एकड़ कितनी-कितनी राशि का मुआवजा प्रदान करने की नीति है? (ग) उक्त घटना में किस-किस किसान को प्रति एकड़ कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के परिशिष्ट–1 के निर्धारित मानदंड अनुसार प्रभावित कृषकों को अनुदान सहायता राशि स्वीकृत की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
कला मंडलियों को प्रदत्त राशि
[संस्कृति]
7. ( *क्र. 2747 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 590, दिनांक 20-2-2019 के संदर्भ में बतावें कि प्रदेश में कुल कितनी राशि कितनी कला मंडलियों को दी गई? जिलेवार संख्या बतावें तथा बतावें कि यह राशि किस विभाग के किस लेखा शीर्ष में खर्च की गई? क्या इसकी बजट स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो उस बजट की प्रति दें। (ख) कला मंडलियों का पंजीकरण किस नियम-प्रक्रिया से किया जाता है? अनुमोदन 26 जून, 2018 तक पंजीकृत या विभाग द्वारा अनुमोदित कला मंडलियों की जिलेवार संख्या बतावें तथा बतावें कि 27/6/18 को निर्णय लेने के मात्र 7 दिन में 25 हजार रू. कैसे वितरित कर दिये? कला मंडलियों के चयन की संपूर्ण जानकारी दें एवं दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) क्या कला मंडलियों को अनुदान देने के नाम पर 200 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ? क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) संस्कृति विभाग की ओर से प्रदेश की कला मण्डलियों को राशि के वितरण का दायित्व जिला कलेक्टर्स को सौंपा गया था। प्रदान की गयी राशि रूपये 57,02,25,000/- की जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। यह राशि संस्कृति विभाग के बजट लेखा शीर्ष मांग संख्या-26 संस्कृति विभाग से संबंधित व्यय शीर्ष-2205 कला और संस्कृति-102- कला और संस्कृति संवर्द्धन -2356 -42- सहायक अनुदान-007 - अन्य-0101 मद में खर्च की गई है। स्वीकृत बजट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) कला मण्डलियों का पंजीयन या अनुमोदन विभाग अथवा संचालनालय द्वारा नहीं किया जाता है इसलिए जिलेवार कला मण्डलियों की संख्या बताये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिनांक 27.06.2018 को निर्णय लेने के मात्र सात दिन के भीतर रूपये 25 हजार वितरित नहीं किये गये हैं। कला मण्डलियों के चयन के संबंध में संस्कृति विभाग के पत्र दिनांक 05.07.2018 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) किसी भी अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर जाँच कराई जावेगी।
शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में नामांतरण की प्रक्रिया
[राजस्व]
8. ( *क्र. 2282 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में खरीदी जाने वाली कृषि भूमि ग्रामीण क्षेत्र के नामांतरण संबंधित प्रक्रिया क्या है? इस प्रक्रिया से संबंधित नवीन आदेश/निर्देश परिपत्र उपलब्ध करावें तथा शहरी क्षेत्र में स्थित प्लाट तथा भवन की नामांतरण संबंधी प्रक्रिया क्या है? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) नगर पालिका क्षेत्र में स्थित प्लाट, भवन के स्वत्व उपरांत नामांतरण फौती नामांतरण बंटवारा का कार्य नगर पालिका द्वारा किया जाता है अथवा राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। शासन द्वारा इस प्रक्रिया के अंतर्गत जारी आदेश, निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत खरीदी गयी भूमि, प्लाट, भवन के डायवर्सन संबंधी कितने आवेदन अशोकनगर जिले के प्रत्येक अनुविभाग कार्यालय में वर्ष 2018 से लंबित हैं? अनुविभागवार नामवार सूची उपलब्ध करावें। डायवर्सन किये जाने संबंधी शासन द्वारा वर्तमान में लागू नवीन आदेश निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) अशोकनगर जिले के अनुविभाग अशोकनगर/मुंगावली/पिपरई में कौन-कौन सी शासकीय भूमि है जिन्हें भूमाफियाओं द्वारा नोटरी कर विक्रय करते हुये शासन को करोड़ों रूपये की हानि पहुँचायी है? इस दोषपूर्ण कार्यवाही में कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कृषि भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 में प्रावधानित है। भू-अभिलेखों में नामांतरण के नियम मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-अभिलेखों में नामांतरण) नियम 2018 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) नगरीय क्षेत्रों में भवनों का नामांतरण नगरीय निकायों द्वारा किया जाता है तथा भूमि संबंधी नामांतरण राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ग) अशोकनगर जिले के शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्रांतर्गत खरीदी गई भूमि प्लाट, भवन के डायवर्सन आवेदन वर्ष 2018 से निम्नानुसार लंबित है:-
क्रमांक अनुविभाग का नाम लंबित प्रकरणों की संख्या
1 अशोकनगर 81
2 चन्देरी 16
3 मुंगावली 25
4 ईसागढ़ 0
उपरोक्त प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। डायवर्सन किये जाने संबंधी शासन द्वारा वर्तमान में लागू नवीन आदेश निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) शासकीय भूमि के विक्रय संबंधी कोई सूचना प्राप्त न होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय रास्ते को पुन: प्रारंभ कराया जाना
[राजस्व]
9. ( *क्र. 2735 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत खिरसाडोह से रैयतवाड़ी जाने वाले मार्ग के समीप न्यायाधीशों के निवास हेतु भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ है तथा निर्माण एजेंसी द्वारा ग्राम खिरसाडोह से रैयतवाड़ी जाने वाले वर्षों पुराने शासकीय भूमि पर स्थित रास्ते में गड्ढे खुदवाकर, मिट्टी का ढेर लगाकर, चारों तरफ से बाउण्ड्रीवॉल बनाकर, जबरन रास्ते को बंद कर दिया गया है और जहां से रास्ता दिया जा रहा है, वह भूमि निजी स्वामित्व की है, जिस पर भूमि स्वामियों के द्वारा आपत्ति भी ली गई है तथा वर्षों पुराने रास्ते को बंद कर देने से विद्यार्थियों एवं ग्रामीणजनों को आवागमन में अनेक असुविधाओं तथा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार खिरसाडोह से रैयतवाड़ी जाने वाले वर्षों पुराने मार्ग पर किये गये अतिक्रमण को शीघ्र अतिशीघ्र हटाये जाने एवं मार्ग को पूर्व की तरह पुन: प्रारम्भ कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान जिलाध्यक्ष छिंदवाड़ा एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया को पत्र प्रेषित किये गये थे। जिसके संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त मार्ग पर किये गये अतिक्रमण को शासन द्वारा कब तक हटाकर, वर्षों पुराने मार्ग को पूर्व की तरह पुन: प्रारंभ करा दिया जायेगा? क्योंकि उक्त मार्ग से ही मॉडल स्कूल, किड्सजी स्कूल, छात्रावास, प्राथमिक शाला व अन्य स्कूल के छात्र/छात्राओं एवं विभिन्न ग्रामों के ग्रामीणजनों का प्रतिदिन आवागमन होता है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ है। ख.नं. 123 पर राजस्व अभिलेख अनुसार रूढ़ीगत रास्ता इन्द्राज नहीं है परन्तु ग्राम रैयतवाड़ी आने जाने हेतु उक्त खसरा नंबर में से प्रयोग किया जाता था। जी हाँ, वर्तमान नया परिवर्तित रास्ता ख.नं. 122/3, 122/4 के अंश भाग से उपलब्ध है, जो भूमि स्वामी का है। वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध होने से विद्यार्थियों एवं ग्रामीणजनों को असुविधा नहीं है। (ख) ख.नं. 123 भूमि आबादी मद गावठान न्यायाधीश आवास हेतु आवंटित की गई है। उक्त वर्णित मार्ग पर निर्माण एजेन्सी द्वारा निर्माण सामग्री रखी गयी है एवं वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध है अत: प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों के संबंध में कार्यवाही की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। (ग) आवंटित भूमि में प्राप्तकर्ताओं द्वारा निर्माण किया जा रहा है। भूमि अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आती। उपलब्ध वैकल्पिक मार्ग से मॉडल स्कूल, किड्सजी स्कूल, छात्रावास, प्राथमिक शाला व अन्य स्कूल के छात्र/छात्राओं एव ग्राम के ग्रामीणजनों के द्वारा प्रतिदिन आवगमन हो रहा है।
सुवासरा नगर की शासकीय एवं राजस्व भूमि
[राजस्व]
10. ( *क्र. 2591 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर की एवं राजस्व की दोनों शासकीय भूमि कहाँ-कहाँ पर है? स्थान एवं सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) भूमि सुवासरा नगर में किस-किस विभाग को कितनी-कितनी, किस कार्य हेतु प्रदान की गई है? वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) किस-किस भूमि पर कब्जा दे दिया गया? सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधान सभा में राजस्व विभाग के द्वारा खेल मैदान हेतु कितनी भूमि प्रदान की गई है? सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 984 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अन्तर्गत अनेक स्थानों पर आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां प्रदान की गईं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में वर्षानुसार किन-किन स्थानों पर भवन निर्माण के हेतु कितना-कितना बजट राशि स्वीकृत होकर किन-किन स्थानों पर कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण रहे एवं प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य अप्रारंभ होकर लंबित है? (ग) उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत पूर्ण हुए कार्यों, अपूर्ण कार्यों एवं अप्रारंभ हुए कार्यों के कारण तथा स्वीकृत बजट राशि की स्थिति सहित जानकारी दें? (घ) उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत बजट राशि के आधार पर स्वीकृत निर्माण कार्यों को किये जाने हेतु कार्य एजेंसी किस-किस को बनाया गया? कार्य एजेन्सी को किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई एवं कितनी अवधि बीत जाने के बाद निर्माण कार्य एवं बजट राशि किस स्थिति में है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 से 2018-19 तक जावरा नगर, पिपलौदा एवं जावरा तहसील अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की स्वीकृतियाँ प्रदान की गईं हैं। (ख) वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील में स्वीकृत भवन का स्थान, स्वीकृत बजट, निर्माण कार्य के पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील में स्वीकृत निर्माण कार्य, स्वीकृत बजट राशि, अपूर्ण निर्माण कार्य एवं अप्रारंभ कार्यों के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा एवं पिपलौदा तहसील में स्वीकृत बजट राशि के आधार पर स्वीकृत कार्यों को किये जाने हेतु संबंधित ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है। कार्य एजेंसी को निर्माण कार्य की स्वीकृत राशि, स्वीकृति का दिनांक, व्यय राशि एवं निर्माण की अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( *क्र. 1903 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में माह अप्रैल, मई, जून 2019 में प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर कौन कार्यरत थे एवं ये कटनी में कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी अपनी पदस्थापना दिनांक से वर्तमान तक की अवधि में कहाँ-कहाँ, किस-किस पद पर कब से कब तक पदस्थ रहे, इन पर कटनी जिले में पदस्थी के पूर्व विगत तीन वर्षों में अन्य जगहों में पदस्थी के समय इनके विरूद्ध कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी शिकायतें विभाग को कब-कब प्राप्त हुईं एवं शासन को प्राप्त इन शिकायतों पर कब, किसने क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब शासन प्रशासन की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुईं और उन पर कब किसने क्या कार्यवाही की? क्या शासन पारदर्शिता की दृष्टि से इन्हें कटनी जिले से अन्यंत्र स्थानांतरित कर इनके विरूद्ध प्राप्त गंभीर शिकायतों की जाँच करावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कटनी जिले में प्रश्नांकित अवधि में श्री रविकांत ठाकुर, सहायक आपूर्ति अधिकारी प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। श्री ठाकुर कटनी जिले में 04 अगस्त, 2017 से पदस्थ हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी की पदस्थापना का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में श्री ठाकुर के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध कटनी जिले में पदस्थी के दौरान केवल विगत डेढ़ माह में 6 शिकायतकर्ताओं द्वारा शिकायतें प्रस्तुत की गईं हैं। शिकायतों की जाँच प्रचलन में हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को सूखा राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
13. ( *क्र. 1216 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर, तहसील गुलाना के ग्राम सिमरोल शु. के सोयाबीन वर्ष 2017 की सूखा राहत राशि के लिए पात्र 825 किसानों में से कृषक गण खामंसिंह पिता करण सिंह परमार, पर्वत मोतीलाल, रामभव पूरणसिंह कुंवरलाल, पूरण सिंह कुंवरलाल, सईद खां छितर खा, लाडसिंह पिता बालचंद, जगदीश पिता लाडसिंह, बाबूलाल पन्नाल लाल मालवीय, कमल सिंह पिता अमर सिंह गुर्जर, लाडसिंह जगन्नाथ परमार, बाबूलाल जगन्नाथ परमार, रामचरण इंदरसिंह विष्णुचरण पिता देवकरण परमार, डूंगा जी बिजाजी बलाई, शिवनाराण शर्मा किशनलाल शर्मा, रामप्रसाद शर्मा किशनलाल शर्मा, शिवनारायण रामप्रसाद शर्मा आदि, गोवर्धन सिंह दरियाव सिंह, महेश पिता मानसिंह, संतर बाई मानसिंह, रेखा बाई ओमप्रकाश, इन्दर सिंह गजराज सिंह परमार, शिवराज सिंह गोवर्धनसिंह, मांगीलाल दरियाव सिंह कुल 23 किसानों को सोयाबीन वर्ष 2017 की सूखा राहत राशि कितनी-कितनी तथा किस-किस दिनांक को दी, जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसानों को सूखा राहत की राशि प्रश्न दिनांक तक नहीं दी गई है तो माह फरवरी 2019 के शून्यकाल की सूचना क्रमांक 70 में सूखा राहत राशि प्रदाय किए जाने की जानकारी किस प्रकार दी गई? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पात्र 825 हितग्राहियों में से प्रश्नांश में वर्णित 23 किसानों को सोयाबीन वर्ष 2017 की सूखा राहत राशि वितरण एवं वितरण से शेष राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसानों को सूखा राहत राशि का वितरण प्रश्न दिनांक के पूर्व ही किया जा चुका है जिसके आधार पर फरवरी, 2019 के शून्यकाल की सूचना क्रमांक 70 की वांछित जानकारी दी गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बुन्देलखण्ड महोत्सव का आयोजन
[संस्कृति]
14. ( *क्र. 1418 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के आतारांकित प्रश्न क्र. 368 दिनांक 09.03.2018 के उत्तरांश (क) में बताया गया था कि सांस्कृतिक संकुल भवन निर्माण की संशोधित डी.पी.आर. भारत सरकार मापदण्ड के अंतर्गत प्रस्तुत कर दी गई है तो डी.पी.आर. कितनी राशि की तथा कब प्रस्तुत की गई? (ख) क्या सांस्कृतिक संकुल भवन निर्माण की डी.पी.आर. भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेजी गई है? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या बुन्देली लोक संस्कृति के केन्द्र बिन्दु सागर में बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव प्रतिवर्ष मनाये जाने हेतु शासन स्तर पर स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम के आयोजन हेतु कितनी राशि प्रावधानित की गई है एवं किस माह में आयोजन किया जाना प्रस्तावित है? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन बुन्देली लोक कलाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं लोक कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु बुन्देलखण्ड महोत्सव आयोजन कराये जाने की शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
विजयलक्ष्मी
साधौ ) : (क) जी
हाँ। पी.आई.यू.
द्वारा पत्र
क्र. एफ-30-3-9/2018/रा.टे.भ.साग./कार्य-2/पीडी./222, दिनांक 23.02.2018 के माध्यम
से भारत सरकार
के मापदण्डों
के अंतर्गत
राशि रू. 1416.10
लाख की
संशोधित
डी.पी.आर.
उपलब्ध करा
दी गई है। (ख) सांस्कृतिक
संकुल भवन
निर्माण की
डी.पी.आर. भारत
सरकार को स्वीकृति
हेतु
संचालनालय के
पत्र क्र. 5257/सं.सं./कला
संकुल/15/2018,
दिनांक
15.03.2018
द्वारा
प्रेषित की गई
है। जिस पर
भारत सरकार से
स्वीकृति आज
दिनांक तक
अप्राप्त
है। प्रकरण
भारत सरकार
में
विचाराधीन
है।
(ग) जी
हाँ।
कार्यक्रम
हेतु राशि रू. 30.00 लाख
प्रावधानित
है।
कार्यक्रम
अक्टूबर, 2019 के अंतिम सप्ताह
में प्रस्तावित
है। (घ) उत्तरांश
(ग) अनुसार।
समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी हेतु किसानों के पंजीयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( *क्र. 1765 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में समर्थन मूल्य में किसानों पर फसल की खरीदी हेतु किसानों का पंजीयन कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने किसानों का पंजीयन हुआ? फसलवार विवरण सहित बतावें। जिले में लक्ष्य के अनुरूप कितनी खरीदी हुई? कितनी शेष है, शेष खरीदी के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या जिले में टोकन जारी करने के बाद किसानों की फसल की खरीदी नहीं हो पाई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की कितनी-कितनी खरीदी शेष रह गई है? फसलवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ सुनिश्चित करने, आवश्यक व्यवस्थाएं करने के साथ-साथ समस्त स्तरों पर बेहतर मॉनिटरिंग हेतु ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत ऑन लाइन किसान पंजीयन की व्यवस्था की गई है जिसमें किसानों के नाम, भूमि, फसल, बैंक खाता, मोबाइल नंबर आदि की जानकारी प्राप्त की जाती है। (ख) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत गेहूँ-5770,चना-2174,मसूर-289 तथा सरसों-344 कृषकों द्वारा समर्थन मूल्य योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पंजीयन कराया गया है। समर्थन मूल्य पर स्कन्ध उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। किसानों के एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की उपज का समर्थन मूल्य उपलब्ध कराने हेतु उपार्जन अनुमान के अनुसार तैयारी की जाती है। रीवा जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में 125400 मे.टन गेहूँ, 2241 मे.टन चना, 1009 मे.टन मसूर तथा 1337 मे.टन सरसों का उपार्जन किया गया है। जिले में गेहूँ उपार्जन के अंतिम दिनांक 24.05.2019 को किसानों की उपज की तौल पूरी न होने के कारण शेष रहे 717 ऑन लाइन टोकन सह किसान तौल पर्चीधारी किसानों से दिनांक 20.06.2019 से 23.06.2019 की अवधि में गेहूँ की खरीदी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों की पी.जी. सीट में वृद्धि
[चिकित्सा शिक्षा]
16. ( *क्र. 594 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2019-20 में पी.जी. की कितनी सीटें हैं? पी.जी. की सीट बढ़ाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या सीट वृद्धि हेतु केंद्र सरकार/एम.सी.आई. में आवेदन दिया गया था एवं कुछ कमियों के कारण सीट वृद्धि नहीं हो पाई है? (ख) क्या राज्य सरकार/चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा बताई गई कमियों को शीघ्र पूर्ण करने का वचन पत्र केंद्र सरकार/एम.सी.आई. को नहीं दे पाई जिस वजह से पी.जी. की अतिरिक्त सीटें चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर को नहीं मिल पाईं? (ग) समय पर सीटें न बढ़ने से हुए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? भविष्य में सीटें बढ़ाने के लिए क्या रणनीति अपनाई गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर में वर्ष 2019-20 में पी.जी. पाठ्यक्रम हेतु 167 (159 डिग्री एवं 08 डिप्लोमा) सीटें है। 185 पी.जी. सीट्स वृद्धि का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। प्रस्ताव भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली में विचाराधीन है। (ख) जी नहीं, प्रस्ताव भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली में विचाराधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रयास जारी है।
नजूल के पट्टों का नवीनीकरण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 448 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 31 मार्च, 2019 की स्थिति में नजूल के कितने स्थाई पट्टों की अवधि समाप्त हुई? वर्षवार बताएं। (ख) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2015 से आज दिनांक तक कितने पट्टों का नवीनीकरण किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन द्वारा पट्टा नवीनीकरण के अधिकार जिलाध्यक्ष को दिए गए हैं? जिन पट्टाधारियों द्वारा नियम का पालन नहीं किया गया है, उसमें कितने रूपये का अर्थदण्ड लगाकर नवीनीकरण करने का प्रावधान है? (घ) पट्टों का नवीनीकरण समयावधि में नहीं करने से शासन को कितनी राजस्व की हानि हुई है? 31 मार्च, 2019 की स्थिति में कितनी राजस्व प्राप्ति होनी थी जो पट्टा नवीनीकरण नहीं हो पाने के कारण नहीं हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में 31 मार्च, 2019 की स्थिति में बैतूल नजूल क्षेत्रान्तर्गत 937 स्थाई पट्टे एवं बैतूल बाजार नजूल क्षेत्रान्तर्गत 320 स्थाई पट्टे इस प्रकार कुल 1257 स्थाई पट्टे की अवधि समाप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2015 से आज दिनांक तक बैतूल नजूल क्षेत्रान्तर्गत 399 एवं बैतूल बाजार नजूल क्षेत्रान्तर्गत 159 इस प्रकार कुल 558 स्थाई पट्टों का नवीनीकरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-6-48/2014/सात/नजूल भोपाल दिनांक 01/05/2018 में नजूल के स्थाई पट्टों के नवीनीकरण तथा स्थाई पट्टों के शर्त उल्लंघन/अपालन के मामले में निराकरण की दी गई प्रक्रिया अनुसार अर्थदण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पट्टा नवीनीकरण के समय पट्टेदार से शासन के परिपत्र अनुसार बकाया भू-भाटक पुनरीक्षित भू-भाटक, प्रब्याजि राशि, विलम्बन राशि, शमन राशि, बकाया राशि पर साधारण ब्याज लिये जाने के पश्चात् नवीनीकरण किये जाते हैं। अत: राजस्व हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न का समर्थन मूल्य पर क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( *क्र. 655 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2016-17 से जून 19 तक की अवधि में किसानों से समर्थन मूल्य पर कुल कितना गेहूँ, चना, तुअर, मूँग, धान कितनी कीमत में खरीदा जाकर कहाँ-कहाँ रखा गया? (ख) क्रय खाद्यान्न एवं भण्डारण में कितना अन्तर है तथा क्यों? केन्द्रवार कारण बतायें। इसके लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान शेष है एवं क्यों? राशि का भुगतान कब तक होगा? क्या उक्त अवधि का ब्याज भी देंगे? (घ) किसानों को राशि भुगतान में विलंब के लिये कौन-कौन जवाबदार है? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले में वर्ष 2016-17 से जून 19 तक की अवधि में किसानों से समर्थन मूल्य पर क्रय किए गए गेहूँ, चना, तुअर, मूंग, धान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उपार्जन केन्द्रवार उपार्जित मात्रा एवं भण्डारण में अंतर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। परिवहन मात्रा में कमी तथा संस्था स्तर पर मात्रा में कमी, अन्तर का मुख्य कारण है। परिवहन में कमी के लिए उपार्जन एजेंसियों द्वारा परिवहन कर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही कर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। समिति स्तर पर पाई गई कमी के लिए दोषी सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध उपायुक्त, सहकारिता द्वारा सहकारिता अधिनियम की धारा-58-डी के तहत कार्यवाही की जा रही है। (ग) उपार्जन एजेंसी ने उपार्जन समितियों को गोदामों में जमा एफ.ए.क्यू. स्कन्ध का भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2018-19 में स्कंध कमी से उपार्जित धान का 18 कृषकों का 19.77 लाख एवं चना के 1681 किसानों का 233.84 लाख का भुगतान किया जाना समिति स्तर से लंबित है। वर्ष 2019-20 में उपार्जित गेहूँ के 194 कृषकों की राशि रूपये 169.96 लाख, चना के 1542 कृषकों की राशि रूपये 252.16 लाख का भुगतान शेष है, जिसमें समिति स्तर से क्रय मात्रा एवं उपार्जन एजेंसी में भंडारित मात्रा के मिलान का कार्य प्रगति पर है मिलान उपरांत स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के अनुसार।
कूपन योजना में अनियमितता की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( *क्र. 2509 ) श्री तरबर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य विभाग में कूपन योजना में हुई गड़बडी की जाँच करवाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही हुई? रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराया जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग अंतर्गत फूड कूपन योजना हेतु जारी निविदा एवं निष्पादित अनुबंध के मध्य पाई गई जटिलताओं/विसंगतियों के संबंध में कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्तानुसार योजनांतर्गत निष्पादित अनुबंध में आवश्यक संशोधन संबंधी कार्यवाही प्रचलित रहने के दौरान ही 5 जुलाई, 2013 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पारित कर दिया गया, जिसमें लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केवल अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवार दो ही पात्र श्रेणियां थीं जबकि फूड कूपन योजना का स्वरूप तत्समय प्रचलित अंत्योदय, बी.पी.एल. एवं ए.पी.एल. 3 श्रेणियों पर आधारित था। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश जिस रूप में पारित किया गया उससे फूड कूपन योजना की अवधारणा बुनियादी रूप से प्रभावित होने एवं अप्रासंगिक हो जाने से "Force Majeure Event" (अपरिहार्य घटना) उत्पन्न हुआ। अत: मुख्यमंत्रीजी से समन्वय में अनुमोदन प्राप्त कर योजना को निरस्त किया गया तथा मंत्रि-परिषद, मध्यप्रदेश शासन से तत्संबंधी अनुसमर्थन प्राप्त किया गया।
फर्जी अधिवक्ता की नियुक्ति
[राजस्व]
20. ( *क्र. 2615 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनिल कुमार आत्मज रघुवर दयाल रिछारिया, निवासी होशंगाबाद द्वारा जून 2019 में अध्यक्ष एवं सचिव राजस्व मण्डल, ग्वालियर को पुनरीक्षण याचिका क्रमांक 2039-3/2011 एवं 2040-3/2011 के संबंध में उनकी फर्जी हस्ताक्षर कर, फर्जी अधिवक्ता नियुक्त कर राजस्व मण्डल को गुमराह करने के संबंध में ईमेल एवं रजिस्टर्ड डाक से शिकायत की गयी थी। (ख) क्या शिकायत की जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? जाँच कब तक की जावेगी? (ग) जाँच से प्राप्त तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रभारी सचिव, राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा जाँच की गई। (ग) श्री अनिल रिछारिया द्वारा प्रस्तुत शिकायती आवेदन में मुख्य रूप से यह कहा गया है कि उक्त प्रकरणों में अजय कुमार दीवान एवं शशांक दीवान ने आवेदक व अनावेदक की ओर से अपना वकील नियुक्त कर उक्त दोनों प्रकरण में एक पक्षीय आदेश करवा लिया है जिसमें उनकी कोई स्वीकृति नहीं है और इसके प्रमाण स्वरूप उन्होंने वकालतनामा पर उनके हस्ताक्षर नहीं होना बताया है। उक्त वाद के संबंध में इस न्यायालय को कार्यवाही करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।
अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
21. ( *क्र. 2345 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद द्वारा प्रकरण क्रं. 24/बी-121/2011-12 एवं 25/बी-121/2011-12 पारित प्रतिवेदन दिनांक 23/06/2015 के पालन में प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज कर अर्थदण्ड की राशि वसूल की गई? अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की प्रति एवं अर्थदण्ड राशि वसूली की दिनांक एवं रसीद क्रमांक उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो दिनांक 23/06/2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रकरण दर्ज नहीं कराने एवं अर्थदण्ड की राशि वसूल नहीं करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है एवं कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या खाचरौद शहर में सर्वे नम्बर 220/1, 221/1, 220/3, 3771/3, 3779/2 पर अवैध कॉलोनी का निर्माण्ा किया गया था? यदि हाँ, तो नगर पालिका व राजस्व विभाग ने इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर कार्यालय जिला उज्जैन का पत्र क्रमांक/457/वि.स./का.से./2017 उज्जैन, दिनांक 20.11.2017 के निर्देश के पालन में अनुविभागीय अधिकारी, खाचरौद के द्वारा अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध पुलिस थाना खाचरौद में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही दिनांक 21.02.2018 से प्रचलित होकर थाना खाचरौद द्वारा एफ.आई.आर. प्रकरण क्र. 315, 316, 317, 318 दिनांक 29 व 30 जून 2019 से दर्ज की गई है। अर्थदण्ड राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलित है (ख) एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुलिस थाना खाचरौद में एफ.आई.आर. दर्ज हो चुकी है एवं वसूली की कार्यवाही प्रचलित होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार एफ.आई.आर. दर्ज की गई है एवं अर्थदण्ड वसूली की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद के कार्यालय में प्रचलित है।
विदिशा जिले में नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( *क्र. 2448 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 जनवरी, 2019 से 30 जून, 2019 तक विकासखण्डवार कुल कितने ग्रामों में हैण्डपंप व स्कूल एवं आंगनवाड़ी भवनों के परिसर, स्कीम बोर एवं नलजल योजना के बोर कराये गये हैं? विकासखण्डवार खनन कराये गये बोरों की सूची उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष में प्रत्येक विकासखण्ड में कितने ग्राम अथवा मजरे-टोले किस आधार पर पूर्णतः समस्या मूलक चिन्हित किये गये एवं उनमें कितने में नवीन हैण्डपंप 30 जून, 2019 तक खनन करवाये गये? गांव के नाम सहित विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्डवार कुल कितने हैण्डपंप उत्खनित हैं? कितने चालू हैं? कितने स्थाई रूप से बंद हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में जिले में प्रत्येक विकासखण्ड में हैण्डपंप/नल-जल योजना सुधारने हेतु दिनांक 30 जून, 2019 तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उनके अनुसार कितने हैण्डपंप एवं नल-जल योजनाएं सुधार कर चालू की गईं और कितने हैण्डपंप पानी के अभाव में बंद हुए? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हैण्डपंप सुधार एवं नवीन नलकूप खनन हेतु कौन-कौन सी एजेन्सियाँ तय की गईं हैं? एजेन्सियों के नाम सहित संपूर्ण जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 173 ग्रामों में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। 145 ग्राम/मजरे टोले। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अंतर्गत निर्धारित 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से न होने के आधार पर, 42 हैण्डपंप, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है।
किसान सम्मान योजना का क्रियान्वयन
[राजस्व]
23. ( *क्र. 2003 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में केन्द्र शासन द्वारा संचालित किसान सम्मान योजना लागू कर दी गयी है? प्रदेश में इस योजना के पात्र किसानों की संख्या कितनी है? (ख) क्या प्रदेश सरकार के विलंब के कारण प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के एक भी किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (ग) योजना का लाभ (धनराशि) किसानों को कब तक प्राप्त होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। पात्रता परीक्षण कर जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) पात्रता परीक्षण उपरांत पात्र किसानों को भुगतान की कार्यवाही सतत प्रचलित है।
महिदपुर व झारड़ा तहसील का सर्वे
[राजस्व]
24. ( *क्र. 2349 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रस्तावित नागदा जिले में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की महिदपुर व झारड़ा तहसील को शामिल करने हेतु किए गए सर्वे एवं अन्य रिपोर्ट्स की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या कारण है कि उपरोक्त तहसीलों के नागरिकों द्वारा इस संभावित निर्णय के विरोध के बावजूद इस पर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं? (ग) शासन कब तक इन तहसीलों को इससे बाहर कर उज्जैन जिले में ही बने रहने की स्थिति स्पष्ट करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन जिला कार्यालय द्वारा नागदा में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की महिदपुर व झारड़ा तहसील को शामिल करने हेतु कोई सर्वे नहीं किया गया है। प्रारंभिक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यथासमय इस संबंध में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसरण में सर्व संबंधितों से आपत्ति/सुझाव प्राप्त कर वैधानिक निर्णय लिया जायेगा। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में लागू नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( *क्र. 1734 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर ग्रामीण एवं शहरी लोगों में क्या-क्या पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? इसमें बच्चों के स्वास्थ्य एवं उनकी रूचि को ध्यान में रखते हुये, गुणवत्ता का मापदंड क्या निर्धारित है? इसमें कितनी कैलोरी एवं प्रोटीन होना चाहिये तथा महिलाओं एवं बच्चों को दिन में कितनी बार और कितना पोषण आहार दिया जाता है? (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों एवं महिलाओं की लाभार्थी संख्या किस मान से निर्धारित है? क्या उन सभी को पोषण आहार मिलता है तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चे पोषण आहार ग्रहण कर रहे हैं? इसकी समीक्षा का मापदंड क्या है? (ग) जिस पके हुये भोजन का पूर्ण भुगतान हो रहा है तो क्या पका हुआ नाश्ता व खाना एक साथ प्रदाय हो रहा है। (घ) ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र-16 के आंगनवाड़ी केन्द्रों के विगत एक वर्ष के रिकार्ड की समीक्षा जनप्रतिनिधि कैसे कर सकते हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं 11-14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से एवं शहरी क्षेत्रों में महिला स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से नाश्ता/भोजन/थर्ड मील हेतु पूरक पोषण आहार की व्यवस्था संचालित है। टेकहोम राशन एवं नाश्ता/भोजन/थर्ड मील अंतर्गत प्रदाय पूरक पोषण आहार (रैसिपीज) तथा बच्चों एवं महिलाओं के लिये निर्धारित रैसिपीज (पूरक पोषण आहार) में आवश्यक कैलोरी व प्रोटीन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह के 06 दिवस सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन तथा अति कम वजन को थर्ड मील दिया जाता है। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को एवं गर्भवती/धात्री माताओं को सप्ताह में 05 दिन के लिये टेकहोम राशन तथा आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रत्येक मंगलवार को 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन तथा गर्भवती/धात्री माताओं को दोपहर का भोजन दिया जाता है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र क्षेत्र के सर्वे अनुसार समस्त 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं 11-14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाएं, आंगनवाड़ी केन्द्र के पात्र हितग्राही होते हैं तथा जो पात्र हितग्राही आंगनवाड़ी केन्द्र से पूरक पोषण आहार सेवा का लाभ लेना चाहते हैं, उन सभी को पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जाता है। जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चे पोषण आहार ग्रहण कर रहे हैं। इसकी समीक्षा हेतु आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रतिदिन शासन द्वारा निर्धारित प्रारूप में पंचनामा संधारण किया जाता है। केन्द्र पर गठित मातृ सहयोगिनी समिति एवं पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारियों/वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा सतत् निगरानी की जाती है। (ग) जी नहीं। पका हुआ नाश्ता व खाना अलग-अलग समय पर प्रदान किया जा रहा है। (घ) ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र-16 के आंगनवाड़ी केन्द्रों के विगत एक वर्ष के रिकार्ड का अवलोकन मान. जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला/परियोजना स्तर पर विभाग द्वारा संधारित अभिलेखों से किया जा सकता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नियमित
प्राचार्य की
पदस्थापना
[आयुष]
1. ( क्र. 69 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज जबलपुर में नियमित प्राचार्य पदस्थ नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के ऐसे कितने शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज है जहां नियमित प्राचार्य नहीं है? (ग) क्या विगत 7 वर्षों से जबलपुर एवं अन्य कॉलेजों में प्रभारियों द्वारा कार्य कराया जा रहा है? (घ) क्या यह नियम के अनुसार है? यदि नहीं, तो नियमित प्राचार्य की पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) तीन (ग) जी हाँ। (घ) पद रिक्त होने की स्थिति में अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नित में आरक्षण संबंधी विषयवस्तु विचाराधीन होने के कारण।
शासकीय आयुर्वेद कॉलेज भवन का निर्माण
[आयुष]
2. ( क्र. 70 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर के महाविद्यालय भवन के निर्माण में लगभग 5 करोड़ रूपये व्यय किये गये है? (ख) क्या भवन में ऑडिटोरियम निर्माण किया जाना था? (ग) यदि हाँ, तो निर्माण क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या छात्रों के लिये ऑडिटोरियम होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या ऑडिटोरियम निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पूर्व स्वीकृत डिजाइन में सी.सी.आई.एम. के मापदण्डानुसार 388 वर्ग मीटर अतिरिक्त निर्माण होने से। तत्पश्चात ऑडिटोरियम निर्माण हेतु राशि उपलब्ध न होने से। (घ) यथासंभव। निर्माण हेतु आवंटन उपलब्ध होने पर। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( क्र. 198 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अद्यतन स्थिति में कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हैंडपंप/नलकूप सुधार हेतु किस एजेंसी का कब से कब तक एवं कितनी राशि का टेंडर स्वीकृत हुआ है? (ख) एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के नलकूपों/हैंडपंपों के सुधार कार्य पर कितनी राशि खर्च की गई? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री कटनी को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उपखण्ड विजयराघवगढ़ के सहायक यंत्री द्वारा एजेंसी को अपनें दायित्वों का निर्वहन न किये जाने तथा इस भीषण गर्मी में समय पर कार्य पूर्ण न करने के कारण अनेकों बार विभागीय पत्रों एवं मौखिक रूप से टेंडर निरस्त किये जाने हेतु आग्रह किया गया है? यदि हाँ, तो सभी पत्रों का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) क्या विभाग द्वारा उक्त अनियमितता एवं राशि के अपव्यय में शामिल अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) हैण्डपंप संधारण कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वित्तीय अनियमितता की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 220 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला राजगढ़ अन्तर्गत वर्ष 2016-17,2017-18,2018-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कितने बच्चे कुपोषण एवं अतिकुपोषण से जूझ रहे हैं? विश्व हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्ल्यू.एच.ओ.) की रिपोर्ट के आधार पर विधान सभा क्षेत्रवार ग्रामवार, नगर में वार्डवार वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कुपोषण का मापदण्ड विश्व हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के मान से न होकर सामान्य स्तर के मानकों के मान से किया जाकर कुपोषण/अतिकुपोषण की संख्या दर्शाई है? क्या विभाग द्वारा कुपोषित/अतिकुपोषित बच्चों की संख्या कम अथवा ज्यादा कर शासकीय आकड़ें दर्शायें जाते हैं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ में कुपोषण/अतिकुपोषण की रोकथाम हेतु उपरोक्तानुसार अवधि में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार जानकारी प्रदान करें। आवंटित राशि का उपयोग जिला द्वारा कैसे किया गया? वर्षवार आवंटित एवं उपयोग की गई राशि की जानकारी विकासखण्डवार देवें। (घ) क्या विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में मानदेय एवं भवन किराये के अतिरिक्त कितनी-कितनी राशि कब-कब डाली गई? वर्षवार, दिनांकवार, कार्यकताओं के खातो में डाली गई राशि की जानकारी से अवगत करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले में प्रश्नांकित अवधि में कम वजन एवं अतिकम वजन बच्चों की संख्या निम्नानुसार है:-
माह एवं वर्ष |
कम वज़न |
अति कम वज़न |
मार्च 2017 |
22123 |
2167 |
मार्च 2018 |
22309 |
2362 |
मार्च 2019 |
14327 |
1289 |
मई 2019 |
10582 |
1251 |
डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार, ग्रामवार, वार्डवार कोई रिपोर्ट जारी नहीं की जाती है। डब्ल्यू.एच.ओ. के मानक के आधार पर विधानसभा क्षेत्रवार, परियोजनावार एवं आंगनवाड़ीवार कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं। (ग) आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख पर है। मदवार राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। आवंटित राशि का उपयोग जिले द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार ही किया गया है। वर्षवार आवंटित एवं उपयोग की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख पर है। राशि का आवंटन विकासखण्डवार नहीं किया जाता है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खाते में मानदेय एवं भवन किराये के अतिरिक्त का प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र के मान से जमा की गई राशि का विवरण वर्षवार/दिनांकवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है।
बालाघाट जिले में धान खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 274 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कितने क्विंटल धान खरीदी गयी। धान खरीदी की क्या सरकार की आखिरी तारीख क्या थी, बालाघाट जिले के कितने किसानों का भुगतान आज तक नहीं हुआ है। और क्यों? इस हेतु दोषी कौन है। (ख) क्या बालाघाट में सरकार द्वारा घोषित तारीख खत्म होने के बाद बालाघाट में धान खरीदी की गयी है किस-किस नियम से और कितना क्विंटल धान खरीदी गई एवं किसान को किस रेट से भुगतान किया गया है। (ग) प्रबंधक विपणन सहकारी संघ बालाघाट ने शासन के किस आदेश पर तारीख खत्म होने बाद खरीदी की है। आदेश की छायाप्रति देवें। (घ) क्या प्रबंधक विपणन सहकारी संघ बालाघाट द्वारा प्रति क्विंटल 1400/- रूपये किसान को भुगतान किया गया है यदि है तो दोषी प्रबंधक के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे और किसान को बची राशि भुगतान कब तक करायेंगे।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 407870.15 मे.टन धान का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अंतिम तिथि दिनांक 25 जनवरी, 2019 थी। समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कुल राशि रू. 713.77 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बालाघाट जिले में धान उपार्जन की अवधि 25 जनवरी, 2019 निर्धारित की गई थी। उपार्जन के अंतिम दिवस के ऑनलाइन टोकनधारी किसानों जो दिनांक 23 से 25 जनवरी के मध्य आए, किन्तु उनकी उपज की तौल नहीं की जा सकी थी। ऐसे टोकनधारी किसानों से दिनांक 25 जनवरी, 2019 के पश्चात् 19,679.08 मे.टन धान का उपार्जन किया गया। किसानों को समर्थन मूल्य से उपार्जित एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की धान का भुगतान किया गया है। (ग) बालाघाट जिले में दिनांक 25 जनवरी, 2019 के पश्चात् ऑनलाइन टोकन प्राप्त किसानों से खरीदी हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसानों को रू. 1750 प्रति क्विंटल (समर्थन मूल्य) की दर से उपार्जित एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की धान का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 333 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रदाय हेतु नलजल योजना शुरू की गई है? यदि हाँ, तो कब तक योजना में शामिल ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या गाँवों में लाईन बिछाते समय सड़कों को तोड़कर नष्ट कर दिया गया हैं? इन सड़कों की मरम्मत के लिए क्या प्रावधान है? (ग) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के किन-किन ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है एवं कितने गाँव शेष हैं, जिनमें लाईन डालने का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? कब तक उक्त ग्रामों में पाईप लाइन डालने का कार्यपूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के जिन गाँवों में पाईप लाइन से पेयजल प्रदाय हो रहा है तो क्या उक्त गाँवों में सुचारू रूप से जल प्रदाय हो रहा है? यदि नहीं, तो इसकी रूकावट किन कारणों से है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। 32 ग्रामों की निवाड़ी समूह जलप्रदाय योजना के अंतर्गत म.प्र. जल निगम द्वारा तीन माह का ट्रायल रन के दौरान जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। (ख) योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों में पाईप लाइन डालते समय सड़कों की आवश्यकता अनुसार खुदाई की गई थी। अनुबंध अनुसार पाईप लाइन डालने एवं टेस्टिंग उपरांत सड़कों को पूर्ववत फर्म द्वारा मरम्मत करने का प्रावधान है। (ग) एवं (घ) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी ग्राम में मुख्यमंत्री ग्राम पेयजल योजना स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ऑटोमेटिक गैस पाईप लाइन लगाए जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( क्र. 596 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजा यशवंतराव चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में ऑक्सीजन एवं नायट्रस ऑक्साईड की गफलत में 2 बच्चों की मौत हो गई थी? क्या एक जनहित याचिका पर माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को यह निर्देशित किया है कि महाराजा यशवंतराव चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर में एम्स की तर्ज पर आधुनिक ऑटोमेटिक मेडिकल गैस पाईप लाइन सिस्टम लगाया जावें? (ख) यदि हाँ, तो सरकार द्वारा इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया है? इसे कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) क्या यह सुविधा मध्यप्रदेश के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में भी है? क्या वहाँ भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एम.वाय. चिकित्सालय इंदौर में उक्त सिस्टम को स्थापित करने हेतु संभागीय, परियोजना यंत्री, पी.आई.यू., लोक निर्माण विभाग इंदौर के द्वारा राशि 13.28 करोड़ का प्राक्कलन प्राप्त हुआ हैं। कार्यवाही प्रचलन में हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय के आदेश के तारतम्य में समस्त नवीन निर्माणरत चिकित्सा महाविद्यालय में उक्त पाईप लाइनों का उन्नयन किया जा रहा हैं। जी हाँ।
नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारम्भ करना
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( क्र. 631 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने राजगढ़ जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारम्भ करने संबंधी प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने माननीय मुख्य मंत्री महोदय के राजगढ़ जिला मुख्यालय आगमन के समय हुऐ कार्यक्रम में भी माननीय मुख्यमंत्री महोदय से नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारम्भ करने संबंधी अनुरोध किया था? व माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने कार्यक्रम स्थल पर मंच से इस संबंध में आश्वासन किया था? यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री के कार्यालय से क्या निर्देश जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश की कंडिका (क) एवं (ख) के आधार पर क्या राजगढ़ जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्वीकृत हो जायेगा? हाँ तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। जिला राजगढ़ में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु 200 बिस्तरीय अस्पताल की सुविधा एवं एम.सी.आई. की अन्य मापदण्ड पूर्ण न होने से नवीन चिकित्सालय महाविद्यालय संबंधी आगामी कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ख) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री महोदय के राजगढ़ मुख्यालय आगमन के समय कार्यक्रम स्थल पर दिये आश्वासन की जानकारी एकत्रित की जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्वाचन आचार संहिता को दृष्टिगत रखते हुये नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। (ग) (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( क्र. 656 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ पर समूह जल प्रदाय योजना का कार्य स्वीकृत है? योजनावार, ग्रामों की सूची दें। (ख) उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है? उक्त कार्य किसने किया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की योजना में पाईप लाइन बिछाने के दौरान ग्राम में बनी सी.सी. रोड को खोदा गया था? उक्त सड़कों की मरम्मत कब तक करवायेंगे। (घ) उक्त योजनाओं में किन-किन ग्रामों के सम्मिलित करने हेतु विगत 3 वर्षों में किन-किन सांसद, विधायकों के पत्र प्राप्त हुए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त कार्य मेसर्स एल.एण्ड टी. कंस्ट्रक्शन कम्पनी, चैन्नई द्वारा किया गया है। (ग) जी हाँ। लगभग 90 प्रतिशत ग्रामों में मरम्मत कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष लगभग 10 प्रतिशत कार्य अक्टूबर 2019 तक किया जाना लक्षित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नामांतरण के लम्बित प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
10. ( क्र. 808 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में राजस्व विभाग द्वारा नामांतरण के 2016 से आज तक कितने प्रकरण लम्बित हैं? हल्कावार जानकारी देवें? (ख) क्या बालाघाट जिले में ऋण पुस्तिकाओं की कमी हैं, यदि हाँ, तो ऋण पुस्तिका जिले को कब तक आवंटित करेंगे? कितनी पट्टी ऋण पुस्तिका के अभाव में बाकी हैं? हल्कावार/पंचायतवार जानकारी देवें। (ग) अमेडा, खुटिया, धनसुआ, सुरवाही में राजस्व की जमीन पर ईंट भटटे लगे हैं, क्या पटवारी की अनुमति से लीज प्रदाय की गयी? यदि नहीं, तो क्या क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? दोषी कौन-कौन हैं एवं किस-किस के भट्टे हैं, नाम सहित जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कुल 4,481 प्रकरण लंबित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) पटवारी द्वारा लीज की अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। अवैध ईंट भट्टों पर कार्यवाही खनिज तथा राजस्व विभाग द्वारा की गई है। वांछित जानकारी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
किसान सम्मान निधि योजना अन्तर्गत लाभ
[राजस्व]
11. ( क्र. 878 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत कृषकों हेतु प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदान किये जाने हेतु योजना लागू की गयी हैं यदि हाँ, तो राज्य शासन को लघु एवं सीमांत कृषकों के लिये किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पहुंचाये जाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा क्या-क्या आदेश/निर्देश प्राप्त हुये? आदेशों/निर्देशों की सत्यप्रति प्रदान की जावे। (ख) कंडिका (क) में वर्णित योजनानुसार राज्य शासन को किस समयावधि में लघु एवं सीमांत कृषकों के नाम उनकी भूमि के विवरण एवं खाता क्रमांक सहित भेजने के निर्देश थे यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) किस दिनांक तक कृषकों के खातो में किसान सम्मान निधि योजना की राशि हस्तांतरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की सत्यप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ख) योजना दिनांक 01.12.2018 से प्रभावशील है, जिसमें पात्रता परीक्षण उपरांत जानकारी पी.एम.किसान पोर्टल की ओर भेजने के निर्देश प्राप्त हुये हैं। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा दिनांक 18.02.2019 को निर्देश जारी कर पात्रता परीक्षण की कार्यवाही सतत् जारी है। (ग) पात्रता परीक्षण कर जानकारी पी.एम.किसान पोर्टल की ओर प्रेषित की जा रही है जिसमें भुगतान की कार्यवाही सतत् की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अरूणाम घोष स्टेडियम का विस्तारीकरण
[राजस्व]
12. ( क्र. 929 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका सिहोरा के अधीन अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण की मांग खेल प्रेमियों द्वारा लंबे समय से की जा रही है? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर जबलपुर/एस.डी.एम. सिहोरा को जनवरी 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक कब-कब पत्र लिखे गये पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) पत्रों पर की गई कार्यवाही से क्या प्रश्नकर्ता को न तो अवगत कराया गया न तो विस्तारीकरण के लिये इस भूमि पर कब्जाधारियों को अन्यत्र पट्टा देकर पुनर्वास की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला जबलपुर अन्तर्गत नगर पालिका सिहोरा के अधीन अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के सम्बन्ध में प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) सिहोरा को प.क्र. 514 दिनांक 09.02.2016 व प.क्र. 704 दिनांक 15.12.2016 को पत्र लिखे गए हैं जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के सम्बन्ध में सर्वे कार्य के दौरान लगभग 75 परिवार प्रभावित होना पाए जाने से उनके व्यवस्थापन की कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही पूर्ण न होने के कारण मान. विधायक को अवगत नहीं कराया गया है।
राजस्व व नजूल भूमियों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
13. ( क्र. 983 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम एवं जावरा नगर तथा दोनों नगरों की सीमा से लगे दो किमी की परिधि तक राजस्व विभाग एवं नजूल विभाग की शासनाधीन स्वयं के स्वत्व एवं स्वामित्व की काफी भूमियां हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त राजस्व विभाग एव नजूल विभाग के स्वामित्व की भूमियों का निर्धारण देश के बटवारे से पूर्व एवं देश के बटवारे के पश्चात् भी विभागीय पंजियों में संधारण लगातार किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो जिन स्थानों पर शासकीय भवनों अथवा शासकीय कार्य हेतु दी गई भूमियों को छोड़कर दोनों शहरों एवं शहरों की दो किमी की सीमा से लगी परिधि में वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कितनी रिक्त भूमियां शासन रिकार्ड में दर्ज होकर शासनाधीन है? (घ) प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त विभागीय भूमियां क्या शासनाधीन होकर संरक्षित है अथवा उन पर लगातार अवैध अतिक्रमण किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्या किये गये अतिक्रमण को चिन्हित किया गया? यदि किया गया तो वर्ष 2016-2017 एवं 2018-2019 में क्या-क्या कार्यवाहियां की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम शहर में कुल 2677.34 हेक्टर शासकीय भूमियां है तथा जावरा शहर में कुल भूमि 276.220 हेक्टर भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज होकर शासनाधीन है। (घ) उपरोक्त शासकीय भूमियां शासनाधीन होकर संरक्षित हैं तथा अवैध अतिक्रमण पाया जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2016-17 में नजूल भूमियों पर अतिक्रमण के 38 प्रकरण दर्ज किये गये तथा अतिक्रामकों पर अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली आदेश कर शासकीय भूमि से बेदखल किया गया, वर्ष 2018-19 में कुल 20 प्रकरण दर्ज किये गये उसमें से दो प्रकरणों का निराकरण किया जाकर शेष 18 प्रकरण विचाराधीन होकर कार्यवाही प्रचलित है।
दवाईयाँ, उपकरणों की खरीदी
[चिकित्सा शिक्षा]
14. ( क्र. 1068 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेताजी सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर को राज्य व केन्द्रीय शासन ने किन-किन योजनांतर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कुल कितनी राशि की दवाईयाँ उपकरण, मशीनरी आदि की खरीदी की गई? इनकी खरीदी के लिए क्या प्रकिया अपनाई गई? क्या इनमें से सभी मशीनों/उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है किन-किन विभागों से संबंधित कितने उपकरण व मशीनरी आदि बेकार एवं अनुपयोगी पड़ी है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में स्थानीय क्रय लोकल परचेस पर एम.पी.आर. वाली दवाईयाँ किन-किन फर्मों/विक्रताओं से कितनी-कितनी राशि की किसके आदेश से क्रय की गई? इनकी खरीदी हेतु कब-क्या प्रकिया अपनाई गई? किन-किन फर्मों के पास डब्लू.एच.ओ.जी.एम.पी. का सर्टिफिकेट नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क) में आई.वी.सेट कितनी-कितनी मात्रा में, कहाँ-कहाँ कितनी राशि के क्रय किये गये? आई.वी.सेट, एम.पी.एच.एस.सी.एल. से किस दर पर अनुमोदित है? क्या शासन दवाईयों/उपकरणों आदि की खरीदी में की गई वित्तीय अनिमितताओं, भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) राज्य व केन्द्रीय शासन से प्राप्त आंवटन, व्यय एवं व्यपगत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। राशि का उपयोग नहीं हो जाने के संबंध में लेख है कि शासन द्वारा वित्तीय वर्षों के अंतिम तिमाहियों में क्रय पर प्रतिबंध लागू किए जाने एवं शासन द्वारा क्रय नीतियों में समय-समय पर किए गये परिवर्तनों के कारण जिसमें दरों का निर्धारण आदि मुख्य है। (ख) दवाईयां, उपकरण, मशीनरी आदि के क्रय की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। प्रक्रिया-उपकरणों का क्रय समय-समय पर जारी म.प्र. भण्डार क्रय नियम का अनुपालन करते हुए म.प्र. पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन लि., एच.एल.एल. इन्फ्राटेक सर्विसेज लि. (HITES) केन्द्र शासन के उपक्रम लि. (GeM Government E- market place) की अनुमोदित दरों पर किया गया है। राशि रू. 1.00 लाख से कम यूनिट कास्ट के उपकरणों का क्रय लोकल कोटेशन के माध्यम से किया गया है। उपकरणों का उपयोग एवं बेकार तथा अनुपयोगी पड़े उपकरणों की जानकारी विभागवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय जबलपुर के द्वारा www.mpeproc.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन की गई निविदाओं में एम.आर.पी. पर अधिकतम छूट पर औषधि/चिकित्सा सामग्री का क्रय किया जाता है। विगत 5 वर्षों में निम्नलिखित फर्मों से क्रय की गई है :-
year |
Firm Name |
Details |
2014-15 |
M/s Dashmesh Pharmacuticul Jabalpur |
चिकित्सालय द्वारा अनुबंधित फर्म के द्वारा निविदा शर्तों के अनुसार WHO GNP प्रमाणित दवाईयां प्रदाय की गई। |
2015-16 to jan-2018 |
M/s Dashmesh Pharmacuticul Jabalpur |
|
11 jan-18 to 24 feb 2018 |
M/s Medinown Jabalpur |
|
25 feb-2018 to till date |
M/s HLL Lifecare Ltd. (Amrit Deendayal medical) |
(घ) चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा एम.पी. औषधि पोर्टल पर पोर्टल की दर से क्रय किए गए का विवरण (ii) कैन्सर चिकित्सालय जबलपुर
Year |
Rate |
Qty |
Amount |
2014-15 |
4.18 |
25000 |
104500 |
2015-16 |
4.39 |
30000 |
131700 |
2016-17 |
4.39 |
20000 |
87800 |
2017-18 |
Nill |
Nill |
Nill |
2018-19 |
4.76 |
15000 |
71400 |
(iii) चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय जबलपुर
Hospital Tender |
MPPHSCL Bhopal |
||||||
Year |
Rate |
Total Qty |
Total Amount |
Year |
Rate |
Total Qty |
Total Amount |
2014-15 |
4.18 |
183000 |
764940 |
11-Aug-2016 |
4.21 |
45000 |
198922.50 |
2015-16 |
4.18 |
111000 |
463980 |
28-Jan-2017 |
4.21 |
45000 |
198922.50 |
2015-16 |
4.39 |
30000 |
131700 |
24-Feb-2017 |
4.21 |
45000 |
198922.50 |
2016-17 |
4.19 |
126700 |
530873 |
07-Jul-2017 |
3.78 |
40000 |
189665.28 |
2018-19 |
4.19 |
104000 |
435760 |
17-Oct-2017 |
3.78 |
60000 |
254016.00 |
2018-19 |
4.76 |
30000 |
142800 |
11-Oct-2018 |
3.68 |
30000 |
123648.00 |
|
|
|
|
28-Jan-2019 |
3.68 |
30000 |
123648.00 |
समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 1095 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समर्थन मूल्य पर फसल की उपज के क्रय हेतु कृषकों के पंजीयन होना आवश्यक हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या पंजीयन हेतु कृषक को उसके दर्ज मोबाईल नम्बर पर संदेश भेजा जाता हैं? संदेशानुसार कृषक अपनी फसल की उपज को चिन्हित स्थल पर लेकर पहुंचता है जहां पर उसे टोकन जारी किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या जारी टोकन में कोई अनुक्रमांक नहीं होता हैं तथा तुलाई जारी टोकन अनुसार नहीं होती हैं जिससे कृषकों को परेशानी होती हैं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या शासन द्वारा आगामी समय में टोकनों में अनुक्रमांक दर्ज कराया जाकर अनुक्रमांक अनुसार तुलाई का कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) किसान तौल पर्ची एवं टोकन सह किसान तौल पर्ची में अनुक्रमांक अंकित है। टोकन के क्रम में उपज की तौल करने के निर्देश है जिससे कृषकों को परेशानी न हो। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व विभाग के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
16. ( क्र. 1138 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र के नटेरन एवं विदिशा विकासखण्ड अन्तर्गत दिनांक 20 जून 2019 तक राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, विवादित नामांतरण, बटवारे, अतिक्रमण, जाति प्रमाण पत्र, मजरे टोलों को नवीन ग्राम बनाने के कितने प्रस्ताव लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में राजस्व न्यायालयवार नामांतरण के लिये कितने प्रकरण प्रस्तुत हुए? आवेदकों के नाम सहित पटवारी हल्कावार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अनुसूचित जाति एवं जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र राजस्व विभाग द्वारा नहीं बनाये जा रहे हैं। यदि हाँ, तो इसके दोषी कौन है? दोषियों पर कार्यवाही कर आवेदकों को जाति-प्रमाण पत्र कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे ग्रामवार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिले में शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील शमशाबाद, नटेरन एवं तहसील विदिशा (मण्डल 1/1 व 1/2) में दिनांक 20 जून तक राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरण निम्नानुसार हैं:-
क्रमांक |
विषय |
शमशाबाद |
नटेरन |
विदिशा |
शमशाबाद |
कुल लंबित प्रकरण |
1 |
नामांतरण |
87 |
271 |
100 |
458 |
458 |
2 |
बटवारा |
88 |
105 |
50 |
243 |
243 |
3 |
अतिक्रमण |
0 |
3 |
8 |
11 |
11 |
4 |
जाति प्रमाण पत्र |
0 |
12 |
0 |
12 |
12 |
5 |
मजरे-टोलों को नवीन ग्राम बनाने के प्रस्ताव |
0 |
0 |
0 |
0 |
0 |
(ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में विदिशा जिले में शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील शमशाबाद, नटेरन एवं तहसील विदिशा (मण्डल 1/1 व 1/2) में राजस्व न्यायालयों में वर्ष 2017-18 में 479 एवं वर्ष 2018-19 में 1197 नामांतरण के प्रकरण प्रस्तुत हुए जिसकी जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वर्ष |
शमशाबाद |
नटेरन |
विदिशा |
शमशाबाद |
1 |
2017-18 |
99 |
134 |
246 |
479 |
2 |
2018-19 |
411 |
443 |
343 |
1197 |
तहसील
शमशाबाद, नटेरन
एवं तहसील
विदिशा (मण्डल
1/1 व 1/2) में
राजस्व
न्यायालयों
में वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 नामांतरण
के प्रस्तुत
प्रकरणों की
आवेदकों के
नाम सहित
वर्षवार सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में अनुसूचित
जाति एवं
जनजाति के जाति
प्रमाण-पत्र
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
द्वारा
नियमानुसार
बनाए जा रहे
हैं। शेष प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता।
गरीबी – कुपोषण से मौत
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 1146 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में विगत पाँच वर्षों में कुपोषण के कितने प्रकरणों में बच्चों की मौत हुई विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बतायें? क्या कुपोषण से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी तय की जायेगी? (ख) विभाग द्वारा गत पाँच वर्षों में कुषोषण से बचाव के कार्यों पर कितनी-कितनी राशि किस-किस विधानसभा क्षेत्र में व्यय की है? वर्षवार जानकारी दे? (ग) क्या पिछले 25 सालों में कुपोषण के नाम पर विभाग द्वारा करोड़ों रु. खर्च करने के बाद भी अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिये खण्डवा जिले में पदस्थ रहे अधिकारी जिम्मेदार हैं? (घ) खण्डवा जिले में कुपोषण वाले क्षेत्रों में भेजे जाने वाला पौष्टिक आहार किस व्यक्ति/संस्था द्वारा भेजा जा रहा है? इसकी गुणवत्ता एवं मात्रा का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया जा रहा है? (ङ) खण्डवा जिले में विगत 5 वर्षों में पौष्टिक आहार की गुणवत्ता का परीक्षण शासन की किस अधिकृत एजेंसी से कितनी बार कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? क्या विभाग उन पर कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार खण्डवा जिले में विगत 5 वर्षों में कुपोषण के प्रकरणों में बच्चों की मृत्यु की जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नही। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 'अ' पर है। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद द्वारा प्रदेश में 05 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर के अध्ययन में खण्डवा जिले में वर्ष 2010 में कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 56.9 था जो इसी संस्था द्वारा वर्ष 2016 में कराये गये सर्वे में 39.5 प्रतिशत प्रतिवेदित हुआ है। इस प्रकार खण्डवा जिले में बच्चों के पोषण स्तर में सुधार परिलक्षित हुआ है। शेष का प्रश्न ही नहीं। (घ) वर्तमान में खण्डवा जिले में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं हेतु टेकहोम राशन का प्रदाय मेसर्स एम.पी.एग्रो न्यूट्री फूड इन्दौर के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को स्थानीय स्तर पर विभिन्न महिला स्व सहायता समूहों द्वारा सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन एवं थर्डमील प्रदाय किया जाता हैं। इसकी गुणवत्ता एवं मात्रा का सत्यापन निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी/परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा किया जाता हैं। (ड.) आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडल द्वारा प्रतिदिन प्रदाय किये जा रहे ताजे पके हुए नाश्ता/भोजन एवं थर्डमील की गुणवत्ता/मात्रा की निगरानी ग्राम सभा की स्वस्थ्य ग्राम तदर्थ समिति के सदस्यों के माध्यम से प्रतिदिन कराई जाती है तथा इस संबंध में आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर प्राप्त आहार का पंचनामा भी तैयार कराया जाता है। टेकहोम राशन. की गुणवत्ता हेतु कैलोरी/प्रोटीन की जाँच भारत सरकार, महिला बाल विकास खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला एवं माइक्रोन्यूट्रिएन्ट की जाँच चयनित नेबल प्रयोगशाला से प्रतिमाह कराई जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मेडिकल कॉलेज निर्माण में लापरवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( क्र. 1147 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा शासकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति किस वर्ष में मिली थी? इसकी स्वीकृत राशि एवं कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि क्या थी? (ख) खण्डवा शासकीय मेडिकल कॉलेज की निर्माण एजेंसी कौन सी है एवं दिनांक 25/08/2015 से अब तक कौन-कौन कार्यपालन यंत्री पदस्थ रहे? (ग) क्या निर्माण एजेंसी पी.आई.यु. के अधिकारियों द्वारा कार्य की समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं करने एवं उदासीनता बरतने के कारण निर्माण कार्य में बार-बार विलंब हुआ? (घ) क्या मेडिकल कॉलेज के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिसके कारण मेडिकल कॉलेज रहवासी भवन और हॉस्टल में जगह-जगह पानी का लिकेज हो रहा है तथा भवन में लगे दरवाजे एवं खिड़कियाँ चौखट से निकल कर गिर रही है? (ङ) क्या उक्त निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी? इसमें दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं विलंब के लिये संबंधित ठेकेदार के विरुध्द पेनाल्टी की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) खण्डवा शासकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति वर्ष 2015-16 में दिनांक 01.08.2015 द्वारा रूपयें 172.21 करोड़ की जारी की गई थी। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की दिनांक 24.08.2017 थी। किन्तु कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.6.2018 द्वारा 200.53 करोड़ की जारी की गई हैं। (ख) निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन ईकाई (पी.आई.यू.) खण्डवा है। दिनांक 25.8.2015 से आज दिनांक तक पदस्थ संभागीय परियोजना यंत्री की जानकारी निम्नानुसार हैं:- 1. श्री पी.एल.डोले, दिनांक 15.5.2015 से दिनांक 1.4.2016 तक, 2. श्री एस.के. जैन, दिनांक 1.4.2016 से दिनांक 10.9.2018 तक, 3. श्री बी.डी. शर्मा, दिनांक 10.9.2018 से दिनांक 8.3.2019 तक, 4. श्री सतीश शर्मा, दिनांक 8.3.2019 से आज दिनांक तक निरंतर कार्यरत हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। उत्तरांश (ग) एवं (घ) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऋण पुस्तिका के आधार पर ऑनलाइन रिकार्ड फीड किया जाना
[राजस्व]
19. ( क्र. 1173 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील जवा अंतर्गत कुल ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमें वारिसाना एवं बटवारे के प्रकरण एवं खसरा सुधार तथा ऑनलाइन फीडिंग का कार्य लंबित है? (ख) क्या कृषकों के राजस्व रिकार्ड संशोधन संबंधी आवेदन लंबे समय तक लंबित रखे जाते हैं? ऐसे लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कब तक कृषकों की ऋण पुस्तिका के आधार पर ऑनलाइन रिकार्ड दर्ज किये जा सकेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कुल 3428 प्रकरण पंजीबद्ध है। 1297 प्रकरण का निराकरण किया गया है। जिसमें से वारिसाना के 74 प्रकरण एवं बटवारा के 122 प्रकरण तथा खसरा सुधार के 33 प्रकरण कुल 229 का निराकरण किया जा चुका है जिसमें से कुल 197 प्रकरण की ऑनलाइन फीडिंग का कार्य कराया जा चुका है शेष 32 प्रकरणों में फीडिंग का कार्य लंबित है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) रिकार्ड संशोधन संबंधी सक्षम आदेश के आधार पर सतत् प्रक्रिया के अनुसार ऑनलाइन राजस्व रिकार्ड बेव.जी.आई.एस के माध्यम से दर्ज किये जाते है।
ग्राम पंचायतों में पेयजल सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 1179 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में भीषण जल संकट व्याप्त है तथा पेयजल हेतु ग्रामीणजन भटक रहे हैं, यदि हाँ, तो इस समस्या के निदान हेतु शासन द्वारा क्या ठोस कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा पेयजल के संकट के स्थायी समाधान हेतु कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो जमीनी स्तर पर योजना का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा? (ग) क्या प्रत्येक ग्राम पंचायतों में नलजल योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस समस्या के निराकरण हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) रीवा जिले के 109 ग्रामों की बीहर नदी स्त्रोत आधारित समूह जलप्रदाय योजना लागत रू.150.59 करोड़ प्रगतिरत है, जिसमें सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के 35 ग्राम सम्मिलित हैं। योजना के कार्य दिनांक 01.01.2021 तक पूर्ण किये जाकर जलप्रदाय प्रारंभ किया जाना लक्षित है। (ग) वित्तीय संयोजन एवं आवश्यकतानुसार नलजल योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
किसानों की भू-अर्जन के मुआवजे की राशि का प्रदाय
[राजस्व]
21. ( क्र. 1189 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत अनुविभाग सारंगपुर एवं अनुविभाग खिलचीपुर द्वारा जिला अंतर्गत कुण्ड़ालिया वृहद परियोजना से प्रभावित डूब क्षेत्र के कितने-कितने कृषकों का भू-अर्जन का प्रकाशन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्तानुसार परियोजना अंतर्गत अभी तक कितने कृषकों के भू-अर्जन होना शेष है कितना समय व्यतीत हो गया है? (ग) अनुविभाग सारंगपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.03 के भू-अर्जन के कितने प्रकरणों में 3 ए का निराकरण करना शेष है? (घ) क्या एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने से पुनः 3 ए में प्रकाशन करना पड़ेगा? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सारंगपुर में 978 कृषक खिलचीपुर में 618 डूब क्षेत्र कृषकों का भू-अर्जन की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया। (ख) ग्राम कडलावद तहसील सारंगपुर के 50 कृषक तथा अनुविभाग खिलचीपुर के 139 कृषकों का भू-अर्जन होना शेष है। धारा 11 के प्रकाशन की कार्यवाही उपरांत निर्धारित समय-सीमा में कार्य संपादित किया जा रहा है। (ग) वर्तमान में कोई भी प्रकरण 3 ए के निराकरण हेतु लंबित नहीं है। (घ) जी हाँ। धारा-3 ए की अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष की अवधि के भीतर धारा-3 डी का प्रकाशन किए जाने का प्रावधान है। 3 ए के पुनः प्रकाशन में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
22. ( क्र. 1190 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के अनुविभाग सारंगपुर अंतर्गत दिनाँक 21.11.2017 से दिनाँक 15.06.2017 तक अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के न्यायालय में कितने-कितने प्रकरण अपील, दावे एवं अन्य के पेश किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त समयावधि में कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है? (ग) अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के न्यायालय में अंतिम सुनवाई के पश्चात कितने-कितने प्रकरण कितने-कितने समय से किन कारणों से निराकरण/फैसले के लिये पेन्डिंग है? (घ) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03 पर निर्माणाधीन उन्नयन मार्ग में आवासीय एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पानी निकासी का कोई प्रावधान नहीं किया गया है? शासन द्वारा इस समस्या का क्या हल निकाला गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न अवधि में अनुविभागीय अधकारी सारंगपुर के न्यायालय में कुल 143 अपील दावे एवं अन्य 637 दावे कुल 780 प्रकरण पेश किए गए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त समयावधि में अपील के 97 एवं अन्य के 626 प्रकरण कुल 723 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के न्यायालय में अंतिम सुनवाई के पश्चात निराकरण हेतु शेष प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) NH 3 का उन्नयन कार्य भारत सरकार की NHAI (नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इण्डिया) द्वारा किया जाता है। NHAI l से चर्चा कर समस्या का समाधान किया जाने का प्रयास किया जावेगा।
शासकीय भूमि पर शुगर मिल का निर्माण
[राजस्व]
23. ( क्र. 1210 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र.-534 दिनांक 21/02/2019 द्वारा तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत-लिंगा के ग्राम-खामघाट की शासकीय भूमि के सम्बंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में पुस्तकालय परिशिष्ट “अ’’ के अनुसार 43 व्यक्तियों को कृषि प्रयोजन हेतु पट्टे एवं परिशिष्ट “ब” के अनुसार 12 व्यक्तियों के नाम से भू-मिस्वामी हक में दर्ज है? जानकारी दी थी तो इन 43 व्यक्तियों को पट्टे किस-किस वर्ष में किस पात्रता के आधार पर दिये गये? (ख) क्या पट्टेधारियों को भूमि बेचने का अधिकार है? यदि नहीं, तो 12 व्यक्तियों के नाम से शासकीय भूमि का भूमिस्वामी हक किस वर्ष में कैसे शासकीय अभिलेखों में दर्ज हो गया? (ग) वर्तमान में मौजा खामघाट में कितने हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग के पास सुरक्षित है एवं त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अभिलेख में 1975-76 म.प्र. राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 (3) (अ) के प्रावधानों के तहत पट्टा आवंटित किया जाना प्रतीत होता है तथापि पुराने अभिलेखों की विस्तृत जाँच उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है। (ख) शासन अनुमति के बगैर पट्टेधारियों को भूमि विक्रय का अधिकार नहीं है। 12 व्यक्तियों के नाम से शासकीय भूमि कब और कैसे भूमिस्वामी हक में दर्ज हुई है, इसकी जाँच की जा रही है। (ग) वर्तमान में मौजा खामघाट में 134.565 हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग के नाम दर्ज होकर सुरक्षित है। जाँच उपरांत यदि अधिकारी कर्मचारी दोषी पाये जाते हैं, तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराना
[राजस्व]
24. ( क्र. 1241 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूरे म.प्र. में भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत कुल कितने भूमिहीन व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है? चिन्हित भूमिहीन व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रगति की गयी है? (ख) प्रमुख सचिव म.प्र. शासन राजस्व विभाग का पत्र क्रमांक- एफ 16-48/2017/सात-2ए भोपाल 03/01/2018 का पालन में प्रदेश स्तर पर क्या फीडबैक प्राप्त हुआ और आगामी वर्षों में भूमिहीन व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे है? (ग) भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत आगामी कार्ययोजना क्या है? और कितने हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराएं जा सकेंगे? (घ) मध्य प्रदेश में भूखंड अधिकार अभियान के शुभारंभ दिनांक से आज प्रश्न लगाए जाने की दिनांक तक कितने भूमिहीन व्यक्तियों को आवास दिया जा चुका है? कितने भूमिहीन शेष है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सम्पूर्ण म.प्र. में भूखण्ड अधिकार अधिनियम के अंतर्गत चिन्हित व्यक्तियों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्यवाही की गई है। आगामी वर्ष में आवासहीन व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने हेतु प्रचलित नियम/विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) वर्तमान में प्रचलित नियम/विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। संख्या बतायी जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र. भूखण्ड अधिकार अभियान के शुभारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक लांभावित हितग्राहियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। शेष हितग्राहियों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल की समस्या का स्थाई निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( क्र. 1246 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक गाँव की कितनी जनसंख्या है? उपरोक्त स्थानों में निवासरत रहवासियों को कितने लीटर पेयजल की आवश्यकता है? कितना लीटर पेयजल किन-किन माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है? (ख) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु शासन ने क्या योजना बनाई है? इसे कब तक क्रियान्वित किया जा सकेगा? (ग) क्या जल निगम द्वारा छतरपुर एवं बिजावर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या के स्थायी निराकरण हेतु Multi Village Rural Water Supply Scheme chhatarpur (Scheme A-57) नाम की अथवा कोई अन्य कार्ययोजना बनाई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावे। इस पर शासन स्तर पर क्या कार्य किया जा रहा है? इसे कब तक स्वीकृति प्रदान कर बजट आवंटित कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शहरी क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था हेतु नौगाँव छतरपुर समूह जलप्रदाय योजना (स्कीम-ए-57) म.प्र. जल निगम द्वारा बनाई गई है। वित्तीय संयोजन के उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, कार्ययोजना के विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वित्तीय संयोजन उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शिव मंदिर नरवर को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित होना
[संस्कृति]
26. ( क्र. 1265 ) श्री जसमंत जाटव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विधान सभा क्षेत्र करैरा क्षेत्रान्तर्गत शिव मंदिर नरवर हजीरा पहाड़ पर स्थित है को वर्ष 2013 में उपसंचालक पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय उत्तरी क्षेत्र ग्वालियर, द्वारा उनके पत्र क्रमांक 342 दिनांक 17.6.2013 से राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अब तक शासन स्तर से उक्त संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? उक्त संरक्षित स्मारक घोषित करने के पूर्व वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने में क्या वैधानिक समस्या है? (ग) क्या शासन उक्त स्मारक के लिये अब तक विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं करने के जिले जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाही करेंगे।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं. (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. जी नहीं, वन विभाग से वांछित अभिलेख/अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है. (ग) जी नहीं. विभाग का कोई भी अधिकारी वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त न होने के कारण दोषी नहीं है.
नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
27. ( क्र. 1272 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में विगत 01 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2019 तक कितने नामांतरण किये गये? (ख) नामांतरण के प्रकरण कितने समय में निराकृत करने एवं लंबित रखने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) लंबित प्रकरण किन-किन कारणों से एवं कितनी अवधि से लंबित है? सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 9542 प्रकरण निराकृत किये गये। (ख) अविवादित मामलों में समस्त कार्यवाही पंजीकृत होने की तारीख से दो माह के भीतर तथा विवादित मामलों में छ: माह के भीतर कार्यवाही पूर्ण की जाने का प्रावधान है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) लंबित प्रकरण, विवादित होने, समय-सीमा में होने इत्यादि कारण से वर्तमान में न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने से लंबित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सफल एवं असफल ट्यूबवेल/हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
28. ( क्र. 1307 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में लोक स्वा.यांत्रकीय विभाग द्वारा वर्ष 2017 से इस वित्ती़य वर्ष की समाप्ति तक विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं जैसे विधायक/सांसद/विभागीय अन्य योजनाओं के तहत किन स्थान/ग्राम में कितने-कितने नवीन पेयजल हेतु टयूबवेल एवं हैण्डपंप स्थापित किये गये हैं? (ख) ऐसे कितने नवीन उत्खनन हैं, जो सफल हुये और कितने असफल हुये हैं तथा कितने हैडपंप खनन हेतु शेष हैं, शेष खनन क्यों नहीं किये जा रहे हैं जबकि इस भीषण गर्मी में शिवपुरी जिले के व्यक्ति पेयजल अभाव के कारण पलायन की स्थिति में है। (ग) पेयजल भाव के कारण पलायन करने वाले व्यक्तियों के लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) सांसद/विधायक/एवं अन्य मदों से स्थापित टयूबवेल/हैण्डपंप का भौतिक सत्यापन किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया है उनका नाम एवं पद बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कुल 905 नवीन खनित नलकूपों में से 703 सफल एवं 202 असफल हुये हैं। वर्ष 2019-20 में प्राप्त विभागीय लक्ष्य में से 60 नलकूप खनन हेतु शेष हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में कोई पलायन की स्थिति नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दूकानों से ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण रोके जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 1372 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उचित मूल्य की दूकानों से पात्र हितग्राहियों को ऑनलाइन (पी.ओ.एस.) में अंगूठा निशान के आधार पर खाद्यान्न वितरण किया जाता है तथा जिनका अंगूठा कार्य नहीं करता क्या उन्हें ऑफलाइन वितरण करने की व्यवस्था की गयी है? (ख) क्या अन्य जिलों की तरह रीवा जिले में भी मई 2019 का खाद्यान्न ऑफलाइन वितरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो रीवा जिले में कुल कितने, हितग्राहियों को खाद्यान्न से वंचित होना पड़ा है? उनकी संख्या विकास खण्डवार बताने का कष्ट करें। (ग) पात्र हितग्राहियों को जिनके अंगूठे के निशान मिट गये है या अन्य कारण से (पी.ओ.एस.) से खाद्यान्न वितरित नहीं किया जा सकता है, क्या उन्हें ऑफलाइन सुविधा प्रदान की जायेगी? क्या मई 2019 का खाद्यान्न भी वितरित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब-तक वितरण किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की पहचान सुनिश्चित करने की दृष्टि से नेट कनेक्टिविटी क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों से बायोमेट्रिक सत्यापन से खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की गई है। नेट कनेक्टिविटीविहीन क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों से संलग्न पात्र परिवारों एवं जिन पात्र हितग्राहियों का बायोमेट्रिक सत्यापन विफल हो जाता है, उनको समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन से खाद्यान्न का वितरण कराया जाता है। (ख) जी नहीं। रीवा जिले में भी अन्य जिलों की तरह नेट कनेक्टिविटीविहीन क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों से संलग्न पात्र परिवारों को माह मई, 2019 में दिनांक 01 से 21 तारीख तक एवं बायोमेट्रिक सत्यापन से राशन वितरण हेतु चिन्हित उचित मूल्य दुकानों पर जिन पात्र परिवारों का बायोमेट्रिक सत्यापन विफल हुआ था उनको दिनांक 24 एवं 25 मई, 2019 तक समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन से खाद्यान्न वितरण कराया गया है इसके पश्चात् भी हितग्राही दुकान से राशन नहीं ले सके हैं तो ऐसे हितग्राही को अन-ऑटोमेटेड वितरण प्रणाली (वितरण पंजी से) राशन वितरण कराया गया है। जिले में राशन प्राप्त करने आने वाला कोई भी हितग्राही सामग्री से वंचित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बायोमेट्रिक सत्यापन से राशन वितरण हेतु चिन्हित उचित मूल्य दुकानों पर जिन पात्र परिवारों का बायोमेट्रिक सत्यापन विफल होता है उन परिवारों को समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन से खाद्यान्न वितरण कराया गया है। माह मई, 2019 में समग्र आई.डी. के आधार पर राशन वितरण कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लंबित सीमांकन प्रकरण
[राजस्व]
30. ( क्र. 1373 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में सभी तहसीलों में सीमांकन का आवेदन एवं शुल्क जमा होने के बावजूद कितने प्रकरण, सीमांकन हेतु लंबित है? तहसीलवार संख्या बतावें तीन माह से एक साल एवं एक साल से पूर्व के कितने प्रकरण लंबित है? (ख) उक्त सभी लंबित सीमांकन प्रकरणों को विशेष टीम गठन कर कब-तक सीमांकन कर निराकरण कर दिया जायेगा? (ग) सीमांकन का आदेश होने के बावजूद जिन राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सीमांकन नहीं किया गया उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या सीमांकन प्रकरणों में समय-सीमा में सीमांकन नहीं किये जाने के कारण की टीप प्रकरणों में दर्ज कर आवेदक को कारण जानने का अवसर प्रदान किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले में लंबित सीमांकन प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार है -
क्रमांक |
तहसील का नाम |
कुल लंबित सीमांकनों की संख्या |
तीन माह से एक साल से लंबित सीमांकनों की संख्या |
एक साल से अधिक लंबित सीमांकनों की संख्या |
1 |
गुढ |
255 |
254 |
01 |
2 |
मऊगंज |
280 |
247 |
33 |
3 |
हुजूर |
353 |
236 |
117 |
4 |
नईगढ़ी |
243 |
236 |
07 |
5 |
हनुमना |
601 |
588 |
13 |
6 |
सेमरिया |
50 |
50 |
- |
7 |
सिरमौर |
476 |
476 |
- |
8 |
जवा |
86 |
68 |
18 |
9 |
त्योंथर |
191 |
110 |
81 |
10 |
रायपुर कर्चु. |
189 |
189 |
- |
11 |
मनगवां |
160 |
160 |
- |
|
कुल योग |
2884 |
2614 |
270 |
(ख) विशेष टीम गठित कर प्रतिदिन सीमांकन की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सीमांकन आदेश होने के बाद राजस्व अमले द्वारा यथाशीघ्र सीमांकन किया जाता है। प्रकरणों की अधिकता के कारण सीमांकन प्रकरण लंबित है। समय-सीमा में सीमांकन नहीं किये जाने के कारण की टीप प्रकरणों में दर्ज की जाती है तथा आवेदक को कारण जानने का पूर्ण अवसर प्रदान किया जाता है।
सस्ते राशन की पात्रता सूची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 1399 ) श्री अजय विश्नोई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत सरकार में प्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के तकरीबन 2.5 लाख परिवारों को सस्ते राशन की पात्रता सूची में जोड़ा गया था? (ख) यदि हाँ, तो 2.5 लाख परिवारों में से वर्तमान में कितने परिवारों को राशन पर्ची जारी कर दी गयी है और उन्हें सस्ता राशन मिलना प्रारंभ हो गया है? (ग) अनुसूचित जाति और जनजाति के कितने परिवारों को राशन पर्ची जारी नहीं की गयी है और उन्हें सस्ता राशन प्राप्त नहीं हो रहा है। इन परिवारों को सस्ता राशन मिलना कब से प्रारम्भ हो जायेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 प्रदेश में माह मार्च, 2014 में लागू किया गया है। अधिनियम के अंतर्गत राज्य हेतु निर्धारित सीमा तक पात्रता श्रेणी में चिन्हित परिवारों को निरंतर जोड़ते हुए पात्रता पर्ची जारी की गई है। वर्तमान में अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत कुल 17,25,874 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर राशन वितरण किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिवारों को जोड़ने की अवधि के पश्चात् अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के अंतर्गत नवीन सत्यापित 15,794 परिवार पात्रता पर्ची हेतु समग्र पोर्टल पर नाम प्रदर्शित हो रहे है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है।
आयुर्वेद महाविद्यालय में पी.जी. पाठ्यक्रम
[आयुष]
32. ( क्र. 1400 ) श्री अजय विश्नोई : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय जबलपुर पी.जी. पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु आवेदन किया गया है? यदि हाँ, तो पी.जी. पाठ्यक्रम के लिये आवश्यक प्राध्यापकों में से कितने और किस-किस विषय के शिक्षक महाविद्यालय में उपलब्ध है, किस-किस विभाग में कितनी कमी है? (ख) क्या महाविद्यालय में पी.जी. पाठ्यक्रम के लिये आवश्यक योग्यता वाले शिक्षकों को अन्यत्र पदस्थ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें अन्यत्र पदस्थ करने के पहले क्या यह सुनिश्चित कर लिया गया है कि इससे महाविद्यालय की पी.जी. पाठ्यक्रम की अनुमति प्रभावित नहीं होगी? (ग) आवश्यक शिक्षण अनुभव वाले चिकित्सक जिन्हें महाविद्यालय से अन्यत्र पदस्थ कर दिया है, को क्या वापस महाविद्यालय में शिक्षण कार्य हेतु स्थानान्तरण कर लिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) महाविद्यालय में शिक्षण का कार्य कर रहे चिकित्सकों के पास आवश्यक अध्यापन अनुभव कितना होना चाहिये और कितना है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आवश्यकतानुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) सी.सी.आई.एम. मापदण्ड अनुसार।
शासकीय आवंटन की भूमि क्रेसर संचालकों का विक्रय
[राजस्व]
33. ( क्र. 1496 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौरिहार तहसील जिला छतरपुर के सरकिल जुझार नगर के ग्राम प्रकाश बम्हौरी के भूमि खसरा क्रमांक 2436,2429 रकबा 0.526 हे. 1.433 हे. की भूमि शासकीय पट्टे में मुल्लू उर्फ मुलुवा एवं घंसी को प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त पट्टे वाली भूमि क्रेशर संचालकों को विक्रय करने के लिए तहसील गौरिहार के कम्प्यूटर रिकार्ड में छेड़छाड़ करते हुए भूमि स्वामी के कॉलम में अंकित शब्द शासन से प्राप्त भूमि हटाकर उपरोक्त भूमि का विक्रय पत्र 25 सितम्बर 2018 को सुधा सोनी पत्नी विनोद निवासी महोबा एवं बृजराज सिंह कुबेर निवासी करबई वंशीधर पिता ज्वाला प्रसाद निवासी हमीरपुर के पक्ष में करा दिया गया? (ग) क्या उप पंजीयक अधिकारी लवकुश नगर द्वारा 15 अक्टूबर 2018 को गौरिहार को एक पत्र लिखा गया कि उपरोक्त भूमि के संबंध में ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत इन्टरनेट से डाउनलोड की गयी खसरा की नकल में यह भूमि शासन से प्राप्त भूमि का लेख है। (घ) शासन की बेशकीमती सरकारी भूमि की बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के छेड़छाड़ करने एवं गलत कार्यवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन से प्राप्त भूमि विलोपित करने के संबंध में तहसील गौरिहार के कम्प्यूटर रिकार्ड में छेड़छाड़ किये जाने की जाँच प्रारंभ की गई है। यह बात सही है कि उक्त भूमि मूल्लू ऊर्फ मुलुआ एवं घंसी द्वारा सुधा सोनी पत्नी विनोद सोनी निवासी महोबा एवं बृजराज सिंह, कुबेर सिंह निवासी करबई, वंशीधर पिता ज्वाला प्रसाद निवासी हमीरपुर को उप पंजीयक कार्यालय लवकुशनगर के माध्यम से विक्रय पत्र निष्पादित कराया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) नायब तहसीलदार श्री आर.एस. शर्मा, संबंधित ऑपरेटर एवं हल्का पटवारी को नोटिस जारी किए जाकर जाँच प्रारंभ की गयी है। दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
फसल खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 1535 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में विगत 3 माह में किसानों की फसल तुलाई/खरीदी के लिए कहाँ-कहाँ केन्द्र खोले गये? (ख) क्या उपरोक्त केन्द्रों में तुलाई/एवं बारदानों के नाम को लेकर शिकायत प्राप्त हुई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर ग्वालियर दिनांक 25/05/2019 को शिकायत की थी? (घ) यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु 65 एवं चना एवं सरसों हेतु 8 उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे। उपार्जन केन्द्रों के स्थान का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) शिकायत की जाँच खाद्य विभाग के अमले द्वारा की गई जिसमें शिकायत निराधार पाई गई।
कुपोषित बच्चों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 1546 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में कितने कुपोषित बच्चे है, उनमें से कितने मध्य कुपोषण और कितने अति कुपोषण से पीड़ित हैं? बच्चोंवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं कुपोषण की रोकथाम हेतु कौन-कौन से अभियान कहाँ-कहाँ चलाए जा रहे हैं? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कुपोषित बच्चों को दिया जाने वाला भोजन/नाश्ता का मेन्यू कौन तय करता है? मेन्यू में क्या दिया जाता है? क्या कुपोषित बच्चे एवं उसकी माता को मेन्यू अनुसार आहार दिया जाता है एवं यदि हाँ, तो इसका सत्यापन किसके द्वारा किया जाता है? शासन द्वारा एक कुपोषित बच्चे और उसकी माता पर भोजन एवं ईलाज के नाम पर कितनी राशि खर्च की जाती है? (ग) उज्जैन जिले में कुपोषण से विगत एक वर्ष में कितने बच्चों की मृत्यु हुई? क्या यह सही है कि कुपोषण का आंकड़ा घटने के बजाए बढ़ता जा रहा है? इन सब के लिए किसे जिम्मेदार माना जावेगा? क्या शासन द्वारा जवाबदेही तय की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में 25478 बच्चे कुपोषित है जिनमें से 23671 बच्चे मध्यम कुपोषित तथा 1807 बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी में है। विभागीय एम.आई.एस. में कम एवं अतिकम वजन के बच्चों के नामवार सूची का संधारण नहीं किया जाता है। ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। कुपोषण की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से समूचे उज्जैन जिले में 10 जून 2019 से 20 जुलाई 2019 तक दस्तक अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों के पोषण स्तर का निर्धारण एवं वृद्धि निगरानी, 03 से 06 वर्ष के कुपोषित बच्चों को ताजा गरम पका नाश्ता, भोजन एवं थर्ड मील का प्रदाय किया जाता है एवं 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को टेक होम राशन का प्रदाय किया किया जाता है। गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उज्जैन जिले के माधवनगर, तराना, महिदपुर, खाचरौद, घटिट्या, इंगौरिया, नागदा एवं उन्हैल में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ग) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार विगत 01 वर्ष में कुपोषण से बच्चे की मृत्यु संबंध में जानकारी निरंक है। जी नहीं। उज्जैन जिले में माह अप्रैल 2018 में कुल कुपोषित बच्चों की संख्या 25174 थी, जो अप्रैल 2019 में घटकर 25052 रही। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
देशी एवं अंग्रेजी शराब की अवैध बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
36. ( क्र. 1547 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों एवं शहर में देशी एवं अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित है स्थानवार, ठेकेदारवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब के कितने प्रकरण बनाये गये? (ग) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में शराब ठेकेदार द्वारा डायरी बनाकर कानून कायदे की धज्जी उड़ाकर हर गाँव में शराब की बिक्री की जा रही है जिससे शासन को राजस्व की हानि होने के साथ ही अपराध बढ़ रहे है? ऐसे दोषी शराब माफिया/दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 21 देशी मदिरा की दुकानें एवं 06 विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय एवं परिवहन के निम्नानुसार प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं :-
क्रमांक |
वर्ष |
पंजीबद्ध प्रकरण |
1 |
2017-18 |
158 |
2 |
2018-19 |
270 |
3 |
2019-20 (दिनांक 25.06.2019 तक) |
117 |
|
योग |
545 |
(ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में शराब ठेकेदारों द्वारा डायरी बनाकर अवैध मदिरा का विक्रय गाँव-गाँव किये जाने के संबंध में कोई प्रकरण अद्यतन दिनांक तक प्रकाश में नहीं आया है। अतएव प्रश्नांश से संबंधित जानकारी निरंक है।
बिना स्टाम्प ड्यूटी के बटवारे करना
[राजस्व]
37. ( क्र. 1586 ) श्री जसमंत जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले एवं विधान सभा क्षेत्र करैरा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने बटवारे है जो तहसील न्यायालय में दर्ज न करके नामांतरण पंजी में बिना स्टाम्प ड्यूटी के सीधे रकबा हिस्साट अनुसार बटवारों में भिन्नता की गई है वर्षवार ब्यौंरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुल कितनी शासकीय भूमि है उक्त भूमि पर कितने व्यक्तियों द्वारा अवैध अतिक्रमण किया गया है अतिक्रमणकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है अतिक्रमण संबंधी कार्यवाही उपरांत कितनी भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है तथा कितनी भूमि पर अतिक्रमण हटाने में विभाग नाकाम रहा है कितनी भूमि का सेटलमेन्ट अतिक्रमणकारियों के नाम कर दिया है? (ग) प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पट्टों की भूमि हस्तांतरित की गई है उक्त वितरित पट्टों में ऐसे कितने पट्टे है जिसमे बिना कलेक्टर की अनुमति के सीधे तहसीलदार द्वारा विक्रय एवं हस्तांतरण की अनुमति दी है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 14 बटवारा नामांतरण पंजी पर किये गये हैं। जिनमें 03 बटवारों में हिस्सा अनुसार भिन्नता है। वर्षवार ब्यौरे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी निरंक। (ग) दो पट्टों की भूमि विक्रय अनुमति से हस्तांतरित की गयी है। किसी भी तहसील में तहसीलदार द्वारा विक्रय की अनुमति जारी नहीं की है।
कूटरचित फर्जी चालान पेश कर करोड़ों के राजस्व की हानि
[वाणिज्यिक कर]
38. ( क्र. 1598 ) श्री संजय शुक्ला : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कूटरचित फर्जी चालान मामले में इन्दौर जिला अंतर्गत देशी/विदेशी मदिरा भाण्डागार/वृत्त में कौन-कौन अधिकारी पदस्थ थे? क्या कूटरचित फर्जी चालान मामले में इन अधिकारियों द्वारा मासिक तौजी का सत्यापन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 02 वर्षों में कितने मदिरा भण्डार गृहों/वृत्तों पर प्रतिवर्ष/मासिक तौजियों का सत्यापन किन-किन के द्वारा कब-कब किया? क्या तौजी सत्यापन न होने के कारण इन्दौर जिले में शराब माफियाओं द्वारा अधिकारियों से सांठ-गांठ कर फर्जी तोजी चालान पेश कर शासन को करोड़ों के राजस्व की हानि पहुंचाई गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इस फर्जीवाड़े में लिप्त अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किये गये थे? क्या विभाग द्वारा असंतुष्ट होकर विभागीय जाँच बैठा दी गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या दोषियों को विभाग द्वारा दोषी न मानते हुए अभ्यावेदन लेकर क्यों पुन: बहाल किया गया? क्या जाँच में ये दोषी नहीं पाये गये थे? क्या शासन को हुई हानि में इस कूटचरित फर्जी चालान के दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? क्या दोषी अधिकारियों को बहाल कर इन्दौर में ही पदस्थ किया गया है? क्या इनको जिले से बाहर स्थानांतरित किया जायेगा?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) कूटरचित फर्जी चालान मामले में इन्दौर जिला अंतर्गत देशी/विदेशी मदिरा भाण्डागार/वृत में पदस्थ अधिकारियों की सूची विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। परिशिष्टों में दर्शित अधिकारियों द्वारा मासिक तौजियों का सत्यापन नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 02 वर्षों के पूर्व किसी भी भाण्डागार/वृत्त अधिकारी द्वारा मासिक तौजी का सत्यापन नहीं किया गया है। तौजी सत्यापन हेतु निर्धारित प्रक्रिया अनुसार राजस्व का आंकलन न करने के कारण शासन को रूपये 41,65,21,890/- के राजस्व की क्षति हुई है, जिसमें से राशि रूपये 21,88,87,840/- की वसूली संबंधितों से की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, अपितु विभागीय जाँच आयुक्त के समक्ष विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन होने तथा इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को दृष्टिगत रखते हुए निलंबन से बहाल किया गया है। विभागीय जाँच आयुक्त के पास प्रकरण प्रक्रियाधीन है। विभागीय जाँच के निष्कर्षों के आधार पर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार प्रकरण निर्णीत होगा। किसी भी अधिकारी को इन्दौर में उसी स्थान पर पदस्थ नहीं किया गया है।
नोहलेश्वर महोदय का पुन: आयोजन
[संस्कृति]
39. ( क्र. 1672 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में शासन द्वारा जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नोहलेश्वर महोत्सव शुभारंभ किया गया था, जो अत्यंत लोकप्रिय रहा, जिसमें बुंदेलखण्ड की धरोहर, लोक संस्कृति को बढ़ावा मिला। (ख) क्या विगत सत्र में शासन द्वारा उक्त आयोजन नहीं कराया गया, यदि हाँ, तो नोहलेश्वर महोत्सव बंद क्यों किया गया? नोहटा में पुन: उक्त महोत्सव कब से प्रारंभ कराया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) उक्त आयोजन के लिए विभाग द्वारा 2.00 लाख कलेक्टर, दमोह को उपलब्ध कराए थे. आयोजन विभाग द्वारा नहीं किया गया था. (ख) विभाग का नियमित एवं घोषित आयोजन न होने से यह आयोजन नहीं किया गया. इस परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
विभागीय स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 1701 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला बुरहानपुर में वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक कितना बजट किन-किन मदों में, किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुआ और उसका व्यय कितना किन-किन कार्यों में किया गया। सूची प्रदान करें। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला बुरहानपुर के माध्यम से वर्ष 2019-20 में कौन-कौन सी योजनाओं में कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से कौन-कौन से क्षेत्र/ग्राम में प्रारंभ है एवं प्रारंभ होना शेष है, सूची प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विभागीय मदों में स्वीकृत कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
41. ( क्र. 1702 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास, जिला बुरहानपुर में वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक कितना बजट किन-किन मदों में, किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुआ और उसका व्यय कितना किन-किन कार्यों में किया गया। कृपया सूची प्रदान करें। (ख) महिला एवं बाल विकास, जिला बुरहानपुर के माध्यम से वर्ष 2019-20 में कौन-कौन सी योजनाओं में कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हैं एवं प्रारंभ होना शेष हैं। सूची प्रदान करें। (ग) महिला एवं बाल विकास, जिला बुरहानपुर द्वारा कितनी आंगनवाड़ियां संचालित है, क्षेत्रवार कार्यरत स्टॉफ की नियुक्ति दिनांक सहित सूची प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 4 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) जिला बुरहानपुर में 775 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 40 उप आंगनवाड़ी केन्द्र निम्नानुसार संचालित है :-
क्र. |
परियोजना का नाम |
आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या |
उप आंगनवाड़ी संख्या |
कुल आंगनवाड़ी संख्या |
1 |
बुरहानपुर शहरी-01 |
105 |
0 |
105 |
2 |
बुरहानपुर शहरी-02 |
107 |
0 |
107 |
3 |
बुरहानपुर ग्रामीण |
136 |
0 |
136 |
4 |
शाहपुर |
138 |
0 |
138 |
5 |
नेपानगर |
143 |
24 |
167 |
6 |
खकनार |
146 |
16 |
162 |
|
कुल योग |
775 |
40 |
815 |
आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 पर एवं क्षेत्रवार कार्यरत स्टॉफ की नियुक्ति दिनांक सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
भू-माफियों पर जाँच
[राजस्व]
42. ( क्र. 1838 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में टीकमगढ़ जिले की तहसील ओरछा के ग्राम ओरछा में स्थित खसरा नं. 455 शासकीय भूमि का अंश रकबा 1.113 हेक्टेयर जो भूमि मेन रोड से एक कि.मी. अन्दर तथा कच्चे से ढेड़ फलांग की दूरी पर थी जो कामता ढीमर पुत्र हरदास ढीमर के स्वामित्व की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उस भूमि को वर्ष 2016 में तत्कालीन कलेक्टर श्री केदार शर्मा ने ओरछा चकरपुर मेन रोड पर शासकीय भूमि से अदला बदली की थी तथा इस अदला-बदली का अधिकार कलेक्टर को नहीं था जिसकी शिकायत पत्रकार पुष्पेन्द्र सिंह निवासी टीकमगढ़ द्वारा वर्ष 2018 में प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग, आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो एवं लोकायुक्त डी.जी. को की गयी थी? उक्त मामले में तत्कालीन कलेक्टर श्री शर्मा के विरूद्ध अब तक क्या कार्य की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शासन द्वारा एक वर्ष पूर्व की गयी शिकायत पर क्या कार्यवाही की है अथवा प्रस्तावित है समय सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। श्री पुष्पेन्द्र सिंह, पत्रकार, निवासी टीकमगढ़ द्वारा वर्ष 2018 में की गई शिकायत सामान्य प्रशासन विभाग ‘’कार्मिक’’ में प्राप्त हुई है जिसके संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अंग्रेजी मदिरा दुकान हटाना
[वाणिज्यिक कर]
43. ( क्र. 1850 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय सिवनी अकबर वार्ड बारापत्थर क्षेत्र में संचालित अंग्रेजी मदिरा दुकान में दुकान स्थल से सटा हुआ (मार्ग के दूसरी और) शासकीय आवासीय नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्र व मरचुरी गृह (शव परीक्षण गृह) , शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय एवं अल्पसंख्यक समुदाय कब्रिस्तान भी है। क्या उक्त मदिरा दुकान की स्थापना/संचालन के पूर्व जिला आबकारी अधिकारी सिवनी ने उपरोक्त शासकीय, अशासकीय संस्थाओं से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था यदि नहीं, तो क्यों। उन शासकीय आवासीय शैक्षणिक संस्थाओं के छात्राओं के साथ भविष्य में कोई दुर्घटना घटित होती है तो इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही किसकी होगी। क्या उपरोक्त वर्णित शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के जिला प्रमुखों ने मदिरा दुकान के संबंध में आज दिनांक तक कोई पत्राचार किया यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अंग्रेजी मदिरा दुकान को अन्यत्र हटाने हेतु किन-किन स्थानीय जनों, सामाजिक संस्थाओं ने जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर एवं कलेक्टर के माध्यम से शासन प्रशासन को ज्ञापन/आवेदन दिये गये है उसमें शासन/विभाग स्तर पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों उपरोक्त आवेदन एवं ज्ञापनों की जानकारी बिन्दुवार देवें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जिला मुख्यालय सिवनी अकबर वार्ड बारापत्थर क्षेत्र में संचालित अंग्रेजी मदिरा दुकान बारापत्थर श्री राकेश चौरसिया के स्वामित्व वाली जमीन में संचालित है, जो मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 62 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयोग के नियम-1 ’’दुकानों की अवस्थिति’’ के अंतर्गत आपत्ति रहित स्थल पर स्थापित एवं संचालित है। विदेशी मदिरा दुकान बारापत्थर दुकानों की अवस्थिति के अनुरूप स्थापित होने से किसी शासकीय/अशासकीय संस्थाओं से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिया जाना प्रावधानित नहीं है। उक्त संबंध में कोई शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के जिला प्रमुखों द्वारा कोई भी पत्राचार नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अंग्रेजी दुकान बारापत्थर को अन्यत्र हटाने हेतु कुल 01 शिकायत स्थानीय जनों द्वारा जिला कलेक्टर सिवनी के माध्यम से आवेदन प्राप्त हुआ, जिसकी जाँच सहायक जिला आबकारी अधिकारी सिवनी द्वारा की गई है। उपरोक्त शिकायती आवेदन पत्र एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी सिवनी का जाँच प्रतिवेदन क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। उक्त मदिरा दुकान नियमों के अंतर्गत संचालित है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को बढ़ा हुआ मानदेय न देना
[महिला एवं बाल विकास]
44. ( क्र. 1864 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जून 2018 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय पाँच हजार से बढ़ाकर दस हजार एवं सहायिकाओं का मानदेय ढ़ाई हजार से बढ़ाकर पाँच हजार रूपये किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उनको जुलाई 2018 से बढ़ा हुआ मानदेय मिलने लगा था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या जनवरी 2019 से उन्हें बढ़ा हुआ मानदेय नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या केन्द्र सरकार ने भी सहायिकाओं का मानदेय अगस्त 2018 में डेढ़ हजार बढ़ाया था? यदि हाँ, तो उनको क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) व (ग) के तहत बढ़ा हुआ मानदेय और केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाया मानदेय उनको कब तक दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मानदेय में की गई वृद्धि जनवरी 2019 में भी लागू थी अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। केन्द्र सरकार द्वारा माह अगस्त 2018 से सहायिकाओं के मानदेय राशि रुपये 1500/- की वृद्धि नहीं की गई है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग के आदेश दिनांक 27.06.2019 अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राशि रुपये 10000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा वृद्धि उपरांत देय मानदेय राशि रुपये 4500/- तथा राज्य सरकार द्वारा देय अतिरिक्त मानदेय 5500/- सम्मिलित है। इसी प्रकार आंगनवाड़ी सहायिकाओं को राशि रुपये 5000/- का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा वृद्धि उपरांत देय मानदेय राशि रुपये 2250/- तथा राज्य सरकार द्वारा देय अतिरिक्त मानदेय 2750/- सम्मिलित है। शेष का प्रश्न नहीं।
किराये के भवनों में चल रही आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया न देना
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 1865 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल संभाग में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किस-किस जिले में किराये के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का किस दिनांक से किराये का भुगतान नहीं किया है? प्रश्न दिनांक तक किराये का भुगतान नहीं करने का कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या किराये का भुगतान न होने के कारण भवन मालिकों ने केन्द्रों में ताला लगा दिया है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितने-कितने केन्द्रों पर ताला लगा दिया है और किस दिनांक से लगाया है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) व (ग) के तहत किराये का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) भोपाल संभाग अन्तर्गत जिला भोपाल 948, सीहोर 360,रायसेन 697, विदिशा 936 एवं राजगढ़ 685 इस प्रकार कुल 3626 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उल्लेखित अनुसार किराये के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों को माह जून 2019 तक किराया भुगतान किया जा चुका है। अतः शेष का कोई प्रश्न नहीं। (ग) जी नहीं। अतः शेष का कोई प्रश्न नहीं। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी होने से शेष का कोई प्रश्न नहीं।
जीर्णोद्धार योजना एवं नलजल योजनांतर्गत कराये गये कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 1872 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन ग्रामों में जीर्णोद्धार योजना के तहत विगत दो वर्षों में स्वीकृत योजनाएं एवं इनमें किस निर्माण एजेन्सी द्वारा कार्य कराया गया है? कार्य की लागत सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना से कितने ग्रामों को पेयजल प्राप्त हो रहा है एवं कितनी योजनाएं बंद है? व कार्य पूर्ण कराकर कितनी ग्राम पंचायतों को हैण्ड ओवर किया गया है एवं कितनी शेष है? (ग) ग्राम पंचायत धनगौर कला ज.प. तेन्दूखेड़ा में वर्ष 2017-18 से आज दिनांक तक किस योजना से नल-जल योजना का संधारण कार्य कराया गया है एवं निर्माण एजेन्सी द्वारा कितने मीटर पाईप लाइन विस्तार किया गया है? क्या कार्यपूर्ण हो चुका है, या अपूर्ण है? अगर कार्य अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण किया जायेगा? निर्माण कार्य की लागत क्या है? क्या ग्रामवासियों को इस योजना से पेयजल प्राप्त हो रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 24 ग्रामों में पेयजल प्राप्त हो रहा है। कोई नहीं। 16 योजनाओं को संबंधित ग्राम पंचायतों को हैण्ड ओवर किया गया है, 08 योजनाएं शेष है। (ग) ‘‘नल से जल आज और कल’’ कार्यक्रम के अंतर्गत 2035 मीटर पाईप लाइन विस्तार। जी हाँ, कार्य पूर्ण हो चुका है। निर्माण कार्य की लागत रूपये 26.67 लाख है। जी हाँ।
आर.टी.ओ. कार्यालय मुरैना द्वारा की जा रही भयंकर भ्रष्टाचार की जाँच
[परिवहन]
47. ( क्र. 1875 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन कार्यालय जिला मुरैना में प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा कार्यालयों में बैठकर विधिवत शासकीय सेवक की भांति कार्य किया जा रहा है एवं लाखों रूपये की अवैध वसूली आर.टी.ओ. की देख-रेख में संचालित है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यालय द्वारा अम्बाह से पोरसा के लिए अवैध रूप से चलाई जा रही बसों/जीपों से मासिक रूप से अवैध वसूली की जा रही है एवं परिवहन कार्यालय द्वारा मुरैना की सीमा में आने वाले ओवरलोड वाहनों के चालान न बनाते हुए उनसे लाखों रूपये वसूल कर शासन को राजस्व की हानि पहुँचाई जा रही है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? दोषी को चिन्हित कर उसके प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। परिवहन कार्यालय, मुरैना में पदस्थ शासकीय सेवकों द्वारा ही, शासकीय कार्य किया जाता है। शासकीय सेवकों द्वारा कोई भी अवैध वसूली नहीं की जाती। (ख) आर.टी.ओ. मुरैना जिले के क्षेत्रान्तर्गत समस्त तहसीलों में, दिनांक 23.01.2019 से 23.04.2019 तक बसों/जीपों/अन्य वाहनों पर बॉडी में बिना अनुमति के परिवर्तन/वाहनों का व्यवसाय किये जाने तथा बिना परमिट/फिटनेस/बीमा एवं लाइसेंस तथा ओव्हरलोड का उपयोग किये जाने पर वाहन स्वामियों पर 75 प्रकरण बनाये जाकर वाहनों से शासकीय राजस्व रूपये 66,61,580/- (छियासठ लाख एकसठ हजार पाँच सौ अस्सी रूपये) की प्राप्ति की गई। अवैध रूप से संचालित वाहनों पर नियमित कार्यवाही की जाती है।
कटनी जिला अंतर्गत ठेकेदारों द्वारा कराये गये कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
48. ( क्र. 1904 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत कटनी जिले में विभिन्न कार्यों हैण्डपंप खनन, नलजल योजनाओं एवं हैण्डपंपों की रिपेयरिंग तथा नवीन कार्यों के लिये ठेकेदारों द्वारा कराये जाने हेतु निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में कटनी जिले में उल्लेखित कार्यों की निविदायें कब आमंत्रित की गई एवं उसका ठेका किस दर पर किन नियम एवं शर्तों के अधीन कब, किस को दिया गया। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ठेकेदारों द्वारा ठेका प्राप्ति के पश्चात से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य, कहाँ-कहाँ पर किये। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ठेके पर किये गये कार्यों की बिलिंग का कार्य किस-किस के द्वारा किया गया एवं इन देयकों का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किये जाने पर कब भुगतान किया गया। (घ) उक्तावधि में ठेकेदारों द्वारा काम न करने, बिना काम किये राशि आहरण करने की कहाँ-कहाँ पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर कब किसने क्या कार्यवाही की?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। म.प्र. कार्य विभाग मैन्युअल-1983 एवं नवीन निविदा प्रपत्र एपेंडिक्स 2.10 में निहित नियम व शर्तों के अधीन ठेके पर कार्य दिए गए हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) कोई भी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
निजी मेडिकल कॉलेज में NRI कोटे से चयन
[चिकित्सा शिक्षा]
49. ( क्र. 1933 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हेतु NRI की शर्तें क्या है? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि यह किस वर्ष से प्रभावशील है? उसके पूर्व शर्तें क्या थी, उसकी भी प्रति देवें तथा बतावें कि पूर्व की शर्त में क्या-क्या परिवर्तन क्यों किये गये? (ख) क्या NRI की शर्तों में शिथिलता कर निजी मेडिकल कॉलेजों को लाभ दिया गया? क्या वर्तमान शर्तें केन्द्र शासन के आयकर विभाग की अधिकृत एन.आर.आई. की शर्तों का उल्लंघन है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान शर्त MCI द्वारा अनुमोदित है? (ग) वर्ष 2015, वर्ष 2016, वर्ष 2018 में NRI कोटे में प्रवेशित अभ्यर्थी के नाम, पिता का नाम, पता तथा नीट के प्राप्तांक तथा रेंक सहित सूची देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की सूची में उल्लेखित अधिकांश के नीट के प्राप्तांक अति न्यूनतम है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में दायर सिविल अपील क्रमांक 4060/2009 में पारित निर्णय दिनांक 27 मई, 2009 के परिपालन में निजी संस्थाओं को 15 प्रतिशत एन.आर.आई. कोटे के अन्तर्गत संस्था स्तर से अभ्यर्थियों को प्रवेश दिये जाने का अधिकार दिया गया था। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 09 मार्च 2018 तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं प्रशिक्षण विभाग, अनुसूची-3, उपनियम-10 तथा 19 जून 2019 के उपनियम 13 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राकृतिक आपदा पाले से प्रभावित किसानों को राहत राशि का भुगतान
[राजस्व]
50. ( क्र. 1948 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में कितने किसानों की कितनी हेक्टेयर भूमि प्राकृतिक आपदा पाले से प्रभावित हुई? (ख) अगर किसान की फसल प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुई है तो कितने किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा राहत राशि और कृषि बीमा राशि दी गई है? जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने पाला प्रभावित किसानों को राहत राशि दे दी गयी है? अगर नहीं दी गयी है तो क्यों एवं राहत राशि न मिलने वाले किसानों को जिलेवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रदेश में प्राकृतिक आपदा पाले से प्रभावित कृषकों को स्वीकृत की गई राहत राशि की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत भुगतान नहीं की गई है। (ग) राहत राशि से शेष रहे प्रभावित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। कृषकों के खाता नम्बर उपलब्ध नहीं होने से शेष कृषकों को भुगतान नहीं किया जा सका है। भुगतान की प्रक्रिया प्रचलित है।
बेहड़ कटाव से संबंधित
[राजस्व]
51. ( क्र. 1970 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की बेहड़ कटाव की जमीन को क्या कोई समतल करने की योजना है? यदि हाँ, तो उस हेतु क्या मार्गदर्शिका निर्मित है? की प्रति दी जावे। यदि इस जमीन को कृषि आदि हेतु दिया जाने का नियम भी है तो उस नियम की प्रक्रिया से भी अवगत करावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कितनी जमीन ऐसी हैं, जो बीहड़ के रूप में दर्ज हैं? (ग) क्या शासन ने प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बेहड़ की जमीन का समतलीकरण किया है? यदि हाँ, तो कितनी जमीन कृषि योग्य बनायी गई? क्या भूमि को पट्टा/लीज पर दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनी जमीन दी गई? (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा बेहड़ी जमीन का समतलीकरण कर ( कृषि उपयोग हेतु बनाकर) बेरोजगार युवाओं को उनके उपयोग हेतु पट्टा/लीज पर दी जाएगी? यदि हाँ, तो इस नियमावली से अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (घ) वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
गोचर भूमि की जानकारी
[राजस्व]
52. ( क्र. 1974 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील अम्बाह एवं मुरैना जिला मुरैना में कितनी गोचर भूमि भू-अभिलेख में दर्ज है, की जानकारी सर्वे नं., रकबा, पटवारी हल्का नं., गाँव का नाम, तहसील आदि सहित दी जावे। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जमीन को चरनोई से परिवर्तित कर आवास/कृषि योग के रूप में परिवर्तन किया गया है? यदि हाँ, तो, जानकारी सर्वे नं., पटवारी हल्का नं., गाँव का नाम, तहसील आदि सहित दी जावे। (ग) उपरोक्त परिवर्तित जमीन को कृषि कार्य एवं आबादी में घोषित कर कितने लोगों को पट्टे पर दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला मुरैना अन्तर्गत तहसील मुरैना में कुल 1626.355 हेक्टर तथा तहसील अम्बाह में 396.08 हेक्टर भूमि पटवारी अभिलेख में गोचर/चरनोई भूमि के रुप में दर्ज है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
गेहूँ खरीदी के भुगतान के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
53. ( क्र. 1999 ) श्री कमल पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में समर्थन मूल्य पर कुल कितने किसानों से कुल कितने गेहूँ की खरीदी वर्ष 2019 में की गई? (ख) हरदा जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूँ का भुगतान खरीदी के कितने दिनों में किसानों के खातों में किया गया? क्या भुगतान करने में विलम्ब हुआ? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी हैं? (ग) क्या हरदा जिले में गेहूँ खरीदी पूर्ण होने के बाद भी आज दिनांक तक सैकड़ों किसानों को भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस गाँव के कितने किसानों का भुगतान किस कारण से आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया? (घ) हरदा जिले में जिन किसानों को अभी तक गेहूँ उपार्जन का भुगतान नहीं किया गया वो कब तक कर दिया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) हरदा जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में 35059 किसानों से समर्थन मूल्य पर 430731.50 मे.टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के भुगतान की व्यवस्था JIT के माध्यम से किसानों के खाते में सामान्यत: 3 से 7 दिवस में भुगतान की व्यवस्थानुसार किया गया है। कतिपय किसानों के बैंक खातों में तकनीकी बिन्दु के कारणों से कुछ किसानों के भुगतान में समय से अधिक समय लगा। इसके लिए कोई दोषी नहीं है। (ग) हरदा जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय करने वाले 43 किसानों का भुगतान होना शेष है। शेष किसानों का कारण सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कृषकों को भुगतान बैंक खातों में सुधार पर निर्भर है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौचर, तालाब, श्मशान व कब्रिस्तान भूमि के संबंध में
[राजस्व]
54. ( क्र. 2068 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के जिलों एवं बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में गौचर की कितनी-कितनी भूमि आरक्षित है? तहसीलवार बतायें। (ख) भोपाल संभाग के जिलों एवं बैरसिया विधानसभा में किन-किन स्थानों पर तालाब, श्मशान, कब्रिस्तान, के नाम से कितनी-कितनी भूमि दर्ज है? तहसीलवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित भूमियों पर किन-किन का कब से कब्जा है। उक्त अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए शासन की क्या योजना है। (घ) उक्त अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले में गौचर मद की 7318.613 हेक्टर एवं भोपाल जिले की तहसील बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में गौचर मद की 6798.259 हेक्टर एवं तहसील हुजूर अन्तर्गत बैरसिया विधानसभा क्षेत्र की गौचर मद की 1552.661 हेक्टर भूमि आरक्षित है। तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भोपाल संभाग के जिला सीहोर में गौचर भूमि 8171.568 हे. भूमि आरक्षित है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। राजगढ़ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भोपाल संभाग अंतर्गत विदिशा जिले में गौचर (चरनोई, चारगाह, घास) की 19999.107 हेक्टर भूमि आरक्षित है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। रायसेन जिले में गौचर की तहसीलवार आरक्षित भूमि अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ख) भोपाल जिले में तालाब, श्मशान, कब्रिस्तान मद की 2457.6943 हेक्टर भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज है एवं जिले की तहसील बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में तालाब, श्मशान, कब्रिस्तान मद की 1824.663 हेक्टर “भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज है। तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। भोपाल संभाग के जिला सीहोर में तालाब- 2720.257 हे., श्मशान-1532.966 हे., कब्रिस्तान - 384.84 हे. के नाम दर्ज है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। राजगढ़ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भोपाल संभाग अंतर्गत विदिशा जिले तालाब की 1064.135 हेक्टर, श्मशान की 612.203 हेक्टर एवं कब्रिस्तान की 184.679 हेक्टर भूमि दर्ज है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। रायसेन में रायसेन जिले में तालाब, श्मशान, कब्रिस्तान के नाम से दर्ज भूमि स्थल ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 7 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित भूमियों पर अतिक्रमणकारियो की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “1” पर है। सीहोर में जानकारी निरंक है। राजगढ़ में. प्रश्न (क) एवं (ख) में दर्शित भूमियों पर तहसील नरसिंहगढ़ में गोचर का रकबा 198.900 हेक्टर भूमि पर 194 व्यक्तियों का अवैध अतिक्रमण होना पाया गया है तथा तालाब का रकबा 4.000 हेक्टर भूमि पर 5 व्यक्तियों का अवैध अतिक्रमण होना पाया गया है। श्मशान व कब्रिस्तान की भूमि अतिक्रमण से मुक्त है। विदिशा में प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित भूमियों पर कब्जे की सूची अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '8' पर है। अवैध अतिक्रमण हटाये जाने के प्रावधान म.प्र.भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 में उल्लेखित हैं। सूचना प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है (घ) सूचना प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
रीवा संभाग में विभागीय कर्मचारियों के समयमान वेतनमान न दिए जाना
[महिला एवं बाल विकास]
55. ( क्र. 2070 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा संभाग में कितने पात्र कर्मचारी को अब तक तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है? (ग) महिला कर्मचारियों को उनके हक का तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ एवं एरियर्स का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या पात्र कर्मचारियों को अब तक लाभ न दिये जाने पर शासन एवं कर्मचारियों को होने वाले आर्थिक लाभ से वंचित करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा संभाग में 26 पात्र कर्मचारी हैं, जिनका तृतीय समयमान-वेतनमान स्वीकृत किया जाना है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (घ) विभागीय पात्र कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही समय-समय पर की जाती है। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भण्डार क्रय में भारी भ्रष्टाचार
[महिला एवं बाल विकास]
56. ( क्र. 2071 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र में विकसित करने हेतु धन राशि आवंटित की गई है? (ख) रीवा संभाग के आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रस्तावित कार्यों एवं सामग्री प्रदाय हेतु किस एजेन्सी को दायित्व सौंपा गया है? (ग) यदि नहीं, तो आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों को विकसित करने हेतु स्थानीय स्तर पर गठित ग्राम स्वास्थ्य तदर्थ समिति द्वारा किये गये बिल वाउचर भुगतान में क्या म.प्र. शासन के भंडारण एवं क्रय नियमों का पालन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो नियमों का पालन नहीं करने वाले आहरण/संवितरण अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) मध्यप्रदेश के 5800 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र में विकसित करने हेतु जिलों को धनराशि आंवटित की गई है। (ख) रीवा संभाग के जिला रीवा में 64 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों के कार्यों एवं सामग्री प्रदाय हेतु मेसर्स प्रतिभा इन्टर प्राइज़ेज गोविंदगढ़ रोड बिछिया रीवा को दायित्व सौंपा गया था तथा 81 आंगनवाड़ी केन्द्रों की राशि ग्राम स्वास्थ्य पोषण तदर्थ समिति के खाते में जमा की गई है। जिला सतना एवं सीधी में ग्राम स्वास्थ्य पोषण तदर्थ समिति को प्रस्तावित कार्यों एवं सामग्री प्रदाय हेतु एजेंसी नियुक्त किया गया है। जिला सिंगरौली में लोक निर्माण विभाग को 27 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु तथा ग्राम स्वास्थ्य पोषण तदर्थ समिति को 140 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रस्तावित कार्यों एवं सामग्री प्रदाय हेतु एजेंसी नियुक्त किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी हाँ। (घ) नियमों का पालन किया गया है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
सहायक ग्रेड - 1 के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
57. ( क्र. 2088 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास के लिपिकीय भर्ती नियम अनुसार सहायक ग्रेड 1 के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति के पद है? यदि हाँ, तो क्या पदोन्नति के पदों पर सीधे नियुक्ति प्रदान की जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम बतावें। (ख) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा वर्ष 1998 में किन 20 कर्मचारियों को किन नियमों के तहत सहायक ग्रेड 01 के तहत नियुक्ति दी गई? नियम विरूद्ध नियुक्ति के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है एवं कब तक? (ग) नियम विरूद्ध दी गई नियुक्ति के विरूद्ध क्या शासन उन कर्मचारियों को सहायक ग्रेड-3 पर पदावनत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) म.प्र. शासन राज्य मंत्री परिषद द्वारा लिए गये निर्णय के परिपालन में सहायक ग्रेड-1 के पद पर 20 कर्मचारियों को नियुक्ति दी गयी। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) संविलियन संबंधी निर्णय राज्य मंत्री परिषद द्वारा लिए जाने से शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल परियोजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
58. ( क्र. 2094 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नल के माध्यम से जल प्रदाय करने हेतु कौन-कौन सी परियोजना किस-किस गाँव में कब से संचालित है एवं प्रस्तावित हैं? परियोजना की लागत क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या सभी परियोजनाएं प्रश्न दिनांक को सुचारू रूप से संचालित है? यदि नहीं, तो किस गाँव की परियोजना कब से खराब है? खराब होने का क्या कारण है? सुचारू रूप से प्रारम्भ होने में कितना व्यय होगा? उक्त राशि कौन प्रदाय करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने के बाद परियोजना के रख-रखाव में कितना व्यय किस मद में किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। स्त्रोत निर्माण को छोड़कर शेष कार्यों हेतु राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दी जाती है। स्रोत विभाग द्वारा विकसित किये जाते हैं। (ग) हस्तांतरित परियोजनाओं के रख-रखाव पर हुए व्यय की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है, व्यय की जानकारी संबंधित जनपद पंचायतों के माध्यम से संकलित की जा रही है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
59. ( क्र. 2128 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कितनी नल-जल योजनायें स्वीकृत की गई हैं? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, इन स्वीकृत नल-जल योजनाओं की वर्तमान में क्या स्थिति है? कितनी योजनायें चालू हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, वर्तमान में कितनी योजनायें पाईप लाइन टूटने एवं नलकूप सूखने के कारण बंद हैं? इन्हें चालू करने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 14 नलजल योजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) कोई भी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यांत्रिकी विभाग द्वारा नलकूप का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 2130 ) श्री राम दांगोरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा लगाए गए हैंडपंप, नलकूप, कितनी गहराई तक खोदे जाते हैं? नलकूप खुदाई के दौरान क्या विभाग के कर्मचारी या इंजीनियर मौजूद रहते हैं? क्या ग्राम के सचिव, रोजगार सहायक या सरपंच की उपस्थिति को निश्चित किया जाता है? (ख) बाजार में क्या 6 इन्च नलकूप खनन 70 रुपए फिट में किए जाते हैं, जबकि विभाग में इन की खुदाई के रेट 90 रूपये से 110 रूपये फीट में वह भी 5 इंच नलकूप खुदाई के दिए जाते हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) इस रेट डिफरेंस से शासन को अरबों-खरबों का नुकसान हो रहा है या नहीं? क्या इसकी जाँच करवाई जाएगी? शासन द्वारा निर्धारित खुदाई न कर कम खोदकर पूरे रुपए निकाले जा रहे हैं क्या इस अनियमितता की जाँच करायी जायेगा? या इसके भौतिक सत्यापन हेतु कोई समिति गठित की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) हैण्डपंप स्थापना हेतु नलकूप सामान्यतः 60 मीटर से 120 मीटर गहराई तक खोदे जाते हैं। जी हाँ। जी नहीं, यदि वे उपस्थित रहना चाहें तो रह सकते हैं। (ख) जी नहीं। यह दरें स्थान विशेष की परिस्थितियों पर निर्भर होती है। पृथक-पृथक विकासखंडों में विभागीय दरें खुली निविदाओं में प्राप्त होकर पृथक-पृथक होती है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा खनित किये गये नलकूप की गहराई का सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन करने के उपरांत सत्यापित गहराई के अनुसार ही भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आयुर्वेंदिक चिकित्सालयों में निजी निवेश को प्रोत्साहित एवं निजी कॉलेज बनाना
[आयुष]
61. ( क्र. 2135 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के वचन पत्र में विषय क्र. 08 लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में उल्लेखित है कि आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में निजी निवेश को प्रोत्साहित करेंगे? क्या वर्तमान में कोई निजी निवेश को द्वारा निजी कॉलेज बनाने के लिए आवेदन किया हैं? यदि हाँ, तो किसने किया हैं और कहाँ-कहाँ किया गया हैं? नामवार, स्थानवार जानकारी प्रदान करें। (ख) (क) अनुसार होम्योपैथी एवं यूनानी पद्धति को बढ़ावा देने के तारतम्य में दोनों पद्धतियों को बढ़ाने के लिए अलग से वर्तमान में क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? अगर नहीं किये गये हैं तो आगे किये जाने वाले प्रयासों की जानकारी देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। अपितु क्रमांक 20.1 पर अंकित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभिन्न स्तरों पर आयुष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जा रहे है।साथ ही एलोपैथी जिला चिकित्सालयों में आयुष विंग द्वारा आयुष सेवाएं प्रदान की जा रही है।
जमीन के संबंध में
[राजस्व]
62. ( क्र. 2165 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एण्ड डेव्लपर्स जी-1 (प्रोपराईटर सुनील टेबड्रेवाल) सागर होम्स फेस-1, 174-ए, कोलार रोड भोपाल में कोलार स्थित अग्रवाल नगर रातीबड़ में एवं होशंगाबाद में किन-किन खसरा नम्बर की जमीन उनके अधिपत्य में है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने भूखण्ड की किस खसरा नम्बर की रजिस्ट्री किन-किन क्रेताओं के हक में कृष्णा बिल्डर्स द्वारा की गई? (ग) वर्तमान स्थिति में रातीबड़ एवं कोलार स्थित अग्रवाल नगर, भोपाल तथा होशंगाबाद नगर में किन-किन स्थानों पर इनके स्वामित्व की किन-किन खसरा नम्बर की भूमि इनके अधिपत्य में है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स प्रा.लि. के नाम से एवं उनके कब्जे में भोपाल जिले में ग्राम पिपलिया बेरखेडी प.ह.न.-9 में भूमि खसरा क्रमांक 195, 196/1, 196/1/2, खसरा क्रमांक 180/2/181 खसरा नम्बर 182/2/183/184, ख.न. 198/1/1, 199/1/1, 200/1/1, ख. क्र. 198/1/2 ग्राम रातीबढ़ में मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एण्ड डेव्लपर्स जी-1 प्रोपराईटर सुनील टेबड्रेवाल सागर होम्स फेस-1 174-ए कोलार रोड भोपाल के नाम कोई भूमि नहीं है। होशंगाबाद नगर में मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एण्ड डेव्लपर्स जी-1 प्रोपराईट सुनील टेबड्रेवाल सागरहोम फेस-1 के अधिपत्य में कोई भूमि नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत परिवहन में अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 2184 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रबी विपणन वर्ष 2019 हेतु नियमों को ताक पर रख कर परिवहनकर्ताओं को नियुक्त किया गया था, जिसके कारण गेहूँ का तय समय-सीमा में परिवहन नहीं हो सका? (ख) विगत 5 वर्षों में कितने परिवहनकर्ताओं को शासन द्वारा ब्लैक लिस्टेड किया गया है, सूची देवें? क्या उक्त ब्लैक लिस्टेड परिवहनकर्ताओं से गेहूँ धान एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली का परिवहन कराया गया है? (ग) क्या परिवहनकर्ताओं द्वारा तय समय-सीमा में गेहूँ एवं धान का परिवहन न होने के कारण अनाज की क्षति हुई तथा कृषकों को समय पर भुगतान प्राप्त नहीं हो सका? इस हेतु दोषियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में जबलपुर जिले में मार्कफेड द्वारा, सहकारी समितियों से अनुबंध निष्पादित किये बिना धान की खरीदी की गई एवं खरीदी पूर्ण होने के बाद अनुबंध किये गये ताकि दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही न हो सके? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? उन पर शासन क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु परिवहनकर्ता की नियुक्ति उपार्जन एजेंसियों द्वारा ऑनलाइन निविदा जारी कर युक्तियुक्त दरों पर परिवहनकर्ताओं की नियुक्ति की जाती है। जहां युक्तियुक्त निविदाएं प्राप्त नहीं होती, वहां पुराने अनुबंध स्वीकृत दरों पर अनुबंध/नियुक्त परिवहनकर्ताओं की समयावधि बढ़ाकर परिवहन कार्य कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत 05 वर्षों में मध्यप्रदेश राज्य विपणन सहकारी विपणन संघ द्वारा 8 एवं मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा 32 परिवहनकर्ता को ब्लैकलिस्टेड किया गया है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ब्लैकलिस्टेड अवधि में कार्य नहीं कराया गया है। (ग) परिवहनकर्ताओं द्वारा समय-सीमा में गेहूँ एवं धान का परिवहन न करने के कारण क्षति की कोई जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाइन एवं ऑफलाइन नक्शा विहीन गाँवों के संबंध में
[राजस्व]
64. ( क्र. 2190 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अमरपाटन तहसील अन्तर्गत कितने गाँवों के भू-राजस्व विभाग के नक्शे ऑनलाइन नहीं फीड हैं। क्या ऐसे गाँवों के नक्शे ऑफलाइन विभाग द्वारा किसानों को दिये जा रहे हैं? नक्शा विहीन गाँवों की सूची उपलब्ध कराई जाये। (ख) क्या ऑनलाइन एवं ऑफलाइन नक्शों की प्रति न मिल पाने के कारण किसानों की भूमियों का सीमांकन नहीं हो पा रहा है? (ग) जिन गाँवों के भू-राजस्व विभाग के नक्शे कम्प्यूटरीकृत नहीं उन नक्शों के निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा क्या प्रकिया अपनाई जा रही है। (घ) वर्ष 2017-18 से वर्तमान दिनांक तक नक्शा विहीन गाँवों जैसे अमझर, बर्रेह के सीमांकन हेतु कितने आवेदन आये हैं? क्या वर्ष 2017-18 से वर्तमान दिनांक तक सीमांकन हेतु प्राप्त हुये आवेदन पत्रों पर सीमांकन की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 28 ग्रामों के भू-राजस्व के नक्शे ऑनलाइन फीड नहीं है। इनमें से पटवारी के पास उपलब्ध चालू नक्शे से नक्शा ट्रेस कर नकल प्रदाय की जा रही है। नक्शा विहीन ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जिन ग्रामों के नक्शे कम्प्यूट्रीकृत होने से शेष हैं, उनके नक्शे मैप आई.टी. के माध्यम से कम्प्यूट्रीकृत/डिजिटाईज कराए जा रहे हैं। (घ) वर्ष 2017-18 से वर्तमान दिनांक तक ग्राम अमझर में 01, बर्रेह में 06 सीमांकन के आवेदन प्राप्त हुए हैं। जी नहीं। वर्ष 2017-18 से वर्तमान दिनांक तक प्रमाणित नक्शा नहीं होने से सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गई।
शासकीय आवास पर अतिक्रमण
[राजस्व]
65. ( क्र. 2197 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर में जनवरी 2014 से दिसंबर 2018 की अवधि में किन-किन व्यक्तियों ने अनाधिकृत रूप से शासकीय आवासों पर कब्ज़ा कर रखा था? कब से कब तक? किस-किस व्यक्ति या संस्था ने किस मकान पर कितने समय के लिए कब्जा किया या अभी भी काबिज़ है? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में उपरोक्त विषय में, कब-कब किस-किस व्यक्ति द्वारा शिकायत प्राप्त हुई और उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, की गयी तो क्यों? अतिक्रमण में सहयोग करने वाले जवाबदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्त विषय में अतिक्रमणकर्ता पर किन धाराओं में प्रकरण दर्ज़ करके कितना जुर्माना किया गया है और क्या वसूली की कार्यवाही हो गयी है? यदि नहीं, तो कब तक कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बदनावर में जनवरी 2014 से दिनाक 06.10.2018 तक एच-टाईप शासकीय आवास का पूर्व विधायक विधानसभा क्षेत्र बदनावर माननीय श्री भंवरसिंह शेखावत द्वारा आवंटन की प्रत्याशा में कब्जा कर उपयोग किया गया। वर्तमान में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति काबिज नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में शिकायत प्राप्त होने संबंधी कोई अभिलेख नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पूर्व विधायक द्वारा शासकीय आवास आवंटन चाहा जाने से कलेक्टर, जिला-धार द्वारा पत्र दिनांक 12.06.2014 आवास आवंटन हेतु सचिव म.प्र. शासन गृह (सामान्य) विभाग वल्लभ भवन भोपाल को पत्र प्रेषित किया गया था, इस कारण तत्कालीन अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित कलेक्टर धार के पत्र के अनुक्रम में गृह विभाग द्वारा निर्णय होने पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
66. ( क्र. 2198 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं हैं और कितने गाँव नल-जल योजना विहीन हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) उक्त योजनाओं में से कितनी योजनाएं किन-किन कारणों से कब से बंद पड़ी हैं और इन्हें कब तक सुचारु रूप से चालू करवा दिया जावेगा? (ग) वर्तमान में बदनावर विधानसभा क्षेत्र में किन गाँवों में नवीन नल-जल योजनाएं प्रस्तावित हैं और यह कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 72 नल-जल योजनाएं हैं। 144 गाँव नल-जल योजना विहीन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) 02 ग्राम क्रमशः मुरडका एवं डेलची की योजनाएं प्रस्तावित हैं। योजनाओं की डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
सिंगरौली जिले में उत्खन्न किये गये हैण्डपम्पों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
67. ( क्र. 2252 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में सिंगरौली जिले में सरकार की कार्य योजनाओं में बैठक दौरान डी.एम.एफ. और सी.एस.आर. के माध्यम से कितनी संख्या में पी.एच.ई. विभाग में हैण्डपम्पों की स्वीकृति हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जिले में कितने हैण्डपम्पों का उत्खनन हुआ है और कितने हैण्डपम्पों का खनन अभी नहीं हो पाया है? वर्ष 2018 से लेकर आज दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में सिंगरौली जिले में खनन कराये गये हैण्डपम्पों डी.एम.एफ. एवं सी.एस.आर. मद से उत्खनन किये गये हैण्डपम्पों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में सिंगरौली जिले में अभी तक कितने हैण्डपम्पों का खनन शेष बचा है, उसकी सूची विधानसभावार उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में डी.एम.एफ. से 1200 हैण्डपम्पों एवं सी.एस.आर. से 15 हैण्डपम्पों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। (ख) स्वीकृत हैण्डपम्पों में डी.एम.एफ. से 791 हैण्डपम्पों का खनन हुआ है, 409 हैण्डपम्पों का खनन कार्य शेष है। सी.एस.आर. से स्वीकृत 14 हैण्डपम्पों का खनन किया गया है, 01 हैण्डपम्प का खनन शेष है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आंगनवाड़ी पोषण आहार संबंधी
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 2283 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोक नगर जिले में स्थित कार्यालय जिला महिला बाल विकास विभाग, जिले की तहसील कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों के नाम, पता पदस्थापना का वर्ष एवं खाली एवं भरे पदों की जानकारी दें। (ख) जिले में स्थित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची उपलब्ध करावें। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के नाम पते सहित जानकारी देवें। उपरोक्त सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों की संख्या केन्द्रवार उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर लागू शासन की कौन-कौन सी योजनायें जिले में संचालित हैं? इन योजनाओं के अंतर्गत पोषण आहार एवं अन्य समस्त सामग्री केन्द्रों पर पहुंचाने के लिये कौन-कौन सी संस्थायें कार्यरत है व इन्हें कितनी समयावधि के लिये कब नियुक्त किया गया है? (घ) जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के कितने पद रिक्त हैं? विकासखण्डवार केन्द्रवार जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) अशोकनगर जिले में स्थित कार्यालय जिला महिला बाल विकास विभाग, जिले की तहसील कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों के नाम की जानकारी, पता, पदस्थापना का वर्ष एवं खाली एवं भरे पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’‘ अनुसार है। (ख) जिले में स्थित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के नाम, पते सहित जानकारी एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों की संख्या की केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’‘ अनुसार है। (ग) अशोकनगर जिले में विभाग द्वारा आई.सी.डी.एस., योजना राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना, लालिमा योजना, मंगल दिवस योजनाएं संचालित हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत पोषण आहार पहुंचाने के लिये स्व-सहायता समूह/महिला कार्यरत हैं। अन्य सामग्री पहुंचाने के लिए कोई संस्था कार्यरत नहीं है। स्व-सहायता समूहों के कार्य करने की समयावधि निर्धारित नहीं है। विभाग द्वारा स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल को किसी भी प्रकार का मानदेय, कमीशन राशि नहीं दी जाती है। रसोईयों द्वारा प्रस्तुत देयकों का भुगतान किया जाता है। (घ) अशोकनगर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 23 पद रिक्त हैं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 25 पद रिक्त हैं। विकासखण्डवार केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’‘ अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में दलिया वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 2298 ) श्री संजीव सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्थापित/संचालित हैं? वर्तमान में आंगनवाड़ी केन्द्रों में दलिया वितरण कार्य किस एजेंसी/ठेकेदार को आवंटित है? जिलावार बतावें। (ख) एजेंसी/ठेकेदार को दलिया वितरण कार्य निविदा/कोटेशन किस माध्यम से आवंटित किया गया था? यदि निविदा आमंत्रित की गई तो कब एवं कितनी एजेंसी/ठेकेदार द्वारा निविदा में भाग लिया गया? (ग) क्या दलिया निर्धारित मापदण्ड एवं गुणवत्ता का गुणवत्तापूर्ण वितरण किया जा रहा है? इसकी जाँच किस स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में प्रश्न दिनांक की स्थिति में 84465 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 12670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों में किसी एजेंसी/ठेकेदार के माध्यम से दलिया वितरण का कार्य नहीं कराया जा रहा है, वर्तमान में प्रदेश के समस्त जिलों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल के माध्यम से ताजा पका नाश्ता/भोजन/थर्डमील का प्रदाय प्रतिदिन के लिए निर्धारित मीनू अनुसार किया जाता है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के प्ररिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल द्वारा प्रतिदिन प्रदाय किये जा रहे ताजा पका नाश्ता/भोजन/थर्डमील की गुणवत्ता/मात्रा की निगरानी ग्राम सभा की स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति के सदस्यों के माध्यम से कराई जाती है तथा इस संबंध में आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर प्राप्त आहार का पंचनामा भी तैयार कराया जाता है।
बैरियरों पर प्रायवेट लोगों द्वारा अवैध वसूली
[परिवहन]
70. ( क्र. 2299 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा राज्य के अंतर्गत एवं अंतर्राज्यीय कितने परिवहन बैरियर संचालित हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) विगत तीन वित्तीय वर्षों में किस-किस परिवहन बैरियर पर प्रायवेट लोगों द्वारा अवैध वसूली के कितने प्रकरण विभाग के संज्ञान में आये एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) विभाग द्वारा प्रायवेट लोगों द्वारा की जा रही अवैध वसूली के कितने प्रकरणों में थानों में अपराध दर्ज कराये गये? कितनों में सजा हुई एवं कितनों में नहीं? कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा राशि वसूली गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभाग द्वारा राज्य के अंतर्गत कोई परिवहन जाँच चौकी संचालित नहीं है। विभाग की अंतर्राज्यीय चालीस स्थाई परिवहन जाँच चौकियाँ एवं पाँच अस्थाई परिवहन जाँच चौकियाँ संचालित हैं, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। विगत तीन वर्षों में किसी भी परिवहन बैरियर पर प्रायवेट लोगों द्वारा अवैध वसूली का एक भी प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नांक “ख” के संदर्भ में शेष उत्तर अपेक्षित नहीं है।
जल निगम बोर्ड द्वारा प्रस्तावित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
71. ( क्र. 2318 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जल निगम बोर्ड द्वारा समूह जल प्रदाय योजना के तहत ग्रामों को लाभान्वित करने के लिये कितनी समूह नल-जल योजनायें प्रस्तावित की गई है? (ख) प्रस्तावित नल-जल योजनाओं से कितने ग्रामों को इस योजना के तहत जोड़ा गया है? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) जल निगम बोर्ड द्वारा प्रस्तावित योजना की लागत, लाभान्वित होने वाले ग्रामों की संख्या एवं नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रस्तावित नल-जल योजनाओं की स्वीकृति/क्रियान्वयन कब तक किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) तीन समूह जलप्रदाय योजनाएं प्रस्तावित है। (ख) 163 ग्रामों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रस्तावित योजनाओं का वर्तमान में सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। योजनाओं का सर्वेक्षण एवं रूपांकन पूर्ण होने पर लागत एवं लाभान्वित ग्रामों की जानकारी दी जा सकेगी। (घ) योजनाओं की तकनीकी व्यवहार्यता एवं वित्तीय संयोजन उपलब्ध होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
खाद्य विभाग में पदस्थ अमले के कार्य विभाजन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 2319 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य विभाग जिला कार्यालय सागर में कितने सहायक आपूर्ति अधिकारी/खाद्य निरीक्षक पदस्थ है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त पदस्थ अधिकारियों का जिला स्तर पर तहसीलवार/विकासखण्डवार/विभागीय स्तर पर क्या कार्य विभाजन किया गया है? नाम, पद सहित कार्य विभाजन की जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त कार्य विभाजन का क्या आधार/मापदण्ड रखा गया है? जानकारी देवें। (घ) क्या उपरोक्त कार्य विभाजन से खाद्य वितरण प्रणाली का सुचारू रूप से संचालन करना विभागीय अधिकारियों को संभव है? यदि नहीं, है तो विभाग नीतिगत एवं न्याय संगत निर्णय लेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पदस्थ अधिकारियों का कार्य विभाजन जिला अंतर्गत विकासखण्डवार विभागीय स्तर पर किया गया है, उक्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कार्य विभाजन प्रशासकीय आधार पर किया गया है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंप स्थापना एवं नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 2330 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में कितने हैंडपंप स्थापित हैं, कितने चालू एवं कितने बंद एवं कितने स्थाई बंद है? कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? योजनवार बतावें कि कितनी चालू कितनी बंद हैं? कितनी योजनाएं निर्माणाधीन है? बंद का कारण सहित बतावें। (ख) क्या स्थाई बंद हैण्डपंप के स्थान पर नवीन हैण्डपंप खनन किया जावेगा तथा निर्माणाधीन योजनाएं कब तक पूर्ण की जाकर जलप्रदाय चालू कर दिया जावेगा? (ग) ग्राम-पथरौटा, शिवपुर एवं तवानगर की नल-जल योजनाओं की क्या स्थिति है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 3695 हैण्डपंप, 3557 चालू, 138 बंद हैं, जिनमें 23 हैण्डपंप स्थाई बंद हैं। 53 नल-जल योजनाएं। 49 नल-जल योजनाएं चालू एवं 04 नल-जल योजनाएं बंद हैं। 16 नल-जल योजनाएं निर्माणाधीन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) निर्धारित मापदण्ड अनुसार आवश्यकता होने पर नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप लगाये जाने का प्रावधान है। निर्माणाधीन योजनाओं का कार्य प्रगति पर है, योजना पूर्ण होने के उपरांत जलप्रदाय चालू कर दिया जावेगा। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नल-जल योजनाओं के सम्बंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
74. ( क्र. 2362 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र कुरवाई अंतर्गत ग्राम-घटवार में नल-जल योजना कार्य किस वर्ष किया गया तथा इसमें कितना खर्च आया? (ख) योजना चालू करने में कितना समय और लगेगा और कितना खर्च और आएगा? योजना शुरू हो पाएगी अथवा नहीं? (ग) जब 15 वर्ष पूर्व से योजना स्वीकृत है तो अभी तक शुरू क्यों नहीं हो पा रही है तथा इस बाबत् संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई? अगर की गई है तो क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं ऐसी हैं जो वर्ष 2003 से स्वीकृत हैं लेकिन अभी तक चालू नहीं हुई है? (ड.) अगर नहीं हुई हैं तो क्यों उपरोक्त विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रत्येक ग्राम में नल-जल योजनाओं में अभी तक कितना खर्च कर चुके हैं, कितना और होना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2014-15 में। रूपये 24.97 लाख। (ख) लगभग 01 माह। रूपये 4.49 लाख का खर्च और आयेगा। जी हाँ। (ग) जी नहीं, योजना का कार्य वर्ष 2014-15 में पूर्ण कर लिया गया है। योजना अंतर्गत बिछाई गई पाईप लाइन, सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण के कारण क्षतिग्रस्त हो जाने से जलप्रदाय बाधित हुआ है। योजना से सुचारू पेयजल व्यवस्था हेतु प्राक्कलन लागत रूपये 11.56 लाख की स्वीकृति प्राप्त की जाकर कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कोई भी नहीं। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पेयजल हेतु सामुदायिक पेयजल योजनाओं की स्वीकृति प्रदाय करने बावत्
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
75. ( क्र. 2372 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत गाँवों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु अपरवेरा डेम एवं नर्मदा नहीं , नहर से कोई योजना प्रस्तावित की जा सकती है जिससे सभी ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में विभाग द्वारा विगत समय में कुछ चिन्हांकन या सर्वे कर योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसमें कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित किये जायेंगे तथा उक्त योजना की स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी? (ख) यदि उपरोक्त वर्णित योजना का वर्तमान तक कोई सर्वे नहीं है, तो क्या भविष्य में पेयजल हेतु इस प्रकार की योजना तैयार की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक इसको स्वीकृति हेतु योजना तैयार कर प्रस्तुत जावेगी तथा शासन द्वारा कब तक स्वीकृति हेतु लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, 173 ग्रामों को समूह योजना में सम्मिलित किया गया है। जी हाँ। योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना हेतु वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर स्वीकृति हेतु अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजना हेतु वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अनुसूचित जनजाति एवं समस्त पात्र परिवारों को खादान पर्ची उपलब्ध कराने बावत्
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 2373 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पात्र पारिवार खाद्यान पर्ची से वंचित हैं? (ख) वंचित रहने का क्या कारण है? इसके लिए कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है तथा इन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) शत-प्रतिशत पात्र परिवारों को खाद्यान पर्ची उपलब्ध हो सके इसके लिए विभाग की क्या योजना है तथा कब तक सभी परिवारों के पास खाद्यान पर्ची उपलब्ध होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भीकनगाँव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत कुल 72,443 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है जिसमें अनुसूचित जनजाति श्रेणी के परिवार भी सम्मिलित हैं। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
भोपाल के संत हिरदाराम नगर से जुडी मर्जर समस्या
[राजस्व]
77. ( क्र. 2420 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के संत हिरदाराम नगर से जुड़ी मर्जर समस्या का निराकरण कर लिया गया है अथवा नही? (ख) यदि समस्या का निराकरण किया जा चुका है तो बताएं कि शासन के किस आदेश के माध्यम से विभाग द्वारा नागरिकों से किन दस्तावेजों के आधार पर मालिकाना हक सौपें जाने की प्रक्रिया की जा रही है? (ग) मर्जर समाप्त होने के पश्चात कितने नागरिकों को लाभान्वित किया गया है? दिनांक सहित सूची उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) राजस्व विभाग के ज्ञाप क्र.6-16/2018/सात/नजूल भोपाल दिनांक 03.04.2018 अनुसार विधिक दस्तावेजों तथा रजिस्ट्री/रजिस्टर्ड दान-पत्र आदि के आधार पर कार्यवाही की जा रही है। (ग) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शोरूम संचालक द्वारा उपभोक्ता को दो हेलमेट देने संबंधी आदेश विषयक
[परिवहन]
78. ( क्र. 2425 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नये दो पहिया वाहन खरीदने पर प्रदेश के सभी शो रूम संचालकों को दो हेलमेट साथ देने के आदेश जारी किए हैं परन्तु उस आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन हेलमेट की राशि का वहन उपभोक्ता को करना होगा अथवा शो रूम संचालक को? (ख) क्या विभाग द्वारा हेलमेट प्रदाय के लिए भुगतान की राशि का अनुदान शो रूम मालिकों को दिया जा रहा है? (ग) यदि यह राशि उपभोक्ता को देनी है तो वह अधिकतम कितनी होगी? (घ) यदि विभाग द्वारा हेलमेट के लिए अनुदान दिया जा रहा है तो वह कितना एवं किस मद में दिया जा रहा है? (ड.) क्या उक्त आदेश में उपभोक्ता संरक्षण नियमों का पालन किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) केन्द्रीय मोटरयान नियम 138 के उपनियम 4 (च) में प्रावधानित है कि ”दुपहिया की खरीद के समय दुपहिया निर्माता, बी.आई.एम. द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986 (1986 का 63) के अधीन विहित निर्देश अनुरूप हैडगियर (हेलमेट) प्रदान करेगा। परन्तुक में शर्तें धारा 129 और संबद्ध राज्य सरकार द्वारा उसके अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार छूट प्राप्त प्रवर्ग के व्यक्तियों को लागू नहीं होगी। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 129 में प्रावधानित है कि ‘‘सुरक्षा टोप (हेलमेट) पहनना-किसी वर्ग या वर्णन की मोटरसाईकिल को (साईट कार में अन्यत्र) चलाने वाला या उस पर सवारी करने वाला प्रत्येक व्यक्ति जब किसी सार्वजनिक स्थान पर हो ऐसे वर्णन का सुरक्षात्मक टोप (हेलमेट) पहनेगा जो भारतीय मानक ब्यूरो के मानको की पुष्टि में हो। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) हेलमेट की राशि का वहन उपभोक्ता को करना होगा। (घ) प्रश्नांश 'ख' अनुसार। (ड.) माननीय न्यायालय द्वारा एम.सी.सी. नम्बर 2814/06 डॉ. ए.के. बाजपेयी विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य में दिए गए निर्देशानुसार तथा मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 129 के प्रावधानानुसार भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के समरुप सुरक्षात्मक टोप (हेलमेट) पहनना अनिवार्य किया गया है। माननीय न्यायालय/मोटरयान अधिनियम 1988 के अनुसार सभी नियमों का पालन किया जा रहा है।
नामांतरण बटवारा एवं सीमांकन की जानकारी
[राजस्व]
79. ( क्र. 2449 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2017 से मध्यप्रदेश में विक्रय के आधार पर भूमि नामांतरण/फौती नामांतरण/भूमि अविवादित बटवारा/भूमि सीमांकन/भूमि फर्द बटान एवं आर.सी.एम.एम पोर्टल पर कितने प्रकरण दर्ज हैं? प्रकरण क्रमांक एवं कृषक का नाम सहित जिलेवार तहसीलवार मण्डलशः जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश में भूमि नामांतरण, फौती नामांतरण, भूमि अविवादित बटवारा, भूमि सीमांकन, भूमि फर्द बटान के कितने प्रकरण लंबित हैं? कारण बतावें। जिलेवार तहसीलवार मण्डलशः जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में यदि समय-सीमा में प्रकरण का निराकरण नहीं हुआ तो इसके लिए दोषी कौन है एवं क्या कार्यवाही की गई है तथा सिरोंज-लटेरी तहसीलों में समय-सीमा में प्रकरणों पर अमल क्यों नहीं हो रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के संदर्भ में अनुविभागीय अधिकारी लटेरी के प्रकरण क्र. 2/अ-6-अ/17-18 में पारित आदेश दिनांक 28.05.2018 एवं तहसीलदार लटेरी प्रकरण क्र. 155/अ-6/2018-19 आदेश दिनांक 18.04.2019 का राजस्व रिकॉर्ड में अमल कब किया गया? अमल न होने के कारण एवं दोषी कौन हैं? जानकारी देवें। (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रामकली बाई पत्नी हरिचरण आदि निवासी दौरला तहसील लटेरी द्वारा सीमांकन के लिए कलेक्टर जिला विदिशा को आवेदन दिनांक 11.06.2019 पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 01 अप्रैल 2017 से म.प्र. में आर.सी.एम.एस पोर्टलों पर दर्ज प्रकरणों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रकरण क्रमांक एवं कृषक का नाम सहित जिलेवार, तहसीलवार मण्डल सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. में लंबित भूमि नामांतरण, फौती नामांतरण भूमि अविवादित बटवारा, भूमि सीमांकन, भूमि फर्द बटान के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रकरणों का लंबित रहने का कारण प्रकरणों का विवादित होना, न्यायालयीन प्रक्रियाओं का पालन, निर्वाचन कार्य एवं कानून व्यवस्था के कार्यों में व्यस्तता, प्राकृतिक आपदा राहत राशि वितरण है। जिलेवार, तहसीलवार मण्डलवार: जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्रकरणों का निराकरण सामान्यत: समय-सीमा में किया जा रहा है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कारणों से समय-सीमा में निराकरण न होने वाले प्रकरणों में कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। सिरोंज, लटेरी तहसीलों में माह नवम्बर 2018 से मई 2019 तक विधानसभा/लोकसभा निर्वाचन कार्य के चलते प्रकरणों के अमल में अधिक समय लगा। समय-सीमा में अमल कराया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी लटेरी के कार्यालय में प्रकरण क्रमांक 2/अ-6-अ/2017-18 पारित आदेश दिनांक 28.05.2018 अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में दर्ज नहीं है तहसीलदार लटेरी का प्रकरण क्रमांक 155/अ-6/2018-19 आदेश दिनांक 18.04.2019 का राजस्व रिकॉर्ड में अमल करने में तकनीकी समस्या के कारण अधिक समय लग रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रामकली बाई पत्नी हरिचरण आदि निवासी दोरला तहसील लटेरी द्वारा दिनांक 11.06.2019 को कलेक्टर विदिशा को बटांकन एवं सीमांकन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। ग्राम दोरला के नक्शे में संबंधित सर्वे नंबरों के बटान कायम नहीं है, बटान होने के बाद सीमांकन किया जावेगा। बटांकन हेतु न्यायालय नायब तहसीलदार मण्डल 1 के प्रकरण क्रमांक 04/अ-3/2019-20 गतिशील है जिसमें विधिवत सुनवाई प्रचलित है।
आदिवासियों के लिये शासकीय भूमि आंवटन
[राजस्व]
80. ( क्र. 2452 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के हुजूर तहसील अंतर्गत ग्राम धोपखरा की शासकीय भूमि क्र-689 एवं ग्राम टीकर की अराजी नम्बर- 2213 को धोपखरा ग्राम के आदिवासियों के लिये आबादी ग्राम घोषित किये जाने हेतु कलेक्टर रीवा के न्यायालय में प्रकरण संस्थित किया था उसके बंटन की कार्यवाही की गई अथवा नहीं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्र-८१, दिनांक-२४-०६-२०१६, पत्र क्र-४४९ दि.०३-०९-२०१९ पत्र क्र-७६ दि.०५-०५-२००६ ,प,क्र-११ दिनांक-०५-०४-२००६ एवं कलेक्टर रीवा का पत्र क्र-७२१ रा-मो/६, दि.२८-०६-२००६ एवं कमिश्नर रीवा का पत्र क्र-राजस्व-४२१७/४७०५, दि.१३-०९-२०१७ एवं क्र-१ शिकायत/एफ/२०१८/१२८४/२७३१८ व पत्र क्र-१/शिकायत २०१८/२१९४, दि-२३-०५-२०१८ के पश्चात भी बंटन की कार्यवाही नहीं की गई? (ग) क्या बंटन की कार्यवाही को बाधित करने व शासकीय भूमि को भू-माफियाओं के नाम अन्य न्यायालयों से कराये जाने की प्रत्याशा में मामले के मूल प्रकरण को दबाने के लिये तहसील हुजूर में विगत 15 वर्षों से पदस्थ लिपिक बैजनाथ चतुर्वेदी दोषी हैं? यदि हाँ, तो उस दोषी लिपिक के विरूध कोई कार्यवाही की जायेगी? की जावेगी तो कब तक? (घ) क्या उक्त लिपिक को पेशकार पद से हटाये जाने हेतु बाबूलाल कोल ग्राम धोपखरा की शिकायत पर कमिश्नर रीवा ने पत्र क्र-१२८४ दि-२७-०३-२०१८ को कलेक्टर को पत्र लिखा था? उसमें क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पत्र में उल्लेखित शिकायतों का निराकरण किया गया है। शिकायती आवेदन पर बंटन की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश में वर्णित पत्र कलेक्टर रीवा को नहीं वल्कि अनुविभागीय अधिकारी हुजूर को लिखा गया था। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हुजूर के द्वारा लिपिक के विरूध की गई शिकायती जाँच में दोषी नहीं पाया गया।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 2455 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वानी में विगत 05 वर्षों में कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं? कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक, दिनांक, कार्य की लागत, एजेंसी का नाम, कार्य प्रारम्भ होने का दिनांक, व्यय राशि, कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी देवेंl (ख) स्वीकृत नल-जल योजना में से कितनी योजनाएं पूर्ण हो चुकी है? पूर्ण हो चुकी योजनाओं के पूर्णता प्रमाण पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें l (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत धमारिया एवं सेमली में स्वीकृत नल-जल योजना में कार्य की गुणवत्ता का ध्यान विभाग के द्वारा नहीं रखा जा रहा हे? ग्रामीणों के द्वारा उक्त संबंध में पंचनामा बनाकर शिकायत की गई है किन्तु विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है? क्या दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 17 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 7 योजनाएं भौतिक रूप से पूर्ण, अनुबंध की शर्तों के अनुसार 1 योजना पूर्ण जिसका पूर्णता प्रमाण पत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, शेष 6 योजनाओं के परीक्षण कार्य प्रगति पर हैं, परीक्षण उपरांत तकनीकी रूप से उपयुक्त पाये जाने पर पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। (ग) गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है। जी हाँ किन्तु अनुबंध अनुसार दोनों योजनाओं के कार्य अभी प्रगतिरत हैं अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य प्रगतिरत है, कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदर्श आंगनवाड़ियों के सम्बन्ध में
[महिला एवं बाल विकास]
82. ( क्र. 2456 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आँगनवाड़ी बनाए जाने के कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र बड़वानी में विगत 03 वर्षों में कितनी आंगनवाड़ियों को आदर्श आंगनवाड़ी बनाया गया? सूची उपलब्ध करावें l (ख) आदर्श आंगनवाड़ी बनाए जाने में कितनी राशि विभाग के द्वारा सम्बंधित आंगनवाड़ी को प्रदाय की गई? बड़वानी विधानसभा में समस्त आदर्श आंगनवाड़ी को विगत प्रदाय की गई राशि व व्यय का विवरण देवें? (ग) क्या उक्त राशि विभाग द्वारा महिला बाल विकास ग्राम तदर्थ समिति के खातों में जमा की गई? यदि हाँ, तो क्या संबंधितों के द्वारा शासन की मंशा अनुसार कार्य किया है? यदि नहीं, तो क्या दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। बड़वानी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में 39 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’‘अ’‘ अनुसार है। (ख) आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये जाने के लिये प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र को राशि रूपये 50,000/- का आंवटन प्रदाय किया गया है। इस प्रकार बड़वानी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 39 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु कुल राशि रूपये 19,50,000/- का आवंटन जिले को प्रदाय किया गया है। आदर्श आंगनवाड़ी बनाये जाने हेतु आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदाय आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’‘ब’‘ अनुसार है। (ग) आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये जाने हेतु राज्य स्तर से प्रदाय बजट आवंटन को जिला स्तर से ग्राम तदर्थ समिति के खातों में जमा किया गया। जी हाँ, संबंधितों के द्वारा शासन की मंशा अनुसार कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’‘स’‘ अनुसार है। शेष का प्रश्न ही नहीं है।
नापतोल विभाग में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 2464 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के नापतोल विभाग में कुल कितने तोल कांटे, पेट्रोल पम्प पेट्रोल रीडिंग मीटर किस-किस तरह के (इलेक्ट्रॉनिक, सादे) रजिस्टर्ड हैं सूची उपलब्ध करायें। (ख) मंदसौर जिले में नापतोल विभाग द्वारा 1 जनवरी 2018 के पश्चात कुल कितने पेट्रोल पम्पों,गैस की टंकी एवं विभिन्न तोल काँटों की जांच की गई? किन-किन व्यक्ति फर्म के खिलाफ प्रकरण दर्ज किये गये? इस सम्बन्ध में विभाग को उक्त अवधि में कुल कितनी शिकायत प्राप्त हुई? उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या मंदसौर नापतोल विभाग की मिली भगत से मंदसौर जिले के पेट्रोल पम्प पर चिप लगाकर उपभोक्ता को कम पेट्रोल देना, मंडी एवं अन्य संस्थाओं में इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटो में गड़बड़ी करना, गैस की टंकियों में कम गैस निकलना आदि के प्रकरण लगातार बन रहे हैं? नाप तोल विभाग के अधिकारी अनियमितता में सहयोग कर रहे हैं? तोल काँटों में सील के नाम पर भारी अनियमितता हो रही है? वर्षों से जमे अधिकारी कर्मचारी एक ही पद पर काम कर रहे हैं? ऐसी गंभीर लापरवाही के लिए जिला प्रशासन ने कब-कब नापतोल विभाग की अनियमितता की जाँच की? उक्त अवधि की जानकारी देवें। (घ) क्या प्रदेश में पिछले 1 वर्ष में 5463 प्रकरण उपरोक्त अनियमितता के दर्ज कर लगभग 12 करोड़ रु. की राशि वसूली? इनमें मंदसौर जिले के प्रकरण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पंजीयन का प्रावधान नहीं होने से पंजीयन का कार्य नहीं किया जाता है। (ख) मंदसौर जिले में नाप-तौल निरीक्षक द्वारा दिनांक 01.01.2018 के पश्चात की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। श्री ओ.एस. शक्तावत निरीक्षक नाप-तौल का स्थानांतरण मंदसौर से नीमच किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा कार्यालय की किसी भी प्रकार की जाँच नहीं की गई है। (घ) पेट्रोल पंप, गैस संस्थान एवं तौल कांटों के संबंध में प्रदेश में वर्ष 2018 में कुल 834 त्रुटिकर्ता व्यापारियों के विरूद्ध अपराध प्रकरण दर्ज किये जाकर राजीनामा राशि रू 23,55,000/- (रूपये तेईस लाख पचपन हजार मात्र) जमा कराई गई, जिसमें से मंदसौर जिले में पेट्रोलियम संस्थान के 04 एवं 17 तौल कांटों के प्रकरण दर्ज किये जाकर राजीनामा राशि रू. 11,700/- (रूपये ग्यारह हजार सात सौ मात्र) जमा कराई गई।
न्यायालयों में पेंडिंग उपभोक्ता संरक्षण के प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 2465 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 के पश्चात कितने उपभोक्ता संरक्षण के प्रकरण रजिस्टर्ड हुए एवं कितनों का निराकरण किया गया? (ख) प्रदेश में प्रति वर्ष उपभोक्ताओं के बढ़ते प्रकरण तथा सुलभ न्याय हेतु कम संसाधनों को लेकर सरकार की क्या योजना है? प्रदेश में कुल कितनी स्वयंसेवी संस्थाएं या एन.जी.ओ कार्य कर रहे हैं? इन्हें सुलभ उपभोक्ता न्याय हेतु कितनी-कितनी राशी कब-कब दी गयी? 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? इस राशि का ऑडिट सत्यापन कब-कब किया गया? (ग) क्या प्रदेश में लगातार उपभोक्ताओं में हेल्थ बीमे (स्वास्थ बीमा) एवं ऑनलाइन खरीदी के प्रकरणों की वृद्धि हो रही है? इंदौर, उज्जैन संभाग में उक्त अवधि में विभिन्न निजी कंपनियों के खिलाफ कुल कितने प्रकरण दर्ज किये गये तथा इन प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में उपभोक्ताओं को राशि प्रदान की गयी? (घ) क्या विभाग उपभोक्ता न्यायालयों में वृद्धि का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कितनी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में प्रश्नाधीन अवधि में 4546 प्रकरण दर्ज हुए एवं 3027 प्रकरण का निराकरण किया गया। इसी प्रकार प्रदेश में समस्त जिला उपभोक्ता फोरमों में प्रश्नाधीन अवधि में 26986 प्रकरण दर्ज हुए एवं 21011 प्रकरण का निराकरण किया गया। (ख) प्रदेश में उपभोक्ताओं के प्रकरणों में सुलभ न्याय के संबंध में कार्यवाही म.प्र. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं जिला फोरम द्वारा की जाती है। कार्यालय रजिस्ट्रार फर्म एवं संस्थाएं, म.प्र. द्वारा दी गई जानकारी अनुसार म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत प्रदेश में कुल 1,74,754 संस्थाएं पंजीकृत है, अपितु उक्त अधिनियम अंतर्गत एन.जी.ओ. परिभाषित नहीं है एवं संस्थाओं के कार्यों के अनुसार श्रेणीवार पृथक-पृथक रिकार्ड संधारित करने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नांश अवधि में संस्थाओं को कोई राशि प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। स्वास्थ्य बीमा और ऑनलाइन खरीदी से संबंधित प्रकरण उपभोक्ता फोरमों में दायर हो रहे है। इंदौर, उज्जैन संभाग में कार्यरत जिला उपभोक्ता फोरमों के समक्ष प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न निजी कंपनियों के खिलाफ 1119 प्रकरण दर्ज हुए है तथा 279 प्रकरणों में उपभोक्ताओं को राशि प्रदान की गई है। (घ) उपभोक्ता न्यायालयों को पूर्णकालिक तथा नवगठित जिलो में खोलने का प्रस्ताव आयोग से विचारण हेतु प्राप्त हुआ।
वृत्तिकर समाप्त करने के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
85. ( क्र. 2467 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वृत्तिकर समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वृत्तिकर कब तक समाप्त किया जावेगा? (ख) प्रदेशों में दोहरी कर व्यवस्था समाप्त करने पर क्या कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है? क्या सभी करों, शुल्कों, मंडी कर का युक्तियुक्तकरण करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ग) डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, स्टाम्प ड्यूटी, वाहनों एवं शस्त्रों की लायसेंस फीस कम करने का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो कितनी कम की जावेगी एवं कब से लागू की जावेगी? (घ) क्या प्रदेश के छोटे उद्योगपति, छोटे व्यापारियों, शिल्पकारों को पेंशन देने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कितनी पेंशन दी जावेगी? प्रत्येक वर्ग की अलग-अलग कब से पेंशन चालू की जावेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) वृत्ति कर समाप्त किये जाने के संबंध में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) पेट्रोल, डीजल, ए.टी.एफ., नेचुरल गैस एवं मानव उपभोग की मदिरा पर वेटकर एवं इनके अतिरिक्त सभी मालों एवं सेवाओं पर जी.एस.टी. लागू है। मंडी कर एवं शुल्क वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा अधिरोपित नहीं किया जाता है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 19 के तहत मण्डी फीस उद्ग्रहण की जाती है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 06 अक्टूबर, 2018 से मंडी फीस की दरें अधिसूचित कृषि उपज की कीमत के प्रत्येक 100/- रूपये पर रूपये 2/- के स्थान पर रूपये 1.50 नियत की गई है। वर्तमान में मंडी कर के युक्तियुक्तकरण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) डीजल व पेट्रोल पर वेटकर एवं रसोई गैस पर जी.एस.टी. देय है। इनकी दरें कम करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा इन पर कोई लायसेन्स फीस प्रभारित नहीं की जाती है। स्टाम्प शुल्क के युक्तियुक्तकरण हेतु संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार विभागीय अधिसूचना क्रमांक एफ-बी-04-04-2019-2-पाँच (12), (13), (14) एवं (15) जारी की गयी है। वाहनों व शस्त्रों की लायसेन्स फीस की कार्यवाही क्रमश: परिवहन व गृह विभाग अंतर्गत की जाती है। (घ) प्रश्न में उल्लेखित पेंशन देने की ऐसी कोई योजना वर्तमान में वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत प्रक्रियाधीन नहीं है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
86. ( क्र. 2483 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में प्राथमिकता परिवार की श्रेणी में विगत 02 वर्षों में किस-किस श्रेणी के कितने पात्र कितने परिवारों को पात्रता पर्ची प्रदान की गयी? कितने परिवारों को किन कारणों से पात्रता पर्ची अब तक प्राप्त नहीं हुई हैं? (ख) क्या पात्रता पर्ची जारी किए जाने का कार्य स्थानीय निकायों द्वारा करने के शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं? यदि हाँ, तो कटनी नगरपालिक निगम में पात्रता पर्ची जारी करने का कार्य किस कार्यालय द्वारा कब से किया जा रहा है? (ग) जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा मुड़वारा-विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 02 वर्षों में, कितने नवीन पात्र परिवारों की सूची जारी की गयी एवं इन परिवारों की पात्रता पर्ची कब जारी की गयी एवं इन परिवारों को पात्रतानुसार राशन सामग्री कब से मिलना प्रारम्भ हुआ तथा कितने परिवारों को किस जाँच के आधार पर अपात्र पाया गया? (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के पश्चात जिला शिकायत निवारण अधिकारी कटनी को विगत 03 वर्षों में क्या-क्या शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई और इनका क्या निराकरण किया गया? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जिले में विगत 02 वर्षों में 8707 प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्रता श्रेणी के अंतर्गत ऑनलाइन सत्यापन किया जाता है। कटनी नगर पालिका निगम की खाद्य शाखा द्वारा पात्रता श्रेणी का सत्यापन किया जाता है। (ग) जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा नवीन पात्रता परिवारों की कोई सूची जारी नहीं की जाती है। विगत 02 वर्षों में मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 3453 नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की गई, पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत इन परिवारों को राशन का वितरण पात्रता पर्ची जारी माह से प्रारंभ हुआ है। स्थानीय निकाय द्वारा 7033 परिवारों को जाँच के आधार पर अपात्र किया गया। (घ) जिला शिकायत निवारण अधिकारी को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैरोसीन का अवैध भंडारण एवं विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 2484 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय कलेक्टर-कटनी द्वारा प्रकरण क्रमांक-379/खाद्य/बी-121/17-18 पर दिनांक 29/01/2019 को कोई आदेश पारित किया गया था? यदि हाँ, तो यह प्रकरण क्या था और किन शासकीय सेवकों को क्या कार्यवाही हेतु क्या आदेश पारित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) क्या प्रकरण/मामले में जप्त/लिप्त टैंकर-लारियों एवं अन्य सामग्रियों को शासन पक्ष में अधिग्रहण करने के आदेश किए गए थे? यदि हाँ, तो किस-किस टैंकर-लारियों एवं क्या-क्या अन्य सामग्रियों को कब-कब अधिग्रहित किया गया और वर्तमान में टैंकर-लारियां और अन्य सामग्री कहाँ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत क्या प्रकरण/मामले में पायी गयी टैंकर-लारियां प्रश्न दिनांक तक शासन पक्ष में जप्त/अधिग्रहित नहीं की गयी हैं? यदि हाँ, तो 29 जनवरी 2019 को आदेश पारित होने के बाद भी आदेश का पालन न होने का कारण बताएं और आदेश का क्रियान्वन न करने के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। उक्त आदेश नीलेश उर्फ अंकू जैन निवासी पिपरौद के द्वारा अवैध रूप से भंडारित केरोसीन, डीजल, मिलावटी डीजल एवं पेट्रोल के भंडारण के कारण प्रकरण से संबंधित है। उक्त प्रकरण में जब्त सामग्रियों को राजसात किया गया था। उक्त आदेश में जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी को राजसात सामग्री को विधि अनुरूप एवं निर्देशानुसार निराकृत करने के निर्देश हैं। (ख) जी हाँ। तत्कालीन प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1606, दिनांक 30 जनवरी, 2019 द्वारा टैंक लारी क्रमांक MP20-0466, MP17-C-5298 एवं MP22-B-5252 को प्रस्तुत किये जाने हेतु नीलेश उर्फ अंकू जैन को आदेशित किया गया था। वर्तमान में टैंकर लारियां माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में पूर्व में दी गई सुपुर्दगी अनुसार नीलेश उर्फ अंकू जैन के पास हैं। जब्तशुदा 10 हजार लीटर केरोसीन जिले के थोक केरोसीन विक्रेता मेसर्स प्रकाश सर्विस स्टेशन एवं 6 हजार लीटर डीजल मेसर्स प्रकाश सर्विस पेट्रोल पम्प के पास सुपुर्दगी में दिया गया है एवं 10 हजार लीटर मिलावटी डीजल किरार ट्रेडर्स थोक केरोसीन विक्रेता की सुपुर्दगी में दिया गया है। (ग) माननीय प्रथम अपर जिला न्यायाधीश की मांग अनुसार अनावेदक नीलेश उर्फ अंकू जैन का मूल प्रकरण कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1813, दिनांक 12.02.19 से प्रकरण प्रथम अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है।
नवीन मेडिकल कॉलेज हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
88. ( क्र. 2487 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रदेश में किस-किस संस्था/व्यक्ति/सोसायटी को नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी शासकीय भूमि पर आवंटन किन-किन शर्तों के तहत किस-किस दर पर कितनी-कितनी अवधि के लिये किया गया है? कितनी-कितनी भूमि किस-किस संस्था/व्यक्ति/सोयायटी को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई है? संस्था/ व्यक्ति/सोसायटी के नाम, पता, भूमि का रकबा, दर, स्थान जिला सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनुबंधों की शर्तों का पालन न करने की स्थिति में क्या उनके भूमि आवंटन निरस्त किये गये? यदि हाँ, तो किस-किस के? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सतना में चिकित्सा महाविद्यालय निर्माण हेतु ग्राम कृपालपुर तहसील रघुराजनगर में 46.39 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश सन चिकित्सा शिक्षा विभाग को शासकीय प्रयोजन हेतु स्थाई रूप से निशुल्क आवंटित की गई है। अन्य किसी निजी संस्था/व्यक्ति/सोसायटी के नाम कोई भूमि आवंटित नहीं की है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शर्तों के उल्लंघन की कोई स्थिति नहीं बनती। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
89. ( क्र. 2488 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र की शासन की मंशानुसार शुद्ध पेयजल लोगों को उपलब्ध हो सके इसके लिये सरकार की क्या कार्ययोजना है? (ख) प्रत्येक व्यक्ति का मापदण्डानुसार कितनी पेयजल की आवश्यकता होती है? क्या मापदण्ड के मान से प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक बसाहट में वर्तमान में पेयजल उपलब्ध हो रहा है? यदि नहीं, तो इस हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है? (ग) भविष्य में प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिल सके इस हेतु विभाग क्या तैयारी कर रहा है? (घ) ग्राम पंचायतों की पेयजल योजना संचालन में असफलता के कारण क्या विभाग पेयजल योजना के संचालन में विचार कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) ग्रामीण क्षेत्र की बसाहटों में निर्धारित मापदंड 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हैंडपम्प योजनाओं से एवं 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन नल-जल योजनाओं के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है। (ख) प्रारंभिक मौलिक मापदण्ड अनुसार न्यूनतम 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन। सिवनी विधान सभा क्षेत्र में 541 बसाहटें हैं, 318 बसाहटों में न्यूनतम 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तथा शेष 223 बसाहटों में 40-54 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध है। प्रतिवर्ष निर्धारित लक्ष्य एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अंतर्गत आंशिक पूर्ण बसाहटों में हैण्डपंपों तथा नल-जल योजनाओं के माध्यम से पेयजल व्यवस्था करने की कार्ययोजना है, इसके अतिरिक्त बंडोल समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन प्रगतिरत् है, जिसके अंतर्गत सिवनी विधान सभा के 173 ग्राम लाभान्वित होंगे। (ग) हैंडपम्प तथा नल-जल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से पेयजल व्यवस्था की कार्ययोजना अनुसार कार्य कराए जाएंगे। (घ) 73वें संविधान संशोधन में निहित प्रावधानों के अनुसार ग्रामीण नल-जल योजनाओं का संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों को दिया गया है एवं हैण्डपंपों का संचालन-संधारण विभाग द्वारा किया जाता है। ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित नल-जल योजनाओं का संचालन-संधारण विभाग द्वारा किये जाने संबंधी किसी प्रस्ताव पर विभाग विचार नहीं कर रहा है।
शासन के मापदण्ड अनुरूप कॉलेज/हॉस्पिटल का संचालन
[चिकित्सा शिक्षा]
90. ( क्र. 2491 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी मेडिकल (नर्सिंग) कॉलेज एवं हॉस्पिटल प्रारंभ एवं संचालन किये जाने हेतु शासन द्वारा-द्वारा क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? नियमों की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सीहोर जिले के ग्राम जामोन्याखुर्द स्थित पाराशर नर्सिंग कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा शासन के निर्धारित सभी मापदण्डों की पूर्ति की गई तथा की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था प्रारंभ करने हेतु प्रस्तुत किये गये समस्त दस्तावेजों का विवरण तथा कॉलेज/हॉस्पिटल संचालन हेतु आवश्यक शर्तों व लायसेंस/अनुज्ञा की प्रति देवें। क्या उक्त संस्था का संचालन जिस भूमि पर किया जा रहा है, वह भूमि कॉलेज के स्वामित्व की है? (ग) उपरोक्तानुसार वर्णित संस्था का प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन सक्षम अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण में क्या-क्या कमियां/अनियमितताएं पाई गई तथा उन पर क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? उपरोक्त अवधि में संस्था के विरूद्ध कितनी शिकायतें किस स्तर पर प्राप्त हुई तथा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी शिकायतें किन कारणों से लंबित हैं तथा कब तक उनका निराकरण करा दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) निजी मेडिकल (नर्सिग) कॉलेज एवं हॉस्पिटल प्रारंभ एवं संचालन किये जाने हेतु निर्धारित मापदण्ड एवं नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। समस्त दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सक्षम अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण में कोई भी कमियां/अनियमितता नहीं पाई गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। संस्था के विरूद्ध वंदना लोहवंशी द्वारा मार्कशीट गुम होने की शिकायत प्राप्त हुई थी जिसका निराकरण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉलेज संचालन हेतु आवश्यक शर्तों का उल्लघंन
[आयुष]
91. ( क्र. 2492 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल प्रारंभ एवं संचालन किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? नियमों की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सीहोर जिले के ग्राम जामोन्याखुर्द स्थित पाराशर आयुर्वेदिक (बी.ए.एम.एस.) कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा शासन के निर्धारित सभी मापदण्डों की पूर्ति की गई तथा की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था प्रारंभ करने हेतु प्रस्तुत किये गये समस्त दस्तावेजों का विवरण तथा कॉलेज/हॉस्पिटल संचालन हेतु आवश्यक शर्तों व लायसेंस/अनुज्ञा की प्रति देवें। क्या उक्त संस्था का संचालन जिस भूमि पर किया जा रहा है, क्या वह भूमि कॉलेज के स्वामित्व की है? यदि हाँ, तो उक्त रजिस्ट्री किस आधार पर कब एवं किन नियमों के परिप्रेक्ष्य में की गई है? (ग) क्या उपरोक्तानुसार संस्था प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण में क्या-क्या कमियां/अनियमितताएं पाई गई तथा उन पर क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? उपरोक्त अवधि में संस्था के विरूद्ध कितनी शिकायतें विभाग स्तर पर प्राप्त हुई तथा प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें लंबित हैं तथा कब तक उनका निराकरण करा दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) आयुष से संबंधित बी.ए.एम.एस., बी.यू.एम.एस. एवं बी.एच.एम.एस. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। भूमि संबंधी दस्तावेज के अनुसार दर्शायी गयी भूमि कॉलेज का संचालन करने वाली संस्था पाराशर टेक्नोलॉजी एण्ड साइंस एजुकेशन सोसायटी, भोपाल के स्वामित्व की है। रजिस्ट्री संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
92. ( क्र. 2493 ) डॉ. मोहन यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में प्रदेश सरकार की क्या कार्य योजना है? (ख) प्रदेश में वर्तमान में कितने शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं तथा शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापना हेतु अर्हताएं क्या-क्या हैं? (ग) प्रदेश के उज्जैन नगर में संभागीय मुख्यालय होने एवं शासकीय जिला चिकित्सालय में चिकित्सिकों की कमी के बावजूद वर्तमान तक शासकीय मेडिकल कॉलेज कि स्थापना नहीं की गयी है, जिसके कारण छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्या उज्जैन नगर शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने कि समस्त अर्हताएं पूरी करता है अथवा नहीं? (घ) यदि हाँ, तो उज्जैन संभागीय मुख्यालय पर शासकीय मेडिकल कॉलेज खोला जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ, तो अवधि बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) वचन पत्र अनुसार चार नये मेडिकल कॉलेज जिसमें 02 एकलव्य मेडिकल कॉलेज आदिवासी बहुल्य जिले में स्थापित करने की योजना है। (ख) प्रदेश में वर्तमान संचालित शासकीय मेडिकल कॉलेज सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 100 एम.बी.बी.एस. सीट के चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु न्यूनतम 200 बिस्तरीय अस्पताल में (5 एकड़ भूमि) एवं 20 एकड़ भूमि जिला चिकित्सालय के 10 किलोमीटर की परिधि में होना आवश्यक है एवं 03 संसदीय क्षेत्रों में चिकित्सा महाविद्यालय न होने की स्थिति में। (ग) जी नहीं। एम.सी.आई. के मापदण्ड अनुसार अर्हताएं पूर्ण न किये जाने से वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नामांतरण प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
93. ( क्र. 2494 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील उज्जैन एवं तहसील धरमपुरी जिला धार में रजिस्ट्री, वसीयत एवं मृतक नामांतरण के कुल कितने प्रकरण वर्तमान में तथा कब से लंबित हैं? कारण सहित सूची उपलब्ध कराते हुए ऐसे नामांतरण कब तक कर दिये जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तहसीलों में किसी नामांतरण प्रकरण में एक बार आदेश जारी होने के बाद राजस्व रिकार्ड में अमल दरामद किये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो ऐसे राजस्व निरीक्षक, पटवारी जिन्होंने नामांतरण होने के बाद भी नामांतरण पूर्व की खसरा की नकल जारी की है, उन पर कोई कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्थति के लिए प्रश्नांश (क) में वर्णित तहसीलों में किन्हीं अधिकारी-कर्मचारियों को दोषी पाया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गयी है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले की तहसील धरमपुरी में नामांतरण के 136 प्रकरण तथा उज्जैन जिले की तहसील उज्जैन में 234 प्रकरण प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नामान्तरण प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा अविवादित प्रकरणों के मामले में 1 माह तथा विवादित प्रकरणों के मामले में 5 माह में किया जाता है। (ख) नामांतरण प्रकरण में एक बार आदेश जारी होने के बाद राजस्व रिकार्ड में अमल दरामद कराये जाने का प्रावधान है। रिकार्ड में अमल दरामद के पश्चात राजस्व निरीक्षक व पटवारी द्वारा नामांतरण पूर्व की खसरा नकल जारी करने का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
राजस्व ग्रामों का निस्तार पत्रक
[राजस्व]
94. ( क्र. 2497 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 के तहत बनाए जाने वाले निस्तार पत्रक में किस-किस गौण खनिज के लिए किस प्रारूप में कौन-कौन सी जानकारी दर्ज करने का क्या-क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है। (ख) ग्रामों में कृषि उपयोग के निर्माण, ग्राम के गरीबों द्वारा किए जाने वाले निर्माण, ग्राम के शिल्पकार, दस्तकार, ईंट एवं बरतन बनाने वालों और ग्रामीण विकास कार्यों में लगने वाले खनिज के खनन, परिवहन, रॉयल्टी से क्या-क्या छूट वर्तमान में प्रचलित है? (ग) निस्तार पत्रक में दिए गए प्रारूप में मिट्टी, मुरम, पत्थर एवं रेत की खदानों के ब्यौरे दर्ज कर ग्रामीणों एवं ग्रामीण विकास कार्यों के संबंध में दी गई छूट के अनुसार खनन एवं परिवहन की व्यवस्था प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) निस्तार पत्रक में खनिज खदानों के ब्यौरे दर्ज किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 की उपधारा (1) के अन्तर्गत निस्तार पत्रक के प्रारूप (क) के बिन्दु क्रमांक-ट (एक) में निस्तार अधिकारों के निर्वहन हेतु मुरम, कंकड़, रेत, मिट्टी, पत्थर के लिये भूमि आरक्षित रखने का प्रावधान है। (ख) 1. राज्य अनुवांशिक कुम्हार, अनुसूचित जाति के सदस्य या अनुसूचित जनजाति के सदस्य या ऐसे कुम्हारों या अनुसूचित जाति पर जनजाति के सदस्यों की सहकारी समिति, जो कि परम्परागत साधनों से कवेलू, बर्तन या ईंट का निर्माण करते हैं, के मामले में मिट्टी तथा रेत का बिना कोई रॉयल्टी दिये निःशुल्क उत्खनन किये जाने के प्रावधान हैं। 2. ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायतों द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिए संबंधित पंचायतों द्वारा स्वयं के बजट से कराये जाने वाले कार्यों के लिए शासकीय भूमि से गौण खनिज निकालने के लिए रॉयल्टी से छूट तथा इस हेतु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अंतर्गत उत्खनिपट्टा प्राप्त किये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में लागू नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार पूर्व से संहिता दी गई व्यवस्था अनुसार कार्यवाही की जाती है।
शराब की तस्करी
[वाणिज्यिक कर]
95. ( क्र. 2498 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के धार, झाबुआ, अलीराजपुर जिले के अंतर्गत गुजरात बॉर्डर पर 5 कि.मी. की रेंज में कहाँ-कहाँ कुल कितनी दुकानें हैं? उक्त दुकानें कितने रुपये में किन-किन व्यक्तियों के नाम पर नीलाम हुई हैं? (ख) उक्त जिलों की गुजरात बॉर्डर दुकानों से कुल कितना विक्रय सालाना होता है। वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक दुकानवार विक्रय की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या गुजरात बॉर्डर के वे गाँव, जहाँ शराब दुकान स्थित है, वहां 80% आबादी बी.पी.एल. है एवं विदेशी मदिरा की जगह ताड़ी, महुआ की शराब प्रचलन में है? यदि हाँ, तो फिर इतनी महंगी शराब की खपत कैसे हो रही है? (घ) धार जिले की 3 डिस्टलरियों से गुजरात बॉर्डर जाने वाले अवैध शराब से भरे ट्रक पर 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण दर्ज हुए? धार, झाबुआ, अलीराजपुर जिले के आंकड़े सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) क्या सरकार आदिवासी बाहुल्य एवं अनुसूचित क्षेत्रों में पूर्ण शराब बंदी के प्रस्ताव पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव लाने का समय बताएं। यदि नहीं, तो कारण बताएं।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) धार जिला अन्तर्गत गुजरात बॉर्डर पर 5 कि.मी. की रेंज में कोई भी शराब दुकान स्थित नहीं है। जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर अन्तर्गत गुजरात बॉर्डर पर 5 कि.मी. की रेंज में 01 देशी मदिरा दुकान एवं 04 विदेशी मदिरा दुकानें कुल 05 मदिरा दुकानें संचालित हैं। ऐसी जिलावार संचालित दुकानों के नाम, वर्ष 2019-20 हेतु निष्पादित वार्षिक मूल्य एवं जिसके पक्ष में निष्पादित हुई हैं, लायसेंसी का नाम एवं पता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में धार जिले का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर की प्रश्नांश (क) अनुरूप गुजरात बॉर्डर पर स्थित दुकानों से वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक दुकानवार मदिरा विक्रय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में धार जिले का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यह कहना सही नहीं है कि जिला झाबुआ एवं अलीराजपुर के अंतर्गत गुजरात बॉर्डर के गाँव, जहां शराब दुकान स्थित है, वहां 80 प्रतिशत आबादी बी.पी.एल. है। यह सही नहीं है कि प्रश्नाधीन गाँवों व निकटस्थ गाँवों में मात्र ताड़ी व महुआ ही प्रचलन में है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त अवधि दिनांक 01.01.2018 से दिनांक 25.06.2019 तक 01 प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, जो जिला धार का है। (ड.) जी नहीं। आदिवासी बाहुल्य एवं अनुसूचित क्षेत्रों में पूर्ण शराब बंदी का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। पूर्व से ही परम्परागत व्यवस्था अनुसार प्रदेश के आदिवासी बहुल्य क्षेत्रों में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 61-घ में छूट प्रदान की गई है, जिसमें अनुसूचित जनजातियों को देशी मदिरा के विनिर्माण एवं उनके स्वयं के घरेलू उपयोग के लिये विनिर्मित देशी मदिरा को आधिपत्य में रखने की सीमा प्रति व्यक्ति 4.5 लीटर और प्रति गृहस्थी 15 लीटर तथा विशेष परिस्थिति में सामाजिक एवं धार्मिक समारोह पर 45 लीटर की छूट है।
पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
96. ( क्र. 2504 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी द्वारा चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जारी विज्ञापन के अनुसार ड्रेसर ग्रेड-02 के रिक्त पद की पूर्ति हेतु वर्ष 2018 में आवेदन प्राप्त किए गए थे? यदि हाँ, तो ड्रेसर ग्रेड-02 के पद पर भर्ती हेतु क्या-क्या शैक्षणिक योग्यताएं तथा अन्य नियम तथा शर्तें निर्धारित की गई थीं? चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ड्रेसर ग्रेड-02 के पद हेतु निर्धारित की गई योग्यता के संबंध में जारी किए गए आदेश की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ड्रेसर ग्रेड-02 के पद पर भर्ती हेतु सामान्य तथा अनुसूचित जाति श्रेणी में किन-किन अभ्यर्थियों से कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदकों द्वारा क्या-क्या शैक्षणिक योग्यताएं धारित की गई थीं? विवरण सहित जानकारी दें। इस पद हेतु जारी की गई अंतिम चयन सूची की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ड्रेसर ग्रेड-02 के पद हेतु सामान्य तथा अनुसूचित जाति श्रेणी की चयन सूची में चयनित तथा अचयनित उम्मीदवार क्या-क्या शैक्षणिक योग्यताएं धारित करते हैं तथा संबंधितों को किन-किन संस्थानों की कितनी-कितनी अवधि के डिप्लोमा, डिग्री तथा अनुभव आदि हेतु कितने-कितने अंक दिए गए हैं? प्रमाणित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) ड्रेसर ग्रेड-02 सामान्य, अनुसूचित जाति श्रेणी के पद हेतु जारी अंतिम चयन सूची के विरूद्ध किन-किन व्यक्तियों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतों के अंतिम निराकरण की जानकारी मय सूची विवरण सहित उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। ड्रेसर ग्रेड-02 की योग्यता हेतु निर्धारित योग्यता एवं अन्य शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) ड्रेसर ग्रेड-2 के लिए प्राप्त आवेदन निम्नानुसार है :- (1) सामान्य श्रेणी के 27 (2) अनुसूचित जाति के 16, प्राप्त आवेदकों की शैक्षणिक योग्यता की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। अनारक्षित एवं अनुसूचित जाति की अंतरिम चयन सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित सामान्य तथा अनुसूचित जाति श्रेणी के चयन सूची में से चयनित तथा अचयनित उम्मीदवारों की शैक्षणिक तथा अनुभव संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। अंक संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। (घ) चयन सूची के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है।
परिवहन कार्यालय से जारी परिमिट की जानकारी
[परिवहन]
97. ( क्र. 2518 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा में वर्ष 2011-12 से 2015 तक हैवी गुड्स व्हीकल जिन वाहनों का पंजीयन निरस्त किया गया, उन वाहन मलिकों के नाम, वाहन नम्बर सहित व निरस्ती के कारणों सहित जानकारी देवें। क्या लंबी दूरी प्रदेश के बाहर चलने वाली बसों में अग्निशमन यंत्र, डबल इमरजेन्सी दरवाजे, बसों में परमिट चस्पा है? यदि नहीं, तो उक्त बस मलिकों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? उसकी जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या परिवहन कार्यालय रीवा व परिवहन चेक पोस्ट हनुमना में वर्षों से वही अधिकारी पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2011 से वर्ष 2019 तक पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों के नाम-पता की जानकारी देवें। क्या उक्त चेक पोस्टों में प्राइवेट आदमी काम पर लगाये गये हैं? उनका भुगतान किस मद से किया जाता है और ऐसे कितने कर्मचारी लगाये गये? क्या यह शासन के नियम के अनुसार है? यदि नहीं, तो ऐसा करने वाले के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या परिवहन कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों के द्वारा प्रति वर्ष चल-अचल संपति की जानकारी शासन को प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2011 से 2019 तक पदस्थ सभी कर्मचारियों की प्रमाणित प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय रीवा अंतर्गत वर्ष 2011-12 से 2015 तक जिन हैवी गुड्स व्हीकल का पंजीयन निरस्त किया गया उनसे संबंधित चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मोटरयान अधिनियम एवं इसके अधीन निर्मित नियमों के अंतर्गत प्रश्नांकित मानकों की पूर्ति होने पर ही वाहनों की फिटनेस एवं परमिट जारी किये जाते हैं। इसकी पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु समय-समय पर जाँच की जाती है तथा पूर्ति न पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अप्रैल 2018 से जून 2019 तक 2474 बसों पर कार्यवाही कर विभिन्न अनियमितताओं के विरूद्ध रूपये 84, 99, 010/- मोटरयान कर एवं समझौता शुल्क जमा कराया गया है। (ख) जी नहीं। परिवहन कार्यालय एवं परिवहन चैक पोस्ट हनुमना में वर्षों से वही अधिकारी पदस्थ नहीं है। प्रश्नांकित अवधि में पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं, अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
98. ( क्र. 2592 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारम्भ करने का क्या उद्देश्य हैं? (ख) महिला बाल विकास विभाग में कितनी योजनाएं संचालित हैं? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में जनसंख्या के अनुपात में कितने बच्चे आँगनवाड़ी जाते हैं? ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) आँगनवाड़ी में बच्चों को भोजन देने, टीकाकरण, तोल आदि कार्य करने के साथ शिक्षा देने का भी कोई प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो किस स्तर तक की शिक्षा प्रदान की जाती है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग द्वारा 0 से 6 वर्ष आयु समूह के बच्चों एवं गर्भवती तथा धात्री माताओं को स्वास्थ्य एवं पोषण सेवायें प्रदान करना तथा बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास व स्वास्थ्य व पोषण की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से आँगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किये गये है। (ख) विभाग द्वारा आई.सी.डी.एस. योजना, लालिमा योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व सहायता योजना, समुदाय आधारित गतिविधियों (मंगल दिवस) लाड़ली लक्ष्मी योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, उषा किरण, लाडो अभियान, स्वागतम लक्ष्मी योजना उदिता योजना बाल सरंक्षण योजना, किशोरी बालिका योजना आदि का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा की जनसंख्या लगभग 376808 है, जिसके अनुपात में 24534 बच्चे आँगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज हैं। ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। आँगनवाड़ी केन्द्र में 03 से 06 वर्ष के बच्चों को स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा देने का प्रावधान है।
गोचर भूमि की जानकारी
[राजस्व]
99. ( क्र. 2599 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत निस्तार पत्रक में गौवंश की चरनोई के लिये टीकमगढ़ जिले में कितनी भूमि गोचर के लिये आरक्षित रखी गई है? जिले के समस्त पटवारी हल्कों की गोचर भूमि की तहसीलवार पृथक-पृथक सूचियां रकबा सहित कृपया उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुरूप टीकमगढ़ जिले में अब तक कितनी गोचर भूमि का निजी स्वामित्व की भूमि से तल बदल किया गया है? नाम, खसरा नम्बर, रकबा सहित पटवारी हल्कावार, तहसीलवार सूची बतायें। (ग) टीकमगढ़ जिले में गौवंश की चरनोई के लिये आरक्षित गोचर भूमि पर क्या अब भी बेजा कब्जा है? यदि हाँ, तो जिले के सभी पटवारी हल्कों में बेजा कब्जाधारियों की तहसीलवार, खसरा नम्बर व रकबा सहित सूची बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुरूप तल बदल कर निजी स्वामित्व में परिवर्तित की गई गोचर भूमि को कब तक वापिस कराया जायेगा? प्रश्नांश (ग) के अनुरूप यदि टीकमगढ़ जिले में कही भी गोचर भूमि पर कब्जा है, तो अब तक गोचर भूमि मुक्त क्यों नहीं कराई गई? इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही होगी और गोचर भूमि कब तक मुक्त कराई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) गौवंश की चरनोई के लिये 15445.448 हे. भूमि आरक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ग) जी हाँ। कब्जाधारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता एवं प्रश्नांश (ग) के अनुसार जिले में कुल 6.548 हे. भूमि पर वर्ष 2019-20 में कब्जा किया गया है। भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु प्रकरण दर्ज कर व्यक्तिवार अर्थदण्डित किये जाने की कार्यवाही राजस्व न्यायालय में प्रचलित है। विधिक कार्यवाही प्रचलित होने से कोई दोषी नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चावल/धान के उपार्जन पश्चात रख-रखाव की नीति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 2605 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विषयान्तर्गत निगम द्वारा चावल/धान के उपार्जन के बाद रख-रखाव की क्या नीति है? पिछले सत्र में निजी गोदाम मालिकों एवं शासकीय गोदामों में कितना चावल/धान रखा गया था एवं उनको कितना-कितना किराया दिया गया? क्या चावल रखते समय उसका वजन, नमी की जाँच की जाती है? इसी तरह क्या उठाव के समय भी वजन व नमी की जाँच की जाती है। (ख) नमी के कारण चावल के वजन में होने वाली कमी के संबंध में सरकार की क्या नीति है? इस संबंध में क्या F.C.I. के दिनांक 7.6.2002 के सर्कुलर एवं दिनांक 12.04.2002 की एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट (जिसमें F.C.I. के चेयरमैन सदस्य) का क्या अनुपालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या सरकार निजी गोदाम मालिकों एवं किसानों के हित की अनदेखी नहीं कर रही है? (ग) क्या F.C.I. ने अपने दिनांक 12.12.2012 के सर्कुलर में कहा है कि वातावरण में 14% नमी के बाद हर 1% नमी की कमी होने पर चावल का वजन 0.7% तक कम हो सकता है? (घ) F.C.I. के उक्त सर्कुलरों (दिनांक 12.04.2002, 7.6.2002, 12.12.2012) का क्या निगम पालन कर रहा है? क्या पिछले सत्र में निजी गोदाम मालिकों पर 0.5% से कम वजन में कमी होने के बाद भी जुर्माना लगाया गया है? क्या इसके दोषी निजी गोदाम मालिकों एवं कर्मचारी हस्तांतरित नहीं होंगे एवं क्या किसानों का चावल खुले में रखने पर सरकार मजबूर नहीं होंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु जारी नीति एवं निर्देशों के अनुक्रम में धान/चावल का भण्डारण वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा किया जाता है। भण्डारण व्यवस्था हेतु निजी क्षेत्र के गोदाम संचालकों से संयुक्त भागीदारी योजना के अंतर्गत निर्धारित शर्तें/प्रावधानों के तहत ऑनलाइन प्रस्ताव प्राप्त कर उपयुक्त गोदामों के संचालकों से आवश्यकतानुसार अनुबंध निष्पादित कर तदानुसार कार्यवाही की जाती है। पिछले सत्र में निजी एवं शासकीय गोदामों में 13, 62, 345 मे. टन धान एवं 20, 19, 660 मे. टन चावल रखा गया। इस पर राशि रूपये 24, 76, 23, 651/- का भुगतान किया गया। गोदामों में चावल भण्डारण एवं उठाव के समय उसका वज़न तथा नमी की जाँच की जाती है। (ख) गोदामों में चावल भण्डारण के दौरान होने वाली कमी के निराकरण के संबंध में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम एवं राज्य एजेन्सियों के लिये समान भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों के अंतर्गत भण्डारण आधिक्य एवं कमी के अलग-अलग मापदंड निर्धारित किये गये है। भारत सरकार से राज्य के लिये जारी प्रावधानिक लागत पत्रक में ट्रांजिट एवं स्टोरेज हानि मद में मात्र 0.35 प्रतिशत हानि ही मान्य की गई है। जिसे राज्य शासन द्वारा पुनर्विचार हेतु पुन: कहा गया है। (ग) जी हाँ। (घ) भारतीय खाद्य निगम के निर्देश दिनांक 12.04.2002, दिनांक 07.06.2002 एवं दिनांक 12.12.2012 के पालन के संबंध में स्थिति प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार। विगत सत्र में निजी गोदामों मालिकों पर 0.5 प्रतिशत में वज़न से कमी होने के बाद जुर्माना नहीं लगाया गया है। जी नहीं।
गैस कनेक्शन वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 2609 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवल योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन वितरण के संबंध में कौन-कौन सी महिलायें पात्र है? पात्रता के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ख) दिनांक 30 मई, 2019 की स्थिति में सागर जिले की गढ़ाकोटा, रहली एवं सागर तहसील में उक्त योजनांतर्गत कितने परिवारों को गैस कनेक्शन दिये गये हैं? उनके नाम सहित जानकारी दें। (ग) कितने आवेदन स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित है? कब तक निराकरण होगा? लंबित आवेदनों की सूची उपलब्ध करायें तथा गैस कनेक्शन मिलने में विलंब का कारण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत महिलाओं को गैस कनेक्शन जारी करने हेतु पात्रता नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) दिनांक 30 मई, 2019 की स्थिति में सागर जिले के गढ़ाकोटा तहसील में 5358, रहली तहसील में 8521 एवं सागर तहसील में 67663 परिवारों को उक्त योजनांतर्गत गैस कनेक्शन दिए गए है। नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सागर जिले में स्वीकृति की प्रत्याशा में कोई आवेदन लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आवेदकों द्वारा ई-के.वाय.सी. फॉर्म में वांछित दस्तावेज प्रस्तुत न किये जाने के कारण दस्तावेजों के अभाव में 1403 आवेदन लंबित है। लंबित आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मध्यप्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना
[राजस्व]
102. ( क्र. 2610 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में किसान सम्मान निधि योजना लागू की जा रही है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से? (ख) क्या कृषकों के बैंक खाते एकत्रित कर सारणीकरण कार्य करा लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो किसानों के खातों में उक्त राशि कब तक जमा कराई जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01/12/2018 से प्रभावशील है। (ख) कृषकों के बैंक खाते एकत्रित करने का कार्य प्रगतिरत है। (ग) जानकारी PMKISAN पोर्टल पर प्रेषित की जा रही है, जिसमें भुगतान की कार्यवाही पोर्टल के माध्यम से सतत् जारी है।
उपभोक्ता भंडारों द्वारा कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
103. ( क्र. 2616 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कमलेश कुचबंदिया, निवासी इटारसी की ओर से तीन उपभोक्ता भंडारों द्वारा आम जनता को मिलने वाला राशन को बिना फिंगर प्रिंट लिये बाजार में विक्रय कर कालाबाजारी करने के संबंध में दिनांक 22.02.2017 को कलेक्टर कार्यालय होशंगाबाद में शिकायत की गयी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित इन्हीं तीन भंडारों को लोकसभा चुनाव 2019 की आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा ऑफलाइन आवंटन किये जाने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी को दिनांक 13.5.2019 को शिकायत की गयी थी? (ग) उक्त दोनों शिकायतों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही हुई? क्या यह शिकायतें जाँच में सही पायी गयी? (घ) क्या आदर्श आचार संहिता में ऑफलाइन आवंटन नियमानुकूल था? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो इस संबंध में उत्तरदायी कौन है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) में शिकायतों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। यह शिकायत दिनांक 21/02/2017 को रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं होशंगाबाद को की गई थी। (ख) जी हाँ। यह शिकायत दिनांक 10/05/2019 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इटारसी को की गई थी। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत की जाँच सहकारी निरीक्षक होशंगाबाद श्री सुनील कुमार गुप्ता से कराई गई। जाँच में शिकायत आधारहीन, तथ्यहीन एवं मनगढंत पाई गई। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायत की जाँच कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी इटारसी से कराई गई। जाँच में शिकायत असत्य पाई गई। जी नहीं। (घ) आदर्श आचार संहिता के दौरान ऑफलाइन आवंटन नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित शिकायतें असत्य एवं निराधार पाई जाने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही
[राजस्व]
104. ( क्र. 2644 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के अनूपपुर तहसील अंतर्गत अनूपपुर पटवारी हल्का के खसरा नं. 1082/1 रकबा 0.081 हे. के अंश भाग जो म.प्र. शासन की भूमि थी, पर अतिक्रमण किया था, जिस पर तहसील न्यायालय के निर्णय के पालन में दोषी जनों को अर्थदण्ड से दण्डित करते हुए अतिक्रमण मुक्त कराया गया है? यदि हाँ, तो 15 जून 2019 की स्थिति में भौतिक सत्यापन कर अतिक्रमण भूमि के मुक्त होने की जानकारी देते हुए नजरी, नक्शा, खसरा की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिक्रमणकारी का नाम, पति का नाम, शासकीय सेवक का पद, पदस्थापना स्थान की स्पष्ट जानकारी देते हुए बताएं कि शासकीय सेवक द्वारा अतिक्रमण करने पर म.प्र. सेवा आचरण संहिता के तहत कार्यवाही का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विभाग प्रमुख कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या अतिक्रमण हटाने के बाद पुन: दोनों अतिक्रमणकारियों ने बहुमूल्य शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है? यदि हाँ, तो विधि अनुसार सिविल जेल की कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। 15 जून 2019 की स्थिति में मौके से भौतिक सत्यापन के आधार पर अतिक्रमण मुक्त है, जिसका नजरी-नक्शा, नक्शा एवं खसरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 1. श्रीमती बेला पति रमेश सिंह, अध्यापिका, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अनूपपुर पति श्री रमेश सिंह, पटवारी, राजस्व विभाग। 2. श्रीमती विन्दा पति शिवरामसिंह, गृहिणी, पति शिवराम सिंह, प्रधान आरक्षक, पुलिस विभाग। कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग) अनूपपुर (म.प्र.) के आदेश क्र./5329/शि.स्था.3/ज.का.वि./2017 अनूपपुर, दिनांक 19.12.17 द्वारा श्रीमती बेलावती सिंह, अध्यापक शा.उ.मा.वि. खॉडा की दो वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकी गयी हैं। कार्यालय पुलिस अधीक्षक, जिला अनूपपुर (म.प्र.) के आदेश क्र0 पु.अ./अनू./निस/सजा/625/2017 दिनांक 16.06.2017 द्वारा प्र.आर. शिवराम सिंह मार्को के सेवा-पुस्तिका में ''निंदा'' के दण्ड से दण्डित किया गया है। (ग) मौके से पुन: दोनों अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
अवैध स्वत्व की भूमि में शराब की दुकान का संचालन
[राजस्व]
105. ( क्र. 2645 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी नगर स्थित व संचालित अंग्रेजी शराब दुकान व अहाता के भूमि का खसरा नं., रकबा तथा भूमि स्वामी के नाम की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या वर्ष 1958-59 के राजस्व अभिलेख में प्रश्नांश (क) भूमि किस भूमि स्वामी के नाम दर्ज है तथा वह किस वर्ग का है? (ग) क्या अंग्रेजी शराब दुकान शासन के नियंत्रण में होता है? यदि हाँ, तो अवैध स्वत्व के भूमि व भवन में संचालन कराया जाना उचित है? (घ) क्या अंग्रेजी शराब दुकान के भूमि व भवन स्वामी ने संबंधित ठेकेदार से किराया इकरारनामा किया है? यदि हाँ, तो प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुए कलेक्टर का अवैध स्वत्व पर अभिमत सहित प्रतिवेदन से अवगत कराएं। (ड.) क्या अवैध भवन व भूमि से अंग्रेजी शराब दुकान हटाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्तमान अभिलेख में खसरा नं. 337/1/ख रकबा 0.030 हे. भूमि स्वामी विष्णु कुमार पिता धनराज जैन सा. देह के नाम पर दर्ज है। (ख) वर्ष 1958-59 के राजस्व अभिलेख में बैठोल तनय टेडकू बैगा सा. देह के नाम पर है, जो अनुसूचित जनजाति वर्ग का है। (ग) जी हाँ। शासन के आबकारी विभाग का नियंत्रण होता है। उक्त भूमि को अवैध स्वत्व की भूमि कहा जाना उचित नहीं है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ड.) अवैध श्रेणी में न होने से शेष प्रश्न लागू नहीं होता।
नल-जल एवं पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
106. ( क्र. 2652 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अन्तर्गत कितने हैण्डपम्प, नल-जल योजना, मुख्यमंत्री पेयजल योजना एवं सौर ऊर्जा द्वारा संचालित पेयजल योजनायें वर्ष 2015 से लेकर आज दिनांक तक स्वीकृति प्रदान की गई है? जानकारी वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं योजनावार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या स्वीकृत हैण्डपम्प, नल-जल योजना, मुख्यमंत्री पेयजल योजना सौर ऊर्जा से संचालित योजनाओं के कार्यों को पूर्ण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनायें पूर्ण हैं एवं कौन-कौन सी अपूर्ण हैं? कितनी राशि स्वीकृत की गई थी एवं कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष है? अधूरी योजनाओं को कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित नल-जल योजनओं से पेयजल किन ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराया जा रहा है तथा कितनी नल-जल योजनायें बंद हैं? बंद नल-जल योजनाओं को कब तक शुरू किया जायेगा? प्रश्नांश (क) अवधि में कितने हैण्डपम्प की स्वीकृति मिली है व कितने हैण्डपम्पों उत्खनन किया गया है? शेष हैण्डपम्प जिनका उत्खनन नहीं किया गया है, उनका कब तक उत्खनन किया जायेगा? कितने हैण्डपम्पों का प्लेटफॉर्म नहीं बनाया गया है? प्लेटफॉर्म कब तक बना दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) हैण्डपम्प योजनाओं के लिये विकासखण्डवार राशि स्वीकृत नहीं की जाती है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। बंद नल-जल योजनाओं को चालू कराने के लिये रू. 20.00 लाख तक के संधारण कार्य की स्वीकृति के अधिकार जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को दिये गये हैं, सुधार कार्य कर योजनाओं को चालू करने की निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
107. ( क्र. 2654 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी (भगवार) में गोपद नदी से पेयजल योजना की स्वीकृति कब और कितनी राशि की, की गई थी? स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष है? योजना कब तक में पूर्ण होगी? नल-जल योजना की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कुसमी (भगवार) नल-जल योजना आज दिनांक तक पूर्ण नहीं की गयी है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं संविदाकार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अपूर्ण नल-जल योजना को कब तक पूर्ण कराकर शुद्ध पेयजल नागरिकों को उपलब्ध कराया जायेगा? (घ) क्या उक्त नल-जल योजना के संबंध में क्षेत्रीय विधायक के द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करायें। जिला योजना समिति की बैठकों में नल-जल योजना को पूर्ण कराये जाने के लिये प्रस्ताव के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? दिनांक 12.06.2019 को जिला योजना समिति की बैठक में माननीय प्रभारी मंत्री जिला सीधी की ओर से नल-जल योजना के संबंध में विस्तृत जाँच रिपोर्ट एक सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करने हेतु कलेक्टर सीधी को निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो कृत कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2008 में रू. 181.00 लाख की कुसमी आवर्धन योजना स्वीकृत की गई थी। योजना अंतर्गत रू. 53.00 लाख की राशि व्यय की गई है तथा योजना में रूपये 128.00 लाख शेष है। संजय टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के अंतर्गत उक्त योजना की राइजिंग मैन बिछाई जाना है, जिसकी अनुमति वन विभाग से प्राप्त नहीं होने से योजना के कार्य वर्तमान में बंद हैं। वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने एवं उक्त योजना की पुनरीक्षित योजना लागत रूपये 482.00 लाख की स्वीकृति उपरांत योजना पूर्ण की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। अनुमति प्राप्त करने हेतु वन विभाग के अमले के साथ विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण कर लिया गया है। अनुमति जारी करने के लिए वन विभाग से निरंतर अनुरोध किया जा रहा है। जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 12.06.2019 में नल-जल योजना की विस्तृत जाँच के निर्देश नहीं दिये गये थे, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
108. ( क्र. 2660 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में पिछले तीन वित्तीय वर्ष में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने हेतु राज्य आयोजन तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी खर्च की गई? (ख) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में भू-जल स्तर की क्या स्थिति है? क्या यह अतिदोहित श्रेणी में शामिल है? यदि हाँ, तो उपरोक्त अवधि में भू-जल संवर्धन एवं पुनर्भरण हेतु क्या-क्या कार्य किये गये तथा कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? क्या राज्य शासन द्वारा पूर्व में भू-जल संवर्धन योजना के सही क्रियान्वयन न करने के कारण राशि देने से इंकार कर दिया? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेवार है? (ग) विभाग द्वारा विगत तीन वर्ष में उक्त विधान सभा क्षेत्र में खोदे गये तथा सफल नलकूप की गाँव अनुसार संख्या बतावें। क्षेत्र की कितनी बसाहट में पेयजल हैंडपम्प योजना तथा नल-जल योजना से वितिरत किया जा रहा है? गुणवत्ता प्रभावित बसाहटें कितनी थीं, उनमें से कितनों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो गई? (घ) क्या विगत तीन वर्ष में पुष्पराजगढ़ विधान सभा में नलकूप खनन, नल-जल योजनाओं में काफी विलंब हुआ? यदि हाँ, तो खोदे गये नलकूप का भौतिक परीक्षण करने पर क्या पाया गया तथा नल-जल योजनाओं में विलंब किन कारणों से हुआ?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) राशि विधान सभा क्षेत्रवार नहीं, जिलेवार दी जाती है। अनूपपुर जिले को विगत तीन वर्षों में राज्य आयोजना में कुल रू. 2638.84 लाख प्राप्त हुये एवं कुल रू. 2265.61 लाख का व्यय हुआ। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत कुल रू. 1589.77 लाख प्राप्त हुये एवं रू. 1502.26 लाख का व्यय हुआ। (ख) औसत भू-जल स्तर 39.00 मीटर है। जी नहीं। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) 168 नलकूप। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 1197 बसाहटों में हैण्डपम्प के माध्यम से तथा 98 बसाहटों में नल-जल योजना के माध्यम से। कोई भी गुणवत्ता प्रभावित बसाहटें नहीं हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रथम 2 वर्षों में विलंब नहीं हुआ है, किन्तु वर्ष 2018-19 में विधान सभा एवं लोकसभा निर्वाचन के कारण विलंब हुआ। भौतिक सत्यापन में 152 नलकूप सफल एवं 16 नलकूप असफल पाये गये।
संचालित उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 2661 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत वर्तमान में कितनी राशन की दुकानें संचालित हो रही हैं? दुकान का नाम, पता एवं संचालक का नाम बतावें। यह भी बतावें कि संचालित दुकानों में से किस दुकान में कितने कार्डधारी राशन प्राप्त कर रहे हैं? किस दुकान को माह में कितना राशन प्रदाय किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2016-17 से 20-18-19 तक कितनी दुकानों की जाँच सक्षम अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? जाँच में कितनी राशन की दुकानों में कौन-कौन सी अनियमिततायें पाई गईं? जाँच अधिकारी एवं राशन दुकान का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। जाँच उपरांत अनियमितता पाई गई तो दुकानों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में पाई गई अनियमितताओं के विरूद्ध सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न करने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में 145 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उक्त प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) उचित मूल्य दुकान जाँचकर्ता अधिकारी प्रकरण निर्मित कर सक्षम अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी को प्रस्तुत किया गया। प्रकरणों में अर्धन्यायिक प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनूपपुर जिलांतर्गत संचालित नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
110. ( क्र. 2664 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वर्ष जनवरी 2015-16 से 2017-18 तक कितनी नल-जल योजनायें स्वीकृत हैं? कितनी संचालित हैं? कितनी योजनायें पूर्ण रूप से और कितनी आंशिक रूप से बंद हैं और इसके क्या कारण हैं? योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। इन बंद पड़ी योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ख) अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बसाहट में पीने के पानी के लिये कितने हैंडपम्प हैं? कितने हैंडपम्पों में पानी का स्तर कम होने से स्थाई तौर पर बंद हैं? कितने गाँव/बसाहट हैंडपम्प विहीन हैं? उनके नाम भी बतायें वहां पेयजल की विभाग ने क्या-क्या व्यवस्थायें की हैं? कब तक इन बंद पड़े हैंडपम्पों को चालू कर दिया जायेगा? (ग) विभाग द्वारा पूर्ण की गई कितनी नल-जल योजनायें ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई हैं? ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित कितनी योजनायें पूर्ण और आंशिक रूप से बंद हैं? उपरोक्त क्षेत्र एवं अवधि में सिविल और मैकेनिकल डिवीजन में कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 8 योजनाएं। प्रश्नांकित अवधि की सभी योजनाएं पूर्ण होकर चालू हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) 2978 हैंडपम्प स्थापित हैं। जल स्तर नीचे जाने से कोई भी हैंडपम्प स्थाई रूप से बंद नहीं है। हैंडपम्प विहीन कोई भी बसाहट नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) 177 योजनाएं। 8 योजनाएं सोलर प्लेट खराब/चोरी होने से बंद हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
संचालित, प्रगतिरत एवं बंद नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 2665 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अंतर्गत वर्तमान में कितनी नल-जल योजनायें एवं मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनायें संचालित अथवा चिन्हित की गई हैं? कितनी योजनायें प्रगतिरत हैं? अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में यह योजना संचालित अथवा चिन्हित की गई हैं? ग्राम पंचायत एवं ग्रामवार सूची प्रदान करें। स्वीकृत योजनाओं का चयन किन आधारों पर किया गया? क्या शासन से कोई दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृति की गई योजनायें कितनी-कितनी राशि की हैं? क्या उक्त योजनाओं को वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर लिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) अनूपपुर विधान सभा के अंतर्गत कितनी नल-जल योजनायें/मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनायें प्रगतिरत हैं? उक्त योजना से ग्रामीणों को कब तक जल प्रदाय कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कितनी नल-जल योजनायें किन-किन कारणों से बंद हैं? उक्त योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 177 नल-जल योजनाएं एवं 14 मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाएं संचालित, 13 योजनाएं चिन्हित हैं। 02 योजनाएं प्रगतिरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। दिनांक 31.03.2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) कोई नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कम्प्यूटर द्वारा नामांतरण में त्रुटि
[राजस्व]
112. ( क्र. 2679 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ध्यानाकर्षण सूचना दिनांक 28.02.2019 के तारतम्य में तहसीलदार गुढ़ द्वारा पत्र क्रं. 55 दिनांक 19.02.2019 के माध्यम से नायब तहसीलदार गुढ़ को पत्र लिख कर जानकारी चाही गई थी, जिस पर कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा बताया गया कि नायब तहसीलदार की आई.डी. से सुधार किया जा सकता है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तारतम्य में तत्कालीन कलेक्टर रीवा द्वारा श्री रामस्वरूप द्विवेदी को भू-अधिकार पत्र ऋण-पुस्तिका दिये जाने एवं मूल खसरे में सुधार किये जाने व कम्प्यूटर में फीडिंग कराने की जानकारी पत्र क्र. 619, दिनांक 14.06.2018 द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त मध्यप्रदेश भोपाल को दी गई थी? इसी तरह तहसीलदार गुढ़ द्वारा अपने पत्र क्र. 492, दिनांक 13.06.2018 द्वारा कलेक्टर रीवा को उपर्युक्त बातों का उल्लेख कर जानकारी दी गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में तत्कालीन कलेक्टर रीवा द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त, भोपाल को पत्र क्र. 619, दिनांक 14.06.2018 के माध्यम से दी गई जानकारी से हटकर वर्तमान में कार्यरत कलेक्टर, रीवा एवं नायब तहसीलदार, गुढ़ श्री गया प्रसाद मिश्र तथा तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुढ़ ने व्यक्तिगत हित के कारण ध्यानाकर्षण सूचना के बाद नामांतरण गलत किये गये एवं उसे निरस्त करने हेतु पत्र कलेक्टर रीवा को लिखा, जबकि तत्कालीन कलेक्टर एवं तहसीलदार द्वारा कम्प्यूटर में फीडिंग कराकर श्री द्विवेदी को नाम दर्ज करने की जानकारी वरिष्ठ कार्यालयों का दी जा चुकी है? वरिष्ठ कार्यालय को दी गई जानकारी से हटकर प्रकरण को स्वत: निगरानी में लेने की आवश्यकता क्यों पड़ी? जबकि नामांतरण आदेश में मा. फास्ट ट्रैक कोर्ट न्यायालय के पालन में किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में क्या नायब तहसीलदार गुढ़ के यहां नामांतरण बाबत् आवेदन वर्ष 2006 से लंबित था? तहसीलदार गुढ़ द्वारा पत्र क्रं. 913, दिनांक 13.12.2006 द्वारा कलेक्टर से मार्गदर्शन चाहा था। जिस पर कार्यालय कलेक्टर जिला रीवा ने पत्र पृ.क्रं. 2217/व्य./06 दिनांक 26.12.2006 द्वारा मूल प्रकरण तहसीलदार गुढ़ को वापस कर शासकीय अभिभाषक से राय मांगी थी, शासकीय अभिभाषक द्वारा प्रकरण में अपील न करने की राय दी गई। उपरोक्त सभी पत्रों की प्रति देते हुए बतायें। मूल आवेदन तहसीलदार गुढ़ कार्यालय द्वारा गुमा दिया गया, दूसरे आवेदन पर नामांतरण आदेश जारी किये गये। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) अनुसार क्या कम्प्यूटर में फीडिंग का कार्य कराकर राजस्व अभिलेखें में द्विवेदी का नाम दर्ज कराकर खसरे की नकल उपलब्ध करायेंगे एवं स्वत: निगरानी के प्रकरण को कब तक समाप्त करायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) अतारांकित प्रश्न क्र 275 में कम्प्यूटर में खसरा सुधार दर्ज करा दिये जाने की जानकारी प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल को पत्र क्र. 619 दिनांक 14.06.2018 के माध्यम से प्रेषित की गई थी। यह कहना सही नहीं है कि व्यक्तिगत हित के कारण ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 216 के बाद नायब तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गुढ़ ने नामांतरण निरस्त करने हेतु कलेक्टर रीवा को पत्र लिखा। मा. षष्टम अपर जिला न्यायधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) रीवा के सिविल अपील क्र. 12ए/2006 रामस्वरूप द्विवेदी विरूद्ध म.प्र. राज्य में तहसील गुढ़ के ग्राम दुआरी की आराजी खसरा क्र. 397 रकबा 0.243 के संबंध में पारित निर्णय दिनांक 13.07.2006 एवं आदेश के पालनार्थ जारी नामांतरण आदेश 04.08.2017 में शासन के हित के विपरीत होने का संज्ञान में आने तथा प्रकरण में विधिक प्रक्रिया का पालन न होने के कारण उक्त आदेश को प्रकरण क्र. 69/अ6/स्व.निगरानी/2018-19 न्यायालय कलेक्टर में स्वमेव निगरानी में लिया गया है। मा. षष्टम अपर जिला न्यायाधीश के निर्णय के विरूद्ध अपील किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) ग्राम दुआरी की शासकीय भूमि खसरा नम्बर 2097 में पारित डिग्री के सम्बंध में वर्ष 2006 में विभागीय पत्राचार प्रचलित थे। प्रकरण में मा. फास्ट ट्रेक कोर्ट के निर्णय के पालनार्थ में किया गया नामांतरण शासन हित के विपरीत होने तथा प्रकरण में विधिक प्रक्रिया का पालन नहीं होने से जांचोंपरान्त प्रकरण में स्वमेंव निगरानी में लिया जाकर न्यायलयीन विधि एवं प्रक्रिया अंतर्गत कार्यवाही प्रचलित है। (ड़) न्यायालय कलेक्टर जिला रीवा में प्रकरण क्र. 69 अ-6/स्व. निगरानी/2018-19 न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रचलित है। प्रकरण में न्यायालय के आदेश के अनुक्रम में अग्रेत्तर कार्यवाही की जायेगी।
मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रशासकीय स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
113. ( क्र. 2685 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग की गई है? औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति में गंभीर बीमारी से ग्रसित समय पर इलाज नहीं करा पाने तथा वाराणसी एवं रीवा की दूरी 200 कि.मी. को दृष्टिगत रखते हुए, क्या राज्य शासन सिंगरौली में मेडिकल कॉलेज बनाने का निर्णय लेगा? (ख) यदि हाँ, तो मेडिकल कॉलेज-खोलने की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति कब तक प्रदान करेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। एन.सी.एल. (नार्दन कोलफील्डस लिमिटेड) अंतर्गत नेहरू शताब्दी चिकित्सालय जयंत (जिला सिंगरौली) में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव पर एम.सी.आई. नई दिल्ली के मापदण्डों के आधार पर गैप एनालेसिस कराने हेतु जानकारी प्राप्त होने के उपरान्त निर्णय लिया जावेगा। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संयुक्त तहसील कार्यालय का भवन निर्माण
[राजस्व]
114. ( क्र. 2688 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील सिंगरौली का विभाजन कर तहसील-ग्रामीण बनाया गया है, जो जनवरी 2019 से संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इसके सुचारू रूप से संचालन के लिए तहसील भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय-वित्तीय स्वीकृति प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) सिंगरौली नगरीय तहसील हेतु संयुक्त तहसील कार्यालय निर्माण के लिये राशि रूपये 563.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2019-20 में वित्त विभाग के परामर्श उपरांत जारी करने का निर्णय लिया गया है।
आदिवासियों को जमीन के पट्टे का आवंटन
[राजस्व]
115. ( क्र. 2706 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि रीवा जिलान्तर्गत राजस्व ग्रामों में निवासरत् आदिवासी तथा सेमरिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत निवासरत् ऐसे आदिवासी जिनके आवास/जमीन के पट्टे नहीं है, उन पट्टाविहीन आदिवासियों को कब तक उनके आवास/जमीन का पट्टा आवंटित करा दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण उपरांत पट्टाविहीन आदिवासियों को नियमानुसार आवास/जमीन का पट्टा आवंटित करा दिया जाएगा। समय-सीमा में बताया जाना संभव नहीं है।
किराये के भवन में आँगनवाड़ियों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
116. ( क्र. 2707 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में विधान सभा क्षेत्रवार कितने आँगनवाड़ी किराये के भवन में संचालित हो रही है? (ख) इन्हें प्रतिमाह कितना किराया भुगतान किया जा रहा है? 01 वर्ष के भुगतान की विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कितना भुगतान लंबित है? माहवार, विधान सभावार, आँगनवाड़ी केन्द्र संख्या सहित देवें। (घ) उपरोक्त लंबित भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 में किराया राशि भुगतान हेतु लंबित नहीं है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कुर्की वसूली की जानकारी
[राजस्व]
117. ( क्र. 2708 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड के प्रकरण में कुर्की कर वसूली न करने वाले अधिकारियों पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या कारण है कि यह वसूली अब तक लंबित हैं? (ग) कब तक यह वसूली कर ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रकरण की जाँच समिति के प्रतिवेदन अनुसार किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी नहीं पाये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वसूली किये जाने हेतु प्रकरण विधि के अनुसार प्रचलन में है एवं समुचित वैधानिक कार्यवाहियां निरंतर प्रचलित हैं। (ग) राजस्व न्यायालय में वसूली हेतु दर्ज किये गये प्रकरण में नियमानुसार राशि वसूल की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही की जाना
[राजस्व]
118. ( क्र. 2710 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.डी.एम. रघुराजनगर सतना द्वारा अपने पत्र क्रमांक 52, दिनांक 06/02/2016 द्वारा 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया? क्या यह भी सत्य है कि तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्रमांक 112 दिनांक 04/04/2016 को पत्र जारी किया? उस पत्र में तत्कालीन कलेक्टर के पत्र क्रमांक 87 दिनांक 22.03.2016 का उल्लेख किया गया है। उक्त तह. के पत्र क्र. 79, दिनांक 12.03.2016 के तहत राजस्व निरीक्षण सुदामा कोल सहित 6 सदस्यीय टीम का गठन किया है। उक्त पत्रों की एक एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या सुदाम कोल के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर पटवारी हल्का सिजहटा के मौजा सोनौरा आराजी रकबा 18.38 एक तत्कालीन कलेक्टर द्वारा दिनांक 05.04.2016 प्रकरण क्रमांक 33अ19 (111)/2015-16 के तरह इसी तहर कलेक्टर सतना द्वारा अपने पत्र क्रमांक 113 दिनांक 2;.02.2019 को प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल को लिखे पत्र में बिन्दु क्रमांक 1-4 तक की जो आराजी शासकीय घोषित की गयी है, वह आराजी भी उक्त राजस्व निरीक्षक के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर घोषित की गयी है? उक्त प्रतिवेदन में पटवारियों को दोषी माना गया है तथा 15.02.2019 को निलंबित किया गया है। उक्त आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है कि तो क्या तत्कालीन एस.डी.एम. द्वारा पत्र क्रमांक 1017 दिनांक 27.02.2016 के तहत 4 सदस्यीय कमेटी का गठन कर जाँच कराई गई? जाँच कमेटी ने पत्र क्रमांक 1140, दिनांक 15.03.2017 को जाँच रिपोर्ट एस.डी.एम. को सौंपी जिसमें कमेटी द्वारा 23.01.2017 के प्रतिवेदन को औचित्यहीन निष्प्रभावी एवं अस्तित्वहीन की वजह से नस्तीबद्ध किये जाने योग्य बताया है। जिस कलेक्टर ने 05.04.2016 को आदेश जारी किया है, उसी कलेक्टर ने 22.03.2016 को पत्र जारी कर कार्यवाही करने का आदेश दिया था। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि सही है तो शासकीय जमीनों को निजी स्वत्व में करने वाले पटवारी एवं तहसीलदारों के विरूद्ध थाने में एफ.आई.आर. जारी करने निर्देश देंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सुदामा प्रसाद कोल तत्कालीन राजस्व निरीक्षक वृत्त सतना के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर पटवारी हल्का सिजहटा मौजा सोनौरा की आराजियों का भूमि स्वामी स्वत्व से शासकीय भूमि घोषित नहीं की गई थी। बल्कि तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के प्रतिवेदन के आधार पर न्यायालय कलेक्टर सतना के द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 33अ 19 (111)/2015-16 में आदेश दिनांक 05/04/2016 के द्वारा आराजी शासकीय घोषित की गई है। कलेक्टर सतना के पत्र क्रमांक 113 दिनांक 02/02/2019 को प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल को लिखे पत्र में बिन्दु क्रमांक 1-4 तक की जो आराजियां शासकीय घोषित की गई हैं, वह भी तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। पत्र दिनांक 02/02/2019 में प्रथम दृष्टया पदीय कर्तव्यों का पालन न करने के संबंध में श्री रामानंद सिंह, श्री राम शिरोमणि, श्री वीरेन्द्र सिंह पटवारियों को निलंबित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर सतना के आदेश दिनांक 05/04/2016 द्वारा तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के प्रतिवेदन के आधार पर आदेश पारित किया गया है, कलेक्टर सतना के आदेश दिनांक 22/03/2016 द्वारा जिले के समस्त अनुविभागों में संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में विशेष जाँच समिति गठित की गई है। (घ) पीड़ित पक्षकार द्वारा थाना कोलगवां में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है, जिसका अपराध क्रमांक 168/16 पंजीबद्ध है। पुलिस द्वारा विवेचना की जा रही है। विभागीय कार्यवाही अंतर्गत निलंबित पटवारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गयी है। निष्कर्ष के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
119. ( क्र. 2711 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि सतना जिले के तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत खरबों की जमीनों राजस्व विभाग की मिलीभगत में भू-माफियाओं द्वारा खुर्द-बुर्द की गयी है? क्या यह सही है कि उक्त तहसील के पटवारी हल्का सिजहटा के मौजा सौनौरा, कृपालपुर कोलगवां के चेक उतैली माधवगढ़ रामस्थान की आराजी कलेक्टर एवं एम.डी.एम. द्वारा शासकीय घोषित की गई है? (ख) क्या कलेक्टर सतना ने पत्र क्रमांक 87 दिनांक 22.03.2016 जारी कर जिले के समस्त एस.डी.एम. को कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे तथा उस पत्र में स्वीकार किया गया है कि उक्त अवैध कार्य भू-अभिलेख राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारीगणों की मिलीभगत से किया गया है। उक्त पत्र को वर्तमान कलेक्टर सतना एवं प्रमुख सचिव राजस्व विभाग अवलोकन कर एस.डी.एम. रघुराजनगर में दोषी पटवारी एवं तह. के विरूद्ध एफ.आई.आर. कराने के निर्देश देगें? नहीं देगें, तो क्यों? कारण बिन्दुवार बतावें। (ग) क्या तहसील रघुराजनगर में वर्षों में पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण नहीं किया है? पटवारी द्वारा उक्त तहसील के शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने का मामला प्रकाश में आने के बाद तथा वर्तमान प्रभारी मंत्री के शहर के पटवारियों को यहां से हटाने की घोषणा के बाद भी आदेश का अमल आज दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है तथा शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द कराने वाले पटवारी शिवभूषण सिंह पटेल को आज दिनांक तक निलंबित नहीं किया गया है, जबकि इसी पटवारी द्वारा शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द करने के संबंध में पीड़ित लोगों ने कलेक्टर, एस.डी.एम., एस.पी., सी.एस.पी. एवं थाना प्रभारी कोलगवां को आवेदन भी दिये हैं। उसके उपरांत भी कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो तहसील रघुराजनगर में वर्षों से पदस्थ पटवारियों को कब तक हटा दिया जायेगा? नहीं हटाया जायेगा तो क्यों? शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. संबंधित थाने में दर्ज करा दी जायेगी? नहीं करायी जायेगी तो क्यों? कारण सहित बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कलेक्टर सतना के आदेश क्रमांक 87 दिनांक 22/03/2016 से सतना जिले के प्रत्येक अनुविभाग में वर्ष 1958-59 की वार्षिक जमाबंदी खतौनी के आधार पर शासकीय भूमियों की वर्तमान स्थिति की जाँच करने के आदेश दिए गये थे। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत अभिलेखों के परीक्षण एवं सुनवाई उपरांत विधि सम्यक आदेश पारित किए गये हैं तथा दोषियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। एफ.आई.आर. दर्ज कराना विभागीय जाँच निर्णय के अधीन है। (ग) जी हाँ। तहसील रघुराजनगर में पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण समय-समय पर शासन के निर्देशानुसार एवं स्थानांतरण नीति के अनुसार किये गये हैं। श्री शिवभूषण सिंह पटेल पटवारी की पटवारी हल्का सिजहटा ग्राम सौनौरा में पदस्थापना के पूर्व ग्राम सौनौरा की शासकीय आराजियां न्यायालयीन आदेश से निजी भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज हुई थी, जो जाँच पश्चात पुन: म.प्र. शासन के नाम दर्ज की जा चुकी है। अभी तक की जाँच के अनुसार शासकीय भूमि से निजी भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज करने में इनकी भूमिका नहीं पाये जाने के कारण निलंबित नहीं किया गया है। (घ) शासकीय भूमि खुर्द-बुर्द करने के संबंध में जाँच निष्कर्ष पर कार्यवाही की जावेगी।
मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल
[चिकित्सा शिक्षा]
120. ( क्र. 2712 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मेडिकल कॉलेज में प्रस्तावित अस्पताल कब तक प्रारंभ होगा? (ख) सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं? यह कब तक शुरू हो जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) रतलाम शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का अस्पताल संबंधित कार्य अंतिम चरण में है तथा पूर्णता तक संभाव्य है। (ख) रतलाम चिकित्सा महाविद्यालय में सुपर स्पेशिलिटी हेतु कोई योजना विचारधीन न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला भिण्ड अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 2752 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में वर्ष 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनायें स्वीकृत हुईं? कौन-कौन सी पूर्ण हो गई? इन योजनाओं हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? मदवार, कार्यवार विवरण मय दस्तावेजों सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य प्रश्नावधि में प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वीकृत योजना में राशि व्यय कर अन्य क्या-क्या कार्य करवायें गये हैं? उनका कार्यादेश क्रमांक, कार्य का नाम, अनुबंध क्रमांक, अनुबंध राशि, कार्य पूर्ण होने की राशि, दिनांक, कार्य एजेंसी का नाम सहित विवरण देवें। (ग) दिनांक 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक जिला भिण्ड में किस-किस फर्म/संस्था को कब-कब, कितनी-कितनी राशि के कार्यादेश जारी किये गये एवं किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया है? किये गये कार्य का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) कोई अन्य कार्य नहीं कराए गए हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में सुधार
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 2754 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की कौन-कौन सी जनपद पंचायतों कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में एवं नगरीय निकायों में कौन-कौन सी सेवा सहकारी समितियों, वन समितियों, निजी भंडारणों एवं अन्यों के माध्यम से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक के महीने तक का खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है? यह खाद्यान्न जिले में कहाँ से प्रतिमाह कौन-कौन लाता है और इसका जिले में भण्डारण कहाँ-कहाँ होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर इनमें प्रत्येक ग्राम पंचायतों एवं प्रत्येक नगरीय निकायों के वार्डों में कितने-कितने अन्त्योदय अन्न योजना, बी.पी.एल. एवं अन्यों के राशन कार्ड प्रश्न दिनांक तक बने हैं एवं क्या-क्या खाद्यान्न क्रमश: सभी प्रकार के कार्ड धारकों को दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर टीकमगढ़ जिले में इसी समयावधि में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था हेतु कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी निरीक्षण करते हैं? विगत एक वर्ष में प्रश्न दिनांक तक वितरण न करने की शिकायतें समय-समय पर कहाँ की प्राप्त हुई एवं क्या-क्या कार्यवाही हुई हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक क्या ऐसे भी गरीबी रेखा या अति गरीबी रेखा के कार्ड हैं, जो बन तो गये लेकिन बांटे नहीं गये हैं? कब तक बांट दिये जावेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जिले में खाद्यान्न का प्रदाय ‘द्वार-प्रदाय योजना’ के अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकानों पर पहुंचाया जाता है। उक्त खाद्यान्न का भंडारण टीकमगढ़ जिले के पलेरा, जतारा एवं टीकमगढ़ स्थित मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के गोदामों में भंडारित किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्तमान में गेहूँ, चावल, बाजरा एवं चना पात्र परिवारों को दिया जा रहा है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था का निरीक्षण राजस्व, सहकारिता एवं खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा किया जाता है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीब वर्ग के कल्याण हेतु मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
123. ( क्र. 2755 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु क्या-क्या नियम बनाये हैं? इस हेतु समय-समय पर जारी किये गये आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि राज्य शासन द्वारा कब-कब, कहाँ-कहाँ प्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोल दिये गये है और कितनी-कितनी सीट के हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर टीकमगढ जिले की अनुसूचित जाति की जनसंख्या अधिक होने के कारण टीकमगढ़ जिले के गरीब वर्ग के कल्याण हेतु जिला टीकमगढ़ में मेडिकल कॉलेज कब तक खोल दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) पी.एम.एस.एस.वाय. फेस 01 के अंतर्गत जिला अस्पताल का उन्नयन कर 100 एम.बी.बी.एस. सीट्स हेतु मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में समय-समय पर खोले गये मेडिकल कॉलेजों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) प्रदेश सरकार द्वारा अपने वचन पत्र अनुसार चार नये मेडिकल कॉलेज खोलने, जिसमें से 02 एकलव्य मेडिकल कॉलेज आदिवासी बहुल्य जिले में स्थापित करने की योजना प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
विभिन्न
पैथियों के
पंजीकृत
चिकित्सक
[आयुष]
1. ( क्र. 27 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में एलौपैथी/होम्योपैथी/आयुर्वेद एवं अन्य उपचार पद्धतियों के कितने पंजीकृत चिकित्सक है जो प्रदेश में प्रेक्टिस करते हैं इनमें से कितने शासकीय सेवा में एवं कितने अशासकीय है? (ख) प्रदेश की आबादी के अनुपात में प्रदेश में कितने हजार आबादी पर एलौपैथी/होम्योपैथी/आयुर्वेद चिकित्सक उपलब्ध है? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में एलौपैथी/होम्योपैथी/ आयुर्वेद दवाइयों पर पृथक-पृथक कुल कितनी राशि व्यय की गयी? यह राशि प्रति लाख आबादी पर कितनी है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एक लाख की आबादी पर 06 एलोपैथिक शासकीय चिकित्सक उपलब्ध हैं। 401254 पर 01 होम्योपैथी चिकित्सक एवं 74873 पर 01 आयुर्वेद चिकित्सक उपलब्ध हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
इटारसी/होशंगाबाद में CNG स्टेशन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( क्र. 29 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिला मुख्यालय पर एल.पी.जी./सी.एन.जी. फिलिंग स्टेशन प्रारंभ करने हेतु कलेक्टर/ जिला खाद्य अधिकारी होशंगाबाद द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 121 दिनांक 27.01.2011 से सीनियर डिविजनल मैनेजर इंडियन आयल कार्पोरेशन भोपाल, टेरेटरी मैनेजर पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल को लिखा गया था। (ख) यदि हाँ, तो होशंगाबाद/इटारसी में एल.पी.जी./सी.एन.जी. फिलिंग स्टेशन कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के विनियामक बोर्डों एवं अन्य एजेंसियों के द्वारा तदाशय के नियम तैयार कर स्वीकृतियां दी जाती हैं। केन्द्रीय संस्थाओं के विषय होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
जबलपुर जिले के विस्थापितों को पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
3. ( क्र. 71 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में जबलपुर शहर के अतिक्रमण हटाने के दौरान विस्थापित किये गये परिवारों को पट्टे की व्यवस्था की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो गत 5 वर्षों में कितने विस्थापितों को पट्टे दिये गये हैं? (ग) क्या मदनमहल पहाडि़यों से विस्थापित परिवारों को तिलहरी में भूमि के पट्टे दिये गये हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेवार हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 174 विस्थापितों को पट्टे दिए गए हैं। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नये संभाग, जिले, उपखंड तथा तहसीलें बनाना
[राजस्व]
4. ( क्र. 72 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नये नियमों के तहत नये संभाग, जिले, उपखंड और तहसीलें बनाये जायेंगे? (ख) क्या इस संबंध में जनप्रतिनिधियों से राय ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आवश्यकतानुसार सृजन किया जाता है। (ख) जी हाँ।
कटनी में गेहूँ के समर्थन मूल्य राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 453 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018-19 में कटनी जिलान्तर्गत शासन द्वारा समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत क्रय किये गये गेहूँ का भुगतान किया जा चुका है? (ख) यदि हाँ, तो कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है और कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना बकाया है? बकाया राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्रति क्विंटल रू.160 बोनस (प्रोत्साहन राशि) दिये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) किसानों को बोनस राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कटनी जिले में रबी विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ की जितनी मात्रा समितियों द्वारा गोदाम में जमा कराई गई, उसका भुगतान कर दिया गया है। (ख) कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय करने वाले 20,570 कृषकों में से 20,557 कृषकों को राशि रू. 261.04 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। 13 कृषकों की राशि रू. 32.54 लाख के भुगतान किया जाना शेष है। शेष कृषकों को राशि के भुगतान के संबंध में प्रकरण माननीय जिला सत्र न्यायालय, कटनी में विचाराधीन है। प्रकरण के निराकरण उपरांत न्यायालय आदेशानुसार भुगतान की कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी नहीं। रबी विपणन वर्ष 2018-19 राज्य शासन द्वारा रूपये 265 का प्रोत्साहन राशि दिए जाने का निर्णय था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्र भवन
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( क्र. 666 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं? विकासखण्डवार सूची दें? कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं? भवन मालिक का नाम, पता, किराया सहित सूची दें? (ख) कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है? उनके भवन निर्माण की क्या योजना है? किन-किन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण का कार्य कब से चल रहा है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों का साप्ताहिक मीनू क्या-क्या है? जनवरी 2017 से जून 2019 तक किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का कब-कब, निरीक्षण किया? क्या-क्या कमियां पाई? वर्ष 2016-17 से जून 2019 तक रायसेन जिले में क्या-क्या सामग्री, कहाँ-कहाँ से क्रय की गई तथा उसका क्या-क्या उपयोग हुआ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) रायसेन जिले में 413 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं। जिसकी विकासखण्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ए‘‘ अनुसार है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन मालिकों के नाम, पता एवं किराये की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘बी‘‘ अनुसार है। (ख) भवन विहीन (किराये के भवन/अन्य शासकीय भवन) आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘बी‘‘ अनुसार है। प्रदेश में वर्तमान में विभाग अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये जाते है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘सी‘‘ अनुसार है। निर्माणाधीन भवनों के लिये ग्रामीण यांत्रिकी सेवा तथा ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी होने से निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है अतः आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की समय-सीमा विभाग द्वारा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र के मीनू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘डी‘‘ अनुसार है। जनवरी 2017 से जून 2019 तक किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई‘‘ अनुसार है। वर्ष 2016-17 से जून 2019 तक जिले में क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एफ‘‘ अनुसार है।
लाड़ली लक्ष्मी का पंजीयन
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 667 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीयन के संबंध में क्या-क्या निर्देश है, योजना प्रारंभ होने से 30 जून, 2019 तक रायसेन जिले में कितनी बालिकाओं का पंजीयन हुआ, जनपद पंचायतवार जानकारी दें? (ख) उक्त अवधि में रायसेन जिले में किन-किनके पंजीयन के आवेदन पत्रों को क्यों निरस्त किया गया इस संबंध में उक्त अवधि में रायसेन जिले के किन-किन सांसद विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ग) पंजीयन उपरांत लाड़ली लक्ष्मी को क्या-क्या लाभ मिलता है पूर्ण विवरण दें। (घ) जून, 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं को क्या-क्या लाभ मिला? कौन-कौन लाभ से क्यों वंचित है उनकों कब तक लाभ मिलेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीयन के संबंध में निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार, योजना प्रारंभ होने से 30 जून, 2019 तक रायसेन जिले में 58553 बालिकाओं का पंजीयन हुआ, जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार हैI (ख) निरस्त आवेदनों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार हैI इस संबंध में माननीय सांसद, विधायक से प्राप्त पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार हैI (ग) पंजीयन उपरांत योजना में मिलने वाले लाभों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ड" अनुसार हैI (घ) योजना अंतर्गत रायसेन जिले में कक्षा 06 एवं कक्षा 09 में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को क्रमशः रूपये 2000 एवं रूपये 4000 प्रति बालिका के मान से भुगतान किया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "च" अनुसार है, कोई भी पात्र बालिका लाभ लेने से वंचित नहीं है I
खाली राजस्व भूमियाँ
[राजस्व]
8. ( क्र. 724 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र जिला नीमच के अंतर्गत कितनी राजस्व भूमियाँ खाली पड़ी हैं? इसमें अतिक्रमित भूमि को भी दर्शाया जाये जो की आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न जल आवर्धन एवं अन्य योजनाओं में वन विभाग को अंतरण की जा सके। (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित गंगा बावड़ी जलाशय योजना, पगारा जलाशय योजना, कालिया खो जलाशय योजना में वन विभाग को कितनी राजस्व की भूमियाँ अंतरित की जानी है और वह कब तक अंतरित होकर योजनाएं प्रारम्भ कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील मनासा जिला नीमच के अंतर्गत गैर खाते की भूमि रकबा 15797 हेक्टेयर है। (ख) योजनावार जानकारी निम्नानुसार है :-
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समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न घटनाओं में मृतकों को सहायता राशि वितरण
[राजस्व]
9. ( क्र. 908 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक खुरई विधान सभा क्षेत्र में सर्पदंश, आकाशीय बिजली और डूबने से मृतक लोगों की संख्या कितनी-कितनी है? खुरई एवं मालथौन तहसीलवार अलग-अलग बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के मृतकों के किन-किन वारिसों को सहायता राशि का वितरण किया गया है? मृतक का नाम, वारिस का नाम एवं प्रदान की गई राशि का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) कारणों से मृतक लोगों से वारिसों को राहत राशि प्रदान करने के कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं और कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गए हैं? प्रकरण अस्वीकृति के कारण सहित विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रदान की गई राशि की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) कोई प्रकरण लंबित नहीं है और न ही अस्वीकृत किए गए हैं। शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता।
मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति/आवंटन में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( क्र. 966 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम चिकित्सा महाविद्यालय में प्रारंभ से उत्तर दिनांक तक किन-किन पदों पर किन-किन को किस प्रक्रिया से नियुक्ति दी गई? सभी के नाम, पिता का नाम, पता, शिक्षा, उम्र, वेतन सहित सूची देवें तथा बतावें कि क्या नियुक्ति हेतु विज्ञापन दिया गया था? यदि हाँ, तो विज्ञापन की प्रति देवें। (ख) रतलाम चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में कैंटिन, दूध, डेयरी, लॉन्ड्री तथा अन्य कौन-कौन सी दुकानें किस व्यक्ति को किन शर्तों पर किस प्रक्रिया के तहत आवंटित की गई? कैंटिन के संचालन की शर्तों की प्रति देवें। (ग) रतलाम चिकित्सा महाविद्यालय में प्रारंभ से अभी तक पाँच लाख रूपये से अधिक राशि की खरीदी गई वस्तु का नाम, दर, मात्रा, विक्रेता का नाम तथा भुगतान के विवरण सहित सूची देवें। (घ) रतलाम मेडिकल कॉलेज में अाउटसोर्स के तहत मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाली फर्म का नाम, मालिक/भागीदार का नाम तथा पता देवें तथा बतावें कि इसे प्रारंभ से उत्तर दिनांक तक किस-किस वर्ग के कितने कर्मचारियों को कुल कितना भुगतान किया गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) रतलाम चिकित्सा महाविद्यालय में उत्तर दिनांक तक की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। जी हाँ। विज्ञापन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) 1.शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम में कैंटीन श्री परवेश राठौर, दूध डेयरी श्री समरथ निनामा एवं श्री विपिन पारेवाल को अस्थाई तौर पर आवंटित की गई। लाँड्री एवं अन्य दुकान आवंटित नहीं है। 2. कैंटीन आवंटन की प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 ‘A’ व 3 ‘B’ अनुसार तथा कैंटीन के अस्थाई आवंटन की शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 ‘A’ व 4 ‘B’ अनुसार है। 3. कैंटीन के अनुबंध की प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 ‘A’ व 5 ‘B’ अनुसार है। (ग) पाँच लाख से अधिक की वस्तुओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 ‘A’ व 6 ‘B’ व 6 ‘C’ में क्रमश: GEM, HITES व ई-औषधि संलग्न प्रस्तुत है। (घ) रतलाम चिकित्सा महाविद्यालय में आउटसोर्स के माध्यम से मानव संसाधन उपलब्ध करवाने वाली फर्म का नाम पता एवं कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
आयुष स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[आयुष]
11. ( क्र. 986 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत अनेक स्थानों पर आयुष केन्द्रों के माध्यम से केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित क्षेत्रों के अन्तर्गत किन-किन स्थानों पर आयुष केन्द्र संचालित होकर कार्यरत है एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं? (ग) उपरोक्त स्थानों पर संचालित हो रहे केन्द्रों पर कितने-कितने पद किस-किस प्रकार के कार्य हेतु स्वीकृत होकर, स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे गये, कितने पद कब से रिक्त पड़े है? (घ) उक्त केन्द्रों को वर्ष 2015-16 में संचालित किये जाने से लेकर वर्ष 2018-19 तक किन-किन कार्यों हेतु कितना-कितना बजट राशि स्वीकृत की गई? वर्षवार कार्यवार जानकारी दें तथा नवीन निर्माण अथवा संधारण (मेंटनेंस) के कार्य भी हुए तो उक्तानुसार जानकारी दें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
फर्जी राशन कार्डों के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 987 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों से शासन/विभाग को रतलाम नगर, जावरा नगर एवं जावरा नगर स्थित हुसैन टेकरी क्षेत्र अन्तर्गत बोगस (फर्जी) राशन कार्ड बनाए जाने की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 तक इन्हें रोके जाने एवं पकड़े जाने तथा इन बोगस फर्जी राशन कार्डों की समय-समय पर जाँच किये जाने के संबंध में शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां वर्षवार की गई? (ग) उक्त स्थानों पर इस प्रकार के बोगस (फर्जी) राशन कार्ड बन जाने के कारण कितना खाद्यान्न की अफरा तफरी एवं गबन तथा अनियमितताएं जाँच के दौरान पकड़ी गई? क्या कार्यवाही हुई, वर्षवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत आने वाली राशन की दुकानों एवं हितग्राही राशन कार्डधारियों का क्या भौतिक सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब? वर्षवार बताएं? यदि नहीं, किया गया तो उक्त स्थलों का भौतिक सत्यापन कब किया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में शिकायतें प्राप्त नहीं हो रही हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2017-18 में रतलाम शहर में रेण्डम आधार पर 08 दुकानों की जाँच की गई जिसमें प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। प्रकरण पुलिस द्वारा विवेचनाधीन है। (घ) जी हाँ। राशन दुकानों के अंतर्गत राशनकार्ड धारियों के भौतिक सत्यापन की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
महिला उत्पीड़न के संबंध में एफ.आई.आर.
[वाणिज्यिक कर]
13. ( क्र. 1073 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव जैन, उप महानिरीक्षक पंजीयन के विरूद्ध महिला उत्पीड़न के संबंध में एफ.आई.आर. दर्ज होकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में शासन ने आरोपी के विरूद्ध कब-क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? इन्हें अभी तक निलंबित न करने का क्या कारण है? इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के क्या निर्देश है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गठित विभागीय जाँच समिति की अनुशंसा पर शासन व विभाग ने आरोपी के विरूद्ध कब एवं क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? विभागीय जाँच समिति ने कब-क्या अनुशंसा की है? जाँच रिपोर्ट की छायाप्रति दें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ। श्री राजीव जैन के विरूद्ध थाना एम.पी.नगर, भोपाल में प्रकरण क्रमांक 287/2018 धारा 354 डी, 506, 509 एवं 354ए (1) भारतीय दण्ड विधान दर्ज किया गया व अन्वेषण उपरांत न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है। विभाग द्वारा श्री राजीव जैन का भोपाल संभाग से अन्य संभाग में स्थानांतरण किया जा चुका है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के अंतर्गत शासकीय सेवक का निलंबन बंधनकारी है, यदि उसके विरूद्ध भ्रष्टाचार या अन्य नैतिक पतन में अन्तर्वलित दाण्डिक अपराध में सरकार द्वारा अभियोजन स्वीकृति के पश्चात चालान प्रस्तुत किया गया हो। प्रश्नाधीन प्रकरण में चालान प्रस्तुत करने से पूर्व शासन की अनुमति की आवश्यकता नहीं रही है। अत: निलंबन किया जाना नियमों के अंतर्गत बंधनकारी नहीं है और निलंबन का निर्णय नहीं लिया गया है तथापि सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी/3-7/98/3-एक, दिनांक 19/01/2011 अंतर्गत श्री राजीव जैन को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है, उक्त पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गठित विभागीय आंतरिक परिवाद समिति द्वारा जाँच में आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये जाने के फलस्वरूप विभाग की अनुशंसा पर शासन द्वारा आरोपी का अन्य संभाग में स्थानांतरण किया जा चुका है। जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
हैण्डपम्पों की मरम्मत करने तथा पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( क्र. 1175 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा की तहसील जवा अंतर्गत कुल कितने हैण्डपम्प हैं? कितने हैण्डपम्प चालू हैं तथा कितने हैण्डपम्प खराब हैं? (ख) तहसील जवा में खराब हैण्डपम्पों को कब तक सुधार दिया जावेगा? (ग) तहसील जवा एवं तहसील सिरमौर में हैण्डपम्प मरम्मत का कार्य किस कंपनी को दिया गया है? वित्तीय वर्ष 2018-19 में किस-किस ठेकेदार को कितने हैण्डपम्प की मरम्मत का कितनी राशि का भुगतान किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 3104 हैण्डपम्प। 2328 हैण्डपम्प चालू एवं 776 हैण्डपम्प खराब हैं। (ख) सतत् हैण्डपम्प संधारण प्रक्रिया के तहत सुधार योग्य हैण्डपम्पों को अधिकतम 15 दिवस में सुधार कर चालू किया जाता है। (ग) तहसील जवा में मे. रायल कंस्ट्रक्शन रीवा एवं तहसील सिरमौर में रजनीश कंस्ट्रक्शन रीवा को। मे. विजय कुमार मिश्रा को 1814 हैण्डपम्प मरम्मत कार्य हेतु राशि रू. 12.07 लाख, मे. आशीष कुमार मिश्रा को 541 हैण्डपम्प मरम्मत कार्य हेतु राशि रू. 2.56 लाख, मे. शिवपूजन सिंह को 980 हैण्डपम्प मरम्मत कार्य हेतु राशि रू. 4.75 लाख एवं मे. राधा बोरवेल को 201 हैण्डपम्प मरम्मत कार्य हेतु राशि रू. 1.73 लाख का भुगतान किया गया है।
प्राचीन इमारत वेंकट भवन का रख रखाव
[संस्कृति]
15. ( क्र. 1176 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की प्राचीन इमारत वेंकट भवन का रख रखाव वर्तमान में पुरातत्व विभाग के अधीन है? यह भवन पुरातत्व विभाग के अधीन कब और किस आदेश के तहत आया था? आदेश की प्रति एवं भूमि-भवन स्वामित्व के राजस्व दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) वेंकट भवन के रख रखाव हेतु शासन के द्वारा विगत 10 वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई? क्या कारण है कि काफी समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी अभी तक उक्त भवन का जीर्णोद्धार नहीं हो सका? पुरातत्व विभाग के अधीन रीवा जिले में और कौन-कौन से भवन हैं? (ग) क्या वेंकट भवन के मूल स्वरुप को ध्यान में रखकर जीर्णोद्धार का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि भवन की दीवारों पर समुद्री सीपों के लेप के स्थान पर सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि उसकी गुणवत्ता और मूल स्वरुप को विकृत कर रहा है? यह कि उक्त भवन एवं परिसर का जीर्णोद्धार कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले के प्राचीन इमारत वेंकट भवन का रख-रखाव वर्तमान में पुरातत्व विभाग के अधीन है। यह भवन म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग के पत्र क्र. एफ 50-1/88/19/यो. दिनांक 11.05.1988 के आदेश के तहत दिनांक 06.04.1989 को संस्कृति विभाग के अधीन आया है। आदेश की प्रति एवं लोक निर्माण द्वारा हस्तांतरण के दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) वेंकट भवन रीवा के अनुरक्षण, विकास एवं रख-रखाव के लिये विगत 10 वर्षों में राशि रू. 1,37,27,304/- की राशि आवंटित की गई। संचालनालय द्वारा स्मारकों का अनुरक्षण कार्य कराया जाता है तथा वेंकट भवन रीवा में कराये गये अनुरक्षण कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। पुरातत्व विभाग के अधीन रीवा जिले के राज्य संरक्षित स्मारकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (ग) जी हाँ। स्मारक के मूल स्वरूप को यथानुरूप बनाये रखने की दृष्टि से विभागीय अनुरक्षण कार्य (जीर्णोद्धार) कराये गये. भवन के अनुरक्षण कार्य में पुरातत्वीय नियमों के अनुरूप स्मारक को मूल स्वरूप में रखे जाने को ध्यान में रखकर पूर्व में प्रयुक्त सामग्री से ही अनुरक्षण कार्य कराया गया है, जिसमें सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया। मूलस्वरूप विकृत नहीं हो रहा। भवन परिसर में पर्यटकों की सुविधा के लिये पाथ-वे, पेडेस्टल एवं भवन की सुरक्षा हेतु निर्मित की गई बाउण्ड्रीवॉल मात्र में सीमेंट का उपयोग किया गया है। अनुरक्षण कार्य एक निरंतर प्रक्रिया है जिसे आवश्यकतानुसार समय-समय पर कराया जाता है।
विभिन्न स्रोतों का सुचारू एवं उपयोगी नहीं होना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 1308 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला एवं विधान सभा क्षेत्र करैरा के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में किस स्तर पर किट वितरण की गई है? (ख) शिवपुरी जिले में कुल कितनी नलजल योजनाएं हैं उनमें से कितनी चालू है तथा कितनी किन कारणों से बंद पड़ी हुई है तथा कितनी आंशिक रूप से चालू है? (ग) बंद नलजल योजनाओं के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है उनके नाम व पद बतावें? (घ) शासन या विभाग खराब पड़ी नलजल योजनाओं को कब तक ठीक करायेगा? पेयजल की असुविधा के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की स्थिति के लिये कौन जिम्मेदार है? इन योजनाओं को और अधिक उपयोगी बनाने की क्या कोई कार्ययोजना हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर फील्ड टेस्टिंग किट वितरित की गई है। (ख) 273 नलजल योजनाएं हैं, जिनमें से 250 चालू, 05 आंशिक रूप से चालू एवं 18 योजनाएं बंद हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्त्रोत के अभाव में बंद नलजल योजनाओं में विभाग द्वारा स्त्रोत विकसित किये जा रहे हैं। शेष अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। कोई विभागीय अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कोई नहीं, बंद नलजल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु राज्य शासन द्वारा जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को रु. 20.00 लाख प्रति योजना प्रतिवर्ष तक के मरम्मत के कार्यों की स्वीकृति के अधिकार सैंपे गये हैं।
नलजल योजना के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 1462 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधान सभा क्षेत्र हेतु कितनी नलजल योजना स्वीकृत है एवं कार्य प्रारंभ है? (ख) उन नलजल योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) उस क्षेत्र में पेयजल संकट को देखते हुए क्या शासन नलजल योजना स्वीकृत करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 08 योजनायें स्वीकृत हैं, 04 योजनाओं के कार्य प्रारंभ हैं। (ख) 04 योजनाओं हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) वित्तीय संयोजन के आधार पर आवश्यकतानुसार नलजल योजनाएं स्वीकृत की जाती है।
मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
18. ( क्र. 1495 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मौजा बरट तहसील नौगांव राजस्व मण्डल लुगासी पटवारी हल्का न.36 जिला छतरपुर के खसरा नं.832 नेशनल हाईवे फोर लेन में अधिग्रहण पर चला गया है? (ख) क्या उक्त कृषि भूमि के भू-स्वामी जयप्रकाश तनय श्री गंगाधर कुशवाहा को वर्ष 2017-2018 से प्रश्न दिनांक तक मुआवजा प्रदान नहीं किया गया है? (ग) क्या उक्त हल्का का पटवारी एवं तहसील नौगांव के कर्मचारियों द्वारा मुआवजा के बदले राशि की मांग की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो प्रकरण का निराकरण कर दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
सक्षम अधिकारी के बिना स्वीकृति का बंटन
[राजस्व]
19. ( क्र. 1503 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी हल्का मातौल जिला टीकमगढ़ के अंतर्गत ग्राम बघाई तहसील खरगापुर में खसरा क्रमांक 333/3 जो पटवारी रिकार्ड में पठार में दर्ज है जिसका तहसील द्वारा बंटन किया गया है, क्या यह नियम के विपरीत है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बंटन बी-1 खतौनी सन् 1985-86 में क्या धन्जुवा तनय लम्पा बुनकर का नाम दर्ज है? क्या बुनकर काट कर ढीमर किया गया? क्या यह प्रविष्टि फर्जी है? (ग) क्या उक्त बंटन की भूमि बिक्री से प्रतिबंधित होने के कारण कलेक्टर की अनुमति बिना विक्रय नहीं की जा सकती किन्तु उक्त भूमि को बिना किसी सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के ही विक्रय किया जा चुका है? (घ) उक्त तरीके से की गयी धांधली के लिए कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही एवं कब तक की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पटवारी हल्का मातौल जिला टीकमगढ़ के अंतर्गत ग्राम बघाई तहसील खरगापुर में खसरा क्रमांक 333/3 पूर्व अभिलेख में पठार व बंजर दर्ज है उक्त भूमि पर बंटन के संबंध में कोई प्रविष्टि अंकित नहीं पाई गई। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (ख) पटवारी अभिलेख खतौनी वर्ष 1985 एवं 86 में खसरा नंबर 333/3 जु. रकवा 2-000 हे. पर धन्जुवा तनय लम्पा ढीमर अंकित पाया गया, किंतु ढीमर प्रविष्टि में कांटछांट भी पाई। (ग) उक्त भूमि पर पूर्व अभिलेखानुसार न तो बंटन की कोई प्रविष्टि अंकित पाई गई और न ही बिक्री से प्रतिबंधित कोई प्रविष्टि अंकित पाई गई। (घ) उक्त संबंध में विस्तृत जाँच की आवश्यकता है। जाँच उपरांत यदि कोई दोषी पाया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
नामांतरण के संबंध में
[राजस्व]
20. ( क्र. 1506 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर, तहसील छतरपुर में दिनांक 02.03.2019 आवक क्रमांक 325 को एवं उक्त शिकायत के संबंध में सीएम हेल्पलाईन नम्बर 7982356 पर शिकायत की गई थी। यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत पर सक्षम अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क कर शिकायतकर्ता को संतुष्ट कर शिकायत का निराकरण किया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता को कब संतुष्ट कर निराकरण किया गया था? (ग) जिला छतरपुर तहसील छतरपुर के हल्का मौजा सौरा में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब नामांतरण पंजी में दर्ज कर नामांतरण तहसील न्यायालय में नामांतरण आदेश जारी किये गये है? सूची उपलब्ध कराये। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या नामांतरण पंजी पर दर्ज कर नामांतरण एवं तहसील न्यायालय में नामांतरण आदेशों पर सभी नामांतरणों पर जुर्माने के आदेश जारी किये गये है। यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) सुनवाई में दी गई समझाईश अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा नामांतरण हेतु विधिवत आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर दिनांक 24/06/2019 को नामांतरण ओदश पारित किया जा चुका है। (ग) तहसील छतरपुर अंतर्गत मौजा सौरा में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण पंजी से 3161 एवं न्यायालय से पारित 249 कुल 3410 नामांतरण किए गए है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार नामांतरण आदेशों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 (1) क-3 का उल्लंघन पाए जाने पर ही दण्ड की कार्यवाही की गयी है तथा जिन प्रकरणों में उल्लंघन नहीं हुआ है उनमें अर्थदण्ड की कार्यवाही नहीं की गयी है।
नियमों का खुलेआम वाणिज्यकर विभाग द्वारा उल्लंघन
[वाणिज्यिक कर]
21. ( क्र. 1516 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजपत्र क्रमांक-125 दिनांक 18.03.2019 की कंडिका 34 के अनुसार 01 अप्रैल, 2019 से 23 मई 2019 की अवधि में ऑफ-लाइन ट्रांजिट पास जारी किये जा सकते थे? अगर नहीं तो आबकारी विभाग के इंदौर संभाग में किस जिले में उक्त अवधि में ऑफ-लाइन टी.पी. जारी हुई? राज्य शासन उन्हें वैध मानता है कि अवैध? (ख) क्या राजपत्र की उपरोक्त कंडिका के विपरीत और बिना प्रक्रिया पूर्ण किए अवैधानिक रूप से जारी समस्त ऑफ-लाइन टी.पी. निरस्त की जा सकती है? यदि हाँ, तो कितनी अवधि में? क्या जारी मूल टी.पी. शराब परिवहन के समय वाहन के साथ रखना आवश्यक है? यदि हाँ, तो नहीं रखने पर किस प्रकार की कार्यवाही का प्रावधान है। क्या उक्त दोनों प्रकरणों में यह कार्यवाही की गई है नहीं तो क्यों? कब तक करेंगे? क्या इन प्रकरणों के संबंध में पी.एस. को कोई नोटिस मिला है अगर हाँ तो उसके जवाब की प्रतिलिपि देवें? क्या मंत्रि परिषद के अनुमोदन पर राजपत्र में प्रावधान जारी किए जाते है? क्या राजपत्र की कण्डिकाओं में मंत्रालय के पी.एस. संशोधन या उनके पालन करने, टालने, उसे निरस्त करने आदि के संबंध में आदेश/निर्देश जारी कर सकते हैं? उपरोक्त राजपत्र की उपरोक्त कंडिका के संबंध में क्या उप सचिव एस.डी. रिछारिया के द्वारा जारी पत्र निर्देश क्रमांक-बी-2 (ए)/02/2019/2/पाँच दिनांक 24.05.2019 जारी किया जाना सही है? इसे जारी करने के लिए क्या मंत्रि परिषद की अनुमति लेना आवश्यक था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को ली गई? (ग) क्या राज्य शासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आदेश को किसी आधार/नियमों के तहत वैध मानता है? नियमों का उल्लेख करें? एक प्रति दें?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित राजपत्र क्रमांक-125, दिनांक 16.03.2019 को जारी हुआ है, जिसमें दुकान से दुकान अंतरण के लिए ऑन-लाइन ट्रांजिट पास की व्यवस्था थी तथापि वर्तमान विभागीय ऑन-लाइन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सिस्टम में फैक्ट्री व भाण्डागार में ऑन-लाइन परमिट की व्यवस्था अवश्य है, परन्तु दुकान से दुकान अंतरण में ऑन-लाइन परमिट की व्यवस्था नहीं है, क्योंकि प्रत्येक देशी/विदेशी मदिरा की दुकान पर कम्प्यूटर व इंटरनेट की उपलब्धता नहीं है और वर्तमान में लागू विभागीय एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सिस्टम में दुकान से जानकारी भेजने का प्रावधान नहीं है। अत: आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, ग्वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/2018/565 दिनांक 02.05.2018 द्वारा पूर्व की भांति ऑफ-लाइन परिवहन परिपत्र जारी करने की अनुमति प्रदान की गई है। तदानुसार, प्रश्नांश उल्लेखित अवधि 01 अप्रैल 2019 से 23 मई 2019 की अवधि में ऑफ-लाइन टी.पी. जारी की गई है, जो कि नियमानुसार एवं वैध हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में चूंकि विभागीय ऑन-लाइन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सिस्टम डव्लप न होने के कारण आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, ग्वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/2018/565 दिनांक 02.05.2018 द्वारा ऑफ-लाइन टी.पी. जारी किये जाने की दी गई अनुमति के अनुक्रम में, ऑफ-लाइन टी.पी. जारी करना अवैधानिक मान्य नहीं है, अतएव जारी की गई ऑफ-लाइन टी.पी. निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं है। जारी की गई मूल टी.पी. शराब परिवहन के साथ रखा जाना आवश्यक है। मूल टी.पी. शराब परिवहन के दौरान न मिलने पर संबंधित के विरूद्ध आबकारी अधिनियम 1915 के सुसंगत प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। प्रश्नांश में ’’उक्त दोनों प्रकरणों’’ के शब्द सम्मिलित है किन्तु प्रश्नकर्ता द्वारा किन दो प्रकरणों के संबंध में जानकारी अपेक्षित है, यह सूचित नहीं किया गया है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। मंत्रि-परिषद की बैठक दिनांक 05 मार्च 2019 में आबकारी व्यवस्था के क्रियान्वयन के संबंध में लिए गए निर्णय के अनुक्रम में आबकारी व्यवस्था व अन्य आनुषांगिक विषयों पर निर्णय लेने हेतु अधिकारिक स्तर पर आवश्यक नीतिगत निर्णय लेने हेतु भी अधिकृत किया गया था। तद्नुसार अधिकारिक स्तर पर लिए गए निर्णयों में दोनों शामिल हैं। मूल राजपत्र क्रमांक 125 दिनांक 16.03.2019 व तत्पश्चात उसकी कंडिका 34 का पालन नवीन विभागीय एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के लागू होने के बाद ही किया जाना है। उल्लेखित आदेश दिनांक 24.05.2019 सक्षम स्तर से अनुमोदित है व वैध है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजपत्र में उल्लेखित आदेशों की खुलेआम अवहेलना
[वाणिज्यिक कर]
22. ( क्र. 1517 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजपत्र क्रमांक 125 दिनांक 18.3.2019 की कंडिका क्रमांक-34 के अनुसार मध्यप्रदेश आबकारी विभाग के इंदौर संभाग सहित सभी जिला कार्यालयों के द्वारा दिनांक 1 अप्रैल 2019 से 23 मई, 2019 तक की अवधि में ऑफ-लाइन टी.पी. जारी की जा सकती थी? अगर नहीं तो जारी की गई ऑफ-लाइन टी.पी. वैधानिक मानी जाएगी या अवैधानिक? स्पष्ट करें। (ख) राजपत्र और आबकारी विधि के किस नियम के अनुसार, किस अधिकारी को, क्या-क्या प्रक्रिया पूर्ण कर ऑफ-लाइन टी.पी. जारी करने का अधिकार हैं? (ग) क्या धार जिले के थाना राजगढ़ में दर्ज अपराध क्रमांक-168/2019 दिनांक 10.04. 2019 में सागौर वृत की बगदुन अंग्रेजी शराब दुकान से बाग अंग्रेजी शराब दुकान के लिए परिवहन की जा रही शराब को परिवहन करने के लिए किस आबकारी अधिकारी ने टी.पी. जारी की, उसका नाम और पद बताने के साथ यह भी बतावें कि उसे किस आदेश और नियम के तहत ऑफ-लाइन टी.पी. जारी करने का अधिकार था? इसी प्रकार दिनांक 01.05.2019 को लोकसभा निर्वाचन के समय गठित एस.एस.टी. टीम के द्वारा बगदुन की उसी शराब दुकान से परिवहन की जा रही शराब को पकड़ कर थाना कुक्षी के सुपुर्द की थी, जिसे आगे की कार्यवाही के लिए आबकारी विभाग को ही सौंपा गया था, इसमें भी उपरोक्त प्रश्न अनुसार समस्त जानकारी दें? (घ) आबकारी विभाग धार ने उक्त के संबंध में क्या व किस दिनांक को क्या कारवाई की? क्या दण्ड आरोपित किया और क्या इस कार्रवाई को शासन विधि सम्मत मानता है? या नहीं? जारी आदेशों की एक प्रति दें? उक्त संबंध में पी.एस. को निर्वाचन कार्यालय के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर, जाँच प्रतिवेदन बनाकर भेजा गया हो तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। अगर कोई दोषी है तो कौन है और कितनी अवधि में, क्या कार्यवाही की जावेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित राजपत्र क्रमांक-125, दिनांक 16.03.2019 को जारी हुआ है। प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि 01 अप्रैल 2019 से 23 मई 2019 की अवधि में इन्दौर संभाग के जिलों द्वारा क्रमशः धार, इन्दौर, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा एवं बुरहानपुर में ऑफ-लाइन टी.पी. जारी की गई है। वर्ष 2018-19 में विभागीय ऑन-लाइन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सिस्टम डवलप न होने के कारण आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश, ग्वालियर के पत्र क्रमांक/ 7-ठेका/2018/565 दिनांक 02.05.2018 द्वारा राजस्व सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये, पूर्व की भांति ऑफ-लाइन परिवहन पारपत्र जारी करने की दी गई अनुमति के अनुक्रम में, मदिरा दुकानों के बीच परिवहन हेतु ऑफ-लाइन टी.पी. जारी की गई हैं, जो कि राजस्व हित में जारी की गई है एवं वैधानिक हैं। (ख) म.प्र.राजपत्र (असाधारण) दिनांक 16.03.2019 की कंडिका 34 एवं मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बने मध्यप्रदेश देशी स्पिरिट नियम 1995 के नियम 6 (3) तथा मध्यप्रदेश विदेशी मदिरा नियम 1996 के नियम 14 (10) के तहत संबंधित जिले के सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी को मदिरा स्थानांतरण के अधिकार प्रदत्त किये गये हैं। (ग) धार जिले के पुलिस थाना राजगढ़ में अपराध क्रमांक 168/19 दिनांक 10.04.2019 पंजीबद्ध हुआ है। धार जिले की विदेशी मदिरा दुकान बगदून से विदेशी मदिरा दुकान बाग हेतु 1400 पेटी विदेशी मदिरा का परिवहन हेतु पारपत्र क्रमांक-004/2019-20 धार, दिनांक 09.04.2019 श्री देवेश चतुर्वेदी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी जिला धार द्वारा जारी किया गया है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित नियमों के तहत टी.पी. जारी करने का अधिकार था। दिनांक 01.05.2019 को ग्राम ढोल्या में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग के अधिकारी/कर्मचारी के एस.एस.टी./एफ.एस.टी. चैक पाईंट पर तैनात अधिकारी/कर्मचारी द्वारा वाहन क्रमांक एम.पी.09/एच.जी.0862 को रोक कर, उक्त वाहन चैक कर पूछतांछ की गई तथा परिवहन अनुज्ञा-पत्र (एफ.एल.-24) क्रमांक 12 दिनांक 01.05.2019 की शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर घटना स्थल पर ही आबकारी उपनिरीक्षक, वृत कुक्षी जिला धार द्वारा लायसेंसी के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 189/2019 पंजीबद्ध किया गया, जो वर्तमान में कलेक्टर न्यायालय धार में विचाराधीन है। (घ) आबकारी उपनिरीक्षक, वृत कुक्षी द्वारा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 39 (सी) के तहत प्रकरण क्रमांक 189/19 दिनांक 02.05.2019 दर्ज किया जाकर, नियमानुसार प्रकरण निर्णय हेतु न्यायालय कलेक्टर, जिला धार में प्रस्तुत किया, जो वर्तमान में विचाराधीन है। उपरोक्त प्रकरणों के संबंध में लोकसभा निर्वाचन 2019 के दौरान प्राप्त शिकायत पत्र पर भेजे गये प्रतिवेदन की प्रति विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है, अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार वितरण संबंधी
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 1545 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश स्तर पर आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार की क्या व्यवस्था है? पोषण आहार किस कम्पनी/किस ठेकेदार से क्रय किया जा रहा है? आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से उज्जैन जिले में प्रदाय किये जा रहे पोषण हितग्राही को किस रूप में वितरित किया जाता है? क्या प्रति दिवस का मीनू निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें। (ख) उज्जैन जिले की समस्त आंगनवाड़ी में दर्ज हितग्राही की संख्या/सूची आंगनवाड़ी अनुसार देवें। क्या हितग्राहियों की दर्ज संख्या अनुसार ही पोषण आहार वितरण किये जा रहे हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रों में हितग्राहियों की औसत उपस्थिति की क्या स्थिति है? विगत दो वर्षों की जानकारी बतावें। विगत 2 वर्षों से पोषण आहार के आहरित/भुगतान का विवरण उपलब्ध करावें। पोषण आहार की प्रदाय की प्रति हितग्राही के आधार पर क्या दर है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था प्रदेश स्तर से एम.पी.एग्रो/राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं विभाग द्वारा आमंत्रित अल्पकालीन निविदा में सफल निविदाकारों के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से जिला स्तर से संचालित की जाती हैं। उज्जैन जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से हितग्राहियों को पोषण आहार निम्नानुसार रूप में वितरित किया जाता हैं:-
दिवस |
हितग्राही वर्ग |
वितरित पोषण आहार का रूप |
सप्ताह के
सभी |
03 से 06 वर्ष के बच्चों को |
प्रतिदिन ताजे गर्म पके हुए पोषण आहार के रूप में। |
सप्ताह के प्रति मंगलवार को |
06 माह से 03 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती एवं धात्री माताओं को |
ताजे गर्म पके हुए पोषण आहार के रूप में। |
सप्ताह के शेष 05 दिवसों के लिए |
Ready to Eat पोषण आहार के रूप में (पेक्ड पाउच में) |
|
सप्ताह के सभी 06 दिवसों के लिए |
किशोरी बालिकाओं को (11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी) |
Ready to Eat पोषण आहार के रूप में (पेक्ड पाउच में) |
सप्ताह के सभी 06 दिन |
गंभीर कुपोषित बच्चों को |
Ready to Eat पोषण आहार के रूप में |
जी
हाँ।
प्रतिदिवस के
मीनू की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-‘‘01’’ अनुसार
है। (ख) आंगनवाड़ी
केन्द्र/उप
आंगनवाड़ी
केन्द्रों में
दर्ज
हितग्राहियों
की वर्ष 2018-19 की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 एवं
वर्ष 2019-20 की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है। हितग्राहियों
की उपस्थिति
अनुसार पोषण
आहार का वितरण
किया जा रहा
है। उज्जैन
जिले के समस्त
2127
आंगनवाड़ी/उप
आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में हितग्राहियों
की कुल औसत
मासिक
उपस्थिति की
स्थिति की
विगत दो
वर्षों की
जानकारी
निम्नानुसार हैः-
हितग्राही वर्ग |
वर्ष 2017-18 |
वर्ष 2018-19 |
औसत उपस्थिति |
औसत उपस्थिति |
|
03 से 06 वर्ष के बच्चें |
59191 |
63928 |
06 माह से 03 वर्ष के बच्चें |
76615 |
76849 |
गर्भवती एवं धात्री माताएं |
33638 |
33743 |
किशोरी बालिकाएं |
4254 |
4254 |
गंभीर कुपोषित बच्चें |
1249 |
1164 |
उज्जैन जिले में विगत 02 वर्षों में पोषण आहार के लिए आहरित/भुगतान राशि की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
वर्ष में कुल आहरित/भुगतान राशि |
2017-18 |
10,01,94,887/- |
2018-19 |
09,23,80,495/- |
पोषण आहार प्रदाय की प्रति हितग्राही, प्रति दिवस के लिए दर निम्नानुसार हैः-
निर्धारित दर (समस्त व्यय सहित) |
|||
दैनिक हितग्राही |
|||
हितग्राही वर्ग |
|
प्रश्नाधीन अवधि में |
वर्तमान में लागू दर |
|
नाश्ता हेतु |
रू. 2.00
प्रति |
रू. 3.00
प्रति |
भोजन हेतु |
रू. 4.00
प्रति |
रू. 5.00
प्रति |
|
गंभीर
कुपोषित
बच्चें |
थर्डमील हेतु |
रू. 03.00
प्रति |
रू. 4.00
प्रति |
केवल मंगलवार के हितग्राही |
|||
|
नाश्ता हेतु |
रू. 2.00
प्रति |
रू. 3.00
प्रति |
भोजन हेतु |
रू. 4.00
प्रति |
रू. 5.00
प्रति |
|
गर्भवती/धात्री माताएं एवं किशोरी बालिकाएं |
भोजन हेतु |
रू. 07.00
प्रति |
रू. 9.50
प्रति |
उपरोक्तानुसार प्रति हितग्राही, प्रति दिवस की निर्धारित दर में समूहों को देय ईंधन-परिवहन-प्रबन्धन की राशि, रसोइयों की राशि, बी.पी.एल. दर के गेहूँ-चावल हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को दी जाने वाली राशि, इत्यादि समस्त व्यय शामिल है।
लीज के संबंध में जानकारी
[राजस्व]
24. ( क्र. 1558 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक ग्वालियर संभाग के विभिन्न जिलों में विभिन्न राजनैतिक, सामाजिक शैक्षणिक, स्वयं सेवी संस्थाओं, पंजीकृत ट्रस्टों एवं कंपनी एक्ट धारा-25 के तहत बनी कंपनियों को कब-कब, कहाँ-कहाँ किस दर पर, कितनी-कितनी भूमि लीज पर दी गई, जिलेवार जानकारी दें। (ख) उक्त लीज निर्णय किस आधार पर लिये गये? क्या इन संस्थाओं को दी गई लीज में नियम प्रक्रिया का पालन किया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में दी गई लीजों में संस्थाओं द्वारा अनुबंध का पालन किया गया अथवा नहीं एवं कितनी लीजों की समय-सीमा खत्म हो चुकी है? क्या इसकी समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक में गुना, शिवपुरी, ग्वालियर एवं दतिया जिले में जानकारी निरंक है। जिला अशोकनगर में वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक स्वयं सेवी संस्थान के तहत तहसील मुंगावली में सर्वे क्रमांक 184/3 रकवा 0.780 हेक्टर पर गौशाला निर्माण हेतु न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 1 अ 19/2016-17 दिनांक 16.11.2016 से एक रूपये प्रतिवर्ष के दर पर भूमि लीज पर दी गई है। (ख) गुना, शिवपुरी, दतिया एवं ग्वालियर की जानकारी निरंक है। जिला अशोकनगर में लीज शासन नियमानुसार दी गई एवं नियम प्रक्रिया का पालन किया गया। (ग) गुना, शिवपुरी, दतिया एवं ग्वालियर में प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जानकारी निरंक है। अशोकनगर में प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दी गई लीज की अवधि समाप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( क्र. 1569 ) श्री
रामलाल
मालवीय : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) उज्जैन
जिले में
डी.डी.ओ. कोड 4305002001 में
वित्तीय वर्ष 2018-19 में किस-किस
मद में
कितना-कितना
आवंटन
प्राप्त हुआ
था? आवंटन
के विरूद्ध
वेतन को छोड़कर
किस-किस मद में
किस-किस देयक
की राशि का
आहरण किया गया
है? आहरित
राशि का
भुगतान किस
रूप में किया
गया? विगत
2 वर्षों
में अब तक
किसके द्वारा
कौन-कौन से देयक
किस पत्र के
साथ कब-कब
जिला
कार्यालय में
प्रस्तुत
किये गये। (ख) आहरित
देयकों को किस
नियम, प्रक्रिया
अनुसार आहरण
किया जाना था? देयकों के
आहरण पूर्व
क्या
प्रक्रिया का
पालन किया
जाना था और
किस
प्रक्रिया का
पालन किया गया? वर्तमान
में कब से और
कौन-कौन से
देयक लंबित हैं? देयक
लंबित होने का
कारण क्या हैं? लंबित
देयकों के लिए
आवंटन हेतु
कब-कब और क्या
कार्यवाही की
गई?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
इमरती देवी ) : (क) उज्जैन
जिले में
डी.डी.ओ. कोड 4305002001 में
वित्तीय वर्ष 2018-19 में मदवार
प्राप्त
आवंटन की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। वित्तीय
वर्ष 2018-19 में
आवंटन के
विरूद्ध वेतन
को छोड़कर
मदवार राशि के
आहरण की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। आहरित
राशि का
भुगतान
ई-पेमेंट के
माध्यम से संबंधितों
के बैंक खातों
में किया गया।
विगत दो
वर्षों में
जिला
कार्यालय को
प्रस्तुत किये
गये देयकों की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) आहरित
राशि का व्यय
करते समय शासन
के निर्देश, म.प्र.
कोषालय
संहिता, वित्त
संहिता,
भंडार
क्रय नियम एवं
संचालनालय से
जारी निर्देशों
का पालन किया
जाता है और इन्हीं
का पालन करते
हुये देयकों
का आहरण किया
गया है। मुख्य
रूप से आवंटन
की
अनुपलब्धता
के कारण देयक
लंबित रहे।
लंबित देयकों
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 अनुसार है। लंबित
देयकों के
लिये आवंटन
संबंधी मांग
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र- 4-अ अनुसार है।
कोषालय सर्वर में पदों का वेरीफिकेनशन
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 1570 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल के पत्र क्र. 683 दिनांक 17.02.2016 अनुसार स्वीकृत पदों का कोषालय सर्वर में वेरीफिकेशन तथा मेपिंग कराये जाने के निर्देश पर पत्र प्राप्ति से लेकर अंतिम प्रक्रिया तक उज्जैन जिले में संबंधित शाखा द्वारा कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई थी? साथ ही जिला कार्यालय के आदेश क्र. 677 दिनांक 26.03.2016 द्वारा घट्टिया और महिदपुर की परियोजनाओं से वेतन आहरण करने की क्या आवश्यकता पड़ी? (ख) क्या स्वीकृत पदों का कोषालय सर्वर में वेरीफिकेशन तथा मेपिंग किये जाने के दौरान कर्मचारियों की वरिष्ठता का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर कब और क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल के पत्र क्र.683 दिनांक 17.2.2016 में दिये गये निर्देशानुसार जो पद सर्वर में नहीं दिखाई दे रहे थे, उन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के एम्पलाई डाटा वेरिफिकेशन तथा मेपिंग का कार्य जिला कोषालय से समन्वय कर समय-समय पर कार्यवाही की गई, किन्तु सर्वर में पद प्रदर्शित नहीं हो रहा था। कोषालय सर्वर में पद प्रदर्शित नहीं होने से कार्यालयीन आदेश क्रमांक 677 दिनांक 26.3.2016 द्वारा 03 कर्मचारियों का वेतन उनके समानान्तर रिक्त पद से आहरण किये जाने की स्वीकृति आगामी आदेश तक प्रदान की गई थी। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) कोषालय सर्वर में वेरिफिकेशन तथा मेपिंग किये जाने के दौरान कर्मचारी की वरिष्ठता संबंधित कोई निर्देश नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता।
खाद्य एवं अन्य वस्तुओं को प्राप्त करने की पात्रता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
27. ( क्र. 1580 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कौन-कौन से व्यक्ति खाद्य एवं अन्य वस्तुएं प्राप्त करने की पात्रता रखते है? श्रेणीवार बतावें। (ख) पात्रता रखने के बाद भी यदि कोई हितग्राही खाद्य या अन्य सामग्री मिलने से वंचित होता है तो उसके लिए विभाग की क्या व्यवस्था रहती है? (ग) जिन लोगों को पात्रता पर्ची नहीं मिल पाई है उनके लिए विभाग की क्या नीति है? हर पात्र व्यक्ति को पर्ची मिले इसके लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? हर पात्र व्यक्ति को सस्ता अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली से मिले इस हेतु विभाग की क्या योजना है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 25 श्रेणी के परिवारों को पात्र परिवार के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है, इन श्रेणियों के वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन प्राप्त करने की पात्रता है। पात्र परिवार के अंतर्गत सम्मिलित श्रेणियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन न मिलने पर जिला शिकायत निवारण अधिकारी एवं विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ सी.एम. हेल्पलाईन में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है, जिसका निराकरण समय-सीमा में करने की व्यवस्था है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। माह अप्रैल, 2018 से 12.22 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है।
सामग्री खरीदी में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
28. ( क्र. 1599 ) श्री
संजय शुक्ला : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) महाराजा
यशवंतराव
चिकित्सालय
एवं मेडिकल कॉलेज
इन्दौर में
विगत 03
वर्षों में
दीनदयाल
योजना एवं
अन्य योजना अंतर्गत
कुल दवाई, इनप्लांट
सामग्री, सर्जिकल
आयटम एवं अन्य
समुचित
सामग्री/मशीनरी
क्या-क्या
क्रय की गई? ई-हाँस्पिटल
के अंतर्गत
मेडिकल
कॉलेज/एम.वाय. हाँस्पिटल/
चाचा नेहरू
हाँस्पिटल/कैंसर
अस्पताल
द्वारा
क्या-क्या
सामग्री
कम्प्युटर, स्केनर, प्रिंटर
आदि एवं अन्य
क्या-क्या
सामग्री क्रय
की गई? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जे.एम.
पोर्टल के
माध्यम से एवं
लोकल खरीदी के
माध्यम से
क्या-क्या
सामग्री क्रय
की गई? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान जे.एम.
पोर्टल के माध्यम
से किन-किन
कम्पनियों/एजेन्सियों
को किया गया
एवं लोकल
खरीदी के
माध्यम से किस
कम्पनी/एजेन्सियों
को
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किस-किस
आयटम के लिए
किया गया? (घ) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में म.य.चि. में
पूर्व में लोकल
खरीदी में
क्या कोई
अनियमितता
पाई जाने पर
जाँच आहूत की
गई थी? हाँ
या नहीं?
यदि
हाँ, तो
जाँच की
वर्तमान में
क्या स्थिति
है? क्या
अनियमितता
करने वाले
चिकित्सक/ कर्मचारियों
पर कोई
कार्यवाही की
जायेगी? हाँ
या नहीं?
यदि
हाँ, तो
क्या
कार्यवाही कब तक की जायेगी?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
विजयलक्ष्मी
साधौ ) : (क) विगत
03 वर्षों
में दीनदयाल
योजना एवं अन्य
योजनान्तर्गत
क्रय की
दवाइयां, इन्पलान्ट, सामग्री, सर्जिकल
आयटम एवं अन्य
समुचित
सामग्री/मशीनरी
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है।
ई-हॉस्पिटल के
अंतर्गत क्रय
की गई सामग्रियों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) महात्मा
गांधी स्मृति
चिकित्सा
महाविद्यालय
इन्दौर
द्वारा
जे.एम.पोर्टल
के माध्यम से
क्रय सामग्री
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार है।
एम.वाय.
हॉस्पिटल
द्वारा जे.एम.
पोर्टल तथा
लोकल खरीदी के
माध्यम के
क्रय सामग्री
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) महात्मा
गांधी स्मृति
चिकित्सा
महाविद्यालय
इन्दौर
द्वारा जे.एम.
पोर्टल के
माध्यम से
क्रय सामग्री
की भुगतान
राशि की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र-5 अनुसार है।
एम.वाय.
हॉस्पिटल
द्वारा जे.एम.
पोर्टल तथा
लोकल खरीदी के
माध्यम से
क्रय सामग्री
की भुगतान की
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार है।
कैंसर चिकित्सालय
तथा चाचा
नेहरू बाल
चिकित्सालय
की जानकारी
निरंक है। (घ) जी
हाँ। भण्डार
क्रय नियमों
के विपरीत
सामग्री क्रय
करने के संबंध
में 07
अधिकारी/कर्मचारियों
के विरूद्ध
वर्तमान में
जाँच प्रचलन
में है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
समान वेतनमान दिया जाना
[आयुष]
29. ( क्र. 1610 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, दंत चिकित्सा, पशु चिकित्सा, कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालयों में यू.जी.सी. वेतनमान दिया जा रहा है? (ख) क्या आयुर्वेद महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को तुलनात्मक रूप से कम वेतनमान दिया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो प्रदेश के आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अन्य चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों के समान वेतनमान व अन्य सुविधाऐं कब तक दी जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) पशुपालन विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालयों में यू.जी.सी. वेतनमान दिया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा चिकित्सा शिक्षा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत वेतनमान दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पंजीयन
[राजस्व]
30. ( क्र. 1618 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित के संबंध में प्रश्न दिनांक तक मंदसौर, रतलाम जिले में कितने किसानों का पंजीयन पोर्टल पर छानबीन उपरांत किया जा चुका है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सुचारू संचालन में अनावश्यक रूप से विभागीय कार्यवाही में देरी हो रही है जिससे किसानों की सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है? किसानों के पंजीयन की अंतिम तिथि अधिकारियों द्वारा बार-बार बढ़ाये जाने के क्या कारण हैं? (ग) उक्त जिलों में कर्मचारियों द्वारा उक्त कार्य में लापरवाही के कारण उच्च अधिकारियों ने कब-कब, किन-किन कर्मचारी एवं अधिकारियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की? उक्त जिलों के किसानों के खातों में कब तक राशि स्थानान्तरित कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला मंदसौर में कुल 554 तथा जिला रतलाम में कुल 2776 किसानों का पंजीयन पोर्टल पर छानबीन उपरांत किया जा चुका है। (ख) किसानों का पंजीयन सतत प्रक्रियाधीन है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रात्रता परीक्षण हेतु सतत कार्यवाही प्रचलित है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यवाही सतत प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पद संरचना एवं रिक्त पदों की जानकारी
[राजस्व]
31. ( क्र. 1627 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधान सभा क्षेत्र के मालथौन में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी की स्वीकृति कब प्राप्त हुई? अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय की पद संरचना क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यालय की पद संरचना के मुताबिक अधिकारी/कर्मचारियों के कौन-कौन पद रिक्त है? (ग) प्रश्नांश (क) कार्यालय के स्वतंत्र भवन निर्माण के लिये अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-8/2018, दिनांक 30.07.2018 अनुसार खुरई विधान सभा क्षेत्र के तहसील मालथौन को उपखण्ड बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। पद संरचना निम्नानुसार है :-
क्र. |
पद का नाम |
पद संख्या |
1 |
स्टेनोटायपिस्ट |
01 |
2 |
सहायक ग्रेड-2 |
02 |
3 |
सहायक ग्रेड-3 |
03 |
4 |
वाहन चालक |
02 |
5 |
भृत्य |
04 |
(ख)
प्रश्नांश
(क) अनुसार पद
संरचना
मुताबिक निम्नानुसार
पद रिक्त है:-
क्र. |
पदनाम |
रिक्त पद |
1 |
स्टेनोटायपिस्ट |
01 |
2 |
सहायक ग्रेड-2 |
02 |
3 |
सहायक ग्रेड-3 |
02 |
4 |
वाहन चालक |
02 |
5 |
भृत्य |
04 |
(ग) सागर
जिले के
मालथौन में
अनुविभाग
अधिकारी कार्यालय
निर्माण के
लिये राशि
रूपये 90.00 लाख
की प्रशासकीय
स्वीकृति
वर्ष 2019-20 में
वित्त विभाग
के परामर्श
उपरान्त
जारी करने का
निर्णय लिया
गया है।
औषधालयों में स्टाफ की पूर्ति
[आयुष]
32. ( क्र. 1641 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने आयुर्वेद औषधालय संचालित है और उनमें चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं और कितने वर्तमान में रिक्त हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) नीमच जिले अंतर्गत आयुष विभाग के औषधालय कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं। संचालन का स्थान/ग्राम के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। चिकित्सकों के अभाव में कहाँ-कहाँ पर औषधालयों का संचालन बंद कर दिया गया है। (ग) शासन द्वारा प्रश्नांश (ख) अंतर्गत उक्त औषधालय में कौन-कौन से पद स्वीकृत किये गये हैं, उनमें से कितने पद रिक्त हैं? विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) 1496 औषधालय। 1496 आयुर्वेद चिकित्सक के पद स्वीकृत एवं 828 रिक्त है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के पप्रत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। कहीं नहीं अतिरिक्त प्रभार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। पदों की पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि के आवंटन को लेकर स्थिति
[राजस्व]
33. ( क्र. 1658 ) श्री
मनोहर ऊंटवाल
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) कोलार
रोड भोपाल
स्थित
राजहर्ष
कालोनी/विक्टोरिया
कॉलेज के पास
शासकीय भूमि
कितनी है? वह कब से
आवंटित है? (ख) क्या
भूमि वर्तमान
में कोटवार के
आधिपत्य में
है और कोटवार
द्वारा खरीब
फसल के अंतर्गत
तुअर की फसल
ली गई है?
क्या
राजस्व
विभाग द्वारा
यह बताया गया
है कि उक्त
भूमि शासन के
आधिपत्य में
है? यदि
हाँ, तो
क्या इसका परीक्षण
कर शासन उक्त
भूमि को अपने
आधिपत्य में
लेते हुये
औचित्यपूर्ण
उपयोग करेगा? (ग) क्या
शासन उक्त
भूमि नगर निगम
भोपाल के अधीन
होने के कारण
वर्तमान में उक्त
भूमि को
कोटवार के पास
ही रहने देकर
उसे कृषि हेतु
देगी या यह
नगर निगम
आवासीय
कालोनियों के
बीच होने से
शासन इस भूमि
का अन्य
उपयोग करने पर
विचार करेगा? यदि हाँ, तो इस
शासकीय भूमि
का शासन क्या
उपयोग करेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) कोलार रोड
भोपाल स्थित
राजहर्ष
कालोनी/ विक्टोरिया
स्कूल के पास
शासकीय भूमि
खसरा नं.
348
रकबा 1.280 हे.
म.प्र.शासन
नगर बाहृय
नजूल में दर्ज
है। वर्तमान
में भूमि
रिक्त है किसी
विभाग/संस्था
को आवंटित
नहीं की गई
है। (ख) जी नहीं।
जी नहीं। जी
हाँ। उक्त
भूमि का
यथावश्यक
यथोचित उपयोग
किया जायेगा। (ग) उक्त
भूमि का
यथावश्यक
यथोचित उपयोग
किया जायेगा।
वर्तमान में अवगत
कराया जाना
संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
34. ( क्र. 1741 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र है। इसमें कितनी सहायिका/कार्यकर्ता कार्यरत है तथा कितने पद रिक्त है? इनकी नियुक्ति की क्या प्रक्रिया हैं? रिक्त पद कब तक भरे जायेंगे? (ख) जनसंख्या के मान से आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का क्या मापदंड है? विधान सभा-16 ग्वालियर पूर्व में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र है? उनकी सूची प्रदाय करें और कितने आंगनवाड़ी केन्द्र प्रस्तावित है? (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के कार्य के घंटे कितने है और उन्हें न्यूनतम वेतनमान दिये जाने की शासन की क्या योजना है? (घ) म.प्र. में कितने केन्द्र शासकीय भवनों में एवं कितने केन्द्र किराये के भवनों में चल रहे है, आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाने की दिशा में सरकार की नीति क्या है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) म.प्र. में 97135 आंगनवाड़ी केन्द्र/उप आंगनवाड़ी केन्द्र है। 96003 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 83117 आंगनवाड़ी सहायिका के पद भरे हुये है। वर्तमान में 1132 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 1348 आंगनवाड़ी सहायिका के पद रिक्त है। नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक‘‘ अनुसार है। रिक्त पदों पर पदपूर्ति हेतु विज्ञप्ति जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने/स्वीकृति हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो‘‘ अनुसार है। विधान सभा-16 ग्वालियर पूर्व में संचालित 174 आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘तीन‘‘ अनुसार है। विधान सभा-16 ग्वालियर में पूर्व में 44 आंगनवाड़ी केन्द्र प्रस्तावित है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के कार्य के 06 घंटे निर्धारित है। न्यूनतम वेतनमान दिये जाने की कोई योजना शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। (घ) म.प्र. में 65322 आंगनवाड़ी भवन विभागीय/अन्य शासकीय भवनों में तथा 28874 आंगनवाड़ी भवन किराये के भवन में संचालित है। राज्य शासन के उपलब्ध वित्तीय संसाधनों, CSR फण्ड एवं जनसहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाने हेतु विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही न होना
[राजस्व]
35. ( क्र. 1744 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र. 113/राजस्व/4/आर.एम./2019, सतना दिनांक 20.02.2019 को प्रमुख राजस्व आयुक्त को पत्र जारी कर, अतारांकित प्रश्न क्र. 544 दिनांक 07.03.18 से उद्भुत आश्वासन क्र. 71 के संबंध में उक्त पत्र में तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्का सिजहटा के मौजा सोनैरा की कुल किता 4 रकवा 18.38 एकड़ मध्यप्रदेश शासन घोषित किया गया है पटवारी हलका कृपालपुर के मौजा कृपालपुर की कुल किता 6 रकवा 16.00 एकड़ म.प्र. शासन घोषित किया गया है पटवारी हलका माधवगढ़ की रकवा 0.53 म.प्र. घोषित हुई पटवारी हल्का कोलगवां के मौजा चेक उतैली की रकवा 2.00 एकड़ म.प्र. शासन घोषित की गई है पटवारी हल्का रामस्थान की उक्त पत्र के बिन्दु 1 से 6 तक में म.प्र. शासन घोषित की गई है कि एक-एक प्रति उपलब्ध कराये। (ख) तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पत्र क्र. 87 दिनांक 22.03.2016 को पत्र जारी कर जिले के समस्त एस.डी.एम. को निर्देश दिये है उक्त पत्र भी स्वीकार किया था कि उक्त अवैध कार्य भू-अभिलेख/राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारीगणों की मिली भगत से किया गया है क्या उक्त अधिकारी एस.डी.एम. रघुराज को (क) में उल्लेखित आराजी के दोषी पटवारियों एवं तहसीलदारों के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराने के निर्देश जारी करेंगे? यदि नहीं, करेंगे तो कारण सहित बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) क्या एस.डी.एम. रघुराजनगर ने पत्र क्र. 1017 दिनांक 27.07.2017 के तहत 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था उक्त कमेटी ने अपना जाँच प्रतिवेदन पत्र क्र. 1140 दिनांक 15.03.2017 को एस.डी.एम. कार्यालय में जमा किया था उक्त कर्मचारी/अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जाँच बैठायेंगे तथा संबंधित थाने में 120 का अपराध पंजीबद्ध करायेंगे? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रथम दृष्टया पदीय कर्तव्यों का निर्वाहन न करने के संबंध में 3 पटवारियों को निलंबित किया गया है। उपरोक्त के अतिरिक्त शासन के निर्देशानुसार आयुक्त रीवा संभाग रीवा के द्वारा गठित जांच दल ने जांच की है। जांच में पाई गई वस्तुस्थिति के अनुक्रम में यथोचित कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। उक्त प्रतिवेदन में किसी अधिकारी कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही न की जाना
[राजस्व]
36. ( क्र. 1745 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर द्वारा साप्ताहिक पेपर न्यूज एडीटर में छपे समाचार चाय वाले को बेच दी सरकारी जमीन की जाँच एस.डी.एम. रघुराजनगर को दी गई थी। एस.डी.एम. ने उक्त जाँच तहसीलदार रघुराजनगर को दी थी, उक्त जाँच प्रतिवेदन राजस्व निरीक्षक एवं पदेन नायब तहसीलदार ने एस.डी.एम. रघुराजनगर कार्यालय में 24.01.2017 को जमा किया था, उक्त जाँच प्रतिवेदन की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) उक्त जाँच प्रतिवेदन में जाँच अधिकारी ने अपने अभिमत स्पष्ट लिखा था कि पटवारी हल्का की सिजहटा के मौजा सोनौरा की आराजी क्र. 44/2/2 को शासकीय सम्पत्ति के मूल स्वरूप को नष्ट करना, शासकीय सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द करने के कारण उक्त माफिया के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना उचित होगा और शासकीय सम्पत्ति को नष्ट करने के कारण नियमानुसार वसूली कराया जाना उचित होगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो उक्त जाँच प्रतिवेदन का अवलोकन कलेक्टर सतना एवं प्रमुख सचिव राजस्व करने के पश्चात एस.डी.एम. रघुराजनगर को संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराने के निर्देश देंगे? नहीं देंगे तो कारण सहित बिन्दुवार जानकारी देवें? (घ) उक्त शासकीय जमीन का अवैधानिक नामांतरण करने वाले पटवारी, तहसीलदार, विक्रेता भूमाफिया के खिलाफ जाँच हुए 2 वर्ष हो गये है पर एफ.आई.आर. प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं कराई इसमें राज्य शासन किसे दोषी मानेगा नहीं मानेगा तो क्यों कारण सहित बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) श्री सुदामा कोल तत्कालीन राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन दिनांक 24.01.2017 के संबंध में पूर्व में ही कार्यवाही हो चुकी थी, अतः इस प्रतिवेदन पर कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। आयुक्त रीवा, संभाग रीवा द्वारा गठित जाँच दल द्वारा भी उक्त विषयांकित प्रकरण की जाँच की जा चुकी है। जाँच में निर्णय अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) पीड़ित पक्षकार द्वारा विक्रेता के विरूद्ध थाना कोलगवां में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है जिसका अपराध क्र. 168/16 पंजीबद्ध है।
भूमि बंदोबस्त रिकार्ड कि जानकारी
[राजस्व]
37. ( क्र. 1807 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट जिला रतलाम में भूमि बंदोबस्त का कार्य पूर्ण हो गया है यदि हाँ, तो बंदोबस्त रिकार्ड का कार्य स्थल का सत्यापन किया गया है, क्या इस दौरान त्रुटि पूर्ण प्रकरण प्रकाश में आये हैं अगर हाँ तो कुल कितने मामले तथा उनका निराकरण कब तक होगा? (ख) क्या गांव दुधिया बामनखेडी देवगढ़ में वास्तविकता से परे भूमियां रिकार्ड में दर्ज कर दी गई हैं यदि हाँ, तो दर्ज सर्वे नंबरों से कुल कितने किसान प्रभावित हो रहे हैं? (ग) क्या इसके लिये जिम्मेदार त्रुटिकर्ता अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेंगे यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या त्रुटि दुरूस्त हेतु शासन द्वारा क्या अलग से कोई समिति बनाई जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील आलोट जिला आलोट रतलाम में 110 ग्राम होकर उनमें से 101 ग्रामों में बंदोबस्त कार्य पूर्ण हो चुका है। ग्राम:- 1. बरखेड़ाकलां 2. विक्रमगढ़ 3. आलोट 4. जीवनगढ़ 5. माउखेड़ी 6. कलसिया 7.पाटन 8.धरोला 9.कछालिया का बंदोबस्त नहीं हुआ है। रिकार्ड का सत्यापन हो चुका है। कोई त्रुटिपूर्ण प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) ग्राम दुधिया बामनखेड़ी, देवगढ़ में वास्तविकता से परे भूमियों के रिकार्ड में दर्ज करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जानकारी निरंक। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में लागू नहीं होता।
शुगर मिल की भूमि के संबंध में
[राजस्व]
38. ( क्र. 1808 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले के आलोट तहसील क्षेत्र में शुगर मिल की भूमि है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से गांव में किस-किस व्यक्ति के कब्जे में कुल कितने-कितने बीघा भूमि कब से है? (ग) क्या कब्जेधारी काश्तकार शासन की योजना एवं बैंक ऋण व भूमि स्वामी के हक से वंचित हैं? यदि हाँ, तो शासन क्या उन कृषकों को पात्र बनाने हेतु कोई नीति बना रहा है? (घ) यदि हाँ, तो कैसी तथा उसका क्रियान्वयन कब तक होगा और यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में तहसील आलोट जिला रतलाम में शुगर मील के नाम से कोई भूमि राजस्व रिकार्ड में अंकित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
संचालित नलजल योजना के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 1813 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में बल्देवगढ़ एवं पलेरा ब्लाक में कितनी नलजल योजनाएं संचालित हैं एवं निविदाकार कौन हैं? (ख) उपरोक्त में से कौन-कौन सी नलजल योजनाएं निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो चुकी हैं और संचालित हैं? (ग) निर्धारित समयावधि के उपरांत पूर्ण होने वाली अथवा वर्तमान में भी अपूर्ण नलजल योजनाएं कौन सी है एवं इनमें निविदाकार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) उक्त नलजल योजनाओं में योजना के रख-रखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी किसकी है एवं कितने वर्ष तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 47 योजनायें संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ठेकेदार द्वारा संचालन की निर्धारित अवधि समाप्त होने के उपरान्त योजना ग्राम पंचायत को हस्तांतरित कर उनके माध्यम से योजना का रख-रखाव किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कब्जित गौचर भूमि के संबंध में
[राजस्व]
40. ( क्र. 1829 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत निस्तार पत्रक में गौवंश की चरनोई के लिये टीकमगढ़ जिले में कितनी भूमि गौचर के लिये आरक्षित रखी गई है? जिले के समस्त पटवारी हल्कों की गौचर भूमि की तहसीलवार पृथक-पृथक सूचियाँ रकवा सहित उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुरूप टीकमगढ़ में (नवगठित निवाड़ी जिला को छोड़कर) विगत तीन कृषि वर्षों में गौचर भूमि पर अवैध कब्जा करने के कारण कितने प्रकरणों में बेजा कब्जाधारियों के विरूद्ध कितना-कितना जुर्माना किया गया? पटवारी, हल्का सहित तहसीलदार अर्थदण्ड से या अन्यथा/दण्डित व्यक्तियों की सूची बतायें? (ग) टीकमगढ़ जिले में गौवंश की चरनोई के लिये आरक्षित गौचर भूमि पर क्या अब भी बेजा कब्जा है, यदि हाँ, तो जिले के सभी पटवारी हल्कों में बेजा कब्जाधारियों की तहसीलवार सूची बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुरूप यदि टीकमगढ़ जिले में कही भी गौचर भूमि पर कब्जा है तो अब तक गौचर भूमि मुक्त क्यों नहीं कराई गई, इसके लिए कौन दोषी है, बतायें? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही होगी, और गौचर भूमि कब तक मुक्त कराई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत निस्तार पत्रक में गौवंश की चरनोई के लिये टीकमगढ़ जिला में कुल 15445.448 हे. भूमि आरक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 1441 प्रकरणों में कुल रू.4596592 का जुर्माना वसूल किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिले में गौवंश की चरनोई के लिये आरक्षित भूमि पर वर्तमान में भी तहसील खरगापुर में चरनोई भूमि पर बेजा कब्जा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुरूप टीकमगढ़ जिले की तहसील खरगापुर में वर्ष 2019-20 गौचर भूमि रकवा 6.548 हे. पर कब्जा किया गया है तथा इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु व्यक्तिवार प्रकरण दर्ज किये जाकर न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
भूमि का अतिक्रमण
[राजस्व]
41. ( क्र. 1853 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी एवं छिन्दवाड़ा जिले में स्थित पेंच नेशनल पार्क से लगे हुए राजस्व सीमा में स्थित विभिन्न ग्रामों में कितने रिसोर्ट और ढाबे संचालित हैं? उक्त ढाबों एवं रिसोर्ट की भूमि एवं परिसर को व्यवसायिक मद में भूमि व्यपवर्तन एवं 2017 से आज दिनांक तक अनुसूचित क्षेत्र कुरई तहसील में स्थित भूमियों के व्यवसायिक उपयोग व्यपवर्तन आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) पेंच नेशनल पार्क से लगे राजस्व ग्रामों में कितने रिसोर्ट एवं ढाबों की जमीन का व्यवसायिक उपयोग व्यपवर्तन ( डायवर्सन) किया गया है? प्रत्येक रिसोर्ट एवं ढाबेवार क्रमश: उनके क्षेत्रफल एवं प.ह.न. एवं खसरेवार जानकारी उपलब्ध करावें। उन रिसोर्ट एवं ढाबों द्वारा भूमि व्यपवर्तन के विरूद्ध कितने क्षेत्रफल भूखंड में निर्माण कराया गया है एवं भूखंड में निर्माण के उपरांत राजस्व अमले द्वारा उक्त भूमि का अतिक्रमण न हो इस बाबत् सीमाकंन कराया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राजस्व विभाग द्वारा उन रिसोर्ट एवं ढाबों द्वारा डायवर्सन कराये गये क्षेत्रफल से अधिक में निर्माण कराये जाने पर कोई कार्यवाही की गई है यदि हाँ, तो किन-किन रिसोर्ट एवं ढाबे पर कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसके लिए दोषी एवं लापरवाह राजस्व अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई है या कोई कार्यवाही की जावेगी? (घ) पेंच नेशनल पार्क से लगे राजस्व ग्रामों में स्थित रिसोर्ट एवं ढाबे मालिकों द्वारा राजस्व भूमि, राजस्व रिकार्ड में दर्ज नदी, नाले व गोहा पर अतिक्रमण किया गया है इस बात पर राजस्व अमले द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर सीमांकन किया गया है यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं अवगत करावें। कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 38 ढाबे और रिसोर्टर्स। व्यपवर्तन आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) समस्त 38 ढावों अथवा रिसोर्टर्स की जमीन का व्यपवर्तन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। सीमांकन कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पेंच नेशनल पार्क से लगे रिसोर्ट एवं ढाबों द्वारा डायवर्सन कराये गये क्षेत्र से अधिक में निर्माण नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पेंच नेशनल पार्क से लगे राजस्व ग्रामों में स्थित रिसोर्ट एवं ढाबे मालिकों द्वारा राजस्व भूमि, राजस्व रिकार्ड में दर्ज नदी, नाले व गोहा पर अतिक्रमण नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओलावृष्टि में हुई फसल क्षति की राशि का भुगतान
[राजस्व]
42. ( क्र. 1858 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में फरवरी 2018 में ओलावृष्टि में हुई थी, यदि हाँ, तो केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कितने लोगों को ओलावृष्टि में हुई फसल क्षति की राशि का भुगतान किया गया यदि नहीं, किया गया है तो कब तक कर दिया जावेगा? संख्या हल्कावार, ग्रामवार, राजस्व निरीक्षक मण्डल सहित उपलब्ध कराया जावे। (ख) क्या फरवरी 2018 में हुई ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामों का सर्वे किया गया था? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों का सर्वे किया गया था। यदि नहीं, तो क्यों? राजस्व निरीक्षक मण्डलवार कृषकों की सर्वेक्षित ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) ओलावृष्टि में हुई फसल क्षति का आंकलन के क्या मापदण्ड अपनाये गये थे? किन मापदण्डों के आधार पर पीड़ित किसानों को फसल क्षति का भुगतान किया गया था मापदण्ड की प्रति उपलब्ध कराई जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘एक’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र केवलारी अन्तर्गत ओलावृष्टि से प्रभावित 106 ग्रामों का सर्वे कराया गया। सर्वेक्षित कृषकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘दो’ अनुसार है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6- (4) के प्रावधानों के प्रभावित कृषकों को फसल क्षति हेतु अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया गया है। मापदण्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘तीन’ अनुसार है।
शासन को की गई राजस्व की हानि
[वाणिज्यिक कर]
43. ( क्र. 1879 ) श्री कमलेश जाटव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप पंजीयक कार्यालय अम्बाह द्वारा अम्बाह विधान सभा अंतर्गत 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी रजिस्ट्रियां की गई है? (ख) क्या उप पंजीयक कार्यालय अम्बाह जिला मुरैना द्वारा सिंचित भूमि को असिंचित एवं बहुमंजिला एवं मारबलयुक्त मकान को एक मंजिला व जीर्ण-शीर्ण माटी गारे का दर्शाकर शासन को लाखों रूपये की हानि पहुँचाई जा रही है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कर क्या इसके लिए दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) उप पंजीयक कार्यालय अम्बाह द्वारा अम्बाह विधान सभा अंतर्गत 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल 3875 रजिस्ट्रियां की गई है। (ख) ऐसी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा शिक्षा संबंधी जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
44. ( क्र. 1897 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं उससे संबंधित अस्पतालों में सफाई, सुरक्षा, ठेका, किस कंपनी के पास है, इसको प्रति वर्ष कितना भुगतान किया जा रहा है? जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या ग्वालियर के जे.ए.एच. में H.I.T.E.S. नाम की कंपनी के पास ठेका है एवं उसके द्वारा ठेका B.V.G. नाम की कंपनी को दे दिया है? क्या इस कंपनी को प्रतिमाह 65 लाख रूपये का भुगतान किया जा रहा है? क्या इसके बावजूद जे.ए.एच. कमलाराजा, हाँस्पिटल में सफाई व्यवस्था बदहाल है? क्या सरकार इसमें कोई कार्यवाही करेगी? (ग) क्या शासन स्तर पर H.I.T.E.S. कंपनी के काम का आंकलन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) कई बार H.I.T.E.S. कंपनी पर जुर्माना लगाया जा चुका है? यदि हाँ, तो फिर इसका ठेका निरस्त क्यों नहीं किया गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं उनसे संबंधित अस्पतालों में सफाई/सुरक्षा/ठेका H.I.T.E.S. कम्पनी के पास है। जिसकी जिलेवार, वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर में H.I.T.E.S.कम्पनी द्वारा B.V.G. से कार्य कराया जाता है। जी हाँ। सफाई व्यवस्था में सुधार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। स्वशासी संस्था होने से शासन स्तर से कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) जी हाँ। अधिष्ठाता द्वारा नियमित मॉनिटरिंग कार्य की गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार जुर्माना लगाया जाता है। उनके कार्य में सुधार होने के कारण अनुबंध निरस्त नहीं किया गया हैं।
सिहोरा को जिला बनाने के संबंध में
[राजस्व]
45. ( क्र. 1907 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 अक्टूबर 2003 को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में सिहोरा को जिला बनाने का प्रस्ताव पास किया था? यदि हाँ, तो इस प्रस्तावित जिले की उस समय भौगोलिक सीमा क्या थी तथा इसमें किन-किन विकासखण्डों के कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित किये जाने प्रस्तावित थे? उस समय प्रस्तावित जिले का भौगोलिक मानचित्र की छायाप्रति देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बैठक में सिहोरा जिला बनाने का प्रस्ताव प्रदेश में विधान सभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण क्रियान्वित न हो सका? उस समय की घोषणा अनुसार इसे जनवरी 2004 में क्रियाशील होना था? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्या शासन अपनी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पास सिहोरा को जिला बनाने के प्रस्ताव को क्रियान्वित कर सिहोरा को जिला बनावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावित जिला सीहोरा की भौगोलिक सीमाऐं निम्नानुसार थी :-
पूर्व में - जिला उमरिया,
पश्चिम में - जिला दमोह,
उत्तर में - जिला कटनी
दक्षिण में - जिला जबलपुर।
वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपलब्ध रिकार्ड अनुसार यह स्पष्ट नहीं है कि सीहोरा को जिला बनाने का प्रस्ताव प्रदेश में विधान सभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण क्रियान्वित नहीं हो सका। (ग) वर्तमान में कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत राजस्व प्रकरण
[राजस्व]
46. ( क्र. 1908 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बी.सी. 6 (4) के प्रकरण अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से प्रकरण किन कारणों से कब से लंबित है? नामवार, ग्रामवार हितग्राही, कृषक के नाम, लंबित दिनांक सहित तहसीलवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित, लंबित, प्रकरणों की समीक्षा किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई एवं उसके कब क्या परिणाम निकले? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कितने, कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से कृषक है, जिनकी निजी स्वामित्व की भूमि पर बांध, नहर, पुल एवं सड़क आदि के निर्माण होने के कारण अभी तक मुआवजा प्राप्त न होने की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई है एवं उन पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई। कृषकों के नाम, मुआवजा, राशि सहित देवें। (घ) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर किन-किन लोगों द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण करने की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई एवं उन पर कब-क्या कार्यवाही, किसके द्वारा की गई एवं किन-किन निर्माण कार्यों पर कब स्टे-आर्डर जारी किये गये? किन-किन प्रकरणों में कब-कब किन कारणों से जारी किया गया स्टे-आर्डर निरस्त किया गया।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बी.सी. 6 (4) के प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है:-
तहसील का नाम |
सीमांकन |
बंटवारा |
नामान्तरण |
आर.बी.सी. 6.4 |
रीठी |
96 |
106 |
82 |
निरंक |
बहोरीबंद |
309 |
147 |
208 |
निरंक |
योग |
405 |
253 |
290 |
निरंक |
लंबित प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) लंबित प्रकरणों की समीक्षा समय-सीमा पर निराकरण हेतु प्रति सप्ताह अनुविभाग एवं जिला स्तर पर की जाती है तथा लंबित प्रकरणों को अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है। (ग) 18 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) अतिक्रमण से संबंधित कुल 20 प्रकरण पंजीबद्ध कर अतिक्रामकों के विरूद्ध संबंधित तहसीलदार द्वारा बेदखली आदेश पारित किए गए हैं। स्थगन आदेश जारी करने अथवा निरस्त करने संबंधी जानकारी निरंक है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ग्राम निमास की शासकीय भूमि के स्वामित्व में परिवर्तन
[राजस्व]
47. ( क्र. 1909 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम निमास तहसील बहोरीबंद जिला कटनी के वर्ष 2005 और उसके पूर्व राजस्व अभिलेखों में खसरा नंबर 676, 677, 678, 717, 718, 720 एवं 721 मध्यप्रदेश शासन के नाम से दर्ज थी तथा खसरा नंबर 686 रकवा 0.28 हेक्टेयर पानी मद में नाले के रूप में दर्ज था? जिस पर जल संरक्षण हेतु, राजीव गांधी, जल मिशन द्वारा मेड बंधान बनाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खसरा नंबरों की वर्ष 1998-99 से 2004-05 तक के वर्षवार खसरा एवं नक्शा की स्पष्ट एवं साफ प्रमाणित छायाप्रति देवें एवं आज की स्थिति में उक्त खसरा नंबर किस स्थिति में किसके नाम पर दर्ज है? क्या खसरा नंबर 686 के मूल स्वरूप में परिवर्तन किया गया है? उत्तर में यदि हाँ, तो खसरा नंबर 686 का स्थल परीक्षण कराकर परीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उल्लेखित जिंदा जल स्त्रोत (वर्ष 2005 एवं इसके पूर्व के राजस्व अभिलेखों अनुसार) के मूल स्वरूप में परिवर्तन किसके द्वारा किसकी सहमति से किया गया एवं पूर्व में पानी मद में दर्ज खसरा नंबर 686 प्रश्न दिनांक की तिथि में किस स्वरूप में किसके नाम दर्ज है तथा उक्त भूमि का क्या उपयोग किस प्रयोजन हेतु किसके द्वारा किया जा रहा है? (घ) क्या शासन खसरा नंबर 676, 677, 678, 717, 718, 720 एवं 721 जो कि 2005 एवं उसके पहले मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज थे तथा खसरा नंबर 686 जो नाले के रूप में पानी मद में मध्यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज था? उल्लेखित खसरा नंबरों के स्वामित्व एवं मूल स्वरूप में समय-समय पर किये गये परिवर्तनों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुए पुन: उल्लेखित खसरा नंबरों की जमीन वापस मध्यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) खसरा एवं नक्शे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में उपरोक्त खसरा नंबरों की स्थिति निम्नानुसार है :-
1. |
ख.नं. 676 |
शासकीय चरनोई |
|
ख.नं. 678 |
शासकीय चरनोई |
|
ख.नं. 718 |
शासकीय चरनोई |
|
ख.नं. 720/1 |
शासकीय नाला |
|
ख.नं. 721 |
शासकीय चरनोई |
|
ख.नं. 677, 686, 717, 720/2 |
ख.न. 677,686,717,720 वर्ष 2000-2001 के खसरा अभिलेख अनुसार शासकीय दर्ज थे किन्तु वर्तमान में ख.न. 677,686,717 एवं 720/2 निजी भूमि स्वामी श्री प्रभाष कुमार पिता स्व. विश्वनाथ राजगढि़या के भूमि स्वत्व में दर्ज है। |
प्रश्नाधीन भूमि ख.नं. 686 के मूल स्वरूप में परिवर्तन नहीं किया गया है। मौके पर बरसाती नाला है। मौके पर कहीं कहीं मेड़ स्थित है। शेष भूमि समतल एवं नाले के रूप में उबड़-खाबड़ है। (ग) भूमि खसरा नंबर 686 मौके पर बरसाती नाले के रूवरूप में था जिस पर से बारिश के पानी की निकासी होती है। उपरोक्त पानी के संरक्षण हेतु मेड़ बंधान किया गया था। मौके पर कहीं-कहीं मेड़ स्थित है। शेष भूमि समतल एवं नाले के रूप में उबड़-खाबड़ है। प्रश्नाधीन भूमि अभिलेखों में न्यायालय नायब तहसीलदार स्लीमनाबाद के राजस्व प्रकरण क्रमांक 42/अ-6-अ/2002-03 में पारित आदेश दिनांक 25/07/2007 के अनुसार शासकीय नाला मद से निजी भूमि स्वामी दर्ज की गयी है। प्रश्न दिनांक की स्थिति में भूमि ख.नं. 686 भूमि स्वामी श्री प्रभाष कुमार पिता स्व. विश्वनाथ राजगढि़या भूमि ख.नं. 686 पड़ती है। (घ) प्रश्नांश (घ) में उल्लिखित खसरा नंबर 676, 677, 678, 717, 718, 720 एवं 721 जो कि 2005 एवं उसके पहले मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज थे तथा खसरा नंबर 686 जो नाले के रूप में पानी मद में मध्यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज था। उक्त खसरा नंबर के स्वामित्व एवं मूल स्वरूप में समय-समय पर किये गये परिवर्तनों की जाँच की जाकर जाँच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
48. ( क्र. 1913 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली किसान सम्मान निधि के अंतर्गत म.प्र. से कुल कितने किसानों की पात्रता सूची तैयार की जाकर कृषि मंत्रालय नई दिल्ली भेजी गई है, देवास जिले की विभिन्न तहसीलों की कृषक संख्या बतायें? (ख) अन्य राज्यों की तुलना में म.प्र. के किसानों के खातों में सम्मान निधि की राशि नहीं डाले जाने के विलंब का क्या कारण है? (ग) क्या अभी भी शत-प्रतिशत पात्र किसानों के खाता नंबर विभाग द्वारा दिल्ली नहीं भिजवाये जा सके हैं जिसके कारण हजारों किसान योजना के लाभ से वंचित रहेंगे? (घ) यदि नहीं, तो म.प्र. के किसानों के खाते में कब तक किसान सम्मान निधि की राशि आ जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न दिनांक तक 95707 परिवारों की पात्रता सूची तैयार की जाकर PMKISAN पोर्टल की ओर जानकारी भेजने हेतु कार्यवाही की गई है। कृषक संख्या की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। (ख) पात्र किसानों को भुगतान की कार्यवाही सतत प्रचलित है। (ग) जी नहीं। पात्रता परीक्षण उपरांत जानकारी PMKISAN पोर्टल की ओर प्रेषित की जा रही है, इस प्रकार किसान योजना के लाभ से वंचित नहीं होंगे। (घ) पात्रता परीक्षण कर कार्यवाही जारी है, जिसमें किसानों को भुगतान की कार्यवाही PMKISAN पोर्टल के माध्यम से की जा रही है।
कॉलोनाईजरों द्वारा डाईवर्सन शुल्क जमा किया जाना
[राजस्व]
49. ( क्र. 1925 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी तहसील के अंतर्गत कितने कॉलोनाईजरों ने डाईवर्सन शुल्क जमा नहीं किया है? नाम पता राशि सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) डायवर्सन शुल्क राशि जमा न करने पर कितने कॉलोनाइजरों को नोटिस दिया गया है? नाम पता सहित सूची उपलब्ध करायें? (ग) दिये गये नोटिस पर अभी तक क्या विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? जानकारी दें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
शराब की बिक्री में वृद्धि
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 1937 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में विधान सभा अनुसार देशी तथा विदेशी शराब की दुकान, अहाते, बार की संख्या वर्ष 2014 से 2018 तक वर्षवार बतावें तथा विधान सभावार शराब की देशी तथा विदेशी की बिक्री लीटर में बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें कि विधान सभा क्षेत्रवार वर्ष 2014 से 2018 में देशी विदेश शराब की बिक्री में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई और इसके कारण क्या है। (ग) क्या शासन आदिवासी क्षेत्र विधान सभा सैलाना में आदिवासियों में शराब के प्रचलन का अध्ययन करने हेतु योजना बनायेगा? क्या आदिवासी को शराब और स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी प्रदान करने हेतु कोई नीति बनायेगा? (घ) प्रदेश में 2014 से 2018 में देशी विदेशी शराब की बिक्री की मात्रा तथा प्रतिशत वृद्धि बतावें। सरकार के तमाम प्रयास के बाद शराब की विक्री में वृद्धि क्यों हो रही है।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) रतलाम जिले में विधान सभा अनुसार देशी तथा विदेशी शराब की दुकान, अहाते, बार की संख्या वर्ष 2014 से 2018 तक वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक व चार अनुसार है। देशी व विदेशी शराब की विधान सभावार खपत/राजस्व संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है, जो समेकित रूप से जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच में है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2014 से 2018 में देशी/विदेशी शराब की बिक्री में प्रतिशत की वृद्धि संबंधी जानकारी विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विधान सभावार कमी/वृद्धि की जानकारी विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो एवं तीन अनुसार है। देशी मदिरा के उपयोग में कमी आ रही है व विदेशी मदिरा के उपयोग में अपेक्षाकर वृद्धि देखी जा रही है। (ग) पूर्व से ही परम्परागत व्यवस्था अनुसार प्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 61-घ में छूट प्रदान की गई है, जिसमें अनुसूचित जनजातियों को देशी मदिरा के विनिर्माण एवं उनके स्वयं के घरेलू उपयोग के लिये विनिर्मित देशी मदिरा को आधिपत्य में रखने की सीमा प्रति व्यक्ति 4.5 लीटर और प्रति गृहस्थी 15 लीटर तथा विशेष परिस्थिति में सामाजिक एवं धार्मिक समारोह पर 45 लीटर की छूट है। अत: उक्त प्रावधानों के कारण आदिवासियों के परम्परागत प्रचलन में हस्तक्षेप करने का सरकार का कोई विचार वर्तमान में नहीं है। (घ) प्रदेश में 2014 से 2018 में देशी/विदेशी शराब की बिक्री की मात्रा तथा प्रतिशत वृद्धि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है। प्रदेश में जनसंख्या वृद्धि व लोगों का स्वमेव विकल्प शराब की बिक्री का महत्वपूर्ण कारण है।
कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य सुधार
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 1938 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में पंचायतवार वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक कुपोषित बच्चों की संख्या बतायें, वर्षवार इसमें कितने प्रतिशत कमी या वृद्धि हुई तथा कितने बच्चे ठीक हुये तथा कितने मृत हुये? (ख) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में पंचायतवार कितनी-कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है तथा प्रत्येक आंगनवाड़ी में कितने बच्चे हैं? वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक जन्म लिये बच्चों की वर्षवार संख्या प्रत्येक पंचायतवार बतावें। (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में लिंगानुपात क्या हैं गर्भवती महिला की पंचायतवार मृत्यु दर क्या है, राष्ट्र तथा राज्य की औसत से ज्यादा मृत्युदर के क्या कारण है उसे कम करने की क्या योजना है? (घ) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में शिशु मृत्युदर, बाल मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर की रोकथाम हेतु क्या विशेष योजना है? आदिवासी उपयोजना के तहत प्राप्त राशि इस कार्य के लिये खर्च की जा रही है या नहीं। यदि हाँ, तो पिछले पाँच वर्षों की राशि बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में पंचायतवार प्रश्नांकित अवधि में सामान्य से कम वजन के बच्चों की संख्या, उनके वर्षवार, पंचायतवार, पोषण स्तर में वृद्धि या कमी का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, जिसमें कमी को ऋणात्मक एवं वृद्धि को धनात्मक रूप में दर्शाया गया है। वर्ष 2014 में सामान्य से कम वजन के बच्चों की संख्या 18127 एवं वर्ष 2018 में सामान्य से कम वजन के बच्चों की संख्या 11511 थी। स्पष्ट है कि प्रश्नांकित अवधि में कम वजन के बच्चों की संख्या में कमी आई है। कुपोषण से किसी भी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है। (ख) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में पंचायतवार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा दर्ज बच्चे एवं वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक जन्म लिये बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्र का लिंगानुपात 937 है। (स्त्रोत एच.एम.आई.एस. वर्ष 2018-19) , गर्भवती महिला की पंचायतवार मृत्यु दर किसी सर्वे अथवा एच.एम.आई.एस. में उपलब्ध नहीं होती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर की रोकथाम हेतु विशेष योजनायें संचालित नहीं की जा रही है। आदिवासी उपयोजना के तहत भी सैलाना विधान सभा क्षेत्र में कोई राशि व्यय नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबों को प्रतिमाह अनाज वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
52. ( क्र. 1945 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा अंतर्गत तहसील बासौदा, त्यौंदा एवं ग्यारसपुर में सभी गरीबी एवं अतिगरीबी रेखा के नीचे वाले राशनकार्ड धारियों को एक रू. प्रति किलो अनाज प्रतिमाह दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उपरोक्त कार्डधारियों के अलावा भी अनाज पर्ची जारीकर गरीबों को एक रूपये प्रति किलो प्रतिमाह अनाज दिया जाता है? तो क्या यह सभी पर्चीधारियों को दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में वर्णित अनाज नहीं दिये जाने वाले कार्ड एवं पर्चीधारियों को भी प्रतिमाह अनाज उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा वर्तमान में राशन पर्ची दी जा रही है यदि नहीं, तो कब से दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की सीमा के अधीन जिला विदिशा अंतर्गत तहसील बासौदा, त्यौंदा एवं ग्यारसपुर में पात्रता परिवार के अंतर्गत अन्त्योदय अन्न योजना एवं बी.पी.एल. श्रेणी के पात्रता पर्चीधारी परिवारों को एक रू. प्रति किलो अनाज प्रतिमाह दिया जाता है। (ख) जी हाँ। उपरोक्त अंन्त्योदय एवं बी.पी.एल. कार्डधारियों के अलावा 23 अन्य श्रेणियों के प्राथमिकता श्रेणी के वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को एक रूपये प्रति किलो अनाज प्रतिमाह दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राशन का वितरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है।
कृषि योग्य भूमि के पट्टों का वितरण
[राजस्व]
53. ( क्र. 1975 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग, द्वारा काबिल कास्त भूमि (कृषि योग्य) पट्टे पर दिये जाने के क्या प्रावधान है? इस हेतु विभाग द्वारा क्या नियम निर्देश प्रचलन में हैं, की प्रति दी जावे। (ख) तहसील अम्बाह एवं मुरैना, जिला मुरैना की कितनी जमीन लोगों को पट्टे पर दी गई? जानकारी वर्ष 2003-04 से वर्ष 2008-09 तक की सर्वे नं., रकवा, पटवारी हल्का नं., गांव का नाम, कृषक का नाम, पता आदि सहित दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) काबिल कास्त भूमि का बंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 4 क्रमांक 3 के प्रावधानों अनुसार किया जाता है। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिला मुरैना की तहसील अम्बाह एवं तहसील मुरैना अन्तर्गत वर्ष 2003-04 से 2008-2009 तक पट्टे पर दी गई/ व्यवस्थापन की गई जमीन संबंधी जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. तहसील, कुल ग्राम, कुल रकवा (हें.) लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या
1. मुरैना, 18, 28.18, 36
2. बामौर 07, 9.432, 20
(तत्कालीन तहसील मुरैना)
3. अम्बाह, 10, 77.99, 131
योग - 35, 115.602, 187
ग्रामवार,कृषकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 1984 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना अथवा जनपद पंचायत अम्बाह, मुरैना जिला मुरैना एवं नगर निगम मुरैना में कितनी आंगनवाड़ी, उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं परियोजना एवं सेक्टरवाइज जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में आंगनवाड़ी केन्द्रों के कितने भवन स्वयं के किराया के, शासकीय भवन व अशासकीय भवनों में संचालित हैं, की जानकारी केन्द्रवाईज कौन-कौन से केन्द्र कब-कब से किराये के भवनों में संचालित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में चाही जानकारी के अनुसार किराये के भवनों में संचालित केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु जिला प्रशासन (महिला बाल विकास) द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई विवरण देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना अथवा जनपद पंचायत अम्बाह, मुरैना जिला मुरैना एवं नगर निगम मुरैना में निम्नानुसार आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है :-
क्र. |
परियोजना का नाम |
विधान सभा दिमनी 07 में संचालित आ.वा. केन्द्र |
विधान सभा दिमनी में संचालित उप आ.वा. |
कुल |
1 |
मुरैना ग्रामीण |
91 |
15 |
106 |
2 |
मुरैना शहरी |
09 |
04 |
013 |
3 |
अम्बाह |
150 |
14 |
164 |
4 |
खडिहार |
102 |
31 |
133 |
|
योग |
352 |
64 |
416 |
परियोजनावार, सेक्टरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वयं के भवन, किराये के भवन, शासकीय व अशासकीय भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा संचालन अवधि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) प्रदेश में वर्तमान में विभाग अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी/ग्रामीण क्षेत्र में राज्य आयोजना अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये जाते है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। सीमित वित्तीय संसाधन होने से सभी आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति एवं उनके निर्माण कार्य एक साथ किया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के किराया से संबंधित जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
55. ( क्र. 1985 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन (महिला एवं बाल विकास) द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन हेतु किराये से लेने के लिये क्या-क्या प्रक्रिया नियम व मार्गदर्शिका प्रचलन में है, की प्रति उपलब्ध करावे। (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना अथवा जनपद अम्बाह, मुरैना जिला मुरैना नगर पालिक निगम मुरैना में कार्यरत आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने भवन किराये से संचालित हैं, उन्हें कब से अधिग्रहित किया गया है, की जानकारी मकान मालिक का नाम, पता, किराया, मकान का नक्शा, किरायानामा, देयक किराये की प्रति, चैक/नगद आदि सहित दी जावे। (ग) क्या सभी अधिग्रहित मकानों का किराया इकरारनामा के तहत दिया जा रहा है या कुछ शेष है, यदि शेष है? तो कब से व क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों के किराये के भवन में संचालन के संबंध में निर्देश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कुल 96 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये किराये पर लिये जाने वाले भवनों का अधिग्रहण नहीं किया जाता है, अपितु भवनों को किराये पर लिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। भवन किराया हेतु नक्शा प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। किराये की राशि का भुगतान कोषालय के द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से किया जाता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में किराये के भवनों में संचालित सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों के मकान मालिकों को साथ किये गये किरायानामा अनुसार किराये का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में जून 2019 तक की किराया राशि का भुगतान किया जा चुका है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
किसानों की फसलों का नुकसान
[राजस्व]
56. ( क्र. 2000 ) श्री कमल पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत माह मार्च, अप्रैल एवं मई में खेत में खड़ी किसानों की फसलों में आगजनी से जलने की शिकायत शासन/प्रशासन स्तर पर प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो हरदा, होशंगाबाद जिले सहित कौन-कौन से जिलों में कितनी-कितनी हेक्टयर की फसलों का नुकसान हुआ है? (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा जली हुई फसलों का कोई आंकलन तैयार किया है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितना-कितना नुकसान हुआ? यदि आंकलन तैयार नहीं किया तो कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शासन/ प्रशासन द्वारा जली फसलों के किसानों को कोई राहत राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किस मापदण्ड के तहत प्रदान की है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) क्या किसानों के फसलों को आगजनी से बचाने हेतु शासन/प्रशासन स्तर पर कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की कार्य योजना बनाई गई? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार प्रभावित कृषकों को राहत राशि का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्यूबवेल खनन करने के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 2038 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18/2018-19 में प्रश्न दिनांक तक खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में ट्यूबवेल खनन हेतु शासन द्वारा कितने लक्ष्य प्रदाय किये गये। वर्षवार संख्या बतावे? (ख) प्रदाय किये लक्ष्य के विरूद्ध कितने ट्यूबवेल खनन किये गये संख्या ग्रामवार/स्थानवार जानकारी बताये? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में क्षेत्रीय विधायक द्वारा की गई अनुशंसा अनुसार कितने ट्यूबवेल खनन किये गये ग्राम व स्थान का नाम बतावें तथा अनुशंसा अनुसार नहीं किये गये ट्यूबवेल खनन की संख्या ग्राम व स्थान का नाम एवं ट्यूबवेल खनन नहीं किये जाने का कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) लक्ष्य जिलेवार निर्धारित किया जाता है, विधान सभा क्षेत्रवार नहीं तद्नुसार देवास जिले को वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में क्रमशः 135, 75 एवं 75 बसाहटों में नलकूप खनन का लक्ष्य दिया गया था। (ख) उत्तरांश-(क) के अनुसार दिये गये लक्ष्यों के विरूद्ध विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत खनित नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
ट्यूबवेल खनन के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
58. ( क्र. 2039 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में देवास जिले के अंतर्गत विकासखण्डवार कितने ट्यूबवेल खनन करवाये गये इस हेतु विभाग से कितना बजट दोनों वित्तीय वर्ष हेतु प्राप्त हुआ पृथक-पृथक बताये, प्रश्नांकित अवधि में विभागीय मशीन से कितने ट्यूबवेल खनन किये गये संख्या एवं गांव/बसाहट का नाम साथ ही अनुबंधित मशीनों से कितने बोर करवाये गये इसकी भी जानकारी ग्राम/बसाहटवार देवें। (ख) वर्ष 2018-19 एवं प्रश्न दिनांक तक विभागीय मशीनों के डीजल हेतु एवं निजी खनन मशीनों को कितना भुगतान विभाग द्वारा किया जा चुका है दोनों की जानकारी अलग-अलग देवें। (ग) जिन ट्यूबवेल में पानी नहीं निकला ऐसे (सूखे) कितने ट्यूबवेल है ग्राम/बसाहट का नाम, संख्या, ठेकेदार को भुगतान की गई राशि का विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में विभागीय मशीनों में डीजल हेतु कुल रूपये 115.49 लाख एवं निजी खनन मशीनों द्वारा पूर्ण कार्य हेतु फर्मों को रू.96.54 लाख का भुगतान किया गया। (ग) विभागीय मशीन द्वारा किये गये ट्यूबवेल में से वर्ष 2017-18 में 27 एवं वर्ष 2018-19 में 22 ट्यूबवेल सूखे हैं। ठेकेदार द्वारा खनित कोई ट्यूबवेल सूखा नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
देशी-विदेशी शराब दुकान के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
59. ( क्र. 2063 ) श्री विष्णु खत्री : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमन में भोपाल संभाग में कहाँ-कहाँ पर किन-किन ठेकेदारों को देशी-विदेशी शराब दुकान खोलने हेतु किन-किन नियम, शर्तों के अधीन लायसेंस जारी किये गये है। ठेकेदारों का नाम, पता सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ठेकेदारों द्वारा निर्धारित स्थान से अन्यत्र स्थानों में अवैध शराब बेचे जाने के संबंध में दिनांक 1 जनवरी 2017 से 15 जून 2019 तक की अवधि में शासन तथा विभाग को किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) में दर्शित अवधि के दौरान क्या-क्या कार्यवाही की गई।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) भोपाल संभाग (आबकारी) के जिलों क्रमशः राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, भोपाल, होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल में वर्ष 2019-20 हेतु मदिरा दुकानों का निष्पादन मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं उसके अन्तर्गत निर्मित नियमों एवं राज्य शासन द्वारा जारी मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 125 दिनांक 16 मार्च 2019 के प्रावधानों अनुसार किया जाकर लायसेंस जारी किये गये हैं। जिलावार ठेकेदारों के नाम, पता सहित पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित भोपाल संभाग के ठेकेदारों द्वारा निर्धारित स्थान से अन्यत्र स्थानों पर अवैध शराब बेचने की दिनांक 1 जनवरी 2017 से 15 जून 2019 तक की अवधि में कुल 07 शिकायतें प्राप्त हुई है। ठेकेदारों के विरूद्ध विभिन्न जिलों में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों एवं की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2017 से 15 जून 2019 तक की अवधि में उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता के कार्यालय तथा उनके अधीनस्थ जिला कार्यालयों में प्राप्त शिकायतों पर म.प्र. आबकारी अधिनियम 1915 की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत समय-समय पर अवैध मदिरा धारण, विक्रय एवं परिवहन के कुल 25893 न्यायालयीन प्रकरण कायम किये गये। उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता, भोपाल के कार्यालय एवं उक्त संभाग के जिलेवार दर्ज किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नलजल परियोजना के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 2081 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नल के माध्यम से जल प्रदाय करने हेतु कौन-कौन सी परियोजना किस-किस गांव में कब से संचालित एवं प्रस्तावित है? परियोजना की लागत क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या सभी परियोजनाएं प्रश्न दिनांक को सुचारू रूप से संचालित हैं? यदि नहीं, तो किस गांव की परियोजना कब से किस कारण से ख़राब है? सुचारू रूप से प्रारम्भ होने में कितना व्यय होगा? उक्त राशि कौन प्रदाय करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने के बाद परियोजना के रख-रखाव में कितना व्यय किस मद में किया गया? (घ) नलजल परियोजनाएं ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने के बाद क्या पंचायत को इनके संचालन में कोई व्यावहारिक परेशानी आ रही है? यदि हाँ, तो क्या? इसे कैसे दूर किया जा सकेगा? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि लंबे समय तक खराबी को दूर नहीं किया जाता?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। स्रोत निर्माण को छोड़कर शेष कार्यों हेतु राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दी जाती है, स्रोत विभाग द्वारा विकसित किये जाते हैं। (ग) हस्तांतरित परियोजनाओं के रख-रखाव पर हुए व्यय की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है, व्यय की जानकारी संबंधित जनपद पंचायतों के माध्यम से संकलित की जा रही है। (घ) जी नहीं। पंचायत द्वारा चाहे जाने पर समय-समय पर विभाग द्वारा तकनीकी सलाह दी जाती है। स्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है।
शासकीय भूमि पर किया गया अवैध कब्जा
[राजस्व]
61. ( क्र. 2098 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के नगर पंचायत/नगर खरगापुर में नजूल की शासकीय भूमि का रकबा कितना है? इसमें से कितने रकबे पर शासकीय निर्माण एवं पट्टे आवंटित किए गए हैं? (ख) क्या शासकीय भूमि पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा है? कब्जाधारियों के नाम रकवा सहित सूची वांछनीय दें। (ग) क्या शासकीय भूमि को कब्जाधारियों द्वारा किसी अन्य को विक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे व्यक्तियों/विक्रय पत्रों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या खरगापुर नगर में शासकीय भूमि पर कब्जा हटाने के लिए पूर्व में कभी कोई कार्यवाही की गई है? (ड.) खरगापुर नगर में स्थित तहसील कार्यालय, कन्या स्कूल और छात्रावास को कितनी शासकीय भूमि का आवंटन किया गया था? आवंटन की हुई शासकीय भूमि पर क्या इन संस्थाओं का कब्जा है अथवा नहीं यदि नहीं, तो उन अवैध कब्जाधारियों की सूची उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नजूल भूमि अंतर्गत रकवा 49.372 हे. है। प्रश्नांश का शेष भाग निरंक है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हाँ। (ङ) तहसील कार्यालय की 3.000 हे. कन्या स्कूल की 0.809 हे. , छात्रावास की 0.680 हे. भूमि है। जी हाँ, संबंधित संस्थाओं का कब्जा है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
आंगनवाड़ी हेतु शासकीय भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 2110 ) श्री विनय सक्सेना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में जबलपुर जिले की कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु शासकीय भवन निर्माण किये जाने की स्वीकृति जारी की गयी तथा कितनी-कितनी राशि जारी की गयी? (ख) उक्त में से कितने भवन निर्मित होकर उनमें आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन प्रारंभ हो चुका है? (ग) कितने भवन के निर्माण आज दिनांक तक अपूर्ण हैं? सूची देवें तथा कारण स्पष्ट करें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गयी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जबलपुर जिले में विगत 5 वर्षों में कुल 397 आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की गई तथा आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु कुल राशि रू.30,96,60,000/- का आवंटन जारी किया गया। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) उपरोक्तानुसार स्वीकृत 397 आंगनवाड़ी भवनों में से 77 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो चुके हैं तथा उक्त भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। (ग) जबलपुर जिले में 320 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण आज दिनांक तक अपूर्ण है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। निर्माणाधीन भवनों के लिये ग्राम पंचायत/नगर परिषद्/नगर पंचायत एवं नगर निगम निर्माण एजेंसी होने से निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। जिले की स्थानीय परिस्थितियों जैसे- भूमि विवाद, न्यायालयीन प्रकरण तथा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण आदि कारणों से आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण अपूर्ण रहने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है।
सार्वजनिक परिवहन के दौरान महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा
[परिवहन]
63. ( क्र. 2112 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक परिवहन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा तथा सुविधा के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये है? (ख) स्कूल बसों हेतु क्या-क्या न्यूनतम सुरक्षा मापदंड निर्धारित किये गये हैं? उपरोक्त के उल्लंघन होने पर क्या-क्या कार्यवाही की जाती है? उक्तानुसार समस्त कार्यवाहियों के 2 वर्ष के जिलेवार आकड़ें देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सार्वजनिक परिवहन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा हेतु समस्त जिला परिवहन कार्यालयों से जारी होने वाले अनुज्ञा पत्रों में यह शर्त अधिरोपित की जाती है कि महिलाओं के लिये 11 नंबर से 16 तक के मध्य की सीटें आरक्षित किए जाने तथा वाहन चालक के पीछे वाली प्रथम सीट को नवजात शिशु की माता के लिए आरक्षित किए जाने तथा उसे 03 आरे से पर्दे से आच्छादित करने की शर्त अनिवार्य रूप से अधिरोपित की गई है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मध्यप्रदेश में पेयजल की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 2113 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 15 वर्षं में सिर्फ 6 % ग्रामीण आबादी को पेयजल मुहैया करा पाने के क्या कारण है? (ख) क्या जल निगम की वर्ष 2012 में स्थापना से 2018 तक 7 वर्षों में मात्र 700 गांवों तक ही पेयजल पहुँचाया गया है? क्या इतने कम परिणाम की मुख्य वजह विभिन्न अनियमितताएं थी? यदि हाँ, तो क्या सरकार इसकी जाँच करायेगी? (ग) पेयजल सम्बन्धी विभिन्न योजनाओं में पिछले 03 वर्षों में कितनी राशि व्यय की गयी? नलजल योजनाओं में जल स्त्रोत कितने निर्मित हुए? उन सभी वर्तमान स्थिति की जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, शत-प्रतिशत ग्रामीण आबादी को न्यूनतम 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल उपलब्ध हो रहा है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) कुल रू. 4765.83 करोड़। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
उज्जैन संभाग में संचालित आंगनवाड़ियां
[महिला एवं बाल विकास]
65. ( क्र. 2126 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में कितनी आंगनवाड़ियां किराये के भवन में संचालित हो रही है मंदसौर जिले की आंगनवाड़ियों का कुल कितना किराया शासन मकान मालिक को भुगतान कर रहा है, मंदसौर शहर की आंगनवाड़ियों की सूची उपलब्ध कराये? (ख) क्या 15 जून, 2019 को मंदसौर शहर की लगभग 20 आंगनवाड़ियों के मकान मालिकों ने 10 माह से किराया नहीं मिलने के कारण आंगनवाड़ियों को खाली करवाया तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर बच्चों को भोजन कराया, इसकी जाँच किस सक्षम अधिकारी ने की? 10 माह तक किराया नहीं देने के क्या कारण रहे, मंदसौर के आंगनवाड़ी मकान मालिकों की सूची नाम स्थल सहित उपलब्ध कराये? (ग) मंदसौर में कितने अस्थाई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य कर्मचारियों को 2 माह से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है? 1 जनवरी, 18 के पश्चात की जानकारी देते हुवे, सूची उपलब्ध कराये? क्या जिले के विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा छोटे कर्मचारियों के वेतन निकलने एवं किराये में चल रही आंगनवाड़ियों के मकान मालिकों से किराये की राशि देने के नाम पर राशि मांग कर अनियमितता की जा रही है जबकि विभाग के पास पर्याप्त बजट उपलब्ध है यदि नहीं, तो 7-7 माह तक वेतन तथा 10 माह तक आंगनवाड़ियों का किराया नहीं देने के क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) उज्जैन संभागान्तर्गत कुल 3552 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। मंदसौर जिले में कुल 406 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं जिन्हें लगभग राशि रू. 365000/- प्रतिमाह भुगतान निर्धारित है। मंदसौर शहर की आंगनवाड़ियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। मंदसौर शहर की 05 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मकान मालिकों द्वारा किराया राशि भुगतान न होने के कारण ताला लगा दिया गया था। जिसकी जाँच तहसीलदार मंदसौर एवं परियोजना अधिकारी मंदसौर शहर द्वारा की गई तथा मकान मालिकों को समझाईश देकर ताले खुलवाये गये। भवन किराया मद राशि में आवंटन उपलब्ध न होने के 09 माह की किराया राशि का भुगतान नहीं हो सका था। वर्तमान में सभी लम्बित किराये राशि का भुगतान कर दिया गया है। मंदसौर के आंगनवाड़ी मकान मालिकों की सूची नाम स्थल सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) मंदसौर में अस्थाई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य कर्मचारियों को 02 माह से अधिक समय से वेतन नहीं मिलने संबंधी जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नहीं। जी नहीं। पूर्व में आंगनवाड़ी किराए की राशि हेतु बजट राशि समय पर उपलब्ध न होने के कारण भवन किराये के भुगतान में विलम्ब हुआ है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
आयुर्वेद औषधालयों में चिकित्सकों की पदस्थापना
[आयुष]
66. ( क्र. 2151 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में किन-किन स्थानों पर आयुर्वेदिक औषधालय संचालित हैं। किस-किस औषधालय पर कौन-कौन कब से पदस्थ है। इन औषधालयों में प्रतिदिन कितने मरीजों का इलाज होता है तथा प्रतिमाह शासन द्वारा कितना व्यय किया जाता है? विगत तीन वर्ष की जानकारी बताएं। (ख) क्या औषधालय नियमित नहीं खुलते हैं तथा मरीजों के इलाज हेतु प्राईवेट चिकित्सक के पास जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष से अभी तक कितनों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त औषधालयों में आयुर्वेद चिकित्सक पदस्थ नहीं होने के कारण अधीनस्थ स्टॉफ मनमानी कर औषधालयों को समय पर नहीं खोल रहे हैं और ना ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है? (घ) क्या शासन उक्त गम्भीर अनियमितताओं के लिये कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा कब तक चिकित्सकों को पदस्थ कर दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। संचालित औषधालयों में प्रतिदिन लगभग 15-20 मरीजों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रत्येक औषधालय पर मरीज को इलाज की संविधा प्राप्त हो रही है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पदस्थापना एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रिक्त पद की जानकारी
[आयुष]
67. ( क्र. 2199 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में आयुष विभाग के किस-किस गांव में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? उनमे से कितने रिक्त हैं? (ख) रिक्त पदों को भरने की क्या प्रक्रिया है एवं इनको कब तक भर दिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पद पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। समय–सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हैण्डपम्प खनन हेतु आमंत्रित की गई निविदाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 2200 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में विगत तीन वर्षों में पी.एच.ई. विभाग द्वारा हैण्डपम्प खनन हेतु कब-कब, कितने-कितने हैण्डपम्पों के खनन हेतु निविदा आमंत्रित की गई? कितनी व कौन-कौन सी निविदाऐं ऑन-लाइन व ऑफ-लाइन आमंत्रित की गईं? किन-किन ठेकेदारों से कितनी-कितनी दरों पर कार्य किए जाने हेतु निविदाऐं प्राप्त हुई तथा किन-किन ठेकेदारों को कार्य आदेश प्रदाय किए गए? इस हेतु किन-किन ठेकेदारों को कितने-कितने हैण्डपम्प खनन हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? हैण्डपम्प खनन कितनी गहराई तक किया जाना तय किया था तथा वास्तव में खनन कितनी गहराई तक किया गया? जानकारी फर्म, ठेकेदार के नामवार, वर्षवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें? हैण्डपम्प खनन की निविदा आमंत्रण के क्या-क्या नियम, निर्देश हैं?नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? क्या उक्त सभी नियम, निर्देशों का शिवपुरी जिले में पालन किया गया अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सभी ठेकेदारों ने कार्यादेश के अनुसार कार्य पूर्ण कर लिया था अथवा नहीं? यदि नहीं, तो किन-किन ठेकेदारों ने कौन-कौन से कार्य पूर्ण नहीं किये? उक्त ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? उक्त अपूर्ण कार्य किसके द्वारा पूर्ण किए गए व इस हेतु कितना-कितना भुगतान किया गया? वर्षवार विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें? किसी ठेकेदार द्वारा अपूर्ण कार्य छोड़नें की स्थिति में कार्यपूर्ण कराये जाने हेतु विभाग के क्या-क्या नियम, निर्देश हैं? क्या उक्त नियमों का शिवपुरी जिले में पालन किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इस हेतु जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ, पूर्ण कर लिया गया था। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। अपूर्ण कार्य छोड़ने की स्थिति में अनुबंध की शर्तों के अनुसार संबंधित ठेकेदार की जोखिम और लागत पर कार्य पूर्ण कराये जाते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न और दलहन का उपार्जन और भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
69. ( क्र. 2207 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न और दलहन उपार्जन एवं भंडारण और निरीक्षण/पर्यवेक्षण की शासन/विभाग की वर्तमान की क्या नीति/मार्गदर्शी निर्देश हैं? खाद्यान्न/दलहन उपार्जन एवं भंडारण की जाँच किस-किस स्तर पर होती हैं? अमानक खाद्यान्न/दलहन उपार्जन एवं भंडारण के जिम्मेदारों पर कार्यवाही किए जाने के क्या-क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं? (ख) कटनी जिले में विगत दो वर्ष में अमानक/खराब धान, गेहूँ एवं दलहन फसलों के उपार्जन के कितने प्रकरण किस-जाँच से किस-स्तर पर ज्ञात हुये? अमानक खाद्यान्न/दलहन किन-किन उपार्जन केन्द्रों की थी? (ग) कटनी जिले में विगत दो वर्ष में अमानक/खराब गेहूँ एवं चावलों के भंडारण के कितने प्रकरण ज्ञात हुये? और वर्तमान में अन्य जिले के खाद्यान्न (गेहूँ) का कटनी जिले में भंडारण किस आदेश/नियम से क्यों किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के तहत अमानक/खराब धान/चावल, गेहूँ एवं दलहन फसलों के उपार्जन तथा भंडारण के लिए किस–किसको जिम्मेदार पाया गया और क्या कार्यवाही की गयी? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में अमानक/खराब धान, गेहूँ एवं दलहन फसलों के उपार्जन/भंडारण के लगातार सामने आ रहे प्रकरणों का संज्ञान लेते हुये क्या शासन स्तर से कोई जाँच एवं कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न एवं दलहन उपार्जन, भंडारण एवं निरीक्षण/पर्यवेक्षण के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। खाद्यान्न/दलहन उपार्जन एवं भंडारण की जाँच उपार्जन केन्द्र से लेकर गोदाम में भंडारण तक की जाती है। एफ.ए.क्यू. के अनुरूप उपार्जन करने का दायित्व संबंधित उपार्जन केन्द्र चलाने वाली संस्था का है। इस संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कटनी जिले में विगत 2 वर्षों में अमानक/खराब धान, गेहूँ एवं दलहन उपार्जन के 17 प्रकरण राजस्व एवं खाद्य के मैदानी अमले द्वारा जाँच में पाए गए, जिन्हें कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के स्तर पर वर्ष 2017-18 में 20 समितियों के 4,639.42 क्विंटल एवं वर्ष 2018-19 में 4 समितियों के 2,359.35 क्विंटल धान गोदाम स्तर पर अमानक पाए जाने पर उपार्जन समितियों को वापस किया गया। वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में समितियों द्वारा अमानक स्तर की रिजेक्ट की गई धान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) विगत 2 वर्षों में गोदाम में भंडारित गेहूँ एवं चावल के अमानक स्तर का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। वर्तमान में अन्य जिले के खाद्यान्न को कटनी जिले के गोदामों में भंडारण के संबंध में जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्य पर अमानक एवं खराब खाद्यान्न/दलहन के उपार्जन के लिए संबंधित उपार्जन समिति के प्रभारी जिम्मेदार हैं। कलेक्टर न्यायालय, कटनी द्वारा उपार्जन केन्द्र में अव्यवस्थाओं में सुधार किए जाने हेतु भविष्य में उक्त कृत्य की पुनरावृत्ति न किए जाने की चेतावनी तथा सहायक आयुक्त, सहकारिता, कटनी को उपार्जन केन्द्रों की सतत् निगरानी करने तथा संबंधित के विरूद्ध उपार्जन नीति के तहत नियमानुसार कार्यवाही किए जाने हेतु आदेश पारित कर निर्देशित किया गया है। (ङ) प्रश्नांश (घ) के उत्तर की परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवा सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
70. ( क्र. 2220 ) श्री जसमंत जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में एवं विधान सभा करैरा में वर्ष 2018 में किन-किन सेवा सहकारी संस्थाओं को खाद्यान्न का कितना-कितना आवंटन माहवार एवं वर्षवार प्राप्त हुआ था, जिसमें प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों तथा कार्डधारकों को खाद्यान्न वितरण किया गया है? लाभान्वित हुये हितग्राहियों की संख्या बताएं। (ख) उक्त प्रश्नांश अनुसार सेवा सहकारी सोसायटियों को वर्षवार कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण का लक्ष्य निर्धारित था, जिसके विरूद्ध कितना खाद्यान्न वितरण किया गया है? ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें पात्रता होते हुये भी विभागीय लापरवाही के कारण खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया है? वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या समग्र खाद्य पोर्टल पर फर्जी तरीके से अपात्र व्यक्तियों को पात्रता की श्रेणी में चिन्हित कर खाद्यान्न वितरण किया गया है? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्धय करावें। (घ) यदि हाँ, तो समग्र खाद्य पोर्टल पर फर्जी तरीके से किसी भी हितग्राही को पात्र किया जाकर खाद्यान्न वितरण करने में कौन-कौन सी संस्था की भूमिका रही है? इस प्रकार कितना खाद्यान्न अपात्र व्यक्तियों को वितरण किया गया है उन सेवा सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी के नाम एवं पदनाम सहित सूची उपलब्ध करावे तथा दोषी सेवा सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सेवा सहकारी संस्थाओं की दुकानों को वर्ष 2018 में 21098518 किलोग्राम एवं वर्ष 2019 में जून माह तक 10526064 किलोग्राम खाद्यान्न वितरण करने के लिए आवंटित किया गया था। उक्त अवधि में इसके विरूद्ध क्रमश: 21057536 एवं 10489633 किलोग्राम खाद्यान्न का वितरण किया गया। दुकानों से वितरण समय खाद्यान्न लेने के लिए आने वाले सभी पात्र परिवारों को खाद्यान्न का वितरण कराया गया। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत पात्रता श्रेणी में सम्मिलित परिवारों के सत्यापन का कार्य स्थानीय निकाय एवं संबंधित विभागों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु एवं विवाह होने, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण उनकी पात्रता समाप्त होना एवं भारत सरकार से आवंटित खाद्यान्न के मात्रा की सीमा अंतर्गत नये हितग्राहियों का पात्र होना एक निरंतर प्रक्रिया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उचित मूल्य दुकान को आवंटित सामग्री में से वितरण पश्चात शेष बची सामग्री का समायोजन आगामी आवंटन में किया जाता है।
समर्थन मूल्य से क्रय की गई उपज का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 2227 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में वर्ष 2019 में समर्थन मूल्य पर कुल कितना-कितना गेहूँ, चना एवं मसूर का क्रय किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपज कितने कृषकों से क्रय की गई है? उपजवार संख्या देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित किसानों में से उपजवार कितने किसानों का भुगतान किया जा चुका है तथा कितने किसानों का भुगतान कितना शेष है? शेष रहे भुगतान का कारण क्या है? शेष भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शाजापुर जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ-134531.90 मे.टन, चना-9531.28 मे.टन एवं मसूर-6967.99 मे.टन की खरीदी की गई है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ-24086, चना-6563 एवं मसूर-6445 कृषकों से उपार्जित किया गया है। (ग) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए गए गेहूँ, चना, मसूर के भुगतान एवं शेष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ का भुगतान JIT के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में किया गया है तथा चना एवं मसूर का भुगतान समितियों के माध्यम से किया गया है। गेहूँ के शेष किसान खातों में त्रुटि के कारण रहे है जिसमें कृषक द्वारा सुधार अनुसार एवं भुगतान की प्रक्रिया प्रचलित है।
शराब की दुकानों से प्राप्त राजस्व आय
[वाणिज्यिक कर]
72. ( क्र. 2228 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्ष 2018-19 में कुल कितनी-कितनी देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें संचालित थी तथा वर्ष 2019-20 में कितनी संचालित है? वर्षवार पृथक-पृथक देशी एवं विदेशी दुकानों की जिलेवार संख्यावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शराब की दुकानों से वर्ष 2018-19 में कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ था तथा वर्ष 2019-20 में कितना-कितना राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है? वर्षवार पृथक-पृथक देशी एवं विदेशी राजस्व प्राप्ति की जिलेवार जानकारी देवें?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2018-19 में 2544 देशी मदिरा दुकानें एवं 1061 विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित थी। वर्ष 2019-20 में भी 2544 देशी मदिरा दुकानें एवं 1061 विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित हैं। देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों की वर्षवार, जिलेवार एवं संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार प्रदेश में मदिरा की दुकानों के निष्पादन से वर्ष 2018-19 में वार्षिक लायसेंस फीस के रूप में रूपये 363.95 करोड़ व ड्यूटी के रूप में रूपये 6910.81 करोड़, कुल रूपये 7274.76 करोड़ की राशि प्राप्त हुई। इसी मदिरा दुकानों के निष्पादन से वर्ष 2019-20 में कुल रूपये 8521.14 करोड़ प्राप्त हुआ है। देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों के निष्पादन से राजस्व प्राप्ति की वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
हरदा जिले की नलजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 2263 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में कुल कितनी नलजल योजना कब से संचालित हैं? (ख) उक्त में से कितनी नलजल योजनाओं का पुन: निर्माण किया जाना प्रस्तावित है? (ग) हरदा जिले के किस-किस ग्राम में नवीन नलजल योजनाओं की आवश्यकता है? (घ) प्रश्नांश (ग) आवश्यकतानुसार नवीन नलजल योजना कब तक स्वीकृत हो जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 131 नलजल योजनाएं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 05 नलजल योजनाओं का। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
आयुष डिस्पेन्सरी
[आयुष]
74. ( क्र. 2264 ) श्री कमल पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में आयुष विभाग की कुल कितनी डिस्पेन्सरी कहाँ-कहाँ पर संचालित है? (ख) हरदा जिले में किस-किस ग्राम एवं नगर में कहाँ-कहाँ नवीन डिस्पेन्सरी की आवश्यकता है? (ग) क्या हरदा जिले में आयुष डिस्पेंसरी की कमी है? यदि हाँ, तो कब तक आयुष डिस्पेंसरी की पूर्ति कर दी जाएगी? अभी तक पूर्ति नहीं होने के क्या कारण है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अन्नपूर्णा योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
75. ( क्र. 2284 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजनांतर्गत कितनी श्रेणियों (वर्गों) को सस्ते दर पर खाद्यान्न प्रदाय किया जाने का प्रावधान है? श्रेणीवार जानकारी देवें। क्या अशोकनगर जिला अंतर्गत पात्रता पर्चीधारी हितग्राहियों को अपात्रता आ जाने के कारण पोर्टल पर विलोपित कर दिया है तथा पोर्टल पर विलोपित किया जाकर उतनी ही संख्या में सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया गया है यदि हाँ, तो ऐसे सम्मिलित परिवारों को किस आधार पर सम्मिलित किया गया है? उन सम्मिलित परिवारों का कारण बताते हुये सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश अंतर्गत पात्रता पर्ची से वंचित पात्र परिवारों की संख्या बतावें। इनकी पात्रता पर्ची कब तक जनरेट होना चाहिये? तहसीलवार हितग्राहियों की संख्या सहित बतावें। इन पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची कब तक जनरेट करा दी जावेगी? (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली वितरण स्कीम 2015 अंतर्गत अशोकनगर जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन दुकानें आवंटित करने की कार्यवाही पूर्ण नहीं करने के पीछे क्या कारण है? नवीन दुकान आवंटन व्यवस्था को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) नीवन दुकान आवंटन प्रक्रिया में अशोकनगर जिले में कुल कितनी पंचायतों में नवीन दुकान आवंटित की गयी हैं उक्त पंचायतों में कुल कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये और उनको निरस्त करने का क्या कारण रहा? पृथक-पृथक बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत रियायती दर पर खाद्यान्न प्रदाय हेतु 25 पात्र परिवारों की श्रेणियों को सम्मिलित किया गया है। पात्र परिवार में सम्मिलित श्रेणियों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। अशोकनगर जिले में अपात्रता के कारण 2021 परिवारों को पोर्टल से विलोपित किया गया है एवं 601 नवीन सत्यापित पात्र परिवारों को सम्मिलित किया गया है। सम्मिलित नवीन सत्यापित परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) अशोकनगर जिले में 5922 परिवारों को पात्रता पर्ची हेतु समग्र पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे हैं, इनमें तहसील अशोकनगर-2580, मुंगावली एवं पिपरई-869, ईसागढ़ एवं नईसराय-946, चंदेरी-1254 शाढोरा-273 के परिवार हैं। शेष प्रश्न का उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के तहत नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकान आवंटन पर स्थगन दिए जाने के कारण दुकानों का आवंटन नहीं किया जा रहा है। अशोकनगर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 145 दुकानविहीन पंचायतों में दुकान खोलने हेतु विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमें से 16 पंचायतों में नवीन दुकानें खोली गई हैं। 62 पंचायतों में उचित मूल्य दुकान खोलने पर माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन होने तथा आवेदन अपात्र पाए जाने के कारण निरस्त किए गए। विधान सभा एवं लोकसभा निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता के कारण शेष पंचायतों की दुकानें आवंटन प्रक्रिया स्थगित रही। पुन: प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। (घ) जिले में 16 दुकानविहीन ग्राम पंचायतों में नवीन दुकानें आवंटित की गई हैं। इन पंचायतों में प्राप्त आवेदनों एवं आवेदन निरस्त के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
राशन दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 2302 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिला भिण्ड में उचित मूल्य (राशन) की कितनी दुकानें संचालित हैं तथा कौन-कौन सी मार्केटिंग सोसायटी द्वारा उन्हें संचालित किया जा रहा है? विधान सभा क्षेत्रवार बताएं। (ख) विगत तीन वर्ष में कौन-कौन सी दुकानें बंद की? दुकानें बंद होने का कारण सहित बताएं। (ग) विगत तीन वर्षों में कितनी मार्केटिंग सोसायटियां/दुकानों पर राशन की कालाबाजारी की शिकायतें प्राप्त हुईं? कितनी शिकायतों पर जाँच चल रही है? कितनी पूर्ण की जा चुकी हैं तथा जाँच में दोषी सोसायटी/दुकानों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में भिंड जिले में 508 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में निरस्त की गई दुकानों एवं निरस्ती के कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में मार्केटिंग सोसायटी के दुकानों की कालाबाजारी की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों की 19 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सभी शिकायतों की जाँच पूर्ण हो चुकी है। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
बी.पी.एल. कार्डधारकों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 2303 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 दिसम्बर, 2018 की स्थिति में प्रदेश में कितने B.P.L. कार्डधारक उपभोक्ता पंजीकृत हैं? (ख) विगत चार वित्तीय वर्ष में कितने कार्डों पर खाद्यान्न पर्ची जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में क्या खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं कर B.P.L. कार्डधारकों को शासन की योजना से वंचित करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कितनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों को प्राथमिकता परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है। 31 दिसम्बर, 2018 की स्थिति में बी.पी.एल. श्रेणी के अंतर्गत 64,08,862 पात्रता पर्चीधारी (ई-राशनकार्ड) परिवार थे। (ख) बी.पी.एल. श्रेणी के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 2,26,826 वर्ष 2017-18 में 3,11,951 एवं वर्ष 2018-19 में 47,026 परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी किए गए हैं। वर्ष 2016-17 से पूर्व की सूची राज्य स्तर पर कम्प्यूटरीकृत नहीं है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है। उतनी ही संख्या में नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। माह अप्रैल, 2018 से समस्त पात्रता श्रेणी के 12.22 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है।
नवीन एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
78. ( क्र. 2320 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा गया है या तैयार किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव दिये गये हैं? ग्राम का नाम/पंचायत/विकासखण्ड सहित जानकारी देवें। (ग) प्रस्तावित/शासन स्तर पर लंबित आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के अनुसार दी जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के संबंध में स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। स्वीकृति भारत सरकार के कार्य क्षेत्र में होने से विभाग द्वारा समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
आयुर्वेदिक/स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
[आयुष]
79. ( क्र. 2321 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आयुर्वेदिक अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में स्वीकृत आयुर्वेदिक अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र का क्रियान्वयन/संचालन/स्थापित होना प्रारंभ हो गया है? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) में स्वीकृत आयुर्वेदिक अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र का क्रियान्वयन/संचालन/स्थापित कब तक होगा? (घ) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित/शुरू करना प्रस्तावित है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
80. ( क्र. 2332 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिवनीमालवा में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में तथा कितने निजी भवन में संचालित हैं? (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के शासकीय भवन निर्माण की क्या योजना है? (ग) कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) होशंगाबाद जिलें के विधान सभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में 551 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिसमें से शासकीय भवनों में 458 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा निजी भवनों में 93 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) प्रदेश में वर्तमान में विभाग अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजन अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये जाते हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। (ग) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सिवनी-मालवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 04 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 07 पद रिक्त हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 01 तथा आंगनवाड़ी सहायिका के 03 पदों पर नियुक्ति हेतु विकासखण्ड स्तरीय चयन समिति द्वारा अंतिम सूची जारी कर दी गई है। अंतिम सूची के विरूद्ध प्राप्त दावे/आपत्तियों के निराकरण हेतु जिला स्तरीय दावे/आपत्ति समिति में नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के शेष 03 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 04 पदों हेतु विज्ञप्ति जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
अस्पतालों में रिक्त पदों एवं नवीन भवन निर्माण संबंधी जानकारी
[आयुष]
81. ( क्र. 2376 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग अंतर्गत कुल कितने अस्पताल संचालित हैं तथा उक्त अस्पतालों में कुल कितने डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? (ख) उपरोक्त वर्णित अस्पतालों में कितने स्थानों पर भवन उपलब्ध हैं? क्या वर्तमान में सभी भवन क्षतिग्रस्त हैं? हाँ तो कृपया भवनों की भौतिक स्थिति से अवगत करायें? (ग) संचालित अस्पतालों में रिक्त पदों पर पदपूर्ति एवं नवीन भवन निर्माण हेतु शासन की क्या योजना है तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) अस्पताल नहीं वरन कुल 06 आयुर्वेदिक औषधालय संचालित हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी-06 पद, कम्पाउण्डर-06 पद, महिला आयुर्वेद स्वास्थ्य कार्यकर्ता-06 पद और औषधालय सेवक-06 पद। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। बजट उपलब्धता के आधार पर। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
82. ( क्र. 2377 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगॉव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें तथा इनमें वैकल्पिक व्यवस्था क्या है? वर्तमान तक किराये से चलाये जा रहे केन्द्रों पर वर्तमान किराया प्रदाय किया जा चुका है? नहीं तो कब से लंबित हैं तथा कब तक प्रदाय किया जायेगा? (ख) उपरोक्त भवन विहिन केन्द्रों पर भवन निर्माण हेतु विभाग की क्या योजना है तथा कब तक शत-प्रतिशत केन्द्रों पर भवन निर्माण हो जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) खरगौन जिले के भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 266 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन संचालित हैं। विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत परियोजना भीकनगांव के 29 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों तथा 51 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। परियोजना झिरन्या के 110 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 76 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों का माह जून 2019 तक भवन किराया राशि का भुगतान किया जा चुका है। अतः शेष का कोई प्रश्न ही नहीं है। (ख) प्रदेश में वर्तमान में विभाग अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजन अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये जाते हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतएव समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला श्योपुर की नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 2381 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र श्योपुर में प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना संचालित हैं? उनमें से कितनी चालू हैं व कितनी बंद हैं? बंद का क्या कारण है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। नल-जल योजना का संचालन व संधारण किन-किन के द्वारा किया जा रहा है? (ख) विगत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक केंद्रांश व राज्यांश शासित के रूप से श्योपुर जिले को किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि को किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया है? जानकारी वर्षवार, कार्यवार, एजेन्सीवार उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अवधि के दौरान किन-किन कार्य एजेन्सियों से किस-किस दर पर क्या-क्या कार्य कराये गये उनके कार्यादेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) क्या श्योपुर जिले में विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के कार्यों के विरूद्ध, अग्रिम राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित अवधि में कितनी-कितनी राशि किन-किन को दी गई है? उसके व्यय के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, कार्यादेशों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अजान भण्डारण में आधिक्य के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 2403 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित भण्डार गृहों में शासन द्वारा भण्डारित किन-किन अनाजों में आधिक्य तय किया गया है? इसके वैज्ञानिक आधार बताते हुए अनाजवार जानकारी देवें। (ख) भण्डारित अनाजों के आधिक्य की समय-सीमा (वर्षाकाल से लेकर) बतायें? (ग) गोदामों में खाद्यान्न भण्डारण कराने वाली जमाकर्ता संस्थाओं द्वारा प्राकृतिक सुखत अथवा बढ़त का निराकरण किये जाने के वर्तमान में प्रचलित मापदण्डों की जानकारी दें तथा इस संबंध में रोकी गई राशियों की वापसी के क्या प्रावधान है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भारत सरकार द्वारा राज्य एजेन्सियों के लिये समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ में दिनांक 30 जून के पश्चात् भुगतान होने वाली मात्रा पर गोदाम में भण्डारित गेहूँ के लिये 1 प्रतिशत एवं केप में भण्डारित गेहूँ के लिये 0.7 प्रतिशत आधिक्य निर्धारित किया गया है। भारत सरकार द्वारा उक्त आधिक्य वैज्ञानिक आधार पर भारतीय खाद्य निगम के लिये मान्य किये गये हैं। (ख) भारत सरकार द्वारा राज्य एजेन्सियों के लिये समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ में दिनांक 30 जून के पश्चात् भुगतान होने वाली मात्रा पर आधिक्य निर्धारित किया गया है। (ग) गोदामों में खाद्यान्न भण्डारण कराने वाली संस्थाओं द्वारा प्राकृतिक सूखत/बड़त का निराकरण किये जाने के संबंध में निर्धारित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिनका निराकरण भारत सरकार के द्वारा तय मापदण्डों के अधीन ही किया जाता है।
मदिरा दुकानों का व्यवसायिक व्यपवर्तन न किये जाने बावत्
[वाणिज्यिक कर]
85. ( क्र. 2410 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में संचालित देशी व अंग्रेजी मदिरा दुकान की संख्या (स्थानवार एवं संबंधित ठेकेदार का नाम) कितनी है? संचालित दुकानदार (मदिरा ठेकेदार) एवं जिला आबकारी अधिकारी सिवनी के मध्य क्या कोई अनुबंध किया गया है? यदि हाँ, तो अनुबंध का विवरण देवें? (ख) जिले में संचालित देशी व अंग्रेजी मदिरा दुकानों को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राजकीय राजमार्ग से कितनी दूरी पर संचालित करने का प्रावधान व तत्संबंध में माननीय न्यायालय की कोई गाईड लाईन है? क्या जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राजकीय राजमार्ग में संचालित देशी व अंग्रेजी मदिरा दुकानें उक्त प्रावधान के अनुसार स्थित है? क्या उक्त मार्गों से दुकान के मध्य की दूरी का निर्धारण करने के लिये संबंधित राजस्व अमले एवं संबंधित राजमार्गों के प्रभारी शासकीय अधिकारियों का मौका जाँच प्रतिवेदन लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सिवनी जिले में संचालित अंग्रेजी एवं देशी मदिरा दुकानें/परिसर जिस भूमि/दुकान/मकान में संचालित की जा रही है, उक्त स्थान का व्यवसायिक व्यपवर्तन संबंधी दस्तावेज संबंधित दुकान संचालकों द्वारा जिला आबकारी कार्यालय सिवनी को दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस संबंध में जिला आबकारी कार्यालय सिवनी ने राजस्व विभाग सिवनी को आज दिनांक तक कोई लिखित सूचना दी है? यदि नहीं, तो कब तक दी जावेगी? क्या संचालित दुकान स्थलों के व्यवसायिक व्यपवर्तन न किये जाने से राजस्व विभाग को आज दिनांक तक हुई राजस्व की हानि की प्रतिपूर्ति हेतु कोई कार्यवही की जावेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) सिवनी जिले में कुल 58 देशी/विदेशी मदिरा दुकान संचालित है। मदिरा दुकानों के नाम, स्थान एवं लायसेंसियों की सूची विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। संचालित दुकानदार (मदिरा ठेकेदार) एवं जिला आबकारी अधिकारी सिवनी के मध्य अनुबंध किये जाने का उल्लेख वर्तमान आबकारी नीति में नहीं होने से कोई अनुबंध नहीं किया गया है। (ख) देशी/विदेशी मदिरा दुकानों को राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग से दूरी पर संचालित किये जाने संबंधी माननीय न्यायालय की गाईड लाईन एवं प्रावधान विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। सिवनी जिले में सभी देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन उपरोक्त प्रावधान के अनुसार किया जा रहा है। उक्त संबंध में राजस्व अमले एवं संबंधित राजमार्गों के प्रभारी शासकीय अधिकारियों का मौका जाँच प्रतिवेदन लिये जाने हेतु घोषित आबकारी नीति में कोई प्रावधान नहीं है। (ग) व्यपवर्तन की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की जाती है।
आगजनी की घटनाओं पर मुआवजा
[राजस्व]
86. ( क्र. 2430 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुंडम में 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका/ग्रामीण क्षेत्रों में कहाँ-कहाँ पर आगजनी की घटनायें घटित हुई, जिनमें फसल/मकान के क्षतिग्रस्त होने की सूचनानायें विभाग को प्राप्त हुई हैं? वर्षवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार हानि की भरपाई हेतु कितना-कितना मुआवजा विभाग द्वारा कब-कब दिया गया? किन-किन का मुआवजा शेष है? अभी तक भुगतान क्यों नहीं किया गया? कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी प्रभावितों को राहत राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
खाद्यान्न पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 2450 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की खाद्यान्न पात्रता पर्ची 17 दिसम्बर, 2018 से 30 जून, 2019 तक किन-किन जिलों में कितनी-कितनी पात्रता पर्ची जनरेट हुई एवं कितनी-कितनी जनरेट होना शेष है? जिलेवार संख्या बतावें? शेष रहने का कारण बतावें। (ख) क्या पहले पात्रता पर्ची स्थानीय जनपद पंचायत द्वारा जनरेट होती थी, जो कि 17 दिसम्बर, 2018 से 30 जून, 2019 के बाद खाद्य विभाग द्वारा जनरेट की जा रही है? यदि हाँ, तो पूर्ण कारण बतावें तथा विदिशा जिले में कितनी पात्रता पर्ची आना शेष है। (ग) क्या सितम्बर, 2016 के बाद से खाद्य पोर्टल एन.एफ.एस.ए. और समग्र पोर्टल एस.पी.आर. को अलग कर दिया गया है, जिससे नवीन नाम, मृत या डिलीट सदस्य एवं अन्य जानकारी अद्यतित नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो किस कारण से ऐसा किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो बतावें कि खादय पोर्टल एन.एफ.एस.ए. और समग्र पोर्टल एस.पी.आर. में कब तक सुधार कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों को 17 दिसम्बर, 2018 से 30 जून, 2019 तक जिलेवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। माह अप्रैल, 2018 से समस्त पात्रता श्रेणी के 12.22 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों का सत्यापन समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर स्थानीय निकाय द्वारा किया जाता है। स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत निर्धारित सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची आनलाईन जारी की जाती है। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं अद्यतनीकरण समय-समय पर किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों की आबादी क्षेत्रों के नक्शे
[राजस्व]
88. ( क्र. 2451 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में राजस्व विभाग के अंतर्गत पटवारी रिकॉर्ड में तहसीलों में ग्रामों की आबादी के नक्शे नहीं हैं, जबकि अभिलेख नियम में इनका बनना उल्लेखित है? भू-राजस्व संहिता 1959 में भी ग्रामों के आबादी क्षेत्र के (मकान/गलीवार) नक्शे होना चाहिए, बतायें कि जिले के कितने विकासखण्ड में ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों के आबादी के नक्शे नहीं हैं? विकासखण्डवार जानकारी देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नक्शे अभी तक नहीं बने हैं तो नक्शे कब तक बना लिये जावेंगे, जिन ग्रामों के नक्शे नहीं हैं, उसके लिए दोषी कौन है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। विदिशा जिले के सात विकासखण्डों में समग्र ग्रामों के आबादी के पृथक से नक्शे नहीं हैं। समस्त ग्रामों के नक्शे अपूर्ण हैं। (ख) नक्शे तैयार करने की कार्यवाही अत्यन्त तकनीकी तथा वृहद स्वरूप की होने के कारण कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष ग्राम शिविरों के सबंध में
[आयुष]
89. ( क्र. 2453 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा सीधी, सिंगरौली, सतना, शहडोल उमरिया जिले में आयुष ग्राम शिविर का अयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो रीवा जिले के किन-किन औषधालयों का चयन किया गया है और इस हेतु शासन द्वारा प्रति शिविर कितनी राशि खर्च करने का प्रावधान है? (ख) क्या उक्त शिविरों का अयोजन मात्र खाना पूर्ति के लिये किया जाता है और शासन द्वारा दी गई राशि का सही उपयोग नहीं किया जाता है? (ग) क्या संभागीय आयुष अधिकारी रीवा संभाग रीवा द्वारा औषधालयों का निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्तमान में पदस्थ संभागीय आयुष अधिकारी द्वारा कब-कब किन औषधालयों का निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) आयुष महाविद्यालयों को शासन से वर्ष 2014 से जून 2019 तक कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि खर्च की गई? क्या जिला आयुष अधिकारी रीवा एवं संभागीय आयुष कार्यालय में शासन द्वारा अटैचमेन्ट बन्द होने के बाबजूद अटैचमेन्ट किये गये हैं? उक्त अधिकारियों कर्मचारियों का अटैचमेन्ट किस अधिकारी द्वारा किया इस हेतु दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले के बरौ, सुरसा, टीकर, महसांव, गुढ़, आयुष औषधालयों का चयन किया गया है। प्रति शिविर रूपये 12,000/- का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। जी नहीं। समय-समय पर कार्य की अधिकता के कारण कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्ड स्तरीय सतर्कता समीक्षा बैठक
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
90. ( क्र. 2454 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग मंत्रालय भोपाल के ज्ञापन क्रमांक-7,32/2013/19,1 भोपाल दिनांक 02-01-2016 के अनुसार विकासखण्ड स्तरीय सतर्कता समितियों का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो रीवा जिला अनर्गत खण्डस्तरीय सतर्कता समितियों की सूची उपब्लध कराई जाये। (ख) क्या रीवा जिला अंतर्गत विकासखण्ड स्तरीय समितियों की बैठकों के लिये एक एजेन्डा तैयार किया गया था? उस बैठक के एजेन्डों व उन पर की गई कार्यवाही विवरण की सूची वर्ष 2016 से जून 2019 तक उपलब्ध करावें। (ग) रीवा जिले के रायुपर कर्चुलियान व रीवा विकासखण्डों में समितियों द्वारा बैठक कब-कब और कहाँ अयोजित की गई उसके एजेंडे सहित बैठक में उपस्थित सदस्यों की सूची उपब्लध कराई जाये। (घ) क्या समितियों की बैठक मात्र खाना पूर्ति तक अयोजित है, इसके लिये जिम्मेदार कौन है? क्या उसके खिलाफ कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश अवधि में विकासखण्ड स्तरीय सतर्कता समितियों का एजेण्डा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। बैठक के संबंध में कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान विकासखण्ड में समिति की बैठक दिनांक 03.06.2019 को विकासखण्ड मुख्यालय में तथा रीवा विकासखण्ड में दिनांक 30.05.2019 को विकासखण्ड मुख्यालय में आयोजित की गई। बैठक में उपस्थित सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। निर्धारित एजेण्डानुसार सतर्कता समितियों द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पानी की समस्या के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
91. ( क्र. 2457 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 3 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र बड़वानी में पानी की अत्यधिक समस्या होने से ग्रामीणों की मांग अनुसार क्षेत्रीय विधायक के द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बड़वानी को समय–समय पर पत्र दिए गए हैं? यदि हाँ, तो दिए गए पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विधायक के द्वारा दिए जाने वाले पत्रों पर की गई कार्यवाही से विधायक को अवगत कराने के नियम हैं? यदि हाँ, तो क्या पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया है और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगीl (ग) विभाग को भेजे गए पत्रों में से कितनी समस्याओं का निराकरण किया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आंगवाड़ी भवनों की समस्या
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 2460 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खण्डवा जिले में कितनी आंगनवाड़ियाँ स्वीकृत/कार्यरत हैं? विकासखण्डवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कितनी आंगनवाड़ियाँ शासकीय भवनों में एवं कितनी आंगनवाड़ियाँ किराये के मकान में संचालित की जा रही हैं? संख्या बताएं। (ग) क्या खण्डवा जिले में विगत कई माहों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिका का वेतन नहीं मिला है एवं न ही आंगनवाड़ी भवनों के किराये का भुगतान हुआ है, जिसके कारण आंगनवाड़ी संचालन में असुविधा हो रही है? (घ) विगत 5 वर्षों में खण्डवा विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया गया? वर्षवार बताएं। (ड.) भवनहीन आंगनवाड़ियों के लिये भवन उपलब्ध कराने की शासन स्तर पर क्या कार्ययोजना है? क्या शत् प्रतिशत आंगनवाड़ियों को शासकीय भवन में लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (च) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वितरित होने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता का परीक्षण विगत 1 वर्ष में कितनी बार किसके द्वारा किया गया? (छ) क्या कभी पौष्टिक आहार की जाँच खाद्य एवं औषधि विभाग से कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) खण्डवा जिले में स्वीकृत एवं कार्यरत आंगनवाड़ी केन्द्रों की विकासखण्डवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
विकासखण्ड |
स्वीकृत आंगनवाड़ी |
कार्यरत आंगनवाड़ी |
1 |
खण्डवा |
372 |
372 |
2 |
छैगांवमाखन |
170 |
170 |
3 |
पन्धाना |
334 |
334 |
4 |
पुनासा |
252 |
252 |
5 |
बलड़ी (किल्लौद) |
67 |
67 |
6 |
हरसूद |
136 |
136 |
7 |
खालवा |
351 |
351 |
|
कुल |
1682 |
1682 |
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय भवन तथा किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
विकासखण्ड |
शासकीय एवं अन्य भवनों में संचालित आ.वा. केन्द्र |
किराये के भवनों में संचालित आ.वा. केन्द्र |
1 |
खण्डवा |
250 |
122 |
2 |
छैगांवमाखन |
143 |
27 |
3 |
पन्धाना |
277 |
57 |
4 |
पुनासा |
212 |
40 |
5 |
बलड़ी (किल्लौद) |
60 |
07 |
6 |
हरसूद |
115 |
21 |
7 |
खालवा |
338 |
13 |
|
कुल |
1395 |
287 |
(ग) जी नहीं। खण्डवा जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं का माह मई 2019 तक की अवधि का मानदेय भुगतान तथा किराये से संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का माह जून 2019 तक की अवधि का आंगनवाड़ी भवन किराये का भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष का कोई प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है। (घ) खण्डवा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 05 वर्षों में कराये आंगनवाड़ी भवन निर्माण की जानकारी परिशिष्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) प्रदेश में वर्तमान में विभाग अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजन अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये जाते हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं। (च) स्थानीय स्तर पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा प्रत्येक दिन प्रदायित पका हुआ पोषण आहार ताजा गरम नाश्ता एवं भोजन की गुणवत्ता का आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, हितग्राही के अभिभावकों द्वारा प्रतिदिन चखकर पोषण आहार की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है। पका हुआ ताजा गरम पोषण आहार की गुणवत्ता संतुष्टि होने के आंगनवाड़ी केन्द्रों में संधारित पोषण आहार संतुष्टि पंजी में प्रतिदिन दर्ज किया जाता है, जिसका सत्यापन सेक्टर सुपरवाइजर, परियोजना अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों द्वारा अपने निरीक्षण के दौरान किया जाता है। (छ) जी नहीं, क्योंकि प्रतिदिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में पका हुआ ताजा गरम पोषण आहार प्रदाय होने से खाद्य एवं औषधि विभाग से जाँच नहीं कराई जाती है।
केरोसीन की कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 2461 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने बी.पी.एल. राशन कार्ड एवं अन्त्योदय कार्डधारी हितग्राही हैं? उचित मूल्य की दुकानवार, ग्रामवार एवं नगर में वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख प्रश्नांश (क) अनुसार बी.पी.एल. कार्डधारियों को एवं अन्त्योदय कार्डधारियों को क्या केरोसीन (घासलेट) तेल प्रदाय किया जाता है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी मात्रा में प्रति कार्डवार प्रदाय किये जाने के नियम हैं तथा कितना-कितना केरोसीन का आवंटन प्रदाय किया गया है? उचित मूल्य की दुकानवार जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उचित मूल्य की दुकानों पर बी.पी.एल. कार्डधारी/अन्त्योदय कार्डधारियों को केरोसीन वितरण हेतु वितरण पंजी संधारण की जाती है? यदि पंजी संधारित नहीं की जाती है, तो क्या केरोसीन ब्लैक किया जाता है? (घ) विगत 3 वर्षों में कैरोसीन वितरण में अनियमितता की कितनी-कितनी शिकायतें विभाग को एवं जिला कलेक्ट्रेट को प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या केरोसीन के ड्रमों सेल्समैन के घरों पर या खेत पर क्यों उपलब्ध पाये गये? स्पष्ट करें। (ड.) विभाग द्वारा केरोसीन की कालाबाजारी करने वाली उचित मूल्य की दुकान अथवा जवाबदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : प्रश्नांश (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पोषण आहर एवं मध्यान्ह भोजन वितरण कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
94. ( क्र. 2462 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक आँगनवाड़ी केन्द्रों में मध्यान्ह भोजन/पोषण आहर प्रदाय करने हेतु कौन-कौन से समूह कार्य कर रहे हैं? आँगनवाड़ी केन्द्रवार समूह की जानकारी से अवगत करावें। विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है? योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आँगनवाड़ी केन्द्रों में मध्यान्ह भोजन/पोषण आहर वितरण करने हेतु समूह को आदेशित करने सक्ष्म अधिकारी कौन है? नगर/ग्रामीण केन्द्रवार नियम एवं अनुबंध की शर्त से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 3 वर्षों में मध्यान्ह भोजन/पोषण आहर वितरण कार्य से पृथक किये गये समूहों की कब-कब शिकायतें प्राप्त हुईं? क्या शिकायतों के संबंध में समूहों के अध्यक्ष/सचिवों को अवगत कराया जाकर शिकायतें निराकृत की गयी? समूहवार की गई जाँच से अवगत करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार सक्ष्म अधिकारी के द्वारा समूहों को मध्यान्ह भोजन/पोषण आहर संचालन से पृथक किया गया है? यदि हाँ, तो उनके नियम की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार इन्दिरा मातृत्व सहयोग योजना अंतर्गत कितने-कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया जाकर योजना के लाभ से वंचित हैं? नहीं तो लाभ से वंचित रखने का कारण स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में सांझा चूल्हा योजना अन्तर्गत भोजन प्रदाय कर रहे स्व-सहायता समूह की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं लाड़ली लक्ष्मी योजना अन्तर्गत हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इन योजनाओं के अन्तर्गत दिनांक 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार लाभान्वित हितग्राही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आँगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार वितरण हेतु शहरी क्षेत्र में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत समूह को आदेशित करने के सक्षम अधिकारी है। अनुबंध का प्रारूप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग’’ अनुसार है। (ग) विभाग को पृथक से शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (घ) विभाग द्वारा अपने स्तर से किसी समूह को पृथक नहीं किया गया है। (ड.) राजगढ़ जिले में इंदिरा मातृत्व सहयोग योजना संचालित नहीं रही है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चार्टर्ड बसों का संचालन
[परिवहन]
95. ( क्र. 2466 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में इंदौर, उज्जैन संभाग में चल रही चार्टर्ड बस संचालन के नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या नियमानुसार नगरीय निकाय सीमा में निजी कंपनियों द्वारा निजी बस स्टेण्ड से बस संचालन हेतु निजी कंपनियों को व्यापार की अनुमति दी जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) चार्टर्ड बस संचालन में बसों की शहरी एवं मुख्य मार्गों पर गति को लेकर क्या नियम है? उक्त संभाग में विगत 3 वर्षों में चार्टर्ड बस की तेज गति से कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा कितने घायल हुये? स्थान एवं कुल संख्या सहित जानकारी दें। (घ) प्रदेश में चार्टर्ड बसों के परमिट, फिटनेस एवं अन्य पंजीयन को लेकर कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने इन बसों की जाँच की? 1 जनवरी 2015 के पश्चात प्रतिवर्ष इन बसों से कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ? नियमानुसार चार्टर्ड बस के किराया निर्धारण में परिवहन विभाग का किस तरह का हस्तक्षेप है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यन्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 2469 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री प्रभुदयाल पिता कमल सिंह लोधी एवं श्री कालीचरण लोधी पिता कमल सिंह लोधी दोनों निवासी - करहैया (मुर्गाखेड़ा) तहसील-जिला नरसिंहपुर ने जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी नरसिंहपुर को दिनांक 24.4.19 को खाद्यान्न वितरण की अनियमितताओं संबंधी पत्र दिया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या खाद्यन वितरण मां शांति स्व-सहायता समूह करहैया द्वारा सेल्समैन श्रीमती लक्ष्मी लोधी द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में दर्ज उपभोक्ताओं को माह मार्च एवं अप्रैल 2019 का राशन क्यों प्राप्त नहीं हुआ है? (ग) क्या राशन वितरण सोसायटी से न होकर प्रदीप कुमार लोधी के घर से 3 कि.मी. दूर खेत के घर से किया जाता है? यदि हाँ, तो इस नियम विरूद्ध कार्य के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या यह विसंगति दूर की जावेगी एवं राशन वितरण सोसायटी से सेल्समैन श्रीमती लक्ष्मी लोधी से ही कराया जावेगा? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा भी कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र क्रं. JSP/NSP/3514 दिनांक 18/06/19 को दिया गया है, इस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच क्षेत्रीय कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से कराई गई। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के प्रतिवेदन दिनांक 25/04/2019 अनुसार शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन में कोई अनियमितताएं नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के प्रतिवेदन दिनांक 25/04/2019 अनुसार प्रश्नांश (क) में दर्ज उपभोक्ताओं द्वारा स्वयं उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। उचित मूल्य दुकान के आवंटन हेतु समूह के आवेदन पत्र के साथ संलग्न किरायानामा पर श्री प्रदीप कुमार लोधी का मकान दर्ज है। इस प्रकार दुकान संचालन स्थल नियम विरूद्ध न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 972/खाद्य/2019 दिनांक 27/06/2019 से समूह अध्यक्ष एवं विक्रेता को उपभोक्ताओं की मांग अनुसार सुविधाजनक स्थल का चयन कर, ग्राम पंचायत से अनुमोदन कराकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नरसिंहपुर से संशोधन कराने एवं तत्पश्चात नवीन स्थल से राशन सामग्री का वितरण कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक JSP/NSP/3514 दिनांक 18/06/19 में उल्लेखित तथ्यों की पुन: जाँच करने हेतु 3 सदस्यीय जाँच दल कार्यालयीन पत्र क्रमांक 971/खाद्य/2019 दिनांक 27/06/2019 द्वारा गठित किया गया है। जाँच दल से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी।
विभाग में पदस्थ कर्मचारियों की पदोन्नति
[परिवहन]
97. ( क्र. 2471 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग में विभागीय पदोन्नति दिये जाने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदान करें। (ख) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक पदोन्नत किये जाने हेतु डी.पी.सी. की बैठक नहीं बुलायी गयी है? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार प्रति वर्ष पदोन्नति हेतु डी.पी.सी. की बैठक बुलायी जाकर योग्य/पात्र कर्मचारियों को पदोन्नत किये जाने के नियम हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो विभाग द्वारा समिति की बैठक न बुलाये जाने का क्या कारण रहा है? (ड.) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश\निर्देश अनुसार योग्य\पात्र कर्मचारियों को पदोन्नत किये जाने हेतु डी.पी.सी की बैठक बुलायी जावेगी? क्या इस सबंध में विभाग नियमित रूप से प्रति वर्ष बैठक बुलाये जाने हेतु ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग से पदोन्नति के संबंध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुये हैं। (ख) विभाग 2010 से 2015 की अवधि में परिवहन आरक्षक से परिवहन निरीक्षक के पद पर नियमानुसार पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गई है। तत्पश्चात् पदोन्नति में आरक्षक के संबंध में प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रचलन में होने से तथा सामान्य प्रशासन विभाग से पदोन्नति के संबंध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त न होने के कारण पदोन्नति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी। (ग) हाँ, विभागीय स्तर पर पदोन्नति की बैठक प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है, किन्तु पदोन्नति में आरक्षण का प्रकरण माननीय न्यायालय में होने तथा पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करने के संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त न होने कारण पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी है। (घ) पदोन्नति में आरक्षण का प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण। (ड.) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग से पदोन्नति दी जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्दशों के तहत पदोन्नत किये जाने की नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
चेक पोस्ट एवं चालानी कार्यवाही की कार्यविधि एवं कार्यप्रणाली
[परिवहन]
98. ( क्र. 2477 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत कुल कितनी परिवहन चेक पोस्ट संचालित हैं? कितनी परिवहन चेक पोस्टों पर CCTV कैमरे लगाये गए हैं? कितनी चेक पोस्टों पर शासन द्वारा पदस्थ कर्मचारी कार्यरत हैं? कार्यरत कर्मचारियों की पदस्थापना किस प्रक्रिया के तहत किन सक्षम अधिकारियों द्वारा की गयी है? (ख) मोटरयान अधिनियम 1988 के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन प्रावधानों के अंतर्गत जाँच के दौरान किन धाराओं में चालानी कार्यवाही की गयी? कितना शासकीय राजस्व प्राप्त किया गया? चालानी कार्यवाही की कुल कितनी रसीद संबंधित को दी गयी? (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक संचालित परिवहन चेक पोस्टों पर CM हेल्पलाइन एवं विभिन्न माध्यमों से कितनी अवैध वसूली की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों के निराकरण में कितने प्रकरण शेष हैं? कितने निराकृत हैं एवं कितने प्रगतिरत हैं? (घ) उक्त अवधि में उज्जैन संभाग में कितनी परिवहन चेक पोस्टों पर कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त डॉकेट (पर्ची) के आधार पर गुजरने वाले प्रत्येक वाहन का वजन के साथ-साथ सम्पूर्ण दस्तावेजों की जाँच की जाती है तथा ऐसी कितनी चेक पोस्ट हैं जहां केवल वजन लेकर वाहनों को छोड़ दिया जाता है? (ड.) क्या उज्जैन संभाग में चेक पोस्टों के लिए अतिरिक्त संभागीय परिवहन सुरक्षा स्क्वॉड का कार्य उज्जैन संभाग को मिला हुआ है? यदि हाँ, तो आवंटित कार्य का शासनादेश व प्रगति विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत कुल सात परिवहन जाँच चौकियाँ संचालित हैं। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा संचालित कुल दो परिवहन जाँच चौकी सोयत जिला आगर मालवा एवं परिवहन जाँच चौकी नयागाँव जिला नीमच एकीकृत परिवहन जाँच चौकी होने के कारण वहाँ पर CCTV कैमरे लगे हैं। उज्जैन संभाग के अंतर्गत संचालित सभी परिवहन जाँच चौकियों पर पदस्थ शासकीय कर्मचारी कार्यरत हैं। इन सात परिवहन जाँच चौकियों पर अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना/रोटेशन मुख्यालय स्तर पर गठित परिवहन (प्रवर्तन) स्थापना बोर्ड की अनुशंसा पर परिवहन मंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय के अनुमोदन पश्चात् रोटेशन प्रणाली के तहत पदस्थापना की जाती है। (ख) मोटरयान अधिनियम 1988 के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उज्जैन संभाग के अन्तर्गत संचालित सात परिवहन जाँच चौकियों द्वारा उल्लेखित मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 एवं इनके सहपठित अन्य शासन एवं विभाग के आदेशों/अनुदेशों में विहित प्रावधानों के अनुरूप विभिन्न धाराओं में यथा - धारा 113/194 (ओव्हर लोड), धारा 66/192 (बिना परमिट), धारा 56/192 (बिना फिटनेस), धारा 146/196 (बिना बीमा), धारा 115/190 (बिना प्रदूषण प्रमाण-पत्र), धारा 3/181 (बिना लायसेंस) एवं तत्कालिक परिस्थितियों के अनुसार धारा 177 (दीगर) में कार्यवाही की गई हैं। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग की परिवहन जाँच चौकियों द्वारा रुपये 45, 30, 48, 133.00 करोड़ शासकीय राजस्व प्राप्त किया गया हैं, चालानी कार्यवाही की कुल 2,98,050 रसीदें संबंधितों को दी गयी हैं। जानकारियों के जिलेवार पत्रक संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक संचालित परिवहन चेक पोस्टों पर CM हेल्पलाइन एवं विभिन्न माध्यमों से अवैध वसूली की 187 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सभी शिकायतों का निराकरण हो चुका है। एक भी प्रकरण निराकरण हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्नांश का उत्तर अपेक्षित नहीं है। (घ) उक्त अवधि में उज्जैन संभाग में एकीकृत परिवहन जाँच चौकी सोयत एवं नयागाँव पर कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त डॉकेट (पर्ची) के आधार गुजरने वाले प्रत्येक वाहन के वजन के साथ-साथ सम्पूर्ण दस्तावेजों की जाँच की जाती हैं, शेष पाँच परिवहन जाँच चौकियाँ कम्प्यूटरीकृत नहीं होने के कारण वाहन चालकों से प्राप्त बिल्टी पर अंकित वजन की जाँच के साथ-साथ दस्तावेजों में कमी पाये जाने पर नियमान्तर्गत चालानी कार्यवाही की जाती हैं। (ड.) जी नहीं, उज्जैन संभाग में चेक पोस्टों के लिए अतिरिक्त संभागीय परिवहन सुरक्षा स्क्वॉड का कार्य उज्जैन संभाग को नहीं मिला हुआ है। शेष प्रश्नांश का उत्तर अपेक्षित नहीं है।
धान खरीदी का उपार्जन एवं परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
99. ( क्र. 2478 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कुल कितनी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकान नहीं हैं? दुकान विहीन ग्राम पंचायत में नवीन उचित मूल्य की दुकान खोलने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाहियाँ की गयी हैं? (ख) जिला उपार्जन समिति द्वारा खरीद विपणन वर्ष 2018-19 में कितने खरीदी केंद्र स्थापित किये जाने की अनुशंसा की गयी थी? (ग) क्या उज्जैन जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित भंडार अनुसार गोदामों में जमा न करने वाली संस्थाएं अपात्र संस्थाओं की श्रेणी में पायी गयी हैं? (घ) उज्जैन जिले में खरीद विपणन मौसम 2018-19, समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का अनुमान क्या था? उसके विरूद्ध कितने धान उपार्जन अनुसार परिवहन एवं वारदानें की क्या व्यवस्था की गयी थी? (ड.) उज्जैन जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक संचालित कृषि उपज मंडियों में किसानों के द्वारा समर्थन मूल्य पर फसल न खरीदे जाने की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उनके निराकरण के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन जिले में 202 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकान संचालित नहीं थीं, जिनमें से 88 ग्राम पंचायतों में नवीन उचित मूल्य दुकान खोली जा चुकी हैं। शेष 114 ग्राम पंचायतों में नवीन उचित मूल्य दुकान खोलने के लिए तृतीय चरण में आवेदन प्राप्त किए गए हैं, जिनमें वर्तमान में शेष ग्राम पंचायतों में नवीन दुकान खोले जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर मूंग, तुअर, उड़द, मूंगफली, रामतिल एवं तिल हेतु जिला उपार्जन समिति द्वारा 5 उपार्जन केन्द्र खोलने की अनुशंसा की गई थी। (ग) जी नहीं। खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर उपार्जन करने वाली संस्थाएं अपात्रता की श्रेणी में नहीं पाई गई। (घ) उज्जैन जिले में धान उपार्जन का पंजीयन न होने से खरीदी की व्यवस्था नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उज्जैन जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कृषि उपज मंडियों में किसानों से एफ.ए.क्यू. पर समर्थन मूल्य पर फसल न खरीदे जाने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
100. ( क्र. 2481 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में पेयजल परीक्षण की 38 प्रयोगशालाएं हैं, उन प्रयोगशालाओं के माध्यम से वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में क्या-क्या कार्य किये गए? किये गए कार्यों के क्या परिणाम सामने आए? उक्त प्रयोगशालाओं की क्या उपयोगिताएँ रही हैं? (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग के 53 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा लोक स्वास्थ्य हेतु क्या कार्य किये गए एवं उनके परिणाम क्या रहे? (ग) क्या कर्मचारियों की सेवानिवृति एवं त्याग-पत्र देने के कारण स्टाफ की कमी हुई है? यदि हाँ, तो उक्त कमी की प्रतिपूर्ति के लिए वैकल्पिक रूप से विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है एवं रिक्त पदों की प्रतिपूर्ति हेतु स्थापना शाखा से कब-कब कितने प्रस्ताव संचालनालय के माध्यम से मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित हुए हैं? प्रेषित प्रकरणों पर शासन की ओर से क्या कार्यवाही हुई है? (घ) उज्जैन संभाग में वॉटर लेवल को रिचार्ज करने के लिए रिचार्ज सॉफ्ट निर्माण कराये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? क्या लक्ष्य निर्धारित थे और वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने लक्ष्य प्राप्त करने की कार्यवाही संपादित की गयी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांकित अवधि में पेयजल नमूनों के भौतिक एवं रासायनिक परीक्षण के कार्य किये गये। परीक्षण में अधिकांश नमूनों में पेयजल उपयुक्त पाया गया, जिन नमूनों में पेयजल अनुपयुक्त पाया गया उन स्रोतों के पेयजल का उपचार किया गया। संभाग के पेयजल स्रोतों की जलगुणवत्ता को जांचने व उनकी गुणवत्ता की निगरानी किये जाने में प्रयोगशालाओं की अत्यधिक उपयोगिता रही है। (ख) संभाग में स्थापित वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों के द्वारा जल को शोधित कर उसे पेयजल हेतु उपयुक्त बनाया जाता है। (ग) जी हाँ। स्टाफ की कमी की प्रतिपूर्ति हेतु वैकल्पिक रूप से कार्यालय के अन्य कर्मचारियों से कार्य कराया जाता है। रिक्त पदों की पूर्ति स्थानांतरण से की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2018-19 तक रतलाम जिले में 74 एवं शाजापुर जिले में 54 रिचार्ज शॉफ्ट का निर्माण किया गया, अन्य जिलों में उक्त अवधि में रिचार्ज शॉफ्ट निर्मित नहीं किये गये। वर्ष 2019-20 में रिचार्ज शॉफ्ट निर्माण हेतु प्राप्त लक्ष्य के अंतर्गत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है।
देशी शराब दुकानों का स्थल परिवर्तन
[वाणिज्यिक कर]
101. ( क्र. 2485 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व से स्थापित अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकानों के आपत्तिजनक स्थल पर होने पर उनके स्थल परिवर्तन/हटाए जाने के संबंध में शासन के क्या नियम हैं? (ख) मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 के नवीन ठेकों में वर्ष 2018-19 में चल रही किस-किस अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकान पर किस-किस व्यक्ति या समूह द्वारा क्या-क्या आपत्ति प्रकट की गई एवं आपत्तियों के निराकरण में किस-किस आधार पर कौन-कौन सी दुकानें बंद/स्थल परिवर्तन की गई एवं कौन-कौन सी दुकान किन-किन आधार पर आपत्ति के निराधार पाये जाने या किन कारणों से बंद/स्थल परिवर्तन नहीं की गई। प्रस्तुत आपत्ति, आपत्ति के निराकरण से संबंधित नोटशीट एवं आदेश इत्यादि की प्रति सहित संपूर्ण कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या शासन नियमों के विरुद्ध गंभीर अनियमितताएं करते हुए मनचाहे ढंग से आपत्ति के बावजूद अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकानों के स्थल परिवर्तन न करने वाले विभागीय अधिकारियों की कार्यशेली की जाँच शासन स्तर पर करते हुए कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्या विभागीय अधिकारी संपूर्ण आपत्तियों की सुनवाई, निराकरण एवं आदेश के सही होने संबंधी विवरण प्रतिवेदित करेंगे?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) पूर्व से स्थापित अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकानों के आपत्तिजनक स्थल पर होने पर उनके स्थल परिवर्तन हटाए जाने संबंधी व्यवस्था सामान्य प्रयोग के नियम-1 में वर्णित अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 के नवीन ठेकों में वर्ष 2018-19 में चल रही देशी मदिरा दुकान कटनी कैम्प एवं देशी मदिरा दुकान इन्द्रानगर पर श्री मिथलेश जैन पार्षद द्वारा परिशिष्ट-एक अनुसार आपत्ति प्रकट की गई थी, जिसके निराकरण में देशी मदिरा दुकान इन्द्रानगर का स्थल परिवर्तन वर्ष 2019-20 की अवधि में दिनांक 01.04.19 को लायसेंसी श्री अरूण प्रताप सिंह द्वारा एक अन्यत्र नवीन आपत्तिरहित भवन में श्री ब्रज किशोर यादव के स्वामित्व स्थल पर इंद्रानगर में स्थापित की गई है। प्राप्त आपत्ति के निराकरण से संबंधित नोटशीट एवं आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2018-19 की अवधि में देशी मदिरा दुकान - छपरवाह के स्थल परिवर्तन पर वर्ष 2018-19 में न्यू कटनी जंक्शन के लायसेंसी श्री आशीष शिवहरे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका दायर करते हुये आपत्ति ली गई थी, जिस हेतु वर्षांत में उनके द्वारा उक्त याचिका पर अग्रिम कार्यवाही न चाहे जाने संबंधी सहमति पत्र माननीय न्यायालय कलेक्टर, कटनी में प्रस्तुत किया गया है। देशी मदिरा दुकान कटनी कैम्प सामान्य प्रयुक्ति नियम के नियम-1 (4) में वर्णित व्यवस्था अनुसार आपत्तिरहित स्थल पर अवस्थित है। श्री पंकज गौतम विरूद्ध म.प्र. शासन CONC-683/2016 में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 25.11.2016 में देशी मदिरा दुकान कटनी कैम्प को आबकारी अधिनियम 1915 अनुसार आपत्तिरहित स्थल पर स्थापित होना पाया जाकर प्रस्तुत अपील को निरस्त किया जा चुका है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर एवं किसी भी विभागीय अधिकारी द्वारा शासन नियमों के विरूद्ध कोई अनियमितता, प्रकाश में नहीं आने से किसी प्रकार की कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आयुष औषधालयों का संचालन
[आयुष]
102. ( क्र. 2486 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में किन-किन स्थानों पर आयुष औषधालय संचालित हैं? इन औषधालयों में क्या-क्या सुविधायें/संसाधन उपलब्ध हैं और औषधालयों में किस श्रेणी के कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में कौन-कौन शासकीय सेवक किस पद पर कब से कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) आयुष औषधालयों हेतु विगत 03 वर्षों में केंद्र सरकार एवं राज्य शासन से किस-किस योजना के तहत क्या कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई और प्राप्त राशि का क्या उपयोग किया गया? मदवार एवं वर्षवार बताएं। (ग) क्या आयुष-विधा के प्रचार-प्रसार और आयुष-विधा से उपचार हेतु कोई कार्य/कार्यक्रम किए जाते हैं? यदि हाँ, तो कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में कब-कब क्या कार्य एवं कार्यक्रम किस प्रकार किए गए और इन कार्यों/कार्यक्रमों में किन की सहभागिता रही और कितनी राशि व्यय की गयी? (घ) क्या जिला चिकित्सालय कटनी में आयुष चिकित्सक एवं आयुष-विधा से उपचार उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन-कौन से शासकीय सेवकों को पदस्थ किया गया है और क्या सुविधायें/कक्ष उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो क्या जिला चिकित्सालय कटनी में आयुष चिकित्सक एवं आयुष-विधा से उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी? (ड.) क्या कटनी जिले में आयुष-विधा की पंचकर्म उपचार की सुविधा उपलब्ध कराये जाने की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो पंचकर्म उपचार कब तक प्रारम्भ किया जायेगा? यदि नहीं, तो कब तक प्रस्तावित/स्वीकृत किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। प्राथमिक/सामान्य चिकित्सा हेतु औषधियां/बी.पी. यंत्र, स्टेथोस्कोप, वेईग मशीन, कैची, चिमटी, थर्मामीटर आदि। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार। अधिकारी/कर्मचारियों एवं जन सामान्य की भागीदारी रही। (घ) जी हाँ। डॉ. आशीष रेजा, डॉ. वंदना सिंह, डॉ. दिनेश जैन एवं 01 कम्पाउण्डर श्री प्रेमनारायण वर्मा एवं 01 औषधालय सेवक श्री शिवगोपाल गुप्ता। जी हाँ। एलोपैथी जिला चिकित्सालय द्वारा उपलब्ध कराये गये स्थान में रोगियों को निशुल्क औषधि वितरण किया जा रहा है। (ड.) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
कार्यालयों का निरीक्षण प्रतिवेदन
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 2489 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में कितने आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? उनके संचालन की जगह कहाँ-कहाँ है? जिले के विभागीय अधिकारियों द्वारा वर्ष 2017 में प्रश्न दिनांक तक कितने आँगनवाड़ी केन्द्रों एवं जनपद के महिला बाल विकास के कार्यालयों का निरीक्षण कब-कब किया गया? विवरण देते हुये बतावें कि विभाग द्वारा वर्ष में कितने बार निरीक्षण करने के निर्देश जारी किये गये हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विभाग द्वारा जारी आदेशों एवं निर्देशों व गाइड-लाइन के पालन में जिले के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया, तो निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति के साथ निरीक्षण कब किया गया? निरीक्षण के दौरान उपयोग किये गये/किए जा रहे वाहन का क्रमांक अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में निरीक्षण के दौरान किन-किन पर कार्यवाही किस-किस स्तर की प्रस्तावित की गई? प्रस्तावित कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। वर्तमान में कार्यवाही की स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या शासन की तय गाइड-लाइन एवं जारी निर्देशों का पालन न करने, अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर आँगनवाड़ी केन्द्रों व जनपद महिला बाल विकास के कार्यालयों का निरीक्षण न करने के कारण शासन की विभागीय योजनाएं प्रभावित हो रही हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये जिम्मेदारी की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 435 आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, उनके संचालन की जगह पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिले के विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रश्नांकित अवधि में आँगनवाड़ी केन्द्रों एवं कार्यालयों के किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण से संबंधित निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा जारी आदेश एवं निर्देशों का पालन जिले के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। किये गये निरीक्षण का विवरण विभागीय एम.आई.एस. पोर्टल में दर्ज किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार किये गये निरीक्षण का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। निरीक्षण के दौरान उपयोग किये गये वाहन क्रमांक व लॉग बुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) आँगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाकर प्रश्नांकित अवधि में संबंधित कार्यकर्ता, उप कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का मानदेय कटौत्रा की कार्यवाही की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
एन.जी.ओ. की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
104. ( क्र. 2490 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में महिला एवं बाल विभाग अंतर्गत कौन-कौन से अशासकीय संस्थान/एन.जी.ओ. कार्य कर रहे हैं? उनके नाम एवं पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) सिवनी जिले में ऐसे कौन-कौन से एन.जी.ओ. हैं, जिन्हें शासकीय आवास या भवन उपलब्ध कराया गया है? क्या जिले के सभी पंजीबद्ध एन.जी.ओ. को शासकीय आवास/कार्यालय उपलब्ध कराये गये हैं? (ग) विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में किस-किस एन.जी.ओ. को कितनी-कितनी राशि अनुदान के रूप में किस-किस कार्य हेतु प्रदाय की है? उक्त राशि के व्यय पश्चात मॉनिटरिंग किसके द्वारा की गई? कागजों पर चल रहे एन.जी.ओ. एक ही परिवार के सदस्यों के नाम से अलग-अलग संचालित होकर शासन को वित्तीय हानि पहुंचा रहे हैं? यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी कर इन्हें कितनी राशि का अवैध लाभ दिया गया है? क्या उक्त राशि की वसूली ऐसे अधिकारियों एवं एन.जी.ओ. से की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) एक ही परिवार के नाम से चल रहे अनेक एन.जी.ओ. के भौतिक सत्यापन किये जाकर उन्हें प्रदत्त शासकीय धन की राशि की वसूली की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सिवनी जिले में महिला एवं बाल विभाग अंतर्गत कोई भी अशासकीय संस्थान/एन.जी.ओ. कार्य नहीं कर रहे हैं। अतः जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का नियमितीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 2495 ) डॉ. मोहन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की उज्जैन तहसील में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के कुल कितने पद हैं तथा वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों पर पूर्ति कब तक कर ली जायेगी? पृथक-पृथक केन्द्रवार सूची उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें। (ख) उज्जैन नगर एवं तहसील उज्जैन में वर्तमान में कितने आँगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में तथा कितने निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं तथा कितने आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण प्रस्तावित है और कितने केन्द्रों का निर्माण कार्य चल रहा है? निर्माणाधीन भवनों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) समान कार्य समान वेतन दिये जाने का नियम एवं आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं को निर्वाचन तथा अन्य शासकीय कार्यों में संलग्न किये जाने के बावजूद क्या इन्हें मानदेय आधारित वेतन दिया जा रहा है? आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं को नियमित शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने की विभाग की कोई योजना है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो यह योजना कब से प्रारंभ की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) उज्जैन जिले की उज्जैन तहसील में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के कुल पद और रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
पद नाम |
कुल स्वीकृत पद |
रिक्त पद |
1 |
आँगनवाड़ी कार्यकर्ता |
546 |
09 |
2 |
आँगनवाड़ी सहायिका |
546 |
02 |
रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। पदपूर्ति हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन नगर अन्तर्गत 30 आँगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में तथा 351 आँगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों में संचालित है। उज्जैन तहसील के ग्रामीण क्षेत्र अन्तर्गत 119 आँगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में तथा 65 आँगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों में संचालित है। उज्जैन नगर अन्तर्गत 07 तथा उज्जैन तहसील के ग्रामीण क्षेत्रान्तर्गत 27 आँगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण कार्य प्रस्तावित है। वर्तमान में 34 आँगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। उपरोक्त निर्माणाधीन भवनों के लिये शहरी क्षेत्र में नगर निगम तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी होने से निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है, अतः आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु एजेंसी महिला एवं बाल विकास विभाग नहीं होने से आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण की समय-सीमा विभाग द्वारा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कार्य करने वाले मानसेवी कार्यकर्ता है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय एवं प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त मानेदय का भुगतान किया जाता है। वर्तमान में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। अतः शेष का कोई प्रश्न ही नहीं।
आयुष चिकित्सा शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान
[आयुष]
106. ( क्र. 2496 ) डॉ. मोहन यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय आयुष महाविद्यालयों में पदस्थ चिकित्सा शिक्षकों को प्रदेश के ऐलोपैथी चिकित्सा महाविद्यालयों में पदस्थ चिकित्सा शिक्षकों के समान पुनरीक्षित वेतनमान एवं विशेष चिकित्सा भत्ता क्यों प्रदाय नहीं किया जा रहा है? (ख) भारतीय चिकित्सा पद्धति के साथ यह भेदभाव है? हाँ अथवा नहीं? क्या भारतीय चिकित्सा पद्धति में ऐलोपैथी चिकित्सा की भांति समान कार्य हेतु समान वेतनमान का नियम लागू नहीं होता है? (ग) यदि हाँ, तो प्रदेश के समस्त चिकित्सा शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान एवं विशेष चिकित्सा भत्ता प्रदान किया जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) स्वीकृत न होने के कारण (ख) वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत वेतनमान दिया जा रहा है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैर खाते की दखल रहित भूमि
[राजस्व]
107. ( क्र. 2499 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग के निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में गैर खाते की दखल रहित भूमि को किस-किस जंगल मद, किस-किस गैर-जंगल मद, किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज किया जाता है। (ख) निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज किन मदों एवं किन प्रयोजनों की भूमि को भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में दिए गए प्रावधान, अधिकार एवं शक्तियों के तहत राजपत्र में भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस धारा में संरक्षित वन, असीमांकित वन एवं नारंगी वन भूमि अधिसूचित किया जा सकता है? (ग) गैर खाते की दखल रहित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन, असीमांकित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित किए जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा के तहत कार्यवाही के अधिकार किस राजस्व अधिकारी को प्राप्त है? (घ) बैतूल, जबलपुर एवं कटनी जिले के कितने ग्रामों की कितनी गैर-खाते की दखल रहित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन, नारंगी वन प्रतिवेदित किया जा रहा है? इसकी किस राजस्व अधिकारी ने अनुमति किस दिनांक को प्रदान की है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले में राजस्व विभाग के निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में गैर खाते की दखल रहित भूमि को छोटे झाड़ का जंगल एवं बड़े झाड़ के जंगल मद में अभिलेख में इन्द्राज किया जाता है तथा सड़क, रास्ता, पानी के नीचे पहाड़ चट्टान गैर जंगल मद में एवं श्मशान, कब्रिस्तान, हाट बाजार, पड़ाव आदि सार्वजनिक तथा निस्तारी प्रयोजन के लिए किया जाता है। (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959, में आई.एफ.ए. 1927 के तहत भूमियों को संरक्षित वन असीमांकित वन एवं नारंगी वन अधिसूचित किये जाने के कोई प्रावधान नहीं है। (ग) गैर खाते की दखल रहित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल करने का अधिकार भू-राजस्व संहिता 1959 में राजस्व अधिकारी को प्राप्त नहीं है। वर्किंग प्लान की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। ( घ) वर्तमान में राजस्व विभाग में यह जानकारी नहीं है कि गैर खाते की दखल रहित भूमि के किन-किन खसरों की कितनी भूमि को वर्किंग प्लान में शासकीय होकर संरक्षित वन नारंगी वन में शामिल किया गया। इसकी जानकारी एकत्रित की जाएगी। सेटेलाइट इमेजिंग का उपयोग कर दोनों विभागों के नक्शों को एक साथ रखकर मिलान किया जाएगा। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
लोक सेवकों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
108. ( क्र. 2500 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2019 की स्थिति में मध्यप्रदेश के संपूर्ण पी.एच.ई. विभाग में वर्तमान में पदस्थ जिन प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारियों, के विरूद्ध लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. जाँच या अन्य विभागीय जाँच प्रचलित है। उनके नाम, पदनाम, प्रकरण क्रमांक एवं वर्तमान पदस्थापना की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं एवं पूर्व में पदस्थ जाँच अधीन अधिकारी-कर्मचारियों की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) पी.एच.ई. विभाग में वर्तमान में पदस्थ विभिन्न उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्रियों को जो वरिष्ठ पदनाम के पद का प्रभार देकर प्रभारी के रूप में पदस्थ किया गया है, ऐसे समस्त प्रभारी कार्यपालन यंत्री, प्रभारी सहायक यंत्री एवं प्रभारी उपयंत्रियों के नाम, पदनाम एवं उन्हें प्रभार देने का दिनांक, प्रभार देने वाले सक्षम अधिकारी का नाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं एवं कब चालू प्रभार एवं अटैचमेंट समाप्त कर नियमित अधिकारियों की पदस्थापना की जाएगी? निश्चित समयावधि बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पी.एच.ई. विभाग के ऐसे जाँच अधीन अधिकारी, जिन्हें फील्ड में पदस्थ किया गया है, उनके नाम, पदनाम एवं पदस्थाना की जानकारी उपलब्ध कराएं एवं उक्त अधिकारी-कर्मचारियों को कब फील्ड से हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जाएगा? (घ) क्या पी.एच.ई. विभाग में पदस्थ समस्त चालू-प्रभारों एवं अटैचमेंट को समाप्त करने के संबंध में समीक्षा करेंगे? यदि हाँ, तो निश्चित समयावधि बतावें। क्या जिला श्योपुर, दतिया, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्री की जगह नियमित कार्यपाल यंत्री पदस्थ करेंगे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। समय अवधि बताना संभव नहीं। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार वर्तमान में अधिकारियों की कमी के कारण फील्ड से हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। नियमित कार्यपालन यंत्री की पदस्थापना प्रक्रियाधीन हैं।
निजी भूमि का शासकीय भूमि में परिवर्तन
[राजस्व]
109. ( क्र. 2505 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्रांतर्गत तहसील कोलारस एवं बदरवास में वर्तमान स्थिति में कम्प्यूटर अथवा अन्य त्रुटि के कारण निजी भूमि का शासकीय भूमि में परिवर्तन हो जाने के कुल कितने प्रकरण निराकरण हेतु लंबित हैं? ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त प्रकरण कब से लंबित हैं तथा इनके निराकरण हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? ऐसे लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोलारस तहसील बदरवास में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। तहसील कोलारस में ग्राम अमरपुर के दो प्रकरण नायब तहसीलदार न्यायालय में प्रचलित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोनों प्रकरण दो माह से प्रचलित है, जिसमें आवेदकों से दस्तावेजी साक्ष्य मूलरूप से चाहे गये हैं। प्रकरणों का विधि अनुसार निराकरण किया जाएगा। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं हैं।
आयुर्वेदिक औषधालयों में रिक्त पदों एवं आवश्यक संसाधनों की पूर्ति
[आयुष]
110. ( क्र. 2512 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत किन-किन आयुर्वेदिक औषधालयों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से किन कारणों से रिक्त हैं? शासन नियमानुसार औषधालयों में क्या-क्या आवश्यक संसाधन/उपकरण व औषधियां उपलब्ध होनी चाहिए? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्रांतर्गत समस्त औषधालय पर नियमानुसार आवश्यक संसाधन/उपकरण व औषधियां उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक रिक्त पदों की पूर्ति एवं आवश्यक संसाधन/उपकरण व औषधियों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक उक्त सुविधाएं औषधालयों पर उपलब्ध करा दी जावेंगी? (ब) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कौन-कौन से आयुर्वेदिक औषधालय भवन विहीन हैं तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त औषधालयों के भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक भवन निर्माण कराये जावेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। आवश्यक उपकरण निम्नानुसार उपलब्ध हैं :- स्टेथोस्कोप, बी.पी. एपरेटस, वेइंग मशीन, थर्मामीटर, कैंची, चिमटी एवं फर्नीचर। औषधियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जी हाँ। पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है। प्रदाय की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मंडावर औषधालय भवन विहीन है। भूमि उपलब्ध नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हैण्डपम्प खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 2515 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने हैण्डपम्प खनन किया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) क्या बालाघाट कलेक्टर ने खनन पर रोक लगाई थी? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) बालाघाट जिले में प्रश्नांकित अवधि में हैण्डपम्प औसत कितने फीट तक खनन किया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (घ) बालाघाट जिले में 2016 से आज तक मेंटेनेन्स में कितना-कितना भुगतान किस-किस को किया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
आँगनवाड़ियों में कार्यरत महिलाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
112. ( क्र. 2519 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से गाँव में कितनी आँगनवाड़ी वर्तमान में संचालित हैं? इनमें कितनी महिलायें वर्तमान में कार्यरत हैं? (ख) उक्त आँगनवाड़ियों में कार्यरत महिला कर्मियों ने वर्ष 2016 से वर्ष 2018 तक क्या-क्या कार्य किस-किस गाँव में किये और कितनी सामग्री कितने परिवार को वितरित की गयी? क्या किसी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरुद्ध कोई शिकायत प्राप्त हुई है? नामजद ग्रामवार जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले ग्रामों में संचालित आँगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आँगनवाड़ी केन्द्रों तथा उनमें कार्यरत महिला आँगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं तथा मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) आँगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत महिलाकर्मियों ने वर्ष 2017 से वर्ष 2018 में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम कोई भी सामग्री का वितरण परिवार को नहीं किया जाता है। आँगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज हितग्राही को पोषण आहार सामग्री एवं अति कम वज़न वाले बच्चों के परिवारों को सोया बड़ी वितरण किया गया। विधान सभा क्षेत्र बदनावार अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
गौ-शालाओं हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
113. ( क्र. 2578 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौ-शालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? आवेदन पत्र प्राप्ति के कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण होना चाहिये? (ख) 15 जून 2019 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में किन-किन गौ-शालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण कब से क्यों, किस स्तर पर लंबित है? (ग) उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (घ) गौ-शालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में हो इस हेतु शासन क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-16-7/07/सात/2-ए दिनांक 4.9.2008 एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 124/348/2019 अ-प-1/22 भोपाल दिनांक 06/02/2019 द्वारा गौ-शालाओं के लिये भू-आवंटन संबंधी नीति का निर्धारण किया गया है। नीति के अनुसार आवेदन पत्रों के निराकरण की समय-सीमा निश्चित नहीं है। (ख) 15 जून 2019 की स्थिति में भोपाल जिले के अंतर्गत 10 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव जिला स्तरीय गौ-शाला परियोजना क्रियान्वयन समिति के निर्णय हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उक्त प्रकरणों का निराकरण नीति अनुसार किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) गौ-शालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरणों का निराकरण उक्त निर्देश के अनुरूप समय-सीमा में की जावेगी।
ग्रामीण स्तर पर खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 2593 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न वितरण हेतु स्थानों के चयन करने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (ख) यदि किसी पंचायत का सम्मिलित गाँव पंचायत मुख्यालय से काफी दूरी पर है तो दूर गाँव में ही खाद्यान्न वितरण किया जा सकता है? पंचायत मुख्यालय मकड़ावन के गाँव जूनापानी के निवासी एवं पायाखेड़ी के गाँव बालाहेड़ी के निवासी खाद्यान्न लेने कितनी दूर जाते हैं? पंचायत मोरखेड़ा के ग्राम शिवगढ़ का खाद्यान्न वितरण कहाँ किया जाता है? (ग) यदि कोई व्यक्ति एक माह का खाद्यान्न प्राप्त करने से चूक जाता है तो क्या उसे अगले माह खाद्यान्न दिया जाता है? (घ) खाद्यान्न सामग्री की गुणवत्ता की जाँच का पैमाना क्या निर्धारित किया गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 07 के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है तथा ग्रामीण क्षेत्र की पंचायतों में दुकान के स्थान के निर्धारण का अधिकार जिला पंचायत को है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में एक पंचायत के हितग्राहियों को उक्त पंचायत में स्थापित दुकान से ही राशन सामग्री लेने का प्रावधान है। ग्राम पंचायत मकड़ावन के गाँव जूनापानी के निवासी खाद्यान्न लेने के लिये मकड़ावन में स्थापित दुकान पर आते हैं जो जूनापानी से 6 किलोमीटर दूर है। ग्राम पंचायत पायाखेड़ी के ग्राम बालाहेड़ी के निवासी खाद्यान्न लेने के लिये ग्राम पंचायत रणायरा में स्थापित शासकीय उचित मूल्य दुकान पर जाते हैं जिसकी दूरी बालाहेड़ी से 01 किलोमीटर दूर है। पंचायत मोरखेड़ा के ग्राम शिवगढ़ का खाद्यान्न वितरण ग्राम पंचायत नाटाराम की शासकीय उचित मूल्य दुकान से किया जाता है (ग) किसी माह में खाद्यान्न प्राप्त न करने पर आगामी माह तक उसे प्राप्त करने की पात्रता है। इस संबंध में तकनीकी व्यवस्था किया जाना विचाराधीन है। (घ) खाद्यान्न सामग्री गुणवत्ता की जाँच भारत सरकार द्वारा जारी FAQ (औसत अच्छी गुणवत्ता) के आधार पर की जाती है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
115. ( क्र. 2597 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में बानसुजारा बांध से समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत/प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो योजनान्तर्गत विधान सभा क्षेत्र टीकमगढ़ के कितने ग्राम योजना से लाभान्वित होंगे? योजना कब तक प्रारम्भ होगी और पूर्णता का प्रस्तावित वर्ष क्या होगा? ग्रामवार सूची बतायें? (ग) यदि नहीं, तो बानसुजारा बांध से समूह जल प्रदाय योजना कब तक बनाई जायेगी? क्या उसको वित्तीय वर्ष 2019-20 की कार्य योजना में सम्मिलित किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, टीकमगढ़ जिले में 165 ग्रामों की बानसुजारा बांध आधारित टीकमगढ़-बल्देवगढ़ समूह जल प्रदाय योजना प्रस्तावित है। (ख) एवं (ग) उक्त समूह जलप्रदाय योजना में विधान सभा क्षेत्र टीकमगढ़ के 165 ग्राम लाभान्वित होंगे। योजना हेतु वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। योजना प्रारंभ होने की एवं पूर्णता की निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सांस्कृति विभाग द्वारा कराये जाने वाले आयोजन
[संस्कृति]
116. ( क्र. 2598 ) श्री राकेश गिरि : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में संस्कृति विभाग द्वारा विगत पाँच वर्षों में कुल कितने सांस्कृतिक, धार्मिक एवं अन्य आयोजन/महोत्सव आयोजित किए गये? उनकी जिलेवार, आयोजन दिनांक, आयोजन का नाम, स्थान तथा व्यय की गई राशि सहित जानकारी बतायें? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले के कुण्डेश्वर धाम में वर्ष 2015-16 से लगातार तीन वर्षों तक बसन्त महोत्सव कुण्डेश्वर का आयोजन विभाग द्वारा कराया गया है? (ग) क्या अमर शहीद नारायणदास खरे स्मृति शहीद महोत्सव नरोसा नाला बड़ागाँव धसान जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2016-17 व वर्ष 2017-18 में आयोजित किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 में उक्त दोनों महोत्सवों का आयोजन विभाग द्वारा क्यों नहीं कराया गया? कारण सहित बतावें। क्या आगामी वर्ष 2019-20 में कराये जाने वाले आयोजनों की सूची में इन आयोजनों को सम्मिलित किया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) सागर संभाग में विगत 5 वर्षों में कुल 18 कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं, जिनका समेकित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार. (ख) जी नहीं. केवल वर्ष 2018 में 11 से 13 फरवरी तक टीकमगढ़ स्थित कुण्डेश्वर में बसन्त महोत्सव का आयोजन सम्पन्न किया गया है. (ग) जी नहीं. इस नाम से कोई गतिविधि आयोजित नहीं की गई है. (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आयोजन योजना में सम्मिलित नहीं है तथा उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
सुदर्शन वेयर हाउस पर लगा जुर्माना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
117. ( क्र. 2606 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले सत्र में सुदर्शन वेयर हाउस मनगवां में क्या चावल का रखाव हुआ था? यदि हाँ, तो किस तारीख को इसे रखा गया था एवं किस तारीख में इसका उठाव हुआ था? (ख) क्या चावल रखते समय एवं उठाते समय वजन तारीख एवं नमी की माप हुई थी? रखने एवं उठाव के समय चावल का वजन एवं उसकी नमी कितनी थी? (ग) चावल रखने के दौरान कितना किराया सुदर्शन वेयर हाउस को दिया गया एवं वजन में कमी होने पर कितना जुर्माना किया गया? जुर्माने का क्या वैज्ञानिक आधार था?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चावल रखने के दौरान प्रश्नांकित वेयरहाउस को कुल रुपये 20, 77, 913.00 का गोदाम के किराये के रूप में भुगतान किया गया है। चावल में कुल 757.97 क्विंटल की कमी आने पर रुपये 2000 प्रति क्विंटल की दर से राशि 15, 15, 940.00 रुपये की कटौती की जाना है। जे.वी.एस. योजना के अनुबंध के प्रावधानों के तहत भंडारित मात्रा में कमी के लिए कटौती की जाती है।
डायलिसिस यूनिट एवं अन्य पदों पर नियुक्त कर्मियों का नियमितीकरण
[चिकित्सा शिक्षा]
118. ( क्र. 2607 ) श्री संजय उइके : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वशासी समिति द्वारा हमीदिया अस्पताल की डायलिसिस यूनिट एवं अन्य पदों पर वर्ष 2012 में नियुक्त कर्मियों के नियमितीकरण का प्रस्ताव डीन भोपाल द्वारा डी.एम.ई. को अनुशंसा सहित भेजा गया था? (ख) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा नियमितीकरण की कार्यवाही संभव न होने तथा स्थाई कर्मी योजना के प्रावधानानुसार पात्रता न होने से प्रस्ताव में शामिल कर्मियों को जनहित में विशेष प्रकरण मानकर संविदा नियुक्ति हेतु कार्योत्तर स्वीकृति जारी करने हेतु प्रस्ताव प्रशासकीय विभाग को अनुमोदन हेतु भेजा गया था? मंत्री जी के अनुमोदन के बाद मूल शासन नस्ती आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा डीन भोपाल को अग्रिम कार्यवाही हेतु दिनांक 25.05.2015 को भेजे जाने के बाद से आज दिनांक तक नस्ती पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) डी.एम.ई. से प्राप्त मूल नस्ती संभागायुक्त भोपाल को अवलोकन हेतु प्रस्तुत किये बिना स्वीकृत पदों के विरूद्ध वर्ष 2012 से कर्मी सेवारत होने, पद रिक्त न होने के बाद भी डायलिसिस यूनिट के पदों को विज्ञापित कर संविदा के स्थान पर स्थाई नियुक्तियां नियम विरूद्ध संभागायुक्त भोपाल को गुमराह कर दी गई है? (घ) क्या चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों में प्रशासकीय, वित्तीय एवं प्रबंधकीय कार्यों हेतु मंत्रि-परिषद् आदेश दिनांक 13.06.2017 के स.क्र. 1 से 4 पर सृजित पदों पर मंत्रि-परिषद् द्वारा नियमित सेवा से प्रतिनियुक्ति पर पूर्ति का अनुमोदन देने के बाद भर्ती नियमों की अनुसूचियों में सीधी भर्ती से पूर्ति करने का प्रावधान कर मंत्रि-परिषद् के आदेश को डी.एम.ई. स्तर से संशोधित किया गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय मंत्री जी के अनुमोदन उपरांत नस्ती संचालनालय की टीप दिनांक 25.05.2018 को अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल को प्रेषित की गई। अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल द्वारा परीक्षण कर डायलिसिस यूनिट के नवीन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी कर नियमानुसार पदों की पूर्ति की गई है। (ग) जी नहीं। संभागायुक्त भोपाल संभाग से अनुमोदन पश्चात डायलिसिस यूनिट के अंतर्गत स्वीकृत पदों की अनुसूची संचालनालय के पत्र क्रमांक 89 दिनांक 08.02.2019 से अनुमोदन पश्चात रिक्त पदों की पूर्ति की गई। (घ) जी नहीं। मंत्रि-परिषद् के आदेश आयटम क्रमांक 49, दिनांक 01 अक्टूबर 2018 के तारतम्य में शासन के आदेश क्रमांक एफ 4-19/2017/55-2 दिनांक 04.10.2018 के अनुक्रम में भर्ती नियमों के अनुसार पत्र क्रमांक 6307-319 दिनांक 27.12.2018 द्वारा अनुसूची जारी की गई। अत: जारी अनुसूचियों में संशोधन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रहली विधान सभा क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
119. ( क्र. 2611 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के रहली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने नलकूपों/हैंडपम्पों में जलस्तर नीचे गिरने के कारण बंद हो गये हैं? ग्रामवार जानकारी दें। (ख) क्या रहली विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2017-2018 एवं 2018-2019 में जल निगम ने समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत की है? (ग) क्या इस आकस्मिक आये जल संकट के निदान हेतु अन्य नल-जल योजना से पेयजल प्रदाय किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 213 हैण्डपम्प। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. जल निगम द्वारा गढ़ाकोटा समूह जल प्रदाय योजना को दिनांक 01 जनवरी 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। पूर्णता उपरांत जल प्रदाय किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
120. ( क्र. 2612 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 30 मई 2019 की स्थिति में विधान सभा क्षेत्र रहली, जिला सागर की गढ़ाकोटा एवं रहली तहसील में सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बी.सी.6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के कितने प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? क्या उक्त प्रकरणों की समीक्षा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रहली ने की है? यदि हाँ, तो बैठक की दिनांक एवं कार्यवाही विवरण की छायाप्रति उपलब्ध करायें और यदि समीक्षा नहीं की तो क्या एस.डी.एम. रहली के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 30 मई 2019 की स्थिति में विधान सभा क्षेत्र रहली, जिला सागर की गढ़ाकोटा एवं रहली तहसील में सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बीसी. 6 (4) के निम्नानुसार प्रकरण लंबित है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
सीमांकन |
बंटवारा |
नामांतरण |
आर.बी.सी.6 (4) |
1 |
गढ़ाकोटा |
0 |
35 |
244 |
07 |
2 |
रहली |
17 |
140 |
407 |
01 |
सीमांकन, बंटवारा व नामांतरण प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया विचाराधीन होने व आर.बी.सी. 6 (4) के प्रकरण आवंटन के अभाव से लंबित है। (ख) उक्त प्रकरणों का निराकरण न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार किया जावेगा, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। उक्त प्रकरणों की समीक्षा बैठक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), रहली द्वारा गढ़ाकोटा में दिनांक 25.05.2019 एवं रहली में दिनांक 30.03.2019 एवं 06.06.2019 को की गई है, अतः अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। कार्यवाही विवरण की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर पालिका इटारसी द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु अनुरोध
[राजस्व]
121. ( क्र. 2628 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, इटारसी द्वारा नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी, जुलाई 2018 से जून 2019 तक कब-कब किस-किस प्रकरण में लिखा गया? प्रत्येक पत्र के संबंध में जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी इटारसी द्वारा कौन-कौन से अतिक्रमण कब-कब हटाये एवं कौन-कौन से अतिक्रमण किन कारणों से नहीं हटाये? (ग) जिन अतिक्रमणों को नहीं हटाया गया उन्हें कब तक हटाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अतिक्रमण हटाने हेतु सहयोग बाबत मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक/रा.नि./नपाई/19/16 दिनांक 05/04/2019 तथा पत्र क्रमांक/स्था/ 19/26 दिनांक 22/04/2019 तथा पत्र क्रमांक/रानि/नपाई/19/80 दिनांक 13/05/2019 लिखा गया। (ख) लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिक्रमण हटाने का भौतिक सत्यापन
[राजस्व]
122. ( क्र. 2646 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र.6498, दिनांक 17.03.2016 में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने व कब्जा मुक्त की जानकारी दी गई है, तो क्या अतिक्रमणकारी स्वयं तथा उनके पति शासकीय सेवक हैं? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारी का नाम, पद विभाग तथा पति का नाम, पद व विभाग की स्पष्ट जानकारी देते हुये बताएं कि शासकीय सेवक व उसकी पत्नी द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के प्रमाणित तथ्य तथा राजस्व न्यायालय से अर्थदण्ड से आरोपितजनों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान तथा दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रकरण में कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) प्रकरण में अतिक्रमण व अवैध कब्जा से मुक्त शासकीय भूमि का 15 जनवरी 2019 की स्थिति में नजरी-नक्शा, फोटोग्राफ्स तथा नक्शा व खसरा उपलब्ध कराएं? (ग) क्या शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का प्रकरण राजस्व न्यायालय से निर्णित हुआ है? यदि हाँ, तो राजस्व न्यायालय के निर्णय की छायाप्रति, अर्थदण्ड जमा होने की जानकारी तथा अतिक्रमण हटवाने वाले अधिकारी का नाम, पद तथा प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमण भूमि की वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। अतिक्रमणकारी श्रीमती बेला पति रमेश सिंह, अध्यापिका, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अनूपपुर पति श्री रमेश सिंह, पटवारी, राजस्व विभाग एवं श्रीमती विन्दा पति शिवराम सिंह, गृहिणी, पति शिवराम सिंह, प्रधान आरक्षक, पुलिस विभाग है। प्रकरण में कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग) अनूपपुर (म.प्र.) के आदेश दिनांक 19.12.17 द्वारा श्रीमती बेलावती सिंह, अध्यापक शा.उ.मा.वि. खॉडा की दो वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकी गयी है तथा कार्यालय पुलिस अधीक्षक, जिला अनूपपुर (म.प्र.) के आदेश दिनांक 16.06.2017 द्वारा प्र.आर. शिवराम सिंह मार्को को सेवा-पुस्तिका में ‘’निंदा’’ के दण्ड से दण्डित किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ग) जी, हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार है। श्री बजरंग सिंह, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक एवं गजराज सिंह, पटवारी। मौके पर अतिक्रमण नहीं है।
शराब की दुकान का संचालन
[वाणिज्यिक कर]
123. ( क्र. 2647 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के जैतहरी नगर में संचालित शराब दुकान के भवन व भूमि स्वामी का नाम खसरा नम्बर व रकवा सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या वर्ष 1958-59 के राजस्व अभिलेख में प्रश्नांश का भूमि अनुसूचित जनजाति वर्ग के नाम दर्ज है? यदि हाँ, तो उस भूमि स्वामी का नाम तथा अनूपपुर तथा पूर्व में शहडोल अविभाजित जिला अधिसूचित जिला घोषित होने के बाद किस सक्षम आदेश से वर्तमान भूमि स्वामी के नाम दर्ज है? (ग) क्या शासकीय शराब दुकान किसी अवैध भूमि स्वामी तथ बेनामी भवन में संचालित करना शासन हित में है? यदि नहीं, तो वर्तमान भवन में हटवाकर अन्य भवन व भूमि पर दुकान संचालन की कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि राजस्व अभिलेख अनुसार किस भूमि स्वामी के नाम दर्ज है तथा नगर परिषद् जैतहरी ने बिना भूमि विक्रय पत्र के भूमि स्वामी का नामांतरण अवैधानिक रूप से किया है? यदि हाँ, तो अवैध नामांतरण के दोषी जनों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) अनूपपुर जिले के जैतहरी नगर में संचालित शराब की दुकान खसरा नं. 337/1/ख रकवा 0.030 हे. भूमि राजस्व अभिलेखों में श्री विष्णु कुमार पिता धनराज जैन सा. देह के नाम पर दर्ज है। (ख) जी हाँ। वर्ष 1958-59 के राजस्व अभिलेख में उक्त भूमि बैठोल तनय टेड़कू बैगा सा. देह के नाम पर थी, जो कि अनुसूचित जनजाति वर्ग का है। उक्त भूमि नामांतरण क्रमांक 44 दिनांक 03.11.1993 के अनुसार वर्तमान भूमि स्वामी के नाम पर दर्ज हुई है। (ग) शासकीय शराब दुकान अवैध भूमि स्वामी तथा बेनामी भवन पर संचालित नहीं है। (घ) वर्तमान राजस्व अभिलेख में भूमि श्री विष्णु कुमार पिता धनराज जैन के नाम दर्ज है तथापि उक्त भूमि का नामांतरण नगर परिषद् जैतहरी संकल्प क्रमांक 133 दिनांक 15.12.2010 द्वारा श्री नन्दलाल सोनी के पक्ष में किया गया।
किसानों की समस्याओं का निराकरण
[राजस्व]
124. ( क्र. 2658 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत म.प्र. शासन के द्वारा जनकल्याण, जनहानि, पशुहानि आदि के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या किसानों को वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में संचालित योजनाओं का लाभ दिया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतवार किसानों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व पुस्तिका 6-4 के अंतर्गत कितने किसानों को सूखा राहत राशि की स्वीकृति वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में की गई? कितने किसानों के बैंक खातों में राहत राशि जमा की गई एवं कितने किसानों को राहत राशि बैंक खाते में जमा नहीं की गई है? किसानों के बैंक खातों में राहत राशि कब तक जमा कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व पुस्तिका 6-4 के अंतर्गत कितने हितग्राहियों की राहत राशि स्वीकृत की गई है? कितने हितग्राहियों को राहत राशि का भुगतान कर दिया गया है एवं कितने शेष हैं व शेष राहत राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. शासन, राजस्व विभाग द्वारा जनहानि, पशुहानि आदि के लिये राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत अनुदान राशि प्रदाय की जाती है। संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जिला सीधी की जनपद पंचायत कुसमी में 18248 किसानों को राशि रूपये 11, 98, 29, 862/- तथा मझौली में 40672 को 12,23,65,446/- सूखा राहत राशि वितरण की गई है। वितरण हेतु कोई प्रभावित किसान शेष नहीं है। जिला सिंगरौली की देवसर जनपद पंचायत में 21667 किसानों को राशि रूपये 7, 78, 93, 261/- सूखा राहत राशि वितरण की गई है। वितरण हेतु कोई प्रभावित किसान शेष नहीं है। (घ) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत सीधी जिले की जनपद पंचायत कुसमी में कुल प्रभावित कृषक संख्या 18824 में से 64 किसान वितरण से शेष हैं। जिनको राशि वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। जनपद पंचायत मझौली में कुल 44571 प्रभावितों को राशि स्वीकृत कर वितरण किया जा चुका है। वितरण हेतु कोई प्रभावित शेष नहीं है। जिला सिंगरौली के देवसर पंचायत के अंतर्गत राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत कुल 21976 प्रभावितों को राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। वितरण हेतु कोई प्रभावित शेष नहीं है।
आँगनवाड़ियों में पोषक तत्व प्रदाय की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
125. ( क्र. 2662 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा आँगनवाड़ियों में पोषक तत्व (आहार) प्रदाय हेतु क्या व्यवस्था है? इस हेतु प्रचलित नियम, प्रक्रिया व मार्गदर्शिका की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2016 से 2019 तक विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी राशि किस कार्य में खर्च हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजनाओं के लिये जो कार्यक्रम संचालित किये गये, वह विभागीय अथवा अन्य किसी अशासकीय संस्थाओं के द्वारा कराये गये? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं 11-14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से एवं शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से नाश्ता/भोजन/थर्ड मील हेतु पूरक पोषण आहार की व्यवस्था संचालित हैं, शासन निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्रवार बजट आवंटन जारी नहीं किया जाता है, वित्तीय वर्ष 2016 से 2019 तक अनूपपुर जिले को पोषण आहार योजना अंतर्गत प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अन्तर्गत संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों पर व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में योजनाओं का क्रियान्वयन विभागीय द्वारा ही किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता है।
आँगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाने वाली सुविधाएं
[महिला एवं बाल विकास]
126. ( क्र. 2663 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत कितने शासकीय आँगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्मित है एवं कितने आँगनवाड़ी केन्द्र निजी अथवा किराये के मकानों में संचालित हैं? कितने आँगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या आँगनवाड़ी केन्द्रों में नौनिहालों को शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड (मीनू) के अनुरूप ही पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो साप्ताहिक मीनू की सूची दें एवं अधिकारियों द्वारा विगत 02 वर्षों में कब-कब, किन-किन आँगनवाड़ी केन्द्रों की जाँच की गई एवं उनमें क्या अनियमिततायें पाई गई एवं क्या कार्यवाही की गई जाँचकर्ता अधिकारी का नाम, पद सहित बतावें। (ग) वर्ष 2017-18 से 2018-19 तक विभाग द्वारा आँगनवाड़ी केन्द्रों को क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई? सामग्री का क्रय किस स्तर पर किया गया? प्रदायकर्ता फर्म एवं सामग्री का विवरण वर्षवार बतायें। क्या क्रय सामग्री का सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों द्वारा किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला अनुपपुर के पुष्पराज विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 389 शासकीय आँगनवाड़ी भवन निर्मित है। 27 आँगनवाड़ी केन्द्र निजी/किराये के भवनों में तथा 43 आँगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। भवन विहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) आँगनवाड़ी केन्द्रों में नौनिहालों को शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डानुसार मीनू के अनुरूप पोषण आहार का प्रदाय किया जा रहा है। सांझा चूल्हा अन्तर्गत साप्ताहिक मीनू प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। विगत 02 वर्षों में विभिन्न जाँचकर्ता अधिकारियों द्वारा आँगनवाड़ी केन्द्रों में की जाँच, पाई गई अनियमिततायें एवं की गई कार्यवाही की जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 से 2018-19 में विभाग द्वारा आँगनवाड़ी केन्द्रों में को प्री-स्कूल किट, मेडिसिन किट, स्टेडियोमीटर, साल्टर वज़न मशीन, वॉटर फिल्टर, प्लास्टिक बाक्स, गृह भेंट बैग एवं पूरक पोषण आहार पंजी आदि सामग्री का प्रदाय कर सुविधायें प्रदान की गई हैं। सामग्री का क्रय शासन स्तर से किया गया है। प्रदायकर्ता फर्म, सामग्री का विवरण एवं सत्यापनकर्ता अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है।
शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
127. ( क्र. 2666 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अंतर्गत ग्राम फुनगा में कौन-कौन व्यक्ति शासकीय जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके काबिज है? अवैध कब्जाधारियों की खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) इन शासकीय जमीन पर से अवैध कब्जा हटाने हेतु विगत तीन वर्षों में प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम एवं कितनी भूमि में कब से अतिक्रमण किया गया, इसकी जानकारी उपलबध करावें। (ग) उपरोक्त अवैध कब्जाधारियों को कब तक मौके पर से बेदखल कर भूमि को शासकीय अभिलेख में इंद्राज कर लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कुल 82 अतिक्रमणकर्ता अवैध रूप से काबिज हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
गरीबों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
128. ( क्र. 2667 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबों को खाद्यान्न पर्ची वितरण करने संबंधी जनकल्याणकारी योजनाओं के क्या-क्या नियम हैं? इन योजनाओं में पात्रता की अर्हता क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अनूपपुर जिले की विधान सभा क्षेत्र अनूपपुर में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितने राशन कार्ड किस ग्राम पंचायत में बनाये गये? गंभीर बीमारी, विधवा, नि:शक्तजनों के राशनकार्ड प्राथमिकता से बनाये जाने हेतु क्या जिला प्रशासन द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो गंभीर बीमारी, विधवा, नि:शक्तजनों को जिला प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुये कितने लोगों के राशनकार्ड जारी किये गये? पंचायतवार सूची उपलब्ध करावे। यदि नहीं बनाये तो कारण बतावें। (ग) क्या विभाग द्वारा योजना से वंचित हितग्राहियों को पात्रतानुसार लाभ दिलाने हेतु क्या कोई कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो कब तक शेष हितग्राहियों को योजना का लाभ मिलना प्रारंभ हो जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्राथमिकता परिवार के अंतर्गत 24 श्रेणी के परिवार सम्मिलित किये गये हैं। इन श्रेणियों की अर्हता का निर्धारण पंजीयन करने वाले संबंधित विभाग द्वारा किया जाता है। प्राथमिकता परिवार के श्रेणियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर अनुसार अनूपपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र अनूपपुर में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कुल 875 पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) जारी किये गये हैं। पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी नहीं। अनाथ अश्राम में निवासरत, निराश्रित, विकलांग, वृद्धजन एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी परिवारों को प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया गया है। निर्धारित हितग्राही/खाद्यान्न आवंटन सीमा अंतर्गत इन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है।
दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
129. ( क्र. 2683 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 321 दिनांक 21.02.2019 के उत्तर में प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के ज्ञापन क्रं. 26/01/2019/सात/-2 दिनांक 09.01.2019 के द्वारा आयुक्त रीवा संभाग रीवा को जाँच हेतु लिखा गया, जिस पर आयुक्त रीवा संभाग रीवा ने दिनांक 02.02.2019 के द्वारा जाँच कमेटी का गठन किया गया? जाँच की प्रति देते हुए बतावें कि इसके लिए कौन-कौन दोषी पाये गये? दोषियों के उपर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई, की प्रति देते हुए बतावें। अगर नहीं की गई तो कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या तत्कालीन पटवारी हल्का सोनौरा श्री शिवभूषण सिंह वर्तमान में पटवारी हल्का 75 वरडीह के सहित अन्य राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध प्रस्तावित कार्यवाही का विवरण देते हुए बतावें कि इन पर राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की बिक्री कराने पर क्या भारतीय दण्ड विधान की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार संबंधित दोषियों की पहचान कर उन पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक प्रस्तावित करेगें? आयुक्त राजस्व रीवा, संभाग रीवा द्वारा गठित जाँच दल द्वारा जाँच कर ली गई हो तो जाँच की प्रति देवें। जाँच दल पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन आयुक्त रीवा के स्तर पर परीक्षणाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जाँच प्रतिवेदन के अंतिम निष्कर्ष अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतही नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
130. ( क्र. 2692 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या जिला सिंगरौली में सतही नल-जल योजना हेतु शासन द्वारा प्रस्ताव तैयार कराये गये है? इसकी स्वीकृति बजट में या जिला माइनिंग फण्ड से राशि दिलायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यह योजना पूर्ण हो सकेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : जी हाँ। तकनीकी व्यवहार्यता पाये जाने पर वित्तीय संयोजन की कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
सदस्यों के मानदेय का भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
131. ( क्र. 2693 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिंगरौली जिले में न्याय किशोर बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के सदस्यों को मानदेय का भुगतान सितम्बर 2018 से मार्च 2019 तक का अभी नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो कब तक भुगतान दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं, सिंगरौली जिले में किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों का मानदेय नवम्बर 2018 तक एवं बाल कल्याण समिति का मानदेय माह दिसम्बर 2018 तक का भुगतान कर दिया गया है। किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के अशासकीय सदस्यों को शेष अवधि के मानदेय का भुगतान योजना के मानदेय मद अंतर्गत वर्ष 2019 लेखानुदान प्रावधान की शेष 20 प्रतिशत बजट राशि के विमुक्ति प्रस्ताव पर वित्त विभाग से स्वीकृति पश्चात् किया जा सकेगा।
उपार्जन केन्द्रों से गेहूँ का परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
132. ( क्र. 2709 ) श्री सुनील सराफ : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी, शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में दिनांक 01.01.2014 से 30.06.2017 तक कितनी उपार्जन केन्द्रों से गेहूँ का परिवहन किया गया जिलावार जानकारी देवें। (ख) उपार्जन केन्द्र से गेहूँ कहाँ तक पहुँचाया गया? प्रत्येक उपार्जन केन्द्र का नाम, ग्राम स्तर, नाम, फर्म नाम जिलेवार देवें। (ग) परिवहन समय पर न करने के कितने प्रकरण सामने आये? इनमें कितने पेनल्टी निर्धारित की गई? कितनी वसूली की गई? जानकारी प्रकरणवार फर्म नाम सहित देवें। (घ) समय पर परिवहन न करने पर शासन को उपार्जन समितियों को कितना किराया व ब्याज अधिक देना पड़ा? जिलावार, समिति का नाम, स्थान सहित वर्षवार देवें। इस नुकसान की निगरानी के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला बड़वानी, शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में दिनांक 01.01.2014 से 30.06.2017 तक उपार्जन केन्द्रों से परिवहन किए गए गेहूँ की मात्रा की जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उपार्जन केन्द्र से गेहूँ का परिवहन कर संग्रहण केन्द्र तक पहुंचाया गया। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) उपार्जित स्कन्ध का समय पर परिवहन न करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओव्हरहेड टैंक का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 2736 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत निम्न ग्राम पंचायत उमरेठ, सिरगोरा, बरारिया, बागबर्धिया, खमराजेठू, शीलादेही, गायगोहान, सहपानी, मारई, बीजागोरा, जमुनियाजेठू, मायावाड़ी, पिण्डरई, छाबड़ीकलां एवं चारगाँव में पेयजल की अत्यंन्त समस्या उत्पन्न होती है? ग्रामीणजनों की पेयजल व्यवस्था हेतु उपरोक्त ग्राम पंचायतों में ओव्हरहेड टैंक को बनाया जाना अतिआवश्यक है? क्या विभाग द्वारा उपरोक्त ग्राम पंचायतों में ओव्हरहेड टैंक बनाये जाने हेतु कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त ग्राम पंचायतों में ओव्हरहेड टैंक बनाये जाने के संबंध में कब तक विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों/ग्राम पंचायतों में ओव्हरहेड टैंक निर्माण किए जाने के प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? ऐसे सभी भेजे गये प्रस्तावों की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। माचागोरा समूह जलप्रदाय योजना के अंतर्गत उल्लेखित ग्राम पंचायतों के कुछ ग्रामों में तकनीकी रूप से उपयुक्त स्थल पर ओव्हरहेड टैंक प्रस्तावित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। वित्तीय संयोजन होने के पश्चात् म.प्र. जल निगम द्वारा प्रस्तावित कार्य कराया जायेगा। (ख) उत्तरांश (क) अंतर्गत योजना के वित्तीय संयोजन पश्चात् स्वीकृति प्रदान की जायेगी, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। वित्तीय संयोजन पश्चात् स्वीकृति प्रदान की जायेगी, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
चिकित्सा महाविद्यालयों में सीटों की संख्या की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
134. ( क्र. 2748 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) M.B.B.S. प्रथम वर्ष के लिये वर्ष 2014 से 2019 तक शासकीय एवं निजी चिकित्सालय महाविद्यालय में कितनी-कितनी सीट हैं तथा किस महाविद्यालय में किस वर्ष में कितना कितना चयन हुआ तथा कितनी सीट किस केटेगरी की खाली रही हैं। (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालय में आरक्षण क्यों नहीं है? जिस नियम से इन्हें आरक्षण मुक्त किया गया, उसकी प्रति देवें तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय में चयन N.R.I., सहित संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा किये जाते हैं या स्वयं निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा किये जाते हैं? शासन का उन चयन पर कोई नियंत्रण है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। (ग) N.R.I. के नियम किस की अनुशंसा पर किस प्रक्रिया से बनाये जाते हैं? हाल ही में किस वर्ष में N.R.I. की परिभाषा में परिवर्तन किस कारण किया गया? समस्त संबंधित दस्तावेज, नोटशीट, आवेदन, पत्र व्यवहार, अध्यादेश की प्रति देवें। (घ) N.R.I. अभ्यार्थी के चयन प्रक्रिया में संचालनालय चिकित्सा शिक्षा चिकित्सा आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय A.P.R.C. तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय भूमिका की चयन प्रक्रिया से वेरिफिकेशन तक की क्रमानुसार बतावें। क्या निजी चिकित्सा महाविद्यालय N.R.I. के दस्तावेज शासन को प्रति उपलब्ध कराते हैं? यदि हाँ, तो वे किस विभाग के रिकॉर्ड में है? वर्ष 2016 से वर्ष 2018 के N.R.I. चयनित के समस्त दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2018-19 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल सीटों में से 15 प्रतिशत एन.आर.आई. सीटें कम कर शेष सीटों पर निर्धारित आरक्षण लगाया जाता है। वर्ष 2016 तक माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में दायर सिविल अपील क्रमांक 4060/2009 में पारित निर्णय दिनांक 27 मई 2009 के परिपालन में निजी संस्थाओं को 15 प्रतिशत एन.आर.आई. कोटे के अन्तर्गत संस्था स्तर से अभ्यार्थियों को प्रवेश दिये जाने का अधिकार दिया गया था। वर्ष 2017 से संयुक्त राज्य स्तरीय ऑन-लाइन काउंसलिंग के माध्यम से आवंटन किया जा रहा है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 09 मार्च, 2018 तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं प्रशिक्षण विभाग मंत्रालय, भोपाल के अनुसूची-3 उपनियम-10 तथा मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 19 जून, 2019 के उपनियम 13 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2017-18 से संयुक्त राज्य स्तरीय ऑन-लाइन काउंसलिंग के माध्यम से आवंटन किया जा रहा है एवं वर्ष 2017-18 का वेरिफिकेशन कर संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा द्वारा एम.पी.एम.एस.यू. को प्रवेशित अभ्यर्थियों की सूची के माध्यम से प्रेषित किया जाता है तथा अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेज संस्था स्तर पर ही संधारण होते हैं। वर्ष 2016 तक निजी संस्थाओं को 15 प्रतिशत एन.आर.आई. कोटे के अन्तर्गत संस्था स्तर से अभ्यर्थियों को प्रवेश दिये जाते थे, प्रवेशित अभ्यर्थियों के दस्तावेज संस्था स्तर पर ही संधारण होते हैं।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
135. ( क्र. 2753 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटेर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की कितनी-कितनी दुकानें किन-किन संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है? सूची उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना खाद्यान्न एवं कितना-कितना केरोसीन प्रत्येक उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित कराया गया? उसके विरूद्ध उन्होंने कितना-कितना उपभोक्ताओं को दिया? विवरण देवें। (ग) किन-किन दुकानों के संबंध में दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई और उसमें क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही के दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार प्राप्त शिकायतों पर कोई कार्यवाही यदि नहीं की गई थी, तो उसके लिए कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार है? जिम्मेदार व्यक्ति के विरूद्ध क्या-क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? उनके नाम व पद सहित विवरण देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आँगनवाड़ी एवं मिनी आँगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
136. ( क्र. 2811 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जतारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आँगनवाड़ी एवं मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें कितनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि महिलाओं और बच्चों के उत्थान हेतु प्रत्येक केन्द्र पर क्या-क्या सामग्री, कितनी-कितनी मात्रा एवं वजन में किसके माध्यम से प्रतिदिन के मापदण्ड के आधार पर दी जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जतारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि प्रत्येक आँगनवाड़ी एवं मिनी आँगनवाड़ी केन्द्रों का स्वयं का भवन कहाँ-कहाँ है और कौन-कौन का नहीं है? ऐसे किराये के भवनों में संचालित आँगनवाड़ी/मिनी आँगनवाड़ी केन्द्रों के भवन बनाये जाने हेतु शासन द्वारा विधान सभा क्षेत्र को कितनी-कितनी राशि की आवश्यकता है? भवनों के निर्माण हेतु राशि स्वीकृति होगी तो कब तक और नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जतारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 296 आँगनवाड़ी केन्द्र एवं 18 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। 289 आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 291 आँगनवाड़ी सहायिकायें कार्यरत हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं और बच्चों के उत्थान हेतु आँगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज हितग्राहियों को वितरित किये जाने वाले पोषण आहार सामग्री की मात्रा एवं वजन संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। दवा आदि का वितरण भी आँगनवाड़ी के हितग्राहियों को आवश्यकता अनुसार किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जतारा विधान सभा अन्तर्गत पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में आँगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवन की उपलब्धता/अनुपलब्धता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। 45 आँगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है जिसमें से 01 आँगनवाड़ी केन्द्र बी.आर.जी.एफ. में स्वीकृत है तथा उक्त केन्द्र वर्तमान में किराये के भवन में संचालित है, अतः 44 भवन विहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रति भवन 780000/- के मान से कुल 3,43,20,000/- (अक्षरी तीन करोड़ तिरतालीस लाख बीस हजार मात्र) की आश्यकता होगी। आँगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।