मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च-अप्रैल, 2020 सत्र
मंगलवार, दिनांक 17 मार्च, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
सारंगपुर
अंतर्गत
पंजीकृत
प्रकरण
[गृह]
1. ( *क्र. 132 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक चोरी, मर्डर तथा बलात्कार के कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये? प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में चोरी, मर्डर तथा बलात्कार के कितने प्रकरणों के आवेदन किन कारणों से लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने पंजीकृत दर्ज प्रकरणों में विभाग द्वारा कार्यवाही की जाकर सफलता प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष पंजीकृत प्रकरणों जिनमें सफलता प्राप्त नहीं हुई है, उक्त प्रकरणों में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) चोरी के 12 प्रकरण एवं बलात्कार के 01 प्रकरण में अनुसंधान जारी रखते हुये प्रकरण में आरोपियों की पतारसी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में समाहित है।
मुख्य मंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( *क्र. 2 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अन्तर्गत किन-किन के आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा एवं विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी जबावदार हैं? (ग) प्रकरण स्वीकृति उपरांत राशि भुगतान के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (घ) राशि भुगतान के लिए किन-किन के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? कब तक राशि का भुगतान होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अन्तर्गत राशि भुगतान के लिए 45 प्रकरण संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय में बजट के अभाव में लंबित हैं। राज्य शासन द्वारा 06 अक्टूबर, 2018 को मण्डी शुल्क 2% से घटाकर 1.5% किया गया है, जिसका वर्गीकरण नहीं होने से उक्त मद में राशि कम प्राप्त हो रही है, जिसके कारण इनका भुगतान लंबित है। मण्डी शुल्क 1.5% के वर्गीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक/डी-15-7/15/14-3, दिनांक 01.04.2015 अनुसार योजना के नियम/प्रावधान के अंतर्गत हितग्राहियों से प्राप्त आवेदन को स्वीकृत कर, भुगतान करने के पूर्ण अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त होने से प्राप्त प्रकरणों को 07 दिवस की समय-सीमा में जांच उपरांत स्वीकृत करने एवं 15 दिवस की समयावधि में हितग्राही को सहायता राशि भुगतान किये जाने का प्रावधान स्थापित किया गया है। परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मण्डी शुल्क 1.5% के वर्गीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) योजना अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों को 07 दिवस की समय-सीमा में जांच उपरांत स्वीकृत करने एवं 15 दिवस की समयावधि में संबंधित हितग्राही को सहायता राशि भुगतान किये जाने के निर्देश हैं। परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) सहायता राशि भुगतान के लिए 45 प्रकरण संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय में बजट के अभाव में लंबित हैं। राज्य शासन द्वारा 06 अक्टूबर 2018 को मण्डी शुल्क 2% से घटाकर 1.5% किया गया है, जिसका वर्गीकरण नहीं होने से उक्त मद में राशि कम प्राप्त हो रही है, जिसके कारण इनका भुगतान लंबित है। मण्डी शुल्क 1.5% के वर्गीकरण की कार्यवाही प्रकियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( *क्र. 374 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के लिए वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत कितने आवासों की स्वीकृति/लक्ष्य प्रदाय किया गया था? (ख) मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत वर्ष 2019-20 हेतु कितने बजट का प्रावधान किया है एवं कितने आवास निर्माण होंगे? (ग) प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) वर्ष 2019-20 अंतर्गत कितने आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई एवं कितने आवास निर्माणाधीन हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) वर्ष 2019-20 के तहत केन्द्र सरकार के लक्ष्य को प्रदेश सरकार द्वारा क्यों पूर्ण नहीं किया गया तथा वर्तमान लक्ष्य को भी पूर्ण नहीं किया जा रहा है, तो इसके लिए कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 8.32 लाख। (ख) 6600 करोड़, लगभग 4.25 लाख आवास का निर्माण होगा। (ग) प्रश्न दिनांक तक 3.72 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) लक्ष्य को पूर्ण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टाम्प शुल्क से कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 535 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 15 जुलाई, 2019 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 1561 के पुस्तकालय परिशिष्ट अनुसार स्टाम्प शुल्क से कराए गए 78 कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई थी? क्या उक्त जानकारी के साथ प्रस्तुत प्रपत्र (ख) में दी गई जानकारी अनुसार लेब परीक्षण की स्थिति के कॉलम में बताया गया है कि लेब परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है, निर्माण कार्यों के लेब परीक्षण के लिए शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? निर्देश की कॉपी देवें। (ख) क्या लेब परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो प्रस्तुत करें? यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट करें। जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उनकी लेब परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है और दोषी पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रपत्र-अ में सरल क्रमांक 19, 45, 53, 55, 60, 66, 69, 70 एवं 74 के दो तीन वर्ष के स्वीकृत कार्य प्रारम्भ नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार है, वर्तमान तक कार्य प्रारम्भ और कार्य पूर्ण कराने की दिशा में क्या पहल की गई? उक्त कार्यों की क्या स्थिति है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सूची के सरल क्र. 19, 53, 55, 60, 66 एवं 74 में दर्ज निर्माण कार्य आयुक्त पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक/पं.राज./निर्माण/06/2019/10760 भोपाल दिनांक 16.08.2019 के अनुक्रम वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में स्वीकृत अप्रारंभ कार्य निरस्त कर दिये गये हैं एवं शेष 3 कार्य वर्तमान स्थिति में प्रगतिरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शासकीय भूमि में स्थित प्रतिमा को क्षति पहुँचाने पर कार्यवाही
[गृह]
5. ( *क्र. 793 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बालाघाट के अंतर्गत ग्राम भरवेली के वार्ड क्र. 8 के खसरा नं. 4/3 रकबा 0.709 शासकीय भूमि में स्थित बौद्ध विहार को क्षति पहुँचाने पर दिनांक 26.06.2003 को थाना भरवेली, अजाक्स थाना बालाघाट एवं पुलिस अधीक्षक बालाघाट में शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो समाजिक एवं धार्मिक क्षति पहुँचाने वाले दोषियों के विरूद्ध की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर पिटीशन क्रमांक 27767/2003 में माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 13.04.2005 को पारित आदेश में पुलिस अधीक्षक बालाघाट को दिए गए निर्देश के परिपालन में दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. तथा कार्यवाही के संबंध में निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई एवं किन-किन दोषियों के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार माननीय न्यायालय के निर्देश के परिपालन में दोषियों पर कार्यवाही नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) क्या उक्त घटना के संबंध में दिनांक 28.12.2019 को कार्यालय पुलिस अधीक्षक बालाघाट से सूचना के अधिकार अंतर्गत जानकारी मांगी गई थी? यदि हाँ, तो क्या जानकारी दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 27.06.2003 को रमाताई महिला मंडल भरवेली द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय बालाघाट को शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच उप पुलिस अधीक्षक अजाक बालाघाट से कराई गई थी। वस्तुस्थिति यह है कि तहसीलदार एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में चबूतरे का अतिक्रमण हटाया गया। कार्यवाही के दौरान किसी समुदाय के प्रति असम्मान नहीं पहुंचाया गया। (ख) यह कहना सही नहीं है कि माननीय उच्च न्यायालय ने किसी के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश दिये। वस्तुस्थिति यह है कि माननीय उच्च न्यायालय ने निर्देश दिये कि Regard being had to the aforesaid Submission, I am inclined to direct the respondent No. 3 to look into the matter within the parameters of code of criminal procedure. उपरोक्त तथ्य के प्रकाश में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) हाँ। जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री हाट बाजार योजनान्तर्गत हाट बाजारों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 283 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2012 से 2014 तक मुख्यमंत्री हाट बाजार योजनान्तर्गत जिला पंचायत द्वारा कुल कितने हाट बाजार निर्माण हेतु स्वीकृत किये गये? ग्रामवार राशि सहित बतायें। उनमें से कितने कार्य पूर्ण तथा कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या योजना के प्रावधानों के अनुरूप हाट बाजार स्वीकृत एवं निर्मित किये गये हैं? क्या उक्त योजना में जिन ग्रामों में पूर्व से हाट बाजार लगते हैं, केवल उन्हीं ग्रामों में हाट बाजार निर्माण करने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो योजनान्तर्गत निर्मित कितने हाट बाजारों में नियमित बाजार लग रहे हैं तथा कितने में नहीं लग रहे हैं, ग्रामवार बतायें? (ग) जिन ग्रामों में योजनानुसार हाट बाजार नहीं लग रहे हैं या कार्य अपूर्ण हैं, उसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं ऐसी जगहों/ग्रामों में जहाँ पूर्व से हाट बाजार नहीं लगते थे, वहाँ हाट बाजार स्वीकृत कर शासन की राशि का दुरूपयोग करने के लिये जिम्मेदार एवं दोषी अधिकारियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री हाट बाजार योजनान्तर्गत जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2012 से 2014 तक कुल 97 हाट बाजार स्वीकृत हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिन ग्रामों में हाट बाजार के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उन ग्रामों में बाजार लग रहे हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा द्वितीय/अंतिम किश्त के प्रस्ताव अनुसार क्रियान्वयन एजेन्सी को शेष राशि जारी किये जाने पर अपूर्ण/प्रगतिरत हाट बाजार पूर्ण करा लिये जावेंगे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपसंभाग लखनादौन में निर्माण कार्यों की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 525 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के जनपद पंचायत लखनादौन में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक जनपद पंचायत लखनादौन मुख्यालय में पंचायत विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की कार्यवार, स्थानवार लागत, इन निर्माण कार्यों की निर्माण एजेंसी व निर्माण सामग्री क्रय करने की प्रक्रिया व बिलों के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सिवनी जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिवनी के उप संभाग लखनादौन में ढोढामाल से ढोढारैयत में निर्माणाधीन स्लैबकल्वर्ट एवं उप संभाग सिवनी के अंतर्गत ग्राम बिहिरिया, ग्राम छिड़िया पलारी, ग्राम रिझाईटोला एवं ग्राम कंडीपार में निर्मित/निर्माणाधीन तालाब में की गई अनियमितता के संबंध में प्रश्नांश (क) अवधि से आज दिनांक तक प्राप्त शिकायतें और इन शिकायतों के विरूद्ध की गई जांच का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) सिवनी जिले की जनपद पंचायत केवलारी में पदस्थ सी.ई.ओ. श्री विनोद मरावी के विरूद्ध अपने पद के दुरूपयोग करते हुए अनेक अनियमिततायें एवं क्षेत्र में भ्रष्टाचार किए जाने संबंधी पत्र जिला कलेक्टर सिवनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी एवं विभाग एवं शासन प्रमुख को की गई शिकायत का विवरण देवें एवं शिकायत के संबंध में की गई जांच में क्या उक्त अधिकारी को दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध आज दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उपसंभाग लखनादौन में ढोलामाल से ढोढारैयत में निर्माणाधीन स्लैबकल्वर्ट की शिकायत प्राप्त हुई थी, कराये जा रहे कार्य में ठेकेदार को पियर कार्य में निम्न गुणवत्ता पाने पर उसे तुड़वाकर पुन: गुणवत्तापूर्ण भी कराया गया, वर्तमान में कार्य गुणवत्तापूर्ण है एवं उसमें अनियमितता का निराकरण भी हो चुका है। इसी तरह उपसंभाग सिवनी के अंतर्गत ग्राम बिहिरिया में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर निर्माण कार्य निविदा पद्धति से कराया गया है। उक्त कार्य में शिकायत प्राप्त हुई थी, जांच उपरांत शिकायतकर्ता द्वारा संतुष्टि पूर्ण शिकायत का निराकरण कर लिया गया है। ग्राम छिड़िया पलारी में निर्माणाधीन तालाब जो मनरेगा योजना से स्वीकृत है, में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यह कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन है एवं गुणवत्तापूर्ण है। ग्राम रिझाईटोला में निर्मित तालाब मनरेगा योजना अंतर्गत स्वीकृत है। उक्त कार्य में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसका निराकरण संतुष्टिपूर्वक कर शिकायत को बंद करा दिया गया है। ग्राम कंडीपार में निर्मित/निर्माणाधीन तालाब में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पूर्व में प्राप्त शिकायतों की जांच कराई गई, जिसमें पूर्व में की गई समस्त शिकायतें निराधार पाई गईं। अत: संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई। वर्तमान में प्राप्त 3 शिकायतों पर जांच प्रचलन में है। जांच निष्कर्ष उपरांत तदनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ में नवीन थाना/चौकी प्रारम्भ की जाना
[गृह]
8. ( *क्र. 170 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना मण्डल, राजगढ़ के प्रस्ताव के आधार पर पत्र क्र.पुअ/राज./ए.सी.1/19, दिनांक 30.04.2019 द्वारा नवीन थाना ग्राम पुरा खाजला (खिलचीपुर) खोलने बाबत् प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन योजना मण्डल, राजगढ़ के पारित प्रस्ताव के आधार पर नवीन पुलिस थाना खोल देगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पुरा खाजला (खिलचीपुर) में नवीन पुलिस थाने की स्थापना का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
500 तक की आबादी वाले ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 633 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्र. 7141/मंत्री/पं. एवं ग्रा.वि./2019, दिनांक 26.12.2019 द्वारा विधान सभा क्षेत्र दिमनी, जिला मुरैना के ग्रामों को जिनकी जनसंख्या सामान्य क्षेत्र में 500 से अधिक है, को सड़कों से एकल सम्पर्कता प्रदाय करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना संचालित है व उनके पत्र के साथ संलग्न प्रारूप में विकासखण्ड अम्बाह में इकहरा ग्राम जोड़ा गया है? (ख) यदि हाँ, तो शेष ग्रामों को जोड़ने हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 43/वि.दि./2020, दिनांक 14.01.2020 को भेजा जा चुका है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों? पत्र के साथ संलग्न 500 तक की आबादी वाले ग्रामों को कब तक मुख्य मार्गों से जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। विकास खण्ड अम्बाह अंतर्गत इकहरा ग्राम जोड़े जाने हेतु विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांकित पत्र संज्ञान में नहीं है। माननीय विधायक से प्रस्तावित कार्यों की सूची प्राप्त की गई। सूची में प्रस्तावित कार्य मजरा-टोले/दोहरी सम्पर्कता से मार्ग निर्माण किए जाने से संबंधित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत एकल सम्पर्कता विहीन राजस्व ग्रामों को सम्पर्कता प्रदान की जाती है, अत: उक्त पत्र में उल्लेखित मार्गों की स्वीकृति संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकी।
जनपदों को ओ.डी.एफ. घोषित करने संबंधी नीति/निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. (*क्र. 277 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की जनपदों को किस-किस दिनांक को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया? सूची देवें। ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक को जिला एवं जनपदों में कितने शौचालय प्रगतिरत/निर्माणाधीन/पूर्ण/ अप्रारंभ थे? (ख) सिवनी जिले में ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक तक निवासरत परिवारों की संख्या पंचायतवार, जनपद पंचायतवार देवें। (ग) स्वच्छ भारत अभियान से पूर्व जनपद पंचायतों में समस्त योजनाओं में निर्मित शौचालयों की स्िथति क्या थी? यह निरीक्षण संबंधी दस्तावेज का विवरण देवें। (घ) ओ.डी.एफ. घोषित करने संबंधी विभागीय नीति/निर्देश की विस्तृत जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सिवनी जिले के समस्त जनपद पंचायतों को दिनांक 02.10.2018 को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया एवं जनपद पंचायतों में प्रगतिरत, निर्माणाधीन एवं पूर्ण शौचालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक तक निवासरत् परिवारों की संख्या, ग्राम पंचायतवार, जनपद पंचायतवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सिवनी जिले में स्वच्छ भारत अभियान से पूर्व जनपद पंचायतों में समस्त योजनाओं से निर्मित शौचालयों की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शौचालय के निरीक्षण संबंधी दस्तावेज ग्राम पंचायत द्वारा सत्यापन के उपरांत जनपद पंचायत के माध्यम से मांग पत्र उपलब्ध कराए जाते थे, उसके आधार पर ही संबंधित ग्राम पंचायतों को भुगतान आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया जाता था। (घ) नीति/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
औद्योगिक क्षेत्र रिछाई (जबलपुर) में बंद उद्योगों की संख्या
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
11. ( *क्र. 1158 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या औद्योगिक क्षेत्र रिछाई (जबलपुर) में समस्त उत्पादन इकाइयाँ प्रारंभ हैं? (ख) यदि नहीं, तो कितनी इकाइयाँ प्रारंभ हैं? कितनी बंद हैं? कारण सहित बतावें। (ग) किस उद्योग के लिये भूमि आवंटित है, किन्तु आज उद्योग बंद हैं? जानकारी देवें। (घ) बंद पड़े उद्योगों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नागत औद्योगिक क्षेत्र में प्रारंभ इकाइयों की संख्या 251 एवं बंद इकाइयों की संख्या 12 है। (ग) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत ग्रेवल मार्ग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 326 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक महात्मा गांधी नरेगा मद से कितनी ग्राम पंचायतों में कितनी ग्रेवल सड़कें कितनी लंबाई की स्वीकृत की गयी हैं? मजदूरी व सामग्री मद में कितनी राशि व्यय की गयी? ग्राम पंचायतवार स्वीकृत लागत सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में सड़क निर्माण कार्यों की निगरानी/मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा किया गया तथा उक्त कार्यों का भुगतान किस अधिकारी द्वारा किया गया? जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक महात्मा गांधी नरेगा मद से 67 ग्राम पंचायतों में 174 ग्रेवल सड़कें 160.74 किमी लंबाई की स्वीकृत की गई। ग्राम पंचायतवार शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
परफॉरमेंस ग्राण्ट का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 113 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा परफॉरमेंस ग्राण्ट जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यों को आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो जिला छतरपुर में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कब कब परफॉरमेंस ग्राण्ट जारी की गयी है? उक्त कार्यों की पूर्णता उपरांत द्वितीय/अंतिम भुगतानों की सूची सहित कार्यों का उल्लेख करते हुए बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो जिला छतरपुर में वर्ष 2019-20 की जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद अध्यक्ष तथा सदस्यों की परफॉरमेंस ग्राण्ट क्यों जारी नहीं की गयी है? (घ) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यों को कब तक शेष बची परफॉरमेंस ग्राण्ट जारी कर दी जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला पंचायत/जनपद पंचायत के निर्वाचित पदाधिकारियों के विकल्प पर अधोसंरचनात्मक कार्यों हेतु वर्ष 2019-20 की राशि राज्य स्तर से जारी कर दी गई है। राशि का उपयोग करने हेतु विभाग द्वारा नवीन दिशा निर्देश जारी होने तक राशि के उपयोग पर अस्थाई रोक लगाई गई है। (घ) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक अध्यक्ष व सदस्यों को उपयोगिता प्रमाण-पत्र के आधार पर द्वितीय किश्त की राशि जारी कर दी गई है। जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। वर्ष 2019-20 की राशि विभाग द्वारा राशि का उपयोग करने हेतु नवीन निर्देश प्रसारित करने के उपरांत जारी की जाना है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बटालियन (कम्पनी) में आरक्षकों के स्थानान्तरण
[गृह]
14. ( *क्र. 98 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2019 के पश्चात् प्रदेश में बटालियन में कम्पनियों के आरक्षकों के स्थानांतरण को लेकर कुल कितनी राशि खर्च हुई? प्रदेश में विभिन्न कम्पनियों में कार्यरत आरक्षक के कितने समय में किस चक्र के अनुसार स्थानांतरण किये जाते हैं? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग प्रदेश में विभिन्न कम्पनियों में कार्यरत आरक्षक के एक ही स्थल पर 5 वर्ष तक स्थानान्तरण न करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो इसका पालन कब तक किया जाएगा? यदि नहीं, तो विभिन्न कम्पनियों में कार्यरत आरक्षक के स्थानांतरण 15-15 माह में किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या विभाग मानता है कि 15-15 माह में स्थानांतरण होने से आरक्षक का परिवार पूर्णत: प्रभावित होता है? पुलिस विभाग में आरक्षकों के अलावा किन-किन पदों पर कार्यरत पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण 15-15 माह में होते हैं? सूची देवें। यदि नहीं, तो आरक्षक के क्यों? (घ) क्या उक्त आरक्षकों के स्थानांतरण 15-15 माह में होना आरक्षकों के ऊपर विभाग द्वारा मानसिक प्रताड़ना की श्रेणी में नहीं आता है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में आरक्षकों के लगातार डिप्रेशन एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित होने का यह भी मुख्य कारण है? विगत वर्षों में इसका अध्ययन विभाग द्वारा कब-कब किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) कोई राशि व्यय नहीं हुई। आरक्षकों के स्वयं के निवेदन पर अथवा प्रशासनिक दृष्टि से स्थानांतरण किये जाते हैं। कंपनी से कंपनी स्थानांतरण करने के संबंध में कोई नियम नहीं है। (ख) जी नहीं। 15-15 माह में स्थानांतरण नहीं किये जाते हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभाग द्वारा इस संबंध में कोई अध्ययन नहीं किया गया है।
वर्ष 2007 से 2011 तक की PMT परीक्षाओं की जांच
[गृह]
15. ( *क्र. 411 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले में PMT 2012 तथा PMT 2013 की परीक्षा में व्यापम द्वारा जांच में पाये गये रोल नम्बर सेटिंग पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किये गये? यदि हाँ, तो बतावें कि PMT 2007 से 2011 तक रोल नम्बर सेटिंग पर प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किये गये? (ख) क्या PMT 2007 से PMT 2011 की परीक्षा के दौरान सुधीर भदौरिया व्यापम के परीक्षा नियंत्रक थे तथा उन्हें बचाने के लिये STF PMT 2007 से PMT 2011 के रोल नम्बर सेटिंग के प्रकरण दर्ज नहीं कर रही है? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित प्रकरण दर्ज न करने के कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में बनी हुई नोटशीट, पत्र व्यवहार की समस्त प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि प्रकरण दर्ज किया जायेगा या नहीं, ताकि न्याय हेतु वाद दायर किया जा सके।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जी नहीं। पी.एम.टी. परीक्षा 2012, 2013 में मात्र रोल नंबर सेटिंग पर प्रकरण दर्ज नहीं किया है, परंतु उक्त अपराध में रोल नंबर सेटिंग के साथ, नकल कराना, अवैध रूप से उक्त कार्य हेतु पैसे के लेनदेन के प्रमाण आदि के साक्ष्य पर से कायम किए गए थे। मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य साक्ष्य के अभाव में अभ्यर्थियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए। डॉ. सुधीर भदौरिया उक्त अवधि में व्यापम के परीक्षा नियंत्रक अवश्य थे, किन्तु उन्हें बचाने के लिए नहीं अपितु पी.एम.टी. 2008 से 2011 में मात्र इम्पेरिकल रूल के अतिरिक्त कोई अन्य साक्ष्य उपलब्ध न होने से प्रकरण दर्ज नहीं किए गए। शेषांक का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध शस्त्र लाइसेंस के दर्ज प्रकरण
[गृह]
16. ( *क्र. 715 ) श्री कमल पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सतना जिले सहित किस-किस जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस जारी करने के प्रकरण 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुए हैं? (ख) सतना जिले सहित किस-किस जिले में कितने अवैध शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए? (ग) सतना जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस में कौन-कौन दोषी पाए गए? किन-किन के विरूद्ध किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए? (घ) सतना जिले सहित कितने जिलों में अवैध शस्त्र लाइसेंस के दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) सतना जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस जारी करने के 112 अपराधिक प्रकरण एस.टी.एफ. द्वारा पंजीबद्ध किए गए हैं। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) सतना जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस संबंधी एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज 112 प्रकरणों में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, सतना ने अपनी प्राथमिकी में युगुल किशोर गर्ग, अभयराज सिंह, रामभैया शर्मा एवं रामसजीवन कौल को आरोपित किया है। प्रकरण की विवेचना उपरांत समस्त दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उपयंत्रियों का जिला पंचायत में संयोजन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 531 ) श्री महेश परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में उज्जैन संभाग अन्तर्गत ऐसे कितने जिले हैं, जहां शासन के निर्देश किसी भी उपयंत्री को अन्य कार्य हेतु जिला पंचायत में संयोजित नहीं किया जाना है, का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो ऐसी उज्जैन संभाग अन्तर्गत कितनी जिला पंचायतें हैं, जहां उक्त निर्देश का उल्लंघन कर अन्य कार्य हेतु जिला पंचायतों में उपयंत्रियों को संयोजित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा जारी निर्देश के उपरांत भी उपयंत्रियों से अन्य कार्य करवाने के लिए जिले में कौन-कौन से जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शासन के इस निर्देश की अवेहलना की गयी है और उनके विरुद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाहियाँ प्रस्तावित की गयी हैं? यदि नहीं, तो अनुशासनात्मक कार्यवाही से बचाने का कारण क्या है और यदि कार्यवाही प्रस्तावित की गयी है तो जानकारी सहित प्रस्तुत करें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जिला पंचायत में शासन के निर्देशों की अवेहलना करते हुए उपयंत्रियों को अन्य कार्य हेतु संयोजित किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? उक्त नियम की जानकारी उपलब्ध कराई जाये और शासन के नियमों का उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पद एवं संयोजन का जो आदेश जारी किया गया है उसकी प्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत समस्त 06 जिलों में शासन के निर्देश का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जनपद पंचायत के कर्मचारियों को पेंशन का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 96 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की जनपद पंचायत में कार्यरत जनपद कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है? (ख) क्या प्रदेश की जनपद पंचायत में कार्यरत जनपद कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिये जाने हेतु शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) क्या प्रदेश सरकार स्तर की समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन जनपद पंचायत स्तर पर कराया जाता है? यदि हाँ, तो उनका क्रियान्वयन करने वाले जनपद कर्मचारियों को भी प्रदेश सरकार के शासकीय कर्मचारियों की भांति सुविधाओं से वंचित क्यों रखा गया है? (घ) क्या प्रदेश के जनपद कर्मचारियों को प्रदेश सरकार के शासकीय कर्मचारियों की भांति पेंशन आदि सुविधाओं को लाभ दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारी स्वशासी निकाय के कर्मचारी होने से इनसे म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में प्रावधानित म.प्र. पंचायत सेवा (भर्ती तथा सेवा की सामान्य शर्तें) 1999 के अनुसार कार्य लिया जाता है। जनपद पंचायत के कर्मचारी स्थानीय निकाय के कर्मचारी होने से उन्हें शासकीय कर्मचारियों के समान सुविधाओं की पात्रता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-2/24/2009/22/पं-1, दिनांक 11.06.2012 के अनुसार जनपद पंचायतों की सेवाओं में नियोजित मूल पदों के कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की भर्ती फर्जीवाड़े की जांच
[गृह]
19. ( *क्र. 612 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले पर लंबित 1040 शिकायतों में से थाने में भेजी गयी 530 शिकायतों के बारे में बतावें कि उन्हें किस दिनांक को भेजा गया तथा उत्तर दिनांक तक किस-किस थाने की शिकायत पर जांच पूर्ण हो गयी है तथा किस-किस शिकायत के आधार पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा कितनी नस्तीबद्ध हुई? (ख) एस.टी.एफ. द्वारा जांच हेतु चयनित 197 शिकायतों के चयन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी समस्त संबंधित दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें तथा उस कमेटी अधिकारी का नाम तथा पद बतावें जिन्होंने चयन की अनुशंसा की? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितनी शिकायतों में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़े का उल्लेख है? क्या एस.टी.एफ. की नये सिरे से प्रारम्भ की गई जांच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी., एन.आर.आई. तथा डीमेट के माध्यम से भर्ती पर जांच की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर तथा सितम्बर 2019 में दिये गये उनके बयान के आधार पर किस-किस बिन्दु पर निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़े की जाँच की जा रही है तथा बतावें कि निजी चिकित्सा महाविद्यालय की भर्ती के किस वर्ष की जांच न करने का निर्णय लिया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रदेश के जिलों में भेजी गई 530 शिकायतों में 179 में कार्यवाही पूर्ण हो गई है, जिस पर से 02 शिकायतों में अपराध पंजीबद्ध हुए हैं तथा 177 शिकायतें नस्तीबद्ध की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा जांचरत 197 शिकायतों को तत्कालीन विशेष पुलिस महानिदेशक के निर्देशानुसार 03 एस.आई.टी. गठित कर किया गया, जिनके प्रभारी क्रमशः श्री राजेश सिंह भदौरिया, पु.अ. एस.टी.एफ. भोपाल, श्री पद्मविलोचन शुक्ल, पु.अ. एस.टी.एफ. इंदौर, श्री अमित सिंह तत्का. पु.अ. एस.टी.एफ. ग्वालियर हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) शिकायतकर्ता श्री आनंद राय, मान. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा एवं श्री आशीष चतुर्वेदी की शिकायतों में इसका उल्लेख है। जी नहीं, निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश में फर्जीवाड़े की जांच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित हैं। (घ) मान. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा सितम्बर 2019 में शिकायत में दिए गए बयान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में भर्ती में फर्जीवाड़े का उल्लेख किया है, जिस संबंध में जांच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 547 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्तमान में कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं, कितनी सड़कें समय अवधि में पूर्ण हो चुकी हैं, कितनी सड़कें समय अवधि के बाद पूर्ण हुई एवं कितनी नवीन सड़कें विगत 2 वर्षों में स्वीकृत की गई? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विगत 2 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी सड़कों की मरम्मत के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई, किन-किन सड़कों पर मरम्मत कार्य किए गए एवं किस-किस एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) निर्माणाधीन एवं मरम्मत सड़कों की गुणवत्ता के संबध में कौन-कौन से परीक्षण (गिट्टी, रेती, मिट्टी, डामर, सीमेंट) कब-कब किसके द्वारा किये गए? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया और किन-किन सड़कों में क्या-क्या कमी पाई गई? सड़कवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्तमान में 02 सड़कें निर्माणाधीन हैं, 07 सडकें समय अवधि में पूर्ण हुई हैं, 80 सड़कें समय अवधि के बाद पूर्ण हुई हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विगत 2 वर्षों में किसी भी नवीन सड़क की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। (ख) विगत 2 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 29 सड़कें मरम्मत कार्यों हेतु स्वीकृत की गईं हैं। स्वीकृत राशि, किये गये मरम्मत कार्य एवं एजेंसी को किये गये भुगतान की सड़कवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) निर्माणाधीन एवं मरम्मत सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में किये गये परीक्षण (गिट्टी, रेती, मिट्टी, डामर, सीमेंट) की सड़कवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की सड़कवार सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
हिन्दू नागरिकों को नागरिकता देने के लंबित मामले
[गृह]
21. ( *क्र. 796 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गृह विभाग में पाकिस्तान के हिन्दु नागरिकों को नागरिकता देने के कितने मामले लंबित हैं? (ख) उक्त मामले किस-किस व्यक्ति के हैं, उनका नाम पता भी बताएं? यह भी बतायें कि संबंधित आवेदक ने नागरिकता प्रदान करने हेतु मूल आवेदन कब दिया था? मामलों के लंबित रहने का कारण भी बताएं। (ग) भारत सरकार के गृह विभाग ने 23 दिसम्बर, 2016 की अधिसूचना के माध्यम से अपने अधिकार प्रदेश के भोपाल और इन्दौर के कलेक्टर को प्रत्यायोजित करने के बाद भोपाल और इन्दौर में कितने-कितने नागरिकता के मामले वर्षवार निपटाये गये और वर्तमान में दोनों शहरों में कितने-कितने मामले लंबित हैं? (घ) प्रदेश के गृह विभाग, कलेक्टर भोपाल व इन्दौर के पास लंबित भारत की नागरिकता के मामले कब तक निपटा दिये जायेंगे? क्या इस हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( *क्र. 608 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपूर्ण प्रदेश के किसानों का 2 लाख रूपये की सीमा तक का ऋण सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत 10 दिवस में ऋण माफी की घोषणा की गयी थी? यदि हाँ, तो समय-सीमा में ऋण माफ किया गया या नहीं? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत दो-दो लाख रूपये तक के प्रदेश के कितने किसानों के ऋण माफ किये गये हैं? जिलेवार संख्या बतायें। (ग) उक्त ऋणमाफी योजना के अंतर्गत अभी कितने किसानों का कुल कितनी राशि का ऋण माफ किया जाना शेष है एवं अभी तक माफ नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? (घ) उक्त किसानों की ऋण माफी कब तक कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। ऋण माफी की प्रक्रिया चरणबद्ध रूप से क्रियान्वित की जा रही है। (ख) योजना के अंतर्गत दो-दो लाख रूपये तक के प्रदेश में 2672316 ऋण खाता किसानों के ऋण माफी की स्वीकृति दी गयी है। जिलेवार स्वीकृत किए गए ऋण खातों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऋणमाफी योजना के अंतर्गत अभी लगभग 614513 ऋण खातों की अनुमानित राशि रूपये 76815084223/- ऋण माफ किया जाना शेष है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष पात्र किसानों की स्वीकृति की कार्यवाही चरणबद्ध रूप से की जा रही है। (घ) ऋण माफी की कार्यवाही चरणबद्ध रूप से की जा रही है। अत: समयावधि बताना संभव नहीं है।
रतलाम जिलांतर्गत गुणवत्ताविहीन कार्यों की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 663 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों से भिन्न-भिन्न कार्यों की अनियमितता के संबंध में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न आवेदकों द्वारा अनेक शिकायतों के संबंध में जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत कार्यालय पर पत्र/आवेदनों द्वारा सूचित किया? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न कार्यों हेतु स्वीकृत बजट राशि से हुए स्वीकृत कार्यों का ऑडिट ग्राम पंचायतों जनपद पंचायतों तथा जिला पंचायत द्वारा किया जाता है, तो उक्त वर्षों में किस-किस व्यवस्था के द्वारा कब-कब ऑडिट हुआ? (ग) क्या निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाता है, तत्पश्चात् भुगतान किया जाता है, तो ऑडिट आपत्ति होने के बाद भी भुगतान किये गये तथा स्थल के भौतिक सत्यापन शंकास्पद होकर कार्य अपूर्ण अथवा गुणवत्ताविहीन अनुपयोगी रहे तो क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ऑडिट चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा प्रति वर्ष किया जाता है। वर्ष 2018-19 की ऑडिट संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2019-20 प्रचलित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। ऑडिट आपत्ति होने पर भुगतान नहीं किया गया। स्थल के भौतिक सत्यापन शंकास्पद होकर कार्य अपूर्ण तथा गुणवत्ताविहीन होने पर संबंधितों पर वसूली की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
24. ( *क्र. 504 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत लगने वाले समस्त थानों में विगत एक वर्ष में कितने हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण एवं अन्य अपराधों में प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपेन्द्र समदरिया आ. राम बिहारी समदरिया, निवासी ग्राम करमई पो. अटरिया, जिला रीवा एवं रामलोटन साकेत आ. स्व. राम सजीवन साकेत निवासी ग्राम नौवस्वा पो. जे.पी. नगर रीवा की हुई हत्या में विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति देवें। विभाग द्वारा दोषियों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत लगने वाले समस्त थानों में कितने बकरी चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध हुए? उनमें किन-किन व्यक्तियों की कितनी-कितनी बकरिया, कब-कब चोरी हुई? इन चोरियों में संबंधित थानों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? संबंधित व्यक्तिवार की गई कार्यवाही एवं अद्यतन स्थिति की विस्तृत विवरण सहित जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 01. मृतक उपेन्द्र समदरिया के प्रकरण में थाना चोरहटा जिला रीवा में अप.क्र. 485/19 धारा 302, 109, भा.द.वि. का पंजीबद्ध होकर विवेचना में है। एक आरोपी राजकुमार चतुर्वेदी की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक आरोपी शुभम चतुर्वेदी की तलाश जारी है। प्रकरण का अनुसंधान जारी है। 02. मृतक रामलोटन साकेत के प्रकरण में थाना चोरहटा जिला रीवा में अप.क्र. 303/19 धारा 147, 148, 149, 324, 294, 506, 307, 302 भा.द.वि. 3 (2) (V) 3 (2) (i) एस.सी./एस.टी. एक्ट का पंजीबद्ध होकर चार आरोपियों 1-अंकित मिश्रा, 2-कन्हैया उर्फ कंधी साकेत, 3-कृष्णा साकेत, 4-राहुल पाठक को गिरफ्तार किया जाकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। शेष आरोपीगण सुनील मिश्रा, फूलचन्द साकेत एवं दुष्यंत पाण्डे के विरूद्ध धारा 173 (8) द.प्र.सं. के अन्तर्गत अनुसंधान जारी है। दोनों अपराध अनुसंधान में होने से की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति दी जाना विधिसम्मत नहीं है। दोनों अपराधों के फरार आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु ईनाम उद्घोषणा भी की गई है। दोनों प्रकरणों में शेष आरोपीगणों की गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास जारी हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
होमगार्ड सैनिकों के कॉलआउट रोटेशन नियम को हटाया जाना
[गृह]
25. ( *क्र. 305 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कितने जिलों में कितने होमगार्ड सैनिक नियुक्त किये गये हैं और उनसे क्या क्या कार्य कराये जाते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार भर्ती किये हुये होमगार्ड सैनिकों को प्रतिवर्ष में से मात्र 10 माह की तैनाती के बाद ही कॉलआउट रोटेशन नियम के तहत हटा कर घर बैठा दिया जाता है, जबकि इस संबंध में माननीय हाई कोर्ट जबलपुर में दायर रिट याचिका के तहत मान. हाई कोर्ट जबलपुर के आदेश क्रमांक 8281/2011 से कॉलआउट रोटेशन नियम समाप्त करने के आदेश प्रदाय किये गये हैं, परंतु आज दिनांक तक विभाग द्वारा उन आदेशों का कतई पालन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) क्या यह सही है कि प्रतिवर्ष कॉलआउट रोटेशन नियम के तहत होमगार्ड सैनिकों को दो माह घर बैठाये जाने के कारण उनके परिवार के भरण पोषण की स्थिति अत्यंत दयनीय हो जाती है, तो इस संबंध में विभाग कब तक माननीय हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराया जाना सुनिश्चित करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश के सभी 52 जिले में संलग्न परिशिष्ट अनुसार होमगार्ड नियुक्त हैं। इनकी सेवायें होमगार्ड नियम-2016 की धारा-21 एवं धारा-22 के प्रावधानुसार ली जाती हैं। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 8281/2011 में कॉलआउट रोटेशन नियम समाप्त करने हेतु कोई आदेश प्रदाय नहीं किये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) यह सही नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क
योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 3 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में ग्रेवल मार्ग का निर्माण कब किया गया? उनकी गारण्टी अवधि कब तक की है? उक्त ग्रेवल मार्गों का चयन डामरीकरण हतु किस आधार पर किसने किया? (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में पात्रता के उपरांत भी किन-किन ग्रामों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क के अन्तर्गत सड़कें क्यों स्वीकृत नहीं की गई? विकासखण्डवार, ग्रामवार जनसंख्या सहित कारण बतायें। उक्त ग्रामों में कब तक सड़क स्वीकृत की जायेगी? (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़क स्वीकृत करने के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड एवं शर्तें हैं? कितनी जनसंख्या तक के ग्रामों का चयन किया जाता है? (घ) वर्ष 2017-18 से फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों,पुल एवं स्लेव कलवर्ट आदि का कार्य क्यों अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कारणो के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास तथा कार्यवाही की विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त ग्रेवल मार्गों का चयन डामरीकरण हेतु नहीं किया गया अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से सड़कें स्वीकृत नहीं की गई अत: स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लाभ से वंचित राजस्व ग्रामों को एकल संपर्कता प्रदान की जाती है। सामान्य विकासखण्ड में 500 से कम एवं आदिवासी विकासखण्ड में 250 से कम जनसंख्या (वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर) के राजस्व ग्राम शामिल किए जाते है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 24 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में प्राप्त लक्ष्य का जिलेवार वितरण किस आधार पर किसने किया? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं, उनकी प्रति दें। (ख) अपर सचिव भारत सरकार ने मई 2018 में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत S.E.C.C 2011 के आंकड़ों में रायसेन जिले के कई गाँवों की मैपिंग सही न होने तथा छूट जाने विषयक पत्र अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कब प्राप्त हुआ? उक्त पत्र पर उनके द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई। (ग) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत S.E.C.C 2011 के आंकड़ों में मैपिंग सही न होने तथा छूट गये ग्रामों को जोड़ने के प्रकरण फरवरी 20 की स्थिति में किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? (घ) रायसेन जिले के प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत S.E.C.C 2011 के आंकड़ों में मैपिंग सही न होने तथा छूट गये ग्रामों को जुड़वाने के संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास, कार्यवाही की गई तथा इस संबंध में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र विभाग के अधिकारियों को कब-कब, किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार किया गया है। लक्ष्य का जिलेवार वितरण शासन स्तर से किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) उक्त ग्रामों की मैपिंग सही करने हेतु प्रकरण नवम्बर 2017 से भारत सरकार स्तर पर निराकरण के लिए लंबित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
चिंकी परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( क्र. 25 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में नरसिंहपुर जिले में स्वीकृत चिंकी परियोजना का कार्य क्यों अप्रांरभ हैं? निविदा आमंत्रण की क्या स्थिति है कहाँ-कहाँ बांध बनेंगे, किन-किन ग्रामों की भूमि सिंचित होगी? (ख) क्या चिंकी परियोजना की निविदा आमंत्रित नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी? (ग) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं सदस्य अभियंता नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी तथा प्रमुख सचिव एवं सदस्य अभियंता नर्मदा घाटी विकास विभाग ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) एवं (ख) पूर्व में नर्मदा नदी पर चिंकी ग्राम के पास बांध परियोजना प्रस्तावित थी। इसके स्थान पर चिंकी-बौरास बैराज परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 4452.82 करोड़ दिनांक 05/02/2020 को जारी की गई है। तकनीकी स्वीकृति उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। मुख्य अभियंता को निविदा आमंत्रण हेतु निर्देशित किया गया है। माननीय सदस्य को दिनांक 29/02/2020 को अद्यतन स्थिति से अवगत कराया गया है।
प्रतिबंधात्मक धारा 144 लागू करना
[गृह]
4. ( क्र. 78 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु सरकार/जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंधात्मक धारा 144 का प्रयोग किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो इन्दौर जिले में दिनांक 1 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक कितनी बार, कितने समय तक और किन-किन कारणों से धारा 144 लागू की गई? (ग) क्या इस धारा के बार-बार प्रयोग करने से इसके दुरूपयोग की संभावना बढ़ गई है एवं नागरिकों में इसका भय समाप्त हो गया है? इन्दौर में कानून व्यवस्था की ऐसी कौन सी परिस्थितियाँ निर्मित हो गई हैं जिससे बार-बार धारा 144 लगाई जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। इन्दौर में कानून व्यवस्था की स्थिति न बने एवं लोक व्यवस्था सुचारू रूप से बनाये रखने के उद्देश्य से दण्ड प्रकिया संहिता-1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश तात्कालिक परिस्थितियों अनुसार समय-समय पर जारी किये गये है।
आवंटित भूमि के हस्तांतरण में अनियमितता
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
5. ( क्र. 88 ) श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र इन्दौर के अंतर्गत स्थापित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में दिनांक 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 जनवरी 2020 तक किन-किन उद्योगों को आवंटित भूमि के पट्टाभिलेखों के हस्तांतरण, गठन परिवर्तन एवं भूमि के विभाजन की अनुमति दी गई है? उद्योग का नाम, आवंटित भूमि का क्षेत्रफल एवं दी गई अनुमति में मदवार जमा करवाई गई राशि का विवरण उद्योगवार बताएं। (ख) दी गई अनुमतियाँ शासन के किस नियम के अंतर्गत दी गई हैं? यदि ऐसा कोई नियम है तो क्या उसके अनुसार शासन को मदवार प्राप्त होने वाली संपूर्ण राशि पट्टाभिलेख निष्पादन तक जमा करवाई गई है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें कि कितने उद्योगों से कितनी-कितनी राशि जमा नहीं करवाई गई है? सूची उपलब्ध करावें? (ग) शासन को जो आर्थिक क्षति हुई है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र.राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 के अंतर्गत अनुमतियां दी। जी हाँ। शासन को सम्पूर्ण राशि जमा करवाई गई है। (ग) शासन को आर्थिक क्षति नहीं हुई है, अतः जिम्मेदार होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बीज क्रय में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 97 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ता.प्र.क्र.554 दि.17/12/2019 के उत्तर में पूर्व प्रश्न क्रमांक 102 (क) के उत्तर में दिए गये पुस्तकालय परिशिष्ट 1 में जिले के बाहर से निजी बीज उत्पादन समितियों से बीज क्रय करना बतलाया गया है, जबकि प्रश्न क्रमांक 554, 17/12/2019 के (ख) के उत्तर योजनाओं में निजी संस्थाओं से बीज क्रय के निर्देश नहीं है अतः निजी संस्थाओं से बीज क्रय नहीं किया गया है, (ग) नियम विरूद्ध बीज क्रय नहीं किया गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं है का उल्लेख किया गया है? वास्तविकता क्या है स्पष्ट करें। (ख) प्रमुख सचिव द्वारा जिले की शासकीय संस्था से बीज क्रय करने के निर्देश थे किंतु जिले के प्रभारी अधिकारी द्वारा बीज उपलब्ध न होने का प्रमाण पत्र लिये बिना जिले के बाहर से बीज क्रय किये? यदि प्रमाण पत्र लिया गया हैं तो प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध कराये? उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) ता. प्र.क्र.554 दिनांक 17/12/2019 के उत्तर में पूर्व प्रश्न क्रमांक 102 (क) के उत्तर में दिए गये पुस्तकालय परिशिष्ट 1 में जिले के बाहर से निजी बीज उत्पादन समितियों से बीज क्रय करना नहीं बताया गया है, जबकि प्रश्न क्रमांक 554, 17/12/2019 के (ख) समस्त संस्थाएं बीज संघ से पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी संस्थाएं है, जिनसे बीज क्रय किया गया है। विभागीय योजनाओं के निर्देशानुसार शासकीय बीज उत्पादक संस्थाएं (कृषि प्रक्षेत्र, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, म.प्र. राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ से संबंधित बीज समितियों, एन.एस.सी. एवं अन्य शासकीय संस्थाओं) से बीज क्रय करने के निर्देश है। जिसके तहत बीज क्रय किया गया है। शासन स्तर से जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शासन के निर्देशानुसार ही जिले द्वारा बीज क्रय किया गया है। जिले में बीज निगम से प्राप्त उपलब्धता के अनुसार योजनाओं में आवश्यकता अनुरूप ही बीज क्रय किया गया है। जिले की शासकीय बीज उत्पादक संस्थाओं के पास प्रमाणित बीज शेष नहीं है, इसकी पुष्टि की गई है, पुष्टि हेतु संस्था के प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 106 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत एक ही परिवार के सभी सदस्यों को नियमानुसार योजना का लाभ दिया जा सकता है? (ख) यदि नहीं, तो क्या ग्राम पंचायत मुडिया जनपद पंचायत पनागर जिला जबलपुर की प्रायोरिटी सूची में एक ही परिवार के सदस्यों के नाम प्रस्तावित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि यह नियमानुसार नहीं है तो क्या इस प्रकरण की जाँच करायी जाकर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) ग्राम पंचायत मुडिया जनपद पंचायत पनागर जिला जबलपुर की प्रायोरिटी सूची में एक ही परिवार के सदस्यों के नाम प्रस्तावित नहीं किये गये है, एस.ई.सी.सी. सूची 2011 में अलग-अलग प्रायोरिटी वाले हितग्राहियों को ही लाभ दिया गया है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बम्हनी (बरेला) तालाब से पानी रिसाव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 107 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सरोवर योजना के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत बम्हनी (बरेला) तालाब के निर्माण हेतु 18 मई 2018 को राशि रू. 60 लाख स्वीकृत की गई थी एवं निर्माण कार्य का समय 30-6-2019 तक था? (ख) क्या तालाब रिसाव के कारण तालाब का औचित्य समाप्त हो गया है? (ग) गुणवत्ता विहीन निर्माण के दोषी का नाम बतायें एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन के द्वारा तालाब के मजबूतीकरण हेतु अतिरिक्त राशि स्वीकृत की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नांकित कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 60.03 लाख एवं निर्माण कार्य की पूर्णता की निर्धारित दि. 26.09.2019 थी। (ख) तालाब में रिसाव जैसी स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (ग) कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
ऑनलाइन बैंकिंग ठगी और साइबर अपराध का अन्वेषण
[गृह]
9. ( क्र. 110 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी, सायबर अपराध के कितने प्रकरण दर्ज किये गए? कितनो का निराकरण किया जा चुका है वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) ऑनलाइन बैंकिंग ठगी, साइबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु छतरपुर जिले के कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित हैं? क्या उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण हेतु पृथक से साइबर सेल या कार्यालय है? साइबर अपराध के अन्वेषण हेतु क्या जिले में समस्त आधुनिक संसाधन उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कब तक उपलब्ध करवा दिए जावेंगे? (ग) ऑनलाइन ठगी, साइबर अपराध आदि को रोकने हेतु प्रत्येक जिले में साइबर एक्सपर्ट अधिकारी, कर्मचारी की नियुक्ति की जा सकती है? क्या अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर अपराध के अन्वेषण हेतु लगातार प्रशिक्षित किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में सायबर संबंधी अपराधों में कुल 88 अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। जी हाँ। अन्वेषण के लिये जिले में संसाधन उपलब्ध है एवं सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल में स्थापित फॉरेंसिक लैब से आवश्यकतानुसार तकनीकी सहयोग लिया जाता है। (ग) सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा प्रत्येक जिलों के अधिकारियों/कर्मचारियों को सायबर अपराध अन्वेषण हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है।
पीतल उद्योग की ब्रांडिंग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
10. ( क्र. 111 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने बजट 2019-20 में छतरपुर जिले के पीतल उद्योग की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के संबंध में घोषणा की थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ है तो उक्त के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? भविष्य की क्या योजना होगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्पादों की ब्रांडिंग हेतु जी.आई. टैग प्राप्त किये जाने की संभावना हेतु परीक्षण किया जा रहा है। म.प्र. के विशेष उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग हेतु उन्हें अंतराष्ट्रीय व्यापार मेला 2020 में म.प्र. मंडप में प्रदर्शित किया जायेगा।
परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( क्र. 116 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों से परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 109 दिनांक 07/03/2019 की प्रति उपलब्ध कराते हुये ग्राम पंचायतों के चयन का आधार एवं मापदण्ड के प्रावधान अनुसार प्राप्त ग्राम पंचायतों की जानकारी बुलाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले की सभी जनपदों से ग्राम पंचायतों का चयन कर जिला पंचायत को प्रेषित किए गए प्रस्ताव की प्रति एवं जिला पंचायत द्वारा संचालनालय/शासन को भेजे गए प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि, मापदण्ड एवं नियमानुसार जिन-जिन ग्राम पंचायतों को बालाघाट जिले में राशि आवंटित की गई, उन ग्राम पंचायतों का परीक्षित वार्षिक लेखा पत्रक/रिपोर्ट की, वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या जनपद पंचायतों द्वारा अपात्र ग्राम पंचायतों की भी अनुशंसा की गई? यदि हाँ, तो विभाग जनपद पंचायतों के विरूद् कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्तुत आवेदन/दावा की जाँच/परीक्षण किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कराई गई, उनके प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ में समाहित है। (घ) 14वां वित्त परफॉरमेन्स ग्रांट दावा वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु जनपद पंचायतों से प्राप्त प्रस्ताव परीक्षण में अस्पष्ट/अपूर्ण पाए गए है, उक्त हेतु जिला पंचायत बालाघाट के पत्र क्रमांक 1266 दिनांक 27.02.2020 के माध्यम से संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ में है।
कपिल धारा कूप निर्माण योजना संबंधी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 159 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कपिल धारा कूप निर्माण योजना के नियमों की जानकारी देवें। (ख) मंदसौर जिले में कपिल धारा कूप निर्माण हेतु कितने व्यक्तियों को सम्मिलित कर योजना का लाभ दिया जाता है। विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सीतामऊ विकासखण्ड में पानी पर्याप्त होने के बाद भी कपिल धारा कूप निर्माण हेतु प्रत्येक व्यक्ति को उक्त योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड सीतामऊ में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को उक्त योजना का लाभ प्रदान करने हेतु कब तक आदेश प्रदान कर दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 31.05.2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के निर्देशों की कंडिका 2.8 अनुसार केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा मंदसौर जिले के विकासखण्ड मंदसौर व सीतामऊ को अतिदोहित भू-जल की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है, इस कारण से इन दोनों विकासखण्डों में प्रत्येक कूप हेतु न्यूनतम 3 पात्र पृथक-पृथक परिवार के कृषकों को सम्मिलित कर लाभान्वित किये जाने का तथा शेष विकासखण्ड मल्हारगढ़, गरोठ एवं भानपुरा में पात्र कृषक को व्यक्तिगत कूप का लाभ दिये जाने का प्रावधान ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार वर्तमान स्थिति में सीतामऊ विकासखण्ड में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को व्यक्तिगत कूप का प्रावधान नहीं होने से पृथक से आदेश जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
पुल/पुलिया निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 163 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं पुल-पुलियों के निर्माण कार्यों की जाँच कराने बावत् शिकायत पत्र क्रमांक/1683/2019 20 दिनांक 20/11/2019 एवं शिकायत पत्र क्रमांक/1792/2019-20 दिनांक 31/12/2019 प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच किन कारणों से नहीं की गई? शिकायत पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत की जाँच हेतु अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मंडल जबलपुर को माननीय विधायक अथवा उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति में जाँच किये जाने हेतु आदेशित किया है। माननीय विधायक महोदय के प्रस्ताव अनुसार दिनांक 06 मार्च से 13 मार्च 2020 के मध्य जाँच कार्य करने बावत् सूचित किया है अतः जाँच कार्य सम्पन्न नहीं हुआ। जाँच कार्य मार्च 2020 में कराएं जाने का कार्यक्रम है।
मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत कराये गये कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 167 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में मुख्यमंत्री सड़क योजना की जाँच हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर बालाघाट को कितने पत्र लेख किये गये और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या बालाघाट जिले में 2015 से अब तक स्वीकृत मुख्यमंत्री सड़क योजना के निर्माण कार्य घटिया किस्म के होने के कारण चलने योग्य नहीं है? यदि हाँ, तो दोषी कौन-कौन हैं? (ग) क्या कई सड़कों का कार्य किया नहीं गया और राशि फर्जी ठेकेदारों को भुगतान की गयी? यदि हाँ, तो दोषी कौन है? (घ) कितने प्रकरणों की जाँच हो चुकी है कितने लम्बित हैं, किन-किन के द्वारा मुख्यमंत्री सड़क की जाँच हेतु बालाघाट कलेक्टर को लेख किया गया हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। माननीय विधायक के प्रस्ताव अनुसार जाँच समिति गठित कर जाँच कराई जा रही है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की जाँच हेतु बालाघाट कलेक्टर को अन्य माध्यम से पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
नवीन पुलिस चौकी खोलना
[गृह]
15. ( क्र. 177 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पुलिस चौकी खोलने के क्या मापदण्ड हैं? शासकीय नियम एवं मापदण्ड की जानकारी दें। (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम चाटुखेडा में नवीन पुलिस चौकी खोलने के संबंध में शासन काई कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव आगामी चरण की बलवृद्धि में शामिल किया जा रहा है।
जिला भोपाल में किसानों की ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 186 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत भोपाल जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों की ऋण माफी की स्वीकृति दी गई उनमें से कितने किसानों का ऋण माफ किया गया विकासखण्डवार संख्या बतायें? (ख) किसानों के नाम से लिए गए फर्जी ऋण एवं धोखाधड़ी के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक जाँच में सामने आये है? प्रकरणवार जाँच की अद्यतन स्थिति बताई जायें? (ग) प्रश्न दिनांक तक किन-किन विपणन समितियों के द्वारा कृषकों के नाम से फर्जी ऋण निकलने के कितने प्रकरण सामने आये है? विकास खण्डवार/विपणन समितिवार प्रकरणवार सूची दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत भोपाल जिले में 21182 किसानों की ऋण माफी की स्वीकृति दी गयी। उनमें से 20196 किसानों के ऋण माफ किये गये। विकासखंड फंदा में 8612 एवं विकासखंड बैरसिया में 12570 ऋणखातों के ऋण माफ करने हेतु स्वीकृति दी गयी उक्त में से विकासखंड दी गयी उक्त में से विकासखंड फंदा के 7626 एवं विकासखंड बैरसिया के 12570 किसानों के ऋण माफ किये गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) भोपाल को-ओपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लि.मि. भोपाल से सम्बद्ध 34 प्राथमिक कृषि साख सह समितियों में किसानों के नाम से लिये गये फर्जी ऋण एवं धोखाधड़र के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) निरंक।
निलंबित सहायक अधीक्षक की बिना जाँच बहाली
[गृह]
17. ( क्र. 191 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय लोक अभियोजन भोपाल में पदस्थ सहायक अधीक्षक को दिनांक 15/01/2020 को निलम्बित कर मुख्यालय जबलपुर किया गया तथा बिना जाँच एवं आरोप पत्र के दिनांक 13/02/2020 को बहाल कर दिया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों बहाल किया? आरोप पत्र क्यों जारी नहीं किया गया? कब तक आरोप पत्र जारी कर दिया जावेगा? (ख) क्या उक्त कर्मचारी की पूर्व में गंभीर शिकायतों की जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो निलम्बन के बाद उसे शिकायत, विभागीय जाँच शाखा का दायित्व क्यों सौंपा गया है। कब तक उसे विभागीय जाँच, शिकायत शाखा से हटा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त सहायक अधीक्षक की शासन स्तर एवं संचालनालय स्तर पर कितनी जाँच लंबित है? उसमें क्या कार्यवाही की गई? किस अधिकारी के द्वारा जाँच कराई गई? सम्पूर्ण शिकायत, जाँच प्रतिवेदन सहित जानकारी दें। कब तक जाँच पूर्ण कर ली जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों? (घ) संचालनालय लोक अभियोजन संचालनालय में पदस्थ सहायक अधीक्षक को पद सहित भोपाल से स्थानांतरण अथवा कार्य की दृष्टि से गंभीर शिकायत के कारण भोपाल संभाग से बाहर स्थानांतरण करने हेतु मा.मुख्यमंत्री/मा.गृह मंत्री के द्वारा म.प्र.शासन गृह विभाग को निर्देश प्राप्त हुये उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच पूर्ण की जा चुकी है। जाँच में शिकायत निराधार पाए जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिकायत लंबित नहीं है, संचालनालय एवं शासन स्तर पर एक शिकायत प्राप्त हुयी। संचालक, लोक अभियोजन द्वारा शिकायत की जाँच करायी गयी। जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा शिकायत आधारहीन होने से शिकायत नस्तीबद्ध की गयी। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुख्यमंत्री कार्यालय से उक्त संबंध में शिकायत प्राप्त हुयी थी। संचालक, लोक अभियोजन भोपाल से जाँच करायी गयी। जाँच निराधार पायी जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोटर साईकल दुर्घटना संबंधी
[गृह]
18. ( क्र. 194 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17/12/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि यदि कोई घटना दुर्घटना मोटर साईकल से होती है तो उस वक्त विवेचना में साक्ष्य अनुसार घटना दुर्घटना में आरोपी का निर्धारण किया जायेगा तो उक्त मोटर साईकल से घटना दुर्घटना अज्ञात में करायी जाती है तो उक्त घटना दुर्घटना मोटर साईकल मालिक के विरूद्ध कार्यवाही या अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों उक्त मोटर साईकल को जब्त नहीं किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या शासन के नियम व निर्देशों के तहत नाबालिग के द्वारा मोटर साईकल से घटना दुर्घटना होती है तो वाहन मालिक पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों पुलिस विभाग द्वारा उक्त मोटर साईकल को जब्त नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार यदि मोटर साईकल से दुर्घटना होती है तो और मोटर साईकल बीमा न होने पर पीड़ित व्यक्ति दावा क्लेम मोटर साईकल मालिक पर किये जाने का प्रावधान में प्रावधानित है? यदि हाँ, तो क्यों उक्त मोटर साईकल जब्त नहीं किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर में कहाँ गया था कि यदि कोई घटना दुर्घटना मोटर साईकल से होती है तो उस वक्त विवेचना में साक्ष्य अनुसार घटना दुर्घटना में आरोपी का निर्धारण किया जायेगा। पुलिस विभाग द्वारा मोटर साईकल जब्त नहीं की जावेगी क्योंकि जाँच में कोई संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। संबंधित मोटर साईकल के मामले में कोई अपराध पंजीबद्ध न होने से मोटर साईकल की जब्ती नहीं की गई है। (ख) जी हाँ, यदि घटना-दुर्घटना नाबालिक व्यक्ति द्वारा घटित की जाती है तो उस स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जाती है। पूर्व के अतांराकित प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17.12.2019 से संबंधित मोटर साईकिल के मामले में कोई अपराध पंजीबद्ध न होने से मोटर साईकिल की जब्ती नहीं की गई है। (ग) हाँ, यदि वाहन का बीमा नहीं होगा तो उस स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट में मालिक के विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रावधान है। पूर्व के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17.12.2019 से संबंधित मोटर साईकिल के मामले में कोई अपराध पंजीबद्ध न होने से मोटर साईकिल की जब्ती नहीं की गई है।
डी.एस.पी. एवं डी.जी.पी. की रिपोर्ट पर विभागीय कार्यवाही
[गृह]
19. ( क्र. 195 ) श्री विश्वास सारंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ए.एस.आई. को राजगढ़ कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारने की राजगढ़ के डी.एस.पी. द्वारा डी.जी.पी. को भेजी गयी जाँच रिपोर्ट की प्रतिलिपि देते हुए मामले की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कलेक्टर पर कार्रवाई को लेकर डी.जी.पी. द्वारा गृह विभाग को लिखे पत्र की प्रतिलिपि देते हुए बतायें कि विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या राजगढ़ कलेक्टर ने सी.ए.ए. का समर्थन कर रहे नागरिकों को भी थप्पड़ मारे थे? यदि हाँ, तो बतायें कि कलेक्टर को थप्पड़ मारने का अधिकार किस नियम के तहत मिला हुआ है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत कलेक्टर के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कारण दें। नियम बतायें। कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
रोजगार सहायक द्वारा की गयी अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 196 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के ग्राम पंचायत गौहरगंज के रोजगार सहायक ने मनरेगा के तहत अपने परिवार के सदस्यों के नाम से मजदूरी का भुगतान लिया है? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को किस-किस परिवार के सदस्य के नाम से कितने-कितने रूपया लिया है? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त मामले की शिकायतें कलेक्टर/आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल/मुख्यमंत्री को की गयी थी? यदि हाँ, तो संबंधितों ने शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या यह सही है कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा उक्त प्रकरण को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र पंजीयन क्र./22213/CMS/PUB/2019 दिनांक 24/10/2019 के माध्यम से ACS/PS/Secretary, पंचायत और ग्रामीण विभाग को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उस पत्र पर किस-किस अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत दोषियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या संबंधितों से भुगतान की गयी राशि वसूल की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जाँच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायसेन के पत्र क्रमांक 4910 दिनांक 19.11.2019 के द्वारा 03 सदस्यीय जाँच दल के द्वारा कराई गई। (ग) जी हाँ। प्राप्त शिकायत म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के पत्र क्रमांक 5811 दिनांक 14.11.2019 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायसेन को जाँच हेतु प्रेषित की गई, शेष उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) जाँच प्रतिवेदन में दोष सिद्ध नहीं होने से जिला कलेक्टर रायसेन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
27 प्रतिशत ओ.बी.सी. आरक्षण लागू किये जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
21. ( क्र. 215 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा चुनाव में पिछड़ा वर्ग समुदाय को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था? यदि हाँ, तो एक वर्ष का समय व्यतीत होने के पश्चात् किस विभाग, किस संस्था में उपरोक्त वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला, विभागवार विस्तार से बतायें। (ख) क्या सरकार ने अपने वचन पत्र में पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग का सामाजिक एवं आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का सर्वे कराने का वादा किया था? यदि हाँ, तो सर्वे उपरांत पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियों को सम्मिलित किया गया है एवं अति पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियों को सम्मिलित किया गया है वर्गवार आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति की संख्या से अवगत करावें? (ग) क्या चुनाव के पूर्व अपने वचन पत्र में रजक, प्रजापति, कीर, मीना पारधी, मॉझी को अनुसूचित जाति/जनजाति सामाजिक मांग अनुसार सम्मिलित करने का वचन किया था? यदि हाँ, तो वचन अनुसार इनकों सम्मिलित कर लिया है तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है (ख) जी हाँ। अब तक सर्वे नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) मॉझी जाति को अनुसूचित जनजाति अधिसूचित करने हेतु दिनांक 29.08.2018 को भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार। कीर, मीना, पारधी को पूर्ववत जनजातियों की सूची में पुर्नस्थापित करने हेतु दिनांक 24.09.2018 को भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दर्ज प्रकरणों की स्थिति
[गृह]
22. ( क्र. 216 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर संभाग में कितने नाबालिग बालक-बालिकाओं का यौन शोषण एवं अपहरण, गुमशुदगी के अपराध दर्ज किये गये है? अपराध दर्ज दिनांक को नाबालिग बालक-बालिकाओं की उम्र क्या थी? जिलेवार अपराध एवं धाराओं सहित जानकारी दें? कितने अपराधी पकड़े गये है और कितने अभी तक फरार है? (ख) उक्त अवधि में प्रश्नांश (क) वर्णित नाबालिग बालक-बालिकाओं के यौन शोषण के दर्ज अपराधों में से कितने प्रकरणों में न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया जा चुका है? कितनों में खात्मा भेजा गया है और उनमें से कितने प्रकरणों का न्यायालय से निराकरण हो चुका है? निराकृत प्रकरणों में से कोर्ट ने कितने अपराधियों को क्या-क्या सजा दी है और कितने आरोपी बरी किये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बच्चों के यौन शोषण के आरोपों से बरी किये गये कितने आरोपी है? उसका क्या कारण रहा? क्या शासन ने ऐसे कितने बरी किये गये आरोपीगण के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की है? यौनशोषण में पीड़ित नाबालिग बालक-बालिकाओं के परिजन को उक्त अवधि में क्या आर्थिक सहायता या अन्य प्रकार की सहायता शासन ने प्रदान की है? प्रकरणवार जानकारी दें? (घ) बालकों के यौन शोषण एवं हत्या के अपराधों में कितने आरोपीगण को मृत्युदण्ड, आजीवन कारावास, अन्य कारावास की सजा दी गई है? मृत्युदण्ड प्राप्त ऐसे आरोपी जिनकें मामले उच्च न्यायालय से कन्फर्म होने के बावजूद भी लंबित है? उसका लंबित होने का क्या कारण है एवं अपहृत/गुमशुदा/यौन शोषण से पीड़ित बालक-बालिकाओं के पुनर्वास अथवा समाज में उनकों सम्मान पूर्ववत बना रहें, इसके लिये सरकार के पास क्या-क्या योजनायें है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
23. ( क्र. 232 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 596 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर (क) अनुसार थाना झारड़ा में शांतिलाल पिता शैतानमल डागा के विरूद्ध 20 प्रकरण पंजीबद्ध हैं, जिसमें 17 प्रकरणों में माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किये जा चुके हैं। 01- प्रकरण अपराध में खारजी कता की गई है, 02- अपराध विवेचनाधीन है, क्या खारजीकता की कार्यवाही राजनैतिक दबाव में की गई है? क्या शासन द्वारा 01 प्रकरण अपराध में खरजीकता की जाँच भोपाल स्तर के अधिकारी से कराकर प्रकरण में चालान लगाया जावेगा? (ख) क्या थाना प्रभारी झारड़ा द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 122 के अंतर्गत इस्तगासा क्रमांक 08 दिनांक 10.10.2019 को न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी महिदपुर में पुन: प्रस्तुत किया जावेगा? इस्तगासा प्रस्तुत नहीं करने के लिये उत्तरदायी दोषी अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या थाना झारडा के अंतर्गत अपराध क्रमांक 0195/2019 दिनांक 24.02.2019 अपराध का चालान लगा दिया गया है तथा अपराध क्रमांक 30/2019 दिनांक 24.07.2019 में चालान लगा दिया गया है? उपरोक्त दोनों अपराधों में क्या अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 596 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर (क) अनुसार थाना झारड़ा में शांतिलाल पिता शैतानमल डागा के विरूद्ध 20 प्रकरण पंजीबद्ध है जिसमें 17 प्रकरणों में माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किये जा चुके हैं। 02 अपराध विवेचनाधीन है। 01 अपराध में अनुसंधान उपरांत पाये गये तथ्यों के आधार पर खारजी कता की गई हैं जो मान. न्यायालय द्वारा स्वीकृत किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अपराध क्रमांक 240/2019 की विवेचना पूर्ण होने पर आये तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) थाना के अपराध क्रमांक 0195/24.07.2019 में कुल 7 आरोपियों में से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है एवं शेष 3 आरोपियों की गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे है एवं अपराध क्र. 30/2019 धारा 420, 406, 467, 468, 34 भा.द.वि. में कुल दो आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर प्रकरण में आरोपीगणों के विरूद्ध चालान क्रमांक 25/13.02.2020 का कता किया जाकर माननीय न्यायालय प्रस्तुत किया गया है।
मेसर्स प्रज्ञा सीड्स एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर पर पुलिस प्रकरण दर्ज करना
[गृह]
24. ( क्र. 233 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 597 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर अनुसार मेसर्स प्रज्ञा सीड्स कम्पनी महिदपुर एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर पर नकली सोयाबीन बीज प्रकरण में एफ.आई.आर. पंजीबद्ध किये जाने के निर्देश उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला उज्जैन को किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उज्जैन के आदेश पर श्री आर.सी. चन्द्रपाल, कृषि विकास अधिकारी एवं बीज निरीक्षक, विकासखण्ड महिदपुर द्वारा दिनांक 23.12.2019 को थाना प्रभारी महिदपुर को उपरोक्त दोनों कम्पनियों पर भिन्न-भिन्न धाराओं में पुलिस प्रकरण दर्ज करने के लिये आवेदन पत्र क्रमांक/स्था./2019-20/528 दिया गया तथा पत्र क्रमांक/टी-3/गु.नि./2019-20/703 दिनांक 12.02.2020 को पुन: उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन द्वारा पुलिस प्रकरण दर्ज करने के लिये पत्र लिखा गया। (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है? यदि नहीं, तो अपराध कब तक पंजीबद्ध कर लिया जावेगा? अपराध पंजीबद्ध नहीं करने के लिये दोषी उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि हाँ थाना प्रभारी महिदपुर को श्री आर.सी. चन्द्रपाल कृषि विकास अधिकारी एवं बीज निरीक्षक विकासखण्ड महिदपुर द्वारा आवेदन पत्र क्रमांक/स्था/2019-20/528/दिनांक 23.12.2019 को दिया गया था तथा पुनः संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन द्वारा 12.02.2020 को पत्र क्रमांक टी-3/गु.नि./2019-20/703, दिनांक 12.02.2020 को पुलिस प्रकरण दर्ज करने हेतु लेख किया। हाँ। थाना महिदपुर में अपराध क्रमांक 64/27.02.2020 धारा 420 भादवि व 3,7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत मेसर्स प्रज्ञा सीड्स महिदपुर महाबीज कंपनी महिदपुर के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
कृषि उपज मंडी सचिव को मूल विभाग में वापस करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 266 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपजमंडी सतना में पदस्थ सचिव का मूल विभाग बतावें, वे प्रतिनियुक्ति उपरांत किस मण्डी में कब से कब तक पदस्थ रहे? उक्त पदस्थापना अवधियों में उन्हें क्या-क्या दण्डादेश दिये गये? दण्डादेशों की प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें कि क्या सभी दण्ड सेवा पुस्तिका में दर्ज हैं? दर्ज दण्ड के पृष्ठ की प्रति दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) सचिव ने वर्ष 2018-19 में उज्जैन मण्डी पदस्थापना अवधि में लहसुन एवं प्याज के भावान्तर भुगतान योजना में व्यापक कूटरचना कर शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुँचाई है जिसकी जाँच प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे दागी मंडी सचिव को मंडी बोर्ड के किस आदेश क्रमांक दिनांक से मूल विभाग को क्यों और किस कारण वापस किया गया और फिर किन कारणों से वापस लिया तथा ऐसे सेवक को प्रतिनियुक्ति में लेने एवं बनाये रखने के क्या नियम निर्देश हैं? उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त सचिव को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के दो वर्ष बाद प्रतिनियुक्ति से वापस किया गया था? विलम्ब का कारण स्पष्ट करें और इसके लिये कौन उत्तरदायी है, यह भी बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सचिव को उनके मूल विभाग को कब तक वापस किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्तमान में कृषि उपज मंडी समिति, सतना में पदस्थ सचिव श्री राजेश गोयल का मूल संस्था एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड है। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में श्री राजेश गोयल सचिव की प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न पदस्थापनाओं एवं उसकी अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। श्री गोयल के दण्ड आदेशों का विवरण एवं प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। इन दण्ड आदेशों की प्रविष्टियां सेवा पुस्तिका में की गई है, तत्संबंधी सेवापुस्तिका के पृष्ठों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ख) सचिव, कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन के विरूद्ध प्रश्नागत शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अपितु श्री प्रवीण कुमार ग्रेडर मंडी समिति उज्जैन के विरूद्ध प्रश्नांश अवधि में लहसून/प्याज भावान्तर योजना में भर्जी बिल बनाकर शासन को करोड़ों रूपये की हानि पहुँचाने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच प्रचलन में है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक-10696/2015 के आदेश दिनांक 24.07.2017 से खारिज हो जाने पर म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 09.09.2019 से श्री राजेश गोयल सचिव की प्रतिनियुक्ति सेवा पैतृक संस्था एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड को वापस की गई थी, जिसे म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 20.11.2019 से निरस्त करते हुये प्रशासनिक आधार पर सचिव, कृषि उपज मंडी समिति सतना पदस्थ किया गया है। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के सेवा विनियम 6 (2) अन्तर्गत निर्धारित प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया तथा परिपत्र दिनांक 05.05.2009 के साथ ही म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 29 फरवरी 2008 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (घ) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाएं निरंतर रखने/वापस करने हेतु गठित समिति की बैठक दिनांक 26.12.2017 में भावांतर भुगतान योजना के कार्य हेतु म.प्र. दुग्ध संघ के अन्य कर्मचारियों के साथ श्री राजेश गोयल सचिव की प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि के कारण उनकी प्रतिनियुक्ति सेवा वापस नहीं की गई। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) श्री राजेश गोयल सचिव, कृषि उपज मंडी समिति सतना की प्रतिनियुक्ति अवधि में उत्तरांश (घ) अनुसार वृद्धि की गयी है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होती है।
सतना पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग अवरूद्ध करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
26. ( क्र. 268 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना-पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग सड़क के दोनों ओर नेक्शा एजेन्सी अमौधा के सामने रेत-बालू के भरे ट्रक व्यापार हेतु खडे करके यात्रियों का आवागमन प्रभावित किया जाता है, जिससे कई बार दुर्घटनायें भी हो चुकी हैं? यदि नहीं, तो यह बतावें कि सर्किट हाउस चौराहे से लेकर पेप्टेक सिटी के बीच में विगत 5 वर्षों में कितनी दुर्घटनायें हुई हैं जिनमें कितने लोग गंभीर रूप से घायल हुये हैं एवं कितने मृत्यु को प्राप्त हुये हैं? (ख) क्या उक्त मार्ग से अघोषित इस बालू मंडी को सोहावल मोड के आगे या अन्यत्र खुली जगह में परिवर्तित किये जाने के आदेश दिये जावेंगे? अगर हाँ तो कब तक, नहीं तो क्यों? (ग) उक्त सतना-पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग सड़क के वर्णित स्थान में किस अधिकारी के आदेश से दोनों किनारों में बालू भरे ट्रक खड़े किये जाते हैं? क्या यह परिवहन नियमों के विरूद्ध नहीं है? अगर है तो ट्रक मालिकों एवं वाहन चालकों के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) शहीर क्षेत्र में सतना-पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग जिला दण्डाधिकारी सतना के आदेशानुसार नो एंट्री क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। ट्रकों को शहरी सीमा से बाहर सोहावल मोड़ में रोका जाता है। अमौधा शहरी सीमाक्षेत्र के नो एंट्री क्षेत्र में आता है, इस क्षेत्र में खतरनाक हालत में वाहन खड़ा होना पाए जाने पर नियमानुसार मोटर यान अधिनियम की धारा 122,177 के तहत 262 ट्रकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर रूपये 1,31,000/- समन शुल्क वसूल किया गया। विगत 05 वर्षों में कुल 13 दुर्घटनाओं में 10 व्यक्तियों की मृत्यु एवं 10 व्यक्ति घायल हुए है। (ख) वर्तमान में उसकी आवश्यकता नहीं है। (ग) ट्रकों के लिए नो एंट्री क्षेत्र जिला दण्डाधिकारी सतना द्वारा घोषित किया गया है। मोटरयान अधिनियम की धारा 115/194 (2) के तहत नो एंट्री में प्रवेश करने वाले कुल 35 ट्रकों के विरूद्ध कार्यवाही कर 1,75,000/- रूपये समन शुल्क वसूल किया गया है।
पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
27. ( क्र. 287 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के लिए शासन के नियत मापदंड क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गए मापदंड के अनुसार पुलिस थाना चाकघाट क्षेत्र के अंतर्गत स्थित ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना किया जाना क्या उचित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्रश्नांकित गाँव कोरांव में अपेक्षित नवीन पुलिस चौकी की स्थापना से इस क्षेत्र की सुरक्षा सुदृढ़ होगी साथ ही यह समूचा क्षेत्र उत्तर प्रदेश सीमा से लगा होने के कारण अत्यधिक महत्वपूर्ण है, यदि हाँ, तो क्या यहाँ नवीन पुलिस चौकी की स्थापना लोकहित में आवश्यक है? (घ) यदि हाँ, तो क्या ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। (ख) चाकखाट क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से प्रस्ताव अमान्य किया गया। (ग) ग्राम कोरांव व इस क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से की जा रही है एवं कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रहती है व निकटतम थाना चाकघाट द्वारा पुलिस गश्त ड्यूटी की जाती है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
त्योंथर तहसील अंतर्गत कटरा में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
28. ( क्र. 288 ) श्री
श्याम लाल
द्विवेदी : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
नवीन पुलिस
चौकी की
स्थापना के
लिए शासन के
नियत मापदंड
क्या है?
(ख)
प्रश्नांश
(क) में दिए गए
मापदंड
अनुसार पुलिस
थाना गढ़
क्षेत्र
अंतर्गत ग्राम
कटरा जो,
कि
राष्ट्रीय
राजमार्ग 30 पर
स्थित प्रमुख
बाज़ार है, में
नवीन पुलिस
चौकी की
स्थापना किये
जाने की कार्यवाही
की जावेगी? (ग) क्या
प्रश्नांश (ख) में
प्रश्नांकित
ग्राम कटरा
में नवीन
पुलिस चौकी की
स्थापना से इस
क्षेत्र की
सुरक्षा सुदृढ़
होगी क्योंकि
यह क्षेत्र
राष्ट्रीय
राजमार्ग पर
स्थित प्रमुख
बाजार के रूप
में विकसित है
तथा संबंधित
क्षेत्र में
सम्मिलित गाँवों
की आबादी की
दृष्टि से लोक
हित में नवीन
पुलिस चौकी की
स्थापना
आवश्यक है? (घ) यदि
हाँ, तो, क्या
ग्राम कटरा
में नवीन
पुलिस चौकी की
स्थापना करेंगे?
गृह
मंत्री ( श्री
बाला बच्चन ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) जी
हाँ। प्रस्ताव
आगामी चरण की
बलवृद्धि के
प्रस्ताव
में शामिल
किया जा रहा
है।
गंजबासौदा कृषि उपज मंडी समिति का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र. 293 ) श्री विष्णु खत्री : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंजबासौदा में नवीन कृषि उपज मण्डी प्रांगण कितनी राशि की लागत से किस वित्त वर्ष में स्वीकृत हुआ? निविदा की प्रति दी जावे तथा क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये जानकारी के साथ कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताई जावें। (ख) क्या नवीन कृषि उपज मण्डी समिति का निर्माण शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू से चलाने एवं होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु किया गया था? यदि हाँ, तो नवीन मण्डी निर्माण का कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी आज दिनांक तक मण्डी का कार्य संचालन प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार नवीन मण्डी प्रारंभ न होने से यातायात की कठिनाईयों को देखते हुये नवीन मण्डी में मण्डी संचालन न होने के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं नामवार जानकारी देवें। संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी तथा नवीन मण्डी का संचालन कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) नवीन कृषि उपज मण्डी प्रांगण गंजबासौदा में वित्तीय वर्ष 2007-08 में प्रकाशित अधिसूचना दि. 13.09.2007 से स्वीकृत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नवीन मण्डी प्रांगण गंजबासौदा की प्रीमियम राशि रू. 15,25,645.00 जमा किये गये हैं तथा वार्षिक भू-भाटक की राशि प्रति वर्ष राशि रू. 1,14,423.00 जमा कराई जाती है। नवीन मंडी प्रांगण में वर्तमान तक कुल स्वीकृत 44 निर्माण कार्यों की लागत राशि रूपये 3029.22 लाख स्वीकृत है, जिसमें से 02 निर्माण कार्य प्रगतिरत है। स्वीकृत कार्यों की वित्तीय वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति, गंजबासौदा ''क'' प्रवर श्रेणी की मंडी है। वर्तमान में 458 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी है जिनमें से 177 व्यापारियों को नवीन मंडी प्रांगण में प्लाट आवंटन किये गये है, जिनमें से 04 व्यापारी द्वारा अपनी गोदाम तैयार की गई है, शेष व्यापारियों द्वारा प्लाट में गोदाम निर्माण किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। नवीन मंडी प्रांगण में रबी एवं खरीफ सीजन में कृषि उपज की भारी मात्रा में आवक होती है तथा दोनों सीजन पर नीलामी का कार्य नवीन मंडी प्रांगण में संचालन किया जाता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। नवीन मंडी प्रांगण में व्यापारियों द्वारा शॉप कम गोदाम का निर्माण तथा विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था पूर्ण होने पर विधिवत् कार्य का संचालन किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।शेष का प्रश्न ही नहीं।
जानकारी समय पर उपलब्ध न कराने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
30. ( क्र. 307 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्र. 26 दिनांक 18.01.2020 के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षक रीवा रेंज रीवा को दिनांक 20.01.2020 को कार्यालय में चरित्र प्रमाण पत्रों के संबंध में जानकारी बावत् पत्र दिया गया लेकिन जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गई, क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक रीवा रेंज रीवा द्वारा पुलिस अधीक्षक सिंगरौली, सीधी, रीवा एवं सतना जिले को जानकारी उपलब्ध कराये जाने बावत् कब-कब पत्र लिखे गये, पत्र की प्रति दें अगर पत्र जारी नहीं किये गये तो इसके लिये किनको जिम्मेदार मानकर किन-किन पर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर पत्र जारी किये गये तो संबंधितों द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो उन पर क्या कार्यवाही किस पर करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में पुलिस महानिरीक्षक रीवा रेंज रीवा द्वारा संबंधित पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किये गये व पुलिस अधीक्षकों द्वारा भी संबंधित जिम्मेदारों को पत्र जारी किये लेकिन उनके द्वारा भी चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो इसके लिये इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के क्रमश: जिम्मेदारों द्वारा नियम विपरीत एवं शासन के मापदण्डों से हटकर बगैर दस्तावेज जो निर्धारित किये गये चरित्र प्रमाण पत्र जारी किये गये जिसके कारण जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे इसके लिये चरित्र प्रमाण पत्रों का सत्यापन करा कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही फर्जी दस्तावेज तैयार करने की धाराओं को लगाकर अपराध पंजीबद्ध करायेंगे एवं प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की जानकारी न देने वालों पर किस तरह की कार्यवाही करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) माननीय विधायक महोदय के पत्र क्र.26 दिनांक 18.01.2020 के संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन द्वारा संबंधित जानकारी देने हेतु पुलिस अधीक्षक रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली को पत्र क्र. एम-175/2020 दिनांक 23.01.2020 को पत्र जारी करते हुए जानकारी सीधे माननीय विधायक महोदय को भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन ने माननीय विधायक महोदय द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध कराने हेतु पुलिस अधीक्षक, रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली को दिनांक 23.01.2020 को पत्र एवं स्मरण पत्र दिनांक 22.02.2020 को लिखे गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) एवं (घ) संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा विधायक महोदय को निम्न पत्र क्र. से जानकारी उपलब्ध कराई गई:- 1.पु.अ. रीवा द्वारा पत्र क्र./जिविशा/रीवा/सा./173-ए/2020 दि.29.2.2020, 2. पु.अ. सतना द्वारा पत्र क्र./जिविशा/सतना/20 (117) दि.01.02.20, 3. पु.अ.सीधी द्वारा पत्र क्र./जिविशा/ सीधी/97 दि.28.01.20 को ई-मेल से, 4. पु.अ. सिंगरौली द्वारा पत्र क्र./जिविशा/सिंगरौली/97 दि.02.03.20 को ई-मेल से, चरित्र प्रमाण-पत्र नियमानुसार जारी किए जाते हैं।
किसान ऋण माफी घोषणा का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
31. ( क्र. 379 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसान ऋण माफी योजना के तहत कितने किसानों का/एवं कितनी राशि का ऋण माफ करने का लक्ष्य था? (ख) प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कितने किसानों का एवं कितनी राशि का ऋण सरकार द्वारा माफ किया गया है एवं कितना शेष है। किसानों की ऋण माफी नहीं होने के कारण बैंकों के द्वारा किसानों को नोटिस जारी किया जा रहा है? (ग) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में किसान ऋण माफी हेतु कितने बजट का प्रावधान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित शेष किसानों का जिनका ऋण माफ होना है कब तक उनके बैंक ऋण के खातों राशि में जमा होगी एवं क्या समय पर ऋण माफी नहीं होने के कारण किसानों पर लगने वाले ब्याज की माफी भी सरकार करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) म.प्र. सरकार द्वारा किसानों को ऋणमाफी के तहत प्राप्त किसानों का पात्रतानुसार ऋण माफी करने का लक्ष्य है। (ख) प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 2672316 ऋण खातों किसानों का एवं रू. 11,509.62 करोड़ राशि का ऋण ऋणमाफ स्वीकृत किया गया एवं पात्र किसानों की ऋण माफी की जा रही है किसानों की ऋण माफी नहीं होने के कारण बैंक द्वारा नोटिस जारी किये जाने संबंधी जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (ग) म.प्र. सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में राशि रू. 5000=00 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रू. 8000=00 करोड़ प्रावधानित किए गये है। (घ) योजना के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
बैतूल जिले में नर्सरी उन्नयन हेतु रोपणी की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
32. ( क्र. 386 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिलें में नर्सरी उन्नयन के तहत 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के लिए किस-किस रोपणी का चयन किया गया तथा उन पर कितनी-कितनी राशि का व्यय कब-कब किस किस कार्य के लिए किया गया। (ख) उपरोक्त नर्सरी उन्नयन योजनांतर्गत कितनी-कितनी मात्रा में सामग्री किस-किस संस्था से कब-कब क्रय की गई। फर्म का नाम, क्रय की गई सामग्री एवं सामग्री का मूल्य एवं मात्रा की सूची उपलब्ध करावे। (ग) उपरोक्त नर्सरियों के उन्नयन हेतु व्यय की गई राशि से उन्नयन हेतु क्रय सामग्री से किस-किस नर्सरी के विकास में क्या-क्या लाभ हुआ है। नर्सरी का नाम व्यय राशि एवं लाभ का प्रकार बताये। यदि लाभ नहीं हुआ है तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है एवं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है या की जा रही है यदि नहीं, की जा रही है तो क्यों? (घ) उपरोक्त नर्सरियों हेतु क्रय की गई सामग्री का उपयोग संबंधित नर्सरी उन्नयन कार्य में पूर्ण रूप से किया गया है या नहीं अगर नहीं किया गया है तो क्यों। इससे शासन की राशि का समय पर उपयोग न होने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है अगर नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शासकीय संजय निकुंज सीताडोंगरी विकासखण्ड चिचोली रोपणी का चयन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) शासकीय संजय निकुंज सीताडोंगरी नर्सरी में विकास हुआ है। संबंधित नर्सरी की सिंचाई व्यवस्था में सुधार यंत्रीकरण के उपयोग से कार्य क्षमता में वृद्धि एवं रोपणी प्रबंधन में आसानी होने से पौध उत्पादन क्षमता वर्ष 2017-18 में 10292 से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 31903 हुई। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सामग्री का पूर्ण उपयोग नर्सरी विकास कार्य में किया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभाग में पदस्थ उप संचालकों की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
33. ( क्र. 387 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने सहायक संचालकों को जिलों में उप संचालक पद पर पदस्थ किया गया है वर्तमान में जिलों में पदस्थ उप संचालकों की पदस्थापना दिनांक एवं नाम बताये। (ख) उपरोक्तानुसार सूची में से कितने उप संचालकों की सेवा अवधि दो वर्ष से अधिक होने के उपरांत भी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है। परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं करने का कारण बताये एवं नाम वर्तमान पदस्थापना एवं नियुक्ति दिनांक बताये। (ग) क्या इनमें से बैतूल में पदस्थ उपसंचालक के विरूद्ध बैतूल में पदस्थता दिनांक से आज दिनांक तक शिकायतें प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो समस्त प्रकार की शिकायतों का विवरण एवं शासन द्वारा कराई गई जाँच का प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही का विवरण शिकायतकर्ता का पत्र एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की रिपोर्ट उपलब्ध कराये।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में 12 सहायक संचालक उद्यान को प्रभारी उप संचालक उद्यान के पद पर पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) एक प्रभारी उप संचालक उद्यान (सहायक संचालक उद्यान) की सेवा अवधि 02 वर्ष से अधिक होने के उपरांत भी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है। डॉ. आशा उपवंशी वासेवार, सहायक संचालक उद्यान (प्रभारी उप संचालक उद्यान जिला बैतूल) को निलंबित कर आरोप पत्र जारी किये जाने, लोकायुक्त जाँच प्रचलित होने एवं समयावधि में लेखा परीक्षा उत्तीर्ण न करने के कारण उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है। वर्तमान में प्रभारी उप संचालक उद्यान जिला बैतूल में पदस्थ हैं और उनकी नियुक्ति दिनांक 14.08.2014 है। (ग) जी हाँ। शिकायतों की जाँच कराई जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री सड़क के घटिया निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 399 ) श्री
बीरेन्द्र
रघुवंशी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनांतर्गत
ग्राम बसाई से
किशनपुर के
सड़क मार्ग का
निर्माण
कार्य पूर्ण
हो चुका है? यदि हाँ, तो किस
दिनांक को? क्या
संबंधित
ठेकेदार को
निर्माण
कार्य लागत की
पूर्ण राशि का
भुगतान कर
दिया गया है? यदि
कार्य अपूर्ण
है तो कार्य
पूरा करने
हेतु क्या
अवधि
निर्धारित की
गई है? इस
मार्ग की कुल
लंबाई व लागत
क्या है व किस
ठेकेदार
द्वारा सड़क
का निर्माण
किया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
क्या ग्राम
बसाई से
किशनपुर के
मध्य नव
निर्मित
प्रधानमंत्री
सड़क घटिया
निर्माण के
चलते खराब
होकर उखड़ गई
है? क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा उक्त
नव-निर्मित सड़क
मार्ग के
घटिया
निर्माण के
कारण खराब हो
जाने संबंधी
की गई शिकायत
विभाग को
प्राप्त हुई
है? क्या
उक्त शिकायत
उपरांत सड़क
मार्ग की
मरम्मत/पुनर्निर्माण
करा दिया गया है? (ग) यदि
नहीं, तो
विभाग द्वारा
अब तक इस
संबंध में
क्या कार्यवाही
की गई है?
कब
तक उक्त सड़क
मार्ग की
मरम्मत/पुनर्निर्माण
किया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
ग्राम बसाई से
किशनपुर
मार्ग का
निर्माण
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनांतर्गत
न होकर
एम.पी.आर.सी.पी. योजना
के अंतर्गत
किया गया है, सड़क
निर्माण का
कार्य दिनांक 31.12.2019 को
पूर्ण हो चुका
है एवं भुगतान
शेष है। उक्त
मार्ग की कुल
लम्बाई 4.829
कि.मी. एवं
लागत रू 95.02
लाख है तथा
मार्ग का
निर्माण
कार्य मैसर्स
अनिल
कंस्ट्रक्शन
कंपनी
शिवपुरी
द्वारा किया
गया है। (ख) जी
नहीं, सड़क
का निर्माण
निर्धारित
मापदंडानुसार
पूर्ण कराया
गया था। जी
हाँ प्रश्नकर्ता
की शिकायत
म.प्र.
ग्रामीण सड़क
विकास प्राधिकरण
परियोजना
क्रियान्वयन
इकाई क्र. 1
शिवपुरी में
प्राप्त हुई
थी। लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
निर्माणाधीन
लुकवासा से
राजस्थान
राज्य सीमा तक
कराये जा रहे
मार्ग निर्माण
हेतु
निर्धारित
सीमा से अधिक
भार के वाहन से
सामग्री
परिवहन के
कारण सड़क का
कुछ भाग क्षतिग्रस्त
हुआ था, जिसे
संबंधित
ठेकेदार
द्वारा ठीक
किया गया है। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से स्वीकृत सड़कों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 403 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत पात्रता के उपरान्त भी किन-किन ग्रामों में सड़कें स्वीकृत नहीं की गई? क्यों ग्रामवार कारण बतावें। उक्त ग्रामों में सड़कें कब तक स्वीकृत की जायेगी? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्वीकृत किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण है तथा क्यों? सड़कवार कारण बताएं। कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) स्वीकृत किन-किन सड़कों का कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों? सड़कवार कारण बताएं। किन-किन सड़कों में वन व्यवधान, विद्युतपोल एवं तार की समस्या है, इन सड़कों हेतु अनुमति प्राप्त करने के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विभागान्तर्गत वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से सड़कों की स्वीकृति किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
स्वीकृत कृषि महाविद्यालय खोले जाने हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 405 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के आदेश दिनांक 04.10.2018 के द्वारा पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालय खोले जाने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाहियों का विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, की गई तो क्यों? पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय कब तक खोला जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश दिनांक 04-10-2018 के द्वारा पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्रशासकीय निर्णय उपरांत समन्वय से बजट उपलब्धता होने तक लम्बित रखे जाने का निर्णय लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद पंचायत गोटेगाँव की ग्राम पंचायतों में किये गये निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 407 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत गोटेगाँव की ग्राम पंचायत इमलिया (कमती), ग्राम पंचायत सिलारी एवं ग्राम पंचायत कूसीवाड़ा एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर की ग्राम पंचायत रीछई में वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक मनरेगा योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस मद में कितनी-कितनी लागत के पूर्ण कराए गए एवं कितने कार्य अपूर्ण स्थिति में है? (ख) उक्त सभी कार्यों के कार्य की श्रेणीवार जारी पूर्णता प्रमाण-पत्र की संख्या बतलावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा उक्त ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में हो रही अनियमितताओं की जाँच बावत् कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो क्या जाँच की गई संपूर्ण अद्यतन स्थिति का विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्न के भाग (क) अनुसार है। (ग) जी हाँ, उक्त के संबंध में सहायक यंत्री, जनपद पंचायत करेली को ग्राम पंचायत रीछई के निर्माण कार्यों की जाँच हेतु दिनांक 09.10.2019 को आदेशित किया गया। जाँच प्रतिवेदन अनुसार अनियमितता में निर्माण एजेन्सी पर राशि रूपये 1,68,734/- की वसूली अधिरोपित की गई। जिला पंचायत नरसिंहपुर द्वारा सरपंच श्रीमती रूकमणी, ग्राम पंचायत रीछई को राशि रूपये 84,367/- एवं सचिव श्रीमती मनीषा विश्वकर्मा को राशि रूपये 84,367/- की वसूली की राशि जमा करने हेतु दिनांक 14.02.2020 को पत्र द्वारा सूचित किया गया। इस संबंध में सरपंच श्रीमती रूकमणी व सचिव श्रीमती मनीषा विश्वकर्मा द्वारा ग्राम पंचायत रीछई के खाता क्रमांक 1810510560 में दिनांक 03.02.2020 को राशि रूपये 84,500/- एवं रूपये 84,370/- कुल राशि रूपये 1,68,870/- जमा की गई है।
नरसिंहपुर जिले में पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी
[गृह]
38. ( क्र. 408 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में कितने, हत्या, बलात्कार, चोरी लूट, डकैती, नशीले पदार्थ (स्मैक आदि) बेचने के अपराध पंजीबद्ध किए गए वर्षवार, थानावार जानकारी अपराध क्र.सहित प्रदान करें। (ख) वर्ष 2019-20 में जिला नरसिंहपुर में महिला उत्पीड़न, दहेज प्रथा के कितने मामले पंजीबद्ध हुए जानकारी देवें। उक्त कितने मामले न्यायालयों में चल रहे है? कितने मामलों में समझौता हुआ संपूर्ण जानकारी अपराध क्र. सहित देवें। (ग) नरसिंहपुर जिले में तलाक के कितने मामले हुए एवं कितनो में तलाक हुआ? (घ) उक्त तलाक के प्रकरणों की रोकथाम हेतु क्या-क्या उपाय किए जा रहे है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में हत्या के 45, बलात्कार के 70, चोरी के 249, लूट के 06, डकैती के 02 एवं नशीले पदार्थ (स्मैक, गांजा आदि) के 89 मामले, इन सभी शीर्षों के कुल 451 मामले पंजीबद्ध है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में महिला उत्पीड़न के कुल 672 प्रकरण पंजीबद्ध है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम घोटले से संबंधित शिकायतों की जाँच
[गृह]
39. ( क्र. 412 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले से सम्बंधित 197 शिकायतों पर STF द्वारा जाँच तथा अनुसंधान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक उनमें से कितनी शिकायतों की विवेचना पूर्ण होकर उत्तर दिनांक तक उनमें से कितनी शिकायतों पर प्रकरण दर्ज हुए कितनी नस्तीबद्ध हुई, कितनी शिकायतों पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा कितनी शिकायतें उत्तर दिनांक तक विवेचना में शामिल है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दर्ज प्रकरणों के क्रमांक, दिनांक, धाराएँ तथा आरोपी के नाम, पिता का नाम तथा निवास के पते सहित सूची देवें तथा बतावें कि कुल आरोपी कितने है तथा किस-किस आरोपी को किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया? (ग) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर विवेचना तथा अनुसंधान प्रारम्भ हो गया है? यदि हाँ, तो बतावें कि उनके बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह तथा अन्य की व्यापम घोटाले में भूमिका की जाँच प्रारम्भ हुई है, या नहीं? क्या बयान में उल्लेखित गुमनाम पत्र की जाँच हुई है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शिकायत में किस-किस अधिकारी की जाँच हेतु उल्लेख किया गया है, सूची देवें तथा बतावें कि शिकायत के किस-किस बिन्दु पर फिलहाल जाँच, विवेचना तथा अनुसंधान किया जा रहा है।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जाँच पर से 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा 60 शिकायतें नस्तीबद्ध हुई हैं, शेष शिकायतें जाँचरत हैं। दर्ज प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा की शिकायत जाँच में है। जाँच प्रचलन में है। (घ) शिकायत वर्तमान में जाँचाधीन है। अतः विस्तृत जानकारी दिया जाना विधि सम्मत नहीं होगा।
सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों का पुनर्वास
[नर्मदा घाटी विकास]
40. ( क्र. 415 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरदार सरोवर परियोजना द्वारा म.प्र. के विस्थापितों के पुनर्वास हेतु 60 लाख रूपए का भुगतान करने का आदेश सर्वोच्च अदालत द्वारा 8 फरवरी 2017 को दिया गया है? क्या शिकायत निवारण प्राधिकरण ने भी विस्थापितों को बतौर मुआवजा 60 लाख रूपए भुगतान करने का आदेश दिया है? उक्त परियोजना द्वारा प्रदेश के कितने विस्थापितों को 60 लाख रूपए का भुगतान किन शर्तों-नियमों के तहत कर दिया गया है? कितने विस्थापितों का पुनर्वास होना शेष है? नाम-पता एवं मुआवजा राशि सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कवठी के विस्थापित किए गए 25 परिवारों एवं ग्राम गंगली के 12 परिवारों को प्रश्न दिनांक तक मुआवजा नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो कारण बताएं, यदि नहीं, तो उक्त दोनों ग्रामों के विस्थापितों एवं पुनर्वास पा चुके व्यक्तियों की सूची अलग-अलग प्रस्तुत करें। (ग) मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कवठी एवं ग्राम गंगली के समस्त विस्थापितों का प्रश्न दिनांक तक पुनर्वास नहीं किए जाने के लिए किसकी क्या जवाबदेही तय की गई है? क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, की गई है तो कारण बताएं। (घ) ग्राम कवठी एवं ग्राम गंगली को उक्त विस्थापित परिवारों को 60 लाख रूपए कब तक भुगतान कर दिया जाएगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। सरदार सरोवर परियोजना के ऐसे 725 पात्र विस्थापित परिवार जिन्हें NWDT अवार्ड के प्रावधान अनुसार देय वैकल्पिक भूमि आवंटन की पात्रता का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं हुआ था, उन्हें विभाग द्वारा फुल एवं फाईनल सेटलमेंट के रूप में प्रति विस्थापित परिवार को रूपये 60.00 लाख का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) ग्राम कवठी एवं ग्राम गांगली के विवादित मामलों को छोड़कर शेष पात्र परिवारों को उनकी अर्जित संपत्ति का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) विवादित प्रकरणों को छोड़कर शेष को पुनर्वास लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कीटनाशकों के भूमि पर प्रभावों का सर्वे
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 431 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा होशंगाबाद जिले में कीटनाशकों के भूमि पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करने हेतु कलेक्टर होशंगाबाद को पत्र क्र. 197 दि. 14.10.2019 के संबंध में कलेक्टर द्वारा सह संचालक, जोनल कृषि अनुसंधान केन्द्र, पवारखेड़ा, जिला होशंगाबाद को अपने पत्र क्र. 7162 दिनांक 02.11.2019 से दो बिन्दुओं पर जाँच हेतु लिखा गया था? (ख) क्या पत्र में उल्लेखित दो बिन्दुओं पर जाँच की गयी। यदि हाँ, तो किनके द्वारा किस-किस क्षेत्र में कब-कब? (ग) मूल्यांकन में कौन से परिणाम प्राप्त हुए? (घ) यदि मूल्यांकन नहीं किया गया तो कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) कालान्तर एवं वर्तमान में आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र पवारखेडा (होशंगाबाद) में कीटनाशकों के भूमि पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्याकंन संबंधी कोई भी अनुसंधान परियोजना कार्यरत/संचालित नहीं है। अत: प्रश्नांतर्गत वांछित मूल्यांकन कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा नहीं किया जा सकता।
वृहताकार समिति रायपुर की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
42. ( क्र. 432 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वृहताकार सहकारी समिति मर्यादित, रायपुर, तहसील व जिला होशंगाबाद के प्रभारी सहायक समिति प्रबंधक ओमप्रकाश शर्मा एवं सहायक समिति प्रबंधक दिनेश चन्द्रौल के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु दिनांक 14.08.2018 को देहात थाना होशंगाबाद में आवेदन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो किसके द्वारा एवं किन कारणों से? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन के संबंध में प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो किन धाराओं में किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी/फरवरी 2020 में भी पुलिस अधीक्षक होशंगाबाद को पत्र लिखकर कार्यवाही का अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, आवेदक राजेन्द्र कुमार पालीवाल, समिति प्रबंधक, वृहताकार सहकारी समिति मर्यादित, रायपुर एवं बसंत कुमार दीक्षित, पर्यवेक्षक, शाखा कृषि होशंगाबाद द्वारा वृहताकार सहकारी समिति मर्यादित, रायपुर के तत्कालीन प्रभारी समिति प्रबंधक ओमप्रकाश शर्मा एवं सहायक समिति प्रबंधक दिनेश चन्द्रौल द्वारा पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितता करने के संबंध में आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है। (ख) एवं (ग) जी हाँ, धारा 420,467,468 एवं 471 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दिनांक 06.03.2020 को।
रमखिरिया कटरा मार्ग पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 445 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 230 दिनांक 17/12/19 में अवगत कराया गया था, कि कटरा रमखिरिया मार्ग पर स्टापडेम कम काजवे के निर्माण हेतु 2.00 करोड़ का प्राक्कलन तैयार किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) प्राक्कलन अनुसार कब निविदा जारी की जायेगी एवं कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग अंतर्गत उपलब्ध आवंटन पूर्व स्वीकृत कार्य हेतु आबद्ध होने से कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
44. ( क्र. 448 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना की स्वीकृति किस दिनांक को जारी की गई थी? (ख) उक्त परियोजना की स्वीकृत के समय इसकी लागत क्या थी वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में इस परियोजना के लिये कितना-कितना बजट स्वीकृत किया गया है? (ग) इस परियोजना के लिये किस निर्माण एंजेसी को कार्यादेश दिया गया है वर्तमान में इस योजना का कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुका है? क्या उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिये क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन द्वारा बैठक आयोजित की जाएगी? यदि हाँ, तो कब? (घ) इस परियोजना में कार्यादेश के अऩुसार इसकी कार्य पूर्णता की अवधि क्या है? क्या परियोजना का कार्य समय-सीमा में पूर्ण होगा? अगर नहीं तो इसे समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जावर उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति दिनांक 01/11/2018 को। (ख) रूपये 432.81 करोड़। वर्ष 2019-20 हेतु रूपये 116.39 करोड़ एवं वर्ष 2020-21 हेतु रूपये 240.00 करोड़। (ग) मेसर्स जी.व्ही.पी.आर. इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद। 26.89 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 36 माह। कार्य समय-सीमा में पूर्ण करना लक्षित है। निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने हेतु समय-समय पर निर्देश जारी किये जाते हैं।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
45. ( क्र. 450 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले पर दर्ज 212 प्रकरण पर सी.बी.आई. जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो सी.बी.आई. जाँच के चलते क्या एस.टी.एफ. व्यापम घोटाले के शेष प्रकरणों पर जाँच कर सकती है (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि 9 जुलाई 2015 के बाद 4 साल तक एस.टी.एफ. ने व्यापम घोटाले के किन-किन प्रकरणों की जाँच, अनुसंधान अथवा विवेचना की है तथा कौन-कौन से प्रकरण किस दिनांक को दर्ज किए गए हैं l (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 18 फरवरी 2019 के खंड (क) का स्पष्ट उत्तर दिया जाए कि एस.आई.टी. ने ऐसा निर्देश दिया था या नहीं? यदि हाँ, तो उस पत्र की प्रति देवें l (घ) व्यापम घोटाले के शेष प्रकरणों पर वर्तमान में एस.टी.एफ. किन 197 शिकायतों पर जाँच कर रही है किसके आदेश पर कर रही है? आदेश की प्रति देवें तथा बतावे की जाँच को पूर्व में किसके आदेश से रोका गया था उसकी भी प्रति देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। एस.टी.एफ. द्वारा विभागीय मंत्री के आदेश दिनांक 03.09.2019 के तारतम्य में व्यापम घोटाले के उन प्रकरणों में जिनमें सी.बी.आई. द्वारा जाँच नहीं की जा रही है, पुनः जाँच प्रारंभ की गई है। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा 9 जुलाई 2015 को मान. सर्वोच्च न्यायालय की रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में निर्णयानुरूप व्यापम संबंधी समस्त प्रकरण एवं जाँच केन्द्रीय जाँच ब्यूरो को हस्तांतरित की गई थी। विभागीय मंत्री के आदेश दिनांक 03.09.2019 के तारतम्य में 197 प्रकरणों की जाँच प्रारंभ की गई है। अब तक इस संबंध में 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ग) प्रश्नांश के संबंध में चाही गयी जानकारी व्यापम घोटाले से संबंधित समस्त आपराधिक प्रकरण एवं दस्तावेजों को मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में पारित निर्णय दिनांक 09.07.2015 के अनुसार सी.बी.आई. को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। अतः प्रश्नांश की जानकारी प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। (घ) व्यापम घोटाले के शेष 197 प्रकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार की जाँच विभागीय मंत्री के आदेश के पालन में की जा रही है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार दिनांक 09.07.2015 से मान. सर्वोच्च न्यायालय की रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में निर्णय के तारतम्य में व्यापम संबंधी शिकायतों की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा रोकी गई।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
46. ( क्र. 451 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 5 वर्षों से सी.बी.आई. की जाँच के नाम पर व्यापम घोटाले की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा क्यों और किसके आदेश पर रोकी गई? क्या जाँच रोकना कानूनन उचित था? यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारी का नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि सी.बी.आई. की जाँच के नाम पर व्यापम घोटाले की जाँच रोकना उचित था तो फिर सी.बी.आई. जाँच के चलते एस.टी.एफ. व्यापम घोटाले की जाँच कैसे कर रही है? एस.टी.एफ. का कदम पहले उचित था या अब उचित है? कारण सहित बतावें? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 18 फरवरी 2019 के खंड (ग) का स्पष्ट उत्तर देंवे कि 2009 से 2015 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में स्टेट कोटे में पी.एम.टी. के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़ा पाया गया था या नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 18 फरवरी 2019 के खंड (ग) के उत्तर में एस.टी.एफ. में कोई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है को स्पष्ट करें की क्या अपराध न होने से या विवेचना में होने से कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया क्या प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) व्यापम की जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय की रिट याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 में निर्णयानुरूप रोकी गई थी। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा विभागीय मंत्री के निर्देश दिनांक 03.09.2019 के तारतम्य में व्यापम घोटाले के उन प्रकरणों में जिनमें सी.बी.आई. द्वारा जाँच नहीं की जा रही, की जाँच पुनः प्रारम्भ की गई है। एस.टी.एफ. का पूर्व एवं वर्तमान का दोनों कार्य मान. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं विभागीय मंत्री के निर्देश के अनुक्रम में उचित है। (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश में फर्जीवाड़ें की जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित हैं। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 456 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से तेजगढ़-हिनौती सर्रा-पुरा-झलौन- बमनोदा-तारादेही मार्ग का निर्माण किया गया है जिसमें निर्माण एजेंसी द्वारा पुलिया एवं मार्ग निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य संबंधी पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दमोह को प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र में उल्लेखित बिंदुओं के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो अभी तक क्यों नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जबेरा विधानसभा क्षेत्र में तेजगढ़-हिनौती सर्रा-पुरा-झलौन-बमनोदा-तारादेही मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत किया गया है। परन्तु गुणवत्ताहीन कार्य संबंधी पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दमोह को प्रेषित किया गया कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिव के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
48. ( क्र. 459 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2008 में तत्कालीन शासन में ग्राम पंचायत के सचिवों की सन् 2008 के पश्चात् मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने का नियम बनाया था? क्या यह नियम आज भी लागू है। (ख) यदि हाँ, तो जिलेवार जानकारी दें कि किस-किस जिले में कितने लोगों को प्रश्न दिनांक तक अनुकम्पा नियुक्ति दी जा चुकी है और कितने प्रकरण लम्बित है तथा उनका निराकरण कब तक कर लिया जायेगा? (ग) क्या शासन ग्राम पंचायत सचिवों को 7वां वेतनमान का लाभ देने, उनकी सेवायें विभाग सें संविलियन करने और उनको पंचायत समन्वयक अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु वचनबद्ध हैं? यदि हाँ, तो शासन ने इस वचन का पालन अब तक क्यों नहीं किया है और शासन कब तक इस वचन का पालन कर लेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं, विभाग द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु आदेश वर्ष 2017 में जारी किया गया था, जो दिनांक 16.02.2018 के आदेश द्वारा किये गये संशोधन अनुसार 01 अप्रैल 2008 से प्रभावशील किया गया है, लागू है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) विभाग के आदेश दिनांक 09.12.2019 द्वारा इस हेतु समिति का गठन किया जा चुका है।
कुण्डेश्वर धाम का समग्र विकास
[पर्यटन]
49. ( क्र. 485 ) श्री राकेश गिरि : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के प्रसिद्ध पर्यटक एवं तीर्थक्षेत्र कुण्डेश्वर धाम के समग्र विकास हेतु जिला कलेक्टर द्वारा किसी समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त समिति में कौन-कौन सदस्य हैं तथा समिति की कितनी बैठकें आहूत की गई? विकास की क्या कार्य योजना तैयार की गई? (ख) क्या कुण्डेश्वर धाम मेला परिसर में कतिपय दुकानदारों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर दुकानें रख ली है? यदि हाँ, तो अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों के नाम व पता सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 2006 दिनांक 15.07.2019 में चुनाव आचार संहिता प्रभावशील हो जाने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका जवाब प्रस्तुत किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) हाँ तो अब तक कुण्डेश्वर धाम मेला परिसर से दुकानदारों द्वारा किये गये अवैध अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया गया? उक्त अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। समिति की दो बैठक आयोजित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार। (ग) जी हाँ (घ) अतिक्रमण हटाने हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है।
किसानों की द्वितीय चरण की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 492 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत कुल कितने किसानों के कितनी राशि के ऋण माफ किए जाने हैं? जिले में प्रथम चरण में कितने किसानों की कितनी राशि तक के ऋण माफ किए गए तथा द्वितीय चरण में कितने किसानों के कितनी राशि तक के ऋण माफ किए जाने हैं? द्वितीय चरण की ऋण माफी हेतु जिले की तहसीलों में कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ है? समस्त जानकारी किसानों की संख्यावार तहसीलवार उपलब्ध करावें? प्रथम एवं द्वितीय चरण की ऋण माफी उपरांत कितने किसानों की ऋण माफ होना शेष रहेंगी तथा उनके ऋण माफ किए जाने हेतु कुल कितनी राशि की आवश्यकता है? जानकारी तहसीलवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या शिवपुरी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के द्वितीय चरण में तहसीलवार/विधानसभा क्षेत्रवार किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाना निश्चित हुआ है? यदि हाँ, तो जिला शिवपुरी में तहसीलवार ऋण माफी सम्मेलन के आयोजन हेतु निर्धारित की गई तिथि की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों में ऋण माफी हेतु किसान सम्मेलन आयोजन की तिथि निर्धारित नहीं की गई हैं तथा कोलारस,बदरवास के किसानों की द्वितीय चरण की ऋण माफी हेतु बजट भी उपलब्ध नहीं कराया गया है? ऋण माफी में किसानों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है? सकारण उत्तर दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शिवपुरी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत 89582 ऋणखाता कृषकों के ऋण माफ किये जाने हैं। जिले में प्रथम प्रथम चरण में 39559 कृषकों के एन.पी.ए. खातों के 2.00 लाख तक एवं पी.ए. खातों 50000 तक के ऋण माफ किये गये हैं। द्वितीय चरण की ऋणमाफी हेतु जिले की तहसील पिछोर में राशि रूपये 34788623, तहसील करैरा में राशि रूपये 35533002 एवं तहसील पोहरी में राशि रूपये 33238540 बजट प्राप्त हुआ है। संख्यावार एवं तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रथम एवं द्वितीय चरण की ऋण माफी उपरांत लगभग 43289 कृषकों के ऋण माफी होना शेष रहेगी। उनके ऋण माफ किये जाने हेतु पात्रतानुसार राशि की आवश्यकता होगी। (ख) हाँ। जिला शिवपुरी की पिछोर तहसील में 22.02.2020 करैरा तहसील में 03.03.2020 एवं पोहरी तहसील में 10.03.2020 को किसान सम्मेलन के आयोजन हेतु तिथियां निर्धारित की गई है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों में ऋण माफी की तिथि आगामी माहों के लिये निर्धारित की गयी है। कोलारस एवं बदरवास के किसानों की ऋणमाफी हेतु चरणबद्ध तरीके से ऋण माफ किया जा रहा है। सभी पात्र किसानों का ऋण माफ किया जावेगा। किसानों के साथ भेदभाव का प्रश्न ही नहीं होता।
गेहूँ खरीद की प्रोत्साहन राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 498 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान समृद्धि योजना अंतर्गत वर्ष 2019 में खरीदे गये गेहूँ पर प्रदेश के झाबुआ जिले के 3500 कृषकों के खातों में रुपये 160 प्रति क्विंटल की दर से माह सितम्बर 2019 में प्रोत्साहन राशि रुपये 2.51 करोड़ जमा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के अन्य जिलों के कृषकों को प्रश्न दिनांक तक प्रोत्साहन राशि प्रदान न किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत कटनी जिले के कितने कृषकों को कितनी प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाना शेष है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में मात्र झाबुआ जिले के कृषकों को प्रोत्साहन राशि प्रदान कर अन्य जिलों के कृषकों को वंचित रखा जाना क्या समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है? प्रोत्साहन राशि से वंचित शेष कृषकों को किस प्रकार से कब तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जय किसान समृद्धि योजना अंतर्गत विपणन वर्ष 2019-20 में खरीदे गये गेहूँ पर प्रदेश के झाबुआ जिले के 3500 कृषकों के खातों में रूपये 160 प्रति क्विंटल की दर से माह सितम्बर 2019 में प्रोत्साहन राशि रूपये 2,91,24,883/- (शब्दों में राशि रूपये-दो करोड़ इक्यानवे लाख चौबीस हजार आठ सौ तिरासी मात्र) जमा की गई। (ख) प्रदेश के अन्य जिलों को जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) इस योजना अंतर्गत कटनी जिले के 22601 कृषकों को पात्रता अनुसार विक्रय मात्रा पर राशि रूपये 24,39,66,871 (शब्दों में राशि रूपये- चौबीस करोड़ उन्तालीस लाख छियासठ हजार आठ सौ इक्त्तर मात्र) की प्रोत्साहान राशि प्रदाय किया जाना है। (घ) प्रदेश के अन्य जिलों को जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत स्वीकृत आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 499 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा