मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 17 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
डामरीकरण की
जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 3077 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 8939/लोक निर्माण/2022 कटनी, दिनांक 08.03.2022 के अंतर्गत चाका तिराहा से पन्ना तिराहा तक जो डामरीकरण किया गया है, उक्त कार्य की निविदा सूचना, स्टीमेट, अनुबंध, कार्य आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित सड़क डामरीकरण के किसी देयक का यदि भुगतान किया गया है, तो उस देयक की प्रति दें तथा जो देयक भुगतान किया गया है, उसकी माप पुस्तिका (एम.बी.) की प्रति दें। (ग) पन्ना तिराहा से कटनी नदी पुल तक वर्ष 2022 की अवधि में सड़क पर डामरीकरण किया गया? उक्त डामरीकरण किस ठेकेदार द्वारा किस कार्य आदेश के अंतर्गत किया गया है? उस कार्य आदेश की प्रति दें। साथ ही स्टीमेट, बिल भुगतान तथा माप पुस्तिका की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्य गुणवत्ता विहीन किये गये हैं, जगह-जगह रोड धस गई है, दरारें आ गई हैं, रोड पर डामरीकरण कम चौड़ाई पर किया गया है? क्या इसकी शिकायत किसी नागरिक द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम, कटनी को माह फरवरी 2023 में की गई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? कई जगह कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं किया गया? वह कब पूर्ण करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) डामरीकरण कार्य की निविदा सूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, स्टीमेट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं कार्यादेश/एल.ओ.ए. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन सड़क डामरीकरण कार्य के भुगतान किए गए देयकों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' एवं माप पुस्तिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड.'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन कार्य ठेकेदार मेसर्स एस.एन, कन्सट्रक्शन से कराया जा रहा है, जिसका एल.ओ.ए. क्रमांक-1223, दिनांक 25.5.2022 जारी किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। स्टीमेट, बिल/देयक भुगतान एवं माप पुस्तिका क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' ''इ'' एवं ''ड.'' अनुसार है। (घ) सड़क का निर्माण निर्धारित मापदण्ड अनुसार गुणवत्तापूर्वक कराया जा रहा है, जिसका गुणवत्ता परीक्षण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, जबलपुर एवं प्राचार्य पॉलिटेकनिक कॉलेज, डिण्डोरी से कराया गया है। रोड का कार्य निर्माणाधीन है। सड़क निर्माण कार्य प्रावधान अनुसार निर्धारित चौड़ाई पर कराया जा रहा है। जी हाँ। इस डामरीकरण कार्य की जांच कराये जाने हेतु पत्र दिनांक 10.2.2023 को प्राप्त हुआ है, जिसके संबंध में माननीय विधायक जी, बड़वारा विधानसभा क्षेत्र को पत्र क्रमांक 5471, बी दिनांक 22.2.2023 द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी प्रेषित की गई है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ट'' अनुसार है। उक्त कार्य वर्तमान में निर्माणधीन है, निर्माण कार्य दिनांक 31 मार्च, 2023 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
आदिवासी उपयोजना अंतर्गत अधोसंरचना निर्माण में अनियमितता
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 850 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2014 तक डिंडौरी जिले में आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर द्वारा कितने कार्य का भुगतान कराया गया और कितना विस्तार कार्य कराया गया? (ख) प्रश्न दिनांक की तिथि में प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कराये गये कार्यों में क्षेत्र में कितनी अधोसंरचना निर्मित नहीं हो पायी हैं? अधोसंरचना निर्मित न होने के कारण भी बताएं? (ग) आदिवासी उपयोजना के कार्यों को लेकर तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, श्री नीलाभ श्रीवास्तव की वर्ष 2010 से कितनी शिकायतें हुयी थी? इन शिकायतों का निष्कर्ष क्या रहा? क्या वर्ष 2021-22 में हुई शिकायत में अन्य अनियमितताओं का भी लेख था? क्या शिकायत में उल्लेखित स्पष्ट प्रमाणों की जांच न करते हुए अनदेखी कर श्री नीलाभ श्रीवास्तव को क्लीन चिट दी गयी है? अगर हाँ तो नीलाभ श्रीवास्तव पर और उनको क्लीन चिट दिये जाने में शामिल समस्त लोगों की भूमिका की जांच करायी जायेगी? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में डिंडौरी जिले में कार्यालय सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग द्वारा आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना से संबंधित कार्यों को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के माध्यम से कराकर भुगतान किया गया है। उक्त योजना अंतर्गत ग्रामवार कराये गए लाईन विस्तार कार्य एवं उनके भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार कराये गये कार्यों के अन्तर्गत स्वीकृत समस्त विद्युत अधोसंरचना के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में वर्ष 2021-22 एवं उसके पश्चात श्री नीलाभ श्रीवास्तव के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होना पाया गया है तथा इस अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कुल 13 शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुयी हैं, जिनमें अन्य योजनाओं में हुयी अनियमितताओं के साथ आदिवासी उपयोजना में की गयी अनियमितता का भी लेख किया गया है। श्री नीलाभ श्रीवास्तव, कार्यपालन अभियंता के विरूद्ध शिकायत दिनांक 21.12.2021 की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन के अनुसार शिकायत की पुष्टि नहीं होने की जानकारी म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के पत्र दिनांक 18.04.2022 से दी गई। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त जाँच सही ढंग से नहीं किये जाने का उल्लेख करते हुए विभिन्न माध्यमों से शिकायतें म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित की गई। उक्त तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच हेतु आदेश दिनांक 30.06.2022 के माध्यम से जांच समिति गठित की गयी है। वर्तमान में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के ताल-तलैया का संरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 3160 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कुल 15152 वेटलैंड चिन्हित हैं? क्या भोपाल में भी 19 वेटलैंड चिन्हित हैं? इन्हें कब से चिन्हित किया गया है? (ख) क्या वेटलैंड को संरक्षित करने के लिये शासन द्वारा वेटलैंड रूल्स 2017 के तहत अधिसूचित किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित वेटलैंड में से अभी तक कितने वेटलैंड को अधिसूचित किया गया है? (ग) भोपाल के विश्व प्रसिद्ध बड़ा तालाब व अन्य 19 वेटलैंड साईट को अधिसूचित नहीं किये जाने के कारण अतिक्रमण, तालाब के अंदर सीमेंट क्रांक्रीट युक्त निर्माण क्रूज रेस्टोरेंट निर्माण आदि अवैधानिक गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई है? (घ) क्या शासन समस्त ताल-तलैयाओं को संरक्षित रखने के लिये स्वयं रुचि लेकर वेटलैंड रूल्स 2017 के तहत अधिसूचित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ M.P.S.E.D.C. (एम.पी.एस.ई.डी.सी.) द्वारा 2019 से चिन्हित किया जाकर डिजिटल इन्वेंट्री बनायी गयी है। (ख) जी हाँ, प्रदेश में 04 रामसर साइट्स में वेटलैण्ड्स को अधिसूचित किया गया है। (ग) भोपाल को भोज वेटलैण्ड में अतिक्रमण, प्रदूषण इत्यादि को रोकने के उद्देश्य से एक प्रशासकीय आदेश (दिनांक 16.03.2022) जारी किया गया है, जिसमें प्रतिबंधित, विनियमित एवं अनुमत गतिविधियों का विवरण है। तदानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराई जा रही है। (घ) जी हाँ। वेटलैंड रूल्स 2017 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
4. ( *क्र. 716 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के विकासखण्ड पटेरा के कुण्डलपुर में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के A+ प्रकरण के आधार पर शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु फाइल चल रही है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण फाईल की एक छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) साथ ही यह बतायें कि कुण्डलपुर में महाविद्यालय की स्थापना कब तक हो जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। नस्ती प्रचलन में होने के कारण छायाप्रति दिया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिला मुख्यालय पर नवीन बायपास निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1372 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय से निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर नवीन बायपास निर्माण के संबंध में भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश शासन के बीच पत्राचार हुआ है? यदि हाँ, तो भारत सरकार से प्राप्त पत्र के आधार पर क्या नवीन बायपास का सर्वे हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो राजगढ़ जिला मुख्यालय से निकलने वाले बायपास की स्वीकृति का प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शासन राजगढ़ से निकलने वाले नवीन बायपास का प्रस्ताव कब तक स्वीकृत कर, कार्य प्रारंभ कर देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, पत्रों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा डी.पी.आर. बनाने हेतु दो बार निविदायें आमंत्रित करने के उपरांत भी किसी भी कंसलटेंट द्वारा निविदा नहीं डाली गई। म.प्र. सड़क विकास निगम के पत्र दिनांक 22.12.2022 के द्वारा क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भोपाल एवं पत्र दिनांक 24.02.2023 के द्वारा मुख्य अभियंता (रा.रा. परिक्षेत्र) लोक निर्माण को डी.पी.आर. का कार्य अन्य डी.पी.आर. की निविदा के साथ जोड़ने हेतु निवेदन किया गया है। (ग) डी.पी.आर. तैयार हो जाने के उपरांत ही अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी।
दोषियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 1471 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में प्रबंधक के इशारे पर सिंगाजी एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृहों में एक-एक तथा संजय गांधी ताप विद्युत गृह में दो कार्य कोयला हस्तांतरण वृत्तों ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के सभी कार्य मेसर्स ए.के.एस. लॉजिस्टिक्स तथा इसी फर्म के सह संबंधी फर्म मेसर्स लोकनाथ को ही लगभग 100 करोड़ के कार्य आवंटित किये गये? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान प्रबंधक द्वारा निविदा की प्रारंभिक अर्हता में नियम में शर्तों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो नियम शर्तों सहित विवरण देवें। इस प्रकार के सभी कार्य मात्र इन दोनों ही फर्मों को क्यों दिये जाते हैं? (ख) पावर हाउस अमरकंटक में प्रश्नांश (क) अनुसार के ठेका कार्य का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया गया? कारण बताएं। दोनों बार बुलाई गई प्रांरभिक अर्हता (P.Q.R.) की छायाप्रति सहित विवरण देवें। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अमरकंटक ताप परियोजना का ठेका कार्य कब तक पुरानी निविदा अनुसार दे दिया जायेगा? अभी तक ठेका न देने का दोषी कौन है? दोषी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या प्रथम व द्वितीय बार प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों में लगाई गई सामग्री के मूल्य में काफी अंतर है? यदि हाँ, तो क्या यह माना जाएगा कि कम्पनी में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया? क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे? सह-पत्रों सहित विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कंपनियों में विद्युत गृह मजदूरों के फैण्डल एक्सीडेंट की मृत्यु, गंभीर घायल, मजदूरों के नाम, पिता का नाम एवं उन्हें दी गई मुआवजा राशि सहित सूची उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा की विद्युत गृह क्रमांक-1 (2x600 मेगावाट) के कोल हस्तांतरण संयंत्र के संचालन एवं संधारण के सभी कार्य मेसर्स ए.के.ए. लॉजिस्टिक्स कोलकाता एवं विद्युत गृह क्रमांक-2 (2x660 मेगावाट) के कोयला हस्तांतरण संयंत्र के सभी कार्य मेसर्स पावर मैक प्रोजेक्ट लिमिटेड, हैदराबाद को दिए गए हैं। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में कोयला हस्तांतरण संयंत्र के संचालन एवं संधारण का कार्य मेसर्स लोकनाथ तथा संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की इकाई क्रमांक 1 से 4 (4x210 मेगावाट) के कोल हस्तांतरण संयंत्र के संचालन एवं संधारण के सभी कार्य मेसर्स ए.के.ए. लॉजिस्टिक्स कोलकाता एवं इकाई क्रमांक-5 (1x500 मेगावाट) के कोयला हस्तांतरण संयंत्र हेतु कार्य श्री नारायण कन्सट्रक्शन कम्पनी, झाँसी को दिया गया है। ये समस्त कार्यादेश निविदा में प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर प्राप्त न्यूनतम दर पर ही दिये गये हैं। इन निविदाकारों द्वारा जमा की गई निविदाओं का परीक्षण कंपनी द्वारा निविदा दस्तावेजों में इंगित प्रारंभिक अर्हताओं अनुसार किया गया है। निविदा दस्तावेजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं, यह कार्य मात्र प्रश्नांश में उल्लेखित इन दोनों ही फर्म को नहीं वरन् निविदा आधार पर अन्य फर्म को भी दिये गए हैं। (ख) अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में 1 x 210 मेगावाट क्षमता की मात्र एक इकाई स्थापित है। उक्त विद्युत गृह को कोयले की आपूर्ति विद्युत गृह के पास स्थित खदानों से विभागीय लोको वैगन द्वारा की जाती है। प्रदाय किये गये कोयले की गुणवत्ता उचित होने के कारण सीमित मात्रा में कोयले की आवश्यकता होती है। अतः अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में एकीकृत ठेके की आवश्यकता परिलक्षित नहीं हुई है। अतः प्रश्नांश ''क'' के अनुसार ठेके देने की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ग) कंपनी के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में कोयला हस्तांतरण संयंत्रों में केवल संचालन एवं संधारण कार्य के ठेके दिए गए हैं। संधारण कार्य में लगने वाली मुख्य सामग्री/स्पेयर्स कंपनी द्वारा ही प्रदान किए जाते हैं, तथापि ठेकेदार द्वारा केवल सामान्य उपभोग्य वस्तुएं (General Purpose Consumable) उपलब्ध करायी जाती हैं, जिनका पृथक से कोई भुगतान नहीं किया जाता है। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित विद्युत गृहों में हुई अघातक एवं घातक दुर्घटनाओं संबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति की जानकारी
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 2669 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट, जिला सतना में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं, जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं? इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों को अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं माननीय प्रभारी मंत्री के दौरे, माननीय मुख्यमंत्री के दौरे कार्यक्रम आदि में मांगे जाने पर, जन प्रतिनिधियों, माननीय विधायकों, जिला पंचायत एवं कलेक्टर को जानकारी प्रदान की जाती है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बजट में सम्मिलित सड़कें
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 3062 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बजट वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक बजट में लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सड़कों को बजट में सम्मिलित किया गया है? सड़कों की संख्या तथा कि.मी. बताएं। उनमें से उज्जैन जिले की कितनी सड़कें हैं? नाम सहित पृथक से विवरण दें। (ख) माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग की नस्ती दिनांक 28.10.2022 को दिए गए निर्देश के तहत प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल के पत्र क्र. 15/संचार/ना/बजट/2022-23/प्रस्ताव/2022/1102 भोपाल, दिनांक 02.11.2022 के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा भी क्षेत्र की महत्वपूर्ण सड़कों के प्रस्ताव प्रेषित किए गए थे? उन्हें बजट में क्यों सम्मिलित नहीं किया गया है? क्या प्रस्तावित रोडों को वर्ष 2023-24 के बजट में सम्मिलित किया जायेगा? (ग) मुख्य बजट वर्ष 2021-22, 2022-23 व अनुपूरक बजट में उज्जैन जिले की कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है? उसमें प्रश्नकर्ता द्वारा कितनी सड़कों के प्रस्ताव दिए गए हैं? उनमें से कितनी सड़कों के प्रस्ताव बजट में सम्मिलित किए गए हैं? यदि नहीं किए गए, तो क्यों? जिले की विधानसभावार प्रत्येक क्षेत्र की बजट में स्वीकृत सड़कों का पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) क्षेत्र में रेल्वे समपार क्र. 98, 102, 103 व 03 का कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? रेल्वे समपार 03 की स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) ग्राम नायन चम्बल नदी ब्रिज का कितना कार्य शेष है? विवरण दें। टेण्डर के पश्चात बची शेष राशि से क्या-क्या कार्य किए गए हैं? (च) पिपलोदा बागला चम्बल नदी पर उच्च स्तरीय पुल के निर्माण हेतु कार्यादेश किस कम्पनी को जारी किए गए हैं? सम्पूर्ण विवरण दें। विलम्ब का क्या कारण है? (छ) विधानसभा प्रश्न 1222, दिनांक 28.07.2022 के उत्तर में निम्न मार्गों को अपूर्ण/प्रगतिरत बताया गया था, निनावटखेड़ा से किलोडिया, सोमचिड़ी से सण्डावदा मार्ग, रामातलाई से खाचरौद मार्ग, नंदियासी से भुंवासा मार्ग, बंजारी से मीण, रिंगनिया से बोरदिया, थडोदा से बोरदिया, डोडिया से चांपाखेड़ा, कमठाना से बरथुन, लुसडावन पहुंच मार्ग, चांपाखेड़ा पहुंच मार्ग, सिविल हॉस्पिटल खाचरौद में 12 बिस्तरीय अतिरिक्त वार्ड निर्माण/उन्नयन के विद्युत कार्य निर्माण आदि में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य अभी तक अपूर्ण हैं? कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ज) नरेडी हनुमान से खाचरौद तक रोड के टेण्डर आमंत्रित कर कार्यादेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1486। 8756.70 कि.मी.। उज्जैन जिले के अंतर्गत सम्मिलित सड़कों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वित्त विभाग के द्वारा निर्धारित सूचकांक अपर्याप्त होने से। वर्ष 2023-24 का बजट विधानसभा सचिवालय से पारित न होने के कारण किसी प्रकार की टिप्पणी किया जाना संभव नहीं। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) पुल एवं पुल से संबंधी अन्य आवश्यक कार्य दिनांक 31.12.2020 को पूर्ण। कोई कार्य नहीं किया गया। (च) निविदा की कार्रवाई प्रगति पर है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (छ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ज) जी नहीं, निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में कर्मचारियों की कार्यकुशलता रिपोर्ट, संविलियन एवं नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 3094 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.सी.एल.एल. में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली/कार्यकुशलता रिपोर्ट वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक संबंधित अधिकारी द्वारा लिखी गई है? यदि हाँ, तो कर्मचारी के नाम के आधार पर वर्षवार मय दस्तावेज गौशवारा बनाकर प्रदान करें? यदि नहीं, तो क्या बिना वार्षिक गोपनीय चरित्रावली/कार्य कुशलता रिपोर्ट के आधार पर संविदा अवधि बढ़ाई गई? (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 36वीं बैठक दिनांक 05.05.2022 में बिन्दु क्रमांक 3 में की गई संविलियन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए क्या श्री संजय सोनी का प्रथम नियुक्ति आदेश बोर्ड के समक्ष उपलब्ध था? यदि हाँ, तो नियुक्ति पत्र की छायाप्रति प्रदाय करें। यदि नहीं, तो बोर्ड द्वारा संविलियन/संविदा नियुक्ति बिना प्रथम नियुक्ति किस आधार पर प्रदान की गई? पूर्ण विवरण प्रदान करें। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बी.सी.एल.एल. को संविलियन के लिए दिए गए दिशा-निर्देश की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) बी.सी.एल.एल. के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री संजय सोनी को लिखे गये पत्र क्रमांक Sr./BCLL/2022/3347 भोपाल, दिनांक 29.07.2022 में लिखा गया है कि – Management is pleased to extend your service for further period of one year i.e. from 1st February to 31st January 2023. All terms and conditions of your contract will remain as mention in your appointment letter. कृपया वर्णित पत्र में दर्शाये अनुसार नियुक्ति पत्र (Appointment letter) है? यदि हाँ, तो नियुक्ति पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो पत्र क्रमांक Sr./BCLL/2022/3347 भोपाल, दिनांक 29.07.2022 जारी करने का आधार क्या था? कृपया पूर्ण विवरण प्रदान करें। (घ) क्या संजय सोनी के प्रथम नियुक्ति आदेश 2013 से 2021 के मध्य जारी किये गये? यदि हाँ, तो प्रथम नियुक्ति आदेश की छायाप्रति प्रदाय की जाए। बी.सी.एल.एल. द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन पदों पर नियुक्ति दी गई है? वर्षवार सर्विस रिकॉर्ड, आपराधिक प्रकरण, नियुक्ति के विरूद्ध शिकायतें, वेतन एवं वर्षवार वेतन वृद्धि, नियुक्ति प्रक्रिया का गौशवारा बनाकर मय समस्त दस्तावेज सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कार्यालयीन रिकॉर्ड अनुसार बी.सी.एल.एल. में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली कार्यकुशलता रिपोर्ट को संबंधित अधिकारी द्वारा लिखा जाना प्रचलन में नहीं है। उक्त के संबंध में बी.सी.एल.एल. बोर्ड द्वारा कार्यवाही की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। बी.सी.एल.एल. में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की कार्यकुशलता का आंकलन गठित समिति द्वारा किये जाने के उपरांत संविदा अवधि बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक में लिये गये निर्णयों के अनुक्रम में वर्ष 2013 से प्रति वर्ष बढ़ाई गई है। (ख) जी नहीं। बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक के माध्यम से सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई है। उपरोक्त के आलोक में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी नहीं। बी.सी.एल.एल. में कार्यरत श्री संजय सोनी की संविदा सेवा अवधि पुनः दिनांक 01.02.2022 से 31.01.2023 तक बी.सी.एल.एल. बोर्ड द्वारा बढ़ाये जाने के फलस्वरूप पत्र क्र. 3347, दिनांक 29.07.2022 श्री संजय सोनी को जारी किया गया था। (घ) जी नहीं। प्रथम नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया गया। बी.सी.एल.एल. द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की गई नियुक्ति एवं चाही गई जानकारी का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा समूह जल आवर्धन परियोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 2218 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 1225, दिनांक 22 दिसंबर, 2022 में प्रश्नकर्ता के द्वारा किए गए प्रश्न के उत्तर में यह कहा गया है कि नर्मदा समूह जल आवर्धन परियोजना के अंतर्गत नगर परिषद तेंदूखेड़ा जिला दमोह की जल आवर्धन योजना का कार्य आगामी 3 माह की अवधि में नर्मदा पेयजल घर-घर उपलब्ध कराया जाना संभावित है? क्या टंकियों में नर्मदा जल भरकर टेस्टिंग के पश्चात कार्य बंद है? नगर में सप्लाई के लिए टेस्टिंग का कार्य नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या 3 माह (मार्च) तक घर-घर पेयजल देना संभव हो सकेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर तेंदूखेड़ा में ग्रीष्म काल के पूर्व घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। नगर में सप्लाई के लिये टेस्टिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विश्राम गृह की जानकारी
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 2344 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी शहर में कितने विश्राम गृह हैं एवं किस-किस स्थान पर बने हुए हैं? इनमें ठहरने के लिए किस-किस व्यक्ति को पात्रता है? (ख) शिवपुरी में जो विश्राम गृह बने हुये हैं, उन्हें आरक्षित करने का अधिकार किसको है? क्या इसमें आरक्षण की पात्रता पूर्व विधायक या पूर्व सांसद को है? (ग) शिवपुरी विश्राम गृह जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस व्यक्ति के नाम पर आरक्षित हुआ और उनमें कौन रुका? सूची प्रपत्रों सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के सन्दर्भ में शिवपुरी विश्राग गृह को अनुविभागीय अधिकारी आरक्षित करता है, वह कभी भी सरकारी लोगों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति, जैसे पूर्व विधायक, पूर्व सांसद को नहीं देता, अनुविभागीय अधिकारी अपनी मनमानी करता है? इसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 02 विश्राम गृह हैं। दोनों विश्राम गृह शिवपुरी में विवेकानंद कॉलोनी रोड पर स्थित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जिला शिवपुरी को। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग व पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 2211 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न मार्गों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1017, दिनांक 18.12.2022 एवं प्रमुख सचिव महोदय लोक निर्माण विभाग को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1018, दिनांक 18.12.2022 एवं प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भोपाल को अनुस्मरण पत्र 02 क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1034, दिनांक 18.12.2022 प्रेषित किये गये थे, उक्त पत्रों पर उल्लेखित मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पत्रों में उल्लेखित मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक शासन/विभाग द्वारा प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम बरूर से पैजनवाड़ा मार्ग पर पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण पत्र 05 क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1054, दिनांक 18.12.2022 एवं प्रमुख सचिव महोदय, लोक निर्माण विभाग को अनुस्मरण पत्र 05 क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1053, दिनांक 18.12.2022 को प्रेषित किये गये थे, जिन पत्रों पर उल्लेखित पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और कब तक पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गांगीवाडा रिंग रोड चौराहे से परासिया बायपास (खिरसाडोह) तक टू-लेन मार्ग छिन्दवाड़ा-तामिया-मटकुली मार्ग राज्य राजमार्ग क्र. 62 (बीओटी मार्ग) का हिस्सा है। मार्ग पूर्व से ही दो लेन है एवं कंसेशन अवधि दिनांक 30.05.2033 तक है। अत: मार्ग को सी.आर.आई.एफ. योजना के अन्तर्गत स्वीकृति हेतु अनुशंसित करना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगरपालिका में हुई अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 2807 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3699, दिनांक 21.03.2022 के उत्तर में अवगत कराया गया कि ''कारण बताओ सूचना पत्र का प्रतिवाद उत्तर तत्कालीन अध्यक्ष नगर पालिका छतरपुर द्वारा दिया गया है, जो परीक्षणाधीन है।'' क्या उक्त का परीक्षण पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण बताओ नोटिस में पूछे गए सभी प्रश्नों के उत्तर शासनादेशों के अनुक्रम में सही हैं? शासन सभी प्रश्नों के जवाबों से पूर्णतः संतुष्ट है? यदि नहीं, तो किन जवाब से संतुष्ट नहीं है, आगे क्या कार्यवाही होगी? (ख) इसी प्रकार प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1715, दिनांक 05 मार्च, 2021 के उत्तर में अवगत कराया गया कि ''जांच दल द्वारा अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल को प्रस्तुत कर दी गई है, जिसका परीक्षण संचालनालय में किया जा रहा है।'' क्या उक्त का परीक्षण कर लिया है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट के अनुक्रम में शासन ने क्या निर्णय लिया? यदि नहीं, तो अभी तक क्या परीक्षण किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कारण बताओ सूचना पत्र के संबंध में तत्कालीन अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद्, छतरपुर द्वारा दिए गए उत्तर पर विभाग द्वारा सुनवाई की जा चुकी है। आदेश जारी करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ख) जांच समिति के प्रतिवेदन में पाई गई अनियमितताएं स्पष्ट न होने के कारण संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर संभाग सागर को अतिरिक्त जानकारी प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्वालियर जिले में स्मार्ट बसों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 2260 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा सिटी बस सेवा प्रारंभ करने हेतु कब-कब मीटिंग आयोजित की गई? मीटिंग में क्या निर्णय हुआ? लिए गये निर्णय पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही हुई? प्रत्येक मीटिंग निर्णय एवं की गई कार्यवाही सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा स्मार्ट सिटी बस चलाने हेतु क्या किसी ट्रेवल्स/संस्था से अनुबंध किया है? यदि हाँ, तो संबंधित ट्रेवल्स एवं कॉर्पोरेशन के मध्य कितनी बसें कौन-कौन से रूट पर चलाने हेतु किस दिनांक को अनुबंध हुआ? अनुबंध की प्रति सहित पूर्ण जानकारी दें। (ग) कितनी बसों का कौन-कौन से रूट पर संचालन किया जाना निर्धारित किया? क्या सभी बसों को आर.टी.ओ. कार्यालय से परमिट प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो परमिट हेतु आवेदन प्रस्तुत दिनांक, परमिट प्राप्ति दिनांक एवं परमिट की शर्तें क्या हैं? परमिट प्रति सहित पूर्ण जानकारी दें। (घ) बसें संचालन हेतु संबंधित ट्रेवल्स/संस्था द्वारा कितनी बसें क्रय की गईं? प्रत्येक बस की कीमत क्या है? क्या बस कीमत के भुगतान में शासन द्वारा कोई सब्सिडी दी जाती है? यदि हाँ, तो कितनी? क्या सब्सिडी राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी बसों का किसे एवं कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को हुआ? (ड.) वर्तमान में ट्रेवल्स/संस्था द्वारा कितने मार्गों पर बसों का संचालन किया जा रहा है? बसों के नियमित संचालन की निगरानी हेतु क्या किसी अधिकारी/संस्था को अधिकृत किया गया है? यदि हाँ, तो किसे? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत योजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 20 नगरीय निकायों में हब एण्ड स्पोक मॉडल आधारित इंटर सिटी, इन्ट्रा सिटी एवं इन्टर स्टेट बस सेवा पी.पी.पी. के माध्यम से क्रियान्वित करने मेयर इन काउंसिल नगर निगम, ग्वालियर के संकल्प क्र. 476 दिनांक 17.03.2017 के द्वारा निविदा संबंधी स्वीकृति प्राप्त। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है, दिनांक 16.07.2017 स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा तत्कालीन कलेक्टर एवं आयुक्त महोदय, की अध्यक्षता में निविदा हेतु सिटी ट्रांसपोर्ट को लेकर, लोकल बस ऑपरेटरों के साथ बैठक सम्पन्न हुई। निर्णय-शहर के हर कोने में सिटी ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए, शहर के अलग-अलग स्थानों पर बस स्टॉप बनाएं जायेंगे, इस बैठक के दौरान लोकल बस ऑपरेटरों को यह भी बताया गया कि दो क्लस्टर बनाकर, 51 बसें चलाई जायेंगी। कार्यवाही उक्त स्वीकृति के अनुक्रम में ग्वालियर जिले में स्वच्छ निविदा प्रतिस्पर्धा के द्वारा स्मार्ट सिटी एस.पी.व्ही. के तहत निविदा जारी की गई। (ख) स्मार्ट सिटी द्वारा बसों के संचालन हेतु ''मैसर्स नीरज मोटर्स एण्ड ट्रेवल्स'' के साथ अनुबंध की प्रक्रिया पूर्ण की गई। दिनांक 29.09.2018 को ''मैसर्स नीरज मोटर्स एण्ड ट्रेवल्स'' एवं स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के साथ क्लस्टर सिस्टम के तहत 16-इन्ट्रा एवं 16-इन्टर सिटी बसों के निर्धारित रूट/मार्गों पर चलाने हेतु अनुबंध जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) क्लस्टर क्रमांक-01 (इन्ट्रा-08, इन्टरसिटी- 08) क्लस्टर क्रमांक-02 (इन्ट्रा 08, इन्टरसिटी-08) परमिट/मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार बसों का संचालन किया जा रहा है। इन्ट्रा सिटी बसों का अस्थाई परमिट प्रत्येक 03 माह में जारी किया जाता है। इन्टरसिटी हेतु एक मार्ग/रूट (भोपाल) के परमिट परिवहन विभाग द्वारा जारी नहीं किये गये हैं। ऑपरेटर के माध्यम से ऑनलाईन परमिट हेतु आवेदन किया जाता है, परिवहन विभाग द्वारा जारी परमिट दिनांक एवं शर्तें उपरोक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) संबंधित ट्रेवल्स ऐजेंसी द्वारा 26 बसें क्रय की गई हैं, जिस हेतु शासन द्वारा व्ही.जी.एफ./सब्सिडी हेतु 40 प्रतिशत राशि दी जाती है। 21 बसों के लिए व्ही.जी.एफ./सब्सिडी राशि का भुगतान अनुबंधित बस ऑपरेटर को उसके द्वारा 40 प्रतिशत की बैंक गारंटी जमा करने के पश्चात् किया जाता है। प्रत्येक बसों की कीमत सब्सिडी का भुगतान एवं दिनांक का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (ड.) क्लस्टर क्र. 1 एवं क्लस्टर क्र. 2 के अनुक्रम में बस ऑपरेटर द्वारा सभी निर्धारित रूटों पर इन्टरसिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। बसों के नियमित संचालन की निगरानी हेतु नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा सूत्र सेवा योजनान्तर्गत नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री स्वप्निल श्रीवास्तव को स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन में शहरी परिवहन योजना को सुनियोजित एवं सुदृढ़ हेतु अधिकृत किया गया है।
बंद ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
15. ( *क्र. 2099 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में 100 से अधिक ट्रांसफार्मर विगत 6 माह से बंद पड़े हैं, इनको बदलने की कोई व्यवस्था एवं समय-सीमा विभाग द्वारा तय की गई है या नहीं? (ख) पूर्व में विद्युत वितरण हेतु जो केबल डाली गई थी, उसमें भार बढ़ जाने के कारण वह जल/नष्ट हो गई हैं, इनको बदले जाने की व्यवस्था एवं समय-सीमा है? (ग) ऐसे टोले जो विगत 5 वर्ष पूर्व या इसके बाद अस्तित्व में आये हैं, उनको अटल ज्योति 24 x 7 विद्युत उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गई है? (घ) ऐसे किसान बंधु जो अपने खेत में नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित कराना चाहते हैं, इसके लिए क्या योजना बनाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 91 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण अपात्र श्रेणी में होने पर बदलने हेतु शेष हैं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने के उपरांत पात्र होने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। तद्नुसार वितरण कंपनियों द्वारा पहुँच मार्ग की उपलब्धता अनुसार उक्त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त विद्युत लाईनों के जलने/टूटने की शिकायत प्राप्त होने पर उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से सुधार कार्य करते हुए विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत लाईन भंग (breakdown) होने पर शहरी क्षेत्र में दिन के प्रकाश में 12 घंटे के भीतर तथा ग्रामीण क्षेत्र में 3 दिवस के भीतर विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। (ग) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण कर लिया गया था। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत उक्तानुसार समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित समस्त मजरों/टोलों को विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्व में ही विद्युतीकृत किया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी योजनाएं क्लोज हो चुकी हैं। वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उस योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जायेगा। (घ) वर्तमान में आवश्यकतानुसार नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित विद्युत अधोसंरचना का विस्तार कर कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' एवं ''जमा योजना'' संचालित है। उक्त योजनाओं के अंतर्गत आवेदक को स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार शत-प्रतिशत राशि स्वयं व्यय कर कार्य कराने होते हैं।
कान्ह नदी में प्रदूषण
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 3013 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम इंदौर द्वारा जनवरी 2008 से जनवरी 2023 तक कान्ह नदी की सफाई कर उसे प्रदूषण मुक्त करने के लिए कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष में किस-किस कार्य के लिए खर्च की गई? क्या कान्ह नदी की सफाई पर पिछले 15 सालों में 1157 करोड़ का खर्च हुआ है? (ख) क्या कान्ह नदी को शासन द्वारा प्रदूषित घोषित कर दिया गया है? रिपोर्ट की प्रति दें। कान्ह नदी में सीवरेज मिल रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो उसमें गाद कहां से जमा हो रही है तथा प्रदूषित कैसे है? यदि हाँ, तो किस बिंदु पर सीवरेज मिल रहा है? (ग) इंदौर नगर निगम में सीवरेज का कार्य किस वर्ष में प्रारंभ हुआ तथा अभी तक सीवरेज को लेकर कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष में खर्च की गई? शहर के कितने मकानों को सीवर लाईन से जोड़ दिया गया तथा कितने शेष हैं? यदि सारे मकान जोड़ दिए गए हैं, तो फिर कान्ह नदी में सीवरेज का गंदा पानी कहां से आ रहा है? (घ) कान्ह नदी में किन-किन मोहल्लों की नालियां मिल रही हैं? उन मोहल्लों को सीवर लाइन से जोड़ दिया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या नालियों में सीवरेज का पानी नहीं मिल रहा है? इसका परीक्षण किसके द्वारा किया गया? उसकी रिपोर्ट दें। (ड.) इंदौर नगर निगम की सीवरेज के सारे प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. देवें तथा बतावें कि किस-किस डी.पी.आर. में कान्ह नदी में सीवरेज के पानी को रोकने का उल्लेख है तथा उसके लिए किस कार्य का प्रावधान किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा जनवरी 2008 से जनवरी 2023 तक कान्ह नदी शुद्धिकरण के तहत सिंहस्थ-2016 एवं अमृत योजना के अंतर्गत सीवरेज लाईन बिछाना, नदी/नालों से मिलने वाले सीवरेज के आउटफॉल ट्रैप करना, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण एवं अन्य कार्य किये गये कार्यों पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2008-09 में प्रकाशित रिपोर्ट "Polluted River Stretches in India" के अनुसार कान्ह नदी को Priority 1 पाल्युटेड रिवर स्ट्रेच में शामिल किया गया था। रिपोर्ट की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर पालिक निगम, इंदौर की सीमा में कान्ह एवं सरस्वती नदी व प्रमुख छः नालों में मिलने वाले सीवरेज के आउटफॉल को ट्रैप कर पाईप लाईनों के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स में पूर्ण क्षमता से ट्रीटमेंट किया जा रहा है तथा जमा गाद की सफाई का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है। निगम सीमा में मिलने वाले सीवर के आउटफॉल निगम द्वारा ट्रैप कर लिये गये हैं। (ग) इन्दौर शहर में नगर निगम, इन्दौर द्वारा वर्ष 2004 से सीवर लाईन बिछाने एवं सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट का निर्माण एवं संचालन किया जा रहा है। सीवरेज की विभिन्न योजनाओं एवं निगम स्तर से किये गये केन्द्रीकृत कार्यों में लगभग सभी मकानों का सीवरेज ट्रैप कर लिया गया है। इन्दौर शहर प्रमुख व्यापारिक केन्द्र होने से जनसंख्या वृद्धि का अनुपात अधिक है, इस स्थिति में पीक आवर्स में सीवर का जनरेशन अत्यधिक होने एवं कुछ लाईनों में अवरोध होने पर लाईन में बैक फ्लो/ओवर फ्लो की स्थिति निर्मित होने से नदी या नाले में सीवर ओवर फ्लो होने की स्थिति उत्पन्न होती है, ऐसी स्थिति को निगम की टीम द्वारा तत्समय ही कन्ट्रोल कर लिया जाता है। सीवरेज परियोजनाओं के कार्यों में व्यय का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) इन्दौर शहर के पुराने क्षेत्र जैसे कि जूनी इन्दौर, छावनी इत्यादि क्षेत्रों में खुली नाली से सीवर प्रवाहित होता था, जो कि वर्तमान में सीवर लाईनों में जोड़ा जा चुका है। जी हाँ। नगर निगम, इन्दौर की ड्रेनेज की टीम अभियन्ता, सुपरवाईजर एवं दरोगा द्वारा रख-रखाव, सफाई एवं परीक्षण/निरीक्षण का कार्य नियमित रूप से किया जाता है। उक्त कार्य नियमित कार्यों के अन्तर्गत होने से पृथक से रिपोर्ट संधारित नहीं की गई है। (ड.) सिंहस्थ 2016 एवं अमृत प्रोजेक्ट में कान्ह नदी में मिलने वाले सीवेरज के आउटफॉल ट्रैपिंग हेतु लाईनें बिछाने एवं आउटफॉल जोड़ने का प्रावधान किया गया है। उपरोक्त डी.पी.आर. की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 3177 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में अनुबंध क्र. 21/2020-21 अंतर्गत निर्माणाधीन विषयांतर्गत मार्ग में ठेकेदार द्वारा घटिया मिट्टी का उपयोग किया गया, जिसका परीक्षण शासकीय लैब, नौगांव से करवाने पर दिनांक 09.06.2021 को प्राप्त परिणाम मानक से कम प्राप्त हुये थे? यदि हाँ, तो ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पत्र लिखकर इस घटिया कार्य को अमान्य कर दिया था? क्या उपयंत्री द्वारा दिनांक 16.06.2021 को स्थल में कई जगह उक्त मटेरियल को खोदकर कार्यपालन यंत्री को दिखाकर इसे अमान्य करने का अनुरोध किया था एवं ठेकेदार द्वारा गुण्डागर्दी कर इस घटिया मटेरियल पर दबाव बनाने के बारे में अवगत कराया था? क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा इस घटिया कार्य को अमान्य न करते हुये इसके आगे कार्य करने की नियम विरूद्ध अनुमति ठेकेदार को प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कार्यपालन यंत्री पन्ना पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या दिनांक 24.02.2022 एवं 15.04.2022 में शासकीय प्रयोगशाला नौगांव द्वारा किये गये कॉम्पेक्शन टेस्ट में मानक से कम परिणाम प्राप्त होने के बावजूद ठेकेदार अपनी रोकी गई 5% राशि जारी करने उपयंत्री पर दबाव बना रहा था एवं उपयंत्री को झूठा फसाने की धमकी दे रहा था? उपयंत्री द्वारा कार्यपालन यंत्री को दिनांक 28.04.2022 को लिखित पत्र पर लेख किया था, जिसकी पुष्टि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की थी? कार्यपालन यंत्री द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों अथवा पुलिस को सूचना दी? यदि हाँ, तो प्रति देवें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। उपयंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री के इस बावत् लिखित सभी पत्रों की प्रति देवें। (घ) क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा अपने निजी लाभ एवं ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने हेतु नियम विरूद्ध कार्य किये गये एवं अधीनस्थों पर भी दबाव बनाया गया? यदि हाँ, तो क्या शासन कार्यपालन यंत्री को तत्काल निलंबित कर जांच कराकर ठेकेदार एवं कार्यपालन यंत्री से शासन को हुई क्षति की राशि की वसूली करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। परीक्षण परिणाम कम पाये जाने पर ठेकेदार को अमानक मटेरियल हटा कर मानक स्तर का मटेरियल उपयोग किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था, जिसका दिनांक 15.07.2021 को शासकीय लैब से मिट्टी का परीक्षण कराया गया जो मानक अनुरूप प्राप्त हुआ था। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। सामान्य वाद विवाद हुआ था, इसलिये वरिष्ठ अधिकारी एवं पुलिस को सूचित करना आवश्यक नहीं था। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 2147 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में बागड़ा से नसीराबाद मार्ग स्वीकृत किया है? इस मार्ग की लंबाई एवं लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत मार्ग की कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा की प्रति उपलब्ध करावें। इस मार्ग के निर्माण हेतु किस ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया है? उनका नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्त मार्गों का निर्माण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब? कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करावें। यदि उक्त मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है तो क्यों? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या बागड़ा के नसीराबाद मार्ग का जो निर्माण किया गया है, वह बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन है? क्या मार्ग के निर्माण के साथ साईट शोल्डर एवं एप्रोच बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या सड़क के शोल्डर एवं एप्रोच बनाये गये हैं? उक्त शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी की गई, इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य की लंबाई 25.90 कि.मी. एवं लागत 47.06 करोड़ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 28.07.2022 को कार्य पूर्ण। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 एवं 3 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जांच दिनांक 13.07.2021 को की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य गुणवत्तापूर्ण कराया गया है, अतः ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।
132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
19. ( *क्र. 2914 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1260, दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ अंतर्गत ग्राम नाहली में नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है तथा कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा उक्त विद्युत उपकेन्द्र के लिये भूमि का आवंटन दिनांक 10.10.2022 को म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को कर दिया गया है? म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा भूमि के अधिग्रहण हेतु कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक कंपनी द्वारा भूमि आधिपत्य प्राप्त कर निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कार्य की संपूर्ण लागत सहित बतावें। यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन भूमि आधिपत्य प्राप्त कर प्रश्नाधीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र के निर्माण की कार्यवाही आरंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, नाहली उपकेन्द्र हेतु जिला कलेक्टर, राजगढ़ द्वारा आवंटित भूमि का आधिपत्य म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 22.10.2022 को प्राप्त कर लिया गया है। आधिपत्य में ली गई भूमि एवं संबंधित लाईन के सर्वे कार्य प्रगति पर हैं। उक्त स्वीकृत नाहली 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र एवं संबंधित लाईन के निर्माण पर लगभग रू. 45 करोड़ का व्यय आंकलित है, जिसके लिये वित्तीय संसाधन जुटाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार भूमि का आधिपत्य प्राप्त किया गया है तथा संपूर्ण योजना पर व्यय की जाने वाली राशि हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने की कार्यवाही की जा रही है। वित्तीय संसाधन की व्यवस्था के उपरांत प्रश्नाधीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण एवं संबंधित कार्यवाही आरंभ की जा सकेगी। अत: निर्माण प्रारंभ किये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी के सड़क निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 2820 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी के सड़क निर्माण कार्यों एवं नगर आवास विकास विभाग के कार्यों की दरों में क्या अंतर है? मार्ग की गहराई, मोटाई, चौड़ाई के साथ डामर, कांक्रीट की तुलनात्मक दरों की 2019 से फरवरी 2023 तक की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर स्मार्ट सिटी में जो लाइटें लगाई गई हैं, उनका कौन से एस.ओ.आर. से निविदायें स्वीकृत/आमंत्रित की गई है? क्या रख-रखाव का कार्य भी निविदा में सम्मिलित है तथा कितने समय के लिये रख-रखाव की जिम्मेदारी किस की रहेगी? पूर्ण जानकारी वर्जित समय अनुसार दी जावे। (ग) ग्वालियर शहर में कितने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट स्वीकृत किये हैं, प्रत्येक प्रोजेक्ट की लागत, कार्य पूर्ण करने की समय अवधि, विलंब के लिये लगाई जाने वाली/लगाई पेनल्टी तथा अन्य वैधानिक कार्यवाहियों का विवरण वर्जित समय के अनुसार दिया जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी अन्तर्गत सड़क निर्माण कार्यों की दरें नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रचलित एस.ओ.आर. दरों के अनुरूप है। प्रगतिरत मार्गों की गहराई, मोटाई, चौड़ाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। वर्ष 2019 से फरवरी 2023 तक की स्थिति में डामर, कांक्रीट की तुलनात्मक दरों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम की संयुक्त इकाई ई.ई.एस.एल. (Energy Efficiency Services Ltd.) के मध्य सम्पादित किये गये अनुबंध की शर्तों एवं नियमों के अनुरूप लाईटें लगाई गई हैं, जिसके लिये पृथक से कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। रख-रखाव का कार्य अनुबंध के अन्तर्गत सम्मिलित नहीं है। इस हेतु निविदा प्रक्रिया की कार्यवाही गतिशील है। वर्तमान में रख-रखाव का कार्य नगर निगम विद्युत शाखा द्वारा किया जा रहा है। रख-रखाव पर होने वाले व्यय की राशि नगर निगम की मांग अनुसार हस्तांतरित की जा चुकी है। (ग) ग्वालियर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड अन्तर्गत स्वीकृत प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट लागत एवं कार्य पूर्ण की समय अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। सभी पूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृत समयावधि में पूर्ण किया गया है, अत: पेनल्टी लगाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। स्वीकृत प्रगतिरत कार्यों में विलम्ब के लिये लगाई जाने वाली पेनल्टी की गणना परियोजना के पूर्ण होने के उपरांत ही संभव है।
बिजली करंट से हुई मौत का मुआवजा
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 1958 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वर्गीय अजय सिंह लोध आत्मज श्री चुनकाई लाल सिंह निवासी ग्राम खचवा ग्राम पंचायत बड़ाछ की दिनांक 07 मई, 2020 को 11 हजार के.व्ही. की विद्युत लाइन की चपेट में आ जाने के कारण आकस्मिक मृत्यु हो गई थी? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा इनके परिजनों को क्या पारिवारिक सहायता उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विगत 03 वर्षों में जनपद पंचायत जवा अंतर्गत विद्युत लाइन के चपेट में आ जाने से कुल ऐसी कितनी आकस्मिक मृत्यु की घटनाएं घटित हुई हैं? ऐसी घटनाओं में मृतक के परिजनों को विभाग के द्वारा कुल कितनी मुआवजा राशि प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में मृतक अजय सिंह लोध के परिजनों को आर्थिक सहायता कब तक प्रदाय की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, दिनांक 07.05.2020 को श्री अजय सिंह लोध आत्मज श्री चुनकाई लाल सिंह, निवासी ग्राम खचवा, ग्राम पंचायत बड़ाछ की 11 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन का तार टूटने से, उसके सम्पर्क में आने से घटित घातक विद्युत दुर्घटना में मृत्यु हुई थी। अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) रीवा के आदेश दिनांक 21.02.2023 के माध्यम से पीड़ित परिवार को नियमानुसार आर्थिक सहायता अनुदान राशि रुपये 400000/- स्वीकृत की जाकर दिनांक 22.02.2023 को प्रदाय की गई है। (ख) विगत 03 वर्षों में जनपद पंचायत जवा जिला रीवा अंतर्गत विद्युत लाईन के संपर्क में आ जाने से कुल 02 घातक विद्युत दुर्घटना घटित हुई हैं, जिनमें श्री अजय सिंह लोध आत्मज स्व. श्री चुनकाईलाल सिंह ग्राम-खचवा ग्राम पंचायत बछाड़ एवं श्री बृजलाल प्रजापति आत्मज श्री रामखेलावन प्रजापति ग्राम पथरौड़ा पोस्ट जवा जिला रीवा की आकस्मिक मृत्यु हुई है। उपरोक्त दोनों घातक विद्युत दुर्घटनाओं में मृत दोनों व्यक्तियों के निकटतम वारिस/परिजनों को नियमानुसार आर्थिक सहायता अनुदान राशि रू. 4 लाख का भुगतान किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सड़कों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 2837 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन संभाग में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि की कितनी कि.मी. की सड़कों को स्वीकृति दी? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त प्रस्ताव को बजट में शामिल या निर्माण कार्य करने हेतु विभाग द्वारा प्रस्ताव मांगे गए या प्रश्नकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पत्र भेजे गए हैं? हाँ तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी राशि की कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? कितनी शेष हैं, क्या बजट में शामिल की गई हैं? (ग) कसरावद वि.स. की कितनी सड़कें क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं? क्या इन सड़कों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है? हाँ तो बताएं एवं किन-किन सड़कों के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बजट में कब-कब सम्मिलित किए गए एवं किन पर विभागीय स्तर पर स्वीकृति दी गई है तथा प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब कितने-कितने पत्र किन-किन निर्माण कार्य के लिए भेजे गए हैं? प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या कसरावद से पीपलगोन मार्ग को ध्वस्त एवं क्षतिग्रस्त घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसे बजट में शामिल किया गया है? हाँ तो बताए नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) स्वीकृत सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गई कार्रवाई का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'स-1' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मुख्य बजट वर्ष 2022-23 के मद क्रमांक 11 एवं सरल क्रमांक 33 पर सम्मिलित है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
करही-पाडल्या पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 1772 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद करही-पाडल्या की पेयजल योजना स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो उसकी लागत क्या है? कार्य आदेश कब दिया गया था तथा पूर्ण होने का समय कब था? (ग) क्या योजना पूर्ण हो गई है? अगर हुई है तो कब? यदि नहीं हुई है तो क्या कारण हैं? (घ) संबंधित ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्माण एवं संचालन संधारण सहित लागत रू. 23.52 करोड़ है। कार्य आदेश दिनांक 28.12.2016 को संविदाकार को दिया गया था। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने का समय दिनांक 05.08.2019 था। (ग) जी नहीं। कोविड-19 महामारी फैलने, संविदाकार द्वारा पर्याप्त मजदूर एवं मशीन न लगाये जाने से विलंब हुआ है। (घ) संविदाकार द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण काली सूची में भी रखा गया था एवं उसके चल देयक के भुगतान समय क्षति पूर्ति राशि रोकी गयी है।
निशातपुरा पन्ना नगर आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 2166 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निशातपुरा पन्ना नगर बैरसिया रोड भोपाल आवासीय योजना के अंतर्गत वर्ष 2010 से आज दिनांक तक ऐसे आवेदकों को मंडल द्वारा भूखण्ड/आवास क्यों नहीं दिये गये? इन आवेदकों द्वारा आवास/भूखण्ड के संबंध में कब-कब मांग की गई? मंडल इन्हें आवास/भूखण्ड उपलब्ध कराने की कार्यवाही करेगा? कितने हितग्राहियों का पैसा कब से और कितना जमा है? यदि उनके द्वारा राशि वापस ली जाती है तो आज दिनांक तक उन्हें मूल राशि तथा ब्याज सहित कितनी राशि का भुगतान गृह निर्माण मंडल द्वारा किया जायेगा? (ख) क्या मंडल द्वारा उक्त आवेदकों को भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत भूखण्ड/आवास किसी अन्य प्रोजेक्ट में रियायती दर पर उपलब्ध कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो प्रोजेक्ट निरस्त किये जाने के कारण जिन आवंटितियों ने अपने गाढ़ी कमाई की राशि प्रोजेक्ट में लगाई थी, उन्हें आर्थिक नुकसान और वर्तमान में बढ़ी दर पर भूखंड क्रय का भार क्यों दिया जा रहा है? क्या विभाग के अन्य प्रोजेक्ट में रियायती दर पर भूखण्ड दिलाये जायेंगे? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आवेदकों को निशातपुरा पन्ना नगर बैरसिया रोड की भूमि पर प्रस्तावित आवासीय योजना दिनांक 09.11.2012 को निरस्त होने के कारण भूखण्ड/आवास नहीं दिए गए। आवेदकों द्वारा उक्त निरस्त की गई योजना में उनके पत्र दिनांक 21.03.2013, 11.02.2015, 11.03.2015 एवं दिनांक 28.09.2015 द्वारा आवास/भूखण्ड क्रय करने की मांग की गई है। योजना निरस्त होने के कारण मण्डल द्वारा इन्हें आवास/भूखण्ड उपलब्ध कराने की कार्रवाई किया जाना संभव नहीं है। तीन हितग्राहियों की राशि मण्डल में जमा है, जिसका शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मण्डल में नियमानुसार योजना निरस्त होने की स्थिति में जमा राशि का 8 प्रतिशत ब्याज सहित राशि वापस करने का प्रावधान है। अतः कोई भार नहीं दिया जा रहा है। जी नहीं, अन्य प्रोजेक्ट में रियायती दर पर आवास/भूखण्ड दिये जाने का नियम/प्रावधान नहीं है।
मार्केट क्षेत्रों में अव्यवस्थाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 2873 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित सराफा, फुहारा, गंजीपुरा, सुपर मार्केट सहित अन्य मार्केट क्षेत्र में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी चौड़ी सड़कें हैं? कितने-कितने पार्किंग स्थल तथा शौचालय हैं? (ख) क्या उक्त क्षेत्रों में व्यापारियों एवं आमजनों को लम्बे समय से यातायात, पार्किंग, सड़कों तक दुकानें लगाये जाने से निर्मित अराजक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है? (ग) उक्त क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं हेतु नगर निगम जबलपुर तथा यातायात विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्य योजनायें बनायी गयीं? कब-कब लागू की गईं? क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए? समस्त सुसंगत दस्तावेज सदन के पटल पर रखें। (घ) उक्त क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा कब-कब ज्ञापन/शिकायत इत्यादि देकर विभिन्न समस्याओं के बारे में नगर निगम तथा जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है? उक्त संबंध में नगर निगम तथा जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर विकास योजना 2021 में मध्य क्षेत्र के सड़क मार्गों की चौड़ाई सह मापचित्र नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जारी किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सड़कें/पार्किंग स्थल/शौचालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2020 में सिटी स्ट्रीट वेण्डर प्लान तैयार किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है तथा प्रमुख मार्गों जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर दर्शित स्थानों से नगर निगम अतिक्रमण हटाने वाले दल द्वारा सड़क किनारे से अस्थाई अतिक्रमणों एवं दुकानों को हॉकर जोन में विस्थापन एवं अन्यत्र शिफ्ट कराये जाकर यातायात को सुगम बनाया जाता है तथा मॉनिटरिंग की जाती है, जिससे यातायात को व्यवस्थित रखने तथा आमजनों की सुविधा की दृष्टि से अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। (घ) जी हाँ। नगर निगम जबलपुर में मिलौनीगंज व्यापारी संघ द्वारा दिनांक 07.12.2022 को महापौर जी को ज्ञापन दिया गया था, जिसमें आतिशबाजी दुकान के सामने अस्थाई हाथ ठेले को हटाने की मांग की गई थी, जिसे नगर निगम द्वारा ठेला हटाया गया एवं स्थल के आस-पास के क्षेत्रों में अस्थाई ठेला एवं टपरों को समय-समय पर हटाने की कार्यवाही की जाती है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राजगढ़
में रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
( क्र. 562 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले राजगढ़ में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है? (घ) यदि कार्य की स्वीकृति नहीं दी गई तो क्या कारण रहा बताने का कष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों के खेत में सोलर पम्प योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
2. ( क्र. 667 ) श्री संजय शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किसानों के खेतों में सौर ऊर्जा से चलित कृषि पम्प लगवाने के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, योजनाओं में किसानों के लिए किस योजना में क्या अनुदान है एवं क्या मापदण्ड और नियम हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) ''प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान'' (PM-KUSUM) के घटक 'ब' योजना को प्रदेश में किसानों के खेतों में सौर ऊर्जा से चलित कृषि पंप लगवाने के लिए ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के नाम से संचालित किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना कुसुम-बी'' के संबंध में अनुदान मापदंड एवं नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम हिनौता कला फीडर से जोड़ा जाना
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 717 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री महोदय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन यह बताने का कष्ट करेंगे कि जनता की मांग के आधार पर एवं मेरे पत्र की मांग अनुसार आपके द्वारा जिला दमोह के हटा ए.ई. अंतर्गत ग्राम बरखेरा कलार को मुहरई लाईन से विभक्त कर हिनौता कला फीडर में जोड़े जाने हेतु प्रमुख सचिव ऊर्जा मध्यप्रदेश को लगभग 02 वर्ष पूर्व पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) साथ ही यह बतायें कि आपके द्वारा 02 वर्ष पूर्व लिखे गये पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो कौन दोषी है? क्योंकि प्रश्न दिनांक तक फीडर विभक्तीकरण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? कब तक होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्त पत्र दिनांक 15.11.2021 के तारतम्य में मेरे पत्र दिनांक 20.12.2021 से जिला दमोह के ग्राम बरखेरा कलार को मुहरई लाईन से विभक्त कर हिनौता कला फीडर से जोड़ने के प्रस्ताव के परीक्षणोंपरांत नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु विभाग को निर्देश दिये गये थे। उक्त पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित पत्र दिनांक 20.12.2021 में दिए गए निर्देश के तारतम्य में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ग्राम बरखेरा कलार को मुहरई लाईन से विभक्त कर हिनौता कला फीडर में जोड़े जाने के प्रस्ताव का परीक्षण किया गया। परीक्षणोपरांत 11 के.व्ही. मुहरई फीडर के विभक्तिकरण का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल किया गया एवं उक्त कार्य की स्वीकृति योजनान्तर्गत प्राप्त हो चुकी है। उक्त कार्य हेतु सर्वे का कार्य पूर्ण कर प्राक्कलन तैयार किया जा चुका है। उक्त योजना में संचालन-संधारण वृत्त दमोह अन्तर्गत स्वीकृत फीडर विभक्तिकरण के कार्यों हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही के पूर्ण होने के उपरांत क्रियान्वयन एजेंसी का चयन कर उक्त कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया जावेगा। तदोपरान्त संचालन-संधारण वृत्त दमोह अन्तर्गत फीडर विभक्तिकरण के कार्य को प्रारंभ किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उपरोक्त की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 810 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) किन-किन पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन नहीं हुआ तथा क्यों इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है? पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन कब तक होग? (ग) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों के पास किस-किस योजना/मद की कितनी राशि कहां-कहां, किस-किस खाते में जमा है? उक्त राशि व्यय की क्या क्या योजना हैं? (घ) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों को किस-किस संस्था/बैंक/ठेकेदार की कितनी देनदारी है तथा 10 हजार रूपये से ज्यादा की किन-किन व्यक्ति/संस्था से किस किस योजना/मद की राशि लेना है? उक्त राशि वसूल करने हेतु क्या क्या कार्यवाही की।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
छात्र-छात्राओं हेतु शासकीय की सुविधाएं
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 811 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? योजनावार पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) रायसेन जिले के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितने-कितने छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया गया? किन-किन छात्र/छात्राओं को पात्रता के उपरांत भी छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान नहीं किया गया? (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिक के पुत्र-पुत्रियों से फीस लेने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है किन-किन शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में संबल योजना में पंजीकृत श्रमिक के पुत्र-पुत्रियों से फीस क्यों ली गई? कारण बतायें? (घ) गावं की निवासी छात्रा शहर के विद्यालय से कक्षा 12वीं प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण करती है उसको गांव की बेटी योजना अथवा प्रतिभा किरण योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जाता? कारण बतायें तथा इसमें कब तक संशोधन किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। शासकीय/अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों से फीस नहीं ली जा रही है। (घ) गांव की बेटी योजना एवं प्रतिभा किरण योजना के निर्धारित पात्रता नियमों के अनुसार लाभ प्रदान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। गांव की निवासी छात्रा यदि शहर के विद्यालय से कक्षा 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उर्त्तीण करती है तो उसे गांव की बेटी योजना का लाभ प्रदान किए जाने हेतु योजना से संबंधित पात्रता नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पी.आई.यू. द्वारा किये गए निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 1001 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा विधान सभा अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक पी.आई.यू. के माध्यम से कितने निर्माण कार्य निर्माणाधीन कार्यों की सूची प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके है की जानकारी सहित उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सूची में कार्य में उपयोग होने वाली समस्त सामग्री की टेस्ट रिपोर्ट किस अधिकारी ने किस-किस कार्य कब-कब निरीक्षण करा अधिकारी का नाम, पद निरीक्षण की टीप दिनांक सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि कार्य में कोई तकनीकी खामी है तो अधिकारी द्वारा मौखिक/लिखित में दिए गए निर्देश अधिकारों के निर्देश के बाद निर्माण एजेंसी द्वारा अधिकारी के निर्देश के पालन में कब-कब, क्या कार्य कराये उसकी जानकारी कार्य अनुसार उपलब्ध कराएं? (घ) क्या विभाग द्वारा कार्यों की प्रगति समय-समय पर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाई गई? यदि हाँ, तो दिनांक सहित बतायें यदि नहीं तो क्या कारण रहा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, मौखिक निर्देशानुसार समय-समय पर चाही गई जानकारी तत्समय उपलब्ध कराई गई है, पत्र के माध्यम से जानकारी नहीं दिये जाने के कारण दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका परिषद् की सीमा का विस्तार
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 1007 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् बीना की सीमा के विस्तार के लिए आस-पास के ग्रामों को नगर पालिका में जोड़ा जा सकता है? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा इस संबंध में कोई कार्ययोजना बनाई है तो उपलब्ध कराये? (ख) नगर पालिका परिषद् बीना का विस्तार किस नियम के अन्तर्गत किया जायेगा? जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) नगर पालिका परिषद् बीना का विस्तार कब तक कर दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार समय-सीमा बताने का कष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) नगरीय निकायों की सीमावृद्धि के प्रावधान म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन विद्युत सब स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 1008 ) श्री महेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत देहरी, सेमरखेडी, निवोदा, अगासोद इत्यादि ऐसे कई ग्राम है जहां विद्युत वोल्टेज की समस्या है जिससे किसानों को परेशानी हो रही है क्या ऐसे ग्रामों की समस्या के निदान हेतु नवीन विद्युत सब स्टेशन बनाये जा सकते हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब तक नवीन विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत कर दिये जायेंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम है जहां विद्युत वोल्टेज की समस्या है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार समय-सीमा बताने का कष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में विद्युत वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में ग्राम आगासोद में कोविड अस्पताल के पास नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र स्वीकृत किया गया है, जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों को छोड़कर विद्युत वोल्टेज की समस्या के संबंध में अन्य किसी ग्राम से म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के संबंधित कार्यालयों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार ग्राम आगासोद में नवीन 33/11 के.व्ही.विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत कर दिया गया है।
नगर पालिक निगम द्वारा घटिया रोड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 1124 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम इंदौर के द्वारा एमजी रोड के चौड़ीकरण और नव निर्माण का कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कार्य को कितने दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है? (ख) कार्य की स्वीकृति कब दी गयी? किस कंपनी द्वारा कार्य किया जायेगा, कितने समय में कार्य पूर्ण करना है? क्या कार्य पूर्ण करने में विलम्ब हुआ है? हाँ या नही? यदि हाँ, तो कार्य निश्चित अवधि में पूरा नहीं होने के कारण ठेकेदार पर कोई पेनल्टी लगाई गई है? यदि हाँ, तो अब तक कितना जुर्माना लगाया गया है? (ग) सड़क के निर्माण की गुणवत्ता के लिए कोई कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कंसल्टेंट द्वारा घटिया निर्माण के लिए क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कंसल्टेंट क्यों नियुक्त नहीं किया गया? (घ) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अंतर्गत इन्दौर शहर में निर्मित की गई सड़कों में सभी स्थानों पर ड्रेनेज व पानी की लाईन डाली जा चुकी है? हाँ या नही? क्या कई स्थानों पर उक्त दोनों कार्य अधूरे पड़े हैं? यदि हाँ, तो कब तक ड्रेनेज/पानी की लाईन डाली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। महात्मा गांधी सड़क बडागणपति से कृष्णपुरा पुल तक सड़क का निर्माण स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत शुरू किया गया है। कार्य को 9 (नौ) माह में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया था। (ख) दिनांक 11.02.2022 को कार्य की स्वीकृति दी गई है। कार्य मेसर्स तीर्थ गोपीकॉन प्रायवेट लिमिटेड द्वारा किया जाना है। कार्य को 9 (नौ) माह में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया था। जी हाँ, विलंब हुआ है। विलंब ठेकेदार स्तर से न होकर नगर निगम स्तर के सड़क निर्माण में बाधक भवन/संरचनाओं को हटाने के कारण हुआ है। ठेकेदार पर वर्तमान दिनांक तक कोई पेनाल्टी नहीं लगाई गयी है। शेषांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। स्मार्ट सिटी SPV में तकनीकी अमला पदस्थ होने से पृथक से कंसलटेंट नियुक्त नहीं किया गया है। शेषांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जयरामपुर से गौराकुंड सड़क तथा गंगवाल बस स्टैण्ड से मच्छी बाजार चौराहे तक सड़क निर्माण के कुछ भाग में बाधक धर्म स्थल होने के कारण ड्रेनेज लाईन का कार्य नहीं किया जा सका है। सड़क निर्माण में बाधक धर्मस्थल के हटने के पश्चात ड्रेनेज तथा पानी की लाईन डाली जा सकती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध निर्माण का निरीक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 1125 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व तारांकित प्रश्न क्रमांक 14 दिनांक 22 दिसम्बर 2022 क्र 112 अनुसार नगर पालिक निगम द्वारा जानकारी भेजी जा चुकी है? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो विभाग द्वारा? पूर्व प्रश्न अनुसार नगरीय प्रशासन विभाग/निगम इन्दौर द्वारा सदन को समय पर क्यों जानकारी नहीं भेजी गई? कारण स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कंपाउंडिंग के आवेदन निगम को प्राप्त हुये? कितनी राशि प्राप्त हुई भवनों की सूची सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये कंपाउंडिंग हेतु प्राप्त आवेदनों पर कब-कब, कितने अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण का निरीक्षण किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भवन निर्माण कि स्वीकृति होने के बाद भवन अधिकारी/भवन निरीक्षक द्वारा निर्मित भवन का निरीक्षण किया जाता है? हाँ या नहीं यदि? हाँ तो कम्पाउंडिंग के लिये प्राप्त आवेदनों में अवैध निर्माण के लिये कौन दोषी हैं? (घ) क्या अधिकारियों द्वारा भवन निर्माण पश्चात कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं तो बगैर पूर्णता प्रमाण पत्र के कार्यों को पूर्ण कर अवैध निर्माणकर्ता व अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कि जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, जानकारी संकलन में समय लगने से विलंब हुआ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कम्पाउंडिंग हेतु प्राप्त आवेदनों एवं एकत्रित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगर निगम इन्दौर के 19 जोन क्षेत्र में पदस्थ भवन निरीक्षक व भवन अधिकारियों द्वारा लगातार प्रक्रिया के अंतर्गत कम्पाउंडिंग के प्रकरणों का निरीक्षण किया गया। (ग) जी हाँ, अवैध निर्माण पाये जाने पर अवैध निर्माण की जानकारी के साथ सूचना पत्र दिये जाते हैं। भवन निर्माता द्वारा अवैध निर्माण किये जाने से नियमानुसार सूचना पत्र दिये जाकर अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही की जाती है। (घ) जी हाँ, भवन निर्माता द्वारा भवन का निर्माण पूर्ण करने पर आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर निरीक्षण उपरांत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाइन बिल जमा करने की सुविधा
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 1136 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. सागर द्वारा उपभोक्ताओं को हार्ड कापी में बिल प्रदान करना बंद कर दिया गया है एवं मोबाईल मैसेज द्वारा बिल राशि जमा कराये जान हेतु सूचित किया जाता है, जिन उपभोक्ताओं के पास मोबाईल सुविधा/ज्ञान नहीं है तो ऐसे उपभोक्ताओं के लिये क्या कोई नियमावली जारी की गई है? यदि नहीं तो क्या शासन इस पर विचार करेगा तथा कब तक? (ख) क्या विद्युत उपभोक्ताओं को ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से बिल की राशि जमा कराये जाने हेतु बाध्य किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त कमीशन दिये जाने का भार वहन करना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इनके निदान हेतु ऑनलाईन बिल राशि जमा कराये जाने हेतु वार्डवार ए.जे.पी. मशीन स्थापित करायेगा तथा कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या ऑनलाइन बिल जमा करने की एवं केश काउंटर पूर्ण रूप से बंद करने की पद्धति सिर्फ म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. सागर द्वारा प्रचलन में है या प्रदेश की अन्य विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा भी अमल में लाई जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, तथापि ऐसे विद्युत उपभोक्ता जिनके पास मोबाइल सुविधा/ज्ञान नहीं है, उन्हें एमपी ऑनलाईन/कियोस्क के माध्यम से पुराना बिल या सर्विस क्रमांक (आईवीआरएस नं.) बताकर बिल की राशि जमा कराये जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उपरोक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ख) जी नहीं। विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा आनलाईन प्रक्रिया यथा फोन-पे, पेटीएम, बिल डेस्क, अमेजन पे, गूगल-पे, एमपी ऑनलाईन/कियोस्क एवं NEFT/RTGS के माध्यम से विद्युत बिल की राशि जमा कराने पर उपभोक्ताओं को कोई भी अतिरिक्त राशि कमीशन के रूप में नहीं देनी पड़ती। ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से विद्युत बिल की राशि जमा कराने की सुविधा पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। साथ ही एम.पी. ऑनलाईन/कियोस्क एवं ए.टी.पी. मशीन के माध्यम से बिल की राशि नगद जमा करने की भी सुविधा प्रदान की गई है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रमुख स्थलों पर एटीपी मशीन स्थापित की गई है। वर्तमान में विद्युत बिल जमा कराये जाने हेतु पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है अत: इसमें विस्तार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। तथापि इस संबंध में भविष्य में आवश्यकतानुसार आंकलन कर निर्णय लिया जावेगा। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में उपभोक्ताओं को ऑनलाईन प्रक्रिया के साथ-साथ नगद बिल जमा करने की भी सुविधा प्रदान की गई है। उक्त व्यवस्था प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रचलित है। उक्त के अतिरिक्त म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में बिल की राशि नगद जमा करने हेतु कैश काउन्टर की सुविधा भी प्रचलन में है।
शिवपुरी में पार्क निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 1295 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगरपरिषद कोलारस एवं रन्नौद में कुल कितने-कितने पार्क बने हुए हैं? यदि पार्क का निर्माण नहीं हुआ है तो क्या कोलारस एवं रन्नौद में पार्क निर्माण हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है? पार्क निर्माण की स्वीकृति हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगरपरिषद कोलारस एवं रन्नौद द्वारा पार्क निर्माण की स्वीकृति की मांग का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है? यदि हाँ, तो पत्र उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो क्यों? सकारण उत्तर दें। क्या नगरों में आमजन हेतु पार्क निर्माण की आवश्यकता नहीं है? यदि है तो कब तक नगरपरिषद कोलारस तथा रन्नौद में पार्क निर्माण की स्वीकृति प्रदाय कर दी जाएगी? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद कोलारस में 2 पार्क बने हुए है जबकि नगर परिषद रन्नौद में कोई पार्क नहीं है। अमृत 2.0 योजनान्तर्गत दोनों निकायों में 1-1 पार्क स्वीकृत है जिसके लिए रन्नौद नगर परिषद में पानी की टंकी के पास भूमि उपलब्ध है और कोलारस नगर परिषद को कलेक्टर द्वारा 1.495 हेक्टेयर भूमि का आवंटन पार्क हेतु कर दिया गया है। दोनों ही निकायों में पार्क की योजना की डी.पी.आर. तैयार कराई जा रही है। (ख) अमृत 2.0 की गाइड-लाइन अनुसार शासन द्वारा नगर परिषद रन्नौद में पार्क निर्माण हेतु राशि रू.17.00 लाख एवं नगर परिषद कोलारस में राशि रू. 27.00 लाख की कार्य योजना प्रावधानित है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मधुसूदनगढ़ में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
13. ( क्र. 1339 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मधुसूदनगढ़ में महाविद्यालय प्रारंभ करने की क्या योजना हैं? (ख) चांचौड़ा महाविद्यालय के रख-रखाव हेतु वर्ष 2020 से आज तक कितनी राशि प्रदान की गई? (ग) इस राशि के खर्च का मद अनुसार विवरण प्रदान करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में मधुसूदनगढ़ में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, बीनागंज चाचौड़ा एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय, चाचौड़ा को आज दिनांक तक रख-रखाव हेतु पृथक-पृथक राशि रूपये 5.00 लाख स्वीकृत की गई है। (ग) आवंटित राशि के व्यय का विवरण- (1) महिला शौचालय निर्माण रूपये 80,230.00 (2) खिड़कियों का निर्माण रूपये 3,78,920.00 (3) फ्लोर निर्माण द्वितीय तल रूपये 41,120.00
अनियमित ढंग से राशि व्यय करने वालों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1365 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नगर पालिक निगम शहडोल एवं नगर पंचायतों व नगर परिषदों को कब-कब कितनी-कितनी राशि किन-किन मदों से किन-किन कार्यों हेतु वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में प्रदान की गई का विवरण पृथक-पृथक नगरीय निकायवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशियों का उपयोग किन-किन कार्यों हेतु कब-कब किया गया? कार्यादेश किन संविदाकारों को दिये गये कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों में संविदाकारों को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया, भुगतान के पूर्व कार्यों का सत्यापन व गुणवत्ता की जांच कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई की जानकारी तिथिवार देवें। यह भी बतावें कि क्या भुगतान मौके के कार्य अनुसार किये गये अथवा कम कार्य पर ज्यादा भुगतान तो नहीं हुआ? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत राशि का उपयोग प्रश्नांश (ख) के कार्यों में न कर नियम से हटकर दूसरे कार्यों में राशि व्यय की गई, कार्य प्रश्नांश (ग) अनुसार समय पर पूरे नहीं किये गये राशि का भुगतान कम कार्य पर ज्यादा किया गया, इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शहडोल जिले की 07 नगरीय निकाय (शहडोल, धनपुरी, बुढार, बकहो, जयसिंहनगर, ब्यौहारी एवं खाण्ड) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 1379 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के माननीय मुख्यमत्री महोदय को प्रेषित पत्र के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पत्र पंजीयन क्रमांक 611/CMS/MLA/162/2023 दिनांक 23.01.2023 के माध्यम से ACS/PS/Secretary से नगरीय विकास एवं आवास विभाग को प्रेषित किया गया है? हाँ तो जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या राजगढ़ स्थित स्टेडियम में क्या-क्या खेल गतिविधि/शासकीय कार्यक्रम संचालित होते हैं? जानकारी दें। क्या वर्तमान समय में स्टेडियम में समस्त गतिविधियां/शासकीय कार्यक्रम हेतु पर्याप्त सुविधायें हैं? जानकारी दें। राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओं हेतु क्या शासन स्टेडियम के उन्नयन हेतु कोई कार्य योजना बनाकर आवश्यक राशि स्वीकृत करेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। विशेष निधि मद में वर्तमान में बजट की राशि शेष न होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। राजगढ़ नगर स्थित स्टेडियम में शासकीय कार्यक्रम जैसे-गणतंत्र दिवस समारोह, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह, स्थानीय निर्वाचन, लोकसभा निर्वाचन, विधानसभा निर्वाचन तथा जिला शिक्षा विभाग, क्रीडा विभाग एवं स्थानीय अशासकीय संस्थानों द्वारा समय-समय पर खेलकूद कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर कि खेल सुविधा हेतु कार्ययोजना निकाय स्तर से नहीं बनाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भवन को तोड़े जाने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 1401 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के चिचोली में शासकीय चिकित्सालय के भवन को बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के तोड़ेने वालों के विरूद्ध विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई अपराधिक प्रकरण क्यों दर्ज नहीं करवाया? (ख) चिचोली में चिकित्सालय का भवन कब और किसके द्वारा तोड़ा गया, भवन को तोड़े जाने की अनुमति दिए जाने का अधिकार किसके पास था? उस अधिकारी ने भवन तोड़े जाने की अनुमति किस दिनांक को दी? (ग) भवन तोड़े जाने के दिनांक से पूर्व 5 वर्षों में भवन की मरम्मत एवं निर्माण पर किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि खर्च की गई थी? (घ) भवन तोड़े जाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण रहा हैं? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बैतूल जिले के चिचोली में शासकीय चिकित्सालय भवन विभाग द्वारा नहीं तोड़ा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी भूमि पर मार्ग निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 1402 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग और विभाग के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं, संगठनों, निगम आदि के द्वारा किस-किस योजना के तहत निर्मित की जाने वाली सड़कों में आने वाली किन-किन निजी सम्पत्तियों का विधिवत अर्जन किया जाकर निर्माण किया जा सकता है? किन-किन सड़कों के लिए निजी सम्पत्तियों के अर्जन का प्रावधान नहीं है? (ख) भोपाल नगर निगम सीमा में गत पांच वर्षों में किस-किस सड़क के लिए कितनी-कितनी निजी सम्पत्तियों का चयन किया गया? उनमें से कितनी सम्पत्तियों के भू-अर्जन का प्रकरण किस दिनांक को कलेक्टर भोपाल के समक्ष प्रस्तुत किया? किस-किस सड़क के निर्माण में आने वाली निजी सम्पत्तियों के स्वामियों को सूचना पत्र जारी किए पृथक-पृथक बतावें? (ग) किस-किस सड़क निर्माण हेतु निजी सम्पत्तियों के मालिकों को सूचना पत्र दिए जाकर अन्य क्या-क्या विकल्प प्रस्तावित किए गए हैं? यह विकल्प किस कानून की किस धारा के अनुसार प्रस्तावित किए गए हैं? (घ) निजी सम्पत्तियों का विधिवत अर्जन किए बिना नगरीय सीमाओं में किए जा रहे सड़क निर्माण कार्यों के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सीवरेज योजना में गड़बड़ी की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1443 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस शहर में कितनी लागत से सीवरेज का कार्य चल रहा है या पूर्ण हो गया है? शहर का नाम, कार्य प्रारंभ की दिनांक, कितने मकानों को सीवर लाइन से जोड़ने का प्रावधान, अभी तक कितनों को जोड़ा गया? कार्य की अद्यतन स्थिति कंसलटेंट का नाम, भुगतान राशि, ठेकेदार का नाम तथा पता, भुगतान की गई राशि का दिनांकवार विवरण सहित सूची देवें? (ख) सीवरेज योजना में कार्य के प्रमुख घटक क्या हैं तथा विभिन्न शहरों में कंसल्टेंट द्वारा घटक अनुसार बनाये गयी डी.पी.आर. के ईस्टीमेट में सभी घटकों का औसत खर्च समान क्यों नहीं है तथा डी.पी.आर. में दिये आंकड़ों का परीक्षण तथा सत्यापन किसके द्वारा कैसे किया जाता है? इंदौर नगर निगम की सीवरेज प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. की प्रति देवें। (ग) ठेकेदार द्वारा काम अनुबंध के अनुसार पाईप, सीमेंट, पंप इत्यादि उपयोग में लिये या नहीं, इसका परीक्षण किन दस्तावेज से कैसे किया जाता है? क्या ठेकेदार खरीदे गये पाइप, सीमेंट, पंप आदि के बिल विभाग को देता है या नहीं? (घ) डी.पी.आर. में उल्लेखित पाइप की लंबाई अनुसार ठेकेदार को भुगतान किया जाता है या उपयोग की वास्तविक लंबाई अनुसार भुगतान किया जाता है? (ड.) सीवरेज परियोजना में डी.पी.आर. में घरों के सीवरेज के आउट फ्लो से सीवर लाइन को जोड़ने या इन फ्लो से जोड़ना का प्रावधान है? शहर अनुसार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) सीवरेज परियोजना के कार्य के प्रमुख घटक हाउस सर्विस कनेक्शन, चेम्बर, मैनहोल, सीवेरज नेटवर्क, आउटफाल ट्रैपिंग, रोड रेस्टोरेशन, पंपिग स्टेशन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट इत्यादि हैं। डी.पी.आर. तैयार करते समय वास्तविक आवश्यकता एवं स्थल की परिस्थितियों के अनुसार घटकों का आकलन किया जाता है, जिसके कारण विभिन्न शहरों में घटकों का औसत खर्च समान नहीं होता है। संबंधित नगरीय निकाय के सलाहकार द्वारा सर्वे उपरांत डी.पी.आर. तैयार की जाकर एवं नगरीय निकाय के इंजीनियर्स द्वारा परीक्षण किया जाकर, योजना के प्रावधानों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की जाती है। इंदौर सीवरेज प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) ठेकेदार द्वारा सामग्री क्रय जाने के पूर्व क्वालिटी एश्योरेन्स प्लान स्वीकृत किया जाता है। जिसके क्रम में थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन संपादित कर, सामग्री की गुणवत्ता एवं क्वांटिटी सुनिश्चित की जाती है। अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा खरीदे गये पाईप, सीमेंट, पंप आदि के बिल विभाग को दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) ठेकेदार को किये गये वास्तविक कार्य की लंबाई के आधार पर भुगतान किया जाता है। (ड.) विभिन्न शहरों में सीवरेज परियोजनाओं के डी.पी.आर. में घरों के सीवरेज को हाउस कनेक्शन के माध्यम से सीवर लाईन जोड़ने का प्रावधान है। शहरों में स्थल की उपलब्धता एवं परिस्थिति के अनुसार मकानों के सेप्टिक टैंकों के आउटफ्लो अथवा इनफ्लो को सीवर लाईन से जोड़ा जाता है।
गुणवत्ताविहीन सीवरेज कार्य की उच्च स्तरीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1463 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम मुरैना सीवरेज प्रोजेक्ट की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की कब जारी की गई? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृतियों की प्रतियां सहित जानकारी देवें? (ख) सीवर प्रोजेक्ट मुरैना में निर्माण एजेंसी से अगस्त 2016 में अनुबंध किया गया तथा 24 माह में कार्य पूर्ण करना था यदि हाँ, तो समय-सीमा निकलने के 6 वर्षों बाद भी प्रश्न दिनांक तक सीवरेज कार्य पूर्ण क्यों नहीं कराया गया तथा कार्य की अवधि बार-बार क्यों बढ़ाई गई? निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड क्यों नहीं किया गया? कारण सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार पूर्व एम.आई.सी. न.पा.नि. मुरैना द्वारा समय अवधि में कार्य पूर्ण न होने पर प्रोजेक्ट कंपनी मैसर्स स्टैण्ड इन्फ्राटेक इण्डिया प्रा.लि. हैदराबाद पर 50 लाख का जुर्माना लगाया था उसका भुगतान बिना एम.आई.सी. की मीटिंग किये कर दिया क्यों? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रश्नांश दिनांक तक नहीं की गई क्यों? या कब तक की जायेगी? (घ) सीवरेज प्रोजेक्ट में हाउस सर्विस चेम्बर बनाकर कनेक्शन देने का प्रावधान हैं लेकिन सीवर कनेक्शन के पाईप सीधे लाइन से जोड़ दिए गए तथा निर्माण एजेंसी को 7976 हाउस चैम्बरों का निर्माण किए बिना निगम द्वारा भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे? (ड.) मुरैना निगम में गुणवत्ताविहीन कार्य किए गए सीवरेज प्रोजेक्ट की कब तक उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी तथा एस्टीमेट अनुसार कार्य नहीं करने बिना भौतिक सत्यापन किए मूल्यांकन करा कर, कार्य का भुगतान करने के दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत मिशन के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार नगर पालिक निगम, मुरैना की सीवेरज परियोजना लागत राशि रूपये 125.00 करोड़ का तकनीकी अप्रेजल राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एस.एल.टी.सी.) की बैठक दिनांक 08.02.2016 एवं प्रशासकीय अनुमोदन राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति (एच.एस.पी.एस.सी.) की बैठक दिनांक 15.02.2016 में किया गया। कार्यवाही विवरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, तकनीकी एवं प्रशासकीय कारणों के अलावा कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण परियोजना के क्रियान्वयन में अतिरिक्त समय लगा, इसलिये कार्य की अतिरिक्त समयावधि दिनांक 31.12.2021 तक बढ़ाई गई। अंतिम समयावधि अंतर्गत कार्य पूर्ण कर लिये जाने के कारण, निर्माण एजेन्सी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सीवरेज प्रोजेक्ट में हाउस सर्विस चैम्बर बनाकर कनेक्शन देने का प्रावधान है, जिसके विरूद्ध ठेकेदार द्वारा 7638 हाउस सर्विस चैम्बर का निर्माण कराया गया है तथा निर्मित कराये गये 7638 हाउस सर्विस चैम्बर का ही भुगतान हेतु मूल्यांकन किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन का कार्य शासन द्वारा नियुक्त परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) द्वारा किया गया है एवं नगर निगम के यंत्रियों द्वारा भी समय-समय पर निरीक्षण/परीक्षण किया गया। यह कहना सही नहीं होगा कि मुरैना नगर निगम में सीवरेज प्रोजेक्ट का गुणवत्ताहीन कार्य कराया गया है अथवा ऐस्टीमेंट अनुसार कार्य नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय विभागों पर बकाया बिल एवं वसूली
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 1618 ) श्री
आरिफ मसूद : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड का भोपाल
जिले के कई
शासकीय
विभागों के
भवन/कार्यालयों
पर बिजली बिल
बकाया हैं? यदि हाँ, तो
कितना-कितना
बिल बकाया है
राशि सहित
विभागवार
घरेलू एवं गैर
घरेलू
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या यह
कहना सही है
कि कंपनी को
नगर पालिक
निगम भोपाल से
स्ट्रीट
लाइट का बिल
भुगतान नहीं
हो रहा हैं यदि
हाँ, तो
वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक नगर
निगम द्वारा
कितनी राशि का
भुगतान हुआ
तथा कितनी
राशि बकाया
हैं? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) परिप्रेक्ष्य
में क्या
कंपनी का
भोपाल जिला
पुलिस बल तथा
भोपाल स्थित 7वीं वाहिनी, 23वीं
वाहिनी एवं 25वीं
वाहिनी पर बिल
बकाया हैं? यदि हाँ, तो वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक
कितनी राशि का
भुगतान
प्राप्त हुआ
तथा कितनी
राशि बकाया
हैं। (घ) प्रश्नांश
(ग) के परिप्रेक्ष्य
में बिजली बिल
भुगतान न हो
पाने अथवा
बकाया रहने की
दशा में वसूली
के क्या-क्या
नियम हैं तथा
किस-किस तरीके
से वसूली की
जा सकती हैं? नियम सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड की भोपाल
जिले के
अंतर्गत
शासकीय विभागों
के
भवनों/कार्यालयों
के कुल 4117
विद्युत
कनेक्शनों
पर प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
विद्युत बिल
की कुल बकाया
राशि रू. 5515.24
लाख है। प्रश्नाधीन
घरेलू एवं गैर
घरेलू सहित
अन्य उपयोग
के उक्त
कनेक्शनों
पर बकाया राशि
का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख)
नगर
पालिका निगम
भोपाल द्वारा
सड़क बत्ती
के विद्युत
संयोजन हेतु
म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को भुगतान किया
जा रहा है। वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक नगर
पालिका निगम, भोपाल
द्वारा सड़क
बत्ती से संबंधित
विद्युत
बिलों की कुल
राशि रू. 1677.86
लाख का भुगतान
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को किया गया है
तथा प्रश्न
दिनांक तक की
स्थिति में
नगर पालिका
निगम पर विद्युत
बिलों की कुल
राशि रू. 617.93
लाख बकाया है।
(ग) जी
हाँ। वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक
जिला पुलिस बल, 7वीं
वाहिनी,
23वीं
वाहिनी एवं 25वीं
वाहिनी के
विद्युत
कनेक्शनों
से संबंधित
विद्युत बिल
की राशि रू. 309.87 लाख का
भुगतान
प्राप्त हुआ
तथा विद्युत
बिल की राशि
रू. 59.72 लाख
बकाया है। (घ) विद्युत
बिल की राशि
का भुगतान
नहीं हो पाने
अथवा बकाया
रहने की दशा
में ''विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021''
के
अध्याय-9 ''भुगतान
एवं संयोजन
विच्छेद'' में दिए गए
प्रावधानों
अनुसार कनेक्शन
विच्छेदित
कर वसूली की
जा सकती है, जिसकी
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इसके
अतिरिक्त
ड्यूज रिकवरी
एक्ट के
प्रावधानों
के तहत भी
वसूली की जाती
है, जिसके
संबंधित
प्रावधानों
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
सागर नगर में ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 1665 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या RRRDS योजनांतर्गत सागर नगर में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्थापित ट्रांसफार्मरों पर अतिरिक्त भार होने के कारण कम वोल्टेज की समस्या बनी हुई है? यदि हाँ, तो इनके निदान हेतु विभाग द्वारा क्या नीति निर्धारित की गई है? (ख) क्या सागर विधानसभा में कम वोल्टेज की समस्या के निदान हेतु नये ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कितने और कहाँ-कहाँ ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाना है? यह कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत (आर.आर.आर.डी.एस.योजना नहीं) सागर नगर में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई भी ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया गया है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) सागर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व से स्थापित अतिभारित वितरण ट्रांसफॉर्मरों एवं कतिपय जगहों पर कम वोल्टेज की समस्या के निदान हेतु नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-मॉडनाईजेशन में प्रस्तावित किए गए है। उक्त द्वितीय चरण हेतु प्रस्तावित कार्यों का GIS सर्वे म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। सर्वे कार्य एवं केन्द्र शासन से योजनांतर्गत द्वितीय चरण की स्वीकृति उपरांत, उक्त कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत क्रियान्वयन एजेंसी का चयन कर कार्यादेश जारी किया जायेगा। तदुपरांत चयनित एजेंसी द्वारा उक्त कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्धारित अवधि में पूर्ण किये जाएंगे। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कार्य का स्थान एवं कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
22. ( क्र. 1733 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अन्तर्गत कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? उक्त महाविद्यालयों में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की महाविद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) शासकीय महाविद्यालय नटेरन एवं शासकीय महाविद्यालय शमशाबाद में नियमित पदस्थापना के कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी देवें। स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने भरे एवं रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) शासकीय महाविद्यालय शमशाबाद एवं नटेरन में गणित एवं विज्ञान संकाय संचालित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक संचालित किये जावेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विदिशा जिला अंतर्गत कुल 10 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, शमशाबाद एवं नटेरन में गणित एवं विज्ञान संकाय संचालित करने के संबंध में संचालनालय, उच्च शिक्षा के आदेश दिनांक 14.07.2022 द्वारा प्रावधान किया गया है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालयों की मान्यता
[आयुष]
23. ( क्र. 1809 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय हैं? कृपया नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या सभी शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालयों को सी.सी.आई.एम. द्वारा मान्यता प्राप्त है? क्या सी.सी.आई.एम. द्वारा प्रदेश के कुछ महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त कर दी गयी थी? कृपया ऐसे महाविद्यालयों के नाम सहित मान्यता समाप्त करने के कारण बतायें? वर्तमान में मान्यता की क्या स्थिति है? (ग) बालाघाट जिले में नवीन शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने पर शासन विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक की गयी कार्यवाही से अवगत करावें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) प्रदेश में कुल 07 शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। वर्तमान में सभी को मान्यता प्राप्त है। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव पर वित्त विभाग के अनुमोदन की कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन।
कार्यपालन यंत्रियों को प्रभार
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 1810 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कार्यपालन यंत्रियों के रिक्त पदों पर प्रभार देने हेतु क्या मापदंड अपनाये जाते हैं? क्या सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्रियों का प्रभार देते समय उनके वरियत क्रम की अनदेखी करते हुए अपने चहेते सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्रियों के प्रभार दें दिये गये हैं? (ख) क्या शासन सहायक यंत्रियों की वरीयता अनुसार ही कार्यपालन यंत्रियों के प्रभार देना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रदेश में वर्तमान में ऐसे कितने सहायक यंत्री हैं जो कनिष्ठ होने के बावजूद कार्यपालन यंत्री के प्रभार में हैं? कृपया ऐसे सहायक यंत्रियों के नाम तथा पदस्थ स्थान की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) रिक्त पदों पर प्रभार देने हेतु विभाग के पास क्या सामान्य प्रशासन की कई गाइड-लाइन हैं? यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए गाइड-लाइन के विपरीत प्रभार देने के लिए अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संभाग के अंतर्गत पदस्थ वरिष्ठतम सहायक यंत्री को प्रभार सौंपा जाता है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। सामान्यत: वरिष्ठता अनुसार प्रभार दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट – 'अ' अनुसार है। (घ) इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष-2021 की कण्डिका– 51 में संक्षिप्त उल्लेख है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट – 'ब' अनुसार है। उक्त नीति का पालन किये जाने से किसी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 1914 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, भोपाल द्वारा बाई का बगीचा जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु लोकनिर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर को कब निर्माण (कार्य) एजेंसी बनाया है। इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत कितनी हैं? (ख) प्रश्नांकित सामुदायिक भवन निर्माण हेतु अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, भोपाल ने कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की है तथा कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की हैं एवं क्यों? शेष राशि हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) वर्तमान में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य की क्या स्थिति है। इसका कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण है एवं कितने प्रतिशत कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है एवं क्यों? इस पर कितनी राशि व्यय हुई है? ठेकेदार/निर्माण एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किया है? कब से कितनी राशि का भुगतान नहीं किया है एवं क्यों? (घ) शासन प्रश्नांकित निर्माण कार्य को पूर्ण कराने हेतु कब तक शेष राशि का आवंटन कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भूमि का मद परिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1915 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर एवं ग्राम निवेश विभाग जबलपुर को ग्राम बेतला ब.न. 52 ख.न.191/3/4 कुल रकवा 91.943 हे. में से 10,000 वर्गफुट भूमि कब किस उद्देश्य के लिये आवंटित की गई थी? भूमि का क्या उपयोग किया गया? इसके लिये कब क्या योजना बनाई हैं? (ख) क्या सिद्धबाबा लालमाटी जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु दिनांक 06/07/2019 को प्रश्नांकित भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कलेक्टर (जनजाति कार्य विभाग) जबलपुर का पत्र क्र./645/निर्माण/ज.जा.का.वि. 2019 दिनांक 12/6/2019 एवं पत्र क्र./2418/निर्माण/ज.जा.का.वि. 2019 दिनांक 24/12/2019 तथा दिनांक 18/10/2022 पर संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग भोपाल ने परिवर्तन करने हेतु कब क्या कार्यवाही की है। मद का परिवर्तन कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांकित सामुदायिक भवन का निर्माण सार्वजनिक उपयोग हेतु कराया जाना है परन्तु भूमि का मद परिवर्तन न होने से अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं कराया जा सका हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त भूमि का सार्वजनिक हित में मद परिवर्तन कराना सुनिश्चित करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्राम बेतला ब.नं. 52 ख.न. 191/3/4 कुल रकबा 91.943 हेक्टेयर में से 10,000 वर्गफुट भूमि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग जबलपुर को आवंटित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्वांरी नदी पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 1942 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा में वर्ष 2020 में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुरूप अहरोली में क्वांरी नदी पर पुल का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था जिसका निर्माण कार्य आज दिनांक तक चालू नहीं हो पाया है? निर्माण कार्य चालू न हो पाने का क्या कारण है? (ख) उक्त पुल के दोनों तरफ की सड़कों का निर्माण कार्य तो पूरा हो चुका है लेकिन पुल का निर्माण कार्य चालू न हो पाने से इन सड़कों का कोई औचित्य नहीं है पुल का निर्माण न होने से हर वर्ष तीन-चार बड़ी घटनायें घटित होती हैं जिसे लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी असंतोष है? इस पुल का निर्माण समय-सीमा में न कराये जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त समय-सीमा में पुल निर्माण कार्य में उदासीनता के लिए जिम्मेदार या संबंधित ठेकेदारों एवं अधिकारियों के प्रति उदासीनता की क्या विभागीय कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो पूरी जानकारी बतावें। यदि नहीं तो क्यों? उक्त पुल का निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पुल निर्माण कार्य बजट में शामिल न होने से प्रशासकीय स्वीकृति के अभाव में। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (क) अनुसार। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं, वर्तमान में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं।
चयन प्रक्रिया में अनियमितता की जाँच
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 1970 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत नवीन शा. बिरसा मुण्डा महाविद्यालय दिव्यगवां में किस आउटसोर्स कंपनी के द्वारा कुल कितने चयनित आउटसोर्स कर्मचारी सेवा दे रहे हैं? क्या कंपनी के द्वारा कर्मचारियों को श्रम कानून अंतर्गत पूर्ण भुगतान किया जा रहा है? क्या कलेक्टर दर भुगतान, ईपीएफ,ईएसआईसी के नियमों का पालन आउटसोर्स कंपनी के द्वारा किया जा रहा है? (ख) क्या महाविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को कंपनी के द्वारा भुगतान किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं तो भुगतान प्रक्रिया क्या अपनाई जा रही है? क्या संस्थान द्वारा प्राइवेट नियोजन अनुसूची क्रमांक 35 का नियमन पालन कराया जा रहा है या नहीं? क्या श्रम अधिनियम 1970 का पूर्णतः पालन किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं तो संबंधित संस्थान के जिम्मेदार एवं संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? क्या अनियमित आउटसोर्स कंपनी के द्वारा की गई अनियमित भर्ती को निरस्त कर नियमों के अनुरुप पुनः भर्ती की जावेगी? (ग) क्या महाविद्यालय के द्वारा चयनित आउटसोर्स एजेंसी के साथ कर्मचारी प्रदाय करने हेतु अनुबंध किया गया था? यदि हाँ, तो संस्थान के द्वारा किये गए अनुबंध संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विकासखंड जवा अंतर्गत नवीन शासकीय बिरसा मुण्डा महाविद्यालय, दिव्यगवां में गौतम सिक्योंरिटी सर्विसेस गुलफॉन कॉम्प्लेक्स कॉलेज रोड, रीवा के कुल 12 आउटसोर्स पद के विरूद्ध कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को कार्य पर रखा गया है। प्राचार्य, शासकीय आदर्श विज्ञान (अग्रणी) महाविद्यालय, रीवा द्वारा कोषालय से आहरित कर संबंधित कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के खाते में निर्धारित उपस्थिति कार्य दिवसों के अनुसार कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्राचार्य, अग्रणी महाविद्यालय, रीवा द्वारा कोषालय से आहरित कर संबंधित कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के खाते में निर्धारित उपस्थित कार्य दिवसों के अनुसार कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। जांच एवं परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
धरमकुंडी रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 2137 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमकुंडी रेलवे ओवर ब्रिज की निर्माण लागत क्या है? (ख) धरमकुंडी रेलवे ओवर ब्रिज की निर्माण प्रारंभ तिथि एवं अनुबंधित पेरा अनुसार निर्माण पूर्ण तिथि क्या है? (ग) क्या अनुबंध अनुसार निर्माण की गुणवत्ता एवं नियत तिथि पर निर्माण पूर्ण हुआ? (घ) अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण न होने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है तथा उन पर नियमानुसार क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वाणिज्य संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 2158 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली विधान सभा में शासकीय कन्या महाविद्यालय बैढ़न व शासकीय कन्या महाविद्यालय सिंगरौली में संचालित है जिसमें वाणिज्य संकाय का संचालन नहीं किया जा रहा है जिस कारण बालिकाओं को वाणिज्य संकाय की शिक्षा नहीं मिल पा रही है तो क्या म.प्र. सरकार के द्वारा सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य संकाय) का पद सृजन कर नियुक्त किया जायेगा? (ख) बालिकाओं को वाणिज्य संकाय की शिक्षा मिल सकें यदि हाँ, तो कब तक किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में शासकीय पाठ्यक्रमों के रूप में नवीन संकाय/स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ किए जाने हेतु निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जाती है। महाविद्यालय स्ववित्तीय योजना अंतर्गत मांग अनुसार स्नातक स्तर पर नवीन संकाय प्रारंभ कर सकते हैं। इस हेतु आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र दिनांक 04-02-2022 के माध्यम से समस्त शासकीय महाविद्यालयों को निर्देश/अनुमति प्रदान की जा चुकी है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
आयुर्वेद अस्पताल की स्थापना
[आयुष]
31. ( क्र. 2160 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के द्वारा सिंगरौली विधान सभा में आयुर्वेद अस्पताल खोलने की प्रक्रिया प्रस्तावित है तो क्या आयुर्वेद अस्पताल सिंगरौली की सभी प्रकार के प्रशासकीय स्वीकृति हो गयी है? यदि हाँ, तो राशि का आवंटन व निविदा (टेंडर) कब तक किया जावेगा? (ख) यदि नहीं हुई है तो कब तक स्वीकृति हो जाएगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
उज्जैन से आगर एवं गरोठ सड़क मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 2207 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन से आगर एवं उज्जैन से गरोठ सड़क मार्ग निर्माण कार्य स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है? यदि हाँ, इनकी डी.पी.आर., तकनीकी-प्रशासकीय स्वीकृति तथा कार्यादेश की प्रति देवें। इन मार्गों के निर्माण में मिट्टी, मुरम तथा अन्य खनिज का उपयोग किया जा रहा है तो इसके लिए कौन-कौन से खनिज की पूर्ति के लिए कौन-कौन से गांवों में किन-किन व्यक्तियों और फर्मों को कहाँ-कहाँ से खनिज की पूर्ति के लिए अनुमति दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों के निर्माण में कितना क्यूबीक मीटर खनिजों की आवश्यकता पडे़गी? वर्तमान में इनके लिए कितने क्यूबीक मीटर कौन-कौन से खनिजों का कितना-कितना उपयोग हो चुका है तथा शासन को इससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों का निर्माण कार्यादेश प्राप्त फर्म द्वारा ही किया जा रहा है अथवा अन्य फर्मों से पेटी कांट्रेक्ट पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों के निर्माण के निरीक्षण, परीक्षण के लिए शासन स्तर से कौन-कौन अधिकारी नियुक्त किये गये हैं? उनकी सूची मोबा.नं.सहित देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग का निर्माण कार्य लोक निर्माण के कार्य क्षेत्र अंतर्गत नहीं, यह कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधीकरण के द्वारा किया जा रहा है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 2214 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास अंतर्गत नमामि गंगे योजना से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिए आवश्यक मापदंड क्या है? (ख) माननीय प्रश्नकर्ता निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद चाकघाट टमस नदी के तट पर स्थित है, बरसात के दिनों में प्रदूषित जल लोगों के आवासीय मकानों में भी प्रवेश होने से आम जनमानस में आक्रोश की स्थिति निर्मित होती है। वर्तमान में शासन की नमामि गंगे योजना अंतर्गत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का डी.पी.आर. स्वीकृत की प्रत्याशा में विभाग में लंबित है टमस नदी का प्रदूषित जल अंत में प्रयागराज में प्रवाहित मां गंगे के जल में मिलने से गंगाजल भी प्रदूषित होता है मामला प्रदूषण शुद्धिकरण की दिशा में लोक महत्व का है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रत्युत्तर सकारात्मक होने की स्थिति में यह बताने का कष्ट करें कि नमामि गंगे योजना की प्रगति अब तक क्या है तथा यह भी स्पष्ट किया जाए कि नगर परिषद के निवासियों को उक्त पवित्र योजना का लाभ कब तक मिलेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) तमस नदी के तट पर स्थित नगर परिषद चाकघाट में बरसात के दिनों में आवासीय मकानों में प्रदूषित जल का कोई प्रवेश न होने से आम जनमानस में किसी प्रकार का आक्रोश नहीं है। संचालनालय के पत्र क्रमांक 5562, दिनांक 12.05.2022 से जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, भारत सरकार को नमामि गंगे योजना अंतर्गत नगर परिषद चाकघाट की राशि रू. 22.01 करोड़ की सीवरेज ट्रीटमेन्ट परियोजना का प्रारंभिक परियोजना प्रतिवेदन (पी.पी.आर.) प्रेषित किया गया है। पी.पी.आर. पर भारत सरकार से प्राप्त सुझाव अनुसार विस्तृ़त परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार की जा रही है। डी.पी.आर. तैयार की जाकर स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रांसफार्मर को अन्यत्र शिफ्ट किया जाना
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 2385 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र 47 खरगापुर के ग्राम सरकनपुर में एकीकृत शाला के प्रांगण में बिजली के खम्बे एवं ट्रांस्फार्मर लगा हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 666/MLA/KH/2022 दिनांक 12.09.2022 द्वारा कार्यपालन अभियंता म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जिला टीकमगढ़ को इसे अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए लिखा गया था, जिस पर आज पर्यंत कृत कार्यवाही से क्यों अवगत नहीं कराया गया है और न ही अमल किया गया है? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 17.08.2009 द्वारा माननीय संसद सदस्यों/विधायकगणों से प्राप्त पत्रों पर उत्तर अधिकतम एक माह की अवधि में अनिवार्यतः भेजे जाने के निर्देश हैं। परंतु प्रश्नांश (ख) में कृत कार्यवाही से अवगत न कराने के लिए कौन दोषी है एवं दोषी को चिन्हित कर उसके विरूद्ध कब तक कार्रवाई की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) में कथित बिजली शिफ्टिंग की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 666/MLA/KH/2022 दिनांक 12.09.2022 के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण) टीकमगढ़ द्वारा वितरण केन्द्र प्रभारी खरगापुर को ग्राम सरकनपुर में एकीकृत शाला के प्रांगण में स्थापित बिजली के खंबे एवं वितरण ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग किये जाने हेतु नियमानुसार कार्य का सर्वे कर प्राक्कलन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। तदोपरान्त वितरण केन्द्र प्रभारी खरगापुर द्वारा कार्यवाही करते हुए सर्वे किया गया एवं सर्वे उपरान्त उक्त कार्य हेतु प्राक्कलन क्रमांक 711960 दिनांक 21.02.2023 स्वीकृत किया गया है। प्राक्कलन की स्वीकृति उपरान्त उक्त कार्य हेतु राशि रू. 473885.64 का डिमांड नोट क्रमांक 64666 दिनांक 21.02.2023 जारी किया गया है। उक्त डिमांड नोट कनिष्ठ अभियंता, खरगापुर के पत्र क्रमांक/कानिअ/खरगापुर/3606 दिनांक 21.02.2023 के द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उपलब्ध कराया गया है। (ग) माननीय सांसद/विधायकगणों से प्राप्त पत्रों का उत्तर एक माह की अवधि में अनिवार्यत: भेजे जाने के निर्देश हैं। किंतु प्रश्नाधीन प्रकरण में समय-सीमा में कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रकरण में प्रथम दृष्टया वितरण केन्द्र खरगापुर प्रभारी श्री रविन्द्र जैन कनिष्ठ अभियंता खरगापुर की लापरवाही परिलक्षित होने पर कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण) टीकमगढ़ के पत्र दिनांक 21.02.2023 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (घ) प्रश्न में उल्लेखित लाईन शिफ्टिंग के कार्य को नियमानुसार प्राक्कलित राशि रू 473885.64 जमा होने के उपरांत शीघ्र पूर्ण कर दिया जावेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालय भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
35. ( क्र. 2404 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के उन्हैल में शासकीय महाविद्यालय किस वर्ष में प्रारंभ किया गया है और कौन-कौन से विषय के कितने-कितने व कुल कितने छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं? वर्तमान में महाविद्यालय किसके भवन में और कुल कितने क्षेत्रफल में संचालित है? क्या स्थान पर्याप्त नहीं होने के कारण महाविद्यालय के संचालन में किस प्रकार की कठिनाइयां आ रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार महाविद्यालय के स्वयं के भवन के लिए महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की है? क्या भवन निर्माण के लिए न्यायालय कलेक्टर उज्जैन द्वारा भूखण्ड आवंटित कराया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार बतावें कि भूखण्ड उपलब्ध होने की स्थिति में छात्र-छात्राओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश शासन महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए राशि इस बजट में स्वीकृत की जाकर राशि जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? सम्पूर्ण विवरण देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, उन्हेल की स्थापना वर्ष 2018 में की गई। महाविद्यालय में विषयवार अध्ययनरत विद्यार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। वर्तमान में महाविद्यालय 1428 वर्गफिट क्षेत्रफल के एक अन्य शासकीय भवन में संचालित है, जिसमें कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। (ख) दिनांक 28-01-2020 को जारी आदेश के माध्यम से भूमि आवंटित होने के पश्चात महाविद्यालय स्तर से सीमांकन एवं भूमि हस्तांतरण हेतु माह मार्च एवं अप्रैल 2022 में जिला प्रशासन को लिखा गया है। भूमि आवंटित हो चुकी है, आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
महाकाल मंदिर में महालोक निर्माण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 2410 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में महालोक के निर्माण में अनियमितता पायी गयी, उसकी सूची देवें। अनियमितता को लेकर किस-किस अधिकारी को नोटिस दिए गए, उन नोटिस की प्रति तथा प्राप्त उत्तर की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि वर्तमान में प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या महाकाल मंदिर के दर्शन हेतु पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन पर ₹ 70 से ₹ 80 लाख के मध्य खर्च किये गये? पिछले 10 वर्षों में किस-किस अतिथि के आगमन पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) क्या कमेटी द्वारा गैर धार्मिक कार्यों के लिए राशि खर्च की गई? स्मार्ट सिटी, सड़कों का चौड़ीकरण, दुकानों का नवीनीकरण आदि कई कार्यों के लिए लाखों में राशि व्यय की गई? पिछले 5 साल में गैर धार्मिक कार्य में किए गए खर्च की सूची दिनांक राशि तथा खर्च का प्रकार सहित देवें। (घ) महाकाल के दर्शनार्थ आने वाले भक्तों से प्राप्त राशि का गैर धार्मिक कार्यों में उपयोग करने वालों पर कार्यवाही करके राशि वसूल की जाएगी तथा उच्च स्तरीय जांच की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में महालोक के निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पायी गयी है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। माननीय पूर्व राष्ट्रपति महोदय के आगमन पर प्रोटोकॉल अनुसार उनकी सुरक्षा, सुविधा एवं पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुये विभिन्न आवश्यक कार्य एवं अन्य प्रचलित कार्य पूर्ण कराये गये है, जिनका उपयोग आज भी श्रद्धालुओं द्वारा किया जा रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में पारित निर्णय अनुसार 89 लाख रूपये की राशि व्यय किये जाने का अनुमोदन किया जाकर परिक्षण उपरांत मंदिर कोष से राशि रूपये 33,89,162/- (तैंतीस लाख उन्नब्बे हजार एक सौ बासठ रूपये) का भुगतान किया गया है। पिछले 10 वर्षों में आगन्तुक अतिविशिष्ट अतिथियों को लड्डू प्रसाद एवं बाबा महाकाल का चित्र भेंट स्वरूप प्रदान किया गया है, इसके अतिरिक्त मंदिर कोष से राशि खर्च नहीं की गयी है। (ग) जी नहीं। गैर धार्मिक कार्य के लिये श्री महाकालेश्वर मंदिर के कोष से राशि व्यय नहीं की गई है। श्री महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में सरल-सुलभ आवागमन, श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में पारित निर्णय अनुसार भू-अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुसार भूमि अधिग्रहण पर राशि व्यय की गयी है, जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसका स्वामित्व श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का है। मंदिर में होने वाले समस्त व्यय स्थानीय निधि संपरीक्षा के परीक्षण उपरांत किये जाते है, जिसका अनुमोदन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) गैर धार्मिक कार्य के लिये श्री महाकालेश्वर मंदिर के कोष से राशि व्यय नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय द्वारा विज्ञापन में व्यय राशि
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 2431 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 67 वें सत्र में राष्ट्रीय अधिवेशन अमृत पर्व 24 से 26 दिसम्बर 2021 को जबलपुर में आयोजित किया गया था, उसमें शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय द्वारा कितनी-कितनी राशि देकर विज्ञापन कराया गया था? (ख) नागपुर की RFR Foundation इस संस्था जो कि Sheshadri Sadan Tulsibag Marg Mahal, Nagpur, Maharashtra 440032 स्थित है, N.A.A.C. के मूल्यांकन कार्य में सहयोग के लिए शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय द्वारा कितनी-कितनी राशि पिछले 10 वर्ष से दी है? (ग) माननीय मुख्यमंत्री के ऊपर लिखी विलक्षण जननायक के विषय में लिखी गई पुस्तक का किन-किन शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों द्वारा क्रय किया गया है एवं राशि बैंक अकाउंट Name Awadesh Prakashan Gwalior Pvt Ltd A/C Madhya Swadesh, Account No. 37763920448, Branch Shivaji Nagar, Bhopal IFSC Code No. SBIN0005798 MICR CODE-462002018 में भेजा गया है? (घ) मध्यप्रदेश में कार्यरत समस्त निजी विश्वविद्यालय द्वारा संग्रहित फीस की 1% राशि शासन को देनी होती है, प्रत्येक निजी विश्वविद्यालय में आज दिनांक तक कितनी राशि दी गई है, कितनी राशि बकाया है एवं शासन को कितनी राशि न मिल पाने के कारण वित्तीय हानि हुई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा विज्ञापन हेतु राशि रूपये 50,000/- प्रदान की गई है। (ख) नैक के मूल्यांकन कार्य में सहयोग हेतु जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने 4,72,000/- एवं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा ने राशि रूपये 5.00 लाख, इस प्रकार कुल राशि रूपये 9,72,000/- प्रदान की गई है। (ग) म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा उल्लेखित पुस्तक क्रय की गई एवं राशि रूपये 3,14,500/- बैंक खाता क्रमांक 37763920448 में जमा की गई है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2007 यथा संशोधित की धारा-9 की उपधारा (3) के तहत फीस तथा फीस में विलंब होने पर दाण्डिक ब्याज अधिरोपित किए जाने के प्रावधान होने के कारण वित्तीय हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरे टोले में निवासरत लोगों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 2435 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग का मजरे टोलों पर निवासरत नागरिकों को 24 घंटे वाली बिजली दिये जाने हेतु क्या मापदण्ड है? (ख) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने मजरे टोले है जहाँ के नागरिकों को 24 घंटे वाली बिजली की सुविधा प्राप्त हो रही है? ऐसे मजरे-टोलों के नाम बतावें। (ग) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मजरों टोलों पर निवासरत लोग 24 घंटे वाली व्यवस्था से वंचित है तो इन लोगों को 24 घंटे वाली बिजली व्यवस्था से कब तक जोड़ा जावेगा? (घ) मजरे टोलों पर अ.जा. अ.जन.जाति वर्ग के लोग निवास करते हैं एवं 24 घंटे वाली बिजली मुहैया करवाये जाने संबंधी बार-बार मांग करते है इस हेतु विभाग/शासन की क्या कार्य योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई, 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को कृषि प्रयोजन हेतु 08 घंटे (वर्तमान में राज्य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। तदनुसार प्रदेश में वर्तमान में समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके समीपस्थ गैर कृषि 11 के.व्ही. फीडरों से संयोजित चिन्हित मजरो-टोलों में निवासरत परिवारों को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बने मजरो-टोलों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा-सिंचाई श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध विद्युत अद्योसंरचना से संयोजित कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के सभी 404 चिन्हित मजरों/टोलों के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) वर्तमान में प्रश्नांश में उल्लेखित मजरों/टोलों को गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय करने के लिये विद्युतीकरण कार्य किये जाने हेतु कोई योजना प्रचलन में नहीं है, अत: समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि भविष्य में कोई योजना उपलब्ध होने पर उस योजना के प्रावधानों के अन्तर्गत उक्त कार्यों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार कराया जाना संभव हो सकेगा।
रेलिंग विहीन पुल-पुलिया
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 2436 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी कितनी पुलिया एवं पुल हैं जो कि रेलिंग विहीन हैं उनकी संख्या बतावें। (ख) विगत 10 वर्षों में तैयार तथा वर्तमान में जो रेलिंग विहीन पुल पुलियाएं उन पुल-पुलियाओं का निर्माण किस वर्ष में हुआ था एवं निर्माण एजेंसी कौन थी वर्ष एवं निर्माण एजेंसी का नाम बतावें। (ग) रेलिंग विहीन पुलियाओं एवं पुलों पर अक्सर दुर्घटना का अन्देशा बना रहता है एवं दुर्घटनाएं हो रही हैं ऐसे में विभाग द्वारा उन पुल-पुलियाओं पर रेलिंग लगाये जाने संबंधी क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) विभाग/शासन द्वारा खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के रेलिंग विहीन पुल-पुलियाओं पर कब तक रेलिंग लगा दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र में आने वाले मार्गों पर कोई भी पुल-पुलिया रेलिंग विहीन नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कन्या महाविद्यालय वाणिज्य संकाय
[उच्च शिक्षा]
40. ( क्र. 2492 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधानसभा के शासकीय कन्या महाविद्यालय रांझी में कौन-कौन से विषय की फैकल्टी हैं? (ख) क्या शासकीय कन्या महाविद्यालय रांझी में कामर्स संकाय हैं? यदि कामर्स संकाय नहीं हैं तो कब तक प्रारंभ होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) केंट विधानसभा के शासकीय कन्या महाविद्यालय, रांझी में संचालित कला संकाय अंतर्गत अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान, अंग्रेजी एवं हिन्दी विषय की फैकल्टी हैं। (ख) जी हाँ, महाविद्यालय में स्ववित्तीय योजना अंतर्गत जनभागीदारी मद से वाणिज्य संकाय संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सीवर लाईन के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 2493 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर में कहाँ-कहाँ सीवर लाईन डली हुई है और कहां डलाना शेष है? (ख) केन्ट विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां सीवर लाईन डली हुई है और कहां डलाना शेष है? (ग) सीवर लाईन कार्य के कारण कहां-कहां की सड़क खुदी हुई है और सड़कों का रिपेयरिंग कार्य कब तक पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जबलपुर केंट विधान सभा क्षेत्र में रक्षानगर, कंचनपुर, चंपानगर, विवेक कालोनी, न्यू कंचनपुर, गोकलपुर, आजादनगर, बड़ा पत्थर, बापूनगर, सिविल लाईन के कुछ क्षेत्र में सीवर लाईन बिछाने का कार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त बापूनगर, चंपानगर मेनरोड, सिविल लाईन इत्यादि में लगभग 18 किमी. सीवर लाईन बिछाया जाना शेष है। (ग) सीवर लाइन कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को सीवर लाइन बिछाने, मैनहोल, प्रापर्टी चेम्बर, गली ट्रैप चेम्बर निर्माण का कार्य पूर्ण होते ही, अनुबंध अनुसार क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया जाता है। जबलपुर शहर में गंगानगर, संजीवनी नगर, धनवंतरी नगर, परसवाडा, शास्त्री नगर, ग्रीनसिटी, रक्षानगर, बापूनगर, जे.पी. नगर, नर्मदा नगर, कटरा, रामपुरा छापर, दुर्गानगर इत्यादि क्षेत्र में लगभग 8.5 किमी. सड़क मरम्मत का कार्य प्रगतिरत है। इन क्षेत्रों में सड़क आवागमन हेतु मोटरेबल कर दिया गया है। रेस्टोरेशन का कार्य मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
प्रदूषित नदी पर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
[पर्यावरण]
42. ( क्र. 2495 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास शहरी क्षेत्र में स्थित नागधम्मन नदी का प्रदूषित पानी क्षिप्रा नदी में सम्मिलित होता हैं? क्या उस प्रदूषित पानी को स्वच्छ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट की कोई योजना बनाई गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो योजना कब तक क्रियान्वित होगी एवं इसकी लागत क्या होगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। योजना प्रचलन में है। (ख) कुल लागत राशि रूपये 1,57,78,220/- है तथा उक्त कार्य दिनांक 31.5.2023 तक लक्षित है।
ताप विद्युत गृहों में वृक्षारोपण
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 2503 ) श्री वालसिंह मैड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पा.ज.क.लि. के सभी ताप विद्युत गृहों में वर्ष 2009-10 से वर्ष 2018-19 तक वित्तीय वर्षवार कितने-कितने पौधों का वृक्षारोपण कराया गया? इन रोपित पौधों में कितने पौधे जीवित हैं? जीवित का प्रतिशत भी बतायें साथ ही प्रति पौधा वृक्षारोपण तक उनके तीन वर्ष के रखरखाव की क्या-क्या दरे थी? समस्त विवरण बतायें। साथ ही किये गये सभी कार्यादेशों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह में उच्च सिविल अधिकारियों द्वारा अपने हित सिद्ध करने हेतु ताप सिविल संकाय द्वारा वन विकास निगम की अधिक दरें होने के कारण वन विकास का यह कार्य राज्य शासन की एजेंसी वनविकास निगम के द्वारा वृक्षारोपण कराने का निर्णय लिया जबकि इस अवधि में म.प्र.पा.ज.क.लि. के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में उद्यानशास्त्री श्री ए.एस. ठाकुर एवं श्री डी. के.एस. तोमर उद्यानशास्त्री सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में सारणी में पदस्थ थे? इनके माध्यम से वृक्षारोपण नहीं कराकर वन विकास निगम से अन्य ताप विद्युत गृहों की तुलना में दुगनी एवं तिगुनी दरें वन विकास निगम द्वारा कंपनी से वसूली गई जिसमें कंपनी के ऊपर करोड़ों का अतिरिक्त भार पड़ा। उच्च सिविल अधिकारी द्वारा वन विकास निगम की दरें होने के कारण वन विकास निगम अधिकारियों द्वारा कराये गये वृक्षारोपण के कार्य में स्वयं कमाई की थी एवं कमाई का कुछ अंश उच्च सिविल के अधिकारियों को भी जेब भरने हेतु प्रदाय किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा ताप विद्युत गृहों में वर्ष 2009-10 से वर्ष 2018-19 तक वित्तीय वर्षवार किए गए पौधों के वृक्षारोपण, जीवित पौधे, प्रति पौधा वृक्षारोपण दर, उनके तीन वर्ष के रख-रखाव की दर से संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जारी किये गये कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-I', 'अ-II', 'अ-III' एवं 'अ-IV' अनुसार है। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाईयों की स्थापना हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्त अनुपालन में वृहद वृक्षारोपण जिसमें वर्ष 2014-15, 2017-18 एवं 2018-19 में क्रमश: 65000, 25000, 65000 (कुल 155000 नग पौधे) पौधों का रोपण कराया गया। निर्धारित समय-सीमा में कार्य को निष्पादित करवाने हेतु यह कार्य मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम से उनकी विशेषज्ञता, पूर्व प्रदर्शन एवं शासकीय उपक्रम होने के दृष्टिगत, कराया गया। श्री ए.एस.ठाकुर एवं श्री डी.के.एस.तोमर, उद्यानशास्त्री, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में पदस्थ थे जिनका कार्य उद्यानों का रख-रखाव एवं पर्यवेक्षण करना था, अत: वृहद स्तर के वृक्षारोपण के उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के दृष्टिगत म.प्र. वन विकास निगम से कराया गया। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
जहरीली शराब से हुई मृत्यु की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 2535 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उठाये गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 40 सदन दिनांक 28/12/2020 के प्रश्न के उत्तर में नगर निगम भवन में अवैध शराब बनना, बिकना और कोविड महामारी के दौरान कचरा गाड़ी में सप्लाय के दौरान अवैध तरीके से बिक्री होने का संबंध में वर्तमान ज़िला कलेक्टर से नहीं है, यह जवाब दिया गया है? तद्समय नगर निगम और नगर निगम के समस्त संसाधन किसके नियंत्रण में थे और इस घटना के दौरान निगमायुक्त के रूप में कौन पदस्थ थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जहरीली शराब से हुई मृत्यु की घटना के लिए तद्समय के निगमायुक्त, एसपी और कलेक्टर इन तीनों अधिकारियों में से कौन जवाबदार है? उक्त घटना तीनों में से किसके प्रशासनिक नियंत्रण में लापरवाही के कारण घटित हुई? (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में यदि FIR और विभागीय जांच हुई है तो शासन स्तर से घटना के संबंध में भेजे गए पत्र और विभाग द्वारा भेजे गए पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (घ) क्या उक्त घटना के संबंध में नियम 2007 व नियम 2017 के नियमानुसार क्या तीनों की गोपनीय चरित्रावली में दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो प्रतियाँ देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सिटी सर्किल भोपाल के फीडरों से ऊर्जा क्षरण/चोरी
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 2567 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, के अधीन स्थापित सिटी सर्किल भोपाल में वर्ष जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत बिजली चोरी/क्षरण पाया गया हैं? वर्षवार, फीडरवार जानकारी दी जाये। (ख) क्या प्रश्नांक&