मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 17 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सड़क
डामरीकरण की
जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 3077 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 8939/लोक निर्माण/2022 कटनी, दिनांक 08.03.2022 के अंतर्गत चाका तिराहा से पन्ना तिराहा तक जो डामरीकरण किया गया है, उक्त कार्य की निविदा सूचना, स्टीमेट, अनुबंध, कार्य आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित सड़क डामरीकरण के किसी देयक का यदि भुगतान किया गया है, तो उस देयक की प्रति दें तथा जो देयक भुगतान किया गया है, उसकी माप पुस्तिका (एम.बी.) की प्रति दें। (ग) पन्ना तिराहा से कटनी नदी पुल तक वर्ष 2022 की अवधि में सड़क पर डामरीकरण किया गया? उक्त डामरीकरण किस ठेकेदार द्वारा किस कार्य आदेश के अंतर्गत किया गया है? उस कार्य आदेश की प्रति दें। साथ ही स्टीमेट, बिल भुगतान तथा माप पुस्तिका की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्य गुणवत्ता विहीन किये गये हैं, जगह-जगह रोड धस गई है, दरारें आ गई हैं, रोड पर डामरीकरण कम चौड़ाई पर किया गया है? क्या इसकी शिकायत किसी नागरिक द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम, कटनी को माह फरवरी 2023 में की गई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? कई जगह कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं किया गया? वह कब पूर्ण करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) डामरीकरण कार्य की निविदा सूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, स्टीमेट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं कार्यादेश/एल.ओ.ए. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन सड़क डामरीकरण कार्य के भुगतान किए गए देयकों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' एवं माप पुस्तिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड.'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन कार्य ठेकेदार मेसर्स एस.एन, कन्सट्रक्शन से कराया जा रहा है, जिसका एल.ओ.ए. क्रमांक-1223, दिनांक 25.5.2022 जारी किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। स्टीमेट, बिल/देयक भुगतान एवं माप पुस्तिका क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' ''इ'' एवं ''ड.'' अनुसार है। (घ) सड़क का निर्माण निर्धारित मापदण्ड अनुसार गुणवत्तापूर्वक कराया जा रहा है, जिसका गुणवत्ता परीक्षण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, जबलपुर एवं प्राचार्य पॉलिटेकनिक कॉलेज, डिण्डोरी से कराया गया है। रोड का कार्य निर्माणाधीन है। सड़क निर्माण कार्य प्रावधान अनुसार निर्धारित चौड़ाई पर कराया जा रहा है। जी हाँ। इस डामरीकरण कार्य की जांच कराये जाने हेतु पत्र दिनांक 10.2.2023 को प्राप्त हुआ है, जिसके संबंध में माननीय विधायक जी, बड़वारा विधानसभा क्षेत्र को पत्र क्रमांक 5471, बी दिनांक 22.2.2023 द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी प्रेषित की गई है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ट'' अनुसार है। उक्त कार्य वर्तमान में निर्माणधीन है, निर्माण कार्य दिनांक 31 मार्च, 2023 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
आदिवासी उपयोजना अंतर्गत अधोसंरचना निर्माण में अनियमितता
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 850 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2014 तक डिंडौरी जिले में आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर द्वारा कितने कार्य का भुगतान कराया गया और कितना विस्तार कार्य कराया गया? (ख) प्रश्न दिनांक की तिथि में प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कराये गये कार्यों में क्षेत्र में कितनी अधोसंरचना निर्मित नहीं हो पायी हैं? अधोसंरचना निर्मित न होने के कारण भी बताएं? (ग) आदिवासी उपयोजना के कार्यों को लेकर तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, श्री नीलाभ श्रीवास्तव की वर्ष 2010 से कितनी शिकायतें हुयी थी? इन शिकायतों का निष्कर्ष क्या रहा? क्या वर्ष 2021-22 में हुई शिकायत में अन्य अनियमितताओं का भी लेख था? क्या शिकायत में उल्लेखित स्पष्ट प्रमाणों की जांच न करते हुए अनदेखी कर श्री नीलाभ श्रीवास्तव को क्लीन चिट दी गयी है? अगर हाँ तो नीलाभ श्रीवास्तव पर और उनको क्लीन चिट दिये जाने में शामिल समस्त लोगों की भूमिका की जांच करायी जायेगी? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में डिंडौरी जिले में कार्यालय सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग द्वारा आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना से संबंधित कार्यों को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के माध्यम से कराकर भुगतान किया गया है। उक्त योजना अंतर्गत ग्रामवार कराये गए लाईन विस्तार कार्य एवं उनके भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार कराये गये कार्यों के अन्तर्गत स्वीकृत समस्त विद्युत अधोसंरचना के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में वर्ष 2021-22 एवं उसके पश्चात श्री नीलाभ श्रीवास्तव के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होना पाया गया है तथा इस अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कुल 13 शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुयी हैं, जिनमें अन्य योजनाओं में हुयी अनियमितताओं के साथ आदिवासी उपयोजना में की गयी अनियमितता का भी लेख किया गया है। श्री नीलाभ श्रीवास्तव, कार्यपालन अभियंता के विरूद्ध शिकायत दिनांक 21.12.2021 की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन के अनुसार शिकायत की पुष्टि नहीं होने की जानकारी म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के पत्र दिनांक 18.04.2022 से दी गई। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त जाँच सही ढंग से नहीं किये जाने का उल्लेख करते हुए विभिन्न माध्यमों से शिकायतें म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित की गई। उक्त तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच हेतु आदेश दिनांक 30.06.2022 के माध्यम से जांच समिति गठित की गयी है। वर्तमान में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के ताल-तलैया का संरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 3160 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कुल 15152 वेटलैंड चिन्हित हैं? क्या भोपाल में भी 19 वेटलैंड चिन्हित हैं? इन्हें कब से चिन्हित किया गया है? (ख) क्या वेटलैंड को संरक्षित करने के लिये शासन द्वारा वेटलैंड रूल्स 2017 के तहत अधिसूचित किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित वेटलैंड में से अभी तक कितने वेटलैंड को अधिसूचित किया गया है? (ग) भोपाल के विश्व प्रसिद्ध बड़ा तालाब व अन्य 19 वेटलैंड साईट को अधिसूचित नहीं किये जाने के कारण अतिक्रमण, तालाब के अंदर सीमेंट क्रांक्रीट युक्त निर्माण क्रूज रेस्टोरेंट निर्माण आदि अवैधानिक गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई है? (घ) क्या शासन समस्त ताल-तलैयाओं को संरक्षित रखने के लिये स्वयं रुचि लेकर वेटलैंड रूल्स 2017 के तहत अधिसूचित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ M.P.S.E.D.C. (एम.पी.एस.ई.डी.सी.) द्वारा 2019 से चिन्हित किया जाकर डिजिटल इन्वेंट्री बनायी गयी है। (ख) जी हाँ, प्रदेश में 04 रामसर साइट्स में वेटलैण्ड्स को अधिसूचित किया गया है। (ग) भोपाल को भोज वेटलैण्ड में अतिक्रमण, प्रदूषण इत्यादि को रोकने के उद्देश्य से एक प्रशासकीय आदेश (दिनांक 16.03.2022) जारी किया गया है, जिसमें प्रतिबंधित, विनियमित एवं अनुमत गतिविधियों का विवरण है। तदानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराई जा रही है। (घ) जी हाँ। वेटलैंड रूल्स 2017 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
4. ( *क्र. 716 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के विकासखण्ड पटेरा के कुण्डलपुर में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के A+ प्रकरण के आधार पर शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु फाइल चल रही है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण फाईल की एक छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) साथ ही यह बतायें कि कुण्डलपुर में महाविद्यालय की स्थापना कब तक हो जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। नस्ती प्रचलन में होने के कारण छायाप्रति दिया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिला मुख्यालय पर नवीन बायपास निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1372 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय से निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर नवीन बायपास निर्माण के संबंध में भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश शासन के बीच पत्राचार हुआ है? यदि हाँ, तो भारत सरकार से प्राप्त पत्र के आधार पर क्या नवीन बायपास का सर्वे हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो राजगढ़ जिला मुख्यालय से निकलने वाले बायपास की स्वीकृति का प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शासन राजगढ़ से निकलने वाले नवीन बायपास का प्रस्ताव कब तक स्वीकृत कर, कार्य प्रारंभ कर देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, पत्रों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा डी.पी.आर. बनाने हेतु दो बार निविदायें आमंत्रित करने के उपरांत भी किसी भी कंसलटेंट द्वारा निविदा नहीं डाली गई। म.प्र. सड़क विकास निगम के पत्र दिनांक 22.12.2022 के द्वारा क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भोपाल एवं पत्र दिनांक 24.02.2023 के द्वारा मुख्य अभियंता (रा.रा. परिक्षेत्र) लोक निर्माण को डी.पी.आर. का कार्य अन्य डी.पी.आर. की निविदा के साथ जोड़ने हेतु निवेदन किया गया है। (ग) डी.पी.आर. तैयार हो जाने के उपरांत ही अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी।
दोषियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 1471 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में प्रबंधक के इशारे पर सिंगाजी एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृहों में एक-एक तथा संजय गांधी ताप विद्युत गृह में दो कार्य कोयला हस्तांतरण वृत्तों ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के सभी कार्य मेसर्स ए.के.एस. लॉजिस्टिक्स तथा इसी फर्म के सह संबंधी फर्म मेसर्स लोकनाथ को ही लगभग 100 करोड़ के कार्य आवंटित किये गये? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान प्रबंधक द्वारा निविदा की प्रारंभिक अर्हता में नियम में शर्तों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो नियम शर्तों सहित विवरण देवें। इस प्रकार के सभी कार्य मात्र इन दोनों ही फर्मों को क्यों दिये जाते हैं? (ख) पावर हाउस अमरकंटक में प्रश्नांश (क) अनुसार के ठेका कार्य का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया गया? कारण बताएं। दोनों बार बुलाई गई प्रांरभिक अर्हता (P.Q.R.) की छायाप्रति सहित विवरण देवें। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अमरकंटक ताप परियोजना का ठेका कार्य कब तक पुरानी निविदा अनुसार दे दिया जायेगा? अभी तक ठेका न देने का दोषी कौन है? दोषी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या प्रथम व द्वितीय बार प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों में लगाई गई सामग्री के मूल्य में काफी अंतर है? यदि हाँ, तो क्या यह माना जाएगा कि कम्पनी में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया? क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे? सह-पत्रों सहित विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कंपनियों में विद्युत गृह मजदूरों के फैण्डल एक्सीडेंट की मृत्यु, गंभीर घायल, मजदूरों के नाम, पिता का नाम एवं उन्हें दी गई मुआवजा राशि सहित सूची उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा की विद्युत गृह क्रमांक-1 (2x600 मेगावाट) के कोल हस्तांतरण संयंत्र के संचालन एवं संधारण के सभी कार्य मेसर्स ए.के.ए. लॉजिस्टिक्स कोलकाता एवं विद्युत गृह क्रमांक-2 (2x660 मेगावाट) के कोयला हस्तांतरण संयंत्र के सभी कार्य मेसर्स पावर मैक प्रोजेक्ट लिमिटेड, हैदराबाद को दिए गए हैं। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में कोयला हस्तांतरण संयंत्र के संचालन एवं संधारण का कार्य मेसर्स लोकनाथ तथा संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की इकाई क्रमांक 1 से 4 (4x210 मेगावाट) के कोल हस्तांतरण संयंत्र के संचालन एवं संधारण के सभी कार्य मेसर्स ए.के.ए. लॉजिस्टिक्स कोलकाता एवं इकाई क्रमांक-5 (1x500 मेगावाट) के कोयला हस्तांतरण संयंत्र हेतु कार्य श्री नारायण कन्सट्रक्शन कम्पनी, झाँसी को दिया गया है। ये समस्त कार्यादेश निविदा में प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर प्राप्त न्यूनतम दर पर ही दिये गये हैं। इन निविदाकारों द्वारा जमा की गई निविदाओं का परीक्षण कंपनी द्वारा निविदा दस्तावेजों में इंगित प्रारंभिक अर्हताओं अनुसार किया गया है। निविदा दस्तावेजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं, यह कार्य मात्र प्रश्नांश में उल्लेखित इन दोनों ही फर्म को नहीं वरन् निविदा आधार पर अन्य फर्म को भी दिये गए हैं। (ख) अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में 1 x 210 मेगावाट क्षमता की मात्र एक इकाई स्थापित है। उक्त विद्युत गृह को कोयले की आपूर्ति विद्युत गृह के पास स्थित खदानों से विभागीय लोको वैगन द्वारा की जाती है। प्रदाय किये गये कोयले की गुणवत्ता उचित होने के कारण सीमित मात्रा में कोयले की आवश्यकता होती है। अतः अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में एकीकृत ठेके की आवश्यकता परिलक्षित नहीं हुई है। अतः प्रश्नांश ''क'' के अनुसार ठेके देने की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ग) कंपनी के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में कोयला हस्तांतरण संयंत्रों में केवल संचालन एवं संधारण कार्य के ठेके दिए गए हैं। संधारण कार्य में लगने वाली मुख्य सामग्री/स्पेयर्स कंपनी द्वारा ही प्रदान किए जाते हैं, तथापि ठेकेदार द्वारा केवल सामान्य उपभोग्य वस्तुएं (General Purpose Consumable) उपलब्ध करायी जाती हैं, जिनका पृथक से कोई भुगतान नहीं किया जाता है। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित विद्युत गृहों में हुई अघातक एवं घातक दुर्घटनाओं संबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति की जानकारी
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 2669 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट, जिला सतना में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं, जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं? इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों को अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं माननीय प्रभारी मंत्री के दौरे, माननीय मुख्यमंत्री के दौरे कार्यक्रम आदि में मांगे जाने पर, जन प्रतिनिधियों, माननीय विधायकों, जिला पंचायत एवं कलेक्टर को जानकारी प्रदान की जाती है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बजट में सम्मिलित सड़कें
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 3062 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बजट वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक बजट में लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सड़कों को बजट में सम्मिलित किया गया है? सड़कों की संख्या तथा कि.मी. बताएं। उनमें से उज्जैन जिले की कितनी सड़कें हैं? नाम सहित पृथक से विवरण दें। (ख) माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग की नस्ती दिनांक 28.10.2022 को दिए गए निर्देश के तहत प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल के पत्र क्र. 15/संचार/ना/बजट/2022-23/प्रस्ताव/2022/1102 भोपाल, दिनांक 02.11.2022 के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा भी क्षेत्र की महत्वपूर्ण सड़कों के प्रस्ताव प्रेषित किए गए थे? उन्हें बजट में क्यों सम्मिलित नहीं किया गया है? क्या प्रस्तावित रोडों को वर्ष 2023-24 के बजट में सम्मिलित किया जायेगा? (ग) मुख्य बजट वर्ष 2021-22, 2022-23 व अनुपूरक बजट में उज्जैन जिले की कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है? उसमें प्रश्नकर्ता द्वारा कितनी सड़कों के प्रस्ताव दिए गए हैं? उनमें से कितनी सड़कों के प्रस्ताव बजट में सम्मिलित किए गए हैं? यदि नहीं किए गए, तो क्यों? जिले की विधानसभावार प्रत्येक क्षेत्र की बजट में स्वीकृत सड़कों का पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) क्षेत्र में रेल्वे समपार क्र. 98, 102, 103 व 03 का कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? रेल्वे समपार 03 की स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) ग्राम नायन चम्बल नदी ब्रिज का कितना कार्य शेष है? विवरण दें। टेण्डर के पश्चात बची शेष राशि से क्या-क्या कार्य किए गए हैं? (च) पिपलोदा बागला चम्बल नदी पर उच्च स्तरीय पुल के निर्माण हेतु कार्यादेश किस कम्पनी को जारी किए गए हैं? सम्पूर्ण विवरण दें। विलम्ब का क्या कारण है? (छ) विधानसभा प्रश्न 1222, दिनांक 28.07.2022 के उत्तर में निम्न मार्गों को अपूर्ण/प्रगतिरत बताया गया था, निनावटखेड़ा से किलोडिया, सोमचिड़ी से सण्डावदा मार्ग, रामातलाई से खाचरौद मार्ग, नंदियासी से भुंवासा मार्ग, बंजारी से मीण, रिंगनिया से बोरदिया, थडोदा से बोरदिया, डोडिया से चांपाखेड़ा, कमठाना से बरथुन, लुसडावन पहुंच मार्ग, चांपाखेड़ा पहुंच मार्ग, सिविल हॉस्पिटल खाचरौद में 12 बिस्तरीय अतिरिक्त वार्ड निर्माण/उन्नयन के विद्युत कार्य निर्माण आदि में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य अभी तक अपूर्ण हैं? कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ज) नरेडी हनुमान से खाचरौद तक रोड के टेण्डर आमंत्रित कर कार्यादेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1486। 8756.70 कि.मी.। उज्जैन जिले के अंतर्गत सम्मिलित सड़कों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वित्त विभाग के द्वारा निर्धारित सूचकांक अपर्याप्त होने से। वर्ष 2023-24 का बजट विधानसभा सचिवालय से पारित न होने के कारण किसी प्रकार की टिप्पणी किया जाना संभव नहीं। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) पुल एवं पुल से संबंधी अन्य आवश्यक कार्य दिनांक 31.12.2020 को पूर्ण। कोई कार्य नहीं किया गया। (च) निविदा की कार्रवाई प्रगति पर है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (छ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ज) जी नहीं, निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में कर्मचारियों की कार्यकुशलता रिपोर्ट, संविलियन एवं नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 3094 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.सी.एल.एल. में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली/कार्यकुशलता रिपोर्ट वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक संबंधित अधिकारी द्वारा लिखी गई है? यदि हाँ, तो कर्मचारी के नाम के आधार पर वर्षवार मय दस्तावेज गौशवारा बनाकर प्रदान करें? यदि नहीं, तो क्या बिना वार्षिक गोपनीय चरित्रावली/कार्य कुशलता रिपोर्ट के आधार पर संविदा अवधि बढ़ाई गई? (ख) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 36वीं बैठक दिनांक 05.05.2022 में बिन्दु क्रमांक 3 में की गई संविलियन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए क्या श्री संजय सोनी का प्रथम नियुक्ति आदेश बोर्ड के समक्ष उपलब्ध था? यदि हाँ, तो नियुक्ति पत्र की छायाप्रति प्रदाय करें। यदि नहीं, तो बोर्ड द्वारा संविलियन/संविदा नियुक्ति बिना प्रथम नियुक्ति किस आधार पर प्रदान की गई? पूर्ण विवरण प्रदान करें। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बी.सी.एल.एल. को संविलियन के लिए दिए गए दिशा-निर्देश की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) बी.सी.एल.एल. के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री संजय सोनी को लिखे गये पत्र क्रमांक Sr./BCLL/2022/3347 भोपाल, दिनांक 29.07.2022 में लिखा गया है कि – Management is pleased to extend your service for further period of one year i.e. from 1st February to 31st January 2023. All terms and conditions of your contract will remain as mention in your appointment letter. कृपया वर्णित पत्र में दर्शाये अनुसार नियुक्ति पत्र (Appointment letter) है? यदि हाँ, तो नियुक्ति पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो पत्र क्रमांक Sr./BCLL/2022/3347 भोपाल, दिनांक 29.07.2022 जारी करने का आधार क्या था? कृपया पूर्ण विवरण प्रदान करें। (घ) क्या संजय सोनी के प्रथम नियुक्ति आदेश 2013 से 2021 के मध्य जारी किये गये? यदि हाँ, तो प्रथम नियुक्ति आदेश की छायाप्रति प्रदाय की जाए। बी.सी.एल.एल. द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन पदों पर नियुक्ति दी गई है? वर्षवार सर्विस रिकॉर्ड, आपराधिक प्रकरण, नियुक्ति के विरूद्ध शिकायतें, वेतन एवं वर्षवार वेतन वृद्धि, नियुक्ति प्रक्रिया का गौशवारा बनाकर मय समस्त दस्तावेज सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कार्यालयीन रिकॉर्ड अनुसार बी.सी.एल.एल. में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली कार्यकुशलता रिपोर्ट को संबंधित अधिकारी द्वारा लिखा जाना प्रचलन में नहीं है। उक्त के संबंध में बी.सी.एल.एल. बोर्ड द्वारा कार्यवाही की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। बी.सी.एल.एल. में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की कार्यकुशलता का आंकलन गठित समिति द्वारा किये जाने के उपरांत संविदा अवधि बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक में लिये गये निर्णयों के अनुक्रम में वर्ष 2013 से प्रति वर्ष बढ़ाई गई है। (ख) जी नहीं। बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक के माध्यम से सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई है। उपरोक्त के आलोक में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी नहीं। बी.सी.एल.एल. में कार्यरत श्री संजय सोनी की संविदा सेवा अवधि पुनः दिनांक 01.02.2022 से 31.01.2023 तक बी.सी.एल.एल. बोर्ड द्वारा बढ़ाये जाने के फलस्वरूप पत्र क्र. 3347, दिनांक 29.07.2022 श्री संजय सोनी को जारी किया गया था। (घ) जी नहीं। प्रथम नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया गया। बी.सी.एल.एल. द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की गई नियुक्ति एवं चाही गई जानकारी का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा समूह जल आवर्धन परियोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 2218 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 1225, दिनांक 22 दिसंबर, 2022 में प्रश्नकर्ता के द्वारा किए गए प्रश्न के उत्तर में यह कहा गया है कि नर्मदा समूह जल आवर्धन परियोजना के अंतर्गत नगर परिषद तेंदूखेड़ा जिला दमोह की जल आवर्धन योजना का कार्य आगामी 3 माह की अवधि में नर्मदा पेयजल घर-घर उपलब्ध कराया जाना संभावित है? क्या टंकियों में नर्मदा जल भरकर टेस्टिंग के पश्चात कार्य बंद है? नगर में सप्लाई के लिए टेस्टिंग का कार्य नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या 3 माह (मार्च) तक घर-घर पेयजल देना संभव हो सकेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर तेंदूखेड़ा में ग्रीष्म काल के पूर्व घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। नगर में सप्लाई के लिये टेस्टिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विश्राम गृह की जानकारी
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 2344 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी शहर में कितने विश्राम गृह हैं एवं किस-किस स्थान पर बने हुए हैं? इनमें ठहरने के लिए किस-किस व्यक्ति को पात्रता है? (ख) शिवपुरी में जो विश्राम गृह बने हुये हैं, उन्हें आरक्षित करने का अधिकार किसको है? क्या इसमें आरक्षण की पात्रता पूर्व विधायक या पूर्व सांसद को है? (ग) शिवपुरी विश्राम गृह जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस व्यक्ति के नाम पर आरक्षित हुआ और उनमें कौन रुका? सूची प्रपत्रों सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के सन्दर्भ में शिवपुरी विश्राग गृह को अनुविभागीय अधिकारी आरक्षित करता है, वह कभी भी सरकारी लोगों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति, जैसे पूर्व विधायक, पूर्व सांसद को नहीं देता, अनुविभागीय अधिकारी अपनी मनमानी करता है? इसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 02 विश्राम गृह हैं। दोनों विश्राम गृह शिवपुरी में विवेकानंद कॉलोनी रोड पर स्थित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जिला शिवपुरी को। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग व पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 2211 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न मार्गों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1017, दिनांक 18.12.2022 एवं प्रमुख सचिव महोदय लोक निर्माण विभाग को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1018, दिनांक 18.12.2022 एवं प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भोपाल को अनुस्मरण पत्र 02 क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1034, दिनांक 18.12.2022 प्रेषित किये गये थे, उक्त पत्रों पर उल्लेखित मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पत्रों में उल्लेखित मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक शासन/विभाग द्वारा प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम बरूर से पैजनवाड़ा मार्ग पर पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण पत्र 05 क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1054, दिनांक 18.12.2022 एवं प्रमुख सचिव महोदय, लोक निर्माण विभाग को अनुस्मरण पत्र 05 क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1053, दिनांक 18.12.2022 को प्रेषित किये गये थे, जिन पत्रों पर उल्लेखित पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और कब तक पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गांगीवाडा रिंग रोड चौराहे से परासिया बायपास (खिरसाडोह) तक टू-लेन मार्ग छिन्दवाड़ा-तामिया-मटकुली मार्ग राज्य राजमार्ग क्र. 62 (बीओटी मार्ग) का हिस्सा है। मार्ग पूर्व से ही दो लेन है एवं कंसेशन अवधि दिनांक 30.05.2033 तक है। अत: मार्ग को सी.आर.आई.एफ. योजना के अन्तर्गत स्वीकृति हेतु अनुशंसित करना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगरपालिका में हुई अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 2807 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3699, दिनांक 21.03.2022 के उत्तर में अवगत कराया गया कि ''कारण बताओ सूचना पत्र का प्रतिवाद उत्तर तत्कालीन अध्यक्ष नगर पालिका छतरपुर द्वारा दिया गया है, जो परीक्षणाधीन है।'' क्या उक्त का परीक्षण पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण बताओ नोटिस में पूछे गए सभी प्रश्नों के उत्तर शासनादेशों के अनुक्रम में सही हैं? शासन सभी प्रश्नों के जवाबों से पूर्णतः संतुष्ट है? यदि नहीं, तो किन जवाब से संतुष्ट नहीं है, आगे क्या कार्यवाही होगी? (ख) इसी प्रकार प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1715, दिनांक 05 मार्च, 2021 के उत्तर में अवगत कराया गया कि ''जांच दल द्वारा अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल को प्रस्तुत कर दी गई है, जिसका परीक्षण संचालनालय में किया जा रहा है।'' क्या उक्त का परीक्षण कर लिया है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट के अनुक्रम में शासन ने क्या निर्णय लिया? यदि नहीं, तो अभी तक क्या परीक्षण किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कारण बताओ सूचना पत्र के संबंध में तत्कालीन अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद्, छतरपुर द्वारा दिए गए उत्तर पर विभाग द्वारा सुनवाई की जा चुकी है। आदेश जारी करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ख) जांच समिति के प्रतिवेदन में पाई गई अनियमितताएं स्पष्ट न होने के कारण संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर संभाग सागर को अतिरिक्त जानकारी प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्वालियर जिले में स्मार्ट बसों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 2260 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा सिटी बस सेवा प्रारंभ करने हेतु कब-कब मीटिंग आयोजित की गई? मीटिंग में क्या निर्णय हुआ? लिए गये निर्णय पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही हुई? प्रत्येक मीटिंग निर्णय एवं की गई कार्यवाही सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा स्मार्ट सिटी बस चलाने हेतु क्या किसी ट्रेवल्स/संस्था से अनुबंध किया है? यदि हाँ, तो संबंधित ट्रेवल्स एवं कॉर्पोरेशन के मध्य कितनी बसें कौन-कौन से रूट पर चलाने हेतु किस दिनांक को अनुबंध हुआ? अनुबंध की प्रति सहित पूर्ण जानकारी दें। (ग) कितनी बसों का कौन-कौन से रूट पर संचालन किया जाना निर्धारित किया? क्या सभी बसों को आर.टी.ओ. कार्यालय से परमिट प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो परमिट हेतु आवेदन प्रस्तुत दिनांक, परमिट प्राप्ति दिनांक एवं परमिट की शर्तें क्या हैं? परमिट प्रति सहित पूर्ण जानकारी दें। (घ) बसें संचालन हेतु संबंधित ट्रेवल्स/संस्था द्वारा कितनी बसें क्रय की गईं? प्रत्येक बस की कीमत क्या है? क्या बस कीमत के भुगतान में शासन द्वारा कोई सब्सिडी दी जाती है? यदि हाँ, तो कितनी? क्या सब्सिडी राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी बसों का किसे एवं कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को हुआ? (ड.) वर्तमान में ट्रेवल्स/संस्था द्वारा कितने मार्गों पर बसों का संचालन किया जा रहा है? बसों के नियमित संचालन की निगरानी हेतु क्या किसी अधिकारी/संस्था को अधिकृत किया गया है? यदि हाँ, तो किसे? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत योजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 20 नगरीय निकायों में हब एण्ड स्पोक मॉडल आधारित इंटर सिटी, इन्ट्रा सिटी एवं इन्टर स्टेट बस सेवा पी.पी.पी. के माध्यम से क्रियान्वित करने मेयर इन काउंसिल नगर निगम, ग्वालियर के संकल्प क्र. 476 दिनांक 17.03.2017 के द्वारा निविदा संबंधी स्वीकृति प्राप्त। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है, दिनांक 16.07.2017 स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा तत्कालीन कलेक्टर एवं आयुक्त महोदय, की अध्यक्षता में निविदा हेतु सिटी ट्रांसपोर्ट को लेकर, लोकल बस ऑपरेटरों के साथ बैठक सम्पन्न हुई। निर्णय-शहर के हर कोने में सिटी ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए, शहर के अलग-अलग स्थानों पर बस स्टॉप बनाएं जायेंगे, इस बैठक के दौरान लोकल बस ऑपरेटरों को यह भी बताया गया कि दो क्लस्टर बनाकर, 51 बसें चलाई जायेंगी। कार्यवाही उक्त स्वीकृति के अनुक्रम में ग्वालियर जिले में स्वच्छ निविदा प्रतिस्पर्धा के द्वारा स्मार्ट सिटी एस.पी.व्ही. के तहत निविदा जारी की गई। (ख) स्मार्ट सिटी द्वारा बसों के संचालन हेतु ''मैसर्स नीरज मोटर्स एण्ड ट्रेवल्स'' के साथ अनुबंध की प्रक्रिया पूर्ण की गई। दिनांक 29.09.2018 को ''मैसर्स नीरज मोटर्स एण्ड ट्रेवल्स'' एवं स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के साथ क्लस्टर सिस्टम के तहत 16-इन्ट्रा एवं 16-इन्टर सिटी बसों के निर्धारित रूट/मार्गों पर चलाने हेतु अनुबंध जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) क्लस्टर क्रमांक-01 (इन्ट्रा-08, इन्टरसिटी- 08) क्लस्टर क्रमांक-02 (इन्ट्रा 08, इन्टरसिटी-08) परमिट/मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार बसों का संचालन किया जा रहा है। इन्ट्रा सिटी बसों का अस्थाई परमिट प्रत्येक 03 माह में जारी किया जाता है। इन्टरसिटी हेतु एक मार्ग/रूट (भोपाल) के परमिट परिवहन विभाग द्वारा जारी नहीं किये गये हैं। ऑपरेटर के माध्यम से ऑनलाईन परमिट हेतु आवेदन किया जाता है, परिवहन विभाग द्वारा जारी परमिट दिनांक एवं शर्तें उपरोक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) संबंधित ट्रेवल्स ऐजेंसी द्वारा 26 बसें क्रय की गई हैं, जिस हेतु शासन द्वारा व्ही.जी.एफ./सब्सिडी हेतु 40 प्रतिशत राशि दी जाती है। 21 बसों के लिए व्ही.जी.एफ./सब्सिडी राशि का भुगतान अनुबंधित बस ऑपरेटर को उसके द्वारा 40 प्रतिशत की बैंक गारंटी जमा करने के पश्चात् किया जाता है। प्रत्येक बसों की कीमत सब्सिडी का भुगतान एवं दिनांक का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (ड.) क्लस्टर क्र. 1 एवं क्लस्टर क्र. 2 के अनुक्रम में बस ऑपरेटर द्वारा सभी निर्धारित रूटों पर इन्टरसिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। बसों के नियमित संचालन की निगरानी हेतु नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा सूत्र सेवा योजनान्तर्गत नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री स्वप्निल श्रीवास्तव को स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन में शहरी परिवहन योजना को सुनियोजित एवं सुदृढ़ हेतु अधिकृत किया गया है।
बंद ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
15. ( *क्र. 2099 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में 100 से अधिक ट्रांसफार्मर विगत 6 माह से बंद पड़े हैं, इनको बदलने की कोई व्यवस्था एवं समय-सीमा विभाग द्वारा तय की गई है या नहीं? (ख) पूर्व में विद्युत वितरण हेतु जो केबल डाली गई थी, उसमें भार बढ़ जाने के कारण वह जल/नष्ट हो गई हैं, इनको बदले जाने की व्यवस्था एवं समय-सीमा है? (ग) ऐसे टोले जो विगत 5 वर्ष पूर्व या इसके बाद अस्तित्व में आये हैं, उनको अटल ज्योति 24 x 7 विद्युत उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गई है? (घ) ऐसे किसान बंधु जो अपने खेत में नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित कराना चाहते हैं, इसके लिए क्या योजना बनाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 91 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण अपात्र श्रेणी में होने पर बदलने हेतु शेष हैं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने के उपरांत पात्र होने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। तद्नुसार वितरण कंपनियों द्वारा पहुँच मार्ग की उपलब्धता अनुसार उक्त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त विद्युत लाईनों के जलने/टूटने की शिकायत प्राप्त होने पर उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से सुधार कार्य करते हुए विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत लाईन भंग (breakdown) होने पर शहरी क्षेत्र में दिन के प्रकाश में 12 घंटे के भीतर तथा ग्रामीण क्षेत्र में 3 दिवस के भीतर विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। (ग) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण कर लिया गया था। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत उक्तानुसार समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित समस्त मजरों/टोलों को विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्व में ही विद्युतीकृत किया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी योजनाएं क्लोज हो चुकी हैं। वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उस योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जायेगा। (घ) वर्तमान में आवश्यकतानुसार नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित विद्युत अधोसंरचना का विस्तार कर कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' एवं ''जमा योजना'' संचालित है। उक्त योजनाओं के अंतर्गत आवेदक को स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार शत-प्रतिशत राशि स्वयं व्यय कर कार्य कराने होते हैं।
कान्ह नदी में प्रदूषण
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 3013 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम इंदौर द्वारा जनवरी 2008 से जनवरी 2023 तक कान्ह नदी की सफाई कर उसे प्रदूषण मुक्त करने के लिए कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष में किस-किस कार्य के लिए खर्च की गई? क्या कान्ह नदी की सफाई पर पिछले 15 सालों में 1157 करोड़ का खर्च हुआ है? (ख) क्या कान्ह नदी को शासन द्वारा प्रदूषित घोषित कर दिया गया है? रिपोर्ट की प्रति दें। कान्ह नदी में सीवरेज मिल रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो उसमें गाद कहां से जमा हो रही है तथा प्रदूषित कैसे है? यदि हाँ, तो किस बिंदु पर सीवरेज मिल रहा है? (ग) इंदौर नगर निगम में सीवरेज का कार्य किस वर्ष में प्रारंभ हुआ तथा अभी तक सीवरेज को लेकर कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष में खर्च की गई? शहर के कितने मकानों को सीवर लाईन से जोड़ दिया गया तथा कितने शेष हैं? यदि सारे मकान जोड़ दिए गए हैं, तो फिर कान्ह नदी में सीवरेज का गंदा पानी कहां से आ रहा है? (घ) कान्ह नदी में किन-किन मोहल्लों की नालियां मिल रही हैं? उन मोहल्लों को सीवर लाइन से जोड़ दिया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या नालियों में सीवरेज का पानी नहीं मिल रहा है? इसका परीक्षण किसके द्वारा किया गया? उसकी रिपोर्ट दें। (ड.) इंदौर नगर निगम की सीवरेज के सारे प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. देवें तथा बतावें कि किस-किस डी.पी.आर. में कान्ह नदी में सीवरेज के पानी को रोकने का उल्लेख है तथा उसके लिए किस कार्य का प्रावधान किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा जनवरी 2008 से जनवरी 2023 तक कान्ह नदी शुद्धिकरण के तहत सिंहस्थ-2016 एवं अमृत योजना के अंतर्गत सीवरेज लाईन बिछाना, नदी/नालों से मिलने वाले सीवरेज के आउटफॉल ट्रैप करना, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण एवं अन्य कार्य किये गये कार्यों पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2008-09 में प्रकाशित रिपोर्ट "Polluted River Stretches in India" के अनुसार कान्ह नदी को Priority 1 पाल्युटेड रिवर स्ट्रेच में शामिल किया गया था। रिपोर्ट की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। नगर पालिक निगम, इंदौर की सीमा में कान्ह एवं सरस्वती नदी व प्रमुख छः नालों में मिलने वाले सीवरेज के आउटफॉल को ट्रैप कर पाईप लाईनों के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स में पूर्ण क्षमता से ट्रीटमेंट किया जा रहा है तथा जमा गाद की सफाई का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है। निगम सीमा में मिलने वाले सीवर के आउटफॉल निगम द्वारा ट्रैप कर लिये गये हैं। (ग) इन्दौर शहर में नगर निगम, इन्दौर द्वारा वर्ष 2004 से सीवर लाईन बिछाने एवं सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट का निर्माण एवं संचालन किया जा रहा है। सीवरेज की विभिन्न योजनाओं एवं निगम स्तर से किये गये केन्द्रीकृत कार्यों में लगभग सभी मकानों का सीवरेज ट्रैप कर लिया गया है। इन्दौर शहर प्रमुख व्यापारिक केन्द्र होने से जनसंख्या वृद्धि का अनुपात अधिक है, इस स्थिति में पीक आवर्स में सीवर का जनरेशन अत्यधिक होने एवं कुछ लाईनों में अवरोध होने पर लाईन में बैक फ्लो/ओवर फ्लो की स्थिति निर्मित होने से नदी या नाले में सीवर ओवर फ्लो होने की स्थिति उत्पन्न होती है, ऐसी स्थिति को निगम की टीम द्वारा तत्समय ही कन्ट्रोल कर लिया जाता है। सीवरेज परियोजनाओं के कार्यों में व्यय का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) इन्दौर शहर के पुराने क्षेत्र जैसे कि जूनी इन्दौर, छावनी इत्यादि क्षेत्रों में खुली नाली से सीवर प्रवाहित होता था, जो कि वर्तमान में सीवर लाईनों में जोड़ा जा चुका है। जी हाँ। नगर निगम, इन्दौर की ड्रेनेज की टीम अभियन्ता, सुपरवाईजर एवं दरोगा द्वारा रख-रखाव, सफाई एवं परीक्षण/निरीक्षण का कार्य नियमित रूप से किया जाता है। उक्त कार्य नियमित कार्यों के अन्तर्गत होने से पृथक से रिपोर्ट संधारित नहीं की गई है। (ड.) सिंहस्थ 2016 एवं अमृत प्रोजेक्ट में कान्ह नदी में मिलने वाले सीवेरज के आउटफॉल ट्रैपिंग हेतु लाईनें बिछाने एवं आउटफॉल जोड़ने का प्रावधान किया गया है। उपरोक्त डी.पी.आर. की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 3177 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में अनुबंध क्र. 21/2020-21 अंतर्गत निर्माणाधीन विषयांतर्गत मार्ग में ठेकेदार द्वारा घटिया मिट्टी का उपयोग किया गया, जिसका परीक्षण शासकीय लैब, नौगांव से करवाने पर दिनांक 09.06.2021 को प्राप्त परिणाम मानक से कम प्राप्त हुये थे? यदि हाँ, तो ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पत्र लिखकर इस घटिया कार्य को अमान्य कर दिया था? क्या उपयंत्री द्वारा दिनांक 16.06.2021 को स्थल में कई जगह उक्त मटेरियल को खोदकर कार्यपालन यंत्री को दिखाकर इसे अमान्य करने का अनुरोध किया था एवं ठेकेदार द्वारा गुण्डागर्दी कर इस घटिया मटेरियल पर दबाव बनाने के बारे में अवगत कराया था? क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा इस घटिया कार्य को अमान्य न करते हुये इसके आगे कार्य करने की नियम विरूद्ध अनुमति ठेकेदार को प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कार्यपालन यंत्री पन्ना पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या दिनांक 24.02.2022 एवं 15.04.2022 में शासकीय प्रयोगशाला नौगांव द्वारा किये गये कॉम्पेक्शन टेस्ट में मानक से कम परिणाम प्राप्त होने के बावजूद ठेकेदार अपनी रोकी गई 5% राशि जारी करने उपयंत्री पर दबाव बना रहा था एवं उपयंत्री को झूठा फसाने की धमकी दे रहा था? उपयंत्री द्वारा कार्यपालन यंत्री को दिनांक 28.04.2022 को लिखित पत्र पर लेख किया था, जिसकी पुष्टि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की थी? कार्यपालन यंत्री द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों अथवा पुलिस को सूचना दी? यदि हाँ, तो प्रति देवें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। उपयंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री के इस बावत् लिखित सभी पत्रों की प्रति देवें। (घ) क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा अपने निजी लाभ एवं ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने हेतु नियम विरूद्ध कार्य किये गये एवं अधीनस्थों पर भी दबाव बनाया गया? यदि हाँ, तो क्या शासन कार्यपालन यंत्री को तत्काल निलंबित कर जांच कराकर ठेकेदार एवं कार्यपालन यंत्री से शासन को हुई क्षति की राशि की वसूली करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। परीक्षण परिणाम कम पाये जाने पर ठेकेदार को अमानक मटेरियल हटा कर मानक स्तर का मटेरियल उपयोग किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था, जिसका दिनांक 15.07.2021 को शासकीय लैब से मिट्टी का परीक्षण कराया गया जो मानक अनुरूप प्राप्त हुआ था। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। सामान्य वाद विवाद हुआ था, इसलिये वरिष्ठ अधिकारी एवं पुलिस को सूचित करना आवश्यक नहीं था। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 2147 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में बागड़ा से नसीराबाद मार्ग स्वीकृत किया है? इस मार्ग की लंबाई एवं लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत मार्ग की कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा की प्रति उपलब्ध करावें। इस मार्ग के निर्माण हेतु किस ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया है? उनका नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्त मार्गों का निर्माण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब? कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करावें। यदि उक्त मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है तो क्यों? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या बागड़ा के नसीराबाद मार्ग का जो निर्माण किया गया है, वह बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन है? क्या मार्ग के निर्माण के साथ साईट शोल्डर एवं एप्रोच बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या सड़क के शोल्डर एवं एप्रोच बनाये गये हैं? उक्त शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी की गई, इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य की लंबाई 25.90 कि.मी. एवं लागत 47.06 करोड़ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निविदा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 28.07.2022 को कार्य पूर्ण। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 एवं 3 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जांच दिनांक 13.07.2021 को की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य गुणवत्तापूर्ण कराया गया है, अतः ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।
132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
19. ( *क्र. 2914 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1260, दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ अंतर्गत ग्राम नाहली में नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है तथा कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा उक्त विद्युत उपकेन्द्र के लिये भूमि का आवंटन दिनांक 10.10.2022 को म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को कर दिया गया है? म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा भूमि के अधिग्रहण हेतु कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक कंपनी द्वारा भूमि आधिपत्य प्राप्त कर निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कार्य की संपूर्ण लागत सहित बतावें। यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन भूमि आधिपत्य प्राप्त कर प्रश्नाधीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र के निर्माण की कार्यवाही आरंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, नाहली उपकेन्द्र हेतु जिला कलेक्टर, राजगढ़ द्वारा आवंटित भूमि का आधिपत्य म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 22.10.2022 को प्राप्त कर लिया गया है। आधिपत्य में ली गई भूमि एवं संबंधित लाईन के सर्वे कार्य प्रगति पर हैं। उक्त स्वीकृत नाहली 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र एवं संबंधित लाईन के निर्माण पर लगभग रू. 45 करोड़ का व्यय आंकलित है, जिसके लिये वित्तीय संसाधन जुटाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार भूमि का आधिपत्य प्राप्त किया गया है तथा संपूर्ण योजना पर व्यय की जाने वाली राशि हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने की कार्यवाही की जा रही है। वित्तीय संसाधन की व्यवस्था के उपरांत प्रश्नाधीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण एवं संबंधित कार्यवाही आरंभ की जा सकेगी। अत: निर्माण प्रारंभ किये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी के सड़क निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 2820 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी के सड़क निर्माण कार्यों एवं नगर आवास विकास विभाग के कार्यों की दरों में क्या अंतर है? मार्ग की गहराई, मोटाई, चौड़ाई के साथ डामर, कांक्रीट की तुलनात्मक दरों की 2019 से फरवरी 2023 तक की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर स्मार्ट सिटी में जो लाइटें लगाई गई हैं, उनका कौन से एस.ओ.आर. से निविदायें स्वीकृत/आमंत्रित की गई है? क्या रख-रखाव का कार्य भी निविदा में सम्मिलित है तथा कितने समय के लिये रख-रखाव की जिम्मेदारी किस की रहेगी? पूर्ण जानकारी वर्जित समय अनुसार दी जावे। (ग) ग्वालियर शहर में कितने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट स्वीकृत किये हैं, प्रत्येक प्रोजेक्ट की लागत, कार्य पूर्ण करने की समय अवधि, विलंब के लिये लगाई जाने वाली/लगाई पेनल्टी तथा अन्य वैधानिक कार्यवाहियों का विवरण वर्जित समय के अनुसार दिया जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी अन्तर्गत सड़क निर्माण कार्यों की दरें नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रचलित एस.ओ.आर. दरों के अनुरूप है। प्रगतिरत मार्गों की गहराई, मोटाई, चौड़ाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। वर्ष 2019 से फरवरी 2023 तक की स्थिति में डामर, कांक्रीट की तुलनात्मक दरों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम की संयुक्त इकाई ई.ई.एस.एल. (Energy Efficiency Services Ltd.) के मध्य सम्पादित किये गये अनुबंध की शर्तों एवं नियमों के अनुरूप लाईटें लगाई गई हैं, जिसके लिये पृथक से कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। रख-रखाव का कार्य अनुबंध के अन्तर्गत सम्मिलित नहीं है। इस हेतु निविदा प्रक्रिया की कार्यवाही गतिशील है। वर्तमान में रख-रखाव का कार्य नगर निगम विद्युत शाखा द्वारा किया जा रहा है। रख-रखाव पर होने वाले व्यय की राशि नगर निगम की मांग अनुसार हस्तांतरित की जा चुकी है। (ग) ग्वालियर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड अन्तर्गत स्वीकृत प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट लागत एवं कार्य पूर्ण की समय अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। सभी पूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृत समयावधि में पूर्ण किया गया है, अत: पेनल्टी लगाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। स्वीकृत प्रगतिरत कार्यों में विलम्ब के लिये लगाई जाने वाली पेनल्टी की गणना परियोजना के पूर्ण होने के उपरांत ही संभव है।
बिजली करंट से हुई मौत का मुआवजा
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 1958 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वर्गीय अजय सिंह लोध आत्मज श्री चुनकाई लाल सिंह निवासी ग्राम खचवा ग्राम पंचायत बड़ाछ की दिनांक 07 मई, 2020 को 11 हजार के.व्ही. की विद्युत लाइन की चपेट में आ जाने के कारण आकस्मिक मृत्यु हो गई थी? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा इनके परिजनों को क्या पारिवारिक सहायता उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विगत 03 वर्षों में जनपद पंचायत जवा अंतर्गत विद्युत लाइन के चपेट में आ जाने से कुल ऐसी कितनी आकस्मिक मृत्यु की घटनाएं घटित हुई हैं? ऐसी घटनाओं में मृतक के परिजनों को विभाग के द्वारा कुल कितनी मुआवजा राशि प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में मृतक अजय सिंह लोध के परिजनों को आर्थिक सहायता कब तक प्रदाय की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, दिनांक 07.05.2020 को श्री अजय सिंह लोध आत्मज श्री चुनकाई लाल सिंह, निवासी ग्राम खचवा, ग्राम पंचायत बड़ाछ की 11 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन का तार टूटने से, उसके सम्पर्क में आने से घटित घातक विद्युत दुर्घटना में मृत्यु हुई थी। अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) रीवा के आदेश दिनांक 21.02.2023 के माध्यम से पीड़ित परिवार को नियमानुसार आर्थिक सहायता अनुदान राशि रुपये 400000/- स्वीकृत की जाकर दिनांक 22.02.2023 को प्रदाय की गई है। (ख) विगत 03 वर्षों में जनपद पंचायत जवा जिला रीवा अंतर्गत विद्युत लाईन के संपर्क में आ जाने से कुल 02 घातक विद्युत दुर्घटना घटित हुई हैं, जिनमें श्री अजय सिंह लोध आत्मज स्व. श्री चुनकाईलाल सिंह ग्राम-खचवा ग्राम पंचायत बछाड़ एवं श्री बृजलाल प्रजापति आत्मज श्री रामखेलावन प्रजापति ग्राम पथरौड़ा पोस्ट जवा जिला रीवा की आकस्मिक मृत्यु हुई है। उपरोक्त दोनों घातक विद्युत दुर्घटनाओं में मृत दोनों व्यक्तियों के निकटतम वारिस/परिजनों को नियमानुसार आर्थिक सहायता अनुदान राशि रू. 4 लाख का भुगतान किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सड़कों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 2837 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन संभाग में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि की कितनी कि.मी. की सड़कों को स्वीकृति दी? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त प्रस्ताव को बजट में शामिल या निर्माण कार्य करने हेतु विभाग द्वारा प्रस्ताव मांगे गए या प्रश्नकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पत्र भेजे गए हैं? हाँ तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी राशि की कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? कितनी शेष हैं, क्या बजट में शामिल की गई हैं? (ग) कसरावद वि.स. की कितनी सड़कें क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं? क्या इन सड़कों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है? हाँ तो बताएं एवं किन-किन सड़कों के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बजट में कब-कब सम्मिलित किए गए एवं किन पर विभागीय स्तर पर स्वीकृति दी गई है तथा प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब कितने-कितने पत्र किन-किन निर्माण कार्य के लिए भेजे गए हैं? प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या कसरावद से पीपलगोन मार्ग को ध्वस्त एवं क्षतिग्रस्त घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसे बजट में शामिल किया गया है? हाँ तो बताए नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) स्वीकृत सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गई कार्रवाई का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'स-1' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मुख्य बजट वर्ष 2022-23 के मद क्रमांक 11 एवं सरल क्रमांक 33 पर सम्मिलित है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
करही-पाडल्या पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 1772 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद करही-पाडल्या की पेयजल योजना स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो उसकी लागत क्या है? कार्य आदेश कब दिया गया था तथा पूर्ण होने का समय कब था? (ग) क्या योजना पूर्ण हो गई है? अगर हुई है तो कब? यदि नहीं हुई है तो क्या कारण हैं? (घ) संबंधित ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्माण एवं संचालन संधारण सहित लागत रू. 23.52 करोड़ है। कार्य आदेश दिनांक 28.12.2016 को संविदाकार को दिया गया था। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने का समय दिनांक 05.08.2019 था। (ग) जी नहीं। कोविड-19 महामारी फैलने, संविदाकार द्वारा पर्याप्त मजदूर एवं मशीन न लगाये जाने से विलंब हुआ है। (घ) संविदाकार द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण काली सूची में भी रखा गया था एवं उसके चल देयक के भुगतान समय क्षति पूर्ति राशि रोकी गयी है।
निशातपुरा पन्ना नगर आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 2166 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निशातपुरा पन्ना नगर बैरसिया रोड भोपाल आवासीय योजना के अंतर्गत वर्ष 2010 से आज दिनांक तक ऐसे आवेदकों को मंडल द्वारा भूखण्ड/आवास क्यों नहीं दिये गये? इन आवेदकों द्वारा आवास/भूखण्ड के संबंध में कब-कब मांग की गई? मंडल इन्हें आवास/भूखण्ड उपलब्ध कराने की कार्यवाही करेगा? कितने हितग्राहियों का पैसा कब से और कितना जमा है? यदि उनके द्वारा राशि वापस ली जाती है तो आज दिनांक तक उन्हें मूल राशि तथा ब्याज सहित कितनी राशि का भुगतान गृह निर्माण मंडल द्वारा किया जायेगा? (ख) क्या मंडल द्वारा उक्त आवेदकों को भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत भूखण्ड/आवास किसी अन्य प्रोजेक्ट में रियायती दर पर उपलब्ध कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो प्रोजेक्ट निरस्त किये जाने के कारण जिन आवंटितियों ने अपने गाढ़ी कमाई की राशि प्रोजेक्ट में लगाई थी, उन्हें आर्थिक नुकसान और वर्तमान में बढ़ी दर पर भूखंड क्रय का भार क्यों दिया जा रहा है? क्या विभाग के अन्य प्रोजेक्ट में रियायती दर पर भूखण्ड दिलाये जायेंगे? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आवेदकों को निशातपुरा पन्ना नगर बैरसिया रोड की भूमि पर प्रस्तावित आवासीय योजना दिनांक 09.11.2012 को निरस्त होने के कारण भूखण्ड/आवास नहीं दिए गए। आवेदकों द्वारा उक्त निरस्त की गई योजना में उनके पत्र दिनांक 21.03.2013, 11.02.2015, 11.03.2015 एवं दिनांक 28.09.2015 द्वारा आवास/भूखण्ड क्रय करने की मांग की गई है। योजना निरस्त होने के कारण मण्डल द्वारा इन्हें आवास/भूखण्ड उपलब्ध कराने की कार्रवाई किया जाना संभव नहीं है। तीन हितग्राहियों की राशि मण्डल में जमा है, जिसका शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मण्डल में नियमानुसार योजना निरस्त होने की स्थिति में जमा राशि का 8 प्रतिशत ब्याज सहित राशि वापस करने का प्रावधान है। अतः कोई भार नहीं दिया जा रहा है। जी नहीं, अन्य प्रोजेक्ट में रियायती दर पर आवास/भूखण्ड दिये जाने का नियम/प्रावधान नहीं है।
मार्केट क्षेत्रों में अव्यवस्थाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 2873 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित सराफा, फुहारा, गंजीपुरा, सुपर मार्केट सहित अन्य मार्केट क्षेत्र में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी चौड़ी सड़कें हैं? कितने-कितने पार्किंग स्थल तथा शौचालय हैं? (ख) क्या उक्त क्षेत्रों में व्यापारियों एवं आमजनों को लम्बे समय से यातायात, पार्किंग, सड़कों तक दुकानें लगाये जाने से निर्मित अराजक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है? (ग) उक्त क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं हेतु नगर निगम जबलपुर तथा यातायात विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्य योजनायें बनायी गयीं? कब-कब लागू की गईं? क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए? समस्त सुसंगत दस्तावेज सदन के पटल पर रखें। (घ) उक्त क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा कब-कब ज्ञापन/शिकायत इत्यादि देकर विभिन्न समस्याओं के बारे में नगर निगम तथा जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है? उक्त संबंध में नगर निगम तथा जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर विकास योजना 2021 में मध्य क्षेत्र के सड़क मार्गों की चौड़ाई सह मापचित्र नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जारी किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सड़कें/पार्किंग स्थल/शौचालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2020 में सिटी स्ट्रीट वेण्डर प्लान तैयार किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है तथा प्रमुख मार्गों जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर दर्शित स्थानों से नगर निगम अतिक्रमण हटाने वाले दल द्वारा सड़क किनारे से अस्थाई अतिक्रमणों एवं दुकानों को हॉकर जोन में विस्थापन एवं अन्यत्र शिफ्ट कराये जाकर यातायात को सुगम बनाया जाता है तथा मॉनिटरिंग की जाती है, जिससे यातायात को व्यवस्थित रखने तथा आमजनों की सुविधा की दृष्टि से अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। (घ) जी हाँ। नगर निगम जबलपुर में मिलौनीगंज व्यापारी संघ द्वारा दिनांक 07.12.2022 को महापौर जी को ज्ञापन दिया गया था, जिसमें आतिशबाजी दुकान के सामने अस्थाई हाथ ठेले को हटाने की मांग की गई थी, जिसे नगर निगम द्वारा ठेला हटाया गया एवं स्थल के आस-पास के क्षेत्रों में अस्थाई ठेला एवं टपरों को समय-समय पर हटाने की कार्यवाही की जाती है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राजगढ़
में रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
( क्र. 562 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले राजगढ़ में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है? (घ) यदि कार्य की स्वीकृति नहीं दी गई तो क्या कारण रहा बताने का कष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों के खेत में सोलर पम्प योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
2. ( क्र. 667 ) श्री संजय शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किसानों के खेतों में सौर ऊर्जा से चलित कृषि पम्प लगवाने के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, योजनाओं में किसानों के लिए किस योजना में क्या अनुदान है एवं क्या मापदण्ड और नियम हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) ''प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान'' (PM-KUSUM) के घटक 'ब' योजना को प्रदेश में किसानों के खेतों में सौर ऊर्जा से चलित कृषि पंप लगवाने के लिए ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के नाम से संचालित किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना कुसुम-बी'' के संबंध में अनुदान मापदंड एवं नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम हिनौता कला फीडर से जोड़ा जाना
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 717 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री महोदय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन यह बताने का कष्ट करेंगे कि जनता की मांग के आधार पर एवं मेरे पत्र की मांग अनुसार आपके द्वारा जिला दमोह के हटा ए.ई. अंतर्गत ग्राम बरखेरा कलार को मुहरई लाईन से विभक्त कर हिनौता कला फीडर में जोड़े जाने हेतु प्रमुख सचिव ऊर्जा मध्यप्रदेश को लगभग 02 वर्ष पूर्व पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) साथ ही यह बतायें कि आपके द्वारा 02 वर्ष पूर्व लिखे गये पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो कौन दोषी है? क्योंकि प्रश्न दिनांक तक फीडर विभक्तीकरण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? कब तक होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्त पत्र दिनांक 15.11.2021 के तारतम्य में मेरे पत्र दिनांक 20.12.2021 से जिला दमोह के ग्राम बरखेरा कलार को मुहरई लाईन से विभक्त कर हिनौता कला फीडर से जोड़ने के प्रस्ताव के परीक्षणोंपरांत नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु विभाग को निर्देश दिये गये थे। उक्त पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित पत्र दिनांक 20.12.2021 में दिए गए निर्देश के तारतम्य में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ग्राम बरखेरा कलार को मुहरई लाईन से विभक्त कर हिनौता कला फीडर में जोड़े जाने के प्रस्ताव का परीक्षण किया गया। परीक्षणोपरांत 11 के.व्ही. मुहरई फीडर के विभक्तिकरण का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल किया गया एवं उक्त कार्य की स्वीकृति योजनान्तर्गत प्राप्त हो चुकी है। उक्त कार्य हेतु सर्वे का कार्य पूर्ण कर प्राक्कलन तैयार किया जा चुका है। उक्त योजना में संचालन-संधारण वृत्त दमोह अन्तर्गत स्वीकृत फीडर विभक्तिकरण के कार्यों हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही के पूर्ण होने के उपरांत क्रियान्वयन एजेंसी का चयन कर उक्त कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया जावेगा। तदोपरान्त संचालन-संधारण वृत्त दमोह अन्तर्गत फीडर विभक्तिकरण के कार्य को प्रारंभ किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उपरोक्त की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 810 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) किन-किन पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन नहीं हुआ तथा क्यों इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है? पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन कब तक होग? (ग) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों के पास किस-किस योजना/मद की कितनी राशि कहां-कहां, किस-किस खाते में जमा है? उक्त राशि व्यय की क्या क्या योजना हैं? (घ) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों को किस-किस संस्था/बैंक/ठेकेदार की कितनी देनदारी है तथा 10 हजार रूपये से ज्यादा की किन-किन व्यक्ति/संस्था से किस किस योजना/मद की राशि लेना है? उक्त राशि वसूल करने हेतु क्या क्या कार्यवाही की।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
छात्र-छात्राओं हेतु शासकीय की सुविधाएं
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 811 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? योजनावार पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) रायसेन जिले के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितने-कितने छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया गया? किन-किन छात्र/छात्राओं को पात्रता के उपरांत भी छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान नहीं किया गया? (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिक के पुत्र-पुत्रियों से फीस लेने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है किन-किन शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में संबल योजना में पंजीकृत श्रमिक के पुत्र-पुत्रियों से फीस क्यों ली गई? कारण बतायें? (घ) गावं की निवासी छात्रा शहर के विद्यालय से कक्षा 12वीं प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण करती है उसको गांव की बेटी योजना अथवा प्रतिभा किरण योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जाता? कारण बतायें तथा इसमें कब तक संशोधन किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। शासकीय/अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों से फीस नहीं ली जा रही है। (घ) गांव की बेटी योजना एवं प्रतिभा किरण योजना के निर्धारित पात्रता नियमों के अनुसार लाभ प्रदान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। गांव की निवासी छात्रा यदि शहर के विद्यालय से कक्षा 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उर्त्तीण करती है तो उसे गांव की बेटी योजना का लाभ प्रदान किए जाने हेतु योजना से संबंधित पात्रता नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पी.आई.यू. द्वारा किये गए निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 1001 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा विधान सभा अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक पी.आई.यू. के माध्यम से कितने निर्माण कार्य निर्माणाधीन कार्यों की सूची प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके है की जानकारी सहित उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सूची में कार्य में उपयोग होने वाली समस्त सामग्री की टेस्ट रिपोर्ट किस अधिकारी ने किस-किस कार्य कब-कब निरीक्षण करा अधिकारी का नाम, पद निरीक्षण की टीप दिनांक सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि कार्य में कोई तकनीकी खामी है तो अधिकारी द्वारा मौखिक/लिखित में दिए गए निर्देश अधिकारों के निर्देश के बाद निर्माण एजेंसी द्वारा अधिकारी के निर्देश के पालन में कब-कब, क्या कार्य कराये उसकी जानकारी कार्य अनुसार उपलब्ध कराएं? (घ) क्या विभाग द्वारा कार्यों की प्रगति समय-समय पर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाई गई? यदि हाँ, तो दिनांक सहित बतायें यदि नहीं तो क्या कारण रहा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, मौखिक निर्देशानुसार समय-समय पर चाही गई जानकारी तत्समय उपलब्ध कराई गई है, पत्र के माध्यम से जानकारी नहीं दिये जाने के कारण दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका परिषद् की सीमा का विस्तार
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 1007 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् बीना की सीमा के विस्तार के लिए आस-पास के ग्रामों को नगर पालिका में जोड़ा जा सकता है? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा इस संबंध में कोई कार्ययोजना बनाई है तो उपलब्ध कराये? (ख) नगर पालिका परिषद् बीना का विस्तार किस नियम के अन्तर्गत किया जायेगा? जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) नगर पालिका परिषद् बीना का विस्तार कब तक कर दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार समय-सीमा बताने का कष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) नगरीय निकायों की सीमावृद्धि के प्रावधान म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन विद्युत सब स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 1008 ) श्री महेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत देहरी, सेमरखेडी, निवोदा, अगासोद इत्यादि ऐसे कई ग्राम है जहां विद्युत वोल्टेज की समस्या है जिससे किसानों को परेशानी हो रही है क्या ऐसे ग्रामों की समस्या के निदान हेतु नवीन विद्युत सब स्टेशन बनाये जा सकते हैं? (ख) यदि हाँ, तो कब तक नवीन विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत कर दिये जायेंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम है जहां विद्युत वोल्टेज की समस्या है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार समय-सीमा बताने का कष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में विद्युत वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में ग्राम आगासोद में कोविड अस्पताल के पास नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र स्वीकृत किया गया है, जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों को छोड़कर विद्युत वोल्टेज की समस्या के संबंध में अन्य किसी ग्राम से म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के संबंधित कार्यालयों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार ग्राम आगासोद में नवीन 33/11 के.व्ही.विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत कर दिया गया है।
नगर पालिक निगम द्वारा घटिया रोड निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 1124 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम इंदौर के द्वारा एमजी रोड के चौड़ीकरण और नव निर्माण का कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कार्य को कितने दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है? (ख) कार्य की स्वीकृति कब दी गयी? किस कंपनी द्वारा कार्य किया जायेगा, कितने समय में कार्य पूर्ण करना है? क्या कार्य पूर्ण करने में विलम्ब हुआ है? हाँ या नही? यदि हाँ, तो कार्य निश्चित अवधि में पूरा नहीं होने के कारण ठेकेदार पर कोई पेनल्टी लगाई गई है? यदि हाँ, तो अब तक कितना जुर्माना लगाया गया है? (ग) सड़क के निर्माण की गुणवत्ता के लिए कोई कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कंसल्टेंट द्वारा घटिया निर्माण के लिए क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कंसल्टेंट क्यों नियुक्त नहीं किया गया? (घ) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अंतर्गत इन्दौर शहर में निर्मित की गई सड़कों में सभी स्थानों पर ड्रेनेज व पानी की लाईन डाली जा चुकी है? हाँ या नही? क्या कई स्थानों पर उक्त दोनों कार्य अधूरे पड़े हैं? यदि हाँ, तो कब तक ड्रेनेज/पानी की लाईन डाली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। महात्मा गांधी सड़क बडागणपति से कृष्णपुरा पुल तक सड़क का निर्माण स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत शुरू किया गया है। कार्य को 9 (नौ) माह में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया था। (ख) दिनांक 11.02.2022 को कार्य की स्वीकृति दी गई है। कार्य मेसर्स तीर्थ गोपीकॉन प्रायवेट लिमिटेड द्वारा किया जाना है। कार्य को 9 (नौ) माह में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया था। जी हाँ, विलंब हुआ है। विलंब ठेकेदार स्तर से न होकर नगर निगम स्तर के सड़क निर्माण में बाधक भवन/संरचनाओं को हटाने के कारण हुआ है। ठेकेदार पर वर्तमान दिनांक तक कोई पेनाल्टी नहीं लगाई गयी है। शेषांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। स्मार्ट सिटी SPV में तकनीकी अमला पदस्थ होने से पृथक से कंसलटेंट नियुक्त नहीं किया गया है। शेषांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जयरामपुर से गौराकुंड सड़क तथा गंगवाल बस स्टैण्ड से मच्छी बाजार चौराहे तक सड़क निर्माण के कुछ भाग में बाधक धर्म स्थल होने के कारण ड्रेनेज लाईन का कार्य नहीं किया जा सका है। सड़क निर्माण में बाधक धर्मस्थल के हटने के पश्चात ड्रेनेज तथा पानी की लाईन डाली जा सकती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध निर्माण का निरीक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 1125 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व तारांकित प्रश्न क्रमांक 14 दिनांक 22 दिसम्बर 2022 क्र 112 अनुसार नगर पालिक निगम द्वारा जानकारी भेजी जा चुकी है? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो विभाग द्वारा? पूर्व प्रश्न अनुसार नगरीय प्रशासन विभाग/निगम इन्दौर द्वारा सदन को समय पर क्यों जानकारी नहीं भेजी गई? कारण स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कंपाउंडिंग के आवेदन निगम को प्राप्त हुये? कितनी राशि प्राप्त हुई भवनों की सूची सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये कंपाउंडिंग हेतु प्राप्त आवेदनों पर कब-कब, कितने अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण का निरीक्षण किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भवन निर्माण कि स्वीकृति होने के बाद भवन अधिकारी/भवन निरीक्षक द्वारा निर्मित भवन का निरीक्षण किया जाता है? हाँ या नहीं यदि? हाँ तो कम्पाउंडिंग के लिये प्राप्त आवेदनों में अवैध निर्माण के लिये कौन दोषी हैं? (घ) क्या अधिकारियों द्वारा भवन निर्माण पश्चात कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं तो बगैर पूर्णता प्रमाण पत्र के कार्यों को पूर्ण कर अवैध निर्माणकर्ता व अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कि जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, जानकारी संकलन में समय लगने से विलंब हुआ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कम्पाउंडिंग हेतु प्राप्त आवेदनों एवं एकत्रित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगर निगम इन्दौर के 19 जोन क्षेत्र में पदस्थ भवन निरीक्षक व भवन अधिकारियों द्वारा लगातार प्रक्रिया के अंतर्गत कम्पाउंडिंग के प्रकरणों का निरीक्षण किया गया। (ग) जी हाँ, अवैध निर्माण पाये जाने पर अवैध निर्माण की जानकारी के साथ सूचना पत्र दिये जाते हैं। भवन निर्माता द्वारा अवैध निर्माण किये जाने से नियमानुसार सूचना पत्र दिये जाकर अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही की जाती है। (घ) जी हाँ, भवन निर्माता द्वारा भवन का निर्माण पूर्ण करने पर आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर निरीक्षण उपरांत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाइन बिल जमा करने की सुविधा
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 1136 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. सागर द्वारा उपभोक्ताओं को हार्ड कापी में बिल प्रदान करना बंद कर दिया गया है एवं मोबाईल मैसेज द्वारा बिल राशि जमा कराये जान हेतु सूचित किया जाता है, जिन उपभोक्ताओं के पास मोबाईल सुविधा/ज्ञान नहीं है तो ऐसे उपभोक्ताओं के लिये क्या कोई नियमावली जारी की गई है? यदि नहीं तो क्या शासन इस पर विचार करेगा तथा कब तक? (ख) क्या विद्युत उपभोक्ताओं को ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से बिल की राशि जमा कराये जाने हेतु बाध्य किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त कमीशन दिये जाने का भार वहन करना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इनके निदान हेतु ऑनलाईन बिल राशि जमा कराये जाने हेतु वार्डवार ए.जे.पी. मशीन स्थापित करायेगा तथा कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या ऑनलाइन बिल जमा करने की एवं केश काउंटर पूर्ण रूप से बंद करने की पद्धति सिर्फ म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. सागर द्वारा प्रचलन में है या प्रदेश की अन्य विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा भी अमल में लाई जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, तथापि ऐसे विद्युत उपभोक्ता जिनके पास मोबाइल सुविधा/ज्ञान नहीं है, उन्हें एमपी ऑनलाईन/कियोस्क के माध्यम से पुराना बिल या सर्विस क्रमांक (आईवीआरएस नं.) बताकर बिल की राशि जमा कराये जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उपरोक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ख) जी नहीं। विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा आनलाईन प्रक्रिया यथा फोन-पे, पेटीएम, बिल डेस्क, अमेजन पे, गूगल-पे, एमपी ऑनलाईन/कियोस्क एवं NEFT/RTGS के माध्यम से विद्युत बिल की राशि जमा कराने पर उपभोक्ताओं को कोई भी अतिरिक्त राशि कमीशन के रूप में नहीं देनी पड़ती। ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से विद्युत बिल की राशि जमा कराने की सुविधा पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। साथ ही एम.पी. ऑनलाईन/कियोस्क एवं ए.टी.पी. मशीन के माध्यम से बिल की राशि नगद जमा करने की भी सुविधा प्रदान की गई है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रमुख स्थलों पर एटीपी मशीन स्थापित की गई है। वर्तमान में विद्युत बिल जमा कराये जाने हेतु पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है अत: इसमें विस्तार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। तथापि इस संबंध में भविष्य में आवश्यकतानुसार आंकलन कर निर्णय लिया जावेगा। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में उपभोक्ताओं को ऑनलाईन प्रक्रिया के साथ-साथ नगद बिल जमा करने की भी सुविधा प्रदान की गई है। उक्त व्यवस्था प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रचलित है। उक्त के अतिरिक्त म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में बिल की राशि नगद जमा करने हेतु कैश काउन्टर की सुविधा भी प्रचलन में है।
शिवपुरी में पार्क निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 1295 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगरपरिषद कोलारस एवं रन्नौद में कुल कितने-कितने पार्क बने हुए हैं? यदि पार्क का निर्माण नहीं हुआ है तो क्या कोलारस एवं रन्नौद में पार्क निर्माण हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है? पार्क निर्माण की स्वीकृति हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगरपरिषद कोलारस एवं रन्नौद द्वारा पार्क निर्माण की स्वीकृति की मांग का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है? यदि हाँ, तो पत्र उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो क्यों? सकारण उत्तर दें। क्या नगरों में आमजन हेतु पार्क निर्माण की आवश्यकता नहीं है? यदि है तो कब तक नगरपरिषद कोलारस तथा रन्नौद में पार्क निर्माण की स्वीकृति प्रदाय कर दी जाएगी? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद कोलारस में 2 पार्क बने हुए है जबकि नगर परिषद रन्नौद में कोई पार्क नहीं है। अमृत 2.0 योजनान्तर्गत दोनों निकायों में 1-1 पार्क स्वीकृत है जिसके लिए रन्नौद नगर परिषद में पानी की टंकी के पास भूमि उपलब्ध है और कोलारस नगर परिषद को कलेक्टर द्वारा 1.495 हेक्टेयर भूमि का आवंटन पार्क हेतु कर दिया गया है। दोनों ही निकायों में पार्क की योजना की डी.पी.आर. तैयार कराई जा रही है। (ख) अमृत 2.0 की गाइड-लाइन अनुसार शासन द्वारा नगर परिषद रन्नौद में पार्क निर्माण हेतु राशि रू.17.00 लाख एवं नगर परिषद कोलारस में राशि रू. 27.00 लाख की कार्य योजना प्रावधानित है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मधुसूदनगढ़ में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
13. ( क्र. 1339 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मधुसूदनगढ़ में महाविद्यालय प्रारंभ करने की क्या योजना हैं? (ख) चांचौड़ा महाविद्यालय के रख-रखाव हेतु वर्ष 2020 से आज तक कितनी राशि प्रदान की गई? (ग) इस राशि के खर्च का मद अनुसार विवरण प्रदान करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में मधुसूदनगढ़ में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, बीनागंज चाचौड़ा एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय, चाचौड़ा को आज दिनांक तक रख-रखाव हेतु पृथक-पृथक राशि रूपये 5.00 लाख स्वीकृत की गई है। (ग) आवंटित राशि के व्यय का विवरण- (1) महिला शौचालय निर्माण रूपये 80,230.00 (2) खिड़कियों का निर्माण रूपये 3,78,920.00 (3) फ्लोर निर्माण द्वितीय तल रूपये 41,120.00
अनियमित ढंग से राशि व्यय करने वालों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1365 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नगर पालिक निगम शहडोल एवं नगर पंचायतों व नगर परिषदों को कब-कब कितनी-कितनी राशि किन-किन मदों से किन-किन कार्यों हेतु वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में प्रदान की गई का विवरण पृथक-पृथक नगरीय निकायवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशियों का उपयोग किन-किन कार्यों हेतु कब-कब किया गया? कार्यादेश किन संविदाकारों को दिये गये कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों में संविदाकारों को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया, भुगतान के पूर्व कार्यों का सत्यापन व गुणवत्ता की जांच कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई की जानकारी तिथिवार देवें। यह भी बतावें कि क्या भुगतान मौके के कार्य अनुसार किये गये अथवा कम कार्य पर ज्यादा भुगतान तो नहीं हुआ? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत राशि का उपयोग प्रश्नांश (ख) के कार्यों में न कर नियम से हटकर दूसरे कार्यों में राशि व्यय की गई, कार्य प्रश्नांश (ग) अनुसार समय पर पूरे नहीं किये गये राशि का भुगतान कम कार्य पर ज्यादा किया गया, इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शहडोल जिले की 07 नगरीय निकाय (शहडोल, धनपुरी, बुढार, बकहो, जयसिंहनगर, ब्यौहारी एवं खाण्ड) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 1379 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के माननीय मुख्यमत्री महोदय को प्रेषित पत्र के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पत्र पंजीयन क्रमांक 611/CMS/MLA/162/2023 दिनांक 23.01.2023 के माध्यम से ACS/PS/Secretary से नगरीय विकास एवं आवास विभाग को प्रेषित किया गया है? हाँ तो जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या राजगढ़ स्थित स्टेडियम में क्या-क्या खेल गतिविधि/शासकीय कार्यक्रम संचालित होते हैं? जानकारी दें। क्या वर्तमान समय में स्टेडियम में समस्त गतिविधियां/शासकीय कार्यक्रम हेतु पर्याप्त सुविधायें हैं? जानकारी दें। राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओं हेतु क्या शासन स्टेडियम के उन्नयन हेतु कोई कार्य योजना बनाकर आवश्यक राशि स्वीकृत करेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। विशेष निधि मद में वर्तमान में बजट की राशि शेष न होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। राजगढ़ नगर स्थित स्टेडियम में शासकीय कार्यक्रम जैसे-गणतंत्र दिवस समारोह, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह, स्थानीय निर्वाचन, लोकसभा निर्वाचन, विधानसभा निर्वाचन तथा जिला शिक्षा विभाग, क्रीडा विभाग एवं स्थानीय अशासकीय संस्थानों द्वारा समय-समय पर खेलकूद कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर कि खेल सुविधा हेतु कार्ययोजना निकाय स्तर से नहीं बनाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भवन को तोड़े जाने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 1401 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के चिचोली में शासकीय चिकित्सालय के भवन को बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के तोड़ेने वालों के विरूद्ध विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई अपराधिक प्रकरण क्यों दर्ज नहीं करवाया? (ख) चिचोली में चिकित्सालय का भवन कब और किसके द्वारा तोड़ा गया, भवन को तोड़े जाने की अनुमति दिए जाने का अधिकार किसके पास था? उस अधिकारी ने भवन तोड़े जाने की अनुमति किस दिनांक को दी? (ग) भवन तोड़े जाने के दिनांक से पूर्व 5 वर्षों में भवन की मरम्मत एवं निर्माण पर किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि खर्च की गई थी? (घ) भवन तोड़े जाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण रहा हैं? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बैतूल जिले के चिचोली में शासकीय चिकित्सालय भवन विभाग द्वारा नहीं तोड़ा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी भूमि पर मार्ग निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 1402 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग और विभाग के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं, संगठनों, निगम आदि के द्वारा किस-किस योजना के तहत निर्मित की जाने वाली सड़कों में आने वाली किन-किन निजी सम्पत्तियों का विधिवत अर्जन किया जाकर निर्माण किया जा सकता है? किन-किन सड़कों के लिए निजी सम्पत्तियों के अर्जन का प्रावधान नहीं है? (ख) भोपाल नगर निगम सीमा में गत पांच वर्षों में किस-किस सड़क के लिए कितनी-कितनी निजी सम्पत्तियों का चयन किया गया? उनमें से कितनी सम्पत्तियों के भू-अर्जन का प्रकरण किस दिनांक को कलेक्टर भोपाल के समक्ष प्रस्तुत किया? किस-किस सड़क के निर्माण में आने वाली निजी सम्पत्तियों के स्वामियों को सूचना पत्र जारी किए पृथक-पृथक बतावें? (ग) किस-किस सड़क निर्माण हेतु निजी सम्पत्तियों के मालिकों को सूचना पत्र दिए जाकर अन्य क्या-क्या विकल्प प्रस्तावित किए गए हैं? यह विकल्प किस कानून की किस धारा के अनुसार प्रस्तावित किए गए हैं? (घ) निजी सम्पत्तियों का विधिवत अर्जन किए बिना नगरीय सीमाओं में किए जा रहे सड़क निर्माण कार्यों के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सीवरेज योजना में गड़बड़ी की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1443 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस शहर में कितनी लागत से सीवरेज का कार्य चल रहा है या पूर्ण हो गया है? शहर का नाम, कार्य प्रारंभ की दिनांक, कितने मकानों को सीवर लाइन से जोड़ने का प्रावधान, अभी तक कितनों को जोड़ा गया? कार्य की अद्यतन स्थिति कंसलटेंट का नाम, भुगतान राशि, ठेकेदार का नाम तथा पता, भुगतान की गई राशि का दिनांकवार विवरण सहित सूची देवें? (ख) सीवरेज योजना में कार्य के प्रमुख घटक क्या हैं तथा विभिन्न शहरों में कंसल्टेंट द्वारा घटक अनुसार बनाये गयी डी.पी.आर. के ईस्टीमेट में सभी घटकों का औसत खर्च समान क्यों नहीं है तथा डी.पी.आर. में दिये आंकड़ों का परीक्षण तथा सत्यापन किसके द्वारा कैसे किया जाता है? इंदौर नगर निगम की सीवरेज प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. की प्रति देवें। (ग) ठेकेदार द्वारा काम अनुबंध के अनुसार पाईप, सीमेंट, पंप इत्यादि उपयोग में लिये या नहीं, इसका परीक्षण किन दस्तावेज से कैसे किया जाता है? क्या ठेकेदार खरीदे गये पाइप, सीमेंट, पंप आदि के बिल विभाग को देता है या नहीं? (घ) डी.पी.आर. में उल्लेखित पाइप की लंबाई अनुसार ठेकेदार को भुगतान किया जाता है या उपयोग की वास्तविक लंबाई अनुसार भुगतान किया जाता है? (ड.) सीवरेज परियोजना में डी.पी.आर. में घरों के सीवरेज के आउट फ्लो से सीवर लाइन को जोड़ने या इन फ्लो से जोड़ना का प्रावधान है? शहर अनुसार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) सीवरेज परियोजना के कार्य के प्रमुख घटक हाउस सर्विस कनेक्शन, चेम्बर, मैनहोल, सीवेरज नेटवर्क, आउटफाल ट्रैपिंग, रोड रेस्टोरेशन, पंपिग स्टेशन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट इत्यादि हैं। डी.पी.आर. तैयार करते समय वास्तविक आवश्यकता एवं स्थल की परिस्थितियों के अनुसार घटकों का आकलन किया जाता है, जिसके कारण विभिन्न शहरों में घटकों का औसत खर्च समान नहीं होता है। संबंधित नगरीय निकाय के सलाहकार द्वारा सर्वे उपरांत डी.पी.आर. तैयार की जाकर एवं नगरीय निकाय के इंजीनियर्स द्वारा परीक्षण किया जाकर, योजना के प्रावधानों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की जाती है। इंदौर सीवरेज प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) ठेकेदार द्वारा सामग्री क्रय जाने के पूर्व क्वालिटी एश्योरेन्स प्लान स्वीकृत किया जाता है। जिसके क्रम में थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन संपादित कर, सामग्री की गुणवत्ता एवं क्वांटिटी सुनिश्चित की जाती है। अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा खरीदे गये पाईप, सीमेंट, पंप आदि के बिल विभाग को दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) ठेकेदार को किये गये वास्तविक कार्य की लंबाई के आधार पर भुगतान किया जाता है। (ड.) विभिन्न शहरों में सीवरेज परियोजनाओं के डी.पी.आर. में घरों के सीवरेज को हाउस कनेक्शन के माध्यम से सीवर लाईन जोड़ने का प्रावधान है। शहरों में स्थल की उपलब्धता एवं परिस्थिति के अनुसार मकानों के सेप्टिक टैंकों के आउटफ्लो अथवा इनफ्लो को सीवर लाईन से जोड़ा जाता है।
गुणवत्ताविहीन सीवरेज कार्य की उच्च स्तरीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1463 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम मुरैना सीवरेज प्रोजेक्ट की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की कब जारी की गई? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृतियों की प्रतियां सहित जानकारी देवें? (ख) सीवर प्रोजेक्ट मुरैना में निर्माण एजेंसी से अगस्त 2016 में अनुबंध किया गया तथा 24 माह में कार्य पूर्ण करना था यदि हाँ, तो समय-सीमा निकलने के 6 वर्षों बाद भी प्रश्न दिनांक तक सीवरेज कार्य पूर्ण क्यों नहीं कराया गया तथा कार्य की अवधि बार-बार क्यों बढ़ाई गई? निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड क्यों नहीं किया गया? कारण सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार पूर्व एम.आई.सी. न.पा.नि. मुरैना द्वारा समय अवधि में कार्य पूर्ण न होने पर प्रोजेक्ट कंपनी मैसर्स स्टैण्ड इन्फ्राटेक इण्डिया प्रा.लि. हैदराबाद पर 50 लाख का जुर्माना लगाया था उसका भुगतान बिना एम.आई.सी. की मीटिंग किये कर दिया क्यों? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रश्नांश दिनांक तक नहीं की गई क्यों? या कब तक की जायेगी? (घ) सीवरेज प्रोजेक्ट में हाउस सर्विस चेम्बर बनाकर कनेक्शन देने का प्रावधान हैं लेकिन सीवर कनेक्शन के पाईप सीधे लाइन से जोड़ दिए गए तथा निर्माण एजेंसी को 7976 हाउस चैम्बरों का निर्माण किए बिना निगम द्वारा भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे? (ड.) मुरैना निगम में गुणवत्ताविहीन कार्य किए गए सीवरेज प्रोजेक्ट की कब तक उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी तथा एस्टीमेट अनुसार कार्य नहीं करने बिना भौतिक सत्यापन किए मूल्यांकन करा कर, कार्य का भुगतान करने के दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत मिशन के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार नगर पालिक निगम, मुरैना की सीवेरज परियोजना लागत राशि रूपये 125.00 करोड़ का तकनीकी अप्रेजल राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एस.एल.टी.सी.) की बैठक दिनांक 08.02.2016 एवं प्रशासकीय अनुमोदन राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति (एच.एस.पी.एस.सी.) की बैठक दिनांक 15.02.2016 में किया गया। कार्यवाही विवरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, तकनीकी एवं प्रशासकीय कारणों के अलावा कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण परियोजना के क्रियान्वयन में अतिरिक्त समय लगा, इसलिये कार्य की अतिरिक्त समयावधि दिनांक 31.12.2021 तक बढ़ाई गई। अंतिम समयावधि अंतर्गत कार्य पूर्ण कर लिये जाने के कारण, निर्माण एजेन्सी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सीवरेज प्रोजेक्ट में हाउस सर्विस चैम्बर बनाकर कनेक्शन देने का प्रावधान है, जिसके विरूद्ध ठेकेदार द्वारा 7638 हाउस सर्विस चैम्बर का निर्माण कराया गया है तथा निर्मित कराये गये 7638 हाउस सर्विस चैम्बर का ही भुगतान हेतु मूल्यांकन किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन का कार्य शासन द्वारा नियुक्त परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) द्वारा किया गया है एवं नगर निगम के यंत्रियों द्वारा भी समय-समय पर निरीक्षण/परीक्षण किया गया। यह कहना सही नहीं होगा कि मुरैना नगर निगम में सीवरेज प्रोजेक्ट का गुणवत्ताहीन कार्य कराया गया है अथवा ऐस्टीमेंट अनुसार कार्य नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय विभागों पर बकाया बिल एवं वसूली
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 1618 ) श्री
आरिफ मसूद : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड का भोपाल
जिले के कई
शासकीय
विभागों के
भवन/कार्यालयों
पर बिजली बिल
बकाया हैं? यदि हाँ, तो
कितना-कितना
बिल बकाया है
राशि सहित
विभागवार
घरेलू एवं गैर
घरेलू
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या यह
कहना सही है
कि कंपनी को
नगर पालिक
निगम भोपाल से
स्ट्रीट
लाइट का बिल
भुगतान नहीं
हो रहा हैं यदि
हाँ, तो
वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक नगर
निगम द्वारा
कितनी राशि का
भुगतान हुआ
तथा कितनी
राशि बकाया
हैं? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) परिप्रेक्ष्य
में क्या
कंपनी का
भोपाल जिला
पुलिस बल तथा
भोपाल स्थित 7वीं वाहिनी, 23वीं
वाहिनी एवं 25वीं
वाहिनी पर बिल
बकाया हैं? यदि हाँ, तो वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक
कितनी राशि का
भुगतान
प्राप्त हुआ
तथा कितनी
राशि बकाया
हैं। (घ) प्रश्नांश
(ग) के परिप्रेक्ष्य
में बिजली बिल
भुगतान न हो
पाने अथवा
बकाया रहने की
दशा में वसूली
के क्या-क्या
नियम हैं तथा
किस-किस तरीके
से वसूली की
जा सकती हैं? नियम सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड की भोपाल
जिले के
अंतर्गत
शासकीय विभागों
के
भवनों/कार्यालयों
के कुल 4117
विद्युत
कनेक्शनों
पर प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
विद्युत बिल
की कुल बकाया
राशि रू. 5515.24
लाख है। प्रश्नाधीन
घरेलू एवं गैर
घरेलू सहित
अन्य उपयोग
के उक्त
कनेक्शनों
पर बकाया राशि
का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख)
नगर
पालिका निगम
भोपाल द्वारा
सड़क बत्ती
के विद्युत
संयोजन हेतु
म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को भुगतान किया
जा रहा है। वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक नगर
पालिका निगम, भोपाल
द्वारा सड़क
बत्ती से संबंधित
विद्युत
बिलों की कुल
राशि रू. 1677.86
लाख का भुगतान
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को किया गया है
तथा प्रश्न
दिनांक तक की
स्थिति में
नगर पालिका
निगम पर विद्युत
बिलों की कुल
राशि रू. 617.93
लाख बकाया है।
(ग) जी
हाँ। वित्तीय
वर्ष 2022-23 में प्रश्न
दिनांक तक
जिला पुलिस बल, 7वीं
वाहिनी,
23वीं
वाहिनी एवं 25वीं
वाहिनी के
विद्युत
कनेक्शनों
से संबंधित
विद्युत बिल
की राशि रू. 309.87 लाख का
भुगतान
प्राप्त हुआ
तथा विद्युत
बिल की राशि
रू. 59.72 लाख
बकाया है। (घ) विद्युत
बिल की राशि
का भुगतान
नहीं हो पाने
अथवा बकाया
रहने की दशा
में ''विद्युत
प्रदाय
संहिता-2021''
के
अध्याय-9 ''भुगतान
एवं संयोजन
विच्छेद'' में दिए गए
प्रावधानों
अनुसार कनेक्शन
विच्छेदित
कर वसूली की
जा सकती है, जिसकी
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इसके
अतिरिक्त
ड्यूज रिकवरी
एक्ट के
प्रावधानों
के तहत भी
वसूली की जाती
है, जिसके
संबंधित
प्रावधानों
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
सागर नगर में ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 1665 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या RRRDS योजनांतर्गत सागर नगर में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्थापित ट्रांसफार्मरों पर अतिरिक्त भार होने के कारण कम वोल्टेज की समस्या बनी हुई है? यदि हाँ, तो इनके निदान हेतु विभाग द्वारा क्या नीति निर्धारित की गई है? (ख) क्या सागर विधानसभा में कम वोल्टेज की समस्या के निदान हेतु नये ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कितने और कहाँ-कहाँ ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाना है? यह कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत (आर.आर.आर.डी.एस.योजना नहीं) सागर नगर में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई भी ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया गया है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) सागर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व से स्थापित अतिभारित वितरण ट्रांसफॉर्मरों एवं कतिपय जगहों पर कम वोल्टेज की समस्या के निदान हेतु नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-मॉडनाईजेशन में प्रस्तावित किए गए है। उक्त द्वितीय चरण हेतु प्रस्तावित कार्यों का GIS सर्वे म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। सर्वे कार्य एवं केन्द्र शासन से योजनांतर्गत द्वितीय चरण की स्वीकृति उपरांत, उक्त कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत क्रियान्वयन एजेंसी का चयन कर कार्यादेश जारी किया जायेगा। तदुपरांत चयनित एजेंसी द्वारा उक्त कार्य अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्धारित अवधि में पूर्ण किये जाएंगे। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कार्य का स्थान एवं कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
22. ( क्र. 1733 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अन्तर्गत कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? उक्त महाविद्यालयों में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की महाविद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) शासकीय महाविद्यालय नटेरन एवं शासकीय महाविद्यालय शमशाबाद में नियमित पदस्थापना के कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी देवें। स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने भरे एवं रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) शासकीय महाविद्यालय शमशाबाद एवं नटेरन में गणित एवं विज्ञान संकाय संचालित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक संचालित किये जावेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विदिशा जिला अंतर्गत कुल 10 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, शमशाबाद एवं नटेरन में गणित एवं विज्ञान संकाय संचालित करने के संबंध में संचालनालय, उच्च शिक्षा के आदेश दिनांक 14.07.2022 द्वारा प्रावधान किया गया है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालयों की मान्यता
[आयुष]
23. ( क्र. 1809 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय हैं? कृपया नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या सभी शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालयों को सी.सी.आई.एम. द्वारा मान्यता प्राप्त है? क्या सी.सी.आई.एम. द्वारा प्रदेश के कुछ महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त कर दी गयी थी? कृपया ऐसे महाविद्यालयों के नाम सहित मान्यता समाप्त करने के कारण बतायें? वर्तमान में मान्यता की क्या स्थिति है? (ग) बालाघाट जिले में नवीन शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने पर शासन विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक की गयी कार्यवाही से अवगत करावें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) प्रदेश में कुल 07 शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। वर्तमान में सभी को मान्यता प्राप्त है। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव पर वित्त विभाग के अनुमोदन की कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन।
कार्यपालन यंत्रियों को प्रभार
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 1810 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कार्यपालन यंत्रियों के रिक्त पदों पर प्रभार देने हेतु क्या मापदंड अपनाये जाते हैं? क्या सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्रियों का प्रभार देते समय उनके वरियत क्रम की अनदेखी करते हुए अपने चहेते सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्रियों के प्रभार दें दिये गये हैं? (ख) क्या शासन सहायक यंत्रियों की वरीयता अनुसार ही कार्यपालन यंत्रियों के प्रभार देना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रदेश में वर्तमान में ऐसे कितने सहायक यंत्री हैं जो कनिष्ठ होने के बावजूद कार्यपालन यंत्री के प्रभार में हैं? कृपया ऐसे सहायक यंत्रियों के नाम तथा पदस्थ स्थान की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) रिक्त पदों पर प्रभार देने हेतु विभाग के पास क्या सामान्य प्रशासन की कई गाइड-लाइन हैं? यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए गाइड-लाइन के विपरीत प्रभार देने के लिए अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संभाग के अंतर्गत पदस्थ वरिष्ठतम सहायक यंत्री को प्रभार सौंपा जाता है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। सामान्यत: वरिष्ठता अनुसार प्रभार दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट – 'अ' अनुसार है। (घ) इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष-2021 की कण्डिका– 51 में संक्षिप्त उल्लेख है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट – 'ब' अनुसार है। उक्त नीति का पालन किये जाने से किसी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 1914 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, भोपाल द्वारा बाई का बगीचा जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु लोकनिर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर को कब निर्माण (कार्य) एजेंसी बनाया है। इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत कितनी हैं? (ख) प्रश्नांकित सामुदायिक भवन निर्माण हेतु अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, भोपाल ने कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की है तथा कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की हैं एवं क्यों? शेष राशि हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) वर्तमान में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य की क्या स्थिति है। इसका कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण है एवं कितने प्रतिशत कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है एवं क्यों? इस पर कितनी राशि व्यय हुई है? ठेकेदार/निर्माण एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किया है? कब से कितनी राशि का भुगतान नहीं किया है एवं क्यों? (घ) शासन प्रश्नांकित निर्माण कार्य को पूर्ण कराने हेतु कब तक शेष राशि का आवंटन कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भूमि का मद परिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1915 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर एवं ग्राम निवेश विभाग जबलपुर को ग्राम बेतला ब.न. 52 ख.न.191/3/4 कुल रकवा 91.943 हे. में से 10,000 वर्गफुट भूमि कब किस उद्देश्य के लिये आवंटित की गई थी? भूमि का क्या उपयोग किया गया? इसके लिये कब क्या योजना बनाई हैं? (ख) क्या सिद्धबाबा लालमाटी जबलपुर में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु दिनांक 06/07/2019 को प्रश्नांकित भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कलेक्टर (जनजाति कार्य विभाग) जबलपुर का पत्र क्र./645/निर्माण/ज.जा.का.वि. 2019 दिनांक 12/6/2019 एवं पत्र क्र./2418/निर्माण/ज.जा.का.वि. 2019 दिनांक 24/12/2019 तथा दिनांक 18/10/2022 पर संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग भोपाल ने परिवर्तन करने हेतु कब क्या कार्यवाही की है। मद का परिवर्तन कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांकित सामुदायिक भवन का निर्माण सार्वजनिक उपयोग हेतु कराया जाना है परन्तु भूमि का मद परिवर्तन न होने से अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं कराया जा सका हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त भूमि का सार्वजनिक हित में मद परिवर्तन कराना सुनिश्चित करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्राम बेतला ब.नं. 52 ख.न. 191/3/4 कुल रकबा 91.943 हेक्टेयर में से 10,000 वर्गफुट भूमि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग जबलपुर को आवंटित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्वांरी नदी पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 1942 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा में वर्ष 2020 में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुरूप अहरोली में क्वांरी नदी पर पुल का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था जिसका निर्माण कार्य आज दिनांक तक चालू नहीं हो पाया है? निर्माण कार्य चालू न हो पाने का क्या कारण है? (ख) उक्त पुल के दोनों तरफ की सड़कों का निर्माण कार्य तो पूरा हो चुका है लेकिन पुल का निर्माण कार्य चालू न हो पाने से इन सड़कों का कोई औचित्य नहीं है पुल का निर्माण न होने से हर वर्ष तीन-चार बड़ी घटनायें घटित होती हैं जिसे लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी असंतोष है? इस पुल का निर्माण समय-सीमा में न कराये जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त समय-सीमा में पुल निर्माण कार्य में उदासीनता के लिए जिम्मेदार या संबंधित ठेकेदारों एवं अधिकारियों के प्रति उदासीनता की क्या विभागीय कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो पूरी जानकारी बतावें। यदि नहीं तो क्यों? उक्त पुल का निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पुल निर्माण कार्य बजट में शामिल न होने से प्रशासकीय स्वीकृति के अभाव में। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (क) अनुसार। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं, वर्तमान में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं।
चयन प्रक्रिया में अनियमितता की जाँच
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 1970 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत नवीन शा. बिरसा मुण्डा महाविद्यालय दिव्यगवां में किस आउटसोर्स कंपनी के द्वारा कुल कितने चयनित आउटसोर्स कर्मचारी सेवा दे रहे हैं? क्या कंपनी के द्वारा कर्मचारियों को श्रम कानून अंतर्गत पूर्ण भुगतान किया जा रहा है? क्या कलेक्टर दर भुगतान, ईपीएफ,ईएसआईसी के नियमों का पालन आउटसोर्स कंपनी के द्वारा किया जा रहा है? (ख) क्या महाविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को कंपनी के द्वारा भुगतान किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं तो भुगतान प्रक्रिया क्या अपनाई जा रही है? क्या संस्थान द्वारा प्राइवेट नियोजन अनुसूची क्रमांक 35 का नियमन पालन कराया जा रहा है या नहीं? क्या श्रम अधिनियम 1970 का पूर्णतः पालन किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं तो संबंधित संस्थान के जिम्मेदार एवं संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? क्या अनियमित आउटसोर्स कंपनी के द्वारा की गई अनियमित भर्ती को निरस्त कर नियमों के अनुरुप पुनः भर्ती की जावेगी? (ग) क्या महाविद्यालय के द्वारा चयनित आउटसोर्स एजेंसी के साथ कर्मचारी प्रदाय करने हेतु अनुबंध किया गया था? यदि हाँ, तो संस्थान के द्वारा किये गए अनुबंध संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विकासखंड जवा अंतर्गत नवीन शासकीय बिरसा मुण्डा महाविद्यालय, दिव्यगवां में गौतम सिक्योंरिटी सर्विसेस गुलफॉन कॉम्प्लेक्स कॉलेज रोड, रीवा के कुल 12 आउटसोर्स पद के विरूद्ध कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को कार्य पर रखा गया है। प्राचार्य, शासकीय आदर्श विज्ञान (अग्रणी) महाविद्यालय, रीवा द्वारा कोषालय से आहरित कर संबंधित कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के खाते में निर्धारित उपस्थिति कार्य दिवसों के अनुसार कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्राचार्य, अग्रणी महाविद्यालय, रीवा द्वारा कोषालय से आहरित कर संबंधित कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के खाते में निर्धारित उपस्थित कार्य दिवसों के अनुसार कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। जांच एवं परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
धरमकुंडी रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 2137 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमकुंडी रेलवे ओवर ब्रिज की निर्माण लागत क्या है? (ख) धरमकुंडी रेलवे ओवर ब्रिज की निर्माण प्रारंभ तिथि एवं अनुबंधित पेरा अनुसार निर्माण पूर्ण तिथि क्या है? (ग) क्या अनुबंध अनुसार निर्माण की गुणवत्ता एवं नियत तिथि पर निर्माण पूर्ण हुआ? (घ) अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण न होने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है तथा उन पर नियमानुसार क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वाणिज्य संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 2158 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली विधान सभा में शासकीय कन्या महाविद्यालय बैढ़न व शासकीय कन्या महाविद्यालय सिंगरौली में संचालित है जिसमें वाणिज्य संकाय का संचालन नहीं किया जा रहा है जिस कारण बालिकाओं को वाणिज्य संकाय की शिक्षा नहीं मिल पा रही है तो क्या म.प्र. सरकार के द्वारा सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य संकाय) का पद सृजन कर नियुक्त किया जायेगा? (ख) बालिकाओं को वाणिज्य संकाय की शिक्षा मिल सकें यदि हाँ, तो कब तक किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में शासकीय पाठ्यक्रमों के रूप में नवीन संकाय/स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ किए जाने हेतु निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जाती है। महाविद्यालय स्ववित्तीय योजना अंतर्गत मांग अनुसार स्नातक स्तर पर नवीन संकाय प्रारंभ कर सकते हैं। इस हेतु आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र दिनांक 04-02-2022 के माध्यम से समस्त शासकीय महाविद्यालयों को निर्देश/अनुमति प्रदान की जा चुकी है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
आयुर्वेद अस्पताल की स्थापना
[आयुष]
31. ( क्र. 2160 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के द्वारा सिंगरौली विधान सभा में आयुर्वेद अस्पताल खोलने की प्रक्रिया प्रस्तावित है तो क्या आयुर्वेद अस्पताल सिंगरौली की सभी प्रकार के प्रशासकीय स्वीकृति हो गयी है? यदि हाँ, तो राशि का आवंटन व निविदा (टेंडर) कब तक किया जावेगा? (ख) यदि नहीं हुई है तो कब तक स्वीकृति हो जाएगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
उज्जैन से आगर एवं गरोठ सड़क मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 2207 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन से आगर एवं उज्जैन से गरोठ सड़क मार्ग निर्माण कार्य स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है? यदि हाँ, इनकी डी.पी.आर., तकनीकी-प्रशासकीय स्वीकृति तथा कार्यादेश की प्रति देवें। इन मार्गों के निर्माण में मिट्टी, मुरम तथा अन्य खनिज का उपयोग किया जा रहा है तो इसके लिए कौन-कौन से खनिज की पूर्ति के लिए कौन-कौन से गांवों में किन-किन व्यक्तियों और फर्मों को कहाँ-कहाँ से खनिज की पूर्ति के लिए अनुमति दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों के निर्माण में कितना क्यूबीक मीटर खनिजों की आवश्यकता पडे़गी? वर्तमान में इनके लिए कितने क्यूबीक मीटर कौन-कौन से खनिजों का कितना-कितना उपयोग हो चुका है तथा शासन को इससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों का निर्माण कार्यादेश प्राप्त फर्म द्वारा ही किया जा रहा है अथवा अन्य फर्मों से पेटी कांट्रेक्ट पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों के निर्माण के निरीक्षण, परीक्षण के लिए शासन स्तर से कौन-कौन अधिकारी नियुक्त किये गये हैं? उनकी सूची मोबा.नं.सहित देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग का निर्माण कार्य लोक निर्माण के कार्य क्षेत्र अंतर्गत नहीं, यह कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधीकरण के द्वारा किया जा रहा है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 2214 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास अंतर्गत नमामि गंगे योजना से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिए आवश्यक मापदंड क्या है? (ख) माननीय प्रश्नकर्ता निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद चाकघाट टमस नदी के तट पर स्थित है, बरसात के दिनों में प्रदूषित जल लोगों के आवासीय मकानों में भी प्रवेश होने से आम जनमानस में आक्रोश की स्थिति निर्मित होती है। वर्तमान में शासन की नमामि गंगे योजना अंतर्गत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का डी.पी.आर. स्वीकृत की प्रत्याशा में विभाग में लंबित है टमस नदी का प्रदूषित जल अंत में प्रयागराज में प्रवाहित मां गंगे के जल में मिलने से गंगाजल भी प्रदूषित होता है मामला प्रदूषण शुद्धिकरण की दिशा में लोक महत्व का है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रत्युत्तर सकारात्मक होने की स्थिति में यह बताने का कष्ट करें कि नमामि गंगे योजना की प्रगति अब तक क्या है तथा यह भी स्पष्ट किया जाए कि नगर परिषद के निवासियों को उक्त पवित्र योजना का लाभ कब तक मिलेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) तमस नदी के तट पर स्थित नगर परिषद चाकघाट में बरसात के दिनों में आवासीय मकानों में प्रदूषित जल का कोई प्रवेश न होने से आम जनमानस में किसी प्रकार का आक्रोश नहीं है। संचालनालय के पत्र क्रमांक 5562, दिनांक 12.05.2022 से जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, भारत सरकार को नमामि गंगे योजना अंतर्गत नगर परिषद चाकघाट की राशि रू. 22.01 करोड़ की सीवरेज ट्रीटमेन्ट परियोजना का प्रारंभिक परियोजना प्रतिवेदन (पी.पी.आर.) प्रेषित किया गया है। पी.पी.आर. पर भारत सरकार से प्राप्त सुझाव अनुसार विस्तृ़त परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार की जा रही है। डी.पी.आर. तैयार की जाकर स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रांसफार्मर को अन्यत्र शिफ्ट किया जाना
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 2385 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र 47 खरगापुर के ग्राम सरकनपुर में एकीकृत शाला के प्रांगण में बिजली के खम्बे एवं ट्रांस्फार्मर लगा हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 666/MLA/KH/2022 दिनांक 12.09.2022 द्वारा कार्यपालन अभियंता म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जिला टीकमगढ़ को इसे अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए लिखा गया था, जिस पर आज पर्यंत कृत कार्यवाही से क्यों अवगत नहीं कराया गया है और न ही अमल किया गया है? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 17.08.2009 द्वारा माननीय संसद सदस्यों/विधायकगणों से प्राप्त पत्रों पर उत्तर अधिकतम एक माह की अवधि में अनिवार्यतः भेजे जाने के निर्देश हैं। परंतु प्रश्नांश (ख) में कृत कार्यवाही से अवगत न कराने के लिए कौन दोषी है एवं दोषी को चिन्हित कर उसके विरूद्ध कब तक कार्रवाई की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) में कथित बिजली शिफ्टिंग की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 666/MLA/KH/2022 दिनांक 12.09.2022 के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण) टीकमगढ़ द्वारा वितरण केन्द्र प्रभारी खरगापुर को ग्राम सरकनपुर में एकीकृत शाला के प्रांगण में स्थापित बिजली के खंबे एवं वितरण ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग किये जाने हेतु नियमानुसार कार्य का सर्वे कर प्राक्कलन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। तदोपरान्त वितरण केन्द्र प्रभारी खरगापुर द्वारा कार्यवाही करते हुए सर्वे किया गया एवं सर्वे उपरान्त उक्त कार्य हेतु प्राक्कलन क्रमांक 711960 दिनांक 21.02.2023 स्वीकृत किया गया है। प्राक्कलन की स्वीकृति उपरान्त उक्त कार्य हेतु राशि रू. 473885.64 का डिमांड नोट क्रमांक 64666 दिनांक 21.02.2023 जारी किया गया है। उक्त डिमांड नोट कनिष्ठ अभियंता, खरगापुर के पत्र क्रमांक/कानिअ/खरगापुर/3606 दिनांक 21.02.2023 के द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उपलब्ध कराया गया है। (ग) माननीय सांसद/विधायकगणों से प्राप्त पत्रों का उत्तर एक माह की अवधि में अनिवार्यत: भेजे जाने के निर्देश हैं। किंतु प्रश्नाधीन प्रकरण में समय-सीमा में कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रकरण में प्रथम दृष्टया वितरण केन्द्र खरगापुर प्रभारी श्री रविन्द्र जैन कनिष्ठ अभियंता खरगापुर की लापरवाही परिलक्षित होने पर कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण) टीकमगढ़ के पत्र दिनांक 21.02.2023 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (घ) प्रश्न में उल्लेखित लाईन शिफ्टिंग के कार्य को नियमानुसार प्राक्कलित राशि रू 473885.64 जमा होने के उपरांत शीघ्र पूर्ण कर दिया जावेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालय भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
35. ( क्र. 2404 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के उन्हैल में शासकीय महाविद्यालय किस वर्ष में प्रारंभ किया गया है और कौन-कौन से विषय के कितने-कितने व कुल कितने छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं? वर्तमान में महाविद्यालय किसके भवन में और कुल कितने क्षेत्रफल में संचालित है? क्या स्थान पर्याप्त नहीं होने के कारण महाविद्यालय के संचालन में किस प्रकार की कठिनाइयां आ रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार महाविद्यालय के स्वयं के भवन के लिए महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की है? क्या भवन निर्माण के लिए न्यायालय कलेक्टर उज्जैन द्वारा भूखण्ड आवंटित कराया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार बतावें कि भूखण्ड उपलब्ध होने की स्थिति में छात्र-छात्राओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश शासन महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए राशि इस बजट में स्वीकृत की जाकर राशि जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? सम्पूर्ण विवरण देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, उन्हेल की स्थापना वर्ष 2018 में की गई। महाविद्यालय में विषयवार अध्ययनरत विद्यार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। वर्तमान में महाविद्यालय 1428 वर्गफिट क्षेत्रफल के एक अन्य शासकीय भवन में संचालित है, जिसमें कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। (ख) दिनांक 28-01-2020 को जारी आदेश के माध्यम से भूमि आवंटित होने के पश्चात महाविद्यालय स्तर से सीमांकन एवं भूमि हस्तांतरण हेतु माह मार्च एवं अप्रैल 2022 में जिला प्रशासन को लिखा गया है। भूमि आवंटित हो चुकी है, आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
महाकाल मंदिर में महालोक निर्माण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 2410 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में महालोक के निर्माण में अनियमितता पायी गयी, उसकी सूची देवें। अनियमितता को लेकर किस-किस अधिकारी को नोटिस दिए गए, उन नोटिस की प्रति तथा प्राप्त उत्तर की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि वर्तमान में प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या महाकाल मंदिर के दर्शन हेतु पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन पर ₹ 70 से ₹ 80 लाख के मध्य खर्च किये गये? पिछले 10 वर्षों में किस-किस अतिथि के आगमन पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) क्या कमेटी द्वारा गैर धार्मिक कार्यों के लिए राशि खर्च की गई? स्मार्ट सिटी, सड़कों का चौड़ीकरण, दुकानों का नवीनीकरण आदि कई कार्यों के लिए लाखों में राशि व्यय की गई? पिछले 5 साल में गैर धार्मिक कार्य में किए गए खर्च की सूची दिनांक राशि तथा खर्च का प्रकार सहित देवें। (घ) महाकाल के दर्शनार्थ आने वाले भक्तों से प्राप्त राशि का गैर धार्मिक कार्यों में उपयोग करने वालों पर कार्यवाही करके राशि वसूल की जाएगी तथा उच्च स्तरीय जांच की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में महालोक के निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पायी गयी है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। माननीय पूर्व राष्ट्रपति महोदय के आगमन पर प्रोटोकॉल अनुसार उनकी सुरक्षा, सुविधा एवं पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुये विभिन्न आवश्यक कार्य एवं अन्य प्रचलित कार्य पूर्ण कराये गये है, जिनका उपयोग आज भी श्रद्धालुओं द्वारा किया जा रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में पारित निर्णय अनुसार 89 लाख रूपये की राशि व्यय किये जाने का अनुमोदन किया जाकर परिक्षण उपरांत मंदिर कोष से राशि रूपये 33,89,162/- (तैंतीस लाख उन्नब्बे हजार एक सौ बासठ रूपये) का भुगतान किया गया है। पिछले 10 वर्षों में आगन्तुक अतिविशिष्ट अतिथियों को लड्डू प्रसाद एवं बाबा महाकाल का चित्र भेंट स्वरूप प्रदान किया गया है, इसके अतिरिक्त मंदिर कोष से राशि खर्च नहीं की गयी है। (ग) जी नहीं। गैर धार्मिक कार्य के लिये श्री महाकालेश्वर मंदिर के कोष से राशि व्यय नहीं की गई है। श्री महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में सरल-सुलभ आवागमन, श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में पारित निर्णय अनुसार भू-अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुसार भूमि अधिग्रहण पर राशि व्यय की गयी है, जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसका स्वामित्व श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का है। मंदिर में होने वाले समस्त व्यय स्थानीय निधि संपरीक्षा के परीक्षण उपरांत किये जाते है, जिसका अनुमोदन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) गैर धार्मिक कार्य के लिये श्री महाकालेश्वर मंदिर के कोष से राशि व्यय नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय द्वारा विज्ञापन में व्यय राशि
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 2431 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 67 वें सत्र में राष्ट्रीय अधिवेशन अमृत पर्व 24 से 26 दिसम्बर 2021 को जबलपुर में आयोजित किया गया था, उसमें शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय द्वारा कितनी-कितनी राशि देकर विज्ञापन कराया गया था? (ख) नागपुर की RFR Foundation इस संस्था जो कि Sheshadri Sadan Tulsibag Marg Mahal, Nagpur, Maharashtra 440032 स्थित है, N.A.A.C. के मूल्यांकन कार्य में सहयोग के लिए शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय द्वारा कितनी-कितनी राशि पिछले 10 वर्ष से दी है? (ग) माननीय मुख्यमंत्री के ऊपर लिखी विलक्षण जननायक के विषय में लिखी गई पुस्तक का किन-किन शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों द्वारा क्रय किया गया है एवं राशि बैंक अकाउंट Name Awadesh Prakashan Gwalior Pvt Ltd A/C Madhya Swadesh, Account No. 37763920448, Branch Shivaji Nagar, Bhopal IFSC Code No. SBIN0005798 MICR CODE-462002018 में भेजा गया है? (घ) मध्यप्रदेश में कार्यरत समस्त निजी विश्वविद्यालय द्वारा संग्रहित फीस की 1% राशि शासन को देनी होती है, प्रत्येक निजी विश्वविद्यालय में आज दिनांक तक कितनी राशि दी गई है, कितनी राशि बकाया है एवं शासन को कितनी राशि न मिल पाने के कारण वित्तीय हानि हुई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा विज्ञापन हेतु राशि रूपये 50,000/- प्रदान की गई है। (ख) नैक के मूल्यांकन कार्य में सहयोग हेतु जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने 4,72,000/- एवं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा ने राशि रूपये 5.00 लाख, इस प्रकार कुल राशि रूपये 9,72,000/- प्रदान की गई है। (ग) म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा उल्लेखित पुस्तक क्रय की गई एवं राशि रूपये 3,14,500/- बैंक खाता क्रमांक 37763920448 में जमा की गई है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2007 यथा संशोधित की धारा-9 की उपधारा (3) के तहत फीस तथा फीस में विलंब होने पर दाण्डिक ब्याज अधिरोपित किए जाने के प्रावधान होने के कारण वित्तीय हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरे टोले में निवासरत लोगों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 2435 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग का मजरे टोलों पर निवासरत नागरिकों को 24 घंटे वाली बिजली दिये जाने हेतु क्या मापदण्ड है? (ख) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने मजरे टोले है जहाँ के नागरिकों को 24 घंटे वाली बिजली की सुविधा प्राप्त हो रही है? ऐसे मजरे-टोलों के नाम बतावें। (ग) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मजरों टोलों पर निवासरत लोग 24 घंटे वाली व्यवस्था से वंचित है तो इन लोगों को 24 घंटे वाली बिजली व्यवस्था से कब तक जोड़ा जावेगा? (घ) मजरे टोलों पर अ.जा. अ.जन.जाति वर्ग के लोग निवास करते हैं एवं 24 घंटे वाली बिजली मुहैया करवाये जाने संबंधी बार-बार मांग करते है इस हेतु विभाग/शासन की क्या कार्य योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई, 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को कृषि प्रयोजन हेतु 08 घंटे (वर्तमान में राज्य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। तदनुसार प्रदेश में वर्तमान में समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके समीपस्थ गैर कृषि 11 के.व्ही. फीडरों से संयोजित चिन्हित मजरो-टोलों में निवासरत परिवारों को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बने मजरो-टोलों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा-सिंचाई श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध विद्युत अद्योसंरचना से संयोजित कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के सभी 404 चिन्हित मजरों/टोलों के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) वर्तमान में प्रश्नांश में उल्लेखित मजरों/टोलों को गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय करने के लिये विद्युतीकरण कार्य किये जाने हेतु कोई योजना प्रचलन में नहीं है, अत: समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि भविष्य में कोई योजना उपलब्ध होने पर उस योजना के प्रावधानों के अन्तर्गत उक्त कार्यों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार कराया जाना संभव हो सकेगा।
रेलिंग विहीन पुल-पुलिया
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 2436 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी कितनी पुलिया एवं पुल हैं जो कि रेलिंग विहीन हैं उनकी संख्या बतावें। (ख) विगत 10 वर्षों में तैयार तथा वर्तमान में जो रेलिंग विहीन पुल पुलियाएं उन पुल-पुलियाओं का निर्माण किस वर्ष में हुआ था एवं निर्माण एजेंसी कौन थी वर्ष एवं निर्माण एजेंसी का नाम बतावें। (ग) रेलिंग विहीन पुलियाओं एवं पुलों पर अक्सर दुर्घटना का अन्देशा बना रहता है एवं दुर्घटनाएं हो रही हैं ऐसे में विभाग द्वारा उन पुल-पुलियाओं पर रेलिंग लगाये जाने संबंधी क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) विभाग/शासन द्वारा खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के रेलिंग विहीन पुल-पुलियाओं पर कब तक रेलिंग लगा दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र में आने वाले मार्गों पर कोई भी पुल-पुलिया रेलिंग विहीन नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कन्या महाविद्यालय वाणिज्य संकाय
[उच्च शिक्षा]
40. ( क्र. 2492 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधानसभा के शासकीय कन्या महाविद्यालय रांझी में कौन-कौन से विषय की फैकल्टी हैं? (ख) क्या शासकीय कन्या महाविद्यालय रांझी में कामर्स संकाय हैं? यदि कामर्स संकाय नहीं हैं तो कब तक प्रारंभ होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) केंट विधानसभा के शासकीय कन्या महाविद्यालय, रांझी में संचालित कला संकाय अंतर्गत अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान, अंग्रेजी एवं हिन्दी विषय की फैकल्टी हैं। (ख) जी हाँ, महाविद्यालय में स्ववित्तीय योजना अंतर्गत जनभागीदारी मद से वाणिज्य संकाय संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सीवर लाईन के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 2493 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर में कहाँ-कहाँ सीवर लाईन डली हुई है और कहां डलाना शेष है? (ख) केन्ट विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां सीवर लाईन डली हुई है और कहां डलाना शेष है? (ग) सीवर लाईन कार्य के कारण कहां-कहां की सड़क खुदी हुई है और सड़कों का रिपेयरिंग कार्य कब तक पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जबलपुर केंट विधान सभा क्षेत्र में रक्षानगर, कंचनपुर, चंपानगर, विवेक कालोनी, न्यू कंचनपुर, गोकलपुर, आजादनगर, बड़ा पत्थर, बापूनगर, सिविल लाईन के कुछ क्षेत्र में सीवर लाईन बिछाने का कार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त बापूनगर, चंपानगर मेनरोड, सिविल लाईन इत्यादि में लगभग 18 किमी. सीवर लाईन बिछाया जाना शेष है। (ग) सीवर लाइन कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को सीवर लाइन बिछाने, मैनहोल, प्रापर्टी चेम्बर, गली ट्रैप चेम्बर निर्माण का कार्य पूर्ण होते ही, अनुबंध अनुसार क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया जाता है। जबलपुर शहर में गंगानगर, संजीवनी नगर, धनवंतरी नगर, परसवाडा, शास्त्री नगर, ग्रीनसिटी, रक्षानगर, बापूनगर, जे.पी. नगर, नर्मदा नगर, कटरा, रामपुरा छापर, दुर्गानगर इत्यादि क्षेत्र में लगभग 8.5 किमी. सड़क मरम्मत का कार्य प्रगतिरत है। इन क्षेत्रों में सड़क आवागमन हेतु मोटरेबल कर दिया गया है। रेस्टोरेशन का कार्य मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
प्रदूषित नदी पर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
[पर्यावरण]
42. ( क्र. 2495 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास शहरी क्षेत्र में स्थित नागधम्मन नदी का प्रदूषित पानी क्षिप्रा नदी में सम्मिलित होता हैं? क्या उस प्रदूषित पानी को स्वच्छ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट की कोई योजना बनाई गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो योजना कब तक क्रियान्वित होगी एवं इसकी लागत क्या होगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। योजना प्रचलन में है। (ख) कुल लागत राशि रूपये 1,57,78,220/- है तथा उक्त कार्य दिनांक 31.5.2023 तक लक्षित है।
ताप विद्युत गृहों में वृक्षारोपण
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 2503 ) श्री वालसिंह मैड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पा.ज.क.लि. के सभी ताप विद्युत गृहों में वर्ष 2009-10 से वर्ष 2018-19 तक वित्तीय वर्षवार कितने-कितने पौधों का वृक्षारोपण कराया गया? इन रोपित पौधों में कितने पौधे जीवित हैं? जीवित का प्रतिशत भी बतायें साथ ही प्रति पौधा वृक्षारोपण तक उनके तीन वर्ष के रखरखाव की क्या-क्या दरे थी? समस्त विवरण बतायें। साथ ही किये गये सभी कार्यादेशों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह में उच्च सिविल अधिकारियों द्वारा अपने हित सिद्ध करने हेतु ताप सिविल संकाय द्वारा वन विकास निगम की अधिक दरें होने के कारण वन विकास का यह कार्य राज्य शासन की एजेंसी वनविकास निगम के द्वारा वृक्षारोपण कराने का निर्णय लिया जबकि इस अवधि में म.प्र.पा.ज.क.लि. के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में उद्यानशास्त्री श्री ए.एस. ठाकुर एवं श्री डी. के.एस. तोमर उद्यानशास्त्री सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में सारणी में पदस्थ थे? इनके माध्यम से वृक्षारोपण नहीं कराकर वन विकास निगम से अन्य ताप विद्युत गृहों की तुलना में दुगनी एवं तिगुनी दरें वन विकास निगम द्वारा कंपनी से वसूली गई जिसमें कंपनी के ऊपर करोड़ों का अतिरिक्त भार पड़ा। उच्च सिविल अधिकारी द्वारा वन विकास निगम की दरें होने के कारण वन विकास निगम अधिकारियों द्वारा कराये गये वृक्षारोपण के कार्य में स्वयं कमाई की थी एवं कमाई का कुछ अंश उच्च सिविल के अधिकारियों को भी जेब भरने हेतु प्रदाय किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा ताप विद्युत गृहों में वर्ष 2009-10 से वर्ष 2018-19 तक वित्तीय वर्षवार किए गए पौधों के वृक्षारोपण, जीवित पौधे, प्रति पौधा वृक्षारोपण दर, उनके तीन वर्ष के रख-रखाव की दर से संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जारी किये गये कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-I', 'अ-II', 'अ-III' एवं 'अ-IV' अनुसार है। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाईयों की स्थापना हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्त अनुपालन में वृहद वृक्षारोपण जिसमें वर्ष 2014-15, 2017-18 एवं 2018-19 में क्रमश: 65000, 25000, 65000 (कुल 155000 नग पौधे) पौधों का रोपण कराया गया। निर्धारित समय-सीमा में कार्य को निष्पादित करवाने हेतु यह कार्य मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम से उनकी विशेषज्ञता, पूर्व प्रदर्शन एवं शासकीय उपक्रम होने के दृष्टिगत, कराया गया। श्री ए.एस.ठाकुर एवं श्री डी.के.एस.तोमर, उद्यानशास्त्री, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में पदस्थ थे जिनका कार्य उद्यानों का रख-रखाव एवं पर्यवेक्षण करना था, अत: वृहद स्तर के वृक्षारोपण के उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के दृष्टिगत म.प्र. वन विकास निगम से कराया गया। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
जहरीली शराब से हुई मृत्यु की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 2535 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उठाये गए तारांकित प्रश्न क्रमांक 40 सदन दिनांक 28/12/2020 के प्रश्न के उत्तर में नगर निगम भवन में अवैध शराब बनना, बिकना और कोविड महामारी के दौरान कचरा गाड़ी में सप्लाय के दौरान अवैध तरीके से बिक्री होने का संबंध में वर्तमान ज़िला कलेक्टर से नहीं है, यह जवाब दिया गया है? तद्समय नगर निगम और नगर निगम के समस्त संसाधन किसके नियंत्रण में थे और इस घटना के दौरान निगमायुक्त के रूप में कौन पदस्थ थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जहरीली शराब से हुई मृत्यु की घटना के लिए तद्समय के निगमायुक्त, एसपी और कलेक्टर इन तीनों अधिकारियों में से कौन जवाबदार है? उक्त घटना तीनों में से किसके प्रशासनिक नियंत्रण में लापरवाही के कारण घटित हुई? (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में यदि FIR और विभागीय जांच हुई है तो शासन स्तर से घटना के संबंध में भेजे गए पत्र और विभाग द्वारा भेजे गए पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (घ) क्या उक्त घटना के संबंध में नियम 2007 व नियम 2017 के नियमानुसार क्या तीनों की गोपनीय चरित्रावली में दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो प्रतियाँ देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सिटी सर्किल भोपाल के फीडरों से ऊर्जा क्षरण/चोरी
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 2567 ) श्रीमती
कृष्णा गौर : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
मध्यप्रदेश
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, के
अधीन स्थापित
सिटी सर्किल
भोपाल में वर्ष
जनवरी, 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने
प्रतिशत
बिजली
चोरी/क्षरण पाया
गया हैं?
वर्षवार, फीडरवार जानकारी
दी जाये। (ख) क्या प्रश्नांकित
क्षेत्र में
बिजली चोरी
रोकने गये
विद्युत
कंपनी के अमले
पर जनवरी 2020 से प्रश्न
दिनांक तक कोई
हमले हुये हैं? यदि हाँ, तो हमला
करने वाले
प्रभावित
अमला एवं
पुलिस में
दर्ज रिपोर्ट
का विवरण
बताया जाये। (ग) क्या प्रश्नांकित
क्षेत्र में
विद्युत चोरी
रोकने में लगे
अमले की
सुरक्षा हेतु
निजी सुरक्षा
गार्ड रखे गये
हैं? यदि
हाँ, तो
सुरक्षा में
लगे गार्डों
की संख्या
एवं अप्रैल 2020 से प्रश्न
दिनांक तक हुये व्यय
की जानकारी
माहवार दी
जाये।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के सिटी सर्किल
भोपाल के
अंतर्गत
अद्यतन
आंकलित/संकलित
आंकडों के अनुसार
माह जनवरी, 2020 से माह
दिसम्बर, 2022 तक 11
के.व्ही.
फीडरों पर
बिजली
चोरी/क्षरण (वितरण
हानि) की प्रश्नाधीन
चाही गयी
फीडरवार/वर्षवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ'
अनुसार है। (ख)
जी
हाँ। सिटी
सर्किल भोपाल
के अंतर्गत
विद्युत चोरी
रोकने गए
कार्मिकों पर प्रश्नाधीन
अवधि में हुए
हमलों में
हमला करने
वाले, प्रभावित
अमला एवं
पुलिस में
दर्ज रिपोर्ट
की प्रश्नाधीन
चाही गयी जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब'
अनुसार है। (ग)
जी
हाँ। शहर वृत्त
भोपाल
अंतर्गत 16 सशस्त्र
भूतपूर्व
सैनिक, भूतपूर्व
सैनिक जन कल्याण
समिति भोपाल
के माध्यम से
नियोजित किए
गए है, जिन
पर माह अप्रैल, 2020 से अभी तक
हुए व्यय की प्रश्नाधीन
चाही गयी
माहवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'स'
अनुसार है।
नगर पंचायत में अधोसरंचना के कार्यों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 2579 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 21 दिसम्बर, 2022 को प्रश्नकर्ता के द्वारा अपने अधिकारिक ई-मेल एड्रेस से नगर पंचायत पानसेमल में मुख्यमंत्री अधोसरंचना के कार्यों की जाँच के संबंध में नगरीय विकास आयुक्त भोपाल एवं पत्र में उल्लेखित अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा गया था। उस पत्र की प्रति देवें। (ख) पत्र प्राप्ति के उपरान्त प्रश्न दिनांक तक किस-किस अधिकारी के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? आज दिनांक तक कृत कार्यवाही से संबंधित समस्त अभिलेख उपलब्ध करावें। (ग) क्या नगर पालिका परिषद् सेंधवा के पत्र क्रमांक 5153 संबल/2021 सेन्धवा दिनांक 21.12.2021 में श्री आशिक अली मुसब्बर अली को संबल एवं कर्मकार दोनों योजना में पंजीकृत बताकर श्रम पदाधिकारी से मार्गदर्शक मांग कर अपात्र किया गया है? यदि यह सत्य है तो दोनों योजनाओं में पंजीयन करना अपराध है? यदि अपराध है तो ऐसा अपराध करने वाले अधिकारी का नाम बतावें एवं क्या अधिकारी के द्वारा किये गये नियम विरूद्ध कार्य का भुगतान हितग्राही को भुगतना पड़ेगा? क्या शासन प्रकरण में जाँच के आदेश जारी कर प्रकरण में पात्र हितग्राही को लाभान्वित करते हुए संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत करेगा? (घ) नगर परिषद कन्नौद जिला-देवास के संबल योजना के हितग्राही श्रमिक फिरोज बी स्वीकृति दिनांक 20 अप्रैल, 2022 को स्वीकृति आदेश जारी हुआ था इस प्रकरण में हितग्राही को आज दिनांक तक भी राशि खाते में क्यों प्राप्त नहीं हुई? प्रतिवेदन देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) कार्य की जांच हेतु संचालनालय के पत्र क्र. 15898 दिनांक 29.12.2022 द्वारा संभागीय अधीक्षण यंत्री इंदौर संभाग को निर्देश जारी किये गये है। निकाय द्वारा कार्य की जांच हेतु रोड कटिंग के सेम्पल टेस्ट कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु आवेदक द्वारा पिता की मृत्यु पर अनुग्रह सहायता की मांग की गई। संबल योजना पोर्टल पर पात्रता जांच में श्रमिक अन्य योजना में पंजीकृत होने से संबल पोर्टल पर पंजीयन स्वत: निरस्त हो गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रकरण में हितग्राही को राशि भुगतान हेतु आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
छोला विश्रामघाट का जीर्णोद्धार
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 2583 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित छोला विश्रामघाट ट्रस्ट की कुल कितनी भूमि थी और वर्तमान में कितनी भूमि है? भोपाल नगर निगम द्वारा ट्रस्ट की कितनी भूमि किन-किन लोगों को किराये पर दी है तथा कितनी भूमि विक्रय की है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि विगत 10 वर्षों की स्थिति में विश्रामघाट के जीर्णोद्धार आदि के कौन-कौनसे कार्य किस-किस निधि से किस-किस ठेकेदार द्वारा कितनी-कितनी राशि से कब-कब सम्पन्न हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि उक्त अवधि में सम्पन्न हुए कार्यों की गुणवत्ता कैसी है? कार्यवार अवगत करावें तथा कौन-कौनसे ऐसे कार्य हैं जिनकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण परफारमेंस गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हो गए है और गिर जाने के बावजूद संबंधित ठेकेदार व अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल स्थित गोविन्दपुरा वृत्त भोपाल अंतर्गत छोला विश्रामघाट ट्रस्ट की कुल भूमि रकबा 3.2670 हे. है जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है एवं भोपाल स्थित नजूल शहर वृत्त भोपाल अंतर्गत छोला विश्रामघाट ट्रस्ट की कुल भूमि रकबा 3.44 हे. है जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। भोपाल नगर निगम द्वारा छोला विश्रामघाट ट्रस्ट के स्वामित्व की भूमि किसी भी व्यक्ति को किराये पर नहीं दी गई है और न ही किसी को विक्रय की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) छोला विश्रामघाट के विकास/उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण कार्य फेस-2 में मेन गेट से रंभा नगर की ओर जाने वाली सड़क के बाई ओर की दीवार का भाग क्षतिग्रस्त होने पर तत्समय ही अनुबंधित ठेकेदार से आवश्यक सुधार कार्य कराये गये। कार्य की स्थिति वर्तमान में संतोषजनक है। एक बर्निंग शेड की चादरे खराब हो रही है जो कि संबंधित ठेकेदार से ठीक कराई जा रही है एवं शेष सभी कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयों के पदों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 2589 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर में संकायवार कितने प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में कितने भरे हुये हैं तथा कितने रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि पद रिक्त हैं तो उक्त रिक्त पदों को कब तक भर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय नेहरू महाविद्यालय, अशोकनगर में संकायवार प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के विज्ञान-5, वाणिज्य-4, कला-14 एवं विधि-8 पद स्वीकृत हैं। स्वीकृत पदों में से 13 पद भरे हुए हैं तथा शेष 18 पद रिक्त हैं। (ख) नियमित रिक्त पदों पर महाविद्यालय में आमंत्रित अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक कार्य कराया जा रहा है। महाविद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग को मांग-पत्र प्रेषित किया गया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
औषधालयों/चिकित्सालयों के पदों पर नियुक्ति
[आयुष]
49. ( क्र. 2590 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में कितने-कितने आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, यूनानी-दवाखाना, औषधालय, चिकित्सालय कहां-कहां पर संचालित हैं। इनमें पद संरचना के तहत कितना-कितना स्टाफ स्वीकृत हैं तथा कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं एवं कहां-कहां पर कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि पद रिक्त हैं तो इन रिक्त पदों को भरे जाने की शासन की क्या कोई योजना हैं? यदि हाँ, तो कब तक इन रिक्त पदों को भर दिया जावेगा? समयावधि बतावें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। रिक्त पदों को भरे जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समयावधि बताना संभव नहीं है।
आउटडोर मीडिया की अनुमति/अनुबंध
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 2614 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम सीमा में स्थापित समस्त वैध आउटडोर मीडिया की अनुमति/अनुबंध संबंधित आदेश जारी करने के लिए ज़िम्मेदार अधिकारीगण के विवरण सहित प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या भोपाल नगर निगम सीमा में स्थापित आउट डोर मीडिया हेतु समस्त होर्डिंग्स/यूनिपोल/रूफटॉप/गेंट्री इत्यादि की एजेंसियों द्वारा OMD-2017 में वर्णित पृष्ठ क्रमांक 264 (26) पर अध्याय 8 बिंदु क्रमांक 28 एवं स्थल चयन प्रक्रिया (पार्श्विक व्यवस्था) में वर्णित बिंदु क्रमांक एक व तीन के अंतर्गत बिंदु तीन के भाग (क) (ग) (घ) एवं (ड.) इत्यादि का पूर्णतः पालन किया गया है? यदि हाँ, तो एजेंसी का नाम एवं आवंटित स्थल एवं लोकेशन कोऑर्डिनेट्स एवं स्वीकृति दिनाँक अनुसार आदेश प्रदाय करने वाले अधिकारी का विवरण सहित सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो उल्लंघन करने वाले सभी व्यक्ति/एजेंसियों की सूची एवं इस विषय में सिलसिलेवार विभागीय कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी साथ ही पालन करने वाले समस्त व्यक्ति/एजेंसियों की सूची पृथक रूप से उपरोक्त विवरणानुसार उपलब्ध कराएं। (ग) मध्यप्रदेश शासन की OMD-2017 के अनुपालन को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी विभाग के अंतर्गत किन अधिकारियों की है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी देने का कष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल सीमा में स्थापित समस्त वैध आउटडोर मीडिया की अनुमति/अनुबंध संबंधित आदेश मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 के तहत आयुक्त नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा उपायुक्त/सहायक आयुक्त (होर्डिंग) को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। निजी भूमि पर होर्डिंग लगाने हेतु अनुमति ऑनलाइन पोर्टल पर नियमानुसार www.bmcomms.org निर्धारित प्रक्रिया के तहत दी जाती है। शासकीय भूमि पर होर्डिंग लगाने हेतु PPP मॉडल के तहत ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से उच्चतम ऑफर प्रस्तुत करने वाली एजेंसी का चयन किया जाकर अनुबंध निष्पादित करते हुये अनुमति प्रदान की जाती है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम, 2017 में उल्लेखित अध्याय-दो की कण्डिका-2 (ञ) अनुसार ''सक्षम प्राधिकारी उपबंधों को क्रियान्वित कराने तथा प्रवृत्त कराने के लिये नगर पालिक प्राधिकारी द्वारा इन नियमों में वर्णित प्राधिकृत कोई अधिकारी'' के द्वारा अनुपालन करवाया जाता है।
वेटलैंड रूल्स एवं गाइड-लाइन का उल्लंघन
[पर्यावरण]
51. ( क्र. 2615 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा भोज वेटलैंड के लिए निकाले गए आदेश दिनांक 16/03/22 के आधार क्या है? (ख) उपरोक्त आदेश किन नियमों के तहत निकाला गया है? इसमें निम्न जानकारी देने का कष्ट करें:- (अ) इस हेतु स्टेट वैटलैंड अथॉरिटी की टेक्निकल कमेटी की अनुशंसा, भारत सरकार द्वारा जारी Guideline for Implementing wetland (conservation and Management) rules 2017 के अनुसार की गई टेक्निकल स्टडी, नक्शे (सॉफ्ट कॉपी) में उपलब्ध करवाएं। (ब) क्या यह आदेश भारत सरकार द्वारा जारी वेटलैंड रूल्स 2017 एवं गाइड-लाइन अनुसार नियमों के तहत हैं? यदि हाँ, है तो किन नियमों का पालन किया गया और यदि नहीं तो यह क्यों निकाला गया? (स) इस आदेश से वैटलैंड के कैचमेंट क्षेत्र में क्या प्रभाव या दुष्प्रभाव होगा? इसके क्या आधार हैं? (द) उक्त आदेश के बाद किन-किन विभागों ने इस आदेश के पालन में कैचमेंट क्षेत्र में क्या-क्या निर्णय लिए? जानकारी दें। उपरोक्त निर्णयों से वेटलैंड रूल्स एवं गाइड-लाइन का उल्लंघन हुआ है या नहीं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) वर्तमान में एक जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है (ख) वेटलैंड (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017- (अ) प्रशासनिक आदेश जारी करने के लिए अनुशंसा की बाध्यता नहीं है। वेबसाईट http://swa.mp.gov.in पर उपलब्ध है। (ब) जी हाँ। वेटलैंड नियम 2017 के उप नियम (7) एवं वेटलैंड मार्गदर्शिका 2020 का पालन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (स) यह आदेश भोज वेटलैंड के Zone of influence (Zol) की सीमा तक सीमित है। Zol कैचमेंट का हिस्सा है। इस आदेश के पालन व प्रभावी क्रियान्वयन से भोज वेटलैंड का Zol क्षेत्र संरक्षित होगा। (द) यह जानकारी राज्य वेटलैंड प्राधिकरण में संधारित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 2629 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युतीकरण के कार्य विधायक निधि से स्वीकृत कराए गए हैं? स्वीकृत कार्यों की सूची व प्राक्कलित राशि,सहित जानकारी विधानसभावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों को बिजली कंपनी द्वारा टेन्डर राशि में ठेकेदार से पूर्ण कराया गया है? यदि निम्न दर पर कराया गया तो टेन्डर की राशि और ठेकेदार को जारी राशि का प्रत्येक कार्यवार अंतर बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बिजली कंपनी के पास विधायक निधि की कुल कितनी राशि बचत में है बतावें? क्या बिजली कंपनी इस बचत राशि को विधायक निधि में समर्पित करेगा? हाँ या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बैतूल जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। उक्त स्वीकृत कार्यों की प्राक्कलित राशि सहित कार्यवार, विधानसभा क्षेत्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत कार्यों में से जिन कार्यों में विधायक निधि से राशि प्राप्त हुई है, उन कार्यों को म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा डिपोजिट मद में पंजीकृत ठेकेदार/एजेन्सी के माध्यम से निविदा जारी कर, सेमी टर्न की के आधार पर संपादित कराया गया है/कराया जाता है। उक्त क्रियान्वित कार्यों में टेन्डर की राशि और ठेकेदार को जारी कार्यादेश की राशि के अंतर की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित विधायक निधि के कार्य म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा डिपोजिट मद में पंजीकृत ठेकेदार/एजेन्सी के माध्यम से, निविदा जारी कर, सेमी टर्न की के आधार पर संपादित कराए जाते हैं। सामग्री की पूर्ति कंपनी द्वारा अपने भंडार से समय-समय पर क्रय की गई सामग्री से की जाती है एवं संदर्भित कार्य पर भारित औसत (weighted average) के आधार पर सामग्री लागत बुक की जाती है, जबकि ठेकेदार को खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कार्य दिये जाते हैं। उपयोग हेतु क्रय की गई सामग्री पर Price Variation (मूल्य वृद्धि) दिया जाता है। इन मदों से किए गए कार्यों से निर्मित असेटस (Assets) का संधारण कंपनी द्वारा असेटस (Assets) स्थापित रहने (Assets life) तक किया जाता है, जिसकी लागत कंपनी को वहन करना होती है। अत: जमा योजनांतर्गत निर्मित असेटस (Assets) में बचत या अतिरिक्त व्यय का मूल्यांकन नहीं किया जाता है।
रोजगार मेले का आयोजन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
53. ( क्र. 2699 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वर्ष 2018 से वर्ष 2022-23 तक कितने लोगो को रोजगार के अवसर दिये गये? (ख) स्वीकृत प्रकरणों में वर्षवार प्रकरणों की संख्या एवं स्वीकृत राशि की जानकारी विधानसभावार देवें। (ग) विभाग द्वारा बेरोजगारों के लिये कितने रोजगार मेलों का आयोजन किया? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या यह सही है? विभाग की कई गतिविधि जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं देती है? न ही विभाग द्वारा कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाता है? (ङ) ऐसी कितनी बैठक एवं कार्यक्रम आयोजित किये गये? जिसमें जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खण्डवा जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2018 से वर्ष 2022-23 तक 285 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए है। (ख) स्वीकृत प्रकरणों में वर्षवार प्रकरणों की संख्या एवं स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा बेरोजगारों के लिए पृथक से रोजगार मेलों का आयोजन नहीं किया जाता है। जिला स्तर पर आयोजित रोजगार मेलों में कुटीर एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना के इच्छुक युवाओं को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाती है। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा जिला स्तर पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार योजनाओं के अंतर्गत इच्छुक आवेदकों को नियमानुसार लाभान्वित किया जाता है। विभाग द्वारा जिला स्तर पर हाथकरघा एवं हस्तशिल्पियों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण योजना तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान किये जाते है। हरसूद विधानसभा क्षेत्र में शासकीय रेशम केन्द्र खालवा व शासकीय रेशम केन्द्र खालवा सरकार स्थापित है जिसमें विभाग द्वारा भोगाधिकार योजना तथा क्लस्टर योजना में हितग्राहियों को जोड़कर निजी कृषकों की भूमि पर शहतूत पौधरोपण कर कृमिपालन, ककून उत्पादन के कार्य में लाभान्वित किया गया है जो जमीन स्तर पर स्पष्ट प्रदर्शित है। (ड.) जिला स्तर पर विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन जिला पंचायत/जिला प्रशासन के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में किया जाता है। जिला पंचायत के अधीन जिला प्रशासन तथा सहकारिता एवं उद्योग समिति की बैठकों में विभागीय योजनाओं की जानकारी से अवगत कराया जाता है। शासकीय रेशम केन्द्रों में वर्ष में एक बार हितग्राहियों/कृषकों की कार्यशाला आयोजित की जाती है जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है। विभाग द्वारा पृथक से बैठकों का आयोजन नहीं किया जाता है।
अनुदान आधारित ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 2704 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को अनुदान पर सिंचाई हेतु स्वयं के खेत में ट्रांसफार्मर लगाए जाने कि पूर्व वर्षों में संचालित योजना को पुन: आरंभ किये जाने की शासन की कोई योजना है? (ख) क्या शासन कृषकों के हित में पूर्व वर्षों में संचालित अनुदान आधारित ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की योजना को यथाशीघ्र पुन: प्रारंभ किये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? योजना को बंद किये जाने के कारण सहित बतावें कि किसानों को सिंचाई हेतु विद्युत विभाग की ओर से उक्त योजना के अलावा अन्य क्या सुविधा दी जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुदान आधारित पूर्ववर्ती ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' को पुन: प्रारंभ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' की अवधि दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी तथा अवधि पूर्ण होने पर यह योजना दिनांक 31.03.2019 से बंद हो गई है। वर्तमान में आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित विद्युत अद्योसंरचना का विस्तार कर नवीन कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' एवं ''जमा योजना'' संचालित है। उक्त के अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा कृषकों को कृषि कार्य हेतु उपभोग की गई विद्युत पर सब्सिडी प्रदान करते हुए रियायती दर पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसमें 1 हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हार्सपावर तक के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के स्थाई कृषि पंप उपभोक्ताओं को किया जा रहा नि:शुल्क विद्युत प्रदाय सम्मिलित है। सब्सिडी से संबंधित आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युतीकरण की नीति
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 2705 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के हर गांव, मजरा-टोलों में विद्युत सप्लाई, विद्युतीकरण हेतु क्या नीति निर्धारित थी? क्या इस हेतु वर्तमान में कोई नवीन नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या नवीन नीति के तहत विधानसभा क्षेत्र सिवनी के सभी ग्राम मजरे-टोलों में विद्युत सप्लाई हो रही है? (ग) क्या कुछ ग्राम, मजरे-टोले विद्युत सप्लाई/ विद्युतीकरण से वंचित है? तो उनके विद्युतीकरण हेतु क्या कार्यक्रम प्रस्तावित है? उन्हें कब तक विद्युत उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) शेष ग्राम, मजरे-टोले मोहल्लों में विद्युत सप्लाई नहीं होने के क्या कारण है व इस हेतु कौन से अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है? इस हेतु शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगा? एवं कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विदयुतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमशः केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22/10/2018 को पूर्ण कर लिया गया था। वर्तमान में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी नवीन योजना (नीति) प्रचलन में नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित समस्त मजरों/टोलों को विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्व में ही विद्युतीकृत किया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी योजनाएं क्लोज हो चुकी है। वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में यदि कोई विदयुतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उस योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जायेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के उत्तरदायी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर स्वीकृत निविदा निरस्त किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 2710 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा कराये गये GIS सर्वे हेतु जारी RFP No. 7296/13/श.सु.का./2020 भोपाल दिनांक 27-05-2020 की कंडिका Checklist for Bidders पेज 19 क्रमांक 12 तथा पेज 35 कंडिका Tech3:CV for Proposed Experts में Proposed Expert के स्व-हस्ताक्षरित CV लगाने का प्रावधान है? (ख) क्या GIS Consortium India Pvt. Ltd. जिसे क्लस्टर MM/12 का कार्य आवंटित किया गया है, द्वारा सम्बंधित Proposed Expert की प्रस्तुत CV's स्व हस्ताक्षरित है? (ग) क्या अहस्ताक्षरित CV केवल Authorised Signatory द्वारा हस्ताक्षरित होने से विधि सम्मत है? क्या नियमानुसार CV में स्वयं के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं? कंपनी द्वारा कूटरचित CV's लगाए गए हैं, इसलिए क्लस्टर MM/12 में कोई भी Proposed Expert सम्बंधित निकाय में उपस्थित नहीं हुआ? क्या RFP पेज 57 पॉइंट 5 नोटः- 2 के अनुसार कंसलटेंट को स्टाफ रोस्टर रख उसको CMO द्वारा सत्यापित करवाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्लस्टर MM/12 में निकायवर CMO द्वारा सत्यापित स्टाफ रोस्टर की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (घ) क्या कम्पनी द्वारा प्रस्तुत अहस्ताक्षरित कूट रचित CV's जो कानूनी तौर पर शून्य होने से विचार योग्य नहीं होने पर भी कार्य आवंटित किया गया? क्या इस अवैधानिक टेंडर से कार्य आवंटन को निरस्त कर सम्पूर्ण प्रकरण की जांच कराई जा कर दोषियों को दण्डित किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नांश में उल्लेखित पेज क्रमांक 35 के अनुसार अधिकृत प्राधिकारी एवं संबंधित Expert के हस्ताक्षर का उल्लेख है। (ख) जी नहीं। (ग) फर्म द्वारा प्रस्तुत CV's पर कंपनी के अधिकृत प्राधिकारी के हस्ताक्षर मौजूद हैं, RFP के अनुसार अधिकृत प्राधिकारी एवं संबंधित Expert के हस्ताक्षर का उल्लेख है। प्रश्नांश में किये गये उल्लेख अनुसार क्लस्टर MM/12 अंतर्गत Proposed Expert में से निकाय में उपस्थित हुए Expert को मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा सत्यापित उपस्थिति पत्रक जमा किये गये हैं। अत: Proposed Expert में से कोई भी निकाय में उपस्थित नहीं हुआ, का आरोप निराधार है। RFP के पेज 57 पॉइंट 5 नोट दो के अनुसार कंसल्टेंट को स्टॉफ रोस्टर रख उसको मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा सत्यापित करने का प्रावधान है। उपरोक्तानुसार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कंपनी के अधिकृत प्राधिकारी द्वारा CV's हस्ताक्षरित किये गये हैं तथा कंपनी द्वारा RFP के प्रावधान अनुसार Undertaking भी प्रस्तुत की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस-वे के तहत कराये जा रहे निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 2716 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक्या मध्यप्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा दिल्ली बड़ोदरा एक्सप्रेस-वे निर्माण के तहत 09 पैकेज में से Jinaxi Construction and MKC कम्पनी द्वारा 02 पैकेज, GHV (India) Pvt.Ltd कम्पनी द्वारा 01 पैकेज, GR Infra Projects, Gurgaon कम्पनी द्वारा 05 एवं L & T कम्पनी द्वारा 01 पैकेज का निर्माण प्रदेश के रतलाम, मन्दसौर एवं झाबुआ जिले में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इन पैकेज में किये गये निर्माण में जिलेवार मिट्टी एवं मुरम की कितनी घनमीटर मात्रा उपयोग में लायी गई? इसके लिए रॉयल्टी के रूप में जिलेवार कितनी धनराशि वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में उत्तर दिनांक तक शासन कोष में जमा करायी गई? प्रत्येक जिलेवार, कम्पनीवार एवं पैकेज निर्माणवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : प्रश्नांश लोक निर्माण विभाग से सबंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आयुर्वेद चिकित्सालय में मरीजों से राशि वसूली
[आयुष]
58. ( क्र. 2737 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास.स्वशासी धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय उज्जैन में उपचार हेतु आने वाले मरीजों से ओपीडी के अतिरिक्त किन-किन दवाओं व अभ्यंग स्वेदन पंचकर्म के लिए कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा निर्धारित है? क्या शासन के नियम सभी चिकित्सालयों के लिए एक समान हैं अथवा अलग-अलग? उपक्रम/क्रियान्वयन आदि के नाम पर मरीजों से किस-किस दवाई आदि की कितनी- कितनी राशि ली जा रही है और कब से राशि ली जा रही है? प्रदाय रसीद दिनवार, वर्षवार जानकारी देवें तथा यह राशि किस मद में जमा की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आदेश की प्रति देवें व चिकित्सालय प्रशासन द्वारा दवाई आदि की ली जा रही राशि कब से निःशुल्क कर दी गई है और क्यों? प्राप्त राशि को व्यय करने के अधिकार किसको हैं? किसके द्वारा किस-किस कार्य पर व्यय की गई? राशि व्यय के लिए किन मापदण्डों का उपयोग किया? इनके आदेश की प्रति देते हुए सम्पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें क्या शा.स्व.धनमन्तरी आयुर्वेद चिकित्सालय उज्जैन के माध्यम से शासन द्वारा दवाएं आदि मरीजों को निःशुल्क दी जाती है? यदि हाँ, तो अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों से राशि वसूली का क्या कारण है? क्या यह सब अनैतिक रूप से किया जा रहा है इसके लिए कौन-कौन दोषी है और इन पर कब और क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) कोई नहीं। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार। स्वशासी समिति मद में। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। स्वशासी समिति के निर्णयानुसार। प्राप्त राशि भंडार क्रय नियमानुसार, चिकित्सालय के विकास हेतु। (ग) जी हाँ। औषधियां उपलब्धता के आधार पर भर्ती एवं बाह्य रोगियों को प्रदाय की जाती है। बाह्य रोगीयों द्वारा रोगी कल्याण मद में स्वेच्छा से सहयोग राशि दिये जाने पर औषधियां प्रदाय की गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत उपलब्धता
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 2743 ) श्री संजय यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर अंतर्गत कोहला में विद्युत 33/11 के.व्हीय. सब-स्टेशन निर्माण कार्य का प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोहला में विद्युत 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन कब तक बनाया जावेगा? (ख) जिला जबलपुर में गत एक माह में घरेलू उपभोक्ताओं को शहरी क्षेत्र में, ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन कितने-कितने घंटे विद्युत उपलब्ध कराई गई? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही अघोषित विद्युत कटौती को कब रोका जावेगा? (ग) जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को गत 3 माहों में प्रत्येक दिन में कितने-कितने घंटे विद्युत प्रदाय की गई? वितरण केन्द्रवार, माहवार जानकारी दी जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, जिला जबलपुर अंतर्गत ग्राम कोहला में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के कारण प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जबलपुर जिला अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 11 के.व्ही. गैर कृषि एवं कृषि फीडरों से विगत 1 माह में प्रतिदिन किये गये विद्युत प्रदाय की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। जबलपुर जिले के अंतर्गत विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 10 घण्टे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। संधारण कार्य हेतु आवश्यक होने पर विद्युत प्रदाय बंद रहने की पूर्व सूचना समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से उपभोक्ताओं को दी जाती है। (ग) जबलपुर जिला अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 11 के.व्ही. गैर कृषि एवं कृषि फीडरों पर विगत 3 माहों में प्रतिदिन किये गये विद्युत प्रदाय की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है।
निर्माण एवं विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 2748 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर के वार्ड-71 तेवर में स्थित त्रिपुरी सुन्दरी मंदिर के पास नगर निगम द्वारा गार्डन निर्माण की क्या योजना बनाई है? प्रश्नकर्ता द्वारा तेवर में गार्डन निर्माण के संबंध में किये गए पत्राचारों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्यवाही की गई तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जबलपुर नगर निगम के नवीन वार्ड 71 एवं वार्ड 72 में गत 4 वर्षों में क्या-क्या निर्माण एवं विकास कार्य कराये गए? सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, वार्ड क्रमांक-71 तेवर में नवीन उद्यान हेतु प्रस्ताव राशि रूपये 95,12,482/- की योजना तैयार की गई है। (ख) जी हाँ, बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जबलपुर नगर निगम के नवीन वार्ड क्रमांक-71 एवं 72 में कराए गए निर्माण एवं विकास कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ, ब, स एवं द अनुसार है।
नई सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 2753 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र-13 गोहद, जिला भिण्ड में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं, जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाए जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में से किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाए जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी हैं? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाए जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 2754 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र-13 गोहद, जिला भिण्ड में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी/भ्रष्टाचार की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) उपरोक्त शिकायतों की सूची विवरण के साथ उपलब्ध कराएं? (ग) किन-किन शिकायतों पर जाँच कराई गई और जाँच में कौन-कौन से अधिकारी दोषी पाए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मेगा प्रोजेक्ट की राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2773 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई है? (ख) यदि हाँ, तो कितने विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई है? (ग) कितने विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट की सूची नहीं मांगी गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
विधायक के पत्रों का उत्तर देने के आदेश
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 2779 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश क्रमांक एक 19-76/2007/1/4 भोपाल, दिनांक 19 जुलाई 2019 जिसमें निर्वाचित विधायक के पत्रों के उत्तर देने संबंधी आदेश है, क्या उक्त आदेश अधीक्षण यंत्री म.प्र. विद्युत मण्डल दमोह पर भी लागू होता है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मई 2021 से प्रश्न दिनांक तक अधीक्षण अभियंता वृत्त दमोह को लिखे गये समस्त पत्रों का उत्तर सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार प्रश्नकर्ता विधायक को उपलब्ध करा दिया गया है? हाँ तो कब? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में जी.ए.डी. के निर्देश का समुचित पालन नहीं हुआ है तो क्या अधिकारियों का कृत्य प्रश्नकर्ता विधायक के आधार पर विधायक का विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो शासन इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्रश्नाधीन अवधि में अधीक्षण अभियंता, संचालन-संधारण, वृत्त दमोह को कुल 14 पत्र प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 13 पत्रों में की गई कार्यवाही/वस्तुस्थिति की जानकारी माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को माह फरवरी-2023 में प्रेषित की गई है। शेष 1 पत्र में की गई कार्यवाही/वस्तुस्थिति की जानकारी माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को प्रेषित किया जाना नहीं पाया गया है। उक्त एक लंबित पत्र का उत्तर तीन दिवस में प्रेषित करने के लिए संबंधित अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया गया है। (ग) जी हाँ, उत्तरांश (ख) में उल्लेखित माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्रों के उत्तर देने में विलंब हुआ है, जिस हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 24.02.2023 से संबंधित अधीक्षण अभियंता को चेतावनी पत्र जारी किया गया है तथा भविष्य में माननीय सांसदों/विधायकों से प्राप्त पत्रों का उत्तर सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार किए जाने हेतु निर्देश दिए गए हैं।
खराब विद्युत ट्रांसफार्मर की शिकायतें
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 2782 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह विधानसभा अंतर्गत अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक बिजली केबल और ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के द्वारा अप्रैल 2021 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विद्युत केबल बदले जाने, ट्रांसफार्मर खराब होने के संबंध में अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) कार्यपालन अभियंता (सं.सं.) को प्राप्त शिकायती पत्र के संबंध में विभाग द्वारा निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो विलंब का क्या कारण है? क्या विलंबकर्ता अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं? (ग) दमोह विधानसभा अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर वर्तमान में जले हुए हैं उनकी संख्या बताएं और उन्हें कब तक सुधार कर बदला जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दमोह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत केबल एवं वितरण ट्रांसफार्मरों के खराब होने से संबंधित क्रमश: कुल 123 एवं कुल 161 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनकी प्रश्नाधीन अवधि में चाही गयी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नांश में उल्लेखित समस्याओं के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से अधीक्षण अभियंता (सं./सं.)/कार्यपालन अभियंता (सं./स.) दमोह को कुल 7 पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं/मांगों पर म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही/निराकरण/वस्तुस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्रों में उल्लेखित 51 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबंद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण अपात्र होने से बदलने हेतु शेष हैं। अत: नियमानुसार की गई/की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) दमोह विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार 51 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर अपात्र होने के कारण बदलने हेतु शेष है। इन ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरान्त इन्हें निर्धारित अवधि (शहरी क्षेत्र में अधिकतम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्र में शुष्क मौसम में 3 दिवस व मानसून अवधि जुलाई से सितम्बर तक, में 7 दिवस) में बदल दिया जाएगा।
मार्ग निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की जांच
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 2792 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा अंतर्गत अमानगंज गुनौर मार्ग के कि.मी. 5/10 से तुन्ना मेहदॅंवा मार्ग व्हाया पटेलपुरा टौरहा मार्ग का कार्य लो.नि.वि. संभाग पन्ना के अनुबंध क्रमांक 21 वर्ष 2020-21 में ठेकेदार द्वारा मार्ग निर्माण में उपयोग की गई मिट्टी का परीक्षण नौगांव की शा.लैब से करवाने पर दिनांक 9.06.2021 को प्राप्त परिणाम क्या मानक से कम पाये गये। जिसे मार्ग के तत्कालीन उपयंत्री की अनुशंसा पर अनु.अधि.लो.नि.वि. द्वारा दिनांक 14.06.2021 को पत्र द्वारा अमान्य कर दिया था? (ख) क्या दिनांक 16.06.2021 को तत्कालीन उपयंत्री एवं अनु.अधि.ने मार्ग पर जाकर का. यंत्री को ठेकेदार द्वारा डाले गये घटिया मटेरियल को खोद कर चैक कराया एवं ठेकेदार द्वारा इस घटिया मटेरियल का भुगतान कराने दबाव बनाने एवं गुण्डागर्दी करने बावत अवगत कराया था। यदि हाँ, तो किस कारण का.यंत्री ने इस घटिया कार्य के ऊपर कार्य करने की अनुमति प्रदान की नियम उपलब्ध करायें। (घ) क्या बिना शासकीय लैब से काम्पेक्षन टेस्ट करवाये का.यंत्री पन्ना द्वारा मिट्टी का 95 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत किया? नियम बतायें एवं यदि नियम विरूद्ध किया गया है तो क्या का.यंत्री एवं ठेकेदार से इसकी वसूली कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अमानक स्तर के कार्य को हटाकर पुन: मानक स्तर से कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया था। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कैंसर इंस्टिट्यूट का संचालन
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 2796 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के निर्माण हुए 4 वर्ष से अधिक समय के बाद भी निर्माण एजेंसी द्वारा बिल्डिंग का हस्तांतरण प्रक्रिया लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो बिल्डिंग के हस्तांतरण संबंधी कार्यवाही कब तक पूरी होगी और भवन का निर्माण कब पूरा हुआ? (ग) क्या यह बताएंगे कि स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट जबलपुर में कैंसर मरीजों को समुचित उपचार सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा अत्याधुनिक मशीनों की खरीदी की गई है या ऐसा कोई प्रस्ताव है? (ख) क्या यह भी बताएंगे कि स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के लिए स्वीकृत डॉक्टर्स, नर्सेस, पैरामेडिकल स्टाफ सहित सम्बंधित कर्मचारियों की विभागवार जानकारी दें साथ ही इनकी भर्ती प्रक्रिया कब तक शुरू किया जाना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। भवन निर्माण कार्य दिनांक 13.09.2022 को पूर्ण हुआ है। भवन के हस्तांतरण संबंधी कार्यवाही हेतु भवन को प्रशासकीय विभाग द्वारा आधिपत्य में लेकर भवन का उपयोग मरीजों के उपचार हेतु किया जा रहा है। (ख) चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट के हस्तांतरण की कार्यवाही आगामी एक माह में पूर्ण होना संभावित। कार्य दिनांक 13-09-2022 को पूर्ण हुआ। (ग) चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट जबलपुर में कैंसर मरीजों को समुचित उपचार सुविधा प्रदान करने के लिये लीनियर एक्सीलरेटर मशीन पी.पी.पी.मोड पर क्रय करने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट के लिये स्वीकृत डॉक्टर्स, नर्सेस, पैरामेडिकल स्टाफ सहित संबंधित कर्मचारियों के पदों की विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है तथा पदों को भरने की कार्यवाही प्रचलन में है।
दीक्षांत समारोह में हुए व्यय
[उच्च शिक्षा]
68. ( क्र. 2809 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर में आयोजित प्रथम एवं द्वितीय दीक्षांत समारोह में पंडाल, कुर्सी, मंच, लंच, आवास, आमंत्रण फ्लेक्स, पत्रिका, वाहन, ड्रेस, स्मृति चिन्ह आदि पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या शासन से कोई राशि स्वीकृत हुई थी? (ग) क्या 125 छात्रों की डिग्री वितरण, गोल्ड मेडल वितरण पर आयोजित दीक्षांत समारोह के लिए कुल राशि के व्यय की कोई सीमा शासन से निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितनी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर में आयोजित प्रथम एवं द्वितीय दीक्षांत समारोह में कुल राशि रूपये 33,36,712/- व्यय की गई। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सफाई कर्मियों की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 2813 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न.पा. श्योपुर एवं बडोदा में कितने सफाईकर्मी स्थाई/अस्थाई नियुक्त हैं एवं कितने कचरा वाहन उपलब्ध हैं और कहाँ-कहाँ उनसे सेवाएं ली जा रही है? वार्डवार सफाई कर्मियों/वाहन कर्मचारियों के नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं? (ख) क्या नपा के वार्ड की वर्तमान जनसंख्या/क्षेत्रफल के अनुपात में सफाई कर्मचारी/सफाई वाहन नियुक्त किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो न.पा. के प्रत्येक वार्ड में प्रावधानानुसार सफाईकर्मी/वाहन नियुक्त किये गये हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या न.पा. में जनसंख्या के अनुपात में सफाई कर्मचारियों की बेहद कमी है? यदि हाँ, तो उक्त कमी की पूर्ति के लिए अस्थाई तौर पर सफाई कर्मचारी नियुक्त किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो सफाई व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए क्या विकल्प है? अवगत कराएं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में वार्डों में पदस्थ सफाईकर्मी के अनुपात में विसंगति को दूर कर समान अनुपात में पदस्थ किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) न.पा. में चोक नालों की सफाई हेतु मडपम्प एवं पोकलेन मशीन की आवश्यकता महसूस की जा रही है? यदि हाँ कितनी एवं इनकी पूर्ति हेतु क्या व्यवस्था की जा रही है? अवगत करावें? चोक नालों की सफाई हेतु कोई योजना/नपा निधि से कोई प्रावधान किया गया है यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो कारण बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निकाय द्वारा जनसंख्या क्षेत्रफल के अनुपात में सफाई कर्मचारी/सफाई वाहन प्रत्येक वार्ड में प्रावधान अनुसार नियुक्त किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इसका उत्तरांश (ख) में समाहित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) निकाय में नालों की सफाई हेतु मडपम्प उपलब्ध है एवं पोकलेन मशीन की आवश्यकता है निकाय निधि/अनुदान से वर्षा पूर्व बड़े नालों की सफाई कराये जाने की कार्यवाही की जायेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 2814 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 में मा. मुख्यमंत्री द्वारा श्योपुर प्रवास के दौरान घोषणा की गई थी कि बेहरावदा से बावडी हनुमान जी तक सड़क का निर्माण कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के सड़क मार्गों को बजट वर्ष 2020-2021, 2021-2022 में सम्मिलित किया गया था? यदि हाँ? तो कौन-कौन से सड़क मार्गों को अवगत कराएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बजट में सम्मिलित उक्त सड़क मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति अभी तक जारी क्यों नहीं की गई है? अब कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बताएं? (घ) आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के कौन-कौन से सड़क मार्गों को सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित है? अवगत कराएं। (ड.) श्योपुर विधानसभा में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है? उक्त कार्य समय-सीमा में पूर्ण न होने के क्या कारण रहे? अपूर्ण रहने के लिए कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विभागीय बजट में सम्मिलित नहीं होने से प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की कार्रवाई नहीं की जा सकती। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) मुख्य बजट वर्ष 2023-24 प्रस्तावित कार्य वर्तमान में स्पष्ट रूप से बताया जाना संभव नहीं। (ड़) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'ब' एवं 'अ-2' अनुसार है।
आयुष औषधालयों की जानकारी
[आयुष]
71. ( क्र. 2816 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग द्वारा जो औषधालय खोले गये हैं, उनमें स्टॉफ न होने से आवारा पशु एवं असमाजिक तत्व बैठकर उसका दुरूपयोग कर रहे हैं? (ख) आयुष विभाग द्वारा जिस उद्देश्य से औषधालय खोले गये हैं, उसमें सही संचालन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) सतत् निरीक्षण, चिकित्सक एवं पैरामेडिक का समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्य का भौतिक सत्यापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 2817 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम मुरैना में बैरियल चौराहे से सैनिक रेस्ट हाउस तक ड्रेनेज कार्य एस्टीमेट अनुसार नहीं करने एवं घटिया कार्य का भौतिक सत्यापन कराकर उच्च स्तरीय जांच कराने बाबत् प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1014/दि.वि/22 दिनांक 29/12/2022 में आयुक्त नगर निगम मुरैना एवं पत्र क्रमांक 1045/वि/दि/23 दिनांक 20/01/2023 में आयुक्त नगरीय आवास एवं विकास संचालनालय भोपाल को दिये गये? यदि हाँ, तो दोनों पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कारण सहित जानकारी देवें। इस कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति सहित मूल्यांकन की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दिये गये पत्रों में उल्लेख हेतु बिन्दुओं का भौतिक सत्यापन कराकर कब तक उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी तथा एस्टीमेट अनुसार कार्य नहीं करने, बिना भौतिक सत्यापन किये मूल्यांकन करके कार्य का भुगतान निर्माण ऐजेन्सी को करने के दोषियों पर कब तक कार्यवाही कर राशि की वसूली की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राप्त शिकायत के क्रम में संचालनालय के पत्र दिनांक 20.02.2023 द्वारा शिकायत की जांच कर जांच प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु संभागीय अधीक्षण यंत्री, ग्वालियर चंबल संभाग को पत्र प्रेषित किया गया है। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राप्त शिकायत के क्रम में संचालनालय के पत्र दिनांक 20.02.2023 द्वारा शिकायत की जांच कर जांच प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु संभागीय अधीक्षण यंत्री, ग्वालियर चंबल संभाग को पत्र प्रेषित किया गया है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
73. ( क्र. 2823 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा सागर के विरूद्ध पद के दुरूपयोग एवं शासकीय महाविद्यालय केसली एवं अन्य महाविद्यालय में खरीदारी में भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होने पर कोई विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी? यदि हाँ तो कृत कार्यवाही एवं प्राप्त शिकायतों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग को शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर के प्राचार्य को अपमानित और उनके साथ दुर्व्यवहार की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायत की प्रति उपलब्ध करावें। शिकायत की जांच किस अधिकारी/दल द्वारा की गई है? नामवार/पदवार बतावें। साथ ही जांच प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा सागर द्वारा एक महिला अतिथि विद्वान के साथ अश्लील वार्तालाप करने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो शिकायत की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार लगातार प्राप्त शिकायतों एवं प्राथमिक रूप से शिकायतें सही पाये जाने पर भी प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा सागर को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्राथमिक जांच कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जांच डॉ. लीला भलावी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, जबलपुर संभाग, जबलपुर द्वारा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) शिकायतों के दृष्टिगत संबंधित को अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, सागर संभाग, सागर के प्रभार से हटा कर शासकीय महाविद्यालय, मकरोनिया, जिला सागर में पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
निर्माण कार्यों पर किया गया खर्च
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 2824 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 पर विभाग द्वारा कितनी निविदाएं जारी हुई हैं? जारी उक्त निविदाओं में ए/आर मद के अन्तर्गत किन-किन मार्गों एवं किन-किन कार्यालय/आवासीय भवनों के कार्य शामिल किए गए हैं? कार्यवार/निर्माण एजेंसीवार/व्यय-राशि की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) सिविल कोर्ट एवं केसली के अन्तर्गत कार्यालय एवं आवासीय भवनों पर विभागीय मद से क्या-क्या कार्य किया गया है? वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 पर व्यय सहित विवरण दे? (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन मार्गों पर कितनी-कितनी लम्बाई के ठेकेदार द्वारा मजबूतीकरण का कार्य कराया है एवं कितनी लम्बाई पर विभागीय मद से ठेकेदार द्वारा कराये गए हैं? वर्षवार/कार्यवार राशि का विस्तृत विवरण देवें। (घ) क्या केसली-पुत्तर्रा मार्ग की गुणवत्ता की जांच उच्च अधिकारियों द्वारा कराई गई? उक्त मार्ग पर 2022-23 एवं 2023-24 पर कितनी राशि व्यय हुई है? वर्तमान में निर्माणाधीन मार्ग का कार्य गुणवत्तापूर्वक किया गया है? यदि हाँ तो किस अधिकारी द्वारा गुणवत्ता का परीक्षण किया/कराया गया है? विस्तृत विवरण देवें। (ड.) क्या क्षेत्रान्तर्गत शांति कंस्ट्रक्शन द्वारा ए/सी विभागीय मद के अन्तर्गत बी.टी. रिन्यूअल पेंच-वर्क एवं पुल-पुलिया का कार्य कराया गया है? यदि हाँ तो किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) कोई कार्य नहीं कराया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं ''1'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
विद्युत उत्पादन में गिरावट
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 2825 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र पावर जनरेटिंग कम्पनी का वर्ष 2002-03 की पी.यू.एफ./पी.एल.एफ उत्पादन 73.14 प्रतिशत था एवं उसके उत्पादन में निरंतर गिरावट के क्या कारण है, जो वर्ष 2021-2022 में 45 प्रतिशत पी.यू.एफ.. पहुंच गया है? वर्ष 2002-2003 से 2021-2022 तक वर्षवार पी.यू.एफ../पी.एल.एफ उत्पादन बताया जावे। (ख) क्या विगत पांच वर्षों से वर्ष 2017-2018 से घटिया कोयले एवं कम व्ही.सी. का प्रदाय कम्पनी को हो रहा है? साथ ही हीट रेट विद्युत इकाइयों का हो रहा है? वर्षवार पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) म.प्र.पा.ज.क.लि. के सभी ताप विद्युत ग्रहों के औसतन कितने व्ही.सी का कोयला कम्पनी को प्राप्त हो रहा है? वर्ष 2018-2019 से 2021-2022 तक प्राप्त कोयले का विद्युत गृहवार, कोयले की व्ही.सी वर्षवार जानकारी दी जावे। चलायमान 12 ताप विद्युत इकाइयों की डिजाइन अनुसार हीट रेट मापदण्डों के अनुसार बन रही है या नहीं? पूर्ण जानकारी तथ्यों एवं कारण सहित दी जावे। (घ) वर्ष 2017-2018 से 2021-2022 तक प्रति इकाई का कोयला, ऑइल, ऑक्जीलरी खपत की पृथक-पृथक जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी का वर्ष 2002-03 में पी.यू.एफ./पी.एल.एफ. 73.14% एवं वर्ष 2021-2022 में 44.4% पी.यू.एफ./पी.एल.एफ. रहा है। वर्ष 2002-03 में म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी की उत्पादन क्षमता 2272.5 मेगावॉट थी जो कि वर्ष 2021-2022 में बढ़कर 5400 मेगावॉट हो गई है। वर्ष 2002-2003 में राज्य की विद्युत की कुल उपलब्ध क्षमता 4673 मेगावाट थी, जो वर्तमान में बढ़कर 22730 मेगावाट हो गई है। अतः वर्ष 2002-2003 में विदयुत की मांग अधिक और उपलब्धता कम होने के कारण तत्समय म.प्र पावर जनरेटिंग कम्पनी की ताप विदयुत इकाइयों से अधिक से अधिक विद्युत उत्पादन किया जाता रहा। वर्तमान में विदयुत की उपलब्धता मांग से अधिक होने के कारण इकाइयों को ''मेरिट ऑर्डर डिस्पेच" के आधार पर चलाया जाता है जिससे पी.एल.एफ. में कमी आई है। वर्ष 2002-2003 से वर्ष 2021-2022 तक वर्षवार पी.यू.एफ../पी.एल.एफ. उत्पादन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, वरन म.प्र पावर जनरेटिंग कम्पनी के ताप विद्युत गृहों को वर्ष 2017-2018 से वर्ष 2021-22 के बीच, कुछ समय उचित गुणवत्ता का कोयला प्राप्त न होने से कैलोरिफिक वेल्यू (व्ही.सी. नहीं अपितु सी.व्ही.) तथा हीट रेट प्रभावित हुए हैं। वर्ष 2017-2018 से वर्ष 2021-22 तक की विदयुत गृहवार वर्षवार हीटरेट से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों को वर्तमान में औसतन 3600 किलो कैलारी/कि.ग्रा. कैलोरिफिक वेल्यू का कोयला प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2018-2019 से 2021-2022 तक प्राप्त कोयले की विद्युत गृहवार, कैलोरिफिक वेल्यू की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। चलायमान 12 ताप विद्युत इकाइयों की हीट रेट डिजाइन हीट रेट के अनुसार नहीं आ रहा है। डिजाइन हीट रेट प्राप्त करने के लिए प्राप्त कोयले की कैलोरिफिक वेल्यू डिजाइन अनुसार होना एवं इकाइयों को पूर्ण भार पर डिजायन पैरामीटर पर संचालित किया जाना आवश्यक है। वर्तमान परिदृष्य में उत्पादन इकाइयों को विद्युत की उपलब्धता एवं मांग के आधार पर "मेरिट ऑर्डर डिस्पेच" के सिद्धान्त पर संचालित किये जाने के कारण मांग कम होने पर इकाइयों को आंशिक भार पर भी चलाना पड़ता है। आंशिक भार पर संचालन से डिजायन पैरामीटर प्राप्त होना कठिन होता है। हीट रेट प्रभावित होने के मुख्य कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) वर्ष 2017-2018 से 2021-2022 तक प्रति इकाई का कोयला, ऑइल, ऑक्जीलरी खपत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 2836 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा RFP No.UADD/SSK/2813/20/04/2015 दिनांक 20.04.2015 के अंतर्गत क्लस्टर एम/10 का कार्य GIS Consortium India Pvt. Ltd. से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो GIS Consortium India Pvt. Ltd. द्वारा क्लस्टर एम/10 में किस माइलस्टोन तक का कार्य किया जा चुका है? (ख) क्या आर.पी.एफ./संचालनालय के पत्र कमांक 16429 दिनांक 20.09.2022 के तहत माइलस्टोल-8 के अनुसार फर्म को प्रत्येक नगरीय निकायों में मूल सर्वे फार्म सत्यापन/परीक्षण हेतु जमा कराये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो केवल 3 निकायों में फार्म जमा किये गये, अन्य 7 निकायों में क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या GIS Consortium India Pvt. Ltd. द्वारा फर्जी सिंगल पेज रजिस्टर बनाये गये हैं और 7 निकायों में जी.आई.एस. सर्वे का कार्य किया ही नहीं गया? यदि नहीं तो 7 निकायों के वार्ड 5, 9 एवं 11 के मूल सर्वे फार्म की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (घ) क्लस्टर एम/10 के Implementation Phase एवं Handhold Support Phase में कार्यरत कंपनी के प्रपोज्ड इक्सपर्ट की निकायवार सी.एम.ओ. द्वारा सत्यापित स्टाफ रोस्टर की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, RFP No.UADD/SSK/2813/ 20/04/2015 दिनांक 20.04.2015 के अंतर्गत क्लस्टर एम/10 का कार्य M/s GIS Consortium India Pvt. Ltd. से कराया जा रहा है। फर्म द्वारा वर्तमान में माइलस्टोन-9 (Handholding) का कार्य संचालित है। (ख) जी हाँ, संचालनालय के पत्र क्रमांक 16429 दिनांक 20/09/2022 के तहत निर्देश दिये गये थे। अन्य 07 निकायों में कंडिका Clause No. 4.2.6 के अनुसार सर्वे फार्म पर आधारित Agreed Report तथा माइलस्टोन 08 अनुसार Final Report समस्त नगरीय निकायों में जमा की जा चुकी है। (ग) जी नहीं, उक्त क्लस्टर के सभी निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा सर्वे कार्य के उपरांत माइलस्टोन-8 के अनुसार फाइनल रिपोर्ट सत्यापित कर संचालनालय में प्रस्तुत की गई है। चाही गई जानकारी के अंतर्गत सर्वे फार्म पर आधारित समग्र रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
सौभाग्य योजना अंतर्गत ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 2852 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य प्रस्तावित थे? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त ग्रामों में से कितने ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है एवं कितने ग्रामों का कार्य अपूर्ण है? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ग) जिन ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण है, उन कार्यों को निविदा की शर्तों के अनुसार किस दिनांक तक पूर्ण करना था? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। क्या उक्त कार्यों को पूर्ण किये बिना ठेकेदारों के बिल पास कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण किये बिना पास किये गये बिलों की राशि बताएं। (घ) उपरोक्त ग्रामों में से कितने ग्रामों में केवल खम्बे खड़े किये गये हैं, मगर लाइन के तार एवं ट्रान्सफार्मर नहीं लगाये हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ड.) क्या उक्त कार्यों को पूर्ण करने हेतु कोई योजना बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक पूर्ण किये जाने हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिलों में सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण कार्य हेतु प्रस्तावित ग्रामों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिलों में कार्य पूर्ण किये गये ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजनान्तर्गत कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। किसी भी अपूर्ण कार्यों का भुगतान ठेकेदारों को नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) एवं (ड.) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
हाई टेंशन लाइन का विस्थापन
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 2858 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद् मकरोनिया के वार्ड क्र. 14 में हाई टेंशन लाइन के विद्युत पोल स्थापित हैं? कितने वर्षों से स्थापित हैं? (ख) क्या विभाग ने उक्त लाइन को अन्यत्र स्थापित किये जाने का कार्य संपादित किया है? यदि हाँ, तो कब एवं विभाग ने विभागीय कार्यवाही पूर्ण की है? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त हाई टेंशन लाइन को विस्थापित कर नगर पालिका के मुख्य मार्ग सड़क में स्थापित कर दिया है? जानकारी देवें तथा विस्थापित करने के समय आमजन एवं वार्ड वासियों द्वारा इसके संबंध में शिकायत की गई थी? (घ) हाई टेंशन लाइन विस्थापित होने के कारण मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण कार्य प्रभावित होगा एवं वार्ड वासियों की शिकायत के उपरांत भी विस्थापित की गई है तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही कब की जायेगी? स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका परिषद् मकरोनिया के वार्ड क्रमांक 14 में 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाइन के पोल 40-50 वर्ष पूर्व से स्थापित हैं। (ख) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाइन को अन्यत्र स्थापित किये जाने का कार्य दिनांक 22.12.2022 को पूर्ण किया गया है, जिसमें नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण की गई है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाइन को विस्थापित कर नगर पालिका के मुख्य मार्ग के समीप उचित दूरी पर स्थापित किया गया है। उपरोक्त उच्चदाब लाइन को विस्थापित किए जाने के कार्य के दौरान एक रहवासी श्री खेमचंद्र जैन पता - मकरोनिया सागर द्वारा दिनांक 07.12.2022 को शिकायत की गई थी। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ग) में उल्लेखित शिकायत का नियमानुसार निराकरण करने के पश्चात ही उक्त विद्युत लाइन को विस्थापित करने का कार्य किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत प्राप्त आवेदन
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 2859 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद् कर्रापुर में विभागीय धारणा अधिकार पत्र पोर्टल संचालित/क्रियान्वयन हो रहा है तथा प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कितने आवेदन कार्यालय को प्राप्त हुये है? (ख) यदि विभागीय धारणा अधिकार पत्र का पोर्टल पर क्रियान्वयन वर्तमान में नहीं हो रहा है तो क्यों? क्रियान्वयन कब तक होगा? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत प्राप्त आवेदनों पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की? जानकारी देवें तथा कितने आवेदन स्वीकृति हेतु कार्यवाही उपरांत लंबित हैं? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत नगर परिषद् कर्रापुर में कितने आवेदन स्वीकृत हुये? स्वीकृति उपरांत कितने प्रकरण शासन स्तर पर लंबित हैं? उक्त प्रकरणों पर विभाग कब राशि जारी करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत नगर परिषद् कर्रापुर को कुल प्राप्त आवदेन की संख्या-3595। (ख) नगरीय निकायों में धारणाधिकार पत्र पोर्टल प्रावधान नहीं। (ग) निकाय द्वारा प्राप्त आवेदनों का सर्वेक्षण कर 162 पात्र हितग्राहियों की परियोजना स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की गई जिसकी भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त है। 513 आवासों की डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजी गयी है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत कुल 162 आवेदन स्वीकृत हुये हैं। राशि जारी कर दी गई है। 513 की डी.पी.आर. भारत सरकार से स्वीकृत होने व केन्द्रांश एवं राज्यांश प्राप्त होने पर किश्त वितरित की जायेगी। शासन स्तर पर कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
समय-सीमा में जांचों का निराकरण
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 2862 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री एवं उसके ऊपर स्तर के अधिकारियों जो कि 01.04.2019 से प्रश्न तिथि तक रीवा संभाग एवं शहडोल संभाग (राजस्व) लोक निर्माण विभाग में पदस्थ रहे हैं के विरूद्ध प्रश्न तिथि तक विभागीय जांचें जो चल रही हैं, की प्रकरणवार/नामवार/पदनामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित जांचें किन-किन नाम/पदनाम के द्वारा कब से चल रही हैं? प्रकरणवार जानकारी दें। क्या जांच समय-सीमा में पूरी करना तय की गई थी? कौन-कौन सी जांच समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाई? क्या कार्यवाही शासन जांच करने वाले अधिकारियों पर कब तक करेगा? प्रकरणवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। विभागीय जांचें प्रचलन में हैं। अत: जांच करने वाले अधिकारी पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वायु/ध्वनि/जल प्रदूषण की जानकारी
[पर्यावरण]
81. ( क्र. 2863 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के पहले दस वायु, जल, ध्वनि प्रदूषित स्थानों का नाम दें। इन वायु, जल ध्वनि प्रदूषण की मात्रा/इकाई प्रश्न तिथि तक क्या थी? (ख) 01-04-2019 से प्रश्न तिथि तक पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदेश के किन-किन लघु/मध्यम/वृह्द उद्योगों/अन्य की वायु/ध्वनि/जल प्रदूषण क्या-क्या कितना फैलाने पर नोटिस जारी किये? जारी सभी नोटिसों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। नोटिस जारी होने के बाद प्रश्न तिथि तक कब व क्या कार्यवाही किस पर की? प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रदूषणों को नियंत्रित किये जाने हेतु राज्य शासन ने क्या योजना तैयार की है? योजना की प्रति दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं।
नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
82. ( क्र. 2867 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के रैगाँव विधानसभा में कोठी में कन्या महाविद्यालय खोले जाने की माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अभी तक लंबित है? उक्त घोषणा कब की गई थी एवं प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण जानकारी देवें। इसी तरह रैगाँव महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की घोषणा कब की गई थी? उसकी स्वीकृति कब प्रदान की गई? स्वीकृत पद, महाविद्यालय का संचालन की पूर्ण जानकारी शासनादेशों, अभिलेखों सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त दोनों महाविद्यालयों के लिये क्या भूमि का चयन किया जा चुका है? इन महाविद्यालयों के भवनों के निर्माण के लिये क्या आगामी बजट में प्रावधान किया गया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो चयन की गई भूमि, खसरा क्रमांक, प्रावधानित राशि की जानकारी दें। यदि नहीं तो क्यों? कारण बतायें। महाविद्यालयों के भवन निर्माण कब तक कराये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रैगाँव में संचालित महाविद्यालय में भवन निर्माण कब तक कराया जायेगा? संचालित कोर्स की जानकारी देवें। संचालित कोर्सों से संबंधित क्या पदपूर्ति की गई है? यदि नहीं तो छात्र हित में पदपूर्ति कब तक करा दी जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कोठी में कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति कब तक प्रदान कर, छात्र हित में महाविद्यालय संचालित किया जावेगा? विलंब का कारण स्पष्ट करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सतना जिले के रैगाँव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोठी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक सी 0838 प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। कोठी में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी घोषणा प्राप्त नहीं हुई है। रैगाँव में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा क्रमांक सी 0837 के अनुपालन में विभागीय आदेश दिनांक 27-09-2021 के द्वारा शासकीय महाविद्यालय, रैगाँव की स्थापना स्नातक स्तर पर कला एवं विज्ञान संकाय के साथ की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शासकीय महाविद्यालय, रैगाँव के नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित नहीं हुई है। भूमि आवंटित होने के पश्चात वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शासकीय महाविद्यालय रैगाँव में स्नातक स्तर पर कला एवं विज्ञान संकाय संचालित है। जी नहीं, शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त नियमित पदों के विरूद्ध आमंत्रित अतिथि विद्वानों के माध्यम से अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। शैक्षणिक तथा गैर-शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग तथा कर्मचारी चयन मण्डल को प्रेषित किया जा चुका है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सब स्टेशनों का निर्माण एवं ट्रान्सफार्मरों की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 2868 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के रैगाँव विधानसभा में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत के प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. नवीन सब-स्टेशनों के निर्माण कार्यों की स्वीकृतियां कब-कब प्रदान की गई हैं? उन कार्यों का भूमि पूजन कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ, किन-किन की उपस्थिति में कराया गया है? क्या प्रोटोकॉल का पालन किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? कार्यक्रमों के आयोजनों के प्रोटोकॉल की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सब-स्टेशनों के कार्य आबंटन में क्या नियमों का पालन किया जाकर संविदाकर से अनुबंध किया गया है, बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण कराये जाने हैं? (ग) घेरलू, कृषि कार्य हेतु लगाये गये वितरण ट्रान्सफार्मरों में क्षमता वृद्धि किये जाने के क्या नियम हैं? वितरण केन्द्रवार बतावें कि 25, 63 एवं 100 के.व्ही.ए. के कितने वितरण ट्रान्सफार्मर रैगाँव विधानसभा में स्थापित किये गये हैं, उनमें से कितने प्रश्न दिनांक तक जले हैं? वितरण केन्द्रवार जानकारी दें। क्या रैगाँव विधानसभा में कम क्षमता के वितरण ट्रान्सफार्मर होने के कारण बार-बार ट्रान्सफार्मरों के जलने की स्थितियां निर्मित होती हैं, जिनकी क्षमता वृद्धि हो जाने से उक्त समस्या समाप्त हो सकेगी, साथ ही शासन को निरंतर हो रही आर्थिक क्षति से भी छुटकारा मिल सकेगा, हाँ/नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी? पूर्ण विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सतना जिले के रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेंद्रों के निर्माण कार्यों हेतु प्रदान की गई स्वीकृति की दिनांक, लागत राशि, स्थान का नाम एवं उनके भूमि पूजन कार्यक्रम से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ, उक्त भूमि पूजन कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों से संबंधित पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ, ग्राम करसरा, मुडहा एवं पवईया में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य हेतु आर.डी.एस.एस. योजना के प्रावधानों के अंतर्गत निविदा प्रक्रिया के उपरांत मेसर्स ए.के. इन्फ्रा को टर्न की आधार पर कार्यादेश जारी किया गया है एवं उक्त कार्य कार्यादेश दिनांक से 24 माह की अवधि में पूर्ण किये जाने है। इसके अतिरिक्त स्वीकृत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र शिवराजपुर का कार्य वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में स्वीकृत किया गया है, जिसके क्रियान्वयन हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत लैबर अनुबंध की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, उक्त कार्य लैबर अनुबंध उपरांत 3 माह की अवधि में पूर्ण करने के प्रयास है। (ग) घरेलू एवं कृषि कार्य हेतु लगाये गये वितरण ट्रांसफार्मर पर भार उसकी निर्धारित क्षमता के 80 प्रतिशत से अधिक होने पर उसकी क्षमता वृद्धि हेतु वित्तीय उपलब्धता एवं ऐसे ही अन्य कार्यों की वरीयता के क्रम में स्वीकृति प्रदान की जाती है। वर्तमान में रैगाँव विधानसभा अंतर्गत कुल 2846 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार, क्षमतावार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कुल 14 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि होने के कारण अपात्र श्रेणी में होने से बदलने हेतु शेष है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। जी नहीं, रैगाँव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किसी भी वितरण केन्द्र में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता कम होने के कारण उसके जलने/खराब होने की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। उल्लेखनीय है कि वितरण ट्रांसफार्मरों के अतिभारित होने पर आवश्यकता अनुसार क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित करने की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखानुसार नियमों के अनुरूप कार्यवाही की गई है/एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत की जा रही है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
पत्रों के निराकरण की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 2869 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को पत्र प्रेषित किए गए हैं? यदि हाँ, तो जनवरी 2020 से कौन-कौन से पत्र किन-किन विषयों पर और किन-किन स्थानों पर क्या-क्या विकास/निर्माण एवं अन्य कार्यों हेतु कब-कब लिखे एवं प्रेषित किए गये? (ख) प्रश्नांश “क” लिखित पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पत्रवार बताइये और क्या पत्रानुसार निर्माण एवं अन्य कार्यों को स्वीकृत कर कार्य कराये गए हैं? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य को कब-कब स्वीकृति प्रदान की गयी और कराया गया? पत्रवार बताइये। यदि नहीं तो क्यों? (ग) सदस्य म.प्र. विधानसभा के पत्रों पर म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार क्या-क्या कार्यवाही किस प्रकार की जाती हैं और क्या प्रश्नांश (क) अनुसार लिखित पत्रों पर शासनादेशों के अनुरूप कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो पत्रों के निराकरण में की गयी कार्यवाही का विवरण बताइये। यदि नहीं तो क्यों? इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य महोदय द्वारा नगर निगम कटनी को प्रेषित पत्रों एवं पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सदस्य मध्यप्रदेश विधानसभा के प्राप्त पत्रों को निर्धारित पंजी में दर्ज किया जाकर माननीय सदस्य को पावती की अभिस्वीकृति प्रदाय की जाती है तथा निराकरण के संबंध में माननीय सदस्य महोदय को अवगत कराया जाता है। पत्रों के निराकरण की कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 2870 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर में नवीन निर्देशों के अनुसार कितनी और कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना का कार्य किए जाने हेतु नियमानुसार क्या-क्या कार्यवाही अब तक की जा चुकी है और क्या-क्या कार्यवाही किया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत अवैध कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना के कार्यों को किस प्रकार और कब तक कराया जायेगा और क्या इसके लिए समय-सीमा का भी निर्धारण किया जायेगा? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराइये। यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अवैध कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना के किन-किन कार्यों को कराया जाना है और कार्यवार कितनी-कितनी राशि व्यय होना अनुमानित है? कॉलोनीवार विवरण बताइये और क्या आगामी वर्षा ऋतु के पूर्व इन कॉलोनियों में नाली एवं सड़क और बिजली एवं पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं के कार्यों की प्राथमिकता से स्वीकृति प्रदान कर कार्यों को कराया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के नियम 23 की कार्यवाही पूर्ण होने के बाद नियम 24 में विहित प्रक्रिया के अनुसार नागरिक अधोसंरचना के कार्य आरम्भ कराए जाएंगे जिसमें मूलभूत नागरिक सेवाओं के विकास कार्य पहले निष्पादित किए जाएंगे, नियमानुसार अभिन्यास को अंतिम रूप देने के पश्चात विकास कार्य पूर्ण करने की अवधि 05 वर्ष निर्धारित है। (ग) नियमानुसार चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में सड़क, नाली, पानी बिजली जैसे नागरिक अधोसंरचना के शेष सभी कार्य कराए कराए जाएंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार नियम 23 के तहत समस्त कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त बताया जाना सम्भव होगा। नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत नगर निगम द्वारा कार्य कराये जाएंगे।
नैरोगेज ट्रैक की रिक्त भूमि पर मार्ग का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 2874 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा छोटी लाइन चौराहे से ग्वारीघाट तक नैरोगेज ट्रैक की रिक्त पड़ी हुई रेलवे की भूमि पर आमजनों हेतु एक मार्ग बनाने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम जबलपुर द्वारा रेलवे से उक्त जमीन की मांग हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? वर्तमान स्थिति क्या है? बतलावें एवं समस्त सुसंगत दस्तावेज पटल पर रखें। (ग) उक्त जमीन नगर निगम जबलपुर द्वारा मांग किये जाने के प्रस्ताव पर रेलवे द्वारा कब-कब, क्या-क्या उत्तर दिए गये हैं? (घ) क्या बड़े त्योहारों आयोजनों के समय ग्वारीघाट जाने वाले मार्ग पर अत्यंत यातायात जाम की स्थिति निर्मित होती है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश सरकार इस जनहित के विषय में हस्तक्षेप कर जल्द से जल्द उक्त भूमि रेलवे से नगर निगम जबलपुर को दिलाने हेतु कदम उठाएगी? यदि हाँ, तो कब?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रेलवे से भूमि प्राप्त होने पर उसके बदले नगर निगम जबलपुर द्वारा अपनी भूमि दिए जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। नगर निगम द्वारा रेलवे को किए गए पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर निगम जबलपुर द्वारा जमीन की मांग पर रेलवे द्वारा दिए गए उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। बड़े त्योहारों में आयोजनों के समय यातायात प्रभावित होने की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नगर निगम जबलपुर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। नगर निगम से प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सप्लाई की सुदृढ़ व्यवस्था
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 2876 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के ग्राम सगरा, वार्ड 16 की बिजली प्रदाय एवं वोल्टेज व्यवस्था हेतु मार्च, 2022 सत्र में पूछे गए प्रश्न क्रमांक 282, दिनांक 11 मार्च, 2022 के उत्तरांश (ड.) में "स्थल का भौतिक सत्यापन करने हेतु कार्यपालन अभियंता, पूर्व संभाग, रीवा को निर्देशित किया गया है।" के संदर्भ में कराये गये भौतिक सत्यापन की स्वच्छ प्रति देवें। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र की बिजली सप्लाई व्यवस्था एवं वोल्टेज हेतु प्रश्न दिनांक से विगत पाँच वर्षों में समय-समय पर कराये गये कार्यों एवं उसकी लागत एवं कारण की जानकारियां दी जाये। (ग) क्या प्रश्नांकित क्षेत्र में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल एवं उसके आसपास के किसानों को विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु 100 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर से लेकर शासकीय स्कूल तक के खम्भों एवं सप्लाई तार क्षतिग्रस्त एवं टूटे हैं तथा प्रश्नांकित क्षेत्र के शासकीय स्कूल/रहवासियों/किसानों को सप्लाई पोल से प्रदाय की जा रही विद्युत प्रदाय अव्यवस्थित है? (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र में इतनी अनियमित तथा टूटे तारों से विद्युत सप्लाई अव्यवस्था एवं अनियमित वोल्टेज के प्रदाय को उच्च क्वालिटी की विद्युत प्रदाय व्यवस्था किये जाने के लिए कई बार विधान सभा प्रश्न लगने के बाद भी विद्युत प्रदाय व्यवस्था सुदृढ़ नहीं कराये जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्न क्रमांक 282 दिनांक 11.03.2022 के उत्तर में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन स्थल का कार्यपालन अभियंता (संचा.-संधा.) पूर्व संभाग रीवा से कराये गये भौतिक सत्यापन से संबंधित दस्तावेज की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु सौभाग्य योजना के तहत ग्राम सगरा वार्ड 16 तहसील हुजूर के शासकीय स्कूल के समीप 63 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया था जो कि आर.ओ.डब्लू. की समस्या के कारण स्थापित नहीं हो पाया था। वर्तमान में यह कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित है, जिसकी वितरण ट्रांसफार्मर एवं संबंधित विद्युत लाइन के कार्य सहित अनुमानित लागत राशि रूपये 3.80 लाख है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में शासकीय स्कूल एवं उसके आस-पास के किसानों/रहवासियों को विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु 100 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मर से लेकर शासकीय स्कूल तक विद्युत लाइन एवं पोल व्यवस्थित हैं एवं इस विद्युत लाइन से रहवासियों/किसानों को सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में नियमानुसार पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय की जा रही है जिसकी गुणवत्ता में सुधार हेतु उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 2881 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत ग्राम करिया गाँव विकासखंड बिछिया के चिकनिया नाला में निर्मित पुलिया कब क्षतिग्रस्त हुई? विभाग द्वारा कब-कब इसका सुधार किया गया? नवीन निर्माण हेतु जिला स्तर से शासन को कब-कब प्रस्ताव भेजे गए? प्रस्तावों की प्रतियां उपलब्ध करावें। क्या यह सही है कि इस हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी को पत्र देकर नवीन निर्माण की मांग की गई है? क्या मंत्री जी द्वारा विभाग को पत्र/नोटशीट लिखकर पुलिया निर्माण स्वीकृत करने हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इसमें क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या तहसील मुख्यालय घुघरी में लोक निर्माण विभाग द्वारा विश्राम गृह निर्माण किया गया? यदि नहीं तो क्यों? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस विषय को लेकर विभाग से पत्राचार किया गया है? यदि हाँ तो पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। उनमें क्या-क्या कार्यवाही की गई? तहसील मुख्यालय घुघरी में विश्राम गृह की स्वीकृति कब तक दी जाएगी? (ग) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत सड़कों में से कितनों के कार्य प्रारंभ नहीं हो सके हैं? कारण सहित जानकारी प्रदान करें। कब तक कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे? जो कार्य प्रारंभ हो चुके हैं, उनमें से कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सके हैं, उनके क्या कारण हैं? कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। भूमि अप्राप्त होने के कारण। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भूमि अप्राप्त। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। कोई दोषी नहीं, कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
विधायक निधि का प्रयोजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 2882 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि से गरीबों के वैवाहिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने हेतु भोपाल के सईदिया स्कूल, बालविहार, पुतलीघर, शकीला बानों, संजय नगर आदि सामुदायिक भवन/कम्युनिटी हाल लाखों रूपये की लागत से निर्मित किए गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त सामुदायिक भवनों को नगर निगम द्वारा व्यवसायीकरण किया जाकर वर्तमान समय में गरीबों को कम कीमत में कार्यक्रम आयोजित करने हेतु उक्त सामुदायिक भवन उपलब्ध नहीं हो रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधायक निधि से इकबाल मैदान का जीर्णोद्धार सामाजिक, सार्वजनिक, धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने हेतु किया गया है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में उक्त कार्यक्रम आयोजित करने पर इकबाल मैदान में प्रतिबंध है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करायें कि विधायक निधि जनहित को दृष्टिगत रखते हुए व्यय की गई थी, जो वर्तमान में जनहित के विपरीत जाकर प्रतिबंध लगाने तथा सामुदायिक भवनों का व्यवसायीकरण किए जाने के कारण क्या शासन कार्यकारी एजेंसी से सामुदायिक भवनों के निर्माण में तथा इकबाल मैदान के जीर्णोद्धार में व्यय होने वाली राशि वसूलेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सईदिया स्कूल, बालविहार, पुतलीघर एवं शकीला बानों फतेहगढ़ में सामुदायिक भवनों का निर्माण विधायक निधि से किया गया है। संजय नगर सामुदायिक भवन में वर्तमान में संजीवनी क्लीनिक संचालित की जा रही है। नगर निगम भोपाल द्वारा स्थाई आदेश क्रमांक 01/2011 दिनांक 10/03/2011 से निगम द्वारा खुली भूमि/मैदान का उपयोग क्षेत्रीय रहवासियों को वैवाहिक/सामाजिक/सांस्कृतिक/धार्मिक/राजनैतिक प्रयोजन के लिये प्रति दिवस किराया नियत किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा इकबाल मैदान में कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पूर्ण, प्रगतिरत तथा अप्रारंभ कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 2883 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम द्वारा किस-किस निधि के तहत 50 लाख से अधिक राशि के कौन-कौन से विकास कार्य/प्रोजेक्ट कहाँ-कहाँ पर प्रगति पर हैं? कार्य अप्रारम्भ हैं/प्रश्न दिनांक की स्थिति में पूर्ण हो गए हैं? कार्यवार, निधि, राशि सहित ठेकेदार/फर्म के नाम की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) भोपाल स्थित छोला विश्रामघाट परिसर में विगत 10 वर्षों की स्थिति में जीर्णोद्धार आदि के कौन-कौन से कार्य किस-किस निधि से किस-किस ठेकेदार द्वारा कितनी-कितनी राशि से कब-कब सम्पन्न किए? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि उक्त अवधि में सम्पन्न हुए कार्यों की गुणवत्ता कैसी है? कार्यवार अवगत करावें तथा कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण परफॉर्मेंस गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हो गए हैं और गिर जाने के बावजूद संबंधित ठेकेदार व अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) छोला विश्रामघाट के विकास/उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण कार्य फेस-2 में मेन गेट से रंभा नगर की ओर जाने वाली सड़क के बाई ओर की दीवार का भाग क्षतिग्रस्त होने पर तत्समय ही अनुबंधित ठेकेदार से आवश्यक सुधार कार्य कराये गये। कार्य की स्थिति वर्तमान में संतोषजनक है। एक बर्निंग शेड की चादरें खराब हो रही हैं जो कि संबंधित ठेकेदार से ठीक कराई जा रही है एवं शेष सभी कार्य की गुणवत्ता संतोष जनक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह में श्रमिकों की कमी
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 2886 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में वर्ष 2010 से लेकर 2022 तक निविदा में श्रमिकों की लगातार कमी की गई है? क्या इस हेतु उन्हें डिप्लोमा से कुशल, फिर कुशल से अर्धकुशल कर दिए गए? क्या श्रमिकों की संख्या कम होने से रोटरी ब्रेकर रिजेक्ट कन्वेयर एवं रोलर स्क्रीन प्रचलन से बाहर हो गये, जिससे संयंत्र में करोड़ों का नुकसान हुआ? वर्ष 2016 से 2021 तक रहे कार्यपालन अभियंता के कुप्रबंधन की जांच कर संयंत्र में हुए नुकसान की भरपाई कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) अधीक्षण अभियंता संचालन-3 में पदस्थ श्री अखिलेश सिंह सहायक अभियंता (चालू प्रभार - कार्यपालन अभियंता) के विरुद्ध हुई शिकायतों पर कितनी विभागीय जाँच लंबित हैं? क्या दिनांक 31 जुलाई 2022 को वाहन की लॉग बुक कार्यालय से चोरी का मामला उजागर हुआ था? यदि हाँ, तो इसमें क्या कार्यवाही की गई? किस नियम व आदेश के तहत उक्त अधिकारी को अगले उच्च पद (कार्यपालन अभियंता) के चालू प्रभार का आदेश प्रसारित किया गया हैं? (ग) सुरक्षा विभाग में सुरक्षा सैनिकों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों पर कितने सुरक्षा सैनिक कब से पदस्थ हैं? शेष पदों को लेकर क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह में वर्ष 2010 से लेकर 2022 के दौरान इकाई क्रमांक 3 एवं 4 की वर्ष 2014-15 में सेवानिवृत्त होने के कारण, कार्यों की आवश्यकता में कमी एवं कार्य प्रभावित हुए बिना, समान प्रकृति के छोटे-छोटे कार्यों को संयुक्त करने से श्रमिकों की संख्या में कमी आई है। कार्य की आवश्यकता के अनुरूप ही कुशल, अर्धकुशल अथवा अकुशल श्रमिकों की संख्या निर्धारित की जाती है। कोयला हस्तांतरण सयंत्र के रोटरी ब्रेकर का उपयोग, प्राप्त 250 मि.मी. कोयले के साइज को 100 मि.मि. तक छोटा करने हेतु किया जाता है। कोल कंपनी SECL (एस.ई.सी.एल.) द्वारा दिनांक 01/01/2016 से 100 मि.मी. साइज का कोयला प्रदाय किया जा रहा है, जिसके कारण रोटरी ब्रेकर को चलाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। कतिपय कोयले के साइज ज्यादा आने पर रोटरी ब्रेकर को सर्विस में रखा जाता है। रोटरी ब्रेकर का उपयोग न होने से सहायक संयंत्रों की उर्जा खपत में कमी हुई है जिससे कंपनी को लाभ हुआ है। अतः किसी जांच का प्रश्न नहीं उठता है एवं शेष प्रश्न लागू नहीं होता है। (ख) वर्तमान में श्री अखिलेश सिंह के विरूद्ध कोई भी विभागीय जाँच लंबित नहीं है। जी हाँ दिनांक 31 जुलाई 2022 को वाहन की लॉग बुक कार्यालय से गुम होना पाया गया था एवं विभागीय जाँच में दोषी पाये गये कार्मिक/अधिकारियों को दंडित किया जा चुका है। श्री अखिलेश सिंह को अगले उच्च पद (कार्यपालन अभियंता) का चालू प्रभार का आदेश दिनांक 29.12.2022 को वरिष्ठता एवं कार्य की आवश्यकता के अनुसार जारी हुआ है, जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है। (ग) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह में सुरक्षा विभाग में सुरक्षा सैनिकों के 08 पद स्वीकृत हैं, जिनके विरुद्ध कंपनी का कोई भी सुरक्षा सैनिक कार्यरत नहीं हैं। स्वीकृत सुरक्षा सैनिकों के पदों के विरूद्ध सुरक्षा कार्य हेतु भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के सैनिक लगाये हैं। इसके अतिरिक्त अनुबंध के आधार पर निजी सुरक्षा एजेंसी के सुरक्षा सैनिक भी लगाये गए हैं।
नगर परिषद् निवास को राशि का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 2892 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री पेयजल योजना के अन्तर्गत नगर पालिका/परिषद् निवास को किस दिनांक को कितनी राशि दी गई? किस दिनांक को टेण्डर हुआ? किस दिनांक को कार्य आदेश दिया गया, किस दिनांक को कार्य प्रारम्भ किया गया? प्रश्नांकित दिनांक तक भी कार्य प्रारम्भ नहीं करने का क्या-क्या कारण रहा है? (ख) राज्य शासन ने किस-किस योजना के तहत जनवरी 2023 तक नगर पालिका परिषद् निवास को किस-किस योजना के लिए किस आदेश दिनांक से कितनी राशि आवंटित की है? जिसका प्रश्नांकित दिनांक तक भी कार्य प्रारम्भ नहीं किया जा सका है। (ग) कार्य प्रारम्भ नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? कब तक कौन-कौन सा कार्य प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत नगर परिषद् निवास को कोई राशि नहीं दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय स्नातक महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
93. ( क्र. 2894 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र निवास अंतर्गत विकासखण्ड बीजाडांडी, नारायणगंज एवं मोहगाँव में नवीन शासकीय स्नातक महाविद्यालय खोले जाने तथा शासकीय स्नातक महाविद्यालय निवास में अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को खोले जाने हेतु पत्र भेजे गये? (ख) उपरोक्त में से किन-किन विकासखण्डों में महाविद्यालय खोले जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गये? यदि नहीं तो क्या कारण है? कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) उपरोक्त कार्यों के लिए स्वीकृति नहीं मिली है तो प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में तीनों विकासखण्डों में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सड़कों के प्रस्तावों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 2907 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विधायकों से सड़क निर्माण कार्यों के प्रस्ताव चाहे गये थे? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग म.प्र. शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 707 दिनांक 09.11.2022 के माध्यम से उक्त प्रस्ताव प्रस्तुत किए गये थे? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ तो विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गये सड़क निर्माण कार्यों के प्रस्ताव पर स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? कार्यवाही का विवरण दें। यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी दें कि कब तक क्षेत्र के सड़क निर्माण कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृत किए जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कोई कार्रवाई नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नवीन कार्य स्वीकृत करने हेतु बजटीय प्रक्रिया में सम्मिलित होना आवश्यक है।
विकास कार्यों हेतु विशेष निधि की स्वीकृती
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 2910 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01.12.2021 को माननीय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग म.प्र. शासन भोपाल को पत्र लिखकर 614.10 लाख की राशि नगर पालिका परिषद् विदिशा क्षेत्र में निर्माण कार्य के लिए मांग की थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ तो क्या उक्त क्रम में कलेक्टर विदिशा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय म.प्र. भोपाल को पत्र क्यू/नगर पालिका विदिशा/पी.डब्लू.डी./2 दिनांक 23.11.2021 को 614.10 लाख के निर्माण कार्यों की सूची स्वीकृती हेतु प्रेषित की थी? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) के क्रम में हाँ तो क्या उक्त पत्रों के क्रम में राशि की स्वीकृती की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) क्या नगर पालिका परिषद् विदिशा सीमा क्षेत्र में स्थित सौठिया फाटक रेल्वे ओवर ब्रिज पर यातायात के भारी दबा को कम करने के लिए एक लेग ब्रिज से माधव उद्यान के लिए एक लेग उतारे जाने के लिए प्रस्ताव स्वीकृती हेतु विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत किया जायेगा? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 1236 दिनांक 01.12.2021 के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी से भी इस संबंध में अनुरोध किया था?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्राप्त नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा कर्मचारियों का वेतन निर्धारण व नियमितीकरण
[ऊर्जा]
96. ( क्र. 2911 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल में अलग-अलग पद पर कितने-कितने कर्मचारी संविदा पर सेवारत हैं? पदवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को अलग-अलग पदों पर कितना-कितना वेतन/पारिश्रमिक दिया जाता है? (ग) उपरोक्त वेतन/पारिश्रमिक कब से दिया जा रहा है और पिछली बार कब बढ़ाया गया था और कितना? विवरण देवें। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल में संविदा कर्मचारियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन कर उनके कार्यानुसार वेतन निर्धारित करने की क्या नीति है एवं इनका नियमितीकरण कब तक कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मियों की प्रश्नाधीन चाही गयी पदवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत संविदा कार्मिक ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम-2018'' से शासित होते हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त संविदा नीति के पृष्ठ क्रमांक-13 में दर्शाई गई तालिका अनुसार संविदा कर्मियों को स्थिर राशि तथा समय-समय पर लागू महंगाई भत्ता (डी.ए.) (माह जनवरी 2023 से 38 प्रतिशत की दर) मिलाकर (स्थिर राशि + डी.ए.) संविदा पारिश्रमिक प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त संविदा कर्मियों को प्रत्येक वर्ष 12 माह की संविदा सेवा अवधि पूर्ण होने पर कार्य मूल्यांकन में उक्त नीति अनुसार 'ख' (अंक 6.1 से 7) या अधिक ग्रेडिंग प्राप्त होने पर उसको स्थिर राशि का एक (1%) प्रतिशत कार्य दक्षता वृद्धि प्रदान की जाती है। (ग) संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम-2018 के प्रभावशील होने की दिनांक 01.01.2018 से स्थिर राशि तथा प्रत्येक वर्ष 01 जनवरी की स्थिति में लागू डी.ए. प्रदान किया जा रहा है। स्थिर राशि बढ़ाई नहीं जाती, अपितु प्रत्येक वर्ष 12 माह की संविदा सेवा अवधि पूर्ण होने पर कार्य मूल्यांकन में उक्त नीति अनुसार "ख" (अंक 6.1 से 7) या अधिक ग्रेडिंग प्राप्त होने पर ही संविदा कर्मियों को स्थिर राशि का एक (1%) प्रतिशत कार्य दक्षता वृद्धि प्रदान की जाती है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत संविदा कार्मिक कंपनी में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम-2018'' से शासित होते हैं जिसमें संविदा कर्मियों के संविलियन तथा नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। तथापि उक्त नीति/नियम के अनुसार सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में से निर्धारित प्रतिशत पद संविदा कर्मियों की भर्ती हेतु आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
अनुबंध अनुसार स्वीकृत कार्यों की स्थिति
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 2915 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ अंतर्गत एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ, कितनी लागत के कौन-कौन से निर्माण कार्य कब-कब स्वीकृत किये गये तथा स्वीकृत कार्यों के पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ संबंधी अद्यतन स्थिति एवं अनुबंध अनुसार भौतिक प्रगति क्या है तथा उक्त कार्यों को पूर्ण करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्वीकृत सभी निर्माण कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण कर लिया गया है तथा जिन कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा शेष है, उनमें अनुबंध अनुसार भौतिक प्रगति संतोषजनक है? यदि हाँ, तो कार्यवार बतावें। यदि नहीं तो क्यों तथा कार्य में विलंब एवं भौतिक प्रगति संतोषजनक नहीं होने से निर्माण एजेन्सी एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवार बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 2921 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के विधान सभा क्षेत्र पिछोर में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनकी प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य अपूर्ण है या प्रारंभ ही नहीं हुआ है? निर्माण कार्यों की सूची तथा उनकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) उपरोक्त निर्माण कार्यों की अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बतावें। इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो जानकारी न देने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में उल्लेखित विशेष टिप्पणी अनुसार।
घरेलू एवं कृषि पम्प हेतु विद्युत कनेक्शन का प्रदाय
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 2935 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कितने-कितने उपभोक्ताओं को घरेलू एवं कृषि पम्प हेतु विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गए? पृथक-पृथक घरेलू एवं कृषि पंप कनेक्शन भार अनुसार वितरण केन्द्रवार ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताओं की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार घरेलू एवं कृषि पम्प हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी-कितनी राशि उपभोक्ताओं पर बाकी है? वितरण केन्द्रवार बकाया राशि की जानकारी देवें। क्या राशि बाकी होने पर संपूर्ण गाँव की लाइट काटने हेतु शासन का आदेश है? आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किसी व्यक्ति विशेष की राशि बकाया होने पर संपूर्ण गाँव की लाइट काटकर पूरे गाँव को मूलभूत सुविधा से वंचित किया जा रहा है? तब दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे कितने घरेलू एवं कृषि पम्प उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं जो गाँव में निवासरत नहीं है परन्तु विभागीय अधिकारियों द्वारा राशि बकाया होने की गलत जानकारी देकर मात्र शासन से उक्त कनेक्शन के नाम पर सब्सिडी प्राप्त की जा रही है? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर शासन द्वारा विभाग को कितनी-कितनी सब्सिडी की राशि प्रदाय की जा रही है। वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 1 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में प्रदान किए गये घरेलू एवं कृषि पम्प विद्युत कनेक्शनों की स्वीकृत भार सहित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की पृथक-पृथक वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित घरेलू एवं कृषि पंप उपभोक्ताओं पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में विद्युत बिलों की बकाया राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जी नहीं, कुछ उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि होने पर वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध सभी उपभोक्ताओं का विद्युत प्रदाय विच्छेदित नहीं किया जाता, अपितु वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध शत्-प्रतिशत उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की राशि बकाया होने पर ही ट्रांसफार्मर से संबद्ध सभी उपभोक्ताओं का विद्युत प्रदाय नियमानुसार विच्छेदित किया जाता है। विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका 9.15 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत बकायादार उपभोक्ताओं के विद्युत विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। विद्युत उपभोक्ता एवं विद्युत कंपनी के मध्य लागू अनुबंध की कंडिका 8 के अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनी को अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने की स्थिति में विद्युत कनेक्शन विच्छेदन का अधिकार है। विद्युत विच्छेदन के उक्त प्रावधानों से संबंधित विनियमों/अनुबंध की कंडिकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार विद्युत विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार, प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा कोई भी घरेलू एवं कृषि पंप विद्युत उपभोक्ता नहीं है जो कि ग्राम में निवासरत नहीं है एवं उनके विद्युत कनेक्शन के विरूद्ध सब्सिडी की राशि प्राप्त की जा रही है। (ड.) उत्तरांश (क) में उल्लेखित घरेलू एवं कृषि पंप उपभोक्ताओं के कनेक्शनों पर राज्य शासन द्वारा प्रदाय की जा रही सब्सिडी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
हितग्राहियों से अवैध राशि की वसूली
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 2936 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक औचक निरीक्षण द्वारा कितने विद्युत चोरी/अधिक भार के प्रकरण बनाए गए? किन-किन धाराओं में प्रकरण बनाए जाकर कितनी-कितनी राशि अधिरोपित कर वसूल की गई? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा चोरी/अधिक-भार प्रकरण बनाने के क्या नियम हैं? क्या विभागीय अधिकारी द्वारा मनमाने तरीके से जिन लोगों के घरों/कृषि कनेक्शन धारियों के ऊपर भी चोरी के प्रकरण बनाए जाकर प्रीलेगिटेशन के नाम से अवैध राशि वसूली गई? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि वसूली गई एवं न्यायालय के बाहर चोरी के प्रकरण के नाम पर विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि वसूली गई? 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक वितरण केन्द्रवार राशि की जानकारी देवें। (ग) क्या चोरी/अधिक-भार के झूठे प्रकरण बनाए जाकर उपभोक्ताओं से कितनी-कितनी राशि न्यायालय द्वारा जमा कराई गई या कोर्ट के बाहर राशि वसूली गई एवं कितने-कितने हितग्राहियों को प्रकरण के आधार पर जेल भेजा जाकर वसूली का प्रकरण न्यायालय में प्रचलित है तथा कितने-कितने उपभोक्ताओं के प्रकरण बनाकर राशि वसूली हेतु नोटिस जारी किए गए? 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक वितरण केन्द्रवार उपभोक्ता-संख्या एवं राशि की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक के प्रकरण की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई जाकर दोषियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में औचक निरीक्षण द्वारा विद्युत चोरी/अधिक-भार के बनाये गये प्रकरणों की संबंधित धाराओं, अधिरोपित राशि एवं वसूल की गई राशि सहित प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निरीक्षण के दौरान सीधे विद्युत चोरी पाये जाने एवं स्वीकृत भार से अधिक भार पाए जाने पर ''विद्युत अधिनियम-2003'' की क्रमश: धारा 135 एवं धारा-126 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रकरण बनाये जाते हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्धारित वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत ही विद्युत चोरी के प्रकरण बनाए गए हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत चोरी या अधिक भार का कोई भी झूठा प्रकरण नहीं बनाया गया है, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य प्रश्न नहीं उठता।
अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय का लाभ-हानि पत्रक
[उच्च शिक्षा]
101. ( क्र. 2940 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय का वर्ष 2017- 18 से 2021-22 का लाभ हानि का पत्रक दें तथा बतावें कि इस अवधि में एक लाख से अधिक राशि की क्या सामग्री क्रय की गई तथा उसके लिए किस-किस एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया? मध्यप्रदेश क्रय नियम का पालन किया गया या नहीं? (ख) विश्वविद्यालय में हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर की वैकेंसी किस दिनांक को किस समाचार पत्र में निकाली गई? उसकी प्रति देवें। कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन किया? उसमें छानबीन समिति अनुसार कितने पात्र थे? जो पात्र पाए गए, उनका नाम, उम्र, पता, शैक्षणिक योग्यता एवं आधार कार्ड क्रमांक की जानकारी दें। जिनको नियुक्ति दी गई उनकी जानकारी दें तथा उनके द्वारा दिये गये समस्त दस्तावेज की प्रति दें। बतावें कि नियुक्ति में यू.जी.सी. के नियमों का पालन किया गया या नहीं? (ख) चयनित अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर किस दिन डाली गई? यदि नहीं तो क्यों? क्या यह सही है कि योग विभाग में जिसे नियुक्ति दी गई उसे छानबीन समिति ने पहले अपात्र घोषित कर दिया था? यदि हाँ, तो किस आधार पर नियुक्ति दी गई? कॉमर्स विभाग में सिर्फ दो ही लोगों ने आवेदन किया था फिर भी उन्हें नियुक्ति दे दी गई जबकि यू.जी.सी. के नियमों के अनुसार 3 अभ्यर्थी का होना आवश्यक है।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जी हाँ। (ख) विश्वविद्यालय द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर की वेकेंसी दिनांक 30.04.2022 को निम्नलिखित समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई :- (अ) स्वदेश भोपाल, (ब) नवदुनिया, ग्वालियर, (स) जागरण, रीवा, (द) दैनिक भास्कर, जबलपुर, (ई) पत्रिका, इंदौर, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। कुल 218 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। छानबीन समिति अनुसार 182 अभ्यर्थी पात्र थे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। 13 सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिन मंगलवार दिनांक 21.02.2023 को वेबसाइट पर डाली गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, किंतु छानबीन समिति ने पहले अपात्र घोषित किया गया, जिसे निराकरण समिति द्वारा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा-2018 उत्तीर्ण होने की आवश्यक अर्हता की पूर्ति करने के कारण पात्र घोषित किया गया। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् की बैठक दिनांक 30.08.2022 में लिए गए निर्णय अनुसार 2 या 3 पात्र आवेदकों को साक्षात्कार हेतु बुलाने की अनुमति दी गई थी।
इम्प्लीमेंटेशन एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 2941 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन शहरों में केंद्र सरकार की एजेंसी ई.ई.एस.एल. द्वारा एल.ई.डी. लाइट लगाई जा रही है? बिना टेंडर के तथा बिना कम्पेरिजन चार्ट के कार्य कैसे दिया गया? नियम की प्रति दें। (ख) ई.ई.एस.एल. द्वारा जिन-जिन शहरों में काम किया जा रहा है वहां की डी.पी.आर. किस कन्सलटेंट द्वारा बनाई गई या बिना डी.पी.आर. के मात्र ई.ई.एस.एल. द्वारा दिये गए 'इम्प्लीमेंटेशन एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट' के आधार पर कार्य दिया गया? (ग) रतलाम नगर निगम में ई.ई.एस.एल. द्वारा लगभग 9,000 एल.ई.डी. लाइट लगाने का निवेश/खर्च 6.87 करोड़ किस आधार पर बताया गया? क्या 18/35 वॉट की एक एल.ई.डी. की औसत कीमत खंबे पर लगाने सहित ₹7700 है? यदि नहीं तो क्या है? (घ) क्या ई.ई.एस.एल. ने रतलाम नगर निगम के प्रोजेक्ट की इन्वेस्टमेंट कॉस्ट को 5 गुना बढ़ाकर 6.87 करोड़ बताया है? यदि नहीं तो 6.87 करोड़ का ब्रेकअप (1) एल.ई.डी. की कीमत (2) लगाने का खर्च (3) पुराना संयोजन निकालने का खर्च (4) अन्य खर्च अनुसार दें। क्या उसके बदले वह 7 साल में 15.5 7 करोड़ याने बोगस लागत 6.87 करोड़ का लगभग सवा दो गुना (227 %) वसूलेगा? यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) क्या एल.ई.डी. लाइट के नाम पर प्रदेश में हो रहे करोड़ों के घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
अवैध कॉलोनियों को वैध करने का प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 2947 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा की अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत किन-किन कॉलोनियों को कब वैध किया जाएगा? यदि नहीं तो उक्त अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों, दुष्प्रेरणों, सहयुक्तों के विरूद्ध प्रश्न-दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं करने का विधिसम्मत कारण बताएं। किन-किन नियमों के तहत किन-किन के विरूद्ध आरोप तय कर कब तक अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा? (ख) क्या शासन मनावर विधानसभा के अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों, दुष्प्रेरणों, सहयुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं कर उन्हें संरक्षण दे रहा है? यदि नहीं तो उक्त कॉलोनाइजरों, दुष्प्रेरणों, सहयुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1229 (ख) बैठक दिनांक 16/09/2022 में किस-किस के विरूद्ध किस सक्षम अधिकारी द्वारा किन नियमों के तहत आरोप-पत्र जारी कर क्या कार्यवाही का निर्देश किस-किस को दिया? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? प्रति सहित बताएं। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) वैध/अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए ग्रामसभा की अनुमति लेने के संबंध में किस-किस नियम के किस-किस धारा में क्या प्रावधान हैं? पेसा नियम 2022 में क्या प्रावधान हैं? माननीय न्यायालय ने कब-कब क्या आदेश दिए? उक्त नियमों-आदेशों में ग्रामसभा को क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं? (ङ) अवैध कॉलोनियों संबंधित प्रश्नकर्ता ने प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर धार, विभागीय अधिकारियों, माननीय मुख्यमंत्री जी को किस-किस दिनांक को डॉक/ई-मेल पत्र प्रेषित किए? उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अवैध कॉलोनियों को वैध करने के कोई प्रावधान नहीं है, अपितु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में नगरीय क्षेत्र में दिनांक 31.12.2016 के पूर्व में अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के प्रावधान हैं। अनधिकृत कॉलोनी विकसित करने वाले व्यक्तियों एवं सहयुक्तों के विरूद्ध म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 1961 की धारा 339-ग के तहत दाण्डिक कार्यवाही हेतु समय-समय पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। नगरीय क्षेत्र मनावर में 61 अनधिकृत कॉलोनियां हैं जो दिनांक 31.12.2016 के पूर्व से अस्तित्व में हैं जिनमें नियम, 2021 के तहत नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही कलेक्टर जिला-धार द्वारा आरंभ कर दी गई है, जिसके अंतर्गत प्रक्रिया में अवैध कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों एवं सहयुक्तों के विरूद्ध पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई जायेगी। (ख) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' अनुसार कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश अनुसार इस तरह के कोई प्रावधान नगरपालिका अधिनियम में नहीं है। पेसा नियम, 2022 नगरीय क्षेत्र से संबंधित न होने के कारण बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) नगर पालिका मनावर में अवैध कॉलोनियों के संबंध में कलेक्टर जिला धार में पत्र दिनांक 14.12.2021 एवं पत्र दिनांक 21.06.2022 तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व संभाग के पत्र दिनांक 23.03.2021 प्राप्त हुआ है, जिसके संबंध में अनुभाग मनावर अंतर्गत कॉलोनाइजरों के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी मनावर के कार्यालय में पत्र दिनांक 05.03.2022 प्राप्त हुआ है जिसके संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी मनावर द्वारा पत्र दिनांक 04.04.2022 से वांछित जानकारी मान. विधायक महोदय को उपलब्ध कराई जा चुकी है।
आदिवासी क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 2950 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर-उमरबन-धामनोद-कालीबाड़ी रोड का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक भी पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? रोड के कितने ब्रिज, नाले इत्यादि पूर्ण नहीं हुए हैं? कब तक रोड निर्माण कार्य पूर्ण रूप से कम्पलीट कर लिया जाएगा? (ख) मनावर-उमरबन-धामनोद-कालीबाड़ी रोड से गाँवों से जुड़ने वाली सड़कों के आसपास नाली क्यों नहीं बनायी जा रही है? क्या सड़क किनारे दोनों तरफ नालियों का निर्माण किया जाएगा? (ग) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भैंसलाई और मनावर विधानसभा के ग्राम साला और ग्राम रामाधामा में स्वीकृत सड़क का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक भी प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? क्या शासन उक्त सड़कों का निर्माण कार्य इस वित्त वर्ष में करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या माननीय मंत्री जी प्रश्नांश (ग) की सड़कों के निर्माण कार्य वर्तमान वित्त वर्ष में करने का आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ङ) क्या मनावर विधानसभा एवं कुक्षी विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों की रोड की मंजूरी के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखे गए? पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक उन सड़कों को स्वीकृति मिलेगी? (च) विगत तीन वित्त वर्ष में आदिवासी उपयोजना के तहत विभाग को किन-किन मदों में कितनी राशि आवंटन की गई? उक्त राशि के धार जिले में किये गये खर्च का ब्यौरा देवें। धार जिला अन्तर्गत आदिवासी क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए कितनी राशि विभाग द्वारा आवंटित की गई तथा कितनी खर्च की गई? ब्यौरा देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मार्ग पर स्थित ग्राम शौन्डूल, भानपुरा, उमरबन, कालीबाड़ी, बंधनिया एवं सेमल्दा कुल लंबाई 3268.00 मीटर में अतिक्रमण, जल जीवन मिश्न अंतर्गत पेयजल हेतु बिछाई गई पाइप लाइन के कारण प्रावधानित चौड़ाई उपलब्ध न होने के कारण, वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'स-1' अनुसार है।
अधिकारियों
एवं जनप्रतिनिधियों
को समीक्षा का
अधिकार
[नगरीय
विकास एवं
आवास]
105. ( क्र. 2951 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत उज्जैन जिले की सभी नगरीय निकायों में जल जीवन मिशन योजना में अब तक कुल कितने कार्य संपन्न हुए? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) 25 दिसम्बर 2019 को प्रकाशित निर्देशिका उपलब्ध कराते हुए बताएं कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत संवैधानिक पद पर रहकर किन-किन जनप्रतिनिधियों को समीक्षा का अधिकार है? उनकी जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्देशिका के अनुसार विभागीय पद पर रहकर किन-किन अधिकारियों को समीक्षा का अधिकार दिया गया है? उनकी विभागीय पदों की सूची देवें। (घ) वर्ष 2020 के जून माह से प्रदेश व उज्जैन जिले में कितनी राशि किन कार्यों के लिए स्वीकृत हुई? स्वीकृति किन के द्वारा मिली? राशि किसके खाते में गयी? खाता संचालन किसके द्वारा किया गया? किस के अनुमोदन से किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना प्रभावी नहीं होने के कारण उज्जैन जिले की नगरीय निकायों में इस योजना अंतर्गत कोई कार्य नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 2952 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन जिले के नगरीय एवं ग्रामीण निकायों के अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य वर्तमान में विभाग द्वारा किये जा रहे हैं? उनकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं वित्तीय स्वीकृति की प्रतियां देवें। (ख) उज्जैन जिले में विभाग को कितने निर्माण कार्यों का, कितनी लागत के, कितने विभागों से कार्य आवंटित हुए हैं? संबंधित निर्माण कार्यों की प्रशासकीय, वित्तीय स्वीकृति की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) वर्तमान में विभाग ने प्रश्नांश (क) व (ख) में पूछे गए विषय में कौन-कौन सी एजेंसियों को कितनी लागत का कार्य सौंपा है? कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (घ) निर्माण कार्यों की सतत निगरानी के लिए कौन-कौन से यंत्रियों को जवाबदारी दी है? लागत अनुसार प्रत्येक एजेंसी को कितनी किश्तों में इंजीनियर के मूल्यांकन पर भुगतान किया जाना तय किया है? अभी तक मूल्यांकन एवं किये गए भुगतान पत्रक की रिपोर्ट की प्रतियां देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'अ-2' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'ब' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-2' एवं 'ब-1' अनुसार है।
सड़क निर्माण के प्रस्तावों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 2955 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलोदा तहसील अंतर्गत आवागमन की कठिनाई के निराकरण हेतु विभिन्न सड़क निर्माण के प्रस्ताव शासन/विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को अग्रेषित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो (1) ग्राम कुशलगढ़ से आकतवासा पहुंच मार्ग (2) ग्राम सुजापुर से व्हाया भाटखेड़ी-तालिदाना मार्ग (3) जावरा–कालूखेड़ा मार्ग से पर्यटन स्थल रोग्यादेवी मगरा पहुंच मार्ग की स्वीकृति हेतु आग्रह किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित सड़कों के निर्माण हेतु अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग जावरा एवं कार्यपालन यंत्री रतलाम द्वारा भी उक्त मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्ताव अग्रेषित किये हैं? (घ) यदि हाँ, तो ग्रामीण क्षेत्र के आवागमन की सुगमता हेतु उपरोक्त अत्यावश्यक मार्गों की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विवरण संलग्न परिशिष्ट के खण्ड 10 में उल्लेखित कारण से किसी प्रकार की कार्रवाई संभव नहीं। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
नगर परिषद् पिपलोदा में पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 2956 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् पिपलोदा में केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से स्वच्छ पेयजल वितरण हेतु विगत वर्षों में नलजल योजना को स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा किस वर्ष में नगर परिषद् पिपलोदा के अंतर्गत आने वाले परिवारजनों को स्वच्छ पेयजल मिल सके इस हेतु कितनी लागत की कौन सी योजना को स्वीकृति दी गई एवं कार्य किस वर्ष में प्रारम्भ हुआ? (ग) योजना के क्रियान्वयन हेतु मुख्य पेयजल स्त्रोत किस स्थान पर चिन्हित किया जाकर सम्पूर्ण नगर में पेयजल पाइप लाइन बिछाई जाकर घरों को नल कनेक्शन से जोड़ा गया तो कुल कितने परिवार को इस योजना के माध्यम से जोड़ा गया? (घ) क्या मुख्य पेयजल स्त्रोत काफी दूर होकर पानी भी (स्त्रोत) पूरी तरह से मापदंड अनुसार स्वच्छ नहीं होकर गंदा व मटमैला पानी आता है? साथ ही योजना कार्य अपूर्ण होने के साथ भी अनेक स्थानों पर पाइप लाइन ध्वस्त व क्षतिग्रस्त होकर जल प्रदाय पूरी तरह नहीं किया जा रहा तो योजना में लापरवाही एवं मापदंड अनुसार नहीं किये जाने के फलस्वरूप किस-किस प्रकार की जांच की जाकर क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं क्या सम्पूर्ण भुगतान कर दिया गया? योजना के अपूर्णता की स्थिति में किन-किन संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर परिषद् पिपलोदा के नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत वर्ष 2015 में राशि रू. 372.80 लाख की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना का कार्य वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ। (ग) योजना के क्रियान्वयन हेतु मुख्य जल स्त्रोत वार्ड क्रमांक 09 में स्थित जालन्दर खेड़ा तालाब को चिन्हित किया गया था एवं पाइप लाइन बिछाकर कुल 1145 घरों में इस योजनांतर्गत नल संयोजन प्रदान किया गया। (घ) जी नहीं। योजना से शोधन उपरांत शुद्ध पेयजल प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में भवनों बनाकर वॉल सिस्टम से पृथक-पृथक वार्डों में जल प्रदाय किया जा रहा है। नगर के वार्ड क्रमांक 01 एवं 15 के आंशिक भाग में योजना से जल प्रदाय नहीं होने से संविदाकार को आंशिक सुधार कर जल प्रदाय करने के निर्देश दिये गये हैं। योजनांतर्गत वर्तमान तक संविदाकार को राशि रू. 3, 72, 28, 728/- का भुगतान किया गया है, एस.डी. की राशि रू. 20, 78, 356/- एवं संचालन संधारण के देयक की राशि रू. 1, 30, 96, 333/- का भुगतान संविदाकार को किया जाना शेष है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुबंध विखंडन की कार्यवाही
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 2961 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 1130 दिनांक 22 दिसम्बर 2022 के उत्तरांश (ग) में बताया गया की विभाग द्वारा अनुबंधक को दिनांक 29.06.2019 से 21.07.2022 तक ब्रिज निर्माण कार्य करने हेतु कुल 19 पत्र एवं नोटिस जारी किये, विभाग द्वारा ब्रिज निर्माण प्रारम्भ हेतु कितने और पत्र जारी करने का लक्ष्य है? कोई ठोस कार्यवाही अनुबंधक के खिलाफ की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त ब्रिज निर्माण के लिए क्या विभागीय पत्र क्रमांक 402 दिनांक 21.11.2022 के द्वारा ठेकेदार को अनुबंध की कंडिका 15.2 के तहत अनुबंध विखंडन हेतु सूचना पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्या अनुबंध विखंडन की कार्यवाही हो गयी है? यदि हाँ, तो कब? दिनांक सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त ब्रिज निर्माण के लिए क्या विभागीय पत्र क्रमांक 552 दिनांक 31.12.2022 के द्वारा पैकेज क्रमांक 07 के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों हेतु दिनांक 31.12.2022 तक कार्य पूर्ण करने की समयावृद्धि दी गयी थी? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार ने कार्य पूर्ण कर लिया है? नहीं तो ठेकेदार के खिलाफ आगामी कार्यवाही से अवगत कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, कोई लक्ष्य नहीं है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। प्रमुख अभियंता कार्यालय के आदेश क्रमांक 216 दिनांक 15/2/2023 के द्वारा अनुबंध विखण्डन किया गया है। (ग) जी नहीं, अपितु प्रमुख अभियंता कार्यालय के पत्र क्रमांक 552 दिनांक 11/3/2022 के द्वारा दिनांक 31/12/2022 तक कार्य पूर्ण करने की समयावधि दी गई थी। जी नहीं। अनुबंध क्रमांक-10 का विखण्डन दिनांक 15/2/2023 को कर दिया गया है।
कुत्ते एवं अन्य जानवरों का पंजीयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 2962 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल सहित प्रदेश के जिलों में नगर पालिका/नगर निगम के द्वारा कुत्तों की नसबंदी और अन्य कार्य पर दिनांक 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी राशि खर्च की गई? कितनी राशि के ठेके किस कार्य के लिए, भोजन, दवाइयां आदि उपलब्ध/वितरित/डालने के लिए किस व्यक्ति/फर्म आदि को दिए? इनको कितना भुगतान किया गया है? कितना बकाया है? वर्षवार सूची देवें तथा बतायें की कुत्तों सहित अन्य जानवरों के हित/एनिमल वेलफेयर में कार्य करने वालों की क्या जिम्मेदारी, अधिकार है? नियमों की प्रतियां देवें। जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची/नाम सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त अवधि में पालतू कुत्तों और अन्य जानवरों को पालने के लिए पंजीयन सहित अन्य क्या नियम हैं? नियमों की प्रति देवें। प्रदेश के जिलों में कितने कुत्ते और अन्य जानवरों का पंजीयन किया गया है? सिर्फ संख्या जिलेवार बतावें। (ग) कुत्तों और अन्य जानवरों से संबंधित किस कारण से कितनी शिकायतें प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में मिली? क्या निराकरण किया गया? क्या सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों सहित अन्य जानवरों को घुमाने, दैनिक क्रिया करवाने के क्या प्रावधान, नियम हैं या प्रतिबंध है? नियमों की प्रतियां देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेतु निर्माण कार्य की जांच
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 2964 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेतु निगम द्वारा चम्बल नदी के उसैथ घाट पर किये जा रहे सेतु निर्माण कार्य को अनुबंधानुसार पूर्ण किये जाने हेतु क्या समयावधि प्रदाय की गई थी, तथा किस-किस कार्य को कितने-कितने समय में पूर्ण किये जाने का प्रावधान था? क्या प्रश्न दिनांक तक प्रावधानानुसार कार्य पूर्ण किये जा रहे है? यदि हाँ तो समस्त जानकारी पूर्ण हो चुके कार्यवार, सूची सहित उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो विभाग द्वारा ठेकेदार के विरुद्ध कार्य प्रारम्भ होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? समस्त छायाप्रतियों के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त सेतु निर्माण कार्य में चम्बल नदी का रेत उपयोग किया गया है? यदि नहीं तो प्रश्न दिनांक तक सम्पूर्ण कार्य में उपयोग किये गये रेत एवं अन्य खनिज सामग्रियों की टेस्ट रिपोर्ट की छायाप्रति संलग्न करें। (ग) क्या उक्त कार्य की गुणवत्ता की जांच हेतु सदन में उत्तर दिनांक से पूर्व प्रश्नकर्ता के समक्ष प्रश्न दिनांक तक किये गये समस्त निर्माण कार्य में उपयोग किये गये समस्त खनिजों को सभी प्रकार की जांच करवाये जाने हेतु, सेम्पल लेकर विभागीय-लैब को छोड़कर किसी अन्य अधिकृत लैब या संस्था के माध्यम से करवाये जाकर रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य की गुणवत्ता मानक स्तर पर संतोषजनक न पाये जाने पर उक्त कार्य एजेन्सी एवं दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विनिर्दिष्ट पुल कार्य हेतु (आयटमवार) पृथक से समय निर्धारित नहीं किया जाता है। अपितु संर्पूण कार्य के लिए अनुबंधित समय नियत है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। टेस्ट रिर्पोट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के उत्तर अनुसार। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की कार्रवाई का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर विकास प्राधिकरण की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 2970 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की राजस्व तहसील रांझी के पटवारी हल्का नं. 22/5 के अंतर्गत जबलपुर विकास प्राधिकरण (जे.डी.ए.) की योजना क्र. 26 के तहत आवास, विकास और सड़क मार्ग के कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो इस योजना के लिये कितनी निजी भूमि, कितनी नजूल भूमि, कितनी सीलिंग भूमि, कितनी शासकीय राजस्व भूमि इत्यादि शामिल की गई? प्रत्येक का तत्कालीन खसरा, रकबा एवं तत्कालीन नक्शे की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) योजना क्र. 26 के लिये निजी भूमि हेतु कितने भू-स्वामियों से अनुबंध निष्पादित किया गया और कितने भू-स्वामियों ने अन्य नीतिगत प्रक्रिया अपनाई? प्रत्येक प्रक्रिया और उस प्रक्रिया में शामिल/ लाभान्वित भू-स्वामियों के नामों की सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या योजना 26 के लिये तत्कालीन खसरा क्र. 40/9 की भूमि का पूर्ण अथवा आंशिक रकबा सम्मिलित था? यदि हाँ, तो तत्कालीन खसरा क्र. 40/9 एवं तत्कालीन नक्शे की छायाप्रति उपलब्ध करायें एवं प्रभावित भूमि स्वामियों के नामों की सूची भी उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। इस योजना के लिए कुल 21.440 हेक्टेयर निजी भूमि एवं 32.272 हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि शामिल की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) योजना क्रमांक 26 के लिए निजी भूमि हेतु मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के तहत कुल 5 भू-स्वामियों से अनुबंध निष्पादित किये गये थे। अधिनियम के अंतर्गत अन्य नीतिगत प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। भू-स्वामियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय में कक्ष एवं ऑडिटोरियम का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
113. ( क्र. 2972 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय बरही, जिला कटनी में छात्र संख्या अधिक होने के कारण छात्रों को बैठने हेतु कक्ष की कमी हो रही है, जिसके संबंध में माननीय मंत्री महोदय जी को प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था? साथ ही महाविद्यालय में ऑडिटोरियम निर्माण हेतु मांग की गयी थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? कितने कार्य स्वीकृत किये गये? यदि नहीं तो कब तक स्वीकृत किये जायेंगे, जिससे छात्रों को कक्षा में बैठने की व्यवस्था एवं ऑडिटोरियम से सामाजिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियां क्रियान्वित हो सकें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अतिआवश्यक होने के कारण इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। सीमित अध्ययन कक्ष होने के कारण वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय, बरही में 03 पालियों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। विभाग के पत्र दिनांक 29-06-2021 के द्वारा महाविद्यालय में 06 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। महाविद्यालय में ऑडिटोरियम के निर्माण के संबंध में विभागीय दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) अतिरिक्त अध्ययन कक्ष निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी के साथ समीक्षा कर नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।
शासकीय महाविद्यालय में फर्नीचर की व्यवस्था
[उच्च शिक्षा]
114. ( क्र. 2973 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन शासकीय महाविद्यालय विजयराघवगढ़ कटनी में भवन निर्माण के बाद छात्रों को बैठने हेतु कुर्सी-टेबल की व्यवस्था की गयी? यदि हाँ तो संख्या बताएं। क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में माननीय मंत्री महोदय जी एवं कलेक्टर कटनी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी कटनी को पत्रों के माध्यम से समस्याओं के निराकरण हेतु अवगत कराया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो अभी तक किस-किस स्तर पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी? क्या महाविद्यालय में छात्रों के बैठने की व्यवस्था पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ तो बताएं। क्या माननीय प्रभारी मंत्री जी कटनी द्वारा कार्य कराये जाने हेतु अनुशंसा की गयी थी? यदि हाँ तो अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। महाविद्यालय के लिए कुल 175 नग कुर्सी एवं 175 नग टेबल की व्यवस्था की गई है। जी हाँ। (ख) महाविद्यालय को वर्ष 2019-20 में रूपये 1, 50, 000, वर्ष 2020-21 में रूपये 1, 00, 000, वर्ष 2021-22 में रूपये 1, 50, 000 तथा वर्ष 2022-23 में रूपये 2, 00, 000 लाख का बजट आवंटन फर्नीचर क्रय हेतु प्रदान किया गया है। जी हाँ, महाविद्यालय में शेष आवश्यकता हेतु शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विजयराघवगढ़ से 150 नग कुर्सी एवं 150 नग टेबल की व्यवस्था की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नगर निगम रतलाम में प्रकाश व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 2979 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र 1336 दिनांक 22 दिसम्बर 2022 में दिए दस्तावेज के संदर्भ में बताएं कि एल.ई.डी. लगने के बाद 2018 से 2022 तक प्रतिवर्ष स्ट्रीट लाइट का बिल कितना आया तथा एल.ई.डी. लगने के पहले के बिल से कितने प्रतिशत कम है? इस अवधि में ई.ई.एस.एल. को कितना एन्युटी पेमेंट किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (ख) नगर निगम, रतलाम का स्ट्रीट लाइट का वार्षिक भुगतान प्रतिवर्ष ₹ 3.95 करोड़ तथा रख-रखाव खर्च ₹ 38 लाख जिन दस्तावेजों के आधार पर तय किए गए तथा ई.ई.एस.एल. द्वारा प्रोजेक्ट में बताये गये निवेश ₹ 6.87 करोड़ की मद अनुसार जानकारी दें। (ग) ई.ई.एस.एल. द्वारा दिये गए दस्तावेज में 45 से 55% की न्यूनतम बचत की गारंटी दी गई है? यदि प्रश्नाधीन वर्ष में 45% से 55% की न्यूनतम बचत नहीं हुई तो ई.ई.एस.एल.को भुगतान क्यों किया गया? (घ) जनवरी 2017 से दिसम्बर 2017 का स्ट्रीट लाइट का विद्युत मंडल को भुगतान की माह अनुसार जानकारी दें। बतावे कि एल.ई.डी. के पहले जो 8592 संयोजन खंभों पर लगे थे, उनकी लगभग कुल कीमत कितनी थी तथा उनका निष्पादन कैसे किया गया? कितनी राशि प्राप्त हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 2980 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा भेजे गये अभियोजन स्वीकृति के लिये कितने प्रकरण किस कारण से लंबित हैं? आरोपी अधिकारी का नाम, प्रकरण के समय का पद, वर्तमान पदस्थापना, कार्यस्थल, प्रकरण दर्ज करने का कारण, दर्ज करने की दिनांक, अभियोजन स्वीकृति हेतु प्राप्त प्रथम पत्र की दिनांक, प्राप्त रिमाइंडर की दिनांक तथा विलंब होने के कारण सहित सूची देवें। (ख) अभियोजन स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे गए पत्रों की तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (ग) लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. में किस-किस अधिकारियों के खिलाफ, किस प्रकार के प्रकरण में, किस की शिकायत पर जांच प्रक्रियाधीन है? अधिकारी का नाम, पद स्थापना सहित जानकारी दें। (घ) पिछले 10 वर्षों में विभाग में किस-किस प्रकार का भ्रष्टाचार घोटाला तथा आर्थिक अनियमितता पायी गयी? विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें की इन्हें रोकने के लिए समय-समय पर क्या कदम उठाए गए तथा इनमें पिछले तीन साल में प्रतिवर्ष वृद्धि या कमी हो रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) अभियोजन स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र नहीं लिखे जाते हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) विभाग के अधीनस्थ नगरीय स्थानीय निकायों में विगत 10 वर्षों में मुख्यत: सामग्री क्रय, निर्माण कार्य, स्वच्छता, प्रधानमंत्री आवास योजना, नियम विरूद्ध कर्मचारियों की भर्ती एवं भूमि तथा भवन आदि के संबंध में की गई अनियमितताएं पाई गई हैं। उक्त अनियमितताओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, जिसमें मुख्यत: अनियमितताओं की जांच कराई जाती है एवं जांच प्रतिवेदन के अनुसार उत्तरदायी पाए गए पदाधिकारियों/अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है। विगत तीन वर्षों में शिकायतों में औसत रूप से प्रतिवर्ष कमी पाई गई है।
कन्या महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
117. ( क्र. 2985 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 में विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा के उपचुनाव के दौरान डबरा में कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गयी थी, घोषणा अनुसार इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गयी तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार तहसील डबरा/तहसील भितरवार/उप-तहसील चीनोर/उप-तहसील पिछोर/बिलौआ में कन्या महाविद्यालय नहीं होने से कन्यायों को 40 से 70 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्रों से जिला ग्वालियर में किराए के मकान में रह कर पढ़ना पड़ता है, इनमें से अनेक गरीब कन्याएं/छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पढ़ाई छोड़ रही हैं। ऐसी स्थिति में छात्राओं के हितों के लिए डबरा शहर में कब तक कन्या महाविद्यालय खोलकर कक्षाएं प्रारंभ करवाई जायेंगी? यदि नहीं की जाएंगी तो कारण बतावें l
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2020 में डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछोर में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने की घोषणा प्राप्त हुई थी। घोषणा के परिप्रेक्ष्य में विभागीय आदेश दिनांक 27-09-2021 के द्वारा पिछोर में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जा चुका है। (ख) डबरा शहर में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पूर्व से संचालित है, जिसमें सह-शिक्षा की सुविधा उपलब्ध है। तथापि नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में डबरा शहर में पृथक कन्या महाविद्यालय की स्थापना संबंधी प्रस्ताव पर परीक्षण किया जाएगा। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मैरिज गार्डन की मान्यता हेतु मापदण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 2987 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1218 दिनांक 23.11.2022 जानकारी एकत्रित की जा रही है, उत्तरित है। तत्संबंध में यह बतायें कि मैरिज गार्डन की मान्यता के लिए तय मापदण्डों में पार्किंग व्यवस्था अनिवार्य है? यदि हाँ, तो पार्किंग स्थल का न्यूनतम नाप बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में टीकमगढ़ जिले में जिन गार्डन में निर्धारित नाप की पार्किंग व्यवस्था नहीं है, उनके नाम बतावें। क्या इनके संचालकों के विरूद्ध कोई कार्रवाई की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 06.01.2021 में प्रकाशित म.प्र. नगर पालिका (विवाह स्थल का पंजीयन एवं उपभोग) आदर्श उपविधि 2020 के प्रावधान अनुसार पार्किंग स्थल कुल भू-खण्ड क्षेत्रफल का कम से कम 25 प्रतिशत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' ब'' अनुसार है।
महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
119. ( क्र. 2989 ) श्री संजय शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय उपाधि महाविद्यालयों में कौन-कौन से संकाय संचालित है? इनमें वाणिज्य संकाय की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेग़ी? (ख) क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय उपाधि महाविद्यालयों में विषयवार पदपूर्ति है? इनमें प्राचार्य एवं अन्य संवर्गों के नियमित कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं है? नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शासकीय उपाधि महाविद्यालय सिहोरा में परिसर की बाउण्ड्रीवॉल निर्मित है, लेकिन शासकीय उपाधि महाविद्यालय तेंदूखेड़ा में परिसर की बाउण्ड्रीवॉल एवं मुख्य मार्ग (एन.एच-45) से भवन तक एप्रोच रोड अभी तक क्यों नहीं बनी है? उक्त बाउण्ड्रीवॉल एवं एप्रोच रोड कब तक बना दिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 02 शासकीय महाविद्यालय क्रमश: शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय सिहोरा संचालित है, जिनमें कला संकाय संचालित है। शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षणोपरांत वाणिज्य संकाय प्रारंभ किए जाने संबंधी कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत स्वीकृत रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान कार्यरत हैं एवं इनके माध्यम से अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित है। सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को तथा कर्मचारियों की भर्ती का प्रस्ताव कर्मचारी चयन मण्डल को प्रेषित किया गया है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। एप्रोच रोड निर्माण की स्वीकृति जारी की जा चुकी है एवं निर्माणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
आयुष चिकित्सा अधिकारी के पदनाम में परिवर्तन
[आयुष]
120. ( क्र. 2997 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचलनालय आयुष में पदस्थ आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वंदना बोराना का पदनाम परिवर्तन मई 2020 में किया गया था और बाद में पदनाम परिवर्तन आदेश निरस्त किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इन दोनों आदेशों के लिए विभागीय मंत्री जी का अनुमोदन लिया गया था? यदि नहीं तो क्यों नहीं लिया गया? (ग) क्या डॉक्टर वंदना बोराना को संचालनालय में प्रथम श्रेणी के कार्यों का आवंटन किया गया है जबकि वह द्वितीय श्रेणी अधिकारी है? आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रवेश हेतु सत्यापन समिति में डॉक्टर बोराना को रखा गया था? अवैध प्रवेश देने वाली की शिकायत की जाँच पर जाँच उपरांत सत्यापन कक्ष अधिकारी को निलंबित किया गया है जबकि सत्यापन अधिकारी की भी उतनी ही ज़िम्मेदारी है। इसके बाद भी डॉक्टर बोराना को प्रश्न दिनांक तक न तो निलंबित किया गया है और न ही संचालनालय से पृथक किया गया है जबकि आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रवेश की जाँच में डॉ. बोराना को सत्यापन समिति की हैसियत से दोषी माना गया है। इनके संचालनालय में पदस्थ रहने से आगे की कार्यवाही निष्पक्ष नहीं हो सकती है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अनुक्रम में डॉक्टर बोराना को संचालनालय से कब तक अन्यत्र पदस्थ किया जाएगा, जिससे आगे की निष्पक्ष कार्यवाही हो सके?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्कालीन मंत्री महोदय द्वारा संविलयन एवं सहायक संचालक के पद पर पदस्थापना के आदेश अनुसार उन्हें संचालनालय में पदस्थ किया गया। शासन आदेश दिनांक 15 मई 2020 द्वारा डॉ. वंदना बोराना के पदनाम परिवर्तन का आदेश जारी किया था परन्तु इसमें सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं होना पाये जाने पर शासन आदेश दिनांक 24 जुलाई 2020 द्वारा डॉ. वंदना बोराना के पदनाम परिर्वतन का आदेश तत्समय ही निरस्त कर दिया गया। (ग) प्रारंभिक जांच में प्राप्त तथ्यों के अनुसार कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये। प्रकरण में शामिल सभी अधिकारियों के अलग-अलग दायित्व हैं एवं उन दायित्वों के अनुसार ही कदाचरण की गहनता का आंकलन किया जा सकता है। अधिकारियों से प्राप्त उत्तर एवं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उनके कदाचरण का आंकलन किया जा रहा है, जिसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। (घ) गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। मात्र संचालनालय में पदस्थ रहकर जांच को प्रभावित नहीं किया जा सकता।
निर्माणाधीन महाविद्यालय को भूमि आवंटन
[उच्च शिक्षा]
121. ( क्र. 3000 ) श्री संजय शाह (मकड़ाई) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के सिराली नगरीय क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय निर्माण हेतु राजस्व विभाग द्वारा कितनी भूमि का आवंटन किया गया? क्या आवंटित सम्पूर्ण भूमि महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा अपने स्वामित्व में ले लिया गया है? यदि आवंटित भूमि से कम भूमि का स्वामित्व लिया गया है, तो क्यों? (ख) यदि राजस्व विभाग द्वारा आवंटित कुल भूमि का स्वामित्व प्रबंधन द्वारा पूर्ण रूप से ले लिया गया है, तो क्या स्वामित्व वाली पूर्ण भूमि को बाउण्ड्रीवॉल से कवर्ड किया जा रहा है? (ग) यदि कुल आवंटित स्वामित्व भूमि पर पूर्ण रूप से बाउण्ड्रीवॉल न करते हुए कुछ हिस्सा छोड़ा जा रहा है? यदि हाँ तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) न्यायालय कलेक्टर, जिला हरदा के पत्र क्रमांक 152/अ-19/2017-2018 दिनांक 11-12-2017 के द्वारा शासकीय महाविद्यालय सिराली, जिला हरदा को भवन निर्माण हेतु खसरा नं. 243/1 में से 1.619 हेक्टेयर भूमि आवंटित है तथा सम्पूर्ण भूमि महाविद्यालय प्रबंधन के स्वामित्व में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, बाउण्ड्रीवॉल निर्माण किया जा रहा है। (ग) निर्माण एजेंसी से प्राप्त जानकारी अनुसार मौके पर पटवारी (राजस्व) द्वारा चिहिन्त भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य किया जा रहा है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विनियमन
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 3001 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के उज्जैन एवं आगर जिले में नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी किस-किस दिनांक से कार्यरत हैं? निकायवार कर्मचारी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. एफ-5/1/2013/1/3 दिनांक 07.10.2016 के अनुसार स्थाई कर्मी के पद पर नियुक्त होने की पात्रता रखते हैं? निकायवार कर्मचारी की सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या नगर निकाय में लम्बे समय से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी/सफाई कर्मचारी को विनियमित करने की नागरिक निकाय एवं आवास कोई योजना है? यदि है तो कब तक विनियमित किया जा सकेगा और नहीं तो क्यों? (ग) माननीय नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जी द्वारा इन्दौर नगर निगम सफाई मित्रों सम्मान कार्यक्रम नगरीय निकाय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी/अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या नगरीय विकास विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित करने हेतु नगर पालिका एवं नगर निगम से प्रस्ताव मांगे हैं? यदि हाँ, तो कितनी नगर पालिका, नगर निगम एवं नगर परिषदों द्वारा प्रस्ताव भेजे गए हैं? निकायवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
नवीन सड़कों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 3002 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक 13/02/2023 तक विधान सभा क्षेत्र आगर अंतर्गत जिला आगर में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं, जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय द्वारा जारी निविदा
[उच्च शिक्षा]
124. ( क्र. 3003 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2018 से 2022 तक जारी की गई समस्त निविदाओं की सत्यापित प्रतिलिपियां (समस्त विभागों की) प्रदान करें। (ख) देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2018 से 2022 तक जारी किए गए समस्त टेंडरों (निविदा) के वर्क ऑर्डरों की सत्यापित प्रतिलिपियां (समस्त विभागों की) प्रदान करें। (ग) सेल लाइन्स विभागों का समय-समय पर शार्ट टेंडर एवं कोटेशनों के माध्यम से जो खरीदी की गई है, उनके वर्क ऑर्डरों की सत्यापित प्रतिलिपियाँ प्रदान करें, जो डायरेक्ट ओपन मार्केट से की गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
विकास यात्रा की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 3014 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 5 फरवरी से निकल रही विकास यात्रा के लिए नगरीय निकाय को भेजे गए आदेश/निर्देश की प्रति देवें तथा बतावें कि इस पर होने वाला खर्च प्रत्येक नगरीय निकाय द्वारा वहन किया जाएगा या भोपाल से राशि प्रेषित की जाएगी? (ख) विकास यात्रा के लिए बनाए गए मोनो का स्वरूप क्या भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह से मिलता जुलता है? मोनो बनाने का कार्य किस को दिया गया था तथा उसका अंतिम रूप किस अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया गया? इस संदर्भ में समस्त दस्तावेजों की प्रति दें। (ग) क्या विकास यात्रा के निमंत्रण घर-घर जाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा नगरीय निकाय कर्मचारियों द्वारा दिए जा रहे हैं? बतावें कि ऐसा करने के लिए उन्हें निर्देश किसके द्वारा दिए गए? निर्देशों की प्रति दें। (घ) विकास यात्रा के दौरान बने मंच पर चयनित जनप्रतिनिधि के अलावा, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी की उपस्थिति, आमंत्रित के रूप में हैं या बिना बुलाए मंच पर बैठ गए हैं? यदि आमंत्रित के रूप में हैं, तो बतावें कि उन्हें किस नियम से और किस हैसियत से आमंत्रण दिया गया? यदि वह बिना बुलाए मंच पर बैठकर भाषण दे रहे हैं तो उनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई? (ड.) क्या कलेक्टर पन्ना ने विकास यात्रा के दौरान मंच से यह कहा कि आपको इसी मेहनत के साथ 25 साल तक इसी सरकार के साथ बने रहना है, भटकाने या बहकावे में आने की जरूरत नहीं है? यदि हाँ, तो क्या विभाग कलेक्टर के बयान से सहमत है? यदि नहीं तो उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखा जाएगा या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 5 फरवरी से निकल रही "विकास यात्रा" के लिए मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विकास के पत्र क्रमांक एफ 19-61/2021/1/4 भोपाल दिनांक 15.01.2023 एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक/शा-9/पी.एम स्वनिधि/2023/10 भोपाल, दिनांक 02.02.2023 द्वारा निर्देश दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट ''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्न नगरीय विकास एवं आवास विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विकास द्वारा जारी निर्देशों अनुरूप विकास यात्रा के दौरान निकाय में संचालित योजनाओं से संबंधित हितग्राहियों, समिति सदस्यों, आम नागरिकों इत्यादि को आमंत्रित किया गया था। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशष्ट ''ख'' अनुसार है। (घ) विकास यात्रा के दौरान मंच पर प्रोटोकॉल के अनुसार ही जनप्रतिनिधियों को आमांत्रित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं, आमंत्रण की कार्यवाही स्थानीय स्तर पर की जाती है। शेषांश संबंधित नहीं है। (ड.) प्रश्न विभाग से संबंधित नहीं है।
बिना नोटिस के नियम विरूद्ध तोड़े गये मकान
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 3028 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एशियन विकास बैंक के पैकेज क्रमांक 52 के तहत, भावखेड़ी, अमलाहा, धामंदा मार्ग का निर्माण किया जा रहा है? क्या उक्त टू-लेन के निर्माण हेतु भाउखेड़ी में लगभग 150 मकानों को बिना नोटिस दिये तोड़ दिया गया? (ख) क्या जिन मकानों को तोड़ा गया उनमें से अधिकांश मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राप्त राशि से बने थे तथा अधिकांश मकान अपने निजी जमीन पर बने थे? तोड़ने के पहले नोटिस देने की कानूनी प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं किया गया? अगर नोटिस दिया गया तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (ग) बतावें कि निजी जमीन पर बने मकानों को नोटिस दिए बिना किस नियम से तोड़ा गया? नियम की प्रति दें तथा बतावें कि इनको मुआवजा दिया जाएगा या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में सर्वाधिक सड़क दुर्घटना होने पर नाराजगी व्यक्त की है? ऐसे में गाँव की घनी आबादी के बीच में से सड़क क्यों निकाली गई? बाईपास क्यों नहीं बनाया गया, जबकि उसके लिए जगह भी उपलब्ध थी तथा डी.पी.आर. में उसका प्रावधान भी था? (ड.) प्रश्नाधीन सड़क की डी.पी.आर. तथा अनुबंध की प्रति देवें। ठेकेदार का नाम, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, लागत कार्य समाप्त करने की दिनांक, ग्यारंटी पीरियड सहित जानकारी दें तथा बतावें कि डी.पी.आर. में भावखेड़ी गाँव के बीच में से सड़क निकालने की जगह बाईपास का प्रावधान था या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? क्या गैर कानूनी तरीके से भावखेड़ी में कई गरीब परिवारों के मकान बिना नोटिस तथा बिना मुआवजे के तोड़ दिए गए? यदि हाँ, तो बताएं कि इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है और उस पर क्या कार्रवाई की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग, सीहोर संभाग द्वारा हस्तांतरित विद्यमान मार्ग पर अनुबंधानुसार सड़क निर्माण किया जा रहा है। मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में बायपास का प्रावधान नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। भू-अर्जन के कारण परियोजना की लागत में वृद्धि व इसमें लगने वाले समय से परियोजनावधि में होने वाले विलंब के कारण। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण में अनियमितता की जांच
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 3029 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2022 में विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया कि सड़कों के निर्माण में ठेकेदारों को ज्यादा भुगतान किया गया, अफसरों ने कार्य का निरीक्षण नहीं किया और प्रस्ताव तैयार करते समय निर्माण कार्य में होने वाले खर्चे की ज्यादा लागत दिखाई तथा नियम विपरीत स्वीकृति बढ़ाई गई? यदि हाँ, तो बतावें की यह किस-किस सड़क के कार्य का परीक्षण पर पाया? उसका नाम, ठेकेदार का नाम, पता, सड़क की लंबाई, लागत, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, कार्य समाप्त करने की दिनांक, भुगतान की गई राशि सहित सूची दें। (ख) कैग की 2017 से 2020 के बीच 43 सड़कों के निर्माण का ऑडिट पर निम्न जानकारी दें :- (1) किस-किस ठेकेदार को तय राशि से कितना ज्यादा भुगतान किया गया? (2) किस सड़क पर किस ठेकेदार की रॉयल्टी की राशि नहीं काटी गई? (3) किस सड़क की लागत राशि ज्यादा दिखाई गई? (ग) क्या सागर, विदिशा और सांची रोड में गलत तरीके से दरों का निर्धारण कर कार्य की लागत का 4.32 करोड़ ज्यादा भुगतान किया गया? इंदौर और बैतूल रोड के निर्माण में 3.76 करोड़ का काम में देरी और महंगाई का हवाला देकर ज्यादा भुगतान किया? रीवा, सतना, इंदौर, बैतूल और अहमदाबाद रोड के लिए वास्तविक कार्य से हटकर काम किया, जिससे सरकार को 3.89 करोड़ का नुकसान हुआ? यदि हाँ, तो बतावें कि इनके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं और यह राशि किस से वसूली जाएगी? (घ) क्या कैग ने अपनी रिपोर्ट में सड़कों का निर्माण करने वाले ठेकेदारों को वित्तीय मदद देने के नाम पर 11.76 करोड़ रुपए का अधिक भुगतान करना पाया? यदि हाँ, तो बताएं कि किस ठेकेदार को किस सड़क के लिए अधिक भुगतान किया गया? क्या जिम्मेदार पर कार्यवाही की जाएगी? (ड.) क्या कैग की रिपोर्ट के अनुसार राशि का समायोजन करने के नाम पर ठेकेदारों को 6.42 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो बताएं कि ठेकेदारों का नाम तथा उनके कार्य का नाम क्या था तथा इस कार्य के लिए कौन जिम्मेदार है तथा राशि किस से वसूली जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध की गई नियुक्तियां
[उच्च शिक्षा]
128. ( क्र. 3041 ) श्री राकेश मावई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में नवीन महाविद्यालय रिठौरा कला, बानमोर, दिमनी, रजौधा एवं कैलारस में भृत्य, चौकीदार एवं सहायक ग्रेड-3 के कुल कितने-कितने पद रिक्त हैं? महाविद्यालयवार रिक्त पदों की जानकारी देवें। क्या शासन से रिक्त पदों को आउटसोर्स से भरने की स्वीकृति प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रति सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लीड कन्या महाविद्यालय मुरैना के प्राचार्य द्वारा रिक्त पदों को आउटसोर्स से भरने हेतु किन-किन समाचार पत्रों में कब-कब विज्ञापन प्रकाशित किया गया? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित विवरण देवें। बिना विज्ञापन किये रिक्त पदों के लिए आवेदन कैसे और कब प्राप्त हुए? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों की भर्ती गुप-चुप तरीके से एक ही एजेंसी सेडमेप द्वारा बिना विज्ञापन निकाले की जा रही है? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों की भर्ती में मध्यप्रदेश आरक्षण नियमों का पालन भी नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो आरक्षण नियमों का पालन न करने का कारण क्या है? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों पर नियम विरूद्ध गुप-चुप तरीके से भर्ती करने एवं आरक्षण का पालन न करने वाली नियुक्तियों को कब तक निरस्त कर दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? दोषी लीड कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग के पत्र दिनांक 25.08.2021 एवं उच्च शिक्षा संचालनालय के पत्र दिनांक 21.02.2022 के अनुसार उद्यमिता विकास केन्द्र, म.प्र. (सैडमेप) भोपाल से अनुबंध कर रिक्त आउटसोर्स के पदों पर मैनपॉवर उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही की गयी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के पत्र क्रमांक 1304/1274/2021/ए-73, दिनांक 25.10.2021 के अनुसार विभाग द्वारा आउटसोर्स पर मैनपॉवर उपलब्ध कराए जाने संबंधी कार्यवाही की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) आउटसोर्स के पदों पर एजेंसी के माध्यम से मैनपॉवर रखने पर आरक्षण संबंधी प्रावधान लागू नहीं होता। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ङ) उत्तरांश 'क', 'ख', 'ग' एवं 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 3051 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर के अंतर्गत धुरंधरपुरा से साधु का पुरा, अधनपुर से बांध का पुरा, दौहरेता से लाला का पुरा, मटियापुरा से लक्ष्मीनारायण का पुरा, जौटई से जनकपुर, रामचरण का पुरा से सिकरौदा, कटेलापुरा से वरगमा, पार्थ का पुरा से दूटौरा, गोपी से मनफूल का पुरा, रूअर से कपोसन मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यों में ठेकेदार ने शासकीय प्रावधानों एवं मानकों का उल्लंघन करते हुए गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है, क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त कार्यों में मिट्टी की सी.बी.आर. 7 से कम है? लिक्विड लिमिट 50 तथा प्लास्टिक सिटी टूडेक्स 25 से कम है तथा एम.डी.डी. 17.5 के.एम./एम. से अधिक है, जिस कारण यह मिट्टी सड़क निर्माण में घटिया मिट्टी व अन्य सामग्री का प्रयोग किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसके लिये ठेकेदार के विरूद्ध जांच कराकर कानूनी कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त सड़क निर्माण कार्यों में उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा बिना जांच कराये दोषी ठेकेदार का भुगतान कर दिया? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इनके लिये दोषी शासकीय अधिकारियों पर भी जांच कराकर कानूनी कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार दोषी ठेकेदार व शासकीय कर्मचारियों पर कानूनी व वैधानिक कार्यवाही कब कर दी जावेगी? लिखित में स्पष्ट जवाब देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ शैक्षणिक स्टाफ
[उच्च शिक्षा]
130. ( क्र. 3061 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ शैक्षणिक स्टाफ में मध्यप्रदेश राजपत्र क्र. 355, दिनांक 27.08.2015 की अनुसूची-दो स.क्र. 1 से 7 के पदों में से कितने प्रतिशत शैक्षणिक स्टाफ प्रतिनियुक्ति/अटैचमेंट पर वर्तमान में भेजे गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांकित अनुसूची 2 के प्रावधान अनुसार समस्त शैक्षणिक पदों का मात्र 05 प्रतिशत तक अन्य सेवा में प्रतिनियुक्ति पर बाह्य सेवा (फॉरेन सर्विस) जाने हेतु कैडर सीमित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित प्रावधान के विरूद्ध भेजे गये शैक्षणिक स्टाफ के लिये कौन जिम्मेदार है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शैक्षणिक स्टाफ के समस्त शैक्षणिक पदों का मात्र 0.4 प्रतिशत स्टॉफ प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है, इसी प्रकार 0.1 प्रतिशत शैक्षणिक स्टॉफ अटैचमेंट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) अन्य सेवा में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गये शैक्षणिक स्टॉफ भर्ती नियम, 2015 के अनुरूप है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च दरों पर एलम की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 3063 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 1388 दिनांक 22/12/2022 के प्रश्न (क) व (ख) के अंतर्गत उत्तर अनुसार क्या फेरिक एलम की जांच रिपोर्ट जो प्रस्तुत की गई है, क्या शासन द्वारा नियम, निर्देश, आदेश अथवा परिपत्र जारी किये गये हैं, उनके अनुरूप नहीं है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि है तो किन नियमों के आधार पर? क्या टेस्ट रिपोर्ट फर्जी होकर लेबोरेटरी भी फर्जी है? क्या इसकी जांच की जाएगी? यदि हाँ, तो किस स्तर के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी? (ख) प्रश्न 1388 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में स्वीकार किया कि वर्ष 21-22 में एलम नगर पालिका द्वारा 6790/- प्रति मेट्रिक टन खरीदी थी एवं 22-23 में 10675/- मेट्रिक प्रति टन बिना आई.एस.आई. मार्क के खरीदी गई? मार्का और रेट के इतने अन्तर की शासन द्वारा संज्ञान लेते हुए क्या जांच करवाई जाएगी जबकि नगर पालिका को पुरानी दरों पर ही माल प्राप्त हो रहा था? राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी भण्डार क्रय नियमों का उल्लंघन करते हुए जेम पोर्टल से माल क्यों नहीं खरीदा गया? पूर्व वर्ष के सफल सप्लायर को कोटेशन डालने के बाद नई शर्त जारी कर शासन के किन नियमों के अन्तर्गत उसे अयोग्य घोषित कर उच्च भाव पर क्यों माल खरीदा गया? क्या शासन इसकी जांच कराएगा? (ग) क्या एलम की जांच रिपोर्ट अल्फा ग्लूकेम शाजापुर द्वारा ही लाकर दी गई? नगर पालिका द्वारा जांच की वैधानिक प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया है? यदि अपनाई गई तो प्रक्रिया की पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या निर्माता फर्म के रूप में अल्फा ग्लूकेम शाजापुर व प्रिमियम हाईजिन एण्ड केमिकल इण्डस्ट्रीज उज्जैन द्वारा वर्ष 2021-22, 2022-23 में इन्दौर, उज्जैन संभाग की कितनी नगर पालिका एवं नगर निगम में कितनी एलम किस रेट में सप्लाई की गई है? वर्षवार, निकायवार पृथक-पृथक विवरण दें। क्या अल्फा ग्लूकेम शाजापुर व प्रिमियम हाईजिन एण्ड केमिकल इण्डस्ट्रीज उज्जैन द्वारा माल का उत्पादन नहीं करते हुए ट्रेडिंग किया जाता है? यदि नहीं तो उक्त कम्पनी द्वारा एक्साईज गेटपास ड्यूटी और जी.एस.टी. ड्यूटी कितनी भरी है? उत्पादन हेतु कम्पनी द्वारा कच्चा माल किन-किन कम्पनियों से कितना खरीदा गया? वर्ष 2020 से 12/02/2023 तक का विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, नागदा नगर पालिका द्वारा क्रय की गई एलम की जांच रिपोर्ट शासन नियम निर्देश अनुसार मापदण्ड के अनुरूप है। निकाय द्वारा एजेंसी की जांच रिपोर्ट के अतिरिक्त सेम्पल का परीक्षण म.प्र.शासन की संस्था म. प्र. लघु उद्योग निगम लिमिटेड इंदौर एवं उज्जैन पॉलिटेक्निक कॉलेज से भी करवाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, वर्ष 2021-22 में आई.एस.आई. मार्क एलम रू. 6790.00 प्रति मेट्रिक टन एवं वर्ष 2022-23 में रू. 10675.00 प्रति मेट्रिक टन क्रय की गई। वर्ष 2021-22 में एलम, अल्फा ग्लूकेम शाजापुर के अधिकृत विक्रेता श्री विनायक मार्केटिंग नागदा से क्रय की गई थी। पूर्व सप्लायर द्वारा उसी पुरानी दर पर एलम सप्लाय करने का कोई आवेदन नहीं दिया गया और न ही उसे अयोग्य घोषित किया गया है। जेम पोर्टल पर दरें अधिक होने से जेम से क्रय न करते हुए वर्ष 2022-23 हेतु ई-निविदा जारी की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अपितु निकाय द्वारा शासन अधिकृत म.प्र. लघु उद्योग निगम लिमिटेड इंदौर एवं उज्जैन पॉलिटेक्निक कॉलेज से जांच कराई गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, अपितु अल्फा ग्लूकेम शाजापुर व प्रिमियम हाईजिन एण्ड केमिकल उत्पादक कंपनी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। एक्साईज गेटपास ड्यूटी एवं जी.एस.टी. ड्यूटी का विवरण विभाग द्वारा संधारित नहीं किया गया है। उत्पादक द्वारा क्रय किये गये कच्चे माल का विवरण भी विभाग में संधारित नहीं है।
नगरीय निकायों के निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 3067 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में नगरीय निकायों में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्यवार विस्तृत ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों के कार्यादेश कब-कब किए गए? इन कार्यों के संबंध में शासन के क्या-क्या मार्गदर्शी नियम एवं निर्देश हैं? कार्यवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में निर्माण/विकास कार्य किस ठेकेदार कंपनी द्वारा किस-किस तकनीकी अधिकारियों के पर्यवेक्षण में पूर्ण किये गये या किये जा रहे हैं? कार्यों के प्रभारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया और क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? कार्यवार विस्तृत ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) किये गये कार्यों के संबंध में क्या सभी निर्माण शर्तों का पालन किया गया है? शर्त अनुरूप निर्माण न होने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा कितनी शिकायतों की जांच पूरी की जा चुकी है व कितनों की जांच होना शेष है? कार्यवार जांचों का विस्तृत ब्यौरा दें। (ड.) विधानसभा पुष्पराजगढ़ के नगर पंचायत अमरकंटक वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद् अमरकंटक में कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन मदों से हुए? कार्य का नाम, मद का नाम स्वीकृत, प्राक्कलन, ड्राइंग तकनीकी स्वीकृति, दिनांक, स्थान, कार्यपूर्ण करने की दिनांक, वर्तमान में कार्य पर व्यय राशि, शेष राशि, कार्य एजेन्सी का नाम, विभाग द्वारा या ठेकेदार द्वारा कराया गया कार्यों के नाम सहित जानकारी देवें। यह भी जानकारी देवें कि कौन-कौन से निर्माण कार्य समय से पूर्ण नहीं हुए? पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? कब तक पूर्ण होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु राशि का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 3068 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद् अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितने आवास स्वीकृति हेतु लक्ष्य तक किया गया हैं? लक्ष्य के विरूद्ध कितने आवास स्वीकृत किये गए? सम्पूर्ण जानकारी जातिवार/वर्गवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु प्रारंभ से प्रश्न दिनांक की अवधि में चयनित हितग्राहियों को आवास हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि में से कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई? कितनी राशि शेष हैं? जिन हितग्राहियों को वित्तीय एवं तृतीय किश्त नहीं दी गयी, उसकी सूची उपलब्ध करावें एवं कारण बतावें। (ग) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक की अवधि में नगर परिषद् अमरकंटक में स्वीकृत व अस्वीकृत आवासों की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत लक्ष्य निर्धारित नहीं है। पात्र हितग्राहियों का चयन किया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि में कुल 341 आवास स्वीकृत किये गये है जातिवार व वर्गवार विवरण सलंग्न परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में चयनित हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु निकाय को राशि रू. 263.00 लाख प्रदाय की गई। निकाय के पास राशि रू. 6.00 लाख शेष है। द्वितीय एवं तृतीय किश्त प्रदाय नहीं किये गये हितग्राहियों की सूची सलंग्न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। केन्द्रांश तथा राज्यांश प्राप्त होने पर किश्त राशि वितरित की जायेगी। (ग) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट-"स" अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास देने में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 3072 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत करैरा, नरवर, मगारौनी में विगत 2021 जनवरी से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों को दिये गये? आवास के निर्माण की स्थिति क्या है? जानकारी प्रपत्रों सहित दी जावें। (ख) यह भी बतायें कि प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 671/203 दिनांक 20-01-2021 को नगर पंचायत नरवर को पत्र लिखा लेकिन आज दिनांक तक जानकारी नहीं दी गई? (ग) यह भी बताएं कि तीनों नगर पंचायतों में जिन हितग्राहियों को आवास दिये गये, किस मापदण्ड से दिये गये एवं उन्हें किस सूची अनुसार आवास दिये गये? सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता को जानकारी मिली है कि आवास देने में काफी अनियमितताएं बरती गई हैं? निर्धारित मापदण्ड के अनुसार हितग्राहियों को आवास नहीं दिये गये, जिससे जनता में काफी आक्रोश है। क्या दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित पत्र क्रमांक 671/203 दिनांक 20.01.2021 नगर परिषद् नरवर को प्राप्त नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में हितग्राहियों की पात्रता के संबंध में भारत सरकार तथा राज्य सरकार के मापदण्ड निर्धारित है। हितग्राहियों की जिला कलेक्टर द्वारा अनुमोदित सूची अनुसार आवास स्वीकृत किये गये हैं। सूची की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब" अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास देने में अनियमितता नहीं बरती गई। हितग्राहियों को आवास निर्धारित मापदण्ड अनुसार जिला कलेक्टर द्वारा अनुमोदित सूची अनुसार प्रदाय किये गये है।
कृषि भूमि पर अवैध तरीके से भू-खण्ड का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 3079 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल नगर निगम सीमा के अंदर अयोध्या बायपास मैन रोड स्थित दामखेड़ा सागर लैण्ड मार्क कॉलोनी के सामने बिल्डर द्वारा कृषि भूमि पर अवैध तरीके से प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कुल कितनी भूमि पर किन-किन साइजों के भू-खण्ड काटे जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त भूमि के डायवर्सन, टी.एन.सी.पी. एवं नजूल की एन.ओ.सी. की प्रतियां कॉलोनी के स्वीकृत मानचित्र सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त भूमि पूर्णत: अवैध रूप से बिना शासकीय अनुमतियों के काटी जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या बिल्डर के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्य को शीघ्र रोका जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांकित स्थल की भूमि पर मुरम की सड़क बनाकर भूमि को ब्लॉक्स के रूप में विभाजित करने की कार्यवाही से ऐसा प्रतीत होता है कि, किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा प्लाट काटकर बेचने के लिए अनधिकृत रूप से कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में सिर्फ ब्लॉक्स के रूप में भूमि विभाजित होने से भूखण्डों के आकार बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, नगर निगम, भोपाल द्वारा संबंधित व्यक्तियों को कार्य रोकने के उल्लेख के साथ कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिए गए हैं, उत्तर प्राप्त होने एवं विस्तृत जानकारी प्राप्त होने के पश्चात संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 292-ग के तहत दाण्डिक कार्यवाही के लिए प्रकरण पंजीबद्ध किया जायेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित बसों के रिफरबिशमेंट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 3095 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.सी.एल. एल. द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अंतर्गत प्राप्त कितनी बसों को रिफरबिशमेंट करना था? कितनी बसों का रिफरबिशमेंट हुआ? कब-कब हुआ? बस क्रमांक, बस मॉडल का साल, क्रय दिनांक, बसों की क्रय के पूर्व इंस्पेक्शन रिपोर्ट, बस इंस्पेक्शन करने के लिए विभाग द्वारा निर्धारित अधिकारी/कर्मचारियों के नाम एवं पद, क्रय इनवॉइस/बिल, बस क्रमांक अनुसार रिफरबिशमेंट के लिए भुगतान की गई राशि का माहवार, वर्षवार, प्रत्येक बस क्रमांक के आधार पर गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदाय करें। (ख) रिफरबिशमेंट के लिए कितनी निविदाएं जारी की गई? यदि रिफरबिशमेंट नहीं हुआ तो क्या निविदाकार पर कार्यवाही हुई? हाँ अथवा नहीं? जो बसें रिफरबिशमेंट नहीं हुई उनके परिचालन ना होने से जनता को हुई असुविधा के लिए कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? नाम बताएं। 55 बसों के लिए क्या रिफरबिशमेंट की निविदा वर्ष 2018 के अक्टूबर महीने में होनी थी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जो बसें रिफरबिशमेंट हुई उनकी क्रय दिनांक से रिफरबिशमेंट दिनांक तक कितने किलोमीटर का परिचालन किया गया? रिफरबिशमेंट के उपरान्त बसों को स्क्रेप करने तक कितने किलोमीटर का परिचालन किया गया, का प्रत्येक वाहन क्रमांक के आधार पर गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदाय करें। क्या नगर निगम भोपाल/बी. सी. एल. एल. द्वारा जे.एन.एन.यू.आर.एम. के तहत 2013 में वर्ष 2010 की टाटा मारकोपोलो ए.सी. लो फ्लोर बसें खरीदी? क्या वर्ष 2013 में वर्ष 2010 के निर्मित वाहन क्रय करना नवीन बस (New Buses) की श्रेणी में आता है? NIT 13 क्या INTRA-CITY के लिए जारी की गई निविदा है? (घ) अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड, जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने कन्सलटेन्ट (सलाहकार) किस टेण्डर या सरकारी प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए? किस वर्ष से किस वर्ष तक टेण्डर अवधि है? कितनी फीस पर निर्धारित किया गया है? माहवार, वर्षवार बताएं एवं कन्सलटेन्ट का दिनवार कार्य विवरण, इन सब बिन्दुओं पर गौशवारा बनाकर पूर्ण जानकारी मय दस्तावेज दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बी.सी.एल.एल. द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक जे.एन.एन.यू.आर.एम. अंतर्गत प्राप्त 225 बसों में से प्रथम चरण में 120 बसों एवं द्वितीय चरण में 55 नग बसों का रिफरबिशमेंट करना था। जिसमें से 120 बसों का रिफरबिशमेंट कार्य वर्ष 2016-17 में पूर्ण हुआ। द्वितीय चरण में निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यादेश क्र. BCLL/BPL/REFURN/2021/1801 दिनांक 05/02/2021 द्वारा जारी कार्यादेश के तारतम्य में नियुक्त एजेंसी द्वारा 55 बसों का रिफरबिशमेंट कार्य किया जाना था, परन्तु एजेंसी द्वारा निर्धारित समयावधि में समस्त बसों का रिफरबिशमेंट कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के फलस्वरूप एजेंसी के साथ निष्पादित अनुबंध निरस्त किया गया। प्रश्नांश से संबंधित विवरण मय समस्त दस्तावेजों के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) 120 बसों के रिफरबिशमेंट कार्य हेतु निविदा क्र. 33 दिनांक 11/03/2016 को जारी की गई एवं 55 बसों के रिफरबिशमेंट कार्य हेतु निविदा (प्रथम आमंत्रण) दिनांक 17/06/2019 को जारी की गई थी। उक्त 55 बसों के रिफरबिशमेंट कार्य हेतु किसी भी संभावित निविदाकार द्वारा रूचि प्रकट नहीं किये जाने के फलस्वरूप बी.सी.एल.एल. द्वारा द्वितीय आमंत्रण दिनांक 01/08/2019 किया गया। तदोपरांत सफल निविदाकार का चयन होने तक निरंतर तृतीय आमंत्रण दिनांक 16/10/2019, चतुर्थ आमंत्रण दिनांक 13/12/2019, पंचम आमंत्रण दिनांक 30/07/2020, छठा आमंत्रण दिनांक 28/10/2020 एवं सांतवा आमंत्रण दिनांक 24/11/2020 जारी की गई, जिसमें सांतवें आमंत्रण में एजेंसी का चयन किया गया। 55 बसों के रिफरबिशमेंट कार्य हेतु दिनांक 05/02/2021 को कार्यादेश जारी किया गया। जी हाँ। निविदा क्र. 134 अंतर्गत रिफरबिशमेंट कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के फलस्वरूप अनुबंधानुसार उक्त एजेंसी की परफॉरमेंस बैंक गारंटी को जप्त कर अनुबंध को निरस्त किया गया। बसों के निर्धारित समयावधि में रिफरबिशमेंट कार्य नहीं किये जाने के लिये संबंधित एजेंसी एवं बस ऑपरेटर की जिम्मेदारी थी। रिफरबिशमेंट एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये एजेंसी की परफॉरमेंस बैंक गारंटी को जप्त कर अनुबंध को निरस्त किया गया एवं बस ऑपरेटर को प्रदान की गई असाइनमेंट की अनुमति को निरस्त किया गया। बी.सी.एल.एल. द्वारा उक्त समयावधि में समुचित बसें यात्रियों की सुविधा हेतु परिचालन में उपलब्ध थी एवं उक्त समय बी.सी.एल.एल. द्वारा जारी नवीन निविदाओं के फलस्वरूप विभिन्न मार्गों पर परिचालन हेतु नवीन बसों की आवक प्रारंभ हो गई थी। अतः शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। जी नहीं। 75 बसों के रिफरबिशमेंट हेतु बी.सी.एल.एल. बोर्ड के दिनांक 07/03/2019 को आयोजित 27वीं बैठक के एजेण्डा क्र. 11 के तारतम्य में लिये गये निर्णय अनुसार सक्षम स्वीकृति प्राप्त किये जाने के उपरांत 55 बसों के रिफरबिशमेंट कार्य हेतु निविदा (प्रथम आमंत्रण) दिनांक 17/06/2019 को जारी की गई थी। उक्त 55 बसों के रिफरबिशमेंट कार्य हेतु किसी भी संभावित निविदाकार द्वारा रूचि प्रकट नहीं किये जाने के फलस्वरूप बी.सी.एल.एल. द्वारा निरंतर द्वितीय आमंत्रण दिनांक 01/08/2019, तृतीय आमंत्रण दिनांक 16/10/2019, चतुर्थ आमंत्रण दिनांक 13/12/2019, पंचम आमंत्रण दिनांक 30/07/2020, छठा आमंत्रण दिनांक 28/10/2020 एवं सांतवा आमंत्रण दिनांक 24/11/2020 जारी की गई, जिसमें सांतवें आमंत्रण में एजेंसी का चयन किया गया। 55 बसों के रिफरबिशमेंट कार्य हेतु दिनाक 05/02/2021 को कार्यादेश जारी किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रिफरबिशमेंट हुई बसों के किलोमीटर का सम्पूर्ण विवरण मय दस्तावेजों के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। नगर निगम भोपाल द्वारा जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनार्न्तगत स्वीकृत 225 नग बसों (205 नॉन ए.सी. एवं 20 ए.सी. बसें) हेतु दिनांक 09/11/2009 को जारी कार्यादेश के तारतम्य में विभिन्न चरणों में नवीन बसें प्राप्त कर विभिन्न समयावधि में निविदा प्रक्रिया उपरांत पृथक-पृथक बस ऑपरेटरों को बस संचालन हेतु नवीन बसें हस्तांतरित की गई। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। जी हाँ। (घ) अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (AiCTSL), जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (JCTSL), भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्त किये गये कन्सलटेन्ट की जानकारी निम्न तालिकानुसार है:-
स.क्र. |
निकाय का नाम |
कार्य का नाम |
कन्सलटेन्ट का नाम |
वर्ष |
टेंडर की प्रक्रिया |
कार्य की अवधि |
माहवार फीस (GST पृथक) |
वर्षवार फीस GST पृथक) |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
1 |
भोपाल |
1. Procurement Management and Technology Expert |
PwC Pvt Ltd |
2022 |
National Informatics Center Services Inc. (NICSI), New Delhi, भारत सरकार के उपक्रम के माध्यम से चयन किया गया है। |
24 माह दिनांक 12.09.2022 से दिनांक 11.09.2024 तक |
रू. 2,75,000 |
रू. 33,00,000/- |
2. Transport & Mobility Expert. |
PwC Pvt Ltd |
2022 |
National Informatics Center Services Inc. (NICSI), New Delhi, भारत सरकार के उपक्रम के माध्यम से चयन किया गया है। |
24 माह दिनांक 12.09.2022 से दिनांक 11.09.2024 तक |
रू. 3,00,000/- |
रू. 72,00,000/- |
||
3. Finance Expert |
24 माह दिनांक 12.09.2022 से दिनांक 11.09.2024 तक |
रू. 2,75,000/- |
रू. 33,00,000/- |
|||||
2 |
इन्दौर |
कोई नियुक्ति नहीं की गई है। |
||||||
3 |
जबलपुर |
मा. उच्च. न्यायालय, मध्यप्रदेश के आदेश दिनांक 02/08/2019 में दिए निर्देशानुसार Expert agency से जबलपुर शहर में संचालित ऑटो को व्यवस्थित करने के लिए ऑटो स्टडी रिपोर्ट तैयार करने हेतु। |
(1-Consultant) M/s Price Water House Cooper P. Ltd (Year 2019) |
2019 |
National Informatics Center Services Inc. (NICSI), New Delhi, भारत सरकार के उपक्रम के माध्यम से नियुक्त कंसल्टेंट एवं NICSI भारत सरकार का उपक्रम द्वारा निर्धारित नियम शर्तों अनुसार MD, NICSI, Delhi को कार्यादेश दिया गया है। (परिशिष्ट ''बी'' संलग्न है। ) पृष्ठ क्र- 1 से 3 |
4 माह दिनांक 24/08/2019 से दिनांक 23/12/2019 |
रू. 3,02,400/- |
रू. 12,94,272/- + 18% CST |
BCLL द्वारा प्रदाय की गई शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '03' अनुसार है। AiCTSL द्वारा प्रदाय की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '04' अनुसार है। JCTSL द्वारा प्रदाय की गई शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '05' अनुसार है।
एन.एच. 752 बी पर फ्लाई ओवर निर्माण
[लोक निर्माण]
137. ( क्र. 3099 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 752 बी ब्यावरा से मधुसूदनगढ़-लटेरी- सिरोंज के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश, तकनीकी स्वीकृति, कार्यादेश, टेण्डर की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इस मार्ग का निर्माण कौन- सी कार्य एजेंसी द्वारा किया गया? (ख) एन.एच. 752 बी रोहिलपुरा चौराहे सिरोंज में फ्लाई ओवर की स्वीकृति कितनी लागत से हुई थी? विभाग द्वारा फ्लाई ओवर निर्माण की भूमि आवंटन हेतु राजस्व विभाग को कब-कब पत्राचार किया? पत्राचार की छायाप्रति उपलब्ध करावें। फ्लाई ओवर की प्रशासकीय स्वीकृति किसके आदेश से निरस्त की गई? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या भविष्य में रोहिलपुरा तिराहा सिरोंज में फ्लाई ओवर की पुनः स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) एन.एच. 752 बी लटेरी में बायपास निर्माण की क्या-क्या कार्य योजना है? विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं? पत्राचारों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्या जनहित में उक्त बायपास का निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) रोहिलपुरा सिरोंज पर फ्लाई ओवर निर्माण, केथन नदी पर पुल निर्माण लटेरी में एन.एच. 752 बी का बायपास निर्माण हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विभाग को कब-कब पत्राचार किए गए? पत्राचार की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं विभाग द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को कब-कब पत्र प्रेषित किए गए हैं? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ङ) उपरोक्त बायपास निर्माण हेतु विभाग द्वारा केन्द्रीय कार्यालय को कब-कब पत्राचार किये गये? पत्राचारों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या केन्द्रीय कार्यालय से उपरोक्त बायपास की स्वीकृति हेतु पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ब्यावरा से मकसूदनगढ़, रा.रा. 752-बी का कार्य मेसर्स राजेन्द्र सिंह भाम्बू ठेकेदार जयपुर द्वारा एवं मकसूदनगढ़ से सिरोंज रा.रा. 752-बी का कार्य मेसर्स बंसल कन्स्ट्रक्शन कम्पनी भोपाल द्वारा किया गया है। (ख) रू. 279.44 करोड़ जिसमें सिरोंज में एक ग्रेड सेपरेटर (फ्लाई ओवर) राशि रू. 13.42 करोड़ का प्रावधानित था। पत्राचार की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आदेश क्रमांक सी.ई.आर.ओ. भोपाल/10010/87/2017-18/177, दिनांक 28.05.2021 द्वारा ग्रेड सेपरेटर के कार्य को मुख्य कार्य से विलोपित कर दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। तकनीकी दृष्टिकोण से आवश्यकता न होने के कारण कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं। (ग) लटेरी शहरी भाग में 12.00 मीटर चौड़ाई में मार्ग निर्माण स्वीकृत परियोजना में पूर्व में किया जा चुका है एवं भारत सरकार की वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में प्रश्नांकित कार्य सम्मिलित नहीं होने से कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) पत्राचार की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ड.) उत्तरांश (ग) के अनुसार। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मर की जानकारी
[ऊर्जा]
138. ( क्र. 3100 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड सिरोंज लटेरी क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं एवं उनमें से कितने ट्रांसफॉर्मर चालू हैं तथा कितने खराब हैं? कृषि एवं घरेलू विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मरों की संख्यात्मक जानकारी देवें। खराब विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मरों को बदलने का क्या नियम है? जले एवं खराब विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मरों को कब तक बदल दिया जावेगा? (ख) विकासखंड सिरोंज-लटेरी में कितने ग्राम एवं मजरा टोला विद्युत विहीन हैं एवं किन-किन ग्रामों के कृषि एवं घरेलू विद्युत लाइन अलग-अलग नहीं है? ग्रामवार जानकारी देवें। सौभाग्य 2 योजनांतर्गत किन-किन ग्रामों के प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किए गए हैं एवं भारत सरकार को कब-कब प्रस्ताव प्रेषित किए गए हैं? (ग) विकासखंड सिरोंज लटेरी में कितने उपभोक्ताओं पर कितनी विद्युत बिल की राशि बकाया है? संख्यात्मक जानकारी देवें। विभाग द्वारा विद्युत राशि वसूली हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में कब-कब शिविर लगाए गए हैं? कर्मचारी/अधिकारी का नाम शिविर दिनांक और वसूली राशि सहित जानकारी बतावें। (घ) विकासखंड सिरोंज-लटेरी के कितने ग्रामों में विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है? इन विद्युत लाईनों का सुधार/नवीन स्वीकृति कब तक की जावेगी? कितने ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए एवं विभाग द्वारा कब-कब अनुमति दी गई है? (ङ) क्या विभाग को तहसील लटेरी के ग्राम आरी, ताजपुरा, फतेहगढ़, चंदेरी जो कि वर्तमान में मधुसूदनगढ़ विद्युत वितरण केन्द्र के अंतर्गत आते हैं उन्हें विद्युत वितरण केन्द्र लटेरी में सम्मिलित करने हेतु प्रश्नकर्ता के पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई आरी, ताजपुरा, फतेहगढ़, चंदेरी को कब तक विद्युत वितरण केन्द्र लटेरी में सम्मिलित कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्रांतर्गत घरेलू (गैर कृषि) एवं कृषि कार्य के लिये क्रमश: 1825 एवं 6082 वितरण–ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनमें से क्रमश: 1692 एवं 6063 वितरण ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय चालू है तथा क्रमश: 133 एवं 19 वितरण–ट्रांसफार्मर खराब हैं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। प्रश्नाधीन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरान्त बदले जाने हेतु पात्र होने पर निर्धारित समय-सीमा में बदल दिये जावेंगे, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्रान्तर्गत कोई भी अधिसूचित राजस्व ग्राम अथवा अधिसूचित मजरा/टोला विद्युत विहीन नहीं है। विकासखण्ड सिरोंज क्षेत्रान्तर्गत ग्राम चन्द्रहाई, उमरिया, बरखेडी, औराखेडी, नेकान, मोतीगढ, खामखेडा, कनेरा एवं कठोतिया में तथा विकासखण्ड लटेरी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम धूमगिर, बरखेडा, आरीनौ आबाद, ताजपुरा, चंदेरी एवं फतेहगढ में वर्तमान में कृषि एवं घरेलू (गैर कृषि) विद्युत प्रयोजन हेतु पृथक-पृथक 11 के.व्ही. फीडर नहीं है। उपरोक्त सभी ग्रामों के 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत कर दिया गया है, जिसके क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सौभाग्य-2 के नाम से वर्तमान में कोई भी योजना प्रचलन में नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) विकासखण्ड सिरोंज में 38193 विद्युत उपभोक्ताओं पर रूपये 2417.49 लाख एवं विकासखण्ड लटेरी में 28941 विद्युत उपभोक्ताओं पर रूपये 1822.61 लाख की विद्युत देयकों की राशि बकाया है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत बिलों की राशि की वसूली हेतु वर्ष 2022-23 में लगाए गये शिविरों की दिनांक, वसूल की गई राशि की कर्मचारी/अधिकारी के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी के किसी भी ग्राम में विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं है। तथापि प्रश्नाधीन क्षतिग्रस्त/पुरानी विद्युत लाइनों के सुधार/नवीनीकरण के कार्य की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में 115 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के प्रस्ताव म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त हुए हैं, जिनमें दी गयी स्वीकृति/अनुमति की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) तहसील लटेरी के ग्राम आरी, ताजपुरा, फतेहगढ़ एवं चंदेरी वितरण केन्द्र लटेरी के अंतर्गत ही आते हैं, किन्तु इन ग्रामों को 33/11 के.व्ही. मधुसूदनगढ़ विद्युत उपकेन्द्र से विद्युत प्रदाय किया जाता है। उक्त ग्रामों का विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लटेरी से किये जाने के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र प्राप्त हुये हैं, जिसके तारतम्य में उक्त ग्रामों को वितरण केन्द्र लटेरी के क्षेत्रान्तर्गत विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लटेरी से जोड़ने के कार्य (फीडर विभक्तिकरण) को आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। वर्तमान में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में योजनांतर्गत फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: उक्त कार्य की पूर्णता हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 3117 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले का मनावर सेमल्दा रोड़ जो बड़वानी जिले के अंजड़ को जोड़ता है पर उच्च स्तरीय पुल के निर्माण की माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक 3109 दिनांक 28-12-16 की अद्यतन स्थिति देवें। इस संबंध में उपरोक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक हुए समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रतियाँ देवें। (ख) क्या कारण है कि एक बार टेंडर निरस्त होने के बाद अगली बार टेंडर कॉल नहीं किए गए? ऐसी स्थिति में आगामी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) कब तक इसके टेंडर पुन: कॉल करके इस पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ कराएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्र. 3109 दिनांक 28.12.2016 की टीप के परिपालन में कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.02.2018 को जारी। पत्राचार की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति विचाराधीन होने के कारण आगामी कार्रवाई नहीं की जा सकती। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 3121 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न क्रमांक 1399 दिनांक 22.12.2022 के संदर्भ में दिये गये उत्तर के अनुसार श्री नितिन कुमार बिजवे के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच जो संयुक्त संचालक को सौंपी गई है वह कब तक पूर्ण की जावेगी? (ख) किसी भी अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित होने पर कितने समय में जाँच अधिकारी को जाँच पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होता है? श्री नितिन कुमार बिजवे के विरूद्ध संस्थित जाँच को कितने समय में पूर्ण करना था एवं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? अवगत करायें। (ग) क्या अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र के आदेश क्रमांक 26/585/20192एफ/7104, भोपाल दिनांक 10.04.2019 के द्वारा श्री नितिन कुमार बिजवे मुख्य नगर पालिका अधिकारी की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई थी? क्या उक्त आदेश की प्रविष्टि श्री बिजवे की सेवा पुस्तिका में दर्ज है? यदि हो तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) श्री नितिन कुमार बिजवे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मुलताई के द्वारा वर्तमान में जो वेतन प्राप्त किया जा रहा है, क्या वह नियुक्ति आदेश की शर्तों के अनुरूप है? क्या इस संबंध में ऑडिट आपत्ति ली गई थी? यदि आपत्ति ली गई थी तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? ऑडिट आपत्ति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ड.) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 में वर्णित प्रावधानों एवं नियमों के अनुसार परिषद/पी.आई.सी. की बैठक में विषयों पर चर्चा उपरांत तुरंत ही निर्णयों को प्रोसेसिंग बुक में लिखा जाता है क्या यह सही है? यदि हाँ, तो उक्त नियमों के उल्लंघन किये जाने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? उक्त कार्यवाही से अवगत करायें। (च) नगर पालिका मुलताई जिला बैतूल की पी.आई.सी. की बैठक दिनांक 28.11.2022 को पारित निर्णयों को श्री नितिन कुमार बिजवे, सी.एम.ओ. मुलताई द्वारा प्रोसेसिंग बुक में नहीं लिखे जाने के संबंध में पी.आई.सी. को सदस्य गण एवं अध्यक्ष के द्वारा कलेक्टर जिला बैतूल को पत्र दिनांक 12.12.2022 से एवं अध्यक्ष नगर पालिका द्वारा पत्र क्रमांक 01/2023 दिनांक 09.01.2023 से आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल को शिकायत की गई थी। उक्त शिकायत पर शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करायें। यदि नहीं तो क्यों? उक्त प्रकरण में श्री नितिन कुमार बिजवे, सी.एम.ओ. नगर पालिका परिषद मुलताई के विरूद्ध शासन के द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग - जबलपुर द्वारा श्री बिजवे के विरूद्ध विभागीय जांच की जाकर प्रतिवेदन संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल को प्रेषित किया गया था परन्तु उक्त जांच प्रतिवेदन के कुछ बिन्दुओं पर स्पष्ट अभिमत अंकित कर प्रतिवेदन संचालनालय को प्रेषित करने के निर्देश संयुक्त संचालक को दिए गए है। तदानुसार उक्त जांच वर्तमान में भी प्रचलित है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) किसी भी अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित होने पर जांच अधिकारी को जांच पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की अवधि प्रकरण की परिस्थितियों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। उक्त संबंध में कोई लिखित आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) एवं (च) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 62 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (प्रेसीडेंट इन कौंसिल की शक्तियां तथा उसके काम काज के संचालन हेतु प्रक्रिया) नियम, 1997 के नियम 7 (1) में वर्णिंत प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, मुलताई द्वारा की गई शिकायतों की जांच किए जाने हेतु आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाकर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 3122 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आवासीय कॉलोनी ड्रीमलैंड सिटी के कॉलोनाइजर रामदेव बाबा वारको डेवलपर्स द्वारा दिनांक 21.12.2008 को जारी कॉलोनाइजर रजिस्ट्रेशन तथा दिनांक 21.05.2009 को कॉलोनी विकास की अनुमति का नवीनीकरण कराया है? यदि नहीं तो क्या निश्चित समय-सीमा में कॉलोनी का आंतरिक विकास कार्य पूर्ण कर रहवासियों को आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं? यदि नहीं तो कॉलोनाइजर के प्रति क्या कार्यवाही की गई है? कृत कार्यवाही से अवगत कराया जावे। (ख) क्या कॉलोनाइजर द्वारा रहवासी कॉलोनी के मध्य स्थित सरकारी भूमि खसरा नं. 4 मद नाला क्षेत्र 1340 वर्ग मीटर को भूखण्ड में परिवर्तित कर कूटरचित दस्तावेज के आधार पर विक्रय कर दिया गया हैं? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि मुक्त कराने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी की परिवर्तित भूमि खसरा नं. 03 में स्थित शिव मंदिर वाली पहाड़ी से 1900 घनमीटर मुरम खनिज का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कर शासन को 55.00 लाख रूपए की रॉयल्टी की आर्थिक क्षति, जिला खनिज अधिकारी से मिलीभगत कर पहुंचाई गई है? यदि हाँ, तो प्रशासन इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगा? (घ) क्या कॉलोनाइजर द्वारा रहवासियों को पेयजल, पक्की सड़क एवं नाली जैसी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराये जाने के संबंध में दिनांक 28.09.2022 को कलेक्टर बैतूल को ज्ञापन सौंपा गया है? क्या प्रस्तुत ज्ञापन पर एस.डी.एम. मुलताई द्वारा प्रकरण क्रमांक 362/ब-121 दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित कर सरकारी भूमि के बदले अन्य भूमि शासन को दान कराने की अनुशंसा सक्षम प्राधिकारी को भेजी गई है? क्या सरकारी भूमि की अदला-बदली करने के नियम भू-राजस्व संहिता अथवा नगरपालिका अधिनियम में प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावें। कॉलोनी के रहवासियों को कब तक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। पेयजल, नाली एवं सड़क का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। कृत कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांकित खसरा न. 04 नाला मद के रकबा 0.134 हेक्टेयर में से 0.050 हेक्टेयर भूमि पर 08 भूखण्ड बनाकर कॉलोनाइजर द्वारा 03 भूखण्ड का विक्रय किया गया है एवं शेष 0.084 हेक्टेयर पर सड़क निर्माण होना पाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि को मुक्त कराने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई के पत्र दिनांक 04.11.2022 द्वारा खनिज अधिकारी बैतूल से जांच प्रतिवेदन चाहा गया है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई द्वारा आगामी कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हाँ। जी हाँ, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई द्वारा प्रकरण क्रमांक 0584-बी/121 वर्ष 2022-23 जिला कलेक्टर को भेजा गया था। जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिला प्रशासन स्तर पर नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घोटाले के आरोपियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 3127 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर, जिले की बिजूरी नगरपालिका में लगभग 12-13 करोड़ रु. के मामले में किन-किन के विरुद्ध F.I.R दर्ज करवाई गई है? नाम, पदनाम सहित देवें। F. I.R. की छायाप्रति भी देवें। (ख) यदि F.I. R. दर्ज नहीं करवाई गई है तो कब तक करवाई जाएगी? क्या उपरोक्तानुसार आरोपियों के संबंध में आयकर विभाग व वाणिज्यिक कर विभाग को जानकारी प्रेषित की गई हैं? यदि हाँ, तो पत्रों की छायाप्रति देवें। (ग) यदि नहीं तो कब तक जानकारी दी जाएगी, यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार विभागों को जानकारी नहीं भेजी जाएगी तो आरोपियों को संरक्षण देने का कारण भी बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी न देकर आरोपियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन रीवा संभाग द्वारा निकाय से अभिलेख प्राप्त कर विवेचना की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 3128 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2005 दिनांक 11.03.2022 के (ग) उत्तर अनुसार क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में नगर पालिका कोतमा को कब्जा प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को तथा कितना रकबा कहां पर प्राप्त हुआ? इस प्राप्त स्थान पर कितनी भूमि किन-किन को आवंटित की गई? नाम, रकबा सहित देवें। (ख) यदि कब्जा प्राप्त नहीं हुआ है तो इसका कारण बतावें। इस संबंध में हुए समस्त पत्राचार की प्रमाणित कॉपी देते हुए बतावें कि कब्जा कब तक प्राप्त होगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के (घ) उत्तर में वर्णित बिजुरी न.पा. के शेष हितग्राहियों के पूर्ण अभिलेख प्राप्त हो गये है? यदि हाँ, तो क्या इन्हें राशि प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं तो कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार कार्य में विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) निकाय को उक्त भूमि का कब्जा जिला प्रशासन के द्वारा दिलवाया जाना है। जिला कलेक्टर अनूपपुर तथा तहसीलदार कोतमा को सूचित किया गया है। पत्राचार की प्रमाणित प्रति की जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आंशिक हितग्राहियों के अभिलेख प्राप्त हो गये है। तदानुसार संबंधित हितग्राहियों को प्रथम किश्त प्रदान कर दी गई है। 396 हितग्राहियों के अभिलेख अभी प्राप्त होना शेष है। अभिलेख प्राप्ति अनुसार प्रथम किश्त प्रदान की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 3137 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम शहडोल एवं जिले के नगर पंचायतों व नगर परिषदों में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक में कितने कार्य कराये गये? लागत वार एवं मदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों हेतु कार्यादेश कब-कब, किन-किन संविदाकारों को किन शर्तों पर जारी किये गये थे की प्रति देते हुये बतायें कि कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने अधूरे हैं? अधूरे कार्य कितने प्रतिशत तक हो चुके हैं? इन कार्यों की भुगतान की स्थिति का विवरण कार्यवार, देवें। यह भी बतायें कि कार्यों के गुणवत्ता की स्थिति क्या है? इसका सत्यापन कब-कब, किन-किन के द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों हेतु प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन संविदाकारों को कार्यादेश किन शर्तों या अवधि के जारी किये गये, इनमें से कितने संविदाकारों के कार्य समय पर पूरे न करने पर कार्य अवधि बढ़ाई गई तो कब-कब और क्यों एवं कितने को ब्लैक लिस्टेड किया गया का विवरण कार्यवार देते हुये बतायें कि कितने कार्यों के कार्यादेश निरस्त कर पुनः नवीन कार्यादेश जारी किये गये तो कब-कब एवं किन-किन संविदाकारों को? प्रति देते हुये बतायें कि इन कार्यों की स्थिति क्या है? पृथक-पृथक कार्यवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों को प्रश्नांश (ख) के संविदाकारों द्वारा कार्य निर्धारित समय व अनुबंधानुसार पूरे नहीं किये गये, कार्य अविध बढ़ाकर उपकृत किया गया, कार्य से ज्यादा भुगतान किया गया, संविदाकारों को लाभ संबंधितों द्वारा व्यक्तिगत हितपूर्ति कर किया गया एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार समय-समय पर कार्य पूर्ण न करने वाले संविदाकारों को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया? अपरोक्ष रूप से लाभान्वित किया गया इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? पदनाम सहित विवरण देते हुये इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है शेषाशं का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन एवं समिट के आयोजन पर व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 3151 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर में माह जनवरी, 2023 में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन एवं ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के आयोजन पर नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कुल योग कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उक्त संपादित कौन-कौन से कार्य ई-टेण्डरिंग पद्धति से कितनी-कितनी के किस कंपनी/फर्म/व्यक्ति से कराये गये एवं कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के बिना ई-टेण्डरिंग के किस-किस से कराये गये है? कृपया संपूर्ण जानकारी दें। (ग) नगरपालिक निगम इंदौर द्वारा कराये गये कार्यों में आर्थिक अनियमितताएं किये जाने की शिकायतें निगम के नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य किन-किन के द्वारा आयुक्त नगर निगम, कलेक्टर एवं संभागायुक्त इंदौर तथा शासन को की गई थी? (घ) उक्त शिकायतें क्या-क्या की गई थी एवं इन शिकायतों की क्या जांच कराई है? यदि हाँ, तो जांच निष्कर्ष के आधार पर किन-किन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर शहर में जनवरी, 2023 में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन एवं ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट पर नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा कोई राशि व्यय नहीं की गई है। (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त कार्य संपादित नहीं कराए गए हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) विभाग स्तर पर उक्त संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत कंपनी पर कर्ज
[ऊर्जा]
146. ( क्र. 3152 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनी म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर का दिनांक 31 मार्च, 2022 की स्थिति में कितनी राशि का कुल घाटा है तथा घाटे के मुख्य कारण क्या है? म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर की वर्ष 2021-22 में कर्मचारी (स्टॉफ पर ) कुल कितना खर्च किया गया है? (ख) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर पर दिनांक 31 मार्च, 2022 की स्थिति में कितनी राशि का कर्ज है? इसमें से कितना कर्ज राज्य सरकार की गारंटी पर लिया गया है? राज्य सरकार की गारंटी से लिया गया कर्ज राज्य सरकार का माना जायेगा या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) में दिनांक 31 मार्च, 2022 की स्थिति में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा किस-किस वित्तीय एजेंसी से किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि रूपये का कर्ज है बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर की दिनांक 31 मार्च 2022 की स्थिति में अंकेक्षित वार्षिक वित्तीय लेखों के अनुसार कुल हानि रु. 11,897.72 करोड़ है। उक्त हानि के प्रमुख कारण विद्युत वितरण में होने वाली तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियाँ एवं विद्युत विक्रय की दरें वास्तविक लागत के अनुरुप न होने के कारण आय से अधिक व्यय होना हैं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2021-22 में अंकेक्षित वार्षिक वित्तीय लेखों के अनुसार कर्मचारियों (स्टॉफ) पर कुल रु. 923.04 करोड़ की राशि का व्यय किया गया है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर अंकेक्षित वार्षिक वित्तीय लेखों के अनुसार दिनांक 31.03.2022 की स्थिति में कुल रु. 15,343.18 करोड़ का कर्ज है। उक्त कर्ज में से रु. 1505.82 करोड़ की कर्ज राशि पर राज्य शासन द्वारा गारंटी प्रदान की गई है। कर्ज के भुगतान का दायित्व म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर का ही है, वितरण कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति में गारंटीकृत कर्ज के भुगतान का दायित्व राज्य शासन का होगा। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर पर दिनांक 31/03/2022 की स्थिति में कुल कर्ज की राशि की कर्ज प्रदान करने वाली वित्तीय संस्थावार प्रदान किये गए कर्ज एवं उसके प्रयोजन सहित की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नगर परिषद् रौन में कराए गए कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 3155 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् रौन जिला भिण्ड में 01 जनवरी, 2021 से 31 दिसम्बर, 2022 तक कौन-कौन से विकास/मरम्मत कार्य कराए गए? प्रत्येक कार्य में किस-किस निर्माण एजेन्सी/ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? प्रत्येक कार्य का अलग-अलग पूर्ण विवरण दें। (ख) उपरोक्त अवधि में किस-किस कार्य हेतु कौन-कौन सी सामग्री किस-किस एजेन्सी/फर्म से खरीदी गई तथा किस-किस एजेन्सी/फर्म को कितना-कितना भुगतान किया गया? प्रत्येक सामग्री का अलग-अलग विवरण दें। (ग) नगर परिषद् रौन जिला भिण्ड में 01 जनवरी 2021 से 31 दिसम्बर 2022 तक किन-किन कार्यों हेतु किस-किस एजेन्सी/फर्म अथवा ठेकेदार से ट्रेक्टर तथा जे.सी.बी. मशीन किराए पर ली गई तथा उन्हें कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) उपरोक्त अवधि में निर्माण कार्यों तथा सामग्री क्रय किए जाने हेतु कब-कब किन-किन समाचार पत्रों में कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? समाचार पत्रों की छायाप्रति प्रस्तुत करें। (ड.) नगर परिषद् रौन जिला भिण्ड में कौन-कौन से पदों पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/सफाई कर्मी नियमित/संविदा/दैनिक वेतन पर कब-कब से किस-किस की अनुमति से रखे गए? प्रत्येक का नाम पता सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'', ''ब'' एवं ''द'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार है।
विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
148. ( क्र. 3156 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 96 दिनांक 30.12.2020 द्वारा विधानसभा क्षेत्र लहार जिला भिण्ड के अंतर्गत शासकीय भूमि पर प्रस्तावित 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र को मौजा भवथरा के ग्राम जगदीशपुरा के समीप शासकीय भूमि सर्वे क्र. 6 रकबा 7.17 हेक्टेयर पर स्थापित किए जाने हेतु माननीय मंत्री ऊर्जा विभाग को पत्र प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक स्थापित कर दिया जाएगा? (ग) क्या माननीय मंत्री जी ऊर्जा विभाग के पत्र क्र. 663 "o"/मंत्री/ऊर्जा/2021 भोपाल, दिनांक 04.07.2021 के द्वारा विधानसभा क्षेत्र लहार के लहार, छतारेपुरा मार्ग पर निर्माणाधीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के रूके हुए कार्य को परीक्षण उपरांत पूर्ण कराने की जानकारी प्रश्नकर्ता को दी गई थी? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? शेष कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जाएगा? (ड.) क्या लहार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने की योजना है? यदि नहीं तो क्यों? 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले के किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में कहां-कहां विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत कर स्थापित किए गए? लहार विधानसभा क्षेत्र में विद्युत उपकेन्द्रों की आवश्यकता होने के बाद भी नवीन 33/11 उपकेन्द्र स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के अनुसार ग्राम जगदीशपुरा में 132 के.व्ही.उपकेन्द्र निर्माण के प्रस्ताव का परीक्षण कराया गया, जिसमें विद्यमान विद्युत अधोसंरचना पर भार की स्थिति को देखते हुये ग्राम जगदीशपुरा में नवीन 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित किये जाने का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है, अत: वर्तमान में जगदीशपुरा में नवीन उपकेन्द्र स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी नहीं, वरन माननीय मंत्रीजी के प्रश्नाधीन पत्र दिनांक 04.07.2021 के द्वारा माननीय विधायक (प्रश्नकर्ता) का पत्र दिनांक 20.07.2021, जो कि लहार, छतारेपुरा मार्ग पर निर्माणधीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के रूके कार्य को पूर्ण करने बावत है, को परीक्षणोंपरांत नियमानुसार निराकरण कर अवगत कराये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को प्रेषित किया गया एवं पृष्ठांकन माननीय विधायक को किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार ग्राम सिजारीपुरा (छतारेपुरा मार्ग) में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के कार्यों में सम्मिलित किया गया है, आर.डी.एस.एस. के द्वितीय चरण में प्रस्तावित यह कार्य भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर कराया जायेगा। (ड.) जी हाँ। लहार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित है। 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले के भिंड विधान सभा क्षेत्र में तीन, लहार विधानसभा क्षेत्र में तीन, मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में एक एवं अटेर विधानसभा में एक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत कर दिये गये हैं। भविष्य में अपेक्षित भार वृद्धि के दृष्टिगत लहार विधान सभा क्षेत्र में केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण में पांच उपकेन्द्र प्रस्तावित है। स्थापित, स्वीकृत एवं प्रस्तावित उपकेन्द्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं।
बिना पर्यावरणीय अनुमति से बनाये गये प्रोजेक्ट
[पर्यावरण]
149. ( क्र. 3161 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिना पर्यावरणीय अनुमति के भोपाल एवं इंदौर नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत बनाने वाले किन-किन प्रोजेक्ट वाले किन-किन संचालकों के विरूद्ध प्रदूषण नियंत्रण मंडल (पी.सी.बी.) द्वारा 01 अप्रैल, 2021 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या बिल्डरों के द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों, आवासीय परिसरों एवं बैचिंग प्लॉट के लिए जल, वायु, परिसंकटमय अपशिष्ट की बोर्ड से सम्मति/प्राधिकार प्राप्त किया जाना अनिवार्य है? (ग) यदि हाँ, तो भोपाल एवं इंदौर में किन-किन प्रोजेक्ट के संचालकों द्वारा बोर्ड से सम्मति/प्राधिकार प्राप्त किये बिना निर्माण कार्य किये जा रहे हैं अथवा प्रस्तावित हैं? उनके विरूद्ध नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो गौशवार हिंदी में जानकारी दें। यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
महाविद्यालय का भवन निर्माण एवं पद पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
150. ( क्र. 3169 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 1116 दिनांक 11.07.2019 शासकीय महाविद्यालय लिधौरा खास, जतारा, पलेरा के लिए भवन राशि एवं भवन के रिक्त पदों को भरे जाने हेतु किया गया था? अगर प्रश्न का उत्तर हाँ है तो प्रश्न दिनांक तक (क), (ख), (ग) एवं (घ) के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कृपया की गई समस्त कार्यवाही से छायाप्रतियों सहित डिजाईन एवं ड्रॉईंग सहित शासन के आदेश सहित समस्त छायाप्रतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक इन महाविद्यालयों में कहां-कहां के और कौन-कौन से छात्र-छात्राएं महाविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं? कौन-कौन सी कक्षाओं में वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं? इसमें कौन-कौन से बच्चों को कितनी-कितनी राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी जा रही है? क्या प्रश्न दिनांक तक इन बच्चों को छात्रवृत्ति न मिल पाने के कौन-कौन से कारण हैं? इनको छात्रवृत्ति दी जायेगी तो कितनी-कितनी और कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इन महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के खेल-कूद सामग्री प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि की शासन से या महाविद्यालय द्वारा क्रय करके छात्र-छात्राओं को प्रदाय की गई है? कुल कितनी राशि की वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक दी गई? वर्षवार जानकारी प्रदाय करें एवं यह भी बताएं कि महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण एवं रिक्त पदों की पूर्ति, छात्रवृत्ति, खेल-कूद सामग्री प्रदाय की जावेगी तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, प्रश्न क्रमांक 1116, दिनांक 11-07-2019 के प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वस्तुस्थिति यह है कि शासकीय महाविद्यालय लिधौरा, जतारा एवं पलेरा मूलभूत सुविधाओं से युक्त होकर संचालित हैं। शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'', ''2'', ''3'' एवं ''4'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''5'' एवं ''6'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''7'' अनुसार है। भवनों के निर्माण तथा रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
151. ( क्र. 3170 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले को विधान सभा की ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं, जो बजट में स्वीकृत हो चुकी हैं, लेकिन प्रश्न दिनांक तक उनके कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं तथा क्यों? ऐसी सड़कों के नाम, लम्बाई, चौड़ाई एवं लागत सहित बताएं एवं सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह भी बताएं कि प्रश्न दिनांक तक ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं जो बजट में स्वीकृत हैं, लेकिन उसकी ई.एफ.सी. प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की है, क्यों? निश्चित समय सहित बताएं। कब तक यह बैठक होकर के टेंडर लगा दिए जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र की कौन-कौन सी सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु मुख्य बजट 2023 में जोड़ा जा रहा है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें। प्रश्नकर्ता के क्षेत्र की ऐसी कौन-कौन सी सड़के हैं जो वर्तमान में कच्ची हैं, जिन्हें पक्का बनाया जाना अतिआवश्यक है एवं कौन-कौन सी नदियों पर कौन-कौन से पुल निर्माण कराए जाना अतिआवश्यक है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। कब तक इनके जिले से डी.पी.आर. बनाकर उन्हें बजट में स्वीकृति हेतु ले लिये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिए जायेंगे और कौन-कौन सी सड़कों एवं पुलों को मुख्य बजट 2023 में स्वीकृति हेतु लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 20 करोड़ से अधिक राशि के प्रस्ताव ई.एफ.सी. से प्रस्ताव अनुमोदित किये जाते है, इसके उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाती है। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्रवाई की जाती है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) मुख्य बजट 2023-24 में 04 सड़कों को बजट में प्रस्तावित किया गया है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कच्ची सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नदी का नाम विनिर्दिष्ट नहीं होने से बताया जाना संभव नहीं। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है।
परीक्षाओं के मानदेय का भुगतान
[उच्च शिक्षा]
152. ( क्र. 3173 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टी.आर.एस. कॉलेज रीवा में गवर्निंग बॉडी के अनुमोदन के बिना विरचित अध्यादेश की वित्तीय दरों के आधार पर सत्र 2018-20 की परीक्षाओं का पारिश्रमिक/मानदेय भुगतान करने के कारण EOW ने तीन प्राचार्यों पर अपराध पंजीबद्ध कर, चालान प्रस्तुत कर जेल भेजने की कार्यवाही की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित मामले की ही तरह सत्र 2020-22 में प्रभारी प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी के कार्यकाल में विरचित वित्तीय दरें जो कि गवर्निंग बॉडी से अनुमोदित भी नहीं थी, के आधार पर परीक्षाओं का पारिश्रमिक/मानदेय का भुगतान करने के मामले में जांच एजेंसी EOW ने किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की, क्यों? (ग) इसी महाविद्यालय में सत्र 2018-20 के दौरान डॉ. अजय शंकर पाण्डेय सहित अन्य प्राध्यापकों पर परीक्षा का गलत पारिश्रमिक/मानदेय प्राप्त करने के मामले में EOW ने प्रकरण दर्ज किया, क्योंकि जांच एजेंसी ने वित्तीय दरों को गवर्निंग बॉडी से अनुमोदित न होने के कारण गलत माना किन्तु इसी समयावधि में इसी रीति से पारिश्रमिक/मानदेय प्राप्त करने वाले अन्य प्राध्यापकों पर कोई कार्यवाही अथवा प्रकरण दर्ज न किये जाने का क्या कारण है? एक ही संस्थान के समान मामले में दोहरा मापदंड अपनाये जाने के क्या कारण हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) परीक्षाओं का पारिश्रमिक मानेदय, महाविद्यालय की वित्त समिति द्वारा अनुशंसित था। प्रकरण के संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा कार्यवाही संज्ञान में नहीं है। (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के प्रकरण क्रमांक 32/2020 दिनांक 10-11-2020 के द्वारा महाविद्यालय के 19 अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मार्ग के अनुबंध की जांच
[लोक निर्माण]
153. ( क्र. 3178 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांतर्गत कार्य में बिना शासकीय लैब से कम्पेक्शन टेस्ट कराये ही नियम विरूद्ध मिट्टी का 95 प्रतिशत भुगतान कार्यपालन यंत्री पन्ना द्वारा ठेकेदार को कर दिया गया हैं? क्या मार्ग में दिनांक 24.02.2022 एवं 15.04.2022 में शासकीय प्रयोगशाला से कराये गये अधिकांश कम्पेक्शन टेस्ट मानक से कम पाये गये हैं? सभी परिणामों की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या यह विषयांकित मार्ग कि.मी. 3 से 10 के बीच कम्पेक्शन न होने से मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ हैं? वाहनों की लकीर बनी होने से आये दिन दुर्घटना होती हैं एवं बरसात में आम जनता का चलना दूभर होने से आम जनता द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में कई शिकायतें दर्ज करायी गई हैं एवं अन्य अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर कार्यवाही करवाने हेतु अनुरोध किया गया हैं? कार्यवाही न होने पर विधानसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार करने हेतु लेख किया गया हैं? (ग) क्या इन सी.एम. हेल्पलाइन में की गई शिकायतों के जवाब में विभाग द्वारा एक माह में सुधरवाने का आश्वासन दिया गया हैं? यदि हाँ, तो मार्ग सही करा दिया गया हैं? यदि नहीं तो क्यों? कार्यपालन यंत्री द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई हैं? (घ) क्या बिना कम्पेक्शन टेस्ट के 95 प्रतिशत भुगतान कर शासन को हानि पहुंचाने एवं घटिया कार्य कराकर 02 वर्षों से ग्रामीणों की परेशानी का कारण बने एवं पिछले 08 वर्षों से पन्ना में जमे कार्यपालन यंत्री को हटा कर इस कार्य की उच्च स्तरीय जांच करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक? क्या किया गया कार्य जांच में अमानक पाये जाने पर भुगतान की गई शासकीय राशि की वसूली ठेकेदार कार्यपालन यंत्री से करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। दिनांक 24.02.2022 एवं दिनांक 15.04.2022 को 2 स्थानों पर मानक अनुरूप टेस्ट प्राप्त हुये एवं तीन स्थानों पर कम्पेक्शन कम पाया गया था। जांच परिणाम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, मार्ग के कि.मी. 3 से 10 के बीच कम्पेक्शन न होने के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त नहीं हुआ था, अपितु मार्ग वर्तमान में सबग्रेड स्तर पर निर्माणाधीन है जिसमें वर्षा के दौरान वाहनों के आवागमन होने के कारण क्षतिग्रस्त हुये भाग में सुधार कार्य कराकर यातायात सुलभ करा दिया गया था। जी नहीं, कोई दुर्घटना नहीं हुई है। जी हाँ, सी.एम. हेल्पलाइन पर शिकायते दर्ज करायी गयी है। जी हाँ, अन्य अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों से शिकायत कर कार्रवाई करवाने हेतु अनुरोध किया गया है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। मानक स्तर के परिमाण प्राप्त होने के उपरांत ही भुगतान किया जाता है। जांच कराये जाने एवं शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़कों के निर्माण में व्यय राशि
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 3182 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर एवं रायसेन जिला अंतर्गत विगत तीन वर्षों में किन-किन सड़कों का निर्माण/संधारण/मरम्मतीकरण का कार्य किया गया है एवं उन पर कितना-कितना व्यय हुआ? विधानसभा क्षेत्रवार, सड़कवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त में से कितनी सड़कें परफार्मेंस गारंटी के तहत निर्मित थी एवं उन सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? सड़कवार पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की गुणवत्ता की जांच/निरीक्षण कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं उक्त जांच निरीक्षण में क्या-क्या कमियां पाई गई, उस संबंध में संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई? विधानसभा क्षेत्रवार सड़कवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’, 'स' एवं ‘1’, ‘2’,’ 3’ एवं ‘4’ अनुसार है।
शिकायती आवेदन पत्रों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
155. ( क्र. 3199 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के छिन्दवाड़ा व सिवनी जिले में लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा वर्तमान में निर्माणाधीन भवनों में की जा रही अनियमितता व उनमें प्रयोग की जा रही गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व संगठनों द्वारा जिला प्रशासन व शासन को शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो बिन्दु क्या है? क्या उसकी जांच अन्य कार्यालय के तकनीकी अधिकारियों से कराई गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यालयों में पदस्थ जिला प्रमुखों के विरूद्ध स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अन्य के विरूद्ध शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जाएगी? क्या उक्त अधिकारियों को जिले में तीन वर्ष की पदस्थापना के बाद अन्यत्र जिला पदस्थ किया जाएगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यालयों के द्वारा निर्माणाधीन भवनों में प्रयोग की जा रही निर्माण सामग्री रेत की जगह स्टोन डस्ट शासकीय भूमि में उत्खनित नलकूप से पानी, सीमेंट बेस पुट्टी व प्लिंथ भराई में की जा रही अमानक स्तर की गिट्टी की शिकायत के बाद विभाग ने कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं तो क्यों? क्या शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों का निराकरण किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन इकाई सिवनी जिले से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है तथा छिन्दवाड़ा जिले हेतु जानकारी निरंक है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश (क) में वर्णित दोनों जिलों के संभागीय परियोजना यंत्री (जिला स्तरीय अधिकारी/कार्यालय प्रमुख) के विरूद्ध स्थानीय जनप्रतिनिधियों अथवा अन्य के विरूद्ध कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्रशासनिक आवश्यकतानुसार विचार किया जाता है। वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी हाँ, परियोजना क्रियान्वयन इकाई जिला सिवनी से संबंधित कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं निराकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है तथा छिन्दवाड़ा जिले में ऐसी कोई शिकायत प्राप्त न रहने के फलस्वरूप जानकारी निरंक है।
क्रय की गई सामग्रियों का भौतिक सत्यापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 3271 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सिवनी जिले में नगरपालिका परिषद द्वारा वर्ष 2021-22 से आज दिनांक तक स्वास्थ्य,सफाई विद्युत व अन्य शाखाओं द्वारा क्रय की गई सामग्रियों कि क्रय प्रक्रिया, उनके भौतिक व गुणवत्ता सत्यापन, आवश्यकता/औचित्यता संबंधी दस्तावेज एवं संबंधित शाखाओं के प्रभारी तकनीकी अधिकारियों के अभिमत की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित उसी गुणवत्ता की क्रय सामग्री जिला व स्थानीय स्तर में स्थित प्रतिष्ठानों से भी वर्तमान क्रय दर से भी दर में की जा सकती थी? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो इस हेतु परिषद द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित परिषद की स्वास्थ्य, सफाई, भण्डार व विद्युत शाखा में पदस्थ लिपिक के पास इन शाखाओं का तकनीकी प्रभार भी है? यदि हाँ, तो क्या यह विधिसम्मत है? यदि नहीं तो ऐसा करने वाले अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या परिषद तकनीकी अधिकारियों की कमी के कारण उनका प्रभार लिपिकों को दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? सिवनी नगरपालिका परिषद में कितने राजस्व मोहरिर्र तीन वर्षों से अधिक अवधि से पदस्थ हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) सिवनी जिले की नगर पालिका परिषद व नगर परिषदों में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक एन.यू.एल.एम. द्वारा केन्द्र व राज्य शासन द्वारा प्रदत्त राशि की वर्ष कार्यवार एवं इसके विरूद्ध एन.यू.एल.एम. द्वारा व्यय राशि की कार्य/दिनांकवार व प्रमाणकों सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद सिवनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सामग्री मध्य प्रदेश नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 एवं मध्य प्रदेश शासन नगरीय विकास एंव आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक. एफ-1-42/17/18-3 भोपाल दिनांक 30.10.2017 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार स्थानीय बाजार/बाहरी बाजार/जैम पोर्टल से वर्तमान प्रचलित दर पर प्रशासक/अध्यक्ष की स्वीकृति उपरांत क्रय की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका परिषद सिवनी में पदस्थ लिपिको के पास प्रश्नान्तर्गत शाखाओं का तकनीकी प्रभार किसी लिपिक को नहीं दिए जाने से शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। नगर पालिका परिषद में पदस्थ राजस्व मोहरिर्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2018 से आज दिनांक तक एनयूएलएम द्वारा केन्द्र व राज्य शासन से प्रदत्त राशि एवं व्यय की जानकारी नगर पालिका सिवनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स'' अनुसार है, नगर परिषद बरघाट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स-1' अनुसार है, लखनादौन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स-2' अनुसार है, छपारा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स-3' अनुसार है एवं नगर परिषद केवलारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स-4' अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
सिंगाजी
ताप परियोजना
का मेंटेनेन्स
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 96 ) श्री नारायण सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में स्थित संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगालिया में पॉवर प्लांट हेतु कोयले की आपूर्ति रेलवे लाइन के माध्यम से की जाती है तथा ग्राम गोराडिया के पास रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्मित है। ब्रिज के दोनों ओर लगभग 1.5 किलोमीटर एप्रोच रोड वर्तमान में जीर्ण–शीर्ण अवस्था में है। उक्त ब्रिज किस विभाग द्वारा बनाया गया था एवं ब्रिज मेंटेनेंस कार्य कितनी बार कराया गया? यदि यह ब्रिज पॉवर प्लांट द्वारा बनाया गया तो इसका मेंटेनेंस कब-कब हुआ और यदि ब्रिज अन्य विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका है तो किस विभाग द्वारा मेंटेनेंस कार्य कब तक करा दिया जायेगा? (ख) उपरोक्त दर्शित परियोजना के राखड तालाब से जल रिसाव (सीपेज) से क्षेत्र के किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि पर लगी फसलों को नुकसान हो रहा है साथ ही किसानों की भूमि दलदली भी हो रही है क्या? परियोजना के तालाब से सीपेज रोकने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई है उस पर होने वाले व्यय से अवगत कराएं। सीपेज से किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया गया अथवा नही? नहीं दिए जाने की स्थिति में क्या किसानों को फसल नुकसानी से राहत पैकेज उपलब्ध कराया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कोयला आपूर्ति रेलवे लाईन के माध्यम से की जाती है तथा ग्राम गोराडिया के पास रेलवे ओव्हर ब्रिज निर्मित हैं। ब्रिज के दोनों और एप्रोच रोड की कुल लंबाई 1.5 किलोमीटर नहीं अपितु मात्र 460 मीटर है, जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त है। उक्त ब्रिज म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2014 में निर्मित किया गया था व उसका संधारण रेल लाईन के वार्षिक रखरखाव कार्य के अंतर्गत प्रतिवर्ष, नियमित रूप से किया जा रहा है। यह ब्रिज अन्य विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में राखड़ बांध के सीपेज से कुछ कृषि भूमियाँ आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। अत: राखड़ बांध के पानी से खेतों में रिसाव को रोकने हेतु आई.आई.टी. कानपुर के विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर लैगून क्रमांक-एक के पूर्व एवं उत्तर दिशा में पक्की नाली एवं सम्प के निर्माण हेतु कार्य प्रगति पर है। इस कार्य के निर्माण पर होने वाले व्यय की अनुमानित लागत रूपये 2,30,49,566/- है। जी हाँ, राखड़ बांध से जल के रिसाव से हुए नुकसान का आंकलन राजस्व विभाग द्वारा किया गया है तथा आंकलित मुआवजे का भुगतान राजस्व विभाग के माध्यम से किया गया है। प्रभावित कृषकों को वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक किये गये मुआवजा भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनभागीदारी समिति का गठन
[उच्च शिक्षा]
2. ( क्र. 207 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सभी शासकीय महाविद्यालयों में कब से जनभागीदारी समिति का गठन हुआ है? समिति के पदाधिकारियों की सूची एवं जानकारी उपलब्ध करायें। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में जनभागीदारी योजना के तहत दिनांक 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई? नाम, नियुक्ति दिनांक, पद सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) बड़वानी जिले के सभी शासकीय महाविद्यालयों के वर्ष 2015-16 से लेकर 2012-22 तक के जनभागीदारी समिति के अंकेक्षण प्रतिवेदन (ऑडिट रिपोर्ट) की वर्षवार प्रति उपलब्ध करायें। (ग) बड़वानी जिले के सभी शासकीय महाविद्यालयों में विश्व बैंक से प्राप्त राशि के ऑडिट रिपोर्ट (अंकेक्षण प्रतिवेदन) की वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में विश्व बैंक से प्राप्त राशि से फर्नीचर क्रय किया गया था? कितनी राशि का फर्नीचर क्रय किया गया? सूची उपलब्ध कराएं तथा फर्नीचर सामग्री की गुणवत्ता की किस अधिकारी द्वारा जांच की गई? नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बड़वानी जिले के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के गठन एवं पदाधिकारियों की सूची संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' (पृष्ठ क्र. 1 से 5 तक) अनुसार है। शासकीय महाविद्यालय सेंधवा में जनभागीदारी अंतर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2018 से 20 फरवरी 2023 तक नियुक्त कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' (पृष्ठ क्र. 6) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, राशि रूपये 21.86 लाख का फर्नीचर क्रय किया गया। क्रय किए गए फर्नीचर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''4'' अनुसार है। सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम से अनुबंधित तृतीय पक्ष एजेंसी द्वारा कराया गया है, जिसके सदस्य इस प्रकार है - डॉ. अमित, कंट्रोलर प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई, एस.जी.एस. इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल तथा आई.आर. क्लास, भोपाल।
सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ वेतनमान का लाभ
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 747 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-12 में पदस्थ सहायक प्राध्यापकों को सम्पूर्ण अर्हता पूर्ण करने के उपरांत भी वरिष्ठ व प्रवर श्रेणी वेतनमान को क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ख) सभी अर्हता पूर्ण करने की विभाग एकजाई जानकारी मंगवाकर वरिष्ठ व प्रवर श्रेणी वेतनमान हेतु सूची कब तक जारी कर देंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2011-12 में नियुक्त प्राध्यापकों, जिनके द्वारा वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान हेतु अर्हताएं पूर्ण कर ली गई है एवं आवेदन प्राप्त हुए, को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत किया जा चुका है एवं यह प्रक्रिया सतत् है। (ख) निर्धारित प्रक्रियानुसार कार्यवाही सतत् है।
सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ वेतनमान का लाभ
[उच्च शिक्षा]
4. ( क्र. 751 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-2012 में पदस्थ सहायक प्राध्यापकों को समस्त अर्हताएं पूर्ण होने के उपरांत भी वरिष्ठ वेतनमान का लाभ नहीं दिया है? (ख) उक्त लाभ नहीं दिया है, तो कब तक दे दिया जायेगा? (ग) नियमानुसार यह लाभ वर्ष 2017-18 तक देना था, लेट-लतीफी के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2011-12 में नियुक्त प्राध्यापकों, जिनके द्वारा वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान हेतु अर्हताएं पूर्ण कर ली गई है एवं आवेदन प्राप्त हुए, को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान स्वीकृत किया जा चुका है एवं यह प्रक्रिया सतत् है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एम. मॉनिट के स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 784 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भांडेर के संबंध में विषय अंकित कार्य आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुआ क्यों? (ख) नगरीय सीमा भांडेर में भू-माफिया द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण को लेकर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) कब्रिस्तान की भूमि सरसई रोड पर भू-माफिया द्वारा अतिक्रमण किए जाने पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद भाण्डेर में वर्ष 2019-20 में सी.एम. मॉनिट के प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निकाय सीमा अंतर्गत अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस जारी किये जाकर 99 अतिक्रमण हटाए गए, शेष को हटाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) कब्रिस्तान की भूमि सरसई रोड पर शकील पठान पुत्र मुन्ना पठान, निवासी भाण्डेर द्वारा किये गये अतिक्रमण को निकाय द्वारा हटा दिया गया है। वर्तमान में उक्त स्थान पर कोई भी अतिक्रमण नहीं है।
हितग्राही मूलक योजनायें
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 818 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनायें संचालित हैं? उनमें पात्रता की क्या-क्या शर्तें हैं तथा किस-किस योजना में कितने-कितने हितग्राही फरवरी 2023 की स्थिति में लाभ प्राप्त कर रहे है? (ख) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना, मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजना में कितने व्यक्ति पंजीकृत हैं? निकायवार, वार्डवार संख्या बतायें? (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजना में पंजीयन करवाने हेतु गरीब, मजदूर को क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है? पंजीयन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? पटवारी से रिपोर्ट क्यों लगवाई जाती है कारण बताये। (घ) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजना में पंजीयन हेतु मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? कितने हितग्राहियों को पंजीयन किया, किन-किन आवेदन पत्रों को क्यों निरस्त किया? कारण बतायें तथा किन-किन के प्रकरण लंबित हैं तथा क्यों उनका कब तक निराकरण होगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना में पंजीयन करवाने हेतु गरीब पात्र हितग्राहियों/श्रमिक की निम्न अर्हताएं हैं, जैसे हितग्राही करदाता ना हों 18 से 60 वर्ष के मध्य आयु हो, शासकीय कर्मचारी ना हों, एक हेक्टेयर से अधिक भूमि ना हो। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" एवं "द" अनुसार है।
शिकायतों का निराकरण
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 819 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में दिनांक 1 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में केन्द्रीयकृत नंबर 1912, सी.एम. हेल्पलाईन 181, माननीय सांसद तथा विधायकों के पत्रों के माध्यम से बढ़े हुए बिजली के बिल की समस्या, बोल्टेज की समस्या, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, 5 हार्सपॉवर की मोटर में 7.50 हार्सपॉवर का बिजली बिल देने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) उनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण हुआ तथा कितनी शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों कब तक निराकरण होगा? (ग) अविद्युतीकृत ग्राम, मजरा टोला, बसाहट के विद्युतीकरण हेतु राज्य/केन्द्र शासन की कौन-कौन सी योजना संचालित हैं तथा रायसेन जिले में कौन-कौन से ग्राम मजरा टोला, बसाहट तथा ग्राम अविद्युतीकृत है, उनका कब तक विद्युतीकरण होगा? (घ) रायसेन एवं बरेली संभाग में स्वीकृत किन-किन 33/11 के.व्ही. विद्युत सबस्टेशन का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? 33/11 के.व्ही. विद्युत सबस्टेशन की क्षमता वृद्धि के संबंध में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को विगत 1 वर्ष में प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन एवं बरेली संचालन-संधारण संभागों में प्रश्नांश में उल्लेखित समस्याओं/मांगों के संबंध में केन्द्रीयकृत नंबर 1912 पर कुल 876, सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर कुल 5275 एवं रायसेन जिले के माननीय विधायकों से कुल 28 शिकायतें प्राप्त हुई तथा रायसेन जिले के माननीय सांसद महोदय से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित केन्द्रीयकृत नंबर 1912, सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल तथा माननीय विधायकों के पत्रों के माध्यम से प्राप्त सभी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) वर्तमान में अविद्युतीकृत ग्रामों/ मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी योजना संचालित नहीं है। रायसेन जिले के अंतर्गत सभी राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में प्रचलित विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) संचालन/संधारण संभाग रायसेन में 02 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों एवं संचालन-संधारण संभाग बरेली में 03 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य स्वीकृत हुए हैं जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं तथा निविदा कार्यवाही उपरान्त चयनित क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कार्य आरंभ कर दिया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि के संबंध में विगत 1 वर्ष में ऊर्जा मंत्री एवं विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के माननीय विधायकों श्री रामपाल सिंह एवं श्री देवेन्द्र सिंह पटेल से कुल पाँच पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं में परीक्षणोंपरान्त नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया है। उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से अपेक्षित है। उक्त के अतिरिक्त एक पत्र म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्राप्त हुआ है, जिस पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
रोड निर्माण की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 929 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले राजगढ़ में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं? इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो जानकारी न देने का क्या कारण है व कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मौखिक निर्देशानुसार समय-समय पर चाही गई जानकारी उपलब्ध कराई गई है। जानकारी चाहे जाने पर दी गई है। जानकारी न देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
बायपास निर्माण की कार्ययोजना
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 991 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा नगर राजगढ़ जिले का सबसे बड़ा नगर व व्यवसाय केंद्र है यदि हाँ, तो ट्रैफिक व आवागमन व्यवस्था के लिए शासन द्वारा क्या उपाय किया गया? (ख) ब्यावरा नगर में ट्रैफिक प्रबंधन करने हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गई हैं? क्या आस-पास के गांव के समस्त वाहन नगर में प्रवेश कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या सुठालिया रोड लोधीपुरा जोड़, हबीपुरा, निलगिरी आश्रम, डकोरा रोड, मोतीपुरा, बहादुरपुरा, बालापुरा, लसूडियागुर्जर होते हुए भोपाल रोड खजुरिया जोड़ तक बाईपास बनाए जाने की कोई कार्य योजना तैयार की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि कार्य योजना तैयार की गई है तो शासन उस पर कब तक कार्य प्रारंभ करेगा? यदि नहीं तो क्या भविष्य में इस बाईपास को बनाए जाने हेतु सर्वे कब तक करवाया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ट्रैफिक व आवागमन की व्यवस्था विभाग द्वारा संचालित नहीं की जाती है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम टोलों में विद्युतीकरण की व्यवस्था
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 1020 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के समस्त ग्राम एवं टोलों में विद्युतीकरण हो चुका है? (ख) यदि नहीं तो ग्राम टोलों के नाम बतायें जहां विद्युतीकरण नहीं हुआ है? (ग) क्या शासन द्वारा सभी ग्रामों टोलों में विद्युतीकरण किये जाने के आदेश हैं? (घ) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत ग्राम घुघरी के गडरिया टोला के 20-25 घरों में विद्युतीकरण क्यों नहीं किया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, जिला जबलपुर के समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ववर्ती ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कराया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ववर्ती ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कराया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त विद्युतीकरण योजनाओं के कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी योजनाएं क्लोज हो चुकी है तथा पूर्ववर्ती योजनाओं के क्लोज होने के उपरांत निर्मित घरों/बसाहटों/मजरों के विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (घ) जबलपुर जिले के पनागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत घुघरी ग्राम के पास गढ़रिया टोला नाम से आधिकारिक तौर से नोटिफाईड कोई टोला नहीं है, अपितु कृषकों द्वारा खेतों में स्वयं की जमीन पर मकान बना लिये गए हैं। उल्लेखनीय है कि उक्त घरों का निर्माण पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं के क्लोज होने के उपरांत हुआ है तथा इन पूर्ववर्ती योजनाओं के प्रावधानों के अंतर्गत भी वित्तीय/तकनीकी साध्यता के दृष्टिगत खेतों में बने घरों को विद्युतीकृत करने का प्रावधान नहीं था। उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में भी विद्युतीकरण की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। अत: प्रश्नाधीन विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया जा सका है।
कान्ह/सरस्वती नदी की सफाई में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 1126 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्दौर में कान्ह/सरस्वती नदी पर कितने वर्षों से नाला सफाई नाला टेपिंग/सीवरेज का कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 15 वर्षों में कब-कब, कितनी-कितनी राशि विभिन्न कार्यों पर व्यय की गई? किन अधिकारियों के निर्देशन में कार्य कराये गये? अधिकारियों द्वारा कार्यों का निरीक्षण प्रमाणिकरण कब-कब किया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या निगम द्वारा कान्ह/सरस्वती नदी में सभी आउट काल/गंदा पानी बंद होने का दावा किया गया? उसके पश्चात भी नदियों में गंदा पानी आ रहा है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? कारण स्पष्ट करें? वर्तमान में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कान्ह/ सरस्वती नदी के पानी के दूषित होने की क्या रिपोर्ट प्रस्तुत कि गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या वर्षों से कान्ह/सरस्वती नदी पर किये गये कार्यों कि जांच कर भ्रष्टाचार कर करोड़ों रूपये कि आर्थिक हानि पहुँचाने वाले ठेकेदार, अधिकारियों पर निगम कार्यवाही करेगा? हाँ या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम इंदौर में कान्ह/ सरस्वती नदी पर वर्ष 2004 से नाला सफाई, नाला टेपिंग/सीवरेज का कार्य किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान पदस्थ अभियंता एवं कन्सलटेंट फर्म द्वारा तत्समय निर्माण कार्य के अनुबंध के प्रावधानों के अंतर्गत कार्य कराये गये। पदस्थ अभियंता एवं सुपरविजन कन्सलटेंट द्वारा निर्माण कार्यों का निरंतर निरीक्षण व मेजरमेंट, रिकॉर्ड सामग्री का परीक्षण आदि का प्रमाणीकरण करते हुए कार्य निष्पादित कराये गये। (ग) जी हाँ। जी हाँ। सीवर का जनरेशन अत्यधिक होने एवं किसी लाईन में रूकावट/चोक होने तथा लाईन में बैंक फ्लो/ओवर फ्लो की स्थिति निर्मित होने से नदी या नाले में सीवर के ओवर फ्लो होने की स्थिति उत्पन्न होती है। जी हाँ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कान्ह/ सरस्वती नदी के पानी के दूषित होने कि रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) नगर निगम इंदौर द्वारा कान्ह/सरस्वती के शुद्धिकरण के निरंतर प्रयास के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छता निरीक्षकों की पदपूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र.
1309 ) श्री
सचिन बिरला : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
शासन के नगरीय
आवास एवं विकास
विभाग द्वारा
स्वच्छता
निरीक्षक के
पदों पर
नियुक्ति के
लिये लोकल
सेल्फ
गवर्नमेंट
डिप्लोमा
(एल.एस.जी.डी.)
डिप्लोमा
कोर्स
संचालित किया
जाता है? यदि हाँ तो
इसका
प्रशिक्षण
प्राप्त करने
के लिये
शैक्षणिक
अर्हता क्या
है? (ख) नगरीय
विकास एवं
आवास विभाग
अंतर्गत
स्वच्छता
निरीक्षक के
पद पर
नियुक्ति
हेतु
शैक्षणिक
अर्हता क्या
है? एल.एस.जी.डी.
का डिप्लोमा
जिन-जिन पदों
के लिये अर्हता
माना गया है, उनके
पदनाम एवं
शैक्षणिक
अर्हता भी
बताई जावे? (ग) क्या
स्वच्छता
निरीक्षक के
पद पर
नियुक्ति हेतु
विज्ञान विषय
में स्नातक
होना आवश्यक
है? यदि
हाँ तो कॉमर्स
या अन्य विषय
से उत्तीर्ण
जिन युवाओं के
द्वारा
एल.एस.जी.डी. का
डिप्लोमा
प्राप्त किया
है, वे
स्वच्छता
निरीक्षक पद
हेतु अर्हता
होंगे अथवा
नहीं?
(घ) प्रदेश
के विभिन्न
निकायों में
स्वच्छता निरीक्षक
एवं सहायक
स्वच्छता
निरीक्षक के
कितने पद
रिक्त हैं? इन
पदों की
पूर्ति हेतु
नियुक्ति
प्रक्रिया कब
प्रारंभ की
जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी
नहीं। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जी
हाँ। जी नहीं।
(घ) जानकारी
संकलित की जा
रही है।
नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 1387 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र क्रमांक 664 दिनांक 06.12.2022 के तारतम्य ने माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय ने पत्र क्रमांक 3137/मंत्री/ऊर्जा/2022 भोपाल, दिनांक 24.12.2022 को प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग को राजगढ़ विधानसभा अन्तर्गत नागफनिया (बाईहेडा जोड़) तुमडियाखेड़ी, धनवासकलां, बगा एवं बारोल में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत करने बाबत् पत्र लिखा है? जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रश्न दिनांक तक माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय के पत्र के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही/पत्राचार किया? दिनांक अनुसार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर क्या शासन राजगढ़ विधानसभा में ग्राम नागफनिया (बाईहेडा जोड़) तुमडियाखेड़ी, धनवासकलां, बगा एवं बारोल में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत कर देगा? हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, पत्र दिनांक 24/12/2022 द्वारा प्रश्नाधीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य परीक्षणोंपरांत तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार स्वीकृत करने हेतु निर्देश दिये गये थे। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन पत्र क्रमांक-3137 दिनांक 24/12/2022 के द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक-664, दिनांक 16/12/2022 (दिनांक 6/12/2022 नहीं) में उल्लेखित नागफनिया (बाईहेडा जोड़), तुमडियाखेड़ी, धनवासकलां, बगा एवं बारोल में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना के कार्यों को स्वीकृत किए जाने की मांग पर परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु विभाग को निर्देश दिये गए। तदोपरांत विभाग के पत्र दिनांक 3/1/2023 से म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उक्त निर्देशों के अनुपालन में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर कृत कार्यवाही/वस्तुस्थिति से शीघ्र अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 21/2/2023 द्वारा यह अवगत कराया गया है कि राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नागफनिया (बाईहेडा जोड़), बगा एवं बारोल में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने हेतु प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है एवं उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्यों को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण (मॉडनाईजेशन) में प्रस्तावित किया गया है, जिसकी स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होना शेष है। ग्राम तुमडियाखेड़ी एवं धनवासकलां में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया।
लोक निर्माण विभाग को प्रेषित पत्र पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 1394 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित विषय केंद्रीय सड़क निधि से भोजपुर,खाजला, बारोल, किला अमरगढ़ होते हुये घोड़ापछाड़ तक सड़क निर्माण के संबंध में प्राप्त ई-मेल आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र पंजीयन क्रमांक 599/CMS/MLA/162/2023 दिनांक 23.01.2023 से ACS/PS/Secretary लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किया हैं? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री महोदय के पत्र आधार पर केंद्रीय सड़क निधि से भोजपुर, खाजला, बारोल, किला अमरगढ़ होते हुये घोड़ापछाड़ तक केंद्रीय सड़क निधि से कार्य स्वीकृत कर देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से पंजीयन क्रमांक 599/सी.एम.एस./एम.एल.ए./162/2023 भोपाल, दिनांक 23.01.2023 नहीं अपितु पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय से पंजीयन क्रमांक 600/सी.एम.एस./एम.एल.ए./162/2023 भोपाल, दिनांक 23.01.2023 से विभाग को प्राप्त हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण में आने वाले भवन एवं दुकान का अर्जन
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 1417 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा किस-किस मद एवं योजना की राशि से निर्मित किए जाने वाली सड़कों की सीमा में आने वाले मकान एवं दुकान के अर्जन की कार्यवाही किस कानून की किस-किस धारा में दिए गए प्रावधान के अनुसार विभाग के द्वारा की जाती हैं? (ख) सड़क निर्माण के लिए मकान एवं दुकान के अर्जन से प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में विभाग किस-किस कानून की किस-किस धारा और किस-किस अनुसूची के अनुसार पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन बावत् क्या-क्या कार्यवाही करता हैं? पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन से विभाग को क्या-क्या छूट मिली हुई हैं? (ग) बैतूल जिले में एन.एच. 59ए के टू लेन हेतु किस ग्राम के किस-किस व्यक्ति का मकान एवं दुकान अर्जित किया उसमें से किसे कितने क्षेत्रफल पर निर्मित मकान एवं दुकान के लिए कितना मुआवजा दिया गया? किस-किस के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन बावत् कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण हैं? कब तक पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा योजना मद रेग्यूलर कॉन्ट्रेक्ट, बी.ओ.टी., टोल, टोल+एन्यूटी, एन्यूटी, ई.पी.सी. इत्यादि अंतर्गत भू-अर्जन, पुर्नवास एवं पुनर्व्यवस्थापन पारदर्शित का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 3 (त) एवं धारा 29 एवं आपसी सहमति से भूमि क्रय निति 2014 की धाराओं के अंतर्गत राजस्व विभाग के द्वारा दी जाती है। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मद 5054 में अर्जन की कार्यवाही राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 धारा 3 एवं भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्विस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार किया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला बैतूल तहसील बैतूल का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं जिला बैतूल, तहसील चिचौली का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सीमा में शामिल ग्रामों में मोहल्ला समिति का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 1418 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा नगर पालिका निगम की सीमा में कौन-कौन सा राजस्व ग्राम अधिसूचित है? किस राजस्व ग्राम की सीमा में कितनी-कितनी खाता मद की भूमि एवं कितनी-कितनी गैरखाता मद में किस-किस मद की भूमि पटवारी अभिलेखों में दर्ज है? (ख) राजस्व ग्रामों के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी आदि की प्रति निगम कार्यालय में भी संधारित किए जाने के संबंध में क्या-क्या प्रावधान है? किस नगर निगम में शामिल कितने राजस्व ग्रामों के मानचित्र, अभिलेख निगम कार्यालय में उपलब्ध हैं? (ग) किस नगर निगम ने जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार किस आदेश क्रमांक दिनांक से कितने-कितने सदस्यों की मोहल्ला समिति का गठन किया? इस संबंध में राज्य शासन ने कब-कब पत्र जारी किया उसका पालन किन कारणों से नहीं किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम भोपाल एवं रीवा में कोई ग्राम अधिसूचित नहीं है। नगर पालिक निगम इंदौर में कुल 48, जबलपुर में कुल 55 एवं ग्वालियर में कुल 80 राजस्व ग्राम अधिसूचित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश विभाग से संबंधित नहीं। (ख) वर्तमान में राजस्व ग्रामों में अपडेटैड जानकारी जैसे मानचित्र, खसरा पंजी क्रमांक के अभिलेख शासन की वेबसाईट, भू-अभिलेख पर (ऑनलाईन) उपलब्ध है ऐसी स्थिति में पृथक से संधारित किये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) नगर पालिक निगम भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा में वन अधिकार कानून 2006 के प्रावधान अनुसार मोहल्ला समिति के गठन न होने से जानकारी निरंक है।
अटल एक्सप्रेस-वे को स्वीकृति
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 1468 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 05 सुमावली के 12 ग्राम पंचायतों से होकर नवीन अटल एक्सप्रेस का सर्वे किया जा रहा है जिससे लगभग दो हजार किसानों की उपजाऊ व सिंचित भूमि उक्त सर्वे में आ रही है? बिना किसानों की सहमति के उक्त सर्वे कार्य को क्यों न तुरंत रोका जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पूर्व में अटल एक्सप्रेस का सर्वे चंबल नदी के किनारे व उसके बिहड़ों से होकर किया गया था, जिससे सभी क्षेत्रवासी संतुष्ट थे, किंतु अचानक किन-किन कारणों से पुराने सर्वे को निरस्त कर नवीन सर्वे किया जा रहा है क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि उक्त सर्वे कार्य नहीं रोका गया तो हजारों की संख्या में किसान भूमिहीन व बेरोजगार हो जायेगा। क्या म.प्र. शासन ऐसा चाहेगा? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो तुरंत सर्वे कार्य को रोका जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सम्बंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
आयुष औषधालय निर्माण एवं संचालन
[आयुष]
18. ( क्र. 1489 ) श्री संजय यादव : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा आने वाले जनपद पंचायत जबलपुर/शहपुरा भिटौनी में आयुष विभाग के द्वारा आयुष औषधालयों का निर्माण करवाया गया है? तो बताया जावे, कितने आयुष औषधालय प्रारंभ हुये कितने का संचालन नहीं हो रहा है? जिन औषधालयों का निर्माण पूर्ण हो गया है उनका संचालन क्यों नहीं कराया जा रहा है? (ख) विभाग द्वारा ग्राम पंचायत सुकरी, सगडा झपनी में नवनिर्मित भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं तो उक्त निर्माण कार्यों को पूर्ण क्यों नहीं कराया जा रहा है? यदि विभाग की मंशा निर्माण कार्यों को अपूर्ण ही रखी जाना है तो इनका लोकार्पण क्यों नहीं करवाया जा रहा है? (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017 से 2022 तक विभाग द्वारा स्वीकृत जिन आयुष औषधालय भवनों का निर्माण होना शेष है? सूची दी जावे। लंबित आयुष औषधालय भवनों का निर्माण कब तक पूर्ण करवाया जावेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। 01 में संचालन। 02 अन्य किराये के भवन में संचालित। निर्माण कार्य पूर्ण भवन में औषधालय संचालित किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्य प्रचलन में है। जी नहीं, निर्माण कार्य पूर्ण होने पर लोकार्पण किया जाएगा। (ग) शासकीय आयुर्वेद औषधालय सुकरी एवं संगडा निर्माण कार्य प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
जल एवं ताप विद्युत बंद इकाइयों में सुधार
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 1509 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की जल एवं ताप विद्युत इकाइयों में जून 2020 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. के किस ताप एवं जल विद्युत गृहों की इकाइयां उनकी उत्पादन क्षमता मेगावॉट में किन तकनीकी कारणों से कितने दिन तक बंद रही इकाइयों का विवरण क्षमतावार ताप विद्युत गृहवार एवं कितनी अवधि तक बंद रही किस कारणों से बंद रही? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त इकाइयों के सुधार हेतु कितनी राशि खर्च की गयी? खर्च की राशि का विवरण एवं किन-किन फर्मों को सुधार हेतु कार्यादेश जारी किये गये उनका भी विवरण बतावें एवं कार्यादेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? इन इकाइयों को कितने अवधि तक बंद रखा गया इससे कितनी बिजली उत्पादन का नुकसान हुआ मिलियन यूनिट एवं करोड़ यूनिट में बतावें एवं इसकी कितनी राशि की भांति कंपनी को नुकसान हुआ हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की जल एवं ताप विद्युत इकाइयों की जून 2020 से जनवरी 2023 तक तकनीकी कारणों से बंद होने संबंधी इकाईवार तथा क्षमतावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ताप विद्युत इकाइयों में दो तरह के रख-रखाव होते है यथा वार्षिक रख-रखाव एवं नियमित रख-रखाव। इकाइयों के तकनीकी रूप से बंद होने की दशा में एवं सामान्य रूप से संयंत्रों में कार्य की आवश्यकता के लिए नियमित रख-रखाव के आदेश दिये जाते हैं। अतः इकाइयों के तकनीकी कारणों से बंद होने पर हुए खर्चे की अलग से गणना करना संभव नहीं है। जल विद्युत गृहों में इकाई बंद होने पर सुधार हेतु दिये गये कार्यादेशों का विवरण एवं छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इकाइयों के बंद होने की समय अवधि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, कई बार इकाइयां सामान्य तकनीकी कारणों से बंद होने पर कुछ ही घंटों में संचालित कर ली जाती है। अतः ऐसी ट्रिपिंग की अवधि एक दिन के अंश के रूप में दर्शायी गई है। कई इकाइयों के तकनीकी कारणों से बंद रहने के कारण उत्पादन हानि (मिलियन यूनिट) का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की जल एवं ताप विद्युत इकाइयों के तकनीकी कारणों से बंद होने की अवधि में विद्युत गृहों को स्थायी प्रभार के रूप में कमतर वसूली हुई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
नगर परिषद पृथ्वीपुर जिला निवाड़ी के कर्मचारियों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र.
1510 ) श्री
बैजनाथ
कुशवाह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर परिषद
पृथ्वीपुर
जिला निवाड़ी
के प्रस्ताव
क्रमांक 13
दिनांक 4/12/2010 में जल
प्रदाय शाखा
में अकुशल
श्रमिक की दर
पर मस्टर रोल
पर कर्मचारी
रखे गये थे? यदि
हाँ, तो
श्रमिक का नाम, पता
सहित सम्पूर्ण
विवरण देवें? (ख) क्या
निर्धारित
पात्रता न
रखने पर भी
मस्टर रोल पर
श्रमिक को रखा
गया तथा मस्टर
रोल में
छेड़-छाड़ कर
हेरा-फेरी की
गई? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
वर्णित
श्रमिकों की
सूची एवं उनको
विनियमित
करने की तारीख
व परिषद के
प्रस्ताव
सहित जानकारी
देवें? पुष्पेन्द्र
यादव किस पद
पर कब से
कार्यरत है? सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (घ) क्या
अनियमित
तरीके से किये
गये विनियमित
कर्मचारी मस्टर
रोल क्रमांक 4/95, दिनांक
2/4/2007
मास्टर रोल
क्रमांक 75
दिनांक 14/5/2007 में
छेड़-छाड़ की
गई तथा उक्त
जानकारी
कार्यालय के
स्टोर
रिकॉर्ड में
नहीं है। इसके
लिये कौन दोषी
है? छेड़-छाड़
करने वालों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
हाँ, तो
क्या? यदि नहीं तो
क्यों तथा कब
तक कार्यवाही
की जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी
नहीं। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
(ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) में
वर्णित
श्रमिकों की
सूची पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
पी.आई.सी. के
प्रस्ताव
क्रमांक 12
दिनांक 07/09/2017 द्वारा
लिए गए
निर्णयानुसार
दैनिक वेतन
भोगी
श्रमिकों का
विनयिमितीकरण
किया गया है।
श्री पुष्पेन्द्र
सिंह यादव
दिनांक 01/11/2006 से श्रमिक
के रूप में
तथा दिनांक 13/10/2017 से
अर्द्धकुशल
श्रेणी
वेतनमान में
स्थायीकर्मी
के रूप में
कार्यरत हैं। (घ) मस्टर
रोल क्रमांक 4/95
दिनांक 02/04/2007 एवं व्हा.
क्रमांक 75
दिनांक 14/05/2007 जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
उक्त मस्टर
रोल/व्हा.
क्रमांक की
मूल प्रति
कार्यालय में
उपलब्ध नहीं
हो रही है
जिसके संबंध
तत्कालीन
कर्मचारियों/सेवानिवृत्त
कर्मचारियों
को उक्त
वहा./मस्टर
रोल की मूल
प्रति उपलब्ध
कराने हेतु
सूचना पत्र
जारी किया गया
है जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
पदोन्नति में अनियमितता
[ऊर्जा]
21. ( क्र.
1550 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा)
[श्री बैजनाथ
कुशवाह] : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड जबलपुर
में प्रबंध
संचालक मंजीत
सिंह जब सहायक
यंत्री (उत्पादन)
थे और इनके
द्वारा इसी
अवधि में
आई.सी.डब्ल्यू.ए.
उत्तीर्ण
करके मध्यप्रदेश
विद्युत मण्डल
के आदेश
क्रमांक PD-I/F-163/42-43
जबलपुर
दिनांक 15.03.2000 के तहत
सहायक यंत्री (उत्पादन)
को समान पद पर
लेखाधिकारी
पद के समान पद परिवर्तन
(कैडर चेंज)
वित्तीय
संकाय में
संविलियन
किया जा रहा
था किंतु उपवाद
स्वरूप
श्री मंजीत
सिंह बतौर
सहायक यंत्री
रहते हुये
परंतु
वर्तमान पद
अतिरिक्त
कार्यपालन
यंत्री (TBPS) समयबद्ध
योजना (जो कि
कार्यपालन
यंत्री के पद का
उच्च वेतन
आहरण कर रहे
थे) परंतु
कार्यपालन
यंत्री नहीं
रहते हुये, को
वरिष्ठ
लेखाधिकारी, प्रथम
श्रेणी
कार्यपालन
यंत्री के
समकक्ष अनुचित
तरीके से
बनाया गया हैं, अवगत
करावें। (ख) प्रबंध
संचालक, मंजीत सिंह
के कार्यकाल
दिनांक 26.05.2020 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने सहायक
यंत्रियों को
अपनी भांति
कार्यालयीन
टीप (नोटशीट) के
द्वारा BOD (बोर्ड ऑफ
डायरेक्टर)
बैठक में
प्रस्ताव
पारित कर
अनुमोदन
उपरांत बोर्ड
ऑफ डायरेक्टरों
के सभी सदस्यों
के हस्ताक्षर
कराकर कितने
कार्मिकों को
अपने समान प्रक्रिया
से पद
परिवर्तन कर
पदोन्नति
प्रदान की गई
है, लाभान्वित
कार्मिकों की
सूची नाम पद
सहित अवगत
करावें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ। म.प्र.
पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड के
वर्तमान
प्रबंध
संचालक श्री
मंजीत सिंह जब
सहायक यंत्री
(उत्पादन) थे, के
द्वारा इसी
अवधि में
आई.सी.डब्ल्यू.ए.आई.
उत्तीर्ण की
गई एवं उनके 10 वर्ष
के तकनीकी
अनुभव, अतिरिक्त
कार्यपालन
अभियंता (TBPS) के
तत्समय पद
(कार्यपालन
अभियंता का
वेतनमान
प्राप्त), उनकी
शैक्षणिक
योग्यता, आई.सी.डब्ल्यू.ए.आई.
को देखते हुए
मध्यप्रदेश
राज्य
विद्युत मण्डल
के आदेश
दिनांक 03.02.2000 के द्वारा
उन्हें
वरिष्ठ
लेखाधिकारी
के पद पर
नियुक्ति
प्रदान की गई थी, यह
अवश्य है कि
म.प्र.
विद्युत मंडल
के आदेश
क्रमांक PD-1/F-163/42-43
दिनांक 15.03.1980 (दिनांक 15.03.2000
नहीं) में
आई.सी.डब्ल्यू.ए.आई.
उपाधिधारी
हेतु
लेखाधिकारी के
पद पर चयन के
प्रावधान है। (ख) प्रबंध
संचालक, श्री मनजीत
सिंह के
कार्यकाल
दिनांक 26.05.2020 से प्रश्न
दिनांक तक
किसी भी
कार्मिक को पद
परिवर्तन कर
पदोन्नति
प्रदान नहीं
की गई है। अत:
शेष प्रश्न
लागू नहीं।
शासकीय आवासों के मरम्मत/अतिरिक्त निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 1572 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग नया संभाग भोपाल अंतर्गत शिवाजी नगर एवं तुलसी नगर के विभिन्न अनुभाग अंतर्गत सेक्शनों में शासकीय आवासों की मरम्मत/अतिरिक्त निर्माण कार्यों के लिये मई-जून 2022 से 31.12.2022 तक किन-किन आवंटितियों के कितनी राशियों के प्राक्कलन विभाग से प्राप्त हुए हैं? (ख) क्या प्रश्नांकित प्राक्कलनों में से कई प्राक्कलन एस.ओ.आर. बदलने या नई एस.ओ.आर. के कारण दोबारा प्रेषित किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्राक्कलनों की स्वीकृति देकर निर्माण कार्य प्रारंभ हुए हैं? कितने प्राक्कलन किन कारणों से स्वीकृति हेतु लंबित हैं, इन्हें कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (ग) क्या ई.ई./एस.ई. स्तर पर प्राक्कलनों की स्वीकृति जान-बूझकर अथवा भेदभाव पूर्ण रूप से नहीं दी जा रही है? वहीं दूसरी और प्रभावशाली/ई. श्रेणी के आवासों को शीघ्रता से स्वीकृति देकर ई. श्रेणी से छोटे वर्ग के आवासों को स्वीकृति न देकर अन्याय किया जा रहा है? प्रश्नांकित अवधि में 'ई' श्रेणी में आवासों में कब-कब मांग पर क्या-क्या कार्य कराये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। 34 प्राक्कलन स्वीकृत एवं 22 प्राक्कलन लंबित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
खजुराहो डिवीजन में विद्युत पहरी के किए गए कार्य
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 1624 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र खजुराहो डिवीजन में विद्युत पहरी के किए गए कार्य किस ठेकेदार द्वारा किया गया है एवं किस सक्षम अधिकारी द्वारा बिल पास किए गए हैं? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र खजुराहो डिवीजन के अधिकारी का नाम एवं पद उल्लेख करें। यदि गलत पास किए गए हैं तो अधिकारी के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन-संधारण, संभाग खजुराहो क्षेत्रांतर्गत विद्युत प्रहरी योजना दिनांक 01.12.2021 से दिनांक 30.11.2022 तक की अवधि हेतु संचालित थी। उक्त अवधि में योजना के तहत कार्य करने वाले चयनित विद्युत प्रहरी एवं बिल पास करने वाले सक्षम अधिकारियों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है तथा वर्तमान में संचालन-संधारण, संभाग खजुराहो में श्री संजय कुमार, कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित बिल नियमानुसार पास किए गए है, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
एस्सार पॉवर प्लांट की स्वीकृति
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 1730 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले के भांडेर में एस्सार पॉवर प्लांट की स्वीकृति कैबिनेट में हुई है? यदि हाँ, तो कब? (ख) स्वीकृत एस्सार पॉवर प्लांट का एम.ओ.यू. कब तक हस्ताक्षरित किया जाएगा? (ग) एस्सार पॉवर प्लांट का प्रारंभ कब तक किया जाएगा? कार्य पूर्ण होने की निर्धारित समय-सीमा से अवगत कराएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, दतिया जिले के भाण्डेर में मेसर्स एस्सार पॉवर लिमिटेड द्वारा पूर्व में प्रस्तावित नेप्था/प्राकृतिक गैस आधारित 330 मेगावॉट ऊर्जा परियोजना की स्थापना हेतु अधिगृहित/आवंटित भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना हेतु उक्त भूमि उनकी ग्रुप कंपनियों को सब-लीज पर देने व भूमि उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति दिनांक 07.06.2022 को सम्पन्न मंत्रि-परिषद बैठक में प्रदान की गई है। (ख) राज्य शासन द्वारा मेसर्स एस्सार पॉवर लिमिटेड व उनकी ग्रुप कंपनियों के साथ एक अनुबंध निष्पादित किया जाना प्रकियाधीन है। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मेसर्स एस्सार पॉवर लिमिटेड द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार परियोजना का कार्य फरवरी-2025 में पूर्ण किया जाकर अप्रैल, 2025 से वाणिज्यिक उत्पादन किए जाने का कार्यक्रम है।
ग्रामीण अंचलों में विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 1742 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा में विकासखण्ड नटेरन के अन्तर्गत कौन-कौन से ग्राम मोहल्ले, मजरा, टोले विद्युतविहीन है? स्थान सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में यदि विद्युत विहीन हैं तो इनमें विद्युतीकरण कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा जिले के विकासखंड नटेरन के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्राम एवं उनके चिन्हित मजरे/टोले/बसाहटें पूर्व से ही, विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत विद्युतीकृत किये जा चुके हैं। विकासखण्ड नटेरन के अंतर्गत कोई भी अधिसूचित ग्राम/ मोहल्ला/मजरा/टोला विद्युतविहीन नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मैरिज गार्डनों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1743 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत विकासखण्ड विदिशा एवं नटेरन में आज दिनांक तक कितने मैरिज गार्डनों को संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई हैं? अनुमति की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) उक्त विकासखण्डों में क्या ऐसे मैरिज गार्डन भी हैं जो बगैर अनुमति के संचालित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र विदिशा में किसी के भी द्वारा मैरिज गार्डन संचालित करने विधिवत अनुमति हेतु आवेदन एवं आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये न ही कोई अनुमति जारी की गई तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम रंगई स्थित 02 मैरिज गार्डन क्रमश: वृंदावन मैरिज गार्डन एवं भंडारी पैलेस को अनुविभाग स्तर पर व्यवसायिक उपयोग हेतु व्यपवर्तन किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र शमशाबाद में आर.एम. मैरिज गार्डन मोहनपुरा को अनुविभाग स्तर पर व्यवसायिक उपयोग हेतु डायवर्सन किया गया है शेष जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ, नगरीय क्षेत्र विदिशा में प्रारंभिक सर्वेक्षण में पाया गया कि 62 मैरिज गार्डन बिना अनुमति संचालित हो रहे है। विभाग द्वारा दिनांक 06 जनवरी 2021 म.प्र. राजपत्र असाधारण में निर्धारित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है। बिना अनुमति संचालित मैरिज गार्डन के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही हेतु सर्वेक्षण किया जा रहा है तथा नगरीय निकाय शमशाबाद में कुछ भवनों का उपयोग मैरिज गार्डन के रूप में किया जा रहा है उक्त भवन मालिकों को निकाय स्तर से नोटिस जारी किये गये है तथा अन्य ग्रमीण क्षेत्रों की जानकारी निरंक है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों की स्थिति
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 1760 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा अंतर्गत विगत 4 वर्षों में विभाग द्वारा किस-किस योजना के तहत कहां से कहां तक कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से सड़क कब-कब बनाई गई? निर्मित सड़कों को किन-किन शासकीय सेवकों के परिवेक्षण में किस ठेकेदार द्वारा निर्मित किया गया? वर्तमान में सड़कों की हालत क्या हैं? सड़कवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित सड़कों के निर्माण उपरांत किन्ही तकनीकी अधिकारियों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो किस-किस शासकीय सेवक द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया और क्या-क्या प्रतिवेदन दिये गये? यदि नहीं तो क्यों? (ग) पवई विधानसभा अंतर्गत कौन-कौन से मार्गों पर नवीन सड़क के निर्माण और किन-किन सड़क मार्गों के मरम्मत की आवश्यकता है? इन सड़कों के निर्माण और मरम्मत पर कितनी-कितनी राशि लगना अनुमानित है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में मार्गों के मरम्मत और निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? इन सड़कों के निर्माण एवं मरम्मत की स्वीकृति किस स्तर पर कब से लंबित हैं? क्या सड़क मार्गों का निर्माण एवं मरम्मत के कार्यों को कराया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों के रपटों पर रेलिंग लगाना
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 1765 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 48 महाराजपुर के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की रोडों पर नालों/नदियों के ऊपर बनाएं गये रपटों पर दुर्घटना रोकने हेतु रेलिंग लगाई जाती हैं जो कितने रपटों पर लगाई गई हैं? यदि नहीं तो क्यों नहीं और कब तक लगाई जायेगी? (ख) नौगांव नगर से गुजरे भड़ार नदी एवं पिपरी रपटा, गर्रोली से सुनाटी रोड पर फिल्टर के साथ का रपटा गर्रोली से अलीपुरा मार्ग के बीच भड़ार पुल टीला के पास, बड़ागांव के बीच गांव से निकले नाले पर बने रपटा आदि स्थानों पर आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं, जिन्हें रोकने हेतु शासन स्तर पर क्या व्यवस्थाएं हैं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। रपटों पर रेलिंग लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। रपटा जलमग्नीय होता है, डूबने की स्थिति में अस्थायी बैरियर लगाकर यातायात बंद किया जाता है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
सड़क चौड़ीकरण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 1776 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र थांदला अंतर्गत मेघनगर मदरानी का चौड़ीकरण की स्वीकृति हेतु बार-बार निवेदन किया गया उसके उपरांत भी आज दिनांक तक उक्त जनहित के कार्य पर क्या कार्यवाही हुई बताने का कष्ट करें। उक्त चौड़ीकरण के अभाव में क्षेत्र के अनेकों लोगों की मृत्यु हुई उसका जिम्मेदार कौन है? कार्य में विलंब क्यों हुआ और कार्य अब कब प्रारंभ होगा और जिन लोगों की मृत्यु हुई उनका जिम्मेदार कौन है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा बार-बार उक्त संबंध में कई बार इस कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग एवं संबंधित अधिकारियों को बारंबार पत्र दिया गया उसके उपरांत भी आज दिनांक तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य नहीं हो पाया? (ग) यह जनहित का कार्य होगा या रोज सड़क चौड़ीकरण के अभाव में मौतें होती रहेगी? कृपया की गई कार्यवाही से अवगत करावे कि कार्य कब प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मेघनगर से नागनवांटबडी मार्ग जो मुख्य जिला मार्ग श्रेणी का है। इस मार्ग के चौड़ीकरण हेतु पत्र दिनांक 02.03.2022 को प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को प्रेषित कर प्रतिलिपि माननीय विधायक जी को उपलब्ध कराई गयी थी। मार्ग की स्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चौड़ीकरण के अभाव में मृत्यु से संबंधित कोई प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मार्ग के चौड़ीकरण का प्रस्ताव विभाग के किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं होने से कार्य प्रारम्भ की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।
गारंटी पीरियड में खराब सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 1821 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के लांजी उपसंभाग के तहत दिघोरी से सिहारी तक रोड जर्जर होने के बावजूद अब तक ठेकेदार द्वारा उसकी मरम्मत क्यों नहीं करायी गयी? उक्त रोड के मरम्मत हेतु कितनी राशि विभाग के पास जमा हैं तथा कब तक रोड का मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा? (ख) बालाघाट जिले में ऐसी कितनी सड़कें है जो गारंटी अवधि में होने के बावजूद न तो मरम्मत कार्य किया जा रहा है ना ही ठेकेदार द्वारा जमा राशि जप्त की जा रही है? रोडों के नाम, ठेकेदार के नाम तथा ठेकेदार द्वारा जमा राशि की जानकारी दें। (ग) लांजी उपसंभाग के तहत मोहझरी से चिखलायाली मार्ग का मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मरम्मत कार्य कराया गया है। राशि रू. 12,18,117/- विभाग के पास जमा है। कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 15.03.2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
प्रयोगशाला तकनीशियनों का वेतनमान
[उच्च शिक्षा]
31. ( क्र. 1822 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1397/1422/2019/3/1 भोपाल, दिनांक 28/11/2019 के द्वारा प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल को क्या कोई पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो पत्र की फोटोप्रति उपलब्ध कराते हुए आज दिनांक तक पत्र पर कार्यवाही न करने के लिए शासन दोषियों पर क्या कार्यवाही करेगा? (ख) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देश के बावजूद अपने प्रयोगशाला तकनीशियन को 4500 रूपये से 7000 रूपये का वेतनमान क्यों नहीं दिया जा रहा है? यह वेतनमान कब से लागू कर दिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रयोगशाला तकनीशियनों को वेतनमान 4500-7000 रूपये में रखे जाने हेतु प्रकरण वित्त विभाग के परामर्श हेतु प्रेषित किया गया, जिसमें वित्त विभाग द्वारा ''वर्तमान में कर्मचारी आयोग का कार्यकाल बढ़ाये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है'' का परामर्श दिया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय हेतु राशि का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
32. ( क्र. 1827 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना सहायतित योजना अन्तर्गत वर्ष 2020 से आज दिनांक तक प्रदेश के किन-किन महाविद्यालयों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु दी गई? उसकी कार्यवार, वर्षवार लागतवार जानकारी देवें। (ख) प्रदेश के महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना सहायतित योजना द्वारा प्रदत्त सामग्री को क्रय करने की प्रक्रिया क्या है? क्या उक्त प्रक्रिया में जिले की स्थानीय स्तर की फर्म/दुकानदार भी भाग ले सकते है? यदि नहीं तो क्यों? क्या उक्त योजना से प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में स्थित महाविद्यालय में दी जाने वाली सामग्री के गुणवत्ता/भौतिक सत्यापन के लिए संबंधित जिले स्तर में कोई समिति का गठन करने की प्रक्रिया है? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 अनुसार निर्धारित प्रक्रिया द्वारा क्रय किया जाता है। जी हाँ। राज्य स्तर पर तृतीय पक्ष एजेन्सी के माध्यम से तथा भण्डार क्रय नियम-2015, अनुसार (महाविद्यालय स्तर पर) गठित समिति द्वारा स्थानीय स्तर पर भौतिक सत्यापन किया जाता है।
निविदाकर्ता द्वारा परफार्मेस गारंटी में मरम्मत
[लोक निर्माण]
33. ( क्र.
1828 ) श्री
राकेश पाल
सिंह : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग/परियोजना
क्रियान्वयन
इकाई में जोनल
टेंडर
आमंत्रित
करने की क्या
प्रक्रिया है? क्या
उक्त जोनल
टेंडर में
स्वीकृत
निविदाकर्ता
से
परफार्मेंस
गारंटी में
मरम्मत कार्य न
करने वाले
ठेकेदारों
द्वारा छोड़े
कार्यों को
कराने के
प्रावधान हैं
अर्थात जोनल
टेंडर में
ओरिजनल वर्क
नहीं कराए जा
सकते हैं? यदि
हाँ, तो
जबलपुर संभाग
के किन-किन
जिलों में
लो.नि.वि.प.क्रि.ई
वर्तमान में
जोनल टेंडर
में निविदाकर्ता
द्वारा
क्या-क्या
कार्य कराये
जा रहे हैं
उनकी लागतवार
जानकारी
देवें। (ख) क्या
प्रदेश के जबलपुर
संभाग में
लो.नि.वि.प्र.कि.ई
में शासन/विभाग
द्वारा पदस्थ
नियमित
परियोजना
यंत्रियों को
कार्यालय
प्रमुख
द्वारा
निर्माण
कार्यों की
गुणवत्ता में
विपरीत
प्रभाव पड़
रहा है? यदि हाँ, तो
परियोजना
इकाई में
पदस्थ नियमित
करने हेतु
क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) ई-निविदा
प्रकिया
(ऑनलाईन) के
माध्यम से
आमंत्रित
किये जाते है।
जी हाँ, जी नहीं।
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं,
शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
म.प्र. गृह निर्माण व अधोसरंचना मंडल की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 1829 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में म.प्र. गृह निर्माण व अधोसंरचना मंडल द्वारा वर्ष 2018 से आज दिनांक तक निर्मित/निर्माणाधीन कार्यों की वर्तमान स्थिति लागत व स्थान सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में विभाग द्वारा उपरोक्त निर्मित/निर्माणाधीन कार्यों का भूमिपूजन/लोकार्पण कराया गया है? यदि हाँ, तो कब और किन-किन जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? क्या इस हेतु शासन/विभाग द्वारा कोई दिशा निर्देश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो उसके उपरांत भी उपरोक्त कार्यों का भूमिपूजन/लोकार्पण जनप्रतिनिधियों द्वारा नहीं कराने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या म.प्र.गृह निर्माण व अधोसरंचना मंडल के पास जिले में निर्माणाधीन/निर्मित कार्यों की पर्याप्त व समुचित देखभाल करने हेतु अमला है अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, 02 निम्नलिखित कार्यों के भूमिपूजन कराये गये:- 1. विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय छपारा में नवीन निर्माण एवं बेरियर फ्री का कार्य जिला सिवनी में श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी, इस्पात एवं ग्रामीण विकास, माननीय राज्य मंत्री, भारत सरकार एवं श्री राकेश पाल सिंह माननीय विधायक की उपस्थिति में भूमिपूजन कराया गया। 2. विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत शासकीय पी.जी. महाविद्यालय में बेरियर फ्री निर्माण कार्य सिवनी जिला सिवनी में माननीय डॉ. ढाल सिंह बिसेन माननीय सांसद सिवनी बालाघाट एवं श्री दिनेश राय ''मुनमुन'' माननीय विधायक सिवनी की उपस्थिति में भूमिपूजन कराया गया। जी हाँ। स्थानीय जन प्रतिनिधियों से समय प्राप्त कर लोकार्पण किया जाना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।
लेमा गार्डन के आवासों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 1913 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने लेमा गार्डन के कितने क्षेत्रफल में कब किस योजना के तहत किस-किस टाइप के कितने-कितने आवासों का निर्माण कितनी राशि में कराया था? इसमें क्या-क्या सुविधाएं हैं एवं कितना खुला मैदान है? मूल योजना क्या थी इसमें स्थानीय निवासी आवासहीनों, विस्थापितों, अल्पसंख्यक व निम्नवर्ग के लिये कितने-कितने आवास सुरक्षित रखे गये? इनकी कितनी कीमत एवं आवंटन की क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई? (ख) प्रश्नांकित निर्मित कितने आवासों का आवंटन कब किया गया एवं कितने आवासों का आवंटन नहीं किया गया एवं क्यों? इनकी सुरक्षा, रखरखाव, देखभाल आदि की क्या व्यवस्था की गई? (ग) प्रश्नांकित कितने आवासों को जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने कब अवैध कब्जाधारकों से किन शर्तों व आश्वासन पर खाली करवाया था? इनके पुनः आवंटन की कब क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई? इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायक व सांसद की क्या भूमिका रखी गई? (घ) प्रश्नांकित कितने आवासों का पुनः आवंटन कब किस आधार एवं किन शर्तों पर किस-किस वर्ग के कितने-कितने आवासहीनों, अल्पसंख्यक, विस्थापितों व अवैध कब्जाधारकों को किया गया? कितने लोगों को आवंटित आवासों का स्वामित्व, कब्जा दिया गया एवं कितने लोगों को कब्जा नहीं सौंपा गया है एवं क्यों? कितने हितग्राहियों ने आवंटित आवासों की एकमुश्त कितनी राशि जमा नहीं की हैं? इसके लिये जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने क्या व्यवस्था की है? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर ने लेमागार्डन के स्वीकृत नक्शे के अनुसार 7.78 एकड़ क्षेत्रफल में राजीव आवास योजना (RAY) के तहत् आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिये 434 आवासों का निर्माण राशि रू. 2786.59 लाख में कराया था। इन आवासों में आधारभूत सुविधाएं (सड़क, नाली, स्ट्रीट लाईट एवं पेयजल व्यवस्था) उपलब्ध करायी गयी है एवं लगभग 2 एकड़ क्षेत्रफल खुला छोड़ा गया है। राजीव आवास योजना के अंतर्गत मलिन बस्तियों में निवास करने वाले शहरी गरीबों को पक्के आवास बनाकर उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इस योजना के लाभान्वित हितग्राही को मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिये। किसी शहरी क्षेत्र में उसके स्वामित्व का कोई रिहायशी भूखण्ड अथवा मकान नहीं होना चाहिये। हितग्राही शहरी गरीबी रेखा सूची में पंजीकृत हो अथवा कमजोर आय वर्ग का हो। पूर्व चयनित स्थलों में भूमि उपलब्ध न होने के कारण वैकल्पिक स्थल लेमागार्डन में स्थित भूमि पर निर्माण कार्य कराया गया है जिनकी स्वीकृति MIC के संकल्प क्र. 21 दिनांक 25/04/2015 के अनुसार ली गयी है। योजना की दिशा निर्देशिका में स्थानीय निवासी, आवासहीनों, विस्थापितों, अल्पसंख्यक व निम्न वर्ग के लिये आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। विकलांग व्यक्तियों के लिये आरक्षण का प्रावधान है। इन आवासों की कीमत रू.3,81,857/- रखी गयी है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पात्र हितग्राहियों को लॉटरी पद्धति के माध्यम से पारदर्शी तरीके से आवासों का आवंटन किया गया है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में 434 आवासों के आवंटन हेतु पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आवेदन आमंत्रित कर लाटरी पद्धति से हितग्राहियों का चयन किया गया है। जिसमें 308 आवासों का आवंटन किया जा चुका है शेष 126 आवासों का आवंटन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रक्रियाधीन है। आवासों का रखरखाव निवासरत हितग्राहियों द्वारा किया जायेगा। (ग) माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सभी 434 आवासों को बिना किसी शर्त एवं आश्वासन के जिला प्रशासन एवं नगर निगम जबलपुर द्वारा दिनांक 20/02/2022 को बिना शर्त अवैध कब्जाधारियों से खाली कराया गया। इनके आवंटन की प्रक्रिया जिला कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त के मार्गदर्शन में दिनांक 23/03/2022 को प्रारंभ की गई एवं रिक्त आवासों की आवंटन प्रक्रिया अभी भी पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रचलन में है। (घ) आवासों के पुनः आवंटन की प्रक्रिया दिनांक 20/05/2022 को ओपन फॉर ऑल के तहत् आवास की हितग्राही अंशदान की राशि एकमुश्त (नगद एवं बैंक ऋण के माध्यम से) जमा कर प्रथम आओ-प्रथम पाओ के आधार पर की गई है। पूर्ण राशि जमा करने वाले 212 हितग्राहियों जिनमें आवासहीन, अल्पसंख्यक एवं विस्थापित सम्मिलित है, को आवास आवंटन किया गया है। शेष हितग्राहियों ने आवंटित आवासों की एकमुश्त राशि जमा नहीं की है। इसलिये नगर निगम द्वारा विभिन्न बैंकों से संपर्क कर बैंक ऋण स्वीकृत कराने की कार्यवाही की जा रही है।
पौधारोपण में हुए व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1916 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने पर्यावरण संरक्षण व शहर को हराभरा रखने हेतु वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? शहर के किन-किन प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर कहां-कहां पर कब-कब कितने-कितने क्षेत्रफल में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का रोपण कितनी-कितनी राशि में किया है तथा वर्तमान में कहां-कहां पर रोपित कितने-कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? रोपित पौधों की सुरक्षा, देखभाल, सिंचाई आदि की क्या व्यवस्था की गई एवं इस पर वर्षवार कितनी राशि व्यय हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में सड़कों का निर्माण, चौड़ीकरण, लेफ्ट टर्न निर्माण व खतरनाक हो चुके यातायात में बाधक कहां-कहां के कब-कब, कितने-कितने पेड़ों की कटाई की गई हैं? कहां-कहां पर कब-कब कितने-कितने वैकल्पित पौधों का रोपण कितनी राशि में कराया हैं? कहां-कहां पर रोपण नहीं कराया गया है एवं क्यों? रोपित पौधों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) जुलाई 2017 में नर्मदा बेसिन में कहां से कहां तक कितने क्षेत्रफल में किस-किस प्रजाति के कितने पौधों का रोपण कितनी राशि में कराया हैं इनकी देखभाल की क्या व्यवस्था की गई? कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? क्या शासन पौधारोपण न कराने, पौधारोपण में राशि का अपव्यय व भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। पौधों की सुरक्षा देखभाल व सिंचाई आदि की व्यवस्था नगर निगम जबलपुर द्वारा स्वयं के संसाधन टैंकर के माध्यम से की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। पौधा रोपण न कराने एवं राशि के अपव्यय संबंधी प्रस्ताव/ शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाती है।
सौर ऊर्जा यंत्र आदि पर शासकीय अनुदान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
37. ( क्र. 1925 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के किसानों को सिंचाई हेतु पंप चलाने के लिए सौर ऊर्जा यंत्र आदि शासकीय अनुदान पर प्रदाय किये जाने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक महेश्वर विधानसभा में कितने किसानों को योजना का लाभ मिला तथा कितनी राशि का आवंटन किया गया? वर्षवार, हितग्राही के नामवार तथा राशिवार जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश के किसानों को शासकीय अनुदान पर, सिचांई पंप चलाने के लिए ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' लागू है। (ख) महेश्वर विधानसभा में ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 में निरंक तथा वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक 07 किसानों को योजना का लाभ मिला, उक्त हेतु केन्द्र व राज्य शासन से कुल रूपये 10,77,182/- की राशि का आवंटन किया गया। वर्षवार, हितग्राही के नामवार तथा राशिवार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बैकुण्ठपुर में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
38. ( क्र. 1961 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने रीवा जिले के विकासखण्ड सिरमौर प्रवास के दौरान बैकुण्ठपुर में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रक्रिया वर्तमान में किस चरण में है? (ख) क्या सत्र 2023-24 में नवीन शासकीय महाविद्यालय बैकुण्ठपुर में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा इस विषय में क्या कार्यवाही की जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बैकुण्ठपुर में अगले सत्र से नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी घोषणा क्रमांक सी 1562 की गई है, जिसके परिप्रेक्ष्य में विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर सहमति/परामर्श हेतु दिनांक 14-11-2022 को वित्त विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। विभाग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में जानकारी चाही गई है, जो शीघ्र वित्त विभाग को प्रेषित की जा रही है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में बिगड़ी हुई विद्युत प्रवाह व्यवस्था
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 1966 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत कुल ऐसे कितने ग्राम हैं जहां ट्रांसफार्मर एवं विद्युत केबल जले हुए हैं? ग्रामवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या विकासखण्ड जवा एवं सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में एक ही स्थान पर विगत वित्तीय वर्ष में कई बार ट्रांसफार्मर बदले गए? यदि हाँ, तो अल्प अवधि में ट्रांसफार्मर खराब होने के क्या कारण हैं? किस कंपनी के द्वारा ट्रांसफार्मर सप्लाई कराये जा रहे हैं तथा गुणवत्ता का क्या मानक अपनाया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में गुणवत्ता विहीन ट्रांसफार्मर प्रदाय करने वाली कंपनी के विरुद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) यह कि विकासखण्ड सिरमौर के ग्राम कोचरी की खराब केबल एवं विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत उपरवार के भौठी टोला में की खराब केबल तथा ग्राम पंचायत बौसड़ के ग्राम ओबरी में थ्री फेस केबल को कब तक बदला जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विकासखण्ड जवा एवं सिरमौर अन्तर्गत विभिन्न ग्रामों में क्रमश: 16 एवं 46 स्थानों पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं तथा क्रमश: 1 एवं 36 स्थानों पर विद्युत केबल खराब है, जिसका प्रश्नाधीन चाहा गया ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, विकासखण्ड जवा एवं सिरमौर अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में विगत वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक ही स्थान पर एक से अधिक बार 6 वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये हैं, जिनका ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों के खराब होने के मुख्य कारण लाईटनिंग एवं ओवर लोडिंग है। विगत एक वर्ष में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मेसर्स अरिहंत ट्रांसफार्मर, इन्दौर, मेसर्स वेबर ट्रांसफार्मर, भोपाल, मेसर्स डायनामेक इलेक्ट्रोपॉवर, भोपाल एवं मेसर्स स्टार डेल्टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, भोपाल से वितरण ट्रांसफार्मर क्रय किये गये हैं। वितरण ट्रांसफार्मर गुणवत्ता के लिए लागू मानक (1) आई.एस. 1180 (भाग-1) एमलगेंटिग आई.एस. 1180 (भाग-2) 1989 एवं आई.एस. 2026 (नवीनतम अंक) संशोधनों सहित एवं (2) आर.ई.सी. के विनिर्देश 2/978 और आई.एस.एस. : 2099 (नवीनतम अंक) संशोधनों सहित हैं। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वितरण ट्रांसफार्मरों का परीक्षण नियमानुसार एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशालाओं से कराया जाता है एवं परीक्षण में निर्धारित मानकों के अनुसार उचित गुणवत्ता पाये जाने पर ही वितरण ट्रांसफार्मरों को मैदानी कार्यालयों को स्थापना हेतु आंवटित किया जाता है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में वितरण ट्रांसफार्मरों के खराब होने का मुख्य कारण लाईटनिंग एवं ओवर लोडिंग है। अत: उक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की जांच/ कार्यवाही की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विकासखण्ड सिरमौर के कोचरी, विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत उपरवार के भौठी टोला तथा ग्राम पंचायत बौसड़ के ग्राम ओबरी की खराब केबल को बदल दिया गया है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी किये गये टेण्डर
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 1996 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के अन्तर्गत वर्ष 2019 से जनवरी 2023 के बीच जारी किए गए टेंडरों की लिस्ट दिनांक और आवंटित किए गए कंपनियों के नाम, पते के साथ देवें। साथ ही किस कंपनी ने समय से कार्य पूर्ण कर लिया उन कम्पनी का नाम, पता, लागत, कार्य का प्रकार, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, अनुबंध के अनुसार कार्य समाप्त करने की दिनांक, कार्य समाप्त होने की दिनांक, कुल भुगतान की गई राशि सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नाधीन कम्पनी में से जिन कम्पनी का कार्य निर्धारित समय के बाद पूरा हुआ, उन कंपनी का नाम, पता, लागत, कार्य का प्रकार, कार्य प्रारंभ की दिनांक, अनुबंध अनुसार कार्य समाप्त करने की दिनांक, कार्य समाप्ति की वास्तविक दिनांक, अवधि का एक्सटेंशन कब-कब किस दिनांक तक का दिया गया? यदि लागत में वृद्धि हुई तो राशि तथा कार्य समाप्त होने पर कुल किया गया भुगतान, सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित कंपनियों में से कितनी कंपनियों के कार्य में अनुबंध के अनुसार गुणवत्ता नहीं होने, यानी हिस्सा खराब होने पर उन पर क्या कार्यवाही की गई? ब्लैक लिस्ट किया गया या नहीं? कार्य की कमी को मिस्टेक को किसके द्वारा ठीक किया गया? उसमें कितनी लागत आई व किसके द्वारा भुगतान की गई तथा कंपनी से कितनी राशि वसूल की गई तथा उसके भुगतान में कितनी राशि काटी गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
सी.सी. रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र.
2004 ) श्री
गोपालसिंह
चौहान : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगरपालिका
अशोकनगर के
वार्ड
क्रमांक 1
राजेंद्रनगर
कॉलोनी मेन
रोड से
राजलक्ष्मी
रेसीडेंसी कॉलोनी
तक लगभग 400 मीटर सी.सी.
रोड कब तक
डाली जाएगी? (ख) रोड
अत्यंत ही
खराब है नगर
पालिका
द्वारा सी.सी.
रोड की
स्वीकृति कर
दी गयी है? यदि
हाँ, तो
स्वीकृति
आदेश की प्रति
उपलब्ध कराने
का कष्ट करें
और यदि नहीं
तो कब तक? स्वीकृति
कर दी जाएगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन
सड़क
अनाधिकृत
कॉलोनी
क्षेत्र में
होने से
नियमानुसार
वर्तमान में
इसका निर्माण किया
जाना संभव
नहीं है। (ख) जी
नहीं,
प्रश्नांकित
स्थल पर नगर
पालिका
द्वारा सी.सी.
रोड की
स्वीकृति
प्रदान नहीं
की गई।
उत्तरांश 'क' के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निर्माण कार्य के लिए प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 2107 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक 08/02/2023 तक विधान सभा क्षेत्र आगर के अंतर्गत आगर जिले में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं? इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें? (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो जानकारी न देने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) विवरण संलग्न प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मौखिक निर्देशानुसार समय-समय पर चाही गई जानकारी उपलब्ध कराई गई है। जानकारी चाहे जाने पर दी गई है। जानकारी न देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग के अपूर्ण मार्ग को पूर्ण करना
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 2149 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत शोभापुर से माछा, शोभापुर से भटगांव, शोभापुर से रेवाबनखेडी, सेमरी से महुआखेड़ा अजबगांव गजनई मार्ग एवं सिरवाड़ फुरतला पाटनी सांगाखेड़ाखुर्द मार्ग लोक निर्माण विभाग की ए.डी.बी. योजना के अंतर्गत बनाये गये है जिनका कार्य अभी तक किस कारण से पूर्ण नहीं हो पाया है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त मार्गों का निर्माण गुणवत्ताहीन हुआ है विगत 5 वर्षों से काम चल रहा है परन्तु अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है और विभाग द्वारा कार्य पूर्ण बताकर पैसे निकाल लिये गये है एवं पुल पुलिया भी निर्धारित शर्तों के आधार पर नहीं बनी है? पुल पुलिया के वाक्स कलवर्ट शर्तों से कम बनाये गये है और इनकी भी राशि पूरी निकाल ली गई है। साईट शोल्डर भी निर्धारित मापदंड के तहत नहीं बनाये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इसमें कौन जिम्मेदार है? उपरोक्त मार्गों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। अनुबंध के अंतर्गत कराये जा रहे कार्य पूर्ण गुणवत्तापूर्ण है, जिनका गुणवत्ता नियंत्रण कंसलटेंट द्वारा किया जा रहा है। आज दिनांक तक लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार ही पूर्ण कार्य का भुगतान किया गया है। निर्मित की गई पुल पुलिया निर्धारित मापदण्डानुसार बनाई गई है। अनुबंध में कुल 13 बॉक्स कल्वर्ट का निर्माण किया जाना है। प्रश्न दिनांक तक 13 बॉक्स टाईप कल्वर्ट का निर्माण मापदण्डानुसार पूर्ण किया गया है। अनुबंध में कुल 229 पुलियाओं में से 213 का कार्य मापदण्डानुसार पूर्ण किया जा चुका है। शेष 16 नग पुलिया का कार्य प्रगति पर है। अनुबंध में कुल 12 माईनर ब्रिज में से 9 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, शेष 3 का कार्य प्रगति पर है। निर्मित की गई पुल-पुलियों का ही भुगतान किया गया है। साइड शोल्डर्स मापदण्डानुसार बनाये गए है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार कार्य गुणवत्तापूर्ण किया गया है। अतः विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। उक्त मार्गों का कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 30.04.2023 तक की समयवृद्धि प्रदान की गई है।
सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 2159 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली विधानसभा में जिन-जिन ग्राम पंचायतों व टोला मोहल्ला बस्ती में सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण छूट गया है तो क्या मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा सौभाग्य योजना के तहत छूटे हुये ग्राम पंचायत टोला, मोहल्ला, बस्ती में विद्युतीकरण का कार्य कराया जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक कराया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली में सौभाग्य योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुसार चिन्हित ग्रामों/मजरों/टोलों/बसाहटों के समस्त अविद्युतीकरण घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरान्त योजना क्लोज हो चुकी है। वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उस योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सौभाग्य योजना एवं अन्य पूर्व विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित घरों/मजरों/ टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जायेगा। (ख) उक्त परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
सड़क निर्माण के लिए राशि आवंटन
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 2161 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सिंगरौली विधानसभा में नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत देवरी, परसौना बैटन से शक्तिनगर (उ.प्र.) की सीमा बाईपास मार्ग जिसकी लम्बाई अनुमानित 21 KM प्रस्तावित है जिसका DPR तैयार कर लोक निर्माण विभाग मध्यप्रेदश भोपाल के पास भेज दिया गया है तो क्या देवरी, परसौना बैटन से शक्तिनगर (उ.प्र.) बाईपास मार्ग के सभी प्रशासकीय स्वीकृति व राशि का आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो निविदा (टेंडर) कब तक किया जावेगा? यदि नहीं तो प्रशासकीय स्वीकृति व राशि का आवेदन आवंटन कब तक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विद्युत तारों के स्थान पर केबल डालना
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 2168 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती विद्युत वितरण कंपनी म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषि एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु विद्युत तारों के द्वारा विद्युत आपूर्ति की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुरानी विद्युत लाईन होने से कृषि एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु उपभोक्ताओं को विद्युत तारों की खराबी के कारण विद्युत आपूर्ति में बड़ी बाधा ग्रामीण क्षेत्रों में आती है? क्या हितग्राहियों को पुराने विद्युत तार होने से सही वोल्टेज नहीं मिल पाता है? (ग) क्या उक्त विद्युत लाइनें जो की कृषि एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु विद्यमान है उनके तार काफी पुराने हो गये है जिसके कारण अनेको बार जीर्णशीर्ण होने के कारण गरम होकर बार-बार टूट जाते है जिससे संबंधित उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने किलोमीटर 33 के.व्ही.विद्यूत लाईन,11 के.व्ही.लाईन एवं निम्नदाब विद्युत लाईन विद्यमान है जिससे कि विद्युत आपूर्ति शासन के निर्देशानुसार की जाती है? क्या उक्त वर्षों पुरानी विद्युत लाईन होने से विद्युत सप्लाई की गुणवत्ता में कोई कमी आई है? सही विद्युत सप्लाई हेतु क्या तारों के स्थान पर विद्युत केबल में परिवर्तित करने की कोई योजना विद्युत वितरण कंपनी स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कृषि एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रदाय की जा रही विद्युत का वोल्टेज विद्युत लाईनों के पुराने होने की वजह से प्रभावित नहीं होता है, अपितु विद्युत लाईन की क्षमता, फीडर की लंबाई, संबद्ध भार आदि पर निर्भर करता है। (ग) जी नहीं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त विद्युत लाईनों के जलने/टूटने की शिकायत प्राप्त होने पर उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से सुधार कार्य करते हुए विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। (घ) वर्तमान में भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 33 के.व्ही. की 50.37 कि.मी., 11 के.व्ही. की 1470.68 कि.मी. एवं निम्नदाब की 2057 कि.मी. विद्युत लाईनें स्थापित है, जिनसे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं। उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में खरगोन जिले की भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पुरानी निम्नदाब विद्युत लाईनों के तारों को केबल से बदलने की कोई कार्य योजना वर्तमान में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विचाराधीन नहीं है। तथापि केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत लाईन लॉस में कमी लाने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र सहित संचालन-संधारण, वृत्त खरगोन में विभिन्न कार्यों हेतु निविदा कार्यवाही उपरांत मेसर्स पॉवर मेक प्रोजेक्ट लिमिटेड मधापुर हैदराबाद को कार्यादेश दिनांक 17.02.2023 जारी किया गया है, जिसमें भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में 25 कि.मी. निम्नदाब लाईन के तारों को केबिल से बदलने का कार्य सम्मिलित है।
प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृत प्राप्त कार्य
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 2191 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं? इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो जानकारी न देने का क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। माननीय विधायक जी द्वारा चाहे गये पत्रों पर समय-समय पर जानकारी प्रदाय की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नई सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 2192 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अधिकारियों के द्वारा भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 2209 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.गृह निर्माण मंडल बड़वानी के द्वारा दिनांक 15 मार्च 2002 दैनिक भास्कर समाचार पत्र में जारी विज्ञापन की प्रति, कार्यालय नोटशीट, सेंट जोसेफ स्कूल को दिए गए आवंटन लेटर के साथ नियम एवं शर्तों की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) क्या गृह निर्माण मंडल के रिकॉर्ड में उक्त भूखण्ड वर्ष 2002 से प्रश्न दिनांक तक नर्सरी शाला हेतु आरक्षित होकर आवंटित है? (ग) क्या उक्त भूखण्ड पर दो मंजिला भवन बना हुआ है एवं हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित है? यदि हाँ, तो उक्त भूमि पर दी गई समस्त निर्माण अनुमतियां, अनापत्ति से संबंधित समस्त अभिलेख देवें? (घ) शिकायतकर्ता श्री साजिद खान की शिकायत क्र.सी.एम. हेल्पलाइन नंबर 16694236 पर आज दिनांक तक विभाग के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कृत कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन में देवें एवं क्या उक्त अवैध निर्माण में गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों की मिली भगत से नर्सरी शाला के स्थान पर हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित हो रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन दोषी हैं? उनके नाम पदनाम बताते हुए बताएं क्या-क्या कब कार्यवाही होगी? (ड.) क्या शर्तों के विपरीत नर्सरी के स्थान पर हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित हैं? यदि हाँ, तो क्या लीजडीड निरस्त की जावेगी और गृहनिर्माण मंडल बड़वानी के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) सी.एम. हेल्पलाईन में की गई शिकायत के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। मण्डल द्वारा सेन्ट जोसेफ एज्युकेशन सोसायटी महावीर कॉलोनी बड़वानी को नोटिस जारी किया गया है, जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्यारण्टी पीरियड में निर्मित सड़कें
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 2261 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में नगर पालिक निगम द्वारा वर्ष 2018-19 से उत्तर दिनांक तक किन-किन मदों में प्राप्त आवंटन राशि में से गारंटी पीरियड में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया? वर्षवार एवं विधानसभावार पूर्ण जानकारी दें? (ख) प्रत्येक निर्माण कार्य की निर्माण/क्रियान्वयन एजेन्सी का कार्य करने हेतु अनुबंध की क्या शर्तें रहीं? ग्यारंटी पीरियड (कब से कब तक) अवधि? ग्यारंटी पीरियड में कौन-कौन सी सड़कों के खराब होने की कितनी शिकायतें/ जानकारी कब-कब प्राप्त हुईं? शिकायत/जानकारी प्राप्त होने पर कितने दिन के अन्दर मरम्मत कार्य कराया अथवा नहीं कराया? (ग) प्रत्येक खराब सड़क पर संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा कब-कब मरम्मत कार्य कराया? उस पर कितनी राशि व्यय हुई? कार्य पूर्ण होने पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस दिनांक को सत्यापन/प्रमाणीकरण किया? (घ) क्या ग्यारंटी पीरियड के तहत निर्मित सड़कों पर अनुबंधकर्ता/एजेन्सी के अतिरिक्त अन्य किसी विभाग/निगम द्वारा मरम्मत/संधारण कार्य कराया गया है? यदि हां, तो उसका कारण तथा किस-किस दिनांक को कार्य कराया? उस पर कितनी राशि व्यय हुई? (ड.) क्या गारंटी पीरियड अवधि में निर्मित हुई सड़कों के खराब होने पर संबंधित एजेंसी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्धारित दिवस में मरम्मत कार्य कराया गया? यदि हाँ, तो कौन-कौन से मार्गों पर कब-कब कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर में वर्ष 2018-19 से उत्तर दिनांक तक प्राप्त आवंटन राशि से गारंटी पीरियड की किसी भी सड़क पर निर्माण नहीं कराया गया है। (ख) निकाय में अनुबंध की शर्तें शासन द्वारा निर्धारित है जो सभी सड़क निर्माण कार्यों में समान होती है, अनुबन्ध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। सड़क निर्माण कार्य की गारंटी अवधि 03 वर्ष निर्धारित है। गारंटी पीरियड की सड़कों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विभागीय रूप से सड़कों का निरीक्षण किया जाता है एवं सड़क खराब होने पर संबंधित ठेकेदार से 07 दिवस में मरम्मत एवं संधारण कार्य कराया जाता है। (ग) समय-समय पर खराब सड़कों का संधारण (गारंटी पीरियड में होने से) संबंधित ठेकेदार से ही कराया जाता है। जिस पर नगर निगम की कोई राशि व्यय नहीं की गई। कार्य का निरीक्षण निकाय के तकनीकी अधिकारी द्वारा किया गया है। (घ) जी नहीं, गारंटी पीरियड में किसी अन्य विभाग/निकाय से कार्य नहीं कराया जाता है। (ड.) जी हाँ, गारंटी पीरियड अवधि में सड़क खराब होने पर संबंधित एजेन्सियों को मौखिक निर्देश एवं नोटिस दिया जाकर कार्य कराया गया है। मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
चिकित्सालय संचालन हेतु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति
[पर्यावरण]
51. ( क्र. 2262 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों को संचालित करने के लिए क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो ग्वालियर जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2015 से उत्तर दिनांक तक इस हेतु कितने शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये? उनमें से कितनों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया? कितने आवेदन अस्वीकृत किये? अस्वीकृति का क्या कारण रहा? सूची सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) चिकित्सालय को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से आवश्यक दस्तावेज एवं प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में प्राप्त हुये आवेदन एवं जारी किये गये प्रमाण पत्र तथा उन संस्थाओं के द्वारा आवेदन के साथ संलग्न समस्त दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के पूर्व क्या चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षणकर्ता का नाम/पद एवं निरीक्षण दिनांक, निरीक्षण की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी करायी गई? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) क्या चिकित्सालयों में एसटीपी, ईटीपी, भष्मक प्लांट की स्थापना करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो निरीक्षण के समय से लेकर उत्तर दिनांक तक सभी चिकित्सालयों के पास यह सुविधा उपलब्ध है? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ड.) किन-किन चिकित्सालयों में स्वयं का बायोमेडीकल वेस्ट हेतु भष्मक प्लांट लगा है? क्या किसी के द्वारा अन्य अस्पताल/संस्था से अनुबंध किया गया है? यदि हाँ, तो किससे? जानकारी दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी हाँ। (ड.) संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सफाईकर्मियों की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 2325 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना के वार्ड क्र.45 में कितने सफाई कर्मी सफाई व्यवस्था हेतु पदस्थ किये गये हैं और कितने माह जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक अपना पदीय कार्य सुचारू रूप से कर रहे हैं? सफाईकर्मियों के नाम सहित अवगत करावें। (ख) क्योंकि विगत माह में पदस्थ कर्मचारियों में से सिर्फ तीन चार कर्मचारी ही वार्ड में सफाई कार्य हेतु आते हैं जिससे वार्ड में भारी गंदगी एवं रहवासियों को विभाग के प्रति असंतोष एवं आक्रोश है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? यदि नहीं तो क्या पदस्थ सभी कर्मचारी सफाई हेतु वार्ड में उपस्थित होते हैं? विगत माह में कितने सफाई कर्मचारियों का मानदेय एवं वेतन निकाला गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में वार्ड में कार्यस्थल पर कब-कब, किस-किस अधिकारी/जनप्रतिनिधि के द्वारा कार्य स्थल पर कर्मचारियों की उपस्थिति का निरीक्षण किया गया? निरीक्षणकर्ता के निरीक्षण टीप से अवगत करावें एवं वार्ड पार्षद के उपस्थिति पर दिये गये अभिमत से भी अवगत करावें। (घ) क्या वार्डवासियों द्वारा सफाई व्यवस्था के विरूद्ध सी.एम. हेल्पलाइन लगायी गयी है? यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही से अवगत करावें। सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता एवं निरंकुशता पर उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम मुरैना के वार्ड क्र.45 में 10 सफाई कर्मचारी सफाई व्यवस्था हेतु पदस्थ है। 05 कर्मचारी माह जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक अपना पदीय कार्य सुचारू रूप से कर रहे है उनके नाम निम्नलिखित है:-1. मुकेश/ रामबरन 2. श्याम/बासुदेव 3. सुनील/मोहन 4. सुशील/परमानन्द 5. रामाशंकर/प्रकाश। (ख) विगत माह में पदस्थ कर्मचारियों में से 05 कर्मचारी कार्य पर सुचारू रूप से आते है और 05 कर्मचारी अनुपस्थित है एवं विगत माह में 05 सफाई कर्मचारियों का वेतन आहरण किया गया है और शेष 05 को वेतन नहीं दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में वार्ड में कार्यस्थल पर स्वास्थ्य अधिकारी एवं स्वच्छता निरीक्षक के द्वारा निरीक्षण किया गया है एवं वार्ड पार्षद द्वारा 05 कर्मचारियों की उपस्थिति एवं अन्य 05 की अनुपस्थिति सत्यापित कर भेजी गई है। (घ) जी हाँ। वार्ड में सफाई व्यवस्था के विरूद्ध आयी सी.एम. हेल्पलाइन पर सफाई कार्य कराकर निराकरण किया जाता है।
हाउस फॉर ऑल योजना में भवन आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 2350 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना में किस-किस वार्ड में कितने भवन तैयार किये गये हैं और कितने भवन आवंटित कर दिये गये हैं सूची उपलब्ध करायें। (ख) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना के अंतर्गत कितने भवन निर्माणाधीन हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर आल योजना के तहत कितने हितग्राहियों ने 20-20 हजार रूपये जमा कर दिये हैं और न जमा करने वाले कितने हैं सूची उपलब्ध करायें। (घ) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना के तहत ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें 20 हजार रूपये जमा करने के बाद भी मकान आवंटन नहीं हुआ हैं? संख्या व सूची उपलब्ध करायें। (ड.) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना के तहत ऐसे कितने हितग्राहियों को बिना पैसा जमा किये भवन आवंटन किया गया हैं? संख्या व सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजनान्तर्गत वार्ड न. 28 राहुल नगर पार्ट-1 में 288 एल.आई.जी. एवं 48 नॉन स्लम ई.डब्ल्यू.एस. आवास तैयार किये गये है व 282 हितग्राहियों को एल.आई.जी. एवं 48 हितग्राहियों को ई.डब्ल्यू.एस. आवास आवंटित कर दिये गये है सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार है। (ख) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना में वार्ड नं. 47 अन्तर्गत श्याम नगर में 240 ई.डब्ल्यू.एस. आवासों का कार्य निर्माणाधीन है। वार्ड न. 28 अन्तर्गत गंगा नगर में 216 एम.आई.जी. 144 एल.आई.जी. 192 ई.डब्ल्यू.एस. आवासों का कार्य निर्माणधीन है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "ब" अनुसार है। (ग) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना के तहत श्याम नगर में 667 हितग्राहियों ने मार्जिन मनी राशि रू. 20-20 हजार जमा किये है सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -"स" अनुसार एवं राशि 20 हजार जमा न करने वाले 657 हितग्राही है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "स-1" अनुसार है। (घ) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना के तहत श्याम नगर में कुल 427 हितग्राही ऐसे हैं जिन्हें मार्जिन मनी राशि 20 हजार जमा उपरांत शेष हितग्राही अंश की राशि रू. 1.80 लाख निर्धारित समय-सीमा में जमा नहीं कराये जाने के कारण आवास आवंटन नहीं हो पाया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "द" अनुसार है। (ड.) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में हाउस फॉर ऑल योजना के तहत किसी भी हितग्राही को हितग्राही अंश की राशि जमा किये बिना, भवन आवंटन नहीं किया गया है।
सड़कों की मरम्मत एवं नई सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 2473 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक दमोह विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़कें हैं जिनकी मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
शिल्पी गृह निर्माण सहकारी समिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 2486 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिल्पी गृह निर्माण सहकारी समिति वार्ड क्रमांक 82-83 जोन क्रमांक 18 के अन्तर्गत कोलार रोड तहसील हुजूर भोपाल के खसरा क्रमांक 36, 36/1 एवं 45 के रकबा 11.79 एकड़ को अनाधिकृत कॉलोनी के रूप में मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 13.1.2022 के भाग तीन नियम 23 (1) में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें? (ख) अनाधिकृत कॉलोनी में सम्मिलित करने पर उन कॉलोनियों को वैध करने की क्या योजना है? शासन द्वारा कॉलोनी वैध होने पर क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी? इस हेतु भूखण्डधारियों से किस-किस मद में कितना शुल्क लिया जायेगा? (ग) इस कॉलोनी के सीमांकन की कार्यवाही भी नगर निगम द्वारा करवाई जायेगी जिससे भूखण्डधारियों को अपने भूखण्ड की वस्तुस्थिति की जानकारी हो सके? (घ) उक्त कॉलोनी के समीप सार्वजनिक आम रास्ता (मेढ़ा) था यदि हाँ, तो वर्तमान में यह आम रास्ता जन सामान्य के लिये उपलब्ध है? यदि नहीं तो इस मेड़ा पर किसके द्वारा अनाधिकृत कब्जा किया गया है? क्या शासन इसे हटाकर सार्वजनिक आम रस्ता जन सामान्य को उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम, भोपाल द्वारा सार्वजनिक सूचना दिनांक 20.12.2022 प्रकाशित कराई गई है। (ख) अनाधिकृत कालोनियों को वैध करने की योजना नहीं है, अपितु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अनुसार चिन्हित की गई अनाधिकृत कॉलोनियों के रहवासियों को सभी मूलभूत नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान की जायेगी। नियमानुसार प्रक्रिया पूर्ण होने पर संबंधित अनाधिकृत कॉलोनी के रहवासियों से सक्षम प्राधिकारी अर्थात आयुक्त, नगर निगम द्वारा अवधारित विकास शुल्क लिया जायेगा। (ग) नगर निगम, भोपाल द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया के अंतर्गत प्रश्नाधीन अनाधिकृत कॉलोनी का अभिन्यास तैयार कराया जायेगा, जिसमें भूखण्ड की वस्तुस्थिति की जानकारी भी निहित होगी। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में अभिन्यास तैयार होने पर सुनिश्चित किया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंगाजी ताप परियोजना की इकाइयों का निर्माण
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 2502 ) श्री वालसिंह मैड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगाजी ताप परियोजना की 2X660 मेगावाट इकाइयों का निर्माण मेसर्स एल एण्ड पॉवर द्वारा कराया गया? इन दोनों इकाइयों की कुल निर्माण लागत कितनी है? कार्यादेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या इस इकाई के प्रोजेक्ट के प्रभारी श्री मंजीत सिंह बतौर प्रबंध संचालक, वित्त एवं लेखा के साथ ही इनके बतौर सहप्रभारी श्री प्रतीश दुबे अतिरिक्त मुख्य अभियंता पी.आर.जी. थे? क्या दोनों अधिकारियों द्वारा मेसर्स तुल एण्ड टी पॉवर के साथ मिलकर आनन-फानन में बगैर कार्य पूर्ण हुये उनके करोड़ों रूपये के देयक अधीनस्थों से तैयार कर पारित करा दिये, जिसका उल्लेख मध्यप्रदेश लेखाकार द्वारा ऑडिट रिपोर्ट में आपत्ति दर्ज की है? इस प्रोजेक्ट से संबंधित मध्यप्रदेश महालेखाधिकारी ऑडिट की छायाप्रतियाँ सदन को बतावें। इस परियोजना के कुल निर्माण के कितने कार्य सिविल एवं उत्पादन संकाय के थे? सिविल एवं उत्पादन कार्यों की पृथक-पृथक संख्या बतावें एवं अभी तक कितने अपूर्ण हैं अलग-अलग संख्या बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री सिंगाजी ताप परियोजना की 2x660 मेगावाट इकाइयों का निर्माण मेसर्स एल एंड टी पॉवर (मेसर्स एल एण्ड पॉवर नहीं) से कराया गया। इन दोनों इकाइयों की कुल पुनरीक्षित निर्माण लागत रु. 7738 करोड़ है। मेसर्स एल एण्ड टी पॉवर को दिनांक 04.09.2014 को (रू. 5134.71 करोड़ के) जारी किए गए पाँच आशय पत्र व कंपनी द्वारा पुनरीक्षित लागत के संबंध में जारी किए गए टेक्निकल सेक्शन दिनांक 29.01.2019 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) इस प्रोजेक्ट से श्री मनजीत सिंह बतौर प्रबंध संचालक नहीं वरन संचालक (वाणिज्य) तथा श्री प्रतीश दुबे, परियोजना उत्पादन कार्यालय में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के रूप में सीधे संबद्ध थे। दोनों अधिकारियों द्वारा मेसर्स एल एंड टी पॉवर (मेसर्स तुल एण्ड टी पॉवर नहीं) के साथ मिलकर बगैर कार्य पूर्ण हुये देयकों का भुगतान नहीं कराया गया है तथा मध्यप्रदेश महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में आनन-फानन में भुगतान करने बावत् आपत्ति दर्ज नहीं की गयी है। कार्यालय महालेखाकार, लेखा परीक्षा, भोपाल की ऑडिट रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इस परियोजना के सिविल निर्माण कार्य हेतु दो आशय पत्र एवं परियोजना के उपकरण प्रदाय, स्थापना, परीक्षण एवं कमीशनिंग इत्यादि कार्यों हेतु तीन आशय पत्र इस प्रकार कुल पांच आशय पत्र मेसर्स एल एंड टी पॉवर को ई.पी.सी. अनुबंध के तहत दिनांक 04.09.2014 को जारी किये गए, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। वर्तमान में सिविल संकाय के लगभग सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं, तथापि इकाई क्रमांक 3 के बायलर, टी.जी. एवं सम्बंधित आक्जीलरिज के परफॉरमेंस गारंटी परीक्षण किया जाना शेष है।
जावरा रेलवे फाटक पर फ्लाई ओव्हर निर्माण
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 2540 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर मध्य स्थित रेलवे फाटक पर शासन द्वारा फ्लाई ओव्हर एवं अंडर ब्रिज स्वीकृत होकर इनमें से फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण का कार्य लगभग पूर्णता की ओर है? (ख) यदि हाँ, तो नगर के मध्य स्थित उल्लेखित फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शहर के चौपाटी मार्ग की और प्रीमियर आईल मिल की दीवार की बाधा होने से बंद पड़ा है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त विवादित स्थल न्यायालय में विचाराधीन होकर स्वामित्व का निर्धारण नहीं हो पाने से अनिर्णय की स्थिति होकर कार्य बंद होने से शहर का यातायात गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या जब तक न्यायालय का निर्णय न हो सके ऐसी दशा में शासन द्वारा सशक्त प्रस्तावित कर कि न्यायालय में जिसका स्वामित्व निर्धारण होगा, उसे मुआवजा दिया जाएगा? तदाशय का निर्देश/आदेश कर नगर के गंभीर अस्त व्यस्त पड़े यातायात एवं बंद पड़े कार्य को प्रारम्भ किये जाने की स्थिति बन सके, ऐसा कब तक किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, दूसरी तरफ निर्मित सर्विस मार्ग से यातायात चालू रहेगा। (घ) न्यायालय के निर्णय में दिये गये निर्देश अनुसार कार्रवाई की जा सकेगी।
विश्वविद्यालयों में रिक्त सीटें
[उच्च शिक्षा]
58. ( क्र. 2568 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में बी.ए., बी.कॉम, बी.एस.सी., एम.ए., एम.कॉम एवं एम.एस.सी. में सत्र 2022-23 के प्रवेश के लिये कितनी सीटें प्रश्न दिनांक तक खाली रह गई हैं? विश्वविद्यालयवार महाविद्यालयवार एवं कोर्सवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जो सीटें खाली रह गई हैं उसकी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को कब प्राप्त हुई एवं इसको भरने के लिये विभाग ने अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाहीवार जानकारी दी जाये।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) ई-प्रवेश प्रक्रिया के प्रत्येक चरण के पश्चात रिक्त सीटों की जानकारी विभाग को प्राप्त हो जाती है। ई-प्रवेश से वंचित छात्रों को राहत देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा केन्द्रीकृत काउंसलिंग के प्रथम चरण के पश्चात सी.एल.सी. (कॉलेज लेबल कॉउंसलिंग) के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रवेश के लिये अतिरिक्त रूप से पृथक-पृथक तिथियों में 06 चरण (राउण्ड) में अवसर प्रदान किया गया। इस प्रकार ई-प्रवेश प्रक्रिया दिनांक 31.08.2022 तक खुली रही। विभाग द्वारा इस हेतु जारी किये गये पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। ई-प्रवेश प्रक्रिया की समाप्ति के पश्चात प्रवेश से वंचित रह गये आवेदकों को मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा समस्त शासकीय महाविद्यालयों में संचालित दूरस्थ शिक्षा केन्द्र में दिनांक 22 फरवरी, 2023 तक प्रवेश के अवसर प्रदान किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। इसके साथ ही प्रवेश से वंचित आवेदक किसी भी शासकीय विश्वविद्यालय से स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में आवेदन कर परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
एम.पी.आर.डी.सी. की सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 2591 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम की सड़कें गुना अशोगनर ईसागढ़ मार्गों का निर्माण जिन कम्पनियों द्वारा किया गया था क्या उन संबंधित कम्पनियों के लिये मरम्मत हेतु कोई मापदण्ड, शर्तें एवं समयावधि निर्धारित थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शर्तें तथा कितने समय के अंतराल में मरम्मत कार्य किया जाना निश्चित था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त सड़क मार्गों की स्थिति बेहद चिंताजनक है, प्राईवेट कम्पनियों द्वारा टोल वसूला जा रहा है लेकिन सड़क मरम्मत के संबंध में कोई कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है, ऐसा क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम की सड़क गुना-अशोक नगर-ईसागढ़ मार्ग का पुनर्निर्माण एवं चौड़ीकरण का कार्य बी.ओ.टी. (टोल) योजना में कंसेशनायर मैसर्स आर्यावर्त टोलवेज प्रा.लि. भोपाल द्वारा किया गया था। कंसेशन अवधि में (दिनांक 30.08.2013 से 25 वर्ष तक) मार्ग का संधारण करने का दायित्व कंसेशनायर का है। इस संबंध में मापदण्ड, शर्तें एवं समयावधि हेतु अनुबंध के प्रावधानों आर्टिकल-17 एवं शिड्यूल-के की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं, इस मार्ग की स्थिति बेहद चिंताजनक नहीं है। सड़क के कुछ भागों में गढ्डे हुये है एवं कुछ स्थानों पर बी.टी. सरफेस क्षतिग्रस्त हुआ है। कंसेशनायर द्वारा सड़क का अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार मार्ग का संधारण नहीं किया जा रहा है। अत: उन्हें क्योर पीरियड का नोटिस दिया गया है एवं अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार पेनल्टी रू. 25396320/- की लगाई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। सड़क की मरम्मत एवं नवीनीकरण हेतु कंसेशनायर की रिस्क एण्ड कॉस्ट पर रू. 23.46 करोड़ का कार्य स्वीकृत किया जा कर निविदायें आमंत्रित की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। वर्तमान में कार्य एजेन्सी का निर्धारण प्रक्रियाधीन है। शीघ्र ही सड़क नवीनीकरण एवं संधारण कार्य कराया जावेगा। वर्तमान में शासन द्वारा नियुक्त कंसेशनायर द्वारा टोल वसूल किया जा रहा है। प्राइवेट कम्पनियों द्वारा टोल टेक्स वसूल नहीं किया जा रहा है।
विद्युत पोल एवं ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 2592 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में कितने वितरण ट्रांसफार्मर लगे हैं? इनकी पॉवर क्षमता कितनी एम.व्ही.ए. हैं तथा कहां-कहां पर कितने-कितने के.व्ही.ए. के स्थापित ट्रांसफार्मरों को बदलकर कितने-कितने के.व्ही.ए. के लगाने की आवश्यकता है? कहां-कहां कितने-कितने के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक आवश्यकतानुसार कब-कब बदलकर कितने-कितने के.व्ही.ए. के लगाये गये हैं? कहां-कहां के जर्जर व खराब विद्युत पोलों एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मर कब से बदले नहीं गये हैं एवं क्यों? इन्हें कब तक बदलकर नये लगाये जावेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में विभिन्न क्षमताओं के कुल 6568 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 262 एम.व्ही.ए. है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 100 के.व्ही.ए. के 23 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर 200 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर लगाया जाना है, जिनकी स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक 13 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया है, जिनकी पूर्व स्थापित क्षमता एवं क्षमता वृद्धि उपरांत लगाए गए ट्रांसफार्मर की क्षमता की स्थानवार, दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत पोलों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 152 टूटे/खराब पोलों को बदलने के कार्यों को पूर्ण कराया गया है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द में दर्शाए अनुसार विभिन्न तिथियों में फेल हुए 15 वितरण ट्रांसफार्मर खराब है, जिन्हें नियमानुसार वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की राशि जमा करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत राशि जमा करने पर बदला जा सकेगा। अत: इन्हें बदलने हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट के लिए खर्च
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 2620 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.में लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट के लिये पिछले तीन वित्तीय वर्ष में कितना खर्च किया गया और कितना लीगेसी वेस्ट ट्रीट किया गया? (ख) म.प्र.में लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट के लिये क्या केंद्र सरकार द्वारा कोई राशि दी गयी है? यदि हाँ, तो पिछले तीन वित्तीय वर्ष में कितनी राशि दी गयी? (ग) पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के नगर निगमों में कितने लीगेसी वेस्ट का ट्रीटमेंट किया गया और उस पर कितना खर्च किया गया उसका विस्तृत ब्यौरा ट्रीटमेंट करने वाली कंपनियों के नाम और दरों सहित उपलब्ध कराये? पिछले तीन वर्षों में प्रदेश की विभिन्न नगर पालिकाओं में कितने लीगेसी वेस्ट का ट्रीटमेंट किया गया और उस पर कितना खर्च किया गया? उसका विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करायें? (घ) क्या लीगेसी वेस्ट का ट्रीटमेंट पूर्णतः किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्रोडक्ट बनाये जाते हैं और यदि नहीं तो कौन-कौन से प्रोडक्ट शेष रह जाते हैं? (ड.) क्या लीगेसी वेस्ट का ट्रीटमेंट प्रदूषण निवारण मंडल के नियमों के अनुसार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उन नियमों का विवरण देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट में कुल 1404961 मैट्रिक टन का ट्रीटमेंट किया गया। जिसका कुल राशि रू. 65,22,53,608/- का खर्च हुआ। (ख) जी हाँ, केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट के लिए पिछले तीन वर्षों में राशि रू. 2,42,77,000/- प्रदान किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ, लीगेसी वेस्ट का पूर्ण ट्रीटमेंट किया जा रहा है। जिसमें आर.डी.एफ., बायो सॉईल, सॉईल कंडीश्नर, सीएण्डडी वेस्ट आदि प्रोडक्ट बनाये जाते हैं और प्रोसेसिंग के उपरांत इनर्ट वेस्ट शेष रह जाते हैं। (ड.) जी हाँ, लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट का निवारण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 के प्रावधानों अंतर्गत लीगेसी वेस्ट के प्रोजेक्ट कार्यों में किया जाता है।
सड़क निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 2674 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र - चित्रकूट जिला सतना में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी ऐसी सड़के हैं जिनकी मरम्मत/नई सड़कें बनाये जाने की आवश्यकता है? (ख) उपरोक्त में किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए शासन से स्वीकृति मिल चुकी है? (ग) किन-किन सड़कों की मरम्मत/नई सड़क बनाये जाने के लिए कार्य आरम्भ हो चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2675 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र चित्रकुट जिला सतना में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी/भ्रष्टाचार की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उपरोक्त शिकायतों की सूची विवरण के साथ उपलब्ध कराएं? (ख) किन-किन शिकायतों पर जांच कराई गई और जांच में कौन-कौन से अधिकारी दोषी पाए गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत नगरीय निकाय नगर परिषद चित्रकूट, जैतवारा, बिरसिंहपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत गड़बड़ी/भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
रोडों का निर्माण एवं पेचवर्क
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 2706 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत कौन-कौन से पहुँच मार्ग विभाग के अधीन हैं? कहाँ से कहाँ तक के पहुँच मार्ग विभाग के अधीन हेतु प्रस्तावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अधीन पहुँच मार्गों में से वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक में कौन से पहुँच मार्ग कहाँ से कहाँ तक कितनी राशि का स्वीकृत हुआ? प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक पर कितनी राशि व्यय की गई तथा कार्यपूर्ण होने की अवधि क्या है? कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अधीन विभाग के पहुँच मार्गों में से वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ से कहाँ तक के पहुँच मार्गों पर पेचवर्क कार्य करने हेतु कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति किस दिनांक को दी गई? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? प्रत्येक कार्य के पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं 'स' अनुसार है।
अधिक राशि के बिजली बिलों का प्रदाय
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 2707 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिना मीटर रीडिंग के लाखों एवं हजारों में बिल प्रदाय किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी में नवनिर्मित कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन की क्या व्यवस्था है? क्या एकल कनेक्शन भी दिये जा रहे है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विधानसभा सिवनी के अंतर्गत विद्युत रीडिंग व्यवस्था क्या ठेका प्रथा के तहत् चलाई जा रही है? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी के रहवासियों को ज्यादा बिल आने पर दो किश्तों के वजह पांच किश्तों में जमा किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब से लागू होगा और यदि नहीं तो क्यों? (ड.) विधानसभा क्षेत्र सिवनी के रहवासियों के लम्बे समय से बंद पड़े मीटरों के बाद भी हजारों एवं लाखों में बिल दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? बंद मीटरों को कब तक सुधारा जायेगा एवं बिलों के भुगतान का सरलीकरण कब तक किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त मीटरीकृत उपभोक्ताओं को ''रीडिंग दक्षता'' एप के माध्यम से फोटो मीटर रीडिंग कर उनकी वास्तविक खपत के आधार पर म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ आदेश के अनुसार ही विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अन्तर्गत नवनिर्मित/समस्त कॉलोनियों में म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता-2021 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदान करने अथवा उपयोग किए संयत्रों हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण-द्वितीय) विनिमय,2022 {आर जी- 31 (II) वर्ष 2022 }, में निहित प्रावधानों एवं प्रक्रिया के अनुसार आवेदक/कॉलोनाईजर के द्वारा निर्धारित समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण कर विद्युतीकरण करवाए जाने के उपरान्त विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाते हैं। जी हाँ, उक्त विनियमों के अंतर्गत निर्धारित औपचारिकताएं/कार्यवाही पूर्ण करने पर कॉलोनी हेतु एकल कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत घरेलू एवं कृषि विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा के दृष्टिगत विद्युत बिलों की बकाया राशि का भुगतान किश्तों में करने हेतु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश दिनांक 13-01-23 द्वारा प्रावधान किया गया है, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब होने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मीटर बदले जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में किसी कारणवश मीटर नहीं बदल पाने की स्थिति में म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता-2021 में निहित प्रावधानों के अनुसार पिछले 3 माह की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आंकलन कर विद्युत देयक दिये जाते हैं। बंद/खराब मीटरों को बदलना एक सतत् प्रक्रिया है, तदानुसार म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बंद/खराब मीटर को बदला जा रहा है। विद्युत बिलों के भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण कर उपभोक्ताओं को विभिन्न ऑनलाईन माध्यमों जैसे पेटीएम, एम.पी. ऑन लाइन, फोन पे, गूगल पे, स्मार्ट बिजली एप के माध्यम से एवं किश्तों में भुगतान की सुविधा प्रदान की गई है।
जी.आई.एस. सर्वे कार्य में अनियमितताएँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 2709 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा RFP No.UADD/SSK/ 2813/20/04/2015 दिनांक 20.04.2015 जारी कर निकायों में GIS सर्वे कार्य कंपनियों को आवंटित किया गया है? क्या GIS Consortium India Pvt Ltd जिसे क्लस्टर M/10 का कार्य आवंटित किया गया को छोड़कर अन्य कंपनियों द्वारा सर्वे फॉर्म निकायों में जमा कराये गए हैं? (ख) क्या नियमानुसार मूल सर्वे फॉर्म जमा करना आवश्यक था? यदि नहीं तो संचालनालय के पत्र 17003 दिनांक 17.09.2018, पत्र 18423 दिनांक 28.10.2021, पत्र 1054 दिनांक 19.01.2022 तथा पत्र 4718 दिनांक 09.03.2022 के द्वारा GIS Consortium India Pvt Ltd को क्लस्टर M/10 की निकायों के मूल सर्वे फॉर्म जमा करने के निर्देश क्यों दिए गए? क्या कंपनी नियमों का उल्लंघन कर रही है या नियमानुसार जारी निर्देश गलत हैं? (ग) क्या 4 वर्षों से नियमों/निर्देशों के उल्लंघन हेतु, अपर आयुक्त द्वारा पत्र 16429 दिनांक 20.09.2022 द्वारा कंपनी को नोटिस जारी कर मूल सर्वे फॉर्म सम्बंधित निकायों में जमा करने अन्यथा अनुबंध की कंडिका 21 के अनुसार क्लस्टर M/10 के कार्य को निरस्त करने की कार्यवाही के निर्देश दिये गए? यदि हाँ, तो कंपनी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करते हुए कंपनी को आर्थिक लाभ दिया गया? क्या जाँच कराई जाकर दोषियों को दण्डित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सभी फर्मों द्वारा संबंधित निकायों की RFP की कंडिका क्रमांक 4.2.6 के पृष्ठ क्रमांक 45 के अनुसार सर्वे फॉर्म पर आधारित Agreed Report जमा की गई है। (ख) मूल सर्वे फॉर्म Data Collection Method के रूप में उल्लेखित है, फर्म को माइलस्टोन अनुसार रिपोर्ट जमा करनी थी। उल्लेखित संदर्भित पत्रों द्वारा फर्म को सर्वे फॉर्म के अलावा अन्य पृथक-पृथक कार्य हेतु भी निर्देश प्रदान किये गये हैं। फर्म से अनुबंध की शर्तों एवं नियमानुसार कार्य कराया जा रहा है। (ग) उल्लेखित पत्र द्वारा फर्म को Handholding कार्य विलंब से किये जाने हेतु स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के संबंध में नोटिस प्रेषित किया गया है। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार फर्म पर राशि रूपये 16,45,681 की पैनाल्टी अधिरोपित की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपात्र कंपनियों को लाभ देना
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 2711 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा GIS सर्वे हेतु जारी RFP No. 7296/13/श.सु.का./2020 भोपाल दिनांक 27-05-2020 के पेज 95 Section 8 अनुसार Undertaking 1 एवं 2 कंपनी के Letter head पर चाही गई थी? क्या क्लस्टर LL/09 में CE Infosystems द्वारा Undertaking 1 एवं 2 निविदा प्रपोजल के साथ प्रस्तुत किया गया था? यदि नहीं तो अधूरे/अपूर्ण टेंडर को विचारण में कैसे लिया गया? (ख) क्या RFP पेज 19 Checklist के क्रमांक 12 एवं पेज 35 के अनुसार CV's पर कंपनी के अधिकृत प्राधिकारी के सत्यापन और Proposed Expert द्वारा उसे स्व हस्ताक्षरित होने का उल्लेख है? क्या क्लस्टर MM/12 एवं NN/08 में कार्यरत कंपनियों द्वारा प्रस्तुत सभी CV Proposed Expert द्वारा स्व हस्ताक्षरित नहीं है? क्या क्लस्टर AA/11 में Prem Chaudhery & Associates द्वारा प्रस्तुत CV's में Proposed Expert के हस्ताक्षर कॉपी पेस्ट हैं? यदि हाँ, तो निविदाएं विचार योग्य नहीं होने पर भी शामिल कर निविदा प्रक्रिया को दूषित किया गया है? यदि हाँ, तो तकनीकी मूल्यांकन समिति के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या संचालनालय द्वारा क्लस्टर MM/12 में कार्यरत कंपनी द्वारा प्रस्तुत Proposed Experts Team की सूची निकायों को उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो किस पत्र क्रमांक/ई-मेल द्वारा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, क्लस्टर LL/09 में M/s CE Info System Pvt. Ltd. को निविदा आंकलन करने के पूर्व संचालनालय के पत्र क्रमांक 17751, दिनांक 10/11/2020 के द्वारा Clarification के अंतर्गत Undertaking को प्राप्त किया गया। (ख) जी हाँ। क्लस्टर MM/12 एवं NN/08 अंतर्गत CV's में कंपनी के अधिकृत प्राधिकारी के हस्ताक्षर मौजूद हैं। इसी प्रकार क्लस्टर AA/11 अंतर्गत प्रस्तुत CV's में कंपनी के अधिकृत प्राधिकारी के हस्ताक्षर हैं। तकनीकी समिति द्वारा कंपनी के अधिकृत प्राधिकारी के हस्ताक्षर एवं Undertaking को मान्य करते हुए मूल्यांकन किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) फर्म द्वारा सर्वे का कार्य अनुबंध के प्रावधान अनुसार माइलस्टोन-1 पूर्ण करने के पश्चात प्रारंभ किया जाता है। अभी उक्त क्लस्टर में माइलस्टोन-1 का कार्य ही पूर्ण हुआ है। संबंधित निकाय में सर्वे कार्य प्रारंभ होने की सूचना फर्म द्वारा प्रदान करने पर निकाय में टीम की सूची उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।
नवीन विद्युत वितरण केंद्र खोले जाना
[ऊर्जा]
68. ( क्र.
2721 ) श्री
अजय कुमार
टंडन : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) क्या शासन
को जानकारी है
की विद्युत
वितरण केंद्र
हर्रई
अंतर्गत आने
वाले गांव, में से
दमोह
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कितने
गांव आते हैं? सूची
देवें। (ख) क्या
शासन इस
विद्युत
वितरण केंद्र
से दमोह विधान
सभा के गाँव
दूरस्थ होने
के कारण
ग्रामवासियों
को होने वाली
परेशानी से
अवगत है? यदि हाँ, तो
क्या इमलिया
गांव में नवीन
विद्युत
वितरण केंद्र
बनाए जाने पर
शासन विचार
करेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ, हर्रई (तेजगढ़)
विद्युत
वितरण केंद्र
के अंतर्गत
दमोह विधान
सभा क्षेत्र
के कुल 38 ग्राम आते
हैं, जिनकी
प्रश्नाधीन
चाही गयी सूची संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) हर्रई
विद्युत
वितरण केंद्र
अंतर्गत दमोह
विधान सभा
क्षेत्र के
आने वाले
ग्रामों की
हर्रई
विद्युत
वितरण केन्द्र
से दूरी अधिक
होने के कारण
वर्तमान में
विद्युत
उपभोक्ता
सुविधा में
असंतोष का कोई
प्रकरण म.प्र.
पूर्व क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संज्ञान
में नहीं है।
तथापि भविष्य
में विद्युत
उपभोक्ता
सुविधाओं में
यदि कोई कमी
अथवा इस संबंध
में किसी
प्रकार की
शिकायत
संबंधित
क्षेत्र के ग्रामों
के विद्युत
उपभोक्ताओं
से प्राप्त
होती हैं, तो
म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी द्वारा
ग्राम इमलिया
में नवीन
विद्युत वितरण
केंद्र खोले
जाने की
साध्यता का
परीक्षण कराया
जावेगा एवं
तदनुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
सर्किट हाउस/रेस्ट हाउस में कक्ष आरक्षण
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 2727 ) श्री संजय शाह (मकड़ाई) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्किट हाउस/रेस्ट हाउस कक्ष आरक्षित किये जाने हेतु प्रोटोकाल अनुसार किस-किस पद को क्रमशः प्राथमिकता दी गई है? क्रमशः पदवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या विधायकों को मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव से पहले प्राथमिकता है? यदि हाँ, तो नियमावली की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) इंदौर जिले के सर्किट हाउस में प्रश्नांश दिनांक से विगत 1 वर्ष तक किस-किस को कितने-कितने दिनों तक कक्ष आरक्षित किया गया? दिनांकवार दिनवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रायः जिलों में अधिकारियों द्वारा (विशेष राजस्व अधिकारियों) सर्किट हाउस/रेस्ट हाउस कई दिनों, माह तक कक्ष आरक्षित कर रहते हैं ऐसी परिस्थितियों में कई बार कक्ष नहीं मिल पाते हैं क्या इसमें सुधार किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सर्किट हाउस/रेस्ट हाउस कक्ष आरक्षित किये जाने के संबंध में विभागीय निर्देश क्रमांक एफ 3-3/99/जी/19 दिनांक 23-11-2001 द्वारा जारी प्रोटोकॉल अनुसार पात्रता निर्धारित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) इस प्रकार का प्रकरण संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खराब ट्रांसफार्मरों को समय पर न बदला जाना
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 2731 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या उत्तर दिनांक 22/12/2022 के प्रश्न क्रमांक 1224 के उत्तर में यह कहा गया है कि जले खराब ट्रांसफार्मर शहरी क्षेत्र में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में शुष्क मौसम में तीन दिवस एवं वर्षा ऋतु में 7 दिवस के अंदर बदलने का प्रावधान है किंतु विभाग द्वारा डीसी नोहटा में ग्राम खमरिया मानगढ़, कनेपुर, डीसी जबेरा में ग्राम पौड़ी मानगढ़, कोरता,पारना डीसी तेजगढ़ खमरिया मौजीलाल डीसी तेंदूखेड़ा जामुन खेड़ा सहित इन ग्रामों में विगत 1 से 2 माह से खराब हैं प्रश्न प्रेषित दिनांक तक विभाग द्वारा बदलने की प्रक्रिया नहीं की गई है जबकि उक्त ट्रांसफार्मरों के उपभोक्ताओं के बिल 50% से अधिक एवं कुल राशि का 10% से अधिक का भुगतान है तो फिर उक्त ट्रांसफार्मरों को समय पर क्यों नहीं बदला गया है? यदि यह सही है तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : जी हाँ, प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक-1224, दिनांक 22.12.2022 के उत्तर में यह जानकारी दी गई थी कि वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर उस ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत पात्रता की श्रेणी में आने के पश्चात् जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार शहरी क्षेत्र में अधिकतम 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्र में शुष्क मौसम में 3 दिवस एवं वर्षा ऋतु (माह जुलाई से सितंबर) में 7 दिवस के अंदर बदलने का प्रावधान है तथा तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जा रही है। प्रश्न में उल्लेखित ग्रामों में वर्तमान वर्ष 2023 में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के उपरांत पात्र होने पर उपरोक्तानुसार उल्लेखित समयावधि में बदला गया है तथा 3 वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के फलस्वरूप अपात्र की श्रेणी में होने के कारण बदले जाने हेतु शेष है, जिनसे संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्तानुसार नियमों के अनुरूप की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
किसान सोलर पंप कनेक्शन योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
71. ( क्र. 2742 ) श्री संजय यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा गत 4 वर्षों में प्रदेश के किसानों हेतु लगाये गये सोलर पम्प कनेक्शन की 5 वर्षीय गारंटी/वारंटी समयावधि में कुल कितने सोलर पंप कनेक्शन खराब होने की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण 15 दिवस बीत जाने के उपरान्त हुआ है? 15 दिवस से अधिक समय तक सोलर पंप बन्द होने की दशा में किसानों की फसल सूखना/नुकसान के लिये जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जाती? (ख) उपरोक्त शिकायतें किस-किस कंपनी से संबंधित है? बहुतायत में शिकायतों वाली कंपनी पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कार्यवाही की गई तो बताया जावें। (ग) गत तीन वर्षों में नवीन सोलर पंप कनेक्शन हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये तथा कितने सोलर पंप प्रदाय किये गये, उक्त कनेक्शनों में प्रीमियर कंपनी द्वारा कितने कनेक्शन लगाये गये एवं उनमें से कितने कनेक्शनों में आज दिनांक तक कोई न कोई शिकायतें प्राप्त हुई? अत्यधिक शिकायतें होने की स्थिति में विभाग के क्या नियम-निर्देश है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) शासन द्वारा गत 04 वर्षों में प्रदेश के किसानों हेतु लगाये गये सोलर पंप कनेक्शन की 5 वर्षीय गारंटी/वारंटी समयावधि में कुल 2925 सोलर पंप कनेक्शन खराब होने की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है। उक्त शिकायतों में से 898 शिकायतों का निवारण 15 दिवस बीत जाने के उपरांत हुआ है। सोलर पंप संयंत्रों की शिकायतों का निवारण समय-सीमा में न करने पर, निविदा की शर्तों के अनुसार कार्यवाही करने का प्रावधान है, जो कंपनियां नियमित रूप से शिकायतों का निवारण नहीं करती है उन पर उक्त प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) सोलर पंप संयंत्रों की उक्त शिकायतों से संबंधित कंपनियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बहुतायत में शिकायतों वाली कंपनी मेसर्स हिमालयन सोलर, प्रा.लि. पचंकुला (हरियाणा) की सुरक्षा निधि के रूप में जमा रू. 23,88,386/- की बैंक गारंटी को तरलीकृत किया गया है। (ग) गत तीन वर्षों में नवीन सोलर पंप हेतु 6280 आवेदन प्राप्त हुये तथा 2825 सोलर पंप प्रदाय किये गये उक्त सोलर पंप संयंत्रों में से प्रीमियर कंपनी द्वारा 677 सोलर पंप प्रदाय किये गये एवं उनमें से 265 सोलर पंपों की आज दिनांक तक शिकायतें प्राप्त हुई है। जिनमें से 222 शिकायतों का सुधार कार्य कर कार्यशील किया गया एवं 43 शिकायतों पर सुधार कार्य हेतु कार्यवाही जारी है। अत्यधिक शिकायतें होने की स्थिति में विभाग के नियम-निर्देश निम्नानुसार है:- स्थापनाकर्ता ईकाइयों के विरूद्ध निविदा शर्तों के अनुसार पेनॉल्टी अधिरोपण/सुरक्षानिधि का तरलीकरण/सोलर पंपों का सुधार कार्य ईकाई के खर्च पर किये जाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में प्रोटोकॉल का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 2761 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 13, गोहद जिला भिण्ड, नगर परिषद मौ में पदस्थ सी.एम.ओ. श्री दिनेश श्रीवास्तव द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (विवाह) के अन्तर्गत दिनांक 07.02.2023 में सामूहिक विवाह सम्पन्न कराए जाने वाले आयोजन में शासन के निर्देशों (प्रोटोकॉल) का पालन क्यों नहीं किया गया है? (ख) प्रोटोकॉल अनुसार क्षेत्रीय विधायक क्षेत्र क्र. 13 गोहद एवं स्थानीय प्रतिनिधियों (पार्षदों) को इस बाबत् सूचित एवं आमंत्रित क्यों नहीं किया गया? प्रचार प्रसार, पत्राचार एवं बैनरों, पोस्टरों में विधायक मेवाराम जाटव का छायाचित्र एवं नाम अंकित क्यों नहीं किया गया? इस संबंध में विधायक द्वारा एस.डी.एम. एवं कलेक्टर भिण्ड को सूचित किए जाने के बावजूद आज दिनांक तक उक्त सी.एम.ओ. को कारण बताओ नोटिस तक जारी क्यों नहीं किया गया है? (ग) सी.एम.ओ. द्वारा शासन के निर्देश एवं प्रोटोकॉल का पालन न करने में जो अनियमितताएं की गई हैं। उक्त सी.एम.ओ. के विरूद्ध तत्काल प्रभाव से दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश पारित करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद मौ जिला भिण्ड द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन दिनांक 07.02.2023 में प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद मौ जिला भिण्ड प्रोटोकॉल अनुसार सामूहिक विवाह/निकाह आयोजन की सूचना माननीय श्री मेवाराम जी जाटव विधायक विधानसभा क्षेत्र 13 गोहद, मोबाईल नम्बर 9826263680, व्हाटस एप पर सूचित किया गया था एवं माननीय श्री माखनलाल रणवीर सिंह जाटव अध्यक्ष संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम, को मोबाईल नं. 9669942333 पर व्हाटसप के माध्यम से सूचना दी गई थी, आयोजन का प्रचार प्रसार एवं बैनर पोस्टर में माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज जी चौहान एवं सामाजिक न्याय म.प्र. शासन के मंत्री माननीय श्री प्रेम सिंह जी पटेल एवं विवाह सम्मेलन आयोजनकर्ता निकाय के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के नाम व फोटो लगाये गये थे, प्रोटोकॉल पालन के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी गोहद द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक/क्यू/ एसडीओ/एसटी/2023/312 गोहद दिनांक 07/02/2023 को जारी किया गया था। जिसका उत्तर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 68/2023 मौ दिनांक 07/02/2023 दिया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उतरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डिवाइडर निर्माण
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 2784 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र के तेंदूखेड़ा तारादेही मार्ग लोक निर्माण विभाग के पास है? यदि हाँ, तो मार्ग की कुल चौड़ाई एवं उसके दोनों ओर कितनी भूमि लोक निर्माण विभाग की है? (ख) क्या नगरीय क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा तारादेही तिराहे से चौरई तक डिवाइडर निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो शासन स्तर पर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों नहीं तथा कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, तेन्दूखेड़ा तारादेही मार्ग 5.50 मीटर चौड़ाई में डामरीकृत सतह निर्मित है तथा मार्ग के दोनों ओर शोल्डर सहित वर्तमान में 7.50-7.50 मीटर लोक निर्माण विभाग की जमीन है। (ख) जी नहीं। कोई नहीं। किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एम.पी.ई.बी. में स्टोर की स्थापना
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 2789 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में बिजली विभाग अन्तर्गत स्थापित ट्रांसफार्मर खराब होने पर सुधार हेतु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के किस स्टोर में किस सुविधा से भेजे तथा लाये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में ट्रांसफार्मर लाने ले जाने की सुविधा पर अनुमानित कितना व्यय विगत 2 वर्षों में किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। पन्ना जिले के लिए म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का स्टोर स्थापित करने में कितना खर्च आयेगा? (ग) जनवरी 2020 से लेकर प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिले में कितने किसानों के द्वारा स्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान किए जाने हेतु आवेदन प्राप्त हुए? वितरण केन्द्रवार संख्या दे? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त आवेदनों पर कितने किसानों को स्थाई विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं? जानकारी देवें। (ड.) क्या शासन द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए स्थाई कनेक्शन देना बंद कर दिए गए हैं, यदि हाँ, तो क्यों? नहीं तो कब तक प्रदाय किए जाएंगे? (च) पन्ना जिला क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन किसानों के खेतों में कौन-कौन सी योजनाओं से विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गये हैं? योजनावार, वितरण केन्द्रवार लाभांवित कृषकों की संख्या एवं प्रदान की गई अनुदान की राशि सहित बतावें? किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये विद्युत ट्रांसफार्मरों के खराब हो जाने पर विद्युत ट्रांसफार्मर कितने दिनों में बदलने की समय-सीमा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन/संधारण वृत्त पन्ना अंतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने पर सुधार हेतु क्षेत्रीय भण्डार (एरिया स्टोर) छतरपुर विभागीय कार्यों हेतु अनुबंधित वाहनों के माध्यम से भेजे तथा लाये जाते हैं। (ख) संचालन/संधारण वृत्त पन्ना अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर सुधार कार्य के लिये लाने-ले जाने हेतु पृथक से कोई वाहन संलग्न नहीं है। अपितु जो वाहन म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय कार्यों हेतु अनुबंधित किये गये हैं, उन्हीं के माध्यम से अन्य कार्यों के साथ-साथ वितरण ट्रांसफार्मरों के सुधार कार्य हेतु परिवहन का कार्य भी किया जाता है। संचालन/संधारण वृत्त पन्ना अंतर्गत अनुबंधित वाहनों पर विगत दो वित्तीय वर्षों यथा 2020-21 में रू. 13.31 लाख एवं 2021-22 में रू.13.60 लाख इस प्रकार कुल रू. 26.91 लाख की राशि व्यय हुई है। पन्ना जिले में नया क्षेत्रीय भंडार स्थापित करने हेतु कार्यपालन अभियंता सहित विभिन्न श्रेणी के कार्मिकों के कुल 22 पद स्वीकृत करना होगा जिनका अनुमानित वार्षिक व्यय रूपये 1.20 करोड़ होगा। इसके अतिरिक्त नवीन क्षेत्रीय भंडार की स्थापना के लिए लगभग 3 एकड़ भूमि, कार्यालय हेतु भवन एप्रोच रोड, 04 गोदाम, 02 क्रेन, आयल एकत्रित करने हेतु 02 टेंक, टेस्टिंग लैब उपकरण, ओपन शेड, आयरन रैक, 02 वाहन, कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, स्टेशनरी आदि को सम्मिलित कर कुल अनुमानित व्यय लगभग 20 करोड़ रूपये होना संभावित हैं। (ग) संचालन/संधारण, वृत्त पन्ना अंतर्गत माह जनवरी 2020 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किसानों से स्थायी विद्युत कनेक्शन हेतु कुल 2892 आवेदन प्राप्त हुए, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। (घ) उत्तरांश (ग) में प्राप्त आवेदनों में से नियमानुसार समस्त औपचारिकताएं पूर्ण आवेदनों के विरूद्ध कुल 2399 स्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदान किए गए हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) जी नहीं, कृषकों से आवेदन सहित जमीन के वैध दस्तावेज एवं जल उपलब्धता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर जहां लाईन विस्तार की आवश्यकता नहीं है, वहां विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यक राशि जमा करने सहित अन्य औपचारिकता पूर्ण करने के उपरांत तत्काल विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये जाते हैं तथा जिन स्थानों पर लाईन विस्तार के कार्य की आवश्यकता होती है, वहां कृषक द्वारा लाईन विस्तार कार्य सहित नियमानुसार विद्युत पंप कनेक्शन हेतु शत-प्रतिशत राशि स्वयं वहन करने के लिये सहमति देने के उपरांत, वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में स्वीकृत प्राक्कलन की शत-प्रतिशत राशि जमा करने पर अथवा स्वीकृत प्राक्कलन की कुल 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा कर 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से लाईन विस्तार का कार्य स्वयं करवाकर विद्युत वितरण कंपनी से नियमानुसार स्थाई विद्युत पंप कनेक्शन प्राप्त कर सकता है। वर्तमान में स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु राज्य शासन की कोई भी अनुदान योजना प्रचलन में नहीं है। (च) संचालन/संधारण, वृत्त पन्ना अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में जमा योजना के अंतर्गत कृषकों के खेतों में स्थापित किए गए वितरण ट्रांसफार्मरों से संबंधित लाभांवित कृषकों की संख्या सहित प्रश्नाधीन चाही गयी योजनावार, वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार हैं। किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु रखे गये वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने के उपरान्त पात्र होने पर पहुंच मार्ग की उपलब्धता अनुसार शुष्क मौसम में 72 घन्टे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितंबर) सात दिवस के अन्दर बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है।
नगरीय निकाय में निर्माण एवं विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 2791 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की समस्त नगरीय निकाय में कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कितनी राशि के स्वीकृत हैं एवं कौन से कार्य कराना प्रस्तावित हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? कौन से कार्य कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये हैं? इन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जानकारी देवें। (ख) 15वें वित्त आयोग व मुख्यमंत्री अधोसंरचना एवं विकास के अंतर्गत प्रदेश की समस्त नगर पालिकाओं/नगर परिषद एवं नगर पंचायतों को राशि उपलब्ध कराई गई थी? इस राशि का उपयोग किस-किस कार्य में किया जाना था? क्या पन्ना जिले की समस्त नगरीय इकाइयों को भी राशि का आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन नगरीय इकाइयों को राशि आवंटित की गई थी? 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि से किन-किन सामग्रियों को क्रय करने एवं कौन-कौन से कार्यों पर व्यय किये जाने के शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? (ग) प्रदेश में मैरिज गार्डन की परिभाषा क्या है? मैरिज गार्डन की स्वीकृति के लिए क्या-क्या मूलभूत सुविधायें होना आवश्यक है? पन्ना जिले में संचालित मैरिज गार्डन की सूची उनके संचालकों सहित तहसीलवार सूची? स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पन्ना जिले में प्रचार प्रसार एवं जन जागरूकता हेतु कितनी राशि का आवंटन किया गया और कितनी राशि कहां-कहां खर्च की गई? वर्ष 2019 से अब तक की जानकारी का विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है।
आवश्यक स्वीकृत निर्माणाधीन फोरलेन सड़क
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 2797 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से डुमना तक निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के कुछ हिस्से में रक्षा विभाग की आवश्यक स्वीकृति लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त सड़क के कितने हिस्से में रक्षा विभाग की स्वीकृति लंबित है और स्वीकृति की अभिस्वीकृति के लिए शासन द्वारा क्या कदम उठाये गए हैं और कब तक स्वीकृति मिलेगी? (ग) क्या रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से डुमना तक निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के पूरा होने का निर्धारित समय-सीमा क्या हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 4.50 कि.मी. एवं लंबित स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) अनुबंधानुसार कार्य पूर्णत: की दिनांक 06.09.2023 निर्धारित है।
स्थायी विद्युत कनेक्शन देना
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 2808 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत किसानों से कृषि कार्य हेतु स्थायी/अस्थायी विद्युत कनेक्शन के कितने आवेदन जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए? कितने किसानों को उक्त कनेक्शन प्रदाय किए गए। (ख) किसानों को कृषि कार्य हेतु स्थायी विद्युत कनेक्शन दिए जाने हेतु क्या पात्रता है? इसमें सरकार क्या मदद करती है। (ग) क्या छतरपुर जिले में किसानों को कृषि कार्य हेतु स्थायी विद्युत कनेक्शन देना बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? जिले में कुल कितने किसानों के पास कृषि कार्य हेतु स्थायी विद्युत कनेक्शन हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कृषकों से कृषि कार्य हेतु अस्थाई एवं स्थायी श्रेणी के विद्युत कनेक्शन के लिए क्रमश: 7013 एवं 179 आवेदन प्राप्त हुए। उक्त सभी आवेदनों पर आवेदित अस्थाई/स्थाई श्रेणी अनुसार विद्युत कनेक्शन जारी किए गए। (ख) कृषकों से आवेदन सहित जमीन के वैध दस्तावेज एवं जल उपलब्धता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर जहां लाईन विस्तार की आवश्यकता नहीं है, वहां विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यक राशि जमा करने सहित अन्य औपचारिकता पूर्ण करने के उपरांत तत्काल विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये जाते हैं तथा जिन स्थानों पर लाईन विस्तार के कार्य की आवश्यकता होती है, वहां कृषक द्वारा लाईन विस्तार कार्य सहित नियमानुसार विद्युत पंप कनेक्शन हेतु शत-प्रतिशत राशि स्वयं वहन करने के लिये सहमति देने के उपरांत, वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में स्वीकृत प्राक्कलन की शत-प्रतिशत राशि जमा करने पर अथवा स्वीकृत प्राक्कलन की कुल 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा कर 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से लाईन विस्तार का कार्य स्वयं करवाकर विद्युत वितरण कंपनी से नियमानुसार स्थाई विद्युत पंप कनेक्शन प्राप्त कर सकता है। वर्तमान में स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु राज्य शासन की कोई भी अनुदान योजना प्रचलन में नहीं है। (ग) जी नहीं, छतरपुर जिले में कृषि कार्य हेतु कृषकों को स्थाई विद्युत कनेक्शन देना बंद नहीं किया गया है। छतरपुर जिले में कुल 57946 कृषकों को कृषि कार्य हेतु स्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
78. ( क्र. 2810 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कमिश्नर सागर संभाग सागर ने आयुक्त उच्च शिक्षा भोपाल को ज्ञापन क्रमांक/1667/चार-2/ वि.जांच./2022 सागर दिनांक 08/07/2022 प्रेषित था? प्रति प्रदाय करें। उक्त के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) किसी अधिकारी को पद में रहते हुए प्रश्नांश (क) के अनुक्रम जैसे गंभीर आरोप लगाए जाते हैं तो तात्कालिक रूप से क्या कार्यवाही की जाती है? क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ज्ञापन के अनुक्रम में उक्त नियम का पालन किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। डॉ. जी.एस. रोहित को प्रभारी अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, सागर संभाग, सागर के प्रभार से हटा दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आरोप प्रमाणित पाए जाने पर कार्यवाही का प्रावधान है। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका में पदस्थ अमला
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 2812 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका श्योपुर में पदस्थ कार्यालयीन समस्त स्टाफ स्थाई/अस्थाई/संविदा कर्मचारी किस-किस शाखा में किस-किस पद पर कब से पदस्थ होकर कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पदस्थ कर्मचारियों में से कितने कर्मचारी गृह तहसील श्योपुर एवं गृह जिले में लम्बे समय से पदस्थ होकर कार्यरत हैं? यदि हाँ तो कौन-कौन से कर्मचारी किस-किस पद पर कितने वर्षों से किस-किस शाखा में कब से पदस्थ हैं शैक्षणिक योग्यता सहित प्रमाणित विस्तृत जानकारी से अवगत करायें? (ग) क्या नगर पालिका श्योपुर में पदस्थ कर्मचारियों से शासन द्वारा निर्धारित जॉब चार्ट अनुरूप ही उनके मूल पद में निर्धारित कर्तव्यों अनुसार ही कार्य कराया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? कारण बताएं? अब कब तक शासन निर्देशों के तहत मूल पद एवं योग्यता अनुरूप कार्य कराया जावेगा? अवगत करायें यदि नहीं तो क्यों कारण बताएं? (घ) क्या श्योपुर एवं बड़ोदा में वर्ष 2021 में आई भीषण बाढ़ से प्रधानमंत्री आवास योजना से स्वीकृत होकर निर्माणाधीन, आवास पूर्णतः क्षतिग्रस्त होकर नष्ट हो गये थे यदि हाँ तो कौन-कौन से वार्ड में किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई थी? जानकारी प्रस्तुत करें? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार उक्त पात्र हितग्राहियों को पुनः आवास उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? अवगत कराये यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। निकाय में कुछ पद वर्षों से रिक्त होने के कारण उक्त पदों के दायित्वों के निर्वहन हेतु अन्य पदधारक को प्रभार दिया गया है। (घ) श्योपुर में वर्ष 2021 में आई भीषण बाढ़ से प्रधानमंत्री आवास में स्वीकृत आवास के सर्वे हेतु जांच दल गठित किया गया था जिसमें दल द्वारा 98 हितग्राही पात्र पाये गये थे जिनमें 45 हितग्राही आवास निर्माणाधीन पाये गये थे जिनको 95100/- राशि प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
विद्युतीकरण कार्य की जानकारी
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 2815 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.आर.आर.डी.एस. योजना के तहत विधान सभा क्षेत्र श्योपुर में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत है तथा कौन-कौन से कार्य, कार्ययोजना में प्रस्तावित है? उक्त कार्य योजना किस माप दण्डानुसार और नियम के तहत बनायी गयी है? क्या योजना बनाते समय जिम्मेदार एवं जागरूक जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लिये गये है? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ख) विधान सभा क्षेत्र श्योपुर में ऐसे कितने मजरे टोले एवं छोटे ग्राम हैं जो आज भी विद्युत विहीन है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विद्युत विहीन ग्रामों में योजनान्तर्गत विद्युतीकरण कार्य कराये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण बतायें। यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (घ) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में वर्ष 2021-2022 से प्रश्न दिनांक तक समस्त योजनाओं एवं अन्य मदों से कौन-कौन सी 33 के.व्ही.11 के.व्ही. एवं निम्नदाब जर्जर एवं क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनों के तार बदले गये है? सूची उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार शेष रही जर्जर एवं क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनें कौन-कौन सी है एवं उक्त लाईनों के कारण कितनी दुर्घटनायें हुई हैं जिनके आवेदन प्राप्त हुये? क्या उनको सहायता स्वीकृत की गयी है? यदि नहीं तो क्यों? शेष विद्युत लाईने जो जर्जर एवं क्षतिग्रस्त हैं। उनके विद्युत तार किसी भी योजना से बदला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (च) सड़क मार्गों को क्रास करते हुये कम ऊँचाई वाले खुले हुये तारों को ऊँचाई एवं गार्डिंग की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी? भविष्य में कब तक कर दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. (आर.आर. आर.डी.एस. नहीं) योजना के प्रथम चरण (लॉस रिडक्शन) के तहत विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण (मॉडर्नाईजेशन) में प्रस्तावित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त योजना भारत सरकार के संकल्प के अनुपालन के तहत 24X7 निर्बाध, गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये विद्यमान विद्युत वितरण व्यवस्था/प्रणाली में सुधार (Reform) हेतु लागू की गई है। कार्य योजना बनाते समय योजना की दिशा-निर्देशिका अनुसार विद्युत कंपनी के सक्षम अधिकारियों द्वारा तकनीकी साध्यता तथा राजस्व एवं तकनीकी हानि में सुधार हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये है। जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर सुझाये गये प्रस्तावों को भी तकनीकी एवं योजना के मापदण्डों के अनुसार साध्य पाये जाने पर योजना में सम्मिलित किया गया है। (ख) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में विद्युतीकरण हेतु समय-समय पर प्रचलित विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के प्रावधानों के तहत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों को विद्युतीकृत किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में वर्ष 2021-2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विभिन्न योजनाओं/मदों में 33 के.व्ही., 11 के.व्ही. एवं निम्नदाब की पुरानी एवं खराब विद्युत लाईनों के तार बदलने से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। (ड.) वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में खराब/क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनों के संधारण/सुधार का कार्य शेष नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्यमान लाईनों एवं अन्य विद्युत अधोसंरचना का संधारण कार्य एक सतत् प्रक्रिया के तहत नियमित रूप से किया जाता है। तथापि कतिपय कारणों से प्रश्नाधीन क्षेत्र में 02 घातक विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई है एवं दोनों ही घटनाओं में नियमानुसार पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि स्वीकृत कर, भुगतान कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (च) प्रश्नाधीन क्षेत्र में समय-समय पर क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा सर्वे के आधार पर जहॉं सड़क मार्गों को क्रॉस कर रही विद्युत लाईनों/तारों की ऊँचाई कम हैं, के लिये मानक अनुसार क्लीयरेंस निर्धारित करने हेतु कार्य स्वीकृत कर कार्यों का क्रियान्वयन किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुछ स्थानों पर जहां संबंधित विभागों द्वारा सड़कों का चौड़ीकरण आदि कार्य किये जा रहे हैं, ऐसे स्थानों पर विद्युत लाईनों/तारों की ऊँचाई निर्धारित मानकों के अनुरूप करने के कार्य संबंधित विभाग द्वारा 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना के अंतर्गत राशि जमा करने एवं आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत उनके स्तर से ही कराया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बालिकाओं को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देना
[उच्च शिक्षा]
81. ( क्र. 2818 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत बालिकाओं की घटती संख्या को देखते हुये सरकार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देने का विचार करेंगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : प्रदेश में स्नातक स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त किए जाने हेतु प्रवेशित कुल विद्यार्थियों में से छात्राओं की संख्या लगभग 50 प्रतिशत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। छात्राओं को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान किए जाने हेतु पूर्व से ही अनेक योजनाओं में लाभांवित किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
कृषि कार्य हेतु बिजली प्रदाय
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 2819 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में कृषकों को कृषि कार्य व आवासीय उपयोग हेतु कितने घन्टे बिजली देने का प्रावधान है? (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में कृषकों को कृषि कार्य हेतु कितने घन्टे बिजली वर्तमान में प्रदाय की जा रही है? (ग) कृषकों को कम बिजली दिये जाने के कारण कृषि में होने वाले नुकसान की भरपाई क्या शासन करेगा? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में राज्य शासन के निर्णयानुसार गैर-कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में कृषकों को कृषि कार्य हेतु अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत वर्तमान माह फरवरी, 2023 में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में औसतन प्रतिदिन 9:59 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 2821 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार सागर जिले का कोई भी ग्राम विद्युत/ बिजली विहीन नहीं रहेंगे? यदि हाँ, तो देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्राम/मजरें/टोले आज भी विद्युत विहीन हैं? विद्युत वितरण केन्द्रवार, सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युत उपलब्ध कराए जाने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग द्वारा क्या-क्या योजनाएं स्वीकृत होकर उनके क्रियान्वयन हेतु क्या मार्गदर्शिका है? मार्गदर्शिका की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या देवरी विधानसभा क्षेत्र के सभी रहवासी क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों? शेष गांवों में कब तक विद्युत प्रदाय व्यवस्था कर दी जायेगी? (घ) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव लंबित हैं? क्या उक्त लंबित प्रस्तावों वाले ग्रामों में उपकेन्द्र की स्थापना न किए जाने के कारण किसानों एवं आम नागरिकों को लो-वोल्टेज एवं क्षमता से अधिक भार होने के कारण ट्रांसफार्मर जलने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो लंबित प्रस्तावों को कब स्वीकृति प्रदान की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) ऐसी कोई घोषणा संज्ञान में नहीं है तथापि अद्यतन स्थिति में सागर जिले सहित संपूर्ण प्रदेश के सभी राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा-राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22/10/2018 को पूर्ण कर लिया गया था। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित समस्त मजरों/टोलों को विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्व में ही विद्युतीकृत किया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी योजनाएं क्लोज हो चुकी हैं। वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना स्वीकृत/प्रचलन में नहीं है। अत: प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत विहीन ग्रामों/मजरों/टोलों की सूची दिये जाने तथा वर्तमान में स्वीकृत विद्युतीकरण योजना की मार्गदर्शिका की प्रति उपलब्ध कराए जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बनाए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
मॉडल/नवीन कॉलेज खोले जाना
[उच्च शिक्षा]
84. ( क्र. 2822 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए सरकार द्वारा प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों पर मॉडल कॉलेज स्थापित किये जाने की कोई कार्य योजना प्रस्तावित हैं? यदि हाँ तो विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना से उच्च शिक्षा में किस तरह का गुणात्मक सुधार हो सकेगा? विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या संभागीय मुख्यालय सागर में वर्तमान में शासन के कुल 2 महाविद्यालय हैं। इनमें क्षमता से 3 गुना अधिक विद्यार्थी दर्ज हैं? संसाधनों की कमी से जिले के छात्र गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा से वंचित हैं। ऐसे में शासन द्वारा सागर में पृथक से नया मॉडल कॉलेज खोलने की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण सहित बतावें। (घ) क्या सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र के महाराजपुर एवं गौरझामर में शासकीय कॉलेज खोलने का प्रस्ताव कई वर्षों से लंबित है? यदि हाँ तो कॉलेज खोलने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की गई हैं? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। समस्त जिला मुख्यालयों पर पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में से 01 महाविद्यालय को मॉडल कॉलेज में परिवर्तित किए जाने की योजना परीक्षणाधीन है। विवरण दिया जाना संभव नहीं है। (ख) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में इस योजना से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा। (ग) जी हाँ, सागर में वर्तमान में 02 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। सागर में पृथक से मॉडल कॉलेज प्रारंभ करने की कोई योजना नहीं है तथापि पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में से 01 महाविद्यालय को आवश्यकतानुसार संसाधन उपलब्ध कराते हुए मॉडल कॉलेज में परिवर्तित किया जाना परीक्षणाधीन है। (घ) जी हाँ, नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 2826 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा मुरैना के ग्राम चन्दपुरा, बण्डपुरा मार्ग की वर्तमान में क्या स्थिति है? इस मार्ग की घोषणा मुख्यमंत्री जी ने कब की थी एवं निर्माण की फरवरी 2023 में क्या स्थिति है? (ख) क्या उक्त मार्ग के निर्माण हेतु कई बार विधानसभा एवं मौखिक, लिखित रूप से शिकायतों के बाद भी मार्ग का सम्पूर्ण कार्य पूरा क्यों नहीं किया जा रहा है? विभाग का कार्य पूर्ण होने में क्या कठिनाई आ रही है? (ग) उक्त मार्ग का कार्य कब तक पूर्ण कराया जा सकेगा जिससे जंगल के क्षेत्र में जनता के आने-जाने एवं वाहनों को मार्ग का लाभ होने की सुविधा मिल सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
टरबाइन बंद होने से हुई हानि
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 2827 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगाजी ताप विद्युत गृह खण्डवा की नवनिर्मित 660 मेगावा क्षमता इकाई-3 की टरबाइन ब्लेड टूटने से लम्बे समय से बन्द पड़ी है? फरवरी 2023 की स्थिति एवं टरबाइन टूटने का कारणों सहित जानकारी दी जावें। (ख) मई 2020 से फरवरी 2023 तक उक्त टरबाइन टूटने से ताप विद्युत गृह का कितना नुकसान हुआ है इसकी देखरेख की जिम्मेदारी किन अधिकारियों की थी? उनके नाम उक्त समय अवधि में हुई हानि की जानकारी दी जावें। (ग) क्या टरबाइन में काफी समय से वाइब्रेशन हो रहा था जिसे चालू रखा अन्त में 5 अगस्त, 2020 को इकाई क्रमांक 3 की टरबाइन ब्लेड टूट गई जिससे इकाई चार माह बन्द रही उक्त अवधि में कितना विद्युत उत्पादन हुआ एवं दोषी अधिकारी कौन रहे? उनके खिलाफ जांच कर कार्यवाही की जावेगी? हाँ तो क्या?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह की 660 मेगावाट क्षमता की इकाई क्रमांक 03 की टरबाइन ब्लेड टूटने के कारण बंद नहीं है, अपितु 11 फरवरी, 2023 से बायलर ट्यूब में रिसाव होने के कारण बंद है। पूर्व में यह इकाई टरबाइन ब्लेड टूटने से दिनांक 05.08.2020 से 31.07.2021 तक बंद रही। (ख) श्रीसिंगाजी ताप विद्युत गृह की इकाई क्रमांक 03 को, मई 2020 से नहीं अपितु दिनांक 05 अगस्त 2020 को एच.पी. टरबाइन में वाइब्रेशन अधिक होने के कारण बंद किया गया था। दिनांक 05.08.2020 से 31.07.2021 की अवधि में ताप विदयुत गृह को स्थायी प्रभार के रूप में रुपये 681 करोड़ की कमतर वसूली हुई। वार्षिक रख-रखाव के दौरान निरीक्षण पर एच.पी. टरबाइन की ब्लेड टूटने का पता चला, संधारण कार्यों के पश्चात इकाई को 31 जुलाई, 2021 को संचालन में लिया गया। उक्त घटना की जांच हेतु बनाई गई समिति द्वारा 12 अधिकारियों को जिम्मेदार पाया गया था, जिन पर नियम अनुसार कार्यवाही की गई है। अधिकारियों के नाम एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी, नहीं। इकाई क्रमांक 03 दिनांक 05.08.2020 को 620 मेगावॉट भार पर सामान्य पैरामीटर के साथ क्रियाशील थी। मेसर्स एस. एण्ड टी. एवं ओ.ई.एम. कान्ट्रेक्टर की टीम पी.जी. टेस्ट कराने के लिये उपस्थित थी। दिनांक 05.08.2020 को पी.जी. टेस्ट के लिये फुल लोड से जाने पर बियरिंग में वाइब्रेशन निर्धारित सीमा से अधिक बढ़ने पर इकाई को बंद कर दिया गया। इकाई में दिनांक 22.08.2020 से वार्षिक रख-रखाव कार्य शुरू कर दिया गया। इसके टरबाइन ब्लेड के क्षतिग्रस्त होने का पता वार्षिक रख-रखाव के संधारण कार्यों के दौरान ज्ञात हुआ। वृहद संधारण कार्यों के फलस्वरूप इकाई क्रमांक 03 से लगभग 359 दिन उत्पादन प्रभावित हुआ, जिससे स्थायी प्रभार के रूप कमतर वसूली हुई। दोषी अधिकारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश (ख) में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पदों का सृजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 2833 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिकाओं के लिए विभागवार कार्मिक संरचना अथवा पदों का सृजन किया गया है जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग, राजस्व विभाग आदि पृथक-पृथक विभागों में पदों का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो विभागवार, पदनाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विभागों में से मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पद किस विभाग के अधीन प्रावधानित किया गया है? (ग) यदि सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पद प्रावधानित है तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी क, ख एवं ग श्रेणी की निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रिक्त पदों पर पदोन्नति अथवा रिक्त पदों का प्रभार क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ही वरिष्ठ कर्मचारियों को दिया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या मध्यप्रदेश नगर पालिका कार्यपालिक सेवा नियम 1973 को 2015 में संशोधित किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्व से ''ग'' श्रेणी के पदों पर पदोन्नत होते आये एवं प्रभार में रहे मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नियमों में संशोधन कर पदोन्नति एवं प्रभार से वंचित कर राजस्व निरीक्षकों एवं राजस्व उपनिरीक्षकों को बढ़ावा देने के पीछे शासन की क्या मन्शा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त फिडर कैडर में आने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को पदोन्नति अथवा रिक्त पदों की पदपूर्ति करने हेतु प्रभार दिया जा रहा है। (घ) जी हाँ। क श्रेणी की नगर पालिकाओं के अधीक्षकों की पदोन्नति से जिन्हें 7 वर्ष का अनुभव हो, श्रेणी ग की नगर पालिकाओं के राजस्व निरीक्षक, जिन्हें 7 वर्ष का अनुभव हो और राजस्व उप निरीक्षक जिन्हें कम से कम 9 वर्ष का अनुभव अपने संबंधित पदों पर हो और नगर पालिका परिषद के सेवक जिन्हें कि कम से कम 10 वर्ष का अनुभव हो प्रावधानित था। राजस्व निरीक्षक एवं राजस्व उप निरीक्षकों को बढ़ावा देने की शासन की कोई मंशा नहीं है।
नियम विरूद्ध भुगतान
[आयुष]
88. ( क्र. 2835 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से 2020 तक शासकीय महाविद्यालय बुरहानपुर में प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य पद पर किनको पदस्थ किया गया था? मूल पदनाम, पद स्थापना अवधि सहित विवरण देवें। (ख) क्या उक्त अवधि में शासन/संचालनालय द्वारा किसी रीडर/सहायक प्राध्यापक को भी प्राचार्य का प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार सहित प्रभार दिया गया था? यदि हाँ, तो किसे, किस समय अवधि तक? यदि नहीं तो उक्त अधिकारी द्वारा सामग्री क्रय करने और वार्षिक उत्सव में नियम विरूद्ध भुगतान किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में संदर्भित अधिकारी के द्वारा आउटसोर्स एजेन्सी को भी बिना टीडीएस काटे नियम विरूद्ध भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में संदर्भित अधिकारी के द्वारा अपने हस्ताक्षर से फर्जी अभिलेखों को सत्यापित कर छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ। प्रधानाचार्य, शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा, दिनांक 18/03/2018 से 12/03/2020। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 2839 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर भू-अर्जन (ग्वालियर) का आदेश का भू-स/1/80-81/अ-22 दिनांक 11/10/82 के अनुसार दामोदर बाग की भूमि ग्वालियर विकास प्राधिकरण को आवंटित कर कब्जा भी दिया? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कलेक्टर ग्वालियर के आदेश के पश्चात भी उक्त भूमि का ग्वालियर विकास प्राधिकरण को समितियों द्वारा क्यों ली गई? कारण बतावें। (ग) क्या उक्त शासकीय भूमि कलेक्टर के आदेश अनुसार पूर्व में ही प्राप्त हो चुकी थी? यदि हाँ, तो ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा उक्त शासकीय भूमि के फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करके विभिन्न गृह निर्माण समितियों को लाभ क्यों दिलाया गया? कारण स्पष्ट करे एवं यह भी बतावें कि इसका दोषी कौन है तथा दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उक्त भूमि कलेक्टर के आदेश एवं कब्जा दिलाने के बाद भी ग्वालियर विकास प्राधिकरण के द्वारा उक्त भूमि विभिन्न सहकारी गृह निर्माण समितियों के द्वारा ग्वालियर विकास प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहित करके विभिन्न गृह निर्माण समितियों को लाखों वर्ग मीटर भूमि के भू-खण्ड आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया है एवं इसका जिम्मेदार कौन है? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के आधार पर यदि अनियमितता हुई है, तो शासकीय भूमि को फर्जी तरीके से दस्तावेजों के आधार पर अधिग्रहित कर भू-खण्ड आवंटित हुऐ हैं, तो क्या शासन दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (ड.) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 2843 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा बाग विकासखण्ड में अखाड़ा ग्रिड एवं गंधवानी विकासखण्ड में केशवी ग्रिड स्वीकृत किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति उपलब्ध करावें एवं उक्त कार्यों से कितने ग्राम लाभांवित होगें? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त निर्माण कार्यों हेतु विभाग द्वारा टेण्डर प्रक्रिया हेतु निविदा जारी की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन ठेकेदारों के टेण्डर हुए हैं तथा कब तक कार्य प्रारम्भ कर दिये जायेंगे? यदि निविदा जारी नहीं की गई तो क्यों एवं कब तक जारी कर दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में बाग विकासखण्ड में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र अखाड़ा एवं गंधवानी विकासखण्ड में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र केशवी की स्थापना से संबंधित कार्यों को केंद्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार केंद्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रश्नाधीन कार्यों सहित म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत समस्त कार्यों हेतु प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपरोक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों अखाड़ा एवं केशवी के कार्य पूर्ण होने के उपरांत क्रमशः 31 एवं 24 ग्राम इस प्रकार कुल 55 ग्रामों के उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) में उल्लेखित नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों अखाड़ा एवं केशवी के निर्माण कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यादेश मेसर्स इस्पान इन्फ्रास्ट्रक्चरर्स (आई) लिमिटेड (लीड पाटनर्स) दिल्ली एंड मेसर्स पॉवर एंड इस्ट्रूमेंटेशन (गुजरात) लिमिटेड (जे वी पाटनर्स) अहमदाबाद को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक 3513/2450 दिनांक 16.02.2023 से जारी किया जा चुका है। उक्त एजेंसी से अनुबंध एवं अन्य औपचारिकताऍं पूर्ण होने के उपरांत उक्त कार्यों को शीघ्र प्रारंभ किया जावेगा।
तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के संगठनों से बैठक
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 2853 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय ऊर्जा मंत्री जी द्वारा वर्ष 2020-21 व 2021-22 में विद्युत उत्पादन कंपनी, ट्रांसमिशन कंपनी एवं तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के कर्मचारियों व अधिकारियों के संगठन से कब-कब बैठक की गई? उक्त बैठकों में माननीय मंत्री जी द्वारा क्या-क्या आश्वासन दिये गये? विवरण उपलब्ध कराऍ। (ख) उक्त बैठकों में माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्वासनों की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये सभी आश्वासनों की पूर्ति कर दी गई है? यदि नहीं तो आश्वासन पूर्ति नहीं किये जाने के कारणों का विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत कंपनियों से संबंधित म.प्र. यूनाईटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स के प्रतिनिधि मण्डल के साथ दिनांक 23.08.2021 को ऊर्जा मंत्री द्वारा बैठक की गई। उक्त बैठक में संगठन की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गयी, किन्तु बैठक में कोई भी आश्वासन नहीं दिया गया। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
उपकेन्द्रों व ट्रांसमिशन लाइन के कार्य
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 2854 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में टी.बी.सी.बी. निविदा के अंतर्गत कितने उपकेन्द्रों व ट्रांसमिशन लाईन के कार्य आवंटित किये गये हैं? कार्यवार विवरण एवं निविदाकर्ता को प्रति यूनिट देय राशि का विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त कार्य निविदा में दी गई शर्तों के अनुसार किस दिनांक से प्रारंभ किये जाने थे? कार्य पूर्ण करने हेतु कितना समय प्रदान किया गया था? (ग) क्या उक्त कार्य समय पर प्रारंभ कर दिये गये हैं? यदि नहीं तो कारण बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा चिन्हित अति उच्च दाब उपकेन्द्रों एवं ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण टीबीसीबी निविदा प्रक्रिया के अनुसार कराने का निर्णय लिया गया, तदुपरान्त केन्द्र सरकार द्वारा टीबीसीबी बोली प्रक्रिया हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार वर्ष 2020-21 में निरंक तथा वर्ष 2021-22 में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार अति उच्च दाब उपकेन्द्रों एवं ट्रांसमिशन लाइनों के कार्य आवंटित किये गए हैं। निविदाकर्ता को प्रति यूनिट राशि देय नहीं है वरन निविदा के प्रावधानों के अनुसार चयनित निविदाकर्ता को पारेषण शुल्कों का भुगतान किया जाएगा, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। अनुबंध के प्रावधान अनुसार प्रथम वर्ष हेतु देय शुल्कों का निर्धारण परियोजना में शामिल विभिन्न घटकों की पूर्णता की तिथि के आधार पर होगा, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ख) निविदा की शर्तों में पारेषण कार्यों को प्रारंभ करने की तिथि नियत नहीं है तथापि शर्तों में परियोजना विकासक एवं बोली प्रक्रिया समन्वयक के बीच संपादित शेयर परचेज अनुबंध की तारीख, जो दिनांक 01.11.2021 है, से 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्रों और उनसे संबंधित पारेषण लाईनों को पूर्ण करने के लिये 18 माह एवं 220/132/33 के.व्ही. उपकेन्द्रों तथा उनसे संबंधित पारेषण लाईनों को पूर्ण करने के लिए 24 माह का समय निर्धारित है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं।
विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 2857 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले विद्युत वितरण केन्द्र नरयावली, भापेल, सीहोरा, बांदरी, बम्होरी रेगुंवा में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कितने जमा योजना ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं विभाग द्वारा कितने विभागीय ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? (ख) विभाग को प्राप्त जमा योजना अंतर्गत आवेदन पत्रों पर कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? कितने लंबित हैं? ट्रांसफार्मर स्थापित करने में क्या आधार रखा गया? (ग) दिनांक 21.12.2022 को कर्मचारी हड़ताल के दौरान कितने ट्रांसफार्मरों के जलने/अन्य कारणों से बंद होने/विद्युत लाईन बंद होने की शिकायतें प्राप्त हुई? (घ) विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने में हो रही अनियमितताओं के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? क्या उन शिकायतों पर निराकरण किया गया? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग के दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर विभाग कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र में संचालन-संधारण संभाग सागर के वितरण केन्द्रों नरयावली भापेल, सीहोरा, बांदरी एवं बम्होरी रेंगुवा अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में जमा योजनांतर्गत 26 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने हेतु 26 आवेदन प्राप्त हुए। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में नरयावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 12 वितरण ट्रांसफार्मर विभागीय योजनाओं के अंतर्गत स्थापित किए। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जमा योजना अंतर्गत प्राप्त 26 आवेदनों के विरूद्ध कुल 26 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं एवं कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। जमा योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्त होने पर तकनीकी साध्यता एवं उपभोक्ता की मांग के आधार पर समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण होने के उपरांत आवेदक के व्यय पर वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। (ग) दिनांक 21.12.2022 को संचालन-संधारण संभाग सागर के अंतर्गत कोई भी कार्मिक हड़ताल पर नहीं गया था तथा प्रश्नांश में उल्लेखित समस्याओं से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने में अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त नहीं हुई हैं, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
एन.एच. 934 में मुआवजा वितरण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 2860 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत केरबना, कर्रापुर से सागर-भौंहारी एन.एच. 934 का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई सागर द्वारा निर्मित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या सड़क निर्माण के पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इकाई सागर द्वारा मार्ग में आने वाले मकान, व्यवसायिक दुकानें, प्लाट, कृषि भूमि के अधिग्रहण/अधिपत्थ हेतु मुआवजा राशि वितरण के संबंध में दर सहित प्रकाशन/अवार्ड पारित किया था? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या मुआवजा हेतु दर सहित प्रकाशन/अवार्ड पारित किये जाने के उपरांत ग्रामीणों द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। क्या प्राधिकरण इकाई सागर द्वारा शासन के नियम निर्देशों के मापदंड का पालन करते हुये मुआवजा वितरण किया है? जानकारी देवें। (घ) यदि आपत्ति प्रस्तुत की गई थी तो प्राधिकरण इकाई सागर द्वारा उक्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की तथा प्राधिकरण इकाई सागर शासन के मापदंड अनुसार मुआवजा वितरण कर पीड़ित परिवारों को न्याय संगत एवं निति अनुसार मुआवजा राशि वितरण करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विषयांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग से संबंधित न होकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में व्यवस्थाएं
[आयुष]
95. ( क्र. 2861 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में विभाग द्वारा संचालित केन्द्रों/आयुर्वेद चिकित्सालयों/आरोग्य केन्द्रों की जानकारी देवें, उनमें से कहां-कहां भवन हैं, उनमें स्वीकृत-कार्यरत-रिक्त पदों की जानकारी दें? लोकसेवकों की ऑनलाइन उपस्थिति के लिये विकसित एप की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या यह सत्य है कि रैगॉंव विधानसभा अंतर्गत संचालित केन्द्रों/आयुर्वेद चिकित्सालयों/आरोग्य केन्द्र अधिकांश भवनविहीन हैं एवं स्वीकृत पदों के मान से पदस्थापना नहीं की गई है, साथ ही जिला कार्यालयों में वर्षों से पदस्थ/संलग्न लोकसेवकों की जानकारी पदस्थापना अवधि सहित दें? क्या प्रश्नांश (क) अनुसार सार्थक एप की खामियों/कमियों के कारण लोकसेवक हड़ताल पर रहे हैं? उसे दूर करने तक उक्त प्रक्रिया को कब तक रोंका जायेगा? यदि नहीं तों क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में संचालित केन्द्रों में क्या-क्या चिकित्सीय सुविधायें उपलब्ध हैं, साथ ही कहां-कहां पेयजल सुविधा, टायलेट, बिजली केन्द्रों में उपलब्ध है? पूर्ण जानकारी दें। क्या शासन की उक्त सुविधाओं का लाभ आम जनता को मिल रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार केन्द्रों में जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने लोगों को क्या-क्या सुविधायें प्राप्त हुई? इसकी संख्यात्मक जानकारी केन्द्रवार दें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार रैगॉंव विधानसभा के भवन-विहीन केन्द्रों में कब तक भवन स्वीकृत किया जायेगा? साथ ही जिन केन्द्रों में पेयजल-सुविधा, बिजली-व्यवस्था, टायलेट-सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, वहॉं पर उक्त सुविधायें कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''अनुसार। स्वीकृत कार्यरत रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार। MAPIT द्वारा विकसित ''सार्थक ऐप'' । (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स''अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) (1) चिकित्सा सुविधा प्रदान करना। ओ.पी.डी. एवं औषधियॉ प्रदान करना। (2) एच.डब्ल्यू.सी. में पैथॉलॉजी की सुविधा। (3) स्नेहन स्वेदन की सुविधा प्रदान करना। (4) दिनचर्या/ऋतुचर्या। (5) आहार आदि के संबंध में जानकारी प्रदाय करना। (6) योग। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''अनुसार। (घ) भवन निर्माण सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
राशि की वसूली
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 2864 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व कार्यपालन यंत्री बसंत कुमार विश्वकर्मा की पदस्थापना सतना संभाग में होने के दौरान उनके द्वारा स्थानीय सर्किट हाउस में एक कमरा स्थायी रूप से अनाधिकृत कब्जा कर उसका नियमानुसार रेंट जमा न करने पर प्रश्नकर्ता द्वारा लिखित में कलेक्टर सतना/एस.डी.एम. रघुराज नगर सतना/विभाग में जो लिखित शिकायत की गई थी उस पर प्रश्न तिथि तक कब-कब, कितनी-कितनी वसूली की गई? जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) अगर नहीं की गई है तो क्यों? नियमों की एक प्रति दें। कब तक कितनी वसूली की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पूर्व कार्यपालन यंत्री श्री बसंत कुमार विश्वकर्मा को समुचित आवास आवंटित नहीं होने के कारण सर्किट हाउस के कक्ष क्र. बी-04 के ऊपर प्रथम तल पर निर्मित स्टोर रूम सह उपयंत्री कार्यालय को आवासीय कार्यालय के रूप में उपयोग में लाया गया था। पूर्व कार्यपालन यंत्री श्री विश्वकर्मा को सर्किट हाउस में आरक्षण होना नहीं पाया गया है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा उक्त संबंध में की गई शिकायत संबंधी पत्र लोक निर्माण विभाग संभाग सतना को लेख नहीं किये जाने के फलस्वरूप कार्यवाही किये जाने विषयक जानकारी लोक निर्माण विभाग संभाग सतना से संबंधित नहीं है। (ख) ऐसे कक्ष जिनका उपयोग सर्किट हाउस के संचालन व संधारण हेतु होता है, उनका कोई किराया निर्धारित नहीं होता है। अतः वसूली का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
तालाबों का प्रदूषण रोकने हेतु कार्ययोजना
[पर्यावरण]
97. ( क्र. 2865 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश भर में वर्षों पुराने तालाबों में मिलने वाले गंदे नालों/पानी/अन्य प्रदूषित पदार्थों को रोकने हेतु क्या कार्ययोजना शासन ने तैयार कर अमल में लाई है? तालाबवार/योजनावार/ अमलवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रदेश के कई बड़े शहरों के तालाब, जैसे भोपाल के सभी बड़े-छोटे, सागर के, इंदौर के सतना, रीवा, ग्वालियर के तालाबों में अन्य शहरों के तालाबों में चोई एवं अन्य पेड़-पौधे तालाबों का पानी सोख रहे हैं व तालाबों में पानी कम होता जा रहा है और भराव मिट्टी का ज्यादा होता जा रहा है? अगर नहीं तो क्या सभी तालाबों की लगातार सफाई हो रही है? (ग) क्या पर्यावरण विभाग ने तालाबों के पर्यावरण ठीक रखने हेतु प्रश्न तिथि तक किस-किस सक्षम कार्यालयों को पत्र/चेतावनी दिनांक 01-04-2019 से प्रश्न तिथि तक जारी की है? जारी सभी पत्रों की एक प्रति दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी समेकित रूप से संधारित नहीं है। तालाबों के संरक्षण एवं रख-रखाव हेतु संबंधित नगरीय निकायों/पंचायतों एवं उन संस्थाओं तथा विभागों जिनके अधिपत्य में तालाब है, उनके द्वारा समय-समय पर तालाबों की सफाई, खरपतवार का उन्मूलन, गाद हटाने संबंधी कार्य किए जाते है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 2866 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में रैगॉंव-विधानसभा अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग विभाग के हैं, वह मार्ग कहाँ से कहाँ तक हैं, उनकी लम्बाई क्या-क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार रैगॉंव-विधानसभा के उक्त मार्ग वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं, जिनमें आवागमन में आम जनता को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, मार्ग के निर्माण न होने, पुल/पुलिया के निर्माण न होने से बरसात में आवागमन अवरूद्ध हो जाता है, जिनके संबंध में समय-समय पर आम जनता द्वारा प्रदर्शन/विरोध/ वोट का बहिष्कार आदि की घटनायें निर्मित हुई हैं एवं विभिन्न कार्यालयों में मांग पत्र प्रस्तुत किये गये हैं, किन-किन मार्गों के निर्माण न होनें के कारण ऐसी स्थितियां निर्मित हुई हैं, जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यह बतायें, कि मार्गों के मरम्मत/सुदृढ़ीकरण/मजबूतीकरण हेतु किन-किन मार्गों के निर्माण/पुल-पुलिया निर्माण हेतु किन-किन स्तरों पर जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब पत्र प्रेषित किये गये, उनमें की गई कार्यवाही की पूर्ण जानकारी पत्रवार दें एवं बतायें कि किन-किन मार्गों में माइलस्टोन, दिशासूचक, ग्रामों के नाम के बोर्ड लगे हैं एवं उनमें सही दूरी अंकित है? यदि नहीं, तो कब तक उक्त कार्य कराये जायेंगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार मार्गों एवं पुल-पुलियों का निर्माण कब-तक कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता के पत्र पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 2872 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक – 1235 दिनांक – 22/12/2022 के प्रश्नांश “ग” एवं “घ” का उत्तर क्या था और क्या दिये गये उत्तर के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की जाकर सहमति प्रदान की गयी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों? जबकि माननीय प्रभारी मंत्री जी द्वारा वि़द्युत लाइनों को व्यवस्थित करने के निर्देश जारी हैं और उपरोक्त कार्य अति आवश्यक हैं। (ख) जनवरी 21 से कटनी जिला अंतर्गत विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं के तहत कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य किन-किन स्थानों पर किस मांग एवं आवश्यकता के चलते किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत किए गये और कार्यों को कब-कब कराया गया? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. कटनी को विगत 03 वर्षों में किन-किन विषयों पर क्या-क्या कार्य हेतु पत्र प्रेषित किए गये और पत्रों के निराकरण में प्रश्न दिनांक तक पत्रवार की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए। (घ) प्रश्नांश (ग) क्या पत्रों के निराकरण में की गयी कार्यवाही शासनादेशों के पालन में नियमानुसार हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार? पत्रवार कृत कार्यवाही बताइये, यदि नहीं तो इस अनियमितता पर क्या कार्यवाही की जायेंगी? प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा लिखित पत्रों के कार्यों को किस प्रकार और कब तक पूर्ण किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्न क्रमांक 1235 दिनांक 22.12.2022 के उत्तर में दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। माननीय प्रभारी मंत्री महोदय जिला कटनी द्वारा विद्युत लाईनों को व्यवस्थित (शिफ्ट) करने के निर्देश के परिपालन में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जमा योजनान्तर्गत प्राक्कलन सहमति हेतु आयुक्त, नगरपालिक निगम, कटनी को दिनांक 01.07.2022 को प्रेषित किया गया था। वर्तमान में नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा उक्त प्राक्कलन हेतु सहमति एवं राशि प्रदान नहीं की गई है। आयुक्त नगरपालिक निगम, कटनी से सहमति एवं आवश्यक राशि प्राप्त होने पर म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शीघ्र आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ख) संचालन-संधारण, वृत्त कटनी अंतर्गत जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विद्युत उपभोक्ताओं की मांग एवं तकनीकी आवश्यकता के दृष्टिगत, विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु कटनी जिले में कराये गये कार्यों की योजनावार, लागतवार, स्थानवार, कार्य पूर्णता की दिनांक एवं स्वीकृतकर्ता अधिकारी के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा अधीक्षण अभियंता/ कार्यपालन अभियंता संचालन-संधारण वृत्त/संभाग कटनी को विगत 03 वर्षों में प्रेषित पत्रों एवं उन पर की गयी कार्यवाही से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के उत्तरांश (ग) में उल्लेखित पत्रों पर म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही/वस्तुस्थिति से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। प्राप्त पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नर्मदा नदी में सीधे मिलने वाले नालों/नालियों से प्रदूषण
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 2875 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में किन-किन स्थानों में नालों/नालियों की गंदगी/मल-मूत्र सीधे नर्मदा जल में मिल रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नर्मदा नदी में उक्त नाले/नालियों की गंदगी को सीधे मिलने से रोकने नगर निगम द्वारा कब-कब, क्या-क्या कदम उठाये गये? कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) क्या जबलपुर नगर निगम ने नर्मदा नदी में सीधे मिलने वाली गंदगी को पूर्णतया रोकने हेतु कार्य योजना बनायीं है? यदि हाँ, तो विस्तृत कार्य योजना बतलावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में नर्मदा नदी में प्रदूषित जल-मल आदि सीधे मिलने से रोकने का लक्ष्य पूर्णतया कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में 09 स्थानों क्रमश: गौरपुल-गौर थाना, बबहा नाला कालीघाट, दुर्गानगर भटौली, सिद्धघाट, नावघाट, खंदारीघाट, जैन गौशाला, खंदारीनाला एवं शाहनाला इत्यादि नर्मदा नदी में मिलते है। (ख) नगर निगम, जबलपुर द्वारा नर्मदा नदी के किनारे नावघाट-दरोगा घाट में मिलने वाले नाला के गंदे जल के उपचार हेतु 150 केएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट एण्ड रिसाइकिलिंग प्लांट (STRP) अप्रैल 2012 में स्थापित किया गया जो कि निरंतर संचालन में है। क्षमता कम पड़ने पर वर्ष 2017 में इसी स्थल पर 400 केएलडी क्षमता का नया एसटीपी स्थापित किया गया है। इस प्रकार वर्तमान में इस शोधन संयंत्र की कुल क्षमता 550 केएलडी हो गई है। इस संयंत्र में प्रतिदिन लगभग 450 केएलडी सीवेज का उपचार किया जाता है। उक्त शोधन संयंत्र के निर्माण एवं संचालन-संधारण कार्य में वर्तमान तक राशि रू. 3.15 करोड़ का व्यय हुआ है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में नर्मदा नदी में सीधे मिलने वाले नालों को रोकने का कार्य दिसम्बर 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
बिजलीकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 2879 ) श्री विनय सक्सेना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल करने वाले सैकड़ों आउटसोर्स बिजलीकर्मियों के विरुद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कार्यरत किन-किन कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त आउटसोर्स बिजलीकर्मियों द्वारा अपनी किन-किन मांगों को लेकर हड़ताल की गयी थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर आउटसोर्स बिजलीकर्मियों की मांगों पर कब-कब विचार कर क्या-क्या निर्णय लिए गये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल करने वाले आउटसोर्स कार्मिकों के विरूद्ध विभाग/वितरण कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। अपितु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों को संभावित हड़ताल के परिप्रेक्ष्य में निर्बाध विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने हेतु उचित व्यवस्था बनाए रखने के लिये दिये गये नोटिस के तारतम्य में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा हड़ताल पर गये आउटसोर्स कार्मिकों को नोटिस जारी कर कार्य पर उपस्थित होने के निर्देश दिये गये थे एवं कार्य पर उपस्थित नहीं होने वाले 104 आउटसोर्स कार्मिकों के विरूद्ध उनकी नियोजक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें कार्य से निष्कासित किया गया है। बाह्य स्त्रोत प्रदाता फर्म द्वारा निष्कासित किये गये 104 कार्मिकों की उनके कार्यस्थल सहित नामवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अंतर्गत कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों द्वारा मुख्यत: सभी विद्युत कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों को विद्युत कंपनियों में संविलियन/नियमितीकरण किये जाने एवं उनके लिए मानव संसाधन नीति का निर्माण किये जाने से संबंधित मांगों को लेकर हड़ताल की गई थी। (ग) आउटसोर्स कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म के कार्मिक होते हैं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आउटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है। अत: उत्तरांश (ख) में उल्लेखित आउटसोर्स कार्मिकों के नियमितीकरण/ संविलियन सहित उनकी मांगों के संबंध में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही की जाना अपेक्षित नहीं है।
महाविद्यालयों में नियुक्ति/भर्ती/स्थानांतरण
[उच्च शिक्षा]
102. ( क्र. 2880 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत महाविद्यालयों में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य करवाये गए? उक्त अवधि में महाविद्यालयों में नवीन नियुक्ति/भर्ती/स्थानांतरण से पदस्थ हुए स्टाफ के नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? उक्त अवधि में महाविद्यालयों में कौन-कौन से नए विषय/पाठ्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं? (ख) विधानसभा बिछिया अंतर्गत विकासखंड घुघरी में महाविद्यालय स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब पत्र लिखे गए हैं? पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। उनमें क्या कार्यवाही की गई? उक्त महाविद्यालय स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा कब-कब, कौन-कौन सी आवश्यक जानकारी मांगी गई? प्रतियां उपलब्ध कराएं। क्या घुघरी में महाविद्यालय नहीं होने से विकासखंड क्षेत्र के विद्यार्थियों को अन्य महाविद्यालय में जाने हेतु विवश होना पड़ता है? कब तक इसकी स्वीकृति दी जाएगी? (ग) उक्त महाविद्यालयों में से विज्ञान संकाय किन-किन में संचालित है? जिनमें संचालित नहीं हैं उसके क्या कारण हैं? कब तक विज्ञान संकाय प्रारंभ कर दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय, भुआ बिछिया में माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत राशि रूपये 2.23 करोड़ से 5 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण वर्ष 2020-21 में तथा राज्य शासन मद अंतर्गत राशि रूपये 3.87 करोड़ से 6 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण वर्ष 2021-22 में स्वीकृत किए गए। उक्त अवधि में विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों में नियुक्त/भर्ती/स्थानांतरण से पदस्थ स्टॉफ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। उक्त अवधि में किसी भी महाविद्यालय में नवीन विषय/पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं किए गए हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत विकासखण्ड घुघरी में महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु पत्र क्रमांक 214 दिनांक 26-05-2019 प्राप्त हुआ है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय भुआ बिछिया में दिनांक 01-07-1996 से विज्ञान संकाय संचालित है। शासकीय महाविद्यालयों में शासकीय पाठ्यक्रमों के रूप में नवीन संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जाती है। महाविद्यालय स्ववित्तीय योजना अंतर्गत मांग अनुसार स्नातक स्तर पर नवीन संकाय प्रारंभ कर सकते हैं। इस हेतु आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र दिनांक 04-02-2022 के माध्यम से समस्त शासकीय महाविद्यालयों को निर्देश/अनुमति प्रदान की जा चुकी है।
बी.एस.सी. संकाय में प्रवेश छात्रों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
103. ( क्र. 2885 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय एवं उसके अंतर्गत संचालित कौन-कौन से महाविद्यालयों में वर्ष 1995-1996 से 1997-1998 तक विषय बी.एस.सी. (माईक्रोबायोलॉजी) संकाय से स्नातक हेतु किन-किन छात्रों ने प्रवेश लिया और वर्ष 1998-99 से 2001 तक किन-किन छात्रों ने उत्तीर्ण स्नातक की डिग्री प्राप्त की? वर्षवार जिलेवार नामवार महाविद्यालय का नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन आयुष केन्द्रों की स्वीकृति
[आयुष]
104. ( क्र. 2887 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन केंद्र स्वीकृत किये गए हैं? जनवरी 2019 के पूर्व कितने केंद्र थे? वर्तमान में संचालित केंद्रों में कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद भरे हैं? रिक्त पदों को कब तक भरा जाएगा? भरे पदों में कौन-कौन, किस-किस पद में कहां-कहां पदस्थ हैं? जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में कितने केंद्र स्वीकृत हैं लेकिन पूर्ण नहीं हो सके हैं? इसके क्या कारण हैं? कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे? (ग) उक्त अवधि में विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशि किस-किस चीज में खर्च की गई? विस्तृत जानकारी प्रदान करें? अब तक क्षेत्र के कुल कितने नागरिकों को लाभान्वित किया गया है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) कोई नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''अनुसार, सभी संचालित होने से शेष जानकारी निरंक है। (ग) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र में कुल राशि रूपये 41,64,254/खर्च की गई, विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स''अनुसार। कुल 1,14,842 नागरिकों को लाभान्वित किया गया।
संजय गांधी ताप विद्युत गृह में तूफान से क्षति
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 2893 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 में तूफान आने से संजय गांधी ताप विद्युत गृह के कौन-कौन से उपकरण क्षतिग्रस्त हुए? उनके पुनः निर्माण में कितनी-कितनी राशि खर्च करनी पड़ी? (ख) किस दिनांक को कितनी तीव्रता का तूफान रिकार्ड किया गया यह तूफान मात्र पावर हाऊस में ही आया था या पावर हाऊस के बाहरी हिस्सो में भी तूफान आया था? (ग) तूफान एवं उसकी तीव्रता की पुष्टि किसके द्वारा की गई? दिनांक 18 मई, 2021 को तूफान नहीं आने पर भी तूफान आना बताकर स्टेकर रिक्लेमर गिरने एवं संपूर्ण क्षतिग्रस्त होने का प्रतिवेदन किसके द्वारा तैयार किया गया? प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्ष 2021 में दिनांक 18.05.2021 को चक्रवाती तूफान 'ताऊते' के कारण संजय गाँधी ताप विद्युत गृह, जिला उमरिया के कोल हस्तांतरण संयंत्र में स्थित स्टेकर रीक्लेमर 8B क्षतिग्रस्त हुआ था। क्षतिग्रस्त स्टेकर रीक्लेमर के स्थान पर एक नए स्टेकर रीक्लेमर को स्थापित करने हेतु रुपये 29.97 करोड़ का कार्यादेश जारी किया गया है। (ख) दिनांक 18.05.2021 को तूफान 'ताऊते' मात्र संजय गाँधी ताप विद्युत गृह में ही नहीं वरन् उसके बाहरी हिस्सों में भी आया था जिससे पावर हाउस के निकट एवं कॉलोनी में लाइटिंग पोल व वायर एवं पेड़ भी क्षतिग्रस्त हुये थे। इस दौरान हवा की अधिकतम तीव्रता 13.6 मी./सेकेंड (49 कि.मी./घंटा) रिकार्ड की गई। (ग) तूफान एवं उसकी तीव्रता की पुष्टी संजय गाँधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर में स्थापित ''Continous Ambient Air Qua।ity Monitoring system" में दर्ज विंड वेलोसिटी की रिर्पोट से की गई, जोकि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। दिनांक 18.05.2021 को आये तूफान के कारण संजय गाँधी ताप विद्युत गृह में क्षतिग्रस्त स्टेकर रिक्लेमर की घटना की जाँच, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा कार्यपालक निदेशक स्तर के अधिकारियों को सम्मिलित कर गठित एक जांच समिति द्वारा की गई। समिति का जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
विद्युत लाईन विस्तारीकरण
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 2899 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के विधानसभा क्षेत्र निवास अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र जैसे मजरे टोले, आदिवासी बस्तियों में एवं खेतो तक विद्युत लाईन का विस्तार नहीं किया गया है? इस हेतु कोई नवीन कार्ययोजना तैयार की गई है। यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या विद्युत विभाग द्वारा विद्युत विहीन ग्रामों, मजरे टोले, आदिवासी बस्तियों को चिन्हांकित किया गया है? यदि हाँ, तो ग्रामों की सूची जनपद पंचायतवार प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) मजरे टोले, आदिवासी बस्तियों में एवं खेतों तक विद्युत लाईन का विस्तार कब तक कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मंडला जिले के विधानसभा क्षेत्र निवास सहित प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22/10/2018 को पूर्ण कर लिया गया था। वर्तमान में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी नवीन योजना (नीति) प्रचलन में नहीं है। तथापि विद्युतीकरण की उक्त योजनाओं में क्रियान्वयन के उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्मित नए घरों/बसाहटों/रहवासी एवं कार्यस्थलों के विद्युतीकरण हेतु विभिन्न माध्यमों से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही करते हुए, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रू. 121.5 लाख लागत की कार्ययोजना तैयार कर पत्र दिनांक 17.02.2023 से सहायक आयुक्त जनजाति विभाग मंडला को प्रेषित की गई है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार सभी ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथापि उत्तरांश (क) में उल्लेखित विभिन्न माध्यमों से प्राप्त पत्रों में आवेदित विद्युतीकरण के कार्यों से संबंधित मजरों/टोलों/बसाहटों/रहवासी एवं कार्यस्थलों को चिन्हांकित कर कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसकी जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तैयार की गई कार्ययोजना में सम्मिलित कार्य संबंधित विभाग से स्वीकृति एवं कार्ययोजना अनुसार आवश्यक राशि उपलब्ध कराने पर ही किये जा सकते है, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियमित शैक्षणिक स्टॉफ की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
107. ( क्र. 2903 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय कैलारस के प्रारंभ वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किसी नियमित शैक्षणिक स्टॉफ की पदस्थापना की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) शासकीय महाविद्यालय कैलारस में पदस्थापना/स्थानांतरण के लिये कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? कौन-कौन आवेदन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासकीय महाविद्यालय कैलारस में नियमित शैक्षणिक अधिकारी की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? (घ) उच्च शिक्षा विभाग की तरह निष्पक्ष पारदर्शी ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया क्यों लागू नहीं की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2017 के चयन उपरांत चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना हेतु ऑनलाइन च्वाईस फिलिंग कराई गई, जिसके अनुपालन में मेरिट अनुसार च्वाईस फिलिंग के आधार पर सहायक प्राध्यापक की पदस्थापना आदेश जारी किए गये। कैलारस महाविद्यालय में नव-नियुक्त सहायक प्राध्यापक की च्वाईस फिलिंग में शामिल नहीं होने के कारण शैक्षणिक स्टॉफ की पदस्थापना आदेश जारी नहीं किये गये। (ख) शासकीय महाविद्यालय, कैलारस में स्थानांतरण हेतु समय-समय पर एक ही अधिकारी द्वारा समय-समय पर स्थानांतरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किए गए, जिन पर विभाग द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। (ग) स्वीकृत पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किये जाने का प्रावधान है। अत: महाविद्यालय में शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से जारी है। नवीन नियुक्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। पदस्थापना हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 2906 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बैतूल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बैतूल बायपास मार्ग (मरामझिरी से मिलानपुर टोल नाका तक रिंग रोड) की प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित (बजट वर्ष 2021-22 के बजट पुस्तिका पर अंकित सरल क्रमांक-126) को क्या इस वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत की गई है? टेण्डर ओर निर्माण कार्य की प्रक्रिया कब तक प्रारंभ करा दी जावेगी? बतावें और यदि स्वीकृति प्रदान नहीं की गई तो कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। बैतूल शहर में पूर्व से ही चार लेन बायपास मार्ग एन.एच.ए.आई. के द्वारा निर्मित किया गया है। अन्य बायपास निर्माण के संबंध में औचित्य का प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता द्वारा मुख्य अभियंता से मांगा गया है।
सौर ऊर्जा के पम्प हेतु प्राप्त आवेदन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
109. ( क्र. 2908 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत सौर ऊर्जा के माध्यम से विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य कराए गये एवं कितने कृषकों को सौर ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से सिंचाई हेतु पम्प कनेक्शन दिए गये? कार्यवार, वर्षवार लाभान्वित हितग्राही के नाम एवं देय अनुदान राशि की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) वर्तमान स्थिति में कितने कृषकों द्वारा सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा पम्प हेतु आवेदन विभाग में लंबित हैं? आवेदनों के लंबित रहने के कारण सहित जानकारी दें। कि कृषकों को सिंचाई की सुविधा हेतु सौर ऊर्जा पम्प कब तक उपलब्ध कराए जायेगे? (ग) वर्तमान में घरेलू एवं कृषकों को सिंचाई की सुविधा हेतु सौर ऊर्जा अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं है एवं सरकार द्वारा कौन सी योजना पर कितनी सब्सिडी प्रदाय की जाय रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) विदिशा जिले के अंतर्गत सौर ऊर्जा के माध्यम से विगत तीन वर्षों में निम्नलिखित परियोजनाओं के तहत कार्य कराये गये:- 1. रेस्कों परियोजना अंतर्गत अटल बिहारी वाजपेयी, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा में वर्ष 2020-21 में 209.88 किलोवॉट क्षमता के ग्रिड कलेक्टेड सोलर रूफटॉफ पावर प्लांट की स्थापना की गई है। रेस्कों परियोजना अंतर्गत केन्द्र व राज्य शासन से कोई अनुदान अथवा वित्तीय सहायता का प्रावधान नहीं है। 2. मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना कुसुम-ब अंतर्गत कृषि भूमि की सिचांई के लिए स्थापित सोलर पंप संयंत्रों की विगत तीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 3. विगत तीन वर्षों में स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर केन्द्र व राज्य शासन से कोई अनुदान अथवा वित्तीय सहायता का प्रावधान नहीं है। (ख) वर्तमान स्थिति में 737 कृषकों के सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा पंप स्थापना हेतु आवेदन लंबित है। वर्तमान में सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना हेतु निविदा की वैधता समाप्त हो गई है, केन्द्र शासन द्वारा निविदा के माध्यम से दरों व इकाइयों के निर्धारण की प्रक्रिया प्रचलन में है। केन्द्र शासन से अनुमोदित दरे व इकाइयों की जानकारी प्राप्त होने पर, बजट की उपलब्धतानुसार वरीयता क्रम में चरणबद्ध रूप से किसानों को उपलब्ध कराये जा सकेंगे। (ग) वर्तमान में घरेलू क्षेत्र में सौर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना की योजना एवं कृषकों को सिंचाई की सुविधा हेतु मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना- कुसुम 'ब' संचालित की जा रही है। घरेलू क्षेत्र में सौर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना विद्युत वितरण कंपनी के माध्यम से की जा रही है। योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित बैचमार्क मूल्य अथवा निविदा द्वारा निर्धारित मूल्य में से कम मूल्य का 01 से 03 कि.वॉ. क्षमता के संयंत्रों पर 40 प्रतिशत एवं 04 कि.वॉ. से 10 कि.वॉ. क्षमता तक के हिस्से पर 20 प्रतिशत अनुदान देय है। प्रदेश में कृषकों को कृषि भूमि की सिंचाई की सुविधा हेतु संचालित मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना-कुसुम 'ब' अतंर्गत, भारत सरकार के 30 प्रतिशत अनुदान को म.प्र. शासन के 30 प्रतिशत अनुदान से टॉपअप किये जाने के पश्चात शेष अंश हितग्राही किसान द्वारा देय होता है।
आयुर्वेद औषधालयों की जानकारी
[आयुष]
110. ( क्र. 2909 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर आयुर्वेद औषधालय संचालित है? स्थानवार, ग्रामवार संचालित औषधालयों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में संचालित आयुर्वेद औषधालयों में किस-किस श्रेणी के कितने पद स्वीकृत है? उक्त में से कितने पद रिक्त है? पद रिक्त रहने के कारण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में संचालित आयुर्वेद औषधालयों में आने वाले मरीजों को क्या-क्या सुविधाए एवं दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं? जानकारी उपलब्ध कराएं।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' एवं ''द''अनुसार।
आयुष चिकित्सकों को एलोपैथी दवाओं का परामर्श दिये जाने की अनुमति
[आयुष]
111. ( क्र. 2913 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अन्य राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने और अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 'आयुष चिकित्सकों को सीमित मात्रा में एलोपैथी दवाओं का परामर्श देने की अनुमति दी गई है? (ख) क्या मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में भी आयुष चिकित्सकों को सीमित मात्रा में एलोपैथी दवाओं का परामर्श देने की अनुमति देने पर विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या मध्यप्रदेश में कुल आयुर्वेदिक प्राथमिक औषधालय कितने हैं एवं नवीन कितने खोले जाने का प्रस्ताव है? सूची उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। कुछ राज्यों द्वारा। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) कोई नहीं। 1496 आयुर्वेद औषधालय संचालित है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 2916 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत नगर पचोर पुराने पुल से वीलापुर जोड़ पर 3.75 मीटर चौड़ाई व लगभग 700-800 मीटर लंबाई की सकरी सड़क होकर वर्तमान में उसकी परफॉर्मेंस अवधि भी समाप्त हो चुकी है तथा क्या उक्त मार्ग रा.रा.मार्ग क्रमांक 52 एवं 752 सी को जोड़ता है एवं नगर पचोर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लिये आवागमन का एक महत्वपूर्ण मार्ग है? यदि हाँ, तो क्या लोक निर्माण संभाग राजगढ़ द्वारा उक्त मार्ग पर 7 मीटर चौड़ाई से सी.सी. करण सड़क निर्माण कार्य का तकनीकी प्राक्कलन स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक शासन को प्रेषित भी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त रखने एवं आवागमन के दृष्टिगत उक्त महत्वपूर्ण मार्ग पर उपरोक्त प्राक्कलन अनुसार सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
तलेन में नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
113. ( क्र. 2925 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर तलेन में 80 प्रतिशत ग्रामीण परिवेश की आबादी निवासरत होकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है तथा तलेन में शासकीय महाविद्यालय भी नहीं है? यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवार तलेन से 16 कि.मी. दूर पचोर एवं 23 कि.मी. दूर शुजालपुर अपने बच्चों को वहॉ रखकर अथवा आवागमन के माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण करवाने में असक्षम हैं एवं अधिक दूरी पर जाकर अथवा रहकर अध्ययन करने में उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों से छात्र विशेषकर छात्राऐं अपना अध्ययन कार्य मध्य में ही छोड़ रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या तलेन क्षेत्र में उच्च शिक्षा का लाभ प्राप्त हो सके, इसी ध्येय से महाविद्यालय हेतु पर्याप्त भूमि का आवंटन भी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा नगर तलेन में नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन नगर तलेन एवं आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों की पुरजोर मांग एवं छात्र-छात्राओं के भविष्य के दृष्टिगत तलेन में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण तलेन में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने में कठिनाई है। तलेन में शासकीय महाविद्यालय हेतु किसी भी प्रकार का भूमि आवंटन नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
132 के.व्ही. विद्युत लाईन विस्तार
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 2929 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बैतूल के भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड भीमपुर क्षेत्र में वर्तमान में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से बिछाई गई 11 के.व्ही. विद्युत लाईन से ही विद्युत सप्लाई की जा रही है जिससे क्षेत्र में पर्याप्त पावर सप्लाय नहीं मिल पाने से आम नागरिक, किसान परेशान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि पर्याप्त पावर सप्लाय नहीं मिल पा रहा है तो क्या विद्युत आपूर्ति हेतु शासन द्वारा 132 के.व्ही. विद्युत लाईन बिछाने हेतु कोई योजना तैयार की गई है? यदि नहीं की गई तो कब तक तैयार कर कार्य कराया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। बैतूल जिले के भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड भीमपुर क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत निर्मित 11 के.व्ही. के 7 घरेलू फीडरों, 6 कृषि फीडरों तथा 10 मिश्रित फीडरों से कृषि एवं गैर कृषि उपभोक्ताओं को नियमानुसार सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2022-23 में 132 के.व्ही. ई.एच.व्ही. उपकेन्द्र चिचौली से भीमपुर तक लगभग 22 कि.मी. 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन (लागत राशि रू. 161.23 लाख) का निर्माण कार्य माह दिसम्बर-2022 में पूर्ण किया जा चुका है। इस प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्मित विद्युत अधोसंरचना से उपभोक्ताओं को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं को नियमानुसार पर्याप्त विदयुत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में भविष्य में आने वाले संभावित भार के दृष्टिगत विदयुत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आदिवासी बाहुल्य विकासखंड भीमपुर क्षेत्र के ग्राम पाटरैयत में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य की स्वीकृति म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के पत्र दिनांक 31.01.2023 से प्रदान की गई है। उक्त स्वीकृति के तहत 220/132 के.व्ही. अति उच्चदाब उपकेन्द्र गुदगांव से पाटरैयत तक लगभग 50 कि.मी. डबल सर्किट 132 के.व्ही. अति उच्चदाब लाईन तथा पाटरैयत में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र निर्माण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसकी अनुमानित लागत राशि रू. 88 करोड़ है।
कर्मचारी चयन मंडल की भर्ती परीक्षा में आयु सीमा में छूट
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 2932 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल/पीइबी के द्वारा समूह-2 उप समूह-2 सहायक लेखाधिकारी, लेखापाल सहित अन्य पदों की भर्ती के अक्टूबर 2022 में विज्ञापन निकाला था? क्या उसमें नगर पालिका निगम भोपाल, कटनी, रीवा, ग्वालियर, सतना आदि में सहायक लेखा अधिकारी के पद की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो बतलाने की कृपा करें कि म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 5 जून, 2018 को संविदा कर्मचारियों के लिए संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किये जाने संबंधी नीति निर्देश जारी किये गये थे उसके अनुसार संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को आयु सीमा में छूट प्रदान किए जाने तथा 20 प्रतिशत पदों के आरक्षण किए जाने के निर्देश थे तो क्या नगर पालिका निगम तथा इसी विज्ञापन के अन्य विभागों के पदों में आयु सीमा की छूट देकर उनको परीक्षा में फार्म भरने की अनुमति दी गई? यदि नहीं दी गई तो क्यों? इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम सहित जानकारी दें तथा संविदा कर्मचारियों को हुये नुकसान की भरपाई कैसे की जायेगी? उपरोक्त नगर पालिका निगमों में सहायक लेखा अधिकारी के पदों पर किन-किन को नियुक्त किया गया है? जानकारी प्रदान करें और उनके दस्तावेज और सत्यापन की नस्ती सहित समस्त जानकारी दें। (ख) क्या म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा समूह-2 उप समूह -4 के लिए सहा. जनसंपर्क अधि. सहित अन्य पदों भर्ती के विज्ञापन जारी किए गये हैं? यदि हाँ, तो बतलाने की कृपा करें कि म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 5 जून, 2018 को संविदा कर्मचारियों के लिए संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किये जाने संबंधी नीति निर्देश जारी किये गये थे, जिसमें सभी पदों पर आयु सीमा में 55 वर्ष तक आयु सीमा में छूट प्रदान किए जाने तथा सीधी भर्ती के पदों में 20 प्रतिशत पद पर संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित किए जाने के निर्देश है यदि हाँ, तो समूह-2 उप समूह-4 के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा में किस किस विभाग ने आयु सीमा में छूट तथा 20 प्रतिशत पदों का आरक्षण किया है किसने नहीं किया? ऐसे कौन से विभाग है जिनको आरक्षण देना था लेकिन उन्होने नहीं दिया? उसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? नाम सहित बतलायें तथा क्या नियम का पालन करने के लिए कर्मचारी चयन मण्डल फिर से संशोधित विज्ञापन जारी करेगा तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? बतलायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आउटसोर्स से पदस्थ कर्मचारियों की जांच
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 2937 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत म.प्र.मध्य क्षेत्र वि.वि.कम्पनी लि. सारंगपुर में कितने-कितने पद स्वीकृत है? कृपया पदवार वि.वि. केन्द्रवार संवर्गवार स्वीकृत पद की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने-कितने पद भरे हुये होकर कब से कर्मचारी पदस्थ होकर कार्यरत है? कृपया वि.वि. केन्द्रवार नामवार पदस्थ कर्मचारी की जानकारी देवें तथा कितने-कितने पदों पर कर्मचारी आउटसोर्स से पदस्थ रहकर कार्यरत है? कृपया वि.वि. केन्द्रवार पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या यह सही है कि विभाग द्वारा स्वीकृत पद से कम संख्या में आउटसोर्स से कम्पनी के द्वारा पदस्थ किया जाकर विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पदस्थ कर शेष कर्मचारियों के हिस्से का वेतन कम्पनी से लेकर कर्मचारी पदस्थ नहीं करते है? जिस कारण क्षेत्र के लोगों को काफी परेशान किया जा रहा है? क्यों स्पष्ट करे। (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक की वरिष्ठ कार्यालय से जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ जिले के सांरगपुर में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड अंतर्गत स्वीकृत पदों की पदवार (संवर्गवार) एवं वितरण केन्द्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत पदों के विरूद्ध भरे हुए पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कार्यरत कार्मिकों (नियमित/संविदा/आउटसोर्स) की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार, नामवार, पदस्थापना तिथि सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। राजगढ़ वृत्त अंतर्गत स्वीकृत पदों के विरूद्ध एवं आवश्यकतानुसार बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों से कार्य लिया जाता है एवं प्रतिमाह उपस्थिति के आधार पर संबंधित बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी द्वारा आउटसोर्स कार्मिकों को वेतन का भुगतान किया जाता है, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश 'क', 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में जाँच अथवा अन्य कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अवैध नामांतरण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 2938 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 1140 दिनांक 12.08.2021 के उत्तर में अवगत कराया गया कि भूखण्ड क्र. 173 जो कि श्री बसन्ती लाल, पुरूषोत्तम पिता श्री हजारी लाल का पैतृक होने के कारण भवन भूमि अभिलेख में क्षेत्रफल अंकित नहीं है? यदि हाँ, तो फिर किस नक्शा, क्षेत्रफल के आधार पर वर्ष 2020 में 1/2 भाग जिसका कि क्षेत्रफल 2232.50 वर्ग फीट का फौत नामांतरण किया एवं पुरूषोत्तम सोनी के वारिस श्रीमती कमलाबाई महेश कुमार एवं श्याम कुमार सोनी के फौत नामांतरण किया गया? स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या भूमि पंजी में क्षेत्रफल अंकित नहीं होने के पश्चात भी भूखण्ड क्र. 173 का 1/2 भाग में से कुल श्रीमती कमलाबाई, महेश कुमार, श्याम कुमार के द्वारा पंजीकृत विलेख 420 दिनांक 28.05.2014 के आधार पर नामांतरण किया गया? यदि हाँ, तो उक्त नामांतरण किस आधार पर किया गया? स्पष्ट करते हुये नामांतरण की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्न क्र. 785 दिनांक 23.12.2021 के प्रश्नांश (ग) एवं (घ) श्रीमती कमलाबाई महेश कुमार एवं श्याम कुमार के द्वारा भूखण्ड विक्रय किया जाकर नामांतरण किया गया है? यदि हाँ, तो नगर पालिका सारंगपुर इनका नामांतरण किस आधार पर किया गया है? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक की वरिष्ठ कार्यालय से जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, श्री बसन्तीलाल, पुरूषोत्तम पिता हजारीलाल का पैतृक होने के कारण भवन भूमि अभिलेख में क्षेत्रफल अंकित नहीं हैं आवेदकगणों द्वारा नामांतरण प्रकरण में प्रस्तुत किये गये मानचित्र व नोटरीयुक्त शपथ पत्र व मृत्यु प्रमाण-पत्र इत्यादि के आधार पर, वर्ष 2020 में भूखण्ड क्रमांक 173 के 1/2 भाग पर श्रीमति रामप्यारीबाई पति स्व. बसंतीलाल, ओमप्रकाश, दीपक कुमार सर्वपिता बसन्तीलाल सोनी का फौत नामांतरण किया गया। पुरूषौत्तम सोनी के वारिस श्रीमति कमलाबाई, महेश कुमार एवं श्याम कुमार सोनी के फौत नामांतरण सम्पत्तिकर अभिलेख वर्ष 1973 से दर्ज हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ, भूखण्ड क्रमांक 173 का 1/2 भाग में से श्रीमति कमलाबाई, महेश कुमार, श्याम कुमार के द्वारा पंजीकृत विक्रय-पत्र दिनांक 28.05.2014 के आधार पर 25 बाई 25 कुल 625 वर्गफीट पर, क्रेता सादिका सुल्ताना पति सैयद अतहर हुसैन एवं श्रीमति नसरीन जमाल पति सैयद अजहर हुसैन का नामांतरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। भूखण्ड क्रमांक 173, 1/2 भाग में से श्रीमति कमलाबाई, महेश कुमार एवं श्यामकुमार के द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय-पत्र दिनांक 28.05.2014 के आधार पर 25 बाई 25 कुल 625 वर्गफीट पर, क्रेता सादिका सुल्ताना पति सैयद अतहर हुसैन एवं श्रीमति नसरीन जमाल पति सैयद अजहर हुसैन का नामांतरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। भूखण्ड क्रमांक 173, 1/2 भाग में से श्रीमति कमलाबाई, महेश कुमार एवं श्यामकुमार के रजिस्टर्ड विक्रय-पत्र दिनांक 21.10.2019 अनुसार श्याम कुमार पिता पुरूषोत्तम सोनी को 910 वर्गफीट भूखण्ड का नामांतरण न.पा. द्वारा सम्पत्तिकर अभिलेख में किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है। (घ) नामांतरण की कार्यवाही नियमानुसार किये जाने से दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अभियोजन की स्वीकृति
[पर्यावरण]
118. ( क्र. 2939 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त तथा EOW द्वारा भेजे गये अभियोजन स्वीकृति के लिये कितने प्रकरण किस कारण से लंबित है? आरोपी अधिकारी का नाम, प्रकरण के समय का पद, वर्तमान पदस्थापना, कार्यस्थल, प्रकरण दर्ज करने का कारण, दर्ज करने की दिनांक, अभियोजन स्वीकृति हेतु प्राप्त प्रथम पत्र की दिनांक, प्राप्त रिमाइंडर की दिनांक तथा विलंब होने के कारण, सहित सूची देवें। (ख) अभियोजन स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे गए पत्रों की तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (ग) लोकायुक्त तथा EOW में किस-किस अधिकारियों के खिलाफ, किस प्रकार के प्रकरण में, किस की शिकायत पर जांच प्रक्रियाधीन है? अधिकारी का नाम, पद स्थापना सहित जानकारी देवें। (घ) पिछले 10 वर्षों में विभाग में किस-किस प्रकार का भ्रष्टाचार घोटाला तथा आर्थिक अनियमितता पाई गई? विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि इन्हें रोकने के लिए समय-समय पर क्या कदम उठाए गए तथा इनमें पिछले तीन साल में प्रतिवर्ष वृद्धि या कमी हो रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन और नवकरणीय ऊर्जा द्वारा विद्युत उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
119. ( क्र. 2942 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2017 से 2022 तक नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के किस-किस घटक द्वारा कितनी-कितनी विद्युत का उत्पादन किया गया तथा प्रदेश में उत्पादित विद्युत का कितने प्रतिशत रहा? वर्षवार बतावें। (ख) 31 जनवरी, 2023 के अनुसार सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी के कितने अनुबंध (पीपीए) किस दर के है? उत्पादनकर्ता के नाम, पते सहित जानकारी दें तथा पीपीए कि दिनांक सहित बताएं की अधिक लागत के पीपीए को कम करने के क्या प्रयास किए गये? (ग) वर्ष 2022 में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के घटकों से कुल कितनी विद्युत, कितनी कीमत में खरीदी गई? प्रति यूनिट औसत लागत क्या रही? (घ) शासन सोलर तथा विंड एनर्जी को क्या-क्या सुविधाएं देता है? उनके लिए नियमों में क्या शिथिलता की गई है तथा इसके एवज में कितनी ऊर्जा नि:शुल्क या कम दर से प्राप्त होती है? (ड.) विभाग में अनियमितता के कितने प्रकरण पिछले 10 साल में पाए गए? उनकी विस्तृत जानकारी, की गई कार्यवाही सहित देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2017 से 2022 तक नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के विभिन्न घटकों से विद्युत उत्पादन के संबंध में म.प्र.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड से जानकारी प्राप्त की गई, उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) 31 जनवरी, 2023 के अनुसार सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी के अनुबंध (पीपीए) के संबंध में म.प्र.पावर मैनेजमेंट कंपनी लि. से जानकारी प्राप्त की गई, उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। उक्त अनुबंध (पीपीए) दीर्घकालीन है तथा भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत माननीय नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर अथवा प्रतिस्पर्धात्मक निविदा पद्धति से प्राप्त न्यूनतम दरों पर निष्पादित किये गये है, अत: उक्त दरों को अनुबंध की अवधि में कम नहीं किया जा सकता है। (ग) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के विभिन्न घटकों से क्रय की गई विद्युत दर/लागत की जानकारी म.प्र.पावर मैनेजमेंट से प्राप्त की गई, प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2021-22 में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों के सत्यापित देयकों के अनुसार 7135.14 मि.यू. विद्युत हेतु राशि रूपयें 3769.96 करोड़ के भुगतान किये गये है, जिसके अनुसार औसत लागत रूपये 5.28 प्रति यूनिट आती है। (घ) शासन द्वारा सोलर विण्ड एनर्जी सहित सभी नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 लागू की गई है। इसके अंतर्गत दिये जाने वाली सुविधाओं/प्रोत्साहन नियम (प्रावधान) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड.) उक्त योजनाओं अंतर्गत विभाग में अनियमितता के प्रकरण निरंक है।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय ग्वारीघाट में अनियमितता
[आयुष]
120. ( क्र. 2948 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाविद्यालय की 40 फुट चौड़ी लगभग आधा किलोमीटर रोड पूर्व प्रधानाचार्य डॉ रविकान्त श्रीवास्तव ने बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी के आदेश के सार्वजनिक कर दी? (ख) क्या उक्त जमीन के बगल में बिल्डर द्वारा प्लाटिंग की गई है? (ग) क्या उक्त प्रकरण की शिकायत के बाद संचालनालय आयुष द्वारा पूर्व प्रधानाचार्य को दोषी पाया गया? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में प्रश्न-दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई, कब तक कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा सहित बताएं। (घ) क्या शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की नई भवन में आडिटोरियम का निर्माण होना था और आडिटोरियम निर्माण न होने का कारण भवन 388 वर्गमीटर अतिरिक्त बनना बताया गया? क्या नक़्शे के अतिरिक्त भवन निर्माण के लिए किसी तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति नहीं ली गई, यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है, क्या 388 वर्ग मीटर अतिरिक्त भवन बनाया गया है, उसकी भौतिक माप कराया जायेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) आयुष विभाग से संबंधित नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। आवश्यकता अनुसार सी.सी.आई.एम. के मापदण्ड अनुसार प्राथमिकता के आधार पर अतिरिक्त निर्माण कराया गया। निर्माण एजेन्सी द्वारा माप किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंगाजी पावर प्रोजेक्ट में लागत
[ऊर्जा]
121. ( क्र. 2949 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी पावर प्रोजेक्ट का निर्माण किस दिनांक से अनुबन्ध से किससे किस अवधि में करवाया गया? कितनी-कितनी लागत का सिविल संकाय का कौन-कौन सा कार्य था? किसकी कितनी लागत का उत्पादन संकाय का कौन-कौन सा कार्य था? पृथक-पृथक बताएं। (ख) सिंगाजी पावर हाऊस के निर्माण से संबंधित म.प्र. लेखाकार, या म.प्र. महालेखाधिकारी या सी.ए.जी. ने किस-किस बिन्दु पर क्या-क्या आपत्ति आडिट के दौरान ली उसमें किस अपूर्ण कार्य का भुगतान किया जाना आपत्तिजनक माना? (ग) भुगतान किए गए किस-किस अपूर्ण कार्य को कब-कब, किससे पूरा करवाया गया कौन सा कार्य वर्तमान में भी अपूर्ण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण में स्थित 2x600 मेगावाट इकाइयों के मेन पॉवर ब्लाक के कार्य मेसर्स बी.एच.ई.एल तथा बैलेंस आफ प्लांट के कार्य मेसर्स एल. एंड टी. द्वारा कराये गये। इस हेतु कंपनी द्वारा ई.पी.सी. अनुबंध के तहत मेसर्स बी.एच.ई.एल को 3 आशय पत्र दिनांक 12.12.2008 एवं मेसर्स एल.एंड.टी. को 3 आशय पत्र दिनांक 26.10.2009 जारी किये गए जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इन इकाइयों के निर्माण की कुल लागत रू. 4785 करोड़ है। इन इकाइयों के निर्माण हेतु मुख्य सिविल संकाय व उत्पादन संकाय के कार्यों से संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परियोजना के द्वितीय चरण की 2x660 मेगावाट इकाइयों के निर्माण हेतु मेसर्स एल. एंड टी. पावर को ई.पी.सी. अनुबंध के तहत आशय पत्र दिनांक 04.09.2014 को जारी किया गया। इन दोनों इकाइयों की कुल पुनरीक्षित निर्माण लागत रू. 7738 करोड़ है। मेसर्स एल एंड टी को दिनांक 04.09.2014 को रु. 5134.71 करोड़ के कुल 5 आशय पत्र जारी किये गए हैं, इन इकाइयों के निर्माण हेतु सिविल संकाय व उत्पादन संकाय के कार्यों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण के निर्माण से संबंधित म.प्र. महालेखाधिकारी या सी.ए.जी. द्वारा ड्राफ्ट ऑडिट रिपोर्ट में कोई आपत्ति दर्ज नहीं की है। म.प्र. महालेखाधिकारी या सी.ए.जी. ने ड्राफ्ट ऑडिट रिपोर्ट (2022 जनवरी) में सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के द्वितीय चरण के निर्माण से संबंधित 34 बिन्दुओं पर जानकारी चाही है जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त जानकारी में अपूर्ण विद्युत/यांत्रिकीय कार्य के भुगतान के संबंध में आपत्ति दर्ज नहीं की गयी है। (ग) इस परियोजना में अपूर्ण कार्य के विरुद्ध भुगतान नहीं किया गया है। इकाई क्रमांक 3 के बायलर, टी.जी. एवं संबंधित आकजीलरिज के परफॉर्मेंस गारंटी परीक्षण किया जाना शेष है। तत्पश्चात इस कार्य का भुगतान किया जायेगा।
नगर निगम के पदाधिकारियों के अधिकार एवं शक्तियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 2953 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम में महापौर एवं आयुक्त, नगरीय निकायों में अध्यक्ष एवं सीएमओ के क्या-क्या अधिकार एवं शक्तियां हैं? उससे संबंधित अधिनियम, नियम, उपनियम की प्रतियां देवें। (ख) नगर निगम, नगर पालिका में गठित स्थाई समितियों के सभापति एवं समिति की क्या-क्या अधिकार, शक्तियां एवं कर्तव्य हैं? उससे संबंधित अधिनियम, नियम, उपनियम की प्रतियाँ देवें। (ग) उज्जैन नगर निगम एवं समस्त नगरीय निकायों में बैंक का खाता किन-किन के हस्ताक्षर से संचालित किया जा रहा है एवं किस नियम से किया जा रहा है? खाता संचालन संबंधी समस्त अभिलेख देवें। (घ) उज्जैन नगर निगम के द्वारा दिनांक 01 अगस्त, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 25 हज़ार से अधिक की राशि के कितने कार्य आदेश जारी किए गए हैं? समस्त के आदेश, कार्यालय नोटशीट, उपलब्ध करावें। (ङ) नगर निगम उज्जैन के कार्यालय की समस्त स्थाई समिति की बैठक कार्यवाही विवरण पंजी, सामान्य सभा बैठक पंजी की प्रतियां दिनांक 01 अगस्त, 2022 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' अनुसार है।
प्रशासनिक अधिकारियों पर प्रचलित लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 2954 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में मध्यप्रदेश में कुल कितने सीएमओ, निगम आयुक्त के विरुद्ध लोकायुत, ई.ओ.डब्ल्यू. के प्रकरण दर्ज होकर न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका है? उनकी सूची देवें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने निगम आयुक्त, सीएमओ के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति के प्रस्ताव विभाग के पास लंबित हैं एवं किस कारण से कब से, किस अधिकारी शाखा प्रभारी के पास लंबित हैं? जानकारी देवें। (ग) उज्जैन नगर निगम में स्थापना एवं लेखा शाखा का प्रभार किसके पास है एवं कब से है उस लिपिक का नाम बताते एवं सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार कितने समय से अधिक समय अवधि में इनका प्रभार बदलना चाहिए? क्या उस नियम का पालन किया गया है? यदि नहीं तो क्यों नहीं किया गया? (घ) उज्जैन जिले के समस्त नगर पंचायत नगर पालिका में स्थापना शाखा एवं लेखा शाखा का प्रभार वाले लिपिक का नाम बताओं पदस्थापना का दिनांक बताओं एवं 3 वर्ष की अवधि यदि पूर्ण हो चुकी है तो इन्हें कब हटाया जाएगा नहीं हटाया जाएगा तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
124. ( क्र. 2957 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत संचालन-संधारण संभाग जावरा में वित्तीय वर्ष 2019-20 से 31 जनवरी, 2023 तक शासन/विभाग द्वारा गुणवत्ता के साथ समुचित विद्युत वितरण हेतु विभिन्न स्थानों पर 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्र विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से 31 जनवरी, 2023 तक उपरोक्त उल्लेखित कार्यों एवं नवीन 33 के.व्ही. विद्युत लाईन नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन एवं नवीन निम्न दाब विद्युत लाईन भी केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं अथवा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के माध्यम से भी स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृत विद्युत कार्यों की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में वर्षवार दी गई स्वीकृतियों के अनुसार कितने-कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में वर्षवार दी गई स्वीकृतियों के अनुसार किस योजनान्तर्गत उक्त कार्य कितनी स्वीकृति राशि के कब पूर्ण हुए? उक्त कार्य किस योजना अंतर्गत किन-किन एजेंसियों के माध्यम से किस प्रक्रिया के माध्यम से कार्य किये गए? अपूर्ण व अप्रारम्भ कार्य किन कारणो से लंबित रहे तथा सम्पूर्ण स्वीकृत कार्य कब पूर्ण कर लिए जायेगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में संचालन-संधारण संभाग जावरा अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित विद्युत अद्योसंरचना के स्वीकृत कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित स्वीकृत कार्यों में से पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित स्वीकृत कार्यों में से पूर्ण कार्यों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी स्वीकृत राशि एवं कार्यपूर्णता दिनांक सहित योजनावार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। उक्त पूर्ण कार्य एस.एस.टी.डी. योजना (राज्य प्रवर्तित योजना) अंतर्गत विभागीय तौर पर सम्पादित किये गए हैं। स्वीकृत कार्यों में से अपूर्ण कार्य, जोकि लंबित नहीं होकर वर्तमान में प्रगति पर हैं, दिनांक 31 मार्च, 2023 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2022-23 में आर.डी.एस.एस. योजना (केन्द्र प्रवर्तित) के तहत स्वीकृत कार्य वर्तमान में अप्रारंभ हैं, जिनमें से कुछ कार्य टर्न की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यादेश जारी हो गया है। उक्त कार्यों को पूर्ण किये जाने की समय-सीमा कार्यादेश जारी करने की दिनांक से 2 वर्ष की है। आर.डी.एस.एस. योजना में प्रश्नाधीन स्वीकृत शेष कार्यों हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
क्षेत्रीय महाविद्यालयों की स्थिति
[उच्च शिक्षा]
125. ( क्र. 2958 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा 1-भगत सिंह शासकीय महाविद्यालय जावरा 2-शासकीय महाविद्यालय कालूखेडा 3-शासकीय महाविद्यालय पिपलोदा संचालित किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त महाविद्यालयों के विधिवत संचालन हेतु कुल कितने पदों की किन-किन पदों की स्वीकृतियां दी जाकर उनमे से कितने पद भरे हुए हैं? कितने पद रिक्त हैं? (ग) उपरोक्त उल्लेखित क्षेत्रीय तीनों महाविद्यालयों में छात्र-छात्राएं कुल कितनी-कितनी संख्या में अध्ययनरत है? किन-किन संकायों को संचालित कर अध्ययन अध्यापन कराया जा रहा है? (घ) साथ ही बताएं कि शासकीय महाविद्यालय कालूखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय पिपलोदा में नवीन संकायों में अध्ययन अध्यापन की स्वीकृति कब दी जाकर इन्हें और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) शासकीय महाविद्यालयों में शासकीय पाठ्यक्रमों के रूप में नवीन संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु निर्धारित विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जाती है। महाविद्यालय स्ववित्तीय योजना अंतर्गत मांग अनुसार स्नातक स्तर पर नवीन संकाय प्रारंभ कर सकते हैं। इस हेतु आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र दिनांक 04-02-2022 के माध्यम से समस्त शासकीय महाविद्यालयों को निर्देश/अनुमति प्रदान की जा चुकी है।
ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 2959 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर विधानसभा के ग्राम दलौदा सीतामऊ रोड रेलवे ओवर ब्रिज समपार क्रमांक 157 का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में सम्मिलित था? यदि हाँ, तो ब्रिज निर्माण की कार्यवाही किस स्तर पर चल रही है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त ब्रिज का क्या सक्षम समिति ने अनुमोदन कर दिया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? सक्षम समिति के सदस्यों कि सूची उपलब्ध करायें? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) संदर्भित उक्त ब्रिज के लिए सक्षम समिति द्वारा अनुमोदन के पश्चात प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब? किस दिनांक को जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासन के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नदी नाले की सफाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 2960 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी, 2017 से इंदौर उज्जैन भोपाल संभाग में प्रश्न दिनांक तक नदी/नाले और तालाब की गाद, जल कुम्बी, गंदगी आदि निकालने, सफाई करने और गहरीकरण, रखरखाव और सौंदर्यीकरण पर किस-किस कार्य पर, कितनी राशि खर्च की? किस प्रकार से कार्य करवा कर, किन संस्थानों/व्यक्तियों को किस कार्य के लिए कितना भुगतान किया गया? कार्य उपरांत वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त कार्य में किस प्रकार की अनियमितताओं पर, किस व्यक्ति, संस्थान आदि के विरुद्ध किस प्रकार की कार्यवाही की गई? आदेश की प्रतियां देवें, किस दिनांक से, किस अधिकारी के पास जांच व कार्यवाही, किस कारण से लंबित है? विवरण देवें। (ग) साफ सफाई रख रखाव आदि के लिए, भविष्य की क्या प्लानिंग है, कितनी राशि किस, अवधि में, किन कार्यों पर खर्च की जाना संभावित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ख' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ग' अनुसार है।
सामग्री की जांच
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 2965 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डोडरी मेन रोड से सिकहरा मार्ग एवं पोरसा से गोरमी मार्ग, निर्माण कार्य प्रदेश के सड़क निर्माण के किस-किस विभाग द्वारा करवाया गया है? निर्माण कार्यों के अंतर्गत निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री (मिट्टी, गिट्टी, रेत, मोरम, जी.एस.बी. डामर) आदि की विभागों द्वारा अनुबंधों के प्रावधानानुसार समस्त जांच करवाई गई है? यदि हाँ तो सभी टेस्टों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के उक्त मार्गों में उपयोग की गई सामग्री की उच्च स्तरीय जांच सदन में उत्तर दिये जाने से पूर्व मेरे समक्ष सेम्पल लेकर मिट्टी के सी.बी.आर., पी.एल., पी.आई. के टेस्ट तथा डब्लू.बी.एम. की ग्रेडिंग एवं कॉम्पेक्शन तथा डामर के प्रतिशत तथा रेत की जांच विभागीय लेब को छोड़कर किसी अन्य अधिकृत लेब या संस्था के माध्यम से करवाई जाकर रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) उक्त मार्गों के प्राप्त आवंटन व्यय की जानकारी के साथ-साथ किये गए भुगतानों की समस्त नोटशीट, बिल एवं व्हाऊचरों के साथ बिल एवं मेजरमेन्ट की माप पुस्तकाओं की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या उक्त निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं किये गए भुगतानों में कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्य एजेन्सी को ब्लैक लिस्ट कर दोषी अधिकारी एवं एजेंसी से वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डोडरी मेन रोड से सिकहरा मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना एवं पोरसा से गोरमी मार्ग का निर्माण म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कराया जा रहा है। जी हाँ। परीक्षण परिणामों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मार्ग के परीक्षण मानको अनुसार कराये गये है एवं माननीय विधायक महोदय द्वारा उनके समक्ष की जाने वाली जांच हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना द्वारा उनके पत्र दिनांक 26.02.2023 द्वारा जांच हेतु अनुरोध किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) डोडरी मेन रोड से सिकहरा मार्ग के आवंटन एवं व्यय भुगतान की नोटशीट, बिल, व्हाउचर एवं माप पुस्तिकाओं की प्रमाणित छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं पोरसा-गोरमी मार्ग, पोरसा-मेहगांव-मौ-सेवढ़ा मार्ग का भाग है जो एडीबी पैकेज- 26 के अंतर्गत अन्य 01 मार्ग (जामना-बिलाव मार्ग) के साथ निर्माणाधीन है। इस पैकेज-26 के अंतर्गत आने वाले सभी मार्गों हेतु संयुक्त व्यय राशि रू. 202.69 करोड़ है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खराब सड़क पर टोल टैक्स वसूली
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 2966 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर से ईसागढ़ तक की सड़क जो कि ईसागढ़, चंदेरी, नईसराय एवं शिवपुरी को सीधा जोड़ती है इस सड़क की स्थिति काफी जर्जर है यह सड़क पूर्ण रूप से खराब हो चुकी है जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं जिससे आए दिन इस सड़क पर घटनाए एवं दुर्घटनाएं हो रही हैं। अति महत्वपूर्ण सड़क को कब तक दुरुस्त कर दिया जावेगा? (ख) इस सड़क पर शासन का एक टोल टैक्स भी है, जिस टोल टैक्स से बहुत लंबे समय से वहां से गुजरने वाले वाहनों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है और वर्तमान समय में भी इस टोल टैक्स से टोल वसूला जा रहा है जबकि सड़क की स्थिति काफी खराब है क्या जब तक सड़क दुरुस्त नहीं हो जाती तब तक शासन टोल टैक्स वसूलना बंद कर सकता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अशोक नगर से ईसागढ़ तक की सड़क बी.ओ.टी. (टोल) योजना में निर्मित गुना-अशोक नगर-ईसागढ़ मार्ग का भाग है। इस सड़क भाग में कुछ स्थानों पर गढ्डे है एवं कुछ स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त है, किन्तु पूर्ण रूप से सड़क खराब नहीं है। इस मार्ग का संधारण अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कंसेशनायर मैसर्स आर्यावर्त टोलवेज प्रा.लि. भोपाल को करना है, किन्तु उनके द्वारा संधारण न करने से उनकी रिस्क एण्ड कॉस्ट पर मार्ग के संधारण एवं नवीनीकरण हेतु रू. 23.46 करोड़ राशि का कार्य स्वीकृत कर निविदायें आमंत्रित की गई है। कार्य एजेन्सी का निर्धारण उपरांत सड़क सुधार कार्य कर दिया जायेगा। (ख) मार्ग के इस भाग (अशोक नगर-ईसागढ़ सेक्शन) के किमी. 53+500 में टोल प्लाजा स्थापित है। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कंसेशनायर द्वारा इस टोल प्लाजा पर टोल टैक्स दिनांक 22.03.2016 से वसूल किया जा रहा है। जी नहीं। इस मार्ग की स्थिति काफी खराब नहीं है। सड़क के कुछ भागों में गढ्डे हुये है एवं कुछ स्थानों पर बी.टी. सरफेस क्षतिग्रस्त हुआ है। सड़क की मरम्मत एवं नवीनीकरण हेतु कंसेशनायर की रिस्क एण्ड कॉस्ट पर रू. 23.46 करोड़ का कार्य स्वीकृत किया जाकर निविदायें आमंत्रित की गई है। वर्तमान में कार्य एजेन्सी का निर्धारण प्रक्रियाधीन है। टोल टैक्स की वसूली अनुबंधानुसार की जा रही है। मार्ग का सुधार कार्य हेतु अनुबंधानुसार कार्यवाही की गई है तदानुसार कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पद के दुरूपयोग पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 2968 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ ने अपने पत्र क्रमांक 67/S.D.M/टी./ 2012 दिनांक 10.02.2012 को पद का दुरुपयोग सिद्ध कर जांच प्रतिवेदन दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जांच प्रतिवेदन में लाखों रुपए का प्रीमियम एवं भू भाटक अवैध आवासीय कॉलोनी में प्लॉट विक्रय करने पर निर्धारित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो पद का दुरुपयोग सिद्ध होने पर दोषी नगर पालिका अध्यक्ष के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या पद का दुरुपयोग करने पर आगामी चुनाव लड़ने हेतु अयोग्यता निर्धारित की जाती है? यदि हाँ, तो राकेश गिरी व उनके परिवार को आज दिनांक तक अयोग्य घोषित क्यों नहीं किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मजरा टोला में विद्युतीकरण्ा
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 2969 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में सौभाग्य योजना 2 लागू कि गई है? यदि हाँ, तो नरसिंहपुर विधानसभा सौभाग्य योजना 2 कब से शुभारंभ किया जावेगा? जानकारी प्रदान करें। (ख) नरसिंहपुर विधानसभा एवं जिले में सौभाग्य योजना 2 में कितने बस्ती या मजरा टोला में 24 घंटे विद्युतीकरण है कितने में नहीं है? जानकारी प्रदान करें। (ग) जिन बस्ती या मजरा टोला में 24 घंटे विद्युतीकरण नहीं है? उन बस्ती या मजरा टोला में कब तक 24 घंटे विद्युतीकरण्ा किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित समस्त मजरों/टोलों को विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्व में ही विद्युतीकृत किया जा चुका है। नए घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी योजनाएं क्लोज हो चुकी है। वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उस योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जायेगा। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों के निर्माण कार्यों की स्थिति
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 2975 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र देपालपुर जिला इन्दौर अंतर्गत मुख्य जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग, ग्रामीण मार्ग की स्वीकृति पश्चात कितने कार्य प्रारंभ नहीं हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने कार्यों के टेंडर हो चुके हैं एवं टेंडर होने के पश्चात कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ है एवं अप्रारंभ का कारण बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने कार्य प्रारंभ होने के बाद बीच में बंद कर दिए गए हैं एवं पुनः निर्माण कार्य चालू नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) रलायता चम्बल नदी पर स्थित पुलिया पर सन 2009 में ट्रेक्टर ट्राली फिसलने के कारण 7 लोगों की मृत्यु हो गई थी। तत्कालीन पी.डब्ल्यू.डी. मंत्री ने पुलिया की ऊंचाई 30 फिट किये जाने की घोषणा की थी इस संबंध में पुलिया की उचाई बढ़ाने के लिए विभाग ने कोई कार्य योजना प्रस्तावित की है या नही?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) रलायता ग्राम के समीप स्थित चम्बल नदी पर पुलिया पी.एम.जी.एस.वाय के अंतर्गत है। उनसे प्राप्त टीप संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है।
ग्राम कालीबिल्लौद में अवैध कॉलोनी
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 2977 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कालीबिल्लौद में कितनी कॉलोनियां अवैध है एवं क्या वर्तमान में भी अवैध कॉलोनियों की बसाहट हो रही है? अगर हाँ तो उन्हें रोकने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाईजर पर कार्यवाही की गई? अगर हाँ तो कितनों पर? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितनी अवैध कॉलोनियों पर रहवासियों के लिए मूलभूत सुविधाएँ हैं एवं जिन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएँ नहीं है? उनकी मूलभूत सुविधाओं की क्या व्यवस्था है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्राम कालीबिल्लौद तहसील देपालपुर में 8 अवैध कॉलोनियॉं चिन्हित की गई हैं एवं वर्तमान में अवैध कॉलोनियों की बसाहट की जानकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) देपालपुर कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई हैं। (ख) म.प्र. पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के उपबंधों के तहत अवैध कॉलोनी निर्माण करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध दाण्डिक कार्यवाही हेतु कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) अवैध कॉलोनियों में रहवासियों के लिए पूर्ण मूलभूत सुविधाएं नहीं पाई गई हैं। म.प्र. पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 में अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के प्रावधान नहीं हैं।
सिक्योरिटी डिपाजिट राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 2978 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् नामली में वर्ष 2011-12 से वर्ष 2014-15 तक की अवधि के दौरान ठेकेदार स्व. सुदिपराय माथुर अनुराधा इन्टरप्राईजेस एण्ड कन्टस्ट्रक्शन सैलाना से निकाय क्षेत्र में क्या-क्या कार्य करवाये गये? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कार्य की सूची एवं जारी किये गये सम्पूर्ण कार्यादेशों की प्रतिया उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के दौरान ठेकेदार द्वारा किये गये निर्माण कार्यों के तद्समय भुगतान देयकों में से निकाय द्वारा सिक्योरिटी डिपाजिट राशि का कटोत्रा किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नाधीन अवधि के निर्माण कार्यों के प्रत्येक देयकों के किये गये भुगतान, सिक्योरिटी डिपाजिट कटोत्रा एवं अन्य कटोत्रा जो किया गया है? उसकी जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या ठेकेदार द्वारा उक्त सिक्योरिटी डिपाजिट राशि के भुगतान हेतु कितने बार आवेदन दिये गये एवं उस पर क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) क्या वर्ष 2018 में ठेकेदार की मृत्यु उपरान्त उनकी पत्नी द्वारा कार्यालय अपर कलेक्टर जिला रतलाम को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था? उसके संबंध अपर कलेक्टर जिला रतलाम द्वारा दिनांक 25.11.2022 को आदेश पारित कर सिक्योरिटी डिपाजिट राशि का भुगतान किये जाने का आदेश दिया गया है? यदि हाँ, तो भुगतान कब तक हो जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) कार्यों की मूल नस्ती, माप पुस्तिका एवं अन्य रिकार्ड एकत्रित किया जा रहा है। संचालनालय द्वारा प्रकरण की विस्तृत जांच हेतु समिति गठित की गई है। जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
विकास यात्रा के दौरान लोकार्पित एवं शिलान्यास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 2981 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्वालियर जिले में शासन द्वारा दिनांक 05.02.2023 से निकाली गई विकास यात्रा के दौरान कौन-कौन से कार्यों का शिलान्यास किया? कौन-कौन से कार्यों का लोकार्पण किया? प्रत्येक शिलान्यास एवं लोकार्पित कार्य की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति कितनी है? प्रत्येक कार्यवार एवं विधानसभावार जानकारी दें। (ख) जिन कार्यों का शिलान्यास किया, प्रत्येक कार्य की प्रथमवार प्रक्रिया कब एवं किस आधार पर प्रारंभ हुई? प्रत्येक कार्य की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक क्या है? टेण्डर प्रक्रिया कब प्रारंभ हुई? वर्कऑर्डर कब हुआ? टेण्डर स्वीकृति राशि कितनी है? कार्य स्वीकृति का मद क्या है? प्रत्येक कार्य की निर्माण एजेंसी कौन है? कार्य पूर्णता की अंतिम अवधि दिनांक क्या है? प्रत्येक कार्यवार एवं विधानसभावार जानकारी दें। (ग) जिन कार्यों को लोकार्पित किया गया, प्रत्येक कार्य की प्रथमवार प्रक्रिया कब एवं किस आधार पर प्रारंभ हुई? प्रत्येक कार्य की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक क्या है? टेण्डर प्रक्रिया कब प्रारंभ हुई? वर्कऑर्डर कब हुआ? टेण्डर स्वीकृति राशि कितनी है? कार्य स्वीकृति का मद क्या है? प्रत्येक निर्माण एजेंसी कौन है? कार्य पर कितनी राशि का व्यय भुगतान हुआ? कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ? कार्य का पूर्णता प्रमाण-पत्र किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस दिनांक को जारी किया? प्रत्येक कार्यवार एवं विधानसभावार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले की नगरीय निकायों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले के नगरीय निकायों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले की नगरीय निकायों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
विश्व बैंक से प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[उच्च शिक्षा]
136. ( क्र. 2984 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग को वर्ष 2019, 2020, 2021 एवं 2022 में विश्व बैंक से किस योजनांतर्गत कुल कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई? (ख) विश्व बैंक से प्राप्त राशि का कहां-कहां, कितना-कितना व्यय किया गया? व्यय की गई राशि की मदवार, वर्षवार जानकारी दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
कृषि कार्य हेतु ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
137. ( क्र. 2986 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा के अंतर्गत कृषि कार्य हेतु वर्तमान में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? वितरण केन्द्रवार/ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। स्थापित ट्रांसफार्मर में से वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद आज दिनांक तक बदले नहीं गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2018-19 से 2020-21 में विधानसभा क्षेत्र डबरा में स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों में तकनीकी खराबी के कारण रिपेयरिंग करने/आयल एवं अन्य सामग्री बदलने पर वर्षवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल द्वारा कृषकों को कृषि पंप का कनेक्शन लेने पर अनुदान राशि की योजना कब से किस कारण बंद कर दी गई है? क्या लघु/सीमान्त/छोटे खातेदार किसान को विद्युत कृषि पंप कनेक्शन लेने पर कितनी अनुदान राशि देने की भविष्य में कोई योजना है? यदि हाँ, तो शासन आदेश/नियम की प्रति देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र डबरा के अंतर्गत कृषि कार्य हेतु वर्तमान में विभिन्न क्षमताओं के 2646 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिसकी वितरण केन्द्रवार/ग्रामवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से वर्ष 2021-22 में जले/खराब हुये वितरण ट्रांसफार्मरों में से कोई भी जला/खराब ट्रांसफार्मर बदला जाना शेष नहीं है एवं वर्ष 2022-23 में जले/खराब हुये वितरण ट्रांसफार्मरों में से 05 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के कारण अपात्र श्रेणी में होने के कारण बदले जाने हेतु शेष है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र डबरा में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में तकनीकी खराबी के कारण रिपेयरिंग करने/आयल एवं अन्य सामग्री बदलने पर वर्षवार व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) कृषकों को सिंचाई प्रयोजन के लिये स्थाई पंप कनेक्शन हेतु अनुदान प्रदान करने के लिये पूर्व में लागू ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी तथा निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। उक्त योजना को पुन: प्रारंभ किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
भार साधक अधिकारी के द्वारा कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 2992 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषदों का कार्यकाल पूरा होने के उपरांत उनमें भार साधक अधिकारी नियुक्त किये जाते हैं? यदि हाँ, तो किस अधिकारी को उक्त पद पर नियुक्त किया जा सकता हैं और किसके द्वारा नियुक्त किया जाता हैं? (ख) क्या जिला रायसेन की नगर परिषद उदयपुरा में पिछली नगर परिषद का कार्यकाल पूरा होने के उपरांत भार साधक अधिकारी नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो किस अधिकारी को क्या उक्त नियुक्त अधिकारी को भार साधक अधिकारी नियुक्त होने की पात्रता थी? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत बतायें? यदि नहीं तो फिर क्यों नियुक्त किया गया? (ग) प्रश्नांश "ख" के तहत नगर परिषद उदयपुरा में किस दिनांक को भार साधक अधिकारी ने पदभार ग्रहण किया? उस दिनांक को नगर परिषद के खातों में विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि जमा थी एवं जिस दिनांक को भार साधक अधिकारी पदमुक्त हुये उस दिनांक को कितनी-कितनी राशि जमा थी? उक्त खातों में भार साधक अधिकारी के कार्यकाल में शासन से एवं अन्य मदों से कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? (घ) क्या प्रश्नांश "ख" के तहत नियुक्त भार साधक अधिकारी ने अपने कार्यकाल में नगर परिषद के विभिन्न खातों में जमा राशि व्यय की? यदि हाँ, तो कहां-कहां, कब-कब, किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय की एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत के कब-कब कराये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 36 के प्रावधानों के अंतर्गत नगर परिषदो का कार्यकाल पूरा होने के उपरांत उनमें भारसाधक अधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान नहीं है तथापि नगर परिषदों के चुनाव समय पर न होने की स्थिति में अधिनियम की धारा 346 में प्रदत्त शक्तियों के तहत राज्य शासन द्वारा ऐसी निकायों में भारसाधक अधिकारी की नियुक्ति की जाती है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण व निष्कासन
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 2995 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन के अंतर्गत किस-किस आउटसोर्स प्रदाता कंपनी के कितने-कितने आउटसोर्स श्रमिक कार्यरत है की ऑउटसोर्स प्रदाता कंपनीवार संख्यात्मक जानकारी श्रेणीवार (कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल) देवे। (ख) क्या म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर क्षेत्रांतर्गत संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन अंतर्गत आउटसोर्स श्रमिक दिनांक 21 जनवरी, 2023 से 27 जनवरी, 2023 तक हड़ताल पर थे? इसी अवधि में हड़ताल पर गये कितने आउटसोर्स श्रमिकों को सेवा से निष्कासित किये गये है कि आउटसोर्स प्रदाता कंपनीवार संख्यात्मक जानकारी श्रेणीवार (कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल) देवे तथा बतावें इन्हें पुन: सेवा पर रखने हेतु कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन अंतर्गत आउटसोर्स प्रदाता कंपनियों द्वारा श्रम नियमों का उल्लंघन करते हुए ऑउटसोर्स श्रमिकों से 31 दिन काम करने पर 26 दिन का वेतन, सप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता, 08 घन्टे के स्थान पर 16-20 घण्टे कार्य करवाया जाता है, राष्ट्रीय त्यौहारों एवं छुट्टी के दिन काम लिया जाता है परंतु वेतन डबल नहीं दिया जाता है? ठेकेदार कम्पनी द्वारा कुशल, अर्द्धकुशल अकुशल ऑउटसोर्स श्रमिकों को नियमानुसार वेतन न देते हुए कम वेतन दिया जाता है? शासन कर्मचारियों के हित में क्या कोई कार्यवाही करेगा? (घ) क्या म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत संचालन-संधारण संभाग नागदा अंतर्गत कितने आउटसोर्स श्रमिक कार्यरत हैं? वितरण केद्रवार संख्यात्मक जानकारी देवे। क्या उनकी सुरक्षा के लिये ऑउटसोर्स प्रदाता कंपनी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता हैं एवं उनकी सुरक्षा के लिये क्या-क्या सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाये जाते है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन में मेसर्स क्वेर्स कॉर्प लिमिटेड बेंगलुरु के माध्यम से कुल 1818 कुशल/अर्द्धकुशल/अकुशल एवं मेसर्स ईगल इन्टर सोल्युसनस लिमिटेड, नई दिल्ली के माध्यम से कुल 03 उच्च कुशल आउटसोर्स कार्मिक नियोजित हैं, जिनकी बाह्य स्त्रोत प्रदाता कंपनीवार एवं श्रेणीवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। दिनांक 21 जनवरी, 2023 से दिनांक 27 जनवरी, 2023 तक हड़ताल पर गये कुल 21 आउटसोर्स कार्मिकों को उनकी बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म द्वारा सेवा से निष्कासित किया गया है जिसमें से क्वेर्स कॉर्प लिमिटेड, बेंगलुरु के कुशल श्रेणी के 10, अर्द्धकुशल श्रेणी के 03 एवं अकुशल श्रेणी के 08 आउटसोर्स कार्मिक हैं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल करने वाले आउटसोर्स कार्मिकों के विरूद्ध विभाग/वितरण कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। अपितु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा हड़ताल के दौरान निर्बाध विद्युत प्रदाय बनाए रखने के उद्देश्य से आवश्यक व्यवस्था बनाए रखने हेतु बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी को दिये गए नोटिस के तारतम्य में उक्त 21 आउटसोर्स कार्मिकों के विरूद्ध उनकी नियोजक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें कार्य से निष्कासित किया गया है। अत: इस संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) जी नहीं। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आवश्यकतानुसार बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों का नियोजन किया जाता है। उक्त आउटसोर्स कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के कर्मचारी होते हैं एवं उक्त कार्मिकों को इनकी श्रेणी यथा उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल के अनुरूप राज्य शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों पर वेतन तथा अन्य सुविधाये जैसे ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी. एवं बोनस का भुगतान बाह्य स्त्रोत एजेंसियों द्वारा किया जाता है। आउटसोर्स कार्मिक के पद के अनुरूप उनसे सेवा प्राप्त की जा रही है। निविदा/कार्यादेश में उल्लेखित नियम/शर्तों अनुसार आउटसोर्स कार्मिकों को एक वर्ष में 15 दिवस के अवकाश की पात्रता है। साथ ही आउटसोर्स कार्मिकों को वेतन/बोनस के भुगतान में देरी से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी से संपर्क कर इसका शीघ्र निराकरण कराया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोई भी अन्य कार्यवाही वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (घ) वर्तमान में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत संचालन-संधारण संभाग नागदा में कुल 272 आउटसोर्स कार्मिक कार्यरत हैं जिनकी श्रेणीवार, वितरण केंद्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। कार्य पर रखे गये आउटसोर्स कार्मिकों को आउटसोर्स सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा नहीं अपितु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत सुरक्षा जागरुकता प्रशिक्षण कार्यक्रम में समय-समय पर आउटसोर्स कार्मिकों को सम्मिलित करते हुए सतर्कता एवं सुरक्षित कार्य करने हेतु दिशा-निर्देश प्रदान किये जाते है एवं उनकी सुरक्षा के लिये हेंड ग्लब्ज, हेलमेट, कटिंग प्लायर एवं टेस्टर इत्यादि विद्युत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाते है।
विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 2996 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा आरएफपी क्र. युएडीडी/एसएसके/2813/20/4/2015 दिनांक 20/04/2015 के अंतर्गत कलस्टर एम/10 का सर्वे कार्य जीआईएस कंस्ट्रक्शन इण्डिया प्रायवेट लिमिटेड से कराया जा रहा है? (ख) क्या संचालनालय के पत्र क्र. 17003 दिनांक 17/09/2018, 18423 दिनांक 28/10/2021, 1054 दिनांक 19/05/2022, 4718 दिनांक 09/03/2022 तथा नोटिस पत्र क्र. 16429 दिनांक 20/09/2022 जारी कर जीआईएस कंस्ट्रक्शन इण्डिया प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी को मूल सर्वे फार्म संबंधित निकायों में जमा करने अन्यथा अनुबंध की कण्डिका 21 के अनुसार कलस्टर एम/10 के कार्य को निरस्त करने के निर्देश दिए गए थे? (ग) यदि हाँ, तो केवल 03 निकायों के फार्म जमा किए गए, 07 निकायों के नहीं? जबकि अन्य सभी कम्पनियों ने फार्म जमा करा दिए? (घ) यदि हाँ, तो स्पष्ट है कि 07 निकायों में बिना सर्वे ही जीआईएस कंस्ट्रक्शन कम्पनी को भ्रष्टाचार कर करोड़ों रूपयों का भुगतान किया गया है? यदि नहीं तो 07 निकायों के वार्ड 5, 9 एवं 11 के सर्वे फार्मों की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? यदि नहीं तो किए गए भ्रष्टाचार के लिए संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (ड.) उज्जैन नगर निगम एवं जिले की नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत परिषद् से शासन की विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति/अटैचमेंट कितने कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत है? जिनका वेतन संबंधित निकायों द्वारा किया जाता है? व्यक्ति का नाम, निकाय के नाम सहित विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र सर्वे फार्म के अतिरिक्त अन्य संदर्भ में भी फर्म को प्रेषित किये गये है। फर्म को Handho।ding की रिपोर्ट विलम्ब से प्रस्तुत किये जाने के संदर्भ में नोटिस दिनांक 20.09.2022 के द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु अनुबंध की कंडिका क्र. 21 के तहत नोटिस दिया गया है। (ग) फर्म द्वारा अनुबंध के माइलस्टोन-8 के अनुसार फाइनल रिपोर्ट सभी निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा सत्यापित कर जमा कर दी गई है। (घ) कम्पनी के द्वारा सर्वे कर RFP की कंडिका कमांक 4.2.6 के पृष्ठ क्रमांक 45 के अनुसार Agreed Report समस्त नगरीय निकायों में जमा की जा चुकी है। सभी मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा सर्वे कार्य के सत्यापन की फाइनल रिपोर्ट (माइलस्टोन-8 के अनुसार) संचालनालय में जमा की जा चुकी है तथा फर्म पर अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार पेनाल्टी राशि रूपये 16.45.681/- अधिरोपित की गयी है। चाही गई जानकारी के अंतर्गत सर्वे फार्म की समग्र रिपोट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
म.प्र. राज्य बार काउंसिल द्वारा निरस्त मान्यता
[उच्च शिक्षा]
141. ( क्र. 2999 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय शहीद भगत सिंह महाविद्यालय पिपरिया जिला नर्मदापुरम के एक भवन (विधि भवन) में एल.एल.बी. की कक्षायें पूर्व से संचालित हैं? (ख) क्या वर्ष 2017-18 के पश्चात म.प्र. राज्य बार काउंसिल द्वारा इसकी मान्यता फीस की राशि जमा न करने एवं बार काउंसिल द्वारा निरीक्षण के समय विधि विभाग की सम्पूर्ण व्यवस्था पृथक न होने के कारण समाप्त कर दी गयी हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा फीस जमा कर देने के उपरांत भी मान्यता आज दिनांक तक प्रदान नहीं की गयी हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या वर्ष 2017-18 के पश्चात एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन (सनद) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से प्राप्त नहीं हो पा रही हैं जिससे डिग्री प्राप्त विद्यार्थी बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन न होने के कारण प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। (ङ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) का उत्तर यदि हाँ, हैं तो महाविद्यालय को वर्ष 2017-18 के पश्चात की मान्यता कब तक प्रदान कर दी जावेंगी? नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2017-18 के पश्चात बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता फीस शैक्षणिक सत्र 2018 से 2021 तक की मान्यता हेतु रूपये 4,50,000 का बैंक ड्राफ्ट क्रमांक 987906, दिनांक 10-08-2020 द्वारा बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रेषित की जा चुकी है। शैक्षणिक सत्र 2021 से 2024 की मान्यता हेतु रूपये 3,50,000 आर.टी.जी.एस. के माध्यम से प्रेषित किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से मान्यता समाप्त करने का किसी भी प्रकार का पत्र अप्राप्त है। (ग) जी हाँ। महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा निरीक्षण एवं संबद्धता हेतु बार काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ निरंतर पत्राचार एवं समक्ष में उपस्थित होकर मान्यता प्राप्त किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) शैक्षणिक सत्र 2020-21 तक महाविद्यालय से उर्त्तीण छात्रों के रजिस्ट्रेशन (सनद) हुए है। सत्र 2021-22 में उर्त्तीण विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश स्टेट बार काउंसिल जबलपुर द्वारा रोक दिए गए हैं। मध्यप्रदेश स्टेट बार काउंसिल जबलपुर के पत्र दिनांक 26-09-2022 द्वारा यह सूचित किया गया है कि महाविद्यालय से उर्त्तीण विद्यार्थियों का नामांकन किया जाना बंद कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। (ड.) विधि पाठ्यक्रम की मान्यता बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रदान की जाती है। इसके लिए महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 तक की मान्यता की राशि जमा की जा चुकी है। महाविद्यालय प्रबंधन निरंतर बी.सी.आई. के संपर्क में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''5'' अनुसार है।
सहायक श्रेणी-3 की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता
[ऊर्जा]
142. ( क्र. 3005 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर द्वारा वर्ष 2011-12 व 2013 में भर्ती किये गये पद कार्यालय सहायक श्रेणी-3 की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता प्रथम श्रेणी स्नातक व कम्प्यूटर अनुप्रयोगों में उत्तीर्ण होना निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या इन्हें कनिष्ठ यंत्री पद के नियंत्रणाधीन व उनसे कम वेतनमान में पदस्थ किया गया है, जिसकी शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास व पॉलिटेक्निक डिप्लोमा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या स्नातकधारी कार्यालय सहायकों के भविष्य में सेवा अवसर अत्यधिक सीमित हैं एवं क्या उच्च वेतनमान प्राप्त होने पर यह अंतर और अधिक हो जाता हैं? (ग) क्या कंपनी द्वारा जारी उच्च शिक्षा नीति-2020 में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को उच्च शिक्षा के रूप में परिभाषित किया गया है? यदि हाँ, तो स्नातक योग्यताधारी कार्यालय सहायकों के लिये डिप्लोमा किस प्रकार से उच्च शिक्षा है? (घ) यदि उक्त प्रश्नांशों का उत्तर हाँ है तो क्या यह प्रावधान कार्यालय सहायकों के साथ अन्यायपूर्ण नहीं है? यदि हाँ, तो इसका निराकरण कब तक किया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। कनिष्ठ यंत्री एवं कार्यालय सहायक श्रेणी-तीन क्रमश: तकनीकी एवं गैर तकनीकी वर्ग में आते हैं तथा इनकी कार्य प्रकृति एवं उत्तरदायित्व अलग-अलग होते हैं, इसलिए इनकी शैक्षणिक योग्यता, कार्य की आवश्यकतानुसार पृथक-पृथक रखी जाती है तथा इनके वेतनमान भी पृथक-पृथक होते है। (ख) जी नहीं, स्नातक उपाधि धारक कार्यालय सहायक श्रेणी-3 को म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नियमानुसार पदोन्नति के अवसर उपलब्ध हैं। प्रश्नांश में उल्लेखित दोनों पद पृथक-पृथक संवर्गों के होने से इनके वेतनमान अलग-अलग होने के परिप्रेक्ष्य में इन पदों पर प्राप्त होने वाले उच्च वेतनमानों की तुलना करना औचित्यपूर्ण नहीं है। (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी ''उच्च शिक्षा नीति-2020'' के अनुसार कार्मिक द्वारा भर्ती के समय अर्जित शिक्षा से उच्चतर शिक्षा अर्जित करना अथवा कार्मिक द्वारा भर्ती के पदों पर वांछनीय न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता से उच्च शैक्षणिक योग्यता, डिप्लोमा/डिग्री/पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इत्यादि अर्जित करना उच्च शिक्षा माना जाएगा। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
टोल रोड वसूली एवं लागत की जानकारी
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 3019 ) श्री जितु पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 जनवरी, 2023 तक प्रीमियम कमीशन के रूप में किस-किस टोल रोड से कितनी राशि प्राप्त हुई तथा प्रदेश की सारी टोल रोड मिलाकर कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? क्या एक समान वर्ष में बने टोल रोड से प्राप्त होने वाली प्रीमियम राशि में काफी अंतर है, उसका कारण क्या है? (ख) क्या टोल रोड अनुबंध केन्द्र शासन द्वारा जारी मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट के अनुसार किया जाता है? यदि हाँ, तो बताएं कि केन्द्र शासन द्वारा मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट में 2005 के बाद कब-कब परिवर्तन किया गया? केन्द्र के 2018 से जनवरी 2023 तक के मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट की प्रति देवें। (ग) बतावें कि भोपाल देवास, लेबड जावरा तथा जावरा नयागांव का अनुबंध केन्द्र द्वारा जारी किस मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट के अनुसार किया गया? यदि केन्द्र के मॉडल में कोई परिवर्तन किया गया है तो किस के निर्देश से और क्यों किया गया? तीनों रोड के अनुबंध की प्रति देवें। (घ) प्रश्नाधीन तीनों टोल रोड पर प्रारंभ से 31 जनवरी, 2023 तक कितना टोल वसूला गया? उसमें निजी चार पहिया वाहन से वसूला गया टोल कितना है तथा वह कुल का कितना प्रतिशत है? (ड.) क्या शासन प्रदेश की सभी टोल रोड पर निजी चार पहिया वाहन से टोल वसूलना बंद करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बीओटी (टोल), टोल+एन्युटी तथा ओएमटी पद्यति से निर्मित/संचालित मार्ग टोल रोडों की श्रेणी में है। टोल रोडो से प्रीमियम कमीशन के रूप में राशि प्राप्त नहीं होती है, अपितु मात्र प्रीमियम प्राप्त होता है। तदानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 के प्रपत्र-अ-1 तथा अ-2 अनुसार। जी हाँ। बीओटी (टोल) परियोजना हेतु अनुबंध व्यापारिक अनुबंध है, जिसमें पूर्व निर्धारित रियायत अवधि के लिए निविदा प्रक्रिया में भागीदार निवेशकर्ताओं द्वारा स्वयं मार्ग परियोजना का सर्वेक्षण कर, व्यवहार्यता ज्ञात कर एवं अनुबंध में दी गई शर्तों को पूर्णत: दृष्टिगत रख अपने अपने सर्वेक्षण के आधार पर निविदा में प्रीमियम राशि/ग्रांट उल्लेखित करता है तदोपरांत प्राप्त निविदाओं का अध्ययन कर उच्चतम प्रीमियम/निम्नतम ग्रांट के आधार पर निविदा चयन की प्रक्रिया की जाती है। चूंकि एक समान वर्ष में बने टोल रोडों की ट्रेफिक आदि की विवेचना अलग-अलग होती है, प्रीमियम राशि में अंतर होना स्वाभाविक है। ओएमटी पद्यति से संचालित मार्गों हेतु निवेशकर्ता के चयन का आधार मुख्यत: निवेशकर्ता द्वारा स्वयं मार्ग का वृहद सर्वेक्षण तथा यातायात गणना कर तदोपरांत निविदा में दी जाने वाली अधिकतम प्रीमियम की राशि उल्लेखित करना होता है। चूंकि विभिन्न मार्गों पर यातायात की गणना पृथक-पृथक होती है अत: निवेशकर्ता द्वारा उल्लेखित की जाने वाली प्रीमियम की राशि पृथक-पृथक होती है। (ख) जी नहीं। बीओटी टोल पद्यति हेतु अनुबंध केन्द्र शासन द्वारा जारी मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट एवं राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप संशोधन के आधार पर किया जाता है। शुरूआती दस अनुबंध राज्य शासन द्वारा अनुमोदित कंसेशन एग्रीमेंट पर किये गये थे। वर्ष 2006, वर्ष 2009 एवं वर्ष 2014 में। निरंक। (ग) भोपाल, देवास तथा जावरा नयागांव मार्ग का अनुबंध राज्य शासन द्वारा अनुमोदित कंसेशन एग्रीमेंट के आधार पर एवं लेबड जावरा मार्ग का अनुबंध वर्ष 2009 में प्रचलित मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट में राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप संशोधन के अनुसार। राज्य शासन के अनुमोदन अनुसार राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप किया गया। तीनों रोडों के अनुबंध से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 के प्रपत्र-क-1, क-2 तथा क-3 अनुसार। (घ) बीओटी (टोल) रोडों हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ड.) जी नहीं। रोडों के अनुबंध की शर्तों के अनुरूप न होने के कारण।
काटे जा रहे पेड़ों के कारण प्रदूषण में वृद्धि
[पर्यावरण]
144. ( क्र. 3020 ) श्री जितु पटवारी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत स्मार्ट सिटी एवं अन्य प्रमुख निर्माण हेतु कितने वयस्क पेड़ विगत 3 वर्ष में काटे गए हैं एवं उसके एवज में कितने नए पौधे लगाए गए हैं? निगमवार काटे पेड़ की संख्या? नए लगाए पेड़ की संख्या व उनके संधारण पर प्रतिवर्ष किए गए खर्च की जानकारी टेबल फॉर्म में दें। (ख) भोपाल शहर के विधानसभा के पास, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र एवं पुराने शहर में वाहनों द्वारा किए गए प्रदूषण के लिए जिम्मेदार रासायनिक प्रदूषकों की माहवार, प्रदूषकवार तीन वर्ष की जानकारी टेबल फॉर्म में देवें। (ग) इंदौर, भोपाल के अतिव्यस्थ मार्गों में वाहनों द्वारा पर्यावरण व दूषित हवा को दृष्टिगत रखते हुए किस तरह की सुधारात्मक पहल की जा रही है? (घ) इंदौर शहर के अंतर्गत तालाबों, नहरों, नदियों का पानी जो शहर की गंदगी से दूषित हो रहा है उसके शुद्धिकरण एवं स्वच्छ किए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या योजनाएं चलाई जा रही है? (ड.) ध्वनि प्रदूषण की सुरक्षित अधिकतम लिमिट कितनी है और इंदौर शहर में शाम 6 से 10 बजे तक किस-किस क्षेत्र में ये लिमिट से ज्यादा होता है? प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में कितनी शिकायत प्राप्त हुई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (घ) योजनाएं निम्नानुसार है :- 1- नदी- नालों की निरन्तर सफाई कराई जा रही है। 2- नदी-नालों में कोई भी कचरा न डाले, इस हेतु जन-जागृति फैलाई जाने के साथ ही डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था लागू की गई है। नदी नालों में कचरा फैलाने वालों पर फाईन भी लगाया जाता है। 3- नदी -नालों में सीवेज प्रवाहित न हो इस हेतु लगभग सभी आउटलेट ट्रेप कर दिये गये है। 4- नदी-नालों के किनारे विभिन्न क्षमता के एस.टी.पी. स्थापित किये गये है ताकि ट्रीटेड वाटर ही नदियों में छोड़ा जावे। 5- सीवेज लाईन के माध्यम से संपूर्ण शहर का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजा जाता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ई'' एवं ''फ'' अनुसार है। शिकायतों की संख्या शून्य है।
स्वीकृत एवं खाली पदों की जानकारी
[ऊर्जा]
145. ( क्र. 3021 ) श्री जितु पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के अंतर्गत ऊर्जा विभाग में (1) स्टेट केडर (2) संभाग केडर (3) जिला केडर के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? जनजाति के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने खाली है (बैकलांग) तीनों केडर में अंतिम भर्ती किस वर्ष के किस माह में हई थी? विभाग अनुसार दिनांक 31 जनवरी, 2023 के अनुसार जानकारी दें। (ख) अप्रैल, 2020 से जनवरी, 2023 तक ऊर्जा विभाग में कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए तथा कितनी भर्ती हुई? (ग) ऊर्जा विभाग में राज्य स्तरीय संभाग स्तरीय तथा जिला स्तरीय पद में बताएं कि संविदा कर्मचारी तथा आउटसोर्स के कर्मचारी कितने-कितने हैं? क्या शासन संविदा कर्मचारी तथा आउटसोर्स कर्मचारी की नौकरी को सुरक्षित करने के लिए कोई योजना बना रहा है? (घ) आउटसोर्स के तहत शासकीय विभागों में कर्मचारी रखने की नीति किस वर्ष से लागू हुई? इस संदर्भ में जारी अध्यादेश, परिपत्र तथा पत्र की प्रतियां देवें तथा आउटसोर्स के कर्मचारी को उसी पद के स्थाई कर्मचारी की तुलना में कितने प्रतिशत वेतन दिया जाता है तथा क्या ठेकेदार उस वेतन में से राशि काट सकता है या नहीं? ठेकेदार राशि नहीं काटे इसकी रोकथाम के परीक्षण की क्या प्रक्रिया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
146. ( क्र. 3036 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक कितनी सड़कें किस-किस मद में किस वर्ष-माह में स्वीकृत हुई? सड़क का नाम, लम्बाई, लागत सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से किस-किस सड़क के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया कब पूरी हुई? कार्यादेश किस दिनांक को जारी किया गया? ठेकेदार का नाम, कार्य प्रारंभ तथा समाप्ति की दिनांक ग्यारंटी पीरियड सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) की सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कें निर्माणाधीन हैं? सड़क का नाम, लम्बाई, लागत, ठेकेदार का नाम, कार्य प्रारंभ की दिनांक, अनुबंध के अनुसार कार्य समाप्त होने की दिनांक, ग्यारंटी पीरियड सहित जानकारी देवें। बतावें कि कौन-कौन सी सड़क का कार्य किस कारण से प्रारंभ नहीं हुआ तथा कब तक कार्य प्रारंभ हो जाएगा? (घ) विभाग द्वारा कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2019 से 2022 तक कौन-कौन से विभाग के कौन से भवन का निर्माण किया गया? कौन-कौन सी पुलिया तथा ब्रिज कितनी लागत से बनाए गए तथा कौन-कौन सा कार्य प्रगतिरत है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। कालापिपल-कुरावर मार्ग के कि.मी. 40/10 में समेल नाले पर उच्च स्तरीय पुल लागत राशि रू. 699.56 लाख का कार्य प्रगति पर।
लोकायुक्त एवं EOW की जांच के प्रकरण
[ऊर्जा]
147. ( क्र. 3037 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनी म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर अंतर्गत वर्तमान में लोकायुक्त तथा EOW द्वारा भेजे गये अभियोजन स्वीकृति के लिये कितने प्रकरण किस कारण से लंबित हैं? आरोपी अधिकारी का नाम, प्रकरण के समय का पद, वर्तमान पदस्थापना, कार्यस्थल, प्रकरण दर्ज करने का कारण, दर्ज करने की दिनांक, अभियोजन स्वीकृति हेतु प्राप्त रिमाइंडर की दिनांक तथा विलंब होने के कारण सहित सूची देवें। (ख) अभियोजन स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे गए पत्रों की तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (ग) लोकायुक्त तथा EOW में किन-किन अधिकारियों के खिलाफ किस प्रकार के प्रकरण में, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा की गई जांच उपरांत विवेचना कर अनुशंसा किये जाने उपरांत कितने प्रकरणों में जांच प्रक्रियाधीन है? (घ) पिछले 03 वित्तीय वर्षों में लोकायुक्त तथा EOW में दर्ज प्रकरणों में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में जांच उपरांत किस-किस प्रकार की आर्थिक अनियमितता पायी गयी? संख्यात्मक जानकारी बतावें। इन्हें रोकने के लिए समय-समय पर क्या कदम उठाए गए तथा इनमें पिछले तीन साल में प्रतिवर्ष वृद्धि या कमी हो रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में लोकायुक्त तथा EOW द्वारा अभियोजन स्वीकृति हेतु प्रेषित कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के कार्मिकों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग से किसी प्रकार का पत्राचार नहीं किया जाता हैं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्मिकों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति हेतु वितरण कंपनी स्तर के अधिकारी सक्षम प्राधिकारी हैं। (ग) लोकायुक्त एवं EOW में, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई जाँच उपरांत विवेचना कर अनुशंसा किये जाने के बाद, किसी अधिकारी के विरुद्ध जाँच हेतु प्रक्रियाधीन प्रकरणों की संख्या निरंक हैं। (घ) विगत तीन वर्षों में लोकायुक्त तथा EOW में दर्ज प्रकरणों में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जाँच उपरांत आर्थिक अनियमितता पाई जाने से संबधित जानकारी निरंक हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
148. ( क्र. 3047 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला उमरिया में स्थित संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरसिंहपुर की फ्लाई एश को सीमेन्ट प्लाटों एवं अन्य संस्थानों को विक्रय करने की बिलिंग की जाती है? यदि हाँ, तो 1 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक प्लाई ऐश एवं वेट ऐश, किस कंपनी द्वारा कुल कितने वाहन कितनी मात्रा की राख का परिवहन किया गया की माहवार जानकारी यथा माह, कंपनी का नाम, वाहनों की संख्या एवं कुल राख की मात्रा का विवरण प्रोफार्मा में उपलब्ध कराई जाये। (ख) क्या संजय गांधी विद्युत गृह विरसिंहपुर में वर्तमान प्रबंध संचालक श्री मंजीत सिंह की शह पर प्रश्नांश 'क' अनुसार फ्लाई ऐश बिक्री में करोड़ों रूपयों का घोटाला किया गया है? यदि हाँ, तो क्या फ्लाई ऐश बिक्री की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषी प्रबंध संचालक के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या शैलो से प्राप्त सूखी राख की दर 124 रूपये प्रति टन है तथा शैलो से सूखी राख कैप्सूल में भरने के बाद सीमेंट प्लांटों तथा अन्य संस्थानों में भेजी जाती है एवं ऐशवंड से प्राप्त गीली राख निःशुल्क ट्रक/डम्परों में भरकर भेजी जाती है तथा कैप्सूल में गीली राख नहीं भर सकते हैं लेकिन कैप्सूल में गीली राख दर्शाकर निःशुल्क बिना बिलिंग के हजारों कैप्सूल सीमेंट प्लांटों एवं अन्य संस्थानों में भेजकर करोड़ों रूपयों का घोटाला किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला उमरिया में स्थित संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर से, वर्तमान में फ्लाई ऐश की बिक्री नहीं की जा रही है वरन दिनांक 08.05.2022 से फ्लाई ऐश मुफ्त प्रदाय की जा रही है। 01 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक कंपनियों को फ्लाई ऐश एवं वेट ऐश विक्रय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर में दिनांक 08.05.2022 से ऐश मुफ्त में प्रदान की जा रही है। इससे पूर्व राख का विक्रय निविदा के आधार पर प्राप्त उच्च दर पर व परिसर में स्थित तौल कांटे में भार मापन करने के पश्चात किया जाता था, जिसकी हर माह बिलिंग की जाती थी। अतः उक्त प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता की संभावना नहीं है, जिससे बिक्री में अनियमितता का प्रश्न नहीं उठता है एवं कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (ग) 01 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक की अवधि में सूखी राख की दर 124/- रूपये प्रति टन रही थी। वर्तमान में साइलो से सूखी राख कैप्सूल में भरने के बाद सीमेंट प्लांटों तथा अन्य संस्थानों में नि:शुल्क भेजी जाती है एवं ऐश बंड से प्राप्त गीली राख भी निःशुल्क ट्रक/डम्परों में भरकर भेजी जाती है। गीली राख को खुले डाला (हाइवा) में भरकर पूर्णतः तारपोलीन में ढकने के बाद परिवहन किया जाता है। कैप्सूल में गीली राख भरना संभव नहीं हैं, अतः प्रश्नांश में उल्लेखित अनियमितता का प्रश्न नहीं उठता। अतः शेष प्रश्न लागू नहीं।
नियम विरूद्ध किये गये कार्यों की उच्च स्तरीय जांच
[ऊर्जा]
149. ( क्र. 3048 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 10 वर्षों से सिविल संकाय के सभी ताप विद्युत गृह एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में कार्य मात्रा/मद मात्रा/समान क्रय की क्रय मात्रा के प्रकरण फाइल अनुमोदन हेतु मुख्य अभियंता (सिविल इंजीनियरिंग) को मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा सहमति प्रदान कर अग्रेषित करके भेजा जाता है? यदि हाँ, तो 1 सितम्बर, 2021 से 31 जुलाई, 2022 तक पुरानी प्रचलित संवैधानिक प्रक्रिया एवं नियमों से हटकर सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी के तत्कालीन मुख्य अभियंता (उत्पादन) सिविल संकाय के सभी प्रकरणों की कार्य मात्रा एवं क्रय मात्रा का अवलोकन तथा स्क्रूटनी कर कार्यालयीन टीप में नियम विरूद्ध टीप लिखकर प्रकरणों को भेजने में विलंब क्यों किया गया था तथा टीप अपने स्वयं के हित में क्यों लिखी गई? 1 सितम्बर, 2021 से 31 जुलाई, 2022 तक अवधि की रमेश कुमार गुप्ता द्वारा ली गई आपत्तियों एवं टीप की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में सिविल संकाय वृत्त से तत्कालीन मुख्य अभियंता द्वारा सभी प्रकरण किस जावक क्र. से किस दिनांक को भेजे गए तथा उनके द्वारा किस-2 जावक क्र. से किस-किस दिनांक को मुख्य अभियंता (सिविल) जबलपुर भेजे गए? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार नियम विरूद्ध किये गये कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी सहित म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों द्वारा सिविल संकाय के कार्य से संबंधित प्रकरण मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की डेलीगेशन ऑफ पॉवर पुस्तिका में उल्लेखित अधिकार के अनुसार मात्र सहमति नहीं अपितु कार्य मात्रा/मद मात्रा/सामान क्रय मात्रा के परीक्षणोपरांत ताप विद्युत गृह के मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा औचित्य एवं स्पष्टीकरण के साथ मुख्य अभियंता (सिविल इंजीनियरिंग) को अनुमोदन हेतु अग्रेषित किये जाते हैं। जी नहीं, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में 1 सितंबर, 2021 से 31 जुलाई, 2022 तक स्थापित नियमों के अंतर्गत प्रस्तावों (क्रय एवं कार्य की मद मात्राओं) को औचित्य के आधार पर तत्कालीन मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा आवश्यकतानुसार सक्षम अनुमोदन हेतु अग्रेषित किया गया हैं। इस प्रक्रिया हेतु मुख्य अभियंता (उत्पादन) सक्षम अधिकारी हैं। आवश्यक होने पर संशोधन/समीक्षा/अतिरिक्त जानकारी तथा निर्धारित प्रक्रिया के पालन हेतु ही प्रकरण वापस किए जाते हैं। अत: प्रकरणों में कार्यवाही नियमानुसार कंपनी हित में ही की जाती हैं। 01 सितम्बर, 2021 से 31 जुलाई, 2022 तक श्री रमेश कुमार गुप्ता, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा सिविल संकाय से संबंधित कुल 162 प्रकरण, परीक्षण उपरांत मुख्य अभियंता (सिविल), जबलपुर को अग्रेषित किए गए तथा 47 प्रकरण अधीक्षण अभियंता (सिविल) को संशोधन/समीक्षा/अतिरिक्त जानकारी हेतु वापस किए गए। वापिस किये गये प्रकरणों से संबंधित टीप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में सिविल संकाय वृत्त से संबंधित प्रकरण, जो कि तत्कालीन मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा मुख्य अभियंता (सिविल), जबलपुर को प्रेषित किए गए, के जावक क्रमांक व दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत उल्लेखित कार्यवाही नियमानुसार की गई है, अत: जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 3055 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री शिवकुमार शर्मा (स्टोर प्रभारी) की प्रथम नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी के रूप में नगर पालिक परिषद् मुरैना में हुई थी? यदि हाँ, तो शर्मा का नियमितीकरण कब हुआ? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। यदि नियमितीकरण का कोई आदेश नहीं हुआ हो तो कब तक श्री शर्मा को हटाया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार श्री शिवकुमार शर्मा के द्वारा स्वयं की नियुक्ति की आदेश फाइलें नगर परिषद् कैलारस व नगर पालिक निगम मुरैना से गायब कर दी गई हैं? नियुक्ति आदेश एवं फाइलों की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध करायें। यदि फाइल उपलब्ध नहीं है तो क्या फाइल गायब करने वाले श्री शर्मा के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या स्टोर प्रभारी शिवकुमार शर्मा द्वारा अकाउंटेंट से मिलकर 180 बिल वाउचरों के माध्यम से फर्जी खरीदी दिखाकर 1 करोड़ 42 लाख के भुगतान का घोटाला किया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक दोषी कर्मचारी के विरूद्ध प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित विवरण देवें तथा दोषियों को पद से हटाकर उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद, मुरैना के पत्र क्रमांक 213, दिनांक 17.11.1994 द्वारा समयपालक के पद पर नियुक्त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) इस संबंध में जांच की कार्यवाही प्रचलित है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[लोक निर्माण]
151. ( क्र. 3065 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में मुख्य बजट 2018-19, अनुपूरक बजट 2020-21 तथा मुख्य बजट 2021-22 में स्वीकृत किन-किन पुल तथा सड़कों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित क्यों नहीं हुई तथा कब तक निविदा आमंत्रित होगी? (ख) रायसेन जिले में किन-किन सड़कों में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की आवश्यकता है तथा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा किन-किन सड़कों में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब तक भेजे? (ग) प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति क्यों जारी नहीं हुई? क्या उक्त सड़कों को अधूरा ही छोड़ दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को जिले के विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है।
सड़क एवं पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
152. ( क्र. 3066 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में विभाग द्वारा स्वीकृत कौन-कौन सी सड़क तथा पुल निर्माण का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है एवं क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) फरवरी 2023 की स्थिति में विभाग द्वारा निर्मित कौन-कौन सी सड़कें गारण्टी अवधि में हैं? उनकी मरम्मत, डामरीकरण, पटरी की साफ-सफाई क्यों नहीं करवाई जा रही है? कारण बतायें तथा कब तक करवायेंगे। (ग) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में विभाग द्वारा निर्मित किन-किन सड़कों की गारण्टी अवधि समाप्त हो गई है? उक्त सड़कों की मरम्मत, डामरीकरण तथा पटरी की साफ-सफाई की क्या व्यवस्था/योजना है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को जिले के विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। सभी गारंटी अवधि वाली सड़कों पर आवश्यकतानुसार समय-समय पर मरम्मत, डामरीकरण, पटरी की साफ-सफाई का कार्य कराया जाता है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। उक्त सड़कों की मरम्मत एवं पटरी साफ-सफाई का कार्य जोनल कांट्रेक्टर के माध्यम से आवश्यकतानुसार स्वीकृति प्रदान कर कराया जाता है तथा डामरीकरण का कार्य आवश्यकतानुसार निविदा आमंत्रित कर कराया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'स-1' अनुसार है।
परफॉर्मेंस गारंटी के तहत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
153. ( क्र. 3069 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजनांतर्गत कितने कि.मी. सड़क का निर्माण परफॉर्मेंस गारंटी के तहत किया गया है? पृथक-पृथक विवरण दें। कितने मार्गों का नवीनीकरण कितने कि.मी. किया गया? विस्तृत विवरण दें। साथ ही परफॉर्मेंस गारंटी कब तक थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या परफॉर्मेंस गारंटी अवधि में सड़कें ध्वस्त एवं खराब हो गई हैं? उक्त मार्गों के नवीनीकरण में कुल कितनी राशि किन-किन मार्गों के लिए अनुपूरक शेड्यूल किए गए? (ग) प्रश्नांश (क) के मार्गों में पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के कितने मार्ग, कितने कि.मी. सड़क का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किया गया? कार्य की स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (घ) विभाग के द्वारा पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के स्वीकृत मार्ग के प्राक्कलन, स्वीकृत राशि, भुगतान राशि एवं गुणवत्ता परीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक योजना मद के तहत 98.92 कि.मी. एवं नवीनीकरण के अंतर्गत 37.90 कि.मी. परफॉर्मेंस गारंटी के अंतर्गत मार्ग निर्माण किया गया है, अलग-अलग मार्गों की परफॉर्मेंस गारंटी अवधि अलग अलग है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं, नवीनीकरण में मार्गवार, अनुपूरक शेडयूल राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 5 मार्गों में 76.20 कि.मी. सड़क निर्माण विभिन्न एजेन्सी द्वारा किया गया है। कार्यों की स्वीकृत राशि, व्यय राशि व अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, 3 एवं स अनुसार है।
पानी निकासी की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 3070 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले अंतर्गत नगर पालिका/नगर परिषद में पानी की उचित निकासी की व्यवस्था न होने के कारण गलियों में पानी भरा रहता है, जिससे नगर में मच्छर व कई बीमारियों का खतरा बना रहता हैं? क्या नगर पालिका एवं नगर परिषद को नाले नालियों की सफाई एवं व्यवस्था के लिए राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गयी हैं? (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा पानी की निकासी के लिए कोई उचित कदम उठाये जायेंगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगर परिषद अमरकंटक में कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हैं एवं कौन-कौन से कार्य कराना प्रस्तावित हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या हैं? कौन-कौन से कार्य कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये हैं? इन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई हैं? जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में जानकारी देवें (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कौन-कौन से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रारंभ कार्यों की कार्यपूर्णता अवधि व लागत क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। अनूपपुर जिले की नगरीय निकायों में पानी निकासी की उचित व्यवस्था है। नाले, नालियों, की साफ-सफाई व्यवस्था एवं निर्माण हेतु शासन द्वारा एवं निकाय निधि से कार्य कराये जाते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश ‘क' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
ए.बी. रोड पर धोलागढ़ फाटक से मगरोनी रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
155. ( क्र. 3073 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ए.बी. रोड में धोलागढ़ फाटक से मगरोनी तक रोड बनाया गया है? यदि हाँ, तो कितनी लम्बाई एवं कितनी चौड़ाई से बनाया गया है? प्राक्कलन की जानकारी प्रपत्रों सहित दी जावें। (ख) यह भी बतायें कि यह मार्ग किस वर्ष में और किस दिनांक को बनाया गया है? क्या मार्ग के दोनों तरफ साईड भरने का कार्य पूर्ण क्यों नहीं किया गया? इससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है? (ग) यह भी बतायें कि प्रश्नांश (क) रोड के दोनों तरफ गहरी खाईया हैं उन्हें भरने के लिए टेन्डर नहीं किया गया था? प्राक्कलन में इसका उल्लेख नहीं है? प्रपत्रों सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के सन्दर्भ में रोड के दोनों साईडें नहीं भरी गई जिसमें लोगों को काफी परेशानी हो रही है। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएंगी या दोनों ओर साईडे कब तक भरी जाएंगी नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। लम्बाई 21.30 कि.मी. एवं चौड़ाई 3.75 मीटर। प्राक्कलन एवं प्रपत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) मार्ग दिनांक 31.10.2020 को पूर्ण किया गया है। मार्ग में लम्बाई लगभग 10 कि.मी. में वनभूमि होने से वन विभाग से स्वीकृति प्राप्त न होने के कारण पटरी भराई का कार्य नहीं किया गया है। वन विभाग से अनुमति हेतु कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार। (घ) कोई दोषी नहीं है। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 3082 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत प्रदेश में वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक विभिन्न निकायों के लिए कितनी परियोजना स्वीकृत की गई थी और उनकी संख्या/अनुदान स्वीकृत राशि, स्वीकृति दिनांक सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न निकायों हेतु स्वीकृत परियोजनाओं में से कितनी निकायों में यह परियोजना आज तक अपूर्ण हैं। स्वीकृत राशि/निकायों में शेष राशि कितनी है, जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्वीकृत परियोजना अनुसार निकाय मंडीदीप, गैरतगंज, इटारसी, सीहोर, रायसेन, सांची, बेगमगंज, बरेली में कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो पूर्णता प्रमाण पत्र, बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में अपूर्ण परियोजनाओं के लिए विभाग द्वारा किस-किस निकाय अधिकारियों के विरुद्ध स्वीकृत कार्य योजना की राशि रोके रखने पर क्या कार्यवाही की?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2022-23 तक विभिन्न निकायों के लिए कुल 107 परियोजनायें स्वीकृत की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) 20 निकायों में परियोजना का कार्य अपूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) नगरपालिका इटारसी, सीहोर, मंडीदीप एवं नगर परिषद बरेली, सांची की जलप्रदाय योजना का कार्य अपूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। नगरपालिका रायसेन, बेगमगंज एवं नगर परिषद गैरतगंज में कार्य पूर्ण हो चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भारत माता की प्रतिमा स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 3083 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका रायसेन द्वारा भारत माता की प्रतिमा रायसेन नगर में कितने लाख रूपये लागत में स्थापित करने की कार्य योजना परिषद में प्रस्तावित हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस कार्य हेतु कितनी निविदाएं परिषद को प्राप्त हुई थी एवं निविदा की शर्तें क्या थी? निविदा किसकी स्वीकृत हुई थी? समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्वीकृत निविदा में प्रतिमा के चारों तरफ फाइबर ग्लास लगाना अनिवार्य शर्त थी? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार ने प्रतिमा के चारों तरफ फाइबर ग्लास लगाया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या ठेकेदार/फर्म ने निविदा की शर्तें पूरी नहीं की है? यदि हाँ, तो क्या परिषद ने फर्म का भुगतान रोका है? यदि नहीं तो इस भ्रष्टाचार के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका रायसेन द्वारा भारत माता की प्रतिमा स्थापित करने की 9.00 लाख की कार्ययोजना परिषद द्वारा प्रस्तावित हुई थी। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में परिषद को ई-टेंडिग के माध्यम से 02 निविदाएं प्राप्त हुई थी। निविदा की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। जिसमें हिन्द टेडिंग इंदौर की निविदा दर 8,65,500/- राशि न्यूनतम होने से निविदा स्वीकृत की गई थी। दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“ब” अनुसार है। (ग) जी हां। ठेकेदार द्वारा प्रतिमा के चारों तरफ फाईवर ग्लास नहीं लगाया है। (घ) जी हां। संबंधित ठेकेदार/फर्म ने निविदा की शर्त पूरी नहीं किये जाने के कारण देयक से 45,000/- की राशि रोकी गई है। शेष का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है।
वर्ल्ड बैंक के माध्यम से भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड को आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 3096 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ल्ड बैंक के माध्यम से बी.सी.एल.एल. को कितनी राशि वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि कहाँ-कहाँ, कितनी और किस वर्ष में खर्च की गई? कौन-कौन से प्लांट मशीनरी, कम्प्यूटर अन्य मदों में कितनी राशि खर्च की गई? संपूर्ण विवरण गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदान करें। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड कार्यालय में कितने भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 76 के प्रकरण प्राप्त हुये हैं? इसकी संपूर्ण जानकारी वर्षवार, आवेदक का नाम, पता, अधिकारी का नाम, आवेदन दिनांक, आवेदन निराकरण दिनांक मय समस्त दस्तावेज प्रकरण क्रमांकवार गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक दें। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के निविदा क्रमांक 63, 78, 121, 122, 123, 134 के तहत 01 नवम्बर, 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने नोटिस जारी हुये? नोटिस पर की गई कार्यवाही, अधिकारी का नाम, कार्यवाही की समय अवधि, निविदा की अवधि, निविदा अनुसार गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक दें। (ग) क्या आर्य ओमनी टेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकरण क्रमांक Arb Ex. No. 824/16 में वसूली हेतु क्या बी.सी.एल.एल. का आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में कोई खाता सीज़ किया गया था? यदि हाँ, तो कौन-कौन से खाते सीज हुये थे? कौन सा खाता सर्वप्रथम रिलीज किया गया? क्या यह खाता बी.सी.एल.एल. के अनुरोध पर रिलीज किया गया? यदि हाँ, तो बैंक को किस अधिकारी के द्वारा पत्राचार अथवा ई-मेल से निवेदन किया गया? नाम बताएं। कृपया पत्र/ईमेल की प्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (घ) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के NIT 123 के तहत दिनांक 01/11/2022 से प्रश्न दिनांक तक निविदा के नियम अनुसार जो बिल निविदाकार को प्रेषित किए गए उनका तिथिवार, माहवार, टी.डी.एस. कटौती राशि, जी.एस.टी. की जानकारी मय दस्तावेज गौशवारा बनाकर जानकारी देवें। इसी समय अवधि में NIT 121 एवं 122 के तहत कितनी राशि का किस माह में भुगतान हुआ, तिथिवार माहवार प्रति किलोमीटर GPS रिपोर्ट के आधार पर मय दस्तोवजों सहित गौशवारा बनाकर जानकारी देवें। क्या NIT 121 एवं 122 के तहत दो अलग मद में VGF दिया जा सकता है? किसी एक निविदा में अधिकतम कितना VGF किस मद में देने का प्रावधान है? NIT 121 एवं 122 का Percentage में गौशवारा बनाकर बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्ल्ड बैंक के माध्यम से बी.सी.एल.एल. को वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार प्राप्त एवं व्यय की गई राशि का विवरण (प्लांट मशीनरी कम्प्यूटर अन्य मद) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड कार्यालय में भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 76 के तहत प्राप्त हुये प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। निविदा क्रमांक 63, 78, 121, 122, 123, 134 के तहत जारी नोटिस एवं वांछित सम्पूर्ण जानकारी का विस्तृत विवरण मय समस्त दस्तावेजों के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय न्यायालय में प्रचलित प्रकरण क्रमांक Arb Ex. No. 824/16 आर्य ओमनी टेक प्राइवेट लिमिटेड विरुद्ध भोपाल सिटी लिंक लिमि. में माननीय न्यायालय के आदेश दिनांक 02/07/2019 अनुसार बीसीएलएल के आईसीआईसीआई बैंक में संचालित तीन खाते सीज किये गये थे। बीसीएलएल के आईसीआईसीआई बैंक में संचालित तीन खाते क्रमांक क्रमश: (1) खाता क्र. 119005000214 (2) खाता क्र. 119005000375 एवं (3) खाता क्र. 119005000314 सीज हुये थे। माननीय न्यायालय के आदेश दिनांक 13/07/2019 अनुसार खाता क्र. 119005000214 में राशि रू. 7133625/- को फ्रीज कर समस्त तीनों खाते रिलीज किये गये थे। जी नहीं। माननीय न्यायालय के आदेश दिनांक 13/07/2019 अनुसार उक्त खाते रिलीज किये गये थे। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) NIT 123 के तहत भोपाल सिटी लिंक लिमि. द्वारा दिनांक 01/11/2022 के पश्चात संबंधित एजेन्सी मेसर्स चलो मोबिलिटी को राशि जमा कराये जाने हेतु जो पत्राचार किया गया है, उसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। दिनांक 01/11/2022 के बाद NIT 121 एवं 122 के तहत भुगतान की गई राशि एवं दिनांक 01/11/2022 से 31/12/2022 तक निविदा अंतर्गत Verified KM का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। NIT 121 एवं 122 के तहत अनुबंध अनुसार अधिकतम बस क्रय राशि रू. 25.00 लाख के विरुद्ध अधिकतम राशि रू. 10.00 लाख प्रति बस अथवा बस क्रय मूल राशि का अधिकतम 40% वीजीएफ (दोनों में से जो भी कम हो) का भुगतान वीजीएफ बैंक गारंटी के विरूद्ध किये जाने का प्रावधान है तथा अनुबंध की कंडिका 5.8.4 Payment Terms के उपबिन्दु (c) iii अनुसार डीजल प्राईज की बढोतरी के आधार पर हाईरिंग चार्ज की गणना हेतु फार्मूले के आधार पर भुगतान किये जाने का प्रावधान है। NIT 121 एवं 122 में वीजीएफ हेतु भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय लटेरी की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
159. ( क्र. 3101 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लटेरी महाविद्यालय के छात्रावास भवन की स्वीकृति कब हुई थी? प्रशासकीय आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं निर्माण उपरांत विभाग को कब आधिपत्य दिया गया है? दिनांक सहित आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि आधिपत्य नहीं दिया गया? तो क्यों? (ख) विभाग द्वारा लटेरी महाविद्यालय के छात्रावास के संचालन हेतु पद स्वीकृति हेतु वित्त विभाग को कब-कब पत्राचार किया गया? यदि नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं? क्या इसकी जांच कराकर उत्तरदायी दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) लटेरी महाविद्यालय के छात्रावास के संचालन हेतु आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कब-कब पत्राचार किया एवं पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? महाविद्यालय के छात्रावास को कब से प्रारंभ किया जावेगा? यदि संचालन नहीं किया जावेगा तो क्यों? (घ) प्रश्नकर्ता के लटेरी महाविद्यालय के संचालन हेतु माननीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त उच्च शिक्षा को पत्र कब-कब प्राप्त हुए एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्राचारों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, लटेरी के छात्रावास भवन की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29-03-2012 को जारी की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। महाविद्यालय द्वारा दिनांक 22-04-2015 को छात्रावास का आधिपत्य लिया गया है। (ख) पत्र क्रमांक 620 दिनांक 17-11-2020 तथा 162 दिनांक 22-02-2021 द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय महाविद्यालय, लटेरी के छात्रावास संचालन हेतु पत्र दिनांक 27-01-2023 तथा 23-02-2023 प्रेषित किए गए हैं, जिनके परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) माननीय विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 910 दिनांक 21-12-2021 व पत्र क्रमांक 499 दिनांक 07-11-2022 प्राप्त हुए। इस विषय में पूर्व से ही कार्यवाही की जाकर उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित पत्रों के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अत: पृथक से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''2'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास के प्रोजेक्ट में प्राप्त राशि एवं व्यय राशि में अंतर
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 3105 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल, इंदौर, देवास, उज्जैन न.पा.नि. में पी.एम. आवासों के कितने प्रोजेक्ट कहां पर, किस नाम से, किस लागत के स्वीकृत, कितना व्यय, उपभोक्ता से प्राप्त राशि, खाते में शेष राशि है, कितने पूर्ण/अपूर्ण, कितनो में रेरा/वाटर हॉरवेस्टिंग/एस.टी.पी. की अनुमति, जी.एस.टी. नं., पेन नं.) ठेकेदारी का लायसेंस, ठेकेदारी का खाता क्र. (बचत/चालू/बैंक का नाम/खाता क्र./खाते में जमा पूंजी/खाते से प्राप्त ब्याज/ब्याज राशि का उपयोग), फॉयर/लिफ्ट एन.ओ.सी., हाईराईस बिल्डिंग होने पर भूकंप मापदण्डों की एन.ओ.सी., तड़ीत चालक एन.ओ.सी. सहित न.पा.निगमवार, प्रोजेक्टवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम में प्रत्येक प्रोजेक्ट पर संबंधित ठेकेदार/एजेंसी (न.पा.नि.) ने प्रोजेक्ट चालू करने के पूर्व कितने भूमि/प्लॉट/फ्लेट/अन्य संपत्ति बंधक रखी थी? निगमवार, प्रोजेक्टवार पृथक-पृथक दस्तावेजों एवं नियमों के साथ बतायें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में संबंधित कमिश्नर/कलेक्टर/न.नि. कमिश्नर पर से कम्पलीशन रिपोर्ट कितने प्रोजेक्ट में प्राप्त हुई है, कितने प्रोजेक्ट किन कारणों से लंबित है, कब तक कम्पलीशन रिपोर्ट की समय-सीमा रखी गई है? संपूर्ण जानकारी मय दस्तावेजों के बतायें। (घ) उपरोक्त के अनुक्रम में रेरा द्वारा प्रोजेक्ट प्रारंभ एवं समाप्त करने की तिथि क्या निर्धारित थी? कितने बार प्रोजेक्ट पूर्ण करने की वृद्धि के लिये आवेदन दिया गया है? आवेदक ठेकेदार एजेंसी के रूप में नगर पालिका निगम स्वयं है अथवा नगर पालिका निगम ने जिस एजेंसी/फर्म/कंपनी को काम सौंपा है उसने दिया है? कितने बार समयवृद्धि की गई है? प्रत्येक बार सेवावृद्धि करने पर प्रथम/द्वितीय/तृतीय/अन्यवार कितना शुल्क रेरा ने जमा कराया है? बतायें। (ड.) उपरोक्त के अनुक्रम में न.पा.नि./संबंधित एजेंसी/फर्म/कंपनी को विलंब से निर्माण कार्य के लिये नोटिस अथवा गुणवत्ता पूर्ण कार्य करने का प्रमाण पत्र दिया गया है अथवा प्राप्त हुआ है? किस-किस प्रोजेक्ट में क्या और कब? कितने प्रोजेक्टों में ठेकेदार/फर्म/एजेंसी/कंपनी से पूर्ण कार्य होने पर प्रोजेक्ट कितने साल की वारन्टी के साथ हैण्ड ओव्हर लिया गया है बतायें। यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
विद्युत बिल भुगतान हेतु मैसेज
[ऊर्जा]
161. ( क्र. 3107 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत वितरण कंपनी लि. द्वारा उपभोक्ताओं को विद्युत देयक किस-किस प्रकार/माध्यम से प्रदाय किये जाते हैं? उक्त कार्य विभाग स्वयं अथवा अन्य किसी सहयोगी कंपनी/संस्था/फर्म से किन सेवा शर्तों एवं नियमों तथा किस दर पर करवाता है? संपूर्ण जानकारी दस्तावेजों, आदेशों, नियमों, एकल नस्ती सहित बतायें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम में विद्युत देयकों के भुगतान के लिये उपभोक्ताओं को भारत सरकार के नाम से मैसेज भेजे जा रहे हैं? क्या भारत सरकार के नाम से उपभोक्ताओं को मैसेज भेजा जाना कंपनी के विरूद्ध सायबर अपराध की श्रेणी में आता है? ऐसी स्थिति में विभाग कंपनी के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में माह जनवरी 2023 के विद्युत देयकों में वृद्धि के क्या कारण हैं? कौन-सी नई दरें वार्षिक संधारण और अन्य किस हैंड में वृद्धि के स्वरूप विद्युत देयकों में वृद्धि हुई है? विद्युत देयकों में वृद्धि की कितनी शिकायत ऑनलाईन, ऑफलाईन प्राप्त हुई है? उन शिकायतों में क्या-क्या निराकरण कर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की गई है? (घ) उपरोक्त के अनुक्रम में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी लिमिटेड, भोपाल के पास धरोहर राशि के रूप में कितनी राशि किस खाते में कितने वर्षों से जमा है? जमा पूंजी पर विभाग को कब-कब, कितना ब्याज प्राप्त होता है? खाता नं. बचत/चालू खाता, कंपनी का नाम, पता, ब्याज राशि आहरण के अधिकार सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार पृथक-पृथक बनाकर बतायें। (ड.) उपरोक्त के अनुक्रम में कोविड अवधि में कितने उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों में छूट विद्युत देयक माफ, विद्युत देयक को स्टॉलमेन्ट पेमेन्ट कर अवसर दिया था? उक्त के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार अथवा भारत सरकार से विद्युत देयकों की प्रतिपूर्ति हेतु विभाग ने कब और क्या कार्यवाही की तथा कब प्रतिपूर्ति और कितनी-कितनी प्राप्त हुई है? संपूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री की घोषणा क्र. बी 1207 के अनुक्रम में उपलब्ध कराये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा उपभोक्ताओं को विद्युत देयक डिजिटल माध्यम (WhatsAPP, Email एवं SMS) एवं प्रिंटेड माध्यम (Spot Bill एवं Printed bill) से दिये जाते हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत देयक दिये जाने के कार्य से संबंधित कपंनी/संस्था/फर्म, सेवा शर्तं एवं नियम तथा दर की प्रश्नाधीन चाही गयी संपूर्ण दस्तावेजों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत भारत सरकार के नाम से विद्युत देयकों के भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को एस.एम.एस. नहीं भेजे जा रहे हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी किए गए एस.एम.एस. केवल CCMPCZ (दूरसंचार विभाग द्वारा अधिकृत) से भेजे जाते है एवं WhatsApp (07552551222) द्वारा बिल अलर्ट मैसेज भेजे जाते हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा Fuel Cost Adjustment Charges (FCA) में दिनांक 1 जनवरी, 2023 से प्रारम्भ होने वाली बिलिंग तिमाही में, विगत तिमाही की तुलना में प्रति यूनिट 14 पैसे की वृद्धि स्वीकृत किये जाने के परिणाम स्वरूप FCA के मद में वृद्धि होकर तदानुरूप ही विद्युत देयक में वृद्धि हुई है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अंतर्गत माह-जनवरी, 2023 में विद्युत देयकों की राशि में वृद्धि की कुल 1133 शिकायतें ऑनलाईन एवं 1808 शिकायतें ऑफलाईन माध्यम से प्राप्त हुई है। जिसमें से 1102 ऑनलाईन एवं 1365 ऑफलाईन इस प्रकार कुल 2467 शिकायतों का परीक्षण करते हुए जहां विद्युत देयकों की राशि में सुधार की आवश्यकता थी, वहां सुधार कर नियमानुसार निराकरण किया गया हैं। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में निम्नदाब उपभोक्ताओं से राशि रू. 840.19 करोड़ एवं उच्च दाब उपभोक्ताओं से राशि रू. 611.67 करोड़ सुरक्षा निधि/धरोहर राशि के रूप में जमा कराई गई है। उपभोक्ताओं से धरोहर राशि के रूप में जो भी राशि प्राप्त होती है वह नगद प्रवाह प्रबंधन के तहत प्रतिदिन एम.पी. पावर मैनेजमेन्ट कंपनी को हस्तांतरित कर दी जाती है, अत: म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के किसी भी खाते में उपभोक्ता धरोहर राशि से संबंधित कोई राशि जमा नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के क्षेत्रांतर्गत कोविड काल में उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों में राहत देने के उद्देश्य से एक किलोवाट तक के संयोजित भार वाले कुल 2364836 घरेलू उपभोक्ताओं की माह अगस्त-2020 तक की बकाया राशि की वसूली को आस्थगित किया गया था तथा जिसे तदोपरांत माफ कर दिया गया तथा कुल 2924143 घरेलू उपभोक्ताओं के माह अप्रैल-2020, मई-2020, जून-2020 के मासिक देयकों में योजना के प्रावधानानुसार राहत दी गई थी। इसी प्रकार उपरोक्त समयावधि में ही निम्नदाब गैर घरेलू एवं औद्योगिक तथा उच्चदाब औद्योगिक श्रेणी के कुल 239856 उपभोक्ताओं के मासिक देयक में से नियत प्रभार की राशि की वसूली आस्थगित की गई थी। इसके साथ-साथ माह अप्रैल-2020 एवं मई-2020 में नियत तिथि तक भुगतान करने वाले कुल 494836 उपभोक्ताओं को देयक में 1 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी गई थी। उक्त के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार माह सितम्बर 2020 में राशि रू. 28.33 करोड़ एवं माह नवम्बर 2022 में राशि रू.1018.74 करोड़ के सब्सिडी के दावे प्रस्तुत किये गये, जिनके विरूद्ध म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को राशि प्राप्त होना शेष है। प्रश्नांश में उल्लेखित माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा उक्त विषय से संबंधित नहीं है।
वाटर हार्वेस्टिंग की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 3108 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम क्या है? इसकी आवश्यकता किस प्रकार से किन स्थानों पर उपयोग से क्या लाभ है? कैसे स्थापित किये जाते है तथा कितने एरिया के हिसाब से कितनी लागत आती है? संपूर्ण जानकारी दें। प्रदेश के 16 नगर पालिका निगम देश के गिरते सतही भू-जल की श्रेणी में कौन से स्थान पर है? (ख) क्या प्रदेश के 16 नगर पालिका निगमों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिये बिल्डिंग परमिशन शाखा द्वारा राशि ली जाती है? यदि हाँ, तो किस दर से कितने एरिये के लिये पृथक-पृथक बतायें। प्रदेश में यह योजना कब से कहां-कहां पर किन-किन अनिवार्य नियम शर्तों के साथ लागू है? नियम का पालन नहीं करने पर क्या कार्ययोजना है ताकि योजना का लाभ वर्षा जल संचयन के उद्देश्य को पूर्ण कर सकें? स्पष्ट करें। इसका पालन नहीं करने के लिये नगर निगम के किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा वर्ष 2004 से प्रश्न दिनांक तक बतायें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में कितने उपभोक्ताओं से कितनी राशि किस प्रयोजन के विरूद्ध किस नियमों का पालन करने के उद्देश्य से किस दण्ड प्रक्रिया पालन सुनिश्चित कराने के लिये प्राप्त की गई है? आवेदक का नाम, प्रयोजन, क्षेत्रफल, निजी/शासकीय/अर्द्धशासकीय/व्यावसायिक/अन्य सहित नगर निगम की रसीद क्रमांक दिनांक, राशि सहित 16 नगर पालिका निगमवार, वर्षवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) उपरोक्त के अनुक्रम में बिल्डिंग परमिशन शाखा द्वारा किन-किन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिये किस-किस दर पर क्या-क्या अनुमति दी जाती है सउदाहरण 16 नगर निगम पालिकावार प्रश्न दिनांक की अद्यतन स्थिति तक पृथक-पृथक बतायें। प्रश्न का उत्तर मुख्यमंत्री की घोषणा क्र. बी 1207 के अनुक्रम में दी जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
लंबित कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
163. ( क्र. 3114 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 10.02.2023 की स्थिति में कितने कार्य लंबित हैं? कार्य नाम, स्थान नाम, लागत, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक सहित देवें। (ख) कार्य पूर्णता दिनांक से अधिक समय से लंबित रहने वाले कार्यों की सूची पृथक देकर बतावें कि ये लंबित क्यों हैं? इनकी निर्माणकर्ता फर्म के विषय में भी जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार लंबित कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित कार्यों के लिये जिम्मेदार फर्म व उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्य पूर्ण होने के पश्चात सक्षम अधिकारी के द्वारा विलंब हेतु गुण-दोष के आधार पर अनुबंध के प्रावधानों के तहत पृथक से निर्णय लिया जावेगा। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
164. ( क्र. 3115 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में विभाग के अंतर्गत कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं की जानकारी देवें। यह पद कब से रिक्त हैं? पदवार बतावें। (ख) इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (ग) उज्जैन जिले में दिनांक 01.04.2020 से 10.02.2023 तक विभाग ने जिन फर्मों से जो सामग्री क्रय की है, उसकी जानकारी फर्मवार, भुगतान राशि, फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिल की छायाप्रति सहित वर्षवार देवें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है।
बड़वानी जिले के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
165. ( क्र. 3119 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह फरवरी 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा बड़वानी जिले में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत जिन कार्यों का शिलान्यास किया था, उनकी सूची देवें। कार्य नाम, लागत, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक सहित देवें। (ख) उपरोक्त कार्यों की अद्यतन स्थिति देवें। (ग) इनमें से लंबित कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 3123 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न क्रमांक 864 में माननीय मंत्री जी द्वारा 27 जुलाई, 2022 के जवाब में नगर निगम छिंदवाड़ा के इमलीखेड़ा एम.आई.जी. आवास योजनांतर्गत आवास आवंटन की तिथि 30 दिसम्बर, 2022 बतायी गयी थी? क्या उक्त समस्त आवासों का आवंटन उपभोक्ताओं को समयावधि में कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक कर दिया जावेगा? (ख) इस योजना में आवासों की निर्धारित कीमत क्या रखी गयी थी? क्या सभी उपभोक्ताओं द्वारा समय पर भुगतान कर आवास आवंटन प्राप्त कर लिया गया है? यदि भुगतान नहीं किया गया तो कब तक उपभोक्ताओं से समस्त राशि का भुगतान करवाकर आवंटन कर दिया जावेगा? क्या कुछ उपभोक्ताओं को पूर्ण राशि न देने के बावजूद भी आवास आवंटन कर दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांकित दिनांक तक हितग्राहियों को आवास आवंटित नहीं किये गये हैं? इसके क्या कारण हैं? क्या निर्धारित राशि के अतिरिक्त भी निगम प्रशासन आवंटन के नाम पर तीन लाख पचास हजार रूपये की अतिरिक्त मांग कर रहा है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? जबकि छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री भी निर्धारित राशि में ही आवास देने की घोषणा कर चुके हैं? इसके साथ ही सी.एम. हेल्पलाइन में भी नगरीय प्रशासन द्वारा तीन लाख पचास हजार रूपये की अतिरिक्त मांग को निरस्त करने की बात कह चुका है। (घ) क्या उक्त आवासों हेतु उपभोक्ताओं द्वारा ली गई राशि का उपयोग निगम द्वारा इस योजना के अतिरिक्त अन्यत्र कहां किया गया है? यदि किया गया है तो इसके क्या कारण हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। कार्य वृद्धि की सक्षम स्वीकृति सक्षम अधिकारी से अभी नहीं हुई है। स्वीकृति उपरांत कार्य पूर्ण किया जा सकेगा। शेष भवन के कार्यों को ध्यान में रखते हुये माह जून 2023 तक आवास आवंटित किये जाना लक्षित है। अधोसरंचना के कार्य माह सितम्बर 2023 तक पूर्ण कर दिया जाना लक्षित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राशि जमा न करने वाले हितग्राहियों को नियमानुसार नोटिस जारी किये जा चुके है। कम राशि जमा करने वाले हितग्राहियों के आवंटन निरस्त करने हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। राशि जमा होने पर आवंटितियों को आवास आवंटन कर दिया जावेगा। बुकिंग राशि जमा करने वाले हितग्राहियों के आवास की बुकिंग की गई है। आवास आवंटन वर्तमान में निरंक है। चूंकि पूर्ण राशि जमा कराने पर ही आवास का आवंटन किया जा सकेगा। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, आज दिनांक तक किसी भी हितग्राही को आवास आवंटित नहीं किया गया है। कार्य प्रगति पर है परियोजना पूर्ण नहीं हो पाई है तथा अधोसंरचना का कार्य अपूर्ण है तथा पूर्ण हितग्राही अंश जमा नहीं हुआ है इस कारण हितग्राहियों को आवास आवंटित नहीं किया गया है। निकाय द्वारा आवास की लागत में वृद्धि होने के कारण 3.50 लाख रू. प्रति आवास की अतिरिक्त मांग का पत्र दिनांक 30/01/2022 हितग्राहियों को प्रेषित किया गया है। सी.एम. हेल्पलाइन में दिया गया जबाव पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय लिया जाना है। (घ) योजना की राशि का उपयोग योजना के विकास कार्य में ही किया गया है। अन्यत्र राशि का उपयोग नहीं किया गया है।
अपूर्ण/अप्रारंभ निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
167. ( क्र. 3133 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा विधान सभा क्षेत्र में विभाग के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जिनके लिये प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य अप्रारंभ/अपूर्ण हैं? कार्य नाम, लागत, कार्य लागत, कार्य पूर्णता दिनांक, कार्य प्रारंभ दिनांक सहित देवें। (ख) उपरोक्तानुसार इन कार्यों की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति की दिनांक भी कार्यवार देवें। (ग) कार्यों में विलम्ब की जानकारी देवें। निर्माणकर्ता फर्मवार भुगतान राशि, कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हुआ? प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक कार्य के संबंध में देवें। (घ) विलंब से चलने वाले कार्य कब तक पूर्ण होंगे? प्रत्येक कार्य के संदर्भ में पृथक-पृथक बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
अवैध अनुमतियां निरस्त करने संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
168. ( क्र. 3134 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2006, दिनांक 11-03-2022 के (क) उत्तर अनुसार विभाग के पत्र क्र. एफ 11-138/2021/18-3, दिनांक 22-12-2021 से कलेक्टर बड़वानी से जो स्पष्टीकरण चाहा गया था, क्या वह प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है तो इसके लिए कितने स्मरण पत्र कलेक्टर बड़वानी को भेजे गए? सभी पत्रों की प्रमाणित प्रति देवें। यदि नहीं भेजे गए तो इसका कारण देकर बतावें कि कब तक कलेक्टर बड़वानी का अभिमत प्राप्त कर लिया जाएगा? (ग) प्रश्न क्र. 1313, दिनांक 28-07-2022 के (ग) व (घ) उत्तर अनुसार नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर संभाग, इंदौर से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट है कि स्कूल नगर परिषद् अंजड की सीमा से बाहर है, तो फिर इसकी मान्यता अभी तक निरस्त क्यों नहीं की गई? (घ) कब तक इस स्कूल की मान्यता निरस्त कर दी जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? इसे संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय आदेश क्रमांक एफ 11-138/2021/18-3 दिनांक 21.02.2023 द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 323 के अंतर्गत कलेक्टर जिला बड़वानी के प्रतिवेदन दिनांक 15.07.2022 के आधार पर साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड की मुख्य नगर पालिका अधिकारी अंजड द्वारा नगर परिषद अंजड की सीमा से बाहर जारी की गई भवन अनुमति क्रमांक 1957/ निर्माण/2015 दिनांक 23.12.2015 एवं पेयजल मलजल निकासी एवं अग्नि सुरक्षा संबंधी अनुमति क्रमांक 1037/न.प./2016 दिनांक 25.06.2016 निरस्त की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कलेक्टर बड़वानी को प्रेषित पत्र पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 3135 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर बड़वानी द्वारा नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 11-138/2021/18-3 दिनांक 22.12.2021 के संदर्भ क्या प्रति उत्तर दिया गया? इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि प्रति उत्तर नहीं दिया गया तो इसका कारण स्पष्ट करें। इस संबंध में विभाग से कलेक्टर बड़वानी को कितने पत्र प्राप्त हुए व कितनो के प्रति उत्तर दिए गए? सूची देवें। (ग) यदि इन पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो इसका कारण बतावें कि उत्तर न देकर किसे संरक्षण दिया जा रहा है और क्यों? (घ) कब तक कलेक्टर बड़वानी द्वार इस संबंध में पत्राचार पूर्ण कर लिया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशि वापस न करने वालों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 3143 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास व आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 353/258/2020/18-5 दिनांक 02.03.2022 के साथ माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से नोट शीट क्र./173/सी.एम.एस./दिनांक 14.02.2022 पर कार्यवाही बावत पत्र म.प्र. भू संपदा विनियामक प्राधिकरण भोपाल के द्वारा दिनांक 10.03.2022 को पत्र कलेक्टर इन्दौर को लिखा गया था जिसमें श्रीमती मंशा यादव की राशि म.प्र. भू संपदा विनियामक आयोग से वापस, आवश्यक कार्यवाही का लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कलेक्टर इन्दौर द्वारा श्रीमती मंशा यादव के राशि वापस बावत कौन-कौन सी कार्यवाही की गई, की प्रति देते हुये बतावें? अगर नहीं की गई तो क्यों? कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के पत्र पर प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही न कर लंबित रखने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? पद नाम सहित विवरण देते हुये बतावें कि इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही श्रीमती मंशा देवी के स्वत्व/राशि का भुगतान कब तक करा देवेंगे अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर इन्दौर द्वारा राशि वापसी हेतु आर.आर.सी. जारी करने की कार्यवाही की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यवाही की जाने से लंबित रखने के लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। नायब तहसीलदार द्वारा मांग पत्र जारी किया गया, दिये गये पते पर ताला लगा होने से म.प्र. भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण, भोपाल को अन्य पते की जानकारी हेतु लिखा गया है। पता प्राप्त होते ही राशि वसूली की आगामी कार्यवाही की जायेगी।
अनियमित व्यय करने एवं पात्र लोगों को लाभ न देना
[आयुष]
171. ( क्र. 3145 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले की आयुष विभाग द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक में कितनी-कितनी राशि कब-कब, किन-किन मदों को प्रदान की गई? मदवार व्यय का विवरण देते हुये बतावे कि आयुष मेलों का आयोजन उपरोक्त अवधि में कहां एवं कब किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि में से कितनी राशि आयुष मेलों के आयोजन में व्यय हुई? कितने मरीजों को लाभान्वित किया गया? इन मरीजों में से किस मर्ज से पीड़ित मरीज, इनमें से किन-किन का कौन-कौन सी दवा वितरित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नांश (ख) अनुसार आयोजित मेलों में कितनी दवा का वितरण हुआ? ये दवाइयाँ स्थानीय क्रय की गई अथवा शासन से प्राप्त हुई, तो कब-कब कितनी मात्रा में कौन-कौन सी दवा का वितरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशियों का फर्जी तरीके से बिल व्हाउचर व वितरण दवाइयों को दिखाकर दुरूपयोग किया गया? आयुष मेलों के नाम से दवाइयों की बिक्री बाजारों में की गई, कुछ एक्सपायरी हुई, इन सब अनियमितताओं की जांच कराकर जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) आज दिनांक तक कोई राशि व्यय नहीं। उदररोग, वातरोग, अर्श, प्रतिश्याय, मधुमेह, श्वासकास, प्रदर आदि के दोनों जिलों में 10603 लाभान्वित हुये। रोगानुसार दवा वितरित की गई। (ग) शासन से प्राप्त औषधियों का वितरण किया गया। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह
[ऊर्जा]
172. ( क्र. 3153 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में संचालित लोको पावर का दिनांक 11/01/2022 को किन कारणों से इंजन और डिब्बे दुर्घटनाग्रस्त हुये थे एवं दुर्घटना के समय लोको पावर में विद्युत विभाग के कितने कर्मचारी सवार थे, कितने लोगों को चोट लगी, कितने श्रमिकों को कर्मचारी भविष्य निधि की ई.डी.एल.आई. योजना 1976 का लाभ किस दिनांक को दिया गया एवं कितनों को किन कारणों से उक्त योजना का लाभ नहीं दिया है? उन्हें कब तक लाभ दिया जायेगा? उपरोक्त दुर्घटना की जांच किस एजेंसी से कराई गई, जांच के क्या परिणाम आये एवं जांच निष्कर्ष के आधार पर किन-किन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या ठेकेदार रेल्वे के अधिवार्षिकी आयु पूर्ण रिटायर्ड लोको पायलट को कार्य पर रखते हैं? यदि हाँ, तो क्या जिला मेडिकल बोर्ड से आंख एवं अन्य की जांच कराई जाती है? अगर हाँ तो जांच रिपोर्ट देवें। (ग) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के अधीक्षण अभियंता सेवाएं को संबोधित आवेदन जो श्रमिकों द्वारा रजिस्टर्ड डाक क्रमांक RI 747990125 पद दिनांक 18/01/2023 को भेजे थे, जिसका विषय चिकित्सा प्रमाण पत्र के नाम पर श्रमिकों को ठेकेदार के मुंशियों के द्वारा परेशान किए जाने से रोके जाने हेतु था, किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? इस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या नामजद व्यक्तियों के द्वारा मंडल के आवास पर अवैध रूप से निवास कर मंडल के राजस्व का नुकसान कर रहे हैं? वर्ष 2005 से आज तक मय ब्याज कितना किराया हो रहा है? क्या किराया जमा नहीं होने तक गेट पास रोका जायेगा एवं राजस्व की वसूली कब तक होगी? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में संचालित लोको पावर में दिनांक 11-01-2022 को वैगन का एयर ब्रेक सिस्टम लोको के एयर ब्रेक सिस्टम से कनेक्ट नहीं होने के कारण दुर्घटना घटी। लोको दुर्घटना के समय लोको पावर में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी का कोई भी कर्मचारी सवार नहीं था। दुर्घटना के दौरान दो ठेका श्रमिकों, श्री नासिर उल हक (ठेका कार्मिक) लोको ड्राइवर एवं श्री अनवर हुसैन (ठेका कार्मिक) लोको हेल्पर को चोट लगी। दुर्घटना में चोटिल श्री नासिर उल हक की दुखद: मृत्यु हुई थी। कर्मचारी भविष्य निधि की ई.डी.एल.आई. योजना 1976 का लाभ दिलाने हेतु श्री नासिर उल हक के प्रकरण के संबंध में उनके ठेकेदार श्री एम. डी. खान (मेसर्स एम. के. ट्रेडर्स के प्रोपराइटर) द्वारा योजना से संबंधित प्रपत्र पूर्ण कर संबंधित कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जमा कर दिए गए हैं। दुर्घटना की जांच म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा गठित समिति द्वारा कराई गई। जांच समिति के प्रतिवेदन में यह पाया गया कि दुर्घटना दिनांक 10-01-2022 व 11-01-2022 की मध्य रात के समय में लोको इंजन से रैक को डि-कपल करके आगे ले जाने के दौरान हुई थी। जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार उक्त दुर्घटना में संबंधित ठेकेदार के कोल परिवहन, अनलोडिंग व लोको एवं इंजन की स्थिति इत्यादि संबंधी कार्यों में लापरवाही पाई गई। संबंधित ठेकेदार मेसर्स एम.के. टेड्रर्स के विरुद्ध कार्यादेश की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जा रही हैं। इनके द्वारा प्रस्तुत देयक में से रूपये 50,000/- की कटौती की गई है एवं शेष राशि आगामी देयकों अथवा जमा सुरक्षा निधि राशि से कटौतीकर क्षतिपूर्ति की वसूली की जावेगी। जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। (ख) जी हाँ, ठेकेदार द्वारा रेल्वे के अधिवार्षिकी आयु पूर्ण रिटायर्ड लोको पायलट अथवा किसी PSU/सरकारी/अर्द्ध सरकारी/कंपनी में लोको संचालन कार्य का अनुभव प्राप्त ड्राइवर को कार्य पर रखा जाता है। लोको संचालन से संबंधित कार्यादेश के अनुसार कार्य पर रखे गये लोको पायलट का शासकीय जिला अस्पताल से मेडिकल जांच प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होता हैं, जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा मेडिकल जांच प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं हैं। जांच प्रमाण पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 18.01.2023 अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में दिनांक 27.01.2023 को प्राप्त हुआ। ताप विद्युत गृह के अधिकारियों द्वारा ठेकेदार के मुंशियों से शिकायत के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त शिकायत झूठी एवं निराधार है। अधिकारियों द्वारा ठेका श्रमिकों से समक्ष में भी चर्चा की गई, जिसमें ठेका श्रमिकों द्वारा उक्त शिकायत के संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की गई। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में संबंधित फर्म मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स के द्वारा कंपनी आवासों में अवैध रूप से कब्जा नहीं किया गया है वरन् वर्तमान में कंपनी के चार आवास उन्हें आवंटित किए गए हैं, जो कि उनके अधिग्रहण में है। मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स द्वारा वर्ष 2005 से सितम्बर, 2018 तक कोई किराया बकाया नहीं है तथापि उनके द्वारा माह अक्टूबर, 2018 से जनवरी, 2023 तक का आवास किराया रूपये 3,99,125/- जमा किया जाना शेष है। बकाया राशि जमा करने हेतु मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स को पत्र लिखा गया है। राशि जमा न करने की स्थिति में ठेकेदार के अंतिम देयक/सुरक्षा निधि से कटौती कर वसूली की जावेगी। कार्य के निर्बाध संचालन के दृष्टिगत गेट पास रोकने की कार्यवाही प्रचलन में नहीं है।
100 रूपये में 100 यूनिट बिजली देने की योजना
[ऊर्जा]
173. ( क्र. 3154 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली देने की योजना प्रारंभ की गई थी? (ख) उक्त योजना से वर्ष 2019-20 में कुल कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया था? (ग) क्या यह योजना वर्तमान में प्रचलित है? यदि हाँ, तो 2021-22 में कुल कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? यदि नहीं तो शासन द्वारा यह योजना कब और क्यों बंद की गई है? (घ) क्या उक्त योजना का नाम बदला गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) उक्त बदली गई योजना का नाम क्या है और योजना का उद्देश्य क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में लाभान्वित कुल हितग्राहियों की माहवार/वितरण कंपनीवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ, समय-समय पर किये गये संशोधनों सहित प्रश्नाधीन योजना वर्तमान में भी प्रचलित है। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में लाभान्वित कुल हितग्राहियों की माहवार/वितरण कंपनीवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) एवं (ड.) जी हाँ, राज्य शासन के निर्णय अनुसार उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजना का मात्र नाम परिवर्तित कर ''अटल गृह ज्योति योजना'' किया गया है। पूर्ववर्ती योजना को बदला नहीं गया है। पूर्ववर्ती योजना के समस्त प्रावधान एवं समय-समय पर किए गए संशोधन सहित योजना को यथावत रखा गया है, जिसका उद्देश्य पूर्वानुसार कम खपत वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों में राहत प्रदान कर लाभान्वित करना है।
नगर पालिक निगमों पर कर्ज
[नगरीय विकास एवं आवास]
174. ( क्र. 3157 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन नगर पालिक निगमों पर वर्तमान में कितना-कितना कर्ज है? (ख) उक्त कर्ज की गांरटी किसके द्वारा ली गई थी? (ग) उक्त कर्ज किस-किस कार्य के लिए किस-किस संस्था से कितनी-कितनी राशि का किन-किन शर्तों पर किस-किस ब्याज दर पर कितनी-कितनी अवधि के लिए लिया गया? निगमवार बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त कर्ज की गारण्टी विभाग द्वारा ली गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्विमिंग पुल (तरूण पुष्कर) हेतु राशि की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
175. ( क्र. 3158 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. के पत्र क्र./3143/यां.प्र./07-5/2020 भोपाल दिनांक 29.12.2020 से नगर पालिका परिषद् लहार जिला भिण्ड में स्विमिंग पुल (तरूण पुष्कर) निर्माण कार्य (प्रथम चरण) की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 503.31 करोड़ की जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो स्विमिंग पूल की निविदा अभी तक स्वीकृत न करने के क्या कारण है? (ग) 14वें वित्त आयोग से स्विमिंग पूल (तरूण पुष्कर) हेतु अभी तक कितनी राशि स्वीकृत कर नगर पालिका परिषद लहार को कब-कब प्रदाय की गई? शेष राशि कब तक प्रदाय की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निकाय द्वारा स्विमिंग पूल निर्माण हेतु द्वितीय ई-निविदा आमंत्रण दिनांक 06.05.2022 से आमंत्रित निविदा में एकल निविदा, मेसर्स सीमासिंह चौहान भोपाल की UADD ISSR 2012 से 14.01 प्रतिशत अधिक प्राप्त हुई है। संचालनालय के पत्र दिनांक 24.02.2023 के द्वारा अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, चम्बल संभाग ग्वालियर से उक्त निविदा पर जानकारी एवं अभिमत चाहा गया है, अभिमत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) 14वें वित्त आयोग से संचालनालय के पत्र दिनांक 13.01.2020 द्वारा राशि रू. 76.16 लाख तथा संचालनालय के पत्र दिनांक 16.12.2021 द्वारा राशि रू. 350.00 लाख निकाय को स्विमिंग पूल (तरूण पुष्कर) निर्माण हेतु प्रदान की गई है। प्रशासकीय स्वीकृति की शर्त क्र. 03 के अनुसार शेष राशि निकाय द्वारा वहन की जायेगी। अत: उक्त प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम की दुकानों एवं हॉल से प्राप्त किराया
[नगरीय विकास एवं आवास]
176. ( क्र. 3162 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के टी.टी. नगर न्यू मार्केट में नगर निगम के कितने-कितने भवन, दुकानें, हॉल हैं? ये भवन, दुकान एवं हॉल किस-किस को कब-कब से किराये पर किन शर्तों के साथ कितनी-कितनी अवधि के लिये दिये गये हैं? इन भवनों, दुकानों एवं हॉल से कितना-कितना किराया प्रतिमाह प्राप्त हो रहा है तथा किन-किन पर कितना-कितना किराया कब-कब से बकाया है? (ख) न्यू मार्केट में विमल साड़ी एम्पोरियम के ऊपर द्वितीय मंजिल पर बना हॉल किसको किस उद्देश्य से किन शर्तों के साथ किस दर से किराये पर दिया गया है? क्या इस हॉल को शर्तों के विरूद्ध अन्यों को किराये पर दिया गया है? यदि हाँ, तो शर्तं का उल्लंघन करने पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या न्यू मार्केट में सब्जी मण्डी के शेडों के स्थान पर बहुमंजिल व्यावसायिक काम्पलेक्स बनाया गया है? यदि हाँ, तो उक्त काम्पलेक्स में निर्मित दुकानें बेची गई या किराये पर दी गई हैं? यदि बेची गई हैं तो इन दुकानों को बेचने से नगर निगम को कितनी राशि की शुद्ध आय हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल शहर के टी.टी.नगर, न्यू मार्केट में भवन (सामुदायिक)-03, किराये पर दुकानों की संख्या-1106, लीज की सम्पत्ति (भूखण्ड) की संख्या-199 एवं लीज पर हॉल-02 व किराये पर हॉल-09 हैं। वर्तमान में प्रचलित मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल सम्पत्ति का अंतरण) नियम, 2016 एवं संशोधित नियम 2021 में वर्णित शर्तों के अधीन भवन, दुकानों एवं हॉल को किराये पर दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) न्यू मार्केट में विमल साड़ी एम्पोरियम के ऊपर द्वितीय मंजिल पर बना हॉल किराये पर नहीं दिया गया है और ना ही नगर पालिक निगम, भोपाल के कार्यालयीन रिकॉर्ड में किराये पर दिये जाने संबंधी कोई अभिलेख उपलब्ध है अपितु भूमि लीज पर दी गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा न्यू मार्केट में सब्जी मण्डी के शेडों के स्थान पर जी़+2 व्यावसायिक भवन निर्मित कर पूर्व से स्थित 45 दुकानदारों/व्यवसायियों को भूतल पर स्थित दुकानें मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल सम्पत्ति का अंतरण) नियम, 2016 में वर्णित नियम अनुसार आवंटित की गईं हैं एवं प्रथम तल व द्वितीय तल पर 20-20 दुकानों को म.प्र. नगर पालिका (अचल सम्पत्ति अंतरण) नियम, 2016 एवं यथा संशोधित 2021 के प्रावधानुसार प्रीमियम पर आवंटित की गईं हैं, जानकारी पुस्ताकलय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। 68 दुकानों के आवंटन से कुल प्राप्त प्रीमियम राशि रूपये 7,75,29,169/- है, कुल प्रोजेक्ट लागत राशि रूपये 1,68,45,297/- है जानकारी पुस्त्कालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है साथ ही 17 दुकानें आवंटित किया जाना शेष है।
भोज विश्वविद्यालय में नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
177. ( क्र. 3163 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 के बाद भोज विश्वविद्यालय भोपाल में जिनके तीन बच्चे हैं को नियुक्तियां दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन की नियुक्ति किन-किन पदों पर की गई है? क्या नियुक्ति के संबंध में शासन से विशेष अनुमति ली गई थी? यदि नहीं तो शासनादेश के विरूद्ध की गई नियुक्ति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं और उनके विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गोहद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
178. ( क्र. 3165 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के गोहद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कें एवं पुल-पुलिया स्वीकृत हैं तथा निर्माणाधीन हैं? (ख) उक्त सड़कें एवं पुल-पुलिया के निर्माण कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी से कराये जा रहे हैं? (ग) उक्त निर्माण कार्यों को अनुबंध के अनुसार कब तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित हैं एवं निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ एवं 'अ-1' अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय खोला जाना
[उच्च शिक्षा]
179. ( क्र. 3171 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातक महाविद्यालय जतारा जिला टीकमगढ़ को स्नातकोत्तर महाविद्यालय के उन्नयन करने हेतु प्रश्न दिनांक तक उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर अमल करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है और क्या-क्या कार्यवाही की जाना शेष है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह भी बताएं कि नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु शासन ने क्या-क्या नियम बनाए हैं? क्या शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु सागर संभाग की सबसे बड़ी पंचायत चंदेरा जिला टीकमगढ़ में वर्षों से मांग की जा रही है कि नवीन शासकीय महाविद्यालय चंदेरा में खोला जावे फिर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है और अगर नहीं की गई है तो ग्रामीण क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु शासकीय महाविद्यालय ग्राम चंदेरा, में कब तक खोला जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के संबंध में परीक्षण कर अद्यतन व्यय भार का आंकलन करते हुए कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्ड अनुसार प्रस्तावित स्थान की परिसीमा क्षेत्र अंतर्गत संचालित हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कक्षा 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या न्यूनतम 500 होना चाहिए तथा प्रस्तावित स्थान से 20 से 30 कि.मी. की परिधि में कोई अन्य महाविद्यालय संचालित नहीं होना चाहिए। जी हाँ, परन्तु चंदेरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विद्युत व्यवस्था हेतु प्रशासकीय स्वीकृति
[ऊर्जा]
180. ( क्र. 3172 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन जतारा (सं./सं.) एवं विद्युत उप-केन्द्र उपरार एवं खरों एवं नवीन उपयंत्री डी.सी. कार्यालय बम्होरी कलां खोले जाने हेतु सम्पूर्ण कार्यवाही करने हेतु कार्यवाही की जा रही? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह भी बताएं कि उपरोक्त कार्य कराने विभाग द्वारा कितनी राशि व्यय होगी? विद्युत व्यवस्था वॉलटेज को ठीक कराने एवं अन्य व्यवस्था ठीक कराने हेतु शासन कब तक उपरोक्त कार्यों को स्वीकृत करेगा? जिले के लिए वोल्टेज व्यवस्था एवं अन्य व्यवस्था ठीक कराने शासन ने कितनी-कितनी राशि वर्तमान में स्वीकृत की हैं? स्पष्ट बताएं कि क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र द्वारा कब म.प्र. पूर्व विद्युत वितरण कार्यालय महाप्रबंधक कार्यालय जबलपुर में तथा स्वयं जाकर अनुरोध किया था? इस पर प्रश्न दिनांक तक किसानों एवं जनता को सुविधा दिलाने के लिए विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर यह भी बताएं कि कब तक उपरोक्त कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति शासन जारी कर देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा नवीन संचालन एवं संधारण संभाग जतारा के सृजन संबंधी प्रस्ताव सक्षम अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है। ग्राम उपरार एवं खरों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु परीक्षण कराया गया एवं परीक्षणोंपरांत उक्त ग्रामों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत नवीन वितरण केंद्र बम्होरी कलां के सृजन हेतु प्रस्ताव प्राप्त कर साध्यता का परीक्षण कराया जा रहा है, परीक्षणोंपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नवीन संचालन एवं संधारण संभाग जतारा एवं नवीन वितरण केंद्र बम्होरी कलां के सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत होने पर उपलब्ध संसाधनों से उक्त नवीन कार्यालयों का क्रियान्वयन/संचालन किया जावेगा। ग्राम उपरार एवं खरों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र बनाया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। अत: उपरोक्त कार्यों हेतु किसी प्रकार के व्यय का प्रश्न नहीं उठता। उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संचालन-संधारण वृत्त टीकमगढ़ अंतर्गत विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण एवं और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत लगभग रू. 28.17 करोड़ एवं म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वर्ष 22-23 की कार्य योजना में रू. 7.34 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है। जिसके अन्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित जिला टीकमगढ़ में उच्च गुणवत्ता के विद्युत प्रदाय हेतु विद्युत अद्योसंरचना सुदृढ़ीकरण के कार्य कराए जाएँगे। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के दो पत्र यथा - प्रथम पत्र दिनांक 12.7.2021 एवं द्वितीय पत्र सी.एम. मॉनिट पंजी. क्र. 4641/CMS/MLA/044/2022 दिनांक 6.12.2022 के माध्यम से म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त हुए हैं। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा कार्यालय महाप्रबंधक, जबलपुर नहीं अपितु कार्यालय प्रबंध संचालक, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में स्वयं उपस्थित होकर उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु चर्चा की थी। तत्संबंध में नवीन संचालन एवं संधारण संभाग जतारा के सृजन हेतु प्रस्ताव सक्षम अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है एवं नवीन वितरण केंद्र बम्होरी कलां के सृजन हेतु प्रस्ताव प्राप्त कर साध्यता का परीक्षण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया जा रहा हैं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित कार्यों हेतु की गई/की जा रही कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार है। तथापि उक्त कार्यों की स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
181. ( क्र. 3175 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के लहारपुर स्थित रेयॉन इंटरनेशनल स्कूल के पास LIG एवं E. W.S. कॉलोनी में नगर निगम भोपाल द्वारा पेयजल प्रदाय संबंधी क्या व्यवस्था है? (ख) क्या उक्त कॉलोनियों में जल प्रदाय पूरे वर्ष में अनियमित रूप से देर रात्रि या प्रातः 4, 5 बजे सर्दी, गर्मी, बरसात में प्रदाय किया जाता है, जिससे क्षेत्र के नागरिकों को रात भर जागकर या प्रातः काल सुबह सवेरे आवश्यकतानुसार पेयजल प्राप्त करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नगर निगम जल प्रदाय के जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी उक्त व्यवस्था में सुधार कर एक निश्चित समय प्रातः 6 अथवा 7 बजे जल प्रदाय करने हेतु व्यवस्था करेंगे? क्या जल प्रदाय में अनियमितता के लिये वार्ड के नागरिकों द्वारा नगर निगम भोपाल एवं वार्ड कार्यालय में लिखित/मौखिक शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो नगर निगम भोपाल द्वारा स्वच्छ एवं सुलभ जल प्रदाय हेतु इस अनियमितता को समाप्त कर सर्वउपयोगी एक निश्चित समय में जल प्रदाय किया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल के लहारपुर स्थित रेयॉन इंटरनेशनल स्कूल के पास LIG एवं EWS कॉलोनी में नगर निगम, भोपाल द्वारा 3.00 लाख लीटर क्षमता की उच्च स्तरीय टंकी के माध्यम से प्रतिदिन जलप्रदाय किया जाता है। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमितता पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
182. ( क्र. 3176 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व कार्यपालन यंत्री सतना ने कार्यपालन यंत्री एच.एल.वर्मा, डी.ए.राजीव कुमार शाक्य व ए.सी.सी. एवं ऑडिटर सतना अनिल श्रीवास्तव सहायक ए.सी.सी. एवं नागौद ऑडिटर सलीम खान को पत्र क्र. 1063 से दिनांक 13.07.2021 के जरिये नोटिस जारी किया था? उक्त नोटिस में चार बिन्दु एवं दस निर्माण कार्यों का उल्लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अगर सही है तो उक्त अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा 30.06.2021 तक किये गये भुगतान की कैशबुक में की गई प्रविष्टियाँ ना तो हस्ताक्षरित हैं और न ही संभागीय लेखा अधिकारी द्वारा रोकड़ पुस्तिका में की गई प्रविष्टियों की जॉच की गई? दिनांक 29.06.2021 एवं दिनांक 30.06.2021 के व्हाउचरों की नोटशीट अनुमोदित नहीं है और न ही भुगतान किये गये पारित देयकों में हस्ताक्षर किये गये हैं किन्तु उनका भुगतान कराया जाकर कैशबुक में उनके व्हाउचर क्रमांक की प्रविष्टि दर्ज कराई गई है जो कि गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है। इस मामले में क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित पत्र क्र. 1063 दिनांक 13.07.2021 श्री एच.एल.वर्मा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को जारी किया गया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) दिनांक 30.06.2021 तक किये गये भुगतान की कैश बुक में की गई प्रविष्टियां हस्ताक्षरित है। दिनांक 29.06.2021 एवं 30.06.2021 के वाउचरों की नोटशीट नियमानुसार अनुमोदित है तथा भुगतान किये गये व्हाउचर हस्ताक्षरित है। देयकों को नोटशीट में अनुमोदन उपरांत देयक पारित किये गये है एवं प्रमाणक क्र. दर्ज किया गया है, जो नियम के अनुरूप है। अतः किसी भी प्रकार की अनियमितता न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
183. ( क्र. 3179 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका छतरपुर में नगरीय प्रशासन द्वारा 50 रू. शुल्क लेकर कॉलोनियों में मकानों में नम्बर प्लेट जारी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रति देवें। नहीं तो क्यों? क्या जो रसीदें जारी की गई उनकी कितनी राशि कैशबुक में आमद की गई है? विवरण दें। संग्रहकर्ता के नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्या संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डिस्टलरीज द्वारा उत्पादित सामग्री से प्रदूषण
[पर्यावरण]
184. ( क्र. 3181 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में स्थित सोम डिस्टलरीज द्वारा उत्पादित सामग्री से प्रदूषण होने संबंधी कितनी शिकायतें, किस-किस के द्वारा, कब-कब की गई है? विगत 5 वर्षों की जानकारी उपलब्ध करवायें। (ख) उन शिकायतों के आधार पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतवार जानकारी दें। (ग) पर्यावरण विभाग/प्रदूषण निगम के किस-किस अधिकारी द्वारा, कब-कब निरीक्षण किया गया एवं उसमें क्या-क्या कमियां पायी गयी इस हेतु संबंधित संस्थान के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या संबंधित संस्थान पर कोई शास्ति भी अधिरोपित की गई है? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी राशि जमा करवाई गई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। दिनांक 18.5.2022 को राशि रू. 45.30 लाख एवं दिनांक 30.5.2022 को राशि रू. 9.30 लाख कुल राशि रू. 54.60 लाख जमा करवाई गई।