मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016
सत्र
गुरूवार, दिनांक 17 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग
1 : किसान कल्याण
तथा कृषि विकास, पंचायत
और ग्रामीण विकास, सामाजिक
न्याय एवं निःशक्त
जन कल्याण, सहकारिता, राजस्व, पुनर्वास, परिवहन, विज्ञान
एवं प्रौद्योगिकी, लोक
सेवा प्रबंधन, जन शिकायत
निवारण)
निर्माण
कार्यों में
अनियमितता की जाँच
1. ( *क्र. 4729 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत दुधमनिया, जनपद पंचायत सिहावल जिला सीधी में वर्ष 2010 से 2015 के बीच कौन-कौन से निर्माण कार्य कराए गये एवं इस दौरान कुल कितनी राशि व्यय की गयी? (ख) क्या ग्राम पंचायत दुधमनिया, जनपद पंचायत सिहावल जिला सीधी में भ्रष्टाचार की जाँच के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सीधी द्वारा तीन सदस्यीय जाँच दल का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो 08 सितंबर, 2015 के बाद जाँच दल द्वारा क्या जाँच की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। प्रश्नाधीन अवधि में मनरेगा, पंचपरमेश्वर, शौचालय निर्माण एवं सांसद मद में कुल रू. 11351235/- की राशि व्यय की गई। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
अवैध निर्माण पर कार्यवाही
2. ( *क्र. 6214 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील पवई जिला पन्ना में श्री जगदीश प्रसाद नगायच पिता श्री रामप्रसाद नगायच, मनोहर नगायच के नाम नजूल भूखण्ड क्रमांक 2754, 2755 और 2412/6 पवई में राजस्व लीज़ कलेक्टर पन्ना द्वारा स्वीकृत की गई है? यदि की गई तो कब और किस दिनांक को और कितने क्षेत्रफल की? (ख) क्या यही स्वीकृत लीज़ कलेक्टर पन्ना द्वारा निरस्त की गयी है? यदि की गई तो कब और किस दिनांक को और उस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त लीज़ पर मकान निर्मित है? यदि हाँ, तो कितने एरिया में। (ग) क्या उक्त निर्मित मकान वैध है या अवैध? यदि अवैध है तो क्या श्री ओमकार सिंह द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर पन्ना व राजस्व मंत्री को दिनांक 21/12/2015 को की गई थी, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई। यदि नहीं, हुई तो कब तक होगी और शासन अतिक्रमण हटाने के लिये क्या कार्यवाही कब तक करेगा? समय-सीमा बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, भू-खण्ड क्र. 2754, 2755, में से 5 x 20 = 100 वर्ग मीटर भूमि श्री जगदीश प्रसाद पिता श्री रामप्रसाद नगायच, साकिन पवई को राजस्व प्रकरण क्रमांक 118/अ-20 (1) वर्ष 85-86 आदेश दिनांक 22.05.87 तथा खसरा क्रमांक 2412/6 में से 80 x 30 = 2400 वर्गफुट भूमि प्रकरण क्रमांक 253/अ-20 (1) वर्ष 85-86 आदेश दिनांक 28.01.87 द्वारा मोहन लाल पिता राममनोहर नगायच सा. पवई को स्थाई लीज़ स्वीकृत की गई थी। (ख) जी हाँ, स्वीकृत लीज़ कलेक्टर पन्ना के आदेश दिनांक 03.09.1988 द्वारा निरस्त की गई थी। मौजा पवई की आराजी क्र. 2412/6 पर रकबा 40x50=2000 वर्गफुट आबादी क्षेत्र पर शैलेष नगायच पिता जगदीश प्रसाद नगायच का रिहायशी मकान निर्मित है। (ग) श्री ओमकार सिंह ने कलेक्टर जिला पन्ना को दिनांक 21.12.15 को शिकायत की थी। शिकायत की जाँच तहसीलदार पवई से कराये जाने के पश्चात श्री शैलेष नगायच पिता जगदीश प्रसाद नगायच के विरूद्ध न्यायालय तहसीलदार पवई में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अतिक्रमण का प्रकरण दर्ज किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा द्वारा कराये गये कार्य
3. ( *क्र. 4430 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में मनरेगा में नंदन फलोद्यान, निर्मल वाटिका (स्वच्छता अभियान), ग्रामीण क्रीड़ांगन और खेत सड़क के कितने कार्य कहाँ-कहाँ, कब-कब, किन-किन पंचायतों में कराये गये? व्यय सहित सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों में से ग्रामीण क्रीड़ांगन एवं खेत सड़क जैसे कार्यों में मशीनरी का जमकर उपयोग किया जा रहा है और वास्तविक मजदूर पलायन करने पर मजबूर हो गये हैं? यदि नहीं, तो क्या प्रगतिरत कार्यों का स्थल निरीक्षण एवं मजदूरों का सत्यापन जिले के अधिकारियों की समिति बनाकर कलेक्टर सागर की अध्यक्षता में कराया जावेगा और कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को भी अवगत कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या मनरेगा द्वारा कराये गये नंदन फलोद्यान एवं निर्मल वाटिका के कार्यों में राहतगढ़ जनपद में भी गंभीर अनियमिततायें की गयी हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में मनरेगा में नंदन फलोद्यान, निर्मल वाटिका (स्वच्छता अभियान), ग्रामीण क्रीड़ांगन और खेत सड़क के कार्यों की जनपदवार एवं ग्राम पंचायतवार व्यय सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण हेतु आवश्यक मशीनरी को छोड़कर मानवीय श्रम के बदले उपयोग होने वाली मशीनरी का उपयोग नहीं किया गया, न ही मजदूरों के द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुरूप काम की मांग के बावजूद रोजगार नहीं मिलने के कारण मजबूरीवश पलायन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। किसी भी प्रकार की गंभीर अनियमितता की शिकायत राज्य शासन के संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
स्वच्छता सप्ताह आयोजन के मुद्रण कार्य की जाँच
4. ( *क्र. 4901 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्मल भारत अभियान 20 से 25 फरवरी, 2014 स्वच्छता सप्ताह के आयोजन के लिए प्रचार-प्रसार हेतु छपवायी गई सामग्री में किए गए भुगतान की कोई जाँच कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो उससे संबंधित प्रतिवेदन और प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है।
तालाबों की भूमि पर अतिक्रमण
5. ( *क्र. 630 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत कौन-कौन सी तहसीलों में कितने तालाब बने हुए हैं? तालाबों की पालों अथवा तालाबों हेतु आरक्षित भूमि से कितनी दूरी पर निर्माण अथवा अन्य गतिविधियां की जा सकती हैं व किस नियम के तहत्? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इंदौर जिला अंतर्गत पुराने तालाबों के केचमेंट एरिया, तालाबों की पाल पर अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ता पर संबंधित विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? या की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इंदौर में स्थित बिलावली तालाब, सिरपुर तालाब, खजराना तालाब, यशवंत सागर एवं पिपल्याहाना तालाब की पाल/केचमेंट एरिये में कितनी भूमि पूर्व में तालाब हेतु चिन्हित की थी व वर्तमान में कितनी भूमि प्रश्न दिनांक तक शेष बची है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त तालाबों की आरक्षित भूमि पर व तालाबों की पाल के आस-पास व्यवसायिक गतिविधियां एवं अवैध रूप से बहुमंजिला भवन/छोटे भवनों कै अवैध निर्माण के समय पदस्थ अधिकारी पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तालाबों की तहसीलवार खसरा नंबर, रकबा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। इंदौर विकास योजना 2021 की कंडिका 6.15.3 अनुसार बड़े एवं छोटे तालाबों की एच.एफ.एल. से क्रमशः 60 एवं 30 मीटर की दूरी तक निर्माण प्रतिबंधित रखा गया है। (ख) जी हाँ। अतिक्रमण हटाने हेतु विस्तृत कार्य योजना हेतु कलेक्टर द्वारा नगर निगम इंदौर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार को लिखा गया है। (ग) पूर्व में चिन्हित रकबे अनुसार बिलावली तालाब 304.76 हे., में से 234.6 हे., सिरपुर तालाब 93.030 हे., में से 93.958 हे., खजराना तालाब 3.137 हे. में से 3.137 हे., यशवंत सागर तालाब 1121.991 हे., में से, 1120.826 हे. एवं पिपल्याहाना तालाब का रकबा 3.674 हे. में से 3.674 हे., वर्तमान राजस्व अभिलेख में दर्ज पाया गया है। (घ) सिरपुर एवं खजराना तालाब को छोड़कर अन्य प्रश्नाधीन तालाबों में अतिक्रमण की स्थिति नहीं है। सिरपुर, खजराना तालाबों के पाल की भूमि पर आंशिक अतिक्रमण मकान आदि बनाकर किया गया है। अवैध निर्माण की जानकारी संज्ञान में आने पर नगर निगम, राजस्व विभाग एवं पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर अवैध निर्माण हटाने एवं गतिविधियों को बंद करने की कार्यवाही की जाती है। अतिक्रमण हटाना सतत् एवं निरंतर गतिशील न्यायालयीन प्रक्रिया है।
मनरेगा योजनांतर्गत पक्के निर्माण कार्य की स्वीकृति
6. ( *क्र. 5716 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में निर्माण कार्य की स्वीकृति कब से समाप्त कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो बी.आर.जी.एफ. योजना की राशि से कराये जाने वाले पक्के निर्माण कार्य यथा पुल, पुलिया, स्टॉप डेम भवन निर्माण आदि किस मद से कराये जावेंगे? यदि नहीं, तो जनपद पंचायत सारंगपुर अंतर्गत कौन-कौन से कार्य की स्वीकृति प्रदान की गयी है? ग्रामवार, कार्यवार राशि की जानकारी देवें। (ग) यदि मनरेगा से ही प्रश्नांश (ख) के कार्य करवाये जावेंगे तो क्या 20 प्रतिशत मजदूरी एवं 80 प्रतिशत सामग्री की राशि व्यय करने की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारत शासन स्तर से दिनांक 31.03.2015 से बी.आर.जी.एफ. योजना डीलिंक होने से बंद कर दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। बी.आर.जी.एफ. की स्वीकृत कार्य योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्य बी.आर.जी.एफ. की मार्गदर्शिका अनुसार जिला/जनपद/ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार मद में उपलब्ध शेष राशि तथा उक्त राशि पर अर्जित ब्याज की राशि से जिले द्वारा कराये जायेंगे। वित्तीय वर्ष 2015-16 में जनपद पंचायत सारंगपुर में बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत कोई नवीन कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी उत्तरांश ‘ख’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार।
उपसंचालक के पद पर अनियमित पदोन्नति
7. ( *क्र. 6457 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भोपाल के आदेश क्र./स्था.वि./6852/2015, दिनांक 23.11.2015 के अंतर्गत सहायक प्रबंधकों को अस्थाई रूप से उप-प्रबंधक के पदों पर पदोन्नति प्रदान की गई है? पदोन्नति प्रदान किये जाने के क्या निर्धारित मापदण्ड/प्रावधान हैं? प्रति उपलब्ध करावें। क्या उक्त पदोन्नति में शासन के पदोन्नति नियम 2002 का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त पदोन्नति वरिष्ठता सूची के आधार पर की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? वरिष्ठ होते हुये भी पदोन्नति से किन-किन कर्मचारियों को किन कारणों से वंचित किया गया है? (ग) क्या वरिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित कर उनसे कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नत किये जाने के संबंध में प्रबंध संचालक/सचिव विपणन संघ को अवगत कराते हुये, उन्हें भी उप-प्रबंधक के पद पर उक्त पदोन्नति दिनांक से पदोन्नत किये जाने का अनुरोध किया गया है? इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही कब-कब की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? (घ) क्या शासन/विभाग कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति नियमों के विपरीत अनियमित रूप से पदोन्नति प्रदान किये जाने की उच्चस्तरीय जाँच कर वंचित कर दिये गये वरिष्ठ कर्मचारियों को उक्त पदोन्नति दिनांक से पदोन्नति प्रदान किये जाने के आदेश जारी करते हुये, अकारण पदोन्नति से वंचित करने वाले दोषियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार, म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 के अंतर्गत पंजीकृत संस्था होने से पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. द्वारा अनुमोदित सेवा नियम के प्रावधान अनुसार पदोन्नति दी गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) पदोन्नति वरिष्ठता सह उपयुक्तता के आधार पर, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) सहायक प्रबंधक श्रीमती सुनीता राय से अभ्यावेदन प्राप्त, आवेदिका को पदोन्नति हेतु उपयुक्त नहीं पाये जाने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया तथा पत्र दिनांक 04.1.2016 से सूचित किया गया। (घ) उत्तरांश 'क', 'ख' 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा/ओलावृष्टि से फसलों को क्षति
8. ( *क्र. 1520 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2015-16 में सूखा/ओलावृष्टि के कारण कुल कितने ग्रामों में कितने-कितने कृषकों की कौन-कौन सी रबी फसलों में कितने-कितने प्रतिशत नुकसान सर्वे सूची में सर्वे दलों द्वारा दर्ज किया गया, के अनुसार वर्तमान तक कितनी मुआवज़ा राशि बांटी गई? इस हेतु कितनी राशि शासन ने जिले को प्रदाय की पूर्ण जानकारी तहसील/ग्रामवार देवें? (ख) सर्वे कार्य में सर्वे दलों की मनमानी के कारण ग्राम नयागांव, गुजरान, सेमल्दा हवेली, ब्रहमपुरा सहित दर्जनों ग्रामों के सैकड़ों पात्र कृषकों के नाम सर्वे सूची में नहीं जुड़ पाये व मुआवज़े से वंचित बने हुए हैं, जिनके नाम जोड़े गये उनमें से सैकड़ों कृषकों को वर्तमान तक मुआवजा नहीं मिला, दर्जनों अपात्र कृषकों को मुआवजा दिया गया? इसके क्या कारण हैं। (ग) उक्त अनियमितताओं के संबंध में कितने आवेदन वर्तमान तक सभी तहसीलदारों/जिला प्रशासन को प्राप्त हुए इन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ख) में वर्णित तथ्यों की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा वर्तमान तक मुआवज़े से वंचित पात्र कृषकों सहित सर्वे सूची में जुड़ने से वंचित रहे पात्र कृषकों के नाम सर्वे सूची में जुड़वाकर इन्हें शीघ्र मुआवजा दिलवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला श्योपुर में वर्ष 2015-16 में सूखा/ओलावृष्टि से रबी फसल में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
खेतों के कुएं गिरने के प्रकरणों पर कार्यवाही
9. ( *क्र. 4408 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के ऐसे कितने कृषक हैं, जिन्होंने माह जुलाई, 2015 से अक्टूबर, 2015 तक खेतों के कुएँ गिरने के आवेदन दिये हैं, इन आवेदनों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) कुएँ गिरने के ऐसे कितने प्रकरण हैं, जो विभाग द्वारा जाँच करा कर स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राही का नाम, ग्राम का नाम एवं स्वीकृत राशि की सूची देवें। (ग) कुएँ धंसने के ऐसे कितने लंबित प्रकरण हैं, जिन्हें स्वीकृत राशि जारी कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतावें एवं राशि कब तक जारी की जावेगी? (घ) कुएँ धंसने के प्रकरण तैयार करने एवं स्वीकृति की कार्यवाही में विलंब से किसानों को आ रही परेशानी के कारण क्या शासन जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खातेगांव के 19 कृषकों ने आवेदन दिये जिन पर नियमानुसार कार्यवाही की गई। (ख) तहसील कन्नौद के 14 प्रकरणों में से जाँच उपरांत 13 प्रकरण निरस्त किये गये एवं 1 प्रकरण स्वीकृत किया गया। तहसील खातेगांव में 5 प्रकरणों की जाँच उपरांत पात्र पाये जाने पर राहत राशि स्वीकृत की गई। स्वीकृत सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कुल 6 प्रकरणों में राशि जारी की गई। शेष 13 प्रकरण जाँच उपरांत अस्वीकृत किये गये। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) कुएं धंसने के प्रकरण तैयार करने एवं स्वीकृति की कार्यवाही समय-सीमा में की जाकर प्रभावितों को राहत राशि उपलब्ध कराई गई। अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की पूर्णता
10. ( *क्र. 6480 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विगत 03 वर्षों में अन्य विभागों के कौन-कौन से निर्माण कार्यों की एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया है? कार्यों के नाम, स्थान एवं स्वीकृति दिनांक सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या कुछ पंचायतों में सरपंचों द्वारा राशि आहरित कर ली है, किन्तु निर्माण कार्य या तो प्रारंभ नहीं हुए हैं या अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से कार्य किस-किस पंचायत के हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार लंबी अवधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने के क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (घ) ये कार्य कब तक पूर्ण हो जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार लंबी अवधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु जिले में समीक्षा बैठकों में संबंधित निर्माण एजेंसियों को निर्देशित किया जा रहा है, एजेंसियों को नोटिस जारी किए गए हैं तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालयों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं। (घ) सभी एजेंसियों को निर्देशित किया गया है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराए जाने की निश्चित अवधि बताया जाना संभव नहीं है।
वन विभाग की भूमि का आवंटन
11. ( *क्र. 5582 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 24-4-2012 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विजयपुर (श्योपुर) को श्री क्षिमक्षिमा हनुमान जी मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर के लिये वन विभाग की भूमि को आवंटन करने बाबत् निर्धारित प्रारूप 11 (1) के अनुसार प्रकरण तैयार कराकर भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) यदि कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है, तो कब तक करा ली जावेगी? (ग) श्री क्षिमक्षिमा हनुमान मंदिर की वन भूमि लगभग कितने वर्षों से मंदिर एवं आश्रम के उपयोग में आ रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। ग्राम स्तरीय समिति को परीक्षण हेतु भेजा गया है। (ख) एवं (ग) ग्राम स्तरीय समिति के परीक्षण उपरांत विधिसंगत कार्यवाही की जावेगी। लगभग 32 वर्ष पूर्व से मंदिर के उपयोग में आ रही है।
मजरों/टोलों को राजस्व ग्राम की मान्यता
12. ( *क्र. 4645 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्राम उज्जैनी तहसील धार जिला धार में प्रश्नकर्ता विधायक की मांग पर शंकरपुरा, पातलिया, चंदरपुरा, नयापुरा आदि मजरों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर जिला धार द्वारा इस बाबत् प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित कर दिये गये हैं? (ग) इन मजरों को राजस्व ग्राम की मान्यता प्रदान करने हेतु अब तक क्या कार्रवाई हुई है तथा कब तक राजस्व ग्राम घोषित किये जा सकेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमानक कपास बीज से कृषकों को हुई क्षति का भुगतान
13. ( *क्र. 6429 ) श्री राजकुमार मेव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत तीन वर्षों में इंदौर संभाग के किसानों द्वारा बायर कंपनी का 1037 कपास खराब होने की शिकायत की गई? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या इंदौर संभाग के किसानों द्वारा बायर कंपनी के कपास की अच्छी गुणवत्ता न होने एवं नुकसानी के संबंध में जिला उपभोक्ता फोरम में प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया था? (ग) क्या राज्य उपभोक्ता फोरम में उक्त प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कितनी अवधि से लंबित है? प्रकरण का निराकरण कितनी अवधि में किया जाकर किसानों को नुकसानी की राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विगत तीन वर्षों में इंदौर संभाग के किसानों द्वारा बायर कंपनी का 1037 कपास खराब होने की कोई शिकायत विभाग को प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ख) जी हाँ। इंदौर संभाग अंतर्गत खरगोन जिले के किसानों द्वारा बायर कंपनी के कपास 1037 की अच्छी गुणवत्ता न होने एवं नुकसानी के संबंध में जिला उपभोक्ता फोरम में वर्ष 2010-11 में प्रकरण पंजीबद्ध कराया था। (ग) जी हाँ। म.प्र. राज्य उपभोक्ता फोरम विवाद प्रतितोषण आयोग में उक्त प्रकरण वर्ष 2013-14 से विचाराधीन है। चूंकि म.प्र. राज्य उपभोक्ता फोरम न्यायालयीन व्यवस्था है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण
14. ( *क्र. 6562 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कायदा से डेहरिया एवं छिरपुरा से बोथी सड़कों का कार्य पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी? कितनी राशि स्वीकृत की गई। (ख) क्या छिरपुरा से बोथी मार्ग की दोनों साईड नियम विरूद्ध खुदाई कर ग्रेवल निकाल कर गहरी खाई बनाई है? यदि हाँ, तो क्यों? उक्त सड़क का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया एवं दोषी कर्मचारी/अधिकारी/ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कायदा से डेहरिया एवं छिरपुरा से बोथी सड़कों का कार्य पूर्ण कराये जाने की अनुबंधानुसार समय-सीमा क्रमश: दिनांक 29/06/2015 तथा दिनांक 03/07/2014 थी एवं उक्त सड़कों हेतु क्रमश: रू. 245.04 लाख एवं रू. 675.06 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि नियम विरूद्ध खुदाई कर ग्रेवल नहीं निकाला गया है, अतः कर्मचारी/अधिकारी/ठेकेदार पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व अभिलेखों में दर्ज राजस्व भूमि
15. ( *क्र. 5815 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग के किस जिले में कितने राजस्व ग्राम, कितने वन ग्राम हैं, कितने राजस्व ग्राम वीरान हैं, कितने राजस्व ग्राम नगरीय सीमा में शामिल हैं, कितने राजस्व ग्रामों में जनवरी 2008 के बाद वन अधिकार समितियां बनाई हैं। (ख) किस जिले में कितने राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक उपलब्ध हैं? उनमें से कितनी भूमि दर्ज की गई थी, उस भूमि में से कितनी भूमि वर्तमान में भी दर्ज है? इन दर्ज भूमियों में से कितनी भूमि का नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज व्यवस्था को प्रश्नांकित दिनांक तक सौंप दिया गया है? यदि नहीं, सौंपा हो तो कारण बतावें। (ग) किस जिले के वर्तमान राजस्व अभिलेखों में, खाते में कितनी भूमि दर्ज है? गैरखाते की किस मद में कितनी भूमि दर्ज है? गैरखातों की कितनी भूमि वन विभाग की कार्ययोजना में भी सम्मिलित कर ली गई है। इन सम्मिलित भूमियों को गैर खाते से प्रश्नांकित दिनांक तक भी पृथक न किए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) गैरखाते में दर्ज भूमियों में से कार्ययोजना में सम्मिलित भूमियों को राजस्व अभिलेख या वानिकी अभिलेख से पृथक किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम
16. ( *क्र. 6361 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैडमेप द्वारा दि. 01.01.13 से 31.12.15 तक म.प्र. के विभिन्न जिलों में C.R.P. (कम्प्यूटर ट्रेनिंग) के लिए म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ सैडमेप द्वारा किए गये अनुबंध एवं अनुबंध के साथ संलग्न दस्तावेजों की जानकारी देवें? (ख) इसके लिए इन्हें कितना भुगतान किया गया? वर्षवार बतावें। अन्य संस्थाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चयनित किस आधार पर किया गया? पूरी प्रक्रिया बतावें। (ग) राजगढ़, खरगोन एवं उज्जैन जिले में प्रश्नांश (क) अवधि में कितने प्रशिक्षण कार्यक्रम किन-किन संस्थाओं को किस प्रक्रिया के तहत दिये गये? पूर्ण विवरण, संस्था की जानकारी सहित देवें। किन-किन जगहों पर चयन प्रक्रिया किस प्रकार की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार मनमाने तरीके से संस्थाओं को कार्य आवंटित करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा मध्यप्रदेश के 9 जिलों में सी.आर.पी. को कम्प्यूटर ट्रेनिंग प्रदान करने के उद्देश्य से सैडमेप को कार्यादेश जारी किए गए। दस्तावेजों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) संस्था सैडमेप को वर्षवार किये गये भुगतानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अन्य संस्थाओं को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रशिक्षण कार्य हेतु चयनित नहीं किये जाने से प्रश्नांश (ख) की शेष जानकारी निरंक है। (ग) राजगढ़, खरगोन एवं उज्जैन जिलों में सी.आर.पी. (कम्प्यूटर ट्रेनिंग) उक्त अवधि में नहीं कराई गई, परन्तु इस अवधि के आयोजित अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) मनमाने तरीके से कार्य आंवटित करने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं, अतः प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
सेवा सहकारी समिति अमरपाटन की जाँच
17. ( *क्र. 4548 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री अखिलेश मिश्रा तत्कालीन अध्यक्ष सेवा सहकारी समिति, अमरपाटन जिला-सतना ने पत्र दिनांक 14.07.2015 के द्वारा समिति में पदस्थ कैशियर श्रीमती रेशमा बेगम के विरूद्ध वित्तीय अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार करने की शिकायत उपायुक्त सहकारी संस्थाएं जिला-सतना एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल तथा प्रबन्ध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी बैंक भोपाल को की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अधिकारियों द्वारा शिकायती पत्र के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत की जाँच उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला सतना से कराई गई। जाँच प्रतिवेदन में बैंक सेवायुक्त श्री बाबूलाल पटेल शाखा प्रबंधक, शाखा अमरपाटन एवं श्री मुन्नालाल वर्मा, समिति प्रबंधक तथा संस्था कर्मचारी श्रीमती रेशमा बेगम दोषी पाई गई हैं। बैंक कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, सतना तथा संस्था कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रशासक, सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, अमरपाटन को उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला सतना द्वारा निर्देश दिये गये हैं।
शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया जाना
18. ( *क्र. 6317 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम देहण्डी व किसोनी तहसील शुजालपुर जिला शाजापुर की शासकीय भूमि पर मेसर्स अडानी विल्मर लिमिटेड द्वारा अतिक्रमण किया गया था? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक 92/अ-68/09-10 के अंतर्गत शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का दोषी मानते हुए दिनांक 06/05/2011 को 1500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या 4 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी भू-माफियाओं एवं राजनैतिक दबाव के कारण शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी के आदेश का पालन नहीं करने के कौन-कौन दोषी हैं? उनके नाम व पद सहित यह अवगत करावें कि कब तक उक्त शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अतिक्रामक द्वारा उक्त भूमि की मांग की गई है। जिसका प्रकरण पृथक से प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
वाटर शेड योजना में निर्माण कार्य की गुणवत्ता
19. ( *क्र. 5577 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत जलगृहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम क्या है? उज्जैन जिले में किन-किन स्थानों पर योजना संचालित है? विगत पाँच वर्षों में उक्त स्थानों पर क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये हैं? उनकी लागत क्या थी? (ख) क्या उक्त निर्माण गुणवत्ता के आधार पर कराये गये हैं? उक्त निर्माण कार्यों का निरीक्षण/भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कराया गया? क्या निरीक्षण तकनीकी विशेषज्ञ से कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त योजनाओं के संचालन हेतु कोई समितियां गठित की गई हैं? क्या उक्त समितियों का नवगठन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? (घ) उक्त योजना से कितने किसान लाभांवित हो रहे हैं? ग्रामवार ब्यौर देवें। क्या योजना अन्य नवीन स्थानों पर लागू की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भूमि संसाधन विभाग द्वारा प्रवर्तित योजना है, जिसके अंतर्गत जल संरक्षण व संवर्धन, मृदा संरक्षण, उत्पादन प्रणाली व लघु उद्यम तथा आजीविका उन्नयन के कार्य किये जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। निरीक्षण/भौतिक सत्यापन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, उद्यान अधीक्षक, उद्यानिकी द्वारा कराया गया है। तकनीकी विशेषज्ञ, जिला पंचायत से भी निरीक्षण कराया गया है। (ग) जी हाँ। वाटरशेड समितियां गठित की गई हैं। इन समितियों का गठन नियमानुसार किया गया है, अतः नवगठन नहीं किया जायेगा। (घ) लाभांवित किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजना नवीन स्थानों पर नहीं लागू की जायेगी, क्योंकि भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भूमि संसाधन विभाग ने नवीन परियोजनायें स्वीकृत करने के बजाय पूर्व में स्वीकृत परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूर्ण करने के निर्देश जारी किये हैं।
अनुपयोगी बारदाना प्रदायकर्ता एजेंसी से राशि की वसूली
20. ( *क्र. 4935 ) श्री
मधु भगत : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बालाघाट
जिले में वर्ष
2013-14 एवं 2014-15 में
म.प्र. राज्य
सहकारी विपणन
संघ द्वारा
धान उपार्जन
केन्द्रों
पर
कितना-कितना
बारदाना
उपलब्ध
कराया गया? समितिवार
जानकारी
देवें। (ख) क्या
वर्ष 2013-14
एवं 2014-15
में अनुपयोगी
बारदानों की
राशि
समितियों से काटी
गई है? यदि
हाँ, तो
कितनी राशि
काटी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? किस
नियम के तहत? (ग) क्या
अनुपयोगी
बारदानों की
जवाबदारी
संबंधित समितियों
पर निर्धारित
की जा सकती है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या
उक्त अनुपयोगी
बारदाना
प्रदाय करने
वाली एजेंसी पर
राशि वसूली तय
की जा सकती है? यदि
नहीं, तो
क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख)
जी हाँ, वर्ष
2013-14 में
राशि रू. 1,00,45,799 एवं वर्ष 2014-15 में
राशि रू. 1,01,48,412.45, पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार
समितियों से
निष्पादित
इकरारनामे की
कंडिका क्र 03 अनुरूप, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(ख) अनुसार, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) खराब
बारदानों के
निराकरण हेतु
म.प्र. स्टेट
सिविल सप्लाईज
कार्पोरेशन
के पत्र
क्रमांक
उपार्जन/2015-16/1461
दिनांक 03.11.2015 के
अनुक्रम में
कलेक्टर
बालाघाट के
द्वारा पत्र
क्रमांक/2054/खाद्य-3/2015 दिनांक 04.11.2015 से खराब
बारदानों के
निरीक्षण
हेतु समिति गठित
की गई है,
कार्रवाई
समिति के
प्रतिवेदन के
निष्कर्षाधीन।
पंचायतों में ई-गवर्नेंस योजना का क्रियान्वयन
21. ( *क्र. 4353 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी पंचायतों में शासन की योजनानुसार ई-गवर्नेंस व्यवस्था चालू हो गई है? पंचायतवार सूची प्रदान करें। (ख) क्या कई पंचायतों में ई-गवर्नेंस हेतु मशीनरी की व्यवस्था हो चुकी है, लेकिन मानव संसाधन न होने से कार्य नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सभी कुल 139 ग्राम पंचायतों में शासन की योजना अनुसार ई-गवर्नेंस की व्यवस्था चालू है। इसके अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर एवं नेट कनेक्टिविटी की सुविधा है। पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायत स्तर पर मानव संसाधन हेतु संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक को प्रशिक्षण दिया जाकर ई-गवर्नेंस का कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय नजूल की भूमियों का नियम विरूद्ध पट्टा बंटन
22. ( *क्र. 4427 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल के नगर पंचायत बुढ़ार पटवारी हल्का बुढ़ार की भूमि खसरा क्रमांक 187 रकवा 2.69 एकड़ तथा नगर पालिका क्षेत्र धनपुरी की भूमि खसरा क्रमांक 76/1 रकवा 5.46 एकड़ भूमि शासकीय नजूल की भूमि रिकार्ड में कब तक दर्ज थी तथा वर्तमान में अब उक्त भूमियां किनके नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज हैं? नजूल भूमियों का परिवर्तन व्यक्तिगत नामों पर किसके आदेश से किया गया तथा किस नियम/प्रावधान के अनुसार शासकीय नजूल की भूमियों का नामान्तरण किया गया? (ख) क्या श्री छोटे लाल सरावगी पूर्व विधायक सोहागपुर द्वारा 3 वर्ष पूर्व राजस्व सचिव म.प्र. शासन, को उक्त अवैध/नियम विरूद्ध किये गये नामान्तरण को निरस्त कर जाँच कराने बाबत् आवेदन दिया गया तथा पुन: कलेक्टर शहडोल, कमिश्नर शहडोल, सचिव राजस्व म.प्र. को आवेदन दिया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमियों के नियम विरूद्ध किये गये नामान्तरण को निरस्त किया जायेगा तथा जिन अधिकारियों द्वारा शासन की भूमि का नियम विरूद्ध प्रायवेट व्यक्तियों के पक्ष में पट्टा प्रदान किया गया है, उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें, नहीं तो क्यों? कारण बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मवेशियों के लिये पेयजल की व्यवस्था
23. ( *क्र. 4750 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला टीकमगढ़ में सूखे की विकट परिस्थिति में पेयजल के साथ-साथ मवेशियों को भी पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है? यदि हाँ, तो ऐसी प्रभावित तहसीलों और गांवों के नाम की सूची उपलब्ध कराई जावे? (ख) शासन द्वारा प्रश्नांश (क) के मवेशियों के पीने हेतु पानी के इस संकट को हल करने के लिये क्या कोई योजना या प्रस्ताव अभी तक तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो टीकमगढ़ जिले सहित प्रभावित अन्य जिलों की कार्य योजना उपलब्ध करायी जावेगी और यदि नहीं, तो शासन स्तर से इस बाबत् ठोस पहल कब तक की जा सकेगी? (ग) क्या सूखे से प्रभावित टीकमगढ़ जिले में इन मवेशियों को चारे भूसे का संकट भी गहराता जा रहा है और पशु पालकों ने मवेशी खुले छोड़ दिये हैं? यदि हाँ, तो प्रभावित तहसीलों के नाम एवं ग्रामों के नाम बताये जावें तथा यह भी बताया जाये कि इस बाबत् शासन के द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालक मण्डल को नियम विरूद्ध भंग किया जाना
24. ( *क्र. 4539 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता निरीक्षक उपायुक्त कार्यालय सहकारिता जिला सतना के सूचना पत्र क्र./बैठक/015/क्यू सतना, दिनांक 7 अक्टूबर, 2015 द्वारा सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमरपाटन के संचालक मण्डल सदस्यों की बैठक अविश्वास प्रस्ताव पर विचार हेतु बुलाई गई थी तथा प्रतिलिपि सूचनार्थ उपायुक्त सहकारिता सतना को भी दी गई थी? (ख) क्या श्री शुभकरण पटेल संचालक सदस्य अमरपाटन जिला सतना द्वारा शपथ पत्र के साथ उपायुक्त सहकारी संस्थायें सतना को दिनांक 28 अक्टूबर, 2015 को आवेदन पत्र प्रस्तुत करके सूचित किया गया था कि वह संचालक मण्डल का सदस्य बना रहना चाहता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो उप. आयुक्त सहकारी संस्थायें सतना द्वारा दिनांक 29 अक्टूबर, 2015 आदेश क्र. /विधि/रीडर/2015/1246 द्वारा संचालक मण्डल को क्यों भंग किया गया तथा पंजीकृत उप विधि क्र. 30 (3) (1) के विरूद्ध क्यों आदेश जारी किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) श्री शुभकरण पटेल संचालक सदस्य, सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, अमरपाटन द्वारा दिनांक 29.10.2015 को पुनः शपथपत्र देकर त्यागपत्र स्वीकृत करने का लेख करने से संस्था के 6 संचालकों द्वारा त्याग पत्र दिये जाने के कारण संस्था के संचालक मंडल में गणपूर्ति का अभाव होने से सहकारी अधिनियम की धारा 53 (12) के अंतर्गत संचालक मंडल को अतिष्ठित किया गया है।
नवलखा बीज कंपनी महिदपुर की जाँच
25. ( *क्र. 6140 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीज प्रमाणीकरण संस्था उज्जैन, नवलखा बीज कं. महिदपुर के विषय में जाँच कमेटी ने जाँच पूरी कर ली है? (ख) यदि हाँ, तो इसके क्या निष्कर्ष निकले? पूर्ण विवरण देवें। इसमें किनको दोषी पाया गया? (ग) इन दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) यदि जाँच पूरी नहीं की गई है, तो कब तक कर ली जावेगी? समय-सीमा बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच दल गठित किया गया था। जाँच में नवलखा सीड्स कं. महिदपुर के द्वारा वर्ष 2004-05 से लेकर वर्ष 2012-13 तक प्रथम दृष्टया फर्जी बीज उत्पादन कराया जाना पाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) थाना महिदपुर उज्जैन में अप. क्रमांक 35/15 धारा 420 भादवि तथा धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दिनांक 27-1-15 को पंजीबद्ध होकर दिनांक 19-11-15 को आरोपी श्री हसमुख लाल नवलखा को गिरफ्तारी उपरांत बाद संपूर्ण विवेचना कर चालान क्र. 357/19-11-15 को जे.एम.एफ.सी. महोदय महिदपुर में पेश किया गया जिसका फौज.नं. 1600/23-11-15 है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ अनुसार।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
रैन
बसेरा की
बाउंड्रीवॉल
पर अनाधिकृत
लोगों के कब्जा
1. ( क्र. 12 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कस्बारेंज में डिपो भवन के बगल में विधायक फंड से जो रैन बसेरा व भवन बनाकर बाउंड्रीवॉल बनाई गई है, उस पर अनाधिकृत लोगों का कब्जा है? उसे हटाकर कब तक ग्राम पंचायत कस्बारेंज को देने की कार्यवाही होगी? (ख) उपरोक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता ने 12 जनवरी को ई-मेल आदि से पत्र लिखकर शिकायत की है, उसके संदर्भ में बतावें कि किन-किन लोगों का कब्जा कब से इस संपत्ति पर है तथा नये सरपंच व पंचायत के बाद यदि पुराने सरपंच ने कब्जा दे रखा था तो नवनिर्वाचित पंचायत को कब्जा क्यों नहीं दिया गया? (ग) पूर्व सरपंच व सचिव ने किस नियम के तहत किस-किस व्यक्ति को उक्त संपति सौंपी तथा नये चुनाव के बाद चार्ज में यह संपत्ति नये सरपंच व सचिव को क्यों नहीं सौंपी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत कस्बारेंज जनपद पंचायत मुंगावली के प्रस्ताव क्रमांक 5 दिनांक 26.01.2013 द्वारा विधायक मद से निर्मित रैन बसेरा को सार्वजनिक समिति को उपयोग एवं रख-रखाव हेतु नियम विरूद्ध दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। उक्त भवन सार्वजनिक समिति को देने की जानकारी जनपद पंचायत मुंगावली को नहीं थी, जानकारी संज्ञान में आते ही सार्वजनिक समिति से वापस लेने हेतु जनपद पंचायत मुंगावली द्वारा पत्र क्रमांक 5332 दिनांक 29.02.2016 द्वारा वर्तमान सरपंच एवं सचिव ग्राम पंचायत कस्बारेंज को लिखा गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। पूर्व सरपंच व सचिव को जनपद पंचायत मुंगावली द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक 5335 दिनांक 29.02.2016 जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार। (ख) जी नहीं, शिकायत अप्राप्त। शेष जानकारी उत्तरांश ‘‘क’’ अनुसार। (ग) जानकारी उत्तरांश ‘‘क’’ अनुसार।
राशन वितरण एवं अन्य मामलों में कार्यवाही
2. ( क्र. 15 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता ने पिछले 18 महीनों में अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक गुना, जिलाधीश गुना, उप-पंजीयक गुना तथा जनरल मैनेजर, जिला सहकारी बैंक गुना को अशोकनगर जिले में राशन वितरण के बारे में व अन्य मामलों में कितने पत्र किस-किस तिथि को लिखे उनका विवरण देते हुये बतायें कि उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) सहकारिता से संबंधित सहकारिता अधिकारियों को अशोकनगर जिले की किन-किन सेवा सहकारी समितियों राशन की लीड संस्थाओं व सहकारिता की राशन दुकानों के प्रबंधकों विक्रेताओं व सहकारिता विभाग के कर्मचारियों के विरूद्ध पिछले 02 वर्ष में क्या-क्या शिकायतें मिली व उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) रामपुरा सेवा सहकारी समिति को कब से कितनी राशन दुकानें व सिंहपुर चल्दाव हिरावल समितियों को कितनी राशन दुकानें कब-कब दी गई तथा डुगासरा, मोहोली सिंहपुर चल्दा आदि में सेवा सहकारी समितियाँ होते हुए रामनगर समिति को यहां की राशन की दुकानें क्यों दी गई? इतनी सेवा सहकारी समितियों होते हुये भी अन्य समितियों को राशन की दुकानें क्यों दी गई? (घ) आयुक्त खाद्य दिनांक 07.06.2010 की रिपोर्ट जिसकी प्रति आयुक्त व पंजीयक सहकारिता, प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को दी गई उसमें क्या-क्या सिफारिशें की जो सहकारिता विभाग से संबंधित थी, उनका विवरण देते हुये बतायें कि शासन ने क्या कार्यवाही की?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक से प्राप्त पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कलेक्टर (खाद्य), अशोकनगर को भेजे गए पत्रों पर, उनके द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) रामपुरा सेवा सहकारी समिति नाम से समिति नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) रिपोर्ट में सहकारिता विभाग से संबंधित बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
पंचायत विभाग की योजनाओं में लापरवाही
3. ( क्र. 176 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा कितने लोगों को वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है? योजनावार संख्या एवं प्रदाय की जाने वाली राशि बतायें? (ख) क्या विगत दो वर्षों में कई हितग्राहियों की पेंशन बिना सूचना एवं कारण बतायें विभाग द्वारा बन्द कर दी गयी है? यदि हाँ, तो क्यों और इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? (ग) खण्डवा जिले में उप संचालक सामाजिक न्याय का पद कब से रिक्त है? क्या मूल पद रिक्त होने से इसका प्रभार जिले के अन्य अधिकारियों के पास अतिरिक्त रूप से रहने से विभाग का कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो पंचायत विभाग द्वारा इस पद की पूर्ति कब तक की जाएगी? (घ) विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में विभिन्न योजनाओं के शिविरों का आयोजन कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) विभागीय उपसंचालक के बाद से अब तक किस-किस अधिकारी के पास कब-कब अतिरिक्त रूप से प्रभार रहा है? नाम एवं अवधि की जानकारी दी जाए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खण्डवा जिले में उप संचालक सामाजिक न्याय का पद दिनांक 18.04.12 से रिक्त है। जी नहीं। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
विपणन संघ के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानकारी बाबत्
4. ( क्र. 351 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विपणन संघ द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में किन पदों को भरने हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी? (पदों के नाम व वांछित पदों की संख्या दर्शाएं) (ख) उक्त पदों में से किन-किन पदों पर नियुक्ति कर दी गई है एवं किन पदों पर नियुक्ति की जानी शेष है? (ग) शेष बचे पदों की नियुक्ति न होने के क्या कारण है एवं ये नियुक्तियां कब तक कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन द्वारा म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ मर्या. भोपाल एवं राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. भोपाल के सेवायुक्तों के संविलियन की योजना जारी की गई है, उक्त योजना अंतर्गत कार्रवाई पर विचार किये जाने के उपरांत शेष पदों पर नियुक्ति के संबंध में विचार किया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजस्व ग्राम घोषित किए जाने बाबत्
5. ( क्र. 354 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 28/06/2015 को कलेक्टर नीमच को एक पत्र लिखकर मनासा विधानसभा क्षेत्र में गांधी सागर बांध के विस्थापन के बाद बसे गांवों को व अन्य मजरों टोलो को सर्वे कर राजस्व गांव घोषित किए जाने हेतु पत्र लिख गया था तथा उक्त पत्र पर दिनांक 09/07/2015 को राजस्व अधिकारियों को इसके परिपालन में कार्यवाही करने के परिप्रेक्ष्य में निर्देश दिए गए थे? (ख) उकत निर्देशों के तहत् मनासा विधानसभा क्षेत्र के राजस्व अधिकारियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त निर्देशों का पालन न करने वाले राजस्व अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा व पात्र गांवों का सर्वे कर कब तक राजस्व गांव घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विधान सभा क्षेत्र मनासा के राजस्व अधिकारियों द्वारा मजरा टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने के संबंध में जाँच उपरांत ग्राम पिपल्या रावजी का मजरा पिपल्या रूण्डी, ग्राम आमद का मजरा शिवपुरिया चक्की एवं ग्राम फुलपुरा का मजरा दुधीखेड़ा के प्रस्ताव तैयार किये गये है। (ग) प्रश्न (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अशोक नगर जिले में सूखा तथा पेयजल
6. ( क्र. 501 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 18 माह में राज्यपाल महोदय जिलाधीश अशोकनगर एस.डी.ओ. मूंगावली, चंदेरी ईसागढ़ अशोकनगर आदि को कितने ज्ञापन किस-किस तिथि को दिये गये विवरण दें तथा उन पर शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) सूखे की स्थिति व फसलें खराब होने व पर्याप्त बिजली व पानी के अभाव में खेत सूखे रहने से बेरोजगार हुए किसानों के लिये रोजगार उपलब्ध कराने हेतु मनरेगा योजना में शासन कब तक मनरेगा में पैसे भेजकर विकास कार्य प्रारंभ कराएंगे? (ग) उपरोक्त संबंध में तथा सूखे व पेयजल के संबंध में प्रश्नकर्ता ने मुख्यमंत्रीजी को जो पत्र 24 जनवरी, 2016 तक जो लिखे उसके बारे में क्या कार्यवाही हुई? क्या जैसी पत्र में मांग की है कि सूखे के कारण व भू-जल स्तर अत्यंत नीचे जाने के कारण अधिकांश हैंडपंप सूख गये हैं? अत: ऐसे प्रत्येक गांव में नीचे से पानी खींचने के लिये विद्युत मोटर देने पर विचार करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा में पदस्थ उपयंत्रियों का नियमितीकरण
7. ( क्र. 542 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत मनरेगा योजना में पदस्थ संविदा उपयंत्रियों को कब तक नियमित किया जावेगा? (ख) क्या म.प्र. शासन ग्रा.यो.सेवा में रिक्त पदों पर मनरेगा में पदस्थ संविदा उपयंत्रियों को संविलियन करने की योजना है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कब तक शासन आदेश प्रसारित करेगा? (ग) क्या म.प्र.शासन द्वारा अन्य राज्य की भांति मनरेगा में पदस्थ उपयंत्रियों को नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं? (घ) क्या बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत नियुक्त किये गये कम्प्यूटर ऑपरेटरों को निकालने के आदेश जारी कर दिये गये थे किन्तु बाद में उक्त आदेश वापस ले लिया गया? क्या इन कम्प्यूटर ऑपरेटरों को ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा विभाग में संविलियन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी संविदा शर्तों में मनरेगा योजना में पदस्थ संविदा उपयंत्रियों को नियमित किए जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, जी नहीं। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के भर्ती नियमों में बी.आर.जी.एफ. योजना के कम्प्यूटर ऑपरेटरों को संविलियन किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बहुविकलांगों हेतु कैंप लगाने का प्रावधान
8. ( क्र. 560 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी में बहु-विकलांगों को परीक्षण उपरान्त प्रमाण पत्र देने हेतु क्या विभाग द्वारा खण्ड, तहसील या जिला स्तरीय, वर्ष या माह में कैम्प लगाने का कोई प्रावधान है? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में क्या गरीब विकलांगों को जाँच हेतु कैम्प स्तर या जिला चिकित्सालय आने जाने हेतु सहायता राशि देने का शासन से प्रावधान है? (ग) जिला डिण्डोरी, 2013, 14, 15 में कितने बहु विकलांग चिन्हित कर प्रमाण पत्र बनाये गये? (घ) यदि बहुविकलांग के परीक्षण हेतु कैंप नहीं लगाये गये हैं तो क्या कारण है? इसके जिम्मेदार कौन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निःशक्तजनों की पहचान उपरांत उन्हें निःशक्तता प्रमाण पत्र, कृत्रिम अंग उपकरण प्रदाय, पेंशन प्रकरण, स्वरोजगार प्रकरण आदि हेतु जिला स्तर पर शिविर आयोजित किये जाने के निर्देश हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। गरीब निःशक्तजनों को जाँच हेतु कैम्प स्तर या जिला चिकित्सालय आने जाने हेतु सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु उन्हें लाने ले जाने हेतु स्थानीय निकायों द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाती है तथा कैम्प स्थल पर भोजन की व्यवस्था की जाती है। (ग) प्रश्नांकित वर्षों में 133 बहुविकलांग निःशक्तजन चिन्हांकित कर 126 निःशक्तता प्रमाण पत्र जारी किये गये है। (घ) उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नामांतरण, बंटवारा एवं जाति प्रमाण पत्र
9. ( क्र. 581 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र का समस्त राजस्व अभिलेखों का डिजीटलाईजेशन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक कार्य पूर्ण हो जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा जिला उज्जैन को पूर्ण तहसील दर्जा संबंधी
10. ( क्र. 716 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले की तहसील नागदा को पूर्ण तहसील का दर्जा प्राप्त है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से? (ख) क्या नागदा तहसील कार्यालय को तहसील कार्यालय हेतु आवश्यक स्टॉफ, स्टेशनरी, अधिकारी कर्मचारी आवास प्रदान है? यदि हाँ, तो तहसील कार्यालय में नगरपालिका कर्मचारियों से क्यों कार्य लिया जा रहा है? (ग) क्या नागदा तहसील के स्थायी रूप से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की पद स्थापना है? यदि हाँ, तो बार-बार खाचरौद-नागदा में एक ही एस.डी.ओ. से क्यों कार्य लिया जाता है और यदि नहीं, तो स्थाई एस.डी.ओ. की पद स्थापना तथा पर्याप्त स्टॉफ व अन्य सुविधायें क्यों नहीं है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 9/7/1998 से पूर्ण तहसील का दर्जा दिया गया है। (ख) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा तहसील कार्यालय नागदा हेतु आवश्यक स्टाफ, स्टेशनरी, अधिकारी, कर्मचारी, आवास उपलब्ध कराये गये हैं। भारत निर्वाचन एवं राज्य निर्वाचन तथा अन्य महत्वपूर्ण शासकीय कार्यों की अधिकता हो जाने से अन्य विभागों के शासकीय सेवकों एवं संसाधनों का उपयोग शासकीय कार्य हेतु किया जाता है। (ग) वर्तमान में नागदा अनुभाग हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदस्थ हैं।
जिला एवं जनपद में रिक्त पदों पर पदोन्नति
11. ( क्र. 877 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले की जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत में कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) कितने पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही की गई है एवं कितने पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही होना शेष है? यदि पदोन्नति नहीं की गई तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू है? यदि हाँ, तो कितने जिलों में भर्ती की प्रक्रिया की गई है? कितने जिलों में भर्ती की प्रक्रिया नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग) संचालनालय स्तर से समय-समय पर रिक्त पदों की पूर्ति के लिये निर्देश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार।
खटखरिहा तालाब के भूमि पर अतिक्रमण
12. ( क्र. 1021 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी शहर के मध्य रीवा अमरकंटक राजमार्ग से लगा हुआ खटखरिहा तालाब है? यदि हाँ, तो उक्त तालाब किस खसरा नंबर पर बना है और रकबा कितना है? (ख) क्या उक्त तालब के पास विद्युत विभाग का कार्यालय है? यदि हाँ, तो किस खसरा नंबर तथा कितने रकबे पर बना है? (ग) क्या उक्त तालाब से लगी हुई म.प्र. शासन राजस्व की भूमि है? यदि हाँ, तो उसका खसरा नंबर और रकबा कितना है? क्या उक्त भूमि रिक्त है या अतिक्रमित है? यदि अतिक्रमित है तो किस-किस व्यक्ति का अनाधिकृत अतिक्रमण है और उन्हें हटाये जाने की क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त तालाब खसरा नंबर 1920 रकबा 4.270 हे. पर बना है। (ख) जी हाँ। विद्युत विभाग का कार्यालय खसरा नंबर 1919/1क4 रकबा 0.202 हे. पर बना है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई-पंचायत के निर्माण कार्य की राशि भुगतान
13. ( क्र. 1022 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिंहनगर के पत्र क्र./ज.प.बी.आर.जी.एफ./ 2012-13/530 दिनांक 30.03.2013 के द्वारा ग्राम पंचायत आमझोर में पारंपरिक ई-पंचायत कक्ष निर्माण हेतु रूपये 4 लाख की स्वीकृति मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल के पत्र क्र./निर्माण/2012-13/बी.आर.जी.एफ/2032 दिनांक 25.03.2013 के संदर्भ में किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या संबंधित निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण करने पर पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ,तो उक्त निर्माण की राशि पंचायत को भुगतान कर दी गई है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक भुगतान किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायत अमझोर द्वारा उक्त निर्माण कार्य का संपूर्ण भुगतान कर दिया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन के संबंध में
14. ( क्र. 1044 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर, जनपद पंचायत के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन छात्रों के लिये संचालित है? यदि हाँ, तो विभिन्न विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन का कार्यक्रम विद्यालयवार किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है? (ख) क्या स्व-सहायता समूह के माध्यम से मध्यान्ह भोजन संचालित कराया जाता है? यदि हाँ, तो एक स्व-सहायता समूह द्वारा कितने छात्रों को मध्यान्ह भोजन संचालित करने का प्रावधान है? (ग) क्या ब्यौहारी जनपद क्षेत्र के विद्यालयों में एक ही समूह द्वारा कई विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का संचालन किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर, जनपद पंचायत में स्व-सहायता समूह एवं शाला प्रबंधन समिति के द्वारा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। विद्यालयवार मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। एक स्व-सहायता समूह को सामान्यतः एक से दो शालाओं में व 100 से 200 बच्चों के लिये मध्यान्ह भोजन संचालित करने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। समूहों द्वारा सामान्यतः प्रश्नांश (ख) अनुसार ही मध्यान्ह भोजन संचालित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सहायता केंद्रों पर प्राप्त शिकायतों का निराकरण
15. ( क्र. 1547 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मुख्यमंत्री सहायता केंद्रों पर टोल फ्री नंबर से नागरिकों की शिकायत दर्ज की जाती है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में इंदौर संभाग अंतर्गत दर्ज शिकायत संख्या व उसमें से निराकृत शिकायत संख्या स्पष्ट करें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करने के पूर्व संबंधित शिकायतकर्ता को सर्व प्रथम लोकल स्तर पर संबंधित विभाग में लिखित शिकायत दर्ज किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो कारण स्प्ष्ट करें। (ग) क्या टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराने के पूर्व नागरिक द्वारा संबंधित विभाग को लिखित शिकायत नहीं दर्ज की जाती है तो संबंधित फोन ऑपरेटर द्वारा उसकी शिकायत को मांग मान कर शिकायत दर्ज की जाती है? यदि हाँ, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। विगत वर्षों में दिनांक 31 जुलाई 2014 से दिनांक 28.02.2016 तक इन्दौर संभाग अन्तर्गत कुल 1,62,988 शिकायतें दर्ज हुई है जिसमें से 1,55,662 शिकायतें निराकृत हुई है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक शासन को हानि के सम्बन्ध में
16. ( क्र. 1605 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग को 5 करोड़ 63 लाख का नुकसान हुआ है जो वर्ष 2009-10, 2010-11 की ऑडिट-रिपोर्ट में उजागर हुआ? (ख) ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये जिन्होंने शासन की राशि में गड़बड़ी की उनके नाम बतायें? (ग) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार गबन/शासन हानि पर क्षति पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित अवधि में दर्शाई राशि से विभाग को नुकसान नहीं बल्कि संबंधित वाहन स्वामियों द्वारा समय-सीमा में कर भुगतान न करने अथवा कम जमा होने का आक्षेप महालेखाकार मध्यप्रदेश द्वारा लिया गया है। (ख) मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 15 के प्रावधान अनुसार किसी वाहन का कर कम जमा होने की स्थिति में वाहन स्वामी को नोटिस जारी कर शेष राशि जमा करवाये जाने का प्रावधान है। तद्नुसार नोटिस जारी किए गए है व शेष राशि की वसूली की कार्यवाही प्रगतिरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) महालेखाकार द्वारा गबन संबंधी कोई आक्षेप नहीं लिए जाने से गबन संबंधी हानि की जानकारी निरंक है।
हितग्राही मूलक कार्यों के सम्बन्ध में
17. ( क्र. 1606 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले में वर्ष 2015-16 में हितग्राही मूलक कार्यों पर कितनी तकनीकी स्वीकृतियाँ दी गई तथा कितनों की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी किये गये? (ख) लवकुशनगर जनपद पंचायत के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये गये कार्यों के नाम बतायें? (ग) जिले में किन-किन तिथियों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा सहायक यंत्रियों ने भ्रमण किये भ्रमण के दौरान क्या परिणाम प्राप्त हुए उनका विवरण दें? (घ) क्या गांव के लोगों को कार्य प्राप्त हो रहा है या मजदूर गांव से पलायन कर चुके है उसका धरातल पर क्या परीक्षण किया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिले में वर्ष 2015-16 में हितग्राही मूलक कार्यों पर 5433 तकनीकी स्वीकृतियाँ दी गई तथा 4517 प्रशासकीय स्वीकृति के आदेश जारी किये गये। (ख) लवकुश नगर जनपद पंचायत के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक 453 कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा सहायक यंत्रियों द्वारा किये गये भ्रमण एवं प्राप्त परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) छतरपुर जिले में जॉबकार्डधारी श्रमिकों को उनके कार्य की मांग के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। रोजगार की मांग के आधार पर उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण मजबूरीवश पलायन की स्थ्िाति नहीं पायी गयी।
कृषि उपज मण्डी समिति, गुना द्वारा गलत जानकारी दी जाना
18. ( क्र. 1662 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 25 (876) दिनांक 26.02.15 की गलत जानकारी दी गई कि कृषि उपज मण्डी समिति, गुना द्वारा दिनांक 26.07.2014 के प्रस्ताव क्र. 22 के अनुसार पूर्व में स्वीकृत निर्माण कार्यों की निविदा दर की कार्योंत्तर स्वीकृति प्रदान की गई है? जबकि उक्त प्रस्ताव पारित ही नहीं हुआ जिसे विलोपित किया गया? (ख) क्या सचिव श्री एम.पी.शर्मा द्वारा पत्र क्रं. 2090 दिनांक 25.08.2014 को दिनांक 26.07.2014 की मण्डी समिति की बैठक के प्रस्तावों की जो सत्यप्रति प्रश्नकर्ता को दी गई है? जिसमें उक्त प्रस्ताव विलोपित किया गया है, जबकि उक्त प्रस्ताव पारित नहीं हुआ तो क्या गलत जानकारी दी गई? (ग) एक विधायक को विधानसभा में गलत जानकारी देने पर सचिव कृषि उपज मण्डी समिति पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल को भी प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक 28.04.2015 से अवगत कराया गया था? क्या कृषि उपज मण्डी गुना के अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। शेष के संबंध जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिसमें तथ्यों के आधार पर उक्त प्रस्ताव के पारित अथवा विलोपित होने की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ख) जी हाँ। शेष उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जाँच प्रक्रिया के अंतर्गत तत्कालीन सचिव, श्री एम.पी.शर्मा, कृषि उपज मंडी समिति, गुना को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 957 दिनांक 11.02.2016 से कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। प्राप्त प्रति उत्तर के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकेगी। (घ) जी हाँ। जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है,जिसके अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी
पन्ना जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन का संचालन
19. ( क्र. 1842 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अन्तर्गत पन्ना जिले का वित्त वर्ष 2012-2013, 2013-2014 एवं 2014-2015 तक कितने व्यक्तियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था? विकासखण्डवार एवं बैंक शाखावार बतायें? (ख) क्या लक्ष्य से 2 गुना प्रकरण सभी बैंकों में भेजे गये हैं? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? पंचायत स्तर पर पर्याप्त मात्रा में आवासीय पट्टे उपलब्ध है? यदि नहीं तो वर्तमान में प्रत्येक पंचायत में कितने पट्टे तहसील द्वारा जारी किये गये हैं और ऐसी कितनी पंचायतें हैं जिन्होंने आज दिनांक तक ग्राम के लोगों को आवासीय पट्टे जारी करने हेतु एक भी आवेदन पत्र तहसील कार्यालय में जमा नहीं किया है? ऐसे सरपंच/सचिव के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या पन्ना की पवई विधान सभा क्षेत्र में बैंकों द्वारा सभी स्वीकृत प्रकरणों में आवास निर्माण हेतु किश्त प्रदाय की गई है? (घ) क्या जिन बैंकों ने स्वीकृत प्रकरणों में आवास निर्माण हेतु किश्त जारी नहीं की है उन बैंकर्स के विरूद्ध विकास आयुक्त/कलेक्टर/लीड बैंक पन्ना द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की तो क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन योजनांतर्गत जिले को वर्ष 2012-13 में 2544, वर्ष 2013-14 में 2730 तथा वर्ष 2014-15 में 2730 प्रकरणों का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। राज्य स्तर से विकासखण्डवार एवं बैंक शाखावार लक्ष्य निर्धारित नहीं किये जाते है। (ख) जी नहीं। आवासीय ऋण प्रकरण बैंक शाखाओं को, लक्ष्य के अधिकतम डेढ़ गुने की सीमा तक पारदर्शी ढंग से प्रेषित करने के निर्देश है। जी हाँ। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शक्कर कारखानों पर गन्ना किसानों की बकाया राशि
20. ( क्र. 1843 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के शक्कर कारखानों पर उनके द्वारा वर्ष 2012-13 से 2014-15 की अवधि में खरीदे गये गन्ने के मद में किसानों को देय कितनी धनराशि कब से बकाया है? कृपया कारखानों के नाम, बकाया धनराशि का पूर्ण विवरण दीजिए? (ख) बकाया राशि का भुगतान गन्ना किसानों को सुनिश्चित कराने के लिये सरकार ने क्या कार्यवाही की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश के शक्कर कारखानों पर वर्ष 2012-13 से 2013-14 की अवधि में खरीदे गये गन्ना का किसानों को देय राशि शेष नहीं है। कृषक सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नारायणपुरा जिला गुना पर वर्ष 2014-15 की भुगतान राशि रू. 64.18 लाख शेष है। (ख) जिलाध्यक्ष एवं उपसंचालक कृषि को गन्ना मूल्य भुगतान हेतु निर्देश जारी किये गये है। भुगतान प्रक्रिया जारी है।
तिलहन संघ की अचल संपत्तियों की जानकारी
21. ( क्र. 1950 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.राज्य तिलहन संघ का अचल सम्पत्तियां वर्तमान में कहाँ-कहाँ स्थित है? तिलहन संघ के अचल सम्पत्तियों को कहाँ-कहाँ निपटान किया? कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? शेष सम्पत्तियों के निपटान हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) म.प्र. तिलहन संघ के बैंक खातों में कितनी-कितनी राशि 31 दिसम्बर, 2015 को थी? तिलहन संघ के सेवानिवृत्त कितने कर्मचारियों के ग्रेच्युटी एवं अन्य देनदारियों देना शेष है और कब से है? कब तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लम्बित भुगतानों को देंगे? (ग) परिसमापक तिलहन संघ द्वारा गत एक वर्ष से परिसमापन संबंधी क्या-क्या कार्यवाही की गई? तिलहन के परिसमापक को नीतिगत निर्णय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता वेतनमान (जो पहले प्रबंधकीय बोर्ड) लेने का अधिकार है? या नहीं? यदि हाँ, तो वे महंगाई भत्ता का लाभ कर्मचारियों को क्यों स्वीकृत नहीं कर रहे हैं? कारण बतायें? (घ) तिलहन संघ को 01.04.2013 में प्रश्नतिथि तक में आय कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी हो रही है? व्यवस्थापन खर्च कितना-कितना हो रहा है? गत एवं वर्ष की जानकारी माहवार देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) तिलहन संघ की अचल सम्पत्तियां भोपाल, इन्दौर, देवास, सीहोर, ग्वालियर, मुरैना, बानापुरा, छिन्दवाड़ा, उज्जैन, चुरहट, धार, राजगढ़, बड़वाह, शाजापुर, मुम्बई एवं जामनगर (गुजरात) में स्थित है, परिसमापन दिनांक 12.11.2013 के पश्चात किसी सम्पत्ति का निपटान नहीं किया गया, मात्र अमलाहा (सीहोर) स्थित कृषि फार्म म.प्र. शासन किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा वापिस ली जाकर इकार्डा (भारत शासन) को सौंपी गई, इन सम्पत्तियों का विक्रय नहीं होने से राशि प्राप्त होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, सम्पत्तियों के विक्रय/परिसमापक के सहयोग/मार्गदर्शन हेतु म.प्र. वित्त निगम इंदौर को दिनांक 21.07.2015 को ट्रांजेक्शन एडवाईजर नियुक्त कर दिया गया है एवं सम्पत्तियों की जानकारी भी उपलब्ध करा दी गई है। (ख) यूको बैंक (मुख्यालय) रू.13.64 लाख, आई.डी.बी.आई. (मुख्यालय) में रू. 13.49 लाख इसके अतिरिक्त विभिन्न बैंको में परिपक्वता राशि रू. 286.00 लाख, कुल 98 सेवायुक्त, वर्ष 2011 में 1, वर्ष 2012 में 2, वर्ष 2013 में 15, वर्ष 2014 में 36 एवं वर्ष 2015 में 44, म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के वैधानिक प्रावधानों/परिसमापनाधीन तिलहन संघ की सम्पत्तियों के विक्रय के उपरांत प्राप्त राशि/फंड की उपलब्धता के आधार पर, समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है। (ग) परिसमापक तिलहन संघ द्वारा गत एक वर्ष में कर्मचारियों के संविलियन, न्यायालयीन प्रकरणों में प्रतिरक्षण, वर्ष 2014-15 के वित्तीय पत्रकों को तैयार करना, कर्मचारियों के देय स्वत्वों का आकलन/भुगतान, इकाईवार देनदारों/लेनदारों की सूची संकलन की कार्यवाही, आयकर/विक्रय कर/भविष्य निधि के प्रकरणों का निपटान, सम्पत्तियों के मूल दस्तावेजों का संकलन, ट्राजेक्शन एडवाईजर की नियुक्ति की प्रक्रिया/म.प्र. वित्त निगम इंदौर को ट्राजेक्शन एडवाईजर की नियुक्ति, सम्पत्तियों के दस्तावेज उपलब्ध कराना, एम.ओ.यू. ड़्राफ्ट प्रारूप/बैठकें, सहकारी सोसाइटी नियम 1962 के नियम 57 (ग) अंतर्गत प्राप्त दावों का निराकरण आदि संस्था के परिसमापन संबंधी कार्रवाई की गई, जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनांक 01.04.2013 से फरवरी 2016 तक आय-व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है, माहवार आय-व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन एवं डी.पी.आई योजनान्तर्गत की नियुक्ति
22. ( क्र. 1985 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन एवं डी.पी.आई. योजनान्तर्गत वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 के मध्य राज्य स्तर, जिला स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों की संविदा पर भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो भर्ती हेतु जारी सभी विज्ञापन एवं चयनित तथा नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या भर्तियां में 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर संधारित करने के प्रावधान है यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त भर्तियों में 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर संधारित किए गए है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें? (ग) क्या नियुक्त किए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के भौतिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं तो कितने समय में कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डी.पी.आई.पी. में वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 के मध्य अधिकारियों/कर्मचारियों की संविदा पर भर्ती नहीं की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जी हाँ। एकल पदों में रोस्टर लागू नहीं किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा का लाभ नहीं
23. ( क्र. 2156 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2014 एवं 2015 में खरगोन जिले में सहकारी समितियों के माध्यम से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन में जमा फसल बीमा राशि, किसान संख्या सहित समितिवार सूची देवें? जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन द्वारा समस्त समितियों एवं अन्य माध्यम से कितने किसानों की कितनी राशि कब-कब प्राप्त की गई तथा कितनी राशि फसल बीमा हेतु संबंधित संस्था को कब-कब किस पत्र के माध्यम से प्रेषित की गई? यह बीमा राशि भेजने की समयावधि/दिनांक कब तक रहती है। राशि भेजने के बाद बीमा समयकाल कब से कब तक रहता है? (ख) क्या बीमा राशि समय पर बीमा कंपनी को नहीं भेजने के कारण खरगोन जिले को खराब फसल होने के बाद भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिल सका है। (ग) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर खरगोन जिले की किन-किन सहकारी समितियों ने कितने किसानों को वर्ष 2013 एवं 2014 में कितनी ऋण राशि मौसमवार वितरित की गई? इन सोसायटियों से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को कितना ब्याज प्राप्त हुआ तथा केन्द्र एवं राज्य शासन से इन वर्षों में कितनी राशि का ब्याज अनुदान प्राप्त हुआ? (घ) सहकारी समिति को किन-किन अनाजों की खरीदी पर कमीशन प्राप्त होता है तथा किन-किन अनाजों की खरीदी पर कमीशन प्राप्त नहीं होता है? कारण सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2014 एवं 2015 में खरगोन जिले की सहकारी समितियों के माध्यम से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन द्वारा फसल बीमा प्रीमियम राशि की जानकारी मौसमवार एवं समितिवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 5 अनुसार है। कृषकों से प्राप्त बीमा प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को भेजे जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। खरीफ मौसम में अल्पावधि फसल ऋण वितरण की अवधि 01 अप्रेल से 30 सितम्बर तक है तथा बीमा प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को भेजने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है। रबी मौसम में अल्पावधि फसल ऋण वितरण की अवधि 01 अक्टूबर से 31 मार्च तक है तथा बीमा प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को भेजने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल है। बीमा प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को भेजने के बाद बीमे का समयकाल फसल आने तक होता है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन से संबद्ध खरगोन जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषकों से काटी गई संपूर्ण फसल बीमा प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को समय पर प्रेषित की गई है। खरगोन जिले में खरीफ 2015 में अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल हेतु 46163 कृषकों को वितरित अल्पावधि कृषि ऋण राशि रूपये 710.14 लाख का फसल बीमा समितियों द्वारा नहीं कराया गया है। अतः फसल खराब होने की स्थिति में उक्त कृषकों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। (ग) वर्ष 2013 एवं 2014 में मौसमवार तथा समितिवार वितरित अल्पावधि कृषि ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 एवं 8 अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं से बैंक को वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 10,040.90 लाख तथा वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 11,458.33 लाख ब्याज के रूप में प्राप्त हुई है। वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में केन्द्र एवं राज्य शासन से प्राप्त ब्याज अनुदान की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। (घ) गेहूं एवं धान का उपार्जन करने पर कमीशन प्राप्त होता है तथा मोटे अनाज के उपार्जन हेतु केन्द्र शासन द्वारा कमीशन की राशि स्वीकृत नहीं होने से कमीशन प्राप्त नहीं होता है।
तालाब निर्माण में अनियमितता
24. ( क्र. 2158 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत खरगोन में जनसुनवाई दिनांक 12/01/2016 को खुबचंद पिता कांशीराम पटेल के आवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? शिकायतकर्ता द्वारा साक्ष्य में वीडियो भी सीडी के रूप में दिया गया तथा पूर्व में दिये गये आवेदन पत्रों की प्रतियां भी प्रदान की गई है? इन सभी आवेदनों पर कार्यवाही में देरी का कारण बतायें? (ख) कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं, खरगोन कार्यालय को दिनांक 04/06/2015 को खुबचंद पिता काशीराम पाटीदार द्वारा दिये गये आवेदन पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? इस संबंध में किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई? जाँच प्रतिवेदन कब विभाग को प्राप्त हुआ एवं इस प्रतिवेदन पर क्या निर्णय लिये गये? (ग) जिला पंचायत खरगोन द्वारा कार्यपालन यंत्री खरगोन को ग्राम पंचायत इदारतपुर जनपद पंचायत खरगोन में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण में हुए भ्रष्टाचार विषयक कितने पत्र एवं स्मरण पत्र दिये गये? इन पत्रों पर कार्यपालन यंत्री द्वारा देय जवाब का विवरण देवें? इस शिकायत पर किस अधिकारी को जाँच हेतु पत्र दिया गया तथा जाँच अधिकारी द्वारा जाँच कब-कब की गई तथा कितने कथन दर्ज कराये गये? कब जाँच प्रतिवेदन कार्यालय को दिया गया तथा इस जाँच प्रतिवेदन को जिला पंचायत कब भेजा गया? यदि जाँच प्रतिवेदन जिला पंचायत कार्यालय नहीं दिया गया है तो कारण बतायें? कब तक प्रतिवेदन भेजा जावेगा? प्रकरण में हो रही देरी का कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जिला पंचायत खरगोन में जनसुनवाई दिनांक 12.01.2016 को श्री खुबचंद पिता काशीराम पटेल से प्राप्त आवेदन पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खरगोन को कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। उनके द्वारा सहायक यंत्री मनरेगा जनपद पंचायत खरगोन से जाँच करायी गयी। जाँच प्रतिवेदन पत्र क्र. 1137 दिनांक 02.03.2016 से प्राप्त हुआ। कार्यवाही में देरी नहीं की गई है। (ख) कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, खरगोन कार्यालय को दिनांक 04/06/2015 को खुबचंद पिता काशीराम पाटीदार द्वारा दिये गये आवेदन पत्र पर कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगोन ने पत्र क्र. 5196 दिनांक 11.8.2015 द्वारा श्री विनोद गंगवाल अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, भीकनगांव को जाँच हेतु नियुक्त किया गया। श्री गंगवाल द्वारा क्रमश; दिनांक 26.09.2015, 12.10.2015 19.10.2015 को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगोन कार्यालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगोन द्वारा पत्र क्र. 7728 दिनांक 06.11.2015 से जाँच प्रतिवेदन जिला पंचायत खरगोन को प्रेषित किया गया। प्रतिवेदन पर लिये गये निर्णय अनुसार शिकायतकर्ता के कथन लेकर श्री गंगवाल ने कथन सहित प्रतिवेदन पुन: 27.11.2015 को प्रस्तुत किया। (ग) जिला पंचायत खरगोन द्वारा शिकायत की जाँच हेतु कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगोन को 01 पत्र एवं 04 स्मरण पत्र दिये गये। कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगोन ने जबाव में पत्र क्र. 7728 दिनांक 06.11.2015 से शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया। इस शिकायत पर श्री विनोद गंगवाल अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भीकनगांव को नियुक्त किया गया। जाँच अधिकारी द्वारा दिनांक 10.09.2015 एवं 16.09.2015 तथा 18.10.2015 को जाँच की गई। जाँच अधिकारी श्री विनोद गंगवाल द्वारा दिनांक 10.09.2015 को 12 ग्रामीणों, सरंपच एवं ग्राम रोजगार सहायक को सम्मिलित कर पंचनामा तैयार किया गया। श्रीमती चंदा पति महेन्द्र सरपंच एवं श्री मनोहर, मंसाराम कोगले ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत ईदारतपुर के पृथक-पृथक कथन भी लिये गये। दिनांक 16.09.2015 को कार्य पर लगे 17 श्रमिकों तथा 02 ट्रेक्टर मालिकों जिनके द्वारा कार्य किया गया था के कथन लिये गये। दिनांक 18.10.2015 को श्री सुंदरलाल जगंनाथ निवासी ईदारतपुर के कथन लिये गये। जिला पंचायत खरगोन को कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के पत्र क्र. 7728 दिनांक 06.11.2015 को प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जाँच अधिकारी श्री विनोद गंगवाल को शिकायतकर्ता के कथन लेने हेतु निर्देशित किया गया। जाँचकर्ता द्वारा दिनांक 27.11.2015 को शिकायतकर्ता के पुन: कथन लिये जा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रकरण प्रस्तुत होने में देरी नहीं हुई है।
रायसेन जिले में राजस्व एवं दखल रहित भूमि पर अतिक्रमण
25. ( क्र. 2347 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने लोग हैं जिन्होंने राजस्व एवं दखल रहित भूमि पर अतिक्रमण किया है गांववार जानकारी दें? (ख) अतिक्रमणधारी कृषकों का अतिक्रमण वाली भूमि में किया गया अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा? (ग) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने अतिक्रमणधारी है जिन्होंने खेल मैदान, स्कूल भूमि, खदान भूमि एवं मरघट शाला की भूमियों पर अतिक्रमण किया है उनका अतिक्रमण कब तक किस रीति से हटाया जायेगा? (घ) ऐसे कितने अतिक्रमणधारी हैं जिन्होंने राजस्व एवं दखल रहित भूमि पर अतिक्रमण कर आवास बना लिये है, क्या उन्हें हटाया जायेगा या आवास के पट्टे दिये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों के अतर्गत मार्ग एवं पुल-पुलियों का निर्माण
26. ( क्र. 2352 ) श्री
रामकिशन पटेल
:
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रायसेन
जिले में वर्ष
2014-15 एवं 2015-16 में
उदयपुरा विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
ग्रामीण
यांत्रिकी सेवा
रायसेन में
ग्राम
पंचायतों में
कितने मार्ग
एवं
पुल-पुलियाँ
कौन-कौन से मद
से स्वीकृत
किये गये हैं? पंचायतवार
जानकारी
देवें? (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में मार्ग एवं
पुल-पुलियों के
निर्माण हेतु
कुल
कितनी-कितनी राशि
वर्ष 2014-15
एवं चालू वित्तीय
वर्ष (प्रश्न
दिनांक) तक
प्रदाय की गई? आवंटित
बजट/राशि
अनुसार कितने
कार्य पूर्ण/अपूर्ण
रहे? ग्राम
पंचायतवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें?
(ग) क्या
प्रश्नांश
(क) अन्तर्गत
कार्यों हेतु
रायसेन जिले
में पंचायतों
में निर्माण कार्यों
की राशि आहरण
के लिये
सरपंच/सचिव
सहित सी.ई.ओ
जनपद पंचायत
की अनुशंसा ली
जा रही है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
उदयपुरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा रायसेन
द्वारा ग्राम
पंचायतों में
किए जा रहे
मार्ग एवं
पुल-पुलिया की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा से
संपादित
कार्यों में
सरपंच, सचिव, सी.ई.ओ. से
अनुशंसा
आवश्यक नहीं
होने से,
नहीं
ली जा रही है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत ग्राम सड़कों के संबंध में
27. ( क्र. 2506 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत किस तरह के ग्राम को जोड़ने की योजना होती है योजना प्रारंभ से लेकर वर्तमान प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले को ग्राम सड़कों की स्थिति कैसी है अभी तक कुल कितनी आबादी वाले गांव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जोड़ा जा सका है? (ख) योजना प्रस्तावित करने के पूर्व कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूर्ण करनी होती है क्या सर्वे एवं डी.पी.आर. का काम पूर्ण कर स्वीकृत की प्रत्याशा में भेजा जाता है या फिर सड़क बनाना है जिसकी लंबाई प्रस्तावित करते है, प्राक्कलन किस स्टेज पर तैयार होता है? (ग) तैयार प्राक्कलन की टेक्निकल स्वीकृति उपरांत प्राक्कलन के आधार पर ही कार्य किये जाते है या फिर अलग तरह से वर्तमान समय में मण्डला जिले की निवास विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15-16 में कितनी सड़कों की स्वीकृति मिली है, स्वीकृत सड़कों के निर्माण के मादण्ड क्या है? अर्थवर्क से लेकर डामरीकरण तक की स्टेजवार स्थिति से अवगत कराते हुये बताएं कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की चौड़ाई तथा नालियों की स्थिति का भी प्रावधान होता हे या नहीं संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अनुसार वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य विकासखण्डों की 500 एवं अधिक तथा आदिवासी विकासखण्डों में 250 एवं अधिक जनसंख्या की बसाहटों की जो पक्की सड़को से 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है, ऐसी पात्र बसाहटों (ग्रामों) को जिला पंचायत से स्वीकृत कोर नेटवर्क के अनुसार जनसंख्या के घटते क्रम में पक्की सड़कों से जोड़ने का प्रावधान है। मण्डला जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़कों की स्थिति संतोषजनक है। वर्तमान में मण्डला जिलें के 250 तक की जनसंख्या वाले पात्र ग्रामों को जोड़ा गया है अथवा जोड़ा जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार अनुमोदित कोर नेटवर्क के अनुसार जनसंख्या के घटते क्रम में आने वाले पात्र ग्रामों को जोड़ने हेतु प्रस्तावित सड़क का ग्रामवासियों की उपस्थिति में ट्रांजिट वाक अनुरूप सड़क एवं पुल-पुलियों का सर्वेक्षण कराया जाकर डी.पी.आर. तैयार किया जाता है उक्त डी.पी.आर.की तकनीकी जाँच स्टेट टेक्निकल एजेंसी से कराने के उपरांत भारत सरकार को प्रस्ताव स्वीकृति प्रेषित किया जाता है। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाती है तथा डी.पी.आर. की तकनीकी स्वीकृति जारी की जाती है। (ग) तकीनीकी स्वीकृति के अनुसार कार्यस्थल की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये कार्य कराया जाता है। वर्तमान में मण्डला जिले की निवास विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-2015 एवं 2015-2016 में किसी भी सड़क की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत मजदूरी का भुगतान
28. ( क्र. 2512 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय गारंटी योजना के तहत किये गये कार्यों का मजदूरों को संपूर्ण मजदूरी भुगतान कर दिया गया है, यदि नहीं किया गया है तो विकासखण्डवार शेष मजदूरी भुगतान की जानकारी से अवगत करायें? (ख) भुगतान नहीं होने के क्या कारण हैं और यह शेष मजदूरी भुगतान कब तक करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मण्डला जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत किये गये कार्यों में वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल राशि 29.76 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि 1002.31 लाख प्रश्न दिनांक तक मजदूरी भुगतान लंबित है। विकासखण्डवार शेष मजदूरी भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मनरेगा योजनान्तर्गत ई.एफ.एम.एस. प्रणाली के तहत स्टेट नोडल खाते में राशि की उपलब्धता के अनुसार भुगतान होता है। उल्लेखित प्रश्न के संबंध में नोडल खाते में राशि के अभाव, श्रमिकों के खाता नम्बर गलत होने, एम.आई.एस. मनरेगा पोर्टल पर वर्क ब्लॉक होने आदि कारण से भुगतान लंबित है। राशि की उपलब्धता होने पर लंबित भुगतान कर दिया जावेगा।
यात्री परिवहन बसों के परमिट जारी किया जाना
29. ( क्र. 2534 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश राज्य परिवहन विभाग के घाटे में चलने के कारण यात्री परिवहन को निजी ऑपरेटरों को संचालन के लिये दिया गया है? यदि हाँ, तो नई परिवहन नीति की जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) शहर इंदौर से सनावद/खण्डवा/बुरहानपुर के लिये कितनी यात्री बसों को परमिट जारी किये गये है उनके नाम समय एवं वाहन मालिक के पूर्ण पते सहित संपूर्ण जानकारी दी जावे? नई परिवहन नीति अनुसार कितने अंतराल से बसों के परमिट दिये जाने के निर्देश है, निर्देश की प्रति दी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार मार्ग पर कितने अंतराल से बसों के परमिट जारी किये गये है, क्या यह नीति अनुसार है यदि नहीं तो फिर इतने अंतराल से क्या परमिट जारी किये गये है दोषी अधिकारी का नाम सहित संपूर्ण जानकारी दी जावे? (घ) इंदौर परिवहन विभाग द्वारा विगत 2 माह में कितनी यात्री बसों को बस परमिट किस-किस समय के लिये दिये गये है उसकी नाम पते सहित जानकारी दी जावें एवं कितने आवेदन-पत्र निरस्त किये गय है, निरस्त करने के कारण सहित जानकारी दी जावें? यदि किसी के आपत्ति के कारण परमिट निरस्त किये गये है तो आपत्तिकर्ता के नाम सहित उसके द्वारा जमा की गई राशि की रसीद क्रमांक सहित जानकारी दी जावें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के द्वारा बसें संचालित नहीं की जा रही है। यात्री परिवहन हेतु निजी ऑपरेटरों को उनके आवेदन पर राज्य/क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा परमिट स्वीकृत किये जाते है। मध्यप्रदेश परिवहन नीति वर्ष 2010 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) इन्दौर-सनावद-खण्डवा-बुरहानपुर मार्ग पर 60 अस्थाई 81 स्थाई परमिट स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। अनुज्ञापत्रों के मध्य समय चक्र अंतराल मार्ग पर उपलब्ध ट्रैफिक के घनत्व अनुसार स्वीकृत कर जारी किये जा रहे है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार न्यूनतम 5 मिनिट एवं रात्रि के समय लगभग 30 मिनिट के अंतराल से अनुज्ञाऐं स्वीकृत है। वाहनों के समयान्तराल निर्धारण करने हेतु कार्यालय द्वारा कार्यवाही प्रारंभ की गई थी। किन्तु कतिपय वाहन स्वामियों द्वारा इसके विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय खण्ड़पीठ इन्दौर के समक्ष याचिका क्रमांक 7690/15 प्रस्तुत की गई। उक्त याचिका में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिये गए है। इस कारण समयान्तराल निर्धारण की कार्यवाही नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इन्दौर कार्यालय द्वारा विगत 02 माह में 37 अस्थाई 28 स्थाई अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किए गये है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। विगत 2 माह में स्थाई अनुज्ञा पत्रों के 91 आवेदन एवं अस्थाई अनुज्ञा पत्रों के 51 आवेदन मय आपत्तिकर्ता के नाम व जमा राशि का रसीद क्रमांक सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'य' एवं 'र' अनुसार है।
मध्यप्रदेश के निवासियों को राहत राशि का भुगतान
30. ( क्र. 2544 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उत्तराखण्ड राज्य में अतिवृष्टि से उत्पन्न हुई प्राकृतिक आपदा में मध्यप्रदेश के खरगोन एवं इंदौर जिले के कितने निवासियों की मृत्यु हुई थी, सूची दी जावे? साथ ही उत्तराखण्ड शासन द्वारा मध्यप्रदेश शासन को मृतकों की जा सूची उपलब्ध कराई गई थी, वो किस दिनांक को उपलब्ध कराई गई? (ख) क्या इन मृतकों की सूची में श्रीमती कमलाबाई पति सतीश का नाम भी था? यदि हाँ, तो उक्त मृतका का मृत्यु प्रमाण-पत्र उत्तराखण्ड शासन द्वारा कब किस दिनांक का उपलब्ध कराया गया है एवं राज्य शासन द्वारा उन्हें राहत राशि का भुगतान किस दिनांक को किया गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मृतका श्रीमती कमलाबाई के वारिसों को राहत राशि भुगतान करने के संबंध में शासन को कब-कब किस-किस दिनांक को पत्र लिखा गया था एवं शासन द्वारा उक्त पत्र के संबंध में विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या मृतका श्रीमती कमलाबाई के मृत्यु प्रमाण-पत्र एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी उत्तराखण्ड शासन से प्राप्त होने के बाद भी लगभग 2 वर्ष बाद भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में किस अधिकारी की लापरवाही तय की गई एवं इस संबंध में विभाग द्वारा उसके विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तराखण्ड शासन द्वारा मध्यप्रदेश शासन को मृतकों की सूची उपलब्ध नहीं कराई गई। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार उत्तराखण्ड शासन द्वारा मध्यप्रदेश शासन को मृतकों की सूची उपलब्ध नहीं कराई गई थी। जिला इन्दौर द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में श्रीमती कमला पुरोहित का नाम प्राप्त हुआ था, किन्तु मृतका के पति/पिता के नाम की जानकारी नहीं थी। जिला खरगोन से प्राप्त सूची में कमलाबाई पति सतीश पुरोहित का नाम अंकित था। उत्तराखण्ड शासन द्वारा मृतका श्रीमती कमलाबाई पति श्री सतीश पुरोहित निवासी जिला इन्दौर का मृत्यु प्रमाण-पत्र दिनांक 28.11.2013 द्वारा मध्यप्रदेश शासन को उपलब्ध कराया गया। कमला पुरोहित का नाम जिला इन्दौर एवं खरगोन की सूची में शामिल था। उत्तराखण्ड शासन के निर्देशानुसार वारिसों की जानकारी इन्दौर जिले से प्राप्त न होने के कारण मृतका का मृत्यु प्रमाण-पत्र, इन्दौर जिले के प्रभारी अधिकारी को तत्समय उपलब्ध नहीं कराया जा सका। खरगोन जिले में उल्लेखित नाम अनुसार मृत्यु प्रमाण-पत्र उत्तराखण्ड शासन से प्राप्त नहीं हुआ था। अत: शासन द्वारा मृतका कमलाबाई का मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए कई बार उत्तराखण्ड शासन को लिखा गया। जिला इन्दौर एवं खरगोन द्वारा जब इस तथ्य को स्पष्ट किया गया कि मृतका कमला पुरोहित को खरगोन की ही निवासी होना प्रमाणित किये जाने पश्चात मृत्यु प्रमाण-पत्र, खरगोन जिले के प्रभारी अधिकारी को दिनांक 30.11.2015 को उपलब्ध कराया गया तथा राहत राशि दिनांक 01.10.2013 को रूपये 2.00 लाख एवं दिनांक 30.11.2015 को रूपये 3.50 लाख की राशि कलेक्टर खरगोन को उपलब्ध कराई गई। (ग) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य का पत्र दिनांक 04.09.2015 को प्राप्त हुआ था। उक्त पत्र के संबंध में माननीय सदस्य को अवगत कराया गया था कि मृतका का मृत्यु प्रमाण पत्र उत्तराखण्ड शासन से प्राप्त न होने के कारण उपलब्ध नहीं कराया गया। जानकारी उपलब्ध करायी गई। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की जानकारी अनुसार मृतका श्रीमती कमलाबाई का नाम इन्दौर एवं खरगोन जिले में होने के कारण तथा उत्तराखण्ड शासन से मृत्यु प्रमाण-पत्र में निवास स्थान इन्दौर अंकित होने और इन्दौर जिले द्वारा वारिसों की जानकारी न देने से तत्समय इन्दौर जिले को मृत्यु प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। जिला कलेक्टर इन्दौर के अर्द्ध शासकीय पत्र दिनांक 17.11.2015 से मृतका श्रीमती कमलाबाई को जिला खरगोन का निवासी होना बताते हुए उत्तराखण्ड शासन से प्राप्त मृत्यु प्रमाण-पत्र जिसमें निवास स्थान इन्दौर अंकित है, को उपलब्ध कराने हेतु लिखे जाने पश्चात प्रभारी अधिकारी, खरगोन को श्रीमती कमलाबाई पति सतीश पुरोहित का मृत्यु प्रमाण-पत्र दिनांक 30.11.2015 को उपलब्ध कराया गया। इस संबंध में किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कोई लापरवाही नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
फसल नुकसानी के सर्वे में अनियमितताएं
31. ( क्र. 2570 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्ष में कसरावद विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने रकबे में मिर्ची की फसल बर्बाद हुई है? उसके क्या कारण रहे तथा इसका किन-किन संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा फसल का सर्वे किया? सर्वे रिपोर्ट में कितनी मुआवजा राशि का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा और कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित राशि से कितने किसानों को मुआवजा राशि वितरित की गई? कितने शेष है एवं शेष के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित सर्वे रिपोर्ट में दर्शित कृषकों के नाम के अतिरिक्त कई नाम छोड दिये गये है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? हाँ तो कब? नहीं तो प्रश्न दिनांक तक कई प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि प्राप्त नहीं हुई है उन्हें कब तक मुआवजा राशि वितरित की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) में सर्वे रिपोर्ट में की गई लापरवाही के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में मिर्च की फसल को कोई भी नुकसान नहीं हुआ। वर्ष 2015-16 में कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 264 ग्रामों की 7531.233 हेक्टेयर रकबे में मिर्च की फसल को वायरस जनित रोग से क्षति हुई। क्षति का सर्वे राजस्व, कृषि, उद्यानिकी विभाग के मैदानी कर्मचारियों का संयुक्त दल गठित कर कराया गया। सर्वे पश्चात शासन से राशि रूपये 14,82,74,947 (राशि रूपये चौदह करोड़ बयासी लाख चौहत्तर हजार नौ सौ सैतालिस) की मांग की गई। मांग अनुसार जिले को संपूर्ण राशि उपलब्ध कराई गई। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित राशि समस्त पात्र प्रभावित 11977 कृषकों को ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान किया जा चुका है। कोई भी पात्र कृषक राहत राशि वितरण हेतु शेष नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित सर्वे रिपोर्ट कृषकों के नाम के अतिरिक्त अन्य किसी पात्र कृषकों के नाम सर्वे रिपोर्ट में नहीं छोड़े गये हैं शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) सर्वे रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई है। सर्वे रिपोर्ट के संबंध में 6680 शिकायतें प्राप्त हुई जिनकी जाँच उपरांत उचित निराकरण किया गया।
कृषि उपज मण्डी में खरीदी अवधि बढ़ाने बाबत्
32. ( क्र. 2706 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन स्तर से किसानों द्वारा उत्पादित कपास का उचित मूल्य किसानों को दिलवाने हेतु भारतीय कपास निगम द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर कृषि उपज मण्डी में पूरे समय कपास खरीदी की व्यवस्था की गई है? (ख) यदि हाँ, तो फिर धार जिले की कृषि उपज मण्डी धामनोद में केवल एक समय दोपहर 12 बजे के पूर्व तक ही क्यों कपास खरीदी की जाती है? इसके पश्चात खरीदी आगामी दिवस तक के लिए स्थगित कर दी जाती है, कारण बतावें? (ग) दूर-दूर से आये किसानों को समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण मण्डी लाया गया कपास मजबूरन मण्डी के बाहर व्यापारियों को ओने पोने दामों पर बेचना पड़ता है? जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, यदि खरीदी का समय निर्धारित नहीं है तो शासन क्या मण्डी व निगम अधिकारियों द्वारा व्यापारियों की सांठ-गांठ से किसानों के किये जा रहे शोषण को रोकने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारतीय कपास निगम द्वारा चयनित 16 कृषि उपज मंडी समितियों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्धारित समय में समर्थन मूल्य पर कपास खरीदी की व्यवस्था है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति धामनोद में मंडी प्रागंण में आने वाले वाहनों की प्रात:10:30 बजे नीलामी कार्यवाही मंडी कर्मचारियों द्वारा प्रारंभ की जाकर भारतीय कपास निगम के प्रतिनिधि एवं व्यापारियों द्वारा निरंतर संपूर्ण नीलामी कार्यवाही में भाग लेकर कपास की खरीदी की जाती है। अत: दोपहर 12:00 बजे तक खरीदी का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंडी में नीलामी हेतु निर्धारित समय के पश्चात भी मंडी प्रागंण में आने वाले वाहनों की कपास का मंडी कर्मचारी द्वारा घोष विक्रय कराया जाता है, जिसमें भारतीय कपास निगम एवं व्यापारियों द्वारा खरीदी की जाती है। अत: किसानों के शोषण होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भारवाहक वाहनों से वसूली
33. ( क्र. 2714 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में निर्धारित क्षमता से अधिक परिवहन कर रहे ट्रकों को रोकने के लिए विभाग ने कितने चेक पोस्ट या बेरियर लगाये हैं? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्नांकित तिथि तक अधिभार परिवहन के कितने प्रकरण पंजीकृत करके जुर्माने की राशि वसूल की गई है? (ग) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से निर्मित मार्गों पर भारी वाहन से सामग्री की परिवहन पर रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो आदेश की जानकारी प्रदान करें? यदि नहीं तो क्या शासन की ऐसी कोई योजना है कि प्रतिबंध लगाकर ऐसे मार्गों को ध्वस्त होने से बचाया जा सके, बतावें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) धार जिले में परिवहन विभाग के द्वारा कोई भी चेक पोस्ट/बैरियर नहीं लगाया गया है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार में अधिक भार परिवहन के 09 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। उनसे जुर्माने की राशि रूपये 1,08,500/- वसूल की गई है। (ग) विभाग के द्वारा ऐसी कोई रोक नहीं लगाई गई है। निर्धारित क्षमता से अधिक भार परिवहन करने वाले माल वाहनों के संचालन को रोकने हेतु मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 113 एवं ‘‘प्रिवेंशन ऑफ डेमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 ’’ के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। परिवहन विभाग के स्तर पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना अभी विचाराधीन नहीं है।
जीनिंग फैक्ट्री को लीज़ पर दी गई जमीन पर अतिक्रमण
34. ( क्र. 2762 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगर नगर में जीनिंग फैक्ट्री के नाम से जमीन लीज पर दी गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन को, नाम बतावें? क्या शासन द्वारा जीनिंग फैक्ट्री बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या पुरानी कृषि उपज मंडी के पास भी कोई जीनिंग फैक्ट्री की जगह है? यदि हाँ, तो किसकी है, नाम बतावें? क्या इस जमीन पर गुमठिया लगने वालों से किराया नगर पालिका को प्राप्त हो रहा है? यदि नहीं, तो जो व्यक्ति किराया वसूल रहा है, उस पर शासन क्या कार्यवाही करेगा व कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार जीनिंग फैक्ट्री बंद होने के उपरांत उक्त जमीन पर शासकीय भूमि पर किनके द्वारा कब्जा कर रखा है? यदि हाँ, तो जीनिंग फैक्ट्री की जमीन को शासन अपने कब्जे में कब तक लेगा, समय-सीमा बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपदा सहायता राशि की स्वीकृति
35. ( क्र. 2786 ) श्री
सुखेन्द्र
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
म.प्र. शासन
द्वारा आपदा
राहत मद से
दुर्घटना एवं
प्राकृतिक
प्रकोप से
शारीरिक
क्षति/मृत्यु
हो जाने पर
पीडि़तों को
मुआवजा/सहायता
राशि प्रदान
की जाती है? यदि हाँ, तो किस-किस
आपदा में
सहायता राशि
प्रदान की
जाती है,
नाम, नियम का
विस्तृत
विवरण उपलब्ध
करावें?
(ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में विगत दो
वर्षों में
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र-71
अंतर्गत
निवासरत
कितने ऐसे व्यक्तियों
की अकाल मृत्यु
प्रश्न
दिनांक तक हुई
है? (ग)
प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में आपदा राहत
मद से कितने व्यक्तियों
को राहत राशि
मंजूर कर
प्रदान की गई तथा
कितनी राशि
भुगतान की गई? (घ)
प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में ऐसे व्यक्तियों
को आपदा राहत
मद से सहायता
राशि उपलब्ध
नहीं कराई गई, तो क्यों, कारण
बतावें?
यदि
उपलब्ध कराई
जावेगी,
तो
कब तक?
राजस्व
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क)
जी हाँ। आपदा
एवं आपदा राशि
के संबंध में
विस्तृत
विवरण राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 में उल्लेखित
है, जो पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख)
विधानसभा
क्षेत्र 71
अंतर्गत 2 वर्षों
में 51 व्यक्तियों
की मृत्यु
हुई। (ग) 2
वर्षों में 51 व्यक्तियों
की मृत्यु
होने पर
विभिन्न
मदों में 61 लाख
रूपये की राहत
राशि मृतकों
के निकटतम वारिसों
को ई-पेमेंट
के माध्यम से
भुगतान किया
गया। (घ)
प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में कोई भी
राहत राशि भुगतान
हेतु शेष नहीं
है।
दोषी पर कार्यवाही किए जाने बाबत्
36. ( क्र. 2903 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील कैलारस मुरैना में वर्ष 2003 से 2007 तक ग्राम सेमई, गूलापुरा, कुटरावली, बघरेटा में कितनी शासकीय भूमि को पट्टे या व्यवस्थापन किया गया है? पट्टेधारियों के नाम व पता एवं तत्कालीन अधिकारयों/पटवारियों के नाम बताएं? इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग भोपाल के ज्ञाप क्रमांक एफ 30-18/2002/सात 2 ए दिनांक 21-01-2003 से भूमि बंटन/व्यवस्थापन पर रोक लगाई गयी है? यदि हाँ, तो वर्ष 2003 के बाद तहसील कैलारस में किस आधार पर वंटन/व्यवस्थापन, पट्टे किये गये? ग्राम सेमई स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1395 रकबा 2.05 हेक्टेयर में से 2 बीघा 10 विश्वा का नियम विरूद्ध किया गया वंटन/व्यवस्थापना पर आयुक्त चंबल द्वारा दिनांक 30-06-2015 को कलेक्टर मुरैना को निर्देशित कर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या पटवारी माखनलाल अर्गल द्वारा हल्का सेमई में लगभग 100 बीघा से अधिक की भूमि का रिकार्ड में हेरा-फेरी कर अपने पद का दुरूपयोग करते हुये सक्षम अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त कर करोड़ों को बेशकीमती भूमि जैसे नाला, आम रास्ता चरनोई के भी पट्टे व्यवस्थापन अपने भाई एवं भू-माफियाओं को करवाया गया है? उक्त पटवारी के पदस्थी हल्कों में किये गये पट्टे व्यवस्थापनों सहित पूरे प्रकरण में राज्य स्तरीय जाँच दल गठित कर भ्रष्ट पटवारियों के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) अंतर्गत संलग्न वाहन
37. ( क्र. 3017 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) अंतर्गत संलग्न वाहनों की संख्या एवं किन-किन अधिकारियों के लिये संलग्न किये गये हैं? वाहन का प्रकार, मॉडल, वाहन क्रमांक एवं अधिकारी का नाम व पद सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) जो वाहन संलग्न किये गये हैं, उनके लिये प्रतिमाह किस दर से वाहन संलग्न किये गये हैं? किसके आदेश से संलग्न किये गये हैं? इस हेतु क्या प्रावधान है? आर्डर की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वाहन संलग्न किये जाने हेतु क्या प्रावधान हैं, प्रति उपलब्ध करावें? क्या संलग्न वाहनों का भुगतान नियम विरूद्ध किया गया है? यदि हाँ,तो शासन द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' की कंडिका 3, व ''स'' अनुसार है। (ग) प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जिले से प्राप्त जानकारी के परीक्षण उपरान्त नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
उज्जैन जिले में किसान मेले एवं किसान प्रशिक्षण की जानकारी के संबंध में
38. ( क्र. 3018 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में किसानों की सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर किसान मेले एवं किसान प्रशिक्षण का आयोजन हुआ? उक्त आयोजनों में कितने किसानों के द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार आयोजित किसान मेलों में कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि कि, किस प्रकार का अनुदान/सहायता प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त मेलों के लिये कितनी-कितनी राशि का आवंटन किस मद में व्यय करने हेतु प्राप्त हुआ था? कब-कब, कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में कब-कब व्यय की गई? किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) किसान मेलों में कृषकों को कोई भी राशि अनुदान/सहायता प्रदान नहीं की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मंडियों के लिए शासकीय भूमि आरक्षित
39. ( क्र. 3056 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत 03 वर्षों में क्या मंडियों के नवीन प्रांगणों, उपमण्डी प्रांगणों एवं अतिरिक्त प्रांगणों के लिए शासकीय भूमि आरक्षित की प्रशासकीय स्वीकृति मण्डी बोर्ड द्वारा दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मण्डियों के लिए शासकीय भूमि आरक्षित की प्रशासकीय स्वीकृति के परिप्रेक्ष्य में किन-किन जिला कलेक्टरों द्वारा किन-किन मण्डियों के लिए भूमि का अग्रिम आधिपत्य दिया गया था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मंडियों में निर्माण कार्यों की निविदाएं आमत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो सूची देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मण्डियों में से किन-किन मण्डियों के अग्रिम आधिपत्य की प्रक्रिया को निरस्त किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. में विगत 03 वर्षों में 06 मंडियों, 14 उपमंडियों एवं 09 अतिरिक्त प्रागंण के लिये भूमि आरक्षित की जाकर मंडी बोर्ड द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिपेक्ष्य में मंडी समिति शिवपुरी के नवीन मंडी प्रागंण, मंडी समिति सनावद की उपमंडी बैड़िया के नवीन उपमंडी प्रागंण, मंडी समिति खरगोन के (ग्राम प्रेमनगर) मंडी समिति कटनी के लिये ग्राम बहोरीबंद, एवं नीमच के नवीन प्रांगण हेतु भूमि का अग्रिम अधिपत्य संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा दिया गया है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित मंडियों को अग्रिम अधिपत्य से प्राप्त भूमियों पर निर्माण कार्यों के लिये निविदायें आमंत्रित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी भी मंडी समिति को कलेक्टरों द्वारा दिया गया अग्रिम अधिपत्य निरस्त नहीं किया गया है
वन भूमि से विनियम की गई भूमियों के रजिस्टर्ड विक्रय पत्र निरस्त किये जाना
40. ( क्र. 3118 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में वर्ष 2000 से 2010 तक भूमियों का विनिमय किया गया है? यदि हाँ, तो -कितनी भूमियों का विनिमय किया गया है? (ख) क्या राजेश पुत्र हीरालाल के नाम की ग्राम कैलौर की भूमि सर्वे क्रंमाक 402/4, रकबा 1.881 हेक्टेयर तथा मुन्ने खां पुत्र सत्तार खां के नाम की ग्राम बगवाज की भूमि सर्वे क्रमांक 562/2 मिन रकबा 2.090 हेक्टयर का परस्पर विनिमय रजिस्टर्ड विक्रय पत्र क्र. 33 दिनांक 10.04.92 से हुआ था को वन भूमि होने के कारण न्यायालय कलेक्टर, श्योपुर से प्रकरण क्रमांक 28/200-01/अ-39 आदेश दिनांक 29.12.2000 से निरस्त हुआ है? (ग) यदि हाँ, तो क्या अन्य भूमियों के विनिमय भी स्वमेव निरस्तनीय है? क्या शासन प्रश्नांश (क) अनुसार नियम विरूद्ध विनियम व विक्रय पत्रों को निरस्त कर भूमि को शासन हित में अधिग्रहीत करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) अन्य भूमि वन भूमि से विनिमय नहीं हुई है। अतः विनिमय स्वमेव निरस्तनीय नहीं है। प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में वर्णित भूमि के संबंध में कलेक्टर श्योंपुर के न्यायालय में निगरानी प्रकरण क्र-40/10-11 एवं 41/10-11 प्रचलित हैं, जिसमें विधि अनुरूप कार्यवाही प्रचलित है।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण
41. ( क्र. 3119 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध शाखा में प्रकरण पंजीबद्ध कर किस दिनांक से कार्यवाही प्रचलित है? संबंधित अधिकारियों के नाम एवं वर्तमान पदस्थापना सहित जानकारी दी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर चालान प्रस्तुत करने के लिए अनुमति बाबत् राज्य शासन को भेजे गए व कितनों में अनुमति प्रदान की गई? कितनेां में नहीं? प्रकरण भेजने का दिनांक, अनुमति प्रदान करने का दिनांक व लंबित प्रकरणों की संख्या बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के विरूद्ध जाँच कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है? जिन अधिकारियों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में चालान पेश किए गए है क्या उनके विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार निलंबन की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध जाँच की कार्यवाही चलने अथवा न्यायालय में चालान प्रस्तुत किए जाने के बावजूद नियम विरूद्ध पदोन्नति का लाभ दिया गया है? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या शासन ऐसी पदोन्नतियों को निरस्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' पर है।
सूखा एवं ओलावृष्टि से फसलों को हुई क्षति
42. ( क्र. 3546 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-16 के मध्य अल्पवर्षा एवं ओलावृष्टि से किन-किन ग्रामों के कृषकों को कितनी राशि का मुआवजा राशि (राहत) प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुआवजा राशि से वंचित, कम मुआवजा राशि मिलने की किस-किस ग्राम के कितने कृषकों ने अपनी आपत्ति सक्षम अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की एवं इन आपत्तिकर्ता कृषकों में से कितनों को कितनी राहत राशि प्रदान की गई तथा कितने आपत्तिकर्ता कृषक किन कारणों से राहत राशि प्राप्त करने में वंचति रहे? (ग) क्या मझौली तहसील अंतर्गत ग्राम हरदुआ कला एवं मोहला ग्राम के किसी भी कृषक को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राहत राशि प्राप्त नहीं हुई? यदि हाँ, तो पाटन विधान सभा अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम है जहां के किसी भी कृषकों को सूखा राहत राशि प्राप्त नहीं हुई है? राहत राशि से वंचित ग्रामों की कारण सहित सूची देवें? (घ) क्या शासन सूखा एवं ओलावृष्टि से खराब फसलों के सर्वे कार्यों में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किये गये भेदभाव एवं भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुये वास्तविक प्रभावित कृषकों को सूखा राहत राशि प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 के मध्य अल्पवर्षा एवं ओलावृष्टि से तहसील पाटन में कुल राहत राशि रू. 5,11,46,600/- एवं तहसील मझौली में राशि रू. 6,78,28,688/- वितरित किये गये। ग्रामों की सूचियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) तहसील पाटन के ग्राम पाटन के 15, वासन के 13, रिमझा के 09, बरही के 04, आपत्तिकर्ता व्यक्तियों में से पाटन के 13, वासन के 12, रिमझा के 06, एवं बरही के 04 व्यक्तियों को क्रमश: रूपये 62,500/-, 47,300/-, 16,800/- व 13,500/- राहत राशि प्रदान की गई। शेष 6 व्यक्ति अपात्र पाये गये। तहसील मझौली में 86 कृषकों द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गई थी इन सभी आपत्तियों का निराकरण कर सभी 86 कृषकों को राशि 2,32,650/- रूपये प्रदान कर दी गई है। (ग) ग्राम हरदुआ कला में प्रभावित कृषकों को 96,300/- रूपये की राहत राशि का वितरण किया गया। ग्राम मोहला में फसल क्षति 25% से कम होने के कारण राहत राशि वितरित नहीं की गई। इसी प्रकार तहसील पाटन में 77 ग्रामों तथा तहसील मझौली में 16 ग्रामों में क्षति का प्रतिशत 25 से कम होने के कारण राहत राशि का वितरण नहीं किया गया। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) जिले में निर्देशानुसार सूखा एवं ओलावृष्टि से खराब फसलों का सर्वे कराया जाकर नियमानुसार आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अनुसार राहत राशि का वितरण किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उमरियापान के मार्गों का अतिक्रमण हटाना
43. ( क्र. 3796 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी की तहसील ढ़ीमरखेड़ा के ग्राम उमरियापान में किन-किन प्रमुख स्थानों के मार्गों का संगम है और किन मार्गों से वाहनों का आवागमन होता है और स्थानीयजनों व ग्रामीणों को असुविधाएं होती है? (ख) राजस्व अभिलेख में प्रश्नांश (क) मार्गों की चौड़ाई कितने फुट और क्या उसमें अतिक्रमण किया गया है और अवैध निर्माण कर व्यवसाय किया जा रहा है? (ग) क्या जिला व स्थानीय प्रशासन ने प्रश्नांश (ख) मार्ग के अतिक्रमण को हटाकर आवागमन की सुविधा और जनसुविधा बढ़ाने के लिये कभी कोई प्रयास किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ख), (ग) के संबंध में कब तक अतिक्रमण हटा दिये जायेंगे और जनसुविधाओं को संरक्षित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम उमरियापान में प्रमुख मार्ग में उमरियापान से स्लिमनाबाद, कटनी,सिहोरा, ढीमरखेड़ा की ओर जाने वाले मार्गों का संगम है। इन मार्गों पर दो पहिया वाहनों से लेकर सामान्य तथा भारी वाहनों का आवागमन सभी दिशाओं की ओर होता है। स्थानीय-जनों को सिंगलमार्ग होने के कारण आवागमन में असुविधा होती है। (ख) राजस्व अभिलेखों में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्रमशः 1. उमरियापान के स्लिमनाबाद रोड की न्यूनतम चौड़ाई 40 कडी एवं अधिकतम 1.00 जरीव तथा औसतन 47 फुट चौड़ाई है। 2. उमरियापान में ढीमरखेड़ा रोड की न्यूनतम चौड़ाई 40 कडी एवं अधिकतम 165 कडी तथा औसतन 72 फुट चौड़ाई है। 3. उमरियापान से सिहोरा रोड की न्यूनतम चौड़ाई 35 कडी एवं अधिकतम 60 कडी तथा औसतन 31 फुट चौड़ाई है। उसमें सड़क के दोनों किनारे निवासरत निवासियों द्वारा व्यवसायिक एवं रहवासी शेड बढ़ा कर एवं कुछ स्थानों पर पक्के निर्माण कर अतिक्रमण किया गया है। (ग) प्रशासन द्वारा समय-समय पर जनसुविधा को दृष्टिगत रखते हुये मार्ग के अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जाकर लगभग 03 माह के अंदर अतिक्रमण हटा दिये जावेंगे और जनसुविधाओं को संरक्षित कर दिया जावेगा।
प्रोजेक्ट आत्मा के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम
44. ( क्र. 3923 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में प्रोजेक्ट आत्मा कब से संचालित की जा रही है? राज्य शासन व केन्द्र शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि दी गई वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उक्त योजना अंतर्गत विगत दो वर्ष में जिलों में कब-कब कितने-कितने किसानों को प्रशिक्षण दिया गया? प्रशिक्षण अवधि (दिनांक सहित) तथा प्रत्येक प्रशिक्षण पर हुए व्यय की अलग-अलग जानकारी प्रस्तुत करें? (ग) उक्त योजना मद में जिलों को कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? प्रत्येक जिले का वर्षवार ब्यौरा दें तथा बतावें कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अब तक कितने किसानों को किस तरह का लाभ हुआ है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) झाबुआ जिले में आत्मा प्रोजेक्ट वर्ष 2005-06 से एवं अलीराजपुर जिले में वर्ष 2009-10 से संचालित है। भारत सरकार द्वारा जिलों को सीधे राशि नहीं दी जाती है। संचालनालय स्तर से केन्द्रांश के अनुरूप राज्यांश की राशि आहरित कर सम्मिलित रूप से जिलों को जारी की जाती है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रशिक्षण कार्यक्रम से झाबुआ जिले में 8756 एवं अलीराजपुर जिले में 4942 किसान लाभान्वित हुए हैं। प्रशिक्षण से कृषकों को कृषि एवं संबद्ध विभाग जैसे पशुपालन, मत्स्य, उद्यानिकी एवं डेरी उद्योग आदि की नवीनतम एवं उन्नत तकनीकों के विषय में लाभ प्राप्त हुआ।
काबिल काश्त भूमि का मालिकाना हक दिया जाना
45. ( क्र. 3924 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर जिले में कितने कृषक शासकीय मद की काबिल काश्त भूमि पर काबिज होकर कितने-कितने वर्षों से कृषि कार्य कर रहे हैं तथा इनके द्वारा दण्ड के रूप में कितना आर्थिक दण्ड राजस्व मद में जमा किया जा रहा है? (ख) झाबुआ अलीराजपुर जिले के इन कृषकों द्वारा इतने लंबे समय से काबिल काश्त भूमि पर कृषि कार्य किया जा कर आर्थिक दण्ड भी भरा जा रहा है फिर भी इन कृषकों को उक्त भूमि का मालिकाना हक नहीं दिया गया क्या कारण हैं? (ग) क्या शासन वर्षों से कृषि कार्य कर रहे इन कृषकों को शासकीय मद की काबिल कास्त भूमि पर मालिकाना हक देने का विचार कर रहा हैं? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) झाबुआ जिले में कुल 6504 कृषकों का कुल 6382.96 हेक्टेयर काबिल काश्त भूमि पर अतिक्रमण पाया गया। वर्ष 2014-15 में अतिक्रमित भूमि पर कुल रूपये 12,95,305/-अर्थदण्ड आरोपित कर राशि जमा करवा कर बेदखल किया गया। अलीराजपुर जिले में कुल 692 कृषकों का कुल 405.74 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर कृषि कार्य किया गया है। जिनसे कुल 7,46,850/-रूपये का अर्थदण्ड राजस्व मद में जमा कर उन्हें बेदखल किया गया। (ख) पृथक से झाबुआ, अलीराजपुर जिले के प्रश्नाधीन कृषकों को मालिकाना हक दिये जाने के प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा सकता। न ही शासन स्तर पर ऐसा कोई प्रस्ताव लंबित है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
वसूली करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने बाबत्
46. ( क्र. 3955 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले अंतर्गत 12 वर्षों में यानी वर्ष 2003 से प्रश्नांश दिनांक तक की जानकारी प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 415 दिनांक 04.01.2016 के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से मांगी गई थी? जिसमें समग्र स्वच्छता संबंधी जानकारियां चाही गई थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 415 दिनांक 04.01.2016 के माध्यम से पत्र के बिन्दु क्र. 1 से 4 तक की चाही गई जानकारी आज दिनांक तक न दिए जाने के लिए कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी है तथा उनकी पहचान कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? कार्यवाही करते हुए चाही गई जानकारी की प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ के कार्यों में राशि मनमानी पूर्ण शासन द्वारा जारी आदेशों एवं निर्देशों के विपरीत खर्च कर दी गई है तथा मौके पर शौचालयों का निर्माण नहीं कराया गया? राशि फर्जी बिल व्हाउचर के आधार पर खर्च की गई है? प्रचार-प्रसार की सामग्री के नाम पर वाहन किराये एवं तेल फर्जी तरीके से राशि खर्च कर गवन किया गया एवं झूठी जानकारी खर्च की दी गई? क्या जो ग्राम पंचायते निर्मल घोषित की गई है शासन के मापदण्डों का पालन करते हुए की गई है जबकि आज भी संबंधित निर्मल पंचायतों में मकान शौचालय विहीन है? शौच क्रिया बाहर करने लोग जाते है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के अनुसार मौके पर कार्य नहीं किये गए फर्जी तरीके से राशि खर्च की गई इसके लिए दोषियों की पहचान कर क्या वसूली की कार्यवाही करते हुए आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? साथ ही मनमानी तरीके से घोषित की गई निर्मल पंचायतों की जाँच कराकर दोषियों की पहचान उपरांत कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यो?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जिले में समस्त जनपद पंचायतों को जिला पंचायत रीवा के पत्र क्र. 753 दिनांक 12-01-2016 एवं पत्र क्र. 95 दिनांक 04-03-2016 से जिले की समस्त जनपद पंचायतों से स्पष्टीकरण चाहा गया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। शौचालय निर्माण शासन की गाइड लाइन अनुसार कराया गया है तथा फर्जी बिल व्हाउचर्स के द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया है। जो ग्राम पंचायत निर्मल घोषित की जाती है, वे राज्य शासन/भारत शासन के गठित दल के सत्यापन पश्चात ही घोषित की जाती है। परिवारों को शौचालय उपयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाहन चालकों का नियमितीकरण
47. ( क्र. 4064 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग में दै.वे.भो. कर्मचारी, जो वाहन चालक के रूप में कार्यरत हैं, सिवनी जिला के अंतर्गत इनकी संख्या कितनी है? (ख) क्या इनको विभाग में कार्य (वाहन चालक) करते हुये 15-20 वर्ष हो गए हैं? यदि हाँ, तो इनका नियमितीकरण क्यों नहीं किया गया? क्या शासन के पास इनको नियमित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या है, और नहीं, तो क्यों, स्पष्ट करें? (ग) वर्तमान में उक्त विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को क्या-क्या सुविधाएं शासन से प्रदाय की जा रही हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले में शासन का कोई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। अपितु उप आयुक्त सहकारिता कार्यालय सिवनी में उर्वरक विकास कोष से संचालित वाहन हेतु 01 वाहन चालक को किये गये कार्य के प्रति पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। (ख) उर्वरक विकास कोष से संचालित वाहन के वाहन चालन हेतु 01 वाहन चालक को दिनांक 4.5.1999 से विभिन्न अवधियों के लिये किये गये कार्य के प्रति पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। कार्य के प्रति उर्वरक विकास कोष से पारिश्रमिक का भुगतान किये जाने, पात्रता न होने से एवं ऐसे कर्मचारियों से नियमितीकरण का कोई प्रावधान न होने से। जी नहीं। उर्वरक विकास कोष से पारिश्रमिक का भुगतान किए जाने एवं पात्रता न होने से नियमित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग में कार्यरत मात्र 01 दैनिक वेतन भोगी वाहन चालक को मुख्यालयीन आदेश क्र./प्रशा./2/14/937 दिनांक 30.8.2014 से 20 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर रु. 2500/- प्रति माह विशेष भत्ता स्वीकृत किया गया है।
ग्राम पंचायत सचिवों के मूलभूत अधिकार
48. ( क्र. 4065 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्राम पंचायत सचिव वर्ष, 1995 से कार्यरत हैं एवं शासकीय योजनाओं एवं निर्माण कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं? म.प्र. शासन द्वारा पंचायत सचिवों को शासकीय कर्मचारी नहीं मानने के क्या कारण है? शासन उन्हें किस स्तर के कर्मचारी मानती है और क्यों? (ख) शासन उन्हें किस स्तर के कर्मचारियों में सम्मिलित करेगा? क्या शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के समान ग्राम पंचायत सचिवों को अवकाश एवं वेतन दिये जाने हेतु कोई नीति निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पंचायत सचिव ‘पंचायत सेवा‘ के कर्मचारी है। ये ग्राम पंचायत में पदस्थ होकर ग्राम पंचायत का कार्य निष्पादन करते है। (ख) यह स्थानीय निकाय के कर्मचारी होने से शासकीय सेवक नहीं है, इसलिए शासकीय सेवकों के अनुरुप लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समितियों की स्थिति
49. ( क्र. 4152 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वैद्यनाथन समिति की अनुशंसा के आधार पर छतरपुर जिले की किस सहकारी समिति को कितनी राशि उपलब्ध करवाई, राशि उपलब्ध करवाए जाने के पहले किस समिति पर केन्द्रीय सहकारी बैंक का कितना बकाया था वर्तमान में बैंक का कितना बकाया है? (ख) भारत सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी अभियान के दौरान किस समिति के कितने सदस्यों के दर्ज की राशि समिति को प्रदान की गई? (ग) गत तीन वर्षों में किस समिति को समर्थन मूल्य पर की गई खरीदी के कारण कितनी हानि हुई, खाद बीज के विक्रय से कितनी हानि हुई इन कार्यों के बदल किस समिति ने बैंकों को कितनी राशि ब्याज के रूप में भुगतान की? (घ) समितियों पर बैंक द्वारा बताए जा रहे बकाया को माफ किए जाने के संबध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक समितियों का बकाया माफ कर दिया जावेगा? समय-सीमा सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर की गयी खरीदी एवं खाद, बीज के विक्रय से छतरपुर जिले की किसी भी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति को कोई हानि नहीं हुई है। समितियों द्वारा बैंक को ब्याज के रूप में भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) समितियों पर बैंक के बकाया को माफ किये जाने के संबंध में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कब्जा दिलाने बाबत्
50. ( क्र. 4212 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारा. प्रश्न संख्या 24 (क्र. 1819) प्रश्नोत्तरी दिनांक 16 दिसम्बर 2015 में लक्ष्मणबाग संस्थान की भूमि खसरा नंबर 1,2,3,4,5,6,7,8, रकबा 4.54 एकड़ ग्राम मगरहा वृत्त सीतापुर तहसील मऊगंज काश्तकारी हेतु वर्ष 2015-16 के लिए निलामी द्वारा श्री भगवानदीन साकेत तनय जमुना प्रसाद निवासी ग्राम ढेरा को किस कार्य हेतु आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में तहसीलदान मऊगंज द्वारा दिनांक 30.11.2015 को अतिक्रमण हटाया जाकर श्री भगवानदीन साकेत को कब्जा दिलाया गया था? जिससे नीलामीकर्ता उपरोक्त जमीन में बुबाई, जुताई कर फसल रोपित कर ली थी? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उपरोक्त भूमियों का सूखा राहत राशि 9184 रूपये किसे प्रदान की गई नाम बतावें? इसके लिए कौन दोषी है दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में निलामी द्वारा प्राप्त भूमि का देख-रेख एवं गुडाई, निराई नहीं कर पा रहा है? इसके संबंध में संबंधित अधिकारियों, थाना प्रभारी, जिलाधीश, आदि को आवेदन कर जिलाधीश पुलिस अधीक्षक आदि को आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की है? सुरक्षा न मिलने के कारण फलस का नुकसान हो रहा है? (ड.) यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है, उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या निलामी प्राप्तकर्ता का संतुष्टि प्रमाण-पत्र प्रश्नकर्ता को प्रदान किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन भूमि राजस्व वर्ष 2015-16 हेतु कृषि प्रयोजन के लिये नीलामी में दी गई थी। (ख) जी हाँ। नीलामीकर्ता ने बुवाई-जुताई कर फसल रोपित नहीं की थी। (ग) प्रश्नाधीन सूखा राहत राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6 क्रमांक 4 की कंडिका 1 के प्रावधानानुसार अतिक्रामक एवं फसल बोने वाले, किसान जिसकी फसल सूखी थी, राजमणि वगैरह को स्वीकृत की गई थी। अतः शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी नहीं, वस्तुस्थिति यह है कि नीलामी ग्रहीता को दिनाक 30.11.2015 को मौका कब्जा दिलाया गया था ताकि उसके द्वारा सब्जी लगाने से विवाद होने पर थाना प्रभारी के द्वारा सी.आर.पी.सी की धारा 107,116 जा.फौ. के तहत इस्तगासा क्रमांक 295/2015 न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था तथा दांडिक प्रकरण क्रमांक 1140/2016 पंजीबद्ध किया जाकर दोनों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। इसी भूमि को लेकर मान. व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, मउगंज के न्यायालय में व्यवहारवाद क्रमांक 4ए/2015 विचाराधीन है। (ड.) नीलामी प्राप्तकर्ता के द्वारा फसल बोई जाने पर कोई भविष्य में अवरोध करेगा तो नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी
पट्टे की भूमि नियम विरूद्ध बेचा जाना
51. ( क्र. 4376 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2005 से 2007 एवं 2012 से 2014 तक तथा मुरैना जिले में वर्ष 2013 से 2015 तक किन-किन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की व्यक्तियों की पट्टे की भूमि के विक्रय की अनुमति किन-किन व्यक्तियों को कब-कब, किस-किस कलेक्टर द्वारा दी गई? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किन-किन व्यक्तियों ने पट्टे की भूमि विक्रय किए जाने के बाद, कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी भूमि क्रय की गई? भूमि का सर्वे क्रमांक व ग्राम का नाम सहित विवरण दें? (ग) क्या उपरोक्त जिलों में तत्कालीन कलेक्टरों द्वारा भू-माफियाओं को लाभ पहुंचाकर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को भूमिहीन बनाने की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों का संविलयन
52. ( क्र. 4377 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी (अपेक्स) बैंक एवं म.प्र. राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, समस्त जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों तथा जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण बैंकों में कुल कितने पद रिक्त हैं? श्रेणीवार रिक्त पदों का विवरण दें? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या म.प्र. मंत्रि-मंडल में म.प्र. राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक तथा जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों को बंद करने का निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो इन क्या बैंकों के कर्मचारियों को म.प्र. राज्य सहकारी (अपेक्स) बैंक व जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में संविलयन किया जाएगा? (ग) म.प्र. राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों में कितने किसानों एवं उपभोक्ताओं की कितनी राशि फिक्स डिपॉजिट के रूप में जमा है? फिक्स डिपॉजिट की राशि का उपभोक्ताओं और किसानों को कब तक भुगतान किया जाएगा? (घ) म.प्र. राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के कर्मचारी एवं अधिकारियों के वेतन भुगतान की क्या योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक, दो, तीन एवं चार अनुसार है। (ख) म.प्र. राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक तथा जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों को परिसमापन में लाये जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त बैंकों के सेवायुक्तों का प्रदेश के सहकारी बैंकों/सहकारी संस्थाओं में संविलियन किए जाने हेतु संविलियन योजना लागू की गई है। योजना के प्रावधान के अनुसार सेवायुक्तों का संविलियन किया जा सकेगा। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। बैंकों के परिसमापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। परिसमापक द्वारा परिसमापन की प्रक्रिया के अंतर्गत नियमानुसार भुगतान किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैकों में वेतन का भुगतान हो रहा है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक में भी वर्तमान में वेतन का भुगतान हो रहा है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के परिसमापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। परिसमापन के दौरान परिसमापक द्वारा परिसमापन की प्रक्रिया के अंतर्गत नियमानुसार वेतन भुगतान किया जा सकेगा।
किसानों को अमानक बीज बेचे जाना
53. ( क्र. 4388 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले में किसानों को व्यापारियों द्वारा लंबे समय से अमानक बीज बेचा जा रहा है, जिससे उन्हें सही फसल का ना तो उत्पादन मिल पाता है, ना ही बीज अंकुरण का प्रतिशत ठीक होता है? इस हेतु जिला कृषि अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास किये हैं? (ख) वर्ष 2014-2015 में कितने-कितने बीज भण्डारों से बीजों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजे गये? उनमें से किन-किन फर्मों के नमूने अमानक व कितने ठीक पाये गये? अमानक पाये गई फर्मों के नाम पते सहित जानकारी दी जावे? (ग) उक्त अमानक बीज बेचने वाली फर्मों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई क्या किसी फर्म के खिलाफ अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है? की गई कार्यवाही की जानकारी फर्मवार दी जावे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। जिले के कृषि अधिकारियों द्वारा बीज के नमूने लिये जाकर अंकुरण परीक्षण हेतु बीज परीक्षण प्रयोगशाला भेजे जाते हैं। बीज परीक्षण प्रयोगशाला के परिणाम प्राप्त होने पर यदि बीज अमानक पाया जाता है तो उसका विक्रय प्रतिबंधित कर बीज अधिनियम 1966 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। (ख) वर्ष 2014-15 में 124 बीज भण्डारों से बीजों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजे गये। भेजे गये किसी भी बीज नमूने के परिणाम अमानक नहीं पाये गये। सभी बीज नमूने मानक स्तर के पाये गये, अत: शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मानपुर में कृषि विस्तार अधिकारी की पदस्थापना
54. ( क्र. 4399 ) कुमारी मीना सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया के मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी हैं, जो विगत 20 वर्षों से अधिक समय तक लगातार पदस्थ हैं, पद स्थापना दिनांक सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या मानपुर में वर्तमान में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी विगत 20 वर्षों से लगातार पदस्थ है? क्या इनके विरूद्ध अनेकों शिकायतों भी है? यदि हाँ, तो क्या शासन आदिवासी किसानों के विरूद्ध अनदेखी करने वाले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को हटाने हेतु निर्देश जारी करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला उमरिया के मानपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 07 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी विगत 20 वर्षों से पदस्थ है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायतें एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है, शेष प्रश्न नहीं उठता।
रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन
55. ( क्र. 4400 ) कुमारी मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत खेतों में मेड़बंधान योजना अंतर्गत 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई? कितने पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया? कितने हितग्राहियों के मेड़बंधान बने हैं? क्या किसानों के खेतों में मेड़बंधान कार्य का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जा रहा है? (ख) ग्राम पंचायत महरोई, विकासखंड पाली, जिला उमरिया में मेड़बंधान योजना, कपिलधारा एवं आवास योजना में 1 अप्रैल, 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त हुई, कितने हितग्राहियों को कपिलधारा योजना एवं आवास योजना के तहत राशि दी गई, कितने मकान बने हैं? मेड़बंधान बने हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खेतों में मेड़बंधान नाम से पृथक योजना न होकर महात्मा गांधी नरेगा के 'भूमि शिल्प' उपयोजना के तहत मेड़बंधान कार्य कराये जाने का प्रावधान है। योजना के तहत कार्यवार राशि आवंटन का प्रावधान न होने से प्रश्नांकित अवधि में उमरिया जिले में मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मेड़बंधान कार्यों हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों पर उनकी प्रगति के आधार पर मजदूरी व सामग्री प्रदायकर्ताओं को भुगतान हेतु एफ.टी.ओ. जारी किये जाते हैं। प्रश्नाधीन अवधि में 2055 पात्र हितग्राहियों को मेड़बंधान का कार्य स्वीकृत किये गये, जिसमें से 1505 मेढबंधान पूर्ण हुए हैं। जी हाँ। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार 1 अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत महरोई पाली जिला उमरिया को मेड़बंधान, कपिलधारा के कार्यों एवं इंदिरा आवास योजना हेतु पृथक से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत हितग्राहियों को कियान्वयन एजेंसी के रूप में भुगतान किये जाने का प्रावधान नहीं है। इंदिरा आवास योजना के तहत 15 हितग्राहियों को राशि रूपये 7.61 लाख अनुदान राशि विमुक्त की गई है इनमें से 08 हितग्राहियों के आवास निर्मित हो गये है। मेड़बंधान के 02 कार्य स्वीकृत कार्य पूर्ण हैं।
जिला प्रबंधक लोक सेवा की नियुक्ति के नियम
56. ( क्र. 4417 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग में जिला प्रबंधक लोक सेवा की नियुक्ति के क्या नियम हैं? लोक सेवा प्रबंधन विभाग/राज्य लोक सेवा अभिकरण भोपाल को भोपाल संभाग के किस-किस जिला प्रबंधक की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) यदि शिकायत प्राप्त हुई है, तो इस भ्रष्टाचार की शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? इनकी जाँच किसके द्वारा की गई? जाँच निष्कर्ष क्या हैं? अगर विभाग ने इन शिकायतों की जाँच नहीं की तो क्यों? इन शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही नहीं हुई, तो कौन जिम्मेदार हैं और उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) विभाग में नियुक्ति भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्यवाही करने के लिये प्रभारी अधिकारी कौन हैं और उसके सदस्य कौन-कौन हैं? अगर टीम नहीं बनी तो कारण बतायें? कब तक कार्यवाही की जायेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत जिला प्रबंधक लोक सेवा की नियुक्ति के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। भोपाल संभाग में भोपाल जिले के जिला प्रबंधक के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई थी। (ख) शिकायत में पूर्ण पता अंकित नहीं था। अत: म.प्र.शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र 11-40/2014/1/9, दिनांक 20/11/2014 के पैरा दो के अनुसार गुमनाम अहस्ताक्षरित, बिना पता लिखी शिकायत पर कार्यवाही न करते हुए शिकायत नस्तीबद्ध की गई। (ग) विभाग में नियुक्ति भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होने पर सक्षम अधिकारी द्वारा जाँच अधिकारी नियुक्त किया जाकर शिकायत की जाँच करवाई जाती है। जाँच में दोषी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित करना
57. ( क्र. 4460 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के गरोठ विधान सभा क्षेत्र में स्थानों पर मजरा एवं टोला कितने हैं? पंचायतवार ब्यौरा दें। (ख) मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? (ग) मजरा टोला की आबादी को मूलभूत सुविधाओं तथा शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए यदि राजस्व ग्राम परिधि में घोषित नहीं किया जा सकता तो आबादी क्षेत्र घोषित किया जाने के लिए क्या प्रावधान है एवं शासन कब तक इन्हें आबादी क्षेत्र घोषित करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) गरोठ विधान सभा क्षेत्र में 180 मजरा टोला है। पंचाययतवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) म.प्र.भू-राजस्व संहिता में विहित प्रावधान एवं शासन निर्देशानुसार मजरे टोला को राजस्व ग्राम बनाये जाने के मापदण्ड निम्नानुसार है :- 1. मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोलों की दूरी 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिए। 2. पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथ पृथक हुए उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक हो चाहिए। 3. पृथक बनाये जा रहे, राजस्व ग्राम की चतुर्सीमायें मूल ग्राम से एवं अन्य सीमवर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिए मजरे टोलों से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमायें मूल ग्राम की सीमाओं के अन्दर ही स्थित न रहे। (ग) म.प्र.भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत आबादी घोषित किये जाने के प्रावधान धारा 243 में वर्णित है। धारा 243 में अधिकार कलेक्टर को है तथ कलेक्टर द्वारा निर्धारित मापदण्डो के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
वृद्धावस्था, विधवा पेंशन व विकलांग पेंशन वितरण
58. ( क्र. 4474 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन व विकलांग पेंशन के लिए पात्रता के लिए कौन-कौन से मापदण्ड हैं? (ख) इनको क्रमश: कितनी-कितनी राशि प्रदान की जाती है? अलग-अलग बताएं? क्या विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन व वृद्धावस्था पेंशन हेतु बी.पी.एल. कार्ड अनिवार्य है? (ग) विधान सभा पथरिया में पेंशन हेतु पात्र हितग्राहियों की अलग-अलग संख्या बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार।
ग्राम पंचायत पटहटकला में पोल्ट्री फार्म द्वारा प्रदूषण
59. ( क्र. 4493 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की त्योंथर तहसील में ग्राम पंचायत पटहटकला जनपद पंचायत त्योंथर के ग्राम खम्हरा में लगभग 20 वर्षों से संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त पोल्ट्री फार्म में मृत मुर्गे, मुर्गियां एवं चूजे तथा खराब अण्डों को आग लगाकर खुले में जलाया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो उससे विषेली गैस, धुआं निकलने से आस-पास के लगभग 20 ग्राम पंचायतों के रहवासियों एवं जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों को होने वाले नुकसान से एवं बीमारी से बचने के लिये पोल्ट्री फार्म प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था एवं उपाय अपनाये जाते है? (घ) क्या पोल्ट्री फार्म प्रशासन द्वारा उनके द्वारा फैलाई गई गन्दगी, प्रदूषण से पीडि़तों को राहत प्रदान की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? पोल्ट्री फार्म प्रशासन के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में वर्णित स्थिति संज्ञान में नहीं आई है तथापि जाँच हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रीवा के आदेश क्रमांक 6599 दिनांक 08.03.2016 द्वारा पशु चिकित्सा सेवाएं जिला रीवा को आदेशित किया गया है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत शासन के नियम-निर्देशो के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
धान की फसल सूखने का सर्वे
60. ( क्र. 4494 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की त्योंथर तहसील के पटवारी हल्का कैथी-11 एवं पटवारी हल्का नेगुरा-16 में धान की फसल सूखने का सर्वे नहीं किया गया और न ही किसी किसान को सहायता राशि दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पटवारी हल्कों के किस गांव में कितने रकवे में धान की फसल बोई गई थी? (घ) उपरोक्त पटवारी हल्कों में धान की फसल सूखने के बावजूद भी किसानों को सहायता नहीं दिये जाने के लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? सर्वे कराकर क्या किसानों को सहायता देंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील त्योंथर अंतर्गत पटवारी हल्का कैथी एवं नेगुरा में धान की फसल सूखने के संबंध में पटवारियों के दल द्वारा सर्वे का कार्य कराया गया। मौके पर सिंचित धान की फसल बोई गई थी जो सूखे से प्रभावित नहीं थी, इसलिए सूखा हेतु राहत राशि का प्रकरण तैयार नहीं किया गया। (ख) सिंचित धान की फसल होने एवं अवर्षा से प्रभावित न होने के कारण प्रकरण तैयार नहीं किया गया। (ग) पटवारी हल्का कैथी के कुल 9 ग्रामों में 470.850 हेक्टेयर पर एवं पटवारी हल्का नेगुरा के कुल 9 ग्रामों में 1055.450 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल बोई गई थी जो सिंचित थी। (घ) धान की फसल सिंचित होने से सूखा से फसल क्षति नहीं होने के कारण किसानों को राहत राशि नहीं दी गई। अत: इसके लिए कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
गंभीर वित्तीय अनियमितता
61. ( क्र. 4506 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के विकासखण्ड मैहर, उचेहरा, सोहावल, मझगवां में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा रबी वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के अंतर्गत करोड़ों रूपयों की कृषि सामग्री बगैर सप्लाई के भुगतान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में शिकायत शपथ-पत्र सहित कृषकों द्वारा संबंधित विभाग, लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. को की गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो विभाग द्वारा, लोकायुक्त द्वारा एवं ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई पृथक-पृथक विवरण देवें? यदि नहीं की गई तो क्यों? पृथक-पृथक कारण बतावें, की जावेगी तो कब तक समय-सीमा पृथक-पृथक बतावें? (घ) क्या जिन अधिकारी/कर्मचारी के भ्रष्टाचार की शिकायत की गई है, उन्हें पदस्थ स्थान से बिना हटाए ही जाँच की जा रही है? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में निष्पक्ष जाँच दल बनाकर पदस्थापना स्थान से हटाकार जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना जिले में रबी वर्ष 2014-15 में विकासखंड मैहर, उचेहरा, सोहावल, मझगवां में इस तरह का कोई भुगतान बगैर सप्लाई के नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है। समस्त कृषकों एवं समस्त गाँवों हर विकासखंड पूरे जिले की विस्तृत जाँच होने से जाँच करने में समय लगना स्वभाविक है। वर्तमान में जाँच प्रचलन में है।
बैरसिया ग्राम पंचायतों के मास्टर प्लान
62. ( क्र. 4527 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की पंचायतों के समग्र विकास की दृष्टि से पंचायत स्तर पर मास्टर प्लान बनाकर उसे लागू करने के संबंध में विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कितनी पंचायतों के मास्टर प्लान तैयार कर लिये गये हैं? ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो कब तक तैयार कर लिये जावेंगे? (ग) पंचायतों के मास्टर प्लान तैयार किये जाने हेतु विषय विशेषज्ञों से सलाह/मार्गदर्शन लिये गये हैं अथवा नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में ग्राम पंचायतों के समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए मास्टर प्लान के समान ही ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार की जा रही है। इस ग्राम पंचायत विकास योजना को ‘‘स्मार्ट ग्राम-स्मार्ट पंचायत‘‘ नाम दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार बैरसिया विधानसभा क्षैत्र की ग्राम पंचायतों में भी ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है, जिसे इसी वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूर्ण कर ली जावेगी। (ग) ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार किए जाने हेतु विषय विशेषज्ञों से आवश्यकता अनुसार सलाह एवं मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत ग्रामों को जोड़ा जाना
63. ( क्र. 4528 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मजीदगढ़ ग्राम पंचायत के ग्राम गढ़ा ब्राम्हण एवं ग्राम भुजपुराकलां का नीमखेड़ी प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत जोड़े जाने की पात्रता रखते हैं अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों को विभाग कब तक इस योजनान्तर्गत जोड़ देगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, बैरसिया विधानसभा क्षेत्र का ग्राम गढ़ा ब्राम्हण लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन मार्ग नया समुंद से मजीरगढ़ खाताखेड़ी सूरजपुरा पर स्थित होने एवं ग्राम नीमखेड़ी बैरसिया मकसूदन गढ़ रोड से 500 मीटर की दूरी के अन्दर स्थित होने से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत कोर नेटवर्क के अनुसार जुडे हुये ग्रामों की श्रेणी में आते हैं अतः उक्त ग्राम योजनांतर्गत जोडे जाने की पात्रता नहीं रखते हैं। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूँ खरीदी तौल में अनियमितता
64. ( क्र. 4549 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमरपाटन जिला-सतना में वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी हेतु नियुक्त किये गये अधिकारी का नाम व पद बतायें? (ख) क्या कलेक्टर जिला-सतना ने गेहूँ खरीदी तौल में अनियमितता पाये जाने पर अधिक तौले गये गेहूँ के अंतर की राशि को वापस करने के लिये प्रभारी को दिये निर्देश अनुसार चेक क्र. 622922 दिनांक 29.04.15 एवं चेक क्र. 622931 दिनांक 29.04.15 के द्वारा अंतर की राशि सम्बंधित कृषकों के खाते में जमा की गई? यदि हाँ, तो ऐसे कृषकों का नाम एवं पता, खाता नं. तथा जमा राशि का विवरण बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त गेहूँ खरीदी तौल की राशि वापस जमा की जाना अनियमितता नहीं है? यदि हाँ, तो अनियमितता के लिये जिम्मेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्रीमती रेशमा बेगम, कैशियर। (ख) जी हाँ, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं अनियमितता है, श्रीमती रेशमा बेगम को अन्य प्रकरण में संस्था की सेवा से पृथक कर दिया गया है।
बायोडीजल उत्पादन के संदर्भ में
65. ( क्र. 4564 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा बायोडीजल उत्पादन की दिशा में कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो योजना का ब्यौरा दें? (ख) क्या शासन द्वारा बायोडीजल उत्पादन के लिए कारखाना स्थापना के लिए कोई एम.ओ.यू. किया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या शासन द्वारा रतनजोत की फसल उत्पादन के लिए कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (घ) क्या रतनजोत उत्पादन के लिए भूमि आवंटित की है यदि हाँ, तो उक्त भूमि का वर्तमान में क्या उपयोग हो रहा है? क्या आवंटित भूमि में रतनजोत उत्पादित हो रहा है? यदि हाँ, तो प्रतिवर्ष उत्पादन का ब्यौरा दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
स्थानांतरित कर्मचारियों को भारमुक्त करना
66. ( क्र. 4648 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 में कलेक्टर कार्यालय धार में पदस्थ तृतीय श्रेणी कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण उपरांत आदेशित स्थल पर ज्वाईनिंग न करते हुए माननीय न्यायालय से स्टे प्राप्त किये है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/ विभाग द्वारा अपने स्थानांतरण आदेश के पालन के तारतम्य में स्टे वेकेंट करवाने हेतु माननीय न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत किया है? (ग) यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में स्टे वेकेंट करवाया जाकर आदेश का पालन करवाया जा चुका है तथा कितने प्रकरण जवाब प्रस्तुति के अभाव में व अन्य कारणों से अभी तक माननीय न्यायालय तथा विभागीय स्तर पर लंबित है? (घ) क्या कुछ स्थानांतरण प्रकरण बिना न्यायालयीन स्थगन के विभागीय स्तर पर प्रकरण लंबित रखकर कर्मचारियों को भारमुक्त नहीं किया गया है? इस प्रकार के प्रकरणों में भारमुक्त नहीं करने के कारण बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। एक कर्मचारी द्वारा स्थगन प्राप्त किया गया है। (ख) शासन का पक्ष माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार। (घ) जी हाँ, जिले में कर्मचारियों की कमी होने से एवं धार जिले में स्थानान्तरित कर्मचारियों द्वारा पदभार ग्रहण नहीं करने से भारमुक्त नहीं किया गया है।
मौजा बेतला जिला जबलपुर में अवैध निर्माण
67. ( क्र. 4670 ) श्री अंचल सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर शहरी क्षेत्र अंतर्गत मौजा बेतला नं.ब. 52 प.ह.नं. 22/25 के खसरा नम्बर 191/1 में कुल कितनी शासकीय भूमि है? कितनी भूमि पर अवैध कब्जा हो गया है एवं कितनी रिक्त है? क्या खसरा नं. 191/1 के नक्शे से 2.24 आरे भूमि को कूटरचित तरीके से तत्कालीन पटवारी द्वारा गायब कर नक्शा काट दिया गया है जिससे 2015 के खसरे में भी शासकीय भूमि नदारत है एवं गलत सीमांकन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी गंभीरता पूर्वक जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेगी यदि तो कब तक? (ख) क्या खसरा नं. 191/1 रकबा 2.023 हे. एवं खसरा नं. 189/1 रकबा 9.632 हे. भूमि को कूट रचित व असत्य साक्षों के आधार पर एक व्यक्ति विशेष द्वारा मालकाना वारसाने की अनुमति के बिना जमीन में प्लाट काट कर अवैध विक्रय, निर्माण कर शासन को करोड़ों रूपये की राशि का राजस्व का नुकसान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या क्षेत्रीय जनों द्वारा कलेक्टर एवं आयुक्त नगर निगम जबलपुर को अनेकों शिकायतें संबंधित भूमि के संबंध में सौंपी गई? किंतु प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्या संबंधित अधिकारियों द्वारा ऐसे भू-माफिया को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत पद एवं रिक्त पदों की जानकारी
68. ( क्र. 4676 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले के शासकीय सभी विभागों में वर्ग-एक, वर्ग-दो, वर्ग-तीन, वर्ग-चार, के कितने-कितने पद स्वीकृत है तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने-कितने पद भरे हैं एवं कितने-कितने पद खाली हैं, विभाग वार जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार खाली (रिक्त) पद की पूर्ति क्यों नहीं हुआ, कारण बतावें तथा कब तक पदों की पूर्ति होगी समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पदपूर्ति सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदिरा नगर-भैंरोघाट प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
69. ( क्र. 4696 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की इंदिरा नगर भैंरोघाट प्रधानमंत्री सड़क के निर्माण को कब स्वीकृति प्रदान की गयी? उक्त सड़क निर्माण की कार्यावधि एवं लागत क्या थी? किस ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त इंदिरा नगर भैंरोघाट प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में आने वाली वन भूमि पर सड़क निर्माण कार्य करने की अनुमति वन विभाग द्वारा दिनांक 07.12.2012 को प्रदान की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उक्त सड़क का निर्माण कार्य 4-5 वर्षों से पूर्ण क्यों नहीं हुआ है? उक्त सड़क निर्माण में विलम्ब के लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? उक्त सड़क निर्माण का कार्य कब-तक पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत इंदिरा नगर से भैंरोघाट सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति दिनांक 07.03.2011 को प्रदान की गई है। इस सड़क निर्माण कार्य की अनुबंधानुसार कार्य कराने की अवधि दिनांक 26.12.2011 से दिनांक 25.12.2012 तक थी, एवं लागत रूपये 534.62 लाख है। यह निर्माण कार्य मेसर्स सत्या बिल्डकॉन प्रायवेट लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, वन विभाग द्वारा इंदिरा नगर से भैंरोघाट सड़क के कि.मी. 0 से 2.10 कि.मी. का भाग नौरादेही अभ्यारण्य होने से वन विभाग द्वारा अनुमति प्रदान नहीं की गई है। अतः उक्त लंबाई में सड़क निर्माण कार्य विलोपित कर दिया गया है। वन विभाग द्वारा 21.50 से 23.50 कि.मी. की लंबाई में 3.00 मीटर चौड़ाई में कार्य कराये जाने की अनुमति दिनांक 03.12.2016 को प्रदान की गई है। जो कि सड़क निर्माण कार्य हेतु पर्याप्त नहीं है। सड़क निर्माण हेतु 8 से 9.00 मीटर की चौड़ाई की भूमि में कार्य करने की अनुमति प्रदान करने हेतु वन विभाग को लेख किया गया है। उक्त सड़क के 2.10 से 21.50 कि.मी. एवं 23.50 से 26.60 कि.मी. भाग में अनुमति दिनांक 10.02.2010 को प्रदान की गई जिसके अंतर्गत सड़क का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कराने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण महाप्रबंधक द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही कर ठेका निरस्त कर दिया गया है। अधिकारी/कर्मचारी द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की गई है अतः विलंब के लिए उनके दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्य पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खसरा नं. 189/1 में अवैध कब्जा
70. ( क्र. 4722 ) श्री अंचल सोनकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतला (अधारताल) जबलपुर में खसरा नं. 189/1 में कुल कितनी शासकीय भूमि है? क्या वर्तमान में भूमि पर किसी भी प्रकार के कोई अवैध कब्जे नहीं है? (ख) क्या ख.न. 189/1 रकबा 7.946 हेक्टेयर भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर श्री हामिद हसन पिता स्व. श्री साबिर महतो द्वारा बेचा जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन ने इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर एवं आयुक्त नगर निगम जबलपुर को अवैध कॉलोनी विकसित करने की शिकायत की गई थी यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता की शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या ख.न. 189/1 रकबा 7.946 हेक्टेयर का सीमांकन, नामांतरण एवं डायवर्सन कर गलत तरीके से लगभग 30 एकड़ शासकीय जमीन पर तत्कालीन तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी की मिली भगत से कब्जा कर प्लाटिंग करके शासन को करोड़ों की राजस्व हानि पहुंचाई है? (घ) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध शासन को राजस्व की हानि एवं शासकीय जमीन को कूट रचित तरीके से सीमांकन, नामांतरण एवं डायवर्सन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या शासन जाँच कराकर कार्यवाही कर अवैध निर्माण को तोड़ेगा, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला जबलपुर शहरी क्षेत्र अंतर्गत मौजा बैतुला नं.ब.52 प.ह.न. 22/25 के खसरा नम्बर 189/1 में कोई शासकीय भूमि नहीं है। वर्तमान में उक्त भूमि पर कोई भी अवैध कब्जा नहीं है। और यदि है तो भूमि स्वामी के द्वारा कोई शिकायत प्रस्तुत नहीं की गई है। (ख) खसरा नम्बर 189/1 रकवा 9.582 हे. भूमि पर भूमि स्वामी हामिद हुसैन पिता साबिर महतो वगैरह द्वारा कालोनाइजर नियमों का पालन न करते हुये विक्रय किया जा रहा है। इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर आयुक्त नगर निगम जबलपुर एवं अनुविभागीय अधिकारी गोहलपुर के द्वारा कार्यवाही की जा रही है तथा थाना प्रभारी आधारताल को भी जाँच कर कार्यवाही किये जाने हेतु पत्र भेजे गये है। (ग) खसरा नम्बर 189/1 का सीमांकन नामांतरण तत्कालीन समय में तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर तथा डायवर्सन अनुविभागीय अधिकारी गोहलपुर ने वैधानिक राजस्व न्यायालीन प्रक्रिया अनुसार किया गया। जिससे शासन को राजस्व की कोई हानि नहीं पहुचाई गई है। (घ) प्रश्नाधीन भूमि शासकीय न होने से इस प्रश्न का उत्तर निरंक है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के क्रियान्वयन
71. ( क्र. 4751 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में कब से यह योजना लागू हो जायेगी? (ख) प्रदेश शासन द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्रियान्वयन हेतु ग्राम स्तर से क्या कोई प्रस्ताव अथवा कार्य योजना तैयार किये जाने के निर्देश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो टीकमगढ़ जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों से यह प्रस्ताव प्राप्त हो गये है? (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किन-किन मदों में किसानों को सिंचाई हेतु सहायता दिये जाने का प्रावधान है तथा प्रश्नांश (ख) के प्राप्त प्रस्तावों में क्या इन मदों को शामिल किया गया है? (घ) यदि नहीं तो टीकमगढ़ जिले की ऐसी पंचायतों के नाम बताये जावे तथा टीकमगढ़ जिले के इन प्रस्तावों को दुबारा से कब तक तैयार कराया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वर्ष 2015-16 से प्रदेश के सभी जिलों में योजना क्रियान्वित है। (ख) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत डी.आई.पी. तैयार की जा रही है। जिसमें ग्राम पंचायतों में तैयार की गई योजना को जनपद स्तरीय परामर्श उपरांत डी.आई.पी. में समावेश किया जावेंगा। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में अनुसुचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं अन्य वर्ग के कृषकों को सिंचाई हेतु सहायता देने का प्रावधान है। जिला योजना समिति द्वारा जिला सिंचाई आयोजन (डी.आई.पी.) का अनुमोदन किये जाते समय योजना के प्रावधानों के प्रकाश में युक्तियुक्त अनुमोदन की कार्यवाही किए जानी है। (घ) ग्राम पंचायत स्तरीय संकलन जारी है, अत: दुबारा प्रस्ताव मंगाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
मुख्यमंत्री ग्राम-सड़क योजना के पूर्ण/अपूर्ण कार्य
72. ( क्र. 4767 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक कौन-कौन सी सड़के स्वीकृत का नाम/कार्य एजेन्सी का नाम, कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) उक्त में से कौन-कौन सी सड़कों का कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुआ? कौन-कौन सी सड़कों का नहीं व क्यों कारण बतावें। इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभागीय अमले की उदासीनता के कारण ग्राम राड़ेप से खानपुरा, पाण्डोला-राड़ेप से बिलेण्डी सहित दर्जनों सड़कों के कार्य निर्धारित अवधि के पश्चात भी अधूरे पड़े हैं? कब तक पूर्ण होगें अपूर्ण कार्यों के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त अवधि में पूर्ण हो चुकी सड़कों के कार्य भी गुणवत्ताहीन कराये गये नतीजन वे गारंटी पीरियड में ही बदहाल हो गई? यदि नहीं तो क्या शासन बदहाल सड़कों की गुणवत्ता की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) उक्त योजनांतर्गत उक्त अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन सड़कों के प्रस्ताव भेजे, में से कौन-कौन से स्वीकृत किये? कौन-कौन से नहीं व क्यों कब तक स्वीकृत किये जावेगें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य पूर्ण करने की समयावधि कार्यादेश दिनांक से 12 माह निर्धारित है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों की पूर्णता संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजनांतर्गत मार्ग का एम्बैंकमेंट सबग्रेड, शोल्डर का कार्य मनरेगा के जॉबकार्डधारी श्रमिकों के माध्यम से कराये जाने का प्रावधान था। मनरेगा श्रम मांग आधारित योजना होने से समय पर मजदूरों की उपलब्धता नहीं हुई जिससे मिट्टी का कार्य समय पर पूर्ण नहीं हुआ। विभाग द्वारा मनरेगा मद से होने वाले कार्य को राज्य मद से कराये जाने की अनुमति दी गई। ठेकेदार स्तर से विलंब होने से उनके देयकों से राशि रोकी गई। (ग) प्रश्नाधीन मार्गों का निर्माण उत्तरांश (ख) में दिये गये कारणों से अपूर्ण है। इसमें विभागीय अधिकारियों की उदासीनता नहीं होने से शेष कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। कार्यों की पूर्ण किये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं। राज्य गुणवत्ता मॉनिटर के निरीक्षण में कार्य की गुणवत्ता संतोषप्रद पाई गई अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा 16 सड़कों के प्रस्ताव भेजे गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भेजे गये प्रस्ताव योजना के मापदण्डानुसार नहीं पाये जाने से स्वीकृत नहीं किये गये अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नागदा को जिला बनाना
73. ( क्र. 4783 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा में राजस्व मंत्री द्वारा परीक्षण कराने संबंधी दिए गए वक्तव्य पर नागदा को जिला बनाने के संबंध में चल रही कार्यवाही को राजस्व विभाग के पत्र क्र. डी 853/1777/2008/सात-6 दिनांक 02.06.2012 द्वारा नागदा को जिला बनाने संबंधी कार्यवाही का पूर्ण विचारोपरांत अमान्य किया गया है? यदि हो तो क्या यह प्रस्ताव माननीय मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री द्वारा अमान्य किया गया है? (ख) नागदा को जिला बनाने के संबंध में विचारोपरांत कौन-कौन से अधिकारी उपस्थित थे? अधिकारियों के नाम, मीटिंग का दिनांक सहित संपूर्ण विवरण दें? (ग) क्या अवर सचिव राजस्व द्वारा स्वयं ही निर्णय लेते हुए नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव अमान्य किया है? यदि हाँ, तो अधिकारियों के नाम सहित विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय मंत्री जी के प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत अमान्य किया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रश्न संख्या 3 (क्र. 494) दिनांक 23.11.2011
74. ( क्र. 4784 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा अता. प्रश्न संख्या 3 (क्र. 494) दिनांक 23.11.2011 के उत्तर में राजस्व मंत्री द्वारा नागदा को जिला बनाने हेतु कलेक्टर को परीक्षण करने के आदेश दिये थे? (ख) क्या यह सही है कि विधानसभा प्रश्न क्र. 16 (क्र.2230) दिनांक 11.03.2010 के उत्तर में राजस्व मंत्री द्वारा जनगणना के बाद परीक्षण करवाने को कहा था? (ग) क्या कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग को अपने पत्र क्र. 3024/भू.अ./वर्कलोड/09 उज्जैन 12/11/2009 प्रेषित कर नागदा को तहसील नागदा, खाचरोद एवं महिदपुर को मिलाकर जिला बनाने का प्रस्ताव कार्यवाही हेतु प्रेषित किया था? (घ) क्या शासन के आदेशानुसार आलोट तहसील को भी सम्मिलित करते हुए कलेक्टर उज्जैन द्वारा 18.04.2012 प्रस्ताव प्रेषित किया, जिसमें नागदा, महिदपुर, खाचरोद एवं आलोट तहसील को मिलाकर नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव है? (ड.) 01 जनवरी 2014 से 10 फरवरी, 2016 तक नागदा को जिला बनाने हेतु विधायक/पूर्व विधायक/सांसद/केन्द्रीय मंत्री आदि जन प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री को पत्र लिखकर पुन: विचार करते हुए नागदा को जिला बनाने की मांग की है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई/की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जी हाँ। (ड.) नागदा को जिला बनाने संबंधी प्रस्ताव पूर्ण विचारोपरान्त अमान्य किये जाने पर शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
खरपतवार प्रंबधन से फसल उत्पादन
75. ( क्र. 4801 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरपतवार निदेशालय, जबलपुर के द्वारा खरपतवार नियंत्रण की तकनीक से फसलों के उत्पादन में 20% की वृद्धि हुई है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के कौन-कौन से ग्रामों के कितने कृषकों को इस तकनीक से परिचित कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या कृषकों ने इस तकनीक को अपनाया है? क्या कृषकों के उत्पादन में 20% वृद्धि हुई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निदेशालय द्वारा संपर्क कृषकों के प्रक्षेत्र पर संरक्षित खेती एवं उन्नत खरपतवार प्रबंधन पर लगाये गये प्रदर्शन के परिणामों को देखकर, समझकर एवं अधिक उत्पादन लाभों से प्रभावित होकर, क्षेत्र के कृषको द्वारा इस तकनीक को अपनाया गया है और जिन कृषकों ने इस तकनीक को पूर्ण रूप से अपनाया, उन्हें 20 प्रतिशत या उससे अधिक का उत्पादन लाभ प्राप्त हो रहा है।
इंदिरा आवास योजना
76. ( क्र. 4802 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 में लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों का चयन किया गया है? (ख) क्या इन हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्त का भुगतान कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रथम किश्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र मिलने के बाद दूसरी किश्त का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों? क्या भुगतान न होने से आवास अधूरे नहीं है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2014-15 में 331 हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी की जा चुकी है। शेष 43 हितग्राहियों के बैंक खाते का विवरण त्रुटिपूर्ण होने के कारण प्रथम किश्त जारी नहीं हो पाई है, आवश्यक सुधार कर भुगतान करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। वर्ष 2015-16 में 171 हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी की जा चुकी है। शेष 28 हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी करने की कार्यवाही एफ.टी.ओ. के माध्यम से प्रचलन में है। (ग) वर्ष 2014-15 में 134 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त जारी कर दी गई है। शेष हितग्राहियों को आवास साफ्ट में दरबाजा स्तर तक के निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने पर द्वितीय किश्त जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। वर्ष 2015-16 में जिन हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी की गई है। उनके द्वारा आवास निर्माण किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। हितग्राहियों को आवास साफ्ट में दरबाजा स्तर तक के निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने पर द्वितीय किश्त जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है।
बदरवास विकासखण्ड की ग्राम पंचायत धामनटूक की अनियमितता
77. ( क्र. 4821 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विकासखण्ड बदरवास की ग्राम पंचायत धामनटूक के पूर्व सरपंच/सचिव द्वारा कार्यों में की गई अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कोई शिकायतें शासन एवं प्रशासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों की प्राप्ति दिनांक सहित जानकारी दें कि उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही कब की गई? (ख) क्या उक्त प्राप्त शिकायतों की जाँच, जाँच दलों से कराई गई है? यदि हाँ, तो कौन-सी शिकायत की जाँच किन-किन अधिकारियों से कब कराई गई? जाँच अधिकारियों द्वारा अपना जाँच प्रतिवेदन कब प्रस्तुत किया? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत धामनटूक के पूर्व सरपंच/सचिव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के बारे में वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक कोई शिकायतें माननीय मंत्री जी एवं प्रशासन को की गई है? यदि हाँ, तो की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही कब की गई? (घ) क्या जाँच प्रतिवेदन में ग्राम धामनटूक के कुछ कार्य स्थल पर होना नहीं पाए गए तथा अनेक कार्य आहरित राशि से अत्यंत कम राशि के तथा बेहद घटिया पाए गए हैं? इसलिए क्या शासन तकनीकी अधिकारियों के दल से पुन: मूल्यांकन कराकर दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन शिकायत जिला पंचायत शिवपुरी को आयुक्त, मनरेगा परिषद् भोपाल द्वारा पत्र क्र. 6585 दिनांक 16.09.2014 एवं आयुक्त, ग्वालियर संभाग द्वारा पत्र क्र. 7501 दिनांक 29.10.2014 में प्रेषित शिकायत प्राप्त हुई। शिकायत की जाँच हेतु जाँच दल गठित किया गया जिसमें कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग एवं कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को जाँच हेतु नियुक्त किया गया था। जाँच दल द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन दिनांक 10.08.2015 के आधार पर जिला पंचायत शिवपुरी के पत्र क्र. 7283 दिनांक 31.12.2015 से सहायक यंत्री, मनरेगा को निलंबित किये जाने हेतु प्रस्ताव आयुक्त, ग्वालियर संभाग को प्रेषित किया गया। आयुक्त ग्वालियर संभाग द्वारा आदेश दिनांक 13.01.2016 के माध्यम से सहायक, यंत्री मनरेगा श्री सोनेराम वर्मा को निलंबित किया गया, कलेक्टर जिला शिवपुरी के आदेश दिनांक 05.02.2016 के द्वारा उपयंत्री मनरेगा श्री अशोक खेरौनिया की संविदा सेवा अवधि समाप्त की गई एवं आदेश दिनांक 22.01.2016 के द्वारा पूर्व सचिव, ग्राम पंचायत धामनटूक को निलंबित किया गया तथा पूर्व सरपंच के विरूद्ध धारा 92 के तहत कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बदरवास को प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोलारस को प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। शिकायत की जाँच हेतु राज्य स्तर से जाँच दल गठित किया गया। गठित जाँच दल द्वारा दिनांक 05.02.2016 एवं दिनांक 06.02.2016 को ग्राम पंचायत धामनटूक में भ्रमण कर जाँच की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) जाँच दल द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन अनुसार 07 कार्य मौके पर होना नहीं पाये गये। अभिलेख एवं प्रमाणिक जानकारी के अभाव में कार्यवार अनियमित्ता का आकलन नहीं किया जा सका है। तकनीकी जाँच दल गठित करने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। तकनीकी जाँच दल द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रेषित करने के पश्चात् गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार।
बदरवास विकासखण्ड की ग्राम पंचायत बिजरौनी एवं झूलना में स्वीकृत निर्माण
78. ( क्र. 4822 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विकासखण्ड बदरवास की ग्राम पंचायत बिजरौनी एवं झूलना में दिनांक 01/04/2010 से दिसम्बर-2015 तक सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किए गए है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य किस-किस मद एवं योजना में वर्षवार स्वीकृत किए गए? कार्य की लागत, टी.एस. एवं ए.एस. क्रमांक एवं दिनांक सहित बताएं? (ख) उक्त वर्णित कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब आहरित की गई? कार्य का ले-आउट कब एवं किसके द्वारा दिया गया? कार्य किस दिनांक को प्रारंभ हुआ तथा कार्य कब पूर्ण हुआ? कार्य की सी.सी. किस दिनांक को किसके द्वारा जारी की गई? (ग) क्या उक्त वर्णित कार्यों का मूल्यांकन किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस के द्वारा किस-किस कार्य का कितना-कितना मूल्यांकन किया गया? कार्यों का भौतिक सत्यापन किनके द्वारा कब किया गया? (घ) उक्त वर्णित पंचायतों के वर्णित अवधि में बैंक स्टेटमेंट अनुसार कितनी-कितनी राशि किस उद्देश्य के लिए आहरित की गई? क्या ऐसे भी कई कार्य है जिनकी राशि आहरित कर ली गई है परंतु कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं कराए गए है? यदि हाँ, तो ऐसे कार्यों के नाम, आहरित राशि सहित बताएं कि राशि वसूलने हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत बिजरौनी के 84 एवं ग्राम पंचायत झूलना के 32 कार्यों की वांछित जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 व 2 अनुसार है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान, ई-पेमेंट के माध्यम से सीधे श्रमिकों एवं वेण्डर्स के खातों में किया जा रहा है, अतएव ग्राम पंचायतों द्वारा मनरेगा मद से कोई राशि आहरित नहीं की गई। प्रश्नांश की शेष जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र 1 व 2 में दी गई है। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायत बिजरौनी एवं ग्राम पंचायत झूलना की वांछित जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 व 4 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत बैंकों से राशि आहरित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति को अनुदान योजना
79. ( क्र. 4879 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2015-16 में स्प्रिंगकसर पाइप लाइन के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने प्रकरण विकासखंड से उप संचालक कृषि कार्यालय को प्राप्त हुये? कितने स्वीकृत हुये एवं कितने अस्वीकृत हुये? स्वीकृत नहीं करने का क्या कारण रहा? (ख) जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने प्रकरण पंजीकृत हुये? कितने लक्ष्य थे एवं कितने स्वीकृत हुये एवं कितनों को अनुदान दिया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में अनु.जाति एवं जनजाति के उक्त प्रकरण स्वीकृत न कर प्रकरण किसानों को वापिस कर दिये गये है? (घ) क्या नलकूप प्रकरणों को मंजूर नहीं कर किसानों को लक्ष्य अनुरूप लाभ नहीं दिया गया है? यदि नहीं तो प्रकरण किन तारीखों में मंजूर किये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सागर जिलें में वर्ष 2015-16 में स्प्रिंकलर, पाइप लाइन के विकासखंड (सागर, केसली, देवरी,मालथोन,रहली एवं जेसीनगर) से उपसंचालक कृषि सागर कार्यालय को दिनांक 30.10.2015 से 05.11.2015 तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 60 प्रकरण प्राप्त हुये। उक्त्ा प्रकरण को कार्यालय में परीक्षण उपरांत स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही थी, तत्समय ही संचालनालय के पत्र क्रमांक 754 भोपाल दिनांक 05.11.2015 के द्वारा ऑनलाईन पंजीयन के निर्देश प्राप्त हुये। उक्त निर्देशानुसार उप संचालक कृषि सागर के पत्र क्रमांक/5359 एवं 5368 दिनांक 07.11.2015 द्वारा संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को उक्त प्रकरणों को ऑनलाईन पंजीयन प्रक्रिया के माध्यम से भेजने हेतु निर्देश सहित वापिस किया गया। अत: स्वीकृत एवं अस्वीकृत का प्रश्न ही नहीं उठता है। दिनांकवार, विकासखंडवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्राप्त प्रकरणों को उपसंचालक कृषि सागर के पत्र क्रमांक 5359 दिनांक 07-11-2015 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। एवं पत्र क्रमांक 5368 दिनांक 07.11.2015 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द के द्वारा संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को उक्त्ा प्रकरणों को आनलाईन पंजीयन प्रक्रिया के माध्यम से भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। अत: स्वीकृत एवं अस्वीकृत का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) जी नहीं जिले में नलकूप के लक्ष्य अनुसार कृषकों के प्रकरण स्वीकृत कर लाभ दिया जा रहा है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है।
कृषि योजनाओं में कृषि सामग्री
80. ( क्र. 4881 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में आत्मा योजना में विगत तीन वर्षों में विभाग की कौन-कौन सामग्री किसानों को प्रदाय करने हेतु प्राप्त हुई? प्राप्त सामग्री नाम सहित बतावें। (ख) किस-किस सामग्री के नमूना प्रयोगशाला जाँच हेतु भेजे गये? कौन सी सामग्री के नमूने नहीं लिये गये? नमूने नहीं लेने का क्या शासकीय नियम है बतावें? (ग) क्या बिना गुणवत्ता परीक्षण के सामग्री प्रदाय की गई तथा बिना गुणवत्ता परीक्षण के एवं अमानक सामग्री का भुगतान कंपनी को किया गया है? इसके लिये कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी है? विभाग द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं क्या गुणवत्ता परीक्षण उपरांत ही कंपनी को भुगतान का नियम है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। नमूने नहीं लिये जाने का कोई शासकीय नियम नहीं है। वरिष्ठालय से प्राप्त लक्ष्यानुसार विभिन्न कृषि आदानों नमूने याच्छाद्रिक रूप से (रेण्डमली) लिये जाते हैं, सभी सामग्री के नमूने लिया जाना आवश्यक नहीं है। (ग) विगत तीन वषों में लिये नमूनों में कोई सामग्री अमानक नहीं पाई गई। अत: अमानक सामग्री का भुगतान करने का प्रश्न नहीं है। जी नहीं, सामग्री की गुणवत्ता परीक्षण उपरांत ही संस्था को भुगतान करने का कोई नियम नहीं है।
नियम विरूद्ध की गई जाँच कर दोषियों को बचाने
81. ( क्र. 4912 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत जिला पंचायत सतना में प्रचार-प्रसार सामग्री के मुद्रण कार्य में जिला कलेक्टर सतना/अमशन लीडर के अनुमोदन दिनांक 28.06.2015 के परिपालन में मुद्रण का कार्य म.प्र. राज्य उपभोक्ता संघ भोपाल (एजेंसी) को कार्यादेश दिया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या तात्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं कलेक्टर सतना द्वारा एजेंसी को कार्यादेश के पूर्व लेखाधिकारी द्वारा वित्तीय नियम बजट एवं शासन के भण्डार क्रय नियम पालन संबंधी प्रतिवेदन लेकर परीक्षण कराया गया था? यदि नहीं तो क्यों? यदि संस्था को राशि भुगतान के पूर्व लेखाधिकारी द्वारा रोक नहीं लगाई गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या राज्य स्तरीय जाँच प्रचार-प्रसार के मुद्रण के संबंध में की गई? अगर हाँ तो क्या जाँच में शिकायत के संबंध में मिशन लीडर सहित संबंधितों से कथन लिये गए? अगर नहीं तो मनमानी पूर्वक जाँच कर संविदा कर्मचारी जिला समन्वयक को पद से पृथक करना क्या विधि संगत है? जबकि मिशन लीडर/कलेक्टर एवं अन्य के विरूद्ध कार्यवाही लंबित है? (घ) क्या मिशन लीडर/कलेक्टर सतना द्वारा वर्ष 2014-15 में मिशन की राशि राज्य कार्यालय के निर्देशों के बावजूद वापस न करते हुए नियम विरूद्ध तरीके से जनपद पंचायतों से प्रायवेट बैंको के खाते खुलवाकर राशि जारी कराई गई एवं भण्डार क्रय नियम का उल्लंघन करते हुए मुद्रण कार्य में राशि का भुगतान कराया गया? तत्संबंध में क्या राज्य सरकार द्वारा निर्देशों के उल्लंघन में कलेक्टर सतना से जवाब मांगा गया था? बतावें कि किस दिनांक को जवाब दिया गया? (ड.) यदि (ख) से (घ) हाँ, तो संबंधित मिशन लीडर/कलेक्टर सतना एवं तात्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभारी स्वच्छता मिशन, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं लेखाधिकारी के विरूद्ध प्रश्नांश दिनांक तक में क्या-क्या, कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो क्यों? कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सतना को अनुमानित व्यय की राशि तथा बजट की उपलब्धता संबंधी टीप जिला समन्वयक द्वारा दी गई थी। नस्ती पर अनुमोदन देखकर लेखाधिकारी द्वारा भुगतान किया गया। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जिला पंचायत सतना में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर जाँच की गई। जाँच में दोषी पाये जाने पर जिला समन्वयक सतना की सेवा समाप्त की गई एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी सतना को निलंबित किया गया तथा तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना के विरूद्ध कार्यवाही सामान्य प्रशासन विभाग में प्रचलित है। उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर दोषी नहीं पाये जाने के कारण कलेक्टर/मिशन लीडर के विरूद्ध कार्यवाही लंबित नहीं है। (घ) दिसम्बर एवं जनवरी 2015 में प्रगति कम होने के कारण प्रति जनपद 2000 शौचालय के मान से लक्ष्य पूर्ति हेतु राशि दी गई थी। जिला से किसी भी प्रायवेट बैंक में राशि नहीं दी गई है। जी हाँ। जवाब अप्राप्त है। (ड.) राज्य स्तरीय जाँच में जिला समन्वयक, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना प्रत्यक्षत: दोषी पाये गये। अभिलेखों की जाँच में लेखाधिकारी एवं कलेक्टर/मिशन लीडर दोषी नहीं पाये गये। कार्यालय कलेक्टर एवं मिशन लीडर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) जिला सतना म.प्र. के आदेश क्र./जि.पं./स्था./2015-16/9247 सतना दिनांक 15-01-2016 द्वारा श्री ओमेश्वर सूर्यवंशी जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) जिला सतना की संविदा सेवा समाप्त की गई है। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सतना को म.प्र.शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्र. 565/250/22/वि-5/स्था./2016 दिनांक 16/02/2016 द्वारा निलंबित किया जाकर मुख्यालय जिला पंचायत भिण्ड नियत किया गया है तथा विभागीय जाँच प्रारंभ की गई है। तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं बेरोजगारी भत्ता
82. ( क्र. 4913 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किये गये? जनपदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने जॉबकार्ड धारी मजदूर पंजीकृत किये गये तथा उनमें से कितनों को रोजगार दिया गया तथा कितने ऐसे परिवार है, जिनको आज दिनांक तक रोजगार नहीं दिया गया? जबकि रीवा जिले के सूखाग्रस्त घोषित होने के कारण डेढ़ सौ (150) दिन कार्य देने की शासन की मंशा है? अगर कार्य नहीं दिया गया तो डेढ़ सौ दिन का बेरोजगारी भत्ता जॉबकार्ड धारियों को देंगे? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के मजदूरों द्वारा कार्य किये गये जो उनमें से कितने मजूदरों को मजदूरी का भुगतान कर दिया तथा कितने मजदूरी से वंचित हैं, कारण सहित बतावें? कितनी पंजीकृत फर्में हैं, जिनको सामग्री का भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? फर्मों के पंजीकरण हेतु शासन के क्या आदेश निर्देश हैं, प्रति देवें? (घ) यदि मजदूरों को मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं किया गया, डेढ़ सौ दिन कार्य नहीं दिया गया, काम न देने के बदले बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया गया तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही जिन फर्मों को भुगतान किया गया है, फर्म सही नहीं है तो उसके लिये किनको दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे, बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा संभाग में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत 14,077 कार्यों में से 8104 कार्य पूर्ण किये गये एवं वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक 19,519 कार्य स्वीकृत किये जाकर 2001 कार्य पूर्ण किये गये। जनपदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) रीवा जिलें में कुल 217,882 जॉबकार्ड धारी परिवार पंजीकृत है जिसमें 45641 जॉब कार्ड धारी परिवारों को कुल २१,६०,९४९ दिवस का रोजगार दिया गया। मांग आधारित योजना में जिले में १७२२४१ परिवार काम की मांग नहीं किये जाने के कारण मजदूरी का लाभ नहीं पा सके हैं। जिला रीवा सूखाग्रस्त घोषित है जिसमें जॉबकार्डधारी परिवार को वित्तीय वर्ष में १५० दिन तक कार्य दिये जाने का प्रावधान है। जॉब कार्डधारियों को मांग के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराये जाने के कारण बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित जॉबकार्डधारियो को प्रदाय रोजगार अनुसार राशि रू. ३६६४.६४ लाख का भुगतान किया गया तथा राशि रू. ५९०.६९ लाख का भुगतान लंबित है। लंबित भुगतान भारत सरकार से राज्य के मनरेगा खाते में राशि उपलब्ध होते ही संबंधित जॉबकार्ड धारी श्रमिकों के बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस खातों में एफ.टी.ओ. के माध्यम से हो सकेगा। जिले में मनरेगा योजनांर्गत १०३८ वेण्डर्स पंजीकृत है। सामग्री का भुगतान एफ.टी.ओ. के माध्यम से वेण्डर्स के खातों में सीधे बैंकों अथवा पोस्ट ऑफिस के माध्यम से किया जाता है, किये गये भुगतान की तिथिवार जानकारी नरेगा की वेबसाइट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। फर्मों के पंजीयन हेतु वांछित निर्देश एम.आई.एस. मार्ग दर्शिका भाग १ के बिन्दु क्र. ६.३ संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार हैं। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। गलत फर्मों को भुगतान होने की कोई शिकायत अथवा प्रकरण संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थति नहीं होता।
जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों की पदस्थापना
83. ( क्र. 4936 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रशासन में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों की पदस्थापना किये जाने का प्रावधान है? उक्त कर्मचारियों के स्थानांतरण का भी प्रावधान है? ग्वालियर सम्भाग की जिला पंचायतों में एवं जनपद पंचायतों में पदस्थ लिपिकीय अमला एवं लिपिकीय पद से पदोन्नत अमला नियुक्ति दिनांक से आज तक सम्बंधित संस्थाओं में कार्यरत हैं, सूची उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या जन हितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन में जिला एवं जनपद पंचायत के लम्बे समय से पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा मनमानी किये जाने के आरोप लगते रहे हैं? इस कारण इन संस्थाओं के कर्मचारियों को तीन वर्ष की सेवा से अथवा शिकायत होने पर स्थानांतरण किये जाने के निर्देश प्रसारित किये जावेंगे यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों की स्थानान्तरण नीति बनाई जा रही है, जो प्रक्रियाधीन है।
मायनिंग के प्रकरण
84. ( क्र. 4937 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में 01 जनवरी 2014 से आज दिनांक तक राजस्व अधिकारियों द्वारा अवैध मायनिंग के कितने प्रकरणों में छापे मार कार्यवाही की गई? नाम, पता सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में राजस्व अधिकारियों द्वारा अवैध मायनिंग के (रेत, गिट्टी, मुरम, पत्थर) किन-किन प्रकरणों में चालानी कार्यवाही कर राशि वसूली की कार्यवाही की गई? प्रकरणवार जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (क) क्या अवैध उत्खनन के अनेकों प्रकरणों में बगैर जुर्माना/राजसात किये छोड़ दिया गया या जन सहयोग राशि की ऐसी रसीदें दी गई जिस राशि का शासन में कोई लेखा जोखा नहीं रखा गया? उक्त वित्तीय अनिमितता के लिये क्या संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रबी की फसल का मुआवजा
85. ( क्र. 4968 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र की समस्त तहसील गौरिहार, चन्दला, लवकुशनगर में वर्षा ना होने के कारण रबी की फसल की बोनी नहीं हुयी? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा रबी की फसल सर्वे कराकर किसानों को रबी की फसल का मुआवजा दिया जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो सर्वे कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा? (घ) यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चंदला की तहसील गौरिहार, चंदला एवं लवकुश नगर में अल्पवर्षा होने से रबी फसलों की बोनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उक्त क्षेत्र में सिंचाई के साधन उपलब्ध होने के कारण लगभग 42 से 45 प्रतिशत रबी फसलों की बोनी हुई है। (ख) से (घ) प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी सेवा केंद्रों की स्वीकृति
86. ( क्र. 4969 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में एक जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने पंचायत भवनों के होते हुये राजीव गांधी सेवा केंद्रों के निर्माण कार्यों के लिये प्रस्ताव, प्राक्कलन तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी? प्रत्येक विकासखण्डवार, अधिकारी कर्मचारी का नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या राजीव गांधी सेवा केंद्र निर्माण हेतु मुद्रांक शुल्क, परफारमेंस ग्राम, बी.आर.जी.एफ. से अभिसरण का प्रावधान था? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार बी.आर.जी.एफ. योजना अंतर्गत संचालित पंचायत भवन होते हुये भी राजीव गांधी सेवा केंद्र स्वीकृत किये गये, क्यों? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? (घ) यदि हाँ, तो एक पंचायत भवन होते हुये दूसरे पंचायत भवन की स्वीकृति किस अधिकारी कर्मचारी द्वारा दी गयी? नियम विरूद्ध स्वीकृति देने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ज्ञापन क्रमांक ९०९६ भोपाल दिनांक २२.०९.१२ के अनुसार पंचायत भवन जीर्णशीर्ण भवन होने या पंचायत भवन में पर्याप्त स्थान न होने के कारण छतरपुर जिले में एक जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक १८४ भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के लिये प्रस्ताव, प्राक्कलन तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी। स्वीकृतियां जारीकर्ता अधिकारियों की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा जारी निर्देशों की कंडिका ०८ के प्रावधान अनुसार भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र निर्माण हेतु वित्तीय व्यवस्था मनरेगा, बी.आर.जी.एफ. एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण से किये जाने का प्रावधान था। (ग) जी हाँ। छतरपुर जिले की २४ ग्राम पंचायतों में बी.आर.जी.एफ. योजना अंतर्गत संचालित पंचायत भवन होते हुए भी भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र शासन निर्देशानुसार स्वीकृत किये गये है। उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' में जारी २४ ग्राम पंचायतों की स्वीकृति उत्तरांश 'क' में उल्लेखित शासन के निर्देशों अनुरूप स्वीकृत किये गये हैं। शासन के निर्देशों के अनुरूप स्वीकृति जारी किये जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण आवास योजना
87. ( क्र. 4987 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में आवासहीन ग्रामीण परिवारों की संख्या का तहसील व जनपदवार ब्यौरा क्या है? अर्ध कच्चे एवं पूर्णत: कच्चे आवासों में निवासरत परिवारों का भी ब्यौरा दें? (ख) पिछले तीन वर्षों में कितने आवासहीन ग्रामीण परिवारों को किस-किस योजनांतर्गत आवास उपलब्ध कराये गये व कितनी-कितनी आर्थिक सहायता आवासहीनों को प्रदान की गई? तहसीलवार ब्यौरा बतायें? (ग) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन की रतलाम जिले में फरवरी 2011 से अब तक की उपलब्धि क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रतलाम जिले में आवासहीन ग्रामीण परिवारों की संख्या का तहसील व जनपदवार तथा अर्ध कच्चे/पूर्ण कच्चे आवासों की संख्या जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) पिछले तीन वर्षों में इंदिरा आवास एवं मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजनान्तर्गत आवासहीन ग्रामीण परिवारों की संख्या एवं आर्थिक सहायता की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन की रतलाम जिले में फरवरी 2011 से अब तक कुल उपलब्धि 13100 आवासीय ऋण प्रकरणों में ऋण वितरण है।
स्कूलों में शौचालय निर्माण
88. ( क्र. 4988 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूलों में शौचालय निर्माण की शासन ने अंतिम तिथि 30 जून 2008 निर्धारित की थी व उक्त संबंधी आदेश में छात्र व छात्राओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय यूनिट बनाने हेतु कलेक्टर्स को आदेशित किया गया था? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है तथा किन-किन जिलों में इसका पूर्ण पालन नहीं हुआ? (ख) क्या जनपद आलोट व आलोट विधानसभा क्षेत्र के जनपद जावरा के 100 से अधिक गांवों में आज भी तीन हजार से अधिक परिवार शौचालय विहीन है? किस कारण से? (ग) वर्ष 2010 से 2012 तक आलोट में शौचालय निर्माण प्रचार-प्रसार, वॉल पेंटिंग, प्रचार सामग्री प्रिंटिंग की व्यय राशि, टैंकर प्रक्रिया, एवं भुगतान आदेश का पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शासन का आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त समयावधि में लक्ष्य पूर्ण न करने वाले जिलो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में शौचालय निर्माण मांग आधारित योजना है। हितग्राहियों को प्रेरित कर शौचालय निर्माण प्रारंभ कराये जा रहे है। (ग) वर्ष 2010-11 से 2012-13 तक प्रचार-प्रसार वॉल पेंटिंग एव सामग्री प्रिंटिंग हेतु जनपद पंचायत आलोट द्वारा कोटेशन आंमत्रित कर कार्य कराया गया जिस पर राशि रूपये 12.15 लाख व्यय हुई। जनपद पंचायत जावरा द्वारा उक्त अवधि में प्रचार-प्रसार हेतु कोई राशि व्यय नहीं की गई।
कोटवार जाति है या पद, स्पष्ट किया जाना
89. ( क्र. 5056 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लैंड रेवेन्यू कोड 1959 सेक्सन 230 के तहत कोटवार शासकीय पद है या जाति? स्पष्ट करें। क्या शासकीय पद जाति हो सकता है यादि नहीं तो सेक्सन 230 के तहत कोटवार की उत्पत्ति कैसे हुई? (ख) म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ./2-3-2015/सात-1/भोपाल दिनांक 07/09/2015 के तहत कोटवार को क्या माना गया है पद या जाति? (ग) सतना जिले की तहसील नागौद अंतर्गत ग्राम सुरदहा कला के खसरा क्रमांक 966/3 में दर्ज कोटवार एवं ग्राम झिंगोदर के खसरा क्रमांक 1794/1ख, 1794/1ग एवं 1794/1घ में दर्ज कोटवार पद है या जाति स्पष्ट करें? (घ) कोटवार की नियुक्ति कौन करता है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 230 के तहत कोटवार जाति नहीं है। प्रत्येक ग्राम या ग्रामों के समूह के लिये एक कोटवार की नियुक्ति की जाती है। संहिता के प्रभावशील होने के पूर्व से कोटवारों के कर्तव्यों के पालन के लिए नियुक्त चौकीदार को भी कोटवार माना गया है। (ग) सतना जिले के तहसील नागौद अंतर्गत ग्राम सुरदहा कला एवं ग्राम झिंगोदर की प्रश्नांकित आराजी पर अंकित सेवा भूमि धारक सेवा खातेदार दर्ज अभिलेख है जिसमें कोटवार को ही सेवा भूमि दी गई है। (घ) संबंधित राजस्व निरीक्षक मण्डल के राजस्व अधिकारी नायब तहसीलदार अथवा तहसीलदार के द्वारा नियुक्ति की जाती है।
मनरेगा अंतर्गत जे.सी.बी. से कार्य कराया जाना
90. ( क्र. 5098 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में मनरेगा अंतर्गत कार्य कराने में क्या जे.सी.बी. चलाने के प्रावधान हैं? किन-किन ग्राम पंचायतों में मनरेगा अंतर्गत जे.सी.बी. से कार्य कराये गये है? तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन अधिकारियों को शिकायत की गई? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा निर्माण स्थल पर जे.सी.बी. से चल रहे कार्य की फोटो भी दी गई? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारियों ने उक्त ग्राम पंचायत संरपच, सचिव एवं रोजगार सहायक के खिलाफ क्या कार्यवाही की? (ग) कितने ग्रामीणों द्वारा कब-कब विभाग को शिकायत प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या मनरेगा के अधिकारी जनप्रतिनिधि को भ्रमित कर रहे हैं, ताकि संरपच, सचिव एवं रोजगार सहायक को बचाया जा सके? क्या विभाग उन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। ग्राम पंचायत घंसा जनपद पंचायत लांजी तहसील लांजी में वर्ष 2015-16 में मनरेगा अंतर्गत हाई स्कूल मैदान समतलीकरण कार्य में जे.सी.बी. से कार्य कराया जाना पाया गया है। जिले की शेष तहसीलों की ग्राम पंचायतों में जे.सी.बी. से कार्य कराया जाना नहीं पाया गया। (ख) माननीय विधायक महोदय द्वारा जनपद पंचायत वारासिवनी की ग्राम पंचायत आलेझरी में निर्माणाधीन डोबरी तालाब निर्माण कार्य में जे.सी.बी. मशीन का उपयोग किये जाने संबंधित शिकायत के साथ फोटो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत वारासिवनी को प्रस्तुत की गई थी। उक्त शिकायत की जाँच हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत वारासिवनी द्वारा श्री आर.के. भारद्वाज सहायक यंत्री मनरेगा जनपद वारासिवनी से जाँच करवाई गई थी। जाँच में शिकायत की पुष्टि होना नहीं पाया गया। (ग) छ: ग्रामीणों द्वारा दिनांक 24.02.2016 को जनपद पंचायत लांजी में शिकायत की गई है। शिकायत के आधार पर तत्काल जे.सी.बी. मशीन बंद कराई गई एवं संबंधित उपयंत्री द्वारा जे.सी.बी. से कराये गये कार्य का मूल्यांकन दर्ज नहीं किया गया है। संबंधित सहायक कार्यक्रम अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी मनरेगा, तत्कालीन उपयंत्री, तत्कालीन सहायक यंत्री, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लांजी, सरपंच, ग्राम रोजगार सहायक, सचिव ग्राम पंचायत घंसा जनपद पंचायत लांजी के विरूद्ध जिला स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेवा सहकारी संथा की राशि का गबन
91. ( क्र. 5159 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल एवं रायसेन जिले के कितनी सेवा सहकारी संस्थाओं के किस-किस कर्मचारी ने गबन कर या अन्य कारण से कितनी-कितनी राशि अपने पास कब से रखे हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत समिति/जिला सहकारी बैंक/सहकारिता विभाग ने प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या-क्या कार्रवाई की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्न दिनांक तक संबंधितों से कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई है? यदि नहीं की गई है तो क्यों? क्या बैंक प्रबंधन/सहकारिता के अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते उनसे वसूली नहीं हो रही है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या दोषियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई? यदि हाँ, तो किस धाराओं के तहत किस-किस के खिलाफ किस-किस थाने में? यदि नहीं, तो क्यों नहीं करायी? कारण दें? कब तक करायी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल जिले की जानकारी निरंक है तथा रायसेन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है। (ग) वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। शेष दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, बैंक एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा वसूली की कार्यवाही कराई जा रही है, सांठगांठ का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, शेष दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुबंध का निष्पादन
92. ( क्र. 5186 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सतना
जिले में
तहसील रघुराज
नगर अन्तर्गत
कृपालपुर नई
बस्ती में क्या
ईश्वर
प्रताप
सिंह/लखन सिंह, रामनारायण
विश्वकर्मा/श्यामलाल
बढ़ई, सीताराम
विश्वकर्मा
पिता रामसहाय, बद्रीप्रसाद
पिता
रामप्रसाद, गोरेलाल
पिता विशेशर
रैकवार,
लक्ष्मीनारायण/भागवतप्रसाद
रामनरेश/रामवतार
ब्राम्हण, रामकृपाल/रामदीन
एवं
रामसिरोमण
पिता विशेषर
काछी नाम के
किसानों की
ग्राम सोनौरा
तह.रघुराज नगर
में क्रमश:
आराजी नं.329, 342 का जुज
रकबा 1.30
एकड़, 329/2,
342/2 5.00
एकड़, 309/4 5
एकड़, 44, 3.38
एकड़, 329, 342
रकबा 21.00, 89/3 का
जुज रकबा 2.50 एवं 104/1क/1
रकबा 1.50
तथा 131/2 1.00
एकड़ कुल 5 एकड़, 135/1/2 रकबा 5.00 40/1, 40/2 रकबा 9.89 एकड़
राजस्व भूमि
है? (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में वर्णित
भूमियों का क्या
कोई बिक्री या
अनुबंध पत्र
निष्पादित
किया गया है
और क्या उक्त
के संबंध में
जिला स्तर पर
कोई जाँच
प्रक्रियाधीन
है? यदि
हाँ, तो
जाँच का विवरण
अधिकारी के
नाम सहित
देवें? क्या
इसमें राजस्व
विभाग के
कर्मचारियों/
अधिकारियों
को भूमिका
संदिग्ध पाई
गई है? यदि
हाँ, तो
उनके विरूद्ध
की गई
कार्यवाही की
अद्यतन स्थिति
बतावें?
राजस्व
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क)
जी हाँ। (ख) जी
हाँ, प्रश्नांश
‘‘क‘‘
में
वर्णित कुछ
भूमियों की
बिक्री हुई
है। कलेक्टर
सतना के
प्रकरण क्र-29 अ/74 आदेश
दिनांक 30.12.2015 के
परिप्रेक्ष्य
में ग्राम
सोनौरा की आ.नं.
329/342
के संबंध में
अनुविभागीय
अधिकारी
रघुराजनगर के
स्तर पर जाँच
प्रचलित है।
बाईपास निर्माण के संबंध में
93. ( क्र. 5187 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के कंलिजर नागौद-उचेहरा राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 56 पर बाईपास निर्माण हेतु किन-किन कृषकों की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहण कब-कब किस-किस आदेश से की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की अधिग्रहित भूमि के मुआवजा वितरण हेतु किस गाइड लाइन के तहत अवार्ड पारित किये गये? क्या संबंधित भू-स्वामियों द्वारा पारित अवार्ड पर आपत्ति दर्ज करते हुये नवीन गाइड लाइन के तहत अवार्ड पारित किये जाने का अनुरोध किया गया है? (ग) क्या विगत दो वर्षों से उक्त मार्ग पर बाईपास का निर्माण किया जाना निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा किन कारणों से किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में नवीन गाइड लाइन के आधार पर संबंधित कृषकों को अवार्ड पारित करते हुये मुआवजा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषी पर कार्यवाही किए जाने
94. ( क्र. 5208 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयक सहकारी संस्थायें भोपाल के पत्र क्रमांक विधि/33/2013/2046 भोपाल दिनांक 30-08-2013 एवं उपायुक्त सहकारिता जिला रीवा के पत्र क्रमांक 111/खाद्य/2016 रीवा दिनांक 01.02.2016 किस परिप्रेक्ष्य में किस अधिकारी को दिये गये है? उक्त पत्रों को पालन संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया कि नहीं? यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तो क्यों? कारण बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) का आदेश खाद्य कलेक्टर रीवा को प्रेषित किया गया था कि जिले के सेवा सहकारी समितियों में खाद्यान्न बिक्री तौलईया की नियुक्ति आप द्वारा की जा रही है जो सहकारी नियम के विपरीत है? यदि हाँ, तो उक्त नियम विरूद्ध तरीके से खाद्य कलेक्टर रीवा द्वारा समितियों में रखे जा रहे तौलाईया को अवैध मानते हुये दोषी खाद्य कलेक्टर रीवा के विरूद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के नियम विरूद्ध तरीके से रखे जा रहे तौलईया भर्ती पर रोक लगाते हुये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये उक्त समितियों में उक्त पद पर कम्प्यूटर फीडिंग में नामांकित तौलाईयों का नाम कब तक निरस्त कर दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के पद एवं जिले में किन-किन सेवा सहकार समितियों में खाद्यान्न वितरण हेतु रखे गये तौलइयों से समितियों द्वारा कार्य लिया जा रहा हैं? इस नियम विरूद्ध कार्य लेने में कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध कब, क्या कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंजीयक सहकारी संस्था के पत्र दिनांक 30.08.2013 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों के सेवानियम के संबंध में जिले के उप/सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को भेजकर समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश जारी किये गये। माह फरवरी, 2016 से उपभोक्ता सामग्री पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से वितरित करने हेतु पी.ओ.एस. मशीन का संचालन 2 व्यक्तियों विक्रेता एवं सहायक (तुलावटी) से कराये जाने हेतु कलेक्टर खाद्य जिला रीवा के पत्र दिनांक 01.02.2016 के द्वारा महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा को निर्देश जारी कर विक्रेताओं/सहायक (तुलावटी) की जानकारी चाही गई थी। उप पंजीयक सहकारी संस्था जिला रीवा द्वारा कलेक्टर खाद्य के उक्त पत्र में सहायक (तुलावटी) की नियुक्ति पंजीयक सहकारी संस्थाएं के पत्र दिनांक 30.08.2013 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों के सेवानियम के विरूद्ध होने की जानकारी देने पर कलेक्टर खाद्य द्वारा दिनांक 10.02.2016 को जिन पी.ओ.एस. मशीन में सहायक (तुलावटी) के नाम दर्ज किये गये थे, उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश ‘क’ अनुसार कलेक्टर खाद्य रीवा द्वारा कार्यवाही किये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ‘क’ अनुसार कलेक्टर खाद्य रीवा द्वारा कार्यवाही किये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, न तो किसी तुलावटी से कार्य लिया जा रहा है और न ही किसी भी तुलावटी को आज दिनांक तक वेतन/पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमानक धान का उपार्जन
95. ( क्र. 5226 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में धान खरीदी केन्द्रों की कब-कब, किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा जाँच की गई एवं क्या कारण है कि कटनी एवं बहोरीबंद क्षेत्र में ही अमानक धान खरीदी के मामले ज्यादा पाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन खरीद केन्द्रों में कितनी-कितनी मात्रा में, कितने किसानों की धान खरीदी गई एवं किन-किन गोदामों, वेयर हाउसों में भेजी गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उपार्जन केन्द्रों और गोदामों में अमानक खरीदी के कितने प्रकरण बनाये गये, और किन-किन केन्द्रों एवं गोदामों में कितनी-कितनी मात्रा में अमानक धान जप्त की गई? धान किन आदेशों के तहत, किस-किस को सौंपी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में क्या कारण है कि धान अमानक होने पर, किसान को तत्काल वापस ना कर, बिना बताये, धान गोदाम में रखकर भुगतान रोक दिया जाता है? किसानों को भटकाने, शासकीय धन के अपव्यय का कौन-कौन जिम्मेदार है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) प्रश्नांश (ग) में किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कितने प्रकरण कार्यवाही हेतु किनके पास, किन कारणों से लंबित है? क्या इन मामलों के निराकरण की समय-सीमा नियत है, हाँ तो कितनी, नहीं, तो क्यों? क्या निराकरण की समय-सीमा निर्धारित की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, कटनी एवं बहोरीबंद के अलावा अन्य उपार्जन केंद्रों में भी धान अमानक स्तर की पाई गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कोई प्रकरण नहीं बनाये गये अत: जप्ती का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, परंतु अमानक धान जो निरस्त की गई उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्ष 2014-15 में 10116 क्विंटल अमानक धान साफ-सफाई उपरांत गोदामों में वापस कराई गई एवं 2015-16 में अमानक धान सहकारी समितियों को कार्यालय कलेक्टर खाद्य शाखा, जिला कटनी के पत्र क्र 194 दिनांक 26.2.2016 द्वारा वापसी हेतु आदेश किया गया। (घ) विलंब से धान अमानक घोषित किया जाना प्रक्रिया अनुसार नहीं है, इसकी जाँच कराकर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा। (ड.) उत्तरांश (ग) अनुसार कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया, अमानक धान खरीदी से संस्था को होने वाली क्षति की पूर्ति के लिये समिति प्रबंधक, संस्था अध्यक्ष को खरीदी प्रभारी से राशि वसूल करने एवं सहकारी अधिनियम की धारा 58 (बी) के प्रकरण हेतु निर्देश दिये गये हैं, अंतिम देयकों के अंकेक्षण उपरांत संस्था को हुई क्षति की पूर्ति हेतु कार्रवाई की जावेगी, इस हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है।
समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम का क्रियान्वयन
96. ( क्र. 5229 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न सं. 05 (क्रमांक 191) दिनांक 27.07.2015 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ, प्रश्नांश (ग) का उत्तर कटनी अनुभाग द्वारा किसी भी जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं किया गया दिया गया है तो क्या यह विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-7-64/2013/आप्र/एक, दिनांक 18.12.2013 का उल्लंघन है? यदि हाँ, तो इसका कौन-कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं तो, किस प्रकार बतायें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न सं.135 (क्रं.2120) दिनांक 14.12.2015 के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर में कटनी कम्प्यूटर सिस्टम के आपरेटरों से, पात्र परिवारों के सत्यापन का कार्य जनवरी 2014 से कराया जाना बताया गया है यदि हाँ, तो बताये कि जनवरी 2014 से अनुसूचित जाति/जनजाति के कितने परिवारों की पात्रता का सत्यापन प्रश्न दिनांक तक किया गया? समग्र पोर्टल पर दर्ज कितने परिवारों का पात्रता पर्ची हेतु सत्यापन शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) में सत्यापन कार्य किस प्रक्रिया, किन-किन दस्तावेजों के आधार पर किया जा रहा है? दस्तावेजों का परीक्षण किसके द्वारा किया जाता है एवं किस शासकीय सेवक की यूजर आई.डी. से ऑनलाइन सत्यापन का कार्य किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में क्या यह कार्यप्रणाली विभाग के निर्देशों के अनुरूप है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तो शासनादेशों के उल्लंघन पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं यह भी बतायें कि कार्यवाही का सत्यापन कलेक्टर महोदय कटनी द्वारा कब-कब किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विलंब के लिये कलेक्टर कटनी द्वारा पत्र क्रमांक/स्था./2016/254 दिनांक 1.03.2016 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी, विजयराघवगढ़,बरही,बहोरीबंद,ढीमरखेड़ा,जिला कटनी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। कटनी नगर निगम क्षेत्र में घोषणा पत्र के आधार पर 814 अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों का लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापन किया गया है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हे पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रकिया है। (ग) प्राथमिकता परिवार के रूप में पात्रता का सत्यापन कार्य स्व-घोषणा-पत्र/जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति आधारित दस्तावेज के आधार पर किया जा रहा है। दस्तावेजों का परीक्षण संबंधित स्थानिया निकाय द्वारा एवं आयुक्त,नगर निगम की यूजर-आई.डी.से ऑनलाईन सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। (घ) जी हाँ,ेशासन के निर्देशों के अनुरूप होने से। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों के भुगतान में अनियमितता
97. ( क्र. 5246 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री सड़क योजना में मशीनों के स्थान पर मजदूरों या मजदूरों के स्थान पर मशीनों से निर्माण कार्य कराने के कितने मामले शासन/विभाग के संज्ञान में आये और कब-कब, किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) चेक/डी.डी. क्रमांक 996756, दिनांक 15.07.2011 क्रमांक 998308, दिनांक 25.01.2012, क्रमांक 995198, दिनांक 05.05.2012 द्वारा किसे-किसे और क्यों, किस अभिलेख के आधार पर भुगतान किया गया तथा कितनी राशि भुगतान की गई? क्या चेंक सूची सत्यापन उपरांत दिये गये? (ग) क्या निर्माण कार्यों में जिन वाहनों के क्रमांक दर्ज कर काम लेना बताया जाकर भुगतान किया गया, वास्तव में वे वाहन अन्य प्रकार के थे, मोटर साईकल का पंजीयन नंबर व्हाउचर पर दर्ज है, जबकि भुगतान ट्रैक्टर बताकर कर दिया गया? यदि हाँ, तो ऐसे मामले कौन-कौन से पाये गये, बिल व्हाचर, चेक का ब्यौंरा दें तथा कौन जिम्मेदार है, नाम, पद बतायें? (घ) उक्त कार्यों के निरीक्षण नियंत्रण की जिम्मेदारी तथा एकाउण्टस के ऑडिट की जिम्मेदारी किस-किस की थी एवं क्या उनके द्वारा निरीक्षण किये, नाम पद तिथि बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले के विधानसभा क्षेत्र गंधवानी अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक 02 मामले विधानसभा प्रश्न के माध्यम से विभाग के संज्ञान में आये। इन मामलों में किसी अधिकारी/कर्मचारी का दोष सिद्ध न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) चेक/डी.डी.क्रमांक 996756 एवं 998308 द्वारा मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान माप पुस्तिका एवं मस्टर रोल के आधार पर किया गया। भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। चेक/डी.डी. क्रमांक 995198 द्वारा भुगतान नहीं किया गया। जी हाँ। (ग) जी नहीं। ट्रैक्टर के स्थान पर मोटर साईकिल के नम्बर चढ़ाकर भुगतान निकालने के विषय पर करवाई जाँच में यह प्रतिवेदित हुआ कि ट्रैक्टर के स्थान पर मोटर साईकिल के नम्बर नहीं पाये गये अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त कार्यों में तकनीकी निरीक्षण एवं नियंत्रण की जिम्मेदारी तत्कालीन कार्यपालन यंत्री श्री एस.के. सोलंकी, श्री एस.के. पंवार, सहायक यंत्री श्री जी.एस. ठाकुर उपयंत्री एवं श्री के.के. सावला उपंयत्री की थी। कार्य के एकाउण्ट एवं ऑडिट की जिम्मेदारी श्री शैलेन्द्र मिश्र संभागीय लेखाधिकारी एवं श्री टी.आर. राय प्रभारी संभागीय लेखाधिकारी की थी। निरीक्षणकर्ता अधिकारी के नाम एवं तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
पी.एम.जी.एस.वाई. के तहत मार्गों का निर्माण
98. ( क्र. 5358 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत स्वीकृत मार्गों के कार्य समय-सीमा में पूर्ण न किए जाने पर क्या कार्यवाही प्रावधानित हैं? विगत 02 वर्षों में उज्जैन संभागान्तर्गत ऐसे ठेकेदारों पर की गई कार्यवाही का विवरण देवे? (ख) क्या पी.एम.जी.एस.वाई. अंतर्गत कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व संबंधित ठेकेदारों को खनिज विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होता है? यदि हाँ, तो मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से मार्गों का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया, इनकी प्रगति रिपोर्ट की जानकारी कृपया ठेकेदार/एजेन्सी के विवरण सहित उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यों में क्या ठेकेदारों द्वारा खनिज विभाग से एन.ओ.सी. ली गई है? यदि एन.ओ.सी. नहीं ली गई तो ऐसे ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कार्यवार विवरण देवे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य अनुबंधानुसार निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण न किए जाने पर, ठेकेदार पर लिक्विडिटी डेमेज के अन्तर्गत दण्ड अधिरोपित किया जाता है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण न करने पर ठेका निरस्त कर, किये गये कार्य पर विलम्ब के लिये दण्ड अधिरोपित कर, शेष कार्य पर 20 प्रतिशत राशि का दण्ड अधिरोपित किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पूर्व खनिज विभाग से एन.ओ.सी. नहीं ली जाती है अपितु ठेकेदार खनिज विभाग से खदान आवंटन करवाकर उत्खन्न की अनुमति प्राप्त करता है। ठेकेदार द्वारा प्रयुक्त किये गये खनिज की रायल्टी की राशि शासनहित में जमा किया जाना सुनिश्चित किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, ठेकेदारों द्वारा प्रयुक्त की गई सामग्री की जो रायल्टी बनती है उतनी राशि ठेकेदार के बिल से एन.ओ.सी. के लिये रोकी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सोलर ऊर्जा कंपनियों द्वारा करवाये गये व्यपवर्तन
99. ( क्र. 5360 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोलर ऊर्जा प्लान्ट की स्थापना हेतु उपयोग की जाने वाली भूमि यदि कृषि भूमि हो तो व्यपवर्तन (डायवर्सन) आवश्यक होता हैं? यदि हाँ, तो डायवर्सन ऊर्जा विभाग को कराना होता हैं या संबंधित ठेकेदार/फर्म को विवरण देवें। (ख) क्या आगर जिला अन्तर्गत विगत 04 वर्षों में कितनी सोलर ऊर्जा कंपनियों ने व्यपवर्तन करवाया हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम जमुनिया में संचालित सोलर ऊर्जा प्लान्ट में व्यपवर्तन करवाया हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार कार्यवाही नहीं की गई तो क्या यह नियम विरूद्ध नहीं है? यदि है तो क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। केवल भूमि के उपयोग की जानकारी दी जाना होगी। (ख) कुल 16 सोलर ऊर्जा कम्पनियों ने। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
एन.ओ.सी. के बिना कार्य करने वाले ठेकेदारों पर कार्यवाही
100. ( क्र. 5361 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत मार्ग निर्माण कार्यों को प्रारंभ करने से पूर्व संबंधित ठेकेदारों को विभाग से एन.ओ.सी. लेना अनिवार्य है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा उज्जैन संभाग अंतर्गत कितनी एन.ओ.सी. जारी की गई? ठेकेदारों/एजेन्सी की सूची उपलब्ध करावें? (ग) बिना एन.ओ.सी. के कार्य करने वाले ठेकेदारों की जानकारी रखने व उन पर कार्यवाही हेतु विभाग के पास क्या व्यवस्था है? (घ) आगर जिला अंतर्गत विगत 02 वर्षों में प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार कोई कार्यवाही की गई हो तो विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय एवं अन्य जांचों के लंबित प्रकरण
101. ( क्र. 5445 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कितने द्वितीय और प्रथम श्रेणी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच, लोकायुक्त और ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण कब से लंबित है? उनके नाम बतायें? (ख) कितने अधिकारियों को विभागीय जाँच के प्रकरण समाप्त होने के बाद भी पदोन्नति नहीं दी गई हैं? (ग) प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के कितने अधिकारियों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत उप नियम 14 एवं 16 के प्रकरण विचाराधीन होने के बाद भी पदोन्नति कर दी गई? ऐसे अधिकारियों के नाम बतायें? (घ्) वर्ष 2012 और 2013 में कितने प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विभागीय जाँच के प्रकरणों पर अंतिम निर्णय लिया गया है? उनमें से कितने दंड़ित किये गये हैं और कितने अधिकारी दोषमुक्त पाये गये? अधिकारियों के नाम बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
सूखा राहत राशि के वितरण में गड़बड़ी
102. ( क्र. 5458 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2015-16 के मध्य क्या जबलपुर जिले की मझौली एवं पाटन तहसीलों के कई ग्रामों के अनेक कृषकों की स्वीकृत सूखा राहत राशि अन्य व्यक्तियों के खाते में जमा हुई? (ख) यदि हाँ, तो ऐसा किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों की कितनी राशि किसी अन्य व्यक्ति के खाते पर जमा हुई, बतलावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कृत्य के उत्तरदायी कौन हैं? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुए सही धारक के खाते में सूखा राहत राशि जमा करायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील मझौली के ग्राम पोला के 70 कृषक एवं ग्राम गठोरा के 39 कृषकों की कुल राशि रूपये 4,08,900/- (रूपये चार लाख आठ हजार नौ सौ) कम्प्यूटर ऑपरेटर की त्रुटि से त्रुटिवश अन्य खातों में चली गई थी। (ग) उक्त त्रुटि के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री प्रदीप उपाध्याय द्वारा त्रुटिवश त्रुटि करना पाया गया जिसे सेवा से पृथक कर दिया गया एवं सही धारकों के खातों में राशि का समायोजन कर जमा कराया गया। 12 कृषक शेष हैं। जिनकी बैंकों से जानकारी लेकर राशि जमा कराई जा रही है।
तहसीलों में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की पदस्थापना
103. ( क्र. 5459 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत कौन-कौन सी तहसीलें आती हैं? इन तहसीलों का गठन किस-किस सन् में हुआ तथा वर्तमान समय में यहां पर कौन-कौन से शासकीय कार्यालय स्थापित हैं? (ख) जबलपुर जिले की पुरानी तहसील होने के बावजूद मझौली तहसील में स्वंतत्र स्थाई अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदस्थापना न होने तथा यहां पर उप-पंजीयक कार्यालय तथा कोषालय की स्थापना न होने के क्या कारण हैं? (ग) क्या मझौली तहसील के बाद स्थापित होने वाली बहोरीबंद एवं ढीमरखेड़ा तहसीलों में स्वतंत्र स्थाई अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय एवं अधिकारी पदस्थ है? यदि हाँ, तो मझौली तहसील में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्वतंत्र स्थाई अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय/अधिकारी की स्थाई नियुक्ति तथा उप-पंजीयक कार्यालय एवं कोषालय की स्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समेकित वाटर शेड कार्यक्रम का संचालन
104. ( क्र. 5547 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कन्नौद एवं बागली विकास खण्ड में समेकित वाटर शेड प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांकित कौन-कौन सी संरचनाओं पर वर्षवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांशकित कार्यक्रम के द्वारा कितने स्व-सहायता समूहों को लाभ प्राप्त हुआ? कितनी हेक्टेयर भूमि पर उत्पादन प्रणाली का कार्य किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 91 स्व-सहायता समूहों को लाभ प्राप्त हुआ हैं तथा 26 हेक्टेयर भूमि पर उत्पादन प्रणाली का कार्य किया गया।
लोक सेवा गारंटी योजना का लाभ
105. ( क्र. 5578 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गारंटी योजना में किन-किन सुविधा का लाभ आम जनता को दिया जा रहा है? (ख) क्या योजना क्रियान्वयन का कार्य अशासकीय संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उज्जैन जिले की किन-किन तहसीलों में किस-किस संस्था द्वारा? (ग) क्या आम जनता से उक्त सुविधाओं के बदले कोई तय राशि ली जा रही हैं, यदि हाँ, तो किस कार्य हेतु एवं कितनी? (घ) क्या निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूली की जाना वैधानिक है? यदि नहीं तो क्या कारण है कि अधिक राशि वसूली की जा रही है? (ड.) जनता द्वारा निर्धारित शुल्क तथा निर्धारित आवेदन देने के उपरांत भी समयावधि में सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाने के क्या कारण हैं?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 के अन्तर्गत 23 विभागों की 160 सेवाएं अधिसूचित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना क्रियान्वयन का कार्य अशासकीय संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। उज्जैन जिले की तहसीलों में संस्थाओं द्वारा किये जाने वाले कार्य का उल्लेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रोसेस शुल्क के रूप में रूपये 30/- एवं सेवाओं के वैधानिक शुल्क पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। अधिक राशि वसूलने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ड.) समयावधि में ही सेवाएं दी जाती है। अपितु तकनीकी कारण, इन्टरनेट कनेक्टिविटी, बिजली की समस्या एवं पदाभिहित अधिकारियों के कानून व्यवस्था एवं निर्वाचन जैसे अन्य वैधानिक दायित्वों में संलग्न हो जाने के कारण विलंब होता है।
सागर नगर में सामान्य वर्ग के निर्धनों को योजनाओं का लाभ
106. ( क्र. 5602 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शालाओं में पढ़ रहे सामान्य निर्धन वर्ग के कितने छात्र-छात्राओं को विगत तीन वर्षों में सालाना छात्रवृत्ति दी गई है वर्षवार, स्कूलवार व्यय राशि का ब्यौरा देवें? यदि नहीं तो क्या कारण है? (ख) स्वामी विवेकांनद प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत क्या सागर नगर के शासकीय हाईस्कूल में पढ़ रहे ऐसे छात्र-छात्राओं को जिनकी वार्षिक आय 54 हजार रूपये से कम है, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो विगत वर्ष प्रदत्त की गई छात्रवृत्ति का ब्यौरा स्कूलवार देवें? यदि नहीं तो क्या कारण है? (ग) डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत क्या सागर जिले में शासकीय हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कक्षा 12वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण होने वाले प्रत्येक संकाय के समान्य वर्ग के निर्धन छात्र-छात्राओं को विगत तीन वर्षों में प्रोत्साहन राशि देकर लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो विगत वर्ष के चयनित मेधावी छात्र-छात्राओं के नाम, विद्यालयवार बताएं? यदि नहीं तो क्या कारण है? क्या शासन उक्त योजनाओं का लाभ प्रदत्त करने की दिशा में प्रभावी कदम उठायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विगत तीन वर्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्वामी विवेकानंद प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के स्थान पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सुदामा प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत सामान्य निर्धन वर्ग के छात्र/छात्राओं को लाभांवित किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनाधिकृत स्थानांतरण
107. ( क्र. 5624 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग में जिला स्तर पर उप संचालक कृषि को स्थानांतरण के अधिकार दिये गये है? यदि नहीं तो क्या पदोन्नति पद पर उपस्थित होने के बाद पदस्थापना संशोधन स्थानांतरण की श्रेणी में आता है? (ख) यदि हाँ, तो दि. 31.10.15 को दतिया जिले में पदोन्नत होकर कार्य ग्रहण कर चुके कृषि विकास अधिकारियों को आदेश क्रमांक 4815 दि. 10.11.15 द्वारा पुन: पदस्थापना संशोधन कर स्थानांतरण किया गया है? नियम विरूद्ध हुए स्थानांतरण आदेश के संबंध में क्या कार्रवाई की गई? (ग) क्या उप संचालक कृषि दतिया को आत्मा का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जबकि कई उप संचालक अतिरिक्त में संभागीय कार्यालय में हैं, क्या उन्हें यह प्रभार नहीं दिया जा सकता था? (घ) आत्मा गर्वर्निग वोर्ड की बैठक समय पर न होने के लिए कौन जिम्मेदार है? आगामी बैठक कब तक संपन्न होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। पदोन्नति पद पर उपस्थित होने के बाद पदस्थापना में स्थानीय स्तर पर संशोधन स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) जी हाँ। परियोजना संचालक आत्मा दतिया का प्रशासनिक दृष्टि से विभाग के आदेश दिनांक 7.1.2016 द्वारा अपने कार्य के साथ-साथ प्रभार दिया गया। (घ) आत्मा गर्वनिंग बोर्ड की बैठक दिनांक 22.03.2016 को प्रस्तावित है।
तारांकित प्रश्न क्र. 998 दिनांक 14.12.15
108. ( क्र. 5639 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 998 दिनांक 14.12.15 के उत्तर में 3 संस्थायें (सामाजिक न्याय संचालित NGO) बताई गई बताया गया कि गुरूनानक कालोनी स्थित वृद्धा आश्रम नियमित संचालित न होने से अनुदान में कटोत्रा किया गया, दिया है तो जब संचालित नहीं हो रहा है तो अनुदान दिया ही क्यों गया? इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) इस क्रम में अजय मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित मंद बुद्धि विद्यालय में कितने विद्यार्थी हैं मानव जन कल्याण संस्था द्वारा संचालित मूक बाधिर विद्यालय में कितने विद्यार्थी हैं एवं संस्कार सोशल वेलफेयर द्वारा संचालित डे केयर सेन्टर में कितने वृद्ध जन निवासरत हैं? जाँच दल बनाकर जाँच कराई जावेंगी? (ग) क्या उक्त अशासकीय संस्थाओं द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर अधिकारियों से मिलकर शासकीय खजाने को अवैध तरीके से लूटा जा रहा है यदि हाँ, तो दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो समीति बनाकर इनकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेंगी? (घ) क्या उपरोक्त चार अशासकीय संस्थाओं के अलावा दतिया जिले में कोई अन्य संस्था रजिस्टर्ड है? यदि हाँ, तो उनकी जानकारी उपलब्ध कराई जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, प्रश्न क्रमांक 998 के उत्तर में 4 अशासकीय संस्थाओं की जानकारी दी गयी है। दतिया की म.प्र. चिकित्सा तथा महाविद्यालय समिति, गुरूनानक कालोनी ग्वालियर रोड़, दतिया द्वारा संचालित वृद्धाश्रम को माह अप्रैल 2014 से अगस्त 2014 तक संचालित अवधि का अनुदान रूपये 1,50,000/- दिया गया है एवं माह सितम्बर 2014 से मार्च 2015 तक संचालित न होने की अवधि का कटौत्रा किया गया है, उक्त अवधि में भवन किराया अनुबंध अनुसार राशि रूपये 70,000/- एवं प्रबंधक का मानदेय राशि रूपये 35,000/- का अनुदान स्वीकृत किया गया, इस प्रकार कुल 2,55,000/- जिसमें संस्था का 15 प्रतिशत अंशदान रूपये 38,250/- घटाकर राशि रूपये 2,16,750/- का अनुदान दिया गया। इस के संबंध में उत्तरदायित्व का निर्धारण कर, सस्था से वसूली की कार्य वाही हेतु पत्र क्र./सु़.से./4-46/2015-16/170 दिनांक 10/03/2016 से कलेक्टर दतिया को निर्देशित किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। किसी संस्था को अनुदान देने के पूर्व निरीक्षण कराये जाने का प्रवधान है। यह एक नियमित प्रक्रिया है। (घ) जी हाँ। विभागीय मान्यता प्राप्त अशा0 संस्था रावतपुरा युवा मंडल, ग्राम बड़ेरा सोपान, तहसील भाण्डे,जिला दतिया नशाबंदी कार्यक्रम के क्षेत्र में संचालित है।
कृषकों को कृषि यंत्र वितरित
109. ( क्र. 5642 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग दतिया द्वारा आइसोपाम, तिलहन विकास एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत कौन-कौन से कृषि सेवा केंद्रों द्वारा वर्ष 2013-14 से अभी तक कितने कृषकों को स्प्रिंगलर सिंचाई पाईप एवं कृषि यंत्र वितरित किये गये? (ख) कंडिका (क) में वितरित किये गये प्रकरणों में कितने किसानों को विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि अनुदान के रूप में कौन सी बैंक के माध्यम से प्रदाय की गई है? (ग) क्या संबंधित डीलरों द्वारा विभाग से जो राशि ली गई वह एक ही बैंक द्वारा म.प्र. सिटीजन साटव सहकारिता मर्या. इंदरगढ़ जिला दतिया के माध्यम से तथा कृषकों के सीरीयलवाइज़ लगातार एक ही क्रम में खुले खातों के माध्यम से दी गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या यह संभव है कि जिन सदस्यों को अनुदान का लाभ दिया जाना था उनके खाते एक ही क्रम में रहे? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावेगी? शासन से जो लाभ किसानों को मिलना था वह सीधा-सीधा डीलरों द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर अधिकारियों के साथ मिली भगत करके स्वयं ले लिया है? क्या संपूर्ण प्रकरण की जाँच तकनीकी अधिकारी अथवा पृथक एजेंसी द्वारा कराई जावेगी? क्या अनुदान की राशि संबंधित दोषियों से वसूल कर उन्हें दंडित किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिले द्वारा आईसोपाम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं राष्ट्रीय तिलहन मिशन योजनांतर्गत कृषि सेवा केंद्रो द्वारा वर्ष 2013-14 से अभी तक कृषकों को वितरित स्प्रिंकलर, सिंचाई पाईप एवं कृषि यंत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) कंडिका "क" में वितरित किये गये किसानों को विभाग द्वारा बैंक के माध्यम से वितरित की गई अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जी नहीं, दि.म.प्र. सिटीजन साख सहकारिता मर्यादित इंदरगढ़, दतिया, एस.बी.आई. बैंक इंदरगढ़, दतिया पी.एन.बी. बैंक दतिया सेंट्रल बैंक दतिया एवं जिला सहकारी केंद्र मर्यादित दतिया को आईसोपाम राष्ट्रीय तिलहन मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के अंतर्गत कृषकों को स्प्रिंकलर सिंचाई पाईप रोटावेटर एवं थ्रेशर अनुदान की उनके खाते में प्रेषित राशि की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) जी नहीं, कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
पश्चिम जबलपुर अंतर्गत निवासरत गरीबों को पट्टे
110. ( क्र. 5653 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला प्रशासन जबलपुर द्वारा ऐसे नजूल क्षेत्रों को चिन्हित किया है जहां गरीब पीडि़त विगत 20 से 25 वर्षों से निवास कर रहे हैं एवं वे गरीबी रेखा के नीचे आते हैं? शासन द्वारा उन्हें मालिकाना हक व पट्टे देना प्रस्तावित है? (ख) क्या पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर अंतर्गत उक्त गरीबों की सूची बनाई गई है? अगर हाँ तो उन्हें कितनी समयावधि में मालिकाना हक व पट्टे प्रदान कर दिये जावेगे? यदि नहीं बनाई गयी है तो आगामी तीन माहों में सूची बनाकर पट्टे देने की कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शासन के दिशा-निर्देश एवं मापदण्डों के आधार पर समय-समय पर पट्टे प्रदान किये जाते है। मात्र गरीबी रेखा के आधार पर पट्टे नहीं दिये जाते, वर्ष 2012 की स्थिति में पात्रता रखने वाले अतिक्रामकों की संख्या निरंक है। 20-25 वर्षों से कब्जाधारी पात्र व्यक्ति पट्टा देने हेतु शेष नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओला प्रभावित किसानों को बीमा राशि का वितरण
111. ( क्र. 5717 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2015 में हुई ओलावृष्टि से रबी फसलों को हुये नुकसान से राहत देने के उद्देश्य से किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों को खाद्यान्न सामग्री की पर्ची जारी की गई है? (ख) क्या खाद्यान्न पर्ची ओलावृष्टि प्रभावित ऐसे परिवारों को ही जारी की गई जिनकी फसलों को प्राकृतिक आपदा से क्षति 25 प्रतिशत या उससे अधिक है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों के कृषकों को खाद्यान्न पर्ची जारी की गई है, उन ग्रामों के कृषकों को बीमा राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो उन ग्रामों के नाम व प्रदायित बीमा राशि का विवरण देवें एवं जिन ग्रामों के किसानों को खाद्यान्न पर्ची वितरण की गई है, परन्तु उन ग्रामों के कृषकों को बीमा राशि नहीं दी गई है? उन ग्रामों के नाम बतावें तथा बीमा राशि नहीं देने का कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के सदंर्भ में बीमा राशि से वंचित ग्रामों के कृषकों को बीमा राशि नहीं देने की जाँच करायी जाकर क्या उन्हें बीमा राशि का लाभ दिलाया जावेगा एवं बीमा राशि नहीं देने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत वर्ष 2015 में हुई ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्न का लाभ प्रदाय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) खाद्यान्न पर्ची से राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना का कोई सीधा संबंध नहीं है। अपितु राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत रबी मौसम 2014-15 हेतु विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर के अन्तर्गत आने वाली तहसील सारंगपुर एवं पचोर की पटवारी हल्कावार पात्र कृषकों को फसल बीमा क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नोडल बैंकों के माध्यम से किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (घ) उत्तराशं (ग) अनुसार। अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासन की अधिकांश योजनाओं को आन लाईन करना
112. ( क्र. 5742 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की अधिकांश हितग्राहीमूलक योजनायें जैसे- सामाजिक न्याय विभाग की पेंशन योजनायें एवं कृषकों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं को ऑनलाईन प्रक्रिया से जोडा गया है? यदि हाँ, तो किस विभाग की कौन-कौन सी हितग्राहीमूलक योजनाओं को ऑन लाईन पंजीयन एवं भुगतान की प्रक्रिया वर्तमान में अपनाई जा रही है? विभागवार योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या मध्यप्रदेश के सभी ग्रामों विशेषकर दूर-दराज ग्रामों में वर्तमान में सिगनल उपलब्ध न होने तथा अधिकांश लोगों को इस तकनीक से अनभिज्ञ रहने की दशा में सभी पात्र व्यक्तियों को सही लाभ नहीं मिल रहा है जिससे अधिकांश कृषक एवं गरीब व्यक्ति योजनाओं से सही ढ़ग से लाभान्वित नहीं हो रहे है? यदि हाँ, तो इस तरह की प्रक्रिया से जोडा जाना क्या आम जनता के हित में होगा? यदि नहीं तो निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति क्यों नहीं हो पाती तथा शिविरों एवं जनसुनवाई में लोग इस व्यवस्था से व्यथित होकर शिकायतें क्यों करते हैं? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिस्थितियों से सहमत है? यदि हाँ, तो इसके निराकरण के लिये शासन अन्य कौन सी व्यवस्था अपनाने की योजना बना रहा है जिससे प्रदेश के प्रत्येक ग्राम के प्रत्येक व्यक्ति को उसकी पात्रता के अनुसार सही समय में योजना का लाभ मिल सकें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामों को आवागमन हेतु मार्ग
113. ( क्र. 5743 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र 59 गुनौर में सैकड़ों वर्षों से बसे ग्राम पंचायत रामपुर के ग्राम मरहा, खमरी, ग्राम पंचायत बरौहा के ग्राम महुआडॉडा, ग्राम पंचायत मुटवाकलां के ग्राम रमपुरा, ग्राम पंचायत रानीपुरा के ग्राम अमचुई, ग्राम मकरी कुठार के लोग आज भी शिक्षा स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लाभ से आवागमन मार्ग न होने से वंचित रह जाते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के ग्रामों का रास्ता यदि वन से होकर जाता है तो वन विभाग कोई नुकसान न होने के बाद भी वन विभाग द्वारा रास्ता निर्माण में बाधा उत्पन्न की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) के ग्रामों को पहुंच मार्ग से जोड़ने हेतु रास्ता निर्माण ग्रामीण विकास विभाग से संचालित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना मद की राशि से कब तक कराया जायेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के ग्रामों में ग्राम पंचायतों द्वारा विकास कार्य प्रारंभ करने पर वन विभाग द्वारा रोक लगाई जाती है? क्या विभाग के पास कोई योजना है, जिसके तहत इन ग्रामों को पहुच मार्ग से जोड़ा जा सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, आवागमन हेतु सड़क उपलब्ध नहीं होने से ग्रामवासियों को बुनियादी सुविधाएं प्राप्त करने में कुछ असुविधाएं हो सकती है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 3 पात्र ग्रामों में से मकरी कोठार को पक्के मार्ग से जोड़ा जा चुका है जबकि अमचई एवं महुआडाण्डा ग्रामों को जोड़े जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है, स्वीकृति अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्राम मरहा को जोडने का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है जबकि ग्राम खमरी को उक्त योजनांतर्गत जोड़ने का कार्य स्वीकृत है, वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष ग्राम रामपुरा राजस्व ग्राम नहीं होने से उक्त योजनाओं के अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में नहीं आने से प्रस्तावित नहीं है। (ख) वन विभाग के क्षेत्र में निर्माण कराने से पूर्व वन विभाग की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है अतः अनुमति प्राप्त होने के पश्चात् प्राप्त अनुमति के अनुसार निर्माण कार्य करने पर वन विभाग द्वारा बाधा उत्पन्न करने का प्रश्न नहीं होता है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने के पश्चात् प्राप्त अनुमति के अनुसार निर्माण कार्य कराने पर वन विभाग द्वारा रोक लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है विभाग के पास प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रश्नांश (क) के छूटे हुये ग्राम रामपुर को महात्मा गाँधी नरेगा के अंतर्गत ग्राम सभा का प्रस्ताव एवं लेबर बजट का प्रावधान होने पर पहुंच मार्ग से जोड़ा जा सकता है।
कन्यादान योजना में भ्रष्टाचार
114. ( क्र. 5758 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत केसली ब्लॉक में कितनी कन्याओं/जोड़ों के विवाह हेतु पंजीकरण किया गया? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत केसली ब्लॉक में कितनी कन्याओं के विवाह कराये गये? कन्याओं/जोड़ों के नाम, पते सहित जानकारी दें? (ग) कन्याओं/जोड़ों के विवाह पर कितना व्यय हुआ? अन्य आयोजन व्यवस्था पर कितना व्यय हुआ? मदवार जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नाधीन मामले में 42 जोड़ों का पंजीयन हुआ था? फर्जीवाड़ा प्रकाश में आने पर सिर्फ 26 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ? सिर्फ 24 जोड़ों को सामग्री प्रदान की गई? इसकी जाँच अभी तक क्यों नहीं कराई गई? यदि जाँच कराई गई तो किससे कराई गई? इस विरोधाभास और फर्जीवाड़े का दोषी कौन पाया गया? उसके खिलाफ कया कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2014-15 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अन्तर्गत जनपद पंचायत केसली में 42 कन्याओं के विवाह हेतु पंजीयन किया गया। (ख) 24 कन्याओं के विवाह हुए। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी निम्नानुसार हैं:- (1) गृहस्थी की स्थापना हेतु राशि रूपये 7,000/- के मान से 24 जोड़ों की कुल राशि रूपये 1,68,000/- क्रॉस चैक से भुगतान। (2) सावधी (एफ.डी.) जमा हेतु राशि रूपये 10,000/- के मान से 24 जोड़ों की कुल राशि रूपये 2,40,000/- (3) वधुओं को राशि रूपये 5,000/- के मान से सामग्री पर कुल 24 जोड़ों पर राशि रूपये 1,20,000/- व्यय हुआ है। (4) अन्य व्यवस्था पर राशि रूपये 3,000/- के मान से 24 जोड़ों पर राशि रूपये 72000/- व्यय हुआ। कुल 24 जोड़ों पर कुल राशि रूपये 6,00,000/ व्यय हुआ। (घ) जी हाँ। 24 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ जिन्हे सामग्री प्रदान की गई। उक्त विवाह कार्यक्रम में 18 जोड़ें उपस्थित नहीं हुए तथा सामूहिक विवाह में कोई फर्जीवाड़ा होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर कृषि महोत्सव में भ्रष्टाचार
115. ( क्र. 5759 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर कृषि महोत्सव मई जून 2015 किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया सूची दें? क्या उक्त कार्य हेतु निविदायें की प्रक्रिया अपनाई गई, ऐसे कौन-कौन से कार्य है जो बगैर निविदा के कराये गये है निविदा कार्यवाही का तुलनात्मक पत्रक की प्रति दें? (ख) कृषि महोत्सव 2015 के दौरान उपयोग में लाये गये वाहनों का क्रमांकवार, ब्लाकवार तथा भुगतान की गई राशि का ब्यौरा दें? (ग) फर्जी बिलों की जाँच किये बिना उनका भुगतान करने के दोषियों के नाम एवं पद बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1/2 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही कृषि महोत्सव 2015 के दौरान उपयोग में लाये गये वाहनों का क्रमांकवार, ब्लाकवार तथा भुगतान की गई राशि का ब्यौरा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) कृषि महोत्सव 2015 में अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा न ही फर्जी बिल दिये गये, न ही भुगतान किया। नाम एवं पद बताने का प्रश्न ही नहीं उठता।
सूखा ग्रस्त विदिशा जिला को विशेष पैकेज
116. ( क्र. 5797 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिला पूर्ण सूखा ग्रस्त है? सूखे की समस्या से निपटने हेतु क्या-क्या योजनायें बनाई गई? योजनावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) क्रम में तैयार की गई योजनाओं के पालन के संबंध में कौन-कौन से कार्य कब से प्रारंभ किये जायेंगे? (ग) क्या शासन सूखा ग्रस्त विदिशा के लिये विशेष पैकेज देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निम्नानुसार योजनाएं तैयार की गई है:- 1. मनरेगा अंतर्गत रोजगार मूलक योजनाएं 2. पशुचारा/पशु पेयजल 3. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल 4. शहरी क्षेत्रों के पेयजल 5. शासन के निर्देशानुसार सूखा प्रभावित कृषकों की बेटियों की शादी हेतु राहत राशि प्रदाय बावत्। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सभी योजनाएं जिले में संचालित हैं। (ग) जिले में समस्त प्रभावित कृषकों को राशि रूपये 27139.18 (राशि रूपये दो सौ एकहत्तर करोड़ उनतालीस लाख अठारह हजार) की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। अत: विशेष पैकेज दिये जाने का प्रश्न उदभूत नहीं होता।
पंचायत सचिवों का वेतनमान
117. ( क्र. 5799 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितने पंचायत कर्मियों को पंचायत सचिव पद पर संविलियन किया गया एवं कितनों को पात्रता के बाद भी सविलियन नहीं किया गया एवं कब संविलियन की कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कितने पंचायत सचिवों को नवीन स्वीकृत वेतनमान का लाभ दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में क्या विदिशा जिले की अलग-अलग जनपदों में भिन्न-भिन्न वेतनमान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों एवं वेतनमान विसंगती के लिये दोषी कौन है? (घ) क्या शासन सभी जिलों में कार्यरत पंचायत सचिवों को एक समान वेतनमान दिये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विदिशा जिले में 529 पंचायत कर्मियों का संविलियन किया गया है। 14 पंचायत कर्मियों का संविलियन नहीं किया गया है। (ख) विदिशा जिले में 529 पंचायत सचिवों को नवीन स्वीकृत वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। (ग) विदिशा जिले की जनपद पंचायतों में मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-2-9/2013/22/पं.-1, दिनांक 24.7.2013 एवं आदेश क्रमांक एफ-2/2013/22/पं.-1, दिनांक 27.8.2013 के निर्देशानुसार वेतनमान दिया जा रहा है। वेतन विसंगति के लिए कोई दोषी नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र.एफ-2-9/ 2013/22/पं.-1, दिनांक 24.7.2013 एवं आदेश क्रमांक एफ-2/2013/22/ पं.-1, दिनांक 27.8.2013 द्वारा प्रदेश के ग्राम पंचायत सचिवों को उनकी सेवा अवधि की गणना के अनुरुप वेतनमान दिये जाने के निर्देश हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के निर्माण कार्य
118. ( क्र. 5814 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ग्वालियर द्वारा 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से किस-किस यंत्री के सुपर वीजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे है वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) उक्त अवधि के पूर्व के ऐसे कौन-कौन से स्वीकृत कार्य किस-किस योजना के हैं? जो या तो प्रारम्भ ही नहीं किये हैं या अधूरे हैं? या स्वीकृति की इतनी लम्बी अवधि के बाद भी पूरे नहीं हुये है? (ग) अभी तक स्वीकृत राशि में से कितनी-कितनी राशि खर्च हुई है, कितनी शेष है? कार्य अधूरा या प्रारम्भ न होने का कारण, इसके लिये कौन-कौन अधिकारी तथा निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार दोषी है? दोषी का नाम स्पष्ट करें? अब इन कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (घ) क्या ग्राम पंचायत बड़ागांव जागीर के ग्राम ककेटो तेहसील घाटीगांव तथा ग्राम पंचायत पनिहार के ग्राम गुनाह तहसील घाटीगांव एवं ग्राम पंचायत कछौआ तहसील चीनोर जो नवीन राजस्व ग्राम घोषित हुये हैं? इन गांवों में आवागमन हेतु रोड नहीं है? क्या इन नवीन राजस्व ग्रामों में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नियमों अनुसार रोड बनाया जावेगा? यदि हाँ,? तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अभी तक स्वीकृत राशि रू. 4877.524 लाख में से राशि रू. 2006.824 लाख खर्च हुई है एवं राशि रू. 2870.70 लाख शेष है। कार्यों के अपूर्ण या अप्रारंभ रहने के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ठेकेदारों के स्तर से विलंब होने की स्थिति में उनके विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जायेगी। कार्य के अपूर्ण अथवा अप्रारंभ रहने में किसी अधिकारी के दोषी नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। उक्त ग्रामों में मुखयमंत्री सड़क योजना अंतर्गत मार्ग निर्माणों की स्वीकृति पर जिला पंचायत/जिला योजना समिति के अनुमोदन पश्चात विचार किया जायेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भंडार गृहों का निर्माण
119. ( क्र. 5824 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित की जा रही उचित मूल्य दुकानों पर वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्री को रखने के लिये क्या पर्याप्त मात्रा में भण्डार गृह स्थापित हैं? यदि हाँ, तो क्या ऐसे सभी भंडार गृह भंडारण की दृष्टि से उपयुक्त हैं या उनकी क्षमता बढ़ाने व मरम्मत एवं रख-रखाव की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो पृथक-पृथक भंडार गृह की क्षमता एवं स्थिति से अवगत करावें? (ख) क्या जिन स्थानों पर भंडार गृह क्षतिग्रस्त होकर अनुपयोगी हो गये हैं वहां पुन: नवीन भंडार गृह बनाये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या और कब तक ऐसे भंडार गृह बनाये जा सकेगें? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकानें प्राथमिक साख सेवा सहकारी समितियां संचालित करती हैं तथा उनके निश्चित मुख्यालय हैं, किंतु ऐसी सभी समितियां अन्य आश्रित ग्रामों में भी उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने हेतु सहायक दुकानों का संचालन करती हैं जहाँ खाद्यान्न वस्तुओं को सुरक्षित रखने की काई व्यवस्था नहीं है? क्या शासन ऐसी सभी सहायक दुकानों वाले ग्रामों में खाद्यान्न वस्तुओं के सुरक्षित भंडारण हेतु आवश्यकतानुसार एवं उपयुक्त भंडार गृह निर्माण करावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जिन स्थानों पर भंडार-गृह है वे सभी भंडार-गृह भंडारण के लिये उपयुक्त है, परन्तु उनकी क्षमता बढ़ाने एवं मरम्मत की आवश्यकता है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी स्कीम के अंतर्गत म.प्र. के ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज भंडारण हेतु गोदाम निर्माण किये जाने का प्रावधान है। संबंधित जिला अधिकारियों द्वारा योजना के क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां अपने स्वयं के गोदामों अथवा किराये के भवन में संचालित करती है। संस्था की आर्थिक स्थिति एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर गोदाम निर्माण के प्रयास किये जा सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ई-पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति
120. ( क्र. 5825 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की सभी ग्राम पंचायतों में ई-पंचायत भवन निर्माण की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उक्त योजनांतर्गत राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचातों में ई-पंचायत भवन निर्मित करा दिये गये है तथा कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों में निर्मित कराया जाना किन कारणों से लंबित है? (ख) क्या शासन द्वारा विगत वर्षों में ई-पंचायत भवन निर्माण हेतु मनरेगा योजना में 60 प्रतिशत मजदूरी व 40 प्रतिशत सामग्री व्यय के तहत ऐसे पंचायत भवन स्वीकृत गये थे जो व्यय की जाने वाली राशि का सही अनुपात न होने से प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कार्यों को पूर्ण कराने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या पूववर्ती वर्षों में ग्राम पंचायत भवन बनाने हेतु बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत प्राक्कलन अनुसार पूरी राशि नगद दिये जाने का प्रावधान था। जिससे समय-सीमा में भवन निर्मित हो जाते थे? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा बी.आर.जी.एफ. योजना को बंद किये जाने के पश्चात् इस प्रकार के भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा कोई पूरक योजना का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन की कोई योजना नहीं है, परन्तु 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत ई-पंचायत कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों अनुसार सभी पंचायतों को ई-पंचायत में परिवर्तित किया जाना था। इस हेतु भवन विहीन ग्राम पंचायतों में ई-पंचायत कक्ष नवीन पंचायत भवन में शामिल किया गया, साथ ही जहां पर पूर्व से ही भवन है वहां पर अतिरिक्त स्वतंत्र रूप से ई-पंचायत कक्ष तैयार करने का प्रावधान रखा गया था। जिला स्तर पर कार्ययोजना तैयार की जाती है। राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अन्तर्गत बी.आर.जी.एफ. से ग्राम पंचायत- पीपलबे, कचनारिया, पगारा, भूरा एवं आगर में ई-पंचायत भवन निर्मित करा दिए गए है। ग्राम पंचायत-नेठाठारी एवं निवारा में ई-पंचायत भवन का कार्य निर्माणाधीन है। लंबित नहीं है। (ख) जिला राजगढ़ में मनरेगा अन्तर्गत ई-पंचायत भवन स्वीकृत नहीं किए गए है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत प्राक्कलन अनुसार पूर्ण राशि नगद दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। परन्तु आर.जी.एफ. की शेष राशि एवं उस पर अर्जित ब्याज की राशि से जिला द्वारा अपूर्ण कार्यों को योजना के दिशा-निर्देश बिन्दु क्र. 4.9 अनुसार पूर्ण कराया जा सकता है।
भूमि का राजस्व भू-अभिलेख
121. ( क्र. 5875 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर नगर एवं जिले में स्थित वैध/अवैध आवासीय कालोनियों में क्रेता भू-खण्डधारियों का नाम किस वर्ष तक के राजस्व भू-अभिलेखों में दर्ज किया जा चुका है? (ख) भू-अभिलेखों में संशोधित भू-खण्ड स्वामियों से किस वर्ष तक का भू-राजस्व वसूल कर लिया गया है? (ग) भू-अभिलेखों का पुन: निर्धारण यदि चालू वित्तीय वर्ष तक का नहीं हुआ है तो इसके लिये कौन जवाबदार है? कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारी पर कब क्या कार्यवाही होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इन्दौर नगर/जिला के भू राजस्व अभिलेखों का अद्यतीकरण राजस्व वर्ष 2014-15 तक हो चुका है। (ख) भू अभिलेखों में संशोधित भूखंड स्वामियों से वर्ष 2014-15 तक का भू राजस्व वसूली की कार्यवाही की गई है। वसूली की प्रक्रिया सतत रूप से जारी है। (ग) भू अभिलेखों का अद्यतीकरण वर्ष 2014-15 तक हो चुका है और यह एक सतत प्रक्रिया के अधीन होने से कोई लापरवाही की स्थिति नहीं है।
शासकीय भवनों के भू-माप और निर्मित भाग
122. ( क्र. 5879 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक भवन के कार्यालय में उसकी भूमि और निर्मित भवन का स्वीकृत तथा उपलब्ध रहना चाहिये जिसमें अगर अतिक्रमण हुआ तो कार्यालय प्रमुख को उसके भाग की सीमा की जानकारी रहें? (ख) इंदौर शहर में कितने शासकीय भवन, कार्यालय, विद्यालय है क्या उनके सभी के पास उनके अधिनस्थ भू-भाग का और निर्मित स्थान का नक्शा उपलब्ध है अगर नहीं है तो कब तक उन्हें उपलब्ध कराया जा सकेगा। (ग) क्या कतिपय विद्यालय और भवनों के नक्शें उनके पास उपलब्ध नहीं होने से वे अतिक्रमण की सही शिकायत नहीं कर पाते हैं। (घ) इन्दौर शहर में किन-किन विद्यालय और अन्य शासकीय भवन एवं परिसर पर अतिक्रमण के प्रकरण प्रकाश में आये है। जैसे महाराजा शिवाजी राव उ.मा.वि. कन्या शाला डकाच्चा व अन्य।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गन्ने की फसल
123. ( क्र. 5904 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा तहसील में कितने हैक्टयर क्षेत्र में गन्ने की फसल लगाई जाती है वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें? (ख) गन्ना की खेती हेतु विभाग से कृषक को प्रोत्साहन हेतु क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है? निर्देशों, आदेशों की प्रति के साथ जानकारी देवें? (ग) क्या विभाग गन्ने की फसल को लाभ का धन्धा बनाने हेतु कोई योजना पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दें? (घ) क्या विभाग गन्ने की फसल फैक्ट्री तक ढुलाई हेतु किसानों को किसी प्रकार की सब्सिडी देने पर विचार करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) गन्ना फसल की खेती हेतु कृषक के खेतों पर राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन के अंतर्गत गन्ना इंटरक्रॉपिंग प्रदर्शन आयोजित किये जाते है। निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) नहीं। (घ) वर्तमान में गन्ने की फसल फैक्ट्री तक ढुलाई हेतु किसानों को किसी प्रकार की सब्सिडी देने संबंधी कोई भी योजना विचाराधीन नहीं है।
ऊर्जा कंपनियों का भूमि आवंटन
124. ( क्र. 5917 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा मंदसौर जिले में विद्युत उत्पादन हेतु किन कंपनियों को शासकीय भूमि कितने वर्षों के लिये लीज पर दी गई है एवं विक्रय की गई है? कंपनी वाईज लीज एवं विक्रय की गई भूमि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) जिन-जिन स्थानों पर विद्युत उत्पादन हेतु कंपनियों को शासकीय भूमि दी गई है उसमें कितनी चरनोई भूमि, तालाब, खेल मैदान, कन्टूर हेतु सुरक्षित रखी गई है? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा के ग्राम लदूना, नाटाराम, छोटी पतलासी, तहसील शामगढ़ तहसील सुवासरा की चरनोई हेतु सुरक्षित रखी भूमियों का सर्वे क्रमांक उपलब्ध करावें? (घ) चरनोई हेतु सुरक्षित रखी गई भूमि का भौतिक सत्यान कर चिन्हित कर आम जनता को बताया जावेगा या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भगोर, बाढ़ पीडि़तो को योजनाओं का लाभ
125. ( क्र. 5918 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भगोर में माह जुलाई अगस्त 2015 से बाढ़ से कितने व्यक्ति प्रभावित हुए थे एवं क्या-क्या नुकसान हुआ था? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भगोर में बाढ़ पीडि़तों में से कितने व्यक्तियों को मुआवजा राशि या अन्य योजनाओं का लाभ शासन द्वारा दिया गया हैं? (ग) कितने व्यक्तियों के मकान, झोपडि़यां बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए थे उनमें से कितने व्यक्तियों को इंदिरा आवास, मुख्यमंत्री आवास या होम स्टेट योजना के तहत आवास उपलब्ध कराए गए है? (घ) भगोर के बाढ़ पीडि़त जो आवासहीन हो गए हैं उन्हें आवास योजना का लाभ कब तक दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भगोर में जुलाई अगस्त 2015 के दौरान बाढ़ से 242 व्यक्ति प्रभावित हुये थे। जिनके आवासीय मकान एवं खाद्यान्न का नुकसान हुआ था। (ख) 242 प्रभावित व्यक्तियों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत राशि उपलब्ध कराई गई थी। अन्य योजनाओं के तहत कोई लाभ नहीं दिया गया। (ग) ग्राम भगोर में 2 व्यक्तियों के इंन्दिरा आवास एवं 9 व्यक्तियों के मुख्यमंत्री आवास हेतु प्रकरण बैंक को भेजे गये। किन्तु लक्ष्य पूर्ण होने से प्रकरण वापस किये गये। आगामी वर्ष में प्रभावितों को आवास योजना का लाभ दिया जायेगा। (घ) आवास योजना का लाभ समयावधि में पात्रतानुसार दिया जायेगा।
भू-राजस्व संहिता के प्रावधान
126. ( क्र. 5958 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाए निस्तार पत्रक में किन-किन अधिकारों एवं प्रयोजनों के लिए भूमि दर्ज किए जाने के प्रावधान हैं, धारा 237 (1) के तहत किन-किन प्रयोजनों के लिए भूमि को आरक्षित किए जाने के प्रावधान हैं? (ख) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों या धारा 237 (1) के तहत आरक्षित की गई भूमियों को निजी परियोजनाओं, निजी उद्योगों, निजी संगठन एवं संस्थाओं को आवंटित किए जाने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में दिया गया है, इस बाबत राज्य शासन की वर्तमान में क्या नीति प्रचलित है, प्रति सहित बतावें? (ग) 237 (1) के तहत आरक्षित की गई भूमियों को आवंटित किए जाने के पूर्व प्रयोजन बदले जाने का भू-राजस्व संहिता की किस-किस धारा में क्या प्रावधान है, बिना प्रयोजन बदले भूमि किन-किन उद्देश्यों के लिए आवंटित किए जाने का किस धारा में क्या प्रावधान दिया गया है? (घ) धारा 237 (1) में किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी 2011 को क्या आदेश दिया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत निस्तार पत्रक तैयार किया जाता है। जिसमें धारा 235 में विर्निदिष्ट विषय सन्निविष्ट होगे। धारा 235 में निर्वधन तथा शर्तों पर ग्राम में पशुओ के लिये लकडी, इमारती लकड़ी, र्इधन या अन्य वन उपज, मुरम, कंकड, रेत, मिट्टी, पत्थर या अन्य कोई गौण खनिज तथा पशुओं को चराने हेतु भूमि दर्ज किये जाने का प्रावधान है। धारा 237 (1) के अंतर्गत इमारती लकड़ी या र्इधन के लिये चारागाह, घास, बीड या चारे के लिये कब्रिस्तान तथा शमशान भूमि के लिये गौठान, शिविर भूमि, खलियान, बाजार, खाल निकालने के स्थान खाध के गडढो, पाठशालाओं, खेल के मैदानों, उद्यानों सडकों, गलियों, नालियों जैसे तथा उसी प्रकार के लोक प्रयोजनों के लिये तथा किन्हीं अन्य प्रयोजनों के लिये जो निस्तार के अधिकार के प्रयोग के लिये विहित किये जायें। (ख) एवं (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 237 की उपधारा (3) में कतिपय प्रयोजनों के साथ-साथ किसी जन उपयोगी परियोजना के लिये जो राज्य सरकार द्वारा अवधारित की जाए, भूमि व्यपवर्तित किये जाने का प्रावधान है। इस प्रावधान के अंतर्गत व्यपवर्तन अपरिहार्य होने पर उपधारा (3 के प्रावधान अनुसार समतुल्य क्षेत्र की भूमि अभिप्राप्त कर लेने पर भूमि व्यपवर्तित की जा सकती है। प्रावधान संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) मान. न्यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 1132/2011 जो कि विशेष अनुमति याचिका (सिविल) क्र. सी.सी. नम्बर 19869/2010 से उद्भूत हुई, में पारित आदेश दिनांक 28.01.2011 विभाग के पत्र दिनांक 04 मार्च, 2015 द्वारा समस्त जिला कलेक्टरों को पालन हेतु संसूचित किया गया है। पत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखकर चाही गई जानकारी
127. ( क्र. 5959 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्रमांक 2843 दिनांक 13 जनवरी 16 श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग, वल्लभ भवन भोपाल को किन-किन पत्रों, आदेश, निर्देश की प्रति उपलब्ध करवाए जाने का निवेदन किया उसमें से कौन-कौन सा पत्र आदेश, निर्देश, किस दिनांक को प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाया गया? कौन-कौन सा किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाया गया? (ख) पत्र की प्रति आयुक्त जबलपुर संभाग एवं नर्मदापुरम संभाग, कलेक्टर बैतूल एवं जबलपुर को किस दिनांक को प्राप्त हुई, पत्र में चाहे गए कौन-कौन से आदेश, निर्देश एवं पत्र बैतूल जबलपुर जिले में उपलब्ध है कौन-कौन से उपलब्ध नहीं? (ग) राजस्व अभिलेखों में दर्ज पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई मद की जमीनों को किस कानून, किस नियम, किस शासनादेश, किस न्यायालयीन आदेश के अनुसार नारंगी भूमि मानकर किन-किन कर्मचारियों के आदेश, निर्देश कलेक्टर बैतूल एवं जबलपुर को किस दिनांक को दिए गए हैं? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 13 जनवरी, 2016 में चाहे गये पत्र, आदेश, निर्देश की प्रति प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनपद पंचायत गंगेव एवं नईगढ़ी जवा, सिरमौर की जाँच
128. ( क्र. 5972 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या-74 (क्रमांक 1797) दिनांक 26/02/2015 बिंदु ‘क’ के उत्तर परिशिष्ट ‘ब’ में जनपद पंचायत नईगढ़ी व गंगेव के अंकित ग्राम पंचायतों में मनरेगा द्वारा स्वीकृति राशि द्वारा कराये गये कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त जनपदों में और कितनी ऐसी पंचायतें हैं जहाँ 50 लाख से ऊपर उक्त योजना से कार्य कराये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जनपद पंचायत गंगेव नईगढ़ी सिरमौर में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने रूपये का बजट आवंटन किया गया है? (घ) प्रश्नांश क के संदर्भ में उपरोक्त जनपद पंचायतों द्वारा ग्राम पंचायतों को प्रदान की गई राशि बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जनपद पंचायत नईगढ़ी की 02 ग्राम पंचायतों में कुल 65 में से 47 कार्य पूर्ण एवं 18 प्रगतिरत तथा जनपद पंचायत गंगेव की 03 ग्राम पंचायतों में कुल 190 में से 143 पूर्ण व 47 कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। (ख) जनपद पंचायत नईगढ़ी व गंगेव अंतर्गत किसी पंचायत में मनरेगा योजना अंतर्गत 1 वित्तीय वर्ष में 50 लाख से अधिक का कार्य नहीं कराया गया। (ग) जनपद पंचायतों को मनरेगा योजना अंतर्गत सीधे बजट का आवंटन नहीं किया जाकर कार्य की प्रगति के अनुसार मूल्यांकन के उपरांत मजदूरी व सामग्री का जनपद पंचायत स्तर से एफ.टी.ओ. जारी कर मजदूरों एवं वेण्डरो के बैंक खातों में अथवा पोस्ट ऑफिस खातों में सीधे भुगतान किया जाता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थापित बस स्टॉप तक बसों का पहुंचना
129. ( क्र. 5989 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल एवं शुजालपुर विकासखण्ड के किन-किन सड़क मार्गों पर बस संचालित करने हेतु परमिट जारी किये गये है? मार्गवार कौन-कौन सी बसों को परमिट दिये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क मार्गों में से शुजालपुर-आष्टा सड़क मार्ग पर तिलावद (मैना) गांव तक एवं कालापीपल-कुरावर सड़क मार्ग पर बेहरावल गांव तक के परमिट संचालित होने वाली बसों को जारी किये गये है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी बसों के? मार्गवार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सड़क मार्गों पर चलने वाली बसें ग्राम तिलावद (मैना) के बस स्टेण्ड तक तथा ग्राम बेहरावल के बस स्टेण्ड तक सभी बसे आ-जा रही हैं? यदि नहीं तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कालापीपल एवं शुजालपुर विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले बस मार्गों के लिये क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार उज्जैन से जिन-जिन सड़क मार्गों के लिये बस परमिट जारी किये गये है ऐसे 48 यात्री बस परमिटों की मार्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क मार्गों अंतर्गत मार्ग शुजालपुर-आष्टा अंतर्गत तिलावद (मैना) गाँव तक 11 यात्री बसों एवं मार्ग कालापीपल-कुरावर अंतर्गत बेहरावल गाँव तक 09 यात्री बसों के परमिट जारी किये गये है, ऐसे कुल 20 यात्री बस परमिटों की मार्गवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्राम तिलावद (मैना) एवं ग्राम बैहरावल होकर जिन यात्री बसों को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, उज्जैन से परमिट जारी किये गये है, ऐसे सभी यात्री बसें निर्धारित स्वीकृत मार्ग अनुसार संचालित की जा रही है। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अनु. जाति एवं अनु.ज.जा. के कृषकों को अनुदान पर धान का बीज विक्रय
130. ( क्र. 6001 ) श्री दिनेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में सिवनी जिलें में अन्नपूर्णा योजनांतर्गत धान का बीज अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के कृषकों के वितरण हेतु कितनी-कितनी मात्रा में विकासखंडवार भंडारण कराकर वितरण किया गया? विकासखंडवार कितनी मात्रा में नगद दिया गया तथा कितनी मात्रा में कृषकों अनुदान पर दिया गया विकासखंडवार कृषक संख्या दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त प्राप्त धान बीज को अनु.जाति एवं अनु.ज.जा. के कृषकों को नगद एवं अनुदान दोनों प्रकार से वितरण किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार धान बीज का वितरण ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी द्वारा किये जाने के बाद कितने प्रतिशत कृषकों का वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया? विकासखंडवार जानकारी दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। सिवनी जिले में धान बीज कृषकों को नगद में विभाग द्वारा वितरण नहीं किया गया। (ख) जी नहीं। अनुदान पर ही वितरण करने का प्रावधान है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अंजुमन इस्लामियां ट्रस्ट कटनी के विरूद्ध कार्यवाही
131. ( क्र. 6055 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत अंजुमन इस्लामियां ट्रस्ट कंपनी को कितनी भूमि नजूल विभाग द्वारा लीज पर किन शर्तों पर दी गई थी? क्या जिन शर्तों पर ट्रस्ट को जमीन दी गई थी उन शर्तों का उल्लंघन लगातार ट्रस्ट द्वारा किया जाकर 7 व्यवसायिक दुकानों का निर्माण कर किराए पर दी गई है? पुन: शेष 15 दुकानों का निर्माण किया जाकर 19.02.2016 तक किराए पर देने हेतु टेन्डर आमंत्रित किए है? (ख) क्या उक्त ट्रस्ट को दी गई जमीन पर नगर निगम कटनी एवं टाउनकन्ट्री प्लानिंग विभाग की वैधानिक स्वीकृत नक्शे के आधार पर निर्माण कराया गया है? यदि नहीं तो अवैध निर्माण को तोड़ा जायेगा? यदि स्वीकृत नक्शे/आदेश हो तो प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या तहसीलदार नजूल कटनी ने अध्यक्ष अंजुमन इस्लामियां ट्रस्ट को रा.प. क्रमांक 21/बी-121/2004-05 दर्ज कर पट्टा शर्तों का उल्लंघन कर अवैध निर्माण को हटाने कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में और कितनी शिकायतें विगत 5 वर्षों में की गई है और अब तक उन पर कार्यवाही न करने के लिए कौन दोषी है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कटनी जिले के नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत अंजुमन इस्लामिया ट्रस्ट कटनी को ग्राम मुडवारा की भूमि खसरा नं. 1105 का अशं रकबा 67082 वर्गफुट भूमि पूर्व में निःशुल्क शिक्षण संस्था हेतु पट्टे पर आवंटित की गई थी, जिसका न्यायालय कलेक्टर कटनी के रा.प्र.क्र-01/अ-20 (1) /2002-03 दिनांक 11.08.02 को 30 वर्ष के लिये 31.03.2017 तक प्रतिवर्ष भू-भाटक राशि रूपये 24,821/- आवासीय के मान से नवीनीकरण किया गया है। मौके पर स्कूल का संचालन हो रहा है। साथ ही ट्रस्ट के अध्यक्ष द्वारा 07 दुकाने भू-तल में निर्माण कर किराये पर दी गई है तथा दुकानों के उपर प्रथम तल में शैक्षणिक प्रयोजन हेतु स्कूल का संचालन किया जा रहा है तथा शेष 15 दुकाने निर्माणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग द्वारा कोई विकास अनुज्ञा जारी नहीं की गई है एवं नगर पालिका निगम कटनी द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा प्रदान नहीं की गयी है। अवैध निर्माण के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) न्यायालय तहसीलदार नजूल कटनी के रा.प्र.क्र. 21/बी-121/2004-2005 के अनुसार राजस्व निरीक्षक नजूल द्वारा पट्टों की शर्तों के उल्लंघन के संबंध में दुकान बनाकर व्यवसायिक उपयोग करने की शिकायत की गई थी जो न्यायालय में प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में न्यायालय तहसीलदार नजूल में विगत पाँच वर्षों में अवैध निर्माण के संबंध में तीन शिकायतें प्राप्त हुयी है, पृथक प्रकरण संधारित कर जाँच की जा रही है, जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पेयजल एवं सिंचाई साधनों की उपलब्धता
132. ( क्र. 6074 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत कुल कितनी कृषि भूमि है? इनमें से कितनी सिंचित व कितनी असिंचित हैं? म.प्र. में कुल कितनी कृषि भूमि असिंचित है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत पेयजल एवं सिंचाई हेतु कौन-कौन सी परियोजनायें संचालित हैं इनसे कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं? शेष ग्रामों के लिए विभाग की क्या कार्ययोजना है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत धन्देड़ा बांध की नहर में पाईप लाईन डाले जाने संबंधी कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं है तो क्या धन्देड़ा बांध की नहर का समुचित उपयोग हो रहा है? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला आगर मालवा में कुल कृषि भूमि 176618 है. है। इसमें से सिंचित भूमि का रकबा 97407 है. तथा असिंचित भूमि का रकबा 79211 है. है। म.प्र. में कुल असिंचित भूमि 5870216 हैक्टर है। (ख) पेयजल एवं सिंचाई हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं लाभांवित हो रहे ग्रामों की सूची का पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ है। (ग) जी हाँ। नगरीय क्षेत्र नलखेड़ा में पेयजल आपूर्ति हेतु धन्देड़ा बांध से पाईप लाईन डालकर पानी लाने की योजना नगर परिषद नलखेड़ा द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भूमि के संबंधित प्रकरणों पर कार्यवाही
133. ( क्र. 6098 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की नीति अनुसार भूमि के बंटवारे, नामांतरण, खाता अलग-अलग, भूमि के सीमांकन एवं अविवादित प्रकरणों के आवेदनों पर कितने दिनों में कार्यवाही पूर्ण किये जाने के नियम हैं? उक्त प्रकरणों में नियमों का पालन नहीं करने वाले संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) खरगोन जिले की कसरावद एवं भीकनगांव तहसील कार्यालयों में भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत भूमि के बंटवारे, नामांतरण, खाता अलग-अलग, भूमि के सीमांकन करने संबंधी कुल कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? लंबित के क्या कारण हैं, इन्हें कितनी समयावधि में कार्यवाही पूर्ण कर दी जायेगी? (ग) प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदनों की कार्यवाही में अविवादित कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं और क्यों? इन प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) (1) म.प्र.शासन राजस्व विभाग भोपाल के पत्र क्र. एफ/36/1997/सात-1 दिनांक 30.03.2010 द्वारा जारी पुनरीक्षित सिटीजन चार्टर अनुसार अविवादित नामांतरण के निराकरण हेतु 45 दिवस एवं विवादित नामांतरण के लिये 120 दिवस समय-सीमा निधारित की गई है। इसी प्रकार अविवादित बंटवारा (जहाँ सभी खातेदारों ने संयुक्त आवेदन दिया हो) हेतु 45 दिवस एवं विवादित बंटवारा (जहाँ सभी खातेदारों ने संयुक्त आवेदन नहीं दिया हो और सहखातेदारों को सूचित करना अपेक्षित है) के लिये 120 दिवस निर्धारित है तथा विवादित बंटवारा जहां स्वत्व का प्रश्न निहित हो, (यदि न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया है जो स्थगन अवधि को कम करते हुये) हेतु 210 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है। इसी प्रकार सीमांकन हेतु 30 दिवस निर्धारित है। (2) म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम 2010 के तहत अविवादित नामांतरण के लिये 30 कार्य दिवस, अविवादित बंटवारा के लिये 90 कार्य दिवस तथा सीमांकन हेतु 30 कार्य दिवस समय-सीमा निर्धारित है। (3) म.प्र. लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 7 में नियमों का पालन नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शास्ति अधिरोपित करने का प्रावधान है। (ख) खरगोन जिले की कसरावद एवं भीकनगांव तहसील में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत बंटवारे, नामांतरण व सीमांकन के लंबित प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है :-
तहसील का नाम |
बंटवारा |
नामांतरण |
सीमांकन |
कसरावद |
92 |
98 |
60 |
भीकनगांव |
102 |
130 |
22 |
कुल योग |
194 |
228 |
82 |
उपरोक्तानुसार लंबित सभी प्रकरण समय-सीमा के अन्दर के है, समयावधि में कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी। (ग) खरगोन जिले के तहसीन कसरावद में अविवादित नामांतरण के 65 प्रकरण लंबित है। जो समय-सीमा के है, तथा नियत समयावधि 30 दिवस में निराकरण कर लिया जावेगा। तहसील भीकनगांव में अविवादित लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है।
निर्माणाधीन शौचालय
134. ( क्र. 6099 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण हेतु 2012-13 से 2015-16 में समग्र स्वच्छता अभियान एवं मनरेगा योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि के किस-किस ग्राम पंचायतों में कितने हितग्राहियों के शौचालय स्वीकृत किये गये हैं? (ख) उक्त स्वीकृत शौचालयों में से कितने पूर्ण/अपूर्ण की स्थिति में है? कितने अप्रारंभ तथा कितने ग्राम पंचायतों के द्वारा बिना शौचालय निर्माण के ही राशि आहरण कर ली गई है एवं इनमें से कितने शौचालयों के निमार्ण में हुई अनियमितताओं की शिकायतें किस-किस प्रकार की किस-किस के द्वारा प्राप्त हुई है और उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त क्षेत्रांतर्गत जिन हितग्राहियों के शौचालय पूर्ण नहीं हुए उन्हें कब तक स्वीकृत किये जायेंगे एवं ऐसे कितने हितग्राही शौचालय विहीन हैं तथा इनके लिए कब तक शौचालय निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य करा दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा कसरावद क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक कुल 9147 शौचालय स्वीकृत किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिन हितग्राहियों के शौचालय पूर्ण नहीं हुये है उन्हें शीघ्र पूर्ण कराया जावेगा। बेसलाईन सर्वे के अनुसार 23897 हितग्राही शौचालय विहीन है। पात्रता अनुसार उन्हें अक्टूबर 2019 के पूर्व शौचालय स्वीकृत कराकर पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है।
प्रतिलिपिकरण फीस शा. मद 0029 के जमा करना
135. ( क्र. 6112 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग की सेवा क्रमांक 4.2 एवं 4.3 के प्रतिलिपियों के संबंध में चालू नक्शा या एक साला/पाँच साला खसरे के प्रत्येक सर्वेक्षण संख्याक के लिए भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 256 अंतर्गत न्यायालय फीस स्टाम्प का मूल्य प्रभारित की गई प्रतिलिपिकरण फीस की रकम के बराबर होगा? (ख) यदि हाँ, तो तहसील नरसिंहगढ़ जिला-राजगढ़ में दिनांक 01 फरवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि न्यायालय फीस स्टाम्प की तथा कितनी-कितनी प्रतिलिपिकरण फीस की राशि कब-कब उप कोषालयों में जमा की गई चालान, नम्बर, मदवार एवं दिनांक सहित जानकारी दें? (ग) यदि न्यायालय फीस स्टाम्प का मूल्य बराबर प्रतिलिपिकरण फीस की रकम उप कोषालय के मद 0029 में जमा नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या इनके विरूद्ध शासकीय राशि के गबन के अंतर्गत कार्यवाही की जाकर शासन के मद में राशि जमा कराई जावेगी? समय-सीमा बतावें? अगर कार्यवाही नहीं की जावेगी तो क्यों नहीं? कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. शासन राजस्व विभाग के पत्र क्र.एफ 5-2/2014/7-1 दिनांक 28.01.2014 की कंडिका क्र. 9 के अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 256 के नियम 56 के अंतर्गत एकसाला/पॉचसाला खसरे के प्रत्येक सर्वेक्षण संख्यांक के लिए या प्रत्येक खाता घृति जमाबंदी (बी-1/खतौनी) एवं नक्शा अधिकार अभिलेख खेवट के लिए 10/- दर से न्यायालयीन फीस लेबल के रूप में चिपकायी जाएगी एवं 10/- की दर से प्रतिलिपिकरण फीस देय होगी। तदनुसार ही कार्यवाही की जा रही है। (ख) तहसील नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिमाह उप कोषालय में जमा की गई राशि एवं चालान की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्न ''ख'' के उत्तर अनुसार किसी भी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
पंचायत विभाग में पदोन्नति
136. ( क्र. 6113 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के समसंख्यक परिपत्र दिनांक 24 अप्रैल, 2013 एवं परिपत्र क्र. सी, 3-2/2013/1/3 भोपाल दिनांक 03 जुलाई, 2014 के द्वारा शासन के सभी विभागों को वर्ष में दो बार विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या पंचायत विभाग को इससे मुक्त रखा गया है? समस्त आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) विभाग अंतर्गत पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पद-जिला पंचायत राज अधिकारी/प्राचार्य, सहायक संचालक का विवरण प्रवर्गवार दें? (ग) 01 जनवरी, 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक कंडिका (क) की जानकारी अनुसार कब-कब विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें कण्डिका (ख) के पदों की पूर्ति हेतु आयोजित की गई? (घ) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें कब तक कर ली जावेगी तथा जिला पंचायतों में जिला पंचायत राज अधिकारी की कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अंतर्गत कार्यवाही नहीं होने के कारण कितने पात्र खण्ड पंचायत अधिकारी को पदोन्नति के लाभ से वंचित होना पड़ा? कितने अधिकारी लाभ से वंचित होकर सेवानिवृत्त हो गये? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? क्या इनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग) प्रशासनिक कारणों से प्रश्नांश अवधि में पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित नहीं हो सकी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार। (ड.) प्रश्नांश ‘घ‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
137. ( क्र. 6164 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण वर्ष 2015-16 दिनांक 25.02.2015 के बिंदु क्रमांक 30 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्ष 2014-15 में 2 हजार 558 किलोमीटर सड़कों का निर्माण तथा 1 हजार 678 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण किया गया है? इस योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में 3 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण तथा 3 हजार 950 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण के लिये 2 हजार 530 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त (क) के प्रकाश में कितनी राशि वर्ष 2014-15 व 2015-16 में से मुरैना जिले को दी जाकर जिले की किन-किन विधानसभाओं को राशि दी जाकर निर्माण कार्य किये गये? (ग) प्रश्न (ख) के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना को प्राप्त राशि में से कहाँ-कहाँ सड़कों का निर्माण एवं नवीनीकरण कराया गया? लागत राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी एवं कार्य निर्माण की पूर्णावधि आदि सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्या (ग) में उल्लेखित सभी निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें व कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित नये निर्माण कार्य जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है माह फरवरी 2016 में स्वीकृत हुआ है, निविदा आमंत्रण में है अतः कार्य पूर्ण होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नवीनीकरण के कार्य पाँच वर्ष के लिये अनुबंधित होते है अतः यह कार्य अभी प्रगतिरत है। कार्य पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
138. ( क्र. 6165 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण वर्ष 2015-16 दिनांक 25/02/2015 के बिंदु क्रमांक 31 मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कुल 9 हजार 109 ग्रामों को जोड़ने हेतु 19 हजार 386 किलोमीटर की 7 हजार 575 सड़कों के निर्माण का लक्ष्य होना बताया है? (ख) सामान्य क्षेत्र में 500 तक आदिवासी क्षेत्र में 250 से कम आबादी के सभी राजस्व ग्रामों को सिंगल कनेक्टिविटी द्वारा पुल-पुलियों सहित बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिये दिसम्बर 2014 तक 6 हजार 412 सड़कें प्रारंभ की जाकर 5 हजार 491 सड़कें, 11 हजार 902 किलोमीटर लंबाई की निर्मित कर 5 हजार 924 ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ा गया हैं वर्ष 2015-16 में इस योजनांतर्गत प्रगतिरत 921 सड़कें जिनकी लंबाई 2 हजार 841 किलोमीटर है को पूर्ण करने का लक्ष्य है वर्ष 2015-16 में इस योजनांतर्गत 261 करोड़ रू. का प्रावधान प्रस्तावित है जो वर्ष 2014-15 के बजट प्रावधान से लगभग 28.57 प्रतिशत अधिक है, का उल्लेख है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त (क) (ख) के प्रकाश में कितनी राशि वर्ष 2015-16 में से मुरैना जिले को दी जाकर जिले की किन-किन विधानसभाओं को राशि आवंटित की? (घ) प्रश्न (ख) के संदर्भ में विधान सभा 07 दिमनी जिला मुरैना को प्राप्त राशि में से कहाँ-कहाँ सड़कों का निर्माण एवं नवीनीकरण कराया गया? की जानकारी लागत राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी एवं कार्य निर्माण की पूर्णावधि आदि सहित दी जावे? (ड.) क्या (ग) में उल्लेखित सभी निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण हो चुके है? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मुरैना जिले अंतर्गत वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों हेतु रू. 2.98 करोड़ की राशि कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मुरैना को कार्य हेतु प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई है। आवंटित राशि सम्पूर्ण जिले में विधानसभा क्षेत्रवार न दी जाकर, कार्यों की प्रगति एवं आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराई जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पंचायत सचिवों के वेतनमान
139. ( क्र. 6177 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की गई अध्यापक संवर्ग व ग्राम पंचायत सचिवों के स्वीकृत वेतनमान एक समान देने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला शिवपुरी के ग्राम पंचायत सचिवों को प्रश्नांश (क) के अनुसार समान वेतन दिया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें? (ग) मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में ग्राम पंचायत सचिव व शिक्षक संवर्ग को समान वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो जिला शिवपुरी के ग्राम पंचायत सचिवों को भी समान वेतन कब तक दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा के निर्माण कार्यों में अन्य अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा दखल
140. ( क्र. 6221 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा के निर्माण कार्यों के लिए ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी होने के बावजूद अन्य व्यक्तियों द्वारा कार्य कराया जा सकता है? (ख) यदि नहीं तो शहडोल जिले में जनपद पंचायत के अधिकारियों/कर्मचारियों से मिली भगत करके अन्य व्यक्तियों के द्वारा निर्माण कार्य क्यों कराया जाता है? (ग) अन्य व्यक्तियों के द्वारा निर्माण कार्य कराने पर कार्य न करने वालों का नाम मस्टर रोल में भरने के कारण वास्तविक मजदूरी जिला शहडोल में पूरे प्रदेश से कम दी जाती है इसके लिए दोषी कौन है? (घ) क्या भविष्य में सरकार इसकी जाँच कराकर दोषियों को दण्डित करने व भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कोई कदम उठाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार निर्धारित एजेंसी द्वारा ही कार्य कराया जाता है। अधिकारी/कर्मचारियों से मिलीभगत करके अन्य व्यक्तियों के द्वारा निर्माण कार्य करायें जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार मनरेगा योजना के प्रावधान के अनुरूप श्रमिकों द्वारा किये गये कार्य (टास्क) के मूल्यांकन के आधार पर मजदूरी का भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीज उत्पादन, ग्रेडिंग, वेयर हाउसिंग एवं गोडाउन
141. ( क्र. 6249 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि को लाभ का धंधा बनाने जाने हेतु कृषि क्षेत्र में बीज उत्पादन, ग्रेडिंग इकाई गोडाउन इत्यादि अनेक कार्य किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिले में केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से उपरोक्त कार्य किन-किन संस्थाओं के माध्यम से किये जा रहे है? (ग) उपरोक्त व्यवस्था के अनुसार रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्नांश दिनांक तक कितना बीज उत्पादन होकर कितना ग्रेडिंग किया गया? क्या मंडी शुल्क, राजस्व जमा किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में बीज उत्पादन, बीज संसाधन (ग्रेडिंग) इकाई, बीज पैकिंग आदि कार्य म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, विभागीय शासकीय कृषि प्रक्षेत्र तथा म.प्र. राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ संस्थाओं के माध्यम से किये जा रहे हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बीज उत्पादन कार्य हेतु मंडी शुल्क, राजस्व जमा करने का प्रावधान नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र के आंतरिक सड़क मार्ग
142. ( क्र. 6250 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के आंतरिक सड़क मार्गों को बनाया जाकर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग, मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री खेत सड़क योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इसी के साथ सुदुर ग्राम सड़क योजना के द्वारा भी प्रस्ताव तैयार होकर उक्ताशय के सड़क मार्ग बनाए जा रहे है? (घ) जावरा एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत कितने ऐसे ग्राम है, जो उल्लेखित योजनाओं के मापदण्डों के अनुरूप में नहीं होने से नियमानुसार नहीं बनाए जा सकते है? या नहीं बनाए जा सके? वे कब तक किन योजनाओं के माध्यम से बनाए जा सकेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, राज्य शासन मद से पंचपरमेश्वर योजनांतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के आंतरिक सड़क मार्गों को सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण कर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री खेत सड़क योजनाऐं क्रियान्वित की जा रही है। लोक निर्माण विभाग द्वारा भी ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से छूटे हुये ग्रामों के सड़क संपर्कता व कृषक समूह के सड़क संपर्कता प्रदान करने हेतु सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना अंतर्गत ग्रेवल सड़कों का निर्माण किया जाता है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में महात्मा गाँधी नरेगा के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से छूटे सभी ग्रामों को जोड़ने तथा दोहरी संपर्कता प्रदाय करने के लिये ग्राम सभा से प्रस्ताव होने पर एवं लेवर बजट का प्रावधान होने पर की जा सकती है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायत रोजगार सहायक परीक्षा
143. ( क्र. 6270 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत रीवा द्वारा रोजगार सहायकों की नियुक्ति के लिए 30/12/2015 को कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा आयोजित की गयी है? यदि हाँ, तो केन्द्र का नाम बताएं तथा परीक्षा प्रभारी कौन था उसका पद नाम सहित बताए तथा कितने उम्मीदवार परीक्षा में सम्मिलित हुए उनकी संख्या बताए तथा कितने परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए उनकी सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या परीक्षार्थियों द्वारा कम्प्यूटर में ही अपना उत्तर लिखा गया और उसका प्रिन्ट आउट परीक्षा प्रभारी द्वारा ही निकाला गया तथा परीक्षार्थियों को मांग के आधार पर भी प्रिन्ट आउट की प्रति नहीं दी जा रही है तो क्यों? कारण बताएं। (ग) रीवा जिला पंयायत द्वारा रोजगार सहायकों की कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा कब-कब आयोजित की गयी और कितने परीक्षार्थी सम्मिलित हुए तथा कितने उत्तीर्ण हुए? (घ) क्या रीवा जिले के अतिरिक्त भी अन्य जिलों में कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा आयोजित की गयी है? यदि नहीं तो रीवा में ही क्यों कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा करायी गई? कारण बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। परीक्षा का केन्द्र पेन्टियम पाईंट कॉलेज रीवा था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तर पुस्तिका सूचना के अधिकार के तहत दी जा रहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा जिला प्रशासन द्वारा आयोजित की गई थी, जो कि स्थानीय परिस्थितियों में कम्प्यूटर दक्षता के सत्यापन हेतु आवश्यक महसूस किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार।
कपिलधारा कूप निर्माण में अनियमितता
144. ( क्र. 6273 ) श्री दिनेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी विभाग सिवनी में कृषि विस्तार अधिकारी के नवीन सेटअप अनुसार कितने पद स्वीकृत हैं वर्ष 2009 से 2014-15 तक केन्द्रवार पदस्थ सर्वेयर एवं कृषि विकास अधिकारी के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किन-किन कृषि विकास अधिकारी केन्द्रों एवं विकासखण्डों में कपिलधारा कूपों का निर्माण कार्य करवाया गया है? (ग) क्या कपिलधारा कूपों में सर्वेयरों (तकनीकी अधिकारी) के माध्यम से कार्य न कराते हुये गैर तकनीकी अधिकारी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से कूप निर्माण कार्य कराया जाकर व्हाउचर्स तथा माप पुस्तिका में हस्ताक्षर करवाये गये, क्या यह नियमानुसार कार्य हैं नहीं तो दोषी कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही हो सकती है? (घ) क्या इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो जाँच में क्या पाया गया, क्या अपूर्ण कूप निर्माण तथा गुणवत्ताविहीन कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय द्वारा कृषि विकास अधिकारी केंद्रो एवं विकासखंडों में कपिलधारा कूपों का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार गारंटी के कार्य
145. ( क्र. 6274 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में वर्ष/ग्रामवार, पंचायतवार कितने-कितने कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये गये इन कार्यों को पूर्ण करने की अवधि व कार्य एजेन्सी कौन है? (ख) उक्त में से वर्तमान में किस-किस पंचायत में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं कितने कार्य अपूर्ण /अप्रारंभ हैं इसके क्या कारण हैं इन्हें पूर्ण/प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, इस हेतु संबंधित एजेंसियों को पत्र लिखे गये हो तो विवरण उपलब्ध करावें यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या संबंधित विभागीय अमले की प्रदेशव्यापी कलम बंद हड़ताल के कारण जिले में वर्तमान में भी सैकड़ो कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ पड़े हैं इस कारण न तो मजदूरी को रोजगार मिल पा रहा है और ना ही शासकीय राशि का सही उपयोग हो पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त सभी अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों की निर्धारित अवधि में पूर्ण न कराने के लिये उत्तरदायियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए सभी कार्यों को कब तक एक निश्चित समय-सीमा में पूर्ण कराने हेतु प्रभावी कदम उठायेगा, यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कार्यों की वर्षवार जनपदवार क्रियान्वयन एजेंसियों सहित स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ग्राम एवं ग्राम पंचायतवार विवरण नरेगा की वेबसाइट www.nrega.nic.in पर अवलोकनार्थ उपलब्ध है। कार्यों के पूर्ण करने की (वृक्षारोपण को छोडकर) सामान्यत: अवधि एक वर्ष रहती है। (ख) पूर्ण, अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों की जनपद पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कॉलम नं. 8 एवं 9 अनुसार है। कार्यों के अपूर्ण/अप्रारंभ रहने का प्रमुख कारण योजना के मांग आधारित होने तथा जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा पर्याप्त संख्या में काम की मांग नहीं की जाना है। कार्यों को पूर्ण/प्रारंभ करने हेतु विभाग द्वारा एजेंसी को प्रेषित पत्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। काम की मांग करने वाले जॉबकार्डधारी परिवारों को 15 दिवस की अवधि में रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। अत: मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पाने एवं शासकीय राशि के सही उपयोग नहीं किये जाने की स्थिति नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में तथा कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग पर निर्भर होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज रेंट का निर्धारण
146. ( क्र. 6318 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाउसिंग बोर्ड के मकान/कालोनियों हेतु लीज रेंट बढ़ाने, निर्धारित करने एवं यथावत रखने हेतु कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो भोपाल की किस-किस कॉलोनियों में लीज रेंट बढ़ाने, निर्धारित करने एवं यथावत रखने के कोई नियम है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पाश कॉलोनी जैसे अरेरा कॉलोनी, त्रिवेणी कॉम्पलेक्स, बेतवा अर्पाटमेंट ईदगाह, पंचशील नगर आदि ऐसी कॉलोनियां है जहां प्रारंभ से ही निर्धारित लीज रेंट की वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या स्लम एरिये, गरीब बस्ती, गैस राहत बस्ती जैसे नारियल खेड़ा, पश्चिम निशातपुरा, टीलाजमालपुरा, करोंद, ऐशबाग आदि ऐसी हा.बो. कॉलोनियां है जहां वर्ष 1983 से 2013 तक मात्र 50 रूपये प्रतिवर्ष लीजरेंट लिये जाते थे, लेकिन विभाग की मनमानी के चलते नियम विरूद्ध कार्यवाही कर उपभोक्ताओं से लगभग 70 से 120 प्रतिशत अधिक लीज रेंट की वसूली की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में गरीब बस्तीयों में लीज रेंट बार-बार बढ़ाये जा रहे हैं वही पाश कॉलोनियों में निर्धारित लीज रेंट की वसूली की जा रही है क्या यह विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों का मनमाना कृत्य नहीं है यदि नहीं तो पाश कॉलोनियों के रहवासियों से निर्धारित एवं गरीब बस्तीयों के रहवासियों से बढ़ाकर लीजरेंट की वसूली के क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) (ग) के परिप्रेक्ष्य में नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजकीय आजीविका मिशन योजना
147. ( क्र. 6336 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा राजगढ़ जिले में राजकीय आजीविका मिशन योजना (आर.एस.एल.एम.) प्रारंभ की गई है? यदि हाँ, तो इसके संचालन के पूर्ण नियम एवं दिशा निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) उक्त योजना में राजगढ़ जिले में कौन-कौन से पदों का सृजन किया गया है? उक्त पदों हेतु क्या-क्या शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव आवश्यक है? क्या राजगढ़ जिले में उक्त योग्य एवं अनुभवी अधिकारी/कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है? संविदा एवं प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी एवं आज दिनांक तक रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त योजना में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ को भी लिया गया है? यदि हाँ, तो योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इस योजनांतर्गत कितने ग्रामों में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। हिग्राहियों को चयन किये जाने का आधार क्या अपनाया है? (घ) क्या पूर्व में संचालित डीपीआईपी योजना जो कि अब बन्द हो गई के अधिकारी/कर्मचारियों को इस योजना में प्रतिनियुक्ति/संविदा पर लिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारियों को लिया गया है? क्या इसमें ऐसे कुछ पूर्व से कार्यरत अनुभवी अधिकारी/कर्मचारी है जिन्हें इस योजना में नहीं लिया गया है? यदि हाँ, तो उनको क्यों नहीं लिया गया है? क्या उन्हें भी उनके अनुभव को देखते हुये इस योजना में प्रतिनियुक्ति/संविदा पर रखा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) मिशन अंतर्गत राजगढ़ जिले में एक जिला परियोजना प्रबंधक, 06 जिला प्रबंधक/सहायक जिला प्रबंधक एवं प्रत्येक विकास खंड में 1+5 समूह प्रेरक के पद स्वीकृत किये गये हैं। जी हाँ शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है। जिला राजगढ़ में आज दिनांक तक रिक्त पदों की संख्या 06 है। (ग) जी हाँ। योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इस योजनान्तर्गत 52 ग्रामों में स्व-सहायता समूहों में 2264 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। मिशन का उद्देश्य सभी गरीब एवं अति गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाना है। बी.पी.एल. सूची के अलावा समुदाय के सहयोग से हितग्राहियों की पहचान की जाती है एवं अनुमोदन ग्राम सभा से प्राप्त करने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। जी हाँ इसमें ऐसे कुछ पूर्व से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अनुभवी अधिकारी/कर्मचारी थे, जिन्हें आवश्यकता न होने के कारण मिशन में नहीं लिया गया है, आवश्यकता होने पर ही प्रतिनियुक्ति पर किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की सेवायें ही ली जा सकेंगी। डी.पी.आई.पी. में सलाहकार के रूप में कार्यरत 47 व्यक्तियों को मिशन में तत्समय पद रिक्त न होने के कारण प्रतीक्षा सूची में रखा गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। पद उपलब्धता की स्थिति में तत्समय प्रावधान अनुरूप निर्णय लिया जा सकता है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पंच परमेश्वर योजना के तहत क्रय की गई सामग्री
148. ( क्र. 6376 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच परमेश्वर योजना के तहत 01 अप्रैल 2010 से 31 जुलाई 2015 तक कटनी जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, वर्षवार बताये एवं इस अवधि में योजना की राशि की कितने प्रतिशत राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की जा सकती थी? सामग्री क्रय करने के प्रस्ताव स्वीकृति एवं भुगतान की क्या प्रक्रिया निर्धारित थी? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि का व्यय कर, कितनी-कितनी सोलर लाईट, एल.ई.डी. लाईट एवं अन्य सामग्री क्रय की गई? सामग्रियों को क्रय करने का प्रस्ताव, स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही किन-किन के द्वारा की गई वर्षवार, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायतवार बतायें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर, एल.ई.डी. लाईट क्रय करने में नियमानुसार ग्राम सभा से प्रस्ताव, स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही की गई थी एवं क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया था? यदि हाँ, तो किस प्रकार यदि नहीं तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा इन अनियमितताओं पर कार्यवाही न करने के क्या कारण रहे? (घ) प्रश्नांश (ख) में लाईटों, सामग्रियों का भौतिक सत्यापन, गुणवत्ता का परीक्षण, कब-कब, किन-किन के द्वारा किया गया, क्या प्रतिवेदन दिये गये एवं लाईटों की वर्तमान स्थिति क्या है, कितनी लाईटें चालू एवं कितनी लाईटें बंद है एवं खराब होकर स्टोर में है, पंचायतवार बतायें? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) सक्षम स्वीकृति के बगैर, अनुपयोग सामग्रियों को क्रय नियमों का उल्लंघन कर क्रय करने का क्या संज्ञान लेते हुये, सक्षम प्राधिकारियों से जाँच कराये जाने के निर्देश प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर, एल.ई.डी. लाईट क्रय करने में नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं की जाँच समिती गठित कर की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स‘‘ अनुसार। (घ) जानकारी उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के अनुसार। (ड.) जानकारी उत्तरांश ‘‘ग‘‘ अनुसार। जाँच समिती की रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
आदिम जाति सहकारी संस्था थांदला में नगद आहरण
149. ( क्र. 6397 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले के अंतर्गत आदिम जाति सहकारी संस्था थांदला में 3 वर्षों में कितनी नगदी आहरण किया गया है? संस्था का तीन वर्षों में कितनी बार ऑडिट किया गया है? (ख) आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था थांदला का नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति लागत कितनी थी तथा खर्च कितना किया गया है? अतिशेष खर्च किस मद से किया गया है? (ग) जिले की सहकारी संस्थाऐं थांदला, खवासा, कल्याणपुरा, मेघनगर, बड़ी धामनी, पंचपिपलिया, मदरानी, आदि संस्थाओं में करोड़ों के ऋण नामे ऋणी नहीं है जिससे संस्थाओं का हिसाब नहीं मिल रहा है? यह राशि कहाँ गई और किसके द्वारा निकाली गई पूर्ण जानकारी मय सूची के वर्ष 2013 से आज तक की उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संस्था प्रबंधक द्वारा वर्ष 2012-13 से 26.02.2016 तक विभिन्न दिनांकों में कुल राशि रूपये 419.22 लाख का नगदी आहरण किया गया। संस्था का तीन वर्षों में तीन बार ऑडिट किया गया तथा अप्रैल 2011 से सितम्बर 2015 तक का विशेष ऑडिट जारी है। (ख) संस्था के संचालक मंडल से नवीन भवन मय गोदाम निर्माण की लागत रूपये 118 लाख स्वीकृत थी जिसके विरूद्ध राशि रूपये 106.75 लाख व्यय किया गया। संस्था द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक झाबुआ से रूपये 35 लाख का ऋण तथा एकीकृत सहकारी विकास परियोजना अंतर्गत गोदाम निर्माण हेतु राशि रूपये 4.75 लाख प्राप्त कर भवन एवं गोदाम निर्माण किया गया। उक्त निर्माण कार्य में व्यय की गई शेष राशि संस्था द्वारा कार्यशील पूंजी से व्यय की गई। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित संस्थाओं की जाँच संयुक्त आयुक्त सहकारिता, इंदौर संभाग द्वारा कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
कृषकों से 7% मण्डी टैक्स वसूली
150. ( क्र. 6403 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की कृषि उपज समितियों में किसानों की फसल पर कमीशन काटे जाने और फसलों को अलग-अलग नियमों के तहत नीलामी की विसंगतियों से किसान परेशान है, यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या वर्तमान प्रावधानों के अनुसार फल सब्जी के विक्रय मूल्य का 7 प्रतिशत कमीशन नियोक्ता व्यापारी से कमीशन ऐजेंट द्वारा लेने की व्यवस्था निर्धारित है? यदि हाँ, तो इन्दौर उज्जैन संभाग में कृषकों से 7 से 10 प्रतिशत टैक्स क्यों काटा जा रहा है? (ग) क्या फल सब्जी की नीलामी को लेकर उक्त संभाग की मंडियों में विभिन्नता है? किसी मंडी में मंडी समिति द्वारा नीलामी की जाती है तथा कहीं पर कमीशन ऐजेंट द्वारा, इन मंडियों में कहीं पर कमीशन ऐजेंट द्वारा बारदान के पैसे कृषकों से वसूले जा रहे है और कहीं पर व्यापारियों से ऐसी भिन्नता क्यों जानकारी देवें? (घ) क्या म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 को उपविधि सन् 2000 के प्रावधानों के तहत मंडी प्रांगण में फल सब्जी विपणन हेतु किसान/विक्रेता द्वारा लगाये जाने वाला बारदान व्यवस्था को समाप्त किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है, ताकि कृषकों पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार न पड़ें? यदि हाँ, तो फिर भी बारदान कृषकों से क्यों लगवायें जा रहे हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रदेश की फल-सब्जी हेतु अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रागंण में फल-सब्जी के विक्रय मूल्य का 02 प्रतिशत कमीशन दिनांक 01.03.2016 से प्रभावशील है। इंदौर एवं उज्जैन संभाग सहित प्रदेश की किसी भी मंडी में कृषकों से कोई टैक्स नहीं काटा जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संभाग की मंडियों में फल-सब्जी की नीलामी व्यवस्था उपविधि सन् 2000 के प्रावधान अनुसार कमीशन एजेंट द्वारा की जाती है। उज्जैन संभाग की अधिकांश फल-सब्जी मंडी प्रागंणों में नीलामी कमीशन एजेंट द्वारा कराई जाती है। उज्जैन संभाग में कृषकों से बारदाना शुल्क वसूल नहीं किया जाता है। इंदौर संभाग के अंतर्गत देवी अहिल्या बाई होल्कर, फल-सब्जी मंडी प्रांगण इंदौर में कृषक एवं व्यापारी के सहमति से कृषि उपज का बारदाना सहित सौदा एवं तौल होता है। इंदौर संभाग की अन्य मंडियों में बारदाना व्यापारी द्वारा लगाया जाता है। कृषकों से किसी भी प्रकार से बारदाना के पैसे नहीं वसूले जाते है। (घ) जी हाँ। केवल इंदौर संभाग की देवी अहिल्या बाई होल्कर,फल-सब्जी मंडी प्रागंण इंदौर में कृषक की सहमति से बारदाना सहित सौदा एवं तौल होता है।
जनपद पंचायतों को आवंटित राशि
151. ( क्र. 6414 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत और जनपद पंचायतों को आवंटित परफारमेंस ग्रांट की राशि से स्वीकृत किये जाने वाले कार्यों के लिए शासन ने कोई गाइड लाइन निर्धारित की है? यदि हाँ, तो पंचायत अधिनियम में अनुध्यात उपबन्धों, नियम निर्देश के तहत तय की गयी गाइड लाइन की जानकारी दें? (ख) क्या शासन द्वारा तय की गयी गाइड लाइन के अनुसार मध्यप्रदेश के सभी जिलों में परफारमेंस ग्रांट की राशि का व्यय किया गया है अथवा जिला पंचायतों के सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन अनुसार निर्माण कार्यों के लिए राशि का व्यय किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के प्रकाश में शासन द्वारा तय की गयी गाइड लाइन की अनिवार्यता है या प्राथमिकता है? यदि अनिवार्यता है तो प्रदेश के सभी जिलों में इसका कड़ाई से पालन क्यों नहीं कराया गया और यदि प्राथमिकता है तो छिंदवाड़ा जिले में सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन के अनुसार निर्माण कार्यों की राशि स्वीकृत क्यों नहीं की जा रही है? (घ) क्या शासन जिला पंचायत छिंदवाड़ा के सामान्य प्रशासन समिति द्वारा अनुमोदित निर्माण कार्यों के लिए परफारमेंस ग्रांट की राशि स्वीकृत कर निर्माण एजेंसी को उपलब्ध कराने का आदेश देगा यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’‘ अनुसार। (ख) परफारमेंस ग्रांट की राशि से कार्यों का अनुमोदन जिला/जनपद पंचायतों की सामान्य प्रशासन समितियों द्वारा किये जाने के निर्देश है। राज्य शासन द्वारा लोकहित में किसी विकास कार्य को प्राथमिकता पर लिये जाने हेतु जिला/जनपद पंचायतों की ओर प्रेषित किया जाता है। अंतिम निर्णय जिला/जनपद पंचायतों की सामान्य प्रशासन समिति द्वारा लिया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ के बिन्दु क्र. 1 अनुसार। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। छिन्दवाड़ा जिले में सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव के आधार पर नियमानुसार कार्य चयन कर निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत राशि स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया जायेगा।
बैठक छोड़कर जाने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
152. ( क्र.
6415 ) पं.
रमेश दुबे :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
पंचायतों के
सामान्य सभा
की बैठकों की गरिमा
के संबंध में
किन नियमों
में क्या
प्रावधान हैं
तथा पालन
कराने हेतु
किन नियमों
में कौन सक्षम
है? (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में बैठकों
में बोले गये
शब्द, बैठकों में
अनुपस्थित
रहने वाले
अपेक्षित अधिकारियों, बैठक
में पारित
होने वाले
प्रस्तावों, बैठक
समाप्त होने
के पूर्व बैठक
छोड़कर चले
जाने वाले अधिकारियों
के विरूद्ध
कार्यवाही
हेतु किन नियमों
में क्या
प्रावधान है? (ग)
क्या जिला
पंचायत छिन्दवाड़ा
की सामान्य
सभा की बैठक
दिनांक 30.12.2015 की
कार्यवाही के
दौरान बैठक
समाप्ति की
विधिवत घोषणा
के पूर्व ही
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत बैठक
छोड़कर चली
गयी जिस पर
सामान्य सभा
ने निन्दा
प्रस्ताव
पारित किया था? क्या
उक्त तथ्य
शासन के
संज्ञान में
है? (घ)
क्या शासन, जिला
पंचायत छिन्दवाड़ा
के सामान्य
सभा की बैठक
की कार्यवाही
के दौरान मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
द्वारा बैठक
छोड़कर चले
जाने को सदन
का अपमान या
अनुशासनहींनता
मानता है? यदि
नहीं तो क्यों
और यदि हाँ, तो क्या
शासन,
सदन का
अपमान करने
वाले मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी के
विरूद्ध जाँच
कर कार्यवाही
का आदेश देगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) से (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार। (ग) जिला
पंचायत
छिंदवाड़ा की
सामान्य सभा
की बैठक
दिनांक 30.12.2015 को
आयोजित थी
बैठक में
एजेंडानुसार
समस्त बिन्दुओं
एव अन्य विषय
के बिन्दुओं
पर समीक्षा/चर्चा
की गई। इसी
दिनांक को शाम
5
बजे से कमिशनर
जबलपुर संभाग
जबलपुर की
वीडियो
कांफ्रेसिंग
आयोजित थी
जिसमें मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत जो
कलेक्टर
छिंदवाड़ा के
प्रभार में भी
थी। उक्त
वीडियो
कांफ्रेन्स
में मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत को
उपस्थित होना
अनिवार्य था।
चूंकि
सामान्य सभा
की बैठक के
समस्त
बिन्दुओं पर
चर्चा हो चुकी
थी, इसलिए
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत
द्वारा
अध्यक्ष, जिला
पंचायत को
अवगत कराकर
वीडियो
कांफ्रेसिंग
हेतु चली गई।
बैठक में किसी
भी तरह निन्दा
प्रस्ताव
पारित नहीं
हुआ है। (घ) जी
नहीं।
उत्तरांश ‘‘ग‘‘ के
परिपेक्ष्य
में प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
पूर्ण कालिक/अंशकालीन चौकीदार के स्वीकृत पद
153. ( क्र. 6420 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग में पूर्णकालिक/अंशकालीन चौकीदार के पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या विभाग की उक्त पदों पर कार्यरत चौकीदारों (दे.वे.भो.) को भविष्य में नियमित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें? (ग) क्या विभाग में कार्यरत पूर्णकालिक/अंशकालिक चौकीदारों का वेतन/मानदेय/परिश्रम अलग-अलग है? यदि हाँ, तो पृथक होने का कारण बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के निर्देशानुसार रिक्त पद होने पर नियमानुसार पद पूर्ति की कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। पूर्ण कालिक की सेवाएं आठ घंटे एवं अंशकालिक की सेवाएं चार घंटे की है। इस कारण पूर्णकालिक एवं अंशकालिक चौकीदारों का पारिश्रमिक अलग अलग है।
अकारण कर्मचारी का वेतन रोकना
154. ( क्र. 6421 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 60 (क्र. 1313) दिनांक 14.12.15 के प्रश्नांश (क) के तहत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी बैंक जिला रायसेन ने संबंधित पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ग) के तहत यदि संबंधित संस्था के प्रबंधक का स्थानांतरण हो गया था और शाखा प्रबंधक ने भार मुक्त कर दिया था तो शाखा प्रबंधक ने पत्र क्रमांक 20/127/2015-16 दिनांक 26.10.15 व पत्र क्रमांक 2015-16/146 दिनांक 24.11.15 के माध्यम से उक्त प्रबंधक की उपस्थिति वेतन बनाने हेतु प्रधान कार्यालय रायसेन क्यों भेजी? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्रधान कार्यालय रायसेन ने किस कारण से किस दिनांक से उक्त कर्मचारी को वेतन नहीं दिया है? कारण बताएं? नियम बताएं? क्या अब दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण बताएं? नियम बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन द्वारा संबंधित पत्र के संदर्भ में वस्तु स्थिति से दिनांक 24.06.2015 को आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं को अवगत कराया गया है। (ख) तत्कालीन शाखा प्रबंधक, श्री पी.डी. भार्गव एवं प्रभारी शाखा प्रबंधक, श्री मोहन सिंह रघु द्वारा त्रुटिपूर्ण उपस्थिति प्रतिवेदन भेजा गया था। (ग) श्री बंशीलाल रघु द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन के स्थानान्तरण आदेश दिनांक 20.02.2015 तथा शाखा खरगोन के भारमुक्ति आदेश दिनांक 20.02.2015 का पालन नहीं करने के कारण दिनांक 20.02.2015 से कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों के अंतर्गत वेतन भुगतान नहीं किया गया है। श्री रघु के नवीन स्थल पर उपस्थित होने तथा अनाधिकृत अनुपस्थिति का निराकरण होने के उपरांत नियमानुसार वेतन भुगतान किया जायेगा।
परिवहन विभाग में लोक सेवा गारन्टी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदन
155. ( क्र. 6422 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में नवीन लायसेंस, नवीन वाहनों के फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, एन.ओ.सी. प्रदान करना आदि कार्यों हेतु लोक सेवा गारन्टी अधिनियम लागू है? (ख) यदि हाँ, तो अलीराजपुर जिले में विगत 03 वर्षों में उक्त अधिनियम के अंतर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? (ग) प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया, एवं कितने लम्बित हैं? (घ) यदि आवेदन लम्बित हैं तो क्या कारण है? लम्बित आवेदनों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एन.ओ.सी जारी करने को छोड़कर प्रश्नांश में वर्णित शेष सेवाओं समेत परिवहन विभाग की कुल 11 सेवाएं लोक सेवा गांरटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित है। (ख) जिला परिवहन कार्यालय अलीराजपुर में विगत 03 वर्षों में लर्निंग लायसेंस के कुल 6331 एवं फिटनेस के 568 आवेदन प्राप्त हुए। (ग) एवं (घ) लोक सेवा गांरटी अधिनियम के तहत अलीराजपुर जिले में लर्निंग लायसेंस के कुल 6331 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 6282 आवेदनों में लायसेंस जारी किये गये, शेष 49 आवेदनों को लर्निग लायसेंस टेस्ट में फेल होने के कारण अमान्य कर दिया गया। वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र के कुल 568 आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया, कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बीज प्रमाणीकरण एवं सर्टिफिकेशन
156. ( क्र. 6430 ) श्री राजकुमार मेव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा एवं किसानों से फसल बीज तैयार किये जाने की क्या प्रक्रिया एवं नियम है? बीज उत्कृष्ट श्रेणी का है, ऐसा प्रमाणीकरण, सर्टिफिकेशन किये जाने के क्या प्रावधान है एवं किसके द्वारा किया जाता है? (ख) खरगोन जिले में कहाँ-कहाँ एवं कौन-कौन, कब से सर्टिफिकेशन आफिसर पदस्थ है? (ग) क्या खरगोन जिले में बीज निगम विभाग द्वारा अथवा बाजार से सर्टिफाईड बीज किसानों द्वारा बोया गया? उक्त बीज की गुणवत्ता ठीक नहीं है? सोयाबीन एवं गेहूं के बीज अंकुरित नहीं हुए अथवा फसल पर फल नहीं लगा? ऐसी कितनी शिकायतें कहाँ से एवं कितने किसानों द्वारा विगत दो वर्षों में कब-कब की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभाग द्वारा तद्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? क्या किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया गया? यदि नहीं तो क्यो नहीं? कारण बतावें एवं भविष्य में क्या प्रक्रिया अपनाई जावेगी एवं भविष्य में क्या नीति निर्धारण की जावेगी ताकि किसानों को अच्छी एवं सही गुणवत्ता का प्रमाणित बीज प्राप्त हो सकेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बीज उत्पादन का कार्य, बीज उत्पादक संस्थाओं के द्वारा पंजीकृत कृषकों के माध्यम से बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया जाता है एवं म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के द्वारा भारतीय न्यूनतम बीज मानकों में निर्धारित प्रावधान तथा संस्था की निर्धारित कार्यप्रणाली के तहत प्रमाणीकरण का कार्य किया जाता है। (ख) खरगोन जिले में म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के कुल 07 सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी पदस्थ है। जिनकी पदस्थापना से संबंधित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2/3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही एवं जिला उपभोक्ता फोरम मण्डलेश्वर, जिला-खरगोन द्वारा लिये जाने वाले निर्णय के संदर्भ में विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2/3 अनुसार है।
शासकीय प्रा.वि. एवं मा.वि. में मध्यान्ह भोजन संचालन
157. ( क्र. 6438 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कितनी शासकीय/अशासकीय प्रा.वि., कितनी मा.वि. में किसके द्वारा मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जा रहा है? एक समूह से कितनी संस्थाएं अथवा बच्चों का मध्यान्ह भोजन तैयार कराया जा रहा है? नियम क्या हैं? (ख) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में किस-किस प्रा.वि., मा.वि., शासकीय/अशासकीय संस्थाओं में मध्यान्ह भोजन का संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है? समूह का नाम, अध्यक्ष का नाम, शाला का नाम, बच्चों की संख्या, पालक शिक्षक संघ का नाम बतावें? (ग) प्रश्न (ख) के संदर्भ में किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब, किस-किस संस्था का निरीक्षण कर मध्यान्ह भोजन का संचालन का सत्यापन किया गया, एवं सत्यापन में नियमानुसार सही पाया एवं कहाँ अनियमितता पाई गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले में 3381 प्राथमिक विद्यालयों एवं 145 माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का संचालन स्व सहायता समूह एवं एस.एम.सी. द्वारा किया जा रहा है। एक समूह से नियमानुसार सामान्यतः एक से दो संस्थाओं एवं 200 बच्चों का मध्यान्ह भोजन तैयार कराया जाता है। नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र की कुल 320 प्राथमिक शालाओं एवं 129 माध्यमिक शालाओं में 295 समूहों एवं 53 शाला प्रबंधन समितियों द्वारा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। संबंधित समूहों एवं शालावार जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विभिन्न शालाओं में मध्यान्ह भोजन के किये गये निरीक्षण एवं तदानुसार पायी गयी स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स’’ अनुसार है।
प्राथमिक सेवा सह. समितियों द्वारा वितरित ऋण की जाँच
158. ( क्र. 6456 ) श्री तरूण भनोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सह. केन्द्रीय बैंक मर्या. जबलपुर अन्तर्गत जबलपुर जिले की कितनी एवं कौन-कौन सी शाखाओं की प्राथ. सेवा सह. समितियों द्वारा विगत तीन वर्षों में वर्षवार कितना-कितना ऋण वितरण कितने सदस्यों कृषकों को किया गया है? उक्त ऋण में से कितना ऋण समिति वार वापस चुकाया गया है? कितना शेष है? (ख) जि. सह. बैंक की उपरोक्त प्रा. सेवा सह. समितियों में से प्रा. सेवा सह. समिति तेवर, गढ़ा, गंगासागर एवं चरगंवा क्षेत्र की समितियों द्वारा फर्जी ऋण पुस्तिकाओं द्वारा, फर्जी दस्तावेजों द्वारा, फर्जी किसानों को फर्जी ऋण वितरण की शिकायत बैंक प्रबंधन को कब प्राप्त हुयी? उपरोक्त शिकायत पर बैंक प्रबंधन अब तक क्या कार्यवाही की गयी? क्या वर्ष 2015 में की गयी जाँच में उपरोक्त समितियों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी ऋण वितरण किया जाना पाया गया था? क्या शासन जबलपुर जिले में विगत 3 वर्षों में समितियों द्वारा किये गये घोटाले की जाँच कराकर दोषी बैंक प्रबंधन/अधि. पर कार्यवाही करेगा? तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गढ़ा एवं गंगासागर ग्राम, प्राथमिक सेवा सहकारी समिति तेवर के कार्यक्षेत्र के ग्राम है। प्राथमिक सेवा सहकारी समिति तेवर के संबध में दिनांक 26.11.2014 को शिकायत प्राप्त हुई, जिसकी जाँच उपरांत दोषी कर्मचारी श्री सुभाष पचोरी, शाखा प्रबंधक तथा श्री हरिशंकर दुबे, समिति प्रबंधक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया एवं थाना भेड़ाघाट में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। शाखा चरगवां के संबंध में दिनांक 09.07.2011 को प्राप्त शिकायत की जाँच में शाखा चरगवां की समिति बिजौरी के 10 सदस्यों को फर्जी ऋण वितरण पाये जाने पर शाखा प्रबंधक श्री अजय तिवारी एवं समिति प्रबंधक श्री रामसिंह मार्को को निलंबित किया गया। जाँच उपरांत शाखा प्रबंधक को अनुभवहीनता का दोषी मानते हुये चारित्रिक चेतावनी तथा समिति प्रबंधक श्री रामसिंह मार्को को तीन वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने का दंड दिया गया है एवं थाना चरगवां में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जी हाँ वर्ष 2015 में सहकारिता विस्तार अधिकारी द्वारा की गई जाँच में तेवर समिति में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण वितरण किया जाना पाया गया था। शिकायत प्राप्त होने, निरीक्षण/ऑडिट में अनियमितता उजागर होने पर संबंधित समितियों की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बलराम तालाब
159. ( क्र. 6463 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में दि. 01.01.10 से 31.12.2011 तक कितने बलराम तालाब स्वीकृत किए? हितग्राही की संख्या एवं आवंटित राशि सहित बतावें? (ख) कितने कार्य पूर्ण है कितने अपूर्ण है? अपूर्ण कार्यों में कितनी राशि आहरित कर ली गई कितनी शेष है? (ग) परि.अता. प्रश्न संख्या-13 (क्र. 263) दि. 07.12.2015 में जो 23 बलराम तालाब अपूर्ण हैं उनको किन-किन को कब-कब राशि आवंटित की गई? हितग्राही नाम, अनुदान राशि आवंटन दिनांक सहित बतावें? (घ) इसी प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि आहरित राशि में कोई शेष नहीं है तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) आहरित राशि में से शेष राशि रू0 11.90 लाख चालान के माध्यम से राजस्व खाते की मद संख्या 13-0401 में दिनांक 13.01.2015 को जमा कर दी गई है। अब कोई राशि शेष नहीं है। राशि आहरण के संबंध में सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी महिदपुर से कारण बताओं सूचना पत्र का उत्तर प्राप्त हुआ है, परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
हितग्राही मूलक योजनाओं में अनुदान
160. ( क्र. 6471 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में हितग्राहीमूलक योजनाओं में दि. 01.01.14 से 31.12.15 तक कितना अनुदान कितने हितग्राहियों को दिया गया है? (ख) (क) अवधि अनुसार डीजल पंप एवं विद्युत चलित यंत्रों की जानकारी भी देवें? (ग) इसके लिए कितने आवेदन आये कितने स्वीकृत / अस्वीकृत किये? कितने हितग्राहियों को अनुदान शेष है यह कब तक दे दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत
161. ( क्र. 6482 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में पंचपरमेश्वर एवं बी.आर.जी.एफ. योजना से निर्मित सीसी रोड (आंतरिक मार्ग) क्या क्षतिग्रस्त हैं? यदि हाँ, तो इनमें मरम्मत का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो किन योजनांतर्गत इन सड़कों की मरम्मत कराई जा सकती है? (ग) यदि नहीं तो क्या सरकार इन सड़कों की मरम्मत हेतु पंचायतों/निर्माण एजेंसियों को राशि उपलब्ध कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष में शासन से प्राप्त राशि की 20 प्रतिशत राशि परिसम्पत्तियों के रख रखाव पर व्यय करने का प्रावधान है। बी.आर.जी.एफ. योजना में प्रावधान नहीं है एवं योजना भारत शासन स्तर से डिलिंक होने की वजह से बंद हो चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष में शासन से प्राप्त राशि की 20 प्रतिशत राशि परिसम्पत्तियों के रखरखाव पर व्यय की जा सकती है। (ग) जानकारी उत्तरांश ‘ख’ अनुसार।
गबन व धोखाधड़ी के संबंध में कार्यवाही हेतु
162. ( क्र. 6490 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग, म.प्र. शासन के द्वारा सहकारी संस्थाओं के गबन, धोखाधड़ी के प्रकरणों की समीक्षा हेतु दण्डात्मक एवं आपराधिक कार्यवाही हेतु होशंगाबाद जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है? (ख) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद के गबन धोखाधड़ी के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय की युगलपीठ के द्वारा रिट क्र. 982/2013 में पारित आदेश के परिपालन में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा प्रकरण क्र. 4-बी/121/13-14 में दि. 02.07.2014 को कोई आदेश पारित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो दोषी कर्मचारी द्वारा माननीय न्यायालय कमिश्नर नर्मदापुरम् संभाग में भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत अपील स्वीकार कर, संबंधित संस्था को बिना कोई सुनवाई का अवसर दिये एकपक्षीय आदेश जारी कर उक्त आदेश को निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह सही है एवं किस नियम के अंतर्गत है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि माननीय न्यायालय कमिश्नर, नर्मदापुरम् संभाग द्वारा आदेश दि. 09.12.2014 पारित किया गया है? इस आदेश के आधार पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा दोषी शाखा प्रबंधक को निलंबन से बहाल किया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमों के अंतर्गत किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में वर्णित बैंक के दोषी कर्मचारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर बैंक को प्राप्त विभागीय जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अंतिम निराकरण कर सेवा से पृथक के दण्ड से दण्डित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा दिनांक 09.12.1994 को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सहकारी संस्थाओं में गबन एवं धोखाधड़ी संबंधी आपराधिक मामलों की जाँच त्वरित गति से हो सके और पुलिस विभाग में लंबित प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही हो सके, इस उद्देश्य से जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। माननीय न्यायालय, आयुक्त नर्मदापुरम् संभाग, होशंगाबाद द्वारा जारी आदेश दिनांक 09.12.2014 अधिकारिता एवं क्षेत्राधिकार न होने से नियमानुसार सही नहीं है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) प्रश्नांश ‘ख’ में वर्णित दोषी प्रभारी शाखा प्रबंधक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने तथा विभागीय जाँच के आधार पर सेवा नियम अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बैंक स्तर से दोषी प्रभारी शाखा प्रबंधक श्री सिटोके की विभागीय जाँच करायी गई। जाँच प्रतिवेदन में श्री सिटोके को दोषी माना गया है। विभागीय जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रस्तावित दण्ड पर निर्णय हेतु बैंक की स्टाफ उप समिति की बैठक दिनांक 09.02.2016 में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था, जिसमें श्री सिटोके की व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान श्री सिटोके द्वारा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, म.प्र. को विभागीय जाँच के संबंध में की गई शिकायत के आधार पर आयुक्त सहकारिता के निर्देशानुसार उप आयुक्त सहकारिता, जिला होशंगाबाद द्वारा किया गया जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। विभागीय जाँच प्रतिवेदन तथा उक्त जाँच प्रतिवेदन में विरोधाभास की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टाफ उप समिति द्वारा दोनो जाँच प्रतिवेदनों का परीक्षण कर प्रकरण आगामी बैठक में रखने हेतु निर्णय पारित किया गया। उक्त निर्णय के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डाटा एंट्री ऑपरेटर की पदस्थी
163. ( क्र. 6491 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में मुख्यमंत्री आवास मिशन योजना में कहाँ-कहाँ के विकासखंडों में डाटा एंट्री आपरेटर (संविदा) पदस्थ हैं इनके नाम, विकासखण्ड वार बतावें? (ख) क्या उक्त योजना के आपरेटर विकासखंड योजना में कार्य न कर अन्यत्र अटैच हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम व जहां अटैच हैं? सहित जानकारी देवें? (ग) क्या इस प्रकार योजना के कार्य के अलावा अन्यत्र स्थान पर पदस्थ करने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें? (घ) यदि नहीं तो इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? जिन्होंने इन्हें अन्यत्र पदस्थ कर दिया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला रायसेन में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में पदस्थ संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर, सह कार्यालय सहायक, सह पीडीए ऑपरेटरों के नाम की जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उक्त योजनांतर्गत जनपद पंचायत उदयपुरा में श्री प्रमोद कुमार लोधी, डाटा एंट्री ऑपरेटर सह कार्यालय सहायक, सह पीडीए ऑपरेटर के पद पर पदस्थ है। श्री लोधी मान. विधायक श्री रामकिशन पटेल के कार्यालय में संलग्न है। (ग) जी हाँ। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
अतिक्रमण पर समय-सीमा में सक्षम कार्यवाही
164. ( क्र. 6498 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिला मुख्यालय स्थित नगरपालिका अनूपपुर, पटवारी हल्का-अनूपपुर में खसरा नं. 1082 एवं अन्य नं. भूमि पर हर्री-बर्री हल्का में पदस्थ पटवारी ने अपनी शिक्षिका पत्नी तथा एक अन्य पुलिस आरक्षक ने अपनी पत्नी के नाम पर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें? (ख) क्या न्यायालय कलेक्टर ने प्रकरण क्र. 06/स्वमेव/निगरानी/10-11 म.प्र. शासन में कोई आदेश पारित किया है? यदि हाँ, अपर न्यायालय में अपील होने तथा उसके निर्णय पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या अनूपपुर कलेक्टर ने म.प्र. राज्य अनु. जनजाति आयोग भोपाल म.प्र. को पत्र क्र. 1018/शिका/आयोग/11 दिनांक 03 एवं 04.03.2011 से भूमि विवाद पर जाँच कराकर प्रतिवेदन भेजा है? यदि हाँ, तो शासन की भूमि से कब तक अवैध कब्जा हटाया जाएगा? (घ) क्या शासकीय कर्मचारी व उसके परिजन ने शासन की लाखों रूपये की भूमि पर बलपूर्वक कब्जा कर कानून व्यवस्था व प्रशासन को असहाय बना दिया है? यदि नहीं तो समस्त जाँच प्रतिवेदन व राजस्व न्यायालय के निर्णय पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्न दिनांक तक हर्री बर्री में पदस्थ पटवारी की पत्नी श्रीमती बेलावती द्वारा किये गये शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा से मुक्त करा दिया गया है, अन्य पुलिस आरक्षक श्री शिवराम सिंह मार्को की पत्नी श्रीमती बिन्दा मार्को के द्वारा आराजी ख.नं. 1082/1 रकवा 0.081 हे. के अंशभाग 40 x 22 = 880 वर्गफिट पर आंगन एवं सेफ्टीटैंक बनाकर अवैध कब्जा किया गया है, जिसका प्रकरण तहसील न्यायालय में 09/अ-68/2015-16 दर्ज कर लिया गया है। (ख) न्यायालय तहसीलदार तहसील अनूपपुर के रा.प्र.क्र. 10/68/14-15 दिनांक 01.01.2016 में पारित आदेश शासकीय भूमि ग्राम अनूपपुर ख.नं. 1082/1 रकवा 0.081 हे. के अंशभाग 4800 वर्गफिट पर अनावेदक श्रीमती बेलावती पति श्री रमेश को प्रश्नाधीन भूमि से बेदखल किया जाकर अतिक्रामक को अर्थदण्ड राशि 1500/- रूपये अधिरोपित किया जाकर शासकीय भूमि को अवैध कब्जा से मुक्त करा दिया गया है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार तहसीलदार अनूपपुर के न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है। (घ) जी नहीं। जानकारी प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार। उक्त न्यायालय के निर्णय पश्चात् निर्णयानुसार यथाशीघ्र कार्यवाही की जावेगी।
मनरेगा के कार्यों के भुगतान
165. ( क्र.
6508 ) कुँवर
सौरभ सिंह :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र. को
मनरेगा में
कितनी राशि
वर्ष 2015-16
में बजट में
केन्द्र
सरकार ने स्वीकृत
की थी?
कितनी राशि
प्राप्त हुई
कितनी शेष है? (ख)
क्या कटनी
जिले के
बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्ष 2015-16
में चल रहे
कार्यों की
मजदूरी का
भुगतान रूका
हुआ है? यदि हाँ, तो
किस ग्राम के
कौन-कौन से
कार्यों का
एवं कितने
मजदूरों को
मजदूरी का भुगतान
शेष है तथा
लंबित भुगतान
कब तक करा
दिया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
मध्यप्रदेश
को मनरेगा में
वर्ष 2015-16
में केन्द्र
सरकार ने
अनुमोदित
लेबर बजट अनुसार
राशि रू. 4960 करोड़
स्वीकृत की
थी। राशि रू. 2245
करोड़
प्राप्त हुई
है, राशि
रू. 2715
करोड़ शेष है।
(ख) जी हाँ, जिले
के बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र की
ग्राम
पंचायतों में
मनरेगा
अन्तर्गत
वर्ष 2015-16
में चल रहे
कार्यों का
मजदूरी
भुगतान लंबित
है, जिसकी
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। मनरेगा
अन्तर्गत
प्रदेश के
नोडल बैंक खाते
में राशि
उपलब्ध होते
ही भुगतान करा
दिया जावेगा।
राजगढ़ जिले में रिक्त नायब तहसीलदारों के पदों की पूर्ति
166. ( क्र. 6530 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की किन-किन तहसीलों एवं टप्पों में नायब तहसीलदार के पद रिक्त हैं तहसील एवं टप्पावार रिक्त पदों की संख्या बतावें? (ख) शासन स्तर पर रिक्त नायब तहसीलदारों के पदों की पूर्ति कब तक संभावित है? (ग) राजगढ़ जिले की तहसील खिलचीपुर, जीरापुर एवं टप्पा माचलपुर, छापीहेड़ा में नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले में नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र.
तहसील का नाम रिक्त
पद
1 राजगढ़
01
2 ब्यावरा
03
3 नरसिंहगढ़
02
4 सारंगपुर
03
5 पचोर
02
6 खिलचीपुर
02
7 जीरापुर
01
योग
14
(ख) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) उतरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार।
न्यायालय के आदेश का पालन
167. ( क्र.
6550 ) श्री
मानवेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्राथमिक उप.
सहकारी भंडार
मर्या., बड़ामलहरा
(छतरपुर) के
संबंध में न्यायालय
संयुक्त
पंजीयक, सहकारी
संस्थाएं, सागर
संभाग, सागर
द्वारा
प्र.क्र. 76-02/09 में
दिए गए निर्णय
दिनांक 24.08.2009 से
उप-पंजीयक, सह.
संस्थाएं, छतरपुर
का आदेश दि. 17.12.2008
निरस्त किया
गया था? (ख)
क्या उक्त
निर्णय का समय
पर पालन न
होने पर अता.
प्रश्न संख्या
83 (क्र.
2632) दिनांक
19.07.2012
के द्वारा ध्यान
आकर्षित करने
पर उक्त आदेश
का अक्षरश:
पालन करा दिया
गया है? (ग)
क्या उक्त
न्यायालय के
आदेश के
क्रियान्वयन
में विलम्ब
करने वाले
कौन-कौन
अधि./कर्म.
दोषी हैं, दोषियों
के नाम/पदनाम
उल्लेखित कर
प्रश्न
दिनांक तक
विलम्बित
करने वाले
कर्मियों को दण्डित
किया जा चुका
हो, तो
प्रसारित
आदेश की प्रति
अवलोकनार्थ
पटल पर रखें? यदि
नहीं तो उक्त
कर्मियों के
संरक्षण में
लगे अधि./कर्म.
के नाम/पदनाम
लेख कर बताएं? (घ)
क्या शासन
विलम्ब करने
वाले दोषी
कर्मियों एवं
उक्त दोषी
कर्मियों को
संरक्षण देने
वाले कर्मियों
के विरूद्ध
कठोरतम
कार्यवाही
करेगा, हाँ तो अवधि
नियत करें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) एवं (ख) जी
हाँ। (ग)
न्यायालयीन
आदेश के
क्रियान्वयन
में विलम्ब
करने वाले
दोषी
कर्मचारी
श्री गुलाब
सिंह,
तत्कालीन
सहायक ग्रेड-2, श्री
रामजी खरे, तत्कालीन
सहायक ग्रेड-3 तथा
श्री निरंजन
कुमार
पाण्डेय, तत्कालीन
सहायक
ग्रेड-3
छतरपुर
हैं। अभी तक
दोषी
कर्मचारियों
को दण्डित नहीं
किया गया है।
आरोपी
कर्मचारियों
द्वारा कारण बताओ
सूचना पत्र का
उत्तर माह
जुलाई 2014 में
प्रस्तुत
किया गया, किन्तु
श्री अखिलेश
निगम
तत्कालीन
उपायुक्त
सहकारिता, छतरपुर
द्वारा कोई
कार्यवाही
नहीं की गईं। (घ)
श्री अखिलेश
निगम
तत्कालीन
उपायुक्त
सहकारिता, जिला
छतरपुर से
स्पष्टीकरण
प्राप्त किया
जा रहा है। समय-सीमा
बताया जाना
सम्भव नहीं
है।
अग्रिम आहरित राशि का दुरूपयोग
168. ( क्र. 6551 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपसंचालक कृषि कटनी वर्ष 2011-12 में आर.के.व्ही.वाई. योजना में प्राप्त आवंटन का जिस घटक में अग्रिम राशि आहरण की गई, उसी घटक में व्यय नहीं किया गया? आहरण एवं व्यय की जानकारी देवें? (ख) क्या संचालक कृषि भोपाल के पत्र क्रमांक/एस.सी./आवंटन/टी.टी./1112/1074, दिनांक 13.09.2012 से अधिक व्यय की जानकारी चाही गई थी एवं जवाब न देने पर संबंधित के विरूद्ध दंडित कार्यवाही करने हेतु प्रस्तावित की जानी थी? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ तो संबंधित उपसंचालक द्वारा क्या जवाब प्रस्तुत किया गया तथा क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? क्या 34.89 लाख रूपये घटक परिवर्तन कर व्यय करने के दोषी उपसंचालक से संपूर्ण राशि वसूली की गई तथा उक्त प्रकरण पर शासन स्तर पर क्या-क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की आहरित राशि नलकूप एवं बीज अनुदान की अग्रिम राशि आहरित की गई थी? यदि प्रश्नांश हाँ तो किस सक्षम अधिकारी के आदेश से घटक परिवर्तन कर राशि का उपयोग किया गया? (ड.) यदि प्रश्नांश (घ) हाँ, तो बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के व्यय की गई राशि की जानकारी संचालनालय को होने के बाद नियम विरूद्ध व्यय की वसूली नहीं करने के लिये कौन दोषी है? उपरोक्त राशि दोषी अधिकारी से कब तक वसूल की जावेगी? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदर्शनों की जानकारी एवं बीज अनुदान का भुगतान
169. ( क्र. 6553 ) श्री संजय पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकितप्रश्न क्र. 3889, दिनांक 10.03.2015 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर जी नहीं, निर्धारित प्रक्रिया/प्रावधानों के अनुसार भुगतान किया गया है (घ) का उत्तर उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है? तो नकद/परमिट में वितरित बीज के अनुदान का भुगतान के शासन आदेशों की कॉपी देवें तथा सीधे समितियों को किस प्रावधान अनुसार भुगतान किया गया? किन-किन समितियों को कितना नियमों का उल्लंघन कर भुगतान किया गया? (ख) क्या विधानसभा को गलत जानकारी देने वाले अधिकारी से भुगतान की गई राशि की वसूली की जावेगी? कितनी राशि विकासखण्डों से एवं जिले से नगद एवं बैंक ड्राफ्ट/चैक से भुगतान किया गया? (ग) अतारांकित प्रश्न क्र. 3895 दिनांक 18.03.15 के प्रश्नांश (क) की जानकारी परिशिष्ट 2 पर दी गई जानकारी में विभाग द्वारा आवंटित खाद एवं बीज का डिमान्सट्रेशन लक्ष्यों के अनुसार किया गया अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता? बताया है तो परिशिष्ट 2 में दिये गये प्रदर्शनों की प्रदर्शनवार, कृषकवार, क्लसटरवार जानकारी देवें तथा किस दिनांक को सामग्री वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को प्राप्त हुई एवं किस दिनांक को वितरण की गई तथा किन-किन अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनों का सत्यापन किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त सामग्री समय में प्राप्त करना एवं कृषकों को वितरण नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? बोनी के बाद सामग्री प्राप्त कर वितरण बताने के लिये क्या संबंधित उपसंचालक एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से कृषक अंश एवं अनुदान की राशि वसूल की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजीव गांधी जलग्रहण मिशन अंतर्गत कार्यों में अनियमितता
170. ( क्र. 6563 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में राजीव गांधी जलग्रहण मिशन अंतर्गत विगत 3 वर्षों से आज दिनांक तक कितने व कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? इसके लिए कितनी राशि का प्रावधान किया गया? (ख) क्या राजीव गांधी जलग्रहण मिशन जिस उद्देश्य से लेकर बनाया गया था? उसका उपयोग ना करके अन्य प्रयोजन हेतु उपयोग किया जा रहा हैं यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैर पंजीकृत उत्पाद करना
171. ( क्र. 6569 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की आमला तह. के ग्राम-जमदेही खुर्द में आमला एग्रो इण्डस्ट्रीज कब से उत्पादनरत है और किस उत्पाद का उत्पादन कर रही है और इसकी वार्षिक क्षमता क्या है? (ख) क्या इकाई पंजीकृत उत्पाद के अतिरिक्त अन्य उत्पाद शक्कर का उत्पादन कर रही है? यदि हाँ, तो इस सम्बन्ध में इकाई के पास शासकीय अनुमतियां है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) यदि नहीं तो इकाई द्वारा गैर पंजीकृत उत्पादन करने पर इकाई के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क)
बैतूल जिलें
की आमला तहसील
के ग्राम
जमदेहीकला
में आमला
एग्रो
इंडस्ट्रीज
जमदेही
द्वारा माह फरवरी
2014
से उत्पादन
प्रारंभ किया
गया है। उक्त
इकाई द्वारा
निम्नानुसार
पंजीकृत
उत्पाद का
उत्पाद
प्रतिवर्ष
किया जा रहा
है। 1
खांडसारी-8000
एम.टी.
2 खांडसारी
गुड़़-4000
एम0टी0 3
खांडसारी राब-1000
एम.टी. (ख)
उक्त इकाई
द्वारा
पंजीकृत
उत्पाद के
अतिरिक्त
अन्य किसी
उत्पाद का
उत्पादन नहीं
किया जा रहा
है। (ग)
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
खाण्डसारी एवं शक्कर मिलों की मनमानी
172. ( क्र. 6570 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कौन-कौन सी शक्कर मिल संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित इकाईयों द्वारा गत एवं चालू वर्ष में किसानों से गन्ना किस मूल्य पर खरीदा गया एवं कितनी शक्कर का उत्पादन किया गया तथा किस दर पर विक्रय किया गया? (ग) क्या शासन द्वारा गन्ना खरीदी के लिए जारी गाइड लाइन का पालन इकाईयों द्वारा किया जा रहा है? (घ) यदि नहीं तो इस संबंध विभाग/ शासन कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बैतूल जिलें में श्रीजी शुगर एंड पावर प्राईवेट लिमिटेड सोहागपुर विकासखंड बैतूल में शक्कर मिल संचालित है। (ख) श्री जी शुगर एंड पावर प्राईवेट लिमिटेड सोहागपुर विकासखंड बैतूल द्वारा गत वर्ष एवं चालू वर्ष में गन्ना खरीदी एवं उत्पाद के विक्रय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ग) के संदंर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
डायरी एवं कैलेण्डर का मुद्रण
173. ( क्र. 6573 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नियंत्रण, शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग द्वारा वर्ष 2016 में कितने कैलेण्डर, डायरी एवं अन्य सामग्री का मुद्रण कहाँ-कहाँ से किस स्तर पर करवाया? (ख) प्रश्नांश (क) हेतु निविदा कब आमंत्रित की गई? किन-किन फर्मों, संस्थाओं द्वारा किस दर पर टेंडर डाले गये, एजेन्सी का चयन किस आधार पर किया गया? (ग) संबंधित एजेन्सी को कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया? मान. मंत्री जी द्वारा कब अनुमोदन किया? (घ) एजेन्सी का चयन एवं राशि भुगतान के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? विभाग के पास प्रेस, अमला उपलब्ध होने के बाद निजी संस्थाओं से कार्य क्यों करवाया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2016 में 1,35,000 शासकीय डायरी, 1,39,000-सचित्र कैलेण्डर, 82,000 - डेट कैलेण्डर, 1,67,000 - शीट कैलेण्डर एवं 58,000 - नोट बुक का मुद्रण आई.टी.विभाग के वेबसाइट http://www.mpeproc.gov.in से ई-टेण्डर के माध्यम से दरें आमंत्रित कर एल-वन दर के भोपाल स्थित मुद्रको से विभागाध्यक्ष स्तर से कराया गया है। (ख) निविदा दिनांक 27.11.2015 एवं दिनांक 04.12.2015 को आमंत्रित की गई। संस्थाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एजेन्सी का चयन निविदा की शर्तों के अनुरूप पाये गये व एल-वन दर के आधार पर किया गया है। (ग) संबंधित ऐजेन्सी को वित्तीय शक्तियों के तहत भुगतान हेतु 1,47,84,394/- (एक करोड़ सैंतालिस लाख चौरासी हजार तीन सौ चौरान्वे रूपये) के देयक कोषालय में प्रस्तुत किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुद्रण एवं जिल्दसाजी नियम के नियम 52 व 53 तथा गैर सरकारी मुद्रणालयों के मुद्रण संबंधी नियम, 1957 की कंडिका-7 के प्रावधानों के अंतर्गत निजी मुद्रको से कार्य कराने का प्रावधान है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के उद्देश्य से उपरोक्तानुसार कार्य कराया गया।
डी.पी.आई.पी. में कराये गये कार्य
174. ( क्र. 6578 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्ष में रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी के किन-किन ग्रामों का चयन इंदिरा गांधी गरीबी हटाओ योजना (डी.पी.आई.पी.) में कब किया गया? (ख) उक्त ग्रामों में प्रश्नांश (क) अवधि से फरवरी 16 तक क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ करवाये गये कितनी राशि व्यय हुई? कार्य स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगवाये गये? (ग) उक्त योजना में कुल कितनी राशि व्यय हुई तथा कितने परिवारों की गरीबी दूर हुई? (घ) डी.पी.आई.पी. में कराये गये कार्यों को पूर्ण करवाने तथा गरीबों के जीवन यापन में सुधार न होने के संबंध में मान. मंत्रीजी तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र 1 जनवरी 14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विगत तीन वर्षों में रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी में किसी भी गाँव का चयन डी.पी.आई.पी. में नहीं किया गया है। वर्ष 2008 में इंदिरा गांधी गरीबी हटाओ योजना (डीपीआईपी) अंतर्गत जिला रायसेन के विकासखंड सिलवानी के कुल 86 ग्रामों का चयन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, तीन एवं चार पर है। समूह सदस्यों की गतिविधि का बोर्ड लगाने का प्रावधान नहीं था। समूह सदस्यों के नाम की तख्तियां लगवाई गई हैं। (ग) उक्त योजना में कुल राशि रु. 411.21 लाख का व्यय जून 2015 (परियोजना समाप्ति अवधि) तक किया गया। योजना में लाभान्वित कुल 3446 परिवारों के गरीबी दूर होने का पृथक से आंकलन परियोजना में नहीं किया गया है। लाभान्वित अधिकांश परिवारों के जीवन स्तर में सुधार आया है। विश्व बैंक के सर्वे में 44 प्रतिशत परिवारों की आय में वृद्धि पाई गई है। (घ) माननीय मंत्रीजी श्री रामपाल सिंह राजपूत द्वारा गोदाम मरम्मत के संबंध में प्रेषित पत्र जिला कार्यालय रायसेन को प्राप्त हुआ था, जिस पर कार्रवाई पूर्ण की जा चुकी है।
आयुक्त, भूअभिलेख एवं बंदोबस्त को प्राप्त राशि का उपयोग
175. ( क्र. 6579 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त ग्वालियर को 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना, मद में कितनी राशि कहाँ-कहाँ से प्राप्त हुई? (ख) उक्त राशि व्यय करने के संबंध में शासन के क्या क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें वर्ष 2015-16 में कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई तथा मान. मंत्री जी ने कब-कब अनुमोदन किया? (ग) फरवरी 16 की स्थिति में विभाग के पास किस-किस योजना मद में कितनी राशि है तथा उक्त राशि व्यय करने के संबंध में क्या-क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर को 1 अप्रैल,2013 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग से निम्न योजनाओ/मदों में राशि प्राप्त हुई है –
योजना एवं मद |
वर्ष 2013-14 |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
6980- भू-अभिलेख
जिला
प्रशासन में
सुधार की
योजना (रा.नि./पटवारी
आवास) का
निर्माण |
|
|
|
5070-कम्प्यूटरों
का उन्नयन
एवं नवीन
तकनीकी
उपकरणों की
स्थापना |
|
|
|
33- अनुरक्षण
कार्य |
|
|
|
योग योजना (5070) |
1000.00 |
1081.63 |
1236.57
|
योजना एवं मद |
वर्ष 2013-14 |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
6337- भू-अभिलेख
का
अद्यतीकरण
(एन.एल.आर.एम.पी.)
( 50
प्रतिशत
राज्यांश- 50
प्रतिशत
केन्द्रांश)
|
|
|
|
योग योजना (6337) |
1825.00 |
2000.00 |
100.00 |
7167- प्रशिक्षण
संस्थान
(राज्यस्तरीय
प्रशिक्षण
संस्थान, महलगांव, |
|
|
|
योग |
4325.00 |
4395.09 |
2936.57 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2015-2016 में राजस्व निरीक्षक/पटवारी कार्यालय सह आवास भवनों के निर्माण हेतु रूपये 1498.60 लाख एवं राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान के उन्नयन कार्य हेतु रूपये 13.80 लाख कुल राशि रूपये 1512.40 लाख की राशि प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग,भोपाल को बी.सी.ओ. से बी.सी.ओ. में पुर्नआवंटित की गई है। शेष कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) फरवरी, 2016 की स्थिति में विभाग के पास योजना मद में उपलब्ध राशि निम्नानुसार है –
(1) शासकीय
मुद्रणालयो
के
आधुनिकीकरण
की योजना - रूपये 1,48,80,892/-
(2) राजस्व
अधिकारी/कर्मचारी
स्टाफ के
लिये आवासीय -
रूपये 2,58,00,000/-
परिसर का
निर्माण
(3) तहसील, जिला
एवं संभाग में
भवनो का
निर्माण - रूपये 3,90,00,000/'-
(4) सूचना
प्रौद्योगिकी
संबंधी कार्य - रूपये 8,50,00,000/-
योग -
16,46,80,892/-
उक्त राशि मुद्रणालयों के आधुनिकीकरण हेतु मुद्रण मशीनें खरीदने, डी.टी.पी. कक्ष का आधुनिकीकरण, राजस्व अधिकारी/कर्मचारी के लिये आवास गृहों का निर्माण, राजस्व कार्यालयों का निर्माण तथा राजस्व न्यायालयो के कम्प्यूटरीकरण पर व्यय करने की योजना है।
जावरा की निजामत कम्पाउंड भूमि की लीज
176. ( क्र. 6592 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा जिला रतलाम की निजामत कम्पाउण्ड की भूमि को दस वर्ष हेतु लीज पर दिया गया था व लीज अवधि दिनांक 31.03.1983 को ही समाप्त हो चुकी थी व दिनांक 18.08.2002 को जावरा के तत्कालीन एस.डी.ओ. श्री संतोष वर्मा द्वारा कब्जा भी हटा दिया गया था किन्तु उक्त भूमि पर लीज होल्डर द्वारा 6200 वर्गफिट पक्के गोदाम व शेष 7657 वर्गफिट भूमि पर वर्तमान में लीज होल्डर का कब्जा है यदि हाँ, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) संबंधित प्रकरण में जावरा के पार्षद स्व. श्री जगदीश चतवाणी द्वारा समाधान ऑनलाईन में की गई शिकायत क्रमांक 310735/2014/99 की जाँच में बताया गया कि नीतिगत निर्णय में लंबित होने के कारण यथोचित निर्णय नहीं लिया जा सका। निर्णय इतने समय तक लंबित होने के क्या कारण है? कब तक व क्या निर्णय लिया जोवगा व कब तक कब्जा हटा दिया जावेगा? प्रकरण में दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के नाम देते हुए बताएं कि क्या उन्हें दण्ड दिया जावेगा? (ग) लीज अवधि समाप्त होने से प्रश्न दिनांक तक क्या लीज की राशि वसूल की गई? यदि हाँ, तो कितनी यदि नहीं तो क्यों? प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि शेष है व क्या वसूल की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक व नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा अन्तर्गत नियुक्त संविदाकर्मी
177. ( क्र. 6619 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित मनरेगा योजना के संचालन/क्रियान्वयन हेतु त्रिस्तरीय पंचायत सेवा में स्वीकृत संवर्गवार संविदा पद संरचना क्या है? श्रेणीवार स्वीकृत पदों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित संविदा पदों की भर्ती हेतु कब-कब क्या-क्या सेवा नियम बनायें गये हैं? इनकी सेवा शर्तें क्या हैं एवं इनका मासिक मानदेय क्या है और इन्हें कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध हैं, स्वीकृत पदवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के मासिक मानदेय में वृद्धि का क्या प्रावधान है? किस-किस संवर्ग के संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के मानदेय में कब से वृद्धि का क्या प्रावधान है? किस-किस संवर्ग के संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के मानदेय में कब से वृद्धि नहीं की गई और क्यों? (घ) क्या मनरेगा योजना में संलग्न संविदा कर्मियों द्वारा माह फरवरी 2016 में अपनी कुछ मांगो के संबंध में आंदोलन कर शासन को मांग पत्र सौंपा था। यदि हाँ, तो संविदा कर्मियों की कौन-कौन सी मांगे हैं उस पर शासन द्वारा क्या कार्रवाई की गई है। क्या शासन इन संविदा कर्मियों को नियत वेतनमान एवं मंहगाई भत्ता देते हुये संविदा शाला शिक्षकों की तरह नियमित करेगा। यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ड.) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. के द्वारा वर्ष 2013 में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने हेतु कोई योजना (संविदा नीति) बनाई गई थी, यदि हाँ, तो यह योजना क्या थी एवं इसे अभी तक लागू क्यों नहीं किया गया है। इसका क्या कारण है इसे कब तक किस प्रकार से लागू किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) संविदा पदों के लिये सेवा नियम नहीं केवल संविदा शर्तें एवं पारिश्रमिक नीति निर्धारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। संविदा शर्तों में नियमित किये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजीवगाँधी जल ग्रहण मिशन में भृष्टाचार
178. ( क्र. 6626 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा परि.अता. प्रश्न संख्या-108 (क्र. 1869) दिनांक 14.12.2015 के प्रश्नांश ग के उत्तरांश में यह अवगत कराया गया कि विधानसभा जौरा में योजनान्तर्गत वाटरशेड द्वारा कार्यों के मूल्यांकन एवं सत्यापन वक्त उनके द्वारा कोई भी आक्षेप नहीं लगाए गये? यदि हाँ, तो अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन एवं सत्यापन के वक्त दिये गये अभिमत से अवगत कराये और मूल्यांकन अधिकारी के भ्रमण कार्यक्रम, मूल्यांकन एवं सत्यापन स्थान सहित विवरण देवें? (ख) क्या लाखों रूपये के वाटरशेड विकास कार्य स्थानीय निकाय के बिना संज्ञान में लिए जाकर कराये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? यदि नहीं तो ग्राम पंचायत गेहतोली के सरपंच को किये गये विकास कार्यों से अवगत/सहमत क्यों नहीं कराया गया? (ग) विधानसभा क्षेत्र जौरा में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के कार्य भौतिक स्थिति में मशीनरी से कार्य कराया जाकर खानापूर्ति कर स्थानीय मजदूरों को मजदूरी से वंचित किया गया है? यदि नहीं तो कितने मजदूरों को कार्य दिया गया वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक का विवरण दिया जावे? क्या जाँच इसकी करवाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जब आक्षेप नहीं लगायें गये है,तो तदाशय का अभिमत मूल्यांकन एवं सत्यापनकर्ता द्वारा नहीं दिया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वाटरशेड विकास कार्यों के कार्यान्वयन का दायित्व स्थानीय ग्रामीणों से गठित वाटरशेड समिति का ही होता है। योजना के दिशा निर्देश में सरपंच की सहमति पश्चात् कार्यों का क्रियान्वयन करायें जाने का प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। स्थानीय कार्य मजदूरों द्वारा कराये जा रहें है। जहाँ मजदूरों से कार्य कराया जाना संभव नहीं है वहाँ मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है। स्थानीय मजदूर मजदूरी से वंचित नहीं कियें गयें है। प्रश्नाधीन अवधि में 6451 मजदूरों को कार्य दिया गया है। अतः जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजरा टोला को आबादी, वसाहट घोषित करने बाबत्
179. ( क्र. 6627 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में कई ग्राम मजरा ऐसे हैं कि वह पचासों वर्ष पूर्व विभिन्न कारणों से राजस्व की निजी भूमि में पूर्वजों के द्वारा मजरा स्थापित किये गये थे, लेकिन वह आज दिनांक तक बसाहट, आबादी में घोषित नहीं किये गये हैं, जिससे वहां के रहवासियों को काफी हानि हो रही है। सरकारी योजनाओं जैसे की मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? ऐसे कितने मजरा टोला है? (ख) क्या उक्त परिस्थिति में वहां के रहवासी पर डायवर्सन भी लागू है और सिंचाई की आपसी का भी अधिभार है? क्या उक्त विसंगति को दूर करते हुए ऐसे मजरा टोलों की बसाहट, आबादी घोषित कर दिया जावेगा? (ग) उदाहरण के तौर पर ग्राम रूनीपुर एवं ग्राम पवर्तपुरा (वर्रेण्ड) जैसे उक्त परिस्थतिजन्य ऐसे कितने मजरा टोला विधानसभा जौरा में स्थापित है और उन्हें आबादी घोषित करने की क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जौरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत निजी भूमियों में स्थापित मजरों की संख्या 27 है। म.प्र.भू-राजस्व संहिता के अनुसार निजी भूमियों में स्थापित मजरा की भूमियों को आबादी घोषित नहीं किया जा सकता है। (ख) 27 मजरे टोलो में डायवर्सन नहीं लगता है, तथा इन्हें आबादी घोषित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उक्त मजरे के किसानों द्वारा आवपासी (सिंचाई) करने पर अधिभार सिंचाई विभाग द्वारा लगाया जाता है। (ग) ग्राम रूनीपुरा निजी भूमि में बसा है,जो राजस्व ग्राम है न कि मजरा टोला। एवं पर्वतपुरा (वर्रेण्ड) मजरा निजी भूमि में बसा हुआ है जिसे म.प्र.भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत वर्तमान में आबादी घोषित करने की कोई योजना नहीं है।
सुखा राहत राशि के वितरण के सम्बंध में
180. ( क्र. 6657 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूखा घोषित टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील के किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों के नाम सर्वेसूची में दर्ज किये गये तथा उन्हें कितनी-कितनी राशि मिलना है? (ख) क्या उक्त सर्वे सूची किसानों की जानकारी हेतु ग्राम सभा अथवा ग्राम पंचायत कार्यालय में चस्पा की गई? यदि नहीं तो क्या इसे शीघ्र ही सार्वजनिक करेंगे? हाँ तो कब तक? (ग) प्रश्न दिनांक तक इनमें से कितने किसानों को सूखा राहत राशि का वितरण किया जा चुका है तथा शेष को कब तक प्रदाय कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील के सभी 181 ग्रामों के 56005 कृषकों का नाम सर्वे सूची में दर्ज किये गये। सर्वे उपरांत सभी पात्र प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण किया गया। जिसकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ। सर्वे सूची संबंधित ग्राम पंचायतों में प्रकाशित की गई है। (ग) तहसील टीकमगढ़ अन्तर्गत 22402 कृषकों को रूपये 12 करोड़ सूखा राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। शेष कृषकों को बजट प्रावधान होते ही राहत राशि वितरित कर दी जायेगी।
फर्जी बाड़े से लोन देने व लेने के संबंध में
181. ( क्र. 6668 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या-117 (क्र. 1944) दिनांक 14.12.2015 को दिये उत्तर के अनुसार बैंक आफ इंडिया शाखा सेवा खजूरिया एवं कृषि सेवा समिति बैजनाथ के ऋणी कृषकों की सूची में कुछ कृषकों के नाम दोनों स्थानों पर हैं जो संदर्भित प्रश्न के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ब) के परिशिष्ट स/3 स/4 में शामिल नं. इस प्रकार है 11-52, 13-20, 14-53, 15-23, 19-33, 37-38 इस तरह ये नाम दोनों जगह ऋण लेने वाले पाये गये? (ख) यदि हाँ, तो ऐसा फर्जी नोड्यूज लगाकर लोन लेने वाले संबंधितों पर क्या कार्रवाई की जावेगी तथा बैजनाथ सोसायटी में फर्जी नॉड्यूज दिए जाने के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या शासन फर्जी नोड्यूज देने वाली संस्था एवं इस प्रकार ऋण लेने वाले संबंधितों पर एफआईआर कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश क में वर्णित किसानों को दोनों जगह ऋण दिया गया है। (ख) फर्जी नोड्यूज देने के संबंध में जाँच कराई जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही कराई जावेगी। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार कार्यवाही की जा रही है
ग्रामीण विकास परियोजना क्रियान्वयन के संदर्भ में
182. ( क्र. 6674 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई- भोपाल जिला भोपाल में 31.03.2012 के बाद प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रोड़ निर्माण के कितनें अनुबंध संपादित किये गये। (ख) वर्तमान महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई भोपाल के कार्यकाल में कितने पैकेज रोड निर्माण के कार्यों के कंप्लीशन सर्टीफिकेट जारी किये गये। (ग) यदि कंप्लीशन सर्टीफिकेट जारी नहीं किए गए तो अक्षम अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। (घ) ऐसे अक्षम अधिकारी को माननीय ग्रामीण विकास मंत्री की नोटशीट क्र. 1720 दिनांक 13.08.2014 द्वारा निंलबित किए जाने के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? (ड.) ऐसें अक्षम अधिकारी को वर्ष 2000 में भी सचिव लोकसेवा आयोग के पत्र क्र. 515/160/95/जी.एस. दिनांक 12.01.2000 द्वारा इनकी पदोन्नति को नियम विरूद्ध ठहराया गया, इसके उपरांत भी अभी इन्हें पदोन्नति देकर अधीक्षण यंत्री पद पर पदोन्नति क्यों किया गया है।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई भोपाल द्वारा दिनांक 31.03.2012 के बाद प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रोड निर्माण कार्य के 18 अनुबंध सम्पादित किये गये। (ख) वर्तमान महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई भोपाल के कार्यकाल में रोड निर्माण कार्यों के 2 पैकेजों के कंप्लीशन सर्टीफिकेट जारी किये गये है। (ग) चूंकि पूर्ण कार्यों के कंप्लीशन सर्टीफिकेट जारी किये गये है, अतः किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, माननीय विभागीय मंत्री को तत्समय ही उसी दिन वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया तदोपरांत माननीय मंत्री महोदय द्वारा अग्रेत्तर कार्यवाही नहीं किये जाने के निर्देश दिये गये अतः आदेश पालन न करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, कालांतर में अन्य न्यायालयीन निर्णय के परिपालन में की गई डिग्रीधारी उपयंत्री से सहायक यंत्री पद की रिव्यू विभागीय पदोन्नती समिति की बैठक में श्री विजय गुप्ता के नाम पर विचार किया गया जिस पर लोक सेवा आयोग द्वारा कोई विपरीत टिप्पणी नहीं की गई है। अधीक्षण यंत्री के पद पर नियम अनुसार पदोन्नती की गई।
कृषि उपकरणों पर मिलने वाले ऋण के संदर्भ में
183. ( क्र. 6675 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपकरण जैसे थ्रेसर, ट्रॉली, कल्टीवेटर, सीड ड्रील आदि खरीदनें पर राष्ट्रीयकृत/सहकारी बैंकों से ऋण प्राप्त होता है? (ख) क्या किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराने जैसी सुविधा अन्य कृषि उपकरणों को खरीदने पर भी प्रदान करने की सरकारी की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो इस ओर क्या कदम उठाए जा रहें है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी के अंतर्गत निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने की योजना बैंक ऋण आधार पर संचालित है। इसके अंतर्गत हितग्राही को केंद्र स्थापित करने हेतु क्रय किये गये ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्र की लागत का 40 प्रतिशत का अनुदान ऋण स्वीकृतकर्ता बैंक के माध्यम से दिया जाता है। योजना के मार्गदर्शी निर्देश संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
किन-किन योजनाओं में भूमि का अधिग्रहित
184. ( क्र. 6688 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में इन्दौर संभाग में किन-किन योजना हेतु कितनी कितनी भूमि किसानों से अधिग्रहित की गई। (ख) प्रश्न (क) के अन्तर्गत अधिग्रहित भूमि का योजनावार कितने किसानों को कितना मुआवजा दिया गया। (ग) क्या दिये गये मुआवजे में कोई टैक्स या अन्य प्रकार की कटौती करके राशि दी गई यदि हाँ, तो क्या-क्या कटौती किया गया नियमों की प्रमाणित कॉपी उपलब्ध कराये। (घ) क्या शासन कृषि भूमि के अधिग्रहण के मुआवजे से टीडीएस का 10 प्रतिशत कटौती कर रही है जो कि आयकर धार 2 (15), 194 एलए के अन्तर्गत नियम विरूद्ध है। (ड.) प्रश्नांश (ग) के अन्तर्गत काटी गई राशि किसानों को कब तक मय ब्याज लौटा दी जावेगी एवं लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाई करेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधुरे एवं लंबित कार्य पूर्ण कराने बावत.
185. ( क्र. 6697 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परफारमेंस ग्रान्ट फण्ड योजना प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में कब से प्रारंभ की गई हैं? जिला एवं जनपद वार, वर्षवार कितना-कितना आवंटन प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों की साधारण सभा/सामान्य प्रशासन सभा की कब-कब किस-किस जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी एवं कर्मचारी की उपस्थिति में बैठकों का आयोजन करके, कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी लागत के वर्षवार कार्य किस एजेन्सी से कराने हेतु स्वीकृत किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर स्वीकृत कार्यों का प्राक्कलन किस उपयंत्री के द्वारा कब कितनी लागत का बनाया गया था एवं तकनीकी स्वीकृति किस सहायक यंत्री ने कितनी लागत की कब दी थी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि ऐसे स्वीकृत प्रत्येक कार्य प्रश्न दिनांक तक क्या पूर्ण हो चुके हैं? पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों का प्रत्येक का मूल्यांकन किसके द्वारा कब कितनी-कितनी राशि का करके भुगतान किस-किस को कितनी-कितनी राशि का किया जा चुका है? कार्य पूर्ण हुआ या नहीं एवं जो अधूरे कार्य हैं उन पर कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है? मूल्यांकन कर्ता का नाम, पद सहित बताये एवं अधूरे कार्य पूर्ण कराये जायेंगें तो कब तक और नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टीकमगढ जिले में परफारमेंस ग्रान्ट योजना वर्ष 2011-12 से प्रारम्भ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के कालम 04, 05, 06 एवं 11 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के कालम 07, 08 एवं 11 अनुसार। (घ) जी हाँ। अपूर्ण कार्य दिनांक 30 जून 2016 तक पूर्ण करवाने के प्रयास है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के कालम 11, 12 एवं 13 अनुसार।
मध्यान्ह भोजन की मॉनीटेरिग ठीक ढंग से कराने बाबत्
186. ( क्र. 6698 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जनपद पंचायत जतारा एवं पलेरा में किन-किन स्व-सहायता समूहों द्वारा किस-किस विद्यालय के लिये मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित हैं ऐसे प्रत्येक विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी-कितनी है? (ख) ऐसे स्व-सहायता समूहों में कौन-कौन क्या-क्या हैं, उनके नाम, पद, पता सहित जानकारी दें। (ग) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक इन समूहों को उनकी शाला की उपस्थिति के मान से कितना-कितना खाद्यान एवं नगद राशि प्रतिमाह भुगतान की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के समूहो द्वारा संचालित कार्यों की देखरेख करने एक माह में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी ने कितने-कितने दिनों का दौरा कार्यक्रम बनाया किस-किस समूह की प्रश्न दिनांक तक जाँच लम्बित है एवं किस स्व-सहायता समूह पर कितनी-कितनी बकाया राशि है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायत जतारा के 424 विद्यालयों एवं जनपद पंचायत पलेरा के 390 विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का संचालन स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। संबंधित विद्यालयों, मध्यान्ह भोजन संचालनकर्ता समूहों एवं छात्र संख्या की जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित स्व सहायता समूहों के पदाधिकारियों के नाम, पद तथा उनके पतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’‘ अनुसार है। (ग) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक संबंधित समूहों को उनकी शालाओं की औसत उपस्थिति के मान से प्रति माह आवंटित खाद्यान्न एवं उनके खातों में भेजी गयी प्रति पूर्ति राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स’’ अनुसार है। समूहों को नगद राशि का भुगतान नहीं किया जाता हैं। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के समूहों द्वारा माह में संचालित कार्यों की देख-रेख (मॉनीटरिंग) करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के दौरा कार्यक्रम का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘द’’ अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक किसी भी स्व सहायता समूह की जाँच लंबित नहीं है और न ही कोई बकाया राशि है।
नरसिंहपुर जिले की सड़क गुणवत्ताहीन होने के संबध में
187. ( क्र. 6718 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत एक वर्ष में नरसिंहपुर जबलपुर बी.ओ.टी. मार्ग से ग्राम देंगुवा एवं ग्राम बेलखेड़ी तक प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को शिकायत की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो उस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई है।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत नरसिंहपुर बी.ओ.टी.मार्ग से ग्राम देंगुवा एवं बेलखेड़ी सड़क निर्माण कार्य में उचित मापदण्ड की सामग्री उपयोग नहीं करने, उचित काम्पेक्शन नहीं करने एवं सोल्डर में मिट्टी भरे जाने की शिकायत कलेक्टर नरसिंहपुर से की गई थी। (ख) महाप्रबंधक द्वारा उक्त कार्य का निरीक्षण किया गया जिसमें कार्य उचित मापदण्डानुसार पाया गया। उक्त मार्गों की, पूर्व में स्टेट क्वालिटी मॉनिटर द्वारा गुणवत्ता की जाँच की गयी है जिसमें सड़क निर्माण मार्ग में उपयोग की गई सामग्री संतोषप्रद पाई गयी है। नरसिंहपुर जिले में उक्त सड़कों के सोल्डर्स हेतु मापदण्ड अनुसार निर्माण सामग्री की खदान उपलब्ध नहीं होने से, सिलेक्टेड स्वाईल में आर.बी.एम. मटेरियल मिलाकर 12 सी.बी.आर. का मटेरियल तैयार कर सोल्डर्स का कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार काम्पेक्शन कर कंसल्टेंट द्वारा करवाया गया है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
वैध/अवैध
कॉलोनियाँ
1. ( क्र. 113 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कुल कितनी कॉलोनियाँ हैं? इनमें से कितनी कॉलोनियाँ वैध एवं कितनी कॉलोनियाँ अवैध है? ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत विकासखण्डवार बतायें? (ख) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितनी कॉलोनियाँ वैध एवं कितनी अवैध है? इन अवैध कॉलोनियों के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि जिला धार में ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत 158 कालोनियां हैं। इनमें से 76 वैध तथा 86 अवैध कालोनियां हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत निकायों में कुल 09 वैध तथा 12 अवैध कालोनियां हैं। कुल 21 कालोनियां हैं। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के नियमानुसार इनका परीक्षण किया जाना है। शेष जानकारी परीक्षण उपरांत दी जा सकेगी। प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को बीमा क्लेम का भुगतान
2. ( क्र. 159 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं अशोक नगर जिले की विगत 03 वर्षों की खरीफ एवं रबी फसलों की अनावरी की जानकारी देते हुए बताएं कि किस आधार पर बीमा क्लेम की राशि प्रदान की गई? विकासखण्डवार, ग्रामवार, नामवार विवरण दे? (ख) यदि नहीं तो क्यों? क्या बीमा क्लेम की विगत तीन वर्षों की राशि का भुगतान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति के आंकलन अधिसूचित फसल एवं अधिसूचित क्षेत्र के फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर किया जाता है। योजना प्रावधानों के अनुसार अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसलों के प्राप्त उपज, थ्रेश होल्ड उपज से कम पाई जाती है तो उस कमी के लिये क्षतिपूर्ति देय होती है। अन्यथा नहीं। इस प्रक्रिया के अलावा योजना के तहत कोई अन्य क्षतिपूर्ति प्रक्रिया मान्य नहीं है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में फसलों की अनावरी का कोई संबंध नहीं है। रतलाम एवं अशोकनगर जिले की विगत 03 वर्षों की बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रतलाम एवं अशोकनगर जिले के अन्तर्गत विगत 02 वषों की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को बैंकों के माध्यम से किया गया है जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। खरीफ 2015 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राजस्व ग्राम घोषित करना
3. ( क्र. 485 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में कितने ग्रामों/आबादी क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? ग्राम का नाम बतायें? किसी ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या खंडवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भकराडा की भूरीघाटी, ग्राम पंचायत धनगांव का कुरवाडा एवं सूरगांव बंजारी का फाल्या कालकापुरम को राजस्व ग्राम बनाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या इन क्षेत्रों के ग्रामीण राजस्व ग्राम घोषित नहीं होने से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं? प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव राजस्व कार्यालयों में लंबित है और क्यों? इन्हें कब तक स्वीकृत किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) खंडवा विधान सभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में कोई भी ग्रामों/आबादी क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है। राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रावधान निम्नानुसार निर्धारित है :-
1. मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोलों की दूरी लगभग 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिए। 2. पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुए ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिए। 3. पृथक बनाये जा रहे, राजस्व ग्राम की चतुर्सीमायें मूल ग्राम से एवं सीमावर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिए, मजरे टोलों से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमायें मूल ग्राम की सीमाओं के अन्दर ही स्थित न रहे। (ख) खंडवा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम भकराडा की भूरीघाटी, ग्राम पंचायत धनगांव का कुरवाडा एवं सूरगांव बंजारी का फाल्या कालकापुरम निर्धारित मापदण्ड के अंतर्गत नहीं आते है। इस कारण राजस्व ग्राम नहीं बनाये जा सकते है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित ग्रामों के मजरे टोलों में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हो रही है। वर्तमान समय में जिले में राजस्व ग्राम घोषित करने संबंधी कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशन हितग्राहियों को पेंशन भुगतान
4. ( क्र. 557 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की विभिन्न जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन एवं राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान किस माह से नहीं किया गया है? कारण सहित बताएं? (ख) क्या सतना जिले की विभिन्न जनपद पंचायतों में बजट शासन से प्राप्त न होने के कारण विगत 15 माहों से पेंशन राशि हितग्राहियों के खाते में नहीं भेजी जा सकी है? (ग) क्या हितग्राहियों को पेंशन प्राप्त न होने के कारण उनके भूखों मरने की नौबत आ गई है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (घ) यदि शासन स्तर से बजट का आवंटन नहीं दिया गया है, तो कब तक जिला प्रशासन को बजट उपलब्ध करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सतना जिले की समस्त जनपद पंचायतों की ग्राम पंचायतों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, निःशक्त पेंशन एवं राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के हितग्राहियों को माह जनवरी 2016 तक का भुगतान कर दिया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बसों के लिये लागू नियमों की जानकारी
5. ( क्र. 814 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01.04.2010 से 01.04.2013 तक ग्वालियर एवं चंबल संभाग आर.टी.ओ./ए.आर.टी.ओ. कार्यालयों के द्वारा कितनी-कितनी संख्या में निजी बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किये? कितनों के फिटनेस प्रमाण पत्र रद्द किये? जिलेवार संख्या दें? (ख) 01.04.2010 से 01.04.2013 तक प्रदेश में ग्वालियर एवं चंबल संभाग आर.टी.ओ./ए.आर.टी.ओ. कार्यालयों में बसों के ऊपर कितनी-कितनी राशि किस प्रकार की बाकी है? जिलेवार जानकारी दें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान एवं बीज वितरण
6. ( क्र. 1049 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान एवं बीज वितरण शासन द्वारा की जाती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार हाँ, तो विगत 03 वर्षों में उक्त विभाग को विभिन्न योजनाओं के तहत कितनी राशि एवं सामग्री आवंटित की गई तथा कितने हितग्राहियों को लाभ पहुँचाया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि भूमि पर अवैध कब्जा
7. ( क्र. 1086 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत मोहना तहसील घाटीगांव जिला ग्वालियर के सर्वे नं. 1794/1 रकवा 0.763 बायपास, ए.बी. रोड मोहना की कृषि भूमि जो हरपाल सिंह धाकड़ पुत्र स्व. श्री अर्जुन सिंह धाकड़ की है उसका सीमांकन कलेक्टर ग्वालियर के आदेश द्वारा दिनांक 26.11.2015 को राजस्व टीम एवं पुलिस की उपस्थिति में किया गया किंतु दिनांक 25.01.2016 को उक्त भूमि पर घाटीगांव तहसील में पदस्थ (शासकीय कर्मचारी) रीडर श्री बल्लू आदिवासी उसकी रिश्तेदार सावोबाई आदिवासी, प्रेमा आदिवासी, प्रकाश, बीरबल आदिवासियों के साथ अवैध कब्जा कराने के लिये गया? (ख) क्या इस बाबत् हरपाल सिंह धाकड़ द्वारा 25 जनवरी 2016 को कलेक्टर ग्वालियर को शिकायत की यदि हाँ, तो शिकायत की प्रति स्पष्ट करें? (ग) अभी तक ऐसे राजस्व विभाग के कर्मचारी (रीडर) को दादागिरी कर स्वयं मौके पर रहकर अवैध कब्जा करा रहा है उसके प्रति एवं उसके साथियों के प्रति क्या कार्यवाही की गई है? क्या ऐसे असामाजिक कृत्य करने वाले व्यक्तियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही कर वास्तविक भूमि स्वामी को भूमि का मालिकाना हक दिलाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एन.एम.एस.ए. योजनान्तर्गत बजट की जानकारी
8. ( क्र. 1330 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 01.04.2014 से प्रश्न तिथि तक एन.एम.एस.ए. योजनान्तर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ? कौन-कौन से मद में प्राप्त हुआ? कौन से कार्य हेतु व्यय किया गया है? (ख) क्या उक्त योजनान्तर्गत चयनित ग्राम पंचायतों का अनुमोदन जिला प्रबंध समिति से लिया जाकर शासन से स्वीकृति ली जाती है? हां, तो क्या चयनित ग्राम पंचायतों की स्वीकृति शासन से ली गई? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या जिला स्तर पर उपरोक्त सम्बन्ध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? कृपया प्राप्त शिकायतों एवं की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांकित अवधि में मदवार प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार तथा किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, योजना के क्रियान्वयन हेतु गठित जिला स्तरीय सस्टेनेवल एग्रीकल्चर मिशन समिति द्वारा चयनित क्लस्टर में सम्मिलित ग्रामों का मिशन हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मार्गदर्शिका अनुसार वर्षवार कार्यक्रम अनुमोदित किया जाता है। संचालनालय स्तर से जिला स्तरीय समिति से अनुमोदित कार्यक्रम में से भारत सरकार से प्राप्त वार्षिक वित्तीय प्रावधान अनुसार जिलेवार/ क्लस्टरवार/घटकवार भौतिक वित्तीय कार्यक्रम तैयार कर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त की जाती है। तत्पश्चात् चयनित क्लस्टरों में जिलों द्वारा कार्य का क्रियान्वयन किया जाता है। खरगोन जिले में मिशन समिति द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) जिला स्तर पर इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक पेंशनों में गरीबी रेखा (बी.पी.एल.) कार्ड की अनिवार्यता
9. ( क्र. 1570 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विधवा/वृद्धा/विकलांग (नि:शक्तजन) को पेंशन प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो शासन निर्देश व पात्रता नियम की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदान की जाने वाली पेंशन हेतु संबंधित का गरीबी रेखा राशन कार्ड (बी.पी.एल. कार्ड) अनिवार्य है? यदि हाँ, तो जिन गरीब हितग्राहियों के पास बी.पी.एल. कार्ड नहीं है, उनके लिये शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार। (ख) जी हाँ। भारत सरकार की पेंशन योजनाओं यथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना में पूर्व से ही बी.पी.एल. की अनिवार्यता निर्धारित है। राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित वृद्धों को छोड़कर शेष वर्गों के लिए बी.पी.एल. की अनिवार्यता निर्धारित की गई है, जिससे अधिक से अधिक गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाना संभव हो सके। गैर बी.पी.एल. धारियों को लाभ देने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
कार्यों में गंभीर अनियमितताएं
10. ( क्र. 1604 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में नेशनल मिशन फोर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर अंतर्गत वर्ष 2015-16 में कितने कलस्टरों में कार्य किये गये? जिन कलस्टरो में कार्य नहीं किये गये उनके क्या कारण रहे? (ख) वर्ष 2015-16 में कितनों के पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी किये गये? (ग) वर्ष 2015-16 में एग्रोफॉरोस्ट्री बेस इण्ट्रीग्रेटेड फारमिंग सिस्टम के तहत किन कलस्टरों में फसल प्रदर्शन डाले गये? उनकी जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई? क्या इन कलस्टरों में विभाग द्वारा किसी मद से कार्य कराया गया है या फसल प्रदर्शन डाले गये है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) छतरपुर जिलें में प्रश्नांकित अवधि में अभी 6 क्लस्टरों में कार्य किये गये, दो क्लस्टरों में मात्र प्रशिक्षण तथा शेष 4 में अन्य कार्य भी किये गये है। कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में पूर्णत: प्रमाण पत्र अभी जारी नहीं किये गये है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में लहर, सिंगरामपुरा एवं सेवड़ी क्लस्टरों में फसल प्रदर्शन के कार्य किये गये है। इनका भौतिक सत्यापन संबंधित विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन योजना के तहत कुल 6 कृषकों के यहाँ फसल प्रदर्शन किये गये हैं।
सड़क दुर्घटनाओं को रोके जाना
11. ( क्र. 1646 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में परिवहन अधिकारी द्वारा कितने परमिट वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बसों की जारी किये जाने हेतु कार्यवाही की गई? (ख) वाहनों की चैकिंग हेतु कितने जुर्माने वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किये गये जिसमें शासन को कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार बतायें? (ग) सड़क दुघर्टनाओं के सम्बन्ध से परिवहन अधिकारी द्वारा ओवर लोडिंग न होने हेतु क्या कदम उठायें? (घ) छतरपुर जिले में लगातार सड़क हादसे हो रहे है उसके लिए कौन दोषी है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) छतरपुर जिला क्षेत्रान्तर्गत वर्ष-2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2075 स्थाई एवं अस्थाई परमिट जारी किये गये। (ख) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार निम्नानुसार राशि वसूल की गई :- वर्ष 2013-14 रूपये 76,14,460/-, वर्ष 2014-15 रूपये 1,00,16,960/-, वर्ष 2015-16 रूपये 1,47,04,220/- (ग) समय-समय पर जिला क्षेत्रान्तर्गत वाहनों की चैकिंग कराई जाती है। (घ) ड्रायवर के द्वारा अनियंत्रित रूप से वाहन चलाने के कारण अधिकांश सड़कहादसे होते है, जिसके लिये कोई भी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है।
पन्ना जिले में धारा 165 (6) में अवैध अनुमतियां
12. ( क्र. 1867 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में पिछले पाँच वर्ष में आदिवासी की जमीन गैर-आदिवासी को विक्रय करने हेतु धारा 165 (6) में कितने प्रकरणों में अनुमति दी गई? (ख) पन्ना जिले में उल्लेखित आवेदनों में से कितने अस्वीकृत किये गये तथा कितने लंबित रखे गये? (ग) क्या पन्ना जिले में पिछले पाँच वर्षों में आदिवासी की जमीन गैर-आदिवासी को विक्रय करने हेतु धारा 165 (6) में स्वीकृत प्रकरणों की जाँच संभागायुक्त द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जाए? (घ) पन्ना जिले में वह जमीन जो आदिवासी ने गैर-आदिवासी को धारा 165 (6) की अनुमति से विक्रित थी उसमें से कितनी जमीन का पिछले पाँच वर्षों में 10 वर्ष की अवधि के पूर्व डायवर्सन कर दिया गया सूची उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पन्ना जिले में पिछले पाँच वर्षों में 13 प्रकरणों में आदिवासी की जमीन गैर-आदिवासी को विक्रय करने की अनुमति धारा 165 (6) के अंतर्गत दी गई है। (ख) पन्ना जिले में 28 आवेदन पत्र अस्वीकृत किए गए तथा 17 आवेदन पत्र लंबित है। (ग) जी नहीं। (घ) पन्ना जिले में आदिवासी की जमीन जो गैर-आदिवासी को विक्रित की गई पिछले पाँच वर्षों में 10 वर्ष की अवधि के पूर्व डायवर्सन नहीं किया गया है।
आवासीय पट्टों का वितरण
13. ( क्र. 1868 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन अंतर्गत ग्रामीणों को आवासीय पट्टा जारी किये जाने के क्या नियम/आधार है तहसील कार्यालय में आवेदन पत्र जमा करने के कितने दिन के अंदर पट्टा जारी किये जाने का नियम/समय-सीमा तय है? (ख) पवई विधान सभा क्षेत्र के कितने ग्राम में दिनांक 01.01.2013 से 2015 तक कितने आवेदन पत्र तहसील कार्यालय में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव सहित किस दिनांक को ग्राम पंचायतवार प्राप्त हुये और उनमें से कितने व्यक्तियों को पट्टे जारी किये गये? (ग) ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें है जिन्होंने 2015 तक एक भी व्यक्ति के आवेदन पत्र पर पट्टा जारी करने हेतु अनुशंसा नहीं की है, पंचायतों के सरपंच/सचिव के नाम बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक 2-22/ 2010/सात-6 दिनांक 28.12.2010 में आबादी क्षेत्र में भू-खण्ड धारकों को प्रमाण-पत्र जारी करने तहसीलदार को अधिकृत कर प्रक्रिया निर्धारित की गई है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 244 में आबादी भूमि पर पट्टे जारी करने का अधिकार ग्राम पंचायातों को दिया गया है। तहसीलदार द्वारा पट्टे जारी करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर।
किसानों को मुआवजा में हो रहा नुकसान
14. ( क्र.
1942 ) चौधरी
मुकेश सिंह
चतुर्वेदी :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला सतना
विकासखण्ड
रामपुर
बघेलान के
ग्राम मझियार, असरार
के किसानों की
भूमि का
अधिग्रहण
नर्मदाघाटी
विकास
प्राधिकरण
परियोजना
अंतर्गत नहर
हेतु प्रश्न
तिथि तक किया
है? जिसमें
ग्रामों के
कृषक आनंद स्वरूप
द्विवेदी, आनंद
प्रकाश
द्विवेदी एवं
जय प्रकाश
द्विवेदी आत्मज
स्व. श्री
राम सेवक
द्विवेदी ने
भूमि
अधिग्रहण पर
भू-अर्जन
अधिकारी, सतना के
कार्यालय में
आपत्तियां
लगाई?
(ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
कृषकों की
भूमि को वर्ष 2011 से 2014 के दौरान
खसरे/नकल/ऋण
पुस्तिका में
भूमि को
सिंचित दर्शाया
गया है? (ग)
प्रश्नांश
(क) (ख) में उल्लेखित
सिंचित
भूमियों को
अगर असिंचित
कर मुआवजा
दिया जा रहा
है तो क्या
शासन स्तर से
कोई
कार्यवाही
भूल सुधार
हेतु की जायेगी? (घ)
प्रश्नांश
(क) में वर्णित
कृषकों की भूमि
के सर्वे
कार्य में
राजस्व
विभाग के
पटवारी व
तहसीलदार
द्वारा की गई
लापरवाही से
किसानों को
भारी नुकसान
हुआ है? क्या शासन
राजस्व
विभाग द्वारा
की गई गलती की
भरपाई
किसानों को की
जावेगी और कब
तक? समय-सीमा
बतावें?
राजस्व
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क) जी हाँ। (ख)
जी हाँ।
प्रश्नांश ‘क‘‘ में
उल्लेखित
कृषकों की
ग्राम मझियार
एवं असरार में
कई आराजियां
हैं जो वर्ष 2011 से 2016 तक
कुछ सिंचित
तथा कुछ
असिंचित हैं। (ग)
कृषकों को
प्रतिकर
असिंचित के
आधार पर स्थल
जाँच
प्रतिवेदन
तथा पटवारी
द्वारा
प्रस्तुत फार्म
दो-के अनुसार
अवार्ड पारित
कर भुगतान
किया गया है। वर्तमान
में
प्रश्नाधीन
ग्रामों के
किसानों को
नुकसान होने
अथवा गलती की
भरपाई का कोई
प्रस्ताव
शासन स्तर पर
विचाराधीन
नहीं है। (घ)
वर्तमान में
शासन स्तर पर
ऐसा प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है। अतः
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
तिलहन संघ में पंजीकृत समितियों की जानकारी
15. ( क्र.
1952 ) चौधरी
मुकेश सिंह
चतुर्वेदी :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
म.प्र.दिनांक 01.04.2013
से प्रश्न
दिनांक तक में
कितनी तिलहन
समितियां
पंजीकृत की गई? कितनी
तिलहन समितियों
का परिसमापन
हो गया है? कितनी
तिलहन
समितियां
वर्तमान में
कार्यरत है? (ख)
चंबल संभाग
में कौन-कौन
तिलहन
समितियों के
पास कहाँ-कहाँ
स्वयं का
गोदाम, भूमि अन्य
अचल सम्पत्तियां
है और वर्तमान
में इन
समितियों के अचल
सम्पत्तियों
को
उपयोग/संरक्षण
कौन कर रहा है? इन
अचल सम्पत्तियों
के संबंध में
विभाग की क्या
योजना है? (ग)
प्रश्नांश
(क) के तिलहन
समितियों के
बैंक खातों
में
कितनी-कितनी
राशि जमा है? क्या
तिलहन संघ के
अंश क्रय हेतु
तिलहन
समितियों में
जमा पूंजी को
क्या शासन इन
समितियों को
अंश क्रय राशि
लौटायेगी? नहीं
तो क्यों? (घ)
क्या
सहकारिता
विभाग तिलहन
समितियों के
संबंध में
समीक्षा कर, इन
समितियों की
अचल सम्पत्तियां, जमा
पूंजी
लेनदारी,
देनदारी आदि
पर निर्णय
लेगी?
इन तिलहन
समितियों का
भविष्य में
कोई योजना
तैयार की
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) दिनांक 1.4.2013
से प्रश्न
दिनांक तक कोई
भी तिलहन
समिति
पंजीकृत नहीं की
गई है,
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख) चम्बल
संभाग में
तिलहन
समितियों के
पास कोई अचल सम्पत्ति
नहीं है, शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(क) अनुसार। (घ)
उत्तरांश (क), (ख), (ग)
अनुसार।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
16. ( क्र. 1960 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक सतना जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किस-किस स्थानों पर सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन किया गया? इन सम्मेलनों में कितने लोगों की शादियां करवाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार हुये सामूहिक विवाह सम्मेलनों में कितने-कितने जोड़ों को कितनी-कितनी राशि का सामान दिया गया? कितने जोड़ों को एफ.डी. प्रश्नतिथि तक की गई है? (ग) क्या 20 मई, 2015 से हुये सामूहिक विवाह सम्मेलन में 641 जोड़ों का विवाह सम्पन्न हुआ? उनको प्रश्नतिथि तक एफ.डी. तक उपलब्ध नहीं कराई गई है? अगर करा दी गई है तो विवरण दें? (घ) उक्त अनियमितताओं के लिये किस नाम/पदनाम के दोषी है? शासन उन को कब चिन्हित कर क्या निलम्बन की कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक सतना जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जनपद पंचायत सोहावल, नागौद, मझगवां, रामपुरबघेलान, रामनगर, अमरपाटन, उचेहरा, मैहर एवं जिला स्तर पर बी.टी.आई. मैदान सतना में सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन किया गया। इन सम्मेलनों में 1691 लोगों की शादियां कराई गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’अनुसार। (ग) जी हाँ। 20 मई 2015 को सम्पन्न सामूहिक विवाह सम्मेलन में 641 जोड़ों का विवाह हुआ। जिसमें से 454 जोड़ों को एफ.डी. उपलब्ध कराई गई है, शेष 187 विवाहित कन्याओं को प्रायोजक (नगर निगम सतना) की उदासीनता के चलते एफ.डी. उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। (घ) उक्त अनियमितताओं के लिए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार।
माहवार भ्रमण संबंधित जानकारी
17. ( क्र. 1996 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समग्र स्वच्छता निर्मल भारत स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत जिलों में पदस्थ जिला समन्वयकों को कार्यों के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण हेतु माह में 15 दिवस भ्रमण के प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो बालघाट जिले में पदस्थ जिला समन्वयक द्वारा वर्ष अगस्त, 2014 से वर्ष 2015-16 तक कितने भ्रमण किए गए? इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले में पदस्थ जिला समन्वयक द्वारा अगस्त 2014 से जनवरी 2016 तक 220 दिवस का भ्रमण किया गया, जिस पर वाहन किराया रूपये 324000/- एवं डीजल व्यय रूपये 336534/- कुल राशि रू. 660534/- व्यय की गई।
दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
18. ( क्र. 1997 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कलेक्टर महोदय बालाघाट को पत्र क्र.354/22/स्था./सन/एस.बी.एम./2015 दिनांक 17/07/2015 एवं बालाघाट जिले में शौचालयों के भौतिक सत्यापन एवं वित्तीय प्रतिवेदन प्रेषित कर जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित बिन्दुओं पर कार्यवाही कर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो प्रतिवेदनों के बिन्दु अनुसार क्या कार्यवाही की गई और किन-किन अधिकारियों कर्मचारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? (ग) कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रतिवेदन के बिंदुओं पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) कार्यवाही यथाशीघ्र की जावेगी।
प्राप्त आवेदनों का निराकरण
19. ( क्र. 1998 ) श्री संजय उइके : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत लोक सेवा प्रबंधन कार्यालयों में वर्ष 2015-16 में कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए। (ख) समय-सीमा में कितने आवदनों का निराकरण किया गया?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) वर्ष 2015-16 में बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बैहर में 223, बिरसा में 558, परसवाड़ा जनपद पंचायत में 1791 आवेदन लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय (केन्द्र) में दिनांक 03.03.2016 तक प्राप्त हुए है। (ख) समय-सीमा में 1872 आवेदनों का निराकरण किया गया।
जिला समन्वयकों के पद पर नियुक्ति
20. ( क्र. 2015 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2006-07 एवं 2007-08 में समग्र स्वच्छता एवं स्वजलधारा अभियान के अंतर्गत जिला समन्वयकों के पद पर नियुक्ति हेतु जबलपुर संभाग सहित सभी संभागों में संभाग स्तर पर समिति गठित करने के आदेश दिए गए थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश एवं नियुक्ति प्रक्रिया की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या विभाग के उपरोक्त आदेश के तहत जबलपुर संभाग सहित अन्य सभी संभागों द्वारा जिला समन्वयकों के पद पर नियुक्ति हेतु कितने लोगों का चयन किया गया? (ग) नियुक्त किए गए समन्वयकों के शैक्षिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराने के क्या नियम है और कितने समय के भीतर? क्या उपरोक्त नियुक्त समन्वयकों के शैक्षिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं तो कितने समय में कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। तत्समय समग्र स्वच्छता एवं स्वजलधारा योजना, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित थी। म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जारी आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संभागवार विज्ञापन जारी कर समिति द्वारा चयन प्रक्रिया के माध्यम से जिला समन्वयक का चयन किया गया। (ख) रीवा संभाग को छोडकर सभी संभागों में 42 जिला समन्वयकों का चयन किया गया। (ग) समन्वयकों के शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों के सत्यापन के पृथक से कोई नियम नहीं है। शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण पत्रों का सत्यापन, साक्षात्कार के समय किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा सर्वे में अनियमितता
21. ( क्र. 2153 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विकासखण्ड में स्थित डिस्टलरी/एल्कोहल फेक्ट्री/शराब कारखानें को किन शर्तों पर लीज की भूमि प्रदान की गई थी? लीज एग्रीमेंट तथा आदेश की एक प्रति देवें? (ख) इस लीज का नवीनीकरण किन शर्तों पर पुन: किया गया? प्रति देवें? लीज पर भूमि देने तथा नवीनीकरण करने संबंधी शासन के निर्देश/नीति की एक प्रति देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 क्रमांक -1 के तहत शर्तों पर लीज की भूमि प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) लीज का नवीनीकरण राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 क्रमांक -1 के तहत शर्तों पर पुनः किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार।
ब्याज राशि के कार्य
22. ( क्र. 2174 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की सभी जनपद पंचायतों में 1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2014 तक की समयावधि में किन बैंक खातों में कितना ब्याज प्राप्त हुआ? इस ब्याज राशि से किन कार्यों में उपयोग किया गया? ब्याज राशि के उपयोग की विभागीय नीति की एक प्रति देवें? क्या ब्याज राशि के कार्यों के लिए जिला पंचायत से कोई अनुमति या अनुमोदन की आवश्यकता होती है, क्या सभी जनपदों द्वारा प्रत्येक ब्याज राशि वाले कार्य की अनुमति/अनुमोदन प्राप्त की गई? अनुमति पत्र क्रमांक सहित कार्यवार सूची देवें? कोई कार्य बिना अनुमति से किये गये हैं, तो उनकी सूची भी देवें? (ख) उक्त ब्याज वाले कार्यों के लिए जनपद पंचायत की किन बैठकों में इन कार्यों हेतु अनुमोदन/अनुमति प्राप्त की गई थी? बैठक दिनांक, प्रस्ताव क्रमांक सहित बतायें? (ग) ब्याज राशि से क्रय की गई सामग्री की वर्तमान स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले की सभी जनपद पंचायतों में 01 अप्रैल, 2011 से 31 मार्च, 2014 की समयावधि में विभिन्न योजनाओं के तहत ब्याज की राशि रूपये 1,25,77,152/- प्राप्त हुयी हैं। बैंक खातावार प्राप्त ब्याज की राशि तथा उपयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। विभागीय नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। बिना अनुमति से किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत की बैठ़कों में ब्याज राशि से कराये गये कार्यों का अनुमोदन/अनुमति नहीं ली गयी हैं। शेष जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश-‘क‘ अनुसार ब्याज की राशि से क्रय की गयी सामग्री कार्यालयीन प्रशासकीय व्यय, स्टेशनरी, कम्प्यूटर मरम्मत, फोटोकॉपी आदि कार्य हेतु क्रय की गयी हैं, जिसका उपयोग कार्यालयीन कार्य हेतु किया गया है।
विधवा पेंशन तथा अन्य पेंशन का हितग्राही को भुगतान
23. ( क्र. 2242 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के मोमन बड़ौदिया, शुजालपुर एवं शाजापुर ब्लाक में वित्तीय वर्ष 2015-16 के विकलांगों, वृद्धावस्था पेंशन का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो हितग्राहियों को कब तक लंबित वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा पेंशन की बकाया पेंशन राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) क्या शासन प्रदेश में हितग्राहियों को नियमित पेंशन भुगतान हेतु कोई योजना तैयार किये जाने हेतु विचार कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। पेंशन हितग्राहियों को प्रतिमाह नियमित रुप से विभिन्न पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत भुगतान किया जा रहा है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हितग्राहियों को मासिक पेंशन आगामी माह की 5 तारीख के पूर्व नियमित रूप से प्रदान करने हेतु शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं तथा हितग्राहियों को नियमित रूप से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
तहसीलदारों की अनियमितताओं पर कार्यवाही
24. ( क्र. 2291 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला जबलपुर की तहसील पनागर की ग्राम पंचायत सरसवां की सरपंच ने दिनांक 29.06.2014 (पावती दिनांक 01.07.2014) तथा ग्राम जटवां के किसी कृषक द्वारा दिनांक 01.07.2014 को दिये अभ्यावेदन में जबलपुर नगर के किसी तथाकथित कृषक द्वारा अपनी भूमि से मुख्यमार्ग तक आने वाले परम्परागत व प्रचलित मार्ग को किसी यंत्र द्वारा काट दिये जाने की शिकायत की है? (ख) प्रश्नांश (क) के द्वारा की गई उक्त शिकायत पर तहसीलदार पनागर द्वारा स्थल निरीक्षण पर क्या पाया है और पुन: निस्तारपत्रक सहित प्रस्तुत आवेदन पर क्या पाया है और क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के कृषक के अभ्यावेदन में यह भी लेख है कि प्रश्नांश (ख) के पूर्ववर्ती तहसीलदार को उसने मौके की जाँच के पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के प्रतिवेदनों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी है, लेकिन उनके द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है? (घ) क्या भू-राजस्व संहिता की किसी धारा में मार्गाधिकार एवं सुखाधिकार के प्रावधानों के रहते प्रश्नांश (क) (ख) द्वारा कार्यवाही न की जाने की जाँच कर अतिक्रमणकर्ता और तहसीदारों के विरूद्ध कब आपराधिक व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ए.डी.ई.ओ. एवं पी.सी.ओ. के कार्य
25. ( क्र.
2435 ) श्रीमती
नंदनी मरावी :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पत्र
क्रमांक 1967
दिनांक 03/09/2014 के
द्वारा
पी.सी.ओ. से
ए.डी.ई.ओ. का
कार्य न कराये
जाने हेतु
निर्देश जारी
करने के
निर्देश दिये
गये थे? जिसके
परिपालन में
पंचायत राज
संचालनालय द्वारा
समस्त कलेक्टर
एवं समस्त
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारियों
को दिनांक 06/06/2015
एवं 09/04/2014,
21/08/2015 एवं 11/01/2015 में
पी.सी.ओ. का
कार्य एव
लिपिकीय
कार्य न कराने
को कहा गया है, क्योंकि
इससे
पंचायतों का
पयर्वेक्षण
का मूल कार्य
प्रभावित
होता है? (ख)
प्रश्नांश
(क) निर्देशों
के विरूद्ध
जिला जबलपुर
अंतर्गत
किन-किन जनपद
पंचायतों में
पी.सी.ओ. से लिपिकीय
कार्य एवं
ए.डी.ई.ओ. का
कार्य कराया
जा रहा है? जनपदवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ग)
प्रश्नांश
पी.सी.ओ. को
लिपिकीय
कार्य से मुक्त
कर मूल कार्य
कब तक सौंप
दिया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी हाँ।
जी हाँ। (ख) जिला
जबलपुर के
अंतर्गत किसी
भी जनपद
पंचायत में
पी.सी.ओ. से
लिपिकीय
कार्य एवं
ए.डी.ई.ओ. कार्य
नहीं कराया जा
रहा है, शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ग) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
परामर्शदात्री समिति की बैठक
26. ( क्र. 2436 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वार समय-समय पर जारी निर्देशानुसार प्रति तीन माह में परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित किये जाने के निर्देश है? (ख) आयुक्त पंचायत राज द्वारा 16/12/2010 के बाद कब-कब बैठक आयोजित की गई? प्रश्नांश (क) अनुसार बैठक आयोजित न किये जाने का ठोस कारण बतायें? अगामी बैठक कब आयोजित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पंचायत राज संचालनालय द्वारा दिनांक 16.12.2010 के बाद विभागाध्यक्ष स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक दिनांक 28.07.2011 को आयोजित की गई। कतिपय कारणों से दिनांक 28.07.2011 के बाद विभागाध्यक्ष स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी है। माह अप्रैल, 2016 में बैठक आयोजित की जा रही है।
पंचायत सेवा शासकीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ की मांग
27. ( क्र. 2437 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत सेवा शासकीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ द्वारा खण्ड पंचायत अधिकारियों को अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी घोषित किये जाने एवं कार्यों का निर्धारण किये जाने सहित चार सूत्रीय मांग पत्र में आपके द्वारा 24/05/15 एवं 30/12/2015 को विभागीय प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश आयुक्त पंचायत राज को दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) निर्देशानुसार प्रस्तुत विभागीय प्रस्ताव एवं जारी आदेशों का विवरण उपलब्ध करावें? शेष आदेश कब तक जारी किये जावेंगे विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। मांगों का परीक्षण किया जा रहा है। अतः मांगों पर आदेश जारी किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पद का दुरूपयोग कर फर्जी राशन कार्ड बनवाना
28. ( क्र. 2500 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत कड़राना जिला अशोक नगर में वर्ष 2011 से 2013 तक सचिव के पद पर कौन था? क्या उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग कर फर्जी कार्य किये है? क्या उनके फर्जी कार्यों की शिकायतें जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों द्वारा जिलाधीश अशोकनगर एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की है? उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्तावधि में सचिव द्वारा अंत्योदय राशन कार्ड जो पंचायत से जारी किये गये थे जो फर्जी थे इसकी जाँच करायेंगे? (ग) क्या हितग्राही अंत्योदय एवं बी.पी.एल. राशन कार्ड जिनको उक्तावधि में दिये गये क्या वह पात्र थे अथवा अपात्रों को दिये गये? (घ) उक्तावधि में अंत्योदय के राशन कार्ड का लाभ उठाकर रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कितने लोगों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में ग्राम पंचायत कड़राना, जिला अशोकनगर में सचिव के पद पर श्री सुरेन्द्रसिंह यादव पदस्थ थे। जी नहीं। इनके विरूद्ध फर्जी कार्यों की शिकायतें जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों द्वारा नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांकित अवधि में पंचायत द्वारा अन्त्योदय राशन कार्ड जारी नहीं किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित अवधि में पंचायत द्वारा अन्त्योदय एवं बीपीएल राशन कार्ड जारी नहीं किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित अवधि में पंचायत द्वारा अन्त्योदय राशन कार्ड जारी नहीं किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक भवनों का निर्माण
29. ( क्र. 2650 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले को 13वां वित्त अंतर्गत विकासखण्डवार 10-10 लाख के भवन विगत 3 वर्षों किन शर्तों पर प्राप्त हुए, शर्तों की प्रति देवें? प्राप्त इन भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति कब-कब प्राप्त हुई? स्थानवार बतायें? इन भवनों का निर्माण कब से कब तक हुआ? किस यंत्री/उपयंत्री के निरीक्षण में हुआ? कब सी.सी. जारी हुआ? दिनांकवार सूची देवें? (ख) भगवानपुरा एवं सेगांव विकासखण्ड में उक्त भवनों की टी.एस., ए.एस., सी.सी. की प्रति देवें? इन भवनों को स्वीकृति प्रदान करने वाली जनपद स्तरीय समिति की बैठक की विवरण देवें? क्या इन भवनों को शासकीय भूमि पर बनाया गया है, अथवा क्या इन भवनों को दान की भूमि पर बनाया गया है, दान की भूमि पर बने भवन में आने जाने हेतु कितनी चौड़ाई वाला मार्ग दान में प्राप्त है? ऐसे कितने इस प्रकार के भवन हैं जहां आवागमन हेतु शासकीय मार्ग नहीं है? यदि दान वाले भवन में आने-जाने हेतु मार्ग शासकीय नहीं है, तो भवन की उपयोगिता बतायें? (ग) उक्त भवनों में किस-किस भवन हेतु स्थानीय विधायक की अनुशंसा हैं तथा किन भवनों हेतु अनुशंसा प्राप्त नहीं है? क्या इन भवनों की शर्तों में स्थानीय विधायक की अनुशंसा/अनुमोदन आवश्यक था? तब जनपद पंचायत सी.ई.ओ. ने जनपद की बैठक में यह बात दर्ज क्यों नहीं कराई गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार। सामुदायिक भवन ग्राम पंचायत पनाली विकासखंड सेगांव एवं गा्रम पंचायत सरवरदेवला वि.ख.भगवानपुरा में भवन निर्माण शासकीय भूमि पर किया गया है। सामुदायिक भवन केली में निर्माण त्यजन (दान) भूमि पर कराया जा रहा है। त्यजन की गई भूमि शासकीय मेन सड़कसे लगी हुई है, मुख्य सड़कसे निर्मित सामुदायिक भवन की दुरी लगभग 15 मीटर है, जहां आवगमन हेतु त्यजन (दान) भूमि पर लगभग 12 फीट चौड़ा मार्ग है। ग्राम पंचायत पिपलझोपा, विकासखण्ड भगवानपुरा में भवन दान की भूमि शासकीय मेन रोड से सामुदायिक भवन की दुरी 100 मीटर होकर 4 मीटर चौड़ा सी.सी.मार्ग बना हुआ है एवं सामुदायिक भवन मोहना वि.ख. भगवानपुरा दान की भूमि पर निर्माण कराया जा रहा है। दान की गई भूमि मेन सड़कसे सामुदायिक भवन की दुरी 100 मीटर होकर 6 मीटर चौड़ा प्रधानमंत्री सड़कयोजनान्तर्गत बना हुआ है। दान भूमि पर बने भवन में आने जाने हेतु मार्ग संबंधी कोई परेशानी नहीं है। सामुदायिक भवन का उपयोग सामुहिक कार्यों में किया जाता है। (ग) विकासखंड सैगांव की ग्राम पंचायत केली, वि.ख.भगवानपुरा की ग्राम पंचायत मोहना में निर्मित हो रहे भवनों में क्षेत्रिय मान. विधायक की अनुशंसा है। वि.ख. सैगांव की ग्राम पंचायत पनाली, वि.ख.भगवानपुरा की ग्राम पंचायत पिपलझोपा एवं सरवरदेवला में अनुशंसा प्राप्त नहीं है। जी हाँ इन भवनों की स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में मान.विधायक सहभागिता होना थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत भगवानपुरा द्वारा माननीय विधायक महो., की अनुशंसा/अनुमोदन संबंधी पत्र तत्समय प्राप्त नहीं होने से पृथक से उनकी सहमति नहीं ली जा सकी।
प्रचार सामग्री पर व्यय की जानकारी
30. ( क्र. 2652 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में कितने विकलांगों का आर्थिक पुनर्वास किया गया? कितने ऋण प्रकरण तैयार किए गये? कितने स्वीकृत हुए? कितने व्यवसाय स्थापित हुए? कितने वृत्ति कर हेतु प्रमाण पत्र दिय गये? यदि यह जानकारी शुन्य है तो कारण बताये? (ख) खरगोन जिला कार्यालय द्वारा विगत 5 वर्षों में कब-कब कितनी मात्रा में क्या सामग्री प्रिंट कराई गई? इस कार्य हेतु कब निविदा बुलाई गई? यह कार्य किस-किस प्रिंटर्स से किन शर्तों पर कराया गया? (ग) खरगोन जिला कार्यालय अधिकारी द्वारा विगत 5 वर्षों में प्राकृतिक विपदा मद से कब-कब कितनी राशि का आहरण किया गया है? कारण सहित विपदा का नाम व राशि की सूची देवें? इस राशि का उपयोग किस प्रकार किया गया बतायें? (घ) विभाग द्वारा पेंशन पासबुक या हितग्राही पेंशन वितरण कार्ड को कब कितनी मात्रा में कहाँ से छपवाया गया? इस कार्य में कितनी राशि व्यय हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले में विभिन्न विभागों में 17 नि:शक्तों को शासकीय सेवा में नियुक्त कर आर्थिक पुनर्वास किया गया। नि:शक्तजनों के ऋण प्रकरण प्राप्त न होने से व्यवसाय स्थापित नहीं हुए। 71 वृत्तिकर के प्रमाण-पत्र जारी किये गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस कार्य हेतु कोई निविदा नहीं बुलाई गई। उक्त सामग्री छपाई का कार्य स्वावलम्बन मुद्रणालय आस्थाग्राम ट्रस्ट, प्रिन्टिग प्रेस खरगोन से कराया गया जिस ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर, खरगोन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्राकृतिक विपदा हेतु विगत 05 वर्षों में किसी भी राशि का आहरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता,शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग द्वारा पेंशन पासबुक या हितग्राही पेंशन वितरण कार्ड नहीं छपवाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाहन किराये पर लेने के प्रावधान
31. ( क्र. 2716 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कार्यालयीन उपयोग हेतु कौन-कौन से वाहन किराये पर लिये जाने के क्या-क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में धार जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन के द्वारा कहाँ-कहाँ किस-किस के आदेश से कब-कब कौन-कौन से वाहन किस-किस दर पर कितनी-कितनी अवधि के लिए किराऐ से लिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लगाये गये वाहनों का कब-कब, किन-किन को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) क्या कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मनावर के कार्यालय में नियम विरूद्ध वाहन लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या इसमें कोई दोषी हैं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही, कब तक करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का आदेश क्र. 694/1259/22/वि-3/ग्रायांसे/2006, भोपाल दिनांक 03.02.2006, मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल का आदेश क्र.4801 भोपाल दिनांक 11.05.2011 एवं आदेश क्र. 1386 भोपाल दिनांक 08.02.2011 के प्रावधानों अनुसार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में वाहन किराये पर लिये जाते है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनाधिकार पट्टाधारियों को प्रदाय आवास
32. ( क्र. 2719 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में वनाधिकार के हितग्राहियों को पट्टे दिये गये हैं यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को संख्या बतावें? (ख) क्या इन्हीं हितग्राहियों को इंदिरा आवास/कुटिर देने का प्रावधान निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को इंदिरा आवास दिये गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। धार जिले में वनाधिकार के 15675 हितग्राहियों को पट्टे दिये गये हैं। (ख) जी हाँ। 4640 हितग्राहियों को इंदिरा आवास स्वीकृति किये गये हैं।
सरपंच/सचिवों के फर्जी हस्ताक्षर से राशि का गबन
33. ( क्र. 2724 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विगत दो वर्षों में ऐसी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें या तो सरपंच द्वारा सचिव के फर्जी हस्ताक्षर किये गये या सचिव द्वारा सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर कर बैंकों से राशि आहरण कर ली? विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि आहरित हो जाने पर जिस मद की यह राशि थी वह काम नहीं कराए गये तो क्या यह शासकीय राशि का दुरूपयोग फर्जी आहरण गबन एवं आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो प्रभावी कार्यवाही न होने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित अनियमितता की जाँच एवं कार्यवाही समयावधि में न होने के लिये कौन उत्तरदायी है? क्या उत्तरदायी व्यक्ति भी अपराध में सम्मिलित नहीं माना जाएगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक संपूर्ण जिले की जाँचकर प्रभावी कार्यवाही अमल में लाई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले में विगत 02 वर्ष में कुल 04 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें 03 शिकायतों में जाँच उपरांत फर्जी हस्ताक्षर से आहरण करना सिद्ध नहीं पाया गया। 01 प्रकरण में दिनांक 09.01.2016 को प्राप्त शिकायत में ग्राम पंचायत कलाल्दा जनपद पंचायत उमरबन में सरपंच द्वारा सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर पंचपरमेश्वर योजना अंतर्गत स्वीकृत खरंजा निर्माण कार्य की राशि रू.324992.00 आहरण किया जाना पाया गया। (ख) जी हाँ। कार्यालय जनपद पंचायत उमरबन के पत्र क्रमांक 509 दिनांक 23.02.2016 के द्वारा प्रकरण में प्रभावी कार्यवाही करते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मनावर के न्यायालय में म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं 92 के तहत सरपंच ग्राम पंचायत कलाल्दा जनपद पंचायत उमरबन के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने बाबत् प्रस्ताव भेजा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही समयावधि में की गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार कार्यवाही कर दी गई है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता विभाग की भूमि का हस्तांतरण
34. ( क्र. 2757 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाहा तहसील कार्यालय, अनुविभाग कार्यालय, व्यवहार न्यायालय भवन के लिये वर्तमान में शासन द्वारा क्या सुविधा उपलब्ध कराई गई है? क्या अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय सिविल जज वर्ग-1 एवं 2 तहसील कार्यालय भवन पुराना होल्कर स्टेट के जीर्ण-शीर्ण भवन में संचालित किये जा रहे हैं? इसी प्रकार अनुविभाग कार्यालय राजस्व भू-अभिलेख के रेकार्ड शाखा भवन में संचालित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो उक्त कार्यालयों, न्यायालय भवनों के लिये स्वयं के भवन निर्माण के लिये शासन द्वारा क्या आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर बड़वाहा के अतिरिक्त सत्र न्यायालय, सिविल कोर्ट, तहसील कार्यालय के भवन एवं संबंधित माननीय न्यायाधीशों के निवास के लिये सहकारिता विभाग की 25 वर्षों से बंद पड़ी यूनिट एनकप्स की भूमि को हस्तान्तरण किये जाने के संबंध में लेख किया था, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या शासन इस पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक प्राप्त हो जावेगी? (ग) यदि नहीं तो उक्त जीर्ण-शीर्ण भवन में संचालित किये जा रहे कार्यालयों, न्यायालयों के नवीन भवनों की स्वीकृति में शासन की क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नियमानुसार प्रदान की जाने वाली सुविधायें कार्यालयों को उपलब्ध हैं। जी नहीं। जी हाँ। तहसील कार्यालय भवन, बड़वाहा के निर्माण के लिये दिनांक 18.06.2013 को राशि रूपये 69.70 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी हाँ। 25 वर्षों से बंद पड़ी यूनिट एनकप्स के हस्तांतरण (वापस लेने के संबंध में) की कार्यवाही प्रचलित है। जिसमें प्रश्नाधीन भूमि पर कोई ऋण अथवा भूमि किसी संस्था के पास गिरवी/बंधक तो नहीं है, के संबंध में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा केन्द्र में की गई टेण्डर प्रक्रिया
35. ( क्र. 2765 ) श्री गोपाल परमार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा केन्द्र में शासन द्वारा टेण्डर की क्या-क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है किये गये टेण्डर हेतु शासन द्वारा क्या नियम निर्धारित किये गये हैं? नियम बतावें? (ख) क्या उज्जैन संभाग में लोक सेवा केन्द्र स्थापना वर्ष से किये गये टेण्डर के तहत कितने-कितने टेण्डर किस-किस के प्राप्त हुए सूची दर बतावें? क्या टेण्डर प्रक्रिया के तहत एक ही सदस्य या एक ही परिवार को टेण्डर देने के प्रावधान यदि हाँ, तो ऐसे कितने परिवारों को टेण्डर दिये गये हैं?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) लोक सेवा केन्द्रों के संचालन हेतु प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ ब ’’ अनुसार है। आर.एफ.पी. कण्डिका 1.5.3 के अनुसार कोई भी निविदाकार किसी जिले में 03 से अधिक लोक सेवा केन्द्र के लिए पात्र नहीं होगा। कोई व्यक्ति, फर्म, सोसायटी अथवा कम्पनी इस नियम के तहत किसी भी जिले में 03 से अधिक लोक सेवा केन्द्र नहीं खोल सकते है। जी नहीं।
नियम विरूद्ध व्यवस्थापन
36. ( क्र. 2905 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील कैलारस जिला मुरैना में क्या माखन अर्गल पटवारी द्वारा पद का दुरूपयोग कर वेजा लाभ कमाने के उद्देश्य से भू-माफियों से सांठ-गांठ कर अपने उच्च राजस्व अधिकारियों को अनियमितता में लिप्त कर शासन की बेशकीमती जमीन जो मुरैना सबलगढ़ मुख्य मार्ग पर ग्राम सेमई में स्थित सर्वे नंबर 1395/1, 1442, 1449 तथा गुलपुरा में सर्वे क्र. 15, 23, 24/2 को शासकीय रिकॉर्ड में हेरा-फेरी कर अपने सगे भाई गादीपाल व अन्य भू-माफियों के नाम करवा दी गई है, जिसका 9 वर्ष बाद 2015 में अमल भी कर दिया गया है? सेंमई के सर्वे क्र. 549 रास्ता 1350 मिन (चरनोई) 26 ऊसर, 579, 1395/1, 1442, 1449, 1496 व 1350/1 चरनोई के भू्-पट्टे/व्यवस्थापन करवाया गया है? चरनोई भूमि एवं रास्ता की भूमि का भू-पट्टे/व्यवस्थापन करवाया जा सकता है? (ख) क्या ग्राम सेमई सर्वे नं. 1395/1 में अनूसूचित जाति के करीब 100 घरों की बस्ती है, वहाँ पर विद्यालय भी निर्मित है? ग्राम पंचायत द्वारा इस भूमि का शासकीय विकास कार्यों के लिये उपयोग में लिया जाना प्रस्तावित है और वर्ष 2004 से वर्ष 2012 तक वहाँ रह रहे रहवासियों द्वारा अतिक्रमण के नोटिस दिये जाकर जुर्माना वसूल किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त भूमि व्यवस्थापन पट्टे 2006 में ही कर दिये थे, तो उन पर अर्थदण्ड क्यों लगाया गया? उस भूमि पर कभी खेती नहीं हुई है? पटवारियों द्वारा गलत जानकारी दी जाती है? संपूर्ण प्रकरण में जाँच कर कार्यवाही की जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धान, गेंहूं खरीदी का किसानों का शेष भुगतान
37. ( क्र. 3100 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत समितियों द्वारा विगत 3 वर्षों में की गयी धान एवं गेहूँ खरीदी का कितने किसानों का कितना भुगतान अब तक शेष हैं? समितिवार, वर्षवार जानकारी दें? उक्त भुगतान कब तक किया जायेगा? (ख) विपणन संघ द्वारा बरगी वि.स. क्षेत्र की समितियों को देय कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? विगत तीन वर्षों के शेष राशि का विवरण दें? समितियों की शेष राशि विपणन संघ कब तक भुगतान करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भुगतान शेष नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विपणन संघ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार समितियों को विपणन संघ से धान उपार्जन का रू. 10.69 लाख लेना शेष है एवं गेहूं उपार्जन की कोई राशि शेष नहीं तथा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या. जबलपुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार समितियों को विपणन संघ से धान उपार्जन का रू. 18.42 लाख एवं गेहूं उपार्जन का रू. 12.90 लाख लिया जाना शेष है, विपणन संघ की समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार तथा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की समितिवार जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है, समितियों की शेष राशि का भुगतान विपणन संघ द्वारा समितियों के देयकों व पत्रकों का मिलान कर शीघ्र किया जायेगा।
राजस्व प्रलेख/कम्पयूटर अभिलेख में भूमियों को दर्ज किया जाना
38. ( क्र. 3143 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले की तहसील वीरपुर, विजयपुर एवं कराहल में ऐसे कितने किसान हैं जिनके पास स्वयं के स्वामित्व की भूमि होने, पुराने राजस्व अभिलेख में उनके नाम दर्ज होने के बावजूद वर्तमान में कम्प्यूटर अभिलेख में उक्त भूमियां शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व प्रलेख/कम्प्यूटर अभिलेख में सुधार हेतु विगत दो वर्षों में कितने आवेदन पटवारी एवं संबंधित तहसीलदारों को प्राप्त हुए? कितनों का निराकरण किया गया? प्रश्नांकित तिथि तक कितने आवेदन लंबित है? लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें? क्या विगत माह में प्रश्नकर्ता द्वारा तहसीलदार कराहल को साथ कम्प्यूटर अभिलेख में सुधार हेतु भेजे गए आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई है? अभी तक कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत नहीं कराए जाने के क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कृषकों जिनकी स्वयं के स्वामित्व की भूमि होने के बावजूद राजस्व प्रलेख कम्प्यूटर अभिलेख में दर्ज न होने के कारण शासकीय योजनाओं का लाभ पाने से वंचित है को विशेष अभियान चलाकर अभिलेख सुधारने के निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) श्योपुर जिले के अंतर्गत तहसीलदारों से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार :- 1. तहसील बीरपुर में ऐसे 1129 किसान है। 2. तहसील विजयपुर की उक्त विषयक जानकारी निरंक है। 3. तहसील कराहल अंतर्गत 1037 किसान हैं जिनके पास स्वयं के स्वामित्व की भूमि होने, पुराने राजस्व अभिलेख में उनके नाम दर्ज होने के बाबजूद वर्तमान में कम्प्यूटर अभिलेख में भूमि शासकीय दर्ज है। (ख) तहसील बीरपुर में विगत दो वर्ष में कम्प्यूटर अभिलेख में सुधार हेतु कुल 58 आवेदन प्राप्त जिसमें से 15 आवेदनों को स्वीकार कर शासकीय से भूमि स्वामी दर्ज कर दिया गया। निराकरण हेतु शेष 43 आवेदनों पर कार्यवाही प्रचलित है। तहसील विजयपुर में राजस्व अभिलेख सुधार हेतु विगत दो वर्षों में पटवारियान एवं तहसील कार्यालय में कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ तथा कोई आवेदन लंबित नहीं है। तहसील कराहल अंतर्गत कम्प्यूटर अभिलेख में सुधार हेतु विगत दो वर्षों में 63 आवेदन प्राप्त हुए है, जिनमें से 02 का निराकरण कर दिया गया है। शेष के निराकरण हेतु सहायक अधीक्षक (भू-अभिलेख), राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों का दल गठित कर पटवारी अभिलेख मिलान एवं जाँच की जा रही है। जाँच उपरांत दल से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाकर 02 माह के अन्दर निराकरण किया जावेगा। (ग) कार्यवाही प्रचलित है। दो माह के अंदर निराकरण कर दिया जावेगा।
योजना के कार्य समय-सीमा में पूर्ण न होना
39. ( क्र. 3144 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना प्रांरभ होने के दिनांक से श्योपुर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क योजनान्तर्गत कौन-कौन से मार्ग निर्माण कितनी-कितनी लंबाई के, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कर किस-किस को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया वर्तमान में इनमें कितने कार्य पूर्ण है, कितने अपूर्ण है कितनी राशि व्यय की जा चुकी है, कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थित सहित वर्षवार, योजनावार, तहसीलवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों की पूर्णता की अवधि क्या थी? निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण न करने वाली एजेंसियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? क्या निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण न होने से कार्यों की लागत राशि में वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो लागत राशि में वृद्धि होने के कारण अतिरिक्त राशि की व्यवस्था किस प्रकार की जावेगी? समयावधि में कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण है? क्या इसके लिए संबंधित निर्माण एजेंसियों एवं अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष कार्य कब तक पूर्ण करा लिए जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य पूर्णता की निर्धारित अवधि 12 माह है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत मार्ग निर्माण के कार्यों में एम्बैंकमेंट, सबग्रेड एवं शोल्डर का कार्य मनरेगा के जॉबकार्डधारी श्रमिकों के माध्यम से कराये जाने का प्रावधान था। समय पर श्रमिकों की उपलब्धता न होने से मार्ग की नीचली सतहों का कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो सका इससे ऊपरी सतहों के कार्य प्रारंभ करने में विलंब हुआ। बाद में विभाग द्वारा मनरेगा मद से सम्पन्न होने वाले कार्य को राज्य मद से करने के निर्देश दिये गये है। कार्य में पूर्व ठेकेदारों से उन्हे स्वीकृत दर पर कार्य कराये जाने से लागत में वृद्धि नहीं हुई है। सुदूर ग्राम सम्पर्क एवं खेत सड़क योजनांतर्गत कार्य मनरेगा मद से मिट्टी का कार्य किये जाने का प्रावधान है। मनरेगा श्रम मांग आधारित योजना है अत: कार्यों की पूर्णता जॉबकार्डधारी श्रमिकों की उपलब्धता पर निर्भर होती है। इसमें कार्य अपूर्णता में किसी अधिकारी का उत्तदायित्व निर्धारित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सिंधी समाज उत्थान कमेटी
40. ( क्र. 3484 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा 2002 में विस्थापित सिंधी समाज के पुनर्उत्थान एवं श्रेष्ठ आजीविका के लिये शासन स्तर पर एक समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में समिति द्वारा क्या-क्या निर्णय लिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित इस समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब बैठक आयोजित कर कौन-कौन से कार्य को मूर्त रूप दे दिया गया है तथा इससे सिंधी समाज के कितने लोग लाभान्वित हुए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में संदर्भित समिति में कौन-कौन व्यक्ति अधिकारी समिति के सदस्य हैं? समिति के कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा केन्द्रों पर आवेदन शुल्क
41. ( क्र. 3538 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न विभागों की योजनाओं एवं सेवाओं के आवेदन पत्रों को सीधे कार्यालयों में लिया जाना प्रतिबंधित किया गया है? यदि नहीं, तो क्या कार्यालय द्वारा आवेदक से सीधे आवेदन प्राप्त किये जा सकते हैं? (ख) प्रदेश के लोक सेवा केन्द्रों पर कौन-कौन से विभागों की कितनी सेवाओं के आवेदन लिये जा रहे हैं? आवेदन पत्रों का निर्धारित शुल्क क्या है? खण्डवा जिले के लोक सेवा केन्द्रों को विगत तीन वर्षों में कितनी राशि का भुगतान किया गया है, जनपदवार बतावें? (ग) क्या विभाग द्वारा लिये जाने वाले नि:शुल्क आवेदनों के स्थान पर आवेदकों को अनावश्यक रूप से लोक सेवा केन्द्रों पर आवेदन शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है? क्या आवेदकों के आवेदन का निराकरण संबंधित विभाग द्वारा ही किया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो मात्र आवेदन पत्र प्राप्त करने का शुल्क लिया जाना न्यायोचित है? यदि नहीं, तो क्या ऐसी समस्त योजनाओं एवं सेवाओं के आवेदनों को व्यापक जनहित में जमा किया जाना स्वेच्छिक किया जायेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) प्रदेश के लोक सेवा केन्द्रों में विभिन्न विभागों द्वारा दी जा रही सेवाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आवेदन पत्र का निर्धारित शुल्क 30/- है। खण्डवा जिले की गत तीन वर्षों में जनपदवार भुगतान की गई राशि का विवरण इस प्रकार है खण्डवा 10,775/- पुनासा 86,375/- पंधाना 85,050 खालवा 2,08,025/- किल्लोद 9,94,025/- छैगावमाखन 1,71,300/- हरसूद 3,21,175/- (ग) जी नहीं, जी हाँ। लोक सेवा केन्द्र पर प्रोसेस फीस 25/- रूपये प्रति आवेदन, ई-गवर्नेंस शुल्क 05/- इस प्रकार कुल 30/- रूपये प्रति आवेदन शुल्क लिया जाता है, जोकि विभागीय आवेदन शुल्क से पृथक है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीमा राशि का भुगतान
42. ( क्र. 3567 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को खरीफ 2014 तथा रबी 2014-15 की फसल बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब भुगतान हुआ और किस मान से भुगतान किया गया? यदि नहीं तो कब तक करा दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें? (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में राजस्व विभाग के सर्वे में अनावरीवार क्षति का आंकलन क्या था तथा किस अनुपात में बीमा राशि प्रदाय की गई? (ग) क्या क्षेत्रीय किसनों से पक्षपात पूर्ण सर्वे/आंकलन व बीमा राशि प्रदाय की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शासन ने कब, किस अधिकारी से शिकायतों का परीक्षण/भौतिक मूल्यांकन कराया व दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही कर शिकायतकर्ता किसानों को वास्तविक बीमा राशि व राहत दिलाई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। खरीफ 2014 की राशि का भुगतान दिनांक 13.11.2014 तथा रबी 2014-15 की राशि का भुगतान दिनांक 10.02.2016 एवं दिनांक 15.02.2016 को किया गया। फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान संलग्न परिशिष्ट में दर्शित उपज की कमी के आधार पर बीमा कंपनी द्वारा "बीमित राशि × (थ्रेशहोल्ड उपज - वास्ताविक उपज)/थ्रेशहोल्ड उपज" फार्मूले से किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील उदयपुरा में खरीफ 2014 में फसलों की आनावारी 55 पैसे तथा रबी 2014-15 में 60 पैसे थी, तहसील बरेली में खरीफ 2014 एवं रबी 2014-15 में फसलों की आनावारी 50 पैसे से अधिक थी तथा तहसील बाड़ी के अंतर्गत भारकच्छ मंडल में खरीफ 2014 एवं रबी 2014-15 में फसल की आनावारी 50 पैसे से अधिक थी। बीमा क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उत्तरांश ‘क’ अनुसार किया गया है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति राशि के आकलन का आनावारी से कोई संबंध नहीं है। (ग) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। योजना के प्रावधान अनुसार जिन अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु फसल कटाई प्रयोग के आंकड़ों के आधार पर उपज में कमी पायी जाती है, वहां क्षतिपूर्ति देय होती है अर्थात थ्रेशहोल्ड उपज से वास्तविक उपज कम पायी जाती है, तो उस कमी के लिये क्षतिपूर्ति देय होती है अन्यथा नहीं। योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति हेतु सर्वे आंकलन मान्य नहीं है। अत: दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को प्रदाय डीजल पम्प
43. ( क्र. 3772 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कृषि विभाग द्वारा जिले भर में विभिन्न योजनाओं से किसानों को 2014-15 से वर्तमान समय तक सी.आर.आई. इन्द्र मार्शल पम्प प्रदाय किये गये? यह कितने हॉर्सपावर का है बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में योजनावार विकासखण्डवार एवं वर्षवार कितने हितग्राहियों को राशि दी गई? (ग) क्या सी.आर.आई. डीजल पम्प एक ही फर्म से खरीदे गये एवं अनुदान का भुगतान भी विभाग द्वारा सीधे ही कर दिया गया और किसानों को वही पम्प एवं उसी दुकान से लेने को बाध्य किया गया? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र. 474, दि. 8.11.2014 के माध्यम से उप संचालक कृषि मण्डला से उपरोक्त जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक जानकारी क्यों नहीं दी गयी, बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। इन्द्र मार्शल डीजल पंप 5 एच.पी. एवं सी.आर.आई. विद्युत पंप 2 एच.पी., 3 एच.पी., 5 एच.पी., एवं 7.5 एच.पी. के है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। पंप पर विभाग द्वारा अनुदान दिया गया अनुदान का भुगतान हितग्राहियों अथवा प्रदायक संस्थाओं को ई-पेमेंट द्वारा बैंक खातें में किया गया एवं किसानों को वहीं पंप उसी दुकान से लेने को बाध्य नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
स्थानान्तरण निति का पालन नहीं करना
44. ( क्र. 3806 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय द्वारा 01 अक्टूबर 2014 से 31 अक्टूबर 2015 तक कितने पंचायत सचिवों के प्रशासनिक, स्वैच्छिक अथवा परस्पर आधार पर स्थानान्तरण आदेश जारी किये गये, जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दी जावें? (ख) क्या पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण के लिए बनायी गई स्थानान्तरण नीतिके अनुसार स्थानान्तरण प्रतिबंध अवधि में ऐसे सभी स्थानान्तरण समन्वय में स्वीकृति प्राप्त कर राज्य शासन से किये जाने थे? क्या इन निर्देशों का उल्लंघन किया गया है? उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण नीति में नि:शक्त पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण नहीं किये जाने का प्रावधान होने पर भी नि:शक्त पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण किये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) ग्राम पंचायत सचिवों का स्थानांतरण नीति अनुसार समन्वय में स्वीकृति का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्थानांतरण नीति में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिवृष्टि से नुकसान फसलों का मुआवजा
45. ( क्र. 3843 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत विगत दो वर्षों में तहसील तामिया में अतिवृष्टि से हुआ फसलों के नुकसान का मुआवज़ा कितने किसानों को दिया गया है? (ख) क्या किये गये आंकलन के अनुसार समान रूप से बिना भेदभाव के प्रत्येक किसानों को सही तरीके से राशि प्रदान की गई है? (ग) क्या शासन द्वारा स्वीकृति राशि में से कुछ राशि बचाकर किसानों को दी गई है? इस राशि को पुन: किसानों को समान रूप से वितरित की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले की तहसील तामिया में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में अतिवृष्टि से फसल क्षति नहीं होने के कारण आर्थिक सहायता का वितरण कृषकों को नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सड़क से वंचित ग्राम
46. ( क्र. 3857 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं विदिशा जिले में 500 से अधिक जनसंख्या तथा 500 से कम जनसंख्या वाले कौन-कौन से ग्राम हैं, जो सड़क से नहीं जुड़े हैं तथा क्यों, कारण बतायें? उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण की क्या योजना है? (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क में वंचित ग्रामों में सड़क निर्माण हेतु जिला योजना समिति के प्रस्ताव, सांसद/विधायकों के कितने पत्र 2 वर्षों में विभाग तथा मान. मंत्रीजी को प्राप्त हुए, तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित एवं निर्माणाधीन सड़कें उक्त जिलों में, की मरम्मत, पटरी सफाई कराये गये कार्यों की जाँच के संबंध में किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग अंतर्गत वर्ष 2001 की जनसंख्या के आधार पर सामान्य विकासखण्ड में 500 से अधिक एवं आदिवासी विकासखण्डों में 250 से अधिक जनसंख्या के ग्रामों को एकल सड़क सम्पर्कता बी.टी. रोड बनाते हुये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कोरनेटवर्क के आधार पर प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों अनुसार सड़क सम्पर्कताविहीन ग्रामों की सूची एवं सड़क सम्पर्कता प्रदान करने की योजना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विभाग अंतर्गत वर्ष 2001 की जनसंख्या के आधार पर सामान्य विकासखण्ड में 500 से कम एवं आदिवासी विकासखण्डों में 250 से कम जनसंख्या के ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कोरनेटवर्क के आधार पर एकल सड़क सम्पर्कता ग्रेवल रोड बनाते हुये मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार सड़क सम्पर्कताविहीन ग्रामों की सूची एवं सड़क सम्पर्कता प्रदान करने की योजना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
जनपद पंचायत के कर्मचारियों की पेंशन योजना
47. ( क्र. 3976 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला एवं जनपद पंचायतों के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन योजना लागू है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्चात् पेंशन योजना का लाभ भी मिल रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? जनपद एवं जिला पंचायतों में पेंशन योजना का क्या प्रावधान है, नियम-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) वर्ष, 2015-16 में जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली के कितने कर्मचारी सेवानिवृत्ति की स्थिति में है और इन्हें वृद्धावस्था में सेवानिवृत्ति के पश्चात् जीविकोपार्जन के लिए पेंशन आदि के रूप में शासन द्वारा इन्हें क्या लाभ दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। अंशदायी पेंशन योजना के पात्र है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जिला एवं जनपद पंचायतों के कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पश्चात् अंशदायी पेंशन लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) वर्ष 2015-16 जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली के दो कर्मचारी सेवानिवृत्त की स्थिति में है। जिन्हें योजना की पात्रता अनुसार एवं भारत सरकार द्वारा नवीन पेंशन योजना की मार्गदर्शिका अनुरुप पेंशन का लाभ मिलना है। शेष जानकारी उत्तरांश-‘‘क‘‘ अनुसार।
प्राथमिक विपणन सहकारी समितियों को सुदृढ़ करना
48. ( क्र.
3979 ) श्री
राम लल्लू
वैश्य : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
द्वारा पारित
संकल्प वर्ष, 2010 के
बिन्दु
क्रमांक 23
द्वारा
प्रदेश के
प्राथमिक
विपणन सहकारी
समितियों को सुदृढ़
करने के लिए
कई
दिशा-निर्देश
दिये गये थे, जिसमें
इन संस्थाओं
में
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली के
कार्य के तहत
लीड का कार्य
आवंटित किया
जाना तथा समर्थन
मूल्य पर
उपार्जन केन्द्र
बनाया जाना
शामिल है? यदि
हाँ, तो
क्या इस
दिशा-निर्देश
का पालन किया
जा रहा है, स्पष्ट
करें?
यदि नहीं, तो क्यों? (ख)
क्या
प्राथमिक
विपणन सहकारी
समिति
मर्यादित देवसर
द्वारा जिला
आपूर्ति
अधिकारी
सिंगरौली को
विगत 3
वर्षों से
संस्था
द्वारा
उपरोक्त
कार्य प्राप्त
करने के लिए
आवेदन किया
गया है, लेकिन किसी
संस्था को
कोई कार्य
आवंटित नहीं
हुआ है? यदि हाँ, तो
उपरोक्त
कार्य संस्था
को कब तक में
आवंटित किया
जायेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी हाँ, खाद्य
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण
विभाग के आदेश
क्रमांक एफ 7-19/2014/29-1
दिनांक 25.03.2015 से म.प्र.
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली नियंत्रण
आदेश 2009
को निरसित कर
दिये जाने से
सहकारी संस्थाओं
से लीड का
कार्य समाप्त
हो गया है, विपणन
सहकारी संस्थाओं
को उपार्जन
नीति अंतर्गत
नियमानुसार उपार्जन
केंद्र बनाया
जाता है। (ख)
जी हाँ, किंतु
खाद्य नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण
विभाग के आदेश
क्रमांक एफ 7-19/ 2014/29-1
दिनांक 25.03.2015 से म.प्र.
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
नियंत्रण आदेश
2009
को निरसित कर
दिये जाने से
सहकारी संस्थाओं
से लीड का
कार्य समाप्त
हो जाने से
तथा कलेक्टर
खाद्य द्वारा
उपार्जन
केंद्र
निर्धारित कर
दिये जाने के
पश्चात् विपणन
सहकारी समिति
मर्या. देवसर
द्वारा आवेदन प्रस्तुत
करने के कारण
उपार्जन
केंद्र नहीं
बनाया गया, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अंतर्राष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत व्यक्ति को वाहन क्रय/लायसेंस
49. ( क्र.
4041 ) श्री
संजय शाह
मकड़ाई :
क्या परिवहन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
विदेशी
नागरिक, जो मध्यप्रदेश
के कॉलेज में
अध्ययनरत
एवं मध्यप्रदेश
स्थित
अंतर्राष्ट्रीय
कम्पनी में
कार्यरत व्यक्ति
को वाहन
खरीदने के
संबंध में क्या
नीति-निर्देश
निर्धारित
हैं? नीति-निर्देश
की जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख)
क्या उक्त
नीति
निर्देशों
में वाहन क्रय
केपूर्व शासकीय
अनुमति ली
जाना आवश्यक
है? (ग)
म.प्र. शासन
द्वारा
विदेशी
नागरिक, जो मध्यप्रदेश
के कॉलेज में
अध्ययनरत
एवं मध्यप्रदेश
स्थित
अंतर्राष्ट्रीय
कम्पनी में
कार्यरत व्यक्ति
को ड्रायविंग
लायसेंस के
संबंध में क्या
नीति-निर्देश
निर्धारित है? क्या
केन्द्र
सरकार (भारत
सरकार) द्वारा
मध्यप्रदेश
शासन को
दिशा-निर्देश
निर्धारित हैं, दिशा-निर्देश
की प्रति
उपलब्ध
करावें?
परिवहन
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) केन्द्रीय
मोटरयान नियम 1989 के
नियम 47
में
मोटरयानों के
रजिस्ट्रेशन
के लिये आवेदन
करने का
प्रावधान है।
विदेशी
नागरिक की स्थिति
में नियम 47 (ट) के
अंतर्गत
निवास के सबूत
के अतिरिक्त
भारत में
विधिक
उपस्थिति का
सबूत भी आवेदक
को प्रस्तुत
करना होगा, ऐसा
प्रावधानित
है। (ख) नियमों
में ऐसा कोई
प्रावधान
नहीं है। (ग) केन्द्रीय
मोटरयान नियम 1989 के
नियम (3)
व (4) में
ड्रायंविग
लायसेंस हेतु
आवेदन करने का
प्रावधान है।
विदेशी
नागरिक की
स्थिति में नियम
4 (12) के
अंतर्गत
निवास के सबूत
के अतिरिक्त
भारत में
विधिक उपस्थिति
का सबूत भी
देना आवश्यक
होगा,
ऐसा
प्रावधानित
है।
नामांतरण/सीमांकन आदि के प्रकरण
50. ( क्र. 4071 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील, केवलारी,छपारा, धनौरा सिवनी के तहत कितनी पटवारी हल्का है, उनमें कितने पटवारी पदस्थ व प्रभार में हैं, कृपया हलकावार सूची उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष, 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक पटवारी हल्का में कितने आवेदन-नामांतरण/बंटवारा व सीमांकन के प्राप्त हुये? कितनों का निराकरण किया गया है, हल्कावार बतावें? (ग) अभी तक कितने प्रकरण लंबित हैं? उन्हें कब तक पूर्ण करने का प्रावधान रखा गया है? उक्त पटवारी हल्का में कितने शासकीय राजस्व भूमि हैं एवं इसमें से कितने भूमि में कब्जा है, बतावें? (घ) कितने में कब्जा नहीं है? यदि कब्जा है, तो संबंधित विभाग को जानकारी दी गई व कब्जाधारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, हल्कावार बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) उक्त तहसीलों की 31454.08 हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि पर कब्जा नहीं है। 756.79 हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि पर कब्जा होने के कारण कब्जाधारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाही संस्थित की गई है।
संकलित जानकारी
51. ( क्र. 4154 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज गैरखातें की दखल रहित जमीनों को संरक्षित वन भूमि या आरक्षित वन भूमि अधिसूचित किए जाने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया गया है? (ख) भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी को गैरखातें में दर्ज दखल रहित भूमियों को संरक्षित वन एवं आरक्षित वन भूमि माना जाकर किन-किन कार्यवाहियों के अधिकार दिए गए है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आरक्षित वन एवं संरक्षित वन संबंध में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में प्रावधान नहीं है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत दखल रहित भूमि को संरक्षित वन एवं आरक्षित वन भूमि माने जाने से संबधित कोई प्रावधान नहीं है।
गैर खाते की भूमि
52. ( क्र. 4155 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में एन.टी.पी.सी. के पावर प्लांट हेतु किस ग्राम की खाते में दर्ज कितनी भूमि एवं गैरखातें की किस मद में दर्ज कितनी भूमियों का चयन किया गया इसमें से कितनी भूमि का कब्जा पावर प्लाट प्रबंधक को किस दिनांक को सौंप दिया है? (ख) पावर प्लांट के लिए चयनित गैरखातें की भूमि राजस्व अभिलेखों में किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज भूमि हैं इन भूमियों की भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 के अनुसार प्रयोजन बदले जाने का आदेश कलेक्टर छतरपुर ने किस दिनांक को दिया है यदि प्रयोजन बदले जाने का आदेश न दिया हो तो कारण बतावें? (ग) पावर प्लांट के लिए चयनित सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों की भूमि के बदले कितनी भूमि सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए ग्रामवासियों को किस-किस ग्राम में उपलब्ध करवाई गई यदि वैकल्पिक व्यवस्था न की गई हो तो उसका भी कारण बतावें? (घ) कब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम सांदनी, बरेठी, सतना एवं बसारी की खाते में दर्ज 975.957 हे. एवं गैर खाते की ग्राम सांदनी की भूमि रकबा 124.962 हे. तथा ग्राम बरेठी की 29.194 हे. भूमि का चयन किया गया। सम्पूर्ण चयनित भूमियों का कब्जा पावर प्लांट प्रबंधक को दिनांक 20/02/2014, दिनांक 11/09/2015, 28.11.2015 एवं दिनांक 08.06.2015 को सौंपा गया है। (ख) गैर खाते की भूमि राजस्व अभिलेख में रास्ता, नाला, चरनोई,आबादी, मरघट, तालाब एवं पहाड आदि निस्तारी प्रयोजनों के लिये दर्ज भूमि है। इन भूमियों का प्रयोजन बदले जाने का आदेश प्रकरण क्रमांक -2/अ/59/10-11 एवं 2/अ/59/10-11, में पारित दिनांक 27.8.11 से, कलेक्टर छतरपुर द्वारा दिया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) बदले में ग्राम सांदनी में 17.061 हे., एवं ग्राम बरेठी में 09.961 हे. भूमि नोइयत परिवर्तन कर चरनोई घोषित की गई है। (घ) उत्तरांश ‘‘ग‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जानकारी प्रदान करना
53. ( क्र. 4215 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में एन.एच. 7 शिवपुरा प्रायमरी स्कूल से पिड़रिया पहुंच मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क अन्तर्गत कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इन सड़कों में पुल बनाने का क्या प्रावधान है, प्रावधान की सत्यापित प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या ग्राम शिवपुरा में गंगा प्रसाद मिश्रा की जमीन में पुल का निर्माण किया गया है एवं पुन: इन्हीं की जमीन में पुल से आगे 10 मीटर में पुन: ढोंढरी डालकर अतिरिक्त पुल बनाया गया है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध ढोंढरी डालकर पुल निर्माण को खत्म किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले में एन.एच.-7 से पिडरिया सेंगर सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़क पर डी.पी.आर. के प्रावधानों एवं कार्य स्थल की आवश्यकता के अनुसार पुलिया निर्माण करने का प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़क की चैनेज 1100 मीटर पर स्लेब कलवर्ट का निर्माण किया गया है। इस पुलिया के आगे लगभग 40 मीटर पर सड़क की दाहिने ओर हैण्डपंप के पानी के निकास हेतु पाइप डाले गये है, पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है। पानी की निकासी हेतु पाइप डालना नियम विरूद्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाना
54. ( क्र. 4272 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ में चौथे वेतनमान पर कार्यरत कर्मचारियों को 35 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत करने हेतु परिसमापक सक्षम है अथवा नहीं? यदि नहीं तो कौन सक्षम है? कब तक प्रकरण लंबित रखेंगे? (ख) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के कर्मचारियों को 33 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत करने हेतु परिसमापक द्वारा पत्र 754 दिनांक 30.05.2015 भेज कर स्वीकृति चाहने पर क्या पंजीयक सहकारी समितियों द्वारा सहकारिता के वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी में रखने का आदेश किया था। या नहीं यदि हाँ, तो वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक क्यों नहीं हुई? कब तक महंगाई भत्ता स्वीकृत करेंगे? पंजीयक महोदय क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वत्व/ग्रेज्युटी आदि का भुगतान कब से कितने लोगों का कितना-कितना लंबित है? क्या इस संबंध में तिलहन संघ ने शासन से सहायता/मार्ग दर्शन चाहा? कब-कब पत्र कहाँ-कहाँ भेजा। (घ) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के कितने सेवायुक्तों के संविलियन होने के उपरांत भी गत छ: माह से कार्यमुक्त नहीं किया गया है? संविलियन की कार्यवाही कहाँ-कहाँ विभागों में लंबित है? यदि हैं तो तिलहन संघ क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, संस्था के परिसमापन में होने के कारण परिसमापक द्वारा परिसमापन व्यय के अतिरिक्त स्थाई नवीन दायित्वों का निर्माण नहीं किया जा सकता है, संस्था की वर्तमान स्थिति के परिप्रेक्ष्य में कोई नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, दिनांक 24.02.2016 को वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी की बैठक हुई, समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं, कार्रवाई प्रक्रियाधीन। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्र./एफ/6-36/2012/15-1, दिनांक 01.08.2013 में तिलहन संघ के सेवायुक्तों के बकाया वेतन, ग्रेच्यूटी, भविष्य निधि तथा अन्य स्वत्वों आदि की शेष राशि का भुगतान संघ के परिसमापन के पश्चात संघ की परिसम्पत्तियों के विक्रय से प्राप्त राशि में से किये जाने के निर्देश पूर्व से है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संविलियन आदेश जारी हुए किसी भी कर्मचारी को भार मुक्त किया जाना शेष नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार, विभागों द्वारा वांछित नियुक्ति प्रकिया की जानकारी तिलहन संघ द्वारा तैयार कर प्रेषित करने की कार्रवाई की जा रही है।
कम्प्यूटरीकृत खसरे में बंटवारा अंकित करना
55. ( क्र. 4344 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम रातौर तहसील शिवपुरी के निवासी श्री नक्टू व बच्चू पुत्र लटूरा के बरोदी सड़क के पटवारी हल्का नम्बर 63 में शामिल खाते के खसरा क्रमांक 30, 35, 36 मिन 1 का सहमति बंटवारा दिनांक 03.10.2014 को हो गया था एवं संबंधित पर भू-अभिलेख पुस्तिका में भी सहमति बंटवारा अनुसार भूमि दर्शायी गयी है? लेकिन खसरा फार्म पी II म.प्र. कम्प्यूटरीकृत भू-अभिलेख खसरा में प्रश्न दिनांक तक भी बंटवारे से पूर्व की स्थिति प्रदर्शित हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कम्प्यूटरीकृत खसरा में बंटवारा कब तक अंकित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में पंचायत सचिव
56. ( क्र. 4357 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी पंचायतों में पंचायत सचिव की नियुक्ति है एवं कितनों में नहीं? (ख) क्या कई पंचायतों में सचिव नहीं है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा भर्ती एवं पदस्थापना की क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 125 ग्राम पंचायत सचिव कार्यरत हैं, तथा 14 पद रिक्त हैं। (ख) जी नहीं। मात्र 14 पद रिक्त हैं। पंचायत सचिव भर्ती नियमों में जिलों को ही प्रतिवर्ष 01 जनवरी की स्थिति में रिक्तियों को भरने के स्थायी निर्देश हैं। कार्यवाही जिला पंचायत के द्वारा ही सम्पादित की जायेगी।
विधानसभा प्रश्न क्रमांक 118 दिनांक 11.03.2015
57. ( क्र. 4362 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. संख्या 2 प्रश्न (क्रमांक 118) दिनांक 11.03.2015 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में दिया है कि 230 दाल एवं राईस मिलों के अभिलेख उपलब्ध नहीं हो सके हैं जिन्हें एकत्र करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित कर्मचारियों द्वारा अभिलेख उपलब्ध कराने में विलम्ब किए जाने पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2010-11 की लेखा सत्यापन नस्तियाँ श्री आर.पी. खम्परिया सहायक ग्रेड-3 द्वारा उपलब्ध न कराये जाने पर सचिव मंडी समिति-कटनी द्वारा पत्र दिनांक 25.02.16 से प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पुलिस थाना कुठला कटनी को पत्र भेजा गया। वर्ष 2009-10 से वर्ष 2012-13 की लेखा सत्यापन संबंधी अभिलेख व नस्तियाँ मंडी कार्यालय में जमा कराने के लिये श्री मुकेश राय सहायक ग्रेड-03 तथा वर्ष 2009-10 से वर्ष 2013-14 की लेखा सत्यापन संबंधी अभिलेख व नस्तियाँ मंडी कार्यालय में जमा कराने के लिये सर्वश्री पी.डी. पाठक सहायक लेखापाल, अजय गुप्ता, मंडी निरीक्षक, रामकिशोर सोनी मंडी निरीक्षक, श्रीलाल पटेल (सेवानिवृत्त) मंडी निरीक्षक, आर.पी. खम्परिया सहायक वर्ग-3, मंडी कटनी को दिनांक 22.06.15 को पत्र जारी किया गया, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सर्वश्री मुकेश राय, आर.पी. खम्परिया, सहायक ग्रेड-3, पी.डी.पाठक सहायक लेखापाल, अजय गुप्ता, मंडी निरीक्षक वर्तमान में एक अन्य प्रकरण में निलंबित है तथा श्री श्रीलाल पटेल मंडी निरीक्षक वर्तमान में सेवा निवृत्त हो चुके है।
भूमि को बेचे जाने की नियम विरूद्ध अनुमति
58. ( क्र. 4381 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की तहसील ग्वालियर के ग्राम नीम चन्दोहा, केदारपुर, महलगांव, नौगांव एवं सुसेरा में 01 जुलाई, 2014 से 01 जुलाई, 2015 तक कितनी-कितनी भूमि किन-किन अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को पट्टे से प्राप्त तथा निजी स्वामित्व की व्यक्तियों/संस्थाओं ने कलेक्टर ग्वालियर की अनुमति से कब-कब क्रय की? (ख) उपरोक्त अवधि में ग्वालियर तहसील में किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों को शासकीय कृषि भूमि जैसे नाला, पहाड़, चरनोई एवं औकाफ के पट्टे दिए गए? (ग) क्या उपरोक्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की भूमि के विक्रय की स्वीकृति देने तथा शासकीय भूमि के पट्टे भू-माफियों को आवंटित करने की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) तहसील ग्वालियर हल्का 61 महलगांव के सर्वे क्रमांक 1082, 1084, 1057, 1079, 1080, 501 एवं 505 मिसिल बंदोबस्त संवत 1997 में राजस्व खसरा में दर्ज भूमि स्वामी का नाम व पते का विवरण दें? (ड.) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (क) (ख) (ग) एवं (घ) की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संवारिया ग्रुप द्वारा मण्डी शुल्क की चोरी की जाँच
59. ( क्र. 4382 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह नवम्बर-दिसम्बर 2015 में आयकर विभाग द्वारा संवारिया ग्रुप के ठिकानों पर छापामार कार्यवाही के दौरान संवारिया ग्रुप द्वारा मण्डी शुल्क चोरी के मामले सामने आने पर विभागीय प्रमुख सचिव द्वारा मण्डी बोर्ड के प्रबंध संचालक को पत्र लिखकर जाँच के निर्देश दिए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच पूर्ण कर जाँच प्रतिवेदन शासन को प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर मण्डी शुल्क सहित अन्य मामले में कितनी राशि की चोरी करना पाया गया तथा सांवरिया ग्रुप से कितनी राशि की वसूली की गई और मण्डी बोर्ड के दोषी किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में जाँच प्रक्रियाधीन है, जिसके पूर्ण होने पर प्रश्नागत वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। अत: अभी शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
धार जिले में लोक सेवा केन्द्रों के रिन्यूवल में देरी
60. ( क्र. 4419 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में जिला प्रबंधक लोक सेवा द्वारा लोक सेवा केन्द्रों के रिन्यूवल के लिए देरी की गई है एवं क्या ऐसा अन्य जिलों में भी हुआ होगा? भोपाल संभाग में विगत 6 महीनों में किन-किन लोक सेवा केन्द्रों के टेण्डर जिला प्रशासन द्वारा निरस्त किये गये हैं? (ख) उन केन्द्रों के निरस्तीकरण की एक उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा जाँच कराकर रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो क्या दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या एक कमेटी सचिव द्वारा गठित की जाकर भ्रष्टाचार की जाँच कराई जावेगी और इसकी रिपोर्ट सचिव लोक सेवा प्रबंधक भोपाल को दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा निर्धारित कर बताई जावे?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। धार एवं अन्य जिलो में लोक सेवा केन्द्रों के रिन्यूवल शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में किये गये। भोपाल संभाग में विगत 06 महीनों में जिला प्रशासन द्वारा निरस्त किए गए लोक सेवा केन्द्रों के टेंडर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक सेवा केन्द्रों के निरस्तीकरण का निर्णय संबंधित ई-जिला गवर्नेस सोसायटी द्वारा लोक सेवा केन्द्रों के मूल्यांकन उपरांत किया गया है। इस विषय में भ्रष्टाचार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: किसी उच्च स्तरीय जाँच का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंत्योदय मेले का आयोजन
61. ( क्र. 4433 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में दिनांक 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ जिला स्तरीय एवं खण्ड स्तरीय अंत्योदय मेले का आयोजन किया गया? मेले के आयोजन के समय उत्तरदायी अधिकारी के नाम एवं पद की जानकारी देते हुये मेले के आयोजन के स्थान, दिनांक एवं उस पर हुये व्यय की जानकारी मदवार एवं अंत्योदय मेलेवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय एवं खण्ड स्तरीय अंत्योदय मेले में कितने-कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि से लाभांवित किया गया? दिये गये लाभ का ब्यौरा, विभाग एवं योजना के नाम सहित, लांभावित राशि की जानकारी पंचायतवार उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
मुख्य तकनीकी परीक्षक की जाँच
62. ( क्र. 4434 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 66 (क्रमांक 1803) दिनांक 27 जुलाई 2015 के उत्तर में प्रकरण की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा कराये जाने की बात कही थी? तो कृषि उपज मंडी जैसीनगर के निर्माण कार्य की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा कब की गयी? जाँच में क्या परिणाम प्राप्त हुये? (ख) यदि नहीं तो क्यों? जाँच में इतना विलम्ब क्यों किया जा रहा है? किस दोषी अधिकारी को संरक्षण दिया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदंर्भ में प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
आत्मा योजना के सहायक अमले को गाईड लाईन
63. ( क्र. 4483 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आत्मा योजना अंतर्गत पदस्थ सहायक अमले के वेतन के संबंध में भारत शासन द्वारा कोई गाईड लाईन जारी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त गाईड लाईन में आत्मा योजना में सहायक अमले को किस-किस पद के लिए कितना-कितना वेतन, किस दिनांक से दिया जाना था? (ग) क्या मध्यप्रदेश में उक्त गाईड लाईन अनुसार निर्धारित दिनांक से निर्धारित वेतन दिया गया? यदि नहीं तो क्या शासन उक्त शेष राशि एरियर्स के रूप में अमले को भुगतान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) आत्मा गाइडलाइन में सहायक अमले के वेतन भारत सरकार के मार्गदर्शी निर्देश अगस्त 2014 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। के तारतम्य में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
64. ( क्र. 4508 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में वर्ष 2013-14 तथा 2014-15 में कितने प्रकरण बटवारा, नामांतरण, सीमांकन के पंजीकृत किये गए? ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने पंजीकृत प्रकरणों का निराकरण ग्राम सभाओं द्वारा? तहसील न्यायालय द्वारा किये गए? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने प्रकरण आज दिनांक तक लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के लिए कौन दोषी है? क्या शासन स्तर से दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किसके विरूद्ध नाम बतावें? यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें? उनके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवासहीन परिवारों को आवास
65. ( क्र. 4535 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायतवार दिनांक 01.04.2012 से 31.12.2016 तक कितने मूल परिवार B.P.L. सर्वे अनुसार आवासहीन परिवारों की भी सूची में पंजीबद्ध थे? यह सूची कब-कब तैयार की गयी थी? तिथिवार, वर्गवार, पंचायतवार, हितग्राही वार सूची सॉफ्ट कॉपी (Softcopy) में उपलब्ध करावें? (ख) 01.04.12 से प्रश्न दिनांक तक आवासहीन परिवारों की सूचियों में कितने नाम अतिरिक्त रूप से जोड़े गये? (ग) कितने परिवारों को इंदिरा आवास योजना योजनान्तर्गत लाभांवित किया जा चुका है एवं कितने परिवार अभी शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायतवार दिनांक 01.04.2012 से आज दिनांक तक कुल मूल बी.पी.एल. परिवार 13765 हैं, जो आवासहीन की सूची में पंजीबद्ध हैं। उक्त सर्वे के आधार पर मूल सूची वर्ष 2006-07 में तैयार की गई है। लोक सेवा केन्द्र में आवेदन उपरान्त पात्रतानुसार नाम जोड़ने की प्रक्रिया सतत् जारी है। तिथिवार, वर्गवार, हितग्राहीवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 01.04.2012 से प्रश्न दिनांक तक आवासहीन परिवारों की सूची में 3145 नये नाम जोड़े गये। (ग) इंदिरा आवास योजनान्तर्गत 3462 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया। 10303 परिवार शेष हैं।
कृषकों को उन्नत बीज का प्रदाय
66. ( क्र. 4555 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर एवं बुढ़ार में कृषकों को वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में उन्नत बीज उपलब्ध करवाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने कृषकों को कौन-कौन से उन्नत बीज नि:शुल्क उपलब्ध करवाये गये हैं तथा कौन से बीज शुल्क पर उपलब्ध करवायें गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में नि:शुल्क बीज वितरण पर प्रति किसान कितनी राशि व्यय की गई और सशुल्क वितरण से कितनी राशि प्राप्त हुयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क/ख अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के अनुसार है।
एस.बी.पुलिस गृह निर्माण सहकारी संस्था के विरूद्ध कार्यवाही
67. ( क्र. 4596 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.बी.पुलिस गृह निर्माण सहकारी संस्था भोपाल (डी.आर.बी. 542) द्वारा वर्ष 2001 में चूना भट्टी में 0.60 डेसीमल जमीन सदस्यों का भूखण्ड/भवन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खरीदी गयी थी? जिसका ग्रंथ.क्र. अ-1/17669 एवं पंजीयन क्रमांक 3448 दिनांक 12/12/2001 है? (ख) संस्था द्वारा उक्त भूमि को वर्ष 2003 में ग्रंथ क्रमांक 1-अ/19676 पर पंजीयन क्रमांक 1120 दिनांक 25/07/2003 को श्री गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित (डी.आर.बी. 746) को विक्रय कर दिया गया? क्या संस्था द्वारा भूमि के विक्रय से पूर्व पंजीयन से कोई अनुमति ली गयी थी? यदि हाँ, तो ली गई अनुमति की जानकारी दें यदि नहीं तो विभाग द्वारा संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश राय एवं अन्य द्वारा किये गये इस अवैध कृत्य के खिलाफ क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावेगा एवं कब तक? (ग) क्या श्री गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा वर्ष 2003-04 में ऑडिट रिपोर्ट में उक्त भूमि को क्रय करना दर्शाया है जबकि एस.बी. गृह निर्माण सहकारी समिति की ऑडिट रिपोर्ट में उक्त भूमि के क्रय विक्रय करने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है? यदि एस.बी. गृह निर्माण सहकारी समिति संस्था के रिकार्ड में कोई उल्लेख है तो उसकी जानकारी दें यदि नहीं तो क्या संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा जमीन विक्रय से प्राप्त धन को स्वयं प्राप्त कर संस्था एवं सदस्यों के साथ अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी का अपराध कायम किया है? यदि हाँ, तो विभाग संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश राय एवं संचालक मण्डल के अवैध कृत्य पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेगा एवं कब तक? (घ) अतारांकित प्रश्न संख्या-148 (क्रमांक 4438) दिनांक 11/03/2015 एवं अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4925 दिनांक 11/03/15 के उत्तर में एस.बी.गृह निर्माण सहकारी समिति संस्था को 17/11/11 को अधिग्रहित करना बताया गया था, क्या विभाग द्वारा संस्था का रिकार्ड प्राप्त कर लिया गया है? यदि नहीं तो विभाग द्वारा 5 वर्षों तक रिकार्ड क्यों नहीं जप्त किया जा सका एवं इसके लिए कौन दोषी है प्रश्न क्रमांक 4438 के प्रश्नांश (ख) की अद्यतन स्थिति बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, विभाग द्वारा दिनांक 05.03.2016 को वर्तमान संस्था अध्यक्ष को संस्था के तत्कालीन संचालक मण्डल के विरूद्ध तत्काल अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिये गये है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। विभाग द्वारा सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष श्री सुरेश राय एवं संचालक मण्डल के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिये जा चुके है। (घ) जी हाँ, जी हाँ, दिनांक 2.10.2015 को रिकार्ड प्राप्त कर लिया गया था। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न क्रमांक 4438 के प्रश्नांश (ख) में 06 भूखण्ड के पंजीयन निरस्त करने वाद प्रकरण माननीय न्यायालय 21 वें न्यायाधीश वर्ग-02 के यहां प्रचलन में थे, निर्णय की जानकारी अप्राप्त है।
जाँच प्रतिवेदन एवं उस पर की गई कार्यवाही
68. ( क्र. 4597 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 जुलाई 2015 को तारांकित प्रश्न संख्या-9 (क्रमांक 51) के प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) में विभाग द्वारा जाँच संस्थित करने का हवाला दिया गया था? उक्त जाँच किनके द्वारा की गई तथा जाँचकर्ता अधिकारियों के नाम, पद एवं उक्त जाँच प्रतिवेदन पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ख) दिनांक 7 दिसंबर 2015 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 407 के उत्तर में विभाग द्वारा कामधेनु गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल डी.आर.बी. 296 के वर्तमान संचालकों के खिलाफ 56 (3) की कार्यवाही प्रारंभ करना बताया गया था? तो आज दिनांक तक कार्यवाही की गई? (ग) दिनांक 07 दिसम्बर 2015 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 407 के प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर में विभाग द्वारा संस्था का रिकार्ड प्राप्त न होना बताया गया है? अगर संस्था का रिकार्ड अप्राप्त है तो संस्था के वर्तमन संचालकों द्वारा वर्णित नए लोगों को सदस्य तथा उनकों भूखण्डों का पंजीयन किस आधार पर कराया जा रहा है? क्या संस्था द्वारा की जा रही समस्त कार्यवाही अवैध है? (घ) दिनांक 20 जुलाई 2015 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 512 में विभाग द्वारा जाँच संस्थित करने का हवाला दिया गया था? उक्त जाँच किसके द्वारा की गई तथा उक्त जाँचकर्ता अधिकारी का नाम, पद एवं जाँच प्रतिवेदन तथा उक्त जाँच प्रतिवेदन पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, प्रश्न क्रमांक 51 में नहीं बल्कि प्रश्न क्रमांक 510 मे। प्रश्नांश "ख" एवं "ग" की जाँच श्री एन.के. शाक्य, सहायक पंजीयक (अंकेक्षण), श्री पी.एल. चिल्लै, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक एवं श्री राजीव जैन, सहकारी निरीक्षक के जाँच दल द्वारा की गई एवं प्रश्नांश "घ" की जाँच श्री अखिलेश चौहान, सहायक पंजीयक (प्रशासन) द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत याचिका क्रमांक 6318/2015 में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 01.05.2015 में दिये गये निर्देश के अनुक्रम में याचिकाकर्ता श्री एम.एल. गौड़ द्वारा की गई शिकायतों की जाँच संयुक्त आयुक्त सहकारिता, भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात ही स्थिति बतायी जा सकेगी। (घ) जी हाँ। उत्तरांश "क" अनुसार, किन्तु उत्तरांश "ग" के अनुसार अब जाँच संयुक्त आयुक्त सहकारिता, भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा की जा रही है।
बंदोबस्त के दौरान नक्शा त्रुटि
69. ( क्र. 4627 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा एवं रामपुरा तहसील के भूमि बंदोबस्त के दौरान नक्शे में त्रुटि होने एवं उसमें सुधार किये जाने के कितने आवेदन विगत 5 वर्षों में कलेक्टर नीमच एवं अनुविभागीय अधिकारी को प्राप्त हुए हैं? (ख) कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कितने प्रकरण लंबित है, लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 1. जिला नीमच कलेक्टर न्यायालय में विगत 5 वर्षों में मनासा तहसील के 24 एवं रामपुरा तहसील के 4 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। 2. अनुविभागीय अधिकारी मनासा के कार्यालय में विगत 5 वर्षों में तहसील मनासा के 18 आवेदन पत्र एवं तहसील रामपुरा के 11 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर नीमच को प्राप्त आवेदनों में से 14 आवेदनों का निराकरण किया गया 14 प्रकरण लंबित है। अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय द्वारा 11 का निराकरण किया गया 18 प्रकरण लंबित है। सभी प्रकरणो में न्यायालय में प्रक्रिया प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रासायनिक उर्वरक का प्रयोग
70. ( क्र. 4640 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि आर्थिक सर्वेक्षण 2015 राष्ट्रीय विकास योजना ओर कृषि योजना के सूक्ष्म प्रबंधन के अंतर्गत मध्यप्रदेश में मृदा परीक्षण के लिये कितनी प्रयोग शाला कहाँ पर कब से स्थापित की गई है? उसमें कितने पद रिक्त हैं? (ख) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014 व 2015 में कितने कृषकों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए? किस क्षेत्र में किस मिट्टी का परीक्षण किया गया? क्या रिपोर्ट प्राप्त हुई? (ग) भिण्ड जिले कें अंतर्गत मिट्टी में कार्बन की स्थिति में सुधार करने के लिये कंपोस्ड के रूप में जैविक खाद, हरी खाद, वर्मी कंपोस्ड, रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग विगत 5 वर्षों में कहाँ पर कितना किया गया? भिण्ड विधानसभा की मिट्टी में वृहत ओर सूक्ष्य तत्व जिंक सल्फर मेगजीन फेरस की कमी को दूर करने के लिये क्या प्रयास किए गए? शासन द्वारा किस वर्ष में कितना बजट दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत क्या उर्वरकों की कमी को दूर करने के लिये कृषि विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया? फलस्वरूप उत्पादन में निरंतर गिरावट आ रही है? क्या कृषक को शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है? यदि हाँ, तो कौन उत्तरदायी है? क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि आर्थिक सर्वेक्षण 2015 राष्ट्रीय विकास योजना और कृषि योजना के सूक्ष्म प्रबंधन के अंतर्गत म.प्र. में मृदा परीक्षण के लिये कोई प्रयोगशाला स्थापित नहीं है। अत: पद रिक्त होने के जानकारी निरंक है। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014 में मुख्य तत्व के 996 एवं सूक्ष्म तत्व के 09 तथा वर्ष 2015 में मुख्य तत्व 1182 एवं सूक्ष्म तत्व के 02 मिट्टी नमूनों का विश्लेषण कार्य किया गया है। एवं संबंधित कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये। रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' पर है। (ग) भिण्ड जिले के अंतर्गत मिट्टी में कार्बन की कमी होने की स्थिति में कम्पोस्ट के रूप में जैविक, हरी खाद, वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया जाता है। जिले में कार्बन की स्थिति सुधारने के लिये रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं हो रहा है। जिलें में विगत 5 वर्षों में जैविक खाद, हरी खाद, वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' पर है। भिण्ड विधानसभा क्षेत्र की मिट्टी में मुख्य एवं सूक्ष्म जिंक, सल्फर, मैग्नीज़, तांबा एवं आयरन की कमी को दूर करने के लिये शासकीय योजनाओं एवं कृषकों के स्तर पर स्वयं के द्वारा उपयोग को बढ़ावा देते है। कमी को दूर करने के प्रयास किये गये है। शासन द्वारा विगत 5 वर्षों में सूक्ष्म तत्व आधारित कृषकों को प्रदाय करने हेतु वर्षवार प्राप्त बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत उर्वरकों की कमी को दूर करने के लिये विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये गये है। फलस्वरूप जिले में उत्पादन में गिरावट दर्ज नहीं हुई है तथा कृषकों को विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
फसल उत्पादन में कमी
71. ( क्र. 4641 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि आर्थिक सर्वेक्षण 2015 तालिका 2.5 में गिर्ड क्षेत्र में गेहूँ ज्वार क्षेत्र में 800 मि.मी. वर्षा की आवश्यकता का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो गिर्ड में वर्ष 2014 व 2015 में भिण्ड मुरैना श्योपुर जिले में किस-किस स्थान पर किस वर्ष में कितनी वर्षा हुई? इसका फसल पर क्या प्रभाव पड़ा? (ख) क्या भिण्ड जिले के अन्तर्गत वर्ष 2014 व 2015 में कम वर्षा हुई? फसल का उत्पादन अनुमानित से कम हुआ है? कृषकों को फसल का लागत मूल्य प्राप्त नहीं हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत भिण्ड जिले में फसल उत्पादन कम होने के क्या कारण है? सरसों अनुमानित से कम उत्पन्न होने के क्या कारण है? शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) भिण्ड जिले के अंतर्गत वर्ष 2014 व 2015 में कितने कृषकों को फसल की क्षति के लिये कितना मुआवजा दिया गया? मुआवजा निर्धारित करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये? किस स्तर के अधिकारियों द्वारा क्षति का मुआवजा निर्धारित किया गया? प्रश्नांश दिनांक तक कितने कृषकों को मुआवजा नहीं दिया गया? कब तक राशि दी जावेगी? कृषक को क्षति का आंकलन सही न होने के कारण मुआवजा कम दिया गया? इसके लिये कौन दोषी है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जिलों की वर्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। फसलों के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ा। (ख) जी हाँ। उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) असमायिक वर्षा के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) भिण्ड जिले में वर्ष 2014-15 में कुल 9773 कृषकों को कुल रूपये 34130437/- मुआवजा दिया गया है। मुआवजा दिया गया है। मुआवजा की राशि आर.बी.सी.6 (4) में दिये प्रावधान अनुसार दी गई है जिसका निर्धारण तहसीलदारों द्वारा किया गया है। प्रभावित समस्त कृषकों को मुआवजे की राशि वितरित की जा चुकी है। कोई भी वितरण हेतु शेष नहीं है।
पटवारियों की पदस्थापना
72. ( क्र. 4706 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील जबलपुर में कितने पटवारी पदस्थ है? जबलपुर तहसील में उनकी कार्यावधि कितनी-कितनी है? कितने पटवारी तहसील में तीन वर्षों से अधिक से पदस्थ है? (ख) जबलपुर तहसील में पदस्थ पटवारियों में से कितने पटवारी कौन-कौन से नगर निगम सीमा के हल्कों में पदस्थ है? कितने नगर निगम में एवं कितने तहसील के ग्रामीण हल्कों में पदस्थ है? जबलपुर तहसील में पटवारियों के कितने पद रिक्त हैं? (ग) क्या जबलपुर तहसील में पटवारियों की पूरी संख्या होने के बाद भी (स्वीकृत पदों के अनुसार) ग्रामीण हल्के रिक्त हैं? क्या नगरीय हल्कों में पदस्थ पटवारियों की पदस्थापना रिक्त ग्रामीण हल्कों में की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जबलपुर तहसील अन्तर्गत कुल 39 पटवारी पदस्थ है। सभी पदस्थ पटवारियों की कार्यावधि से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। इनमें सें 21 पटवारी तीन वर्षों की अधिक अवधि से पदस्थ है। (ख) जबलपुर तहसील अंतर्गत नगर निगम सीमा में 4 पटवारी क्रमशः- पटवारी हल्का नं. 26 में श्रीमती गायत्री मरावी 28 में श्री घनश्याम श्रीवास्तव, 34 में श्री राकेश श्रीवास्तव व 37 में श्री रोहित खरे पदस्थ है। जबलपुर तहसील में पटवारियों के कोई पद रिक्त नहीं हैं। (ग) जी हाँ।
ग्रामीण विकास कार्य
73. ( क्र. 4707 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के वि.ख. शहपुरा एवं जबलपुर के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में ग्राम पंचायतवार ग्रामवार, वर्षवार कितने पशु शेड, शौचालय एवं मेढ़ बंधान के कार्य कुल कितनी राशि से स्वीकृत किये गये? (ख) स्वीकृत राशि की जानकारी ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार एवं वर्षवार दें? उक्त अवधि में कुल कितने कार्य पूर्ण हो चुकें हैं? कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ग) कार्यों के अपूर्ण न होने पर भी किन-किन पंचायतों की पूर्ण राशि का भुगतान किया जा चुका है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड शहपुरा एवं जबलपुर के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में ग्राम पंचायतवार एवं वर्षवार निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' में दर्शित है। उक्त अवधि में कुल 4070 कार्य, कुल राशि रू. 1027.24 लाख के स्वीकृत किये गये हैं। ग्रामवार जानकारी महात्मा गांधी नरेगा की वेबसाइट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में स्वीकृत राशि की ग्राम पंचायतवार एवं वर्षवार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' में दर्शित है। उक्त अवधि में कुल 3359 कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 711 कार्य अपूर्ण हैं। ग्रामवार जानकारी महात्मा गांधी नरेगा की वेबसाइट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) कार्यों के अपूर्ण होने पर किसी भी ग्राम पंचायत में पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज भूमि
74. ( क्र. 4713 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास. चिकित्सालय सिहोरा जिला जबलपुर के लिये (I) नोटिफिकेशन क्र. 695 दिनांक 19.4.15 के द्वारा ख.नं. 521 की 0.28 एकड़ भूमि क्रमश: तीन नागरिकों फतेह मोह., करीद एवं अजीमुद्दीन से अधिग्रहित तथा (II) 30 अगस्त 1929 को कैलाश बाई एवं रमैया बाई से क्रमश: 80/- एवं 60/- में रजिस्टर्ड क्रय पत्र द्वारा खरीदी गई थी एवं उक्तानुसार अधिग्रहित एवं क्रय भूमि आज भी स्वास्थ्य विभाग के नाम पर राजस्व विभाग में दर्ज नहीं हैं? (ख) क्या विषयान्तर्गत पूर्व विधायक स्व.प्रभात पाण्डे द्वारा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग को रजिस्टर्ड पत्र क्र. 82150313 दिनांक 29.7.13 द्वारा लेख किया गया था? (ग) क्या सिहोरा निवासी कैलाश चन्द्र जैन द्वारा भी विषयान्तर्गत (1) प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग को क्रमश: (1) रजि. पत्र क्र. 04725280 दिनांक 8.7.15 एवं ईमेल दिनांक 8.7.15 एवं मुख्य सचिव म.प्र. शासन को ईमेल दिनांक 2.6.15 द्वारा लेख किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्तानुसार अधिग्रहित एवं क्रय भूमि राजस्व रिकार्ड में स्वास्थ्य विभाग के नाम दर्ज कराई जा चुकी है? यदि नहीं तो क्या शासन इस दिशा में कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भवनों पर अतिक्रमण
75. ( क्र. 4754 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी की ग्राम पंचायतों के ग्रामों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने भवन निर्मित कराये गये है, इन भवनों के नाम एवं प्रयोजन की सूची पंचायतवार एवं ग्रामवार उपलब्ध करायी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध भवन क्या राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज हो गये हैं, यदि नहीं तो उन्हें राजस्व रिकार्ड में कब तक इन्द्राज कराया जा सकेगा, जानकारी ग्रामवार एवं भवनवार दी जावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध भवन में से कितने उपयोगी हैं, भवनवार वर्तमान उपयोग के प्रयोजन सहित जानकारी दी जावे तथा क्या किसी गांव में कोई भवन उसके प्रस्तावित प्रयोजन से हटकर किसी निजी व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है तो इसे अतिक्रमण मानकर भवन को कब तक मुक्त करा लिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुपयोगी भवनों की जानकारी पृथक से दी जावें तथा उन्हें उपयोगी बनाये जाने हेतु क्या-क्या मरम्मत कार्य प्रस्तावित हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) भवनों की सूची राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज करानें हेतु अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) निवाडी को प्रेषित की गई है। इन्द्राज की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के यहां प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) भवन वर्तमान में उपयोग में लिये जा रहे है एवं किसी भी भवन पर किसी का भी कोई अतिक्रमण नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित भवन उपयोगी है। शेष 16 भवन जीर्ण-शीर्ण है, जिनकी मरम्मत की कार्यवाही प्रस्तावित है।
कृषि विभाग में ऑनलाइन पंजीयन की नई व्यवस्था
76. ( क्र. 4755 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं के लिये आवेदन हेतु ऑनलाइन पंजीयन की नई व्यवस्था कब से चालू की गई है? प्रारंभ दिनांक से आज तक जिलेवार कितने पंजीयन हुए हैं, की जानकारी योजनावार दी जावे? (ख) क्या नई व्यवस्था लागू होने से किसान को आवेदन स्वीकृत कराने हेतु लम्बे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है? यदि हाँ, तो क्या इस व्यवस्था को सुधारने हेतु विभाग द्वारा कोई प्रयास किया जा रहा है? (ग) क्या ऑनलाइन पंजीयन की आखिरी तारीख 30 जनवरी थी? यदि हाँ, तो सूखे की इस विषम परिस्थिति में अंतिम तारीख के बाद वंचित किसानों को आवेदन पंजीयन कराने हेतु विचार किया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं के लिये आवेदन हेतु ऑनलाइन पंजीयन की नई व्यवस्था शासन के पत्र क्रमांक डी-17-5/15/14-3, दिनांक 15.09.2015 से पायलेट आधार पर तीन जिलों के लिये लागू की गई थी एवं दिनांक 07.11.2015 से उक्त व्यवस्था संपूर्ण प्रदेश के 51 जिलों के लिये लागू की गई थी। प्रारंभ दिनांक से आज तक जिलेवार संयुक्त रूप से राखासुमि/ आरकेव्हीवाय/एस.एम.ए.एम/रा.मा.इरी.मी/रा.ति.मि./एन.एमओ.ओ.पी/एन.एम.एस.ए.इत्यादि योजनांतर्गत कुल 226415 पंजीयन किये गये जिलावर पंजीयन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी हाँ। पंजीयन की अंतिम तारीख 30 जनवरी रखी गई थी, वित्तीय वर्ष की शेष अवधि ऑनलाईन अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण हेतु रखी गई है। यदि कोई कृषक अभी आवेदन नहीं दे पाया है तो, 1 अप्रैल 2016 से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष में ऑनलाईन प्रक्रिया पुन: प्रारंभ होन पर आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
बी.आर.जी.एफ. योजना के कार्य
77. ( क्र. 4774 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में बी.आर.जी.एफ. योजना 2006-07 में प्रारंभ हुई तथा मार्च 2014 में बंद हुई? यदि हाँ, तो इस अवधि में कुल कितने कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये? इनमें से कितने कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण एवं वर्तमान तक अप्रारंभ/ अपूर्ण पड़े हैं व क्यों? (ख) क्या संबंधित विभागीय अमले की उदासीनता के कारण वर्तमान में जिले में 175 कार्य अपूर्ण एवं 33 कार्य अप्रारंभ पड़े हैं? यदि हाँ, तो इन्हें पूर्ण/प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों से संबंधित कार्य एजेन्सियों में से अधिकांश राशि भी आहरित कर लेने के बावजूद कार्य पूर्ण/प्रारंभ नहीं कराने के बावजूद संबंधित अमले ने भी इन कार्यों को पूर्ण/प्रारंभ कराने हेतु कोई प्रयास नहीं किया? यदि हाँ, तो इस हेतु दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवही करेगा यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन अब उक्त समस्त कार्यों के अपूर्ण/अप्रारंभ रहने के कारणों की जाँच कराएगा? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। परन्तु योजना भारत सरकार स्तर से 31 मार्च 2015 से डीलिंक होकर बंद हुई। श्योपुर जिले में कुल 1315 कार्य राशि रूपये 8974.76 लाख के स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ के कालम 3 से 7 एवं 8 अनुसार। (ख) पूर्ण/प्रारंभ कार्यों को कराने हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) जिन कार्यों की राशि संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा आहरित कर ली गई है, उनके वसूली प्रकरण तैयार कर एस.डी.एम. कार्यालय में वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार। (घ) उत्तरांश ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.आर.जी.एफ. योजना के संविदा कर्मचारियों का संविलियन
78. ( क्र.
4781 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भारत सरकार
द्वारा
दिनांक 01.04.2015 से
बी.आर.जी.एफ.
योजना बंद
करने के
निर्देश मध्य
प्रदेश शासन
को जारी किए
हैं? यदि
हाँ,
तो योजनान्तर्गत
श्योपुर
जिले में पदस्थ
समस्त
संविदा
कर्मचारियों
की सेवाएं किस
विभाग में
संविलियन की
गई यदि नहीं
तो क्यों? (ख)
श्योपुर
जिले में उक्त
योजना से
संबंधित
कितने संविदा
कर्मचारी योजना
समाप्ति के
पूर्व
कार्यरत थे
में से कितने
संविदा
कर्मचारियों
की सेवाएं
वापस लेकर उन्हें
अन्य
विभागों में
पुन: कार्य पर
रख लिया हैं? कितनों
को नहीं व क्यों
कारण बतावे? (ग)
क्या जिन संविदा
कर्मचारियों
को कार्य पर
पुन: नहीं रखा
गया वे परिवार
सहित भीषण
आर्थिक तंगी
के दौर से
गुजर रहे हैं? यदि
हाँ,
तो हटाए गए
उक्त संविदा
कर्मचारियों
को पंचायत और
ग्रामीण विकास
विभाग अथवा
अन्य किसी
विभाग में
पुन: कार्य पर
रखने हेतु शासन
संबंधित
विभाग को निर्देशित
करेगा? यदि नहीं तो
क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी हाँ।
समेकित
संविदा नीति
जून 2010
में संविदा
कर्मचारियों
की सेवाएं
संविलियन
करने के कोई
निर्देश नहीं
हैं। जानकारी
पुस्कालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार।
शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ख)
पूर्व में
कार्यरत
संविदा अमले
की जानकारी
पुस्कालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार।
उत्तरांश ‘क’ के
परिप्रेक्ष्य
में किसी भी
संविदा
कर्मचारी का
संविलियन
नहीं किया
गया। ग्रामीण
सड़क विकास
प्राधिकरण
द्वारा
श्रीमती
गायत्री भदौरिया
लेखापाल का
चयन उनकी
पात्रता एवं
साक्षात्कार
के आधार पर
नवीन चयन
प्रक्रिया कर
पदस्थापना की
गई है। जानकारी
पुस्कालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘स’ अनुसार।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
‘क’ एवं ‘ख’ के
परिप्रक्ष्य
में शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सब्जी मण्डी प्रांगण में क्रेता और विक्रेता से टैक्स
79. ( क्र. 4808 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सब्जी मण्डी प्रांगण में क्रेता और विक्रेता से कितना मण्डी टैक्स लिया जाता है? (ख) यदि लिया जाता है तो फिर क्रेताओं को जो कृषक किसानों से डायरेक्ट उनके घर पर जाकर सब्जी प्याज आदि खरीद रहे हैं, तो वह क्यों टैक्स फ्री हैं? (ग) मण्डी प्रांगण में क्रेता एवं खरीददार से टैक्स क्यूं लिया जाता है? (घ) क्या यह टैक्स मण्डी प्रांगण से बाहर खरीदी करने वालों पर लागू नहीं हो सकता?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) फल-सब्जी हेतु अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रागंण में विक्रेता से मंडी फीस नहीं ली जाती है, अपितु क्रेता से अधिसूचित कृषि उपज सब्जी के विक्रय मूल्य पर प्रत्येक सौ रूपये पर दो प्रतिशत की दर से मंडी फीस उद्ग्रहित की जाती है। (ख) म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 6 के अंतर्गत अनुसूची के भाग सात (फल) (केले को छोड़कर) तथा आठ (सब्जी) में अधिसूचित कृषि उपज का मंडी प्रागंण के बाहर संचालित विपणन पर मंडी अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होने से मंडी फीस देय नहीं है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति के प्रागंण में अधिसूचित कृषि उपज की विपणन व्यवस्था हेतु आवश्यक अधोसंरचनाएं तथा सुविधा क्रेता व्यापारी को उपलब्ध कराई जाती है, जिसके लिये म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 19 के प्रावधान अनुसार अधिसूचित कृषि उपज के क्रेता से मंडी फीस ली जाती है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में फल-सब्जी हेतु अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण के बाहर होने वाले फल-सब्ज़ी व्यवसाय पर मंडी फीस अधिरोपित नहीं हो सकती है।
किसानों को उपलब्ध कराए गए उन्नत बीज और कृषि उपकरण
80. ( क्र. 4841 ) श्री रामसिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015-16 प्रश्न दिनांक तक किसानों को उन्नत बीज, खाद्य, कृषि यंत्र, बलराम तालाब आदि स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो कितने कृषकों को स्वीकृत किए गए हैं? (ख) उक्त में से कितने कृषकों को अनुदान राशि आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है? (ग) जनवरी 2016 की स्थिति में बलराम तालाब स्वीकृति हेतु कितने आवेदन लंबित हैं? लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक किया जाएगा? (घ) प्रदेश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन सी कृषक हितैषी योजनाएं संचालित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जनवरी 2016 की स्थिति में बलराम तालाब स्वीकृति हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नगर पालिका मकरोनिया में बस स्टैंड स्थापित
81. ( क्र. 4884 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की किन-किन नगर पालिका क्षेत्र में परिवहन विभाग के बस स्टैंड/बस स्टाप/टिकिट काउंटर है एवं किन-किन नगर पालिका क्षेत्र में नहीं है? (ख) पूर्व में जब मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम की सेवा जारी थी उस समय मकरोनिया में बस स्टाप एवं टिकिट काउंटर था? (ग) यदि पूर्व में यह व्यवस्था थी तो विभाग द्वारा क्यों बंद कर दी गई जबकि प्रश्न दिनांक के समय यह क्षेत्र नगर पालिका क्षेत्र में आने लगा है तो क्या विभाग द्वारा बस स्टैंड स्थापित/शुरू करने की विभाग की कोई योजना है? (घ) यदि हाँ, तो परिवहन विभाग द्वारा कब तक नगर पालिका मकरोनिया में बस स्टैंड/बस स्टाप/टिकिट काउंटर खोला जावेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया जा चुका है, जिसके तहत निगम द्वारा संचालित सभी यात्री वाहनों का संचालन पूर्णतः बंद है। अतः प्रदेश के किसी भी बस स्टैण्ड/बस स्टाप पर मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम का कोई टिकिट काउन्टर नहीं है। (ख) जी हाँ, अस्थाई टिकिट काउन्टर संचालित था। (ग) एवं (घ) राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया जा चुका है, जिसके तहत निगम द्वारा संचालित सभी यात्री वाहनों का संचालन 30 सितंबर 2010 से पूर्णतः बंद है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
अन्त्योदय मेला का आयोजन
82. ( क्र. 4904 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के आदिवासी विकासखंड कुरई में वर्ष 2014-15 में अन्त्योदय मेलों का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो कब और कहाँ? (ख) क्या कुरई विकासखंड में आयोजित अन्त्योदय मेले के आयोजन हेतु आवंटन शासन स्तर पर दिया गया था? यदि हाँ, तो वह कितना प्रदान किया गया तथा प्रदत्त आवंटन में से कितना व्यय किया गया? (ग) कुरई विकास में आयोजित अन्त्योदय मेले के लिए आवंटित राशि किस-किस व्यवस्था में व्यय की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विकासखंड कुरई के ग्राम टुरिया में दिनांक 09.10.2014 को अंत्योदय मेले का आयोजन किया गया था। (ख) जी हाँ। अंत्योदय मेले के आयोजन हेतु राशि रु॰3.00 लाख का आवंटन दिया गया था। प्रदाय आवंटन में से राशि रु. 2,99,285.00 का व्यय किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
परफारर्मेंस ग्रांट की राशि का अनियमित वितरण
83. ( क्र.
4915 ) श्री
सुन्दरलाल
तिवारी :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तेरहवें वित्त
आयोग के
अंतर्गत
परफारमेंस
ग्रान्ट की
राशि वर्ष 2013-14
का पंचायत
राज्य संस्थाओं
के माध्यम से
वितरण का आदेश
राज्य
संचालनालय
द्वारा अपने
पत्र क्र. 3165, दिनांक
27.03.2015
को दिया गया
था? जिसके
बिंदु
क्रमांक 05 में
जनपद
पंचायतों को
प्रदान की गई
राशि को जनपद
सदस्यों के
निर्वाचन
क्षेत्र में
समानुपातिक
मान से बांटने
का था?
(ख) यदि
प्रश्नांश
(क) हाँ तो रीवा
जिला अंतर्गत
जनपद पंचायतों
के प्रशासनिक
समिति के
द्वारा राशि
का वितरण जनपद
सदस्यों के
क्षेत्रवार
समानुपातिक
मान से किया गया
है? अगर
किया गया है
तो उसकी प्रति
एवं जनपद
निर्वाचन
क्षेत्र की
प्रति देवें? (ग)
रीवा जिला
जनपद पंचायत
रायपुर
कर्चुलियान के
प्रशासनिक
समिति की बैठक
दिनांक 22.10.2014 को
परफारमेंस
ग्रान्ट की
राशि तात्कालीन
जनपद अध्यक्ष
श्रीमती
प्रतिमा पटेल
की अध्यक्षता
में बैठक कर
राशि वितरित
की गई थी? यदि हाँ, तो क्या
इस राशि को
पुन: नियम
विरूद्ध
तरीके से 15.06.2015
को वितरित कर
दिया गया? (घ)
प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के
संदर्भ में
अगर राशियों
का वितरण मनमानी
तरीके से नियम
विरूद्ध किया
गया है तो
इसके लिए
किस-किस को
दोषी मानते
हुए
कार्यवाही
करेंगे? साथ ही बैठक
दिनांक 22.10.2014 में
पारित निर्णय
अनुसार
पंचायतों को
राशि जारी
करायेंगे? हाँ
तो कब तक? अगर नहीं तो
क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
जी हाँ। जी हाँ।
(ख) सम्पूर्ण
प्रक्रिया का
परीक्षण करने
हेतु जिला
पंचायत रीवा
के आदेश क्र. 6601
दिनांक 08.03.2016 द्वारा 03
सदस्यीय
समिति का गठन
किया गया।
परीक्षण प्रतिवेदन
प्राप्त होने
पर स्थिति
स्पष्ट की जा सकेगी।
(ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार
परीक्षण
समिति का
प्रतिवेदन
प्राप्त होने
के उपरांत
स्थिति
स्पष्ट की जावेगी।
(घ) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ एवं ‘‘ग‘‘ के
अनुसार
परीक्षण
प्रतिवेदन
प्राप्त होने के
उपरांत गुण
दोष के आधार
पर कार्यवाही
की जावेगी।
नामान्तरण एवं सीमांकन
84. ( क्र. 4939 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के प्रत्येक राजस्व न्यायालय में 01 जनवरी 2014 से आज दिनांक तक कुल कितने नामान्तरण एवं सीमांकन के प्रकरण दर्ज हुए एवं उन पर कितने प्रकरणों में कार्यवाही की गई न्यायालयवार संख्यात्मक जानकारी दी जावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में सभी प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया? यदि नहीं तो प्रकरणवार कारण क्या थे एवं उनमें कब तक नामान्तरण/सीमाकंन की कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चन्दला में सूखा राहत राशि का वितरण
85. ( क्र. 4971 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र की समस्त तहसील गोरिहार, चंदला, लवकुशनगर में वर्षा न होने के कारण खरीफ की फसल की बोनी लगभग 30 प्रतिशत हुयी? परंतु सूखा राहत राशि का वितरण सही व शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड न लेते हुये किया गया? (ख) क्या अधिकतर पटवारियों ने अवैध ढंग से लेनदेन कर/घूस लेकर सूखा राहत राशि का वितरण बगैर फसल के भी किया गया है? (ग) क्या कुछ किसानों को फसल नष्ट होने के बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया? क्या उनकों भी सूखा राहत राशि का लाभ दिया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें? यदि नहीं तो क्यों? गलत ढंग से वितरणकर्ता अधिकारी/कर्मचारी के प्रति कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील गौरीहार, चंदला एवं लवकुश नगर में वर्ष 2015-16 में सूखे से हुई खरीफ फसल की क्षति के लिए राहत राशि का वितरण राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। फसल क्षति से प्रभावित सभी कृषकों को राहत राशि का भुगतान किया जा चुका है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन की राशि का वितरण
86. ( क्र. 4977 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में एक अप्रैल 14 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत छतरपुर द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना के तहत कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह स्व-सहायता समूहों को दी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या दी गयी राशि के क्या उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त किये गये है? (ग) यदि नहीं तो बगैर उपयोगिता प्रमाण-पत्र के किस नियम/आधार के तहत स्व-सहायता समूहों को राशि भुगतान की गयी? नियम/आधार की प्रतिलिपि प्रदाय करें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नियम विरूद्ध राशि का भुगतान किया गया है तो इसमें कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रूपये 32,13,22,989/- जारी की गई है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। छात्रों की औसत उपस्थिति के आधार पर राशि जारी की जाती है तथा राशि की त्रैमासिक उपयोगिता (आय-व्यय) प्राप्त की जाती है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) प्रश्न ही नहीं उठता है।
बीजग्राम योजना
87. ( क्र. 4994 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में संचालित बीजग्राम योजनान्तर्गत विगत 3 वर्षों में कितने बीजग्राम आयोजित किये गये है? विकासखंडवार संख्या दें? (ख) उक्त योजनांतर्गत विगत 3 वर्षों में अनुदान रूप में दिये गये आधार/प्रमाणित बीज तथा प्रशिक्षण लाभान्वित कृषकों की संख्या विकासखंडवार दें? (ग) अनुसूचित जाति/जन जाति वर्ग हेतु उन्नयन भण्डारण पात्र योजना तहत पिछले तीन वर्षों में लाभान्वित कृषकों की संख्या क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) रतलाम जिले में संचालित बीजग्राम योजनांतर्गत विगत 3 वषों में 210 बीजग्राम आयोजित किये गये है। विकासखंडवार संख्या का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विभाग में अनुसूचित जाति/जन जाति वर्ग हेतु उन्नयन भण्डारण पात्र योजना नाम से कोई योजना संचालित नहीं है।
संयुक्त खातों के प्रकरण
88. ( क्र. 5107 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कितने हितग्राहियों के संयुक्त खाते के वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण लंबित है? (ख) उक्त लंबित प्रकरणों पर अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उक्त लंबित प्रकरणों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत तहसील वारासिवनी एं खैरलांजी के कुल 53 ग्रामों, कुल 281 हितग्राहियों के संयुक्त खाते के वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक 81 प्रकरण कार्यवाही/सुनवाई हेतु नियत है। (ख) तहसील वारासिवनी के 48 प्रकरण तथा खैरलांजी के 33 प्रकरणों पर अधिकारियों द्वारा पटवारी रिपोर्ट प्राप्ति, फर्द बटांकन प्रतिवेदन अनावेदकों से जवाबदावा हेतु व साक्ष्य की प्राप्ति हेतु कार्यवाही की गई है। (ग) प्रकरण न्यायलयीन प्रक्रिया में है समय-सीमा दी जाना संभव नहीं।
सोयाबीन की फसलों का मुआवजा वितरण
89. ( क्र. 5173 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरेली तहसील में वर्ष 2015 में सूखे के कारण खराब हुई सोयाबीन के फसल को लेकर किस-किस ग्राम पंचायत के कितने किसानों को मुआवजा राशि प्रश्न दिनांक तक वितरित की जा चुकी है एवं कितने किसान को प्रश्न दिनांक तक नहीं की है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किस-किस ग्राम पंचायत के कितने किसानों को फसल बीमा योजना के तहत कितनी राशि प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत शेष किसानों को कब तक राशि वितरित की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील बरेली वर्ष 2015 में सूखे के कारण खराब सोयाबीन की फसल का ग्राम पंचायतवार राहत राशि वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तहसील बरेली में कोई भी पात्र कृषक राहत राशि वितरण हेतु शेष नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम पंचायतों के किसी भी ग्राम में फसल बीमा की राशि कृषि बीमा कम्पनी से प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समस्त पात्र प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है। भुगतान हेतु कोई भी किसान शेष नहीं है।
सूखा क्षेत्र घोषित करना
90. ( क्र. 5174 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरेली तहसील के ग्राम जामगढ़, भगदेही, हरडोब, लामड़मूरा के कितने किसानों के रकबों में सिंचाई के कोई भी साधन नहीं है? ग्रामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त ग्रामों को सूखा क्षेत्र घोषित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों नहीं किया? कारण दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत कितने किसानों को वर्ष 2015 में कम वर्षा से सोयाबीन की फसलें खराब होने पर कितना मुआवजा दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बरेली तहसील के ग्राम जामगढ़ में 69, भगदेही में 89 किसानों के रकबे में सिंचाई का कोई साधन नहीं है एवं ग्राम हरडोब, लामडमूरा के संपूर्ण रकबा में सिंचाई के साधन हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तहसील बरेली सूखा घोषित है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों के किसानों को निम्नानुसार राहत राशि वितरित की गई:-
क्रमांक |
ग्राम का नाम |
कृषक संख्या |
वितरित राशि |
1. |
जामगढ़ |
127 |
8,25,240/- |
2. |
भगदेही |
156 |
16,24,751/- |
3. |
हरडोव |
66 |
7,81,620/- |
4. |
लामनमूढ़ा |
30 |
3,32,658/- |
सरपंच एवं
सचिव के
विरूद्ध F.I.R.
91. ( क्र. 5195 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के जनपद पंचायत मैहर के ग्राम पंचायत अरकण्डी के सचिव/ सरपंच के विरूद्ध कलेक्टर सतना के पत्र क्र. 4377 दि. 22/09/14 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मैहर को F.I.R. दर्ज करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध क्या थानें में F.I.R. दर्ज कराई गई? यदि नहीं तो कब तक दर्ज कराई जायेगी और अब तक दर्ज न कराने के लिये कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संबंधितों के प्रकरण में कलेक्टर सतना के आदेश क्र. 4806 दि. 04.10.14 के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर जिला सतना के प्रकरण क्र. 01/89अ9/ 13-14 में पारित निर्णय दिनांक 04/09/14 एवं न्यायालय अपर कलेक्टर जिला सतना के प्रकरण क्रं. 22/अपील/2014-15 में पारित निर्णय दि. 20.10.2015 के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? बताएं? (घ) सतना जिले के जनपद पंचायत मैहर के ग्राम पंचायत अरकण्डी के बर्खास्त सचिव श्री सुनील कुमार गौतम के बर्खास्त होने के बावजूद सचिव पद का नियमित वेतन किस आधार पर दिया जा रहा है, जबकि वर्तमान समय पर वह किसी ग्राम पंचायत का सचिव नहीं है? ऐसे सचिव को, सचिव पद का नियमित वेतन देने की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-साथ क्या कार्यवाही उसके विरूद्ध होनी चाहिये? कब तक कार्यवाही होगी? की जाने वाली कार्यवाही से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। एफ.आई.आर. दर्ज न होने पर पुनः जनपद पंचायत मैहर द्वारा पत्र क्रमांक 1327 दिनांक 13.12.2014 द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु लिखा गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। श्री सुनील कुमार गौतम, सचिव ग्राम पंचायत अरकण्डी को मान. न्यायालय अपर आयुक्त रीवा द्वारा प्रकरण में आदेश दिनांक 17.11.2015 में अधीनस्त न्यायालय के आदेश का क्रियान्वयन आगामी तिथि तक स्थगित किया गया एवं दिनांक 03.02.2016 की ऑर्डर शीट में स्थगन दिनांक 28.03.2016 तक बढ़ाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘स‘ अनुसार। अतः स्थगन के रहते एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जा सकी। सचिव के विरूद्ध न्यायालयीन निर्णय उपरांत कार्यवाही की जायेगी। सरपंच के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु जिला पंचायत सतना के स्मरण पत्र क्रमांक 10169 दिनांक 23.02.2016 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मैहर को निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार। कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश में अंकित आदेश द्वारा श्री सुनील कुमार गौतम सचिव ग्राम पंचायत अरकण्डी की म.प्र.पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 69 (1) के अंतर्गत घोषित सचिवीय अधिसूचना समाप्ति के विरूद्ध श्री सुनील कुमार गौतम, सचिव द्वारा मान. न्यायालय अपर आयुक्त रीवा में की गई अपील में आदेश दिनांक 22.10.2014 में अपील स्वीकार कर आगामी तिथि तक स्थगन दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ई‘‘ अनुसार। स्थगन आदेश के तारतम्य में जनपद पंचायत मैहर के आदेश क्रमांक 305 दिनांक 03.06.2015 द्वारा श्री सुनील कुमार गौतम सचिव को जनपद पंचायत मैहर कार्यालय में संबद्ध किया गया है। न्यायालय के निर्णय के पालन में आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) न्यायालय अपर आयुक्त रीवा द्वारा अधिनस्थ न्यायालय के आदेश पर स्थगन दिये जाने के कारण जनपद पंचायत कार्यालय में श्री सुनील कुमार गौतम सचिव ग्राम पंचायत अरकण्डी को संबद्ध किये जाने के आधार पर कार्य कराया जाकर वेतन भुगतान किया जा रहा है। मान. न्यायालय के पारित अंतिम निर्णय के पश्चात आगामी कार्यवाही की जायेगी।
कम्प्यूटर हार्डवेयर का निरीक्षण
92. ( क्र. 5237 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत कटनी की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी लागत के किन-किन कंपनियों के टी.वी. कम्प्यूटर एवं उपकरण, किस आपूर्तिकर्ता से कब क्रय कर, कब-कब प्रदाय/उपलब्ध कराये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) में सामग्री/उपकरणों का सत्यापन करने वाले दल में कौन-कौन शासकीय सेवक थे? नाम, पदनाम बतायें? सामग्री का कब-कब सत्यापन कर, क्या-क्या प्रतिवेदन दिये गये? (ग) क्या सामग्री/उपकरणों की गारंटी, मरम्मत/सुधार की शर्तें लागू थीं एवं आपूर्तिकर्ता द्वारा इसका पालन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण बतायें? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या जिला पंचायत कटनी द्वारा ग्राम पंचायतों को प्रदाय कम्प्यूटर हार्डवेयर के ग्रामवार निरीक्षण कर 31/12/2015 के पूर्व शासन को प्रतिवेदन प्रेषित किये गये और निर्देशानुसार कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन प्रपत्र एक एवं प्रपत्र दो क्या थे? क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? निर्देशों की अवहेलना पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) जी हाँ। उपकरण खराबी की सूचना प्राप्त होने पर मरम्मत सुधार कार्य किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार। (घ) जी नहीं। प्रपत्र एक कम्प्यूटर की जानकारी से संबंधित है एवं प्रपत्र दो निरीक्षण दल के साथ फोटो एवं वीडियोग्राफी की सी.डी. से संबंधित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है।
फर्जी नियुक्ति से संबंधित
93. ( क्र. 5314 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री उदयवीर सिंह कुशवाह सहायक ग्रेड-2 जो वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय मुरैना में पदस्थ हैं की नियुक्ति फर्जी शैक्षणिक योग्यता व मूल निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यालय कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मुरैना में चतुर्थ श्रेणी (चपरासी) के पद पर नियुक्ति की गई थी? (ख) क्या चतुर्थ श्रेणी से पदोन्नति हेतु भी श्री कुशवाह द्वारा मध्यमा परीक्षा का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, जो उस समय म.प्र. शासन में मान्य नहीं था एवं मूल विभाग से दूसरे विभाग में पदस्थापित हेतु कलेक्टर को अधिकार नहीं है, केवल सामान्य प्रशासन को ही है जबकि पदोन्नति के आदेश कलेक्टर मुरैना द्वारा दिये गये थे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) से (ख) तक उल्लेखित बिंदुओं की जाँच हेतु शिकायतकर्ता श्री जोगेन्द्र सिंह यादव पुत्र श्री रामप्रकाश यादव निवासी मुरैना एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी दिनांक 21/01/2016 को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच में क्या-क्या कमी पाई गई? यदि नहीं तो जाँच नहीं करने के क्या कारण हैं व कब तक जाँच की जावेगी व उपरोक्त श्री कुशवाह के खिलाफ कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर सेवा से पृथक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री उदयवीर सिंह कुशवाह, वर्तमान में द्वितीय श्रेणी लिपिक कलेक्ट्रोरेट मुरैना, की नियुक्ति कलेक्टर मुरैना के आदेश क्र. ग्रायासें/79 मुरैना, दिनांक 26.03.1979 द्वारा भृत्य के पद पर नियुक्ति संबंधी फर्जी शैक्षणिक योग्यता व मूल निवासी प्रमाण पत्र संबंधी शिकायत की जाँच कार्यालय कलेक्टर जिला मुरैना में प्रचलित है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित शिकायत आयुक्त (राजस्व) चंबल संभाग चंबल को की गई है जो कलेक्टर मुरैना कार्यालय में दिनांक 01.02.2016 को प्राप्त हुई। शिकायत की जाँच प्रचलन में है। जाँच पूर्ण की जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
94. ( क्र. 5354 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत खेलागांव तह. नलखेड़ा, जिला आगर (मालवा) स्थित कितनी शासकीय गोचर भूमि पर अनाधिकृत लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है? इन अतिक्रमणधारियों के विरूद्ध शासन ऐसी कोई कार्यवाही करेगा जिससे कि पुन: शासकीय भूमि पर इन अतिक्रमणधारियों द्वारा अतिक्रमण न किया जा सके? (ख) क्या ग्राम खेलागांव, बिजनाखेड़ी, देहरीदेव, गुराडि़यादेव तथा लक्ष्मीखेड़ा के अंतर्गत शासकीय बंजर भूमि (पहाड़ी भूमि) पर कितने असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण कर रखा हैं? क्या शासन इनसे शासकीय भूमि अपने पक्ष में लेने की कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ग्राम खेलागांव के अंतर्गत शासकीय गोचर भूमि को शासन अपने पक्ष में लेकर यह भूमि क्या चौकीदार के अधिपत्य में देकर इसे अतिक्रमण से मुक्त करवाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या शासन द्वारा पूर्व माह में अतिक्रमण से इस भूमि को मुक्त कराया गया था और वर्तमान में पुन: उन्हीं अतिक्रमणधारियों द्वारा शासकीय भूमि पर पुन: कब्जा कर लिया गया हैं ऐसी स्थिति में क्या शासन ऐसी समुचित व्यवस्था करेगा, ताकि शासकीय भूमि सुरक्षित रह सके?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 3.30 हे. गोचर भूमि पर। अतिक्रमणकारियों को अर्थदण्ड अधिरोपित कर अतिक्रमण हटाया गया था। पुनः अतिक्रमण करने के कारण अतिक्रामकों के विरूद्ध सिविल जेल की कार्यवाही की जावेगी ताकि फिर से अतिक्रमण न किया जा सके। (ख) जी नहीं। किसी भी व्यक्ति का अतिक्रमण नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जावेगा। उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार कार्यवाही की जावेगी। उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार कार्यवाही कर शासकीय भूमि को सुरक्षित रखा जावेगा।
क्षेत्रान्तर्गत शासकीय भूमि का व्यवस्थापन
95. ( क्र. 5369 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल कितनी शासकीय भूमि हैं? इनमें से कितनी भूमि पर अवैध कब्जा हैं व कितनी खुली हैं? (ख) तहसील नलखेड़ा अंतर्गत 1992 में कितनी शासकीय भूमि थी 2002 तक कितनी शासकीय भूमि बची? विगत पाँच वर्षों में शासकीय भूमि को किन-किन प्रयोजन हेतु आवंटित किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार शासकीय भूमि के दुरूपयोग संबंधी कोई प्रकरण उपरोक्त वर्षों में संज्ञान में आए? यदि हाँ, तो क्या उन पर कार्यवाही की गई? (घ) वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत उपलब्ध शासकीय भूमि को कितने प्रयोजनों के लिए आरक्षित किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसीलवार जानकारी निम्नवत हैः-
क्र. तहसील शासकीय अवैध कब्जा का शेष भूमि जो अन्य प्रयोजन हेतु
रकबा
हे. में एवं
खुली है का
रकबा हे. में
1. सुसनेर 2108.00 618.00 20490.00
2. नलखेड़ा 14786.186 502.00 12921.00
कुल 35894. 186 1120.00 33411.00
(ख) वर्ष 1992 में 14786.186
हे., वर्ष
2002 में
13931.00
हे. बची। विगत 10
वर्षों में
शासकीय भूमि
को स्कूल भवन, आंगनवाड़ी, खेल
का मैदान, न्यायालय, महाविद्यालय, कृषि
भवन, पंचायत
भवन, प्रयोजनों
के लिये
आवंटित किया
गया। (ग) जी
नहीं। (घ)
सुसनेर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 10
शासकीय
विभागों के
लिये शासकीय
भूमि आरक्षित/आवंटित
किये जाने
हेतु प्रकरण
विचाराधीन है।
उड़नदस्तों द्वारा कार्यवाही
96. ( क्र. 5397 ) डॉ. मोहन यादव : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में कितने उड़नदस्तों का गठन किया गया है वर्तमान में उन उड़नदस्तों के प्रभारी कौन-कौन हैं? (ख) उड़नदस्तों द्वारा भारी वाहनों की चेकिंग किये जाने के संबंध में विभाग के क्या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? चेकिंग के दौरान कौन-कौन अधिकारियों का रहना आवश्यक है? पद सहित जानकारी प्रदान करें? (ग) उज्जैन जिले में उड़न दस्ते द्वारा जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने वाहनों की जाँच की गई? जाँच के दौरान कितने वाहनों पर कार्यवाही की गई? कार्यवाही करते समय कौन-कौन अधिकारी उपस्थित थे? (घ) क्या उड़नदस्ते में सक्षम अधिकारी के बिना अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा नियमों के विरूद्ध भारी वाहनों की जाँच की जाकर वाहन स्वामियों को अनावश्यक रूप से परेशान कर अवैध राशि वसूल की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश में 10 उड़नेदस्तों का गठन किया गया है। वर्तमान में विभाग में कार्यरत उड़नदस्तों पर पदस्थ अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परिवहन उड़नदस्तों द्वारा किसी भी वाहन की जाँच जिसमें भारी वाहन भी सम्मिलित है, मोटरयान अधिनियम 1988 में विनिर्दिष्ट विभिन्न अपराधों के लिये तथा केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 एवं मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 तथा मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम/नियम 1991 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने पर विभाग द्वारा जाँच कर कार्यवाही की जाती है। वाहन स्वामी द्वारा यदि अपराध शमन किया जाता है, तो मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 200 के अंतर्गत शमन शुल्क उदग्रहीत करने के अधिकार प्रदत्त किये गये है। चैकिंग के दौरान संबंधित जिले के परिवहन अधिकारी द्वारा गठित उड़नदस्ता/अधिकृत कर्मचारियों को उपस्थित रहना होता है। उड़नदस्ते में 1. परिवहन निरीक्षक 2. परिवहन उप निरीक्षक/सहायक परिवहन उप निरीक्षक, 3. प्रधान आरक्षक 4. आरक्षक सम्मिलित होते है। (ग) उज्जैन जिले में प्रश्नांकित अवधि में 9080 वाहनों की जाँच की गयी। जिसमें से 1184 वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की गई। उड़नदस्ता द्वारा की गई कार्यवाही क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी उज्जैन के मार्गदर्शन में की गई एवं प्रश्नांकित अवधि में चैकिंग के दौरान श्री सुरेश पाठक एवं श्री पी.के. शर्मा एवं श्री के. पी. शर्मा सहायक परिवहन उप निरीक्षक उपस्थित रहे। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टेट कनेक्टिविटी मार्गों के निर्माण की स्वीकृति
97. ( क्र. 5412 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग ने किन जिलों में प्र.मं.ग्रा.स.यो. के अंतर्गत स्टेट कनेक्टिविटी की कितनी संख्या व कि.मी. और राशि की सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है तथा उनके निर्माण की स्थिति क्या है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 23.07.2015 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय विभागीय मंत्री जी को विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्डों की स्टेट कनेक्टिविटी मार्गों के लिये कोई लेख किया है? (ग) क्या विभागीय किसी अधिकारी द्वारा किसी दिनांक को जिला कटनी के किसी अधिकारी को निरीक्षण करने और प्राक्कलन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है और जिस पर मार्गवार अभी तक क्या कार्यवाहियां की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) मार्गों को कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्टेट कनेक्टिविटी की कोई सड़क स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) जी हाँ, माननीय विधायक द्वारा माननीय विभागीय मंत्री को स्टेट कनेक्टिविटी की सड़कों हेतु पत्र क्रमांक 1663 दिनांक 23.07.2015 प्रेषित किया गया था। (ग) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण मुख्यालय द्वारा महाप्रबंधक परियोजना क्रियान्वयन इकाई कटनी से उक्त पत्र में उल्लेखित मार्गों की स्टेट कनेक्टिविटी के अंतर्गत स्वीकृति हेतु परीक्षण कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को लिखा गया है। उक्त पत्र में उल्लेखित सड़क एन.के.जे. से पड़रिया मार्ग लंबाई 1.25 कि.मी. की स्वीकृति स्टेट कनेक्टिविटी मद में जारी कर दी गई है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं।
शाहपुरा भोपाल स्थित 48 किसानों को स्थाई पट्टे प्रदान
98. ( क्र. 5446 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 1975-76 में भोपाल सीमांतर्गत ग्राम सब्जी फार्म शाहपुरा में खेतीहर मजदूरों को 02-02 एकड़ भूमि साग-सब्जी उत्पन्न करने के लिये पूर्ण शासकीय सुविधा प्रदान करते हुए साग सब्जी उत्पादक क्रय विक्रय सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल को सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत मुहैया करके 48 किसानों को अस्थाई पट्टे पर प्रदान की गई थी? (ख) इन पट्टों को शासन द्वारा उल्लेखित शर्तानुसार कब-कब नवीनीकरण किया गया? नहीं किया गया तो क्यों? कारण सहित इन पट्टों की वर्तमान स्थति की जानकारी देवें? इस प्रक्रिया को निष्पादन न किये जाने में कौन-कौन दोषी है? (ग) क्या इन पट्टेधारियों को शासन द्वारा नोटिस प्रदान कर हटाया जा रहा है? यदि हाँ, तो इससे पूर्व इन पट्टेधारियों को उक्त स्थान पर रोजगारोन्मुखी भूमि प्रदान की जा सकती है? या अन्यत्र पूर्ण सुविधा प्रदान करते हुए भूमि चयन किया जाकर विस्थापन किया जा सकता है? (घ) क्या किसानों के हित में प्रक्रिया पूर्वानुसार रखा जाकर जैविक खेती को बढ़ावा देने की शासन नीति को जीवित रखा जाना उदाहरण साबित हो सकता है? इस संबंध में शासन स्तर पर इन किसानों की सहभागिता से नीति निर्धारण किया जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। 48 कृषकों को विभिन्न शर्तों पर तीन वर्ष के लिये दो-दो एकड़ के अस्थाई पट्टे कृषि विभाग द्वारा जारी किये गये थे। पट्टेदार के पट्टे की शर्त क्रमांक 9 में उल्लेख है कि अवधि समाप्त होने से कम से कम 50 दिन पूर्व लिखित आवेदन कर अधिकार समर्पित करना था एवं शर्त क्रमांक 5 के अनुसार भूमि के किराये एवं सिंचाई के किराये की निर्धारित रकम कृषकों द्वारा जमा करायी जानी थी, शर्त क्रमांक 17 में उल्लेख है कि पट्टे भी निहित किसी भी शर्त का पट्टेदार द्वारा उल्लंघन किये जाने पर शासन पट्टा निरस्त करने हेतु स्वतंत्र होगा और ऐसी कार्यवाही के विरूद्ध कोई अपील भी नहीं की जा सकेगी। कृषकों द्वारा विभिन्न शर्तों का उल्लंघन करने एवं निर्धारित अवधि 50 दिन पूर्व अधिकार समर्पित कर पुनः नवीनीकरण नहीं कराने के कारण नवीनीकरण नहीं किया गया। प्रक्रिया के निष्पादन नहीं किये जाने हेतु कोई दोषी नहीं है। (ग) जी हाँ, प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति की उच्च स्तरीय बैठक दिनांक 20.032015 के द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार अस्थाई पट्टे निरस्तीकरण की कार्यवाही उद्यानिकी विभाग द्वारा की जानी थी संचालक उद्यानिकी विभाग के पत्र क्र. 119, दिनांक 08.04.2015 से समस्त भूमि कृषकों से वापस लेते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को वापिस की गई। 48 कृषकों को अन्य शासकीय योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ भी कृषि विभाग द्वारा दिया जावेगा जिसके परिपालन में कलेक्टर के निर्देशानुसार उद्योग विभाग द्वारा कल्याणकारी योजनाओं हेतु सब्जी फार्म पर शिविर लगाया गया। (घ) इस संबंध में नीति निर्धारण का कार्य सहकारिता विभाग से संबंधित है, राजस्व विभाग से नहीं।
एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम
99. ( क्र. 5548 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधानसभा क्षेत्र एवं कन्नौद विकासखण्ड में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन में वर्ष 2013 से प्रश्न दिवस तक कितनी परियोजनाएं स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांकित योजनाओं का कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? कितनी योजनाओं का कार्य शेष है? स्थलवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांकित प्रत्येक परियोजना (जलग्रहण संरचनाएं) की लागत राशि कितनी-कितनी है एवं निर्माण एजेन्सी कौन-सी है? (घ) स्वीकृत जलग्रहण संरचनाएं कब तक पूर्ण होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 5 परियोजनायें स्वीकृत की गई, जिसमें से परियोजना क्रमांक 5 जल संसाधन की दतुनी बांध परियोजना के कमांड क्षेत्र में आने के कारण बंद की गई। (ख) चारों परियोजनाओं का कार्य प्रचलन में है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पटवारियों को राजस्व निरीक्षक पद पर पदोन्नति
100. ( क्र. 5589 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा 30.01.2016 को पटवारी से राजस्व निरीक्षण के पद पर 239 पटवारियों को पदोन्नत किया गया है एवं जिसमें वर्ष 2011 में राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण पटवारी ही पदोन्नति के पात्र थे? (ख) सामान्य श्रेणी के कितने अंकों वाले पटवारियों को पदोन्नति दे दी गई है तथा अनुसूचति जाति के कितने अंकों तक वाले पटवारियों को पदोन्नत किया गया है? (ग) कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के पत्र क्र. 2343 स्था. एक पटवारी 2015/04.12.15 द्वारा वर्ष 2011 की अनु.जा. की मेरिट लिस्ट में स.क्र. 14 पर दर्ज रामप्रसाद अहिरवार (टीकमगढ़) को पदोन्नति सूची में क्र. 61 पर किस आधार पर पदोन्नत किया गया है, जबकि वर्ष 2011 के राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण किसी भी अनु.जा. के पटवारी को सम्मिलित नहीं किया गया है? इसी प्रकार पदोन्नति सूची के स.क्र. 22 पर अनुरेखक पवन कुमार शाक्यवार को किन नियम के तहत पटवारियों की पदोन्नति सूची में शामिल किया गया है? (घ) क्या 428 प्राप्तांक वाले सामान्य वर्ग के पटवारी पदोन्नति पा चुके हैं, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग के 428 या इससे अधिक प्राप्तांक वाले पटवारी प्रमोशन नहीं ले सकते हैं? ऐसा क्यों है? क्या शासन उक्त पदोन्नति सूची को निरस्त कर पुन: त्रुटि रहित पदोन्नति सूची जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2010 तक की राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण पटवारी तथा वर्ष 2011 में राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण पटवारी पदोन्नति के पात्र थे। (ख) पदोन्नति में सामान्य वर्ग के राजस्व निरीक्षक 2010 तक राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण पात्र पटवारियों तथा 2011 के 428 अंक पाने वाले पटवारी को पदोन्नत किया गया। इसी प्रकार अनुसूचित जाति वर्ग में वर्ष 2010 तक के राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण पटवारियों तथा वर्ष 2011 के राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण 475 अंक पाने वाले पटवारियों को पदोन्नत किया गया है। (ग) पटवारी से राजस्व निरीक्षक पद पर पदोन्नति हेतु राजस्व निरीक्षक परीक्षा उत्तीर्ण पटवारियों के मेरिट अंकों की 2010 की सूची में सरल क्रमांक 14 पर अनुसूचित जाति वर्ग के श्री रामप्रसाद अहिरवार टीकमगढ़ का नाम त्रुटिवश अंकित होने के कारण उनका पदोन्नति सूची में सरल क्रमांक 61 पर अंकित हो गया था। जबकि वे वर्ष 2011 की मेरिट अंकसूची के आधार पर पदोन्नत सूची के सरल क्रमांक 135 व 136 के मध्य होना चाहिये। पदोन्नत सूची में यह संशोधन कर दिया गया है। कलेक्टर मुरैना से प्राप्त जानकारी में श्री पवन कुमार शाक्यवार का पदनाम अनुरेखक के स्थान पर पटवारी अंकित होने के कारण उन्हे इस पदोन्नति सूची में सरल क्रमांक 12 पर पदोन्नत किया गया। संशोधित जानकारी में उन्हे अनुरेखक पाये जाने पर श्री शाक्यवार की पदोन्नति कार्यालयीन आदेश दिनांक 29/2/2016 द्वारा निरस्त कर दी गई है। (घ) जी हाँ। सामान्य वर्ग के राजस्व निरीक्षक परीक्षा में 428 अंक पाने वाले पटवारी पदोन्नति पा चुके हैं। अनुसूचित जाति वर्ग में 428 से अधिक अंक पाने वाले पटवारी भी शासन नियमों के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति के पात्र हैं। पदोन्नति सूची नियमानुसार होने से निरस्त की जाने की आवश्यकता नहीं है।
लोक सेवा केन्द्र अम्बाह की शिकायत
101. ( क्र.
5590 ) एडवोकेट
सत्यप्रकाश
सखवार : क्या
परिवहन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या
अभिभाषक संघ
अम्बाह जि.
मुरैना
द्वारा पत्र
क्र. क्यू. 21.01.2016
के द्वारा लोक
सेवा केन्द्र
अम्बाह की
शिकायत कलेक्टर
जिला मुरैना
को की गई थी? यदि
हाँ,
तो उक्त
शिकायत में
उल्लेखित
बिन्दुओं की
जाँच कराई गई
या नहीं? (ख)
यदि जाँच कराई
गई है तो किस
अधिकारी के
द्वारा तथा कब
कराई गई? यदि हाँ, तो क्या
शिकायतकर्ता
अभिभाषक संघ
को जाँच के
संबंध में
बुलाया या
नहीं तथा जाँच
का निष्कर्ष
क्या निकला? (ग)
यदि जाँच नहीं
कराई गई तो क्यों? अब तक
जाँच न कराने
का दोषी कौन
है? दोषी
का पता लगाकर
जाँच कब तक
पूर्ण कर ली
जावेगी?
परिवहन
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ।
(ख) श्री दिनेश
चन्द्र
सिंघी, अनुविभागीय
अधिकारी अम्बाह
द्वारा
दिनांक 09-02-2016 को जाँच
की गई है। जी
नहीं। जाँच
उपरांत लोक सेवा
केन्द्र अम्बाह
के विरूद्ध
कोई
अनियमितता
नहीं पाई गई।
(ग) प्रश्नांश
(ख) के अनुक्रम
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
लोक सेवा केन्द्र भवनों का निर्माण
102. ( क्र. 5603 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में कितने लोक सेवा केन्द्र भवन बनाये जाने हेतु कितना बजट आवंटित किया गया था? प्रश्न दिनांक तक कितने लोक सेवा केन्द्रों के भवनों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, इस पर कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या ढाई वर्ष व्यतीत होने के बाद भी आधा दर्जन से अधिक लोक सेवा केन्द्र भवनों का कार्य अधूरा, बंद पड़ा हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) सागर जिले में 12 लोक सेवा केन्द्र बनाने हेतु कुल राशि 1,55,24,000 (एक करोड़ पचपन लाख चौबीस हजार) रूपये का आवंटन प्राप्त हुआ था। अभी तक 09 लोक सेवा केन्द्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। 02 लोक सेवा केन्द्रों का आंशिक सुधार शेष है। इस पर अब तक 1,55,24,000 (एक करोड़ पचपन लाख चौबीस हजार) का व्यय किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिसम्बर 2016 तक पूर्ण करा लिया जावेगा।
ग्राम पंचायतों को राशि का आवंटन
103. ( क्र. 5646 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में दतिया जिले में कराधान योजनांतर्गत कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को कितनी राशि शासन द्वारा किन-किन कार्यों बाबत् उपलब्ध कराई? ग्राम पंचायतों के नाम, आवंटित राशि, सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों द्वारा कर के रूप में कौन-कौन से कर ग्रामवासियों से वसूल किये गये, तथा उस कर की राशि का क्या उपयोग किया गया? (ग) क्या जिन ग्राम पंचायतों को शासन द्वारा कराधान योजनांतर्गत विकास कार्यों बाबत् राशि उपलब्ध कराई गई है? उनके द्वारा उस राशि का उपयोग विकास कार्यों में नहीं किया गया? (घ) यदि नहीं तो उनके द्वारा कराये गये विकास कार्यों का विवरण देवें? क्या राशि का दुरूपयोग करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। राशि का उपयोग ग्राम पंचायतों द्वारा विकास कार्यों में किया गया। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) जिले की किसी भी ग्राम पंचायत से राशि का दुरूपयोग किये जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेशनरों को महंगाई राहत का भुगतान
104. ( क्र. 5658 ) श्री तरूण भनोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा दिनांक 01.01.2006 के पश्चात सेवानिवृत्त पेंशन परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन छठवें वेतनमान के अनुरूप पुनरीक्षित की है? क्या उक्त पेंशनर्स को जून 2013 तक शासन द्वारा समय-समय पर घोषित महंगाई राहत का भुगतान किया गया है? (ख) क्या जुलाई 2013 के पश्चात उक्त संवर्ग के पेंशनर्स को 80% महंगाई राहत पर रोक कर जुलाई 2013 के पश्चात घोषित महंगाई राहत से भी अभी तक वंचित रखा है? यदि हाँ, तो इसका स्पष्ट कारण क्या है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के विश्वविद्यालय में दिनांक 31.03.2014 तक स्व-वित्तीय पेंशन योजना प्रभावशील थी तथा दिनांक 01.04.2014 से म.प्र.शासन द्वारा परिवर्तित पेंशन योजना लागू कर दी है, जिसमें शासन द्वारा भी आवश्यक अनुदान दिया जावेगा? (घ) क्या दिनांक 31.03.2014 तक स्व-वित्तीय पेंशन योजना का संचालन उक्त विश्वविद्यालय द्वारा बिना शासकीय अनुदान के अपने स्त्रोतों से किया जाना है? यदि हाँ, तो उक्त पेंशनरों के प्रकरणों को म.प्र. शासन से दिशा निर्देश/मार्गदर्शन के नाम पर क्यों रोका जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा 01.01.2006 के पश्चात् सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों को छठवें वेतनमान के अनुसार पेंशन का पुनरीक्षण म.प्र. शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-9/2/2009/नियम/चार (भाग-2) भोपाल दिनांक 3 अगस्त 2009 के तहत किया गया है। परन्तु विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण समस्त पेंशनभोगियों को समान रूप से भुगतान नहीं किया जा सका। फलस्वरूप शैक्षणिक संवर्ग को पाँचवें वेतनमान के अनुसार निर्धारित पेंशन पर देय मंहगाई राहत (47 प्रतिशत एवं अंतरिम राहत 10 प्रतिशत) का भुगतान किया जा रहा है तथा अशैक्षणिक संवर्ग को छठवें वेतनमान में निर्धारित पेंशन पर जनवरी 2013 में देय 80 प्रतिशत मंहगाई राहत का भुगतान किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। विश्वविद्यालय प्रमण्डल की 203वीं बैठक दिनांक 28.01.2014 के पद क्र. 9 में प्रमंडल द्वारा प्रकरण पर विचार विमर्श किया जाकर विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए निर्देशित किया गया कि उक्त संबंध में पूर्ववत व्यवस्था को यथावत रखा जावे। जिसके कारण 80 प्रतिशत मंहगाई राहत नहीं बढाई जा सकी तथा शैक्षणिक संवर्ग के पेंशनर्स को भी छठवें वेतनमान के अनुसार पेंशन का भुगतान नहीं किया जा सका। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। दिनांक 31.03.2014 तक उक्त योजना का संचालन विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्त्रोत से किया जाना है। उक्त योजना को परिवर्तित स्वरूप में छठवें वेतनमान के अनुसार संचालित करने की अनुमति की स्वीकृति दिनांक 01.04.2014 से दी गई है। अत: उक्त दिनांक के पूर्व के पेंशनभोगियों (अवधि दिनांक 01.01.2006 से 31.03.2014) को छठवें वेतनमान का लाभ दिये जाने के संबंध में विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होने पर निर्णय लिया जायेगा।
स्थानांतर नीति अनुसार कर्मचारियों की पदस्थी
105. ( क्र. 5685 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के विभाग में पदस्थ कर्मचारी एवं अधिकारियों का स्थानांतर एवं पदस्थापना दिनांक से स्थानांतर नीति अनुसार पदस्थ नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन की स्थानांतर नीति अनुसार उनकी पदस्थापना से स्थानांतर करने का आदेश पारित करेंगे? (ग) क्या गुना जिले के सभी ब्लॉकों में पदस्थ कर्मचारी अधिकारी शासन की स्थानांतर नीति अनुसार निर्धारित समय से पदस्थ है या अन्य स्थानीय नीति अनुसार? (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) सत्य है तो अभी तक स्थानांतर नीति अनुसार इनकी पदस्थापना क्यों नहीं की, कौन जिम्मेदार है, कब तक उनको पदस्थ करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) गुना जिले में सभी विकासखंडों में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी शासन की स्थानांतरण नीति अनुसार निर्धारित समय से पदस्थ है। (घ) शेष का प्रश्न नहीं उठता।
लोक सेवा केन्द्रों पर राजस्व नकलों का प्रदाय
106. ( क्र. 5686 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले की सभी तहसीलों में लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं यदि हाँ, तो किस दिनांक से? क्या इन केन्द्रों पर जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, केन्द्रों के संचालक उनको समय से पूर्ण कराते हैं और जिस दिन से कार्यरत हैं उस दिन से प्रश्न दिनांक तक नकलों में एक समान फीस ली गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों में कौन-कौन सी सेवा में कार्यरत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक समय पर नकलें नहीं दी और कार्यरत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सेवा में फीस की वृद्धि किस आदेश से की गई? (ग) क्या लोक सेवा केन्द्रों में दी जाने वाली सुविधाएं उन विभागों में भी संचालित है या बंद कर दी? क्या राजस्व खातों की कम्प्यूटर नकलें लोक सेवा केन्द्रों और तहसील कार्यालय से अलग-अलग शुल्क पर दी जाती है यदि हाँ, तो कारण बतायें? (घ) क्या गुना जिले के लोक सेवा केन्द्रों में राजस्व नकलें प्रति सर्वे नम्बर चार्ज होता है, किन्तु तहसीलों से मिलने वाली नकलों में प्रति पेज में उल्लेखित सभी सर्वे नम्बर चार्ज होता है किन्तु तहसीलों से मिलने वाली नकलों में प्रति पेज में उल्लेखित सभी सर्वे नम्बरों का चार्ज कम होता है? प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तथ्यों में अंतर है तो क्या विभाग लोक सेवा केन्द्रों के संचालकों को हटायेगा या कार्यवाही करेगा या तहसीलों एवं अन्य विभागों में पुरानी पद्धति से कार्य करायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिले की तहसील गुना, चाचोड़ा, राघौगढ़, बामोरी एवं आरोन में दिनांक 25/09/2015 से लोक सेवा केन्द्र संचालित है तथा तहसील मक्सूदनगढ़ एवं कुम्भराज में केन्द्र खोले जाने की प्रक्रिया जारी है। जी हाँ। नकलों की फीस संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ एवं ’ख’ अनुसार। (ख) सेवा क्रं. 4.2 चालू खसरा/खतौनी की प्रतिलिपियों का प्रदाय का एक प्रकरण एवं सेवा क्रं. 4.3 चालू नक्शों की प्रतिलिपियों का प्रदाय का एक प्रकरण। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ एवं ’ख’ अनुसार। (ग) सभी सेवाएं विभाग में भी संचालित है। जी हाँ, लोक सेवा केन्द्रों से ली जाने वाली नकलों में ई-गवर्नेंस समिति को दिया जाने वाला शुल्क एवं प्रक्रिया शुल्क सम्मिलित होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ एवं ’ख’ अनुसार। कोई अंतर नहीं हैं।
मनरेगा अंतर्गत अपूर्ण निर्माण कार्य
107. ( क्र. 5721 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा योजनांतर्गत कपिलधारा कूप निर्माण करवाने की पात्रता क्या है एवं पात्रता का क्रम भी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ की जनपद पंचायत सारंगपुर अंतर्गत विगत तीन वर्ष में मनरेगा योजना में प्रश्न दिनांक तक कपिलधारा कूप निर्माण की स्वीकृति किस-किस वर्ग के हितग्राहियों को प्रदाय की गई तथा कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण स्थिति में है? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दर्शित अपूर्ण कूपों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा एवं अपूर्ण रहने का कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनरेगा योजनान्तर्गत कपिलधारा कूप हेतु ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत जॉबकार्डधारी परिवार जिनकी न्यूनतम 1 एकड़ असिंचित कृषि भूमि है, कूप निर्माण हेतु पात्रता रखता है। पात्रता का क्रम इस प्रकार है:- 1. अनुसूचित जाति परिवार, 2. अनुसूचित जनजाति परिवार 3. आदिम जनजाति परिवार, 4. अधिसूचित अनुसूचित जनजाति परिवार, 5. अन्य गरीबी रेखा वाले परिवार, 6. ऐसे परिवार जिनके मुखिया विकलांग हो, 7. ऐसे परिवार जिनके मुखिया विधवा महिला, 8. भूमि सुधार के लाभार्थी परिवार, 9. इंदिरा आवास के हितग्राही, 10. वन अधिकार अधिनियम 2006 (2 ऑफ 2007) अन्तर्गत लाभान्वित हक प्रमाण-पत्र धारक, 11. लघु सीमान्त कृषक (कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना 2008 में यथा परिभाषित) (ख) जनपद पंचायत सारंगपुर अंतर्गत विगत तीन वर्ष में मनरेगा योजनांतर्गत कुल 990 कपिलधारा कूप स्वीकृत किये गये जिसमें 154 अ.जा. 70 अ.ज.जा. एवं 766 अन्य वर्ग के कूप स्वीकृत किये गए। स्वीकृत कूपों में 657 कार्य पूर्ण एवं 333 कार्य अपूर्ण है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 333 अपूर्ण कपिलधारा कूप निर्माण कार्य आगामी तीन माह में राशि की उपलब्धता रहने पर पूर्ण करा लिए जायेगें। मनरेगा योजनान्तर्गत सामग्री की राशि का भुगतान शेष रहने के कारण कपिलधारा कूप के कार्य अपूर्ण रहे है।
भ्रष्टाचार के दोषियों को संरक्षण
108. ( क्र. 5761 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 और 2015-16 में जनपद पंचायत उदयपुरा जिला रायसेन में मनरेगा योजना प्रशासकीय मद में अनियमितता की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? दोषी सहायक लेखाधिकारी को पद से पृथक कर एफआईआर कब दर्ज कराई गई? नहीं तो क्यों? दोषियों को संरक्षण देने वालों के नाम-पद बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दोषी के खिलाफ कार्यवाही न करते हुए संरक्षण देने के दोषी का नाम एवं पद बतावें? संरक्षण देने वाले के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो कयों? (ग) ग्राम कुपवाड़ा से धामनपानी तक स्वीकृत ग्रेवल रोड के घटिया निर्माण की शिकायत की जाँच अधीक्षण यंत्री द्वारा कब की गई? (घ) घटिया ग्रेवल रोड निर्माण कार्य में कौन दोषी पाया गया? दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही कयों नहीं की गई? कब तक वसूली कर दंडित किया जावेगा? इनका पदस्थापना परिवर्तन क्यों नहीं किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष जानकारी निरंक। (ख) प्रश्नांश क अनुसार शिकायत प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही की जानकारी निरंक। (ग) अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मण्डल भोपाल द्वारा कार्यपालन यंत्रियों के गठित जाँच दल से दिनांक 06.06.2014 एवं 28.12.2014 को जाँच करायी गई है। (घ) जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित होने से अभी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमानक सामग्री का वितरण
109. ( क्र. 5762 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 और 2015-16 में जिला सागर में कृषि विभाग एवं आत्मा की विभिन्न योजनाओं में कितना खाद-बीज-कीटनाशक एवं रसायन किसानों को प्रदाय किया है? सामग्री का नाम, मात्रा, कुल कीमत, कुल अनुदान, सामग्री की उत्पादक-निर्माता कंपनी सहित बतावें? (ख) प्रश्नाधीन किस किस सामग्री की गुणवत्ता परीक्षण सेम्पलिंग कराई गई? सेम्पल लेने का दिनांक, परीक्षण का दिनांक, परिणाम दिनांक एवं रिपोर्ट की प्रति दें? यदि नहीं कराई तो नहीं कराने के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य दें? (ग) अमानक सामग्री किस कंपनी की थी? अमानक सामग्री निर्माता पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? कब तक की जावेगी? अमानक सामग्री से कितनी लोक-निधि की हानि हुई और किसानों को कितनी हानि हुई? (घ) अमानक सामग्री वितरण की वसूली किससे और कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) अमानक सामग्री पर गुण नियंत्रण आदेश के तहत कार्यवाही की गई है।
मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना के अपूर्ण कार्य
110. ( क्र. 5773 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड बड़वाह, जिला खरगोन में सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के तहत वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में वर्षवार कुल कितनी सड़कें स्वीकृत की गई है, इनमें से कुल कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं एवं कितनी अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों की राशि तो निकल गई है किन्तु मौके पर कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? इस हेतु कौन दोषी है? (ख) क्या ग्राम माचलपुर से बेरफडबुजुर्ग का मार्ग खेत सड़क योजना में स्वीकृत हुआ था, यदि हाँ, तो उक्त मार्ग में कितनी राशि किस वर्ष में स्वीकृत हुई है एवं कितनी राशि वर्तमान तक आहरित की गई है एवं कितनी राशि आहरित की जाना शेष है। (ग) क्या उक्त कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण रहे हैं? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त मार्ग के पूर्ण किये जाने के संबंध में जिला प्रशासन को कब-कब पत्र जारी किये गये है एवं प्राप्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही न किये जाने के संबंध में कौन दोषी हैं? क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में सुदूर ग्राम सड़क सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना के तहत कुल 160 सड़कें स्वीकृत की गईं हैं। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। ऐसी कोई सड़क नहीं है, जिसमें पूर्ण राशि निकाल ली गई हो और मौके पर कार्य पूर्ण नहीं हुआ हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। ग्राम माचलपुर से बेरफडबुजुर्ग मार्ग हेतु जनपद पंचायत महेश्वर के अंतर्गत राशि रू. 10.51 लाख की वर्ष 2013-14 में स्वीकृति हुई है एवं राशि रू. 3.31 लाख व्यय की गई है। स्वीकृति अनुसार रू. 7.19 लाख का व्यय होना शेष है। (ग) जी नहीं। जॉबकार्डधारियों द्वारा रोजगार की मांग न किये जाने एवं महात्मा गांधी नरेगा मद में राशि के अभाव में कार्य अपूर्ण है। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त मार्ग को पूर्ण किये जाने के संबंध में जिला प्रशासन खरगोन को दिनांक 24.11.2015 को पत्र प्रेषित किया गया था, जिसके अनुसार मजदूरों को प्रेरित किया जाकर कार्य प्रारम्भ कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी स्वामित्व की भूमि पर तालाब निर्माण
111. ( क्र. 5780 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत मृगपुरा तहसील जिला मुरैना के ग्राम खासखेड़ा की सर्वे भूमि क्रमांक 104 जो शासकीय अभिलेख में महेन्द्र सिंह गुर्जर के स्वामित्व की है। उसमें पंचायत द्वारा शासकीय तालाब वर्ष 2010 में बनाया गया है? (ख) उक्त तालाब पर कितनी राशि खर्च की गई है राशि स्वीकृत होने के वर्ष सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त तालाब शासकीय भूमि में न होकर निजी स्वामित्व की भूमि में बनाया गया है, क्यों? क्या शासन उक्त राशि को तत्कालीन सरपंच, सचिव से वसूल करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत मृगपुरा, तहसील जिला मुरैना के ग्राम खासखेड़ा की सर्वे भूमि क्र. 104 जो शासकीय अभिलेख में महेन्द्र सिंह गुर्जर के स्वामित्व की है। जिसमें पंचायत द्वारा वर्ष 2010 में कोई शासकीय तालाब नहीं बनवाया गया। (ख) तालाब हेतु कोई राशि नहीं दी गई। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं हेाता। (ग) शेष प्रश्न ही नहीं उपस्थित नहीं होता।
शक्कर कारखाने के भण्डार गृहों का प्राप्त किराया
112. ( क्र. 5782 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) द मुरैना मण्डल सहकारी शक्कर कारखाने लि. कैलारस के कारखाने परिसर में कितने भण्डार गृह हैं, उनकी भण्डारण की कितनी क्षमता है? (ख) उक्त भण्डार गृहों को क्या किराये से अन्य संस्थाओं को दिया गया है वर्ष 2010 से 2015 तक कितना किराया किन-किन संस्थाओं से प्राप्त हुआ है? उनकी राशि, संस्थाओं के नाम, वर्षवार जानकारी दी जावे? (ग) उक्त भण्डार गृहों को प्रबंधन किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया जाता है या इसकी जिम्मेदारी भण्डारण करने वाली संस्था को ही दी जाती रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 3 भण्डारगृह, 18000 मे.टन। (ख) वर्ष 2010-11 से वर्ष 2013-14 तक म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन को किराये पर दिया गया, वर्ष 2014-15 में किसी को भी किराये पर नहीं दिया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंध अवधि में शाखा प्रबंधक म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन कैलारस द्वारा, शेष अवधि में संस्था प्रबंधन द्वारा।
मण्डी समिति लश्कर, भितवार एवं डबरा की जानकारी
113. ( क्र. 5808 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में ग्वालियर चम्बल संभाग की किस-किस मण्डी में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी प्रतिनियुक्त पर पदस्थ हैं उस कर्मचारी/अधिकारी का नाम किस मण्डी में पदस्थ हैं उसका वर्तमान पद, पदस्थापना दिनांक, मूल विभाग का नाम तथा पद स्पष्ट करें। (ख) ग्वालियर जिले की मण्डी, लश्कर भितरवार एवं डबरा में 1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2015 तक वित्तीय वर्ष वाईज कितनी-कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई है? प्राप्त राजस्व राशि का किस-किस प्रकार उपयोग किया? वित्तीय वर्ष वाईज स्पष्ट करें? (ग) प्रश्न (ख) अनुसार मण्डी समिति लश्कर, भितरवार एवं डबरा मण्डियों द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर किस-किस प्रतिनिधि/अधिकारी या अन्य की अनुसंशा पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस निर्माण ऐजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरवीजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हें? उनकी वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (घ) मण्डी समिति लश्कर, भितरवार एवं डबरा में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उसका नाम, पद स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) 01 जनवरी 2016 की स्थिति में ग्वालियर चंबल संभाग की कृषि उपज मंडी समितियों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले की कृषि उपज मंडी समिति लश्कर, भितरवार एवं डबरा में प्रश्नागत अवधि में राजस्व प्राप्ति एवं व्यय का वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2/3 अनुसार है। (ग) प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेय-जल व्यवस्था सुनिश्चित करना
114. ( क्र. 5833 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में पेय-जल व्यवस्था सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित है? यदि हाँ, तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित नल-जल योजनाओं के संचालन अथवा अन्य स्त्रोतों से पेय-जल आपूर्ति के संबंध में क्या कोई निर्देश विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों अथवा जनपद पंचायतों को प्रसारित किये गये है? यदि हाँ, तो बतावें? (ख) क्या ग्राम पंचायतों में प्राप्त होने वाली पंच-परमेश्वर योजना की राशि में 20 प्रतिशत राशि का व्यय पेय-जल हेतु करने के निर्देश है? यदि हाँ, तो क्या कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जिनमें 20 प्रतिशत से अधिक राशि की पेय-जल व्यवस्था हेतु आवश्यकता रहती है, लेकिन कोई स्पष्ट निर्देश नहीं होने की वजह से पेय-जल योजनायें सुचारू रूप में संचालित नहीं हो पा रही हैं? (ग) क्या शासन ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण पेय-जल संकट को देखते हुये नल-जल योजनाओं के संचालन तथा अन्य स्त्रोंतों से पेय-जल व्यवस्था हेतु कोई विशेष निधि अथवा पृथक से अनुदान दिये जाने तथा तकनीकी अमले की पदस्थी का अतिरिक्त प्रावधान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो यह स्पष्ट करें कि उक्त समस्या के ठोस निराकरण हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। ग्रामीण नल-जल परियोजनाओं के लंबित विद्युत देयकों के भुगतान के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायतें प्राप्त विद्युत देयकों का संबंधित विद्युत कार्यालय को भुगतान कर व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु आयुक्त, पंचायतराज से पंचपरमेश्वर की 20 प्रतिशत अनाबद्ध राशि से समायोजित करने के निर्देश थे। (ग) समस्या के निराकरण हेतु पी.एच.ई. विभाग के साथ समन्वय कर पृथक से कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के महाप्रबंधक कार्यालय की स्थापना
115. ( क्र. 5834 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का महाप्रबंधक कार्यालय ब्यावरा नगर में संचालित था? यदि हाँ, तो उक्त कार्यालय को किन कारणों से अन्यत्र स्थानांतरित किया गया था? (ख) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा की 19 सड़कों की स्वीकृति हाल ही में केन्द्र सरकार से प्राप्त हुई है तथा पूर्व से निर्मित सड़कों के मरम्मत कार्य, उन्नयन कार्य, पुल-पुलिया निर्माण कार्य भी वर्तमान में प्रचलित हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन स्वीकृत सड़कों के निर्माण, मॉनिटरिंग, आदि कार्यों हेतु पुन: ब्यावरा नगर में उक्त योजना के महाप्रबंधक कार्यालय को स्थापित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ । प्राधिकरण में प्रोजेक्ट मोड़ में कार्य किया जाता है, जहां कार्यभार कम होता है वहां कार्यालय बंद कर दिया जाता है एवं जहां पर कार्यभार ज्यादा होता है वहां नया कार्यालय प्रारंभ कर दिया जाता है। इसी प्रकार इकाई को कार्यभार एवं प्रशासनिक कार्य सुविधा को दृष्टिगत रख कार्यालय महाप्रबंधक म.प्र.ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई ब्यावरा की जिला मुख्यालय पर स्थित परियोजना क्रियान्वयन इकाई राजगढ़ में संविलयन किया गया है। (ख) जी हाँ! जी हाँ। (ग) वर्तमान में इकाई के कार्यभार एवं प्रशासनिकी कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये राजगढ़ में महाप्रबंधक कार्यालय स्थापित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मृत सदस्यों के वारिसों को नियम विरूद्ध संस्था का सदस्य बनाना
116. ( क्र. 5848 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 एवं उसमें हुए संशोधन किसी भी गृह निर्माण सहकारी संस्था का सदस्य बनने हेतु क्या-क्या योग्यता होनी चाहिए एवं क्या संस्था के सदस्य के मृत होने के उपरांत संबंधित मृतक के वारिस को सदस्य बनाए जाने का प्रावधान है? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में लाला बहादुर शास्त्री गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. मुरैना (पंजीयन क्रमांक ए.आर/एम.एम.ए/29/20.03.1970) के प्रशासक द्वारा अंकेक्षण अधिकारी एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मुरैना को उक्त संस्था के सदस्यों की जो सूची सौंपी गई थी, उसमें कुल कितने सदस्य थे तथा उनमें से कितने सदस्य निर्धारित योग्यता रखते हैं? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त सूची में कितने मृत सदस्यों के वारिसों के नाम हैं? क्या किसी मृत सदस्य के वारिस को गृह निर्माण सहकारी संस्था के प्रशासक द्वारा सदस्य बनाया जा सकता है? यदि नहीं तो क्या लाल बहादुर गृह निर्माण सहकारी संस्था के प्रशासक द्वारा नियम विरूद्ध बनाए गए वारिस सदस्यों का नाम सूची से विलोपित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 19 एवं मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम क्रमांक 14 के प्रावधान एवं गृह निर्माण सहकारी संस्था की अनुमोदित उपविधि अनुसार। जी हाँ। (ख) 49 सदस्य, सभी सदस्य निर्धारित योग्यता रखते है। (ग) 12. जी हाँ, प्रकरण में वारिसों को सदस्यता का हस्तांतरण हुआ है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व भू-अभिलेखों का पुनर्निर्धारण
117. ( क्र. 5898 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर/जिला के राजस्व भू-अभिलेखों का पुन:निर्धारण किस वर्ष तक का हो चुका है? (ख) राजस्व भू-अभिलेखों में रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2015 तक के भू-स्वामियों के नाम दर्ज किये जा चुके हैं अथवा नहीं? (ग) राजस्व भू-अभिलेखों में परिवर्तित भूस्वामियों के नामान्तरण पश्चात् कब तक का राजस्व अथवा डायवर्सन शुल्क वसूल किया जा चुका है। (घ) यदि भू-अभिलेखों का अद्यतन पुनर्निर्धारण नहीं हुआ है तो इसके लिये कौन अधिकारी जवाबदार है। उसके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही होगी।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इंदौर शहर/जिला के राजस्व भू-अभिलेखों का अद्यतीकरण राजस्व वर्ष 2014-15 तक हो चुका है। (ख) राजस्व भू-अभिलेखों में रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2015 तक के भूमि स्वामियों के नाम विभिन्न नामांतरण आवेदनों के आधार पर पारित न्यायालय आदेशों के पालन में दर्ज किये जाते है। (ग) राजस्व भू-अभिलेखो में परिवर्तित भूमि स्वामियों के नामांतरण पश्चात राजस्व वर्ष 2014-15 तक का राजस्व अथवा डायवर्सन शुल्क वसूली हेतु सूचना पत्रों के माध्यम से वसूल किया गया है। वसूली की सतत् प्रक्रिया होने के चलते प्रतिमाह वसूली की जा रही है। (घ) भू-अभिलेखों का निरंतर अद्यतीकरण किया जा रहा है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण
118. ( क्र. 5907 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना द्वारा विगत 03 वर्षों में कितनी सड़कों का निर्माण किया गया तथा कौन-कौन ठेकेदारों द्वारा निर्माण किया गया? (ख) क्या देवरी से चांदोन होते हुए बासखेड़ा तक कितने किलोमीटर की सड़क का निर्माण किस वर्ष में तथा किस ठेकेदार द्वारा कराया गया? क्या उक्त सड़क का पूर्ण गुणवत्ता के अनुसार निर्माण कराया गया? यदि हाँ, तो इसके खराब होने के क्या कारण हैं? (ग) गाडरवारा साईखेड़ा सड़क से ग्राम देतपोन, धनोरा, खेरी, होते हुए अजंता तक सड़क निर्माण किस वर्ष तथा कितनी लागत से निर्माण कराया गया एवं उसके खराब होने के क्या कारण हैं? क्या इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी तथा खराब सड़कों को ठीक कराया जायेगा? (घ) गाडरवारा उदयपुरा सड़क से ग्राम तूमड़ा, संसारखेड़ा माहेश्वर तक कितने किलोमीटर की सड़क का निर्माण कब व कितनी लागत से किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत विगत 03 वर्षों में 22 सड़कों का निर्माण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत देवरी से चांदोन होते हुये बासखेड़ा सड़क लम्बाई 8.35 कि.मी. का कार्य ठेकेदार मे. खयालदास कंस्ट्रक्शन कं. भोपाल द्वारा वर्ष 2011 में पूर्ण किया गया था। जी हाँ। किंतु ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य न किये जाने के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। संधारण कार्य हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया। जिसका ठेकेदार द्वारा सुधार कार्य किया जा रहा है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत गाडरवारा साईखेड़ा सड़क से ग्राम देतपोन, धनौरा, खैरी होते हुए अजंदा सड़क का निर्माण कार्य धनौरा रोड के अंजदा ढिगसरा नामक सड़क के अंतर्गत वर्ष 2011 में रू. 190.70 लाख की लागत से कराया गया हैं। वर्षाकाल पश्चात ठेकेदार द्वारा रख-रखाव नहीं करने के कारण सड़क का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हुआ है, वर्तमान में ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य कराया जा रहा है। सड़क के क्षतिग्रस्त भाग को ठीक कराया जावेगा। जाँच कराये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। यदि ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य नहीं कराया जायेगा तो उसके विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत दो भागों में गाडरवारा साईखेड़ा रोड से तूमड़ा मार्ग का निर्माण कार्य दिसम्बर 2007 में 1.60 कि.मी. लम्बाई में रू. 22.47 लाख की लागत तथा तूमड़ा से सिरसिरी सड़क का निर्माण कार्य मार्च 2006 में 8.10 कि.मी. लम्बाई में रू. 169.82 लाख की लागत से पूर्ण किया गया था। वर्तमान में गाडरवारा साईखेड़ा से तूमड़ा एवं तूमड़ा सिरसिरी सड़क का संसारखेड़ा रेत खदान मोड़ तक क्रस्ट उन्नयन का कार्य कराया जा रहा है।
लालबत्ती, पीली एवं नीलीबत्ती की पात्रता
119. ( क्र. 5908 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लाल बत्ती, पीली बत्ती एवं नीली बत्ती की पात्रता किन-किन श्रेणी के लोगों को प्राप्त है? (ख) क्या विभाग समय-समय पर ऐसे बत्तीधारी वाहनों की जाँच कराता है? (ग) जो बत्तीधारी वाहन पात्रता की श्रेणी में नहीं आता और बत्ती का गलत इस्तेमाल करता है तो ऐसी स्थिति में विभाग कया कार्यवाही करता है? उसके लिये क्या दण्ड है। पात्र या अपात्र व्यक्ति वाहन द्वारा यात्रा करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ दण्ड के क्या प्रावधान है? विगत तीन वर्ष में नरसिंहपुर जिले में ऐसे कितने वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 177 के अंतर्गत अपात्र व्यक्ति द्वारा लाल/पीली/नीली बत्ती उपयोग किये जाने पर दण्ड का प्रावधान है। जिसके लिए धारा 200 के अंतर्गत राज्य शासन के द्वारा राशि रूपये 3000/- के दण्ड का प्रावधान किया गया है। नरसिंहपुर जिले में गत 3 वर्षों में प्रावधान के उल्लंघन का कोई प्रकरण नहीं पाया गया है।
खेत सड़क योजना
120. ( क्र. 5911 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों हेतु खेत सड़क योजना संचालित है? यदि हाँ, तो उसमें कार्य करने के क्या-क्या मापदण्ड हैं? (ख) इसमें सामग्री एवं मजदूरी का क्या अनुपात है तथा प्रति किलोमीटर कितनी राशि का प्राक्कलन बनता है? (ग) इसके कार्य कराने की मूल कार्यवाही एवं प्रक्रिया क्या है, इसमें किस प्रकार कार्य कराया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य करने के मापदंड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्माण कार्य में मजदूरी एवं सामग्री का अनुपात 60:40 संधारित है। प्रति 1.00 कि.मी. खेत सड़क निर्माण की अनुमानित लागत राशि रू़. 12.275 लाख हैं। निर्माण सामग्री की उपलब्धता के आधार पर सामग्री परिवहन की लागत में कमी या वृद्धि होने के कारण प्रति कि.मी. लागत परिवर्तनीय हैं। (ग) कार्य कराने की मूल कार्यवाही एवं प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नि:शक्त हेतु संचालित योजनाएं
121. ( क्र. 5926 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2013 से आज दिनांक तक मंदसौर जिले में अशिक्षित तथा बेरोजगार दिव्यांग (नि:शक्तों) को रोजगार प्रदान करने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यक्रम या योजनाएं चलाई जा रही है? इनसे कितने दिव्यांगों (नि:शक्तों) को लाभान्वित किया गया है? (ख) क्या अन्य प्रदेशों में दिव्यांगों (नि:शक्तों) को राज्य शासन द्वारा तीन पहिया वाहन (थ्री-व्हीलर मोटर सायकल) प्रदान किये जा रहे है? मध्यप्रदेश शासन द्वारा ऐसी कोई योजना वर्तमान समय में चलाई जा रही है या नहीं? यदि हाँ, तो अब तक कितने दिव्यांगो (नि:शक्तों) को लाभान्वित किया गया है? (ग) क्या राज्य शासन द्वारा संविदा शाला शिक्षक के सभी वर्गों में दिव्यांगों (नि:शक्तों) को 6 प्रतिशत आरक्षण दिया जावेगा? क्या यह प्रावधान केवल संविदा शाला शिक्षक तक ही सीमित है या राज्य शासन की सभी नौकरियों में इस आरक्षण का पालन किया जावेंगा? (घ) मध्यप्रदेश के शिक्षित बेरोजगार दिव्यांगों (नि:शक्त) को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किये जाने के लिये शासन की ओर से कोई योजना है या नहीं? यदि हाँ, तो इस योजना के लिए क्या प्रावधान हैं, एवं इस योजना का लाभ किस स्तर पर (शहरी/ग्रामीण) दिया जा रहा है तथा अब तक कितने दिव्यांगों (नि:शक्तों) को इस योजना से लाभान्वित किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मन्दसौर जिले में अशिक्षित तथा बेरोजगार निःशक्तों के लिए विभाग द्वारा भारत सरकार की राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम, फरीदाबाद द्वारा संचालित स्व-रोजगार योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। इसके अतिरिक्त शासन के अन्य विभागों की विभिन्न रोजगार/स्व-रोजगार मूलक योजनाओं के पात्रतानुसार निःशक्तजनों को लाभान्वित किया जाता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अन्य राज्यों के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजनान्तर्गत मोट्रेट ट्रायसिकल दिये जाने का प्रावधान है तथा प्रदेश में अब तक 33 निःशक्तों को लाभान्वित किया गया है। (ग) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा संविदा शाला शिक्षक की भर्ती में निःशक्तजनों हेतु 6 प्रतिशत का आरक्षण किया गया है। यह प्रावधान संविदा शाला शिक्षक के साथ-साथ शासन की सभी नौकरियों में लागू है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी केन्द्रीय बैंक डभौरा के सेंडीज मनी की जानकारी
122. ( क्र. 5982 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा शाखा डभौरा के सेंडीज मनी घोटाले से संबंधित जो राशि सिरमौर थाने में पकड़ी गई थी उसकी जाँच क्या परमानंद गोड़रिया तत्कालीन डी.आर. रीवा ने की थी तथा उक्त अवधि में महाप्रबंधक के पद पर महेन्द्र दीक्षित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में पदस्थ था। उक्त प्रकरण में मुख्य आरोपी रामकृष्ण मिश्रा को बचाने का प्रयास उक्त अधिकारियों द्वारा किया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मुख्य आरोपी ने अपने बयान में डी.आर. श्री गोड़रिया एवं महाप्रबंधक श्री दीक्षित को प्रकरण से बचने एवं पदस्थापना में पदस्थापित करने के लिये रिश्वत की राशि देना बताया है। (ग) क्या उक्त दोनों अधिकारी उक्त घोटाले में सम्मिलित माने जायेंगे। यदि हाँ, तो उनके ऊपर पुलिस में कब तक अपराध दर्ज कराकर उन्हें सह-अभियुक्त बना दिया जायेगा। (घ) उक्त दोनों अधिकारी को मुख्य आरोपी से कितने रूपये घूस देने की बात अपने बयान में कही गई है उन्हें अभी तक आरोपी न बनाने व उनके विरूद्ध विभाग स्तर से कार्यवाही न किये जाने में कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अपराध अनुसंधान विभाग क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 01.12.2014 को थाना सिरमौर में जब्त हुये रूपये 60 लाख को छुड़वाने की जाँच तत्कालीन उप पंजीयक, श्री परमानंद गोडरिया द्वारा नहीं की गई तथा उक्त अवधि में महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के पद पर श्री महेन्द्र दीक्षित पदस्थ नहीं थे। जी नहीं। (ख) जी नहीं, किन्तु बैंक शाखा डभौरा प्रकरण के आरोपी श्री रामकृष्ण मिश्रा द्वारा कथन दिया गया कि शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थापना के दौरान गबन की राशि में से अपने कार्य में सहयोग करने के एवज में तत्कालीन उप पंजीयक श्री परमानंद गोडरिया को भी राशि दी गयी है। (ग) उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध अब तक की पुलिस विवेचना में सहभागिता/अपराधिक षड़यंत्र करना नहीं पाया गया है, विवेचना लगातार दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं के तहत जारी है। (घ) उत्तरांश ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एम.डी. कृषि विभाग में पोस्टिंग
123. ( क्र. 5983 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.डी. कृषि उपज मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा व्यापम परीक्षा वर्ष 2010 में सहायक निरीक्षक व अन्य संवर्ग के लिये कौन-कौन सी परीक्षायें आयोजित कराई गई थीं, रिक्त पदों की पदवार आरक्षणवार वर्गवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चयनित अभ्यार्थियों का क्या पदांकन कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अनुसूचित जाति, जनजाति के कितने ऐसे अभ्यार्थी शेष हैं जिनका काउंसलिंग करने एवं पुलिस सत्यापन के उपरांत पदांकन नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत पदांकन न करने के क्या कारण हैं तथा पदांकन न करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक उक्त पदों पर पदांकन कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत 12 संवर्गों (जिसमें सहायक उपनिरक्षक भी शामिल था) की पूर्ति हेतु व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा दिनांक 21.02.10 को प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई थी। शेष प्रश्नागत जानकारी/सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" के संबंध में व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा चयनित उम्मीदवारों की उपलब्ध करायी गई चयन सूची के आधार पर म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड स्तर पर काउंसलिंग आयोजित कर अभिलेखों के सत्यापन उपरांत उपयुक्त पाये गये उम्मीद्वारों के चरित्र सत्यापन पश्चात नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार काउंसलिंग में उपयुक्त पाये गये सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं अन्य वर्ग के उम्मीदवारों के चरित्र सत्यापन उपरांत नियुक्ति आदेश जारी कर दिये गये है। (घ) उत्तरांश "ख" एवं "ग" के परीप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
शासकीय भूमि के पट्टे का वितरण
124. ( क्र. 5990 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1959 के पूर्व की ग्राम आबादी क्षेत्र में पट्टे देने के अधिकार ग्राम पंचायतों को है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें? (ख) क्या पानखेड़ी (कालापीपल) के 1959 के पूर्व की ग्राम आबादी क्षेत्र व नवीन आबादी क्षेत्र में ग्राम पंचायत द्वारा नगर परिषद के गठन के पूर्व पट्टे दिये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पंचायत द्वारा नियम विरूद्ध पट्टे दिये गये है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शाजापुर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि नगर परिषद् गठन के पूर्व मुख्यमंत्री आवास मिशन के तहत् 09 हितग्राहीयों को भू-अधिकार पत्र तहसीलदार कालापीपल एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कालापिपल द्वारा जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) उत्तरांश-‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि वि.वि. ग्वालियर में अटैच कर्मचारियों/अधिकारियों
125. ( क्र. 5997 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रा.वि.सि.कृ.वि.वि. ग्वालियर में (ग्वालियर जिले में) 1 अप्रैल 2013 से 31 अक्टूबर 2015 तक दो लाख से अधिक राशि के तथा दो लाख से कम राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार को कितनी-कितनी दरों पर स्वीकृत किये गये? सूची दें। वह कार्य किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे है? इन निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) 1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2015 तक विगत दो वित्तीय वर्षों में वि.वि. को कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ है? प्राप्त वित्तीय आवंटन का किस-किस रूप में कहाँ-कहाँ उपयोग किया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
भोपाल में लीज की भूमि का मालिकाना हक
126. ( क्र. 5999 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिलान्तर्गत राजस्व विभाग को लीज की आवासीय भूमि का मालिकाना हक देने पर वर्ष 2014-15 में कुल कितने राजस्व की प्राप्ति हुई है? (ख) क्या राज्य शासन द्वारा लीज की भूमि का मालिकाना हक देने संबंधी जारी नियमों या शुल्क हेतु भूमि के मूल्य के संबंध में जारी नियमों में कोई संशोधन या परिवर्तन किया गया है या कोई प्रस्ताव है यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें? (ग) टी.टी. नगर क्षेत्र / तहसील हुजूर भोपाल में लीज भूमि के मालिकाना हक (फ्री होल्ड) करने के लिए वर्ष 2014-15 में कितने हितग्राहियों/लीज धारकों द्वारा नजूल विभाग से मांग पत्र के अनुसार फ्री-होल्ड एवं भू-भाटक आदि की राशि राजस्व खाते में जमा करने पर पूरी प्रक्रिया करने के पश्चात् भी फ्री होल्ड के पट्टे निष्पादित नहीं कराये गये हैं? ऐसे प्रकरणों की संख्या तथा फ्री-होल्ड पट्टे निष्पादन नहीं किये जाने के कारण तथा उनके अंतिम निराकरण हेतु समय-सीमा बतायें? (घ) खसरा क्रमांक 59/160 कोटरा सुल्तानाबाद भोपाल में वर्ष 2014-15 में कुछ प्रकरणों में फ्री-होल्ड पट्टा निष्पादित कराया गया किन्तु कुछ में रोका गया। ऐसे प्रकरणों की संख्या एवं नाम का विवरण कारण सहित दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुल हेक्टेयर भूमि की अलग-अलग जानकारी
127. ( क्र. 6090 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने हेक्टेयर भूमि किस-किस कार्य व प्रकार की भू-अभिलेख में दर्ज है और खाते व गैर खातों के अंतर्गत क्षेत्रफल, प्रकार व कार्यवार कुल हेक्टेयर भूमि की जानकारी प्रश्न दिनांक तक में ग्रामवार दें? (ख) उक्त क्षेत्रांतर्गत कितनी-कितनी शासकीय भूमि किस-किस विभाग के अंतर्गत कहाँ-कहाँ स्थित है? स्थानवार जानकारी दें? (ग) उक्त क्षेत्रांतर्गत कुल कितने हेक्टेयर सिंचित एवं असिंचित हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 134374.295 हेक्ट. भूमि भिन्न-भिन्न मदों भू-अभिलेख में दर्ज है। खाते का रकबा 87851.144 हेक्ट. है। ग्रामवार एवं मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) शासकीय भूमि की विभागवार दर्ज स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) कुल सिंचित भूमि 76827.475 हेक्ट. तथा असिंचित भूमि 33169.072 हेक्ट. दर्ज है।
किसानों की समस्या का निराकरण प्ररकण
128. ( क्र. 6091 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16 दिसम्बर, 2015 के अता. प्रश्न संख्या 64 (क्रमांक 1676) के विभागीय उत्तर (ख) में दर्शित प्रकरण दर्ज किया गया है बताया है तो बतायें कि प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त प्रकरण में संदर्भित प्रकरण क्रमांक 5/अ-13/97-98 अनुसार स्थल निरीक्षण टीप दिनांक 27/12/97 एवं तहसीलदार देपालपुर स्थल निरीक्षण टीप प्रतिवेदन 21/1/98 के आदेश के उपरांत क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार जानकारी दें और बतायें कि इस प्रकरण में किस-किस को दोषी माना गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित शासकीय प्रमाण के अनुसार कार्यवाही पूर्ण किये जाने के उपरांत दोषी व्यक्ति द्वारा पुन: शासन के नियमों का उल्लंघन किया है? हाँ तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करते हुए क्या मौके पर पूर्व में की गई कार्यवाही अनुसार यथा स्थिति का पालन कराया गया है? हाँ तो बतायें? नहीं तो क्यों? कारण दें? (घ) उक्त प्रकरण में संबंधित आवेदक किसानों के रास्ते पर किये गये अवैधानिक नाले को कब तक पाट दिया जायेगा और कब तक उक्त प्रकरण का निराकरण किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नजूल भूखण्डों के वर्ष 2003 की निलामी
129. ( क्र. 6111 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के नगर राजगढ़ में वर्ष 2003 में क्या खुजनेर रोड स्थित नजूल भूखण्डों को निलामी द्वारा आवंटन हेतु बोली आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो सफल बोलीदारों की सूची उनके द्वारा 25 प्रतिशत राशि जमा करने का दिनांक व 75 प्रतिशत राशि जमा करने का दिनांक तथा नजूल विभाग द्वारा पट्टा निष्पादित करने का दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) में यदि कुछ सफल बोलीदारों की राशि राजसात की गई है? यदि हाँ, तो उनकी सूची राजसात की गई राशि एवं राजसात करने का दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
टैक्स की राशि
130. ( क्र. 6154 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना प्रारंभ होने से ग्रामीण अंचल में कार्य कराये गये हैं? कराये गये कार्यों में किस-किस फर्म/संस्था को कितना भुगतान सामग्री पर किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में सामग्री भुगतान पर कितनी राशि का टैक्स किस-किस फर्म संस्था, डीलर, व्यापारी द्वारा शासकीय खजाने में अदा किया गया और उसका माध्यम क्या था? कार्यवार बतावें, बिलवार, जिस टिन नं. के माध्यम से जमा किया गया? (ग) क्या सामग्री भुगतान में टैक्स अदा न कर एक ओर तो जहां शासन को करोड़ों रूपयों का नुकसान हुआ है, वहीं पर दूसरी ओर कुछ लोगों को अनाधिकृत लाभ पहुंचाया गया है? इसके लिये वाणिज्य कर के अधिकारियों द्वारा जाँच की गई है? (घ) उक्त के संबंध में टैक्स चोरी करने वालों तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, कटनी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अन्तर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कराये गये कार्यों में फर्म/संस्था को सामग्री पर किये गये भुगतान की जानकारी भारत शासन की वेबसाईट www.nrega.nic.in पर अवलोकनार्थ उपलब्ध है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार सामग्री भुगतान पर फर्म संस्था, डीलर, व्यापारी द्वारा टैक्स शासकीय खजाने में अदा करने संबंधी जानकारी प्राप्त किया जाना योजनान्तर्गत कार्य क्षेत्र में निहित न होने से उपलब्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ग) जी नहीं। कार्यालय आयुक्त वाणिज्य कर मध्यप्रदेश के पृष्ठांकन क्र. 35/2006/24 (बी) /एक/63 इन्दौर दिनांक 4-3-11 संलग्न परिशिष्ट अनुसार मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद को टैक्स कटौती करने का अधिकार नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा के नीचे परिवारों के विकास
131. ( क्र. 6173 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में इंदिरा आवास योजना के अन्तर्गत मुरैना जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों का लक्ष्य/पूर्ति एवं शेष, की जानकारी उपलब्ध कराए? (ख) प्रश्न (क) में उल्लेखित बिन्दु के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 मुरैना जिले में कितनी राशि का प्रावधान हो कर वितरित की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत जिला मुरैना को प्राप्त राशि में से कितनी-कितनी राशि, किन-किन विधानसभाओं को दी गई? (घ) प्रश्नांश में प्राप्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में क्या-क्या कार्य, किस-किस एजेंसी से कार्य कराए गए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2015-16 में मुरैना जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को इंदिरा आवास योजनान्तर्गत 1549 का लक्ष्य निर्धारित है। जिसमें से 1520 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किया गया है। शेष 29 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 में इंदिरा आवास योजनान्तर्गत प्रति-आवास रूपये 70000/- के मान से 1559 आवासों को कुल रूपये 1091.30 लाख प्रावधानित है जिसमें हितग्राहियों को प्रथम किश्त रूपये 35000/- के मान से रूपये 369.60 लाख वितरित की गई है। (ग) जिले को प्राप्त लक्ष्य विधानसभा क्षेत्रवार आवंटित न किया जाकर जनपदवार आवंटित किया जाता है। जनपद पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में 224 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत कर 199 हितग्राहियों को प्रथम किश्त रूपये 35000/- प्रति-आवास के मान से जारी की जा चुकी है। इंदिरा आवास योजना में आवास निर्माण हितग्राही द्वारा स्वयं किया जाता है। किसी एजेन्सी से आवास निर्माण का कार्य नहीं कराया गया है।
स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण हेतु सुशासन को प्राथमिकता
132. ( क्र. 6174 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण वर्ष 2015-16 दिनांक 25.02.2015 के बिंदु क्रमांक 117 स्वर्णिम मध्यप्रदेश के लिये राज्य शासन द्वारा सुशासन को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है? सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस को सुशासन का माध्यम बनाया जाकर, नागरिकों के द्वार पर सेवायें त्वरित, पारदर्शी, सुविधापूर्ण एवं इलेक्ट्रॉनिक रूप से पहुँचाई जा रही है? प्रदेश में विकसित सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित अधोसंरचना स्टेट डाटा सेंटर, स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क आदि का उपयोग राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा सूचनाओं के संग्रहण एवं आदान प्रदान में किया जा रहा है, का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु जिला मुरैना को कितनी राशि प्रदाय की जाकर नागरिकों के द्वार पर सेवाएं त्वरित प्रदान आदि कार्यों हेतु क्या-क्या कार्य किये गये, की जानकारी जनपदवार दी जावे?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) मुरैना जिले में मध्यप्रदेश स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत कनेक्टिविटी प्रदाय किये जाने हेतु 07 पाईन्ट ऑफ प्रजेन्स (POP) कक्ष स्थापित किये गये है। इनमें सिविल व इलेक्ट्रिकल कार्य हेतु रूपये 11,98,844/- की राशि खर्च की गई है। इसके अतिरिक्त इन 7 पाईन्ट ऑफ प्रजेन्स (PoPs) में रूपये 1,03,25,606/- के उपकरण स्थापित किये गये है, जिसका तहसील एवं ब्लॉकवार व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट ''अ'' पर है। इन पाईन्ट ऑफ प्रजेन्स (PoPs) से जिले के 150 शासकीय कार्यालयों को स्वान कनेक्टिविटी प्रदाय की गई है।
जिला पंचायतों को प्राप्त विकास राशि के व्यय
133. ( क्र. 6190 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व केन्द्रीय शासन द्वारा जिला पंचायतों को विकास से संबंधित देयक राशि के व्यय हेतु शासन के क्या-क्या दिशा निर्देश प्रचलन में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि में से जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्यों एवं गठित समितियां व मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदि को किन-किन विकास कार्यों में कितनी-कितनी राशि अनुशंसा करने के साथ-साथ प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार किस-किस कार्य के किस-किस को हैं? (ग) जिला शिवपुरी में वर्ष 2015-16 में (क) में उल्लेखित प्राप्त राशि में से (ख) में वर्णित कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला सदस्यों एवं गठित समितियां व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा अनुशंसा कर स्वीकृत किये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जिला पंचायत के अध्यक्ष, सदस्य एवं सामान्य सभा/सामान्य प्रशासन समिति को जिला पंचायत को विभागीय मदों में प्रदाय राशि के विरूद्ध योजनाओं के दिशा-निर्देशानुसार विकास कार्यों के अनुमोदन का प्रावधान होता है, जबकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के द्वारा अनुमोदित कार्यों की नियमानुसार प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाती है। (ग) वर्ष 2015-16 के लिये परफॉरमेंस ग्रान्ट मद में राशि रू. 100.00 लाख प्राप्त हुई है। जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन स्थायी समिति की आयोजित बैठक दिनांक 05.06.2015 को परफॉरमेंस ग्रान्ट मद में पारित प्रस्ताव क्र.13 में कुल 21 कार्यों में से 18 कार्य सी.सी.रोड अनुमानित लागत रू. 85.00 लाख एवं 03 आंगनवाड़ी भवन अनुमानित लागत राशि रू. 22.50 लाख इस प्रकार कुल अनुमानित लागत राशि रू. 107.50 लाख के कार्य अनुमोदन कर स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
जीर्ण-शीर्ण पंचायत भवनों में नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति
134. ( क्र. 6208 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ग्राम पंचायत के जीर्ण-शीर्ण पंचायत भवनों के स्थान पर ग्राम पंचायत में नवीन पंचायत भवन निर्माण हेतु दृढ़ संकल्पित है? (ख) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में ऐसे कितने पंचायत भवन जीर्ण-शीर्ण है, जिनकी तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही उपरांत उनमें स्वीकृति जिला पंचायत उज्जैन द्वारा आज दिनांक तक जारी नहीं की गई? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? (ग) क्या शासन द्वारा प्रत्येक जनपद हेतु परफारमेंस ग्रांट मद की आवंटित राशि से कार्यों की स्वीकृति के अधिकार जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति को है, यदि हाँ, तो इस मद की रूपये 59.71 लाख की राशि प्रत्येक जनपद हेतु आवंटित की गई थी, यदि हाँ, तो क्या उक्त राशि जनपदों को प्रदान न करते हुए जिला पंचायत उज्जैन द्वारा उक्त राशि के कार्य किन नियमों एवं निर्देशों के तहत स्वीकृत किये गये? (घ) क्या प्रश्न दिनांक में उक्त मद की अवशेष राशि है? यदि हाँ, तो क्या जनपद पंचायत बड़नगर को यह राशि प्रदान की जाकर जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन से कार्य स्वीकृत कराए जावेगें? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो यह राशि कब तक जारी कर दी जावेगी? (ड.) शासन द्वारा जीर्ण-शीर्ण ग्राम पंचायत भवनों में नवीन पंचायत भवन की स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा सर्वप्रथम भवनविहीन पंचायतों में नवीन पंचायत भवन निर्माण की योजना बनायी है, तत्पश्चात् जीर्ण-शीर्ण भवनों के संबंध में विचार किये जाने की योजना है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बडनगर में 03 ग्राम पंचायतों मकड़ावन, धुरेरी एवं निम्बोदा हेतु जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 08.01.2016 में अनुमोदन किया गया है, जिनकी तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। इस हेतु कोई भी अधिकारी उत्तरदायी नहीं है। (ग) जी हाँ। संचालनालय के पत्र क्र. 8152 दिनांक 15.08.2013 द्वारा 13वां वित्त आयोग अंतर्गत परफॉरमेंस ग्रान्ट की राशि रू. 59.71 लाख प्रति जनपद पंचायत के मान से जिला पंचायत उज्जैन को रू. 358.29 लाख की राशि प्रदाय की गई थी प्रदाय राशि के विरूद्ध कार्यों के अनुमोदन का जिला पंचायत उज्जैन की सामान्य प्रशासन समिति को ही करना था। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) उतरांश 'क' अनुसार।
कृषि संयत्रों के वितरण
135. ( क्र. 6216 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत जवा एवं सिरमौर में वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में किसानों को कृषि संयत्र मुहैया कराये गये है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से संयंत्र कितने किसानों को वितरित किये गये पंचायतवार उनकी सूची उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड सिरमौर एवं जवा में वितरित किये गये कृषि यंत्रों की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1/अ-2 अनुसार है।
कृषि विभाग में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान
136. ( क्र. 6231 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ 11-17/ 2014/नियम/4 दिनांक 30/09/2014 के द्वारा दिनांक 01/07/2014 अथवा इसके बाद की तिथिसे 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर कर्मचारियों/अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान देने के निर्देश थे? (ख) यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले में दिनांक 01/07/2014 को अथवा इसके बाद की तिथि से प्रश्न दिनांक तक जिन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/कर्मचारियों (किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं कृषि अभियांत्रिकी अंतर्गत) ने 30 वर्ष की सेवा पूर्ण की ली है उनमें से कितने पात्रों को तृतीय समयमान वेतनमान देने के आदेश जारी किए गये है व कितनों को दिया जाना लंबित है कारण स्पष्ट करते उपलब्ध करावें? (ग) यदि पात्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? शेष पात्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 1.7.2014 से शासन आदेशानुसार शासकीय सेवकों को तृतीय समयमान वेतनमान देने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के अंतर्गत शिवपुरी जिले में लगभग 50 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की 30 वर्ष की सेवा पूर्ण हो गई है। समयमान वेतनमान के प्रस्ताव उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला शिवपुरी से प्राप्त नहीं होने के कारण प्रश्नांकित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान के आदेश जारी किया जाना लंबित है। (ग) उप संचालक कृषि जिला शिवपुरी द्वारा प्रस्ताव नहीं भेजने के लिये स्पष्टीकरण पूछा गया है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर समयानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय अवधि बताना संभव नहीं है।
भू-राजस्व संहिता के तहत आदिवासी की जमीन का विक्रय
137. ( क्र. 6240 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6) के तहत आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने के आवेदन पर निर्णय लेने का अधिकार कलेक्टर (DM) को है? यदि हाँ, तो बतावे कि कानून की किस धारा के तहत इसे किन अधिकारी को हस्तांतरित किया जा सकता है? (ख) अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा प्रश्नांश (क) की धारा में निरस्त किये गये आवेदन की किस नियम/कानून के तहत संभागायुक्त को अपील की जा सकती है, उसकी प्रति देवें? (ग) कानून की किन धाराओं के तहत किसी कब्जा धारी को जमीन पर पक्का कृषक मान कर जमीन उसके नाम की जा सकती है, स्पष्ट व्याख्या बतावें? (घ) किस नियम के तहत अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय बनाया जा सकता है? स्पष्ट व्याख्या सहित आवश्यक दस्तावेज की प्रति देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पिपलौदा अग्निकांड
138. ( क्र. 6254 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फरवरी माह वर्ष 2016 में पिपलौदा पुलिस थाने के ठीक सामने एवं जनपद पंचायत कार्यालय के ठीक पास भीषण अग्निकांड होकर अनेक दुकानें जलकर नष्ट हो गई? (ख) यदि हाँ, तो दुकानों में रखा लाखों रूपये सामान के साथ ही नगद रूपये भी जलकर नष्ट होने से बड़ी आर्थिक क्षति हुई है? (ग) यदि हाँ, तो नुकसानी क्षति की पूर्ति किस प्रकार की जाकर शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही करते हुए नुकसानी से प्रभावितों हेतु क्या किया गया है? (घ) स्पष्ट करें कि भीषण अग्निकांड होने का क्या कारण होकर किस प्रकार गंभीर घटना घटित हुई, क्या इस हेतु कोई जाँच भी की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) हल्का पटवारी द्वारा मौके पर जाकर रिपोर्ट पंचनामा तैयार कर कार्यालय में प्रस्तुत किया गया। पटवारी रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज कर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत कर प्रभावितों को प्रदाय किया गया। (घ) मौके पर जाँच में पाया गया कि एक दुकान में अज्ञात कारणों से आग लगने के कारण पड़ोस में स्थ्िाति दुकानों में भी आग लग गई।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में गोडाउन
139. ( क्र. 6255 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत सहकारिता विभाग एवं केंद्रीय सहकारी बैंक जिला रतलाम तथा सोसायटी एवं मार्केटिंग सोसायटियों के माध्यम से कृषि उत्पादों को रखे जाने हेतु गोडाउन बताए गये है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2009-10 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उक्ताशय के माध्यमों द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के कितने गोडाउन किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी क्षमता के बनाए गये? (ग) क्या उपरोक्त व्यवस्थाओं के अलावा पंजीकृत संस्थाओं एवं व्यक्तियों द्वारा भी गोडाउन बनाए गए है? (घ) अन्य ऐसे इतने नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र है, जहाँ से फसलों के संग्रहण हेतु गोडाउन बनाए जाने के प्रस्ताव प्राप्त होकर उन्हें कब तक बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) फसलों के संग्रहण हेतु गोडाउन बनाये जाने के प्रस्ताव प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समग्र स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत शौचालय निर्माण
140. ( क्र. 6275 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत समग्र स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत शौचालय निर्माण की योजना से बी.पी.एल एवं ए.पी.एल. के कितने हितग्राहियों को इसका लाभ मिला है? (ख) इस योजना अंतर्गत वर्तमान में कितने कार्य अपूर्ण हैं जिनका पंचायतों द्वारा राशि का आहरण किया जा चुका है? (ग) इन कार्यों की कितनी शिकायतें विभाग में लंबित है एवं इन पर की गई कार्यवाही की सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समयावधि में कार्य न होने की दशा में किन-किन निर्माण एजेंसी से कितनी-कितनी राशि कब-कब वसूल की गई, सूची दवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) समग्र स्वच्छता अभियान अंतर्गत जिले में वर्ष 2003-04 से 115843 बी.पी.एल एवं 113154 ए.पी.एल. कुल 228997 शौचालयों का निर्माण कराया जाकर हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। (ख) कुल 04 ग्राम पंचायतों में 195 कार्य अपूर्ण हैं। (ग) कुल 04 शिकायतें प्राप्त हुई। जाँच उपरांत वसूली की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में प्रचलित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रकरण विहित प्राधिकारी के यहाँ प्रचलित है, अभी राशि वसूली नहीं हुई। न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बलराम तालाबों की स्वीकृति
141. ( क्र. 6276 ) श्री दिनेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विगत पाँच वर्षों में कितने बलराम तालाबों की स्वीकृति हुई, कितनी राशि जारी की गई, कितने बलराम तालाब बन चुके है, विधानसभावार जानकारी देवें? (ख) क्या बलराम तालाबों के निर्माण किये बिना ही राशि निकाल ली गई, तथा बलराम तालाब आज दिनांक तक नहीं बन पाया, यदि सही है, तो कितने बलराम तालाब हैं जो आज दिनांक तक नहीं बन पाये, हितग्राही के नाम व पंचायत के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) क्या बलराम तालाबों में हुए फर्जीवाड़ों के दोषियों के ऊपर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, इसलिये शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फर्जी ऋण के मामले उजागर होने के बाद भी कार्यवाही नहीं
142. ( क्र. 6327 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल व होशंगाबाद संभागान्तर्गत किन-किन सेवा सहकारी समितियों द्वारा फर्जी ऋण वितरण के मामले उजागर हुए है वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस वर्ष में व जिलेवार में संस्थावार यह अवगत करावें कि कितनी-कितनी राशि के फर्जी ऋण के मामले उजागर हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में फर्जी ऋण के मामले में दोषी संस्था के कर्मचारी/पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें? (ग) क्या रायसेन जिले के किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से जो खाद्य वितरण ऋण पर किया जाता है वह विगत 2 वर्षों से नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन कारणों से किसानों को हो रही परेशानियों के चलते शासन द्वारा किन-किन दोषी अधिकारियों एवं संस्थाओं के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं तो क्यों, कारण सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 तथा होशंगाबाद संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग से संबंधित संस्थाओं के दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायसेन से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा विगत 2 वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में बैंक के पास उपलब्ध वित्तीय संशाधनों के अंतर्गत जिले के पात्र किसानों को उधार/ऋण पर क्रमशः राशि रूपये 17,854.29 लाख एवं 13,548.09 लाख का खाद, बीज ऋण प्रदाय किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गबन के आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
143. ( क्र. 6328 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल व होशंगाबाद संभागान्तर्गत किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारी/पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से राशि के गबन के मामले प्रकाश में आये है? विगत 03 वर्षों में कितनी-कितनी राशि के गबन के मामले में संस्था एवं विभाग के कौन-कौन लोक संलिप्त हैं उनके नाम पद सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में फर्जी ऋण के मामले में दोषी संस्था के कर्मचारी/पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा क्या गबन की राशि की वसूली की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 तथा होशंगाबाद संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग से संबंधित संस्थाओं के दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही एवं गबन की राशि की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। राशि वसूली की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को भ्रमण
144. ( क्र. 6342 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में कृषि विभाग द्वारा किसानों को उन्नत खेती के अध्ययन के भ्रमण हेतु अन्य राज्यों एवं विदेश में भेजे जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन के निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) विगत 3 वर्षों में राजगढ़ जिले में कृषि विभाग द्वारा किन-किन किसानों को कहाँ-कहाँ पर अन्य राज्यों एवं विदेश में कितने समय के लिये भ्रमण हेतु भेजा गया है? नाम, पता व भेजे गये स्थान सहित जानकारी देवें? (ग) क्या वर्ष 2015-16 में जिले से भी प्रदेश के अंदर किसानों को अध्ययन हेतु भेजा गया है? यदि हाँ, तो नाम, पता व भेजे गये स्थान सहित जानकारी देवें? (घ) उपरोक्त प्रश्न के बिंदु (ख) एवं (ग) अनुसार भेजे गये किसानों को चयनित किये जाने हेतु क्या मापदण्ड अपनाये गये? जिला द्वारा भेजे गये उपरोक्त किसानों के भ्रमण पर कितना व्यय किया गया? विगत 3 वर्षों की जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन एवं संचालक कृषि द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप कृषकों का चयन किया जाता है। दिशा निर्देशों की प्रति प्रश्नांश "क" के उत्तर में संलग्न की गई है। वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
डी.आर.डी.ए. में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी को पेंशन
145. ( क्र. 6343 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत अंतर्गत डी.आर.डी.ए. में पदस्थ अधिकारियों/ कर्मचारियों को अन्य राज्यों की भॉति शासकीय कर्मचारियों की भॉति पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, यदि नहीं तो क्यों नहीं? क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इन अधिकारियों/कर्मचारियों को शासकीय सेवक होने के संबंध में आदेश पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अधिकारियों/कर्मचारियों से राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों की भॉति कार्य लिया जा रहा है, यदि हाँ, तो उनको शासकीय कर्मचारियों की भॉति पेंशन का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्या डी.आर.डी.ए. में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन भुगतान हेतु भारत सरकार से आवंटन प्राप्त नहीं हो रहा है? भारत सरकार से आवंटन प्राप्त नहीं होने पर इन अधिकारियों /कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने हेतु राज्य शासन द्वारा क्या व्यवस्था की जा रही है? (घ) क्या भारत सरकार डी.आर.डी.ए. में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को पेंशन का लाभ प्रदान करने हेतु राज्य शासन को पेंशन राशि उपलब्ध कराने के लिए सहमत है, यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा वर्तमान तक लाभ क्यों नहीं दिया गया? क्या राज्य शासन द्वारा भविष्य में उक्त अधिकारियों / कर्मचारियों को पेंशन का लाभ प्रदान किया जावेगा, यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक, दिनांक बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत पेंशन व्यवस्था लागू नहीं है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) जी नहीं। डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना केन्द्र प्रवर्तित योजना है, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केन्द्र तथा 40 प्रतिशत राशि राज्य की होती है। विगत एक वर्ष से केन्द्र द्वारा राशि में कटौती की जाने के फलस्वरूप डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना के कर्मचारियों/अधिकारियों के वेतन भत्तों के प्रदाय में कठिनाई आ रही है। इस राशि की कमी की पूर्ति हेतु राज्य शासन द्वारा अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को उनके पैतृक विभागों में वापिस किया गया। ग्रामीण विकास विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों की वेतन व्यवस्था विभागीय बजट से किये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। (घ) जी नहीं। नियम में प्रावधान नहीं होने से पेंशन व्यवस्था लागू नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा गारंटी के आवेदनों की समीक्षा
146. ( क्र. 6384 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदाय की गांरटी अधिनियम के आवेदनों की जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक सभी जिलों में कलेक्टर द्वारा कितनी बार एवं कब-कब सेवा प्रदाय किये जाने की समीक्षा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में जबलपुर संभाग अंतर्गत जिला कलेक्टर जिन सेवाओं में अपीलीय अधिकारी है? उनके कितने आवेदनों को जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक, स्वप्रेरणा से अपील में लिया गया और जिन अपीलों की सुनवाई की गई, उनमें से कितनी अपील स्वीकृत की गई, कितनी अपील अमान्य की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में समीक्षा के दौरान किन-किन सेवाओं के कितने-कितने आवेदन समय बाह्य थे क्या उन पर प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं तो क्यों बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) में जिन अपीलों को स्वीकार गया, उनकी सेवायें, किन-किन दिनांको में आदेश के कितने-कितने दिवस पश्चात् प्रदाय की गई एवं स्वीकार अपील प्रकरणों के पर्यवेक्षण की क्या प्रक्रिया निर्धारित है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों में अनियमितताओं पर कार्यवाही
147. ( क्र. 6385 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र मुडवारा की जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों में गड़बड़ी करने, राशि का गबन करने, निर्माण कार्य के बिना राशि आहरित करने एवं अन्य आर्थिक अनियमितताओं की जाँच की गई है। यदि हाँ, तो किस-किस शासकीय अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जाँचकर्ता शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब, क्या-क्या जाँच प्रतिवेदन दिये गये, क्या-क्या अनुशंसा की गई, जाँच के निष्कर्ष क्या थे? साथ ही उपरोक्त अवधि के दौरान जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर कौन-कौन शासकीय सेवक कब से कब तक कार्यरत रहे। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जाँच प्रतिवेदनों पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय कर कार्यवाही की गई है, यदि हाँ, तो लिये गये निर्णय, की गई कार्यवाही के आदेश क्या थे? यदि नहीं तो क्यों? जाँच प्रतिवेदनों पर अभी तक कार्यवाही ना होने का क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 4 एवं 5 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 5, 6 एवं 8 अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 7 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में सुविधाओं का अभाव
148. ( क्र. 6405 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय विभाग द्वारा इन्दौर उज्जैन संभाग में कुल कितने छात्रावास किस किस श्रेणी के संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में कितने कितने छात्र-छात्राऐं वर्तमान में नामांकित है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित छात्रावासों में 24 घंटे वार्डन, चौकीदार, एवं कुक उपलब्ध रहे इस हेतु विभाग की क्या नीति एवं योजना है। क्या उक्त छात्रावासों में गुणवत्ता के लिहाज से छात्रों को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। छात्रों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय सत्र 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आंवटित की गयी। (ग) क्या विभाग छात्रावासों की समय-समय पर देख-रेख एवं प्रभारी मॉनिटरिंग के उद्देश्य से प्रत्येक छात्रावास पर लोकेलिटी/ग्राम के संभ्रान्त नागरिकों तथा सेवारत एवं सेवानिवृत्त अध्यापकों/व्यक्ति की सहभागिता से कोई कमेटी गठित करने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या उक्त छात्रावासों के गुणवत्ता में सुधार हेतु विभाग इन्हें स्वयंसेवी संस्थाओं, प्रतिष्ठानों, औद्योगिक संस्थाओं, को गोद/संरक्षण में देने का विचार कर रहा है। यदि हाँ, तो इसकी नीति स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) छात्रावासों में 24 घंटे वार्डन, चैकीदार उपलब्ध रहते है। कुक (रसोईया) खाना बनाने एवं खिलाने के लिये है। जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) छात्रावासों में आयुक्त निःशक्तजन मध्यप्रदेश, जिला कलेक्टर, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण/भेंट दी जाती है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पत्रों पर कार्यवाही
149. ( क्र. 6418 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पत्रों का उत्तर दिये जाने का प्रावधान है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के द्वारा छिन्दवाड़ा जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को विगत एक वर्ष में कुल कितने पत्र प्रेषित किये गये क्या उन पर कार्यवाही की गई? (ग) क्या जिला पंचायत छिंदवाड़ा द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पत्रों को गंभीरता से न लेते हुए उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (घ) क्या शासन ऐसे उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। पत्रों की पावती देने के नियम नहीं हैं, अपितु सामान्य निर्देश हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। प्राप्त पत्रों को संज्ञान में लिया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गयी है एवं कुछ पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी उत्तरांश ‘ग‘ अनुसार होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला पंचायत के सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन स्थायी समिति
150. ( क्र.
6419 ) पं.
रमेश दुबे :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में जिला
पंचायतों के
सामान्य
प्रशासन स्थायी
समिति एवं
सामान्य सभा
द्वारा पारित
प्रस्तावों
पर कार्यवाही
करने हेतु किन
नियमों में क्या
प्रावधान है? कार्यवाही
हेतु क्या
कोई समयावधि
नियत है? नियम
निर्देश की
प्रति सहित
जानकारी दें? (ख)
जिला पंचायत
छिन्दवाड़ा
के सामान्य
सभा एवं
सामान्य
प्रशासन स्थायी
समिति के
द्वारा विगत
एक वर्षों में
किन-किन
बैठकों में
किन-किन
विषयों पर क्या
प्रस्ताव
किया गया? पारित
प्रस्तावों
पर कब किस स्तर
से समयावधि
में क्या
कार्यवाही की
गयी? नहीं
की गयी तो क्यों? (ग)
कितने प्रस्ताव
पर कार्यवाही
होना शेष है? लंबित
रहने का कारण
स्पष्ट
करते हुए
बतावें कि
इसके लिए कौन
लोग जिम्मेदार
हैं? क्या
शासन जिम्मेदारों
के विरूद्ध
कार्यवाही का
आदेश देगा यदि
नहीं तो क्यों? (घ)
क्या शासन
जिला पंचायत
छिंदवाड़ा के
सामान्य सभा
एवं सामान्य
प्रशासन स्थायी
समिति के
द्वारा पारित
प्रस्तावों
पर शीघ्र
कार्यवाही कर
उसके
क्रियान्वयन
का आदेश देगा? यदि
नहीं तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) मध्यप्रदेश
पंचायत (मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी की
शक्तियां तथा
कृत्य नियम)
नियम 1995
के नियम 3 (च) में
प्रावधान है।
समय-सीमा
निर्धारित
नहीं है।
नियमों की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र
‘‘ब‘‘ अनुसार।
(ग) बैठकों में
पारित
प्रस्तावों
पर कार्यवाही की
गई है। शेष
प्रस्तावों
पर कार्यवाही
प्रचलन में
है। जी हाँ। (घ) जी
हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रश्न सं. 39 (क्र. 669) में दिये गये उत्तरानुसार कार्यवाही
151. ( क्र. 6458 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26 फरवरी 2013 की प्रश्नोत्तरी में प्रश्न संख्या 39 (क्र. 669) के उत्तरानुसार संस्था को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, दर्शाया गया है? क्या उत्तरानुसार प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? उसके क्या निष्कर्ष निकले? तथ्यात्मक जानकारी देवें? (ख) क्या माननीय मंत्री सहकारिता को संस्था के जाँच प्रतिवेदन के खण्डन पर प्राप्त शिकायतों पर उनकी नोटशीट क्र. 1190 दिनांक 10.04.2013 के द्वारा आयुक्त सहकारिता को प्रकरण में सूक्ष्म परीक्षणोपरांत नियमोचित आवश्यक कार्यवाही की जावें एवं तथ्यात्मक स्थिति से मुझे अवगत कराया जावे, निर्देशित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखानुसार क्या कार्यवाही कब-कब की गई? उसके निष्कर्षों से माननीय मंत्री/आयुक्त सहकारिता को कब व क्या अवगत कराया गया? दस्तावेजी साक्ष्यों सहित जानकारी देवें? क्या दोषी संस्था को बचाने की नियत से जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा एक ही कथित जाँच प्रतिवेदन का बार-बार सहारा लेकर शिकायतों व जाँच प्रतिवेदनों के खण्डनों पर प्राप्त निर्देशों का जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा है? (घ) क्या शासन/विभाग उपरोक्त प्रश्नांशों व प्रमाणों सहित प्राप्त शिकायतों व कथित जाँच प्रतिवेदन के खण्डन की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये दोषी संस्था के संचालक मण्डल को तत्काल प्रभाव से भंग करते हुये उसके विरूद्ध धोखाधड़ी कर कुल रचित दस्तावेज लगाये/बनाये जाने पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुये शिकायतों के साथ दस्तावेजी साक्ष्यों के विपरीत जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों केविरूद्ध कठोर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (2) के अंतर्गत वर्तमान संचालक मंडल को उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, भोपाल द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 11.02.2013, संस्था द्वारा प्रस्तुत उत्तर एवं म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में दिनांक 13.02.2013 को किये गये संशोधनों के परिप्रेक्ष्य में नस्तीबद्ध किया गया। अधिनियम की धारा 76 (2) के अंतर्गत दिनांक 11.02.2013 को पूर्व संचालक मंडल के विरूद्ध उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, भोपाल द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र में दिनांक 06.12.2013 को प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट के न्यायालय में अभियोजन हेतु प्रकरण प्रस्तुत करने हेतु आदेश पारित किया गया। पारित आदेश के विरूद्ध अपीलार्थी द्वारा न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, भोपाल संभाग, भोपाल के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई, जिसमें न्यायालय द्वारा आदेश पारित करते हुये अपीलार्थी को जाँच प्रतिवेदन की प्रति प्रदाय करते हुये, तामील करायें एवं उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करते हुये विवेचनात्मक आदेश पारित करने हेतु उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, भोपाल को प्रकरण प्रत्यावर्तित किया गया है, जो प्रचलन में है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में की गई कार्यवाही उत्तरांश ‘क’ अनुसार है। प्रश्नांश ‘ख’ के संदर्भ में माननीय मंत्रीजी से प्राप्त शिकायत उप आयुक्त सहकारिता, जिला भोपाल को दिनांक 06.05.2013 से जाँच हेतु प्रेषित की गई। उपायुक्त सहकारिता, जिला भोपाल से दिनांक 26.06.2013 से तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्राप्त होने पर दिनांक 08.07.2013 को वस्तुस्थिति से माननीय मंत्रीजी को अवगत कराया गया। पत्र दिनांक 06.05.2013 एवं 08.07.2013 की प्रतियां संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। जी नहीं, जाँच प्रतिवेदन अनुसार शिकायतकर्ता को, संस्था का सदस्य न होने के बावजूद भी शिकायत की जाँच हेतु बुलाये जाने पर शिकायत के पक्ष में कोई साक्ष्य/दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण। (घ) उत्तरांश ‘ग’ अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों के अधूरे कार्य
152. ( क्र. 6465 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र की बोरखेड़ा पित्रामन एवं पेटलावद पंचायत में दि. 01.01.10 से 31.12.14 तक कार्य योजना की जानकारी देवें? (ख) इस अवधि में किए निर्माण कार्यों की लागत, कार्य नाम, स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ग) जिन कार्यों में राशि आहरित करने के बाद भी अपूर्ण हैं, उन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) पेटलावद में अपूर्ण कार्यों पर अग्रीम राशि का आहरण नहीं किया गया है तथा बोरखेड़ा पित्रामल में अपूर्ण निर्माण कार्यों पर रू. 11.96 लाख व्यय हो चुके है। अपूर्ण कार्यों को तीन माह में पूर्ण कराने हेतु संबंधितों को निर्देशित किया गया। (घ) बोरखेड़ा पित्रामल में क्रियान्वयन ऐजेंन्सी एवं संबंधित उपयंत्री से स्पष्टीकरण लिया जा रहा है।
महिदपुर विधान सभा की कॉलोनियां
153. ( क्र. 6466 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दि. 01-01-2008 से 31-12-2012 तक कितने कॉलोनाईजर को भूमि विकास की अनुमति दी गई? कॉलोनाईजर का नाम, स्थान, नाम सहित बतावें? (ख) क्या इन कॉलोनाईजर द्वारा विलेखों के पंजीकृत कराने का शुल्क जमा किया गया है? यदि हाँ, तो कितना? कितना आश्रय शुल्क जमा किया गया है? कितना लंबित है? पृथक-पृथक (क) अनुसार बतावें? (ग) जिनके द्वारा उपरोक्त शुल्क जमा नहीं कराये गये हैं, उनसे वसूली कब तक कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार कॉलोनाईजर द्वारा स्टाम्प शुक्ल 56,000 रूपये व पंजीयन शुल्क 45,055 रूपये उप पंजीयन कार्यालय में जमा किए गए है। शेष 1 कालोनी में ऑडिट आपत्ति होने से कॉलोनाईजर का सूचना पत्र दिया गया है तथा प्रकरण दर्ज कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। (ग) तहसीलदार न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है। न्यायिक प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वच्छ भारत अभियान
154. ( क्र. 6478 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में स्वच्छ भारत अभियान के तहत विगत 2 वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई? इसका व्यय किन मदों में किया गया? पूर्ण जानकारी वर्षवार देवें? (ख) कितनी निजी संस्थाओं को इसके लिए कितनी राशि आवंटित की गई? उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी भी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला पंचायत धार से किसी भी निजी संस्थाओं को कोई भी राशि विगत दो वर्षों में प्रदाय नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बलराम तालाब योजना
155. ( क्र. 6485 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बलराम तालाब योजना के निर्माण हेतु क्या नीतियां तथा दिशा-निर्देश हैं? (ख) बैतूल जिले में 01.01.13 से 31.01.2016 तक कितने किसानों को इस योजना के तहत कितना अनुदान मिला, विकासखण्डवार बतावें? (ग) कितने कार्य पूर्ण हो गये है? कितने अपूर्ण हैं? कितने कृषकों की कितनी अनुदान राशि लंबित है? कार्य अपूर्ण के क्या कारण है? (घ) इन कार्यों का किन अधिकारियों ने निरीक्षण किया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-दो/तीन अनुसार है। 17 कृषकों के द्वारा बलराम तालाब का कार्य पूर्ण न किये जाने के कारण अपूर्ण है, बलराम तालाब का निर्माण स्वयं कृषक द्वारा किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
बैतूल जिले में अनुदान योजना
156. ( क्र. 6486 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बैतूल जिले में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित है वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 (माह जनवरी) तक किस योजना में कितना आवंटन हुआ कितना व्यय किया गया वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार डीजल पंप एवं विद्युत चलित संयंत्रों की कितनी स्वीकृति दी गई? (ग) अनुदान हेतु प्रश्नांश (क) अवधि में कितने किसानों के आवेदन प्राप्त हुए, कितने किसानों के स्वीकृत/अस्वीकृत किये गये? (घ) किस माध्यम से अनुदान का भुगतान किया गया? क्या किसान के बैंक खाते में या अन्य माध्यम से? यदि अन्य माध्यम से तो वह किस माध्यम से?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) विभाग की योजनाओं के द्वारा विभिन्न कृषि एवं सिंचाई उपकरण कृषक द्वारा पंजीकृत निजी विक्रेताओं के यहां से लागत की पूरी राशि जमा करके सामग्री क्रय की गई तो अनुदान का भुगतान कृषक के बैंक खाते में समायोजित किया गया और यदि कृषक द्वारा शासकीय संस्थाएं एम.पी.एग्रो एवं विपणन संघ के माध्यम से सामग्री क्रय की गई है तो ऐसी स्थिति में कृषक से संस्था में केवल कृषक अंश राशि जमा कराई जाकर अनुदान का लाभ तत्काल दिया गया एवं सामग्री का भौतिक सत्यापन पश्चात अनुदान राशि संबंधित संस्था को भुगतान की गई है।
मुआवजा वितरण में अनियमितता
157. ( क्र. 6492 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन की तहसील बरेली की खरगोन सर्किल एवं तहसील उदयपुरा की छातैर सर्किल से बारना नहर निर्माण हेतु कितने कृषको की कितनी भूमि अधिग्रहित की गई? (ख) क्या भूमि अधिग्रहण हेतु प्रथम प्रकाशन करवाया गया था, यदि हाँ, तो कितने कृषकों की भूमि सिंचित या असिंचित प्रथम प्रकाशन में प्रकाशित की गई थी? (ग) क्या प्रथम प्रकाशन के बाद एवं मुआवजा राशि वितरण के पूर्व इसमें संशोधन किया गया था, यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के अनुसार संशोधन कर मुआवजा राशि वितरित करना अनियमितताओं की श्रेणी में नहीं आता है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध निलंबित करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। कोई भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। आपसी सहमति से भूमि क्रय करने की नीति के परिपत्र क्र-12-2/2014/सात/2ए, दिनांक 12 नवम्बर 2014 के अनुसार संबंधित विभाग के पक्ष में भूमि क्रय करने की कार्यवाही प्रचलित है। अभी तक प्रश्नाधीन किसी भी ग्राम की भूमि की रजिस्ट्री नहीं कराई गई है। (ख) से (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
घोटाला करने वाले दोषियों पर कार्यवाही
158. ( क्र. 6495 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद की शाखा बनापुरा में व्यापारिक लिमिट खातों में साख से अधिक राशि आहरण एवं फर्जी वेयर हाउस रसीदों पर ऋण प्रदान कर आर्थिक घोटाला करने के दोषियों के खिलाफ कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा दि. 04.02.13 को एफ.आई.आर. दर्ज करने का आदेश जारी किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) मान. उच्च न्यायालय जबलपुर की युगलपीठ द्वारा रिट क्रमांक 982/2013 में पारित आदेश के परिपालन में कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा कोई निर्णय पारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि कलेक्टर होशंगाबाद श्री राहुल जैन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश के परिपालन में सुनवाई के दौरान जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद द्वारा संबंधित दोषी प्रभारी शाखा प्रबंधक की विभागीय जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या उस विभागीय जाँच रिपोर्ट में संबंधितों को दोषी माना गया था? जिसमें क्या दण्ड आदेश पारित हुआ? (घ) प्रश्नांश (ग) के दोषी प्रभारी शाखा प्रबंधक का मूल पद क्या है? उनके विरूद्ध निलंबन से बहाल करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी कौन था? क्या संचालक मण्डल द्वारा उस अधिकारी को निलंबन से बहाल करने के अधिकार दिये गये थे? यदि नहीं तो दोषी प्रभारी शाखा प्रबंधक को दण्डित न कर सेवा बहाल कर बैंक की सबसे बड़ी व्यवसाय शाखा का पुन: शाखा प्रबंधक बना दिया है, ऐसे दोषी कर्मचारी के संरक्षणकर्ता मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, पत्र दिनांक 02.02.2013 से। बैंक द्वारा दिनांक 18.02.2013 को शाखा बानापुरा के प्रभारी शाखा प्रबंधक, श्री आर.सी. तिवारी को पत्र लिखकर दोषी शाखा प्रबंधक श्री सिटोके के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिये गये थे। श्री सिटोके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्र. 2875/13 में दिनांक 25.02.2013 में दिया गया एफ.आई.आर. पर स्थगन आदेश प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त याचिका दिनांक 16.09.2013 को निरस्त कर दी गई। पुनः दिनांक 26.09.2013 को प्रभारी शाखा प्रबंधक, शाखा बानापुरा को श्री सिटोके के विरूद्ध एफ.आई.आर. कराने के निर्देश दिये गये। (ख) जी हाँ। कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा दिनांक 02.07.2014 को अभ्यावेदनकर्ता श्री सिटोके के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश के साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि इस अवधि में पदस्थ सभी शाखा प्रबंधकों, जिनके द्वारा नियम विरूद्ध खातों से आहरण कराया गया है, का परीक्षण किया जाकर उनके विरूद्ध भी एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावे। उक्त निर्देशों के पालन में बैंक द्वारा दिनांक 09.08.2014 को वर्तमान शाखा प्रबंधक, शाखा बानापुरा को उक्तानुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। (ग) जी हाँ, किन्तु कलेक्टर, होशंगाबाद द्वारा विभागीय जाँच के प्रतिवेदन के आधार पर नहीं अपितु प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार निर्देश दिये गये थे। बैंक स्तर से दोषी प्रभारी शाखा प्रबंधक श्री सिटोके की विभागीय जाँच करायी गई। जाँच प्रतिवेदन में श्री सिटोके को दोषी माना गया है। विभागीय जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रस्तावित दण्ड पर निर्णय हेतु बैंक की स्टाफ उप समिति की बैठक दिनांक 09.02.2016 में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था, जिसमें श्री सिटोके की व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान श्री सिटोके द्वारा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, म.प्र. को विभागीय जाँच के संबंध में की गई शिकायत के आधार पर आयुक्त सहकारिता के निर्देशानुसार उप आयुक्त सहकारिता, जिला होशंगाबाद द्वारा किया गया जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। विभागीय जाँच प्रतिवेदन तथा उक्त जाँच प्रतिवेदन में विरोधाभास की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्टॉफ उप समिति द्वारा दोनो जाँच प्रतिवेदनों का परीक्षण कर प्रकरण आगामी बैठक में रखने हेतु निर्णय पारित किया गया। उक्त निर्णय के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) मूल पद पर्यवेक्षक है। प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री राजीव रिछारिया थे। दोषी शाखा प्रबंधक को उस समय के कर्मचारी सेवा नियम के नियम क्रमांक 60 (4) (आठ) ‘‘कर्मचारियों की निलंबन की कालावधि सामान्यतः 6 माह से अधिक नहीं होगी’’ के अंतर्गत आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के निर्देश के आधार पर अध्यक्ष, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., होशंगाबाद के अनुमोदन के आधार पर निलंबन से बहाल किया गया है। श्री सिटोके को निलंबन से बहाल कर मुख्य शाखा हरदा में पदस्थ किया गया था, परन्तु दिनांक 30.11.2015 को मुख्य शाखा हरदा के प्रभारी शाखा प्रबंधक श्री के.सी. सारण को निलंबित किये जाने पर श्री सिटोके को मुख्य शाखा हरदा का प्रभार दिया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समन्वय में अनुमोदन प्राप्त किये बिना प्रकरण समाप्त किया जाना
159. ( क्र. 6500 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 22.02.2005 के अनुसार वेतनमान रू. 12000-16500 या इससे ऊपर के वेतनमान में नियुक्त शासकीय सेवक के प्रकरण बिना किसी दंड समाप्त किया जाना है तो समन्वय में मा. मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच प्रकरण क्र. 148/12 के परिप्रेक्ष्य में नियम 16 के अंतर्गत विभाग के एक संयुक्त आयुक्त के विरूद्ध प्रारंभ किया गया अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रकरण प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रक्रिया को पूर्ण किये बिना समाप्त किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रक्रिया को पूर्ण न कराने के कौन-कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासी वर्ग के भूमि स्वामियों को भूमि के विक्रय की अनुमति
160. ( क्र. 6513 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी वर्ग के भूमि स्वामियों का गैर आदिवासी को भूमि के विक्रय की अनुमति किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा किन परिस्थितियों में किन शर्तों की पूर्ति होने एवं किस प्रक्रिया के अध्याधीन प्रदान की जाती है? (ख) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक आदिवासी वर्ग के भूमि स्वामियों की भूमि गैर आदिवासियों को विक्रय की अनुमति प्राप्त करने हेतु कार्यालय कलेक्टर कटनी में किन-किन भूमि स्वामियों के आवेदन/प्रकरण प्राप्त हुए? किन-किन आवेदन में अनुमति प्रदान की गईं? कौन-कौन आवेदन लंबित हैं एवं कौन-कौन आवेदन अमान्य/निरस्त किये गये? (ग) क्या आवेदनों/प्रकरणों में राजस्व विभाग के शासकीय सेवकों के द्वारा जाँच रिपोर्ट/प्रतिवेदन दिये जाते हैं? ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संबंध में प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए आदिवासियों की भूमि के विक्रय की कितनी शिकायतें वर्ष दिनांक 01.04.2012 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुईं? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्यानिकी मिशन योजनान्तर्गत आइसोपाम योजना
161. ( क्र. 6549 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन योजनान्तर्गत निर्मित वर्ष 2013-14 में आइसोपाम आर.के.व्ही.व्हाय.एन.एफ.एस.एम. योजना के तहत स्प्रिंकलर लक्ष्य के पूर्ति अनुसार मुलताई/पट्टन ब्लॉक में हितग्राही कृषकों को योजना से लाभांवित किया गया? (ख) विकासखण्ड प्रभात पट्टन में मासोद, बिसनूर, रायआमला, गेंहूबारसा तथा काजली के कौन-कौन से किसानों को योजनांतर्गत लाभांवित किया गया? (ग) अनु.जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के किसानों को लक्ष्य के आधार पर योजना की जानकारी देने हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है? (घ) क्या शासन स्तर पर आवंटित राशि का वर्षवार आवंटन किया गया? यदि किया गया तो वर्ष 2015 में मुलताई तथा प्रभात पट्टन विकासखण्ड में कितनी-कितनी कितनी राशि दी गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांकित योजनायें राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन योजनान्तर्गत सम्मिलित नहीं है। अपितु समस्त योजनाएं अलग-अलग संचालित हैं। आइसोपाम योजना वर्तमान में संचालित न होकर वर्ष 2014-15 से राष्ट्रीय तिलहन मिशन संचालित है। जी हाँ। इन योजनाओं के अंतर्गत हितग्राही कृषकों को योजना से लाभान्वित किया गया है। (ख) वर्ष 2013-14 में प्रभात पटृन में मासोद, बिसनूर, रायआमला, गेहूंबारसा तथा काजली के किसी भी हितग्राही को स्प्रिंकलर सेट के अंतर्गत अनुदान का लाभ नहीं दिया गया है। (ग) अनु. जाति जनजाति, पिछडा वर्ग के किसानों को लक्ष्य के आधार पर योजना की जानकारी देने हेतु एक अनुविभागीय कृषि अधिकारी, दो वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं इक्कीस ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पदस्थ हैं। (घ) जी हाँ। वर्ष 2015 में मुलताई तथा प्रभात पटृन विकासखंड में प्रदाय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्नातक पंचायत समन्वय अधिकारी की पदक्रम सूची में सुधार
162. ( क्र. 6556 ) श्री संजय पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त पंचायती राज संचालनालय भोपाल द्वारा स्नातक पंचायत समन्वय अधिकारियों की राज्य स्तरीय पदक्रम सूची वर्ष 2015 में संशोधन/सुधार हेतु समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को संचालनालय का पत्र क्रमांक 12412 दिनांक 20/8/2015 को पत्र जारी कर जानकारी संचालनालय को भेजे जाने के निर्देश दिये थे? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा भेजे गये पदक्रम सूची से सबंधित 11 बिंदुओं की जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत/जनपद पंचायतों द्वारा स्नातक स्तरीय पंचायत समन्वय अधिकारियों की पदक्रम सूची में सुधार हेतु प्राप्त प्रपत्र अनुसार सेवा पुस्तिका/शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्रों से सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या संचालनालय द्वारा जिला पंचायतों/जनपद पंचायतों से सत्यापन प्रमाण-पत्र प्राप्त किया गया है? (घ) संचानालय के पत्र क्रमांक 12412 दिनांक 20/8/2015 के पालन में जिन मुख्यकार्यपालन अधिकारियों द्वारा पदक्रम सूची में सुधार हेतु कार्यवाही नहीं की? क्या उनके विरूद्ध शासन द्वारा कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) पंचायत राज संचालनालय का पत्र क्रमांक 3042-3043, दिनांक 04.03.2016 द्वारा स्मरण कराया गया।
नोईयत परिवर्तन के लंबित प्रकरण
163. ( क्र. 6575 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में फरवरी 16 की स्थिति में शमशान भूमि, चरोखर गोठान बगीचा एवं अन्य मदों में दर्ज गैर आबादी भूमि जिसमें ग्रामवासी वर्षों से मकान बनाकर रह रहे हैं कि नोईयत परिवर्तन के किन-किन ग्राम पंचायतों के प्रकरण लंबित है? (ख) किस स्तर पर कब से एवं क्यों कारण बतायें? नोईयत परिवर्तन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ग) 1 जनवरी 14 से प्रश्न दिनांक तक उक्त जिलों में किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुए, उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) संबंधित विधायकों को उनके पत्रों की अभिस्वीकृति तथा पत्रों के जबाव कब-कब दिये? यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें? इसके लिए कौन-कौन जबावदार है, कब तक जबाव देगें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
164. ( क्र. 6576 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में 1 जनवरी 14 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष आयु के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई? (ख) कितने परिवार के सदस्यों को राष्ट्रीय परिवार सहायता तथा जन श्री बीमा योजना के अंतर्गत राशि प्राप्त हुई तथा कितनों को राशि प्राप्त नहीं हुई तथा क्यों? संख्यात्मक बतायें? (ग) कितने आवेदन पत्र लंबित है? उनकों कब तक निराकरण होगा? (घ) कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गये तथा क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रायसेन जिले में 1108 तथा नरसिंहपुर जिले में 1240 बी.पी.एल. सदस्यों की मृत्यु हुयी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) रायसेन जिले के जनश्री बीमा योजना के 54 प्रकरण भारतीय जीवन बीमा निगम स्तर पर लंबित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
सी.एम. हैल्प लाईन पर प्राप्त शिकायतें
165. ( क्र. 6583 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 फरवरी 2016 की स्थिति में सी.एम. हैल्प लाईन-181 नंबर पर प्राप्त कितनी शिकायतें एल-4 पर लंबित हैं उनमें से ऐसी कितनी शिकायतें हैं जिन पर एल-1, 2, 3 ने निर्धारित समयावधि में कार्यवाही नहीं की तथा क्यों? उनके खिलाफ विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांश (क) एल-4 पर लंबित शिकायतों में से राहत राशि भुगतान न होने से संबंधित कितनी शिकायते हैं तथा संबंधित कृषकों को राहत राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक भुगतान करेंगे? (ग) 1 जनवरी 16 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी शिकायतों को फोर्सली क्लोज कर दिया गया तथा क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) में ऐसी कौन-कौन सी शिकायतें हैं जिनमें समस्या का समाधान किया जा सकता था? जिसे निराकरण न कर क्लोज कर दिया?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सी.एम.हेल्पलाइन 181 पोर्टल पर पल प्रतिपल शिकायतों की स्थिति परिवर्तित होती है। अतः दिनांक 15 फरवरी 2016 की स्थिति में सी.एम.हेल्पलाइन 181 नम्बर पर एल-4 स्तर पर लंबित शिकायतों की जानकारी प्राप्त करना संभव नहीं है। यह रनिंग रियल टाइम डेटा है। अतः जिस दिनांक को सर्च किया जाता है उस दिनांक तक के लंबित आवेदन पत्र सर्च होतें हैं। दिनांक 02 मार्च 2016 की स्थिति में 181 पर राजस्व विभाग एल-4 स्तर पर 429 शिकायतें लंबित हैं, जिसमें 44 शिकायतों पर एल-1, 2 एवं 3 द्वारा कार्यवाही नहीं की गई। उक्त सम्बन्ध में विभागाध्यक्ष कार्यालय द्वारा संबंधित कलेक्टरों को एल-1, एवं एल-2 अधिकारियों से स्पष्टीकरण लिये जाने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1843/ दिनांक 06 मार्च 2016 एवं कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1879/ दिनांक 09 मार्च 2016 द्वारा निर्देशित किया गया है। (ख) प्रश्नांक (क) एल-4 पर लंबित शिकायतों में से राहत राशि भुगतान न होने से संबंधित 216 शिकायतें हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) 1 जनवरी 2016 से दिनांक 02 मार्च 2016 तक की अवधि में 8125 शिकायतों को नियमों के परिप्रेक्ष्य में निराकरण किये जाने के कारण फोर्सली क्लोज किया गया है। (घ) प्रश्नांक (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
पुराने क्वार्टर की जानकारी
166. ( क्र. 6588 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुंगावली स्थित कस्बा रेंज पंचायत में लगभग दो सौ वर्ष पुराने स्टेट के समय के बने क्वार्टर बेनामी किसी विभाग की सम्पत्ति नहीं होने से जब ग्राम पंचायत के अस्तित्व में आने पर ग्राम सभा द्वारा उक्त शासकीय सम्पत्ति को ग्राम पंचायत की सम्पत्ति घोषित किया था? (ख) उक्त क्वाटरों में कौन-कौन व्यक्ति निवास कर रहे हैं एवं किस विभाग के कर्मचारी रह रहे हैं? किस विभाग को किराया देते है या बिना किराये के ही रह रहे हैं? क्या उक्त क्वाटर पूर्व में पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा मृत घोषित किये जा चुके हैं? (ग) क्या पंचायत द्वारा कोई भी शासकीय उपयोगी अथवा अनुपयोगी सम्पत्ति शासन की पंचायत अधिनियम के अनुसार पंचायत द्वारा रख रखाव किराया पट्टे पर 3 वर्षों तक दिये जाने के बाद धारा 65 के अंतर्गत अधिकार है क्या? (घ) उक्त लगभग 100 से अधिक क्वार्टर पर अनाधिकृत कब्जाधारियों का कब्जा राजस्व विभाग अथवा पंचायत कब तक हटायेगी अथवा किराया तय कर किराया वसूलेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। मुंगावली स्थित कस्बा रेंज ग्राम पंचायत में हरिजन कल्याण विभाग की भूमि डिपो पर लगभग दो सौ वर्ष पुराने क्वार्टर बने हुए हैं, जो जीर्ण-र्शीण हैं, जिनका कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं हैं। ग्राम पंचायत कस्बारेंज द्वारा उक्त क्वार्टरों को ग्राम पंचायत की सम्पत्ति घोषित नहीं किया गया है। (ख) उक्त क्वार्टरों में लगभग 115 व्यक्ति निवास कर रहे हैं, जिनमें शिक्षा विभाग, नदीघाटी विभाग, हरिजन कल्याण विभाग, नगर सेवा, विद्युत विभाग, पंचायत विभाग व अन्य ग्रामीण निवास कर रहे हैं। नदी घाटी के कर्मचारियों का भवन किराया उनके वेतन से समायोजित किया जाता है। शेष विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोई किराया नहीं दिया जाता है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग अशोकनगर में अपने पत्र क्रमांक 616, दिनांक 4.3.2016 द्वारा अवगत कराया गया है कि उक्त क्वार्टरों को मृत घोषत किये जाने संबंधी कोई अभिलेख उनके कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। (ग) पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा (65) के अंतर्गत किसी पंचायत में निहित या पंचायत में किसी स्थावर सम्पत्ति का विक्रय, दान, बंधक का विनिमय द्वारा या तीन वर्ष से अधिक कालावधि के लिए पट्टे द्वारा या अन्यथा कोई अंतरण, राज्य सरकार की या उसके द्वारा इस संबंध में प्राधिकृत किसी अधिकारी की मंजूरी से ही किया जावेगा अन्यथा नहीं। (घ) उक्त लगभग 115 क्वाटरों पर अनाधिकृत कब्जाधारियों को कब्जा हटाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कार्यालय के पत्र क्रमांक 5416 दिनांक 9.3.2016 द्वारा तहसीलदार मुंगवाली को लिखा गया है।
ग्राम बरखेड़ी एवं पिगराला के किसानों का फसल बीमा
167. ( क्र. 6593 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी मर्यादित पिगराला तह. पिपलोदा जि. रतलाम द्वारा ग्राम बरखेड़ी तह. पिपलोदा का वर्ष 2015-16 में खरीफ फसल सोयाबीन का ऋण कृषकों का बीमा प्रीमियम जमा नहीं किया गया क्यों? जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों के द्वारा बरखेड़ी ग्राम के ऋणी कृषकों का प्रीमियम जमाकर बीमा किया गया तो सेवा सहकारी संस्था द्वारा क्यों नहीं कराया कारण स्पष्ट करें? (ख) ग्राम बरखेड़ी का फसल बीमा नहीं होने के कारण गांव के किसानों का बीमा क्लेम नहीं मिलने से जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हेतु विभाग कोई व्यवस्था करेगा? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, क्यों कि फसल बीमा योजनान्तर्गत जारी अधिसूचना में पटवारी हल्का नम्बर 77 ग्राम बरखेड़ी का नाम अधिसूचित क्षेत्र में नहीं था। राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा बीमा किये जाने की जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ख) जी नहीं। फसल बीमा योजनान्तर्गत जारी अधिसूचना में पटवारी हल्का नम्बर 77 ग्राम बरखेड़ी का नाम अधिसूचित क्षेत्र में नहीं होने से बीमा नहीं किया गया। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोजगार गारंटी में मजदूरों की मृत्यु उपरांत मुआवजा
168. ( क्र. 6613 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत कार्यरत जॉबकार्डधारी कुशल/अकुशल मजदूर की कार्य करते समय स्थल पर ही मृत्यु होने पर शासन द्वारा मुआवजा प्रदाय करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले में विगत दो वर्ष में ऐसे कितने प्रकरण विभाग में पंजीबद्ध हैं एवं कितने प्रकरणों पर विभाग द्वारा मुआवजा राशि प्रदान की गई? (ग) क्या ग्राम कर्रापुर वि.खं. सागर का प्रकरण विभाग में लंबित है यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक मुआवजा प्रदान करने हेतु क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) सागर जिले में विगत दो वर्षों में 2 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं एवं दोनों प्रकरणों में विभाग द्वारा मुआवजा राशि प्रदाय कर दी गई हैं। (ग) जी नहीं। ग्राम कर्रापुर के मृतक श्री रंजीत अहिरवार के आश्रित पिता श्री झलकन अहिरवार को ग्राम पंचायत कर्रापुर द्वारा चैक क्रमांक 1097300 दिनांक 07.06.2014 को राशि 25000/- रूपये प्रदाय किये गये हैं। संबंधित व्यक्ति के प्रकरण में कमिशनर फार वर्कमेन्स श्रम न्यायालय के आदेश क्रमांक 468 दिनांक 28.04.2014 के आदेशानुसार राशि 5,99,570/- रूपये का भुगतान हेतु आदेश पारित किया गया है, वर्तमान में प्रकरण न्यायालय नायब तहसीलदार परसोरिया में प्रक्रियाधीन है।
वेतन विसंगतियां दूर करने के संबंध में
169. ( क्र. 6621 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजना अन्तर्गत विभाग द्वारा प्रदेश में वित्त वर्ष 2012 से अधिकांश जिलों में जिला स्तरीय गुणवत्ता प्रयोगशाला स्थापित की गई है? यदि हाँ, तो इन प्रयोग शालाओं को स्थापित करने का उद्देश्य क्या है, तथा इन्हें संचालित करने हेतु किस किस वेतनमान के कौन-कौन से पद सृजित किये गये? (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित पदों की भर्ती कब किस प्रकार से की गई तथा इन नियुक्त संविदा कर्मियों को किन-किन शर्तों के अधीन नियुक्त किया गया? (ग) क्या नियुक्ति के समय प्रयोगशाला तकनीशियन को 6500/- एवं प्रयोगशाला सहायक को 3000/- प्रतिमाह पर नियुक्त किया गया था तथा नियुक्ति आदेश की शर्तों के अनुसार इन्हें समय-समय पर बढ़ा हुआ वेतनमान देने का उल्लेख था? (घ) यदि हाँ, तो इन संविदा कर्मियों को अभी भी नियुक्ति के समय का ही पारिश्रमिक प्रदान करने का क्या कारण है? क्या शासन इन्हें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत संचालित प्रयोगशालाओं में नियुक्त कर्मचारियों की तरह, क्रमश: 13800 रूपयें तथा 10900 रूपये देकर, समान वेतन समान काम के नियम का पालन करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। इन प्रयोगशालाओं को स्थापित करने का उद्देश्य महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत निर्माण कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है तथा इन्हें संचालित करने हेतु सृजित पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) नियुक्त संविदा कर्मियों की सेवा शर्तों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार संविदा शर्तों के अनुरूप पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। मनरेगा एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत संचालित प्रयोगशालाओं में संपादित कार्यों का परीक्षण कराया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना सम्भव नहीं है।
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर का निर्माण कार्य
170. ( क्र. 6624 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर को राज्य एवं केन्द्रशासन व अन्य किस स्तर से किन-किन योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई? कितनी राशि का किन कारणों से उपयोग नहीं किया गया वित्त वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? प्रमण्डल की स्वीकृति के बिना, किसके आदेश से कितनी राशि के कार्य किस एंजेसी से कराये गये एवं क्यो? (ग) प्रश्नांश (क) में कितनी राशि के कौन से कार्य विभागीय स्तर पर कराये गये? इन कार्यों हेतु कब किस स्तर पर कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी गई? किन-किन कार्यों में स्वीकृत राशि से कितनी अधिक राशि व्यय हुई एवं क्यों? इसकी स्वीकृति कब किससे ली गई? (घ) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग व गुणवत्ता विहीन कार्य कराने की प्राप्त शिकायत पर कब किस-किस पर क्या कार्यवाही की गई? कितनी शिकायतें जाँच हेतु किस स्तर पर लम्बित है और क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) ज.ने.कृ.वि.वि. जबलपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (75 प्रतिशत धन 25 प्रतिशत) तथा शत प्रतिशत परियोजनायें एवं केन्द्र शासन से वित्त पोषित परियोजनाओं में तथा राज्य शासन से प्राप्त अनुदान की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत किए गए कायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। उक्त कायों को प्रमण्डल द्वारा प्रत्यायोजित अधिकारों के अनुसार सक्षम स्वीकृति उपरान्त कराये गये हैं। (ग) विश्वविद्यालय द्वारा प्रश्नांकित अवधि में विभागीय स्तर से कोई भी निर्माण कार्य संपादित नहीं कराये गये हैं। शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) प्रश्नांकित अवधि में निर्माण कायों में वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग व गुणवत्ता विहीन कार्य कराने हेतु कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। प्रश्नांकित अवधि में कोई भी शिकायत किसी भी स्तर पर लम्बित नहीं है।
प्राकृतिक आपदा से मृत्यु में मुआवजा
171. ( क्र. 6635 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा प्राकृतिक आपदा में होने वाली मृत्यु में मुआवजा देने का क्या प्रावधान है? प्राकृतिक आपदा कितने प्रकार की मानी गई है और उनमें कितनी-कितनी मुआवजा राशि पीडि़त परिवार को दी जाती है? (ख) क्या सर्पदंश एवं पानी में डूबने पर मृत्यु प्राकृतिक आपदा में आती है? सर्पदंश एवं पानी में डूबने से होने वाली मृत्यु के मुआवजा राशि में अंतर है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) सर्पदंश से मृत्यु या पानी में डूबने में दोनों प्रकार की मृत्यु में प्राकृतिक कारण है। मुआवजा राशि में अंतर की विसंगति को दूर किया जा सकेगा? (घ) विधान सभा जौरा में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राकृतिक आपदा में होने वाली मृत्यु पर कितना-कितना मुआवजा दिया गया है? पीडि़त परिवार की जानकारी सहित विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मृत्यु के लिए राहत राशि दिये जाने का प्रावधान राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत किया गया है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत निम्नानुसार आपदाओं में मृत्यु होने पर सहायता राशि दी जाती है:-
(1) तूफान, भूकम्प, बाढ, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, भू-स्खलन के साथ-साथ आकाशीय बिजली गिरने अथवा आग (खलिहान या मकान में आग लगने की दुर्घटना को सम्मिलित करते हुए) के कारण मृत होने पर राशि रूपये 4 लाख। (2) सर्प, गोहरा, या जहरीले जन्तु के काटने से अथवा बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाशय में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्ड में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार व्यक्तियों की मृत्यु होने पर राशि रूपये 50 हजार। (3) पानी में डूबने अथवा नाव दुर्घटना से मृत्यु होने पर राशि रूपये 1 लाख। (ख) सर्पदंश एवं पानी में डूबने से मृत्यु होने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में राहत राशि दी जाती है। (ग) सर्पदंश एवं पानी में डूबने से होने वाली मृत्यु होने पर राज्य शासन द्वारा राज्य संसाधनों से मृतक के परिवार को राहत राशि उपलब्ध करायी जाती है। दोनों ही आपदा केन्द्र सरकार के प्राकृतिक आपदाओं की सूची में शामिल नहीं है। (घ) विधानसभा जौरा में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राकृतिक आपदा से होने वाली मृत्यु पर 30 मृतकों के परिवारों को 20.50 लाख की राहत राशि का भुगतान किया गया।
विदिशा जिले की अनियमितताओं के संबंध में
172. ( क्र. 6678 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय के क्र अ-5/सी-3/14/09/136 दिनांक 10.02.2015 पत्र में शासन को प्राप्त शिकायतों की जाँच में दिए गए अभिमत के आधार पर दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें? (ख) सहायक संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल द्वारा निरीक्षण पखवाडा़ जनवरी एवं अगस्त 2013 की जाँच रिपोर्ट में समितियों को लेटर पेड पर 5 लाख रूपये का अनियमित अनुदान स्वीकृत कर भुगतान किया जाना पाया गया यादि हाँ तो क्या यह सही है कि संचालनालय में पदस्थ उप संचालक कृषि द्वारा संचालक को 2015 में प्रस्तुत की गई? विदिशा जिले की ऑडिट रिपोर्ट में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाये जाने पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? ऑडिट रिपोर्ट के तथ्यों सहित संपूर्ण ब्यौरा दें। (ग) क्या वर्ष 2011-12 में एम.पी. एग्रो विदिशा द्वारा एम.पी.डब्ल्यू.एस.आर.पी. योजना में बिलबुक क्रमाक 920/ नं. 003 राशी 2,50,456.00 रूपये की सामग्री पाँच में से तीन ग्रा. कृ. वि. अधिकारियों द्वारा किसानों को बांटे बगैर ही बिल को सत्यापित कराकर अनियमित भुगतान कर दिया गया। उक्त बिल में दर्शाई सामग्री किस संस्था द्वारा कब और किसे सप्लाई की गई। ब्यौरा दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। विभाग का पत्र क्रमांक एफ 8ए/16/2014/14-1,दिनांक 26.9.2015 द्वारा पुन: जाँच कराये जाने के निर्देश दिये गये है तदोपरांत संचालनालय पत्र क्रमांक 988 दिनांक 14.10.15 द्वारा जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया। (ख) जी नहीं। विदिशा जिले में विभागीय ऑडिट रिपोर्ट में कोई गंभीर वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) विदिशा जिले में वर्ष 2011-12 में एम.पी.एग्रो विदिशा द्वारा सामग्री प्रदाय की गई थी जिसका देयक एम.पी.डब्ल्यू.एस.आर.पी. योजना में बिल बुक क्रमांक 920/003 राशि रूपये 2,50,456.00 का सत्यापन तत्कालीन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विदिशा द्वारा किया गया है। सत्यापन के आधार पर राशि रूपये 2,50,456.00 का नियमानुसार भुगतान किया गया है। जिन ग्रा.कृ.वि. अधिकारियों द्वारा सामग्री वितरण हेतु नहीं उठाई गई उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। जो निम्नानुसार है:- 1. श्री रामलखन शर्मा 2. विजय कुमार उपाध्याय की एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। 3. श्री देवीसिंह ठाकुर ग्रा.कृ.वि.अधि. दिनांक 31.5.2014 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वितरण हेतु शेष बची सामग्री की राशि की वसूली मय ब्याज के की जावेगी।
सहकारी बैक के सबंध में
173. ( क्र. 6679 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की सभी सहकारी बैंकों में निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण करा ली गई है? यदि नहीं तो अभी तक जिन बैंकों में प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई उनका कारण सहित ब्यौरा दें। (ख) क्या सभी सहकारी बैंक घाटे में चल रहे हैं यदि हाँ, तो बैकों को घाटे से उबारनें के लिए शासन की क्या योजना है? (ग) क्या सभी सहकारी बैंकों में महाप्रबंधक पद पर कैडर व अपेक्स बैंक के नियम अनुसार अधिकारी नियुक्त किए गए है? यदि नहीं तो क्यों? क्या बैंको में महाप्रबंधक के पद पर प्रभारी व्यक्ति कार्यभार संभाल रहें हैं? यदि हाँ, तो किन-किन बैंकों में एवं क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2014-15 के अंकेक्षण प्रतिवेदन के आधार पर प्रदेश की कुल 38 में से मात्र 05 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक हानि में है। घाटे में चल रहे जिला सहकारी बैंकों के कालातीत ऋणों एवं चालू ऋणों की वसूली करने, अंश पूंजी में वृद्धि करने एवं ऋण व्यवसाय में वृद्धि करने तथा गबन-धोखाधड़ी के प्रकरणों में वसूली कर वैधानिक कार्यवाही करने हेतु संबंधित बैंकों को निर्देशित करने के साथ-साथ बैंकवार समीक्षा भी की जाती है। (ग) म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 49ई/ड. (2) ए/क अनुसार प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में शीर्ष बैंक के विशिष्ट अधिकारियों की नियुक्ति आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के अनुमोदन से मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर की जा रही है। वर्तमान में 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में से 28 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में अपेक्स बैंक के विशिष्ट अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर कार्यरत है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सतना में अपेक्स बैंक की शाखा रीवा के शाखा प्रबंधक को मुख्य कार्यपालन अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 5 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों यथा-भोपाल, सीहोर, विदिशा, मुरैना एवं खरगोन में बैंक द्वारा चयनित/संविलियत मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद में पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत होशंगाबाद को मुख्य कार्यपालन अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, ग्वालियर एवं शहडोल में पंजीयक सहकारी संस्थायें के अनुमोदन उपरांत सहकारिता विभाग के अधिकारियों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छतरपुर में जिला बैंक के अधिकारी को ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। स्टॉफ की कमी एवं प्रशासनिक आधार पर उक्त व्यवस्था की गई है।
स्वीकृत एवं अस्वीकृत किये गये आवेदन
174. ( क्र. 6693 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के तहत प्राप्त आदेश में से इन्दौर जिले में पिछले 05 वर्षों से स्वीकृत एवं अस्वीकृत किये गये आवेदन की सूची आवेदक का नाम, विक्रय की जाने वाली जमीन का गाँव रकबा, खसरा, विक्रय का कारण क्रमांक में खरीदी करने वाली जमीन का गाँव, रकबा, खसरा, सहित विक्रेता का नाम सहित सूची प्रस्तुत करे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से कितने अस्वीकृत प्रकरण की अपील आवेदनकर्ता द्वारा सभा आयुक्त को की गई तथा उसमें से कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत प्रकरणों में अनियमतिता की शिकायत किस किस के द्वारा की गई और उनकी जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनपद पंचायत राजनगर के निर्माण कार्यों की जाँच
175. ( क्र. 6704 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के जनपद पंचायत राजनगर की ग्राम पंचायत सलैहा में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति कब-कब किसके द्वारा की गई थी? (ख) इसमें कौन-कौन कार्य ऐसे हैं जिनकी प्रशासनिक स्वीकृति पूर्व में भी जारी की जा चुकी है और पूर्व में भी कार्य कराये गये थे और अभी इन तीन वर्षों में पुन: किये गये है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जो कार्य कराये गये है उनमें कितने श्रमिकों ने मस्टरोल पर कार्य किया? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर बताये कि प्रत्येक कार्य हेतु निर्माण सामग्री, कब और कितनी राशि में क्रय की? इस ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव की कब-कब जाँच हेतु शिकायत हुई? जांचोपरांत इन पर क्या कार्यावाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) ऐसे कोई भी कार्य नहीं है, जो पूर्व में भी कराये गये थे तथा इन तीन वर्षों में पुनः कराये गये हो। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में 1015 श्रमिकों ने 23178 मानव दिवस में मस्टर रोल पर कार्य किया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मंडियों की आय बढ़ाना
176. ( क्र. 6705 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले की कृषि उपज मंडियों में जनवरी 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिमाह कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई है? (ख) इसी समयावधि में क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी इनमें कब से पदस्थ है उनके नाम सहित यह भी बतायें कि प्रश्न दिनांक तक किस किसके पद रिक्त है? रिक्त पदों को भरे जाने हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाई की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर रिक्त पदों को भरा जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों एवं आय बढ़ाने मंडियों ने क्या-क्या कार्रवाई की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स/द अनुसार है। विभिन्न्ा संवर्ग में अधिकारी/कर्मचारियों की उपलब्धता, मंडी समिति की आर्थिक स्थिति, वहां पर कार्य की आवश्यकता आदि को दृष्टिगत रखते हुये प्रशासनिक आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति की जाती है। (घ) उत्तरांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके लिये सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
शासन की हितग्राही योजनाएं
177. ( क्र. 6716 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा कितने प्रकार की हितग्राही योजनाएं संचालित की जा रही हैं? शाजापुर जिले में संचालित योजनाओं में पेंशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में शाजापुर जिले में क्या हितग्राहियों की नियमित पेंशन उनके बैंक खाते में जमा की जा रही है। प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत प्रकरणों में हितग्राहियों को उनके खाते में पेंशन की राशि क्यों नहीं पहुंच जा रही है? कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में पेंशन पाने वाले हितग्राहियों की सूची क्या ग्राम पंचायत की दीवार अथवा किसी सार्वजनिक स्थान पर लिखवाने के निर्देश दिये गये है? यदि हाँ, तो क्या उसका पालन हो रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। शाजापुर जिले में संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओ में 47232 हितग्राही पेंशन प्राप्त कर रहे है। (ख) जी हाँ। शेष ’’प्रश्न’’ उपस्थित नहीं होता। (ग) पेंशन प्राप्त कर रहे हितग्राहियों की सूची ग्राम पंचायत कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित किये जाने के निर्देश है। जी हाँ।
नरसिंहपुर जिले में व्यपवर्तन कराये बिना भूमि
178. ( क्र. 6719 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आवासीय भूमि को व्यावसायिक भूमि में परिवर्तित करने एवं कृषि भूमि का गैर कृषि भूमि प्रयोजन हेतु उपयोग किए जाने के शासन के क्या नियम हैं। (ख) नरसिंहपुर जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें कृषि भूमि स्वामी द्वारा बिना डायवर्सन (व्यपवर्तन) कराए उसका उपयोग आवासीय भूखंडों में कर उनका विक्रय कर दिया गया है। उन प्रकरणों में क्या कार्रवाई की गई है, विगत तीन वर्ष की जानकारी देवें? (ग) नरसिंहपुर शहर स्थित पदमावती नगर कालोनी में भूमि स्वामी द्वारा बिना व्यपवर्तन कराए पक्की रोड, नाली तथा वाल फेंसिंग कराकर स्वरूप परिवर्तन करने के विरूद्ध कितनी जुर्माना राशि अधिरोपित की गई है।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।