मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र


गुरुवार, दिनांक 17 मार्च, 2022


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



खनिज विभाग में अधिकारियों की पदस्थापना

[खनिज साधन]

1. ( *क्र. 3260 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग सागर में राजपत्रित श्रेणी एवं खनिज निरीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में स्वीकृत पदों पर कौन-कौन से अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक कब से पदस्थ हैं? नाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित समस्त जानकारी देवें। (ख) क्या खनिज विभाग/शासन के नियम अनुसार उपरोक्त राजपत्रित अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक शासन के नियमों के अनुरूप पदस्थ हैं? (ग) यदि हाँ, तो पदस्थ अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक की पदस्थापना को 03 वर्ष से अधिक होने के उपरांत भी जिला सागर में पदस्थ रहने का क्या कारण है? (घ) शासन के नियमों का पालन करते हुये 03 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक को खनिज विभाग जिला सागर से अन्यत्र पदस्थ किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विभागीय सेटअप अनुसार सागर जिले में खनि अधिकारी (राजपत्रित) का 01 पद एवं खनि निरीक्षक के 02 पद स्‍वीकृत हैं। वर्तमान में खनि अधिकारी एवं खनि निरीक्षक के स्‍वीकृत पदों पर पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पदस्‍थापना दिनांक सहित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ। पदस्‍थ अधिकारी एवं खनि निरीक्षकों को विभागीय आवश्‍यकता के दृष्टिगत प्रशासकीय आधार पर जिला सागर में पदस्‍थ किया गया है। (ग) जिला सागर में पदस्‍थ अधिकारी एवं एक खनि निरीक्षक की पदस्‍थापना को सागर जिले में 03 वर्ष पूर्ण नहीं हुए हैं। एक खनि निरीक्षक को प्रशासकीय आवश्‍यकता के दृष्टिगत सागर में पदस्‍थ रखा गया है। (घ) शासकीय सेवक का स्‍थानांतरण एक सतत् प्रक्रिया है, प्रशासकीय आवश्‍यकता के दृष्टिगत एक खनि निरीक्षक को सागर जिले में पदस्‍थ किया गया है। विभागीय आवश्‍यकता के आधार पर भविष्‍य में इनका स्‍थानांतरण अन्‍यत्र भी किया जा सकता है।                                                 समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "एक"

खाद्यान्न के परिवहन पर व्यय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( *क्र. 2941 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक प्रदेश स्तर पर किस-किस प्रकार का कितना-कितना खाद्यान्न खरीदा गया, परिवहन पर कितना खर्च हुआ तथा सहकारी समिति की हानि (योजना कोड 0570) परिवहन कमीशन (योजना कोड 1299), म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम की खाद्यान्न उपार्जन में हानि (योजना कोड 3229) सहकारी विपणन संघ की खाद्यान्न उपार्जन में हानि (योजना कोड 3248) मद में इन वर्षों में कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार बतावें। (ख) रतलाम जिले में क्रय किये खाद्यान्न की वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की मात्रा तथा कृषक संख्या वर्षवार खाद्यान्न अनुसार बतावें। इसमें से वर्षवार कितना खाद्यान्न विभिन्न योजनाओं के लिये दिया गया तथा कितना खाद्यान्न भा.खा.नि. द्वारा केन्द्रीय पूल में उठाया गया, कितना निम्न गुणवत्ता का हो गया तथा कितना खराब होकर नष्ट किया गया तथा कितना शेष रहा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित निम्न गुणवत्‍ता तथा शेष गेहूं निष्पादन कैसे किया गया तथा उक्त वर्षों में कितने-कितने जूट, पोली तथा पुराने बारदान क्रय किये गये या शासन से प्राप्त किये गये? कितने उपयोग हुये तथा                                      कितने-कितने शेष रहे? विक्रेता के नाम, पता, दर दिनांक, कुल मात्रा, कुल राशि सहित सूची देवें।                                       (घ) रतलाम जिले में क्रय किये गये खाद्यान्न के परिवहन पर वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कितना खर्च किया गया? किस-किस दूरी के लिये किस दर से प्रति ट्रि‍प कितना भुगतान किया? उक्त दूरी की पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा दर्शायी गयी दूरी तथा गूगल मेप में बताई गई दूरी की सूची देवें। वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक उक्त दूरियों पर कितनी ट्रिप का कुल कितना भुगतान किया?  

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खरीदी केन्द्र को कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( *क्र. 3531 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) म.प्र. के जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत आने वाले निम्नलिखित सरसों खरीदी केन्द्र (सेवा सहकारी संस्था) (अ) पाली (डिरमन) (ब) सिरसौदा (स) गोहद को म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड भिण्ड म.प्र. द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 की 15 प्रतिशत कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? भुगतान कब तक किया जाएगा?                                                          (ख) म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड भिण्ड म.प्र. द्वारा इन्हीं संस्थाओं का वित्तीय वर्ष 2020-21 की 75 प्रतिशत कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? भुगतान कब तक किया जाएगा? (ग) क्‍या आने वाले वित्‍तीय वर्ष में खरीदी करने हेतु लेबर का भुगतान करने के लिए परेशानी होगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2019-20 में जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत समर्थन मूल्‍य पर सरसों खरीदी केन्‍द्र पाली डिरमन, सिरसौदा एवं गोहद को समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित सरसों के कमीशन, प्रासंगिक व्‍यय एवं हम्‍माली परिवहन व्‍यय मद में भुगतान/समायोजन की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। सरसों उपार्जन हेतु नेफेड से किए गए अनुबंध अनुसार 15 प्रतिशत कमीशन की राशि का भुगतान केन्‍द्र शासन द्वारा अंकेक्षित लेखों के निराकरण एवं सी.ए.जी. ऑडिट उपरांत किया जाएगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                                          (ख) वर्ष 2020-21 में जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत समर्थन मूल्‍य पर सरसों खरीदी केन्‍द्र पाली डिरमन, सिरसौदा एवं गोहद को समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित सरसों के कमीशन, प्रासंगिक व्‍यय एवं हम्‍माली परिवहन व्‍यय मद में भुगतान/समायोजन की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। एम.पी. स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन को सरसों उपार्जन की नेफेड से 32.81 करोड़ एवं मार्कफेड से 181.97 करोड़ की राशि प्राप्‍त होना शेष है। राशि प्राप्‍त होते ही शेष कमीशन की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।

परिशिष्ट - "दो"

नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्र व मुरम अनुज्ञा संबंधी

[खनिज साधन]

4. ( *क्र. 3308 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राजपत्र खनिज साधन विभाग भोपाल दिनांक 23 मार्च, 2013 के बिन्‍दु क्रमांक 26, नियम 68 में (2) बिन्‍दु अनुसार जो अनुज्ञाधारी/ठेकेदार निर्माण कार्य में लगे हों तो खनिज अधिकारी नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्र जारी करेंगे तो अजय यादव, विजय यादव, यादव कंस्‍ट्रक्‍शन, माँ गायत्री/गायत्री स्‍टोन क्रशर सभी जुलवानिया, जिला-बड़वानी को दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2018 तक एवं दिनांक 01.07.2020 से 15.02.2022 तक जारी नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्रों की प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्‍ध करावें। (ख) उपरोक्‍तानुसार नियम 68 के (3) बिन्‍दु में उल्‍लेखित सड़क निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार को मुरम अनुज्ञा जारी करने से पूर्व खनिज विभाग से अनापत्ति‍ लेनी होगी और जारी की गई अनुज्ञा की प्रति खनिज विभाग को पृष्‍ठांकित की जाएगी, तो प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में उपरोक्‍त फर्मों/व्‍यक्तियों को जारी अनापत्ति की प्रमाणित प्रति देवें तथा पृष्‍ठांकित की गई अनुज्ञा प्रति के रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रति कार्यवार देवें। (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) अनुसार नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्र कार्यवार जारी नहीं किए गए व प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अनापत्ति नहीं ली गई एवं अनुज्ञा प्रति पृष्‍ठांकित नहीं की गई तो इसके जिम्‍मेदार तत्‍कालीन से वर्तमान तक के अधिकारियों के नाम, पदनाम, देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) अनुसार नियमों का पालन नहीं करने वाले फर्मों/व्‍यक्तियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (2) में प्रश्‍नानुसार प्रावधान है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित व्‍यक्तियों/फर्मों को कोई भी नो माईनिंग ड्यूज जिला कार्यालय, बड़वानी द्वारा जारी नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित व्‍यक्तियों/फर्मों को किसी प्रकार की अनुज्ञा कलेक्‍टर कार्यालय, बड़वानी द्वारा जारी नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित व्‍यक्तियों/फर्मों का संबंध निर्माण विभाग से है, यह प्रश्‍न में स्‍पष्‍ट नहीं है। जिले से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित व्‍यक्तियों/फर्मों के पक्ष में अस्‍थायी अनुज्ञा अथवा नो माईनिंग ड्यूज जारी नहीं किया गया है। अत: किसी अधिकारी की जिम्‍मेदारी नियत किया जाना संभव नहीं होने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित व्‍यक्तियों/फर्मों द्वारा किये गये निर्माण कार्य किस विभाग से संबंधित हैं, यह स्‍पष्‍ट नहीं होने के कारण कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।

वन अधिकारियों द्वारा जंगलों में रात्रि विश्राम

[वन]

5. ( *क्र. 1432 ) श्री संजय शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                               (क) वन विभाग के अधिकारियों को सप्ताह में 3 दिन जंगलों में ही विश्राम, निरीक्षण हेतु आदेशित किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कितने अधिकारियों द्वारा एक वर्ष में प्रदेश के वनों में रहकर वनों का निरीक्षण किया, कब-कब निरीक्षण किया गया? संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो अधिकारियों द्वारा वनों का निरीक्षण/जंगलों में ही विश्राम क्‍यों नहीं किया जाता है? किन-किन अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्यों  वनों में कई जगह अवैध कटाई, अवैध रूप से भूमियों पर अतिक्रमण आदि पाया गया? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर अनियमितता पाई गई? अनियमितता पाये जाने पर विभागीय अमले द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) वन विभाग के प्रदेश में कहां-कहां पर सर्किट/रेस्‍ट हाउस/विश्राम गृह बने हुये हैं? स्‍थान, फोन नंबर सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें।  

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

अवैध उत्‍खनन के संबंध में

[खनिज साधन]

6. ( *क्र. 1385 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला के करैरा विधान सभा के ग्रामों में ग्राम चितारी, रोनीजा, अन्‍दोरा, जरगवां एवं जिला दतिया के ग्राम लमकना, मॉसन, वएमोर इत्‍यादि में खनन किया जा रहा है, इसकी शिकायत दतिया एवं शिवपुरी जिले के कलेक्‍टरों को भी की गई लेकिन आज दिनांक तक उत्‍खनन हो रहा है? (ख) यह भी बतायें कि करैरा विधान सभा क्षेत्र में कितनी वैध खदानें हैं, जिसका शासन को कितना राजस्‍व आता है? कौन-कौन सी खदानों की नीलामी किस दिनांक को हुई और उसकी वैधता दिनांक क्‍या है? (ग) क्‍या अवैध उत्‍खनन के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कई पत्र जिला शिवपुरी, जिला दतिया के कलेक्‍टरों को लिखे गए? किस पत्र का जवाब दिया गया? क्‍या अवैध उत्‍खनन रोका गया?                                  (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में करैरा विधान सभा क्षेत्र में भारी तादाद में अवैध उत्‍खनन हो रहा है? सोन चिरैया क्षेत्र में जहां पर बाहरी व्‍यक्तियों की भी जाने की अनुमति नहीं होती है, फिर भी खनन होना बंद नहीं हुआ? क्‍या दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी, हाँ तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शिवपुरी जिले के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्‍न में उल्‍लेखित ग्रामों में अवैध रूप से खनिजों के खनन की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा सतत् निरीक्षण एवं निरंतर जांच की जा रही है। वर्ष 2021-22 में प्रश्‍न दिनांक तक 31 प्रकरण पंजीबद्ध कर 16,96,188/- रूपये अर्थदण्‍ड के रूप में जमा कराये गये हैं। माननीय विधायक द्वारा प्रेषित शिकायत दिनांक 14.12.2020 एवं दिनांक 24.03.2021 पर कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी कलेक्‍टर कार्यालय शिवपुरी द्वारा पत्र दिनांक 27.03.2021 से प्रेषित की गई है। दतिया जिले में प्रश्‍नाधीन ग्रामों में स्‍थल निरीक्षण में अवैध उत्‍खनन संबंधी कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। माननीय विधायक द्वारा प्रस्‍तुत पत्र दिनांक 29.07.2021 का जवाब पत्र दिनांक 29.09.2021 द्वारा प्रेषित किया गया है। (ख) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु 11 उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत हैं, जिसमें वर्ष 2021 में रूपये 1,02,00,120/- करोड़ का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ। शिवपुरी जिले की रेत समूह की ई-निविदा दिनांक 14.02.2022 को खोली गई। इस समूह में 8 खदानें करैरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। जिले की रेत समूह की खदानों की ठेके की अवधि दिनांक 30.06.2023 तक है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेख अनुसार माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों का उत्‍तर संबंधित जिले के कलेक्‍टर द्वारा दिया गया है। अवैध उत्‍खनन की रोकथाम हेतु सतत् निगरानी रखी जाती है। (घ) करैरा विधानसभा अंतर्गत करैरा अभ्‍यारण्‍य क्षेत्र में कृषकों की निजी एवं राजस्‍व भूमि है, वन भूमि नहीं है। इस ग्राम के निवासियों को इस क्षेत्र में आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस क्षेत्र में जब भी अवैध उत्‍खनन का प्रकरण प्रकाश में आता है, तब वन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। विगत तीन वर्षों में रेत खनिज के अवैध उत्‍खनन के निम्‍नानुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर वाहन जप्‍त किये गये हैं :-

क्र.

वर्ष

प्रकरण संख्‍या

जप्‍त वाहन संख्‍या

जेसीबी मशीन

डम्‍पर

ट्रेक्‍टर

मोटर सायकिल

1.

2019

12

01

02

07

-

2.

2020

14

02

0

06

01

3.

2021-22

12

01 एल.एन.टी.

-

03

  •  

 

उपरोक्‍त से स्‍पष्‍ट है कि जब भी प्रकरण प्रकाश में आता है तब दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कनेरादेव सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

7. ( *क्र. 3085 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र की एकमात्र कनेरादेव जलाशय सिंचाई परियोजना किस सन् में पूर्ण हुई थी एवं इसके अंतर्गत कितने हेक्टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित था एवं इसमें कितनी नहरों का निर्माण किया जाना था? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक इस योजनांतर्गत कितने हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है? क्या कनेरादेव जलाशय निर्माण के पश्चात आज दिनांक तक कभी पूर्ण रूप से भरा नहीं गया है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा शासन स्तर पर इस हेतु अब तक क्या कार्यवाही गई है? (ग) क्या शासन कनेरादेव जलाशय पूर्ण न भरे जाने के संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण कराकर इसको पूर्ण भराव हेतु समुचित कार्यवाही करेगा, ताकि ये परियोजना अपने उद्देश्यों को पूर्ण कर सके तथा कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कनेरादेव सिंचाई परियोजना वर्ष 2013-14 में पूर्ण हुई थी। जलाशय से 110 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित था एवं एक मात्र 2.40 कि.मी. नहर का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) परियोजना से विगत वर्षों में की गई सिंचाई का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि निर्माण के पश्चात                   दो-बार पूर्णरूप से बांध में जल भराव होना प्रतिवेदित है। प्रश्‍नाधीन जलाशय के पूर्ण न भरे जाने का मुख्य कारण जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र में शहरीकरण तथा आबादी बढ़ने के कारण जलग्रहण क्षेत्र बाधित होने एवं कम वर्षा होना है। उपरोक्‍त पृष्‍ठभूमि में शासन स्‍तर से कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) जलभराव क्षेत्र एवं बांध सीट के भूगर्भीय अन्‍वेषण करने हेतु कार्यपालन यंत्री द्वारा उपमहानिरीक्षक स्‍टेट यूनिट जी.एस.आई. भोपाल को उनके पत्र दिनांक 02.03.2022 द्वारा अनुरोध किया जाना प्रतिवेदित है। भूगर्भीय अन्‍वेषण रिपोर्ट प्राप्‍त होने के पश्‍चात आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तीन"

प्रदेश में खाद्यान्‍न की खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

8. ( *क्र. 3092 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                        (क) वर्ष 2012-13 से वर्ष 2021-22 तक शासन स्‍तर पर किस-किस प्रकार का कुल कितनी मात्रा में खाद्यान्‍न कुल कितनी राशि का खरीदा गया? उसमें से कितना-कितना खाद्यान्‍न किस-किस एजेंसी को वितरित किया गया? कितना खाद्यान्‍न शेष है तथा उसका डिस्‍पोजल क्‍या किया गया?                                                       (ख) वर्ष 2012-13 से 2021-22 तक किस-किस प्रकार का कितना खाद्यान्‍न विभिन्‍न कारणों से निम्‍न गुणवत्‍ता का हो गया? निम्‍न गुणवत्‍ता के खाद्यान्‍न में से कितना खाद्यान्‍न किस दर से किस कंपनी/फर्म को बेचा गया? उससे कितनी राशि की लागत के मान से हानि हुई?                                                                     (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित निम्‍न गुणवत्‍ता के खाद्यान्‍न का विक्रय के पूर्व क्‍या परीक्षण किया गया था कि वह आदमी के खाने लायक है या नहीं? रिपोर्ट की प्रतियां देवें तथा बतायें कि उस खाद्यान्‍न को खरीदने वाली कंपनी/फर्म पर विक्रय के समय यह शर्त लगाई थी कि वह मनुष्‍य के खाने योग्‍य वस्‍तु के उत्‍पाद में इसका उपयोग न करें? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं लगाई गई? (घ) वर्ष 2012-13 से 2020-21 तक किस-किस प्रकार के खाद्यान्‍न पर क्रय एवं वितरण पर परिवहन तथा अन्‍य व्‍यय कितना-कितना हुआ तथा उससे उस खाद्यान्‍न पर प्रति किलोग्राम कितना खर्च हुआ? वर्ष 2012-13 से 2020-21 तक विभिन्‍न खाद्यान्‍न की अंतिम अतिशेष मात्रा तथा विभिन्‍न कारणों से निम्‍न गुणवत्‍ता का खाद्यान्‍न का निष्‍पादन किस-किस प्रकार किया गया? मात्रा सहित जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

स्टाप डेम निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

9. ( *क्र. 3167 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुलाबगंज के ग्राम धनोरा एवं मानपुर में स्टाप डेम निर्माण कार्यों की स्वीकृति के प्रस्तावों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या, नहीं तो क्यों? (ख) क्या बैराज निर्माण कार्य हेतु केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का अन्य जगह उपयोग होने के कारण बहुप्रतीक्षित धनोरा स्टाप डेम को राशि प्राप्त नहीं हो सकी? (ग) क्या शासन क्षेत्र के कृषकों के हित में बहुप्रतीक्षित धनोरा स्टाप डेम निर्माण कार्य एवं मानपुर स्टाप डेम निर्माण कार्यों हेतु विभागीय बजट में राशि का प्रावधान किए जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मानपुर स्‍टापडेम की साध्‍यता स्‍वीकृति दिनांक 11.01.2022 को प्रदान की गई है। परियोजना के प्रारंभिक सर्वेक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। धनौरा स्‍टापडेम विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्‍नाधीन धनौरा बैराज विदिशा जिले की आंकाक्षी योजना के तहत प्रस्‍तावित होकर कलेक्‍टर जिला विदिशा के माध्‍यम से बिना प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान किए प्राप्‍त हुई थी, जो विभागीय प्रक्रिया के अनुरूप नहीं होने से प्रस्‍ताव वापिस कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) साध्‍यता स्‍वीकृति प्राप्‍त मानपुर स्‍टापडेम सर्वेक्षणाधीन है एवं सर्वेक्षण उपरांत विस्‍तृत परियोजना प्राप्‍त होने पर प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु निर्णय लिया जाना संभव होगा। प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर बजट प्रावधान की कार्यवाही किया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होते हैं।

चम्बल संभाग अंतर्गत सिंचाई व्‍यवस्‍था

[जल संसाधन]

10. ( *क्र. 3230 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में कुल कितने क्षेत्रफल में एवं किन-किन ग्रामों में कुल कितने रकबे पर सिंचाई वर्तमान में की जा रही है, उसकी जानकारी उपलब्ध करावें। लिफ्ट इरिगेशन योजना से कुल लगभग कितने कृषक लाभान्वित हुए हैं एवं कुल कितने ग्रामों में पीने के पानी की व्यवस्था लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से की गई है? दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने रकबे क्षेत्रफल पर किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध नहीं है? (ख) क्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में किसानों के कृषि रकबे की सिंचाई एवं गांव-गांव पीने का पानी पहुंचाने हेतु विस्तृत कार्ययोजना लिफ्ट इरिगेशन योजना या अन्य योजना के अंतर्गत अन्य विभाग के कॉर्डिनेशन से पीने के पानी की समस्या एवं किसानों को उनकी फसल की सिंचाई हेतु पानी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता चम्बल नदी से कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या दिमनी, अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में लिफ्ट इरिगेशन योजना में हुई व्‍यापक गड़बड़ी एवं अनियमितता तथा जमीनी स्तर पर लिफ्ट इरिगेशन योजना का क्रियान्‍वयन नहीं होने संबंधी उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर प्रश्‍नकर्ता विधायक के समक्ष जांच कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चंबल संभाग के अंतर्गत निर्मित वृहद/मध्‍यम/लघु सिंचाई परियोजनाओं से कुल 1596 ग्रामों की 4,33,6,696 हेक्‍टेयर रकबे में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। धनेला उद्वहन सिंचाई परियोजना से कुल 78 हेक्‍टेयर क्षेत्र के 73 कृषक लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। उद्वहन सिंचाई योजना में पेयजल का प्रावधान नहीं है। दिमनी विधान क्षेत्र में निर्मित विभागीय नहरों से रूपांकन अनुसार सम्‍पूर्ण सैच्‍य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध हो रही है, किन्‍तु कुछ नहरों के अंतिम छोर पर पानी की अनुपलब्‍धता होने के कारण अंतिम छोर के कृषकों द्वारा स्‍वयं के सिंचाई साधन विकसित कर सिंचाई की जाती है। अत: कोई भी क्षेत्र सिंचाई से वंचित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) दिमनी विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु ऐसाह वृहद उद्वहन सिंचाई योजना वर्ष 2008 से स्‍वीकृत होना प्रतिवेदित है। परियोजना के डूब में घड़ि‍याल वाइल्‍ड लाईफ सेंन्‍चुरी की भूमि प्रभावित होने के कारण भारत सरकार से व्‍यपवर्तन की स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं होने के कारण परियोजना लंबित होना प्रतिवेदित है। पेयजल का संबंध जल संसाधन विभाग से संबंधित नहीं होने के कारण पृथक से कोई योजना विभाग द्वारा नहीं बनाई गई है। (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि दिमनी अम्‍बाह विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ऐसाह वृहद उद्वहन सिंचाई योजना क्रियान्वित नहीं होने से अनियमितता की स्थि‍ति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

डायवर्सन प्रकरण की जानकारी

[राजस्व]

11. ( *क्र. 3268 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में 01 जनवरी, 2021 से 15 फरवरी, 2022 तक बिना सूचना के डायवर्सन के कितने प्रकरण ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार किए गए थे? (ख) इनमें कुल कितना प्रीमियम भू-भाटक, अर्थदण्‍ड एवं पंचायत कर जमा करवाया गया गया है? तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार क्‍या 2000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों में आवासीय प्रयोजन के डायवर्सन किए जाने का प्रावधान है? 2000 जनसंख्या से कम आबादी वाले क्षेत्रों में कितने बिना सूचना के डायवर्सन प्रकरण तैयार किए गए हैं? तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) यदि यह विधि विरुद्ध है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह जिले में 01 जनवरी, 2021 से 15 फरवरी, तक बिना सूचना डायवर्सन के 835 प्रकरण ग्रामीण क्षेत्र के तैयार किए गए थे। (ख) जिला दमोह अंतर्गत स्थित तहसीलों में कुल 835 प्रकरणों में कुल प्रीमियम राशि 475891 रूपये, भू-भाटक 616153 रूपये, अर्थदण्ड 509233 रुपये एवं पंचायत कर 10699 रुपये कुल राशि 1611976 रूपये जमा कराई गई है। तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।                                          (ग) जी नहीं। जिला दमोह में बिना सूचना के डायवर्सन के 15 ग्रामों में प्रकरण तैयार किए गए हैं। ग्रामवार एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश                                       भू-राजस्व संहिता 1959 में नवीन संशोधित प्रावधान 27 जुलाई, 2018 में धारा 59 के तहत बिना सूचना व्‍यपवर्तन करने वाले अनावेदक के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है।

पनागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पट्टे की भूमि पर आवास निर्माण

[राजस्व]

12. ( *क्र. 2601 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पट्टाधारकों को उनके निवासरत स्थान का सत्यापन करने के पश्चात पट्टे दिये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पट्टा जारी करने हेतु कौन अधिकारी अधिकृत हैं? क्या अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर से पट्टे जारी किये जाते हैं? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत पट्टे में दर्ज भूमि पर ही प्रधानमंत्री आवास निर्माणरत होते हुये किश्तें जारी की गई हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत क्या प्रधानमंत्री आवास निर्माण होने के बाद स्‍थगन आदेश जारी किये गये हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। (ख) प्रश्‍नांश '' के अनुसार आबादी भूमि का निर्वर्तन भूमिस्‍वामी के हक में किये जाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 244 के तहत तहसीलदार अधिकृत हैं। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्‍नांश '' में भूमि विवाद होने पर प्रथम दृष्‍टया स्थगन आदेश जारी कर दिये जाते हैं, किन्तु आबादी एवं शासकीय मद की भूमि में निर्माण होने के कारण प्रमाण पेश करने के उपरांत शासन हित में निराकरण किया जाता है।

शासकीय जमीनों को निजी नाम पर किया जाना

[राजस्व]

13. ( *क्र. 3297 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) धार तथा रतलाम जिले में वर्ष 1956-57 के बंदोबस्त के दौरान उन जमीनों की सूची देवें जो आजादी के पूर्व तत्कालीन शासन/स्टेट द्वारा किसी औद्योगिक मकसद के उपयोग हेतु दी गयी? उन जमीनों की क्रमश: वर्ष 1970-71, 1980-81, 1990-91, 2000-21 तथा 2021-22 की स्थिति में बतावें कि अभी वे राजस्व रिकॉर्ड में किस नाम से हैं? (ख) धार जिले में सरदारपुर तहसील के राजगढ़ नगर के सर्वे नम्बर 546 तथा रतलाम जिले में ग्राम आलोट की सर्वे क्रमांक 521 से 528 तथा सर्वे क्रमांक 562 किस न्यायालयीन फैसले से निजी नाम पर की गयी थी? निजी नाम पर करने की प्रक्रिया के न्यायालय तहसीलदार की कार्यवाही सहित इन दोनों प्रकरण संबंधी समस्त कार्यवाही की प्रति देवें। (ग) क्या कलेक्टर धार तथा रतलाम में प्रश्‍नांश (ख) में उक्त तीनों जमीन को शासकीय घोषित कर दिया? यदि हाँ, तो कलेक्टर के आदेश की प्रति देवें। (घ) धार तथा रतलाम जिले में जिन जमीनों को शासकीय से निजी किया गया? उसकी जानकारी दें तथा बतावें कि प्रश्‍नांश (ग) के कलेक्टर के आदेश के अनुसार इन जमीनों को शासकीय घोषित क्यों नहीं किया जा सकता? जमीन अनुसार टिप्पणी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। न्‍यायालयीन निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) यह कहना सही है कि रतलाम जिले की जमीन शासकीय घोषित की गई तथा जिला धार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जिला रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। धार जिले की प्रश्‍नागत भूमि को वरिष्‍ठ न्‍यायालय के द्वारा दिये गये आदेशों के क्रम में शासकीय घोषित किये जाने में वैधानिक कठिनाई है।

राईस मिलों द्वारा अमानक चावल जमा करने पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

14. ( *क्र. 2690 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन अवधि में कटनी, रीवा, सतना जिलों के भण्‍डार गृह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को कितने टन चावल वितरित किया गया तथा कितने टन चावल केन्‍द्रीय जांच एजेंसी द्वारा अमानक, निम्‍न गुणवत्‍ता का पशु के खाने लायक पाया गया? किस-किस भण्‍डारण गृह में कितना-कितना चावल अमानक पाया गया? जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जो चावल अमानक पाया गया, वह किस राईस मिलर से कितनी मात्रा में प्राप्‍त हुआ था तथा उसमें से कितना वितरित कर दिया तथा कितना रोक दिया गया, जो चावल रोका गया, उसकी अद्यतन स्थिति क्‍या है? कहां किस मात्रा में रखा है? मिलवार बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अमानक चावल की सप्‍लायर्स फर्म का नाम, मालिक भागीदार का नाम, सप्‍लाई की मात्रा दिनांक, भाव, कुल देय राशि भुगतान की दिनांक सहित सूची देवें एवं सप्‍लायर्स की बिल की प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) बतावें कि अमानक पाए गए कितने टन चावल को राईस मिलर को बदलने हेतु किस नियम तथा आई.पी.सी. की धारा के तहत कहां गया? किस-किस राईस मिलर ने कितना चावल बदला तथा उन पर प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं? (ड.) चावल काण्‍ड में किस-किस राईस मिलर पर किस थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया? एफ.आई.आर. की प्रति देवें तथा बतावें कि क्‍या इसकी विधायकों की कमेटी बनाकर उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जावेगी तथा उस काण्‍ड के घोटाले करने वाले दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या पूरे प्रकरण की जांच विभाग के किसी दल से कराई गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

हितग्राहि‍यों को पट्टा वितरण

[राजस्व]

15. ( *क्र. 3551 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केण्‍ट विधान सभा में शारदा नगर, राम नगर, उदय नगर, शांति नगर, भटौली, छिवला एवं दुर्गा नगर में पट्टों के सर्वे का कार्य क्या पूर्ण हो चुका है? (ख) सर्वे कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो कब तक पूर्ण होगा? (ग) यदि सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है तो हितग्राही को पट्टे कब तक प्रदान किये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की केन्‍ट विधानसभा अंतर्गत वर्तमान में शासन के निर्देशानुसार धारणाधिकार के तहत शारदा नगर, राम नगर, शांति नगर में प्राप्त आवेदनों का सर्वे किया जा रहा है। भटौली, छिवला एवं दुर्गा नगर में 501 पट्टों का सर्वे कार्य पूर्ण है।                                                            (ख) सर्वे कार्य निरंतर चालू है। (ग) हितग्राहियों को पट्टे देने की प्रक्रिया चालू है।

देवास शहरी क्षेत्र में नजूल भूमि के अनापत्ति प्रमाण पत्र

[राजस्व]

16. ( *क्र. 2995 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास शहरी क्षेत्र में पूर्व से नजूल भूमि नियम लागू है? क्‍या नगर तथा ग्राम निवेश से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिक को नव निर्माण में अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्‍यक है? (ख) क्‍या नजूल नक्‍शा गुम हो जाने एवं उपलब्‍ध नहीं होने का कारण बताकर नागरिकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में विलंब किया जाता है? (ग) क्‍या विभाग सुगम अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्‍त हो सके, ऐसी कोई व्‍यवस्‍था बनायेगा, जिससे निश्चित समय-सीमा में अनापत्ति प्राप्‍त हो सके? (घ) क्‍या लोक सेवा गारंटी अधिनियम में इस सुविधा को प्रदान कर सकते हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 लागू हैं। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 की कंडिका 143 (6) में यह प्रावधानित है कि ''नजूल अधिकारी आवेदन प्रस्‍तुति की दिनांक से तीस दिवस के भीतर परीक्षण उपरांत यथास्थिति नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र/आपत्ति पत्र जारी करेगा, जिसकी सूचना संबंधित स्‍थानीय निकाय/नगर तथा ग्राम निवेश को भी दी जाएगी। नियत अवधि में अनापत्ति प्रमाण पत्र/आपत्ति पत्र जारी नहीं किये जाने की दशा में स्‍थानीय निकाय/नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा नजूल की अनापत्ति समझी जाएगी।'' (घ) नजूल अनापत्ति प्रमाण-पत्र सेवा को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है। यह सेवा 30 कार्य दिवस में प्रदान की जाती है।

शासकीय भूमि पर कॉलोनी निर्माण करने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

17. ( *क्र. 3466 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर कलेक्‍टर व एस.पी. इंदौर द्वारा संयुक्‍त रूप से                                                  भू-माफियाओं, शासकीय जमीन पर कब्‍जा करने, बेचने वालों के खिलाफ कोई अभियान चलाया गया है अथवा चलाया जाएगा? चलाने की कोई योजना है? की गई कार्रवाई का विवरण दें।                                                                         (ख) क्‍या तहसील इंदौर पटवारी हल्‍का पिपल्‍याहाना सर्वे नं. 143/645/2 वर्ष 2015 तक राजस्‍व अभिलेखों में शासकीय नजूल की भूमि थी? यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि को दिव्‍या रोचलानी पति नितिन रोचलानी, वंशिका रोचलानी पति जीतेन्‍द्र रोचलानी और नितिन रोचलानी पिता महेश रोचलानी निवासीगण 169, काटजु कॉलोनी इंदौर द्वारा किस आधार पर भूमि का विक्रय किया जा रहा है?                                                (ग) इंदौर की तिलक नगर कॉलोनी भूखण्‍ड क्रमांक 496, तिलक नगर, मेन रोड इंदौर किस सर्वे नंबर पर स्थित है? बंदोबस्‍त के पूर्व पिपल्‍याहाना की उक्‍त भूमि का क्‍या सर्वे नंबर था तथा वर्तमान में क्‍या सर्वे नंबर है? उक्‍त शासकीय भूमि को निजी भूमि के रूप में किस आधार पर शासकीय दस्‍तावेजों में दर्ज किया गया है? शासकीय भूमि को निजी नाम पर दर्ज करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्रवाई की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शासन निर्देशानुसार भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है, की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) पूर्व वर्ष 2015 एवं वर्तमान राजस्‍व अभिलेख अनुसार ग्राम पिपल्‍याहाना स्थित भूमि खसरा नम्‍बर 143/645/2, रकबा 2.732 हेक्‍टेयर भूमि आबादी (गाँवठान) दर्ज है। भूमि के विक्रय के संबंध में जिला पंजीयक से जानकारी ली गई। जिला पंजीयक के कार्यालयीन पत्र क्रमां‍क 353/जि.पं.-2/2022 इन्‍दौर दिनांक 03.03.2022 के माध्‍यम से अवगत करवाया गया कि ग्राम पिपल्‍याहाना के सर्वे नंबर 143/645/2 से संबंधित दस्‍तावेज की सर्च की गई। सर्च में किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेज पंजीबद्ध नहीं पाया गया है। पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) तिलक नगर कॉलोनी भूखण्‍ड क्रमांक 496 मेन रोड पटवारी नक्‍शा अनुसार खसरा 143/645 के भाग पर स्थित है। बंदोबस्‍त वर्ष 1925-26 के पूर्व उक्‍त भूमि का भूमि खसरा नम्‍बर 193 था। वर्तमान अभिलेख में उक्‍त भूमि का खसरा क्रमांक 143/645 है। वर्तमान अभिलेख अनुसार उक्‍त भूमि आबादी गाँवठान के रूप में दर्ज है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[जल संसाधन]

18. ( *क्र. 3205 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उपसंभाग भीकनगांव में कुल कितने पद अधिकारी/कर्मचारि‍यों के स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी प्रदाय करें। उक्त स्वीकृत पदों में से कितने पदों पर कर्मचारी/अधिकारि‍यों की पद पूर्ति प्रश्‍न दिनांक तक है? पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों के नाम, पद सहि‍त जानकारी प्रदाय करें। वर्तमान में कुल कितने पद कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारियों के रिक्त हैं? (ख) वर्तमान में भीकनगांव उपसंभाग अन्तर्गत कुल कितने तालाब, बैराज स्वीकृत एवं प्रगति‍रत हैं? क्या उक्त स्वीकृत तालाबों के निर्माण समयावधि में करने हेतु वर्तमान में उपलब्ध अमला पर्याप्त है? हाँ तो कैसे? नहीं तो क्या स्वीकृत तालाबों को समयावधि में पूर्ण करने हेतु शीघ्र रिक्त पदों पर पदपूर्ति या अन्य स्थान से भीकनगांव उपसंभाग में संलग्न कि‍या जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) योजनाओं से संबंधित विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ। एक उपयंत्री को अन्‍य संभाग से उपसंभाग भीकनगांव में कार्य करने हेतु संलग्‍न किया गया है।

परिशिष्ट - "चार"

लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

19. ( *क्र. 1723 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) राजस्व प्रकरणों के निष्पादन हेतु विभाग के द्वारा समय-सीमा का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत तहसील जवा एवं तहसील सिरमौर में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक आपसी बंटवारा, नामांतरण, वारिसाना, सीमांकन के कितने प्रकरण लंबित हैं? उनका विवरण हल्कावार, नामवार, दावा दिनांकवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित लंबित प्रकरणों का निष्पादन कब तक किया जाएगा? लंबित प्रकरणों की तत्काल सुनवाई कर निष्पादित करने हेतु क्या विशेष अभियान चलाया जाएगा? समय-सीमा बताते हुए पृथक-पृथक जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। तहसील जवा एवं सिरमौर अन्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक बंटवारा, नामान्तरण, वारिसाना, सीमांकन के प्रकरण निम्नानुसार                                         लंबित हैं :-

क्र.

तहसील का नाम

लंबित प्रकरणों की संख्या

 

 

बंटवारा

नामान्तरण वारिसाना

सीमांकन

 

जवा

599

781

633

 

सिरमौर

327

375

353

योग

 

926

1156

986

 

लंबित प्रकरणों की हल्कावार एवं नामवार दावा दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) तहसील जवा एवं सिरमौर अन्तर्गत लंबित प्रकरण संबंधित राजस्‍व न्‍यायालय में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1959 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत प्रचलित हैं। प्रकरण न्‍यायाधीन होने के कारण निराकरण की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय देव स्थान की भूमि पर कब्जाधारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

20. ( *क्र. 1215 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) कस्बा बड़नगर, जिला उज्जैन स्थित सर्वे नंबर 1556, 1557, 1558, 1559 कुल रकबा 0.470 है,  जो कि शासकीय है? अभिलेख में रामजी दास गुरू प्रहलाद दास के नाम से अंकित है, जबकि यह मूल जाफ्ता मूल स्थान शासकीय रिकॉर्ड अनुसार जिला बन्दोबस्त अंतर्गत 1936 अनुसार शासकीय देव स्थान की है तो क्या इस भूमि पर किसी व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा/आधिपत्य किया है और यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा उक्त कब्जाधारी के विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही एवं समस्त अभिलेखों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त करोड़ों रूपये की शासकीय भूमि को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा की गई संपूर्ण कार्यवाही की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍न (क) के संदर्भ में क्या करोड़ों रूपये की शासकीय भूमि को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने के पीछे भू-माफियाओं को बचाने का षड़यंत्र तो नहीं है? यदि हाँ, तो ऐसे दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो प्रशासन द्वारा आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कस्बा बड़नगर जिला उज्जैन स्थित सर्वे नंबर 1556, 1557, 1558, 1559 कुल रकबा 0.470 बंदोबस्त रिकॉर्ड अनुसार भगवानदास गुरू रतनदास पुख्ता मोरूसी मुनजप्ता देवस्थान के नाम से बंदोबस्त रिकॉर्ड में दर्ज है। भगवानदास की मृत्यु उपरांत भगवानदास के शिष्य प्रहलाददास गुरू भगवानदास का नाम दर्ज हुआ। प्रहलाददास की मृत्यु उपरांत उनके शिष्य रामजीदास गुरू प्रहलाददास का नाम दर्ज हुआ। रामजीदास गुरू प्रहलाददास की मृत्यु उपरांत रजिस्टर्ड वसीयत अनुसार न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के प्रकरण क्रमांक 27/अ-6/1989-90 में पारित आदेश दिनांक 13.07.1990 अनुसार रामजीदास के स्थान पर श्यामसुंदरदास गुरू रामजीदास का नामांतरण हुआ। श्यामसुंदरदास द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय पत्र क्रमांक 1688, दिनांक 08.03.1999 से शांतिलाल पिता सालगराम एवं राकेस कुमार पिता शांतिलाल को सर्वे नंबर 1556, 1557, 1558, 1559 में से कुल रकबा 0.470 की भूमि विक्रय की थी। जिसका नामांतरण पंजी क्रमांक 44 आदेश दिनांक 09.01.2000 में हुआ था। शांतिलाल की मृत्यु उपरांत उसके स्थान पर रूकमणी देवी बैवा शांतिलाल का नाम दर्ज हुआ। तत्पश्चात न्यायालय अपर कलेक्टर महोदय जिला उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 39/निगरानी/03-04 आदेश दिनांक 19.08.2004 द्वारा न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के प्रकरण क्रमांक 27/अ-6/1989-90 में पारित आदेश दिनांक 13.07.1990 निरस्त किया जाने से पुनः उक्त भूमि रामजीदास गुरू प्रहलाददास के नाम दर्ज हुआ। जिसकी अपील आयुक्त महोदय उज्जैन के यहां की गई थी। आयुक्त महोदय उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 02/04-05 पारित आदेश दिनांक 26.09.05 अनुसार अपर कलेक्टर के आदेश को स्थिर रखा गया। जिसकी निगरानी न्यायालय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के समक्ष डी. सिंघई प्रशा. सदस्य के निगरानी प्रकरण क्रमांक 1798-एक/05 में पारित आदेश दिनांक 15.03.2007 विवादित भूमि भगवानदास पुख्ता मौरूसी कृषक मून जाप्ता देवस्थान दर्ज होने एवं देवस्थान भूमि पर प्रकरण दृष्टया मौरूसी कृषक को भूमिस्वामी स्वत्व प्रदान नहीं किया जा सकने के कारण विवादित मंदिर भूमि पर आयुक्त एवं अपर कलेक्टर महोदय द्वारा न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के आदेश दिनांक 13.07.1990 को निरस्त करने के आदेश को स्थिर रखा। पश्चात पुनः न्यायालय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के समक्ष डी. सिंघई प्रशा. सदस्य के द्वारा पुनर्विलोकन प्रकरण क्रमांक 696-एक/07 पारित आदेश दिनांक 21.05.2007 से न्यायालय तहसीलदार बड़नगर के आदेश दिनांक 13.07.1990 को स्थिर रखते हुए अपर कलेक्टर एवं आयुक्त तथा स्वयं के द्वारा 15.03.2007 के जारी आदेश को निरस्त कर दिया गया। उक्त कार्यवाही के पश्चात अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर के पत्र क्रमांक क्यू/री-1/2019/611 दिनांक 28.05.2019 के पत्रानुसार कार्यालय कलेक्टर महोदय जिला उज्जैन द्वारा जिला स्तरीय समिति गठित की गई, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर की अध्यक्षता में पुलिस अधिक्षक, लोक अभियोजन एवं शासकीय अधिवक्ता, उप संचालय अभियोजन/डी.पी.ओ. की सदस्यता एवं कलेक्टर/प्रभारी डिप्टी कलेक्टर पद से अनिम्न श्रेणी के अधिकारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी की जिला स्तरीय समिति द्वारा दिनांक 28.08.2019 को निर्णय लिया गया कि प्रश्‍नाधीन भूमि पर माननीय राजस्व मण्डल के प्रकरण क्रमांक पुनर्विलोकन 696-एक/07 पारित आदेश                                                       दिनांक 21.05.2007 जो अंतिम निर्णय है की अपील उच्च न्यायालय खण्ड पीठ इंदौर के समक्ष प्रस्तुत किया जाना उचित होने का निर्णय लिया गया है। निर्णय के परिपालन में कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 10714/व्य.वाद/2019, उज्जैन दिनांक 28.08.2019 से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़नगर को विचाराधीन प्रकरण में शासन का पक्ष तत्काल प्रस्तुत करने हेतु शासकीय अधिवक्ता माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर से परस्पर संपर्क स्थापित कर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसके संबंध में शासकीय अधिवक्ता माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के महाधिवक्ता श्री विनोद गांधी को अपील प्रस्तुत करने हेतु अभिलेख उपलब्ध कराया जा चुका है। ख) की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि प्रश्‍न (क) की शासकीय भूमि को बचाने के लिए ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने के पीछे भू-माफियाओं को बचाने का षड़यंत्र है। की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।

शासकीय आराजी पर अवैध उत्‍खनन

[राजस्व]

21. ( *क्र. 2186 ) श्री विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) क्‍या सतना जिले के तहसील अमरपाटन ललितपुर नं. 1 की आराजी क्रमांक 442/1 रकबा 6.25 ए. व 442/2 रकबा 1. ए का पट्टा राजस्‍व अधिकारियों से सांठ-गांठ कर दलवीर पटेल पिता रामरूप पटेल, निवासी ग्राम पड़री, तहसील अमरपाटन, जिला सतना शासकीय भूमि का अपने सगे भाई भूपेन्‍द्र पटेल, विनोद पटेल व अपने चाचा बृजभान पटेल के नाम दर्ज करा लिया गया था?                                    (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार मध्‍यप्रदेश शासन जंगल की भूमि थी, जो दलवीर पटेल द्वारा अपने सगे दो भाइयों व अपने सगे चाचा के नाम राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज करा ली गयी थी, जिसमें कलेक्‍टर सतना द्वारा अपने आदेश दिनांक 18.02.2021 द्वारा पुन: मध्‍यप्रदेश शासन दर्ज करने का आदेश दिया गया था। लेकिन आदेश का पालन आज दिनांक तक नहीं किया गया है, क्‍यों?                                                                           (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) की आराजी को अपने स्‍वत्‍व की बताकर अवैध उत्‍खनन किया गया, जिस पर कार्यालय कलेक्‍टर खनिज शाखा सतना द्वारा प्र.क्र. 1207/खनिज/दिनांक 03.07.2013 के द्वारा बृजभान पटेल, भूपेन्‍द्र पटेल, दलवीर पटेल के विरूद्ध कार्यवाही कर प्रस्‍तावित की गई थी, जो आज भी लम्बित है, क्‍यों? कब तक वसूली करावेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के अनुसार कार्यवाही न करने के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? उनकी पहचान कर उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। यह कहना सही है कि सतना जिले के तहसील अमरपाटन ललितपुर नं. 1 की आराजी क्र. 442/1 रकबा 6.25 ए. तहसीलदार अमरपाटन के प्रकरण क्र. 195/अ-74/94-95 आदेश दिनांक 19.12.1995 द्वारा दलवीर सिंह पिता रामरुप पटेल एवं 442/1 ख रकबा 3.12 ए. बृजभान पिता श्यामलाल के नाम वासस्थान दखलकार अधिनियम 1984 के उपबंधों के अधीन आवंटित की गई है तथा आराजी 44/2 रकबा 10 ए. का अंश रकबा 5 का नायब तहसीलदार वृत्त ताला के राजस्व प्रकरण क्रमांक 106/अ-74/2002-03 आदेश दिनांक 18.08.2003 द्वारा व्यवस्थापन दलवीर सिंह के नाम किया गया। इसी 5 ए. के रकबे का बंटवारा नामांतरण ग्राम पंचायत आनंदगढ़ के प्रस्ताव क्रमांक 4 दिनांक 15.09.2005 से दलवीर सिंह के भाई भूपेन्द्र पिता रामरुप को 2.50 . तथा विनोद पिता रामरुप के नाम रकबा 2.50 ए. का किया गया, जिसके संबंध में कलेक्टर महोदय के न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 219/अ-74/स्वमेव/निगरानी                                          15-16 में पारित आदेश दिनांक 18.02.2021 के द्वारा पुनः म.प्र. शासन दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया। (ख) यह कहना सही है कि प्रश्‍नांश (क) अनुसार भूमि मध्‍यप्रदेश शासन जंगल की थी जो दलवीर पटेल द्वारा अपने सगे दो भाइयों व अपने सगे चाचा के नाम राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज करा लिया गया था। इस भूमि के संबंध में कलेक्टर महोदय सतना के न्यायालय के प्रकरण क्र. 219/74/स्वमेव/निगरानी/15-16 में पारित आदेश दिनांक 18.02.2021 के द्वारा म.प्र. शासन दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया था, किंतु अनावेदक दलवीर सिंह के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के रिट पिटीशन क्रमांक 5509/2021 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 21.05.2021 प्रस्तुत किया गया है, जिससे आदेश का पालन नहीं किया गया। (ग) यह कहना सही है कि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) की आराजी को अपने स्‍वत्‍व की बताकर अवैध उत्‍खनन किया गया जिस पर कार्यालय कलेक्‍टर खनिज शाखा सतना द्वारा प्र.क्र. 1207/खनिज/दिनांक 03.07.2013 के द्वारा बृजभान पटेल, भूपेन्‍द्र पटेल, दलवीर पटेल के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई थी। वसूली के संबंध में न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त ताला तहसील अमरपाटन जिला सतना में प्रकरण क्रमांक 01/अ-76/2015-16 दर्ज किया गया था, जिसमें मांग पत्र दिनांक 05.03.2016 को वसूली के संबंध में जारी किया गया था। अनावेदक दलवीर सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर म.प्र. के रिट पिटीशन क्रमांक 1915/2016 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 10.03.2017 प्रस्तुत किया गया था जिससे वसूली स्थगित की गई है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रकरण में जांच प्रचलित है, जिसके पश्‍चात विधिसम्‍मत कार्यवाही की जायेगी।

हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-2 का निर्माण  

[जल संसाधन]

22. ( *क्र. 3616 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (‍क) जल संसाधन विभाग द्वारा किसी बांध निर्माण की स्‍वीकृति के पूर्व क्‍या-क्‍या औपचारिकतायें पूर्ण कराई जाती हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-1 एवं फेस-2 की योजना की स्‍वी‍कृति के पूर्व क्‍या-क्‍या औपचारिकताएं पूर्ण करवा ली गईं थीं? जब औपचारिकतायें पूर्ण हो गई थी और फेस-1 का कार्य पूर्ण हो चुका था और फेस-2 का कार्य प्रारम्‍भ हो चुका था तब साध्‍यता क्‍यों और कब निरस्‍त कर दी गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्‍न दिनांक तक माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय ने जनता की पुरजोर मांग के आधार पर कब-कब और कहां-कहां घोषणा की है कि हरपुरा सिंचाई परियोजना का बंद कार्य पुन: फेस-2 चालू कर दिगौड़ा एवं बराना खास के तालाबों में पानी नहर द्वारा भेजा जावेगा? कृपया घोषणा क्रमांक, दिनांक सहित बताएं एवं यह भी बताएं कि माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा पर अमल किया जावेगा तो कब तक? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि हरपुरा सिंचाई परियोजना फेस-2 का कार्य प्रारम्‍भ कराने म.प्र. विधानसभा में प्रश्‍न क्रमांक 1230, दिनांक 25 फरवरी, 2021 द्वारा किया गया था और उत्‍तर में मंत्री जी ने कहा था कि आपके कहने पर तकनीकी रूप से, मैं पुन: परीक्षण करवाकर प्रयास करूंगा, उपरोक्‍त आश्‍वासन के बाद प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा                                     क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? कब तक फेस-2 की साध्‍यता को पुन: बहाल कराकर बंद काम पुन: चालू करवाकर नहर द्वारा दिगौड़ा एवं बराना खास तालाबों में पानी भेजा जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग में किसी बांध की स्वीकृति के पूर्व निम्नलिखित कार्यवाही किए जाने की व्‍यवस्‍था है :- (1) टोपोशीट स्टडी कर चिन्हित स्‍थल का भौगोलिक स्थिति ज्ञात करते हुए उस स्‍थल पर जलग्रहण क्षेत्र, जल भण्‍डारण क्षमता, डूब क्षेत्र, सैच्‍य क्षेत्र, डूब क्षेत्र का प्रतिशत एवं प्रति हेक्‍टेयर लागत आदि की गणना कर इसे विभागीय वेबसाइट पर दर्ज की जाना। (2) शासन स्‍तर पर वेबसाइट पर दर्ज साध्‍यता रिपोर्ट का तकनीकी एवं वित्‍तीय पहलुओं का परीक्षण कर उसकी उपयोगिता/व्‍यवहारिकता के आधार पर साध्‍यता स्‍वीकृति प्रदान की जाना। (3) सर्वेक्षण उपरांत प्राप्‍त आंकड़ों के आधार पर परियोजना की ड्राइंग/डिजाईन, वाटर प्लानिंग एवं सैच्‍य क्षेत्र का निर्धारण कर परियोजना प्रतिवेदन तैयार करना एवं तकनीकी स्‍वीकृति प्रदान करना। परियोजनाओं की साध्‍यता के संबंध में जारी आदेश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) हरपुरा नहर लिंक परियोजना के फेस-1 एवं फेस-2 की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए उत्‍तरांश '' अनुसार औपचारिकताओं को पूर्ण करा लिया जाना प्रतिवेदित था। जामनी नदी पर हरपुरा वियर के अपस्ट्रीम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा भौराट बांध बनाये जाने के कारण एवं निर्मित हरपुरा नहर में पानी की उपलब्‍धता फेस-1 के 10 तालाबों को भरने की रह गई है। अतिरिक्‍त तालाबों को भरने हेतु पानी की उपलब्‍धता नहीं होने के कारण हरपुरा फेस-2 का कार्य कराना तकनीकी रूप से औचित्‍यपूर्ण नहीं है। प्रशासकीय स्‍वीकृति दी जाने से साध्‍यता निरस्‍त करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) तथ्‍यात्मक स्थिति यह है कि माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक CO796 दिनांक 14.09.2021 को टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ ग्राम में हरपुरा नहर का पुनर्निर्माण कर स्‍ट्रक्‍चर लाइनिंग का कार्य कराने की घोषणा की गई है। उत्‍तरांश '' अनुसार। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1230, दिनांक 25.02.2021 के संदर्भ में हरपुरा वियर स्थल पर फेस-2 हेतु पानी की उपलब्धता का पुनः परीक्षण/तकनीकी गणना की गई है। हरपुरा फेस-2 को पानी की उपलब्धता न होने के कारण कार्य कराना तकनीकी रूप से औचित्‍यपूर्ण नहीं है। गणना पत्रक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2''अनुसार है।

चरनोई भूमि को आबादी घोषित करना

[राजस्व]

23. ( *क्र. 3220 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में ग्राम स्लीमनाबाद अंतर्गत खसरा नं. 483 राजस्व अभिलेखों में किस मद में दर्ज है? (ख) क्या इस खसरा नं. पर वर्षों पूर्व से लगभग 100 लोग मकान बनाकर निवासरत हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन जनहित में प्रश्‍नांश '' में उल्लेखित चरनोई मद में दर्ज शासकीय भूमि को आबादी घोषित कर यहां निवासरत निवासियों को शासन की मंशानुरूप मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत आवासीय पटटे प्रदान करेगा?                                                                                 (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला कटनी की विधानसभा बहोरीबंद की तहसील व ग्राम स्‍लीमनाबाद में ख.नं. 483 रकबा 2.58 हे. भूमि वर्तमान राजस्‍व अभिलेख में घास मद में म.प्र. सरकार दर्ज है। (ख) ख.नं. 483 के अंश भाग पर कुछ व्‍यक्तियों के आवासीय अतिक्रमण हैं। (ग) राष्‍ट्रीय राजमार्ग, उत्‍तरांश (क) में वर्णित ख.नं. 483 के अंश भाग से गुजरता है। नेशनल हाइवे एक्‍ट 1956 (क्रमांक 47 सन 1956) में विनिर्दिष्‍ट किये गये या उसके अधीन घोषित किये गये राष्‍द्रीय राजमार्ग के या मध्‍यप्रेदश हाइवे एक्‍ट 2004 की धारा 3 के अधीन अधिसूचित लोकमार्ग के दोनों और 500 मीटर की दूरी के भीतर आबादी घोषित नहीं की जा सकती है। अत: उत्‍तरांश (ख) में वर्णित व्‍यक्तियों को मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत आवासीय पट्टे प्रदान नहीं किये जा सकते हैं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपथित नहीं होता।

तहसीलदार के विरुद्ध प्रचलित विभागीय जांच

[राजस्व]

24. ( *क्र. 2276 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील में पदस्थ तहसीलदार श्री ए.आर. चिरामन का स्थानान्तरण राजगढ़ जिले से बाहर किस दिनांक को कहां के लिए हुआ था? स्थानान्तरण आदेश की प्रति उपलब्ध करावें तथा स्थानान्तरण आदेश होने के पश्चात् प्रश्‍न दिनांक तक इनके द्वारा राजस्व संबंधी कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? (ख) तहसीलदार श्री ए.आर. चिरामन की प्रथम नियुक्ति किस दिनांक को कहां हुई तथा प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस जगह इन्होंने सेवाएं दी इनके विरुद्ध प्रचलित विभागीय जांचों की जानकारी दी जावे? (ग) इनके सेवाकाल में अब तक इनके द्वारा कितनी शासकीय भूमि का नामान्तरण निजी व्यक्ति के नाम किया गया है एवं इनका स्थानान्तरण होने के पश्चात् भी इन्हें किन कारणों से कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-1/2022/सात/4, भोपाल दिनांक 07.01.2022 द्वारा श्री असवनराम चिरामन, तहसीलदार जिला राजगढ़ को जिला उमरिया पदस्‍थ किया गया है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। पदस्‍थापना आदेश पश्‍चात् प्रश्‍न दिनांक तक श्री चिरामन द्वारा राजस्‍व संबंधी 428 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ख) श्री असवनराम चिरामन की प्रथम नियुक्ति दिनांक 09 जनवरी, 2001 को जिला हरदा में हुई है। इसके पश्‍चात श्री चिरामन ने जिला हरदा, राजगढ़, खरगोन शहडोल में सेवाएं दी है। श्री चिरामन के विरूद्व वर्तमान में कोई विभागीय जांच प्रचलित नहीं है।                                                                              (ग) श्री चिरामन के राजगढ़ जिले में पदस्‍थ अवधि के दौरान इनके द्वारा किसी शासकीय भूमि का नामांतरण निजी व्‍यक्ति के नाम किया जाना संज्ञान में नहीं आया है। जिला राजगढ़ अंतर्गत तहसीलदार/अतिरिक्‍त तहसीलदार के कुल 13 पद स्‍वीकृत हैं, जिसके विरूद्ध वर्तमान में 05 तहसीलदार कार्यरत हैं।

परिशिष्ट - "पांच"

ट्रेवल कंपनियों को जारी परमिट

[परिवहन]

25. ( *क्र. 2612 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-भोपाल, उज्जैन-देवास, उज्जैन-इंदौर मार्ग पर बसें संचालित करने वाली कितनी ट्रेवल्स कंपनियों को किन-किन नंबर की बसों का परमिट जारी किया गया है? उनकी प्रतियाँ देते हुए निर्धारित समय और निर्धारित फेरे कहाँ से कहाँ तक के लिए परमिट दिये? उक्त मार्गों के यात्रा शुल्क बताएं। प्रतियाँ देवें। (ख) क्या परमिटों की आड़ में अवैध बसों का संचालन भी हो रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से मार्ग पर कौन-कौन से परिवहन अधिकारी को तैनात किया गया है?                                                कौन-कौन से नियमों का उल्लंघन करने पर विगत 05 वर्षों में कौन-कौन सी ट्रेवल्स कंपनियों पर क्या-क्या कार्यवाहियां हुईं? (ग) बसों के संचालन के लिए परमिट में क्या-क्या शर्तें रखी गयीं हैं? शर्तों के अनुसार वाहन मालिकों द्वारा बसों में क्या-क्या सुविधाएं यात्रियों के लिए उपलब्ध करायी जा रही हैं? ऐसी कितनी बसें हैं, जिनमें क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन किया जा रहा है? (घ) उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर विगत 05 वर्षों की कार्यवाही से अवगत कराएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन-भोपाल, उज्जैन-देवास, उज्जैन-इन्दौर मार्ग पर बसें संचालित करने वाली ट्रेवल्स कम्पनियों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन, भोपाल, देवास, इन्दौर कार्यालय से जारी किये गये परमिट एवं समयचक्र और निर्धारित फेरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-142-2004, दिनांक 20.04.2021 के अनुसरण में यात्री बसों का यात्रा शुल्क निर्धारित किया गया है, अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि परमिटों की आड़ में अवैध बसों का संचालन हो रहा है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन, भोपाल, देवास, इन्दौर के क्षेत्रान्तर्गत नियमों का उल्लंघन करने पर विगत 5 वर्षों में ट्रेवल्स कंपनियों की बसों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार उज्जैन, भोपाल, इन्दौर, द्वारा बसों के संचालन के लिये परमिट मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 84, धारा 72 तथा मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 77 में विहित प्रावधानों के तहत दिये जाने का अधिकार प्राधिकार को प्रदत्त किया गया है, जिसके अनुसार प्राधिकार द्वारा परमिट पर शर्तें अधिरोपित की जाती हैं। परमिट पर अधिरोपित की गई शर्तों के पालन में वाहन स्वामी द्वारा यात्रियों के लिये सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं। जहां तक क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन कराये जाने का प्रश्‍न है, इस संबंध में संभागीय स्तर पर विशेष चैकिंग दस्तों का गठन किया गया है। क्षमता से अधिक यात्रियों का परिवहन करने पर विशेष चैकिंग दस्तों के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही की जाकर नियमानुसार दण्ड वसूला जाता है। (घ) प्रश्‍नांश '''', '''' एवं '''' के उत्तर अनुसार।

 

 

 






भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


मोहनपुरा वृहद परियोजना के संबंध में

[जल संसाधन]

1. ( क्र. 31 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) मोहनपुरा वृहद परियोजना की नहरों से वर्ष में किस-किस महीने में पानी दिया जाता है?            (ख) कंडिका (क) अनुसार उपलब्‍ध जानकारी अनुसार क्‍या सम्‍पूर्ण वर्ष में नहरों के माध्‍यम से पानी दिया जाता है या सिंचाई की आवश्‍यकता न होने पर नहरों से पानी प्रदाय नहीं किया जाता है।  (ग) प्रश्‍न की कंडिका (क) एवं (ख) अनुसार यदि वर्ष के कुछ महीनों में नहरों में पानी नहीं दिया जाता है तो क्‍या शासन उक्‍त क्षेत्र में जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा प्रेषित सूक्ष्‍म/लघु जल परियोजनाओं को साध्‍यता दर्ज योजनाओं को स्‍वीकृत कर देगा? हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) मोहनपुरा वृहद परियोजना में प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली से माह-नवम्बर से माह-मार्च तक कृषकों की मांग अनुसार पानी दिया जाता है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) साध्‍यता स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मठ-मंदिरों की भूमियों का विक्रय

[राजस्व]

2. ( क्र. 229 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मठ-मंदिरों की जमीनों पर पुजारी नहीं सिर्फ मंदिर के भगवान का हक है इस तरह का फैसला              मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है? अगर हाँ, तो सतना एवं रीवा जिले के किन-किन मठ-मंदिरों में वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी में शासकीय रिकार्डों में कितने-कितने रकबों की, किस-किस आराजी क्रमांकों की कितनी भूमि दर्ज थी? जिलेवार/तहसीलवार/मठवार/मंदिरवार/जगह के नामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिलों के मंदिर एवं मठों में प्रश्‍नतिथि तक                    कितनी-कितनी भूमि शेष बची है? पटवारी हल्‍कावार/मठवार/मंदिरवार/आराजी क्रमांकवार/रकवेवार/ जगहों के नामवार/जिलेवार/तहसीलवार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नतिथि‍ तक सतना शहर के डालीबाबा मंदिर के पास वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी के अनुसार कुल कितने रकवे की किस-किस आराजी क्रमांकों की भूमि थी? प्रश्‍नतिथि तक उक्‍त मंदिर की किस-किस आराजी क्रमांकों की, कितने-कितने रकबों की भूमि कब-कब, किस सक्षम कार्यालयों के जारी आदेशों के बाद, किस-किस नाम के व्‍यक्तियों को/फर्मों/अन्‍य को बेचा गया/ हस्‍तांतरित किया गया? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (घ) डालीबाबा मंदिर सहित अन्‍य सभी मंदिरों की भूमियों को अवैध रूप से हस्‍तांतरित होने पर अब क्‍या कार्यवाही राज्‍य शासन/जिला प्रशासन करेगा? उन अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन कब व क्‍या कार्यवाही करेगा, जिन्‍होंने नियमों के विपरित जाकर भूमियों के हस्‍तांतरण की कार्यवाही के आदेश जारी किये? प्रकरणवार जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शासकीय रिकार्ड खसरा-खतौनी                 वर्ष  1958-59 में दर्ज मठ-मंदिरों की तहसीलवार  जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मठ-मंदिरों के नाम प्रश्‍न तिथि तक दर्ज भूमियों की जानकारी प्रश्‍नांश (क) में दिये गये सूची पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 1958-59 की खतौनी में सतना शहर के डालीबाबा मंदिर के नाम से कोई भूमि दर्ज अभिलेख नहीं है, श्री महंत बद्रीदास जी सा.इटौरा के नाम से निम्‍नानुसार दर्ज अभिलेख है-

वर्ष 1958-59 की स्थिति

वर्तमान स्थिति

आ.क्र.

रकवा

आ.क्र.

रकवा

549

0.450

549/1/1

0.080

550

6.42 0

-

-

774/1

0.67 0

-

-

775/1

14.01 0

-

-

548

2.00 0

-

-

371

0.10 0

371/1

0.09 0

377

0.29 0

377/1

0.10 0

403

0.41 0

-

-

414

0.84 0

-

-

776

0.79 0

-

-

-

0.53 0

-

-

योग

26.51 0

 

 

उपरोक्‍त आराजियां वर्ष 1958-59 से भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व में होने के कारण वर्तमान स्थिति में दर्शायें गये अनुसार शेष आराजियां बची है। जानकारी सं‍कलित की जा रही है। () उत्‍तरांश '' में अंकित मंदिरों की भूमियों के अवैध रूप से हस्‍तांतरित होने संबंधी प्रकरणों का परीक्षण कर विधिसम्‍मत कार्यवाही की जावेगी।

बड़वानी जिले में अवैध रेत खदानें

[खनिज साधन]

3. ( क्र. 294 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बड़वानी जिले की रेत खदान आवंटित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो आवंटित रेत खदान में किस-किस विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी नदी की सर्वे नं. में कितनी-कितनी मात्रा का आंकलन कर नीलाम की गई है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) जिले की रेत खदान किस एजेन्‍सी को प्रदान की गई है एवं उसके अनुबंध अनुसार रेत खनन किस दिनांक से प्रारंभ किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस नदी के सर्वे नं. में से कितनी-कितनी मात्रा का खनन किया जाकर कितनी मात्रा की रॉयल्‍टी काटी गयी है? काटी गयी रॉयल्‍टी राशि के विवरण बतावे? (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अवैध गिट्टी खनन की आज दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है तथा उन शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? संबंधित दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अवैध गिट्टी खनन की प्रश्‍न दिनांक तक 01 शिकायत प्राप्त हुयी थीजिसकी जाँच उपरांत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

4. ( क्र. 295 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) बड़वानी जिले में 05 फरवरी 2022 तक अलग-अलग तहसीलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कितने प्रकरण लंबित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरण ऐसे है जो एक वर्ष या उससे अधिक की अवधि से लंबित है? लंबित प्रकरणों के निराकरण करने के लिए वर्तमान में तहसीलदार किस-किस अधिकारी को कौन-कौन सी जवाबदारी दी गयी है? विवरण देवें। (ग) उक्‍त सभी लंबित प्रकरणों का निपटारा कब और किस तारीख तक हो जाएगा? प्रकरणों को शीघ्र अतिशीघ्र निपटाने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से आदेश एवं निर्देश दिये गए है और शासन द्वारा उनकी कब तक की समय-सीमा तय की गयी है? आदेश, निर्देश और सभी परिपत्र बतावें।              (घ) राजस्‍व जिला बड़वानी में तहसीलदार अतिक्रमण हटाने के लिए सरकारी भूमि को अवैध कब्‍जे से मुक्‍त कराने के लिए किस आदेश निर्देश के अंतर्गत कार्यवाहियां की गयी है? उक्‍त आदेश, निर्देश परिपत्रों का विवरण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिले में 05 फरवरी 2022 तक             अलग-अलग तहसीलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के  कुल 16 प्रकरण लम्बित है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में एक वर्ष या उससे अधिक की अवधि के प्रकरण लम्बित नहीं होने से जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1959 की धारा 248 के प्रावधानों के अंतर्गत राजस्‍व न्‍यायालय द्वारा की जाती है। न्‍यायालय में लंबित सभी प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाहियां की जाती है।

राजपत्र में अधिसूचित भूमि

[वन]

5. ( क्र. 558 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) भा.व.अ.1927 की धारा 27 एवं 34अ के अनुसार राजपत्र में डीनोटिफाईड कर दी गई भूमियों को धारा 29 एवं धारा 4 में पुनः अधिसूचित करने का भा.व.अ.1927 की किस-किस धारा में           क्या-क्या प्रावधान दिया गया है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाईड की गई भूमियों को नारंगी भूमि एवं समझे गए वन माने जाने, न्यायालय द्वारा परिभाषित वन भूमि माने जाने का आदेश माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में किस दिनांक को दिया है? प्रति सहित बतावें। (ग) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाईड की गई भूमियों के गैर वानिकी उपयोग पर वन विभाग को किस प्रारूप में कौन-कौन सी जानकारी दी जाकर किस कानून की किस किस धारा के तहत वन विभाग से अनुमति लिया जाना आवश्यक है? (घ) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटिफाईड भूमियों के वन अधिकार कानून 2006 के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिए जाने का वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान है? प्रति सहित बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-5-43/1990/10-3 दिनांक 04.05.1996 से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-27 एवं धारा-34 (अ) में निर्वनीकृत भूमियों को धारा-29 एवं धारा-4 में अधिसूचित करने हेतु की जाने वाली कार्यवाही के दिशा-निर्देश दिये गये हैं। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-27 एवं 34 (अ) के अनुसार राजपत्र में डीनोटिफाईड कर दी गई भूमियों को नारंगी भूमि, समझे गये वन माने जाने एवं न्यायालय द्वारा परिभाषित वन भूमि माने जाने के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में कोई आदेश पारित नहीं किया। (ग) धारा-27 एवं धारा-34 (अ) के तहत डीनोटिफाईड भूमियां यदि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 12.12.1996 अनुसार परिभाषित ''वन'' की श्रेणी में आती है तो वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत गैर-वानिक कार्य हेतु भारत सरकार से अनुमति लिया जाना आवश्यक है। (घ) धारा-27 एवं धारा-34 (अ) के अनुसार डीनोटिफाईड भूमियों में यदि भूमि का स्वरूप वन का है तो उसमें वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-2 (घ) के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिये जाने के लिए पात्रता का निर्धारण किये जाने के प्रावधान है, जो संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "छ:"

निजी भूमियों से निकला खनिज

[खनिज साधन]

6. ( क्र. 559 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) निजी भूमियों के समतलीकरण, तालाब, कुआं एवं अन्य निर्माण से निकलने वाली मिट्टी, मुरम एवं पत्थर के खनन की अनुमति लिये जाने, स्वयं की भूमि में ही उनका उपयोग किए जाने के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम 1996 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस से अनुमति लिये जाने का क्या-क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (ख) गत तीन वर्षों में बैतूल जिले में निजी भूमि से मिट्टी, मुरम, पत्थर के खनन एवं भण्डारण की किस-किस को अनुमति दी गई, कितनी रायल्टी जमा करवाई जाकर कितने खनिज के परिवहन की किसे अनुमति प्रदान की गई? (ग) निजी भूमि से निकलने वाले खनिज के परिवहन की अनुमति दिए जाने के पूर्व किस-किस प्रकरण में वन विभाग से किस-किस विषय पर उसका अभिमत मांगा गया या अनुशंसा चाही गई यह शासन के किस परिपत्र के अनुसार किया गया? परिपत्र की प्रति सहित बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता, 1959 में खनन की अनुमति दिये जाने संबंधी प्राधिकारी के प्रावधान नहीं हैं। अपितु हटाये गये गौण खनिजों का वाणिज्यिक प्रयोजनों के उपयोग के लिये व्‍ययन की प्रक्रिया मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) (अ) एवं 68 (6) (ब) में प्रावधानित है। (ख) जिले से प्राप्‍त जानकारी अनुसार मेसर्स बंसल कंस्‍ट्रक्‍शन प्रा. लिमि., भोपाल को ग्राम मढ़ा तहसील बैतूल में पत्‍थर उत्‍खनन मात्रा 84917 घ.मी. की अस्‍थाई अनुज्ञा जारी की गई है। जिसमें से 67687.75 घ.मी. खनिज की रॉयल्‍टी राशि 81,22,530/- जमा कराई गई है। भंडारण की अनुमति नहीं प्रदान की गई है। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) (अ) अनुसार आवेदित भूमि वन सीमा के समीप होने के कारण निम्‍नांकित 03 प्रकरणों में वन विभाग से अभिमत लिया गया है:-1. श्री संदीप पिता सुन्‍दर सिंह ठाकुर, बैतूल। 2. श्री श्‍यामराव पिता छत्‍तु, रगडगांव, मुलताई। 3. श्री संजय पिता चिन्‍टू, नि. टिकारी, बैतूल।

ओलावृष्टि से हुए फसल के नुकसान का आंकलन व मुआवजा

[राजस्व]

7. ( क्र. 687 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पिछले दिनों प्रदेश में ओलावृष्टि से फसलों को हुये नुकसान का आंकलन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो, तत्संबंधी जिलेवार आंकलन का विस्‍तृत ब्‍यौरा दें। (ग) क्‍या ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुए एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी किसानों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया हैं? (घ) यदि हाँ, तो, कारण क्‍या हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नाश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सात"

रेत नीति के तहत रॉयल्‍टी की राशि वापसी

[खनिज साधन]

8. ( क्र. 710 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रेत नीति में ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये कार्य तथा अन्‍य शासकीय योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास, जल-ग्रहण मिशन इत्‍यादि में उपयोग होने वाली रेत की रॉयल्‍टी शासन द्वारा हितग्राहियों तथा पंचायत को वापिस करने के प्रावधान है यदि हाँ, तो प्रदेश की  किन-किन पंचायतों द्वारा रॉयल्‍टी वापिस करने के प्रस्‍ताव विभाग को प्राप्‍त हुए हैं तथा उनमें से कितनी राशि विभाग द्वारा पंचायतों तथा हितग्राहियों को वापिस की गयी है? (ख) प्रदेश की किसी भी पंचायत द्वारा प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कोई भी प्रस्‍ताव प्राप्‍त न होने की दशा में क्‍या यह मान लेना चाहिए की शासन द्वारा पंचायतों को तथा हितग्राहियों को दी गयी इतनी बड़ी सुविधा का प्रचार-प्रसार विभाग नहीं करा पाया? (ग) क्‍या रेत नीति के तहत मिलने वाली सुविधा का लाभ ग्राम पंचायतों तथा हितग्राहियों को दिलाने के लिए शासन कोई कारगर उपाय करेगा? (घ) रेत नीति में मिली सुविधाओं का लाभ न मिलने के लिए दोषियों पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. रेत (खननपरिवहनभंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में निम्नानुसार प्रावधान किये गये हैं:- ''नियम 4 (1) - पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गयी शासकीय योजना या अन्य लाभप्रद कार्यों (स्वच्छ भारत अभियानप्रधानमंत्री आवास योजना आदि) के लिए निकटतम स्वीकृत रेत खदान से रॉयल्टी का भुगतान करने के उपरांत ही रेत प्राप्त की जा सकेगी। पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा जमा की गई रॉयल्टी की संपूर्ण रकमलदान (लोडिंग) एवं परिवहन को छोड़करकी वापसी आवश्यक जाँच एवं प्रमाणीकरण के आधार पर की जाएगी। परंतु पंचायत/नगरीय निकाय के लिए कार्य ठेकेदार के द्वारा किए जाते हैंतो उपरोक्त जमा रॉयल्टी वापस नहीं की जाएगी।'' प्रदेश की किसी भी पंचायत द्वारा रॉयल्टी वापस करने के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुए है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।            (ख) म.प्र. रेत (खननपरिवहनभंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 30 अगस्त 2019 में प्रश्नानुसार अधिसूचित किया गया है। (ग) म.प्र. रेत (खननपरिवहनभंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 30 अगस्त 2019 में अधिसूचित किया गया है। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रस्ताव प्राप्त न होने से प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

गाँधी सागर बाँध की मरम्मत

[जल संसाधन]

9. ( क्र. 798 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाँधी सागर बाँध मन्दसौर में बाँध की डाउनट्रीम में गहरे गड्ढे हो गये हैं स्पिलबे (उत्प्लवमार्ग) भी डैमेज हो गया है उक्त कार्य की अविलम्ब मरम्मत नहीं कराई गई तो मध्यप्रदेश के आठ जिले श्योपुर, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर एवं राजस्थान के कोटा, सवाईमाधोपुर, करोली, धोलपुर, की तीस, चालीस लाख की आबादी बर्बाद हो जावेगी, शासन द्वारा कार्यवाही कब तक की जावेगी फरवरी 2022 की स्थिति में। (ख) गाँधी सागर के नीचे बने राजा प्रताप सागर कोटा बैराज, समेत रावत भाटा न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी खतरा हो सकता है बाँध के टूटने या ओवररॉफटिंग से विनाशकारी परिणाम हो जावेंगे क्या शासन को इन खतरों की जानकारी है, यदि है तो किस संस्था द्वारा शासन की भेजी गई रिपोर्ट, परिपत्र की जानकारी दी जावे। (ग) बांध की सुधार एवं मरम्मत को लेकर बांध सुरक्षा निरीक्षण पैनल व केन्द्रीय जल आयोग की सिफारिश पिछले बारह वर्षों से प्रदेश के केन्द्रीय कार्यालयों में लंबित पड़ी है इन वर्षों में प्रदेश के जल संसाधन विभाग द्वारा किन-किन विषयों पर पत्राचार किये गये तिथि विषयों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) बाँध निर्माण में बाँध स्पिलवे (पानी बहाव) को 4.86 लाख घन फीट प्रति सेकण्ड बहाव क्षमता का डिजाइन किया था अभी तक तेरह बार बहाव क्षमता से पार कर चुका है जिससे खतरा बढ़ गया है जानकारी दी जावे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जाती है।

पंचायतों एवं ग्रामीणों को रेत उपलब्‍ध कराई जाना

[खनिज साधन]

10. ( क्र. 821 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला पंचायत बैतूल, धार एवं मण्‍डला और जनपद पंचायतों ने राजपत्र में दिनांक 30 अगस्‍त 2019 को प्रकाशित रेत नियम के नियम 4 के अनुसार ग्राम पंचायतों एवं ग्रामीणों के संबंध में किए गए छूट के अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) नियम 4 के किस उप नियम में छूट से संबंधित क्‍या-क्‍या प्रावधान किए गए और उनका लाभ ग्रामीणों और ग्राम पंचायतों को दिलवाए जाने के संबंध में प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत बैतूल धार एवं मण्‍डला के द्वारा की गई। (ग) नियम 4 के अनुसार जिले की कितनी ग्राम पंचायतों को कितनी रेत रॉयल्‍टी जमा करवाकर उपलब्‍ध करवाई गई? यदि ग्राम पंचायतों को रेत प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी उपलब्‍ध नहीं करवाई हो तो पंचायतों ने कितनी रेत क्रय कर निर्माण कार्यों को पूरा किया है। (घ) पंचायतों एवं ग्रामीणों को रेत उपलब्‍ध करवाए जाने के संबंध में जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत क्‍या-क्‍या कार्यवाही कर रही है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है।                 (ख) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 4 में पंचायत/ नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गई शासकीय योजना या अन्‍य लाभप्रद कार्यों (स्‍वच्‍छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि) के लिए निकटतम स्‍वीकृत रेत खदान से रायल्‍टी का भुगतान करने के उपरांत ही रेत प्राप्‍त की जा सकेगी। पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा जमा की गई रायल्‍टी की संपूर्ण रकम, लदान (लोडिंग) एवं परिवहन छोड़कर वापसी आवश्‍यक जांच एवं प्रमाणीकरण के आधार पर की जाएगी, परंतु पंचायत/नगरीय निकाय के लिए कार्य ठेकेदार द्वारा किए जाते हैं, तो उपरोक्‍त जमा रॉयल्‍टी वापस नहीं की जाएगी। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पी.यू.सी. वाहनों का संचालन

[परिवहन]

11. ( क्र. 917 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्य प्रदेश के समस्त जिलों में वाहनों में प्रदूषण की जांच हेतु कितने प्रदूषण जांच केंद्र/वाहन/यूनिट स्थापित किए गए हैं? जिलेवार इनकी सूची उपलब्ध कराएं। (ख) बताएं कि वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक इन जांच केंद्रों द्वारा कितने वाहनों की जांच की गई है? प्रदूषण जांच हेतु प्रयुक्त किए जा रहे वाहन/चलित वैन किन-किन मालिकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं? इन्हें लाइसेंस प्रदान करने की क्या प्रक्रिया है? वाहनों के प्रदूषण जांच हेतु कितनी राशि जांच केंद्रों के कर्मचारियों द्वारा ली जाती है? (ग) क्या प्रदूषण जांच केंद्र वाहन/मारुति वैन में संचालित किए जाने का प्रावधान है? क्या जिस मारुति वैन में प्रदूषण जांच केंद्र संचालित किया जा रहा है उसका पी.यू.सी. प्रमाणपत्र लाइसेंस प्रदाय किए जाने के समय मांगा जाता है? (घ) क्या पी.यू.सी. प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए जिन वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है वह वाहन स्वयं पी.यू.सी. के मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में इन प्रदूषण जांच केन्द्रों द्वारा की गई वाहनों की जांच की संख्या एवं वाहन/चलित वैन के मालिक का नाम  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट -अ अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग की असाधारण राजपत्र में प्रकाशित स्कीम अधिसूचना एफ 22-16/2015/आठ दिनांक 26/09/2015 में विहित प्रक्रिया अनुसार प्रदूषण जांच केन्द्रों को लाइसेंस प्रदान किया जाता है। वाहनों के प्रदूषण जांच हेतु उक्त असाधारण राजपत्र में निर्धारित राशि जांच केन्द्रों के कर्मचारियों द्वारा ली जाती है। जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-ब अनुसार  है। (ग) जी हाँ। मारूति वैन जिस पर प्रदूषण केन्द्र संचालित किया जा रहा है। उसका लाइसेंस प्रदान किए जाने के समय उस वाहन के पीयूसी सहित समस्त आवश्यक प्रपत्र मांगे जाते हैं। (घ) पी.यू.सी. प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले वाहन पी.यू.सी. के मानक पर खरे नहीं उतरने के संबंध में प्रकरण प्रकाश में आने पर उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

मार्गों का निर्माण

[वन]

12. ( क्र. 989 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या यह सही है कि जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1- तेजगढ़ से पटेरिया माल से देवरी लीलाधर मार्ग। 2- तेंदूखेड़ा से खकरिया कला मार्ग। 3- हर्रई से पलवा मार्ग। 4- पौंडी चांदना मेन रोड से पलवा मार्ग। 5- बगदरी से गुबरा मार्ग। 6- हर्रई से खारी देवरी मार्ग। 7- एल 102 के (कि‍.मी. 12/6 ) से जरूवा मार्ग। 8- जरूवा से हाथीडोल मार्ग। 1- टी 118 उमरिया रैयत से बोरिया मार्ग।          10- बंशीपुर से गिदरा। 11- भजिया मेन रोड से झादा मानगढ़। 12- देवरी से जमुनिया मार्ग।              13- चौरई से देवरी मार्ग। इन 13 ग्रेवल मार्गों को मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से डामरीकरण हेतु प्रस्तावित किया गया है किन्तु वन विभाग कि अनुमति न मिलने के कारण उक्त मार्गों का निर्माण लंबित है। यदि हाँ, तो इन मार्गों की अनुमति कब तक दी जाएगी यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या यह सही है कि उक्त सभी मार्गों को वन विभाग की अनुमति से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा पूर्व में मौरमीकरण (ग्रेवल सड़क निर्माण) किया गया है यदि हाँ, तो डामरीकरण की अनुमति में इतना विलम्ब क्यों किया जा रहा है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग दमोह द्वारा प्रश्‍नांश में उल्लेखित सड़कों को ग्रेवल करने की अनुमति चाही गई थी। वन मण्डलाधिकारी, दमोह द्वारा इन उल्लेखित 13 मार्गों में से 12 मार्ग की उन्नयन की अनुमति दी गई है। आवेदक विभाग द्वारा इन मार्गों को डामरीकृत करने की अनुमति नहीं मांगी गई है। आवेदक विभाग द्वारा इन मार्गों को डामरीकृत करने की अनुमति चाहे जाने पर नियमानुसार कार्यवाही सम्‍भव है। (ख) उत्‍तरांश '''' के अनुमति दिये गये मार्गों में डामरीकरण की अनुमति हेतु प्रकरण प्राप्‍त नहीं हुए है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भूमि नामांतरण में नियम विरूद्ध राजस्व रिकार्ड प्रस्तुत किया जाना

[राजस्व]

13. ( क्र. 993 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर एवं तहसील राजनगर में वर्ष 2018 से जनवरी 2022 तक कुल कितने प्रकरण नामान्तरण हेतु दर्ज हुये कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया कितने प्रकरण निरस्त किये गये निरस्त किये गये प्रकरणों का प्रकरणवार कारण बतावें। (ख) नामान्तरण प्रकरणों में किस अवधि से किस अवधि तक के राजस्व रिकार्ड तहसीलदार द्वारा मांगे जाने का प्रावधान है? (ग) क्या यह सत्य है कि दोनों तहसीलों में वर्ष 1940 से राजस्व रिकार्ड नामान्तरण आवेदकों से प्रस्तुत करने हेतु बाध्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो नियम प्रस्तुत बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर एवं तहसील राजनगर में वर्ष 2018 से जनवरी 2022 तक नामांतरण के दर्ज, निराकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। नामान्‍तरण राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण न्‍यायालय प्रक्रिया के तहत म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 109/110 के तहत किया जाता है। निराकरण के उपरान्‍त प्रकरणों को नियमानुसार अभिलेखागार में जमा कर दिया जाता है। प्रकरणों के केस दर्ज होने की निराकरण की एवं शेष प्रकरणों की जानकारी संधारित दायरा पंजी से प्राप्‍त की गई है। प्रकरणों का निराकरण सं‍बंधित न्‍यायालयों द्वारा विधिक प्रक्रिया को अपनाते हुये गुण दोष के आधार पर किया जाता है। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत निराकृत किये गये प्रकरणों के निर्णय के संबंध में प्रथक से कोई जानकारी संधारित करने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 110 (4) के तहत भू-अभिलेखों में अधिकार अर्जन बाबत् नामान्‍तरण प्रकरण में तहसीलदार हितबद्ध व्‍यक्तियों को सुनवाई का युक्तियुक्‍त अवसर देने के पश्‍चात तथा ऐसी और अतिरिक्‍त जांच जैसी कि वह आवश्‍यक समझे, करने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर एवं तहसील राजनगर स्थित राजस्व न्यायालयों द्वारा म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के सुसंगत प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जा रही है।

म.प्र. शासन द्वारा मुद्रित प्रकाशित भू-अधिकार पुस्तिका एवं ऋण पुस्तिका

[राजस्व]

14. ( क्र. 1254 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) म.प्र. शासन द्वारा कृषकों शासन द्वारा मुद्रित प्रकाशित भू-अधिकार पुस्तिका एवं ऋण पुस्तिका देने पर कब से रोक लगाई गई फरवरी 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावे पूर्व में यह पुस्तिका मात्र दस रूपये में दी जाती रही है पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या प्रदेश के किसानों को भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका बेव, जी. आई. एस. डाटा सॉफ्टवेयर को ठेका दिया गया है, जो उक्त पुस्तिका को 45 से 180 रूपये तक में दी जा रही है क्यों इतनी महंगी ऋण पुस्तिका का आर्थिक मार किसानों पर पड़ने से किसानों को समस्या उत्पन्न हो रही है तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त पुस्तिका का मूल्य शासन द्वारा किस स्तर पर निर्धारित किया है? तीन पेज की पुस्तिका 45 रूपये की क्या शासन प्रतिवर्ष प्रदेश में पचास लाख से अधिक ऋण पुस्तिका,              खसरा-खतोनी में किसानों से करोड़ों रूपये फीस लिये जाने को कम करायेगा। यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ                   2-2/2020/सात-7 भोपाल, दिनांक 03.12.2021 के अनुसार भू-अधिकार पुस्तिका परिपत्र के जारी होने के दिनांक से केवल कम्प्यूटरीकृत रूप में जारी किये जाने के निर्देश दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' में है। पूर्व में भौतिक रूप से जारी भू-अधिकार पुस्तिका यथावत प्रचलन में रहेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' में  है। (ख) जी न‍हीं यह कहना सही न‍हीं है की प्रदेश किसानों को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका बेव, जी.आई.एस, डाटा सॉफ्टवेयर को ठेका दिया गया है, जिसके द्वारा उक्‍त पुस्तिका को 45 से 180 रूपये तक में दी जा रही है। राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-2/2020/सात-7, दिनांक 24/11/2021 एवं निर्देश दिनांक- 03/12/2021 द्वारा राजस्व विभाग की सेवा क्रमांक 4.4 एवं 4.5 भू-अधिकार पुस्तिका के जारी करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये जिसकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' में है। आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक 741/11 भू.प्र/लो.से.गा/2013 दिनांक 31.07.19 के अनुसार प्रदेश के समस्त जिलों में मैसर्स भोपाल ई-गवर्नेस लिमिटेड भोपाल द्वारा संचालित आई.टी. सेंटर, लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित लोक सेवा केंद्र, सी. एम. सिटिजन केयर (181) एवं एमपी ऑनलाइन किओस्क सेंटर को प्राधिकृत सेवा प्रदाता मान्य किया गया था। वर्तमान में इन सेवा प्रदाताओं के द्वारा जन सामान्य को निर्धारित शुल्क में ही             भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका प्रदाय की जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) उक्‍त पुस्तिका का मूल्‍य शासन स्‍तर पर न्‍यूनतम निर्धारित किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्राम रइया को राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

15. ( क्र. 1277 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या कलेक्‍टर सतना के प्रकरण क्रमांक 974/98-99 दिनांक 30-10-99 द्वारा उप तहसील जैतवारा के ग्राम नयागांव से विभाजित कर रइया को राजस्‍व ग्राम घोषित किया गया? (ख) क्‍या क्‍म्‍प्यूटरीकरण के दौरान त्रुटि से रइया को राजस्‍व ग्राम के रूप में दर्ज न हो पाने के कारण वर्तमान में पुन: उक्‍त ग्राम का नाम राजस्‍व ग्राम से हट गया है? इसके लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) बन्‍दोबस्‍त आदि भी कराकर अब कब तक उक्‍त ग्राम को कम्‍प्‍यूटर/ऑनलाइन नेट में राजस्‍व ग्राम के रूप में पुन: प्रदर्शित किया जाने लगेगा? (घ) सहा. अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा इस राजस्‍व ग्राम के खसरे व नक्‍शें अभी तक पृथक से क्‍यों नहीं जारी किए गए, कब तक में यह जारी करा दिए जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कम्‍प्‍यूटरीकरण त्रुटि के कारण ग्राम रइया को राजस्‍व ग्राम के रूप में दर्ज न हो पाने के कारण वर्तमान में पुन:, उक्‍त ग्राम का नाम राजस्‍व ग्राम से हट गया है। ग्राम रइया के अधिकार अभिलेख तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रकरण क्रमांक 9/अ-74/98-99 दिनांक 30-10-1999 आदेश के परिपालन में प्रारंभ की गई थी जिसके तहत ग्राम रइया एवं नयागांव का खसरा हस्‍तलिखित तैयार किया गया था जो वर्ष            2006-07 से 2010-11 तक प्रचलन में था। वर्ष 2011-12 पूर्ण रूप से कम्‍प्‍यूटरीकरण खसरा लागू होने के पश्‍चात् एवं ग्राम रइया का खसरा कम्‍प्‍यूटर में फीड न होने के कारण पुन: ग्राम नयागांव के नाम से प्रचलित हो गया था। खसरे का कम्‍प्‍यूटरीकरण वर्ष 1995-96 से प्रारंभ किया गया था। वर्ष 1995-96 से खसरे फीड होने तक खसरा कम्‍प्‍यूटरीकरण का कार्य चालू रहा। पूर्ण रूप से कम्‍प्‍यूटरीकरण लागू होने के पश्‍चात् वर्ष 2011-12 से पुन: ग्राम रइया का अभिलेख ग्राम नयागांव में वर्ष 1995-96 की भांति प्रदर्शित होने लगा वर्तमान में वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में ग्राम रइया एवं ग्राम नयागांव का अधिकार अभिलेख अपडेट कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। उक्‍त त्रुटि कम्‍प्‍यूटरीकरण कार्य के दौरान सृजित होकर उसके पीछे किसी तरह की गलत मंशा किसी भी अधिकार कर्मचारी की न‍हीं थी। (ग) वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में अपडेट होने के पश्‍चात् कम्‍प्‍यूटर/आनॅलाइन में राजस्‍व ग्राम रइया प्रदर्शित होने लगेगा। (घ) कम्‍प्‍यूटरीकरण त्रुटि के कारण ग्राम रइया के खसरे व नक्‍शें आनॅलाइन कम्‍प्‍यूटर में प्रदर्शित नहीं हो रहे। वेब जी.आई.एस. सॉफ्वेयर में अपडेट होने के पश्‍चात् कम्‍प्‍यूटर/आनॅलाइन में राजस्‍व ग्राम रइया प्रदर्शित होने लगेगा।

माइक्रो एरीगेशन परियोजनांतर्गत पाइप की गुणवत्‍ता

[जल संसाधन]

16. ( क्र. 1309 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नईगढ़ी बहुती माइक्रो एरीगेशन परियोजना से कितने ग्राम सिंचाई से लाभान्वित होंगे तथा कितनी राशि की शासन द्वारा स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में माइक्रो एरीगेशन नईगढ़ी का कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है तथा कितना कार्य हुआ है? कितना शेष है? इसकी समय-सीमा कार्य कराने की कब तक है? एजेंसी का नाम व समय-सीमा बतावें?              (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्‍त पाइप की गुणवत्‍ता क्‍या है? कौन सी पाइप एग्रीमेन्‍ट में दर्ज है? क्‍योंकि जो पाइप डालने का कार्य हो रहा है वह गुणवत्‍ता विहीन है, इसकी जांच कमेटी बनाकर कराई जावेगी? क्‍योंकि मूल एजेन्‍सी द्वारा न कराते हुए पेटी ठेकेदारों से यह कार्य कराया जा रहा है इसलिये इनकी जांच कराया जाना अति आवश्‍यक है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नईगढ़ी सूक्ष्‍म दबाव सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 03.11.2016 को रू.856.04 करोड़ की प्रदान की गई है। परियोजना से 576 ग्राम लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। (ख) एजेंसी मेसर्स जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमि. 180 नोएडा उत्‍तरप्रदेश है। परियोजना का 55 प्रतिशत कार्य पूर्ण एवं 45 प्रतिशत कार्य शेष होना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य प्रगतिरत होकर सितम्‍बर 2022 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है।            (ग) अनुबंध में निहित प्रावधान के तहत एम.एस.पाइप, डी.आई.पाइप एवं एच.डी.पी.ई.पाइप लगाए जाने का प्रावधान है। कार्य में जिन पाइपों का उपयोग किया जा रहा है, शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड के अनुसार ही गुणवत्‍ता का परीक्षण कर पाइप लगाने का कार्य संविदाकार से कराया जा रहा है। निर्माण कार्य अनुबंधित एजेंसी से ही कराया जाना प्रतिवेदित है। जाँच कराने की स्थिति नहीं है।

सरकारी गेहूँ चना खरीदी केन्‍द्र स्‍थापित किया जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

17. ( क्र. 1328 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला विदिशा के विकासखण्‍ड बासोदा एवं ग्‍यारसपुर अंतर्गत वर्ष 2021 में कहाँ-कहाँ सरकारी गेहूँ चना खरीदी केन्‍द्र खोले गये थे विकासखण्‍डवार नाम बतावें? इसमे से इस वर्ष 2022 में कौन-कौन से केन्‍द्र बन्‍द कर दिये गये है उनका नाम एवं बन्‍द होने का कारण बतावें? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित इस वर्ष बन्‍द किये गये केन्‍द्रों के स्‍थान पर कोई नवीन केन्‍द्र खोले गये है? यदि हाँ, तो किसके स्‍थान पर कौनसा नवीन केन्‍द्र खोला गया है नाम बतावें? यदि नवीन केन्‍द्र नहीं खोले गये है तो कारण बतावें? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित बन्‍द किये गये सरकारी खरीदी केन्‍द्रों को पुन: संचालित किये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण बतावें।              (घ) यदि बन्‍द किये गये खरीदी केन्‍द्र पुन: संचालित नहीं किये जाने की स्थिति में कृषकों को सर्व एवं सरल सुविधा देने हेतु विभाग द्वारा कौनसी कार्ययोजना बनाई गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला विदिशा के विकासखण्‍ड बासोदा एवं ग्‍यारसपुर में रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ एवं चना उपार्जन हेतु स्‍थापित उपार्जन केन्‍द्रों की सूची की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ एवं चना उपार्जन हेतु केन्‍द्रों का निर्धारित जिले में किसान पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत पंजी‍कृत किसान संख्‍या, रकवा एवं कृषकों की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुए जिला उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार। (ग) रबी विपणन वर्ष 2022-23 में गेहूँ एवं चना उपार्जन हेतु केन्‍द्रों का निर्धारण किया जाना शेष है। इस कारण किसी केन्‍द्र बंद किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ग) के उत्‍तर अनुसार।

परिशिष्ट - "आठ"

अनियमित धान खरीदी की उच्‍च स्‍तरीय जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

18. ( क्र. 1362 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) शहडोल व रीवा जिले में कितने धान खरीदी केन्‍द्र स्‍थापित किये गये थे? इन केन्‍द्रों में कितनी-कितनी धान खरीदी की गई, का विवरण पृथक-पृथक धान खरीदी केन्‍द्रवार जिलों का देवें। पानी के कारण धान की कितनी क्षति/नुकसान पहुंची थी, कि जानकारी भी पृथक केन्‍द्रवार देवें(ख) प्रश्‍नांश (क) में खरीदी केन्‍द्रों से धान का उठाव कब-कब किन वाहन क्र. से कहां-कहां के लिये किया गया? उठाव के समय धान की मात्रा कितनी थी व इनको कहां-कहां पर रखा गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार धान की खरीदी की मात्रा व उठाव व जहां धान एकत्रित (रखी गई) की गई उस समय धान की मात्रा (वजन) कितनी थी, पृथक-पृथक बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में खरीदी केन्‍द्रों में धान जितनी खरीदी गई उठाव के समय कितनी मात्रा में उपलब्‍ध नहीं थी? क्‍या खरीदी केन्‍द्रों में अनियमितता की गई एवं धान की गुणवत्‍ता पर भी ध्‍यान न देकर मनमानी खरीदी की गई? धान की अन्‍तर की उच्‍चस्‍तरीय जांच समिति बनाकर एवं भुगतान किसानों का कब तक करायेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अपात्रों को लाभ देकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने पर वसूली

[श्रम]

19. ( क्र. 1365 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्र. 805 दिनांक 22.12.2021 के बिन्‍दु क्र. (क) के उत्‍तर में तत्‍कालीन मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीशन्‍द्र द्विवेदी के द्वारा पदस्‍थापना के दौरान कर्मकार मंडल के पंजीबद्ध श्रमिकों के फर्जी कार्ड जारी न करने की जानकारी दी गई जबकि पंजीबद्ध श्रमिकों के नाम पिता के नाम परिवार आई.डी. सहित पंचायत वार जानकारी चाही गई थी जो नहीं दी गई क्‍यों? इस पर क्‍या कार्यवाही करेंगे व जानकारी बावत् क्‍या निर्देश जारी करेगें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अपात्रों को कर्मकार मण्‍डल के तहत पंजीबद्ध कर कार्ड जारी करने, समय पर जानकारी न देने व विवाह सहायता का लाभ अपात्रों को देकर व्‍यक्तिगत हितपूर्ति करने व शासन के निर्देशों के विपरीत अपात्रों को लाभ देने के साथ शासन को पहुँचाने पर वसूली के साथ क्‍या आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में एड. मयंकधर द्विवेदी को मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा द्वारा राशि जमा करने की जानकारी दी गई का उत्‍तर दिया गया, जबकि श्री द्विवेदी द्वारा दिनांक 05.01.2022 एवं दिनांक 02.02.2022 को पत्र लिखकर राशि जमा करने की जानकारी चाही जिस पर आज भी कार्यवाही अपेक्षित है क्‍यों? इस पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार गलत एवं भ्रामक जानकारी देने व मनगढ़ंत दस्‍तावेज तैयार कर शासन प्रशासन को भ्रमित करने पर क्‍या कार्यवाही करेंगे एवं श्री द्विवेदी के पत्र पर कार्यवाही न करने व जानकारी न देने वालों पर क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेगें बतावें एवं कब तक जानकारी दिया जावेगा? अगर नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 805 दिनांक 22.12.2021 के बिन्‍दु क्र. (क) के उत्‍तर में रीवा जिले की जनपद पंचायत रीवा के तत्‍कालीन मुख्‍यकार्यपालन अधिकारी श्री हरीशचंद्र द्विवेदी द्वारा मण्‍डल अंतर्गत श्रमिकों के फर्जी कार्ड जारी किए जाने संबंधी कोई सूचना अ‍थवा ऐसे कोई प्रकरण कार्यालय के संज्ञान में नहीं होने की जानकारी दी गई थी। अत: पंजीबद्ध श्रमिकों के नाम, पिता के नाम, परिवार आई.डी. सहित पंचायत वार जानकारी दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एड. मयंकधर द्विवेदी को मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, रीवा के पत्र क्र. 1975 दिनांक 11.02.2022 द्वारा राशि जमा करने की सूचना पंजीकृत डाक के माध्‍यम से दी गई थी। पत्र की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। श्री द्विवेदी के पत्र के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत राशि जमा करने की सूचना मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा द्वारा प्रदाय की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "नौ"

इन्‍दौर शहर अन्‍तर्गत खाद्यान्‍न सामग्री वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( क्र. 1434 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) इन्‍दौर जिला अन्‍तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक राज्‍य सरकार द्वारा कब-कब,              कितनी-कितनी एवं क्‍या-क्‍या खाद्य सामग्री वितरण किये जाने हेतु आवंटित की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र में कब-कब, कितनी-कितनी एवं कौन-कौन सी खाद्यान्‍न सामग्री वितरण हेतु प्रदान की गई? कब-कब प्रदाय की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वितरण केन्‍द्रों द्वारा किस-किस माह में कितनी खादयान्‍न सामग्री वितरित की गई? केन्‍द्र द्वारा वितरण किये गये खाद्यान्‍न की जानकारी खाद वितरण केन्‍द्रवार उपलब्‍ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में क्‍या इन्‍दौर जिला अन्‍तर्गत कई केन्‍द्रों पर खादयान्‍न सामग्री हितग्राहियों को नहीं देने की शिकायतें प्राप्‍त हुई थीं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ शिकायतें विभाग को प्राप्‍त हुई? विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? स्‍पष्‍ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय शालाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना

[राजस्व]

21. ( क्र. 1520 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र की कितनी शासकीय शालाओं के शाला/परिसर में अतिक्रमण है?                       (ख) क्या शासन द्वारा संबंधित शालाओं को चिन्हित किया गया है यदि हाँ, तो शासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराने की क्या कार्रवाई की गई है यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित किए गए पत्र क्रमांक 1456/21 दिनांक 21/06/2021 को शासकीय माध्यमिक शाला बम्होरी पांजी विकासखंड तेंदूखेड़ा के परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही करने का लेख किया गया है यदि हाँ, तो अतिक्रमण मुक्त कराने की क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अंतर्गत जबेरा विधानसभा की तहसील तेंदूखेड़ा एवं जबेरा की शासकीय शालाओं के परिसर में अतिक्रमण नहीं है। (ख) जी हाँ। जबेरा विधानसभा अंतर्गत जिन शाला परिसरों में अतिक्रमण था उसे मुक्त करा दिया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्र- 1456221, दिनांक 21/06/21 कलेक्‍टर दमोह को प्राप्‍त होना नहीं पाया गया। ग्रामीणों की शिकायत पर तहसील तेंदूखेड़ा अंतर्गत शासकीय मध्यमिक शाला बम्‍होरी पाँजी में अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की प्रारंभ की गई। उक्त अतिक्रमण के संबंध में व्यवहारवाद प्रकरण क्रमांक 11ए/2021 प्रकरण माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-02 तेंदूखेड़ा में प्रचलित होने के कारण अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही स्थगित की गई है।

गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खनन परिवहन व भण्डारण

[वन]

22. ( क्र. 1541 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) वन मण्डल (सामान्य) जबलपुर के तहत वन भूमि पर गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खनन, परिवहन व भण्डारण के कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं? इनमें कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की मुरम, मिट्टी, बोल्डर पत्थर आदि को जब्त किया गया है? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की परिक्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांकित पंजीकृत किन-किन मामलों में कब-कब, किसने कहां-कहां से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की गौण खनिज जब्त की है। कौन-कौन से कितने-कितने वाहन जब्त किये हैं? कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का जब्त गौण खनिज का भण्डारणकर किसके सुपुर्द किया गया? क्या शासन इसमें भ्रष्टाचार अनियमितता व पद का दुरूपयोग पद की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नांकित वनमंडल के अंतर्गत वनभूमि पर गौण खनिज का अवैध रूप से उत्‍खनन के 17 एवं अवैध परिवहन के 32, कुल 49 मामले पंजीकृत किये गये है, किन्‍तु गौण खनिज के अवैध भण्‍डारण का कोई भी मामला पंजीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। अवैध रूप से उत्‍खनन, परिवहन व भण्‍डारण के पंजीकृत प्रकरणों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनियमित्‍ता, भ्रष्‍टाचार व पद के दुरूपयोग का प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उपस्थित‍ नहीं होता।

राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

23. ( क्र. 1542 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जबलपुर जिले में भूमि संपत्ति सम्बंधी कितने-कितने नामांतरण, सीमांकन बटवारा, विवादित तथा अविवादित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरण लम्बित हैं? कितने प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया। विशेष अभियान के तहत कब से कब तक कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं? वर्ष 2019-20 से          2021-22 तक की तहसीलवार व माहवार जानकारी देवें? (ख) न्यायालय तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील में पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने लम्बित हैं। तहसीलवार जानकारी देवें? (ग) शासन ने प्रकरणों का निराकरण न करने, अपने कर्तव्यों का पालन न करने पद का दुरूपयोग व प्राप्त शिकायतों के सम्बंध में दोषी किन-किन अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की हैं? (घ) राजस्व विभाग जिला जबलपुर के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों व पटवारियों को लोकायुक्त संगठन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में कितनी-कितनी राशि की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है एवं किस-किस के पास कितनी-कितनी नगद राशि व अनुपातहीन चल/अचल सम्‍पत्ति बरामद की हैं? शासन ने दोषी किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में भूमि सम्‍पत्ति संबंधी नामांतरण के सीमांकन, बंटवारा विवादित/अविवादित प्रकरणों का निराकरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार किया गया है। सभी अविवादित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया है। नामान्तरण के 9673, बटवारा के 847, सीमांकन के 1563 प्रकरण लंबित है। विशेष अभियान (अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़ा) के तहत 8198 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। तहसीलवार व माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है I (ख) न्‍यायालय तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी (रा.) तहसील में पंजीकृत/निराकृत/लंबित प्रकरणों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है I (ग) प्रकरणों का निराकरण न करने,अपने कर्तव्यों का पालन न करने पद का दुरूपयोग व प्राप्त शिकायतों के सम्बंध में की गई कार्यवाही  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'स अनुसार है (घ) लोकायुक्‍त संगठन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा रिश्‍वत लेते हुए पकड़े गये अधिकारियों/कर्मचारियों व पटवारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। जिनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है

लॉक डाउन के दौरान अधिग्रहि‍त बसें

[राजस्व]

24. ( क्र. 1578 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) भोपाल कलेक्‍ट्रेट की राहत शाखा द्वारा बसें अधिग्रहि‍त कर 1 अप्रैल 2020 से जून 2020 तक लॉकडाउन के दौरान भोपाल जिले से प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर तक भेजा गया था? इस दौरान जो बसें अधिग्रहित की गई थी उनकी संख्या कितनी थी? (ख) जिन अधिग्रहित बस संचालकों को भुगतान कर दिया गया उनके भुगतान आदेश की समस्त प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाएं जिन बस संचालकों के भुगतान आदेश लंबित हैं उनके सभी बिल की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाए।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले में अप्रैल 2020 से जून 2020 तक प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर तक भेजा जाने के दौरान कुल 459 बसों को अधिकृत किया गया था। (ख) भुगतान किये बस संचालकों के आदेश की  जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार  है। लंबित बिलों की जानकारी निरंक है।

नहरों के लाईनिंग का गुणवत्‍ताहीन कार्य

[जल संसाधन]

25. ( क्र. 1604 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक कितने वृहद/मध्‍यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित है नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इन परियोजनाओं में जो लाईनिंग एवं पक्‍कीकरण का कार्य हुआ है वह अत्‍यन्‍त ही गुणवत्‍ताहीन है? इस पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने एवं गुणवत्‍ताहीन कार्य होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?                   (घ) बांई तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं तथा गुणवत्‍ताहीन कार्य होने कौन-कौन अधिकारी एवं एजेन्‍सी जिम्‍मेदार है? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्‍या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो क्‍या?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2022 तक तवा वृहद परियोजना की दांयी तट नहर कि.मी. 0 से कि.मी. 7.10 तक, दांयी तट नहर की पिपरिया शाखा नहर के कि.मी. 0 से कि.मी. 28.29 तक, बागरा शाखा नहर के कि.मी. 0 से कि.मी. 23.59 तक, बांयी तट नहर प्रणाली के कि.मी. 0 से कि.मी. 23.47 तक तथा एक गुड्डीखेड़ा लघु जलाशय संचालित होना प्रतिवेदित है। (ख) नहर लाईनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य मापदण्‍डों के अनुरूप कराया गया है। जिस स्थान पर गुणवत्ताहीन कार्य हुआ था, वहाँ लाईनिंग के कार्य को तोड़कर ठेकेदार से स्‍वयं के व्यय पर पुनः लाईनिंग का कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है।                (ग) अभिलेख अनुसार कार्य पूर्ण नहीं होने तथा गुणवत्ताहीन कार्य से संबंधित माननीय सदस्‍य का कोई पत्र शासन स्‍तर पर विभाग में प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बांयी तट नहर का कार्य पूर्ण हो चुका है। बांयी तट नहर की आर.डी. 6523 मीटर से 23470 मीटर के मध्‍य लाईनिंग कार्य में कुछ स्‍थान पर गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही करते हुये उक्त स्थानों की लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार मेसर्स सोरठिया वेलजी रतनम एण्‍ड कम्‍पनी से स्‍वयं के व्यय पर पुनः विभागीय मापदण्ड एवं गुणवत्तानुसार कार्य संपादित कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य से संबंधित अधिकारियों को जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के आदेश दिनांक 08.02.2018 द्वारा दण्डित कर एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाना प्रतिवेदित है। दोषी अधिकारी के नाम निम्नानुसार है:- (1) श्री अरविंद कुमार यादव, सहायक यंत्री (2) श्री एम.एल. चन्द्रोल, उपयंत्री (3) श्री बी.के. उपाध्याय, उपयंत्री (4) श्री एन.के. सूर्यवंशी, उपयंत्री

वर्ष 2019–20 की गिरदावरी

[राजस्व]

26. ( क्र. 1609 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर, धार एवं सिंगरौली जिले की वर्ष 2019-20 की गिरदावरी के दौरान गैर खाते की किस-किस मद की कितनी जमीन दर्ज होना प्रतिवेदित किया गया है इसमें से कितनी जमीन            भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि है, जानकारी ग्रामवार उपलब्ध करवाएँ। (ख) गैर खाते की दखल रहित भूमि और सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया है। (ग) गत तीन वर्षों में कितने राजस्व ग्रामों की कितनी गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्तरित करने के प्रस्ताव अलीराजपुर, धार एवं सिंगरौली जिले में राजस्व विभाग को किस-किस से प्राप्त हुए है उन पर किस स्तर पर कार्यवाही वर्तमान में लम्बित है। (घ) वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को कब तक गैर खाते की दखल रहित भूमि आवंटित या अन्तरित कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 1-अलीराजपुर- अलीराजपुर जिले में वर्ष 2019-20 में गैर खाते की आबादी 641 हेक्‍टेयर, अमराई 8721 हेक्‍टेयर, वन क्षेत्र 56983 हेक्‍टेयर चारागाह-चरनोई-बीड 3460 हेक्‍टेयर, पानी के नीचे 20054 हेक्‍टेयर, पहाड़ चट्टान 48552 हेक्‍टेयर,   ईमारत-सड़क 5136 हेक्‍टेयर कुल 143547 हेक्‍टेयर प्रतिवेदित की है। म.प्र. भू राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत जिले में सार्वजनिक एवं निस्‍तार प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि आबादी 641 हेक्‍टेयर, चारागाह-चरनोई-बीड 3460 हेक्‍टेयर, ईमारत-सड़क 5136 हेक्‍टेयर आरक्षित है। 2-धार- धार जिले की वर्ष 2019-20 की गिरदावरी के दौरान गैर खाते की निम्न मद आबादी 6581.310, निस्तार चरनोई 49638.340, रास्ता सड़क इमारत 15766.226 पहाड़ चट्टान 69669.111 पानी के नीचे 34379.118, अमराई फलोद्यान 5134.405, वन 89117.962 ना.का.च. 22602.538,मरघट,श्मशान कब्रस्तान 45.677, का.का.7765.372 हेक्टर जमीन होना प्रतिवेदित है। इसमें से भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अनुसार सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए 65450.243 हेक्टर आरक्षित भूमि है। जिले की ग्रामवार गैर खाते एवं सार्वजनिक, निस्तार प्रयोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार  है। 3-सिंगरौली- जिला सिंगरौली में वर्ष 2019-20 में गैर खाते में आबादी 1057 हेक्‍टयर,अमराई 85 हेक्‍टयर राजस्‍व वन क्षेत्र 19181 हेक्‍टेयर चारागाह चरनोई बीड 74479 हेक्‍टेयर,पानी के नीचे 17384 हेक्‍टेयर पहाड़ चट्टान 12624 हेक्‍टेयर, इमारत सड़क 12171 हेक्‍टेयर कुल 136981 हेक्‍टेयर भूमि प्रतिवेदित की है। भू-राजस्‍व सहिता 1959 की धारा 137 (1) के तहत जिले में सार्वजनिक एवं निस्‍तार प्रयोजन के लिए आरक्षित भूमि 43815 हेक्‍टेयर आरक्षित भूमि है।         (ख) गैर खाते की दखल रहित भूमि और सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए भूमि आवंटन भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा से नहीं बल्कि म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के ज्ञाप क्रमांक एफ 6-101/2019/सात-3 भोपाल दिनांक 5/1/2021 के बिंदु क्रमांक 5 में प्रतिपूर्ति वनीकरण (वैकल्पिक वनीकरण) के लिए भारत सरकार के समय-समय पर जारी किये गए दिशा निर्देशों के अनुक्रम वन विभाग को प्रभावित भूमि के बराबर भूमि दिए जाने की अनिवार्यता है l इस अनुक्रम में शासकीय राजस्व भूमि ऐसी भूमि के लिए सिंचित कृषि भूमि के बाज़ार मूल्य के 1.6 गुणा बराबर की राशि अपेक्षक निकाय से लेकर वन विभाग को प्रतिपूर्ति वनीकरण के लिए उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित हैl जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार  है। (ग) 1-अलीराजपुर-जिला अलीराजपुर में गत तीन वर्षों में राजस्‍व ग्रामों की गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्‍तरित करने के प्रस्‍ताव लंबित नहीं है। 2-धार-धार जिले में विगत तीन वर्षों में आठ राजस्व ग्रामों में कुल 60.351 हेक्टर गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित/अन्तरित की गयी है। वर्तमान में कोई आवेदन आवंटित की कार्यवाही हेतु लम्बित नहीं है। 3-सिंगरौली-जिला सिंगरौली में गत तीन वर्षों में राजस्‍व ग्रामों की गैर खाते की भूमि वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को आवंटित करने या अन्‍तरित करने का प्रस्‍ताव लंबित नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक हैं l

नियम विरुद्ध पदस्थापना

[जल संसाधन]

27. ( क्र. 1610 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को यह जानकारी है कि प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 3314100/15-6/2019-855 दिनांक 12/05/2020 द्वारा श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय, अमीन गोहद, जिला भिंड को नियम विरुद्ध जाकर गोहद जिला भिंड का राजस्व निरीक्षक बनाया गया है? (ख) राजस्व निरीक्षक बनाए जाने के लिए क्या अर्हता निर्धारित है? क्या श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय राजस्व निरीक्षक बनाए जाने के उक्त मापदंड को पूरा करते हैं? (ग) यदि नहीं तो श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय, अमीन गोहद, जिला भिंड को कब तक राजस्व निरीक्षक के पद से मुक्त कर                   श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी? (घ) श्री लक्ष्मीकांत उपाध्याय के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) मध्यप्रदेश में दर्ज प्रकरण क्रमांक 971/2021 एवं 1775/2021 पर किस अधिकारी द्वारा कब-कब जांच की जाकर क्या कार्यवाही की गई? कब तक जांच पूर्ण कर आरोपी पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी?                     समय-सीमा सहित ब्यौरा देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) श्री लक्ष्‍मीकांत उपाध्‍याय को प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से कार्यालय परियोजना प्रशासक, माँ रतनगढ़ परियोजना क्रियान्‍वयन इकाई (एम.आर.पी.आई.यू.डब्‍ल्‍यू.आर.डी.) मौ जिला भिण्‍ड में दिनांक 04.11.2019 को राजस्‍व निरीक्षक का केवल प्रभार सौंपा गया था एवं प्रमुख अभियंता के आदेश दिनांक 12.05.2020 द्वारा श्री लक्ष्‍मीकांत उपाध्‍याय को मंत्री जल संसाधन की निजी पदस्‍थापना में पदस्‍थ किया गया है। (ख) एवं (ग) राजस्‍व निरीक्षक का पद प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं लेकर भरे जाने का प्रावधान है। उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्‍य अभियंता, यमुना कछार, जल संसाधन विभाग, ग्‍वालियर द्वारा प्रकरण की जांच प्रक्रियाधीन है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

नियम विरूद्ध स्थापित ग्रेनाईट कंपनी की लीज निरस्त करना

[खनिज साधन]

28. ( क्र. 1660 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत ग्राम सिलपतपुरा में ग्रेनाईट कंपनी द्वारा आबादी भूमि पर अवैध भण्डारण किया जा रहा है? साथ ही ग्राम की शमशान भूमि पर कब्जा किया गया क्या शासन ग्राम की शमशान भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कब तक करा पायेगी? क्या यह भी सत्य है कि उक्त कंपनी द्वारा 200 मी. की गहराई तक उत्खनन किया गया है जिससे सिलपतपुरा क्षेत्र के जल स्त्रोत सूख गये हैं,यदि हाँ, तो शासन कब तक उक्त कंपनी की लीज निरस्त कर देगी। (ख) क्या किसान मिनरल्स द्वारा ग्राम के माध्यमिक स्कूल के पास उत्खनन के साथ साथ 20 से 30 मी. की दूरी पर पेट्रोल पंप स्थापित किया गया है यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध किये गये स्थापित पेट्रोल पंप को अन्यत्र स्थापित कब तक करा दिया जायेगा। (ग) क्या यह भी सत्य है कि कंपनी द्वारा पर्यावरण के नियमों का पालन नहीं किया गया साथ ही धार्मिक स्थलों को भी नष्ट किया गया है एवं प्रावधान अनुसार स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया गया है यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त कंपनी की लीज को निरस्त करेगी यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। ग्राम की शमसान भूमि पर कब्‍जा नहीं किया गया है। कंपनी द्वारा 200 मीटर की गहराई तक उत्‍खनन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। स्‍थानीय ग्रामवासियों एवं बेरोजगारों को रोजगार दिया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के परिवार को राहत राशि प्रदान करना

[राजस्व]

29. ( क्र. 1680 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के परिवारों को शासन द्वारा राहत राशि प्रदान करने का निर्देश प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के नाम,पता, सहित ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिले में कितने व्यक्तियों को प्रश्‍न दिनांक तक राहत राशि प्रदान की गई है? उनके नाम, पता एवं प्रदान राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार, तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के ऐसे परिवार जिनके पालकों/अभिभावकों की कोरोना में मृत्यु हो गई है उन परिवारों की सूची प्रदान करें। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) अनुसार, क्या ऐसे परिवारों के सदस्यों के भरण पोषण की कोई शासकीय योजना है? यदि हां, तो जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो ऐसे परिवारों के भरण पोषण के लिये अभी तक कोई योजना क्यों नहीं बनाई गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल में मृत व्‍यक्तियों के नाम पता ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-''''  अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर जिले अंतर्गत राहत राशि वितरित किये गये व्‍यक्तियों की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-''''  अनुसार है। (घ) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में मनोज मेहरा पालक/अभिभावक की मृत्‍यु कोरोना से हुई हें। (ड.) कोविड के कारण दिनांक 01.03.2021 से 30.06.2021 तक अनाथ हुए बच्चों को मासिक आर्थिक सहायता, शिक्षा संबंधी सहायता व खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री कोविड-19 बालसेवा योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 21.05.2021 को प्रारंभ की गई। योजनांतर्गत 1365 बच्चों को रुपये 5000/- प्रति बच्चा प्रतिमाह की आर्थिक सहायता, नि:शुल्क खाद्यान्न व शिक्षा संबंधी सहायता से लाभान्वित किया जा रहा है।

स्टेनो टायपिस्टों की पदोन्नति

[राजस्व]

30. ( क्र. 1784 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक सी-3-2/97/1 दिनांक 14.5.97 एवं आदेश क्रमांक सी-3-3//98/3/1 दिनांक 24.2.1998 एवं आदेश क्रमांक सी-3-3/98/3/1 दिनांक 17.6.98 से स्टेनो टायपिस्ट के पद पर 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर 50 प्रतिशत स्टेनोग्राफर के पदों पर पदोन्नति से भरे जाने के प्रावधान/आदेश प्रसारित किए गए थे? यदि हाँ, तो म.प्र. के कितने जिलो में उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में राजस्व विभाग के अन्तर्गत स्टेनो टायपिस्ट कर्मचारियों को स्टेनोग्राफर के पदों पर पदोन्नति प्रदान की गई? पूर्ण जानकारी जिलावार दी जावें। (ख) क्या म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक सी-3-2/2004/3 दिनांक 17.12.2004 द्वारा स्टेनो टायपिस्टों को 7 वर्ष की सेवा के पश्चात रिक्तियों के बंधन के बिना स्टेनोग्राफर का वेतनमान पदनाम परिवर्तित किए बगैर दिए जाने वाले लाभ के आदेश को समाप्त कर दिया गया एवं 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर पदोन्नति किए जाने के आदेश जारी किए गये थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के पालन में म.प्र. के किन-किन जिलों में स्टेनो टायपिस्ट कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्‍ट  '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्‍ट  '' अनुसार है।


उर नदी बांध परियोजना का मुआवजा

[जल संसाधन]

31. ( क्र. 1795 ) श्री के.पी. सिंह कक्‍काजू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उर नदी बांध परियोजना अंतर्गत शिवपुरी जिले में नहर की खुदाई का कार्य जारी हैं? यदि हाँ, तो क्‍या यह भी सत्‍य हैं कि किसानों की जमीन का मुआवजा दिये बगैर ही नहर की खुदाई का कार्य जारी है? (ख) क्‍या संबंधित किसान जमीन के मुआवजे हेतु अनुविभागीय अधिकारी, पिछोर, जिला शिवपुरी कार्यालय के लगातार चक्‍कर काट रहे हैं, किन्‍तु जमीन के मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा हैं? (ग) जमीन के मुआवजे का भुगतान नहीं किये जाने का क्‍या कारण हैं? किसानों की जमीन के मुआवजे का भुगतान कब तक किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि परियोजना अंतर्गत कृषकों की सहमति पश्‍चात नहर खुदाई कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। अधिकांश प्रभावित कृषकों को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है एवं शेष कृषकों को मुआवजा भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। कृषकों द्वारा मुआवजा हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के कार्यालय का चक्‍कर काटने जैसी स्थिति नहीं है। वस्‍तुस्थिति यह है कि भू-अर्जन की राशि का भुगतान करने हेतु किसानों द्वारा उपलब्‍ध कराए गए अभिलेखों में त्रुटि/कमी होने पर उनके निराकरण हेतु संबंधित कृषकगण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के कार्यालय में जाते हैं। अभिलेख में आवश्‍यक सुधार/पूर्ति नहीं होने के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाना प्रतिवेदित है। प्रश्‍नाधीन परियोजना के अंतर्गत 04 गांव क्रमश: बाचरौन, जराय, कालीपहाड़ी भाग 1 (आंशिक) एवं नांद के भू-अर्जन प्रकरणों में धारा 21 तक की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है एवं अवार्ड पारित करने की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। अवार्ड पारित प्रकरणों में कृषकों के बैंक खाता उपलब्ध न होने, खसरा तथा आधार कार्ड/परिचय पत्र में नाम में अन्तर होने, भू-स्वामी के फोत (मृत्‍यु) होने पर नामान्तरण न होने, भू-स्वामी संबंधी न्यायालयीन विवाद होने के कारण, संयुक्‍त खातेदारों में भूमि की हिस्‍सेदारी पर सहमति नहीं होने तथा जमीन का बटांकन नहीं होने के कारण कुछ कृषकों का मुआवजा भुगतान लंबित होना प्रतिवेदित है। किसानों की जमीन के मुआवजों का भुगतान उपरोक्त कारणों का निराकरण होने के उपरांत यथाशीघ्र किया जाना संभव होगा।

सु.वि.क्षे. में खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

32. ( क्र. 1921 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनपद पंचायत जौरा एवं मुरैना के ग्राम पहावली (गढ़ीखेरा), सुमावली, गणेशपुरा, रूअर, येमाबसई, गलेथा, भैसरोली, दोनारी, मृगपुरा, गौसपुर, जखेना, गढ़ी, नगर पालिक निगम मुरैना वार्ड क्रमांक 4,5,6,7,8,9,10,45,46,47 में सार्वजनिक खाद्यान्‍न वितरण प्रणाली वर्ष 2019-2020, वर्ष 2020-2021 में तत्‍कालीन एवं वर्तमान विक्रेताओं द्वारा हितग्राहियों को खाद्यान्‍न वितरित न कर अनियमिततायें की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार प्रश्‍नकर्ता द्वारा इसकी लिखित में सूचना अनुविभागीय अधिकारी जौरा व मुरैना एवं जिला प्रशासन मुरैना को दी गई लेकिन प्रश्‍न दिनांक तक, प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की सत्‍यापित प्रतियां उपलब्‍ध करावें? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार साख सहकारी समिति मृगपुरा के कर्मचारी बच्‍चू सिंह द्वारा खाद्य नगारिक आपूर्ति अधिकारियों से   सांठ-गांठ कर अधिकतर पंचायतों एवं वार्डों में खाद्यान्‍न वितरण का कार्य किया जा रहा है, जो कि नियम विरूद्ध है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार उक्‍त प्रकरण दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सु.वि.क्षे. में प्रस्‍तावित स्टॉप डेम व बांधों की जानकारी

[जल संसाधन]

33. ( क्र. 1922 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने बांध एवं स्टॉप डेम प्रस्‍तावित, स्‍वीकृति एवं निर्माणाधीन है? सूचीबद्ध जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार निर्माणाधीन स्‍टॉपडेम एवं बांध किस एजेन्‍सी के द्वारा बनाये जा रहे है? प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? कार्य का स्‍तर क्‍या है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) चिन्हित, प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त परियोजनाएं एवं निर्माणाधीन कार्य की  जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त 04 परियोजनाओं में निविदा आमंत्रित की कार्यवाही प्रचलन में होने से एजेंसी का नाम बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दस"

स्टॉपडेमों की स्वीकृति

[जल संसाधन]

34. ( क्र. 1973 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तराना विधानसभा क्षेत्र में कितने नहरों नालों पर विगत 04 वर्षों में स्टॉपडेम की स्वीकृति दी गयी है? स्वीकृति स्थल, स्वीकृत राशि की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में तराना विधानसभा में कितने स्टॉप डेम स्थित हैं? स्थित स्टॉपडेमों से कितने गांवों को लाभ पहुँच रहा है? स्टॉपडेमों से कृषि भूमि को सिंचित करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा कितने नए स्टॉप डेमों का निर्माण किया जा रहा है? शासन के पास स्टॉप डेम के कितने प्रस्ताव लंबित पड़े हैं? विभाग द्वारा लंबित प्रस्ताव की स्वीकृति के लिए कितनी बार शासन स्तर पर पत्राचार किया है? प्रत्येक बिन्दु पर विभाग अपने अभिमत के साथ आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं। (ग) तराना विधानसभा की भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए कितने तालाबों के गहरीकरण जीर्णोद्धार और नवनिर्माण को लेकर विगत 05 वर्षों में कितनी स्वीकृति शासन से प्राप्त हुई हैं? कितने कार्य शुरू हुए हैं? कितने पूर्ण हुए हैं? कितने शेष है? चालू वित्त वर्ष में कितने तालाबों की नई स्वीकृति प्राप्त हुई है? 05 वर्षों का रिकार्ड देते हुए पूर्ण ब्योरा देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) :  (क) तराना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 04 वर्ष में स्‍टॉप डेम निर्माण हेतु कोई प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी नहीं होना प्रतिवेदित है। साध्‍यता स्‍वीकृति प्राप्‍त परियोजनाओं की  जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) निर्मित स्‍टॉप डेम की  जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। तराना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कोई स्टॉप डेम (बैराज) निर्माणाधीन नहीं होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में शासन स्‍तर पर कोई प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। साध्यता प्राप्त 03 परियोजनाओं की डी.पी.आर. में अनुशीलन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शासन स्तर पर पत्राचार नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अतः दस्तावेज संबंधी जानकारी उपलब्‍ध कराना संभव नहीं है। (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब के गहरीकरण का कार्य नहीं किया जाता है। नव निर्माण हेतु विगत 05 वर्षों में शासन द्वारा प्रदान की गई प्रशासकीय स्‍वीकृति अनुसार परियोजना के निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है।

महाविद्यालय का भवन निर्माण

[राजस्व]

35. ( क्र. 1974 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग ने अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 751 दिनांक 25/07/2018, 355 दिनांक 01/06/2019, 336 दिनांक 06/04/2021 के माध्यम से कलेक्टर जिला उज्जैन को भूमि आवंटित कराये जाने हेतु पत्राचार किया था? यदि हाँ, तो तीनों पत्रों कि प्रतियाँ उपलब्ध कराते हुए कलेक्टर जिला उज्जैन से की गयी कार्यवाही नोटशीट सहित मूल दस्तावेजों के साथ उपलब्ध करायें।            (ख) तराना विधानसभा क्षेत्र में कलेक्टर जिला उज्जैन के पास कितनी शासकीय भूमि उपलब्ध है? महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु कौन सी भूमि आवंटित करने की कार्यवाही की जा रही है? उसका सर्वे नंबर उपलब्ध कराते हुए भूमि का नक्शा उपलब्ध करायें। (ग) क्या महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित करने के लिए अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 328 दिनांक 06/04/2021 के माध्यम से आयुक्त, उज्जैन संभाग को भी पत्र लिखकर भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन के लिए मांग पत्र भेजा गया था? यदि हाँ, तो कलेक्टर जिला उज्जैन को आयुक्त महोदय से क्या निर्देश प्राप्त हुए? निर्देश प्राप्ति उपरांत विभाग द्वारा क्या कार्यवाहियाँ की गयी? पूर्ण विवरण देते हुए सभी पत्रों की जानकारी देवें और भूमि आवंटन की कार्यवाही से अवगत करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 751 दिनांक 25/07/2018 एवं पत्र क्रमांक 328 दिनांक 06/04/2021 के माध्‍यम से भूमि आवंटित कराये जाने हेतु पत्राचार किया गया था प्राप्‍त पत्रों की प्रतियां एवं विभाग से की गई कार्यवाही के समस्‍त दस्‍तावेज  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  '''' अनुसार है। (ख) तराना विधानसभा क्षेत्र में 13723 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि है। कायथा के नवीन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि सर्वे क्रमांक 1065 रकवा 1.25 हे., 1068 रकवा 0.53 हे., 1086 रकवा 0.52 हे., 1399 रकवा 2.70 हे., 1401 रकवा 2.55 हे. कुल किता 05 कुल रकवा 4.000 हे. नजूल निर्वर्तन अधिनियम के तहत भूमि आवंटित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नक्‍शा  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्टि  '''' अनुसार है। (ग) जी हां, महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित करने के लिए अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 328 दिनांक 06/04/2021 से आयुक्‍त, उज्‍जैन संभाग उज्‍जैन को भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन के लिए मांग पत्र भेजा गया था जिसके पश्‍चात आयुक्‍त उज्‍जैन संभाग उज्‍जैन के अ.शा.पत्र क्र. 14/2 दिनांक 29/04/2021 से शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु शासन के प्रावधान अनुसार शासकीय भूमि शीघ्र उपलब्‍ध कराने के निर्देश प्राप्‍त हुए थे निर्देश प्राप्ति उपरांत प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय झारडा, कायथा, उन्‍हेल को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 429/नजूल/रीडर/2021,दिनांक 24/05/2021 जारी कर म.प्र. नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 अनुसार निर्धारित प्रारूप में आवश्‍यक दस्‍तावेजों सहित आवेदन प्रस्‍तुत करने हेतु लिखा गया था जिसके क्रम में प्राचार्य महाविद्यालय झारडा से आवेदन प्राप्‍त होने पर न्‍यायालय कलेक्‍टर आदेश दिनांक 11/08/2021 से महाविद्यालय झारडा हेतु सर्वे क्र. 1121 रकवा 2.69 हे. में से 1.62 हे. भूमि आवंटित की जा चुकी है तथा प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय उन्‍हेल से आज दिनांक तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है एवं कायथा के नवीन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि रकवा 4.000 हे.नजूल निर्वर्तन अधिनियम के तहत भूमि आवंटित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

तेंदूपत्‍ता मद के कार्यों की स्‍वीकृति

[वन]

36. ( क्र. 2031 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधानसभा में 01 जनवरी, 2018 के बाद आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र के विकास हेतु एवं आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं हेतु तेंदूपत्‍ता मद से विभिन्‍न प्रकार के कार्य स्‍वीकृत किये गये थे? (ख) प्रश्‍नांकित  (क) अनुसार यदि हाँ, तो गंधवानी विधानसभा के विकासखण्‍ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत राशि के स्‍वीकृत किये गये थे? प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें।   (ग) क्‍या प्रशासकीय स्‍वीकृति होने के बाद भी भाजपा सरकार द्वारा आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र के विकास हेतु एवं आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं को नजर अंदाज करते हुये उक्‍त कार्यों को निरस्‍त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस कारण से उक्‍त कार्यों को निरस्‍त किया गया है एवं सरकार उक्‍त कार्यों की पुन: स्‍वीकृति प्रदान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं तो क्‍यों कारण बतावें? नवीन कार्यों हेतु राशि कब तक स्‍वीकृ‍त कर दी जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा के विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में स्वीकृत कार्यों का ग्राम पंचायतवार कार्यों का विवरण उनकी लागत राशि संबंधित प्रशासकीय स्वीकृति आदेश में ही दिये गये है। उक्त प्रशासकीय स्वीकृतियों की प्रतियां  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के पत्र दिनांक 23.02.2019 एवं दिनांक 02.03.2019 द्वारा स्वीकृत 100 कार्यों में से केवल 02 कार्यों की स्वीकृति उक्त कार्य वृहद आकार के होने तथा 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के बावजूद प्रारम्भ नहीं किये जाने के कारण निरस्त की गई। दिनांक 27.06.2019 द्वारा स्वीकृत 200 कार्यों के क्रियान्वयन पर आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के पत्र दिनांक 05.07.2019 द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के तारतम्य में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के पत्र दिनांक 20.07.2019 से रोक लगाई गई। अब आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के द्वारा प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 23.11.2021 के द्वारा संचालक मंडल के उक्त कार्यों की स्वीकृति से संबंधित संकल्प को बातिल कर दिया गया है। अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

साख सहकारी समितियों के विरूद्ध कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

37. ( क्र. 2044 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गलेथा साथ सहकारी समिति जौरा मुरैना, भैसरोली साख सहकारी समिति जौरा, सुमाव‍ली साख सहकारी समिति जौरा मुरैना एवं मर्गपुरा साख सहकारी समिति मुरैना के कर्मचारियों को विधानसभा सुमावली के अनेक ग्राम पंचायतों के खाद्यान्‍न वितरण की व्‍यवस्‍था दी गई। जिनके द्वारा विभिन्‍न अनियमितताएं की जा रही है? जैसे समय पर दुकान न खोलना, समय पर खाद्यान्‍न वितरण न करना, खाद्यान्‍न का स्‍वयं वितरण न करके अपने चहेतों/रिश्‍तेदारों के द्वारा खाद्यान्‍न वितरण कराना एवं हितग्राहियों के साथ दुर्व्यवहार करते हुये खाद्यान्‍न न देना आदि समस्‍याओं को लेकर प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन मुरैना को मौखिक/लिखित में अवगत कराया गया किन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त साख सहकारी समितियों के कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या यह भी सही है, कि उक्‍त कर्मचारियों के द्वारा जनता को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्‍न उपलब्‍ध न कराकर आधी मात्रा में खाद्यान्‍न प्रदान करते है? जिसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन को की गई? इनके विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? कब तक कर दी जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नक्‍शा विहीन ग्रामों के संबंध में

[राजस्व]

38. ( क्र. 2187 ) श्री विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) सतना जिले अंतर्गत किन-किन ग्रामों के राजस्‍व का नक्‍शा नहीं है, ग्राम का नाम तहसीलवार बतावें? (ख) क्‍या शासन द्वारा सभी नक्‍शा विहीन ग्रामों के नक्‍शा बनाने के लिए कोई आदेश प्रसारित किया गया है, यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) रामपुर बाघेलान विधानसभा के किन-किन ग्रामों के नक्‍शा बनाए जाने की कार्यवाही चल रही है? क्‍या यह सही है नक्‍शा विहीन ग्रामों में सीमांकन नहीं किया जा सकता है? (घ) क्‍या यह सही है, नक्‍शा विहीन ग्राम होने के कारण राजस्‍व मामलों में बढ़ोत्‍तरी आई है, नक्‍शा विहीन ग्रामों का कब तक नक्‍शा बना दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले के अंतर्गत जिन ग्रामों का नक्शा नहीं है उन ग्रामों की सूची  जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट "'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) रामपुर बाघेलान विधानसभा सहित सतना जिले के अंतर्गत नक्शाविहीन/जीर्णशीर्ण ग्रामों के नक़्शे बनाये जाने हेतु, कलेक्टर भू-अभिलेख सतना के पत्र क्रमांक 1425 दिनांक 27/09/2021 द्वारा प्रस्ताव आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को प्रेषित किये गए थे जिनके परीक्षण उपरान्त अतिरिक्त जानकारी जिले से मंगाए जाने हेतु दिनांक 21/02/2022 को लिखा गया हैl यह सही है कि जिन ग्रामों के नक़्शे उपलब्ध नहीं है उन ग्रामों में सीमांकन किया जाना संभव नहीं है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि विगत कुछ समय में कुछ ग्रामों के नक्शार विहीन होने के कारण राजस्व मामलों में बढ़ोत्री आयी है। नक्शाविहीन ग्रामों के नक्शा बनाये जाने का कार्य तकनीकी, मैदानी और वृहद स्वरूप का होने से, इसकी पूर्णता हेतु निश्चित समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।

राशन दुकानों की जाँच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 2199 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकानें है? (ख) उपरोक्‍त में से 01 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त में से किस-किस राशन दुकान की जांच किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को की गई? (ग) उपरोक्‍त जांच में किस राशन दुकान में गड़बड़ी पाई गई? समय दुकानों के नाम एवं सेल्‍समेनों की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर किस-किस दुकान के संचालक पर क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में 120 शासकीय उचित मूल्‍य दुकानें हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र रैगांव अंतर्गत 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक राशन दुकानों की जांच की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ग) शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों में पाई गई गड़बड़ी की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  '''' अनुसार है(घ) शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों के संचालकों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

कस्‍टम राईस मिलिंग की अनुमति

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

40. ( क्र. 2217 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में किन नियमों के तहत कस्टम राईस मिलिंग (सरकारी चावल दराई) की अनुमति दी जाती हैं, अनुमति लेने के दौरान मिलर के पास कौन-कौन से वैध कागजातों का होना अनिवार्य हैं? (ख) राईस मिल को अनुमति दिए जाने के दौरान एवं मिल चालू होने के बाद कौन से अधिकारि‍यों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया जाना चाहिए तथा इन राईस मिलों को सरकारी धान आवंटित होने के बाद चांवल जमा कराने के लिए कितने दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ग) राईस मिलर्स को धान आवंटित करने के लिए विभाग कितनी प्रतिभूति राशि जमा कराता है। (घ) राईस मिलर्स को धान आवंटन करने के क्या नियम है इन राईस मिलर्स से किन नियमों के तहत गोदामों में चावल जमा कराया जाता है राईस मिलर्स द्वारा चावल निर्माण के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण हेतु विभाग क्या कदम उठाता है। (ङ) राईस मिलर्स के काम करने के दौरान किन-किन अधिकारियों को मिल परिसर के निरीक्षण का अधिकार है।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान की कस्‍टम मिलिंग हेतु मिलर्स को मध्‍यप्रदेश चावल उपाप्ति (उदग्रहण) आदेश, 1970 के तहत अनुमति जारी की जाती है। मिलर्स को कस्‍टम मिलिंग की अनुमति हेतु आवश्‍यक दस्‍तावेज़ों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) राईस मिलर्स को कस्‍टम मिलिंग की अनुमति दिये जाने के दौरान एवं मिलिंग चालू होने के पश्‍चात् मध्‍यप्रदेश चावल उपाप्ति (उदग्रहण) आदेश, 1970 के तहत प्राधिकृत प्रवर्तन अधिकारी (खाद्य विभाग के कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी स्‍तर तक के तथा गृह विभाग के उप निरीक्षक स्‍तर तक के अधिकारी) एवं अधिकृत अधिकारी (जिला प्रबंधक मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन/जिला विपणन अधिकारी मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ) को निरीक्षण के अधिकार हैं। अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में कस्‍टम मिलिंग हेतु जारी निर्देशानुसार मिलिंग से प्राप्‍त चावल की गुणवत्‍ता का निरीक्षण मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम के गुणवत्‍ता निरीक्षकों द्वारा किया जाता है। राईस मिलर्स को कस्‍टम मिलिंग हेतु धान आवंटित होने के बाद अनुबंधित अवधि के प्रत्‍येक आधे भाग में समानुपातिक रूप से अनुबंधित मात्रा के आधे भाग की मिलिंग करना होती है। कस्‍टम मिलिंग नीति की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे               परिशिष्‍ट-ब  अनुसार है। (ग) कस्‍टम मिलिंग नीति के प्रावधान अनुसार राईस मिलर्स से प्रत्‍येक लाट के लिए राशि रूपये 10 लाख की सुरक्षा निधि जमा कराई जाती है, जिसमें से न्‍यूनतम 30 प्रतिशत की राशि रूपये 3 लाख एफ.डी.आर./बैंक गारंटी/डिमान्‍ड ड्राफ्ट के रूप में तथा शेष 70 प्रतिशत राशि रूपये 7 लाख क्रास चेक के माध्‍यम से जमा कराई जाती है। राईस मिलर को संपूर्ण 100 प्रतिशत राशि रूपये 10 लाख एफ.डी.आर./बैंक गारंटी/डिमान्‍ड ड्राफ्ट के रूप में जमा करने का विकल्‍प भी उपलब्‍ध कराया गया है। (घ) राईस मिलर्स को कस्‍टम मिलिंग हेतु धान आवंटन एवं राईस मिलर्स से मिलिंग उपरांत चावल प्राप्ति मिलिंग नीति में उल्‍लेखित प्रावधानों अनुसार की जाती है। राईस मिलर्स द्वारा चावल निर्माण के दौरान गुणवत्‍ता नियंत्रण हेतु मिलिंग नीति अनुसार समय-समय पर मिल प्‍वाइंट पर सी.एम.आर. की गुणवत्‍ता जांच संबंधी कार्यवाही की जाती है। (ड.) कस्‍टम मि‍लिंग के द्वारा राईस मिल परिसर में मध्‍यप्रदेश चावल उपाप्ति (उदग्रहण) आदेश, 1970 के तहत प्राधिकृत प्रवर्तन अधिकारी (खाद्य विभाग के कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी स्‍तर तक के तथा गृह विभाग के उप निरीक्षक स्‍तर तक के अधिकारी) एवं अधिकृत अधिकारी (जिला प्रबंधक मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन/जिला विपणन अधिकारी मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ) को निरीक्षण के अधिकार हैं।

ओपन कैंप में अनियमिततायें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

41. ( क्र. 2239 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या मण्‍डला जिले के ठरका ओपन कैंप में पिछले वर्ष का धान का दिसम्‍बर, 2020 से मार्च, 2021 तक अनिवार्य रूप से परिवहन होना था? परंतु प्रश्‍न दिनांक तक परिवहन नहीं हो सका है? क्‍या कारण है? (ख) प्रश्‍नांश (क) परिवहन नहीं होने से कितने क्विंटल धान खराब हुई? (ख) उक्‍त ओपन कैंप से धान परिवहन न होने से हजारों क्विंटल अनाज सड़ गया। शासकीय संपत्ति का इस तरह से उच्‍च अधिकारियों द्वारा अपना दायित्‍व नहीं समझना कार्य के प्रति उदासीनता का प्रतीक है। क्‍या उक्‍त संबंध में शासन स्‍तर से कोई कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं  (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान्‍न पर्ची बनाने पर रोक

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

42. ( क्र. 2249 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की तहसील पथरिया एवं बटियागढ़ में खाद्यान्‍न पर्ची हेतु पात्र परिवारों की राशन पर्ची बनाये एवं राशन वितरण में छ: महीने से अधिक समय लग रहा क्‍यों? (ख) क्‍या भोपाल कार्यालय से राशन पर्ची जारी करने पर रोक लगाई गई है? (ग) यदि ऐसा नहीं है, तो क्‍या विधानसभा क्षेत्र पथरिया के पात्र हितग्राहियों को एक माह के अंदर राशन पर्ची एवं राशन उपलब्‍ध कराने की योजना हेतु निर्देश देना चाहेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) दमोह जिले की पथरिया एवं बटियागढ़ में खाद्यान्‍न पर्ची हेतु पात्र परिवारों की राशन पर्ची बनाये जाने एवं राशन वितरण में छ: माह का समय नहीं लगता बल्कि पात्र परिवारों की राशन पर्चियां प्रतिमाह जारी होती है। माह अगस्‍त 2021 से जनवरी 2022 तक माहवार कुल 1269 पात्रता पर्चियां जारी हुई है। (ख) जी नहीं। (ग) विधानसभा क्षेत्र पथरिया के पात्र हितग्रहियों को प्रतिमाह राशन पर्ची जारी होती है जिन्‍हें पात्रता अनुसार राशन उपलब्‍ध होता है। पात्रता पर्ची जारी होना एक सतत् प्रक्रिया है। अत: पृथक से निर्देश देने की आवश्‍यकता नहीं है।

पुनर्वास राशि प्रदान करने में भ्रष्टाचार

[राजस्व]

43. ( क्र. 2277 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) वर्ष 2018 एवं 2019 में कुंडालिया डेम परियोजना में ग्राम कड़लावद अंतर्गत कितने व्यक्ति/परिवार को पुनर्वास राशि प्रदान की गई है एवं ऐसे कितने व्यक्ति/परिवार थे जिन्हें तत्कालीन पटवारी के अतिक्रमण प्रतिवेदन के आधार पर पुनर्वास राशि हेतु अपात्र किया गया या प्रकरणों को रोका गया? पृथक-पृथक सूची प्रदान करें। संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें जिनके आधार पर उक्त व्यक्ति/परिवार को पुनर्वास राशि हेतु अपात्र किया गया या जिनके प्रकरणों को अतिक्रमण के आधार पर लंबित रखा गया। (ख) उक्त अपात्र अथवा लंबित प्रकरणों की सूची में से वर्ष 2020 एवं 2021 में कुछ व्यक्तियों/परिवारों को पुनः जांच के पश्चात् अतिक्रमण नहीं पाए जाने की रिपोर्ट के आधार पर पुनर्वास राशि हेतु पात्र करते हुए राशि जारी की गई है या की जाना है? ऐसे व्यक्तियों/परिवारों की सूची प्रदान करे। साथ ही अतिक्रमण संबंध में पुनः जांच रिपोर्ट बनाने वाले अधिकारी/कर्मचारी के प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में तत्कालीन राजस्व अमले द्वारा उक्त व्यक्तियों/परिवारों के प्रति जानबूझकर झूठी अतिक्रमण रिपोर्ट दी गई थी या वर्तमान राजस्व अमले द्वारा सांठ-गांठ कर दस्तावेज बदलकर उक्त व्यक्तियों या परिवारों को अतिक्रमण नहीं होने की रिपोर्ट बताकर पात्र किया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2018 एवं 2019 में कुण्डालिया डेम परियोजना में ग्राम कडलावद अंतर्गत 703 व्यक्तियों को पुनर्वास राशि प्रदाय की गई जिसकी  जानकारी पुस्तकालय में परिशष्ट-एक अनुसार है। कुल 21 व्यक्तियों के अतिक्रमण के प्रतिवेदन तत्कालीन हल्का पटवारी की ओर से प्राप्त होने से उक्त 21 व्यक्तियों के प्रकरण लंबित थे जिनकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट- दो अनुसार है। (ख) तत्समय उपरोक्त 21 व्यक्तियों के अतिक्रमण के संबंध में वर्तमान में पुनः प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जिसमें से 09 व्यक्तियों के अतिक्रमण नहीं पाये जाने के फलस्वरूप जांच दल द्वारा पात्रता का निर्धारण कर पात्र पाये जाने की रिपोर्ट अनुसार पुनर्वास राशि हेतु पात्र पाये जाकर अवार्ड पारित किया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट- तीन अनुसार है। (ग) तत्समय तथा वर्तमान में मौके के मान से ही अतिक्रमण की रिपोर्ट दी गयी।

भूमिस्‍वामी की जमीन को अतिक्रमण मुक्‍त कराया जाना

[राजस्व]

44. ( क्र. 2332 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला ग्‍वालियर अंतर्गत तहसील ग्‍वालियर के पटवारी हल्‍का गिरवाई के भूमि सर्वे क्र.45/1 से 131/9 तक कुल 81 नम्‍बरों का कुल रकवा 181 बीघा 17 विस्‍वा में ईंट भट्टा/चिमनी लगाकर स्‍थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया है यदि हाँ, तो भूमि स्‍वामी आवेदक द्वारा ग्‍वालियर के कमिश्‍नर, कलेक्‍टर, एस.डी.एम., तहसीलदार को कब-कब कितने शिकायती पत्र दिये गये हैं तथा उन पत्रों पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? शिकायती पत्रों एवं आदेश प्रतियों सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्‍या भूमि स्‍वामी द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर में WP No. 5096 के पारित निर्णय आदेश दिनांक 25.09.2014 में अतिक्रमण मुक्‍त कराने का आदेश दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक अतिक्रमण हटाने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार पट्टे की भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त न कराने का दोषी कौन हैं? क्‍या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे तथा उक्‍त भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्‍त करा देगें? यदि नहीं तो क्‍यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर के WP No-5096 में पारित आदेश दिनांक 25.09.2014 में अतिक्रमण हटाने का आदेश नहीं दिया गया। (ग) उत्‍तरांश '' '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भुगतान के दोषियों पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

45. ( क्र. 2333 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तारांकित प्रश्‍न क्र. 4678 दिनांक 22.03.2021 एवं प्रश्‍न क्र. 908 दिनांक 22.12.2021 दोनों प्रश्‍नों के उत्‍तरों में यह बताया कि परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका हैं व डिजाईन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्‍य अभियंता बोधी, भोपाल में परीक्षणाधीन है यदि हाँ, तो डिजाइन व ड्राइंग के परीक्षणाधीन के पहले ही कंपनी को सामग्री का 412.50 करोड़ राशि का भुगतान किया जाना क्‍यों प्रतिवेदित बताया गया? सामग्री का नाम एवं कीमत सहित जानकारी देवें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार दोनों तारांकित प्रश्‍नों के उत्‍तरों में यह भी बताया कि शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है तथा जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जांच निष्‍कर्ष अनुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त हुआ? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन उपरांत क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या मां रतनगढ़ नहर परियोजना अंतर्गत निर्माण एजेंसी को कार्य किये बिना 412.50 करोड़ के भुगतान का जांच प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराने तथा दोषियों पर कार्यवाही करने बावत् प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 840 दिनांक 07.02.2022 में प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग को दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक पत्र में चाही गई जानकारी उपलब्ध क्‍यों नहीं कराई गई? इसके लिए कौन दोषी हैं? क्‍या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे तथा पत्र में चाही गई जानकारी कब तक उपलब्‍ध करा दी जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। अनुबंधित एजेंसी को राशि रू. 412.50 करोड़ का भुगतान सामग्&