मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024 सत्र


मंगलवार, दिनांक 16 जुलाई, 2024



भाग-1

स्थायी आदेश 13-क के अनुसरण में अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


अपराधियों पर कार्यवाही न होना

[सामान्य प्रशासन]

1. ( क्र. 14 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो म.प्र. भोपाल द्वारा प्रारंभिक जांच क्रमांक 36/2009 के रोज नामचा साना क्रमांक 246 दिनांक 22.09.2009 माननीय मुख्यमंत्री जी ने स्वयं टीकमगढ़ कृषि उपज मंडी में पहुंचकर गेहूं खरीदी में घपला पकड़वाया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश "क" के संबंध में तत्समय गेहूं क्रय करने वाली समितियों के अध्यक्ष एवं प्रबंधकों पर उन्हें दोषी मानते हुए दण्डित हेतु प्रकरण दर्ज किया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश "ख" में वर्णित अध्यक्ष एवं समिति प्रबंधकों के नाम व पता बतावें। (घ) इस प्रकरण में कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ी। कार्यवाही न होने का कारण क्‍या हैं? कब तक कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं, आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ, म.प्र. भोपाल को सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 22-16/2009/1-10 दिनांक 04.09.2009 के माध्‍यम से संलग्‍न श्री ए.के. जैन, उप सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग, मंत्रालय की संक्षेपिका एफ 5-54/09/01/उन्‍नीस/दिनांक अगस्‍त 2009 के आधार पर प्रारंभिक जांच क्रमांक 36/2009 पंजीबद्ध की गई थी। (ख) प्रारंभिक जांच क्रमांक 36/2009 की जांच उपरांत अपराध क्रमांक 15/2012 दर्ज किया गया था। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, विवेचना में प्राप्‍त तथ्‍यों व साक्ष्‍यों के आधार पर अग्रिम विधिसम्‍मत कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "एक"


सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 19(1) का पालन

[सामान्य प्रशासन]

2. ( क्र. 144 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का नियम 19(1) क्या है? (ख) क्या यह शासन के सभी विभागों के शासकीय सेवक पर लागू है? (ग) 1994 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में सामान्य प्रशासन विभाग ने शासन के सभी विभागों को नियम 19(1) के संबंध में कितने निर्देश दिए और कितने निर्देशों का पालन प्रतिवेदन प्राप्त किया? विभागवार निर्देशों की संख्या व प्रतियां तथा प्रत्येक स्तर का प्रशासकीय पालन प्रतिवेदन विभागवार वर्षवार देवें। (घ) 1994 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि तक अचल संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने में असफल रहने वाले कितने शासकीय सेवकों पर अवचार मानते हुए अब तक दंडात्मक कार्रवाई की गई? दंडात्मक कार्रवाई की वर्ष एवं विभागवार प्रतियां देवें। (ङ) शासन के प्रत्येक स्तर पर समस्त विभागीय कार्यालय एवं सचिवालय के समस्त शासकीय कार्यालय के शासकीय सेवकों के प्रथम नियुक्ति के समय से प्रश्‍न दिनांक तक रिटर्न और अचल संपत्ति के विवरण तथा सर्विस रिकॉर्ड देखकर बताओ 1994 से प्रश्‍न दिनांक तक बिना सक्षम प्राधिकारी के अनुमति के कितने शासकीय सेवक द्वारा अचल संपत्ति खरीदी गई है? कितने शासकीय सेवक हैं जिनके द्वारा प्रस्तुत अचल संपत्ति उनकी आय से अधिक है? GAD के माध्यम से EOW को कितने जांच हेतु प्रकरण दिए गए हैं? प्रमाण एवं दस्तावेज के प्रशासनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(ख) जी हाँ। (ग) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "दो"

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का नियमित निरीक्षण

[महिला एवं बाल विकास]

3. ( क्र. 231 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के नियमित निरीक्षण हेतु स्‍थाई निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर जिले पनागर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के कब-कब निरीक्षण किये गये? वर्षवार जानकारी देवें? (ग) कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के नियमित निरीक्षण नहीं किये गये? कारण सहित बतावें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत निरीक्षण न करने के लिये कौन जवाबदार है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) पनागर विधानसभा अंतर्गत सभी आंगनवाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

फर्सी, पत्थर, रेत आदि खदानों के पट्टों की जानकारी

[खनिज साधन]

4. ( क्र. 295 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) शिवपुरी जिले की तहसील पोहरी, नरवर, शिवपुरी, पिछोर, बदरवास, के क्षेत्रांतर्गत फर्सी, फत्‍थर, रेत एवं स्‍टोन क्रेशर के पट्टे 2020-21 से 2023-24 तक किन-किन को कहां-कहां पर किस भूमि खसरा नं./रकवा में उत्‍खनि पट्टे स्‍वीकृत किये गये है? (ख) स्वीकृत पट्टा क्षेत्र से स्‍वीकृत खदान/स्‍टोन क्रेशर से अप्रैल 2020 से मार्च 2024 तक कितनी-कितनी मात्रा में कितना-कितना खनिज उत्‍खनन/उत्‍पादन किया गया? उक्‍त पट्टेदारों द्वारा रॉयल्टी की कितनी-कितनी राशि कब जमा की? (ग) क्या स्‍वीकृत पट्टेदारों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां से कितना-कितना उत्‍खनन किया? अवैध उत्‍खननकर्ताओं के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) शिवपुरी जिले में जनवरी 2022 से 03 जून 2024 तक अवैध खनन परिवहन, भण्डारण की वैधानिक कार्यवाही किन-किन के विरूद्ध कब-कब किस-किस प्रयोजन के लिए की गई तथा कितनी-कितनी जुर्माना राशि किस-किस से जमा कराई गई? यदि राशि जमा नहीं कराई गई तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लाड़ली बहना योजना की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

5. ( क्र. 324 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के तहत कुल कितनी-कितनी बहनों के खाते में माहवार कितनी-कितनी राशि जमा की गई है? कितनी बहनें योजना के लाभ से वंचित हैं? कितनी अपात्र बहनों के नाम योजना से पृथक किये गये एवं कितनी बहनों के नाम जोड़े गये हैं? जुलाई 2023 से जून 2024 तक की जिलावार एवं माहवार जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर में विधानसभा क्षेत्रवार कितनी-कितनी बहनों के खाते में कितनी-कितनी राशि जमा की गई? कितनी-कितनी अपात्र बहनों के नाम योजना से पृथक किये गये? कितनी-कितनी बहनों के नाम जोड़े गये? कितनी बहनें योजना के लाभ से वंचित हैं? माहवार जानकारी दें। (ग) योजना के तहत लाभान्वित पात्र बहनों की पात्रता का परीक्षण का आधार एवं इसका अधिकार किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया है? इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायकों व सांसद की क्या भूमिका निर्धारित की गई है एवं उन्हें अनुशंसा करने का क्या अधिकार है? (घ) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के तहत परियोजना पर्यवेक्षक सेक्टरवार कितनी बहनों को योजना का लाभ दिया गया है? कितनी बहनें योजना के लाभ से वंचित है? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। योजनांतर्गत ऑनलाईन आवेदन पंजीयन कराने वाली समस्‍त पात्र महिलाओं को योजना से लाभांवित किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। जिला जबलपुर में किसी भी लाभार्थी महिला को अपात्र किया जाकर योजना से पृथक नहीं किया गया है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। योजनांतर्गत ऑनलाईन आवेदन पंजीयन कराने वाली समस्‍त पात्र महिलाओं को योजना से लाभांवित किया जा रहा है। (ग) योजना के प्रावधान पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (घ) योजनांतर्गत पंजीयन निकायवार कराये जाने के कारण विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर में निकायवार लाभार्थी महिलाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 पर है। योजनांतर्गत ऑनलाईन आवेदन पंजीयन कराने वाली समस्‍त पात्र महिलाओं को योजना से लाभांवित किया जा रहा है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रदेश शासन की लेनदारियां एवं देनदारियां

[वित्त]

6. ( क्र. 325 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश शासन की कुल कितनी-कितनी राशि की लेनदारियां व देनदारियां हैं? कुल कर्ज कितना है? कर्ज एवं ब्‍याज की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया है? वर्ष 2023-24 के बजट के अनुसार शासन की कुल आय व व्‍यय की राशि कितनी-कितनी है? इसमें प्रतिवर्ष कितना-कितना कर्ज बढ़ा है? प्रदेश के प्रत्‍येक नागरिक पर औसतन कितना कर्ज है? वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की जानकारी दें। (ख) प्रदेश शासन ने कब-कब, कहां-कहां से कितना-कितना कर्ज लिया है? नावार्ड, एल.आई.सी. एन.सी.डी.सी. वित्‍तीय संस्‍थाओं केन्‍द्रीय शासन खुले बाजार, रिजर्व बैंक से अग्रिम, अल्‍प बचत निधि से कितना-कितना कर्ज लिया है? कर्ज का मूलधन ब्‍याज की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया है? जी.एस.डी.पी. का कितने प्रतिशत कर्ज है? बतलावें। (ग) प्रदेश शासन ने कर्मचारियों/अधिकारियों के वेतन+भत्‍ते पेंशन, अधिकारियों की सुख-सुविधाओं, वाहनों का क्रय व किराया शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार विज्ञापन, कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश के आधारभूत ढांचे सड़कें बांध और सिंचाई क्षमता विकसित करने पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? यह बजट का कितने-कितने प्रतिशत व्‍यय हुआ है? (घ) टैक्‍स की कितने प्रतिशत राशि मुफ्त की योजनाओं, बिजली बिल माफ करने पर व्‍यय हुई? शासन ने कर्ज की राशि का भुगतान करने हेतु क्‍या रोड मैप तैयार किया है वर्ष 2023-24 की जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्‍य सरकार द्वारा लिये गये कर्ज (देनदारियां) की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार किए गए वित्‍त लेखे वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 के खण्‍ड 2 के Statement No. 17 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। राज्‍य सरकार द्वारा दिये गये ऋण और अग्रिम (लेनदारियां) की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्‍त लेखे वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 के खण्‍ड 2 के Statement No. 18 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किये जाने के कारण शेष अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार के आय-व्‍यय के अनुमान की जानकारी बजट का सार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 पर है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार वर्षवार कर्ज की वृद्धि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 पर है। राज्‍य सरकार के कर्ज से, प्रदेश के नागरिक पर औसतन कर्ज का कोई संबंध नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेख अनुसार। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्‍य के साथ प्रकाशित 31 मार्च 2024 की स्थिति में मध्‍यप्रदेश राजकोषीय उत्‍तरदायित्‍व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित प्रतिवेदन के प्रकाशित राजकोषीय सूचक-चल लक्ष्‍य (रोलिंग टारगेट्स) बताए गए है जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 पर है। (ग) वित्‍तीय वर्ष 2023-24 से वर्ष 2024-25 के बजट साहित्‍य के साथ प्रकाशित वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र  पुस्‍तकालय में परिशिष्‍ट-6 पर है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-6 के सरल क्रमांक 4 में मद 42 सहायक अनुदान एवं 44 राज सहायता में दर्शित है। राज्‍य शासन द्वारा अपने निर्धारित राजकोषीय मापदण्‍डों एवं भारत सरकार से प्राप्‍त स्‍वीकृति के अंतर्गत ही कर्ज प्राप्‍त किया जाता है। राज्‍य शासन द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्‍य के साथ प्रकाशित 31 मार्च 2024 की स्थिति में म.प्र. राजकोषीय उत्‍तरदायित्‍व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत य‍था-अपेक्षित प्रतिवेदन के प्रकाशित राजकोषीय सूचक-चल लक्ष्‍य (रोलिंग-टारगेट्स) बताए गए है जो पुस्‍तकालय  में परिशिष्‍ट-5 पर है।

शिकायत पर कार्यवाही

[गृह]

7. ( क्र. 630 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा के थाना कुड़ीला अंतर्गत अनु.जाति के 75 वर्षीय बुर्जुग की हत्या दिनांक 09.09.2022 की दरम्यानी रात में ग्राम पठराई में घर में सोते समय कर दी गई थी परन्तु उक्त मामले की जाँच की जा रही है ऐसा उनके परिजनों को बताया गया है क्या उक्त मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी हुई या नहीं मुजरिमों का पता चल पाया या नहीं? सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें तथा मुजरिमों की गिरफ्तारी कब तक हो जावेगी कृपया समयावधि बताये। (ख) क्या दिनांक 21/11/22 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ को मृतक के परिजनों ने पत्र देकर शिकायत की थी कि थाना कुड़ीला में तत्कालीन ए.एस.आई. ने मृतक की पत्‍नी को थाना कुड़ीला पर माँ बहिनों की गालियां देकर कहा था कि अभी तुम्हारे पति की हत्‍या हुई है अगर लोधी जाति के लोगों से पंगा लोगे तो तुम भी मारे जाओगे, क्या उक्त पत्र की जाँच करा कर दोषी A.S.I के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों? उक्‍त अनु.जाति के परिजनों को न्‍याय कब तक प्राप्‍त होगा? सम्‍पूर्ण जानकारी से अवगत करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रकरण की विवेचना चल रही है। आरोपियों का पता लगाने हेतु अनुसंधान जारी है। अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गिरफ्तारी की समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) थाना कुड़ीला में पदस्थ तत्कालीन A.S.I. जयसिंह लोधी के संबंध में मृतक के पुत्र हरिराम एवं सुखदीन के द्वारा दिनांक 21/11/2022 को आवेदन पत्र दिया गया जिसमें तत्कालीन A.S.I. द्वारा उसके भाई सुखदीन एवं तुलसीदास को अभद्र व्यवहार एवं गाली गलौंच करने एवं जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर धमकाने का आरोप लगाया। आवेदन पत्र की जाँच अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ के द्वारा कराई गई। जाँच में कथनों एवं साक्ष्यों के आधार पर लगाये गये आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये है।

किये गये व्‍यय, ऑडिट कंडिकाओं तथा भ्रामक जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

8. ( क्र. 645 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक वेतन भत्‍तों के अलावा किन-किन लेखा शीर्षों से कितना-कितना व्‍यय किया गया किये गये व्‍यय विवरण की संपूर्ण जानकारी दें? (ख) वर्षवार खरीदी पर किन-किन विकासखण्‍डों में कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई वर्षवार विवरण दें? महालेखाकार ग्‍वालियर की ऑडिट कंडिकाएं लंबित हैं यदि हाँ, तो उनकी प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 402 दिनांक 09/02/2024 के तहत प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) की जानकारी भ्रामक दी गई? (घ) यदि नहीं, तो उच्‍च स्‍तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे                                       परिशिष्ट-अ पर है। (ख) विकासखंडवार क्रय नहीं किया गया है। जिला स्तर से किये गये क्रय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '''' पर है। कोई भी लंबित नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के संदंर्भ में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कलेक्‍टर रेट पर वेतन देने का प्रावधान

[वित्त]

9. ( क्र. 1140 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या प्रदेश में विभिन्न विभागों में थर्ड पार्टी मेन पावर सप्लाई एजेंसी द्वारा कलेक्टर रेट पर अपने कर्मचारियों को वेतन दिए जाने का प्रावधान है? ? (ख) कर्मचारियों को वेतन कितने माह में प्रदान किया जाता है तथा कितनी राशि प्रदान की जाती है? (ग) क्या इस कार्य का थर्ड पार्टी को सोशल ऑडिट करने का प्रावधान बनाना जाएगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) कलेक्‍टर द्वारा निर्धारित न्‍यूनतम पारिश्रमिक की दरों से कम भुगतान नहीं किए जाने के निर्देश है। (ख) आउटसोर्स एजेंसी को भुगतान सामान्‍यत: प्रतिमाह किया जाता है। नियोजित कार्मिकों को भुगतान एजेंसी द्वारा किया जाता है। उत्‍तरांश "क" अनुसार राशि का भुगतान किया जाता है। (ग) वित्‍त विभाग में वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

आबकारी नियम 2016 की अवहेलना

[वाणिज्यिक कर]

10. ( क्र. 1181 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2016 में शासन द्वारा यह नियम लागू किया गया था कि नर्मदा तट से       5 कि.मी. के अंदर शराब बिक्री नहीं की जायेगी? (ख) क्‍या नियम लागू होने के बावजूद जबलपुर नर्मदा तट से 5 कि.मी. के अंदर शराब की दुकानें, बार संचालित हैं? नाम सहित जारी लायसेंस दिनांक की जानकारी देवें? (ग) कौन-कौन अधिकारी के कार्यकाल में शासन के नियमों की अवहेलना की गई? नाम, पद बतावें? (घ) क्‍या ऐसे अधिकारियो के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में नर्मदा तट से       5 कि.मी. के अन्‍दर कोई भी शराब दुकान अथवा बार संचालित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

200 करोड़ का आबकारी टैक्स घोटाला

[वाणिज्यिक कर]

11. ( क्र. 1390 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल, रीवा और इंदौर में आबकारी का 200 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का मामला डेढ़ वर्ष पूर्व पकड़ा गया? (ख) कितने अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई? (ग) कितने अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित है, जिसकी अनुमति शासन से नहीं दी जा रही है?      (घ) कब तक कार्यवाही के लिए अनुमति शासन से दी जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। प्रदेश के भोपाल, रीवा और इंदौर में आबकारी का 200 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का डेढ़ वर्ष पूर्व कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। अपितु इन्‍दौर जिले में वर्ष 2017-18 के दौरान कतिपय मदिरा अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा कोषालयीन चालानों में कूटरचना एवं हेरा-फेरी कर शासकीय राजस्‍व को क्षति पहुँचाने का प्रकरण, वर्ष 2022-23 में मदिरा समूह क्रमांक IND एम.आई.जी. के अनुज्ञप्तिधारी द्वारा फर्जी एफ.डी.आर. प्रस्‍तुत करने संबंधी प्रकरण प्रकाश में आये है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में बैंक चालान कूटरचना प्रकरण में लापरवाही करने/पदीय दायित्‍वों का निर्वहन नहीं करने के संबंध में श्री संजीव कुमार दुबे, तत्‍कालीन सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इन्‍दौर एवं अन्‍य 7 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन आदेश क्रमांक बी-7(ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 से विभागीय जांच संस्थित की गई है। वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में एफ.डी.आर. कूटरचना प्रकरण में लापरवाही करने/पदीय दायित्‍वों का निर्वहन नहीं करने के संबंध में शासन आदेश क्रमांक 1/1/19/0002/2022 दिनांक 14 फरवरी 2023 से एवं आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के आदेश क्रमांक 2(ब) /वि.जां./12-2022/134 दिनांक 07.02.2023 एवं पत्र क्रमांक 2(ब) /वि.जां./03-2023/258 दिनांक 14.03.2023 विभागीय जांच संस्थित की गई है। वर्तमान में उपरोक्‍त विभागीय जांचें प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित अनुसार संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित होकर प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्‍नांश () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

विकास यात्रा में प्राप्‍त आवेदनों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

12. ( क्र. 1451 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) भोपाल संभाग में विकास यात्रा किस दिनांक से किस दिनांक संचालित की गई तथा विकास यात्रा संचालन के क्या नियम/निर्देश/आदेश शासन द्वारा निकाले गये थे? नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। प्रत्येक जिले की विकास यात्रा पर मध्यप्रदेश शासन, जिला प्रशासन की कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से मद में व्यय की गई? जिलावार विभागवार मदवार जानकारी की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में विकास यात्रा में कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? विभागवार, विकासखण्डवार बताये तथा कितने लाभार्थियों को हितलाभ वितरण किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में विकास यात्रा में प्राप्त आवेदनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने आवेदनों को मौके पर निराकरण किया गया तथा कितने आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए उत्तरदायी कौन है? उत्तरदायी पर क्या कार्यवाही की गई तथा शेष आवेदनों पर कब तक कार्यवाही की जाकर समस्या का निराकरण कर दिया जावेगा? आवेदनवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या विकास यात्रा का संचालन शासन द्वारा लागू निर्देशों के मापदण्डों के अनुरूप हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ कमियाँ पाई गई तथा कमियों को दूर करने के लिए क्या-क्या प्रयास किये गये? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी कौन-कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहना योजना

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( क्र. 1528 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश में स्‍वीकृत मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहना योजना में कितनी बहनों को इस योजना का लाभ मिल रहा है? जिलेवार संख्‍या बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त योजना में कितनी राशि दी जा रही है तथा अब तक कितनी राशि वितरण की जा चुकी है जिलेवार जानकारी देवें? (ग) उक्‍त योजना से वंचित बहनों को उक्‍त योजना का लाभ कब तक दिया जावेगा तथा उसके लिये क्‍या प्रावधान बनाए गए है, जानकारी देवें? (घ) क्‍या उक्‍त योजना की राशि एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार करने की घोषणा शासन द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त तीन हजार राशि का वितरण कब तक किया जाएगा? अगर नहीं तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) योजनांतर्गत लाभार्थी महिलाओं को 1250/- रूपये प्रतिमाह राशि प्रदान की जाती है, योजना में पंजीकृत ऐसी महिलाएं जिन्‍हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अथवा अन्‍य योजना में प्रतिमाह 1250/- से कम लाभ प्राप्‍त हो रहा है उन्‍हें अन्‍तर की राशि का भुगतान किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है। (ग) प्रस्‍ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

14. ( क्र. 1620 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय विभागों में आउटसोर्सिंग एजेंसी/कम्पनी के माध्यम से वर्तमान में कुल कितने आउटसोर्स कर्मचारी नियुक्त हैं? (ख) क्या इन कर्मचारियों के लिए समान कार्य, समान वेतन सहित अन्य श्रम कानून के तहत शासकीय सुविधाओं जैसे प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि, मातृत्व अवकाश, जीवन बीमा, पीएफ इत्यादि का लाभ प्राप्त हो रहा है? (ग) क्या आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में इन्हें विभागीय नियमि‍तीकरण का लाभ देने हेतु शासन की कोई नीति निर्धारित है क्या? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा और कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रत्‍येक विभाग अपने कार्य के हिसाब से आउटसोर्स एजेंसी के माध्‍यम से कर्मचारी नियुक्‍त करता है और कार्य खत्‍म होने पर उन कर्मचारियों को हटा दिया जाता है, कर्मचारियों की संख्‍या कम ज्‍यादा होती रहती है संख्‍या बताना संभव नहीं। (ख) ये शासकीय कर्मचारी नहीं होते हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपिस्‍थत नहीं होता।

रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र

[खनिज साधन]

15. ( क्र. 1700 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या खनिज साधन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12- 1 दिनांक 15/3/2018 को 'रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण पत्र बावत् दिए आदेश का पालन नहीं किए जाने पर भी खनिज विभाग ने म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम, मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कार्पो., मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम एवं मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के संबंधित भुगतानकर्ताओं के विरूद्ध प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है। (ख) मंत्रालय ने दिनांक 15/3/2018 को रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण पत्र बावत् क्या निर्देश दिए, चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने की किसकी जिम्मेदारी है, चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना बिलों को भुगतान करने से शासन को हुई रॉयल्‍टी की हानि के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है। (ग) रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना तथा उपयोग किए खनिज की बाजार मूल्य से राशि की वसूली किए बिना भुगतान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध खनिज विभाग क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा कब तक रॉयल्‍टी एवं बाजार मूल्य की वसूली की जावेगी समय सीमा सहित बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध खनन, अवैध भण्‍डारण एवं अवैध परिवहन के प्रकरण

[खनिज साधन]

16. ( क्र. 1701 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) गौण खनिज के अवैध खनन, अवैध भण्डारण, अवैध परिवहन के प्रकरणों को किस न्यायालय में किन-किन कारणों से प्रस्तुत किए जाने का क्या-क्या प्रावधान एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 एवं धारा 22 में है। (ख) अवैध खनन, अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन करने वालों के द्वारा प्रकरण में प्रशमन नहीं करने, प्रकरण में समझौता नहीं करने पर गौण खनिज का बाजार मूल्य निकालकर कितने गुना अर्थदण्ड करने का अधिकार या प्रावधान एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की किस-किस धारा में दिया गया है? (ग) गत चार वर्षों में बैतूल, हरदा एवं छिन्दवाड़ा जिले में कितने गौण खनिज का किस बाजार मूल्य से कितने गुना अर्थदण्ड अवैध खनन अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन के प्रकरण में किस-किस अधिकारी ने किस-किस के विरूद्ध किया है?                                    (घ) जिनके विरूद्ध अर्थदण्ड किया है क्या उतना अर्थदण्ड वसूल किए जाने के योग्य स्थाई या अस्थाई सम्पत्ति संबंधित के पास उपलब्ध है यदि नहीं है तो अर्थदण्ड की वसूली कैसे की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21 में दण्‍ड राशि अधिरोपित किए जाने के प्रावधान एवं धारा 22 में अवैध खनन, परिवहन के प्रकरणों के निराकरण किए जाने हेतु अधिकारिता के प्रावधान है। (ख) खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 23 (ग) में प्रदत्‍त अधिकारों के तहत अधिसूचित मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 18 के अधीन अवैध खनिज उत्‍खनन एवं भण्‍डारण के मामलों में अवैध रूप से उत्‍खनित अथवा भण्‍डारित खनिज की रॉयल्‍टी का पन्‍द्रह गुना अर्थदण्‍ड अधिरोपित किए जाने के प्रावधान है। इसी नियम के नियम 19 में अवैध रूप से परिवहित खनिज के वाहन के प्रकार के आधार पर अर्थदण्‍ड अधिरोपित किए जाने के प्रावधान है। (ग) उल्‍लेखित जिलों में प्रश्‍नाधीन अवधि में अर्थदण्‍ड राशि का अधिरोपण बाजार मूल्‍य के आधार पर नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अर्थदण्‍ड की वसूली चल-अचल संपत्ति से कुर्की एवं नीलामी की प्रक्रिया से की जाती है। अपराध का प्रशमन/निराकरण हेतु अर्थदण्‍ड अधिरोपित किए जाते है। अधिरोपण के पूर्व चल-अचल संपत्ति की जानकारी जाँच किया जाना आवश्‍यक नहीं है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रायरू डिस्टलरी में पाई गई अनियमितताओं पर कार्रवाई

[वाणिज्यिक कर]

17. ( क्र. 1732 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर के रायरू में संचालित एल्कोब्रू प्रायवेट लिमिटेड डिस्टलरी में प्रश्‍नांश के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में डिस्टलरी की भूमि का डायवर्सन न होना, नियमानुसार राजस्व की राशि नहीं जमा की जाना, बाल श्रमिकों का नियोजन एवं शराब बनायें जाने में हानिकारक यूरिया का उपयोग किये जाने जैसी अनियमितताएं सामने आईं? (ख) उक्त संबंध में जांच के उपरांत अनियमितताएं सामने आने पर विभाग द्वारा संबंधित डिस्टलरी संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार डिस्टलरी संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किये जाने हेतु विभाग के कौन-कौन जिम्मेदार अधिकारी दोषी है? एल्क्रोबू प्रायवेट लिमिटेड डिस्टलरी के संचालकों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : () जिला-ग्वालियर में मेसर्स बापुना एल्कोब्रू प्रा.लि., रायरू, डिस्टलरी संचालित है, जिसकी भूमि का डायवर्सन संलग्न प्रकरण क्र. 24-85/172 के माध्यम से किया जा चुका है। राजस्व की राशि नियमानुसार जमा की जा रही है एवं वर्ष 2024-25 में माह मई 2024 तक (01 अप्रैल 2024 से 31 मई 2024 तक) कुल रूपये 15, 35, 28, 145/- का राजस्व प्राप्त हुआ है। डिस्टलरी में बाल श्रमिकों (नाबालिग) से कार्य नहीं कराया जाता है। दिनांक 17.06.2024 को श्रम एवं आबकारी विभाग के दल द्वारा किये गये संयुक्त निरीक्षण में भी बाल श्रम कराये जाने की पुष्टि नहीं हुई है। डिस्टलरी में शराब बनाये जाने में हानिकारक यूरिया का उपयोग किये जाने की अनियमितता परिलक्षित नहीं हुई। () उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। () प्रश्‍नांश "ख" अनुसार डिस्टलरी संचालकों के विरूद्ध कोई भी अनियमितता परिलक्षित नहीं होने से, डिस्टलरी संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किये जाने हेतु विभाग का कोई जिम्मेदार अधिकारी दोषी नहीं है। अतः किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता।

शराब की दुकान खोलने की अनुमति

[वाणिज्यिक कर]

18. ( क्र. 1830 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधानसभा के अंतर्गत ग्राम रंगारी में लोधीखेड़ा के शराब ठेकेदार द्वारा लोधीखेड़ा बी के नाम से शराब की दुकान खोली गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह दुकान लोधीखेड़ा की दुकान से लगभग 10 कि.मी. की दूरी पर है और ये दोनों क्षेत्र जुड़े हुए नहीं है बल्कि इनके बीच दो अन्य ग्राम पंचायत क्षेत्र हैं? (ग) यदि हाँ, तो ठेकेदार को रंगारी में शराब की दुकान खोलने की अनुमति क्यों और किस आधार पर दी गई है? (घ) क्या ठेकेदार को अतिरिक्त दुकान खोलने की अनुमति देने से पहले इसकी सार्वजनिक जानकारी दी गई थी या किन्हीं स्थानीय लोगों अथवा संस्था से सहमति ली गई थी? (ड.) यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो ऐसा क्यों नहीं किया गया?
उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। सौंसर विधान सभा के अंतर्गत ग्राम रंगारी में लोधीखेड़ा के शराब ठेकेदार द्वारा लोधीखेड़ा बी के नाम से शराब की दुकान खोली गई है। (ख) लोधीखेड़ा से रंगारी की दूरी लगभग 6 कि.मी. है। नगर पंचायत लोधीखेड़ा से रंगारी मेनरोड के बीच में रझाडी बोरगांव ग्राम पंचायत का क्षेत्र मेन रोड से लगा हुआ है। वृत्‍त उपनिरीक्षक के प्रतिवेदन अनुसार निष्‍पादन समिति द्वारा लोधीखेड़ा बी दुकान परिक्षेत्र रंगारी तक विस्‍तृत किया गया है तथा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत सामान्‍य प्रयोग के नियम-1 दुकानों की अवस्‍थापना के अनुसार आपत्तिरहित स्‍थल पर अवस्थित है। (ग) ठेकेदार द्वारा जिला निष्‍पादन समिति द्वारा अनुमोदित परिक्षेत्र में निष्‍पादन के साथ प्रस्‍तुत किये गये शपथ पत्र की कण्डिका-9 के प्रावधानुसार रंगारी में मदिरा दुकान खोली गई है। (घ) ठेकेदार द्वारा कोई अतिरिक्‍त दुकान नहीं खोली गई है, मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के नियमों एवं वर्ष 2024-25 हेतु मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 के प्रावधानों अनुसार ही लोधीखेड़ा बी दुकान को रंगारी में स्‍थापित किया गया है। (ड.) मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अधीन बनाये गये नियमों एवं मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 के प्रावधानों अनुसार ही लोधीखेड़ा बी दुकान को रंगारी में स्‍थापित किया गया है।

नवीन आंगनवाड़ी भवन का निर्माण एवं मरम्मत

[महिला एवं बाल विकास]

19. ( क्र. 1881 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर आंगनवाड़ी केन्‍द्र     जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है एवं कई आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवन में संचालित हो रही है। नवीन आंगनवाड़ी भवन एवं सुधार हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग को पत्र भी जारी किया गया था किन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसका निराकरण कब तक होगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र हाटपिपलिया में आंगनवाड़‍ियां जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं है। विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत मात्र 45 आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। माननीय विधायक हाटपिपलिया से 01 नवीन आंगनवाड़ी भवन निर्माण का पत्र विभाग को प्राप्‍त हुआ है। आंगनवाड़ी भवन सुधार के लिए विभाग को कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जिला देवास की 49 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भवन निर्माण किये जाने का प्रस्‍ताव जिले से पत्र क्रमांक 3207 दिनांक 25.07.2023 एवं 98 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भवन निर्माण किये जाने का प्रस्‍ताव पत्र क्रमांक 2311 दिनांक 31.05.2024 के माध्‍यम से प्राप्‍त हुआ है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये नवीन भवन निर्माण शासकीय भूमि तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं मरम्‍मत योग्‍य आंगनवाड़ी भवनों की मरम्‍मत वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

खाद्य सामग्रि‍यों पर जी.एस.टी. दर

[वाणिज्यिक कर]

20. ( क्र. 1937 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार आम नागरिकों को माननीय प्रधानमंत्री जी की मंशा अनुरूप प्रत्येक परिवार को 500 रुपए के गैस सिलेंडर देने के लिए एवं खाद्य सामग्रियों को जी.एस.टी. से बाहर लाने हेतु मुख्यमंत्री शपथ दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की जी.एस.टी. काउंसिल को इस संबंध में कितने प्रस्ताव भेजें? उनकी प्रतियां देवें।     (ख) राज्य सरकार आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिये पेट्रोल डीजल गैस को जी.एस.टी. के दायरे में क्यों नहीं लाना चाहती है? (ग) क्या जी.एस.टी. काउंसिल द्वारा टैक्स की 5 स्लैब तैयार की है? यदि हाँ, तो क्या इस कारण दैनिक खाद्य सामग्रि‍यों की खरीदी का आर्थिक भार आम जनता पर पड़ रहा है? इस विसंगति को दूर करने के कितने प्रस्ताव जी.एस.टी. काउंसिल को सरकार ने भेजे? प्रति देवें। (घ) क्या कारण है विलासिता की वस्तुओं को छोड़कर खाद्य सामग्रियों को पूर्णतः जी.एस.टी. से मुक्त नहीं किया जा रहा है? (ड.) मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रिमंडल से विगत 5 वर्ष में जी.एस.टी. बैठक हेतु कितने सदस्यों ने भाग लिया? महंगाई को दृष्टिगत रखते हुए क्या निर्णय हुए? उनकी प्रति देवें। (च) खाद्य सामग्रियों पर से जी.एस.टी. का भार हटाकर आम आदमी को राहत कब तक दी जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) खुली खाद्य सामग्री जैसे आटा, दाल, चावल, गेहूं इत्‍यादि के विक्रय पर जी.एस.टी. से छूट है। केवल 25 किलो तक के पैक्‍ड खाद्य सामग्री पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है। 25 किलो से अधिक मात्रा में पैक्‍ड खाद्य सामग्री जी.एस.टी. से मुक्‍त रखी गई है। शेष प्रश्‍नांश हेतु खाद्य विभाग से जानकारी ली जा रही है। (ख) पेट्रोल, डीजल, गैस को जी.एस.टी. के दायरे में सम्मिलित करने या न करने संबंधी निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल का विषय है। (ग) जी हाँ। जी.एस.टी. काउंसिल द्वारा टैक्‍स की 5 स्‍लैब तैयार की गई है। खुली खाद्य सामग्री जैसे आटा, दाल, चावल, गेहूं इत्‍यादि के विक्रय पर जी.एस.टी. से छूट है। केवल 25 किलो तक के पैक्‍ड खाद्य सामग्री पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है। 25 किलो से अधिक मात्रा में पैक्‍ड खाद्य सामग्री जी.एस.टी. से मुक्‍त रखी गई है। चूंकि केवल 25 किलो तक की पैक्‍ड खाद्य सामग्री पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है। अत: इस संबंध में कोई प्रस्‍ताव वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जी.एस.टी. काउंसिल को नहीं भेजा गया है। (घ) खाद्य सामग्रियों को कर मुक्‍त करने अथवा न करने संबंधी निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल का विषय है। (ड.) विगत 5 वर्षों में (जनवरी, 2019 से जून, 2024 तक) जी.एस.टी. काउंसिल की कुल 22 बैठक हुईं, इन बैठकों में शासन द्वारा नामांकित प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया है। इनके मिनिट्स जी.एस.टी. काउंसिल की वेबसाईट https://gstcouncil.gov.in पर उपलब्‍ध हैं। दिनांक 07.10.2023 को संपन्‍न हुई जी.एस.टी. काउंसिल की 52वीं बैठक तथा दिनांक 22.06.2024 को संपन्‍न हुई 53वीं बैठक के मिनिट्स काउंसिल की वेबसाईट पर अभी उपलब्‍ध नहीं हैं। काउंसिल की 52वीं बैठक में राज्‍य शासन के प्रतिनिधि के रूप में श्री लोकेश जाटव, तत्‍कालीन आयुक्‍त, वा‍णिज्यिक कर तथा 53वीं बैठक में श्री जगदीश देवडा, उप-मुख्‍यमंत्री, वित्‍त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्‍यिकी, मध्‍यप्रदेश शासन सम्मिलित हुए। (च) जी.एस.टी. के संबंध में समस्‍त निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल द्वारा लिए जाते हैं।

यातायात पुलिस बल की उपलब्‍धता

[गृह]

21. ( क्र. 2033 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में उज्जैन के बाद नागदा दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर यहाँ कि यातायात व्यवस्था कि दृष्टि से कितना पुलिस बल व संसाधन अपेक्षित है? (ख) वर्तमान में अब तक कितना बल व संसाधन उपलब्ध है? (ग) यदि नहीं, तो भविष्य में बल एवं संसाधन कब तक उपलब्ध कराया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है।       (ख) वर्तमान में यातायात से संबधित बल उपलब्ध नहीं है, किंतु नागदा शहर में थाना बिरलाग्राम एवं नागदा में पदस्थ उपलब्ध बल से यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा रही है। (ग) पुलिस अधीक्षक उज्जैन के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक/डीओ/10/24/दिनांक 21.06.2024 एवं पुअ/उज्जैन/सा.शा-1/एम-6280/24 दिनांक 25.06.2024 के द्वारा थाना यातायात के रिक्त बलों की पूर्ति हेतु पुलिस मुख्यालय से पात्राचार किया गया है, जिसकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" एवं "स" अनुसार है। उक्त रिक्त पदों की पूर्ति होने उपरांत नियमानुसार नागदा एवं खाचरौद शहर की यातायात व्यवस्था हेतु बल प्रदाय किया जायेगा एवं पदों की पूर्ति होने पर आवश्यकतानुसार संसाधन की मांग की जावेगी।

थानों में मानव तस्‍करी के प्रकरण

[गृह]

22. ( क्र. 2059 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) जिला सीधी के विभिन्‍न थानों में मानव तस्करी के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गए हैं एवं कितने प्रकरण की रिकवरी की गई है? थानावार अपराध एवं पकड़े गए आरोपी का नाम एवं न्‍यायालय में प्रस्तुत प्रकरण बताने का कष्ट करें? (ख) क्या मानव तस्करी रोकने के लिए विशेषकर बालिकाओं, महिलाओं की सुरक्षा के लिए शासन की कोई योजना है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला सीधी से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 01 जनवरी 2023 से 25 जून 2024 तक कुल 02 प्रकरण पंजीबद्ध हुए, दोनों प्रकरणों में रिकवरी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।

जबलपुर जिले के थानों में दर्ज अपराध

[गृह]

23. ( क्र. 2068 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में पिछले 6 माह में कौन-कौन से थानों में कितने अपराध दर्ज किये गये है? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित दर्ज अपराधों में कितने अपराधी गिरफ्तार हुये हैं, प्रत्‍येक थाने की जानकारी प्रदान करें। (ग) केंट विधानसभा के अंतर्गत पेन्डिंग कितने अपराधी कौन से थानों के अंतर्गत गिरफ्तार नहीं किए गए हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार है।        (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार।

परिशिष्ट - "तीन"

जबलपुर जिले के आंगवाड़ी केन्‍द्रों के भवन

[महिला एवं बाल विकास]

24. ( क्र. 2069 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र है, जानकारी दें?       (ख) केंट विधानसभा में स्थित कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये पर है एवं कितने स्‍वयं के भवन में है? (ग) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में लाईट की सुविधा है कि नहीं है यदि है तो कितने केन्‍द्रों में है?                         (घ) जिन केन्‍द्रों में सुविधा नहीं है, कब तक पूर्ण होगी, समय-सीमा बताएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 2483 (ख) किराये के भवन 69, विभागीय भवन 39 (ग) जी हाँ, सुविधा उपलब्‍ध है 111 केन्‍द्रों में सुविधा उपलब्‍ध है।                      (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। नहीं है।

संविलियत कर्मियों को 5वें वेतनमान का प्रदाय

[वाणिज्यिक कर]

25. ( क्र. 2139 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर वाणिज्यिक कर विभाग में पदस्‍थ किन-किन कर्मियों को पांचवां वेतनमान का लाभ स्‍वीकृत किया है? वेतन निर्धारण/एरियर पत्रक की छायाप्रति देवें? (ख) क्‍या यह सही है कि वित्‍त विभाग आदेश क्रमांक 496/2031/2018/नियम/चार, दिनांक 23-3-2019 द्वारा तिलहन संघ के शासन में पदस्‍थ कर्मियों को पांचवें/छठवें वेतनमान निर्धारण के आदेश प्रसारित किये है? यदि हाँ, तो प्रतिनियुक्ति स्‍थापना विभाग में संविलियत कर्मियों को यह लाभ क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्‍या यह सही है कि विभाग में संविलियत कुछ सेवायुक्‍तों ने पुन:रीक्षित L.P.C पांचवां वेतनमान गणना आधार पर प्रस्‍तुत किया है? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मियों ने? क्‍या विभाग इन्‍हें इस L.P.C के आधार पर वेतन निर्धारण किया? यदि नहीं, तो क्‍यों? स्‍पष्‍ट करेंगे? (घ) विधानसभा प्रश्‍न 753 उत्‍तर दिनांक 21-12-2021 में बताया गया है कि विभाग में संविलियत सेवायुक्‍तों को पांचवें वेतनमान की पात्रता नहीं है। (ड.) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) अन्‍तर्गत वित्‍त विभाग का आदेश मान्‍य नहीं है? स्‍पष्‍ट करें? किन-किन का न्‍यायालयीन अवमानना प्रकरण प्रचलित है? अधिवक्‍तावार कब-कब कितनी राशि इन प्रकरणों के अन्‍तर्गत व्‍यय किया गया।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सीमेन्‍ट औद्योगिक इकाइयों द्वार श्रमिकों की नियुक्ति

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

26. ( क्र. 2174 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सतना/मैहर जिलान्‍तर्गत कार्यरत सीमेन्‍ट औद्योगिक इकाइयों में श्रमिक प्रदायकर्ता द्वारा श्रमिकों की नियुक्ति की जाती है। यदि हाँ, तो उद्योगवार सभी श्रमिक प्रदायकर्ता एजेंसियों की जानकारी, उनके द्वारा रखे गये सभी श्रेणी के श्रमिकों की संख्‍यात्‍मक जानकारी दी जावें।        (ख) प्रश्‍नांश (क) में आये श्रमिकों को उनकी श्रेणीवार अकुशल, अर्द्धकुशल एवं कुशल का पारिश्रमिक भुगतान एवं शासन के नियमानुसार कटौती व अन्‍य सुविधाये संबंधित श्रमिकों को क्‍या दी जाती है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों की संपूर्ण जानकारी श्रमिकों की संख्‍या, बांटी गयी सुविधाओं के विवरण सहित जानकारी उपलब्‍ध करायी जावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। उद्योगवार श्रमिक प्रदायकर्ता एजेंसियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्रम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार, जी हाँ। सतना/मैहर जिला अंतर्गत कार्यरत 05 सीमेंट औद्योगिक इकाइयों से प्राप्‍त जानकारी अनुसार श्रमिक प्रदायकर्ता एजेंसियों (ठेकेदार) के माध्‍यम से विगत 05 वर्षों से नियोजित अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्‍च कुशल श्रमिकों को श्रम कानूनों के अंतर्गत पारिश्रमिक भुगतान एवं शासन के नियमानुसार कटौती एवं अन्‍य सुविधाएं जैसे भविष्‍य निधि, कर्मचारी राज्‍य बीमा इत्‍यादि सुविधाएं श्रमिकों को प्रदाय की जाती है। उपरोक्‍त औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों को पिछले पांच वर्षों में किए गए पारिश्रमिक भुगतान की श्रमिकों के नामवार, पिता के नामवार, मासिक भुगतानवार, सम्‍पूर्ण पता सहित जानकारी संकलित की जा रही है।

अपराध क्र. 21/20 की जांच

[गृह]

27. ( क्र. 2216 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) अनूपपुर जिले के जैतहरी थाना में अपराध क्र.21/20 में शिकायतकर्ता का नाम, तथ्‍य व समस्‍त दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराते हुए अपराधियों के नाम, पिता का नाम व निवास तथा अपराध की धारा सहित जानकारी देवें? (ख) क्‍या शिकायतकर्ता शासकीय सेवक है तथा कलेक्‍टर के अनुमोदन व आदेश पर एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है? यदि हाँ, तो शिकायत दिनांक व अपराध पंजीबद्ध दिनांक की जानकारी देवें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के अपराधियों ने उच्‍च न्‍यायालय से जमानत प्राप्‍त की है? यदि हाँ, तो 31 मई 2024 तक गंभीर अपराध में चालान प्रस्‍तुत न करने वाले दोषी नगर निरीक्षकों के नाम तथा दोषियों पर कार्यवाही से अवगत कराते हुए स्‍पष्‍ट जानकारी देवें कि न्‍यायालय में चालान कब तक प्रस्‍तुत किया जायेगा? (घ) क्‍या प्रकरण में किसी आरोपी पर उच्‍च न्‍यायालय में कोई रिलीफ दिया है? यदि हाँ, तो शेष आरोपियों पर चालान प्रस्‍तुत न करने का वैधानिक कारण देते हुए विधि सचिव/महाधिवक्‍ता के अभिमत से अवगत कराते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों के नाम व अपराधियों के संरक्षण पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्‍नोत्‍तर दिनांक तक चालान प्रस्‍तुत न करने का समय अवधि अनुसार जानकारी तथा कब तक गंभीर अपराध प्रकरण में चालान प्रस्‍तुत किया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) नगर परिषद जैतहरी के तत्कालीन सी.एम.ओ. श्री राममिलन तिवारी पिता एम.पी. तिवारी उम्र 55 वर्ष निवासी सी.एम.ओ. नगर परिषद, जैतहरी के द्वारा दिनांक 15.12.2019 को थाना प्रभारी जैतहरी को प्रस्तुत आवेदन पत्र की जाँच उपरांत दिनांक 23.01.2020 को थाना-जैतहरी में अपराध क्रमांक-21/2020, धारा-420, 467, 468, 471120-बी भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना जारी है अतः प्रकरण की अन्य जानकारी उपलब्ध कराना विधि-सम्मत नहीं होगा। (ख) जी हाँ। शिकायतकर्ता शासकीय सेवक है। शिकायत दिनांक एवं अपराध पंजीयन दिनांक प्रश्‍नांश "क" में समाहित है। (ग) जी हाँ। प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय ने "No Coercive Action" के निर्देश दिये हैं। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिकाएँ विचाराधीन हैं माननीय न्यायालय के आदेशों के अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। उक्तानुसार कोई नगर निरीक्षक दोषी नहीं है अतः कार्यवाही नहीं की गई। चालान प्रस्तुत करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय ने आरोपीगण नंदलाल सोनी, दीनबंधू सोनी, संजीव चंदेल को अग्रिम जमानत एवं उमाशंकर गौतम, नन्दलाल सोनी, दीनबंधू सोनी के संबंध में "No Coercive Action" का आदेश जारी किया गया है। प्रकरण में महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत चाहा गया है। अभिमत अपेक्षित है। चूंकि माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों के संदर्भ में "No Coercive Action " का आदेश दिया गया है, अतः चालानी कार्यवाही नहीं की गई है। उक्तानुसार कोई पुलिस अधिकारी दोषी नहीं है। अपराधियों को संरक्षण नहीं दिया गया है। (ङ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिकाएँ विचाराधीन हैं। माननीय न्यायालय के आदेशों के अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी, अतः चालान प्रस्तुत करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जेलों में सुविधा के अभाव में मृत्‍यु

[जेल]

28. ( क्र. 2334 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) प्रदेश के अंदर संचालित जेलों के नियमों में कब-कब, कौन-कौन से नियम व कानून बनाए गये की प्रति देते हुये बतावें कि आदेश जेल नियमावली 2016 का परिपालन हुआ या नहीं एवं रीवा संभाग की जेलों में कैदियों की वृद्धि पिछले 05 वर्षों में कितनी हुई, साथ ही मृत्‍यु संख्‍या क्‍या थी, जेलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जेलों में बंद कैदियों के भोजन एवं अन्‍य सुविधाओं बाबत् कितना आवंटन, कब-कब प्राप्‍त हुआ का विवरण प्रश्‍नांश (क) की अवधि अनुसार जेलवार, मदवार देवें, संबंधित जेलों में पदस्‍थ कर्मचारियों के स्‍थानांतरण बावत् क्‍या निर्देश है निर्देश के पालन कर कितने जेल के अधिकारी एवं कर्मचारियों को पिछले 10 वर्षों से प्रश्‍नांश दिनांक के दौरान कहां-कहां, कब-कब स्‍थानांतरित किया गया एवं कर्मचारी की ड्यूटी आवर का नियमानुसार विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में पिछले 10 वर्षों से प्रश्‍नांश दिनांक तक के दौरान कितनी मौतें हुई, वर्षवार बंद कैदियों का अनुपात मृत्‍यु का क्‍या रहा का विवरण वर्षवार देवें, इनकी मृत्‍यु के कारण क्‍या थे?                   (घ) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार जेलों बंद कैदियों की मृत्‍युएं किन कारणों से हुई की जांच उच्‍च स्‍तरीय समिति बना कर कराए जाने एवं जेलों को प्राप्‍त होने वाले मदवार राशि का उपयोग कर संबंधितों को लाभान्वित न किये जाने, कैदियों को भोजन के साथ अन्‍य सुविधाएं न देने व प्रताड़‍ित करने की जांच उच्‍च स्‍तरीय समिति बनाकर कराने बावत् निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्‍यों। पिछले 05 वर्षों में सुविधा बाबत् कितनी वृद्धि की गई? अगर नहीं की गई है तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश के अंदर संचालित जेलों के हेतु बनाएं गये नियमों एवं कानूनों का विवरण निम्नानुसार है:- (1) कारागार अधिनियम 1894 (2) बंदी अधिनियम 1900                             (3) बंदियों का स्थांनातरण अधिनियम 1950 (4) बंदी (मध्यप्रदेश संशोधन) अधिनियम 1985                   (5) मध्यप्रदेश बंदी छुट्टी नियम 1989 (6) मध्यप्रदेश बंदी प्रतिबंधात्मक मुक्ति विधान, 1954                         (7) मध्यप्रदेश बंदी परिवीक्षाधीन सम्मोचन नियम, 1964 (8) मध्यप्रदेश कारागार में परिरुद्ध पागल अपराधी का उपचार नियम, 2000 (9) मध्यप्रदेश निरुद्ध व्यक्ति (निरोध की शर्तें) नियम, 1997         (10) बंदियों की (न्यायालय में उपस्थिति) अधिनियम 1955 (11) मध्यप्रदेश बंदी (न्यायालय में उपस्थिति) नियम 1958 (12) मध्यप्रदेश जेल पूर्ति नियम 1968 (13) जेल उद्योग (सिद्धदोष व्यक्तियों का नियोजन और बंदी पुनर्वास) नियम 2021 (14) मध्यप्रदेश निरोध आदेश, 1971 (15) मध्यप्रदेश बंदी (कारागार में निरुद्ध बंदियों का स्थानांतरण) आदेश, 1968 (16) मध्यप्रदेश दण्डादेश निलंबन नियम 1971 (17) मध्यप्रदेश जेल (राजपत्रित) सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम, 2002 (18) मध्यप्रदेश तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय तथा लिपिक वर्गीय) जेल सेवा भर्ती नियम, 1974, भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार मॉडल प्रिजन मैनुअल (आदर्श जेल नियमावली) 2016 के मापदंडों के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य की आवश्यकताओं के अनुसार मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएँ एवं बंदीगृह नियम 2024 का प्रथम प्रारूप तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। रीवा संभाग की जेलों में कैदियों की पिछले 05 वर्षों में वृद्धि एवं मृत्यु के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जेलों में बंद कैदियों के भोजन एवं अन्य सुविधाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि के पिछले 10 वर्षों में कर्मचरियों के स्थानांतरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में पिछले 10 वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक हुई मौत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जेलों में बंदी की मृत्यु होने पर न्यायिक जांच कराने के नियम हैं साथ ही जेल नियमावली के प्रावधान अनुसार सभी जेलों पर समय-समय पर कलेक्टर, राष्ट्रीय, राज्य मानवाधिकार आयोग, जिला न्यायाधीश एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। पिछले 05 वर्षों में कैदियों की सुविधा में अनेकों वृद्धि की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दोषियों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

29. ( क्र. 2335 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा पत्र क्रमांक 196 दिनांक 20.02.2024, पत्र क्रमांक 240 दिनांक 26.02.2024, पत्र क्रमांक 155 दिनांक 05.02.2024, पत्र क्रमांक 90 दिनांक 23.01.2024, पत्र क्रमांक 174 दिनांक 12.02.2024 मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा पत्र क्रमांक 48 दिनांक 01.01.2024, पत्र क्रमांक 126 दिनांक 28.01.2024/29.01.2024, पत्र क्रमांक 119 दिनांक 28.01.2024, पत्र क्रमांक 143 दिनांक 29.01.2024/30.01.2024, पत्र क्रमांक 48 दिनांक 30.12.2023/01.01. 2024, पत्र क्रमांक 156 दिनांक 05.02-2024, पत्र क्रमांक 266 दिनांक 01.03.2024 द्वारा कलेक्‍टर रीवा पत्र क्रमांक 280 दिनांक 08.03.2024, पत्र क्रमांक 330 दिनांक 03.05.2024, पत्र क्रमांक 15 दिनांक 22.12.2023 के पुलिस अधीक्षक रीवा, पत्र क्रमांक 145 दिनांक 29.01.2024/30.01.2024, पत्र क्रमांक 144 दिनांक 29.01.2024/30.01.2024, पत्र क्रमांक 287 दिनांक 09.03.2024 के माध्‍यम से कार्यपालन यंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग रीवा एवं पत्र क्रमांक 252 दिनांक 29.02.2024, पत्र क्रमांक 255 दिनांक 29.02.2024 द्वारा आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग रीवा को पत्र लिखकर कार्यवाही का लेख किया गया था, पत्रों पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अगर पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई जबकि सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 12.11.2021 द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन न करने व पत्रों का समय पर निराकरण न करने के लिये जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे बतावें साथ ही पत्रों पर कार्यवाही बाबत् क्‍या निर्देश देंगे यह भी बतावें अगर नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय सेवकों को निलंबि‍त करने के प्रावधान

[सामान्य प्रशासन]

30. ( क्र. 2394 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) अंतर्गत शासकीय सेवकों के निलंबन करने का प्रावधान है? (ख) प्रश्‍नांश '''' यदि हाँ, तो निलंबन उपरांत कितने दिवस की कालावधि में संबधित शासकीय सेवक को आरोप पत्रादि जारी किये जाने निर्देश/नियम है तथा नियत कालावधि में आरोप पत्र जारी न किये जाने की दशा में क्‍या निलंबन आदेश प्रतिसंहृत (रिवोक्‍ड) हो जाता है? (ग) जिला सिवनी अंतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में ऐसे कितने मामले है जिनमें निलंबन की कार्यवाही की गई है किन्‍तु निलंबनकर्ता प्राधिकारी ने आरोप पत्र जारी नहीं किये गये है। कारण सहित विभागवार वर्षवार विस्‍तृत ब्‍यौरा दें। (घ) प्रश्‍नांश '''' में दर्शाये गये मामलों में क्‍या निलंबित शासकीय सेवक को अपनी पूर्व पदस्‍थापना स्‍थल पर पदस्‍थ कराया गया है? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ड.) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में ऐसे कितने मामले है जिनमें निलंबन की कार्यवाही की गई और निलंबनकर्ता प्राधिकारी ने आरोप पत्र भी जारी किये। विभागवार वर्षवार विस्‍तृत ब्‍यौरा सहित सूची देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) निलंबन आदेश के 45 दिन की कालावधि के भीतर जारी किये जाते है परन्‍तु जहां अनुशासनिक प्राधिकारी राज्‍य सरकार या उच्‍च न्‍यायालय हो, वहां 90 दिन की कालावधि के भीतर जारी किये जाते है। जी हाँ। (ग) से (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 एवं 2 अनुसार है।

तिलहन संघ कर्मियों को पांचवां वेतनमान लाभ

[सामान्य प्रशासन]

31. ( क्र. 2395 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत राज्य निर्वाचन आयोग में तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति/संविलियन पर पदस्थ रहे, सेवायुक्तों को पांचवां वेतनमान लाभ/एरियर स्वीकृत किया गया है? सेवायुक्तवार व सेवानिवृत को क्या-क्या लाभ स्वीकृत किया है, आदेशों की छायाप्रति देंगे? (ख) सामान्य प्रशासन विभाग में तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर वर्ष 2000 से 2004 तक        कौन-कौन सेवायुक्त पदस्थ रहें? क्या इन्हें पांचवां वेतनमान लाभ की पात्रता है? यदि हाँ, तो इनकी कितनी कितनी सेवायुक्तवार एरियर राशि‍ लंबित है। (ग) तिलहन संघ सेवायुक्त जो चौथे वेतनमान में कार्यरत थे, के संविलियन नीति आदेश दिनांक 12/08/2013 एवं विभाग परिपत्र दिनांक 238/2016 दोनों में पांचवां वेतनमान लाभ पात्रता की स्थिति भ्रमित किया है क्या इन्हें पांचवां वेतनमान लाभ की पात्रता है अथवा नहीं, स्पष्ट करें। (घ) विभाग में कार्यरत किन-किन तिलहन संघ के सेवायुक्‍तों को पांचवां वेतनमान लाभ स्वीकृत है, कब से, किन किन सेवायुक्‍तों का लंबित है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।     (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। पात्रतानुसार पांचवां वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है, एरियर राशि दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) तिलहन संघ से संविलियन कर्मियों को पात्रतानुसार/निर्धारित प्रक्रिया अनुसार वेतन निर्धारण किया जाता है। तिलहन संघ के सेवायुक्‍तों के राज्‍य शासन के विभिन्‍न विभागों में ''स‍ंविलियन की योजना'' दिनांक 12/08/2013 एवं वेतन निर्धारण परिपत्र दिनांक 23/08/2016 है। (घ) जानकारी प्रश्‍नांश () अनुसार है।

उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित किया जाना

[वाणिज्यिक कर]

32. ( क्र. 2466 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन महाकाल की धार्मिक नगरी होने के बाद भी जगह-जगह शराब की दुकानें खुली हुई हैं? यदि हाँ, तो सरकार साधु-संतों की मांग अनुसार पवित्र नगरी कब तक घोषित करेगी?                       (ख) क्या पहले मदिरा की दुकान के साथ अहाते हुआ करते थे? (ग) क्या विगत वर्षों से राज्य सरकार ने अहाते बंद कर दिए हैं? यदि हाँ, तो, क्या इस कारण से स्कूल, खेल मैदान, शहर के बगीचे आदि सार्वजनिक स्थलों पर मदिरा प्रेमी मदिरा पान करते हुए नजर आ रहे हैं? (घ) क्या मदिरा प्रेमियों की नशे की प्रवृति के कारण देशभर से प्रतिदिन आने वाले लाखो महाकाल श्रद्धालुगण एवं उज्जैन शहर के स्थानीय नागरिक महिला, बच्चे, परिवार वृद्ध को सार्वजनिक स्थल पर मदिरापान होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ड.) क्‍या सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखते हुए नशे की प्रवृत्ति के चलते क्या किसी भी अनहोनी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता? धार्मिक नगरी उज्जैन में निरंतर अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है, जिसके कारण साधु संतो एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री की मंशा/मांग अनुरूप उज्जैन नगरी को कब तक पवित्र नगरी घोषित किया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 537 दिनांक 31 अक्‍टूबर 2005 द्वारा उज्‍जैन नगर के धार्मिक स्‍थलों/मंदिरों के आस-पास के क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया है। जिसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार  है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। स्कूल, खेल मैदान, शहर के बगीचे में मदिरापान किए जाने संबंधित कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (घ) मदिरा प्रेमियों की नशे की प्रवृति के कारण प्रतिदिन आने वाले लाखों महाकाल श्रद्धालुगण एवं उज्‍जैन शहर के स्‍थानीय नागरिक महिला, बच्‍चे, परिवार वृद्ध को सार्वजनिक स्‍थल पर मदिरापान होने से परेशानी के संबंध में, कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ड.) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चार"

वाणिज्यिक कर अधिकारी इटारसी की कार्यप्रणाली

[वाणिज्यिक कर]

33. ( क्र. 2479 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वाणिज्यिक कर अधिकारी, इटारसी के यहाँ लंबित प्रकरणों के अन्‍य अधिकारी के यहाँ स्‍थानांतरण करने संबंधी आवेदन संभागीय उपायुक्‍त वाणिज्यिक भोपाल संभाग को दिनांक      21-05-2024 को आवेदन प्राप्‍त हुआ था? यदि हाँ, तो उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही की गयी।      (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आवेदन अनुसार डीम्‍ड योजना में शासन की मंशा के विपरीत वाणिज्यिक कर अधिकारी, इटारसी द्वारा व्‍यापारियों के प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण नहीं कर रही है। (ग) क्‍या होशंगाबाद-हरदा टैक्‍सबार एसोसिएशन द्वारा आयुक्‍त वाणिज्यिक कर भोपाल को अक्‍टूबर 2023 में ज्ञापन देकर वाणिज्यिक कर अधिकारी, इटारसी की कार्यप्रणाली के संबंध में बिन्‍दुवार ज्ञापन सौंपा था। यदि हाँ, तो उक्‍त ज्ञापन की जांच में प्राप्‍त बिन्‍दुवार तथ्‍यों से अवगत करावें। (घ) क्‍या उपरोक्‍त बिन्‍दुओं से स्‍पष्‍ट है कि वाणिज्यिक कर अधिकारी शासन की मंशा के विपरीत स्‍वेच्‍छाचारिता से कार्य कर व्‍यापारियों को परेशान कर रही है।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। उक्‍त आवेदन के अनुक्रम में संभागीय उपायुक्‍त वाणिज्यिक कर भोपाल संभाग-2 द्वारा आदेश क्रमांक वाक/उपा/सं.02/डायरी/2024/39 भोपाल दिनांक 27.05.2024 द्वारा वाणिज्यिक कर अधिकारी इटारसी वृत्‍त की नस्‍ती पर लंबित समस्‍त वैट एवं सेस कर निर्धारण प्रकरण अन्‍य अधिकारी की नस्‍ती पर हस्‍तांतरित कर दिये गये हैं। (ख) जी नहीं। वाणिज्यिक कर अधिकारी की नस्‍ती पर आवंटित प्रकरणों में आदेश दिनांक 27.05.2024 के पूर्व डीम्‍ड योजना के तहत कुल 09 आवेदन प्राप्‍त हुए थे जिनमें से 08 आवेदन मान्‍य किये गये तथा 01 आवेदन विधि सम्‍मत न होने के कारण अमान्‍य किया गया। शेष समस्‍त कर निर्धारण प्रकरण प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित आदेश द्वारा अन्‍य अधिकारी की नस्‍ती पर हस्‍तांतरित किये जा चुके हैं। (ग) जी हाँ। ज्ञापन में उल्‍लेखित बिंदुओं के संबंध में जांच कार्रवाई प्रचलन में है। (घ) वाणिज्यिक कर अधिकारी, वृत्‍त-इटारसी के संबंध में प्राप्‍त ज्ञापन पर जांच कार्रवाई पूर्ण होने पर इस संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा।

आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में दर्ज शिकायत की वर्तमान स्थिति

[सामान्य प्रशासन]

34. ( क्र. 2526 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्यालय पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में श्री बी.एस. यादव तत्‍कालीन युवक कल्‍याण अधिकारी के विरूद्ध इकाई भोपाल में पंजीकृत शिकायत क्रमांक 185/2019 की जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो शिकायत की वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या दिनांक 27/12/2019 की स्थिति में शिकायत के संबंध में संचालनालय खेल एवं युवक कल्‍याण विभाग से जानकारी चाही गई थी एवं महत्‍वपूर्ण साक्षियों के कथन भी लिये जाना शेष था? यदि हाँ, तो अब तक शिकायत में किन-किन साक्षियों के कथन लिये जा चुके हैं?                                          (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा व्‍यक्तिगत लाभ के उद्देश्‍य से अब तक शिकायत जांच में अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेगा एवं उपरोक्‍त शिकायत में कब तक एफ.आई.आर. दर्ज की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शिकायत क्रमांक 185/2019 को सत्‍यापन उपरांत दिनांक 12/02/2021 को नस्‍तीबद्ध किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बरोदिया नौनगिर खुरई जिला सागर में हुई हत्‍या की जानकारी

[गृह]

35. ( क्र. 2529 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बरोदिया नौनगिर खुरई जिला सागर में हुई हत्‍याओं में मृतका अंजना अहिरवार के द्वारा दिये आवेदन में वर्णितों को आरोपी क्‍यों नहीं बनाया गया इस आवेदन की छायाप्रति देवें। इन्‍हें कब तक आरोपी बनाकर गिरफ्तारी की जायेगी, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) मृतक अंजना अहिरवार के मोबाइल की फोरेंसिक जांच के क्‍या परिणाम रहे? इनकी डायरी से संबंधित जांच के क्‍या परिणाम निकले? अंजना अहिरवार की संदिग्‍ध मृत्‍यु की जांच कब तक कराई जाएगी? इनकी माता के साथ अभद्रता एवं हाथ तोड़ने के आरोपियों पर कब-तक FIR की जाकर गिरफ्तारी की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) पीड़‍ितों के घर पर सुरक्षा व्‍यवस्‍था कब से कब तक रही? तिथिवार बतावें। सुरक्षा व्‍यवस्‍था हटाने संबंधी आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। लोकसभा चुनाव 2024 मतदान से कुछ दिन पूर्व सुरक्षा व्‍यवस्‍था हटाने का कारण भी देवें। मृतक अंजना से वर्ष 2019 में छेड़छाड़ का प्रकरण जो सागर न्‍यायालय में लंबित है में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी तारीखे लगी उसमें कितनी तारीखों में शासकीय अधिवक्‍ता उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी तारीखवार देवें। (घ) कब तक इस प्रकरण में C.B.I. जांच के आदेश जारी किए जायेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।                                 (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

रेत खदानों में अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

36. ( क्र. 2588 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खुर्शीपार माल, सकरी, अरंडिया रेत खदान का ठेका वर्ष 2023 में किसे दिया गया कम्‍पनी का नाम बताये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकरण में क्‍या जिस कम्‍पनी को रेत का ठेका दिया गया वह बालाघाट जिले के आबकारी ठेके में ब्‍लैक लिस्‍ट की गई कम्‍पनी के प्रो.प्रा. थे? यदि हाँ, तो केवलारी विधानसभा क्षेत्र की उल्‍लेखित रेत खदानों का ठेका दिया जाना क्‍या नियमानुकूल है, यदि हाँ, तो कैसे यदि नहीं, तो शासन इस संबंध में कार्यवाही करने का निर्देश देगा? (ग) क्‍या शासन ठेकेदार को दिये गये टेंडर को निरस्‍त करने की कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत रेत खदानों का निवर्तन समूहवार किया जाता है। वर्ष 2023 में रेत समूह सिवनी हेतु जारी ई-निविदा सह नीलामी में केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खुर्शीपार माल, सकरी, अरंडिया शामिल है। इस ठेके में मेसर्स राजेश रामलाल पाठक को माईन डेवलपर कम ऑपरेटर नियुक्‍त किया गया। (ख) आबकारी विभाग बालाघाट से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ठेका अवधि 2020-21 में आबकारी विभाग द्वारा मेसर्स वैनगंगा इंटरप्राईजेज पर वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी की गई है एवं इस फर्म के पार्टनर्स जिसमें श्री राजेश पाठक पिता श्री रामलाल पाठक, वार्ड नंबर 15, बैहर रोड, बालाघाट भी शामिल है, को सूची में शामिल है को काली सूची में डाला गया है। अन्‍य अधिनियम अथवा नियम द्वारा काली सूची में दर्ज फर्मों/व्‍यक्तियों को मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के अंतर्गत जारी निविदा में वर्जित किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पी.एच.ई. विभाग में हुये व्‍यापक आर्थिक अनियमितता

[गृह]

37. ( क्र. 2628 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पी.एच.ई. विभाग ग्वालियर में व्यापक आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में हुई प्राथमिक जाँच में दोषी पाये लोगों के विरूद्ध वरिष्ठ कोषालय अधिकारी के प्रतिवेदन पर क्राईम ब्रांच ग्वालियर द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी सहित व आरोपियों के नाम, पदनाम की जानकारी दी जाये। (ख) क्या उक्त पंजीबद्ध अपराध में शामिल कितने शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका एवं कितने अभी फरार है? फरार अपराधियों को कब तक गिरफ्तार किया जायेगा? बताएं। (ग) क्या आर्थिक अपराध के सरगना आरोपी विनोद कुमार छारी एवं जागेश श्रीवास्तव को शासन का संरक्षण प्राप्त है? जिससे न तो इनके विरूद्ध केस चलाने की अनुमति दी गई और न ही पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर रही है? यदि नहीं, तो गिरफ्तारी के सार्थक प्रयास क्यों नहीं किये गये? (घ) क्या प्रकरण के आरोपी विनोद कुमार छारी एवं जागेश श्रीवास्तव वर्तमान में विभाग में कार्यरत है? यदि नहीं, तो चार माह से फरार होने से उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया गया? कब तक निलंबित किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पी.एच.ई. विभाग ग्वालियर में व्यापक आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में हुई प्राथमिक जांच में दोषी पाये गये लोगों के विरूद्ध प्रकरण वरिष्ठ कोषालय अधिकारी के प्रतिवेदन से पंजीबद्ध न होकर श्री संजय सिंह सोलंकी कार्यपालन यंत्री पीएचई खण्ड-1 ग्वालियर के लिखित आवेदन पर से थाना अपराध शाखा ग्वालियर में अप.क्र. 74/23 धारा 420, 406, 409, 120 बी भादवि बढ़ाई धारा 467, 468, 471, 477 (क) भादवि 13 (1) ए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। पूर्ण जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) जी नहीं। आरोपी विनोद छारी एवं जागेश श्रीवास्तव को शासन का संरक्षण प्राप्त नहीं है। आरोपी विनोद छारी एवं जागेश श्रीवास्तव के संबंध में प्रकरण धारा 173(8) द.प्र.स. के अन्तर्गत विवेचनाधीन है, प्रकरण में आरोपीगणों के विरूद्ध साक्ष्य संकलन किया जा रहा है विवेचना में एकत्रित व उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पांच"

लिपिक वर्ग कर्मचारियों के वेतनमान में विसंगति

[सामान्य प्रशासन]

38. ( क्र. 2653 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या पूर्व सरकार द्वारा गठित रमेश चन्द्र शर्मा कमेटी द्वारा की गयी अनुशंसा एवं मध्यप्रदेश कर्मचारी कल्याण आयोग में लंबित लिपिकों के वेतन विसंगति के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण कर उसे लागू किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लिपिकों के वेतन विसंगतियों के सम्‍बंध में वित्‍त विभाग से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार कोई कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '''' में दिए गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

भियामऊ में संचालित क्रेशर की जांच

[खनिज साधन]

39. ( क्र. 2673 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा चित्रकूट के भियामऊ ग्राम पंचायत में किसी क्रेशर संचालक ने बालू बनाने का क्रेशर प्‍लांट लगाया है, जिस नाम से यह प्‍लॉट है उसकी कितनी जमीन है? क्‍या जो खुदाई हो रही है वह स्‍वीकृत जमीन पर हो रही है या बगल की अन्‍य शासकीय, अशासकीय जमीन में हो रही है, स्‍पष्‍ट करें? यदि जमीन स्‍वीकृत से अधिक है तब क्‍या शासकीय नियमानुसार सरकार दण्‍ड सहित राशि वसूलेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें? (ख) क्‍या शासन/माइनिंग विभाग प्‍लॉट संचालन की तिथ‍ि से खोदी गई खदान की माप कर निकाले गये पत्‍थर या बालू की गणना करेगा कि कितना मटेरियल निकला, उसमें कितने रूपये शासन को रॉयल्‍टी मिली, कितने टी.पी. जारी हुये बतायें? (ग) क्‍या यह मापकर गणना कर बतायेंगे कि कितना माल बिना टी.पी. के निकल गया जो माल बिना टी.पी. निकला है उसकी रॉयल्‍टी वसूली क्‍या दण्‍ड सहित करायेंगे तो कब तक       समय-सीमा बतायें? (घ) क्‍या शासन के माइनिंग के दिशा-निर्देशों मापदण्‍डों का पालन करते हुये क्रेशर संचालन हो रहा है? क्‍या पर्यावरण के मापदण्‍डों दिशा निर्देशों का पालन हो रहा है यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या तब तक क्रेशर संचालन का काम बंद करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें? एम. सेण्‍ड खदानों के क्‍या नियम है, इसके स्‍वीकृत और प्‍लांट लगाने की क्‍या प्रक्रिया है क्‍या उसका पालन हो रहा है? (ड.) क्‍या पट्टेदार द्वारा दो खदाने एम.सेण्‍ड और पत्‍थर की अलग-अलग ली गई है क्‍या दोनों की पृथक-पृथक अनुमति मिली है यदि हाँ, तो क्‍या दोनों तरह की खदानों की स्‍टाम्‍प शुल्‍क शासन को जमा कर क्रेशर संचालन किया जा रहा है बतायें, यदि नहीं, तो खदान एवं क्रेशर मालिक के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी, की गई कार्यवाही से कब तक अवगत करायेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍नाधीन विधानसभा के भियामऊ ग्राम पंचायत में मेसर्स चित्रकूट क्रशिंग कार्पोरेशन, 14 नगर निगम कॉम्‍प्‍लेक्‍स हॉस्पिटल रोड ग्‍वालियर को ग्राम खेरवा तहसील मझगवां की निजी भूमि के कुल रकबा 4.946 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत है। जिसमें पट्टाधारी द्वारा यांत्रिक क्रिया से गिट्टी एवं एम-सेण्‍ड निर्माण हेतु क्रशर प्‍लांट स्‍थापित है। उक्‍त के अतिरिक्‍त ग्राम भियामऊ तहसील मझगवां में मेसर्स जयश्री संकट मोचन स्‍टोन पार्टनर श्री रामसिंह द्वारा संचालित यांत्रिक क्रिया से गिट्टी एवं एम-सेण्‍ड निर्माण हेतु क्रशर प्‍लांट स्‍थापित है, जिसका उत्‍खनिपट्टा अन्‍य पंचायत अंतर्गत ग्राम रामपुरखुर्द रकबा 1.810 हेक्‍टेयर पर स्‍वीकृत है। खनिज का उत्‍खनन स्‍वीकृत क्षेत्र के भीतर किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) खनिज नियमों के तहत खदान से उत्‍खनन कर निकाले गये पत्‍थर से उत्‍पादित गिट्टी/एम-सेण्‍ड की प्रेषित मात्रा पर रॉयल्‍टी वसूल की जाती है। ग्राम भियामऊ में संचालित उत्‍खनिपट्टा में संचा‍लन तिथि से अद्यतन दिनांक तक कुल 15, 50, 322/- रॉयल्‍टी के रूप में जमा कराए गए हैं तथा कुल 1231 टी.पी. हुई है। निमयानुसार रॉयल्‍टी जमा होने एवं टी.पी. जारी होने से पृथक से गणना करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शासन के माईनिंग के मापदण्‍डों के अनुसार तथा पर्यावरण के मापदण्‍डों के अनुसार क्रशर संचा‍लन किया जा रहा है। अत: क्रशर संचालन बंद कराए जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में एम-सेण्‍ड निर्माण हेतु पत्‍थर उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत करने के प्रावधान है। एम-सेण्‍ड प्‍लांट हेतु मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उद्योग विभाग से अनुमति प्राप्‍त कर संयंत्र स्‍थापित किया जाता है। उक्‍त नियमों का पालन न होने के संबंध में कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ड.) जी नहीं। पट्टेदार को एम-सेण्‍ड निर्माण हेतु खनिज पत्‍थर का उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत किया गया है, पृथक-पृथक खदानें नहीं ली गई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सी.एस.आर. मद में प्राप्‍त राजस्‍व

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

40. ( क्र. 2675 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले को सी.एस.आर. मद में किन-किन संस्‍थाओं से राजस्‍व प्राप्‍त होता है, विगत 5 वर्षों में सी.एस.आर. में प्राप्‍त हुये राजस्‍व की जानकारी वर्षवार, संस्‍थान, औद्योगिक इकाइयोंवार देवें? औद्योगिक संस्‍थान संचालन अनुमति के क्‍या नियम है, कृपया नियम, आदेशों की प्रतियां देवें?       (ख) चित्रकूट विधानसभा अंतर्गत खोले गये एथेनाल प्‍लांट की अनुमति क्‍या शासन गाइड-लाइन एवं मापदण्‍ड को पूरा करने पर प्रदान की गई है, यदि हाँ, तो संस्‍थान किन-किन मापदण्‍डों एवं नियमों को पूरा कर रहा है, प्‍लांट से क्षेत्र में हो रहे प्रदूषण जिससे जन एवं पशु धन की हानि हो रही है, क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित हो रहा है, क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है इसके लिये क्‍या करेंगे? क्‍या संबंधित इकाई के स्‍थापना की जांच करायेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों?                                (ग) सी.एस.आर. मद से कार्य स्‍वीकृति की प्रक्रिया क्‍या है, पूर्ण जानकारी शासनादेशों की प्रतियां सहित देवें? प्रश्‍नांश (क) अनुसार विगत 5 वर्षों में सी.एस.आर. मद से प्राप्‍त राजस्‍व में से     किन-किन विधानसभाओं में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किनकी-किनकी अनुशंसा से स्‍वीकृत किये गये? स्‍वीकृत किये गये कार्यों में कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं कितने कार्य अभी तक किस कारण से पूर्ण नहीं किये गये है? वर्षवार, विधानसभावार, कार्यवार पूर्ण जानकारी देवें?       (घ) क्‍या चित्रकूट विधानसभा में सी.एस.आर. मद में कार्यों की स्‍वीकृतियां अन्‍य विधानसभाओं की अपेक्षाकृत कम की गई है? विधानसभाओं में राशियों के वितरण में असमानता का क्‍या कारण है, स्‍पष्‍ट करें? जिन नियमों के तहत सी.एस.आर. मद की राशि व्‍यय करने हेतु कार्यों की स्‍वीकृतियां जारी की जाती है उनकी प्रतियां देवें? (ड.) क्‍या सी.एस.आर. की राशि प्रभारी मंत्री की उपस्थिति/अध्‍यक्षता में विधायकों, सांसद की सलाह पर कहाँ, क्‍या काम कैसे मंजूर करना है स्‍वीकृत कर राशि नहीं खर्च की जा सकती? नहीं तो क्‍यों? क्‍या इस व्‍यवस्‍था में संशोधन कर प्रभारी मंत्री को अधिकृत नहीं किया जाना चाहिये? क्‍या ऐसा नहीं लगता कि सी.एस.आर. की राशि जमा करने की जबावदेह संस्‍था ही खर्च करने की जबावदेही निभायेगी, तब ऐसी स्थिति में वह संस्‍था अपने हितों से जुड़े अपने सुविधानुसार निर्णय लेकर काम नहीं करेगी, क्‍या उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य प्रश्‍नानुसार संशोधन किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार प्रत्‍येक कंपनी जिसकी नेटवर्थ पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक है, या टर्नओवर एक हजार करोड़ रूपये या उससे अधिक है, या शुद्ध लाभ पांच करोड़ या उससे अधिक है, ऐसी कंपनियों का बोर्ड यह सुनिश्‍चित करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्वावर्तिय वित्‍तीय वर्षों के द्वारा किए गए औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत सीएसआर के अन्‍तर्गत खर्च करेंगे। कंपनियों की सीएसआर पॉलिसी को तैयार करने का कार्य सीएसआर कमेटी अथवा स्‍वीकृत करने के अधिकार कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स को प्रदान किया गया है। एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संकलित जानकारी अनुसार सतना जिले की 03 औद्योगिक इकाइयों द्वारा विगत 5 वर्षों में सी.एस.आर. मद में व्‍यय की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। निजी कम्‍पनियों के संचालन की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है और न ही विभाग स्‍तर से इनके संचालन हेतु मापदण्‍ड निर्धारित किए जाते है। कम्‍पनियों का संचालन भारत सरकार के कम्‍पनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत होता है। (ख) चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत खोले गये एथेनॉल प्‍लांट इंडो न्‍युक्लियर एनर्जी द्वारा प्रदत्‍त जानकारी के अनुसार एथेनॉल प्‍लांट की अनुमति शासन द्वारा जारी गाइड-लाइन के अनुसार प्रदान की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। एथेनॉल प्‍लांट में 50 स्‍थाई श्रमिक तथा 40 आउटसोर्स के श्रमिक है, जिसमें मध्‍यप्रदेश के निवासियों को रोजगार दिया जा रहा है। मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्‍त जानकारी अनुसार चित्रकूट विधानसभा अंतर्गत एथेनॉल प्‍लांट मेसर्स इण्‍डो डिस्‍टलरी बाय इण्‍डो न्‍यूक्लियर एनर्जी प्रा.लि., ग्राम उमरीहा, मझगवां, जिला सतना को मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत उत्‍पादन सम्‍मति तथा परिसंकटमय और अन्‍य अपशिष्‍ट (प्रबंध और सीमापार संचलन) नियम, 2016 के अंतर्गत प्राधिकार प्रदान किया गया है। सम्‍मति एवं प्राधिकार शर्तों अनुसार उद्योग द्वारा आवश्‍यक प्रदूषणरोधी व्‍यवस्‍थाएं स्‍थापित की है जिसका नियमित रूप से संचालन व संधारण किया जाता है। उद्योग के आस-पास उद्योग से पर्यावरण प्रदूषित होने की स्थिति नहीं है। जन एवं पशु-धन की हानि होने की पुष्टि क्रमश: कार्यालय मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, जिला सतना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है एवं कार्यालय उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग, जिला सतना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार प्राप्‍त जानकारी से नहीं होती है। (ग) कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 एवं कंपनी (कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व नीति) नियम 2014 के अंतर्गत कंपनियों की सीएसआर पॉलिसी को तैयार करने का कार्य सीएसआर कमेटी अथवा स्‍वीकृत करने के अधिकार कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स को प्रदान की गई है। मध्‍यप्रदेश शासन, वाणिज्‍य उद्योग एवं रोजगार विभाग (वर्तमान नाम, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग) के ओदश क्रमांक एफ20-8/2013/बी-ग्‍यारह भोपाल, दिनांक 13/10/2017 द्वारा जारी दिशा-निर्देशों अनुसार जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में गठित जिला स्‍तरीय कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व समिति द्वारा जिले में कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व का क्रियान्‍वयन किया जाता है। उक्‍त समिति की बैठकों में पारित प्रस्‍तावों का कार्यवाही विवरण एमपी सीएसआर पोर्टल csr.mp.gov.in पर अपलोड कर राज्‍य स्‍तरीय समिति की बैठक में अनुमोदन हेतु प्रस्‍तुत किये जाते है। तदोपरांत अनुमोदित परियोजनाएं एमपीसीएसआर पोर्टल के शेल्‍फ ऑफ प्रोजेक्‍ट पर प्रदर्शित की जाती है। प्रश्‍नांश से संबंधित विस्‍तृत नियमावली पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट -5 अनुसार है। (घ) चित्रकूट विधानसभा के अंतर्गत कोई भी इकाई सीएसआर की परिधि में नहीं आती है। सीएसआर की स्‍वीकृति के संबंध में जिला स्‍तरीय समिति द्वारा निर्णय लिया जाता है। सीएसआर मद की राशि के विवरण के लिए एवं कंपनी द्वारा कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व के निर्वहन को व्‍यवस्थित करने के लिये भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अधीन कंपनी (कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व नीति) नियम 2014 जारी किये गये है जिसके अधीन अनुसूची VII के अंतर्गत सीएसआर का व्‍यय दायरा एवं गतिविधियां प्रस्‍तुत है। इन नियमों के तहत कंपनी सीएसआर की राशि व्‍यय करती है, नियमावली पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-6 अनुसार है। (ड.) सीएसआर कंपनी अधिनियम 2013 केन्‍द्र शासन द्वारा प्रशासित है। अत: सीएसआर हेतु अधिनियम में संशोधन केन्‍द्रीय स्‍तर पर ही किया जा सकता है।

तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को अनधिकृत वित्‍तीय अधिकार

[वित्त]

41. ( क्र. 2707 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या अराजपत्रित शासकीय सेवक और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को वित्‍तीय अधिकार तथा आहरण एवं संवितरण संबंधी पॉवर और बिलों पर प्रतिहस्‍ताक्षर के अधिकार तथा कोषालय में अपने हस्‍ताक्षर से बिल प्रस्‍तुत करने तथा वित्‍तीय स्‍वीकृतियों के अधिकार प्राप्‍त हैं? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हाँ है तो किस-किस नियम/आदेश/संहिता की किन-किन कंडिकाओं में ऐसे निर्देश दिए गए हैं? (ग) जनजातीय कार्य-अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग अन्‍तर्गत किन-किन जिलों में तृतीय श्रेणी शासकीय सेवकों को प्रभारी जिला संयोजक, प्रभारी क्षेत्र संयोजक, प्रभारी सहायक आयुक्‍त बनकर डीडीओ पॉवर, बिल काउन्‍टरसाइन और अन्‍य वित्‍तीय स्‍वीकृति के अधिकारों का उपयोग कर रहे हैं? तृतीय श्रेणी कर्मचारी होकर अधिकारों का उपयोग करने वाले संबंधित कर्मचारियों के नाम, पद, पदस्‍थापना की जानकारी दें। (घ) यदि प्रश्‍नांश (क) नहीं है तो प्रश्‍नांश (ग) में अंकित अधिकारों के अनधिकृत उपयोग पर कब तक रोक लगाई जाएगी? नहीं तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश "क'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रिंग बनाकर रेत खदानों की नीलामी

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 2713 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2023 में मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज विकास निगम, अरेरा हिल्‍स भोपाल द्वारा आयोजित रेत खदानों में नीलामी में भाग लेने वालों द्वारा रिंग बनाकर नीलामी को प्रभावित करने एवं शासन को हानि पहुंचाए जाने बाबत खनिज विभाग, राज्‍य मंत्रालय भोपाल, मुख्‍यमंत्री सचिवालय भोपाल एवं संचालक खनिकर्म एवं भौमिकी भोपाल तथा प्रबंध संचालक खनिज विकास निगम भोपाल को निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत की गई थी यदि हाँ, तो क्‍या शिकायत पर प्रश्‍न दिनांक तक भी कोई जांच प्रारंभ नहीं हो पाई है? (ख) नीलामी प्रक्रिया में रिंग बनाकर नीलामी को प्रभावित करने एवं शासन को हानि पहुंचाने बाबत् प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस की लिखित शिकायत एवं पत्र मंत्रालय, संचालनालय तथा खनिज वि‍कास निगम को प्राप्‍त हुए हैं? (ग) शिकायत/पत्र पर किस दिनांक को किसे जांच के लिए निर्देशित किया? जांचकर्ता ने नीलामी से संबंधित कौन-कौन सी जानकारी प्राप्‍त की और कौन-कौन सी जानकारी प्राप्‍त करना शेष है? (घ) रिंग बनाकर नीलामी को प्रभावित करने एवं शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने की जांच कब तक पूरी की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जिला खनिज मद की राशि का व्यय

[खनिज साधन]

43. ( क्र. 2804 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अशोकनगर जिले में वर्ष-2019 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की अवधि में जिला खनिज मद में कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ? प्राप्त राजस्व के विरुद्ध कुल कितना व्यय किया गया? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कुल कितना शेष है? तालिका में जानकारी देवें? (ख) शासन द्वारा जिला खनिज मद की राशि के उपयोग के संबंध में जारी किए गए समस्त परिपत्र, दिशा निर्देश उपलब्ध करावें।    (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक जिला खनिज मद की राशि के उपयोग के संबंध में निर्णय लेने वाली समिति में सदस्य है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि में जिला खनिज मद की समितियों की कुल कितनी बैठक आयोजित की गई है?, आयोजित की गई समस्त बैठकों का कार्यवाही विवरण देवें। (घ) वर्ष-2019 से लेकर प्रश्‍न दिनांक की अवधि में माननीय सांसद, विधायक की कुल कितनी अनुशंसाएं प्राप्त हुई? उनकी अनुशंसा पर कितने कार्य स्वीकृत किए गए? वर्षवार प्रत्येक स्वीकृत कार्य की जानकारी, क्रियान्वयन एजेंसी का नाम उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र देवें, MB की कॉपी देवें। (ड.) जिला खनिज मद की समितियां की बिना बैठक आहूत किए राशि खर्च किए जाने पर, शासन संबंधित दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगा? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला खनिज मद में राजस्‍व प्राप्‍त करने का प्रावधान नहीं है। अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के नियम, परिपत्र एवं दिशा-निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नकर्ता विधायक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की राशि के उपयोग के संबंध में निर्णय लेने वाली समिति में सदस्‍य हैं। दिनांक 01/01/2022 से प्रश्‍न दिनांक तक समितियों की कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है। प्रश्‍न के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला अशोकनगर में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि में माननीय सांसद, विधायक की कुल 01 अनुशंसा प्राप्‍त हुई है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (ड.) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान निधि से जिला स्‍तर पर राशि खर्च नहीं की गई है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

44. ( क्र. 2832 ) श्री केदार चिडाभाई डावर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या आदिवासी विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन में विभाग के द्वारा बच्‍चों हेतु आंगनवाड़ी केन्‍द्र, उप केन्‍द्र संचालित है? (ख) क्‍या उक्‍त केन्‍द्र पर शासन द्वारा बच्‍चों को बैठाने एवं उन्‍हें पौष्टिक आहार देने की भी उचित व्‍यवस्‍था विभाग द्वारा की जा रही है? (ग) क्‍या जिन स्‍थानों पर आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है तथा भवनविहीन है, तो किराये के भवन में केन्‍द्र संचालित होता है तथा पोषण आहार केन्‍द्र तक ले जाने का वाहन भाड़ा भी शासन द्वारा दिया जाता है? (घ) भगवानपुरा क्षेत्र में कितने केन्‍द्र संचालित है तथा कितने भवन शासकीय हैं तथा कितने केन्‍द्र किराये के भवनों में संचालित है तथा भवनों का क्‍या किराया है तथा कब से किराये पर संचालित है तथा कितने भवन जीर्ण-शीर्ण अनुपयोगी हो गये है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) कुल 470 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित। शासकीय भवनों में 331 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित। किराये के भवन 139 आंगनवाड़ी केन्द्र। जीर्णशीर्ण भवन संख्या 10 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।

बरगी दांयी तट नहर की क्षमता

[नर्मदा घाटी विकास]

45. ( क्र. 2835 ) श्री अजय विश्‍नोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री जी को अवगत कराया था कि बरगी नहर की दांयी तट नहर की वर्तमान क्षमता एवं डिजाइन जबलपुर जिले की आवश्‍यकताओं के लिये भी पर्याप्‍त नहीं है तो टनल बन जाने के बाद इन नहरों से कटनी, सतना एवं रीवा की नहरों को जल आपूर्ति कैसे संभव होगा? (ख) क्‍या, विभाग जबलपुर जिले में बरगी बांध योजना की दांयी तथा बांयी तट नहरों की वर्तमान दुर्दशा से अवगत है? (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) का जवाब हाँ है तो जबलपुर जिले की दांयी तट तथा बांयी तट नहरों के सुधार के लिये विभाग कब तक योजना बनायेगा? कब काम प्रारम्‍भ करेगा और कब तक पूर्ण करेगा? (घ) क्‍या विभाग नहरों के माध्‍यम से नर्मदा जल से जबलपुर जिले की छोटी-छोटी नदियों और तालाबों की जल आपूर्ति (विशेषतौर पर ग्रीष्‍म ऋतु में) करने की कोई योजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बरगी नहर की दांयी तट नहर की वर्तमान क्षमता डिजाईन डिस्‍चार्ज के अनुसार ही है जो जबलपुर जिले की आवश्‍यकताओं के लिये भी पर्याप्‍त है तथा टनल बन जाने के बाद इन नहरों से कटनी, सतना एवं रीवा की नहरों की जल आपूर्ति भी संभव है।                     (ख) एवं (ग) जबलपुर जिले की दांयी तट नहरों के सुधार का कार्य समय-समय पर संस्‍था द्वारा कराया जाता है तथा नहरों की मरम्मत के लिये विशेष मरम्मत के प्राक्कलन तैयार किये गये हैं। स्वीकृति प्राप्त होने के पश्‍चात आगामी कार्यवाही की जावेगी। बांयी तट नहरों के सुधार एवं मरम्मत के कार्य आवश्यकता अनुसार प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति ली जाती है तदोपरांत निविदा आमंत्रण की कार्ययोजना बनाकर निविदा के माध्यम से सुधार एवं मरम्मत आदि के कार्य कराये जाते हैं। (घ) वर्तमान में विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजपुर विधानसभा क्षेत्र में खनन कार्य

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 2862 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 1195 दिनांक 10-03-2022 के (ख) उत्‍तर में वर्णित ग्राम जाहुर तहसील राजपुर के सर्वे नं. 488/21 पर दिनांक 24-06-21 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना खनन किया गया की जानकारी वर्षवार देवें। कितने मीटर खनन की अनुमति है बतावें? किए गए खनन के भौतिक सत्‍यापन की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) सर्वे नं. 488/21 एवं इसके आस-पास कितनी खदानें स्‍वीकृत है? सर्वे में खदान स्‍वामी नाम, पता, GST नंबर, रकबा सहित देवें। स्‍वीकृत खनन अवधि भी साथ में देवें। इनके द्वारा खदान स्‍वीकृति से उत्‍तर दिनांक तक भरे गए GST की छायाप्रति भी साथ में देवे। सर्वे नं. भी देवें। (ग) स्‍वीकृत अवधि दिनांक से उत्‍तर दिनांक तक इन खदान स्‍वामियों द्वारा गिट्टी खनन की कितनी रॉयल्‍टी जमा की गई है विवरण फर्मवार, माहवार, वर्षवार देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत सीमा से अधिक खनन पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनन/उत्‍पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। खदानों की गहराई के संबंध में नियमों में अधिकतम गहराई का उल्‍लेख नहीं है, लेकिन मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30(24) के प्रावधान अनुसार 6 मीटर से अधिक गहराई होने पर पट्टेदार, तुरन्‍त महानिदेशक, खान सुरक्षा, आदि को प्ररूप-तेरह में लिखित सूचना देने के प्रावधान हैं एवं खनिज निरीक्षक द्वारा वर्षवार किये गये भौतिक सत्‍यापन का निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) स्‍वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर एवं GST से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ग) स्‍वीकृत खदानों में जमा रॉयल्‍टी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। (घ) पट्टेदार द्वारा उत्‍तरांश (क) अनुसार पालन किये जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

माईनर नहरों का लाईनिंग कार्य

[नर्मदा घाटी विकास]

47. ( क्र. 2931 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना की रायपुरा सिपटान माईनर नहर की लाईनिंग (पक्की) कब तक की जावेगी? क्या माईनर नहरों के लाईनिंग (पक्की) नहीं होने के कारण किसानों की फसलें और कृषि भूमि खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई है? अगर हाँ तो क्या किसानों को फसल नुकसान का कोई मुआवजा दिया गया है? किसानवार राशि सहि‍त विवरण। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत विधानसभा सत्र 9 फरवरी 2024 के प्रश्‍न क्रमांक 643 के उत्तर में विभाग ने सभी नहरों के टेल तक पानी पहुँचने की सदन को क्या भ्रामक जानकारी दी गई थी? अगर नहीं तो विधानसभा क्षेत्र की रतनपुर शाखा की माईनर नहर क्रमांक 4 के अंतिम छोर के कितने किसानों की कितने हेक्टेयर कृषि भूमि‍ सिंचित हुई है। किसानों से वसूली गई राशि की रसीद की छायाप्रति उपलब्ध करावे। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) अनुसार गलत जानकारी सदन को देने वाले विभागीय अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? अगर हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पर्याप्‍त आवंटन उपलब्‍ध होने पर। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी नहीं। इंदिरा सागर परियोजना की रतनपुरा शाखा की माईनर क्रमांक 4 के कमाण्‍ड क्षेत्र में सिंचाई हेतु जल प्रवाहित किया गया परंतु कमाण्‍ड क्षेत्र के कृषकों द्वारा उनके निजी स्‍त्रोतों में पर्याप्‍त मात्रा में पानी उपलब्‍ध होने के कारण विभाग द्वारा संचालित माईनर क्रमांक 4 से सिंचाई हेतु पानी लेने में कोई रूचि नहीं ली जा रही है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी

[नर्मदा घाटी विकास]

48. ( क्र. 2932 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बलकवाडा, चोण्डी-अन्दड, अम्बा-रोडिया, पिपरी और बिजंलवाडा उद्वहन सिंचाई योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होगा? (ख) क्‍या बलकवाड़ा, चोण्डी-अन्दड, अम्बा-रोडिया और पिपरी उद्वहन सिंचाई योजना से लाभान्वित होने वाले अंतिम छोर के किसानों को पर्याप्त सिंचाई का पानी उपलब्ध होना प्रारंभ हो चुका है? अगर हाँ तो अंतिम छोर के किसानों की सिंचित होने वाले रकबे के साथ ही किसानों के रकबेवार विवरण दें? (ग) इन्दिरा सागर परियोजना, ओंकारेश्‍वर सिंचाई परियोजना, बलकवाड़ा, चोण्डी-अन्दड, अम्बा-रोडिया, पिपरी, कठोरा उद्वहन सिंचाई परियोजना, अपरवेदा सिंचाई परियोजना और जिले में विभिन्न सिंचाई योजना की नहरों के माध्यम से मई 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक तालाबों को भरा (फीड) किया गया है? अगर हाँ तो फीड किये गये तालाबों की वर्तमान में जलभराव की स्थिति का विवरण दें। (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक इन तालाबों को फीड करने को लेकर कोई पत्राचार किया गया है? अगर हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) अम्‍बा रोडिया सिंचाई योजना का 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, बलकवाडा़ एवं चौण्‍डी़-जामन्‍या का निर्माण कार्य 99 प्रतिशत पूर्ण हो गया है तथा शेष कार्य 30 सितम्‍बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। पीपरी उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य पूर्ण है, इस योजना में कमीशनिंग एवं टेस्टिंग का कार्य प्रगतिरत है। बिंजलवाडा़ माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना में दोडवां स्थित पम्‍प हाऊस क्रमांक-1 का कार्य पूर्ण किया जाकर 5, 000 हेक्‍टेयर क्षेत्र में पानी दिया जा रहा है। योजना का कार्य 87 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शेष 13 प्रतिशत कार्य दिनांक 31.12.2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। ओंकारेश्‍वर नहर परियोजना से मई 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक तालाबों को नहीं भरा (फीड़) गया है। कठौरा उद्वहन सिंचाई परियोजना, अपर वेदा सिंचाई परियोजना एवं अम्‍बा रोडिया माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से किसी भी तालाब को नहीं भरा जा रहा है। (घ) इंदिरा सागर परियोजना की मुख्‍य नहर के माध्‍यम से जल संसाधन विभाग के तालाबों-बारदेवला, साड़ली, साटक, उटावद, अम्‍बकनाला के जल भराव संबंधी कार्यवाही की गई है। शेष परियोजनाओं के संबंध में पत्राचार प्राप्‍त नहीं होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छ:"

शराब की अवैध विक्रय पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

49. ( क्र. 2951 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में जितनी भी देशी एवं विदेशी (कम्पोजिट) शराब दुकानें संचालित हो रही हैं, वह दुकानदारों द्वारा रात्रिकालीन 12 बजे के बाद तक संचालित की जा रही है बहुत सी शराब दुकानें शहर, गांव के आवासीय क्षेत्र एवं शहर के मध्य में संचालित हो रही है। शराब दुकानदारों द्वारा व्यक्तियों को प्रेरित कर शराब देकर क्षेत्र में कई स्थानों पर अवैध रूप से कुचियां चलवाई जा रही हैं क्षेत्र में अवैध शराब बुलाकर परिवहन कर विक्रय किया जा रहा है जिससे शासन को लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है। अधिक रात्रिकालीन तक शराब विक्रय होने से क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है कई बार विवाद और अप्रि‍य घटना घटने की संभावना बन जाती है परन्तु फिर भी विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है जिसका क्या कारण है? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जितनी भी देशी विदेशी (कम्पोजिट) शराब दुकानें नियम विरूद्ध तरीके से संचालित की जा रही हैं उन सभी शराब दुकानों एवं सम्बंधित ठेकेदारों पर कार्यवाही किये जाने के संबंध में मेरे द्वारा जिला आबकारी अधिकारी छिंदवाड़ा, जिलाध्यक्ष महोदय छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/300 दिनांक 22.05.2024 एवं अनुस्मरण 01 पत्र क्र. 323 दिनांक 03.06.2024 को प्रेषित किए गये हैं जिन पत्रों में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) देशी एवं विदेशी शराब दुकानों को संचालित करने की क्या नियामावली है? प्रति उपलब्ध करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में 22 कम्‍पोजिट मदिरा दुकान संचालित हो रही है। सभी कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत सामान्‍य प्रयोग के नियम-1 दुकानों की अवस्‍थापना के अनुसार आपत्ति रहित स्‍थल पर अवस्थित है तथा शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार स्‍थापित होकर संचालित है। शराब दुकानों द्वारा व्‍यक्तियों को प्रेषित कर शराब देने तथा अवैध शराब बुलाकर परिवहन कर विक्रय करने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। कतिपय व्‍यक्तियों द्वारा निजस्‍वार्थ हेतु अवैध रूप से मदिरा का विक्रय किये जाने की शिकायतें प्राप्‍त होने पर लगातार कार्यवाही की जा रही है। क्षेत्र में शराब विक्रय होने के कारण माहोल खराब होने विवाद होने संबंधी कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्रों के संबंध में की गयी कार्यावाही से कार्यालय जिला आबकारी अधिकारी, जिला छिंदवाड़ा के पत्र दिनांक 19.06.2024 से माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे       परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों को संचालित करने हेतु मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बनाये गये नियमों एवं वर्ष 2024-25 हेतु मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 के प्रावधानों के अनुसार क्रियान्‍वयन किया जाता है। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।

मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं का क्रियान्‍वयन

[सामान्य प्रशासन]

50. ( क्र. 3000 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा बड़वानी विधानसभा हेतु प्रश्‍न दिनांक से पिछले 5 वर्षों में                                  कौन-कौन सी घोषणाएं कब-कब और कहाँ-कहाँ की गई? वर्षवार, घोषणावार, विभागवार, दिनांकवार ब्यौरा दें। उक्त योजनाओं की लागत का भी ब्यौरा दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्त घोषणाओं की वर्तमान स्थिति क्या हैं? कितनी पूर्ण हुई, कितनी पर कार्य प्रगति पर है? (ग) माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणाओं के ऐसे कितने कार्य हैं जो तकनीकी स्वीकृत और बजट अभाव के कारण विलंबित हैं? प्रकरणवार ब्यौरा दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सात"

खनिज प्रतिष्‍ठान मद अन्‍तर्गत कार्य

[खनिज साधन]

51. ( क्र. 3001 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) बड़वानी जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से कार्य करवाने हेतु पिछले 5 वर्ष में कितने प्रस्ताव कब-कब किनके द्वारा प्राप्त हुए? इनमें से किन-किन प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है? उक्त प्रस्ताव में कितनी राशि स्वीकृत हुई थी? उक्त प्रस्तावित कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उक्त कार्य हेतु स्वीकृत की गई डी.एम.एफ. की राशि से निर्माण कार्य नहीं होने से क्या उक्त राशि को लोक निर्माण विभाग से वापस कर अन्य निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत की गई हैं? यदि हाँ, तो किसके प्रस्ताव के अनुसार तथा यदि स्वीकृत नहीं की गई हैं तो उक्त राशि की वर्तमान स्थिति क्या हैं तथा उसे व्यय करने के क्या प्रस्ताव हैं? (ग) बड़वानी जिला खनिज प्रतिष्ठान समिति की बैठक पिछले 5 वर्षों में कब-कब हुई तथा इन बैठकों में उपस्थि‍त सदस्यों के नाम, लिए गए निर्णय तथा बैठक के पालन प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। अपितु मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 के अंतर्गत भाग (ख) के तहत माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की घोषणा से जिले में स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जिला अंतर्गत जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से कोई भी कार्य स्‍वीकृत नहीं हुए हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित ही नहीं होता है। (ग) बड़वानी जिले में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान समिति की बैठक पिछले 05 वर्षों में दिनांक 07/08/2023 एवं 04/10/2023 को की गई, बैठक में नवीन निर्माण कार्य हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त न होने के कारण निर्णय नहीं लिया गया है। बैठक के कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

रियायती दरों पर कोयले का प्रदाय

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

52. ( क्र. 3027 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सूक्ष्‍म, लघु एवं मझौली औद्योगिक इकाइयों को रियायती दरों पर कोयला उपलब्‍ध कराने संबंधी वर्तमान क्‍या प्रावधान हैं? इन इकाइयों को किन मापदण्‍डों पर कोयले की मात्रा का निर्धारण किया जाता है, अधिक इकाइयां होने पर किन आधारों पर इन्‍हें प्राथमिकता दी जाती है? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक कितनी इकाइयों को कोयला नियमित रूप से उपलब्‍ध कराया जा रहा है? बैतूल जिले में वेस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा क्षेत्र से विभिन्‍न इकाइयों को पिछले तीन वर्षों में इकाइवार बंटित कोयले की मात्रा बतावें। (ग) क्‍या निगम द्वारा औद्योगिक इकाइयों को आवंटित मात्रा विरूद्ध उपयोग किये गये कोयले की मात्रा का सत्‍यापन किया जाता है? यदि हाँ, तो किस प्रकार, यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांकित इकाइयों को रियायती दरों पर उपलब्‍ध कराए गये कोयले को खुले बाजार में अवैध रूप से बेचे जाने से संबंधी प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है तथा इन शिकायतों पर निगम द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों को भारत सरकार की नवीन कोल वितरण नीति के अन्तर्गत म.प्र. लघु उद्योग निगम को प्रदेश में शासन के आदेश क्रमांक एफ 13-3/05/अ-ग्यारह दिनांक 16.06.2005 जारी कर कोल आवंटन/वितरण हेतु स्टेट नोडल एजेंसी (SNA) नियुक्त किया गया है। भारत सरकार कोयला मंत्रालय द्वारा NCDP-2008 ज्ञापन क्रमांक 2311/90/2013-CDP द्वारा जारी संशोधनों के अनुरूप प्रदेश के सूक्ष्म लघु, मध्यम एवं वृहद उद्यमों जिनकी कोल की वार्षिक खपत 10, 000 मे. टन तक है को शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 13-3/05/अ-ग्यारह दिनांक 04.07.2008 में दिये गये प्रावधानों के तहत महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा समस्त आहर्ताओं की जांच करने के उपरांत जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा उपभोग किये जाने वाले कोल की मात्रा तय कर अनुशंसा निगम को भेजी जाती है। DTIC की अनुशंसा के अनुरूप निगम द्वारा (प्रोरेटा) के तहत कोल वितरण किया जाता है। वितरण के पश्‍चात यदि कोल की मात्रा शेष बचती है तो उसे प्रथम आओ और प्रथम पाओ के आधार पर शेष कोल मात्रा का वितरण किया जाता है। (ख) वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक निगम द्वारा निम्नानुसार कुल 99 इकाइयों को नियमित रूप से कोयला प्रदाय किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु अनुबंध की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

वित्तीय वर्ष

वर्षवार अनुबंधित इकाइयों की संख्या

वेस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड

साउथ ईस्टर्न कोल फिल्डस लिमिटेड

2022-23

67

0

2023-24

93

06

2024-25

अनुबंध प्रक्रियाधीन

अनुबंध प्रक्रियाधीन

बैतूल जिले में वेस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड पाथाखेड़ा क्षेत्र की विगत दो वर्षों की इकाइवार आवंटित कोयले की मात्रा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) औद्योगिक इकाइयों को आवंटित कोल की मात्रा के विरूद्ध उपयोग का सत्यापन म.प्र.शासन द्वारा जारी कोल वितरण नीति संबंधी परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों द्वारा किया जाता है इसके अतिरिक्त अनुबंधित इकाई द्वारा भी निर्धारित प्रपत्र (शपथ पत्र) में त्रैमासिक रूप से निगम को कोल उपयोगिता प्रमाण पत्र द्वारा जानकारी दी जाती है। (घ) वर्तमान में कोयले का खुले बाजार में अवैध रूप से बेचे जाने बाबत् किसी भी प्रकार की कोई भी शिकायत निगम में प्राप्त नहीं हुई है।

सी.एस.आर एवं सी.ई.आर की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

53. ( क्र. 3070 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) जिला देवास एवं विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ के अंतर्गत कितने निगम, व्यवसाय एवं उद्योग है, जो सी.एस.आर (कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) एवं सी.ई.आर (कॉरपोरेट इनवायरमेंटल रिस्पॉन्सिविबलिटी) के लिये उत्तरदायी है। उत्तरदायी संस्थाओं की स्थानीय स्तर पर क्या-क्या जिम्मेदारी है एवं उनका किस प्रकार से निर्वहन किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक सी.एस.आर (कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) एवं सी.ई.आर ( कॉरपोरेट इनवायरमेंटल रिस्पॉन्सिविबलिटी) फण्ड कहां-कहां और किस-किस कार्य में उपयोग किया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह है। (ग) जिला देवास एवं विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ के अंतर्गत सी.एस.आर (कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) एवं सी.ई.आर (कॉरपोरेट इनवायरमेंटल रिस्पॉन्सिविबलिटी) की उपलब्धता और उपयोगिता की क्या प्रक्रिया है और निष्पादन के क्या-क्या तरीके है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत सीएसआर एवं सीईआर भारत सरकार द्वारा प्रशासित है। जिला देवास के औद्योगिक क्षेत्र देवास सेक्टर 2 एवं 3 के उद्योगों से प्राप्त जानकारी अनुसार सी. एस. आर (कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) एवं सी.ई.आर (कॉरपोरेट इनवायरमेंटल रिस्पॉन्सिबिलिटी) से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कंपनियों से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उनके द्वारा विगत 03 वित्‍तीय वर्षों में सी.एस.आर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) एवं सी.ई.आर (कॉरपोरेट इनवायरमेंटल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फण्ड उपयोग संबंधित वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' में समाहित है। (ग) कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व को निर्वहन के संबंध में भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के अनुसार किसी वित्‍तीय वर्ष के दौरान पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्‍य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभवाली प्रत्‍येक कंपनी द्वारा सी.एस.आर. नीति का पालन किया जाना अनिवार्य है। कंपनी अधिनियम अनुसार उक्‍त कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्‍िचत करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निर्गमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व नीति के अनुसरण में खर्च करें। तथापि वाणिज्‍य, उद्योग एवं रोजगार विभाग के आदेश क्रमांक एफ 20-8/2013/बी-ग्‍यारह दिनांक 13.10.2017 अंतर्गत मध्‍यप्रदेश राज्‍य शासन द्वारा कंपनियों को सीएसआर की गतिविधियों का फैसिलिटेशन एवं उनके क्रियान्‍वयन को सुव्‍यवस्थित करने को लेकर नियम निर्देश जारी किये है,  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है।

प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

54. ( क्र. 3183 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक-287/विधा.नि./2023-24 दिनांक 04/09/2023 के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के विकास के लिये जनहित में अति आवश्यक मांगों को स्वीकृत किये जाने हेतु तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय से मांग की गई थी, यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई, बिन्दुवार बतावें? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित पत्र की मांगों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक- 4/2/1/0001/2023/1/4, भोपाल दिनांक 16/10/2023 द्वारा संबंधित विभागों को कार्यवाही हेतु लेख किया गया था, यदि हाँ, तो उक्त संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई, विभागवार बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विधायक निधि से स्‍वीकृत कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

55. ( क्र. 3184 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2023-24 में विधायक विकास निधि से कितने निर्माण कार्य, कितनी लागत के स्वीकृत किए गए? संपूर्ण सूची सहित जानकारी देवें।                       (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों को कितनी-कितनी राशि प्रथम किस्‍त में जारी की गई एवं कितने निर्माण कार्यों को एक मुश्‍त राशि जारी की गई? विकासखण्‍डवार संपूर्ण सूची देवें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित जारी किए गये स्‍वीकृत निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्‍त जारी होना शेष है? यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष समाप्‍त होने के पूर्व क्‍यों नहीं जारी की गई? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्‍टर जिला कटनी को दिनांक दिनांक 03/04/2024 को पत्र प्रेषित कर द्वितीय किश्‍त की राशि जारी करने का अनुरोध किया गया है? (ड.) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित स्‍वीकृत कार्यों की द्वितीय किस्‍त की राशि जारी होना प्रश्‍न दिनांक तक लंबित है? उत्‍तर में यदि हाँ, तो क्‍यों इसका दोषी कौन है? क्‍या शासन इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही कर द्वितीय किस्‍त की राशि संबंधित निर्माण एजेन्सियों को शीघ्र जारी करेगा? उत्‍तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित 93 कार्यों में से 23 कार्यों को एक मुश्‍त राशि 53, 35, 205/- (तिरपन लाख पैंतीस हजार दो सौ पांच रू.) जारी किये गये है तथा 70 कार्यों हेतु प्रथम किश्‍त में कुल राशि 97, 40, 000/- (सत्‍तानवें लाख चालीस हजार रू.) निर्माण एजेंसियों को प्रदाय किये गये की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' तथा एक मुश्‍त जारी राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। 55 कार्यों की द्वितीय किश्‍त की राशि जारी होना शेष है। कोषालय के एकीकृत वित्‍तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली सॉफ्टवेयर में तकनीकी समस्‍या के कारण राशि जारी नहीं हो सकी है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी हाँ। राशि लेप्‍स के संबंध में प्रभारी श्री दिनेश सिंह, खण्‍ड स्‍तर अन्‍वेषक को कारण बताओ सूचना पत्र देकर पक्ष प्रस्‍तुत करने हेतु लेख किया गया है। राशि जारी करने की निश्‍िचत अवधि बताया जाना संभव नहीं है।

आंगनवाड़ी भवन का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

56. ( क्र. 3197 ) श्री श्याम बरडे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र 189 पानसेमल में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण कब तक हो सकेगा? (ख) शेष बचे ग्रामों में आंगनवाड़ी केंद्र कब तक खोले जायेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की स्‍वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

निजी कंपनियों का संचालन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

57. ( क्र. 3223 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) जिला शहडोल में कौन-कौन सी निजी कंपनियां संचालित हैं? जिले में कंपनी संचालन के क्‍या मापदण्‍ड हैं एवं किस आधार पर जिले में निजी कंपनियां खोली गई हैं? (ख) क्‍या यह सही है कि जिला शहडोल में अल्‍ट्राटेक कंपनी संचालित है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? कंपनी संचालन के पूर्व जिला प्रशासन एवं कंपनी के मध्‍य किन-किन शर्तों के तहत अनुबंध किया गया था? अनुबंध की प्रति सहित बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार क्‍या कंपनी द्वारा किये गये अनुबंध में सी.एस.आर. मद से पक्‍की सड़क, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, पेयजल एवं स्‍थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो अब तक कंपनी द्वारा कितने स्‍थानीय बेरोजगारों को नौकरी दी गयी है। (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) अनुसार शासन अल्‍ट्राटेक कंपनी द्वारा किये गये अनुबंध अनुसार स्‍थानीय बेरोजगारों को नौकरी नहीं दिये जाने पर कंपनी के खिलाफ कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीन मुख्‍यत: वृहद उद्योगों को फेसिलिटेड करने के लिए कार्य किया जाता है। शहडोल जिले में 01 वृहद उद्योग मेसर्स ओरिएंट पेपर एवं इण्‍डस्‍ट्रीज लिमिटेड (ओरिएंट पेपर मिल) संचालित है। कंपनियों का संचालन भारत सरकार के कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत होता है। (ख) शहडोल जिले में अल्‍ट्राटेक कंपनी के द्वारा कोई वृहद उद्योग स्‍थापित नहीं किया गया है तथापि अल्‍ट्राटेक कम्‍पनी से प्राप्‍त जानकारी अनुसार अल्‍ट्राटेक कम्‍पनी को जिला शहडोल की तहसील सोहागपुर के ग्राम सिंदूरी में भारत सरकार, कोयला मंत्रालय नई दिल्‍ली द्वारा बिचारपुर कोल ब्‍लॉक का आवंटन किया गया है। उक्‍त आवंटित बिचारपुर कोल ब्‍लॉक में कोल माईन के संचालन हेतु जिला प्रशासन एवं कंपनी के मध्‍य किए गए अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                            (ग) एवं (घ) कंपनी एवं जिला प्रशासन द्वारा किये गये अनुबंध में स्‍थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिये जाने के संबंध में कोई विशिष्‍ट प्रावधान नहीं हैं। तथापि अल्‍ट्राटेक कम्‍पनी द्वारा प्रदत्‍त जानकारी के अनुसार कंम्‍पनी द्वारा क्षेत्र के विकास हेतु निरंतर रूप से सी.एस.आर. मद से अब तक पक्‍की सड़क हेतु 4 करोड़ 12 लाख शिक्षा हेतु 12 लाख 85 हजार, स्‍वास्‍थ्‍य हेतु ग्राम सिंदूरी एवं बिचारपुर में नि:शुल्‍क सामान्‍य स्‍वास्‍थ्‍य शिविर हेतु 5 लाख पेयजल हेतु दो वॉटर कूलर 1 लाख 35 हजार के व्‍यय के साथ ही 21.50 क्‍यूबिक मीटर पानी प्रतिदिन ग्राम सिंदूरी के तालाब में छोड़ा़ जा रहा है एवं खदान परिसर के पास स्थित बस्‍ती एवं ग्राम सिंदूरी में प्रतिदिन 3 घण्‍टे कंपनी के वॉटर टैंकर के माध्‍यम से पेयजल प्रदान किया जा रहा है। साथ ही स्‍थानीय बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। मार्च 2024 की स्थिति में कंपनी में 848 श्रमिक कार्यरत थे, जिसमें से शहडोल संभाग के 717 स्‍थानीय श्रमिकों को उनकी योग्‍यता के अनुसार रोजगार प्रदान किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खदानों के माध्‍यम से राजस्‍व की प्राप्‍ती

[खनिज साधन]

58. ( क्र. 3314 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा के ग्राम पंचायत ईंटखेड़ी सड़क, अचारपुरा एवं खजूरी राताताल में गिट्टी क्रेशर, कोपरा, मुरम एवं अन्‍य खनिजों आदि के खनन किये जाने हेतु किस-किस फर्म एवं व्‍यक्तियों को कितने रकबे की विधिवत स्‍वीकृति प्रदान की गई है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) बैरसिया विधानसभा में विगत 05 वर्षों में खदानों के माध्‍यम से कितना राजस्‍व दिनांक 31-03-2024 एकत्र किया गया? प्रत्‍येक वर्षवार/संस्‍था/व्‍यक्तिगतवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) बैरसिया विधानसभा में विगत 05 वर्षों में खदानों के माध्‍यम से रूपये 27, 45, 20, 178/- का राजस्‍व दिनांक 31/03/2024 एकत्र किया गया है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

शासन द्वारा अपराधों की रोकथाम

[गृह]

59. ( क्र. 3326 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) शहडोल जिले के विभिन्‍न थानों में वर्ष 2021-22 से प्रश्‍नांश दिनांक के दौरान कितने अपराध घटित पश्‍चात आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये का विवरण माहवार, वर्षवार जिलेवार देवें। यह भी बतावें कि यह अपराध किन किस्‍मों के थे, इनमें से गंभीर अपराध कितने थे, इनमें अभियुक्‍तों की गिरफ्तारी कितने में की जा चुकी है एवं कितने में शेष हैं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कारित अपराधों में कितनों पर अपराध पंजीबद्ध किये गये एवं कितने आवेदनों पर अपराध पंजीबद्ध नहीं किये गये? उन पर कार्यवाही के क्‍या निर्देश देंगे जिन अपराधों पर अपराध पंजीबद्ध किये जा चुके हैं? उनमें कितने प्रकरणों को न्‍यायालय में पेश किये जाने की कार्यवाही की जा चुकी है एवं कितने लंबित हैं, तो क्‍यों? इनमें से कितने प्रकरणों में अभियुक्‍तों को बरी किया जा चुका है, उनकी भी जानकारी देवें। न्‍यायालय से बरी होने में पुलिस द्वारा अपनी भूमिकाओं के निर्वहन में कहाँ कमी की गई, इसकी समीक्षा बाबत् क्‍या निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार कारित अपराधों की रोकथाम बाबत् शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनांए संचालित कर इन पर अंकुश लगाने का कार्य किया जा रहा है? अगर इन योजनाओं के संचालन के पश्‍चात भी अपराधों में कमी नहीं हो रही है तो आए दिन गंभीर से गंभीर अपराध कारित हो रहे हैं, इसके लिये किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जवाबदार मानकर कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्‍य में विभाग द्वारा अपराधों की रोकथाम बाबत् सार्थक प्रयास नहीं किये गये, आए दिन अपराध कारित हुए। कोरेक्‍स व मदिरा की पैकारी पुलिस विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में कराई जाती रही। शासन द्वारा अपराधों की रोकथाम बाबत् चलायी गई योजनाओं का क्रियान्‍वयन कर लागू करने में लापरवाही की गई। इन सब अनियमितताओं के लिये किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारी को जवाबदेह मानकर कार्यवाही बाबत् किस तरह के निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उत्‍पादन प्रशिक्षण केन्‍द्र की स्‍थापना

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

60. ( क्र. 3342 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक क्षेत्र पटना ककरी जिला सागर में खादी उद्योग तथा माटीकला उद्योग एवं प्रशिक्षण केन्‍द्र स्‍थापित किये जाने के लिये विभाग द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) खादी उद्योग तथा प्रशिक्षण केन्‍द्र स्‍थापित किये जाने के लिये विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन तथा फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध कराई जाये। (ग) क्‍या विभाग बजट में उपरोक्‍त खादी तथा माटीकला उद्योग हेतु वित्‍तीय प्रावधान किया गया है, तो पूर्ण विवरण दिया जाये। (घ) पटना ककरी औद्योगिक क्षेत्र में खादी उत्‍पादन केन्‍द्र तथा माटी कला उत्‍पादन प्रशिक्षण केन्‍द्र प्रारम्‍भ नहीं होने के क्‍या कारण हैं तथा इस विलम्‍ब के लिये कौन उत्‍तरदायी है? क्‍या विलम्‍ब के लिये दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र पटना ककरी जिला सागर में खादी उद्योग तथा माटीकला उद्योग एवं प्रशिक्षण केन्‍द्र स्‍थापित किये जाने के लिये विभाग द्वारा अभी तक की गयी कार्यवाहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा स्फूर्ति योजना के लिए प्रदेश हेतु चयनित टेक्निकल एजेंसी भारतीय वन प्रबंध संस्थान, भोपाल द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) एवं फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) बजट में वित्तीय प्रावधान हेतु नवीन बजट लाइन खोली जाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल राशि रु. 1000.00 लाख का प्रावधान किया गया है। योजना सम्बन्धी मदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) भूमि आवंटन प्रक्रिया, हितग्राहियों का सर्वे एवं डी.पी.आर. इत्यादि विस्तृत कार्यवाहियों में समय लगने के कारण प्रक्रियागत विलम्ब होने से उत्तरदायित्व का निर्धारण नहीं किया जा सकता है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बहुउत्पाद इकाइयों हेतु औद्योगिक क्षेत्र का विकास

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

61. ( क्र. 3343 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक क्षेत्र पटना ककरी जिला सागर में अभी तक कौन सी अधोसंरचना निर्मित हो चुकी है तथा कौन सी शेष है? पूर्ण परियोजना की पूर्ण लागत तथा व्‍यय के साथ जानकारी दी जाये। (ख) पटना ककरी औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्‍थापित करने हेतु अभी तक कितने आवेदन किस श्रेणी के प्राप्‍त हुये हैं तथा कौन-कौन से आवंटित हुये हैं? (ग) विभाग द्वारा पटना ककरी औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्‍थापित करने के लिये अभी तक क्‍या प्रयास किये गये हैं? पूर्ण विवरण दिया जाये। (घ) पटना ककरी औद्योगिक क्षेत्र को किसी विशिष्‍ट श्रेणी के उद्योग स्‍थापित करने के लिये क्‍लस्‍टर के रूप में विकसित करने की क्‍या योजना है तथा क्‍या इस संबंध में क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से चर्चा कर योजना प्रारम्‍भ करने की कार्यवाही की जावेगी?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र पटना ककरी जिला सागर में आर.सी.सी. रोड आर.सी.सी. ड्रेन ह्यूम पाइप कलवर्ट, ओव्‍हर हेड टैंक एवं सम्‍पवेल, चौकीदार क्‍वार्टर, गेट, कॉम्‍पलेक्‍स एवं बाउण्‍ड्रीवॉल का निर्माण हो चुका है। बाह्य विद्युतीकरण का कार्य 25 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, 75 प्रतिशत शेष है। औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु राशि रूपये 2284.77 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई है। अधोसंरचना विकास कार्यों पर वर्तमान में राशि रूपये 1502.84 लाख का व्‍यय हो चुका है। (ख) से (ग) पटना ककरी औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास कार्य पूर्ण होने के उपरांत मध्‍यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 के अनुसार उद्योग स्‍थापित करने के लिये भूखंड आवंटित किये जा सकेंगे, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। पटना ककरी में बहुउत्पाद इकाइयों हेतु औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त होने पर तद्नुसार योजना तैयार की जावेगी।

बालिका के गुमशुदगी/अपहरण की एफ.आई.आर. पर कार्यवाही

[गृह]

62. ( क्र. 3353 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक पुलिस थाना अम्बाह से कितनी बच्चियों के गुमशुदा/अपहरण की एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) दिनांक 18 मार्च 2018 को ग्राम रूअर की बेटी लक्ष्मी तोमर के गुमशुदा/अपहरण की एफ.आई.आर. दर्ज की गई। यदि हाँ, तो उस एफ.आई.आर. पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपरोक्त गुमशुदा/अपहरण बच्ची की एफ.आई.आर. पर कार्यवाही कराने हेतु कभी परिजन/ग्रामीणजनों ने कितनी बार थाना प्रभारी अम्बाह/एस.डी.ओ.पी अम्बाह और पुलिस अधीक्षक जिला मुरैना को ज्ञापन/पत्र दिये गये? यदि हाँ, तो उन ज्ञापन/पत्रों पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर      क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त प्रकरण पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2018 से दिनांक 26.06.2024 तक पुलिस थाना अम्बाह से कुल 65 बच्चियों के गुमशुदगी-अपहरण की एफ.आई.आर. दर्ज की गई। जिनमें से 60 प्रकरणों की गुमशुदा बच्चियों को दस्तयाब किया गया तथा 05 प्रकरणों में दस्तायाबी होना शेष है। जिनकी दस्तयाबी हेतु ठोस एवं सार्थक प्रयास किये जा रहे है। (ख) दिनांक 18/03/2018 को ग्राम रूअर की बेटी 06 वर्षीय बालिका के अपहरण की एफ.आई.आर. दिनांक 19/03/2018 को फरियादी भूपेन्द्र सिह तोमर ने रिपोर्ट किया कि मेरी 6 वर्षीय बच्ची जो अन्य बच्चों के साथ शाम 07 बजे के करीब घर वापस आ रही थी, दो अज्ञात बदमाश मोटर सायकिल से आये और मेरी बच्ची को जबरन मोटर सायकिल पर बीच में बैठाकर बरबाई तरफ नहर की पटरी होकर भाग गये की रिपोर्ट पर टी.आई. जितेन्द्र नगाइच थाना अम्बाह के द्वारा देहाती नालसी लेखबद्ध की गई, जिस पर थाना अम्बाहा में असल अपराध क्रमांक 134/2018 धारा 365 भादवि, 7/8 पॉक्सो एक्ट, 11/13 एम.पी.डी.पी.के. एक्ट का दो अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दौराने विवेचना घटना स्थल का निरीक्षण किया तथा फरियादी भूपेन्द्र सिंह तोमर व अन्य 31 साक्षीगणों के कथन एवं अपहृता व अज्ञात आरोपियों की तलाश पतारसी हेतु हर संभव प्रयास किये गये, कोई पता नहीं चला। पुलिस अधीक्षक महोदय मुरैना द्वारा अपहृता व अज्ञात आरोपियों की पतारसी हेतु 02 डी.एस.पी., 02 निरीक्षक, 08 उपनिरीक्षक, 03 ए.एस.आई., 13 आरक्षकों की टीम गठित की गई तथा अपहृता की पतारसी हेतु पम्पलेट छपवाकर बंटवाये गये एवं जगह-जगह चस्पा कराये गये। अपहृता के फोटो का दूरदर्शन पर प्रसारण एवं गजट प्रकाशन भी कराया गया है। प्रकरण में अपहृता एवं अज्ञात आरोपियों की पतारसी हेतु पुलिस अधीक्षक मुरैना के द्वारा 10 हजार रुपये तथा पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन द्वारा 30 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया है। अपहृता एवं अज्ञात आरोपियों की तलाश एवं पतारसी हेतु सायबर सेल के माध्यम से पतारसी हेतु मिलने वाले संभावित स्थानों पर दबिश एवं हर संभव प्रयास किये गये व किये जा रहे हैं परन्तु कोई पता नहीं चला है। पतारसी जारी है। यह कि फरियादी भूपेन्द्र सिंह तोमर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में डब्ल्यू.पी. (हैवियस कोर्पस) क्र. 2965/2019 भूपेन्द्र सिंह तोमर विरुद्ध म.प्र. शासन की याचिका दायर की गई है। उक्त याचिका माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष दिनांक 18/02/19 को नियत था। प्रकरण में याचिकाकर्ता की पुत्री को रिस्पों क्र. 05 के अवैध निरोध से मुक्त कराये जाने के संबंध में प्रस्तुत की गई है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पालन में प्रत्येक माह स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही है तथा प्रकरण की अपहृता एवं अज्ञात आरोपीगणों की पतारसी हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं तथा प्रकरण में विवेचना जारी है। प्रकरण में अपहृता की पतारसी एवं दस्तयाबी हेतु गठित टीम के द्वारा बारीकी से पतारसी की जा रही है। कोई महत्वपूर्ण सूचना नहीं मिली है। मुखबिर मामूर किये गये हैं। (ग) गुमशुदा/अपहृता बच्ची की एफ.आई.आर. पर कार्यवाही करने हेतु उसके परिजनों द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों/ज्ञापनों एवं बताये गये उक्त स्थानों पर बारीकी से अपहृता की पतारसी की गई है। अपहृता को दस्तयाब करने हेतु भरसक प्रयास किये गये हैं एवं निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। किसी भी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। (घ) प्रकरण में गुमशुदा/अपहृता बच्ची निवासी रूअर की दस्तयाबी हेतु थाना अम्बाह के अधिकारी एवं कर्मचारियों एवं सायबर सेल के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा भरसक प्रयास किये जा रहे हैं।

राज्य पुलिस अधिकारियों की भारतीय पुलिस सेना में पदोन्नति

[गृह]

63. ( क्र. 3358 ) श्री विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की पदोन्नति बीते 28-28 वर्षों में भी भारतीय पुलिस सेवा में क्यों नहीं हो पा रही है? (ख) राज्य प्रशासनिक सेवा के अपने ही जूनियर अधिकारियों के अधीन राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी कार्य करने को मजबूर हैं, क्यों? (ग) क्या अन्य राज्यों असम, पंजाब, उड़ीसा और जम्मू कश्मीर की तरह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को बिना आई.पी.एस. मिले ही जिलों में पुलिस अधीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक अथवा बटालियन में कमांडेंट बनाने का कोई विचार राज्य शासन करेगा? (घ) राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को पूरे सेवा काल में बिना कोई पदोन्नति पाये सेवानिवृत्त हो रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अधिकारियों को राहत मिल सके? राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को तत्काल पदोन्नति करने की क्या कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति द्वारा नियुक्ति रिक्तियों के आधार पर की जाती है। अतः पद रिक्त होने की स्थिति में ही पदोन्नति होती है। (ख) राज्य प्रशासनिक सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों का संवर्ग पृथक-पृथक है तथा इन दोनों संवर्गों की वरिष्ठता सूचियां पृथक-पृथक प्रकाशित होती हैं। अतः यह कहना सही नहीं है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अपने ही जूनियर अधिकारियों के अधीन राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी कार्य करने का मजबूर हैं। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई विचार या योजना नहीं है।                    (घ) राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के अधिकारियों को पाँच स्तरीय वेतनमान स्वीकृत है तथा इन अधिकारियों को क्रमोन्नति वेतनमान राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के भरती नियम अनुसार निर्धारित समयावधि एवं पदों की रिक्तता के आधार पर दिया जाता है।

उद्योग हेतु भूमि का आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

64. ( क्र. 3359 ) श्री सचिन बिरला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उद्योग विभाग की कितनी जमीनें हैं और कहाँ-कहाँ हैं? उद्योग हेतु जो जमीनें आवंटित की गई, उन्होंने वहाँ उद्योग स्थापित किए है या नहीं? यदि उद्योग स्थापित किया है तो कितने प्रतिशत जमीन पर नियमानुसार निर्माण किया जाना था और उक्त निर्माण कितनी जमीन पर हुआ है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा जो जमीनें आवंटित की गई हैं, वह जमीनें उद्योगों के उपयोगानुसार कम/ज्यादा आवंटित की गई हैं या सभी को समान रूप से आवंटित की गई हैं? उद्योग के प्रयोजन के अनुसार जितनी जमीनें दी जाना चाहिए उससे ज्यादा तो आवंटित नहीं हुई है और यदि आवंटित हुई है तो वापस लेने के लिए क्या प्रावधान किया है?                         (ग) क्या कई उद्योगों को पूर्व में जमीन आवंटित की गई थी और उस समय वहां उद्योग लगे थे लेकिन वर्तमान में उनमें से अधिकांश उद्योग बंद हो गए हैं। ऐसे बंद पड़े उद्योगों पर जमीन वापसी की क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है तो क्यों? (घ) क्या कुछ लोगों द्वारा उद्योग विभाग की जमीन आवंटित करवाकर किराये पर दे दी गई है? क्या आवंटित भूमि किसी अन्य को किराये पर देने का नियमों में प्रावधान है? नियम बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के आधिपत्‍य की ग्राम-खोड़ी, तहसील-बड़वाह, जिला-खरगोन में 2.205 हेक्टेयर भूमि हैं। उक्‍त विभागीय भूमि को मेसर्स एसोसिएटेड एल्‍कोहल एण्‍ड ब्रुअरीज लि. को वृहद उद्योग की इकाई स्‍थापना हेतु आवंटित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार 1. ग्राम सिरलाय तहसील बड़वाह औद्योगिक क्षेत्र में 47.768 हेक्टयर जमीन है। 2. ग्राम नवघाटखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र नर्मदा रोड तहसील बडवाह में 23.394 हेक्टयर जमीन है। 3. फूड क्लस्टर सनावद में 9 हेक्टयर जमीन है। 4. अवंतिसूत मिल वर्कर्स सोसाइटी सनावद के पास 12.382 हेक्टयर भूमि आवंटित है पर उद्योग स्‍थापित किये गये थे। तत्‍कालीन प्रचलित नियमों की जानकारी तथा निर्माण कितनी भूमि पर हुआ है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार यह भूमि आवंटन तत्कालीन औद्योगिक भूमि एवं भवन आवंटन अधिनियम 1974, 1999 एवं 2008 के अनुसार किए गए थे। इकाई द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट रिपोर्ट, आवश्‍यकता एवं निर्माण के आधार पर भूमि आवंटन की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा एम.एस.एम.ई. एवं वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन हेतु मध्‍यप्रदेश राज्‍य भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) लागू किये गये है। उक्‍त नियम में उल्‍लेखित प्रावधान अनुसार निर्धारित समयावधि में उद्योग स्‍थापित नहीं किये जाने की दशा में भूखण्‍ड निरस्‍तीकरण की कार्यवाही की जाती है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार एम.एस.एम.ई. औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 के तहत औद्योगिक क्षेत्र सिरलाय बड़वाह एवं औद्योगिक क्षेत्र नर्मदा रोड बड़वाह में 36 औद्योगिक इकाइयों के बंद होने से औद्योगिक इकाइयों पर निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आवंटित औद्योगिक भूमि किसी अन्य को किराये पर देने का नियमों में प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

फूड क्‍लस्‍टर का निर्माण

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

65. ( क्र. 3360 ) श्री सचिन बिरला : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले के सनावद तहसील के अंतर्गत फूड क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए चयनित भूमि एवं आवंटित राशि की जानकारी देवें।        (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में उक्त कार्य हेतु निर्माण की कार्ययोजना क्या है? कार्य एजेंसी द्वारा कितना कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं कितना शेष है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में फूड क्लस्टर के भूखंड अथवा निर्मित परिसर आवंटन की प्रक्रिया क्या रहेगी एवं आवंटन की प्रक्रिया कब से प्रारंभ होगी? विस्तृत कार्ययोजना बताई जावे। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के सन्दर्भ में उद्यमियों द्वारा एम.एस.एम.ई. योजना एवं अन्य योजना का लाभ किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है? प्रक्रिया बताई जावे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये स्थानीय उद्यमियों के आरक्षण का क्या प्रावधान है?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) खरगोन जिले में कृषि आधारित उ‌द्योगों की संभावना के दृष्टिगत जिले की सनावद तहसील में 6.779 हेक्टेयर भूमि पर भारत सरकार की एम.एस.ई - सी.डी.पी. योजनांतर्गत एग्रोबेस्ड क्लस्टर हेतु औ‌द्योगिक क्षेत्र का निर्माण किया जा रहा है। उक्त हेतु वर्तमान में आवंटित राशि रूपये 884.14 लाख है। (ख) एग्रोबेस्ड क्लस्टर सनावद में अधोसंरचना विकास कार्य सी.सी. रोड, पुलिया, सतही नाली, ई.टी.पी. प्लांट, ओवर-हैड टैंक, सम्पवेल, नलकूप खनन मय सबमर्सिबल पम्प कार्य, बाह्य विद्युतीकरण, प्रशासनिक भवन एवं बैंक, पोस्ट ऑफिस, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, भवन कैंटीन, डॉक्यूमेंटेशन सेंटर, मटेरियल स्टोरेज कन्वीनियंस शॉप आदि कार्य है। अधोसंरचना विकास कार्य लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण एवं 05 प्रतिशत शेष है। बाह्य विद्युतीकरण विकास कार्य लगभग 20 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है एवं 80 प्रतिशत कार्य शेष है। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन एग्रोबेस्ड क्लस्टर औ‌द्योगिक क्षेत्र में भू-आवंटन तत्समय प्रचलित भू-आवंटन नियमों के अंतर्गत किया जावेगा। अधोसंरचना विकास का कार्य पूर्ण होने के उपरांत ही भूखंड आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी। (घ) विभाग की वर्तमान में प्रभावशील मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021 एवं अन्य प्रचलित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं।

क्रेशर मशीन संचालकों द्वारा अवैध खनन

[खनिज साधन]

66. ( क्र. 3379 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 1. बाबा क्रेशर स्‍टोन रोजा 2. उत्‍तम क्रेशर स्‍टोन कुर्दीपुरा 3. भाग्‍य श्री लक्ष्‍मी क्रेशर स्‍टोन सुसारी 4. शिव साँई स्‍टोन क्रेशर लोहारी के संचालकों द्वारा के अवैध खनन एवं परिवहन कर क्रेशर स्‍टोन संचालित किया जा रहा है? (ख) इन क्रेशर संचालकों के द्वारा बगैर डी.जी.एम.एस. की अनुमति के 6 मीटर गहराई तक खुदाई की जा रही है। संचालकों द्वारा क्रेशर मशीन के आस-पास पिलर व फेंसिंग की गई है। हाँ या नहीं? नहीं तो क्‍या यह नियम विरूद्ध नहीं है? क्‍या कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्‍या क्रेशर मशीन संचालकों द्वारा पर्यावरण विभाग के नियम एवं शर्तों पर कार्य किया जा रहा है? साथ ही इन संचालकों द्वारा डी.जी.एम.एस. सर्वे करवाया गया है? किन-किन नियम व शर्तों पर कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इन पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की जा रही है और यदि हाँ, तो क्‍या इनका भौतिक सत्‍यापन करवाया जाएगा? (घ) क्‍या क्रेशर मशीन संचालकों द्वारा पर्यावरण विभाग के नियम विरूद्ध खनन कार्य एवं परिवहन कार्य किया जा रहा है, जिसमें एक गाड़ी की रॉयल्‍टी पर दिनभर अन्‍य गाड़ियां एक ही रॉयल्‍टी पर चलाई जा रही है? साथ ही अवैध खनन एवं ब्‍लास्टिंग की जा रही है जिसकी शिकायत मुझे बार-बार प्राप्‍त हो रही है। क्‍या शासन स्‍तर पर इसकी जांच करवाते हुए संबंधित अधिकारियों एवं क्रेशर मशीन संचालकों पर कार्यवाही की जाएगी? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नांश अनुसार उल्‍लेखित फर्मों द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन कर क्रेशर स्‍टोन संचालित किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया।         (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खदानों की गहराई के संबंध में नियमों में अधिकतम गहराई का उल्‍लेख नहीं है, लेकिन मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30(24) के तहत 6 मीटर से अधिक गहराई होने पर पट्टेदार, तुरन्‍त महानिदेशक, खान सुरक्षा आदि को प्ररूप-तेरह में लिखित सूचना देने के प्रावधान हैं। जी हाँ, क्रेशर मशीन के आस-पास पिलर व फेंसिंग की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। क्रेशर मशीन संचालकों द्वारा पर्यावरण विभाग के नियम एवं शर्तों तथा मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों के प्रावधानों के तहत खदान क्षेत्र पर खनन कार्य किया जा रहा है तथा प्रत्‍येक पट्टेदार द्वारा उनकी खदानों का डी.जी.पी.एस. सर्वे कराया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश अनुसार एक गाड़ी की रॉयल्‍टी पर दिन भर अन्‍य गाड़ियां (एक ही रॉयल्‍टी) चलाई जा रही है, ऐसा प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। खदान संचालकों द्वारा वैध ब्‍लास्‍टर से ही ब्‍लास्टिंग का कार्य स्‍वीकृत खदान क्षेत्र के अंदर किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शराब की अवैध बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

67. ( क्र. 3387 ) श्री राजकुमार मेव : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पवित्र नगरियों की सीमा में शराब की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) पवित्र नगरी महेश्वर एवं मण्डलेश्वर में अवैध रूप से शराब का विक्रय हो रहा है, जिस पर प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रबुद्धजन एवं महिलाओं के द्वारा लगातार विरोध कर शिकायतें की गई है। उन पर विभाग द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या अवैध रूप से शराब बिक्री की खबर समाचार पत्रों में छापने के कारण शराब माफियाओं द्वारा पत्रकारों को धमकाया, डराया और मारा जा रहा है, जिसकी रिर्पोट भी दर्ज कराने के बावजूद भी अवैध शराब बिक्री करने वालों पर कोई कार्यवाही की गई है? (घ) पवित्र नगरी महेश्वर एवं मण्डलेश्वर में अवैध शराब ब्रिकी कब तक बंद कराते हुये दोषियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ, नगरियों की निर्धारित पवित्र क्षेत्र सीमा में शराब की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। जिला खरगोन में महेश्वर एवं मण्‍डलेश्‍वर पवित्र नगरी घोषित है। जहाँ उक्‍त नियम का पालन एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ख) पवित्र नगरी महेश्वर एवं मण्डलेश्वर में शासन की नीतियों के पालन में दिनांक 01.04.2017 से नर्मदा नदी की सीमा से 05 कि.मी. की परिधि में मदिरा दुकानों को बंद/विस्थापित कर दिया गया है। विभाग द्वारा प्रबुद्धजन, महिलाओं, समाचार पत्र की खबरों एवं मुखबिरतंत्र (अन्य माध्यमों) से अवैध शराब विक्रय संबंधी शिकायतें प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की सुसंगत धाराओं के तहत विधि अनुरूप दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक कुल 448 आपराधिक प्रकरण कायम किये है। (ग) अवैध रूप से शराब बिक्री की खबर समाचार पत्रों में छापने के कारण शराब माफियाओं द्वारा पत्रकारों को धमकाया, डराया और मारा जा रहा है, के संबंध में कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के अनुरूप पवित्र नगरी महेश्वर एवं मण्डलेश्वर में अवैध शराब विक्रय पर विभाग द्वारा सतत् दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

रेत का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

68. ( क्र. 3388 ) श्री राजकुमार मेव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विधानसभा क्षेत्र महेश्‍वर क्षेत्रांतर्गत शासन द्वारा रेत के उत्‍खनन हेतु कहाँ-कहाँ, कितने-कितने क्षेत्रफल व रकबे की खदानें आवंटित की गई हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या विधानसभा क्षेत्र महेश्‍वर में शासन द्वारा आवंटित क्षेत्रफल एवं रकबे के अतिरिक्‍त अन्‍य स्‍थानों से अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अब तक उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में वर्ष 2022-23 तक अब तक कितने अवैध उत्‍खनन करने वालों के विरूद्ध कितने प्रकरण दर्ज कर कितने वाहन, मशीनरी जब्‍त की गई एवं दण्‍ड स्‍वरूप कितनी राजस्‍व की वसूली की गई?                (घ) विधानसभा महेश्‍वर क्षेत्रांतर्गत अवैध रेत के उत्‍खनन पर कब तक पूर्णत: रोक लगाई जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है।         (ख) अन्‍य स्‍थानों से अवैध उत्‍खनन पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जिले में अवैध उत्‍खनन/परिवहन/भंडारण की रोकथाम हेतु जिला स्‍तरीय टास्‍क फोर्स गठित है, जिसमें राजस्‍व, वन, पुलिस, खनिज विभाग तथा संभाग स्‍तर पर गठित उड़नदस्‍ता द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है।

परिशिष्ट - "आठ"

जी.एस.टी. की धारा 107 (6) के अंतर्गत धारा 10(7) का उल्‍लंघन

[वाणिज्यिक कर]

69. ( क्र. 3395 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर वृत्‍त इटारसी के कितने व्‍यापारियों/फर्मों द्वारा जनवरी 2023 से जून 2024 तक न्‍याय न मिलने के कारण प्रकरण अन्‍य अधिकारी को स्‍थानांतरित करने हेतु उपायुक्‍त/आयुक्‍त को आवेदन प्राप्‍त हुए? प्रत्‍येक आवेदनों के संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्‍या जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 107 (6) के अंतर्गत मांग का 10 प्रतिशत टैक्‍स जमा करने के बाद धारा 10(7) में अपील करने पर स्‍वत: स्‍थगन माना जाता है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। धारा 107 में आवेदन करने वाले किन-किन व्‍यापारियों/फर्मों के खाते से वसूली हेतु अटैच किए गए एवं इनसे वसूली की गयी? यदि हाँ, तो किन व्‍यापारियों से कितनी राशि की? (ग) क्‍या उक्‍त वसूली नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो इसका उत्‍तरदायी कौन है? क्‍या इनके खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर वृत्त इटारसी से संबंधित कुल 07 आवेदन जनवरी 2023 से जून 2024 तक न्याय न मिलने के कारण प्रकरण अन्य अधिकारी को हस्तांतरित करने हेतु उपायुक्त/आयुक्त को प्राप्‍त हुए। इन आवेदनों में 30 व्यवसायियों के 31 प्रकरण हस्तांतरित किये जाने हेतु आवेदन किया गया। आवेदन में उल्लेखित व्यवसायियों से संबंधित प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।             (ख) जी.एस.टी अधिनियम की धारा 107 (6) के अनुसार अपीलकर्ता द्वारा स्‍वीकार किये गये कर, ब्‍याज, फाइन, शुल्‍क तथा शास्ति की राशि एवं आदेश में सृजित विवादित कर का 10 प्रतिशत, (अधिकतम 25 करोड़ तक) जमा करने पर धारा 107(7) के तहत दिये गये प्रावधान के अंतर्गत शेष अतिरिक्‍त मांग का स्‍वत: स्‍थगन माना जाता है। धारा 107 में अपील प्रस्तुत करने वाले व्‍यापारियों/फर्मों के बैंक खाते अटैच करने संबंधी प्रकरणों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 107(7) के अधीन स्‍थगन उपरांत वसूली की कार्यवाही नियमानुसार नहीं है। अपील प्रस्‍तुत करने के उपरांत बैंक खाते अटैच करने संबधी प्रकरणों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उप-पंजीयक कार्यालय में व्‍याप्‍त अनियमितता

[वाणिज्यिक कर]

70. ( क्र. 3409 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ में पदस्थ उप-पंजीयक द्वारा नियम विरूद्ध कार्य किये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो मुख्तारनामा पंजीकरण संख्या एम.पी. 421162022 ए.41274502, दिनांक 21.12.2022 श्रीमती कमला शर्मा ने बृजेन्द्र पस्तौर को मुख्‍त्‍यार आम घोषित किया, जिनके आपस में कोई रक्त संबंध नहीं है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मुख्‍त्‍यार ने मुख्त्यारकर्ता की संपत्ति पंजीकरण क्रमांक एम.पी. 421162022 ए.11296422 दिनांक 27.12.2022 विक्रय पत्र जिसमें मुख्त्यारकर्ता की फोटो तक नहीं लगाई और विक्रय पत्र संपादित कर दिया? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मुख्‍त्‍यार ने एक और विक्रय पत्र एम.पी. 421762022 ए.11296441 दिनांक 27.12.2022 संपादित कर दिया और करोड़ों रूपये मूल्य की भूमि, भूमि स्वामी बिना अनुमति के विक्रय कर दी? (घ) कब तक प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित अनियमितताओं की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। मुख्तारनामा पंजीकरण संख्या एम.पी. 421162022 ए.41274502 दिनांक 21.12.2022 अनुसार श्रीमती कमला शर्मा ने बृजेन्द्र पस्तौर को मुख्त्यार आम घोषित किया जिनके आपस में कोई रक्त संबंध नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मुख्त्यार ने मुख्त्यारकर्ता की संपत्ति पंजीकरण क्रमांक एम.पी. 42116202200 ए.11296422 दिनांक 27.12.2022 विक्रय पत्र संपादित किया गया है। नियमानुसार निष्‍पादक की फोटो लेने का प्रावधान है। इस प्रकरण में मुख्त्यार द्वारा निष्‍पादक की हैसियत से उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मुख्तारनामा के आधार पर रजिस्‍ट्री की गई है, अत: नियमानुसार मुख्‍त्‍यार की फोटो ली गई है। नियमों में मुख्‍त्‍यारकर्ता की फोटो लगाने का प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मुख्त्यार ने प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित मुख्तारनामा से प्राप्त, भूमि विक्रय करने के अधिकार के तहत नियमानुसार एक और विकय पत्र एम.पी. 421762022 ए.11296441 दिनांक 27.12.2022 संपादित किया है। (घ) उत्तरांश (क) (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

मुआवजा वितरण में अनियमितता

[गृह]

71. ( क्र. 3448 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले की उर नहर परियोजना के मुआवजा वितरण में किसानों के साथ धोखाधड़ी और फर्जी खातों में मुआवजे की राशि डालकर हड़पने के कई मामले जिला और पुलिस प्रशासन के संज्ञान में लाये गये है? क्‍या पीड़ित किसानों द्वारा दिनांक 7/06/2024 को पिछोर में आंदोलन कर इस संबंध में एस.डी.एम. पिछोर को ज्ञापन सौंपकर करोड़ों रूपये की जालसाजी, फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्यवाही की मांग की गई थी? इन मामलों में अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या गब्‍बर सिंह लोधी व घनश्‍याम केवट निवासी झालौनी एवं सेकरा ने थाना बामौरकलां एवं पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को 14/06/2024 को नामजद आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज किये जाने का निवेदन किया था? क्‍या धोखाधड़ी के इस मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि नहीं, तो पुलिस प्रशासन इतने गंभीर मामलों में नियमानुसार कार्यवाही क्‍यों नहीं कर पा रहा है? कब तक प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के मामले में वा‍स्‍‍तविक दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : क) जी हाँ। दिनांक 07.06.2024 को राघवेन्द्र सिंह एवं अन्य 400 किसानों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन भोपाल को सबोधित ज्ञापन एस.डी.एम. पिछोर को सौंपा गया है। योजना के भूमि अधिग्रहण व मुआवजा वितरण में जो अनियमितता सामने आई है उनमें समुचित कार्यवाही प्रचलित है। भू-अर्जन राशि में अनियमितता बरतने के कारण तत्कालीन भू-अर्जन शाखा के लिपिक सियाराम भगत सहायक ग्रेड-2, दीपक खटीक सहायक ग्रेड-3 को निलंबित किया गया है। श्री राकेश कुमार ढोढी आहरण संवितरण अधिकारी श्री दीपक खटीक सहायक ग्रेड-3 एवं 31 आरोपी जिनके खाते में गबन की राशि भुगतान की गई है, के विरूद्ध अपराध कमांक 375/24 धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी एवं इजाफा धारा 13ए भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत थाना कोतवाली शिवपुरी में प्रकरण दर्ज कराया गया है। (ख) जी हाँ। गब्बर सिंह लोधी निवासी झालोनी व घनश्याम केवट निवासी सेंकरा थाना बामौरकला द्वारा पुलिस अधीक्षक, जिला शिवपुरी व थाना प्रभारी बामौरकला को दिनांक 14.06.2024 को प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्रों का घटना से संबधित पूर्व से ही थाना कोतवाली जिला शिवपुरी में अपराध कमांक 375/2024 धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि इजाफा धारा 13 (1) (ए) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में होने से आवेदन पत्रों को शामिल किया गया। आरोपियान राकेश कुमार दोडी, दीपक खटीक, रूप सिंह परिहार, रसना परिहार, राजपाल, गोमती सुखवती के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। कलेक्टर जिला शिवपुरी द्वारा गठित की गई समिति की रिपोर्ट पर से दिनांक 27.06.2024 को जाँच प्रतिवेदन में गबन की कुल राशि 5 करोड़, 10 लाख 69 हजार, 616/- रूपये लेख की जाकर कुल 31 व्यक्तियों के खातों में गबन की राशि जमा होना लेख किया गया। कुल आरोपी 31 प्रकरण में शामिल कर विवेचना की जा रही है। प्रकरण का मुख्य आरोपी रूप सिंह परिहार थाना कोतवाली के अपराध कमांक 374/2024 धारा 436, 34 भादवि में दिनांक 25.05.2024 से न्यायिक अभिरक्षा में है। आवेदक गब्बर सिंह लोधी निवासी झालोन के पंजाब नेशनल बैंक गूडर खनियाधाना के खाते में शासन मुआवजा राशि रूपये 25, 58, 991/- व घनश्याम केवट निवासी सेंकरा के पजाब नेशनल बैंक गूडर खनियाधाना खाते में कुल राशि रूपये 10, 55, 689/- कपटपूर्वक भुगतान होकर जमा होना कलेक्टर, जिला शिवपुरी द्वारा गठित जांच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन में लेख किया गया है जो विवेचना के दौरान संबधितों के बैंक स्टेटमेन्ट की प्रमाणित प्रतियों में भी उक्त मुआवजा राशि अनधिकृत रूप से जमा होना व संबंधितों द्वारा आहरित की जाना पाया जा रहा है। उक्त शिकायतकर्ता प्रकरण के आरोपीगण है, जिनकी तलाश की जा रही है। प्रकरण विवेचनाधीन है आवेदन तथ्यों पर विवेचना में आए साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।

सक्षम अधिकारी द्वारा पद एवं शक्ति का दुरूपयोग

[सामान्य प्रशासन]

72. ( क्र. 3450 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन, प्रशासन या सक्षम अधिकारी के द्वारा पद एवं शक्ति का दुरूपयोग, अधि‍कारिता विहीन आदेश जारी या भ्रष्‍टाचार करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करता है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन के नियम अनुसार शिकायत पर जांच के उपरांत जिला जबलपुर में वर्ष 2006 से 2011 तक पदस्‍थ रहे अपर कलेक्‍टरों पर सामान्‍य प्रशासन विभाग की अनुमति, अनुमोदन या आदेश के उपरांत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था? (ग) क्‍या कार्यालय कलेक्‍ट्रेट एकल खिड़की जिला छतरपुर में दर्ज शिकायत क्रमांक 4692 दिनांक 27/10/2023 में उल्‍लेखित समस्‍त बिंदुओं पर जांच की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताएं। (घ) क्‍या उक्‍त शिकायत में शिकायतकर्ता द्वारा लेख किया था कि तामील नोटिस में स्‍वयं हस्‍ताक्षर नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या फर्जी हस्‍ताक्षर करना आपराधिक श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त हस्‍ताक्षरों की राईटिंग एक्‍सपर्ट से जांच कराई जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ड.) क्‍या उक्‍त शिकायत के संबंध में कार्यालय कलेक्‍ट्रेट खाद्य जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक 887 दिनांक 24/11/2023 को अपर कलेक्‍टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को शिकायत में उल्‍लेखित बिंदुओं के संबंध में प्रतिवेदन तीन दिवस के अंदर भिजवाए, लेख किया था? क्‍या उक्‍त पत्र पर दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी को बचाने के कारण कार्रवाई नहीं की गई या विलंब किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2006 से 2011 तक पदस्‍थ रहे अपर कलेक्‍टरों में से 04 अपर कलेक्‍टरों के विरूद्ध लोकायुक्‍त संगठन जबलपुर संभाग, जबलपुर में       अप. क्रमांक 55/2023 दर्ज किया गया था। लोकायुक्‍त संगठन में प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज करते समय शासन स्‍तर से कोई अनुमति नहीं ली गई। (ग) शिकायत में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) छतरपुर से कराई गई। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।       (घ) जी हाँ। माल जमादार द्वारा नोटिस पर दी गई तामीली रिपोर्ट एवं जांच में दिये गये कथन अनुसार नोटिस तामील करना पाया गया। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

73. ( क्र. 3475 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु शासन द्वारा कौन सी योजनायें संचालित हैं? बतावें। (ख) क्या पन्ना जिला अंतर्गत बहुतायत में उच्च गुणवत्ता वाले मौसमी फल जैसे आंवला आदि को कुटीर एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा देने हेतु कोई योजना संचालित है? यदि हाँ तो बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है(ख) प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले मौसमी फल जैसे आंवला आदि को कुटीर एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना संचालित है। योजना नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है

केन्द्रीय जिला जेल को विस्‍थापित करने की योजना

[जेल]

74. ( क्र. 3485 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय जिला जेल, सागर को विस्थापित किये जाने की योजना के लिए शासन स्तर से कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) केन्द्रीय जेल सागर को जिस पंचायत में विस्थापित किया जाना है, उस पंचायत/ग्राम के निस्तार एवं अन्य शासकीय भवनों तथा भविष्य की अन्य योजनाओं के लिए भूमि उपलब्धता का ध्यान रखा गया है अथवा नहीं? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में ग्राम पंचायत/गांव में निस्तार हेतु नवीन शासकीय भवनों हेतु/भविष्य की अन्य योजनाओं हेतु ग्राम पंचायत का रकबा शेष रह गया है? जानकारी देवें तथा विभाग द्वारा उक्त ग्राम पंचायत में विस्थापित योजना के तहत पंचायत में विकास कार्य/अन्य कार्य/प्रयोजन को सम्मिलित किया गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा नई जेल निर्माण के विस्‍तृत प्राक्‍कलन साधिकार समिति के समक्ष प्रस्‍तुत किए जा चुके हैं। (ग) जी हाँ। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, राजस्‍व विभाग के अनुसार ग्राम पंचायत/गांव में निस्‍तार हेतु नवीन शासकीय भवनों हेतु/भविष्‍य की अन्‍य योजनाओं हेतु ग्राम चितोरा में ग्राम का चरोखर का क्षेत्रफल लगभग 135.98 हेक्टेयर शेष है। इस योजना से संबंधित नहीं है।

वृद्धजनों को वायुयान सेवा का लाभ

[विमानन]

75. ( क्र. 3486 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा वायुयान सेवा से वृद्धजनों के लिए पर्यटन/धार्मिक/तीर्थयात्रा की कोई योजना/अनुबंध विभाग द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित वायुयान सेवा से किन-किन जिलों से यात्रा संचालित की गई है? जानकारी देवें तथा        किन-किन जिलों से कितने तीर्थ यात्रियों को वायुयान सेवा का लाभ मिला? जानकारी देवें। (ग) क्या सागर जिला अंतर्गत वायुयान सेवा से वृद्धजनों के लिए पर्यटन/धार्मिक/तीर्थयात्रा की कोई योजना/अनुबंध विभाग द्वारा किया गया है? जानकारी देवें तथा ढाना हवाई पट्टी/अड्डा से कोई अनुबंध विभाग द्वारा किया गया है अथवा प्रस्तावित है? जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कोई योजना/अनुबंध से हवाई पट्टी/अड्डा ढाना से यात्रा से संबंधित कोई घोषणा-पत्र विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो कब से लंबित है तथा उसका क्रियान्‍वयन कब होगा? जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बैराज/स्टाप डेम की जानकारी

[नर्मदा घाटी विकास]

76. ( क्र. 3508 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) हरदा जिला अंतर्गत ग्राम भमौरी तहसील हंडिया में नर्मदा नदी पर बैराज/स्टाप डेम बनाया जा रहा है। उक्त डेम के निर्माण उपरांत किस-किस जिले को कितना-कितना लाभ मिलेगा? सम्पूर्ण कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त बैराज/स्टाप डेम निर्माण से कौन-कौन सा क्षेत्र डूब में आ रहा है एवं डूब प्रभावित लोगों के लिए क्या व्यवस्था की जावेगी? (ग) उक्त कार्य के लिए कुल कितना बजट स्वीकृत किया गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। जिन कृषकों की 250.38 हेक्‍टेयर निजी कृषि भूमि डूब से प्रभावित हो रही है, उन्‍हें भूमि-अर्जन पुनर्वास और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अंतर्गत कलेक्‍टर गाइड-लाइन के अनुसार मुआवजे का प्रावधान किया गया है। (ग) राशि रू. 326.00 करोड़।

सामाजिक कल्याण संबंधी कार्य

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

77. ( क्र. 3528 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्य (CSR) के अंतर्गत छतरपुर जिले में सामाजिक कल्याण संबंधी कितने कार्य किन-किन के द्वारा कितनी राशि के कहाँ-कहाँ किये गए? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या सरकार ने CSR के उपयोग के सम्बनध में कोई मानदंड निर्धारित किया है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या छतरपुर जिले में CSR के अंतर्गत किए गये कार्यकलापों की कोई संपरीक्षा रिपोर्ट प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्रदाय करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छतरपुर जिले में कोई भी औद्योगिक इकाई कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्य (CSR) की परिधि में नहीं आती है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (ख) कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार प्रत्‍येक कंपनी जिसकी नेटवर्थ पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक है, या टर्न-ओवर एक हजार करोड़ रूपये या उससे अधिक है, या शुद्ध लाभ पांच करोड़ या उससे अधिक है, ऐसी कंपनियों का बोर्ड यह सुनिश्‍चित करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के द्वारा किए गए औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत सी.एस.आर. के अन्‍तर्गत खर्च करेंगे। कंपनियों की सी.एस.आर. पॉलिसी को तैयार करने का कार्य सी.एस.आर. कमेटी अथवा स्‍वीकृत करने के अधिकार कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स को प्रदान किया गया है। मध्‍यप्रदेश शासन, वाणिज्‍य उद्योग एवं रोजगार विभाग (वर्तमान नाम, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग) के आदेश क्रमांक एफ20-8/2013/बी-ग्‍यारह भोपाल, दिनांक 13/10/2017 द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में गठित जिला स्‍तरीय कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व समिति द्वारा जिले में कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व का क्रियान्‍वयन किया जाता है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लोक सेवाओं के गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित सेवायें

[लोक सेवा प्रबन्धन]

78. ( क्र. 3537 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम-2010 लागू किए जाने के समय से किन-किन विभागों की कौन-कौन सी सेवायें कब-कब अधिसूचित की गयी? वर्तमान में किन-किन विभागों की कौन-कौन सी सेवायें अधिनियम के तहत अधिसूचित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) सेवाओं के प्रदाय की समीक्षा किस प्रकार किए जाने के क्या नियम वर्तमान में प्रचलित हैं? विगत एक वर्ष में कटनी जिले में सेवाओं के प्रदाय की समीक्षा किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब की गई? कितने आवेदनों से स्वप्रेरणा से अपील के तौर पर कब-कब ग्रहण कर क्या कार्यवाही की गयी?          (ग) प्रश्‍नांश (क) अधिनियम के लागू किए जाने के समय सेवाओं के आवेदनों को किस प्रकार और कहाँ-कहाँ जमा किए जाने का क्या नियम था और क्या आवेदनों को पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में नि:शुल्क सीधे जमा करने और लोक सेवा केन्द्रों में स:शुल्क जमा किए जाने की सुविधा उपलब्ध थी? यदि हाँ, तो क्या यह सुविधा वर्तमान में भी है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्यों और पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा किया जाना बंद करने का कारण और औचित्य बताइये। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार क्या गरीब कल्याण एवं पेंशन जैसी योजनाओं के आवेदन भी सशुल्क लोक सेवा केंद्र में जमा किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्यों जबकि इन योजनाओं के हितग्राही आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं होते? क्या इस नियम को पूर्ववत किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत अधिसूचित की सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अधिसूचित सेवाओं के प्रदाय किये जाने संबंधी नियम प्रावधानित (प्रचलित) है। विगत 01 वर्ष में जिले में सेवाओं के प्रदाय की समीक्षा हेतु अधिनियम में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों का समय-सीमा में निराकरण हेतु पदाभिहीत अधिकारियों/ अपीलीय अधिकारियों के स्तर पर निराकरण की सतत समीक्षा www.mpedistrict.gov.in पर परिलक्षित रिपोर्ट के आधार पर की जाती है एवं प्रत्येक टी.एल. मीटिंग, विभागीय समीक्षा बैठकों तथा पत्र एवं अर्द्धशासकीय पत्रों के माध्यम से समीक्षा की जाती है। स्वप्रेरणा से अपील में 122 आवेदनों को ग्रहण कर, लोक सेवा गारंटी अधिनियम-2010 के अनुसार पदाभिहीत अधिकारी पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किये जाने के बाद तथा अधिनियम अंतर्गत चिन्हित सेवाओं के ऑनलाइन किये जाने के पश्चात नागरिक लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से प्रोसेस शुल्क के साथ ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) नागरिक गरीब कल्याण एवं पेंशन जैसी योजनाओं के आवेदन प्रोसेस शुल्क के साथ लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से जमा कर सकते हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिवपुरी जिले में उद्योगों की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

79. ( क्र. 3553 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) क्या शिवपुरी जिले में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं है? कोई बड़ा उद्योग स्थापित करने की योजना शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कौन-सा उद्योग कहाँ पर कब तक स्थापित किया जाएगा? (ख) क्या शिवपुरी जिले में कोई बड़ा उद्योग नहीं होने के कारण शिवपुरी जिले के मजदूर/बेरोजगार प्रदेश से बाहर रोजगार की तलाश में पलायन कर गये हैं? क्या शासन इस समस्या के समाधान हेतु कोई ठोस एवं प्रभावी व्यवस्था करेगा? यदि हाँ तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शिवपुरी जिले में बहुत अधिक मात्रा में टमाटर, मूंगफली, कद्दू का उत्पादन होता है तथा उत्तम क्‍वालिटी का सैंडस्टोन पाया जाता है जिसे कई देशों को निर्यात किया जाता है। क्या शासन ने शिवपुरी में टमाटर, मूंगफली, कद्दू एवं सैंडस्टोन से संबंधित कोई बड़े उद्योग स्थापित किये जाने हेतु कोई कार्यवाही की है? यदि नहीं तो क्‍यों? कब तक की जाएगी? यदि नहीं की जाएगी तो क्यों? कारण सहित बतायें। (घ) क्या शिवपुरी जिले में अनेक उद्योग स्थापित किये जाने हेतु पर्याप्त संसाधन, भूमि, परिवहन, बिजली, मजदूर, कर्मचारी, तकनीकी अमला आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है? इसलिए शासन कोई बड़े उद्योग स्थापित किये जाने हेतु ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद उद्योग क्यों स्थापित नहीं किये जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) वर्तमान में शिवपुरी जिले में कोई बड़ा (वृहद) उद्योग स्‍थपित नहीं है। शासन द्वारा स्‍वयं उद्योगों की स्‍थापना नहीं की जाती है। अपितु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा प्रदेश में वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्‍साहित करने एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) लागू की गई है, जो शिवपुरी जिले में ही नहीं अपितु संपूर्ण प्रदेश में समान रूप से प्रभावशील है, के अनुसार उद्योग लगाने हेतु निवेशकों को प्रोत्‍साहित किया जाता है। शिवपुरी जिले में उपलब्‍ध संसाधनों के परिप्रेक्ष्‍य में फूड आधारित उद्योग की स्‍थापना हेतु फूड क्‍लस्‍टर बड़ौदी का विकास 14.77 हेक्‍टेयर भूमि पर विभाग के अधीन एम.पी. इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया गया है, जिसमें 52 एम.एस.एम.ई. इकाइयों को 77 भूखण्‍ड आवंटित किये गये है। जिसमें एक इकाई कार्यरत होकर 55.00 लाख का पूंजी निवेश एवं 33 व्‍यक्तियों को रोजगार प्राप्‍त है। 04 इकाइयां निर्माणाधीन हैं जिसमें राशि रू. 80.00 लाख का पूंजी निवेश तथा 36 व्‍यक्तियों को रोजगार प्रस्‍तावित है। इसके अतिरिक्‍त एम.एस.एम.ई. विभाग द्वारा शिवपुरी जिले में 03 औद्योगिक क्षेत्र अर्द्ध-शहरी औद्योगिक संस्‍थान शिवपुरी, औद्योगिक क्षेत्र बड़ौदी एवं औद्योगिक क्षेत्र करैरा स्‍थापित किए गए हैं, जिसमें से औद्योगिक क्षेत्र बड़ौदी में सैंडस्‍टोन से संबंधित इकाइयां स्‍थापित है।

शिवपुरी जिले में रेत की उपलब्‍धता

[खनिज साधन]

80. ( क्र. 3561 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) शिवपुरी जिले में रेत कहाँ-कहाँ पर किन-किन स्थानों/ग्रामों में कौन-कौन सी नदी, नालों में उपलब्ध है? मई 2024 की स्थिति में जानकारी दें कि उक्त स्थानों/ग्रामों, नदी, नालों में            कितनी-कितनी मात्रा में रेत उपलब्ध है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्रामों/स्थानों में रेत खनिज उपलब्ध है तो उक्त ग्रामों/स्थानों से रेत उत्खनन हेतु पट्टे क्यों नहीं दिये गये जबकि प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्रामों/स्थानों से व्यापक पैमाने पर करोड़ों घन मीटर रेत का बिना रॉयल्टी दिये अवैध उत्खनन एवं परिवहन हो रहा है? जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्रामों/स्थानों में से किन्हीं ग्रामों/स्थानों में वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक रेत उत्खनन हेतु ठेका/पट्टा दिया गया है? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ पर किन-किन को कितनी राशि का कितने समय के लिए ठेका/पट्टा दिया गया? वर्णित अवधि में शासन को ठेका/पट्टे से कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? (घ) शिवपुरी जिले में नरवर/करैरा तहसील के अंतर्गत सीहोर/सिलरा, चिताहरी, सोन्हर एवं लैगढ़खां तथा अमोलपठा, तहसील शिवपुरी में ग्राम मड़ीखेड़ा/ऐरावन रेत व्यापक पैमाने में उपलब्ध है। इन स्थानों से संपूर्ण शिवपुरी जिले में रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन के माध्यम से आपूर्ति हो रही है, तो शासन इन खदानों की नीलामी/लीज प्रशासन स्तर से विक्रय की व्यवस्था क्यों नहीं करता है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परि‍वहन, भण्‍डारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्रामों/स्‍थानों में निगम के पक्ष में रेत खनिज का उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार 09 खदानों को खनन एवं विक्रय के लिये एम.डी.ओ. को निविदा से नीलामी पर दिया गया है। शेष 04 खदानों का निवर्तन प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) शिवपुरी जिले में नरवर/करैरा तहसील के अंतर्गत ग्राम सीहोर/सिलरा, चिताहरी, सोन्‍हर एवं लैगढ़खां, अमोलपठा में से रेत की उपलब्‍धता देखते हुए ग्राम तिचाहरी में नवीन रेत खदान घोषित कर वैधानिक अनुमतियां प्राप्‍त करते हुए ठेके में शामिल किये जाने हेतु प्रक्रियाधीन है। शेष ग्रामों के क्षेत्र रेत खनिज की उपलब्‍धता पर्याप्‍त नहीं होने एवं मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5(2) के अनुरूप नहीं होने से रेत खदान घोषित किये जाने योग्‍य नहीं है। तहसील शिवपुरी में ग्राम मडीखेड़ा/एरावन, मडीखेड़ा-बांध के डूब क्षेत्र के अंतर्गत होने से रेत खदान घोषित किये जाने योग्‍य नहीं है। इन स्‍थानों से संपूर्ण शिवपुरी जिले में रेत का अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन के माध्‍यम से आपूर्ति होने जैसी स्थिति नहीं है।

 

विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु आवंटित राशि

[जनसंपर्क]

81. ( क्र. 3567 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के अंतर्गत        कौन-कौन सी शासकीय, प्रशासनिक एवं अन्य इकाईयां आदि सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाइयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं एवं सरकार की योजनाओं एवं अन्य के प्रचार-प्रसार हेतु वित्तीय वर्ष 01 अप्रैल 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन कार्यों हेतु विभिन्न मदों कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं प्रचार-प्रसार हेतु आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार एवं प्रचार-प्रसार हेतु भुगतान किस-किस कम्पनी, फर्म, एजेन्सी अथवा व्यक्ति को किया गया? जानकारी सहित छायाप्रति उपलब्ध करावें।                      (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या भुगतान में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों का विवरण दें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों में जांच उपरांत कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/फर्म/एजेन्सी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? अभी तक कितनी जांचें लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? शिकायतवार जानकारी देवें। (ङ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा विदिशा जिले में सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन फर्म, एजेन्सी इत्यादि को भुगतान किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। दो इकाइयां (1) .प्र. माध्‍यम (2) माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय। जानकारी पुस्‍तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं 'तीन' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्‍तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।

स्‍वीकृत सिंचाई परियोजनाओं की लागत

[नर्मदा घाटी विकास]

82. ( क्र. 3650 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) जिला डिण्‍डौरी के अंतर्गत विभाग द्वारा किन-किन स्‍थानों पर सिंचाई परियोजना स्‍वीकृत है? लागत क्‍या है? (ख) उक्‍त सिंचाई परियोजनाओं से कितनी जमीन सिंचित होगी? क्‍या पेय-जल के लिए भी पानी देने का प्रावधान है, तो कहाँ-कहाँ कितना पानी? (ग) उक्‍त परियोजनाओं में           कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु खर्च की जा चुकी है? (घ) उक्‍त परियोजनाओं में कितने कृषकों में से कितने लोगों को कितनी-कितनी राशि मुआवजा हेतु दी जा चुकी है और निर्माण कब से प्रारम्‍भ कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत डिण्‍डौरी जिले में बजाग तहसील के शोभापुर ग्राम में अपर नर्मदा परियोजना जिसकी लागत राशि रूपये 1482.96 करोड़ है तथा तहसील शहपुरा के ग्राम मरवारी में राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना निर्माणाधीन है जिसकी स्वीकृति लागत 1144.27 करोड़ है। (ख) एवं (ग) अपर नर्मदा परियोजना से 45, 600 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी एवं राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना से 17, 587 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। आवश्यकता अनुसार स्थानों के चयन उपरांत अपर नर्मदा परियोजना से 19.81 एम.सी.एम. एवं राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना से 49 एम.सी.एम. जल की मात्रा पेयजल हेतु प्रावधानित है। अपर नर्मदा परियोजना में राशि रूपये 7.05 करोड़ सर्वेक्षण एवं कॉलोनी निर्माण में तथा राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना में राशि रूपये 17.35 करोड़ मोबिलाइजेशन एडवांस में खर्च हुई है। (घ) किसी को नहीं। सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने एवं आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त होने पर।

जिला डिण्‍डौरी में खनिज से प्राप्‍त राजस्‍व

[खनिज साधन]

83. ( क्र. 3653 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) जिला डिण्‍डौरी में विगत 5 वर्षों में किन-किन खनिजों से कितनी-कितनी राशि राजस्‍व के रूप में मिली? वर्षवार बतावें। (ख) उक्‍त राजस्‍व में से विकासखण्‍डवार यह बतावें कि किन-किन स्‍थानों पर किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि व्‍यय की गयी? (ग) उक्‍त राशि से कार्यों की स्‍वीकृति हेतु प्रभारी मंत्री, विधायक, सांसद से किन-किन तारीखों की बैठकों में अनुमोदन लिया गया? नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या विगत पांच वर्षों में जिले में उपलब्‍ध खनिजों से अनुबंध अनुसार राशि ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं '''' पर दर्शित है। (ख) खनिजों से प्राप्‍त राजस्‍व राज्‍य की संचित निधि में जमा होता है। इस निधि से कार्य स्‍वीकृत किये जाने के खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं होने से प्राप्‍त राजस्‍व से कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विगत पाँच वर्षों में वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2023-24 में जिले में अनुबंधित ठेकेदारों द्वारा अनुबंध अनुसार रॉयल्‍टी राशि जमा की गई है तथा वर्ष 2019-20 में ठेकेदारों द्वारा किश्‍त की राशि जमा न किये जाने पर क्रमश: पत्र क्रमांक 211 दिनांक 23/07/2021 एवं पत्र क्रमांक 308 दिनांक 27/08/2021 से आर.आर.सी. जारी की गई है। वर्ष        2022-23 में ठेकेदार द्वारा किश्‍त जमा न किये जाने से संचालनालय के आदेश दिनांक 05/05/2022 से खदान निरस्‍त की गई है।

परिशिष्ट - "नौ"

मानव तस्करी के अपराध में बढ़ोतरी

[गृह]

84. ( क्र. 3662 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या सीधी जिले में मानव तस्‍करी बहुतायत में हो रही है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में इनकी संख्‍या क्‍या है? थानावार जानकारी देवें। कितनी बच्चियां तथा महिलाएं तस्‍करी की शिकार हुई हैं? कितनों को वापस दस्‍तयाब किय गया है? अलग-अलग जानकारी दें। (ख) क्‍या इस तस्‍करी में संलग्‍न गिरोह भी पकड़ा गया है? कौन-कौन हैं और उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला सीधी से प्राप्त जानकारी में विगत 3 वर्षों में कुल 3 प्रकरणों में 8 महिलायें 02 बच्चियां मानव तस्करी कर ले जायी गई थी, जो सभी दस्तयाब की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में समाहित है।

परिशिष्ट - "दस"

नशीले पदार्थों की तस्‍करी

[गृह]

85. ( क्र. 3663 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्‍या सीधी जिले में कोरेक्‍स सिरप, स्‍मैक, ड्रग्‍स एवं अन्‍य नशे की सामग्रियों की आवक गैर कानूनी तरीके से बहुतायत में हो रही है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में विभिन्‍न थानों में पकड़े गए अपराधियों की सूची उनकी उम्र सहित उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में नाबालिग अपराधी भी सम्मिलित हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए किसे दोषी माना गया है? क्‍या इन बालकों को ऐसे अपराधों में ढकेलने वाले बड़े एवं मुख्‍य अपराधियों के विरूद्ध घोर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो सभी की अलग-अलग जानकारी देवें। (ग) क्‍या विगत तीन वर्षों में सीधी जिले में ऐसे नशीले पदार्थों की जप्ती भी की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितना-कितना? अलग-अलग जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत 03 वर्षों में कोरेक्स सिरप, स्मैक, ड्रग्स एवं अन्य नशे की सामग्री का कार्य गैर कानूनी तरीके से करने वाले कुल 317 अपराधियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत 03 वर्षों में कुल 06 नाबालिग अपराधी भी सम्मिलित हैं। उक्त नाबालिगों को ऐसे अपराधों में ढकेलने वाले बड़े एवं मुख्य अपराधियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विगत तीन वर्षों में सीधी जिले में ऐसे नशीले पदार्थों की जप्ती भी की गई है। जप्त किये गये नशीले पदार्थों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

चतुर्थ समयमान वेतनमान देने संबंधी आदेश

[वित्त]

86. ( क्र. 3677 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वित्त विभाग के परिपत्र/आदेश क्रमांक एफ-1/2023/नियम/चार भोपाल दिनांक 14 अगस्त 2023 द्वारा शासन के सभी विभागों में सीधी भर्ती से नियुक्त शासकीय सेवकों को 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ समयमान वेतनमान देने के निर्देश जारी किये गये हैं? समयमान वेतनमान का लाभ 1.7.2023 से ही मिलेगा, ऐसा क्यों? (ख) क्या अक्टूबर 1987 को सीधी भर्ती से नियुक्त शासकीय सेवक को जिसकी शासकीय सेवा अक्टूबर 2022 में 35 वर्ष पूर्ण हो गई है, को चतुर्थ समयमान का लाभ दिया जायेगा? (ग) क्या वित्त विभाग के प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित आदेश/निर्देश में चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ 1.7.2023 से देने का उल्लेख है? यदि हाँ तो क्या ऐसे सीधी भर्ती से नियुक्त शासकीय सेवक जिनकी शासकीय सेवा 35 वर्ष या इससे अधिक रही है एवं दिनांक 30.6.2023 तक सेवानिवृत्त हो गए हैं, को क्या चतुर्थ समयमान वेतन से वंचित रखा गया है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) क्या शासन की नीति सभी सीधी भर्ती से नियुक्त शासकीय सेवकों को समान सुविधाएं देने की है? हाँ तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। दिनांक 01.07.2023 चतुर्थ समयमान प्रभावी करने हेतु राज्‍य शासन का यह नीतिगत निर्णय है। (ख) शासन के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पात्रता होने तथा 01.07.2023 को नियमित सेवा में सेवारत होने पर चतुर्थ समयमान की पात्रता हो सकती है। (ग) जी हाँ। शेष उत्‍तरांश "क" अनुसार। (घ) शासन द्वारा निर्धारित अर्हता के अध्‍याधीन जी हाँ। शेष उत्‍तरांश "क" अनुसार।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम योजनाओं का संचालन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

87. ( क्र. 3678 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की 18-भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस-किस योजना में कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के, कहाँ-कहाँ वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं, इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? योजनावार, हितग्राहियों एवं कार्योंवार विवरण विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार/नगर पालिका/नगर परिषद्वार दें (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु विभाग के माध्यम से सर्वे कराकर जहां-जहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापित कराया जाना आवश्यक है, उन स्थानों एवं ग्रामों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापित किये जाएंगे? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बताएं।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा राज्य शासन की निम्नानुसार योजनाएं संचालित की जा रही हैं - 1. मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, 2. म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021, 3. म.प्र. स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022, 4. राज्य एम.एस.एम.ई. पुरस्कार योजना। उक्त सभी योजनायें ग्वालियर जिले के लिए भी संचालित हैं। (ख) जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) विभाग के माध्यम से सर्वे कराकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापित किये जाने का प्रावधान नहीं है, तथापि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित है तथा एम.एस.एम.ई. की स्थापना के प्रोत्साहन के लिए म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021 संचालित है जिनके माध्यम से विभाग द्वारा एम.एस.एम.ई. उद्यमियों को उद्यम स्थापना के लिए सतत प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जनप्रतिनिधियों के शिलालेखों को ओझिल (छुपाने) हेतु दिशा-निर्देश

[सामान्य प्रशासन]

88. ( क्र. 3684 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) विभिन्न निर्वाचन के दौरान आचार संहिता के अंतर्गत जनप्रतिनिधियों के विकास शिलालेख, विभिन्न यात्री प्रतीक्षालयों एवं टेंकरों पर जनप्रतिनिधियों के नाम को ओझिल (छिपाने) के क्या नियम निर्देश हैं? (ख) नीमच विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकार द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रश्‍नांश (क) संदर्भित जनप्रतिनिधियों के नाम को किस-किस तरह से ओझिल (छिपाने) का कार्य किया गया? (ग) प्रश्‍नांश "क" एवं "ख" के संदर्भ में क्या नीमच विधानसभा क्षेत्र में लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में आचार संहिता समाप्त होने पर समस्त शिलालेखों व विभिन्न विकास कार्यों में जनप्रतिनिधियों के नामों को पुनः पूर्ववत प्रदर्शित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या नीमच विधानसभा में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अनियमितता के कारण विभिन्न शिलालेखों को ओझिल (छिपाने) के लिए काले ऑइल पेंट से पोत दिया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? क्या यह निर्वाचन के दिशा-निर्देश के अनुरूप था? यदि नहीं, तो इस जानबूझकर किये गए कृत्य को लेकर किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पत्र क्रमांक 437/6/INST/ECI/FUNCT/MCC/2024 (MCC ENFORCEMENT) दिनांक 02-01-2024 एवं निर्देश क्रमांक 437/6/INST/ECI/FUNCT/MCC/2024 (ADVERTISEMENTS) दिनांक 02-01-2024 में उल्‍लेख है।         (ख) नीमच विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा/लोकसभा निर्वाचन के दौरान अस्‍थाई फ्लैक्‍स, बैनर लगाये जाकर नामों को ओझिल किया गया। (ग) नीमच विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा/लोकसभा निर्वाचन के दौरान जन प्रतिनिधियों के नामों के ऊपर अस्‍थाई फ्लैक्‍स, बैनर लगाये गए थे, उनको हटाया जाकर पूर्ववत प्रदर्शित कर दिया गया है। (घ) नीमच विधानसभा में विभिन्‍न शिलालेखों को ओझिल (छुपाने) के लिये काले ऑइल पेंट का उपयोग नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनाथ बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ

[महिला एवं बाल विकास]

89. ( क्र. 3685 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में कुल कितने अनाथ बच्चे कहाँ-कहाँ पंजीकृत हैं? सूची उपलब्ध कराएं (ख) उक्त बच्चों के लिए जाति, पिता का नाम जैसी जानकारियों के लिए क्या प्रावधान है? क्या यह बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर आरक्षण जैसी शासन की योजनाओं का लाभ ले पाते हैं? यदि नहीं, तो इन्हें किस श्रेणी (कैटेगिरी) में रखा जाता है? (ग) उज्जैन संभाग में दिनांक 1 जनवरी 2019 के पश्चात कितने बच्चों ने हायर सेकेण्‍डरी, कितनों ने स्नातक कर शासन की सुविधा का लाभ लेकर शासकीय/अशासकीय रोजगार प्राप्त किया? जानकारी देवें। (घ) क्या अनाथ बच्चों को आरक्षण देने को लेकर शासन के पास कोई योजना वर्तमान में प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक अनाथ बच्चों को विभिन्न सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल पाएगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त बच्चों के लिए जाति, पिता का नाम जैसी जानकारियों के लिये कोई प्रावधान नहीं है। इन बच्चों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इस प्रकार के अनाथ बच्चों हेतु आरक्षण सबंधी कोई भी प्रावधान नहीं होने से उन्हें अनारक्षित श्रेणी (कैटेगरी) में रखा जाता है। (ग) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2019 के पश्चात पंजीकृत बाल देखरेख संस्था में निवास करने वाले अनाथ 35 बच्चों ने हायर सेकेण्‍डरी, 20 बच्चों ने स्नातक कर 08 बच्चों ने शासन की सुविधा का लाभ लेकर अशासकीय रोजगार एवं 03 बच्चों ने शासकीय रोजगार प्राप्त किया। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

नर्मदा नदी से जल आपूर्ति योजना की स्थिति

[नर्मदा घाटी विकास]

90. ( क्र. 3695 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) अलीराजपुर-झाबुआ जिले में नर्मदा नदी से जल आपूर्ति हेतु पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में योजना का शुभारंभ हुआ था परंतु वर्ष 2024 तक कार्य अपूर्ण है। उपरोक्त योजना का कुल बजट, बजट का आज दिनांक तक का उपयोग, योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? जानकारी दें।                  (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में झाबुआ-अलीराजपुर के कौन-कौन से गांव, ग्राम पंचायत, नगर पालिका और नगर पंचायत को योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है? यदि नर्मदा नदी से जल आपूर्ति योजना अपूर्ण है? किन कारणों से अपूर्ण है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अलीराजपुर उद्वहन सिंचाई परियोजना हेतु राशि रू. 905.46 करोड़ की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई जिसके विरूद्ध राशि रू. 865.63 करोड़ का व्‍यय हुआ। इस परियोजना का कार्य दिनांक 30.06.2022 को पूर्ण किया जाकर सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही है। नर्मदा-झाबुआ-पेटलाबाद-थांदला-सरदारपुर माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना हेतु राशि रू. 2387.60 करोड़ की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई है जिसके विरूद्ध राशि रू. 2050.28 करोड़ की राशि व्‍यय की गई है। इस परियोजना का वर्तमान में 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।                               (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश उत्‍तरांश (क) अनुसार है।

म.प्र. में औद्योगिक निवेश

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

91. ( क्र. 3696 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2020, 2021, 2022 एवं 2023 में पूर्व शासन द्वारा विभिन्न निवेशक मिटिंग आयोजित कर लाखों रूपए के एम.ओ.यू. करार/साईन किये गये। उसमें से आज दिनांक तक कितने उद्योगों ने म.प्र. में 2020 से 2024 तक निवेश किया है? कितने उद्योगपति अथवा समूह/कम्पनी द्वारा करार होने के उपरान्त भी आज दिनांक तक निवेश नहीं किया? विस्तृत जानकारी प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग अंतर्गत एम.पी. आई.डी.सी. लि., द्वारा वर्ष 2020, 2021, 2022 एवं 2023 में निवेश हेतु किसी भी इकाई/उद्यमी से एम.ओ.यू्. करार/साईन नहीं किये गये हैं। अपितु इंदौर शहर में आयोजित 'ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट 2023' में एम.पी. आई.डी.सी. द्वारा द्विपक्षीय व्‍यापार संवर्धन (बाईलेट्रल ट्रेड प्रमोशन) के लिए एम.ओ.यू. साईन किये गये थे, जिनकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बारह"

आदिवासी परिवार में हुई हत्याओं की उच्च स्तरीय जाँच

[गृह]

92. ( क्र. 3702 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) जिला छिन्दवाड़ा अन्तर्गत तामिया तहसील के ग्राम बोदलकछार में दिनांक 29.05.2024 दिन मंगलवार रात्रिकालीन समय में आदिवासी परिवार में माँ, बहन, भाई, भाभी, भतीजे और दो भतीजियों एवं युवक परिवार के 8 लोगों की हत्या का मामला हुआ। इस हत्या की घटना ने पूरे जिले में सनसनी एवं दहशत का माहौल बना दिया। पुलिस द्वारा घटना स्थल पर पहुंचकर जाँच पड़ताल की गई और परिवार के ही युवक दिनेश का मानसिक सन्तुलन ठीक नहीं होने का कारण बताकर उसे हत्या का दोषी बताया गया है। जबकि घटना के बाद प्रश्‍नकर्ता व जिले के अन्य विधायकगण ग्राम बोदलकछार जाकर मृतकों के संबंधियों व गाँव के अन्य व्यक्तियों से मिले तो उनके द्वारा बताया गया कि दिनेश का मानसिक सन्तुलन बिल्कुल ठीक था और कुछ ही दिनों पहले उसका विवाह हुआ था। परिवार के सदस्यों को मारकर वह स्वयं फांसी पर झूलकर अपनी हत्या कैसे कर सकता है परन्तु फिर भी पुलिस प्रशासन द्वारा परिवार के सदस्य को हत्या का दोषी बताया गया है, जो कहाँ तक उचित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त हत्या के मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराया जाना अत्यंत ही आवश्यक है। विभाग द्वारा हत्या के मामले की उच्च स्तरीय जाँच कब तक पूर्ण करा दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला छिंदवाड़ा के थाना माहुलझिर में अपराध क्रमांक 51/24 धारा 307, 302 भादवि का दिनांक 30.05.2024 को कायम कर विवेचना में लिया गया। उक्त घटना के परिणाम स्वरूप जिले में सनसनी एवं दहशत का कोई माहौल नहीं है। प्रकरण की विवेचना में अभी तक एकत्रित साक्ष्य के आधार पर प्रथम दृष्ट्या यह पाया गया कि आरोपी द्वारा अपने परिवार के 08 लोगों की हत्या कर, फांसी लगा ली थी। आरोपी दिनेश के संबंधियों एवं ग्रामवासियों के कथन से यह सिद्ध होता है कि दिनेश का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। उसका विवाह 09 दिन पहले हुआ था। प्रकरण की विवेचना अभी जारी है, विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। (ख) मामले की जांच हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा के दिशा-निर्देशन में अनुविभागीय अधिकारी जुन्नारदेव के नेतृत्व में 10 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है। जांच दल द्वारा घटना के समस्त तथ्यों पर विवेचना की जा रही है। विवेचना पूर्ण करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

93. ( क्र. 3710 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मान. सांसद तथा विधायकों से प्राप्‍त पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍यों का कितने दिन के भीतर निराकरण कर संबंधित मान. सांसद तथा विधायकों को पत्र के माध्‍यम से अवगत कराने के संबंध में क्‍या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) 01 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में सिवनी जिले में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन‍ विभाग, कार्यपालन यंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग, वन मंडल अधिकारी सामान्‍य वन मंडल सिवनी, जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी, सहायक आयुक्‍त, आदिवासी विकास सिवनी, उपसंचालक सामाजिक न्‍याय विभाग, जिला पंचायत सी.ई.ओ., जनपद पंचायत सी.ई.ओ. सिवनी, छपारा व लखनादौन, जिला परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास सिवनी को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुये तथा उनमें उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण कितने दिन में हुआ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में प्राप्‍त पत्रों में उल्‍लेखित          किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ तथा कब तक निराकरण होगा? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अधिकारियों द्वारा प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों के जबाव क्‍यों नहीं दिये तथा कब तक पत्रों के जबाव देंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' में दी गई है।

विभागों में संलग्नीकरण पर रोक

[सामान्य प्रशासन]

94. ( क्र. 3721 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के विभागों में संलग्नीकरण पर रोक के संबंध में कोई आदेश जारी हुआ है? यदि हाँ, तो क्या राज्य मंत्रालय में आदेश का पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो इंदौर संभाग में विगत तीन वर्षों में कितने संलग्नीकरण हुए? विभागवार एवं जिलेवार नाम, पद, पदस्थ संस्थावार जानकारी देवें और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। (ख) राज्य मंत्रालय के विभागों में संलग्न कर्मचारियों की विभागवार जानकारी देवें। (ग) क्‍या मंत्रालय के समस्त विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं ली जाती हैं? यदि हाँ, तो विभागवार जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आदिवासी की जमीन का गैर आदिवासी को विक्रय

[वाणिज्यिक कर]

95. ( क्र. 3723 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय की रजिस्ट्री के समय अलग से पंजी बनाई जाती है तथा धारा 165(6) की अनुमति प्राप्त कर उसको रजिस्टर में या कम्प्‍यूटर में इन्द्राज किया जाता है तथा यह परीक्षण किया जाता है कि किसी जमीन का विक्रेता तथा क्रेता आदिवासी एवं गैर आदिवासी तो नहीं है? (ख) क्या धारा 165(6) का आदेश - बिना कोई आदिवासी विभाग के संज्ञान में होने के बाद भी अपनी जमीन की रजिस्ट्री गैर आदिवासी के नाम करने हेतु कागजात पेश करे तो उसकी रजिस्ट्री की जायेगी या नहीं? (ग) वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक इन्‍दौर संभाग अन्‍तर्गत कितने प्रकरण में आदिवासी की जमीन की रजिस्ट्री गैर आदिवासी के नाम की गई? जिलेवार, प्रकरण की संख्या तथा कुल जमीन का रकबा सहित वर्षवार सूची दें। (घ) धार, नीमच तथा रतलाम जिले में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक कितने प्रकरण में आदिवासी की कितनी जमीन को गैर आदिवासी की विक्रय की रजिस्ट्री की गई तथा बतावें की धारा 165(6) में प्राप्त आदेश डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया या एडिशनल डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया? (ड.) क्या यह विभाग के संज्ञान में है कि धारा 165(6) में आदेश देने की अधिकारिता डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को तथा एडिशनल डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को अधिकार नहीं है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्‍नांश (ग) अनुसार कितने प्रकरण में ए.डी.एम. ने आदेश दिये।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : जी नहीं, किन्‍तु यह परीक्षण किया जाता है, कि जमीन का विक्रेता तथा क्रेता आदिवासी एवं गैर आदिवासी तो नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) इंदौर संभाग अंतर्गत जिला झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी की जानकारी निरंक है। शेष जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ड.) धारा 165 (6) के खंड (दो) अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों में कलेक्‍टर की पद श्रेणी से अनिम्‍न पद श्रेणी के किसी राजस्‍व अधिकारी को अनुज्ञा का अधिकार है। प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित अवधि में लागू मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता की धारा 11 में प्रावधानित राजस्‍व अधिकारियों के वर्गों के अंतर्गत कलेक्‍टर (जिसके अंतर्गत अपर कलेक्‍टर) वर्णित है, अतएव शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्वरोजगार के स्‍वीकृत प्रकरण

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

96. ( क्र. 3730 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में वर्ष 2018 से जून 2024 तक स्वरोजगार संबंधी कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? कितने प्रकरण बैंक द्वारा स्वीकृत किए गए की जानकारी, हितग्राही का नाम, पता, बैंक ऋण राशि, अनुदान राशि की जानकारी विधान सभावार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा उपर्युक्‍त समय अवधि में कितनी राशि वाहन एवं अन्य कार्यों में व्यय की गई? जानकारी फर्म/व्यक्ति का नाम, जी.एस.टी. नंबर, भुगतान राशि, दिनांक सहित देवें। (ग) अनूपपुर जिले को वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश स्तर, संभाग स्तर से कितनी सामग्री जिले को आवंटित की गई? जानकारी देवें तथा आवंटन पत्रों की प्रमाणित प्रतियां भी उपलब्ध कराएं तथा आवंटित सामग्री कहाँ-कहाँ प्रदान की गई? प्रदाय पत्रकों की छायाप्रति सहित जानकारी देवें। (घ) कितने प्रकरण कुटीर ग्रामोद्योग कार्यालय को प्राप्त हुए? कितने स्वीकृत किया जाना शेष हैं? विलंब होने के क्या कारण है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जिला अनूपपुर में वर्ष 2018 से जून 2024 तक स्वरोजगार संबंधी कुल 317 प्रकरण स्वीकृत किये गए है, हितग्राही का नाम, पता, बैंक ऋण राशि, अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                            (ख) उत्तरांश (क) में स्वीकृत प्रकरणों में से वाहन एवं अन्य कार्यों की जानकारी निरंक है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनूपपुर जिले को वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश स्तर, संभाग स्तर से कोई सामग्री आवंटित नहीं की गयी है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत वर्तमान में पोर्टल पर 26 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 23 आवेदन बैंकों को अग्रेषित किये गए एवं 03 प्रकरण निरस्त किये गये। कोई भी प्रकरण जिला कार्यालय में लंबित नहीं है।

आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

97. ( क्र. 3733 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल संभाग में प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की देखभाल के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो किन-किन आंगनवाड़ियों में उपलब्ध नहीं है तथा कौन-कौन से आंगनवाड़ी केंद्र देखरेख व स्थान की कमी के कारण बंद है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्या संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में उपस्थित बच्चों को शासन द्वारा पोषण आहार का निरंतर वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो पोषण आहार के रूप में क्या-क्या वितरण किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 3564 आंगनवाड़ी केंद्र। (ख) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। कोई केन्द्र बंद नहीं है। (ग) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।

खदानों का संचालन

[खनिज साधन]

98. ( क्र. 3756 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) शिवपुरी जिले में पत्थर, रेत, खण्डा, मुरम व अन्य खनिज की कौन-कौन सी खदानें वर्तमान में कब से संचालित हो रही हैं व उक्त खदानें किस-किस को आवंटित हैं? कब से व किस अवधि के लिये आवंटित की गयी है? आवंटन आदेश की प्रतियां भी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आवंटित खदानों में से किस-किस खदान से कितनी-कितनी रॉयल्टी (राजस्व) वर्ष अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुई है? खदानवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त आवंटित खदानों में निर्धारित स्थान से खनिज का खनन किया जा रहा है या अन्य वन भूमि या राजस्व क्षेत्र से खनन किया जा रहा है? इस सम्बन्ध में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किस-किस खदान का भौतिक सत्यापन किया गया? क्या सत्यापनकर्ता द्वारा इस सम्बन्ध में कोई अनियमिताएं पाई गई? यदि हाँ, तो विवरण दें व इस हेतु क्या कार्यवाही की गयी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) आवंटित खदानों से अन्‍यत्र खनन किये जाने पर वन भूमि में 02 प्रकरण तथा राजस्‍व भूमि में 06 प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। उक्‍त प्रकरणों में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के तहत अनुबंध शर्तों के उल्‍लंघन एवं अवैध उत्‍खनन के प्रकरण दर्ज करने के संबंध में कार्यवाही की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।

हवाई पट्टी का विस्तार

[विमानन]

99. ( क्र. 3759 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) संभागीय मुख्यालय सागर स्थित ढाना हवाई पट्टी काफी वर्ष पुरानी है, जिस पर हवाई अड्डे की स्थापना को लेकर लम्बे समय से शासन स्तर पर मांग की जा रही है। इस संदर्भ में शासन द्वारा भी कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या बड़े वायुयानों के संचालन की दृष्टि से सागर स्थित ढाना हवाई पट्टी छोटी है, इस हवाई पट्टी के विस्तार कराये जाने हेतु कोई योजना बनायेगा तथा कब तक? (ग) क्या पी.एम. श्री पर्यटन वायु सेवा के तहत मध्यप्रदेश के कुछ शहरों से वायु सेवा शुरू की गई है, जबकि बुन्देलखण्ड अंचल के सर्वाधिक महत्वपूर्ण शहर संभागीय मुख्यालय सागर होने की दृष्टि से यहाँ भी पी.एम. श्री पर्यटन वायु सेवा की अपार संभावनायें हैं। क्या शासन इस पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश स्थित अन्‍य हवाई पट्टियों के साथ-साथ सागर हवाई पट्टी के विस्‍तार/विकास की कार्यवाही म.प्र. रोड डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. से कराए जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। वर्तमान हवाई पट्टी की रिकार्पेटिंग एवं बाउण्‍ड्रीवॉल निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 717.73 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) अनुसार प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लैप्‍स राशि का पुनः आवंटन

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

100. ( क्र. 3763 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 63 सतना की विधायक विकास निधि वर्ष 2022-23 में राशि रूपए 23, 84, 800/- लैप्‍स हुई थी, जिस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा में तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 787 दिनांक 12/06/23 के माध्यम से लैप्‍स राशि का कारण और आवंटन के संबंध में प्रश्‍न लगाया गया था। जवाब में राशि लैप्‍स होने का कारण तकनीकी वजह बताई गई? क्या प्रश्‍न दिनांक से आज दिनांक तक तकनीकी समस्या का समाधान नहीं हो सका? उक्त लैप्‍स राशि में जनहित के कई कार्यों के प्रस्ताव दिए गए थे, किंतु लैप्‍स राशि जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को नहीं दिए जाने से कार्य रुके हुए हैं। उक्त लैप्‍स राशि का पुनः आवंटन कब तक किया जाएगा?                 (ख) सतना विधानसभा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विधायक विकास निधि की कितनी राशि लैप्‍स हुई है? उक्त राशि कब तक पुनः आवंटित की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ परन्‍तु राशि तकनीकी कारणों से लैप्‍स हो गई है। राशि उपलब्‍ध होने के उपरांत ही कार्यों को स्‍वीकृत किया जाना संभव हो सकेगा। राशि आवंटित किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) राशि रू 11, 67, 800/- लैप्‍स हुई है। राशि आवंटित किये जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

अवैध खनन की जांच एवं कार्यवाही

[खनिज साधन]

101. ( क्र. 3764 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की कोटर तहसील अंतर्गत ग्रा.पं. अबेर के कैमरी पहाड़ की कितनी भूमि किन-किन लोगों के नाम पर लीज स्वीकृत की गई है? सभी लीजधारियों के नाम, पता, खसरा नंबर, रकवा, लीज की वैधता सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या स्वीकृत लीज के संपूर्ण रकवे में खनन कर संपूर्ण रॉयल्टी जमा की गई है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर किन-किन लोगों ने खनन किया और कितनी रॉयल्टी की राशि जमा की? क्या स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन करके रॉयल्टी जमा कराई? यदि स्वीकृत खनन क्षेत्र एवं जमा रॉयल्टी में भिन्नता पाई जाती है तो क्या संबंधित लीजधारी की लीज निरस्त की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) अवैध खनन एवं हैवी ब्लास्टिंग से कैमरी पहाड़ का मूल स्वरूप परिवर्तित हो गया है, जिससे पर्यावरण एवं आस-पास के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कोटर तहसील अंतर्गत निजी आराजी न. 51/1/1, 52/1/1, 53/1, 54/1, 54/2 और शासकीय आराजी नं. 1, 2, 3, 4, 5, 6, 8, 97, 98, 99 किन-किन लोगों के नाम पर है और लीज किसे स्वीकृत की गई? क्या उक्त सरकारी एवं निजी आराजी पर स्वीकृत क्षेत्रफल से ज्यादा खनन किए गए? खनन के बाद खदानों को मिट्टी से पुराई करके पेड़ लगाए गए, यदि नहीं तो क्या यह नियम विरुद्ध नहीं है? क्या नियम विरुद्ध खनन करने वालों की जांच करके कड़ी कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ, जमा रॉयल्‍टी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। स्‍वीकृत खदान क्षेत्र से बाहर खनन कर रॉयल्‍टी जमा कराए जाने जैसी कोई जानकारी प्रकाश में न आने से प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अवैध खनन एवं हैवी ब्‍लॉस्टिंग से कैमरी पहाड़ का मूल स्‍वरूप परिवर्तित होने एवं उससे पर्यावरण एवं आस-पास के किसानों को भारी नुकसान होने जैसी कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है। कोटर तहसील अंतर्गत निजी आराजी नंबर 51/1/1, 52/1/1, 53/1, 54/1, 54/2 और शासकीय आराजी नंबर 1, 2, 3, 4, 5, 6, 8, 97, 98, 99 की प्रश्‍नांश अनुरूप जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। जी नहीं, स्‍वीकृत क्षेत्रफल से ज्‍यादा खनन नहीं किया जा रहा है। प्रश्‍नांश की खदानें वर्तमान में नियमानुसार निरंतर संचालित है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

पी.पी.पी. मॉडल एवं आदिवासियों के पलायन की जानकारी

[वित्त]

102. ( क्र. 3780 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में राज्य शासन के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जिन्हें पी.पी.पी. मॉडल या ठेका के तहत करने के लिए सौंपा गया है? विभागवार प्रति सहित बताएं। (ख) जिन कार्यों को पी.पी.पी. मॉडल या ठेका के तहत किया जा रहा है, उनमें आरक्षण नियमों का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों? यह वंचित वर्गों के भागीदारी एवं अवसरों पर कुठाराघात किस तरह से नहीं है? (ग) पी.पी.पी. मॉडल या ठेका के तहत होने वाले कार्यों में वंचित वर्गों के भागीदारी एवं अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए क्या प्रावधान किए गये हैं? यदि नहीं किए गए हैं तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) क्या शासन अंतर्गत ऐसी भी नियुक्तियां हो रही हैं, जो केंद्र की अग्निवीर योजना की तर्ज पर अंशकालिक हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा देवें। (ङ) आदिवासी क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए शासन द्वारा क्या-क्या कार्य किया जा रहा है? यदि किया जा रहा है तो ब्यौरा देवें। इससे पलायन रूका या नहीं? यदि पलायन रोकने का कार्य नहीं किया जा रहा है तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विभिन्‍न अपराधों पर कार्यवाही

[गृह]

103. ( क्र. 3806 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में गौ हत्या एवं अवैध गौ-वंश परिवहन तथा साइबर अपराध के साथ ही क्रिकेट सट्टा, जुआ एवं ऑनलाइन गेमिंग जुआ इत्यादि के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किए गए एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) उल्लेखित प्रश्‍नांश (क) वर्षों में कितने महिला एवं बाल उत्पीड़न के प्रकरण पंजीकृत किये जाकर उन पर किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? साथ ही इन अपराधों पर नियंत्रण हेतु क्या किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत वर्णित आशय के अपराधों पर की गई कार्यवाही में कितने प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत होकर प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं एवं कितने प्रकरणों की विवेचना विभागीय स्तर पर की जा रही है? (घ) उपरोक्त प्रश्‍नांशों के अंतर्गत उल्लेखित आशय के प्रकरणों में कितने वाहन एवं कितनी राशि जप्त की जाकर राजसात की गई? साथ ही कितने अपराधी अपराध पंजीयन होने के दिनांक से लेकर अब तक फरार है? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' एवं '' में समाहित।

परिशिष्ट - "तेरह"

अभ्‍यर्थियों को नियुक्तियों का प्रदाय

[सामान्य प्रशासन]

104. ( क्र. 3807 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) शासन/विभाग द्वारा प्रदेश में वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन मंडल के साथ ही कितने पदों पर किन-किन विभागों में नियुक्तियां प्रदान की? वर्षवार, विभागवार जानकारी दें। (ख) शासन/विभाग अंतर्गत आने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं के कार्यों को किए जाने हेतु विभागीय पदों के सृजन के विरुद्ध कितने पद रिक्त होकर नियुक्तियां दी जाना शेष हैं? (ग) विभागीय रिक्त पड़े पदों की नियुक्तियां कब तक की जा सकेगी? साथ ही रिक्त पदों के विरुद्ध कार्य व्यवस्थाओं हेतु क्या संविदा नियुक्तियां भी की जाएंगी, तो बताएं। (घ) शासन/ प्रशासन के सुगम एवं सुचारु संचालन हेतु प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों की पूर्तियां कब तक किस प्रकार की जा सकेंगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं मध्‍यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्‍डल द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक आयोजित परीक्षाओं में चयनित अभ्‍यर्थियों की वर्षवार एवं विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) चाही गई जानकारी की समयावधि एवं विभाग स्‍पष्‍ट न होने एवं विभिन्‍न व्‍यवस्‍थाओं की व्‍याख्‍या स्‍पष्‍ट न होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान की योजनाएं

[वित्त]

105. ( क्र. 3827 ) श्री संजय उइके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान की योजनाओं अन्तर्गत प्रावधानित कुल बजट राशि में अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति की न्या‍योचित हिस्सेदारी बने इसके लिए सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों की योजनाओं अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने हेतु पृथक बजट प्रावधान उपयोजना (सब-स्‍कीम) किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो प्रावधानित बजट राशि को गैर आदिवासी क्षेत्रों या अनुसूचित क्षेत्रों में व्यय किया जा सकता है?     (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित बजट राशि के व्यय करने संबंधी विभाग द्वारा जारी आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रावधानित बजट राशि को विभागीय आवश्‍यकता के दृष्टिगत वित्‍त विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पुनर्विनियोजन करने हेतु प्रावधान है। (ग) राज्‍य शासन द्वारा बजट राशि के व्‍यय के संबंध में यथा समय दिशा-निर्देश जारी किये जाते हैं। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के लेखानुदान के व्‍यय से संबंधित दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।

हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार का प्रदाय

[महिला एवं बाल विकास]

106. ( क्र. 3831 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार ICDS के हितग्राहियों को वर्ष में कुल कितने दिनों का पूरक पोषण आहार दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रदेश में अलग अलग श्रेणियों के हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार किस रूप में दिया जा रहा है। (ग) वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में ग्‍वालियर संभाग अंतर्गत अलग-अलग श्रेणी के हितग्राहियों को वर्ष में कितने दिनों का पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया गया। (घ) हितग्राहियों की श्रेणीवार, माहवार एवं जिलेवार मांग एवं मांग के विरुद्ध प्रदाय पूरक पोषण आहार की जानकारी प्रश्‍नांश (क) के परिपालन में उपलब्ध कराएं। यदि किसी हितग्राही को प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में पूरक पोषण आहार प्राप्त नहीं हुआ है तो उसकी वैकल्पिक व्यवस्था से संबन्धित जानकारी श्रेणीवार, माहवार, जिलावार अवगत कराई जावे। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई संबंधी जानकारी उपलब्‍ध कराई जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 300 दिन। (ख) पूरक पोषण आहार कार्यक्रम निम्नानुसार दो प्रकार से क्रियान्वित किया जाता है 1. टेकहोम राशन - 6 माह से 3 वर्ष के बच्‍चे, गर्भवती तथा धात्री माताओं को टेक होम राशन के रूप में सप्ताह में 05 दिन पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। 2. नाश्ता एवं गर्म पका भोजन - 3 से 6 वर्ष बच्चों को सप्ताह में 06 कार्य दिवस नाश्ता एवं गर्म पका भोजन प्रदाय किया जा रहा है तथा 6 माह से 3 वर्ष के बच्‍चे को प्रत्येक मंगलवार को नाश्‍ता एवं गर्म पका भोजन तथा गर्भवती एवं धात्री माताओं को प्रत्येक मंगलवार को भोजन प्रदाय किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''-1 से '5' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''-1 से ''-10 अनुसार है।

प्रदेश में कुपोषण की स्थिति

[महिला एवं बाल विकास]

107. ( क्र. 3832 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – 5 के अनुसार कुपोषण के विभिन्न प्रकारों में मध्यप्रदेश की देश के अन्य राज्यों की तुलना में क्या स्थिति है। (ख) क्या प्रदेश में भारत सरकार द्वारा दिनांक 01 अगस्त 2022 में जारी सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 के निर्देश अनुसार SAM बच्चों को THR के रूप में एडिशनल सैम बच्चे के लिए प्रावधानित एडिशनल न्यूट्रिशन उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक बच्चों को दिये गए एडिशनल न्यूट्रिशन की ग्‍वालियर संभाग अंतर्गत माहवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन स्तर निर्देश का पालन सुनिश्चित करने के लिए की गयी कार्यवाही से अवगत कराया जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब (ब-1 से                     ब-5) अनुसार है। शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्माण कार्य के टेण्डरों की जांच

[नर्मदा घाटी विकास]

108. ( क्र. 3860 ) श्री नारायण सिंह पट्टा [श्री संजय उइके] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास में वित्तीय वर्ष 01.04.2020 से माह 31 मार्च 2024 तक की अवधि में किस-किस कार्य के लिए 500 करोड़ से अधिक राशि के टेंडर्स जारी किये गए? समस्त कार्यों के टेन्डर्स की सूची उनके कार्यादेश और जिस नियम-निर्देश के तहत टेण्डर जारी किए गए, उनकी प्रति उपलब्ध करायें। (ख) उक्त अवधि में जारी समस्त टेन्डर्स से संबंधित कार्य की डी.पी.आर. की प्रति एवं समय-समय पर प्रभावशील एस.ओ.आर. की प्रति उपलब्ध करायें।          (ग) उक्त टेण्डर प्रक्रिया में किन-किन फर्म/कंपनियों ने भाग लिया? किन-किन कंपनियों के टेण्डर किन कारणों से निरस्त किये गए? उक्त कार्यादेश किस-किस फर्म/कंपनी को दिया गया? कार्यादेश जारी होते समय कितनी राशि स्वीकृति रही एवं जो कार्य पूर्ण हो गये हैं, उनको अंतिम भुगतान तक कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कृपया विस्तृत ब्यौरा दें। (घ) क्या उक्त कार्यों में टेण्डर नियमों, डी.पी.आर., एस.ओ.आर. आदि का उल्लंघन कर अनियमितताएं की गई हैं? यदि नहीं, तो क्या तकनीकी परीक्षक से जांच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' के कॉलम क्रमांक 3 तथा परिशिष्‍ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' में उल्‍लेखित किसी भी परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कोई अनियमितता नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

व्यक्तियों/लाइसेंसियों से राशि की वसूली

 [वाणिज्यिक कर]

109. ( क्र. 3861 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग अंतर्गत बैंक चालान से कूट रचना संबंधी प्रकरण, फर्जी बैंक गारण्टी लगाने एवं फर्जी एफ.डी.आर. के किन-किन जिलों में प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से प्रकरण विभाग की जानकारी में आये हैं? जिलेवार/प्रकरणवार जानकारी दें। (ख) प्रदेश के इंदौर में बैंक चालान कूट रचना प्रकरण एवं भोपाल/इंदौर/अन्य स्थान पर फर्जी एफ.डी.आर. एवं बैंक गारन्टी के किन-किन प्रकरणों में ई.डी. (ED) द्वारा म.प्र. आबकारी विभाग से जानकारी मांगी/चाही गई है? संबंधित पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं एवं विभाग द्वारा दी गई जानकारी उपलब्ध कराएं।                      (ग) प्रदेश भर में प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन नाम के व्यक्तियों/लाइसेंसियों से किस-किस कारण से कितनी-कितनी राशि की वसूली कब से शेष (लेना) है? उक्त राशि की वसूली क्यों नहीं हो पा रही है? जिलेवार वसूली जाने वाली राशि का विवरण नामवार उपलब्ध करायें। क्या राज्य शासन अब तक वसूली नहीं करने वाले सक्षम अधिकारियों को निलंबित कर जांच के आदेश जारी करेगा? प्रकरणवार बतायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आबकारी विभाग अंतर्गत जिला भोपाल, इंदौर, भिण्‍ड, छिन्‍दवाडा में लायसेंसी की ओर बैंक चालान से कूट रचना/फर्जी बैंक गारंटी एवं फर्जी एफ.डी.आर. प्रस्‍तुत किये जाने संबंधी मामले प्रकाश में आये हैं। जिनका विवरण निम्‍नानुसार है:- (1) जिला भोपाल में वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में कंपोजिट मदिरा समूह लालघाटी के अनुज्ञप्तिधारी मे. राठौर एंड मेहता एसोसिएट्स द्वारा उक्‍त समूह की देय प्रतिभूति की राशि के रूप में फर्जी बैंक गांरटी प्रस्‍तुत की गई थी। (2) जिला इन्‍दौर में वर्ष 2017-18 के दौरान कतिपय मदिरा अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा कोषालयीन चालानों में कूटरचना एवं हेराफेरी कर प्रस्‍तुत किये गये थे एवं वर्ष 2022-23 में मदिरा समूह क्रमांक IND एम.आई.जी. के अनुज्ञप्तिधारी द्वारा फर्जी एफ.डी.आर. प्रस्‍तुत की गई थी। (3) जिला भिण्‍ड में वित्‍तीय वर्ष 2016-17 में अनुज्ञप्तिधा‍री द्वारा कूटरचित चालान प्रस्‍तुत किया गया था। (4) जिला छिन्‍दवाड़ा में वित्‍तीय वर्ष 2003-04 में मे. पारस ट्रेडर्स द्वारा फर्जी चालान प्रस्‍तुत किया गया था। (ख) जिला इन्‍दौर के कूटरचित चालान प्रकरण के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय, वित्‍त मंत्रालय/राजस्‍व विभाग भारत सरकार, इन्‍दौर (म.प्र.) द्वारा जिला इन्‍दौर के कूटरचित चालान प्रकरण के संबंध में पत्र क्रमांक File No: T-1/19/INSZO/2024/11109 दिनांक 06.05.2024 से विभाग को एवं पत्र क्रमांक File No: T-1/19/INSZO/2024/11155 दिनांक 21.05.2024 से सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इंदौर से जानकारी प्राप्‍त किये जाने हेतु पत्राचार किया गया है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में कार्यालय सहायक आबकारी आयुक्‍त इन्‍दौर द्वारा पत्र क्रमांक 3002 दिनांक 22.05.2024 एवं पत्र क्रमांक 3579 दिनांक 02.07.2024 से ई.डी. (ED) को जानकारी उपलब्‍ध कराई गयी है। उक्‍त पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) प्रदेश में जिन लायसेंसियों/व्‍यक्तियों/फर्मों से बकाया वसूली की जाना है, के संबंध में जिलेवार/व्‍यक्तिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- दो, तीन, चार, पांच, छ:, सात एवं आठ अनुसार है। आर.आर.सी. जारी होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

निवेशकों द्वारा की गई एफ.आई.आर.

[गृह]

110. ( क्र. 3874 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) दिनांक 17.5.2022 को अनियमित जमा योजना प्रतिबद्ध विधेयक 2019 के अधिनियम के तहत बालाघाट जिले के थाना किरनापुर तथा लांजी में हुई एफ.आई.आर में आरोपियों के पास डबल मनी के प्रलोभन में आकर निवेश करने वाले कितने लोगों द्वारा बालाघाट जिले के किन-किन थानों में कब-कब एफ.आई.आर की गयी है? निवेशकों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराते हुए एफ.आई.आर में की गयी कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आरोपियों द्वारा निवेशकों को एफ.आई.आर न करने पर उनकी राशि लौटाने के प्रलोभन के चलते निवेशक जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के बार-बार आव्हान के बावजूद एफ.आई.आर नहीं करा रहे हैं? (ग) क्या शासन निवेशकों में विश्वास पैदा करने के लिए जिन निवेशकों ने एफ.आई.आर की है, उनकी फास्ट ट्रेक कोर्ट के माध्यम से पुलिस द्वारा जब्त राशि में से राशि वापस करवायेगा ताकि निवेशकों के हित में बनाये गये अनियमित जमा योजना प्रतिबद्ध विधेयक 2019 के उद्देश्यों की पूर्ति हो सके? (घ) पुलिस द्वारा उक्त पूरे मामले में अब तक जब्त की गयी राशि की जानकारी दें। साथ ही बतावें कि बहुचर्चित डबल मनी कांड सी.बी.आई. को कब सौंपा गया और कब से जांच प्रारंभ की गई? नहीं तो क्यों? (ङ.) डबल मनी कांड में फरार मुख्य आरोपी कौन-कौन हैं? आज दिनांक तक पुलिस प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।         (ख) आरोपियों द्वारा निवेशकों से एफ.आई.आर. दर्ज न करने पर राशि लौटाने का प्रलोभन देने संबंधी जानकारी पुलिस प्रशासन के संज्ञान में नहीं आई है। निवेशकों/पीड़ितों के द्वारा की गई शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध किये जा रहे हैं। (ग) चूंकि प्रकरण सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने की अनुशंसा की जा चुकी है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जब्त की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। राज्य शासन द्वारा दिनांक 26.12.2023 में तीनों प्रकरण सी.बी.आई. को विवेचना हेतु हस्तांतरित करने की अनुशंसा की गई है, केन्द्र सरकार से आगामी आदेश अपेक्षित है। केन्द्र सरकार से आगामी आदेश प्राप्त होने पर तद्नुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। वर्तमान में फरार आरोपियों की नियमानुसार पतासाजी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाना

[महिला एवं बाल विकास]

111. ( क्र. 3881 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के लिये क्‍या प्रत्‍येक जिले में प्रशिक्षण केन्‍द्र है? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में प्रशिक्षण केन्‍द्र कहाँ पर संचालित किया जा रहा है? जानकारी दें। (ख) राजगढ़ जिले में प्रशिक्षण केन्‍द्र का प्रभारी तथा लेखापाल कौन है त‍था कब से प्रशिक्षण केन्‍द्र पर पदस्‍थ है? जानकारी दें। (ग) प्रशिक्षण केन्‍द्र पर क्‍या सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाता है? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में 1 अप्रैल 2023 से आज दिनांक तक कितने बैच में कितनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की कार्यकर्ताओं को कब-कब कितने-कितने दिनों का प्रशिक्षण दिया गया है? बतावें। (घ) उक्‍त प्रशिक्षण केन्‍द्र पर प्रतिवर्ष कितना बजट आता है? यदि हाँ, तो वर्ष 1 अप्रैल 2023 से आज दिनांक तक कितना बजट प्राप्‍त हुआ है? उसका क्या-क्या उपयोग किया गया है? बतावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न पशिष्टि अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में लागू नहीं। (ग) जी हाँ, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौदह"

साइबर क्राइम की नवीन तकनीकियों से रोकथाम के उपाय

[गृह]

112. ( क्र. 3887 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में ऑनलाइन फ्रॉड की नवीन तकनीकियां वॉइस कॉलिंग, वॉइस किडनेपिंग, वीडियो कॉलिंग, बैंकिंग कॉल, लॉटरी और अन्य माध्यमों से और लालच देकर जनता के साथ फ्रॉड कर धनराशि वसूलने की शिकायतें प्राप्त हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत मंदसौर जिले में जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें किस व्यक्ति की प्राप्त होकर प्रकरण दर्ज किये गये हैं? वर्षवार सूची देवें। (ग) क्‍या उक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में धनराशि हितग्राहियों को वापस दिलाई गई है? नाम, दिलाई गई राशि सहित सूची देवें। (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित प्रश्‍न अवधि में दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों की विवेचना/जांच कर ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों को पकड़ा गया है? सूची देवें। (ड.) विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में नवीन तकनीकियों के माध्यम से ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों को पकड़ने के लिए कितना पुलिस बल, किस-किस स्तर पर ट्रेंड किया गया है? (च) क्या दिन प्रतिदिन ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है, इस पर अंकुश लगाने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किया जा रहा है? रोकथाम हेतु कितने साइबर और तकनीकी इंजीनियरों को भर्ती किया गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।                   (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ड.) प्रदेश में वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 1562 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर 29826 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को साइबर अपराध संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (च) साइबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल के अंतर्गत साइबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना संचालित है। इसके अतिरिक्त 04 साइबर जोनल कार्यालय इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर संचालित हैं। प्रदेश में साइबर अपराधों में संभावित वृद्धि को दृष्टिगत प्रभावी अन्वेषण हेतु प्रत्येक जिला मुख्यालय में थाना कोतवाली को साइबर नोडल पुलिस थाना घोषित किया गया है। पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा जोनल एवं रेंज स्तर पर 13 साइबर फॉरेंसिक यूनिट की स्थापना की गई है। साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा नेशनल साइबर काईम हेल्पलाइन नं. 1930 एवं डायल 100 का इंटीग्रेशन कर साइबर संबंधी शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल 4052 साइबर जागरूता कार्यक्रम आयोजित कर 27, 76, 836 लाख नागरिकों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया है। वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल 290 साइबर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर कुल 30157 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया एवं ग्रामीण स्तर तक साइबर जागरूकता के               प्रचार-प्रसार हेतु 73000 साइबर जागरूकता संबंधी पंपलेट छपवाए गये, जिन्हें जिला पंचायत एवं जिला पुलिस बल इकाइयों के माध्यम से म.प्र. की समस्त पंचायतों तक वितरित किया जा रहा है। संपूर्ण म.प्र. में आकाशवाणी एवं एफ.एम. स्टेशनों पर साइबर सुरक्षा संबंधी जिंगल्स का प्रसारण किया जाकर प्रदेश के नागरिकों को साइबर अपराधों से बचाव के प्रति जागरूक किया गया है। राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल में कोई तकनीकी इंजीनियरों को भर्ती नहीं किया गया है।

काटे गये टी.डी.एस. एवं टैक्स की जानकारी

[वित्त]

113. ( क्र. 3896 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन के समस्त विभागों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन से प्रति वित्तीय वर्ष के अंत तक टी.डी.एस. राशि आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा कटौत्रा की जाती है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में विभागवार कितनी-कितनी टी.डी.एस. राशियां काटी गई है? उक्त राशियों को आयकर में किस प्रक्रिया से कब-कब जमा कराया गया है? क्या टैक्स की परिधि में आने के पश्चात भी किस-किस विभाग द्वारा कितने-कितने कर्मचारियों का टी.डी.एस. नहीं काटा गया है? (ख) क्या प्रत्येक आहरण संवितरण अधिकारी जिनको आयकर विभाग ने टी.डी.एस. काटने का दायित्व दिया है? क्या वह कटौत्रा किये गये टी.डी.एस. राशि का रिटर्न कर्मचारी के पेन नंबर अनुसार समय-सीमा में जमा किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्षवार विवरण देवें? यदि नहीं, तो रिटर्न जमा नहीं करने वाले अधिकारियों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) विगत 05 वर्षों में कितने कर्मचारियों ने अपने काटे गये टी.डी.एस. पर टैक्स छूट का रिफंड प्राप्त करने हेतु रिटर्न फाइल कर कितना रिफंड प्राप्त किया गया है? किस-किस विभाग में कितने-कितने कर्मचारियों के पेन नंबर अनुसार काटा गया टी.डी.एस. का रिफंड अन्य के पेन नंबर अनुसार रिटर्न फाइल कर उसके माध्यम से जाल साजी कर रिफंड प्राप्त किया गया है? क्या अन्य व्यक्ति के पेन अनुसार रिफंड फाइल करने वाले कितने अधिकारियों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उज्जैन जिलांतर्गत संचालित शराब दुकानों की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

114. ( क्र. 3897 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग द्वारा उज्जैन जिले में 2024-25 में कुल कितनी शराब दुकानों की नीलामी की गई है एवं किस-किस के द्वारा क्रय की गई? नाम, मोबाईल नंबर, पता एवं कितनी राशि‍ में क्रय की गई है? सूची देवें। क्या शराब ठेकेदारों द्वारा ग्राहकों को पक्का बिल दिया जा रहा है? क्या M.R.P. एवं M.S.P. के आधार पर शराब का विक्रय किया जा रहा है? (ख) शासन के नियमानुसार धार्मिक स्थलों और मुख्य मार्गों से कितनी दूरी पर शराब दुकानें संचालित करने का प्रावधान है? क्या उज्जैन जिले की समस्त शराब दुकानें शासन के नियमानुसार धार्मिक स्थलों एवं सड़क मार्ग से कितनी दूरी पर संचालित की जा रही है एवं कितनी दुकानों द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है? यदि शराब दुकानदारों द्वारा नियम का पालन नहीं किया जा रहा तो क्या उनके ऊपर कोई कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार शराब दुकानों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? कितनी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है? क्या सभी शराब दुकानों के बाहर रेट लिस्ट लगाई गई है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उज्‍जैन जिले में वर्ष 2024-25 में 141 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के एकल समूह का निष्‍पादन ई-टेण्‍डर के माध्‍यम से किया गया है, जिसका ई-टेण्‍डर से प्राप्‍त राशि रूपये 6351133333/- में शिवाबाबा फूड्स प्रायवेट लिमिटेड प्रोपरायटर श्री गौरव जायसवाल, पता 125 सुखदेव नगर, एक्‍सटेंशन नंबर-1, इन्‍दौर का मोबाईल नंबर 98263-33332 के पक्ष में किया गया है। उज्‍जैन जिले की मदिरा दुकानों से शराब ठेकेदार द्वारा ग्राहकों की मांग अनुसार पक्‍का बिल दिया जा रहा है। उज्‍जैन जिलें में मदिरा का विक्रय शासन द्वारा निर्धारित M.S.P./M.R.P. के आधार पर किया जा रहा है। (ख) मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111, दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (C.T.) (15) दिनांक 31.03.2023 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार निर्धारित दूरी पर संचालित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उज्‍जैन जिले की समस्‍त मदिरा दुकानें उपरोक्‍त दिये गये निर्देशों के पालन में धार्मिक संस्‍थाओं एवं सड़क मार्ग से निर्धारित दूरी से अधिक दूरी पर नियमानुसार संचालित की जा रही है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार मदिरा दुकान संचालित किये जाने संबंधी कोई शिकायत कार्यालय उज्‍जैन में प्राप्‍त होना नहीं पाया गया है। जी हाँ, उज्‍जैन जिले की सभी मदिरा दुकानों के बाहर रेटलिस्‍ट लगाई गई है।

खनिज उत्‍पादन से विगत तीन वर्षों में प्राप्‍त रॉयल्‍टी

[खनिज साधन]

115. ( क्र. 3911 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) जुन्‍नारदेव विधानसभा में खनिज उत्‍पादन से कितनी रॉयल्‍टी प्राप्‍त हुई एवं इन प्राप्‍त रॉयल्‍टी से विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से विकास कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं एवं इन विकास कार्यों में आज दिनांक तक कितना-कितना व्‍यय किया जा चुका है? (ख) क्‍या खनिज उत्‍पादन से प्राप्‍त रॉयल्‍टी से जुन्‍नारदेव विधानसभा में बंद कोयला खदानों को शुरू करने हेतु केन्‍द्र सरकार से स्‍वीकृत कराने हेतु पहल करेंगे, जिससे इस क्षेत्र के स्‍थानीय लोगों को रोजगार मिल सके एवं खनिज संपदा का उत्‍पादन हो सके? (ग) जुन्‍नारदेव विधानसभा में किस-किस स्‍थानों पर रेत की खदानें हैं? उसका क्षेत्रफल बतायें एवं उनकी रॉयल्‍टी बताने का कष्‍ट करें। (घ) जुन्‍नारदेव विधानसभा में विगत दो वर्षों में खनिज मद से जिला स्‍तर से कितनी आवंटन स्‍वीकृत हुआ है? इस प्राप्‍त आवंटन से जो कार्य कराये गये हैं? उसकी स्‍थलवार जानकारी उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जुन्‍नारदेव विधानसभा में खनिज उत्‍पादन से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में 19.30 करोड़, 2022-23 में 13.13 करोड़ एवं 2023-24 में 5.65 करोड़ की प्राप्ति हुई है। प्राप्‍त रॉयल्‍टी राशि से विकास कार्य स्‍वीकृत किया जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं होने से रॉयल्‍टी राशि से कोई विकास कार्य स्‍वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। खनिज उत्‍पादन से प्राप्‍त रॉयल्‍टी से बंद कोयला खदानों को शुरू करने के खनि नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जुन्‍नारदेव विधानसभा अंतर्गत ग्राम आवरिया के खसरा क्रमांक 01 एवं 126 रकबा 5.000 हेक्‍टेयर क्षेत्रफल, उत्‍पादन मात्रा 3, 000 घनमीटर एवं रॉयल्‍टी राशि रूपये 3, 75, 000/- की एक रेत खदान स्‍वीकृत है। (घ) जुन्‍नारदेव विधानसभा में विगत दो वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से विगत दो वर्षों में कोई आवंटन स्‍वीकृत नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संविदा नियुक्ति नियम 2017

[सामान्य प्रशासन]

116. ( क्र. 3914 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) क्या मध्यप्रदेश शासन में संविदा नियुक्ति नियम 2017 अद्यतन संशोधन सहित प्रचलित है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्तर हाँ है तो क्या उक्त नियम के अंतर्गत नियुक्ता सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी को जिस पद पर उसे संविदा नियुक्ति दी गई है? उस पद से एक या दो उच्च पद ऊपर का प्रभार दिया जा सकता है? (ग) यदि (ख) का उत्तर हाँ है तो नियम एवं कंडिका सहित जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जंगल नष्‍ट करने से उत्‍पन्‍न स्थिति

[खनिज साधन]

117. ( क्र. 3923 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल जिले में तालाब निर्माण, गहरीकरण तथा भूमि सुधार समतलीकरण से निकले खनिज की परिवहन अनुमति हेतु कितने आवेदन ऑनलाइन एवं ऑफलाईन प्राप्‍त किये? उनकी सूची वर्षवार आवेदन, नियमों, आदेशों, शुल्‍क की जानकारी सहित दें। (ख) उपरोक्‍त के संबंध में कितने-कितने आवेदन शास. भूमि, निजी भूमि, वनभूमि, कैचमेन्‍ट एरिये एवं अन्‍य स्‍थानों हेतु स्‍वीकृत हुये? (ग) उपरोक्‍त के संबंध में किस संस्‍था/योजना के अंतर्गत तालाब निर्माण की अनुमति दी गई एवं किस विभाग द्वारा अनुमति दी गई? कृपया वर्षवार जानकारी दें। (घ) उपरोक्‍त के संबंध में इन तालाबों के निर्माण अनुमति में हजारों डंपरों मशीनों का उपयोग किया, जिससे होने वाले प्रदूषण को रोकने के क्‍या इंतजाम खनिज विभाग द्वारा किये गये?                                          (ड.) तालाब निर्माण, गहरीकरण, भूमि समतलीकरण से हरे भरे जंगलों एवं पहाड़ों को नष्‍ट करने के संबंध में विभाग को जानकारी/शिकायत प्राप्‍त होने पर क्‍या कार्यवाही की गई? कितने डंपर, जे.सी.बी., पोकलेन मशीनें राजसात कर कितने जुर्माने की वसूलीकर किन-किन संस्‍था/योजना की संलिप्‍तता पाई गई? जानकारी/शिकायतों की प्रति सहित बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि‍ में प्राप्‍त आवेदन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। तालाब निर्माण, गहरीकरण तथा भूमि सुधार समतलीकरण से निकले खनिज की परिवहन अनुज्ञा मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 के प्रावधानों के तहत प्रदान की जाती है, नियम अधिसूचित है। परिवहन अनुज्ञा आवेदन शुल्‍क नियम में प्रावधानित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार शासकीय भूमि पर 33 एवं निजी भूमि पर 16 आवेदन पत्र स्‍वीकृत हुए हैं। शेष वन भूमि तथा कैचमेन्‍ट एरिये क्षेत्र पर कोई परिवहन अनुज्ञा स्‍वीकृत नहीं की गई है। (ग) शासकीय भूमि पर प्राप्‍त 33 आवेदन पत्रों पर संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा अनुमति प्रदान की गई है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार प्रदूषण जैसी कोई स्थिति संज्ञान में नहीं आई है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) तालाब निर्माण एवं गहरीकरण में प्रश्‍नांश अनुसार जंगल एवं पहाड़ को नष्‍ट करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। भूमि समतलीकरण के संबंध में कलेक्‍टर कार्यालय भोपाल में 01 शिकायत प्राप्‍त हुई थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। भूमि समतलीकरण के दौरान एक डंपर तथा दो पोकलेन मशीन जप्‍त किये गये। अर्थदण्‍ड राशि प्रस्‍तावित की गई, प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय में विचाराधीन है, शेष वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

साइबर अपराध एवं ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामले

[गृह]

118. ( क्र. 3924 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) दिनांक 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने साइबर अपराध, कितनी राशि के                       किन-किन धाराओं में पंजीबद्ध, किस-किस के द्वारा किये गये? पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्‍त के संबंध में प्रदेश में साइबर नीति के अंतर्गत कौन-कौन से अपराध दर्ज किये जा सकते हैं? इसके लिये क्‍या प्रोटोकॉल का पालन शिकायतकर्ता को करना होता है? शिकायत पर विभाग में किस प्रोटोकॉल में क्‍या कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विभाग ने क्‍या प्रोटोकॉल पालन कर क्‍या कार्यवाही कर कितनी राशि, किन-किन से प्राप्‍त की? नियम, निर्देश, आदेश सहित प्रकरणवार संपूर्ण जानकारी दें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में ऑनलाइन फ्रॉड भी साइबर अपराध में आता है? कौन-कौन से अपराध इसके अंतर्गत आते हैं? ऑनलाइन फ्रॉड संज्ञान/पंजीबद्ध होने के बाद अपराधों पर रोकथाम में विभाग ने किन-किन प्रकरणों में क्‍या कार्यवाही कर संपादित कर कितनी वेबसाईटों पर रोक और ऑनलाइन क्राइम की रोकथाम की अथवा भारत सरकार को पत्र व्‍यवहार कर कार्यवाही करने की मांग की है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें? (घ) क्‍या विभाग के पास साइबर अपराध एवं ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिये पर्याप्‍त संसाधन एवं मेनपावर है? यदि हाँ, तो सभी का विवरण उपकरणवार एवं मेनपावर बतायें? क्‍या मेनपावर रेग्‍युलर अथवा आऊटसोर्स पर है? मेनपावर का विवरण नाम, पदनाम, कार्यालय, मो.नं. रेग्‍युलर/आऊटसोर्स, वेतनमान, किस फर्म/एजेंसी से किस दर पर कितनी अवधि के लिये सहित संपूर्ण जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिकायतकर्ता अपनी शिकायत सीधे संबंधित थाने में/राज्य स्तरीय साइबर एवं उच्च तकनीकी अपराध पुलिस थाना भोपाल/राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय के अधीन संचालित साइबर जोनल कार्यालय/नेशनल साइबर काईम रिपोर्टिंग के माध्यम से एवं नेशनल हेल्पलाईन नं. 1930 पर ऑनलाइन शिकायत कर सकता है। शिकायतकर्ता पर विभाग में दण्ड प्रक्रिया की संहिता 1973/भारतीय नागरिक संहिता 2023 में स्थापित प्रक्रिया एवं शासन के तत्समय प्रचलित प्रक्रियात्मक नियम कानून के तहत कार्यवाही की जाती है। प्रकरणवार संपूर्ण जानकारी उत्तरांश '' अनुसार। (ग) साइबर अपराध के अंतर्गत वे ही अपराध आते हैं जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 में उपबंधित किये गय हैं। राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल 4052 साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर 27, 76836 लाख नागरिकों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया है। वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल 290 साइबर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर कुल 30157 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया एवं ग्रामीण स्तर तक जागरूकता के प्रचार-प्रसार हेतु 73000 साइबर जागरूता संबंधी पम्पलेट छपवाए गये, जिन्हें पंचायत एवं जिला पुलिस बल इकाइयों के माध्यम से समस्त पंचायतों तक वितरित किये गये। वेबसाईटों पर रोकथाम भारत सरकार द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) जी हाँ। साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल के अंतर्गत साइबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना संचालित है। इसके अतिरिक्त 04 साइबर जोनल कार्यालय इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर जबलपुर में संचालित है। प्रदेश में साइबर अपराधों में संभावित वृद्धि को दृष्टिगत प्रभावी अन्वेक्षण हेतु प्रत्येक जिला मुख्यालय में थाना कोतवाली को साइबर नोडल पुलिस थाना घोषित किया गया है। मोबाईल फोरेंसिक टूल्स, डिस्क फोरेन्सिक टूल्स, सी.डी.आर./आई.पी.डी.आर. एनालाईजर टूल्स OSINT टूल्स, क्रिप्टो एनालाईजर टूल्स आदि उपलब्ध हैं, जिसके अंतर्गत पदस्थ समस्त पुलिस अधिकारी/कर्मचारी विवेचना कर रहे हैं।

शासकीय कर्मचारियों को पदोन्‍नति का लाभ

[सामान्य प्रशासन]

119. ( क्र. 3927 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय/अर्द्धशासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की पदोन्नति पर प्रतिबंध लगा हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रतिबंध किन कारणों से कब से लगा है? (ग) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति दिए जाने के संबंध में राज्यों को नियम बनाकर पदोन्नति दिए जाने के दिशा-निर्देश दिये थे? (घ) यदि हाँ, तो क्या निर्देश दिए थे एवं म.प्र. सरकार ने इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की है और राज्य के कर्मचारियों को पदोन्नति कब तक दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश दिनांक 12.05.2016 के तहत। (ग) एवं (घ) जी हाँ। पदोन्‍नति नियम बनाए जाने हेतु इस विभाग के आदेश दिनांक 13 सितम्‍बर, 2021 द्वारा मंत्री समूह का गठन किया जाकर समय-समय पर मंत्री समूह की बैठक आयोजित की गई। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

वनभूमि को निजी बताकर मुआवजा दिये जाने की जांच

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

120. ( क्र. 3928 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.आई.डी.सी. के इंदौर कार्यालय द्वारा धार जिले के पीथमपुर के सेक्टर 07 के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा अथवा किया गया? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस ग्रामों की कितनी-कितनी शासकीय/निजी/राजस्व भूमि एवं वन भूमि का अधिग्रहण किया गया अथवा किया जा रहा है? भूमि का खसरा, पटवारी हल्का नं. सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में किस-किस ग्रामों की वन भूमि कौन से खसरे नंबर की किस-किस व्यक्ति को निजी भूमि दर्शाकर मुआवजे के रूप में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) उक्त भूमि अधिग्रहण की अवधि में एम.पी.आई.डी.सी. के इंदौर कार्यालय में अतिरिक्त संचालक के पद पर कौन कार्यरत था? (ड.) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्या भूमि अधिग्रहण में आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं? यदि हाँ, तो संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विभाग अंतर्गत एम.पी. इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. द्वारा क्रियान्वित पीथमपुर सेक्‍टर-7 औद्योगिक क्षेत्र के लिये निम्‍नानुसार भूमि अधिग्रहित की गयी है :-1. लैंड पुलिंग पद्धति द्वारा जिला धार स्थित 6.757 हेक्टेयर निजी भूमि अधिगृहित की गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। 2. लैंड पुलिंग पद्धति द्वारा जिला इंदौर स्थित 406.057 हेक्टेयर निजी भूमि अधिगृहित की गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। 3. कार्यालय कलेक्टर, जिला इंदौर में कुल 461.112 हेक्टेयर शासकीय भूमि को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के पक्ष में हस्तांतरित किये जाने हेतु आवेदन किया गया था, जिसमें से 41.819 हेक्टेयर शासकीय भूमि विभाग को हस्तांतरित हुई है। शेष भूमि विभाग को हस्तांतरित नहीं की गयी है, जिसका उल्लेख कलेक्टर इंदौर के हस्तांतरण आदेश में है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टस अनुसार है। 4. इंदौर जिले की 375.763 हेक्टेयर एवं धार जिले 4.925 हेक्टेयर, कुल रकबा 380.688 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित करने हेतु प्रस्ताव कार्यालय वन मंडलाधिकारी, जिला धार एवं इंदौर में लंबित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टद अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एम.पी. इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन ल‍िमिटेड के क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर में अतिरिक्‍त संचालक का पद सृजित नहीं है। (ड.) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

धारा 107, 116 (3) के तहत पंजीबद्ध प्रकरण

[गृह]

121. ( क्र. 3941 ) श्री गिरीश गौतम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या रीवा जिले के थाना मनगवां द्वारा अप्रैल 2024 में मनगवां बस स्‍टेण्‍ड एवं मनगवां बस्ती के दुकान करने वालों को थाना मनगवां द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता धारा 107, 116 (3) के तहत कार्यपालिक दण्डाधिकारी तहसील मनगवां जिला रीवा के समक्ष इस्‍तगासा पेश किया गया, जिस पर सभी को प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के वास्ते नोटिस जारी की गयी? माह अप्रैल 2024 में थाना मनगवां से 107, 116 (3) कुल कितने लोगों के विरूद्ध इस्‍तगासा प्रस्तुत किया गया? नाम पता सहित बतावें तथा इनके पूर्व इसी सभी के विरूद्ध कौन-कौन से प्रकरण पंजीबद्ध थे? (ख) बहुतायत दुकानदारों एवं अन्य लोगों को इस्‍तगासा पेश किये जाने के क्या कारण थे? उनसे किस प्रकार शांति भंग की संभावना थी? सम्पूर्ण विवरण के साथ जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) क्या थाना मनगवां द्वारा भारी तादात में लोगों को संहिता धारा 107, 116 (3) के तहत भयभीत करने का प्रयास किया गया? ऐसा करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। माह अप्रैल में थाना मनगवां में कुल 272 इस्तगासा धारा 107, 116 (3) के तहत तैयार कर कार्यपालिक दण्डाधिकारी तहसील मनगवां के समक्ष पेश कर नोटिस जारी किये गये हैं, जिनके नाम, पते एवं पूर्व पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मनगवां से गुजरने वाली नेशनल हाइवे 07 एवं 27 में आम रास्ते पर ठेला लगाकर आवागमन प्रभावित करने, आने जाने वाले वाहन चालकों से वाद-विवाद होने की स्थिति निर्मित होने की संभावना पर शांति व्यवस्था कायम रखने हेतु 110 व्यक्तियों के विरूद्ध धारा 107, 116 (3) के तहत इस्तगासे तैयार किये गये हैं। संपूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। इस्तगासा धारा 107, 116 (3) के तहत कार्यवाही लोगों को भयभीत करने के आशय से नहीं की गई है, बल्कि शांति व्यवस्था कायम रखने बावत् कार्यवाही की गई है, अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी है।

नियम विरूद्ध पदोन्‍नत‍ि की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

122. ( क्र. 3946 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या महिला एवं बाल विकास विभाग में 1996 से वर्ष 2014 तक सहायक संचालक से उप-संचालक, उप संचालक से संयुक्‍त संचालक के पदों पर हुई पदोन्‍नति की कार्यवाही हुई थी? वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्‍या इन पदोन्‍नति के लिये निर्धारित अर्हता में छूट ली गई थी? (ग) यदि हाँ, तो छूट का लाभ किन-किन अधिकारियों को मिला? संवर्गवार और नामवार जानकारी दें। (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) अनुसार विभाग में सदैव पदोन्‍नति के लिये निर्धारित अर्हता में छूट ली जाती है या निर्धारित अर्हता में जो छूट ली गई, वह किन्‍हीं व्‍यक्ति विशेष या संवर्ग विशेष के अधिकारियों को लाभांवित करने के लिये की गई थी? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी तथा नियम विरूद्ध पदोन्‍नत किये गये अधिकारियों को कब तक पदावनत किया जायेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट 1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट 2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू होने से उत्‍पन्‍न स्थिति

[गृह]

123. ( क्र. 3952 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल एवं इंदौर शहरों में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू की कई है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्‍या दोनों शहरों में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू होने के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक समग्र अपराध नियंत्रण में कितने-कितने प्रतिशत वृद्धि हुई अथवा कमी आई है? (ग) क्‍या उक्‍त दोनों शहरों में अपराध (साइबर क्राईम) में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो साइबर क्राइम की रोकथाम के लिये क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। भोपाल एवं इंदौर शहरों में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली दिनांक 09.12.2021 से लागू की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उक्त दोनों शहरों में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू करने के बाद साइबर क्राईम में लगातार वृद्धि परिलक्षित नहीं हुई है। कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है एवं कुछ वर्षों में कमी आयी है। साइबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल के अन्तर्गत साइबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना संचालित है। इसके अतिरिक्त 02 साइबर जोनल कार्यालय इंदौर एवं भोपाल में संचालित है। प्रदेश में साइबर अपराधों में संभावित वृद्धि को दृष्टिगत प्रभावी अन्वेषण हेतु भोपाल व इंदौर जिला मुख्यालय में थाना कोतवाली को साइबर नोडल पुलिस थाना घोषित किया गया है। पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा भोपाल व इंदौर में साइबर फॉरेंसिक यूनिटों की स्थापना की गई है। साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा नेशनल साइबर क्राईम हेल्पलाईन नं. 1930 व डायल 100 का इंटीग्रेशन कर साइबर संबंधी शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर नागरिकों (विद्यार्थियों, महिलाओं एवं बालिकाओं, वरिष्ट नागरिकों आदि) को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। वर्तमान में साइबर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया एवं भोपाल व इंदौर में साइबर जागरूकता के प्रचार-प्रसार हेतु साइबर जागरूकता संबंधी पंपलेट छपवाए गये, जिन्हें भोपाल व इंदौर पुलिस बल इकाइयों के माध्यम से भोपाल व इंदौर के शहरी क्षेत्र में वितरित किया जा रहा है। सम्पूर्ण म.प्र. में आकाशवाणी एवं एफ.एम. स्टेशनों पर साइबर सुरक्षा संबंधी जिंगल्स का प्रसारण किया जाकर प्रदेश के नागरिकों को साइबर अपराधों से बचाव के प्रति जागरूक किया गया है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

थाना कोहेफिजा में पंजीबद्ध प्रकरण का निराकरण

[गृह]

124. ( क्र. 3953 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल के थाना कोहे‍फिजा अंतर्गत अपराध क्रमांक 0223, दिनांक 30-31/03/2022 में पंजीबद्ध अपराध में वाहन चोरी के आरोपियों की गिरफ्तारी एवं वाहन की जप्ती प्रश्‍न दिनांक तक न किये जाने के क्या कारण हैं तथा क्या राजधानी भोपाल में वाहन चोर गिरोह सक्रिय हैं, जो अन्य शहरों से आकर चोरी कर वाहन ले जाते हैं? (ख) क्या पुलिस ऐसे वाहन चोर गिरोह को पकड़ने में विफल साबित हो रही है? यदि नहीं, तो थाना कोहेफिजा अन्तर्गत पंजीबद्ध 0223 दिनांक 30-31/03/2022 में वाहन चोरी में संलिप्त अपराधियों को अभी तक न पकड़े जाने और चोरी का वाहन जप्त न किये जाने के क्या कारण हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) थाना कोहेफिजा के अपराध कमांक 223/22 धारा 379 भा.द.वि. की विवेचना के दौरान वाहन एवं आरोपी की तलाश के लिये घटना स्थल तथा आसपास के सी.सी.टी.व्ही. कैमरों की फुटेज देखे गये। प्रकरण में पूर्व चोरों, सूझ, सन्देहियों से पूछताछ की गई, अन्य अपराधों में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कोई तथ्य सामने नहीं आये हैं। प्रकरण की विवेचना के दौरान वाहन एवं आरोपी की तलाश पतारसी के हर संभव प्रयास किये गये, लेकिन वाहन एवं आरोपी का पता नहीं चलने से प्रकरण में खात्मा क्रमांक 66/2022, दिनांक 24.07.2022 को तैयार किया गया तथा प्रकरण में भविष्य में जानकारी मिलने पर आवश्यक अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। राजधानी भोपाल में कोई चाहन चोर गिरोह सक्रिय नहीं है। (ख) पुलिस वाहन चोरों को पकड़ने में विफल साबित नहीं हो रही है। राजधानी भोपाल पुलिस द्वारा वाहन चोरी के अपराधों में वर्ष 2022 से 26.06.2024 तक वाहन चोरी के प्रकरणों में 5, 87, 17, 990/- रूपये कीमती सम्पत्ति जिसमें दो पहिया वाहन 1870, तीन पहिया वाहन 31, चार पहिया वाहन 59, अन्य बड़े वाहन 03प्‍त किये गये हैं। प्रश्‍न के शेष प्रश्‍नांश की जानकारी प्रश्‍नांश '' के उत्तर में समाहित है।

सिंध/महुअर नदी में मशीनों के द्वारा अवैध रेत उत्‍खन्‍न

[खनिज साधन]

125. ( क्र. 3956 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) शासन द्वारा सामान्य स्थिति में रेत मुरम/गि‌ट्टी मिट्टी के उत्खनन हेतु क्या-क्या नियम जारी किये गये हैं? कृपया प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) क्या दतिया जिले अंतर्गत ग्राम बड़ौनकलां, कोटरा, पचोखरा, डगराकुआं एवं हिडौरा घाट पर मशीनों द्वारा रेत के अवैध उत्खनन किये जाने के विरूद्ध प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्टर/पुलिस महानिदेशक एवं अन्य अधिकारियों को शिकायतें की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या ग्राम पंचायत बड़ौनकलां के सरपंच के विरूद्ध प्रश्‍नकर्ता द्वारा अवैध उत्‍खनन एवं अवैध भण्डारण की शिकायत कलेक्टर से की गई थी? यदि हाँ, तो क्‍या किसी जांच दल से जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी दें। क्या शासन अवैध उत्‍खनन के दोषी सरपंच एवं अन्य के विरूद्ध कार्यवाही कर अवैध भण्‍डारण की सामग्री/मशीनों को राजसात कर राजस्‍व की वसूली उनसे करेगा? यदि हाँ, तो कब तक जानकारी दें? (ग) क्या ग्राम एरई जिला दतिया में रोलेक्स एग्रोटेक लिमिटेड शुगर फैक्ट्री के निर्माण कार्य में प्राक्कलन अनुसार कितनी-कितनी रेत मुख्म/मि‌ट्टी/गि‌ट्टी का उपयोग किया गया है? कृपया अलग-अलग उपयोग की गई निर्माण सामग्री की मात्रा का विवरण देते हुये बतायें कि विभाग द्वारा अनुमति दी गई है? क्या रॉयल्टी जमा की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि जमा की गई? क्या वर्तमान में शुगर फैक्ट्री में निर्माण कार्य प्रचलित है तथा उसमें मुरम/मि‌ट्टी का प्राक्कलन अनुसार उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी मात्रा में उपयोग किया गया है? तवा विभाग द्वारा वसूली की क्या कार्यवाही की गई है? कृपया अनुमति पत्र एवं राशि वसूली का विवरण दें। (घ) ग्राम एई स्थित पहाड़ी से वर्ष 2023 एवं 2024 वर्तमान स्थिति में रोलेक्स एग्रोटेक लिमिटेड द्वारा अवैध रूप से निरंतर मुरम खोदी जा रही है, जिससे चारो और खाई एवं गढ्‌ढे हो जाने से घटना घटित हो सकती है? पूर्व में दो बच्चे डूबने से भी मर चुकें हैं, इसके बावजूद अवैध उत्खनन हो रहा है, जिसे रोकने एवं कानूनी कार्यवाही हेतु, खनिज विभाग राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा क्या कानूनी कार्यवाही की गई? कर और राजस्व वसूली की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें तथा क्या शासन/प्रशासन तत्संबंध में कार्यवाही कर अवैध उत्खनन को रोकेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा रेत उत्खनन के संबंध में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 तथा पत्थर (गिट्टी बनाने हेतु) एवं मिट्टी उत्खनन के संबंध में म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित किया गया है। (ख) जी नहीं, कार्यालयीन रिकॉर्ड अनुसार दतिया जिला अंतर्गत ग्राम बड़ौनकलां, कोटरा, पचोखरा, डगराकुआं एवं हिडौरा घाट पर मशीनों द्वारा रेत के अवैध उत्खनन किये जाने के विरूद्ध प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुयी है। ग्राम पंचायत बड़ौनकलां सरपंच के विरूद्ध प्रश्‍नकर्ता द्वारा अवैध उत्खनन एवं अवैध भण्डारण के संबंध में कोई शिकायत विभाग/अन्य अधिकारियों को प्राप्त नहीं हुयी है। परन्तु ग्रामवासियों द्वारा प्राप्त शिकायतों की जांच राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा की गयी, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, जिला दतिया में रोलेक्स एग्रोटेक लिमिटेड शुगर फैक्ट्री स्थापित है। उक्त फैक्ट्री निजी व्यवसायिक क्षेत्र की होने से विभाग से संबंधित न होने से प्राक्कलन की जानकारी उपलब्ध नहीं है। शुगर फैक्ट्री के निर्माण के संबंध में सहायक खनि अधिकारी द्वारा प्रतिवेदित किया गया है, कि ग्राम ऐरई में स्थित शुगर फैक्ट्री पूर्व से स्थापित है, जिसमें वर्तमान में कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा है। वर्तमान में निर्माण कार्य न होने से मुरम/मिट्टी का उपयोग किये जाने एवं विभाग द्वारा वसूली की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में पहाड़ी पर किसी प्रकार का कोई अवैध उत्खनन नहीं किया जा रहा है एवं पूर्व में बच्चे डूबने संबंधी कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। ग्रामीणों के द्वारा गन्ना परिवहन के आवागमन हेतु रास्ते में बारिश के कारण हुये गढ्ढों को भरने हेतु एवं रास्ता सुधार हेतु विभाग द्वारा ग्राम एरई के सर्वे नंबर 1421 क्षेत्र में से प्रस्तुत मुरम की परिवहन की अनुज्ञा फैक्ट्री के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर शासन नियमानुसार अग्रिम रॉयल्टी जमा करने पर रोड सुधार हेतु प्रदान की गयी, जिसकी अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत वर्तमान तक कार्य पूर्ण रूप से बंद है।

परिशिष्ट - "सोलह"

सत्य एवं फर्जी प्रकरण की जांच/विवेचना

[गृह]

126. ( क्र. 3957 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्या थाना चिरुला जिला दतिया में कानून नियमों का उल्लंघन एवं पद का दुरुपयोग करते हुये षड्यंत्र पूर्वक जानबूझकर तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा राजनैतिक दबाब में FIR No.0060, दिनांक 30/05/2021 में भा.दं.सं 1860 की धारा 392 एवं म.प्र. डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 11, 13 दर्ज की गई थी? यदि हाँ, तो क्या डगरई स्थित टोल प्लाजा में तत्कालीन कार्यरत कर्मचारी श्री लखन सिंह जादौन द्वारा दिनांक 29/05/2021 में प्रथमदृष्ट्या मारपीट करने के संबंध में थाने में आवेदन दिया गया था। तत्पश्चात् थाना प्रभारी द्वारा टोल प्लाजा पर एक रजिस्टर एवं 10 हजार रुपये लूट की शिकायत दिनांक 29/05/2021 में ही लिखवाई गई थी तथा आवेदन पत्र पर PS चिरुला 74/21, दिनांक 29/05/2021 अंकित किया गया/प्राप्त किया गया? यदि हाँ, तो क्या टोल प्लाजा पर लगे हुये CCTV कैमरे में यह स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है कि मारपीट के आरोपियों को घटना स्थल पर पुलिस द्वारा अपने वाहन में बैठाया गया और थाने ले जाकर आरोपियों को छोड़ दिया गया है? तत्कालीन थाना प्रभारी चिरुला द्वारा CCTV फुटेज, पंचनामा दिनांक 01/06/2021 समय 16:45 बजे के विवरण में भी उल्लेख किया गया है कि फुटेज में लड़ाई-झगड़ा होता दिख रहा है, विवरण में रजिस्टर एवं 10 हजार रुपये लूट का विवरण नहीं लिखा गया है? (ख) क्या उक्त घटना के आवेदक/शिकायतकर्ता द्वारा उक्त तथ्यों के साथ ही CCTV फुटेज के संबंध में संपूर्ण घटनाक्रम की सत्यता के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में प्रकरण MCRC No. 63343/2021 दायर किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में लाखनसिंह द्वारा जांच अधिकारी को दिनांक 01/04/2022 में निष्पक्ष एवं सही जांच करने के संबंध में आवेदन दिये जाने के बावजूद पुलिस द्वारा आज दिनांक तक प्रकरण की जांच/विवेचना नहीं की गई? जांच न किये जाने के क्या कारण है? कृपया कारण सहित अवगत करायें। (ग) क्या उक्त घटना की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच हेतु प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक दतिया को दिनांक 14/12/2023 के अतिरिक्त जिला कांग्रेस कमेटी दतिया, पूर्व विधायक/विधायक द्वारा भी आवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2021 से लेकर आज प्रश्‍न दिनांक तक निष्पक्ष जांच/विवेचना विभाग द्वारा क्यों नहीं की गई है? जांच न किये जाने के क्या कारण हैं? कृपया अवगत करायें। (घ) क्या विभाग/पुलिस महानिदेशक उक्त घटना के संबंध में शिकायतकर्ता श्री लाखन सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी, पूर्व विधायक/विधायक द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों के साथ संलग्न किये CCTV फुटेज, फोटोग्राफी तथा अन्य तथ्यों साक्ष्यों के संबंध में संपूर्ण घटनाक्रम की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र/विवेचना कराई जाकर प्रकरण में खात्मा लगाये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कृपया कारण सहित बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। आवेदक लाखन सिंह जादौन द्वारा प्रस्तुत लिखित आवेदन पत्र पर दिनांक 30.05.2021 को FIR No-0060/2021 धारा 392 भा.द.वि. एवं म.प्र. डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 11, 13 दर्ज की गई है। जी नहीं। आवेदक श्री लाखन सिंह जादौन द्वारा टोल प्लाजा डगरई पर एक रजिस्टर एवं 10, 000/- रूपये लूटकर ले जाने के संबंध में लिखित आवेदन दिया था। टोल प्लाजा पर आरोपियों को पुलिस द्वारा अपने वाहन में बैठाकर थाने ले जाकर छोड़ने के संबंध में विवेचना के दौरान किसी प्रकार का कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। दिनांक 01.06.2021 समय 16:45 बजे का उक्त सी.सी.टी.वी. फुटेज पंचनामा घटना के आरोपियों की पहचान के लिये तैयार किया गया था, इस कारण फुटेज पंचनामा में रजिस्टर एवं 10000/- रूपये की लूट का विवरण नहीं लिखा गया था। (ख) प्रश्‍नांकित घटना के संदर्भ में प्रकरण के आवेदक लाखन सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में याचिका एम.सी.आर.सी. नंबर 63343/21 दायर की गई थी। याचिकाकर्ता द्वारा उक्त याचिका को वापस ले लिया गया था। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी थी कि वह विवेचक के समक्ष अपना पक्ष/साक्ष्य प्रस्तुत करें। माननीय उच्च न्यायालय के उक्त आदेश के क्रम में याचिकाकर्ता द्वारा दिनांक 01.04.2022 को कोई आवेदन पत्र जांच अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। प्रकरण में विवेचना जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।                             (ग) उक्त घटना के संबंध में दिनांक 14.12.2023 को आरोपी मयंक भारती द्वारा एक लिखित आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय दतिया एवं इसके अतिरिक्त जिला कांग्रेस कमेटी पूर्व विधायक/विधायक द्वारा भी प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक दतिया को आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये थे, उक्त आवेदन पत्र में उल्लेखित तथ्यों पर समीक्षा उपरांत एस.डी.ओ.पी. दतिया द्वारा समीक्षा प्रतिवेदन प्रेषित कर विवेचना में आये साक्ष्य अनुसार वैधानिक कार्यवाही किये जाने हेतु दिनांक 29.05.2024 को जांच अधिकारी को निर्देशित किया गया है। उक्त पत्र में दिये गये निर्देशन पर विवेचना जारी है। (घ) उक्त घटना के संबंध में शिकायतकर्ता श्री लाखन सिंह द्वारा संपूर्ण घटना क्रम की निष्पक्ष विवेचना एवं जांच कराये जाने के संबंध में कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिला कांग्रेस कमेटी एवं पूर्व विधायक/विधायक द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में विवेचना की जा रही है। विवेचना में आये साक्ष्य अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।

मुख्‍य सचिव कार्यालय के विभागीय सेटअप की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

127. ( क्र. 3960 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग की जानकारी मुख्य सचिव कार्यालय का वर्तमान विभागीय सेटअप क्या है एवं उक्त विभागीय सेटअप के अनुसार स्वीकृत पदों पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी नियुक्त हैं? उनके नाम, पदनाम एवं उन्हें विभागीय रूप से कौन-कौन से कार्य आवंटित किये गये हैं? विभागीय सेटअप के विपरीत विभागीय कार्यालय में कौन-कौन अधिकारी पदस्थ हैं? उनके नाम, पदनाम सहित बतायें। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा अपने पत्र क्र. 170/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 02/2/2024 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन की विभागीय ई-मेल आई.डी. पर उक्त पत्र भेजकर जनहित में विशेषाधिकार अन्तर्गत 8 बिन्दुओं में जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो उक्त चाही गई जानकारी प्रश्‍नकर्ता विधायक को प्रश्‍न दिनांक तक क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई, इसके लिये कौन दोषी है? कब तक प्रश्‍नकर्ता विधायक को उक्त चाही गई सम्पूर्ण बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा अपने पत्र 173/व्ही.आई.पी./24 दिनांक 02/2/2024 को ई-मेल से मुख्य सचिव म.प्र. शासन को उनकी विभागीय ई-मेल आई.डी. पर भेजकर मुख्य सचिव कार्यालय में पदस्थ ओ.एस.डी. की शिकायत करते हुये प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही से अवगत करने हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई। (घ) क्या शासन प्रश्‍नकर्ता विधायक को मुख्य सचिव कार्यालय के विभागीय सेटअप की सम्पूर्ण जानकारी देते हुये प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा वर्ष 2024 में दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक लिखे गये सभी आवेदन पत्रों जो मुख्य सचिव को लिखे गये हैं? उक्त प्रत्येक पत्र पर अंतिम निराकरण किये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंजीबद्ध अपराधिक प्रकरण की जानकारी

[गृह]

128. ( क्र. 3961 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) क्या थाना टी.टी.नगर भोपाल में आई.पी.सी. की धारा 457, 380 के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0811/2019, दिनांक 05/9/2019 को नामजद रूप से अभियुक्तगणों के विरूद्ध 10 लाख रूपये से अधिक की चोरी के संबंध में दर्ज की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर निष्पक्ष एवं सूक्ष्म जांच विवेचना करने हेतु मूल फरियादी डॉ. सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा दिनांक 10/7/2019 से निरन्तर रूप से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में संबंधित थाना टी.टी. नगर भोपाल, तत्कालीन डी.आई.जी. रेंज शहर भोपाल, तत्कालीन आई.जी. सहित सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, पुलिस महानिदेशक भोपाल, ए.डी.जी. सी.आई.डी. भोपाल, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, प्रमुख सचिव गृह को लगभग 200 से अधिक आवेदन पत्र/प्रार्थना पत्र लिखे गये थे? यदि हाँ, तो उक्त समस्त आवेदन पत्रों/प्रार्थना पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही विभाग के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा की गई? पृथक-पृथक पत्रवार बतावें। उक्त पत्रों की छायाप्रति एवं की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्‍नकर्ता विधायक को उपलब्ध करावें। (ग) क्या मूल फरियादी डॉ. सिद्वार्थ गुप्ता द्वारा दिनांक 12/6/2024 को पुनः मुख्यमंत्री म.प्र. शासन एवं पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल को उनके आवक कार्यालय में लिखित आवेदन दिया जाकर पुलिस मुख्यालय स्तर पर विशेष अनुसंधान दल गठन किया जाकर जांच किये जाने हेतु आवेदन पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पत्र पर क्या कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई बतावें? (घ) क्या शासन उक्त प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अपराध क्र. 0811/2019 में हुई 10 लाख रूपये से अधिक की हुई चोरी के प्रकरण में अपूर्ण एवं दोषपूर्ण विवेचना के आधार पर कोरोना काल में खारजी प्रकरण बनाकर प्रस्तुत करने वाले दोषी अधिकारियों को निलम्बित करते हुये पुलिस मुख्यालय स्तर पर विशेष अनुसंधान दल का गठन कर जांच के आदेश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक? निश्‍चित समयावधि बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, अपराध क्रमांक 811/2019 धारा 457, 380 भा.द.वि. की विवेचना पूर्ण की जाकर, माननीय न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। अतः प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करना विधि सम्मत नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश के मूल फरियादी डॉ. सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा विभिन्न कार्यालय में 200 से अधिक आवेदन पत्र दिया जाना लिखा है किन्तु 156 आवेदन प्राप्त होना पाया गया है। उक्त आवेदन पत्र विवेचना में संलग्न किये गये हैं। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर द्वारा एम.सी.आर.सी. क्र. 26535/18 बलवंत सिंह धाकड़ विरूद्ध म.प्र. शासन व अन्य में पारित आदेश दिनांक 18.07.2018 के अनुपालन में निर्देशित किया गया है कि किसी भी अन्वेषणाधीन प्रकरण में कोई भी समानांतर जांच संस्थित/आदेशित नहीं की जावेगी। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, अतः छायाप्रतियां दिया जाना विधि सम्मत नहीं है। (ग) जी हाँ, आवेदक सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा पूर्व में प्रस्तुत आवेदन के आधार पर थाना टी.टी. नगर के अपराध क्रमांक 811/19 धारा 457, 380 भा.द.वि. की निष्पक्ष जांच हेतु तत्कालीन डी.आई.जी. शहर भोपाल के आदेश क्र. उमनि/भोरेंश/री/सामा.1488/19, दिनांक 25/10/2019 व आदेश क्रमांक उमनि/भोरेंश/री/ सामा.1488-ए/19, दिनांक 13/11/2019 व आदेश क्रमांक उमनि/भोरेंश/री/सामा.1488बी/19, दिनांक 22/01/2020 से एस.आई.टी. टीम के गठन आदेश किये गये थे। प्रकरण की विवेचना विशेष अनुसंधान दल के द्वारा ही की जाकर विवेचना के दौरान आरोपीगण श्रवण गुप्ता एवं उनकी पत्नी शालिनी गुप्ता के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाये जाने से प्रकरण में दिनांक 06.07.2020 को खारजी क्रमांक 6/2020 कता कर माननीय सी.जे.एम. न्यायालय भोपाल में दिनांक 07.10.2020 को पेश की गई है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय न्यायालय के अंतिम निर्णय के अनुसार आगामी कार्यवाही की जाना विधि सम्मत होगा। (घ) प्रकरण में विवचेना के दौरान आरोपीगण श्रवण गुप्ता एवं उनकी पत्नी शालिनी गुप्ता के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाये जाने से प्रकरण में दिनांक 06.07.2020 को खारजी क्रमांक 6/2020 कता कर माननीय सी.जे.एम. न्यायालय भोपाल में दिनांक 07.10.2020 को पेश की गई है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय न्यायालय के अंतिम निर्णय के अनुसार आगामी कार्यवाही की जाना विधि सम्मत होगा।

ऑनलाइन सट्टा संचालन के बढ़ते नेटवर्क की रोकथाम

[गृह]

129. ( क्र. 3967 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के अधिकांश जिलों में दुबई अथवा अन्य देशों से संचालित ऑनलाइन सट्टा कंपनियों (ओपन वेब एक्सचेंज) के फैले हुये नेटवर्क की जानकारी शासन को है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी कंपनियों के मालिकों को चिन्हित कर ज्ञात किया जायेगा कि वह प्रदेश के अथवा अन्य प्रदेश के निवासी है? (ख) क्या प्रदेश सरकार इन सभी ऑनलाइन सट्टा (ओपन वेब एक्सचेंज) वेबसाइट को बैन करने की दिशा में कोई कार्यवाही कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक बताएं? (ग) क्या वर्ष 2021-2022 में इंदौर में आयोजित रोड सेफ्टी सीरीज में ऑनलाइन सट्टा कंपनियों ने अपने विज्ञापन प्रदर्शित किये व सीरीज की टीमों की टीशर्ट में कंपनियों को स्पॉन्सर के तौर पर प्रचारित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अनुमति किसके द्वारा प्रदान की गई? (घ) क्‍या इंदौर में आयोजित हुई उक्त रोड सेफ्टी सीरीज में भाग लेने आयी टीमों द्वारा निजी विमान सेवा का उपयोग किया गया था? यदि हाँ, तो निजी विमान सेवा के देयकों का भुगतान करने वाली कंपनियों के नाम व राशि का विवरण उपलब्ध कराया जाये। (ड.) ऑनलाइन सट्टा कंपनियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा है, जिनके सर्वर दुबई सहित अनेक देशों से जुडे हैं, अतः क्या डायमंड एक्सचेंज, ऑरेंज एक्सचेंज, सहित अन्य कई चर्चित सट्टा कंपनियों के मुखिया को सरकार चिन्हित कराकर उनके विरूद्ध कार्यवाही करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक बताएं? (च) क्या कटनी, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, रतलाम, इंदौर कोई नागरिक दुबई से ऑनलाइन वेटिंग सिंडीकेट संचालित कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं, शिकायतों की प्रतियां सहित दोषियों के नाम पता सहित बताएं कि इनके विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ऑनलाइन सट्टा की सूचना प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश सार्वजनिक द्यूत अधिनियम 1867 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ख) वेबसाईट को बैन भारत सरकार द्वारा किया जाता है। भारत का राजपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) पुलिस विभाग से संबंधित नहीं है एवं इस विभाग द्वारा किसी प्रकार की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (घ) पुलिस विभाग से संबंधित नहीं है। (ड.) शिकायत/सूचना प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी। (च) कटनी, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम एवं इंदौर से दुबई से ऑनलाइन वेटिंग सिंडीकेट संचालन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जिला भोपाल (नगरीय पुलिस) में वर्ष 2024 में 01 शिकायत हुई है। पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने पर शिकायत आवेदन पत्र फाईल किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

सूर्योदय बैंक कटनी में लेन-देन संबंधी शिकायत पर कार्यवाही

[गृह]

130. ( क्र. 3968 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) फरवरी, 2024 में सूर्योदय बैंक कटनी में खुलवाये गये बैंक खातों में करोड़ों रूपये का लेन-देन होने संबंधी शिकायत कटनी पुलिस को ग्रामीणों के माध्यम से प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, क्या उक्त संबंध में अपराध पंजीबद्ध किया गया? यदि हाँ, तो किन धाराओं में अपराध के आरोपियों का नाम, पता सहित पूर्ण विवरण दिया जाये। (ख) क्या शिकायत जांच में उक्त खाते किसी ऑनलाइन वेटिंग प्लेटफार्म द्वारा खुलवाये जाना पाया गया था? यदि हाँ, तो शिकायत जांच किसके द्वारा की गई, ऑनलाइन वेटिंग प्लेटफार्म का तथा उसके मालिक का नाम क्या है? मालिक को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? मालिक को बचाकर प्रकरण में मात्र खानापूर्ति करने हेतु कौन दोषी है? प्रकरण में आज दिनांक तक किस की गिरफ्तारी हुई? (ग) क्या उक्त बैंक खाता खुलने से तीन माह में ही देश और प्रदेश की विभिन्न बैंकों से लगभग 10 करोड़ से अधिक की राशियों डाली जाकर उनकी निकासी सूर्योदय बैंक से की गयी? यदि हाँ, तो इस गंभीर मनी लांड्रिंग संबंधी प्रकरण से जुडे पूरे सिंडीकेट के विरूद्ध कटनी पुलिस द्वारा सार्थक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? प्रकरण में मात्र धोखाधड़ी की धाराओं में कार्यवाहियां करने के संबंध में कौन दोषी है? (घ) खातों से राशि निकालने संबंधी व्यक्तियों के नाम पते सहित किसके द्वारा कितनी राशि निकाली गई आदि पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये। क्या राशि निकालने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर कटनी पुलिस द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्यों। (ड.) क्या इस प्रकार की और भी शिकायतें प्रदेश में प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो सभी शिकायतों की प्रतियाँ उपलब्ध करायें? क्या प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये इसकी जांच ई.डी. अथवा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से करायी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, दिनांक 25 जनवरी, 2024 में ग्राम गौतरा थाना माधवनगर जिला कटनी के ग्रामीणों द्वारा सूर्योदय बैंक कटनी में खुलवाये गये बैंक खातों के संबंध में शिकायत की गई थी कि उन्हीं गांव के विवेक पटेल पिता श्री राजेश पटेल द्वारा हमारे खाते सूर्योदय बैंक कटनी में खुलवाये गये थे। खुलवाये गये खातों में हुये लेन-देन के संबध में खाताधारकों ने स्वयं को कोई जानकारी नहीं होना बताया। उक्त शिकायतों की जांच की जा रही थी, इसी दौरान उक्त खाता धारकों के अतिरिक्त शाखा प्रबंधक सूर्योदय बैंक कटनी अंकिता गुप्ता द्वारा भी दिनांक 01 फरवरी, 2024 को इस आशय से थाना माधवनगर कटनी में शिकायत की गई कि विवेक पटेल निवासी ग्राम गौतरा कटनी, दुर्गेश यादव निवासी शाहनगर पन्ना एवं अन्य खाता धारकों के द्वारा बैंक में खाता खुलवा कर उक्त खातों का दुरूपयोग कर गैर कानूनी काम, धोखाधड़ी कर पैसे का अवैध लाभ अर्जित किया गया है। शाखा प्रबंधक सूर्योदय बैंक कटनी अंकिता गुप्ता द्वारा शिकायत पत्र के आधार पर थाना माधवनगर कटनी में अपराध कमांक 71/24 धारा 420, 34 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं ग्रामीणों के द्वारा की गई शिकायतों को अपराध की केस डायरी में संलग्न कर विवेचनाधीन किया गया है। अपराध की विवेचना दौरान 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक कटनी का प्रतिवेदन जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं अपराध विवेचना के दौरान प्राप्त तथ्यों के आधार पर यह पाया गया कि सूर्योदय बैंक कटनी में जो भी खाते खुलवाये गये हैं, वह किसी ऑनलाइन वेटिंग प्लेटफार्म द्वारा नहीं खुलवाये गये हैं, बल्कि उक्त खातों का उपयोग प्रकरण में गिरफ्तारशुदा आरोपियों द्वारा ऑनलाइन बेटिंग में किया गया है। पंजीबद्ध अपराध की विवेचना वर्तमान में प्रभारी साइबर सेल कटनी द्वारा की जा रही है। अपराध विवेचना में अभी तक ऐसे कोई तथ्य नहीं मिले हैं, जिससे ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफार्म के मालिक का नाम/पता हुलिया की जानकारी प्राप्त हो सके। गिरफ्तारशुदा आरोपियों द्वारा स्वयं ही ऑनलाइन बेटिंग खिलाना बताया है। (ग) उक्त बैंक खातों से राशि का आदान-प्रदान ऑनलाइन बेटिंग में गिरफ्तारशुदा आपरोपियों द्वारा ही ऑनलाइन ट्रान्जेक्शन/यू.पी.आई. पेमेंट द्वारा किया जाता था। उक्त सभी खातों को संबंधित बैंक के माध्यम से फ्रीज कराया जा चुका है। विवेचना के दौरान अभी तक मनी लांड्रिंग संबंधी तथ्य प्राप्त नहीं हुये हैं, तथ्य प्राप्त होते ही आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ, उक्त बैंक खातों से राशि का आदान-प्रदान ऑनलाइन बेटिंग में गिरफ्तारशुदा आरोपियों द्वारा ही ऑनलाइन ट्रॉन्जेक्शन/यू.पी.आई. पेमेंट द्वारा किया जाता था।                       (ड.) जी हाँ, जिला उज्जैन में एक एफ.आई.आर. हुई है, जिसमें आरोपीगणों ने फरियादी को लोन देने की बात पर गारंटी के रूप में दिये चेक को अपने पास रखकर अमानत में खयानत कर 110000 रू. की धोखाधड़ी की है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

प्रदेश में विक्रय की जाने वाली शराब में अनियमितताएं

[वाणिज्यिक कर]

131. ( क्र. 3971 ) श्री केशव देसाई : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2024-25 में प्रदेश में विक्रय की जाने वाली देशी शराब की फुल साईज, हाफ एवं क्‍वाटरों के रेट फिक्‍स किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो ग्वालियर एवं चंबल संभाग में कितनी देशी शराब बोतलों का विक्रय हुआ? कृपया जिलेवार विक्रय बोतलों की संख्‍या बतायें। (ग) प्रदेश में देशी शराब विक्रय से दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से 20 जून, 2024 तक की अवधि में कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (घ) वर्ष 2024-25 में ग्वालियर एवं चम्‍बल संभाग में किस-किस फर्म/ठेकेदार को देशी विदेशी शराब का ठेका दिया गया? कृपया जिलेवार ठेकेदार/फर्म संचालक का नाम एवं पता सहित संपूर्ण जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2024-25 में प्रदेश में विक्रय की जाने वाली देशी शराब की फुल साईज, हाफ एवं क्‍वाटरों की विक्रय दर, आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के पत्र क्रमांक 5 (1) /2023-24/293, दिनांक 13.03.2024 से निर्धारित की गई है, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट एक अनुसार है। (ख) ग्‍वालियर एवं चम्‍बल संभाग में देशी मदिरा का विक्रय वर्ष 2024-25 (दिनांक 01.04.2024 से 20.06.2024 तक) ग्‍वालियर एवं चम्‍बल संभाग में केवल देशी शराब पाव का विक्रय हुआ। जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट दो अनुसार है। (ग) प्रदेश में देशी शराब विक्रय से दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से 20 जून, 2024 तक की अवधि में रूपये 13, 32, 85, 05, 923/- का राजस्व प्राप्त हुआ। (घ) वर्ष 2024-25 में ग्वालियर एवं चम्‍बल संभाग में जिलेवार ठेकेदार/फर्म संचालक का नाम एवं पता सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिश्ष्टि तीन, चार, पांच, छ:, सात, आठ, नौ एवं दस अनुसार है।

भोपाल जिलान्तर्गत संचालित खदानें

[खनिज साधन]

132. ( क्र. 3976 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिलान्तर्गत मुरम, गिट्टी, कोपरा एवं अन्य खनिज पदार्थों की (शासकीय एवं अशासकीय) कितनी खदानें किस-किस क्षेत्र में संचालित हैं? संचालनकर्ताओं के नाम, पता सहित, विधानसभावार क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) उक्त खदानों में से किस-किस खदान के संबंध में आवंटित क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध खनन किये जाने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है तथा किन-किन के विरूद्ध प्रकरण दर्ज हुये हैं? (ग) प्राप्त शिकायतों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतवार जानकारी दें एवं दर्ज प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला भोपाल में कुल 132 खदानें स्‍वीकृत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आवेदकों/याचिकाकर्ताओं को नियमोचित वांछित लाभ

[वित्त]

133. ( क्र. 3977 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी-3-4/2017/3/एक, दिनांक 26 अप्रैल, 2017 के द्वारा राज्य शासन के सभी विभागों को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 04 जनवरी, 2017 के परिपालन हेतु सूचित किया गया है? (ख) क्या उक्त आदेश में इस बात का उल्लेख है कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा इस बात को लेकर अप्रसन्‍नता व्यक्त की गई है कि पूर्व के समरूप उदाहरण/न्यायालयीन निर्णय होने के बावजूद सक्षम प्राधिकारी द्वारा आवेदकों/याचिकाकर्ताओं को नियमोचित वांछित लाभ नहीं दिया जाता है अथवा अभ्यावेदन का नियमानुसार निराकरण नहीं किया जाता है, जिससे कर्मचारीगण न्यायालय की शरण लेने हेतु विवश होते हैं, जिससे उन पर तो आर्थिक भार पड़ता ही है। साथ ही न्यायालय में भी प्रकरणों की अनावश्यक बढ़ोतरी होती है? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा आदेश क्रमांक-एफ-8/2024/नियम/4 भोपाल, दिनांक 15 मार्च, 2024 जारी कर यह प्रावधान किया है कि जो सेवानिवृत्त कर्मचारी वेतन वृद्धि के संबंध में अपने पक्ष में न्यायालय से निर्णय लेकर आए केवल उन्हें ही प्रशासकीय विभाग स्वयं निर्णय लेकर वेतन वृद्धि स्वीकृत करने के संबंध में आदेश जारी करेंगे?                  (घ) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित न्यायालयीन आदेश के तारतम्य में वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश को निरस्त कर नया आदेश निकालने हेतु निर्देशित किया जायेगा, जिसमें यह उल्लेख हो की 30 जून एवं 31 दिसंबर को सेवानिवृत्‍त होने वाले या हुए शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त वेतन में काल्पनिक वेतन वृद्धि स्वीकृत की जाए और यह काल्पनिक वेतन वृद्धि केवल पेंशन के निर्धारण/पुनरीक्षण की गणना के लिए मान्य होगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मध्‍यप्रदेश शासन, वित्‍त विभाग के परिपत्र दिनांक 15.03.2024 में माननीय न्‍यायालयों द्वारा पारित आदेशों के अनुक्रम में प्रशासकीय विभाग को स्‍वयं निर्णय कर आदेश जारी करने हेतु अधिकृत किया है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

प्‍लॉट के सीमांकन की समय-सीमा

[नर्मदा घाटी विकास]

134. ( क्र. 3992 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी भी प्लॉट का सीमांकन करने में क्या समय-सीमा शासन द्वारा निर्धारित की गई है?                                 (ख) क्या देवेंद्र पिता मदन लाल पाटीदार निवासी निसरपुर द्वारा प्लॉट नंबर 2903 आदेश क्रमांक 011 2022 का एन.वी.डी.ए. कमिश्‍नर के द्वारा 21 157 का प्लांट एन.वी.डी.ए. अधिकारी के द्वारा अनुमोदित है हाँ या नहीं? (ग) यदि हाँ, अनुमोदन की दिनांक क्या है एवं प्रश्‍न दिनांक तक प्रार्थी देवेंद्र पिता मदनलाल पाटीदार को प्लॉट का सीमांकन करके क्यों नहीं दिया गया एवं हैंडओवर क्यों नहीं किया गया? कारण सहित बताएं। (घ) उक्त प्रकरण में सीमांकन एवं हैंडओवर नहीं करने में एस.डी.ओ. एन.वी.डी.ए. आर.वी. सिंह की क्या भूमिका थी, इनके द्वारा कार्य समय पर क्यों नहीं किया गया और शासन के आदेश का पालन न करने पर इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) अनुमोदन का दिनांक 08.10.2021 है। प्रश्‍नाधीन प्‍लॉट का कब्‍जा दिनांक 05.07.2024 को सौंप दिया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रे‍क्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

हीरा खनिज सहित अन्‍य माईन्‍स का सर्वे

[खनिज साधन]

135. ( क्र. 3998 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा है कि टीकमगढ़, छतरपुर जिलों में अपार हीरा का एवं अन्य खनिजों का अपार भण्डार है? उसका सर्वे कराया जायेगा? ऐसी घोषणा की गई थी तो कब और कहां? कृपया घोषणा क्रमांक सहित जानकरी प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में घोषणा के आधार पर बताएं कि कहां-कहां इसका किस तहसील में किस ग्राम के पास राजस्व या वन भूमि पर सर्वे कराया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिले में अगर घोषणा नहीं है तो किस प्रकार फिर टीकमगढ़ जिले में हीरा सहित अन्य माईन्स हेतु सर्वे कार्य कराया जा सकता है या नहीं? कृपया सम्पूर्ण जानकारी एवं आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें, जिनके आधार पर सर्वे कार्य किया जाता है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले में हीरा खनिज सहित अन्य माईन्स का सर्वे कराने विभाग प्रस्ताव तैयार कराकर भोपाल के अधिकारी आदेशित करेंगे तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि कब से हीरा सहित अन्य माईन्स का सर्वे का कार्य प्रारंभ हो जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                             (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में कोई घोषणायें प्राप्‍त नहीं हुई है। अपितु खनिजों की खोज हेतु वार्षिक कार्यक्रम बनाकर उपयुक्‍त क्षेत्रों पर कार्य की प्राथमिकता अनुसार सर्वेक्षण कार्य कराया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। टीकमगढ़ जिले में पूर्व में विभिन्‍न एजेंसियों द्वारा हीरा एवं अन्‍य खनिजों का सर्वे कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विभाग का सुदृढ़ीकरण व रोजगारोन्‍मुखी योजनाओं का संचालन

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

136. ( क्र. 4012 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग व इसके अधीन आने वाले उपक्रमों को सुदृढ़ करने, योजनाओं को रोजगारोन्‍मुखी बनाने व विभागीय संस्‍थाओं को घाटे से उबारने हेतु विभाग किन योजनाओं, प्रस्‍तावों पर विचार कर रहा है? (ख) क्‍या वर्तमान में पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित आजीविका मिशन द्वारा भी कुटीर व ग्रामोद्योग जैसी ही गतिविधियां संचालित की जा रही है? क्‍या राज्‍य शासन विचार करके ग्रामीण आजीविका मिशन व उसके कार्यक्रमों को सम्‍पूर्ण अमले सहित कुटीर व ग्रामोद्योग विभाग को हस्तांतरित करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) विभाग में जिला स्‍तर पर स्‍वीकृत रिक्‍त पदों को भरने की क्‍या योजना है? विभाग के संचालनालय व उपक्रमों में रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु क्‍या योजना है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा शिल्पियों, बुनकरों, रेशम किसानों को सुदृढ़ करने, विभागीय घाटे से उबारने के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) विभाग में समस्त पद राज्य स्तर संवर्ग के हैं, जिला स्तर के पद स्वीकृत नहीं है। राज्य स्तर पर स्वीकृत एवं वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पदों को भरने की कार्यवाही म.प्र. लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से की जा रही है। म.प्र. हस्तशिल्प विकास निगम में स्वयं के बजट अभाव में नवीन भर्ती पर प्रतिबन्ध है।

शराब की अवैध बिक्री की रोकथाम

[वाणिज्यिक कर]

137. ( क्र. 4013 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में देशी/विदेशी मदिरा की कितनी दुकानें कहां-कहां संचालित हैं? क्‍या इन सभी दुकानों की स्‍थापना शासन के निर्धारित मापदण्‍डों व निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्‍थलों व विद्यालयों से निर्धारित दूरी पर ही है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या अनुज्ञप्तिधारी मदिरा विक्रेता मदिरा उत्‍पाद (देशी/विदेशी शराब) का परिवहन व भण्‍डारण कहीं भी कर सकता है? यदि नहीं, तो जिले के                             गांव-गांव व गली मोहल्‍लों में मदिरा का भण्‍डारण कर विक्रय किन के द्वारा किया जाता है?                                 (ग) प्रश्‍नांश (ख) उल्‍लेखित अवैध बिक्री रोकने में आबकारी अमले व पुलिस प्रशासन की विफलता के क्‍या कारण हैं? क्‍या अनुज्ञप्तिधारी विक्रेताओं द्वारा ही अपने समीपी क्षेत्र में पुलिस प्रशासन व आबकारी अमले की मिलीभगत से ही गांव-गांव अवैधानिक रूप से मदिरा का विक्रय कराया जाता है? (घ) शराब की अवैध बिक्री रोकने विभाग व पुलिस प्रशासन द्वारा जिले में कब तक प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रायसेन जिले में 66 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें संचालित हैं, जिनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जिले में संचालित 66 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111, दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (CT) (15), दिनांक 31.03.2023 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार निर्धारित दूरी पर संचालित है। (ख) जी नहीं। अनुज्ञप्तिधारी द्वारा मदिरा परिवहन व भण्‍डारण लायसेंस शर्तों के अनुरूप ही किये जाने हेतु बाध्‍य है। रायसेन जिले के गांव-गांव व गली मोहल्‍लों में मदिरा का भण्‍डारण कर अवैध विक्रय किये जाने की सूचना/शिकायत प्राप्‍त होने पर विभाग द्वारा अवैध मदिरा विक्रयकर्ता पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जिले में अवैध मदिरा विक्रय धारण, संग्रहण के विरूद्ध जिले के आबकारी अमले द्वारा सूचना प्राप्‍त होते ही नियमानुसार समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। जिले में आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा विक्रय धारण, संग्रहण के विरूद्ध जिले में दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से 31 मई, 2024 तक आबकारी अधिनियम 1915 की सुसंगत धाराओं के तहत 200 न्यायालयीन प्रकरण एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1662 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। पुलिस अधीक्षक जिला रायसेन के पत्र क्रमांक/पु.अ./रायसेन/ओ.एम./वि.स.प्र.क.4013/19बी/2024, दिनांक 28.06.2024 अनुसार दिनांक 01 अप्रैल, 2024 से 31 मई, 2024 तक 247 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (घ) जिले में अवैध मदिरा विक्रय धारण, संग्रहण के विरूद्ध निरंतर प्रभावी कार्यवाही की जा जाती है। माह अप्रैल एवं माह मई 2024 तक आबकारी विभाग एवं पुलिस द्वारा कुल 447 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।

परिशिष्ट - "अठारह"

ऑनलाइन रजिस्‍ट्री संबंधी जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

138. ( क्र. 4079 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विक्रेता ऑनलाइन रजिस्ट्री के समय सह खातेदार अपने अंश के अनुसार बिना कब्जा तथा बिना बंटवारा करते हुए रजिस्ट्री करने का प्रावधान है? (ख) क्‍या रजिस्ट्री के समय सह खातेदार की सहमति की आवश्यकता है? (ग) क्‍या विक्रेता के पटवारी के पालन प्रतिवेदन की आवश्यकता है? (घ) अगर सह खातेदार की सहमति तथा पटवारी के प्रतिवेदन की आवश्यकता है तो क्‍या बैतूल जिले में उन सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए रजिस्ट्री की जाती है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ, रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1908 एवं इसके अंतर्गत निर्मित नियमों के अनुसार सह खातेदार द्वारा अपने अंश का बिना कब्‍जा व बिना बंटवारा, विक्रय करने पर पंजीयन से रोक का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं।                       (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 







भाग-2

स्थायी आदेश 13-क के अनुसरण मॆं अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


मुफ्त की योजनाओं पर व्‍यय

[वित्त]

1. ( क्र. 337 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन पर कुल कितना कर्ज है? इसमें दीर्घकालीन कर्ज कितना है? जीडीपी की तुलना में कितने प्रतिशत कर्ज है? वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक इसमें कितनी वृद्धि हुई हैं? (ख) क्‍या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार विगत दो वर्षों में कर्ज का बोझ घटने के बजाय 2% बढ़ गया है? इस पर रिजर्व बैंक ने गहरी चिंता व्‍यक्‍त की है? शासन ने वर्षवार कितना-कितना कर्ज लिया हैं? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में प्रदेश में ऐसी कौन-कौन सी मुफ्त की योजनाएं संचालित हैं जिनसे अर्थव्‍यवस्‍था में कोई लाभ नहीं हो रहा है? शासन ने इन योजनाओं में टैक्‍स आय से अर्जित राशि का कितने प्रतिशत हिस्‍सा कुल कितनी-कितनी राशि व्‍यय की हैं? ब्‍याज के भुगतान में कुल कितनी प्रतिशत राशि व्‍यय की हैं? (घ) सब्सिडी बांटने एवं बिजली बिल माफ करने पर कितनी-कितनी राशि बांटी गई हैं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश शासन पर कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्‍त लेखे वर्ष 2022-23 के खण्‍ड-2 के Statement No. 17 में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 1 अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण शेष अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। तथापि वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार पर कर्ज,वर्ष 2023-2024 का पुन‍रीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-2025 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में उपलब्‍ध हैं। वित्‍तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 के बजट साहित्‍य के साथ प्रकाशित 31 मार्च 2024 की स्थिति में म.प्र. राजकोषीय उत्‍तरदायित्‍व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम,2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित प्रतिवेदन के प्रकाशित राजकोषीय सूचक-चल लक्ष्‍य (रोलिंग-टारगेट्स) बताएं गए है जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में उपलब्‍ध हैं। (ख) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिर्पोट की अवधि प्रश्‍नांश में दर्शित नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। राज्‍य शासन द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किए गये वित्‍त लेखे वर्ष 2021-22 के खण्‍ड 2 के Statement No. 17 में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 में उपलब्‍ध है। शेष प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तरांश के अनुसार। (ग) वित्‍तीय वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 के बजट साहित्‍य के साथ प्रकाशित वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के परिशिष्‍ट-छ अनुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में उपलब्‍ध है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तरांश में उल्‍लेख अनुसार जानकारी परिशिष्ट-5 में मद 42 सहायक अनुदान एवं मद 44 राज सहायता में दर्शित है।

 

मुख्‍यमंत्री बाल सेवा योजना

[महिला एवं बाल विकास]

2. ( क्र. 338 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं समेकित बाल संरक्षण योजना तथा मिशन वात्सल्य के तहत स्पॉन्सरशिप फास्टर केयर व पी.एम. केयर्स फार चिल्ड्रन योजना में कितने-कितने अनाथ बेसहारा बच्चों को किस मान से स्पॉन्सरशिप की प्रतिमाह और वार्षिक स्पॉन्सरशिप की कितनी-कितनी राशि दी गई। कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर में कोविड-19 में तथा अन्य बीमारियों, दुर्घटनाओं आदि के कारण हुये अनाथ चिंहित कितने बच्चों को किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? कितने-कितने बच्चे योजनाओं के लाभ से वंचित हैं एवं क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में कितने-कितने बच्चों को किस मान से मासिक स्कॉलरशिप व वार्षिक स्कॉलरशिप की कितनी-कितनी राशि दी गई। कितनी-कितनी राशि का कब से भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? (घ) प्रश्‍नांकित कितने-कितने बच्चों की शिक्षा, भरण पोषण, आवास आदि की क्या व्यवस्था की गई हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं समेकित बाल संरक्षण योजना तथा मिशन वात्सल्य के तहत स्पॉन्सरशिप फोस्टर केयर व पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में लाभान्वित अनाथ बेसहारा बच्चों एवं उनको प्रति माह एवं वार्षिक प्रदाय की जाने वाली स्कॉलरशिप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 01 पर है। वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट के आभाव के कारण राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 01 अनुसार है। (ख) जिला जबलपुर में कोविड-19 में तथा अन्य बीमारियों, दुर्घटनाओं आदि के कारण हुए अनाथ चिन्हित सभी बच्चों को योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 02 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 02 अनुसार है।                             (घ) प्रश्‍नांकित मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना में 1435, स्पॉन्सरशिप में 5506, फोस्टर केयर में 164, पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम में 365 बच्चों को शिक्षा एवं भरण पोषण हेतु सहायता प्रदान की व्यवस्था की गयी है। पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना अंतर्गत ऐसे बच्चे जिनके पास आवासीय व्यवस्था नहीं है उन्हें आवासीय शिक्षा का प्रावधान है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

3. ( क्र. 495 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति राशि केन्द्र सरकार के पास कब-कब से कितनी-कितनी राशि लंबित है? (ख) वर्ष 2022-23 में मध्यप्रदेश का जी.एस.टी. राजस्व कितना प्राप्त हुआ था एवं चालू वित्तीय वर्ष में जी.एस.टी. राजस्व कितना प्राप्त हुआ है? वर्ष 2022-23 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में कितने प्रतिशत अधिक जी.एस.टी. राजस्व प्राप्त हुआ है? (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के हिस्से की राशि समय-सीमा में न दिये जाने पर क्या कारण है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्‍यप्रदेश की जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति राशि वर्ष 2017-2018 से 2021-22 तक की शेष रू 565.02 करोड़ एवं वर्ष 2022-23 (माह अप्रैल से जून) की रू. 1175.48 करोड़ की क्षतिपूर्ति राशि लंबित है। कुल 1740.50 करोड़ रू लंबित है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में जी.एस.टी. अंतर्गत रू. 27160.97 करोड़ का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ था। चालू वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में माह मई तक जी.एस.टी. अंतर्गत रू. 6138.58 करोड़ का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। वर्ष 2022-23 में माह मई तक प्राप्‍त राजस्‍व की तुलना में चालू वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में माह मई तक 43.24 प्रतिशत अधिक जी.एस.टी. राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। (ग) केन्‍द्र सरकार द्वारा आवश्‍यक परीक्षण उपरान्‍त राज्‍य के हिस्‍से की राशि आवंटित की जाती है।

स्टोन क्रेशर की जानकारी

[खनिज साधन]

4. ( क्र. 1154 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिला अंतर्गत स्टोन क्रेशर कहाँ-कहाँ संचालित हैं तथा स्टोन क्रेशरों की सूची मालिकों के एवं उनके फर्म के नाम सहित उपलब्ध कराई जावे? पत्थर उत्खनन की लीज किन-किन ग्रामों में कितने एरिया को क्रेशर लगाने एवं माइनिंग द्वारा लीज की अनुमति दी गई है? रायल्टी- कब-कब कितनी राशि शासन को जमा की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में पत्थर उत्खनन कितने मीटर गहराई तक खुदाई का कार्य कहां-कहां कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्‍या स्टोन क्रेशरों में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र लगाये गये हैं? इनके विवरण सहित बतावें। (घ) स्टोन क्रेशर से पत्थर निकालने के लिए ब्लॉस्टिंग से उत्खनन की जाती है, तो वहां के आस-पास के मकानों में धमाके के कारण दरारें आ जाती हैं, जिससे ग्रामवासियों को नुकसान उठाना पड़ता है? सरकार के द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए कई गाइड-लाइन बनाई गई हैं? क्या इन मापदण्डों का पालन हो रहा है? अगर नहीं हो रहा है तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खदानों की गहराई के संबंध में नियमों में अधिकतम गहराई का उल्‍लेख नहीं है, लेकिन मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (24) के तहत 6 मीटर से अधिक गहराई होने पर पट्टेदार, तुरन्‍त महानिदेशक, खान सुरक्षा, आदि को प्ररूप-तेरह में लिखित सूचना देने के प्रावधान है। गढ्ढों की भराई खदान समाप्ति/समर्पण उपरांत किये जाने के प्रावधान है एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु खदान क्षेत्र की सीमाओं/उपलब्‍ध क्षेत्र पर वृक्षारोपण हेतु निर्देशित किया जाता है।  (ग)  स्‍टोन क्रेशरों में उड़ने वाली धूल से होने वाली बीमारियों के संबंध में मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, बड़वानी द्वारा पत्र दिनांक 01/07/2024 अनुसार मरीजों की संख्‍या निरंक है। शेष प्रश्‍नांश अनुसार वायु प्रदूषण से बचाव हेतु स्‍थापित क्रेशरों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार क्रेशर मशीन को टीन शेड से कवर्ड किया जाकर, वाटर स्प्रिंग्‍लर/पानी का छिड़काव किया जाता है एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्राप्‍त किये जाने पर ही खदान के संचालन की अनुमति जारी की जाती है। (घ) स्‍टोन क्रेशर से पत्‍थर निकालने के लिए ब्‍लॉस्टिंग की कार्यवाही खदान संचालनकर्ताओं द्वारा ब्‍लॉस्टिंग की अनुमति प्राप्‍त लायसेंस एजेन्सियों द्वारा ब्‍लॉस्टिंग कराई जाती है। ब्‍लॉस्टिंग करने से मकानों में क्षति एवं जनहानि के संबंध में प्राप्‍त वस्‍तुस्थिति की जाँच की गई, जाँच उपरांत मकानों में कोई गंभीर क्षति नहीं होना पाया गया। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर अनुसार है।

लाड़ली बहना योजना

[महिला एवं बाल विकास]

5. ( क्र. 1413 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली बहना योजनान्तर्गत विधानसभा चाचौड़ा में कितनी पात्र महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है? सूची उपलब्ध कराएं l (ख) कितनी पात्र महिलाएं इस योजना से वंचित है? क्या इन्हें लाड़ली बहना योजना का लाभ दिलाने के लिए पुन: रजिस्ट्रेशन होगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा चाचौड़ा में कुल 61,447 पात्र महिलाओं को लाभ मिल रहा है। जानकारी अत्यधिक विस्तृत होने के कारण पेन ड्राइव पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना के क्रियान्‍वयन हेतु जारी निर्देशों के अंतर्गत समस्‍त पात्र महिलाओं को योजना से लाभांवित किया गया है। भविष्‍य में इस संबंध में निर्देश जारी होने पर पंजीयन किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नवीन पुलिस चौकी की स्थापना एवं उन्नयन

[गृह]

6. ( क्र. 1428 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा के सेंधवा थाना अंतर्गत ग्राम चाचरियापाटी में पुलिस चौकी संचालित है। चाचरियापाटी पुलिस चौकी के अंतर्गत लगभग 45 ग्राम आते है शासन से निवेदन है की पुलिस चौकी को थाने में उन्नयन किया जाये? (ख) सेंधवा विधानसभा अंतर्गत ग्राम धवली करीब 30 किलो मीटर पड़ता वरला थाना और वरला थाने के अंतर्गत करीब 60 से 70 किलो मीटर के दायरे में फैला है उन्हें काफी दूर पड़ता है क्या वरला थाने के अंतर्गत में धवली में पुलिस चौकी खोले जाने के मांग की जा रही है क्या धवली को पुलिस चौकी बनाया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सेंधवा विधानसभा के सेंधवा थाना अंतर्गत चाचरियापाटी में पुलिस चौकी संचालित है। यदि पुलिस चौकी का थाने में उन्‍नयन की आवश्‍यकता प्रतीत होती है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) सेंधवा विधानसभा अंतर्गत वरला थाने के ग्राम धवली में पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्‍ताव निर्धारित मापदण्‍ड के अनुरूप नहीं होने से पुलिस मुख्‍यालय द्वारा प्रस्‍ताव अमान्‍य किया गया।

विधायकों के पत्रों के उत्‍तर दिया जाना

[सामान्य प्रशासन]

7. ( क्र. 1561 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा सांसद/विधायकों के पत्रों के उत्तर देने पर एवं उस पर कार्यवाही करने के संबंध में दिये गये निर्देश जिला प्रशासन, नर्मदापुरम को कब-कब प्राप्‍त हुए है?                                        (ख) कलेक्‍टर, नर्मदापुरम को जनवरी, 2023 से जून 2024 तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र किन-किन तारीखों में प्राप्‍त हुये। कलेक्‍टर कार्यालय नर्मदापुरम को प्राप्‍त प्रत्‍येक पत्र का क्रमांक एवं विषय की जानकारी देते हुये बतावें कि उपरोक्‍त पत्रों का किन-किन तारीखों में जवाब दिया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 19- 76/ 2007/1/4 दिनांक 26/12/2023 एवं इसके संदर्भित पत्र यथा समय जिला प्रशासन नर्मदापुरम में प्राप्‍त हुए हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण एवं रिक्‍त पद

[सामान्य प्रशासन]

8. ( क्र. 1562 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                               (क) कलेक्‍टर, नर्मदापुरम को जनवरी 2022 से अभी तक किन-किन लोगों ने अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने के आवेदन दिये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आलोक में अभी तक किन-किन लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गयी? किन आवेदकों को नियुक्ति नहीं दी जा सकी है? नाम सहित जानकारी दें। क्‍या इस संबंध में वरीयता सूची बनाई गई है ताकि क्रम से अनुकंपा नियुक्ति दी जा सके। (ग) जिले में किस-किस विभाग में कौन-कौन से पद कितनी संख्‍या में रिक्‍त है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।

अवैध उत्‍खनन के दर्ज प्रकरण

[खनिज साधन]

9. ( क्र. 1563 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) नर्मदापुरम जिले में अवैध उत्‍खनन के कितने प्रकरण किस-किस न्‍यायालय में प्रचलित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रत्‍येक प्रकरण का क्रमांक, दिनांक पेनाल्‍टी राशि, आरोपियों के नाम पते, न्‍यायालय का नाम जिसके यहां प्रकरण प्रचलित है की जानकारी देने का कष्‍ट करें।                                     (ग) प्रश्‍नांश (ख) में किस-किस प्रकरण में कितनी-कितनी पेनाल्‍टी शासन द्वारा निर्धारित की गई है। (घ) अवैध उत्‍खनन द्वारा निर्धारित राशि कब तक वसूल करेगा ताकि शासन उक्‍त राशि का उपयोग कर सकें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्रकरणों का निराकरण नहीं होने एवं पेनाल्‍टी की राशि का निर्धारण न होने से राशि की वसूली एवं उसके उपयोग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रजिस्‍ट्रि‍यों की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

10. ( क्र. 1709 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल नगर निगम की सीमा में आने वाले ग्राम धरमपुरी, ग्राम चन्दनपुरा ग्राम प्रेमपुरा की निजी भूमियों की वर्ष 1968-69 से वर्ष 1971-72 तक की गई रजिस्ट्रि‍यों का ब्यौरा उप पंजीयक/पंजीयक मुद्रांक शुल्क भोपाल के शासकीय अभिलेखागार में उपलब्ध है। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त अवधि में किस ग्राम के किस खसरा नम्बर का कितना रकबा कितने मूल्य में किसके द्वारा किसे विक्रय किए जाने के दस्तावेज मुद्रांक शुल्क विभाग के किस-किस अभिलेखागार में उपलब्ध है। (ग) पंजीबद्ध किए गए दस्तावेजों को ग्राम की इन्डेक्स बुक में किस-किस क्रमांक पर दर्ज किया गया है प्रति सहित बतावें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित अवधि में ग्राम धरमपुरी, ग्राम चन्‍दनपुरा व ग्राम प्रेमपुरा के दस्‍तावेजों के इन्‍डेक्‍स उप पंजीयक कार्यालय भोपाल के अभिलेखागार में उपलब्‍ध हैं। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। इन्‍डेक्‍स बुक के संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

निगम, मंडलों की आर्थिक स्थिति

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

11. ( क्र. 2097 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय उपक्रमों के अन्‍तर्गत कौन-कौन से निगम/मंडल है उनकी सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) उपरोक्‍त शासकीय उपक्रमों की पिछले तीन वित्‍तीय वर्ष में लाभ-हानि की क्‍या स्थिति रही पृथक-पृथक निगमवार विवरण दें, इनकी कुल जमा पूंजी और अचल संपत्ति का भी विवरण दें। (ग) ऐसे कौन-कौन से शासकीय उपक्रम है जिनके लगातार घाटों में रहने के कारण राज्‍य सरकार उन्‍हें बंद करने पर विचार कर रही है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

झूठा आपराधिक प्रकरण दर्ज करना

[गृह]

12. ( क्र. 2106 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छतरपुर जिला थाना सिविल लाईन में विवेचक द्वारा विवेचना अपराध क्रमांक 223/2023 दर्ज पर प्रभारी सचिव द्वारा अपने कथन में लेख कराया कि मैं 6:30 पर अपने घर पर था कपिल शर्मा ने फोन लगाकर बताया कि आरोपीगणों द्वारा गंदी-गंदी गालियां दे रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रभारी सचिव को सूचना प्राप्‍त होने के उपरांत ही अन्‍य कर्मचारियों को सूचना देना संभव था? यदि हाँ, तो उक्‍त घटना के घटित समय के पूर्व ही किन-किन कर्मचारियों द्वारा अपने कथन में लेख कराया था कि प्रभारी सचिव द्वारा 6.00 बजे फोन किया था? (ग) क्‍या उक्‍त घटना के समय मौके पर उपस्थित कपिल 21:00 से 05:00 कन्‍हैयालाल 20:00 से 4:00 उद्देश्‍य 18:00 से रात्रिकालीन तक ड्यूटी का समय निर्धारित था? हाँ या नही? यदि हाँ, तो उक्‍त व्‍यक्तियों द्वारा कहा गया था कि मैं घटना समय पर मैं ड्यूटी पर था कारण स्‍पष्‍ट करें? (घ) क्‍या उक्‍त आपराधिक प्रकरण के संबंध में निवेदक द्वारा साक्षीगणों के कथन अनुसार फोन कॉल डिटेल एवं घटना स्‍थल पर लगे फुटेज की वीडियों को संग्रहित किया गया यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) प्रकरण वर्तमान में माननीय न्यायालय में अभियोजन की प्रक्रिया में है। जानकारी देना न्यायहित में नहीं है।

संविलियन पर पांचवा वेतनमान का लाभ

[वित्त]

13. ( क्र. 2140 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश राज्‍य तिलहन संघ सेवायुक्‍त की प्रतिनियुक्ति पर शासन में चौथे वेतनमान में पदस्‍थ थे, को सीधे छठे वेतनमान में संविलियन हुआ हो, संविलियन पश्‍चात पांचवा वेतनमान का लाभ (गणना) की पात्रता है? अथवा नहीं स्‍पष्‍ट करेंगे? क्‍या कोई आदेश प्रसारित है? यदि हैं तो आदेश की छायाप्रति उदाहरण देकर समझायेंगे? (ख) क्‍या वित्‍त विभाग द्वारा प्रमुख सचिव वित्‍त की अध्‍यक्षता में तिलहन संघ से राज्‍य शासन के विभागों में पदस्‍थ कर्मियों के प्रचलित न्‍यायालयीन प्रकरणों के निराकरण संबंधी बैठक दिनांक 18-11-20 के निर्णय में इन्‍हें पांचवे वेतनमान लाभ की स्‍वीकृति दी है? संविलियन पर प्रतिनियुक्ति विभाग से प्राप्‍त L.P.C जमा किया हो तो क्‍या प्रतिनियुक्ति दिनांक से पांचवा वेतनमान की गणना लाभ पात्रता है? स्‍पष्‍ट करेंगे?                                    (ग) तिलहन संघ के सा.प्रशा. विभाग में पदस्‍थ द्वारा दायर याचिका के अवमानना 276/2018 के अन्‍तर्गत वित्‍त विभाग द्वारा 24-6-2020 टीप में 5वें वेतनमान की सहमति दी है? यदि हाँ, तो अन्‍य विभागीय प्रकरणों में यह सहमति क्‍यों नही? यदि दी हो तो बताएं? (घ) क्‍या संस्‍थागत वित्‍त में पदस्‍थ तिलहन संघ सेवायुक्‍तों को पांचवा वेतनमान का लाभ स्‍वीकृत किया है? यदि हाँ, तो किस आधार पर?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 12 अगस्‍त, 2013 एवं परिपत्र दिनांक 23 अगस्‍त, 2016 द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार तिलहन संघ के संविलियन कर्मचारियों का वेतन निर्धारण छठवें वेतनमान के अंतर्गत करने हेतु दिशा-निर्देश है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बैठक दिनांक 18.11.2020 के कार्यवाही विवरण में पांचवे वेतनमान का लाभ दिये जाने के संबंध में उल्‍लेख नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

समरूप प्रकरणों का विभागीय स्‍तर पर निराकरण

[सामान्य प्रशासन]

14. ( क्र. 2141 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग आदेश क्रमांक सी. 3-4/2017/3/एक दिनांक 26-4-2017 एवं मुकदमा प्रबंधन नीति-2018 अंतर्गत मान. उच्‍च न्‍यायालय के शरण में न जाने की विवशता को दृष्टिगत रखते हुये समरूप प्रकरणों का विभागीय स्‍तर पर निराकरण के निर्देश दिये है? यदि हाँ, तो तिलहन संघ सेवायुक्‍तों के व्‍यक्तिगत एवं संयुक्‍त लगभग 700 उच्‍च न्‍यायालय याचिकाओं/ अवमाननाओं प्रकरणों को लम्बित क्‍यों? क्‍या इस परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या कार्यवाही करेंगे? नहीं तो क्‍यों नहीं? (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग से संबंधित व अन्‍य जो विभाग के संज्ञान कितने प्रकरण है? विवरण देगें? (ग) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग में पदस्‍थ तिलहन संघकर्मियों को पांचवा वेतनमान लाभ प्राप्‍त है? इन्‍हें किस आधार पर यह लाभ प्राप्‍त है? क्‍या न्‍यायालयीन आदेश पर? यदि हाँ, तो अन्‍य विभागों को भी इस अनुरूप आदेश प्रसारित करेंगे? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? यदि आदेश/कार्यवाही हो तो उपलब्‍ध कराए? (घ) क्‍या तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर रहे संविलियत कर्मियों को पांचवा वेतनमान का वेतन निर्धारण में गणना लाभ प्राप्‍त है? या नहीं? यदि है तो आदेश की छायाप्रति उलब्‍ध करायें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 26/4/2017 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। म.प्र. तिलहन संघ के सेवायु‍क्‍तों द्वारा माननीय न्‍यायालयों में दायर प्रकरण/अवमानना आदि के दृष्टिगत सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 29 मार्च 2019 द्वारा सहकारिता विभाग को नोडल विभाग नियुक्‍त किया गया है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार(ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार(ग) जी हाँ। न्‍यायालयीन निर्णय के अनुपालन में। प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार।

औद्योगिक इकाइयों में क्षे‍त्रीय युवकों को रोजगार

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

15. ( क्र. 2177 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) क्‍या मैहर विधान सभा क्षेत्र में स्‍थापित सीमेन्‍ट औद्योगिक इकाइयों द्वारा स्‍थानीय बेरोजगारों युवकों को रोजगार दिये जाने के संबंध में कोई कार्य योजना बनाई गयी है। यदि हां, तो कार्य योजना की जानकारी दी जावें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित के संबंध में मैहर क्षेत्र के पानी एवं पर्यावरण का दोहन इन औद्योगिक इकाइयों द्वारा किया जा रहा है और क्षेत्रीय जन प्रभावित भी है जिससे स्‍थानीय युवा बेरोजगारों को रोजगार प्राथमिकता पर दिलाये जाने की योजना पर क्‍या चिन्‍तन किया जाना अत्‍यावश्‍यक नहीं है? यदि है, तो निकट भविष्‍य में क्‍या योजना बनायी जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यह सही है कि इन इकाइयों द्वारा ऐसे किसानों के परिवारों को भी रोजगार नहीं दिया गया है जिनकी भूमि पर कारोबार संचालित है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के आदेश दिनांक 19.12.2018 के माध्‍यम से उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित वित्‍तीय तथा अन्‍य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की इकाई को उनके द्वारा उपलब्‍ध कराये गये कुल रोजगार का 70% रोजगार मध्‍यप्रदेश के स्‍थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है। उक्‍त प्रावधान इस परिप्रेक्ष्‍य में आदेश जारी होने की दिनांक के बाद उत्‍पादन प्रारम्‍भ करने वाली इकाइयों पर प्रभावशील रहेगा। उक्‍त प्रावधान मैहर विधानसभा क्षेत्र में स्‍थापित पात्र औद्योगिक इकाइयों पर भी समान रूप से लागू है। मैहर जिले में केजेएस सीमेंट (इण्डिया) लिमि.,आरसीसीपीएल प्राइवेट लिमि. एवं अल्‍ट्राटेक सीमेंट लिमि. यूनिट मैहर सीमेंट वर्क्‍स द्वारा स्‍थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिया जा रहा है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-अ पर है। (ख) इकाइयों द्वारा प्रदत्‍त जानकारी के अनुसार स्‍थानीय युवा बेरोजगारों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जा रहा है, जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब पर है।                        (ग) इकाइयों द्वारा प्रदत्‍त जानकारी के अनुसारइकाइयों द्वारा जिन किसानों की भूमि कारोबार संचालन के लिये ली गई है, उन किसानों के परिवारों में से किसी 01 व्‍यक्ति को उनकी योग्‍यता एवं आवश्‍यकता अनुसार प्राथमिकता पर रोजगार दिया गया है, जिसका विवरण संलग्‍न  परिशिष्‍ट-'''' पर है।

 परिशिष्ट - "उन्नीस"

संचालित पत्‍थर के खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

16. ( क्र. 2238 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) जिला अनूपपुर में पत्‍थर के कौन-कौन से खदान कहां-कहां संचालित है तथा उन खदानों से किस प्रकार के पत्‍थर निकाले जाते है तथा उन खदानों को कैसे निकाला जाता है? जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) अनूपपुर जिले के किस-किस विकासखण्‍डों में कौन-कौन सा पत्‍थर खदान किन-किन मालिकों का कब से संचालित है और उनका पत्‍थर खदान संचालित करने का मापदण्‍ड क्‍या है तथा उक्‍त खदानों से निकालने वाले पत्‍थरों का क्‍या उपयोगिता है? कंपनियों के द्वारा पर्यावरण विभाग का सहमति पत्र जारी है? प्रदूषण नियंत्रण के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन- कौन से नियम का पालन हो रहा है, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मझगवां व धनगवां प. के मध्‍य कौन-कौन से खदान संचालित है तथा उन खदानों से कौन-कौन से पत्‍थर निकाले जाते है? क्‍या पत्‍थरों को निकालने के लिए उच्‍च विस्‍फोटक क्षमता वाले बारूदों वाली बत्‍तियों का प्रयोग किया जाता है? जिससे आस-पास के गांव के घरों को हिला देती है और बोरबेल ध्‍वस्‍त हो जा‍ते है जिससे ग्रामीणों को नल जल योजना से मिलने वाली पानी का स्‍त्रोत बंद हो जाता हैं और ग्रामीणों को पेयजल की भारी समस्‍या होती है। उन्‍हें पीने के लिए गढ्ढे व नाले के पानी का प्रयोग करना पड़ता है। यदि हाँ, तो उक्‍त कंपनियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जाएगी? (घ) कंपनी स्‍थापना के पूर्व कंपनी के मालिकों के द्वारा किन-किन शर्तों के तहत अनुबंध किया गया था? अनुबंध की प्रति उपलब्‍ध कराये? क्‍या अनुबंध के आधार पर कंपनियों के द्वारा पक्‍की सड़क एक एकड़ की भूमि पर 45 पौधे 12 फिट की चारो तरफ की बाउण्‍ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है यदि नहीं, तो क्यों? इसके जिम्‍मेदार कौन है तथा इनके विरूद्ध कौन-कौन सी कार्यवाही की जाएगी और कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996, भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जल-वायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना 2006 तथा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के तहत अनुमति प्राप्‍त कर गौण खनिज पत्‍थर का खनन किया जाता है। उक्‍त समस्‍त अधिनियम एवं नियम अधिसूचित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पत्‍थर खदान संचालित करने के संबंध में मापदण्‍ड मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित हैं। खदानों से निकाले गये पत्‍थर का उपयोग गिट्टी बनाकर निर्माण कार्यों में किया जाता है। संबंधित खनि रियायत धारियों द्वारा पर्यावरण स्‍वीकृति प्राप्‍त करने के उपरांत ही खनन कार्य किया जाता है साथ ही जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के तहत प्राप्‍त सम्‍मति में उल्‍लेखित शर्तों का पालन किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पत्‍थरों को निकालने के लिये मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अधीन अनुमोदित खनन योजना अनुसार नियंत्रित विस्‍फोटक का उपयोग किया जाता है। विस्‍फोटकों के उपयोग से प्रभाव के संबंध में स्थिति प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कंपनी स्‍थापना के पूर्व कंपनी के मालिकों द्वारा अनुबंध नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अपराध क्र. 248/2012 के अभियुक्‍त की गिरफ्तारी

[गृह]

17. ( क्र. 2239 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) क्‍या थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्रमांक 248/2012 के अभियोग पत्र से उत्‍पन्‍न आपराधिक प्रकरण क्रमांक 16/2013 में पारित आदेश दिनांक 05/02/2013 से उत्‍पन्‍न प्रकरण में ग्राम पंचायत बम्‍हनी के पास अनुसूचित जाति के लोगों के द्वारा सार्वजनिक भूमि पर अनाधिकृत रूप से मकान बना कर कब्‍जा कर लिया गया था। जिसे ग्राम पंचायत के कुछ लोगों के द्वारा हजारों की संख्‍या में बिना शासन को सूचना दिए अतिक्रमण हटाए जाने का प्रयास करने पर बलवा हुआ था। जिसमें अनुसूचित जाति के लोगों के द्वारा निर्मित मकानों में तोड़फोड़ एवं आगजनी एवं मारपीट का सामूहिक प्रकरण किन-किन लोगों के ऊपर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त प्रकरण में किन-किन धाराओं तहत कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई तथा कितने दिनो बाद गिरफ्तार लोगों का न्‍यायालय से जमानत मंजूर हुई उक्‍त प्रकरण की सुनवाई उपरांत माननीय न्‍यायालय द्वारा कितने लोगों को दोष मुक्‍त किया गया तथा कितने लोगों को किन-किन धाराओं के तहत दोष सिद्ध करते हुए कितने-कितने दिनों की सजा एवं अर्थदण्‍ड से दंडित किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त घटना में पंजीबद्ध प्रकरण में क्‍या ग्राम पंचायत बम्‍हनी के तत्‍कालीन सचिव श्री उत्‍तमलाल पटेल भी सम्मिलित रहा और उसकी भी गिरफ्तारी हुई थी? यदि हाँ, तो कितने दिनो बाद रिहाई हुई? क्‍या जमानत उपरांत विभाग द्वारा कर्मचारी अधिनियम के तहत 48 घंटे से अधि‍क समय तक गिरफ्तारी होने पर श्री उत्‍तम पटेल का निलंबन किया गया था? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावे। यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) उक्‍त विशेष प्रकरण के सुनवाई उपरांत विशेष न्‍यायालय अनूपपुर द्वारा श्री उत्‍तमलाल पटेल सहित 7 लोगों को विभिन्‍न धाराओं में दोष सिद्ध होने पर सजा एवं जुर्माना से दंडित किया है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो इसके जिम्‍मेदार कौन है? श्री उत्‍तमलाल पटेल के ऊपर इस प्रकरण के अलावा और कितनी बार जेल गये है? (ड.) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार श्री उत्‍तमलाल पटेल हिरासत में रहने की अवधि का वेतन भुगतान किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जिम्‍मेदार कौन है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" में समाहित है। जी हाँ, आदेश की प्रति परिशिष्ट '' अनुसार। (घ) श्री उत्तम लाल पटेल एवं 07 अन्य लोगों को दी गई सजा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" में समाहित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार। विभाग द्वारा श्री उत्तम पटेल के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रॉयल्‍टी की कम वसूली पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

18. ( क्र. 2316 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्या पिछले 05 वर्षों में सड़क एवं भवन निर्माण में उपयोग की गई गिट्टी,पत्‍थर,इन कार्य में कुल माईनर मिनरल की वर्गवार मात्रा क्या थी? उक्त कार्यों में मटेरियल की क्वांटिटी क्या थी एवं उनके विरूद्ध प्राप्त की जाने वाली रॉयल्टी राशि क्या बनती है का विवरण रीवा जिले का निर्माण कार्यवार वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में प्रश्‍न दिनांक तक में रॉयल्टी की राशि कितनी वसूली जा चुकी है? निर्माण कार्यवार बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में शासन के नियमों के अनुरूप निर्माण पूर्ण रॉयल्टी (IP) 5 अनुसार लिये गये रॉयल्टी राशि का दस गुना वसूल किया जाता है। उक्त आधार पर कार्यवाही की जाकर वसूली की जाने वाली राशि का ब्यौरा देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खनिज प्रतिष्‍ठान निधि का उपयोग

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 2329 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश के समस्‍त जिलों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान निधि से आदिवासी बस्‍ती विकास मद की राशि स्‍वीकृत किये जाने का प्रावधान है य‍दि है तो कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये जा सकते है उपरोक्‍त निर्माण कार्य की स्‍वीकृत बाबत् क्‍या निर्देश है बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार रीवा एवं मऊगंज जिले में खनिज प्रतिष्‍ठान निधि से जनजाति कार्य विभाग के कितने निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें। अगर नहीं किये गये तो क्‍यों? इस बाबत् क्‍या निर्देश देंगे बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार राशि के स्‍वीकृत किये जाने बाबत् क्षेत्रीय भ्रमण विधान सभा क्षेत्र 69, सेमरिया के दौरान प्राप्‍त कार्यों की अनुशंसा पर किये जाने बाबत् निर्देश जारी करेंगे साथ ही खनिज प्रतिष्‍ठान निधि से अगर आदिवासी बस्तियों में कार्य नहीं कराये गये तो क्‍यों इस बाबत् क्‍या निर्देश देंगे बतावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना के अंतर्गत उल्‍लेखित क्षेत्रों में कार्य स्‍वीकृत किये जाते हैं। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की निधि का उपयोग, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना के उपबंधों के अनुरूप सौंपे गये कृत्‍यों के निर्माण तथा राज्‍य सरकार द्वारा यथा विनिश्चित अन्‍य विकासात्‍मक कृत्‍यों के लिए किया जा सकेगा। (ख) रीवा एवं मऊगंज जिले में खनिज प्रतिष्‍ठान निधि से जनजाति कार्य विभाग के स्‍वीकृत निर्माण कार्यों का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास समिति के माननीय विधायक महोदय सदस्‍य हैं, जिला खनिज न्‍यास समिति द्वारा अनुमोदन प्रदान किया जाता है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं है।

अभियुक्‍तों की गिरफ्तारी न करने वालों पर कार्यवाही

[गृह]

20. ( क्र. 2336 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्‍या मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरमौर जिला रीवा के साथ असामाजिक तत्‍वों द्वारा मारपीट कर जानलेवा हमला किया गया था, जिस प्रकरण में कितने अभियुक्‍तों की गिरफ्तारी की गई, कितने फरार है का विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार चिन्‍हांकित अभियुक्‍तों में से कितने ऐसे अभियुक्‍त है जिनके ऊपर अन्‍य घटनाओं में संलिप्‍त होने पर पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण, पंजीबद्ध कर आरोपी बनाया गया का विवरण देवें, इन अभियुक्‍तों के ऊपर कितने प्रकरण किन-किन थानों में लंबित है एवं कितनो में चालानी कार्यवाही की जा चुकी हैं का विवरण देवें इनके जमानत निरस्‍तगी बाबत शासन एवं प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा पत्र क्रमांक 329 दिनांक 29.05.2024 के द्वारा पुलिस महानिरीक्षक रीवा संभाग रीवा एवं पुलिस अधीक्षक रीवा को पत्र लिखकर जिला बदर के अपराधियों द्वारा मतदान किये जाने एवं थाना प्रभारियों के साथ थाने में बैठने की पुष्टि सी.सी.टी.वी. कैमरे के फुटेज से की जा सकती है, पत्र अनुसार की गई कार्यवाही एवं जिम्‍मेदार थाना प्रभारियों के ऊपर जांच उपरान्‍त क्‍या कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) चिन्‍हांकित अपराधियों एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट अनुसार जिन अपराधियों को धरपकड़ कर गिरफ्तारी नहीं की गई इनके गिरफ्तारी बाबत क्‍या निर्देश देंगे बतावें, अभियुक्‍तों की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा नहीं की जा रही है, अभियुक्‍त खुलेआम घूमकर अपराध कारित कर रहे है इसके लिये किनको जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही किस तरह की प्रस्‍तावित करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्‍यों एवं प्रश्‍नांश (ग) अनुसार पत्र पर समय पर जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही न करने थाना प्रभारियों द्वारा स्‍वत: संरक्षण देने पर थाना प्रभारियों के साथ अन्‍य पर कार्यवाही बाबत क्‍या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।

लम्‍बे समय से एक ही स्‍थान पर पदस्‍थी

[गृह]

21. ( क्र. 2337 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) रीवा एवं मऊगंज जिले के विभिन्‍न थानों में थाना प्रभारी सहित अन्‍य कितने पद स्‍वीकृत है स्‍वीकृत पद अनुसार रिक्‍त एवं भरे पदों की जानकारी पदवार देंवे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में कितने ऐसे थाना प्रभारी है जिनको थाना प्रभारी का प्रभार देकर कार्य लिया जा रहा है के नाम पद सहित जानकारी थानावार देंवे? इन थाना प्रभारियों की पदस्‍थापना की अवधि थाने एवं जिले में कितने वर्षों की हो चुकी है थानावार, पदनाम सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया में कितने ऐसे थाना प्रभारी है जिनकी पदस्‍थापना विधान सभा क्षेत्र सेमरिया के थानों में कई वर्षों से की गई है, स्‍थानांतरण के नाम पर थाना परिवर्तित कर पदस्‍थापना कर औपचारिकताएं पूरी की जा रही है जबकि इन थाना प्रभारियों के अन्‍यत्र हटाए जाने बाबत् पुलिस अधीक्षक रीवा, पुलिस महानिरीक्षक रीवा एवं अन्‍य पुलिस विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों को समय-समय पर पत्र दिये जाते रहे लेकिन समस्‍त थाना प्रभारियों को जो सेमरिया, चौरहटा, नौबस्‍ता के थानों में ही पदस्‍थ रहे के हटाये जाने बाबत् कार्यवाही नहीं की गई जबकि सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा तीन वर्ष से अधिक अवधि उपरान्‍त अन्‍यत्र जिले में हटाए जाने के निर्देश है, संबंधित थाना प्रभारियों को अन्‍यत्र जिले में हटा कर पदस्‍थ किये जाने बाबत् क्‍या निर्देश देंगे, अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पदस्‍थ थानों के थाना प्रभारियों एवं अन्‍य आरक्षकों के जिनकी पदस्‍थापना की अवधि एक ही थाने व जिले में तीन वर्ष से ज्‍यादा हो चुकी है उनके स्‍थानांतरण बाबत् क्‍या निर्देश देंगे बतावें एवं प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्रभारी थाना प्रभारियों के स्‍थान पर योग्‍यता अनुसार जिले में पदस्‍थ थाना प्रभारियों की पदस्‍थापना हेतु निर्देश देंगे तो बतावें, अगर नहीं तो क्‍यों। प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित आधारों पर एक ही विधानसभा क्षेत्र के थाना चौरहटा, सिरमौर व नौबस्‍ता में कई वर्षों से पदस्‍थ थाना प्रभारियों एवं उप निरीक्षकों के अन्‍य जिले में स्‍थानांतरण बाबत् क्‍या निर्देश जारी करेंगे, अगर नहीं तो क्‍यों? जबकि इनके द्वारा शराब की पैकारी व कोरेक्‍स की अवैध बिक्री की शिकायतें कई बार वरिष्‍ठ अधिकारियों से की जा चुकी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रजिस्टर्ड एवं ब्लैक लिस्टेड फर्मों की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

22. ( क्र. 2382 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय इंदौर में हुए कूटरचित बैंक चालान प्रकरण में, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आबकारी आयुक्त, उपायुक्त इंदौर को पत्र-क्रमांक (फाईल नंबर) 11109/11111 दिनांक-06/05/2024 एवं अन्य को पत्र भेज जानकारी मांगी गई। (ख) वर्तमान में मध्यप्रदेश के किन जिलों में किन कारणों/अपराध के कारण, किन लाइसेंसियों/व्यक्तियों से, किस दिनांक से, कितनी राशि वसूली बकाया है। वसूली के लिए जारी नोटिस, आरआरसी आदि की प्रतियां देवें। किन कारणों से वसूली विलम्ब हो रहा, विवरण देवें, न्यायालय सहित अन्य आदेशों की प्रतियां देवें। (ग) वर्तमान में ब्लैक लिस्टेड लाइसेंसियों, फर्म, व्यक्तियों के नाम, ब्लैक लिस्टेड करने का दिनांक, कारण, ब्लैक लिस्टेड करने के आदेशों की प्रतियां देवें। (घ) वर्ष 2015 से प्रश्‍न-दिनांक तक की अवधि में ब्लैक लिस्टेड की गई फर्म की गारंटी नहीं लौटाने के लिए जिलों के अधिकारियों द्वारा विभाग/अधिकारियों को लिखे पत्रों की और बैंक गारंटी जारी करने के लिए जारी आदेशों/पत्रों की प्रतियां देवें, उपर्युक्त अवधि में किस ब्लैक लिस्टेड फर्म/लाइसेंसी की गारंटी नहीं लौटाई जाना थी जिसे किस अधिकारी के आदेश/पत्र से लौटाई गई है। (ङ) ब्लैक लिस्टेड फर्म, ब्लैक लिस्टेड लाइसेंसी की गारंटी लौटाने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है नाम, उनकी वर्तमान पद स्थापना आदेश की प्रतियां देवें, क्या दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यों, कबतक की जाएगी।
उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध भूमि व कब्‍जे

[गृह]

23. ( क्र. 2534 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरेन्‍द्र पिता किशन वाडिवा द्वारा दिनांक 28-05-24 को थाना प्रभारी सारणी जिला बैतूल को दिये आवेदन पर उत्‍तर दिनांक तक की कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) उपरोक्‍तानुसार आवेदन में उल्‍लेखित फर्जीवाड़ा कर भूमि विक्रय करने वालों पर संबंधित अधिकारी ने प्रश्‍न दिनांक तक F.I.R. दर्ज नहीं की? इस संरक्षण का कारण बतावें। (ग) कब तक F.I.R. दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी? जो भूमि रकबा पर अवैध कब्‍जा है उसे कब तक हटाया जाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ आवेदक नरेन्द्र पिता किशन वाडिया दिनांक 28.5.24 को थाना उपस्थित आकर आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें आवेदक के पिता किशन के मालकियत की जमीन खसरा नंबर 237/1 हवाई पट्टी होण्डा शोरूम के सामने को अनावेदकगण मनोज अड़लक, अनिल सोनारे, जगन्नाथ पांसे और सुनील बुंदेला, ने अवैध रूप से कब्जा कर फर्जी तरीके से राजेश महाले, जितेन्द्र डांगे, साहेबराव सोनारे, आनंदराव देशमुख को बेचने संबंधी तथ्य लेख किये है। उक्त विवादित भूमि के संबंध में राजस्व विभाग घोड़ाडोंगरी से थाना प्रभारी सारणी के पत्र क्रमांक थाना सारणी 487/2024 दिनांक 30.05.2024 एवं स्मरण पत्र 487-ए दिनांक 15.06.2024 के माध्यम से जानकारी चाही गई है जो जानकारी राजस्व विभाग से अप्राप्त है। आवेदन पत्र जमीन विवाद का होने से राजस्व विभाग से जानकारी लिया जाना आवश्यक है। जानकारी प्राप्त होते ही त्वरीत कार्यवाही की जावेगी। (ख) संबंधित जानकारी राजस्व विभाग से प्राप्त न होने के कारण एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई है। किसी को भी कोई संरक्षण नहीं दिया गया है। (ग) राजस्व विभाग की जांच पर यदि किसी का अवैध कब्जा पाया जायेगा तो उसे विधि अनुरूप हटाया जावेगा। जांच पूर्ण होते ही तथ्यों के आधार पर उचित कार्यवाही की जावेगी।

विकास कार्यों एवं खर्च की जानकारी

[खनिज साधन]

24. ( क्र. 2545 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) उज्जैन जिले में जिला खनिज मद से वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी राशि जमा हुई? जमा राशि का वर्षवार विवरण देवें। (ख) जमा राशि में से उपरोक्त अवधि में कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार विवरण देवें तथा इस संबंध में विभाग के समस्त नीति नियम निर्देश की प्रति देवें? (ग) जिला खनिज मद में कुल कितनी समितियां कार्यरत हैं? उनका उपरोक्त अवधि तक कार्य विवरण देवें। (घ) जिला खनिज मद से उपरोक्त अवधि में कितनी-कितनी राशि किन -किन कार्यों के लिए किन-किन जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर खर्च की गई हैं? अनुशंसा पत्र एवं अनुशंसा से स्वीकृत कार्यों एवं स्वीकृति की आदेश की समस्त कार्यालय नस्‍ती की छायाप्रति दीजिए। (ड.) जिला खनिज मद से 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कितना खर्च हुआ? किए गए समस्त खर्च के समस्त टेंडर,सभी टेंडर की कार्यालय नस्ति, समस्त बिल व्‍हाउचर, समस्त निर्माण की एम.बी.की प्रति देवें। (च) क्या प्रश्‍नकर्ता को जिला खनिज मद की सक्षम समितियों की बैठक में आमंत्रित किया गया है? यदि हाँ, तो उपरोक्त अवधि में बैठक एजेंडे की सूचना की प्रति देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला खनिज मद में कोई राशि जमा नहीं हुई है, अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक राशि रूपये 5,57,16,963/- प्राप्‍त हुई है, जिसका वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार उक्‍त जमा राशि में से खर्च की गई राशि निरंक है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं है।                                        (ग) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान अंतर्गत 01 कार्यपालक समिति कार्यरत हैं। उपरोक्‍त अवधि में समिति की आयोजित बैठक की कार्यवाही विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) एवं (ड.) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (च) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के न्‍यास मण्‍डल की बैठक का आयोजन नहीं होने के कारण माननीय विधायक जी को आमंत्रित नहीं किया गया है।

परिशिष्ट - "बीस"

आंगनवाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों एवं भवनों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

25. ( क्र. 2563 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा सेंधवा क्षेत्र सेंधवा व वरला तहसील में विभाग द्वारा वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित की जा रही है? कितने आंगनवाड़ी केंद्र भवनविहीन है एवं कितनी आंगनवाड़ी केंद्र भवन स्वीकृत है एवं कितने निर्माणाधीन है? कितने भवन स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए हैं? (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के पद स्वीकृत है कितने पद रिक्त है रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति की जाएगी? रिक्त पद कितने समय से रिक्त है एवं क्यों रिक्त है? कारण सहित सूची उपलब्ध करावे? (ग) महिला बाल विकास विभाग में कितने अधिकारी पदस्थ है और कितने समय से कहा पर पदस्थ है? (घ) आंगनवाड़ी केंद्र में क्या-क्या सुविधा दी जा रही है समस्त सुविधा की जानकारी उपलब्ध करावे? कितनी आंगनवाड़ी केंद्र में विद्युतीकरण एवं पेयजल की व्यवस्था है और कितने आंगनवाड़ी केंद्रों में सुविधा उपलब्ध नहीं है? आंगनवाड़ी केंद्रवार सूची उपलब्ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) संचालित केन्‍द्र - सेंधवा 211 एवं वरला 163, भवनविहीन सेंधवा 61 एवं वरला 35, भवन स्‍वीकृत - सेंधवा 27 एवं वरला 24, निर्माणाधीन - सेंधवा 13 एवं वरला 13, अप्रारंभ भवन - सेंधवा 14 एवं वरला 11 (ख) पद स्‍वीकृत - सेंधवा- कार्यकर्ता 210, सहायिका 210 एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 01, वरला - कार्यकर्ता 163, सहायिका 163, रिक्‍त पद - सेंधवा - कार्यकर्ता 09 एवं सहायिका 12, वरला - कार्यकर्ता 05 एवं सहायिका 03, रिक्‍त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' पर है। (ग) जिला बड़वानी में पदस्‍थ अधिकारी – 08, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' पर है। (घ) आंगनवाड़ी केन्‍द्र में दी जा रही सुविधाएं - पूरक पोषण आहार, शाला पूर्व शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य जांच, पोषण एवं स्‍वास्‍थ्‍य शिक्षा, टीकाकरण आदि, विद्युतीकरण एवं पेयजल व्‍यवस्‍था की केन्‍द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है।

अवैध रेत उत्‍खनन किये जाने के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

26. ( क्र. 2590 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या केवलारी विधानसभा क्षेत्र की खुर्शीपार माल, सकरी अरंडिया, रेत खदानों में अवैध उत्‍खनन की शिकायत प्रश्‍नकर्ता द्वारा खनिज अधिकारी सिवनी को दिनांक 10-06-2024 को दी गई है? यदि हाँ, तो क्‍या उसमें उल्‍लेखित बिन्‍दुओं की जांच की गई है यदि हाँ, तो कब यदि, नहीं तो क्‍यों, स्‍पष्‍ट जानकारी दें। (ख) क्‍या अवैध उत्‍खनन करने वालों के विरूद्ध प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में कार्यवाही करने हेतु शासन निर्देश देगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍नांश अनुसार माननीय विधायक महोदय द्वारा दिनांक 10/06/2024 को प्रेषित पत्र अनुसार चाही गई जानकारी जिला कार्यालय द्वारा दिनांक 12/06/2024, 18/06/2024 एवं 28/06/2024 से प्रदाय की गई है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विधायक के पत्रों पर कार्यवाही

[गृह]

27. ( क्र. 2640 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा भेजे गए पत्र क्रमांक 105/2024, दिनांक 21/01/2024 के संदर्भ में क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नही? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्रानुसार क्या यह व्यवहार उचित है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारी के लिए क्या प्रावधान लागू होते है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुलिस मुख्यालय स्तर पर जांच गतिशील है। (ख) प्रकरण में जांच गतिशील है। जांच में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर आगामी निर्णय लिया जावेगा।

म.प्र. सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 अनुसार धारा 27 का पालन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

28. ( क्र. 2650 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी में रजिस्ट्रेशन क्र. 01/01/01/30517/16 पर DISHA SAKARATMAK SOCH WELFARE SOCEITY SAMITI पंजीकृत है उक्त संस्था प्रश्‍न दिनांक तक वैध है? (ख) उक्त संस्था द्वारा विगत 08 वर्षों में नगर निगम भोपाल, केंद्र एवं राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन कलेक्टर भोपाल एवं विदेशी फंडिंग इत्यादि संस्थाओं से लाखों-करोड़ों रुपयों का अनुदान लेकर फर्जीवाड़ा किया गया है? क्या इसकी जानकारी नियमानुसार समयावधि में परिपत्रों सहित धारा 27 एवं 28 के अंतर्गत प्रस्तुत की गयी है यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उक्त संस्था द्वारा रजिस्ट्रेशन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र. सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 27 एवं 28 के तहत दी गयी जानकारी वार्षिक विवरणीय, संपरीक्षा, निरीक्षण, पर्यवेक्षण इत्यादि के साथ वार्षिक सूची फ़ाइल, ऑडिट रिपोर्ट, कार्यवाही विवरण, बैठक की जानकारी, प्रस्ताव, सदस्यता शुल्क रसीद, समस्त केश मेमो देयक इत्यादि का प्रति परीक्षण किया गया है यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्या माननीय विभागीय मंत्री/विभाग मप्र सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 अनुसार धारा 27 का पालन न करने पर मिथ्या प्रविष्टि के लिए उक्त समिति की अध्यक्ष एवं सचिव पर धारा 38 उपधारा 1 (दो) एवं उपधारा 2 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जुर्माने एवं कारावास दोनों से दण्डित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? विधिसम्मत कारण बताएं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ दिशा सकारात्‍मक सोच वेलफेयर सोसायटी समिति पंजीकृत है। मध्‍यप्रदेश सोसायटी रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत पंजीकृत संस्‍था के वैध या अवैध निर्धारण का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि एवं विवरण के अनुसार मध्‍यप्रदेश सोसायटी रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 (2) के अधीन संस्‍था के विरूध्‍द अनुदान के फर्जीवाड़े की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत वार्षिक विवरणी एवं धारा 28 के अंतर्गत आय व्‍यय पत्रक प्रस्‍तुत किये जाने का प्रावधान है। अत: यह प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्‍यप्रदेश सोसायटी रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में संस्‍थाओं की ओर से प्रस्‍तुत अधिनियम की धारा 27 के अधीन फाईल की गई जानकारी तथा अधिनियम की धारा 28 के तहत चार्टर्ड अकाउटेंट द्वारा संपरीक्षित ऑडिट रिपोर्ट को कार्यवाही विवरण, बैठक की जानकारी, प्रस्‍ताव, सदस्‍यता शुल्‍क रसीद, समस्‍त केश मेमो देय इत्‍यादि के आ‍धार पर प्रति परीक्षण किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: यह प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्‍यप्रदेश सोसायटी रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 38 के अंतर्गत दण्डित करने का अधिकार संबंधित न्‍यायालय को होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संचालित रेत, गिट्टी, मुरम खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

29. ( क्र. 2659 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) हरदा जिले में कितनी रेत, गिट्टी एवं मुरम की खदाने संचालित हो रही है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिले से संचालित हो रही रेत, गिट्टी एवं मुरम की खदानों से कितनी रॉयल्टी वसूल की जा रही है? (ग) क्या समस्त खदानों में नियमानुसार खनन कार्य किया जा रहा है। यदि हाँ, तो संचालित खदानों को खनन कार्य करने हेतु कितनी जमीन/रकबा एलॉट किया गया है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) हरदा जिले से संचालित हो रही रेत, गिट्टी एवं मुरम की खदानों से अधिसूचित दर पर रॉयल्‍टी की वसूली की जा रही है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

 

पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी/प्रोटोकाल नियमों का पालन

[सामान्य प्रशासन]

30. ( क्र. 2679 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्‍या माननीय विधानसभा सदस्‍यों/विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही कर कार्यवाही की जानकारी उपलब्‍ध कराने के शासन के निर्देश है? यदि हाँ, तो उक्‍त शासन निर्देशों की प्रतियां देवें? क्‍या बार-बार शासन निर्देश जारी किये जाने के बाद भी उसका पूर्ण रूप से पालन नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्‍यों स्‍पष्‍ट करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यह बतावें कि प्रश्‍नकर्ता विधानसभा सदस्‍य ने सतना जिला प्रशासन को दिनांक 27/1/2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जो भी पत्राचार किये गये क्‍या उनके प्रत्‍युत्‍तर एवं पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी से लिखित रूप से अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों स्‍पष्‍ट करें? उक्‍त शासन निर्देश का पूर्णत: पालन कब तक कराया जायेगा समय-सीमा बतायें? (ग) विधायकों के फोन अधिकारियों द्वारा उठाने की अनिवार्यता संबंधी क्‍या कोई आदेश अथवा दिशा निर्देश है यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि है तो पालन क्‍यों नहीं किया गया? क्‍या शासन से उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में कोई आदेश जारी होगें,? (घ) विधायकों के प्रोटोकाल क्‍या है? क्‍या सभी शासकीय कार्यालयों में विभाग प्रमुखों/सभी अधिकारियों के पास इसकी जानकारी है? नहीं है तो क्‍यों? है तो पालन क्‍यों नहीं किया जा रहा है? क्‍या शासन विधायक प्रोटोकाल सर्कुलर की प्रतियां विधायकों को मिलना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित परिशिष्‍ट में शासन के निर्देश क्रमांक 109/एक (2) 31/48/2001 (सं.का.) दिनांक 23 जनवरी 2002 में निर्देश हैं कि जब कोई माननीय संसद सदस्‍य/विधायक किसी अधिकारी से दूरभाष पर सम्‍पर्क स्‍थापित करना चाहते हैं तो अधिकारी की अनुपलब्‍धता के कारण उनके स्‍टॉफ को नोट करा दिया जाता है। तत्‍पश्‍चात् अधिकारी द्वारा वापस आने पर माननीय सदस्‍य से दूरभाष पर अवश्‍यक चर्चा करनी चाहिए। (घ) माननीय संसद सदस्‍य तथा माननीय विधायकगणों के पत्रों की पावती देने उनके पत्रों पर कार्यवाही कर निर्धारित अवधि में उसका उत्‍तर देने शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सौहार्दपूर्ण व्‍यवहार करने, उन्‍हें सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में आमंत्रित करने, उनसे प्राप्‍त पत्रों के लिए पृथक पंजी संधारित करने तथा शिष्‍टाचार का पालन करने के संबंध में सभी सर्वसंबंधितों को निर्देश जारी किए गए है। जिनके द्वारा निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही ना होना

[गृह]

31. ( क्र. 2698 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या थाना पनवार जिला रीवा में विकास सिंह विक्रेता सेवा सहकारी समिति मर्यादित दोंदर डमौरा के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित प्रकरण की प्राथमिक सूचना रिपोर्ट देते हुए बतायें कि प्रश्‍नतिथि तक उक्‍त प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध कब-कब व क्‍या कार्यवाही की गई है? अगर नहीं की गई है तो क्‍यों? कारण दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आरोपी के विरूद्ध प्रश्‍न तिथि तक कार्यवाही न करने के लिये शासन/पुलिस महानिदेशक, किस नाम/पदनाम को निलंबित कर उसके विरूद्ध विभागीय जांच के आदेश देंगे? जारी आदेशों की एक प्रति दें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) उपरोक्त प्रकरण में आरोपी विकास सिंह चौहान पिता त्रिवेणी सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम बांउसर थाना पनवार जिला रीवा को अपराध क्रमांक 60/2020 धारा 3/7 ईसी एक्ट 409 भारतीय दण्ड विधान में दिनांक 11.05.2020 को गिरफ्तार कर विवेचना पूर्ण होने से चालान दिनांक 04.06.2020 तैयार कर माननीय न्यायालय जे.एम.एफ.सी. त्योथर में पेश किया गया है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्लेखित आरोपी के विरूद्ध विधिवत अपराध का पंजीकरण किया जाकर चालानी कार्यवाही की गई है। प्रकरण में किसी पुलिस अधिकारी का दोष नहीं है।

नर्मदा नदी में मशीनों से रेत का खनन

[खनिज साधन]

32. ( क्र. 2709 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा नदी में किस-किस मशीन से वाहनों में रेत का भराव किये जाने की किस प्रावधान से अनुमति है, नर्मदा नदी में मशीनों से रेत का वाहनों में भराव करने पर क्‍या क्‍या प्रतिबंध है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर एवं देवास जिलों में नर्मदा नदी पर किस-किस स्‍थान पर कितने रकबे में रेत खदान नीलाम की गई है, उस खदान से वर्तमान सीजन में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी रेत कितने वाहनों में भरा जाकर ऑनलाईन टी.पी.जारी की गई है? (ग) रेत का वाहनों में भराव मजदूरों से करवाया गया है या रेत का भराव मशीनों से करवाया है, इसका सत्‍यापन खनिज विभाग एवं निगम के किस-किस अधिकारी ने किया है? (घ) नर्मदा नदी में मशीन से रेत का वाहनों में भराव करने पर संबंधित अनुबन्‍धकर्ता के विरूद्ध किस-किस कार्यवाही के क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 3 के उप-नियम (6) अनुसार नर्मदा नदी में स्‍वीकृत रेत खदानों में मशीनों द्वारा रेत खनन, लदान (लोडिंग) तथा भण्‍डारण पर पूर्णत: प्रतिबंध है। (ख) नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर एवं देवास जिलों में नर्मदा नदी पर वर्तमान सीजन से प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी रेत खदान नीलाम न किए जाने से प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                (ग) प्रश्‍नाधीन जिलों में नर्मदा नदी में स्‍वीकृत रेत खदानों से वाहनों में रेत का भराव मजदूरों के माध्‍यम से कराया गया है। समय-समय पर विभागीय अमले द्वारा निगरानी रखी जाती है।                      (घ) अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 15 के प्रावधानों के तहत अनुबंधकर्ता पर कार्यवाही किए जाने के प्रावधान है।

रेत भण्‍डारण की अनुमति

[खनिज साधन]

33. ( क्र. 2710 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवंबर 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक नर्मदापुरम, सीहोर, रायसेन एवं देवास जिले में किस-किस स्‍थान पर किस कि नदी की कितनी-कितनी रेत भण्‍डारण की अनुमति किस-किस दिनांक को प्रदाय की गई? (ख) रेत भण्‍डारण की दी गई अनुमति के स्‍थल पर किस-किस माह में कितनी-कितनी रेत का भण्‍डारण किस-किस खदान से किए जाने की सूचना अनुबन्‍धकर्ता ने जिला खनिज कार्यालय एवं मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज विकास निगम को दी? प्रति सहित बतावें। (ग) रेत भण्‍डारण स्‍थल पर परिवहन की गई रेत की ऑनलाईन टी.पी. जारी किए जाने पर कितनी मात्रा बताई गई, भण्‍डारण स्‍थल पर ऑनलाईन पोर्टल पर कितनी मात्रा दिखाई गई? माहवार अलग अलग बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्वालियर जिले में अवैध रेत उत्खनन

[खनिज साधन]

34. ( क्र. 2825 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) ग्वालियर जिले में रेत की कितनी खदानें शासन से स्वीकृत हैं? जानकारी देवें। किन-किन ठेकेदारों को कब-कब से खदानें स्वीकृत की गई है नाम बतावें एवं कब से स्वीकृत की गई है? अवधि बतावें। (ख) उक्त खदानों में से कितनी खदानों को सिया से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हुई है यदि नहीं, हुई है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिन खदानों को सिया से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है ऐसी खदानों को भी ठेकेदार स्वीकृत करानें की आड़ में अवैध रूप से संचालित कर रहे है जिससे शासन को लाखों, करोड़ों राजस्व राशि की हानि हो रही है तथा इन अवैध खदानों को अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है इस हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेवार हैं जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि ठेकेदारों के विरूद्ध शासन/प्रशासन के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही और कब-कब की गई है? प्रकरण, दिनांकवार सूची देवें। ठेकेदार के विरूद्ध कोई जुर्माना या दण्डात्मक निर्णय हुआ है उसकी भी जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार कुल 06 खदानों में सिया से पर्यावरणीय स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई है। शासन स्‍तर पर सिया से अनुमति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। जिले में रेत खनन एवं विक्रय के लिए अधिकृत एम.डी.ओ. द्वारा जिले की वार्षिक ठेका राशि का नियमानुसार भुगतान किया जा रहा है तथा एम.डी.ओ. को पर्यावरणीय स्‍वीकृति अप्राप्‍त खदानों पर स्‍वीकृत कराने की आड़ में अवैध रूप से संचालित करते नहीं पाया गया। जिला ग्‍वालियर अंतर्गत अवैध उत्‍खनन/परिवहन/ भंडारण में सतत् कार्यवाही की जाकर वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में प्रश्‍न दिनांक तक कुल 216 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर कुल राशि रूपये 1,17,59,123/- शासन मद में जमा कराई गई साथ ही अवैध उत्‍खनन के 36 प्रकरणों में संबंधित थानों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई तथा अवैध उत्‍खनन में संलिप्‍त 30 पनडुब्बियों को विनिष्‍ट की कार्यवाही की गई। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर है।                       (ग) ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बाईस"

 

शराब की अवैध बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

35. ( क्र. 2845 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितनी देशी एवं अंग्रेजी शराब की दुकानें स्‍वीकृत है, स्‍वीकृत राशि, ठेकेदार का नाम एवं पता, स्‍वीकृत स्‍थान सहित जानकारी उपलब्‍ध कराई जावें। (ख) क्‍या स्‍वीकृत दुकानों के अतिरिक्‍त भी अन्‍य सभी ग्रामों में होटलों एवं ढाबों में ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से शराब बेची जा रही है, यदि हाँ, तो क्‍या इसमें स्‍थानीय प्रशासन संलिप्‍तता है? यदि नहीं, तो एक टीम बनाकर जांच की जाएगी। (ग) क्‍या अभी कुछ दिन पहले एक वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल हुआ था जिसमें ढाबा संचालक ने आरोप लगाया था कि वह प्रशासन की सहमति से शराब बेचने का कार्य खुलेआम कर रहा है, यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन शामिल है उनके नाम एवं पद सहित जानकारी दी जाये? (घ) क्‍या शासन संपूर्ण प्रकरण की जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही तथा अवैध रूप से शराब बिक्री पर रोक लगाने हेतु पृथक से आदेश जारी करेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला दतिया में वर्ष 2024-25 हेतु कुल 70 कम्पोजिट मदिरा दुकानें संचालित है। जिन पर देशी एवं विदेशी मदिरा दोनों ही विक्रय हेतु अनुमत हैं। उक्त 70 कम्पोजिट दुकानों की स्वीकृत राशि, ठेकेदार का नाम, पता, स्वीकृत स्थान सहित जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी नहीं, दतिया जिले में स्वीकृत कम्पोजिट मदिरा दुकानों के अतिरिक्त कहीं पर भी ठेकेदार द्वारा शराब नहीं बेची जा रही है। दतिया जिले में अवैध शराब विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण हेतु वृत्तवार आबकारी उपनिरीक्षकों को समय-समय पर कुल 1235 प्रकरण एवं वर्ष 2024-25 में माह मई 2024 अंत तक कुल 158 प्रकरण कायम किये गये हैं। जिसमें से वर्ष 2023-24 में होटलों एवं ढाबों में अवैध मदिरा के कुल 20 प्रकरण एवं वर्ष 2024-25 में माह मई 2024 अंत तक होटलों एवं ढाबों में अवैध मदिरा के कुल 06 प्रकरण कायम किये गये हैं। (ग) वायरल वीडियो कार्यालय जिला आबकारी अधिकारी जिला दतिया में उपलब्ध नहीं होने से प्रश्‍नांश की शेष जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं  (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तेईस"

उज्‍जैन में डेवलपर्स द्वारा धोखाधड़ी

[गृह]

36. ( क्र. 2863 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह मई 2024 में पुलिस अधीक्षक उज्‍जैन ई-मेल पर ओम श्री डेवलपर्स विकास मित्‍तल निवासी सनशाईन टावर फ्रीगंज उज्‍जैन के संबंध में जो शिकायत की गई थींउस पर उत्‍तर दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) ओम श्री डेवलपर्स द्वारा किस-किस श्रेणी के कितने निर्माण कार्य कब-कब किए? इसके लिए कितने लोगों से कितनी राशि इनके द्वारा ली गई? क्रेता नाम, राशि, पता सहित देवें। इनके द्वारा कितने फ्लेट विक्रय कर पजेशन दिया गया संपूर्ण विवरण देवें।                                   (ग) ओम श्री डेवलपर्स द्वारा राशि लेकर पजेशन न देने, निर्माण पूर्ण न करने एवं प्रश्‍नांश (क) अनुसार शिकायत पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उक्त शिकायत प्राप्त होने पर थाना प्रभारी नीलगंगा को जाँच हेतु भेजी गई है, जहां जाँचकर्ता के समक्ष आवेदक वांछित एवं वैध दस्तावेजों के साथ बार-बार तलब करने पर भी उपस्थित नहीं हुआ है जिस कारण जाँच अपूर्ण होने से लंबित है। (ख) आवेदक मोहम्मद असलम पिता मोहम्मद अलाउदीन निवासी 252 सी माधवनगर रेल्वे कालोनी उज्जैन वर्तमान पता न्यू करमगंद रोड नंबर 15 थाना सिविल लाईन जिला गया बिहार के जाँच में शिकायत जाँच में आवेदक तथा अनावेदक की ओर से उपरोक्त बिन्दू (क) अनुसार अब तक कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाने से इस बिन्दु की जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) अनावेदक नवनीत सिंह सिकरवार के द्वारा शिकायत जांच में लेख कराये कथन में जुलाई 2024 के प्रथम सप्ताह में आवेदक को फ्लेट का पजेशन दिये जाने का अथवा बयाना जमा राशि मय बैंक ब्याज के वापस कराये जाने का लेख किया गया है। आवेदक को शिकायत आवेदन पत्र की जाँच में अतारांकित प्रश्‍न के बिन्दु क्रमांक (क) में उल्लेखित विवरण अनुसार कथन हेतु एवं दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने हेतु तलब किये जाने पर उपस्थित नहीं होने के कारण शिकायत आवेदन पत्र जाँच में लंबित है। आवेदक के कथन हेतु उपस्थित होने पर शिकायत आवेदन पत्र जाँच शीघ्र अतिशीघ्र निराकरण किया जावेगा।

पुलिस चौकी का उन्नयन

[गृह]

37. ( क्र. 2933 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस चौकियों को थाने में उन्नयन करने के क्या मापदण्ड हैं? विवरण दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के थाना बलकवाड़ा की पुलिस चौकी खलटाका राष्ट्रीय राजमार्ग की पुलिस चौकी होकर थाने से 30 कि.मी. दूर है। ऐसे में क्या विभाग द्वारा इस चौकी को उन्नयन कर थाने में परिवर्तित करने की कोई योजना है? अगर हाँ तो कब तक? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मुख्यालय पर संचालित थाना कसरावद में कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए आवास और थाना परिसर की बाउण्ड्रीवाल बनाने का कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? अगर नहीं तो क्‍या थाना परिसर को बाउण्ड्रीवाल की स्वीकृति प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। नगरीय थाने के लिये भादवि अपराध-300 जनसंख्‍या-50,000, नगर पंचायत थाने के लिये भादवि अपराध-200 जनसंख्‍या-50,000, ग्रामीण थाने के लिए भादवि अपराध-200 जनसंख्‍या-40,000 होना चाहिए। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कसरावद थानें में अधिकारी/कर्मचारियों के लिए 8 नये एवं 9 पुराने कुल 17 आवास भवन है, इसके अतिरिक्‍त जिला मुख्‍यालय में भी अधिकारी/कर्मचारियों के लिए 68 आवास का निर्माण किया जा चुका है। 136 आवासों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कराया जावेगा। जी नहीं। खरगोन इंदौर रोड से लगे थाना परिसर में दीवार से बनी बाउंड्रीवाल है एवं तीनों और तार फेंसिंग से बाउंड्रीवाल बनी है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

ऑनन्द विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी

[आनंद]

38. ( क्र. 2952 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत ऑनन्द विभाग को वित्तीय वर्ष 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों के लिये किन-किन के द्वारा किया गया है? प्रत्येक विधानसभावार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।                                   (ग) ऑनन्द विभाग के माध्यम से कौन-कौन से कार्य कराये जाते हैं और कौन-कौन से कार्यों को कराये जाने का प्रावधान है? दिशा-निर्देशों सहित जानकारी उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत आनंद विभाग को वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से वित्‍तीय वर्ष 2023-24 तक प्राप्‍त आवंटन की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग के गठन के उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु आनंदक, अल्‍पविराम, आनंद सभा, आनंद की ओर, आनंदम केन्‍द्र, आनंद ग्राम एवं आनंद बस्‍ती, आनंद कैलेण्‍डर, आनंद क्‍लब, आनंद शिविर, आनंद रिसर्च फैलोशिप, हैप्‍पीनेस इंडेक्‍स, ऑनलाईन वीडियो कोर्स, अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस जैसे कार्यक्रम संचालित किये जाते है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्‍ट अनुसार है

लाड़ली बहना योजना का क्रियान्‍वयन

[महिला एवं बाल विकास]

39. ( क्र. 2984 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन की महत्वपूर्ण योजना लाड़ली बहना योजना अंतर्गत कई पात्र महिलाओं के नाम नहीं जुड़ पाये है। क्या शासन इन वंचित महिलाओं को लाड़ली बहाना योजना से जोड़ेगा। यदि हाँ, तो कब तक। (ख) विधानसभा क्षेत्र गरोठ अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र जो किराए के भवन में संचालित है की सूची उपलब्ध करावें। किराए के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केंद्र के भवन निर्माण कराएंगे यदि हाँ, तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रस्‍ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। () विधानसभा क्षेत्र गरोठ अन्‍तर्गत कुल 38 आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवनों में है। सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। विभागीय भवन विहीन आंगनवड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण संसाधना की उपलब्‍धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

पुलिस सहायता केन्‍द्र का उन्‍नयन

[गृह]

40. ( क्र. 2985 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस सहायता केंद्र बोलिया जो की राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है, साथ ही गरोठ थाने की दूरी 25 कि.मी. से अधिक है, राजस्थान सीमावर्ती क्षेत्र से लगे होने के कारण कई व्यापारिक गतिविधियों का आवागमन रहता है, साथ ही बोलिया पंचायत मंदसौर जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है, यहां स्थापित पुलिस सहायता केंद्र को पुलिस चौकी के रूप में उन्नयन किया जाना आवश्यक है, क्या विभाग पुलिस चौकी स्थापित करेगा यदि हाँ, तो कब तक। (ख) मध्यप्रदेश शासन की पुलिस आवास निर्माण की कोई योजना है, यदि हाँ, तो क्‍या गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस आवास निर्माण की आवश्यकता है यदि हाँ, तो क्या विभाग पुलिस आवास निर्माण करेगा। यदि हाँ, तो कब तक।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अपराधों की रोकथाम, अपराधियों की धरपकड़ के लिए आवश्‍यकता पड़ने पर संबंधित थाना से तत्‍काल बल उपलब्‍ध करा दिया जाता है। पुलिस सहायता केन्‍द्र बोलिया का पुलिस चौकी में उन्‍नयन करने की आवश्‍यकता अगर भविष्‍य में होती है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ख) जी हाँ। गरोठ विधानसभा क्षेत्र में पुलिस के लिए पूर्व से ही आवास निर्मित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

म.प्र. जन अभियान परिषद की राशि का उपयोग

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

41. ( क्र. 2998 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉक पाटी को वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उपरोक्त राशि का किस-किस मद में व्‍यय किया गया? (ख) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉ‍क पाटी के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक की मासिक रिपोर्टों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉ‍क पाटी की वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक के उपयोगिता प्रमाण-पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) म.प्र. जन अभियान परिषद जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉक पाटी हेतु वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक में किन-किन नवांकुर योजनान्तर्गत संस्था‍ओं का अनुबंध कितने वर्ष हेतु कराया गया तथा किन-किन संस्थाओं का अनुबंध किन कारणों से समाप्त किया गया? क्या संस्थाओं का अनुबंध समाप्त करने से पूर्व संस्थाओं को नोटिस दिया गया था? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) म.प्र. जन अभियान परिषद् जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉक पाटी को वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक मदवार प्राप्‍त राशि एवं व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) म.प्र. जन अभियान परिषद् जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉक पाटी को वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक मासिक प्रतिवेदन का संकलित वार्षिक प्रतिवेदन संबंधित जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' पर ब्लॉक बड़वानी की पृष्‍ठ क्र.03 से 100 अनुसार एवं ब्लॉक पाटी की पृष्‍ठ क्र.101 से 232 अनुसार है। (ग) म.प्र. जन अभियान परिषद् जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉक पाटी को वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक का उपयोगिता प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (घ) म.प्र. जन अभियान परिषद् जिला बड़वानी के ब्लॉक बड़वानी तथा ब्लॉक पाटी को वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक नवांकुर योजनान्‍तर्गत अनुबंधित संस्‍थाओं की वर्षवार एवं समयवार जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' पर ब्लॉक बड़वानी की पृष्‍ठ क्र.235 अनुसार एवं ब्लॉक पाटी की पृष्‍ठ क्र.236 अनुसार है। विकासखण्‍ड बड़वानी में चयनित ग्राम विकास प्रस्‍फुटन समिति सुखपुरी नवांकुर संस्‍था द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर उक्‍त संस्‍था को चेतावनी एवं स्‍पष्‍टीकरण संबंधित पत्र  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' के पृष्‍ठ क्र.237-238 अनुसार जारी किया गया। उक्‍त संस्‍था द्वारा मौखिक अथवा लिखित उत्‍तर प्रस्‍तुत नहीं किया गया। उपरोक्‍त कारणों से संस्‍था का अनुबंध आगामी वर्ष हेतु नहीं बढ़ा़या गया। परिषद कार्यकारिणी सभा की 11वीं बैठक दिनांक 05/02/2019 में परिषद् द्वारा संचालित योजनाओं को बंद करने का निर्णय लिया गया था जिसे परिषद की शासी निकाय की 12वीं सामान्‍य बैठक दिनांक 30/07/2021 में योजनाओं को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पेयजल व्‍यवस्‍था एवं विद्युतीकरण

[महिला एवं बाल विकास]

42. ( क्र. 2999 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वानी क्षेत्रांर्गत किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों के विद्युतीकरण कार्य के साथ-साथ पेय जल व्यवस्था हेतु खनन कार्य कराये गये, सेक्टरवार केन्द्रों के नाम बताये? अभी तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्र का विद्युतीकरण कार्य तथा पेय जल व्यवस्था नहीं की गयी, सेक्टरवार केन्द्रों के नाम बताये? शासन के निर्देशों के बाद भी कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन दोषी है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है की पानी की टंकी आंगनवाड़ी केन्द्र में लगायी गयी है किन्तु उसमें पानी नहीं पहुँच पा रहा है? इसी तरह से विद्युत मीटर लगाये गये है किन्तु विद्युत प्रवाह नहीं हो रहा है? ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, सेक्टरवार केन्द्रों के नाम बताये? इन कमियों को कब तक पूर्ण किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वानी अन्‍तर्गत विदयुतीकरण के साथ पेयजल व्‍यवस्‍था हेतु कोई खनन कार्य विभाग द्वारा नहीं कराया गया है। विदयुतीकरण व्‍यवस्‍था विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र 151 है। समस्‍त आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पेयजल व्‍यवस्‍था है। विदयुतीकरण व्‍यवस्‍था विहीन केन्‍द्रों की सेक्‍टरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' पर है। विदयुतीकरण का कार्य विद्युत विभाग एवं पेयजल प्रदायगी का कार्य लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया जाता है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हां, 95 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पानी की टंकियों में पानी नहीं पहुंच रहा है। 178 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में विद्युत प्रवाह नहीं है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की सेक्‍टरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' एवं  '3' पर है। जल जीवन मिशन अन्‍तर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पानी टंकियों में पहुंचाने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग एवं कार्यपालन अधीक्षण यंत्री (म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि.) बड़वानी द्वारा चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

खनिज विकास निगम द्वारा आयोजित ऑनलाइन नीलामी

[खनिज साधन]

43. ( क्र. 3062 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) वर्ष 2023 में म.प्र. राज्‍य खनिज विकास निगम अरेरा हिल्‍स भोपाल ने किस-किस जिले की कितनी रेत खदानों की कितनी मात्रा के लिए कितनी-कितनी न्‍यूनतम बोली निर्धारित कर ऑन लाइन नीलामी की कार्यवाही किस दिनांक से किस दिनांक तक की है? (ख) ऑन लाइन नीलामी के अंतिम दौर में या दूसरे चरण में किस-किस ने क्‍या-क्‍या दर ऑन लाईन प्रस्‍तावित की, उसमें से किसकी कितनी दर को मान्‍य किया, उसका किस-किस दिनांक को किस-किस स्‍तर पर अनुबन्‍ध का निष्‍पादन किया? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा रेत की नीलामी में रिंग बनाकर शासन को हानि पहुंचाने बाबत् प्रेषित पत्र प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग भोपाल, संचालक खनिज साधन विभाग भोपाल, एम.डी. राज्‍य खनिज विकास निगम भोपाल को किस-किस दिनांक को प्राप्‍त हुए उसकी किसके द्वारा जांच की गई, जांच प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावे।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. राज्य खनिज निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 2023 में रेत खदानों से रेत उत्खनन एवं विक्रय हेतु समूहवार माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के चयन बाबत् सम्पादित ई-निविदा सह नीलामी का विवरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ पर है।                          (ख) ई-नीलामी में प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित ऑनलाईन दर एवं स्वीकृत उच्चतम दर का समूहवार विवरण एवं अनुबंध निष्पादन दिनांक की जानकारी का विवरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उप जेलों में केंटीन की व्‍यवस्‍था

[जेल]

44. ( क्र. 3071 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) जिला देवास, इंदौर एवं उज्जैन अंतर्गत समस्त उप जेलों में केंटीन कब से प्रारंभ किये जावेंगे? क्या वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंटीन खोलने की कोई योजना है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उप जेलों में केंटीन की स्थापना के लिये क्या-क्या शर्तें एवं नियम होंगे? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में उपजेलों में मुलाकात करने आने वालों के लिये क्या-क्या व्यवस्था रहती है? विस्तार से जानकारी प्रदान करने का आग्रह है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उप जेलों में सुरक्षा स्‍टॉफ की कमी, केंटीन के लिए अतिरिक्‍त स्‍थान उपलब्‍ध न होने के कारण वर्तमान में उप जेलों में केंटीन संचालित नहीं की जा रही है। समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में उप जेलों में केंटीन खोलने की योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) जेलों में केंटीन संचालित करने के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र पर है। (ग) मध्‍यप्रदेश जेल नियमावली 1968 के नियम 675 सं नियम 697 तक जेलों में निरूद्ध बंदियों को उनके परिजनों, निकट संबंधियों, मित्रों एवं अभिभाषकों से मुलाकात की सुविधा दी जाने के संबंध में प्रावधान दिए गए हैं। नियमों में प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। नियमों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र पर है।

कैदियों के परोल के नियम की जानकारी

[जेल]

45. ( क्र. 3072 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) सजायाफ्ता कैदियों को शासन ने पेरौल देने के क्या-क्या नियम बनाये है? नियमों के आदेशों की छायाप्रतियॉं प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में इंदौर एवं उज्जैन संभाग की सभी जेलो में ऐसे कौन-कौन से कैदी है जो आजीवन कारावास की सजा काट रहे है एवं उन्हें 05 वर्ष एवं 10 वर्ष तक बीत गये है तथा उन्हें प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी पैरोल नहीं दी गई है, जबकी जेल में उनकी कोई शिकायतें भी नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ऐसे कौन-कौन से कैदी किस-किस जेल में है, जिन्होंने मानवीय आधार पर विशेष प्रायोजनार्थ हेतु (बहन, भाई या बेटे-बेटी की शादी या माता पिता अथवा घर के अन्य परिजनों की मृत्यु) पर पैरोल मांगा था और उन्हें नहीं दिया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या क्षणिक भावुकता में लिये गये निर्णय के आधार पर सजा रुप प्रयाश्चित करने वाले कैदियों को मांग के आधार पर पैरोल दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सजायाफ्ता कैदियों को शासन ने पैरोल दिये जाने बाबत् नियम की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र पर है।                             (घ) प्रश्‍नांश (क) के संलग्‍न नियमावली के आधार पर पैरोल की पात्रता रखने पर बंदी को पैरोल लाभ दिया जाएगा।

आदिवासी क्षेत्र में अवैध खनन

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 3102 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) क्‍या जबलपुर के आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र में अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्‍या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्‍या जबलपुर के सिहोरा के ग्राम-बुधागर से गोसलपुर तक आदिवासी क्षेत्र में पहाड़ों को अवैध रूप से काटा जा रहा है यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या आदिवासियों के जमीन पर जिन माफिया द्वारा कब्‍जा किया जा रहा है उन्हें हटाया जायेगा यदि नहीं, तो क्‍यों यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। जबलपुर के सिहोरा के ग्राम बढ़नगर से गोसलपुर क्षेत्र में खदान स्‍वीकृत एवं संचालित है। अवैध रूप से पहाड़ों को काटे जाने संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आदिवासियों की जमीन पर माफिया द्वारा कब्‍जा किये जाने के संबंध में प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

विधायक निधि का आवंटन

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

47. ( क्र. 3173 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा में वर्ष 2023-24 में जन सम्पर्क निधि में कितनी धनराशि प्राप्त हुई?                                               (ख) सेंधवा विधानसभा में पूर्व विधायक द्वारा कितने हितग्राही को कितनी-कितनी जन सम्‍पर्क निधि की कितनी राशि वितरण की गई हितग्राही की सूची उपलब्ध करावें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सेंधवा विधानसभा में वर्ष 2023-24 में जन सम्‍पर्क निधि में राशि रूपये 2.00 लाख प्राप्‍त हुई है। (ख) जन सम्‍पर्क निधि के अंतर्गत जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा हितग्राहियों को राशि जारी करने के प्रस्‍ताव दिये जाते हैं, की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

शासकीय कर्मचारियों को चतुर्थ वेतनमान का लाभ

[वित्त]

48. ( क्र. 3202 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्‍त विभाग अंतर्गत 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षक एवं उच्‍च श्रेणी शिक्षकों को यह लाभ क्‍यों नहीं दिया जा रहा है। (ग) क्‍या विभाग सहायक शिक्षकों एवं उच्‍च श्रेणी शिक्षकों को 35 वर्ष की सेवा उपरांत चतुर्थ वेतनमान के लाभ हेतु स्‍पष्‍ट आदेश प्रसारित करेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्‍य शासन के कार्मिकों को मध्‍यप्रदेश शासन, वित्‍त विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित अर्हता एवं पात्रता धारित करने की स्थिति में 35 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दिनांक 01.07.2023 अथवा इसके बाद की तिथि से चतुर्थ समयमान वेतनमान की पात्रता है। (ख) स्‍कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षक एवं उच्‍च श्रेणी शिक्षक सामान्‍य प्रशासन विभाग के द्वारा प्रशासित अन्‍य विशिष्‍ट क्रमोन्‍नति योजना के अंतर्गत है। (ग) उपरोक्‍त उत्‍तरांश "ख" के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी भवन की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

49. ( क्र. 3203 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा घोड़ाडोंगरी अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है? (ख) कितने आंगनवाड़ी के भवन निर्मित है? कितने आंगनवाड़ी भवन विहीन है? सूची उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें। (ग) कितने आंगनवाड़ी भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्‍था में है? सूची उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 602 (ख) 468, 134, सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 45, सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

मतदाता सूची में उम्र का सुधार न करने के जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[विधि एवं विधायी कार्य]

50. ( क्र. 3336 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) शहडोल जिले में सम्‍पन्‍न हुये लोकसभा निर्वाचन के दौरान मतदाता सूचियों का पुनर्रीक्षण व सत्‍यापन बाबत् निर्देश दिये गये थे इसके पालन में मतदाताओं के सत्‍यापन का मतदाता सूची में सुधार के कार्य क्‍या किये गये। जिसमें पूर्व की मतदाता सूची में अंकित उम्र में वृद्धि की गई हैं इसकी जांच स्‍थानीय स्‍तर पर दल बनाकर करावेंगे एवं ऐसा न करने वालों पर कार्यवाही के क्‍या निर्देश देंगे। अगर नहीं तो क्‍यों। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सत्‍यापन के दौरान मृत मतदाताओं के नाम मतदान सूची से हटाने के कार्य नहीं किये गये उनके नाम आज भी मतदाता सूची में दर्ज है। इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है उनके नाम, पदनाम सहित कार्यवाही बाबत् क्‍या निर्देश देंगे बतावे। अगर नहीं तो क्‍यों। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार तैयार मतदाता सूची में प्रश्‍नांश (ख) अनुसार उम्र सुधार न किये जाने से पात्र हितग्राही, राष्‍ट्रीय वृद्धापेंशन, कन्‍या पेंशन से वंचित है इस कारण मतदाता सूची में उम्र के सुधार बाबत् क्‍या निर्देश देंगे। नहीं तों क्‍यों।                               (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधारों पर कार्यवाही करावे व जिम्‍मेदार अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्यवाही बाबत् क्‍या निर्देश देंगे, मतदाता सूची में उम्र के सुधार न होने से मेडिकल बोर्ड में गरीब वृद्धों को भटकना पड़ता हैं। इस कारण इस हेतु कार्यवाही बाबत् निर्देश जनहित में देंगे तो बतायें, नहीं तो क्‍यों।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्‍ली के निर्देशों के पालन में प्रत्‍येक वर्ष अर्हता तिथि क्रमश: 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्‍टूबर के मान से निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्‍त पुनरीक्षण की कार्यवाही संपादित की जाती है। इसके पश्‍चात् सतत् अद्यतन के दौरान निर्वाचक नामावली की कार्यवाही निरंतर चलती रहती है। जिला शहडोल में 05 जनवरी, 2024 से लोकसभा निर्वाचन, 2024 के पूर्व तक के मतदाताओं से संबंधित सुधार के किये गये कार्य की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

 

A.c.No.

Name

DoB Correction

Name Correction

Relation type Correction

Total form recieved

Enroll Inclusion

Total form recieved

Enroll Inclusion

Total form recieved

Enroll Inclusion

83

ब्‍यौहारी

850

762

1425

1301

122

113

84

जयसिंहनगर

743

727

1694

1617

149

135

85

जैतपुर

981

933

1553

1480

176

161

Total

2574

2422

4672

4398

447

409

 

 

 

A.c.No.

Name

Photograph Correction

Relative Name Correction

Gender Correction

Total form recieved

Enroll Inclusion

Total form recieved

Enroll Inclusion

Total form recieved

Enroll Inclusion

83

ब्‍यौहारी

592

533

889

812

21

15

84

जयसिंहनगर

637

624

930

897

14

14

85

जैतपुर

750

719

960

901

13

9

Total

1979

1876

2779

2610

48

38

 

भारत निर्वाचन आयोग के ई.आर.ओ. नेट में अर्हता तिथि के मान से प्रत्‍येक वर्ष मतदाता की आयु में वृद्धि होती है। मतदाता की उम्र में कम्‍प्‍यूटर स्‍वमेव गणना कर वृद्धि करता है। यदि किसी की आयु गलत दर्ज हो गयी है, तो प्रारूप - 8 भरकर एवं उसके पक्ष में दस्‍तावेज लगाकर संशोधन किया जा सकता है। उपरोक्‍तानुसार उक्‍त कार्य हेतु दल बनाकर कार्य करने की आवश्‍यकता नहीं है और न ही किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करने की आवश्‍यकता है। (ख) भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के पालन में निर्वाचक नामावली से मृत मतदाताओं के नाम निरसित किये जाने की कार्यवाही की जाती है। इस कार्य हेतु बी.एल.ओ. द्वारा घर-घर जाकर भ्रमण कार्य किया जाता है। यदि ऐसा मतदाता जिसकी मृत्‍यु हो चुकी है तथा निर्वाचक नामावली में उसका नाम दर्ज है तो विशेष संक्षिप्‍त पुनरीक्षण एवं सतत् अद्यतन के दौरान मृत मतदाता के रिश्‍तेदार द्वारा अथवा आपत्तिकर्ता द्वारा प्रारूप - 7 में नाम निरसित करने हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किया जाता है, तत्‍पश्‍चात् नाम निरसित किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है, जो पूरे वर्ष सम्‍पादित की जाती है। उपरोक्‍तानुसार किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) यदि निर्वाचक नामावली में किसी मतदाता की जन्‍मतिथि में विसंगति है तो मतदाता प्रारूप - 8 में आवेदन प्रस्‍तुत कर उसके साथ जन्‍मतिथि को प्रमाणित करने वाला दस्‍तावेज संलग्‍न कर संबंधित बी.एल.ओ. को ऑफलाईन अथवा voters.eci.gov.in पर ऑन लाईन आवेदन प्रस्‍तुत कर सकता है, जिसके आधार पर मतदाता की उम्र में सुधार किया जा सकता है। अत: निर्वाचक नामावली में मतदाता अपनी जन्‍मतिथि में सुधार कराने की कार्यवाही करने के निर्देश पूर्व से ही हैं तथा यह कार्यवाही सतत् रूप से चलती रहती है। अत: पृथक से निर्देश की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्‍तर अनुसार किसी प्रकार की त्रुटि नहीं होने से कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासन द्वारा दिये जाने वाली सहायता राशि

[गृह]

51. ( क्र. 3337 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) शहडोल जिले के थानों में वर्ष 2014 से प्रश्‍नांश दिनांक तक के दौरान कितने प्रकरण एस.टी., एस.सी. के तहत कितने प्रकरण, किन-किन थानों में, कब-कब पंजीबद्ध किये गये का विवरण थानेवार, जिलेवार देते हुये बतावें कि इन पंजीबद्ध अपराधों पर पीड़ित पक्ष को कौन-कौन से सहायता दिये जाने बावत् निर्देश जारी है। जारी निर्देश की प्रति देते हुये बतावें कि इन पीडि़तों की किस-किस तरह की सहायता राशि कब-कब तक, किस-किस तरह से, कितनी-कितनी प्रदान की गई, नाम, पते सहित जानकारी थानेवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में शासन द्वारा संचालित योजनाओं का संचालन कर संबंधित पीड़ित पक्ष को सहायता राशि प्रदान नहीं की गई क्‍यों? जबकि प्रथम रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ क्‍या कुछ सहायता राशि दिये जाने के प्रावधान है, यदि है तो इस पर कार्यवाही कर संबंधितों को लाभाविन्‍त नहीं किया गया तो क्‍यों? इस बाबत् कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी है? उन पर कार्यवाही के क्‍या निर्देश देंगे? साथ ही इसके क्रियान्‍वयन बाबत् क्‍या निर्देश देंगे बतावें? अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित शासन द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्‍वयन कर पीड़ितों को लाभान्वित कर लाभ से वंचित रखने के जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही के निर्देश देंगे बतावें, अगर नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन द्वारा संचालित योजनाओं का संचालन किया जाकर थानों में पंजीबद्ध प्रकरणों का विवेचना उपरांत राहत प्रकरण प्राप्त होने पर सहायता राशि प्रदान की जाती है। प्रथम रिपोर्ट दर्ज होने पर प्रथम किश्त की राशि दिये जाने का प्रावधान है। राहत प्रकरण प्राप्त होने पर संबंधितों को लाभान्वित किया गया है। इस बाबत् कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                        (ग) शासन द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाकर पीड़ितों के नियमानुसार लाभांवित किया जा रहा है। लाभ से किसी को वंचित नहीं किया गया है।

अम्बारोड़िया एवं बिंजलवाड़ा सिंचाई परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

52. ( क्र. 3364 ) श्री सचिन बिरला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बा रोड़िया उद्वहन सिंचाई परियोजना एवं बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना अंतर्गत बड़वाह विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लाभान्वित ग्रामों के नाम मय सिंचाई क्षमता के बतावे? योजना के लाभ से वंचित किन-किन ग्रामों को सम्मिलित किये जाने के संबंध में विधायक कार्यालय के द्वारा पत्राचार किया गया है? उन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त परियोजना की कुल लागत, कुल सिंचाई क्षमता तथा विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को दिये गये लक्ष्य के परिपालन में कितना कार्य पूर्ण किया गया तथा कितना शेष है, इसके विवरण सहित पूर्णता की समयावधि से अवगत करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को किये गये भुगतान, मूल्यवृद्धि भुगतान का विवरण देवें? क्या निर्माण एजेंसी को समय वृद्धि दी गई है, यदि हाँ, तो विवरण देवें। (घ) उक्त परियोजनाओं के निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने पर योजना के बजट में कितनी मूल्य वृद्धि हुई? इस क्षति के लिये कौन जिम्मेदार है एवं त्रुटिकर्ताओं के विरूद्ध क्या शास्ति आरोपित  की  जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट-'''' एवं '''' अनुसार है। योजना के लाभ से वंचित ग्राम जुलवानिया एवं कानापुर को अम्बा रोडिया माईक्रो उद्हवन सिंचाई परियोजना में शामिल करने हेतु माननीय विधायक महोदय द्वारा पत्र क्रमांक-1063 सनावद दिनांक 27.12.2022 एवं पत्र क्रमांक-461 सनावद दिनांक 09.05.2023 के माध्यम से लिखा गया था। परियोजना की सिंचाई क्षमता 9915 हेक्टेयर हेतु विस्तृत सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर सम्पूर्ण डिजाईन ड्राइंग अनुमोदन उपरान्त परियोजना कार्य प्रगतिरत होने से उक्त ग्रामों को परियोजना में जोड़ा जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। (ख) अम्‍बा रोडिया योजना की कुल लागत 112.09 करोड़ है एवं सिंचाई क्षमता 9915 हेक्‍टेयर है। परिपालन का 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका तथा 02 प्रतिशत कार्य शेष है। पूर्णता की समयावधि दिनांक 30.09.2024 लक्षित है। भीकनगांव बिंजलवाडा माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की कुल लागत 745.00 करोड़ तथा ठेकेदार से अनुबंधित राशि 692.52 करोड़ है। इसकी सिंचाई क्षमता 50,000 हेक्‍टेयर है। परिपालन का कार्य 87 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है तथा 13 प्रतिशत कार्य शेष है। पूर्णता की समयावधि दिनांक 31.12.2024 लक्षित है। (ग) अम्‍बा रोडिया के कार्य पर 97.90 करोड़ एवं मूल्‍यवृद्धि पर रू. 3.65 करोड़ का भुगतान किया गया है। बिंजलवाडा माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के कार्य पर 598.27 करोड़, मूल्‍य वृद्धि पर रू. 40.68 करोड़ तथा जी.एस.टी. का भुगतान राशि रू.65.92 करोड़ किया जा चुका है। (घ) बिंजलवाडा माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में रू.40.68 करोड़ एवं अम्‍बा रोडिया माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में रू.3.65 करोड़। भू-अर्जन, कोविड महामारी, अन्‍य विभाग जैसे राजस्‍व, मध्‍यप्रदेश विद्युत मण्‍डल, वन एवं पर्यावरण से संबंधित कार्यों की स्‍वीकृति में हुये विलंब के कारण कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो सका। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

जी.एस.टी. चोरी पर अंकुश

[सामान्य प्रशासन]

53. ( क्र. 3384 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा जनवरी 2024 में ई.ओ.डब्ल्यू. आर्थिक अपराध शाखा प्रकोष्ठ मध्य परदेश को जी.एस.टी. चोरी पर अंकुश लगाने एवं चोरी करने वाले अधिकारियों की नामजद शिकायत संबंधी पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? अवगत करवाएं और यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ख) क्या रोलिंग मिलों में मध्यप्रदेश से गुजरात और गुजरात से मध्यप्रदेश माल का सप्लाई किया जाता है? यदि हाँ, तो उन पर जी.एस.टी. चोरी संबंधित प्रकरणों की जांच की गई है? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं नहीं तो कारण बताएं। (ग) विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक जी.एस.टी. के चोरी के संबंध में मध्यप्रदेश में कितने प्रकरण प्राप्त हुए जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या जी.एस.टी. चोरी के प्रकरण में बहुत बड़े पैमाने पर सरकार को चूना लगाया जा रहा है जिसका शिकायत पत्र प्रश्‍नकर्ता द्वारा नामजद संबंधित विभाग को दिया गया था? जिसमें उन व्यापारियों एवं अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शाया गया था? क्या सरकार द्वारा जी.एस.टी. चोरी का प्रकरण में शामिल व्यापारियों एवं अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी और उसकी निष्पक्ष जांच करवाएगी? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। कार्यालीन अभिलेख के अनुसार शिकायत पत्र आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ कार्यालय में प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '' एवं '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

संविलियन एवं प्रतिनियुक्ति सेवा परिलब्धि में असमानता

[सामान्य प्रशासन]

54. ( क्र. 3401 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग के अंतर्गत पदस्‍थ किन-किन तिलहन संघ कर्मियों को वेतन निर्धारण में पांचवां वेतनमान लाभ न्‍यायालयीन आदेश के परिपालन में स्‍वीकृत किया है व किन-किन को संवीलियन नीति के अंतर्गत क्‍या परिलब्‍धी में असमानता है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या शेष कर्मियों को अदालत के शरण में यह लाभ हेतु जाना पड़ेगा? (ख) क्‍या यह सही है कि अप्रैल 2015 में शासन की ओर से प्रमुख सचिव सहकारिता द्वारा तिलहन संघ कर्मियों को संविलियत कर 5वां, 6वां, का लाभ देने का शपथ पत्र जमा किया? यदि हाँ, तो इसका परिपालन हुआ? न्‍यायालय के आदेश का अवमानना के कारण 2015 के बाद भी सैंकड़ों न्‍यायालयीन याचिकाएं/अवमाननाओं में प्रचलित है? अनावश्‍यक शासकीय धन का अधिवक्‍ताओं पर खर्च क्‍यों? व्‍यय की जानकारी दें। (ग) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग में संविलियन तिलहन संघ सेवायुक्‍तों को पांचवें वेतनमान की पात्रता है या नहीं? प्रतिनियुक्ति स्‍थापना से संविलियत को यह पात्रता है कि नहीं? यदि है तो आदेश की छायाप्रति देवें? (घ) तिलहन संघ से प्रतिनियुक्‍ति‍ पर पदस्‍थ कर्मियों के पांचवां वेतनमान देने संबंधी बैठक कब-कब मुख्‍य सचिव/अपर मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता में हुई? कार्यवाही के परिपालन में कोई आदेश जारी किये? यदि किये हो तो बतायेंगे? नहीं तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार है। परिलब्धि में असमानता संभव है, क्योंकि इसका आधार पदस्‍थ अवधि एवं पात्रता होती है। तिलहन संघ के कर्मियों के आवेदन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इस संबंध में माननीय न्‍यायालय में जाने का निर्णय कर्मियों का होता है। (ख) प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय में 2015 में शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया। वेतनमान का लाभ देने हेतु आवश्‍यक कार्यवाही की गई है। तिलहन संघ कर्मियों से संबंधित न्‍यायालयीन प्रकरणों में शासन द्वारा शासकीय अधिवक्‍ताओं के माध्‍यम से कार्यवाही की जाती है। (ग) जिन तिलहन संघ के सेवायुक्‍तों का संविलियन हुआ है। उन्‍हें पात्रता अनुसार वेतनमान दिया गया है। आदेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (घ) तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ कर्मियों के संबंध में मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता में दिनांक 19/05/2016 को बैठक आयोजित की गई थी। मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 24-06-2020 के दृष्टिगत वेतन निर्धारण किया गया है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

लोकायुक्‍त या आर्थिक अन्‍वेषण ब्‍यूरो से जांच

[खनिज साधन]

55. ( क्र. 3403 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में खनिज विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भ्रष्‍टाचार अधिनियम के तहत लोकायुक्‍त द्वारा कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज किए गए है यदि हाँ, तो वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब किस-किस पर जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) न्यायालय कलेक्टर जिला छतरपुर में दर्ज प्रकरण क्रमांक 200/अ-67/खनिज/2020-21 आदेश दिनांक 05/04/2021 में एक करोड़ चवालीस लाख एवं प्रकरण क्रमांक/201/अ-67/खनिज/2020-21 आदेश दिनांक 05/04/2021 में पांच करोड़ तिरासी लाख बीस हजार का अवैध उत्खनन पाये जाने पर अर्थ दण्ड अधिरोपित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश के संबंधित के विरूद्ध द्वारा अपील प्रस्तुत कर अपीलीय अधिकारी द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या अपीलीय अधिकारी द्वारा गुण-दोष के आधार पर प्रकरण कर दिया गया? यदि हाँ, तो संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराए? (ड.) यदि नहीं, तो क्यों विलंब किया जा रहा है कारण स्पष्ट करें? क्या भ्रष्टाचार की इच्छा होने के कारण का निराकरण करने में विलंब किया जा रहा है। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (च) प्रकरण में किन गुण-दोषों पर स्थगन आदेश जारी किया गया एवं क्यों? उक्त प्रकरण का निराकरण करने में विलंब किया जा उक्त प्रकरण रहा है? क्या शासन या सक्षम अधिकारी लोकायुक्त या आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को जांच करने के आदेश जारी करेगा।               (छ) यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं, यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  पर है। (ख) एवं (ग) जी हाँ।                                  (घ) प्रश्‍नांश (ख) उल्‍लेखित प्रकरणों के निराकरण का अधिकार मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 27 (1) के प्रावधानों के तहत अपीलीय अधिकारिता संचालक से संभागीय आयुक्‍त हो गये हैं। संचालक द्वारा उक्‍त प्रावधानों के तहत दोनों प्रकरणों को यथास्थिति संभागीय आयुक्‍त, सागर संभाग, सागर को पत्र दिनांक 01/06/2022 से अंतरित किया गया है। आयुक्‍त कार्यालय में प्रकरण क्रमश: 0829/अपील/2022-23 एवं 0830/अपील/2022-23 दर्ज है। दोनों प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन हैं। (ड.) विचाराधीन प्रकरणों में आगामी सुनवाई दिनांक 15/07/2024 नियत है। प्रकरण न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। जिसमें समस्‍त हितबद्ध पक्षों को सुनवाई का पूर्ण अवसर प्रदान कर निराकरण किया जाना विधिसंगत होगा। (च) प्रकरण में सुनवाई किये जाने पर अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत लिखित एवं मौखिक तर्कों एवं गुण-दोषों के आधार पर प्रथम दृष्‍टया स्‍थगन स्थिति निर्मित होने से स्‍थगन दिया गया है। प्रकरण न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। जिसमें समस्‍त हितबद्ध पक्षों को सुनवाई का पूर्ण अवसर प्रदान कर निराकरण किया जाना विधिसंगत होगा। (छ) प्रश्‍नांश (च) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में अपराध

[गृह]

56. ( क्र. 3413 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिला में अपराधों के पंजीयन में अनुपातहीन वृद्धि हुई, इसका क्या कारण है। क्या दबाववश झूठे प्रकरण कायम किये गये यदि नहीं, तो क्‍या कारण है? (ख) टीकमगढ़ कोतवाली में विगत 5 वर्ष में कुल कितने अपराध पंजीबद्ध हुये उनमें कितने प्रकरणों में खात्मा खारजी हुई नाम सहित विस्तृत विवरण दें? (ग) क्या 302 जैसे अपराधों में भी गंभीरता से जांच नहीं की गई यदि नहीं, तो ग्राम बरेठी में गोली मारकर ढीमर की हत्या होने के बाद भी आज तक हत्यारों का पता नहीं लगा क्यों? (घ) क्या थाना सिमरा जिला-निवाड़ी में अपराध कमांक 151/22 दिनांक 29.06.2022 में दर्ज प्रकरण में आज दिनांक तक कोई कार्यवाही न होना इसका सही प्रमाण नहीं है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।                       (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार(ग) उल्लेखित घटना में अज्ञात व्यक्ति द्वारा मृतक जसुआ केवट की गोली मारकर हत्या करने पर थाना मोहनगढ़ जिला टीकमगढ़ में अपराध क्र. 233/21 धारा 302 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना में पी.एम. कराया गया। परिवारजनों, आस-पड़ोस के लोग, स्वतंत्र साक्षियों एवं संदेहियों के कथन लिये गये। संदेहियों की कॉल डिटेल का परीक्षण किया गया। घटना स्थल का पीएसटीएन डाटा निकालकर विश्लेषण किया गया। पुलिस अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर बारीकी से विवेचना कराई गई तथा अज्ञात आरोपी की पहचान के लिए 10000/- रूपये के ईनाम की उ‌द्घोषणा भी कराई गई थी। मुखबिर लगाये गये थे। अज्ञात आरोपी की पहचान हेतु प्रभावी एवं सार्थक प्रयास किये गये। (घ) जी नहीं। दिनांक 29.06.2022 को फरियादी रूपलाल सौर निवासी हल्का नम्बर 29 मौजा दिगवारकला रोतेरा का पटवारी, के आवेदन पर से थाना सिमरा जिला निवाड़ी म.प्र. में अपराध क्रमांक 151/2022 धारा 188, 171 (ग), 171 (एफ), भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। विवेचना के दौरान दो आरोपियों के विरूद्ध उक्त धाराओं का अपराध सिद्ध पाये जाने पर इनके विरूद्ध अभियोग पत्र कमांक 352/22 दिनांक 02.11.2022 तैयार कर माननीय न्यायालय जे.एम.एफ.सी. ओरछा के समक्ष दिनांक 06.06.2024 को पेश किया गया और आरोपीगणों को माननीय न्यायालय द्वारा एक-एक हजार रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है।

पोषण आहार में अनियमितता की जांच

[महिला एवं बाल विकास]

57. ( क्र. 3414 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिला में अधिकारियों की पदस्‍थापनाओं में भारी विसंगतियां है वरिष्‍ठों की अनदेखी कर कनिष्‍ठों को परियोजनाओं का प्रभार दिया गया है ऐसा क्यों? उदाहरण के लिए पृथ्‍वीपुर एवं बड़ागांव धसान। (ख) क्‍या आंगनवाड़ी में बटने वाले पोषण आहार में अनियमित रूप से टेंडर एक ही प्रोपराईटर के अलग-अलग नामों की फर्म बनाकर तीन कोटेशन जारी कर बिना विज्ञापन पोषण आहार का ठेका दे दिया जाता है और कमीशन अधिकारी प्राप्‍त करते है? यदि नहीं, तो विज्ञापन न निकालने का कारण बतायें? (ग) क्‍या अनेकों आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर पोषण आहार बांटना दिखा दिया जाता है? जबकि आंगनवाड़ी के ताले ही नहीं खोले जाते हैं? उदाहरण के लिए बड़ागांव धसान केन्‍द्रों को पोषण टीकमगढ़ के उसी परिवार से जाता है, जिस परिवार की महिला स्‍वयं सुपरवाईजर है। (घ) कब तक प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित विसंगतियों की गहन जांच करवाकर दोषी व्‍यक्तियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला टीकमगढ़ में किसी भी कनिष्ठ पर्यवेक्षक को परियोजना अधिकारी का प्रभार नहीं सौंपा गया है। परियोजना टीकमगढ़ ग्रामीण में नियमित परियोजना अधिकारी पदस्थ हैं एवं बड़ागांव धसान परियोजना टीकमगढ़ ग्रामीण का एक सेक्टर है। जिला निवाड़ी में 02 परियोजना क्रमश: निवाड़ी एवं पृथ्वीपुर संचालित हैं। जिनमें परियोजना मुख्यालय में पदस्थ होने के आधार पर कनिष्ठ पर्यवेक्षकों को प्रभार सौंपा गया है।                (ख) जी नही। पूरक पोषण आहार व्यवस्था अन्तर्गत टेण्डर एवं कोटेशन का प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नही। ऐसा नहीं है। बड़ागांव धसान नगर परिषद में संचालित 15 आंगनवाडी केन्‍द्रों में पोषण आहार प्रदाय कार्य नगर परिषद में पंजीकृत 3 स्‍व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है 1. राधिका स्‍व-सहायता समूह 2. एकता स्‍व-सहायता समूह 3. मॉ गौर स्‍व-सहायता समूह उक्‍त तीनों समूहों की किसी भी परिवार की सदस्‍य महिला सुपरवाईजर नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अंतर्गत टीकमगढ़ जिले में कोई विसंगति नहीं होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाना

[महिला एवं बाल विकास]

58. ( क्र. 3419 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार क्‍या प्रत्‍येक ग्रामों की वर्तमान जनसंख्‍या की दृष्टि से आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है? यदि नहीं, तो क्‍या निकट भविष्‍य में वर्तमान जनसंख्‍या की दृष्टि से नवीन केन्‍द्र खोले जावेंगे? समयाविध बतायी जावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में आये आंगनवाड़ी विषय में क्‍या पूर्व से संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के व्‍यवस्थित संचालन हेतु भवन निर्माण सभी केन्‍द्रों में निर्मित कराये गये है? यदि नहीं, तो क्‍या निकट भविष्‍य में शेष सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में भवन निर्माण कार्य पूर्ण करा दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायी जावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्‍या  मैहर क्षेत्र में पूर्व से संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के व्‍यवस्थित संचालन हेतु जहां एक ओर भवनों की आवश्‍यकता है वहीं दूसरी ओर बच्‍चों को कुपोषण मुक्‍त रखने की दृष्टि से नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की आवश्‍यकता भी है? यदि हाँ, तो उक्‍त जनहितैषी कार्य कब क्रियान्वित कर दिये जावेंगे? समयावधि बतायी जावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की स्‍वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।                         (ग) जी हाँ। नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की स्‍वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

 

मालनपुर में लगे उद्योगों में स्‍थानीय लोगों को रोजगार

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

59. ( क्र. 3462 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में लगे उद्योगों में स्‍थायी एवं अस्‍थायी पदों पर स्‍थानीय लोगों को कितने प्रतिशत रोजगार देने के शासन के नियम हैं, क्‍या इनमें अजा/अजजा/अन्‍य पिछड़ा वर्ग के स्‍थानीय लोगों को वरीयता/आरक्षण देने का प्रावधान है? नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें।                             (ख) औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में कितने उद्योग वर्तमान में संचालित हैं, इनमें कितने पद स्‍थायी एवं अस्‍थायी हैं, कितने पदों  पर स्‍थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। उद्योगवार बतायें? यदि नियमानुसार स्‍थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा है, तो इसका क्‍या कारण है? (ग) क्‍या औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में लगे उद्योगों में मजदूरों को ठेकेदारों के माध्‍यम से  कार्य कराया जा रहा है, यदि हाँ, तो शासन के क्‍या नियम है, क्‍या इनके द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है। नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के आदेश दिनांक 19.12.2018 के माध्‍यम से उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित वित्‍तीय तथा अन्‍य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की इकाई को उनके द्वारा उपलब्‍ध कराये गये कुल रोजगार का 70% रोजगार मध्‍यप्रदेश के स्‍थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है। उक्‍त प्रावधान इस परिप्रेक्ष्‍य में आदेश जारी होने की दिनांक के बाद उत्‍पादन प्रारम्‍भ करने वाली इकाइयों पर प्रभावशील रहेगा। आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट -1 अनुसार है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में संचालित उद्योगों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रदाय की जा रही सुविधा/सहायता के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त आवेदनों अनुसार औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर की इकाइयों की जानकारी तथा प्रदाय किये गये रोजगार की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। इकाइयों द्वारा प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति के प्रावधानुसार मध्‍यप्रदेश के स्‍थायी निवासियों को रोजगार प्रदाय किया गया है। (ग) निजी उद्योगों में कार्यरत व्‍यक्तियों को ठेकेदारों अथवा अन्‍य माध्‍यम से कार्य कराये जाने हेतु विभाग द्वारा इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किये गये है।

सहारा फाईनेंस कंपनी के विरूद्ध प्रकरण

[गृह]

60. ( क्र. 3491 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सहारा फाईनेंस कंपनी के विरूद्ध उपभोक्ताओं द्वारा प्रकरण की रिपोर्ट दर्ज की गई है? जिलेवार विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्‍या सागर जिला अंतर्गत सहारा फाईनेंस कंपनी के विरूद्ध रिपोर्ट/प्रकरण दर्ज किये गये है। थानावार विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित रिपोर्ट एवं प्रकरणों पर थाना स्तर एवं जिला स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या उपभोक्ताओं की जमा राशि एवं उपभोक्ताओं द्वारा लगातार सहारा कंपनी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराने के उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है तथा उपभोक्ताओं को इस संबंध में अधिकृत जानकारी नहीं दी जा रही है तो इसके लिए विभाग कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।               (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  '' में समाहित है। (घ) जी नहीं। उपभोक्ताओं की रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार समुचित वैधानिक कार्यवाही की गई है, जिसकी सूचना उपभोक्ताओं को दी गई है, अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय कार्यालय भवनों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

61. ( क्र. 3492 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में जिला मुख्यालय पर कितने शासकीय विभाग के कार्यालय/परियोजनाओं के कार्यालय संचालित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कौन-कौन से कार्यालय स्वयं के भवन में संचालित है एवं कौन से कार्यालय/परियोजना कार्यालय किराये के भवन में संचालित हो रहे है? जानकारी देवें। (ग) किराये से संचालित होने वाले कार्यालय/परियोजना कार्यालय के नाम, पता सहित जानकारी देवें तथा उक्त भवन कितना किराया का भुगतान कर रहे है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में संचालित कार्यालय/परियोजना कार्यालय के लिए शासन स्तर से स्वयं के भवन के लिए भूमि आरक्षित एवं भवन स्वीकृति शासन स्तर से कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पत्रकारों के कल्याण हेतु शासकीय योजनाएं

[जन सम्‍पर्क]

62. ( क्र. 3496 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबलपुर जिले में शासन पंजीकृत/मान्यता प्राप्त कितने एवं कौन-कौन पत्रकार कार्यरत हैं? नाम पते सहित जानकारी दें? उनके कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : 113 पत्रकार। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। जन सम्‍पर्क विभाग द्वारा अधिमान्‍य पत्रकारों की दी जाने वाली सुविधायें निम्‍नानुसार है:- 1. संचार प्रतिनिधियों की मृत्‍यु होने पर पत्‍नी/पति/नाबालिग संतान को रूपये 4 लाख तक की आर्थिक सहायता एवं स्‍वयं अथवा आश्रितों के उपचार के लिये सामान्‍य बीमारियों में अधिकतम 40 हजार एवं गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये अधिकतम रूपये 1.00 लाख तक की आर्थिक सहायता स्‍वीकृत किये जाने का प्रावधान है। 2. मध्‍यप्रदेश के श्रमजीवी पत्रकारों/कैमरामेनों के वाहन/कैमरा आदि क्षतिग्रस्‍त होने पर पत्रकार कल्‍याण कोष से रूपये 50 हजार तक आर्थिक सहायता राशि स्‍वीकृत किये जाने का प्रावधान है। 3. प्रदेश के चयनित वरिष्‍ठ एवं बुजुर्ग पत्रकार जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक एवं 10 वर्ष की अधिमान्‍यता रही हो को 20 हजार प्रतिमाह के मान से सम्‍मान निधि‍ दिये जाने का प्रावधान है। सम्‍मान निधि प्राप्‍त पत्रकार की मृत्‍यु होने पर आश्रित पत्नि/पति को एकमुश्‍त रूपये 8 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। 4. संचार प्रतिनिधियों का क्रमश: रूपये 2 लाख एवं 4 लाख का स्‍वास्‍थ्‍य तथा रूपये 5 लाख एवं रूपये 10 लाख का दुर्घटना समूह बीमा किया जाता है। जिसके तहत अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकारों की प्रीमियम राशि का 75%, गैर अधिमान्‍यता प्राप्‍त पत्रकारों की प्रीमियम राशि का 50% एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिमान्‍य पत्रकारों के प्रीमियम राशि का सम्‍पूर्ण भुगतान शासन द्वारा वहन किया जाता है। 5. संचार प्रतिनिधियों को रूपये 30 लाख तक के आवास ऋण पर पांच प्रतिशत ब्‍याज अनुदान पांच वर्ष तक दिये जाने का प्रावधान है। 6. संचार प्रतिनिधियों को रूपये 30 लाख तक के बेटे/बेटियों के शिक्षा ऋण पर पांच वर्ष तक 5% ब्‍याज अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। 7. राष्‍ट्रीय/राज्‍य स्‍तरीय एवं आंचलिक स्‍तर पर पत्रकारिता सम्‍मान दिये जाने का प्रावधान है। 8. मध्‍यप्रदेश के संचार प्रतिनिधियों को पात्रतानुसार राज्‍य/जिला एवं तहसील स्‍तरीय अधिमान्‍यता प्रदान की जाती है।

खनिज मद से निर्माण कार्य

[खनिज साधन]

63. ( क्र. 3497 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) जबलपुर जिले में विगत 3 वर्षों में खनिजों के खनन से खनिज वार कितनी-कितनी आय हुयी? उक्त राशि को कहाँ-कहाँ कार्यों हेतु आवंटित किया गया? (ख) जिले में खनिज मद से कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने निर्माण कार्य स्वीकृत कर कार्य वार कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी? वर्षवार/कार्यवार 3 वर्षों की जानकारी दें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला जबलपुर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में खनिजवार प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। प्राप्‍त राशि को कार्य आवंटन करने के मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में कोई प्रावधान नहीं हैं। (ख) खनिज राजस्‍व से प्राप्‍त राशि को कार्य हेतु आवंटन करने के मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में कोई प्रावधान नहीं है, अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीस"

शहपुरा जिला जबलपुर में उप पंजीयक एवं कार्यालय की स्थापना

[वाणिज्यिक कर]

64. ( क्र. 3498 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबलपुर के शहपुरा विकासखण्ड के लगभग 300 ग्रामों के ग्रामवासियों को भूमि के क्रय-विक्रय के पंजीयन (रजिस्ट्री) हेतु 30 से 50 कि.मी. की दूरी तय कर पाटन जाना पड़ता है। क्या शासन उक्त ग्रामवासियों की परेशानी को देखते हुये शहपुरा जिला जबलपुर में उप पंजीयक एवं कार्यालय की स्थापना करेगा? तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : जी नहीं। शहपुरा से निकटतम उप पंजीयक कार्यालय पाटन की दूरी मात्र 16 किलोमीटर (लगभग) है। ई-पंजीयन की प्रणाली सम्‍पदा के अंतर्गत किसी भी स्‍थान से पंजीयन हेतु ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारम्‍भ करने एवं स्‍लॉट बुकिंग की सुविधा उपलब्‍ध है। पंजीयन हेतु केवल एक बार पक्षकार को उप पंजीयक कार्यालय में उपस्थित होना होता है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में नवीन उप पंजीयक कार्यालय खोले जाने की आवश्‍यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

आग से सुरक्षा हेतु नियमित ऑडिट एवं संसाधन उपलब्धता

[गृह]

65. ( क्र. 3529 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) जनवरी 2019 से अब तक प्रदेश भर में आवासीय, शासकीय, गैरशासकीय कार्यालयों और व्यावसायिक भवनों विवाह घर, स्कूल, कॉलेज आदि में आग लगने की दुर्घटनाओं के कारण कितने लोगों की मौत हुई है। (ख) भवनों को आग से सुरक्षित रखने एवं आगजनी के समय क्या-क्या आवश्यक संसाधन होने चाहिए। इन सब का कौन कितने समय के अंतराल में निरीक्षण करता है? (ग) क्या सागर संभाग के सभी शासकीय, गैर शासकीय कार्यालयों, व्यावसायिक भवन, विवाह घर, स्कूल, कॉलेज आदि में आग से बचने हेतु पूरे संसाधन उपलब्ध है एवं चालू स्थिति में है? सभी का फायर ऑडिट नियमित किया जा रहा है? (घ) संभाग के सभी शासकीय, गैर शासकीय कार्यालयों, व्यावसायिक भवन, विवाह घर, स्कूल, कॉलेज आदि आज की स्थिति में फायर सैफ्टी रूल्स के अनुसार शत प्रतिशत मापदंड को पूरा करते है? यदि नहीं, तो मानक पूरा नहीं करने वाले संस्थान कब तक इसे पूरा करेंगे। इनके नाम एवं किन मानकों को पूरा नहीं करते तथा इसे कब तक पूरा किया जाएगा इसकी जानकारी प्रदाय करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुलिस अग्निशमन सेवा इन्दौर म.प्र. के अंतर्गत निम्नांकित 08 पुलिस फायर स्टेशन है :- पु.फा.स्टे. मंत्रालय-भोपाल, पु.फा.स्टे. मालनपुर-भिण्ड, पु.फा.स्टे. पीथमपुर- धार, पु.फा.स्टे. मोतीतबेला इन्दौर, पु.फा.स्टे. सांवरे रोड-इन्दौर, पु.फा.स्टे. जीएनटी - इन्दौर, पु.फा.स्टे. लक्ष्मीबाई नगर-इन्दौर, पु.फा.स्टे. गांधीहॉल-इन्दौर, उक्त 08 पुलिस फायर स्टेशनों के क्षेत्रांतर्गत वर्षवार अग्निदुर्घटनाओं में मृतकों की कुल संख्या 17 रही: 2019-01, 2020-01, 2021-00, 2022-07, 2023-07, 2024-01(ख) भवनों को आग से सुरक्षित रखने एवं आगजनी के समय एनबीसी पार्ट 4 के अनुसार भवन की आक्यूपेन्सी अनुसार मुख्यतः फायर हाईडेन्ट सिस्टम, फायर एक्स्टीन्गयूशर, फायर पम्प, पानी की व्यवस्था एवं डिटेक्टर एवं स्प्रींकलर आदि होना प्रावधानित होते हैं। इस संसाधनों का निरीक्षण सक्षम अधिकारी (आयुक्त नगर पालिका निगम इन्दौर) द्वारा निर्धारित अवधि में इनके द्वारा नियुक्त अधिकारी के द्वारा किया जाता है। (ग) कमिश्नर कार्यालय सागर संभाग, सागर में आग से बचने हेतु पूरे संसाधन उपलब्ध है एवं चालू स्थिति में है। सभी का फायर ऑडिट का प्रमाण पत्र चस्पा है। (घ) कमिश्नर कार्यालय सागर संभाग, सागर में फायर सैफ्टी रूल्स के अनुसार शत प्रतिशत मापदंड को पूरा करते है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सागर संभाग की खनिज संपदा का सर्वे

[खनिज साधन]

66. ( क्र. 3530 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्या सागर संभाग में हीरा, लौह अयस्क, चूना पत्थर या अन्य धातुओं/खनिजों के भंडार होने के संबंध में कोई सर्वे करवाया गया है? (ख) हाँ तो इनका अनुमानित भंडार कितना है। इनके उत्खनन के सम्बंध में क्या कार्ययोजना है।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) सागर संभाग में उपलब्‍ध खनिजों के भंडार की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  पर है। खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 के संशोधन दिनांक 12/01/2015 अनुसार मुख्‍य खनिजों को नीलामी के माध्‍यम से खनि रियायतें आवंटित किये जाने के प्रावधान हैं। अनुसूची-पाँच के गौण खनिज (पायरोफिलाईट, डायस्‍पोर एवं लेटेराईट) को मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन दिनांक 22/01/2021 अनुसार ई-निविदा के माध्‍यम से तथा शासकीय व निजी भूमि में खनि रियायतें आवंटित किये जाने के प्रावधान हैं।

परिशिष्ट - "इकतीस"

पुलिस कर्मियों को आवास एवं अन्य सुविधाओं की उपलब्धता

[गृह]

67. ( क्र. 3536 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) शासकीय सेवकों को श्रेणीवार शासकीय आवासों की पात्रता के क्या नियम/निर्देश हैं? पुलिस विभाग में कार्यरत शासकीय सेवकों को जिला एवं स्थानवार कितने और किस-किस श्रेणी के शासकीय आवासों की वर्तमान में उपलब्धता हैं? इन आवासों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराइए,और बताइये कटनी जिले में थानावार कितने एवं किस-किस श्रेणी के आवास कहाँ-कहाँ उपलब्ध हैं? (ख) पुलिस विभाग में कार्यरत शासकीय सेवकों एवं परिवारजनों की सुविधा एवं मनोरंजन के लिए जिलेवार क्या-क्या संसाधन कहाँ-कहाँ उपलब्ध हैं और क्या-क्या सुविधाओं/ संसाधनों की आवश्यकता हैं? इनकी पूर्ति के लिए शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (ग) कटनी जिले में थाना एवं स्थानवार निर्मित आवासों की वर्तमान में क्या स्थिति हैं? स्वीकृत पदों के अनुसार कितने आवासों की आवश्यकता हैं? क्या जिले के थानों में स्वीकृत पदों के मान से सर्वसुविधायुक्त आवास निर्माण की कोई कार्ययोजना हैं? हाँ,तो क्या? नहीं तो,क्यों एवं क्या आवास निर्माण के प्रस्ताव तैयार जायेंगे और कार्य की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले के थानों में कार्यरत शासकीय सेवकों एवं स्वीकृत पदों के मान से आवासों के निर्माण और आवश्यक सुविधाओं/संसाधनों की उपलब्धता के प्रस्ताव वरिष्ट कार्यालय को प्रेषित किए गए हैं? हाँ,तो यह प्रस्ताव क्या हैं? इन्हें किस प्रकार और कब तक स्वीकृत किया जायेंगा? नहीं तो क्या? प्रस्ताव तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किए जायेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

म.प्र. बाल प्रयोजन (स्पोंसरशिप) की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

68. ( क्र. 3543 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. बाल प्रयोजन (स्पोंसरशिप) क्या है? कृपया विस्तार से जानकारी देवें।                                           (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. बाल प्रयोजन (स्पोंसरशिप) के अंतर्गत क्‍या सहायता मिलती है एवं चयन के मापदंड व सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया क्या है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिला देवास एवं इंदौर अंतर्गत म.प्र. बाल प्रयोजन (स्पोंसरशिप) में वित्तीय मापदंड क्या-क्या है एवं दोनों जिलों में लाभान्वित बच्चों की संख्या कितनी है? जिला देवास एवं जिला इंदौर के लाभान्वित बच्चों की सूचि उपलब्ध कराने का आग्रह है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) म.प्र. बाल प्रयोजन (स्पॉन्सरशिप) से सम्बंधित प्रश्‍न का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 01 पर है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में म.प्र. बाल प्रयोजन (स्पॉन्सरशिप) के अंतर्गत सहायता एवं चयन के मापदंड व सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया प्रश्‍नांश (क) के उत्तर अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में जिला देवास एवं इंदौर अंतर्गत म.प्र. बाल प्रयोजन (स्पॉन्सरशिप) में वित्तीय मापदंड  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट – 01 अनुसार हैं एवं जिला देवास में लाभान्वित बच्चों की संख्या 169 एवं जिला इंदौर में लाभान्वित बच्चों की संख्या 768 है। जिला देवास एवं जिला इंदौर के लाभान्वित बच्चों की सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 02 पर है।

विभागीय संरचना एवं कार्यों की जानकारी

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

69. ( क्र. 3569 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय संस्थाएं, प्रशासनिक इकाइयां, सहकारी संस्थाएं आदि सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं,इकाइयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित सहकारी संस्थाओं एवं अन्य संस्थाओं, प्रशासनिक इकाइयों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में,किन-किन कार्यों एवं योजनाओं एवं अन्य कार्य हेतु विभिन्नमदों कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम,कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश सहित संस्थावार विकासखण्डवार विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष हैं तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश '' एवं '' के संदर्भ में क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अनियमितता, लापरवाही एवं विकास कार्यों तथा कार्य एजेंसियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो शिकायतों का विवरण दें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों में जांच उपरांत कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार/निर्माण एजेंसी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? अभी तक कितनी जांचे लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावे? कार्य, योजना, कार्य के नाम, स्थान, तहसीलवार, जिलावार विभाग अनुसार संपूर्ण जानकारी देवें। (ङ) विभाग के विदिशा जिले में कौन-कौन सी योजनाएं एवं कौन-कौन से कार्य संचालित हैं? योजनवार, निर्माण कार्यों की विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग के अधीन संचालनालय, निगम एवं बोर्ड की विभागीय संरचना की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट '' अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी एवं (ख) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।                       (ङ) विदिशा जिले में संचालित योजनाओं की योजनावार, विकासखंडवार जानकारी  पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट '' अनुसार है।

विधायक निधि से निर्माण कार्य

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

70. ( क्र. 3585 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक विधायक निधि की राशि से कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के कहां-कहां पर किस-किस निर्माण एजेंसी द्वारा कब-कब कराये गयें? अनुशंसा पत्र, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यों का पूर्णत: प्रमाण पत्र प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो संलग्न कर जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक विधायक निधि से स्‍वीकृत कार्यों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। अनुशंसा पत्र तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जो कार्य पूर्ण हैं, उनके पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्‍त हो गए हैं। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

तहसील आष्टा में औद्योगिक इकाई की स्थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

71. ( क्र. 3591 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिहोर जिला अंर्तगत आष्टा तहसील में कोई औद्योगिक इकाई हेतु जमीन का चयन किया है? अगर हाँ तो कहां और कितने क्षेत्रफल में यह उद्योग की स्थापना होगी? (ख) उस औद्योगिक इकाई की स्थापना से कितना निवेश होगा? इस उद्योग हेतु कितनी सरकारी जमीन और कितनी निजी कृषि योग्य जमीन अधिग्रहित की जाएगी? कितने किसान प्रभावित होंगे? (ग) क्‍या यह उद्योग किस प्रकार का होगा? क्या यह प्रर्यावरण को नुकसान तो नहीं करेगा और क्या इससे क्षेत्रवासी के स्वास्थ्य पर विपरीत असर तो नहीं पडेगा? क्या इस हेतु क्षेत्रवासियों एवं किसानों से सहमति प्राप्त हो गई है? (घ) क्या इस औद्योगिक क्षेत्र के लिए किसान अपनी कृषि योग्य जमीन देने के लिए सहमत है अथवा जमीन किसानों से जबरदस्ती अधिग्रहित की जा रही हैं? सम्पूर्ण जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। सीहोर जिला अंतर्गत आष्‍टा तहसील में भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम मेसर्स गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा ग्रीन फील्‍ड पेट्रोकेमिकल प्‍लांट की स्‍थापना हेतु भूमि का चयन किया गया है। उक्‍त प्रस्‍तावित परियोजना की स्‍थापना ग्राम-बागैर, बापचादौनिया, भवरा, खानदौरपुर, अरनिया दाऊद की कुल 779.3485 हेक्‍टेयर भूमि पर प्रस्‍तावित है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) मेसर्स गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा प्रस्‍तावित परियोजना हेतु राशि रू. 50-60 हजार करोड़ तक का निवेश प्रस्‍तावित किया गया है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) मेसर्स गेल (इंडिया) लिमिटेड की प्रस्‍तावित परियोजना पेट्रोकेमिकल आधारित परियोजना होगी। इसकी स्‍थापना के पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्यावरण प्रभाव आकलन (एनवायरनमेंट इम्‍पेक्‍ट असेसमेंट) तथा जन सुनवाई के उपरांत पर्यावरण मंजूरी (एनवायरनमेंट क्लियरेन्‍स) प्राप्‍त की जायेगी। पर्यावरण प्रभाव आकलन तथा पर्यावरण मंजूरी अंतर्गत परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव को न्‍यूनतम रखने हेतु सुझाये गये उपायों को कार्यान्वित किया जायेगा। जिससे क्षेत्रवासियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्षेत्रवासियों एवं किसानों से सहमति प्राप्‍त करने की कार्यवाही राजस्‍व विभाग द्वारा प्रक्रियाधीन है। (घ) औद्योगिक क्षेत्र के लिए किसानों की जमीन प्राप्‍त करने की सहमति तथा भू-अर्जन की कार्यवाही राजस्‍व विभाग द्वारा प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

विधायक के प्रोटोकॉल एवं नियम-निर्देश

[सामान्य प्रशासन]

72. ( क्र. 3596 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के द्वारा विधायक एवं सांसद की अध्यक्षता में होने वाली मीटिंगों में बैठने का क्रम किस प्रकार निर्धारित किया गया है? क्रम निर्धारण संबंधी नीति, नियम निर्देश की प्रति देवें? (ख) विधायक एवं सांसद के जिला कलेक्टर कार्यालय जिला पंचायत कार्यालय एवं अन्य जिला कार्यालय में प्रवेश करते समय एवं कार्यालय से बाहर जाते समय, कार्यालय में मीटिंग दौरान सत्कार, शिष्टाचार, पत्रों पर कार्यवाही के कार्यालय प्रमुख के लिए क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं? समस्त निर्देशों की कॉपी देवें। (ग) अशोकनगर जिले के जिला सत्कार अधिकारी का नाम क्या है एवं उनके क्या उत्तरदायित्व हैं? (घ) क्या अशोकनगर जिले में जिला कलेक्टर के द्वारा माननीय विधायक एवं सांसद को प्रदत्त प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है या नहीं? हाँ तो पालन किए जाने के संबंध में जिला कलेक्टर का प्रतिवेदन देवें? (ड.) नर्मदापुरम कलेक्ट्रेट सभागृह में शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु आयोजित बैठक में क्या बैठक के मध्य में अध्यक्षता जिला कलेक्टर के द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो यह किस प्रकार नियमों में परिभाषित किया गया है? यदि नहीं, तो माननीय सांसद का स्थान बैठक में किस प्रकार होना चाहिए?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) अशोकनगर में वर्तमान में पदस्‍थ जिला सत्‍कार अधिकारी का नाम श्री मुकेश कुमार शर्मा है। जिला सत्‍कार अधिकारी का उत्‍तरदायित्‍व है कि जिला कलेक्‍टर के निर्देशन में राज्‍य अतिथ‍ि एवं विशिष्‍ट अतिथियों के आगमन एवं प्रस्‍थान पर संपूर्ण व्‍यवस्‍था करें। (घ) जी हां। शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। (ड.) सामान्‍यत: शांति व्‍यवस्‍था बनाये रखने हेतु कलेक्‍ट्रेट सभा गृह में आयोजित होने वाली बैठक की अध्‍यक्षता जिला कलेक्‍टर द्वारा की जाती है। यदि बैठक में माननीय सांसद उपस्थित होते हैं तो माननीय सांसद महोदय की गरिमा के अनुकूल बैठक में स्‍थान निर्धारित किया जाता है।

सेवानिवृत्‍तों को एक वेतन वृद्धि का लाभ

[वित्त]

73. ( क्र. 3625 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वित्‍त विभाग द्वारा जारी आदेश क्र.एफ3-1/2024 नियम/चार में माननीय सर्वोच्‍च एवं उच्‍च न्‍यायालयों के निर्णयों के आधार पर जिन सेवानिवृत्‍तों के प्रकरण उद्भूत होते है, केवल उन्‍हीं को सेवानिवृत्ति के समय प्राप्‍त वेतन में काल्‍पनिक वेतन वृद्धि स्‍वीकृत की गई है? (ख) यदि हाँ, तो इस प्रकार के आदेश का आधार क्‍या है, जिससे समान प्रकार के सभी प्रकरणों में न्‍याय नहीं मिल पा रहा है एवं जो सेवानिवृत्‍त न्‍यायालय नहीं गये है, उन्‍हें लाभ से वंचित किया जा रहा है, पूर्व निर्णित प्रकरणों के अलावा अन्‍य सेवानिवृत्‍तों को न्‍यायालय जाने पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा तथा शासन एवं न्‍यायालय पर अनावश्‍यक प्रकरणो का दबाव रहेगा, स्थिति स्‍पष्‍ट की जाय। (ग) क्‍या विभाग नीतिगत निर्णय लेकर सभी सेवानिवृत्‍तों चाहे वे न्‍यायालय गये हो या नहीं, गये हो, सेवानिवृत्ति तिथि 30 जून/31 दिसम्‍बर होने पर एक वेतन वृद्धि का लाभ देने का आदेश जारी करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्‍य शासन उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधन एवं प्राथमिकताओं के दृष्टिगत उचित निर्णय लेता है। (ग) वर्तमान में तदाशय का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

उद्योग हेतु भूमि अधिग्रहण

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

74. ( क्र. 3659 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) जिला डिण्‍डौरी उद्योग विहीन जिला है, जिले में उद्योग आये, इस पर निवेश हो इस हेतु शासन के पास क्‍या प्‍लान है? (ख) विधान सभा शहपुरा के अंतर्गत राजस्‍व सर्किल विक्रम के आस-पास हजारों एकड़ बंजर भूमि है, NH मार्ग है, मां नर्मदा का अथाह जल है, बिजली है, इस स्थिति में उद्योग हेतु भूमि अधिग्रहण कर औद्योगिक क्षेत्र घोषित करेंगे? (ग) जिला डिण्‍डौरी में आज तक उद्योग की श्रेणी में कौन-कौन सी इकाइयां कहां-कहां संचालित है एवं कितने प्रकरण लम्बित है, कब से बताएं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के उ‌द्देश्य से औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा वर्तमान में उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) एवं सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 लागू है, जो कि डिण्‍डौरी जिले में ही नहीं अपितु संपूर्ण प्रदेश में समान रूप से प्रभावशील हैं। उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत जारी विभागीय अधिसूचना क्रमांक एफ 19-44/2015/बी-ग्‍यारह दिनांक 18/05/2015 अनुसार डिण्‍डौरी जिले के समस्‍त विकासखण्‍ड प्राथमिक विकासखण्‍डों की सूची में शामिल है। उक्‍त विकासखण्‍डों में से जिस वित्‍तीय वर्ष में किसी विकासखण्‍ड में कोई वृहद/मेगा औद्योगिक परियोजना व्‍यवसायिक उत्‍पादन प्रारंभ करती है तो उक्‍त पात्र औद्योगिक इकाई को भौगोलिक गणक 1.20 तक अतिरिक्‍त निवेश प्रोत्‍साहन सहायता का लाभ दिया जाएगा। परन्‍तु उपरोक्‍त गणक सीमेन्‍ट परियोजनाओं के लिए '1' ही मान्‍य किया जावेगा। (ख) विभाग के अधीन एमपी इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर द्वारा पत्र क्र. 6548 दिनांक 09/02/2024 द्वारा कार्यालय, कलेक्‍टर-जिला डिण्‍डौरी एवं पत्र क्र. 6463-64 दिनांक 06/02/2024 द्वारा तहसीलदार, तहसील-शहपुरा एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) , अनुभाग शहपुरा जिला-डिण्‍डौरी से औद्योगिक पार्क/औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना हेतु शासकीय भूमि (राजस्‍व) का चयन कर अवगत कराने हेतु अनुरोध किया गया है। शासकीय भूमि (राजस्‍व) की जानकारी प्राप्‍त होने पर औद्योगिक प्रयोजन हेतु उपयुक्‍त भूमि को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के पक्ष में आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।                                  (ग) सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन-पोर्टल के अनुसार जिला डिण्डौरी में 332 सूक्ष्म इकाइयां पंजीकृत है,जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्‍नांश के संदर्भ में कोई भी प्रकरण वर्तमान में लंबित नहीं है।

खनिज उत्‍खनन में गड़बड़ी

[खनिज साधन]

75. ( क्र. 3660 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्‍डौरी 2020 से आज तक किस-किस खनिज के अवैध उत्‍खनन एवं भण्‍डारण का मामला अभी तक किन-किन के ऊपर दर्ज किया गय, विकासखण्‍डवार बतावें। (ख) कितने मामले खनिज, तहसीलदार, SDM कार्यालय में उक्‍त विषय के लम्बित है एवं लम्बित होने के कारण क्‍या है? ये मामले किन-किनके है? (ग) उक्‍त मामले अपर कलेक्‍टर, कलेक्‍टर के पास किन-किन के कितने लम्बित है और कब से? (घ) खदान, खनिज स्‍थल की जांच क्‍या समय-समय पर की जाती है? यदि हाँ, तो 2020 से कहां-कहां, कब-कब, किन के द्वारा, क्‍या जांच की गई और क्‍या पाया गया, अगर नहीं तो क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है।                                (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।

कुपोषित बच्‍चों की स्थिति

[महिला एवं बाल विकास]

76. ( क्र. 3664 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सीधी जिले में संचालित NRC में कुपोषित बच्‍चों की जानकारी पंजीकृत है? यदि हाँ, तो कहां-कहां उनकी व्‍यक्तिश: जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उन कुपोषित बच्‍चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए क्‍या विशेष योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं? (ग) सीधी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत कितनी परियोजनाएं कहां-कहां संचालित हैं तथा वहां पर पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में सं‍चालित समूहों के भुगतान में होने वाले व्‍यय की विगत 02 वर्षों की माहवार सूची उपलब्‍ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जिले में संचालित 07 एनआरसी में पंजीकृत कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है।                           (ख) पोषण-पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आई.ए.पी.व भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों अनुसार आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही है। वर्ष में दो बार दस्तक अभियानएनीमिया मुक्त भारत योजनाओं का संचालन किया जाता है। (ग) सीधी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 02 बाल विकास परियोजनाएं संचालित की जा रही है। बाल विकास परियोजना सीधी क्रमांक-पुराने स्टेट बैंक पटपरा रोड़ जिला सीधी एवं परियोजना क्रमांक सीधी-सी.एम.आई.टी. कम्प्यूटर कॉलेज के पासउत्तर कदोरिया जिला सीधी में संचालित है। दोनों परियोजनाओं में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है।                               (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर है।

विभागीय जांच की समय-सीमा एवं कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

77. ( क्र. 3676 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्या शासकीय सेवक की विभागीय जांच संस्थित होने के उपरांत विभागीय जांच पूर्ण करने एवं प्रकरण में कार्यवाही हेतु समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ तो कितनी नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में निर्धारित समय-सीमा में विभागीय जांच पूर्ण नहीं करने वाले प्रस्तुतकर्ता एवं विभागीय जांच अधिकारी/निर्णयकर्ता अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाती है यदि हाँ तो क्या-क्या, किस-किस नियम के तहत? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) विभागीय जांच पूर्ण कर सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत करने के बाद सक्षम अधिकारी को निर्णय पारित करने हेतु भी समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ तो कितनी? (घ) क्या कुल सचिव नाना जी देशमुख पशु चिकित्सा, विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के आदेश क्रमांक 2285/स्था-1/2022 दिनांक 17.8.2022 द्वारा निलंबित किये गये सहायक प्राध्यापक की विभागीय जांच संस्थित की गई थी? यदि हाँ तो विभागीय जांच समय-सीमा में पूर्ण कर अभी तक सक्षम अधिकारी द्वारा निर्णय क्यों नहीं लिया गया? क्या सक्षम अधिकारी के विरूद्ध शासन प्रश्‍नांश (क), (ख) में दिये गये प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आनंद विभाग की योजनाएं

[आनंद]

78. ( क्र. 3679 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्या वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक आनंद उत्सव मनाये जाने हेतु कोई निर्देश जारी किये गये है? यदि हां तो क्या? इन निर्देशों के अनुसार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना था? यदि हां तो ग्वालियर जिले में कौन-कौन से एवं कहां-कहां आयोजन किये गये? जानकारी वर्षवार, माहवार एवं स्थानवार दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्त कार्यक्रम के आयोजन हेतु शासन स्तर से कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? राशि का प्रदाय जिला स्तर/विकासखण्ड स्तर अथवा सीधे ग्राम पंचायतों को किया गया है? प्रदाय राशि के विरूद्ध कितनी राशि किस कार्य/गतिविधि आयोजन पर व्यय हुई एवं कितनी राशि शेष है? जिला/विकासखण्ड/नगर परिषद एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या त्रिस्तरीय पंचायतों को प्राप्त राशि का व्यय शासन नियमानुसार किया गया है या प्रदाय राशि का समायोजन अन्य कार्यक्रमों/मदों में किया गया है? यदि हां तो क्यों एवं किस नियम से? जिला/विकासखण्डवार/ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) स्थिति है तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति एवं ग्‍वालियर जिले के आयोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है(ख) विकासखंड स्‍तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है एवं नगर परिषद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-तीन अनुसार है(ग) राशि का नियमानुसार व्‍यय किया गया है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

79. ( क्र. 3686 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) नीमच जिले में विभिन्न विभागों में ऐसे कितने अधिकारी-कर्मचारी है जो शासन की नीति के विपरीत 3 वर्षों से एक ही पद पर, एक ही विभाग में कार्यरत है? उनकी विभागवार सूची देवें।                               (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में लगातार 3 वर्षों तक एक ही स्थान पर कार्य करने को लेकर क्या नीति है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में नीति विरूद्ध 3 वर्षों से एक ही पद पर कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारि‍यों को कब तक जिले से अन्यत्र स्थानान्तरित किया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                         (ख) वर्तमान में प्रभावशील स्‍थानांतरण नीति दिनांक 24 जून, 2021 की कंडिका 17 एवं 18 में प्रावधान अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानान्तरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

हवाई पट्टी पर सुविधाओं का विस्तार

[विमानन]

80. ( क्र. 3687 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) नीमच स्थित हवाई पट्टी पर वर्तमान में कौन-कौन सी सुविधाये है या कौन-कौन सी ओर सुविधाओं की कार्यवाही प्रचलन में है? जानकारी देवें। (ख) क्या गत दिनों नीमच में पायलट ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत हो चुकी है ट्रेनिंग की सम्पूर्ण जानकारी देते हुये बताएं क्या इसमें नीमच जिले के युवाओं को प्रशिक्षण पात्रता एवं प्रशिक्षण की राशि में छूट रहेगी यदि हाँ, तो कितनी? वर्तमान में कुल कितने युवा कितने विमान, हेलीकॉप्टर से प्रशिक्षण ले रहे है जानकारी देवें? (ग) क्या नीमच में भी पीएमश्री एयर एम्बुलेंस, धार्मिक पर्यटन हेली सेवा की सुविधा आमजन के लिए प्रदाय की जाएगी यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या नीमच से अन्य शहरों के लिए नियमित या साप्ताहिक उड़ान की योजना प्रचलन में है यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नीमच हवाई पट्टी पर मेसर्स चाईम्‍स एविएशन अकादमी द्वारा पायलट प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जहां उनके द्वारा छात्रावास, केफेटेरिया, संस्‍था के विमानों की पार्किंग/मेंटेनेंस के लिए हैंगर, रेस्‍क्‍यू व्‍हीकल और मेडीकल रूम की सुविधा उपलब्‍ध है। (ख) जी हाँ। मेथ्‍स, साइंस से उत्‍तीर्ण न्‍यूनतम 50% अंक प्राप्‍त इच्‍छुक छात्रों को सी.पी.एल. की ट्रेनिंग दी जाती है। प्रशिक्षण संस्‍था द्वारा प्रशिक्षण शुल्‍क में कोई छूट नहीं दी गई है। 90 छात्र उड़ान प्रशिक्षण ले रहे हैं। अकादमी में 11 छोटे विमान हैं तथा हेलीकॉप्‍टर प्रशिक्षण की सुविधा नहीं है। (ग) पी.एम.श्री एयर एम्‍बूलेंस सेवा का संचालन संपूर्ण मध्‍यप्रदेश में लोक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा किया जा रहा है। धार्मिक पर्यटन हेलीसेवा आमजन की सुविधा के लिए प्रदाय की जा रही है। वर्तमान में निजी संस्‍था द्वारा नीमच से यह सुविधा प्रारंभ नहीं की गई है। (घ) नीमच हेतु उड़ान की योजना केन्‍द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्‍कीम 5.2 के तहत प्रचलन में है।

उद्योग की स्‍थापना एवं ऋण स्‍वीकृति

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

81. ( क्र. 3697 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर जिले में विभाग द्वारा एमएसएमई के प्रोत्साहन हेतु वर्ष 2020, 2021, 2022, 2023 एवं 2024 में कितने फर्म अथवा व्यक्ति को उद्यमशीलता बढ़ाने हेतु ऋण प्रदान किया गया है तथा कौन-कौन से उद्योग एवं व्यवसाय हेतु कितनी राशि का ऋण प्रदान किया गया है तथा उक्त प्रोजेक्ट की लागत कितनी है तथा कितना अनुदान दिया गया है? (ख) झाबुआ-अलीराजपुर आदिवासी जिलो में रोजगार सृजन हेतु 2020 से 2024 तक कितने उद्योगो को निवेश हेतु प्रेरित किया गया व एम.ओ.यू. साईन किये गये? कितने उद्योग पिछले 5 वर्षों में स्थापित हुए और कितने लोगों को रोजगार प्रदान हुआ?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा प्रदेश में एमएसएमई के समावेशी विकास के उद्देश्य से मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 पूरे प्रदेश में समान रूप से लागू की गयी है। निवेश प्रोत्साहन एक निरंतर प्रक्रिया है, दिनांक 01.07.2020 से प्रारंभ भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल अनुसार वर्ष 2020 से 2024 तक झाबुआ जिले में 2615 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग पंजीकृत है, जिनमें 52933 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है एवं अलीराजपुर जिले में 1036 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग पंजीकृत है, जिनमें 5676 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। एमपीआईडीसी (औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग) अनुसार झाबुआ-अलीराजपुर आदिवासी जिलों में रोजगार सृजन हेतु वर्ष 2020 से 2024 तक एमपीआईडीसी द्वारा किसी भी इकाई/उद्यमी से कोई भी एम.ओ.यू. साइन नहीं किये गये हैं।

अवैध खनन एवं परिवहन के प्रकरण

[खनिज साधन]

82. ( क्र. 3698 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) झाबुआ अलीराजपुर जिले में विगत वर्षों 2021 से 2024 में कितने अवैध खनन के प्रकरण बनाये गये तथा ये किन-किन फर्मों के थे, नाम, पते सहित अवगत करावें साथ ही कितने प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए उन पर कितना-कितना दण्ड आरोपित किया गया तथा फर्मों द्वारा कितना दण्ड भरा गया? उसकी विस्तृत जानकारी से अवगत करावें। (ख) झाबुआ अलीराजपुर जिले में विगत वर्षों 2021 से 2024 में कितने अवैध खनिज परिवहन के प्रकरण बनाये गये तथा ये किन-किन फर्मो के थे? नाम पते सहित अवगत करावें, साथ ही कितने प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए उन पर कितना-कितना दण्ड आरोपित किया गया तथा फर्मों द्वारा कितना दण्ड भरा गया? उसकी विस्तृत जानकारी से अवगत करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले के अवैध खनन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले के अवैध परिवहन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

83. ( क्र. 3703 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत परियोजना 01 एवं परियोजना 02 परासिया के अन्तर्गत स्थित विभिन्न नगर/ग्राम/ग्राम पंचायतों में छोटे-छोटे बच्चों व महिला हितग्राहियों की सुविधा हेतु नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/150 दि. 08.02.2024 एवं अनुस्मरण-01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/317 दि. 27.05.2024 प्रेषित किये गये है, इन पत्रों पर अभी तक नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त प्रेषित पत्रों पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए, कब तक परासिया विधानसभा के अन्तर्गत विभिन्न नगर/ग्राम/ग्राम पंचायतों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु विभाग की क्या नियमावली है, छायाप्रति उपलब्ध करायें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रदेश में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[वित्त]

84. ( क्र. 3708 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में सभी विभागों में कुल कितने-कितने पद स्‍वीकृत है तथा स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने-कितने पद भरे हुये है एवं कितने पद रिक्‍त है? विभागवार, संवर्गवार, पदों की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में रिक्‍त पदों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग के कितने-कितने पद रिक्‍त है? विभागवार संवर्गवार एवं वर्गवार पदों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में रिक्‍त पदों को कब तक भरा जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से(ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वरिष्ठ अधिकारि‍यों को वरिष्ठ पद पर पदस्थ

[महिला एवं बाल विकास]

85. ( क्र. 3722 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा वरिष्ठ अधिकारि‍यों को वरिष्ठ पद पर पदस्थ कर पदनाम दिये जाने का प्रावधान किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्‍या महिला बाल विकास विभाग में भी उसे लागू किया गया है? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ग) भविष्य में पदनाम दिये जाने पर कार्यवाही की जा रही है यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है अथवा नहीं तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुक्रम में विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। वरि‍ष्‍ठ अधिकारियों को वरिष्‍ठ पद पर पदस्‍थ कर पदनाम देने के संबंध में शासन के कोई निर्देश नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लोकायुक्त पुलिस के प्रकरण

[सामान्य प्रशासन]

86. ( क्र. 3724 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) लोकायुक्त पुलिस द्वारा वर्ष 2023 से 10 जून, 2024 तक इंदौर संभाग में कितने प्रकरण दर्ज किये गये प्रकरण क्रं. दिनांक, धारा, आरोपियो के नाम तथा पता गिरफ्तारी की दिनांक न्यायालय में चालान पेश करने की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज किस किस प्रकरण में न्यायालय ने पक्ष तथा विपक्ष में फैसले दिये प्रकरण क्रं., दिनांक, धारा, आरोपियों के नाम सहित सूची देवें। (ग) 11 जून 2024 को लोकायुक्त पुलिस द्वारा राजीव गांधी सिविक सेन्टर रतलाम में भूखण्ड विक्रय में अनियमितता के लिये दर्ज प्रकरण के क्रमांक, आरोपी के नाम, पता, उम्र गिरफ्तारी की दिनांक सहित सूची दें तथा एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित प्रकरण में चालान पेश करने की दिनांक बतावें क्या प्रकरण में पूरक चालान पेश किया गया है तथा नये आरोपी के नाम शामिल किये गये है? (ड.) लोकायुक्त पुलिस के पास कितने प्रकरण 15 जून, 2024 तक विवेचना में है उन प्रकरणो को प्राप्त करने की दिनांक सहित जानकारी दें, कि विवेचना में अधिक समय किन-किन प्रकरणों में क्यो लग रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

87. ( क्र. 3728 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत बॉक्साइट/ग्रेनाइट खदान कहां-कहां वर्तमान में संचालित हैं तथा खनन की अनुमति कब से कब तक के लिए दी गई? किन-किन खदानों को किन-किन ठेकेदारों को लीज पर कितने वर्षों के लिए आवंटित किया गया है तथा कब-कब पुनः नवीनीकरण कराया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खनन स्वीकृति वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त रायल्टी राशि की जानकारी देवें? शासकीय भूमि रकबा की जानकारी देवें जिन पर खनन किया जा रहा है।                              (ग) बॉक्साइट/ग्रेनाइट खदान के पास से वन भूमि की दूरी क्या है तथा खदान से कितनी दूरी होनी चाहिए? शासन के आदेश की छायाप्रति देवें क्या खनन के बाद समतलीकरण कर वृक्षारोपण किए जाने के आदेश है? यदि हाँ, तो किन-किन खदानों में कितने हेक्टेयर में किन-किन प्रजाति के पौधे प्रतिरोपित किए गए हैं? जिन ठेकेदारों द्वारा खनन बाद समतलीकरण नहीं किया गया है क्या पुनः उनके लीज बढ़ाने की अनुमति दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारी द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर दिया गया है? छायाप्रति देवें तथा ठेकेदार व शासन के लिए किए गए अनुबंध की कॉपी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) बॉक्‍साईट/ग्रेनाईट खदान के पास से वन भूमि की दूरी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 9 पर है। वन सीमा से दूरी के संबंध में प्रावधानों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। खनन योजना तथा इनवायरमेंट मैनेजमेंट प्‍लान अनुसार खनन के बाद रिक्‍लेमेशन पश्‍चात वृक्षारोपण किया जाना प्रावधानित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम 10 एवं 11 पर  है। लीज अवधि विस्‍तारित किये गये 01 प्रकरण का अनुबंध/विवरण एवं निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है।

महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराध

[गृह]

88. ( क्र. 3729 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधों की शीर्षवार सूची वर्ष 2018 से जून 2024 तक की देवें तथा बताएं कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2024 में किस-किस शीर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि तथा कितने प्रतिशत कमी हुई? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) यह सही है कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जातियों के महिलाओं के घटित अपराध बढी है? यदि हाँ, तो शीर्षवार वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक जून 2024 तक की जानकारी तथा बताएं कि वर्ष 2018 से 2024 तक प्रतिवर्ष किस-किस शीर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि तथा कमी हुई?                                              (ग) मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 से जून 2024 तक में महिला अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध घटित अपराधों में शीर्षवार, वर्षवार, जिला अनुसार बताएं कि सजा की दर कितने प्रतिशत है? (घ) मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजातियों के महिलाओं के वर्ष 2018-2024 तक नाबालिक बालक/बालिका तथा महिलाओं के गुम होने के कितने प्रकरण दर्ज हुए? कितने नाबालिक बालक/बालिका तथा महिलाएं दस्तयाब की गई? जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।                                 (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

ग्राम पंचायत बिलगडा में कार्य एजेंसी परिवर्तन

[खनिज साधन]

89. ( क्र. 3744 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना मार्ग दर्शिका 2013 की कंडिका 27, 28 के अनुसार विधायको के परामर्श से एजेंसी का निर्धारण एवं परिवर्तित करने का प्रावधान है? (ख) क्‍या जिला खनिज प्रतिष्‍ठान जबलपुर के अंतर्गत अनुशंसित राशि में भी प्रश्‍नांश (क) के अनुसार प्रावधान है? (ग) क्‍या जिला खनिज प्रतिष्‍ठान जबलपुर के प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश क्र. 757 दि. 06.09.2023 में निर्माण कार्य की एजेंसी ग्राम पंचायत बिलगडा को परिवर्तित कर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर करने हेतु प्रस्‍ताव गत 9 माह से लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक संशोधित आदेश जारी किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी नहीं।                                    (ग) जी हाँ। (घ) जिला जबलपुर अंतर्गत जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से ग्राम पंचायत बिलगड़ा में सामुदायिक शेड निर्माण हेतु प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश दिनांक 06/09/2023 को जारी कर स्‍वीकृत निर्माण कार्य की दिनांक 05/10/2023 को प्रथम किश्‍त की राशि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत बिलगड़ा को जारी की जा चुकी है। वर्तमान में निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य कराया जा रहा है। निर्माणाधीन कार्य के दौरान निर्माण एजेंसी को परिवर्तित किया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में नाश्‍ता, भोजन व्‍यवस्‍था

[महिला एवं बाल विकास]

90. ( क्र. 3745 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि  (क) क्‍या जबलपुर जिले की नगरीय क्षेत्रों के आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में नाश्‍ता एवं भोजन व्‍यवस्‍था स्‍व-सहायता समूहों द्वारा की जाती है? (ख) क्‍या स्‍व-सहायता समूहों को टेण्‍डर पद्धति से कार्य दिया जाता है? यदि हाँ, तो नियम शर्तें बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कौन-कौन समूहों को कब तथा कितनी अवधि के लिये टेण्‍डर दिये गये हैं? बतावें। (घ) कौन-कौन से समूहों की अवधि समाप्‍त होने पर नये टेण्‍डर जारी किये गये हैं या कब जारी किये जायेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' पर है। (घ) स्व-सहायता समूहों का कार्य संतोषप्रद न होने पर ही कार्य से हटाने का प्रावधान है। वर्तमान में किसी समूह को कार्य से पृथक नहीं किया गया है, अतः शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उप पंजीयक/जिला पंजीयक द्वारा चाही गई जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

91. ( क्र. 3774 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने कार्यालय के पत्र क्रमांक 36/2024 दिनांक 09.01.2024 एवं पत्र क्रमांक 43-44 दिनांक 10.01.2024 द्वारा उप पंजीयक शिवपुरी, पोहरी, नरवर एवं जिला पंजीयक शिवपुरी से जानकारी चाही गई थी, यदि हाँ, तो, उक्त जानकारी कब एवं किस पत्र के माध्यम से उपलब्ध करायी गई? जानकारी की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें, यदि जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी तो क्यों? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍नांश (क) में वर्णित चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जाएंगी? निश्चित समय-सीमा बताएं। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍नांश (क) में चाही गई जानकारी उपलब्ध न कराने वाले उप पंजीयक शिवपुरी, पोहरी, नरवर एवं जिला पंजीयक शिवपुरी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा? यदि नहीं, करेगा तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उप पंजीयक पोहरी ने अपने पत्र क्रमांक 37 दिनांक 30.01.2024, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है एवं उप पंजीयक नरवर ने अपने पत्र क्रमांक 04 दिनांक 19.01.2024, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। उप पंजीयक शिवपुरी ने अपने पत्र क्रमांक 13 दिनांक 23.01.2024 से माननीय विधायक महोदय को बिन्दु क्रमांक 2 एवं 6 से संबंधित जानकारी प्रदाय की गई थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। जिला पंजीयक शिवपुरी द्वारा पुनः अपने पत्र क्रमांक 700/जि.पं./2024 दिनांक 01.07.2024, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। बिन्दु क्रमांक 1, 2 3 एवं 6 की जानकारी के साथ माननीय विधायक महोदय से अनुरोध किया गया है कि बिन्दु क्रमांक 4 एवं 5 से संबंधित जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने से वांछित प्रारूप में संकलित करना बहुत ही दुष्कर एवं दुरुह कार्य है। अतः कतिपय दस्तावेज विशेष की जानकारी प्रदाय करने का कष्ट करें, ताकि इन दस्तावेजों से संबंधित जानकारी वांछित प्रारूप में उपलब्ध कराई जा सकें। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

 

 

पंचायतों में टैक्स, सी.एस.आर. फंड का भुगतान

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

92. ( क्र. 3793 ) श्री मोहन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र 160 में स्थित पीलूखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित सभी कम्‍पनि‍यों द्वारा स्थानीय ग्राम पंचायतों में टैक्स दिया जा रहा है यदि दिया जा रहा है तो किस दर से दिया जा रहा है? वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक बतायें। (ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र 160 में स्थित पीलूखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित सभी कम्‍पनी द्वारा सी.एस.आर. फंड से कार्य किये गए हैं, यदि हाँ, तो किस-किस जगह क्या-क्या काम किये गये, कार्य कि लागत सहित जानकारी 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक बताये। (ग) क्या पीलूखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित सभी कम्‍पनी द्वारा शासन नियम अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है यदि हाँ, तो नाम एवं ग्राम/ नगर सहित बताये एवं कार्यरत कर्मचारियों को कलेक्टर रेट से या किस रेट से भुगतान किया जा रहा है यह भी बताये? (घ) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र 160 के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में ए.के.वी.एन. द्वारा निर्माण कार्य किये जा रहे है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्यों की लागत कितनी है और कार्य की गुणवत्ता भी बताएं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) सी.एस.आर. कंपनी अधिनियम 2013 केन्‍द्र शासन द्वारा प्रशासित है। औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में संचालित 4 वृहद कम्‍पनियों यथा - 1. मेसर्स लेप इण्डिया प्रा.लि. 2. मेसर्स ओसवाल वुलन मिल्‍स लि. 3. मेसर्स हिन्‍दुस्‍तान कोका-कोला बेवरेजेस प्रा.लि. 4. मेसर्स हिन्‍दुस्‍तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि. द्वारा सी.एस.आर. फंड से किये गए, कार्य का वि‍वरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है।                            (ग) औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में संचालित कम्‍पनियों द्वारा शासन नियम अनुसार स्‍थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, उक्‍त विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (घ) जी हां। औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में अधोसरंचना विकास उन्‍नयन का कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्य की लागत राशि रू. 16.91 करोड़ है, कार्य गुणवत्‍ता हेतु शासन द्वारा निर्धारित प्रावधानों का पालन कर परीक्षण किया जाकर कार्य संपादित किया जा रहा हैं।

पंजीकृत विवेचनाधीन प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

93. ( क्र. 3811 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार, थानावार कुल कितने प्रकरण पंजीकृत होकर विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर विचाराधीन है? (ख) कुल कितने ऐसे प्रकरण हैं जो कि उल्लेखित वर्षों में प्रकरण पंजीबद्ध होकर प्रश्‍न दिनांक तक विवेचना में होकर उनका अंतिम निराकरण नहीं किया जा सका है? थानावार जानकारी दें। (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जो कि फर्जी दस्तावेज एवं फर्जी हस्ताक्षर किए जाने के होकर संपत्तियों को हड़पने, नियम विरुद्ध कार्यों को किए जाने एवं जिले में विभिन्न कॉलोनी में किए गए अवैध कार्यों तथा नियम विरुद्ध कार्यों के संबंध में लंबित है? इन प्रकरणों एवं विवेचना पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितनी लंबित है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है।

अनुसूचित जनजाति उपयोजना में राशि का आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

94. ( क्र. 3828 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति उपयोजना (सब स्कीम) के अंतर्गत विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना/कार्य हेतु कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के कब-कब किये गये?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीनस्‍थ एम.पी. इण्‍डस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. भोपाल की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

अवैध शराब विक्रय एवं निर्माण

[वाणिज्यिक कर]

95. ( क्र. 3851 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र चिन्हित किए अथवा चिन्हित हुए, जहां पर शासन/विभाग का देशी एवं विदेशी शराब का ठेका नहीं होकर अवैध शराब निरंतर विक्रय किया जाता रहा है? चिन्हित स्थानवार जानकारी दें। (ख) क्‍या उल्लेखित वर्षों में चिन्हित किए गए अवैध शराब के विक्रय के चिन्हित स्थानों के साथ ही अवैध रूप से शराब निर्माण के स्थान भी कितने चिन्हित हुए हैं? (ग) अवैध शराब विक्रय एवं निर्माण के संबंध में वर्षवार कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए, कितनी गिरफ्तारी हुई, कितने शराब जब्त हुई? वर्षवार जानकारी दें। (घ) निर्धारित ठेके के स्थान के बावजूद नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किस प्रकार किस नियम के अंतर्गत डायरियां इत्यादि दी जाकर अवैध परिवहन एवं शराब का विक्रय किया जाता है तो शासन/विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? वर्षवार जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला रतलाम अन्‍तर्गत वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे चिन्हित नगरीय अथवा ग्रामीण क्षेत्र जहां पर शासन/विभाग का देशी एवं विदेशी शराब का ठेका नहीं होकर अवैध शराब निरंतर विक्रय संबंधी जानकारी निरंक है। (ख) जिला रतलाम में उल्‍लेखित वर्षों में चिन्हित किये गये अवैध रूप से हाथ भट्टी शराब निर्माण के स्‍थानों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ग) जिला रतलाम में शराब विक्रय एवं निर्माण के संबंध में आबकारी विभाग द्वारा वर्षवार पंजीबद्ध प्रकरणों की संख्‍या गिरफ्तारी, जप्‍त मदिरा की वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। (घ) निर्धारित ठेके के स्‍थान के बावजूद नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डायरियां इत्‍यादि दी जाकर अवैध परिवहन एवं शराब का विक्रय किये जाने संबंधी कोई नियम नहीं है। अवैध मदिरा परिवहन विक्रय पर नियंत्रण हेतु आबकारी विभाग द्वारा नियमित गश्‍त एवं उपलंभन कार्य किया जाता है। वर्षवार की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-दो अनुसार है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

जबलपुर संभाग की समीक्षा बैठकों के संबंध में

[सामान्य प्रशासन]

96. ( क्र. 3862 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक जबलपुर संभाग अंतर्गत समस्त जिलों के विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की उपस्‍थीति में संभाग की समीक्षा बैठक कब-कब आयोजित हुई? प्रत्येक बैठक में किन-किन विषयों पर क्या-क्या चर्चा हुई? बैठक के लिए प्राप्त विषयों व हुई चर्चा के आधार पर जिला कलेक्टरों को क्या-क्या निर्देश दिए गए? प्रत्येक बैठक की विस्तृत जानकारी व पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त बैठकों हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा व्यक्तिगत एवं ईमेल के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री, प्रभारी अधिकारी श्री विनोद कुमार, कमिश्नर जबलपुर व कलेक्टर जिला मंडला को पत्र के माध्यम से बिछिया विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विषय उपलब्ध कराये गए हैं? इनमें से किन-किन विषयों पर चर्चा हुई है? अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई, अवगत करावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक जबलपुर संभाग अन्‍तर्गत जिलों की बैठक दिनांक 29.12.2023, 03.01.2024, 15.03.2024 एवं 21.06.2024 को आयोजित हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ख) जी हां। उठाये गये सभी बिन्‍दुओं/विषयों पर चर्चा की जाना सतत् प्रक्रिया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है।

राज्य सरकार द्वारा लिया गए कर्ज की जानकारी

[वित्त]

97. ( क्र. 3863 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले वित्त वर्ष और चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार द्वारा किस-किस दिनांक को किस-किस से कितना-कितना कर्ज लिया गया? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक राज्य सरकार पर कुल कितना कर्ज भार है? इस हेतु राज्य सरकार द्वारा कुल कितना ब्याज दिया जाता है? प्रत्येक ब्याज कब तक दिया जाना है? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक (ख) के आधार पर प्रदेश में प्रति व्यक्ति पर कितना कर्ज है? (घ) क्या राज्य सरकार द्वारा कर्ज लेने की कोई सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो उसका क्या विवरण है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। तथापि वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार पर कर्ज, वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तरांश में उल्‍लेख अनुसार। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार पर कर्जभार के ब्‍याज का वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान की जानकारी सरल क्रमांक-11.1 में विधानसभा के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) राज्‍य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रति व्‍यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है। (घ) जी हाँ। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्‍य के साथ प्रकाशित 31 मार्च 2024 की स्थिति में म.प्र. राजकोषीय उत्‍तरदायित्‍व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित प्रतिवेदन के प्रकाशित राजकोषीय सूचक-चल लक्ष्‍य (रोलिंग-टारगेट़स) बताए गए है जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है।

विधायक के पत्रों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

98. ( क्र. 3869 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 281/रीवा दिनांक 07.03.2024 आयुक्त रीवा संभाग रीवा को दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक पत्र में क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें यदि होगी तो कब तक? समय-सीमा बतायें। (ख) वित्ती‍य वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला सत्कार व्यवस्था में सम्मानीय अतिथियों हेतु वाहन प्रदाय किये जाने संबंधी निविदा किस-किस वित्तीय वर्ष में आमंत्रित की गई? निविदा में किन-किन एजेंसियों ने भाग लिया? विवरण उपलब्ध करायें। किस एजेन्सियों द्वारा वाहन प्रदाय किये गये? प्रदाय किये गये वाहनों की लॉगशीट एवं किये गये भुगतान से संबंधित बिल की प्रतियां उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। इस संबंध में आयुक्‍त रीवा सम्‍भाग रीवा के पत्र दिनांक 18/06/2024 एवं पत्र दिनांक 28/06/2024 द्वारा कलेक्‍टर जिला रीवा को निर्देश दिए गए हैं। (ख) जिला सत्‍कार व्‍यवस्‍था में सम्‍मानीय अतिथियों के आवागमन पर किराये का वाहन प्रदाय किये जाने हेतु वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में निविदा आमंत्रित की गई जिसमें में. आदित्‍य ट्रेवल्‍स रीवा साई टूर एण्‍ड ट्रेवल्‍स रीवा एवं नारायण ट्रेवल्‍स रीवा द्वारा निविदा प्रस्‍तुत की गयी। निविदाकारों द्वारा प्रस्‍तुत की गयी दरों में एकरूपता एवं वाहनों का बीमा फिटनेस प्रस्‍तुत नहीं की गयी थी। निविदा शर्तों की पूर्ति न होने के कारण निविदा दर जारी नहीं की गयी। वित्‍तीय वर्ष 2020-21 एवं 21-22 में कोविड संक्रमित होने के कारण निविदा आमंत्रित नहीं की गयी पूर्व वित्‍तीय वर्ष 2014-15 की स्‍वीकृत दरों अनुसार सत्‍कार व्‍यवस्‍था हेतु माननीय अतिथियों के लिये में. आदित्‍य ट्रेवल्‍स, में. प्रयाग ट्रेवल्‍स, में. साई टूर ट्रेवल्‍स एजेन्सियों द्वारा वाहन आवश्‍यकता अनुसार किराये पर लिया गया है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 की नवीन निविदा दर स्‍वीकृत की जा चुकी है। भुगतान किये गये देयकों व वर्षवार देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

जिला खनिज न्यास मद (DMF) की राशि का आवंटन

[खनिज साधन]

99. ( क्र. 3870 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज न्यास मद (DMF) की राशि जिला प्रशासन को किस मापदण्डों के अनुसार वितरित की जाती है? कृपया विस्तृत नियमावली एवं जिला अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्रवार राशि आवंटन प्रतिशत निर्धारिण प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में जिला खनिज न्यास मद रीवा में कितनी राशि प्राप्त हुई थी? रीवा जिलान्तर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार कितनी-कितनी राशि का वितरण किन-किन कार्यों हेतु किया गया था? राशि व कार्यों का पूर्ण ब्यौरा व कार्य पूणर्ता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें। (ग) क्या रीवा जिला अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में विधानसभा क्षेत्रवार खनिज न्यास मद का वितरण असामान्य तरीके से किया गया था? यदि हाँ, तो राशि के असामान्य वितरण किये जाने का क्या कारण था? (घ) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में रीवा जिले में खनिज न्यास मद आवंटन के संबध में कब से बैठक का आयोजन नहीं हुआ है? कृपया वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 की बैठकों एवं एजेण्डों का विवरण तथा बैठकों में स्वीकृत कार्यों सहित, उक्त अवधि में बिना बैठक के कितनी स्वीकृतियां जारी की गई? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त संबध में आगामी बैठक हेतु क्या तिथि निर्धारित की गई हैं? एजेण्डे सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के उल्लेखित क्षेत्रों में कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। जिला खनिज प्रतिष्ठान की निधि का उपयोग प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के उपबंधों के अनुरूप सौंपे गये कृत्यों के निर्वहन तथा राज्य सरकार द्वारा यथा विनिश्चित अन्य विकासात्मक कृत्यों के लिये किया जा सकेगा। जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि का विधानसभा क्षेत्रवार राशि आवंटन का नियम नहीं है। (ख) वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद रीवा से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। रीवा जिलान्तर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत राशि का वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। राशि व कार्यों का पूर्ण ब्यौरा व कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्रपुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 की बैठक एवं एजेण्डों का कार्यवाही विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 की अवधि में बिना बैठक के कोई भी स्वीकृति जारी नहीं की गई। माह जुलाई 2024 में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की आगामी बैठक किया जाना संभावित है।

कॉर्पोरेट सोशल रेस्‍पोंस्बिलिटि मद (CSR fund) की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

100. ( क्र. 3871 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) कॉर्पोरेट सोशल रेस्‍पोंस्बिलिटि मद (CSR fund) की राशि जिला प्रशासन को विकास कार्यों हेतु किस मापदण्डों के अनुसार वितरित की जाती है? कृपया विस्तृत नियमावली एवं जिला अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्रवार राशि आवंटन प्रतिशत निर्धारिण प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।             (ख) वित्‍तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में रीवा जिलान्तर्गत सी.एस.आर. मद में कितनी राशि प्राप्त हुई थी? रीवा जिलान्तर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार कितनी-कितनी राशि का वितरण किन-किन कार्यों हेतु किया गया था? राशि व कार्यों का पूर्ण ब्यौरा व कार्य पूणर्ता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में रीवा जिले में सी.एस.आर. मद आवंटन के संबंध में कब से बैठक का आयोजन नहीं हुई है? कृपया वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 की बैठकों एवं एजेण्डो का विवरण तथा बैठकों में स्वीकृत कार्यों सहित, उक्त अवधि में बिना बैठक के कितनी स्वीकृतियां जारी की गई? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त संबंध में आगामी बैठक हेतु क्या तिथि निर्धारित की गई हैं? एजेण्डे सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सी.एस.आर. के संदर्भ में व्‍यय करने हेतु भारत सरकार के द्वारा शासित कंपनी अधिनियम 2013 में मापदण्‍ड दिये गये है। कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 अनुसार किसी वित्‍तीय वर्ष के दौरान राशि रू. 500 करोड़ रूपये या अधिक के नेटवर्थ (शुद्ध मूल्‍य) या राशि रू. 1000 करोड़ रूपये या अधिक के टर्नओवर (आवर्तवाली) या राशि रू. 5 करोड़ या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्‍येक कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के दौरान किये गये कंपनी के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत निगमित कार्पोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व नीति, अनुसूची-VII में उल्‍लेखित गतिविधियों में खर्च करने का प्रावधान है। भारत शासन कंपनी अधिनियम में वर्णित सीएसआर का पालन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित कंपनी द्वारा ही किया जाता है। कंपनी अधिनियम के प्रावधानों में CSR के अंतर्गत कार्यों के क्रियान्‍वयन हेतु राज्‍य शासन की भूमिका के संबंध में कोई व्‍यवस्‍था नहीं हैं। कार्पोरेट मामलों का मंत्रालय भारत सरकार की CSR से संबंधित वेबपोर्टल पर CSR की विस्‍तृत जानकारी एवं नियमावली पोर्टल (csr.gov.in) पर प्रदर्शित है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। तदापि राज्‍य शासन द्वारा कंपनियों को फेसिलिटेट करने हेतु निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में रीवा जिला अंतर्गत स्‍थापित औद्योगिक इकाईयों द्वारा सी.एस.आर. मद में व्‍यय की गई राशि एवं कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। सी.एस.आर. मद में इकाईयों द्वारा स्‍वंय राशि व्‍यय की जाती है। कंपनियों को यह स्‍वतंत्रता है कि CSR के कार्यों को किस प्रकार और कैसे म.प्र. में संचालित करना चाहते है। ऐसी स्थिति में कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र कंपनियों के द्वारा प्रदान नहीं किया जाता है। (ग) मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित वित्‍तीय वर्षों में सीएसआर मद की बैठकों का आयोजन नहीं किया गया है। सीएसआर के संबंध में जिला स्‍तरीय बैठक दिनांक 06/06/2024 को आयोजित बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। अतएवं शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्मार्ट फोन खरीदी में की गई शिकायत पर कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

101. ( क्र. 3873 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में कितने स्मार्ट फोन क्रय किये गये है एवं शासन अंतर्गत क्या समिति थी एवं विभागीय रूप से किस समिति का गठन किया गया नामवार एवं पदवार जानकारी दे, आदेश की प्रति‍ उपलब्ध कराये। (ख) उक्त खरीदी के संबंध में जिला, संभाग, राज्य एवं शासन स्तर से शिकायत हुई है उक्त शिकायत पर जिला एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? उपलब्ध करायें। (ग) जिले में स्मार्ट फोन खरीदी किस कम्पनी एवं माध्यम से की गई है. सफल निविदाकर्ता का नाम, शासन निर्देशानुसार फर्म द्वारा ईएमडी राशि (0.50 प्रति.) एवं उत्पादन परर्फोमन्स गारंटी (2प्रति) जमा कराया जाना था जो फर्म द्वारा जमा कराई गई है या नहीं। विभाग को यदि उक्त दोनो का डी.डी. की मूल प्रति फर्म द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है तो भी फर्म को स्मार्ट फोन की कितनी राशि का भुगतान एवं टीडीएस राशि की कटौत्री की गई है? (घ) उक्त (क) से (ग) के तहत जिला स्तर के किन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा लापरवाही, वित्तीय अनियमितता एवं शासन निर्देशों का पालन नहीं करने पर क्या कार्यवाही की गई है? नामवार जानकारी कार्यवाही नहीं की गई है तो संबंधितों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी उपलब्ध कराये।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 2651 स्मार्ट फोन क्रय किये गये। जी हां, शासन स्तर से गठित समिति निम्नानुसार थी -1. कलेक्टर- अध्यक्ष 2. जिला कार्यक्रम अधिकारी-सदस्य सचिव 3. जिला कोषालय अधिकारी- सदस्य 4. जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी (DIO) अथवा DPM/DeGS पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। कलेक्टर, बालाघाट द्वारा नोटशीट पर दिये गये अनुमोदन अनुसार जिले में निम्नानुसार क्रय समिति का गठन किया गया -1. मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत 2. प्रबंधक ई गर्वमेंट 3. जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है(ग) जिले में स्मार्ट फोन खरीदी, पेगासस रिटेल इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, इंदौर से जैम पोर्टल के माध्यम से की गई। सफल निविदाकर्ता का नाम 'पेगासस रिटेल इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, इंदौर' है। जी नहीं। पेगासस रिटेल इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, इंदौर को राशि रूपये 2,45,22,333/- का भुगतान किया गया, टी डी एस राशि रू. 500406/- काटी गई। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के पदों की पूर्ति

[महिला एवं बाल विकास]

102. ( क्र. 3883 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र है तथा वे कहां-कहां पर है? परियोजनावार बतावें। (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में किन-किन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के पद रिक्‍त्त है? उन्‍हें कब तक भरा जावेगा? बतावें। (ग) आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में प्रवेश के समय न्‍यूनतम कितनी आयु होनी चाहिये? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में प्रवेश लेने वालों बच्‍चों को शासन द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है? बच्‍चों के लिये क्‍या-क्‍या कार्यक्रम कब-कब किये जाते है? उन्‍हें क्‍या-क्‍या खाद्य सामग्री कब-कब, कितनी-कितनी उपलब्‍ध कराई जाती है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 386 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 201 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' एवं '' पर है(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' पर है। (ग) शालापूर्व शिक्षा हेतु-03 वर्ष। पोषण आहार हेतु गर्भवती, धात्री और 06 माह से 03 वर्ष के बच्‍चे गर्भवती धात्री हेतु कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं।                                (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' पर है। सामुदायिक गतिविधि अन्तर्गत मंगल दिवस का आयोजन किया जाता है एवं प्रतिमाह बच्चों की शारिरिक माप ली जाकर वृद्धि निगरानी की जाती है। बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण एवं संदर्भ सेवा का लाभ पात्रता एवं आवश्‍यकता अनुसार प्रदान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।

कोषालय एवं उपकोषालय में पदों की पूर्ति

[वित्त]

103. ( क्र. 3884 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कितने उप कोषालय है? जानकारी दें। (ख) राजगढ़ जिले के कोषालय एवं उपकोषालय में कौन-कौन से पद स्‍वीकृत है? उनमें से कितने पद रिक्‍त्त है? उन्‍हें कब तक भरा जावेगा? जानकारी दें। (ग) राजगढ़ जिले के जिला कोषालय में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कब से किस पद पर किस शाखा में कार्यरत है? जानकारी दें। (घ) राजगढ़ जिले के कोषालय में प्रश्‍न दिनांक तक कितने पेंशन प्रकरण लंबित है? लंबित रहने का क्‍या कारण है? क्‍या उक्‍त कर्मचारी के पेंशन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राजगढ़ जिले में कोई उप कोषालय संचालित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (घ) जिला कोषालय में पेंशन प्रकरणों का निराकरण नहीं किया जाता है। जिला पेंशन कार्यालय में पेंशन प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। प्रश्‍न दिनांक तक 37 पेंशन प्रकरण विभिन्‍न कारणों से लंबित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है

विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

104. ( क्र. 3885 ) श्री विपीन जैन : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा उद्योगों की स्थापना, स्टार्टअप, स्व-रोजगार हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? संपूर्ण योजनाओं का विवरण देवें। (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंजीकृत कौन-कौन से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, कब-कब से किस-किस के द्वारा, किस प्रयोजन हेतु स्थापित हैं? सूची देवें। (ग) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना हेतु प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किए गए हैं? जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2173 दिनांक 16.2.24 के बिंदु (ग) अंतर्गत औद्योगिक स्थापना हेतु प्लाट आवंटन के पश्चात अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित करने का नियम है यदि हाँ, तो इसकी प्रतिलिपि देवें बताएं कि समय सीमा में उद्योग स्थापित नहीं करने वाली इकाइयों को आवंटित भूमि का निरस्तीकरण करने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं? इसके लिए कब तक कार्यवाही करेंगे? (ड.) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार ग्राम भूखी एवं डिकोला (जग्गाखेड़ी फेस 2) में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई है? अवगत कराये।

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशि‍ष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग में उद्योगों के पंजीयन का प्रावधान न होने से विधान सभावार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ग) विभाग द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार नहीं किये जाते है, अपितु उनकी स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु मार्गदर्शन, प्रेरणा एवं नियमानुसार सहायता/सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। (घ) नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशि‍ष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समय-सीमा में उद्योग स्‍थापित नहीं करने पर 171 इकाइयों को समयावधि सूचना पत्र जारी किये गये है। (ड.) एमपीआईडीसी (औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग) अनुसार ग्राम भूखी एवं डिकोला, (जग्गाखेड़ी फेस-2) में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु 72.38 हेक्टेयर में प्रारंभिक स्तर पर कार्ययोजना बना कर विकास कार्य प्रांरभ किया गया है।

उद्योग की स्थापना

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

105. ( क्र. 3886 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्राम उद्योग की स्थापना, स्टार्टअप, स्व-रोजगार हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? संपूर्ण योजनाओं का विवरण देवें। (ख) विभाग अंतर्गत मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कुटीर एवं ग्राम उद्योग कब-कब से, किस प्रयोजन हेतु, कहां-कहां पर संचालित है? विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत संचालित योजनाओं में कितनी-कितनी सब्सिडी/सहायता विभाग द्वारा दी जाती है? विवरण देवें। (घ) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में कुटीर एवं ग्राम उद्योग की स्थापना हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किए गए हैं? जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में आर्थिक सहायता से 106 कुटीर एवं ग्रामोद्योगों की वर्षवार, पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में ऋण एवं अनुदान का अनुपात पृथक-पृथक है। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुए है, विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाएं मंदसौर वि.स. क्षेत्र में भी लागू है।

जन भागीदारी अंतर्गत स्वीकृत कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

106. ( क्र. 3888 ) श्री विपीन जैन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक जन भागीदारी मद से मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने-कितने कार्य, कितनी राशि के, कहां-कहां पर स्वीकृत हुए हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत संपूर्ण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? इनके भुगतान की वर्तमान स्थिति से अवगत कराये? (ग) जन भागीदारी मद अंतर्गत कार्य स्वीकृति हेतु शासन और स्थानीय प्रशासन की क्या नियमावली है? विवरण देवें। (घ) कितने प्रस्ताव जन भागीदारी मद अंतर्गत स्वीकृति हेतु लंबित है बताएं कि उनकी स्वीकृतियां कब तक कर दी जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' एवं '' अनुसार है। (ख) स्‍वीकृत कार्यों में से 02 कार्य अपूर्ण हैं। सभी कार्यों की राशि जारी की जा चुकी है। (ग) नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' पर है। (घ) जिला कार्यालय में 04 प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु लम्बित है। स्‍वीकृति की निश्चिय अवधि बताया जाना संभव नहीं है।

रायरू स्थित शराब/बियर फैक्ट्री

[वाणिज्यिक कर]

107. ( क्र. 3889 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शराब/बियर फैक्ट्री लगाने संबंधी मध्यप्रदेश शासन की गाइड लाइन, नियम, की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावेंl जिला ग्वालियर में ग्राम मिलावली-रायरू स्थित शराब/बियर की फैक्ट्री कब से संचालित है? इस फैक्ट्री के क्षेत्र का खसरा क्रमांक, रकबा तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ली गई अनुमति की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्त स्थान पर संचालित शराब/बियर फैक्ट्री की किस खसरा नंबर की कितनी भूमि किस दिनांक को कब से कब तक के लिए कितनी राशि में लीज पर दी गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या संचालित शराब/बियर फैक्ट्री के बीच क्षेत्र में से तिघरा बाँध की नहर ग्राम जिग्सोली होकर निरावली तक गई थी? जिसे फैक्ट्री प्रबंधक द्वारा नष्ट कर इस भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर भवन निर्माण करवाने से इनके विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) किस जिला आबकारी अधिकारी द्वारा वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में किस दिनांक को इस फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया? जिसमें कौन-कौन सी अनियमितताएं पायी गई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? ग्राम मिलावाली-रायरू स्थित फैक्ट्री बस्ती से लगी हुई होने से इससे निकला गन्दा पानी जमा होने से आस-पास के नलकूप से बदबूदार गन्दा पानी निकल रहा है? इस सन्दर्भ में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सामग्री का क्रय

[महिला एवं बाल विकास]

108. ( क्र. 3890 ) श्री सुरेश राजे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला ग्वालियर के आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु विभिन्न सामग्री तथा खिलौने इत्यादि क्रय करने हेतु क्रय समिति में अध्यक्ष/सदस्यों की नियुक्ति मनोचयन सम्बन्धी शासन आदेश/नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 2021-22 से 2023-24 में जिला ग्वालियर को आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु विभिन्न सामग्री क्रय करने हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई अथवा कौन-कौन सी सामग्री एवं खिलौना संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल से प्राप्त हुए? वर्षवार बतावें तथा जिला ग्वालियर को उक्त वर्षों में प्राप्त राशि से किस दिनांक को सामग्री क्रय समिति की बैठक आयोजित की गई? जिसमें कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से किस फर्म/विभाग से क्रय की गई? वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जिला ग्वालियर अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु उक्त वर्षों में क्रय की गई विभिन्न सामग्री एवं खिलौना तथा संचालनालय भोपाल से प्राप्त सामग्री किस-किस सहा. परियोजना कार्यालय में किस दिनांक को कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में प्रदाय की गई? विस्तृत सूची वर्षवार एवं परियोजनावार बतावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) वर्णित अवधि में सामग्री क्रय हेतु प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। संचालनालय से ग्वालियर जिले को प्राप्त सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर है। सामग्री क्रय हेतु क्रय समिति की बैठक दिनांक 23.09.2022 को आयोजित की गई। क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जिला स्तर से क्रय एवं संचालनालय स्तर से प्राप्त सामग्री की परियोजनावार सामग्री वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर है।

स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार का वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

109. ( क्र. 3891 ) श्री सुरेश राजे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत परियोजना क्र. 1 एवं 2 के अधीन शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कहाँ-कहाँ आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं? इनमें 01 अप्रैल, 2024 की स्थिति में दर्ज बच्चों की संख्या तथा किस-किस आंगनवाड़ी केंद्र में कौन-कौन स्व-सहायता समूह कब से पोषण आहार एवं पूरक पोषण आहार का वितरण कर रहे हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रवार बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्त परियोजना कार्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक पोषण आहार एवं पूरक पोषण आहार परिवहन करने हेतु वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में किस फर्म/ठेकेदार का प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? उक्त खाद्यान्‍न परिवहन हेतु अनुबंधित वाहन का नाम/नंबर/पंजीयन बताएं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार परियोजना क्र. 1 एवं 2 से संबंधित स्व-सहायता समूह को आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार एवं पूरक पोषण आहार वितरण हेतु वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में प्रति माह किस प्रकार का कितना उक्त आहार प्रदाय किया गया? आंगनवाड़ी केन्द्रवार एवं वर्षवार बतावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' पर है।

थाना बड़वारा अंतर्गत मृत्यु की जांच एवं कार्यवाही

[गृह]

110. ( क्र. 3901 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) श्री कृष्ण कुमार कुशवाहा द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी को दिनांक 16/02/2023 को किस विषय पर? क्या कार्यवाही हेतु? आवेदन प्रस्तुत किया गया और क्या इसी विषय पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी पत्र प्रेषित किए गए? यदि हाँ, तो आवेदन/पत्रवार कृत कार्यवाही से अवगत कराइए? (ख) ओपनकेप मझगवां (कटनी) के गो-ग्रीन कंपनी द्वारा संचालन/संधारण के दौरान भंडारित स्कन्ध में किन कारणों से कितनी कमी आई? किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा? कब-कब प्रतिवेदित किया गया? क्या संबंधि‍त विभाग/कंपनी द्वारा संबंधित थाने में इसकी सूचना दी एवं एफ़.आई.आर. दर्ज कराई गयी? हाँ, तो प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा क्या-क्या जांच/कार्यवाही की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) स्वर्गीय श्री रवि‍कान्त कुशवाहा सुपरवाईजर गो-ग्रीन कंपनी द्वारा ओपनकेप से स्कन्ध चोरी होने की जानकारी/सूचना पुलिस अधिकारियों सहित अन्य संबंधितजनों को दी गयी? हाँ, तो जानकारी/सूचना पर किस-किसके द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्‍नांश (ग) क्या स्वर्गीय श्री रविकांत कुशवाहा द्वारा, गुमने/मृत पाये जाने की समयावधि में बड़वारा के तत्कालीन थाना प्रभारी से ओपनकेप से स्कन्ध चोरी जाने की जानकारी साझा की गयी थी? यदि हाँ, तो इस बाबत क्या कार्यवाही की गयी? नहीं तो कैसे? जबकि इसके अनेक साक्ष्य उपलब्ध हैं? (ङ) क्या प्रश्‍नांश (क) से (ड़) में उल्लिखित तथ्यों का स्वर्गीय श्री रविकांत कुशवाहा की मृत्यु की जांच में संज्ञान लिए बिना खात्मा दर्ज किया गया और क्या प्रकरण में सभी तथ्यों पर जांच न करने पर अन्य सक्षम एजेंसी से जांच करवाई जायेंगी? हाँ, तो कैसे एवं कब तक? नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां, श्री कृष्ण कुमार कुशवाहा द्वारा हत्या के अपराध को आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किये जाने के फलस्वरूप सम्यक जांच कराये जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के संबंध में शिकायत पत्र पेश किया था। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों द्वारा कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ख) जी हाँ ओपन कैंप मझगवां कटनी के गो ग्रीन कंपनी के संतोष साहू सीईओ, सौरभ मालवीय स्टेट हेड, अखिलेश बिसेन कंपनी एडवाईजर संजू रजक कैंप प्रभारी के द्वारा 5411 टन धान को जानबूझकर क्षतिग्रस्त एवं गबन किये जाने के कारण प्रार्थी योगेन्द्र सिंह सेंगर पिता स्व. श्री शिवराज सिंह सेंगर के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन पर से थाना बडवारा में अपराध कमांक 655/23 धारा 409, 427, 120बी भा.द.वि. का कायम किया गया। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के डब्ल्यू.पी. नं0 30149/2023 दिनांक 24.01.2024 के पालन में प्रकरण की विवेचना में रोक लगाने संबंधी निर्देश प्राप्त हुआ है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं, थाना बडवारा जिला कटनी के मर्ग कमांक 36/22 धारा 174, जा.फौ. के संबंध में सम्पूर्ण मर्ग जांच पर कोई संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया। मर्ग डायरी एस.डी.एम. कटनी के आदेश से फाईल की गई।

खनिज प्रतिष्ठान मद से स्वीकृत कार्य

[खनिज साधन]

111. ( क्र. 3902 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत खनिज प्रतिष्ठान मद से वित्तीय वर्ष 2023-24 में आदिम जाति कल्याण विभाग को विभिन्न कार्यों के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है, प्रत्येक कार्यों की स्वीकृत आदेश की प्रतिकार्य स्वीकृत के पूर्व कार्यालयीन नस्ती की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं? (ख) क्या खनिज प्रतिष्ठान मद स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए ई-निविदा आमंत्रित की गई है, यदि हाँ, तो प्रत्येक कार्यों की न्यूनतम निविदा दर, निविदाकार का नाम तथा निविदा प्रकाशन किन-किन समाचार पत्रों में किया गया, उसकी प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें?                             (ग) क्या खनिज प्रतिष्ठान से स्वीकृत कार्यों में अनेक कार्य बिना निविदा के विद्यालयों में गठित एस.एम.डी.सी. के माध्यम से कराए गए है, यदि हाँ, तो प्रत्येक कार्यों का नाम, निर्माण कार्य की लागत, कार्य स्वीकृत करने में विभाग के नस्ती का संपूर्ण विवरण की प्रति उपलब्ध कराएं?                               (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार ई-निविदा एवं मनमानी ढंग से एस.एम.डी.सी. को स्वीकृत कार्यों में लागत अनुसार तुलनात्मक पत्रक में जानकारी देते हुए बताएं कि ई-निविदा एवं एस.एम.डी.सी. के कार्यों में कितनी राशि सी.एस.आर. के अनुसार कितनी राशि का अंतर आया? स्पष्ट पूर्ण जानकारी देवें (ड.) क्या मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक-एफ 12-2/ 2022/12/1/पार्ट भोपाल, दिनांक 08/06/2022 के आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए बताएं कि आदिम जाति कल्याण विभाग अनूपपुर ने खनिज साधन विभाग के आदेश का पालन किया है? यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट व पूर्ण जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत खनिज मद प्रतिष्‍ठान मद से वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में आदिम जाति कल्‍याण विभाग को विभिन्‍न कार्यों के लिए 1325.67 लाख की राशि स्‍वीकृत की गई है। स्‍वीकृत आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रत्‍येक निविदा की दर भिन्‍न-भिन्‍न होती है। अत: एस.एम.डी.सी. एवं ई-निविदा का तुलनात्‍मक पत्रक दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मध्‍यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 12-2/2022/12/1/पार्ट भोपाल दिनांक 08/06/2022 के आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्‍कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग शास्‍त्री भवन नई दिल्‍ली के वित्‍तीय शक्तियों में संशोधन किया गया है, जिसकी कंडिका के पैरा क्रमांक 4.3.2(बी) में 30 लाख तक के कार्य एस.एम.डी.सी. द्वारा कराये जाने के प्रावधान के तहत नवीन प्रयोगशाला/पुस्‍तकालय/अतिरिक्‍त कक्ष के निर्माण हेतु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास के पदेन अध्‍यक्ष कलेक्‍टर महोदय के अनुमोदन उपरांत एस.एम.डी.सी. को कार्य एजेंसी निर्धारित किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत खदानों का अनुबंध

[खनिज साधन]

112. ( क्र. 3906 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) बैतूल जिले में अप्रैल 2024 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक रेत के अवैध भण्डारण, अवैध खनन एवं अवैध परिवहन का किस दिनांक को किस के विरूद्ध किसके द्वारा प्रकरण बनाया गया, उसमें से किस-किस प्रकरण में शामिल किस-किस व्यक्ति के विरूद्ध किस थाने में किस-किस धारा का प्रकरण पजीबद्ध किया गया? (ख) किस प्रकरण में किस अधिकारी ने किस दिनांक को कितना अर्थ दण्ड किया, अर्थ दण्ड की वसूली किस-किस दिनांक को की गई किस वाहन, मशीन को किस दिनांक को राजसात किया गया? (ग) रेत का भण्डारण किस-किस नदी के किस खसरा नम्बर में से कितने वाहनों में किया उन वाहनों को जब्‍त नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) बैतूल जिले में रेत खदानों का अनुबन्ध किस दिनांक को किसके साथ किया गया है? अनुबन्धकर्ता के विरूद्ध रेत भण्डारण का प्रकरण नहीं बनाने का क्या कारण रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ग) रेत का भण्‍डारण किसी भी नदी में न किए जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बैतूल जिले में रेत खदानों का द्विपक्षीय अनुबंध दिनांक 29/09/2023 को कलेक्‍टर, बैतूल एवं मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम भोपाल के मध्‍य किया गया है। इसके पश्‍चात त्रिपक्षीय अनुबंध कलेक्‍टर बैतूल, मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम एवं मेसर्स परम डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स, परम फिलिंग स्‍टेशन छोला रोड़ भोपाल (एम.डी.ओ.) के मध्‍य दिनांक 03/11/2023 किया गया है। अनुबंधकर्ता द्वारा नियम विरूद्ध रेत का भण्‍डारण न किए जाने के कारण प्रकरण बनाए जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

तकनीकी कार्यों की जानकारी

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

113. ( क्र. 3925 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग के पास कितनी चल एवं अचल संपत्ति है? संपूर्ण जानकारी का ब्यौरा दें (ख) उपरोक्त के संबंध में विभाग के कितने बैंक खाते है? बैंक का नाम, खाते का प्रकार, किसके नाम पर किस प्रयोजन से, कितनी राशि जमा, कितना ब्‍याज, कितनी एफडी-किस ब्याज पर है? सहित संपूर्ण जानकारी मय दस्तावेजों बतायें। (ग) 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग ने किन तकनीकी कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई? व्‍यय की गई राशि का वर्षवार विवरण दें। (घ) किन-किन विभागों को किन-किन कार्यों के लिये तकनीकी सपोर्ट किस दर कितनी अवधि के लिये दिया गया? विवरण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत मध्‍यप्रदेश राज्‍य इलेक्‍ट्रानिक्‍स विकास निगम तथा मध्‍यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की चल एवं अचल संपत्ति का ब्‍यौरा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश राज्‍य इलेक्‍ट्रानिक्‍स विकास निगम से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। मध्‍यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की जानकारी 'निरंक' है। (ग) मध्‍यप्रदेश राज्‍य इलेक्‍ट्रानिक्‍स विकास निगम द्वारा तकनीकी कार्यों पर व्‍यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। मध्‍यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की जानकारी 'निरंक' है। (घ) मध्‍यप्रदेश राज्‍य इलेक्‍ट्रानिक्‍स विकास निगम द्वारा विभागों को दिये गये तकनीकी सपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। मध्‍यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की जानकारी 'निरंक' है।

 

 

भारत सरकार से प्राप्‍त राशि का उपयोग

[वित्त]

114. ( क्र. 3926 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक भारत सरकार से कब और कितनी राशि किस प्रयोजन हेतु प्राप्त हुई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त राशि में कितनी-कितनी राशि किस प्रयोजन से किस विभाग को कितनी अवधि में व्यय करने के लिये कब-कब जारी की गई?                              (ग) उपरोक्त के संबंध में विभाग द्वारा राशि उपयोग करने के उपरांत कब उपयोगिता प्रमाण-पत्र की प्रति के साथ कितनी राशि वापस की है? (घ) विभाग ने उक्त जारी राशि को किस बैंक खाते में रखा? बैंक का नाम, खाते का प्रकार, ब्याज राशि सहित आरबीआई के खाता खोलने के नियम सहित बतायें। (ड.) उपरोक्त के संबंध में कितने विभागों को राज्य शासन की ग्यारन्टी पर कितना-कितना ऋण, कितनी अवधि के लिये किस एजेन्सी से उपलब्ध कराया गया?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्‍य सरकार द्वारा भारत सरकार से प्राप्‍त राशि की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्‍त लेखे वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 के खण्‍ड 1 के Statement No. 03 में पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण शेष अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है।            (ख) भारत सरकार से राशि राज्‍य की संचित निधि में प्राप्‍त होने पर विभागों द्वारा उपलब्‍ध बजट से व्‍यय किया जाता है इसके लिए पृथक से राशि जारी किये जाने की आवश्‍यकता नहीं होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबंधित विभागों द्वारा बजट से राशि आहरण करने के उपरांत उपयोगिता प्रमाण-पत्र यथासमय नियमानुसार भारत सरकार को प्रेषित किये जाते है। (घ) केन्‍द्र प्रवर्तित योजनाओं एवं केन्‍द्र क्षेत्रीय योजनाओं हेतु भारत सरकार द्वारा लागू गाइड लाइन के अनुरूप ही राज्‍य शासन के विभागों द्वारा कार्यवाही की जा रही है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है। वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 की पी.एफ.एम.एस. पोर्टल से जनरेट जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। भारत सरकार की योजनाओं के संबंध में खाता खोलने के आर.बी.आई. के कोई नियम नहीं है। (ड.) उपरोक्‍त के संबंध में विभागों को राज्‍य शासन की गारंटी पर ऋण उपलब्‍ध नहीं कराया जाता है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भर्ती परीक्षाओं की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

115. ( क्र. 3949 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) मध्यप्रदेश में कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक कौन-कौन से भर्ती परीक्षाएँ आयोजित की गई एवं परीक्षाएँ किस कंपनी द्वारा आयोजित करायी गई? कर्मचारी चयन मंडल के पास कुल कितनी राशि जमा है? (ख) उक्त कंपनी को परीक्षाएँ आयोजित कराने का कार्य सौंपने हेतु क्या प्रक्रिया अपनायी गई? यदि निविदा जारी की गई तो निविदा प्रक्रिया में किस-किस कंपनी द्वारा भाग लिया गया संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करायें? (ग) क्या विगत 3 वर्षों में जिस कंपनी द्वारा भर्ती परीक्षाएँ आयोजित करायी गई वो ब्लैक लिस्टेड थी? यदि हाँ, तो किस आधार पर उक्त कंपनी को परीक्षाएँ आयोजित कराने का ठेका दिया गया? (घ) समूह 2 उपसमूह 4 भर्ती परीक्षा 2022 की जाँच जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा द्वारा करायी गई क्या उक्त जाँच में कंपनी को क्लीन चिट दी गई और परीक्षा नियमानुसार होना पायी गई? जाँच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2021-22 से 2023-2024 तक आयोजित भर्ती परीक्षाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। उक्‍त परीक्षाएँ Eduquity career Technologies Pvt. Ltd. एजेंसी द्वारा परीक्षा आयोजन का कार्य कराया गया। दिनांक 01.07.2024 की स्थिति में कुल जमा राशि रूपये 352.16 करोड़ रूपये जमा हैं। (ख) कंपनी को परीक्षाओं के आयोजन हेतु एम.पी. टेण्डर पर खुली निविदा की प्रक्रिया के अंतर्गत चयन करने की कार्यवाही की गई है। निविदा से संबंधित दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है।                  (ग) Eduquity career Technologies Pvt. Ltd. एजेंसी द्वारा विगत 03 वर्षों से लगातार परीक्षाएँ आयोजित कराई गई जो आज दिनांक तक ब्लैक लिस्टेड नहीं है। (घ) जी हां। परीक्षा में प्राप्‍त शिकायतों की जांच रिपोर्ट के निष्‍कर्ष में यह पाया गया है कि ''प्रश्‍नाधीन परीक्षा के संबंध में जो शिकायतें की गई हैं वे संपुष्टकारी साक्ष्य पर आधारित नहीं है। फलतः सारहीन हैं। परीक्षा एवं परीक्षा परिणामों को प्रश्‍न चिन्हित नहीं किया जा सकता है। ''उक्‍त निष्‍कर्ष से स्‍पष्‍ट है कि प्राप्‍त शिकायते सारहीन है।

लोकायुक्‍त द्वारा पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

116. ( क्र. 3954 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्‍त द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के कौन-कौन से अधिकारियों पर किन-किन अपराधों के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में अधिकारियों पर पंजी‍बद्ध किये गये प्रकरणों पर किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्‍या प्रकरण की स्थिति क्‍या हैं? क्‍या शासन द्वारा लोकायुक्‍त को प्रदेश के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की अनुमति दी गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों पर कार्यवाही के आदेश प्राप्‍त हुये थे? अधिकारियों की सूची सहित सम्‍पूर्ण जानकारी से अवगत करावें।                                (ग) लोकायुक्‍त द्वारा प्रदेश के अधिकारियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों में दोषी पाये गये अधिकारियों पर प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब तथा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? प्रकरण क्रमांक, कार्यवाही दिनांक सहित सम्‍पूर्ण जानकारी से अवगत करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                            (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-5 एवं 6 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

देशी व विदेशी मदिरा दुकानों के स्‍थान की गाइड लाइन

[वाणिज्यिक कर]

117. ( क्र. 3955 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मदिरा की बॉटल पैक/फुटकर बिक्री हेतु दुकानों के स्‍थानों के लिए माननीय न्‍यायालय द्वारा जारी गाइड-लाइन की जानकारी देंवे? क्‍या उक्‍त गाइड-लाइन का पूर्णत: पालन करते हुए प्रदेश के जिलों के राष्‍ट्रीय/राजकीय राजमार्गों के समीप व अन्‍य स्‍थानों में स्थित मदिरा दुकानों का संचालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या इस बावत् स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों व संगठनों द्वारा कोई शिकायत शासन/विभाग को प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो वह क्‍या और उसमें क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) क्‍या प्रदेश के जिला भोपाल, इंदौर, जबलपुर व सिवनी में संचालित मदिरा दुकान स्‍थल शासकीय अतिक्रमित भूमि में है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से हैं? क्‍या इन स्‍थलों में दुकानों का संचालन किया जा सकता हैं? यदि नहीं, तो उन्‍हें कब तक उक्‍त स्‍थल से पृथक किया जावेगा? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) के जिलों में मदिरा दुकानों विशेषकर जिला मुख्‍यालय के स्‍थलों/परिसरों में बैठकर मदिरा का सेवन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस बावत् कोई शिकायत प्राप्‍त हुई? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) क्‍या प्रदेश में संचालित मदिरा दुकानों में दुकान खुलने व बन्‍द करने का समय निर्धारित है? यदि हाँ, तो उक्‍त समय को दुकानों के समक्ष आमजनों की सूचना हेतु लिखा जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसका पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो ऐसा करने हेतु शासन/ विभाग द्वारा आदेश जारी किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में मदिरा की बॉटल पैक/फुटकर बिक्री हेतु दुकानों के स्‍थानों के लिए माननीय न्‍यायालय द्वारा जारी गाइड-लाइन के परिप्रेक्ष्‍य में मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत बने सामान्‍य प्रयोग नियम-1 में समय-समय पर संशोधन किये गये है, जो मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 3/3/4/0009/2023-Sec-2-05 (CT) (15) दिनांक 31.03.2023 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्‍त प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के जिलों के राष्‍ट्रीय/राजकीय राजमार्गों के समीप व अन्‍य स्‍थानों में स्थित मदिरा दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश के जिला कटनी, एवं जिला खरगौन को छोड़कर शेष जिलों में स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों व संगठनों द्वारा कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। जिला कटनी, एवं जिला खरगौन में प्राप्‍त शिकायत एवं उनमें की गई कार्यवाही का विवरण निम्‍नानुसार है :- जिला कटनी में राष्‍ट्रीय/‍राजकीय  राजमार्गों के समीप माननीय न्‍यायालय द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन न करने की प्राप्‍त शिकायतों पर वर्ष 2024-25 की अवधि में 03 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के लायसेंसियों पर मध्‍यप्रदेश विदेशी मदिरा नियम 1996 के नियम 19 के तहत अर्थदण्‍ड अधिरोपण की कार्यवाही की गई है। जिला खरगौन में उक्‍त के संबंध में माननीय विधायक श्री सचिन बिर्ला विधानसभा क्षेत्र बडवाह जिला खरगौन द्वारा 02 शिकायतें की गई थी। शिकायत की जांच संबंधित वृत्‍त प्रभारी अधिकारी से समय-सीमा में कराई गई, शिकायत निराधार होने से नस्‍तीबद्ध की गई है। (ख) जिला भोपाल एवं इन्‍दौर में किसी भी मदिरा दुकान के शासकीय अतिक्रमित भूमि पर संचालित/अवस्थित होने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। इस संबंध में जिला जबलपुर एवं जिला सिवनी से प्राप्‍त जानकारी निम्‍नानुसार है :-जिला जबलपुर के कार्यालय में संधारित अभिलेखों के अनुसार जबलपुर जिले में कम्‍पोजिट मदिरा दुकान गुप्‍तेश्‍वर शासकीय भूमि में संचालित है। जिला सिवनी के आबकारी उपनिरीक्षक वृत्‍त शहर के प्रतिवेदन अनुसार जिला सिवनी में 02 कम्‍पोजिट मदिरा दुकान दलसागर-ए और दलसागर-बी शासकीय अतिक्रमित भूमि पर संचालित है। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 की कण्डिका क्रमांक 3.3 अनुसार जिला निष्‍पादन समिति द्वारा निर्धारित स्‍थान पर नगर निगम/नगरीय निकाय द्वारा मदिरा दुकान के संचालन हेतु दुकान का निर्माण कराकर उपलब्‍ध कराये जाने पर मदिरा दुकान खोली जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में मदिरा दुकान के परिसर में बैठकर मदिरा का सेवन नहीं किया जा रहा है। सिवनी जिले में किसी भी मदिरा दुकान के स्‍थान/परिसर में बैठकर मदिरा का सेवन नहीं कराया जा रहा है। इस संबंध में पार्षद सुश्री साक्षी डागोरिया, पार्षद टैगोर वार्ड क्रमांक 07 द्वारा कम्‍पोजिट मदिरा दुकान बिजलीघर वार्ड में अहाता चलने की शिकायत की गयी थी जिसकी जांच आबकारी उपनिरीक्षक वृत शहर द्वारा की गयी। जांच प्रतिवेदन के अनुसार शिकायत असत्‍य पायी गई, दुकान के परिसर में कोई अहाता संचालित नहीं होना पाया गया। अत: अब कोई कार्यवाही शेष नहीं होने से जानकारी निरंक है।                    (घ) जी हाँ। प्रदेश में कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों को खुलने व बन्‍द करने का समय निर्धारित है। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 08.02.2024 की कण्डिका 31.1 के अनुसार मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों की साफ-सफाई तथा मदिरा के प्रारंभिक संग्रह, आमद, विक्रय एवं अंतिम संग्रह के दैनिक लेखे की पंजियों को पूर्ण/संधारित किये जाने के लिये मदिरा दुकाने प्रातः 8.30 बजे से खोली जायेंगी। प्रातः 8:30 बजे से प्रातः 9:30 बजे तक का समय लेखा संधारण के लिए एवं मदिरा विक्रय का समय प्रातः 9:30 बजे से रात्रि में 11:30 बजे तक रहेगा। इस संबंध में वर्ष 2024-25 हेतु मदिरा दुकानों के निष्‍पादन संबंधी जारी आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के निर्देश पत्र क्रमांक/7-ठेका/2024/51-52 दिनांक 10.02.2024 की कण्डिका 45 एवं सामान्‍य अनुज्ञप्ति की शर्तें के नियम 18 के अनुसार कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों के सामने आमजनों की सूचना हेतु मदिरा दुकान के खुलने एवं बन्‍द करने के समय को लिखे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

जेल में बंदियों की सुविधाएं

[जेल]

118. ( क्र. 3958 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) विभाग द्वारा बंदियों के सुधार हेतु क्या-क्‍या उपाय किये गये/किये जा रहे हैं? जेल में बंदियों को क्या-क्‍या सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है? कृपया अलग-अलग जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा प्रति बंदी पर कितना-कितना खर्च किस-किस आइटम में किस-किस मद पर कितना-कितना प्रति बंदी पर खर्च किया गया है। कृपया जिलावार जेलवार आवंटित बजट राशि एवं व्यय राशि का वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक अलग-अलग जानकारी दें। (ग) वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक जेल में रहते हुये कितने कैदियों एवं बंदियों की बीमारी से मृत्यु, फांसी लगाये जाने, अकारण मृत्यु, आपस में झगड़े के दौरान मृत्यु हुई है? कृपया कारण सहित जांच के परिणाम के साथ ही अलग-अलग विवरण दें। (घ) जेलों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त हुई तथा क्या शिकायतों की जांच की गई है? यदि हाँ, तो कृपया जांच में कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाये गये है तथा दोषियों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या-क्‍या कार्यवाही की गई? कृपया कार्यवाही का विवरण देते हुये दोषियों के विरुद्ध क्या-क्‍या कार्यवाही हुई है? कृपया जिलावार दोषी कर्मचारी के नाम का विवरण देते हुये विस्तृत जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) प्रति बंदी पर खर्च संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" एवं जिलेवार जेलवार आवंटित बजट राशि तथा व्‍यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"द" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"इ" अनुसार:- जी हां। जेलों में पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनियमितता, अभद्र व्‍यवहार, मारपीट, अवैध वसूली के संबंध में शिकायतें प्राप्‍त हुई है। वर्ष 2023 एवं 2024 में कुल 337 शिकायतें प्राप्‍त हुई थी जिसमें से 181 शिकायतों में जांच में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया है, तीन शिकायती प्रकरणों में दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। 153 शिकायतों में जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।

विज्ञापन दिये जाने के नियम/निर्देशों की जानकारी

[जनसंपर्क]

119. ( क्र. 3959 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसम्पर्क विभाग द्वारा विज्ञापन दिये जाते है? यदि हाँ, तो क्या उक्त संबंध में विभाग द्वारा नियम/निर्देश बनाये गये है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध कराये। विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं प्रिंट मीडिया में दिये जाने वाले विज्ञापन में बजट की सीमा निर्धारित की जाती है? यदि हाँ, तो कृपया विवरण देते हुये बताये कि वर्ष 2021-22 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक प्रतिवर्ष कितने-कितने बजट का प्रावधान किया गया तथा आवंटित बजट राशि के विरुद्ध कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? कृपया वर्षबार अलग-अलग विवरण दें। (ख) सामाचार पत्र एवं चैनलों का विज्ञापन दिये जाने के लिये कौन-कौन सी पात्रताएं निर्धारित की गई? कृपया विवरण देते हुये बताये कि वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी चैनल कंपनियों (इलेक्ट्रॉनिक) एवं समाचार पत्रों कंपनियों को कितनी-कितनी विज्ञापन राशि का भुगतान किया गया है? कृपया वर्षवार एवं संबंधित कंपनियों को भुगतान राशि का अलग-अलग विवरण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। बुक ऑफ फाईनेन्‍स में दिये गये अधिकारों के तहत विज्ञापन दिये जाते है। वित्‍त विभाग द्वारा इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया को दिये जाने वाले विज्ञापनों के लिये बजट का आवंटन किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।

वरिष्‍ठ नागरिक की जमीन हड़पने की गई कार्यवाही

[गृह]

120. ( क्र. 3963 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्‍या जिला भोपाल में वरिष्‍ठ नागरिक श्री मधुसूदन गुप्‍ता पुत्र स्‍व. पन्‍नालाल गुप्‍ता की खसरा क्र. 99/1/2 रकबा 0.400 हे. अर्थात 400 वर्गमीटर ग्राम लाम्‍बाखेड़ा तहसील हुजूर की भूमि को भू-माफिया एवं संगति गिरोह के माफियाओं द्वारा हड़पने के लिए कूटरचित एवं फर्जी व्‍यक्तियों को रजिस्‍ट्री के फर्जी गवाहों को उप पंजीयक कार्यालय भोपाल में खड़ा कर धोखाधड़ी दिनांक 16.02.2024 को रजिस्‍ट्री करने एवं इसी भूमि पर नकली मूंछ वाले मधुसूदन गुप्‍ता को खड़ा कर हरिबाई पंथी पत्‍नी गणेशराम पंथी द्वारा दिनांक 8.2.2024 को फर्जी मुख्‍तारनामा तैयार कर उसी फर्जी मुख्‍तारनामा से दिनांक 9.3.2024 को राजाबाला कचनेरिया एवं फुलवती साहू के नाम पर धोखाधड़ी से रजिस्‍ट्री करने की शिकायत मार्च एवं अप्रैल 2024 में संबंधित थाना शाहजहांनाबाद भोपाल, थाना ईटखेड़ी भोपाल सहित म.प्र. के मुख्‍यमंत्री, मुख्‍य सचिव, प्रमुख सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक सहित मधुसूदन गुप्‍ता एवं उनके पुत्र विवेक गुप्‍ता द्वारा लिखित रूप से की गई, इसके लिये कौन दोषी है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित ग्राम लाम्‍बाखेड़ा के वरिष्‍ठ नागरिक मधुसूदन गुप्‍ता की उक्‍त भूमि की फर्जी दस्‍तावेजों से रजिस्‍ट्री करने की जांच एवं कार्यवाही हेतु उप पंजीयक कार्यालय परीबाजार भोपाल के उप पंजीयक द्वारा भी थाना प्रभारी शाहजहांनाबाद एवं थाना ईंटखेड़ी को लिखित शिकायत मय दस्‍तावेजों के मार्च अप्रैल 2024 में की गई थी? उक्‍त शिकायत पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही संबंधित थाना प्रभारी शाहजहांनाबाद एवं थाना ईटखेड़ी द्वारा की गई संबंधित भू-माफिया आरोपियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट क्‍यों नहीं दर्ज की गई? आज तक क्‍या जांच कार्यवाही की गई उसकी छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित वरिष्‍ठ नागरिक मधुसूदन गुप्‍ता को न्‍याय दिलाने के लिये उनकी लगभग 2 करोड़ की भूमि हड़पने वाले संगठित गिरोह के भू-माफियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर उनकों गिरफ्तार किये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आवेदक मधुसूदन गुप्ता पिता पन्नालाल गुप्ता निवासी विश्वकर्मा नगर फेस 02 करोंद तहसील हुजुर जिला भोपाल द्वारा दिनांक 08.04.2024 को एक शिकायत पत्र श्री आनंद कुमार पाण्डेय उप पंजीयक परी बाजार भोपाल म.प्र. को संबोधित करते हुए प्रस्तुत किया था। आवेदक मधुसुदन गुप्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र को उप पंजीयक परी बाजार भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक/9/व.उ.प.-1/2024 भोपाल दिनांक 08.04.2024 से आवेदक का आवेदन पत्र जांच एवं विधिक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया था। थाना अभिलेख अनुसार आवेदक श्री मधुसुदन गुप्ता एवं उनके पुत्र विवेक गुप्ता द्वारा थाना शाहजहांनाबाद में सीधे कोई आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त पत्र की जांच हेतु आवेदक व अनावेदक पक्षों को संबंधित मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु दूरभाष पर से तलब किया गया था जो समय सीमा में थाना उपस्थित नहीं हुए थे जिससे जांच एवं विधिक कार्यवाही में विलंब हुआ। थाना ईटखेडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त आवेदन पत्र थाना ईटखेडी को प्राप्त हुआ था। आवेदन पत्र की जांच के दौरान पाया गया कि शिकायत पत्र का घटना स्थल उप पंजीयक कार्यालय परी बाजार थाना शाहजहांनाबाद भोपाल का है। शिकायत के संबंध में थाना शाहजहांनाबाद भोपाल में अप.क.- 388/24 धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120बी भादवि का प्रकरण आरोपीगण नकली मधुसूदन गुप्ता, हरीबाई पंथी एवं अन्य के विरूद्ध पंजीबद्ध किया जा चुका है। (ख) आवेदक श्री मधुसुदन गुप्ता द्वारा श्री आनंद कुमार पाण्डेय उप पंजीयक परी बाजार भोपाल के समक्ष प्रस्तुत आवेदन के आधार पर दिनांक 27.06.2024 को आरोपी 1-नकली मधुसुदन गुप्ता 2- श्रीमती हरीबाई पंथी 3- ताहिर एवं 4-आरिफ अली के विरूद्ध अपराध कमांक - 388/2024 धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120 बी भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। एफ.आई.आर की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। थाना ईटखेडी से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त भूमि थाना ईटखेडी के ग्राम लांबाखेडा में स्थित है किन्तु भूमि के संबंध में हुई फर्जी कार्यवाही रजिस्टार आफिस परी बाजार थाना शाहजहांनाबाद से संबंधित है जिस पर से थाना शाहजहांनाबाद में उक्त अपराध पंजीबद्ध किया जा चुका है।                                 (ग) आवेदक मधुसूदन गुप्ता के द्वारा श्री आनंद कुमार पाण्डेय उप पंजीयक परी बाजार भोपाल के समक्ष प्रस्तुत आवेदन पर से अपराध कमांक 388/2024 धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120 बी भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त होने पर आरोपीगणों को विधिवत गिरफ्तार किया जाकर माननीय न्यायालय पेश किया जावेगा।

पदस्‍थापना के गृह जिले में परिवर्तन

[महिला एवं बाल विकास]

121. ( क्र. 3965 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग में अपर संचालक, संयुक्त संचालक एवं सहायक संचालक के कितने पद स्वीकृत है, जिलेवार, पदवार सूची प्रदान करें। इसमें कितने भरे पद है, कितने रिक्त है, अगर रिक्त है तो कब से रिक्त है? जिलेवार पदवार जानकारी प्रदान करें। (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा सहायक संचालक की पदस्थापना कहां है? नाम पदस्थापना जिला एवं कब से पदस्थ है? इनका गृह जिला क्या है? जिले के साथ जानकारी प्रदान करें।                                (ग) ऐसे कितने सहायक संचालक है जिनके विभाग में पद-स्थापना पश्चात उनके गृह जिले में परिवर्तन किया गया जिनके गृह जिले में परिवर्तन किया गया है उनकी परिवर्तित गृह जिले की नामवार सूची प्रदान करें। ऐसे सहायक संचालक जिन्‍होंने पदस्‍थापना के पश्चात गृह जिले में परिवर्तन कराया है एवं अपने पूर्व के गृह जिले में पदस्‍थ है, अगर पदस्‍थ है तो कितने वर्षों से पदस्‍थ है? नाम सहित जिलावार सूची प्रदान करें। (घ) ऐसे सहायक संचालक जो 3 वर्ष से अधिक अवधि में अपने पूर्व के गृह जिले में पदस्थ रहे है अथवा वर्तमान में पदस्थ है उन्हें कब तक हटाया जायेगाबतायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। गृह जिले में परिवर्तन कराने के उपरांत पूर्व के गृह जिले में पदस्थ अधिकारियों को हटाये जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व वर्षों में जारी स्थानांतरण नीति में कोई प्रावधान नहीं है, अतः शेष का प्रश्‍न ही नहीं है।

फर्जी सत्‍यापन रिपोर्ट

[गृह]

122. ( क्र. 3969 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री सुबोध सिंह राजावत के विरूद्ध थाना रौन, जिला भिण्‍ड में अप. क्रमांक 35/23, धारा 354, 354, 354, 506 भादवि, 7/8 पॉक्सो एक्ट एवं आईटी एक्ट की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध है? यदि हाँ, तो वर्तमान में प्रकरण की क्या स्थिति है? (ख) क्या श्री सुबोध सिंह राजावत आत्मज श्री सत्येन्द्र बहादुर सिंह राजावत, निवासी ग्राम व पो. मेंहदवा, शिक्षा संकुल केन्द्र मेंहदबा अंतर्गत संविदा शिक्षक वर्ग-2 (विषय अंग्रेजी) के रूप में शासकीय हाई स्कूल इन्दुर्खी, जिला भिण्ड में कार्यरत है? यदि हां तो किस दिनांक से? (ग) यदि हाँ, तो पॉक्सो एक्ट जैसे जघन्य अपराध के आरोपी को शासकीय सेवा के योग्य होने का प्रतिवेदन किस अधिकारी द्वारा एवं किन परिस्थितियों में जारी किया गया? क्या इस संबंध में दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खनिज माफिया द्वारा अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

123. ( क्र. 3970 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला दतिया तहसील सेंवढा के ग्राम रूहेरा (सिंध नदी घाट) एवं जिला भिण्‍ड के ग्राम मटियावली खुर्द एवं मटियावली बुजुर्ग तहसील मिहोना में खनन की लीज जो कि मेसर्स पावर मैक, मेसर्स शिवा एवं मेसर्स धन लक्ष्‍मी के नाम स्‍वीकृत है पर खनन माफिया श्री कोकसिंह पुत्र श्री सुजान सिंह निवासी ग्राम लहारा, तहसील मेंहगांव, जिला भिण्‍ड एवं अन्‍य द्वारा अवैध रूप से उत्‍खनन करने का कार्य किया जा रहा है? (ख) क्‍या खनन कंपनी मेसर्स पावर मैक, मैसर्स शिवा एवं मेसर्स धन लक्ष्‍मी द्वारा एनजीटी, पर्यावरण विभाग एवं भू-राजस्‍व संहिता में दिये दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं? इस संबंध में हुई जांच की प्रमाणित प्रतियां उपलब्‍ध करायी जायें। (ग) क्‍या उक्‍त खनन माफियाओं द्वारा स्‍वीकृत सर्वे नंबरों पर उत्‍खनन न कर मौजा रूहैरा के आराजी नं 2222 पर नियम विरूद्ध तरीके से उत्‍खनन करना पाये जाने पर कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी सेंवढ़ा में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 247(7) के अंतर्गत रू. 92,45,000/- की वसूली प्रकरण एवं अनुविभागीय अधिकारी, लहार अंतर्गत रू. 35,28,000/- की वसूली का प्रकरण प्रचलित है? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में प्रकरण की क्या स्थिति है? क्या खनन माफिया द्वारा उक्त राशि कोषालय में जमा करायी जा चुकी है यदि हाँ, तो किस दिनांक को पूर्ण जानकारी दी जाय? यदि नहीं, तो क्या प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध कराया जाकर संबंधितों से कुर्की की कार्यवाही कर राशि वसूल की जायेगी? समय-सीमा बताएं। (ड.) उक्त तीनों कंपनियों के विरूद्ध विगत 05 वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायत पत्रों की प्रमाणित प्रतियां एवं कार्यवाही प्रतिवेदन की जानकारी उपलब्‍ध करायी जाये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित कंपनी मेसर्स पॉवरमेक, मेसर्स शिवा एवं मेसर्स धनलक्ष्‍मी दतिया जिले/भिण्‍ड जिले में कार्यरत न होने से शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला दतिया में उक्‍त कंपनी के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दर्ज न होकर जनक सिंह उर्फ सोनु गुर्जर एवं कोक सिंह के विरूद्ध रूपये 92,45,000/- का प्रकरण पूर्व से प्रचलित है। जिला भिण्‍ड में उल्‍लेखित व्‍यक्ति श्री कोक सिंह पुत्र श्री सुजान सिंह एवं 01 अन्‍य व्‍यक्ति से राशि रूपये 35,28,000/- की वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी की गई है।                                              (घ) अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सेंवढ़ा जिला दतिया के प्राप्‍त पत्र क्रमांक 502 दिनांक 02/07/2024 अनुसार वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। जिला भिण्‍ड में संबंधित के विरूद्ध आर.आर.सी. जारी कर वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) दतिया जिले में तीनों कंपनियों के द्वारा कार्य न किये जाने से विगत 05 वर्षों में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। भिण्‍ड जिले में मेसर्स पॉवरमेक प्रोजेक्‍ट लिमिटेड को स्‍वीकृत जिला रेत समूह का ठेका दिनांक 30/06/2021 को समर्पित हो चुका है। प्रश्‍नांश अनुसार प्राप्‍त शिकायत की प्रति एवं कार्यवाही प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

आवासीय कॉलोनियों की जानकारी

[गृह]

124. ( क्र. 3978 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस गृह निर्माण मंडल द्वारा भोपाल जिला अंतर्गत कौन-कौन सी आवासीय कॉलोनियों का निर्माण कब-कब किया गया है? (ख) उक्‍त कॉलोनियों में कितने-कितने आवास निर्मित किए गए हैं? कॉलोनीवार जानकारी दें। (ग) उक्‍त आवासीय कॉलोनियों में क्‍या-क्‍या मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही है? (घ) उक्‍त कॉलोनियों में सामुदायिक भवन/खेलकूद मैदान आदि का प्रावधान है? यदि नहीं, तो इस हेतु विभाग की क्‍या कार्य योजना है? (ड.) उक्‍त कॉलोनियों में उपलब्‍ध सुविधाओं में बढ़ोत्‍तरी करने की भविष्‍य में क्‍या कार्य योजना है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                           (घ) उपलब्ध संसाधनों के आधार पर आवासीय परिसर में रहवासियों को विभिन्न मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। (ङ) उपलब्ध सुविधाओं में बढ़ोत्तरी संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भत रहती है। अतः भविष्य में भी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हेतु अधोसंरचना से संबंधित कार्यों हेतु उपलब्ध संसाधनों का उपयोग रहवासियों के हित में किया जाता रहेगा।

औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

125. ( क्र. 3979 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिला अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सा औद्योगिक क्षेत्र कितने-कितने क्षेत्र में विकसि‍त है? (ख) उक्‍त क्षेत्रों में कितने-कितने भूखण्‍ड आवंटित है एवं कितने रिक्‍त है? भूखण्‍डवार जानकारी दें। (ग) क्‍या भविष्‍य में शासन की अन्‍य औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना प्रचलन में है, यदि हां, तो कौन-कौन से क्षेत्र में संभावना है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भोपाल जिला अंतर्गत वर्तमान में एमपी इण्‍डस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा औद्योगिक क्षेत्र-बगरौदा, क्षेत्रफल-128.02 हेक्‍टेयर, औद्योगिक क्षेत्र -अचारपुरा, क्षेत्रफल-146.34 हेक्‍टेयर एवं टेक्‍सटाईल पार्क अचारपुरा, क्षेत्रफल-44.00 हेक्‍टेयर पर विकसित है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार भोपाल जिला अंतर्गत वर्तमान में विभाग के आधिपत्‍य में तीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित हैं जिनमें गोविंदपुरा, कालीपरेड एवं प्रेस काम्‍पलेक्‍स हैं। औद्योगिक क्षेत्र, गोविंदपुरा का क्षेत्रफल 318.22 हैक्‍टेयर, औद्योगिक क्षेत्र कालीपरेड, (छोला रोड) का क्षेत्रफल 10.22 हैक्‍टेयर तथा औद्योगिक क्षेत्र प्रेस काम्‍पलेक्‍स (एम.पी.नगर) का क्षेत्रफल 0.301 हैक्‍टेयर है। (ख) उक्‍त औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित एवं रिक्‍त भूखण्‍डों की जानकारी निम्‍न तालिका अनुसार हैं-:

क्र.

औ.क्षे. का नाम

कुल भूखण्‍ड

आवंटित भूखण्‍ड

रिक्‍त भूखण्‍ड

1

अचारपुरा

171

167

4

2

बगरौदा

447

439

8

3

टेक्‍सटाईल पार्क अचारपुरा

104

85

19

कुल

722

691

31

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी हां। विधानसभा क्षेत्रवार प्रस्‍तावित नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

अवैध उत्‍खनन पर जांच

[खनिज साधन]

126. ( क्र. 3981 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक भौमिकी खनिकर्म के प्रकरण क्रमांक खनिज/अपील/न.क. 72/2019 में पारित आदेश दिनांक 23.01.2020 के द्वारा प्रकरण पुनः जांच हेतु प्रत्यावर्तित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त उत्खनन के प्रकरण की पुनः सम्मत जांच कराई गई अथवा नही? यदि हाँ, तो जांच में चार साल से विलम्ब का क्या कारण है? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) यदि जाँच पूर्ण हो गई है तो कब किसके द्वारा क्या-क्या तथ्य प्रकाश में लाये विवरण दे? (घ) उक्त जांच कब तक पूर्ण करा ली जावेगी तथा जांच में विलम्ब के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय सीमा कृपया बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त उत्खनन के प्रकरण में पूर्व में खनिज, राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त कार्यवाही उपरांत न्यायालयीन प्रक्रिया से उभयपक्षो के साक्ष्य उपरांत निर्णय पारित किया गया। उक्त पारित आदेश के विरूद्ध अपील में संचालक के आदेश दिनांक 23.01.2020 से प्रतिपार्थी क्रमांक 02 दोषी नहीं किन्तु उक्त उत्खनन अवैध है या अवैध के संबंध में सूक्ष्म परीक्षण कर नियमानुसार जाँच हेतु पारित किया गया, जिसके पालन में प्रकरण को पुनः स्थापित कर कार्यवाही प्रारंभ की गई। संचालक के आदेश के विरूद्ध शासन में अपील की गई। अपील में पारित आदेश दिनांक 29.07.2021 से संचालक द्वारा पारित आदेश को यथावत रखा गया। प्रकरण को पुनः स्थापित कर प्रकरण के संबंध में जाँच दल गठित कर जाँच के आदेश दिये गये है। प्रकरण में आगामी सुनवाई दिनांक 25.07.2024 नियत है। न्यायालयीन प्रकरण में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रकरण में गठित संयुक्त विभागीय दल द्वारा जाँच प्रचलन में है। (घ) प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। जिसमें समस्त हितबद्ध पक्षों को सुनवाई का पूर्ण अवसर प्रदान कर निराकरण किया जाना विधिसंगत होगा। ऐसी स्थिति में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

स्‍वीकृत योजनाओं की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

127. ( क्र. 3987 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले के महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग में कितनी योजनायें स्‍वीकृत है? उक्‍त योजनाओं के क्‍या-क्‍या नियम हैं? पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित योजनाओं में वित्‍तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस को लाभ दिया गया? इसके क्‍या नियम है? (ग) महिला बाल विकास विभाग में विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ी संचालित है एवं इन आंगनवाडि़यों में कौन-कौन, कब से कार्यरत है? सूची सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) उक्‍त आंगनवाड़ियों में ग्रामीणों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है? पूर्ण विवरण दें। कौन-कौन सी आंगनवाड़ियों में पद रिक्‍त है? रिक्‍त आंगनवाड़ियों को कब तक भरने का प्रावधान है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) योजनाओं एवं नियम/निर्देषों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) 281 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। पदों की रिक्ती एवं पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

पुलिस विभाग अंतर्गत प्रचलित पी.एच.पी.एस. प्रक्रिया

[गृह]

128. ( क्र. 3994 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पी.एच.पी.एस. की जटिल प्रक्रिया को खत्म कर आयुष्मान योजना की तरह सरल एवं सभी बीमारियों के लिए सभी अस्पतालों में लागू करने की योजनाएं विचारणीय हैं। हाँ अथवा नहीं? (ख) मध्य प्रदेश का पुलिस जवानों को प्रतिवर्ष उनकी वेतन से हेल्थ संबंधी राशि जमा होती है, हाँ अथवा नहीं? क्या पुलिस हेल्थ संबंधी पुलिस जवानों को आकस्मिक दुर्घटना के समय प्रक्रिया जटिल होने के कारण संबंधित परिवार को बहुत ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। हाँ अथवा नहीं? (ग) अनुबंधित अस्पताल के द्वारा उन्हें संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिलता है अपितु किसी भी प्रकार की बीमारी या दुर्घटना के समय संबंधित जवान या परिवार को पूर्व में पुलिस अधीक्षक महोदय या कमांडेंट महोदय की अनुमति प्रक्रिया पूर्ण करना पड़ती है उसके पश्चात जिला स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा अनुमोदन करवाना पड़ता है, इस प्रक्रिया के दौरान समय अभाव ज्यादा होता है। इस प्रक्रिया को जटिल से सरलता की ओर अग्रसर किये जाने हेतु क्या कोई प्रक्रिया अपनाई जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। प्रक्रिया के सरलीकरण के प्रस्‍ताव पर विचार किया जा रहा है। (ख) जी हां। प्रतिमाह राशि रूपये 50/- की दर से वार्षिक राशि रूपये 600/- का अंशदान जमा कराया जाता है। (ग) जी हां। प्रक्रिया को सरलीकृत करने के लिए प्रस्‍ताव केबिनेट से अनुमोदन प्राप्‍त करने हेतु तैयार किया जा रहा है।

मोही औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित किया जाना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

129. ( क्र. 3996 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उद्योग विभाग द्वारा मोही में औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित किया गया हैं? (ख) इसकी स्‍वीकृति कब हुई इसका कार्य कब प्रारंभ हुआ? (ग) क्‍या कार्य पूर्ण हो चुका है?                         (घ) नहीं हुआ है तो इसका कार्य कब पूर्ण होगा? कार्य पूर्ण न कराने का कौन दोषी है, क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा ग्राम मोही जिला बैतूल में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया जा रहा है। (ख) जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास कार्य प्रगतिरत हैं।                                         (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

अवैध रूप से संचालित दुकानें

[वाणिज्यिक कर]

130. ( क्र. 4000 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के नौगांव नगर की कम्पोजिट मदिरा ग्रुप में कुल कितनी देशी-अंग्रेजी मदिरा की फुटकर बिक्री हेतु दुकानें निर्धारित हैं? कृपया उनके नाम एवं स्थान बताएं। इन अलग-अलग दुकानों में रखने की न्यूनतम व अधिकतम क्या-क्या सीमा निर्धारित की गई है एवं इनके कितने-कितने प्रकार एवं उत्पादक ब्रांड के अनुसार विक्रय मूल्य क्या-क्या है एवं इनके विक्रय मूल्यों का स्थायित्व कितने समय तक लागू रहता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि निर्धारित स्थान पर, निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त अवैध रूप से कहीं मदिरा का विक्रय तो नहीं हो रहा? अवैध रूप से रखी मदिरा का विभाग द्वारा वर्तमान समय में क्या-क्या वैधानिक एवं दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है? सम्पूर्ण कार्यवाही की जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर नौगांव एवं क्षेत्र के गांव में नियम विरूद्ध रखी अवैध रूप से विक्रय हेतु मदिरा एवं अवैध भण्डारण के जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक के कितने मामले पंजीबद्ध किए गए हैं एवं उनमें किस-किस पर क्या-क्या वैधानिक कार्यवाही इसी समयावधि में की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर नियम विरूद्ध किये जा रहे अवैध कार्यों के लिए प्रख्यात इन दुकानों पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारियों को उचित वैधानिक कार्यवाही करना चाहिए जो नहीं करते हैं? प्रश्‍न दिनांक तक अवैध कार्यवाही पर कार्यवाही न करने वालों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कृपया ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम व पद सहित बताएं इन दुकानों के अवैध कारोबार बंद करने शासन उचित एवं वैध शीघ्र कार्यवाही करेगा तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) छतरपुर जिले के नौगांव नगर की कंपोजिट मदिरा ग्रुप में कुल 13 दुकानें है, जिसमें नौगांव नगर की 02 कंपोजिट मदिरा दुकाने सम्मि‍लित है. जो क्रमशः (1.) कंपोजिट मदिरा दुकान नौगांव FL. स्थान बस स्टैण्ड नौगांव में, (2.) कंपोजिट मदिरा दुकान नौगांव CL. स्थान गल्लामंडी नौगांव में स्थित है। उपरोक्त दुकानों में मदिरा स्‍कंध रखने की न्यूनतम अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। लायसेंसी द्वारा उक्त मदिरा दुकानों की न्यूनतम प्रत्याभूत डयूटी राशि जमा कर मदिरा स्कंध का उठाव किया जाता है। मदिरा दुकान में रखे जाने वाले मदिरा के प्रकार तथा उत्पादक ब्रांड के विक्रय मूल्य का निर्धारण शासन द्वारा निर्धारित किये जाते है. जो एक वित्तीय वर्ष (01 अप्रैल से 31 मार्च) तक के लिये स्थायित्व होते हैं।                                         (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर कंपोजिट मदिरा दुकानों से निर्धारित स्थान से मदिरा का विक्रय किया जा रहा है। अवैध रूप से रखी मदिरा के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर वृत्त प्रभारी आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा म.प्र. आबकारी अधिनियम 1915 की नियमों में वर्णित प्रतिबंधात्मक धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की जाकर व समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर प्रकरण दर्ज किये जाते है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में नौगांव एवं क्षेत्र के गांव में नियम विरूद्ध रखी अवैध रूप से विक्रय हेतु मदिरा एवं अवैध भण्डारण के माह जनवरी 2020 से 26 जून 2024 तक मुल 704 प्रकरण दर्ज किये गये है। जिसमे कुल 41063/-लीटर मदिरा व लाहन 24604 कि.ग्रा. तथा 02 वाहन मोटर साईकिल जप्त किया गया है। जप्त मदिरा की कुल अनुमानित मूल्य रु 12726150/- है तथा आरोपियों के विरुद्ध म.प्र. आबकारी अधिनियम 1915 की नियमों में वर्णित प्रतिबंधात्मक धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही कर प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये जा रहे है। (घ) प्रश्‍नाश (क), (ख) एवं (ग) के सन्दर्भ में उक्त मदिरा दुकानें नियमानुसार संचालित है। वृत्ताधीन नियम विरूद्ध संचालित मदिरा दुकानों पर वृत्त प्रभारी आबकारी उपनिरीक्षकों द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जाती है। जिसमें मदिरा दुकानों का सतत व गहन निरीक्षण किया जाता है। मदिरा दुकानों पर त्रुटियां पाये जाने पर विभागीय प्रकरण दर्ज किये जाकर संधान/शारित अधिरोपित की जाती है। आबकारी उपनिरीक्षक वृत्त नौगांव द्वारा जनवरी 2024 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कुल 1359 विभागीय प्रकरण दर्ज किये गये है। जिस पर 14,02,691/- संधान/शास्ति की राशि वसूल की गयी है। प्रश्‍नांश दिनांक तक उक्त मदिरा दुकानो पर अवैध कार्यवाही संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी निरंक है।

पेंशन निधियों और निवेश पैटर्न का विकल्‍प चुनने की अनुमति

[वित्त]

131. ( क्र. 4001 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत का राजपत्र अधिसूचना एफ नंबर 1/3/2016-पी.आर. दिनांक 31.01.2019 के बिन्दु क्र. 2 में सरकारी एन.पी.एस. अभिदाताओं को दिनांक 01.04.2019 से टियर-1 खाते में पेंशन निधियों (पी.एफ.) और निवेश पैटर्न का विकल्प चुनने एवं बदलने की अनुमति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि क्या बिन्दु क्र. 2 के प्रावधानों को देश के अन्य राज्यों ने भी जो लागू कर दिया है, क्या इन प्रावधानों की अन्य राज्यों की तरह म.प्र. में भी लागू किया गया है? कृपया स्पष्ट एवं सम्पूर्ण जानकारी म.प्र. की प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि राजपत्र के बिन्दु क्र. 2 के प्रावधानों को यदि म.प्र. में लागू नहीं किया गया है तो इन प्रावधानों को म.प्र. में कब तक लागू कर दिया जावेगा? निश्चित समय सीमा सहित बताएं।                             (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि शासकीय एवं स्वशासी कर्मचारी (एन.पी.एस. अभिदाता) भी उक्त प्रावधानों का उपयोग कर सकेंगे तो कब तक? निश्चित समय सीमा सहित बताएं।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) सभी राज्‍य अपनी-अपनी नीति एवं वित्‍तीय संसाधनों के तहत उचित निर्णय लेते है। मध्‍यप्रदेश शासन भी अपने वित्‍तीय संसाधनों के तहत यथा-समय उचित निर्णय लेगा। (ग) राज्‍य शासन अपने वित्‍तीय संसाधनों के तहत उचित निर्णय लेता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गौण खनिज मद में प्राप्‍त राशि से कराये गए कार्य

[खनिज साधन]

132. ( क्र. 4014 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) रायसेन जिले में गौण खनिज मद में विगत तीन वर्षों में कितनी राशि जिले में उपयोगार्थ प्राप्त हुई? वर्षवार प्राप्त कुल राशि व जिले को प्राप्‍त हिस्से की जानकारी है? (ख) उक्‍त अवधि में जिले में कब-कब जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक आयोजित हुई और कितनी-कितनी राशि के किन-किन कार्यों को बैठकवार अनुमोदित किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार क्‍या सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण करा, लिये गये है? यदि नहीं, तो बतायें कि कब तक अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रायसेन जिले में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान खाता में विगत तीन वर्षों में निम्‍नानुसार राशि प्राप्‍त हुई है:- 1. 2021-22 - राशि रूपये 8623721/- 2. 2022-23 - राशि रूपये 12887692/- 3. 2023-24 - राशि रूपये 11928137/- (ख) विगत तीन वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान समिति की बैठकें समय-समय पर हुई हैं। बैठकों की जानकारी इस प्रकार है:- (i) दिनांक 20/07/2021 को जिला अस्‍पताल रायसेन में 1000 LPM का Oxygen Plant लगाये जाने हेतु ऑक्‍सीजन प्‍लांट से आई.सी.यू. एवं अन्‍य वार्डों में ऑक्‍सीजन सप्‍लाई हेतु कॉपर की पाईप लाईन डालने का कार्य हेतु राशि रूपये 30.00 लाख रूपये का अनुमोदन किया गया। (ii) दिनांक 27/04/2023 को वीरांगना रा‍नी अवंति बाई लोधी की प्रतिमा प्रदाय एवं स्‍थापना कार्य हेतु राशि 26.00 लाख रूपये का अनुमोदन किया गया। (iii) दिनांक 08/05/2023 को रायसेन दुर्ग स्थित किले पर रोपवे का निर्माण कार्य हेतु राशि 13.00 करोड़ रूपये का अनुमोदन किया गया। (iv) दिनांक 02/08/2023 को ग्राम गुगलवाड़ा जिला रायसेन में तालाब का जीर्णोद्धार कर सौन्‍दर्यीकरण कार्य हेतु राशि 2.44 करोड़ रूपये का अनुमोदन किया गया। (ग) जिला अस्‍पताल रायसेन में 1000 LPM का Oxygen Plant लगाये जाने का कार्य एवं वीरांगना रा‍नी अवंति बाई लोधी की प्रतिमा प्रदाय एवं स्‍थापना कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष बचे हुए 02 कार्य प्रगतिरत हैं, जिन्‍हें शीघ्र पूरा कराया जाएगा।

 

 

अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराया जाना

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

133. ( क्र. 4015 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में रायसेन जिले में विधान सभा स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि व सांसद निधि से स्‍वीकृत कार्यों की सूची विधान सभावार दें व बतावें कि इन स्‍वीकृत कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्‍या है? (ख) क्‍या उक्‍त स्‍वीकृत कार्यों की राशि एक मुश्‍त प्रदान की गई? यदि नहीं, तो किन कार्यों की द्वितीय एवं तृतीय किश्‍त किन कारणों से भुगतान नहीं की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित कार्यों में से पूर्ण, अपूर्ण, प्रगतिरत, अप्रारंभ की स्थिति व इन कार्यों की स्‍वीकृत लागत की जानकारी दें। कब तक अधूरे कार्यों को पूर्ण करा लिया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना से स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संसद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना राज्‍य शासन का विषय नहीं होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है।                                          (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत समस्‍त कार्यों की राशि क्रियान्‍वयन एजेंसियों को जारी किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यों की भौतिक स्थिति एवं स्‍वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 6 एवं 4 में उल्‍लेखित है। कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

महिदपुर में पदस्थ रजिस्ट्रार की नियमित उपस्थिति

[वाणिज्यिक कर]

134. ( क्र. 4055 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत दो वर्षों में प्रति दिवस कितनी रजिस्ट्रि‍यां की जाती है? क्या कारण है कि सप्ताह में केवल दो या तीन दिवस ही रजिस्ट्रार अधिकारी रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित रहते हैं? क्या रजिस्ट्रार अधिकारी के अनुपस्थिति में आमजन को असुविधा होती हैं? (ख) क्या रजिस्ट्रार अधिकारी की अनुपस्थिति में भी रजिस्ट्री की जाती है? यदि की जाती है तो विगत एक वर्ष में रजिस्ट्रार अधिकारी की अनुपस्थिति में कितनी रजिस्ट्रि‍यां की गई है?                                       (ग) क्या रजिस्ट्रार अधिकारी को महिदपुर के अतिरिक्त अन्य स्थान पर भी प्रभार दिया गया है? यदि दिया गया है तो कहां-कहां एवं कब से दिया गया है? क्या विभाग द्वारा अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने हेतु कोई उचित कार्यवाही की गई है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उप पंजीयक कार्यालय महिदपुर में प्रतिदिन औसतन 20 रजिस्ट्रियां होती हैं। उप पंजीयक कार्यालय महिदपुर में पदस्‍थ उप पंजीयक के दिनांक 31.07.2022 को सेवानिवृत्‍त हो जाने के कारण पहले उप पंजीयक नागदा को, तत्‍पश्‍चात उप पंजीयक तराना को उप पंजीयक महिदपुर का अतिरिक्‍त प्रभार दिया गया है, जिससे वे तराना के साथ-साथ महिदपुर का पंजीयन कार्य सप्‍ताह में 2 से 3 दिवस करते हैं। साथ ही आमजन की सुविधा के लिए मुख्‍यालय उप पंजीयक कार्यालय उज्‍जैन में महिदपुर से संबंधित दस्‍तावेजों की रजिस्‍ट्री कराने का विकल्‍प नियमानुसार उपलब्‍ध है। (ख) रजिस्ट्रार अधिकारी की अनुपस्थिति में रजिस्‍ट्री नहीं की जाती है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उप पंजीयक कार्यालय महिदपुर में उप पंजीयक का पद दिनांक 01.08.2022 से रिक्‍त है। आमजन की सुविधा हेतु दिनांक 01.08.2022 से दिनांक 28.10.2022 तक उप पंजीयक नागदा एवं दिनांक 01.11.2022 से वर्तमान तक उप पंजीयक तराना को उप पंजीयक महिदपुर का अतिरिक्‍त प्रभार दिया गया है। प्रशासकीय आवश्‍यकता अनुसार निर्णय लिया जाता है।

औद्योगिक क्षेत्र में भू-खण्‍ड का आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

135. ( क्र. 4130 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने हेतु भू-खण्ड आवंटन के क्या नियम है? किन-किन शर्तों के तहत भू-खण्ड आवंटित किया जाता है? क्या आवंटित भू-खण्ड को हस्तांतरित भी किया जा सकता है? यदि हाँ, तो प्रक्रिया से अवगत करावें। (ख) उज्जैन जिले में कितने औद्योगिक क्षेत्र विकसित हैं, उन औद्योगिक क्षेत्रों में किन-किन उद्योगों को लगाने हेतु भू-खण्ड आवंटन किया गया है? क्या भू-खण्ड का आवंटन जिस उद्योग/उद्देश्य के लिए किया गया है, वही उद्योग लगाया गया है? यदि नहीं, तो संबंधित उद्यामियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उक्त उद्यामियों द्वारा आवंटित भू-खण्ड के अतिरिक्त भी किसी भू-खण्ड पर अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में उद्यमी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) विभाग में वार्षिक शुल्क की क्या प्रक्रिया है? क्या उद्यमियों के द्वारा वार्षिक शुल्क जमा किया जा रहा है? औद्योगिक क्षेत्रवार, इकाईवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) उद्योग विभाग के द्वारा उद्यामियों को वित्तीय सहायता देने के नियम क्या है? दी गई वित्तीय सहायता (सबसिडी) के संबंध में विगत दो वर्षों की इकाईवार, औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें? जिस उद्योग को सबसिडी दी गई उस उद्योग द्वारा कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने हेतु भू-खण्‍ड आवंटन के नियम एवं शर्तों के संदर्भ में वर्तमान में मध्‍यप्रदेश राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) प्रचलित है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जी हां। आवंटित भूखण्‍ड को हस्‍तांतरित भी किया जा सकता है। हस्‍तांतरण की प्रक्रिया उपरोक्‍त वर्णित नियम की कंडिका 19 में उल्‍लेखित है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) विभाग के अधीन एमपी इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड़ क्षेत्रांतर्गत उज्‍जैन जिले में औद्योगिक क्षेत्र ताजपुर, विक्रम उद्योगपुरी तथा मेडिकल डिवाईस पार्क है। औद्योगिक क्षेत्र-ताजपुर, विक्रम उद्योगपुरी तथा मेडिकल डिवाईस पार्क में उद्योगों को आवंटित भूखण्‍ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। जी हां। भूखण्‍ड का आवंटन जिस उद्योग/उद्देश्‍य के लिए किया गया है, वही उद्योग लगाया गया है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उज्‍जैन जिले में 9 औद्योगिक क्षेत्र विकसित है। जिनमें विनिर्माण गतिविधि हेतु भूखंडो का आवंटन किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में स्‍थापित इकाइयों द्वारा विनिर्माण गतिविधि का कार्य ही किया जा रहा है।                                (ग) उद्यमियों द्वारा आवंटित भूखण्ड के अतिरिक्त किसी भी भूखण्ड पर अतिक्रमण नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग में वार्षिक शुल्‍क की गणना म.प्र. राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) में उल्‍लेखित प्रक्रिया अनुसार की जाती है। उद्यमियों द्वारा वार्षिक शुल्‍क जमा किया जा रहा है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार एमएसएमई विभाग द्वारा आवंटियों से प्रचलित नियमानुसार वार्षिक शुल्‍क ऑनलाईन चालान द्वारा प्राप्‍त किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ड.) वर्तमान में प्रदेश में वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्‍साहित करने एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) लागू है, जो संपूर्ण प्रदेश में प्रभावशील है। उक्‍त नीति अंतर्गत पात्र वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों से आवेदन प्राप्‍त होने पर नीति में उल्‍लेखित प्रावधान अनुसार सुविधा/सहायता प्रदान की जानी है। विगत दो वर्षों में प्रदाय की गई सुविधा/सहायता के संबंध में इकाईवार, औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी तथा सुविधा/सहायता के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त आवेदनों अनुसार इकाइयों द्वारा प्रदाय किये गये रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उद्यमियों द्वारा स्थापित विनिर्माण क्षेत्र की एमएसएमई को म.प्र. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उज्जैन जिले में प्रश्‍नांकित अवधि में उद्योगों को स्वीकृत वित्तीय सहायता एवं उन उद्योगों में उपलब्ध रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है।

नागरिकता के लंबित मामलों की जानकारी

[गृह]

136. ( क्र. 4179 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागरिकता के कितने मामले किस-किस स्‍तर पर किन-किन कारणों से लंबित हैं, जिलेवार जानकारी दें। (ख) किस-किस जिले में कब-कब नागरिकता संबंधी शिविर लगाए गए एवं उनमें कितने-कितने प्रकरणों का निपटारा किया गया, जिलेवार जानकारी दें। (ग) लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) शासन के निर्देशों के पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।