मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
गुरुवार, दिनांक 17 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खनिज
विभाग में अधिकारियों
की पदस्थापना
[खनिज साधन]
1. ( *क्र. 3260 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग सागर में राजपत्रित श्रेणी एवं खनिज निरीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में स्वीकृत पदों पर कौन-कौन से अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक कब से पदस्थ हैं? नाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित समस्त जानकारी देवें। (ख) क्या खनिज विभाग/शासन के नियम अनुसार उपरोक्त राजपत्रित अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक शासन के नियमों के अनुरूप पदस्थ हैं? (ग) यदि हाँ, तो पदस्थ अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक की पदस्थापना को 03 वर्ष से अधिक होने के उपरांत भी जिला सागर में पदस्थ रहने का क्या कारण है? (घ) शासन के नियमों का पालन करते हुये 03 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक को खनिज विभाग जिला सागर से अन्यत्र पदस्थ किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विभागीय सेटअप अनुसार सागर जिले में खनि अधिकारी (राजपत्रित) का 01 पद एवं खनि निरीक्षक के 02 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में खनि अधिकारी एवं खनि निरीक्षक के स्वीकृत पदों पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। पदस्थ अधिकारी एवं खनि निरीक्षकों को विभागीय आवश्यकता के दृष्टिगत प्रशासकीय आधार पर जिला सागर में पदस्थ किया गया है। (ग) जिला सागर में पदस्थ अधिकारी एवं एक खनि निरीक्षक की पदस्थापना को सागर जिले में 03 वर्ष पूर्ण नहीं हुए हैं। एक खनि निरीक्षक को प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत सागर में पदस्थ रखा गया है। (घ) शासकीय सेवक का स्थानांतरण एक सतत् प्रक्रिया है, प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत एक खनि निरीक्षक को सागर जिले में पदस्थ किया गया है। विभागीय आवश्यकता के आधार पर भविष्य में इनका स्थानांतरण अन्यत्र भी किया जा सकता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न के परिवहन पर व्यय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( *क्र. 2941 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक प्रदेश स्तर पर किस-किस प्रकार का कितना-कितना खाद्यान्न खरीदा गया, परिवहन पर कितना खर्च हुआ तथा सहकारी समिति की हानि (योजना कोड 0570) परिवहन कमीशन (योजना कोड 1299), म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम की खाद्यान्न उपार्जन में हानि (योजना कोड 3229) सहकारी विपणन संघ की खाद्यान्न उपार्जन में हानि (योजना कोड 3248) मद में इन वर्षों में कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार बतावें। (ख) रतलाम जिले में क्रय किये खाद्यान्न की वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की मात्रा तथा कृषक संख्या वर्षवार खाद्यान्न अनुसार बतावें। इसमें से वर्षवार कितना खाद्यान्न विभिन्न योजनाओं के लिये दिया गया तथा कितना खाद्यान्न भा.खा.नि. द्वारा केन्द्रीय पूल में उठाया गया, कितना निम्न गुणवत्ता का हो गया तथा कितना खराब होकर नष्ट किया गया तथा कितना शेष रहा? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निम्न गुणवत्ता तथा शेष गेहूं निष्पादन कैसे किया गया तथा उक्त वर्षों में कितने-कितने जूट, पोली तथा पुराने बारदान क्रय किये गये या शासन से प्राप्त किये गये? कितने उपयोग हुये तथा कितने-कितने शेष रहे? विक्रेता के नाम, पता, दर दिनांक, कुल मात्रा, कुल राशि सहित सूची देवें। (घ) रतलाम जिले में क्रय किये गये खाद्यान्न के परिवहन पर वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कितना खर्च किया गया? किस-किस दूरी के लिये किस दर से प्रति ट्रिप कितना भुगतान किया? उक्त दूरी की पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा दर्शायी गयी दूरी तथा गूगल मेप में बताई गई दूरी की सूची देवें। वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक उक्त दूरियों पर कितनी ट्रिप का कुल कितना भुगतान किया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खरीदी केन्द्र को कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( *क्र. 3531 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत आने वाले निम्नलिखित सरसों खरीदी केन्द्र (सेवा सहकारी संस्था) (अ) पाली (डिरमन) (ब) सिरसौदा (स) गोहद को म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड भिण्ड म.प्र. द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 की 15 प्रतिशत कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? भुगतान कब तक किया जाएगा? (ख) म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड भिण्ड म.प्र. द्वारा इन्हीं संस्थाओं का वित्तीय वर्ष 2020-21 की 75 प्रतिशत कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? भुगतान कब तक किया जाएगा? (ग) क्या आने वाले वित्तीय वर्ष में खरीदी करने हेतु लेबर का भुगतान करने के लिए परेशानी होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2019-20 में जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत समर्थन मूल्य पर सरसों खरीदी केन्द्र पाली डिरमन, सिरसौदा एवं गोहद को समर्थन मूल्य पर उपार्जित सरसों के कमीशन, प्रासंगिक व्यय एवं हम्माली परिवहन व्यय मद में भुगतान/समायोजन की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सरसों उपार्जन हेतु नेफेड से किए गए अनुबंध अनुसार 15 प्रतिशत कमीशन की राशि का भुगतान केन्द्र शासन द्वारा अंकेक्षित लेखों के निराकरण एवं सी.ए.जी. ऑडिट उपरांत किया जाएगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2020-21 में जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत समर्थन मूल्य पर सरसों खरीदी केन्द्र पाली डिरमन, सिरसौदा एवं गोहद को समर्थन मूल्य पर उपार्जित सरसों के कमीशन, प्रासंगिक व्यय एवं हम्माली परिवहन व्यय मद में भुगतान/समायोजन की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को सरसों उपार्जन की नेफेड से 32.81 करोड़ एवं मार्कफेड से 181.97 करोड़ की राशि प्राप्त होना शेष है। राशि प्राप्त होते ही शेष कमीशन की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्र व मुरम अनुज्ञा संबंधी
[खनिज साधन]
4. ( *क्र. 3308 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राजपत्र खनिज साधन विभाग भोपाल दिनांक 23 मार्च, 2013 के बिन्दु क्रमांक 26, नियम 68 में (2) बिन्दु अनुसार जो अनुज्ञाधारी/ठेकेदार निर्माण कार्य में लगे हों तो खनिज अधिकारी नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्र जारी करेंगे तो अजय यादव, विजय यादव, यादव कंस्ट्रक्शन, माँ गायत्री/गायत्री स्टोन क्रशर सभी जुलवानिया, जिला-बड़वानी को दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2018 तक एवं दिनांक 01.07.2020 से 15.02.2022 तक जारी नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्रों की प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्तानुसार नियम 68 के (3) बिन्दु में उल्लेखित सड़क निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार को मुरम अनुज्ञा जारी करने से पूर्व खनिज विभाग से अनापत्ति लेनी होगी और जारी की गई अनुज्ञा की प्रति खनिज विभाग को पृष्ठांकित की जाएगी, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में उपरोक्त फर्मों/व्यक्तियों को जारी अनापत्ति की प्रमाणित प्रति देवें तथा पृष्ठांकित की गई अनुज्ञा प्रति के रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रति कार्यवार देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्र कार्यवार जारी नहीं किए गए व प्रश्नांश (ख) अनुसार अनापत्ति नहीं ली गई एवं अनुज्ञा प्रति पृष्ठांकित नहीं की गई तो इसके जिम्मेदार तत्कालीन से वर्तमान तक के अधिकारियों के नाम, पदनाम, देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार नियमों का पालन नहीं करने वाले फर्मों/व्यक्तियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (2) में प्रश्नानुसार प्रावधान है। प्रश्नांश में उल्लेखित व्यक्तियों/फर्मों को कोई भी नो माईनिंग ड्यूज जिला कार्यालय, बड़वानी द्वारा जारी नहीं किया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्तियों/फर्मों को किसी प्रकार की अनुज्ञा कलेक्टर कार्यालय, बड़वानी द्वारा जारी नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्तियों/फर्मों का संबंध निर्माण विभाग से है, यह प्रश्न में स्पष्ट नहीं है। जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित व्यक्तियों/फर्मों के पक्ष में अस्थायी अनुज्ञा अथवा नो माईनिंग ड्यूज जारी नहीं किया गया है। अत: किसी अधिकारी की जिम्मेदारी नियत किया जाना संभव नहीं होने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्तियों/फर्मों द्वारा किये गये निर्माण कार्य किस विभाग से संबंधित हैं, यह स्पष्ट नहीं होने के कारण कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।
वन अधिकारियों द्वारा जंगलों में रात्रि विश्राम
[वन]
5. ( *क्र. 1432 ) श्री संजय शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के अधिकारियों को सप्ताह में 3 दिन जंगलों में ही विश्राम, निरीक्षण हेतु आदेशित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कितने अधिकारियों द्वारा एक वर्ष में प्रदेश के वनों में रहकर वनों का निरीक्षण किया, कब-कब निरीक्षण किया गया? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो अधिकारियों द्वारा वनों का निरीक्षण/जंगलों में ही विश्राम क्यों नहीं किया जाता है? किन-किन अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्यों वनों में कई जगह अवैध कटाई, अवैध रूप से भूमियों पर अतिक्रमण आदि पाया गया? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर अनियमितता पाई गई? अनियमितता पाये जाने पर विभागीय अमले द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) वन विभाग के प्रदेश में कहां-कहां पर सर्किट/रेस्ट हाउस/विश्राम गृह बने हुये हैं? स्थान, फोन नंबर सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध उत्खनन के संबंध में
[खनिज साधन]
6. ( *क्र. 1385 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला के करैरा विधान सभा के ग्रामों में ग्राम चितारी, रोनीजा, अन्दोरा, जरगवां एवं जिला दतिया के ग्राम लमकना, मॉसन, वएमोर इत्यादि में खनन किया जा रहा है, इसकी शिकायत दतिया एवं शिवपुरी जिले के कलेक्टरों को भी की गई लेकिन आज दिनांक तक उत्खनन हो रहा है? (ख) यह भी बतायें कि करैरा विधान सभा क्षेत्र में कितनी वैध खदानें हैं, जिसका शासन को कितना राजस्व आता है? कौन-कौन सी खदानों की नीलामी किस दिनांक को हुई और उसकी वैधता दिनांक क्या है? (ग) क्या अवैध उत्खनन के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कई पत्र जिला शिवपुरी, जिला दतिया के कलेक्टरों को लिखे गए? किस पत्र का जवाब दिया गया? क्या अवैध उत्खनन रोका गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में करैरा विधान सभा क्षेत्र में भारी तादाद में अवैध उत्खनन हो रहा है? सोन चिरैया क्षेत्र में जहां पर बाहरी व्यक्तियों की भी जाने की अनुमति नहीं होती है, फिर भी खनन होना बंद नहीं हुआ? क्या दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी, हाँ तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शिवपुरी जिले के अंतर्गत प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न में उल्लेखित ग्रामों में अवैध रूप से खनिजों के खनन की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा सतत् निरीक्षण एवं निरंतर जांच की जा रही है। वर्ष 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक 31 प्रकरण पंजीबद्ध कर 16,96,188/- रूपये अर्थदण्ड के रूप में जमा कराये गये हैं। माननीय विधायक द्वारा प्रेषित शिकायत दिनांक 14.12.2020 एवं दिनांक 24.03.2021 पर कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी कलेक्टर कार्यालय शिवपुरी द्वारा पत्र दिनांक 27.03.2021 से प्रेषित की गई है। दतिया जिले में प्रश्नाधीन ग्रामों में स्थल निरीक्षण में अवैध उत्खनन संबंधी कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। माननीय विधायक द्वारा प्रस्तुत पत्र दिनांक 29.07.2021 का जवाब पत्र दिनांक 29.09.2021 द्वारा प्रेषित किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु 11 उत्खनिपट्टा स्वीकृत हैं, जिसमें वर्ष 2021 में रूपये 1,02,00,120/- करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। शिवपुरी जिले की रेत समूह की ई-निविदा दिनांक 14.02.2022 को खोली गई। इस समूह में 8 खदानें करैरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। जिले की रेत समूह की खदानों की ठेके की अवधि दिनांक 30.06.2023 तक है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों का उत्तर संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा दिया गया है। अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु सतत् निगरानी रखी जाती है। (घ) करैरा विधानसभा अंतर्गत करैरा अभ्यारण्य क्षेत्र में कृषकों की निजी एवं राजस्व भूमि है, वन भूमि नहीं है। इस ग्राम के निवासियों को इस क्षेत्र में आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस क्षेत्र में जब भी अवैध उत्खनन का प्रकरण प्रकाश में आता है, तब वन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। विगत तीन वर्षों में रेत खनिज के अवैध उत्खनन के निम्नानुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर वाहन जप्त किये गये हैं :-
क्र. |
वर्ष |
प्रकरण संख्या |
जप्त वाहन संख्या |
|||
जेसीबी मशीन |
डम्पर |
ट्रेक्टर |
मोटर सायकिल |
|||
1. |
2019 |
12 |
01 |
02 |
07 |
- |
2. |
2020 |
14 |
02 |
0 |
06 |
01 |
3. |
2021-22 |
12 |
01 एल.एन.टी. |
- |
03 |
|
उपरोक्त से स्पष्ट है कि जब भी प्रकरण प्रकाश में आता है तब दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कनेरादेव सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
7. ( *क्र. 3085 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र की एकमात्र कनेरादेव जलाशय सिंचाई परियोजना किस सन् में पूर्ण हुई थी एवं इसके अंतर्गत कितने हेक्टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित था एवं इसमें कितनी नहरों का निर्माण किया जाना था? (ख) प्रश्न दिनांक तक इस योजनांतर्गत कितने हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है? क्या कनेरादेव जलाशय निर्माण के पश्चात आज दिनांक तक कभी पूर्ण रूप से भरा नहीं गया है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा शासन स्तर पर इस हेतु अब तक क्या कार्यवाही गई है? (ग) क्या शासन कनेरादेव जलाशय पूर्ण न भरे जाने के संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण कराकर इसको पूर्ण भराव हेतु समुचित कार्यवाही करेगा, ताकि ये परियोजना अपने उद्देश्यों को पूर्ण कर सके तथा कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कनेरादेव सिंचाई परियोजना वर्ष 2013-14 में पूर्ण हुई थी। जलाशय से 110 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित था एवं एक मात्र 2.40 कि.मी. नहर का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) परियोजना से विगत वर्षों में की गई सिंचाई का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तथ्यात्मक स्थिति यह है कि निर्माण के पश्चात दो-बार पूर्णरूप से बांध में जल भराव होना प्रतिवेदित है। प्रश्नाधीन जलाशय के पूर्ण न भरे जाने का मुख्य कारण जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र में शहरीकरण तथा आबादी बढ़ने के कारण जलग्रहण क्षेत्र बाधित होने एवं कम वर्षा होना है। उपरोक्त पृष्ठभूमि में शासन स्तर से कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) जलभराव क्षेत्र एवं बांध सीट के भूगर्भीय अन्वेषण करने हेतु कार्यपालन यंत्री द्वारा उपमहानिरीक्षक स्टेट यूनिट जी.एस.आई. भोपाल को उनके पत्र दिनांक 02.03.2022 द्वारा अनुरोध किया जाना प्रतिवेदित है। भूगर्भीय अन्वेषण रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रदेश में खाद्यान्न की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
8. ( *क्र. 3092 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से वर्ष 2021-22 तक शासन स्तर पर किस-किस प्रकार का कुल कितनी मात्रा में खाद्यान्न कुल कितनी राशि का खरीदा गया? उसमें से कितना-कितना खाद्यान्न किस-किस एजेंसी को वितरित किया गया? कितना खाद्यान्न शेष है तथा उसका डिस्पोजल क्या किया गया? (ख) वर्ष 2012-13 से 2021-22 तक किस-किस प्रकार का कितना खाद्यान्न विभिन्न कारणों से निम्न गुणवत्ता का हो गया? निम्न गुणवत्ता के खाद्यान्न में से कितना खाद्यान्न किस दर से किस कंपनी/फर्म को बेचा गया? उससे कितनी राशि की लागत के मान से हानि हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निम्न गुणवत्ता के खाद्यान्न का विक्रय के पूर्व क्या परीक्षण किया गया था कि वह आदमी के खाने लायक है या नहीं? रिपोर्ट की प्रतियां देवें तथा बतायें कि उस खाद्यान्न को खरीदने वाली कंपनी/फर्म पर विक्रय के समय यह शर्त लगाई थी कि वह मनुष्य के खाने योग्य वस्तु के उत्पाद में इसका उपयोग न करें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं लगाई गई? (घ) वर्ष 2012-13 से 2020-21 तक किस-किस प्रकार के खाद्यान्न पर क्रय एवं वितरण पर परिवहन तथा अन्य व्यय कितना-कितना हुआ तथा उससे उस खाद्यान्न पर प्रति किलोग्राम कितना खर्च हुआ? वर्ष 2012-13 से 2020-21 तक विभिन्न खाद्यान्न की अंतिम अतिशेष मात्रा तथा विभिन्न कारणों से निम्न गुणवत्ता का खाद्यान्न का निष्पादन किस-किस प्रकार किया गया? मात्रा सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टाप डेम निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 3167 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुलाबगंज के ग्राम धनोरा एवं मानपुर में स्टाप डेम निर्माण कार्यों की स्वीकृति के प्रस्तावों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या, नहीं तो क्यों? (ख) क्या बैराज निर्माण कार्य हेतु केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का अन्य जगह उपयोग होने के कारण बहुप्रतीक्षित धनोरा स्टाप डेम को राशि प्राप्त नहीं हो सकी? (ग) क्या शासन क्षेत्र के कृषकों के हित में बहुप्रतीक्षित धनोरा स्टाप डेम निर्माण कार्य एवं मानपुर स्टाप डेम निर्माण कार्यों हेतु विभागीय बजट में राशि का प्रावधान किए जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मानपुर स्टापडेम की साध्यता स्वीकृति दिनांक 11.01.2022 को प्रदान की गई है। परियोजना के प्रारंभिक सर्वेक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। धनौरा स्टापडेम विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन धनौरा बैराज विदिशा जिले की आंकाक्षी योजना के तहत प्रस्तावित होकर कलेक्टर जिला विदिशा के माध्यम से बिना प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए प्राप्त हुई थी, जो विभागीय प्रक्रिया के अनुरूप नहीं होने से प्रस्ताव वापिस कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) साध्यता स्वीकृति प्राप्त मानपुर स्टापडेम सर्वेक्षणाधीन है एवं सर्वेक्षण उपरांत विस्तृत परियोजना प्राप्त होने पर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु निर्णय लिया जाना संभव होगा। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर बजट प्रावधान की कार्यवाही किया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
चम्बल संभाग अंतर्गत सिंचाई व्यवस्था
[जल संसाधन]
10. ( *क्र. 3230 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में कुल कितने क्षेत्रफल में एवं किन-किन ग्रामों में कुल कितने रकबे पर सिंचाई वर्तमान में की जा रही है, उसकी जानकारी उपलब्ध करावें। लिफ्ट इरिगेशन योजना से कुल लगभग कितने कृषक लाभान्वित हुए हैं एवं कुल कितने ग्रामों में पीने के पानी की व्यवस्था लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से की गई है? दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने रकबे क्षेत्रफल पर किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं है? (ख) क्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में किसानों के कृषि रकबे की सिंचाई एवं गांव-गांव पीने का पानी पहुंचाने हेतु विस्तृत कार्ययोजना लिफ्ट इरिगेशन योजना या अन्य योजना के अंतर्गत अन्य विभाग के कॉर्डिनेशन से पीने के पानी की समस्या एवं किसानों को उनकी फसल की सिंचाई हेतु पानी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता चम्बल नदी से कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या दिमनी, अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में लिफ्ट इरिगेशन योजना में हुई व्यापक गड़बड़ी एवं अनियमितता तथा जमीनी स्तर पर लिफ्ट इरिगेशन योजना का क्रियान्वयन नहीं होने संबंधी उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष जांच कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चंबल संभाग के अंतर्गत निर्मित वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनाओं से कुल 1596 ग्रामों की 4,33,6,696 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। धनेला उद्वहन सिंचाई परियोजना से कुल 78 हेक्टेयर क्षेत्र के 73 कृषक लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। उद्वहन सिंचाई योजना में पेयजल का प्रावधान नहीं है। दिमनी विधान क्षेत्र में निर्मित विभागीय नहरों से रूपांकन अनुसार सम्पूर्ण सैच्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है, किन्तु कुछ नहरों के अंतिम छोर पर पानी की अनुपलब्धता होने के कारण अंतिम छोर के कृषकों द्वारा स्वयं के सिंचाई साधन विकसित कर सिंचाई की जाती है। अत: कोई भी क्षेत्र सिंचाई से वंचित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) दिमनी विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु ऐसाह वृहद उद्वहन सिंचाई योजना वर्ष 2008 से स्वीकृत होना प्रतिवेदित है। परियोजना के डूब में घड़ियाल वाइल्ड लाईफ सेंन्चुरी की भूमि प्रभावित होने के कारण भारत सरकार से व्यपवर्तन की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण परियोजना लंबित होना प्रतिवेदित है। पेयजल का संबंध जल संसाधन विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण पृथक से कोई योजना विभाग द्वारा नहीं बनाई गई है। (ग) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि दिमनी अम्बाह विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसाह वृहद उद्वहन सिंचाई योजना क्रियान्वित नहीं होने से अनियमितता की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डायवर्सन प्रकरण की जानकारी
[राजस्व]
11. ( *क्र. 3268 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में 01 जनवरी, 2021 से 15 फरवरी, 2022 तक बिना सूचना के डायवर्सन के कितने प्रकरण ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार किए गए थे? (ख) इनमें कुल कितना प्रीमियम भू-भाटक, अर्थदण्ड एवं पंचायत कर जमा करवाया गया गया है? तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार क्या 2000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों में आवासीय प्रयोजन के डायवर्सन किए जाने का प्रावधान है? 2000 जनसंख्या से कम आबादी वाले क्षेत्रों में कितने बिना सूचना के डायवर्सन प्रकरण तैयार किए गए हैं? तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) यदि यह विधि विरुद्ध है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह जिले में 01 जनवरी, 2021 से 15 फरवरी, तक बिना सूचना डायवर्सन के 835 प्रकरण ग्रामीण क्षेत्र के तैयार किए गए थे। (ख) जिला दमोह अंतर्गत स्थित तहसीलों में कुल 835 प्रकरणों में कुल प्रीमियम राशि 475891 रूपये, भू-भाटक 616153 रूपये, अर्थदण्ड 509233 रुपये एवं पंचायत कर 10699 रुपये कुल राशि 1611976 रूपये जमा कराई गई है। तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला दमोह में बिना सूचना के डायवर्सन के 15 ग्रामों में प्रकरण तैयार किए गए हैं। ग्रामवार एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में नवीन संशोधित प्रावधान 27 जुलाई, 2018 में धारा 59 के तहत बिना सूचना व्यपवर्तन करने वाले अनावेदक के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है।
पनागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पट्टे की भूमि पर आवास निर्माण
[राजस्व]
12. ( *क्र. 2601 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पट्टाधारकों को उनके निवासरत स्थान का सत्यापन करने के पश्चात पट्टे दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पट्टा जारी करने हेतु कौन अधिकारी अधिकृत हैं? क्या अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर से पट्टे जारी किये जाते हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत पट्टे में दर्ज भूमि पर ही प्रधानमंत्री आवास निर्माणरत होते हुये किश्तें जारी की गई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत क्या प्रधानमंत्री आवास निर्माण होने के बाद स्थगन आदेश जारी किये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। (ख) प्रश्नांश 'क' के अनुसार आबादी भूमि का निर्वर्तन भूमिस्वामी के हक में किये जाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 244 के तहत तहसीलदार अधिकृत हैं। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश 'ग' में भूमि विवाद होने पर प्रथम दृष्टया स्थगन आदेश जारी कर दिये जाते हैं, किन्तु आबादी एवं शासकीय मद की भूमि में निर्माण होने के कारण प्रमाण पेश करने के उपरांत शासन हित में निराकरण किया जाता है।
शासकीय जमीनों को निजी नाम पर किया जाना
[राजस्व]
13. ( *क्र. 3297 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार तथा रतलाम जिले में वर्ष 1956-57 के बंदोबस्त के दौरान उन जमीनों की सूची देवें जो आजादी के पूर्व तत्कालीन शासन/स्टेट द्वारा किसी औद्योगिक मकसद के उपयोग हेतु दी गयी? उन जमीनों की क्रमश: वर्ष 1970-71, 1980-81, 1990-91, 2000-21 तथा 2021-22 की स्थिति में बतावें कि अभी वे राजस्व रिकॉर्ड में किस नाम से हैं? (ख) धार जिले में सरदारपुर तहसील के राजगढ़ नगर के सर्वे नम्बर 546 तथा रतलाम जिले में ग्राम आलोट की सर्वे क्रमांक 521 से 528 तथा सर्वे क्रमांक 562 किस न्यायालयीन फैसले से निजी नाम पर की गयी थी? निजी नाम पर करने की प्रक्रिया के न्यायालय तहसीलदार की कार्यवाही सहित इन दोनों प्रकरण संबंधी समस्त कार्यवाही की प्रति देवें। (ग) क्या कलेक्टर धार तथा रतलाम में प्रश्नांश (ख) में उक्त तीनों जमीन को शासकीय घोषित कर दिया? यदि हाँ, तो कलेक्टर के आदेश की प्रति देवें। (घ) धार तथा रतलाम जिले में जिन जमीनों को शासकीय से निजी किया गया? उसकी जानकारी दें तथा बतावें कि प्रश्नांश (ग) के कलेक्टर के आदेश के अनुसार इन जमीनों को शासकीय घोषित क्यों नहीं किया जा सकता? जमीन अनुसार टिप्पणी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। न्यायालयीन निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) यह कहना सही है कि रतलाम जिले की जमीन शासकीय घोषित की गई तथा जिला धार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जिला रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। धार जिले की प्रश्नागत भूमि को वरिष्ठ न्यायालय के द्वारा दिये गये आदेशों के क्रम में शासकीय घोषित किये जाने में वैधानिक कठिनाई है।
राईस मिलों द्वारा अमानक चावल जमा करने पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( *क्र. 2690 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन अवधि में कटनी, रीवा, सतना जिलों के भण्डार गृह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को कितने टन चावल वितरित किया गया तथा कितने टन चावल केन्द्रीय जांच एजेंसी द्वारा अमानक, निम्न गुणवत्ता का पशु के खाने लायक पाया गया? किस-किस भण्डारण गृह में कितना-कितना चावल अमानक पाया गया? जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो चावल अमानक पाया गया, वह किस राईस मिलर से कितनी मात्रा में प्राप्त हुआ था तथा उसमें से कितना वितरित कर दिया तथा कितना रोक दिया गया, जो चावल रोका गया, उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? कहां किस मात्रा में रखा है? मिलवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अमानक चावल की सप्लायर्स फर्म का नाम, मालिक भागीदार का नाम, सप्लाई की मात्रा दिनांक, भाव, कुल देय राशि भुगतान की दिनांक सहित सूची देवें एवं सप्लायर्स की बिल की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) बतावें कि अमानक पाए गए कितने टन चावल को राईस मिलर को बदलने हेतु किस नियम तथा आई.पी.सी. की धारा के तहत कहां गया? किस-किस राईस मिलर ने कितना चावल बदला तथा उन पर प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं? (ड.) चावल काण्ड में किस-किस राईस मिलर पर किस थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया? एफ.आई.आर. की प्रति देवें तथा बतावें कि क्या इसकी विधायकों की कमेटी बनाकर उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी तथा उस काण्ड के घोटाले करने वाले दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? क्या पूरे प्रकरण की जांच विभाग के किसी दल से कराई गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राहियों को पट्टा वितरण
[राजस्व]
15. ( *क्र. 3551 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केण्ट विधान सभा में शारदा नगर, राम नगर, उदय नगर, शांति नगर, भटौली, छिवला एवं दुर्गा नगर में पट्टों के सर्वे का कार्य क्या पूर्ण हो चुका है? (ख) सर्वे कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो कब तक पूर्ण होगा? (ग) यदि सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है तो हितग्राही को पट्टे कब तक प्रदान किये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की केन्ट विधानसभा अंतर्गत वर्तमान में शासन के निर्देशानुसार धारणाधिकार के तहत शारदा नगर, राम नगर, शांति नगर में प्राप्त आवेदनों का सर्वे किया जा रहा है। भटौली, छिवला एवं दुर्गा नगर में 501 पट्टों का सर्वे कार्य पूर्ण है। (ख) सर्वे कार्य निरंतर चालू है। (ग) हितग्राहियों को पट्टे देने की प्रक्रिया चालू है।
देवास शहरी क्षेत्र में नजूल भूमि के अनापत्ति प्रमाण पत्र
[राजस्व]
16. ( *क्र. 2995 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास शहरी क्षेत्र में पूर्व से नजूल भूमि नियम लागू है? क्या नगर तथा ग्राम निवेश से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिक को नव निर्माण में अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है? (ख) क्या नजूल नक्शा गुम हो जाने एवं उपलब्ध नहीं होने का कारण बताकर नागरिकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में विलंब किया जाता है? (ग) क्या विभाग सुगम अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हो सके, ऐसी कोई व्यवस्था बनायेगा, जिससे निश्चित समय-सीमा में अनापत्ति प्राप्त हो सके? (घ) क्या लोक सेवा गारंटी अधिनियम में इस सुविधा को प्रदान कर सकते हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 लागू हैं। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 की कंडिका 143 (6) में यह प्रावधानित है कि ''नजूल अधिकारी आवेदन प्रस्तुति की दिनांक से तीस दिवस के भीतर परीक्षण उपरांत यथास्थिति नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र/आपत्ति पत्र जारी करेगा, जिसकी सूचना संबंधित स्थानीय निकाय/नगर तथा ग्राम निवेश को भी दी जाएगी। नियत अवधि में अनापत्ति प्रमाण पत्र/आपत्ति पत्र जारी नहीं किये जाने की दशा में स्थानीय निकाय/नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा नजूल की अनापत्ति समझी जाएगी।'' (घ) नजूल अनापत्ति प्रमाण-पत्र सेवा को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है। यह सेवा 30 कार्य दिवस में प्रदान की जाती है।
शासकीय भूमि पर कॉलोनी निर्माण करने वालों पर कार्यवाही
[राजस्व]
17. ( *क्र. 3466 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर व एस.पी. इंदौर द्वारा संयुक्त रूप से भू-माफियाओं, शासकीय जमीन पर कब्जा करने, बेचने वालों के खिलाफ कोई अभियान चलाया गया है अथवा चलाया जाएगा? चलाने की कोई योजना है? की गई कार्रवाई का विवरण दें। (ख) क्या तहसील इंदौर पटवारी हल्का पिपल्याहाना सर्वे नं. 143/645/2 वर्ष 2015 तक राजस्व अभिलेखों में शासकीय नजूल की भूमि थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि को दिव्या रोचलानी पति नितिन रोचलानी, वंशिका रोचलानी पति जीतेन्द्र रोचलानी और नितिन रोचलानी पिता महेश रोचलानी निवासीगण 169, काटजु कॉलोनी इंदौर द्वारा किस आधार पर भूमि का विक्रय किया जा रहा है? (ग) इंदौर की तिलक नगर कॉलोनी भूखण्ड क्रमांक 496, तिलक नगर, मेन रोड इंदौर किस सर्वे नंबर पर स्थित है? बंदोबस्त के पूर्व पिपल्याहाना की उक्त भूमि का क्या सर्वे नंबर था तथा वर्तमान में क्या सर्वे नंबर है? उक्त शासकीय भूमि को निजी भूमि के रूप में किस आधार पर शासकीय दस्तावेजों में दर्ज किया गया है? शासकीय भूमि को निजी नाम पर दर्ज करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्रवाई की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन निर्देशानुसार भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है, की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पूर्व वर्ष 2015 एवं वर्तमान राजस्व अभिलेख अनुसार ग्राम पिपल्याहाना स्थित भूमि खसरा नम्बर 143/645/2, रकबा 2.732 हेक्टेयर भूमि आबादी (गाँवठान) दर्ज है। भूमि के विक्रय के संबंध में जिला पंजीयक से जानकारी ली गई। जिला पंजीयक के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 353/जि.पं.-2/2022 इन्दौर दिनांक 03.03.2022 के माध्यम से अवगत करवाया गया कि ग्राम पिपल्याहाना के सर्वे नंबर 143/645/2 से संबंधित दस्तावेज की सर्च की गई। सर्च में किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेज पंजीबद्ध नहीं पाया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) तिलक नगर कॉलोनी भूखण्ड क्रमांक 496 मेन रोड पटवारी नक्शा अनुसार खसरा 143/645 के भाग पर स्थित है। बंदोबस्त वर्ष 1925-26 के पूर्व उक्त भूमि का भूमि खसरा नम्बर 193 था। वर्तमान अभिलेख में उक्त भूमि का खसरा क्रमांक 143/645 है। वर्तमान अभिलेख अनुसार उक्त भूमि आबादी गाँवठान के रूप में दर्ज है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[जल संसाधन]
18. ( *क्र. 3205 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उपसंभाग भीकनगांव में कुल कितने पद अधिकारी/कर्मचारियों के स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी प्रदाय करें। उक्त स्वीकृत पदों में से कितने पदों पर कर्मचारी/अधिकारियों की पद पूर्ति प्रश्न दिनांक तक है? पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों के नाम, पद सहित जानकारी प्रदाय करें। वर्तमान में कुल कितने पद कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारियों के रिक्त हैं? (ख) वर्तमान में भीकनगांव उपसंभाग अन्तर्गत कुल कितने तालाब, बैराज स्वीकृत एवं प्रगतिरत हैं? क्या उक्त स्वीकृत तालाबों के निर्माण समयावधि में करने हेतु वर्तमान में उपलब्ध अमला पर्याप्त है? हाँ तो कैसे? नहीं तो क्या स्वीकृत तालाबों को समयावधि में पूर्ण करने हेतु शीघ्र रिक्त पदों पर पदपूर्ति या अन्य स्थान से भीकनगांव उपसंभाग में संलग्न किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) योजनाओं से संबंधित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। एक उपयंत्री को अन्य संभाग से उपसंभाग भीकनगांव में कार्य करने हेतु संलग्न किया गया है।
लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
19. ( *क्र. 1723 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व प्रकरणों के निष्पादन हेतु विभाग के द्वारा समय-सीमा का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत तहसील जवा एवं तहसील सिरमौर में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक आपसी बंटवारा, नामांतरण, वारिसाना, सीमांकन के कितने प्रकरण लंबित हैं? उनका विवरण हल्कावार, नामवार, दावा दिनांकवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित लंबित प्रकरणों का निष्पादन कब तक किया जाएगा? लंबित प्रकरणों की तत्काल सुनवाई कर निष्पादित करने हेतु क्या विशेष अभियान चलाया जाएगा? समय-सीमा बताते हुए पृथक-पृथक जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। तहसील जवा एवं सिरमौर अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक बंटवारा, नामान्तरण, वारिसाना, सीमांकन के प्रकरण निम्नानुसार लंबित हैं :-
क्र. |
तहसील का नाम |
लंबित प्रकरणों की संख्या |
||
|
|
बंटवारा |
नामान्तरण वारिसाना |
सीमांकन |
|
जवा |
599 |
781 |
633 |
|
सिरमौर |
327 |
375 |
353 |
योग |
|
926 |
1156 |
986 |
लंबित प्रकरणों की हल्कावार एवं नामवार दावा दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) तहसील जवा एवं सिरमौर अन्तर्गत लंबित प्रकरण संबंधित राजस्व न्यायालय में म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत प्रचलित हैं। प्रकरण न्यायाधीन होने के कारण निराकरण की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय देव स्थान की भूमि पर कब्जाधारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
20. ( *क्र. 1215 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कस्बा बड़नगर, जिला उज्जैन स्थित सर्वे नंबर 1556, 1557, 1558, 1559 कुल रकबा 0.470 है, जो कि शासकीय है? अभिलेख में रामजी दास गुरू प्रहलाद दास के नाम से अंकित है, जबकि यह मूल जाफ्ता मूल स्थान शासकीय रिकॉर्ड अनुसार जिला बन्दोबस्त अंतर्गत 1936 अनुसार शासकीय देव स्थान की है तो क्या इस भूमि पर किसी व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा/आधिपत्य किया है और यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा उक्त कब्जाधारी के विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही एवं समस्त अभिलेखों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त करोड़ों रूपये की शासकीय भूमि को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा की गई संपूर्ण कार्यवाही की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न (क) के संदर्भ में क्या करोड़ों रूपये की शासकीय भूमि को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने के पीछे भू-माफियाओं को बचाने का षड़यंत्र तो नहीं है? यदि हाँ, तो ऐसे दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो प्रशासन द्वारा आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कस्बा बड़नगर जिला उज्जैन स्थित सर्वे नंबर 1556, 1557, 1558, 1559 कुल रकबा 0.470 बंदोबस्त रिकॉर्ड अनुसार भगवानदास गुरू रतनदास पुख्ता मोरूसी मुनजप्ता देवस्थान के नाम से बंदोबस्त रिकॉर्ड में दर्ज है। भगवानदास की मृत्यु उपरांत भगवानदास के शिष्य प्रहलाददास गुरू भगवानदास का नाम दर्ज हुआ। प्रहलाददास की मृत्यु उपरांत उनके शिष्य रामजीदास गुरू प्रहलाददास का नाम दर्ज हुआ। रामजीदास गुरू प्रहलाददास की मृत्यु उपरांत रजिस्टर्ड वसीयत अनुसार न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के प्रकरण क्रमांक 27/अ-6/1989-90 में पारित आदेश दिनांक 13.07.1990 अनुसार रामजीदास के स्थान पर श्यामसुंदरदास गुरू रामजीदास का नामांतरण हुआ। श्यामसुंदरदास द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय पत्र क्रमांक 1688, दिनांक 08.03.1999 से शांतिलाल पिता सालगराम एवं राकेस कुमार पिता शांतिलाल को सर्वे नंबर 1556, 1557, 1558, 1559 में से कुल रकबा 0.470 की भूमि विक्रय की थी। जिसका नामांतरण पंजी क्रमांक 44 आदेश दिनांक 09.01.2000 में हुआ था। शांतिलाल की मृत्यु उपरांत उसके स्थान पर रूकमणी देवी बैवा शांतिलाल का नाम दर्ज हुआ। तत्पश्चात न्यायालय अपर कलेक्टर महोदय जिला उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 39/निगरानी/03-04 आदेश दिनांक 19.08.2004 द्वारा न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के प्रकरण क्रमांक 27/अ-6/1989-90 में पारित आदेश दिनांक 13.07.1990 निरस्त किया जाने से पुनः उक्त भूमि रामजीदास गुरू प्रहलाददास के नाम दर्ज हुआ। जिसकी अपील आयुक्त महोदय उज्जैन के यहां की गई थी। आयुक्त महोदय उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 02/04-05 पारित आदेश दिनांक 26.09.05 अनुसार अपर कलेक्टर के आदेश को स्थिर रखा गया। जिसकी निगरानी न्यायालय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के समक्ष डी. सिंघई प्रशा. सदस्य के निगरानी प्रकरण क्रमांक 1798-एक/05 में पारित आदेश दिनांक 15.03.2007 विवादित भूमि भगवानदास पुख्ता मौरूसी कृषक मून जाप्ता देवस्थान दर्ज होने एवं देवस्थान भूमि पर प्रकरण दृष्टया मौरूसी कृषक को भूमिस्वामी स्वत्व प्रदान नहीं किया जा सकने के कारण विवादित मंदिर भूमि पर आयुक्त एवं अपर कलेक्टर महोदय द्वारा न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के आदेश दिनांक 13.07.1990 को निरस्त करने के आदेश को स्थिर रखा। पश्चात पुनः न्यायालय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के समक्ष डी. सिंघई प्रशा. सदस्य के द्वारा पुनर्विलोकन प्रकरण क्रमांक 696-एक/07 पारित आदेश दिनांक 21.05.2007 से न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के आदेश दिनांक 13.07.1990 को स्थिर रखते हुए अपर कलेक्टर एवं आयुक्त तथा स्वयं के द्वारा 15.03.2007 के जारी आदेश को निरस्त कर दिया गया। उक्त कार्यवाही के पश्चात अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर के पत्र क्रमांक क्यू/री-1/2019/611 दिनांक 28.05.2019 के पत्रानुसार कार्यालय कलेक्टर महोदय जिला उज्जैन द्वारा जिला स्तरीय समिति गठित की गई, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर की अध्यक्षता में पुलिस अधिक्षक, लोक अभियोजन एवं शासकीय अधिवक्ता, उप संचालय अभियोजन/डी.पी.ओ. की सदस्यता एवं कलेक्टर/प्रभारी डिप्टी कलेक्टर पद से अनिम्न श्रेणी के अधिकारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी की जिला स्तरीय समिति द्वारा दिनांक 28.08.2019 को निर्णय लिया गया कि प्रश्नाधीन भूमि पर माननीय राजस्व मण्डल के प्रकरण क्रमांक पुनर्विलोकन 696-एक/07 पारित आदेश दिनांक 21.05.2007 जो अंतिम निर्णय है की अपील उच्च न्यायालय खण्ड पीठ इंदौर के समक्ष प्रस्तुत किया जाना उचित होने का निर्णय लिया गया है। निर्णय के परिपालन में कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 10714/व्य.वाद/2019, उज्जैन दिनांक 28.08.2019 से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़नगर को विचाराधीन प्रकरण में शासन का पक्ष तत्काल प्रस्तुत करने हेतु शासकीय अधिवक्ता माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर से परस्पर संपर्क स्थापित कर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसके संबंध में शासकीय अधिवक्ता माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के महाधिवक्ता श्री विनोद गांधी को अपील प्रस्तुत करने हेतु अभिलेख उपलब्ध कराया जा चुका है। ( ख) की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि प्रश्न (क) की शासकीय भूमि को बचाने के लिए ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने के पीछे भू-माफियाओं को बचाने का षड़यंत्र है। की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।
शासकीय आराजी पर अवैध उत्खनन
[राजस्व]
21. ( *क्र. 2186 ) श्री विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील अमरपाटन ललितपुर नं. 1 की आराजी क्रमांक 442/1 रकबा 6.25 ए. व 442/2 रकबा 1. ए का पट्टा राजस्व अधिकारियों से सांठ-गांठ कर दलवीर पटेल पिता रामरूप पटेल, निवासी ग्राम पड़री, तहसील अमरपाटन, जिला सतना शासकीय भूमि का अपने सगे भाई भूपेन्द्र पटेल, विनोद पटेल व अपने चाचा बृजभान पटेल के नाम दर्ज करा लिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मध्यप्रदेश शासन जंगल की भूमि थी, जो दलवीर पटेल द्वारा अपने सगे दो भाइयों व अपने सगे चाचा के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करा ली गयी थी, जिसमें कलेक्टर सतना द्वारा अपने आदेश दिनांक 18.02.2021 द्वारा पुन: मध्यप्रदेश शासन दर्ज करने का आदेश दिया गया था। लेकिन आदेश का पालन आज दिनांक तक नहीं किया गया है, क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की आराजी को अपने स्वत्व की बताकर अवैध उत्खनन किया गया, जिस पर कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा सतना द्वारा प्र.क्र. 1207/खनिज/दिनांक 03.07.2013 के द्वारा बृजभान पटेल, भूपेन्द्र पटेल, दलवीर पटेल के विरूद्ध कार्यवाही कर प्रस्तावित की गई थी, जो आज भी लम्बित है, क्यों? कब तक वसूली करावेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों के अनुसार कार्यवाही न करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनकी पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। यह कहना सही है कि सतना जिले के तहसील अमरपाटन ललितपुर नं. 1 की आराजी क्र. 442/1 रकबा 6.25 ए. तहसीलदार अमरपाटन के प्रकरण क्र. 195/अ-74/94-95 आदेश दिनांक 19.12.1995 द्वारा दलवीर सिंह पिता रामरुप पटेल एवं 442/1 ख रकबा 3.12 ए. बृजभान पिता श्यामलाल के नाम वासस्थान दखलकार अधिनियम 1984 के उपबंधों के अधीन आवंटित की गई है तथा आराजी 44/2 रकबा 10 ए. का अंश रकबा 5 का नायब तहसीलदार वृत्त ताला के राजस्व प्रकरण क्रमांक 106/अ-74/2002-03 आदेश दिनांक 18.08.2003 द्वारा व्यवस्थापन दलवीर सिंह के नाम किया गया। इसी 5 ए. के रकबे का बंटवारा नामांतरण ग्राम पंचायत आनंदगढ़ के प्रस्ताव क्रमांक 4 दिनांक 15.09.2005 से दलवीर सिंह के भाई भूपेन्द्र पिता रामरुप को 2.50 ए. तथा विनोद पिता रामरुप के नाम रकबा 2.50 ए. का किया गया, जिसके संबंध में कलेक्टर महोदय के न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 219/अ-74/स्वमेव/निगरानी 15-16 में पारित आदेश दिनांक 18.02.2021 के द्वारा पुनः म.प्र. शासन दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया। (ख) यह कहना सही है कि प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि मध्यप्रदेश शासन जंगल की थी जो दलवीर पटेल द्वारा अपने सगे दो भाइयों व अपने सगे चाचा के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करा लिया गया था। इस भूमि के संबंध में कलेक्टर महोदय सतना के न्यायालय के प्रकरण क्र. 219/अ74/स्वमेव/निगरानी/15-16 में पारित आदेश दिनांक 18.02.2021 के द्वारा म.प्र. शासन दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया था, किंतु अनावेदक दलवीर सिंह के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के रिट पिटीशन क्रमांक 5509/2021 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 21.05.2021 प्रस्तुत किया गया है, जिससे आदेश का पालन नहीं किया गया। (ग) यह कहना सही है कि प्रश्नांश (क) एवं (ख) की आराजी को अपने स्वत्व की बताकर अवैध उत्खनन किया गया जिस पर कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा सतना द्वारा प्र.क्र. 1207/खनिज/दिनांक 03.07.2013 के द्वारा बृजभान पटेल, भूपेन्द्र पटेल, दलवीर पटेल के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी। वसूली के संबंध में न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त ताला तहसील अमरपाटन जिला सतना में प्रकरण क्रमांक 01/अ-76/2015-16 दर्ज किया गया था, जिसमें मांग पत्र दिनांक 05.03.2016 को वसूली के संबंध में जारी किया गया था। अनावेदक दलवीर सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर म.प्र. के रिट पिटीशन क्रमांक 1915/2016 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 10.03.2017 प्रस्तुत किया गया था जिससे वसूली स्थगित की गई है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रकरण में जांच प्रचलित है, जिसके पश्चात विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी।
हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-2 का निर्माण
[जल संसाधन]
22. ( *क्र. 3616 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा किसी बांध निर्माण की स्वीकृति के पूर्व क्या-क्या औपचारिकतायें पूर्ण कराई जाती हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-1 एवं फेस-2 की योजना की स्वीकृति के पूर्व क्या-क्या औपचारिकताएं पूर्ण करवा ली गईं थीं? जब औपचारिकतायें पूर्ण हो गई थी और फेस-1 का कार्य पूर्ण हो चुका था और फेस-2 का कार्य प्रारम्भ हो चुका था तब साध्यता क्यों और कब निरस्त कर दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने जनता की पुरजोर मांग के आधार पर कब-कब और कहां-कहां घोषणा की है कि हरपुरा सिंचाई परियोजना का बंद कार्य पुन: फेस-2 चालू कर दिगौड़ा एवं बराना खास के तालाबों में पानी नहर द्वारा भेजा जावेगा? कृपया घोषणा क्रमांक, दिनांक सहित बताएं एवं यह भी बताएं कि माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर अमल किया जावेगा तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-2 का कार्य प्रारम्भ कराने म.प्र. विधानसभा में प्रश्न क्रमांक 1230, दिनांक 25 फरवरी, 2021 द्वारा किया गया था और उत्तर में मंत्री जी ने कहा था कि आपके कहने पर तकनीकी रूप से, मैं पुन: परीक्षण करवाकर प्रयास करूंगा, उपरोक्त आश्वासन के बाद प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कब तक फेस-2 की साध्यता को पुन: बहाल कराकर बंद काम पुन: चालू करवाकर नहर द्वारा दिगौड़ा एवं बराना खास तालाबों में पानी भेजा जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग में किसी बांध की स्वीकृति के पूर्व निम्नलिखित कार्यवाही किए जाने की व्यवस्था है :- (1) टोपोशीट स्टडी कर चिन्हित स्थल का भौगोलिक स्थिति ज्ञात करते हुए उस स्थल पर जलग्रहण क्षेत्र, जल भण्डारण क्षमता, डूब क्षेत्र, सैच्य क्षेत्र, डूब क्षेत्र का प्रतिशत एवं प्रति हेक्टेयर लागत आदि की गणना कर इसे विभागीय वेबसाइट पर दर्ज की जाना। (2) शासन स्तर पर वेबसाइट पर दर्ज साध्यता रिपोर्ट का तकनीकी एवं वित्तीय पहलुओं का परीक्षण कर उसकी उपयोगिता/व्यवहारिकता के आधार पर साध्यता स्वीकृति प्रदान की जाना। (3) सर्वेक्षण उपरांत प्राप्त आंकड़ों के आधार पर परियोजना की ड्राइंग/डिजाईन, वाटर प्लानिंग एवं सैच्य क्षेत्र का निर्धारण कर परियोजना प्रतिवेदन तैयार करना एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान करना। परियोजनाओं की साध्यता के संबंध में जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) हरपुरा नहर लिंक परियोजना के फेस-1 एवं फेस-2 की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए उत्तरांश 'क' अनुसार औपचारिकताओं को पूर्ण करा लिया जाना प्रतिवेदित था। जामनी नदी पर हरपुरा वियर के अपस्ट्रीम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा भौराट बांध बनाये जाने के कारण एवं निर्मित हरपुरा नहर में पानी की उपलब्धता फेस-1 के 10 तालाबों को भरने की रह गई है। अतिरिक्त तालाबों को भरने हेतु पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण हरपुरा फेस-2 का कार्य कराना तकनीकी रूप से औचित्यपूर्ण नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति दी जाने से साध्यता निरस्त करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक CO796 दिनांक 14.09.2021 को टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ ग्राम में हरपुरा नहर का पुनर्निर्माण कर स्ट्रक्चर लाइनिंग का कार्य कराने की घोषणा की गई है। उत्तरांश 'ख' अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। तारांकित प्रश्न क्रमांक 1230, दिनांक 25.02.2021 के संदर्भ में हरपुरा वियर स्थल पर फेस-2 हेतु पानी की उपलब्धता का पुनः परीक्षण/तकनीकी गणना की गई है। हरपुरा फेस-2 को पानी की उपलब्धता न होने के कारण कार्य कराना तकनीकी रूप से औचित्यपूर्ण नहीं है। गणना पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2''अनुसार है।
चरनोई भूमि को आबादी घोषित करना
[राजस्व]
23. ( *क्र. 3220 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में ग्राम स्लीमनाबाद अंतर्गत खसरा नं. 483 राजस्व अभिलेखों में किस मद में दर्ज है? (ख) क्या इस खसरा नं. पर वर्षों पूर्व से लगभग 100 लोग मकान बनाकर निवासरत हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन जनहित में प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित चरनोई मद में दर्ज शासकीय भूमि को आबादी घोषित कर यहां निवासरत निवासियों को शासन की मंशानुरूप मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत आवासीय पटटे प्रदान करेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला कटनी की विधानसभा बहोरीबंद की तहसील व ग्राम स्लीमनाबाद में ख.नं. 483 रकबा 2.58 हे. भूमि वर्तमान राजस्व अभिलेख में घास मद में म.प्र. सरकार दर्ज है। (ख) ख.नं. 483 के अंश भाग पर कुछ व्यक्तियों के आवासीय अतिक्रमण हैं। (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग, उत्तरांश (क) में वर्णित ख.नं. 483 के अंश भाग से गुजरता है। नेशनल हाइवे एक्ट 1956 (क्रमांक 47 सन 1956) में विनिर्दिष्ट किये गये या उसके अधीन घोषित किये गये राष्द्रीय राजमार्ग के या मध्यप्रेदश हाइवे एक्ट 2004 की धारा 3 के अधीन अधिसूचित लोकमार्ग के दोनों और 500 मीटर की दूरी के भीतर आबादी घोषित नहीं की जा सकती है। अत: उत्तरांश (ख) में वर्णित व्यक्तियों को मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत आवासीय पट्टे प्रदान नहीं किये जा सकते हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपथित नहीं होता।
तहसीलदार के विरुद्ध प्रचलित विभागीय जांच
[राजस्व]
24. ( *क्र. 2276 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील में पदस्थ तहसीलदार श्री ए.आर. चिरामन का स्थानान्तरण राजगढ़ जिले से बाहर किस दिनांक को कहां के लिए हुआ था? स्थानान्तरण आदेश की प्रति उपलब्ध करावें तथा स्थानान्तरण आदेश होने के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक इनके द्वारा राजस्व संबंधी कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? (ख) तहसीलदार श्री ए.आर. चिरामन की प्रथम नियुक्ति किस दिनांक को कहां हुई तथा प्रश्न दिनांक तक किस-किस जगह इन्होंने सेवाएं दी इनके विरुद्ध प्रचलित विभागीय जांचों की जानकारी दी जावे? (ग) इनके सेवाकाल में अब तक इनके द्वारा कितनी शासकीय भूमि का नामान्तरण निजी व्यक्ति के नाम किया गया है एवं इनका स्थानान्तरण होने के पश्चात् भी इन्हें किन कारणों से कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. शासन, राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-1/2022/सात/4, भोपाल दिनांक 07.01.2022 द्वारा श्री असवनराम चिरामन, तहसीलदार जिला राजगढ़ को जिला उमरिया पदस्थ किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पदस्थापना आदेश पश्चात् प्रश्न दिनांक तक श्री चिरामन द्वारा राजस्व संबंधी 428 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ख) श्री असवनराम चिरामन की प्रथम नियुक्ति दिनांक 09 जनवरी, 2001 को जिला हरदा में हुई है। इसके पश्चात श्री चिरामन ने जिला हरदा, राजगढ़, खरगोन शहडोल में सेवाएं दी है। श्री चिरामन के विरूद्व वर्तमान में कोई विभागीय जांच प्रचलित नहीं है। (ग) श्री चिरामन के राजगढ़ जिले में पदस्थ अवधि के दौरान इनके द्वारा किसी शासकीय भूमि का नामांतरण निजी व्यक्ति के नाम किया जाना संज्ञान में नहीं आया है। जिला राजगढ़ अंतर्गत तहसीलदार/अतिरिक्त तहसीलदार के कुल 13 पद स्वीकृत हैं, जिसके विरूद्ध वर्तमान में 05 तहसीलदार कार्यरत हैं।
ट्रेवल कंपनियों को जारी परमिट
[परिवहन]
25. ( *क्र. 2612 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-भोपाल, उज्जैन-देवास, उज्जैन-इंदौर मार्ग पर बसें संचालित करने वाली कितनी ट्रेवल्स कंपनियों को किन-किन नंबर की बसों का परमिट जारी किया गया है? उनकी प्रतियाँ देते हुए निर्धारित समय और निर्धारित फेरे कहाँ से कहाँ तक के लिए परमिट दिये? उक्त मार्गों के यात्रा शुल्क बताएं। प्रतियाँ देवें। (ख) क्या परमिटों की आड़ में अवैध बसों का संचालन भी हो रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से मार्ग पर कौन-कौन से परिवहन अधिकारी को तैनात किया गया है? कौन-कौन से नियमों का उल्लंघन करने पर विगत 05 वर्षों में कौन-कौन सी ट्रेवल्स कंपनियों पर क्या-क्या कार्यवाहियां हुईं? (ग) बसों के संचालन के लिए परमिट में क्या-क्या शर्तें रखी गयीं हैं? शर्तों के अनुसार वाहन मालिकों द्वारा बसों में क्या-क्या सुविधाएं यात्रियों के लिए उपलब्ध करायी जा रही हैं? ऐसी कितनी बसें हैं, जिनमें क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन किया जा रहा है? (घ) उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर विगत 05 वर्षों की कार्यवाही से अवगत कराएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन-भोपाल, उज्जैन-देवास, उज्जैन-इन्दौर मार्ग पर बसें संचालित करने वाली ट्रेवल्स कम्पनियों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन, भोपाल, देवास, इन्दौर कार्यालय से जारी किये गये परमिट एवं समयचक्र और निर्धारित फेरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-142-2004, दिनांक 20.04.2021 के अनुसरण में यात्री बसों का यात्रा शुल्क निर्धारित किया गया है, अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि परमिटों की आड़ में अवैध बसों का संचालन हो रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन, भोपाल, देवास, इन्दौर के क्षेत्रान्तर्गत नियमों का उल्लंघन करने पर विगत 5 वर्षों में ट्रेवल्स कंपनियों की बसों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार उज्जैन, भोपाल, इन्दौर, द्वारा बसों के संचालन के लिये परमिट मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 84, धारा 72 तथा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 77 में विहित प्रावधानों के तहत दिये जाने का अधिकार प्राधिकार को प्रदत्त किया गया है, जिसके अनुसार प्राधिकार द्वारा परमिट पर शर्तें अधिरोपित की जाती हैं। परमिट पर अधिरोपित की गई शर्तों के पालन में वाहन स्वामी द्वारा यात्रियों के लिये सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं। जहां तक क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन कराये जाने का प्रश्न है, इस संबंध में संभागीय स्तर पर विशेष चैकिंग दस्तों का गठन किया गया है। क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन करने पर विशेष चैकिंग दस्तों के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही की जाकर नियमानुसार दण्ड वसूला जाता है। (घ) प्रश्नांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के उत्तर अनुसार।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मोहनपुरा
वृहद
परियोजना के
संबंध में
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 31 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मोहनपुरा वृहद परियोजना की नहरों से वर्ष में किस-किस महीने में पानी दिया जाता है? (ख) कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या सम्पूर्ण वर्ष में नहरों के माध्यम से पानी दिया जाता है या सिंचाई की आवश्यकता न होने पर नहरों से पानी प्रदाय नहीं किया जाता है। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) एवं (ख) अनुसार यदि वर्ष के कुछ महीनों में नहरों में पानी नहीं दिया जाता है तो क्या शासन उक्त क्षेत्र में जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा प्रेषित सूक्ष्म/लघु जल परियोजनाओं को साध्यता दर्ज योजनाओं को स्वीकृत कर देगा? हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) मोहनपुरा वृहद परियोजना में प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली से माह-नवम्बर से माह-मार्च तक कृषकों की मांग अनुसार पानी दिया जाता है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) साध्यता स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मठ-मंदिरों की भूमियों का विक्रय
[राजस्व]
2. ( क्र. 229 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मठ-मंदिरों की जमीनों पर पुजारी नहीं सिर्फ मंदिर के भगवान का हक है इस तरह का फैसला मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है? अगर हाँ, तो सतना एवं रीवा जिले के किन-किन मठ-मंदिरों में वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी में शासकीय रिकार्डों में कितने-कितने रकबों की, किस-किस आराजी क्रमांकों की कितनी भूमि दर्ज थी? जिलेवार/तहसीलवार/मठवार/मंदिरवार/जगह के नामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों के मंदिर एवं मठों में प्रश्नतिथि तक कितनी-कितनी भूमि शेष बची है? पटवारी हल्कावार/मठवार/मंदिरवार/आराजी क्रमांकवार/रकवेवार/ जगहों के नामवार/जिलेवार/तहसीलवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नतिथि तक सतना शहर के डालीबाबा मंदिर के पास वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी के अनुसार कुल कितने रकवे की किस-किस आराजी क्रमांकों की भूमि थी? प्रश्नतिथि तक उक्त मंदिर की किस-किस आराजी क्रमांकों की, कितने-कितने रकबों की भूमि कब-कब, किस सक्षम कार्यालयों के जारी आदेशों के बाद, किस-किस नाम के व्यक्तियों को/फर्मों/अन्य को बेचा गया/ हस्तांतरित किया गया? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (घ) डालीबाबा मंदिर सहित अन्य सभी मंदिरों की भूमियों को अवैध रूप से हस्तांतरित होने पर अब क्या कार्यवाही राज्य शासन/जिला प्रशासन करेगा? उन अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन कब व क्या कार्यवाही करेगा, जिन्होंने नियमों के विपरित जाकर भूमियों के हस्तांतरण की कार्यवाही के आदेश जारी किये? प्रकरणवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शासकीय रिकार्ड खसरा-खतौनी वर्ष 1958-59 में दर्ज मठ-मंदिरों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मठ-मंदिरों के नाम प्रश्न तिथि तक दर्ज भूमियों की जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये गये सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 1958-59 की खतौनी में सतना शहर के डालीबाबा मंदिर के नाम से कोई भूमि दर्ज अभिलेख नहीं है, श्री महंत बद्रीदास जी सा.इटौरा के नाम से निम्नानुसार दर्ज अभिलेख है-
वर्ष 1958-59 की स्थिति |
वर्तमान स्थिति |
||
आ.क्र. |
रकवा |
आ.क्र. |
रकवा |
549 |
0.45ए0 |
549/1/1 |
0.08ए0 |
550 |
6.42 ए0 |
- |
- |
774/1 |
0.67 ए0 |
- |
- |
775/1 |
14.01 ए0 |
- |
- |
548 |
2.00 ए0 |
- |
- |
371 |
0.10 ए0 |
371/1 |
0.09 ए0 |
377 |
0.29 ए0 |
377/1 |
0.10 ए0 |
403 |
0.41 ए0 |
- |
- |
414 |
0.84 ए0 |
- |
- |
776 |
0.79 ए0 |
- |
- |
- |
0.53 ए0 |
- |
- |
योग |
26.51 ए0 |
|
|
उपरोक्त आराजियां वर्ष 1958-59 से भूमिस्वामी स्वत्व में होने के कारण वर्तमान स्थिति में दर्शायें गये अनुसार शेष आराजियां बची है। जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) उत्तरांश 'क' में अंकित मंदिरों की भूमियों के अवैध रूप से हस्तांतरित होने संबंधी प्रकरणों का परीक्षण कर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
बड़वानी जिले में अवैध रेत खदानें
[खनिज साधन]
3. ( क्र. 294 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी जिले की रेत खदान आवंटित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो आवंटित रेत खदान में किस-किस विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी नदी की सर्वे नं. में कितनी-कितनी मात्रा का आंकलन कर नीलाम की गई है? (ख) प्रश्नांकित (क) जिले की रेत खदान किस एजेन्सी को प्रदान की गई है एवं उसके अनुबंध अनुसार रेत खनन किस दिनांक से प्रारंभ किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस नदी के सर्वे नं. में से कितनी-कितनी मात्रा का खनन किया जाकर कितनी मात्रा की रॉयल्टी काटी गयी है? काटी गयी रॉयल्टी राशि के विवरण बतावे? (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अवैध गिट्टी खनन की आज दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है तथा उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? संबंधित दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अवैध गिट्टी खनन की प्रश्न दिनांक तक 01 शिकायत प्राप्त हुयी थी, जिसकी जाँच उपरांत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
4. ( क्र. 295 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में 05 फरवरी 2022 तक अलग-अलग तहसीलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कितने प्रकरण लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरण ऐसे है जो एक वर्ष या उससे अधिक की अवधि से लंबित है? लंबित प्रकरणों के निराकरण करने के लिए वर्तमान में तहसीलदार किस-किस अधिकारी को कौन-कौन सी जवाबदारी दी गयी है? विवरण देवें। (ग) उक्त सभी लंबित प्रकरणों का निपटारा कब और किस तारीख तक हो जाएगा? प्रकरणों को शीघ्र अतिशीघ्र निपटाने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से आदेश एवं निर्देश दिये गए है और शासन द्वारा उनकी कब तक की समय-सीमा तय की गयी है? आदेश, निर्देश और सभी परिपत्र बतावें। (घ) राजस्व जिला बड़वानी में तहसीलदार अतिक्रमण हटाने के लिए सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए किस आदेश निर्देश के अंतर्गत कार्यवाहियां की गयी है? उक्त आदेश, निर्देश परिपत्रों का विवरण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिले में 05 फरवरी 2022 तक अलग-अलग तहसीलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कुल 16 प्रकरण लम्बित है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में एक वर्ष या उससे अधिक की अवधि के प्रकरण लम्बित नहीं होने से जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के प्रावधानों के अंतर्गत राजस्व न्यायालय द्वारा की जाती है। न्यायालय में लंबित सभी प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाहियां की जाती है।
राजपत्र में अधिसूचित भूमि
[वन]
5. ( क्र. 558 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भा.व.अ.1927 की धारा 27 एवं 34अ के अनुसार राजपत्र में डीनोटिफाईड कर दी गई भूमियों को धारा 29 एवं धारा 4 में पुनः अधिसूचित करने का भा.व.अ.1927 की किस-किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिया गया है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाईड की गई भूमियों को नारंगी भूमि एवं समझे गए वन माने जाने, न्यायालय द्वारा परिभाषित वन भूमि माने जाने का आदेश माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में किस दिनांक को दिया है? प्रति सहित बतावें। (ग) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाईड की गई भूमियों के गैर वानिकी उपयोग पर वन विभाग को किस प्रारूप में कौन-कौन सी जानकारी दी जाकर किस कानून की किस किस धारा के तहत वन विभाग से अनुमति लिया जाना आवश्यक है? (घ) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाईड भूमियों के वन अधिकार कानून 2006 के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिए जाने का वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान है? प्रति सहित बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-5-43/1990/10-3 दिनांक 04.05.1996 से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-27 एवं धारा-34 (अ) में निर्वनीकृत भूमियों को धारा-29 एवं धारा-4 में अधिसूचित करने हेतु की जाने वाली कार्यवाही के दिशा-निर्देश दिये गये हैं। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-27 एवं 34 (अ) के अनुसार राजपत्र में डीनोटिफाईड कर दी गई भूमियों को नारंगी भूमि, समझे गये वन माने जाने एवं न्यायालय द्वारा परिभाषित वन भूमि माने जाने के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में कोई आदेश पारित नहीं किया। (ग) धारा-27 एवं धारा-34 (अ) के तहत डीनोटिफाईड भूमियां यदि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 12.12.1996 अनुसार परिभाषित ''वन'' की श्रेणी में आती है तो वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत गैर-वानिक कार्य हेतु भारत सरकार से अनुमति लिया जाना आवश्यक है। (घ) धारा-27 एवं धारा-34 (अ) के अनुसार डीनोटिफाईड भूमियों में यदि भूमि का स्वरूप वन का है तो उसमें वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-2 (घ) के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिये जाने के लिए पात्रता का निर्धारण किये जाने के प्रावधान है, जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निजी भूमियों से निकला खनिज
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 559 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी भूमियों के समतलीकरण, तालाब, कुआं एवं अन्य निर्माण से निकलने वाली मिट्टी, मुरम एवं पत्थर के खनन की अनुमति लिये जाने, स्वयं की भूमि में ही उनका उपयोग किए जाने के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम 1996 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस से अनुमति लिये जाने का क्या-क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (ख) गत तीन वर्षों में बैतूल जिले में निजी भूमि से मिट्टी, मुरम, पत्थर के खनन एवं भण्डारण की किस-किस को अनुमति दी गई, कितनी रायल्टी जमा करवाई जाकर कितने खनिज के परिवहन की किसे अनुमति प्रदान की गई? (ग) निजी भूमि से निकलने वाले खनिज के परिवहन की अनुमति दिए जाने के पूर्व किस-किस प्रकरण में वन विभाग से किस-किस विषय पर उसका अभिमत मांगा गया या अनुशंसा चाही गई यह शासन के किस परिपत्र के अनुसार किया गया? परिपत्र की प्रति सहित बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में खनन की अनुमति दिये जाने संबंधी प्राधिकारी के प्रावधान नहीं हैं। अपितु हटाये गये गौण खनिजों का वाणिज्यिक प्रयोजनों के उपयोग के लिये व्ययन की प्रक्रिया मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) (अ) एवं 68 (6) (ब) में प्रावधानित है। (ख) जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार मेसर्स बंसल कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमि., भोपाल को ग्राम मढ़ा तहसील बैतूल में पत्थर उत्खनन मात्रा 84917 घ.मी. की अस्थाई अनुज्ञा जारी की गई है। जिसमें से 67687.75 घ.मी. खनिज की रॉयल्टी राशि 81,22,530/- जमा कराई गई है। भंडारण की अनुमति नहीं प्रदान की गई है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) (अ) अनुसार आवेदित भूमि वन सीमा के समीप होने के कारण निम्नांकित 03 प्रकरणों में वन विभाग से अभिमत लिया गया है:-1. श्री संदीप पिता सुन्दर सिंह ठाकुर, बैतूल। 2. श्री श्यामराव पिता छत्तु, रगडगांव, मुलताई। 3. श्री संजय पिता चिन्टू, नि. टिकारी, बैतूल।
ओलावृष्टि से हुए फसल के नुकसान का आंकलन व मुआवजा
[राजस्व]
7. ( क्र. 687 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले दिनों प्रदेश में ओलावृष्टि से फसलों को हुये नुकसान का आंकलन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो, तत्संबंधी जिलेवार आंकलन का विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) क्या ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुए एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी किसानों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया हैं? (घ) यदि हाँ, तो, कारण क्या हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नाश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत नीति के तहत रॉयल्टी की राशि वापसी
[खनिज साधन]
8. ( क्र. 710 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रेत नीति में ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये कार्य तथा अन्य शासकीय योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास, जल-ग्रहण मिशन इत्यादि में उपयोग होने वाली रेत की रॉयल्टी शासन द्वारा हितग्राहियों तथा पंचायत को वापिस करने के प्रावधान है यदि हाँ, तो प्रदेश की किन-किन पंचायतों द्वारा रॉयल्टी वापिस करने के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए हैं तथा उनमें से कितनी राशि विभाग द्वारा पंचायतों तथा हितग्राहियों को वापिस की गयी है? (ख) प्रदेश की किसी भी पंचायत द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित कोई भी प्रस्ताव प्राप्त न होने की दशा में क्या यह मान लेना चाहिए की शासन द्वारा पंचायतों को तथा हितग्राहियों को दी गयी इतनी बड़ी सुविधा का प्रचार-प्रसार विभाग नहीं करा पाया? (ग) क्या रेत नीति के तहत मिलने वाली सुविधा का लाभ ग्राम पंचायतों तथा हितग्राहियों को दिलाने के लिए शासन कोई कारगर उपाय करेगा? (घ) रेत नीति में मिली सुविधाओं का लाभ न मिलने के लिए दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में निम्नानुसार प्रावधान किये गये हैं:- ''नियम 4 (1) - पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गयी शासकीय योजना या अन्य लाभप्रद कार्यों (स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि) के लिए निकटतम स्वीकृत रेत खदान से रॉयल्टी का भुगतान करने के उपरांत ही रेत प्राप्त की जा सकेगी। पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा जमा की गई रॉयल्टी की संपूर्ण रकम, लदान (लोडिंग) एवं परिवहन को छोड़कर, की वापसी आवश्यक जाँच एवं प्रमाणीकरण के आधार पर की जाएगी। परंतु पंचायत/नगरीय निकाय के लिए कार्य ठेकेदार के द्वारा किए जाते हैं, तो उपरोक्त जमा रॉयल्टी वापस नहीं की जाएगी।'' प्रदेश की किसी भी पंचायत द्वारा रॉयल्टी वापस करने के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुए है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019, म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 30 अगस्त 2019 में प्रश्नानुसार अधिसूचित किया गया है। (ग) म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019, म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 30 अगस्त 2019 में अधिसूचित किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्ताव प्राप्त न होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
गाँधी सागर बाँध की मरम्मत
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 798 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाँधी सागर बाँध मन्दसौर में बाँध की डाउनट्रीम में गहरे गड्ढे हो गये हैं स्पिलबे (उत्प्लवमार्ग) भी डैमेज हो गया है उक्त कार्य की अविलम्ब मरम्मत नहीं कराई गई तो मध्यप्रदेश के आठ जिले श्योपुर, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर एवं राजस्थान के कोटा, सवाईमाधोपुर, करोली, धोलपुर, की तीस, चालीस लाख की आबादी बर्बाद हो जावेगी, शासन द्वारा कार्यवाही कब तक की जावेगी फरवरी 2022 की स्थिति में। (ख) गाँधी सागर के नीचे बने राजा प्रताप सागर कोटा बैराज, समेत रावत भाटा न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी खतरा हो सकता है बाँध के टूटने या ओवररॉफटिंग से विनाशकारी परिणाम हो जावेंगे क्या शासन को इन खतरों की जानकारी है, यदि है तो किस संस्था द्वारा शासन की भेजी गई रिपोर्ट, परिपत्र की जानकारी दी जावे। (ग) बांध की सुधार एवं मरम्मत को लेकर बांध सुरक्षा निरीक्षण पैनल व केन्द्रीय जल आयोग की सिफारिश पिछले बारह वर्षों से प्रदेश के केन्द्रीय कार्यालयों में लंबित पड़ी है इन वर्षों में प्रदेश के जल संसाधन विभाग द्वारा किन-किन विषयों पर पत्राचार किये गये तिथि विषयों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) बाँध निर्माण में बाँध स्पिलवे (पानी बहाव) को 4.86 लाख घन फीट प्रति सेकण्ड बहाव क्षमता का डिजाइन किया था अभी तक तेरह बार बहाव क्षमता से पार कर चुका है जिससे खतरा बढ़ गया है जानकारी दी जावे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जाती है।
पंचायतों एवं ग्रामीणों को रेत उपलब्ध कराई जाना
[खनिज साधन]
10. ( क्र. 821 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत बैतूल, धार एवं मण्डला और जनपद पंचायतों ने राजपत्र में दिनांक 30 अगस्त 2019 को प्रकाशित रेत नियम के नियम 4 के अनुसार ग्राम पंचायतों एवं ग्रामीणों के संबंध में किए गए छूट के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) नियम 4 के किस उप नियम में छूट से संबंधित क्या-क्या प्रावधान किए गए और उनका लाभ ग्रामीणों और ग्राम पंचायतों को दिलवाए जाने के संबंध में प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत बैतूल धार एवं मण्डला के द्वारा की गई। (ग) नियम 4 के अनुसार जिले की कितनी ग्राम पंचायतों को कितनी रेत रॉयल्टी जमा करवाकर उपलब्ध करवाई गई? यदि ग्राम पंचायतों को रेत प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई हो तो पंचायतों ने कितनी रेत क्रय कर निर्माण कार्यों को पूरा किया है। (घ) पंचायतों एवं ग्रामीणों को रेत उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत क्या-क्या कार्यवाही कर रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 में पंचायत/ नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गई शासकीय योजना या अन्य लाभप्रद कार्यों (स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि) के लिए निकटतम स्वीकृत रेत खदान से रायल्टी का भुगतान करने के उपरांत ही रेत प्राप्त की जा सकेगी। पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा जमा की गई रायल्टी की संपूर्ण रकम, लदान (लोडिंग) एवं परिवहन छोड़कर वापसी आवश्यक जांच एवं प्रमाणीकरण के आधार पर की जाएगी, परंतु पंचायत/नगरीय निकाय के लिए कार्य ठेकेदार द्वारा किए जाते हैं, तो उपरोक्त जमा रॉयल्टी वापस नहीं की जाएगी। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.यू.सी. वाहनों का संचालन
[परिवहन]
11. ( क्र. 917 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश के समस्त जिलों में वाहनों में प्रदूषण की जांच हेतु कितने प्रदूषण जांच केंद्र/वाहन/यूनिट स्थापित किए गए हैं? जिलेवार इनकी सूची उपलब्ध कराएं। (ख) बताएं कि वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक इन जांच केंद्रों द्वारा कितने वाहनों की जांच की गई है? प्रदूषण जांच हेतु प्रयुक्त किए जा रहे वाहन/चलित वैन किन-किन मालिकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं? इन्हें लाइसेंस प्रदान करने की क्या प्रक्रिया है? वाहनों के प्रदूषण जांच हेतु कितनी राशि जांच केंद्रों के कर्मचारियों द्वारा ली जाती है? (ग) क्या प्रदूषण जांच केंद्र वाहन/मारुति वैन में संचालित किए जाने का प्रावधान है? क्या जिस मारुति वैन में प्रदूषण जांच केंद्र संचालित किया जा रहा है उसका पी.यू.सी. प्रमाणपत्र लाइसेंस प्रदाय किए जाने के समय मांगा जाता है? (घ) क्या पी.यू.सी. प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए जिन वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है वह वाहन स्वयं पी.यू.सी. के मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में इन प्रदूषण जांच केन्द्रों द्वारा की गई वाहनों की जांच की संख्या एवं वाहन/चलित वैन के मालिक का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग की असाधारण राजपत्र में प्रकाशित स्कीम अधिसूचना एफ 22-16/2015/आठ दिनांक 26/09/2015 में विहित प्रक्रिया अनुसार प्रदूषण जांच केन्द्रों को लाइसेंस प्रदान किया जाता है। वाहनों के प्रदूषण जांच हेतु उक्त असाधारण राजपत्र में निर्धारित राशि जांच केन्द्रों के कर्मचारियों द्वारा ली जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। मारूति वैन जिस पर प्रदूषण केन्द्र संचालित किया जा रहा है। उसका लाइसेंस प्रदान किए जाने के समय उस वाहन के पीयूसी सहित समस्त आवश्यक प्रपत्र मांगे जाते हैं। (घ) पी.यू.सी. प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले वाहन पी.यू.सी. के मानक पर खरे नहीं उतरने के संबंध में प्रकरण प्रकाश में आने पर उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
मार्गों का निर्माण
[वन]
12. ( क्र. 989 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1- तेजगढ़ से पटेरिया माल से देवरी लीलाधर मार्ग। 2- तेंदूखेड़ा से खकरिया कला मार्ग। 3- हर्रई से पलवा मार्ग। 4- पौंडी चांदना मेन रोड से पलवा मार्ग। 5- बगदरी से गुबरा मार्ग। 6- हर्रई से खारी देवरी मार्ग। 7- एल 102 के (कि.मी. 12/6 ) से जरूवा मार्ग। 8- जरूवा से हाथीडोल मार्ग। 1- टी 118 उमरिया रैयत से बोरिया मार्ग। 10- बंशीपुर से गिदरा। 11- भजिया मेन रोड से झादा मानगढ़। 12- देवरी से जमुनिया मार्ग। 13- चौरई से देवरी मार्ग। इन 13 ग्रेवल मार्गों को मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से डामरीकरण हेतु प्रस्तावित किया गया है किन्तु वन विभाग कि अनुमति न मिलने के कारण उक्त मार्गों का निर्माण लंबित है। यदि हाँ, तो इन मार्गों की अनुमति कब तक दी जाएगी यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या यह सही है कि उक्त सभी मार्गों को वन विभाग की अनुमति से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा पूर्व में मौरमीकरण (ग्रेवल सड़क निर्माण) किया गया है यदि हाँ, तो डामरीकरण की अनुमति में इतना विलम्ब क्यों किया जा रहा है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग दमोह द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित सड़कों को ग्रेवल करने की अनुमति चाही गई थी। वन मण्डलाधिकारी, दमोह द्वारा इन उल्लेखित 13 मार्गों में से 12 मार्ग की उन्नयन की अनुमति दी गई है। आवेदक विभाग द्वारा इन मार्गों को डामरीकृत करने की अनुमति नहीं मांगी गई है। आवेदक विभाग द्वारा इन मार्गों को डामरीकृत करने की अनुमति चाहे जाने पर नियमानुसार कार्यवाही सम्भव है। (ख) उत्तरांश ''क'' के अनुमति दिये गये मार्गों में डामरीकरण की अनुमति हेतु प्रकरण प्राप्त नहीं हुए है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि नामांतरण में नियम विरूद्ध राजस्व रिकार्ड प्रस्तुत किया जाना
[राजस्व]
13. ( क्र. 993 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर एवं तहसील राजनगर में वर्ष 2018 से जनवरी 2022 तक कुल कितने प्रकरण नामान्तरण हेतु दर्ज हुये कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया कितने प्रकरण निरस्त किये गये निरस्त किये गये प्रकरणों का प्रकरणवार कारण बतावें। (ख) नामान्तरण प्रकरणों में किस अवधि से किस अवधि तक के राजस्व रिकार्ड तहसीलदार द्वारा मांगे जाने का प्रावधान है? (ग) क्या यह सत्य है कि दोनों तहसीलों में वर्ष 1940 से राजस्व रिकार्ड नामान्तरण आवेदकों से प्रस्तुत करने हेतु बाध्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो नियम प्रस्तुत बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर एवं तहसील राजनगर में वर्ष 2018 से जनवरी 2022 तक नामांतरण के दर्ज, निराकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नामान्तरण राजस्व प्रकरणों का निराकरण न्यायालय प्रक्रिया के तहत म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109/110 के तहत किया जाता है। निराकरण के उपरान्त प्रकरणों को नियमानुसार अभिलेखागार में जमा कर दिया जाता है। प्रकरणों के केस दर्ज होने की निराकरण की एवं शेष प्रकरणों की जानकारी संधारित दायरा पंजी से प्राप्त की गई है। प्रकरणों का निराकरण संबंधित न्यायालयों द्वारा विधिक प्रक्रिया को अपनाते हुये गुण दोष के आधार पर किया जाता है। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत निराकृत किये गये प्रकरणों के निर्णय के संबंध में प्रथक से कोई जानकारी संधारित करने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 (4) के तहत भू-अभिलेखों में अधिकार अर्जन बाबत् नामान्तरण प्रकरण में तहसीलदार हितबद्ध व्यक्तियों को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देने के पश्चात तथा ऐसी और अतिरिक्त जांच जैसी कि वह आवश्यक समझे, करने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर एवं तहसील राजनगर स्थित राजस्व न्यायालयों द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के सुसंगत प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जा रही है।
म.प्र. शासन द्वारा मुद्रित प्रकाशित भू-अधिकार पुस्तिका एवं ऋण पुस्तिका
[राजस्व]
14. ( क्र. 1254 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा कृषकों शासन द्वारा मुद्रित प्रकाशित भू-अधिकार पुस्तिका एवं ऋण पुस्तिका देने पर कब से रोक लगाई गई फरवरी 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावे पूर्व में यह पुस्तिका मात्र दस रूपये में दी जाती रही है पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या प्रदेश के किसानों को भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका बेव, जी. आई. एस. डाटा सॉफ्टवेयर को ठेका दिया गया है, जो उक्त पुस्तिका को 45 से 180 रूपये तक में दी जा रही है क्यों इतनी महंगी ऋण पुस्तिका का आर्थिक मार किसानों पर पड़ने से किसानों को समस्या उत्पन्न हो रही है तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त पुस्तिका का मूल्य शासन द्वारा किस स्तर पर निर्धारित किया है? तीन पेज की पुस्तिका 45 रूपये की क्या शासन प्रतिवर्ष प्रदेश में पचास लाख से अधिक ऋण पुस्तिका, खसरा-खतोनी में किसानों से करोड़ों रूपये फीस लिये जाने को कम करायेगा। यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 2-2/2020/सात-7 भोपाल, दिनांक 03.12.2021 के अनुसार भू-अधिकार पुस्तिका परिपत्र के जारी होने के दिनांक से केवल कम्प्यूटरीकृत रूप में जारी किये जाने के निर्देश दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में है। पूर्व में भौतिक रूप से जारी भू-अधिकार पुस्तिका यथावत प्रचलन में रहेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में है। (ख) जी नहीं यह कहना सही नहीं है की प्रदेश किसानों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका बेव, जी.आई.एस, डाटा सॉफ्टवेयर को ठेका दिया गया है, जिसके द्वारा उक्त पुस्तिका को 45 से 180 रूपये तक में दी जा रही है। राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-2/2020/सात-7, दिनांक 24/11/2021 एवं निर्देश दिनांक- 03/12/2021 द्वारा राजस्व विभाग की सेवा क्रमांक 4.4 एवं 4.5 भू-अधिकार पुस्तिका के जारी करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में है। आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक 741/11 भू.प्र/लो.से.गा/2013 दिनांक 31.07.19 के अनुसार प्रदेश के समस्त जिलों में मैसर्स भोपाल ई-गवर्नेस लिमिटेड भोपाल द्वारा संचालित आई.टी. सेंटर, लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित लोक सेवा केंद्र, सी. एम. सिटिजन केयर (181) एवं एमपी ऑनलाइन किओस्क सेंटर को प्राधिकृत सेवा प्रदाता मान्य किया गया था। वर्तमान में इन सेवा प्रदाताओं के द्वारा जन सामान्य को निर्धारित शुल्क में ही भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका प्रदाय की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त पुस्तिका का मूल्य शासन स्तर पर न्यूनतम निर्धारित किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम रइया को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
15. ( क्र. 1277 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर सतना के प्रकरण क्रमांक 9 अ 74/98-99 दिनांक 30-10-99 द्वारा उप तहसील जैतवारा के ग्राम नयागांव से विभाजित कर रइया को राजस्व ग्राम घोषित किया गया? (ख) क्या क्म्प्यूटरीकरण के दौरान त्रुटि से रइया को राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज न हो पाने के कारण वर्तमान में पुन: उक्त ग्राम का नाम राजस्व ग्राम से हट गया है? इसके लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) बन्दोबस्त आदि भी कराकर अब कब तक उक्त ग्राम को कम्प्यूटर/ऑनलाइन नेट में राजस्व ग्राम के रूप में पुन: प्रदर्शित किया जाने लगेगा? (घ) सहा. अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा इस राजस्व ग्राम के खसरे व नक्शें अभी तक पृथक से क्यों नहीं जारी किए गए, कब तक में यह जारी करा दिए जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कम्प्यूटरीकरण त्रुटि के कारण ग्राम रइया को राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज न हो पाने के कारण वर्तमान में पुन:, उक्त ग्राम का नाम राजस्व ग्राम से हट गया है। ग्राम रइया के अधिकार अभिलेख तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रकरण क्रमांक 9/अ-74/98-99 दिनांक 30-10-1999 आदेश के परिपालन में प्रारंभ की गई थी जिसके तहत ग्राम रइया एवं नयागांव का खसरा हस्तलिखित तैयार किया गया था जो वर्ष 2006-07 से 2010-11 तक प्रचलन में था। वर्ष 2011-12 पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकरण खसरा लागू होने के पश्चात् एवं ग्राम रइया का खसरा कम्प्यूटर में फीड न होने के कारण पुन: ग्राम नयागांव के नाम से प्रचलित हो गया था। खसरे का कम्प्यूटरीकरण वर्ष 1995-96 से प्रारंभ किया गया था। वर्ष 1995-96 से खसरे फीड होने तक खसरा कम्प्यूटरीकरण का कार्य चालू रहा। पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकरण लागू होने के पश्चात् वर्ष 2011-12 से पुन: ग्राम रइया का अभिलेख ग्राम नयागांव में वर्ष 1995-96 की भांति प्रदर्शित होने लगा वर्तमान में वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में ग्राम रइया एवं ग्राम नयागांव का अधिकार अभिलेख अपडेट कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त त्रुटि कम्प्यूटरीकरण कार्य के दौरान सृजित होकर उसके पीछे किसी तरह की गलत मंशा किसी भी अधिकार कर्मचारी की नहीं थी। (ग) वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में अपडेट होने के पश्चात् कम्प्यूटर/आनॅलाइन में राजस्व ग्राम रइया प्रदर्शित होने लगेगा। (घ) कम्प्यूटरीकरण त्रुटि के कारण ग्राम रइया के खसरे व नक्शें आनॅलाइन कम्प्यूटर में प्रदर्शित नहीं हो रहे। वेब जी.आई.एस. सॉफ्वेयर में अपडेट होने के पश्चात् कम्प्यूटर/आनॅलाइन में राजस्व ग्राम रइया प्रदर्शित होने लगेगा।
माइक्रो एरीगेशन परियोजनांतर्गत पाइप की गुणवत्ता
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 1309 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नईगढ़ी बहुती माइक्रो एरीगेशन परियोजना से कितने ग्राम सिंचाई से लाभान्वित होंगे तथा कितनी राशि की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माइक्रो एरीगेशन नईगढ़ी का कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है तथा कितना कार्य हुआ है? कितना शेष है? इसकी समय-सीमा कार्य कराने की कब तक है? एजेंसी का नाम व समय-सीमा बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त पाइप की गुणवत्ता क्या है? कौन सी पाइप एग्रीमेन्ट में दर्ज है? क्योंकि जो पाइप डालने का कार्य हो रहा है वह गुणवत्ता विहीन है, इसकी जांच कमेटी बनाकर कराई जावेगी? क्योंकि मूल एजेन्सी द्वारा न कराते हुए पेटी ठेकेदारों से यह कार्य कराया जा रहा है इसलिये इनकी जांच कराया जाना अति आवश्यक है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.11.2016 को रू.856.04 करोड़ की प्रदान की गई है। परियोजना से 576 ग्राम लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। (ख) एजेंसी मेसर्स जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमि. 180 नोएडा उत्तरप्रदेश है। परियोजना का 55 प्रतिशत कार्य पूर्ण एवं 45 प्रतिशत कार्य शेष होना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य प्रगतिरत होकर सितम्बर 2022 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (ग) अनुबंध में निहित प्रावधान के तहत एम.एस.पाइप, डी.आई.पाइप एवं एच.डी.पी.ई.पाइप लगाए जाने का प्रावधान है। कार्य में जिन पाइपों का उपयोग किया जा रहा है, शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुसार ही गुणवत्ता का परीक्षण कर पाइप लगाने का कार्य संविदाकार से कराया जा रहा है। निर्माण कार्य अनुबंधित एजेंसी से ही कराया जाना प्रतिवेदित है। जाँच कराने की स्थिति नहीं है।
सरकारी गेहूँ चना खरीदी केन्द्र स्थापित किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 1328 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा के विकासखण्ड बासोदा एवं ग्यारसपुर अंतर्गत वर्ष 2021 में कहाँ-कहाँ सरकारी गेहूँ चना खरीदी केन्द्र खोले गये थे विकासखण्डवार नाम बतावें? इसमे से इस वर्ष 2022 में कौन-कौन से केन्द्र बन्द कर दिये गये है उनका नाम एवं बन्द होने का कारण बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित इस वर्ष बन्द किये गये केन्द्रों के स्थान पर कोई नवीन केन्द्र खोले गये है? यदि हाँ, तो किसके स्थान पर कौनसा नवीन केन्द्र खोला गया है नाम बतावें? यदि नवीन केन्द्र नहीं खोले गये है तो कारण बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित बन्द किये गये सरकारी खरीदी केन्द्रों को पुन: संचालित किये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण बतावें। (घ) यदि बन्द किये गये खरीदी केन्द्र पुन: संचालित नहीं किये जाने की स्थिति में कृषकों को सर्व एवं सरल सुविधा देने हेतु विभाग द्वारा कौनसी कार्ययोजना बनाई गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला विदिशा के विकासखण्ड बासोदा एवं ग्यारसपुर में रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ एवं चना उपार्जन हेतु स्थापित उपार्जन केन्द्रों की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ एवं चना उपार्जन हेतु केन्द्रों का निर्धारित जिले में किसान पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत पंजीकृत किसान संख्या, रकवा एवं कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) रबी विपणन वर्ष 2022-23 में गेहूँ एवं चना उपार्जन हेतु केन्द्रों का निर्धारण किया जाना शेष है। इस कारण किसी केन्द्र बंद किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर अनुसार।
अनियमित धान खरीदी की उच्च स्तरीय जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( क्र. 1362 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में कितने धान खरीदी केन्द्र स्थापित किये गये थे? इन केन्द्रों में कितनी-कितनी धान खरीदी की गई, का विवरण पृथक-पृथक धान खरीदी केन्द्रवार जिलों का देवें। पानी के कारण धान की कितनी क्षति/नुकसान पहुंची थी, कि जानकारी भी पृथक केन्द्रवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव कब-कब किन वाहन क्र. से कहां-कहां के लिये किया गया? उठाव के समय धान की मात्रा कितनी थी व इनको कहां-कहां पर रखा गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार धान की खरीदी की मात्रा व उठाव व जहां धान एकत्रित (रखी गई) की गई उस समय धान की मात्रा (वजन) कितनी थी, पृथक-पृथक बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) में खरीदी केन्द्रों में धान जितनी खरीदी गई उठाव के समय कितनी मात्रा में उपलब्ध नहीं थी? क्या खरीदी केन्द्रों में अनियमितता की गई एवं धान की गुणवत्ता पर भी ध्यान न देकर मनमानी खरीदी की गई? धान की अन्तर की उच्चस्तरीय जांच समिति बनाकर एवं भुगतान किसानों का कब तक करायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपात्रों को लाभ देकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने पर वसूली
[श्रम]
19. ( क्र. 1365 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र. 805 दिनांक 22.12.2021 के बिन्दु क्र. (क) के उत्तर में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीशन्द्र द्विवेदी के द्वारा पदस्थापना के दौरान कर्मकार मंडल के पंजीबद्ध श्रमिकों के फर्जी कार्ड जारी न करने की जानकारी दी गई जबकि पंजीबद्ध श्रमिकों के नाम पिता के नाम परिवार आई.डी. सहित पंचायत वार जानकारी चाही गई थी जो नहीं दी गई क्यों? इस पर क्या कार्यवाही करेंगे व जानकारी बावत् क्या निर्देश जारी करेगें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अपात्रों को कर्मकार मण्डल के तहत पंजीबद्ध कर कार्ड जारी करने, समय पर जानकारी न देने व विवाह सहायता का लाभ अपात्रों को देकर व्यक्तिगत हितपूर्ति करने व शासन के निर्देशों के विपरीत अपात्रों को लाभ देने के साथ शासन को पहुँचाने पर वसूली के साथ क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में एड. मयंकधर द्विवेदी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा द्वारा राशि जमा करने की जानकारी दी गई का उत्तर दिया गया, जबकि श्री द्विवेदी द्वारा दिनांक 05.01.2022 एवं दिनांक 02.02.2022 को पत्र लिखकर राशि जमा करने की जानकारी चाही जिस पर आज भी कार्यवाही अपेक्षित है क्यों? इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार गलत एवं भ्रामक जानकारी देने व मनगढ़ंत दस्तावेज तैयार कर शासन प्रशासन को भ्रमित करने पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं श्री द्विवेदी के पत्र पर कार्यवाही न करने व जानकारी न देने वालों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगें बतावें एवं कब तक जानकारी दिया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 805 दिनांक 22.12.2021 के बिन्दु क्र. (क) के उत्तर में रीवा जिले की जनपद पंचायत रीवा के तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री हरीशचंद्र द्विवेदी द्वारा मण्डल अंतर्गत श्रमिकों के फर्जी कार्ड जारी किए जाने संबंधी कोई सूचना अथवा ऐसे कोई प्रकरण कार्यालय के संज्ञान में नहीं होने की जानकारी दी गई थी। अत: पंजीबद्ध श्रमिकों के नाम, पिता के नाम, परिवार आई.डी. सहित पंचायत वार जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एड. मयंकधर द्विवेदी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, रीवा के पत्र क्र. 1975 दिनांक 11.02.2022 द्वारा राशि जमा करने की सूचना पंजीकृत डाक के माध्यम से दी गई थी। पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। श्री द्विवेदी के पत्र के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत राशि जमा करने की सूचना मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा द्वारा प्रदाय की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर शहर अन्तर्गत खाद्यान्न सामग्री वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 1434 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक राज्य सरकार द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी एवं क्या-क्या खाद्य सामग्री वितरण किये जाने हेतु आवंटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र में कब-कब, कितनी-कितनी एवं कौन-कौन सी खाद्यान्न सामग्री वितरण हेतु प्रदान की गई? कब-कब प्रदाय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वितरण केन्द्रों द्वारा किस-किस माह में कितनी खादयान्न सामग्री वितरित की गई? केन्द्र द्वारा वितरण किये गये खाद्यान्न की जानकारी खाद वितरण केन्द्रवार उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या इन्दौर जिला अन्तर्गत कई केन्द्रों पर खादयान्न सामग्री हितग्राहियों को नहीं देने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय शालाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
21. ( क्र. 1520 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र की कितनी शासकीय शालाओं के शाला/परिसर में अतिक्रमण है? (ख) क्या शासन द्वारा संबंधित शालाओं को चिन्हित किया गया है यदि हाँ, तो शासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराने की क्या कार्रवाई की गई है यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किए गए पत्र क्रमांक 1456/21 दिनांक 21/06/2021 को शासकीय माध्यमिक शाला बम्होरी पांजी विकासखंड तेंदूखेड़ा के परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही करने का लेख किया गया है यदि हाँ, तो अतिक्रमण मुक्त कराने की क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अंतर्गत जबेरा विधानसभा की तहसील तेंदूखेड़ा एवं जबेरा की शासकीय शालाओं के परिसर में अतिक्रमण नहीं है। (ख) जी हाँ। जबेरा विधानसभा अंतर्गत जिन शाला परिसरों में अतिक्रमण था उसे मुक्त करा दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्र- 1456221, दिनांक 21/06/21 कलेक्टर दमोह को प्राप्त होना नहीं पाया गया। ग्रामीणों की शिकायत पर तहसील तेंदूखेड़ा अंतर्गत शासकीय मध्यमिक शाला बम्होरी पाँजी में अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की प्रारंभ की गई। उक्त अतिक्रमण के संबंध में व्यवहारवाद प्रकरण क्रमांक 11ए/2021 प्रकरण माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-02 तेंदूखेड़ा में प्रचलित होने के कारण अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही स्थगित की गई है।
गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खनन परिवहन व भण्डारण
[वन]
22. ( क्र. 1541 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल (सामान्य) जबलपुर के तहत वन भूमि पर गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खनन, परिवहन व भण्डारण के कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं? इनमें कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की मुरम, मिट्टी, बोल्डर पत्थर आदि को जब्त किया गया है? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की परिक्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांकित पंजीकृत किन-किन मामलों में कब-कब, किसने कहां-कहां से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की गौण खनिज जब्त की है। कौन-कौन से कितने-कितने वाहन जब्त किये हैं? कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का जब्त गौण खनिज का भण्डारणकर किसके सुपुर्द किया गया? क्या शासन इसमें भ्रष्टाचार अनियमितता व पद का दुरूपयोग पद की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित वनमंडल के अंतर्गत वनभूमि पर गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खनन के 17 एवं अवैध परिवहन के 32, कुल 49 मामले पंजीकृत किये गये है, किन्तु गौण खनिज के अवैध भण्डारण का कोई भी मामला पंजीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अवैध रूप से उत्खनन, परिवहन व भण्डारण के पंजीकृत प्रकरणों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनियमित्ता, भ्रष्टाचार व पद के दुरूपयोग का प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
23. ( क्र. 1542 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में भूमि संपत्ति सम्बंधी कितने-कितने नामांतरण, सीमांकन बटवारा, विवादित तथा अविवादित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरण लम्बित हैं? कितने प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया। विशेष अभियान के तहत कब से कब तक कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं? वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की तहसीलवार व माहवार जानकारी देवें? (ख) न्यायालय तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील में पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने लम्बित हैं। तहसीलवार जानकारी देवें? (ग) शासन ने प्रकरणों का निराकरण न करने, अपने कर्तव्यों का पालन न करने पद का दुरूपयोग व प्राप्त शिकायतों के सम्बंध में दोषी किन-किन अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की हैं? (घ) राजस्व विभाग जिला जबलपुर के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों व पटवारियों को लोकायुक्त संगठन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में कितनी-कितनी राशि की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है एवं किस-किस के पास कितनी-कितनी नगद राशि व अनुपातहीन चल/अचल सम्पत्ति बरामद की हैं? शासन ने दोषी किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में भूमि सम्पत्ति संबंधी नामांतरण के सीमांकन, बंटवारा विवादित/अविवादित प्रकरणों का निराकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार किया गया है। सभी अविवादित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया है। नामान्तरण के 9673, बटवारा के 847, सीमांकन के 1563 प्रकरण लंबित है। विशेष अभियान (अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़ा) के तहत 8198 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। तहसीलवार व माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है I (ख) न्यायालय तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी (रा.) तहसील में पंजीकृत/निराकृत/लंबित प्रकरणों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है I (ग) प्रकरणों का निराकरण न करने,अपने कर्तव्यों का पालन न करने पद का दुरूपयोग व प्राप्त शिकायतों के सम्बंध में की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स अनुसार है । (घ) लोकायुक्त संगठन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा रिश्वत लेते हुए पकड़े गये अधिकारियों/कर्मचारियों व पटवारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। जिनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ड' अनुसार है
लॉक डाउन के दौरान अधिग्रहित बसें
[राजस्व]
24. ( क्र. 1578 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल कलेक्ट्रेट की राहत शाखा द्वारा बसें अधिग्रहित कर 1 अप्रैल 2020 से जून 2020 तक लॉकडाउन के दौरान भोपाल जिले से प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर तक भेजा गया था? इस दौरान जो बसें अधिग्रहित की गई थी उनकी संख्या कितनी थी? (ख) जिन अधिग्रहित बस संचालकों को भुगतान कर दिया गया उनके भुगतान आदेश की समस्त प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाएं जिन बस संचालकों के भुगतान आदेश लंबित हैं उनके सभी बिल की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाए।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले में अप्रैल 2020 से जून 2020 तक प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर तक भेजा जाने के दौरान कुल 459 बसों को अधिकृत किया गया था। (ख) भुगतान किये बस संचालकों के आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लंबित बिलों की जानकारी निरंक है।
नहरों के लाईनिंग का गुणवत्ताहीन कार्य
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 1604 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित है नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इन परियोजनाओं में जो लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य हुआ है वह अत्यन्त ही गुणवत्ताहीन है? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने एवं गुणवत्ताहीन कार्य होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) बांई तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं तथा गुणवत्ताहीन कार्य होने कौन-कौन अधिकारी एवं एजेन्सी जिम्मेदार है? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो क्या?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक तवा वृहद परियोजना की दांयी तट नहर कि.मी. 0 से कि.मी. 7.10 तक, दांयी तट नहर की पिपरिया शाखा नहर के कि.मी. 0 से कि.मी. 28.29 तक, बागरा शाखा नहर के कि.मी. 0 से कि.मी. 23.59 तक, बांयी तट नहर प्रणाली के कि.मी. 0 से कि.मी. 23.47 तक तथा एक गुड्डीखेड़ा लघु जलाशय संचालित होना प्रतिवेदित है। (ख) नहर लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य मापदण्डों के अनुरूप कराया गया है। जिस स्थान पर गुणवत्ताहीन कार्य हुआ था, वहाँ लाईनिंग के कार्य को तोड़कर ठेकेदार से स्वयं के व्यय पर पुनः लाईनिंग का कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) अभिलेख अनुसार कार्य पूर्ण नहीं होने तथा गुणवत्ताहीन कार्य से संबंधित माननीय सदस्य का कोई पत्र शासन स्तर पर विभाग में प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बांयी तट नहर का कार्य पूर्ण हो चुका है। बांयी तट नहर की आर.डी. 6523 मीटर से 23470 मीटर के मध्य लाईनिंग कार्य में कुछ स्थान पर गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही करते हुये उक्त स्थानों की लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार मेसर्स सोरठिया वेलजी रतनम एण्ड कम्पनी से स्वयं के व्यय पर पुनः विभागीय मापदण्ड एवं गुणवत्तानुसार कार्य संपादित कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य से संबंधित अधिकारियों को जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के आदेश दिनांक 08.02.2018 द्वारा दण्डित कर एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाना प्रतिवेदित है। दोषी अधिकारी के नाम निम्नानुसार है:- (1) श्री अरविंद कुमार यादव, सहायक यंत्री (2) श्री एम.एल. चन्द्रोल, उपयंत्री (3) श्री बी.के. उपाध्याय, उपयंत्री (4) श्री एन.के. सूर्यवंशी, उपयंत्री
वर्ष 2019–20 की गिरदावरी
[राजस्व]
26. ( क्र. 1609 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर, धार एवं सिंगरौली जिले की वर्ष 2019-20 की गिरदावरी के दौरान गैर खाते की किस-किस मद की कितनी जमीन दर्ज होना प्रतिवेदित किया गया है इसमें से कितनी जमीन भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि है, जानकारी ग्रामवार उपलब्ध करवाएँ। (ख) गैर खाते की दखल रहित भूमि और सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया है। (ग) गत तीन वर्षों में कितने राजस्व ग्रामों की कितनी गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने के प्रस्ताव अलीराजपुर, धार एवं सिंगरौली जिले में राजस्व विभाग को किस-किस से प्राप्त हुए है उन पर किस स्तर पर कार्यवाही वर्तमान में लम्बित है। (घ) वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को कब तक गैर खाते की दखल रहित भूमि आवंटित या अन्तरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 1-अलीराजपुर- अलीराजपुर जिले में वर्ष 2019-20 में गैर खाते की आबादी 641 हेक्टेयर, अमराई 8721 हेक्टेयर, वन क्षेत्र 56983 हेक्टेयर चारागाह-चरनोई-बीड 3460 हेक्टेयर, पानी के नीचे 20054 हेक्टेयर, पहाड़ चट्टान 48552 हेक्टेयर, ईमारत-सड़क 5136 हेक्टेयर कुल 143547 हेक्टेयर प्रतिवेदित की है। म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत जिले में सार्वजनिक एवं निस्तार प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि आबादी 641 हेक्टेयर, चारागाह-चरनोई-बीड 3460 हेक्टेयर, ईमारत-सड़क 5136 हेक्टेयर आरक्षित है। 2-धार- धार जिले की वर्ष 2019-20 की गिरदावरी के दौरान गैर खाते की निम्न मद आबादी 6581.310, निस्तार चरनोई 49638.340, रास्ता सड़क इमारत 15766.226 पहाड़ चट्टान 69669.111 पानी के नीचे 34379.118, अमराई फलोद्यान 5134.405, वन 89117.962 ना.का.च. 22602.538,मरघट,श्मशान कब्रस्तान 45.677, का.का.7765.372 हेक्टर जमीन होना प्रतिवेदित है। इसमें से भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए 65450.243 हेक्टर आरक्षित भूमि है। जिले की ग्रामवार गैर खाते एवं सार्वजनिक, निस्तार प्रयोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। 3-सिंगरौली- जिला सिंगरौली में वर्ष 2019-20 में गैर खाते में आबादी 1057 हेक्टयर,अमराई 85 हेक्टयर राजस्व वन क्षेत्र 19181 हेक्टेयर चारागाह –चरनोई –बीड 74479 हेक्टेयर,पानी के नीचे 17384 हेक्टेयर पहाड़ चट्टान 12624 हेक्टेयर, इमारत सड़क 12171 हेक्टेयर कुल 136981 हेक्टेयर भूमि प्रतिवेदित की है। भू-राजस्व सहिता 1959 की धारा 137 (1) के तहत जिले में सार्वजनिक एवं निस्तार प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि 43815 हेक्टेयर आरक्षित भूमि है। (ख) गैर खाते की दखल रहित भूमि और सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए भूमि आवंटन भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा से नहीं बल्कि म.प्र. शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के ज्ञाप क्रमांक एफ 6-101/2019/सात-3 भोपाल दिनांक 5/1/2021 के बिंदु क्रमांक 5 में प्रतिपूर्ति वनीकरण (वैकल्पिक वनीकरण) के लिए भारत सरकार के समय-समय पर जारी किये गए दिशा निर्देशों के अनुक्रम वन विभाग को प्रभावित भूमि के बराबर भूमि दिए जाने की अनिवार्यता है l इस अनुक्रम में शासकीय राजस्व भूमि ऐसी भूमि के लिए सिंचित कृषि भूमि के बाज़ार मूल्य के 1.6 गुणा बराबर की राशि अपेक्षक निकाय से लेकर वन विभाग को प्रतिपूर्ति वनीकरण के लिए उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित हैl जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) 1-अलीराजपुर-जिला अलीराजपुर में गत तीन वर्षों में राजस्व ग्रामों की गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने के प्रस्ताव लंबित नहीं है। 2-धार-धार जिले में विगत तीन वर्षों में आठ राजस्व ग्रामों में कुल 60.351 हेक्टर गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित/अन्तरित की गयी है। वर्तमान में कोई आवेदन आवंटित की कार्यवाही हेतु लम्बित नहीं है। 3-सिंगरौली-जिला सिंगरौली में गत तीन वर्षों में राजस्व ग्रामों की गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने का प्रस्ताव लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक हैं l
नियम विरुद्ध पदस्थापना
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 1610 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को यह जानकारी है कि प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 3314100/15-6/2019-855 दिनांक 12/05/2020 द्वारा श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय, अमीन गोहद, जिला भिंड को नियम विरुद्ध जाकर गोहद जिला भिंड का राजस्व निरीक्षक बनाया गया है? (ख) राजस्व निरीक्षक बनाए जाने के लिए क्या अर्हता निर्धारित है? क्या श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय राजस्व निरीक्षक बनाए जाने के उक्त मापदंड को पूरा करते हैं? (ग) यदि नहीं तो श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय, अमीन गोहद, जिला भिंड को कब तक राजस्व निरीक्षक के पद से मुक्त कर श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी? (घ) श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) मध्यप्रदेश में दर्ज प्रकरण क्रमांक 971/2021 एवं 1775/2021 पर किस अधिकारी द्वारा कब-कब जांच की जाकर क्या कार्यवाही की गई? कब तक जांच पूर्ण कर आरोपी पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित ब्यौरा देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय को प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से कार्यालय परियोजना प्रशासक, माँ रतनगढ़ परियोजना क्रियान्वयन इकाई (एम.आर.पी.आई.यू.डब्ल्यू.आर.डी.) मौ जिला भिण्ड में दिनांक 04.11.2019 को राजस्व निरीक्षक का केवल प्रभार सौंपा गया था एवं प्रमुख अभियंता के आदेश दिनांक 12.05.2020 द्वारा श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय को मंत्री जल संसाधन की निजी पदस्थापना में पदस्थ किया गया है। (ख) एवं (ग) राजस्व निरीक्षक का पद प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं लेकर भरे जाने का प्रावधान है। उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्य अभियंता, यमुना कछार, जल संसाधन विभाग, ग्वालियर द्वारा प्रकरण की जांच प्रक्रियाधीन है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
नियम विरूद्ध स्थापित ग्रेनाईट कंपनी की लीज निरस्त करना
[खनिज साधन]
28. ( क्र. 1660 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत ग्राम सिलपतपुरा में ग्रेनाईट कंपनी द्वारा आबादी भूमि पर अवैध भण्डारण किया जा रहा है? साथ ही ग्राम की शमशान भूमि पर कब्जा किया गया क्या शासन ग्राम की शमशान भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कब तक करा पायेगी? क्या यह भी सत्य है कि उक्त कंपनी द्वारा 200 मी. की गहराई तक उत्खनन किया गया है जिससे सिलपतपुरा क्षेत्र के जल स्त्रोत सूख गये हैं,यदि हाँ, तो शासन कब तक उक्त कंपनी की लीज निरस्त कर देगी। (ख) क्या किसान मिनरल्स द्वारा ग्राम के माध्यमिक स्कूल के पास उत्खनन के साथ साथ 20 से 30 मी. की दूरी पर पेट्रोल पंप स्थापित किया गया है यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध किये गये स्थापित पेट्रोल पंप को अन्यत्र स्थापित कब तक करा दिया जायेगा। (ग) क्या यह भी सत्य है कि कंपनी द्वारा पर्यावरण के नियमों का पालन नहीं किया गया साथ ही धार्मिक स्थलों को भी नष्ट किया गया है एवं प्रावधान अनुसार स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया गया है यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त कंपनी की लीज को निरस्त करेगी यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। ग्राम की शमसान भूमि पर कब्जा नहीं किया गया है। कंपनी द्वारा 200 मीटर की गहराई तक उत्खनन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। स्थानीय ग्रामवासियों एवं बेरोजगारों को रोजगार दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के परिवार को राहत राशि प्रदान करना
[राजस्व]
29. ( क्र. 1680 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के परिवारों को शासन द्वारा राहत राशि प्रदान करने का निर्देश प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के नाम,पता, सहित ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिले में कितने व्यक्तियों को प्रश्न दिनांक तक राहत राशि प्रदान की गई है? उनके नाम, पता एवं प्रदान राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार, तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के ऐसे परिवार जिनके पालकों/अभिभावकों की कोरोना में मृत्यु हो गई है उन परिवारों की सूची प्रदान करें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार, क्या ऐसे परिवारों के सदस्यों के भरण पोषण की कोई शासकीय योजना है? यदि हां, तो जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो ऐसे परिवारों के भरण पोषण के लिये अभी तक कोई योजना क्यों नहीं बनाई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के नाम पता ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर जिले अंतर्गत राहत राशि वितरित किये गये व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में मनोज मेहरा पालक/अभिभावक की मृत्यु कोरोना से हुई हें। (ड.) कोविड के कारण दिनांक 01.03.2021 से 30.06.2021 तक अनाथ हुए बच्चों को मासिक आर्थिक सहायता, शिक्षा संबंधी सहायता व खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री कोविड-19 बालसेवा योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 21.05.2021 को प्रारंभ की गई। योजनांतर्गत 1365 बच्चों को रुपये 5000/- प्रति बच्चा प्रतिमाह की आर्थिक सहायता, नि:शुल्क खाद्यान्न व शिक्षा संबंधी सहायता से लाभान्वित किया जा रहा है।
स्टेनो टायपिस्टों की पदोन्नति
[राजस्व]
30. ( क्र. 1784 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक सी-3-2/97/1 दिनांक 14.5.97 एवं आदेश क्रमांक सी-3-3//98/3/1 दिनांक 24.2.1998 एवं आदेश क्रमांक सी-3-3/98/3/1 दिनांक 17.6.98 से स्टेनो टायपिस्ट के पद पर 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर 50 प्रतिशत स्टेनोग्राफर के पदों पर पदोन्नति से भरे जाने के प्रावधान/आदेश प्रसारित किए गए थे? यदि हाँ, तो म.प्र. के कितने जिलो में उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में राजस्व विभाग के अन्तर्गत स्टेनो टायपिस्ट कर्मचारियों को स्टेनोग्राफर के पदों पर पदोन्नति प्रदान की गई? पूर्ण जानकारी जिलावार दी जावें। (ख) क्या म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक सी-3-2/2004/3 दिनांक 17.12.2004 द्वारा स्टेनो टायपिस्टों को 7 वर्ष की सेवा के पश्चात रिक्तियों के बंधन के बिना स्टेनोग्राफर का वेतनमान पदनाम परिवर्तित किए बगैर दिए जाने वाले लाभ के आदेश को समाप्त कर दिया गया एवं 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर पदोन्नति किए जाने के आदेश जारी किए गये थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के पालन में म.प्र. के किन-किन जिलों में स्टेनो टायपिस्ट कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
उर
नदी बांध
परियोजना का
मुआवजा
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 1795 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उर नदी बांध परियोजना अंतर्गत शिवपुरी जिले में नहर की खुदाई का कार्य जारी हैं? यदि हाँ, तो क्या यह भी सत्य हैं कि किसानों की जमीन का मुआवजा दिये बगैर ही नहर की खुदाई का कार्य जारी है? (ख) क्या संबंधित किसान जमीन के मुआवजे हेतु अनुविभागीय अधिकारी, पिछोर, जिला शिवपुरी कार्यालय के लगातार चक्कर काट रहे हैं, किन्तु जमीन के मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा हैं? (ग) जमीन के मुआवजे का भुगतान नहीं किये जाने का क्या कारण हैं? किसानों की जमीन के मुआवजे का भुगतान कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि परियोजना अंतर्गत कृषकों की सहमति पश्चात नहर खुदाई कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। अधिकांश प्रभावित कृषकों को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है एवं शेष कृषकों को मुआवजा भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। कृषकों द्वारा मुआवजा हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के कार्यालय का चक्कर काटने जैसी स्थिति नहीं है। वस्तुस्थिति यह है कि भू-अर्जन की राशि का भुगतान करने हेतु किसानों द्वारा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों में त्रुटि/कमी होने पर उनके निराकरण हेतु संबंधित कृषकगण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के कार्यालय में जाते हैं। अभिलेख में आवश्यक सुधार/पूर्ति नहीं होने के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाना प्रतिवेदित है। प्रश्नाधीन परियोजना के अंतर्गत 04 गांव क्रमश: बाचरौन, जराय, कालीपहाड़ी भाग 1 (आंशिक) एवं नांद के भू-अर्जन प्रकरणों में धारा 21 तक की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है एवं अवार्ड पारित करने की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। अवार्ड पारित प्रकरणों में कृषकों के बैंक खाता उपलब्ध न होने, खसरा तथा आधार कार्ड/परिचय पत्र में नाम में अन्तर होने, भू-स्वामी के फोत (मृत्यु) होने पर नामान्तरण न होने, भू-स्वामी संबंधी न्यायालयीन विवाद होने के कारण, संयुक्त खातेदारों में भूमि की हिस्सेदारी पर सहमति नहीं होने तथा जमीन का बटांकन नहीं होने के कारण कुछ कृषकों का मुआवजा भुगतान लंबित होना प्रतिवेदित है। किसानों की जमीन के मुआवजों का भुगतान उपरोक्त कारणों का निराकरण होने के उपरांत यथाशीघ्र किया जाना संभव होगा।
सु.वि.क्षे. में खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 1921 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनपद पंचायत जौरा एवं मुरैना के ग्राम पहावली (गढ़ीखेरा), सुमावली, गणेशपुरा, रूअर, येमाबसई, गलेथा, भैसरोली, दोनारी, मृगपुरा, गौसपुर, जखेना, गढ़ी, नगर पालिक निगम मुरैना वार्ड क्रमांक 4,5,6,7,8,9,10,45,46,47 में सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली वर्ष 2019-2020, वर्ष 2020-2021 में तत्कालीन एवं वर्तमान विक्रेताओं द्वारा हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरित न कर अनियमिततायें की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा इसकी लिखित में सूचना अनुविभागीय अधिकारी जौरा व मुरैना एवं जिला प्रशासन मुरैना को दी गई लेकिन प्रश्न दिनांक तक, प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार साख सहकारी समिति मृगपुरा के कर्मचारी बच्चू सिंह द्वारा खाद्य नगारिक आपूर्ति अधिकारियों से सांठ-गांठ कर अधिकतर पंचायतों एवं वार्डों में खाद्यान्न वितरण का कार्य किया जा रहा है, जो कि नियम विरूद्ध है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार उक्त प्रकरण दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सु.वि.क्षे. में प्रस्तावित स्टॉप डेम व बांधों की जानकारी
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 1922 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने बांध एवं स्टॉप डेम प्रस्तावित, स्वीकृति एवं निर्माणाधीन है? सूचीबद्ध जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार निर्माणाधीन स्टॉपडेम एवं बांध किस एजेन्सी के द्वारा बनाये जा रहे है? प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? कार्य का स्तर क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) चिन्हित, प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाएं एवं निर्माणाधीन कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त 04 परियोजनाओं में निविदा आमंत्रित की कार्यवाही प्रचलन में होने से एजेंसी का नाम बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टॉपडेमों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 1973 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तराना विधानसभा क्षेत्र में कितने नहरों नालों पर विगत 04 वर्षों में स्टॉपडेम की स्वीकृति दी गयी है? स्वीकृति स्थल, स्वीकृत राशि की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में तराना विधानसभा में कितने स्टॉप डेम स्थित हैं? स्थित स्टॉपडेमों से कितने गांवों को लाभ पहुँच रहा है? स्टॉपडेमों से कृषि भूमि को सिंचित करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा कितने नए स्टॉप डेमों का निर्माण किया जा रहा है? शासन के पास स्टॉप डेम के कितने प्रस्ताव लंबित पड़े हैं? विभाग द्वारा लंबित प्रस्ताव की स्वीकृति के लिए कितनी बार शासन स्तर पर पत्राचार किया है? प्रत्येक बिन्दु पर विभाग अपने अभिमत के साथ आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं। (ग) तराना विधानसभा की भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए कितने तालाबों के गहरीकरण जीर्णोद्धार और नवनिर्माण को लेकर विगत 05 वर्षों में कितनी स्वीकृति शासन से प्राप्त हुई हैं? कितने कार्य शुरू हुए हैं? कितने पूर्ण हुए हैं? कितने शेष है? चालू वित्त वर्ष में कितने तालाबों की नई स्वीकृति प्राप्त हुई है? 05 वर्षों का रिकार्ड देते हुए पूर्ण ब्योरा देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तराना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 04 वर्ष में स्टॉप डेम निर्माण हेतु कोई प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं होना प्रतिवेदित है। साध्यता स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) निर्मित स्टॉप डेम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। तराना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कोई स्टॉप डेम (बैराज) निर्माणाधीन नहीं होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। साध्यता प्राप्त 03 परियोजनाओं की डी.पी.आर. में अनुशीलन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शासन स्तर पर पत्राचार नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अतः दस्तावेज संबंधी जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब के गहरीकरण का कार्य नहीं किया जाता है। नव निर्माण हेतु विगत 05 वर्षों में शासन द्वारा प्रदान की गई प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार परियोजना के निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
महाविद्यालय का भवन निर्माण
[राजस्व]
35. ( क्र. 1974 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग ने अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 751 दिनांक 25/07/2018, 355 दिनांक 01/06/2019, 336 दिनांक 06/04/2021 के माध्यम से कलेक्टर जिला उज्जैन को भूमि आवंटित कराये जाने हेतु पत्राचार किया था? यदि हाँ, तो तीनों पत्रों कि प्रतियाँ उपलब्ध कराते हुए कलेक्टर जिला उज्जैन से की गयी कार्यवाही नोटशीट सहित मूल दस्तावेजों के साथ उपलब्ध करायें। (ख) तराना विधानसभा क्षेत्र में कलेक्टर जिला उज्जैन के पास कितनी शासकीय भूमि उपलब्ध है? महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु कौन सी भूमि आवंटित करने की कार्यवाही की जा रही है? उसका सर्वे नंबर उपलब्ध कराते हुए भूमि का नक्शा उपलब्ध करायें। (ग) क्या महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित करने के लिए अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 328 दिनांक 06/04/2021 के माध्यम से आयुक्त, उज्जैन संभाग को भी पत्र लिखकर भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन के लिए मांग पत्र भेजा गया था? यदि हाँ, तो कलेक्टर जिला उज्जैन को आयुक्त महोदय से क्या निर्देश प्राप्त हुए? निर्देश प्राप्ति उपरांत विभाग द्वारा क्या कार्यवाहियाँ की गयी? पूर्ण विवरण देते हुए सभी पत्रों की जानकारी देवें और भूमि आवंटन की कार्यवाही से अवगत करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 751 दिनांक 25/07/2018 एवं पत्र क्रमांक 328 दिनांक 06/04/2021 के माध्यम से भूमि आवंटित कराये जाने हेतु पत्राचार किया गया था प्राप्त पत्रों की प्रतियां एवं विभाग से की गई कार्यवाही के समस्त दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) तराना विधानसभा क्षेत्र में 13723 हेक्टेयर शासकीय भूमि है। कायथा के नवीन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि सर्वे क्रमांक 1065 रकवा 1.25 हे., 1068 रकवा 0.53 हे., 1086 रकवा 0.52 हे., 1399 रकवा 2.70 हे., 1401 रकवा 2.55 हे. कुल किता 05 कुल रकवा 4.000 हे. नजूल निर्वर्तन अधिनियम के तहत भूमि आवंटित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हां, महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित करने के लिए अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 328 दिनांक 06/04/2021 से आयुक्त, उज्जैन संभाग उज्जैन को भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन के लिए मांग पत्र भेजा गया था जिसके पश्चात आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के अ.शा.पत्र क्र. 14/2 दिनांक 29/04/2021 से शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु शासन के प्रावधान अनुसार शासकीय भूमि शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश प्राप्त हुए थे निर्देश प्राप्ति उपरांत प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय झारडा, कायथा, उन्हेल को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 429/नजूल/रीडर/2021,दिनांक 24/05/2021 जारी कर म.प्र. नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 अनुसार निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने हेतु लिखा गया था जिसके क्रम में प्राचार्य महाविद्यालय झारडा से आवेदन प्राप्त होने पर न्यायालय कलेक्टर आदेश दिनांक 11/08/2021 से महाविद्यालय झारडा हेतु सर्वे क्र. 1121 रकवा 2.69 हे. में से 1.62 हे. भूमि आवंटित की जा चुकी है तथा प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय उन्हेल से आज दिनांक तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है एवं कायथा के नवीन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि रकवा 4.000 हे.नजूल निर्वर्तन अधिनियम के तहत भूमि आवंटित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
तेंदूपत्ता मद के कार्यों की स्वीकृति
[वन]
36. ( क्र. 2031 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा में 01 जनवरी, 2018 के बाद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के विकास हेतु एवं आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं हेतु तेंदूपत्ता मद से विभिन्न प्रकार के कार्य स्वीकृत किये गये थे? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो गंधवानी विधानसभा के विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत राशि के स्वीकृत किये गये थे? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रशासकीय स्वीकृति होने के बाद भी भाजपा सरकार द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के विकास हेतु एवं आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं को नजर अंदाज करते हुये उक्त कार्यों को निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस कारण से उक्त कार्यों को निरस्त किया गया है एवं सरकार उक्त कार्यों की पुन: स्वीकृति प्रदान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें? नवीन कार्यों हेतु राशि कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा के विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में स्वीकृत कार्यों का ग्राम पंचायतवार कार्यों का विवरण उनकी लागत राशि संबंधित प्रशासकीय स्वीकृति आदेश में ही दिये गये है। उक्त प्रशासकीय स्वीकृतियों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के पत्र दिनांक 23.02.2019 एवं दिनांक 02.03.2019 द्वारा स्वीकृत 100 कार्यों में से केवल 02 कार्यों की स्वीकृति उक्त कार्य वृहद आकार के होने तथा 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के बावजूद प्रारम्भ नहीं किये जाने के कारण निरस्त की गई। दिनांक 27.06.2019 द्वारा स्वीकृत 200 कार्यों के क्रियान्वयन पर आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के पत्र दिनांक 05.07.2019 द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के तारतम्य में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के पत्र दिनांक 20.07.2019 से रोक लगाई गई। अब आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के द्वारा प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 23.11.2021 के द्वारा संचालक मंडल के उक्त कार्यों की स्वीकृति से संबंधित संकल्प को बातिल कर दिया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
साख सहकारी समितियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 2044 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गलेथा साथ सहकारी समिति जौरा मुरैना, भैसरोली साख सहकारी समिति जौरा, सुमावली साख सहकारी समिति जौरा मुरैना एवं मर्गपुरा साख सहकारी समिति मुरैना के कर्मचारियों को विधानसभा सुमावली के अनेक ग्राम पंचायतों के खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था दी गई। जिनके द्वारा विभिन्न अनियमितताएं की जा रही है? जैसे समय पर दुकान न खोलना, समय पर खाद्यान्न वितरण न करना, खाद्यान्न का स्वयं वितरण न करके अपने चहेतों/रिश्तेदारों के द्वारा खाद्यान्न वितरण कराना एवं हितग्राहियों के साथ दुर्व्यवहार करते हुये खाद्यान्न न देना आदि समस्याओं को लेकर प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन मुरैना को मौखिक/लिखित में अवगत कराया गया किन्तु प्रश्न दिनांक तक उक्त साख सहकारी समितियों के कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या यह भी सही है, कि उक्त कर्मचारियों के द्वारा जनता को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध न कराकर आधी मात्रा में खाद्यान्न प्रदान करते है? जिसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन को की गई? इनके विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नक्शा विहीन ग्रामों के संबंध में
[राजस्व]
38. ( क्र. 2187 ) श्री विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले अंतर्गत किन-किन ग्रामों के राजस्व का नक्शा नहीं है, ग्राम का नाम तहसीलवार बतावें? (ख) क्या शासन द्वारा सभी नक्शा विहीन ग्रामों के नक्शा बनाने के लिए कोई आदेश प्रसारित किया गया है, यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) रामपुर बाघेलान विधानसभा के किन-किन ग्रामों के नक्शा बनाए जाने की कार्यवाही चल रही है? क्या यह सही है नक्शा विहीन ग्रामों में सीमांकन नहीं किया जा सकता है? (घ) क्या यह सही है, नक्शा विहीन ग्राम होने के कारण राजस्व मामलों में बढ़ोत्तरी आई है, नक्शा विहीन ग्रामों का कब तक नक्शा बना दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले के अंतर्गत जिन ग्रामों का नक्शा नहीं है उन ग्रामों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) रामपुर बाघेलान विधानसभा सहित सतना जिले के अंतर्गत नक्शाविहीन/जीर्णशीर्ण ग्रामों के नक़्शे बनाये जाने हेतु, कलेक्टर भू-अभिलेख सतना के पत्र क्रमांक 1425 दिनांक 27/09/2021 द्वारा प्रस्ताव आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को प्रेषित किये गए थे जिनके परीक्षण उपरान्त अतिरिक्त जानकारी जिले से मंगाए जाने हेतु दिनांक 21/02/2022 को लिखा गया हैl यह सही है कि जिन ग्रामों के नक़्शे उपलब्ध नहीं है उन ग्रामों में सीमांकन किया जाना संभव नहीं है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि विगत कुछ समय में कुछ ग्रामों के नक्शार विहीन होने के कारण राजस्व मामलों में बढ़ोत्री आयी है। नक्शाविहीन ग्रामों के नक्शा बनाये जाने का कार्य तकनीकी, मैदानी और वृहद स्वरूप का होने से, इसकी पूर्णता हेतु निश्चित समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।
राशन दुकानों की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 2199 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकानें है? (ख) उपरोक्त में से 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त में से किस-किस राशन दुकान की जांच किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को की गई? (ग) उपरोक्त जांच में किस राशन दुकान में गड़बड़ी पाई गई? समय दुकानों के नाम एवं सेल्समेनों की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर किस-किस दुकान के संचालक पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में 120 शासकीय उचित मूल्य दुकानें हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र रैगांव अंतर्गत 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक राशन दुकानों की जांच की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) शासकीय उचित मूल्य दुकानों में पाई गई गड़बड़ी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) शासकीय उचित मूल्य दुकानों के संचालकों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
कस्टम राईस मिलिंग की अनुमति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 2217 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में किन नियमों के तहत कस्टम राईस मिलिंग (सरकारी चावल दराई) की अनुमति दी जाती हैं, अनुमति लेने के दौरान मिलर के पास कौन-कौन से वैध कागजातों का होना अनिवार्य हैं? (ख) राईस मिल को अनुमति दिए जाने के दौरान एवं मिल चालू होने के बाद कौन से अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया जाना चाहिए तथा इन राईस मिलों को सरकारी धान आवंटित होने के बाद चांवल जमा कराने के लिए कितने दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ग) राईस मिलर्स को धान आवंटित करने के लिए विभाग कितनी प्रतिभूति राशि जमा कराता है। (घ) राईस मिलर्स को धान आवंटन करने के क्या नियम है इन राईस मिलर्स से किन नियमों के तहत गोदामों में चावल जमा कराया जाता है राईस मिलर्स द्वारा चावल निर्माण के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण हेतु विभाग क्या कदम उठाता है। (ङ) राईस मिलर्स के काम करने के दौरान किन-किन अधिकारियों को मिल परिसर के निरीक्षण का अधिकार है।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग हेतु मिलर्स को मध्यप्रदेश चावल उपाप्ति (उदग्रहण) आदेश, 1970 के तहत अनुमति जारी की जाती है। मिलर्स को कस्टम मिलिंग की अनुमति हेतु आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) राईस मिलर्स को कस्टम मिलिंग की अनुमति दिये जाने के दौरान एवं मिलिंग चालू होने के पश्चात् मध्यप्रदेश चावल उपाप्ति (उदग्रहण) आदेश, 1970 के तहत प्राधिकृत प्रवर्तन अधिकारी (खाद्य विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी स्तर तक के तथा गृह विभाग के उप निरीक्षक स्तर तक के अधिकारी) एवं अधिकृत अधिकारी (जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन/जिला विपणन अधिकारी मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ) को निरीक्षण के अधिकार हैं। अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में कस्टम मिलिंग हेतु जारी निर्देशानुसार मिलिंग से प्राप्त चावल की गुणवत्ता का निरीक्षण मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों द्वारा किया जाता है। राईस मिलर्स को कस्टम मिलिंग हेतु धान आवंटित होने के बाद अनुबंधित अवधि के प्रत्येक आधे भाग में समानुपातिक रूप से अनुबंधित मात्रा के आधे भाग की मिलिंग करना होती है। कस्टम मिलिंग नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) कस्टम मिलिंग नीति के प्रावधान अनुसार राईस मिलर्स से प्रत्येक लाट के लिए राशि रूपये 10 लाख की सुरक्षा निधि जमा कराई जाती है, जिसमें से न्यूनतम 30 प्रतिशत की राशि रूपये 3 लाख एफ.डी.आर./बैंक गारंटी/डिमान्ड ड्राफ्ट के रूप में तथा शेष 70 प्रतिशत राशि रूपये 7 लाख क्रास चेक के माध्यम से जमा कराई जाती है। राईस मिलर को संपूर्ण 100 प्रतिशत राशि रूपये 10 लाख एफ.डी.आर./बैंक गारंटी/डिमान्ड ड्राफ्ट के रूप में जमा करने का विकल्प भी उपलब्ध कराया गया है। (घ) राईस मिलर्स को कस्टम मिलिंग हेतु धान आवंटन एवं राईस मिलर्स से मिलिंग उपरांत चावल प्राप्ति मिलिंग नीति में उल्लेखित प्रावधानों अनुसार की जाती है। राईस मिलर्स द्वारा चावल निर्माण के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण हेतु मिलिंग नीति अनुसार समय-समय पर मिल प्वाइंट पर सी.एम.आर. की गुणवत्ता जांच संबंधी कार्यवाही की जाती है। (ड.) कस्टम मिलिंग के द्वारा राईस मिल परिसर में मध्यप्रदेश चावल उपाप्ति (उदग्रहण) आदेश, 1970 के तहत प्राधिकृत प्रवर्तन अधिकारी (खाद्य विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी स्तर तक के तथा गृह विभाग के उप निरीक्षक स्तर तक के अधिकारी) एवं अधिकृत अधिकारी (जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन/जिला विपणन अधिकारी मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ) को निरीक्षण के अधिकार हैं।
ओपन कैंप में अनियमिततायें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 2239 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के ठरका ओपन कैंप में पिछले वर्ष का धान का दिसम्बर, 2020 से मार्च, 2021 तक अनिवार्य रूप से परिवहन होना था? परंतु प्रश्न दिनांक तक परिवहन नहीं हो सका है? क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) परिवहन नहीं होने से कितने क्विंटल धान खराब हुई? (ख) उक्त ओपन कैंप से धान परिवहन न होने से हजारों क्विंटल अनाज सड़ गया। शासकीय संपत्ति का इस तरह से उच्च अधिकारियों द्वारा अपना दायित्व नहीं समझना कार्य के प्रति उदासीनता का प्रतीक है। क्या उक्त संबंध में शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न पर्ची बनाने पर रोक
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 2249 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की तहसील पथरिया एवं बटियागढ़ में खाद्यान्न पर्ची हेतु पात्र परिवारों की राशन पर्ची बनाये एवं राशन वितरण में छ: महीने से अधिक समय लग रहा क्यों? (ख) क्या भोपाल कार्यालय से राशन पर्ची जारी करने पर रोक लगाई गई है? (ग) यदि ऐसा नहीं है, तो क्या विधानसभा क्षेत्र पथरिया के पात्र हितग्राहियों को एक माह के अंदर राशन पर्ची एवं राशन उपलब्ध कराने की योजना हेतु निर्देश देना चाहेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) दमोह जिले की पथरिया एवं बटियागढ़ में खाद्यान्न पर्ची हेतु पात्र परिवारों की राशन पर्ची बनाये जाने एवं राशन वितरण में छ: माह का समय नहीं लगता बल्कि पात्र परिवारों की राशन पर्चियां प्रतिमाह जारी होती है। माह अगस्त 2021 से जनवरी 2022 तक माहवार कुल 1269 पात्रता पर्चियां जारी हुई है। (ख) जी नहीं। (ग) विधानसभा क्षेत्र पथरिया के पात्र हितग्रहियों को प्रतिमाह राशन पर्ची जारी होती है जिन्हें पात्रता अनुसार राशन उपलब्ध होता है। पात्रता पर्ची जारी होना एक सतत् प्रक्रिया है। अत: पृथक से निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है।
पुनर्वास राशि प्रदान करने में भ्रष्टाचार
[राजस्व]
43. ( क्र. 2277 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 एवं 2019 में कुंडालिया डेम परियोजना में ग्राम कड़लावद अंतर्गत कितने व्यक्ति/परिवार को पुनर्वास राशि प्रदान की गई है एवं ऐसे कितने व्यक्ति/परिवार थे जिन्हें तत्कालीन पटवारी के अतिक्रमण प्रतिवेदन के आधार पर पुनर्वास राशि हेतु अपात्र किया गया या प्रकरणों को रोका गया? पृथक-पृथक सूची प्रदान करें। संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें जिनके आधार पर उक्त व्यक्ति/परिवार को पुनर्वास राशि हेतु अपात्र किया गया या जिनके प्रकरणों को अतिक्रमण के आधार पर लंबित रखा गया। (ख) उक्त अपात्र अथवा लंबित प्रकरणों की सूची में से वर्ष 2020 एवं 2021 में कुछ व्यक्तियों/परिवारों को पुनः जांच के पश्चात् अतिक्रमण नहीं पाए जाने की रिपोर्ट के आधार पर पुनर्वास राशि हेतु पात्र करते हुए राशि जारी की गई है या की जाना है? ऐसे व्यक्तियों/परिवारों की सूची प्रदान करे। साथ ही अतिक्रमण संबंध में पुनः जांच रिपोर्ट बनाने वाले अधिकारी/कर्मचारी के प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन राजस्व अमले द्वारा उक्त व्यक्तियों/परिवारों के प्रति जानबूझकर झूठी अतिक्रमण रिपोर्ट दी गई थी या वर्तमान राजस्व अमले द्वारा सांठ-गांठ कर दस्तावेज बदलकर उक्त व्यक्तियों या परिवारों को अतिक्रमण नहीं होने की रिपोर्ट बताकर पात्र किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2018 एवं 2019 में कुण्डालिया डेम परियोजना में ग्राम कडलावद अंतर्गत 703 व्यक्तियों को पुनर्वास राशि प्रदाय की गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में परिशष्ट-एक अनुसार है। कुल 21 व्यक्तियों के अतिक्रमण के प्रतिवेदन तत्कालीन हल्का पटवारी की ओर से प्राप्त होने से उक्त 21 व्यक्तियों के प्रकरण लंबित थे जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट- दो अनुसार है। (ख) तत्समय उपरोक्त 21 व्यक्तियों के अतिक्रमण के संबंध में वर्तमान में पुनः प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जिसमें से 09 व्यक्तियों के अतिक्रमण नहीं पाये जाने के फलस्वरूप जांच दल द्वारा पात्रता का निर्धारण कर पात्र पाये जाने की रिपोर्ट अनुसार पुनर्वास राशि हेतु पात्र पाये जाकर अवार्ड पारित किया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट- तीन अनुसार है। (ग) तत्समय तथा वर्तमान में मौके के मान से ही अतिक्रमण की रिपोर्ट दी गयी।
भूमिस्वामी की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
44. ( क्र. 2332
) श्री
राकेश मावई : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला ग्वालियर
अंतर्गत
तहसील ग्वालियर
के पटवारी हल्का
गिरवाई के
भूमि सर्वे
क्र.45/1 से 131/9
तक कुल 81 नम्बरों
का कुल रकवा 181
बीघा 17 विस्वा
में ईंट
भट्टा/चिमनी
लगाकर स्थानीय
लोगों द्वारा
अतिक्रमण कर
लिया है यदि
हाँ, तो भूमि
स्वामी
आवेदक द्वारा
ग्वालियर के
कमिश्नर, कलेक्टर, एस.डी.एम., तहसीलदार
को कब-कब
कितने
शिकायती पत्र
दिये गये हैं
तथा उन पत्रों
पर कब-कब, क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? शिकायती
पत्रों एवं
आदेश
प्रतियों
सहित सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) क्या
भूमि स्वामी
द्वारा
माननीय उच्च
न्यायालय
खण्डपीठ ग्वालियर
में WP No. 5096 के
पारित निर्णय
आदेश दिनांक 25.09.2014 में
अतिक्रमण
मुक्त कराने
का आदेश दिया
गया? यदि हाँ, तो
प्रश्न
दिनांक तक
अतिक्रमण
हटाने हेतु क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
पट्टे की भूमि
को अतिक्रमण
मुक्त न
कराने का दोषी
कौन हैं? क्या
दोषियों के
विरूद्ध
कार्यवाही
करेंगे तथा उक्त
भूमि को कब तक
अतिक्रमण
मुक्त करा
देगें? यदि
नहीं तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी नहीं। माननीय
उच्च न्यायालय
खण्डपीठ ग्वालियर
के WP No-5096 में
पारित आदेश
दिनांक 25.09.2014
में अतिक्रमण
हटाने का आदेश
नहीं दिया गया।
(ग) उत्तरांश 'क' व
'ख' के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भुगतान के दोषियों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
45. ( क्र. 2333 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्र. 4678 दिनांक 22.03.2021 एवं प्रश्न क्र. 908 दिनांक 22.12.2021 दोनों प्रश्नों के उत्तरों में यह बताया कि परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका हैं व डिजाईन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्य अभियंता बोधी, भोपाल में परीक्षणाधीन है यदि हाँ, तो डिजाइन व ड्राइंग के परीक्षणाधीन के पहले ही कंपनी को सामग्री का 412.50 करोड़ राशि का भुगतान किया जाना क्यों प्रतिवेदित बताया गया? सामग्री का नाम एवं कीमत सहित जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों तारांकित प्रश्नों के उत्तरों में यह भी बताया कि शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है तथा जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जांच निष्कर्ष अनुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन उपरांत क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या मां रतनगढ़ नहर परियोजना अंतर्गत निर्माण एजेंसी को कार्य किये बिना 412.50 करोड़ के भुगतान का जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने तथा दोषियों पर कार्यवाही करने बावत् प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 840 दिनांक 07.02.2022 में प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग को दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक पत्र में चाही गई जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? इसके लिए कौन दोषी हैं? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे तथा पत्र में चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। अनुबंधित एजेंसी को राशि रू. 412.50 करोड़ का भुगतान सामग्री के विरूद्ध किया जाना प्रतिवेदित है। सामग्री का नाम एवं कीमत सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी
वन ग्रामों
में नेट
प्रजेण्ट
वेल्यू की
राशि से मुक्त
कराना
[वन]
46. ( क्र. 2403 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के अधिनियम की धारा 3 (2) के तहत आदिवासी वन ग्रामों में नेट प्रजेण्ट वेल्यू की राशि वसूली जाती है? हाँ या नही? यदि हाँ, तो विकास कार्य कर रही संबंधित विभाग द्वारा नेट प्रजेण्ट वेल्यू की राशि किस मद से वन विभाग को दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या राज्य सरकार द्वारा नेट प्रजेण्ट वेल्यू की राशि विभागों से न लेने का निर्देशानुसार वचन पत्र लेकर कार्यों की स्वीकृति दिये जाने के निर्देश दिये गये है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो देवास जिला अन्तर्गत बागली विधानसभा क्षेत्र जो कि वनग्राम क्षेत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्यों में वचन पत्र लेकर स्वीकृति अपेक्षित है? पत्रवार जानकारी उपलब्ध कराये? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वन विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित विकास कार्यों के पत्रों को विकास एजेन्सियों को वचन पत्र देकर कार्यों की अनापत्ति जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब स्वीकृति जारी की गई? यदि नहीं तो क्यों नहीं? उक्त एन.ओ.सी. कब तक जारी करायेंगे?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) के तहत स्वीकृत किए जाने वाले प्रकरणों में भारत सरकार के परिपत्र दिनांक 16.07.2008 के अनुसार नेट प्रजेण्ट वेल्यू की राशि ली जाना है। भारत सरकार के परिपत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत जिन 13 कार्यों के लिए स्वीकृति के अधिकार वन मण्डलाधिकारी को है, उनमें यदि कोई वृक्ष प्रभावित न हो तो निम्न कार्यों में नेट प्रजेण्ट वेल्यू के भुगतान से छूट हैः- (1) विद्यालय (2) औषधालय या अस्पताल (3) विद्युत और दूरसंचार लाइनें (4) टंकियां और अन्य लघु जलाशय (5) पेय जल की आपूर्ति और जल पाईप लाइने (6) सामूदायिक केन्द्र। आवेदक संस्था द्वारा नेट प्रजेण्ट वेल्यू की राशि किस मद से भुगतान की जाती है, जानकारी वन विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) वनाधिकार अधिनियम, 2006 के तहत कोई भी आवेदन वन मण्डल स्तर पर लंबित नहीं है। आवेदक संस्थाओं द्वारा वनाधिकार अधिनियम, 2006 के तहत निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत करने पर स्वीकृति की कार्यवाही की जाना सम्भव है। (घ) माननीय विधायक प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 31.01.2022 में उल्लेखित कार्यों हेतु किसी भी आवेदक संस्था से वनाधिकार अधिनियम, 2006 के तहत निर्धारित प्रपत्र में कोई भी आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज अधिकारी की मनमानी व अवैध वसूली
[खनिज साधन]
47. ( क्र. 2408 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिला अन्तर्गत खनिज विभाग देवास में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कितने वर्षों से पदस्थ है? क्या देवास जिले में खनिज विभाग के ठेकेदार व विभाग के कर्मचारी भी खनिज अधिकारी से परेशान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पूर्व में भी खनिज अधिकारी द्वारा अवैध वसूली, मनमानी से ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो तत्काल उक्त अधिकारी को अन्यत्र स्थानांतरित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या कलेक्टर देवास एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त अधिकारी का स्थानांतरण अन्यत्र करने हेतु कहाँ गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार पर है। प्रश्नांश अनुसार कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। (ख) पूर्व में शिकायत प्राप्त हुई है। जिस पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का प्रस्ताव है। (ग) प्रश्नानुसार कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) प्रश्नांश के संबंध में कोई जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं आई है।
वेयर हाउस में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
48. ( क्र. 2417 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा विभिन्न निजी वेयर हाउस से खाद्यान्न रखने तथा खाद्यान्न पुन: उठाने के क्या नियम है अर्थात किस-किस वेयर हाउस में कब-कब खाद्यान्न उठाना है किसमें ज्यादा समय तक रखना है, इसका निर्णय कौन करता है? (ख) क्या यह सही है की उज्जैन, इंदौर संभाग में विभिन्न निजी वेयर हाउस में अधिकारी नियमों की अनदेखी कर अपने चहेते वेयर हाउस में ज्यादा समय तक खाद्यान्न रखते है ताकि उन्हें ज्यादा किराया मिल सके? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं तो 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग में विभिन्न निजी वेयर हाउस को कितना-कितना किराया दिया गया माहवार प्रत्येक जिले की जानकारी देवें। (घ) क्या यह सही है की जब ट्रकों में खाद्यान्न भरकर पी.डी.एस., एफ.सी.आई. को जाता है तब खाद्यान्न की चोरी तौल काटे पर कर ली जाती है यदि नहीं तो माल खाली होने पर वेयर हाउस में शेष कट्टों की जांच किस-किस सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में होती है यदि नहीं तो वेयर हाउस पूर्ण खाली होने के बाद, पूर्ण हिसाब के बाद खाद्यान्न से भरे कट्टे वेयर हाउस में कैसे बचते है? ऐसी कितनी शिकायत कब-कब किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ की, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश की उपभोक्ता न्यायालय में पेंडिंग प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
49. ( क्र. 2418 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा राज्य उपभोक्ता आयोग की एक स्थाई बेंच इंदौर में स्थापित करने को लेकर वर्तमान बजट 2022 में प्रावधान किया है? (ख) क्या उपभोक्ता एक्ट में प्रकरण निस्तारण हेतु 90 दिनों की समय-सीमा का प्रावधान किया गया है? यदि हां, तो जिला उपभोक्ता आयोग में वर्ष 2015 से अब तक सैकड़ों मामले लंबित क्यों है? (ग) क्या सरकार आयोग के कामकाज में गति लाने के लिये 50 प्रतिशत वकील कोटे से अध्यक्ष नियुक्त करने के प्रावधान को पूरी तरह से लागू करने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं, तो क्यों? प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोग मैं अध्यक्ष व जूरी के सदस्यों के कितने पद रिक्त है क्या उपरोक्त पद हेतु परीक्षा हुए दो माह हो चुके है यदि हाँ, तो साक्षात्कार व नियुक्ति कब तक कर दी जाएगी? (घ) क्या प्रदेश की जिला उपभोक्ता आयोग को जिले के अलावा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार प्रदेश शासन में नोटिफिकेशन कर जिले की सबसे बड़ी तहसील में माह में 10 दिन उपभोक्ता आयोग संचालित करने के निर्देश हैं यदि हाँ, तो इसके लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रदेश में वर्तमान में 51 जिला उपभोक्ता आयोग कार्यरत हैं। इनमें 22 जिलों में पूर्णकालिक जिला उपभोक्ता आयोग कार्यरत हैं। इन जिला आयोगों के 13 अध्यक्षगण द्वारा सभी 51 जिला उपभोक्ता आयोगों का कार्य संपादित किया जा रहा है। अध्यक्ष एवं सदस्य के पदों की रिक्तियों के कारण प्रकरण लंबित रहे हैं। पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है, पदों की पूर्ति होने पर लंबित प्रकरणों की संख्या में कमी आने की संभावना हैं। (ग) प्रश्नांकित प्रावधान नहीं है अपितु उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए अर्हता भर्ती की पद्धति, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्यागपत्र और हटाना) नियम, 2020 के नियम 4 के अनुसार जिला आयोग के अध्यक्ष के पद पर सेवारत अथवा सेवानिवृत्त अथवा जिला न्यायाधीश होने के लिये अर्ह व्यक्ति की नियुक्ति किये जाने का प्रावधान है। जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष तथा सदस्य के रिक्त पदों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांकित कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
फसल मुआवजे का भुगतान
[राजस्व]
50. ( क्र. 2466 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राकृतिक आपदाओं से वर्ष 2019-20 में हुई किसानों की बर्बाद फसलों का मुआवजा 4 समान किश्तों में दिये जाने का सरकार द्वारा निर्णय लिया जाकर एक किश्त प्रदान की गई है शेष 3 किश्तें किसानों दी जावेगी? कब तक दी जावेगी और कितनी राशि? नहीं तो क्यों? कारण बतायें। (ख) उपरोक्तानुसार विधानसभा क्षेत्र कसरावद में मुआवजा दिया गया है या नहीं? अगर दिया गया है तो कितने किसानों को कितनी राशि दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्राकृतिक आपदाओं से वर्ष 2019-20 में हुई किसानों की बर्बाद फसलों की क्षति की स्वीकृत राहत राशि का 25 प्रतिशत प्रथम किश्त के रूप में शासन स्तर से लिये निर्णय अनुसार भुगतान किया जा चुका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कुल 52155 कृषकों को 25 प्रतिशत राशि 45,22,01,118/- की राहत राशि दी गई हैं।
ओला पीड़ित कृषकों को मुआवजा राशि का प्रदाय
[राजस्व]
51. ( क्र. 2480 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 जनवरी 2022 को ग्वालियर जिले के तहसील घाटीगांव,चीनौर एवं भितरवार के किस-किस गांव में किस-किस सर्वे नम्बर में कितने -कितने रकवा में ओलावृष्टि से कितनी-कितनी प्रतिशत किस-किस फसल की क्षति हुई थी? कृषक वाईज एवं सर्वे नम्बर तथा रकवा सहित सूची देवें। इन प्रभावित कृषकों को कितनी-कितनी राशि ओलावृष्टि से मुआवजा के रूप में स्वीकृत की गई है? स्वीकृत राशि किस-किस गांव में किस-किस कृषक को कितनी -कितनी राशि प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदाय करा दी गई है तथा कितने -कितने कृषकों को राशि प्रदाय कराया जाना शेष है प्रदाय कराई गई राशि तथा शेष रहे कृषकों की अलग-अलग जानकारी कृषक वाईज उपलब्ध करावे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ओलावृष्टि के सर्वे में भ्रष्टाचार कर जिन कृषकों को क्षति ज्यादा हुई उनको छोड़ दिया गया था तथा जिन कृषकों द्वारा सर्वेकर्ता राजस्व पटवारियों एवं सर्वे दल की मांग अनुसार भ्रष्टाचार में सहयोग किया था उनको क्षति ज्यादा बताकर सर्वे में प्रतिशत ज्यादा बताया गया था? यदि नहीं तो उक्त सर्वे में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाना तथा कृषकों की फसलों के नुकसान का सही सर्वे न करने की कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? क्या ग्राम विरगवा तहसील चीनौर ग्राम पंचायत पचौरा के कृषकों द्वारा बड़े स्तर पर शिकायतें की गई थी? तहसील चीनौर, भितरवार एवं घाटीगांव की सभी शिकायतों का पूर्ण विवरण देवें। शिकायतों की छायाप्रतियां तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है पूर्ण विवरण प्रत्येक शिकायत वाईज अलग-अलग देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जिला ग्वालियर की तहसील घाटीगांव एवं भितरवार में दिनांक 8 जनवरी को ओलावृष्टि में सर्वे दल के द्वारा पक्षपात विहीन सर्वे कार्य किया गया है। सर्वे के दौरान कृषकों की फसलों के नुकसान का सही सर्वे न करने की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। तहसील चीनौर में ओलावृष्टि के सर्वे के संबंध में कुल 150 शिकायतें/दावा आपत्ति प्राप्त हुई। ग्राम मेहगांव में 01, ग्राम करहिया में 83, ग्राम पचौरा में 14, ग्राम बरगंवा में 52 शिकायतें/दावा आपत्ति प्राप्त हुई। शिकायतें/दावा आपत्तियो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
ग्राम पंचायत के लिए रेत की व्यवस्था
[खनिज साधन]
52. ( क्र. 2515 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि राजपत्र में दिनांक 30 अगस्त 2019 को प्रकाशित रेत नियम के नियम 4 के तहत ग्राम पंचायतों एवं ग्राम के पात्र हितग्राहियों के लिए रेत से संबंधित कोई व्यवस्था जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत ने बैतूल, धार, मण्डला एवं देवास जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं की है? (ख) नियम 4 में ग्राम पंचायत एवं ग्राम पंचायत के किन-किन हितग्राहियों के लिए रेत से संबंधित क्या-क्या प्रावधान किए गए उन्हें लेकर जिला पंचायत एवं जिले की जनपद पंचायतों ने बैतूल, धार, मण्डला एवं देवास जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) नियम 4 के अनुसार कितनी ग्राम पंचायतों को कितनी रॉयल्टी जमा करने पर कितनी रेत उपलब्ध करवाई गई कितने ग्रामों में रेत की खदानों और ग्राम के पात्र हितग्राहियों के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई हो तो उसका कारण बतावें। (घ) नियम 4 के अनुसार कब तक ग्राम पंचायतों एवं ग्राम के पात्र हितग्राहियों को रेत की उपलब्धता सुनिश्चित की जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 में पंचायत/ नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गई शासकीय योजना या अन्य लाभप्रद कार्यों (स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि) के लिए निकटतम स्वीकृत रेत खदान से रायल्टी का भुगतान करने के उपरांत ही रेत प्राप्त की जा सकेगी। पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा जमा की गई रायल्टी की संपूर्ण रकम, लदान (लोडिंग) एवं परिवहन छोड़कर, की वापसी आवश्यक जांच एवं प्रमाणीकरण के आधार पर की जाएगी। परंतु पंचायत/नगरीय निकाय के लिए कार्य ठेकेदार द्वारा किए जाते हैं, तो उपरोक्त जमा रॉयल्टी वापस नहीं की जाएगी। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मजरे एवं टोले को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
53. ( क्र. 2558 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 626 दिनांक 29/12/20 एवं प्रश्न क्रमांक 4328 दिनांक 15/03/2021 के अनुसार यदि सुखाखेडा एवं तारागढ़ राजस्व ग्राम बनने की पात्रता रखते है तो इन्हें कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जायेगा? स्थानीय स्तर, जिला स्तर से इस सबंध में क्या क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गयी है? की गयी सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रतिलिपियां उपलब्ध करवाए? (ख) प्रश्न क्रमांक 4328 दिनांक 15/03/2021 के बिंदु 'ख' में उल्लेखित मजरे एवं टोले वाले ग्रामों की सूची में राजस्व ग्राम बनने संबधी क्या कमिया है एवं उन कमियों को दूर करने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किए गए है? इस सम्बन्ध में वरिष्ठ कार्यालय को क्या प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है उनकी प्रतिलिपियां उपलब्ध करवाए। (ग) क्या यह सही है कि विभाग के उदासीन रवैये के कारण आज दिनांक तक वहां निवासरत जनता को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है? (घ) क्या शासन स्तर से इन मजरों और टोलों में राजस्व ग्राम बनाने संबधी कार्यवाही हेतु कैम्प या शिविर आयोजित किये गए है यदि हाँ, तो उसकी जानकारी उपलब्ध करवाए।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिले में आलोट तहसील के ग्राम कराडिया में मजरा सुखाखेडा एवं ग्राम तालोद में मजरा तारागढ़ राजस्व ग्राम बनाने की पात्रता रखते है। इस संबंध में मजरा टोलों को राजस्व ग्राम बनाने हेतु सर्वेक्षण की अधिसूचना बावत् प्रस्ताव कलेक्टर, रतलाम से आयुक्त, भू-अभिलेख म.प्र. को प्रेषित किया गया। आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा पत्र क्र.243/भू.प्र./mplrs/GIS map/2022/10807 ग्वालियर दिनांक 03.03.2022 द्वारा उक्त ग्रामों के Geo referenced मैप बनाने हेतु मैप आई.टी. को निर्देशित किया गया है। Geo referenced मैप तैयार होने के बाद शेष कार्यवाही की जा सकेगी। की गई कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्न क्रमांक 4328 दिनांक 15/03/2021 के बिन्दु ''ख'' में उल्लेखित मजरे टोले वाले ग्रामों की सूची में राजस्व ग्राम संबंधी निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने से उक्त प्रस्ताव के आधार पर तत्ससमय नवीन राजस्व ग्राम नहीं बनाए जा सके हैं। म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम, 2020 के नियम 43 (3) में उक्त कार्य हेतु मापदण्ड निर्धारित हैं। निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उपरोक्तानुसार शासन द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये जाते हैं, जिसके तहत कार्यवाही की गई है।
पंचायतों के लिए रेत प्रदाय
[खनिज साधन]
54. ( क्र. 2582 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. रेत नियम 2019 के नियम 4 में क्या-क्या प्रावधान दिया गया है उसके अनुसार प्रश्नांश दिनांक तक मण्डला, डिण्डोरी एवं बैतूल जिले की कितनी ग्राम पंचायतों को कितने क्यूबिक मीटर रेत उपलब्ध करवाई जाकर कितनी रॉयल्टी की राशि जमा करवाई गई। (ख) नियम 4 के अनुसार ही शासकीय योजनाओं के तहत स्वीकृत निर्माण कार्यों के हितग्राहियों को रेत उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में कितने ग्रामों पंचायतों की कितनी रेत खदानों का चिन्हांकन किया जाकर कितनी-कितनी रेत हितग्राहियों को उपलब्ध करवाई गई विकासखण्डवार बतावें। (ग) नियम 4 का पालन किए जाने के संबंध में जिला पंचायत मण्डला, डिण्डोरी एवं बैतूल ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की है, नियम 4 का पालन नहीं होने का क्या-क्या कारण रहा है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 के प्रावधानों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्रश्नांश अनुसार मंडला, डिण्डौरी एवं बैतूल जिले के ग्राम पंचायतों को रेत उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान न होकर नियमों में ग्राम पंचायत के द्वारा स्वयं कराये गये कार्यों के लिये निकटतम स्वीकृत रेत खदान से रॉयल्टी का भुगतान किये जाने के उपरांत केवल रॉयल्टी वापस किये जाने का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नियम 4 (1) में उल्लेखित पंचायत अंतर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं में हितग्राही द्वारा स्वयं रेत क्रय किया जाता है एवं निर्माण कार्य स्वयं के द्वारा कराया जाता है। मंडला जिले की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। प्रश्नांश के संदर्भ में बैतूल एवं डिण्डौरी जिले से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) नियम 4 (1) में उल्लेखित पंचायत अंतर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं में हितग्राही द्वारा स्वयं रेत क्रय किया जाता है एवं निर्माण कार्य स्वयं के द्वारा कराया जाता है। संबंधित जिलों से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध डायवर्सन को निरस्त कर शासन आधिपत्य लेने विषयक
[राजस्व]
55. ( क्र. 2609 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 137 दिनांक 23/09/2020 के उत्तर में उल्लेखित है कि, सर्वे नम्बर 1077 एवं 1061/2 की शासकीय भूमि पर दिनांक 18/08/2005 में म.प्र. शासन का नाम रामानुज के स्थान पर अंकित कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जब सन् 2005 में उक्त भूमि पर म.प्र. शासन का नाम अंकित हो चुका था, तो रामानुज के तथाकथित उत्तराधिकारी के आवेदन पर तत्कालीन राजस्व अधिकारियों द्वारा शासकीय भूमि का डायवर्सन, क्या गलत तरीके से नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या अवैधानिक तरिके से किये गये डायवर्सन को निरस्त करते हुए उक्त शासकीय भूमि को शासन अपने आधिपत्य में लेगा तथा की गई अवैधानिक प्रक्रिया की जांच करवाई जावेगी? (ग) क्या उक्त भूमि के वाद S.A.No.635/2005 के दिनांक 28/10/2009 को पारित आदेश में उल्लेखित किया गया है कि "Learned Counsel for the appellant submits that parties have settled the matter outside the court amicably and therefore, he does not wish to prosecute this appeal" तथा क्या उक्त आधार पर याचिका निरस्त की गई है? यदि हाँ, तो क्या इसकी विधि विभाग से विधिवत अनुमति प्राप्त की गई थी व विभाग इससे सहमत था? यदि नहीं तो इस पर जांच करते हुए, क्या कार्रवाई की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में शासन के पक्ष प्रतिरक्षण हेतु वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष रिट अपील क्रमांक 391/2021 म.प्र. शासन विरूद्ध कविराज लालमणी मिश्र दायर की गई है, जो कि वर्तमान में माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। माननीय न्यायालय का अधिनिर्णय प्राप्त होने पर तदानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन प्रकरण में अपीलान्ट आनंदीबाई द्वारा कविराज लालजी मिश्र को उत्तरवादी क्रमांक 01 एवं म.प्र. शासन को उत्तरवादी क्रमांक 02 बनाया गया था। दोनों निजी पक्षकारों के बीच आपसी समझौता हुआ था।
आर.टी.ओ. बैरियर के संबंध में
[परिवहन]
56. ( क्र. 2622 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर.टी.ओ. बैरियर में वाहन चालकों को आवश्यक सुविधाएं दी जानी अनिवार्य है? अगर हाँ तो बड़वानी जिले के समस्त आर.टी.ओ. बैरियरों पर वाहन चालकों को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जा रही है? (ख) बड़वानी जिले के समस्त आर.टी.ओ. बैरियर में कार्यरत समस्त प्रकार के स्टाफ की पदनाम सहित सूची देवें। (ग) बड़वानी जिले के समस्त आर.टी.ओ. बैरियर पर विगत तीन वर्षों में रख-रखाव एवं मेंटेनेंस पर कितना खर्च किया गया है, उससे संबंधित बिल, व्हाउचर, केश बुक, लेजर एवं निविदा की प्रतियां भी उपलब्ध करावें। (घ) बड़वानी जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में वर्तमान में कुल कितना स्टॉफ हैं, उनके पदनाम, शाखा प्रभार सहित जानकारी देवें। (ड.) बड़वानी जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कुल कितनी शिकायतें लंबित हैं और कब से हैं? प्रत्येक शिकायतवार जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय बड़वानी के अन्तर्गत आने वाले चेकपोस्ट बालसमुन्द/सेंधवा पर वाहन चालकों को गाड़ी पार्किंग, के लिये तथा जनसुविधाओं के लिये काउंटर के पास पीने का पानी एवं 24 घण्टे एम्बुलेंस की सुविधायें दी जा रही हैं। (ख) बड़वानी जिले के अन्तर्गत आने वाले चेकपोस्ट बालसमुन्द/सेंधवा एवं निवाली पर पदस्थ प्रवर्तन अमले की पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) बड़वानी जिले के समस्त आर.टी.ओ. बैरियर पर विगत तीन वर्षों में रख-रखाव एवं मेंटेनेंस पर खर्च हेतु राशि परिवहन विभाग द्वारा आवंटित नहीं की गई है। अतः संबंधित बिल, व्हाउचर, केश बुक, लेजर एवं निविदा की प्रतियां विभाग में उपलब्ध नहीं हैं। परिवहन चेकपोस्ट बालसमुन्द/सेंधवा का मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) द्वारा रख-रखाव एवं मेंटेनेंस/संधारण आदि का कार्य किया जाता है। (घ) जिला परिवहन कार्यालय बड़वानी में अधिकारियों/कर्मचारियों के कुल 12 पद स्वीकृत हैं। स्वीकृत पदों के विरूद्ध वर्तमान में 06 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं। संवर्गवार स्वीकृत एवं कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ड.) शासन के पत्र क्रमांक एफ 22-147/19/आठ दिनांक 26.08.2019 के द्वारा शिकायतकर्ता श्री विकास भरसाकले बड़वानी की एक शिकायत प्राप्त हुई थी। उक्त शिकायत की जाँच उपरांत संबंधित लिपिक श्री संजय मण्डलोई सहायक वर्ग-3 जिला परिवहन कार्यालय बड़वानी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई, विभागीय जाँच क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी इन्दौर से कराई जाकर उनकी ओर से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन का प्रति परीक्षण/प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त जिला परिवहन कार्यालय बड़वानी एवं बड़वानी जिले में स्थित परिवहन चेकपोस्ट बालसमुन्द/सेंधवा पर सी.एम.हेल्पलाईन की कुल 28 शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिनमें से 20 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 8 शिकायतों पर कार्यवाही प्रगति पर है शिकायतों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
संबल योजना के संबंध में
[श्रम]
57. ( क्र. 2623 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि हेतु वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कि स्थिति में कुल कितने आवेदन बड़वानी जिले के लिये प्राप्त हुये? बड़वानी जिले के संदर्भ में प्राप्त आवेदनों की सूची वर्षवार देवें। (ख) जनपद पंचायत सेन्धवा, ग्राम पंचायत गोई, जिला-बड़वानी के मृतक श्री राम अवतार के संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि के आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक हुई कार्यवाही का प्रतिवेदन देवें? (ग) नगर पालिका सेंधवा, जिला-बड़वानी के मृतक श्री सीताराम शर्मा, निवासी के संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक हुई कार्यवाही का प्रतिवेदन देवें। (घ) संबल योजना अंतर्गत प्रश्न दिनांक की अवधि में ऐसे कुल कितने प्रकरण हैं, जिनकों वर्ष 2019 से राशि स्वीकृत किये जाने के उपरांत आज दिनांक तक भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है? इन्दौर संभाग के समस्त जिलों की निकायवार जानकारी देवें। इस अनियमितता के लिए जवाबदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) नगर पंचायत महेश्वर जिला खरगोन के पत्र क्रमांक 1311/अ.श्र./2021 महेश्वर दिनांक 12.11.2021 के माध्यम से श्रम पदाधिकारी जिला खरगोन से राशि की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में श्रम पदाधिकारी जिला खरगोन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कृत कार्यवाही का प्रतिवेदन देवे और यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कौन उत्तरदायी है? नाम बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजना अन्तर्गत अनुग्रह सहायता राशि हेतु वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2289 आवदेन बड़वानी जिले के लिये प्राप्त हुये है। बड़वानी जिले के संदर्भ में प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत, सेंधवा की ग्राम पंचायत गोई जिला बड़वानी के श्री रामअवतार शर्मा के संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता राशि के आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक की कार्यवाही बिन्दुवार प्रतिवेदित हैः- 1. श्री रामअवतार शर्मा की मृत्यु दिनांक 11-03-2020 को हुई थी, जिसका संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता हेतु आवेदन 22-10-2021 को आवेदक श्री विशाल शर्मा द्वारा ग्राम पंचायत में प्रस्तुत किया गया है। 2. संबल योजनांतर्गत मृत्यु उपरांत आवेदन समय-सीमा के पश्चात प्राप्त होने के कारण जनपद पंचायत द्वारा अस्वीकृत किया गया। (ग) नगर पालिका, सेंधवा में आवेदक श्रीमती दुर्गाबाई द्वारा उनके पति श्री सीताराम शर्मा के स्वार्गवास होने से अनुग्रह सहायता राशि हेतु आवदेन प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण में स्वीकृति आदेश क्रमांक 416829 दिनांक 05-01-2022 को जारी हो चुका है तथा प्रकरण में ई.पी.ओ. भी जनरेट हो चुका है। बजट उपलब्धता उपरांत भुगतान किया जा सकेगा। (घ) संबल योजना अंतर्गत प्रश्न दिनांक की अवधि में ऐसे कुल 40001 प्रकरण है। इन्दौर संभाग के समस्त जिलों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। बजट उपलब्धता पर स्वीकृत पात्र प्रकरणों में भुगतान किय जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। श्रम पदाधिकारी द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र के संबंध में मांग पत्र दिनांक 17-01-2022 को सचिव, मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल को प्रेषित किया गया था। जिसके संबंध में राशि जारी कर दी गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
58. ( क्र. 2647 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत फरवरी, 2022 की स्थिति में कितनी महिलाओं को गैस कनेक्शन दिये गये? एजेंसी विकासखण्ड संख्या बतावें। (ख) फरवरी, 2022 की स्थिति में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन किन-किन पात्र महिलाओं के आवेदन पत्र किस-किस गैस एजेंसी पर क्यों लंबित हैं तथा उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को गैस कनेक्शन देने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा कब-कब, क्या-क्या दिशा निर्देश दिये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये दिशा निर्देशों के पालन में रायसेन जिले में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा पात्र महिलाओं को गैस कनेक्शन क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? कब तक गैस कनेक्शन दिये जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत फरवरी, 2022 की स्थिति में ऑयल कंपनियों द्वारा कुल 150919 महिलाओं को गैस कनेक्शन दिये गये। रायसेन जिले में ऑयल कंपनियों के कुल 22 वितरक कार्यरत है। विकासखण्डवार एजेंसी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) पोर्टल पर ऑनलाईन दर्ज लंबित पात्र आवेदन पत्रों की गैस एजेन्सीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। ऑयल कंपनी के ऑनलाईन पोर्टल पर एस.वी. जारी करने की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से पात्र परिवारों को गैस कनेक्शन जारी नहीं किये गये। ऑयल कम्पनी द्वारा पोर्टल चालू करने पर लम्बित गैस कनेक्शन जारी कर दिये जायेंगे। (ग) 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को गैस कनेक्शन देने हेतु एस.वी. जारी करने के कोई दिशा निर्देश ऑयल कंपनी के प्रधान कार्यालय से प्राप्त नहीं हुये है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार।
किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान
[राजस्व]
59. ( क्र. 2648 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने वनभूमि के पट्टा वाले व्यक्तियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिल रही हैं? तहसीलवार संख्या बतायें। (ख) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने व्यक्तियों को वनभूमि के पट्टा दिये गये? तहसीलवार संख्या बतायें तथा सभी वनभूमि के पट्टा धारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि क्यों नहीं मिल रही हैं? (ग) रायसेन जिले में कितने वनभूमि के पट्टा वाले व्यक्तियों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही हैं? तहसीलवार संख्या बतायें। (घ) रायसेन जिले में सभी वनभूमि के पट्टाधारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिले इस संबंध में 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट '1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट '1' अनुसार है। कुछ पट्टेधारियों से आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें योजना का लाभ मिलने में कठिनाई हो रही है। जैसे-जैसे उनके द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं उनका पंजीयन योजना के लाभ हेतु किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट '2' अनुसार है।
रायसेन जिले में अनुभाग राजस्व अधिकारी के अधिकार
[राजस्व]
60. ( क्र. 2657 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एस.डी.एम.) तथा तहसीलदार को अवैध कॉलोनी का निर्माण रोकने तथा अवैध कॉलोनी के निर्माण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने के क्या-क्या अधिकार हैं तथा रायसेन जिले में उनके द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ख) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एस.डी.एम.) तथा तहसीलदार द्वारा किन-किन अवैध कॉलोनी निर्माण करने वालों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की, पूर्ण विवरण दें तथा कार्यवाही नहीं की तो क्यों कारण बतायें। (ग) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनियों का निर्माण रूके इस हेतु जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है तथा यदि कार्यवाही की जा रही है तो अवैध कॉलोनियों का निर्माण क्यों नहीं रूक रहा है? (घ) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनियों का निर्माण रूके इस संबंध में मान मुख्यमंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी पूर्ण विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61-घ के अंतर्गत अवैध कॉलोनी निर्माण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु सक्षम अधिकारी है। तहसीलदार को उनके क्षेत्राधिकार अंतर्गत अवैध कॉलोनी के विकास संबंधी जानकारी प्राप्त होने पर उसे सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में लाकर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन प्रेषित किया जाना अपेक्षित है। रायसेन जिले में अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ एवं ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ एवं ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनी के निर्माण रोकने के लिये समय-समय पर अधीनस्थ राजस्व अमले एवं स्थानीय प्रशासन को यथोचित कार्यवाही करने हेतु आदेशित किया गया है तथा अवैध कॉलोनी के निर्माण करने वालों के विरूद्ध दोष सिद्ध पाये जाने पर विधि अनुसार कार्यवाही कर संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्यवाही की जाती है।
गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़ना
[राजस्व]
61. ( क्र. 2658 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि नगरीय क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (S.D.M) तथा ग्रामीण क्षेत्र में तहसीलदार को गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़ने का अधिकार है यदि हाँ, तो रायसेन जिले में विगत 3 वर्षों में कितने परिवारों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़े गये। (ख) रायसेन जिले में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में फरवरी 2022 की स्थिति में गरीबी रेखा की सूची में कितने परिवारों के नाम ग्रामपंचायतवार तथा नगरीय क्षेत्र में वार्डवार संख्या बतायें। (ग) शासन के द्वारा गरीबी रेखा की सूची को ऑनलाईन क्यों नहीं किया जा रहा है कारण बतायें तथा कब तक इसको ऑनलाईन करवायेंगे। (घ) गरीबी रेखा की सूची को ऑनलाईन आम जनता देख सके इस हेतु शासन के द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की जा रही है पूर्ण विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रायसेन जिले में विगत 03 वर्षों में 12275 परिवारों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़े गये है। (ख) रायसेन जिले में फरवरी 2022 की स्थिति में गरीबी रेखा की सूची में सम्मिलित परिवारों की संख्या ग्राम पंचायतवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में एवं नगरीय क्षेत्र में वार्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। (ग) गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के नाम जोड़े एवं काटे जाने संबंधी समस्त कार्यवाही भारत सरकार के निर्देशानुसार की जाती है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।
राशियों का दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध जांच
[खनिज साधन]
62. ( क्र. 2691 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1127 (अतारांकित) दिनांक 25.2.2021 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर के साथ संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' के सरल क्रमांक 28 में समेकित कृषि विकास प्रस्तावित कार्यक्रम 19-20 में राशि 142.704 एवं सरल क्रमांक 29 में जैविक सब्जी उत्पादन में राशि 10799019=00 व्यय किया गया है? (ख) प्रश्नांकित 'क' यदि हाँ, तो क्या खनिज मद से पेयजल, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अतिरिक्त पर भी राशि व्यय करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति दें। यदि नहीं तो निर्धारित मापदण्ड के अतिरिक्त जिन मदों में राशि व्यय कर राशि का दुरूपयोग किया है तो दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दोषियों के विरूद्ध जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक खनिज मद में कितनी राशि प्राप्त हुई और किस-किस कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? कार्यवार राशिवार विवरण दें। (घ) प्रश्नांकित 'क' में उल्लेखित सरल क्रमांक 28 एवं 29 में जो सामग्री क्रय कर जिन कृषकों को वितरण की गई हैं, उन कृषकों की सूची विकास खण्डवार उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 अधिसूचित नियम है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 20.05 करोड़ जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्राप्त हुए है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 2705 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना एवं कटनी जिलों में विगत 02 वर्षों में रबी एवं खरीफ की उपार्जित फसलों के उपार्जन एवं परिवहन में विलंब से किसानों को देर से भुगतान हुआ? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? केन्द्रवार उपार्जित फसलों की तौल पर्चियों की दिनांकों और भुगतान की दिनांकों का तुलनात्मक विवरण बताइयें और बताइयें कि यह किस प्रकार नियमानुसार है? (ख) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक - 2254, दिनांक 15/03/2021 के प्रश्नांश (ग) से (ड.) के दिये गये उत्तर अनुसार जिला प्रबंधक नान और परिवहनकर्ताओं की लापरवाही से शासन और किसानों को हुई आर्थिक क्षति एवं दिक्कतों के बाद भी की गई कार्यवाही विधिसम्मत एवं समुचित है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कटनी द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम जबलपुर को पत्र क्रमांक उपार्जन/2019-20/1815, 1816 एवं 1818, दिनांक 08/09/2020 किन विषयों पर थे और क्यों प्रेषित किये गये थे और क्षेत्रीय प्रबंधक नान जबलपुर द्वारा किस अधिकारिता से क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही किस प्रकार विधिवत है? क्या परिवहनकर्ताओं पर अधिरोपित पेनाल्टी को शतप्रतिशत माफ किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? क्या दस्तावेजी तौर पर सिद्ध परिवहन में विलंब पर भी पेनाल्टी माफ किये जाने का संज्ञान लिया जाकर कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत पूर्व में उपार्जन परिवहन कार्य में लगातार अनियमितताओं और वर्तमान खरीफ वर्ष में प्रचलित जांच पर क्या संबंधितों के कार्यों और लिये गये निर्णयों की विभाग/शासन स्तर से जांच और कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पौधारोपण के कार्य और वन भूमि का उपयोग से संबंधित
[वन]
64. ( क्र. 2706 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय पौधरोपण और इसकी तैयारी हेतु किन आदेशों एवं निर्देशों के तहत क्या-क्या कार्य किस प्रकार किए जाते हैं और क्या-क्या सामग्री क्रय की जाती हैं? पन्ना जिले में विगत 03 वर्षों में किए गए पौधरोपण की लागत और परिणाम से अवगत करायें। (ख) पन्ना जिले में विगत 03 वर्षों में किन-किन विभागीय योजनाओं के तहत क्या-क्या कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से वानिकी, वृक्षारोपण एवं निर्माण के कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य किस मांग आवश्यकता के चलते किन प्रस्तावों पर किन सक्षम शासकीय सेवकों द्वारा स्वीकृत किए गए और किन-किन शासकीय सेवकों के पर्यवेक्षण में किए गए? (ग) प्रश्नांश (ख) वानिकी एवं वृक्षारोपण में प्रति पौधा/वृक्ष के रोपण में कितनी-कितनी लागत आई और वर्तमान में जीवित बचे पौधों/वृक्षों के मान से प्रति पौधा/वृक्ष कितनी लागत हो गई? क्या वर्तमान में पौधों/वृक्षों की आंकलित लागत नियत मानकों के अनुरूप हैं? यदि हां, तो कैसे? (घ) पन्ना जिले में किन-किन स्थानों पर बफर जोन घोषित हैं और जिले में लगभग कितनी-कितनी संख्या में कौन-कौन से वन्य प्राणी पाये जाते हैं? इनकी बढ़त/कमी की संख्या का विगत समय कब आंकलन किया गया था और क्या परिणाम रहें? वन्य प्राणियों एवं बफर जोन में सुरक्षा के लिए क्या-क्या प्रबंध किस प्रकार किए जाते हैं? वर्तमान में इस कार्य हेतु कौन-कौन शासकीय सेवक कब से कहां-कहा नियुक्त और कार्यरत हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) क्या बफरजोन में अवैध उल्खनन एवं अन्य अवांछनीय गतिविधि संचालित होने की जानकारी ज्ञात हुई हैं? यदि हां, तो किन-किन कक्षों एवं परिक्षेत्रों में इसकी रोकथाम के लिये क्या-क्या कार्यवाही विगत तीन वर्षों में की गई? कृत कार्यवाही के क्या परिणाम रहे।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभागीय पौधा रोपण और इसकी तैयारी स्वीकृत कार्य आयोजना के प्रावधानों के तहत एवं शासन द्वारा स्वीकृत विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किये जाते हैं। वृक्षारोपण के अंतर्गत क्षेत्र तैयारी कार्य जैसे-क्षेत्र का सर्वे-सीमांकन, क्षेत्र सफाई, गड्ढा खुदाई, फेंसिंग तथा रोपण कार्य कराया जाता है। रोपण कार्य वन विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की देख-रेख में मजदूरों से कराये जाते हैं। वृक्षारोपण हेतु प्रोजेक्ट के अनुसार चैन लिंक जाली, पोल्स, बारवेड वायर, गोबर खाद, उपजाऊ मिट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, नीम खली आदि का क्रय किया जाता है। पन्ना जिले में विगत 3 वर्षों में किये गये पौधारोपण की लागत एवं परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) वृक्षारोपण में प्रति पौधा लागत एवं जीवित पौधों के मान से लागत की जानकारी उत्तरांश 'क' के परिशिष्ट में है। जी हाँ। विभागीय निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में पन्ना जिले में विभागीय रोपण में रोपण के 3 वर्ष पश्चात 20% से कम पौधे जीवित रहने पर रोपण को असफल माना जाता है। क्षतिपूर्ति वनीकरण में 75% जीवितता सुनिश्चित करने के निर्देश हैं। चूंकि रोपण में जीवित पौधे 75% से अधिक हैं अत: वृक्षारोपण सफल है तथा मानकों के अनुरूप है। (घ) पन्ना जिले में पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत परिक्षेत्र पन्ना कोर (अकोला सर्किल बफर क्षेत्र), परिक्षेत्र पन्ना बफर एवं अमानगंज बफर जोन घोषित है। वन्य प्राणी का आंकलन विगत समय वर्ष 2018 में किया गया था। पन्ना जिले में अद्यतन गणना के आधार पर मुख्यत: पाये जाने वाले वन्य प्राणियों की संख्या एवं पिछली गणना के आधार पर बढ़त/कमी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। सतत् गश्ती गोपनीय सूचनाओं का संकलन एवं स्थानीय समुदायों का सहयोग प्राप्त किया जाता है। अग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए परिक्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा योजना बनाकर क्रियान्वयन किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। (ड.) जी हां, प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है।
सोयाबीन फसल नुकसानी का मुआवजा
[राजस्व]
65. ( क्र. 2767 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर विधानसभा क्षेत्र में 2020 की खरीफ फसलों में सोयाबीन का रकवा कितना रहा? गत पांच वर्षों में सोयाबीन की वर्षवार फसल चक्र अनुसार पैदावार कितनी रही? (ख) क्या आगर विधानसभा में खरीफ फसलों में सोयाबीन फसल में कीट व्याधि, तना मक्खी के कारण वर्ष 2020 में किसानों की फसल नुकसानी का निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो निरीक्षण के अनुसार कितने हेक्टेयर फसल में नुकसानी हुई है तथा कितने किसानों को कितनी नुकसानी हुई है? कीट व्याधि के कारण जिन किसानों को नुकसानी हुई है क्या उन्हें मुआवजा दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को और कितना मुआवजा दिया गया है और यदि नहीं तो उसका कारण बतावें। प्रभावित किसानों को सोयाबीन फसल नुकसानी का मुआवजा कब तक दे दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आगर विधानसभा क्षेत्र में 2020 की खरीफ फसलों में सोयाबीन का रकवा 99465.739 हेक्टेयर रहा है। गत 05 वर्षों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। आगर विधानसभा में कीट व्याधि के कारण वर्ष 2020 में फसल नुकसानी की प्रभावित कृषक संख्या एवं वितरित राहत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
टाईगर रिजर्व क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं
[वन]
66. ( क्र. 2782 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टाईगर रिजर्व क्षेत्र की सीमा में बसे गांव में जीवित रहने हेतु अति आवश्यक मूलभूत सुविधा जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि का निर्माण सशर्त किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश "क" हाँ, तो छतरपुर जिलांतर्गत टाईगर रिजर्व क्षेत्र में आने वाली मार्ग, मार्ग भुसौर गेट से पलकौहा मार्ग तक के निर्माण में विभाग को कोई आपत्ति है। यदि हाँ तो क्या? आमजन की मूलभूत सुविधा को देखते हुए क्या उक्त मार्ग का निर्माण करवाया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण कार्य किया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। छतरपुर जिलांतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आने वाले भुसौर गेट से पलकोहा तक पूर्व से ही वन मार्ग उपलब्ध है। आमजन की मूलभूत सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए समय-समय पर वन मार्ग रख-रखाव कार्य विभाग द्वारा कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन ग्राम के संबंध में
[वन]
67. ( क्र. 2792
) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने वन
ग्राम आते हैं? विकासखंडवार
बताने की कृपा
करें। (ख) क्या वन
ग्रामों में
भी मध्यप्रदेश
सरकार एवं
केंद्र सरकार
की सभी
योजनाओं का
लाभ ग्रामीणजनों
को दिया जाता
है? (ग) ऐसी कौन
सी योजना
राज्य अथवा
केंद्र सरकार
की है जिसका
लाभ वन ग्राम
को नहीं मिलता
है? (घ) इन सभी वन
ग्रामों को कब
तक राजस्व
ग्राम बना दिया
जाएगा?
वन
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र के
अन्तर्गत वनग्रामों
की
विकासखण्डवार
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट पर है। (ख) जी
हाँ। (ग) राज्य
अथवा केन्द्र
सरकार की सभी
योजनायों को
राजस्व एवं वन
ग्रामों में
लागू किया
जाता हैं। अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) वनग्रामों
को राजस्व
ग्राम बनाये
जाने के प्रस्ताव
भारत सरकार को
प्रेषित किए
गए थे। वर्तमान
में सर्वोच्च
न्यायालय
द्वारा
निर्वनीकरण
पर रोक के कारण
कार्यवाही स्थगित
है। अत:
समय-सीमा दिया
जाना संभव
नहीं है।
पूर्ण तहसील का दर्जा
[राजस्व]
68. ( क्र. 2793
) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नर्मदापुरम
जिले में कुल
कितनी तहसील
कार्यरत हैं? (ख) विधानसभा
क्षेत्र
क्रमांक 136
सिवनी मालवा
में क्या
केसला तहसील
एवं शिवपुर
तहसील
स्वीकृत एवं
कार्यरत है? (ग) इन
तहसील
कार्यालय के
भवन निर्माण
का कार्य कब
तक किया
जावेगा?
(घ) क्या
पूर्ण सुविधाओं
के साथ दोनों
जगह पूर्ण
तहसील का दर्जा
राजस्व विभाग
के द्वारा
दिया चुका है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) जिले
में कुल 09
तहसीलें
कार्यरत हैं। (ख) जी
नहीं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश
''ख'' के
प्रकाश में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
स्वामित्व योजना के सम्बन्ध में
[राजस्व]
69. ( क्र. 2798 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्र में रहवासियों को पट्टा प्रदाय करने की स्वामित्व योजना अंतर्गत रतलाम जिले में कितने ग्रामीण क्षेत्रों का ड्रोन से सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है और कितने ग्रामों में सर्वे की प्रक्रिया शेष है? (ख) किए जा रहे ड्रोन सर्वे में कब से निवासरत भूमि स्वामियों को स्वामित्व योजना अंतर्गत पट्टा प्रदान किया जाएगा? ड्रोन सर्वे का कार्य किस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या यह सही है कि इस सर्वे में अधिकांश भूमि स्वामी जिन्होंने बाद में अपने आवास का निर्माण किया है या जो नई आबादियाँ ग्रामीण क्षेत्रों में बनी है उन्हें इस योजना से वंचित रखा जाएगा? (घ) इस योजना अंतर्गत अभी तक कितने परिवारों को आवासीय पट्टा प्रदान कर दिया गया है रतलाम जिले में इस योजना अंतर्गत कार्य की प्रगति कितने प्रतिशत है तहसीलवार बताएं? (ड.) इस योजना अंतर्गत पट्टा प्रदाय करने के बाद पट्टा स्वामी को शासन की कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिले में स्वामित्व योजना अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 597 ग्रामों में ड्रोन सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 62 ग्रामों में ड्रोन सर्वे की प्रक्रिया शेष है। (ख) म.प्र.शासन राजस्व विभाग ग्रामीण आबादी सर्वे हेतु मार्गदर्शिका अनुसार आबादी सर्वे में उन सम्पत्ति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा जो म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 (यथा संशोधित 2018) के लागू होने की दिनांक 25/09/2018 को आबादी भूमि पर अधिभोगी थे अथवा जिन्हें इस दिनांक के पश्चात विधि पूर्वक आबादी भूमि में भू-खण्ड का आवंटन किया गया। रतलाम जिले में ड्रोन सर्वे का कार्य निदेशक भारतीय सर्वेक्षण विभाग म.प्र. भू-स्थानीय आंकड़ा केन्द्र विजय नगर जबलपुर म.प्र. द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। ऐसे भूमि स्वामियों को ग्रामीण क्षेत्रों में म.प्र. शासन द्वारा मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के अन्तर्गत पात्र हितग्राहियों को नियमानुसार लाभ प्राप्त होगा। (घ) रतलाम जिले में वेब जी.आई.एस. साफ्टवेयर के माध्यम से कुल 29005 अधिकार अभिलेख प्रदाय किये गये है। वेब जी.आई.एस. साफ्टवेयर के माध्यम से आवेदक ऑनलाईन अधिकार अभिलेख की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर सकता है। तहसीलवार प्रगति की जानकारी निम्नानुसार प्रेषित है:- तहसील:- 1. जावरा-ड्रोन फ्लाय की संख्या-145, प्रथम प्रकाशन की संख्या-137, प्रतिशत-94, 2. पिपलौदा-ड्रोन फ्लाय की संख्या-85, प्रथम प्रकाशन की संख्या-57, प्रतिशत-69 3. आलोट-ड्रोन फ्लाय की संख्या-96, प्रथम प्रकाशन की संख्या-25, प्रतिशत-26 4. ताल-ड्रोन फ्लाय की संख्या-77, प्रथम प्रकाशन की संख्या-0, प्रतिशत-कार्य प्रगती पर है। 5. रतलाम ग्रामीण-ड्रोन फ्लाय की संख्या-86, प्रथम प्रकाशन की संख्या-0, प्रतिशत- कार्य प्रगति पर है। 6. बाजना-ड्रोन फ्लाय की संख्या-11, प्रथम प्रकाशन की संख्या-0, प्रतिशत- कार्य प्रगती पर है। 7. रतलाम नगर-ड्रोन फ्लाय की संख्या-42, प्रथम प्रकाशन की संख्या-0, प्रतिशत- कार्य प्रगती पर है। 8. रावटी-ड्रोन फ्लाय की संख्या-28, प्रथम प्रकाशन की संख्या-0, प्रतिशत- कार्य प्रगती पर है। 9. सैलाना-ड्रोन फ्लाय की संख्या-27, प्रथम प्रकाशन की संख्या-0, प्रतिशत- कार्य प्रगती पर है। कुल ड्रोन फ्लाय की संख्या-597, कुल प्रथम प्रकाशन की संख्या-219 (ड.) म.प्र.शासन राजस्व विभाग की मार्गदर्शिका अनुसार ग्रामीण क्षेत्र आबादी में सर्वे कर उन सम्पत्ति धारकों को सम्पत्ति का प्रमाण-पत्र एवं भूमि स्वामित्व प्राप्त होगा। सम्पत्ति का प्रमाण पत्र प्राप्त होने से मकान पर बैंक से कर्जा लेना आसान होगा। सम्पत्ति धारक को उनका अधिकार अभिलेख प्राप्त होगा।
डेम निर्माण के संबंध में
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 2807 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम आलोट जागीर में क्षिप्रा नदी पर मेलेश्वर महादेव मंदिर के पास डेम बनाने की स्वीकृति जारी हुई थी? यदि हाँ, तो कब कितनी लागत से उक्त कार्य को स्वीकृति प्रदान की गयी थी? स्वीकृति पत्र मय बजट के साथ उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्टॉप डेम का एस्टिमेट एवं डी.पी.आर. कब तैयार की गयी थी? किसके द्वारा तैयार की गयी थी? एस्टिमेट डी.पी.आर. की कॉपी देते हुए वर्तमान में निर्माण कार्य की स्थिति से अवगत कराएं। (ग) शासन स्तर से प्रश्नांश (क) व (ख) के संबंध में निर्माण कार्य के लिए कितनी राशि कब-कब स्वीकृत हुई? स्वीकृति किसके द्वारा जारी की गयी? राशि के साथ निर्माण कार्य की सेवा शर्तों का विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) जनहित में स्वीकृत किए गए कार्य में भी विलंब के कारण क्या है? क्या सरकार के पास बजट नहीं है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) क्षिप्रा नदी पर मेलेश्वर महादेव मंदिर के पास न्यू मेलनाथ बैराज की साध्यता स्वीकृति दिनांक 16.03.2020 को राशि रू.28.50 करोड़ की 1700 हेक्टेयर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई थी। साध्यता स्वीकृति की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना वर्तमान में बजट हेतु प्रावधानित नहीं है। (ख) से (घ) न्यू मेलघाट बैराज की साध्यता स्वीकृति होने के पश्चात विभाग द्वारा क्षिप्रा नदी पर इस चिन्हित बैराज के डाऊनस्ट्रीम में 8 किलोमीटर दूरी पर चितावद वृहद परियोजना चिन्हित किये जाने से प्रश्नाधीन न्यू मेलनाथ बैराज की डी.पी.आर. तैयार नहीं की जाना प्रतिवेदित है। प्रशासकीय स्वीकृति नहीं होने से बैराज निर्माण कराने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रदेश
एवं केन्द्र
सरकार द्वारा
हितग्राहियों
को राशन
सामग्री का
प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 2809 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार द्वारा किन-किन योजनाओं में राशन सामग्री दी जाती है? क्या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अन्तर्गत राशन/खाद्य सामग्री नि:शुल्क उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाती है? हाँ या नही? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो प्रदेश सरकार खाद्य विभाग जिला इन्दौर द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी खाद्य सामग्री प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अन्तर्गत हितग्राहियों को वितरित की गई? विधानसभावार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किन-किन राशन वितरण दुकानों के माध्यम से कितनी खाद्य सामग्री क्या–क्या दी गई? वर्षवार, विधानसभावार, शहरी क्षेत्र में वार्डवार, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवार, पंचायतवार हितग्राहियों कि सूची, राशन कितना दिया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ सामग्री प्रदेश सरकार द्वारा क्या हितग्राहियों को 1 रूपये किलो के माध्यम से भी खाद्य सामग्री दी जाती है? यदि हाँ, तो क्या-क्या सामग्री दी जाती है? किस योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा कितने हितग्राहियों को कब-कब कितनी-कितनी सामग्री प्रश्न दिनांक तक किन-किन सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों द्वारा दी गई? वर्षवार विधानसभावार, शहरी क्षेत्र में वार्डवार ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवार पंचायतवार हितग्राहियों की सूची राशन कितना दिया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों की फसल का मुआवजा प्रदाय
[राजस्व]
72. ( क्र. 2851 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के मुलताई में किसानों की फसलों को जंगली सुअरों द्वारा नुकसान पहुँचाने संबंधी जिला प्रशासन को विगत तीन वर्षों से ज्ञापन सौंपकर मुआवजे की मांग करने का मामला प्रकाश में आया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण हैं और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। बैतूल जिले की तहसील मुलताई में जंगली सुअरों से फसल नुकसानी होने पर किसानों द्वारा ज्ञापन दिये गये है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में बैतूल जिले की तहसील मुलताई अंतर्गत जंगली जानवरों से फसल क्षति होने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार विगत तीन वर्षों में कुल 32032/- रूपये की राहत राशि दी गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बरघाट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बने जलाशय
[जल संसाधन]
73. ( क्र. 2861 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बोरी जलाशय चीजबंद जलाशय शुक्ला जलाशय इन जलाशयों में लाइनिंग की अत्यंत आवश्यकता है, इस हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को पत्र एवं सदन में प्रश्न के माध्यम से अवगत कराया था उसके बावजूद किसानों के हित में काम नहीं किया जा रहा है? (ख) निर्माणाधीन चना मंडी जलाशय इसका निर्माण जो 2003 के पूर्व से स्वीकृत हुआ है जो अभी तक अधूरा है जिससे किसानों को फायदे की बजाय नुकसान हो रहा है? इस जलाशय की निर्माण लागत राशि एवं कितनी कृषि भूमि रकवा सिंचित होना था वर्तमान में कितना रकवा सिंचित किया जा रहा है तथा वर्तमान में इससे कितनी चौड़ी गहरी नहर लाइनिंग कारी के साथ निर्माण हो चुका है कितना कार्य किया जाना शेष है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बरघाट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित जलाशय यथा शुक्ला (अरी) बोरी, चीचबंदबांध के नहरों के सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव आर.आर.आर. मद अन्तर्गत प्रस्तावित होकर मुख्य अभियंता (बोधी) कार्यालय में प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है, जिसका परीक्षण उपरांत उठाई गई आपत्तियों का निराकरण कार्यपालन यंत्री स्तर पर प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। (ख) कांचनामंडी जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 11.02.2013 को रूपये 4716.92 लाख की 2219 हेक्टेयर एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति शासन के आदेश दिनांक 02.01.2016 द्वारा रूपये 7454.19 लाख की 2219 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता हेतु प्रदान की गई है। ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करने एवं नहर का एलाइन्मेंट परिवर्तित होने तथा कोरोना महामारी के कारण कार्यपूर्ण नहीं होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगतिरत है, जिसे जून 2022 तक पूर्ण करना लक्षित है। परियोजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 2219 हेक्टेयर है, जिसके विरूद्ध वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में क्रमशः 700 हेक्टेयर, 900 हेक्टेयर एवं 900 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। परियोजना में औसतन 3.5 मीटर गहराई एवं 11.5 मीटर चौड़ाई के साथ नहर निर्माण कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में अधिकतम 4.9 मीटर चौड़ाई एवं 1.3 मीटर गहराई में लाइनिंग कार्य किया गया है। परियोजना अंतर्गत बांध का कार्य लगभग 5 प्रतिशत एवं नहर कार्य लगभग 20 प्रतिशत शेष होना प्रतिवेदित है।
गेहूँ का परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
74. ( क्र. 2875 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वर्ष 2022-23 में उपार्जित की जाने वाली गेहूँ के परिवहन के लिए नए टेण्डर न करके वर्ष 2021-22 में उपार्जित गेहूँ का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर्स को ही छ: माह का एक्सटेंशन दे दिया गया है? (ख) क्या गेहूँ उपार्जन वर्ष 2022-23 के उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु नए टेण्डर बुलवाकर यदि टेण्डर के रेट वर्ष 2021-22 के उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु आये रेट से ज्यादा होते तो ही पुराने ट्रांसपोर्टर्स को छ: माह का एक्सटेंशन देकर शासन के पैसे बचाए जा सकते थे? किन्तु बिना टेण्डर के यह कैसे अनुमान लगा लिया की टेण्डर के रेट उपार्जन वर्ष 2021-22 से कम नहीं आयेंगे? 2021-22 में उपार्जित किए गये गेहूँ के परिवहन हेतु ट्रांसपोर्टर्स को दिये गये रेट की विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या यह सही कि गेहूँ उपार्जन वर्ष 2021-22 में ट्रांसपोर्टर्स को यह डर था कि वर्ष 2022-23 में उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु ट्रांसपोर्टर्स कम रेट कोट करके यह टेण्डर ले लेगें इसलिए वर्ष 2021-22 के ट्रांसपोर्टर्स ने मोटी रकम देकर पुराने ट्रांसपोर्टर्स को ही छ: माह का एक्सटेंशन देने का नियम विरूद्ध निर्णय करवाया? क्या शासन EOW (आर्थिक अपराध ब्युरो) से इस पूरे प्रकरण की जाँच करवायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रबी विपणन वर्ष 2021-22 में उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु जारी निविदा दस्तावेज की कंडिका 25 में किए गए प्रावधानों के अनुसार राज्य स्तरीय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुक्रम में वर्ष 2021-22 में अनुबंधित परिवहनकर्ताओं को वर्ष 2022-23 में उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु छ: माह की वृद्धि की गई है। रबी विपणन वर्ष 2021-22 उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु जारी स्वीकृत दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में उपार्जित गेहूँ के परिवहन हेतु राज्य स्तरीय समिति द्वारा लिए गए निर्णय एवं निविदा दस्तावेजों के अनुसार ही दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाइम स्टोन की लीज में नियम शर्तों का पालन
[खनिज साधन]
75. ( क्र. 2876 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित को जो लाइम स्टोन की लीज जिन शर्तों पर दी गयी है क्या वह उन शर्तों का पालन नहीं कर रहा है? विषयांकित को पर्यावरण की जो एन.ओ.सी. दी गयी है उसकी छायाप्रति संलग्न करें? (लाइम स्टोन की सभी लीज की) (ख) विभाग द्वारा विषयांकित को दी गयी लीज की शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं इसका कब-कब निरीक्षण किया गया? कृपया निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति संलग्न करें? (ग) क्या विषयांकित को दी गयी लीज में शासकीय भूमि के बीच निजी भूमि स्वामी की भूमि आती है? यदि हाँ, तो भूमिस्वामी को क्या नियमानुसार मुआवजा दिया गया? (घ) विषयांकित द्वारा कितनी नयी लाइम स्टोन की लीज के लिए आवेदन किये गये कृपया सम्पूर्ण जानकारी दे? क्या विषयांकित को पूर्व में दी गयी लीज में सम्पूर्ण शर्तों का पालन सुनिश्चित होने के बाद ही विभाग नई लीज स्वीकृत करने पर विचार करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मेसर्स के.जे.एस. सीमेंट लिमिटेड को स्वीकृत खनिपट्टा में समस्त शर्तों का वर्तमान में पालन किया जा रहा है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ, पालन किया जा रहा है। दिनांक 19.10.2020 को किये गये निरीक्षण में अनियमितता पाई गई थी। निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) कंपनी के पक्ष में स्वीकृत लीज की समस्त भूमि निजी भूमिस्वामी हक की भूमि है। कंपनी तथा निजी भूमिस्वामियों की आपसी सहमति से भूमि खरीदकर, विक्रय मूल्य का भुगतान कर भूमि पर सतही अधिकार प्राप्त कर खनन किया जा रहा है। अत: मुआवजा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कंपनी द्वारा चूना पत्थर की नई खदान के लिए कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन ग्रामों के राजस्व अभिलेखों में व्यापक त्रुटियों का समाधान
[राजस्व]
76. ( क्र. 2902
) श्री
श्याम लाल
द्विवेदी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) त्योंथर
तहसील
अंतर्गत वर्ष 2012
से 2015 तक नवीन
राजस्व
ग्रामों के
निर्माण की
श्रृंखला में
ग्राम सोनौरी
से सींगौ और
कटरा दो नवीन
राजस्व ग्राम
तथा राजस्व
ग्राम रायपुर
से टड़हर को
नवीन राजस्व
ग्राम बनाया
गया था उक्त राजस्व
ग्रामों के
राजस्व
अभिलेखों में
भूमिस्वामियों
के परिवर्तन
सहित भूमियों
के रकवे एवं नक्शें
में भी व्यापक
विसंगतियों
के निदान के
लिए अब तक
विभाग की
सार्थक पहल की
क्या स्थिति
है? क्या लोक
महत्व के इस
विषय को विभाग
द्वारा मात्र
प्रक्रियात्मक
कार्ययोजना
में ही लंबित
रखा जाएगा? अथवा
समस्या का
त्वरित
प्रभावी
समाधान किया
जाएगा? यदि हाँ, तो
अब तक की
प्रगति को
स्पष्ट किया
जाये। (ख) यदि प्रश्नांश
(क) का
प्रत्युत्तर
सकारात्मक है
तो क्या
उपरोक्त
समस्या के
समाधान की
स्पष्ट
समय-सीमा सुनिश्चित
की जायेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) जी
हाँ यह कहना
सही है, कि
त्योंथर
तहसील
अंतर्गत वर्ष 2012
से 2015 तक नवीन
राजस्व
ग्रामों के
निर्माण की
श्रृंखला में
ग्राम सोनौरी
से सींगौ और
कटरा दो नवीन
राजस्व ग्राम
तथा राजस्व
ग्राम रायपुर
से टड़हर को
नवीन राजस्व
ग्राम बनाया
गया था। राजस्व
ग्रामों के
राजस्व
अभिलेख नक्शें
में
विसंगतियों
के निदान के
लिए आयुक्त
भू-अभिलेख
मध्यप्रदेश
के पत्र
क्रमांक 911/11-भू.प्रबं./न.वि./2021/15334 ग्वालियर
दिनांक 06.09.2021
एवं पत्र
क्रमांक 914/11-भू.प्र./म.टो./2021/18032 ग्वालियर
दिनांक 06.09.2021
के पालन में
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 964
दिनांक 14.09.2021
द्वारा
नक्शाविहीन/त्रुटिपूर्ण
ग्रामों के
सर्वेक्षण
एवं अभिलेख
निर्माण हेतु
अधिसूचना
प्रस्ताव
विहित
प्रारूप में
प्रेषित किया
गया था। जिसके
क्रम में
आयुक्त
भू-अभिलेख
द्वारा पत्र
क्रमांक 254/11
भू.प्रबं./न.वि./2022/15334 ग्वालियर
दिनांक 06.03.2022
द्वारा मैप
आईटी को Geo referenced मैप
निर्माण हेतु
निर्देशित
किया गया है। (ख)
उत्तराश ''क'' अनुसार
कायर्वाही
प्रचलित है। नक्शें
नवीनीकरण/निर्माण
कार्य तकनीकी
और वृहद स्वरूप
का होने से
कार्य
पूर्णता की
समय-सीमा निर्धारित
किया जाना
संभव नहीं है।
हितग्राहियों को मुफ्त रेत दिया जाना
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 2907 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 22/11/2021 को मण्डला जिले के ग्राम रामनगर में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को फ्री में रेत उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) मण्डला जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के कितने हितग्राहियों को फ्री रेत प्रदान किया गया और कितनी मात्रा में प्रदान किया गया विकासखण्डवार हितग्राहियों की सूची प्रदान करें। यदि फ्री रेत प्रदान नहीं की गई है तो कब तक प्रदान की जावेगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा मंडला जिले में दिनांक 22/11/2021 को भ्रमण के दौरान की गई घोषणाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) मंडला जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को रेत उपलब्धता कराये जाने के संबंध में कार्यवाही शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
रिकॉर्ड दुरुस्त करने के संबंध में
[राजस्व]
78. ( क्र. 2935 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न-क्रमांक 995 दिनांक 22/12/2021 राजस्व विभाग में, प्रश्नांश (ख) में दिए उत्तर के अनुसार विगत 10 वर्षों से भूमि सिंचित थी? (ख) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1960 की धारा 15 के तहत 5 वर्ष से अधिक की अवधि की प्रविष्टि होने से रिकॉर्ड दुरुस्त करने का अधिकार कलेक्टर के पास होता है? (ग) क्या तत्कालीन तहसीलदार राजपुर श्री सुखराम गोलकर ने दिनांक 10/11/2016 को जो रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर को कहा था वह बिना कोई राजस्व प्रकरण दर्ज किए बगैर, बिना किसी दायरा पंजी में पंजीकृत किए बिना, मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1960 की धारा 15 के तहत 5 वर्ष से अधिक की अवधि के नियमों के विपरीत कार्य कर भूस्वामी को अनुचित लाभ पहुंचाया है और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है? (घ) प्रश्नांश (क) के विधानसभा प्रश्न के उत्तर में मंत्री महोदय द्वारा सदन में दिए गए उत्तर के अनुसार जांच के आदेश दिए जा चुके हैं या नहीं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें एवं क्या जांच पूर्ण होने तक संबंधित तहसीलदार को निलंबित किया जाएगा या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला बड़वानी अन्तर्गत तहसील राजपुर के अभिलेखागार में उपलब्ध हस्तलिखित खसरा वर्ष 2008-09 तथा 2009-10 तथा लोक सेवा केन्द्र से प्राप्त कम्प्यूट्राईज्ड खसरे में प्रश्नाधीन भूमि ग्राम औझर स्थित सर्वे नम्बर 26/2 तथा 26/3 के सिंचित तथा बंधक होने बाबत् प्रविष्टि कॉलम नं. 12 निम्नानुसार अंकित है:- खसरा वर्ष 2008-09 तथा 2009-10 के कॉलम नं. 12 में कुआं कच्चा-1, 3 एच.पी. अंकित है। खसरा वर्ष 2010-11 के सर्वे नं. 26/2 के कालम नं.12 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्यूबवेल से अंकित है एवं सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से अंकित है। खसरा वर्ष 2011-12 के सर्वे नं. 26/2 के कालम नं.12 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्यूबवेल से अंकित है एवं सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से अंकित है। खसरा वर्ष 2012-13 में सर्वे नं. 26/2 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्यूबवेल से तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 के तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। खसरा वर्ष 2013-14 में सर्वे नं. 26/2 में पी. ख.नं. 26/1 के ट्यूबवेल से एवं बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। सर्वे नं. 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। खसरा वर्ष 2014-15 में सर्वे नं. 26/2, 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी. ख.नं. 26/1 के ट्यूबवेल से व 26/3 (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से तथा बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। खसरा वर्ष 2015-16 में सर्वे नं. 26/2, 26/3 में (यह जमीन सिंचित है) पी. ख.नं. 26/1 के ट्यूबवेल से व 26/3 (यह जमीन सिंचित है) पी.स.नं. 26/1 से बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक अंकित है। खसरा वर्ष 2016-17 में सर्वे नं. 26/2 के कॉलम नं. 12 में बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर में बंधक, प्रबंधक बैंक ऑफ इंडिया शाखा औझर के पत्र दिनांक 20-07-2016 के आधार पर यह खाता बैंक से बंधक मुक्त किया जाता है। तहसीलदार महोदय राजपुर के आदेश दिनांक 10.11.2016 के आधार पर सिंचित हटाया गया। (ख) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधन 2018 की धारा 115 के तहत उपखण्ड अधिकारी स्वप्रेरणा व्यथित व्यक्ति के आवेदन पर भू-अधिकार पुस्तिका तथा अधिकार अभिलेख को छोड़कर धारा 114 के अधीन तैयार किये गये भू-अभिलेखों में अप्राधिकृत प्रविष्टियों को सम्मिलित करते हुए गलत या अशुद्ध प्रविष्टि को ऐसी जांच जैसी कि वह उचित समझे करने के पश्चात शुद्ध कर सकेगा और ऐसी शुद्धिया उसके द्वारा अधिप्रमाणित की जावेगी: परन्तु कलेक्टर की लिखित मंजूरी के बिना 5 वर्ष की कालावधि के पूर्व की किसी प्रविष्टि को शुद्ध करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जायेगी। (ग) तहसील कार्यालय राजपुर में शिकायत जांच नस्ती (छायाप्रति) में संलग्न पटवारी प्रतिवेदन मय पंचनामा के तीसरे एवं अंतिम पृष्ठ (छायाप्रति) पर तत्कालीन तहसीलदार द्वारा टिप्पणी अंकित की गई है कि, मूलत: कम्प्यूटर आपरेटर/आर.आई./पटवारी के प्रतिवेदन मय पंचनामा रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक रिकार्ड दुरूस्त हो। जो नियमानुसार नहीं है। (घ) संबंधित तहसीलदार द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में जिला कलेक्टर से जांच प्रतिवेदन मांग गया है।
कोविड-19 योद्धा कल्याण योजनांतर्गत पात्रकर्मी
[राजस्व]
79. ( क्र. 2969 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 46, दिनांक 08.05.2021 जो मान. मुख्यमंत्री जी/कलेक्टर, जिला बैतूल को कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत पात्रकर्मी घोषित करने बावत् संबोधित पत्र प्राप्त हुआ है? उक्त पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि हां, तो मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ समस्त स्थायी कर्मचारियों/अधिकारियों, संविदा कर्मचारियों, उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं मनरेगा के तहत पात्रकर्मी को उक्त योजना में सम्मिलित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रदेश में घोषित फ्रंट लाईन कार्यकर्ता की तरह प्रश्नांकित कर्मचारियों को सम्मिलित नहीं किये जाने से जिन कर्मचारियों को कोविड-19 की प्रथम द्वितीय एवं तृतीय लहर में संक्रमित हुए तथा कार्यरत रहते हुए मृत्यु हुई है? उन्हें उक्त योजना का लाभ क्यों नहीं दिया गया? कब तक लाभ दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा जारी योजना के संशोधित दिशा-निर्देशों की कण्डिका 3.1 अनुसार '' ऐसे शासकीयकर्मी, जो कोविड की रोकथाम हेतु प्रत्यक्ष रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं अर्थात कोविड इलाज हेतु नामित अस्पताल, Covid care centre, Covid Testing Lab. quarantine centre कोविड-19 की रोकथाम हेतु घर-घर सर्वेक्षण, नमूना संग्रहण, जांच, कन्टेनमेंट एरिया में पर्यवेक्षण, साफ-सफाई आदि विभिन्न कार्यों में तैनात हैं जिससे उनका सीधा संपर्क कोविड मरीज से होने की संभावना है पात्र होंगे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अन्तर्गत लागू बीमा योजना के अन्तर्गत सम्मिलित शासकीयकर्मी पात्र नहीं होंगे।'' प्रावधानित है। शासन द्वारा जारी उपरोक्त निर्देशों की कंडिका 3.1 से स्पष्ट है कि ऐसे समस्त शासकीयकर्मी जो कि कोविड रोकथाम हेतु प्रत्यक्ष रूप से सेवाएं दे रहे है, पात्र है। विभागवार पृथक से आदेश की आवश्यकता नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार है।
बीना सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 3052 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के बीना सिंचाई परियोजना में 20 फरवरी 2022 की स्थिति में किन-किन कार्यों हेतु ठेकेदार को किन-किन दिनांकों में कितनी राशि का भुगतान किया गया पूर्ण विवरण देवें। (ख) अनुबंध अनुसार बीना सिंचाई परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा तथा फरवरी 2022 की स्थिति में कार्य की क्या प्रगति है? (ग) बीना सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य का 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन अधिकारियों तथा विधानसभा की किन-किन समितियों द्वारा निरीक्षण किया गया? (घ) बीना सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य में अनियमिततायें, गुणवत्तापूर्ण काम न करने आदि के संबंध में किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) अभिलेख अनुसार बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत अनियमिततायें एवं गुणवत्ताहीन कार्य से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मढिया बांध व्यवस्थापन
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 3053 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना सिंचाई परियोजना के अंतर्गत मढिया बांध निर्माण से रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों के कितने परिवारों का पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन किया जाना अपेक्षित है तथा फरवरी 2022 की स्थिति में इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिवारों का पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु कहां-कहां, कितनी-कितनी भूमि चिन्हित की गई है तथा उक्त भूमि पर सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की क्या-क्या व्यवस्थायें की जा रही हैं? (ग) डूब प्रभावित परिवारों को चिन्हित भूमि पर कब तक बसा दिया जायेगा? पूर्ण विवरण देवें। (घ) मढिया बांध में रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के किन-किन ग्रामों के किन-किन किसानों की कितनी-कितनी भूमि डूब रही है तथा उनको मुआवजा राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया तथा कब तक मुआवजा राशि का भुगतान किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। फरवरी 2022 की स्थिति में पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु चिन्हित किए गए परिवारों के मकानों का सर्वेक्षण उपरांत मूल्यांकन करने की कार्यवाही प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। (ख) प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु बेगमगंज तहसील के ग्राम गोपालपुर चुराक्का की 6.434 हेक्टेयर, उचेरा बीरान की 5.944 हेक्टेयर, बीरपुर की 6.287 एवं 1.060 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। चिन्हित भूमि विभाग को आवंटन उपरांत भू-अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुसार सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य हेतु समुचित व्यवस्था नियमानुसार की जाना संभव होगा। (ग) चिन्हित भूमि विभाग को आवंटन के उपरांत बसाहट की कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) मडि़या बांध में रायसेन जिले के बेगमगंज तहसील के डूब में आने वाले ग्रामों के सर्वेक्षण उपरांत किसानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भू-अर्जन अधिकारी द्वारा बेगमगंज तहसील के मड़िया बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले 45 ग्रामों के अवार्ड पारित होने के उपरांत मुआवजा भुगतान की कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि पर निजी व्यक्ति का नाम दर्ज करना
[राजस्व]
82. ( क्र. 3117 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की तहसील टीकमगढ़ के पटवारी हल्का ग्राम तखा में भूमि खसरा नम्बर 22 बंजर, 39 पहाड़/चट्टान के रूप में वर्ष 1958-59 से मध्यप्रदेश शासन के नाम राजस्व विभाग के रिकार्ड में दर्ज थी? (ख) प्रश्नांश ''क'' में यदि हाँ है तो, क्या वर्ष 2021-22 के राजस्व अभिलेखों में उक्त भूमि शासकीय दर्ज हैं? यदि नहीं तो क्या इस शासकीय भूमि पर किसी व्यक्ति विशेष का नाम अंकित है? यदि हाँ, तो कब से कब तक किस-किस व्यक्ति का नाम दर्ज रहा? (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार शासकीय भूमि पर किसी व्यक्ति विशेष का नाम दर्ज करने/पट्टा देने, रिकार्ड दुरूस्त करने हेतु सक्षम अधिकारी का नाम व पदनाम बतायें? क्या सक्षम स्वीकृति उपरान्त अभिलेख में सुधार हुआ हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो शासकीय भूमि पर किसी व्यक्ति का नाम किसने और किसकी स्वीकृति से, कब दर्ज किया? (घ) प्रश्नांश ''ग'' अनुसार शासकीय भूमि पर व्यक्ति विशेष का नाम दर्ज करने के लिये कौन-कौन दोषी है। दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी बताये? क्या उक्त भूमि यथावत शासन के नाम पुनः दर्ज की जावेगी? यदि हाँ, तो कब यदि नहीं तो कारण बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वर्ष 2021-2022 के राजस्व अभिलेख में उक्त भूमि पूर्व में श्रीमति पुक्खनबाई पुत्री भागीरथ यादव पता अनंतपुरा टीकमगढ़ म.प्र. भूमि स्वामी अंकित थी। जिसके सबंध में खसरा नं. 22 एवं 39/2 पर वर्तमान कम्प्यूटर खसरा में दर्ज पुक्खनवाई पुत्री भागीरथ यादव के स्थान पर म.प्र. शासन दर्ज किये जाने का आदेश न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग टीकमगढ़ के राजस्व प्रकरण रा.प्र.क्र. 147/अ-6अ/2021 आदेश दिनांक 4/3/2022 के द्वारा पारित किया जा चुका है एवं राजस्व अभिलेख में अमल हो चुका है। वर्तमान में आवेदित भूमि म.प्र. शासन में दर्ज हो चुकी है (ग) ग्राम तखा के राजस्व अभिलेख वर्ष 1991-92 अनुसार खसरा क्रमांक 22 व 39 में नाम दर्ज करने/पटटा देने संबंधी टीप तो दर्ज है किन्तु टीप अनुसार अभिलेख दायरा पंजी का अवलोकन करने पर दर्ज प्रविष्टि अस्पष्ट प्रतीत होती है जिसके कारण खसरा नं. 22 एवं 39/2 पर वर्तमान कम्प्यूटर खसरा में दर्ज पुक्खनवाई पुत्री भागीरथ यादव के स्थान पर म.प्र. शासन दर्ज किये जाने का आदेश न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग टीकमगढ़ के राजस्व प्रकरण रा.प्र.क्र. 147/अ-6अ/2021 आदेश दिनांक 4/3/2022 के द्वारा पारित किया जा चुका है एवं राजस्व अभिलेख में अमल हो चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में आवेदित भूमि म.प्र. शासन में दर्ज हो चुकी है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार निजी भूमि दर्ज होने के संबंध में जाँच जारी है। जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में संचालित खदानें
[खनिज साधन]
83. ( क्र. 3119 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खदानों के आवंटन करते समय किन-किन नियम शर्तों के अधीन खदान संचालक को खदान आवंटित की गयी उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएं। (ख) खदानों से होने वाले प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बदले खदान संचालक द्वारा जनहित में क्या कार्य किये जाने थे और प्रत्येक खदान संचालकवार क्या-क्या कार्य किये गये जानकारी उपलब्ध कराई जाएं। (ग) प्रत्येक खदान आवंटन में कितने पौधे लगाने का प्रावधान था। प्रत्येक खदान पर कितने पौधे लगाये गये कितने पौधे वर्तमान में जीवित हैं फ़ोटो सहित जानकारी उपलब्ध कराई जायें। (घ) खनिज विभाग द्वारा आवंटित खदानों में नियमों के विरुद्ध कार्य करने पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई, प्रत्येक खदानवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ड.) बंद पड़ी खदानों को कब तक बंद किया जाएगा अथवा उनमें सुरक्षा के क्या पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। समय-सीमा निर्धारित कर बताने का कष्ट करेंगे।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 30 के तहत उत्खनिपट्टों के शर्तों के अधीन खदानों का आवंटन किया जाता है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्न के विषय अनुसार मनासा विधानसभा में संचालित खदानों में सी.एस.आर मद अंतर्गत खदान संचालकों द्वारा जनहित में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 42 अंतर्गत स्वीकृत खदान की खनन योजना एवं पर्यावरण प्रबंधन योजना के तहत खदान पर वृक्षारोपण किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ड.) जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार बंद पड़ी खदानों को नियमानुसार कार्यवाही/सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम स्वीकृत खदान के अनुमोदित खनन योजना अनुसार किया जाता है। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
मनासा विधानसभा के ग्राम अल्हेड एवं सांडिया में आवंटित खदानें
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 3120 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा के ग्राम अल्हेड एवं सांडिया में खनिज विभाग द्वारा कितनी-कितनी खदानों का आवंटन किया गया। (ख) प्रत्येक खदान संचालक को कितनी जगह का आवंटन किया गया एवं उसके द्वारा कितनी जगह पर खदान खोदी गयी उसकी जानकारी ट्रेस नक्शा सहित प्रदान की जाये। (ग) खदान को कितनी गहराई तक खोदे जाने के प्रावधान है और प्रत्येक के द्वारा कितनी गहराई तक खदान खोदी गयी इसकी जानकारी प्रदान की जाये। (ड.) खदान में विगत दिनो अल्हेड के दो मासूम की डुबने से मौत हो गई। क्या उक्त खदान आवंटित भूमि से अतिरिक्त भूमि में अवैध रूप से खोदी गई हैं। क्या उक्त खदान को बंद कर दिया है नहीं तो अगर भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ती होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा (ड.) आवंटित से अधिक भूमि पर खदान-खोदने का कार्य लगातार जारी है क्या कभी किसी खदान का सीमांकन विभाग द्वारा किया गया अथवा किसी खदान संचालक के खिलाफ कार्यवाही की गई तो बताएं नहीं की गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मनासा विधानसभा के ग्राम अल्हेड एवं सांडिया में 8 खदानों का आवंटन किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 42 के तहत अनुमोदित खनन योजना अनुसार खनन संक्रियाएं किया जाना प्रावधानित है। गहराई के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 6 में अंकित है। (घ) प्राप्त जानकारी अनुसार घटना स्थल तहसील मनासा ग्राम अल्हेड के सर्वे नंबर 839 में स्थित है। घटना स्थल पर लगभग 500 वर्गमीटर में गड्ढा निर्मित है। जिसमें जल भरा हुआ है। घटना स्थल पर निर्मित गड्ढा स्वीकृत/संचालित खदानों की सीमा में नहीं पाया गया। मौके पर उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि उक्त गड्ढा 5 से 6 वर्ष पुराना है। जिसे पंचायत द्वारा तलाइ/वाटर रिचार्ज हेतु निर्मित किया गया था। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में स्वीकृत खदान क्षेत्र में खनन कार्य किया जा रहा है। स्वीकृत पट्टे में खनन संक्रियाएं प्रारंभ करने के पूर्व राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन किया जाकर पट्टेदार को सीमा चिन्हों की पहचान कराकर कब्जा प्रदान किया जाता है। जिले में स्वीकृत पट्टों के पुनः सीमांकन हेतु कलेक्टर के पत्र क्रमांक 49 दिनांक 14.01.2022 से अनुविभागीय अधिकारियों को अनुभाग क्षेत्र में स्वीकृत पट्टों का सीमांकन किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत पद एवं रिक्त पदों की जानकारी
[राजस्व]
85. ( क्र. 3124 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिला में म.प्र. शासन के कितने विभाग संचालित हैं? संचालित विभागों में वर्ग एक, दो, तीन, चार के कितने नियमित एवं कितने अस्थाई, कितने संविदा एवं कितने अशंकालीन स्वीकृत है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? कब से रिक्त हैं? क्यों रिक्त हैं? कब तक भरे जायेंगे? संस्थावार, विभागवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला डिण्डौरी में 55 विभाग संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेत निविदा में अनियमितता
[खनिज साधन]
86. ( क्र. 3137 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. स्टेट माइनिंग कारपोरेशन लि. द्वारा विभिन्न रेत खदानों की निविदा सूचना का प्रकाशन दिसम्बर 2019 में किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त निविदा में जबलपुर संभाग के किन-किन स्थानों के किन-किन खसरे क्रमांक के, कितने-कितने रकवे लिए गये थे? समस्त जिलों के कुल कितने हेक्टेयर सम्मिलित रकवे के लिए निविदा आमंत्रित की गयी थी? (ग) निविदा में सफल हुए ठेकेदार को जारी किये गये आशय पत्र में वर्णित सम्मिलित रकवे का कुल क्षेत्रफल कितने हेक्टेयर था? (घ) उक्त ठेकेदार से हुए अनुबंध में कुल सम्मिलित रकवे का क्षेत्रफल कितना था? (ङ) क्या किसी ई-निविदा और आशय पत्र व अनुबंध में वर्णित कुल रकवे के क्षेत्रफल पृथक-पृथक हैं? यदि हाँ, तो यह किस आधार पर किया गया? (च) प्रश्नांश (ड.) के परिप्रेक्ष्य में ई. निविदा में व आशय पत्र में वर्णित कुल रकवे से अधिक रकवे का अनुबंध में उल्लेख किये जाने से शासन को हुई कुल राजस्व हानि का विवरण देवें। (छ) क्या कंडिका (च) अनुसार निविदा में निर्धारित रकवे से अधिक में खनन करना, चोरी की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो षडयंत्र पूर्वक अनुबंध में अधिक रकवे की प्रविष्टि कर ठेकेदार को लाभ व शासन को क्षति पहुँचाने वाले किन-किन दोषियों पर क्या क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त निविदा में जबलपुर संभाग की रेत खदानें सम्मिलित नहीं थी। (ग) से (छ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जानकारी निरंक है।
धान खरीदी में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 3138 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 3 वर्षों में मिलर, खरीदी केंद्र प्रभारी, फर्जी किसानों और अधिकारियों के गठजोड़ से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के प्रकरण विभाग के संज्ञान में आये हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) उक्त मामलों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) शासन को उपरोक्त अनियमितताओं से कितनी-कितनी राशि की क्षतिकारित हुई है? उस की वसूली हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? (घ) किन किन दोषियों पर कब-कब एफ.आई.आर. दर्ज कराई गयी है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संबल योजना में पंजीकृत व्यक्ति
[श्रम]
88. ( क्र. 3151 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत व्यक्ति तथा उनके परिजनों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं तथा इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में सिवनी जिले में प्रश्नांश ''क'' योजना में कितने व्यक्तियों का पंजीयन है? शहरी क्षेत्र में वार्डवार तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या पोर्टल बंद होने तथा पोर्टल की गति धीमी होने के कारण से पात्र व्यक्तियों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे पात्र व्यक्तियों की सूची उपलब्ध कराते हुये कारण बताएं तथा पोर्टल कब तक ठीक ढंग से चालू होगा? (घ) प्रश्न दिनांक की स्थिति में सिवनी जिले में किन-किन के राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं तथा कब तक राशि भुगतान होगा? विलंब के लिये कौन-कौन दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ड.) सिवनी जिले के अंतर्गत मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों को पात्रता के आधार पर भुगतान किया गया है तथा कितने व्यक्तियों को किस आधार पर अपात्र किया गया है? जनपद पंचायतवार, वर्षवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए 19 योजनाएं संचालित है। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में वर्तमान तक कुल 9732 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन पोर्टल के माध्यम से किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। श्रम सेवा पोर्टल सुचारू रूप से कार्य कर रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित ही नहीं होता। (घ) सिवनी जिले में भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) मण्डल अंतर्गत सिवनी जिले में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में पात्रता अनुसर वर्षवार-जनपद पंचायतवार किए गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त आवेदन योजनाओं के प्रावधानों के अनुरूप न होने पर संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा अस्वीकृत किए जाते है।
पेंच नदी पर बांध निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार
[जल संसाधन]
89. ( क्र. 3152 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माचागोरा में पेंच नदी पर नहर निर्माण कार्य का विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्य एजेन्सी को किस मद से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? वर्तमान एवं पूर्व की कार्य एजेन्सी कंपनियों की कितनी-कितनी सेक्युरिटी डिपाजिट/बैंक गांरटी आदि विभाग के पास जमा है? (ख) क्या प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में वर्तमान में मुख्य नहर से माईनर नहरों तक पानी पहुँचने में तकनीकी अमले द्वारा निर्माण कार्य के दौरान भारी अनिमितताएं किये जाने के फलस्वरूप मुख्य और माईनर केनालों में लेबल का भारी अन्तर बन गया है, जिससे मुख्य नहरों से छोड़ा गया पानी किसानों के खेत तक जाने वाली माईनर नहरों में प्रवाहित नहीं हो पा रहा है? यदि हॉ,तो इसके लिये कौन-कौन तकनीकी अमला व एजेन्सी दोषी है? (ग) पेंच नहर निर्माण कार्य अनुबंध के अनुसार कब तक पूर्ण किया जाना था, इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार/दोषी हैं और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) नहर के माध्यम से बीझावाड़ा, कोहका, राघादेही, मानेगांव आदि ग्रामों तक, किसानों द्वारा नहर को जोड़े जाने की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो विभाग इस पर क्या कार्यवाही/विचार कर रहा है।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन
नहरों के
निर्माण
कार्य
विभिन्न अनुबंध
अंतर्गत टर्न
की पद्धति के
तहत अनुबंधित
होकर
प्रगतिरत
होना प्रतिवेदित
है। नहरों में
ड्राइंग/डिजाइन
अनुसार लेवल
तक कार्य करा
कर पानी
प्रवाहित
करने की कार्यवाही
की जा रही हैं, इसमें
अनियमितता
की स्थिति
नहीं है। चूंकि
कार्य अभी
पूर्ण नहीं
हुआ है अतः
किसी अधिकारी
व एजेन्सी को
दोषी ठहराने
की स्थिति नहीं
है। (ग) पेंच नहर
निर्माण
कार्य के
अनुबंध के
अनुसार
पूर्णता का दिनांक संलग्न परिशिष्ट में
दर्शित है। नहर
निर्माण का
कार्य कोरोना
महामारी, वन
विभाग से
अनुमति
प्राप्त
होने में
विलम्ब,
भू-अर्जन
में विलंब एवं
ठेकेदार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
करने के कारण
निर्माण
कार्य में
विलंब होना
प्रतिवेदित है।
किसी के
विरूद्ध जिम्मेदारी
नियत करने की
स्थिति नहीं है।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नांश
में उल्लेखित
ग्राम यथा
बीझावाड़ा, कोहका, राघादेही, मानेगांव
आदि ग्रामों
का सतही तल
नहर के बेड लेवल
से अधिक ऊंचाई
पर स्थित होने
तथा जल की
अनुउपलब्धता
के कारण इन
ग्रामों में
सिंचाई
सुविधा उपलब्ध
कराया जाना
संभव नहीं है।
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "चौबीस"
नामातंरण प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
90. ( क्र. 3164 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत राजस्व विभाग में नामांतरण दर्ज कराये जाने हेतु विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुये? इनमें से कितनों का निराकरण हुआ तथा कितने लंबित हैं? लंबित रहने का क्या कारण है? (ख) नामांतरण प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन द्वारा कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो समय-सीमा में निराकरण न हो पाने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या शासन ऐसे अधिकारियों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (ग) क्या नामांतरण हो जाने के बाद भी समय-सीमा में राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं हो पाते हैं जिससे आवेदकों को प्रयोजन का लाभ नहीं मिल पाता? क्या शासन नामांतरण राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराये जाने हेतु कोई सरलीकरण कराये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील सागर अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक 9527 प्रकरण पंजीबद्ध हुए जिनमें से 8696 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। निराकरण से शेष प्रकरण 831 समय-सीमा में प्रचलित है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश के जवाब की आवश्यकता नहीं। (ग) जी नहीं, म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 की उपधारा-5 में आदेश पारित होने के उपरांत भू-अभिलेखों के अद्यतीकरण व पक्षकारों को नि:शुल्क प्रदाय करने की समय-सीमा 30 दिन नियत की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्ताव
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 3184 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नीमच में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी सिंचाई परियोजनाओं/तालाबों की साध्यता ( फिजिबिलिटी) रिपोर्ट जारी की गई है तथा किन-किन का सर्वे कराया गया है? जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जारी साध्यता रिपोर्ट एवं किये गये सर्वे उपरान्त कितने प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए हैं? विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराया जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त प्रस्तावों में से कितनी सिंचाई परियोजनाओं/तालाबों पर शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है तथा कितने प्रस्ताव अब भी स्वीकृति हेतु लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ग) में लंबित स्वीकृति में क्या नीमच विधान सभा क्षेत्र के भी कोई प्रस्ताव हैं यदि हाँ, तो शासन कब तक इस संबंध में स्वीकृति जारी कर सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन स्तर पर प्रशासकीय स्वीकृति का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
अवैध उत्खनन एवं रेत परिवहन
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 3185 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों में कितनी राशि जुर्माना/समझौता शुल्क के रुप में वसूल की गई है तथा कितने प्रकरणों में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के उपयोग में लाई गई सामग्री/मशीनरी को राजसात किये जाने की कार्यवाही की गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में राजसात की गई सामग्री/मशीनरी की क्या सार्वजनिक नीलामी की गई है? यदि हाँ, तो उससे अब तक कुल कितनी राजस्व आय शासन को प्राप्त हुई है तथा किन-किन मामलों में नीलामी की कार्यवाही वर्तमान में शेष है? (घ) क्या शासन अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाये जाने तथा शासन को अधिक से अधिक राजस्व आय प्राप्त हो सकें, इस संबंध में कोई नीति निर्धारित करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित अनुसार है। (घ) अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाये जाने तथा शासन को अधिक से अधिक राजस्व आय प्राप्त हो सके इस संबंध में नियम अधिसूचित हैं।
भूमि सम्बंधी नामान्तरण प्रकरणों का निष्पादन
[राजस्व]
93. ( क्र. 3188 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम क्षेत्र मुरैना एवं मेरे सम्पूर्ण विधानसभा क्षेत्र में किस-किस माह में, किस-किस दिनांक को, किन-किन आवेदकों के द्वारा कृषि-भूमि, प्लाट रजिस्ट्रियों, मकानों आदि में नामान्तरण किये जाने हेतु विभाग को आवेदन प्रस्तुत किये? आवेदकों के नाम, आवेदन दिनांक, पता, मोबाइल नम्बल की सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग को प्राप्त समस्त आवेदनों में से किस नियम/निर्देश से किन-किन आवेदनों को किस-किस दिनांक को निराकरण किया गया तथा किस नियम/निर्देश से प्राप्त आवेदनों में से किस-किस आवेदनों को किस-किस दिनांक को निरस्त किया गया? निरस्त किये जाने के कारणों के स्पष्ट अभिमत के साथ सभी नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग को प्राप्त समस्त आवेदनों में से कौन-कौन से आवेदन विभाग में किस-किस दिनांक से विचाराधीन एवं लम्बित हैं? लम्बित होने के स्पष्ट अभिमत के साथ विलम्ब हेतु दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के नामों की सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की समस्त जानकारी शहरी क्षेत्र मुरैना एवं मेरी समस्त विधान सभा क्षेत्रवार, ब्लाकवार, नियम/निर्देशों की छायाप्रति के साथ आवेदकों के नाम, आवेदन दिनांक, पता, मोबा. नम्बर, विभाग को प्राप्त आवेदन दिनांक, की समस्त प्रश्नानुसार पृथक-पृथक सूचियों सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम क्षेत्र मुरैना एवं विधानसभा क्षेत्र अम्बाह की तहसील अम्बाह एवं पोरसा अन्तर्गत किये गये नामान्तरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तहसीलदार मुरैना, अम्बाह तथा पोरसा के न्यायालय में प्राप्त नामान्तरण के समस्त आवेदनों का उभयपक्ष की सुनवाई उपरान्त गुणदोष के आधार पर नियमानुसार निराकरण किया जाता है। निराकृत नामान्तरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार लम्बित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ऐसे प्रकरण शासन द्वारा स्थापित विधि की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त समय-सीमा में निराकृत किये जाते है। अतः किसी अधिकारियों/कर्मचारियों के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
फर्जी नामांतरण के संबंध में
[राजस्व]
94. ( क्र. 3198 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि भूमि पर किसी बेचपत्र या विधिक दस्तावेज अथवा न्यायालयीन आदेश के बगैर किसी व्यक्ति का नाम दर्ज हो सकता है? यदि हाँ, तो ऐसे नियम/आदेश की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश ''क'' यदि नहीं तो, टीकमगढ़ जिला की टीकमगढ़ तहसील के पटवारी हल्का बकपुरा में खसरा नम्बर 283, 343 एवं 147/1169 पर वर्ष 2019-20 तक किस-किस का नाम दर्ज रहा है? वर्तमान में किसका नाम दर्ज है? (ग) क्या नायब तहसीलदार समर्रा के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 0405/अ-6/2020-21 में दिनांक 08.09.2021 को नामांतरण आदेश पारित किया गया है? यदि हाँ, तो इस आदेश में प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित भूमियां भी सम्मिलित हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें। यदि प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित भूमियां सम्मिलित नहीं है तो, उक्त आदेश दिनांक 08.09.2021 द्वारा फर्जी नामांतरण कैसे दर्ज किया गया? (घ) प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित भूमियों के नामांतरण आदेश यदि सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित नहीं किये गये है तो फर्जी नामांतरण दर्ज करने के लिये कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या फर्जी नामांतरण को निरस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) पटवारी हल्का वकपुरा में खसरा नम्बर 283, 343 एवं 147/1169 पर वर्ष 2019-20 तक एवं वर्तमान में उक्त भूमियाँ किस-किस के नाम दर्ज रही, रकवा सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट – एक पर है। (ग) जी, हाँ, प्रश्नाधीन प्रकरण में दिनांक 08/09/2021 को आदेश पारित किया गया है। आदेश की प्रति सलंग्न परिशिष्ट - दो पर है। उक्त आदेश में प्रश्नाश "ख" में वर्णित भूमियाँ सम्मिलित नहीं है। आदेश की प्रति सलंग्न परिशिष्ट - दो पर है। वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में प्रश्नाधीन प्रकरण आदेश अमल करते समय त्रुटिवश हल्का पटवारी के द्वारा प्रश्नांश "ख" में वर्णित भूमियों पर उक्त आदेश अमल हो गया था। (घ) वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में प्रश्नाधीन प्रकरण के आदेश अमल करते समय त्रुटिवश हल्का पटवारी के द्वारा प्रश्नांश "ख" में में वर्णित भूमियों पर उक्त आदेश का अमल हो गया था। न्यायालय नायब तहसीलदार समर्रा के प्रकरण क्रमांक 0239/बी-121/2021-22 आदेश दिनांक 28.12.2021 के द्वारा प्रश्नांश "ख" में वर्णित भूमियों में हुई त्रुटि का सुधार कर दिया गया है। तत्कालीन हल्का पटवारी श्री नरेन्द्रसिहं परमार पर कार्यवाही हेतु नायब तहसीलदार समर्रा के पत्र क्र. 19/रीडर/ना.तह./2021 दिनांक 24.01.2022 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ को लिखा गया है। पत्र की प्रति सलंग्न परिशिष्ट - तीन पर है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत अनाज की कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
95. ( क्र. 3200 ) श्री राम दांगोरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कितनी कंट्रोल दुकानों का निरीक्षण वर्ष 2022 में आज तक किया गया है? कितनी दुकानों में अनियमितता पाई गई है? ऐसी दुकानों की सूची नाम सहित बताएं। (ख) खंडवा जिले के अंतर्गत अनाज के अवैध एवं कालाबाजारी के विगत 3 वर्षों में कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं? दर्ज प्रकरणों में कितने व्यक्तियों को दोषी पाया गया एवं कितने को सजा मिली है? नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश "क", "ख" के संदर्भ में क्या दोषी पाए गए व्यक्तियों को भी परिवहन का ठेका दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? ठेका देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की जा रही है? (घ) गोडाउन से अनाज आवंटित होने तथा दुकानों तक पहुँचने के बीच परिवहन पर निगरानी का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतावें। (च) अनाज परिवहन के दौरान अनियमितता के कितने प्रकरण बनाए गए हैं? नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तालाब स्वीकृति प्रदाय करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 3206 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील झिरन्या के पहाड़ी वन क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में सिंचाई के क्या क्या साधन हैं? जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्व में इस क्षेत्र में कौन-कौन से बैराज एवं तालाब निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें यदि नहीं तो क्या कारण हैं? (ख) क्या इस पहाड़ी क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित की जाने वाली संरचनाओं हेतु स्थल उपलब्ध है? हाँ तो वह कौन-कौन से हैं तथा कौन-कौन सी संरचना का निर्माण हो सकता है? (ग) क्या उक्त उपलब्ध संरचनाओं के निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें तथा नहीं तो क्या कारण है? क्या आदिवासी पहाड़ी क्षेत्र पर तालाब बैराज निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग द्वारा प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील झिरन्या में सिंचाई हेतु तालाब निर्मित हैं। अन्य साधनों से की जा रही सिंचाई का विवरण जल संसाधन विभाग द्वारा बताया जाना संभव नहीं है। निर्मित सिंचाई परियोजनाओं एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। चिन्हित परियोजनाएं विभागीय मापदण्ड पर असाध्य पाई गई हैं। साध्यता स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि का मुआवजा
[राजस्व]
97. ( क्र. 3211 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलान्तर्गत छतरपुर तहसील में दिसंबर 2021 एवं जनवरी 2022 में हुई अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि के नुकसान का सर्वे करने गठित सर्वे दल में कौन-कौन शामिल था? उक्त सर्वे दल ने किन-किन गांव का कब-कब सर्वे किया? सर्वे दल के अतिरिक्त किन-किन अधिकारियों ने कब-कब किस स्थान का निरीक्षण किया? सभी के नाम, पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त गांवों में अलग-अलग किसानों की कितने-कितने रकवे की किन-किन फसलों को कितना कितना नुकसान होने का अनुमान गठित सर्वे टीम द्वारा लेख किया गया? रिपोर्ट की प्रति प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त गांव में अलग अलग किसानों को कितना-कितना मुआवजा दिए जाने का प्रस्ताव भेजा गया? कितने किसानों को कितना-कितना मुआवजा शासन से स्वीकृत हुआ?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अनुभाग छतरपुर अंतर्गत सभी पटवारी हल्कों के सभी ग्रामों में अतिवृष्टि/ओला वृष्टि से हुई क्षति का सर्वे करने हेतु राजस्व अधिकारियों को प्रभारी बनाकर सर्किलवार दल गठित किया गया दल में संबंधित सर्किल के राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव/रोजगार सहायक एवं R.A.E.O कृषि विभाग को सम्मिलित किया गया है। प्रभारी अधिकारियों द्वारा दल के साथ भ्रमण कर सर्वे किया गया। उक्त दल गठन अनुविभागीय अधिकारी (रा.) छतरपुर के आदेश कमांक/01/अविअ/प्रा.आपदा/2022 छतरपुर दिनांक 09.01.2022 के द्वारा किया गया। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। सर्वे दल के अतिरिक्त अधिकारियों द्वारा किये गये भ्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) गठित दलों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत कर प्रतिवेदित किया गया कि छतरपुर अनुभाग अंतर्गत किसी भी पटवारी हल्के के किसी भी ग्राम में किसी भी कृषक की फसल में 20 प्रतिशत से अधिक क्षति नहीं हुई है। रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुक्रम में फसल क्षति का प्रतिशत राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निर्धारित मापदण्डों से कम होने से राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
संबल योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को राशि नहीं मिलना
[श्रम]
98. ( क्र. 3214 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलांतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों की मृत्यु उपरांत उनके उत्तराधिकारियों को अनुग्रह राशि प्रदाय करने के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? सभी प्रकरण के लंबित होने के कारणों सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) कार्यालय श्रम पदाधिकारी जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक/असंगठित/जि.का.छ/2022/76 छतरपुर दिनांक 18.01.2022 के अनुक्रम में मृतक श्रमिकों को राशि प्रदाय करने हेतु किस दिनांक को राशि निकाय के खाते में भेजी गई? किस दिनांक को संबधित उत्तराधिकारी को राशि प्रदाय की गई? राशि 02 वर्ष से अधिक समय से निकाय के खाते में रही है तो किस कारण से उत्तराधिकारियों को राशि प्रदाय नहीं की जा सकी? (ग) मृतक श्रमिकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने के मामले में संवेदनशीलता नहीं दिखाते हुए अनावश्यक रूप से अत्याधिक समय लगने का क्या कारण है? त्वरित, संवेदनशीलता के साथ कार्य नहीं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही होगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) छतरपुर जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों की मृत्यु उपरान्त उनके उत्तराधिकारियों को अनुग्रह सहायता राशि प्रदाय करने हेतु कुल 598 प्रकरण लंबित है। पर्याप्त आवंटन प्राप्त होने पर अनुग्रह सहायता राशि प्रदाय की जा सकेगी। (ख) कार्यालय श्रम पदाधिकारी जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक/असंगठित/जि.का.छ/2022/76 छतरपुर दिनांक 18.01.2022 के अनुक्रम में मृतक श्रमिकों श्री राकेश भट्ट एवं रमेश यादव को श्रमायुक्त म.प्र.शासन, इन्दौर के आदेश क्रमांक 546/2019 दिनांक 28.09.2019 एवं मृतक श्रमिक श्री बालकिशन श्रीवास हेतु श्रमायुक्त म.प्र.शासन, इन्दौर के आदेश क्रमांक 45/2020 दिनांक 16.01.2020 के माध्यम से नगर परिषद छतरपुर को राशि प्रदान की गई। श्री बालकिशन श्रीवास के उत्तराधिकारी को राशि दिनांक 22-02-2022 को प्रदाय की जा चुकी है। श्री राकेश भट्ट व श्री रमेश यादव के उत्तराधिकारियों को राशि भुगतान नहीं हुआ है। निकाय को प्रदत्त राशि निकाय द्वारा अन्य पात्र श्रमिकों को प्रदाय की गई थी। निकाय द्वारा प्रतिपूर्ति संबंधी मांग के आधार पर दिनांक 04-03-2022 को राशि प्रतिपूर्ति हेतु श्रम पदाधिकारी जिला छतरपुर कार्यालय से पत्र प्राप्त होने पर राशि दिनांक 08-03-2022 को उपलब्ध कराई गई है। जिससे भुगतान निकाय द्वारा किया जाना है। (ग) नगर पालिका परिषद छतरपुर के तत्कालीन शाखा प्रभारी द्वारा उक्त वर्णित श्रमिकों की राशि अन्य पात्र श्रमिकों को निकाय के द्वारा उनके स्वीकृत दिनांक के क्रमानुसार प्रदान की गई। मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, छतरपुर द्वारा अवगत कराया गया कि तत्कालीन शाखा प्रभारी एवं तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी की कोरोना के समय मृत्यु होने के कारण उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी।
नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
99. ( क्र. 3226 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है, कि श्योपुर जिले की चम्बल दाहिनी मुख्य नहर की सहायक नहर शाखाओं 1 एल वितरका नहर से लेकर 18 एल तक तथा जल संसाधन संभाग सबलगढ़ के अंतर्गत 19 एल से लेकर 29 एल तक की मरम्मत का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नहर शाखा का? अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त शाखाओं की मरम्मत कार्य पर किस-किस शाखा पर, कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कराये गये मरम्मत कार्य मूल्यांकन निरीक्षण भौतिक सत्यापन किस तकनीकी अधिकारी के द्वारा जारी किये गये? (घ) चम्बल दाहिनी मुख्य नहर की मुख्य कैनाल आम रास्ता सड़क की मरम्मत/दुरस्ती कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि से कराये गये? कार्यों का पृथक-पृथक विस्तृत विवरण, व्यय का ब्यौरा सहित जानकारी से अवगत करावें। (ड.) श्योपुर जिले में अतिवृष्टि बाढ़ से क्षतिग्रस्त चम्बल दाहिनी मुख्य नहर की मरम्मत कहां-कहां, कितनी-कितनी राशि से, कौन-कौन से मरम्मत कार्य करवाये गये हैं? डी.पी.आर., तकनीकी स्वीकृति, माह पुस्तिका मूल्यांकन, कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र सहित विस्तृत जानकारी से अवगत करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन कार्यों की माप उपयंत्री द्वारा तथा भौतिक सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा एवं कार्य का निरीक्षण कार्यपालन यंत्री के साथ-साथ समय-समय पर अधीक्षण यंत्री/मुख्य अभियंता द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब-1'' एवं ''ब-2'' अनुसार है। (ड.) श्योपुर जिले में अतिवृष्टि/बाढ़ से क्षतिग्रस्त चंबल दाहिनी मुख्य नहर में कराये गये मरम्मत कार्यों एवं राशि का विवरण ''प्रपत्र-अ1/अ2'' एवं ''ब1/ब2'' में दर्शित है। कार्यों की डी.पी.आर., तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री द्वारा एवं माप पुस्तिका में माप का मूल्यांकन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। सभी कार्य प्रगतिरत हैं। कार्य पूर्ण होने के उपरांत कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकेगा।
अटल प्रोग्रेस-वे हेतु अधिग्रहित भूमि
[राजस्व]
100. ( क्र. 3228 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में भारतमाला अटल प्रोगेस-वे हेतु किस-किस किसान की कितनी-कितनी भूमि अधिगृहित की जा रही है? कृषकवार अधिग्रहीत भूमि की सर्वे नं. एवं रकवा सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या शासन किसानों की अधिग्रहित की जा रही भूमि का 04 गुना नकद मुआवजा भारत सरकार के वर्ष 2012-13 में पारित अधिनियम के तहत दी जावेगी? मुआवजा देने हेतु शासन के क्या मापदण्ड एवं प्रावधान हैं? (ग) क्या श्योपुर जिले के कई ग्रामों जैसे ज्वाड़, जैनी, धीरोली की भूमि के रकवे का बंदोबस्त बिना पैमाईस किया गया है? जिससे खातेदारकों की भूमि के सर्वे क्र. राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है तथा किसान को अपनी भूमि का सीमा ज्ञान भी नहीं है? यदि ऐसा है तो उक्त विसंगतियों को कब तक दूरस्थ कराया जावेगा? (घ) क्या पात्र भूमिहीन कृषक जिनकों पूर्व में शासन द्वारा नियमानुसार शासकीय भूमि के पट्टे दिये गये हैं तथा अनेक पात्र किसानों का उक्त शासकीय भूमि पर विधिवत कब्जा तथा अर्थदण्ड जमा किये जाने के पश्चात् भी उक्त पात्र भूमिहीन परिवारों को उक्त पट्टे एवं बाजिव कब्जा की भूमि को शासकीय घोषित किया जाकर मुआवजा के रूप में दिये जाने की मंशा है? यदि नहीं तो उक्त भूमिहीनों को उनकी जमीन का सीमांकन कराया जाकर कब तक उनके सुपुर्द कर दी जावेंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अटल प्रगति पथ अन्तर्गत जिला श्योपुर के लगभग 1674 कृषकों की लगभग 612.665 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहीत किया जाना प्रस्तावित है कृषकवार अधिग्रहीत भूमि की सर्वे नम्बर एवं रकवा सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषकों की भूमि अधिगरण हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग (भू-अर्जन) अधिनियम 1956 के अन्तर्गत धारा 3A की कार्यवाही की जा रही है। (ग) तहसील श्योपुर के अन्तर्गत प्रश्नांकित ग्रामों का बंदोबस्त विधिवत पैमाईस उपरांत किया गया है तथा खातेधारकों की भूमि सर्वे नं. राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। किसान को उसकी भूमि की सीमा की जानकारी हेतु वह विधिवत सीमांकन करा सकता है। (घ) जिन कृषकों को विधिवत पट्टे जारी किये गये थे, वह संबंधित भूमि पर काबिज है। अटल प्रगति पथ में अर्जित की जाने वाली उनकी भूमि का नियमानुसार मुआवजा दिया जाना प्रावधानित है। ऐसे पात्र भूमिहीन कृषक जिन्हें पूर्व में शासन द्वारा नियमानुसार शासकीय भूमि के पट्टे दिये गये, उनके द्वारा अपनी भूमि का सीमांकन चाहे जाने पर उनकी भूमि का, सीमांकन करने तथा ऐसी भूमि का कब्जा दिलाये जाने का पूर्व से प्रावधान है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
101. ( क्र. 3234 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील चीनौर जिला ग्वालियर के किस-किस पंचायत का नाम, पटवारी हल्का न. पर किन-किन व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है? अवैध कब्जा किये गये व्यक्ति का नाम, पिता/पति का नाम, ग्राम, पटवारी हल्का न. एवं जिस शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा है, उस खसरा न. के कितने रकवा पर किस दिनांक या वर्ष से अवैध कब्जा किये हुये हैं? क्या इस अवैध कब्जा को हटाने के लिये 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कोई शिकायतें मिली हैं? यदि हाँ तो शिकायतकर्ता का नाम, पता तथा शिकायत की छायाप्रतियां दें। शिकायत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाने की क्या-क्या कार्यवाही की गई है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या ग्राम पंचायत चीनौर के सर्वे क्र. 1551, 1554, 1424 के शासकीय भूमि पर अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध कलेक्टर ग्वालियर द्वारा आदेश दिनांक 04-10-2021 को तुरन्त अवैध कब्जा हटाने के आदेश दिये थे? यदि हाँ तो उस आदेश में अवैध कब्जा हटाने की क्या समय-सीमा थी? क्या इन्हीं सर्वे नम्बरों पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया था? यदि हाँ तो उक्त सभी आदेशों की छायाप्रतियां दें। आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सम्बन्धित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं? क्या अतिक्रमण हटा दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? इतने आदेशों की अवहेलना किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा क्यों की गई है? उनका नाम, पद बतावें। क्या इन लापरवाह-भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रति कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? अब कब तक अवैध अतिक्रमणों को हटा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील चीनौर में कुल 4 ग्राम भीमवाडा, एराया, भारस, बडेरा में सूची अनुसार व्यक्तिवार अवैध कब्जों की रिपोर्ट पटवारियों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ग्राम भीमवाडा के अबैध कब्जा को हटाने के लिये 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 07 शिकायतों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उक्त भूमि से अवैध कब्जा हटाने की कार्यवाही की जा चुकी है। (ख) हाँ, माननीय उच्च न्यायलय एवं कलेक्टर महोदय के आदेश की छायाप्रति क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं ''4'' अनुसार है। ग्राम चीनौर की भूमि सर्वे 1551 एवं 1424 से अतिक्रमण हटा दिया गया है। शेष अतिक्रमण हटाये जाने हेतु मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत संबंधित न्यायालय में कार्यवाही प्रचलित है। उक्त कार्यवाही में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कोई अवहेलना नहीं की गई।
अवैध अतिक्रमण से हो रही दुर्घटनाएं
[राजस्व]
102. ( क्र. 3235 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नयागाँव ए.बी. रोड से चीनौर रोड के मोड़ पर नयागाँव में रोड के किनारे शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब किस दिनांक से किस-किस कर्मचारी/अधिकारी की सहमति से किस-किस सर्वे नम्बरों पर क्यों किया गया है? क्या इस अवैध अतिक्रमण से ए.बी. रोड पर चल रहे तेज वाहनों से चीनौर रोड के तिराहे के रास्ते में ए.बी. रोड पर आ रहे वाहन साफ न दिखने के कारण आये-दिन दुर्घटनायें हो रही हैं, इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या इस अवैध अतिक्रमण को हटाकर हो रही दुर्घटनाओं को रोका जावेगा? (ख) क्या तहसील सिटी सेन्टर के पटवारी हल्का नौगाँव के ग्राम छौडा में श्री कमल सिंह यादव एवं श्री संजय सिंह यादव द्वारा सीमांकन कराने बाबत् ऑनलाइन आवेदन दिनांक 23/09/21 एवं 29/09/21 को दिये थे? यदि हाँ तो आवेदन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रश्न दिनांक तक सीमांकन न करने के लिये कौन-कौन कर्मचारी-अधिकारी दोषी है? उनका नाम, पद बतावें। कब तक सीमांकन कर नकल प्रदाय करा दी जावेगी? (ग) घाटीगाँव, चीनौर एवं भितरवार तहसील में 20 फरवरी 2022 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक, कार्यक्षेत्र, मुख्यालय एवं मोबाईल नम्बर बतावें। स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद किन-किन कर्मचारियों के रिक्त हैं? उनको कब तक भर लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील घाटीगाँव जिला ग्वालियर में ग्राम नयागाँव ए.बी. रोड से चीनौर रोड के मोड़ पर ग्राम नयागाँव में रोड के किनारे शासकीय भूमि मद चरनोई सर्वे क्रमांक 646/1 के अंश भाग रकवा 0.220 है. पर ग्राम पंचायत नयागाँव द्वारा कार्य एजेन्सी सरपंच ग्राम पंचायत नयागाँव के माध्यम से मनरेगा मद से 9.65 लाख रु. की लागत से शांति धाम/श्मशान की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण किया गया। जनवरी 2022 में इसकी बाउण्ड्री से सटकर शासकीय भूमि मद चरनोई सर्वे नं. 646/1 के अंश भाग 300 वर्गफुट पर अतिक्रमाक संदीप पुत्र राधेलाल वाल्मीक, दिलीप पुत्र अर्जुन व रामेश्वर पुत्र मुकुट सिह राठौर के द्वारा पृथक-पृथक अस्थाई गुमटी रख दी गई थी तथा सर्वे न . 551 मद चरनोई के अंश भाग रकवा 1100 वर्गफुट पर भारत सिंह पुत्र सेवाराम गूजर के द्वारा अस्थाई कच्ची दुकान एवं बाउण्ड्री बना कर अतिक्रमण करने पर पटवारी के द्वारा 5 फरवरी 2022 को म.प्र. भू.रा. संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। इसके आधार पर न्यायालय तहसील घाटीगाँव में अतिक्रामकों को सूचना पत्र जारी कर सुनवाई करने के उपरांत प्रकरण क्रमांक 0051/अ 68/2021-22 में दिनांक 28 फरवरी 2022 को आदेश जारी कर दिनांक 2.3.2022 को अतिक्रमण हटा दिया गया। प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही के प्रकाश में किसी अधिकारी/कर्मचारी की त्रुटि नहीं है। (ख) जी हाँ। कमल सिंह यादव एवं संजय सिंह यादव द्वारा सीमांकन करने बाबत् आवेदन दिनांक 23.9.2021 एवं 29.9.2021 दिये गये थे। कमल सिंह यादव द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर से प्रकरण क्रमांक 0046/अ 12/2021-2022 दर्ज कर राजस्व निरीक्षक को सीमांकन हेतु निर्देशित किया गया। राजस्व निरीक्षक द्वारा दिनांक 25.10.2021 को सीमांकन किया गया जो 26.11.2021 को स्वीकार किया गया एवं संजय सिंह यादव द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर से प्रकरण क्रमांक 0087- अ 12/2021-2022 दर्ज कर राजस्व निरीक्षक से रिपोर्ट ली गई। राजस्व निरीक्षक द्वारा सीमांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई प्रकरण में आपत्तिकर्ता मे. गोकुल बिलडर्स डायरेक्टर राजू कुकरेजा निवासी गोविन्दपुरी सिटी सेन्टर द्वारा 22.11.2021 को लिखित आपत्ति प्रस्तुत की गई। आवेदक द्वारा आपत्ति का जबाव प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रकरण आपत्ति के जबाव हेतु नियत है। (ग) जिला ग्वालियर की तहसील घाटीगाँव, चीनौर एवं भितरवार में 20 फरवरी 2022 की स्थिति में पदस्थ अधिकार/कर्मचारी के नाम पद, पदस्थपना दिनांक वर्तमान पद कार्यक्षेत्र, मोबाइल न. की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
टी.डी.एस. कटौत्रे की जानकारी
[राजस्व]
103. ( क्र. 3238 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1198 दिनांक 25/02/2021 के उत्तर ''ग'' में जिन बसों को भुगतान किया गया है, उसमें जिन जिलों में टी.डी.एस. की राशि नहीं काटी गई, उनके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ख) इन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसके पूर्व विगत 2 वर्षों में कितने भुगतान किए, जिनमें टी.डी.एस. नहीं काटा गया की जानकारी अधिकारीवार देवें। (ग) उपरोक्त ''क'' प्रश्नानुसार सागर जिले के बस क्रमांक, वाहन मालिक का नाम, भुगतान राशि, बैंक का नाम, बैंक खाता नंबर सहित देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टी.डी.एस. राशि कटौत्रा के विषय में सक्षम स्तर से निर्णय लिया जाता है। इस हेतु अनुपालन की कार्यवाही सुनिश्चित करने जिलों को निर्देशित किया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
परिवहन विभाग द्वारा काल्पनिक वाहनों का क्रय-विक्रय एवं पंजीयन
[परिवहन]
104. ( क्र. 3240 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. प्र.क्र. 999 सदन में उत्तर दिनांक 22.12.21 में मा. मंत्री महोदय ने अवगत कराया था कि (क) से (ड.) तक की जानकारी संकलित की जा रही है। यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। उस पर बिन्दुवार क्या कार्यवाही की गई है? यदि जानकारी संकलित नहीं हुई है तो लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या किसी काल्पनिक संस्था/व्यक्ति के नाम पर म.प्र. परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर काल्पनिक वाहन मालिक के नाम पर ऑनलाइन पेमेन्ट जमा करना सही है या गलत है? यदि सही है तो क्यों और गलत है तो क्यों? (ग) क्या किसी काल्पनिक संस्था/व्यक्ति के नाम पर बिना सक्षम अथॉरिटी की मान्यता प्रमाण-पत्र के वाहन का खरीदना सही है या गलत है? (घ) क्या म.प्र. राज्य में वाहन डीलरों के द्वारा बिना किसी प्रमाण-पत्र के प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित संस्थानों को धड़ल्ले से वाहनों का विक्रय किया जा रहा है और आर.टी.ओ. इन्दौर उनके इस कार्य में मदद कर रहे हैं? (ड.) क्या आर.टी.ओ. इन्दौर प्रश्नांश (क) में बिन्दुवार शिकायतों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं और आज दिनांक तक भी चार वर्षों से कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या उक्त अधिकारी पर विभाग कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शिकायतकर्ता आरिफ एहमद शेख, बड़वानी द्वारा दिनांक 27/09/2021 को प्रेषित शिकायत परिवहन आयुक्त कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है अपितु उनके द्वारा प्रेषित शिकायती पत्र दिनांक 07/01/2020, दिनांक 19/07/2021, दिनांक 24/09/2021, दिनांक 09/12/2021, दिनांक 11/12/2021 तथा दिनांक 01/01/2022 परिवहन आयुक्त कार्यालय में प्राप्त हुए है। उक्त शिकायतों की प्रति के साथ संलग्न समस्त दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। कलेक्टर बड़वानी, पुलिस अधीक्षक बड़वानी एवं आर.टी.ओ. इंदौर द्वारा की गई जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उक्त प्रकरण में परिवहन आयुक्त कार्यालय में एवं कार्यालय पुलिस अधीक्षक बड़वानी के लेख अनुसार आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इंदौर में जांच लंबित है। जांच निष्कर्ष के आधार पर ही प्रश्न की शेष जानकारी प्रदाय की जाना संभव होगी। साथ ही डी.टी.ओ. कार्यालय बड़वानी में कलेक्टर बड़वानी, पुलिस अधीक्षक बड़वानी, जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी के द्वारा दिनांक 01 मार्च 2021 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) मध्यप्रदेश परिवहन विभाग की वेबसाईट पर ऑनलाइन यूजर (वाहन विक्रेता/सर्विस प्रोवाईडर) द्वारा किसी वाहन क्रेता द्वारा प्रदाय किये गए दस्तावेजों के आधार पर ऑनलाइन पेमेन्ट जमा किया जाता है। इसमें परिवहन कार्यालय का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। (ग) किसी संस्था/व्यक्ति के नाम पर वाहन खरीदने हेतु किसी सक्षम अथॉरिटी की मान्यता प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है। (घ) केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 35 में विहित प्रावधानों के तहत परिवहन विभाग द्वारा वाहन विक्रेता को व्यवसाय प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है, जिसके आधार पर वाहन विक्रेता द्वारा नियमानुसार वाहनों का विक्रय किया जाता है। जी नहीं। (ड.) आर.टी.ओ. इंदौर द्वारा प्रश्नांश 'क' में प्राप्त बिंदुवार शिकायतों के संबंध में समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इंदौर में पंजीबद्ध शिकायत में उनके द्वारा की जा रही जांच के क्रम में अग्रिम जांच हेतु प्रकरण मूलतः पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इंदौर को अग्रेषित किया गया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इंदौर एवं परिवहन आयुक्त कार्यालय में उक्त प्रकरण के संबंध में जांच की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर पदोन्नति
[जल संसाधन]
105. ( क्र. 3242 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री मुकेश रायकवार, सहायक यंत्री, जल संसाधन विभाग के जाति प्रमाण-पत्र की जांच कलेक्टर विदिशा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गंजबासौदा से कराई गई है? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गंजबासौदा द्वारा उनके जांच प्रतिवेदन दिनांक 23-03-2019 के माध्यम से कलेक्टर विदिशा को यह अवगत कराया गया कि श्री मुकेश रायकवार भोई जाति के अंतर्गत आते हैं एवं उनकी जाति भोई (रैकवार है) जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग में आती है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति में नहीं आती है? (ग) क्या मुकेश रायकवार के उक्त फर्जी प्रमाण-पत्र पर कलेक्टर विदिशा द्वारा विगत 3 वर्षों से आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं करते हुए उक्त भ्रष्ट अधिकारी को खुलेआम संरक्षण दिया जा रहा है? (घ) क्या मुकेश रायकवार द्वारा अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर जल संसाधन विभाग में उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति प्राप्त की है? यदि हाँ तो उक्त अधिकारी के विरूद्ध जल संसाधन विभाग द्वारा क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि कलेक्टर, विदिशा द्वारा प्रारंभिक जांच उपरांत प्रतिवेदन में श्री मुकेश रैकवार की जाति भोई बतायी जो अन्य पिछड़ा वर्ग में आती है। प्रकरण विस्तृत जांच हेतु सक्षम प्राधिकारी आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग एवं सचिव राज्य स्तरीय अनुसूचित जनजाति, छानबीन समिति, भोपाल को भेजा गया, जिसकी समिति के निर्णय उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
[राजस्व]
106. ( क्र. 3243 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की वर्तमान में नगर पंचायत सेमरिया क्षेत्रान्तर्गत खसरा क्र.426 सन् 1956-1957 की खसरा खतौनी में किसका नाम दर्ज था? उक्त आराजी तब से अब तक किन-किन भू-धारकों के पास कितने रकबे से कब-कब किस प्रकार से हस्तांतरित हुई एवं वर्तमान में कितने बटांकों के साथ अस्तित्व में है? विवरण सहित सत्यापित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त आराजी में वर्ष 1958-59 में किसका नाम दर्ज था? सत्यापित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या आम निस्तार/शासकीय पोखरी के अस्तित्व को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अधिगृहीत करने वालों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर उक्त जमीन को आम निस्तार के लिये पुन: बहाल किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया क्षेत्रान्तर्गत खसरा क्र. 426 में उपलब्ध वर्ष 1956-57 से 1960-61 तक के पंचशाला खसरा के अनुसार बाल्मीक प्रसाद सा. भटिगवां का नाम दर्ज था। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त आराजी में वर्ष 1958- 59 में बाल्मीक प्रसाद सा. भटिगवां का नाम दर्ज था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में के वर्ष 1956-57 से 1960-61 तक के आराजी क्रमांक 426 के पंचशाला खसरे में कालम नं. 1 में पोखी एवं कालम नं. 22-23 में पोखरी दर्ज था परन्तु उक्त आराजी के उपलब्ध किसी भी वर्ष के खसरे में आम निस्तार अथवा शासकीय पोखरी दर्ज नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन आराजी के कई बटांक पृथक-पृथक भूमि स्वामित्व के साथ नामान्तरण/बटवारा आदेश से स्थापित हो चुकी है। अत: वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भूमि स्वामियों की सहमति के बगैर भूमि को आम निस्तार के लिए बहाल किया जाना संभव नहीं है।
मृत हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
107. ( क्र. 3244 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत जनपद पंचायत सिरमौर में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में पंजीकृत मृतक हितग्राहियों को दिसम्बर 2019 के पूर्व 50 हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान नहीं कराया गया है? क्या विभाग बजट आधारित 50 हितग्राहियों के लिए 1.16 करोड़ (एक करोड़ सोलह लाख रूपये) रूपये स्वीकृत कर हितग्राहियों का भुगतान कराएगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक 566 दिनांक 01.10.2021 द्वारा माननीय मंत्री जी म.प्र. शासन श्रम विभाग भोपाल, पत्र क्र. 567 दिनांक 01.10.2021 द्वारा श्रम आयुक्त इंदौर एवं पत्र क्रमांक 568 दिनांक 01.10.2021 द्वारा सचिव, शहरी एवं ग्रामीण असंगठित कर्मकार मण्डल भोपाल को भी लेख किया गया है? यदि हाँ तो उक्त पत्रों के अनुक्रम में कब तक राशि प्रदाय कर जनपद पंचायत सिरमौर के 50 हितग्राहियों का भुगतान करा दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या जनपद पंचायत सिरमौर की ही तरह जनपद पंचायत रीवा एवं जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में लंबित प्रकरणों हेतु राशि उपलब्ध कराकर मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के पंजीकृत मृतक हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रीवा जिले के जनपद पंचायत, सिरमौर में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत मृतक हितग्राहियों का दिसम्बर 2019 के पूर्व 50 हितग्राहियों में से जिसमें 34 हितग्राहियों का भुगतान कर दिया गया है तथा शेष 16 हितग्राहियों के प्रकरण अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील में निराकरण हेतु लंबित है। अपील में अपीलीय अधिकारी द्वारा किये गये निराकरण अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ख) माननीय विधायक के पत्र क्रमांक 568 दिनांक 01-10-2021 के तारतम्य में श्रम पदाधिकारी, जिला रीवा को मण्डल के पत्र क्रमांक 1107 दिनांक 14-10-2021 से उक्त प्रकरणों की जाँच कर वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु लेख किया गया था। श्रम पदाधिकारी जिला रीवा द्वारा अवगत कराया गया है कि पत्र में प्रेषित 50 हितग्राहियों में से 34 हितग्राहियों का भुगतान कर दिया गया है तथा शेष 16 हितग्राहियों के प्रकरण अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील में निराकरण हेतु लंबित है। अपील में अपीलीय अधिकारी द्वारा किये गये निराकरण अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ, बजट उपलब्धता पर पात्र स्वीकृत प्रकरणों में प्राथमिकता के आधार पर भुगतान किया जाता है।
कड़ान मध्यम परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
108. ( क्र. 3261 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर में निर्माणधीन है? यदि हाँ तो इसका निर्माण कार्य कब शुरू हुआ था एवं कार्य पूर्णतः की तिथि/अवधि सहित जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा निर्माणाधीन कड़ान सिंचाई परियोजना के संबंध में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्राक्कलन विभाग में प्रेषित किया है? यदि हाँ तो कब प्रेषित किया गया है? लागत सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उपरोक्त प्रशासकीय स्वीकृति के कारण परियोजना निर्माण कार्य एवं भू-अर्जन कार्य, नाला बंधान कार्य आदि में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है एवं कार्य प्रगति भी प्रभावित हो रही है? (घ) पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के कारण कार्य प्रभावित एवं कार्य में विलंब हो रहा है तो क्या विभाग प्रशासकीय स्वीकृति शीघ्र प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, सागर जिले में कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है। इसके निर्माण हेतु अनुबंध दिनांक 07.09.2018 को किया जाकर कार्य प्रारंभ किया गया था एवं जून-2023 में पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव मुख्य अभियंता (बोधी) कार्यालय से परीक्षण उपरांत दिनांक 22.12.2021 को राशि रू. 499.29 करोड़ का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय के माध्यम से शासन को प्राप्त हुआ था। (ग) एवं (घ) साधिकार समिति की 62 वी बैठक दिनांक 14 फरवरी 2022 में कड़ान मध्यम परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव के संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य मूल प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार पूर्ण किया जावे। नाला बधान के लिए वर्तमान में वन प्रकरण की स्टेज-2 की स्वीकृति वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से प्राप्त नहीं होने के कारण तथा गाइड बण्ड निर्माण में ग्राम पथरियाहाट के कृषकों के विरोध के कारण कार्य प्रभावित होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी अधिकारियों पर दंडात्मक एवं विभागीय जांच
[खनिज साधन]
109. ( क्र. 3265 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियम के तहत जिला छतरपुर की चंदला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित पत्थर खदानों से पत्थर की खुदाई की जा रही है? यदि हाँ तो निर्धारित भूमि पर या उससे अतिरिक्त खुदाई का कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्या जांच दल गठित कर जांच कराई जावेगी? (ख) यदि नहीं तो उक्त संचालकों द्वारा प्राप्त भूमि से अतिरिक्त भूमि पर खुदाई का कार्य किया जा रहा है तो क्या दोषी अधिकारियों पर दंडात्मक एवं विभागीय जांच की कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त खदान संचालकों के संबंध में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब शासन एवं प्रशासन को शिकायतें प्राप्त हुई हैं? क्या उक्त शिकायतों पर शिकायती बिंदुओं एवं शिकायतकर्ता से संपर्क कर कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो क्यों? (घ) खदानों से निकलने वाला अनुपयोगी मटेरियल कहाँ पर संग्रह किया जाता है? क्या उक्त संग्रह अनुपयोगी मटेरियल शासन के नियमों के अनुसार निर्धारित स्थान पर डाला जाता है? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या शासन अधिकारियों द्वारा पत्थर खदानों के संचालकों पर शासन के नियम के अनुसार कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक एवं विभागीय जांच की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा में स्वीकृत क्षेत्र में खनन कार्य किया जा रहा है। समय-समय पर खदानों की जांच राजस्व तथा खनिज अमले के द्वारा की जाती है। स्वीकृत क्षेत्र से हटकर उत्खनन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) खदानों से निकलने वाला अनुपयोगी ओवर-बर्डन खनन योजना अनुसार स्वीकृत क्षेत्र में भण्डारित कर रखा जाता है। जिले में खदानों से निकलने वाला अनुपयोगी ओवर-बर्डन शासन के नियमों के अनुसार निर्धारित स्थान पर ही रखा जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी
[राजस्व]
110. ( क्र. 3269 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में शुद्धिकरण पखवाड़ा में रिक्त भूमि स्वामी के कुल कितने प्रकरण थे? कितनों का शुद्धिकरण कर दिया गया है? कितने शेष हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) रिक्त भूमि स्वामी में भूमि स्वामी का नाम दर्ज करने के लिए कौन-कौन से साक्ष्य एवं दस्तावेजों को आधार बनाया गया है एवं कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई है? (ग) यदि पूर्व के अभिलेखों को आधार बनाया गया है तो कितने वर्ष पूर्व तक के अभिलेखों को आधार बनाया गया है? क्या इसका परीक्षण किया गया है? इतने वर्षों में उक्त भूमि का विक्रय नामांतरण या बंटवारा नहीं हुआ है? (घ) यदि हाँ तो कैसे परीक्षण हुआ है? तहसीलवार जानकारी दें। (ड.) उपलब्ध जानकारी के अनुसार दमोह जिले के विभिन्न ग्रामों में रिक्त भूमि स्वामी के स्थान पर सही नाम दर्ज न करते हुए विभिन्न शब्दावली जैसे ''अ'' पिता ''ब'', ''क'' पुत्री आदि दर्ज कर दिया गया है, क्या यह सही है? यदि नहीं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा दोषियों पर कोई कार्रवाई की गई है? यदि नहीं की गई है तो क्या सरकार स्वयं ऐसा करा रही है? क्या यह शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी का मामला नहीं है? यदि है तो क्या दोषियों के विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है :–
तहसील |
रिक्त भूमिस्वामी प्रकरण |
निराकृत |
शेष |
01-बटियागढ़ |
885 |
882 |
3 |
02-दमोह |
2509 |
2078 |
431 |
03-हटा |
1485 |
1448 |
37 |
04-जबेरा |
393 |
393 |
0 |
05-पथरिया |
2283 |
2281 |
2 |
06-तेन्दूखेड़ा |
1384 |
1317 |
67 |
07-पटेरा |
1787 |
1759 |
28 |
08-दमयंतीनगर |
675 |
443 |
232 |
कुल योग (जिला) |
11401 |
10601 |
800 |
(ख) रिक्त भूमि स्वामी में भूमि स्वामी का नाम दर्ज किये जाने हेतु बन्दोबस्त अभिलेख, वर्तमान अभिलेख एवं पटवारी रिपोर्ट को आधार बनाया जाकर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115-116 के अंतर्गत विधिवत कार्यवाही कर सुधार किया गया। (ग) बंदोबस्त अभिलेख से वर्तमान वर्ष तक के अभिलेखों का परीक्षण एवं पटवारी रिपोर्ट के आधार पर ही वास्तविक/वर्तमान कृषक का नाम दर्ज किया गया है। प्रकरणों में न्यायालय द्वारा विधिवत जांच कर यथोचित आदेश न्यायालयीन प्रकरण में पारित किया गया है। (घ) प्रकरणों में तहसील अंतर्गत, बंदोबस्त अभिलेख से वर्तमान वर्ष तक के अभिलेख, खसरा नक्शा का आवश्यकतानुसार मौका मिलान कराया जाकर परीक्षण किया गया। (ड.) तहसील अंतर्गत ग्रामों में विधिवत जांच के आधार पर सुनवाई उपरांत आदेशानुसार वास्तविक कृषक का नाम दर्ज किया गया है।
पी.डी.एस. सामग्री की गुणवत्ता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
111. ( क्र. 3272 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-105, दिनांक 22/12/2021 की जानकारी एकत्रित की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो एकत्रित जानकारी क्या है और उद्भूत तथ्यों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? बताएं। यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4582, दिनांक 22/03/2021 के प्रश्नांश (ग) जो पी.डी.एस. सामग्री की गुणवत्ता जांच के संबंध में था, का उत्तर – ''प्रश्नांकित अवधि में जांच नहीं की गयी हैं, इस संबंध में जांच प्रतिवेदन प्राप्त कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी, '' दिया गया था। यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन और प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1453, दिनांक 22/12/2021 के प्रश्नांश (ख) यह भी पी.डी.एस. सामग्री की गुणवत्ता जांच के संबंध में था, का उत्तर - ''जी हाँ, '' दिया गया और विगत 02 वर्षों में प्रतिमाह गुणवत्ता की जांच का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक-4582 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर सही है अथवा प्रश्न क्रमांक-1453 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में खाद्यान्न उपार्जन संबंधी प्रक्रियाओं में लगातार गंभीर अनियमितताएं विभाग के संज्ञान में होने पर भी इन अनियमितताओं के लगातार जारी रहने की क्या? शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच कराये जाने के आदेश किए जाएंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौण खनिज के पट्टे प्राप्त करने की प्रक्रिया
[खनिज साधन]
112. ( क्र. 3273 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कौन-कौन सा मुख्य एवं गौण खनिज पाया जाता हैं? कटनी जिले में कितने और कौन-कौन से खनिजों और क्षेत्रफल की खदानें किन-किन स्थानों पर किन-किन को कब-कब स्वीकृत की गयी और वर्तमान में किन-किन के द्वारा संचालित हैं? स्वीकृत एवं संचालित खदानें कब तक की अवधि के लिए स्वीकृत हैं? खनिपट्टावार बताइये। (ख) क्या किन्हीं खदानों के संचालन की समय-सीमा में वृद्धि की गयी हैं? यदि हाँ, तो किस नियम एवं अधिकारिता से और किन-किन खदानों की समय-सीमा में किस नाम/पदनाम के अधिकारी के प्रस्तावों के आधार पर किन सक्षम प्राधिकारियों के किन आदेशों से वृद्धि की गयी? (ग) गौण खनिज के पट्टे प्राप्त करने की क्या प्रक्रिया हैं और पट्टे प्राप्त करने हेतु किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती हैं एवं आवेदन पर किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जाती हैं? किन सक्षम प्राधिकारी द्वारा खनिज पट्टों की स्वीकृति प्रदान की जाती हैं? क्या इस प्रक्रिया में समय-सीमा नियत हैं? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? एक-जिला एक-उत्पाद के तहत इकाइयां लगाने और खनिपट्टा स्वीकृति की प्रक्रिया बताइये। (घ) प्रश्नांश (ग) क्या गौण खनिज पट्टों की स्वीकृति/संबंधित इकाइयां स्थापित करने में अनुसूचित जाति/जनजाति की आवेदकों को या अन्य किन्हीं को प्राथमिकता/आरक्षण का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्या जिला/प्रदेश के निवासियों अथवा वंचित वर्गों को प्राथमिकता के प्रावधान करने की कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 में दिनांक 12 जनवरी 2015 को किये संशोधन अनुसार विद्यमान खनिपट्टा की मूल अवधि से 50 वर्ष होना मान्य किया गया है। इस प्रावधान के अनुसार खनिपट्टा की अवधि विस्तारित करने हेतु आदेश की आवश्यकता नहीं है। विस्तारित अवधि का पूरक अनुबंध कलेक्टर द्वारा किया गया है। विस्तारित खनिपट्टा की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) गौण खनिज के उत्खनिपट्टा के आवेदन एवं स्वीकृति की प्रक्रिया मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधानित है। यह नियम अधिसूचित नियम है। जिसमें प्रश्नानुसार जानकारी प्रावधानित है। एक जिला एक उत्पाद के तहत इकाइयां लगाने और खनिपट्टा स्वीकृत करने के संबंध में नियमों में पृथक से प्रावधान नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में गौण खनिज के उत्खनिपट्टे स्वीकृत किये जाने के संबंध में अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों को आवेदन प्रस्तुत करनें पर नियमानुसार अधिमानी अधिकार प्राप्त है। इन नियमों में जिला/प्रदेश के निवासियों को अधिमानी अधिकार दिया जाना प्रावधानित नहीं है। प्रश्नानुसार विभाग में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
काष्ठ नीलामी में अनियमितता
[वन]
113. ( क्र. 3276 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उत्पादन वनमंडल मण्डला में वनमंडल अधिकारी पदस्थ रहे डॉ. शैलेन्द्र कुमार गुप्ता को काष्ठ नीलामी में की गई अनियमितता के कारण निलंबित किया गया था? यदि हाँ तो निलंबन आदेश व जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराएं। इस जांच कार्यवाही में क्या प्रक्रिया अपनाई गई? मण्डला व डिंडोरी जिले के कितने डिपो में इस तरह की गड़बड़ियां पकड़ी गईं? (ख) क्या उपरोक्त मामले में शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरी गलत अंकन करके नीलामी की राशि कम की जाती थी? इसमें उपरोक्त अधिकारी के अलावा और कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध के दस्तावेज उपलब्ध कराएं। अब तक एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई? क्या एक स्वतंत्र कमेटी का गठन कर इस प्रकरण की जांच करवाई जाएगी? (ग) उपरोक्त अधिकारी के कार्यकाल में मण्डला जिले में कैम्पा मद से कौन-कौन से कार्य कराए गए? कार्य का नाम लागत व पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या निर्माण हेतु सामग्री की निविदा कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो कब-कब? क्या उपरोक्त अधिकारी अपने मनचाहे ठेकेदारों को बुलवाकर बिना किसी नियम प्रक्रिया का पालन किये निर्माण कार्य करवाते थे? यदि हाँ तो क्या इनके कार्यकाल में करवाये गए निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाएगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, निलंबन आदेश एवं जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। समिति का गठन कर जांच करायी गई। उत्पादन मनमण्डल, मण्डला के दो डिपो तथा उत्पादन वन मण्डल, डिण्डोरी के दो डिपो में नीलाम के दौरान गड़बड़ियां पायी गयी हैं। (ख) जी हाँ, श्री आई.बी गुप्ता सहायक वन संरक्षक उप वनमण्डल अधिकारी उत्पादन विछिया/बरेला के विरुद्ध आरोप पत्र प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त 04 कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये सर्वश्री श्री यू.एस. पट्टा सहा. ग्रेड-3 को वन मंडलाधिकारी, उत्पादन वनमण्डल मण्डला के पत्र क्रमांक/स्था./2021/1202 दिनांक 18.03.2021 से, श्री प्रेमशंकर सोनी सहा. ग्रेड-3 को वन मंडलाधिकारी उत्पादन वनमंडल मंडला के पत्र क्रमांक/स्था/2021/1203, दिनांक 18.3.2021 से, श्री एस.सी. कुजांग सहा. ग्रेड-3 को वन मंडलाधिकारी उत्पादन वन मंडल मंडला के पत्र क्रमांक/स्था/2021/1204, दिनांक 18.3.2021 से एवं श्री एम.एम. दुबे सहा. ग्रेड-3 को वन मंडलाधिकारी उत्पादन वनमंडल मंडला के पत्र क्रमांक/स्था./2021/1205 दिनांक 18.3.2021 से आरोप पत्र जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3, 4, 5 एवं 6 अनुसार है। एफ.आई.आर. एवं स्वतंत्र जांच कमेटी से जांच की आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्पादन वनमंडल मंडला के अन्तर्गत उपरोक्त अधिकारी के कार्यकाल में केम्पा मद अन्तर्गत कराये गये कार्य का नाम, लागत व पूर्णता-अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। निर्माण हेतु सामग्री की निविदा कार्यवाही की गई है। सामग्रीवार आमंत्रित निविदा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 अनुसार है। तत्कालीन वनमण्डल अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य नियमानुसार करवाया गया है।
धान खरीदी में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 3278 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले में धान खरीदी के दौरान उपार्जन केंद्र खलौड़ी के केंद्र क्रमांक 2 भीमडोंगरी में खरीदी प्रभारी द्वारा किसानों से प्रति बोरी 40 कि.ग्रा. की बजाए 41.5 कि.ग्रा. धान ली गई है? क्या इस संबंध में किसानों द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई थी? क्या किसानों से प्रति बोरी 1 कि.ग्रा. धान अधिक लेने की शिकायत बोरियों का तौल करने पर सही पाई गई? क्या इस हेतु दिनांक 07 जनवरी 2022 को केंद्र में किसानों व ओ.आई.सी. द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर पंचनामा तैयार किया गया था? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त दिनांक तक केंद्र में 30, 000 बोरियों में धान खरीदी की जा चुकी थी? क्या किसानों से प्रति बोरी 1 कि.ग्रा. धान अधिक लेने के आधार पर 30, 000 कि.ग्रा. धान ज्यादा ली गई जो कि खरीदी प्रभारी से वसूली योग्य माना गया था? यदि हाँ तो क्या यह वसूली की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या इस सम्बंध में स्थानीय नागरिकों द्वारा थाना मोतीनाला में शिकायत दर्ज करवाई गई थी एवं पुलिस द्वारा ओ.आई.सी. केंद्र प्रभारी व विभाग से प्रतिवेदन जानकारी मांगी गई है? यदि हाँ तो पुलिस को अब तक जानकारी उपलब्ध नहीं कराने का क्या कारण है? क्या विभाग द्वारा इस गड़बड़ी की एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाएगी? यदि हाँ तो कब और यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विस्थापित परिवारों को उचित मुआवजा राशि का प्रदाय
[राजस्व]
115. ( क्र. 3280 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त भू अभिलेख म.प्र. के पत्र क्रमांक 164/11-भू.प्र./वन राज./2022/ 101170/ग्वालियर, दिनांक 10/02/2022 को म.प्र. द्वारा जिला होशंगाबाद, सिवनी, छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट एवं पन्ना कलेक्टर को इन जिलों के सतपुड़ा पेंच एवं कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से वन ग्रामों के निवासियों को विस्थापित कर अन्य भूमियों पर बसाया गया? इन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव मांगा गया है? यदि हाँ तो क्या उक्त आदेश के तारतम्य में फैन अभयारण्य अंतर्गत मण्डला जिले के विकासखण्ड मवई के वनग्राम साजालगान एवं संभार धसान के लोगों को विस्थापित कर जहां बसाया गया है उन ग्रामों को जो वन ग्राम हैं, राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जावेगा? (ख) वर्ष 2014 में फैन अभयारण्य के अंतर्गत मण्डला जिले के विकासखण्ड मवई के वनग्राम साजालगान एवं संभार धसान के लोगों को विस्थापित किया गया है? यदि हाँ तो इन परिवारों को कहाँ बसाया गया है? क्या इन परिवारों को उचित मुआवजा की राशि प्रदान की गई है? ग्राम एवं परिवार के नाम सहित सूची प्रदान करें। (ग) यदि इन परिवारों को सही मुआवजा प्रदान नहीं दिया गया है और एक जगह पर बसाया नहीं गया तो क्या इन गरीब अति पिछड़ी बैगा जनजाति के लोगों को पुन: चिन्हांकित कर किसी एक जगह पर बसाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। फैन अभयारण्य अंतर्गत मण्डला जिले के विकासखण्ड मवई के वनग्राम साजालगान (संभार धसान वनग्राम साजालगान का ही भाग है) का विस्थापन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2008 में वनग्रामों के स्वैच्छिक विस्थापन हेतु सुझाई गई नयी विस्थापन नीति में दिये गये विकल्प - (दस लाख रूपये प्रति परिवार) के तहत किया गया है। ये समस्त विस्थापित परिवार अपनी स्वेच्छा से अन्यत्र मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य के राजस्व ग्रामों में जाकर बसे हैं। इनमें से 4 जिले से वन ग्रामों में राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्तव आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को प्राप्त हो चुके हैं जिस पर इन्हें राजस्व ग्राम बनाये जाने की नियमनुसार कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ख) जी हाँ। वर्ष 2012-13 में फैन अभयारण्य के अंतर्गत स्थित वनग्राम साजालगान संभार धासान वनग्राम (साजालगान का ही भाग है का विस्थापन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2008 में वनग्रामों के स्वैच्छिक विस्थापन हेतु सुझाई गई नयी विस्थापन नीति में दिये विकल्प दस लाख रूपये) प्रति परिवार के तहत किया गया है। ये समस्त विस्थापित परिवार अपनी स्वेच्छा से अन्यत्र मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य के राजस्व ग्रामों में जाकर बसे है। समस्त पात्र विस्थापित परिवारों को उचित मुआवजा राशि प्रदान की गई है। वनग्राम साजालगान से विस्थापित पात्र परिवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्षय में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव
[राजस्व]
116. ( क्र. 3283 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख म.प्र. के पत्र क्रमांक 164/11-भू.प्र./वन राज./2022/ 101170/ग्वालियर, दिनांक 10/02/2022 को म.प्र. द्वारा जिला होशंगाबाद, सिवनी, छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट एवं पन्ना कलेक्टर को इन जिलों के सतपुड़ा पेंच एवं कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से वन ग्रामों के निवासियों को विस्थापित कर अन्य भूमियों पर बसाया गया? इन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव मांगा गया है? (ख) यदि हाँ तो उक्त आदेश के पालन में संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) विस्थापित परिवारों को कहाँ-कहाँ बसाया गया है? क्या इन क्षेत्रों में सड़क, पानी, बिजली आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध है। ग्राम एवं परिवार के नाम सहित जिलेवार जानकारी प्रदान करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आयुक्त भू-अभिलेख म.प्र. के पत्र क्रमांक 164/11-भू.प्र./वन राज./2022/101170/ग्वालियर, दिनांक 10/02/2022 को म.प्र. द्वारा जिला होशंगाबाद, सिवनी, छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट एवं पन्ना कलेक्टर को इन जिलों के सतपुड़ा पेंच एवं कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से वन ग्रामों के निवासियों को विस्थापित कर अन्य भूमियों पर बसाया जाने के लिए वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव मांगा गया है। (ख) इसके परिपालन में 04 जिले मंडला, बालाघाट, छतरपुर एवं छिन्दवाड़ा से वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के संबंध में प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जिसके परिपालन में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) बालाघाट जिले के विस्थापित परिवारों को सेमरखेरो, बंधनखेरो, जुवाडीटोला, घुरसीबहेरा, मोरेण्डा, बाजघुन्दी, छिंदवाड़ा जिले के खैरांज, मंडला जिले के बोतल बहेरा, इन्द्रा, चीमागोंदी, टटमा, खिकसाटांट, नवनादर पन्ना जिले के पुखरा, कनेरी एवं जनवार में बसाया गया है। इन क्षेत्रों में सड़क, पानी, बिजली आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जाति प्रमाण-पत्र की जांच
[राजस्व]
117. ( क्र. 3288 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम हुलखेड़ी निवासी नरेन्द्र सिंह पिता उमराव सिंह को कार्यालय नायब तहसीलदार उप-तहसील कुरावर द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र (प्रकरण क्र. 04B121/09-10) जारी किया गया है? यदि हाँ तो उक्त जाति प्रमाण-पत्र किन-किन दस्तावेजों एवं किस नियम प्रकिया के तहत बनाया गया हैं? प्रमाण-पत्र संबंधी नोटशीट/ऑर्डरशीट सहित समस्त दस्तावेजों की प्रति देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित व्यक्ति को पुन: कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व तहसील नरसिंहगढ़ द्वारा दिनांक 23.12.2014 को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण-पत्र (प्रकरण क्र. 9379/बी-121 एवं प्रमाण-पत्र क्र.RS/442/0104/ 42550/2014 ) जारी किया गया? यदि हाँ तो उक्त जाति प्रमाण-पत्र किन-किन दस्तावेजों एवं किस नियम प्रक्रिया के तहत बनाया गया हैं? प्रमाण-पत्र संबंधी नोटशीट/ऑर्डरशीट सहित समस्त दस्तावेजों की प्रति देवें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या उक्त प्रकरण में संबंधित व्यक्ति एवं अधिकारियों की शासन स्तर से इसकी जांच कर संबंधित दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। नायब तहसीलदार कुरावर के न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 04/बी -121/2009-10-अंतर्गत नरेन्द्रसिंह पिता उमराव सिंह, निवासी हुलखेड़ी को नवबौद्ध पिछड़ा वर्ग प्रोविजनल जाति प्रमाण-पत्र जारी हुआ है। जारी प्रमाण-पत्र में म.प्र. शासन के आदिम जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के नियमों का उल्लेख है। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र कमांक एफ/7-13/2004/आप्र/एक भोपाल, दिनांक 11 जुलाई 2005 में नियम प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. शासन आदिम जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के परिपत्र दिनांक 02 अप्रैल 1997 कमांक एफ 23-4-97 चौवन-1 अंतर्गत म.प्र. शासन आदिम जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिसूचना क्रमांक एफ-8-5-पच्चीस-4-84, 26 दिसम्बर 1984 अंतर्गत सम्मिलित जातियों की सूची के अनुक्रमांक 81 पर अनुसूचित जातियां जिन्होंने ईसाई व बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया गया है, उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्ति को इस कार्यालय द्वारा दिनांक 23/12/2014 को अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। प्रकरण में संलग्न समस्त दस्तावेज नोटशीट/ऑर्डरशीट आदि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 13.01.2014 तथा 1. संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 2. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 के तहत मध्यप्रदेश राजपत्र भाग04 (ख) दिनांक 01 जुलाई 1977 को प्रकाशित प्रथम अनुसूची संविधान (अनुसूचित जाति) अध्यादेश, 1950 अनुसूचित जातियां की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, राज्य शासन के निर्देशानुसार जारी किया गया है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के क्रम में जी नहीं। जिला स्तर पर प्रकरण की जांच की जाकर जांच उपरांत यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की/प्रस्तावित की जावेगी।
खाद्यान्न स्टॉक में अनियमितता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
118. ( क्र. 3289 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4719 दिनांक 15.03.2021 के उत्तर की कंड़िका (ख) अनुसार आवंटित खाद्यान्न पी.ओ.एस. मशीन पर लंबित होने हेतु संबंधित शासकीय उचित मूल्य की दुकान का सैल्समेन एवं नागरिक आपूर्ति निगम का परिवहनकर्ता एवं केन्द्र प्रभारी जिम्मेदार है, संबंधी जानकारी दी गई थी? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक संबंधित जिम्मेदारों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या संचालक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 4346 विधानसभा/2021 भोपाल दिनांक 04.03.2021 से उक्त प्रकरण में संबंधित गोदाम प्रभारी एवं जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन राजगढ़ के विरूद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही कर अवगत करने हेतु प्रबंध संचालक, म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन भोपाल मध्यप्रदेश को लेख किया गया था? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन राजगढ़ का शासन द्वारा अन्यत्र किये गये स्थानांतरण पर स्थगन आने से उक्त स्थगन को शून्यचित्त/अपास्त (वेकेट) करवाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
[राजस्व]
119. ( क्र. 3292 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1153 दिनांक 25/2/2021 में उल्लेखित जिन किसानों को 25% राशि दी जा चुकी है उनकी शेष 75% राशि कब दी जाएगी? क्या कारण रहा कि वर्तमान तक नहीं दी गई? कारण सहित विवरण देवें। (ख) क्या किसानों को दी जाने वाली राहत राशि भी विभाग अपने समय से देगा या किसानों को राहत राशी तत्काल दी जानी चाहिए? (ग) यदि किसान को राहत राशि दी ही जाना है और राहत राशि स्वीकृत है तो क्या विभाग की राहत राशि देने की मंशा नहीं है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। राहत राशि संपूर्ण राज्य आपदा मोचन निधि से अधिक होने के कारण वितरित नहीं की जा सकी है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना
[राजस्व]
120. ( क्र. 3294 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिला अंतर्गत कितने कृषकों के नाम राजस्व अभिलेखों में कृषक के रूप में दर्ज हैं कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतावें। अंतर का क्या कारण है तथा अंतर के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या पत्राचार किया? (ख) खरगोन जिला में कितने वन भूमि के पट्टे धारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है तथा कितने पट्टा धारियों को राशि नहीं मिल रही है? राशि नहीं मिलने का क्या कारण है? कब तक उसका निराकरण किया जाएगा? निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि नहीं मिल रही है, उनकी संख्या एवं जिसके कारण नहीं मिल रही है की जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व अभिलेखों में भूमि स्वामियों के नाम कृषक के रूप में दर्ज न होकर खातेदारों के रूप में दर्ज होते हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत प्रत्येक किश्त के पूर्व हितग्राही को सत्यापित करने का प्रावधान है, जो प्रगतिरत है। (ख) जिला खरगोन अंतर्गत 12600 वन पट्टाधारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में 3492 वन पट्टाधारियों को योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा लगातार समीक्षा की जाती है। (ग) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में जिन पात्र खातेदारों से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नियत मापदण्ड अनुसार सही जानकारी प्राप्त हुई है, उन्हें योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के मापदण्ड अनुसार प्रत्येक किश्त के भुगतान के पूर्व हितग्राहियों के सत्यापन की कार्यवाही की जाती है, जो प्रगतिरत है।
मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता
[राजस्व]
121. ( क्र. 3299 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 महामारी के कारण लोगों की हुई मृत्यु के संबंध में उनके निकटम परिजनों को मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा 50 हजार रूपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने के निर्देश राज्यों को दिये थे? (ख) यदि हाँ तो उक्त अनुग्रह राशि प्राप्त करने के लिए पात्र हितग्राहियों के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये थे? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में इंदौर संभाग में 20 फरवरी 2022 तक कुल कितने कोविड-19 महामारी से जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनके निकटम परिजनों को 50 हजार रूपये की अनुग्रह राशि कुल कितने लोगों को जिले के कलेक्टर कार्यालयों से उपलब्ध करा दी गई है? कृपया जिलेवार हितग्राहियों की संख्या एवं वितरित की गई राशि बतायें एवं कितने प्रकरण को अस्वीकृत किये गये? जिलेवार संख्या बतायें। (घ) उक्त राशि राज्य सरकार ने किस मद से दी है? इसमें राज्यांश एवं केन्द्रांश की कितनी-कितनी राशि है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) उक्त राशि राज्य आपदा मोचन निधि से प्रदाय की गई है। जिसमें केन्द्रांश 75 प्रतिशत एवं राज्यांश 25 प्रतिशत है।
बांध में उत्पन्न समस्याओं का निराकरण
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 3303 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र में माचागोरा बांध का निर्माण कब हुआ था? इसकी लागत, नहरों की संख्या, नहरों की लंबाई, कहाँ से कहाँ तक की पूरी जानकारी देवें। (ख) क्या कारण है कि इस बांध में टूट-फूट की घटनाएं बेहद बढ़ गई हैं? विगत 3 वर्षों में इसमें कितनी बार संधारण कराया गया? इसकी कितनी नहरों से कितने किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जा रहा है? बांध की डी.पी.आर. में कितने किसानों को पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य था? क्या कारण है कि लक्ष्य के समक्ष कम किसानों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) विगत 3 वर्षों में ओवरफ्लो की कितनी घटनाएं इस बांध में कहाँ-कहाँ हुई हैं? इसके दांयी और बांयी तट की नहरों में रिसाव कहाँ-कहाँ हो रहा है? इसका निरीक्षण निर्माण के बाद प्रश्न दिनांक तक किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया? अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देकर निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रतियां देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार बांध में उत्पन्न समस्याओं का निराकरण कब तक होगा? कब तक इसके गुणवत्ताहीन निर्माण की जांच कराई जाएगी? निर्माणकर्ता फर्म की धरोहर राशि राजसात कर कब इसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पेंच व्यपवर्तन परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में पूर्ण होना प्रतिवेदित है। प्रश्नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, बांध में टूट-फूट नहीं होना प्रतिवेदित है। विगत 3 वर्षों में बांध में कोई संधारण कार्य नहीं कराया गया है। नहरों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। डी.पी.आर. में प्रावधानित 59, 048 कृषकों में से वर्तमान में नहर प्रणाली सेकुल 45, 441 को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में नहर निर्माणाधीन होने के कारण प्रावधानित लक्ष्य के अनुरूप कम कृषकों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) बांध में क्षमता से अधिक जल भराव होने पर डिजाइन के अनुसार स्पिलवे से सुरक्षित पानी की निकासी की जाती है। विगत 03 वर्षों में स्पिलवे से ही ओवरफ्लो हुआ है। परियोजना की दांयी तट नहर से होने वाले रिसाव का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। निर्माण के बाद प्रश्न दिनांक तक निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 अनुसार है। बांयी तट नहर में कहीं रिसाव नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार बांध में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई है। अत: गुणवत्ताहीन निर्माण की जांच एवं एजेंसी की धरोहर राशि को राजसात कर ब्लैक लिस्ट करने की स्थिति नहीं है।
हरियाली महोत्सव एवं मुरम के अवैध उपयोग एवं परिवहन की जानकारी
[वन]
123. ( क्र. 3309 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 3203 दिनांक 27.07.2017 के प्रश्नांश (क) में वर्णित हरियाली महोत्सव में बड़वानी जिले में दर्शाए व्यय की जानकारी में फर्म का नाम सहित वर्षवार देवें। (ख) क्या कारण है कि कई वर्षों बाद भी विभाग उपरोक्त व्यय संबंधी जानकारी नहीं दे पा रहा है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) दिनांक 01.04.2020 से 15.02.2022 तक बड़वानी जिले में कहाँ-कहाँ पौधारोपण किया गया? वनमंडलवार, स्थान, पौधों की संख्या बतावें। उपरोक्तानुसार इस पर कितनी राशि किन फर्मों को दी गई? उनके नाम, पता, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित देवें। (घ) अजय यादव, यादव कंस्ट्रक्शन जुलवानिया जिला बड़वानी को मुरम अनुज्ञा हेतु दिनांक 01.01.15 से 31.12.18 एवं 01.07.2020 से 15.02.2022 तक वन विभाग द्वारा कितनी अनापत्ति जारी की गई? यदि अनापत्ति नहीं ली हैं, तो विभाग इन पर मुरम के अवैध उपयोग व परिवहन के प्रकरण बनाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्न क्रमांक 3203 सत्र जुलाई 2017 में प्रश्नांश (क) में पूछे गये प्रश्न का उत्तर वृहद स्वरूप का होने के कारण समय-सीमा में उत्तर प्रेषित नहीं किया जा सका। इस हेतु कोई कर्मचारी अधिकारी उत्तरदायी नहीं हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं ''3'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, राजस्व भूमि पर खदान की अनुज्ञा जारी करने के पूर्व खनिज विभाग द्वारा वन विभाग से वन भूमि नहीं होने की अनापत्ति प्राप्त की जाती है। राजस्व भूमि पर मुरम के अवैध उपयोग एवं परिवहन पर प्रकरण दर्ज करने हेतु वन विभाग अधिकृत नहीं है।
रिक्त पदों पर पदस्थापना की कार्यवाही
[राजस्व]
124. ( क्र. 3313 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व मंडल ग्वालियर में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं] जिनकी वजह से निर्णय प्रक्रिया रूकी हुई है? यह पद कब से रिक्त हैं, जिनके कारण सुनवाई बंद है एवं निर्णय प्रक्रिया रूकी हुई है? (ख) निर्णय प्रक्रिया रूकने से कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? जानकारी देवें। (ग) कब तक इनमें नियुक्तियां कर दी जाएगी, जिससे प्रकरण में सुनवाई प्रारंभ हो सके? नियुक्तियों संबंधी फाईल किस स्तर पर लंबित है? कब से लंबित है? विलंब का कारण बताया जावे। (घ) कब तक फाईल का निराकरण होकर नियुक्ति की जाकर सुनवाई प्रारंभ हो जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व मण्डल में वर्तमान में पीठासीन अधिकारियों के कुल 05 पद स्वीकृत हैं जिनमें 01 अध्यक्ष 01 प्रशासकीय सदस्य एवं 03 सदस्य शामिल है। उक्त स्वीकृत पदों में से 01 अध्यक्ष एवं 01 प्रशासकीय सदस्य को छोडकर शेष 03 सदस्य के पद रिक्त हैं। निर्णय प्रक्रिया रूकी नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रिक्त पदों पर पदस्थापना की कार्यवाही सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रचलित है। प्रशासनिक कारणों से विलंब हुआ है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खनिज नियमों का पालन
[खनिज साधन]
125. ( क्र. 3314 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राजपत्र खनिज साधन विभाग भोपाल, दिनांक 23 मार्च 2013 के बिंदु क्र. 26 नियम 68 (3) बिंदु में उल्लेखित है कि निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार को मुरम अनुज्ञा जारी करने से पूर्व खनिज विभाग की अनापत्ति लेनी होगी तथा जारी की गई अनुज्ञा की प्रति विभाग को पृष्ठांकित की जाएगी तो दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2018 तथा 01.04.2019 से 15.02.2022 तक जारी ऐसी समस्त अनापत्तियों की सूची कार्यवार, ठेकेदार फर्म का नाम, स्थान सहित वर्षवार महिदपुर वि.स. क्षेत्र के संदर्भ में देवें। (ख) संबंधित विभाग/एजेंसी द्वारा जारी की अनुज्ञा की प्रति पृष्ठांकित की गई जानकारी भी उपरोक्तानुसार देवें। (ग) उपरोक्त राजपत्र के बिंदु क्रं. 26 नियम 68 (2) बिंदु अनुसार जो अनुज्ञाधारी ठेकेदार निर्माण कार्य में लगे हो को खनिज अधिकारी नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी करेंगे तो महिदपुर वि.स. क्षेत्र में प्रश्नांश (क) अवधि में ऐसे कितने प्रमाण-पत्र जारी किए गए? जारी प्रमाण पत्रों की सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार यदि नियमों का पालन नहीं किया है, तो इसके जिम्मेदार तत्कालीन से वर्तमान के अधिकारियों के नाम, पदनाम, देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) दिनांक 01/01/2016 से 31/03/2018 तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र में जिला स्तरीय अभिलेख अनुसार कोई माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये गये हैं। म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय, भोपाल का पत्र क्रमांक एफ 14-10/ 2018/12/1 भोपाल, दिनांक 15/03/2018 से विभागीय पोर्टल ई-खनिज पर पंजीयन करते हुए ऑनलाइन प्रक्रिया 01 अप्रैल 2018 से प्रारंभ की गई है। ठेकेदार स्वयं ऑनलाइन पोर्टल से नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र प्राप्त करते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धान खरीदी व परिवहन संबंधी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
126. ( क्र. 3321 ) श्री सुनील सराफ : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुष्पराजगढ़ जैतहरी में उचित मूल्य दुकानों में राशन पहुँचाने के कार्य में दोषी पाए जाने के कारण परिवहनकर्ता फौजी ट्रांसपोर्ट के विरूद्ध सितम्बर 2021 में न्यायालय कलेक्टर द्वारा राशि रू. 52, 53, 969=00 की पेनाल्टी लगाई गई थी? यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त राशि की वसूली विभाग द्वारा कर ली गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या धान खरीदी केन्द्रों के निकटतम भण्डारण स्थल मौजूद होने के उपरांत भी अनूपपुर जिले की धान डिण्डौरी, शहडोल जिले की धान उमरिया भेजने का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी विगत 02 वर्ष की जानकारी धान मात्रा, परिवहन स्थानों के नाम, परिवहनकर्ता नाम, वाहन नंबर जी.एस.टी. नम्बर सहित देवें। ऐसा करके परिवहनकर्ताओं को लाभ पहुँचाने वाले उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) वर्ष 2019-20, 2020-21 में अनूपपुर, उमरिया एवं शहडोल जिलों में किए जाने वाले समस्त परिवहनकर्ताओं के नाम, रूट चार्ट, दूरी (किलोमीटर में) एवं भुगतान की गई राशियों का विवरण टी.डी.एस. कटौत्रे के साथ देवें। (घ) वर्ष 2019-20, 2020-21 में अनूपपुर, उमरिया, शहडोल जिलों में कितने परिवहनकर्ताओं पर कितनी पेनाल्टी लगाई गई है? आरोप पत्र, जांच प्रतिवेदन एवं वसूली आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्कूल की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
127. ( क्र. 3325 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास एवं विदिशा जिले की शासकीय भूमि पर बने स्कूल/कॉलेज भवनों एवं उनके परिसर में कहाँ-कहाँ, किन-किन पर अतिक्रमण अभिलेख में दर्ज है? उक्त किये गये अतिक्रमण हटाने का अधिकार जिले के किस स्तर के अधिकारियों को है? (ख) प्रश्नांकित जिलों के किन-किन शासकीय भूमि पर बने स्कूल एवं कॉलेज के भवन तथा उनके परिसरों पर अतिक्रमण किये जाने के मामले जिला प्रशासन के संज्ञान में है? उन्हें हटाने की दिशा में क्या-क्या कार्यवाही अब तक की गई और कब तक उक्त अतिक्रमण हटा लिये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उक्त अतिक्रमण कहाँ-कहाँ पर किस-किस के द्वारा किये गये? कृपया नाम, पता एवं भूमि के खसरे रकवा सहित जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिले में प्रश्नांश में वर्णित भूमियों पर अतिक्रमण नहीं है। देवास जिले में प्रश्नांश में वर्णित भूमियों पर अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 में विहित प्रावधान अनुसार अतिक्रमण हटाने की अधिकारिता तहसीलदार जिसमें अतिरिक्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार भी सम्मिलित है, को है। (ख) उत्तरांश क अनुसार देवास जिले के अतिक्रमण के सम्बन्ध में सम्बंधित राजस्व न्यायलय द्वारा, म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धरा 248 के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही हैं। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता
[वन]
128. ( क्र. 3326 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र खिवनी अभयारण्य अंतर्गत वर्ष 2007-08 एवं 2013-14 में कराये गये निर्माण कार्यों में अनियमितता किये जाने की शिकायतों पर किन-किन कर्मचारियों को फर्जी बिल वाउचर बनाकर लाखों रूपयों की हेराफेरी करने में दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही विभाग ने की है? (ख) क्या प्रश्नांकित शिकायतों/निर्माण कार्यों की जानकारी हेतु सूचना के अधिकार अधिनियम अंतर्गत किन-किन व्यक्तियों द्वारा विभाग से जानकारी मांगी गई थी? क्या जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि जानकारी उपलब्ध कराई है तो जानकारी के भागों में व्हाईटनर लगाकर तथ्यों को छुपाया गया है? (ग) क्या मजदूरी के भुगतान/मृत व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि में फर्जी अंगूठे हस्ताक्षर कर लाखों रूपये की राशि का आहरण किया गया? उक्त जांच में दोषी पाये जाने पर भी कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र खिवनी अभयारण्य अंतर्गत वर्ष 2007-08 एवं 2013-14 में कराये गये निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता की शिकायत नहीं की गई है, न ही किसी कर्मचारी द्वारा फर्जी बिल वाउचर बनाकर रूपयों की हेराफेरी की गई है, अत: दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) खिवनी अभयारण्य अंतर्गत वर्ष 2007-08 एवं 2013-14 में कराये गये निर्माण कार्यों में किसी भी व्यक्ति द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी नहीं मांगी गई है, अत: जानकारी उपलब्ध कराई जाने तथा व्हाईटनर लगाकर तथ्यों को छुपाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) खिवनी अभयारण्य अंतर्गत मजदूरी के भुगतान या किसी भी मृत व्यक्तियों के प्रमाण-पत्र आदि में फर्जी अंगूठे, हस्ताक्षर नहीं कराये गये हैं और न ही किसी प्रकार से फर्जी अंगूठे, हस्ताक्षर से राशि का आहरण किया गया है। अत: जांच एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को सिंचाई हेतु पानी की अनुपलब्धता
[जल संसाधन]
129. ( क्र. 3329 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले की वर्धा बांध निर्माण किया जाकर विगत 02 वर्षों से बांध में जल भराव किया जा रहा है? यदि हाँ तो जल भराव के उपरांत भी किसानों को नहर प्रणाली और पंप हाउस न होने के कारण सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो शासन की राशि का किसानों को लाभ नहीं मिलने के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या शासन द्वारा पेनाल्टी की कार्यवाही की जावेगी और कब तक किसानों को सिंचाई हेतु पानी की पूर्ति की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि वर्धा बांध का निर्माण कार्य प्रगतिरत है तथा बांध के शीर्ष कार्य अंतर्गत साइड स्पिलवे का कार्य क्रेस्ट लेवल तक एवं मिट्टी के बांध का कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। मिट्टी के बांध का कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण होने से विगत 2 वर्षों में बांध में आंशिक जल भराव होना प्रतिवेदित है। वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में क्रमश: 200 हेक्टेयर एवं 250 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा स्वयं के साधन से उद्वहन कर सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में नहर प्रणाली में 60 प्रतिशत पाइप-लाइन का कार्य पूर्ण होकर शेष कार्य प्रगतिरत है। इसी प्रकार पंप हाउस के अंतर्गत फाउंडेशन कार्य पूर्ण होकर बांध से पंप हाउस को जोड़ने के लिए टनल का कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण होकर प्रगतिरत है। (ख) कृषकों द्वारा स्वयं के साधनों से सिंचाई की गई है। वर्ष 2020 से कोविड महामारी के कारण परियोजना का कार्य अनुबंध अवधि में पूर्ण नहीं होने के कारण मुख्य अभियंता होशंगाबाद द्वारा दिनांक 17.12.2022 तक समय वृद्धि की स्वीकृति प्रदान की जाना प्रतिवेदित है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। जी नहीं। कार्य पूर्ण करने के लिए निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परियोजना के अनुबंधित कार्य की पूर्णता
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 3330 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिला अंतर्गत पारसडोह परियोजना से चालू वित्तीय वर्ष में कितने क्षेत्र में 1 हेक्टेयर तक सिंचाई की गई और कुल सिंचाई क्षेत्र कितना है? गाँववार कृषकवार बतावें। (ख) बैतूल जिले की निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं का अनुबंध अनुसार कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया और अनुबंध के अनुसार कार्य कब-कब पूर्ण किया जाना था? कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने के क्या कारण रहे? क्या बाद में भी कई कार्यों की राशि में वृद्धि की गई? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य को कब तक पूर्ण किया जाना तय किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि हरदौली जल आवर्धन योजना का कार्य अत्यंत धीमी गति से चलने के कारण स्थानीय रहवासियों द्वारा धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया? यदि हाँ, तो क्या आगामी गर्मी के मौसम से पूर्व कार्य पूर्ण कर लिया जाकर नागरिकों को लाभ मिल सकेगा? यदि नहीं तो यह अवगत करावें कि कार्य कब प्रारंभ किया गया और कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बैतूल जिला अंतर्गत पारसडोह परियोजना के बायें तट नहर से चालू वित्तीय वर्ष मे 01 हेक्टेयर तक 11,511 हेक्टेयर क्षेत्र मे सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाना प्रतिवेदित है। कुल सैच्य क्षेत्र 19,785 हेक्टेयर है। गांववार कृषकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1, अ-2, अ-3 अनुसार है। (ख) बैतूल जिले की निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं की अनुबंधवार जानकारी एवं विलंब की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद् मुलताई से प्राप्त जानकारी अनुसार हरदौली जल आवर्धन योजना के संबंध में स्थानीय रहवासियों के द्वारा धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने की जानकारी निकाय को नहीं है। आगामी गर्मी के मौसम पूर्व हरदौली जल आवर्धन योजना का लाभ नागरिकों को नहीं मिल सकेगा। योजना के घटक बांध निर्माण कार्य, पूर्व अनुबंधित ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे भोपाल का ठेका निरस्त कर पुन: बांध निर्माण कार्य की निविदा आमंत्रित की जाकर निविदा स्वीकृति के उपरांत एस.सी. नागपाल ठेकेदार भोपाल को दिनांक 08.03.2019 को कार्यादेश जारी किया गया। वर्तमान में योजना के घटक बांध निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका हैं। योजना के पी.एच.ई. से संबंधित घटक कार्य पूर्व अनुबंधित ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे भोपाल का ठेका निरस्त कर पी.एच.ई. घटक के बैलेंस कार्य की निविदा आमंत्रित की जाकर निविदा स्वीकृति के उपरांत अनुबंधित एजेंसी आदि एक्वा प्रायवेट प्रोजेक्ट्स भोपाल को दिनांक 07.11.2020 को कार्यादेश उपरांत कार्य प्रारंभ किया गया। कार्य दिनांक 30 जून 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
131. ( क्र. 3336 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में रामनगर माइक्रो सिंचाई परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य है? योजना के निर्माण कार्यों में विलंब के क्या कारण हैं? गुणवत्ता के परीक्षण के लिये क्या वरिष्ठ अधिकारी कार्यों का अवलोकन कर मापदण्ड अनुसार गुणवत्तायुक्त कार्य समय-सीमा में पूर्ण करायेंगे? (ख) सतना जिले की मझगवां-धनवाही उद्वहन परियोजना में कमाण्ड क्षेत्र विस्तार की योजना किस स्तर पर कब से लंबित है? कब तक इस साध्य योजना को स्वीकृत कर निर्माण कार्य आरंभ किया जावेगा? (ग) मैहर विधान सभा क्षेत्र की महेदर तालाब योजना की स्वीकृति की क्या स्थिति है? कब से किस स्तर पर लंबित है? कब तक योजना स्वीकृत की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) रामनगर माइक्रो सिंचाई परियोजना का कार्य दिनांक 15.09.2017 से प्रारंभ होकर अनुबंध अनुसार तीन वर्ष अर्थात दिनांक 24.09.2020 तक पूर्ण करना लक्षित था। परियोजना में सैच्य क्षेत्र का निर्धारण नहीं होने से विलम्ब होना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्यों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सतत निरीक्षण करने की व्यवस्था है। कार्य गुणवत्ता एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार कराया जा रहा है, जिसे समयावृद्धि उपरांत कार्य दिसम्बर 2022 तक पूर्ण करना निर्धारित है। परियोजना को पूर्ण कराना उपलब्ध बजट आवंटन पर निर्भर होता है। (ख) प्रश्नाधीन मझगवां-धनवाही उद्वहन सिंचाई परियोजना तकनीकी आधार पर असाध्य पाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन महेदर तालाब सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. तैयार किया जाकर प्रमुख अभियंता को दिनांक 18.12.2019 को प्रेषित किया गया। प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा उठाई गई आपत्तियों का निराकरण करने की कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलित होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।
मिश्रा समिति के गठन का उद्देश्य
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
132. ( क्र. 3340 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में मिश्रा समिति का गठन कब किन उद्देश्यों से किया गया था? उक्त समिति द्वारा कब-कब, क्या-क्या अनुशंसायें की गई? (ख) अब तक उक्त समिति की अनुशंसाओं पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण दें। (ग) समिति की अनुशंसाओं पर अब तक कार्यवाही न करने के लिये कौन उत्तरदायी है? कब तक समिति की अनुशंसाओं पर विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो कारण बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विभाग द्वारा समिति का गठन वर्ष 2016 में विभागीय कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण किये जाने के परिप्रेक्ष्य में किया गया है। समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक आपूर्ति अधिकारी एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों की वेतन विसंगति के निराकरण हेतु समिति के दस्तावेज एवं संक्षेपिका की छायाप्रति विभागीय अनुशंसा सहित कर्मचारी आयोग को भेजा गया है। कर्मचारी आयोग से जानकारी प्राप्त होने पर प्रकरण में आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यम छापी सिंचाई परियोजना की जानकारी
[जल संसाधन]
133. ( क्र. 3345 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के अंतर्गत निर्मित मध्यम छापी सिंचाई परियोजना के नहरों के द्वारा किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी सिंचाई की गई? साथ ही ग्रामों की कुल कृषि भूमि की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) छापी जलाशय से नहरों द्वारा सिंचित भूमि के बाद जो रकवा कमाण्ड क्षेत्र में शेष बचा है, क्या उसको कुण्डालिया वृह्द सिंचाई परियोजना के सेल्व क्षेत्र में लिया जाना है? इस बाबत् विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है व शेष बचे कृषकों को कुण्डालिया वृह्द परियोजना के प्रेसिजन पाइप द्वारा पानी दिया जा सकेगा? (ग) छापी जलाशय से नहरों द्वारा सिंचित भूमि के बाद जो रकवा कमाण्ड क्षेत्र में शेष बचा है, क्या उसको कुण्डालिया वृह्द सिंचाई परियोजना के सेल्व क्षेत्र में लिया जाना है? इस बाबत् विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है व शेष बचे कृषकों को कुण्डालिया वृह्द परियोजना के प्रेसिजन पाइप द्वारा पानी दिया जा सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जाती है।
अवैध उत्खनन के दर्ज प्रकरण
[खनिज साधन]
134. ( क्र. 3346 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में दिसम्बर 2018 से वर्तमान स्थिति तक सभी प्रकार के उत्खनन में अवैध खनन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) इनमें से अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण दर्ज किए गए? इनमें क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान में कितने प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है व किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? (ग) अवैध उत्खनन के मामलों में कितनी राशि अधिरोपित की गई? कितनी राशि जमा करवायी जाना शेष है? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध कराएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार दिसम्बर 2018 से वर्तमान स्थिति तक खनिजों के अवैध उत्खनन के 26 शिकायती पत्र राजगढ़ जिले में प्राप्त हुये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जाँच उपरांत 15 अवैध उत्खनन के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जिनमें 13 प्रकरणों में कलेक्टर न्यायालय द्वारा अधिरोपित जुर्माना राशि जमा करायी जा चुकी है। शेष 02 प्रकरण कलेक्टर, न्यायालय, राजगढ़ के समक्ष विचाराधीन है। (ग) प्रश्नांश अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
उचित मूल्य की दुकानों के अनाज का विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
135. ( क्र. 3349 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उचित मूल्य की दुकानों (पी.डी.एस.) से नागरिक आपूर्ति निगम की बोरियों में भरा गल्ला, बाजार/मण्डी में बेचने व संबंधित अधिकारियों द्वारा जब्त किये जाने का मामला दिनांक 19 फरवरी 2022 को प्रकाश में आया है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि भोपाल सहित प्रदेश में किस-किस जिले में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में गल्ला बेचने के मामले कहाँ-कहाँ उजागर हुए है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि प्रश्न दिनांक की स्थिति में गरीबों के गल्ले का विक्रय करने वाले माफियाओं के विरूद्ध शासन द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या और किन-किन के विरूद्ध और यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों की अधिग्रहीत भूमि का भुगतान
[राजस्व]
136. ( क्र. 3350 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अटल प्रगति पथ की समीक्षा बैठक में किसानों द्वारा भूमि नहीं दिए जाने का मामला दिनांक 13 फरवरी 2022 को प्रकाश में आने के बाद माननीय मुख्यमंत्री ने किसानों की भूमि का बाजार मूल्य से दोगुना अधिक राशि देने निर्देश दिए है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की कितनी भूमि अधिग्रहीत की जावेगी और कितनी राशि मुआवजे में दिए जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) क्या वर्ष 2009 से 2017 के मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और होशंगाबाद संभाग में उद्योग स्थापित करने हेतु किसानों की भूमि अधिग्रहीत की गई थी? यदि हाँ तो कौन-कौन किसानों की कितन-कितनी भूमि अधिग्रहीत की गई और कितनी-कितनी राशि का मुआवजा प्रश्न दिनांक की स्थिति में नहीं दिया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) यह कहना सही है कि अटल प्रगति पथ हेतु निजी भूमि का अधिग्रहण म.प्र. शासन के निर्देश दिनांक 21/10/2021 के अनुसार प्रभावित भूमि के बदले दोगुना मूल्य की भूमि के प्रावधानों के अनुसार किया जाना है। वर्तमान में निजी भूमि स्वामियों एवं कृषकों के पास भूमि के बदले भूमि एवं एन.एच. एक्ट 1956 की धाराओं के अनुसार अधिग्रहण के विकल्प उपलब्ध है। भूमि स्वामियों एवं कृषकों से मत अनुसार भूमि के बदले भूमि एवं एन.एच. एक्ट 1959 के तहत भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जा रही है। इसके अंतर्गत 8781 कृषकों की 1180.585 हे. भूमि का अधिग्रहण अनुमानित है। (ख) वर्ष 2009 से 2017 के मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और होशंगाबाद संभाग में उद्योग स्थापित करने हेतु अधिग्रहीत की गयी किसानों की भूमि और मुआवजे से सम्बंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
संबल योजना एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना
[श्रम]
137. ( क्र. 3357 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में असंगठित क्षेत्रों में श्रमिकों की संख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत कितने श्रमिकों को संबल योजना में शामिल किया गया है एवं हितग्राहियों को कौन-कौन सी विभागीय योजना अंतर्गत हितलाभ वितरित किये गये? (ग) उपरोक्त के संबंध में मण्डल द्वारा संचालित श्रमिक कल्याणकारी गतिविधियों अंतर्गत सस्ती दरों पर कॉपियों का वितरण किया गया है? यदि हाँ तो कितने छात्र-छात्राओं को कितनी-कितनी राशि की सस्ती दरों पर कितनी-कितनी संख्या में कितने-कितने मूल्य पर कॉपियां वितरित की गई? क्या कॉपियों का क्रय केन्द्रीय/राज्य स्तर पर किया गया हैं? यदि हाँ तो क्या-क्या नियम/प्रक्रिया है? उनका पालन इसमें किस प्रकार किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनूपपुर जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना अंतर्गत कितने असंगठित श्रमिकों को पंजीकृत किया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत 01 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2988 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। अनूपपुर जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत कुल 2, 44, 125 असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। असंगठित श्रमिकों की संख्या के संबंध में कोई सर्वेक्षण रिपोर्ट म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल में संधारित नहीं की जाती है। (ख) अनूपपुर जिले में म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत कुल 2, 44, 125 श्रमिक संबल योजना अंतर्गत पंजीकृत है। विभागीय योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) मुख्यमंत्री जन कल्याण (नया सवेरा) के नाम से म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल में कोई योजना संचालित नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि का भुगतान
[राजस्व]
138. ( क्र. 3358 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के कितने ग्रामों में वर्ष 2019-20 की खरीफ फसल के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी? फसल नुकसानी सर्वे किस दिनांक से किस दिनांक तक किया गया था? (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कितने किसानों को राज्य सरकार द्वारा आर.बी.सी.6/4 के अंतर्गत राशि प्रदान की गई थी? यदि राहत राशि का वितरण हुआ है, तो किस दर से? क्या प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया गया है? यदि नहीं तो किस कारण से वितरण नहीं किया गया है? (ग) खरीफ 2019 के प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि वितरण में खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के कितने पटवारी हल्कों के किसानों को बीमा प्रीमियम जमा करने के बाद भी अभी तक बीमा राशि का पैसा प्राप्त नहीं हुआ है? (घ) क्या पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में फसल नुकसानी होने के पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी किसानों को आज दिनांक तक बीमा कंपनी ने बीमा राशि का भुगतान नहीं किया है? वंचित किसानों को कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2019-20 की खरीफ फसल के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब नहीं हुई है। प्रश्नांश का शेष भाग उद्भूत नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के पटवारी हल्कों बीजापुर, गूजरगाँव, देवास एवं निवार्दी में वास्तविक उपज थ्रेशोल्ड उपज से अधिक होने के कारण 1361 किसानों को बीमा नहीं मिला। (घ) जी नहीं। जिला अंतर्गत तहसील अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ में वर्ष 2019-20 के दौरान खरीफ फसल ''सोयाबीन'' राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड़ 6 क्रमांक 4 (आर.बी.सी. 6-4) के प्रावधान अनुसार प्राकृतिक आपदा से खराब नहीं हुई है। खरीफ 2019 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदण्डानुसार (थ्रेशहोल्ड यील्ड-''फसल कटाई में जो निकला'', एवरेज यील्ड- ''Standard Producation" एवं वास्तविक यील्ड-''गहाई के बाद जो वास्तविक फसल निकली'') के आधार पर विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में अधिसूचित समस्त फसलों में पात्रता के आधार पर 148 कृषकों को फसल बीमा दावा की राशि रू. 18, 12, 333/- का भुगतान किया गया है। शेष बीमित कृषक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदण्ड अनुसार बीमा दावा राशि के लाभ हेतु पात्र नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
वन भूमि पर अवैध कब्जा
[वन]
139. ( क्र. 3362 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन परिक्षेत्र जतारा जिला टीकमगढ़ अंतर्गत कुल वन भूमि का क्षेत्रफल कितना है? जिसमें से कितनी वन भूमि पर अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है? (ख) क्या वन परिक्षेत्र जतारा जिला टीकमगढ़ अंतर्गत ग्राम - मगरई, पाली, भटगोरा एवं देवराहा में वनभूमि पर अवैध कब्जा है? यदि हाँ तो किन व्यक्तियों का एवं कितनी भूमि पर? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मान. प्रभारी मंत्री जी टीकमगढ़ के पत्रांक-218, भोपाल दिनांक 27/01/2022 एवं प्रश्नकर्ता के पत्रांक/MLA/KH/2022 दिनांक 11/01/2022 (जो कलेक्टर टीकमगढ़ को संबंधित है) पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता को अवगत क्यों नहीं कराया गया? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कोई परिणाम परक कार्यवाही नहीं की गई है तो लगभग 300 एकड़ वनभूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कब तक कराया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल टीकमगढ़ के वन परिक्षेत्र जतारा अंतर्गत कुल वन भूमि का क्षेत्रफल 23347.45 हेक्टेयर है। इसमें से 1102 व्यक्तियों द्वारा 1474.03 हेक्टेयर वन भूमिपर अवैध कब्जा किया गया है। (ख) जी हाँ। 201 व्यक्तियों द्वारा 212.00 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में माननीय प्रभारी मंत्री जिला टीकममढ़ का पत्र क्रमांक 218 दिनांक 27.01.2022 एवं प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक/एमएलए/केएच/2022 दिनांक 11.01.2022 आज पर्यन्त वनमंडल कार्यालय टीकमगढ़ में प्राप्त नहीं हुआ है, अतः की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' के संदर्भ में वनाधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की कार्यवाही पूर्ण हो जाने के पश्चात् वन भूमि से अवैध कब्जों से मुक्त कराने की कार्यवाही की जावेगी, जिसमें निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।
टेंडर की शर्तों का उल्लंघन
[खनिज साधन]
140. ( क्र. 3371 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी व सिंगरौली जिले में माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए? उक्त स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य पूर्ण हुए तथा कितने अपूर्ण है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त पूर्ण कार्यों में कितने कार्य टेंडर की निर्धारित समयावधि के उपरांत पूर्ण हुए तथा विलंब का क्या कारण था? क्या विलंब के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया तथा क्या कार्यवाही की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ग) वर्तमान में अपूर्ण कार्यों में कितने टेंडर की समयावधि के समाप्त होने के बाद भी अपूर्ण है? विलंब का क्या कारण है? कार्यवार सूची उपलब्ध करावें। कार्यों में विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है तथा इन अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या टेंडर की शर्तों का उल्लंघन संबंधित कंपनियों द्वारा किया गया है? कार्यवार सूची उपलब्ध करावें। यदि उल्लंघन किया गया है तो संबंधित कंपनियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) जो कार्य अप्रारंभ हैं, उनके अप्रारंभ रहने का क्या कारण है? कार्यवार सूची कारण सहित उपलब्ध करावें। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कराए जावेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किए गए कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के ''1'' एवं ''2'' तथा पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के ''1'' एवं ''2'' पर दर्शित है। (ख) जिला सीधी में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के ''1'' अनुसार तीन कार्य निर्धारित समयावधि के उपरांत हुए है। सिंगरौली जिले में 40 कार्य निर्धारित समयावधि के उपरांत पूर्ण किये गये जिसका विवरण विलंब के कारणों सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के ''2'' पर दर्शित है। उक्त कार्यों में विलंब का मुख्य कारण कोविड-19 के कारण लगाया गया लॉकडाउन रहा। वैश्विक महामारी के दौरान कार्य में हुए विलंब में उत्तरदायित्व का निर्धारण नहीं किया जा सकता है। (ग) जिला सीधी में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द के ''1'' अनुसार तीन कार्य निर्धारित समयावधि के उपरांत अपूर्ण रहे हैं। जिला सिंगरौली से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में अपूर्ण कार्यों में से 21 कार्य निविदा की समयावधि समाप्त होने के पश्चात अपूर्ण है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के ''2'' पर दर्शित है। वैश्विक महामारी के दौरान कार्य में हुए विलंब में उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाना उचित नहीं है। उत्तरदायित्व निर्धारण न किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला सीधी के अप्रारंभ कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई के ''1'' तथा अप्रारंभ रहने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई के ''1'' के कॉलम 8 में अंकित है। जिला सिंगरौली में अप्रारंभ कार्यों की सूची कारणों सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द के ''2'' पर दर्शित है। दोनों जिलों में वैश्विक महामारी एवं अन्य कारणों से कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। कार्य प्रारंभ होने पर ही इसकी पूर्ण हाने की समय-सीमा बताया जाना संभव हो सकेगा।
गरीब परिवारों के घर तोड़े जाने के संबंध में
[राजस्व]
141. ( क्र. 3372 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अगस्त 2021 वर्षाकाल में देवसर तहसील के बहेरा ग्राम के गरीब परिवारों के मकान तोड़े गए? यदि हाँ तो मकान तोड़ने का आदेश किस अधिकारी ने दिया? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। क्या उक्त आवास तोड़ने के पहले संबंधित परिवारों को नोटिस दिया गया? यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। यदि नोटिस नहीं दिया गया तो बिना नोटिस दिए मकान तोड़ने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेवार है तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) उक्त 6 मकानों में क्या दो मकान प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत किए गए थे? यदि हाँ तो उनकी इस योजना की कितनी किश्तें दी जा चुकी थी? इन मकानों को तोड़ने से शासन के राजस्व की जो क्षति हुई है, उसकी जिम्मेदारी किसकी है? (ग) उक्त मकानों को अवैधानिक तरीके से तोड़े जाने के विरोध में प्रश्नकर्ता द्वारा धरना दिया गया था, जिसमें तत्कालीन अपर कलेक्टर संयुक्त कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) देवसर ने यह वचन दिया था कि उक्त भूमि को आबादी घोषित कर आवास यहां देंगे तथा गिराये गए मकानों की क्षतिपूर्ति राशि भी संबंधित को देंगे? इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) इसके लिए दोषी कौन है व उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। अगस्त -2021 में ग्राम बहेरा की भूमि आराजी खसरा नं. 30 जो शासकीय पशुपालन एवं दुग्ध डेयरी विभाग को पूर्व से आवंटित है। म.प्र. शासन की भूमि पर अतिक्रमण करने के फलस्वरूप नायब तहसीलदार के द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए अतिक्रामक को सुनवाई उपरांत बेदखली आदेश पारित किया जाकर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 अंतर्गत बनाये गये प्रावधानों के तहत अतिक्रमण हटाया गया। जी हाँ, अतिक्रमण मुक्त करने से पूर्व अतिक्रामकों को बेदखली संसूचना जारी की गई थी। आदेश एवं बेदखली संसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत दो हितग्राहियों क्रमश: अनिल पिता उदयभान बंसल एवं उर्मिला पत्नी मनोज बंसल के नाम प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया है। संबंधित के द्वारा जियोटैग श्यामकली पत्नी उदयभान बंसल के भूमि स्वामित्व की भूमि पर पूराने आवास के सामने खड़े होकर जियोटैग कराया गया था। लेकिन संबंधित हितग्राहियों के द्वारा स्वीकृत स्थान पर आवास का निर्माण नहीं किया गया है। बल्कि वर्णित मकानों को प्रधानमंत्री आवास बताकर दो किश्तों का भुगतान लिया गया है। स्थल परिवर्तन उपरांत भी किश्त जारी करने के कारण संबंधित ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही किये जाने के कारण प्रश्नकर्ता द्वारा स्थल पर धरना दिया गया था, जिसमें अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी देवसर द्वारा पात्रता/नियमानुसार आबादी भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार संबंधित ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
पात्र हितग्राहियों को लाभ से वंचित करने वालों पर कार्यवाही
[श्रम]
142. ( क्र. 3375 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा संभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को विभाग द्वारा संचालित किन-किन योजनाओं के लाभ से कितने श्रमिकों को वर्ष 2018 से प्रश्नांश तक के दौरान लाभान्वित किया गया, का विवरण विभागवार संचालित योजनावार लाभान्वित श्रमिकों का जनपदवार जिलावार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में साइकिल अनुदान, दो पहिया वाहन अनुदान, औजार उपकरण हेतु अनुदान का लाभ कितने श्रमिकों को कब-कब दिया गया, का विवरण वर्षवार, जिलावार, जनपदवार व ग्राम पंचायतवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में से शिक्षा प्रोत्साहन योजना का लाभ कितने छात्र-छात्राओं को दिया गया, का विवरण प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अवधि व समय का देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार बाबत् क्या कार्यवाहियां की गई? कितने आवेदन पत्र किन-किन योजनाओं बाबत् किन सक्षम अधिकारियों के कार्यालय में प्राप्त हुये? उनमें से कितने आवेदन पत्रों का निराकरण कब-कब किया गया? विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार जनपदवार, पंचायतवार देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की संचालित योजनाओं का लाभ संबंधित पात्र हितग्राहियों को नहीं दिया गया। पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हुये, प्रश्नांश (घ) अनुसार योजनाओं की जानकारी का प्रचार प्रसार नहीं किया गया जो आवेदन प्राप्त हुये उनका भी समय पर निराकरण कर लाभ प्रदान नहीं किया गया, इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शहडोल व रीवा संभाग में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत संचालित योजनाओं में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जनपदवार जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) मण्डल द्वारा संचालित साइकिल अनुदान एवं औजार उपकरण हेतु अनुदान योजना अंतर्गत लाभान्वित किये जाने की वर्षवार, जिलावार, जनपदवार, ग्राम पंचायतवार जानकारी अत्यंत विस्तृत प्रकृति की है, जो कि संकलित की जा रही है। दो पहिया वाहन अनुदान योजना समाप्त की जा चुकी है। (ग) मण्डल द्वारा संचालित शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार हेतु समय-समय पर योजनाओं से संबंधित होर्डिंग्स, पेमप्लेट, जिला स्तर पर आयोजित लोक कल्याण शिविरों के माध्यम से किया गया। शेष प्रश्नांश में वांछित जानकारी अत्यंत विशद् प्रकृति की है, जिसे संकलित किया जा रहा है। (ड.) मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा श्रमिक की पात्रतानुसार एवं योजना के नियमानुसार परीक्षण कर निराकरण किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अनुकंपा नियुक्ति की वरिष्ठता सूची
[जल संसाधन]
143. ( क्र. 3392 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2002 से 2005 के बीच अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के पद रिक्त न होने के कारण वरिष्ठता सूची, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति देने हेतु तैयार की गई थी? यदि हाँ तो उस सूची में कुल कितने नाम थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित सूची के कुल लोगों में से कितनों को नियुक्ति दी गई और कितनों को अभी तक नहीं दी गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित जिन लोगों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई, इसका क्या कारण रहा? प्रत्येक का अलग-अलग बतावें। (घ) क्या जिन लोगों को नियुक्ति नहीं दी गई, उन्हें नियुक्ति दी जावेगी? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो प्रत्येक का कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, 220. (ख) 131 प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। 89 प्रकरणों पर नियुक्ति नहीं की जा सकी। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लीज पर दी गई भूमियों की जानकारी
[राजस्व]
144. ( क्र. 3400 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग म.प्र. राज्य के गठन व उसके पूर्व के तत्कालीन वर्षों में जावरा नगर स्थित शहर के मध्य लगे रेल्वे फाटक के दोनों ओर वर्तमान में संबोधित (नाम) किया जाता है यथा जवाहर नगर, महावीर नगर, तिलक नगर तथा विवेकानंद कॉलोनी इत्यादि शासन द्वारा प्रदत्त अथवा तत्कालीन शासकों द्वारा लीज पर दी गई भूमियां हैं? (ख) उपरोक्त उल्लेखित स्थानों पर बसाई गई कॉलोनियों के कॉलोनाईजर कौन-कौन रहे? किन वर्षों में उक्त स्थानों पर कॉलोनियां बना कर प्लॉट बेचे गये? (ग) बताएं कि नवाबी रियासत के दौरान भी व उसके पश्चात भी उक्त स्थानों पर जिनिंग फैक्ट्री, रबर फैक्ट्री, आईल मिल संचालित हुआ करते थे और ये सभी उपरोक्त स्थानों की भूमियों को लीज पर प्राप्त कर ही किये जाते रहे है? (घ) अवगत कराएं कि किन वर्षों में किस प्रकार के कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से षड़यंत्रपूर्वक भू-माफियाओं ने उपरोक्त उल्लेखित स्थानों की भूमियों का स्वामित्व किस प्रकार प्राप्त किया एवं शासन/विभाग अपनी दी हुई लीज भूमियों को पुन: प्राप्त करने हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। रतलाम जिले की तहसील जावरा में अभिलेख अनुसार लीज संबंधी प्रमाण-पत्र नहीं है। (ख) 1- रतलाम जिले के कस्बा जावरा की भूमि सर्वे नम्बर 916, 917 में जवाहर नगर कॉलोनी स्थित है। भूमि स्वामी के द्वारा वर्ष 1989-90 में भूमि क्रय करने के पश्चात से भू-खण्ड विक्रय किये जा रहे है। 2- कस्बा जावरा के भूमि सर्वे नंबर 912, 913 पर महावीर नगर (महावीर कॉम्पलेक्स) स्थित है। उक्त भूमि के भूमि स्वामियों के द्वारा वर्ष 1989-90 में भूमि क्रय करने के पश्चात से भू-खण्ड विक्रय किये जा रहे है। 3- ग्राम बन्नाखेडा के भूमि सर्वे नम्बर 245, 246, 247 पर तिलक नगर कॉलोनी स्थित है। उक्त भूमि के भूमि स्वामी के द्वारा वर्ष 1989-90 में भूमि क्रय करने के पश्चात से भू-खण्ड विक्रय किये जा रहे है। 4- ग्राम बन्नाखेडा के भूमि सर्वे नम्बर 239 पर विवेकानन्द कॉलोनी स्थित है। उक्त भूमि के भूमि स्वामी के द्वारा वर्ष 1974-75 में भूमि क्रय करने के पश्चात से भू-खण्ड विक्रय किये जा रहे है। उपरोक्त उल्लेखित भूमि के संबंध में प्रमाणित खसरा अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। कॉलोनाईजर के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) इस संबंध में कोई अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। (घ) उपरोक्त कॉलोनी के भूमि स्वामी के द्वारा क्रमांक 1 से 3 तक वर्ष 1989-90 एवं क्रमांक 4 में उल्लेखित वर्ष 1974-75 में भूमि क्रय करने से राजस्व रिकार्ड अनुसार भू-स्वामी दर्ज रिकार्ड है। उपरोक्त भूमियों के लीज संबंधी प्रमाण नहीं हैं।
हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
145. ( क्र. 3401 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजना अंतर्गत शासन/विभाग के माध्यम से चिन्हित गरीब परिवारों को निर्देशित/आदेशित विभिन्न श्रेणीगत खाद्यान्न का वितरण किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को किस-किस श्रेणीगत पात्रता अनुसार कितना-कितना खाद्यान्न वितरण किया जाता है और यदि किया जा रहा है तो वितरण का सत्यापन किस प्रकार होता है? (ग) पात्रता अनुसार परिवारों को चिन्हित कर खाद्यान्न वितरण किया जाता है, तो हितग्राहियों में सम्मिलित किन्तु कूटरचित दस्तावेजों से बने फर्जी हितग्राहियों की किस प्रकार जांच की जाती है? कितने फर्जी कार्ड निरस्त किये गये है? (घ) उपरोक्तानुसार वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत खाद्यान्न वितरण की कुल कितनी दुकानें/केन्द्रों पर कितने-कितने हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं? उपरोक्त वर्षों में खाद्यान्न की चोरी तथा निर्धारित मापदण्ड से कम मात्रा में खाद्यान्न दिये जाने की कितनी शिकायतें प्राप्त होकर उन पर क्या कार्यवाही की गई? साथ ही बताएं कि दुकान/गोदामों की जांच भौतिक सत्यापन सहित किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग से संबंधित जानकारी
[वन]
146. ( क्र. 3418 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2014 से भोपाल वृत्त अंतर्गत वन मण्डलों में वन विभाग, म.प्र. राज्य वन विकास निगम लिमिटेड, म.प्र. ईको-पर्यटन विकास बोर्ड, म.प्र. राज्य वनोपज संघ, म.प्र. टाईगर फाउंडेशन सोसायटी, म.प्र. राज्य जैव विविधता बोर्ड, म.प्र. राज्य बांस मिशन, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वृक्षारोपण एवं वनरोपणियों के लिए सफाई, सर्वेक्षण, सीमांकन, गड्ढा खुदाई, पोल, तार फेंसिंग, पौधा-परिवहन स्टेकिंग, खाद क्रय एवं डलवाना, पौधा क्रय एवं अन्य निर्माण कार्य व योजनाएं आदि कार्यों के लिए जिलावार, परिक्षेत्रवार कितना-कितना बजट आवंटन किया गया? वर्षवार एवं परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा भोपाल वृत्त अंतर्गत कितनी शासकीय वनरोपणी (नर्सरी) स्थित हैं? परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त आवंटन में से कितनी राशि से कौन-कौन सी सामग्री किस-किस फर्म, संस्था, व्यक्ति से खरीदी गई? भुगतान की राशि, दिनांक, बिलों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा कितने मजदूरों को कब-कब, कितना-कितना भुगतान किया गया है? मजदूर का नाम, भुगतान राशि, वर्षवार, परिक्षेत्रवार एवं वन मण्डलवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) भोपाल वृत्त में कौन-कौन से परिक्षेत्रों में कितने-कितने हेक्टेयर की घास बीड़े थी? उनकी नीलामी वर्ष 1990 से कब तक की गई? परिक्षेत्रवार बीटवार जानकारी देवें तथा उनसे वन विभाग को कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई? परिक्षेत्रवार एवं वर्षवार 1990 से जब तक नीलामी हुई, जानकारी देवें तथा वर्तमान में घास बीड़ों की नीलामी क्यों नहीं की जाती है? नीलामी न करने के शासन के आदेश/नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या वर्तमान में कहीं-कहीं घास बीड़ों पर अतिक्रमण कर खेती की जा रही है? यदि हाँ तो कितने क्षेत्र पर? सर्वे नंबर सहित परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सिंरोज एवं गंजबासौदा के उपवन मण्डल क्षेत्र में अवैध पत्थरों एवं रेत का उत्खनन किया जा रहा है? यदि हाँ तो विगत तीन वर्षों में उक्त उपवन मण्डलों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? परिक्षेत्रवार छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। क्या उक्त अवैध उत्खनन के लिए कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कर दी जावेगी तथा क्या उप वनमण्डल सिरोंज एवं गंजबासौदा में वनों की अवैध कटाई की जा रही है? यदि हाँ तो पिछले तीन वर्षों में कितने प्रकरण बनाये गये हैं? एफ.आई.आर. एवं की गई कार्यवाही की वर्षवार, परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। इसके लिए दोषियों पर कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? (ड.) वर्तमान में सिरोंज में पदस्थ उप वनमण्डल अधिकारी ने उप वनमण्डल क्षेत्र में कितने कार्यों का निरीक्षण किया व प्रशासनिक दौरे किये तथा निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियां पाई? निरीक्षण की दिनांक तथा की गई कार्यवाहियों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें तथा वर्तमान में प्रभारी उप वनमण्डल अधिकारी सिरोंज एवं गंजबासौदा की शिथिलता तथा मिलीभगत के कारण गंजबासौदा एवं सिरोंज उप वनमण्डल में वनों की अवैध कटाई में वृद्धि हुई है? यदि हाँ तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी तथा इनके विरूद्ध इनके कार्यकाल में गंजबासौदा एवं सिरोंज में हुए अवैध वन कटाई, अवैध उत्खनन एवं निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जांच इनको हटाकर कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ड.) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में संचालित बसों की जानकारी
[परिवहन]
147. ( क्र. 3419 ) श्री जितु पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल ट्रांसपोर्ट कंपनी इंदौर द्वारा 31 जनवरी 2022 की स्थिति में किस-किस रूट पर बस चलाने हेतु परमिट दिया गया है? सूची देवें तथा बतावें कि उक्त बसों में से कितनी बस ग्रामीण क्षेत्र में चल रही हैं तथा कितने बस शहरी क्षेत्र में संचालित हो रही है? (ख) बस ऑपरेटर की बस किस स्थान से प्रारंभ होगी? कहाँ-कहाँ रूकेगी तथा गंतव्य में अंतिम स्थान कहाँ होगा, इसकी सूचना देना होती है, अनुमति लेना होती है या सूचना अनुमति की आवश्यकता नहीं है? (ग) खण्ड (ख) के संदर्भ में बतावें कि ऐसी स्थिति में बसों पर परमिट अनुसार तथा नियम अनुसार कंट्रोल कैसे रखा जाता है तथा यात्रियों की सुविधा तथा सुरक्षा कैसे तय की जाती है? (घ) यदि नगर निगम इंदौर 100 से अधिक परमिट पर बस चला कर लाभ कमा सकता है तो फिर शासन अपने स्तर पर ग्रामीण अंचल में सुगम सुरक्षित परिवहन हेतु बस क्यों नहीं चलाता है? इंदौर नगर निगम को अटल ट्रांसपोर्ट कंपनी में प्रतिवर्ष होने वाली आय की जानकारी दें। (ड.) क्या शासन ग्रामीण अंचल में बस परिवहन पुन: प्रारंभ करेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 31 जनवरी 2022 की स्थिति में अटल ट्रांसपोर्ट कंपनी इंदौर को बस चलाने हेतु दिये गये परमिटों की सूची का विवरण निम्नानुसार हैः- क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, इन्दौर द्वारा जारी परमिट- 1. शहरी क्षेत्र के लिए जारी 244 परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। 2. ग्रामीण+शहरी क्षेत्र के लिए जारी 79 परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। 3. साधारण मार्ग के लिए जारी 39 परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। 4. साधारण+ग्रामीण मार्ग के लिए जारी 18 परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, नर्मदापुरम द्वारा जारी परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है जो कि शहरी+ग्रामीण क्षेत्र हेतु जारी किए गये हैं। (ख) बस ऑपरेटर द्वारा परमिट प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत आवेदन में बस किस स्थान से प्रारंभ होगी, कहाँ रूकेगी तथा गंतव्य में अंतिम स्थान कहाँ होगा की जानकारी का उल्लेख किया जाता है, जिसके परीक्षण उपरांत अनुज्ञा-पत्र जारी किये जाते हैं एवं जारी किये गये अनुज्ञा-पत्रों में इन सभी जानकारियों को दर्शित किया जाता हैं। इसकी सूचना के लिए पृथक से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं हैं। (ग) खण्ड (ख) के संदर्भ में बसों पर परमिट अनुसार तथा नियम अनुसार कंट्रोल करने हेतु परिवहन विभाग द्वारा मोटरयान अधिनियम एवं नियमों के तहत नियमित रूप से वाहन चेकिंग की कार्यवाही की जाती हैं। अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड इन्दौर द्वारा संचालित बसों में यात्रियों की सुविधा तथा सुरक्षा जी.पी.एस. ट्रेकिंग एवं सी.सी.टी.वी. कैमरे के माध्यम से की जाती है। (घ) एवं (ड.) मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण अंचल में सुगम सुरक्षित परिवहन हेतु साधारण मार्ग के अतिरिक्त मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 116-क के अनुसार ''ग्रामीण मार्ग'' को परिभाषित किया गया है तथा निजी वाहन संचालकों कों ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन संचालन हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 में प्रावधान कर ग्रामीण सेवायान जिसकी बैठक क्षमता 3+1 से 7+1 तक है और जो ग्रामीण परिवहन सेवा के लिये दिये गये नियमित अनुज्ञा-पत्र के अंतर्गत आते हैं, उनका मोटरयान कर अनुज्ञा पत्र की विधिमान्यता तक यान के मूल्य का 1 प्रतिशत नियत किया गया है जबकि उक्त श्रेणी से अन्य यान हेतु मोटरयान कर 8 प्रतिशत या अधिक देय होता है। अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि., इन्दौर में प्रतिवर्ष होने वाली आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। ग्रामीण अंचल में शासन द्वारा बस संचालन पुनः प्रारंभ करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। तथापि निजी संचालकों के माध्यम से ग्रामीण परिवहन सुव्यवस्थित करने हेतु योजना विचाराधीन है।
बारदाने की खरीदी तथा उपयोग
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
148. ( क्र. 3420 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2020-21 में 129.42 लाख मेट्रिक टन गेहूँ क्रय किया गया तथा जिसमें से विभिन्न योजनाओं में 26.69 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का वितरण किया गया तथा एफ.सी.आई. द्वारा केन्द्रीय पूल में 59.33 लाख मेट्रिक टन गेहूँ उठाया गया? यदि हाँ तो बतावें कि शेष 42.40 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का निस्तारण किस-किस तरीके से किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मात्रा हेतु 50 किलो प्रति बारदाना के मान से क्या 26 करोड़ बारदाना की आवश्यकता होती है? यदि हाँ तो बतावें कि कितनी-कितनी मात्रा में जुल पोली तथा पुराने यूस्ड बारदाना किस-किस औसत दर से कितनी मात्रा में खरीदे गये तथा क्रय किये 37.26 लाख मेट्रिक टन धान तथा 2.25 लाख मेट्रिक टन मोटा अनाज हेतु कितने-कितने जुल पोली तथा पुराने बारदाना खरीदे गये? (ग) बारदाना की खरीदी तथा उपयोग की गई मात्रा का वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक का विवरण देवें तथा बतावें कि प्रत्येक वर्ष में कितना बारदाना किस-किस प्रकार का बचा तथा अगले वर्ष में कितना उपयोग हुआ तथा कितना खराब हुआ? प्रश्नाधीन अवधि में कुल मिलाकर कितनी मात्रा में बारदाना खराब हुआ? (घ) वर्ष 2020-21 में खरीदी गई मात्रा 168.93 लाख मेट्रिक टन के परिवहन कर कुल कितना खर्च हुआ? परिवहन कुल मिलाकर कितने कि.मी. हुआ तथा औसत प्रति किलोमीटर कितना खर्च हुआ? क्या परिवहन की मेपिंग में फर्जीवाड़े की शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ तो उसकी विस्तृत जानकारी दें। (ड.) क्या वर्ष 2020-21 में शेष गेहूँ भाव से 30 से 50 प्रतिशत कम दाम पर बड़े औद्योगिक घराने को बेचा गया? वर्ष 2021 में बेचे गये गेहूँ की मात्रा विक्रय की दर कुल राशि बतावें। क्या सारा गेहूँ एक लाट में बेचेने की प्रक्रिया अपनाई गई जबकि वह गेहूँ जिलेवार मात्रा अनुसार अलग-अलग लाट से बेचा जाता तो शासन को सैकड़ों करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता? विभिन्न अलग-अलग स्थान पर रखा गेहूँ एक लाट में बेचने का निर्णय क्यों लिया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तालाबों की नहरों का पक्का निर्माण
[जल संसाधन]
149. ( क्र. 3428 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने तालाब निर्मित हैं? कहाँ-कहाँ और निर्माण लागत क्या थी? तालाब की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त तालाबों की नहरों का निर्माण किया गया है? अगर हाँ तो कितने किलोमीटर पक्की है, कितने किलोमीटर कच्ची है? क्या कच्ची नहरों के सुधार या पक्की करने के कोई प्रस्ताव लंबित हैं? अगर हैं तो कब तक स्वीकृति दी जाएगी? नहीं तो क्यों? (ग) उक्त तालाबों की नहरों के निर्माण के समय सिंचाई का लक्ष्य क्या था? लक्ष्य पूर्ति हो रही है? नहरों के अंतिम छोर के किसान को सिंचाई का पानी पर्याप्त मिल रहा है? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत परियोजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नहरों को पक्कीकरण करने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्मित तालाबों की कुल रूपांकित सिंचाई क्षमता 9350 हेक्टेयर होना प्रतिवेदित है। जलाशयों का पूर्ण रूप से भरना वर्षा पर निर्भर होता है। तालाबों में उपलब्ध जल भराव अनुसार लक्ष्य की पूर्ति के साथ नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का प्रयास रहता है। जलखा क्र. 2 तालाब, कुण्डीया तालाब, बागखेड़ा तालाब एवं बलखडिया तालाब के डूब क्षेत्र से रिसाव होने के कारण कम पानी उपलब्ध होने से अंतिम छोर के किसानों तक पानी पहुँचाना कई बार संभव नहीं हो पाता है।
आवेदनों पर कार्यवाही
[राजस्व]
150. ( क्र. 3429 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक मृतक एवं विक्रय पत्र नामांतरण के कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने निराकृत हुए हैं? कितने शेष हैं? शेष हैं तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने बंटवारे और सीमांकन के आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने निराकृत हुए हैं? कितने शेष हैं? शेष हैं, तो क्यों? कारण बतावें। (ग) क्या किसानों को ऋण पुस्तिका, बंटवारे, सीमांकन के लिए कोई शिविरों का आयोजन किया गया हैं? अगर किया गया हैं तो कहाँ-कहाँ? नहीं तो किये जाने का क्या कोई प्रस्ताव हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 3504 मृतक एवं विक्रय पत्र नामांतरण के आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से कुल 3127 आवेदन पत्र निराकृत होकर कुल 377 आवेदन-पत्र शेष है। जो न्यायाधीन है। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 751 बंटवारे के आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से कुल 625 आवेदन पत्र निराकृत हुए और कुल-126 आवेदन पत्र निराकरण से शेष हैं, जो न्यायाधीन हैं। सीमांकन के कुल-89 आवेदन-पत्र प्राप्त हुए, कुल-76 आवेदन पत्र निराकृत होकर कुल-13 आवेदन-पत्र निराकरण से शेष हैं, जो न्यायाधीन है। (ग) नामान्तरण, बंटवारे, सीमांकन, ऋण पुस्तिका वितरण के (राजस्व) प्रकरणों से संबंधी कार्यवाही दैनिक रूप से तहसील कार्यालय स्तर पर संचालित की जाती है। यह एक विधिक प्रक्रिया है, जिसमें विधि व म.प्र. भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के पालन की बाध्यता रहती है। जिस कारण इनकी राजस्व न्यायालय में सुनवाई करनी पड़ती है। विगत समय में कोरोना काल के कारण ऐसे शिविरों का आयोजन अवरूद्ध रहा है।
मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता
[राजस्व]
151. ( क्र. 3440 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में कोरोना काल (कोविड-19) में मृत लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने के लिये शासन की कौन-कौन सी योजनायें है? किस योजना में कितने लोगों के आर्थिक सहायता के प्रकरण शेष है? शेष होने का क्या कारण हैं तथा इन्हें कब तक सहायता प्रदाय करा दी जायेगी? (ख) क्या कोरोना काल (कोविड-19) में जो अविवाहित व्यक्ति मृत हो गये हैं एवं जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, ऐसे प्रकरण में क्या उन सदस्यों को जिन पर उनके परिवार के देखभाल की जिम्मेदारी थी, उनको आर्थिक सहायता कब तक दी जायेगी? ऐसे कितने प्रकरण हैं? विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोरोना काल (कोविड-19) में मृत लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने के लिये राजस्व विभाग द्वारा मान. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुक्रम में कोविड अनुग्रह राशि 50, 000/- दिये जाने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये हैं तथा शासकीय कर्मी जो कोविड रोकथाम हेतु प्रत्यक्ष रूप से सेवाएं दे रहे थे उनके लिए सुरक्षा कवच के रूप में कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना लागू की गई थी। 1- सागर नगर में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना अंतर्गत 03 प्रकरणों में दस्तावेज पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 2- मुख्यमंत्री अनुग्रह सहायता अनुदान (50 हजार) - योजनांतर्गत 90 आवेदन पत्र दस्तावेज के अभाव में लंबित है। (ख) सागर जिले की जानकारी निरंक है।
अनुकंपा नियुक्ति में शासन के निर्देशों का पालन
[राजस्व]
152. ( क्र. 3442 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत राजस्व विभाग में वर्ष 2018, 2019, 2020 में किस-किस विभाग के मृतक कर्मचारी के वारिसों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई? क्या उक्त दी गई अनुकंपा नियुक्ति में शासन निर्देशों का पालन किया गया है? कृपया विभागवार नामवार जानकारी दी जावे। (ख) क्या शासन निर्देशों के अनुसार कार्यभारित पद पर कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत उसके वारिसों को उसी संवर्ग में अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो फिर लोक निर्माण विभाग में कार्यभारित पद पर कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत उसके वारिस को राजस्व विभाग भिण्ड में अनुकंपा नियुक्ति किन नियमों के तहत प्रदान की गई? नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या जिला भिण्ड में राजस्व विभाग के अंतर्गत की गई अनुकंपा नियुक्ति में शासन के नियम निर्देशों को अनदेखा कर अनुकंपा नियुक्ति की गई है? यदि हाँ तो क्या शासन नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत राजस्व विभाग में वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में कुल 8 मृतक कर्मचारियों के वारिसों की अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। अनुकम्पा नियुक्ति में शासन निर्देशों का पालन किया गया है। विभागवार नामवार वारिसों को दी गई अनुकम्पा नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-5-1/2016/1/3, भोपाल दिनांक 31.08.2016 द्वारा कार्यभारित/आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले सेवा के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को इसी सेवा की स्थापना के रिक्त पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने की कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। भिण्ड जिले में लोक निर्माण में कार्यरत मृतक कर्मचारी के वारिस को अनुकम्पा नियुक्ति माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ के आदेश से दी गई है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) भिण्ड जिले में लोक निर्माण विभाग में कार्यरत कार्यभारित कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत उसके वारिस को अनुकंपा नियुक्ति माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ के आदेश से दी गई। उक्त परिप्रेक्ष्य में नियम विरूद्ध अनुकम्पा नियुक्ति करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के कार्यवाही करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
सीमेंट प्लांट को प्रदाय लीज की जानकारी
[खनिज साधन]
153. ( क्र. 3452 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कितने सीमेंट प्लांट को कितनी कितनी हेक्टेयर लीज प्रदान की गई है? कितनी भूमि किसानों की ली गई है? कितने वर्ष तक के लिए कितने मुआवजे के तहत? (ख) कंपनी को प्रदान की गई लीज कितने वर्षों की थी? शासन के नियम के तहत खदानों की अवधि क्या 50 वर्ष तय की गयी थी, तो किन-किन प्लांटों द्वारा बढ़ी हुई अवधि की मुआवजा राशि किन-किन किसानों को प्रदान की गई है? यदि नहीं की गयी है तो कौन से नियम से नहीं दी जा रही है? (ग) शासन द्वारा निर्धारित युवा रोजगार के तहत कंपनी द्वारा सतना ज़िले के मूल निवासियों में से कितनों को रोजगार तथा ट्रेनिंग दी गई है? विगत 5 वर्षों की जानकारी प्रदान करें। (घ) कंपनी द्वारा अधिग्रहीत किसानों की भूमि के बदले कितनों को रोजगार दिया गया है? यदि नहीं दिया गया है तो कंपनी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं की गई है तो कब तक की जाएगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। जिसमें खदान की अवधि एवं विस्तारित की गई अवधि दर्शित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में प्रकरणावार दर्शायी गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। दर्शाये अनुसार रोजगार की स्थिति स्पष्ट की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंत्येष्टि अनुग्रह राशि के लंबित प्रकरणों
[श्रम]
154. ( क्र. 3453 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेमेंट और बोनस एक्ट 1965 के तहत सतना एवं रीवा जिले के सीमेंट प्लांट में बोनस के प्रावधानुसार विगत 5 वर्षों में संस्थानवार बोनस की राशि कितनी आवंटित की गई? (ख) पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संस्थानवार जो राशि दी गई है, वह राशि कितनी-कितनी प्रदान की गई है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) मध्यप्रदेश असंगठित शहरी ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल भोपाल द्वारा मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के तहत मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि अनुग्रह राशि के संबंध में वर्ष 2018 से लेकर आज दिनांक तक लंबित प्रकरणों की संख्या जिलेवार बताई जाये। (घ) क्या वर्ष 2018-19 की सहायता राशि अभी भी लंबित रखी गई है? यदि हाँ तो उन संबंधित अधिकारियों के खिलाफ माननीय मुख्यमंत्री जी क्या कार्यवाही करेंगे? (ड.) जिलेवार, निकायवार, जनपदवार यह बताया जाये कि मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के तहत हितग्राहियों को मिलने वाली तत्काल अंत्येष्टि सहायता वर्षवार व श्रमिकों की संख्या समस्त जिलेवार बताई जाये।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट 1965 के तहत जिला सतना के सीमेन्ट प्लांट में बोनस के प्रावधानानुसार विगत 5 वर्षों में संस्थानवार बोनस की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं एवं जिला रीवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है है। (ख) जिला सतना में स्थापित 06 सीमेंट प्लांट विगत 05 वर्षों में पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत राशि प्रदान करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है एवं जिला रीवा में स्थापित 02 सीमेंट प्लांट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) म.प्र. असंगठित शहरी ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल भोपाल द्वारा मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के तहत मृत्यु की दशा में अन्त्येष्टि अनुग्रह राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) सभी स्वीकृत पात्र प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के तहत हितग्राहियों को मिलने वाली तत्काल अंत्येष्ठि सहायता वर्षवार व श्रमिकों की संख्या समस्त जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है है।
जमीन हड़पने वाले दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
155. ( क्र. 3458 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मौजा समान तहसील हुजुर जिला रीवा की आ.नं. 146, 149, 160, 161, 162, 58, 902, 170, 175 को मिसिल नं. 42 वर्ष 1944-1945 आदेश दिनांक-22/11/1944 को इजरायसी रेवन्यू मिनिस्टर रीवा राज्य स्टेट रीवा के द्वारा दमड़ी कोल के नाम रकवा 14.60 एकड़ पट्टा बहाल किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) की भूमि के नए खसरा परिवर्तन किए गए? यदि हाँ तो उक्त खसरा में दमड़ी की मृत्यु उपरांत क्या उसके दोनों पुत्रों बंसा कोल एवं लुसुरुआ कोल का नाम दर्ज किया गया? प्रति सहित खसरा नंबर एवं दर्ज नाम की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) नए प्रदाय खसरों में दमड़ी के पुत्रों - बंसा कोल एवं लुसुरुआ कोल का नाम नियमों-अधिनियमों की अनदेखी कर हटा दिया गया? यदि हाँ तो नियमों-अधिनियमों की अनदेखी कर जमीन हड़पने वाले दोषियों पर कार्यवाही कर मूल भू-स्वामी को उसकी जमीन कब लौटाई जाएगी? (घ) क्या लुसुरुआ कोल के वारिस विमला कोल द्वारा खुद जान को खतरा महसूस कर कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस अधीक्षक रीवा को आवेदन द्वारा सुरक्षा मांगी गयी? विमला कोल को प्रश्न दिनांक तक भी सुरक्षा क्यों उपलब्ध नहीं करायी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित ग्राम समान की मिसिल नं. 42 वर्ष 1944-1945 आ. दिनांक 22.11.1944 से संबंधित दस्तावेज की तलाश तहसील कार्यालय हुजूर में उपलब्ध न होने से जिला कार्यालय से उपलब्ध कराने का लेख किया गया, अभिलेखागार द्वारा यह टीप दी गयी कि संबंधित ग्राम के समस्त बस्तों में तथा पंजी में तलाश की गई, उक्त प्रकरण कहीं भी उपलब्ध नहीं है। प्रश्नांकित मिसिल नं. 42 वर्ष 1944-1945 उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दिया जाना सम्भव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न होने से जानकारी दिया जाना सम्भव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की जानकारी अनुपलब्ध होने के कारण कार्यवाही किया जाना सम्भव नहीं है। (घ) सुरक्षा संबंधी कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में सम्मिलित निजी भूमि
[वन]
156. ( क्र. 3459 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्न क्रमांक 831 दिनांक 12 मार्च 2008 में 27173.329 हेक्टेयर, प्रश्न क्रमांक 286, दिनांक 29 फरवरी 2016 में 30668.826 हेक्टेयर एवं प्रश्न क्रमांक 333, दिनांक 12 अगस्त 2021 में 31707.452 हेक्टेयर निजी भूमि वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल किए जाने की जानकारी पटल पर प्रस्तुत की गई है? (ख) यदि हाँ तो वन मुख्यालय द्वारा दिनांक 20 जुलाई 2009 को जारी पत्र के बाद किस-किस वनमण्डल ने वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में कितने किसानों की कितनी निजी भूमि की जानकारी संकलित की है? किस-किस वनमण्डल द्वारा किन-किन कारणों से वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमि की जानकारी संकलित नहीं की जा सकी है। (ग) वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में निजी भूमि शामिल करने की जानकारी वन विभाग ने अपने किस-किस अभिलेख, दस्तावेज, पंजी, हिस्ट्री, प्रकरण में किन-किन कारणों से दर्ज की थी, उनके आधार पर सभी वनमण्डलों के द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक भी जानकारी संकलित नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल दिनांक 20 जुलाई 2009 को जारी पत्र में दिए गए प्रारूप में कब तक निजी भूमि की जानकारी संकलित कर लेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
157. ( क्र. 3467 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ओमेक्स सिटी के द्वारा ग्राम लालपुर देवास रोड की सर्वे नम्बर 94/1, 94/2/1, 94/2/2, 94/2/3, 94/2/4, 95/1, 95/2, 95/3 कृषि भूमि जो राजस्व रिकार्ड में सिक्योर रिटेल सप्लायर प्राईवेट लिमिटेड इंदौर के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है? यदि हाँ तो विवरण दें। (ख) उपरोक्त सर्वे नम्बर पर कॉलोनी काटने हेतु क्या कृषि भूमि का डायवर्सन, नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमति, रेरा की अनुमति तथा पंचायत व अन्य शासकीय विभागों की अनुमति प्राप्त कर विधिवत कॉलोनी काटने की अनुमति ओमेक्स सिटी के नाम पर या अन्य किसी नाम पर प्राप्त की गई है? यदि हाँ तो सभी अनुमति की छायाप्रति एवं नक्शे की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उपरोक्त सर्वे नम्बर पर ओमेक्स सिटी के संचालनकर्ताओं द्वारा उक्त सर्वे नम्बरों पर 300 से भी अधिक प्लॉट के अनुबंध कर प्रति प्लॉट एडवांस के रूप में रूपये 5, 00, 000 लिए हैं जबकि कॉलोनी की किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई है और न ही रेरा की अनुमति ली गई है? भूमि का डायवर्सन भी नहीं हुआ है। ओमेक्स सिटी द्वारा अवैध वसूली किस आधार पर की जा रही है? शिकायत के बावजूद उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त सर्वे नम्बर का कोई डायवर्सन नहीं किया गया है। नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से उक्त खसरा नम्बरों पर अनुमति प्राप्त नहीं की गई है। उपरोक्त सर्वे नम्बर पर ओमेक्स सिटी के नाम पर या अन्य किसी नाम से कोई विकास अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) अवैध वसूली के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
सिंचाई परियोजना में अधिग्रहीत भूमि का भुगतान
[जल संसाधन]
158. ( क्र. 3501 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन बडोखरा सिंचाई परियोजना अंतर्गत किन-किन किसानों की कितनी-कितनी कृषि भूमि का अधिग्रहण किया गया है? सर्वे नंबर सहित किसानों की जानकारी मय सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में अधिग्रहीत की गई कृषि भूमि में से कितने किसानों की कितनी-कितनी कृषि भूमि की रजिस्ट्रियां किन-किन दिनांकों को हो चुकी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिन किसानों की अधिग्रहीत की गई भूमि की रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं, उन्हें देय राशि का सम्पूर्ण भुगतान किया जा चुका है अथवा नहीं? यदि हाँ तो भुगतान की गई राशि का किसानवार ब्यौरा दें। यदि नहीं तो क्या बजट उपलब्ध न होने के चलते भुगतान लंबित है? कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित किसानों को भूमि अधिग्रहण का सम्पूर्ण भुगतान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। 23 कृषकों को रू. 116.69 लाख का संपूर्ण भुगतान किया जा चुका है एवं शेष 05 कृषकों को रू. 34.88 लाख के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। भुगतान हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सिंचाई परियोजना में स्वीकृत राशि का आवंटन
[जल संसाधन]
159. ( क्र. 3502 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निर्माणाधीन बडोखरा सिंचाई परियोजना में स्वीकृत राशि रू. 1485.24 लाख में से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन शासन द्वारा विभाग को कब-कब किया गया है? विभाग द्वारा कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार को कब-कब किया गया? उक्त परियोजना का निर्माण कार्य मार्च 2022 में पूर्ण होना निर्धारित है जिसमें लगभग 01 माह का समय शेष है, क्या इस 01 माह में परियोजना का शेष कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा तथा परियोजना पर व्यय होने वाली सम्पूर्ण राशि शासन द्वारा विभाग को आवंटित कर दी जावेगी? (ख) क्या बिजरोनी-बरोदिया सिंचाई परियोजना के पुनरीक्षित प्रशासकीय प्रतिवेदन का प्रस्ताव कार्यालय मुख्य अभियंता द्वारा स्वीकृत कर दिया गया है? सकारण पूर्ण ब्यौरा दें। परियोजना में कुल कितनी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है? कितनी भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है? अधिग्रहण हेतु कितनी शेष भूमि के अधिग्रहण हेतु अब तक किन अधिकारियों के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? शेष अधिग्रहण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? परियोजना में अब तक कुल कितनी राशि का आवंटन शासन द्वारा विभाग को किया जा चुका है? कितना आवंटन शेष है व कब तक विभाग को प्राप्त होगा? विभाग द्वारा ठेकेदार को अब तक भुगतान की गई राशि का ब्यौरा दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। वर्तमान में परियोजना का शीर्ष कार्य 70 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। शेष कार्य जून 2022 तक पूर्ण करना लक्षित है। कार्य की आवश्यकता अनुसार आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं, तथ्यात्मक स्थिति यह है कि परियोजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव में प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा उठाई गई आपत्तियों का निराकरण मैदानी कार्यालयों द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना में कुल 84.932 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 0.35 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। वर्तमान में 78.612 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत शेष भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण की जाना संभव होगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
ओवरलोड परिवहन से मार्गों को क्षति
[खनिज साधन]
160. ( क्र. 3507 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेत खदान से प्राप्त आय की कितनी अंश राशी सम्बंधित खदान क्षेत्र के विकास हेतु ग्राम पंचायतों को देने के आदेश/नियम हैं तथा रेत/काली मिटटी/मुरम का ओवरलोड परिवहन करने पर वाहन अनुसार कितनी राशि का दंड देने का आदेश है? इनकी सत्यापित प्रति उपलब्ध करावेंl (ख) क्या विधानसभा डबरा के अंतर्गत वैध/अवैध खदानों से रेत/मुरम ओवरलोड परिवहन होने से पिछोर क्षेत्र, भितरवार-डबरा मुख्य मार्ग से लगे क्षेत्र की सड़कें, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बने मार्ग 06 माह के अंदर 70 प्रतिशत से अधिक उखड़ रही हैं जिससे क्षेत्र की सड़कों को काफी नुकसान पहुँच रहा है? इसको रोकने हेतु किस प्रकार के उपाय किये गए हैं? अभी तक ओवरलोड वाहनों से कितनी राशी वसूली गयी है? (ग) जिला ग्वालियर में संचालित रेत खदानों से वर्ष 2018-19 से 2021-22 में आज दिनांक तक कितनी-कितनी आय हुयी तथा प्राप्त आय की कितनी राशि ग्राम पंचायतों को किस कार्य हेतु दी गयी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 21 (1) में रेत खनिज से प्राप्त राशि में से रूपये 75/- प्रति घनमीटर ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय के लिए राज्य शासन को अंतरित किये जाने का प्रावधान है। इस प्रावधान अनुसार सीधे ग्राम पंचायत को अंश राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 (1) में अभिवहन पार-पत्र में दर्ज मात्रा से अधिक मात्रा के संबंध में दण्डात्मक प्रावधान हैं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में प्रावधान हैं। यह दोनों नियम अधिसूचित नियम हैं। (ख) जी हाँ। इसकी रोकथाम हेतु कलेक्टर कार्यालय, ग्वालियर द्वारा ओवर लोडिंग वाहनों पर एफ.आई.आर., दर्ज करने हेतु महाप्रबंधक ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को पत्र दिनांक 26/02/2022 से लेख कर इसकी प्रति पुलिस अधीक्षक तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ग्वालियर को पृष्ठांकित की गई है। जिला प्रशासन द्वारा अवैध रेत परिवहन एवं ओवर लोडिंग की रोकथाम हेतु जाँच नाकों की स्थापना की गई है तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में तीन उड़नदस्तों का गठन किया गया है। वर्ष 2020-21 में ओवर लोड कर परिवहन करते हुए 12 वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है तथा राशि रूपये 3, 09, 375/- अर्थदण्ड के रूप में जमा कराई गई है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिले में संचालित रेत खदानों से राशि रूपये 52, 79, 32, 488/- प्राप्त हुई है। प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार ग्राम पंचायतों को सीधे राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नामांतरण हेतु लंबित प्रकरण
[राजस्व]
161. ( क्र. 3509 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् डबरा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 01 से 30 तक भूमि के प्लाट की रजिस्ट्री उपरान्त नामांतरण कब से तथा किस कारण बंद की गयी है? आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावेंl (ख) बिंदु क्रमांक (क) के अनुसार नगर पालिका डबरा क्षेत्र में भूमि के प्लाट की रजिस्ट्री उपरांत नामांतरण पर लगी रोक के बाद से प्रश्न दिनांक तक किस-किस व्यक्ति के प्लाट का नामांतरण किया गया तथा किस व्यक्ति का नामांतरण हेतु प्रकरण लंबित है? उनका नाम/पिता का नाम/स्थान/खसरा नंबर/रकवा सहित जानकारी उपलब्ध करावें l (ग) बिंदु क्रमांक (क) एवं (ख) के अनुसार नगर पालिका डबरा के वार्ड क्षेत्र की भूमि के प्लाटों की रजिस्ट्री से वर्ष 2018-19 से 2021-22 में वर्षवार कुल कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी? क्या नगर पालिका परिषद् डबरा क्षेत्र में भूमि के प्लाट क्रय-विक्रय उपरान्त नामांतरण पर लगी रोक हटने तक रजिस्ट्रियों पर भी प्रतिबंध लगाया जावेगा? यदि नहीं तो रजिस्ट्री उपरान्त नामांतरण की समय-सीमा निर्धारित कर नामांतरण करने के आदेश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि में वैध हित अर्जन उपरांत म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 100-110 के अंतर्गत संबंधित राजस्व न्यायालय द्वारा नामांतरण के दर्ज प्रकरणों में सुनवाई उपरांत यथोचित आदेश किया जाता है। प्रावधान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नगर पालिका डबरा क्षेत्र में दिनांक 30/4/2018 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक आवासीय भू-खंडो की रजिस्ट्री उपरांत म.प्र. भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत प्रस्तुत प्रकरण में, जिनमें नामांतरण संबंधी आदेश किया गया उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) नगर पालिका डबरा के वार्ड क्षेत्र की भूमि के प्लाटों की रजिस्ट्री से वर्ष 2018-19 में कुल राशि 2.80 करोड़ वर्ष 2019-20 में कुल राशि 2.82 करोड़, वर्ष 2020-21 में कुल राशि 2.85 करोड़ एवं वर्ष 2021-22 में कुल राशि 2.90 करोड़ लगभग की आय हुई है। नगर पालिका परिषद् डबरा क्षेत्र में भूमि के रजिस्ट्रियों के माध्यम से क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाना नियमानुसार नहीं है, क्योंकि भूमियों का पंजीकृत विक्रय के माध्यम से विक्रय भारतीय रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के प्रावधानों से नियंत्रित है। भूमि में हित अर्जन सम्बन्धी नामांतरण प्रकरणों की कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 109-110 के अंतर्गत की जाती है जिसके निराकरण की समय-सीमा पूर्व से नियत है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निलंबन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
162. ( क्र. 3510 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में म.प्र. सार्वजनिक प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 प्रभावशील है? यदि हाँ तो उक्त प्रणाली की प्रति प्रदाय करें। (ख) क्या उक्त प्रणाली का पालन न करने पर वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक जिला छतरपुर के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य दुकानों को निलंबित किया गया है? यदि हाँ तो दुकानें निलंबित करने वाले अधिकारी का नाम पदनाम, दुकानों का नाम, निलबंन एवं अंतिम आदेश प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या उक्त प्रावधान के तहत दुकानों के निलंबन पश्चात् आवंटन अधिकारी द्वारा 10 दिवस की अवधि में दुकानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर यथासंभव 03 माह के भीतर अंतिम आदेश पारित करने का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उक्त दुकानों को समय पर नोटिस/अंतिम आदेश जारी किए गए? यदि हाँ तो सभी की प्रतियां प्रदाय करें। जिन दुकानों को तय समयानुसार नोटिस/अंतिम आदेश जारी नहीं किया गया, उनके नाम कारणों सहित बताएं तथा समय-सीमा का पालन नहीं करने पर कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त निलंबित दुकानों के आदेशों को निरस्त किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मजरा-टोला वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने की योजना
[राजस्व]
163. ( क्र. 3513 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग द्वारा मजरा-टोला वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने के लिये क्या कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ तो जानकारी प्रदान करें। (ख) राजस्व ग्राम बनाने के लिये क्या नियम कानून हैं एवं राजस्व ग्राम बनाने के लिये किसके द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है? (ग) क्या जिला नरसिंहपुर के मजरा-टोला वन ग्रामों को राजस्व ग्राम विगत वर्षों में बनाये गये हैं? यदि हाँ तो संपूर्ण जानकारी प्रदान करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मजरा टोलों को राजस्व ग्राम को बनाया जाने हेतु राजस्व विभाग द्वारा पत्र दि. 08 जुलाई 2011 को कलेक्टर को निर्देश जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। वर्तमान में यह कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के तहत की जाती है। (ख) शासन द्वारा मजरा-टोले को राजस्व ग्राम बनाये जाने संबंधी नियम मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के अंतर्गत बनाये गये हैं जिसके भाग (घ) के नियम 43 में ग्रामों की विरचना, समामेलन तथा विभाजन के नियम भी बनाए गये हैं। इसी क्रम में विभागीय निर्देश दि. 28.4.2021 एवं दि. 26.11.2021 जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 71 के तहत कलेक्टर, नवीन राजस्व ग्राम के गठन का आदेश जारी करता है। (ग) जिला नरसिंहपुर के 6 मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। 6 मजरा टोला में से 4 तहसील गाडरवारा एवं 2 सांईखेड़ा तहसील में राजस्व ग्राम घोषित किए गए हैं।
श्रमिकों के उत्थान हेतु संचालित योजनाएं
[श्रम]
164. ( क्र. 3515 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के उत्थान के लिये कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं? संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) जिला नरसिंहपुर में कितने श्रमिक संगठित क्षेत्र में एवं कितने श्रमिक असंगठित क्षेत्रों में पंजीकृत हैं? काम के अनुसार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या संगठित क्षेत्र के मजदूरों के समान, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लाभ मिल रहा है? अगर लाभ नहीं मिल रहा है तो कारण सहित जानकारी प्रदान करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. श्रम विभाग के अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए वर्तमान में 19 योजनाएं चलाई जा रही हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे रिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. श्रम विभाग के अन्तर्गत म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा असंगठित श्रमिकों हेतु मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अन्तर्गत निम्नलिखित योजनाएं चलाई जाती हैं :-
क्र. |
योजना का नाम |
हितलाभ |
1 |
अन्त्येष्टि सहायता |
5000.00 |
2 |
अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) |
2.00 लाख |
3 |
अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) |
4.00 लाख |
4 |
अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता) |
2.00 लाख |
5 |
अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता) |
1.00 लाख |
योजना संबंधी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 3. श्रम विभाग के अंतर्गत म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा प्रदेश के कारखानों एवं स्थापनाओं में कार्यरत संगठित क्षेत्र के श्रमिकों एवं उनके परिवारजनों के लिए योजनाओं का संचालन किया जाता है। श्रमिकों को मंडल द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 4. श्रम विभाग के अंतर्गत म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल मंदसौर द्वारा स्लेट पेंसिल श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ख) 1. नरसिंहपुर जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत 14, 135 श्रमिक पंजीकृत है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत सिर्फ असंगठित क्षेत्र में कार्यरत भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य में संलग्न निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है। 2. नरसिंहपुर जिले में म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में कुल 3, 74, 102 श्रमिक पंजीकृत हैं। (ग) संगठित क्षेत्र व असंगठित क्षेत्र की आवश्यकताएं भिन्न होने से राज्य शासन द्वारा भिन्न-भिन्न योजनाएं दोनों वर्गों के लिए संचालित हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर्थिक अनियमितताओं की जांच
[श्रम]
165. ( क्र. 3521 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायतों, नगर निगमों, नगरपालिका परिषदों, नगर परिषदों में कितने प्रकरणों में कितने हितग्राहियों को विवाह सहायता राशि स्वीकृत की गई है? श्रमिक का नाम, पता, पंजीयन क्रमांक, वर-वधु का नाम, विवाह तिथि सहित निकायवार, विकासखण्डवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अपात्र व्यक्तियों के भी म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल एवं संबल योजना में पंजीयन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है एवं किस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपात्र व्यक्तियों को विवाह सहायता की राशि उपलब्ध करवाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जनपद पंचायतों, नगर निगमों, नगरपालिका परिषदों, नगर परिषदों में विवाह सहायता योजना के नाम पर आर्थिक लेन-देन की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो किसके द्वारा जांच की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि नहीं? तो इसकी जांच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर कब तक करवाई जावेगी? (घ) जनपद पंचायतों, नगर निगमों, नगरपालिका परिषदों, नगर परिषदों में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के श्रमिकों के आश्रितों के कितने प्रकरण स्वीकृत हुए हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के संदर्भ में क्या जनपद पंचायतों, नगर निगमों, नगरपालिका परिषदों, नगर परिषदों में विवाह सहायता एवं अनुग्रह सहायता में आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश स्तर की टीम बनाकर आर्थिक अनियमितताओं की जांच कराई जावेगी एवं विवाह सहायता तथा अनुग्रह सहायता के लाभान्वित हितग्राहियों का सत्यापन कब-तक करा लिया जावेगा? (च) श्रमिक ID-182273002 के आश्रितों को अनुग्रह सहायता का कब-तक भुगतान कर दिया जायेगा? भुगतान में देरी के लिए दोषी कौन-कौन हैं? विदिशा जिले में कितने भुगतान होना शेष है? जानकारी विकासखण्डवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकायों में 1, 63, 723 प्रकरणों में रूपये 806.25 करोड़ विवाह सहायता राशि हितग्राहियों को स्वीकृत कर वितरित की गई है। प्रश्नांश में चाहे अनुसार लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों में से शासन के निर्देश परमाह जुलाई 2019 में संपादित भौतिक सत्यापन अभियान में अपात्र व्यक्ति पाये गए थे। निर्माण श्रमिकों का पंजीयन ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकाय द्वारा किया जाता है। जनपद पंचायत सिरोंज, जिला विदिशा में विवाह सहायता योजना के अंतर्गत आर्थिक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा की जा रही है। विवाह सहायता योजना में अपात्र व्यक्तियों को विवाह सहायता का लाभ दिये जाने के संबंध में अन्य कोई शिकायत शासन को प्राप्त नहीं हुयी है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत पंजीयन स्व. घोषणा के आधार पर किया गया था, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनपद पंचायत सिरोंज, जिला विदिशा में विवाह सहायता योजना के प्रकरणों में आर्थिक लेने-देन का प्रकरण संज्ञान में आया था। जनपद पंचायत सिरोंज में विवाह सहायता योजना के प्रकरणों में की गई आर्थिक अनियमितता की जांच म.प्र. शासन, श्रम विभाग द्वारा गठित राज्य स्तरीय दल द्वारा की गई थी। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रकरण की विवेचना आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा अप.क्र-04/22 धारा 420, 409, 120 बी, भा.द.वि. एवं 7, 13 (1) सहपठित धारा 13 (2) भ्र.नि.अ. 1988 एवं संशोधित अधिनियम 2018 पंजीबद्ध कर की जा रही है। (घ) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के आश्रितों को मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना के अंतर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जनपद पंचयतों, नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों, नगर परिषदों में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के श्रमिकों के आश्रितों के स्वीकृत प्रकरणों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड.) जनपद पंचायत सिरोंज जिला विदिशा में मण्डल की विवाह सहायता योजना के प्रकरणों में आर्थिक अनियमितता की जानकारी संज्ञान में आने पर प्रदेश की 07 जिलों की 10 जनपद पंचायतों में अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर विवाह सहायता योजना के प्रकरणों की जांच करायी जाकर 15 दिवस में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की अनुग्रह सहायता में लाभान्वित हितग्राहियों के सत्यापन के वर्तमान में कोई निर्देश नहीं है। मुख्यमंत्री जनकल्याण (सम्बल) योजना सम्बन्धी आर्थिक अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) प्रश्न में वर्णित मृतक श्रमिक स्व. श्री मोहर सिंह पंजीयन क्रमांक 182273002 को मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अंतर्गत अन्त्येष्टि सहायता राशि रूपये 5000 दिनांक 08.07.2021 को प्रदाय की जा चुकी है एवं अनुग्रह सहायता राशि रूपये 2.00 लाख दिनांक 15.07.2021 को स्वीकृत कर ई.पी.ओ. क्रमांक 205690 दिनांक 08.11.2021 को डिजीटली हस्ताक्षर कर दिया गया है। बजट उपलब्ध होने पर राशि प्रदाय की जा सकेगी। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की अनुग्रह सहायता योजना के अंतर्गत स्वीकृत किन्तु भुगतान हेतु शेष प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ड. अनुसार है।
पंचम नगर मध्यम सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
166. ( क्र. 3532 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचम नगर मध्यम सिंचाई परियोजना में डाली जा रही पाइप-लाइन के अंदर जो वाटर-प्रूफ कोडिंग केमिकल का उपयोग किया जा रहा है, वह पर्यावरण, वनस्पति, फसल एवं जीव जन्तुओं की सुरक्षा की दृष्टि से पूर्ण रूप से सुरक्षित है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित पाइप-लाइन के अंदर लगाये जा रहे वाटर-प्रूफ कोडिंग केमिकल की गुणवत्ता की जांच की गई है? यदि हाँ, तो कब और किसके द्वारा? प्रमाणित कॉपी प्रदान करें। (ग) यदि नहीं तो क्या विभाग पाइप-लाइन के अंदर लगाये जा रहे केमिकल की गुणवत्ता की जांच करवायेगा? यदि हाँ तो कब और नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पंचमनगर मध्यम सिंचाई परियोजना में डाली जा रही पाइप-लाइन के अंदर जो वाटर-प्रूफ कोडिंग केमिकल का उपयोग किया जा रहा है, वह कोडिंग केमिकल फूड ग्रेड अपोक्सी टाईप है, जो कि पाइप-लाइन में पीने योग्य पानी की आपूर्ति करने हेतु IS Code 16676:2017 के मापदण्डानुसार उपयुक्त होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। जांच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 (A) से 2 (F), 3 (A) से 3 (D), 4 (A) से 4 (C) एवं 5 (A), 5 (B) अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग के परिक्षेत्रों में कार्यरत चौकीदारों की जानकारी
[वन]
167. ( क्र. 3533 ) श्री तरबर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग के विभिन्न परिक्षेत्रों में कार्यरत चौकीदारों की जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक माहवार विस्तृत जानकारी, जैसे नाम, कार्यरत स्थान, संबंधित का निवास स्थान और प्रदाय की जाने वाली राशि सहित प्रदान करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित चौकीदारों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित ग्राम वन समिति, वन सुरक्षा समिति, एको विकास समिति के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं तो, क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित समितियों के माध्यम से भुगतान नहीं किया जा रहा है, तो जिस माध्यम से भुगतान किया जा रहा है उसके निर्देश/आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। चौकीदारों का भुगतान वन समितियों के माध्यम से करने का प्रावधान नहीं है। (ग) चौकीदारों का ई-पैमेन्ट द्वारा सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान किया जा रहा है। निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
गोदामों में लगे सी.सी. टीवी कैमरों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
168. ( क्र. 3536 ) श्री सुनील उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश वेयर हाउस एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन द्वारा विगत तीन वर्षों में क्या कार्पोरेशन के विभिन्न गोदामों में सी.सी. टीवी कैमरे लगाये गये हैं? यदि हाँ तो सी.सी. टीवी कैमरे किन गोदामों में लगाये गये हैं? उनकी सूची प्रदान करें। (ख) सी.सी. टीवी कैमरे का क्रय किस दर पर और किस माध्यम से किया गया है? क्या इस कार्य के लिये निविदा आमंत्रित की गई थी। (ग) सी.सी. टीवी कैमरे किस कंपनी से क्रय किये गये हैं? वर्तमान में सी.सी. टीवी कैमरे चालू हालत में हैं अथवा नहीं? यदि हाँ तो रिपोर्ट उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों नहीं। (घ) सी.सी. टीवी कैमरे लगाने पर कॉर्पोरेशन द्वारा कुल कितने का व्यय किया गया है? इसकी जानकारी प्रदान करें। (ड.) सी.सी. टीवी कैमरों को लगवाने के लिये वेयर हाउस कार्पोरेशन के किस अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों का नियमितीकरण
[वन]
169. ( क्र. 3537 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटरों को कब तक नियमित किया जायेगा? (ख) विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को भुगतान में हमेशा बजट की समस्या बनी रहती है, इसका निराकरण में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) वन विभाग मुख्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटरों को किस मद से भुगतान किया जाता है। यदि मुख्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटरों का भुगतान मद अलग है तो वनमंडल, परिक्षेत्रों के ऑपरेटरों के लिये अलग बजट मद क्यों नहीं बनाया गया? (घ) वन विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटरों के नियमितीकरण की कार्यवाही पिछले 5 वर्षों से प्रचलित है किन्तु अभी तक इन्हें नियमित नहीं किया गया है। (ड.) सभी कम्प्यूटर ऑपरेटर पूर्व से ही भुगतान प्राप्त कर रहे हैं तो इन्हें नियमित करने में सरकार पर अधिक वित्तीय भार नहीं आयेगा, तो सरकार इन्हें नियमित क्यों नहीं कर रही है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभागीय पदीय संरचना में कम्प्यूटर ऑपरेटर का पद स्वीकृत नहीं है। विभाग में प्रतिघंटे जॉबदर पर कम्प्यूटर पर कार्य कराया जा रहा है। नियमितीकरण किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभाग में कोई कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत नहीं है। कार्य की आवश्यकता को देखते हुए समय-समय जॉबदर पर प्रतिघंटा के मान से कम्प्यूटर कार्य लिया जाता है जिसके पारिश्रमिक भुगतान हेतु विभिन्न क्षेत्रीय योजनाओं में पर्याप्त राशि प्रावधानित है। (ग) वन विभाग मुख्यालय के जॉबदर पर करवाए कम्प्यूटर कार्य का योजना क्रमांक 3555 मुख्यालय के उद्देश्य 12- मजदूरी मद से भुगतान किया जा रहा है तथा वनमण्डलों, परिक्षेत्रों में क्षेत्रीय योजनाएं प्रचलित है जिनसे यह भुगतान आवश्यकता अनुसार किया जाता है। अतः पृथक से बजट मद बनाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वन विभाग में प्रति घन्टे जॉबदर पर कार्यरत कम्प्यूटर कर्मियों के नियमितीकरण की कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ड.) प्रश्नांश 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मेट्रो बसों का संचालन
[परिवहन]
170. ( क्र. 3553 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 839 दिनांक 22.12.2021 के उत्तर में विभाग द्वारा मेट्रो बसों के संचालन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताई थी? (ख) यदि हाँ, तो गत एक वर्ष में उक्त क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुये किये गये पत्राचार/नस्ती की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उक्त मेट्रो बसों का संचालन एवं मार्गों का सूत्रीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कार्यवाही अभी भी प्रक्रियाधीन है। (ग) (i) किसी मार्ग को शहरी मार्ग घोषित करने के लिए मोटरयान अधिनियम की धारा 68 (3) (ca) के अधीन क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा सूत्रीकरण किया जाकर उसे शहरी मार्ग के अंतर्गत घोषित किये जाने का प्रावधान है। (ii) जबलपुर रेल्वे स्टेशन से बरगी डेम, जबलपुर तीन पत्ती से बरगी, जबलपुर रेल्वे स्टेश्न से चरगवां तथा जबलपुर से कुण्डम मार्ग की जबलपुर से दूरी क्रमशः 40, 43, 42 एवं 42 किलोमीटर की होने के कारण ये चारों मार्ग साधारण मार्ग की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं। (iii) अतः साधारण मार्ग की परिभाषा में निहित शब्दांश ''नगर पालिक निगम या नगर पालिका या नगर पंचायत के अधीन नगरीय क्षेत्र हो'' के अंतर्गत न आने से इन्हें शहरी मार्ग घोषित नहीं किया जा सकता है। अंग्रेजी प्रारूप तैयार कर अधिसूचना प्रकाशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्रस्तावित नवीन बरगी तहसील को लंबित रखा जाना
[राजस्व]
171. ( क्र. 3554 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी तहसील हेतु दिनांक 22.01.21 को तीसरी बार 30 दिवस की अधिसूचना कर दावे आपत्ति बुलाई गई जो कि दिनांक 21.11.21 को पूर्ण हो गई है? (ख) प्रश्नांश का उत्तर यदि हाँ है तो अवधि पूर्ण होने पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्यवाही की गई है तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) अग्रिम कार्यवाही की क्या-क्या प्रक्रिया शेष है? दिनांक 21.11.21 को जब अधिसूचना की अवधि पूर्ण हो गई है तो ए.पी.सी. की बैठक हेतु समय क्यों नहीं लिया गया? (घ) विभाग द्वारा ए.पी.सी. बैठक में उक्त प्रस्ताव को कब तक प्रस्तुत कर केबिनेट में भेजा जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रारंभिक अधिसूचना जारी होने के उपरांत दावे/आपत्ति प्राप्ति की जानकारी कलेक्टर, जबलपुर से दिनांक 22/12/2021 को प्राप्त हुई जिसके पश्चात प्रकरण में प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्ति की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशन उपरांत प्राप्त दावे/आपत्तियों का परीक्षण किया जाता है। तत्पश्चात तहसील गठन संबंधी प्रस्ताव प्रशासकीय अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जाता है, जिसके पश्चात प्रकरण कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राजस्व इकाइयों के गठन संबंधी समिति के समक्ष रखा जाता है। उक्त समिति की अनुशंसा उपंरात प्रकरण में मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका तैयार की जाकर संबंधित विभागों से अभिमत प्राप्त किया जाता है जिसके पश्चात संक्षेपिका तैयार मंत्रि परिषद् के समक्ष रखा जाता है जहां से अनुमोदन उपरान्त राजपत्र में प्रकाशन किया जाता है तथा तहसील गठन की कार्यवाही पूर्ण होती है। (घ) प्रशासकीय इकाईयों के गठन/पुनर्गठन संबंधी निर्णय लिये जाने हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मजदूरों
के लिये कल्याणकारी
योजनाएं
[श्रम]
172. ( क्र. 3558 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के विभन्न श्रेणी के मजदूरों के चिन्हांकन एवं कल्याण के लिये कितनी योजनायें संचालित हैं और उनके कितने प्रकार के कार्ड जारी होते हैं? नाम सहित बतायें। (ख) इन योजनाओं एवं कार्डों के कुल कितने पोर्टल हैं? इनमें से नियमित रूप से कितने संचालित हो रहे हैं? कौन-कौन से पोर्टल बंद पड़े हैं? उन्हें कब तक चालू कर दिया जायेगा? (ग) संबल योजना का पोर्टल लम्बे समय से क्यों बंद पड़ा है? इस कारण नये पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं। रतलाम में इस योजना से अब तक कितने हितग्राही लाभान्वित हुये हैं? वर्ष 2018 से 2020 के बीच जो 23,375 हितग्राही अपात्र घोषित किये गये थे। उनमें से अभी तक कितने अपील के आवेदन आये और कितनों को पात्र घोषित किया जा चुका है? जो अपात्र हितग्राही अपील आवेदन नहीं कर पाये हैं उनको लाभान्वित करने की क्या योजना है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का चिन्हांकन 1 अप्रैल 2018 से 15 सितम्बर 2018 तक अभियान के रूप में करते हुये उनका पंजीयन किया गया। असंगठित क्षेत्र के विभिन्न श्रेणी के मजदूरों के कल्याण हेतु मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत श्रम विभाग द्वारा निम्न योजनाएं संचालित है:- 1. अन्त्येष्टि सहायता- 5000/- रूपये 2. अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) - 02.00 लाख रुपये 3. अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) - 04.00 लाख रूपये 4. अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता) - 02.00 लाख रुपये 5. अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता) - 01.00 लाख रुपये। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अंतर्गत वर्तमान में कार्ड जारी नहीं किया जाता है। प्रदेश में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकारों का पंजीयन कर भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार का परिचय-पत्र जारी किया जाता है। पंजीकृत भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों के लिये मण्डल द्वारा 19 योजनायें संचालित की जा रही हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना का संचालन "संबल पोर्टल" से नियमित रूप से किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत निर्माण श्रमिकों का पंजीयन एवं योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृति एवं हितलाभ वितरण एन.आई.सी. द्वारा विकसित श्रम सेवा पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। श्रम सेवा पोर्टल सक्रिय है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संबल योजना का पोर्टल निरंतर चालू है। नवीन पंजीयन किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। रतलाम जिले में संबल योजना अंतर्गत 12269 श्रमिक लाभान्वित हुये हैं। वर्ष 2018-20 के बीच अपात्र चिन्हित हितग्राहियों में 494 अपील के आवेदन प्राप्त हुए तथा 65 अपीलीय प्रकरणों को पात्र घोषित किया गया है। अपीलीय आवेदन प्राप्त होने पर अपीलीय अधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अपील हेतु आवेदन पंजीकृत श्रमिक के उत्तराधिकारी के अतिरिक्त Suo-Moto के आधार पर भी किया जा सकता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला
खनिज निधि के
उपयोग की नीति
एवं नियम प्रक्रिया
[खनिज साधन]
173. ( क्र. 3559 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिला खनिज निधि (District Mineral Fund) की कुल कितनी राशि संग्रहित है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) यह निधि कहाँ संग्रहित है? वर्तमान में इस निधि का उपयोग हो रहा है अथवा नहीं? इस निधि के उपयोग के लिये वर्तमान में कोई नियम प्रक्रिया है? यदि हाँ तो उपलब्ध करायें। (ग) वर्ष 2018 से राज्य योजना आयोग ने इस फंड के उपयोग करने के लिये शासन को नीति एवं नियम प्रक्रिया निर्धारित करने का प्रारूप प्रस्तुत किया था? इस प्रारूप के आधार पर फंड के उपयोग के लिये नीति निर्धारित कर नियम प्रक्रिया बनाई गई है अथवा नहीं? यदि नहीं तो नीति एवं नियम प्रक्रिया कब तक बना ली जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार उक्त निधि जिलों के बैंक खातों में संग्रहित है, वर्तमान में उक्त निधि का उपयोग हो रहा है। इस हेतु मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 अधिसूचित हैं। (ग) जी नहीं। नियम अधिसूचित हैं।
निर्माण कार्यों में खनिज की रॉयल्टी
[खनिज साधन]
174. ( क्र. 3560 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2011 से उत्तर दिनांक तक खनिज-पत्थर, बोल्डर, मिट्टी, मुरम रेत आदि के उत्खनन की कितनी खदानें स्वीकृत हुई? प्रत्येक खदान का नाम, स्थान, क्षेत्रफल खनिज का प्रकार, स्वीकृत उत्खनन की मात्रा, पट्टाधारी का नाम, पता सहित जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रदेश में खदानों से उत्खनित सामग्री (खनिज-पत्थर, बोल्डर, मिट्टी, मुरम, रेत आदि ) की रॉयल्टी दर क्या है? वर्ष 2011 से उत्तर दिनांक तक किस खदान से कौन-कौन से खनिज की कितनी मात्रा का उत्खनन हुआ एवं उसकी कितनी रॉयल्टी राशि जमा की जाना थी एवं वास्तविक रूप से कितनी रॉयल्टी राशि शासन में जमा हुई? खदानवार, जनपद पंचायत एवं जिलेवार जानकारी दें। (ग) प्रदेश में वर्ष 2011 से उत्तर दिनांक तक पंचायतों के माध्यम से कराये गये निर्माण कार्यों में उपयोग किये गये खनिज-पत्थर, बोल्डर, मिट्टी, मुरम, रेत आदि के उपयोग की कितनी रॉयल्टी राशि शासन में जमा कराई गई? जनपद पंचायतवार एवं जिलेवार जानकारी दें। (घ) क्या पंचायतों में कराये गये निर्माण कार्यों में निजी वेंडरों से खनिज सामग्री ली जा सकती है? यदि हाँ, तो कितने वेंडर पंजीकृत है? उनका जी.एस.टी. नम्बर सहित पूर्ण विवरण देवें। उनके पास किस-किस प्रकार के खनिज के भण्डारण एवं सप्लाई करने की अनुमति है? अनुमति किसके द्वारा दी गई? यदि अनुमति नहीं है एवं उसके द्वारा पंचायतों में उत्खनन सामग्री प्रदाय के बिल व्हाऊचर दिये है तो उनके विरूद्ध विभाग द्वारा अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण नियम के तहत क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या एवं किन-किन विरूद्ध? यदि नहीं तो विभाग उनके विरूद्ध कार्यवाही कब तक करेगा? जनपद पंचायतवार एवं जिलेवार जानकारी दें। (ड.) उक्त अवधि में किन-किन पंचायतों में बिना रॉयल्टी जमा कराये निजी वैंडरों से बिल व्हाऊचर लेकर कितनी राशि भुगतान की गई? जनपद पंचायतवार एवं जिलेवार जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) खनिजों की रॉयल्टी दर अधिसूचित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) विभाग द्वारा पंचायतों के माध्यम से कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी संधारित नहीं रखी जाती है। पंचायतों स्वयं निर्माण हेतु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 एवं मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 के तहत छूट के प्रावधान हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शमशान घाट के संबंध में
[राजस्व]
175. ( क्र. 3567 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम वमनपुरा तहसील अटेर जिला भिण्ड में हल्का क्र.438 गोहदूपुरा हल्का में आता है? यह भूमि शासकीय भूमि में शमशान घाट वर्षों से था, कई बार भूमि के संबंध में पत्र लिखा, कलेक्टर भिण्ड अनुविभागीय अधिकारी अटेर को दिया लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? (ख) क्या हल्का 438 जो ग्राम वमनपुरा तह अटेर हल्का 438 जो शमशान घाट है, पर आज दिनांक तक न ही यहां पर मृत व्यक्ति को जलाने के लिए न ही चबूतरा है टीन शेड है और न ही हैण्डपंप है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) सही हो तो क्या अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य नहीं हुआ? सरजमीन अधि. कर्मचारी ने आज दिनांक तक सीमांकन नहीं किया गया उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, ग्राम वमनपुरा तहसील अटेर जिला भिण्ड में गोहदूपुरा हल्का में आता है (जिसका हल्का क्र. 22 है)। सर्वे क्रमांक 438 रकबा 0.03 हे. (मरघट) ग्राम गोहदूपुरा में स्थित है। परंतु भूमि के संबंध में विधिवत कोई पत्र कलेक्टर भिण्ड, अनुविभागीय अधिकारी अटेर को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) यह कहना सही है कि, उक्त हल्का 438 में शमशान घाट (मरघट) है। किन्तु टीनशेड, चबूतरा एवं हैण्डपंप नहीं है। (ग) पूर्व में इस कार्यालय को सीमांकन के संबंध में विधिवत आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ। वर्तमान में उक्त सीमांकन किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्ट विधान सभा के अंतर्गत पट्टे का वितरण
[राजस्व]
176. ( क्र. 3569 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अभी तक कितने पट्टे वितरित किये गये हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने हितग्राहियों का सर्वे पूर्ण हो चुका है? (ग) जिनका सर्वे हो गया है इनके पट्टे वितरित कब तक किये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की केन्ट विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री आश्रय योजना वर्ष 2017–18 के तहत 817 अधिकार पत्र वितरित किये गये है। (ख) जिले की केन्ट विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सर्वे पूर्ण हो चुका है। (ग) पूर्ण अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके है।
वन अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा पंजीबद्ध प्रकरण
[वन]
177. ( क्र. 3574 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकरण में गाँव में औचक जांच व निरीक्षण के प्रावधान हैं? यदि हाँ तो वन अधिकारियों को किस-किस प्रकरण में क्या नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है? प्रकरणवार, नियमवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जांचकर्ता द्वारा ग्रामीणों का शोषण न हो, गलत कार्यवाही न हो इसके लिए उनके पास क्या अधिकार सुरक्षित हैं? (ग) उपरोक्त के संबंध में पी.ओ.आर. क्या होता है? इसके अंतर्गत कौन-कौन से दायित्वों का निर्वहन करना वनाधिकारी के लिये अनिवार्य है? क्या कार्यवाही व जांच के पूर्व थाने एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराना जरूरी नहीं है? (घ) थाना राघौगढ़, जिला गुना में दर्ज अपराध क्रमांक 0058 दिनांक 09/02/2022 में क्या वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नियमों का पालन कर कार्यवाही संपादित की है? घटना के लगभग 20 दिन बाद कार्यवाही करना न्यायोचित है? क्या यह कार्यवाही द्वेषपूर्ण भावना से संपादित की गई है? (ड.) प्रश्नकर्ता के माह फरवरी 2022 के पत्र जो प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन को संबोधित है, उसमें पत्र में उल्लेखित किन-किन बिन्दुओं पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन अपराध की सूचना मुखबिर/स्टाफ से मिलने पर वन अपराध रोकने के लिये वैधानिक कार्यवाही करने के लिये वन अधिकारी गाँव में औचक जांच/औचक निरीक्षण के लिये जा सकते हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जांचकर्ता द्वारा ग्रामीणों का शोषण/गलत कार्यवाही करने पर वन विभाग के उच्च अधिकारियों को इस संबंध में शिकायत कर सकते हैं एवं दोषपूर्ण अभिग्रहण के लिये भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 62 में दण्ड का प्रावधान है। (ग) पी.ओ.आर. (Preliminary Offence Report) एक प्राथमिक अपराध प्रतिवेदन होता है। वन अपराध/वन्यजीव अपराध घटित होने पर पी.ओ.आर. संबंधित बीटगार्ड/वन अधिकारी द्वारा दर्ज किया जाता है। दण्ड प्रक्रिया संहिता, साक्ष्य अधिनियम, फारेस्ट मैन्यूअल, सुसंगत नियमों एवं समय-समय पर विभाग से जारी परिपत्रों में निहित प्रावधानों एवं उनमें दिये गये दायित्वों का निर्वहन जांच अधिकारी/वन अधिकारी द्वारा किया जाना आवश्यक होता है। वन अपराध प्रकरण में कार्यवाही एवं जांच के पूर्व थाने में सूचना देना आवश्यक नहीं है किन्तु वन अपराध प्रकरण का पंजीयन वन परिक्षेत्राधिकारी कार्यालय में किया जाता है। गंभीर अपराधों में उच्च अधिकारियों को भी प्रकरण की सूचना दी जाती है। (घ) थाना राघौगढ़, जिला गुना में दिनांक 09.02.2022 को अपराध क्रमांक 0058 दर्ज किया गया जो कि उक्त थाना अंतर्गत ग्राम खातीवाड़ा में दिनांक 19.01.2022 को घटित घटना के संबंध में है। दिनांक 19.01.2022 को बीटगार्ड ईसाटोड़ा एवं अन्य वन स्टाफ द्वारा मुखबिर की सूचना पर बीट में गश्ती हेतु गये थे। इस दौरान बीट अंतर्गत ग्राम खातीवाड़ा के मंगलसिंह गुर्जर एवं उनके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा वन स्टाफ के साथ अभद्रता की गई, उन्हें बंधक बनाकर धमकी दी गई एवं शासकीय कार्य में बाधा डाली गई। इस घटना के संबंध में वन स्टाफ द्वारा उप वनमंडलाधिकारी, बीनागंज को अवगत कराया गया एवं वैधानिक कार्यवाही हेतु उसी दिन लेख किया गया। उप वनमंडलाधिकारी, बीनागंज द्वारा उनके पत्र क्रमांक 153 दिनांक 19.01.2022 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कार्यालय राघौगढ़, जिला गुना को आगामी कार्यवाही हेतु लेख किया गया। उप वनमंडलाधिकारी के उक्त पत्र के तारतम्य में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) द्वारा जांच कर प्रकरण दिनांक 09.02.2022 को दर्ज किया गया। वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा उसी दिन सूचना पुलिस विभाग को दी गई थी। अतः द्वेषपूर्ण भावना से कार्यवाही संपादित किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ङ) प्रश्नकर्ता द्वारा माह फरवरी 2022 में प्रेषित पत्र, जो प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन को सम्बोधित है, उसमें उल्लेखित बिन्दुओं की जांच वनमंडलाधिकारी, गुना से करवाई गई, जिसमें वन कर्मचारियों द्वारा कोई अनियमितता किया जाना नहीं पाया गया है।
सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट आरोन
[राजस्व]
178. ( क्र. 3575 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के आरोन तहसील में सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट पंजीकृत है? यदि हाँ तो इस ट्रस्ट की स्थापना कब और किसके द्वारा किस प्रयोजन से की गई? ट्रस्ट के गठन के समय कार्यरत सदस्यों की सूची नाम, पते सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ट्रस्ट की वर्तमान स्थिति क्या है? ट्रस्ट में कौन-कौन सदस्य कार्यरत है? नाम, पते सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में जब ट्रस्ट किसी विवादों में हो तो उसका संचालन किसके द्वारा करने के नियम है? सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट विवादों की स्थिति में किसके क्षेत्राधिकार में संचालित किया जा रहा है? उनके क्या दायित्व हैं? (घ) क्या ट्रस्ट विवादों में होने पर उससे संबंधित विकास कार्य कराये जा सकते है? यदि हाँ तो सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट में 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक क्या कोई निर्माण कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ तो किसके द्वारा किसके आदेश, किसकी देख-रेख, किस एजेन्सी से और क्या कार्य कराये जा रहे है? (ड.) उपरोक्त के संबंध में सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट आरोन से संबंधित एकल नस्ती भी पटल पर अद्यतन स्थिति के साथ रखे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। तहसील आरोन में सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट पंजीकृत है। ट्रस्ट का पंजीयन अनुविभागीय अधिकारी राघौगढ़ जिला गुना के राजस्व प्रकरण क्र. 1/बी113/82-83 में पारित आदेश दिनांक 31.12.85 के द्वारा की गई है। वर्ष 1985 में ट्रस्ट की स्थापना सनातन धार्मिक धर्मावलंबियों के कार्य व उत्सवों के लिए की गई थी। ट्रस्ट का गठन अनुविभागीय अधिकारी राघौगढ़ के पंजीयन ट्रस्ट रजिस्टर में दर्ज 11 सदस्यों के द्वारा की गई थी इस संबंध में रजिस्टर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनुविभागीय अधिकारी राधौगढ़ जिला गुना के प्रकरण क्र. 1/बी113/1982-83 में पारित आदेश दिनांक 31.12.1985 के पश्चात आवेदकगण देवेन्द्र सिंह पिता इमरत सिंह रघुवंशी एवं अन्य 14 व्यक्तियों द्वारा दिनांक 23.08.2012 को अनुविभागीय अधिकारी आरोन के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर निवेदन किया कि सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट आरोन में ट्रस्टियों द्वारा ट्रस्ट के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने के कारण सदस्यता से इस्तीफा दिया जा चुका है ऐसी स्थिति में ट्रस्ट की संपत्ति खुर्द-बुर्द हो रही है जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुये नवीन सदस्यों के नाम सम्मिलित करने का निवेदन किया। उक्त संबंध में अग्रिम कार्यवाही करते हुये मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 15.02.2013 के भाग-3 (1) पृ.क्र. 120 एवं 121 पर प्रकाशन उपरांत आदेश दिनांक 30.11.17 में निर्देशित किया गया कि सभी जाति समुदाय के लोगों के ट्रस्टियों के सदस्यों की नियुक्ति हेतु मीटिंग आंमत्रित कर ट्रस्ट की विधि अनुसार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यगण रखे जावे। चयन की कार्यवाही उपरांत विधिवत सूचना दी जावे। वर्तमान में प्रकरण क्रमांक 01/बी113/2012-13 में प्रस्तुत आवेदन एवं राजपत्र में प्रकाशित सदस्यों द्वारा कार्य किया जा रहा है। उक्त संबंध में आवेदन पत्र, दिनांक राजपत्र 15.02.13 एवं आदेश दिनांक 30.11.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) यदि ट्रस्ट किसी विवाद में हो तो इसका निराकरण करने का क्षेत्राधिकार व्यवहार जिला न्यायाधीश को है और इस संबंध में ट्रस्टियों का दायित्व है कि वह सक्षम न्यायालय में वाद प्रस्तुत करें। वर्तमान में सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट आरोप से संबंधित वाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुना के न्यायालय में प्रचलित है। माननीय न्यायालय द्वारा जो आदेश दिया जावेगा तदानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं। सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट आरोन में 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कोई निर्माण कार्य नहीं कराया है। मात्र वर्तमान समिति द्वारा भूमि की सीमा पर नाली खोदी गई है। (ड.) सनातन धर्म मण्डल ट्रस्ट आरोन से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाना
[राजस्व]
179. ( क्र. 3578 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत पुनर्वास हेतु कितनी भूमि का आवंटन प्राप्त हुआ था? जिसमें से कितने पट्टे आवासीय एवं कितने व्यावसायिक पट्टे किस-किस को कब-कब दिये गये? (ख) प्रश्नांकित भूमि जो शेष बची है, वह क्या खाली है? यदि नहीं तो उसमें कितने-कितने क्षेत्रफल में किन-किन के द्वारा कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया है एवं अतिक्रमण हटाने की दिशा में क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या आवंटित पट्टे का हस्तांतरण/विक्रय पर रोक होने के बावजूद सौ रूपया के स्टाम्प पेपर पर आपस में पट्टों का विक्रय किये गये हैं, जिसकी अनेकों शिकायतें शासन एवं प्रशासन को प्राप्त हुई है? उन पर शासन एवं प्रशासन ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें तथा प्रश्न दिनांक तक कितने पट्टों का नवीनीकरण किया गया है? उसका भी विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) के आवासीय/व्यावसायिक पट्टे जिनको आवंटित है क्या वर्तमान में वही पट्टेदार काबिज है या कोई और क्या शासन ने भौतिक सत्यापन कराया है? यदि हाँ तो प्रतिवेदन की प्रति दें। यदि नहीं तो कब तक करा लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कटनी जिले में नगर निगम क्षेत्रार्न्तगत पुनर्वास हेतु 399.98 एकड़ भूमि आवंटित है। जिसमें से 1641 पट्टे आवासीय एवं 70 पट्टे व्यवसायिक पट्टे कुल 1711 पट्टे आवंटित हुये। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'एक' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित भूमि खाली नहीं है। 1500 वर्गफुट से लेकर एक एकड़ तक की भूमि पर कब्जा किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'दो' अनुसार है। अतिक्रमण के सम्बन्ध में प्रकरण न्यायालय में प्रचलित है। (ग) आवंटित पट्टों का हस्तांतरण/विक्रय के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्नांश दिनांक तक कोई पट्टेधारियों का नवीनीकरण नहीं किया गया है। पट्टेधारियों के पट्टा नवीनीकरण हेतु आवेदन अप्राप्त है। (घ) आवासीय/व्यावसायिक पट्टे का पूर्व में भौतिक सत्यापन कराया गया था जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'तीन' अनुसार है।
प्रदेश में स्थापित गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
180. ( क्र. 3579 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है? यदि हाँ तो किन-किन शहरों में, किस-किस एजेंसी द्वारा कितने-कितने क्षेत्रफल में कार्य किया जा रहा है? (ख) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में कार्य को पूर्ण करने के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं? प्रदेश में नेटवर्क की अद्यतन स्थिति क्या है? कितने नेटवर्क पूर्ण हो गये हैं? कितने किस कारण से अधूरे हैं? कब तक अधूरे कार्य को पूर्ण कर लिया जायेगा? शहरवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में कौन-कौन सी अनुमतियां ली जाना किस-किस कार्यालय/उपक्रम/निगम/मण्डल से आवश्यक है? शहरवार, एजेंसीवार पृथक-पृथक बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में धार, भोपाल एवं सीहोर में कितने-कितने प्रदेश के स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) उपरोक्त कंपनियों के कार्यों से राज्य को कितनी-कितनी राजस्व की प्राप्तियॉं किस-किस मद में प्राप्त हुई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ओलावृष्टि क्षतिपूर्ति मुआवजा का वितरण
[राजस्व]
181. ( क्र. 3581 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड, मुरैना, श्योपुर एवं दतिया जिले में 01 जनवरी 2022 से 10 फरवरी 2022 तक किन-किन तहसीलों के किन-किन ग्रामों में ओलावृष्टि से कौन-कौन सी फसल नष्ट हुई? ग्रामवार-तहसीलवार बताएं। (ख) उपरोक्त अवधि में भिण्ड जिले के गोहद एवं लहार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में उपरोक्त अवधि में कौन-कौन सी फसलों को कितने-कितने प्रतिशत क्षति पहुंची? ग्रामवार बताएं। (ग) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 17.02.2022 को जनवरी-फरवरी 2022 में हुई ओलावृष्टि से प्रदेश के 26 जिलों में ओलावृष्टि प्रभावित 1.46 लाख किसानों के खाते में रू.203 करोड़ की राशि ट्रांसफर की है? (घ) यदि हाँ तो विधानसभा क्षेत्र गोहद एवं लहार के अंतर्गत ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का सर्वे कराकर ओला पीडि़त कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि क्षतिपूर्ति मुआवजे के रूप में वितरित हुई? (ड.) क्या प्रश्न दिनांक तक अनेक किसानों को क्षतिपूर्ति मुआवजा की राशि का वितरण नहीं किया गया है? यदि हाँ तो कितने किसानों को क्षतिपूर्ति मुआवजे की राशि का वितरण नहीं किया जा सका है एवं कब तक भुगतान किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 01 जनवरी 2022 से 10 फरवरी 2022 तक जिला मुरैना एवं श्योपुर में ओलावृष्टि नहीं होने से जानकारी निरंक है। जिला दतिया की तहसील सेवडा क्षेत्रांतर्गत ग्राम महरौली, सिकरौली, चंगपुरा, बिडौरा, भोबईबुजुर्ग एवं ईगुई में ओलावृष्टि से सरसों एवं मटर की फसल नष्ट हुई है। जिला भिण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्त अवधि में भिण्ड जिले के गोहद विधानसभा क्षेत्र में ओलावृष्टि नहीं हुई है एवं लहार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील लहार के 19 ग्रामों एवं मिहोना के 1 (एक) ग्राम में सरसों, मटर, गेहूँ की फसलों को 25 प्रतिशत से अधिक क्षति पहुंची है। ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ओलावृष्टि/असामयिक वर्षा से प्रभावित 26 जिलों के फसल क्षति हेतु कृषकों को 202.90 करोड़ की राहत राशि का वितरण प्रारंभ किया गया था। (घ) विधानसभा क्षेत्र गोहद में उक्त अवधि में ओलावृष्टि नहीं हुई है। लहार विधानसभा क्षेत्र में तहसील लहार एवं तहसील मिहोना में ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का सर्वे कराकर ओला पीडि़त 1256 किसानों को मुआवजा राशि 25612540/- बैंक खाते में भेजी जा चुकी है। (ड.) जिला भिण्ड के 724 एवं जिला दतिया के शेष 19 कृषकों की राहत राशि भुगतान की कार्यवाही निरंतर जारी है।
कोटवार के नाम से फर्जी आहरण किया जाना
[राजस्व]
182. ( क्र. 3584 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपकोषालय गोहद जिला भिण्ड से वर्ष 2013 से 2021 तक किन-किन फर्जी कोटवारों के नाम से कितनी-कितनी राशि का कब-कब आहरण किया गया? आहरण एवं संवितरण अधिकारी के नाम एवं पद सहित बताएं। (ख) नायब तहसीलदार वृत्त (देहगाँव) तहसील गोहद एवं राजस्व निरीक्षक गोहद द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गोहद को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में वर्ष 2013 से वर्ष 2021 तक चौकीदार (कोटवार) के फर्जी नाम से लाखों रूपए की राशि का आहरण किए जाने के संबंध में किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या तहसीलदार गोहद द्वारा चौकीदारों (कोटवारों) के नाम से फर्जी आहरण जैसे गंभीर अपराध में लिप्त जिम्मेदार राजस्व अधिकारियों को बचाकर केवल कोटवार अफजल एवं रामवीर को दोषी मानकर सेवा से पृथक कर दिया गया है? यदि हाँ तो जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के लिए कौन जिम्मेदार हैं एवं क्या इसकी जांच कराई जाकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या चौकीदार (कोटवार) को कोषालय से राशि आहरण का अधिकार है? यदि नहीं तो कोटवारों को सेवा से पृथक करने के कारण बताएं। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता एवं अन्य नागरिकों द्वारा शिकायतें करने पर गबन की राशि पुन: कोषालय में जमा कराई गई है? यदि हाँ तो क्या राशि जमा कराने से अपराध समाप्त हो जाता है? यदि नहीं तो अभी तक दोषियों के विरूद्ध पुलिस थानों में अपराध पंजीबद्ध न कराने के क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नायब तहसीलदार वृत्त (देहगाँव) तहसील गोहद एवं राजस्व निरीक्षक गोहद के जांच प्रतिवेदन में किसी अधिकारी एवं कर्मचारी को दोषी प्रतिवेदित नहीं किया गया है, किन्तु श्री विकास शर्मा, सहायक ग्रेड-03 की संलिप्तता प्रथम दृष्टया परलक्षित होने का लेख किया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जांच एवं कार्यवाही प्रचलित है। जांच में दोषी पाये जाने पर संलिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार यथोचित कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं, किन्तु कोटवार श्री रामवीर के बैंक खाते में राशि जाने एवं कोटवार श्री अफजल की सहभागिता होने से सेवा से पृथक किया गया है। (ड.) जी हाँ। शिकायत के माध्यम से मामला संज्ञान में आने पर आहरित राशि शासन हित में पुन: कोषालय में जमा कराई गई है। शेष प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जांच एवं कार्यवाही प्रचलित है। जांच में दोषी पाये जाने पर अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
तालाब की भूमि पर अतिक्रमण
[जल संसाधन]
183. ( क्र. 3585 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की लहार तहसील के मौजा दबोह में स्थित करधन तालाब का सन् 1947 के पूर्ण कितना क्षेत्रफल था एवं वर्तमान में तालाब का कुल कितना रकबा है? भूमि का सर्वे क्रमांक एवं रकबा सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या करधन तालाब की मरम्मत/सुधार हेतु विभाग द्वारा 87.39 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 06-04-2018 को प्रदान करने के बाद भी निर्माण एजेन्सी द्वारा मरम्मत कार्य पूर्ण नहीं किए जाने के क्या कारण हैं तथा ठेकेदार को किए कार्य के एवज में कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा तालाब की मरम्मत की मरम्मत/सुधार कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा? (ग) जल संसाधन विभाग लहार के अंतर्गत कहाँ-कहाँ कितने तालाब हैं? प्रत्येक तालाब के रकबा एवं सर्वे क्रमांक सहित विवरण दें। (घ) क्या लहार क्षेत्र स्थित जल संसाधन के अधिकांश तालाबों की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किए जाने से तालाबों का आकार कम होता जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त तालाबों का सीमांकन कब तक कराया जाकर अतिक्रमण हटाया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नाधीन करधन तालाब का सन 1947 के पूर्व का क्षेत्रफल संबंधी जानकारी कार्यालयीन अभिलेख में उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वर्तमान में करधन तालाब के जल संसाधन विभाग के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज खसरा एवं रकबा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ख) करधन तालाब की मरम्मत/सुधार कार्य कोविड महामारी के कारण एवं निर्माण सामग्री की अनुपलब्धता तथा अतिवृष्टि के कारण पूर्ण नहीं होना प्रतिवेदित है। ठेकेदार द्वारा अनुबंधित राशि रू. 86.14 लाख के विरूद्ध मात्र रू. 27.22 लाख का कार्य संपादित किया गया है। विभाग द्वारा किए गए कार्य के विरूद्ध ठेकेदार को राशि रू. 22.37 लाख का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य की धीमी गति को देखते हुये अनुबंध विखण्डन की कार्यवाही प्रचलन में है। अनुबंध विखंडन के पश्चात नवीन निविदा आमंत्रित कर कार्य कराया जाना संभव होगा। कार्य पूर्ण कराने हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (घ) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि तालाबों पर अतिक्रमण संबंधी जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। तहसील लहार में स्थित तालाबों का सीमांकन कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। अतिक्रमण पाई जाने की स्थिति में नियमानुसार अतिक्रमण हटाई जाने की कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जतारा तहसील के निकट के गांवों को पूर्व की भांति यथावत रखना
[राजस्व]
184. ( क्र. 3615 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की तहसील जतारा कब खोली गई थी एवं इस तहसील से कौन-कौन आर.आई. सर्किल एवं पटवारी हल्का अलग-अलग करके कौन-कौन अन्य तहसीलों का निर्माण विभाग द्वारा कर दिया गया है? कृपया खोली गई तहसीलों के आदेशों की छायाप्रतियां सहित सम्पूर्ण जानकारी दें? प्रत्येक तहसील में कौन-कौन आर.आई. सर्किल एवं पटवारी हल्का एवं ग्राम है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जनता की पुरजोर मांग के आधार पर यह तहसीलें खोली गई है तो इन तहसीलों में निकटतम गाँव की दूरी को क्या निकटतम तहसील के पटवारी हल्का ग्रामों को लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताए कि जब ग्राम कमल नगर, चतुरकारी, चन्द्रपुरा, चदऊआ खेरा, हरपुरा, शिवपुरा, बैदपुर, कुंवरपुरा, विक्रमपुरा, मथूपुरा तहसील जतारा के निकट ग्राम हैं तो इन ग्रामों को जतारा तहसील से हटाकर दिगौड़ा नवीन तहसील में क्यों जोड़ दिए गए हैं? क्या इन ग्रामों को दिगौड़ा नवीन तहसील से अलग करके भी बनाया जा सकता था या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताए कि कब तक पुन: परिसीमन करके जनहित में इन ग्रामों को पूर्व की भांति जतारा तहसील में जोड़ने के आदेश विभाग जारी कर देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले की तहसील जतारा म.प्र. गठन दिनांक 01 नवम्बर 1956 से अस्तित्व में आई। तहसील जतारा को अपवर्जित किया जाकर नवीन तहसीलों पलेरा, मोहनगढ़, लिधौरा एवं दिगौड़ा का सृजन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नवीन तहसील दिगौड़ा के सृजन से पूर्व तहसील जतारा अंतर्गत दो आर.आई. सर्किल क्रमशः जतारा एवं दिगौड़ा थे। आर.आई. सर्किल दिगौड़ा में सम्मिलित समस्त ग्रामों को नवीन तहसील दिगौड़ा में शामिल किया गया है। (घ) उत्तरांश ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमियों व भवनों का हस्तांतरण
[जल संसाधन]
185. ( क्र. 3767 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाणसागर परियोजना के निर्माण के समय जल संसाधन विभाग को देवलोद जिला शहडोल को म.प्र. शासन द्वारा स्थानान्तरित की गई थी। जिसमें विभाग के द्वारा कार्यालय भवन, आवासीय भवन, अस्पताल भवन सहित अन्य भवनों का निर्माण कर उपयोग कर किया जा रहा था। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थानान्तरित भूमि का क्षेत्रफल व रकबा अराजी खसरा क्र. क्या हैं? वर्तमान में इन भूमियों पर निर्मित भवनों का उपयोग विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा हैं नवीन नगर पंचायत का गठन होने से कार्यालय के संचालन एवं अन्य कार्यों हेतु भवनों की आवश्यकता हैं। ये भवन जो वर्तमान में विभाग द्वारा उपयोग नहीं किये जा रहे नगर पंचायत देवलोद के नाम हस्तान्तरित करने बावत् क्या निर्देश जारी करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार भूमियों और भवनों में जल संसाधन विभाग के स्थान पर नगर पंचायत देवलोद का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने के निर्देश के साथ रिक्त पड़ी भूमियों को भी नगर पंचायत को हस्तान्तरित करने बावत् क्या निर्देश देगें जिससे नगर पंचायत द्वारा विकास के कार्य किये जा सकें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार जल संसाधन विभाग का अधिपत्य भूमियों और भवनों में होने से भवनों के उपयोग पर आपत्ति की जा रही है। भूमियों पर निर्माण कार्य पर भी रोक लगाकर विकास कार्य प्रभावित किया जा रहा है। विकास कार्य प्रभावित न हो भवनों का उपयोग हो सके इस बावत् क्या निर्देश देगें? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) एवं (घ) अनुसार में उल्लेखित तथ्यों पर कार्यवाही बावत् संबंधितों को कब तक निर्देश देगें अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। तथ्यात्मक स्थिति यह है कि बाणसागर परियोजना के निर्माण के समय जल संसाधन विभाग देवलोंद जिला शहडोल को म.प्र. शासन द्वारा कोई भूमि स्थानांतरित नहीं की जाना प्रतिवेदित है। जिन भूमियों पर विभाग द्वारा कार्यालय, आवासीय भवन, अस्पताल भवन सहित अन्य भवनों को निर्माण किया गया है, उक्त सभी भूमि बाणसागर परियोजना हेतु मुआवजा राशि का भुगतान कर अधिग्रहित की गई है। (ख) से (ड.) उत्तरांश (क) अनुसार कोई भी भूमि स्थानांतरित नहीं की गई है। अत: स्थानांतरित भूमि का क्षेत्रफल व रकबा, आराजी खसरा क्रमांक की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वर्तमान में परियोजना हेतु अधिग्रहित भूमियों पर निर्मित भवनों का उपयोग विभाग द्वारा किया जा रहा है। परियोजना स्थल पर मण्डल तथा संभागीय कार्यालय संचालित होने से कार्यालय भवन एवं आवासीय भवनों का समुचित उपयोग हो रहा है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
अवैध खनन की शिकायतें
[खनिज साधन]
186. ( क्र. 3910 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील अजयगढ़ जिला पन्ना में रेत खनन की शिकायतें मान. लोक आयुक्त को प्रस्तुत की गई हैं? यदि हाँ तो दिनांक 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्रस्तुत की गईं? शिकायत कर्ता का नाम तथा शिकायतों की संख्या बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो क्या उक्त शिकायतों पर मान. लोक आयुक्त द्वारा क्या जांच प्रारंभ कर दी गई है? यदि हाँ, तो जांच का दायित्व किस अधिकारी/दल को दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ है तो प्रश्न दिनांक तक जांच में क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन लोगों के बयान लिये गये? की गई कार्यवाही व बयानों की जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार माननीय लोकायुक्त को प्रस्तुत शिकायत की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों के शासकीय अभिलेख
[राजस्व]
187. ( क्र. 3935 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है, कि बैतूल जिले के राजस्व ग्रामों एवं वन ग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक की प्रतियां प्रश्नांकित दिनांक तक भी संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ख) राजस्व ग्राम एवं वनग्राम के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक ग्रामसभा या ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाये जाने के आदेश शासन ने किस दिनांक को जारी किये? प्रति सहित बतावें। (ग) प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी ग्राम पंचायतों को कितने राजस्व ग्रामों एवं कितने वनग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक की प्रतियां उपलब्ध करवा दी गई हैं, ब्लॉकवार बतावें? (घ) शेष ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायतों को कब तक पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक की प्रतियां उपलब्ध करावा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले में उपलब्ध करा दिये गये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तत्समय विद्यमान बैतूल जिले के समस्त 1303 राजस्व ग्रामों में क्रमश: वि.ख. बैतूल के 188, वि.ख. चिचोली के 71 वि.ख. मुलताई के 140, वि.ख. प्रभातपट्टन के 120, वि.ख. आमला के 156, वि.ख. भैंसदेही के 136, वि.ख. भीमपुर के 136, वि.ख. आठनेर के 93, वि.ख. शाहपुर के 117 तथा वि.ख. घोडाडोंगरी के 146 कुल 1303 राजस्व ग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक की प्रतियां उपलब्ध करवा दी गई हैं। (घ) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश ''घ'' की जानकारी निरंक है।
संबल योजना अंतर्गत लंबित भुगतान
[श्रम]
188. ( क्र. 4017 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के निर्धन व गरीब व्यक्ति जिनका नाम गरीबी रेखा सूची में नहीं हैं एवं उनका संबल योजना में पंजीयन है? क्या संबल योजना में इन पंजीकृत व्यक्तियों को कर्मकार मण्डल जॉब कार्ड बनाये जाने की पात्रता है, जिससे इन्हें खाद्यान्न पर्ची का लाभ मिल सकें। अगर पात्रता नहीं हैं तो क्यों? (ख) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संबल योजना अंतर्गत मजदूरों एवं आमजन के कल्याण के लिये चालू की गई है संबल योजना में पात्रता की शर्तें क्या है? संबल योजना के हितग्राहियों को मध्यप्रदेश में क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? (ग) संबल योजना में जिला छिन्दवाड़ा में आज दिनांक तक ब्लॉकवार कितने पात्र हितग्राहियों का पंजीयन किया गया? कितने हितग्राहियों का भुगतान किया गया? संबल योजना में छिन्दवाड़ा जिले में ब्लॉकवार लंबित भुगतान हेतु शेष हितग्राहियों की नामवार सूची उपलब्ध कराने का कष्ट करें। लंबित भुगतान कब तक किया जायेगा? (घ) विगत 2 वर्षों में संबल योजना के हितग्राहियों पर मध्यप्रदेश में व्यय की गई राशि की जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या संबल योजना के कार्डधारक अन्य योजनाओं का लाभ न लेने पाए इस संबंध में शासन की ओर से कोई दिशानिर्देश या परिपत्र जारी किया गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) समस्त पात्रताधारी श्रमिक जिनका संबल योजना में पंजीयन है पोर्टल जनरेटेट पंजीयन पत्र प्राप्त कर सकते है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में कर्मकार मण्डल जॉबकार्ड नामक कोई कार्ड श्रम विभाग के अंतर्गत जारी नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) श्रम विभाग के अंतर्गत संबल योजना अंतर्गत पात्रता की शर्तें व संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ग) संबल योजना में जिला छिदवाड़ा अंतर्गत ब्लॉकवार पंजीयन तथा भुगतान किये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। लंबित भुगतान हेतु शेष हितग्राहियों की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है। (घ) विगत 02 वर्षों में संबल योजना के हितग्राहियों पर मध्यप्रदेश में व्यय की गई राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। जी हाँ, प्रश्नांकित परिपत्र जारी किया गया है।
अन्न उत्सव के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
189. ( क्र. 4042 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत दिनांक 07 अगस्त 2021 को प्रदेश की कुल कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में अन्न उत्सव मनाया गया? उत्सव को मनाने हेतु शासन की ओर से प्रति दुकान 2000 रू. राशि निर्धारित की गयी थी? (ख) क्या अन्न उत्सव मनाने में प्रति दुकान औसतन 15 से 20 हजार रूपये खर्च हुए? यदि हाँ तो यह राशि कैसे समायोजित की गयी? (ग) क्या शासन द्वारा अन्न उत्सव की निर्धारित प्रति दुकान 2000 रू. की रशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ तो कितनी दुकानों का भुगतान शेष है? (घ) क्या अन्न उत्सव में सहकारी समितियों द्वारा ज्यादा राशि खर्च कर दी गयी है इसलिए सहकारी समितियों ने अब तक शासन से 2000 रूपये प्रति दुकान की मांग ही नहीं की?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत दिनांक 07.08.2021 को 25,173 उचित मूल्य दुकानों पर अन्न उत्सव का आयोजन किया गया है। अन्न उत्सव के आयोजन पर जिले में होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु रू. 2000 प्रति दुकान के मान से राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया था। (ख) अन्न उत्सव के आयोजन हेतु विभाग द्वारा रू. 2000 प्रति दुकान के मान से राशि का निर्धारण किया गया था एवं इसी सीमांतर्गत राशि का व्यय किया जाना था। उचित मूल्य दुकानों के रंगाई, पुताई एवं सफाई की व्यवस्था समिति द्वारा ही की जानी थी। (ग) निर्धारित पात्रतानुसार राशि जिलों को उपलब्ध करा दी गई है। जिलों द्वारा आयोजन पर हुए व्यय के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) सहकारी समितियों द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक राशि व्यय करने के आधार पर राशि की मांग न करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
फसल बीमा व मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
190. ( क्र. 4083 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से खराब हुई सोयाबीन का पूर्व सरकार ने समान चार किश्तों में मुआवजा देने का निर्णय लेते हुए एक किश्त का भुगतान तत्काल कर दिया था और वर्तमान सरकार द्वारा शेष तीन किश्तों की कितनी राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? कारण सहित विवरण दें। (ख) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कितने किसानों का किस-किस बीमा कम्पनी द्वारा वर्ष 2019, 2020, 2021 व 2022 में किस-किस फसल का बीमा किया गया था? वर्षवार बीमा कम्पनी के नाम सहित विवरण दें। (ग) क्षेत्र के कितने किसानों की वर्ष 2019, 2020 व 2021 की रबी व खरीफ फसल अतिवृष्टि व अन्य कारणों से खराब हुई थी? यदि हाँ तो कितने किसानों को कितनी बीमा राशि व मुआवजा प्रदान किया गया? वर्षवार तथा फसलवार विवरण दें। (घ) प्रश्न क्र. 197 दिनांक 20 दिसम्बर 2021 में प्रश्नांश (क) के उत्तर में रबी 2019-20 के दावों का भुगतान बीमा कम्पनी स्तर पर प्रक्रियाधीन है, वर्ष 2020-21 के अंतर्गत बीमा दावा गणना प्रक्रिया प्रचलन में है, दिया गया था? यदि हाँ तो बीमा राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ तो कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन स्तर से लिए गये निर्णय अनुसार फसल क्षति हेतु 25 प्रतिशत राहत राशि प्रथम किश्त के रूप में तत्काल वितरित की गई थी। राहत राशि संपूर्ण राज्य आपदा मोचन निधि से अधिक होने के कारण वितरित नहीं की जा सकी है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आदिवासियों की भूमि के विक्रय की अनुमति
[राजस्व]
191. ( क्र. 4153 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व संहिता की धारा 165 की शर्तों एवं नियमों के तहत जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग की भूमि को सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को विक्रय करने की अनुमति जिला कलेक्टर द्वारा प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ तो विगत दो वर्षों में जिला-जबलपुर के बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत निवासरत अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के भूमिस्वामी की कितनी-कितनी भूमि के विक्रय की अनुमति तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर द्वारा किन-किन शर्तों एवं नियमों के तहत सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को किन नियमों के तहत प्रदान की है? सूची एवं नियम शर्तों की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ग) क्या विगत दो वर्षों में जारी सभी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के भूमिस्वामी की कितनी-कितनी भूमि के विक्रय की अनुमति जारी करने में क्या तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर द्वारा नियमों का पूर्ण रूपेण पालन किया गया है? यदि नहीं तो नियमों का पालन क्यों नहीं हुआ है? तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर के दो वर्षीय कार्यकाल में बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत निवासरत अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के भूमिस्वामी की कितनी-कितनी भूमि का विक्रय सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को करने की अनुमति जारी की गई? अनुमति जारी करने की विगत दो वर्षों की सूची उपलब्ध कराई जाये।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत दो वर्षों में कलेक्टर जबलपुर द्वारा जिला-जबलपुर के बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत निवासरत अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के भूमिस्वामी को प्रदत्त की गयी विक्रय की अनुमति सम्बन्धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' पर है। विधिक प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' पर है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' पर है।
मजदूर की मृत्यु की न्यायिक जांच
[श्रम]
192. ( क्र. 4245 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2021 में औद्योगिक क्षेत्र मनेरी जिला मण्डला में स्थापित विनायक फैक्ट्री में कार्यरत श्री हेतु सिंह धुर्वे निवासी ग्राम भवरंदा का फैक्ट्री में काम करते समय बोरियों के बंडल में दब जाने से रीड़ की हड्डी, गले की हड्डी एवं पसली टूट गई थी? जिसके पश्चात जबलपुर अस्पताल ले जाया गया, इसी दौरान मजदूर की मृत्यु हो गई? (ख) यदि हाँ तो क्या पोस्टमॉर्टम कराये जाने पर मृत्यु का क्या कारण था? कोरोना टेस्ट एवं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि मृतक की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी और पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण दुर्घटना से होना बताया गया तो फैक्ट्री मालिक एवं दोषियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो अवगत करावें। यदि नहीं तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या इसकी शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी? (घ) क्या फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मृतक के आश्रितों को कोई मुआवजा राशि प्रदान की गई है? यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें। (ड.) यदि औद्योगिक नीतियों एवं श्रम नियमों में श्रमिक के दुर्घटना होने या दुर्घटना से मृत्यु हो जाने से मुआवजा देने का प्रावधान है, तो दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) यह सही है कि दिनांक 05.07.2021 को कारखाना विनायक पोलिटेक्स प्रा.लि. औद्योगिक क्षैत्र मनेरी जिला मण्डला में श्रमिक श्री हेतु सिंह पिता श्री भद्दू सिंह धुर्वे उम्र 45 वर्ष का कारखाने के स्टोर सेक्शन में पाइप छंटाई (लाने-ले जाने) का कार्य कर रहे थे, तभी स्टोर सेक्शन में रखे पीवीसी दाने से भरी बेग्स की थप्पी में से ऊपर की थप्पीयां अचानक नीचे की ओर भरभराकर श्रमिक श्री हेतु सिंह के ऊपर गिर गई जिसके कारण श्रमिक के सिर व गर्दन पर गंभीर चोट लगी। प्रबंधन द्वारा घायल श्रमिक को तत्काल जबलपुर हॉस्पिटल जबलपुर ले जाया गया पश्चात् शासकीय मेडिकल कॉलेज जबलपुर में उपचार हेतु भर्ती कराया गया जहां पर उपचार के दौरान दिनांक 07.07.2021 की रात्रि को श्रमिक की मृत्यु हो गई। (ख) दिनांक 08.07.2021 को मेडिकल कॉलेज जबलपुर में किये गए शव परीक्षा प्रतिवेदन में मृत्यु का कारण मृत्यु पूर्व गले में आई चोटों व उसके दुष्परिणामों के कारण था, जो कि ठोस एवं बाहरी वस्तु से टकराने से आई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कारखाने में घटित श्रमिक की मृत्यु दुर्घटना की जांच प्रभारी उप संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, जबलपुर द्वारा की गई तथा जांच में कारखाना अधिनियम 1948 सपठित म.प्र. कारखाना नियम 1962 के प्रावधानों के पाये गये उल्लघनों हेतु कारखाना अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध एक अपराधिक प्रकरण माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी न्यायालय मण्डला में दिनांक 12.08.2021 को दायर किया गया है। जिसका प्रकरण क्रमांक आरसीटी/824/2021 है, जो की न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) कारखाना प्रबंधन द्वारा मृतक श्रमिक के आश्रितों को रूपये 2, 00, 000/- (दो लाख रूपये) की आर्थिक सहायता दी गई है। प्रबंधन द्वारा कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के तहत् क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि रू. 7, 37, 064/- (सात लाख सेतीस हजार चौसठ रूपये) चेक क्रमांक 754461 दिनांक 31.07.2021 क्षतिपूर्ति आयुक्त कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम श्रम न्यायालय जबलपुर में जमा किया गया है। (ड.) कारखाना अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के अंतर्गत संगठित होने वाले कारखानों में वहां कार्यरत श्रमिक की दुर्घटना में अंग-भंग होने अथवा मृत्यु होने पर केन्द्र शासन की कर्मचारी राज्य बीमा योजना अथवा क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के अंतर्गत पेंशन/क्षतिपूर्ति मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है।
कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु पर मुआवजा
[राजस्व]
193. ( क्र. 4415 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वैश्विक महामारी कोविड-19 वर्ष 2020 से 2022 से संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु होने पर पीड़ित परिजनों को राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6 क्रमांक 04 (आ.बी.सी. 6-4) के तहत प्राकृतिक आपदा मानते हुए कितनी राशि के मुआवजा दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांकित कोरोना वायरस के संक्रमण से उपचार के दौरान (14 दिवस के भीतर) शासकीय/निजी चिकित्सालय अथवा होम क्वारेंटाईन में संक्रमित की मृत्यु होने पर शहरी/ग्रामीण निकाय से मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किये गये, किंतु उनमें कोविड से मृत्यु का कारण नहीं दर्शाया गया, क्यों? कारण सहित बतायें। (ग) प्रदेश में प्रश्नांकित मृत्यु पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत कितने मृतकों का अंतिम संस्कार शासकीय/निजी चिकित्सालय अथवा होम क्वारेंटाईन में मृत्यु होने पर शहरी/ग्रामीण निकाय द्वारा किया गया? कृपया संख्या बतायें। (घ) प्रश्नांकित में कितना-कितना मुआवजा प्रदान किया गया? कितना मुआवजा देना शेष है? संख्यावार बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोविड-19 से मृत्यु पर अनुग्रह राशि दिये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 की धारा (17) 1 (ख) अनुसार ''ऐसे रजिस्टर में से किसी जन्म-मृत्यु से संबद्ध कोई उद्धरण अभिप्राप्त कर सकेगा, परन्तु किसी व्यक्ति को दिया गया मृत्यु संबंधी कोई उद्धरण, मृत्यु का रजिस्टर में प्रविष्ट कारण प्रकट नहीं करेगा'' उल्लेखित है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) संबंधित विभागों द्वारा ऐसी जानकारी संधारित नहीं की गई है। (घ) कोविड-19 से मृतकों के कुल 17619 वैध वारिसानों को 50, 000/- रूपये प्रति मृतक के मान से राहत राशि प्रदाय की गई है। यह सतत् प्रक्रिया है। आवेदकों द्वारा वांछित दस्तावेज सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर राज्य शासन द्वारा जारी दिशा- निर्देशों अनुसार पात्रता होने पर तत्काल अनुग्रह सहायता राशि प्रदाय की जाती है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
न्यायालय कलेक्टर के आदेशों की अवमानना
[खनिज साधन]
194. ( क्र. 4469 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील जौरा में ऐसे कितने ट्रैक्टर ट्राली, ट्रक आदि वाहन हैं जो अवैध खनिज के प्रकरण में थाना जौरा में जप्त किये गये हैं? इन पर की गयी कार्यवाही से अवगत करावें। क्या खनिज विभाग (कलेक्टर) द्वारा जिन वाहनों पर जुर्माना लगाकर छोड़ने का आदेश दिया गया उन्हीं वाहनों पर वन विभाग द्वारा प्रकरण दर्ज कर राजसात की कार्यवाही प्रचलन में है? ऐसे कितने प्रकरण हैं? (ख) क्या उक्त वाहन वन क्षेत्र में नहीं पकड़े गये और एक वाहन पर एक अपराध में दो-दो विभागों द्वारा पृथक-पृथक सजायें दी जा सकती हैं? यदि हाँ तो कैसे? नियमावली से अवगत करावें। यदि नहीं तो ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह स्पष्ट है कि खनिज विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रकरण पर न्यायालय कलेक्टर द्वारा समुचित जुर्माना लगाकर रिलीज ऑर्डर जारी किये गये, उसके उपरांत भी वन विभागों द्वारा उन्हीं वाहनों पर नियम विरूद्ध प्रकरण प्रचलन में हैं? क्या यह कार्यवाही न्यायालय आदेशों की अवमानना है? यदि हाँ तो ऐसा क्यों? प्रचलित प्रकरण न्यायालय के आदेश के पालन में समाप्त कर दिये जावेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराना
[जल संसाधन]
195. ( क्र. 4508 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिये कितनी उद्वहन सिंचाई योजनायें एवं परियोजनाएं संचालित हैं? कितनी स्वीकृत है, कितनी लंबित हैं? इनकी कार्य योजना सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित सिंचाई योजनायें एवं परियोजनाओं का आगामी लक्ष्य क्या निर्धारित किया गया है? प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई हेतु किसानों को पानी उपलब्ध कराने के लिये संचालित उद्वहन सिंचाई योजनाओं के अंतर्गत संसाधनों की कमी को दूर किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? संचालित योजनाओं अंतर्गत आ रही परेशानी को दूर करने संबंधी स्थल निरीक्षण कर प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में अद्यतन स्थिति से अवगत करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र कोतमा के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केवई उद्वहन सिंचाई परियोजना संचालित होना प्रतिवेदित है। विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के अंतर्गत विधायक मद से 02 परियोजनाएं जिला स्तर से स्वीकृत होना प्रतिवेदित है। शासन स्तर से स्वीकृति हेतु कोई भी उद्वहन सिंचाई परियोजना लंबित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार विधायक मद अंतर्गत जिला स्तर से स्वीकृत 02 उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं को जून, 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई हेतु किसानों को पानी उपलब्ध कराने के लिये जल संसाधन विभाग की कोई भी उद्वहन सिंचाई परियोजना संचालित नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
परियोजना
से डूब
प्रभावित को
मुआवजा का
प्रावधान
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 44 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना में लोक निर्माण विभाग चाटूखेड़ा से राष्ट्रीय राजमार्ग वाया कालूखेड़ा बामलाबे मार्ग की सड़क एवं पुल डूब गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ तो क्या जल संसाधन विभाग ने लोक निर्माण विभाग को डूबी हुई सड़क/पुल का मुआवजा दिया है? हाँ तो कब दिया? कितना दिया? नहीं दिया तो क्यों नहीं दिया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि लोक निर्माण विभाग की सड़क/पुल मोहनपुरा डेम में डूब गई है तो उसका निर्माण कौन सा विभाग करेगा? यदि जल संसाधन विभाग करेगा तो समय-सीमा बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना में लोक निर्माण विभाग चाटूखेड़ा से राष्ट्रीय राजमार्ग वाया कोलूखेड़ा बामलावे मार्ग की सड़क एवं पुल डूब गया है। (ख) जी नहीं, मोहनपुरा परियोजना से डूब प्रभावित शासकीय संरचनाओं का भू-अर्जन अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। (ग) जल संसाधन विभाग की मोहनपुरा परियोजना द्वारा वैकल्पिक मार्ग के रूप में मोहनपुरा बाँध के डाउन स्ट्रीम में एक कॉजवे का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। बांध के बांयी तट के ग्रामों को राजगढ़-ब्यावरा राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ता है। कार्य मार्च 2022 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
मुण्डला बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( क्र. 45 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत मुण्डला बांध का निर्माण हुआ है? यदि हाँ तो जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो उक्त बांध की डी.पी.आर. अनुसार किस-किस ग्राम में उक्त बांध की नहर द्वारा पानी पहुंचना प्रस्तावित था? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार डी.पी.आर. उल्लेखित ग्रामों में क्या नहर के माध्यम से पानी पहुंच गया है? यदि हाँ तो जिन ग्रामों में नहर से पानी पहुंच गया है? उनकी सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार डी.पी.आर. में उल्लेखित ग्रामों में यदि नहर द्वारा पानी नहीं पहुंचा है तो क्यों नहीं पहुंचा है? शेष ग्रामों में पानी कब तक पहुंच जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मूण्डला सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. के अनुसार परियोजना की नहरों के माध्यम से 15 ग्रामों में पानी पहुंचाया जाना प्रस्तावित है। उल्लेखित 05 ग्रामों टांडीकलां, रामपुरिया, ऊँचाखेड़ा, उदपुरिया एवं पडियाजागीर में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। 05 ग्रामों (टांडीकलां, रामपुरिया, ऊँचाखेड़ा, उदपुरिया एवं पडियाजागीर) में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। उक्त ग्रामों में पानी पहुंचाने हेतु नहर में रिसेक्शनिंग, लाइनिंग एवं पाइप केनाल के कार्य हेतु प्रस्ताव प्रमुख अभियंता स्तर पर परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्य आवंटन उपलब्ध कराया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 46 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर राजगढ़ ने डी.ओ. लेटर 1811 दिनांक 08.11.2020 से संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति को पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो क्या कलेक्टर राजगढ़ के उक्त पत्र में पूर्व में लिखे गये पत्रों का भी उल्लेख है? यदि हां, तो समस्त पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर क्या शासन कलेक्टर राजगढ़ के डी.ओ. लेटर के आधार पर आवश्यक आवंटन उपलब्ध करा देगा? हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कलेक्टर राजगढ़ द्वारा दिनांक 08.11.2020 का कोई अर्द्धशासकीय पत्र संचालक खाद्य भेजना नहीं पाया गया है, अपितु कलेक्टर, राजगढ़ द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र 1811 दिनांक 08.11.2021 को प्रेषित किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) कलेक्टर राजगढ़ द्वारा प्रेषित अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 08.11.2021 में उल्लेखित पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। (ग) एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन परियोजना की अवधि मार्च, 2020 को समाप्त हो गई है। परियोजना अवधि तक जिले में स्वीकृत/पात्रतानुसार कम्प्यूटर आपरेटर का मानदेय का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन दुकानों में प्राथमिकी दर्ज विक्रेताओं पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 145 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितनी राशन दुकानें है एवं हटा व पटेरा विकासखण्ड की किस-किस राशन दुकान पर कौन-कौन सेल्समेन पदस्थ हैं? हटा विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां सेल्समेन के पद रिक्त है एवं इनको भरे जाने की क्या योजना है? (ख) विगत वर्ष 2015 से आज दिनांक तक कितने विक्रेताओं एवं सहायक विक्रेताओं पर शिकायती आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई नाम व दुकानवार जानकारी सहित यह बताया जावे कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कितने प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है एवं प्रशासन द्वारा उन प्रकरणों के निराकरण हेतु क्या उपाय किये एवं शेष विक्रेताओं एवं सहायक विक्रेताओं जिन पर प्राथमिकी दर्ज है? क्या कार्यवाही की गई समस्त जानकारी समय-सीमा बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले में 491 उचित मूल्य दुकानें हैं। प्रश्नांकित विकासखंड की उचित मूल्य दुकानों पर पदस्थ विक्रेताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में विक्रेता का कोई भी पद रिक्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में शिकायती आधार पर जांच उपरांत संस्था के अध्यक्ष/प्रबंधक/विक्रेता/सहायक विक्रेताओं पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। प्राथमिकी दर्ज होने के उपरांत माननीय उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण एवं सक्षम अधिकारी द्वारा किये गये निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। ऐसे विक्रेताओं/सहायक विक्रेताओं जिनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
हटा एवं सगौनी रेंज में वन सुरक्षा में हुये व्यय की जानकारी
[वन]
5. ( क्र. 154 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की हटा विधान सभा अंतर्गत हटा रेंज व सगौनी रेंज अंतर्गत वर्ष 2018-19, 2019-20 व 2020-21 अंतर्गत कहां-कहां अग्नि सुरक्षा का कार्य कराया गया स्थलवार बतावे? अग्नि सुरक्षा में उक्त तीन वर्षों में कितनी राशि व्यय हुई स्थलवार राशिवार बतावें? (ख) हटा रेंज अंतर्गत कितने पौधों का रोपण कहां-कहां किया गया एवं रोपण में कितनी राशि व्यय की गई?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
बनाये गये बी.पी.एल. राशन कार्ड के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 200 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी नहीं करने के आदेश दिए गए हैं? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं तो पिछले 2 वर्षों में 2020-21, 21-22 में राजगढ़ जिले में कितने बी.पी.एल. राशन कार्ड नवीन बनाए गए? (ग) क्या बी.पी.एल. राशन कार्ड के बिना वृद्धा पेंशन व राशन पात्र गरीब को परिवारों को दिया जा सकता है? यदि हाँ तो कैसे और यदि नहीं तो पात्र गरीब परिवारों राशन व वृद्धा पेंशन दिए जाने हेतु क्या निर्देश जारी किए गए हैं? (घ) जिला राजगढ़ में वर्ष 2020-21 व 2021-22 में कितने नवीन पात्र वृद्धजनों को वृद्धा पेंशन व नवीन पात्र गरीब परिवारों को राशन दिया गया? सूची उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/तहसीलदार द्वारा बी.पी.एल. के आदेश पारित किये जाने के उपरांत शासन निर्देशानुसार सिर्फ बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जा रहे है। नवीन राशन कार्ड नहीं बनाए जा रहे है। जिले में वर्ष 2020-21 में 335 नाम बी.पी.एल सर्वे सूची में जोड़े गए। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में अभी तक 196 नाम बी.पी.एल सर्वे सूची में जोड़े गए है। (ग) जी हाँ। बी.पी.एल. राशन कार्ड के बिना वृद्धावस्था पेंशन व राशन पात्र गरीब परिवारों को दिया जा सकता है। जिन परिवारों के नाम अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/तहसीलदार द्वारा बी.पी.एल. सूची में जोड़ने के आदेश पारित किये जाते है, उनका राशन मित्र पोर्टल पर बी.पी.एल श्रेणी में सत्यापन स्थानीय निकाय द्वारा करने के उपरांत ई-राशन कार्ड के रूप में राशन की पात्रता पर्ची जारी कर राशन प्रदाय किया जाता है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले परिवार से संबंधित को इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन दी जाती है। (घ) जिले में वर्ष 2020-21 में 5483 नवीन पात्र वृद्धजनों को इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेन्शन एवं वर्ष 2021-22 में अभी तक 4646 नवीन पात्र वृद्धजनों को इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेन्शन स्वीकृत की गयी है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 11279 नवीन पात्र गरीब परिवारों को राशन दिया गया है तथा वर्ष 2021-22 में अभी तक 11761 नवीन पात्र गरीब परिवारों को राशन दिया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
शासकीय भूमि पर निर्मित मकानों के पट्टों का वितरण
[राजस्व]
7. ( क्र. 245 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर शहर एवं ग्रांव में शासकीय भूमि पर निर्मित मकानों के कितने पट्टे 2016 से 31 जनवरी 2022 तक वितरित किये गए? पट्टेदार का नाम पता सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) पट्टेदार की मृत्यु होने के बाद कितने पट्टे मृतक के उत्तराधिकरियों के नाम किये गए? नाम पते सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2022 तक ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में कितने व्यक्तियों को पट्टे दिये जाना शेष है? उन्हें कब तक पट्टे प्रदान कर दिये जावेंगे तथा कितने व्यक्तियों ने पट्टे हेतु आवेदन दिया है? (घ) ग्राम बलेड़ी में कितने हितग्रहियों को पट्टे प्रदान किये गए और कितने को प्रदान करना शेष है? शेष को कब तक पट्टे प्रदान कर दिये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़नगर शहरी क्षेत्र में दर्शित अवधि में धारणाधिकार योजनांतर्गत 08 व्यक्तियों को पात्र पाया गया है। पात्र व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में इस प्रकार का कोई आवेदन प्राप्त न होने से जानकारी निरंक है। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2022 तक ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को पट्टे दिया जाना शेष नहीं है 1 शहरी क्षेत्र बड़नगर में कुल 142 व्यक्तियों ने पट्टे हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। उनके निराकरण उपरांत 08 व्यक्तियों को ही पात्र पाया गया। वर्तमान में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को पट्टे दिया जाना शेष नहीं है। (घ) ग्राम बलेड़ी में अभी तक किसी आवेदक की ओर से पट्टे हेतु आवेदन नहीं किया गया। ग्राम बलेडी में पट्टे वितरित नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धारा 165 (6A) के तहत अनुमति एवं डायवर्सन
[राजस्व]
8. ( क्र. 311 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में 1 अप्रैल 2011 से लेकर प्रश्न दिनांक तक आदिवासी वर्ग की जमीन सामान्य या अन्य वर्ग को विक्रय हेतु धारा 165 (6A) के तहत कितनी अनुमतियां प्रदान की गई है? जानकारी एवं अनुमतियों की प्रति प्रदान करावें। (ख) बड़वानी जिले में 1 अप्रैल 2011 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी कृषि भूमि के डायवर्सन आवासीय या उद्योगों के लिये किये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बड़वानी जिले में 01 अप्रैल 2011 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल रकबा 375.696 हेक्टर कृषि भूमि के डायवर्सन आवासीय एवं कुल रकबा 133.363 हेक्टर कृषि भूमि के डायवर्सन उद्योगों के लिये किये गये हैं।
संनिर्माण कर्मकार मण्डल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक
[श्रम]
9. ( क्र. 312 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल व मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में कितने मजदूरों (श्रमिक) का पंजीयन किया गया? जनपद पंचायत सेंधवा, नगरपालिका परिषद सेंधवा के पंजीयन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अपात्र व्यक्तियों को भी मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल व मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पंजीयन किया गया है? यदि हाँ तो इसके लिए दोषी कौन है एवं किस अधिकारी द्वारा अपात्र व्यक्तियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया गया है? यदि नहीं तो पंजीयन करने के नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायत सेंधवा, नगरपालिका परिषद सेंधवा में कितने प्रकरणों में हितग्राहियों को विवाह सहायता राशि स्वीकृत की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत प्रदेश में कुल 1308303 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। जिला बड़वानी की जनपद पंचायत सेंधवा में 1214 एवं नगरपालिका परिषद सेंधवा में 474 भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अंतर्गत वर्तमान में 01 करोड़ 42 लाख16 हजार मजदूरों (श्रमिक) का पंजीयन है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत जनपद पंचायत सेंधवा में 64815 श्रमिक एवं नगर पालिका परिषद सेंधवा में 10824 श्रमिक पंजीकृत हैं। (ख) जी नहीं। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत निर्माण श्रमिकों का पंजीयन करने के नियम/निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पंजीयन श्रमिक द्वारा की गई स्व-घोषणा के आधार पर किया गया था। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पंजीयन संबंधी दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना अंतर्गत जिला बड़वानी की जनपद पंचायत, सेंधवा में विवाह सहायता के स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी निरंक है एवं नगरपालिका परिषद, सेंधवा में विवाह सहायता के 13 प्रकरणों में राशि रू. 6.63 लाख की सहायता प्रदाय की गई।
निर्मित एवं निर्माणाधीन पहुंच मार्ग एवं पुलिया निर्माण
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 514 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या त्योंथर उद्वहन योजना अंतर्गत मुख्य अथवा माइनर नहर के किनारे स्थित शासकीय विद्यालय अथवा कार्यालय तक नहर से आवागमन हेतु पुलिया अथवा रपटा का कोई प्रावधान विभाग के द्वारा किया गया है? यदि हाँ तो विकासखण्ड जवा के शासकीय प्राथमिक विद्यालय डगडैया दुबान टोला जो कि नहर किनारे स्थापित है में छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकों को नहर पार करने के लिये पुलिया का निर्माण क्यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय विद्यालय एवं नहर के मध्य पानी के निष्कासन हेतु जो नाली निर्मित की गई है उसे खुला क्यों छोड़ दिया गया है? क्या उस नाली को सीमेंट पाईप से ढाका जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो छात्र/छात्राओं के डूबने की स्थिति में जिम्मेदार कौन होगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के आवागमन हेतु विद्यालय पहुंच मार्ग एवं पुलिया निर्माण कब तक कराया जा सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। विकासखण्ड़ जवा में नहर किनारे स्थापित शासकीय प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को नहर पार करने के लिए डगडैया दुबान टोला से 300 मीटर पहले (अप-स्ट्रीम में) एवं 220 मीटर बाद (डाउन स्ट्रीम में) नहर में पुलिया का निर्माण किया गया है। (ख) शासकीय विद्यालय एवं नहर के मध्य पानी निकासी हेतु निर्मित नाली को सीमेंट पाइप डालकर ढक दिया गया है। (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के आवागमन हेतु नहर में विद्यालय से पहले (अप-स्ट्रीम) एवं बाद (डाउन स्ट्रीम) में पुलिया पूर्व से निर्मित है। विद्यालय पहुंचने के लिए नहर के बैंक से आवागमन हो रहा है।
मैपिंग में गड़बडि़यों के कारण धान खरीदी प्रभावित होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( क्र. 702 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि बार-बार मैपिंग में की गई गड़बडि़यों के कारण जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी बहुत धीमी गति से किये जाने की शिकायतें मिली हैं? (ख) यदि हाँ तो, तत्संबंधी जिलेवार ब्यौरा बतावें। (ग) क्या यह सही है कि जिले में धान खरीदी केन्द्रों में कई जगहों पर बारदाना खत्म होने की शिकायतें मिली हैं? (घ) यदि हाँ तो बारदाना की आपूर्ति को सुनिश्चित किये जाने को लेकर समितियों द्वारा क्या व्यवस्थाएं की गई हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु पंजीकृत 837181 किसानों में से 660980 किसानों द्वारा 4582610 मे.टन धान का विक्रय किया गया है, जो कि विगत वर्ष से 856206 मे.टन अधिक है। किसानों की उपार्जन केन्द्र से मैपिंग में गड़बड़ी एवं धीमी गति से उपार्जन किये जाने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में सभी जिलों में पर्याप्त बारदाना उपलब्ध रहा है तथा बारदाना उपलब्ध न होने के कारण उपार्जन कार्य प्रभावित होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान खरीदी के दौरान समितियों द्वारा किसानों से कमीशन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 703 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि धान खरीदी के दौरान समितियों पर किसानों से प्रति बोरी कमीशन वसूलने से संबंधित आरोपों की शिकायतें मिली हैं? (ख) यदि हाँ तो शासन स्तर पर ऐसी शिकायतें प्राप्त हुईं और इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या वेयर हाउस में भी किसानों की धान को रखे जाने की ऐवज में किसानों से अवैध रूप से पैसे वसूल किये जाने की शिकायतें मिली हैं? (घ) यदि हाँ तो ऐसे वेयर हाउस संचालकों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में समितियों द्वारा किसानों से कमीशन वसूली संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना मृतकों के शासकीय रिकार्ड में दर्ज आकड़ें
[राजस्व]
13. ( क्र. 708 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश में कोरोना मृतकों के परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को शासकीय रिकार्ड में दर्ज मौत से अधिक परिवारों को इस योजना के माध्यम से भुगतान किया गया है? (ख) यदि हाँ तो तत्संबंधी जिलेवार ब्यौरा दें? क्या शासन स्तर पर दर्ज कोरोना मृतकों की संख्या और वास्तविक मृतकों की संख्या में त्रुटि है? (ग) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत इस योजना के माध्यम से अब तक कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? उन आवेदनों के निराकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन दिनांक 03 सितम्बर 2021 में परिभाषित कोविड मृत्यु अनुसार अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया गया है। (ख) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जिला जबलपुर में कुल आवेदन 927 प्राप्त हुए है, जिसमें से 756 आवेदनों में राहत राशि स्वीकृत कर वारसानो के खातों में भुगतान कर दिया गया है। शेष 171 आवेदनों पर कार्यवाही प्रचलित है।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( क्र. 795 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद भिण्ड एवं नगरपंचायत परिषद अकोड़ा में विभाग द्वारा कितनी उचित मूल्य राशन दुकानों से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है? वार्ड का नाम, उचित मूल्य दुकान का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) नगर पालिका क्षेत्र में स्थित शासकीय उचित मूल्य की किन-किन दुकानों में कितने उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है? दुकान का नाम, उपभोक्ताओं की संख्या सहित जानकारी देवें। (ग) क्या नगर पालिका परिषद भिण्ड एवं नगरपंचायत परिषद अकोड़ा के वार्डों में शासन के नियमानुसार प्रत्येक वार्ड में शासकीय उचित मूल्य राशन दुकान की स्थापना हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? (घ) यदि हाँ तो वर्तमान नगर पालिका क्षेत्र परिषद भिण्ड एवं नगरपंचायत परिषद अकोड़ा में राशन उपभोक्ताओं की संख्या को देखते हुये कब तक प्रत्येक वार्ड में पृथक-पृथक शासकीय उचित मूल्य दुकान की स्थापना की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद, भिण्ड-30 एवं नगर पंचायत, अकोड़ा-4 उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से पात्र परिवारों को खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जा रहा है। वार्डवार संचालित उचित मूल्य दुकानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद, भिण्ड एवं नगर पंचायत, अकोड़ा में उचित मूल्य दुकानवार संलग्न पात्र परिवार एवं दुकान के नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में वार्डवार दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है। नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों के अधिकतम संख्या की गणना संबंधित क्षेत्र के पात्र परिवारों की कुल संख्या में 800 का भाग दिया जाकर खोली जाने वाली दुकानों की अधिकतम संख्या का निर्धारण किया जाता है। नगरपालिका परिषद भिण्ड में कुल 16917 पात्र परिवार हैं जिसमें 800 के मान से अधिकतम 22 दुकानें एवं नगर पंचायत अकोड़ा में कोई पात्र परिवार 959 के मान से 2 दुकानें संचालित की जा सकती हैं जिसके विरूद्ध अधिक दुकानें संचालित होने के कारण नवीन दुकान खोले जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 में भू-अभिलेखो में हुई त्रुटि सुधार के प्रावधान
[राजस्व]
15. ( क्र. 799 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 में हुऐ संसोधन में भू-अभिलेखों में हुई त्रुटि के दुरस्त करने के क्या प्रावधान है पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या यह सही है कि पाँच वर्ष तक त्रुटि के सुधार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व दस वर्ष के सुधार की कलेक्टर न्यायालय से अनुमति प्राप्त के बाद सुधार किये जाते है म.प्र भू राजस्व संहिता की धारा 115, 116 ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर में जून 2021 से फरवरी 2022 तक कितने प्रकरण दर्ज हुऐ एवं कितने निराकृत किये गये उक्त प्रकरणों की जिलेवार जानकारी दी जावे। (ग) क्या यह सही है एस.डी.एम. कोर्ट में अधिकांश प्रकरणों को दर्ज बगैर ही तहसीलदार कोर्ट में जांच हेतु भेज दिये जाते है जो वर्षों तक पेंडिंग डले रहते है क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे? ग्वालियर मुरैना, भिण्ड श्योपुर जिलों में उक्त अवधि में कितने प्रकरण बिना दर्ज किये तहसीलदार कार्यालय में भेजे गये जिलावार संख्या सहित जानकारी दी जावें। (घ) क्या यह सही है कि वर्ष 2016 में एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर से कृषकों को खसरा, खतोनी की नकल देना बन्द कर दी है तथा डाटा वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर की आनृरित करने में काफी कृषकों के अभिलेख में त्रुटि हो रही है उसके सुधार के क्या समाधान किये जा रहे हैं पूर्ण जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता (म.प्र. अधिनियम क्रमांक 23 सन् 2018 यथा संशोधित दिनांक 27.07.2018) की धारा 115 में भू-अभिलेख में गलत या अशुद्ध प्रविष्टि का शुद्धीकरण करने का प्रावधान है जिससे संबधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता (म.प्र. अधिनियम क्रमांक 23 सन् 2018 यथा संशोधित दिनांक 27.07.2018) के प्रावधान अनुसार पांच वर्ष तक त्रुटि के सुधार उपखण्ड अधिकारी द्वारा स्वप्रेरणा से या व्यथित के आवेदन पर धारा 114 के अधीन तैयार किये गये भूअभिलेखों में अप्राधिकृत प्रविष्टियों को सम्मिलित करते हुये जांच उपरांत शुद्धियों को अभिप्रमाणित किया जाता है। पांच वर्ष कालावधि के पूर्व की प्रविष्टि को शुद्ध करने की कार्यवाही प्रारंभ किये जाने हेतु कलेक्टर की लिखित मंजूरी आवश्यक होती है तथा किसी मामले में शासन का हित निहित होने पर ऐसा मामला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से समस्त प्रकरण आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज होकर ही तहसीलदार न्यायालय को जांच हेतु प्रेषित किये जाते है। कोई भी प्रकरण बिना दर्ज किये जांच हेतु प्रेषित नहीं किया जाता है म प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर में जून 2021 से फरवरी 2022 तक दर्ज प्रकरण एवं निराकृत किये गये प्रकरण की जानकारी निम्नानुसार है -
स.क्र. |
जिला |
दर्ज प्रकरण |
निराकृत प्रकरण |
1 |
ग्वालियर |
7023 |
5850 |
2 |
भिण्ड |
3949 |
3102 |
3 |
मुरैना |
5334 |
5062 |
4 |
श्योपुर |
3367 |
2464 |
(घ) जी हाँ। यह सही है कि एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर से कृषकों को खसरा, खतौनी की नकल देना बन्द कर दिया गया हैI वर्तमान में म.प्र. भू-लेख पोर्टल पर भू-अभिलेख का संधारण किया जा रहा है। आवेदन प्राप्त होने पर अभिलेख में हो रही त्रुटि को नियमित रूप से दुरुस्त किया जाता है तथा विगत दिनों शुद्धिकरण पखवाड़ा आयोजित किया गया जिसमें अभिलेखों की त्रुटियों को अभियान चलाकर दुरुस्त किया गया है।
विधायक के पत्रों पर कार्यवाही
[राजस्व]
16. ( क्र. 995 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमाक 36 दिनांक 11.08.2021 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तर में मा. राजस्व मंत्रीजी द्वारा जानकारी दी गई थी कि उक्त पत्र के संबंध में कार्यवाही हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र दिनांक 23.07.2021 द्वारा लेख किया है। (ख) क्या डॉ. सीतासरन शर्मा के प्रश्न क्रमांक 18 (364) के प्रश्नांश (ड.) में जानकारी दी गई थी कि मुख्य सचिव कार्यालय के पत्र क्रमांक 4759 दिनांक 02.07.2021 के संबंध में दिनांक 21.10.2021 को पुन: स्मरण पत्र प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन (कार्मिक) विभाग को भेजा गया है। (ग) राजस्व विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे गये पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए बतावें कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गयी। यदि हाँ तो क्या? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 23/07/2021 एवं 21/10/2021 की जानकारी एक अनुसार। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 04/03/2022 द्वारा शिकायत के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी से माननीय प्रश्नकर्ता को अवगत कराये जाने की जानकारी दी है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि के दुरूपयोग के आरोप पर कार्यवाही
[राजस्व]
17. ( क्र. 996 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के प्रश्न क्रमांक 2 (36) दिनांक 11.08.2021 के प्रश्नांश (ग) में पूछा गया था कि क्या श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा विधानसभा क्षेत्र विकास निधि का उपयोग खेल प्रशाल में किए जाने का आरोप सही है? (ख) क्या इसके उत्तर में माननीय राजस्व मंत्री द्वारा जानकारी दी गई कि, जी नहीं? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता पर विधायक निधि के दुरूपयोग की टिप्पणी कर conflict of intrest का आरोप लगाने वाले तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री हरेन्द्र नारायण के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ तो क्या? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) राजस्व विभाग द्वारा तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री हरेन्द्र नारायण के विरूद्ध प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत को आवश्यक कार्यवाही हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को दिनांक 23/07/2021 को प्रेषित किया गया था तथा दिनांक 21/10/2021 को स्मरण पत्र भेजा गया था। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 04/03/2022 द्वारा शिकायत के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी से माननीय प्रश्नकर्ता को अवगत कराये जाने की जानकारी दी है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन के आदेशो का पालन
[राजस्व]
18. ( क्र. 1009 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय कलेक्टर छतरपुर द्वारा प्र.क्र. 63 स्वप्रेरणा निगरानी/अ-20-4/2004-05 में नजूल निरापत्ति प्रमाण पत्र निरस्त करते हुये तहसीलदार छतरपुर एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी छतरपुर को विवादित स्थल का अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने का आदेश दिनांक 31.05.2006 पारित किया है यदि हाँ तो आदेश की प्रति देवें। (ख) अतिक्रमणकर्ता ने उक्त आदेश दिनांक 31.05.06 के विरूद्ध न्यायालय अतिरिक्त कमिश्नर सागर के समक्ष प्रकरण क्रं.698/20 अ-20/2007-2008 प्रस्तुत किये जाने पर अतिरिक्त कमिश्नर ने आदेश दिनांक 17.02.2014 पारित कर छतरपुर कलेक्टर का आदेश 31.05.2006 विधि संगत होने से स्थिर रखे जाने के बावजूद शासन राजस्व विभाग के पत्र क्र 3275/2570/202/सात-1 भोपाल 22.07.2020 द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के निर्देश दिये हैं तहसीलदार छतरपुर एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी छतरपुर ने उक्त आदेशों का पालन क्यों नहीं किया? यदि अतिक्रमण हटाया जायेगा तो कब तक? (ग) यदि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है तो अभिलेख एवं अतिक्रमण हटाने के प्रमाण फोटोग्राफ उपलब्ध कराये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन आदेशों के विरूद्ध अनावेदक पक्ष द्वारा माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर में निगरानी/पुनर्विलोकन प्रकरण क्रमांक 0358/2021 प्रस्तुत की गई है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अधीन विचाराधीन है। जिस कारण उसके निराकरण पश्चात ही शेष कार्यवाही की जाना नियमानुसार है। (ग) प्रकरण न्यायाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टॉस्कफोर्स कमेटी की रिपोर्ट की गई कार्यवाही
[वन]
19. ( क्र. 1116 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विभाग के द्वारा मई 2019 में ए.सी.एस. वन की अध्यक्षता में गठित टॉस्कफोर्स कमेटी के द्वारा विभाग के समक्ष 6 फरवरी 2020 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी हैं? (ख) यदि हाँ तो 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में निजी भूमियों, राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई भूमियों, नारंगी वन भूमियों एवं रैय्यतवारी ग्रामों की भूमियों के संबंध में क्या-क्या सुझाव दिए जाकर, क्या-क्या सिफ़ारिश की गई? प्रति-सहित पृथक-पृथक हिन्दी में विवरण बतावें? (ग) 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट पर किस-किस के हस्ताक्षर है, प्रस्तुत रिपोर्ट पर किस-किस दिनांक को राज्य मंत्रालय में क्या-क्या कार्यवाही की गई, रिपोर्ट में की गई किस-किस सिफारिश को मान्य या अमान्य किया गया है? (घ) 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने से अभी कोई आदेश/निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं किये गये हैं। रिपोर्ट से संबंधित किस-किस विषय पर किस दिनांक को पत्र, परीपत्र, आदेश, निर्देश जारी किए हैं? प्रति सहित बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। टॉस्क फोर्स रिपोर्ट हिन्दी में नहीं है। (ग) रिपोर्ट में श्री अजीत श्रीवास्तव अपर मुख्य सचिव, वन, श्री मनीष रस्तोगी प्रमुख सचिव राजस्व, श्री यू.प्रकाशम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, श्रीमती दीपाली रस्तोगी प्रमुख सचिव जनजातीय कल्याण, श्रीमती जी.वी. रश्मि प्रमुख आयुक्त राजस्व, श्री जी.वी. पाटिल आयुक्त भू अभिलेख, श्री के.के. सिंह पूर्व विधायक व डा. रोहनी चतुर्वेदी के हस्ताक्षर है। प्रस्तुत रिपोर्ट विचाराधीन होने के कारण अभी किसी भी सिफारिश को मान्य या अमान्य नहीं किया गया है। (घ) टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने से अभी कोई आदेश/निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं किये गये हैं।
जल संसाधन विभाग के निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 1332 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिला अन्तर्गत विकासखण्ड बासोदा एवं ग्यारसपुर में विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत है, जिनकी स्वीकृति उपरांत अभी तक टेन्डर नहीं हुये उनके नाम बतावें तथा टेण्डर उपरांत निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हुये उनके नाम एवं कारण बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित निर्माण कार्यों के टेन्डर बार-बार निरस्त हो रहे है? यदि हाँ तो कितनी बार टेन्डर निरस्त हुये तथा निरस्त होने का क्या कारण है? निर्माण कार्य का अलग-अलग विवरण बतायें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित निर्माण कार्यों के टेन्डर आगामी वित्तीय वर्ष में या चालू वित्तीय वर्ष में करवाकर निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या विकासखण्ड बासोदा एवं ग्यारसपुर अन्तर्गत विभाग द्वारा चालू एवं आगामी वित्तीय वर्ष में कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किये गये है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवंटित भूमि को कम्प्यूटराइज किया जाना
[राजस्व]
21. ( क्र. 1374 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा इंदिरा शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित ब्यावरा को ग्राम मोहनीपुरा प.ह.न 8 तहसील ब्यावरा की भूमि सर्वे नंबर 147/1 रकबा 1.295 हेक्टेयर एवं 147/2 रकबा1.265 हेक्टेयर कुल 2 .560 कर्मचारी आवास हेतु स्थाई लीज पर आवंटित की गई थी। (ख) क्या शासन आवंटन के अनुसार संस्था के अध्यक्ष के नाम नामांतरण भी किया गया तथा वर्ष 2004-05 तक पटवारी खसरा में नामांतरण के आधार पर इंद्राज भी है। (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के द्वारा पटवारी के समस्त रिकार्ड को कम्प्यूटराइज करने का आदेश है यदि है तो इंदिरा शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति को आवास हेतु आवंटित भूमि को कम्प्यूटराइज क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या शासन द्वारा आवंटित भूमि पर मकानों का निर्माण हो चुका है शासनादेश के अनुसार कर्मचारी कॉलोनी को खसरा में इंद्राज होते हुए भी कंप्यूटराइज क्यों नहीं किया गया इसके लिए कौन अधिकारी या कर्मचारी दोषी है? उक्त कालोनी को आवंटित भूमि को कब तक कम्प्यूटराइज्डकिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। त्रुटिवश कर्मचारी कालोनी का अभिलेख कम्प्यूटरीकृत नहीं हो सका। (घ) जी हाँ, उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में विधिक प्रक्रिया का अनुसरण कर रिकार्ड अद्यतन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अवैध गिट्टी क्रशर का संचालन
[खनिज साधन]
22. ( क्र. 1388 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करैरा विधान सभा के ग्राम मेढा काली पहाड़ी से मदवर चितौरा मार्ग बनाये जाने के लिए क्रशर लगाया था। रोड निर्माण का कार्य दो वर्ष पहले समाप्त हो चुका है। लेकिन प्रशासन की मिलीभगत से गिट्टी क्रशर आज दिनांक तक संचालित है, जिसमें लगभग 50 डम्पर गिट्टी भेजी जाती है, जिसकी कोई रायल्टी नहीं होती। स्पष्ट करें। (ख) यदि हाँ तो शिव शक्ति स्टोन क्रशर जो सलैया ग्राम से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है, जिसमें लोगों को काफी परेशानी होती है। प्रदूषण के कारण लोग बीमार होते हैं, कुछ मौतें भी हुई हैं। प्रश्नकर्ता द्वारा दोनों क्रेशरों का पत्र कलेक्टर शिवपुरी पत्र क्र. 297/21 दिनांक 10-6-21 एवं शिवपुरी क्रशर के लिए पत्र क्र. 293/21- 4-6-21 को दिये, आज दिनांक तक कोई जानकारी नहीं दी गई। (ग) यह भी बतायें कि करैरा विधान सभा क्षेत्र में वैध एवं अवैध गिट्टी क्रशर संचालित हैं। संचालित क्रेशरों की दिनांक पूर्ण अवधि तक दी जावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में अगर क्रशर का संचालन, प्रशासन की मिलीभगत से चल रहे हैं, तो संलिप्त अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग बनाये जाने के संबंध में स्थापित क्रशर की जांच दिनांक 08.06.2021 को क्षेत्रीय प्रमुख प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुना एवं खनिज दल द्वारा किया गया। जांच में मौके पर क्रशर प्लांट लगा हुआ नहीं पाया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। स्टोन क्रशर ग्राम से 500 मीटर से अधिक दूरी पर पट्टा क्षेत्र में संचालित है। प्रदूषण से बीमार होने एवं मृत्यु होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा प्रस्तुत पत्रों पर जानकारी कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक 1973 दिनांक 22.06.2021 एवं पत्र क्रमांक 1972 दिनांक 22.06.2021 से प्रेषित की गई है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में 08 क्रशर प्लांट स्थापित है। प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में दी गई जानकारी अनुसार वैध रूप से क्रशर का संचालन किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय व आवासीय भूमियों की जानकारी
[राजस्व]
23. ( क्र. 1414 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत आने वाली तहसीलों में किन-किन ग्राम पंचायतों में शासकीय भूमि एवं आबादी भूमि है? तहसीलवार, ग्राम पंचायतवार, खाता खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या यह सही है कि शासकीय भूमि को आबादी भूमि किये जाने हेतु नियम है? नियम की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। गंधवानी विधानसभा शासकीय भूमियों को आबादी भूमियों में किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है, की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत आने वाली तहसीलों की ग्राम पंचायतों में शासकीय भूमि एवं आबादी भूमि की जानकारी निम्नानुसार हैं-
क्र. |
तहसील |
विकासखंड |
शासकीय भूमि वाले ग्राम |
आबादी भूमि वाले ग्राम |
1 |
गंधवानी |
गंधवानी |
150 |
110 |
2 |
धार |
तिरला |
115 |
55 |
3 |
कुक्षी |
बाग़ |
91 |
75 |
|
|
योग |
356 |
240 |
(ख) शासकीय भूमि को आबादी भूमि किये जाने हेतु नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। गंधवानी विधानसभा शासकीय भूमियों को आबादी भूमि घोषित किये जाने हेतु वर्तमान में कलेक्टर धार के समक्ष कोई प्रकरण प्रचलित नहीं हैं I
वन परिक्षेत्रों में कराये गये कार्य
[वन]
24. ( क्र. 1523 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र खातेगांव अंतर्गत किस-किस परियोजना में डबरी खुदाई, कन्टूर चेक डेम वर्ष 2019 से 2021 तक निर्माण किये गये? उक्त निर्माण कार्यों पर कितनी-कितनी राशि वर्षवार व्यय की गई? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में वर्ष 2019 से 2021 तक आर.डी.एफ. आई.डब्ल्यू.सी. एवं एस.सी.आई. के तहत कहां-कहां कूपों का निर्माण किया गया?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 पर है।
बाघों के संरक्षण एवं वंश वृद्धि पर व्यय राशि
[वन]
25. ( क्र. 1543 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने विगत एक वर्ष में बाघ, बाघिनों का संरक्षण सुरक्षा देखभाल वंश वृद्धि आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय की हैं? इनकी निगरानी व मानीटरिंग की क्या व्यवस्था हैं? (ख) प्रदेश में किन-किन नेशनल पार्कों, टाईगर रिजर्व में कितने-कितने बाघ-बाघिन है तथा कितने शावकों का जन्म हुआ है। कितने बाघ-बाघिनों शावकों की मृत्यु हुई है एवं कितने लापता है? इनमें से कितने बाघ-बाघिनों की मृत्यु आपसी संघर्ष, बीमारी दुर्घटना शिकारियों द्वारा जाल व कंरट फैला कर की गई है तथा अन्य किन कारणों से हुई है? कितने शावकों की मृत्यु हुई हैं। कितने बाघ-बाघिनों की मृत्यु रहस्य बनी हुई है? वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की स्थित में बतावें? (ग) बाघ-बाघिनों के शिकार के पंजीकृत कितने प्रकरणों में अपराधियों/शिकारियों को गिरफ्तार किया गया है? कितने मामलों में शिकार के साक्ष्य मिले हैं और कितनों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में कितने अपराधियों/शिकारियों को क्या सजा सुनाई गई है? शिकारियों के पास से कितनी कीमत की वन्य प्राणियों की खाल, नाखून, सींग, अन्य अंग आदि मिले हैं? (घ) शासन ने वन्य प्राणियों के अवैध शिकार के कितने मामलों में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बाघ एवं अन्य वन्यप्राणी के संरक्षण, सुरक्षा एवं देखभाल पर वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 1,27,24,96,812 व्यय की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) प्रदेश के टाइगर रिजर्वों एवं राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। बाघ शावकों के जन्म के संबंध में पृथक से कोई जानकारी संधारित नहीं की जाती है। जनवरी 2019 से फरवरी, 2022 तक मृत बाघों की जानकारी एवं मृत्यु का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ग) वर्ष 2019-20 से 2021-22 (फरवरी, 2022 तक) बाघ के अवैध शिकार के पंजीकृत प्रकरणों एवं उनमें लिप्त शिकारियों/अपराधियों की गिरफ्तारी एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। बाघों के शिकार में लिप्त आरोपियों से जप्त वन्यप्राणी अवशेष का मूल्य बताना संभव नहीं है क्योंकि वन्यप्राणी अवशेषों का विक्रय नहीं किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है।
गौण खनिज की रायल्टी चोरी
[खनिज साधन]
26. ( क्र. 1544 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज विभाग जबलपुर में स्वीकृत पद संरचना के तहत कौन-कौन से कितने-कितने पद भरे/रिक्त हैं तथा किन-किन पदों पर कब से कौन-कौन पदस्थ हैं? (ख) जिले में वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की स्थिति में गौण खनिज की स्वीकृत कितनी खदानें संचालित हैं बंद है और कितनी सरेण्डर की गई हैं? खदान क्षेत्र का नाम, ग्राम खदान संचालक का नाम, पता प.ह.न. ख.न. रकवा स्वीकृति दिनांक सहित सूची बतावें? (ग) किन-किन अधिकारियों ने कब-कब, किन-किन चाल बंद व सरेण्डर की गई खदान क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया हैं तथा किन-किन खदानों से कितनी-कितनी मात्रा में गौण खनिज का अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण व रायल्टी चोरी का प्रकरण पंजीकृत किया गया है? रायल्टी चोरी की कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की स्थिति में बतावें? (घ) प्रश्नांकित पंजीकृत किन-किन प्रकरणों में न्यायालय कलेक्टर जबलपुर में चालान कब प्रस्तुत किया गया? निर्णित किन-किन प्रकरणों में अर्थदण्ड की अधिरोपित कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई एवं कितनी राशि की वसूली नहीं की है एवं क्यों? क्या शासन इसमें अनियमितता बरतने भ्रष्टाचार व खदान संचालकों को अनुचित लाभ पहुंचाने की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) औचक निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है एवं जिन खदानों में वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की स्थिति रायल्टी चोरी की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' पर है। खदान संचालकों को अनुचित लाभ नहीं पहुंचाने से शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर तहसील के अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी
[राजस्व]
27. ( क्र. 1566 ) श्री संजय शुक्ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत इन्दौर तहसील में वर्ष 1994 एवं वर्ष 1995 पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कर्मचारी को वर्ष 1994 एवं 1995 में वेतन प्रदाय किया गया था? किस मद से वेतन दिया गया था? किस-किस माह का वेतन दिया गया था? अधिकारी/कर्मचारियों के नाम व पद सहित सूची उपलब्ध कराये? (ग) किस आदेश के तहत कर्मचारी नियुक्ति कर वेतन आहरण किया गया था? आदेश की प्रतियां उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला इन्दौर अंतर्गत तहसील इन्दौर में वर्ष 1994 एवं 1995 में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ वर्ष 1994 में 102 एवं वर्ष 1995 में 88 कर्मचारियों को वेतन प्रदान किया गया था। मद 2053 व 2029 से वेतन दिया गया था। माह जनवरी से दिसम्बर तक तत्कालीन कार्यरत रहे अधिकारी/कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया गया था। अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन निर्देशानुसार एवं कलेक्टर जिला इन्दौर के आदेशानुसार कर्मचारियों को नियुक्त कर वेतन आहरण किया गया था। कर्मचारियों के आदेशों की नस्ती अस्थाई होती है जिनकी विनिष्टिकरण की अवधि 03 वर्ष की होती है। प्रश्नाधीन वर्षों की नस्तियों को लगभग 28-29 वर्ष हो चुके हैं। आदेश की प्रतियां उपलब्ध नहीं होने से दिया जाना संभव नहीं है।
राजस्व विभाग का नाम परिवर्तन
[राजस्व]
28. ( क्र. 1572 ) श्री संजय शुक्ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में विभाग का नाम परिवर्तन करने के निर्देश संबंधित को दिये थे? हाँ या नहीं यदि हाँ तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समीक्षा बैठक में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा आयुक्त भू-अभिलेख व प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय का एकीकरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे? हाँ या नही? यदि हाँ तो क्या मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ तो प्रस्ताव में भू-अभिलेख शाखा में कार्यरत सहायक अधीक्षक एवं अधीक्षक भू-अभिलेख को नायब तहसीलदार एवं तहसीलदारों के पद पर मर्ज किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब तक मर्ज किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में राजस्व विभाग में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नति कब से नहीं हुई है? क्या इनकी पदोन्नति की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) माननीय उच्चतम न्यायालय में एस.एल.पी. नंबर 13954/2016 स्टेट ऑफ एम.पी. बनाम आर.बी.राय में यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश पारित किये गये है। उक्त निर्देशों के क्रम में वर्तमान में पदोन्नति नहीं की जा सकती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बसामन मामा पुरस्कार का प्रदाय
[वन]
29. ( क्र. 1631 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बसामन मामा राज्य स्तरीय वन्य संरक्षण पुरस्कार/पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार एवं विन्ध्य वन्य संरक्षण पुरस्कार/पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन प्रतिभागियों/संस्थाओं को प्रदान किया है? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त पुरस्कार में कितनी-कितनी राशि/उपहार प्रदाय किये जाने का प्रावधान है एवं अभी तक कितनी-कितनी राशि, किन-किन प्रतिभागियों/संस्थाओं को प्रदाय की जा चुकी है? जानकारी देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2019 से वर्तमान तक बसामन मामा पुरस्कार किसी प्रतिभागियों/संस्थाओं को नहीं दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में पुरस्कार वितरण किये जाने संबंधी प्रावधान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रतिभागियों/संस्थाओं को पुरस्कार की राशि प्रदान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रय-विक्रय भूमि पर वन विभाग द्वारा प्रतिबंध लगाना
[वन]
30. ( क्र. 1665 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत कृषक जिस भूमि के भू-स्वामी हैं वह राजस्व रिकार्ड में भूमि राजस्व में ही दर्ज है क्रय विक्रय किया जा सकता है यदि हाँ तो वन विभाग के अधिकारी प्रतिबंध क्यों लगाते हैं। (ख) क्या यह भी सत्य है कि वनविभाग कुआं बनाने एवं मकान बनाने नहीं देते हैं क्यों? (ग) क्या यह सत्य है कि 1965 में सिंहदेव कमेटी गठित की गई थी। यदि हाँ तो प्रतिवेदन उपलब्घ करायें? (घ) कृषक हित में कौन-कौन से निर्णय लिये गये हैं? प्रश्नांश (क) से उक्त समस्या से कृषकों को कब तक मुक्त करा दिया जावेगा।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 में अधिसूचित भूमि को आरक्षित वन बनाने के आशय की अधिसूचना जारी होने के उपरान्त वन अधिकारों के प्रोदभूत होने का वर्जन किया जाता है। (ख) वनभूमि में किसी प्रकार के गैर वानिकी उपयोग करने हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त ही कार्य किया जा सकता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
आर.टी.आई. 2005 के तहत् मांगी गई जानकारी
[वन]
31. ( क्र. 1684 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिला अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वनमण्डल उत्तर एवं दक्षिण में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत् किन-किन पत्रकारों एवं आमजनों द्वारा जानकारी मांगी गई है? आवेदनकर्ता के नाम की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने आवेदनों का निराकरण नियमानुसार निश्चित समयावधि में कर दिया गया और कितने आवेदनों की जानकारी देना शेष है? शेष रहे आवेदनों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने का क्या कारण है? लापरवाही के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया गया है एवं उसके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शेष रहे आवेदनों में कितने आवेदक प्रथम अपील एवं द्वितीय अपील में गये? इनमें से किन-किन आवेदनों का निराकरण प्रथम अपील व द्वितीय अपील में कर दिया गया और कितनों का निराकरण शेष है? आवेदनकर्ता के नाम सहित बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार निराकृत आवेदनों पर वनमण्डल उत्तर एवं दक्षिण द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत् जो अभिलेख आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराये गये है कि जानकारी पृथक-पृथक आवेदन व जानकारी की प्रमाणित सत्यापित प्रति सहित उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वनमंडल उत्तर एवं दक्षिण बैतूल में कुल 271 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से कुल 264 आवेदनों का निराकरण नियमानुसार निश्चित समयावधि में किया गया है। 07 आवेदनों में जानकारी दिया जाना शेष है जो 2022 के हैं जिनमें कार्यवाही प्रचलित है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शेष रहे आवेदन सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत दी गई समय-सीमा के भीतर के है। प्रथम अपील एवं द्वितीय अपील में जाने की जानकारी नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार निराकृत आवेदनों पर वनमंडल उत्तर एवं दक्षिण बैतूल द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त आवेदनों पर आवेदनकर्ताओं को अभिलेख उपलब्ध कराये गये है। सूचना का अधिकार अधिनियम अंतर्गत चाहे गए अभिलेख अलग-अलग विषय और नस्तियों से होने के कारण फोटो कॉपी कर आवेदकों को प्रदाय किए जाते है। प्रदाय अभिलेखों का अलग से संधारण नहीं होता है। प्राप्त आवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक एवं दो अनुसार है। आवेदन कर्ताओं को दिये गये अभिलेख काफी वृहद स्वरूप का है जो पृथक से संधारित न होने के कारण दिया जाना संभव नहीं है।
विसंगतिपूर्ण नामांतरण की जाँच
[राजस्व]
32. ( क्र. 1724 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील सिरमौर अंतर्गत बैकुण्ठपुर स्थित आराजी क्रमांक 622/17 जो कि राजेश प्रताप सिंह की पुश्तैनी भूमि थी उसके अंशभाग 1.50 एकड़ के रकवे को बिना किसी ठोस रजिस्टर्ड दस्तावेज के धीरेश सिंह के नाम नामांतरण कर दिया गया है? यदि हाँ तो किन दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण किया गया? उसका विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला कलेक्टर को प्रश्नकर्ता द्वारा दो बार पत्राचार करने के बाद भी उक्त संबंध में कोई कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या गलत तरीके से किये गए नामांतरण को निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी के राजस्व प्रकरण क्रमांक 14/अ-74/अपील 2017-18 आदेश दिनांक 09.05.2019 रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर प्रश्नांकित भूमि खसरा क्रमांक 622/17 को राजेश प्रताप सिंह के बजाय धीरेश सिंह के नाम अंकित किया गया है। रजिस्टर्ड विक्रय पत्र एवं आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) इस संबंध में प्राप्त शिकायती पत्र की जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' में अंकित प्रकरण के माध्यम से संबंधित राजस्व न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया गया है, जिसके परिवर्तन निरस्ती हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता में वर्णित प्रावधान के अनुसार ही कार्यवाही संभव है। न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार नामान्तरण की कार्यवाही की गई है। इस संबंध में एक प्रकरण उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से निराकरण हेतु निश्चित समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
वन औषधियों के संवर्धन हेतु आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति
[वन]
33. ( क्र. 1743 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा में पातालकोट में अति दुर्लभ जड़ी-बूटियां, वन औषधियां, हर्रा, बेहड़ा, ऑवला, काला जीरा एवं जामुन का विपुल (भरपूर) उत्पादन होता है? यदि हाँ तो महाकौशल क्षेत्र में आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने हेतु इसकी योजना स्वीकृत की है जबकि महाकौशल का जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र विश्व में जड़ी-बूटियों के लिये प्रसिद्ध है? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा में तामिया एवं नवेगांव में वन औषधियों की पर्याप्त उपलब्ध्ता है एवं रेवेन्यू की जमीन भी उपलब्ध है और प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में पत्राचार भी किया गया था। क्या जनजातियों के हित में वन औषधियों के संरक्षण हेतु एक आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्वीकृति पर विचार करेंगे? क्या हर्रा, बेहड़ा, ऑवला एवं अन्य लघुवनोपज के प्रसंस्करण की व्यवस्था करेंगे, जिससे जड़ी-बूटी बन सकें? (ग) छिन्दवाड़ा में पातालकोट वन औषधी प्रसंस्करण की स्थापना वर्ष 2006 से 2008 के बीच हुई है, जिसमें 3 करोड़ रूपये खर्च किये गये हैं, लेकिन वर्ष 2014 से यह केन्द्र बंद है। किसानों और आदिवासियों के हित में पुन: खोलने पर क्या माननीय मंत्री महोदय विचार करेंगे? यदि हाँ तो कब तक?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने के लिये वनोपज, विशेषकर औषधीय प्रजातियों के लिये संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता होती है, जिसके लिये महाकौशल क्षेत्र सहित सम्पूर्ण प्रदेश के लिये वनोपज की अन्तःस्थलीय एवं बाह्य स्थलीय योजनायें संचालित है। (ख) छिन्दवाड़ा वन वृत्त के अन्तर्गत वन औषधियों के संरक्षण हेतु वर्तमान में महाविद्यालय स्वीकृत नहीं है। लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु जिले में 04 वन धन केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। इसके साथ ही छिन्दवाड़ा जिले में औषधीय प्रसंस्करण केन्द्र भी स्थापित है। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में पातालकोट औषधीय प्रसंस्करण केन्द्र को संचालन हेतु आउटसोर्स पर दिये जाने की कार्यवाही विचाराधीन है। आउटसोर्स पर चलाने हेतु संचालक मिलने पर कार्यवाही हो सकेगी। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
वक्फ संपत्तियों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करना
[राजस्व]
34. ( क्र. 1758 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राजपत्र दिनांक 25 अगस्त 1989 में प्रकाशित वक्फ संपत्तियों में से कितनी संपत्तियां भोपाल जिले की संबंधित तहसीलों कार्यालयों में राजस्व रिकार्ड में वक्फ संपत्ति म.प्र. वक्फ बोर्ड के नाम से दर्ज है और कितनी दर्ज नहीं है? म.प्र.राजपत्र 1989 में प्रकाशित होने के बाद भी भोपाल जिले की जो वक्फ संपतियां राजस्व रिकार्ड खसरा एवं विभागीय पोर्टल पर दर्ज नहीं हो सकी है। वह कब तक वक्फ संपत्ति म.प्र. वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज हो जाएगी? (ख) भोपाल जिले के ऐसे कब्रिस्तान जो किसी कारण से म.प्र. राजपत्र दिनांक 25 अगस्त 1989 में प्रकाशित नहीं हो सके हैं परंतु म.प्र. वक्फ़ बोर्ड रिकार्ड में दर्ज हैं, क्या उन्हें राजस्व रिकार्ड, खसरों में दर्ज किया जा चुका है? यदि नहीं तो कब तक दर्ज किया जाएगा? (ग) क्या भोपाल जिले के कब्रिस्तानों पर हो रहे अतिक्रमणों को हटाने के लिए शासन द्वारा संबंधित कलेक्टर/एसडीएम/तहसीलदारों को समय-समय पर पत्र जारी किए जाते है? यदि हाँ तो कब-कब पत्र जारी किए गए? संबंधित पत्रों की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) राजस्व रिकार्ड में वक्फ़ संपत्तियों के सुधार हेतु अवर सचिव म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा म.प्र. के समस्त कलेक्टरों को लिखे पत्र क्रमांक 1097/1705/2019/सात/2 भोपाल दिनांक 30.8.2019 पर भोपाल जिले की किन-किन तहसीलों में जांच एवं सुधार किए गए? यदि नहीं किए गए तो कब तक जांच एवं सुधार कार्य पूर्ण करके राजस्व रिकार्ड में वक्फ़ संपत्ति म.प्र. वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वक्फ बोर्ड का राजपत्र 25 अगस्त 1989 भोपाल जिले के लिए न होने से जानकारी निरंक है। (ख) वक्फ बोर्ड से प्रश्नागत कब्रिस्तानों की सूची हिन्दी में अपेक्षित है। (ग) भोपाल जिले के कब्रिस्तानों पर हो रहे अतिक्रमणों को हटाने के लिए शासन द्वारा संबंधित कलेक्टर/एसडीएम/तहसीलदारों को समय-समय पर पत्र जारी किए जाते है। धार्मिक न्याय व धर्मस्व विभाग द्वारा दिनांक 01.01.1988 तथा दिनांक 06.12.1990 को कब्रिस्तानों से अतिक्रमण हटाने संबंधी पत्र की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राजस्व रिकार्ड में विधिनुसार कार्यवाही अवर सचिव, म.प्र.शासन राजस्व विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल द्वारा दिए निर्देशानुसार प्रचलित है।
वक्फ संपत्तियों के अभिलेख कम्प्यूटरीकृत होने के संबंध में
[राजस्व]
35. ( क्र. 1760 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 25 अगस्त, 1989 में प्रकाशित वक्फ संपत्तियों को राजस्व रिकार्ड के खसरों में दर्ज कराने हेतु कलेक्टर/एसडीएम/तहसीलदारों को निर्देशित करने संबंधित पत्र सी.ई.ओ. मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल को जिला एवं तहसील कमेटियों से प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो प्रतियां उपलब्ध कराएं एवं उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में पंजीकृत वक्फ संपत्तियों का उर्दू में दर्ज रिकार्ड हिन्दी भाषा में कम्प्यूटरीकृत हो गया है? यदि हाँ तो कितना रिकार्ड कम्प्यूटरीकृत हिन्दी भाषा में हो गया है? भोपाल संभाग के विदिशा एवं भोपाल जिले का तहसीलवार पंजीकृत कम्प्यूटीकृत हिन्दी रिकार्ड की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 25 अगस्त, 1989 में प्रकाशित वक्फ संपत्तियों को राजस्व रिकार्ड के खसरों में दर्ज कराने हेतु कलेक्टर/एसडीएम/ तहसीलदारों को निर्देशित करने संबंधित पत्र सी.ई.ओ. मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल को जिला एवं तहसील कमेटियों से प्राप्त हुए। प्राप्त पत्र एवं उन पत्रों पर कार्यालय द्वारा की गई कार्यवाही की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ म.प्र. वक्फ वोर्ड संपत्तियों का उर्दू रिकार्ड हिंदी भाषा में कम्प्यूटरीकृत हो गया है। जिसका पूर्ण अभिलेख वक्फ वोर्ड भोपाल में संधारित है।
पार्वती नदी पर निर्माणाधीन डेम
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 1766 ) श्री
रामचन्द्र
दांगी : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजगढ़
और गुना जिले
में पार्वती
नदी पर निर्माणाधीन
सुठालिया
सिंचाई
परियोजना और
भोपाल विदिशा
जिले के बीच
निर्माणाधीन
टेम सिंचाई
परियोजना
प्रभावित
किसानों ने
मुआवजे का
विशेष पैकेज
दिए जाने की
मांग की है? क्या
शासन
प्रभावित
किसानों को
राजगढ़ जिले में
निर्मित
मोहनपुरा डेम
की तरह विशेष
मुआवजा पैकेज
दिए जाने पर
विचार कर रहा
है? (ख) इस
दोनों
परियोजनाओं
से जिन
ग्रामों में
सिंचाई होगी
उन ग्रामों की
कुल कृषि जोत
रकबे में से
कितनी कृषि
भूमि पूर्व से
ही अन्य
साधनों
स्रोतों से
सिंचित है? ग्रामवार
जानकारी दी
जाए। (ग)
सुठालिया
और टेम
परियोजना के
संबंध में
पूर्व
मुख्यमंत्री
श्री
दिग्विजय
सिंह द्वारा दिनांक
25.11.2021, 17.12.2021 और 21.01.2022 में
दिए गए पत्रों
पर विभाग ने
अब तक क्या
कार्यवाही की
है? पत्र
अनुसार
जानकारी
देवें। क्या
डूब पीड़ित
किसान 23
जनवरी 2022
को
मुख्यमंत्री
से मिले थे? यदि
हाँ तो
मुख्यमंत्री
द्वारा इस
संबंध में क्या
निर्देश दिए
गए निर्देशित
पत्र एवं नोटशीट
की प्रति
उपलब्ध
करावें।
जल
संसाधन मंत्री
( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
राजस्व ग्राम को अभिलेखों में प्रदर्शित किया जाना
[राजस्व]
37. ( क्र. 1774 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर सतना के प्रकरण क्रमांक 9 अ-74/98-99 30.10.1999 द्वारा उप तहसील जैतवारा के ग्राम नयागांव में विभाजित कर रइया को राजस्व ग्राम घोषित किया गया था। रइया को राजस्व ग्राम के रूप में अभिलेखों में प्रदर्शित किया जाने लगा हैं अथवा नहीं? (ख) कम्प्यूटर की तकनीकी त्रुटि से रइया को राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज न हो पाने के कारण वर्तमान में पुन: उक्त ग्राम का नाम राजस्व ग्राम से हट गया हैं इसके लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) रइया को बंदोबस्त आदि भी करवाकर अब तक उक्त ग्राम को कम्प्यूटर/ऑनलाइन नेट में रइया को राजस्व ग्राम के रूप में पुन: प्रदर्शित किया जायेगा अथवा नहीं? (घ) सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा इस राजस्व ग्राम के खसरे व नक्शे अभी तक पृथक से जारी क्यों नहीं किये गये हैं, जारी किये जावेंगे अथवा नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रइया को राजस्व ग्राम के रूप में वर्तमान में अभिलेखों में प्रदर्शित नहीं हो रहा है। (ख) जी हाँ। कम्प्यूटरीकरण त्रुटि के कारण ग्राम रइया को राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज न हो पाने के कारण वर्तमान में पुन:, उक्त ग्राम का नाम राजस्व ग्राम से हट गया है। ग्राम रइया के अधिकार अभिलेख तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रकरण क्रमांक 9/अ-74/98-99 दिनांक 30-10-1999 आदेश के परिपालन में प्रारंभ की गई थी। जिसके तहत ग्राम रइया एवं नयागांव का खसरा हस्तलिखित तैयार किया गया था। जो वर्ष 2006 -07 से 2010-11 तक प्रचलन में था। वर्ष 2011-12 पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकरण खसरा लागू होने के पश्चात् एवं ग्राम रइया का खसरा कम्प्यूटर में फीड न होने के कारण पुन: ग्राम नयागांव के नाम से प्रचलित हो गया था। खसरे का कम्प्यूटरीकरण वर्ष 1995-96 से प्रारंभ किया गया था। वर्ष 1995-96 से खसरे फीड होने तक खसरा कम्प्यूटरीकरण का कार्य चालू रहा। पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकरण लागू होने के पश्चात् वर्ष 2011-12 से पुन: ग्राम रइया का अभिलेख ग्राम नयागांव में वर्ष 1995-96 की भांति प्रदर्शित होने लगा वर्तमान में वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में ग्राम रइया एवं ग्राम नयागांव का अधिकार अभिलेख अपडेट कराये जाने की कार्यवाही की जा रही। उक्त त्रुटि कम्प्यूटरीकरण कार्य के दौरान सृजित होकर उसके पीछे किसी तरह की गलत मंशा किसी भी अधिकार कर्मचारी की नहीं थी। (ग) वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में अपडेट होने के पश्चात् कम्प्यूटर/आनॅलाइन में राजस्व ग्राम रइया प्रदर्शित होने लगेगा। (घ) कम्प्यूटरीकरण त्रुटि के कारण ग्राम रइया के खसरे व नक्शें आनॅलाइन कम्प्यूटर में प्रदर्शित नहीं हो रहे। वेब जी.आई.एस. सॉफ्वेयर में अपडेट होने के पश्चात् कम्प्यूटर/आनॅलाइन में राजस्व ग्राम रइया प्रदर्शित होने लगेगा।
रियायती दर पर पेट्रोल पम्प हेतु भूमि का प्रदाय
[राजस्व]
38. ( क्र. 1777 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी क्षेत्रों में अनुसूचति जाति/जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिये आवंटित पेट्रोल पम्प के लिये भूमि आवंटन करने का क्या प्रावधान/शासन की नीति में है? (ख) आवंटित पेट्रोल पम्प हेतु भूमि की लीज रियायती दर पर देने के क्या प्रावधान हैं? (ग) शहरी क्षेत्रों में आवंटित पेट्रोल पम्प हेतु भूमि का अधिकार किसको है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी, नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य विभाग द्वारा शासकीय योजना के क्रियान्वयन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
39. ( क्र. 1783 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य विभाग द्वारा वर्ष 2017 से अब तक विधानसभा क्षेत्र जैतपुर अन्तर्गत कितने व्यक्तियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया है। योजनावार, हितग्राही का पूर्ण एवं प्रदाय राशि का विवरण सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना अन्तर्गत वर्ष 2017 से विधानसभा क्षेत्र जैतपुर अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र जैतपुर अंतर्गत 607 व्यक्तियों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। (ख) प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजनांतर्गत वर्ष 2017 से विधानसभा क्षेत्र जैतपुर अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार।
अवैध उत्खनन को बंद करना
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 1892 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर की तहसील चंदेरी के ग्राम कनावटा में फर्शी पत्थर का अनाधिकृत रूप से अवैध उत्खनन चल रहा है? क्या यह उत्खनन वन विभाग एवं प्रशासन की सहमति से चल रहा है? (ख) यदि वन विभाग एवं प्रशासन की सहमति से यह उत्खनन नहीं चल रहा है तो प्रशासन एवं वन विभाग इस पर मौन क्यों है? (ग) क्या इस प्रकार के अनाधिकृत अवैध उत्खनन को प्रशासन एवं वन विभाग बंद करावेगा? यदि हाँ तो कब तक बंद करा देगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र वन भूमि का क्षेत्र है। अवैध उत्खनन का प्रकरण जब भी प्रकाश में आता है, तब इस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। वन विभाग द्वारा वर्ष 2020 में 12, वर्ष 2021 में 10 तथा वर्ष 2022 में अभी तक 03 प्रकरण अवैध उत्खनन के दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर वन विभाग द्वारा अवैध उत्खनन पर सतत् रूप से निगरानी रखते हुए प्रकरणों का निराकरण किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दतिया तहसील में प्रकरण क्र. 01/अ-62/12-13 पर कार्यवाही
[राजस्व]
41. ( क्र. 1893 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रकरण क्रमांक 01/अ-62/12-13 भांडेर जिला दतिया तहसील न्यायालय की फाइल में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई यदि कार्यवाही हुई है तो क्या कार्यवाही हुई है और यदि नहीं तो क्यों? कार्यवाही विवरण प्रमाणित प्रति के द्वारा अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : प्रकरण क्रमांक 01/अ-62/12-13 तहसीलदार भाण्डेर के पत्र क्रमांक/क्यू/रीडर/2022 दिनांक 25-02-2022 द्वारा दिनांक 22-01-2013 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी भाण्डेर के न्यायालय में भेजा गया था। प्रकरण क्रमांक 01/अ-62/12-13 के संबंध में वर्ष 2012-13 की दायरा पंजी का अवलोकन किया गया जिसमें प्रकरण दर्ज होना पाया गया किन्तु प्रकरण के निराकरण के संबंध में कोई उल्लेख दायरा पंजी में नहीं है। उक्त प्रकरण के संबंध में तत्कालीन प्रवाचक श्री अशोक तिवारी को इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 163/री/2022 भाण्डेर दिनांक 28-02-2022 द्वारा पत्र जारी कर प्रकरण के संबंध में जानकारी प्रदान करने हेतु भेजा गया जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस बीच उक्त प्रकरण को पुनर्निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि उसमें अग्रिम कार्यवाही की जाकर, उसका विधिवत निराकरण हो सके। प्रश्न के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भांडेर विधानसभा क्षेत्र की संचालित पत्थर खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
42. ( क्र. 1894 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक भांडेर विधानसभा क्षेत्र में पत्थर उत्खनन की कितनी खदानें संचालित हैं? विवरण सहित अवगत करावें। (ख) क्या सभी खदानों पर नियमानुसार फैंसिंग की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या खदानों के आसपास गांव, स्कूल, आदिवासी डेरा, मंदिर अथवा तालाब है? यदि हाँ तो कितनी दूरी पर?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में पत्थर खनिज की कुल 35 उत्खनिपट्टा स्वीकृत है, जिसमें से 24 उत्खनिपट्टा वर्तमान में संचालित हैं। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) सभी खदानों में तार फेंसिंग की गई है। यदि निरीक्षण में तार फेंसिंग के रखरखाव में कोई अनियमितता पायी जाती है अथवा फेंसिंग क्षतिग्रस्त पायी जाती है तब पट्टेदार के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है। निरीक्षण में 15 पट्टेदार द्वारा खदान में तार फेंसिंग नहीं होना अथवा क्षतिग्रस्त होना पाया गया है, जिन्हें नियमानुसार कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 03.03.2022 को जारी किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में खनन हेतु प्रतिबंधित दूरी छोड़कर उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने के प्रावधान है। सभी खदानें नियमानुसार प्रतिबंधित दूरी पर स्थित है।
वृक्षारोपण पर व्यय राशि की जानकारी
[वन]
43. ( क्र. 1975 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा के आतारांकित प्रश्न क्रमांक 717 बैठक दिनांक 22/12/2021 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दी गयी जानकारी में किस मद से कौन से कार्य कराये गए है, यह स्पष्ट नहीं है? (ख) उक्त प्रश्न में खरीदी के संबंध में जारी निविदा, किए गए भुगतान, खरीदी गयी सामाग्री के बिल का ब्यौरा क्यों नहीं दिया गया है? विभाग अंकेक्षण रिपोर्ट के साथ आय-व्यय पत्रक उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के संबंध में क्रय संबंधी वित्तीय स्वीकृति की प्रतियाँ क्यों उपलब्ध नहीं करायी गयी है और न ही लगाए गए पोल एवं फेंसिंग तार की गुणवत्ता एवं सत्यापन की रिपोर्ट भी नहीं दी गयी है, इस कारण उत्तर अपूर्ण है। आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराये। (घ) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ङ) में उज्जैन ज़िले में कार्यों की जानकारी के साथ समय-सीमा और जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी नहीं दी गयी है? उक्त कार्यों को किन अधिकारियों को विभाजित किया गया है? कार्य को करवाने के लिए क्या जिम्मेदारियाँ दी गई है? ज़िम्मेदारी पूरी करने की समय-सीमा क्या है? इस संबंध में अलग-अलग दस्तावेजों के साथ जानकारी प्रदान करें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-717 में खरीदी के संबंध में जारी निविदा, किये गये भुगतान, खरीदी गयी सामग्री के बिल का ब्यौरा नहीं मांगा गया था। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। उज्जैन वनमंडल के अंतर्गत महालेखाकार, ग्वालियर द्वारा 2017 तक अंकेक्षण (ऑडिट) किया गया है, इसके पश्चात ऑडिट नहीं किया गया है। आवंटन-व्यय पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-717 के प्रश्नांश ''ग'' में क्रय संबंधी वित्तीय स्वीकृतियों के अधिकार की जानकारी चाही गई थी, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर उपलब्ध कराई गई थी। क्रय के संबंध में वित्तीय स्वीकृति के अधिकार वनमंडल के अंतर्गत वनमंडल अधिकारी एवं उप वनमंडल अधिकारी को प्रदाय किये गये हैं। प्रदत्त किये गये अधिकारों के संबंध में वित्तीय शक्ति पुस्तिका भाग-II की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-717 के प्रश्नांश ''घ'' के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा दी गई वित्तीय स्वीकृतियों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-717 के प्रश्नांश ''घ'' में लगाये गये पोल एवं फेंसिंग तार की गुणवत्ता एवं सत्यापन की रिपोर्ट नहीं चाही गई थी। विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-717 के उत्तरांश ''घ'' के संबंध में गुणवत्ता एवं सत्यापन की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है। कार्य समय-सीमा में गुणवत्ता सहित पूर्ण कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। वन विभाग में क्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कार्य कराये जाते हैं, पृथक से आदेश जारी नहीं किये जाते हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीकृत श्रमिक और श्रमिक परिवार को उपलब्ध सुविधाएं
[श्रम]
44. ( क्र. 1976 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग में तराना विधानसभा क्षेत्र के कितने श्रमिक और श्रमिक परिवार पंजीकृत किए गए हैं? पंजीकृत होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक श्रमिक और उसके परिवार को विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं का क्या लाभ दिया गया है? ग्रामवार ब्योरा देवें। (ख) वर्तमान में तराना विधानसभा क्षेत्र में श्रमिक और श्रमिक परिवारों के लिए श्रम विभाग ने कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है और पंजीकृत श्रमिकों को किन योजनाओं में कौन-कौन से लाभों को पहुंचाया जा रहा है? श्रमिक परिवारों की सूची देते हुए पहुंचाई जा रही सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) तराना विधानसभा क्षेत्र के श्रम विभाग के कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं? कार्यरत अधिकारियों को कौन सा कार्य विधानसभा क्षेत्र से संबन्धित सौंपे गए है? सौंपे गए कार्यों को पूरा करने के लिए विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा प्रतिवेदन प्रतिमाह किस अधिकारी को दिया जाता है? कार्यों की समीक्षा किस अधिकारी के द्वारा की जाती है? प्रतिवेदन की प्रति एवं समीक्षा का कार्य विवरण की प्रतियाँ देवें। (घ) श्रमिकों के हित में कौन-कौन से प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में कुल 2243 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। प्रश्न दिनांक तक श्रमिक और उसके परिवार को मंडल द्वारा संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं हेतु प्रदाय किए गए हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। तराना विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अन्तर्गत 88,401 श्रमिक पंजीकृत हैं। संबल योजना में श्रमिक परिवार पंजीयन नहीं किये जाते है। पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को निम्नानुसार योजनाओं का लाभ दिया जाता है :-
|
मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टि सहायता राशि रूपये 5000 (पॉच हजार) प्रदाय की जाती है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किए जाने हेतु 19 योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर पात्रतानुसार संचालित योजनाओं हेतु हितलाभ प्रदाय किए जाने की प्रक्रिया निरंतरित है। लाभांवित श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबंल) योजना के अंतर्गत तराना विधानसभा क्षेत्र में श्रमिक एवं श्रमिक परिवारों हेतु निम्नानुसार योजनाएं संचालित की जा रही है :-
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मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टि सहायता राशि रूपये 5000 (पांच हजार) प्रदाय की जाती है। श्रमिक परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा संगठित क्षेत्र के श्रमिकों हेतु चलायी जा रही श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है।
(ग) तराना विधानसभा क्षेत्र में श्रम विभाग का कोई कार्यालय नहीं है तथापि उज्जैन जिला मुख्यालय में स्थापित संभागीय श्रम कार्यालय में पदस्थ श्रम निरीक्षक द्वारा तराना विधानसभा से सम्बंधित कार्य किया जाता है उसका प्रतिवेदन जिला प्रशासन संभागीय श्रम कार्यालय श्रमायुक्त कार्यालय एवं राज्य शासन को एवं ऑनलाइन पोर्टल पर आवश्यकता एवं निर्देशानुसार प्रेषित की जाती है। सम्बंधित कार्यालय जिनको प्रतिवेदन प्रेषित किया जाता है उनके द्वारा समीक्षा की जाती है। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
45. ( क्र. 2033 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्राम पंचायतों में खाद्य विभाग द्वारा एवं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम खाद्यान्न वितरण हेतु उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है? विकासखण्डवार, पंचायतवार, दुकानवार एवं समूह के द्वारा संचालित की जा रही दुकानें समूहवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) गंधवानी विधानसभा अंतर्गत विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में किन-किन राशन कार्डधारियों की खाद्यान्न पर्ची बनी हुई एवं किन-किन राशन कार्डधारियों की खाद्यान्न पर्ची नहीं बनी हुई है? विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार जिन कार्डधारियों की पर्ची बनी हुई है उनकी सूची उपलब्ध करावें एवं जिन कार्डधारियों की पर्ची नहीं बनी है, उनकी भी सूची विकासखण्डवार एवं पंचायतवार उपलब्ध करावें तथा जिन कार्डधारियों की प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची नहीं बनी है? उसका क्या कारण है एवं इसका जिम्मेदार कौन अधिकारी/कर्मचारी है? जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर सरकार क्या कार्यवाही करेगी एवं यदि हाँ तो कब तक एवं यदि नहीं तो क्यों एवं शेष कार्डधारियों की खाद्यान्न पर्ची कब तक जारी कर दी जायेगी? (ग) क्या यह सही है कि गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में पी.एम.जी.के.वाय. योजना अंतर्गत नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ तो गंधवानी विधानसभा में उक्त योजना अंतर्गत कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? विकासखण्डवार आवंटन की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांकित (ग) अनुसार गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजना अंतर्गत योजना प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्डधारियों को कितना-कितना नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया है? विकासखण्डवार, दुकानवार माहवार एवं कार्डधारियों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत कार्यों की निविदा जारी किया जाना
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 2035 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है, कि धार जिले की गंधवानी विधानसभा में जल संसाधन विभाग द्वारा वर्तमान में निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ तो गंधवानी, बाग एवं तिरला विकासखण्ड में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत राशि के कब-कब स्वीकृत किये गये हैं? विकासखण्डवार, कार्यवार एवं राशिवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो स्वीकृत कार्यों की प्रश्न दिनांक तक निविदा जारी कर टेण्डर प्रक्रिया क्यों नहीं की गई है? कारण स्पष्ट करें एवं इसका जिम्मेदार कौन है तथा कब तक निविदा जारी कर टेण्डर प्रक्रिया कर दी जायेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में 06 सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत 06 सिंचाई परियोजनाओं में से 02 परियोजनाओं की निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। 02 परियोजनाओं की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। 01 परियोजना में भू-अर्जन की लागत में वृद्धि के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रकरण मुख्य अभियंता स्तर पर तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। 01 परियोजना का डूब क्षेत्र वन भूमि से प्रभावित है, वन प्रकरण प्रक्रियाधीन है। निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया विभागीय कार्यप्रणाली अनुसार प्रक्रियाधीन है अत: किसी भी अधिकारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन विभाग की जमीन पर खनन की जांच
[वन]
47. ( क्र. 2041 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मण्डल शिवपुरी की सतनवाडा रेंज की सबरेंज बम्हारी नीमघाटी व डोंगरी राजस्व विभाग से जो जमीन दी गई है, उसके खसरा क्रमांक क्या हैं व खदानों की अनुमति दी गई है वहां से राजस्व व वन विभाग की जमीन की दूरी कितनी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि जमीन वन विभाग के अधीन है, तो उस जमीन पर खदानों की लीज अनुमति किस अधिकारी के द्वारा दी गई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि वन विभाग की जमीन पर खदान व खनन हुआ है तो किस अधिकारी द्वारा जांच की गई हैं?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त जमीनों पर खदानों की अनुमति नहीं दी गई है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार राजस्व विभाग से वन विभाग को दी गई जमीन पर खदानों की लीज की अनुमति नहीं दी गई है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शीघ्र लेखकों के समयमान वेतन की स्वीकृति
[राजस्व]
48. ( क्र. 2124 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल के परिपत्र दिनांक 24/10/2019 में स्टेनो टाइपिस्ट से शीघ्र लेखक वर्ग 3 के पद पर नियुक्ति/पदोन्नति हेतु भर्ती नियमों में नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी किसे मनोनीत किया गया है? मनोनीत प्राधिकारी द्वारा कितने संभागों में स्टेनो टायपिस्टों की पदक्रम की सूची जारी की गयी है? यदि नहीं की है तो पदक्रम सूची कब तक प्रकाशित की जाएगी? (ख) स्टेनो टाइपिस्टों को शासन के आदेशानुसार शीघ्र लेखक वर्ग 03 के पद का प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय उच्चतर समयमान वेतमान प्रदेश के सभी जिलों में कब तक स्वीकृत किया जाएगा? क्या संबन्धित प्राधिकारी द्वारा समयमान स्वीकृति हेतु सी.आर. का मूल्यांकन पत्रक एवं कर्मचारियों की चरित्रावली में दोष परखने के लिए एकत्रित करवा ली गयी है? यदि हाँ, तो प्राधिकारी द्वारा उक्त जानकारियों का अनुमोदन कब तक किया जाएगा? (ग) क्या शासन मध्यप्रदेश की सभी जिलों में स्टेनों टायपिस्टों के हित में शीघ्र अतिशीघ्र कार्यवाही के लिए आदेश प्रसारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. राजस्व (तृतीय श्रेणी लिपिक वर्गीय) सेवा भर्ती नियम 2017 का मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 01/11/2019 द्वारा जारी संशोधन अनुसार स्टेनोटायपिस्ट का पद जिला संवर्ग का होने से उक्त पद पर नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी जिला कलेक्टर है तथा उक्त राजपत्र अनुसार स्टेनोटायपिस्ट से स्टेनोग्राफर वर्ग-3 के पद पर पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति के अध्यक्ष संभागायुक्त है। पदक्रम सूची जारी किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) शासनादेशों के परिप्रेक्ष्य में पात्र स्टेनोटायपिस्टों को नियमानुसार प्रथम/द्वितीय एवं तृतीय उच्चतर समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय का पत्र क्रमांक एफ-/स्था.-2/पी.आ.सी./201919/ 8408 दिनांक 30/12/2021 द्वारा जिला/संभाग स्तरीय पदों हेतु नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी द्वारा अपने स्तर से कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी में जानवरों की मृत्यु
[वन]
49. ( क्र. 2188 ) श्री विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला स्थित मुकुन्दपुर व्हाइट टाइगर सफारी में प्रश्न दिनांक तक कितने जानवर मौजूद हैं, मौजूद जानवरों में कितनों की मृत्यु हुई है? इसके क्या कारण थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक सभी मृत जानवरों की पोस्टमार्टम की प्रति उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एण्ड जू मुकुन्दपुर में प्रश्न दिनांक तक कुल 158 वन्यप्राणी मौजूद है। प्रश्न दिनांक तक कुल 28 वन्यप्राणियों की मृत्यु के कारण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) सभी मृत वन्यप्राणियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
टोला मजरों को ग्राम से जोड़ा जाना
[राजस्व]
50. ( क्र. 2207 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में टोला मजरा जिनकी जनसंख्या 400-500 से अधिक है ऐसे कई स्थान हैं इन्हें गांव का दर्जा कब तक मिल जायेगा? (ख) क्या गुना जिले में जनसंख्या के आधार पर पुन: सर्वे की सतत आवश्यकता है? (ग) क्या उक्त कार्य पंचायत चुनाव के पूर्व हो जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू राजस्व संहिता (भू सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के नियम 43 (3) में मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु मापदण्ड निर्धारित है। मजरा टोला की आबादी 200 से अधिक होने के साथ-साथ अन्य निर्धारित मापदण्डों को पूर्ण करने पर पृथक राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही की जाती है। यह सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) म.प्र. भू राजस्व संहित 1959 (संशोधन अधिनियम 2018 द्वारा यथा संशोधित) की धारा 61 अनुसार आवश्यकता होने पर धारा 64 के तहत किसी निर्धारित क्षेत्र में भू-सर्वेक्षण प्रारम्भ किया जाता है। इस संबंध में जिलों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर ग्रामीण सर्वे/नगरेत्तर सर्वे/नगरीय सर्वे/मजरा टोला से राजस्व ग्राम निर्माण हेतु सर्वे की कार्यवाई की जाती है। (ग) यह कार्य सतत् प्रक्रिया का है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
खरीदी केन्द्र एवं ओपन कैप का रख-रखाव
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 2215 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीदी केन्द्र एवं ओपन कैप के रख-रखाव एवं रोड निर्माण के लिए शासन स्तर से क्या मापदण्डी प्रावधान किये गये हैं? शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) मण्डला जिले में खरीदी केन्द्र एवं ओपन कैप के रख-रखाव एवं रोड निर्माण हेतु किसको कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया है? (ग) यदि राशि का आवंटन दिया गया है तो उसका उपयोग किन-किन कार्यों के लिए किया गया है? कार्ययोजना की प्रति उपलब्ध करावें एवं उक्त कार्यों का सत्यापन किस विभाग एवं इंजीनियर द्वारा सत्यापित कर कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया गया है। खरीदी केन्द्र एवं ओपन कैपवार जानकारी बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के भण्डारण हेतु निर्मित ओपन कैप के रख-रखाव एवं रोड निर्माण के मापदण्ड मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा निर्धारित किए गए है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। समर्थन मूल्य पर स्कंध के उपार्जन हेतु केन्द्रों का संचालन उपार्जन अवधि में किया जाता है। उपार्जन केन्द्र स्थापित करने के मापदण्ड उपार्जन नीति में प्रावधानित है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन करने वाले सहकारी समिति/स्व-सहायता समूह/एफपीओ/एफपीसी एवं गोदाम मालिक को उपार्जन हेतु कमीशन, प्रासंगिक व्यय एवं हेण्डलिंग व्यय का भुगतान भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर अनुसार किया जाता है। मण्डला जिले में ओपन केप का निर्माण मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन/उपार्जन एजेंसी द्वारा मनरेगा के माध्यम से किया गया है। ओपन कैप तक की सड़क निर्माण हेतु राशि का आवंटन कैप निर्माण लागत में सम्मिलित रहता है। कैप निर्माण की लागत रूपये 600 से 1000 प्रति मे.टन तक निर्माण स्थल की भूमि की दशा के अनुसार होती है। (ग) आवंटित राशि का उपयोग कैप निर्माण, WBM रोड, फैसिंग तथा कार्यालय भवन में किया जाता है। मण्डला जिले में सेमरखापा 10650, हीरापुर 16200 एवं नैनपुर 32500 मेट्रिक टन कैप का निर्माण कराया गया है। निर्माण कार्य का सत्यापन मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया जाता है। कार्यपूर्णता का प्रमाण पत्र सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा जारी किया जाता है।
तथ्यात्मक प्रतिवेदन की जानकारी
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 2237 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जल संसाधन संभाग राजगढ़ की कुशलपुरा योजना से संबंधित कार्यपालन यंत्री द्वारा की गई अनियमितताओं के संबंध में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से दो शिकायतें तथ्यात्मक प्रतिवेदन दिए जाने हेतु विभाग को प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विभाग के किस-किस कार्यालय में कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों के संबंध में तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रमाणों की प्रति सहित उपलब्ध कराएं? (ग) क्या यह सही है कि ई.ओ.डब्ल्यू. को विभाग द्वारा तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रेषित किए जाने में विलम्ब हुआ है? यदि हाँ तो तथ्यात्मक प्रतिवेदन कब तक ई.ओ.डब्ल्यू. भेजा जाएगा एवं विलम्ब के लिए कौन जिम्मेदार है एवं संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के विरूध्द कार्यवाही की जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में विभाग को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के पत्र क्रमांक अपराध/भोपाल/आर क्र. 1232/21/1232 ए, दिनांक 06.08.2021 एवं पत्र क्र. अपराध/भोपाल आवक क्रमांक 1232,1904 (21)/1904 ए, दिनांक 12.10.2021 द्वारा दो शिकायतें प्राप्त हुई है, जिन पर प्रमुख अभियंता से जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। जांच की कार्यवाही प्रचलित होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्वालियर में बस स्टैण्ड के दुकानदारों का पुनर्वास
[राजस्व]
53. ( क्र. 2245 ) श्री
पी.सी. शर्मा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राज्य
सरकार द्वारा
सरकारी बस स्टैण्ड
की भूमि की
लीज के बजाय
बिक्री कर रही
है? अगर
हाँ तो उस
भूमि पर जिनकी
दुकान है और
उनकी लीज की
अवधि कई साल
शेष है क्या
उनका
पुनर्वास
किया गया है? यदि
नहीं तो क्यों? क्या
दुकान
संचालकों के
पुनर्वास की
शासन द्वारा
नीति बनाई गई
है? यदि
नहीं तो क्यों? (ख) ग्वालियर
में बस स्टैण्ड
के
दुकानदारों
के पुनर्वास
की क्या
स्थिति है? क्या
ग्वालियर
में बस स्टैण्ड
के दुकान
संचालकों की
लीज निरस्त
करने के मामले
में भेदभाव
हुआ है? यदि
हाँ तो क्यों? (ग) ग्वालियर
बस स्टैण्ड
की चालीस
दुकानों पर
काबिज
रीजेंसी एस्वकायर
की लीज बरकरार
रखी गई है, लेकिन
छोटे
दुकानदारों
को हटाया जा
रहा है? क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) ग्वालियर
स्थित सड़क
परिवहन निगम
के सरकारी बस
स्टैण्ड की
पूर्व में
डिपो वाले स्थान
की रिक्त
भूमि की
बिक्री लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग द्वारा
की जाना प्रस्तावित
है। उस भूमि
पर एक केन्टीन
व पांच
दुकानें तथा
रिजेन्सी
स्कवेयर की
दुकानें
स्थित है।
जिनका
वर्तमान में
किराया सड़क
परिवहन निगम
द्वारा लिया
जाता है। संभागीय
प्रबंधन
म.प्र. सड़क
परिवहन निगम
ग्वालियर
द्वारा
जानकारी दी गई
है, कि बस
स्टैण्ड
सहित दुकानों
का विक्रय
नहीं किया जा
रहा है। ऐसी
स्थिति में
उनके
पुनर्वास का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) प्रश्नांश
''क'' के अनुसार
दुकानों को
रिक्त नहीं
कराया जा रहा
है। (ग) ग्वालियर
बस स्टेन्ड
की भूमि पर
स्थित
दुकानों के
दुकानदारों
को नहीं हटाया
जा रहा है।
लघु उद्योग निगम के माध्यम से सामग्री का उपार्जन
[जल संसाधन]
54. ( क्र. 2259 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से वस्तुओं की खरीदी की जाती हैं? यदि हाँ तो किन-किन वस्तुओं की खरीदी की जा सकती है? समस्त उपार्जित सामाग्री की सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि विभाग द्वारा म.प्र. लघु उद्योग निगम से सामाग्री की खरीदी की जाती है तो सामाग्री का उपार्जन नहीं करने संबंधी समस्त आदेश उपलब्ध करावें एवं खरीदी नहीं करने का स्पष्ट कारण बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) आवश्यकतानुसार जल संसाधन विभाग द्वारा शासन के निर्देशों के अनुरूप म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से वस्तुओं की खरीदी की जाने का प्रावधान है। खरीदी जाने वाली वस्तुओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। उपार्जित सामग्री की सूची निरंक है। सामग्री का उपार्जन एवं खरीदी नहीं करने के संबंध में ऐसा कोई आदेश नहीं होना प्रतिवेदित है।
डूब क्षेत्र के बाहर हुए मकानों का मुआवजा राशि प्रस्ताव
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 2274 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के कुण्डालियां परियोजना के डूब क्षेत्र के बाहर हुए सामगीघाटा के मकानों का मुआवजा राशि का प्रस्ताव मंत्री परिषद् की स्वीकृति हेतु तैयार कर प्रेषित करने हेतु विभाग द्वारा पत्र क्र. 3332278/VIP/मंत्री/62/कुण्डालियां परि./2018/लघु/31/14.01.2022 को माननीय मंत्री महोदय को प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ तो मंत्री परिषद् में कब तक प्रस्तुत कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें तथा यदि प्रस्तुत कर दिया गया है तो मंत्री परिषद् द्वारा लिये गये निर्णय से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं तो क्यों नहीं कारण स्पष्ट करें एवं भविष्य में कब तक मंत्री परिषद् को प्रस्तुत किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) राजगढ़ जिले के कुण्डालिया परियोजना के डूब क्षेत्र के बाहर हुए सामगीघाटा के मकानों का प्रकरण शासन स्तर पर प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तहसीलदार पचोर द्वारा की गई जनसुनवाई
[राजस्व]
56. ( क्र. 2275 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर कलेक्टर राजगढ़ द्वारा किन-किन प्रकरणों को 01 मार्च 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक पचोर तहसील को निराकरण हेतु प्रेषित किये गये है? अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भेजे गये प्रकरणों में 31 अक्टूबर 2021 तक किन-किन प्रकरणों में सुनवाई की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 31 अक्टूबर 2021 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें किसी भी प्रकार कार्यवाही नहीं की गयी है? (घ) क्या यह सही है कि तत्कालीन तहसीलदार पचोर द्वारा प्रकरणों के निराकरण में मनमानी की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अपर कलेक्टर न्यायालय से 01 मार्च 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक निम्नानुसार प्रकरण तहसीलदार पचोर को प्रेषित किए गए हैं। 1. प्र.क्र. 173/6/2020-21 पचोर गौरीशंकर विरूद्ध जगदीश 2. प्र.क्र. 47/बी119/2019.20 पचोर जगदीश मंगल विरूद्ध ओम प्रकाश 3. प्र.क्र. 2/ए13/2020 हालुहेडी महेन्द्र सिंह विरूद्ध रामनारायण 4. प्र.क्र. 8/ए13/2019.20 हालुहेडी गंगाप्रसाद विरूद्ध विक्रमसिंह 5. प्र.क्र. 4/ए70/2017.18 बरूखेड़ी रामसिंह पिता पप्पू 6. प्र.क्र.1/ए13/2021.22 सेमली धाकड महेश विरूद्ध फूलसिंह (ख) प्रश्नाश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 31 अक्टूबर 2021 तक प्राप्त समस्त प्रकरणों में न्यायालय तहसीलदार पचोर के द्वारा कार्यवाही की जाकर प्रकरण विचारण में है। (ग) समस्त प्रकरणों में तहसीलदार पचोर के द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता-1959 के प्रावधानो के अनुसार कार्यवाही विचारण में है। (घ) जी नहीं।
माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का कार्यान्वयन
[परिवहन]
57. ( क्र. 2292 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 321/2013 अवमानना प्रकरण क्रमांक-1008/2018 के आदेश के तहत् 01.01.1998 से वर्तमान तक मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों को मध्यप्रदेश शासन के समतुल्य महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेशित किया गया है, तो मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा किस गणना के आधार पर मध्यप्रदेश शासन के कर्मचारियों को भुगतान हेतु महंगाई भत्ता हेतु राशि चाही गई है, कितनी राशि चाही गई हैं? (ग) जिला गणना आधार पर राशि चाही गई है क्या गणना पत्रक शासन से अनुमोदित हैं? वर्तमान में निगम द्वारा किस गणना के आधार पर कर्मचारियों के भुगतान देयक तैयार किये जा रहे हैं? (घ) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवमानना प्रकरण में आज दिनांक तक कितनी बार आदेशित किये जाने के उपरांत भी दिनांक 12.10.2021 से शासन से राशि प्राप्त करने के उपरांत भी भुगतान नहीं किया गया है इस विलंब के लिये कौन जिम्मेदार हैं? जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई हैं? प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारियों को भुगतान किया गया हैं? (ड.) मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं उनकी भुगतान की राशि भी मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा शासन से ली गई हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 321/13 आदेश दिनांक 01.12.2016 पश्चात् अवमानना प्रकरण क्र. 1008/18 आदेश दिनांक 24.01.2020 के तहत निगम कर्मचारियों को वर्ष 01.01.1998 की स्थिति में लागू चतुर्थ वेतनमान पर मध्यप्रदेश शासन के शासकीय कर्मचारियों को समय-समय पर चतुर्थ वेतनमान में लागू महंगाई भत्ता दरों के समतुल्य भुगतान के आदेश दिये गये है। अवमानना प्रकरण क्रमांक 1008/18 निर्णय दिनांक 24.01.2020 के तहत वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 24.04.1998 के अनुक्रम में अंतर की राशि का भुगतान किये जाने के निर्देश दिये गये। परिपत्र में जारी निर्देशों के अनुरूप ही शासन में 01.01.1998 के पश्चात् समय-समय पर महंगाई भत्ता दरों के अनुरूप गणना की गई। गणना उपरान्त शासन से अंतर की राशि (EPF) सहित राशि रूपये 146.58 करोड़ की मांग की गई थी। जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में वित्त विभाग द्वारा राशि रूपये 48.86 करोड़ ऋण के रूप में स्वीकृत किये गये। (ग) मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग द्वारा प्राप्त अभिमत अनुसार विभाग में पदस्थ वित्त अधिकारी को गणना पत्रक तैयार कर भुगतान हेतु अधिकृत किया गया है। जिसमें सक्षम स्वीकृति उपरान्त वित्त अधिकारी से गणना पत्रक तैयार कराया जाकर जिला कोषालय (ट्रेजरी ) से परीक्षण उपरान्त अन्तर राशि का भुगतान किया जा रहा है। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 24.01.2020 को आदेश के पालन में निगम को ऋण राशि उपलब्ध कराने हेतु सतत रूप से कार्यवाही प्रचलित रही है एवं मंत्रि-परिषद आदेश से ऋण राशि स्वीकृत हुई है। अतएव किसी के जिम्मेदार होने या कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। दिनांक 14.10.2021 को स्वीकृति उपरान्त रेकनर हेतु स्पष्ट निर्देश प्राप्त होने के बाद भुगतान की कार्यवाही प्रारंभ की जा सकी। तदनुसार संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा से परीक्षण उपरान्त 272 कर्मचारियों को भुगतान किया जा चुका है एवं यह कार्यवाही सतत रूप से जारी है। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ।
बाजरा खरीदी के लिये किसानों का पंजीयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
58. ( क्र. 2334 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2021 खरीफ में बाजरा खरीदी के लिए किस-किस खरीद केन्द्र पर कितने-कितने किसानों ने बाजरा का पंजीयन कितनी मात्रा में कराया? केन्द्रवार, किसानों के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें तथा इन पंजीकृत किसानों में से किन-किन किसान का कितनी-कितनी मात्रा में किस-किस केन्द्र पर किस दिनांक को कितना बाजरा खरीदा गया? केन्द्रवार किसानों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या पंजीकृत किसानों के बाजरा की गुणवत्ता खराब बताकर सभी पंजीकृत किसानों का बाजरा नहीं खरीदा गया और 4-4 दिन तक खरीद केन्द्रों पर तुलाई नहीं की गई? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? (ग) मुरैना जिले में बाजरा का मुआयना करने भारत सरकार का जांच दल गया है यदि हाँ तो जांच दल ने क्या रिपोर्ट दी? जांच दल की रिपोर्ट सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर बाजरा उपार्जन हेतु पंजीकृत किसानों की संख्या की केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसान द्वारा बोए गए रकबे एवं तहसीलवार औसत उत्पादकता के आधार पर उपार्जन मात्रा का आंकलन किया जाता है। पंजीकृत समस्त किसानों की जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने के कारण उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसान एवं रकबे की जानकारी उपलब्ध है। जिले में असामयिक वर्षा के कारण बाजरा की गुणवत्ता प्रभावित हुई है तथा कृषकों द्वारा उपार्जन केन्द्रों पर लाया गया बाजरा भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफ.ए.क्यू. मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाया गया। बाजरा अमानक स्तर का होने से खरीदी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिले में कृषकों द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्र पर विक्रय हेतु लाए गए बाजरा की गुणवत्ता का परीक्षण केन्द्रीय भण्डारण गृह निगम तथा मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के तकनीकी अमले से कराया गया। परीक्षण में अल्प क्षतिग्रस्त दाने, बदरंग दाने एवं सिकुड़े दाने भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफ.ए.क्यू. मापदण्ड से अधिक होने से नान एफ.ए.क्यू. के बाजरे की खरीदी नहीं की जा सकी है। बाजरा के निर्धारित एफ.ए.क्यू. मापदण्ड में छूट हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। उल्लेखनीय है कि समर्थन मूल्य पर उपार्जित बाजरा को प्रदेश में ही लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को वितरण कराये जाने का प्रावधान है। अमानक स्तर के बाजरा का उपार्जन न करने के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार के जांच दल द्वारा मुरैना जिले में बाजरा के फसल का मुआयना किया गया है। भारत सरकार के जांच दल द्वारा रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रेषित न करने के कारण उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
अतिवृष्टि से हुई क्षति पर सहायता राशि
[राजस्व]
59. ( क्र. 2349 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह नवम्बर 2021 से फरवरी 2022 के मध्य विधानसभा क्षेत्र 03 सबलगढ़ में अतिवृष्टि से सरसों आदि फसलों में नुकसान हुआ हैं? (ख) यदि हाँ तो किन-किन गांवों में कितने-कितने प्रतिशत नुकसान हुआ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नुकसान के आधार पर कितनी-कितनी सहायता राशि कृषक समुदाय को प्रदाय की गई या दिया जाना शेष हैं? कब तक प्रदाय की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मत्स्य विभाग में संचालित समितियों का गठन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
60. ( क्र. 2407 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मत्स्य विभाग में कई वर्षों से विभाग में अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है? हाँ या नही? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ तो शासन/मत्स्य विभाग वर्षों से जमे अधिकारियों का स्थानान्तरण करेगा? हाँ या नही? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? क्या मत्स्य विभाग में संचालित समितियों में भी वर्षों से पदाधिकारी जमे हुये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ तो समितियों का भी पुन: नये सिरे से गठन किया जायेगा? क्या मछुवा कल्याण बोर्ड में भी अध्यक्ष कि नियुक्ति की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) स्थानांतरण नीति निर्देश अनुसार स्थानांतरण की कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समितियों के पुन: गठन का कार्य निरंतर प्रक्रिया है मछुआ कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष की नियुक्ति हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं।
देवास जिले में अवैध रेत खनन व रायल्टी की चोरी
[खनिज साधन]
61. ( क्र. 2409 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिला अन्तर्गत कहाँ-कहाँ पर रेत खनन के लिये खदानें आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन ठेकेदारों को कब तक के लिये किस दिनांक से पुल खनन हेतु अनुमति प्रदाय की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ठेकेदारों द्वारा कब से रेत खनन प्रारंभ किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी मात्रा में खनन किया गया? कितनी राशि रायल्टी के रूप में जमा की गई? ठेकेदारों द्वारा अनुबंध अनुसार कितनी-कितनी राशि कब-कब जमा कराई गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ठेकेदारों द्वारा कम राशि जमा कराई गई है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या कई जगह अवैध खनन की शिकायतें की गई? यदि हाँ तो अवैध खनन करने वालों पर कलेक्टर देवास द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) पुल खनन की अनुमति प्रदान करने के प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। ठेकेदार द्वारा किश्त की जमा की गई राशि एवं तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (घ) ठेकेदार द्वारा जनवरी 2022 तक की संपूर्ण किश्त की राशि जमा कर दी गई है तथा माह फरवरी 2022 में देय किश्त के विरूद्ध ठेकेदार द्वारा राशि रूपये 91.83 लाख कम जमा कराई गई है। जिसके लिये उसे नियमानुसार कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। जिले में अवैध रेत खनन की शिकायतें प्राप्त हुई जिन पर कार्यवाही करते हुये कुल 15 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर राशि रूपये 4,23,750/- अर्थदण्ड वसूल किया गया।
खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत प्रदेश में कोटा बढ़ाया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 2419 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल कितने प्रतिशत पात्रताधारी हितग्राही चयनित हैं? संख्या बतावें। (ख) क्या यह सही है कि उक्त योजनान्तर्गत अपात्रों के नामों को हटाकर उनसे वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है? यदि हां,तो प्रश्न दिनांक तक कुल कितने अपात्र चयनित व्यक्तियों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटाएं गए और कितनों के नाम जोड़े गए? (ग) क्या यह सही है कि सरकार ने नीतिगत निर्णय लेकर खाद्य सुरक्षा योजना को सभी वर्गों के पात्रधारियों के लिए लागू करते हुए वर्तमान सीमा को बढ़ाये जाने का नीतिगत निर्णय लिया है? यदि हां, तो उक्त निर्णय की पालन हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई,यदि नहीं तो क्या सीमा बढ़ाये जाने की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) मंदसौर विधान सभा में खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र होने के बावजूद सम्मिलित नहीं होने पर नाम जोड़ने के कितने प्रकरण किन-किन कारणों से, कितने-कितने समय से, किस-किस स्तर पर लंबित हैं? 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर विधान सभा में किस-किस प्रकरण को खाद्य सुरक्षा योजना में कब-कब जोड़ा गया एवं जोड़ा गया प्रकरण कब-कब जमा हुआ?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 11651851 परिवार 49705332 सदस्य लाभान्वित हो रहे है जो कि वर्ष 2011 की जनगणना का 68 प्रतिशत है। (ख) प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत पात्र श्रेणियों में सम्मिलित हितग्राहियों में से मृत/अस्तित्वहीन/बोगस कुल 1579766 परिवारों को पोर्टल से हटाया गया एवं 1654597 नवीन पात्र परिवारों को जोड़ा गया। वसूली के संदर्भ में कोई निर्देश जारी नहीं किये गये थे। (ग) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत प्रदेश में 5.46 करोड़ हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के अंतर्गत ही हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। (घ) मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं है। 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मन्दसौर विधानसभा क्षेत्र में 5202 परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत जोड़ा गया है। माहवार जोड़े गये परिवार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खाद्य अधिकारियों एवं कंट्रोल संचालक पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 2420 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कंट्रोल की दुकानों से एवं अन्य योजनाओं के तहत उज्जैन संभाग में पात्र हितग्राहियों को कितना, कौन-कौन सा राशन, किस कीमत पर वितरित, विक्रय किया गया, जिलेवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित वितरित, विक्रय किये गए राशन को प्राप्त करने के लिए क्या पात्रताएं निर्धारित की है? (ग) खाद्य विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों पर उक्त अवधि में की गई एवं प्रचलित विभागीय, जांच एजेंसी के द्वारा की गई या की जा रही कार्यवाही के प्रकरण का विवरण देवें तथा इनकी वर्तमान स्थिति/पदस्थापना भी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित जिन प्रकरणों में अंतिम निराकरण हो गया है उन अंतिम निराकरण आदेशों की प्रतियाँ भी देवें तथा इसी प्रकार राशन दुकान संचालकों पर की गई। प्रचलित कार्यवाही का विवरण भी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग के जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रतिमाह/सदस्य के मान से रू. 1 प्रति किलो की दर से खाद्यान्न (गेहूं, चावल एवं मोटा अनाज) का वितरण किया जाता है। माह अप्रैल, 2020 से नवम्बर, 2020 एवं माह मई, 2021 से फरवरी 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत पात्र परिवारों को 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रतिमाह/सदस्य नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया है। साथ ही, अन्त्योदय परिवारों को 1 किलोग्राम शक्कर रू. 20 प्रति किलो की दर से एवं पात्र परिवारों को 1 किलो नमक रू. 1 प्रति किलो की दर से वितरण किया गया है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 28 श्रेणी के परिवारों को पात्रता श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। इन परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा पोर्टल पर सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर राशन का वितरण किया जाता है। (ग) दिनांक 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में तत्कालीन जिला आपूर्ति अधिकारी श्री रमेशचन्द्र जांगड़े, श्री उमेश कुमार पाण्डे, सहायक आपूर्ति अधिकारी एवं सुश्री वन्दना वबेरिया, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच प्रचलित है। वर्तमान में श्री रमेश चन्द्र जांगड़े, जिला आपूर्ति अधिकारी, मन्दसौर, श्री उमेश कुमार पाण्डे, सहायक आपूर्ति अधिकारी, रतलाम एवं सुश्री वन्दना वबेरिया, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, उज्जैन के पद पर पदस्थ हैं। उज्जैन संभाग के शेष जिलों में किसी अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच प्रचलित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही विभागीय जांच अधिकारी, कलेक्टोरेट, रतलाम के समक्ष प्रचलन में है। अंतिम आदेश अभी जारी होना शेष है। रतलाम जिले में उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध प्रचलित प्रकरण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन भूमि में किये गये अतिक्रमण
[वन]
64. ( क्र. 2455 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व जिला-सीधी वर्तमान जिला-सिंगरौली में जंगल विभाग द्वारा वन भूमि में अतिक्रमण की सूची तैयार की गई थी? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) क्या 24.10.1980 को अतिक्रमण सूची शासन को भेजी गई थी? यदि हाँ तो अभी तक क्या कार्यवाही हुई और कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या 24.10.1980 की सूची में कुछ लोगों को पट्टा वितरण किया गया था? यदि हाँ तो वितरण किये गये पट्टों की सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्या म.प्र.शासन के आदेश क्र.F/16/21/92-7/2अ भोपाल 24 अप्रैल 1996 के आधार पर सर्वे कराकर अतिक्रमण सूची में लोगों को पट्टा वितरण का अधिकार दिया गया था? यदि हाँ तो किन-किन व्यक्तियों को प्रदाय किया गया? सूची उपलब्ध करावें। बाकी लोगों को पट्टा कब तक प्रदाय किया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। वनाधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। दावों का निराकरण पूर्ण होने के पश्चात ही कार्यवाही की जावेगी, जिसमें निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ग) दिनांक 24.10.1980 की सूची में कुछ लोगों को वन अधिकार पत्र दिया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्रमांक एफ/16/21/92-2/2 अ भोपाल, दिनांक 21 अप्रैल, 1994 एवं 15 जून, 1994 के आधार पर सर्वे कराकर अतिक्रमण सूची से पात्र अतिक्रामकों को वन अधिकार पत्र वितरण किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। एफ.आर.ए. (वन अधिकार अधिनियम), 2006 के आने के बाद वन अधिकार पत्र उसी अधिनियन के तहत दिये जा सकते है और 24.10.1980 की सूची अथवा 24.12.1996 के सर्वे के आधार पर वन अधिकार पत्र अब नहीं दिया जा सकता है।
सी.टी. मजिस्ट्रेट का पद स्वीकृत कराना
[राजस्व]
65. ( क्र. 2456 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा सिंगरौली में दो तहसील संचालित है तहसील सिंगरौली (शहर) एवं तहसील सिंगरौली (ग्रामीण) है तो उसी तरह उपखण्ड सिंगरौली संचालित है तो सी.टी. मजिस्ट्रेट का पद स्वीकृत कर उपखण्ड अधिकारी सिंगरौली (शहर) संचालित कराया जाना चाहिए यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : विधानसभा सिंगरौली में दो तहसील संचालित हैं - तहसील सिंगरौली (शहर) एवं तहसील सिंगरौली (ग्रामीण) जिनका अनुविभाग सिंगरौली होकर, वहां अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का पद स्वीकृत है। किसी जिले में नवीन प्रशासकीय इकाई के गठन की प्रक्रिया संबंधित जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर प्रारंभ होती है। वर्तमान में विभाग में तहसील सिंगरौली शहर के नया अनुविभाग बनाये जाने के संदर्भ में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शासन स्तर से सिटी मजिस्ट्रेट पद पर किसी रा.प्र.से. अधिकारी को पदस्थ नहीं किया जाता है तथा सा.प्र.वि. द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट रा.प्र.से. संवर्ग में पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान सम्मान निधि की पात्रता हेतु मापदण्ड
[राजस्व]
66. ( क्र. 2503 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री किसान निधि के लिए पात्रता हेतु क्या मापदण्ड हैं? क्या योजना के प्रारंभ में हितग्राही की संख्या ज्यादा थी किन्तु बाद में मापदण्डों में ऐसे क्या परिवर्तन किये गये कि हितग्राहियों की संख्या में कमी आयी तथा अनेकों किसानों की राशि वापस करने नोटिस जारी करने पड़े? बालाघाट जिले के उन किसानों की संख्या की जानकारी तहसील अनुसार दें जिन्हें नोटिस दिये थे? (ख) प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के प्रारंभ में प्रदेश में हितग्राही किसानों की संख्या कितनी थी तथा वर्तमान में संख्या कितनी है? मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में कुल कितनी राशि खर्च की गयी? बालाघाट जिले की जानकारी दें? (ग) प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत योजना प्रारंभ से खर्च की गयी राशि की जानकारी वित्तीय वर्ष अनुसार देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। पात्रता के मापदण्डों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया जिससे हितग्राहियों की संख्या में कमी आयी हो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के प्रारंभ अवधि दिसम्बर,2018 से मार्च,2019 में हितग्राही की संख्या 0.18 लाख थी दिनांक 09 मार्च,2022 की स्थिति में हितग्राही की संख्या 83.78 लाख है। जिला बालाघाट में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में कुल राशि 169.69 करोड़ का वितरण किया गया। (ग) पी.एम.किसान पोर्टल की रिपोर्ट दिनांक 09 मार्च, 2022 अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में वर्ष 2019-2020 में 3989.76 करोड़, वर्ष 2020-2021 में 4283.23 करोड़, वर्ष 2021-2022 5168.24 करोड़ राशि का वितरण किया गया।
निजी भूमि से मिट्टी, मुरम का खनन एवं भण्डारण
[खनिज साधन]
67. ( क्र. 2524 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी भूमि पर किये जाने वाले तालाब निर्माण, कुंआ निर्माण, अन्य निर्माण एवं भूमि के समतलीकरण से निकले मिट्टी, मुरम एवं पत्थर के खनन एवं निजी भूमि पर ही भण्डारण की अनुमति मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 और मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के किस धारा के तहत किस-किस से लिया जाना अनिवार्य किया गया है? (ख) निजी भूमि पर तालाब निर्माण, कुआं निर्माण, अन्य निर्माण एवं भूमि के समतलीकरण से निकले खनिज के वाणिज्यिक उपयोग किये जाने, उसका परिवहन किये जाने के लिये किस-किस से अनुमति लिया जाना किस धारा के अनुसार आवश्यक है? अनुमति के बदले किस दर से रॉयल्टी का भुगतान कब किया जाना आवश्यक है? (ग) बैतूल जिले में गत तीन वर्षों में निजी भूमि से तालाब निर्माण, समतलीकरण आदि से खनिज के खनन एवं भण्डारण की किस दिनांक को अनुमति किसे प्रदान की गई? इसमें से कितने खनिज के परिवहन की कितनी रॉयल्टी जमा करवाई जाकर किस दिनांक को अनुमति प्रदान की गई? पृथक-पृथक बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में खनन एवं भंडारण की अनुमति दिये जाने संबंधी प्राधिकारी के प्रावधान नहीं है। अपितु हटाये गये गौण खनिजों का वाणिज्यिक प्रयोजनों के उपयोग के लिये व्ययन की प्रक्रिया मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) (अ) एवं 68 (6) (ब) में प्रावधानित है। (ख) प्रश्नानुसार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) (अ) के तहत अनुमति हेतु प्राधिकारी उल्लेखित है। अनुमति के बदले रॉयल्टी का भुगतान उक्त नियम 29 अनुसूची-तीन गौण खनिज की रॉयल्टी की दरों के अनुसार अग्रिम किया जाना प्रावधानित है। (ग) बैतूल जिले में गत तीन वर्षों में निजी भूमि से तालाब निर्माण, समतलीकरण आदि से खनिज के खनन एवं भंडारण की अनुमति नहीं दी गई है तथा परिवहन की रॉयल्टी जमा के संबंध में जानकारी जिले से एकत्रित की जा रही है।
अधिनियम की धारा 1970 में किया गया संशोधन
[राजस्व]
68. ( क्र. 2525 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ग्रामों की दखल रहित भूमि के कृषिकरण का अधिनियम 1970 की किस धारा में किस-किस दिनांक को क्या-क्या संशोधन किया गया है, अधिनियम की धारा 5 में क्या-क्या प्रावधान किस दिनांक को जोड़े गए? (ख) धारा 5 के अनुसार भा.व.अ. 1927 की धारा 34 अ के तहत राजपत्र में वर्ष 1980 तक डीनोटीफाईड की गई भूमियों का वितरण किए जाने के संबंध में राज्य शासन ने क्या-क्या प्रक्रिया एवं मापदंड निर्धारित कर किस-किस दिनांक को मार्गदर्शन जारी किया? प्रति सहित बतावें। (ग) धारा 34 अ के तहत् 1980 तक राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई, भूमियों को धारा 5 के अनुसार वितरित किए जाने की कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रारंभ नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा हैं? (घ) धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई भूमियां राजस्व अभिलेख निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस मद एवं किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उल्लेखित संदर्भित अधिनियम अस्तित्व में नहीं हैl (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता l (घ) भा.व.अ.1927 की धारा 34 (अ) में राज्य शासन अधिसूचना द्वारा निर्धारित तिथि से ऐसे संरक्षित वन या उसके भाग को संरक्षित वन या उसके भाग संरक्षित नहीं रहेंगे, घोषित करती है किन्तु वे अधिकार (यदि कोई हो) जो समाप्त हो गए है, संरक्षित वन की समाप्ति पर पुनः जीवित नहीं होंगे, का प्रावधान है,ऐसी डीनोटीफाईड की गई भूमियां राजस्व विभाग को शासकीय भूमि के रूप में प्राप्त होती है l इन भूमियों को राजस्व अभिलेख निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधन अधिनियम 2018 की धारा क्रमशः 108, 114, 233, 234, 235, 236, 237 एवं म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम, 2020 व म.प्र. भू-राजस्व संहिता (दखल रहित भूमि, आबादी तथा वाजिव उल अर्ज नियम), 2020 में निहित प्रावधान अनुसार दर्ज करने की कार्यवाही की जाती हैl
मध्यप्रदेश केडर के अधिकारियों को दिये जा रहे भत्ते
[वन]
69. ( क्र. 2527 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश केडर के आई.ए.एस., आई.पी.एस. एवं आई.एफ.एस. अधिकारियों के वेतन, प्रतिनियुक्ति भत्ते एवं अन्य किस-किस भत्ते का निर्धारण कौन करता है? इन अधिकारियों को विभाग की अनुमति के बिना कौन-कौन से भत्ते प्राप्त करने का अधिकार है? (ख) म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल, म.प्र. बांस मिशन भोपाल, मध्यप्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड भोपाल, म.प्र. जैव विविधता बोर्ड भोपाल में पदस्थ आई.एफ.एस. अधिकारियों को किस दर से प्रति माह अर्दली भत्ता प्राप्त किए जाने की अनुमति राज्य सरकार या भारत सरकार ने किस आदेश दिनांक से प्रदान की है? प्रति सहित बतावें। (ग) आई.एफ.एस. अधिकारियों द्वारा अर्दली भत्ता प्राप्त किए जाने पर सामान्य प्रशासन विभाग ने किस दिनांक को क्या-क्या आपत्ति लगाई या किस दिनांक को अपनी अनुमति, सहमति प्रदान की है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. केडर के आई.ए.एस., आई.पी.एस. एवं आई.एफ.एस. अधिकारियों के वेतन एवं अन्य भत्तों का निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाता है परन्तु महंगाई भत्ते के संबंध में भारत सरकार के द्वारा आदेश जारी करने के उपरांत सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में लागू करने हेतु महंगाई भत्ते के आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पृथक से जारी किये जाते है। यदि भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय वन सेवा अधिकारी की पदस्थापना किसी ऐसे विभाग में होती है, जहां उस विभाग के अंतर्गत उक्त अधिकारी को किसी विशिष्ट भत्ते की पात्रता है तो ऐसे विभाग द्वारा उक्त भत्ते का संबंधित अधिकारी को भुगतान किया जा सकता है, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग एवं वन विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों को गृह विभाग की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार का भत्ता प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। (ख) म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल, म.प्र. राज्य जैव विविधता बोर्ड, म.प्र. ईको पर्यटन विकास बोर्ड, भोपाल में पदस्थ आई.एफ.एस. अधिकारियों को अर्दली भत्ता प्राप्त किये जाने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. राज्य बांस मिशन, भोपाल में पदस्थ आई.एफ.एस. अधिकारी को अर्दली भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के प्रस्ताव
[वन]
70. ( क्र. 2530 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पंजीकृत प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों ने गत पांच वर्षों में ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की राशि से कितनी लागत के किस स्थान पर किस कार्य का निर्णय/प्रस्ताव लिया? उसमें से कितनी लागत के किस कार्य पर कौन-कौन सी आपत्ति किस स्तर पर ली गई, पृथक-पृथक बतावें? (ख) प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के प्रस्ताव पर किन-किन कारणों से कौन-कौन सी आपत्तियां लिए जाने का अधिकारी पंजीकृत उपविधि की किस कंडिका में किस-किस को प्रदान किया जाकर क्या-क्या उल्लेख कंडिका में किया गया है? (ग) समितियों के प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल एवं संघ के पदेन महाप्रबंधक ने किन-किन प्रावधानों के अनुसार कौन-कौन सी आपत्तियां ली? उन आपत्तियों के निराकरण हेतु पदेन महाप्रबंधक एवं संघ ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? कब तक आपत्तियों का निराकरण किया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार आपत्तियां ली गयी है, जिसके संबंध में विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गौण खनिज पर पंचायती राज व्यवस्था को अधिकार
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 2532 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ग्राम स्वराज एवं पंचायती राज अधिनियम 1993, भू-राजस्व संहिता 1959, म.प्र. गौण खनिज नियम 1996, म.प्र. रेत नियम 2019 में किस-किस गौण खनिज की खदान के निर्धारण, खदान के आवंटन, खनिज के खनन, खनिज के भण्डारण एवं खनिज के परिवहन से संबंधित क्या-क्या अधिकार पंचायती राज व्यवस्था को प्रदान किए गए हैं? रॉयल्टी से संबंधित प्रदान अधिकारों की पृथक से जानकारी देवें। (ख) निजी भूमि के समतलीकरण, तालाब, कुआं एवं अन्य निर्माण से निकले खनिज के भण्डारण एवं खनिज का अपनी स्वयं की निजी भूमि पर उपयोग किए जाने की किस-किस प्रावधान के तहत किस-किस से अनुमति लिए जाने एवं किस दर से रॉयल्टी जमा किए जाने का वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 में दिया गया है? (ग) बैतूल जिले में गत तीन वर्षों में किस पंचायत क्षेत्र से निकली रेत की जमा रॉयल्टी में से कितनी रॉयल्टी किस ग्राम पंचायत को किस आदेश क्रमांक दिनांक से प्रदान की गई? इस संबंध में नियमों में क्या प्रावधान है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 में नवीन खदान घोषित किये जाने अथवा नवीन उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने के पूर्व ग्राम पंचायत/ग्राम सभा से अनुशंसा प्राप्त किये जाने का प्रावधान है। खदान के आवंटन, खनिज के खनन, भंडारण एवं खनिजों के परिवहन के संबंध में पंचायती राज संस्था को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में कोई अधिकार प्रदान नहीं किये गये हैं। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम56 में गौण खनिजों से प्राप्त रॉयल्टी की राशि को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को बजट के माध्यम से दिये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 21 (1) में रूपये 75/- प्रति घन मीटर संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय के लिये दिया जाना प्रावधानित है। (ख) प्रश्नाधीन नियमों में प्रश्नानुसार प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं, मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 21 (1) में रूपये 75/- प्रति घन मीटर संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय के लिये राज्य शासन को जमा किये जाने का प्रावधान है।
किसानों को राहत राशि का प्रदाय
[राजस्व]
72. ( क्र. 2535 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कितने किसानों को प्राकृतिक आपदा, अतिवर्षा, ओलावृष्टि, अफलन, मुआवजा व अन्य राहत राशि के रूप में कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के कृषकों को उपरोक्त में किसी भी प्रकार की राशि का भुगतान किया जाना शेष हैं? यदि हाँ तो क्यों तथा कब तक वंचित किसानों को लाभांवित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्राकृतिक आपदा, अतिवर्षा, ओलावृष्टि, अफलन ओलावृष्टि से फसल नष्ट होने के कारण सर्वे उपरांत 41,873 किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये प्रावधान अंतर्गत राशि रूपये 19,99,07,512/- प्रदाय की गई। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ओलावृष्टि से प्रभावित 64 किसानों का राशि रूपये 5,40,321/-का भुगतान किया जाना शेष है। किसानों के बैंक खाता क्रमांक प्राप्त कर भुगतान की कार्यवाही जारी है।
गैरखातें की दखल रहित राजस्व भूमि
[राजस्व]
73. ( क्र. 2550 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने गत दो वर्षों में गैरखातें की किस-किस मद में कितनी-कितनी दखल रहित भूमि प्रतिवेदित की है इसमें से कितनी-कितनी भूमि म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए आरक्षित है जिलेवार बतावें। (ख) गैरखातें की किस-किस मद में दर्ज भूमियों और धारा 237 (1) में आरक्षित किन-किन प्रयोजनों की भूमियों को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने, अन्तरित करने की राज्य में क्या प्रक्रिया वर्तमान में निर्धारित है यह भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में दिए गए प्रावधान के अनुसार किया जा रहा है। (ग) माननीय सर्वोच्च अदालत ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी 2011 को किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों के संबंध में क्या आदेश दिया है, सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में दिनांक 12 दिसम्बर 1996 को किन-किन मदों की जमीनों के संबंध में क्या आदेश दिया है पृथक-पृथक बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - अ अनुसार है। (ख) गैरखातें के विभिन्न मद में दर्ज भूमियों और धारा 237 (1) में आरक्षित प्रयोजनों की भूमियों का वन विभाग को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए भूमि आवंटन भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा से नहीं बल्कि म.प्र. शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के ज्ञाप क्रमांक एफ 6-101/2019/सात-3 भोपाल दिनांक 5/1/2021 के बिंदु क्रमांक 5 में प्रतिपूर्ति वनीकरण (वैकल्पिक वनीकरण) के लिए भारत सरकार के समय-समय पर जारी किये गए दिशा-निर्देशों के अनुक्रम वन विभाग को प्रभावित भूमि के बराबर भूमि दिए जाने की अनिवार्यता है l इस अनुक्रम में शासकीय राजस्व भूमि ऐसी भूमि के लिए सिंचित कृषि भूमि के बाज़ार मूल्य के 1.6 गुणा बराबर की राशि अपेक्षक निकाय से लेकर वन विभाग को प्रतिपूर्ति वनीकरण के लिए उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है l जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ब अनुसार है। (ग) माननीय सर्वोच्च अदालत की सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी 2011 एवं सिविल याचिका क्रमांक 202/95 दिनांक 12 दिसम्बर 1996 में किये गए आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - स अनुसार है l
धान खरीदी की राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
74. ( क्र. 2567 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत किन-किन केन्द्रों पर धान खरीदी का कार्य किया गया? (ख) किन-किन खरीदी केन्द्रों पर धान खरीदी उपरांत किसानों को उनकी राशि का भुगतान किसानों के खातों में समायोजित कर दिया गया है तथा किन-किन केन्द्रों पर राशि का भुगतान शेष है? (ग) यदि किसानों का धान खरीदी उपरांत भुगतान शेष तो कारण सहित जानकारी देवें तथा भुगतान में विलंब के लिए कौन जबावदार है? क्या विभाग जबावदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? (घ) किसानों का धान खरीदी का भुगतान कब तक किया जायेगा? समय-सीमा बताये।
खाद्य
मंत्री ( श्री
बिसाहूलाल
सिंह ) : (क) सागर जिले
में खरीफ
विपणन वर्ष 2021-22 में
समर्थन मूल्य
पर धान का
उपार्जन 27 केन्द्रों
पर किया गया
है। जिसकी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) सागर
जिले में खरीफ
विपणन वर्ष 2021-22 में
समर्थन मूल्य
पर उपार्जन
करने वाली 04 खरीदी
केन्द्रों
पर धान विक्रय
करने वाले
समस्त
कृषकों का
भुगतान उनके
बैंक खाते में
कर दिया गया
है। 23
समितियों पर
किसानों का
भुगतान आंशिक
रूप से शेष
है। जिसकी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट–ब
अनुसार है। (ग) खरीफ
विपणन वर्ष 2021-22 में
सागर जिले में
23
उपार्जन केन्द्रों
के कृषकों के
त्रुटिपूर्ण
बैंक खाता संशोधन, समिति
द्वारा नान
एफ.ए.क्यू. स्कंध
के
अपग्रेडेशन
की कार्यवाही
प्रचलित होने
तथा सेवा
सहकारी समिति
ढाना एवं सेवा
सहकारी समिति
बन्नादबमौरी
के प्रबंधक एवं
कम्प्यूटर
ऑपरेटर
द्वारा फर्जी
ऑनलाईन बिल
बनाए जाने के
कारण,
किसानों
का भुगतान
आंशिक रूप से
शेष है। सेवा सहकारी
समिति ढाना
एवं सेवा
सहकारी समिति
बन्नादबमौरी
के प्रबंधक
एवं कम्प्यूटर
ऑपरेटर के
विरूद्ध
प्रथम सूचना
रिपोर्ट दर्ज
कराई गई है। (घ) पोर्टल
पर किसानों के
त्रुटिपूर्ण
बैंक खाते
संशोधन एवं
नान एफ.ए.क्यू.
स्कंध के
अपग्रेडशन के
कारण किसानों
के लंबित भुगतान
की कार्यवाही
आगामी 15
दिवस में कर
दी जाएगी।
सेवा सहकारी
समिति ढाना
एवं सेवा
सहकारी समिति
बन्नादबमौरी
में धान के
फर्जी देयक
जारी होने के कारण
प्रकरण की
पूर्ण जांच
उपरांत ही
पात्र कृषकों
को भुगतान
किया जा सकेगा
जिसकी
समय-सीमा दी जाना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट
- "सत्तावन"
राशन वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
75. ( क्र. 2613 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा जबेरा अंतर्गत कुल कितनी शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानें किस ग्राम में किनके द्वारा संचालित की जाती है? सूची प्रदाय करें। संचालित राशन दुकानों को माह में कितने दिन खोले जाने का नियम है? क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब-कब। इन राशन दुकानों के खाद्यान्न वितरण का भौतिक सत्यापन कब-कब व किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (ख) क्या यह सही है कि वर्तमान में केन्द्र शासन व राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना दोनों योजनाओं से राशन प्रदाय किया जा रहा है यदि हाँ तो क्या ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राशन दुकानों में गरीब ग्रामवासियों को दोनों योजनाओं के स्थान पर एक योजना का राशन दिया जा रहा है यदि हाँ तो क्यों? क्या शिकायत मिलने पर इसकी जांच सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है। यदि हाँ तो किस अधिकारी से कब-कब जांच कराई गई तथा जांच पश्चात किन-किन राशन दुकानों पर क्या कार्यवाही की गई? जांच की छायाप्रति उपलब्ध कराएं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 130 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। दुकान संचालनकर्ता एवं दुकान स्थापित गांवों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों को माह में शासकीय अवकाश को छोड़कर प्रतिदिन खोलने का वर्तमान में प्रावधान है। जी हाँ। नियमित निर्धारित दिनों प्रत्येक माह की 07 तारीख को अन्नोत्सव भी मनाया जाता है जिसके लिए नोडल अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन एवं वितरण स्वयं के बॉयोमेट्रिक से पी.ओ.एस. मशीन चालू कर किया जाता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। वितरण की शिकायत प्राप्त होने पर जांच सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है। प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई जांच एवं अनुवर्ती कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
पट्टा आवंटन हेतु प्राप्त आवेदन
[राजस्व]
76. ( क्र. 2625 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल 189 में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने आवेदन पट्टा आवंटन हेतु प्राप्त हुए हैं? उनकी जानकारी ग्राम पंचायतवार/नगर पंचायतवार, हितग्राहीवार सूची वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन स्वीकृत किए गए, कितने अस्वीकृत किए गए, कितने लंबित हैं? ग्राम पंचायतवार/नगर पंचायतवार, हितग्राहीवार वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) में लंबित आवेदनों पर कब तक कार्यवाही हो जायेगी? विलम्ब के लिए कौन उत्तरदायी है? उस अधिकारी का नाम देवें। (घ) पट्टा आवंटन के संबंध में शासन स्तर से जो नीति/नियम/निर्देश जारी किए गये हैं उनकी प्रतियां देवें। प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत पट्टों में से कितने पट्टे नियम विरूद्ध जारी किये गये हैं? उनके नाम बतावें। क्या विभाग इस संबंध में एक विशेष जांच दल का गठन कर फर्जी पट्टाधारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्र.189 पानसेमल अंतर्गत वर्ष 2018 में कृषि भूमि के पट्टा आवंटन का कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। उक्त अवधि में आवासीय भू-खण्ड आवंटन के लिए प्राप्त आवेदन की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में शासन के नियमों के अनुरूप धारणाधिकार योजना तथा मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के अन्तर्गत लम्बित आवेदनों में जांच प्रचलित है, शीघ्र निराकरण किया जावेगा। (घ) शासन स्तर से जारी नीति/नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्वीकृत पट्टों में कोई भी पट्टा नियम विरूद्ध जारी नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है।
प्रमुख सचिव राजस्व के निर्देशों का उल्लंघन
[राजस्व]
77. ( क्र. 2641 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल का पत्र क्रमांक 24/1408/ 2018/सात/शा-7 भोपाल, दिनांक 05 जनवरी 2019 एवं पत्र क्रमांक एफ-2/5/2019/सात/शा-7/37 भोपाल, दिनांक 16 जनवरी 2020 में प्रमुख सचिव राजस्व के निर्देशों का पालन करना समस्त अधीनस्थ न्यायालयों के लिए बाध्यकारी हैं एवं उसी निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किया जाना बंधनकारी हैं? (ख) धारा 165- (6ड.ड.) का उल्लंघन के कुल कितने प्रकरण मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में हुए संशोधन दिनांक 25.09.2018 के पश्चात् दर्ज किए गए हैं? प्रत्येक प्रकरण का उपखंडवार जिलेवार, पुनर्विलोकन आदेश, दर्ज प्रकरण संख्या सहित देवें। दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरण यथावत् रखे गये एवं कितने अपास्त किए गए? संख्या सहित पारित आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में आदेश पारित करने वाले अधिकारियों के नाम बतावें एवं उनके विरूद्ध कौन-कौन से प्रकरणों में जांच चल रही हैं? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण देवें। (घ) धारा 165- (6ड.ड.) का उल्लंघन के मामलों में कुल कितनी शिकायतें दिसंबर 2021 से प्रश्न दिनांक तक प्रमुख सचिव राजस्व, संभागायुक्त इन्दौर, कलेक्टर समस्त इन्दौर संभाग को प्राप्त हुई हैं? प्रत्येक शिकायत की प्रति देवें एवं शिकायतवार जांच प्रतिवेदन देवें। (ड.) प्रश्नांश (ख) में यथावत रखे गये आदेशों में शिकायत प्राप्त होने पर विभाग के द्वारा क्या पुन: जांच के आदेश जारी किए जाएंगे या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में राजस्व न्यायालयों को म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 तथा विधि के निर्देशों का पालन करना समस्तर अधीनस्थ न्यायालयों के लिए बाध्यकारी है। (ख) बड़वानी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' पर है। पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' पर है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ग) बड़वानी जिले के लिए आदेश पारित करने वाले अधिकारी श्री अभयसिंह ओहरिया तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्वश) राजपुर है। (घ) संभागायुक्त इंदौर एवं कलेक्टर समस्त इंदौर संभाग को दर्शित अवधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं। अत: शेष प्रश्नांश के जवाब की आवश्यकता नहीं है। (ड.) शिकायत प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
ट्रांसपोर्ट मेपिंग का स्तर
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 2663 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में गेहूँ, चना, धान उपार्जन 2020-21 में ट्रांसपोर्ट मेपिंग का स्तर क्या है? बिन्दुवार कहां से कहां ट्रांसपोर्ट हुआ है? पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या ट्रांसपोर्टरों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ट्रांसपोर्ट की मेपिंग कराई गई है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? (ग) क्या जानबूझकर नजदीक के गोदाम को छोड़कर अधिक दूरी के गोदाम में अनाज का भण्डार कराया गया है? क्या जानबूझकर रैक प्वाइंट से दूर अनाज का भंडारण कराया गया है? (घ) 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में अनाज भंडारण, रख रखाव, प्रबंधन तथा प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्यमों से शिकयतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2020-21 में जिला नरसिंहपुर में गेहूं, चना, धान उपार्जन में ट्रांसपोर्ट मेपिंग मध्यप्रदेश स्टेट वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए रिक्त गोदाम की क्षमता एवं खरीदी केन्द्र से न्यूनतम दूरी के गोदाम की प्राथमिकता के आधार पर मेपिंग जिला स्तरीय उपार्जन समिति की अनुशंसा उपरांत की जाकर उपार्जित स्कन्ध का परिवहन कार्य कराया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला उपार्जन समिति द्वारा तात्कालिक आवश्यकता एवं स्थानीय व्यवस्था के आधार पर उपार्जित स्कन्ध के भण्डारण का कार्य कराया गया है। जान-बूझकर रैक प्वाइंट से दूर के गोदामों में अनाज भंडारण कराने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) माह जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में अनाज के भंडारण, रखरखाव, प्रबंधन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
79. ( क्र. 2664 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कहां-कहां, किन-किन कंपनियों के पेट्रोल पंप, डीजल टेंक तथा गैस एजेंसी संचालित हैं? उनके द्वारा उपभोक्ताओं को क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? (ख) फरवरी 22 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर पेट्रोल पंप, डीजल टेंक तथा गैस एजेंसी स्वीकृत है परन्तु उनका कार्य अपूर्ण तथा आप्रारंभ है, कारण बतायें। (ग) 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नांश (क) एवं (ख) का कंपनी एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया तथा सुधार हेतु क्या-क्या निर्देश दिये? (घ) रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर पेट्रोल पंप, डीजल टेंक तथा गैस एजेंसी प्रारंभ करवाने के संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.एम. हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतें
[राजस्व]
80. ( क्र. 2685 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण प्रदेश के कई किसानों ने सी.एम. हेल्पलाईन में दबंगों द्वारा अवैध कब्जा किए जाने, नामांतरण नहीं होने, अधिक बिजली बिल आना, योजना के चलते सब्सिडी नहीं मिलना, स्कूलों में फीस से छूट नहीं मिलने, वनोपज काटने की अनुमति, बंटवारा और सीमांकन नहीं होना आदि प्रकार की शिकायतें हुई है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस जिले में कुल कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कौन-कौन सी शिकायतें ऐसी हैं जो निराकृत नहीं होने के कारण कब-कब से लंबित है? वर्षवार जिलेवार बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नागरिकों के अपनी दैनिक जीवन से संबंधित समस्याओं के निवारण हेतु CM हेल्पलाईन में दूरभाष पर अपनी समस्या दर्ज कर सहायता प्राप्त करने की व्यवस्था लागू है। जिसके अंतर्गत कुछ नागरिकों द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन में दबंगों द्वारा अवैध कब्जा किए जाने, नामांतरण नहीं होने, अधिक बिजली बिल आना, योजना के चलते सब्सिडी नहीं मिलना, स्कूलों में फीस से छूट नहीं मिलने, वनोपज काटने की अनुमति, बंटवारा और सीमांकन नहीं होना आदि प्रकार की शिकायतें जैसी शिकायतें की गई है। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिलेवार प्राप्त/लंबित शिकयतों की जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कटनी जिले में स्वीकृत मार्बल खदानें
[खनिज साधन]
81. ( क्र. 2694 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत मार्बल की कितनी खदानें स्वीकृत हैं? पट्टाधारी का नाम, पता, स्वीकृत रकबा, ग्राम, खसरा नम्बर कब से कब तक के लिए स्वीकृत हैं? सम्पूर्ण विवरण दें। जिन पट्टाधारियों की अवधि समाप्त हो गई है उनके द्वारा नवीनीकरण आवेदन कब लगाए तथा स्वीकृत हुए या नहीं? विवरण दें। (ख) प्रश्नांश 'क' की खदानों में से अनुपयोगी मार्बल (ओव्हर बर्डन) हटाने की अनुमति किन शर्तों में दी गई है? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। अनुमति दिये जाने हेतु गौण खनिज नियम 1996 संशोधन दिनांक 22.01.2021 को गौण खनिज हटाने के संबंध में जो प्रावधान किए गए हैं सम्पूर्ण राजपत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश 'ख' की खदानों की अवधि समाप्त होने के पश्चात् अनुपयोगी मार्बल, खनिज एवं अन्य सामग्री उठाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित है? प्रावधान की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित खदानों से जिनको ओव्हर बर्डन उठाने की अनुमति दी गई है. उन पट्टाधिकारियों के विरूद्ध कितनी राशि कब से बकाया है? पृथक-पृथक विवरण दें। क्या बकाया रहते ओव्हर बर्डन उठाने की अनुमति प्रदान की जा सकती है? यदि हाँ तो प्रावधान की प्रति दें। यदि नहीं तो ओव्हर बर्डन उठाने की अनुमति देने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन कब क्या कार्यवाही करेगा बताए? यदि नहीं तो कारण बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। ओव्हर बर्डन हटाने की अनुमति मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 (6) के तहत प्रदान की गई है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में दिनांक 22 जनवरी 2021 को किया गया संशोधन अधिसूचित है। (ग) जी नहीं। प्रश्नानुसार कोई प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। कोई राशि बकाया नहीं है। बकाया रखते ओव्हर बर्डन हटाने की अनुमति प्रदान करनें के संबंध में नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
राइस मिलों के जमा चावल के लाट रिजेक्ट किये जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 2695 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत जुलाई 2021 से जनवरी 2022 तक की अवधि में केन्द्रीय दल/भारतीय खाद्य निगम एवं निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा जिन-जिन राइस मिलरों के चावल के लाट फेल किए गए हैं, उनका विवरण राइस मिलवार देते हुए अस्वीकृत पत्रकों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राइस मीलों के कितने लाट ऑनलाईन बी.आर.एल. किए गए कितने ऑफलाईन पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) की राइस मिलरों के जो चावल के लाट अमानक किए गए हैं, उनका उठाव वेयर हाउस से किस दिनांक को किस वाहन क्रमांक से किया गया था? पुन: चावल को अपग्रेड कर किस दिनांक को, किस वाहन क्रमांक से, किस वेयर हाउस में जमा किया गया? विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) की राइस मिलरों के प्रश्नांश (क) की अवधि में ऑनलाईन चावल के लाट रिजेक्ट किए गए हैं, उन राइस मिलरों पर कितनी पेनाल्टी, ब्याज, किस आदेश से कितनी अधिरोपित की गई? पृथक-पृथक विवरण दें। तीन लाट फेल होने पर किन-किन राइस मीलों को ब्लैकलिस्ट किया है? (ड.) कटनी जिले में वर्ष 2021-22 में सीधे समितियों से डिलेवर आर्डर से राइस मिलों को जो धान उठाने के आदेश दिये थे वह धान समितियों से उठाने के बाद राइस मिल नहीं पहुंची जिसकी जांच फरवरी 2022 में दल गठित कर कराई गई थी, उक्त जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुए प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के साधन
[जल संसाधन]
83. ( क्र. 2711 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खेतों में सिंचाई के लिए क्या-क्या संसाधन और सुविधायें उपलब्ध हैं, भूजल का स्तर क्या है, क्षेत्र की लगभग कितनी कृषि भूमि सिंचित है और कितनी भूमि असिंचित हैं? सिंचित भूमियों में किन-किन साधनों से सिंचाई की जा रही है? (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई साधनों में बढ़ोत्तरी के लिए विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में कोई कार्य किये गये? यदि हाँ, तो किये गये कार्यों का विवरण दीजिये। यदि नहीं तो क्यों और क्या क्षेत्र हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों, जबकि क्षेत्र में सिंचाई साधनों का अभाव है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) क्षेत्र हेतु बुंदेलखंड पैकेज अंतर्गत विभाग द्वारा कोई कार्य कराये गये? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत से कब-कब एवं कहाँ-कहाँ कराये गये? (घ) विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश (क) क्षेत्र में भूजल संरक्षण के कौन-कौन से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी लागत से कब-कब कराये गये? वर्तमान में किये गये कार्यों और निर्मित संरचनाओं की स्थिति और उपयोगिता से अवगत कराइएं। (ड.) पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं में कमी और आवश्यकता को दृष्टिगत कर विभाग/शासन स्तर से विशेष पैकेज दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खेतों में सिंचाई के लिए जल संसाधन विभाग की 01 मध्यम तथा 64 लघु कुल 65 सिंचाई परियोजनाएं निर्मित हैं। इन 65 सिंचाई परियोजनाओं से कुल 26,279 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। भू-जल का स्तर 9.41 मीटर है। कलेक्टर पन्ना के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी अनुसार पवई विधानसभा क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि का कुल रकबा 95,212 हेक्टेयर है। जिसके विरूद्ध 42,025 हेक्टेयर भूमि सिंचित एवं 50,187 हेक्टेयर भूमि असिंचित होना प्रतिवेदित है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई में बढ़ोत्तरी के लिए विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में 08 बैराज के माध्यम से 2649 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हेतु परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 03 वर्षों में भू-जल संरक्षण का कोई भी कार्य नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) पवई विधानसभा क्षेत्र हेतु विशेष पैकेज दिए जाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिवनी जिले में खनिज विभाग द्वारा आवंटित खनि पट्टा
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 2736 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत खनिज विभाग से वर्ष 2018 में पांच ग्रेनाइट लीज में वर्षा गंगा मेटल एण्ड मिनरल्स प्रा.लि. को (पी.एल.) स्वीकृत किया गया था? इनकी समयावधि की गणना, स्वीकृत दिनांक से की गई है या भू-प्रवेश के दिनांक से? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आज दिनांक की स्थिति में उक्त पांचों ग्रेनाइट लीज, पूर्व में आवंटित वर्षा गंगा मेटल एंड मिनरल्स प्रा.लि. के पास है या किसी अन्य को आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ तो क्या यह खनिज नीति के तहत हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में ग्राम भरवेली, खसरा नंबर 246 (246/1), रकबा 5 हेक्टेयर, स्वीकृति दिनांक 18.05.2018, ग्राम गोरखपुर खसरा नंबर 3, 4, 133/1, रकबा 3.55 हेक्टेयर, तहसील बरघाट स्वीकृति दिनांक 26.02.2018, ग्राम गुदमा, तहसील बरघाट, खसरा नंबर 777/1 रकबा 7.55 हेक्टेयर स्वीकृति दिनांक 05.06.2018, ग्राम भरवेली खसरा नंबर 246 (246/1) तहसील केवलारी एवं ग्राम भरवेली खसरा नं. 246 (246/1) रकबा 7.30 हेक्टेयर, तहसील केवलारी, उपरोक्त सभी पी.एल. (लीज) वर्षा गंगा मेटल एण्ड मिनरल प्रा.लि. को आवंटित हुई थी वर्ष 2018 में एवं भू-प्रवेश 2019 में दिया गया था? इनकी समयावधि गणना क्या स्वीकृत दिनांक से की गई है या भू-प्रवेश दिनांक से की गई है? अवगत कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। समयावधि की गणना स्वीकृति दिनांक से की गई है। (ख) प्रश्नाधीन पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति की समयावधि समाप्त हो चुकी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। संलग्न परिशिष्ट में अन्य कंपनियों को आवंटित पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति की जानकारी दर्शायी है। कलेक्टर कार्यालय द्वारा पूर्व में आवंटित पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति की यह खनिज नीति विषय न होकर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 का विषय है। अवधि समाप्ति उपरांत अन्य व्यक्ति के पक्ष में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्वीकृति की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को मुआवजा राशि दिया जाना
[राजस्व]
85. ( क्र. 2755 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नर्मदापुरम में खरीफ वर्ष 2019-20 में बाढ़ से फसल क्षति के संबंध में कितने किसानों को मुआवजा राशि दी गयी है? उन किसानों के नाम पते सहित जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या बाढ़ से जो फसल क्षति हुई है उसमें कई किसानों को मुआवजा राशि दे दी गई है परन्तु कई किसान मुआवजा राशि से वंचित हो गये हैं? छूटे गये किसानों की सूची विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या छूटे हुये किसानों को भी मुआवजा राशि दी जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला नर्मदापुरम में खरीफ वर्ष 2019-20 में बाढ़ से फसल क्षति हेतु 56250 कृषकों को आर.बी.सी 6-4 के तहत राहत राशि का भुगतान किया जा चुका है। किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला नर्मदापुरम में खरीफ वर्ष 2019-20 में बाढ़ से फसल क्षति के संबंध में पात्र सभी किसानों को राहत राशि का भुगतान किया गया है कोई भी किसान राहत राशि से वंचित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
रेत खदानों से प्राप्त आय
[खनिज साधन]
86. ( क्र. 2794 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले में 2021-22 में कुल कितनी रेत खदानों को चिन्हित कर रेत विक्रय हेतु टेंडर किया गया? (ख) टेंडर की कुल राशि क्या है? क्या ठेकेदार द्वारा संपूर्ण राशि जमा कर दी गई है? (ग) ठेकेदार के द्वारा रेत खदान संचालित करने की समय-सीमा क्या थी? (घ) वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, में नर्मदापुरम जिले में रेत खदानों से कितनी आय हुई है एवं वर्ष 2022 -23 की क्या योजना है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) नर्मदापुरम जिले में रेत खदानों से वर्षवार आय निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
रेत खदानों से आय (रूपये) |
1 |
2018-19 |
27,83,29,077/- |
2 |
2019-20 |
27,89,38,309/- |
3 |
2020-21 |
65,50,00,000/- |
4 |
2021-22 |
81,47,71,693/- |
माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 28431/2021 में स्थगन एवं अन्य याचिकाओं में नर्मदापुरम जिले की खदानों का प्रकरण विचाराधीन है। उक्त प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्णय उपरांत वर्ष 2022-23 की योजना तैयार की जाकर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
तवा नहर कमांड क्षेत्र में नहर सीमेंटीकरण योजना
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 2795 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तवा नहर कमांड क्षेत्र में नहर सीमेंटीकरण की योजना कब स्वीकृत की गई एवं उसकी कितनी राशि स्वीकृत है? (ख) आज दिनांक तक सीमेंटीकरण निर्माण की क्या स्थिति है कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है? (ग) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत कितनी नहरों का सीमेंटीकरण होना शेष है? (घ) पूर्ण गुणवत्ता के साथ सीमेंटीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तवा नहर कमाण्ड़ क्षेत्र में ई.आर.एम. मद अंतर्गत शासन द्वारा वर्ष 2013 में प्रथम चरण हेतु राशि रू.89.91 करोड़ की एवं वर्ष 2016 में द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण के लिए रू.858.01 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) प्रश्न दिनांक तक 97 प्रतिशत कार्य पूर्ण होना तथा शेष कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। (ग) विधानसभा सिवनी मालवा अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार किसी भी नहर का सीमेंटीकरण होना शेष नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) मुख्य अभियंता नर्मदापुरम के अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार कार्य मार्च 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
प्रदेश में वनों की स्थिति
[वन]
88. ( क्र. 2799 ) श्री मनोज चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने-कितने किलोमीटर (1) अति सघन वन (2) सामान्य सघन वन हैं? वर्ष 2015-16 से 2021 की जानकारी देवें तथा बतायें कि प्रति वर्ष में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई? (ख) भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून द्वारा किए गए सर्वे अनुसार प्रदेश में वन्य प्राणियों की संख्या की जानकारी देवें तथा बतावें कि पिछले 4 वर्ष पहले के सर्वे से कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (ग) रतलाम अनुमंडल कि वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक आय व्यय का मद अनुसार ब्योरा देवें तथा बतावें कि इस अवधि में वर्षवार किस-किस प्रकार का कितना-कितना उत्पादन हुआ तथा मात्रा में प्रतिवर्ष कमी या वृद्धि कितनी हुई तथा आलोच्य वर्ष में कितने पेड़ कहां-कहां लगाए गए तथा प्रति व्यक्ति औसत कितना खर्च आया? (घ) रतलाम वन मंडल में पेड़ों के रख-रखाव पर वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक कितना खर्च हुआ? प्रति पेड़ औसत खर्च क्या है? (ड.) रतलाम मंडल में भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता के कितने-कितने प्रकरण किस-किस अधिकारी/कर्मचारी पर लंबित हैं? उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 अनुसार प्रदेश में 6,664 वर्ग कि.मी. अति सघन वन एवं 34,209 वर्ग कि.मी. सामान्य सघन वन है। प्रश्नांश अवधि में सघन वन, सामान्य सघन वन, रिक्त वन में क्रमश: 0.088%, 0.033% व 0.31% की औसत वार्षिक वृद्धि हुई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून द्वारा किए गए सर्वे अनुसार प्रदेश में वन्य प्राणियों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) रतलाम वनमण्डल का वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021-22 तक आय-व्यय का मद अनुसार ब्यौरा एवं वनमण्डल में तेंदूपत्ता उत्पादन तथा लगाए गए पौधों की संख्या तथा प्रति पौधा औसत व्यय आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3, 4 एवं 5 अनुसार है। (घ) वनमण्डल रतलाम अन्तर्गत पेड़ों के रखरखाव पर वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक खर्च एवं प्रति पेड़ औसत खर्च की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ड.) रतलाम वनमण्डल में भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है।
प्रोसेस सर्वेयरों को कलेक्टर स्थापना में भृत्य के पद पर नियुक्ति
[राजस्व]
89. ( क्र. 2800 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग नीमच-मन्दोसौर जिले अंतर्गत प्रोसेस सर्वेयर के कुल कितने पद है व उनमें कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्त है? विगत कितने वर्षों से वे कार्यरत है वर्षवार नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) ऐसे कितने प्रोसेस सर्वेयर है, जिन्हें शासन के परिपत्र क्र. एफ 6.99/2019/सात/4,दिनांक 21/05/2019 के अनुक्रम में नियुक्ति प्रदान की थी उनकी नामजद व पदस्थापना सूचीवार उपलब्ध करवाई जावें। (ग) क्या पूर्व में प्रोसेस सर्वेयर की नियुक्ति हेतु शासन द्वारा आदेश प्रदान किया गया था। ऐसे कितने प्रोसेस सर्वेयर नियुक्ति से शेष है या प्रक्रिया में है। किस कारण से आज दिनांक तक नियुक्तियॉ नहीं कि गई है इसका जिम्मेदार कौन है? बचे हुए प्रोसेस सर्वेयर को नियुक्ति देने की शासन की क्या योजना है एवं कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर एवं नीमच जिलों में प्रोसेस सर्वर के वर्तमान में कोई पद स्वीकृत नहीं है। शेष जानकारी निरंक है। (ख) शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 6-99/2019/सात/4, दिनांक 21.05.2019 के अनुसार नियुक्ति प्रदान करने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन के परिपत्र दिनांक 21.05.2019 अनुसार पात्र प्रोसेस सर्वरों को प्राथमिकता देते हुए भृत्य पद पर नियुक्त करने के निर्देश दिए गए थे। नीमच जिले में 04 प्रोसेस सर्वर भृत्य पद पर नियुक्ति हेतु शेष हैं। शेष रिक्त पदों को भरने को निर्णय अभी नहीं लिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
किसानों को प्रदाय की गई आर्थिक सहायता
[राजस्व]
90. ( क्र. 2834 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में किसानों को आर्थिक सहायता (मुआवजा) का लाभ दिया गया है? यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में किस-किस योजना में कितना बजट प्रावधान किया गया? कितना बजट आवंटित किया गया और कितना व्यय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आर्थिक सहायता में कितना राज्यांश और कितना केन्द्रांश था? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में प्रदेश के कितने किसानों को कितनी आर्थिक सहायता वितरित की गई? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में प्रदेश के कितने किसानों को आर्थिक सहायता वितरित नहीं की गई? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में कब तक किसानों को आर्थिक सहायता वितरित करने का लक्ष्य है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में केन्द्रांश 75 प्रतिशत एवं राज्यांश 25 प्रतिशत था। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसान सम्मान निधि की राशि का वितरण
[राजस्व]
91. ( क्र. 2847 ) श्री
मेवाराम जाटव
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भिण्ड
जिले में
प्रधानमंत्री
किसान कल्याण
योजना के
अंतर्गत
किसान सम्मान
निधि स्वीकृति
हेतु कब-कब
सर्वे कराया
गया? वर्षवार
बताएं। (ख) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में गोहद, लहार, मिहोना
एवं रौन तहसील
के कितने
किसानों को उपरोक्त
योजना में
किसान सम्मान
निधि प्रदान
की जा रही है? (ग) क्या
गोहद एवं लहार
तहसील के
अंतर्गत
किसान सम्मान
निधि में
पात्र
किसानों को
पटवारियों द्वारा
सर्वे सूची
में शामिल न
कर
प्रधानमंत्री
किसान सम्मान
निधि की राशि
से वंचित किया
गया है? यदि
हाँ तो क्या
इसकी जांच
कराकर जिम्मेदार
पटवारियों के
विरूद्ध
कार्यवाही की
जाएगी एवं
सर्वे हेतु
नवीन समिति
गठित कर पुन:
सर्वे कराया
जाएगा? यदि
नहीं तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड
जिले में
प्रधानमंत्री
किसान कल्याण
योजना के
अंतर्गत
किसान सम्मान
निधि स्वीकृति
हेतु वर्ष 2019, 2020, 2021, 2022 में
सर्वे कराया
गया। (ख) पी.एम.
किसान पोर्टल
की सूची के
आधार पर तहसील
गोहद के 35329, तहसील लहार
के 19901, तहसील
मिहोना के 10336 तथा
तहसील रौन के 9071
कृषकों को
किसान सम्मान
निधि प्रदान
की जा रही है। (ग)
जी नहीं।
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
संबल योजना की जानकारी
[श्रम]
92. ( क्र. 2855 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिला एवं इन्दौर जिला अन्तर्गत संबल योजना में नगर पंचायत, नगर पालिका, जनपद पंचायत द्वारा कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन दिया गया? पिछले 3 वर्ष की जानकारी उपलब्ध करायें। नाम, विधानसभा, हितग्राही का नाम निवास आदि सभी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने पात्र हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि कब-कब दी गई? संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या कई अपात्रों को पात्र किया गया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ तो किन-किन के खाते में राशि डाली गई? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) शासन द्वारा संबल योजना में क्या-क्या सुविधायें हितग्राहियों को दी जाती है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत श्रम विभाग द्वारा निम्न योजनाऍ संचालित है:- 1.अन्त्येष्टि सहायता- 5000/- रूपये 2.अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) - 02.00 लाख रुपये 3.अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) - 04.00 लाख रूपये 4.अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता) - 02.00 लाख रुपये 5.अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता) - 01.00 लाख रुपये।
प्रदेश में उचित मूल्य दुकान से राशन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 2864 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने उपभोक्ताओं को वर्तमान में पैसे से राशन दिया जा रहा है कृपया संख्या बताएं? (ख) कितने उपभोक्ताओं को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है कृपया संख्या बताएं साथ ही बरघाट विधानसभा की सूची प्रदान करें। (ग) बरघाट विधानसभा के अंतर्गत कितनी सेवा सहकारी समितियां हैं? प्रत्येक सेवा सहकारी समिति अंतर्गत कितने उपभोक्ताओं को राशन उपलब्ध किया जा रहा है? (घ) बरघाट विधानसभा के अंतर्गत कोरोना कॉल में कितने उपभोक्ताओं को मुफ्त में राशन दिया गया प्रत्येक समितिवार संख्या बताएं। कृपया यह भी बताएं कि वर्तमान में भी राशन दिया जा रहा है या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 4,97,05,332 पात्र हितग्राहियों को रू. 1.00 प्रति किलोग्राम के मान से खाद्यान्न, नमक एवं 57,17,351 अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों को शक्कर का वितरण कराया जा रहा है। (ख) प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 4,97,05,332 पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण माह मार्च, 2022 तक किया जाएगा। सिवनी जिले में 2,52,949 परिवारों को एवं जिले के बरघाट विधानसभा क्षेत्र में राशन प्राप्त करने वाले परिवारों की दुकानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) बरघाट विधानसभा क्षेत्र में 18 सहकारी समितियां है। सेवा सहकारी समितियों द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों से संलग्न 40,135 परिवारों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। समितिवार संलग्न परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। कोविड-19 कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत माह अप्रैल 2020, से नवम्बर 2020 एवं माह मई 2021 से फरवरी 2022 तक नि:शुल्क राशन का वितरण किया गया है। योजनांतर्गत माह मार्च, 2022 तक नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। समितिवार संचालित उचित मूल्य दुकानों से संलग्न परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के तय रेट
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
94. ( क्र. 2877 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड (MPSCSC) भोपाल द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु जो रेट तय किये गये हैं, उनमें MPSCSC को 80 प्रतिशत चावल देने पर कस्टम मिलिंग का रेट 50 रू. प्रति क्विंटल 40 प्रतिशत चावल देने पर 200 रू. प्रति क्विंटल तथा 100 प्रतिशत चावल FCI को देने पर 250 रू. प्रति क्विंटल कस्टम मिलिंग के रेट तय किये हैं, यदि हाँ तो बालाघाट तथा बालाघाट से लगे महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ के किन-किन मिलर्स ने MPSCSC को 80 प्रतिशत कितने मिलर्स ने 40 प्रतिशत तथा कितने मिलर्स ने 100 प्रतिशतFCI को चावल देने के एग्रीमेंट मार्कफेड से किये हैं, कृपया मिलर्स के नाम तथा कस्टम मिलिंग के लिए दी गयी धान की मात्रा सहित विस्तृत जानकारी देवें? (ख) समानमापदण्ड के चावल हेतु MPSCSC तथा FCI को दिये जाने वाले चावल की मिलिंग के रेट में इतना अंतर का कारण स्पष्ट करें? क्या यह सही है कि मिलर्स द्वारा MPSCSCको घटिया तथा पुराना चावल दिया जाता है इसलिए कम रेट होने के बावजूद मिलर्स अपना चावल MPSCSC को देना चाहते है? (ग) क्या यह सही है कि जिला विपणन अधिकारी बालाघाट द्वारा अपनी पसंद के गोडाउन में ज्यादा धान अथवा चावल भेजने के लिए क्रास मोमेंट किया? क्या विभाग इसकी जांच करवाकर नियमानुसार कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए MPSCSC को मिलिंग उपरांत 80 प्रतिशत चावल देने की स्थिति में रू. 100 प्रति क्विंटल, 40 प्रतिशत चावल देने पर रू. 200 प्रति क्विंटल तथा भारतीय खाद्य निगम को 100 प्रतिशत चावल देने पर रू. 250 प्रति क्विंटल कस्टम मिलिंग की दर निर्धारित की गई है। बालाघाट तथा बालाघाट से लगे महाराष्ट्र के मिलर्स जिन्होंने MPSCSC को 80 एवं 40 प्रतिशत तथा भारतीय खाद्य निगम को 100 प्रतिशत चावल देने के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ से कस्टम मिलिंग हेतु अनुबंध किया है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की मात्रा में निरंतर वृद्धि होने एवं मिलिंग उपरांत प्राप्त चावल की पूर्ण खपत प्रदेश की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत न होने के कारण सरप्लस चावल की मात्रा को केन्द्रीय पूल में प्रदाय करने हेतु मिलर्स द्वारा भारतीय खाद्य निगम को परिदान किए जाने वाले चावल मात्रा पर मिलिंग हेतु अधिक राशि भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। मिलर्स से भारतीय खाद्य निगम एवं एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को भारत सरकार द्वारा चावल के निर्धारित गुणवत्ता मापदण्ड अनुसार ही चावल प्राप्त करने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार उपार्जित धान का भंडारण मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा उपलब्ध कराई गई रिक्त गोदाम क्षमतानुसार न्यूनतम दूरी एवं व्यय के आधार पर जिला उपार्जन समिति के अनुमोदन उपरांत किया जाता है। धान की कस्टम मिलिंग उपरांत निर्मित चावल का परिदान एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के निर्दिष्ट परिदान केन्द्रों पर किया जाता है। बालाघाट जिले में क्रास मूवमेंट कर धान एवं चावल भंडारण का कोई प्रकरण प्रकाश में न आने के कारण जांच कराए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत राहत राशि का भुगतान
[राजस्व]
95. ( क्र. 2878 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत सर्पदंश, नदी में डूबने से मृत्यु, आकाशीय बिजली से मृत्यु, मकान जलने, धान की खराई जलने आदि के ऐसे कितने प्रकरण लंबित है जिनमें आवंटन न होने के कारण राहत राशि का भुगतान नहीं किया गया है? नाम, गांव का नाम, तहसील तथा प्रकरण अनुसार तथा स्वीकृत राशि की जानकारी देवें। (ख) शासन कब आवंटन देगा जिससे प्रश्नांश (क) में वर्णित लोगों को राहत राशि दी जा सकें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत सर्पदंश, नदी में डूबने से मृत्यु, आकाशीय बिजली से मृत्यु, मकान जलने, धान की खराई जलने आदि के प्रकरण भुगतान हेतु लबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
भ्रमित उत्तर देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 2898 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 2553 दिनांक 26/07/2017 को माननीय मंत्री जी द्वारा लेख किया था कि अभिलेख की प्रमाणित प्रतियां एवं आरोप पत्र आदि तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल की ओर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 309/तीन/विभा-जांच/2014 दिनांक 26/03/2014 आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजे गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो क्या कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजनगर जिला छतरपुर के आदेश क्रमांक 141 एवं 142 आदेश दिनांक 26/03/2010 के संबंध में जांच कर अभिलेख की प्रमाणित प्रतियां भेजी गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ तो 26/03/2010 को मिलंद नागदेवे द्वारा ही आदेश जारी किया था? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो मिलंद नागदेवे द्वारा कमिश्नर सागर के कारण बताओ नोटिस के उत्तर में कहा था कि उक्त आदेश मेरे द्वारा नहीं किया गया? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ तो क्या मिलंद नागदेवे द्वारा कमिश्नर सागर को भ्रमित एवं गलत उत्तर दिया जाना परिलक्षित होता है? (च) प्रश्नांश (ड.) यदि हाँ तो क्या शासन वरिष्ठ अधिकारियों को गलत एवं भ्रमित उत्तर देने वाले अधिकारी के विरूद्ध दंडात्मक एवं विभागीय जांच की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नदियों पर स्टाप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
97. ( क्र. 2920 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत जिले में स्थित नदियों पर विभिन्न योजनाओं से विगत 2 वर्ष में कितने स्टाप डेम निर्माण कार्य कराये गये है? स्थानवार, नदी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराए? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम निर्मित स्टाप डेम निर्माण कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है एवं उक्त में से कितने क्षतिग्रस्त हो चुके है एवं कितने स्टाप डेमों पर मरम्मतीकरण कार्य किया जाना है एवं कितने ऐसे स्टाप डेम है जो बनने के बाद पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होकर अपना अस्तित्व खो चुके है, ऐसे स्टाप डेमों के पुनः निर्माण के संबंध में शासन की कोई योजना है? यदि हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) विदिशा जिला अंतर्गत जिले में स्थित नदियों पर विभिन्न योजनाओं से विगत 02 वर्षों में जल संसाधन विभाग द्वारा किसी नवीन स्टॉप डेम का निर्माण नहीं कराया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरुद्ध राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थापना
[जल संसाधन]
98. ( क्र. 2936 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग को यह जानकारी है कि प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 3314100/15-6/2019-855 दिनांक 12/05/2020 द्वारा श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय, अमीन गोहद, जिला भिंड को नियम विरुद्ध जाकर गोहद जिला भिंड का राजस्व निरीक्षक बनाया गया है? (ख) राजस्व निरीक्षक बनाए जाने के लिए क्या अर्हता निर्धारित है? क्या श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय राजस्व निरीक्षक बनाए जाने के उक्त मापदंड को पूरा करते हैं? (ग) यदि नहीं तो श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय, अमीन गोहद, जिला भिंड को कब तक राजस्व निरीक्षक के पद से मुक्त कर श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी? (घ) श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) मध्यप्रदेश में दर्ज प्रकरण क्रमांक 971/2021 एवं 1775/2021 पर किस अधिकारी द्वारा कब-कब जांच की जाकर क्या कार्यवाही की गई? कब तक जांच पूर्ण कर आरोपी पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय को प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से कार्यालय परियोजना प्रशासक, मॉं रतनगढ़ परियोजना क्रियान्वयन इकाई (एम.आर.पी.आई.यू.डब्ल्यू.आर.डी.) मौ जिला भिण्ड में दिनांक 04.11.2019 को राजस्व निरीक्षक का केवल प्रभार सौंपा गया था एवं प्रमुख अभियंता के आदेश दिनांक 12.05.2020 द्वारा श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय को मंत्री जल संसाधन की निजी पदस्थापना में पदस्थ किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्य अभियंता, यमुना कछार, जल संसाधन विभाग, ग्वालियर द्वारा प्रकरण की जांच प्रक्रियाधीन है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
भूमि
अर्जन
अधिनियम 2013 के
प्रावधान
[राजस्व]
99. ( क्र. 2937 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 30 धारा 31 धारा 32 अनुसूची एक, दो एवं तीन में क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं? इनमें से किस धारा एवं किस अनुसूची के प्रावधानों को राज्य में प्रश्नांकित दिनांक तक भी लागू नहीं किया जा सका है? (ख) भोपाल, विदिशा जिले की टेम सिंचाई परियोजना राजगढ़ जिले की सुठालिया एवं मोहनपुरा सिंचाई परियोजना में किस ग्राम के कितने किसानों की कितनी भूमि, कितने किसानों की संपूर्ण कृषि भूमि, कितने किसानों के मकान, आवास प्रभावित हो रहे हैं? (ग) जिन किसानों की संपूर्ण कृषि भूमि डूब में जा रही है, जिन किसानों के मकान, आवास डूब में जा रहे हैं, उनके पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में धारा 4 से धारा 8 के किस-किस प्रावधान के अनुसार समाघात रिपोर्ट के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? सामाजिक समाघात रिपोर्ट की प्रति सहित बताएं। (घ) अनुसूची दो एवं अनुसूची तीन के अनुसार पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में प्रश्नांकित दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है, इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है, कब तक की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। यह केन्द्रीय अधिनियम है। राज्य में इस अधिनियम के प्रवृत्त होने की दिनांक से प्रश्नांकित प्रावधान प्रभावशील है। (ख) संभाग अंतर्गत जिला विदिशा की टेम परियोजना में प्रभावित ग्रामों के भू अर्जन एवं पुनर्वास अंतर्गत कार्यवाही भू-अर्जन अधिनियम 2013 अनुसार प्रगतिरत है। टेम परियोजना में डूब प्रभावित किसानों की ग्रामवार जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 6 अनुसार जिन सिंचाई परियोजनाओं में तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के उपबंधों के अधीन पर्यावर्णीय समाघात निर्धारण की प्रक्रिया की अपेक्षा की जाती है वहां इस अधिनियम के सामाजिक निर्धारण संबंधी उपबंध लागू नहीं होते हैं। अतः तदानुसार ही कार्यवाही की गई है। (घ) परियोजना अंतर्गत अनुसूचित दो एवं अनुसूची तीन के अनुसार प्रभावितों के परिवारों पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु प्रभावित मकानों का मूल्यांकन किया जा चुका है एवं प्रभावित कुएं एवं पेड़ों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भूमि आवंटन पश्चात अनुसूचित दो एवं तीन में वर्णित कार्यवाही की जावेगी।
राशन वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 2940 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से 2021 तक प्रतिवर्ष सार्वजनिक राशन वितरण की सूची में से कितने परिवारों तथा हितग्राही के नाम जुड़े तथा कितने परिवारों तथा हितग्राही के नाम कटे जिलेवार सूची देवें। (ख) जिन परिवारों तथा हितग्राही के नाम काटे गये उनके कारण क्या-क्या थे? प्रमुख 05 कारण से कितने-कितने परिवार तथा हितग्राही के नाम कटे? सूची देवें तथा बतावें कि जिनके नाम कटे उनके नाम से कितना राशन निकाला गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) 2015 से 2021 तक जोड़े गये बोगस नाम, काल्पनिक हितग्राही की संख्या तथा उनके नाम से निकले राशन की जिलेवार जानकारी दें तथा बतावें कि क्या इस पर किसी शहर में प्रकरण दर्ज किया गया है? (घ) शासकीय राशन की सामग्री की अफरा-तफरी के वर्ष 2015 से 2022 तक कितने प्रकरण पाये गये उनमें कौन-कौन से सामग्री कितनी मात्रा में पाई गई? किस-किस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया। वर्षवार जिलेवार बतावे। (ड.) 31 जनवरी 2022 की स्थिति में राशन घोटाले पर विभिन्न न्यायालयों से कितने-कितने प्रकरण लंबित है तथा वर्ष 2015 से 2021 तक राशन घोटाले के प्रकरण पर विभिन्न न्यायालयों में हुये फैसले पर कितनों में आरोपी को सजा हुई तथा कितने में आरोपी बरी हुए।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण/सीमांकन सेवा के सम्बंध में प्राप्त शिकायतें
[राजस्व]
101. ( क्र. 2954 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में लोक सेवा अंतर्गत अधिसूचित सेवा राजस्व विभाग में नामांतरण/सीमांकन की सेवाओं की 01 जनवरी 2021 से वर्तमान तक सी.एम.हेल्पलाईन में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अधिसूचित सेवा के समय- सीमा प्रदाय का परिपत्र क्या है और क्या' कोई नया परिपत्र जारी किया गया है? यदि हाँ तो क्या यह पोर्टल एम.पी.ई. डिस्ट्रक में उपलब्ध है? यदि हाँ तो यह किस-किस को सूचित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक/699/752/2021/1/8/भोपाल दिनांक 16 मार्च 2021 एवं शासन पत्र क्रमांक/1320/2021/रालोसेअ/प्रशासन भोपाल दिनांक 18-11-2021 में क्या निर्देश जारी किये गये हैं? उक्त' के परिपालन में लोक सेवा केन्द्रों से प्रस्तुत हॉर्ड कॉपी प्रेषित करने के बावजूद कटनी जिला अंतर्गत कितने आवेदनों को निरस्त किया गया है तथा उन पर प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा अपील में लेकर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा केन्द्रों से कटनी जिला अंतर्गत आवेदन पावती में नोट के साथ जानकारी प्रदर्शित है क्या, वह परिपत्र में सेवा प्राप्त के अनुरूप नहीं है तो क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कटनी जिले अंतर्गत 01 जनवरी 2021 से वर्तमान दिनांक तक नामांतरण एवं सीमांकन की 872 शिकायतें प्राप्त हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। जी हां, सीमांकन के समय-सीमा की अधिसूचना जारी की गई है। जी हाँ। एम.पी.ई. डिस्ट्रक पब्लिक पोर्टल है, अलग से सूचित करने की आवश्यकता नहीं हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 'स' अनुसार है। कोई भी आवेदन निरस्त नहीं किया गया है तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी द्वारा नामांतरण/सीमांकन संबंधी कुल 11 अपीलें प्राप्त हुई है जिनका गुणदोष के आधार पर निराकरण किया गया है। शेष अनुभाग- बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा एवं विजयराघवगढ़ की जानकारी निरंक है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
कोविड-19 की अवधि में कर्मचारियों की ड्यूटी
[वन]
102. ( क्र. 2958 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वन मण्डल अधिकारी ग्वालियर द्वारा कोविड-19 के दौरान (1 जनवरी 2020 से उत्तर दिनांक तक) कार्य हेतु जिले के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के ड्यूटी आदेश जारी किये गये? यदि हाँ तो कितने कर्मचारियों के? आदेश एवं कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या इन आदेशों को माननीय प्रभारी मंत्री या कलेक्टर से अनुमोदन कराया गया? यदि हाँ तो अनुमोदन आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उक्त अवधि में कितने कर्मचारियों के एक से अधिक बार ड्यूटी आदेश जारी किये? कितने कर्मचारियों के ड्यूटी आदेश निरस्त किये? कर्मचारीवार आदेश एवं जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) कितने कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी लगने के उपरांत एवं नवीन पदस्थी स्थान पर उपस्थित होने से पूर्व अवकाश आवेदन (सी.एल-मेडिकल-अन्य) प्रस्तुत किये? सूची उपलब्ध करायें। (ड.) वन मण्डल अधिकारी ग्वालियर के नियंत्रणाधीन कितने कर्मचारी 03 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं? कर्मचारीवार जानकारी उपलब्ध करायें। (च) वन मण्डल अधिकारी ग्वालियर द्वारा (1 जनवरी 2018 से उत्तर दिनांक तक) कितने कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई? उनमें से कितनी निराकृत हुई? कितनी लम्बित हैं? कर्मचारीवार सूची उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। कुल 111 कर्मचारियों के ड्यूटी आदेश जारी किये गये। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 अनुसार है। (ख) माननीय प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन हेतु 45 कर्मचारियों की सूची कलेक्टर ग्वालियर को वनमण्डलाधिकारी के पत्र दिनांक 16.07.2021 से भेजी गई जो अनुमोदन पश्चात् वापस नहीं हुई किन्तु क्षेत्रीय कार्यों में कर्मठ कर्मचारियों की अत्यंत आवश्यकता होने के कारण वनमण्डल स्तर से 45 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 2 अनुसार है। पत्र दिनांक 26/07/2021 से 18 कर्मचारियों की सूची अनुमोदन हेतु कलेक्टर ग्वालियर को भेजी गई जो अनुमोदन पश्चात दिनांक 31.08.2021 को प्राप्त हुई जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 3 अनुसार है। उक्त अनुमोदन अनुसार कर्मचारियों के पदस्थापना आदेश क्रमांक 341 दिनांक 31.08.2021 को जारी किया गया, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 4 अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में 24 कर्मचारियों की ड्यूटी एक से अधिक बार लगाई/संशोधित की गई, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 5 अनुसार है। किसी भी कर्मचारी की ड्यूटी निरस्त नहीं की गई। (घ) उक्त अवधि में ड्यूटी लगने के उपरान्त एवं उपस्थित होने से पूर्व कोई भी कर्मचारी अवकाश पर नहीं गया। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 6 अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 7 एवं 8 अनुसार है।
खनिज उत्खनन हेतु दिये गये पट्टे
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 2965 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितने व्यक्तियों को कितनी भूमि पर खनिज उत्खनन हेतु पट्टे दिये गये है? कृपया नामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या खनिज विभाग के द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ तो किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया बतावें। निरीक्षण के दौरान क्या पट्टे से अधिक भूमि पर अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाये गये? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कितने प्रकरण बनाये गये सूची उपलब्ध करावें एवं इन प्रकरणों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण बतावें एवं उत्खननकर्ता के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) जिला बैतूल के अंतर्गत मुक्तागीरी प्राचीन पवित्र जैन स्थल है जिसके मंदिर पहाडि़यों पर स्थापित है? उक्त स्थल के सीमा में बारूद/दायनामेट का उपयोग कर खनिज उत्खनन किया जा रहा है जिसके कंपन से वहां की पहाडि़यां धस रही है? क्या उक्त स्थल पर उत्खनन का पट्टा दिया गया है? यदि हाँ तो इस पवित्र प्राचीन मंदिरों को होने वाली क्षति के जवाबदार कौन होगा? यदि नहीं तो इस अवैध उत्खनन के विरूद्ध आज तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? भविष्य में उक्त उत्खनन की परमिशन/पट्टों पर रोक लगाई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार बैतूल जिले में 99 व्यक्तियों को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार खनिज उत्खनन हेतु पट्टे स्वीकृत किये गये हैं। (ख) जी हाँ, निरीक्षण के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। निरीक्षण के दौरान पट्टे से अधिक भूमि पर अवैध उत्खनन के दो प्रकरण बनाये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत मुक्तागीरी प्राचीन पवित्र जैन स्थल के मंदिर की सीमा में कोई उत्खनन पट्टा स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिगृहित कृषि भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
104. ( क्र. 2966 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल से इंदौर फोरलेन मार्ग पर बैतूल जिले की कितनी कृषि भूमि अधिग्रहित की गई है? कृषकों की संख्या एवं क्षेत्रफल बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कृषकों को मुआवजा दिया गया है एवं कितने शेष है? शेष रहने का कारण बतावें? (ग) शेष बचे कृषकों का मुआवजा कब तक दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले के अंतर्गत बैतूल से इंदौर फोरलेन मार्ग हेतु कुल 1005 कृषकों की 158.7282 हे0 भूमि अधिग्रहित की गई है। (ख) कुल 1005 कृषकों में से 835 कृषकों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष 170 कृषकों को मुआवजा राशि दिया जाना शेष है। शेष रहे कृषकों द्वारा बैंक खाता प्रस्तुत नहीं करने, माननीय उच्च न्यायालय, व्यवहार न्यायालय में वाद दायर करने, सहखातेदारों में आपसी सहमति नहीं होने एवं मुआवजा कम प्रदाय करने के सम्बंध में आपत्ति पेश करने के कारण उन्हें मुआवजा राशि का भुगतान होना शेष है। (ग) शेष बचे कुछ कृषकों द्वारा न्यायालयीन प्रक्रिया में जाने से ऐसे सभी कृषकों को न्यायालयीन निर्णय होने के उपरान्त, ही मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना संभव हो सकेगा।
दस्तावेज उपलब्ध कराया जाना
[राजस्व]
105. ( क्र. 2987 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय नायब तहसीलदार पन्ना वृत्त ककरहटी के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 01 अ 6 (अ)/2007-08 दायर होकर दिनांक 01.10.2007 को निराकृत किया गया है? (ख) क्या उक्त प्रकरण की मूल नस्ती को शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा गायब कर दी गई है? यदि नहीं तो उक्त प्रकरण क्रमांक की फाइल वर्तमान में कहां संधारित है? (ग) क्या उक्त प्रकरण के नकल प्राप्त करने हेतु आवेदक बृजेन्द्र सिंह के द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ तो क्या आवेदक को नकल उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? नकल न उपलब्ध कराने के लिये कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में वर्णित राजस्व प्रकरण दिनांक 20.07.2020 को जिला अभिलेखागार पन्ना में तत्कालीन प्रवाचक द्वारा जमा किया गया था। (ग) जी हाँ। आवेदक श्री बृजेन्द्र सिंह के आवेदक पत्र में वर्णित राजस्व प्रकरण की नकल जिला अभिलेखागार पन्ना से उन्हें प्राप्त हो चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कूटरचित दस्तावेजों के दोषियों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
106. ( क्र. 2988 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विकासखण्ड उचेहरा के ग्राम पंचायत जिगनाहट अंतर्गत चंदुआ हार के खसरा नं. 485 के जुज रकवा 1.400 हे. में स्वीकृत खनिज मुरूम खदान के संबंध में जनपद पंचायत उचेहरा के जांच प्रतिवेदन क्रमांक 1728 दिनांक 29.08.2020 के अनुसार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्वीकृत की गई है? फर्जी दस्तावेज बनाने वाले व ठेकेदार को आर्थिक लाभ दिलाने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कूट रचना के आरोप में संबंधितों के विरूद्ध क्या एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या फर्जी तरीके से आम निस्तार की भूमि पर किये गये उत्खनन के विरूद्ध नियमानुसार बाजार मूल्य का 35 गुना अर्थदण्ड वसूल किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या सार्वजनिक भूमि पर उत्खनित गड्ढे का नियमानुसार पुन: समतलीकरण किया गया है? नहीं तो क्यों? यदि कराया जावेगा तो कब तक? (घ) फर्जी दस्तावेजों से स्वीकृत खदान क्या निरस्त की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। उत्खनिपट्टा स्वीकृति में जांच उपरांत ग्राम सभा का प्रस्ताव फर्जी पाया गया था। कलेक्टर सतना द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन अनुसार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अंतर्गत पट्टेदार के विरूद्ध कार्यवाही अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत प्रक्रियाधीन है। (ख) पट्टेदार के विरूद्ध प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण वर्तमान में अर्थदण्ड वसूल किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पट्टेदार के विरूद्ध प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण वर्तमान में प्रश्नानुसार कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार प्रकरण में अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
कटीपाल एवं गोरखेड़ी बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
107. ( क्र. 2996 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र देवास के अंतर्गत कटीपाल बैराज एवं गोरखेड़ी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2018 में प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ तो उक्त बैराज का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है तो क्यों नहीं किया गया है? (ग) इस संबंध में क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? (घ) उक्त स्वीकृत निर्माण कार्यों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कोविड मृतकों को सहायता राशि का प्रदाय
[राजस्व]
108. ( क्र. 3015 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में कोविड मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली 50 हजार रू. की सहायता राशि प्राप्त करने के कितने प्रकरण शासन के समक्ष प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत हुए? कितने प्रकरणों में सहायता राशि प्रदान कर दी गई, कितने लंबित हैं, की जानकारी नाम, पता सहित विधानसभावार देवें। (ख) अशोकनगर जिले में कोविड से कितनी मौतें हुई थी, की जानकारी विधानसभावार देवें। (ग) संपूर्ण सहायता राशि का वितरण कब तक कर दिया जाएगा? (घ) सहायता राशि लंबित रखने वालों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अशोकनगर जिले में कोविड मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली 50 हजार रूपये की सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आज दिनांक तक 174 आवेदन पत्र प्रस्तुत हुए। इनमें से 168 प्रकरणों में सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है एवं शेष छ: प्रकरण योजनान्तर्गत नहीं आते है। स्वीकृति आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। लंबित आवेदन पत्र निरंक है। प्राप्त आवेदनों की विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) जिला चिकित्सालय से प्राप्त कोविड से मृत व्यक्तियों की सूची अनुसार 59 व्यक्ति थे। शेष अन्य स्थानों पर मृत व्यक्तियों के वारिसानों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के आधार पर कुल 168 व्यक्तियों के प्रकरण स्वीकृत किये गये। विधानसभावार प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) वितरण हेतु कोई आवेदन शेष नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
संचालित आरा मशीनों की जानकारी
[वन]
109. ( क्र. 3023 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
वन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) इंदौर
जिले में
कितनी आरा
मशीनें
संचालित हैं? फर्म
नाम, संचालक
नाम, जी.एस.टी.
नंबर सहित
देवें।
जी.एस.टी.
विधान लागू
होने के पूर्व
इनके टिन नंबर
भी देवें। (ख) दिनांक
01.02.19 से 31.01.2022 तक
इनके द्वारा
समस्त क्रय
विक्रय की
जानकारी
फर्मवार, वर्षवार
देवें। इनके
क्रय बिलों, वन
विभाग की
टी.पी., विक्रय
बिलों की
छायाप्रति
फर्मवार, वर्षवार
देवें। इस
अवधि के इन
फर्मों की
जी.एस.टी.
विवरणिका की
छायाप्रतियां
भी फर्मवार देवें।
(ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
अवधि में इन
आरा मशीनों का
निरीक्षण
कब-कब किन-किन
अधिकारियों
ने किया? फर्म नाम, अधिकारी
नाम, पदनाम, निरीक्षण
टीप सहित
वर्षवार
देवें। (घ) इन
निरीक्षण टीप
के आधार पर
एवं अन्य
शिकायतों पर
प्रश्नांश
(ख) अवधि में
किस-किस फर्म
पर कब-कब क्या
कार्यवाही की
गई? फर्मवार
बतावें।
कितनी जांच, शिकायतें
इन फर्मों के
विरूद्ध
लंबित हैं प्रकरण
नाम, प्रकरण
की पूरी
जानकारी सहित
देवें।
वन
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) इंदौर जिले
में 290 आरा
मशीनें
संचालित है।
शेष जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ख) फर्म
के संचालकों
द्वारा
प्रपत्र घ-3 (त्रैमासिक)
में
क्रय-विक्रय
की जानकारी
फर्मवार एवं
वर्षवार
वनमंडल
कार्यालय को
प्रदाय की
जाती है, जो 01.02.2019 से 31.01.2022 की
अवधि हेतु
वनमंडल
कार्यालय में
संधारित है।
क्रय-विक्रय
बिलों का
संधारण
संबंधित आरामशीन
फर्म के
संचालकों
द्वारा स्वयं
किया जाता है।
वन विभाग
द्वारा जारी
टी.पी. के
प्रतिपर्ण
वनमंडल
कार्यालय में
संधारित है।
फर्मों की
जी.एस.टी.
विवरणिका की
जानकारी
वनमंडल स्तर
पर संधारित
नहीं की जाती
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-2
अनुसार है। (घ) उक्त
निरीक्षण टीप
के आधार पर
एवं अन्य शिकायत
पर प्रश्नांश
(ख) अवधि में
फर्म श्री
प्रभुलाल
फूलचंद, 52
सी, मैकेनिक
नगर, इन्दौर
पर
परिक्षेत्राधिकारी, इन्दौर
द्वारा वन
अपराध प्रकरण
क्रमांक 624/2
दिनांक 05.02.2019 कायम किया
जाकर आरामिल
को संचालन से
सील किया गया।
अन्य के संबंध
में कोई जांच
या शिकायत लंबित
नहीं है।
कोविड मृतकों को सहायता राशि
[राजस्व]
110. ( क्र. 3024 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी, इंदौर, भोपाल जिले में कोविड मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली 50 हजार रू. की सहायता राशि प्राप्त करने के कितने प्रकरण शासन के समक्ष प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत हुए? कितने प्रकरणों में सहायता राशि प्रदाय कर दी गई? कितने लंबित है की जानकारी जिलावार नाम, पता सहित विधान सभावार देवें। (ख) उपरोक्त जिलों में कोविड से कितनी मौतें हुई थीं, की जानकारी जिलावार, विधान सभावार देवें। (ग) संपूर्ण सहायता राशि का वितरण कब तक कर दिया जाएगा? (घ) सहायता राशि लंबित रखने वालों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अनुग्रह सहायता राशि हेतु शासन के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत नहीं किये जाते अपितु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाते है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) यह सतत् प्रक्रिया है। आवेदको द्वारा वांछित दस्तावेज सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों अनुसार पात्रता होने पर तत्काल अनुग्रह सहायता राशि प्रदाय की जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
विवाह सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
111. ( क्र. 3061 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह हेतु ''विवाह सहायता योजना'' में रायसेन जिले के सिलवानी-बेगमगंज विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन को राशि का भुगतान किन-किन दिनांकों में किया गया? (ख) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कर्मकार मण्डल में पंजीकृत किन-किन श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह किन-किन दिनांकों में हुये तथा किन-किन को विवाह सहायता राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या यह सत्य है कि कोरोना काल में आवागमन बंद होने के कारण एस.डी.एम.. की अनुमति न होने के कारण सिलवानी-बेगमगंज विधान सभा क्षेत्र के अनेक श्रमिकों को विवाह सहायता राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में शासन तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सी.एम. हेल्पलाईन तथा अन्य माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों को विवाह सहायता योजना में रायसेन जिले के सिलवानी-बेगमगंज विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में हितग्राहियों को किए गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत विवाह सहायता योजनांतर्गत रायसेन जिले के सिलवानी-बेगमगंज विधानसभा क्षेत्र में आवेदन करने वाले पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को पात्रतानुसार किए गए भुगतान का वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। रायसेन जिले के सिलवानी-बेगमगंज विधानसभा क्षेत्र में मंडल की विवाह सहायता योजनांतर्गत आवेदनकर्ता निर्माण श्रमिकों को पात्रतानुसार सहायता राशि का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत कोरोना काल में एस.डी.एम.. की अनुमति न होने से निर्माण श्रमिकों को विवाह सहायता राशिभुगतान न होने के संबंध में जानकारी संज्ञान में आई थी। इस संबंध में मंडल द्वारा उक्त प्रकरणों पर नियमानुसार आवश्यक निराकरण कार्यवाही करने संबंधी जारी किए गए। पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मण्डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना के अंतर्गत पदाभिहित अधिकारी द्वारा हितग्राही की पात्रता एवं योजना के प्रावधान अनुसार परीक्षण करने के उपरांत प्रकरण को स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने का पूर्ण अधिकार है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा किसी प्रकरण को अस्वीकृत किये जाने पर ऐसे निर्णय के विरूद्ध अपील का प्रावधान है। पदाभिहित अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट हितग्राही द्वारा अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत की जा सकती है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में जिला रायसेन में 05 सी.एम.हेल्पलाईन शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का प्रदाय
[राजस्व]
112. ( क्र. 3062 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की तहसील सिलवानी एवं बेगमगंज में कितने किसान है तथा उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है? फरवरी 2022 की स्थिति में तहसीलवार संख्या बतायें। (ख) 1 जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक की अवधि में सिलवानी एवं बेगमगंज तहसील के कितने किसानों के आवेदन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि हेतु प्राप्त हुए उनमें से कितने के आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये? (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे सभी किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि क्यों नहीं मिल रही है कारण बतायें तथा इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) तहसील सिलवानी एवं बेगमगंज के सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये जा रहे है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रायसेन जिले में फरवरी 2022 की स्थिति में तहसील सिलवानी में 41384 एवं तहसील बेगमगंज में 34210 किसान है उनमें से तहसील सिलवानी के 20384 किसानों को एवं तहसील बेगमगंज के 22846 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि मिल रही है तथा तहसील सिलवानी के 19135 किसानों को तथा तहसील बेगमगंज के 22108 किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है। (ख) 01 जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक की अवधि में प्रश्नांश 'क' में वर्णित लाभान्वित कृषकों के अतिरिक्त सिलवानी एवं बेगमगंज तहसील के 223 किसानों के आवेदन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि हेतु प्राप्त हुए हैं, उनमें से 21 आवेदन पत्र योजना के मापदण्ड अनुसार पात्र नहीं पाए गए हैं। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ दिए जाने के पूर्व उनका प्रत्यक्ष में सत्यापन किया जाना अनिवार्य है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे कुछ हितग्राहियों का निवास ग्राम में न होने के कारण उनका प्रत्यक्ष में सत्यापन नहीं हो पा रहा है इस कारण उन्हें राशि नहीं मिल पा रही है। इन हितग्राहियों से संपर्क करने हेतु पटवारियों को पाबंद किया गया है ताकि उनका सत्यापन पूर्ण किया जा सके l (घ) तहसील सिलवानी एवं बेगमगंज के सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ मिले इस हेतु जिले में सोशल ऑडिट के अन्तर्गत विशेष अभियान चलाकर ग्राम सभा का आयोजन किया गया है जिसमें योजनांतर्गत छूटे हुए पात्र हितग्राहियों की जांच उपरांत पंजीयन की कार्यवाही की जा रही है।
विदेशी पक्षियों एवं कछुओं का पंजीयन
[वन]
113. ( क्र. 3115 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि इन्दौर शहर में विभिन्न विदेशी पक्षियों एवं विदेशी कछुओं का क्रय-विक्रय किया जाता है। यदि हाँ तो विधि अनुसार कौन-कौन से पक्षियों एवं कछुओं की प्रजाति को आम जनता द्वारा पाला जा सकता है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या यह सही है कि इसके लिए विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन किया जाता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या हैं? (ग) इन्दौर में अभी तक कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। विभाग द्वारा आम जनता में जागरूकता एवं अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन हेतु क्या प्रयास किए गए है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। विदेशी प्रजातियों के पक्षियों एवं कछुओं को आमजन द्वारा पाला जा सकता है। वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की समस्त अनुसूची (शेड्यूल) I से V तक में सम्मिलित समस्त वन्यप्राणियों को आमजन को पालना वर्जित है। पाले जाने वाले विदेशी पक्षियों एवं कछुओं की सूची उपलब्ध नहीं है। (ख) जी हाँ। भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार विदेशी जीवित प्रजाति के रजिस्ट्रेशन हेतु ऑनलाईन पोर्टल parivesh.nic.in पर आवेदक द्वारा आवेदन करने के उपरांत संबंधित वनाधिकारी से स्थल निरीक्षण कराकर पाये गयेविदेशी जीवित प्रजाति का रजिस्ट्रेशन परिवेश पोर्टल पर किया जाता है। (ग) इन्दौर वनमण्डल में 47 आवेदकों के 143 आवेदनों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। विभाग द्वारा आम जनता में जागरूकता एवं अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन हेतु प्रचार-प्रसार किया जाता है।
भूमि पर संबंधित विभागों का कब्जा
[वन]
114. ( क्र. 3118 ) श्री राकेश गिरि : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला के अंतर्गत आने वाले तालाबों, सिद्धखान (तहसील टीकमगढ़), विन्ध्यवासिनी (तहसील बल्देवगढ़), गिदवासन (तहसील लिधौरा) एवं कीरतवारी (तहसील जतारा), के डूब क्षेत्र में वन विभाग की जमीन आने के कारण, डूब भूमि के बदले वन विभाग को राजेन्द्र सागर (नगदा) बांध में सिंचाई विभाग ने अपनी जमीन जो कि, टीकमगढ़ तहसील के ग्राम क्रमशः बम्हौरी मड़िया में 71.21, जुड़ावन में 55.76, प्रतापनगर में 148.02, बम्हौरी जुड़ावन 79.35 एकड़, में स्थित, कुल 354.34 एकड़ भूमि, वन विभाग को अदला बदली में कब दी गई थी? आदेशों की प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' में यदि हाँ तो, क्या जल संसाधन और वन विभाग के नाम उक्त भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो चुकी है? यदि हाँ तो, तदाशय के अभिलेख उपलब्ध कराये। यदि नहीं तो, कब तक उक्त भूमि पर विभागों का नाम दर्ज किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार क्या वन विभाग द्वारा बदले में मिली भूमि पर कब्जा लेकर वन विस्तार/वृक्षारोपण किया गया हैं? यदि हाँ तो, क्षेत्रफल बतायें। यदि नहीं तो, वन विभाग द्वारा कब तक कब्जा लिया जायेगा? यथासमय कब्जा न लेने के लिए कौन दोषी हैं, दोषी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित तालाबों के बदले आवेदक संस्था ने क्षतिपूर्ति वनीकरण हेतु कोई राजस्व भूमि उपलब्ध नहीं कराई है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कुशल,अकुशल श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
115. ( क्र. 3121 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले अंतर्गत श्रम विभाग में कौन-कौन सी इकाइयां एवं अन्य व्यावसायिक सस्थाऐं पंजीकृत है, सूची देवें। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित कारखाना एवं अन्य व्यावसायिक संस्थाओं में प्रश्न दिनांक तक कितने कुशल-अकुशल श्रमिक कार्यरत है? सूची देवें? (ग) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाऐं देने का प्रावधान है तथा श्रम विभाग के कौन-कौन से नियम प्रचलन में है? (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित क्रियाशील संस्थाओं के प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों को सुविधाओं से वंचित रखे जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है? शिकायतों का विवरण उपलब्ध कराते हुए यह बतलावे कि विगत तीन वर्षों में इन प्राप्त शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कटनी जिले में पंजीकृत इकाइयां एवं अन्य व्यावसायिक संस्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है तथा कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) इन अनुज्ञप्ति ईकाइयों एवं कारखानों में कुशल एवं अकुशल श्रमिक संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) इन कारखानों में नियोजित श्रमिकों को कारखाना अधिनियम, 1948 सहपठित म.प्र. कारखाना नियम, 1962 में वर्णित स्वास्थ्य सुरक्षा एवं कल्याण संबंधी सुविधाएं जैसे – शुद्ध पेयजय, शौचालय-मूत्रालय, कैंटीन, रेस्ट रूम आदि दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अंतर्गत कारखाना अधिनियम, 1948 सहपठित मध्यप्रदेश कारखाना नियम, 1962, श्रमिक क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923, न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948, मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936, दुकान स्थापना अधिनियम, 1958, समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976, मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961, उपादान भुगतान अधिनियम, 1972, बोनस भुगतान अधिनियम, 1965, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947, म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश) अधिनियम, 1961 आदि प्रचलन में है। (घ) कटनी जिले में पंजीकृत इकाइयां एवं अन्य व्यावसायिक संस्थानों में प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों को सुविधाओं से वंचित रखे जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, मजदूरी से संबंधित शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 (1) अनुसार है। कारखानों में कार्यरत श्रमिकों से विगत तीन वर्षों में कार्यालय को प्राप्त शिकायतों का विवरण, शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 (2) अनुसार है।
लंबित राजस्व के प्रकरण
[राजस्व]
116. ( क्र. 3139 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्ष में जबलपुर जिले में कितने-कितने नामांतरण, सीमांकन बंटवारा, विवादित तथा अविवादित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरण लम्बित हैं? (ख) विशेष अभियान के तहत कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ग) न्यायालय तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील में पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने लम्बित हैं। तहसीलवार बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में विगत 2 वर्षों में नामांतरण 62307, सीमांकन 5643, बंटवारा 3832 विवादित तथा अविवादित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा नामान्तरण 7813 सीमांकन 764 बंटवारा 546 प्रकरण लंबित है। (ख) विशेष अभियान के तहत 8198 प्रकरणों का निराकरण किया गयाI (ग) न्यायालय तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील में पंजीकृत प्रकरणों का निराकरण एवं लंबित की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
अनुभाग का नाम |
तहसील का नाम |
निराकरण |
शेष |
1 |
जबलपुर |
जबलपुर |
1110 |
563 |
2 |
पनागर |
|
6924 |
1304 |
3 |
कुण्डम |
कुण्डम |
5229 |
127 |
4 |
सिहोरा |
सिहोरा |
7116 |
891 |
5 |
मझौली |
|
10989 |
800 |
6 |
पाटन |
पाटन |
8927 |
513 |
7 |
शाहपुरा |
शाहपुरा |
5605 |
1341 |
8 |
गोरखपुर |
गोरखपुर |
7537 |
1684 |
9 |
रांझी |
रांझी |
4728 |
1472 |
10 |
अधारताल |
अधारताल |
17602 |
1876 |
मछली
पालन से
प्राप्त
राजस्व
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
117. ( क्र. 3140 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर के किन-किन ताल/तलैयों/जलाशयों में मछली पालन होता हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत पांच वर्षों में किन-किन ताल-तलैयों/जलाशयों से कितनी-कितनी आय मछली पालन के फलस्वरूप शासन को हुई? (ग) आय से प्राप्त राशि का व्यय किस-किस कार्य हेतु कब-कब किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जबलपुर के ताल/तलैयों/जलाशयों में मछली पालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। (ख) विगत 5 वर्षों में मछली पालन से शासन को प्राप्त आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार। (ग) आय से प्राप्त राशि का व्यय संबंधी वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 में तालाबों के विकासात्मक कार्यों हेतु किया गया।
फर्जी लाग बुक की जांच
[राजस्व]
118. ( क्र. 3144 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कमिश्नर रीवा संभाग रीवा द्वारा एक/शिकायत/एफ-1/2020/1502 रीवा, दिनांक 23/05/2020 कलेक्टर रीवा को तहसीलदार रायपुर कर्चुलियान के द्वारा भरी गई फर्जी लाग बुक की जाँच के सम्बन्ध में पत्र दिया गया था? यदि हाँ तो इस सम्बन्ध में की गई जाँच का प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि जाँच नहीं हुई तो क्यों? यदि जाँच की जायेगी तो कब तक? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को दिये गए शिकायत पत्र क्रमांक 139-40 दिनांक 01/02/2020 में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यालय कमिश्नर रीवा के पत्र क्रमांक एक/शिका/एफ-1/2020 रीवा, दिनांक 23/05/2020 से कलेक्टर जिला रीवा को शिकायत में उल्लेखित बिन्दुओं की जांच कर प्रतिवेदन प्रेषित करने हेतु लेख किया गया था। पुनः कार्यालयीन पत्र क्रमांक एक/शिका/एफ-1-2020/2021/2384, दिनांक 17/08/2021 से कलेक्टर जिला रीवा को प्रतिवेदन शीघ्र प्रेषित करने हेतु स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। कलेक्टर रीवा से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर शीघ्र कार्यवाही की जावेगी। (ख) माननीय विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 139-40, दिनांक 01.02.2020 शिकायतकर्ता श्री रमाकांत त्रिपाठी एवं अन्य द्वारा प्रस्तुत 54 विभिन्न शिकायतें जो 13 विभागों से संबंधित थी, पर की गई कार्यवाही की जानकारी हेतु लेख किया गया था। इस पत्र के अनुक्रम में कमिश्नर कार्यालय रीवा के पत्र क्रमांक 6/वि./यो./शिका/2020/841, दिनांक 24.02.2020 से शिकायतों पर जांच एवं आवश्यक कार्यवाही कर माननीय विधायक को अवगत कराने हेतु 13 विभागों के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। इसके पश्चात पत्र क्रमांक 2067 दिनांक 04.07.2020 एवं पत्र क्रमाकं 1046 दिनांक 01.04.2021 से पुनः संबंधित विभागों को स्मरण पत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया है। पत्राचार से संबंधित प्रतियां माननीय विधायकजी को भी प्रेषित की गई है। पत्रों की प्रतियाँ संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
प्रदेश में बाल श्रमिकों हेतु संचालित योजनायें
[श्रम]
119. ( क्र. 3148 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बाल श्रमिकों हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? संचालित योजनाओं के रीवा संभाग के जिलों में क्रियान्वयन हेतु उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी, प्राप्त बजट, मदवार व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत रीवा संभाग के जिलों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्यालय किस संस्था द्वारा किस स्थान पर संचालित किये जा रहे हैं? विद्यालयों का प्रकार, नाम, पता, दर्ज बच्चों की संख्या एवं नाम, पता, बच्चों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी, संचालित विद्यालयों का सत्यापन कब-कब, किन अधिकारियों द्वारा किया गया? सत्यापन की प्रति उपलब्ध करायें। सत्यापन के दौरान पाई गई अनियमितताओं में संस्थाओं के विरुद्ध की गई कार्यवाही, विद्यालय संचालन एवं बजट सम्बन्धी समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में बाल श्रमिकों हेतु राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना संचालित की जा रही है। परियोजना का संचालन केन्द्र सरकार के शत प्रतिशत अनुदान के माध्यम से किया जा रहा है। रीवा संभाग के रीवा जिलें में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना का क्रियान्वयन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला परियोजना समिति द्वारा किया जाता है। जिला परियोजना समिति को प्राप्त बजट मदवार व्यय राशि का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत रीवा जिलें में वर्ष 2015 से संचालित विद्यालयों का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत रीवा जिलें में संचालित विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में दर्ज छात्रों के नाम व पते का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत रीवा जिलें में संचालित विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत मध्यान्ह् भोजन व श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा पेंसिल पोर्टल के माध्यम से 400/- रूपये प्रतिमाह छात्रों के खातों में डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित किये जाते है। राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना अंतर्गत रीवा जिलें में संचालित विद्यालयों में सत्यापन फील्ड अधिकारी द्वारा किया गया है। सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। जिला परियोजना समिति द्वारा विद्यालय के संचालन हेतु बजट संबंधी पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
120. ( क्र. 3149 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के समस्त राजस्व अनुभागों में पदस्थ अनुविभागीय दण्डाधिकारियों एवं जिला दण्डाधिकारी के कार्यालय में ग्रामीण क्षेत्रों के FPS विक्रेताओं एवं उपभोक्ता भण्डारों के विरुद्ध खाद्यान्न की कालाबाजारी एवं अन्य अनियमितताओं के प्रकरण वर्षों से लंबित हैं? संबंधित दोषियों के विरुद्ध प्रस्तुत प्रतिवेदनों में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है? यदि हाँ तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनाँक तक की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनाँक तक प्रश्नांश (क) अनुसार कितनों के विरुद्ध कार्यवाही एवं संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई? संबंधित दोषियों के नाम, न्यायालयों के नाम, संबंधित थाना में दर्ज प्रकरण दिनांक, कितने के विरुद्ध प्रश्न दिनांक तक प्रकरण विचाराधीन हैं की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा शिकायत पत्र क्रमांक 2067 रीवा, दिनांक 12/10/2020 के माध्यम से सेवा सहकारी समिति मर्यादित महसांव में पदस्थ विक्रेता सुनील कुमार चौरसिया द्वारा खाद्यान्न वितरण में अनियमितता संबंधी शिकायत कलेक्टर रीवा को दी गई थी? यदि हाँ तो शिकायत में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करायें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? यदि की जायेगी तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रीवा जिले में ग्रामीण क्षेत्र के FPS विक्रताओं एवं उपभोक्ता भण्डारो के विरूद्ध खाद्यान्न की कालाबाजारी एवं अन्य अनियमितताओं के प्रकरणों में संबंधितों के विरूद्ध प्रस्तुत प्रतिवेदनों पर कार्यवाही की गयी हैं। जिले में की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार हैं। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही एवं दर्ज प्राथमिकी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार हैं। विचाराधीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार हैं। (ग) जी हाँ। शिकायत पत्र क्रमांक 2067 दिनांक 12.10.2020 के माध्यम से सेवा सहकारी समिति मर्यादित महसांव में पदस्थ विक्रेता सुनील कुमार चौरसिया के विरूद्ध प्राप्त शिकायती प्रकरण में प्रकरण क्र. 0003/बी 121/2021-22 पंजीबद्ध कर कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया हैं। प्रकरण में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी गुढ के यहा न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही प्रचलित हैं।
जिला स्तर पर धान एवं बारदाना खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
121. ( क्र. 3153 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष जिला स्तर पर सिवनी जिले में कितनी-कितनी धान कितने कृषकों से किस दर से कुल कितनी लागत का खरीदा गया? वर्षवार, विधानसभावार, किसानवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में खरीदी गई धान में से कितनी-कितनी धान किस विभाग/संस्था को दिया गया तथा कितनी धान मण्डी में पानी या अन्य कारण से खराब हो गई? प्रश्नाधीन अवधि में प्रतिवर्ष धान हेतु जूट/प्लास्टिक के कितने-कितने बारदाना किस-किस व्यापारी/निर्माता से किस दर से, किस दिनांक को खरीदें गये? वर्षवार कुल खरीदे गये जूट तथा प्लास्टिक के बारदाना की संख्या एवं लागत बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मात्रा में से कितनी मात्रा का उपयोग हुआ तथा कितने शेष रहे तथा कितने खराब हो गये? जो शेष रहे तथा खराब हो गये उनका क्या किया गया? (घ) क्या धान की खरीदी के लिये पंजीकृत किसान, किसान कोड 221370024112 पं, दिनांक 14/10/2021 एवं किसान, किसान कोड 221370022397 पं, दिनांक 13/10/2021 के पंजीयन होने तथा संबंधित खरीदी केन्द्र द्वारा पोर्टल पर बार-बार अपडेट करने का प्रस्ताव भेजने के बाद भी उक्त किसानों की धान प्रश्न दिनांक तक नहीं खरीदी गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी के ओपन कैम्पों में भण्डारित अनाज
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 3154 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज के उपार्जन और भण्डारण के शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में लागू नीति एवं नियम/निर्देश बतावें और विगत 05 वर्षों में उपार्जन एवं भण्डारण में शासन/विभाग को ज्ञात अनियमितताओं पर की गई, कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) ओपन कैम्पों में भण्डारित अनाज की सुरक्षा/उपचार एवं भण्डारण की समयावधि के वर्तमान में क्या नियम/ निर्देश हैं और भण्डारित अनाज के सुरक्षा/उपचार/देखरेख और अनाज के भण्डारण एवं उठाव का दायित्व/कार्य किस-किस कार्यालय/विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों का नियत है? (ग) सिवनी जिले में कितनी-कितनी क्षमता के कितने ओपन कैम्प कहां-कहां कब से स्थापित हैं, विगत 05 वर्षों में कैम्पवार मरम्मत/संधारण के क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये, भण्डारित अनाज की सुरक्षा/उपचार के लिये क्या-क्या व्यवस्था की गई? कितनी-कितनी राशि किस हेतु व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) विगत 05 वर्षों में कैम्पवार किस-किस कृषि उपज/अनाज का कितनी-कितनी मात्रा में कब-कब भण्डारण किया गया? अनाज को कब से कब से भण्डारित रखना था? कब तक रखा गया? नियत अवधि के पश्चात भी अनाज के भण्डारित रहने का कारण बताइयें। (ड.) प्रश्नांश (ख) क्या भण्डारित अनाज खराब/क्षतिग्रस्त हुआ? हाँ, तो कितनी मात्रा में कितनी लागत का कौन-कौन सा अनाज और किन-किन कारणों से क्षतिग्रस्त हुआ? भण्डारित अनाजों को सुरक्षित करने के क्या-क्या प्रयास किये गये? कैम्पवार बताइयें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) का क्रियान्वयन
[श्रम]
123. ( क्र. 3162 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण संबंल योजनांतर्गत कितने हितग्राही पंजीकृत किये गये और आज दिनांक तक किस-किस मद में इन हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जा चुकी है एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का भुगतान हितग्राहियों को किया जाना शेष है? जो भुगतान किया जाना शेष है, वह कब तक कर दिया जायेगा? (ख) क्या वर्तमान समय में संबल योजना का पंजीयन कार्य बंद है? यदि हाँ तो बंद होने का क्या कारण है तथा कब तक शुरू कराया जायेगा? (ग) वर्ष 2019 से मार्च 2020 तक कितने हितग्राहियों को अपात्र घोषित कर दिया गया था? इसकी सूची देवें। क्या शासन गलत तरीके से अपात्र घोषित किये गये हितग्राहियों को पुनः सत्यापन कर पात्र घोषित करेगा तथा कब तक? (घ) ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको इस कालखण्ड में अपात्र घोषित किये जाने के फलस्वरूप लाभ से वंचित किया गया? क्या शासन इन अपात्र हितग्राहियों के संबंध में पुनः विचार करेगा, जिनको गलत तरीके से अपात्र कर दिया गया था? जिससे वे लाभ से वंचित हो गये? यदि नहीं तो कारण बतायें। यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजनांतर्गत 59037 हितग्राही पंजीकृत किये गये है। संबल योजनांतर्गत निम्नलिखित मदों में हितग्राहियों को राशि प्रदाय की गई हैः- 1. अन्त्येष्टि सहायता- 15,30,000/- रूपये 2. अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) -4,98,00,000/- रुपये 3. अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु)- 1,64,00,000/- रूपये 4. अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता) - 00.00 रुपये 5. अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता)-1,00,000/- रुपये भुगतान हेतु लंबित की जानकारी निम्नानुसार हैः- 1. अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु)-3,90,00,000/- रुपये 2. अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु)-56,00,000/- रूपये (ख) संबल योजनांतर्गत पंजीयन कार्य वर्तमान में बन्द है। नवीन पंजीयन किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) मार्च 2019 से मार्च 2020 तक 69,18,257 श्रमिकों को अपात्र चिन्हित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 756 दिनांक 20-06-2019 के परिप्रेक्ष्य में डोर-टू-डोर पात्रता सत्यापन किया गया है। सर्वे में अपात्र चिन्हित व्यक्तियों का ही पंजीयन अपात्र किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंजीकृत हितग्राहियों को प्रदत्त सुविधाएं
[श्रम]
124. ( क्र. 3165 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में कितने हितग्राही पंजीकृत हैं एवं मार्गदर्शिका अनुसार इनके नवीनीकरण कराये जाने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या भवन एवं अन्य संनिर्माण में पंजीकृत श्रमिक प्रायः अशिक्षित होने से अज्ञानतावश नवीनीकरण नहीं करा पाते हैं, जिस कारण श्रमिक की मृत्यु उपरांत इनके परिजनों को शासन द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि नहीं मिल पाती? क्या शासन इनके नवीनीकरण की बाध्यता को खत्म कराये जाने पर कोई विचार करेगा ताकि इन्हें शासन द्वारा दी जाने वाली श्रम कार्ड की सुविधा का लाभ मिल सके? (ग) भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत हितग्राही जिनका अज्ञानतावश नवीनीकरण न हो पाने के कारण मृत्यु उपरान्त उनके परिजनों को आर्थिक सहायता नहीं पाती है? क्या शासन उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने बावत् कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र में कुल 3596 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। नियमानुसार प्रथम बार जारी पंजीयन की वैधता 05 वर्ष हेतु होती है एवं नवीनीकरण भी 05 वर्ष हेतु किया जाता है। पंजीयन की वैधता समाप्ति उपरांत 01 वर्ष के भीतर पंजीयन का नवीनीकरण कराये जाने का प्रावधान है। नवीनीकरण हेतु शहरी क्षेत्र में आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत पदाभिहित अधिकारी है। पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में विहित प्रारूप में आवेदन, निर्माण श्रमिक पंजीयन, आधार कार्ड की छायाप्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति, वर्ष में 90 दिवस निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत रहने के संबंध में स्वघोषणा पत्र तथा 10 रूपये अभिदाय शुल्क जमा कर नवीनीकरण कराया जा सकता है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ वैध परिचय-पत्र धारी निर्माण श्रमिकों को ही दिए जाने का प्रावधान है। पंजीयन के नवीनीकरण के प्रावधान को समाप्त करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) नियमानुसार वैध परिचयपत्र धारी श्रमिक की मृत्यु पर ही मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना का लाभ दिया जाने का प्रावधान है। वैकल्पिक व्यवस्था की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
कर्मकार मण्डल के पंजीकृत मजदूरों को दी जा रही सुविधाएं
[श्रम]
125. ( क्र. 3166 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कर्मकार मण्डल योजनांतर्गत पंजीकृत मजदूरों के सामान्य मृत्यु एवं दुर्घटना में मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि दिये जाने का प्रावधान है एवं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ भी उक्त योजना में पंजीकृत श्रमिक को दिया जाता है? (ख) क्या शासन की अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं के हितग्राही जिनमें कामकाजी महिला, झाडू पौंछा, संबल योजना, हाथ ठेला आयुष्मान कार्डधारी हितग्राहियों को कन्या विवाह हेतु मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ नहीं दिये जाने के कारण सहित जानकारी दें? क्या शासन उक्त हितग्राहियों को भी कर्मकार मण्डल योजनांतर्गत पंजीकृत मजदूरों के समान मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन कर्मकार मण्डल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु उपरांत आश्रित परिवार के सदस्यों द्वारा आवेदन देने की निश्चित समय-सीमा 3 माह को 6 माह की वृद्धि किए जाने के संबंध में भी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजनान्तर्गत पंजीकृत मजदूरों को सामान्य मृत्यु एवं दुर्घटना में मृत्यु होने पर अनुग्रह सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अन्तर्गत कन्यादान योजना का लाभ प्रदाय नहीं किया जाता है। (ख) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना अन्तर्गत मुख्यमंत्री कन्यादान योजना संचालित नहीं है। न ही इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्रचलन में है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन द्वारा कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत आश्रित परिवार के सदस्यों द्वारा आवेदन देने की निश्चित समय-सीमा 3 माह के स्थान पर 6 माह कर दी गई है।
मछुआरों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
126. ( क्र. 3176 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर व नीमच जिले अंतर्गत कुल कितने मछुआरे हैं व गॉधीसागर जलाशय में कितने कार्यरत मछुआरे हैं? मछुआरों हेतु केन्द्र व राज्य शासन द्वारा किन-किन योजनाओं के अंतर्गत मछुआरा को क्या-क्या लाभ दिया जाता है? (ख) दिनांक 01/01/2018 से प्रश्न दिनांक तक क्या शासन द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ, समस्त मछुआरों को प्राप्त हो रहा है या नहीं? यदि हाँ, तो योजना अनुसार सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो अभी तक किन-किन लोगों को किस योजना का लाभ दिया गया? उनके नाम व बैंक खाता सहित सूची उपलब्ध करवायें। (ग) क्या गॉधीसागर जलाशय में दैनिक वेतन भोगी या अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कितने कार्यरत हैं व किस अनुसार उन्हें राशि का भुगतान किया जाता है? सूची राशिवार उपलब्ध करवायें। (घ) गॉधीसागर जलाशय अंतर्गत संचालित एजेंसी द्वारा जो मत्स्य पालन करवाया जा रहा है उसमें मछुआरों की सुरक्षा के क्या प्रावधान हैं? क्या वे समस्त व्यवस्थाएं गॉधीसागर में हैं? गॉधीसागर जलाशय अंतर्गत कितने शासकीय वाहन/बोट हैं तथा कितने अधिकृत हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मंदसौर व नीमच जिले में 5935 मछुआरे है जिसमें 2430 गांधी सागर जलाशय में कार्यरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश अवधि से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा चलायी जा रही योजना के लाभान्वित मछुआरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो एवं तीन अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार।
गरोठ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
127. ( क्र. 3177 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा अंतर्गत क्रियान्वित गरोठ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी, इस योजना से क्षेत्र की कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होना थी? क्या सम्पूर्ण भूमि सिंचित हो रही है? यदि नहीं, तो कितनी भूमि सिंचित नहीं हो रही है? नहीं होने का क्या कारण है? उसका जिम्मेदार कौन है? रिक्त भूमि कब तक सिंचित की जाएगी? (ख) सिंचाई योजना में किसानों को खेत पर पानी किस माध्यम से उपलब्ध करवाया है एवं उस माध्यम से किसान को पानी ले जाने की दूरी क्या निश्चित की गई थी? क्या उसी दूरी से समस्त किसान पानी ले रहे हैं? यदि नहीं तो ऐसे कितने किसान है जो अधिक दूरी से पानी ले रहे हैं? या उनके खेत तक पानी पहुँचाने का माध्यम नहीं लगा है? इसका क्या कारण है? ऐसे समस्त वंचित किसानों की सूची उपलब्ध करवायें। (ग) सूक्ष्म सिंचाई परियोजना गरोठ एवं शामगढ़ अंतर्गत ऐसे कितने गांव व कितना रकबा है जो कि योजना में शामिल होने के बाद भी योजना के लाभ से वंचित है या उन गांवों को शामिल नहीं किया गया है ग्रामों की सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें वंचित ग्रामों को लेकर शासन की क्या आगामी योजना है व कब तक योजना का लाभ वंचित ग्रामों को मिल पायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी
[श्रम]
128. ( क्र. 3186 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में भवन संनिर्माण एवं अन्य विभिन्न कार्यों में संलिप्त मजदूरों के संबल योजना अंतर्गत कितने-कितने पंजीयन किये गये हैं? योजनावार जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कितनी-कितनी राशि का भुगतान संबंधित प्रभावित व्यक्ति/परिवारों को किया गया है? योजनावार भुगतान की गई राशि का लाभांवित हितग्राहियों का संख्यात्मक ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में भुगतान की गई राशि के संबंध में नीमच जिले की कोई शिकायत शासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो उस पर शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) शासन की योजनाओं का दुरुपयोग कर अपात्रों को योजना का लाभ दिये जाने के संबंध में क्या शासन वसूली की कार्यवाही हेतु आर.आर.सी. जारी करने के निर्देश देगा? यदि हाँ तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भवन संनिर्माण एवं अन्य विभिन्न कार्यों में कार्यरत श्रमिकों का पंजीयन संबल योजना के अंतर्गत नहीं किया जाता है। निमार्ण श्रमिकों का पंजीयन म.प्र. भवन संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत किया जाता है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत कुल 1308303 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। पंजीयन की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रदेश में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक की अवधि संबल योजनांतर्गत 'निरंक' पंजीयन किये गये है। संबल योजनांतर्गत नये पंजीयन प्रारंभ किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की योजनावार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजनांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में पूरे प्रदेश में प्रभावित परिवारों को अंत्येष्टि सहायता योजना अंतर्गत 214273 व्यक्ति/परिवारजनों को लाभान्वित किया गया है, अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) योजना में 90275 हितग्राहियों को, अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) योजना में 11376 हितग्राहियों को, अनुग्रह सहायता (स्थायी अपंगता) योजना में 53 हितग्राहियों को एवं अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थायी अपंगता) योजना में 113 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पटवारियों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों की शिकायतों का निराकरण
[राजस्व]
129. ( क्र. 3189 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम क्षेत्र मुरैना एवं अम्बाह सम्पूर्ण विधान सभा क्षेत्र में विगत एक वर्ष से किन-किन पटवारियों एवं राजस्व अधिकारियों की शिकायतें प्राप्त हुई है? जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या निराकरण किया गया? जानकारी दी जावें। जाँच में दोषी अधिकारियों/पटवारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों की जांच में विलंब हेतु दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी दी जावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में चाही गई जानकारी का विवरण शिकायतवार दिया जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील अम्बाह, पोरसा, मुरैना में पटवारियों के कार्य से संबंधित शिकायतों एवं निराकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तर (क) अनुसार है। शिकायते प्रमाणित नहीं पाये जाने से कार्यवाही नहीं की गई। (ग) निराकरण में विलम्ब नहीं होने से किसी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
अवैध कालोनी विकसित किया जाना
[राजस्व]
130. ( क्र. 3195 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ नगर के पटवारी हल्का टीकमगढ़ किला में खसरा नम्बर 1250, 1251, 1252 पर विकास, विराज, मनीष राय द्वारा एवं पटवारी हल्का टीकमगढ़ खास में खसरा नम्बर 1388, 1389, 1390, 1392 एवं 1393 पर फरीद खांन द्वारा तथा टीकमगढ़ मुख्यालय से सटे पटवारी हल्का ग्राम तखा में खसरा नम्बर 88/2/1, 90/1, 92/2, 93/1/2/2, 98/2, 99, 101, 102, 103, 104, 105 पर राजेश, अरविन्द पुत्रगण जयराम राय, राजाराम, रामगोपाल पुत्रगण मनीराम राय एवं जयराम, मनीराम, परशुराम पुत्रगण पन्नालाल राय निवासी पठा खास द्वारा कालोनी विकसित कर भूखण्डों के रूप में भूमि विक्रय करने हेतु, रेरा में पंजीकृत होकर नगर एवं ग्राम निवेश विभाग की शर्तों का पालन करते हुए, डायवर्सन कराकर कॉलोनाईजर लाइसेंस प्राप्त किये गये है? यदि हाँ तो लाइसेंसों की प्रतियां दें। (ख) प्रश्नांश (क) नहीं तो ऐसे अवैध कालोनाईजर्स के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या अवैध कालोनाईजरो द्वारा निरंतर प्लॉटों का विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ तो ऐसे कालोनाईजर्स के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ नगर के पटवारी हल्का टीकमगढ़ किला में खसरा नंबर 1250,1251,1252 पर विकास विराज मनीष राय तनय विमल राय द्वारा एवं टीकमगढ़ मुख्यालय से सटे पटवारी हल्का ग्राम तखा में खसरा नंबर 88/2/1, 90/1,92/1, 93/1/2/2,98/2, 99, 101,102, 103, 104,105 पर राजेश अरविन्द पुत्रगण जयराम राय राजाराम रामगोपाल पुत्रगण मनीराम राय एवं जयराम मनीराम परसूराम पुत्रगण पन्नालाल राय निवासी पठा खास द्वारा कालोनी विकसित कर भूखण्डों के रूप में भूमि विक्रय की जा रही है। नगर एवं ग्राम निवेश विभाग की शर्तों का पालन नहीं किया गया है न ही रेरा में पंजीयन कराया गया है एवं कालोनाइजर लाइसेंस भी प्राप्त नहीं किये गये है। हल्का टीकमगढ़ खास में खसरा नंबर 1388,1389, 1390, 1392 एवं 1393 पर जांच में राजस्व अभिलेख में फरीद खान का नाम दर्ज नहीं पाया गया। (ख) हल्का टीकमगढ़ किला में खसरा नंबर 1250,1251,1252 पर विकास विराज मनीष राय तनय विमल राय के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ के न्यायालय में प्र0क्र0 899/बी-121/2021-22 दर्ज कर प्रकरण विचाराधीन है। पटवारी हल्का ग्राम तखा में खसरा नंबर 90/1, 98/2, 99,102 पर राजाराम रामगोपाल पुत्रगण मनीराम राय एवं जयराम मनीराम पुत्रगण पन्नालाल राय निवासी पठा खास के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ के न्यायालय में प्र.क्र. 1215/बी-121/2020-21 दर्ज कर प्रकरण विचाराधीन है एवं ग्राम तखा के भूमि खसरा नंबर 88/2/1, 92/2, 93/1/2, 101, 103, 104, 105 पर राजेश अरविन्द पुत्रगण जयराम राय राजाराम रामगोपाल पुत्रगण मनीराम राय एवं जयराम मनीराम परसूराम पुत्रगण पन्नालाल राय निवासी पठा खास के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ के न्यायालय में प्र.क्र0 0908/बी-121/2021-22 दर्ज कर प्रकरण विचाराधीन है। (ग) अवैध कालोनाइजरों द्वारा निरंतर प्लाटों का विक्रय किया जा रहा है। प्रकरण विचाराधीन है।
विभिन्न मदों में प्राप्त राशि एवं व्यय
[वन]
131. ( क्र. 3207 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वन विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है? मदवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त प्राप्त राशि से क्या-क्या कार्य कराये जाने थे? उक्त संबंध में शासन की नियमावली की प्रतिलिपि प्रदाय करें। (ख) उक्त प्राप्त राशि से वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों, आयोजनों एवं अन्य व्यय पर राशि व्यय की गई है? किये गये कार्यों की कार्यवार, मदवार खर्च की गई राशि का विवरण देवें तथा किये गये खर्च की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रतिलिपि एवं मूल्यांकन की प्रतिलिपि भी प्रदाय करें। (ग) क्या उक्त समयावधि में किसी भी प्रकार का ऑडिट कार्य हुआ है? यदि हाँ तो ऑडिट रिपोर्ट की भी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि शेष तथा किन-किन कार्यों पर व्यय की जाना है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांन्तर्गत सामान्य वनमण्डल खरगोन के अंतर्गत मदवार, वर्षवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। प्राप्त राशि से वृक्षारोपण क्षेत्र तैयारी, रोपण एवं रखरखाव कार्य, भवन निर्माण आदि कार्य कराये गये हैं। शासन नियमावली की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ख) सामान्य वनमण्डल खरगोन के अंतर्गत भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कार्यवार, मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। स्वीकृत कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। वृक्षारोपण क्षेत्रों में पौधा रोपण के पश्चात मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें विगत 5 वर्षों के मूल्यांकन प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है। (ग) महालेखाकार निरीक्षण दल द्वारा माह नवम्बर, 2020 तक आडिट किया गया है। आडिट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 में है। प्रश्न दिनांक तक वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिगड़े वनों का सुधार योजनान्तर्गत राशि रूपये 8308000/- शेष है जिससे क्षेत्र तैयारी का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी
[वन]
132. ( क्र. 3208 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने अपराध वन क्षेत्र के अन्तर्गत पंजीबद्ध किये गये हैं? कृपया अपराधी के नाम सहित किये गये अपराध क्षेत्र का विवरण दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। अपराधी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है, उसका भी अपराधीवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या किसी भी अपराधी को दण्ड दिया गया है? यदि हाँ तो उसका विवरण उपलब्ध करावे यदि नहीं तो क्या कारण है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : सामान्य वनमंडल खरगौन के भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल 179 अपराध वनक्षेत्र के अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध रेत परिवहन
[खनिज साधन]
133. ( क्र. 3212 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 11 एवं 12 जून, 2020 को थाना कोतवाली टीकमगढ़ एवं खनिज विभाग द्वारा रेत के कितने वाहनों को प्रथम दृष्टया अवैध परिवहन करते हुए पकड़ा? सभी वाहनों के रजिस्टर्ड नं. एवं वाहन मालिक के नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पकडे़ गए सभी वाहनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पकडे़ गए किन-किन वाहनों को कलेक्टर टीकमगढ़ के आदेश से छोड़ा गया? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पकडे़ गए किन-किन वाहनों को कलेक्टर टीकमगढ़ के आदेश के बिना छोडा गया? ऐसा किस नियम एवं किस अधिकारी के आदेश से किया गया? क्या ऐसा कृत्य विधि अनुरूप है? यदि हाँ तो कैसे? यदि नहीं तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दिनांक 11 जून, 2020 को अवैध रेत परिवहन करते हुए कोई वाहन थाना कोतवाली टीकमगढ़ एवं खनिज विभाग द्वारा नहीं पकड़ा गया है। दिनांक 12 जून, 2020 को थाना कोतवाली टीकमगढ़ द्वारा निम्न दो वाहनों को प्रथम दृष्टया अवैध परिवहन करते हुए पकड़ा गया:- 1. वाहन क्रमांक एम.पी. 36 एच 1220 वाहन मालिक चंद्रभान तनय खरगा रजक निवासी ग्राम जरूवा थाना जतारा जिला टीकमगढ़। 2. वाहन क्रमांक एम.पी. 36 एच 1159 के वाहन मालिक घनश्यामदास तनय श्री फूलचंद राय निवासी वार्ड नंबर 27 सुधा सागर रोड़ जय अम्बे कालोनी टीकमगढ़। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाहनों को थाना कोतवाली टीकमगढ़ द्वारा बगैर किसी जुर्माने के दिनांक 12.06.2020 को छोड़ा गया है। (ग) कलेक्टर, टीकमगढ़ द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाहनों को नहीं छोड़ा गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। कलेक्टर, टीकमगढ़ के समक्ष पकड़े गये वाहनों का कोई प्रकरण प्रस्तुत नहीं हुआ है। पुलिस थाना कोतवाली, टीकमगढ़ द्वारा जाँच उपरांत वाहन छोड़े गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यक्षेत्र के बाहर शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
134. ( क्र. 3213 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में नगरपालिका क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत वार्ड क्र. 3 एवं 4 की शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन प्राथमिक उप.सह.भ.मर्या. छतरपुर द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के बाहर किया जा रहा है? यदि हाँ तो किसके आदेश से? प्रतियां प्रदाय करें। क्या उक्त आदेश शासनादेश के अनुरूप है? (ख) क्या वर्ष 2014 से उक्त वार्डों की दुकानों की कालाबजारी करते पाये जाने पर उक्त भंडार/ दुकान को तत्काल प्रभाव से निरस्त/निलंबित किया गया था? यदि हाँ तो निलंबन आदेश की प्रति प्रदाय करें। (ग) क्या उक्त भण्डार/दुकान को गंभीर अपराध में लिप्त पाये जाने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक कार्यक्षेत्र के बाहर आवंटित दुकानों को निरस्त न किया जाना परोक्ष रूप में आर्थिक लाभ पहुँचाने की परिधि में आता है? यदि हाँ तो परोक्ष रूप से लाभ पहुँचाने वाले अधिकारी/ कर्मचारी के नाम एवं पदनाम बताएं। (घ) शासन उक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए जनहित में उक्त दुकान/भण्डार को निरस्त करने के आदेश प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। उपायुक्त सहकारिता जिला छतरपुर के आदेश क्रमांक पीडीएस/13/2015 दिनांक 07.10.2013 से प्रेषित अभिमत के आधार पर प्रश्नांकित दुकान का संचालन किया जा रहा है। उक्त वार्ड हेतु तत्समय किसी अन्य भंडार का आवेदन नहीं आने के कारण दुकान संचालन का आदेश जारी किया गया है। दुकान आवंटन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जी नहीं, परन्तु तत्समय उक्त वार्ड की किसी अन्य संस्था का आवेदन नहीं आने के कारण उक्त आवंटन आदेश जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। निलंबन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2014 में शासकीय उचित मूल्य दुकान वार्ड क्रमांक 3,4 छतरपुर द्वारा अनियमितताएं किये जाने के कारण दुकान को दिनांक 23.01.2014 को निलंबित किया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी छतरपुर द्वारा अपराध क्रमांक 1201/14 में पारित आदेश दिनांक 18.07.2017 में अभियुक्तों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत निर्मित प्रकरण में दोष मुक्त किया गया था। तदुपरांत दुकान आवंटन अधिकारी जिला आपूर्ति अधिकारी छतरपुर के आदेश क्रमांक 16/खाद्य/विधि दिनांक 03.08.2018 से दुकान को निलंबन से बहाल किया गया है। (घ) उचित मूल्य की दुकान कार्यक्षेत्र की पात्र संस्था को आवंटित करने हेतु जिले को निर्देश दिए जा रहे है।
नामांतरण/सीमांकन अधिसूचित सेवा
[राजस्व]
135. ( क्र. 3219 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा अंतर्गत अधिसूचित सेवा राजस्व सेवा के प्रथम अपीलीय अधिकारी बतायें कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 में सेवा क्र. 4.13 सीमांकन में वर्ष काल अथवा फसल खडी होने की स्थिति में समय-सीमा की दिनांक बढ़ाई जा सकती है तथा 4.14 एवं 4.16 सेवा प्रदाय के परिपत्र क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पदाभिहीत अधिकारी द्वारा समय-सीमा में प्रदाय की हार्ड कापी क्या-क्या प्रेषित किया जाता है? यदि केवल आन-लाइन डिस्पोजल कर-कर सेवा प्रदाय की हार्ड कापी प्रेषित नहीं की गई तो क्या अधिनियम अंतर्गत सेवा प्रदाय की श्रेणी में आता है? (ग) प्रश्नांक (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में सेवा की हार्ड कापी समय-सीमा में लोक सेवा केन्द्र में प्रेषित न कर तथा वर्ष काल अथवा फसल खडी होने के अलावा भी जिन माहों में तिथि बढ़ाई गई है, क्या वह लोक सेवा अधिनियम अंतर्गत सही है? नहीं तो 01 अक्टूबर से वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लोक सेवा गारंटी अंतर्गत अधिसूचित सेवा के प्रथम अपीलीय अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। शेष प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता है। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत आवेदन का निराकरण समय-सीमा में न होने की स्थिति में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व को होगी जो 30 कार्य दिवस में गुण-दोष के आधार पर अपील का निराकरण करेंगे।
अवैध कब्जा की शिकायत पर कार्यवाही
[राजस्व]
136. ( क्र. 3227 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले की तहसील विजयपुर के ग्राम पिपरवास की भूमि सर्वे न. 786/1,786/2 कुल रकबा 12 वीघा जो कि अवधेश सिंह तोमर पुत्र रामदत्त सिंह तोमर, रमेश सिंह तोमर पुत्र होतम सिंह तोमर निवासी मण्डी विजयपुर जिला श्योपुर की भूमिस्वामित्व की जमीन है एवं सर्वे न. 786/1 मिन 3 रकबा 44.308 हटे. सर्वे न. 781 रकबा 39.010 हटे. सर्वे 784 रकबा 34.312 हटे. जो कि शासकीय भूमि है, उक्त दोनों प्रकार की भूमियों पर दबंग लोगों के द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने की शिकायत श्री रमेश सिंह तोमर द्वारा दिनांक 09.09.2021 को थाना अगरा में उप पुलिस अधीक्षक विजयपुर को दिनांक 01.11.2021 एवं पुलिस अधीक्षक जिला श्योपुर को दिनांक 05.10.2021 को एवं कलेक्टर श्योपुर को दिनांक 10.11.2021 को और तहसीलदार विजयपुर को दिनांक 10.08.2021 को लिखित आवेदन देकर शिकायत की गयी थी? उक्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि सर्वे न. 786/1 एवं 786/2 कुल रकबा 12 वीघा को अतिक्रमण धारियों के अतिक्रमण से मुक्त न करा पाने के क्या-क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निजी भूमि एवं शासकीय भूमि को दबंगों के कब्जे से कब तक मुक्त करा लिया जावेगा? इसके लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) श्योपुर जिले की तहसील विजयपुर के ग्राम पिपरवास राजस्व निरीक्षक वृत अगरा की भूमि सर्वे नं. 786/1 786/2 कुल 12 वीघा अवधेश पुत्र रामदतसिंह तोमर रमेशसिंह तोमर पुत्र होतमसिंह तोमर निवासी मण्डी विजयपुर के नाम राजस्व रिकार्ड में भूमिस्वामी स्वत्व पर अंकित है जो विक्रय से वर्जित है। आवेदक रमेशसिंह तोमर के आवेदन पर संज्ञान लेते हुये मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 250 के तहत तहसील न्यायालय विजयपुर में प्रकरण क्रं. 01/अ-70/2021-22 पर दर्ज कर लिया गया है। मामला न्यायाधीन है। पुलिस को प्रस्तुत आवेदनों के क्रम में पुलिस द्वारा जांच में पाया गया कि वर्तमान में भूमि पर सरसों की फसल खड़ी है उक्त भूमि पर दुबे पुत्र सांमता आदिवासी एवं उनके भाईयों द्वारा कब्जा कर सरसों की फसल बोना पाया गया है अनावेदक बिम्बसार, शिवेन्द्रसिंह जादौन द्वारा कब्जा करना नहीं पाया गया है, फिर भी पुलिस द्वारा शांति व्यवस्था कायम रखने हेतु इश्तगासा क्रमांक 205, 206/2021 धारा 107, 116 (3) जा.फौ. के तहत तैयार किया जाकर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गयी है। (ख) मामला न्यायाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मामला न्यायाधीन होने के कारण निराकरण हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधिकारियों की पदस्थी
[राजस्व]
137. ( क्र. 3229 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक ही जिले में राजस्व अधिकारी कितने वर्ष तक पदस्थ रह सकता है? (ख) क्या शासन की स्थानान्तरण नीति एवं निर्वाचन आयोग की नीति, निर्देशानुसार राजस्व विभाग के अधिकारी एक ही जिले में तीन वर्ष से अधिक पदस्थ नहीं रह सकते है तो श्योपुर जिले में ऐसे कितने नायब तहसीलदार और तहसीलदार है जिन्हें तीन वर्ष से अधिक समय हो चुका है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार श्योपुर जिले में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों का स्थानान्तरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 6-1/2021/एक/9, भोपाल दिनांक 24 जून, 2021 के राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति की कंडिका-17 अनुसार प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा एवं तृतीय श्रेणी के कार्यपालिक अधिकारियों के भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। (ख) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 6-1/2021/एक/9, भोपाल दिनांक 24 जून 2021 के राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति की कंडिका 18 अनुसार यह अनिवार्य नहीं है कि 03 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। जिला श्योपुर में तीन वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
तहसीलदार का नाम |
पदनाम |
जिले में उपस्थिति दिनांक |
1 |
2 |
3 |
4 |
1. |
श्री वीरसिंह अवासिया |
तहसीलदार |
25-08-2017 |
2. |
श्री भरत सिंह नायक |
नायब तहसीलदार |
28-08-2017 |
3. |
श्री नवल किशोर जाटव |
नायब तहसीलदार |
02-04-2018 |
4. |
श्रीमती रेखा कुशवाह |
नायब तहसीलदार |
03-04-2018 |
(ग) वर्तमान में स्थानान्तरण पर प्रतिबंध है। शासन की नीति अनुसार स्थानांतरण की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तालाबों की भूमि पर अतिक्रमण हटाने
[राजस्व]
138. ( क्र. 3231 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में कितने शासकीय तालाब स्थित हैं? उनमें से कितने तालाबों में अतिक्रमण किया गया है? अतिक्रमण हटाने बावत् क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान में किनके द्वारा तालाबों पर अतिक्रमण किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय तालाबों के अतिक्रमण मुक्त कराये जाने बावत् शासन ने क्या योजना तैयार की है? क्या तालाबों के स्वरूपों में परिवर्तन कर अतिक्रमण किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में तालाबों के सुरक्षा अतिक्रमण मुक्त कराये जाने एवं उसके सौंदर्यीकरण एवं विकास बावत् क्या शासन द्वारा राशि प्रदान की गई? प्रश्नांश (क) के अनुसार जिले में कितने ऐसे तालाब हैं जिनसे सिंचाई की जाती है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तालाबों के रख-रखाव अतिक्रमण मुक्त कराये जाने उनके गहरीकरण हेतु क्या शासन ने कोई नीति एवं नियम तैयार किये हैं? यदि हां, तो प्रति दें। राजस्व अभिलेखों में दर्ज रकवे अनुसार तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कब तक करा देंगे? आज दिनांक तक इस बावत् कार्यवाही न करने के लिए किन राजस्व अधिकारियों को दोषी मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मुरैना जिले की समस्त नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में कुल 683 शासकीय तालाब स्थित हैं I उक्त तालाब वर्तमान में अतिक्रमण से मुक्त हैI शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जवाब की आवश्यकता नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जवाब की आवश्यकता नहीं। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जवाब की आवश्यकता नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
वन परिक्षेत्र में स्वीकृत कार्य
[वन]
139. ( क्र. 3236 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्र. 559 दिनांक 22 नवम्बर, 2021 के 'क' भाग के उत्तर में जिन कार्यों की स्वीकृत होना बताया है उसमें रख-रखाव, सुधार कार्य वृत्त प्रथम वर्ष, सौंसर निर्माण रोपण कार्य, भवन, मार्ग मरम्मत, चारागाह विकास, हेवीटेंड संरक्षण कार्य, सुधार उपचार कार्य वृत्त प्रथम वर्ष कार्य आयोजन अन्तर्गत प्रथम वर्ष, पुनर्स्थापना कार्य प्रथम वर्ष इत्यादि कार्यों का पूर्ण तथा प्रगतिरत होना बताया है तथा जो राशि वृक्षारोपण पर खर्च की गई इन कार्यों का मूल्यांकन किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा किया गया है उनका नाम, पद बतावें? इन कार्यों में जो राशि का उपयोग किया है उसमें जीवित तथा मृत पौधों की संख्या बताई गई हैं इन पोधों का तथा उपरोक्त कार्यों का किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा स्थल पर कब-कब दिनांकवार, भौतिक तथा वित्तीय अवलोकन किया है उनके नाम, पद तथा पदस्थापना स्थल बतावें? (ख) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में इन कार्यों के अलावा कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से स्वीकृत कराकर किस-किस वन परिक्षेत्र में कितनी-कितनी लागत से किस ठेकेदार/ऐजेन्सी या किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा किस-किस स्थान पर कराये गये हैं तथा कराये जा रहे है प्रश्न दिनांक की स्थिति में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) वन विभाग में ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी 20 फरवरी, 2022 की स्थिति में पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक कार्यक्षेत्र मुख्यालय तथा मोबाईल नम्बर बतावें। वर्तमान में कितने पद किस-किस स्तर के कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वीकृति पद के विरूद्ध रिक्त हैं उनको कब तक भर लिया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 में है। (ख) प्रश्न क्रमांक-559, दिनांक 2 नवम्बर, 2021 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शाये कार्यों के अलावा प्रश्नाधीन अवधि में वनमंडल ग्वालियर के अंतर्गत भितरवाह विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक अन्य कोई कार्य नहीं कराये गये हैं, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 में है। रिक्त पदों को भरने की सतत् प्रक्रिया है अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध खनिज उत्खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
140. ( क्र. 3237 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस-किस प्रकार के अवैध उत्खनन के प्रकरण किन-किन व्यक्तियों पर तथा वाहनों पर बनाये है? व्यक्ति का नाम, पता तथा वाहन का नाम, नम्बर एवं वाहन का प्रकार तथा किस दिनांक को अवैध उत्खनन का प्रकरण बनाया गया है, प्रकरण दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन कर्ता व्यक्तियों एवं वाहनों पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? प्रत्येक प्रकरणवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले में खनिज विभाग द्वारा 20 फरवरी 2022 की स्थिति में खनिज उत्खनन के लिये किस-किस ग्राम पंचायत, किस-किस तहसील से किस-किस पटवारी हल्का न. के किस-किस सर्वे नम्बरों से कितना-कितना रकबा से कितनी-कितनी राशि में किस दिनांक से किस दिनांक तक खनिज उत्खनन की किस-किस व्यक्ति या ठेकेदार को स्वीकृति प्रदान की गई है? स्वीकृत सर्वे न. के खनिज से स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ है तथा कितना-कितना राजस्व किस-किस ठेकेदार पर शेष है? इस शेष राशि को कब तक जमा करा लिया जावेगा? (ग) ग्वालियर जिले में खनिज साधन विभाग में 20 फरवरी, 2022 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक, कार्यक्षेत्र, मुख्यालय एवं मोबाईल नम्वर बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स पर दर्शित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शाये अनुसार पट्टेदारों पर अनिवार्य भाटक की राशि शेष है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही किया जाना कलेक्टर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है। वसूली की कार्यवाही किये जाने की प्रक्रिया की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है।
वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
141. ( क्र. 3239 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 एवं 2021 तक सागर, वन वृत्त कितना पौधारोपण कहाँ-कहाँ किया गया? वनमंडलवार पौधा संख्या, स्थान नाम सहित वर्षवार देवें। (ख) इसके लिए कितनी राशि का भुगतान किन-किन को किया गया? व्यक्ति, संस्था नाम, राशि, बैंक खाता नंबर, बैंक नाम, स्थान नाम सहित वर्षवार वन मंडलवार देवें। (ग) उपरोक्त पौधों में से दिनांक 31/01/2022 की स्थिति में कितने पौधे जीवित हैं की जानकारी वनमंडलवार दे। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में जिन अधिकारियों ने जब-जब निरीक्षण किया अधिकारी नाम, पदनाम सहित निरीक्षण टीप की छायाप्रति देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2020 एवं 2021 में सागर वृत्त के अंतर्गत उत्तर सागर, दक्षिण सागर एवं दमोह वनमंडल में किये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। नौरादेही (वन्यप्राणी) वनमंडल सागर में उक्त अवधि में वृक्षारोपण नहीं किया गया है। (ख) वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 के पौधारोपण में व्यक्तियों को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। संस्था से पौधारोपण नहीं कराया गया है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है तथा निरीक्षण टीप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची व खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
142. ( क्र. 3241 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी करने हेतु विभाग में क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? किस-किस योजनान्तर्गत राशन सामग्री प्रदाय की जा रही है? योजनावार, हितग्राहीवार जानकारी दें। (ख) सागर जिले के देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसी कितनी राशन दुकानें हैं जिन्हें प्रत्येक माह का आवंटन उसी माह पूर्ण प्राप्त हुआ है। दुकानवार, माहवार आवंटन की जानकारी दें। यदि माहवार पूर्ण आवंटन प्राप्त नहीं हो रहा है तो क्यों? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक दुकानवार राशन वितरण की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार देवरी विधानसभा क्षेत्र के कितने पात्र हितग्राहियों की खाद्यान्न पर्ची कितनी समयावधि से प्राप्त नहीं हुई है? खाद्यान्न पर्ची किस स्तर पर और क्यों लंबित है? विवरण दें। पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराने हेतु प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) के मापदण्डानुसार पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची कब जारी की जाएगी? विलम्ब के लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी करने हेतु विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्तमान में 28 श्रेणियां निर्धारित की गई है। 28 श्रेणियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत राशन सामग्री प्रदाय की जा रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना अंतर्गत प्राथमिक परिवार श्रेणी के हितग्राही को 04 किलोग्राम गेहूँ, 01 किलोग्राम चावल एवं प्रति पात्रता पर्ची 01 पैकेट नमक व केरोसीन शासन द्वारा निर्धारित शुल्क पर वितरण किया जा रहा है। अन्त्योदय पर्ची धारियों को प्रति पात्रता पर्ची 30 किलोग्राम गेहूँ, 05 किलोग्राम चावल, 01 किलोग्राम शक्कर, 01 पैकेट नमक एवं केरोसीन शासन द्वारा निर्धारित दर पर एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत प्रति हितग्राही 04 किलोग्राम गेहूँ, 01 किलोग्राम चावल नि:शुल्क प्रदाय किया जा रहा है। (ख) सागर जिले के देवरी विधानसभा अंतर्गत 146 राशन दुकानें है जिन्हे विभाग द्वारा जारी आवंटन उसी माह प्राप्त हुआ है। जनवरी 2021 से देवरी विधानसभा क्षेत्र की दुकानों का आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक दुकानवार राशन वितरण की प्राप्त शिकायतों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थानीय निकाय द्वारा माह फरवरी तक जिन पात्र परिवारों का सत्यापन एम. राशन मित्र पोर्टल पर किया गया था। उनकी पात्रता पर्चिया जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची प्रतिमाह जारी की जा रही है। पात्रता पर्ची जारी किया जाना प्रतिमाह की एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पात्रता पर्ची जारी किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। हितग्राही द्वारा स्थानीय निकायों को आवेदन करने के उपरांत उनकी पात्रता अनुसार सत्यापन उपरांत निकायों द्वारा एम. राशन मित्र पोर्टल पर फीडिंग की जाती है। जिसके पश्चात विभाग द्वारा आगामी माह में पात्रता पर्चियां जारी की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
143. ( क्र. 3250 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी-कितनी उचित मूल्य की दुकानों को महिला स्व-सहायता समूह एवं संस्था के माध्यम से संचालित किया जा रहा है? कृपया दुकानवार, संचालनकर्ता का नाम, पता सहित एवं समूहवार सूची दें। (ख) माह-दिसम्बर 2021 से 15 फरवरी 2022 तक की अवधि में कितना खाद्यान्न उन उचित मूल्यों की दुकानों को आवंटित किया गया तथा कितना प्रति माह शेष रहा और प्रति दुकान कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है? प्रति दुकानवार, हितग्राहीवार सूची दें। (ग) खाद्यान्न वितरण में अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? क्या इनकी जांच कराकर कार्यवाही करायी जायेगी? यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कोविड-19 महामारी से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता
[राजस्व]
144. ( क्र. 3256 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कोविड-19 महामारी के कारण लोगों की हुई मृत्यु के संबंध में निकटतम परिजनों को मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा 50 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश राज्यों को दिये थे? (ख) यदि हाँ तो प्रदेश में 20 फरवरी, 2022 तक कुल कितने कोविड-19 से हुई जिन लोगों की मृत्यु हुई है? उनके निकटतम परिजनों को 50 हजार रूपये की सहायता राशि कुल कितने लोगों को उपलब्ध करा दी गई है? कृपया जिलेवार हितग्राहियों की संख्या एवं वितरित की गई राशि बतावें। (ग) उक्त राशि राज्य सरकार ने किस मद से दी है? इसमें राज्यांश एवं केन्द्रांश की कितनी-कितनी राशि है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) जिलेवार हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त राशि राज्य आपदा मोचन निधि से प्रदाय की गई है। जिसमें केन्द्रांश 75 प्रतिशत एवं राज्यांश 25 प्रतिशत है।
किसान सम्मान निधि की राशि का वितरण
[राजस्व]
145. ( क्र. 3257 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसानों को सम्मान निधि योजना देने की योजना कब से लागू की गई एवं इस योजना का लाभ लेने के लिए क्या-क्या नियम/शर्तें है? (ख) उपरोक्त योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि हितग्राहियों को प्रदान की जाती है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के किस-किस जिले में किसान सम्मान निधि की कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? जिलेवार जानकारी दें? (घ) क्या प्रदेश में अनेक किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त नहीं हुई है? यदि हाँ तो किसान सम्मान निधि नहीं मिलने के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन शिकायतों के निराकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में किसानों को सम्मान निधि देने की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 1 दिसम्बर 2018 से प्रभावी हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) उपरोक्त योजना के अंतर्गत मात्र केन्द्र सरकार द्वारा वार्षिक रूपये 6000/- की राशि पात्र हितग्राहियों को प्रदान की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) निर्धारित पात्रता अनुसार पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त हो रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
अवैध खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
146. ( क्र. 3262 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला अंतर्गत खनिज विभाग सागर में मुरम, पत्थर एवं मिट्टी के खनन की कितनी स्वीकृत विभाग द्वारा जारी की गई है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में मुरम, पत्थर एवं गिट्टी के खनन के कितने प्रकरण स्वीकृत है? नाम/फर्म का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अवैध खनन के संबंध में कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो कब-कब, किस-किस के विरूद्ध की गई है? (घ) यदि अवैध खनन के संबंध में कार्यवाही के उपरांत भी वर्तमान में अवैध खनन जारी है तो विभाग द्वारा अवैध खनन रोकने के लिए विभाग जिला/प्रदेश स्तर की टीम गठित कर कार्यवाही की योजना है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैप निर्माण की स्वीकृति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
147. ( क्र. 3263 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग द्वारा सागर जिले में वर्ष 2021-22 में गेहूँ, चना खरीदी के भंडारण के लिए वेयर हाउस/कैप निर्माण की योजना/प्रावधान किया गया है? (ख) क्या पूर्व में निर्मित कैप का उपयोग विभाग द्वारा किया जायेगा? यदि हाँ तो कितने? (ग) क्या विभाग द्वारा नये कैप निर्माण के संबंध में भी कार्यवाही की गई है? (घ) यदि कार्यवाही की गई है तो कैप निर्माण का स्थान, लागत, क्षमता सहित जानकारी देवें तथा उपरोक्त कैप का निर्माण कब तक होगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सागर जिले में रबी उपार्जन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ एवं चना के भण्डारण हेतु मध्यप्रदेश वेअर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा नवीन वेयर हाऊस एवं ओपन कैप का निर्माण नहीं किया गया है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित के गेहूँ के भण्डारण के लिए पूर्व में निर्मित कैपों का उपयोग आवश्यकता अनुसार किया जाएगा। (ग) रबी उपार्जन वर्ष 2022-23 में उपार्जित गेहूँ के भण्डारण के लिए सागर जिले में 50000 मैट्रिक क्षमता के कैप निर्माण स्वीकृत की गई है। निर्माण कार्य के लिए निविदाओं के निराकरण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) सागर जिले में खुरई एवं जैसीनगर में उपार्जित गेहूँ के भण्डारण हेतु कैप का निर्माण किया जाएगा। जिले में 50000 मैट्रिक क्षमता के कैप निर्माण हेतु रूपए 590 लाख स्वीकृत हैं। उपार्जन अवधि में आवश्यकतानुसार कैप का निर्माण कर भण्डारण कराया जाएगा।
पट्टा की भूमि के संबंध में
[राजस्व]
148. ( क्र. 3264 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा केंद्र या अन्य स्रोतों से प्राप्त नामांतरण संबंधी आवेदनों पर निर्धारित दिवस पर निराकरण न करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना या दंड के नियम हैं? (ख) यदि हाँ तो अनुविभाग लवकुशनगर एवं नौगांव की किन-किन तहसीलों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब नामांतरण हेतु आवेदन प्राप्त एवं कब-कब प्रकरणों का निराकरण किया गया था? (ग) क्या उक्त सभी आवेदनों पर निर्धारित दिवस पर निराकरण किया गया था? (घ) यदि नहीं तो क्या उक्त अधिकारियों पर जुर्माना या दंड के आदेश जारी किए गए थे? (ड.) यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (च) अनुविभाग नौगांव एवं लवकुशनगर में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने पट्टा दिए गए। जानकारी दी जावे। (छ) क्या उक्त सभी खसरा नंबरों में शासन से प्राप्त भूमि हस्तांतरण से प्रतिबंधित लेख किया था यदि हाँ तो जिन जिन खसरा नंबरों में शासन से प्राप्त भूमि लेख है उक्त समस्त खसरा नंबरों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ज) उक्त खसरा नंबर को सक्षम अधिकारी के आदेश से विक्रय पत्र निष्पादन कर नामांतरण कर दिया गया था? यदि हाँ तो आदेशों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो क्या उक्त खसरा नंबरों में शासन दर्ज किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर जिले के अनुभाग लवकुशनगर एवं नौगांव की सभी तहसीलों में लोकसेवा केन्द्र से प्राप्त एवं निराकृत नामान्तरण आवेदनों का वर्षवार संलग्न परिशिष्ट-'अ' तथा अन्य स्त्रोतों से प्राप्त एवं निराकृत नामान्तरण आवेदनों का वर्षवार संलग्न परिशिष्ट-'ब' है। (ग) जी हाँ। (घ) एवं (ड.) प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (च) छतरपुर जिला अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी कृषि भूमि का पट्टा नहीं दिया गया है। (छ) एवं (ज) प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नहर के अंतिम छोर को बंद करने
[जल संसाधन]
149. ( क्र. 3266 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की चंदला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गौरिहार तहसील के महयाबा, अजीतपुर, दादूताल एवं बसराही गांव में सिंचाई नहर है? यदि हाँ तो क्या उक्त गांवों में नहर फूटी हैं? यदि हाँ तो क्या उक्त नहर का पानी उक्त गांवों के किसानों के खेतों में भरने से फसल का नुकसान हो रहा है? यदि हाँ तो क्या उक्त नहर को सही कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं। (ख) क्या उक्त नहर अंतिम छोर में बंद है? यदि नहीं तो क्या बंद कराई जाएगी? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या अधिकारियों द्वारा नहर का अंतिम छोर बंद न करने के कारण दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जावेगी? हाँ या नहीं यदि हाँ तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गौरिहार तहसील की महयाबा, अजीतपुर, दादूताल एवं बसराही गांव में सिंचाई नहर निर्मित है। उक्त गांव में नहर टूटी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। नहर का अंतिम छोर बंद नहीं है। नहर का अंतिम छोर बंद नहीं कराया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नहर के अंतिम छोर को बंद नहीं किया जाता है अत: नहर का अंतिम छोर बंद नहीं करने के लिए किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अत्याधुनिक अभिलेखागारों का संचालन एवं नकलों का प्रदाय
[राजस्व]
150. ( क्र. 3274 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में अत्याधुनिक अभिलेखागार कहाँ-कहाँ स्थापित और संचालित हैं? क्या यह अभिलेखागार तहसीलवार भी बनाए गए थे? यदि हाँ, तो जिला मुख्यालय सहित किन-किन तहसीलों में इन अभिलेखागार का निर्माण कितनी-कितनी लागत से कब-कब कराया गया? क्या-क्या संसाधन उपलब्ध कराये गए और क्या-क्या सामग्री लगाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) अभिलेखागारों का वर्तमान में क्या उपयोग हो रहा हैं और अभिलेखागारों में कौन-कौन से दस्तावेज़ किस स्वरूप में संधारित हैं? इन अभिलेखागारों में किस स्तर के शासकीय सेवक कार्यरत/पदस्थ हैं और इनके क्या कार्य दायित्व नियत हैं, इनके द्वारा क्या-क्या कार्य वर्तमान में किए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) तहसीलों में स्थापित अत्याधुनिक अभिलेखागारों का वर्तमान में क्या उपयोग किया जा रहा हैं और यहाँ किसी भी प्रकार की नकल डिजिटल तौर पर संधारित नहीं हैं तथा नकलों को तहसील अभिलेखागार की बजाय जिला अभिलेखागार से तैयार किया जाता हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो किस प्राधिकारी द्वारा इनके संचालन और तहसील अभिलेखागारों में नकल उपलब्ध होने की पुष्टि की गई? उनका नाम बतायें, (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त तहसीलवार बनाए गए अभिलेखागारों का उपयोग न होने एवं शासकीय राशि से क्रय किए गए उपकरणों और अन्य सामग्रियों के क्षतिग्रस्त होने की क्या समुचित जांच एवं कार्यवाही की जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कटनी जिले की तहसील ढ़ीमरखेड़ा, बड़वारा, विजयराघवगढ़, बरही, रीठी, बहोरीबंद, मुड़वारा (कटनी) में आधुनिक अभिलेखागार स्थापित और संचालित हैं। जिला मुख्यालय की तहसील सहित ढ़ीमरखेड़ा, बड़वारा, विजयराघवगढ़, बरही, रीठी, बहोरीबंद के पूर्व से निर्मित अभिलेखागारों का रिनोवेशन किया गया है। आधुनिक अभिलेखागार के संचालन हेतु कम्प्यूटर एवं सहायक उपकरण तथा आधुनिक संयंत्रों इत्यादि को आयुक्त कार्यालय के माध्यम से स्थापित किया गया है। आधुनिक अभिलेखागारों में 3 फेस विद्धुत कनेक्शन हेतु जिले की इन सात 7 तहसीलों को रूपये 20,000/- के मान से आवंटन प्रदाय किया गया है। (ख) आधुनिक अभिलेखागारों में स्थापित यूनिक्स बेस्ड कम्प्यूटरों में मिसल बंदोबस्त से संबंधित नामांतरण संशोधन पंजी का स्केनिंग का डिजिटल रूम का संधारण किया जा रहा है। आधुनिक अभिलेखागारों का कार्य संबंधित तहसील ऑफिस के कानूनगो द्वारा किया जा रहा है। लोकसेवा केन्द्र से प्राप्त आवेदनों अनुसार डिजिटल अभिलेख की प्रतियां उपलब्ध कराई जाती हैं। (ग) तहसीलों में स्थापित आधुनिक अभिलेखागारों का उपयोग नामांतरण पंजी, मिसिल बन्दोबस्त अभिलेखों के डिजिटली एवं भौतिक रूप से संधारण में किया जा रहा है। जिन अभिलेखों का स्कैन नहीं हो सका है तथा डिजिटली डाटा तैयार नहीं हो सके हैं उन प्रतिलिपियों का प्रदाय जिला अभिलेखागार से लोकसेवा केन्द्रों द्वारा प्रदाय किया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा पश्चात तहसील में रखे पुराने अभिलेख जिला अभिलेखागार से अंतरित एवं संधारित किये जाते हैं इसलिए ऐसे पुराने अभिलेखों की नकलें तहसील अभिलेखागार की बजाय जिला अभिलेखागार से प्रदान की जाती हैं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पीडीएस सामग्री का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
151. ( क्र. 3275 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–643, दिनांक 11/08/2021 के प्रश्नांश (क) का उत्तर–“राशन सामग्री आपूर्ति के पूर्व स्टेक का चयन किया गया हैं,”दिया गया था? यदि हाँ, तो किन सक्षम प्राधिकारी के क्या आदेशों से और विगत-01 वर्ष में राशन सामग्री वितरण के पूर्व खाद्यान्न की गुणवत्ता परीक्षण और स्टेक चयन हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा किए गए आदेशों और गुणवत्ता परीक्षण एवं स्टेक चयन के दस्तावेजों की प्रतिया उपलब्ध कराइए और की गयी प्रक्रिया/कार्यवाही का विवरण बताइये। (ख) मध्यप्रदेश-सार्वजनिक वितरण (प्रणाली) आर्डर-2015 के पिछले माहों की शेष राशन सामग्री प्राप्त करने के नियम बताइये? क्या वितरण मशीनों से यह सुविधा उपलब्ध हैं? हाँ, तो कैसे? स्पष्ट कीजिये। नहीं तो पीडीएस-एक्ट में प्रावधान होने पर मशीनों में यह सुविधा न होने एवं पूर्व माह की राशन सामग्री प्राप्त न होने पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या वर्ष-2021 में आयोजित विभागीय वीडियों कांफ्रेंस की बैठकों में उपार्जन नीति के स्थान पर सख्त नियम/ अधिनियम बनाये जाने पर चर्चा की गयी? हाँ, तो इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्नांश (ग) क्या खाद्यान्नों का उपार्जन, नीति के स्थान पर विधिवत अधिनियम/नियम लागू कर और ज़िम्मेदारी नियत कर कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कैसे और कब तक? नहीं तो क्यों? जबकि उपार्जन कार्यों में बड़ी आर्थिक अनियमिततायें लगातार ज्ञात हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्थाईकर्मियों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी
[वन]
152. ( क्र. 3277 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग अंतर्गत कार्यरत स्थाईकर्मियों की सेवा काल के दौरान मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को क्या सुविधा व सहायता उपलब्ध करवाई जाती है? क्या इन्हें पेंशन या अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय करने का नियम है? यदि नहीं तो क्यों और क्या विभाग इस हेतु कोई कार्यवाही कर रहा है? क्या भविष्य में स्थाईकर्मियों के आश्रितों को पेंशन व अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय की जा सकेगी? (ख) क्या विभाग अंतर्गत मस्टर रोल में कार्यरत रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को वर्ष 2008 में वन रक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित कर शासकीय सेवक वन रक्षक बनाया गया था? यदि हाँ तो क्या अन्य विभाग के अन्य शासकीय सेवकों की तरह सेवा निवृत्ति उपरांत इन्हें पेंशन प्रदान की जा रही है या इसका कोई नियम है? यदि नहीं तो क्यों? क्या यह उन कर्मचारियों के साथ भेदभाव नहीं है? (ग) क्या वर्ष 2005 के बाद शासकीय सेवा में नियुक्त हुए शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन का लाभ न देकर नवीन पेंशन स्कीम लागू की गई है? क्या ऐसे शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा? यदि हाँ तो कब से? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन विभाग अंतर्गत स्थाईकर्मियों की सेवाकाल के दौरान मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को निम्न सुविधा व सहायता प्रदाय की जाती है। (1) म.प्र. शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 9-4/2018/नियम/चार दिनांक 27 अगस्त 2018 अनुसार उपादान (ग्रेज्यूटी) का भुगतान उपादान भुगतान अधिनियम 1972 के तहत किया जाता है। (2) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-12/2013/1/3 दिनांक 29 सितम्बर 2014 की कंडिका 11.1 के तहत दिवंगत के आश्रित सदस्य को एकमुश्त रूपये 2.00 लाख की राशि अनुकम्पा अनुदान के नाम से दी जाती है। (3) म.प्र. शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्र. एफ-9-/13/नियम/चार दिनांक 17 जनवरी 2014 के तहत राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम के तहत जमा अशंदान राशि का भुगतान किया जाता है। शेष भाग में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। वन विभाग अंतर्गत कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को वर्ष 2008 में वनरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित कर वनरक्षक बनाया गया है। इन्हें पेंशन प्रदाय नहीं की जा रही है। नियम म.प्र. शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-9/3/2003/नियम/चार दिनांक 13.04.2005 के तहत शासन निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है कोई भेदभाव होने का प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ग) जी हाँ दिनांक 01.01.2005 अथवा इसके पश्चात शासकीय सेवा में नियुक्त सेवकों के लिए म.प्र. शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्र. एफ-9/3/2005/नियम/चार दिनांक 13.04.2005 से नवीन पेंशन स्कीम लागू है। वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिये जाने के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
डी.एफ.ओ. को प्राप्त अधिकार
[वन]
153. ( क्र. 3282 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भा.व.अ. 1927 की किस-किस धारा में किस-किस लघु वनोपज एवं जैव विविधता के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन पर प्रतिबन्ध लगाने का क्या-क्या अधिकार डी.एफ.ओ. को प्रदान किया जाकर धारा में क्या-क्या उल्लेख किया गया है? (ख) खण्डवा एवं उज्जैन वनवृत्त के अन्तर्गत किस-किस डी.एफ.ओ. ने गत पांच वर्षों में किस-किस लघु वनोपज एवं किस-किस जैव विविधता पर कितनी अवधि के लिए किस-किस दिनांक को क्या-क्या प्रतिबन्ध लगाने का आदेश जारी किया? यह आदेश भा.व.अ. 1927 की किस-किस धारा में दिए गए किस-किस प्रावधान के अनुसार जारी किए गए? (ग) लघु वनोपज एवं जैव विविधता से संबंधित प्रतिबन्ध लगाने वाले संबंधित डी.एफ.ओ. के विरूद्ध राज्य मंत्रालय भोपाल एवं वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की, यदि कार्यवाही नहीं की गई हो तो उसका कारण बतावें। कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य में लघु वनोपजों के सतत् पोषणीय संग्रहण पर रोक नहीं है। वनोपज के उत्पाद को पोषणीय कटाई सीमा में सुनिश्चित करने तथा उत्पाद की भविष्य में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 76 (घ) के अंतर्गत मध्यप्रदेश वनोपज (जैवविविधता का संरक्षण और पोषणीय कटाई) नियम 2005 बनाये गये है, जिसकी धारा 3, 4, 5, 6, 7 एवं 8 में वनों से वनोपज के संग्रहण, प्रतिबंध अवधि निर्धारण एवं निष्कर्षण को प्रतिबंधित करने के अधिकार उप वन संरक्षक स्तर से अनिम्न श्रेणी के अधिकारी को दिये गये है। इस अधिनियम की धारा 10 में उक्त नियमों के उल्लंघन हेतु शास्ति का प्रावधान है। तेन्दूपत्ता के विपणन को छोड़कर शेष अन्य समस्त लघु वनोपजों के सतत् पोषणीय संग्रहण, भण्डारण, परिवहन एवं विपणन करने की ग्रामीणों को स्वतंत्रता है। राज्य में तेन्दूपत्ता का संग्रहण एवं व्यापार मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता (व्यापार एवं विनियमन) अधिनियम, 1964 के प्रावधानों के अंतर्गत ग्रामीणों की सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाता है, जिसके लिये राज्य में सहकारिता की त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू है। (ख) वनवृत्त खण्डवा एवं उज्जैन के अंतर्गत वनमंडलाधिकारियों द्वारा गत पांच वर्षों में लघु वनोपजों एवं जैव विविधता पर जारी किये गये प्रतिबंधात्मक आदेशों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त आदेश उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत जारी किये गये है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के तहत संबंधित वनमंडलों द्वारा नियमानुसार प्रतिबंध लगाये गये है, अतः डी.एफ.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विस्थापन/पुनर्वास हेतु शेष भूमि का आवंटन
[राजस्व]
154. ( क्र. 3290 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावितों के विस्थापन/पुनर्वास हेतु 11.625 हेक्टेयर भूमि के आवंटन की कार्यवाही तहसील कार्यालय नरसिंहगढ़ में प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक वांछित भूमि का आवंटन विस्थापन/पुनर्वास हेतु कर दिया गया है? यदि हाँ तो कब और कहां, यदि नहीं तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से लंबित हैं तथा कब तक शेष भूमि का आवंटन कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पूर्ण डूब प्रभावित ग्राम सांका जागीर (सांका-श्यामजी) के ग्रामीणों द्वारा निरंतर शासन/प्रशासन से ग्राम सांका जागीर की शेष भूमि, ग्राम बिहार, लश्करपुर, मंगतपुर काकड़ एवं नरसिंहगढ़ से सांका जागीर तक मार्ग के दोनों ओर स्थित राजस्व भूमि पर अपने विस्थापन/पुनर्वास हेतु मांग की जा रही हैं? यदि हाँ तो क्या शासन डूब प्रभावितों को उक्त समीपस्थ स्थानों पर विस्थापन/पुनर्वास हेतु उक्त शेष भूमि का आवंटन करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो विभाग को इसमें क्या-क्या परेशानी किन-किन कारणों से आ रही हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन ग्रामवासियों की मांग के दृष्टिगत विस्थापन/पुनर्वास हेतु सबसे समीपस्थ भूमि का आवंटन करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, राजगढ़ जिले के जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावितों के विस्थापन/पुनर्वास हेतु 11.625 हेक्टर भूमि के आवंटन की कार्यवाही तहसील कार्यालय में प्रक्रियाधीन हैं। जी नहीं। भूमि आवंटन के प्रकरण नायब तहसीलदार कुरावर के न्यायालय में प्रक्रियाधीन हैं। प्रक्रिया पूर्ण होने पर भूमि आवंटन की कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। ग्राम साका जागीर के विस्थापन हेतु ग्राम जामोन्या गणेश की भूमि रकबा 12.585 हे0 भूमि आवंटित की जा चुकी हैं, विस्थापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं, ग्रामीणों द्वारा मौखिक चर्चा अनुसार विस्थापन हेतु ग्राम साकाजागीर के समीप की भूमि की मांग की गई हैं। जिस हेतु ग्राम बिहार के भूमि सर्वे नंबर 298 रकबा 5.097 हे0 भूमि आवंटन की कार्यवाही तहसीलदार नरसिंहगढ़ के न्यायालय में प्रक्रियाधीन हैं। (ग) ग्रामवासियों की मांग के दृष्टिगत विस्थापन/पुनर्वास हेतु सबसे समीप स्थल भूमि का आवंटन की कार्यवाही हेतु ग्राम बिहार की भूमि सर्वे नंबर 298 रकबा 5.097 हे0 भूमि आवंटन की कार्यवाही तहसीलदार नरसिंहगढ़ के न्यायालय में प्रक्रियाधीन हैं।
निर्माण श्रमिकों के लंबित सहायता राशि प्रकरण
[श्रम]
155. ( क्र. 3291 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ अंतर्गत एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल/नया सबेरा) तथा म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल योजना में किन-किन हितग्राहियों को विवाह सहायता, अनुग्रह सहायता एवं अंत्येष्टि सहायता का क्या-क्या लाभ कब-कब प्रदान किया गया? नाम पते, विवाह दिनांक/स्थान, खाता नम्बर, आधार नम्बर, राशि, वर्षवार/योजनावार सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक 552/भ.सं.नि.क.म./ 2022 नरसिंहगढ़ दिनांक 04.02.2022 से श्रम पदाधिकारी जिला राजगढ़ को विवाह सहायता के छ: प्रकरण एवं 50 कोरोना राहत प्रकरणों में सहायता राशि का भुगतान नहीं होने से आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया था? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरणों में सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका हैं? यदि हाँ तो कब, यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक संबंधित हितग्राहियों को सहायता राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? उक्त प्रकरण में विलंब के लिये कौन दोषी हैं? शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले के जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ अंतर्गत 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल/नया सबेरा) अन्तर्गत अन्त्येष्टि सहायता के 369 प्रकरणों में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं अनुग्रह सहायता के 859 प्रकरणों में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उत्तराधिकारी/हितग्राहियों को हितलाभ प्रदान किया गया है। 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के पंजीकृत श्रमिकों को विवाह सहायता, अनुग्रह सहायता एवं अंत्येष्टि सहायता योजनांतर्गत हितग्राही संख्या एवं वितरित हितलाभ की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक 552/भ.सं.नि.क.म./2022 नरसिंहगढ़ दिनांक 04.02.2022 श्रम पदाधिकारी जिला राजगढ़ को प्रेषित किया गया था। पत्र में उल्लेखित विवाह सहायता के 06 प्रकरणों में दिनांक 25.02.2022 को भुगतान किया जा चुका है एवं कोरोना राहत के 50 प्रकरणों में से 44 प्रकरणों में दिनांक 09.07.2021 को व 02 प्रकरणों में दिनांक 12.07.2021 भुगतान किया जा चुका है शेष 04 प्रकरणों में हितग्राहियों के बैंक खाते गलत/बंद होने से जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ द्वारा निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृक्षारोपण पर व्यय
[वन]
156. ( क्र. 3293 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वृक्षारोपण के लिए सफाई, सर्वेक्षण, सीमांकन, गड्ढा खुदाई, फेंसिंग, पौधा परिवहन, स्टेकिंग, खाद डलवाना आदि कार्यों के लिए कितना आवंटन विगत 3 वर्षों में किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उक्त हेतु प्राप्त आवंटन से प्रतिवर्ष कितने पोल, फेंसिंग वायर, कीटनाशक, रासायनिक खाद, चूना रस्सी आदि खरीदी गई? किन-किन फर्मों और व्यक्तियों से कितनी राशि की खरीदी गई? (ग) क्रय संबंधी वित्तीय स्वीकृति के अधिकार वन मंडल के कौन-कौन से अधिकारी को दिए गए हैं? समस्त दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। (घ) खरगोन जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल कितने कार्य कराए गए, कितने कार्य प्रारंभ है, कितने कार्य स्वीकृत हुए, कितने कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं? कार्यवार सूची देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) खरगोन जिले में वनमण्डल खरगोन एवं बड़वाह द्वारा सफाई, सर्वेक्षण सीमांकन, गड्ढा खुदाई, फेंसिंग, पौधा परिवहन, स्टेकिंग, खाद डलवाना आदि कार्यों के लिये विगत 03 वर्षों में निम्नानुसार आवंटन प्राप्त हुआ :-
वनमण्डल |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
खरगोन |
2019-20 |
9300000 |
2020-21 |
40766806 |
|
2021-22 |
39436000 |
|
बड़वाह |
2019-20 |
5208000 |
2020-21 |
53072574 |
|
2021-22 |
40965360 |
|
योग :- जिला खरगोन 2019-20 से 2021-22 तक |
188748740 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 में है। (ग) क्रय संबंधी वित्तीय स्वीकृति के अधिकार वित्तीय शक्ति पुस्तिका भाग-2 वर्ष 1995 में दिये गये हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 में है।
खाद्यान्न का आवंटन एवं वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
157. ( क्र. 3295 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कोविड-19 संक्रमण काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, मुफ्त राशन वितरण योजना, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत कौन-कौन सा खाद्यान्न आवंटित किया गया एवं वितरित खाद्यान्न की माहवार जानकारी दें। वितरण करने के लिए शासन के क्या दिशा-निर्देश थे? मार्च 2020 से वर्तमान तक की माहवार जानकारी देवें। (ख) मुफ्त अन्न राशन वितरण योजना के संबंध में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बेघर बेसहारा और मजदूरों का सर्वे कराने हेतु क्या मापदंड निर्धारित किए गए थे एवं इस संबंध में शासन के क्या निर्देश थे? छायाप्रति देवें। जिला प्रशासन खरगोन ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का कब से कब तक का सर्वे कराकर कितने-कितने गरीब परिवारों के बीपीएल कार्ड बनाए गए? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) खरगोन शहरी क्षेत्र के वार्डवार चिन्हित कितने-कितने बेघर बेसहारा एवं मजदूरों को तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों और अंत्योदय योजना के कार्ड धारकों को किस मान से कितना कितना खाद्यान्न का वितरण किया गया एवं कितना-कितना खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया? नहीं किया गया तो क्यों? इसकी जांच कब किसने की है एवं दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई है? योजना की माहवार जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरगोन जिले में कोविड-19 संक्रमण काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजनांतर्गत माह मार्च, 2020 से फरवरी, 2022 तक आवंटित, वितरित खाद्यान्न एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। खाद्यान्न वितरण करने के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। (ख) शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बेघर बेसहारा एवं विकलांगों का सर्वे कर खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। खरगोन जिले में माह दिसम्बर, 2021 एवं जनवरी, 2022 में 32 परिवार बेघर बेसहारा एवं विकलांगों का सर्वे कराया गया जिसमें 32 परिवारों को चिन्हांकित किया गया है, जिनकी पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) खरगोन शहरी क्षेत्र के वार्डवार प्राथमिकता एवं अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत अन्त्योदय परिवार को 35 किलो ग्राम प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 05 किलो प्रति सदस्य तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में अन्त्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों को 05 किलो प्रति ग्राम प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न वितरण कराया गया है। जिले में पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न न मिलने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जूट पोली तथा पुराने बारदानो एवं खाद्यान्न का परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
158. ( क्र. 3296 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021-22 तक जूट पोली तथा पुराने बारदान कितने-कितने नग (गठान न बतावें) किस औसत दर से खरीदे गये? (ख) प्रश्नाधीन वर्ष प्रारंभ में पिछले वर्ष के कितने बारदान स्तक (शेष) में थे तथा वर्षभर से कुल कितने बारदान का उपयोग किया गया तथा कितने शेष रहे तथा कितने बारदान खराब होने से नष्ट कर दिये गये? (ग) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2021-22 तक खरीदे गये खाद्यान्न के परिवहन पर कुल कितना खर्च हुआ? उस अवधि में कुल कितना खाद्यान्न परिवहन किया गया तथा परिवहन का प्रति किलोमीटर औसत खर्च क्या रहा? (घ) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2021-22 तक खाद्यान्न उपार्जन पर परिवहन के अतिरिक्त किस किस मद में कितना खर्च हुआ तथा इस अवधि में कुल कितना खाद्यान्न क्रय किया गया? वर्षवार बतावें। (ड.) वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021-22 तक धार तथा रतलाम जिले में खरीदे गये खाद्यान्न तथा बारदान की मात्रा तथा उपयोग किये बारदान की मात्रा तथा परिवहन पर हुए खर्च तथा उपार्जन पर हुए अन्य खर्चे की जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सैच्य एवं असैच्य क्षेत्र संबंधी
[जल संसाधन]
159. ( क्र. 3298 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के संज्ञान में है कि प्रदेश में 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में सारे विभाग मिलाकर कुल सैच्य क्षेत्र कितना है तथा असैच्य क्षेत्र कितना है? पूर्ण तथा निर्माणाधीन वृहद मध्यम सिंचाई योजना की सूची देवें। (ख) वर्ष 2016 से 2021 तक धार जिले में 5 करोड़ से अधिक लागत के कितने टेण्डर हुये? स्वीकृत ठेकेदार का नाम, कार्य का नाम, कुल लागत राशि, स्वीकृत दर, कार्य प्रारंभ की दिनांक तथा कार्य की वर्तमान स्थिति यदि पूर्ण हो गया तो उसकी दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें कि कितनी योजना निश्चित अवधि में पूर्ण नहीं हुई? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में धार जिले में विधानसभावार वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक कितनी-कितनी राशि का क्या-क्या कार्य कराया गया तथा इस क्षेत्र में भविष्य में सैच्य का रकबा बढ़ाने हेतु क्या वृहद मध्यम तथा लघु योजना प्रस्तावित एवं स्वीकृत है? (घ) धार जिले के सरदारपुर विधानसभा के दुमेला डेम की प्राक्कलन के अनुसार ऊंचाई कितनी होना थी और कितनी ऊंचाई पर निर्माण किया गया है? उक्त डेम की गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। प्राक्कलन अनुसार अगर कार्य नहीं किया गया है तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बाढ़ प्रभावित ग्रामों का पुनर्वास सहायक
[राजस्व]
160. ( क्र. 3304 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21 एवं 21-22 में कहां-कहां बाढ़ आई व इससे कौन-कौन से ग्राम प्रभावित हुए? उन ग्रामों में पुनर्वास व अन्य सहायता के क्या-क्या कार्य किए गए? ग्रामवार जानकारी देवें। यहां के किसानों को कितनी मुआवजा राशि दी गई? ग्रामवार, किसान संख्या, राशि सहित देवें। (ख) क्या कारण है कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों कौआखेड़ा, रमपुरी टोला, लोमीकल खेरघाट में पुनर्वास के कोई कार्य नहीं किए गए न ही कोई सहायता दी गई? यदि उपरोक्त में से कोई प्रक्रिया की गई हो तो जानकारी दें। यहां के किसानों, पशुपालकों व अन्य को दी गई मुआवजा राशि की जानकारी ग्रामवार, संख्या, राशि सहित देवें। (ग) बाढ़ प्रभावित ग्रामों में कोई राहत कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक किसानों, पशुपालकों व अन्य को राहत/मुआवजा राशि प्रदान कर दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में आई बाढ़ से 18 ग्राम प्रभावित हुए। जिसमें से 15 ग्रामों में पुनर्वास एवं अन्य कार्य किये गये। बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि 9,17,45,014/- वितरित की गई है। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2021-22 की जानकारी निरंक है। (ख) बाढ़ प्रभावित ग्राम कौआखेड़ा, रमपुरी टोला, लोनीकला खैरघाट में राशि वितरित की गई एवं पुनर्वास के कार्य किये गये। ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जाति प्रमाण पत्र की वैधता
[राजस्व]
161. ( क्र. 3306 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग द्वारा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4649 दिनांक 06-03-2017 के प्रश्नांश (क) व (ग) के माध्यम से यह अवगत कराया गया था कि जाति प्रमाण पत्र क्रमांक-2042/बी/121/04-05 दिनांक 28-07-05 कु. सुषमा कुमरे को जारी नहीं किया गया था? (ख) उपरोक्त प्रश्न की जानकारी किस अधिकारी द्वारा तैयार की गयी तथा किनके द्वारा परीक्षण कर हस्ताक्षर से भेजी गई? नाम, पदनाम सहित देवें। इस संबंध में तैयार नोटशीट/पत्राचार की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जब प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया गया तो भोपाल जिले के किस अधिकारी द्वारा किन-किन दस्तावेजों के आधार पर पत्र क्रमांक 81/अविअ/स.हि.न.वृत्त/2018 भोपाल दिनांक 21-02-16 द्वारा उक्त प्रमाण पत्र जारी होने की पुष्टि कर दी गयी? इससे संबंधित नोटशीट/पत्राचार की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार विधान सभा को गलत जानकारी दी गई या उपरोक्त जाति प्रमाण पत्र का प्रमाणीकरण त्रुटिवश गलत कर दिया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उपरोक्त प्रश्न की जानकारी तत्समय समस्त अनुविभागीय अधिकारियों से प्राप्त कर संकलित की जाकर कलेक्टर भोपाल के अनुमोदन उपरान्त अपर कलेक्टर के हस्ताक्षर से भेजी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) नजूल वृत्त बैरागढ अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय के राजस्व प्रकरण क्रमांक 535/बी-121/17-18 में संलग्न पत्र क्रमांक -81/अविअ/सं.हि.न.वृत्त/2018 भोपाल दिनांक 21.2.2018 के माध्यम से तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री प्रदीप कुमार शर्मा के द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाति प्रमाण-पत्र जारी होने की पुष्टि की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) पूर्व विधानसभा प्रश्न क्रमांक -4649 के "क" भाग में भोपाल जिले की हूजूर तहसील द्वारा अनुसूचित जन जाति का जाति प्रमाण-पत्र क्रमांक 2042/बी-121/2004-05 एवं 2024/बी-121/2004-05 दिनांक 28.7.2005 जारी किए जाने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी तहसील हुजूर के पत्र क्रमांक 207/रीडर/2017 भोपाल दिनांक 16.02.2017 द्वारा प्रेषित उत्तर की "उक्त प्रकरण तहसील-हुजूर के दायरा पंजी में दर्ज होना नहीं पाया जाता है के आधार पर प्रेषित की गई थी। "यह कि कार्यालय आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा कलेक्टर भोपाल को पत्र दिनांक 15.01.2018 द्वारा संबंधित का जाति प्रमाण-पत्र संलग्न कर सत्यापन चाहा गया था, जिसके तारतम्य में अनुविभागीय अधिकारी नजूल संत हिरदाराम नगर बैरागढ वृत्त भोपाल द्वारा जाति प्रमाण-पत्र जारी होने संबंधी प्रमाणीकरण किया गया है।
क्रेशर स्वीकृति की जानकारी
[राजस्व]
162. ( क्र. 3310 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर विधानसभा क्षेत्र के जाहुर में क्रेशर, गिट्टी खदान या इससे संबंधित स्वीकृति हेतु विगत 2 वर्ष में तहसीलदार राजपुर व अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा कोई प्रक्रिया की गई थी? यदि हाँ तो इससे संबंधित दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियॉ देवें। इन दस्तावेजों को जिन-जिन जावक नंबरों से जहॉ-जहॉ भेजा गया, उनके जावक नंबर, दिनांक, संबंधित विभाग नाम सहित देवें। (ख) क्या कारण है, कि स्वीकृति के पूर्व ही इस स्थान पर खनन कार्य प्रारंभ हो गया? इस स्थल पर विद्युत कनेक्शन किस दिनांक को दिया गया की जानकारी देवें। स्वीकृति के पूर्व प्रारंभ इस खनन अनुमति को कब तक निरस्त किया जाएगा? (ग) अजय यादव, विजय यादव कंस्ट्रक्शन, मॉ गायत्री/गायत्री स्टोन क्रेशर या कंस्ट्रक्शन सभी जुलवानिया जिला बड़वानी द्वारा दिनांक 01.01.16 से 31.12.18 एवं दिनांक 01.07.2020 से 15.02.2022 तक मुरम अनुज्ञा हेतु राजस्व विभाग से जो अनापत्तियॉ ली हैं उनकी प्रमाणित प्रतियॉ देवें तथा कितनी अनुज्ञा की प्रति किन विभागों द्वारा राजस्व विभाग को पृष्ठांकित की गई की पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उपरोक्त नियम का पालन न करने पर विभाग संबंधितों पर मुरम के अवैध उपयोग एवं परिवहन के प्रकरण बनाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला बड़वानी में तहसीलदार राजपुर द्वारा प्राप्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला बड़वानी के आदेश क्रमांक/1479/खनिज/2021 बड़वानी दिनांक 24.06.2021 से आवेदक श्री विजय यादव पिता प्रकशचंद्र यादव निवासी जुलवानिया को तहसील राजपुर के प.ह.न. 50 के ग्राम जाहूर के सर्वे नं. 488/21 के कुल रकबा 33.318 है. में से पैकी रकबा 4.00 है. क्षेत्र पर क्रेशर आधारित खनिज पत्थर उत्खनन की अनुमति 10 वर्षों की अवधि के लिए दी गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। जिसके परिपालन में आवेदक श्री विजय यादव पिता प्रकशचंद्र यादव निवासी जुलवानिया को दिनांक 08.12.2021 को प्रश्नाधीन मौके पर कब्जा दिया गया था, जिसके पश्चात उनके द्वारा इस स्थान पर खनन कार्य प्रारंभ किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला बड़वानी के पत्र क्रमांक 1527 दिनांक 07.11.2020 एवं 499 दिनांक 28.06.2021 के परिप्रेक्ष्य में म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि.बडवानी के द्वारा तहसील राजपुर के प.ह.नं. 50 ग्राम जाहूर में सर्वे नम्बर 488/21 पर मेसर्स पी.सी. यादव पार्टनर विजय यादव ग्राम जाहूर (बरूफाटक) तहसील राजपुर के नाम से दिनांक 12.11.2021 को उच्चदाब कनेक्शन संविदा मांग 250 केव्हीए 11 केव्ही लाईन पर कनेक्शन दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित व्यक्तियों/कंपनी को कोई अनापत्ति प्रमाण-पत्र कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला बड़वानी के द्वारा जारी नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। (घ) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियमों का उल्लंघन करते पाये जाने पर सम्बंधितों पर नियम अनुसार कार्यवाही की जावेगी है।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के संबंध में
[राजस्व]
163. ( क्र. 3312 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के अंतर्गत वर्तमान में भू-अभिलेख में अशुद्ध प्रविष्टि का शुद्धिकरण करने के अधिकार किसको है? इस धारा 115 के अंतर्गत नवीन संशोधन उपरांत न्यायालय कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कितने प्रकरणों में अशुद्ध प्रविष्टियों के शुद्धिकरण के आदेश दिए गए है? आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाए। (ख) जिला अशोकनगर में पट्टा अमल हेतु कितने प्रकरण कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में वर्तमान में लंबित है? इनका निराकरण कब तक किया जाएगा? (ग) भू-अभिलेख के अधिकार वर्ष 2018 में म.प्र. भू-राजस्व संहिता में संशोधन उपरांत कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी तक केन्द्रीकृत हो गए हैं? जिससे आमजन/किसानों के आवेदन वर्षों तक लंबित रहते है क्या शासन द्वारा भू-अभिलेख शुद्धिकरण की विक्रेंद्रीकृत व्यवस्था की योजना है? (घ) भू-अभिलेख शुद्धिकरण हेतु शासकीय भूमि के मामले न्यायालय कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी को व निजी भूमि के संबंध में तहसीलदार व नायब तहसीलदार न्यायालय को लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु अधिकार देने की शासन के पास कोई योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के अंतर्गत वर्तमान में भू-अभिलेख में अशुद्ध प्रविष्टि का शुद्धिकरण करने के अधिकार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को है। धारा 115 के तहत अशुद्ध प्रविष्टियों के प्रकरण जिनमें शुद्धिकरण के आदेश दिये गये है। अशोकनगर में 38, मुगावली में 1296, चन्देरी में 134, ईसागढ़ में 1404, योग 2872 है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) पट्टा अमल हेतु अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय एवं कलेक्टर न्यायालय में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि भू-अभिलेख के शुद्धिकरण संबंधी कार्य वर्ष 2018 म.प्र. भू-राजस्व संहिता में संशोधन उपरांत वर्षों तक लंबित रहते है। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
गेहूँ का परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
164. ( क्र. 3315 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19, 2019-20 व 2020-21 में गेहूँ का परिवहन किनके द्वारा करवाया गया? वाहन नम्बर, परिवहनकर्ता नाम सहित वर्षवार, केन्द्रवार देवें। (ख) इन परिवहनकर्ताओं ने उपार्जन स्थल से भंडारण स्थल तक जो गेहूँ पहुँचाया उसकी मात्रा, दूरी की जानकारी प्रति वाहनानुसार देवें। (ग) इसके लिये परिवहनकर्ताओं को कितना भुगतान किया गया? परिवहनकर्ता नाम, राशि, दर सहित प्रत्येक आवागमन की जानकारी के साथ देवें। इनका अकाउंट नम्बर, बैंक नाम, टी.डी.एस. कटौत्रे की जानकारी सहित देवें। (घ) जिन भुगतानों में टी.डी.एस. नहीं काटा गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनन पट्टो की स्वीकृति
[खनिज साधन]
165. ( क्र. 3316 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सचिन पाटनी निवासी उन्हेल जिला उज्जैन के नाम से कितने खनन पट्टे कब-कब, कहाँ-कहाँ स्वीकृत किए गए? स्थान नाम, स्वीकृति दिनांक, रकबा सहित संपूर्ण स्वीकृत फाइलों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या कारण है कि बिना पर्यावरण अनापत्ति के भी इनके द्वारा खनन कार्य किया जाता रहा? इन्हें कब-कब, किस-किस दिनांक से किस दिनांक तक पर्यावरण अनापत्ति दी गई? सभी की प्रमाणित प्रतियॉ देवें। (ग) दिनांक 01.01.16 से 31.12.18 तक इनके द्वारा जमा रायल्टी राशि की जानकारी माहवार देवें। इस अवधि के इनको जारी किए अभिवहन पास की प्रमाणित प्रतियॉ देवें। इस अवधि में किस-किस अधिकारी ने इनका निरीक्षण किया? निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति सहित देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार निरीक्षणों पर की गई कार्यवाही से निरीक्षणवार अवगत करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार अवधि की जमा रायल्टी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। इस अवधि में से वर्ष 2016 में इनको अभिवहन पास जारी किये गये एवं वर्ष 2017 से ऑनलाईन ई-टी.पी. प्रचलन में है, जारी अभिवहन पासों का संधारण नहीं किया जाता है। इस अवधि में विभागीय खनि निरीक्षक ने कर निर्धारण के दौरान इनका निरीक्षण किया। निरीक्षण टीप हेतु उक्त अवधि के कर निर्धारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार निरीक्षणों पर कार्यवाही में उक्त कर निर्धारणों से स्वीकृत उत्खनिपट्टो के विरूद्ध संगणित शेष राजस्व देयको को चालान के माध्यम से विभागीय मद 0853 में जमा कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है।
एन.जी.ओ. द्वारा किए जा रहे कार्य
[वन]
166. ( क्र. 3317 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा सतना जिले में विगत 3 वर्षों में एन.जी.ओ. को कार्य दिया गया है? (ख) यदि हाँ तो किन-किन एन.जी.ओ. को क्या-क्या कार्य दिये गये है? कितना भुगतान किया गया है, सभी का अलग-अलग विवरण प्रस्तुत करें। (ग) एन.जी.ओ. के चयन प्रक्रिया क्या थी? नियमावली दें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन मण्डल सतना द्वारा सतना जिले में विगत 3 वर्षों में एन.जी.ओ. को कोई कार्य नहीं दिया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मूल नक्शे से सीमांकन
[राजस्व]
167. ( क्र. 3318 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी हल्का बर्ती वृत्त छिबौरा तहसील रामपुर बाघेलान जिला सतना का पुराना बन्दोबस्ती नक्शा मौजूद है? क्या पटवारी हल्का बर्ती का नया बन्दोबस्त सन् 2004 से सन् 2009-10 तक बन्दोबस्त नया नक्शा खसरा तैयार कराया गया है? यदि हाँ तो पुरानी बन्दोबस्ती नक्शा होने के बावजूद भी नया नक्शा बन्दोबस्त किसके आदेश से कराया गया? कितना खर्च सरकार का बेवजह हुआ? इस खर्च का जिम्मेदार कौन है? क्या वसूली की जाएगी? (ख) नया नक्शा से आज दिनांक तक कितने सीमांकन कराये गये हैं और कितने सीमांकन की अर्जिया पेंडिंग हैं? अगर नक्शा सही है तो सीमांकन क्यों नहीं हो रहे हैं? क्या नये बन्दोबस्त में कुछ किसानों का रकबा घटाया-बढ़ाया भी गया है व कुछ किसानों का रकबा गायब किया गया है? सरकारी रास्ते को भी समाप्त कर पट्टा बनाया गया है? (ग) पुराने नक्शे के उपलब्ध होने पर उसे कब तक लागू किया जायेगा? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या इस गड़बड़ी की शिकायत कुछ समाज सेवियों द्वारा मुख्यमंत्री, राजस्व सचिव एवं जिला कलेक्टर से कई बार की गयी है? अगर हाँ तो आज दिनांक तक जांच क्यों नहीं करायी गयी? कब तक जांच की जायेगी? दोषियों के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पटवारी हल्का बर्ती वृत्त छिबौरा तहसील रामपुर बाघेलान का पुराना बन्दोबस्ती नक्शा उपलब्ध नहीं है। परन्तु मिट्टी वर्गीकरण का नक्शा उपलब्ध है। म.प्र. शासन राजस्व विभाग अधिसूचना क्र. एफ-15-34/सात षा-6/03 दिनांक 11-07-2003 के आदेशानुसार वर्ष 2004 से 2009-10 तक नक्शा बन्दोबस्त कराकर खसरा एवं नक्शा तैयार कराया गया है। जांच प्रचलित है शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) बन्दोबस्त उपरांत नये नक्शें में दर्ज रकबा एवं खसरा में दर्ज रकबे में भिन्नता होने से एवं मौके से नक्शें का मिलान नहीं होने से सीमांकन कार्य नहीं हो रहा है। वर्तमान में कोई भी सीमांकन आवेदन सीमांकन हेतु लंबित नहीं है। (ग) नवीन नक्शा तैयार होने के पश्चात् नवीन नक्शा के अनुसार राजस्व संबंधी कार्य किया जाना प्रावधानित है। नवीन बन्दोबस्त होने के पश्चात् नवीन नक्शा तैयार हो जाने पर पुराने नक्शा की प्रासंगिकता समाप्त हो जाती है। म.प्र. शासन राजस्व विभाग अधिसचूना क्र. एफ-15-34/सात-शा-6/03 दिनांक 11-07-2003 से नवीन नक्शा तैयार कर लागू किया जा चुका है। अत: पुराना नक्शा लागू किया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में नक्शा त्रुटि के संबंध में कुछ शिकायतें कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्राप्त हुई है। जिसकी जांच प्रचलित है।
अधिग्रहण की गई भूमियों के संबंध में
[राजस्व]
168. ( क्र. 3322 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कोतमा अंतर्गत वर्ष 2000 से 2021 तक किस-किस प्रयोजन हेतु, किस विभाग, उपक्रम, उद्योग द्वारा कितनी भूमियाँ अधिग्रहित की गई हैं? ग्रामवार, खसरा, रकबा सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अधिग्रहित भूमियाँ किस-किस नियम/अधिनियम के तहत अधिग्रहित की गई हैं? नियमों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अधिग्रहित भूमियों के भू-स्वामियों के नाम, खसरा, रकबा, मुआवजे की राशि, मुआवजा वितरण का दिनांक, प्रावधानानुसार रोजगार प्रदाय, लंबित रोजगार, लंबित मुआवजे की राशि का विवरण, रोजगार न दिए जाने, मुआवजा वितरण न होने के कारण बतावें। (घ) क्या भूमियाँ जिस प्रयोजन के लिए अधिग्रहित की जाती है, यदि वह प्रयोजन समय-सीमा में पूर्ण नहीं होता है, प्रयोजन परिवर्तित किया जाता है, तो क्या भूमियाँ भू-स्वामियों को वापस किए जाने के प्रावधान हैं? यदि हाँ तो स्पष्ट जानकारी नियमों की प्रति सहित प्रदान करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार एसईसीएल अंतर्गत अधिग्रहीत भूमियों के अर्जन की कार्यवाही भू-अर्जन अधिनियम 1894, कोयला धारक क्षेत्र (अर्जन एवं विकास) अधिनियम 1957 के तहत की गई है एवं अन्य विभागों हेतु किये गये भू-अर्जन की कार्यवाही के नियमों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जिसमें पिपरिया जलाशय, भू-अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन में उचित पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के तहत किया है एवं एनएच-43 से संबंधित मामलों में केन्द्रीय सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 के खण्ड (क) एवं प्राधिकार के प्रकाशन संख्या 2387 का आ. 3080 (अ) अधिसूचना नई दिल्ली बुधवार दिनांक 09 अक्टूबर, 2013 द्वारा किया गया है व मेसर्स बेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 1320 मेगावॉट विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु निजी भूमि अर्जन की अनुमति अपर सचिव म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 12-30/2010/सात/2ए भोपाल, दिनांक 11 मार्च 2011 के तहत दी गई है। नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार अधिग्रहित भूमियों के भूमि स्वामी का नाम, खसरा, रकबा, मुआवजा की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द अनुसार है एवं कार्यालय में मौजूद अभिलेखों के आधार पर मुआवजा वितरण का दिनांक व चालान कमांक. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। पत्रक में जिन अवार्डधारियों के नाम के सामने गोला लगाया गया है, उनको भुगतान किया जा चुका है। शेष का मुआवजा वितरण हेतु शेष है। प्रावधानानुसार रोजगार प्रदाय किये जाने का प्रावधान सिर्फ साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमि0 में ही है। कोतमा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अन्य विभागों हेतु भू-अर्जन की प्रक्रिया में रोजगार प्रदाय का प्रावधान निहित नहीं है। (घ) भू-अर्जन अधिनियम 2013 के धारा 101 के अनुसार अर्जन एवं अधिपत्य के तिथि से 5 वर्ष तक अधिपत्य नहीं लेने की स्थिति में भूमियों के मूल भूमिस्वामियों को वापस किये जाने का प्रावधान है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[खनिज साधन]
169. ( क्र. 3323 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में अनूपपुर जिले के समस्त विभागों द्वारा कितने निर्माण कार्य कराये गये? ठेकेदार का नाम, कार्य का नाम, कार्य स्थल, लागत, कार्य की स्थिति बतावें। वर्ष 2020-21 व 2021-22 में कार्यवार विवरण देवें। क्या विभाग द्वारा उक्त कार्यों में उपयोगित खनिज की वैधता के संबंध में क्रय सत्यापन किया गया है? यदि हां, तो पूर्ण जानकारी कार्यवार देवें? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समस्त निर्माण कार्यों में खपत की गई रेत एवं गिट्टी की मात्रा, रायल्टी राशि सहित कार्यवार बतावें। उपरोक्त की रायल्टी पर्चियां, अभिवहन पास सहित उपलब्ध करावें? क्या खपत किए गए खनिजों एवं रायल्टी पर्चियों में दर्शित मात्रा बराबर है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्या ठेकेदार द्वारा बिना रायल्टी के खनिजों का प्रयोग किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इसके लिए विभाग दोषी ठेकेदारों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) इसके लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण किये गये निर्माण कार्यों में उपयोगित खनिज की रायल्टी विभागीय लेखा शीर्ष में जमा की जाती है। निर्माणाधीन कार्यों में उपयोगित रायल्टी रनिंग देयकों से काटी गई है। कार्य पूर्ण होने उपरांत यह राशि खनिज मद में जमा की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दी गई जानकारी अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन परिक्षेत्रों में कराये गये कार्य
[वन]
170. ( क्र. 3327 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के खिवनी अभयारण्य अंतर्गत विगत 05 वर्षों में विकास/निर्माण कार्यों हेतु विभाग को प्रावधानित बजट से किन-किन आदेशों से राशि की प्राप्ति एवं मदवार कितना भुगतान किया गया? (ख) प्रश्नांकित वन परिक्षेत्र खिवनी अभयारण्य एवं हरसपुर रेंज में वर्ष 2019 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2021 तक क्या-क्या, कितनी-कितनी राशि के कार्य कराये गये? समस्त बिल वाउचरों की प्रमाणित प्रति दें। (ग) प्रश्नांकित अवधि में वन्य प्राणियों के लिये कितने घन मीटर सी.पी.टी. खुदाई कार्य कहां-कहां कराया गया? इस पर कितना व्यय हुआ? (घ) प्रश्नांकित वन परिक्षेत्रों में वन मार्ग उन्नयन कार्य कहां-कहां कराया गया? क्या उक्त कार्य मजदूरों के माध्यम से कराया गया? यदि हाँ तो मजदूरों के जॉब कार्ड एवं उनके खाता नंबर सहित भुगतान की गई राशि की जानकारी दें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) वन मण्डल क्षेत्रीय देवास के अभयारण्य खिवनी एवं हरसपुर परिक्षेत्र में वर्ष 2019 से 31 दिसम्बर, 2021 तक कराये गये कार्य एवं व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। समस्त बिल वाउचर्स की प्रति अत्यधिक वृहद है, जिसे तैयार करने में निर्धारित समयावधि से अधिक समय लगेगा। (ग) प्रश्नांकित अवधि में अतिक्रमण एवं अवैध निकासी की रोकथाम हेतु कुल 10596 घ.मी. सी.पी.टी. खुदाई का कार्य बीट दौलतपुर के कक्ष क्रमांक-पी-207 एवं पी-208 में कराया जाकर इस कार्य में कुल राशि रूपये 8.58 लाख व्यय हुआ है। (घ) खिवनी अभयारण्य अंतर्गत वन मार्ग उन्नयन का कार्य बीट खिवनी पश्चिम के कक्ष क्रमांक-207, 208, 198, 204 तथा 203 में कार्य मजदूरों द्वारा कराया गया है। मजदूरों के नाम एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। विभागीय कार्यों में जॉब कार्ड बनाने का प्रावधान नहीं है तथा बैंक खाता नम्बर व्यक्तिगत जानकारी होने से प्रकटन संभव नहीं है।
मेढ़ा परियोजना का कार्य
[जल संसाधन]
171. ( क्र. 3331 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के कार्यपालन यंत्री के रूप में संभाग के साथ-साथ अधीक्षण यंत्री के प्रभार दिये गये है? यदि हाँ तो बैतूल संभाग के कार्यपालन यंत्री की अपेक्षा किसी अन्य को अधीक्षण यंत्री का प्रभार क्यों नहीं सौंपा गया? क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के प्रभार वापस करेगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों? (ख) बैतूल जिले के अंतर्गत मेढ़ा परियोजना से कितने ग्रामों को कितना पानी संरक्षित कर सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जायेगा और उक्त परियोजना के बांध की ऊँचाई बढ़ाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ तो कब तक निराकरण कर लिया जावेगा और क्या ऊँचाई का कार्य अन्य ठेकेदार से कराया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। स्थानीय व्यवस्था के अंतर्गत विभाग में उपलब्ध अमले एवं तात्कालिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए अस्थाई रूप से प्रभार सौंपा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मेढ़ा मध्यम परियोजना के माध्यम से 17 ग्रामों की 5800 हेक्टेयर में एम सी एम पानी से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है। ऊँचाई बढ़ाने के प्रस्ताव पर साधिकार समिति द्वारा अनुशंसा की गयी है कि परियोजना का निर्माण प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार कराया जावे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
172. ( क्र. 3332 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत नहीं आने वाले प्रदेश के पात्र दिव्यांगों को आत्म निर्भर भारत पैकेज योजना में शामिल किये जाने के निर्देश जारी किए है? (ख) यदि हाँ तो प्रदेश के किस-किस जिले में कितने-कितने पात्र दिव्यांगों को आत्म निर्भर भारत पैकेज योजना में शामिल किया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि योजना अनुसार समय पर कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
173. ( क्र. 3339 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर सतना के पत्र क्रमांक/229/3बी/स्था./2021 दिनांक 04.03.2021 एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त, म.प्र. के पत्र क्र.एफ-/स्था-2/प्र.रा.आ./2021/5471 दिनांक 08 अगस्त, 2021 में विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) कलेक्टर सतना के पत्र क्र. 605/3बी/स्था./2021 दिनांक 04 अगस्त, 2021 द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त को क्या प्रोसेस सर्वर को कलेक्टर स्थापना में भृत्य के रिक्त पदों पर नियमितीकरण की जानकारी भेजी गई थी? क्या शेष 05 प्रोसेस सर्वरों को भविष्य में भर्ती कार्यवाही प्रचलित होने व भृत्य के पद रिक्त होने पर नियमितीकरण किये जाने की अनुशंसा की गई थी? क्या इसी कार्यवाही के दौरान मृत हुए श्री रोहिणी प्रसाद त्रिपाठी को नियमित कर्मचारी नहीं माना जावेगा क्या? यदि माना जावेगा तो कब तक उनके पात्र आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्ररकण निराकृत किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर सतना एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त के संदर्भित पत्रों पर कार्यवाही करते हुए विभागीय पत्र क्रमांक 1196/2044/2021/सात-4, दिनांक 11-10-2021 के द्वारा निराकरण किया गया है। (ख) जी हाँ। स्व. श्री रोहिणी प्रसाद त्रिपाठी, प्रोसेस सर्वर के पद पर कार्यरत थे। स्व. श्री त्रिपाठी के भृत्य के पद पर नियुक्ति नहीं होने से उनके आश्रित एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति देने की पात्रता नहीं बनती है। शासकीय सेवक की सेवा काल में मृत्यु होने पर ही आश्रित के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान है। अतः इस प्रकरण में स्व. श्री रोहिणी प्रसाद त्रिपाठी, प्रोसेस सर्वर के पुत्र श्री मिथिलेश त्रिपाठी को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाना संभव नहीं है।
शासकीय मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
174. ( क्र. 3341 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद लिधौरा खास स्थित शासकीय मंदिर (श्री ठाकुर मुरलीमनोहर जी मंदिर) के पुजारी की मिलीभगत से मंदिर के मालिकाने की भूमि पर अतिक्रमण कराया जाकर भूमि को खुर्दबुर्द किया जा रहा है? मंदिर की भूमि पर किस-किस व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण किया गया है? विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या मंदिर के समीप स्थित शासकीय नाले पर भी अतिक्रमण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित भूमियों का सीमांकन व अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। उक्त भूमि पर किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मौके पर जांच की गई, मुरली मनोहर मंदिर के पास कोई नाला मौजूद नहीं है और न ही राजस्व अभिलेख में नाला दर्ज है। (ग) मंदिर की भूमि पर वर्तमान में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यालय अनुभाग राजस्व एवं माचलपुर को तहसील घोषित करने
[राजस्व]
175. ( क्र. 3347 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर की विकासखण्ड जीरापुर को अनुभाग (राजस्व) एवं माचलपुर को तहसील घोषित किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 19.01.2019 एवं 21.01.2019 को माननीय मंत्री जी को लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर शासन तथा विभाग द्वारा क्या कार्यवाहियां की गई हैं? दिनांकवार पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या शासन जीरापुर को अनुभाग (राजस्व) एवं माचलपुर को तहसील घोषित करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव के संबंध में दिनांक 11-3-2019, 18-4-2019, 29-5-2019, 15-7-2019, 7-8-2019, 6-9-2019, 25/3/2019 एवं 25-10-2019, से कलेक्टर राजगढ़ को लिखा गया। दिनांक 13-12-2019 को आपत्ति सुझाव प्राप्त किये जाने हेतु 30 दिवस की प्रांरभिक अधिसूचना जारी की गई। दिनांक 3/2/2020 द्वारा कलेक्टर राजगढ़ से आपत्ति सुझाव प्राप्ति की जानकारी चाही गई थी। 23-2-2021 को पुन: कलेक्टर राजगढ़ को पत्र लिखा गया है जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नवीन प्रशासकीय इकाईयो के गठन/पुर्नगठन हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[जल संसाधन]
176. ( क्र. 3348 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के जल संसाधन संभाग राजगढ़ में कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री/ उपयंत्री/अमीन के कितने स्वीकृत पद हैं एवं उसके विरूद्ध कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) कार्यरत कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री मूल पद पर कार्यरत हैं अथवा प्रभार में हैं, पदवार संस्था बतावें। (ग) क्या अधिकारी/कर्मचारियों की कमी के कारण राजस्व वसूली, सिंचाई, नई योजनाओं के सर्वेक्षण, निर्माण कार्य की देख-रेख एवं संचालन ठीक से नहीं हो रहा है? रिक्त पद को भरे जाने की शासन की क्या योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिले में कार्यरत अमले द्वारा कार्य सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मर्जर की शासकीय भूमि का दोहन
[राजस्व]
177. ( क्र. 3351 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व विधायक द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व को माह अगस्त 2021 को ग्राम सेवनिया गोड भोपाल स्थित खसरा नम्बर 43, 60, 59, 53, 54, 52, 63, 64, 72, 103, 47, 106, 58, 44, 45, 57, 62 की भूमि राजस्व, बीडीए ओर टाउन एवं कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों की मिलिभगत के चलते अरबों रूपये की मर्जर की शासकीय भूमि बाहुबली जनप्रतिनिधि, बिल्डर्स एवं शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अंतरण किए जाने के संबंध में पत्र लिखकर अवगत कराया था? (ख) यदि हाँ तो क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक 6054/2001 दिनांक 24/12/2004 में कलेक्टर को शासन की भूमि को मुक्त करने हेतु स्पष्ट आदेश जारी किया गया था? (ग) यदि हाँ तो माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं की गई तो क्यों? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध शासन क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर ने याचिका क्रमांक-6054/2001 में पारित आदेश में यह निर्णय दिया था कि अतिचारियों के तृतीय पक्ष होने के कारण उनके अधिकारों का निराकरण जनहित याचिका में नहीं किया जा सकता है। किन्तु राज्य शासन को यह छूट दी थी कि अगर उनकी संपत्ति पर किसी ने विल्लगंमित किया है या किसी अन्य प्रकार से अन्य संक्रामण किया है तो कानून के अनुसार कार्यवाही कर सकता है। (ग) मान. उच्च न्यायालय के निर्णय के पालन में तहसीलदार ने जांच कर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसके आधार पर प्रकरण स्वप्रेरणा निगरानी में लिये जाकर कार्यवाही की गई तथा आदेश दिनांक 04-06-2012 द्वारा आदेश पारित किये गये जिसमें मामला निजी स्वत्व एवं शासकीय स्वत्व का होने जिसका निर्धारण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-57 (2) के अंतर्गत किया जाना विधि संगत पाये जाने से सक्षम प्राधिकारी को विधिवत् निराकरण करने हेतु तहसीलदार का प्रतिवेदन सहदस्तावेजों सहित प्रेषित करने के आदेश दिये गये। तत्पश्चात म.प्र. शासन राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक-एफ-06-16/2018/सात/नजूल दिनांक-03.04.2018 एवं पत्र क्रमांक-एफ-06-16/2018/सात/नजूल दिनांक-19 सितम्बर 2018 के द्वारा मर्जर भूमियों के संबंध में शासन द्वारा नवीन नीति निर्धारित कर दी गई है।
मर्जर की भूमि का निराकरण
[राजस्व]
178. ( क्र. 3352 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 784 दिनांक 10 मार्च 2008 की कण्डिका (ग) का उत्तर मूल मर्जर एग्रीमेंट भारत सरकार के आधिपत्य में होने की जानकारी सदन के समक्ष दी थी? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में यह अवगत करावें कि क्या विभाग के पास मूल मर्जर एग्रीमेंट की प्रति उपलब्ध है? यदि नहीं तो मर्जर की भूमि के निराकरण किस आधार पर किए जा रहे हैं? क्या यह नियम विपरीत प्रक्रिया नहीं है? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि उक्तावधि में विभाग द्वारा मर्जर एग्रीमेंट की भूमि किन-किन को किस-किस आधार पर आवंटित की गई व छोड़ी गई आवंटित भूमि का रकबा व नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, छायाप्रति उपलब्ध है। इस संबंध में लेख है, कि मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के ज्ञापन क्रमांक एफ 6-16/2018/सात नजूल भोपाल दिनांक 03.04.2018 एवं म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के ज्ञापन क्रमांक एफ 6-16/2018/सात नजूल भोपाल दिनांक 19.09.2018 द्वारा मर्जर के संबंध में नवीन निर्देश जारी किये गये है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के तारतम्य में जानकारी निरंक है।
संबल योजनांतर्गत पंजीकरण
[श्रम]
179. ( क्र. 3356 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया? क्या निर्धारित लक्ष्य अनुसार पंजीयन पूर्ण कर लिये गये है अथवा वर्तमान में पंजीयन किये जा रहे है? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या पंजीकृत सभी हितग्राहियों का सत्यापन कर लिया गया है? यदि नहीं तो कितने शेष है शेष हितग्राहियों का सत्यापन कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? सत्यापन उपरांत कितने हितग्राही पात्र तथा कितने अपात्र घोषित किये गये? क्या कुछ पात्र हितग्राहियों से बगैर संपर्क किये उन्हें अपात्र घोषित किया गया हैं? यदि हाँ, तो शासन ऐसे पात्र हितग्राहियों का पुन: सत्यापन करायेगा तथा कब तक? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं में लाभ मुहैया कराया गया हैं? नामवार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 135175 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया पंजीयन हेतु कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं था। वर्तमान में पंजीयन नहीं किया जा रहा है। पंजीयन प्रारभ किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है (ख) पंजीकृत हितग्राहियों की सत्यापन की कार्यवाही निरंतरित है। 5 लाख श्रमिकों का सत्यापन शेष है,। सत्यापन उपरांत 1 लाख 42 हजार हितग्राही पात्र चिन्हित किये गये व 75 लाख श्रमिक अपात्र चिन्हित किये गये, जी नहीं अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजनांतर्गत जिन हितग्राहियों को लाभ उपलब्ध कराया गया है। उनकी नामवार, ग्रामवार सूची संकलित की जा रही है।
केन्द्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनांतर्गत पंजीकृत किसान
[राजस्व]
180. ( क्र. 3359 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि व मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो शहडोल संभाग में दोनों योजनाओं में कुल कितने-कितने कृषक सम्मिलित/पंजीकृत हुए तथा अनूपपुर जिले में कुल कितने-कितने कृषक तथा पुष्पराजगढ़ तहसील में कितने कृषकों को दोनों योजनाओं में पंजीकृत किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार कुल कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संख्यावार कृषकों को भुगतान की गई राशि दर्शाकर बताएं। (घ) अनूपपुर जिले में व पुष्पराजगढ़ तहसील में दोनों योजनाओं में पंजीकृत कृषकों में से कितनों को अपात्र घोषित किया? तहसीलवार बताएं। अनूपपुर जिले के संपूर्ण नाम पंजीकृत नहीं हो पाए तो किन कारणों से वे कब पंजीकृत किए जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल संभाग के जिला अनूपपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अन्तर्गत कुल 88854 किसान परिवार पंजीकृत हैं, जिनमें से 81177 किसान परिवारों का सत्यापन पूर्ण होकर लाभ प्राप्त कर रहें है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अन्तर्गत कुल 81177 किसान परिवार का सत्यापन पूर्ण किया जा चुका है व लाभ प्राप्त कर रहें हैं। पुष्पराजगढ़ तहसील में कुल 34972 कृषक परिवार उक्त दोनों योजनाओं में पंजीकृत हैl जिला उमरिया अंतर्गत प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु 86297 कृषक वर्तमान में पंजीकृत हैं। जिला शहडोल में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत कुल 118442 पात्र कृषक परिवार पंजीकृत हैं तथा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि अंतर्गत वर्ष 2021-22 में कुल पात्र कृषक परिवारों की संख्या 108379 है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संख्यावार कृषकों को पीएम किसान योजना अन्तर्गत अनूपपुर जिले में अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत राशि रूपये 1,32,45,66,000/- एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत राशि रूपये 42,63,92,000/- कृषकों को प्रदान की गई। उमरिया जिला अंतर्गत अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत 775650000/- राशि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत 451116000/- राशि कृषकों को प्रदान की गई है। शहडोल जिला अंतर्गत अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत राशि रूपये 1692180000/- एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत राशि रूपये 522218000/- कृषकों को प्रदान की गई। (घ) अनूपपुर जिले में दोनों योजनाओ में तहसील अनूपपुर में 373, जैतहरी में 105, कोतमा में 229, पुष्पराजगढ़ में 396 पंजीकृत किसानों को अपात्र घोषित किया गया है। अनूपपुर जिले में पीएम किसान योजना अन्तर्गत सोशल आडिट की कार्यवाही की जा रही है जिसमें ग्राम सभा आयोजित कर छूटे हुए किसानों की सूची पटवारियों द्वारा तैयार कराई जाकर पात्रता की जांच की कार्यवाही की जा रही है।
स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
181. ( क्र. 3360 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितनी आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां हैं, जिसके अंतर्गत कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? समितिवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित उचित मूल्य की दुकानों में से कितनी-कितनी दुकानें समिति और स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित की जा रही हैं? ग्राम व विकासखण्डवार समूह के अध्यक्ष/सचिव के नाम सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) दुकानें महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं? किये गये दुकान आवंटन के आदेश की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों का ऑडिट कब-कब किसके द्वारा किया गया हैं? (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या संचालित उचित मूल्य की दुकानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा वित्तीय अनियमितता और खाद्यान्न की हेरा-फेरी या गबन का कार्य किया गया है? यदि हाँ तो किस-किस स्व-सहायता समूहों द्वारा किया गया है? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या स्व-सहायता समूहों द्वारा वित्तीय अनियमितता और खाद्यान्न की हेरा-फेरी या गबन का कार्य किये जाने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में स्व-सहायता समूहों द्वारा उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं? सूची सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले में कुल 25 आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों द्वारा 267 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। समितिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जिले की दुकानों में से आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों द्वारा 267 एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा 29 उचित मूल्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। दुकान के प्राधिकार पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) स्व-सहायता समूहों द्वारा किए/कराए गये ऑडिट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। 04 महिला स्व–सहायता समूहों द्वारा खाद्यान्न का गबन किया गया है। तीन दुकान अन्य संस्था से संचालित है तथा एक दुकान माननीय न्यायालय के आदेश से समूह द्वारा संचालित है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
जांच उपरांत कार्यवाही
[जल संसाधन]
182. ( क्र. 3376 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संभाग सीधी में उपयंत्री के पद पर श्री राजेन्द्र सिंह वर्ष 2012 में पदस्थ थे, जिनके द्वारा भारी अनियमितता की गयी थी? भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा पत्र क्र. 3328500/27/11 भोपाल दिनांक 16.04.2013 द्वारा सेवा से पृथक/ बर्खास्त कर दिया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो श्री सिंह को सेवा में पुन: रखे जाने बाबत् आदेश कब किन अधिकारी द्वारा किन आधारों पर दिया गया, का विवरण बतावे। (ग) प्रश्नांश (क) के कर्मचारी को प्रभारी सहायक यंत्री के पद पर जिला शहडोल में पदस्थ किया गया जिनके भ्रष्टाचार की शिकायत अनेक जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई। लोकायुक्त संगठन में भी क्या इनकी जांच लंबित है? कार्यवाही की स्थिति बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के कर्मचारी जो भ्रष्टाचार में लिप्त थे जिनकी सेवा पुन: क्यों बहाल की गई? प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई जांच कब तक पूर्ण कराकर कार्यवाही करेंगे? साथ ही शहडोल जिले से अन्यत्र हटाये जाने बाबत् क्या आदेश जारी करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2012 में उप संभाग सीधी में पदस्थ श्री राजेन्द्र सिंह उपयंत्री को, अनियमितता प्रमाणित/होना पाई जाने के कारण प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग के आदेश दिनांक 16/04/2013 द्वारा सेवा से बर्खास्त किया गया था। (ख) प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल के आदेश क्रमांक 3328500/27/2011 दिनांक 07.12.2019 द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर डब्ल्यू पी 5136/2014 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 20/06/2018 को पारित अधिनिर्णय के परिपालन में श्री राजेन्द्र सिंह उपयंत्री को पुन: बहाल किया गया। सेवा में पुन: बहाल करने का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। लोकायुक्त संगठन में इनके विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 246/2021 एवं 250/2021 के अंतर्गत पंजीबद्ध हैं। लोकायुक्त संगठन में जांच प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश (क) के कर्मचारी की सेवा पुन: बहाल करने की जानकारी उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार है। लोकायुक्त संगठन द्वारा जांच पूर्ण होने पर कार्यवाही गुण/दोष के आधार पर सुनिश्चित की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी की पदस्थापना
[राजस्व]
183. ( क्र. 3383 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में शहरी क्षेत्रों व ग्रामीण क्षेत्रों में कितने राजस्व निरीक्षक व पटवारी के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृति अनुसार कितने पद रिक्त व कितने पद भरे हैं, का विवरण तहसीलवार जिलों का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पदस्थ होकर कार्यरत राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों में से कितने ऐसे है जिनकी कार्यावधि 3 वर्ष से ज्यादा की एक ही जगह पर हो चुकी है, उनका विवरण देते हुये बतावें कि इनके अन्यत्र हटाये जाने बाबत शासन के क्या निर्देश/आदेश हैं? आदेश की प्रति भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शहडोल शहरी व रीवा शहरी क्षेत्र के राजस्व निरीक्षकों व पटवारियों की पदस्थापना की अवधि कितने वर्षों की हो चुकी है, का विवरण पृथक-पृथक देवें। इनमें से जिनकी कार्यावधि 3 वर्षों से ज्यादा हो चुकी है? उनके अन्यत्र हटाये जाने बाबत कार्यवाहियां नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यरत कर्मचारियों में से जिनकी कार्यावधि एक ही जगह पर 3 वर्षों से ज्यादा हो गई है उनको अन्यत्र पदस्थ करने बाबत क्या निर्देश जारी करेंगे? शासन के जारी निर्देशों/आदेशों का पालन न करने व करवाने वाले जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शहडोल जिलान्तर्गत राजस्व निरीक्षक के कुल 39 पद व पटवारी के कुल 263 स्वीकृत हैं। राजस्व निरीक्षक के 34 पद भरें, 05 पद रिक्त एवं पटवारी के 225 पद भरें, 38 पद रिक्त हैं। तहसीलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार। रीवा जिला अन्तर्गत कुल 51 राजस्व निरीक्षक के पद स्वीकृत हैं एवं पटवारी के कुल 591 पद स्वीकृत है। राजस्व निरीक्षक के 42 पद भरे, 9 पद रिक्त है एवं पटवारी 452 भरें एवं 139 रिक्त है। तहसीलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार (ख) शहडोल जिलान्तर्गत 13 राजस्व निरीक्षक एवं 48 पटवारियों की कार्यावधि एक ही जगह पर 3 वर्ष से ज्यादा की है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार। रीवा जिला अंतर्गत 08 राजस्व निरीक्षक एवं 133 पटवारी ऐसे है जिनकी कार्य अवधि 03 वर्ष से ज्यादा हो गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''चार'' अनुसार। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ6-1/2021/एक/9 भोपाल दिनांक 24 जून 2021 द्वारा जारी स्थानांतरण नीति की कण्डिका 18 के अनुसार कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''पांच'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- छ:, सात एवं आठ अनुसार। स्थानांतरण नीति 2021 की कण्डिका 18 के अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) शासन द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति के अनुसार कार्यवाही की गई है। इसलिए शासन के जारी निर्देशों/आदेशों का पालन न करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
राजस्व नजूल की भूमियां
[राजस्व]
184. ( क्र. 3405 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा तहसील क्षेत्र अंतर्गत शासन/विभाग की कितनी राजस्व भूमि है एवं कितनी नजूल विभाग की भूमि है तथा नगर परिषद अंतर्गत कितनी भूमि शासन/विभाग की है? सर्वें न. सहित जानकारी दें। (ख) बताएं कि उक्त भूमियों पर किस प्रयोजन के विभागीय तथा अन्य विभागीय क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? इस हेतु कार्यवार कितनी-कितनी भूमि किस-किस को प्रदान की गई है? (ग) उपरोक्तानुसार विभागीय कार्य जनकार्य किये जाने हेतु भूमियों का सीमांकन किया गया हैं? कितनी भूमि खुली होकर रिक्त पड़ी हैं? (घ) अवगत कराएं कि पिपलौदा नगर में विगत वर्षों में शासन/विभाग द्वारा प्रदान की गई लीज भूमि जिस पर जिनिंग का कार्य तत्कालीन वर्षों में किया जाता रहा, वर्तमान में किस स्थिति में है? साथ ही तहसील जावरा स्थित शासकीय भूमियों पर किस-किस प्रकार का अतिक्रमण हैं? हटाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिले की तहसील जावरा अंतर्गत शासन की शासकीय भूमि – 6451.966 है., नजूल भूमि -595.67 है. एवं विभाग की राजस्व भूमि 2070.496 है तथा नगर परिषद जावरा अंतर्गत नजूल – 595.67 है. भूमि है। जावरा नगर परिषद अंतर्गत नजूल भूमियों की सर्वे नंबर सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) विभागों को भूमियां आवंटित करने के बाद उनके विभाग के द्वारा विभागीय कार्य संपादित किये जा रहे हैं भूमियां कार्यवार प्रदान नहीं करते हुये विभागों को प्रदान की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जावरा नगर व तहसील में विभिन्न विभागों को आवंटित भूमियों का सीमांकन संबंधित विभागों को आवंटन के समय एवं कब्जा प्रदान करते समय किया गया था। विगत एक वर्ष में किसी भी विभाग की ओर से उनकी विभागीय संपतियों का सीमांकन करने संबंधी कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है। बाउण्ड्रीवाल बनाना संबंधित विभागों से संबंधित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। तहसील जावरा में शासकीय भूमियों पर फसल बोकर, घेरकर, मकान बनाकर, झोपडी बनाकर अतिक्रमण किया गया है, जिसमें अतिक्रामकों के विरुद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर अतिक्रमण हटाए जाने की कार्यवाही की जाती है।
मत्स्य पालन की नियम प्रक्रिया
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
185. ( क्र. 3406 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत मत्स्य पालन हेतु शासन/विभाग द्वारा विकासखण्डवार किन-किन स्थानों को चिहिन्त कर किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से किस प्रकार संचालित किया जा रहा है? विकासखण्डवार, स्थानवार बताएं। (ख) वर्ष 2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभाग को केन्द्र/राज्य के माध्यम से क्रियान्वयन हेतु वर्षवार कितना-कितना बजट प्राप्त होकर किन कार्यों पर व्यय हुआ? वर्षवार आय-व्यय की जानकारी दें। (ग) बताएं कि एक वर्ष में किन-किन स्थानों/केन्द्रों से किस-किस माध्यम से शासन/विभाग को कितना राजस्व प्राप्त हुआ तथा कितना व्यय उक्त स्थानों/केन्द्रों पर किन कार्यों हेतु कितना हुआ? वर्षवार जानकारी दें। (घ) अवगत कराएं कि नियमानुसार क्या ठेका दिया जाता है अथवा नीलामी की जाती है या किस प्रकार से अनुबंधित किया जाता है? संबंधितों को क्या अनुदान भी दिया जाता है तो कितना-कितना दिया गया? वर्षवार बताएं। मत्स्य विकास वर्ष भर में किन-किन स्थानों पर कितना-कितना हुआ? वर्षवार बताएं। साथ ही वर्ष भर की विशेष उल्लेखनीय उपलब्धियां की भी वर्षवार दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन स्तर पर मत्स्य पालन नीति 2008 की नीति एवं त्रिस्तरीय पंचायतों को मत्स्योद्योग के अधिकार कार्यक्रम अनुसार योजनाओं को संचालित किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। (ख) वर्ष 2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभाग को केन्द्र सरकार/राज्य सरकार के माध्यम से प्राप्त बजट आवंटन एवं व्यय की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार। (ग) वर्ष 2020-21 में शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र भोलावाड, शिवगढ एवं डेरीत्रिवेणी से मत्स्य बीज विक्रय करने से राशि रूपये 10.713 लाख राजस्व के रूप में प्राप्त हुई जो चालान के माध्यम से शासकीय मद में की गई हितग्राहियों को दी गई अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार ठेका अथवा नीलामी की प्रथा नहीं है। अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार।
गलत तरीके से किये गये नामांतरण की जानकारी
[राजस्व]
186. ( क्र. 3426 ) श्री जितु पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1315 दिनांक 25/02/2021 (उत्तर दिसम्बर 2021) के अनुसार बतावें कि सर्वे क्रमांक 43/1131 जिन-1 0.760 है में दशक बाद न्यायालय के बाद दायर क्यों किया गया तथा आदेश दिनांक 06/01/2027 को दो साल तक उच्चतम न्यायालय में चुनौती क्यों नहीं दी गई तथा अवमानना चायिका होने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जायेगी? (ख) उक्त प्रश्न के संदर्भ में सर्वे क्रमांक 114/2 रकबा 35 है के समस्त आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि 6487 के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती क्यों नहीं दी गई तथा तहसीलदार रतलाम ने किस अधिकारी से नामांतरण स्वीकृत किया, जबकि अधिनियम में तहसीलदार को यह अधिकारिता ही नहीं है। क्या सैकड़ों करोड़ मूल्य की इस जमीन का नामांतरण निरस्त किया जायगा तथा उच्च न्यायालय में चुनौदी दी जाएगी? (ग) उक्त प्रश्न के संदर्भ में सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 तथा 137/1/ख 3 क, समस्त दस्तावेज की प्रति देवें तथा बतावें कि इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी या नहीं तथा न्यायालय तहसीलदार ने न्यायालय कलेक्टर के आदेश के बिना अपनी अधिकारिता क्षेत्र के बाहर जाकर नामांतरण कैसे किया इसे निरस्त किया जाएगा? (घ) प्रश्न के उत्तर में रतलाम स्थित सर्वे क्रमांक 122 तथा 123 रकबा 1.2 के संदर्भ में जानकारी क्यों नहीं दी गई? बतावें कि किस न्यायालय के आदेश से इसका नामांतरण निजी नाम से किया गया, उसकी प्रति देवें। निजी नाम पर करने संबंधी न्यायालय तहसीलदार की कार्यवाही संबंधी समस्त दस्तावेज देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (ख) में उल्लेखित जमीन की वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 500 करोड़ से ज्यादा है क्या शासन गंभीरता से कोई सक्षम ठोस कार्यवाही कर राज्य धन की रोकथाम करेगा तथा लापरवाही पर जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1315 दिनांक 25/2/2021 (उत्तर दिसम्बर 2021) के अनुसार सर्वे नं. 43/1131मिन-1 रकबा 0.760 हे. के संबंध में दशक बाद न्यायालय में कोई वाद दायर नहीं किया गया। न्यायालयीन प्रकरणों के सम्बन्ध में गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की गयी (ख) प्रश्न क्रमांक 1315 दिनांक 25/02/2021 के उत्तर में सर्वे क्रमांक 114/2 रकबा 35 है के सम्बन्ध में उल्लेख नहीं है, न ही 6487 के किसी आदेश का उल्लेख है। जिस कारण सर्वे क्रमांक 114/2 रकबा 35 है से संबंधित आदेश से संबंधित शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 तथा 137/1/ख 3 क, से त दस्तावेज अभिलेखों की प्रति पुस्तकालय में रखे में परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की गयी है (घ) कस्बा रतलाम स्थित भूमि सर्वे नं. 122 व 123 मिसल बंदोबस्त वर्ष 1956-57 में आर.बी. रामरतन प्रेमनाथ बर्फ कारखाना दर्ज रहने के कारण प्रश्नांश (क) में जानकारी नहीं दी गई। शेष जानकारी निरंक है। (ड.) उत्तरांश (क), (ख) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जीन मोहल्ला इटारसी के पट्टों का नवीनीकरण
[राजस्व]
187. ( क्र. 3427 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जीन मोहल्ला, इटारसी के किन-किन निवासियों के पट्टा नवीनीकरण हेतु आवेदन कब से लंबित है। नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन निवासियों का किन कारणों से पट्टा नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है? (ग) क्या तत्कालीन नजूल अधिकारी श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा वर्ष 2019 में जीन मोहल्ला के दो निवासियों के पट्टे नवीनीकृत किए जा चुके हैं? (घ) यदि हां, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदकों के पट्टे कब तक नवीनीकृत किए जा सकेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जीन मोहल्ला इटारसी के निम्नलिखित निवासियों के पट्टा नवीनीकरण के आवेदन लंबित है जो इस प्रकार हैः- 1-श्रीमति रेखा अग्रवाल पत्नि रमेश चन्द्र अग्रवाल का आवेदन पत्र दिनांक 08.02.2018 2-श्री आंनद अवस्थी आ0 बालमुकुन्द अवस्थी का आवेदन दिनांक 09.06.2019 3-श्रीमति रंजनीदुबे आ0 स्व प्रेमनारायण दुबे निवासी नेहरूगंज इटारसी का आवेदन दिनांक 22.02.2019 4-श्री हरबंशलाल आ0 गुलाबराय हूरा निवासी पंजाबी मोहल्ला इटारसी का आवेदन दिनांक 10.01.2021 5-श्री श्रीराम विश्वकर्मा आ0 गयाप्रसाद विश्वकर्मा निवासी नेहरूगंज इटारसी का आवेदन दिनांक 21.12.2021 6-श्री श्रीराम विश्वकर्मा एवं रमेश प्रसाद दोनों आ0 गया प्रसाद विश्वकर्मा निवासी नेहरूगंज इटारसी का आवेदन दिनांक 21.12.2021 7-नईमखान आ0 स्व0 अहमदखान एवं 04 अन्य निवासी नेहरूगंज इटारसी का आवेदन पत्र दिनांक 07.02.2022 प्रश्नाधीन भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 16010/2011 में पारित निर्णय दिनांक 22.09.2011 से स्थगन होने के कारण स्थगित रखे है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निवासियों के पट्टा नवीनीकरण इस कारण नहीं हो पा रहे कि नगर इटारसी की नजूल शीट नं0 3 प्लाट नं 3 एवं शीट नं 6 एवं प्लाट नं 7/1 से संबंधित 118 नामांतरण प्रकरणों तात्कालीन संभागायुक्त के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 05.07.2010 के आधार पर मुख्य सचिव महोदय म.प्र. शासन राजस्व विभाग भोपाल द्वारा उनके पत्र क्रमांक एफ 2313/2010/07 नजूल दिनांक 19.04.2010 के माध्यम से कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था जिस पर कलेक्टर होशंगाबाद के पत्र दिनांक 19.10.2010 के अनुपालन में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी इटारसी द्वारा दिनांक 07.05.2011 को उक्त नजूल शीट से संबंधित सभी 118 व्यक्तियों को कारण बताओं सूचना पत्र दिये गये थे। इस कार्यवाही से व्यथित होकर अधिकांश व्यक्तियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से रिट पिटीशन दायर की थी। जिसका क्रमांक 16010/2011 है उक्त याचिका में पारित निर्णय दिनांक 22.09.2011 के माध्यम से इस न्यायालय द्वारा तत्संबंध में की जा रही कार्यवाही पर स्थगन दिया गया है इस कारण प्रश्नाधीन भूमि की शीट नं 3 एवं 6 प्लाट नं 3 एवं 7/1 से संबंधित व्यक्तियों के नवीनीकरण किये जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदकों के पट्टे माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 16010/2011 में पारित आदेश अनुसार उनके प्राप्त निर्देशो के परिपालन में नवीनीकृत किये जा सकेगें।
स्टॉप डेमों का निर्माण
[जल संसाधन]
188. ( क्र. 3430 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विभाग द्वारा कितने स्टाप डेम निर्मित हैं? तहसीलवार विवरण देवें। (ख) उक्त स्टाप डेमों में जलभराव हो रहा है या नहीं? स्टाप डेमों का समय-समय पर रखरखाव किया जा रहा है? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त स्टाप डेमों की मरम्मत हेतु जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब पत्राचार किया गया? क्या उन पर कोई कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चौकीदार कोटवार को न्यूनतम वेतन (दैनिक मजदूरी) भुगतान
[राजस्व]
189. ( क्र. 3450 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग के अंतर्गत चौकीदार कोटवार ग्राम स्तर पर एक बहुत ही आर्थिक रुप से निम्न तबके का कर्मचारी है, जो कि राज्य से ही नहीं विभिन्न विभागों के पंचायत स्तर आने वाले अधिकारियों/राजनेताओं के आगमन एवं आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में हमेशा उपस्थित रहकर अपनी दिन-रात सेवा देता है, तो चौकीदार जिस श्रेणी का कर्मचारी है, क्या न्यूनतम वेतन पेयी कर्मचारी के अंतर्गत आता है? (ख) क्या चौकीदार/कोटवार लोगों का दैनिक मजदूरी का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर से भी निर्देश है, उसका पालन कब तक किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। कोटवारों की नियुक्ति तथा उनके कर्तव्य मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-230 के अनुसार प्रावधानित है। उन्हें मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-231 के प्रावधान के अनुसार पारिश्रमिक दिया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इस्तलाबी एवं पट्टे का वितरण
[राजस्व]
190. ( क्र. 3451 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व की रघुराज नगर तहसील में बिरसिंहपुर तहसील के पटवारी हल्का नंबर 28 तिगरा के गुढवा एवं पटवारी हल्का नंबर 29 हरदुआ के राजस्व ग्रामों रसदा एवं झिरिया के अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को जमीन का बंटन वर्ष 1976-77 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा गणित 20 सूत्रीय समिति के अनुमोदन उपरांत वर्ष 197- 78 में किया गया हैं? (ख) वर्ष 1977-78 बंटन समय में वर्तमान में भी अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लोग वंटित जमीन में कब्जा धारी हैं, लेकिन इतना समय व्यतीत होने के उपरांत कब्जा धारियों की जमीन की इस्तलाबी नहीं की गई, जिससे गरीब परिवार के लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? जबकि इन्हीं में से कुछ लोगों को इस्तलाबी की जाकर पट्टा दिया गया है, ऐसा क्यों? अन्य को क्यों नहीं? इसके लिए किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के कृषकों को वंटित जमीन की इस्तलाबी एवं पट्टे वितरण का कार्य कब तक सम्पादित होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील में उपलब्ध दायरा पंजी अनुसार आवंटित भूमियों के पट्टेधारियों के अनुसार वर्तमान खसरा वर्ष 2021-22 में मौजा रसदा की आराजी क्रमांक 19 के बटा नंबर 19/4 रकबा 2.023 हे0 रामसोच, रामनरेश, रामविश्वास, रामकलेश, सुन्दी, चुनका, कुन्ती पुत्री भोदवा जाति चमार पता सा0 गुढवा भूमि स्वामी भू-राजस्व दर्ज अभिलेख है एवं मौजा गुढ़वा की आराजी क्रमांक 19/1 रकबा 0.680 हे0 रामनिहोर पिता द्वारका प्रसाद 19/2 रकबा 0.094 हे0 शिवलाल पिता परमेश्वर चमार आ0न0 94/1 रकबा 0.101 हे0 श्रीमती शांति देवी पत्नी समयलाल चमार एवं आ0न0 94/2 रकबा 0.081 हे0 कोलईराम पिता कुटइया चमार के नाम दर्ज अभिलेख होकर मौके पर काबिज है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही शेष नहीं है।
डूब प्रभावितों का पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन
[जल संसाधन]
191. ( क्र. 3460 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंचाई परियोजनाओं में जिन किसानों की संपूर्ण कृषि भूमि अर्जित की जा रही है, जिन किसानों के मकान, आवास, दुकान आदि अर्जित किए जा रहे हैं उनके पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में विभाग वर्तमान में किस-किस कानून की किस-किस धारा के अनुसार, किस-किस पुनर्वास नीति या पैकेज के अनुसार कार्यवाही कर रहा है? (ख) भोपाल, विदिशा जिले की टेम सिंचाई परियोजना, राजगढ़ जिले की सुठालिया एवं मोहनपुरा सिंचाई परियोजना में किस ग्राम के कितने किसानों की संपूर्ण कृषि भूमि एवं कितने किसानों के मकान, आवास अर्जित किया जाना प्रस्तावित किया गया? (ग) जल संसाधन विभाग ने किस ग्राम के कितने प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? क्या-क्या कार्यवाही विभाग के द्वारा प्रस्तावित की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गैरखातों की दर्ज जमीन
[राजस्व]
192. ( क्र. 3461 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार एवं सिंगरौली जिले की वर्ष 2019-20 की गिरदावरी के दौरान गैरखातें की किस-किस मद की कितनी जमीन दर्ज होना प्रतिवेदित किया गया है? इसमें से कितनी जमीन भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि है? (ख) गैरखातें की दखल रहित भूमि और सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया है? (ग) गत तीन वर्षों में कितने राजस्व ग्रामों की कितनी गैरखातें की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने के प्रस्ताव धार एवं सिंगरौली राजस्व विभाग को किस-किस से प्राप्त हुए हैं? उन पर किस स्तर पर कार्यवाही वर्तमान में लम्बित है? (घ) वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को कब तक गैरखातें की दखल रहित भूमि आवंटित या अन्तरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले में गत दो वर्षों में गैरखाते की निम्न मद चरनोई निस्तार 51095, पानी के अंतर्गत 33973, पहाड़ चट्टान 75307, सड़क तथा इमारत 15029, अमराई व अन्य फलोद्यान 32 राजस्व वन एवं सामाजिक बानिकी 2779, आरक्षित वन 85788 एवं संरक्षित वन 31380 हेक्टर दर्ज होना प्रतिवेदित है। इसमें से भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए 66124 हेक्टर आरक्षित भूमि है जिले की विकाखण्डवार गैर खाते एवं सार्वजनिक, निस्तार प्रयोजन की जानकारी संलग्न है। 2-सिंगरौली- जिले की वर्ष 2019-20 की गिरदावरी के दौरान गैर खाते की निम्न मद आबादी 1038 हे0, अमराई व अन्य फलोद्यान 47 हे0, राजस्व वन एवं सामाजिक वानिकी 12333 हे0, चरनोई निस्तार 80804 हे0, पानी के अंतर्गत 15692 हे0, पहाड़ चट्टान 13424 हे0, सड़क तथा इमारत 12700 हे0 दर्ज होना प्रतिवेदित है। इसमें से भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए 93504 हे0 आरक्षित भूमि है। जिले की तहसीलवार गैर खाते एवं सार्वजनिक निस्तार प्रयोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गैरखाते की दखल रहित भूमि और सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए भूमि आवंटन भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा से नहीं बल्कि म.प्र. शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के ज्ञाप क्रमांक एफ 6-101/2019/सात-3 भोपाल दिनांक 5/1/2021 के बिंदु क्रमांक 5 में प्रतिपूर्ति वनीकरण (वैकल्पिक वनीकरण) के लिए भारत सरकार के समय-समय पर जारी किये गए दिशा-निर्देशों के अनुक्रम वन विभाग को प्रभावित भूमि के बराबर भूमि दिए जाने की अनिवार्यता हैl इस अनुक्रम में शासकीय राजस्व भूमि ऐसी भूमि के लिए सिंचित कृषि भूमि के बाज़ार मूल्य के 1.6 गुणा बराबर की राशि अपेक्षक निकाय से लेकर वन विभाग को प्रतिपूर्ति वनीकरण के लिए उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित हैl (ग) 1-धार- जिले में विगत तीन वर्षों में आठ राजस्व ग्रामों में कुल 60.351 हेक्टर गैरखाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित/अन्तरित की गयी है। वर्तमान में कोई आवेदन आवंटित की कार्यवाही हेतु लम्बित नहीं है। 2-सिंगरौली-सिंगरौली जिले में विगत वर्षों में तहसील चितरंगी अंतर्गत 8 ग्रामों में कुल 331.69 हे0 गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु वन विभाग को आवंटित/अंतरित की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है l
श्रमिकों की आकस्मिक मृत्यु में आर्थिक सहायता
[श्रम]
193. ( क्र. 3490 ) श्री राकेश मावई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक जिला मुरैना की जनपद पंचायतों एवं नगर पालिका निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों में संबल योजनान्तर्गत आकस्मिक मृत्यु उपरांत आर्थिक सहायता राशि के कितने प्रकरण प्राप्त हुये तथा कितने प्रकरणों का निराकरण करके संबंधितों को राशि का भुगतान कर दिया गया है? कितने प्रकरण लंबित हैं? वर्षवार एवं संस्थावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना के भुगतान हेतु किस-किस संस्था को कितनी-कितनी राशि का बजट कब-कब प्राप्त हुआ? प्राप्त राशि एवं संबंधितों को देय राशि की जानकारी वर्षवार एवं संस्थावार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसर मुरैना जिले की विभिन्न संस्थाओं में ऐसे कितने आवेदन है जो अभी तक लंबित है? लंबित होने का क्या कारण है एवं उक्त प्रकरणों का निराकरण करके योजना की राशि का कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक जिला मुरैना की जनपद पंचायतों एवं नगर पालिक निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों में संबल योजनान्तर्गत आकस्मिक मृत्यु उपरान्त आर्थिक सहायता राशि के प्राप्त प्रकरण, लंबित प्रकरण, वर्षवार एवं संस्थावार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मुरैना जिले की विभिन्न संस्थाओं में प्राप्त आवेदनों एवं लंबित आवेदनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
शासकीय भूमि को निजी नाम पर करने
[राजस्व]
194. ( क्र. 3497 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के बडावदा तह.जावरा अंतर्गत भूमि सर्वे नंबर 401/2/2, 434, 573 रकबा 212 भूमि प्रारंभ में किस नाम से दर्ज थी? क्या उक्त भूमि शासकीय थी और जिनिंग फैक्ट्री के नाम से 99 वर्ष के लिए लीज पर दी गई थी? यदि हाँ तो इस संबंध में दस्तावेज देवें। (ख) उक्त भूमि का रिकॉर्ड कब-कब किसके आवेदन पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा दुरुस्त किया गया? उसकी संपूर्ण जानकारी, आदेशों की प्रमाणित प्रतिलिपियां उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त भूमि को अवैध रूप से इंदरमल टेकचंद, मन्नालाल ओंकारलाल निवासी खाचरोद ने अपने नाम करवाकर उसे रतनलाल महाजन बड़ावदा को अवैध रूप से विक्रय कर दिया है? यदि हाँ तो शासन द्वारा शासकीय भूमि को अवैध तरीके से विक्रय करने वालों के विरुद्ध अभी तक क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं तो उक्त व्यक्ति पर कब कार्रवाही कर प्रकरण दर्ज किया जाएगा? (घ) क्या उक्त सर्वे वाली भूमि पर कॉलोनी का निर्माण कर दिया गया है? यदि हाँ तो कॉलोनी निर्माण से संबंधित पत्राचार जो विभाग से किया गया है, उसकी प्रतिलिपियां देवें। क्या शासन शासकीय भूमि को अवैध तरीके से निजी नाम पर कर, विक्रय करने वाले व्यक्तियों/अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करेगा? यदि हाँ तो कब तक और कब तक उक्त भूमि को शासकीय घोषित कर जनहित को समर्पित करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिले के ग्राम बडावदा तहसील जावरा अंतर्गत स्थित मिसल बंदोस्त वर्ष 1957-58 अनुसार बंदोबस्त पूर्व के सर्वे नंबर 401/2/2, 433, 434, 432/1501/1 मिसल बंदोबस्त के नवीन सर्वे नंबर 573 जो कि इंदरमल पिता टेकचंद व मन्नालाल पिता उंकार जाति महाजन साकिन खाचरोद परगना उज्जैन व हिस्सा बराबर पक्का कृषक रिकार्ड में दर्ज है। मिसल बंदोबस्त वर्ष 1957-58 अनुसार भूमि सर्वे नंबर 573 शासकीय नहीं थी। मिसल बंदोबस्त वर्ष 1957-58 अनुसार भूमि सर्वे नंबर 573 पर जिनिंग फैक्ट्री संबंधी रिकार्ड में कोई इंद्राज नहीं है लेकिन वर्ष 1963-67 (संवत् 2020-24), वर्ष 1968-73 (संवत् 2025-2030) से लेकर वर्ष 2002-03 तक खसरा पंचसाला के कॉलम नं. 12 में इस भूमि में कारखाना जिनिंग फैक्ट्री का भवन 1 एवं दूसरे भवन 4 पक्के बने दर्ज है एवं वर्ष 2003-04 से लेकर वर्ष 2012-13 तक खसरा पंचसाला के कॉलम नं. 12 में जिनिंग फैक्ट्री संबंधी कोई इंद्राज रिकार्ड नहीं है। उक्त भूमि पर वर्ष 1963-67 (संवत् 2020-24) से लेकर वर्तमान वर्ष 2021-22 के खसरा कॉलम 3 पर निजि स्वत्व दर्ज है। संबंधित वर्षों की खसरा अभिलेख की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) मिसल बंदोबस्त वर्ष 1957-58 अनुसार भूमि इंदरमल पिता टेकचंद व मन्नालाल पिता उंकार जाति महाजन साकिन खाचरोद परगना उज्जैन व हिस्सा बराबर पक्का कृषक रिकार्ड में दर्ज है। उक्त खातेदार एवं सहखातेदार वर्ष 1974-75 तक रिकार्ड में इन्द्राज था। वर्ष 1975-76 खसरा पंचसाला अनुसार आदेश क्रमांक 83/1975 -76, 401/बी-121/1975-76 से रतनलाल पिता निहालचंद जाति महाजन का नाम इन्द्राज किया गया। वर्ष 1986- 87 खसरा पंचसाला अनुसार नामान्तरण पंजी क्रमांक 26/आदेश दिनांक 19/12/1985 से ज्ञानचंद पिता रतनलाल जैन का नाम इन्द्राज किया गया है। 2004-05 के अनुसार सर्वे नं. 573 में से आदेश क्रमांक 11/अ-6/2003 -04 आदेश दिनांक 31/03/2004 में ज्ञानचंद पिता रतनलाल एवं गोविन्द पिता चांदमल माहेश्वरी के नाम इंद्राज हुआ। वर्ष 2004-05 में खसरा अनुसार भूमि 573 में से आदेश दिनांक ना.प.क्रं. 51, 52, 53, 56 आदेश दिनांक 27/07/2004 से साधना पति राजेन्द्र कुमार संगीता पति प्रवीण कुमार, सालिनी पति प्रदीप कुमार बाफना, तसदुक हसनअली पिता इस्माईल बोहरा एवं ना.प.क्र. 6 आदेश दि. 07/03/2005 अनुसार जुवानसिंह पिता भुवानसिह का नाम इन्द्राज हुआ। वर्ष 2007-08 में सर्वे नं. 573 में से 0.037 पर आदेश क्रमांक 18/अ -6/2006-07 आदेश दिनांक 24/07/2007 में राजेन्द्रपुरी जैन दादावाडी ट्रस्ट का नाम इन्द्राज हुआ। वर्ष 2009- 10 खसरा अभिलेख अनुसार सर्वे नं0 573 में से 0.059 ना.पं. क्र. 37 दिनांक 27/04/2009 से राजेन्द्रपुरी जैन दादावाडी ट्रस्ट का नाम इन्द्राज हुआ। वर्ष 2012-13 खसरा अभिलेख अनुसार 573 में से 0.033 पर आदेश नामा.पं क्र. 8 आदेश दि. 28/02/2013 से साधना पिता यशवंत सिह लोढा का नाम इन्द्राज हुआ। वर्ष 2012-13 से वर्ष 2021-22 तक परिवर्तन निरंक है। उक्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) मिसल बंदोबस्त वर्ष 1957-58 में इन्दरमल पिता टेकचंद व मन्नालाल पिता उंकार जाति महाजन साकिन खाचरोद परगना उज्जैन व हिस्सा बराबर पक्का कृषक दर्ज है। आदेश क्र. 83/अ/1975-76, 401 बी121/1975-76 से रतनलाल पिता निहाल चंद जाति महाजन का नाम इंद्राज किया गया है। वर्ष 1957-58 में प्रश्नाधीन भूमि विक्रेता इंदरमल के नाम पर पक्का कृषक के रूप में दर्ज रही है। अतः प्रथम दृष्टया का विक्रय अवैध नहीं है। (घ) जी हाँ। उक्त सर्वे नंबर पर मौके पर 9 भवनों वाली कॉलोनी स्थित है। खातेदार द्वारा भवन बनाकर वर्ष 2020 तक 09 भवन विक्रय किये गये जो कृषि भिन्न आशय में परिवर्तित है एवं 01 भूखण्ड कृषि भिन्न आशय नहीं है। मौके पर कालोनी निर्माण हेतु इस विभाग से कोई पत्राचार नहीं किया गया। बड़ावदा में शासकीय भूमि को अवैध तरीके से निजी नाम पर कर विक्रय किये जाने की जानकारी निरंक है।
मत्स्य पालन हेतु प्रदाय अनुदान
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
195. ( क्र. 3508 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य विभाग में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं एवं मत्स्य पालन हेतु अनुदान प्राप्त योजना के शासन आदेश/नियम की प्रति के साथ वर्ष 2018-19 से 2021-22 में ग्वालियर जिला में निजी तालाब निर्माण हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? इसमें कितनी राशि व्यय की गयी तथा कितनी समर्पित की गई? वर्षवार जानकारी देवें l (ख) ग्वालियर जिला में मत्स्य पालन हेतु जनपद पंचायत/जिला पंचायत के अधीन कौन-कौन से तालाब/जलाशय हैं? इनमें से किसे कब तक के लिए किस संस्था/व्यक्ति को कुल कितनी राशि में पट्टे पर दिए गए? क्या अनुबंध अनुसार राशि जमा की जा रही है एवं शर्तों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो जानकारी देवें l (ग) जिला ग्वालियर के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से 2021-22 में किस ग्राम के किस हितग्राही द्वारा मत्स्य पालन हेतु किस खसरा नंबर एवं रकबा में तालाब निर्माण कराया गया? उसे कितनी अनुदान राशि किस-किस कार्य हेतु दी गयी? कृषकवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावेंl
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मत्स्य विभाग में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। ग्वालियर जिला में निजी तालाब निर्माण हेतु वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक प्रदाय अनुदान राशि की जानकारी एवं आवंटन व्यय एवं समर्पित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार। (ख) ग्वालियर जिला में मत्स्य पालन हेतु जनपद पंचायत/जिला पंचायत के अधीन पट्टे पर दिये तालाब/जलाशय की सूची एवं जमा लीज राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार।
दुकानों का निलंबन/निरस्त
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
196. ( क्र. 3511 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक जिला छतरपुर की कितनी भण्डार/विपणन समितियों के द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है अथवा इस हेतु निर्देश दिए गए थे? सभी के नाम, एफ.आई.आर. की प्रति प्रदाय करें। (ख) क्या एफ.आई.आर. दर्ज होने के पश्चात सभी दुकानों को निलंबित/निरस्त किया गया? यदि हाँ तो प्रतिया प्रदाय करें। यदि नहीं तो किन दुकानों को निलंबित/निरस्त नहीं किया गया कारण सहित जानकारी प्रदाय करें। दुकाने निलंबित/निरस्त आदेश जारी नहीं करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में छतरपुर जिले के बृजेन्द्र विपणन सहकारी समिति, बड़ामलहरा द्वारा वार्ड क्रमांक 1, 2, 3, 14 एवं 15 हेतु संचालित उचित मूल्य दुकान संचालक के विरुद्ध तथा बजरंग प्राथमिक उपभोक्ता भंडार, घुवारा द्वारा वार्ड क्रमांक 9 से 15 हेतु संचालित दुकान के विरुद्ध भी एफ.आई.आर. भी दर्ज कराई गई है। एफ.आई.आर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) एफ.आई.आर. दर्ज होने के पश्चात् बजरंग प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार, घुवारा की दुकान को अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा द्वारा दिनांक 28.01.2021 को निलंबित किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 2320/2021 में दिनांक 15.02.2021 को याचिकाकर्ता के विरुद्ध कोई भी उत्पीड़क कार्यवाही न करने का अंतरिम आदेश दिया गया है। निलंबन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। बृजेन्द्र विपणन सहकारी समिति, बड़ामलहरा के विक्रेता/प्रबंधक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलित याचिका क्रमांक 10772/2021 में दिनांक 03.08.2021 को उत्पीड़क कार्यवाही न करने का आदेश जारी किया गया है। अत: शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन सिंचाई परियोजना की जानकारी
[जल संसाधन]
197. ( क्र. 3519 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कौन-कौन सी नवीन सिंचाई परियोजना प्रस्तावित हैं? किस स्तर पर लंबित हैं? प्रथम दृष्टता तकनीकी एवं वित्तीय सहायता का परीक्षण, जल की उपलब्धता, डूब क्षेत्र, वन भूमि तथा सिंचाई रकबा एवं लागत की योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें तथा किन-किन अधिकारियों द्वारा सर्वेक्षण एवं डी.पी.आर. का कार्य किया गया? अधिकारी का नाम, पदनाम, सर्वेक्षण की दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ विभाग के उप सचिव के आदेश क्रमांक एफ-22/1/2019-20/ल.सि./31/515 भोपाल, दिनांक 12.02.2021 में उनारसीकलां लघु सिंचाई तालाब लटेरी, सुगनाखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना सिरोंज, बरखेड़ाघोषी लघु सिंचाई परियोजना सिरोंज के सर्वेक्षण एवं अनुसंधान कर डीपीआर तैयार करने के लिए क्या साध्य पाई गई है? यदि हां, तो कार्यपालन यंत्री गंजबासौदा द्वारा कब डीपीआर बनाई गई? यदि नहीं बनाई गई है? तो कब-तक बना दी जावेगी तथा साध्य सिंचाई परियोजना को कब-तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या राजस्व विभाग के ग्राम मुगलसराय के सर्वे नंबर 640 रकबा 14.7570, सर्वे नंबर 641 रकबा 3.0100 शासकीय तालाब दर्ज है? यदि हां, तो क्या कार्यपालन यंत्री संजयसागर परियोजना बाह्य नदी संभाग गंजबासौदा द्वारा पत्र क्रमांक 2955/तक/ 2021 गंजबासौदा दिनांक 27.12.2021 को अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल भोपाल को पत्र प्रेषित किया गया था, जिसमें बताया गया है, कि मुगलसराय लघु सिंचाई परियोजना वन भूमि में है? यदि हां, तो क्या परियोजना वन भूमि में है? यदि हां, तो किस सर्वे? यदि नहीं? तो वरिष्ठ कार्यालय को गलत जानकारी प्रेषित करने वाले कार्यपालन यंत्री पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जाती है।
उत्खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
198. ( क्र. 3520 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले में पत्थर, गिट्टी, मुरम, रेत की निजी भूमि एवं शासकीय भूमि पर किन-किन व्यक्ति/फर्मों को कहाँ व किस-किस ग्राम, कस्बा में सर्वे क्रमांकों में क्रेशर लगाकर एवं खदान की उत्खनन पट्टा प्रदान करने की स्वीकृत, स्थायी एवं अस्थायी कब-कब और कितनी-कितनी अवधि के लिए प्रदान की गई थी तथा कितनी उक्त प्रकार की खदाने पूर्व से संचालित हैं? स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत पत्र, खसरा नंबर, भूमि तथा फर्म एवं फर्म के मालिक का नाम, पता सहित तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं शासन को कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पर्यावरण एवं ब्लास्टिंग की स्वीकृति किन-किनके द्वारा ली गई है और किन-किनके द्वारा नहीं ली गई है? नाम, पता सर्वे नंबर सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किन-किन फर्मों, व्यक्तियों पर पत्थर, रेत एवं अन्य खनिजों की कितनी-कितनी राशि जमा की है और कितनी राशि बकाया है? बकाया राशि की वसूली न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खनिज पट्टा स्थायी एवं अस्थायी देने एवं क्रेशर मशीन लगाने के क्या-क्या नियम निर्देश एवं गाइड लाइन हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी पत्थर क्रेशर मशीन, स्कूलों एवं मुख्य सड़क के 500 मीटर के दूरी पर हैं? स्कूल एवं मुख्य सड़क के 500 मीटर के अंदर क्रेशर मशीन लगाने की अनुमति किसके द्वारा दी गई? स्वीकृति दिनांक, अधिकारी का नाम सहित जानकारी देंवे। (च) प्रश्नांश (ङ) के संदर्भ में अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है एवं कितना जुर्माना वसूल किया गया? कितनों के विरूद्ध FIR की गई? की गई कार्यवाही/FIR की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई? तो कब तक कर दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं शासन को प्राप्त होने वाले वर्षवार राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। बकाया राशि की वसूली जिला स्तर से प्रचलन में है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उत्खनिपट्टा मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 18 (2) के तहत यथा अस्थायी अनुज्ञा 68 (1) के तहत स्वीकृत किये जाते हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में क्रेशर मशीन लगाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ड.) प्रश्नानुसार दूरी के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। खनि रियायत स्वीकृत करने के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 में वर्णित है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों में क्रेशर आधारित खनिज पत्थर का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने के प्रावधान है। पृथक से क्रेशर मशीन लगाने के संबंध में प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) प्रश्नांश (ड.) के संदर्भ में अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आदेश को निरस्त किए जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
199. ( क्र. 3525 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नापतौल विभाग में दर्ज़ कितने प्रतिष्ठान हैं? 530 स्वीकृत पदों में से 202 पद रिक्त रहने के क्या कारण हैं? क्या इन कारणों के चलते उपभोक्ताओं को सही मात्रा में शुद्ध सामग्री उपलब्ध हो रही है? यदि हाँ, तो निगरानी और गड़बड़ी करने वाले कितने प्रतिष्ठानों पर नापतौल विभाग ने इस वर्ष कार्यवाही की है? (ख) प्रदेश में कितने जिले, कार्यालयों में कौन-कौन सी तहसील कार्यालयों को मर्ज किया जा रहा है? क्या अमले की भर्ती के लिए शासन के प्रयास करने में लापरवाही के चलते और मिलावट को बढ़ावा देने के लिए शासन ने तहसील स्तरीय कार्यालयों को ज़िले में मर्ज करने का निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो जनहित के स्थान पर इस प्रकार के निर्णय को लिए जाने का कारण है? (ग) क्या सरकार जानती है कि विक्रेताओं की संख्या बढ़ रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन के इस आदेश पर मर्ज होने के कारण नियमित जांच एवं कार्यवाही प्रतिष्ठानों पर नहीं होने से क्या आम जनता को दी जाने वाली सामग्री की गड़बड़ी और निगरानी का कार्य कौन संपादित करेगा? क्या आपकी सरकार उपभोक्ताओं के हित में मर्ज किए इस आदेश को निरस्त करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विभागीय अधिनियमों/नियमों में व्यापारिक प्रतिष्ठानों के पंजीयन का प्रावधान नहीं है विभाग द्वारा व्यापारियों के नापतौल उपकरणों का मुद्रांकन/पुन: सत्यापन का कार्य किया जाता है। वर्तमान में नापतौल में कुल 530 स्वीकृत पदों में से 208 पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन स्वीकृति चाही गई है। नापतौल अन्तर्गत वर्तमान में कार्यरत अमले द्वारा क्षेत्र में नियमित भ्रमण कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ताओं को सही मात्रा/कीमत में सामग्री उपलब्ध हो वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक 3170 व्यापारिक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया है तथा नापतौल संबंधी अनियमितता पाई जाने पर नापतौल अधिनियम/नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। (ख) मध्यप्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आदेश क्र 3420- (7-1)/209/29-2 दिनांक 28/1/2022 के द्वारा नापतौल विभाग के तहसील स्तर पर कार्यरत 8 कार्यालय को जिला कर्यालय में समायोजित किया गया है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग में वर्तमान में 110 निरीक्षकों के पद स्वीकृत है जिनमें 64 पर निरीक्षक कार्यरत है। तहसील कार्यालयों में पृथक से निरीक्षको को पदस्थापना में प्रावधान नहीं होने से सभी निरीक्षको की पदस्थपना जिला स्तर पर होती है, जिला कार्यालय में पदस्थ निरीक्षक ही उक्त कार्य क्षेत्र का कार्य संपादित करते है। वर्तमान में नाप-तौल उपकरणो के सत्यापन/मुद्रांकन की सेवाएं ऑनलाईन संचालित हो रही है, जिसमें आवेदक को किसी भी स्थान से आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध है। विभाग द्वारा तहसील एवं इसके अधिनस्थ कस्बो स्तर पर शिविर आयोजित कर कार्यवाही संपादित की जाती है। अत: तहसील कार्यालयों का सभी कार्य जिला स्तर पर एवं वेतन संबंधी कार्य भोपाल मुख्यालय स्तर पर संचालित होने से तहसील कार्यालयों की उपयोगिता समाप्त होने से तहसील कार्यालयों को जिला कार्यालय में समायोजित किया गया है इसमें नाप-तौल से संबंधित कार्य क्षेत्र समाप्त नहीं किये गये है। नापतौल संबंधी गड़बड़ी के संबंध में उपभोक्ता द्वारा शिकायत ऑनलाईन सी.एम. हेल्पलाईन पर या नियंत्रक नाप-तौल की ई-मेल आई.डी. cwmbhomp.nic.in पर या भारत सरकार के नेशनल कन्जयूमर हेल्पलाईन पोर्टल पर दर्ज की जाती है। शिकायत ऑन लाईन दर्ज/प्राप्त होने से उपभोक्ता को तहसील मुख्यालय स्थित कार्यालय में आने का औचित्य नहीं रहा है। अत: तहसील कार्यालयों को जिला कार्यालय में समायोजित करने से उपभोक्ता सुविधा पर कोई प्रतिकुल प्रभाव नहीं है। जिला मुख्यालय पर स्थित अधिकतर कार्यालय शासकीय भवन में संचालित है। तहसील कार्यालय शासकीय भवनों में न होकर प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे थे। जिसमें शासन का किराये के रूप में लाखों रूपये का वार्षिक व्यय हो रहा था। तहसील कार्यालय को जिला कार्यालय में समायोजित करने से शासकीय राजस्व का अपव्यय समाप्त हुआ है। तहसील कार्यालय को जिला कार्यालय में समायोजित किया गया है किन्तु तहसील कार्यालयों के कार्यक्षेत्र एवं निरीक्षकों के पद समाप्त नहीं किये गये है। भविष्य में रिक्त पदों की प्रतिपूर्ति होने पर तहसील कार्य क्षेत्र में कार्य करने के लिए पृथक से निरीक्षक को कार्य क्षेत्र आवंटित किया जा सकता है। (ग) नियमित जांच एवं निगरानी के कार्य में कोई परिवर्तन नहीं किये जाने से उपभोक्ता के हितों पर कोई प्रतिकुल प्रभाव नहीं होगा।
वन विभाग द्वारा किये गए कार्य
[वन]
200. ( क्र. 3547 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 20-21, 21-22 में वन विभाग द्वारा कहां-कहां वृक्षारोपण किया गया व कितने पौधे लगाए? गए ग्राम वार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) वित्तीय वर्ष 20-21 एवं 21-22 में किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई व कहां-कहां खर्च हुई? मदवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) वित्तीय वर्ष 20-21, 21-22 में कुल लगाए गए पौधों में से कितने पौधे जीवित है व कितने मृत हो गए हैं, उनकी संख्या ग्रामवार बताएं। मृत हुए पौधों के स्थान पर नवीन पौधे को कहां लगाया गया है? स्थान बतावें। (घ) वित्तीय वर्ष 20-21, 21-22 में विभाग द्वारा कहां-कहां निर्माण कार्य किए गए हैं, उनकी क्या लागत है? (ड.) ग्रामीण क्षेत्र में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल नष्ट की जा रही है, इसके लिए शासन के पास क्या कार्ययोजना है व क्या मुआवजे का प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या यदि नहीं तो नष्ट हुई फसल का जिम्मेदार कौन है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है। (घ) राजगढ़ वनमण्डल में वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 में विभाग द्वारा निर्माण कार्य हेतु बजट आवंटन नहीं हुआ है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) ग्रामीण क्षेत्र में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल नष्ट करने से बचाने हेतु वन विभाग की कोई कार्य योजना नहीं है। वन्यप्राणियों से नष्ट हुई फसल हेतु मुआवजा राशि राजस्व विभाग द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत भुगतान की जाती है। मुआवजे के प्रकरण लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत भुगतान किये जाते हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है।
शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जाना
[राजस्व]
201. ( क्र. 3555 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में विगत 2 वर्षों में कितनी सरकारी अतिक्रमण मुक्त/जमीन खाली कराई? कितनी वर्तमान में भी अतिक्रमण में है एवं कितनी पर अतिक्रमण मुक्ती की कार्यवाही लंबित है? (ख) जिला जबलपुर में विगत 5 वर्षों में कितनी ग्रीनलैंड को आवासीय घोषित की गई एवं कितनी सीलिंग मुक्त की गई? बिन्दुवार जानकारी दें। (ग) जिला जबलपुर में आदिवासी भूमि गत डेढ़ वर्ष (समय सीमा मई 2020 से फरवरी 2022) में कितनी भूमि सामान्य वर्ग में विक्रय की गई? बिन्दुवार जानकारी दें। किस-किस तारीख को सामान्य की गई? आदिवासी भूमि सामान्य वर्ग में विक्रय के विधि सम्मत कारण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला जबलपुर में विगत 2 वर्षों में 588.30 हे. अतिक्रमण से मुक्त/जमीन खाली करायी गयी है। वर्तमान में 231.46 हे. भूमि अतिक्रमण में है जिसमें मुक्ती की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जिला जबलपुर में निवेश क्षेत्र की जबलपुर विकास योजना 2021 में आमोद-प्रमोद उपयोग अंतर्गत ग्रीनलैण्ड को आवासीय नहीं किया गया है सीलिंग मुक्त की गयी भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में दी गई समयावधि में भूमि विक्रय के प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 के तहत आदिम जनजाति सदस्य की भूमि विक्रय अनुमति के लिए प्रस्तुत आवेदन पत्र विधिवत न्यायालय कलेक्टर जबलपुर में निर्धारित मद-21 में राजस्व न्यायालयीन प्रकरण के रूप में दर्ज किये जाते हैं। जिनका न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत संहिता 1959 की धारा 165 के प्रावधानों के तहत विधिवत निराकरण किया जाता है। प्रत्येक प्रकरण में पृथक-पृथक स्थितियों को देखते हुए प्रकरणों में पृथक-पृथक कारणों एवं शर्तों का उल्लेख करते हुए विधिवत निराकरण किया जाता है।
राशन वितरण प्रणाली
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
202. ( क्र. 3556 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक विगत दो वर्ष में किन-किन स्थानों पर नयी राशन की दुकानें खोली गई हैं? (ख) उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे हैं जहां ग्रामवासियों को राशन लेने तीन किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र में शा.उचित मू.दुकान पर की जा रही अनियमितता की कितनी शिकायतें गत दो वर्षों में प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही कर निराकरण किया गया? कितनी शिकायतें अभी भी लंबित हैं? (घ) कई दूरस्थ गांवों में राशन की दुकान नहीं खोली गई, उसका क्या कारण है? जिन गांवों में शासन के आदेश के बावजूद राशन की दुकानें संचालित नहीं हो रही हैं, उसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांकित अवधि में कोई नवीन राशन दुकानें नहीं खोली गई हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य दुकान पर प्रश्नांकित अवधि में 09 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 अंतर्गत प्रत्येक पंचायत में 01 दुकान खोलने का प्रावधान है। पंचायत में 800 से अधिक पात्र परिवारों की संख्या होने पर अतिरिक्त दुकान खोलने का प्रावधान है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 03 ग्राम पंचायतों बिलखरवा, कूड़न एवं बगरई में किसी भी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया था जिसके कारण दुकान नहीं खोली गई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम मुगालिया में अर्बन सीलिंग की छूट
[राजस्व]
203. ( क्र. 3561 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के ग्राम बाग मुगालिया तह. राजस्व निरीक्षक मण्डल 06 वर्तमान तहसील कोलार जिला भोपाल में भूमियां अर्बन सीलिंग एक्ट के अधीन दिसम्बर 2016 तक शासकीय भूमि के रूप में दर्ज थी, उनका स्थान एवं रकबा का विवरण बताया जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन भूमियों को उनके आवेदकों के नाम बताते हुए जनवरी 2016 के पश्चात अर्बन सीलिंग एक्ट के तहत मुक्त कर उसे भूमि धारकों को वापस की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जो भूमियां मुक्त की गई हैं उनके आधार क्या रहे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले के ग्राम बागमुगालिया रा.नि.मं. 06 वर्तमान तहसील कोलार जिला भोपाल में अर्बन सिलिंग एक्ट के अधीन दिसम्बर 2016 तक शासकीय भूमि के रूप में दर्ज थी। ग्राम बागमुगालिया में कुल रकबा 26.329 हेक्टर भूमि है। (ख) जनवरी 2016 के पश्चात अर्बन सीलिंग एक्ट के तहत कोई भूमि मुक्त कर धारकों को वापिस नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.ओ.एस. बालग्राम को आवंटित भूमि
[राजस्व]
204. ( क्र. 3562 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के ग्राम खजूरी कलां में अमझरा रोड पर एस.ओ.एस. बालग्राम को कितना भूमि का आवंटन शासन द्वारा किस प्रयोजन से तथा किस दर से कब दिया गया है? आवंटन दस्तावेज उपलब्ध कराते हुये जानकारी दी जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्था द्वारा उक्त भूमि का उपयोग उसी प्रयोजन से किया जा रहा है जिस हेतु भूमि उन्हें प्रदान की गई है? यदि नहीं तो क्या शासन द्वारा नजूल भूमि आवंटन की शर्तों के उल्लंघन का कोई मामला दर्ज किया गया है? (ग) क्या शासन मूल प्रयोजन से भिन्न उपयोग की दशा में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वापस लेगा? यदि हां, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले में ग्राम खजूरी कलां में अमझरा रोड पर एस.ओ.एस. बालग्राम को एक ग्राम के रूप में भूमि खसरा क्रमांक 873, 872, 847, 875, 881/2, 882, 883 कुल रकबा 70.70 एकड भूमि का आवंटन शासन द्वारा मानसिक एवं शारीरिक रूप से विकलांग एवं बेसहारा बच्चों के निःशुल्क आश्रय, शिक्षा एवं सर्वागीण विकास के प्रयोजन से मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 25.11.2000 द्वारा स्थायी लीज पर बिना प्रब्याजी एवं 1.00 रू. (एक रूपये मात्र) वार्षिक भू-भाटक पर आवंटित की गई है। आवंटन दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बालग्राम द्वारा एक गांव के रूप में आवंटित भूमि का उपयोग बेसहारा बच्चों के आश्रय, शिक्षा दीक्षा, रोजगार एवं सर्वोगीण विकास एवं भोजन की आवश्यकता हेतु कृषि आदि द्वारा एक स्व विकसित एवं पोषित इकाई के रूप में किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में भूमि वापस लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केन्द्रीय योजना में प्राप्त राशि का उपयोग
[वन]
205. ( क्र. 3576 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में केन्द्र प्रवर्तित एवं केन्द्र क्षेत्रीय (बाह्य वित्त पोषित योजनाएं) योजना संचालित है? यदि हाँ तो वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-2020, 2020-2021 से 2021-2022 तक प्रदेश को कितना-कितना बजट आवंटन एवं किस-किस योजना में प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कब-कब, कितनी-कितनी राशि, किस-किस प्रयोजन से प्रदेश में कहां-कहां व्यय की गई? वनमण्डलवार/ अभ्यारणों/रिजर्व/अन्य में उपयोगिता प्रमाण पत्र सहित सम्पूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर दें। (ग) उपरोक्त अवधि में कितने सेटेलाईट एवं वीएचएफ रेडियो कॉलर का क्रय किस प्रक्रिया से किन दरों पर किया गया? इस अवधि में कितने रेडियो कॉलर की आवश्यकता थी? (घ) बाघ संरक्षण हेतु केन्द्र से किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशियां प्राप्त हुई? यह राशियां प्रदेश के किन-किन वन्य क्षेत्रों/अभ्यारण्यों/रिजर्व में किन-किन मदों पर खर्च हुई? इस दौरान कहां-कहां कितने बाघों की मौत किन कारणों से हुई? (ड.) कोविड-19 में विभाग ने क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किये? लक्ष्य पूर्ति में कितना व्यय, किस-किस कार्य पर, कहां-कहां, किस-किस प्रयोजन से किया? बजट आवंटन, व्यय सहित बताये।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) प्रदेश में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं का समन्वित विकास के अंतर्गत वर्षवार बजट आवंटन, प्रयोजन एवं डी.डी.ओ. वार उपयोगिता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) उक्त अवधि में सेटेलाईट एवं वी.एच.एफ. की रेडियो कॉलर के क्रय की प्रक्रिया ई-टेण्डर द्वारा की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (घ) बाघ संरक्षण हेतु केन्द्र से प्राप्त राशि का विवरण उत्तरांश (ख) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है एवं बाघों की मौत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। (ड.) कोविड-19 में विभाग में कोविड से संबंधित कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खनिज विभाग की निर्धारित लक्ष्य से कम आय
[खनिज साधन]
206. ( क्र. 3577 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस खनिज संपदा से वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में आय प्राप्त हुई? वित्तीय वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 से खनिज संपदा की आय की तुलना में उपरोक्त कितना अधिक/ कम है? खनिज संपदा से आय का क्या मापदण्ड निर्धारित किया गया? लक्ष्य प्राप्ति हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना निर्धारित की गई? लक्ष्य कितना प्रतिशत अधिक/कम प्राप्त हुआ? वर्षवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस खनिज संपदा में अनियमितताओं की कितनी शिकायतें पर कितनी-कितनी राशि का आर्थिक जुर्माना लगाया गया? जुर्माना भी आय का स्त्रोत माना जाता है? यदि हाँ तो वर्षवार बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में दतिया जिले में 1 जुलाई, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग में कितने प्रकरण किस-किस मामले में दर्ज कर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है? कितने प्रकरणों में कार्यवाही शेष है? कितने प्रकरण किस कारण से कब से लंबित है? लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही नहीं होने से विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध जिम्मेदारी तय की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) खनिज संपदा से आय की तुलनात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। खनिज संपदा की आय का निर्धारण प्रदेश में स्वीकृत खनि रियायतों से उत्पादित खनिजों के प्रेषण अनुसार देय रॉयल्टी के आधार पर निर्धारित किया जाता है। लक्ष्य प्राप्ति हेतु विभाग की कार्ययोजना की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. मुख्य एवं गौण खनिज की बंद खदानों को पुन: चालू करना या लेप्स घोषित कर आवंटित करना। 2. मुख्य एवं 31 मिनरल्स की खदानों को नीलाम करना। लक्ष्य से अधिक/कम प्राप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) विभाग द्वारा खनिज संपदा में अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण में पाई गई अनियमितताओं पर की गई कार्यवाही एवं प्राप्त जुर्माना राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश अनुसार दर्ज/निराकृत/ शेष प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। दर्ज प्रकरणों में दोषी पाये जाने पर नियमानुसार अर्थदण्ड की राशि जमा कराई गई है। शेष प्रकरण माननीय न्यायालय कलेक्टर में विचाराधीन होने से लंबित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अविवादित नामांतरण बंटवारे एवं सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
207. ( क्र. 3582 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग के द्वारा किसानों के अविवादित नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के प्रकरणों का कितनी समयावधि में निराकरण किए जाने के निर्देश हैं? इस संबंध में निर्देश कब-कब जारी किए गए? निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले के गोहद एवं लहार विधान सभा क्षेत्र में अविवादित बंटवारे, नामांतरण एवं सीमांकन के किन-किन किसानों के उक्त प्रकरण पटवारियों तथा तहसीलदार के न्यायालयों में विचाराधीन है? (ग) क्या यह सही है कि पटवारियों द्वारा जानबूझकर प्रकरणों को लंबित रखे जाने से राजस्व प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो विगत तीन माह से अधिक समय से पटवारियों के पास लंबित प्रकरणों की जांच कराकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कब तक किया जाएगा? (घ) क्या समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण नहीं किये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने के प्रावधान है? यदि हाँ तो किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अविवादित नामांतरण-30 दिवस, अविवादित बंटवारा-90 दिवस व सीमांकन-45 दिवस में किये जाने के निर्देश हैं। नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले के गोहद एवं लहार विधान सभा क्षेत्र में अविवादित बंटवारे, नामांतरण एवं सीमांकन के विचाराधीन प्रकरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
208. ( क्र. 3583 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले की तहसील हुजूर के ग्राम सिकन्दराबाद की शासकीय भूमि सर्वे क्र. 458 रकबा 0.8700 हेक्टेयर पर जिस पर रास्ता है पर किसके द्वारा अतिक्रमण किया है? कृपया अतिक्रमणकर्ता के नाम, पता सहित बताएं। (ख) क्या यह सही है कि उक्त शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने हेतु श्री राजेश दुबे पुत्र हरप्रसाद दुबे निवासी मकान नं. 498 भदभदा रोड, सिकंदराबाद भोपाल द्वारा दिनांक 18-10-2021 को तहसीलदार हुजूर जिला भोपाल को आवेदन पत्र दिया गया है? (ग) यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि श्री राजेश दुबे पुत्र हरप्रसाद दुबे द्वारा दिनांक 26-10-2021 को उक्त सर्वे क्रमांक की शासकीय भूमि पर से अतिक्रमण हटाए जाने हेतु सी.एम. हेल्प लाईन में शिकायत की है, जो सी.एम. हेल्प लाईन के पोर्टल पर क्रमांक 1570653 पर दर्ज है? (घ) यदि हाँ तो प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटा दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम सिकन्दराबाद तहसील हुजूर जिला भोपाल की शासकीय रास्ता मद की भूमि सर्वे क्रमांक 458 रकबा 0.8700 हेक्टर के अंश भाग रकबा 437.25 वर्गफीट पर कुजीलाल आ. श्री सरदार सिंह निवासी ग्राम सिकन्दराबाद तहसील हुजूर जिला भोपाल द्वारा अतिक्रमण किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) श्री राजेश दुबे, हरप्रसाद दुबे शिकायतकर्ता बतौर दर्ज नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में श्री राजेश दुबे आ. हरप्रसाद दुबे निवसी मकान नं. 498 भदभदा रोड, सिकन्दराबाद भोपाल द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र के संदर्भ में संबंधित हल्का पटवारी से मौका निरीक्षण उपरान्त अतिक्रमण रिपोर्ट प्राप्त की गई, जिसके आधार पर अतिक्रामक के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत राजस्व न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 03/अ-68/21-22 पंजीबद्ध किया जाकर बेदखली आदेश पारित किया गया है।
बिना बजट व प्रावधान के निविदाएं जारी करना
[जल संसाधन]
209. ( क्र. 3589 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2089 दिनांक 04.03.2021 के उत्तर में लहार शाखा लहार फीडर पाईप लाईन स्कीम की निविदा राशि रू. 1784.48 लाख तथा खिरिया आलमपुर स्टॉप डेम कॉजवे की निविदाऍ प्रकाशित होना स्वीकार किया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या बिना बजट व प्रावधान के निविदाएं जारी करने के नियम हैं? यदि हाँ तो नियमों की प्रतियां दें। (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में बिना बजट तथा प्रावधान के निविदाएं जारी करने का कारण बताते हुए निविदाएं प्रकाशित करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? अधिकारी का नाम एवं पद सहित विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों को बजट में शामिल कर कब तक कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा? यदि नहीं तो निविदाएं निरस्त करने का कारण बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लहार मजरे एवं टोलों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जाना
[राजस्व]
210. ( क्र. 3590 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव पर न्यायालय कलेक्टर जिला भिण्ड ने पत्र क्र./क्यू/रीडर/कले./2017 भिण्ड दिनांक 05.07.2017 को मजरे, टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाए जाने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लहार को दिया था? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर भिण्ड के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो शासन के नियमानुसार राजस्व ग्राम बनाए जाने की पूर्ण पात्रता रखने वाले मजरों एवं टोलों को अभी तक राजस्व ग्राम घोषित नहीं करने के क्या कारण है? (ग) उपरोक्त (ख) के परिप्रेक्ष्य में राजस्व ग्राम बनाए जाने की पूर्ण पात्रता रखने वालो मजरे एवं टोलों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार द्वारा तहसीलदार लहार, मिहोना, रौन से संबंधित ग्रामों के प्रस्ताव संकलित किये जाकर कलेक्टर भिंड के माध्यम से, पत्र क्रमांक/1520/क्यू-8/भू.प्र./पे.नि./2017 भिण्ड दिनांक 23.10.2017 द्वारा प्रस्ताव आयुक्त भू-अभिलेख म.प्र. ग्वालियर को भेजे गये थे। आयुक्त भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक 2424 दिनांक 04.12.2017 के द्वारा संशोधित प्रस्ताव चाहे गये थे। तत्पश्चात, आयुक्त भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक 463 ग्वालियर दिनांक 28.04.2021 एवं पत्र क्रमांक 1236 दिनांक 26.11.2021 में दिये गये निर्देश अनुसार सर्वे नियम 2020 के तहत संशोधित प्रस्ताव चाहे गये है। (ग) जिले से प्रस्ताव प्राप्त होने पर म.प्र. भू राजस्व संहिता (भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेख) नियम 2020 तथा विभाग द्वारा जारी अन्य सुसंगत निर्देशों के अनुसार, राजस्व ग्राम बनाये जाने के लिए सर्वेक्षण प्रारम्भ करने की अधिसूचना जारी होने के उपरांत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है। कार्य के तकनीकी और मैदानी स्वरुप को देखते हुए, इसकी पूर्णता हेतु निश्चित समय-सीमा के निर्धारण में कठिनाई है।
शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के न्यायालय के आदेश
[राजस्व]
211. ( क्र. 3603 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में किस-किस जिले में शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के लिये माननीय उच्च न्यायालय इंदौर ने आदेश दिये? जिले सहित प्रकरण क्रमांक आदेश दिनांक सहित जानकारी दें। आदेश की प्रति देवें। (ख) शासन के निर्देशानुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की माननीय उच्च न्यायालय में किस दिनांक को चुनौती दी गई? आदेश किस दिनांक को प्राप्त हुआ? आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में ऐसे कौन-कौन से माननीय उच्च न्यायालय के आदेश है जिन्हें माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई क्या उन प्रकरणों में विधि विभाग से राय ली गई? यदि हां, तो उससे अवगत कराने तथा उच्च न्यायालय में चुनौती न दिये जाने का कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें माननीय उच्च न्यायालय इंदौर में अवमानना प्रकरण दायर होने के बाद शासकीय जमीन को निजी नाम पर कर दिया गया? अवमानना दायर होने की स्थिति क्यों उत्पन्न हुई? (ड.) प्रश्नांश (क) में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें माननीय उच्च न्यायालय इंदौर में 08-10 साल बाद चुनौती दी गई और विलंब पर हाईकोर्ट ने शासन को फटकार लगाई? (च) क्या शासन 2000/- करोड़ से अधिक शासकीय जमीन निजी नाम पर कर देने के खेल की उच्च स्तरीय जांच करवाकर तथा सारी जमीन का नामांतरण निरस्त करने के आदेश देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में ऱखे परिशिष्ट-अ में उल्लेखित प्रकरणों की अपील संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) रतलाम के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ में अंकित क्रमांक-1 पर वर्णित प्रकरण में चुनौती नहीं दी गई। न्यायालयीन आदेश को चुनौती देने के संबंध में तत्समय गुण-दोष के आधार पर निर्णय किया गया। (घ) रतलाम जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 2 प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में अवमानना प्रकरण दायर होने के बाद शासकीय जमीन को निजी नाम पर किया गया। आदेश का पालन करने हेतु विहित प्रक्रिया के पालन में समय लगने से पक्षकारों के द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ड.) जानकारी निरंक है। (च) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेश के संबंध में अग्रिम कार्यवाही गुण-दोष के आधार पर की गई है।
पटवारियों को अन्यत्र स्थानांतरण
[राजस्व]
212. ( क्र. 3605 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्र. 31 दिनांक 16.12.2012 को विधानसभा में चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्वासन के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राजस्व विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ 11-39/2012 भोपाल दिनांक 22.01.2013 द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्र. 323 दिनांक 19.02.2013 के तहत 5 पटवारियों को हटाते हुए राजस्व निरीक्षकों को प्रभार दिया गया था? दूसरा आदेश पत्र क्र. 377 दिनांक 26.02.2014 को कलेक्टर सतना द्वारा जारी किया गया था तीसरा आदेश अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर सतना द्वारा पत्र क्र. 2120 दिनांक 04.03.2014 को किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अगर सही है तो शासन के साफ-साफ निर्देश है कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें की कोई भी पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक अपनी सेवाकाल की कुल अवधि में तीन वर्ष से अधिक समय तक शहरी क्षेत्र में पदस्थ न रहे? शासन के साफ निर्देशों के बाद भी कलेक्टर एवं एस.डी.एम. वर्षों से जमे पटवारी राजस्व निरीक्षक का स्थानांतरण नहीं कर पा रहे हैं? (ग) रघुराजनगर तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का कोलगवां के आराजी नं. 502, 506, 507, 508, 532, 533, किता 6 कुल रकबा 13.127 हे. शासकीय है, क्या उक्त आराजी को निजी स्वत्व में करने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है जबकि शहर के ह्दय स्थल की उक्त आराजी को राज्य शासन को हर स्तर पर बचाना चाहिए? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) अगर सही है तो तहसील रघुराजनगर से उक्त पटवारियों को कब तक तहसील से बाहर स्थानांतरित कर दिया जायेगा तथा भू-माफियाओं के साथ मिलकर शासकीय आराजियों को खुर्द-बुर्द करने की जांच भी राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर करायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2021 में शहरी क्षेत्र के लिये पृथक से उल्लेख नहीं हैं, इस नीति की कंडिका 18 के अनुसार- ''प्रशासनिक आधार पर किये जाने वाले स्थानान्तरणों में उन शासकीय सेवकों को पहले स्थानांतरित किया जा सकेगा, जिनके द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया गया हो। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानान्तरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। निर्माण एवं नियामक स्वरूप के विभागों को छोड़कर अन्य विभागों में मात्र 3 वर्ष की अवधि को ही स्थानांतरण का आधार न बनाया जाये। '' (ग) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत पटवारी हल्का कोलगवां की आराजी नं 502, 506, 507, 508, 532, 533, किता 6 कुल रकबा 13.127 हे. भूमि के खसरे में वर्तमान समय पर कॉलम नं. 3 में म.प्र. शासन एवं कॉलम नं. 12 में व्यवहारवाद न्यायालय से पारित डिक्री एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के पारित आदेशों के अनुक्रम में निजी भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज करने की प्रविष्टि अंकित है। (घ) ''ख'' के प्रकाश में शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
213. ( क्र. 3614 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार की प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना/नीलक्रांति राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्रदेश में मछली पालन के विकास हेतु कितनी राशि खर्च की गई है एवं की जा रही है? योजनावार बताएं। (ख) क्या भोपाल एवं रायसेन जिले में उक्त योजना के अंतर्गत केज लगाने का कार्य मछली पालन विभाग द्वारा किया गया था? यदि हाँ तो दोनों जिलों में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? यह भी बताएं कि उक्त योजना का संचालन किस-किस अधिकारी कर्मचारी द्वारा किया गया? नाम पद सहित बताएं। (ग) क्या दोनों जिलों में उक्त योजना में भारी भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आये हैं? क्या मछली पालन विभाग करोड़ों के गबन की जांच कर दोषियों को दंडित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या एवं कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत कार्यालय अनुसंधान अधिकारी भोपाल द्वारा बड़े तालाब में 96 केज लगाकर मत्स्योद्योग का कार्य किया गया। भोपाल जिले में योजनांतर्गत 258.93 लाख व्यय किया गया। अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार। रायसेन जिले में विभाग द्वारा केज कल्चर का कार्य नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज शिकायत प्रकरण आर 1111/2020 प्रचलन में है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र
[वन]
214. ( क्र. 3617 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 6563 दिनांक 24 मार्च 2021 वनाधिकार अधिनियम अंतर्गत अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही हेतु किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक वनभूमि पर कौन-कौन कृषि कार्य कर रहे हैं? अगर वन अधिकार हक प्रमाण पत्र देने की पात्रता में जो आते हैं उन्हें दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि प्रश्न दिनांक तक कब तक जंगल की भूमि पर कृषि करने वालों का अतिक्रमण हटा दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक जो वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं तो वह कौन-कौन हैं? कृपया उनके नाम, पिता/पति का नाम, जाति, पता एवं कितनी भूमि पर कब से अतिक्रमण है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक वनभूमि पर कृषि कार्य करने वाले व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन अधिकार हक प्रमाण पत्र देने की पात्रता में जो अतिक्रमणकारी आते हैं, उन्हें वनाधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की कार्यवाही पूर्ण हो जाने के पश्चात् वन अधिकार हक प्रमाण पत्र वितरित करने की कार्यवाही जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा की जाती है। कार्यवाही अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के आधार पर जंगल की भूमि पर कृषि कार्य करने वालों का अतिक्रमण हटाने के लिये वनाधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की कार्यवाही पूर्ण हो जाने के पश्चात् वनभूमि से अवैध कब्जों से मुक्त कराने की कार्यवाही की जावेगी, जिसमें निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सतधारा बांध परियोजना का बंद कार्य पुन: प्रारंभ किये जाना
[जल संसाधन]
215. ( क्र. 3618 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र के सतधारा बांध निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की गई थी, इस कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति कब दी गई थी? इसकी निविदायें कब आमंत्रित की गई थी और किस ठेकेदार को कार्य कराने, किस दर पर कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण कराने अनुबंध किया गया था? कृपया ऐसे समस्त आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताए कि उपरोक्त कार्य में क्या-क्या हो गया है और कितने प्रतिशत पूर्ण हो गया है और संबंधित ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त कार्य कब से बंद है, क्यों? उपरोक्त कारणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा, इसमें कौन-कौन दोषी है? प्रश्न दिनांक तक दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई है? बंद कार्य पुन: कब से चालू हो जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र के सतधारा बॉंध निर्माण हेतु दिनांक 24.03.2017 को राशि रूपये 1973.89 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। अनुबंध से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' एवं ''दो/तीन'' अनुसार है। कार्य पूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। ठेकेदार को भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में उक्त योजना का कार्य वनभूमि प्रकरण की स्वीकृति न होने से माह अगस्त 2021 से बंद है। योजना अंतर्गत 39 हेक्टेयर वनभूमि प्रभावित हो रही है, जिसका वन प्रकरण वर्ष 2018 में तैयार कर विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु वन विभाग को प्रस्तुत किया गया था। जिसमें 40 हेक्टेयर वैकल्पिक भूमि वन विभाग को हस्तांतरित हो चुकी है। प्रकरण दो बार अपर प्रधान वन संरक्षक के माध्यम से भारत-सरकार के रीजनल कार्यालय के समक्ष क्लीयरेंस हेतु प्रस्तुत हुआ। भारत सरकार, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय द्वारा ली गई आपत्ति के निराकरण हेतु अपर वन संरक्षक भोपाल के पत्र दिनांक 02.12.2021 के माध्यम से वनमण्डलाधिकारी टीकमगढ़ को स्थल टीप प्रस्तुत करने हेतु लेख किया जिसके तारतम्य में वनमण्ड़लाधिकारी, टीकमगढ़ द्वारा उनके पत्र दिनांक 28.02.2022 के माध्यम से अपनी टीप अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (कक्ष-भूप्रबंध) भोपाल को प्रेषित करा दी गई है। वनभूमि प्रकरण की स्वीकृति में हो रहे विलंब के लिए जल संसाधन विभाग दोषी नहीं है। वन भूमि प्रकरण की स्वीकृति उपरांत उक्त योजना का निर्माण कार्य पुन: प्रारंभ किया जा सकेगा।
टी.एल. प्रकरणों पर कार्यवाही
[राजस्व]
216. ( क्र. 3769 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान कितने प्रकरणों/आवेदन पत्र/पत्रों को कलेक्टरों द्वारा टी.एल. में लिया गया उनका विवरण माहवार, वर्षवार जिलेवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार टी.एल. में लिये गये आवेदन पत्र/प्रकरण/पत्र किन-किन विभागों से संबंधित थे का विवरण पृथक से देते हुये कार्यवाही कर निराकरण कब-कब किया गया। की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों/प्रकरणों में प्रश्नांश (ख) अनुसार लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, खनिज विभाग,आपूर्ति निगम से संबंधित कितने थे। उन पर क्या कार्यवाहियां कब-कब की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये इनमें से कितने आवेदन पत्रों पर कार्यवाही लंबित हैं। इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर क्या कार्यवाही करेगें अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों का कलेक्टर के निर्देश व निश्चित समय-सीमा निर्धारित करने के बाद भी निराकरण नहीं किया गया आवेदन पत्र/पत्रों प्रकरणों पर कार्यवाही आज भी लंबित हैं। इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर उन पर कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित करेगें एवं इनका निराकरण बावत् क्या निर्देश देगें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल जिले में 70 प्रकरण एवं रीवा जिले में कुल 1942 प्रकरण टी.एल. में लिये गये जिनका वर्षवार विवरण क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार जिला शहडोल द्वारा सभी 70 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिला रीवा में 1942 प्रकरणों का समय-समय पर निराकरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' अनुसार लोक निर्माण विभाग, उर्जा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग एवं खनिज विभाग का विवरण जिला शहडोल एवं रीवा का पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) समयावधि पत्रों की समीक्षा हेतु कलेक्टर द्वारा प्रत्येक सोमवार टी.एल.बैठक आयोजित कर समय-सीमा में निराकरण किया जाता है। लंबित पाये जाने पर संबंधित अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है।
उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
217. ( क्र. 3838 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में कितनी उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न वितरण में अनियमितता पाई गई? जिलेवार जानकारी बताएं। (ख) मध्य प्रदेश में कुल कितनी दुकानों में गड़बड़ियां पाए जाने पर क्या क्या कार्यवाही की गई? इस अवधि में कितना खाद्यान्न जप्त किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार अवधि में कितने मामलों में पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए एवं कितने दोषी अधिकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया व कितने फरार हैं एवं कितनों को पद से पृथक किया गया व निलंबित किया गया? जिलेवार नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत किन किन जिलों में अनियमितता सामने आई थी? उक्त योजना में कितना खाद्यान्न प्रश्न दिनांक तक आया व कितना वितरण किया गया।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधोसंरचना एवं वन विकास कार्य की जानकारी
[वन]
218. ( क्र. 4019 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के राज्य लघुवनोपज समितियों के माध्यम से संचालित लघुवनोपज संग्रहण की 30 प्रतिशत की राशि से अधोसंरचना विकास कार्य एवं वन विकास कार्य को संचालित किया जा रहा है? छिन्दवाड़ा जिले में 30 लघुवनोपज समितियों में वर्ष 2017 से आज दिनांक तक समितिवार अधोसरंचना मद एवं वानिकी विकास मद में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई एवं निर्माण कार्य व वानिकी विकास कार्य पर कितना–कितना व्यय हुआ है? स्थलवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 2014 से श्रमिकों की मजदूरी को वित्त विभाग के आदेशानुसार मजदूरों के खातों में हस्तांतरण करने का नियम बनाया है? वर्ष 2014 से आज दिनांक तक लघुवनोपज समितियों एवं अधिकारियों द्वारा संपादित उपरोक्त कार्यों में कितनी-कितनी राशि मजदूरों के खातों में हस्तांतरण की गई है? (ग) लघुवनोपज समितिवार वर्तमान में कितनी-कितनी बोनस की 30 प्रतिशत राशि शेष है? इन शेष राशि से कौन-कौन से कार्य वित्तीय वर्ष 2022-23 में संपादित किये जायेंगे? (घ) छिन्दवाड़ा जिले में संचालित लघुवनोपज के संग्रहकों को विगत वर्ष में लघुवनोपज समितिवार कितने नग जूते, चप्पल, साड़ी एवं पानी की बोतल बाटी गई? लघुवनोपज समितिवार उस अवधि के कितने जूते, चप्पल, साड़ी एवं पानी की बोतल वितरण होना शेष है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के पत्र क्रमांक/वनो./संघ/विकास/2019/12735 दिनांक 23.11.2019 द्वारा ई-पेमेंट के निर्देश है। आज दिनांक तक राशि रूपये 47,25,984/- हस्तांतरित की गई है। (ग) 30 प्रतिशत बोनस राशि समितिवार नहीं रखी जाती। बल्कि जिला यूनियनवार रखी जाती है। वर्तमान में छिन्दवाड़ा जिले की जिला यूनियन के लिए राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जिला यूनियनों के प्रस्ताव प्राप्त होने पर शेष राशि से भी मूलभूत अधोसंरचना एवं वन विकास के कार्य संपादित कराए जाऐंगे। (घ) विगत वर्ष 2020-21 में कोई सामग्री न तो वितरित की गई तथा न ही वितरण हेतु शेष है।
प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति
[वन]
219. ( क्र. 4035 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला, बैतूल एवं धार जिले में कार्यरत प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद से प्रस्तावित कार्यों को म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने गत पांच वर्षों से अनुमति या स्वीकृति प्रदान नहीं की है? (ख) किस समिति ने कितनी लागत का कौन सा कार्य किस दिनांक के प्रस्ताव से प्रस्तावित किया, उनमें से किस कार्य को किस दिनांक को स्वीकृति/अनुमति दी गई? इस कार्य पर किसके द्वारा किस दिनांक को क्या-क्या आपत्ति ली गई? (ग) प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के प्रस्ताव पर आपत्ति लेने का अधिकार पंजीकृत उपविधि की किस कंडिका या शासन के किस दिनांक के आदेश से म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ मुख्यालय या पदेन महाप्रबन्धकों को प्रदान किया गया है? (घ) गत पांच वर्षों में समितियों द्वारा प्रस्तावित कार्यों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा उपयुक्त कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है तथा जिन प्रस्तावों में कमियां थी, उस बाबत् संबंधित जिला यूनियन को लेख किया गया। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रस्तावों पर आपत्ति पूर्ति उपरांत जिला यूनियन हेतु निर्धारित राशि की सीमा के तहत कार्य सतत् रूप से स्वीकृत किये जाते है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
220. ( क्र. 4070 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत सिरोंज जिला विदिशा में विषयांकित योजना में हुई गड़बड़ी के संबंध में विस्तृत जानकारी दें? इस योजना में राशि की जो गड़बड़ी हुई है उस राशि को शासन को वापिस करवाने की दिशा में हुई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या शासन ने प्रदेश की अन्य जनपद पंचायतों में कोरोना काल के दौरान विषयांकित योजना में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई? क्या इसकी जांच करवायी हैं? क्या शासन प्रदेश की अन्य जनपद पंचायतों में भी जांच करायेगा? (ग) विषयांकित योजना में योजना प्रांरभ से प्रश्न दिनांक तक वित्तीय वर्ष अनुसार खर्च की गयी राशि की जानकारी दें। विषयांकित योजना में खर्च की जा रही राशि शत-प्रतिशत राज्य शासन का अंश है, या इसमें केन्द्र का भी अंश है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जनपद पंचायत सिरोंज, जिला विदिशा में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की विवाह सहायता योजना में आर्थिक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का प्रकरण संज्ञान में आया था। श्री शोभित त्रिपाठी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरोंज, जिला विदिशा द्वारा कार्यालयीन कर्मचारियों, अन्य व्यक्तियों के सहयोग से विवाह सहायता योजना अंतर्गत व्यक्तियों/श्रमिकों का नियम विरूद्ध पंजीयन तथा फर्जी प्रकरण तैयार कर आर्थिक अनियमिततायें कर धनराशि आहरित की गई। उनके द्वारा अपने कार्यकाल में दिनांक 01.02.2019 से 10.12.2021 तक 5989 प्रकरणों में कुल राशि रू. 30,52,05,000/- का भुगतान विवाह सहायता योजना अंतर्गत डी.बी.टी. के माध्यम से किया गया। उक्त प्रकरण में श्रम विभाग द्वारा राज्य स्तरीय जांच दल गठित कर जांच करवायी गई है। इसके अतिरिक्त प्रकरण में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा अप.क्र - 04/22 धारा 420, 409, 120 बी, भा.द.वि. एवं 7, 13 (1) सहपठित धारा 13 (2) भ.नि.अ. 1988 एवं संशोधित अधिनियम 2018 पंजीबद्ध कर प्रकरण की विवेचना की जा रही है। (ख) प्रदेश की अन्य जनपद पंचायतों में कोरोना काल के दौरान म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की विवाह सहायता योजना में गड़बड़ी का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। तथापि जनपद पंचायत सिरोज, जिला विदिशा में मण्डल की विवाह सहायता योजना में आर्थिक अनियमितता का प्रकरण संज्ञान में आने पर प्रदेश के 07 जिलों की 10 जनपद पंचायतों में विवाह सहायता योजना अंतर्गत स्वीकृत प्रकरणों की जांच करायी जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की विवाह सहायता योजना में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक व्यय की जानकारी वित्तीय वर्ष अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल स्ववित्त पोषित मण्डल है। मण्डल को राज्य शासन अथवा केन्द्र शासन से किसी भी प्रकार का अनुदान प्राप्त नहीं होता है।
बुढ़नेर नदी के रेत खदान का संचालन एवं नियंत्रण
[खनिज साधन]
221. ( क्र. 4268 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पेसा अधिनियम 1996 के तहत गौण खनिजों के प्रबंधन, नियंत्रण की शक्ति एवं आक्शन पर लीज ग्रांट करने का अधिकार ग्रामसभा एवं स्वशासी परिषदों को है? (ख) क्या डिंडोरी जिले में ग्राम कमको मोहनिया अंतर्गत बुढ़नेर नदी के रेत खदान का संचालन एवं नियंत्रण का अधिकार ग्रामसभा कमको मोहनिया को सौंपने के लिए ग्रामसभा द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है? (ग) प्रश्न-दिनांक तक भी बुढ़नेर नदी के रेत खदान का संचालन एवं नियंत्रण का अधिकार ग्रामसभा कमको मोहनिया को नहीं सौंपे जाने का विधिसम्मत कारण बताएं? (घ) बुढ़नेर नदी के रेत खदान का संचालन एवं नियंत्रण का अधिकार ग्रामसभा कमको मोहनिया को सौंपने विषयक ग्रामीणों द्वारा एवं प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित कितने पत्र कलेक्टर डिंडोरी, माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को किस-किस दिनांक को प्राप्त हुआ? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ङ) राज्यपाल महोदय द्वारा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को डिंडोरी जिले में ग्राम कमको मोहनिया अंतर्गत बुढ़नेर नदी के रेत खदान का संचालन एवं नियंत्रण का अधिकार ग्रामसभा को सौंपने विषयक प्रेषित पत्र-क्रमांक 743/आरबीएसए/ पं.ग्रा.वि.वि./2021 दिनांक 18/011/2021 पर क्या कार्यवाही की गई? प्रति-सहित ब्यौरा दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। गौण खनिजों की प्रश्नानुसार अधिकार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 अधिसूचित हैं। (ख) जी हाँ। ग्राम सभा कमको मोहनिया द्वारा ठहराव प्रस्ताव दिनांक 16/08/2021 से प्रश्नाधीन रेत खदान के संचालन एवं नियंत्रण का अधिकार ग्राम सभा कमको मोहनिया को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर में स्पष्ट किया गया है। (घ) कलेक्टर कार्यालय को प्रश्नानुसार खदान के संचालन एवं नियंत्रण हेतु ग्रामीणों द्वारा पत्र दिनांक 27/10/2021 प्राप्त हुआ है। जिस पर प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार पृथक से कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कल्याणकारी योजना के तहत अपात्र संस्थाओं को खाद्यान्न प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
222. ( क्र. 4269 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में कल्याणकारी संस्था एवं एक ही आधार नंबर से वितरण के घोटाले प्रकाश में थे? प्रति-सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के घोटाले में प्रश्न-दिनांक तक किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध क्या जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? प्रति-सहित बताएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) प्रकरण में चोरबाजारी अधिनियम 1980 लागू नहीं होगा? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों पर दर्ज अपराधिक प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
223. ( क्र. 4354 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किस-किस किसान का गेहूँ उपार्जन केंद्र पर एवं रास्ते में किसके आदेश पर किसके द्वारा किसानों का गेहूँ जप्त एवं किसानों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था? उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार उपार्जन नीति के तहत किसान का गेहूँ उपार्जन केंद्र या रास्ते में जप्त कर एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश "ख" के अनुसार यदि हाँ तो किस नियम व निर्देशों के तहत नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं । (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं तो क्या वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक किसान का गेहूँ जप्त एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने वाले अधिकारियों द्वारा नियम व निर्देशों का उल्लंघन किया जाना परिलक्षित होता है? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार यदि हाँ तो क्या उक्त अधिकारियों द्वारा आर्थिक भ्रष्टाचारिता की दृष्टि के कारण पद एवं शक्तियों का दुरुपयोग कर किसानों का गेहूँ जप्त एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक एवं विभागीय जांच की कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) छतरपुर जिले के कृष्णा वेयर हाउस संस्था गहरवार उपार्जन केन्द्र पर दिनांक 23.05.2021 को जांच में 92.5 क्विंटल नॉन एफएक्यू गेहूँ उपार्जित करते हुए पाए जाने पर समिति प्रबंधक से गेहूँ जप्त किया गया। समिति प्रबंधक, श्री अर्जुन दुबे एवं श्री वीरेन्द्र अग्रवाल द्वारा धोखाधड़ीपूर्वक मिलीभगत कर अमानक गेहूँ खरीदी/बिक्री करते हुए पाए जाने पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया। माननीय सिविल न्यायालय के निर्देश पर जप्त गेहूँ संबंधित को वापस किया गया है। इसी प्रकार, उपायुक्त सहकारिता, छतरपुर एवं जिला विपणन अधिकारी द्वारा उपार्जन केन्द्र टटम का दिनांक 25.05.2021 को संयुक्त निरीक्षण में केन्द्र पर जीवित कीटयुक्त गेहूँ पाए जाने पर 62 क्विंटल गेहूँ जप्त किया गया एवं जिला उपार्जन समिति के निर्णयानुसार जप्त गेहूँ की खरीदी न की जाकर को संबंधित कृषक को वापस किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) भारत सरकार की समर्थन मूल्य योजनांतर्गत वास्तविक कृषकों से ही एफएक्यू गुणवत्ता का स्कन्ध उपार्जन करने का प्रावधान है। नॉन एफएक्यू स्कन्ध का क्रय/विक्रय कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने के प्रयास करने पर भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा सकती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।