मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र


गुरुवार, दिनांक 16 मार्च, 2023


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



उचित मूल्य दुकानों की आकस्मिक जांच

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

1. ( *क्र. 967 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकानें हैं? ग्राम पंचायत एवं नगर परिषद सहित जानकारी दें। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक राशन वितरण में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए उपरोक्त में से कितनी राशन दुकानों की आकस्मिक जांच किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक में कौन-कौन सी दुकानों पर की गई? (ग) जांच में कितनी राशन की दुकानों में गड़बड़ी पाई गई? कितनी राशन की दुकानों पर कार्यवाही की गई तथा कितनी दुकानें निरस्त की गई? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में राशन पर्ची निर्माण की प्रक्रिया एवं इस वर्ष निर्मित राशन पर्ची की संख्या से अवगत कराएं। (ड.) ग्वालियर जिले में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, जिले में कब से पदस्‍थ हैं तथा मुख्यालय का नाम बतावें।  

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा में कुल 123 उचित मूल्‍य दुकानें हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जांच में 06 उचित मूल्‍य दुकानों में गड़बड़ी पाई गई। उन 06 दुकानों के विक्रेताओं पर F.I.R. दर्ज की गई। कोई भी दुकान निरस्‍त नहीं की गई है। (घ) हितग्राही द्वारा शासन द्वारा निर्धारित पात्रता श्रेणी के दस्‍तावेज सहित स्‍थानीय निकाय में पात्रता पर्ची हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किया जाता है। स्‍थानीय निकाय द्वारा उक्‍त आवेदन का परीक्षण किया जाता है एवं पात्र होने के उपरांत राशन मित्र पोर्टल पर ऑनलाईन स्‍वीकृत किया जाता है, जिसके पश्‍चात खाद्य विभाग द्वारा आवेदन को स्‍वीकृत किया जाता है, तत्‍पश्‍चात एन.आई.सी. द्वारा आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी की जाती है। भितरवार विधानसभा में कुल राशन पर्ची की संख्‍या 49216 है। दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से दिनांक 19.02.2023 तक प्रश्‍नांकित विधान सभा में 1989 राशन पर्ची निर्मित की गई हैं। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

लोकायुक्‍त एवं ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. द्वारा की गयी कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( *क्र. 2642 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) लोकायुक्‍त तथा ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. द्वारा भेजे गये कितने प्रकरण अभियोजन स्‍वीकृति के लिये किस कारण से लंबित हैं? आरोपी अधिकारी का नाम, प्रकरण के समय का पद, वर्तमान पदस्‍थापना, कार्यस्‍थल, प्रकरण दर्ज करने का कारण, दर्ज करने की दिनांक, अभियोजन स्‍वीकृति हेतु प्राप्‍त प्रथम पत्र की दिनांक, प्राप्‍त रिमाइंडर की दिनांक तथा विलंब होने के कारण सहित सूची देवें।                (ख) अभियोजन स्‍वीकृति हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग को लिखे गये पत्रों की तथा प्राप्‍त उत्‍तर की प्रति देवें। (ग) लोकायुक्‍त तथा ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में किन-किन अधिकारियों के खिलाफ, किस प्रकार के प्रकरण में, किस की शिकायत पर जांच प्रक्रियाधीन है, अधिकारी का नाम, पद स्‍थापना सहित जानकारी दें। (घ) पिछले 10 वर्षों में विभाग में किस-किस प्रकार का भ्रष्‍टाचार घोटाला तथा आर्थिक अनियमितता पायी गयी? विस्‍तृत जानकारी दें तथा बतावें कि इन्‍हें रोकने के लिए                   समय-समय पर क्‍या कदम उठाए गए तथा इनमें प्रतिवर्ष वृद्धि या कमी हो रही है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सूरजपुरा जलाशय योजना का निर्माण

[जल संसाधन]

3. ( *क्र. 2509 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) विकासखण्ड केसली निर्मित सूरजपुरा जलाशय योजनान्तर्गत नियुक्त निर्माण एजेंसी एवं जमा की गई अमानत (गारंटी) के संबंध में क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए? सूरजपुरा जलाशय निर्माण हेतु जारी निविदा शर्तों एवं नियुक्त एजेंसी के कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विकासखण्ड केसली अन्तर्गत सूरजपुरा जलाशय योजना की नहरों का निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अधूरा है? यदि हाँ, तो संबंधित निर्माण एजेंसी को दी गई भुगतान की राशि एवं मूल्यांकन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार निर्माण एजेंसी को नियम विरूद्ध पूर्ण भुगतान करने/कराने वाले दोषी अधिकारियों/निर्माण एजेंसी के विरुद्ध प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 951/27, जुलाई 2022 के उत्तर अनुसार जलाशय की जांच हेतु प्रमुख अभियंता को निर्देशित किया जाना बताया गया था एवं जांच प्रतिवेदन के प्राप्त होने पर गुणदोषों के आधार पर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करना बताया गया था? यदि प्रमुख अभियंता के द्वारा जांच की गई है तो जांच की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या जांच प्रतिवेदन में दोषियों के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। अतिरिक्‍त परफारमेंस गांरटी राशि लिए जाने हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। निविदा शर्तें एवं कार्यादेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्माण एजेंसी को अंतिम रनिंग भुगतान अनुसार राशि रू.1192.20 लाख है। मूल्‍यांकन हेतु अंतिम रनिंग देयक की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  ''3'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जांच दल द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र ''4'' अनुसार है।                     (घ) जांच दल द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन अनुसार उत्‍तरदायी अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांच प्रक्रिया अंतिम होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही करना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

बी.पी.एल. कार्ड के पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े जाना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( *क्र. 2393 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला मुरैना में कितने बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राही हैं? क्‍या पात्र हितग्राहियों के नाम काटे जा रहे हैं एवं उन्‍हें राशन सामग्री प्रदान नहीं की जा रही है? पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़ने हेतु शासन द्वारा कोई प्रयास किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कब तक एवं क्‍या?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : मुरैना जिले में 138673 बी.पी.एल. कार्डधारी (पात्रता पर्चीधारी) हितग्राही हैं। किसी भी पात्र हितग्राहियों के नाम नहीं काटे जा रहे हैं। पात्र हितग्राहियों को शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्‍यम से बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन सामग्री प्रदाय की जा रही है। शासन द्वारा समय-समय पर चलाये जा रहे अभियान के माध्‍यम से पात्र हितग्राहियों के नाम राशन पात्रता पर्ची में जोड़ने की कार्यवाही की गई है तथा वर्तमान में भी नाम जोड़ने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया अंतर्गत जारी है।

पार्वती सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

5. ( *क्र. 564 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले के राजगढ़ में पार्वती सिंचाई परियोजना सुठालिया में कितने गांव को सिंचाई हेतु जोड़ा गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग को कितने पत्र अभी तक उपलब्ध कराए गए हैं व उन पर क्या कार्रवाई की गई? उक्त पत्र कब-कब कहां-कहां किस-किस दिनांक में लंबित रहे, क्या कारण रहा? (ग) क्या उक्त परियोजना में ग्राम लसूड़ि‍या महाराजा, दुरला, तालोड़ी, बाईहेड़ा, खजुरिया, मोर्चाखेड़ी पिपलहेला, कचनारिया व नजदीक के गांव को जोड़ा गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करवायें, नहीं तो क्या कारण रहा? (घ) उक्त परियोजना में इन गांवों को कब तक सिंचाई परियोजना में जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों की फसल की पैदावार बढ़ सके? दिनांक सहित जानकारी बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ के अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना से लाभान्वित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार  तथा सुठालिया परियोजना से लाभान्वित ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) से (घ) माननीय सदस्‍य द्वारा सुठालिया परियोजना के अंतर्गत 08 ग्राम क्रमश: खजुरिया, बाईहेड़ा, मोर्चाखेड़ी, पीपलहेला, अमरगढ़, खंडिया, पीपलहेड़ा एवं कचनारिया को जोड़ने हेतु पत्र दिनांक 31.03.2022 प्राप्‍त हुआ था, जिस पर कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, ब्‍यावरा द्वारा अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्‍डल, भोपाल को आवश्‍यक अनुमति का लेख करते हुए प्रतिवेदन दिनांक 05.05.2022 को प्रस्‍तुत किया गया। पत्र में उल्लेखित ग्रामों को सैंच्य क्षेत्र अंतर्गत सम्मिलित नहीं किया गया है, क्‍योंकि सुठालिया परियोजना अंतर्गत सम्मिलित कमांड क्षेत्र के 174 ग्रामों का रकबा 49800 हेक्टेयर हेतु एजेंसी द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण एवं जलाशय में उपलब्ध जीवित जल क्षमता अनुरूप हाईड्रोलिक्स एवं नेटवर्क प्लानिंग आदि की स्वीकृति मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार के पत्र क्र. 111 (।) भोपाल दिनांक 31.03.2022 द्वारा पूर्व में ही जारी की जा चुकी थी। जल की अनुपलब्‍धता के कारण हाईड्रोलिक्स एवं नेटवर्क प्लानिंग स्वीकृति के पश्चात नवीन ग्रामों के जोड़े जाने की संभावना नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: ग्राम जोड़े जाने से संबंधित आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

धसान जल आवर्धन योजना

[जल संसाधन]

6. ( *क्र. 1177 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पूर्व में स्‍वीकृत घसान जल आवर्धन योजना से सिनोटी तालाब भराव किया जाना था, जिसकी वर्तमान स्थिति क्‍या है? योजना में क्‍या कार्य किया गया? कार्य कब तक पूर्ण होगा? टेण्‍डर किस कंपनी का है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : जल संसाधन विभाग अंतर्गत धसान जल आवर्धन योजना से सिनोटी तालाब भरे जाने की कोई योजना प्रस्‍तावित एवं स्‍वीकृत नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गेहूँ निर्यात एवं स्‍टॉक निष्‍पादन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

7. ( *क्र. 2646 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) वर्ष 2021 और 2022 में कितना गेहूँ निर्यात (एक्‍सपोर्ट) किया गया? दर, मात्रा, कुल राशि, निर्यातक देश का नाम, भुगतान प्राप्‍त होने की दिनांक सहित जानकारी दें। क्‍या यह गेहूँ सीधा बिना एजेंट के बेचा गया या निर्यातकों के माध्‍यम से बेचा गया? निर्यात किए गए गेहूँ के इनवाइस की प्रति देवें। (ख) 31 दिसम्‍बर की स्थिति में 2020 से 2022 तक कितना गेहूँ स्‍टॉक में था तथा वर्ष 2021 और 2022 में कितना गेहूँ खरीदा गया तथा इन वर्षों में गेहूँ का निष्‍पादन किस-किस प्रकार, किस-किस मात्रा में किया गया? (ग) वर्ष 2020 से 2022 तक कितना गेहूँ खराब हो गया? क्‍या खरगोन में ग्राम ऊन में ओपन कैप में रखा हुआ 23277 टन गेहूँ सड़ गया? यदि हाँ, तो बतावें कि उसका निष्‍पादन किस प्रकार से किया गया तथा उसके सेग्रीगेशन पर कितना खर्च आया तथा कुल मिलाकर कितने रूपए की हानि हुई? किस जिम्‍मेदार पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) पिछले 3 वर्षों में गेहूँ के खराब होने के किस-किस जिले में प्रकरण हुये? मात्रा सहित बतावें तथा खराब गेहूँ का निष्‍पादन किस प्रकार किया, सहित विस्‍तृत जानकारी दें तथा बतावें कि इन 3 वर्षों में गेहूँ के खराब होने, उसका सेग्रीगेशन करने, अन्‍य खर्च मिलाकर कुल कितना नुकसान हुआ तथा खराब गेहूँ का निष्‍पादन किस प्रकार किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

माइनर नहरों का सीमेन्टीकरण

[जल संसाधन]

8. ( *क्र. 2729 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा विधानसभा क्षेत्र में वितरिका नहर से कितनी माइनर नहरें जुड़ी हैं, जो पूर्व से ही मिट्टी की बनी है? इन मानइन नहरों पर समय-समय पर सफाई हेतु कितने कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं? सफाई कर्मियों के नाम सहित अवगत करावें। क्या माइनर नहरों में सीमेन्टीकरण कराये जाने की दिशा में शासन द्वारा कोई योजना तैयार की गयी है? इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया तो क्यों नहीं किया गया है? (ख) क्या माइनर नहरें मिट्टी की होने के कारण एरिया के अन्तिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता है तथा उसके आसपास की जमीनों में सीवेज आने से किसान मौसम की फसलें भी नहीं ले पाता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है? क्या शासन द्वारा माइनर नहरों में सीमेन्टीकरण की कोई कार्ययोजना बनायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माइनर नहरों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्यरत श्रमिकों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। माइनर नहरों में सीमेन्टीकरण कराने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। सभी माईनर नहरों में अंतिम छोर तक सिंचाई हेतु पानी पहुंचाया जाना प्रतिवेदित है तथा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सिंचाई की जा रही है। नहरें मिट्टी की निर्मित होने से कहीं-कहीं आंशिक रिसाव होता है, जिसे नहरों के संचालन के समय ही ठीक करा दिया जाता है। रिसाव होने से कहीं भी, किसी भी कृषक की फसलों में नुकसान होने की स्थिति नहीं है। माईनर नहरों में सीमेन्टीकरण कराने की वर्तमान में कोई कार्ययोजना नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "एक"

विस्‍थापितों को मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय

[वन]

9. ( *क्र. 2474 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या नौरादेही अभ्यारण्य की ग्राम पंचायत भैंसा, सर्रा, कूदपुरा, बोरिया के परिवारों को अभ्यारण्य से विस्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो विस्थापित कहां किया गया है? व्यक्तिवार विस्थापित स्थल की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) के अनुसार परिवारों को विस्थापित नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इन्हें शासन की मूलभूत सुविधाएं जैसे राशन, पेयजल एवं बिजली की सुविधाओं को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या जब तक परिवार विस्थापित नहीं हो जाते तब तक इन्हें मूलभूत सुविधाएं चालू किए जाने हेतु शासन आदेश करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नौरादेही अभयारण्‍य के अंतर्गत ग्राम पंचायत सर्रा के ग्राम लगरा-कुमरी के ग्रामीणों द्वारा स्‍वेच्‍छा से चयनित विकल्‍प-1 के अंतर्गत विस्‍थापन पैकेज राशि प्राप्‍त कर अपनी स्‍वेच्‍छा से अन्‍य स्‍थान पर बसे हैं। विस्‍थापित परिवारों की व्‍यक्तिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायत सर्रा के ग्राम लगरा-कुसमी के ग्रामवासियों के अतिरिक्‍त शेष ग्राम एवं ग्राम पंचायत भैंसा, कूदपुरा एवं बोरिया से आज दिनांक तक कोई भी ग्राम विस्‍थापित नहीं किये गये हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

झाबुआ जिले में खनिज उत्‍पादन से प्राप्‍त रॉयल्‍टी

[खनिज साधन]

10. ( *क्र. 2499 ) श्री वालसिंह मैड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज उत्पादन कितना-कितना हो रहा है? इसमें वर्तमान में शासन को कितनी-कितनी रॉयल्‍टी प्राप्त हो रही है? वर्षवार विवरण देवें।                         (ख) झाबुआ जिले से अन्य जिलों को रेत, गिट्टी, मुरम, मैगनीज का कितना अवैध खनिज का परिवहन किया जा रहा है? कितने प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2018 से वर्तमान तक उड़नदस्ते में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों का दल गठित किया गया? इनके द्वारा उक्‍त समयावधि में कितने-कितने विभिन्न खनिजों के अवैध परिवहन के प्रकरण बनाये गये? उनमें क्‍या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार झाबुआ जिले में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिजों के उत्‍पादन एवं प्राप्‍त रॉयल्‍टी की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार झाबुआ जिले से अन्‍य जिलों को रेत, गिट्टी, मुरूम, मैगनीज खनिज का अवैध परिवहन नहीं किया जा रहा है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (ग) वर्ष 2018 से मार्च 2019 तक उड़नदस्‍ता प्रभारी इंदौर संभाग के पद पर श्री संजय लुणावत सहायक खनि अधिकारी एवं खनिज सिपाही श्री नंदकिशोर चौहान का दल गठित था। जून 2019 से जुलाई 2021 तक उड़नदस्‍ता प्रभारी इंदौर संभाग के पद पर श्री राकेश कुमार कनेरिया, सहायक खनि अधिकारी पदस्‍थ थे एवं दल में खनि निरीक्षक, श्री देवेन्‍द्र चिडार जून 2019 से जून 2020 तक संलग्‍न रहे। जुलाई 2021 के पश्‍चात् उड़नदस्‍ता प्रभारी इंदौर संभाग के पद पर किसी भी अधिकारी की पदस्‍थापना नहीं की गई है। वर्ष 2018 से वर्तमान तक संभागीय उड़नदस्‍ता इंदौर संभाग द्वारा झाबुआ जिले में विभिन्‍न खनिजों के अवैध परिवहन के कुल 09 प्रकरण दर्ज किये जाकर, अर्थदण्‍ड राशि रूपये 6,57,800/- वसूल किये गये। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - "दो"

अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति एवं संलग्नीकरण

[राजस्व]

11. ( *क्र. 2712 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या वास्तव में प्रदेश में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके मूल विभाग से किसी अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति एवं संलग्नीकरण किया जा सकता है? नियम निर्देश की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करवाएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) :  जी हाँ। शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके मूल विभाग से अन्‍य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। नियम निर्देश की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तीन"

पटवारी चयन परीक्षा

[राजस्व]

12. ( *क्र. 2607 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) पिछली दो पटवारी चयन परीक्षा कब-कब, कितने-कितने पदों पर, किस-किस एजेंसी से,               किस-किस माध्‍यम (ऑनलाईन/ऑफलाईन) से कराई गई? परीक्षावार गौशवारा बनाकर दें।                         (ख) उपरोक्‍त के अनुक्रम में चयनित पटवारी परीक्षा के उत्‍तीर्ण अभ्‍यर्थियों की चयन एवं वेटिंग सूची विभाग को कब, कितने अभ्‍यर्थियों के साथ प्राप्‍त हुई? परीक्षावार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। क्‍या चयनित अभ्‍यर्थियों के परीक्षा परिणाम की पुष्टि संबंधित एजेंसी से कराई जाती है अथवा कभी भी कराई गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, कितने-कितने अभ्‍यर्थियों की? यदि नहीं, तो कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (ग) चयनित अभ्‍यर्थियों को स्‍क्रूटनी के दौरान कब नियुक्ति प्रदान की गई है? कितने अभ्‍यर्थी चयन सूची से बाहर किए गए? (घ) उपरोक्‍त के अनुक्रम में नियुक्‍त पटवारियों को सा.प्र.वि. के आदेशों के अनुक्रम में कम्‍प्‍यूटर दक्षता प्रमाण पत्र एवं वेतन भत्‍ते (नियम/अनुपात 50, 75, 90 प्रतिशत) दिया गया है? प्रथम-द्वितीय-तृतीय वर्ष में कितना-कितना वेतन भुगतान किया गया? यदि 100 प्रतिशत वेतन भुगतान किया जा रहा है तो सा.प्र.वि. के नियमों के उल्‍लंघन के लिये कौन जिम्‍मेदार है? कारण सहित बतायें। कम्‍प्‍यूटर दक्षता प्रमाण पत्र की वैधता समाप्‍त होने पर संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। किन स्‍मार्ट यूटीलिटि‍ के साथ पटवारियों को फील्‍ड में भेजा जाता है? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) पिछली 02 पटवारी चयन परीक्षा के वर्ष 2012 एवं 2017, पदों की संख्‍या 2761 एवं 9235, एजेन्‍सी का नाम - एम.पी. ऑनलाईन एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्‍यम- ऑनलाईन। (ख) वर्ष 2017 की पटवारी चयन परीक्षा की 9235 अभ्यर्थियों की मेरिट सूची प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा कार्यालय में दिनांक 05.04.2018 को आयुक्‍त भू-अभिलेख मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर को भेजी गई। इसके उपरांत 43290 अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा दिनांक 22.06.2019 आयुक्‍त भू-अभिलेख मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर को भेजी गई। वर्ष 2012 की पटवारी चयन परीक्षा की 81213 अभ्यर्थियों की मेरिट सूची एम.पी. ऑनलाईन द्वारा अप्रैल 2012 में आयुक्‍त भू-अभिलेख मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर को भेजी गई। चयनित अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम को संबंधी एजेन्सी द्वारा पुष्टि कर ही परीक्षा परिणाम जारी कर सूची भेजी जाती है। (ग) वर्ष 2012 में चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण करने उपरांत नियुक्ति प्रदान की जाना प्रावधानित था। अतः जैसे-जैसे अभ्यर्थी विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण करते गए, इनके नियुक्ति आदेश जिला कार्यालय द्वारा जारी किए जाते रहे। वर्ष 2017 में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रशिक्षण दिनांक से प्रभावशील होना प्रावधानित था। यह प्रशिक्षण सत्र 06.08.2018, 20.01.2020, 01.12.2020 एवं 10.11.2021 को प्रारंभ हुआ। शेष अभ्यर्थियों को बाहर किया गया है। (घ) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग, मंत्रालय वल्‍लभ भवन, भोपाल के आदेश क्र.सी. 3-13/2019/3/एक भोपाल दिनांक 12 दिसम्‍बर, 2019 को जारी किए गए, जिसमें नव-नियुक्त सीधी भर्ती के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की तीन वर्ष की परिवीक्षावधि एवं वेतन भुगतान संबंधी प्रावधानित है, लेकिन उक्त दोनों परीक्षाएं वर्ष 2019 से पूर्व की होने से यह निर्देश इन परीक्षाओं पर लागू नहीं होते हैं। इसीलिए कोई दोषी अधिकारी का प्रश्‍न ही उद् भूत नहीं होता है। कम्‍प्‍यूटर दक्षता प्रमाण पत्र की वैधता समाप्‍त होने पर संबंधित के विरूद्ध विभागीय नियम दिशा-निर्देश के अनुसार कार्यवाही की जाती है। पटवारियों को लैपटॉप, मोबाईल, सी.यू.जी. सिम आदि जैसे स्‍मार्ट यूटिलिटि के साथ फील्‍ड पर भेजा जाता है।

स्‍टाप डेम कम काजवे के कार्य में लापरवाही

[जल संसाधन]

13. ( *क्र. 2098 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पथरिया के ग्राम इमलिया लांजी एवं चरवारी के मध्‍य सुनार नदी पर निर्मित स्‍टाप डेम-कम-काजवे का निर्माण किया गया है, जिसका निर्माण कमजोर होने से यह जीर्ण-शीर्ण है? (ख) क्‍या इस कार्य की गुणवत्‍ता ठीक कराने हेतु आवश्‍यक कार्यवाही करेंगे? (ग) विभाग द्वारा बनाये गये स्‍टाप डेम-कम-काजवे के दोनों ओर की सड़कों से इसे जोड़ा नहीं गया है, जिससे इसका लाभ परिवहन हेतु नहीं हो पा रहा है? (घ) क्‍या इस काजवे के दोनों ओर आवश्‍यक सड़क के निर्माण की अनुमति प्रदान करेंगे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पथरिया के ग्राम इमलिया लांजी एवं चरवारी के मध्य सुनार नदी पर इमलियाधोना स्टापडेम कम काजवे का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा किया गया है। इस वर्ष अत्यधिक वर्षा होने के कारण पानी का फ्लो ब्रिज के ऊपर से हुआ, जिसके कारण ब्रिज का बियरिंग कोट उखड़ जाना प्रतिवेदित है। (ख) ब्रिज के बियरिंग कोट के सुधार हेतु राशि रू. 32.56 लाख की निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। एजेंसी निर्धारण उपरांत सुधार कार्य कराया जाना संभव होगा। (ग) इमलियाधोना स्टाप डेम कम काजवे को ग्राम वासियों के आवागमन हेतु निर्मित कच्चे रास्ते से दोनों ओर जोड़ा जाना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं, सड़क के निर्माण का प्रावधान मूल तकनीकी स्वीकृति प्रस्ताव में नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्रामीण स्‍वामित्‍व योजनांतर्गत आबादी भूमि का वितरण

[राजस्व]

14. ( *क्र. 2587 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 830, दिनांक 21 दिसंबर, 2022 के प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में अधिकार अभिलेख प्रदान किये गये हैं, जो तहसीलवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है? प्रश्‍नांश (ग) का उत्तर जिले में स्वामित्व योजना लगातार गतिशील है, सभी पात्र हितग्राहियों के अधिकार अभिलेख नियमानुसार प्रदाय किये जायेंगे? शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है, दिया गया है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो विधानसभा विजयराघवगढ़ में प्रश्‍न दिनांक तक ग्रामीण स्वामित्व योजनांतर्गत कितने पात्र हितग्राही लाभान्वित किया जाना शेष हैं एवं प्रश्‍न दिनांक तक कितने पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) कटनी जिला अंतर्गत विधानसभा विजयराघवगढ़ में प्रश्‍न दिनांक तक ग्रामीण स्‍वामित्‍व योजना अंतर्गत कुल 23794 पात्र हितग्राहियों में से 9023 पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। 14771 पात्र हितग्राही शेष हैं।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

15. ( *क्र. 2167 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम खेला गांव तहसील नलखेड़ा जिला आगर मालवा में स्थित पंचायत भवन के आसपास कितनी शासकीय भूमि पर असामाजिक तत्‍वों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? प्रश्‍न क्रमांक 383, दिनांक 09.12.2015 के साथ अन्‍य कई प्रश्‍नों में राजस्‍व मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि 26 अतिक्रमणकारियों द्वारा शासकीय भूमि पर कब्‍जा किया गया है? शासन द्वारा ऐसे अतिक्रमणकारियों से आज दिनांक तक शासकीय भूमि अपने अधिपत्‍य में क्‍यों नहीं ली जा रही है? (ख) क्‍या राजस्‍व के कतिपय अधिकारी एवं अतिक्रमणकारियों की मिलिभगत से विधान सभा को एक ही प्रश्‍न के अलग अलग उत्‍तर दिये जाकर मात्र औपचारिकता पूरी की गई है, क्‍या शासन ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित करेगा तथा शासकीय भूमि को कब तक अपने अधिपत्‍य में लेगा? (ग) पंचायत भवन से लगी हुई शासकीय भूमि पर क्‍या किसी अतिक्रमणकारियों द्वारा भवन बनाया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे भवन बनाने की अनुमति किसके द्वारा दी गई है? क्‍या शासन ऐसे अवैध भवन को तत्‍काल हटान‍े की कार्यवाही करेगा। साथ ही शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम खेलागाव तहसील नलखेड़ा स्थित पंचायत भवन सर्वे क्रमांक 273, रकबा 1.02 ग्रामीण आवास योजना अन्तर्गत भूमि मद में दर्ज है, जिसमें से रकबा 0.20 हे. भूमि पर अतिक्रमण किया गया था, जिसे न्यायालय तहसीलदार तहसील नलखेड़ा के प्रकरण क्रमांक 103/अ-68/2022-23, 104/अ-68/2022-23 आदेश दिनांक 16.01.2023 से अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली आदेश पारित किया गया तथा अतिक्रामक को बेदखल कर भूमि अधिपत्य में ली गयी। प्रश्‍न क्रमांक 383 में वर्णित 26 अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा किये गये अतिक्रमण संबंधी प्रकरणों में आदेश पारित किया जाकर निराकरण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। विभिन्‍न विधानसभा सत्रों के दौरान विधानसभा प्रश्‍नों के द्वारा भूमि विशेष पर मांगी गई अतिक्रामकों की संख्‍या एक समान होना आवश्‍यक नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांकित भूमि ग्रामीण आवास योजना अंतर्गत होने से मौके पर निर्मित मकानों को शासन निर्देशानुसार स्‍वामित्‍व योजना के अन्‍तर्गत योजना का लाभ प्रदाय किया गया है।


अवैध उत्खनन

[खनिज साधन]

16. ( *क्र. 2715 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर के विकास खंड डबरा/भितरवार/मुरार/घाटीगांव में स्थित वर्ष 2022-23 में संचालित पत्थर-फर्सी/खंडा-बोल्डर/मुरम/रेत खदानें किस-किस स्थान पर किस ठेकेदार/फर्म को कब से कब तक के लिए कितनी-कितनी राशि में दी गयी हैं? पृथक-पृथक बतावेंl (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिला ग्वालियर स्थित उक्त अनुबंधित प्रत्येक खदान से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार                  कितनी-कितनी आय प्राप्त हुयी? वर्षवार एवं खदानवार पृथक-पृथक बतावेंl (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिला ग्वालियर स्थित उक्त अनुबंधित खदानों में से किस ठेकेदार/फर्म द्वारा कहाँ की खदान कब से कब तक किस कारण संचालित नहीं की जा रही है? ठेकेदार/फर्म के विरुद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गयी? नहीं की गयी तो क्यों नहीं? (घ) क्या जिला ग्वालियर स्थित ठेकेदार/फर्म से अनुबंधित कई स्थानों की रेत खदानें संचालित नहीं किये जाने से ग्राम पंचायतों तथा नगरीय क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित होने के साथ ही स्थानीय मजदूर/कारीगरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है? ऐसी अनुबंधित खदानों के ठेकेदार/फर्म के विरूद्ध अभी तक किस प्रकार की कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गयी तो कब की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार जिले में 10 रेत खदानें हैं। ई-निविदा से निवर्तन के उपरांत 02 संचालित हैं एवं शेष 08 खदानों में वैधानिक अनुमतियों के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ग्राम पंचायतों तथा नगरीय क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित होने एवं स्‍थानीय मजदूर/कारीगरों को रोजगार नहीं मिल पाने की स्थिति सही नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन भूमि के बदले राजस्व भूमि

[राजस्व]

17. ( *क्र. 3426 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर जिला नीमच द्वारा बरखेड़ा बलाखेड़ा चौकड़ी मार्ग के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (अ)/2022-23, दिनांक 28.12.2022, कालिया खो जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 27/अ-20 (अ)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 एवं गंगा बावड़ी जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (अ)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 के द्वारा वन विभाग की जो भूमि इन परियोजना में जा रही है, उसके बदले राजस्व भूमि प्रदान की गई है? वन विभाग द्वारा इस जमीन को क्यों नहीं लिया जा रहा है? (ख) वन भूमि के बदले राजस्व भूमि लेने के क्या नियम एवं शर्तें हैं? उसका उल्लेख करें। (ग) नीमच जिले एवं पूरे प्रदेश में प्राइवेट सेक्टर में कितनी जमीन वन भूमि के बदले प्रदान की गई है? उसमें जमीन प्रदान करने में क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? इस जमीन व उन सभी जमीन का तुलनात्मक परीक्षण करके बताएं कि यह जमीन सही है या वह जमीन? (घ) वन भूमि के बदले राजस्व भूमि दी जाती है, उसके बदले वन विभाग द्वारा जो राशि ली जाती है, उसका क्या उपयोग किया जाता है? पूरे प्रदेश में वन भूमि के बदले कितनी राशि प्राप्त हुई? उसका क्या उपयोग किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर जिला नीमच द्वारा बरखेड़ा बलाखेड़ा चौकड़ी मार्ग के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (3)/2022-23, दिनांक 28.12.2022, कालिया खो जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 27/अ-20 (3)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 एवं गंगा बावड़ी जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (3)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 के द्वारा वन विभाग की जो भूमि इन परियोजना में जा रही है, उसके बदले राजस्व भूमि प्रदान की गई है। जिले में कालिया खो जलाशय योजना एवं गंगा बावड़ी जलाशय योजना क्षतिपूर्ति वनीकरण हेतु उपलब्ध कराई गई राजस्व भूमि प्राप्त कर इसे संरक्षित वन घोषित किया जा चुका है।                                 (ख) वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत व्यपवर्तित वन भूमि के समतुल्य गैर वन भूमि प्राप्त किये जाने के प्रावधान हैं। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है

आदिवासी वर्ग की जमीन का हस्‍तांतरण

[राजस्व]

18. ( *क्र. 195 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में कितने आदिवासी वर्ग की जमीन अ.जा, पिछड़ा वर्ग, सामान्‍य वर्ग के नाम पर हस्‍तांतरित की गई है? दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक हस्‍तांतरित की गई जमीन किन-किन व्‍यक्तियों के नाम की गई? जानकारी नाम, रकबा नं., खसरा नं., पटवारी हल्‍का नं., जमीन का स्‍थान, ग्राम, तहसील की जानकारी सूची सहित उपलब्‍ध करायें। (ख) बड़वानी जिले में आदिवासी वर्ग की जमीन अ.जा, पिछड़ा वर्ग, सामान्‍य वर्ग के नाम पर हस्‍तांतरण के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍न दिनांक तक जमीन हस्‍तांरतण के कितने मामले लंबित हैं? उसकी सूची, नाम, ग्राम, तहसील, रकबा नं., खसरा नं. सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिले में आदिवासी वर्ग की जमीन अ.जा., पिछड़ा वर्ग, सामान्‍य वर्ग के नाम पर हस्‍तांतरित नहीं की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्‍तरार्थ (क) अनुसार जानकारी निरंक है। (ग) उत्‍तरार्थ (क) अनुसार जानकारी        निरंक है।

उप तहसील बरेला को तहसील का दर्जा

[राजस्व]

19. ( *क्र. 1017 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बरेला को पूर्ण तहसील का दर्जा प्राप्‍त न होने के कारण उक्‍त क्षेत्र के अधिकांश प्रकरण तहसीलदार जबलपुर को प्रेषित किये जाते हैं? (ख) क्‍या बरेला उप तहसील के अंतर्गत 32 ग्राम पंचायतें, 35 पटवारी हल्‍के एवं नगर परिषद के 15 वार्ड हैं, जिनकी लगभग 1 लाख से अधिक जनसंख्‍या है? (ग) क्‍या बरेला के ग्राम कुटैली, महगांव डूंगा, तिलहरी सहित कुछ ग्रामों के किसानों को 48 कि.मी. दूर जबलपुर तहसील में राजस्‍व संबंधी कार्यों के लिये आना जाना पड़ता है?                 (घ) यदि हाँ, तो क्‍या जनहित में बरेला उप तहसील को तहसील का दर्जा दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो कारण सहित तहसील बनाने के मापदण्‍ड बतावें।  

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, पूर्व से ही बरेला (सर्किल) में टप्पा तहसील कार्यालय बना हुआ है, जिसमें समस्त राजस्व कार्य सम्पादित होते हैं। केवल प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत प.ह.न. 67, 68, 69, 70, 71, 72, 73, 74 के राजस्व प्रकरण तहसील कार्यालय जबलपुर से निराकृत किये जाते हैं। (ख) जी हाँ। (ग) पूर्व से ही बरेला में टप्पा तहसील कार्यालय में बना हुआ है, जिसमें समस्त राजस्व कार्य सम्पादित होते हैं। (घ) ऐसा कोई प्रस्‍ताव कलेक्‍टर से प्राप्‍त नहीं हुआ है।

सेवा सहकारी समिति की राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( *क्र. 526 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) क्या नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल में सेवा सहकारी समिति की राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण वर्ष 2020 के माह फरवरी, मार्च एवं अप्रैल में पी.ओ.एस. मशीन में बिना फिंगर लगवाये किया गया है? (ख) क्या जो वितरण पंजी से खाद्यान्न वितरित किया गया है, वह अभी भी पी.ओ.एस. मशीन में शेष प्रदर्शित हो रहा है? यदि हाँ, तो वितरण पंजी से किये गये खाद्यान्न वितरण का समायोजन पी.ओ.एस. मशीन से आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है?                                               (ग) क्या उपरोक्तानुसार समायोजन न होने के कारण राशन दुकानों में आवंटन कम आ रहा है? यदि हाँ, तो इसका समायोजन कब तक किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल के लॉकडाउन में माह मार्च-अप्रैल, 2020 में पात्र हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन के स्‍थान पर पी.ओ.एस. मशीन से समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर खाद्यान्‍न का वितरण कराया गया। (ख) कोरोना काल में भी उचित मूल्‍य दुकानों से पात्र परिवारों को पी.ओ.एस. मशीन के माध्‍यम से ही खाद्यान्‍न वितरण की व्‍यवस्‍था की गई थी। वितरण पंजी से खाद्यान्‍न वितरण के कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। यदि किन्‍हीं कारणों से पी.ओ.एस. मशीन के स्‍थान पर पंजी से खाद्यान्‍न का वितरण किया गया है, तो वितरित मात्रा को जिला स्‍तर से दुकानवार ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल पर प्रविष्टि‍ के आधार पर मात्रा का समायो‍जन पी.ओ.एस. मशीन के स्‍टॉक में किया जा चुका है। नरसिंहपुर जिले में ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल पर दर्ज एवं पी.ओ.एस. मशीन के स्‍टॉक में समायोजित मात्रा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोरोना काल में ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल पर पंजी से वितरित दर्ज खाद्यान्‍न मात्रा का समायोजन किया जा चुका है। उचित मूल्‍य दुकानों पर पात्रता से कम खाद्यान्‍न आवंटन होने पर जिला स्‍तर से अतिरिक्‍त आवंटन पोर्टल पर दर्ज करने एवं जारी करने की व्‍यवस्‍था की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना

[राजस्व]

21. ( *क्र. 2496 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत देवास विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2022-23 में भू-अधिकार (पट्टे) दिये जाने की कोई योजना प्रस्‍तावित थी?               (ख) यदि हाँ, तो देवास विधान सभा क्षेत्र में शासन की मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में भू-अधिकार (पट्टा) बनाया गया है या नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) देवास विधानसभा क्षेत्र 171 में शासन की मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में भूमि स्‍वामी अधिकार पत्र बनाये जाने का कार्य प्रचलित है।

जावरा नगर स्थित घुड़दौड़ सड़क मार्ग

[राजस्व]

22. ( *क्र. 2538 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर में नवाबी रियासतकालीन जावरा शुगर मिल के पास स्थित भूमि से लगी घुड़दौड़ सड़क हुआ करती थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त स्थल पर लगभग 40 फीट से अधिक चौड़ाई की एक गोलाकार सड़क तत्कालीन समय में बनाई गयी थी?                                   (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित विषयानुसार विगत वर्षों में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिलाधीश रतलाम एवं अनुविभागीय अधिकारी जावरा को पत्रों के माध्यम से इस हेतु अवगत कराया गया था?                   (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में उल्लेखित घुड़दौड़ सड़क किस स्थिति में होकर सड़क मार्ग का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है? क्या उस पर भिन्न-भिन्न स्थानों पर अतिक्रमण भी है? साथ ही सड़क को पूरी तरह से मुक्त कर जनोपयोगी बनाए जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत जावरा नगर में नवाबी रियासतकालीन जावरा शुगर मिल के पास स्थित भूमि से लगे रास्ते को घुड़दौड़ के नाम से जाना जाता था, परन्तु सड़क के संबंध में कोई दस्तावेज/अभिलेख उपलब्ध नहीं है। वर्तमान अभिलेख उक्त भूमि रास्ता मद में दर्ज है। (ख) नक्शा अभिलेख में एक गोलाकार आकृति उपलब्ध है, जिसकी चौड़ाई लगभग 40 फिट है। सड़क के संबंध में कोई दस्तावेज/अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ग) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 508, जावरा दिनांक 03.02.2022 द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद जावरा को पत्रानुसार घुड़दौड़ भूमि अतिक्रमण से मुक्त करवाकर पक्का रोड निर्माण करवाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु भेजा गया। (घ) तहसीलदार जावरा अनुसार वर्तमान में उक्त रास्ते का उपयोग रास्ते के रूप में किया जा रहा है, जिसके कुछ भाग पर अतिक्रमण को हटाये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है।

आदिवासी वर्ग की जमीनों का गैर आदिवासी को विक्रय

[राजस्व]

23. ( *क्र. 2636 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 1995 से 2003 तक की अवधि में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को जीवि‍कोपार्जन हेतु शासकीय भूमि के पट्टे दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो सीहोर जिले में उक्तावधि में कितने-कितने पट्टे किन-किन शर्तों पर दिए गए? आवंटियों के नाम, पता एवं जमीन का खसरा नम्बर एवं रकबा सहित विवरण दें। (ग) पट्टा आवंटन के पश्चात उक्त पट्टों की भूमि को 10 वर्ष बाद भू-राजस्व संहिता की किस धारा के अन्तर्गत विक्रय किए जाने का अधिकार किस अधिकारी को है? (घ) वर्ष 2015 से 2022 तक सीहोर जिले में कितने आदिवासी वर्ग के पट्टेधारकों की भूमि गैर आदिवासी वर्ग के लोगों को विक्रय किए जाने की अनुमति प्रदान की गई एवं अनुमति उपरांत कितनी-कितनी भूमि किस-किस को विक्रय की गई? (ड.) क्या आदिवासी वर्ग के लोगों की जमीनों को गैर आदिवासी वर्ग के लोगों को विक्रय किए जाने के संबंध में अनियमितता एवं गड़बड़ियों की जांच हेतु वर्ष 2015 में एक समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो इस समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों के नाम बताएं तथा समिति के गठन से लेकर जनवरी 2023 तक कितने प्रकरण जांच हेतु आए एवं इन प्रकरणों के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार बताएं। (च) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों को पट्टे पर दी गई जमीनों पर बाहुबलियों द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जांच कराकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) सीहोर जिले में उक्तावधि में अनु.जाति वर्ग को 5271 पट्टे एवं अनु.ज.जाति वर्ग को 2134 पट्टे म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के उपबंधों एवं उसके अन्तर्गत नियमों के अधीन प्रदाय किए गए हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग) म.प्र. भू राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा (7-ख) में प्रश्‍नांकित अधिकार कलेक्‍टर की पद श्रेणी से अनिम्‍न पद श्रेणी के किसी राजस्‍व अधिकारी को है। (घ) वर्ष 2015 से 2022 तक सीहोर जिले में 02 आदिवासी वर्ग के पट्टेधारों की भूमि गैर आदिवासी वर्ग के लोगों को विक्रय किए जाने की अनुमति प्रदान की गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''''अनुसार है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (च) जिला सीहोर अन्तर्गत ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं।

बरगी जलाशय से मत्स्य उत्पादन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

24. ( *क्र. 2449 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बरगी जलाशय से बरगी मत्स्य उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित जबलपुर, द्वारा वर्ष 1994 से 2000 तक औसत मत्स्य उत्पादन वार्षिक 450 टन था?                               (ख) क्‍या ठेकेदारी प्रथा के बाद मत्स्य उत्पादन में भारी गिरावट आयी है? मछुआरे रोजगार के लिए बाहर पलायन को बाध्य हैं? पिछले दस वर्षों का बरगी जलाशय में प्रति वर्ष कितना उत्पादन रहा है? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) बरगी जलाशय से कितने मछुआरे रोजगार के लिए पलायन करते हैं? किस जलाशय में काम करने जाते हैं? (घ) क्‍या बरगी जलाशय में मत्स्य उत्पादन में गिरावट को लेकर कोई अध्ययन कराया गया है? अगर नहीं तो भविष्य में अध्ययन कराने की योजना है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विगत 10 वर्षों में बरगी जलाशय में प्रति वर्ष मत्‍स्‍य उत्‍पादन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।                                             (ग) बरगी जलाशय में पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों के लगभग 50 से 100 मछुआरे स्‍वेच्‍छा से अन्‍य जलाशयों में मत्‍स्‍याखेट हेतु जाते हैं। (घ) जी हाँ।

परिशिष्ट - "पांच"

कीट प्रकोप से फसल क्षति

[राजस्व]

25. ( *क्र. 3116 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) वर्ष 2020-21 के प्रथम, द्वितीय व तृतीय अनुपूरक अनुदान (बजट) में मांग संख्‍या 058 के मद क्रमांक (7249) कीट प्रकोप से फसल क्षति में कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? पृथक-पृथक बतावें। (ख) उपरोक्‍त राशि में से कितनी राशि उपयोग में ली गई, कितनी शेष रही? वित्‍तीय वर्ष की समाप्ति की स्थिति में बतावें। (ग) उपरोक्‍त राशि से कितने जिलों के कितने किसानों को सहायता पहुंचाई गई है? जिला नाम, किसान संख्‍या, राशि सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020-21 में मांग संख्‍या 058 अंतर्गत योजना शीर्ष (7249) में अनुपूरक अनुदान में बजट प्रावधान का विवरण निम्‍नानुसार है :-

 

विवरण

राशि (लाख में)

प्रथम अनुपूरक अनुमान

60600.00

द्वितीय अनुपूरक अनुमान

45000.00

तृतीय अनुमान

निरंक

कुल योग

105600.00

 

(ख) योजना शीर्ष 7249 में मूल बजट प्रावधान, अनुपूरक अनुदान एवं पुनर्विनियोजन को मिलाकर कुल राशि 212679.80 लाख वितरित की गई। वित्‍तीय वर्ष के अंत में IFMIS में B.C.O. स्‍तर पर राशि रूपये 15155.44 लाख शेष रही। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार संलग्‍न है।

परिशिष्ट - "छ:"

 

 


 


भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


सिविल अस्‍पताल को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

1. ( क्र. 196 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) बड़वानी जिले में सिविल अस्‍पताल सेंधवा हेतु कितनी भूमि आंवटित की गई थी? आवंटन आदेश की छायाप्रति व जमीन के खसरा, नक्‍शा सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। क्‍या सिविल अस्‍पताल सेंधवा को आवंटित भूमि पर अस्‍पताल का कब्‍जा हैं? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर? नहीं तो किन के द्वारा शासकीय अस्‍पताल सेंधवा की आवंटित भूमि पर अतिक्रमण किया गया हैं? नाम, पतावार कब्‍जा की भूमि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) सिविल अस्‍पताल सेंधवा, को मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी द्वारा भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने हेतु कोई आवेदन दिया गया? यदि हाँ, तो सिविल अस्‍पताल सेंधवा की भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराये जाने की क्‍या कार्यवाही की गई एवं आज दिनांक तक अस्‍पताल को आवंटित भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त क्‍यों नहीं कराया गया कब तक कराया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सिविल अस्पताल सेंधवा का नाम शासकीय खसरा नम्बर 98/2, 99, 100, 101, 102/3, 103, 104/1, 105 कुल रकवा 1.791 हेक्‍टर के कॉलम नम्बर 12 में दर्ज होकर उक्‍त खसरा नम्बरों पर कॉबिज है। खसरा एवं नक्शा की प्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। शासकीय अस्पताल सेंधवा की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है। (ख) उत्‍तरांश () के अनुक्रम में सिविल अस्‍पताल सेंधवा की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रेत का अवैध उत्खनन

[खनिज साधन]

2. ( क्र. 642 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कितनी रेत खदानें स्वीकृत हैं? यदि स्वीकृत हैं तो कुल कितना रकवा, ग्रामवार, खसरा नं. सहित जानकारी देवें। (ख) क्या पूर्व में वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में अवैध रेत उत्खनन स्वीकृत रकवे से अलग हटकर रेत उत्खनन एवं रेत के स्टॉक (भण्डारण) अवैध टोकन को लेकर क्षेत्रीय विधायक ने शिकायत की थी, उस पर स्थानीय खनिज विभाग/स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खरगोन जिले की महेश्‍वर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्‍वीकृत रेत खदानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। आर. के. गुप्‍ता कॉन्‍ट्रेक्‍टर्स एण्‍ड इंजीनियर्स प्रा. लिमि. द्वारा ग्राम कठौरा में अवैध उत्‍खनन करते पाये जाने पर राशि रूपये 17,32,500/- अर्थदण्‍ड अधिरोपित कर प्रकरण दर्ज किया गया है। ठेकेदार द्वारा रेत खदानों के ठेका संचालन में की जा रही अनियमितताओं के कारण जिला कार्यालय खरगोन से ठेका निरस्‍ती का प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, भोपाल के आदेश दिनांक 31/12/2021 से ठेका निरस्‍त कर दिया गया है।

परिशिष्ट - "सात"

तहसीलदार/नायब तहसीलदार एवं राजस्‍व निरीक्षकों की पदपूर्ति

[राजस्व]

3. ( क्र. 713 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितने तहसीलदार/नायब तहसीलदार व राजस्‍व निरीक्षकों के पद स्‍वीकृत है व कितने तहसीलदार/नायब तहसीलदार। राजस्‍व निरीक्षक जिला दमोह में पदस्‍थ है। पदस्‍थापना स्‍थलवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) जिला दमोह में रिक्‍त तहसीलदारों/नायब तहसीलदार/राजस्‍व निरीक्षकों की पद पूर्ति कब तक की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह जिले में तहसीलदार/ अति‍रिक्‍त तहसीलदार के 11 पद, नायब तहसीलदार के 16 पद एवं राजस्व निरीक्षक के 41 पद स्वीकृत है। तहसीलदार/अति‍रिक्‍त तहसीलदार 02, नायब तहसीलदार 13 एवं राजस्व निरीक्षक 27 पदस्थ है। पदस्थापना स्थलवार  जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) तहसीलदारों, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों की उपलब्धता के आधार पर स्थानान्तरण नीति अनुसार पूर्ति की जाती है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "आठ"

जिला प्रतिष्‍ठान मद से प्रशासकीय स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

4. ( क्र. 715 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत जिला प्रतिष्‍ठान मद में वर्ष 2022-23 में कितनी राशि जिला में शेष है? (ख) क्‍या यह सही है कि जिला प्रतिष्‍ठान (गौण खनिज) मद में जिला स्‍तर से शासन को 06 माह पूर्व प्रस्‍ताव भेजे गये थे यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्‍वीकृति की क्‍या कार्यवाही हुई बतायें व कब तक प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदाय की जावेगी समय-सीमा बतायें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दमोह जिला अंतर्गत वर्ष 2022-23 में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में राशि रूपये 6,09,60,891/- शेष है। (ख) जी नहीं। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान (गौण खनिज) मद से प्रस्‍ताव नहीं भेजे गये हैं। अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से संशोधित मध्‍यप्रदेश राजपत्र दिनांक 25 अगस्‍त, 2022 के नियम 14 के अनुसार जिला दमोह से कुल 67 प्रस्‍ताव राज्‍य सरकार द्वारा विनिर्दिष्‍ट पोर्टल पर संबंधित विभाग को प्रेषित किये गये है। संबंधित विभागों द्वारा 67 प्रस्‍तावों के विरूद्ध 31 प्रस्‍तावों पर टीप प्रस्‍तुत की गई है। विभागों द्वारा 31 टीप प्राप्‍त प्रस्‍तावों पर प्रशासकीय अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलन में है।

उर नदी परियोजना

[जल संसाधन]

5. ( क्र. 773 ) श्री के.पी. सिंह कक्‍काजू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उर नदी परियोजना के कार्य हेतु शासन द्वारा कुल कितनी राशि का प्रावधान रखा गया था तथा कार्य पूर्ण किये जाने हेतु कितनी समयावधि निर्धारित थी? अनुबंध अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि का उपयोग किया जा चुका है तथा कितनी राशि उपयोग हेतु शेष है? (ख) क्‍या उर नदी परियोजना का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण हो चुका है यदि नहीं, तो किन-किन स्‍थानों का कितना कार्य शेष है? कार्य अपूर्ण रहने के कारण सहित विस्‍तृत जानकारी दें? यह भी बताये कि लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) उर नदी परियोजना का कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं होने हेतु कौन-कौन उत्‍तरदायी है? क्‍या जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 2208.03 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। अनुबंध अनुसार परियोजना का कार्य पूर्ण किये जाने हेतु अनुबंध दिनांक से कुल 36 माह की समयावधि निर्धारित थी। अनुबंध अनुसार परियोजना निर्माण पर कुल राशि रूपये 1350.67 करोड़ (मूल्य वृद्धि एवं जी.एस.टी. सहित) व्‍यय किया जा चुका है तथा कुल राशि 625.64 करोड़ (मूल्य वृद्धि एवं जी.एस.टी. छोड़कर) शेष है। (ख) जी नहीं। वस्‍तुस्थिति यह है कि परियोजना अन्तर्गत बांध निर्माण कार्य 10 प्रतिशत तथा नहर निर्माण कार्य 65 प्रतिशत शेष होना प्रतिवेदित है। बांध के डूब क्षेत्र व नहर निर्माण हेतु अर्जित कृषकों की निजी भूमि एवं वन भूमि पर अधिपत्य में विलम्ब के कारण कार्य अपूर्ण है। परियोजना अन्तर्गत शेष निर्माण कार्य माह नवम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) अनुबंध अनुसार नियत समयावधि में कोरोना संक्रमण के कारण, कृषकों की निजी एवं वन भूमि के अधिग्रहण में विलम्ब के कारण परियोजना का कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं हो सका। अत: किसी अधिकारी को उत्तरदायी ठहरायें जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उर परियोजना अंतर्गत नहरों का कार्य

[जल संसाधन]

6. ( क्र. 774 ) श्री के.पी. सिंह कक्‍काजू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश के शिवपुरी जिले में उर परियोजना का कार्य कब प्रारंभ हुआ तथा कब तक पूर्ण होना चाहिए था? यदि नहरों का कार्य अभी भी अपूर्ण हैं? कार्य पूर्ण न होने का कारण क्‍या हैं?               (ख) उर परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण में आने वाली किसानों की जमीनों की मुआवजा राशि का भुगतान किसानों को किया गया या नहीं? यदि नहीं, किया गया हैं तो इसके कारण क्‍या हैं? (ग) उर परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण कार्य की लागत राशि क्‍या हैं? मदवार संक्षिप्‍त विवरण दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना अन्तर्गत बांध निर्माण कार्य दिनांक 23.02.2018 तथा नहर निर्माण कार्य दिनांक 27.08.2018 को प्रारम्भ होना प्रतिवेदित है। अनुबंध अनुसार बांध निर्माण कार्य दिनांक 22.02.2021 तथा नहर निर्माण कार्य दिनांक 26.08.2021 तक पूर्ण होना लक्षित था किन्‍तु कोरोना संक्रमण, नहर के निर्माण कार्य हेतु अर्जित की गई कृषकों की निजी भूमि पर अधिपत्य व प्रभावित वन भूमि का हस्तान्तरण नहीं होने के कारण निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं कराया जा सका। (ख) लोअर और परियोजना अन्तर्गत नहर निर्माण में आने वाली अधिग्रहित निजी भूमि के लिए लगभग 60 प्रतिशत कृषकों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है, शेष कृषकों को मुआवजा राशि भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना अन्तर्गत नहर निर्माण कार्य की लागत राशि रू. 169578.65 लाख है। मदवार विवरण निम्नानुसार है:- 1. नहर निर्माण कार्य हेतु रूपये 165000 लाख। (अनुबंधित) 2. भू-अर्जन एवं परिसंपत्ति हेतु (पारित अवार्ड अनुसार) राशि रूपये 4578.65 लाख।

निवासरत व्‍यक्तियों को भू-स्‍वामित्‍व प्रदान करना

[राजस्व]

7. ( क्र. 796 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में नगरीय/शहरी क्षेत्रों की आबादी भूमि में निवासरत व्‍यक्तियों को शास. भूमि का स्‍वामित्‍व/पट्टा प्रदान करने की कोई योजना प्रारंभ की गयी हैं? यदि हाँ, तो योजना से संबंधित समस्त दिशा निर्देश उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में मुरैना जिला अंतर्गत कुल कितने-कितने व्‍यक्तियों द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक आवेदन कहां-कहां दिए गए तथा उनमें से कितने व्‍यक्तियों को भूमि का स्‍वामित्‍व/पट्टा दिया गया तथा कितने व्‍यक्तियों के आवदेन किन-किन कारणों से अस्‍वीकृत किए गए? तहसीलवार जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्‍या नगर पालिका निगम मुरैना क्षेत्र की आबादी शास. भूमि के सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो समस्‍त अभिलेखों सहित जानकारी उपलब्‍ध कराएं। यदि हाँ, तो सर्वे प्रक्रिया पूर्ण न होने का कारण क्‍या हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। योजना की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) मुरैना जिला अंतर्गत कुल 1565 व्यक्तियों द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिये गये है। उनमें से 292 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं तथा 583 आवेदन अस्वीकृत किये गये है। शासन निर्देशानुसार वर्ष 2014 से पूर्व अधिभोग आधिपत्य के प्रमाण प्रस्तुत नहीं किये जाने अथवा अन्य नोईयत, विभाग की भूमि पर आवेदन प्रस्तुत करने पर अस्वीकृत किये गये हैं। अस्वीकृत आवेदनों की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार हैः-

स.क्र.

तहसील

कुल प्राप्त आवेदन

स्वीकृत

अस्वीकृत

प्रक्रियाधीन

1

पोरसा

67

37

30

 

2

अम्‍बाह

100

30

53

17

3

मुरैना

523

71

201

251

4

बामौर

19

-

-

19

5

जौरा

556

113

246

197

6

कैलारस

168

25

-

143

7

सबलागढ़

151

16

53

709

 योग

1584

292

583

709

 (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

मुआवजा राशि भुगतान के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

8. ( क्र. 814 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) शासकीय प्रयोजन/लोक प्रयोजन के लिए अर्जित की गई निजी भूमि की मुआवजा कितने दिन के भीतर दिये जाने का प्रावधान हैं? (ख) रायसेन जिले में अब तक कितने वर्षों में मुआवजा दिये जाने के प्रकरण लंबित हैं वर्षवार योजना प्रयोजनवार अधिग्रहित भूमि की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या वर्षों से लंबित देय मुआवजा के प्रकरणों में मुआवजा राशि भू-अर्जित वर्ष आधार पर दी जाती हैं अथवा भुगतान किये जा रहे वर्ष को आधार मानकर भुगतान किया जाता हैं? (घ) क्‍या शासन मुआवजा राशि का पुनर्निर्धारण कर चालू वर्ष की गाइड-लाइन के आधार पर देगा यदि नहीं, तो क्‍यों।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधान अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा आदेश करने के बाद मुआवजा शीघ्र प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) रायसेन जिले के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) प्रकरणों में मुआवजा राशि भू-अर्जित वर्ष के आधार पर दी जाती है। (घ) जी नहीं, क्‍योंकि भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 26 में बाजार मूल्‍य की गणना धारा 11 के अधीन जारी की गई अधिसूचना के दिनांक से किये जाने का प्रावधान है।

स्‍वीकृत तथा सर्वेक्षित सिंचाई योजनायें

[जल संसाधन]

9. ( क्र. 815 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) फरवरी, 2023 की स्थिति में सागर जिले में स्‍वीकृत/सर्वेक्षित किन-किन बांध/सिंचाई परियोजना, जैरा माध्‍यम सिंचाई योजना तथा सिंदूर नदी माध्‍यम सिंचाई परियोजना-खापा-हिरनपुर में रायसेन जिले की बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील के कौन-कौन से गांव पूर्णत: डूब रहे है तथा उनके व्‍यवस्‍थापन हेतु आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) फरवरी, 2023 की स्थिति में सागर जिले में स्‍वीकृत/सर्वेक्षित किन-किन बांध/सिंचाई परियोजना में रायसेन जिले की बेगमगंज त‍था सिलवानी तहसील के कौन-कौन से ग्रामों की भूमि डूब रही है तथा किन-किन ग्रामों के किसानों का मुआवजा राशि का भुगतान हो गया है तथा किन-‍किन ग्रामों के किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान क्‍यों नहीं हुआ? (ग) क्‍या यह सत्‍य है कि विभाग के अधिकारियों द्वारा रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के ग्राम भोजपुर, नयानगर, लखनपुर, बासादेही, झिरपानी आदि ग्रामों में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के ग्रामों में रोक लगाने के पूर्व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा कलेक्‍टर रायसेन तथा रायसेन जिले के मान. सांसद तथा विधायकगणों को सूचना क्‍यों नहीं दी? इसके लिए कौन-कौन दोषी है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) फरवरी 2023 की स्थिति में सागर जिले में निर्माणाधीन बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मडिया बांध के डूब क्षेत्र से रायसेन जिले की केवल बेगमगंज तहसील के कुल 44 ग्राम प्रभावित हैं, जिनमें से 02 ग्राम क्रमश: ककरूआ बरामदगढ़ी एवं चॉदामऊ पूर्ण रूप से प्रभावित होना प्रतिवेदित है। डूब से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन हेतु बेगमगंज तहसील के गोपालपुर चुराक्‍का की 6.434 हेक्‍टेयर, उचेरा वीरान की 5.944, ग्राम वीरपुर की 6.287 एवं 1.060 हेक्‍टेयर भूमि चिन्हित कर आवंटन हेतु प्रस्‍ताव कलेक्‍टर, रायसेन को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना हेतु शासन द्वारा विशेष पैकेज स्‍वीकृत किया गया है, जिसके अनुसार राशि रू.05.00 लाख एकमुश्‍त पुनर्वास अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। तदानुसार प्रभावित परिवारों की सहमति के आधार पर प्रक्रिया पूर्ण होने पर भुगतान कलेक्‍टर, रायसेन के माध्‍यम से की जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। सागर जिले में जैरा मध्यम सिंचाई परियोजना स्वीकृत है। परियोजना के अन्तर्गत रायसेन जिले की बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील के कोई गांव पूर्णतः डूब प्रभावित नहीं होना प्रतिवेदित है। अतः विस्‍थापन का प्रश्‍न ही उपस्थि‍त नहीं होता है। सागर जिले की सर्वेक्षित सिंधूर लघु सिंचाई परियोजना से रायसेन जिले की बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील के कोई गांव पूर्णतः डूब में नहीं आना प्रतिवेदित हैं। वर्तमान में परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं है। अतः विस्‍थापन के संबंध में कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) फरवरी 2023 की स्थिति में सागर जिले की मडिया बांध के डूब से प्रभावित रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के ग्रामों का  विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। सिलवानी तहसील के कोई भी ग्राम मडि़या बांध में डूब प्रभावित नहीं होना प्रतिवेदित है। डूब से प्रभावित 44 ग्रामों में से 28 ग्रामों के अवार्ड कलेक्टर रायसेन द्वारा पारित किये जा चुके है। जिनमें से 10 ग्रामों की मुआवजा राशि का आंशिक रूप से वितरण किया जा चुका है। सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। शेष ग्रामों के मुआवजा प्रकरण की कार्यवाही कलेक्टर/भू-अर्जन अधिकारी रायसेन के स्तर पर प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। फरवरी, 2023 की स्थिति सागर जिले में स्वीकृत जैरा मध्यम सिंचाई परियोजना से रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के 07 ग्रामों भोजपुर, नयानगर, लखनपुर, तिगहरा, बांसादेही, सूजा एवं झिरपानी की भूमि आंशिक रूप से डूब प्रभावित होना प्रतिवेदित है। तहसील सिलवानी के कोई ग्राम डूब से प्रभावित नहीं हैं। विभागीय प्रक्रिया के अंतर्गत निविदा टर्न-की पद्धति के आधार पर आमंत्रित की जाकर दिनांक 23.12.2022 को स्वीकृति प्रदान की गई है। अनुबंध उपरांत विस्तृत सर्वेक्षण किया जाकर भू-अर्जन प्रकरण तैयार कर अवार्ड पारित होने के उपरांत मुआवजा भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। सागर जिले के अंतर्गत सर्वेक्षित सिंधूर लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं होने से भू-अर्जन की स्थिति नहीं है। (ग) एवं (घ) वस्‍तुस्थिति यह है कि परियोजना प्रशासक, बीना पीएमयू जल संसाधन विभाग, सागर द्वारा पत्र दिनांक 16.06.2021 एवं 04.07.2022 द्वारा कलेक्‍टर रायसेन को संबोधित करते हुए पत्र लिखा गया। पत्र में जैरा मध्‍यम सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामों में अन्‍य विभागों द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्य संबंधी गतिविधियों को रोकने हेतु आवश्‍यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है। दिनांक 04.07.2022 का पत्र कलेक्‍टर जिला रायसेन को संबोधित तथा प्रतिलिपि में अंकित माननीय सांसद/विधायक एवं अन्‍य अधिकारियों को सूचित किया गया है। पत्र की  प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-''1'' अनुसार है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।

निःशुल्क खाद्यान्न योजना से वंचित हितग्राही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

10. ( क्र. 938 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश में गरीबी रेखा के फर्जी कार्डधारियों एवं अपात्र कार्डधारियों के कारण पात्र हितग्राही शासन की निःशुल्क खाद्यान्न योजना से वंचित हो रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो? शासन द्वारा ऐसे अपात्र कार्डधारियों को सूची से बाहर करने के लिये बी.एल.कार्डधारियों का भौतिक सत्यापन विगत माहों में विडियोग्राफी से कराया गया था? यदि हाँ, तो? (ग) खण्डवा जिले में ऐसे कितने बी.पी.एल कार्डधारियों के कार्ड नियम विरुद्ध पाये जाने से निरस्त किये गये है? विधानसभावार संख्यात्मक जानकारी दी जाए? (घ) क्या जिले में अपात्र हितग्राहियों द्वारा राशन दुकान से लिये जाने वाले राशन की बिक्री दुकानदारों को की जाकर शासन के खाद्यान्‍न का दुरुपयोग किया जा रहा है? (ड.) क्या विभाग द्वारा शासन की नि:शुल्क खाद्यान्‍न योजना के अंतर्गत परिवार के सदस्यों की सीमा का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या व्यापक जनहित में इस पर विचार किया जाएगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। पात्र हितग्राहियों की पात्रता श्रेणी के अनुसार निरंतर आवेदन प्राप्‍त किये जाकर खाद्यान्‍न की योजना का लाभ सतत् रूप से दिया जा रहा है।      (ख) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम दर्ज करने का कार्य नग‍रीय क्षेत्र खंडवा में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के द्वारा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में यह कार्य क्षेत्रीय तहसीलदार के माध्‍यम से किया जाता है। जिले के समस्‍त अनुविभागीय अधिकारी (रा.) से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार जिले में बी.पी.एल कार्डधारियों के कोई भी कार्ड नियम विरूद्ध नहीं पाये जाने से निरस्‍त नहीं किये गये है अतएव विधानसभावार संख्‍यात्‍मक जानकारी निरंक है। (घ) जिले में अपात्र हितग्राहियों द्वारा राशन दुकान से लिये जाने वाले राशन की बिक्री दुकानदारों को की जाकर शासन के खाद्यान्‍न का दुरूपयोग किये जाने संबंधी कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। (ड.) जी नहीं, परिवार के सदस्‍यों की सीमा रखने की आवश्‍यकता न होने से विचार का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

11. ( क्र. 946 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) विधानसभा सत्र दिनांक 22.12.2021 के प्रश्‍न क्रमांक 818 महेश्‍वर विधानसभा के स्वीकृत मुआवजा (अतिवृष्टि) से क्षतिग्रस्त फसलों से संबंधित शेष राहत राशि का वितरण की अद्यतन स्थिति क्‍या है? (ख) इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? यदि की गई है तो अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) महेश्‍वर विधानसभा की तहसील महेश्‍वर अंतर्गत विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 818 के संबंध में वर्ष 2019–20 में अतिवृष्टि से फसल क्षति हेतु कुल राशि 94,37,94,311/- रूपये स्‍वीकृत हुई। शासन द्वारा प्रथम किश्‍त 25 प्रतिशत के मान से राशि 22,63,20,926/- रूपये वितरित की गई। शेष कृषकों के ग्राम में उपलब्‍ध न होने तथा विवादित होने से वितरण हेतु शेष (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार है।

कृषकों को फसलों की क्षति का मुआवजा

[राजस्व]

12. ( क्र. 969 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में हुई अतिवर्षा जिला अंतर्गत हुई अतिवर्षा से बड़ी नदियों में आई बाढ़ के कारण जल भराव से कृषकों की खड़ी फसलों को हुई क्षति के संबंध में कितने कृषकों की फसलों की क्षति हुई एवं उनको दी गई मुआवजा राशि वितरण की जानकारी तहसीलदार, ग्रामवार, उपलब्ध करायें। (ख) जिला प्रशासन द्वारा नदी के दोनों ओर किनारे के नजदीक लगे हुए कृषकों की हुई फसलों की क्षति का आंकलन किया एवं मुआवजा भी दिया गया लेकिन उसी नदी का पानी थोड़ी दूरी पर स्थित अन्य खेतों में जल भराव की स्थिति निर्मित होने पर भी उक्त किसानों को मुआवजा राशि नहीं दिये जाने के कारण सहित जानकारी देवें। इस संबंध में कितनी शिकायतें अथवा आवेदन मुआवजा राशि हेतु कृषकों से प्राप्त हुए? इस संबंध में निराकरण की कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) क्या शासन प्रश्‍नांश (ख) के क्रम में जल भराव से हुई फसलों को हुई क्षति के संबंध में यथा शीघ्र मुआवजा राशि से वंचित कृषकों को राशि प्रदान किये जाने के संबंध में निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कृषकों को प्रदाय राहत राशि की तहसीलवार/ग्रामवार जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) ग्‍वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में तहसील भितरवार, चिनोर, घाटीगाँव के अन्‍तर्गत आने वाले ग्रामों का फसल क्षति का आंकलन सर्वे दल द्वारा कराया गया तथा आंकलन अनुसार समस्‍त प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया। कृषकों के आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।      (ग) ग्‍वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में तहसील भितरवार, चिनोर, घाटी-गाँव के अन्‍तर्गत पात्र कृषकों को मुआवजा राशि प्रदान की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "नौ"

लेखपालों की क्रमोन्नति

[राजस्व]

13. ( क्र. 998 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1525 दिनांक 22.03.2021 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा लेखपालों की क्रमोन्नति के बारे में पूछा गया था कि कलेक्टर राजगढ़ द्वारा लेखपालों की क्रमोन्नति की गई थी जिसके जवाब में ''जी नहीं'' बताया गया। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कलेक्टर राजगढ़ के आदेश क्रमांक 2400/3बी/स्थापना/2000 दिनांक 24.02.2000 एवं आदेश क्रमांक 108/3बी/स्थापना/2000 दिनांक   23.01.2001 की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि लेखपालों की क्रमोन्नति की गई थी तो विधानसभा में पूर्व में गलत जानकारी क्यों दी गई? इसका जिम्मेदार कोन है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि उक्त दो लेखापालों को क्रमोन्नति दी गई है तो उस समय के लंबित प्रकरणों में कौन-कौन शेष बचे हैं, जिन्हें क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया? सूची उपलब्ध करवाए व इन्हें कब तक क्रमोन्नति का लाभ दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। क्योंकि प्रश्‍न क्रमांक 1525 के प्रश्‍नांश (क) में लेखापालों के क्रमोन्नति कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा स्वीकृत किये जाने के संबंध में पूछा गया था, जिसमें अवधि का उल्लेख नहीं था। अतः तत्समय चालु वर्ष 2021-22 में कलेक्टर कार्यालय द्वारा लेखापालों को क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया था। तदानुसार प्रश्‍न क्रमांक 1525 के प्रश्‍नांश (क) का उत्तर दिया गया था। (ख) कलेक्टर राजगढ़ के आदेशों की प्रतियां  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्‍तरांश (ख) में उल्लेखित आदेशों द्वारा दो लेखापालों को क्रमोन्नति दी गई थी। विभागीय क्रमोन्नति समिति की बैठक दिनांक 25.10.2005 को श्री सुरेशचन्द्र त्रिवेदी एवं श्री आर. एस. सिसोदिया को क्रमोन्नति समिति द्वारा क्रमोन्नति के अनुपयुक्त पाया गया था। क्रमोन्नति से शेष बचे लेखापालों के कोई प्रकरण वर्तमान में लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दस"

राशन वितरण एवं राशन दुकानों का संचालन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

14. ( क्र. 1134 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा राशन वितरण योजनांतर्गत संचालित उपभोक्ता भंडारों को वन नेशन वन कार्ड की योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो क्या इसका पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ख) सागर विधानसभा में शासकीय राशन वितरण की कितनी दुकान संचालित है एवं प्रत्येक दुकान से कितने-कितने हितग्राहियों को राशन वितरण किया जा रहा है? दुकानवार बताये। (ग) क्या यह सही है कि विगत 10 वर्षों से संचालित राशन दुकानों की संख्या में बढोत्तरी नहीं की गई है, जबकि जनसंख्या में काफी बढ़त हो चुकी है? क्या शासन बढ़ी हुई जनसंख्या के मान से अतिरिक्त राशन दुकानों के संचालन की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वन नेशन वन राशनकार्ड के तहत पात्र परिवारों को नेट कनेक्विटी वाली किसी भी उचित मूल्‍य दुकान से राशन प्राप्‍त करने की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है, जिसका क्रियान्‍वयन किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) सागर विधानसभा क्षेत्र में कुल 57 उचित मूल्‍य दुकान संचालित हैं। उचित मूल्‍य दुकान से राशन प्राप्‍त करने हेतु संलग्‍न पात्र परिवारों की दुकानवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अनुसार किसी नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्‍य दुकानों की संख्‍या का निर्धारण उस निकाय के पात्र परिवार की कुल संख्‍या को 800 से भाग दिए जाने पर प्राप्‍त संख्‍यानुसार किए जाने का प्रावधान है। सागर विधानसभा क्षेत्र में कुल 39,191 पात्र परिवार हैं, जिसके अनुसार अधिकतम 49 उचित मूल्‍य दुकान होना चाहिए जबकि वर्तमान में 57 उचित मूल्‍य दुकानें संचालित हैं। इस प्रकार, सागर विधानसभा क्षेत्र में नवीन उचित मूल्‍य दुकान खोले जाने की पात्रता आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

राजापुर बांध से निकली नहर का विस्तार

[जल संसाधन]

15. ( क्र. 1150 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत राजापुर बांध से निकली नहर से कितने ग्रामों को लाभ पहुंचता है? ग्रामवार व रकवा सहित बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या राजापुर बांध से निकली नहर का विस्तार किये जाने की कोई कार्य-योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्या उक्त कार्य योजना तैयार की जाकर राजापुर बांध से निकली नहर का विस्तार मकारा से मजगुवां, कुंवरपुरा, चितावर, बासवान होते हुए सिनौनियां खास एवं उसके आगे अन्य ग्रामों तक किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नहर का विस्तार कब तक किया जा सकेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत बरूआ नाला तालाब योजना (राजापुर बांध) से लाभांवित ग्रामवार, रकवे की  जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि बरूआ नाला तालाब योजना (राजापुर बांध) से निकली नहरों का विस्तार किए जाने की कोई कार्य योजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बारह"

शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निलंबन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

16. ( क्र. 1151 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्र. 3510 दिनांक 17.03.2022 में जिला छतरपुर के अंतर्गत 8 शा.उ.मू.दु. को निलम्बित/निरस्त किया जाना स्वीकार किया गया है? (ख) क्या उक्त प्रश्‍न के उत्तर में यह भी स्वीकार किया गया कि बजरंग प्रा.उप. भंडार घुवारा जिला छतरपुर के वार्ड क्र 09 लगायत 15 को समय पर नोटिस जारी नहीं किए गए है? यदि हाँ, तो समय-सीमा में नोटिस जारी न करने वाले अधिकारी का नाम/पदनाम उल्लेखित कर यह अवगत कराएं कि प्रश्‍न दिनांक तक उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही की गई तो प्रति प्रदाय करें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्‍न क्र. 3510 के परिशिष्ट (ब) में उल्लेखित दुकानों को प्रश्‍न दिनांक तक निलम्बन/निरस्त से बहाल किया जा चुका है? यदि हाँ, तो दुकानवार आदेशों की प्रतियां प्रदाय करें। यदि नहीं, तो निलम्बन/निरस्त से बहाल करने में विधि अनुसार विलम्ब करने के लिए कौन-कौन अधि./कर्म. दोषी है? दोषियों के नाम/पदनाम उल्लेखित करें। (घ) शासन प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही करते हुए निलम्बन/निरस्त दुकानों को वित्तीय वर्ष 2022-23 से पूर्व तत्काल बहाल करने के आदेश जारी करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्‍त अधिकारी का नाम               श्री नाथूराम गोड तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व अनुविभाग- बड़ा मल्‍हरा जिला छतरपुर), उक्‍त अधिकारी के द्वारा समय-सीमा में कारण बताओ सूचना पत्र जारी नहीं करने पर उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस संबंध में जिला कलेक्‍टर से प्रतिवेदन प्राप्‍त करने हेतु संचालक खाद्य की ओर से पत्र लिखा गया है। पत्र संलग्‍न  परिशिष्‍ट  'अनुसार है।                  (ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में याचिका क्र.27344/2022 विचाराधीन होने से शा.उ.मू.दु. परसनिया के संबंध में कोई आगामी कार्यवाही नहीं हुई। अनुविभागीय अधिकारी नौगांव द्वारा शा.उ.मू.दु. चन्‍द्रपुरा का प्रकरण विचाराधीन होने से आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. अमन प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार वार्ड क्र.17 नगर छतरपुर को माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर की याचिका क्र. 1099/2023 के पालन में बहाल की गई। आदेश की  छायाप्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट  'अनुसार है। जय गुरूदेव प्रा.सह.उ.भं. मर्या. घुवारा वार्ड क्र.1 से 5 को निरस्‍त से बहाल किये जाने के संबंध में सक्षम न्‍यायालय के कोई आदेश नहीं है। बजरंग प्रा.सह.उ.भं. मर्या. घुवारा वार्ड क्र. 9 से 15 के संबंध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय में याचिका क्र. 17905/2022 लंबित होने के कारण आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. करकी में न्‍यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में होने से आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. गरखुवां में न्‍यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में होने से आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. कर्री को बहाल किया जा चुका है। आदेश की  छायाप्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "तेरह"

सेक्‍शन राईटरों का नियमितीकरण

[राजस्व]

17. ( क्र. 1178 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में पूर्व से सदस्‍य सेक्‍शन राईटरों को नियमित कब किया जावेगा? (ख) मध्‍यप्रदेश शासन के ज्ञापन क्रमांक एफ-6-12/2015 सात-4ए दिनांक 28/08/2015 से कितने जिलों/तहसीलों के सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियमित किया गया है? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें?  (ग) जिन जिलों/तहसीलों के शेष सेक्‍शन राईटरों को कब नियमित किया जावेगा और पूर्व में क्‍यों नहीं किया गया? की गई अनियमितता पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही कि गई या की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व विभाग अंतर्गत कार्यरत सेक्‍शन राईटरों को सीधी भर्ती के पदों पर निर्वाचन अतिशेष कर्मचारियों की भांति सहायक ग्रेड-03 के पद पर प्राथमिकता दिये जाने के संबंध में म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग का परिपत्र                    क्र. सी 3-9/2019/1/3 दिनांक 22 फरवरी 2022 द्वारा निर्देश जारी किए गये। इसी अनुक्रम में म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्र. एफ 3-4/2018/सात-4 दिनांक 28/02/2022 द्वारा जिलों में कार्यरत सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति दिये जाने के संबंध में आयु सीमा में छूट एवं 5% अतिरिक्‍त अंक का प्रावधान किया गया है। कर्मचारी चयन मण्‍डल द्वारा सहायक ग्रेड-3 की भर्ती हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित हो चुकी है। सेक्‍शन राईटर उक्‍त परीक्षा में शामिल होकर लाभ उठा सकते है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 6-12/2015/सात-4ए दिनांक 28.08.2015 द्वारा कलेक्‍टर जिला अशोकनगर को दिये गए मार्गदर्शन/निर्देशानुसार जिला अशोकनगर में 01 सेक्‍शन राईटर को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्‍त किया गया है। (ग) शेष सेक्‍शन राईटरों को निर्वाचन अतिशेष कर्मचारियों की भांति सहायक ग्रेड-03 के पद पर प्राथमिकता दिये जाने के संबंध में प्रश्‍नांश '''' अनुसार कार्यवाही के निर्देश दिये जा चुके हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति

[जल संसाधन]

18. ( क्र. 1260 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र आमला में कितनी सिंचाई संरचनाएं यथा स्टोरेज टेंक, बेराज तथा लघु सिंचाई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं (ख) इनमें से कितनी साध्यता प्राप्त हैं, कितनी साध्यता हेतु लंबित हैं तथा कितनी परियोजनाओं को साध्यता नहीं मिल पाई हैं, कृपया सभी की सूची उपलब्धत करावें। (ग) साध्यता प्राप्त परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी। (घ) आमला क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए बड़ी सिंचाई परियोजनाओं हेतु उपयुक्त स्थल उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में यहाँ बेल, भैंसेही तथा अन्य‍ नदियों पर श्रृंखलाबद्ध बैराज निर्माण हेतु सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित नदियों पर वर्तमान में श्रृंखलाबद्ध बैराज निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौदह"

प्रश्‍नकर्ता द्वारा भेजे गए पत्रों पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

19. ( क्र. 1340 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र चाचौड़ा में किन-किन विकास कार्यों को कराये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा जल संसाधन विभाग को पत्र भेजे गये? (ख) उपरोक्‍त में से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन को प्रस्‍ताव भेजे गये? (ग) इनमें से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन से स्‍वीकृति मिली है? (घ) जिन विकास कार्यों के लिए स्‍वीकृति नहीं मिली है उनका विवरण तथा अस्‍वीकृति का कारण बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) से (घ) शासन को प्राप्‍त बोरकाखेडा तालाब (नहर रहित) की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 04.02.2022 को राशि रू. 306.11 लाख की रूपांकित क्षमता 125 हेक्टेयर हेतु प्रदान की गई है। शासन स्‍तर पर कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सिंचाई सुविधा बढ़ाने की कार्ययोजना

[जल संसाधन]

20. ( क्र. 1341 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चांचौड़ा विधान सभा में सिंचाई सुविधा बढ़ाने की क्‍या कार्ययोजना है? (ख) पिछले चार वर्ष में किन योजनाओं को स्‍वीकृति दी गई? (ग) विस क्षेत्र चाचौड़ा के गांव बोरकाखेड़ा में बनने वाले तालाब की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चाचैडा विधान सभा में सिंचाई बढ़ाने से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) पिछले चार वर्ष में एक मात्र बोरकाखेडा तालाब (नहर रहित) की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 04.02.2022 द्वारा रू.306.11 लाख की 125 हेक्टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रदान की जाना प्रतिवेदित है। (ग) बोरकाखेडा तालाब (नहर रहित) की एजेन्सी निर्धारित की जा चुकी है। एजेन्सी द्वारा निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाना प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

नवीन पुल का निर्माण

[जल संसाधन]

21. ( क्र. 1377 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या परियोजना संचालक मोहनपुरा-कुण्‍डालिया परियोजना राजगढ़ में पत्र क्रमांक 1402/तक./VIP/22 राजगढ़, दिनांक 25.05.2022 से प्रमुख अभियन्‍ता जल संसाधन विभाग को राजगढ़ नगर की नेवज नदी के छोटे पुल के स्‍थान पर उच्‍च स्‍तरीय पुल तथा अन्‍य निर्माण कार्य का प्रस्‍ताव प्रेषित किया? (ख) क्‍या मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. में ओवरफ्लो होने के कारण रास्‍ते बन्‍द होने/पुल, पुलियों के डूब जाने आदि का भी पुन: निर्माण का प्रावधान था? (ग) क्‍या परियोजना संचालक के पत्र में राजगढ़ नगर स्थित प्राचीन छोटा पुल भी मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना के कारण डूब जाता है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार क्‍या शासन राजगढ़ जिला मुख्‍यालय पर स्थित प्राचीन छोटे पुल के स्‍थान पर नवीन बड़े पुल का निर्माण करायेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) संचालक मोहनपुरा कुण्‍डलिया राजगढ़ द्वारा प्रश्‍नाधीन कार्य का प्रस्‍ताव उनके पत्र दिनांक 25.05.2022 को प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किये जाने का लेख है। मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. में बांध के डूब क्षेत्र में जल मग्न होने वाले रास्ते/पुल/पुलियों के पुनः निर्माण का प्रावधान था किन्तु बांध के डाउन स्ट्रीम में आने वाले पुल/पुलियों के पुनर्निमाण का कोई प्रावधान नहीं होना प्रतिवेदित है। जी नहीं। राजगढ़ स्थित छोटा पुल बांध के निर्माण के पूर्व में भी मात्र 700 क्यूमेक जल आवक होने पर ही डूब जाता था। उस समय नदी में जो भी जल प्रवाह आता था वह एक साथ छोटे पुल से गुजरता था। मोहनपुरा बांध के निर्माण के उपरांत नेवज नदी में आने वाला तीव्रतम फ्लड बांध में रोककर सुरक्षित तरीके से पानी निकाला जाता है। मानसून 2022 में कुल 24 दिन नदी में पानी 700 क्यूमेक से अधिक था, किन्तु बांध द्वारा केवल 17 दिन ही 700 क्यूमेक ही अधिक जल छोड़ा गया है। इसी प्रकार नदी में 8290 क्यूमेक का जल प्रवाह दर्ज किया गया था इसके विरूद्ध बांध से केवल 6928 क्यूमेक पानी ही छोड़ा गया है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि मोहनपुरा बांध के कारण राजगढ़ स्थित छोटा पुल डूब जाता है। मान. सदस्‍य का पत्र दिनांक 03.02.2023 प्राप्‍त हुआ जिसमें लेख किया गया कि मोहनपुरा के ओवरफ्लो के कारण डूब में आने वाले राजगढ़ नगर स्थित छोटे पुल के स्‍थान पर नवीन पुल निर्माण करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया गया। पत्र का परीक्षण करने पर पाया गया कि मान. सदस्‍य द्वारा जिस पुल निर्माण की मांग की है वह मोहनपुरा परियोजना के डाउनस्‍ट्रीम में स्थित है। जल संसाधन विभाग द्वारा ऐसे पुल/पुलियों का निर्माण विभागीय मद से नहीं कराया जाता है। पुल का संबंध लोक निर्माण विभाग से संबंधित होने के कारण मान. सदस्‍य का उक्‍त पत्र दिनांक 03.02.2023 प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को शासन के पत्र दिनांक 23.02.2023 द्वारा प्रेषित किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्रामीण एवं वन विकास मद की राशि के कार्य

[वन]

22. ( क्र. 1404 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत तीन वर्षों में मध्‍यप्रदेश राज्‍य लघु वनोपज सहकारी संघ खेल परिसार 74 बंगला भोपाल को            किस-किस जिले की प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति से ग्रामीण विकास मद की कितनी राशि के कितने कार्यों एवं वन विकास मद की कितनी राशि के कितने कार्यों के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए? उनमें से कितनी राशि के कितने कार्य स्‍वीकृत किए? कितने कार्य अस्‍वीकृत किए? कितनी राशि के कितने कार्य के प्रस्‍ताव लम्बित हैं? जिलेवार बतावें। (ख) गत तीन वर्षों में मध्‍यप्रदेश शासन सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव पंजीयक/आयुक्‍त तथा अंकेक्षक ने मध्‍यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ के     किन-किन कार्यों, निर्णयों से संबंधित कितनी-कितनी राशि के प्रस्‍तावों पर क्‍या-क्‍या आपत्तियां किन-किन प्रावधानों के तहत ली? प्रति सहित बतावें। (ग) मध्‍यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने किस दिनांक को शुद्ध लाभ की कितनी राशि से जूते, चप्‍पल, पानी की बाटल एवं छाता क्रय कर संग्राहकों को वितरित किए जाने का निर्णय लिया है? इस निर्णय को सहकारिता विभाग के किस अधिकारी ने अनुमोदित किया? पुष्टि की या स्‍वीकृति प्रदान की है? (घ) शुद्ध लाभ की राशि समितियों को दी जाकर संग्राहकों को नगद वितरित किए जाने की कार्यवाही नहीं किए जाने का क्‍या कारण है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के कार्यों के संबंध में अध्यक्ष की अधिकारिता से संबंधित होने एवं अध्यक्ष का पद रिक्त होने से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में आपत्ति ली गई है एवं उनके क्रियान्‍वयन पर रोक लगाई गई है। क्रियान्‍वयन पर रोक लगाये गये कार्यों की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-1 अनुसार है। पंजीयक आदेश की प्रति  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल द्वारा संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 13.01.2023 में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को जूता, चप्पल, पानी की बोतल, साड़ी एवं छाता वितरण के संबंध में निर्णय लिया गया है इस पर राशि रूपये 261 करोड़ का व्यय अनुमानित है। उक्त कार्य के लिए प्रशासनिक विभाग की स्वीकृति प्राप्त है। अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) शुद्ध लाभ के संबंध में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के समय-समय पर दिये गये आदेश के तहत शुद्ध लाभ का वितरण तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनके बैंक खातों में किया जा रहा हैं। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उद्योगों को दखल रहित भूमि देने के प्रावधान

[राजस्व]

23. ( क्र. 1406 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) राज्‍य में किस श्रेणी के उद्योगों के लिए राजस्‍व ग्रामों के पटवारी मानचित्र खसरा पंजी में दर्ज गैरखाते की किस-किस मद की जमीन आवंटित किए जाने के संबंध में वर्तमान में क्‍या-क्‍या प्रावधान किस दिनांक से प्रचलित हैं? (ख) दखल रहित भूमि में से किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि वर्तमान प्रावधानों के अनुसार उद्योगों के लिए आवंटित की जा सकती है? इस संबंध में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28/1/2011 को क्‍या-क्‍या आदेश दिया है? (ग) रायसेन जिले के मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में एच.आई.जी. के परिसर में आने वाले तालाब की भूमि के संबंध में वर्तमान में क्‍या विवाद किस स्‍तर पर लम्बित है? उस विवाद को निपटाने के लिए विभाग ने क्‍या-क्‍या पहल या कार्यवाही की है? (घ) मंडीदीप एवं पीथमपुर क्षेत्र में कितने उद्योगों के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किए गए थे? उन प्रकरणों का निराकरण किए जाने के संबंध में विभाग ने क्‍या-क्‍या पहल की है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) : राज्‍य सरकार द्वारा नजूल भूमि का आवंटन राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र खण्‍डचार क्रमांक 1 के अंतर्गत किया जाता है। इसी खण्‍ड अंतर्गत वर्तमान में म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 है जो दिनांक 24 सितम्‍बर 2020 से प्रभावशील है। इन प्रावधानों के अध्‍याय तीन भाग च में चहुँमुखी विकास के लिये निजी निवेश के मामले में भूमि आवंटन के प्रावधान है। माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28/01/2011 पारित आदेश  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में एच.ई.जी. परिसर के अंदर ख. नं. 141 रकवा 0.579 हे. नोईयत तालाब दर्ज है, जो एच.ई.जी. परिसर के अंदर है। परिसर के अंदर तालाब होने से ग्राम के लोगों को धार्मिक कार्य करने में परेशानी होती थी, इस संबंध में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक 528/2005 में दायर किया गया था जिसमें तालाब को किसी प्रकार का स्वरूप परिवर्तन न किये जाने संबंधी व समय-समय पर आम नागरिकों को न रोके जाने संबंधी आदेश पारित किया गया। प्रकरण वर्तमान में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित है। (घ) मंडीदीप आद्योगिक क्षेत्र में 15.783 हे. वनभूमि पर बिना अनुमति के निर्मित 15 उद्योगों के विरुद्ध वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। प्रकरणों के निराकरण हेतु म.प्र.औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल के द्वारा मंडीदीप स्थित संरक्षित वनभूमि 197.930 हे. (488.90 एकड़) के निर्वनीकरण हेतु तथा आरक्षित वनभूमि 16.268 हे. (40.20 एकड़) के व्यपवर्तन हेतु वन संरक्षण अधिनियम के तहत अनुमति हेतु अलग-अलग प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा पत्र क्रमांक 8-53/2009-FC (Vol.) दिनांक 02.09.2021 से संरक्षित वनभूमि 197.930 हे. के निर्वनीकरण हेतु औपचारिक अनुमति प्रदाय की गई। इसके पश्चात अधिसूचना क्रमांक/एफ-25-100/2021/10-3 दिनांक 29 मार्च 2022 म.प्र. राजपत्र प्रकाशन दिनांक 15 अप्रैल 2022 से निर्वनीकरण अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यालय पश्चिम क्षेत्र भोपाल के द्वारा पत्र क्रमांक 8-53/2009-FC (Vol.) दिनांक 26.10.2021 से आरक्षित वनभूमि 16.268 हे. को औद्यागिक क्षेत्र के उपयोग हेतु औपचारिक अनुमति प्रदाय की जा चुकी है। पीथमपुर क्षेत्र में उद्योगों के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध नहीं है।

स्‍थानांतरण नीति का उल्‍लंघन करने पर कार्यवाही

[वन]

24. ( क्र. 1407 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शासन द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति का उल्‍लंघन एवं अवहेलना कर स्‍थानांतरण करने वाले आई.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध सामान्‍य प्रशासन विभाग कब और क्‍या कार्यवाही करता है? (ख) गत पांच वर्षों में स्‍थानांतरण नीति का उल्‍लंघन एवं अवेहलना कर स्‍थानांतरण करने वाले आई.एफ.एस. श्री अनुराग कुमार द्वारा छतरपुर वनमण्‍डल, श्री अभिनव पल्‍लव एवं श्री ब्रजेन्‍द्र श्रीवास्‍तव द्वारा ग्‍व‍ालियर जिले, श्री मोहन मीणा द्वारा बैतूल जिले में श्री नरेश दोहरे द्वारा हरदा जिले के एवं सुश्री श्रृद्धा पेन्‍द्रे द्वारा उत्‍पादन वनमण्‍डल बैतूल जिले में किए गए स्‍थानांतरणों पर राज्‍य मंत्रालय सामान्‍य प्रशासन विभाग ने कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही की हैं? (ग) किस-किस अधिकारी ने स्‍थानांतरण नीति का उल्‍लंघन एवं अवेहलना कर किस-किस कर्मचारी का कहां से कहां स्‍थानांतरण किया, उस स्‍थानांतरण को किस आदेश क्रमांक दिनांक से निरस्‍त किया गया किस स्‍थानांतरण को निरस्‍त भी नहीं किया? (घ) स्‍थानांतरण नीति का उल्‍लंघन/अवेहलना कर स्‍थानांतरण करने वाले आई.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा हैं, कब तक करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करने वाले भारतीय वन सेवा अधिकारियों के विरूद्ध वन विभाग द्वारा जांच कर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की गई है।  (ख) स्थानांतरण नीति का उल्लंघन एवं अवहेलना कर स्थानांतरण करने वाले भारतीय वन सेवा अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे            परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की गई है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।

शासकीय भूमियों का आवंटन एवं आरक्षण

[राजस्व]

25. ( क्र. 1408 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) विभाग द्वारा उद्योगों के लिए पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में किन-किन मदों में दर्ज            भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों के आवंटन या आरक्षण की वर्तमान में क्‍या-क्‍या नीति एवं योजना है। (ख) भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों को उद्योगों के लिए आंवटित किए जाने तथा पूर्व में निजी उद्योगों को ऐसी भूमि आवंटित कर कब्‍जा सौंपे जाने सें संबंधित प्रकरणों को लेकर माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक  28 जनवरी, 2011 को क्‍या-क्‍या आदेश दिया है? प्रति सहित बतावें। (ग) दिनांक 28 जनवरी, 2011 के न्‍यायालीन आदेश को ध्‍यान में रखा जाकर निजी उद्योगों को धारा 237 (1) में आरक्षित किन-किन मदों की भूमियों को आवंटित किए जाने या आरक्षित किए जाने की वर्तमान में          क्‍या-क्‍या नीति विभाग में प्रचलित है।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 237  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) SLP (C) 3109/2011 (SLP (Civil) CC No. 19869/2010) मान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश 28 जनवरी, 2011  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) 237 (1) में आरक्षित मदो की भूमियों को निजी उद्योगों को प्रत्यक्षः आरक्षित/आवंटित किया जाना प्रावधानित नहीं है।

अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[वन]

26. ( क्र. 1409 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 4329 दिनांक 26/07/2019 के प्रश्‍नांश (घ) वनग्रामों की भूमियों को राजस्‍व भूमि मानकर कार्यवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा हैं, कब तक करेगा के उत्‍तर में दोषी अधिकारियों की पहचान कर एक माह में कार्यवाही की जावेगी का आश्‍वासन दिया था तो प्रश्‍नांकित दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) बड़वाह वनमण्‍डल के 09 वनग्रामों में से किस ग्राम की कितनी भूमियों की रजिस्‍ट्री होने की जानकारी तथा किस-किस ग्राम की किस-किस वर्ष की मिसल बन्‍दोबस्‍त, खसरा पंजी की जानकारी, उसमें भूस्‍वामी हक की निजी भूमि दर्ज किए जाने की जानकारी, खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र भू-पोर्टल पर ऑनलाईन होने की जानकारी वर्ष 2018 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक विधानसभा के पटल पर प्रस्‍तुत की गई हैं? (ग) बड़वाह वनमण्‍डल के 09 वनग्रामों की भूमियों को राजस्‍व भूमि मानकर प्रश्‍नांकित दिनांक तक खसरा पंजी में दर्ज करने वाले किस-किस राजस्‍व अधिकारी की पहचान की जाकर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि पहचान नहीं की गई हो तो करण बतावें। (घ) कब तक पहचान कर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वनग्राम की भूमियों का राजस्व भूमि मानकर नामांतरण की कार्यवाही को हुए 45 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। दोषी अधिकारी वर्तमान में संभवतः सेवानिवृत्त हो चुके है तथा इन अधिकारियों के विरूद्ध प्रचलित नियमों के अंतर्गत भी कार्यवाही वर्तमान में किया जाना संभव नहीं है। (ख) सामान्य वनमण्डल बड़वाह के 09 वनग्राम में से 05 वनग्रामों में रजिस्ट्री होने संबंधी उप पंजीयक कार्यालय बड़वाह जिला खरगोन के पत्र क्रमांक/92/उप/2019 दिनांक 08.07.2019 की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में वन विभाग द्वारा कोई जानकारी प्रस्‍तुत नहीं की गई। (ग) जी नहीं। उत्तरांश '''' में उल्‍लेखित कारणों से। (घ) उत्तरांश '''' एवं '''' के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

न्‍यायालय में परिवाद दायर करने के प्रावधान

[खनिज साधन]

27. ( क्र. 1410 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एम.एम.आर.डी. एक्‍ट 1957 की धारा 21 में अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के प्रकरणों में सिविल न्‍यायालय में परिवाद दायर करने के प्रावधानों को मध्‍यप्रदेश में समाप्‍त कर अर्थदण्‍ड का ही एक मात्र प्रावधान नियम में अधिसूचित किया है? (ख) यदि हाँ, तो धारा 21 में परिवाद दायर करने बाबत् क्‍या प्रावधान है? इस प्रावधान को किस संशोधन दिनांक से निरस्‍त किया जाकर राज्‍य सरकार को जुर्माना किए जाने के प्रावधान लागू करने का अधिकार दिया है? (ग) राज्‍य में अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के प्रकरणों में अर्थदण्‍ड किए जाने बाबत् क्‍या-क्‍या प्रावधान वर्तमान में हैं? किस प्रावधान में सिविल न्‍यायालय में परिवाद प्रस्‍तुत करने का क्‍या प्रावधान है? (घ) धारा 21 के अनुसार सिविल न्‍यायालय में परिवाद प्रस्‍तुत करने के प्रावधान को पुन: लागू किए जाने के संबंध में शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्‍य में अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन के प्रकरणों में अर्थदण्‍ड किये जाने के संबंध में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21 तथा गौण खनिज के लिये मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 18 में प्रावधान वर्णित है। खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 22 में सिविल न्‍यायालय में परिवाद प्रस्‍तुत करने के प्रावधान वर्णित हैं।                (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार धारा 21 के प्रावधान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

फर्जी नामांतरण की जानकारी

[राजस्व]

28. ( क्र. 1428 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) श्री राजेन्‍द्र बहादुर सिंह पिता रंगनाथ सिंह ग्राम पडरा, तहसील गोपदबनास, जिला-सीधी खसरा नंबर 239/2 जो ग्राम पडरा की पुश्‍तैनी जमीन थी जो कि गोपदबनास तहसील द्वारा फर्जी तरीके से 239/2 वर्तमान में प्रेमचंद बानी पिता बृजभूषण बानी का नामांतरण कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस नियम के तहत किया गया है जानकारी उपलब्‍ध करावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सीधी की तहसील गोपदबनास के ग्राम पडरा की भूमि ख. नं 239/2 पर वर्तमान में प्रेमचन्‍द्र बानी पिता बृजभूषण के नाम दर्ज है। शेष  जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार है।

परिशिष्ट - "सोलह"

किसानों को सिंचाई का लाभ

[जल संसाधन]

29. ( क्र. 1429 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) पूर्व में प्रश्‍नकर्ता द्वारा सिहावल विधानसभा के कई ग्रामों में महान नहर परियोजना के तहत सिंचाई हेतु ग्रामों को कमाण्‍ड एरिया में शामिल किये जाने हेतु प्रश्‍न किया गया था जिसके उत्‍तर में लेख किया गया है कि पहाड़ी क्षेत्र एवं अत्‍यधिक उतार चढ़ाव वाला क्षेत्र होने के कारण उक्‍त ग्रामों में पानी पहुंचाया जाना साध्‍य नहीं हैं, उक्‍त ग्रामों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके इसके लिए लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना उचित हैं। इन ग्रामों हेतु लिफ्ट सिंचाई योजना की स्‍वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (ख) गोपद नदी से लगी ग्राम पंचायतें निम्‍नानुसार हैं- खोंचीपुर, समरदह, पोखरा पोंडी, भरुही, डोल, तरका, चंदवाही, बहरी, सिहौलिया, दुअरा, जमुआर, देवरी, बरबंधा, कुसेडा, खुटेली, लौआरपैपखार एवं इन ग्राम पंचायतों के सम्मिलित ग्रामों का कब तक सर्वे कराया जाकर लिफ्ट सिंचाई योजना का लाभ यहां के किसानों को दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। मान. सदस्‍य द्वारा पूर्व में पूछा गया प्रश्‍न  संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। वर्तमान में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्रामों हेतु कोई भी उद्वहन सिंचाई परियोजना का प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

पटवारी का शासकीय सेवा से बर्खास्‍तगी

[राजस्व]

30. ( क्र. 1462 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा 1961 के नियम 6 एवं मध्‍यप्रदेश सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र दिनांक 05/07/2006 के अनुसार कोई भी अभ्‍यर्थी जिसकी 2 से अधिक संतानें है जिनमें 01 का जन्‍म 26/01/2001 को या उसके पश्‍चात् हुआ हो वह किसी शासकीय सेवा अथवा पद पर नियुक्‍त के लिए पात्र नहीं होगा? यदि हाँ, तो परिपत्र की छायाप्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) जिला सिंगरौली तहसील के पटवारी हल्‍का पर पदस्‍थ पटवारी              श्री उमेश कुमार नामदेव की नियुक्ति कब हुई? क्‍या पटवारी नामदेव ने अपनी नियुक्ति के समय अपने नॉमिनेशन फार्म में खुद को अविवाहित बताया गया? यदि हाँ, तो उमेश नामदेव की शादी कब हुई तथा वर्तमान में इनकी कितनी जीवित संतानें है? उमेश नामदेव की परिवार आई.डी. सहित विवरण देवें? (ग) क्‍या यह भी सही है कि उमेश कुमार नामदेव की समग्र परिवार आई.डी. में परिवार के 5 नाम सम्मिलित है जिनमें रमेश कुमार नामदेव 44 वर्ष समग्र आई.डी. 194865286,  रेखा नामदेव 39 वर्ष समग्र आई.डी.194865399, इशिता नामदेव 15 वर्ष समग्र आई.डी. 1294866798, स्‍नेहा नामदेव 13 वर्ष समग्र आई.डी. 194866889 एवं दिव्‍यांश नरामदेव 8 वर्ष समग्र आई.डी. 195528399 दर्शित है। यदि हाँ, तो क्‍या इससे यह प्रमाणित नहीं होता की उमेश नामदेव के 3 संतानें है? क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराकर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 6 के उप नियम 4 के तहत कदाचरण की श्रेणी में आने वाले दोषी पटवारी उमेश कुमार नामदेव को शासकीय सेवा से बर्खास्‍त की कार्यवाही करेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 के नियम 6 के उप नियम (6) जिसमें प्रावधान है कि कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक संतान जीवित होने पर एक का जन्म यदि 26 जनवरी, 2001 को या उसके पश्चात् हुआ हो, किसी भी शासकीय सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये अपात्र माना जावेगा, से अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में छूट रहेगी। परिपत्रों की प्रति  पुस्‍तकालय  में  परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) सेवा पुस्तिका के आधार पर तहसील सिंगरौली नगर में पदस्‍थ पटवारी श्री उमेश कुमार नामदेव पटवारी की नियुक्ति 31/07/2004 को हुई है। नियुक्ति के समय अपने नामिनेशन फार्म में खुद को अविवाहित बताया गया है। स्‍वयं के विवाह हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक 407/आ.का./06 दिनांक 05/06/2006 द्वारा दिनांक 16/05/2006 से 26/05/2006 तक कुल 11 दिवस का अर्जित अवकाश स्‍वीकृत किया गया है। समग्र पोर्टल का प्रिंट दिनांक 17/02/2023 अनुसार 03 संतानें है, परिवार आई.डी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) समग्र पोर्टल का प्रिंट दिनांक 17/02/2023 अनुसार 03 संतानों का उल्‍लेख है। समग्र आई.डी. की  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है  जिसके अनुसार (1) उमेश कुमार नामदेव 44 वर्ष, (2) रेखा नामदेव 39 वर्ष, (3) इशिता नामदेव 15 वर्ष, (4) स्‍नेहा नामदेव 14 वर्ष, (5) दिव्‍यांश नामदेव उम्र 8 वर्ष दर्ज है। मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के अंतर्गत संबंधित नियोक्‍ता को जांच उपरांत कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।

खाद्यान्‍न घोटाले के दोषियों पर कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

31. ( क्र. 1470 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) भोपाल शहर में तत्‍कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक श्रीमती ज्‍योती शाह नरवरिया द्वारा कल्‍याणकारी योजना के तह‍त आशा निकेतन स्‍कूल ऑफ हैंडीकेप्‍ट, मरियम स्‍कूल आफ मैटली हैंडीकेप्‍ट तथा जामिया इस्‍लामिया अरेविया मस्जिद भोपाल को कब-कब कितना खाद्यान्‍न का आवंटित किया गया? संस्‍थावार खाद्यान्न की मात्रा सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार तीनों संस्‍थाओं के नाम से खाद्यान्‍न आवंटित हुआ और निकाल लिया गया? क्‍या खाद्यान्न की इन संस्‍थाओं को कोई जानकारी ही नहीं दी गई? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक किसी अधिकारी द्वारा इस खाद्यान्‍न घोटाले की कोई जांच की गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जांच में घोटाला प्राप्‍त हुआ? यदि हाँ, तो तत्‍कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? श्रीमती ज्‍योति‍ शाह नरवरिया के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) खाद्य विभाग के कार्यालयीन अभिलेख अनुसार वर्ष 2022 में भोपाल शहर में राशन की दुकानों की सघन जांच कराने पर 43 दुकानों में अनियमितता पाई गई तथा उनमें से 30 दुकानें निलंबित कर प्रकरण दर्ज किये गये? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी खाद्य अधिकारियों एवं जांच अधिकारियों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? दुकानों के नाम एवं दोषी अधिकारियों के नाम पद एवं की गई कार्यवाही सहित विवरण देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कल्‍याणकारी योजना अंतर्गत आशा निकेतन बधिर उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय, मरियम स्‍कूल आफ मैटली हैंडीकेप्‍ट तथा मदरसा जामिया इस्‍लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे भोपाल नगर को माह सितम्‍बर, 2015 से फरवरी, 2018 तक आवंटित खाद्यान्‍न मात्रा की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) आशा निकेतन बधिर उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय, मरियम स्‍कूल आफ मैटली हैंडीकेप्‍ट तथा मदरसा जामिया इस्‍लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे भोपाल नगर को आवंटित खाद्यान्‍न की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) एवं जिला आपूर्ति नियंत्रक के संयुक्‍त जांच दल द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन की  प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जांच प्रतिवेदन अनुसार जामिया इस्‍लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे वाली मोतिया पार्क भोपाल के प्रतिनिधि द्वारा जांच दल के समक्ष कल्‍याणकारी योजना अंतर्गत खाद्यान्‍न प्राप्‍त करना स्‍वीकार किया गया है एवं आशा निकेतन स्‍कूल आफ हैण्‍डीकेप्‍ट, मरियम स्‍कूल आफ मैटली हैंडीकेप्‍ट को योजनांतर्गत खाद्यान्‍न आवंटन की जानकारी न होने के कारण दिनांक 05.12.2017 को प्रदाय खाद्यान्‍न वापस किया गया। (ग) जांच प्रतिवेदन अनुसार कल्‍याणकारी योजनांतर्गत संस्‍थाओं को खाद्यान्‍न प्रदाय करने वाले परिवहनकर्ता, अवैधानिक रूप से खाद्यान्‍न क्रय करने वाले एवं जामिया इस्‍लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे वाली मोतिया पार्क भोपाल के संचालक को अनियमितता के लिए जिम्‍मेदार पाए जाने पर अभियोजन की कार्यवाही की गई। जांच प्रतिवेदन में तत्‍कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक भोपाल के दोषी पाए जाने का तथ्‍य प्रकाश में नहीं आने से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जांच एवं पर्यवेक्षण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के नाम, पद एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है  तथा उचित मूल्‍य दुकानों पर अनियमितता पाए जाने पर की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।

नक्‍शा तरमीम के नियम/आदेश

[राजस्व]

32. ( क्र. 1484 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग द्वारा वारिसाना एवं नक्‍शा तरमीम के लिए क्‍या नियम/आदेश है। नियम/आदेश की प्रति देते हुए जानकारी देवें। पटवारी हल्‍का भिटौहा तह. जवा जिला रीवा के आराजी नं. 8/1 8/2 8/3 8/4 8/5 8/6 8/7 8/8 वर्ष 2015-16 में किसके नाम थी तथा कब किसके नाम वारिसाना किया गया प्रचलित प्रकरण की संपूर्ण नस्‍ती ऑडरशीट जारी इस्‍तहार पारित आदेश की प्रति देते हुए जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के भूमि का कब नक्‍शा तरमीम किया गया है तथा नक्‍शा तरमीम के लिए किसके द्वारा आवेदन किया गया तथा क्‍या सभी कास्‍तकारों को सूचित किया जाकर स्‍थल पंचनामा नक्‍शा तैयार कर सभी हिस्‍सेदारों पक्षकारों के मौके के कब्‍जा आधार पर नक्‍शा तरमीम किया जाना चाहिए किंतु ऐसा नहीं किया गया बिना किसी हिस्‍सेदार के सहमति‍/कास्‍तकार के हित में नियम विरूद्ध नक्‍शा तरमीम किया गया है। क्‍या इसे निरस्‍त कर दोषी कर्मचारी के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करा देगें। यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के नियम विरूद्ध नक्‍शा तरमीम एवं वारिसाना के प्रकरण की जांच एस.डी.एम. त्‍योंथर से करा कर दोषियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज करा देगें? (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) एवं (ग) के भूमि का नक्‍शा तरमीम किसी एक व्‍यक्ति परिवार को रोड का लाभ देने के लिए नियम विरूद्ध नक्‍शा तरमीम किया गया है। यदि हाँ, तो जब तक प्रकरण की निष्‍पक्ष जांच नहीं हो जाती तब तक रास्‍ता निर्माण का कार्य बंद करा देगें। यदि नहीं, तो क्‍यों यदि हाँ, तो कब तक प्रकरण की जांच पूर्ण न होने तक निर्माण कार्य बंद कराने का आदेश जारी कर देगें आदेश प्रति के साथ जानकारी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 164, 109-10 के तहत वारिसाना एवं संहिता की धारा 70/107 के तहत नक्शा तर्मीम किये जाने के नियम/आदेश है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के भूमि का नक्सा तर्मीम किऐ जाने हेतु पारसनाथ उपाध्याय पिता श्री रामधारी उपाध्याय सा. बैसनपुरवा तहसील जवा के द्वारा आवेदन दिया गया। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट "ब" अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर/जवा के न्यायालय में अपील की गयी थी, जिस पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर/जवा के प्र.क्रं. 0049/अपील/2021-22 पारित आदेश दिनांक 01.11.2022 द्वारा अपील निरस्त की गयी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (क) (ख) एवं (ग) के भूमि का नक्शा तर्मीम किसी एक व्यक्ति परिवार को लाभ देने के उद्देश्य से नहीं किया गया है। तहसीलदार द्वारा विधिवत हल्का पटवारी से जांच प्रतिवेदन, पंचनामा नजरी नक्शा लिया जाकर नक्शा तर्मीम की कार्यवाही की गयी है। म.प्र. शासन की आराजी नं. 8/1/2 में पूर्व से रास्ता निर्मित है। वर्तमान में कोई रास्ता निर्माण कार्य नहीं हो रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अठारह"

सेवानिवृत्‍त शासकीय सेवक का भुगतान

[जल संसाधन]

33. ( क्र. 1503 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैलाश चन्‍द्र मिश्रा स्‍थल सहायक कार्यालय कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग टीकमगढ़ में सेवारत रहते हुये 30.06.2022 को सेवानिवृत्‍त हुये थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कर्मचारी को पत्र क्रमांक चि.स.उप.चु.रूकले.नि./2021/228 निवाड़ी दिनांक 29.10.2021 पत्र द्वारा कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी जिला‍ निवाड़ी द्वारा निलंबित किया गया था? (ग) निलंबन के 6 माह बाद भी आरोप पत्र यदि उपलब्‍ध नहीं कराये और न ही आरोपित आदेश जिसका पालन न करने पर निलंबित किया गया था उसकी कॉपी भी पीड़ित कर्मचारी को उपलब्‍ध नहीं करायी थी। (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कर्मचारी को 7 माह से पेंशन, जी.पी.एफ. एवं ग्रेच्‍युटी आदि नहीं दी जा रही हैं? इसके लिये कौन दोषी हैं? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) श्री कैलाश चंद्र मिश्रा द्वारा कलेक्‍टर के पत्र दिनांक 10.11.2021 द्वारा जारी आरोप पत्र के विरूद्ध मान. उच्‍च न्‍यायालय खण्‍ड़पीठ, जबलपुर में याचिका क्रमांक-20015/2022 दायर की गई है, जो मान. न्‍यायालय में विचाराधीन है। (घ) श्री कैलाश चंद्र मिश्रा स्‍थल सहायक के विरूद्ध अपराध प्रकरण क्रमांक-89/ 22 विचाराधीन है। सेवानिवृत्‍त उपरांत नियमानुसार देय स्‍वत्‍वों के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: इसके लिए कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दोषियों पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

34. ( क्र. 1505 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैलाश चन्‍द्र मिश्रा, समयपाल जल संसाधन विभाग निवाड़ी की ड्यूटी कार्यालय रिटर्रिंग ऑफिसर विधानसभा क्षेत्र 45 पृथ्‍वीपुर जिला निवाड़ी के आदेश क्रमांक/उप.चु./वि.सभा/20-21/2000 दिनांक 26/10/2021 द्वारा जिला निर्वाचन कार्यालय जिला निवाड़ी में लगाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आदेश संबंधित कर्मचारी को पालन हेतु दिया गया था? यदि हाँ, तो पावती की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) कार्यालय कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निवाड़ी जिला निवाड़ी म.प्र. द्वारा अपने पत्र क्रमांक 219/स्‍था/जं/निवाड़ी/2021 दिनांक 31/11/2021 को निलंबित कर्मचारी को निलबंन से बहाल क्‍यों कर दिया गया, किन्‍तु निलंबन अवधि का निराकरण विभागीय जांच उपरांत किया जावेगा लेख किया गया तो संबंधि‍त कर्मचारी को 7 माह बाद दिनांक 10/06/2022 को उपलब्‍ध कराया? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित आदेश संबंधी कर्मचारी को उपलब्‍ध न कराने के लिये कौन-कौन दोषी हैं। दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निवाड़ी से प्राप्‍त जानकारी अनुसार निर्वाचन कार्य संवेदनशील एवं त्‍वरित होने के कारण संबंधित कर्मचारी का आदेश निर्वाचन कंट्रोल रूम के माध्‍यम से सूचित किया गया था। संबंधित कर्मचारी को आदेश क्रमांक-219/स्‍था./कले.नि. निवाड़ी/2021 दिनांक 31.12.2021 को कार्य सुविधा की दृष्टि से निलम्‍बन से बहाल किया गया। संबंधीजन के उपस्थित होने पर आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ओपेन कैम्‍प से धान की चोरी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

35. ( क्र. 1520 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) कटनी जिले के नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में क्रय की गई धान में ग्रो-ग्रीन कम्‍पनी को भण्‍डारण के लिये कितनी मात्रा में धान कहाँ-कहाँ खरीदी गई थी विवरण देंवे?                     (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में मझगवां ओपन कैम्‍प में कितनी धान भण्‍डारित की गई थी, कितनी मात्रा का उठावा किया गया, कितनी मात्रा खुर्द-बुर्द की गई और कितनी वर्षों से खराब हुई, विवरण दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) की कम्‍पनी को उक्‍त भण्‍डारित धान का कितना किराया देय था, कितना दिया गया, कितना शेष है, खुर्द-बुर्द की गई धान की मात्रा की कीमत, खराब धान की कीमत का आकलन किया जाकर उक्‍त कम्‍पनी से कितनी राशि वसूल की गई, कितना वसूल किया जाना शेष है और ना वसूलने के लिये जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कटनी के प्रबंधक के विरूद्ध अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) कटनी जिले के जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा (फीको) का पालन ना करने के कारण मझगवां ओपन कैम्‍प की स्थिति निर्मित हुई थी। वर्ष  2018-19 एवं 2019-20 का भण्‍डारित गेहूं अब तक क्‍यों नहीं उठाया गया। इसके लिये जिला प्रबंधक के विरूद्ध अब तक कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई। कब तक कार्यवाही करेंगे।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से  (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रेत का अवैध उत्‍खन्‍न

[खनिज साधन]

36. ( क्र. 1521 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्तमान समय पर किन-किन नदियों से, किन शर्तों पर, कौन-कौन से ठेकेदारों/कम्‍पनी/फर्मों को रेत निकलने की स्‍वीकृति शासन से प्राप्‍त हैं। नदियों के नाम की सूची, ठेकेदारों/कंपनी/फर्मों के नाम की सूची पृथक-पृथक देवें एवं किस दर पर रेत विक्रय की स्‍वीकृति शासन द्वारा निर्धारित की गई हैं? बतलावें। (ख) कटनी जिले के बड़वारा तहसील के ग्राम गणेशपुर, देवरी, गुडा, इमलिया, लुहरवारा, सांधी, कुम्‍हरवारा में महानदी से रेत उत्‍खन्‍न हेतु शासन द्वारा            किन-किन जगहों पर एवं कितने-कितने क्षेत्रफल पर स्‍वीकृति प्रदान की गई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त ग्रामों में निर्धारित स्‍थान क्षेत्रफल के अलावा अन्‍य जगहों से हो रहे रेत के अवैध उत्‍खन्‍न को शासन द्वारा कब तक बंद कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में बड़वारा तहसील के ग्राम गणेशपुर, देवरी, गुडा, इमलिया, लुहरवारा, सांधी, कुम्‍हरवारा में महानदी से हो रहे रेत के अवैध उत्‍खनन को न रोकने के लिये स्‍थानीय स्‍तर पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कब तक और किस प्रकार की कार्यवाही की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कटनी जिले में मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत मेसर्स विस्‍टा सेल्‍स प्रा.लिमि. को स्‍वीकृत रेत खदानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। शेष प्रश्‍नांश अनुसार रेत दर निर्धारित किये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) कटनी जिले के बड़वारा तहसील से रेत उत्‍खनन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ग) जिले से प्राप्‍त जानकारी उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में उल्‍लेखित ग्रामों एवं अन्‍य जगहों पर अवैध रूप से रेत उत्‍खनन के प्रकरण संज्ञान में नहीं आये हैं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त क्षेत्रों पर अवैध उत्‍खनन के संबंध में प्रकरण संज्ञान में न आने से अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

रइया को राजस्‍व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

37. ( क्र. 1568 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1587, माह जुलाई 2022 में यह जवाब दिया गया था कि रइया को नयागांव से विभाजित कर (विरसिंहपुर तहसील) राजस्‍व ग्राम घोषित किया जा चुका है?                     (ख) क्‍या मान. राजस्‍व मंत्री के पत्र दिनांक 09.02.2022 द्वारा इस नए राजस्‍व ग्राम का खसरा व नक्‍शा अलग करने को लिखा गया एवं उक्‍त कार्यवाही एस.एल.आर. सतना के कार्यालय में प्रचलित है? (ग) इतनी लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी नक्‍शे खसरे अभी तक अलग-अलग क्‍यों नहीं किए गए व यह करते हुए विभाग की ऑनलाइन/नेट की जानकारी में भी राजस्‍व ग्राम के रूप में रइया कब तक में प्रदर्शित होगा? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। विधानसभा तारांकित प्रश्‍न 1277 मार्च 2022 के प्रश्‍नांश में उक्त का उत्तर दिया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) रइया एवं नयागांव के नक्शें अलग किये जाकर पृथक-पृथक तैयार किये जा चुके है, दोनों गांव के खसरे की पृथक-पृथक फीडिंग वेब जी.आई.एस. पोर्टल पर कराई जा चुकी है। ट्रेसिंग पश्चात नक्शों के डिजिटाईज होने के बाद पोर्टल पर प्रदर्शित होना संभावित है।

बाणसागर कालोनी, सतना की जमीन की जानकारी

[जल संसाधन]

38. ( क्र. 1569 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बाणसागर कॉलोनी सतना की जमीन आज शासकीय है? क्‍या इस मामले में सरकार हार चुकी है क्‍योंकि समय पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की गई। समय ब्राह्मा होने से बिना गुण दोष के फैसला हुआ हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जब अपील होनी थी उस वक्‍त इस केस का ओआईसी कौन था। इतने बेशकीमती जमीन के मामले में समय पर अपील नहीं करने पर संबंधित ओआईसी पर कोई कार्यवाही हुई? अगर नहीं तो क्‍यों? (ख) क्‍या यह सच है इस जमीन को निजी करने के लिए राजस्‍व अभिलेखों में छेड़छाड़ की गई है? अगर हाँ तो क्‍या छेड़छाड़ हुई और कब? क्‍या इस छेड़छाड़ के मामले में शासकीय अभिभाषक ने सम्‍बंधितों पर एफ.आई.आर. कराने लिखा था? किसे और कब लिखा गया था और प्रतिलिपि किसे-किसे दी गई थी? क्‍या एफ.आई.आर. दर्ज हुई? अगर नहीं तो क्‍यों और कब तक दर्ज करा दी जाएगी? (ग) क्‍या इस पूरे मामले में तत्‍कालीन तहसीलदार नीरज या किसी अन्‍य अफसर ने यह स्‍वीकार किया था कि ये जमीन हवाई अड्डे के लिए अर्जन की गई थी। अगर हाँ तो इसका क्‍या आधार है। क्‍या सरकारी अभिलेख या निजी पक्ष ने अर्जन संबंधी अभिलेख प्रस्‍तुत किया है? (घ) क्‍या ये सही है कि नभ विभाग द्वारा जमीन छोड़े जाने के बाद ये जमीन तो भारत सरकार की होनी थी क्‍योंकि आजादी के बाद ये जमीन अंग्रेजों से प्राप्‍त हुई थी। लिहाजा मूल भू-स्‍वामी को किस आधार और नियम के तहत वापस करने की बात सामने आई और किसके तरफ से वर्तमान में इस जमीन का बाजार मूल्‍य कुल कितना होगा? ये जमीन सुकरू के पूर्वजों के माधवगढ़ जमीन से कैसे जुड़ गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्य विभाग में निलंबित अधिकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 1575 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) खाद्य विभाग के जबलपुर संभाग अन्‍तर्गत विभिन्‍न जिलों में पदस्‍थ अधिकारियों को कब-कब, किन-किन के द्वारा क्‍या कारणों से निलंबित किया गया है वर्ष 2021 एवं 2022 की स्थिति में जानकारी देवें? निलंबन एवं निलंबन से बहाल करने के आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या संचालक खाद्य द्वारा दिनांक 01.11.2022 को पृथक-पृथक आदेश जारी कर खाद्य विभाग के 15 अधिकारियों को निलंबित करने तथा 04 अधिकारियों को आरोप पत्र जारी करने की कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो एक ही प्रकरण में 15 अधिकारियों को निलंबित करने तथा 04 अधिकारियों को आरोप पत्र जारी करने का क्‍या आधार था? स्‍पष्‍ट जानकारी देवें? (ग) क्‍या संचालक खाद्य, प्रथम श्रेणी अधिकारी को निलंबित करने की अधिकारिता रखते है? यदि नहीं, तो ऐसे स्‍वेच्‍छाचारी अधिकारी पर विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा और कब तक? नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में निलंबित अधिक‍ारियों के विरूद्ध कार्यवाही किस स्‍तर पर लंबित है? कार्यवाही संपादित करने की क्‍या समय-सीमा शासन द्वारा निर्धारित की गई है? कार्यवाही में विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है, नाम एवं पद बताएं तथा ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा और कब तक? नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से  (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

डोकरीखेड़ा जलाशय में जल भराव

[जल संसाधन]

40. ( क्र. 1603 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 15 सितम्बर 2022 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 818 द्वारा डोकरीखेड़ा जलाशय में जल भराव हेतु प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में प्रश्‍न किया गया था?          (ख) क्या मान. मंत्री महोदय जी द्वारा सदन में प्रश्‍न के उत्तर में जवाब दिया गया था कि जल की उपलब्धता एवं तकनीकी परीक्षण हेतु प्रस्ताव पुन: मुख्य अभियंता (बोधी) भोपाल को दिनांक 27/05/2022 को प्रेषित किया गया हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, हैं तो लगभग 07 माह से अधिक की समयावधि व्यतीत हो जाने के उपरांत विभाग द्वारा कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गयी हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं तो क्यों? यदि नहीं, तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जी हाँ। मुख्‍य अभियंता (बोधी) द्वारा प्रस्‍ताव का परीक्षण किया गया है। साधिकार समिति के समक्ष प्रस्‍तुत प्रकरण में साधिकार समिति (जल संसाधन विभाग) की बैठक दिनांक 28.12.2022 को लिये गये निर्णय का उद्हरण निम्‍नानुसार है :- ''विचारोपरांत डोकरीखेड़ा जलाशय को तवा परियोजना पिपरिया शाखा नहर से जल भराव के कार्य के प्रस्‍ताव का परीक्षण किया एवं निर्देशित किया गया कि डोकरीखेड़ा जलाशय में उपलब्‍ध जल के अनुसार नहर से सिंचित क्षेत्र निर्धारित कर शेष कमाण्‍ड क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु, तवा परियोजना की पिपरिया शाखा नहर से उद्वहन कर पृथक से सूक्ष्‍म सिंचाई योजना का प्रस्‍ताव तैयार कर आगामी बैठक में प्रस्‍तुत करें।'' प्रस्‍ताव अभी शासन स्‍तर पर प्राप्‍त नहीं हुआ है। तदानुसार सूक्ष्‍म सिंचाई योजना का प्रस्‍ताव मैदानी कार्यालयों में प्रचलित होना प्रतिवेदित है। अत: स्‍वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पवई विधानसभा में सिंचाई के संसाधनों का अभाव

[जल संसाधन]

41. ( क्र. 1753 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत खेतों में सिंचाई के लिये क्‍या-क्‍या संसाधन और सुविधायें उपलब्‍ध हैं? क्षेत्र की कितनी भूमि सिंचित है और कितनी भूमि असिंचित है? सिंचित भूमियों में किन-किन साधनों से सिंचाई की जा रही है? (ख) पवई विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई साधनों में बढ़ोत्‍तरी के लिये क्‍या विभाग द्वारा विगत 4 वर्षों में कोई कार्य किये गये हैं? यदि हाँ, तो किये गये कार्यों का विवरण दीजिये। यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या क्षेत्र हेतु कोई योजना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो क्‍या? जबकि क्षेत्र में सिंचाई साधनों का अभाव है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) क्षेत्र हेतु बुन्‍देलखण्‍ड पैकेज अन्‍तर्गत विभाग द्वारा कोई कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या कार्य कितनी लागत से कब-कब एवं कहाँ-कहाँ कराये गये? (घ) क्‍या ग्राम पिपरियाकला में सपाई बाध एवं ग्राम हरदुआ खम्‍हरिया के पास देवरी खम्‍हरिया हार तालाब पूर्व में स्‍वीकृत थे एवं इनका टेण्‍डर भी हो चुका था। ये किस कारण से और कब निरस्‍त किये गये? क्‍या इनकी स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर पर कोई प्रयास किये जा रहे हैं। यदि नहीं, तो क्‍यों? जबकि इस क्षेत्र में सिंचाई साधनों का बहुत अभाव है? (ड.) पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं की कमी और आवश्‍यकता को दृष्टिगत रखते हुए शासन स्‍तर से क्‍या कोई विशेष पैकेज दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खेतों में सिंचाई के लिये जल संसाधन विभाग द्वारा कुल 65 सिंचाई परियोजनाओं से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। जल संसाधन विभाग द्वारा पवई विधान सभा क्षेत्र में निर्मित नहरों एवं तालाबों से 29279 हेक्‍टेयर सिंचाई की जा रही है। विभाग द्वारा असिंचित क्षेत्र का कोई अभिलेख संधारित नहीं किया जाता है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई साधनों में बढ़ोत्तरी के लिये जल संसाधन विभाग द्वारा विगत् 04 वर्षों में की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। पटपरनाथ मध्यम सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण की स्वीकृति प्राप्त कर निविदा आमंत्रित की गई है।        (ग) उत्‍तरांश '''' में वर्णित कुल 64 निर्मित लघु सिंचाई परियोजनाओं में से 07 परियोजनाओं का निर्माण कार्य बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत कराया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) वस्‍तुस्थिति यह है कि पिपरियाकलां एवं हरदुआ खम्हरिया लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। परियोजनाओं के डूब क्षेत्र से प्रभावित भू-स्वामियों, स्थानीय कृषकों द्वारा परियोजना के निर्माण कार्य में विरोध करने के कारण परियोजनाओं का वर्ष 2015 में निरस्तीकरण प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय की ओर प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य सम्‍पदा योजना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

42. ( क्र. 1774 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2020 से 2022 तक प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य सम्‍पदा योजना अंतर्गत सिवनी जिले में कितने तालाब बनाये गये हैं एवं कितने निर्माणाधीन हैं? (ख) जिला सिवनी में कितने मछुआ सहकारी समितियों, समूह व व्‍यक्ति विशेष को आईस बाक्‍स युक्‍त मोटरसाईकिल, मछली बिक्री हेतु ई-रिक्‍शा एवं इनपुस्‍ट (खाद्य मछली के लिये) वितरण किया गया है? अवगत करावें। (ग) जिला सिवनी में पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियां कितनी है? समितियों में कितने सदस्‍य गरीबी रेखा के नीचे है, गैर सदस्‍य कितने है और कितने वंशानुगत मछुआरा सदस्‍य एवं गैर मछुआरा सदस्‍यों को प्रधानमंत्री सम्‍पदा योजना से लाभान्वित किया गया है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नांश अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य सम्‍पदा योजनांतर्गत सिवनी जिले में 46 तालाब निर्माण हितग्राहियों द्वारा किया गया एवं 02 तालाब निर्माणाधीन है। (ख) सिवनी जिले में 05 मछुआ सहकारी समितियों एवं 01 व्‍यक्तिगत सहित कुल 15 सदस्‍यों को मोटर सायकिल युक्‍त आईस बाक्‍स दिया गया एवं 04 मछुआ सहकारी समिति के 04 सदस्‍यों को थ्री व्‍हीलर विथ आईस बाक्‍स क्रय पर अनुदान राशि प्रदाय की गई। इनपुट वितरण की जानकारी निरंक। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार(ग) जिला सिवनी में पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति की संख्‍या 98 है 4201 सदस्‍य गरीबी रेखा से नीचे है 1769 गैर मछुआरा सदस्‍य एवं 3286 वंशानुगत मछुआ सदस्‍य है। वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में 455 वंशानुगत मछुआ एवं 102 गैर वंशानुगत मछुआ कुल 557 तथा वर्ष 2021-22 में 667 वंशानुगत मछुआ एवं 124 गैर वंशानुगत मछुआ कुल 791 सदस्‍यों को प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य सम्‍पदा योजना से लाभान्वित किया गया।

परिशिष्ट - "बीस"

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

43. ( क्र. 1781 ) श्रीमती सुनीता पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जिला नरसिंहपुर तहसील गाडरवारा के ग्राम महगवा खुर्द में ग्राम का अति उपयोगी सार्वजनिक भूमियों पर किन-किन का अवैध अतिक्रमण कब-कब से है? (ख) सार्वजनिक उपयोग की शासकीय भूमियों में शमशान घाट की खसरा नं. 109/1109/2 तथा बड़े तालाब की खसरा नं. 1 एवं मुख्‍य सड़क/रास्‍ता खसरा नं. 107/1 तथा सहकारी समिति के खसरा नं. 103/1 पर किन-किन अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्‍जा है? (ग) नल-जल योजना के लिये चिन्हित शासकीय भूमि खसरा नं. 52 से कब अतिक्रमण मुक्‍त कर पेय जल की टंकी आदि का निर्माण कराया जावेगा?                        (घ) प्रश्‍नांकित भूमियों पर अवैध अतिक्रमण कारियों से अतिक्रमण मुक्‍त कराने हेतु विभाग ने कब-कब क्‍या-क्‍या कार्यवाही की, कितनी भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त किया गया? यदि नहीं, किया गया तो क्‍यों तथा कब तक अतिक्रमण मुक्‍त करा लिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम महगवा खुर्द प.ह.न. 85 मै सार्वजनिक भूमियों में अतिक्रमण की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट- अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब  अनुसार है(ग) शासकीय भूमि ख.न. 52 रकवा 0.089 है. भूमि पर अतिक्रमण संबंधी प्रकरण रा.प्र.क्र.-0043/अ-68 न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त चीचली/बाबईकलां के समाक्ष न्‍यायाधीन है। (घ) उत्‍तरांश "ग" अनुसार प्रकरण न्‍यायाधीन हो कर विधिवत कार्यवाही प्रचलित है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा

[राजस्व]

44. ( क्र. 1782 ) श्रीमती सुनीता पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जिला नरसिंहपुर क्षेत्र गाडरवारा में कितनी शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा है? (ख) अगर कब्‍जा है तो किस-किस का कितना-कितना कब्‍जा है, उसका नाम पता दिया जावें? (ग) अगर कब्‍जा है तो उस पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील गाडरवारा अंतर्गत 47.342 हे. भूमि पर अतिक्रमण है। (ख) तहसील गाडरवारा अंतर्गत अतिक्रमित व्‍यक्तियों की सूची  सलंग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) उतरांश "ख" के सबंध में तहसील गाडरवारा अंतर्गत स्‍थापित संबंधित सक्षम राजस्‍व न्‍यायालयों में म.प्र. भू-राजस्‍व के अंतर्गत प्रकरण न्‍यायाधीन है।

परिशिष्ट - "बाईस"

सार्वजनिक वितरण प्रणाली

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

45. ( क्र. 1807 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले में विगत कुछ माह से पी.डी.एस. में गेहूँ का वितरण नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से नहीं किया जा रहा है तथा गेहूँ वितरित न करने के कारणों से अवगत करावें? (ख) क्‍या बालाघाट जिले के अलावा संपूर्ण प्रदेश में भी पी.डी.एस. में गेहूँ वितरित नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? मध्‍यप्रदेश में क्‍या गेहूँ के उपार्जन में कमी आयी है या प्रदेश में उपार्जित गेहूँ को अन्‍य प्रदेशों में भेजकर या निर्यात करके प्रदेश की जनता को गेहूँ से वंचित किया जा रहा है? (ग) खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केन्‍द्र सरकार द्वारा तीन रूपये किलो चावल तथा दो रूपये किलो गेहूँ राज्‍य को उपलब्‍ध कराने की प्रक्रिया बताते हुए यह भी बतायें कि पी.डी.एस. में एक रूपये किलो चावल, एक रूपये किलो गेहूँ तथा एक रूपया किलो नमक उपलब्‍ध कराने पर राज्‍य शासन को कितनी राशि वहन करनी पड़ रही है? (घ) केन्‍द्र सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रति व्‍यक्ति अथवा प्रति परिवार के हिसाब से कितना चावल, गेहूँ तथा मोटा अनाज उपलब्‍ध कराती है तथा राज्‍य सरकार उसका वितरण प्रति व्‍यक्ति या प्रति परिवार किस हिसाब से करती है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा माह जून, 2022 से गेहूं के स्‍थान पर चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण बालाघाट जिले में माह जून, 2022 से चावल का वितरण कराया गया है।         (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को माह जून, 2022 से जिलेवार गेहूं एवं चावल वितरण अनुपात की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ  अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2022-23 में 46.03 लाख मे.टन गेहूं का समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन हुआ है जबकि इसके पूर्व वर्ष में 128.15 लाख मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया था। प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं को भारत सरकार को सौंपा जाता है एवं भारत सरकार द्वारा आवंटित मात्रानुसार ही खाद्यान्‍न का वितरण लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कराया जाता है। प्रदेश में उपार्जित गेहूं को अन्‍य प्रदेश में भेजने/निर्यात करने की कार्यवाही राज्‍य सरकार द्वारा नहीं की जाती है।       (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा चावल  रू.3 एवं गेहूं रू.2 प्रति किलो की दर से माह दिसम्‍बर, 2022 तक प्रदाय किया गया है। राज्‍य सरकार द्वारा मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजनांतर्गत चावल रू.2 एवं गेहूं रू.1 प्रति किलो का अनुदान दिया जाकर पात्र परिवारों को रू. 1 प्रति किलो की दर से गेहूं/चावल का वितरण कराया गया है। गेहूं, चावल एवं नमक वितरण पर राज्‍य सरकार द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में व्‍यय राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा माह जनवरी, 2023 से राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का प्रदाय किए जाने से उपभोक्‍ताओं को भी नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। (घ) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्‍य के मान से खाद्यान्‍न का आवंटन जारी किया जाता है। भारत सरकार द्वारा माह फरवरी, 2023 में 105551.73 मे.टन गेहूं, 237.231 मे.टन मोटा अनाज एवं 158683.4 मे.टन चावल का आवंटन जारी किया गया है। गेहूं एवं चावल की जिलेवार खपत अनुसार वितरण हेतु अनुपात निर्धारित किया जाता है। माह फरवरी, 2023 में जिलेवार पात्र परिवारों को गेहूं/चावल वितरण अनुपात की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-स  अनुसार है।

परिशिष्ट - "तेईस"

वन क्षेत्र की गणना

[वन]

46. ( क्र. 1808 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वनक्षेत्र की गणना करने हेतु क्‍या प्रक्रिया अपनायी जाती हैं? कृपया विगत 05 वर्षों में प्रदेश के वनक्षेत्र की गणना के आंकड़ें उपलब्‍ध करावें? (ख) विगत 05 वर्षों में किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी वन भूमि, उद्योगों, सड़कों, एरोड्रम इत्‍यादि के निर्माण में दी गयी प्रति वर्षानुसार किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी वन भूमि दी गयी तथा इस भूमि के बदले कितनी मुआवजा राशि ली गयी? (ग) केम्‍पा से वनीकरण के लिए प्राप्‍त राशि का उपयोग वृक्षारोपण में करने के कारण यदि कोई ऑडिट आपत्ति ली गयी हो तो इसकी जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि ऑडिट आपत्ति के बावजूद वनीकरण की राशि वृक्षारोपण में कैसे खर्च की जा रही हैं? (घ) प्रदेश में घटते वनक्षेत्र का कारण स्‍पष्‍ट करें तथा वनीकरण तथा वृक्षारोपण में अंतर स्‍पष्‍ट करें?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभाग में वनक्षेत्र की गणना नहीं की जाती है। प्रदेश में विभिन्न वनमण्डलों की कार्य आयोजना में सम्मिलित अधिसूचित क्षेत्र के अनुसार वन क्षेत्र ज्ञात किया जाता है। इस अधिसूचित वन क्षेत्र में से निर्वनीकृत वनक्षेत्र को कम किया जाता है तथा नये अधिसूचित क्षेत्र को इसमें जोड़ा जाता है। वर्तमान में उक्‍त प्रक्रिया अनुसार 94689 वर्ग किमी वन क्षेत्र प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 में है। (घ) भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार वनक्षेत्रों में कमी नहीं आई है। वनीकरण एवं वृक्षारोपण पर्यायवाची शब्द है। वनीकरण सामान्यतः क्षतिपूर्ति वनीकरण के तहत प्राप्त नवीन भूमियों पर किया जाता है।

राजस्‍व भूमि पर काबिज किसानों को मालिकाना हक

[राजस्व]

47. ( क्र. 1823 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) झाबुआ जिले के हजारों किसान मजदूर जो कि वर्षों से राजस्‍व विभाग की भूमि पर काबिज होकर दंड के रूप में पटवारियों से रसीद कटवाकर राशि जमा की जाकर कृषि कार्य करते आ रहे हैं, इन किसान मजदूरों को मालिकाना हक कौन देगा? कब प्राप्‍त होगा? (ख) अगर इन किसान मजदूरों को सरकार मालिकाना हक देती है तो यह किसान मजदूर सहकारी संस्‍थायें या राष्‍ट्रीयकृत बैंकों से खाद बीज प्राप्‍त कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे जो कि शासन द्वारा मिलने वाले लाभ को प्राप्‍त कर सकेंगे। शासन कब तक इन किसान मजदूरों के हितों को दृष्टिगत रखते हुये उक्‍त कार्यवाही करेगा? (ग) संपूर्ण झाबुआ जिले में राजस्‍व भूमि का दंड जमा करने वाले कितने कृषक मजदूर हैं? उनकी संख्‍या बताने का कष्‍ट करें तथा इन किसान/मजदूरों के साथ सरकार क्‍या न्‍याय करेगी या अन्‍याय?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 की उपधारा (3) के परन्‍तुक अनुसार चरनोई की भूमि को कृषक प्रयोजन के लिये व्‍यप‍वर्तित या आवंटित नहीं किये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है, उसकी जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्र.

तहसील का नाम

कृषक मजदूरों की संख्‍या

1

झाबुआ

2462

2

रामा

1875

3

रानापुर

1542

4

थांदला

2648

5

मेघनगर

1245

6

पेटलावद

615

               कुल

10387

संबल योजनांतर्गत प्राप्‍त आवेदन

[श्रम]

48. ( क्र. 1846 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल योजनान्तर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, कितने पोर्टल पर दर्ज हुए हैं एवं कितने शेष हैं? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल योजनार्न्तगत कितने हितग्राहियों के अनुग्रह सहायता और अंत्येष्टि सहायता के आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने स्वीकृत हुए हैं एवं कितने शेष है और क्यों? शेष की स्वीकृति कब तक जारी की जाएगी? (ग) क्‍या उक्त स्वीकृत प्रकरणों में राशि प्रदाय कर दी गई है? नहीं तो क्यों कब तक भुगतान दिया जाएगा समय-सीमा बताएं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल 2.0 योजनांतर्गत 7638 पंजीयन आवेदन प्राप्त हुए है एवं 7262 आवेदनों का निराकरण हो चुका है एवं पंजीयन की प्रक्रिया निरंतर जारी है। अनुग्रह सहायता के 1229 प्रकरण प्राप्त होकर स्वीकृत किये जा चुके हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता के 1232 प्रकरणस्वीकृत किये जा चुके हैं एवं 03 प्रकरण लंबित है। अंत्येष्टि सहायता के कुल 2054 आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं 11 प्रकरण शेष है। स्वीकृति हेतु शेष रहे आवेदन ग्राम पंचायत द्वारा जनपद स्तर पर स्वीकृति की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। (ग) संबल योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत 1378 प्रकरणों में हितग्राहियों को भुगतान किया जा चुका है एवं 206 प्रकरणों में भुगतान शेष है। अनुग्रह सहायता राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान बजट उपलब्‍धता अनुसार किया जाता है।

अतिक्रमणकर्ताओं पर कार्यवाही

[राजस्व]

49. ( क्र. 1882 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या ग्राम पंचायत मेहराबुजुर्ग तहसील लहार जिला भिण्‍ड के सर्वे क्रमांक 1220 (S), 1219 (S), 336 (S), 325 (S), 335 (S), 334 (S) सहित अन्‍य शासकीय भूमि लगभग 50 एकड़ चरनोई/तालाब की उपजाऊ भूमि पर ग्रामवासियों द्वारा अतिक्रमण कर एवं कृषि कार्य कर लाखों रूपयें की उपज प्राप्‍त कर रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो पशुओं को चराने हेतु चरनोई भूमि तथा निस्‍तारी तालाब पर किये गये अतिक्रमण की जांच कराकर कब्‍जा करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही कर अतिक्रमण हटा दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश () में वर्णित शासकीय भूमियों पर कुल 10 व्‍यक्तियों का अतिक्रमण पाया गया। (ख) तहसीलदार लहार के न्‍यायालय में प्रकरण क्रमांक 0017/अ-68/2022-23 न्‍यायाधीन है।

नर्मदा नदी के किनारे वृहद पौधारोपण

[वन]

50. ( क्र. 1909 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रदेश शासन ने नर्मदा नदी के दोनों ओर जल ग्रहण क्षेत्र में वृहद पौधारोपण कराने की क्या योजना बनाई है। इस संबंध में शासन ने कब क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं। योजना की अवधि क्या है एवं वर्ष 2022-23 में कितना बजट प्रावधान किया हैं? (ख) वन मण्डल (सामान्य) जबलपुर को वर्ष 2022-23 में नर्मदा नदी कैचमेंट हेतु कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी राशि व्यय हुई। नर्मदा नदी के जल ग्रहण क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) के कितने क्षेत्रफल में कितने पौधे लगाए गए? कितने क्षेत्रफल में कितने-कितने पौधो का रोपण कराया है। रोपित पौधो का रख-रखाव, सुरक्षा देखभाल की क्‍या व्‍यवस्‍था की है? वर्तमान में कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का क्रय कब कितनी राशि में किया गया हैं। इसके         रख-रखाव पर कितनी राशि व्यय हुई। क्या शासन पौधारोपण कार्य में राशि का दुरूपयोग, अपव्यय व भ्रष्‍टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्‍यप्रदेश में नर्मदा नदी के दोनों ओर जल ग्रहण क्षेत्र में वृहद पौधा रोपण कराने की कोई विशेष योजना एवं बजट आवंटन नहीं है। योजना बनाने संबंधी कोई निर्देश नहीं है। विभागीय योजनाओं से ही नर्मदा नदी के दोनों ओर जल ग्रहण क्षेत्र में पौधा रोपण का कार्य कराया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) वनमंडल (सामान्‍य) जबलपुर को वर्ष 2022-23 में नर्मदा नदी कैचमेंट हेतु राशि रूपये 1,03,92,060/- का आवंटन प्राप्‍त हुआ, जिसके विरूद्ध वर्तमान तक राशि रूपये 86,96,696/- का व्‍यय किया गया है। वर्ष 2022-23 में नर्मदा नदी कैचमेंट क्षेत्र में 15750 हेक्‍टेयर में 12103705 पौधों का रोपण किया गया है। वनमंडलवार रोपित पौधे एवं जीवित पौधों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। वृक्षारोपण की सुरक्षा व देखभाल फेंसिंग तथा सुरक्षा श्रमिक के माध्‍यम से की जाती है। (ग) वनमंडलों द्वारा पौधों का क्रय नहीं किया जाता है। शासकीय अनुसंधान विस्‍तार की नर्सरियों से पौधे प्राप्‍त किये जाते हैं। अनुसंधान विस्‍तार की नर्सरियों में पौधा उपलब्‍ध न होने की स्थिति में निजी नर्सरियों से पौधा का क्रय किया जाता है। क्रय किये गये पौधों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। पौधारोपण कार्य में राशि का दुरूपयोग, अपव्‍यय व भ्रष्‍टाचार का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौबीस"

खाद्यान्न का आवंटन एवं वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

51. ( क्र. 1910 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) जिला जबलपुर में बी.पी.एल., ए.पी.एल. एवं अंत्योदय कार्डधारी कितने-कितने उपभोक्ता हैं। इन्हें प्रतिमाह किस मान से किस दर पर खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन प्रदाय किया जाता हैं?                 (ख) नगर निगम जबलपुर सीमांतर्गत वार्डवार कार्डधारी कितने-कितने उपभोक्ता हैं? कितने उपभोक्ताओं के पास पात्रता पर्ची नहीं हैं। कितने उपभोक्तओं को पात्रता पर्ची दी गई हैं। कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं के राशन कार्डों में मुखिया का नाम परिवर्तन किया गया, कार्डों में सुधार, नाम संशोधन नाम जोडे़ गये है तथा इस संबंध में कितने आवेदन पत्र लम्बित हैं? वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक की माहवार पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में संचलित कितनी राशन दुकानदारों को माहवार किस मान से कितना-कितना खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन आदि आवंटित किया गया एवं कितना-कितना वितरित किया गया तथा कितना अवितरित रहा एवं क्यों? कितने पात्रता पर्चीधारी उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न, शक्कर व केरोसिन का वितरण नहीं किया हैं एवं क्यों? कितने ए.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ताओं के केरोसिन महंगाई होने पर केरोसिन नहीं लिया हैं? शासन एवं जिला प्रशासन ने सस्ती दर पर केरोसिन देने की व्यवस्था की हैं? यदि नहीं, तो क्यों? वार्डवार एवं माहवार पृथक-पृथक जानकारी देवें?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला जबलपुर में माह फरवरी 2023 की स्थिति में एईपीडीएस ऑनलाईन पोर्टल अनुसार कुल 3,85,374 प्राथमिक/अंत्‍योदय परिवार दर्ज है, जिनमें से प्राथमिकता परिवारों को प्रति सदस्‍य 05 किलो खाद्यान्‍न (गेहूँ, चावल मिलाकर) नि:शुल्‍क एवं             01 किलो नमक 1/- रूपये प्रति किलो की दर से एवं अन्‍त्‍योदय परिवारों को प्रति परिवार 35 किलो खाद्यान्‍न (गेहूँ, चावल मिलाकर) नि:शुल्‍क तथा 01 किलो शक्‍कर रूपये 20/- प्रति किलो एवं 01 किलो नमक 1/- रूपये प्रति किलो की दर से प्रदाय किया जा रहा है। केरोसीन प्रत्‍येक परिवार को  1 लीटर कलेक्‍टर द्वारा निर्धारित दर पर प्रदाय किया जाता है। (ख) नगर निगम जबलपुर सीमांतर्गत वार्डवार प्राथमिकता/अंत्‍योदय परिवारों की संख्‍या  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है, जिनको पात्रता पर्ची दी गई है। वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक कार्डधारी उपभोक्‍ताओं के राशन कार्डों में मुखिया का नाम परिवर्तन/सुधार/नाम संशोधन की जानकारी निरंक है। संचालनालय खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग के पत्र क्रमांक/2245/खाद्य/2021 दिनांक 15/01/2021 के पालन में कार्डों में कोई संशोधन नहीं किया गया है। सुलभ संदर्भ हेतु पत्र की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार नगर निगम जबलपुर अंतर्गत 437 राशन दुकानदारों को माहवार खाद्यान्‍न शक्‍कर, केरोसीन, नमक आदि के आवंटन, वितरण एवं अवि‍तरित राशन सामग्री की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। शेष अवितरित स्‍टॉक उपभोक्‍ता द्वारा उचित मूल्‍य दुकान पर राशन प्राप्‍त करने हेतु नहीं आने के कारण रहता है। ए.पी.एल. कार्डधारी हेतु शासन द्वारा खाद्यान्‍न एवं केरोसिन वितरण का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न ही नहीं होता है।

अनुविभागीय कार्यालय की स्‍थापना

[राजस्व]

52. ( क्र. 1962 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा रीवा जिले में विकासखण्ड सिरमौर प्रवास के दौरान विकासखण्ड जवा में पृथक अनुविभागीय कार्यालय (एस.डी.एम. कोर्ट) स्थापित करने तथा डभौरा एवं अतरैला में उप-तहसील कार्यालय संचालित करने संबंधी घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस विषय में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में पृथक अनुविभागीय कार्यालय जवा की स्थापना कर अनुविभागीय अधिकारी की पदस्थापना कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत प्रारंभिक अधिसूचना जारी की जा चुकी है। प्रकरण परीक्षणाधीन होकर अनुविभागीय कार्यालय जवा की स्थापना हेतु निश्चित समय-सीमा का निर्धारण संभव नहीं है।

त्योंथर उद्वहन योजना अंतर्गत घटिया निर्माण

[जल संसाधन]

53. ( क्र. 1965 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा में त्योंथर उद्वहन योजना अंतर्गत कुल कितने एक्वाडक्ट का निर्माण कराया गया है तथा कुल कितने प्रस्तावित हैं? (ख) स्थानीय स्तर पर त्योंथर उद्वहन योजना अंतर्गत निर्मित एक्वाडक्ट के घटिया निर्माण के संबंध में काफी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, क्या निर्मित एक्वाडक्ट के निर्माण की जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में एक्वाडक्ट के घटिया निर्माण करने वाली एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला रीवा में त्योंथर उद्वहन योजना अंतर्गत एक्वाडक्ट का निर्माण नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। अपितु 49 नग ड्रैनेज कलवर्टों का निर्माण कराया गया है। प्रस्‍तावित सभी कलवर्टों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। (ख) एवं (ग) त्योंथर उद्वहन योजना का निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है एवं वर्तमान में नहरों से पानी का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में निर्मित कलवर्टों की निर्माण संबंधी शिकायत प्राप्‍त नहीं होना प्रतिवेदित है। एक्वाडक्ट का निर्माण नहीं कराये जाने से एजेंसी के विरूद्ध जांच कराने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

तालाब परियोजनाओं की स्वीकृति‍

[जल संसाधन]

54. ( क्र. 1994 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झिरन्या विकासखण्ड अन्तर्गत पहाड़ी क्षेत्र पर सिंचाई हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब निर्माण हेतु स्थान चिन्हि‍त कर साध्यता हेतु शासन को प्रस्तुत की गई है? हाँ तो वह स्थान एवं परियोजना के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा नहीं तो क्या कारण है? क्या उक्त कार्य की शासन से साध्यता प्राप्त हुई है? नहीं तो क्या कारण है? हाँ तो साध्यता प्राप्त होने के पश्चात क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) झिरन्या पहाड़ी क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा तालाबों की स्वीकृति‍ कब तक प्रदाय की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) भीकनगांव विधानसभा के झिरन्या विकासखण्ड अंतर्गत चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। परियोजनाओं की प्रति हेक्‍टेयर लागत निर्धारित वित्‍तीय मापदण्‍ड से अधिक होने के कारण असाध्‍य पाई गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

फसल क्षतिपूर्ति की राशि का प्रदाय

[राजस्व]

55. ( क्र. 1995 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पूर्व में वर्ष 2018-19 में फसलों के खराब होने से फसल क्षतिपूर्ती की राशि‍ शासन द्वारा प्रदाय की गई थी? किन किसानों को कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई? यह भी बताए कि कितनी राशि प्रदाय करना शेष थी? शेष रहने का क्‍या कारण है तथा उक्‍त स्‍वीकृति राशि कब तक प्रदाय की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : खरगोन जिले के भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2018-19 में फसले खराब नहीं होने से किसानों को फसल क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय की जानकारी निरंक हैं।

फसल विक्रय में अनियमितता

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

56. ( क्र. 2001 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए किस-किस जिले में कितने किसानों ने व्यापारियों से मिलकर कितनी राशि का फर्जीवाड़ा किया? वर्षवार जिलेवार बताएं।          (ख) क्या 2022 में सेटेलाइट सर्वे से यह उजागर हुआ कि जबलपुर जिले में 14000 किसानों ने व्यापारियों से सांठगांठ कर फर्जीवाड़ा करने का प्रयास किया? यदि हाँ, तो बतावें कि अन्य जिलों का सेटेलाइट सर्वे किया गया या नहीं तथा वहाँ किस प्रकार का फर्जीवाड़ा पाया गया? (ग) क्या वर्ष 2021 में दलहन की बुवाई 13.62 लाख हेक्टेयर में हुई थी तथा 2022 में मात्र 8.70 लाख हेक्टेयर में हुई? यदि सही है तो बतावें की किस-किस उपज में कितने बुआई में कमी हुई तथा इसका कारण क्या है? यदि नहीं, तो फसलवार सही आंकड़ें बतावे। (घ) किसानों की वार्षिक आय संबधी आंकड़ें किस विभाग से प्राप्त किये जा सकते हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर किसान के बायोमेट्रिक/ओटीपी सत्‍यापन के आधार पर पंजीयन एवं खरीदी की कार्यवाही की जाती है। पंजीयन में रकवा एवं फसल की जानकारी गिरदावरी डाटाबेस से ली जाती है एवं  संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार उल्‍लेखित किसानों के रकवा एवं फसल का सत्‍यापन राजस्‍व विभाग के अमले के माध्‍यम से कराया जाता है। इस प्रकार विभाग द्वारा समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन में बिचौलियों को समाप्‍त की व्‍यवस्‍था की गई है। विगत 3 वर्षों में व्‍यापारियों से मिलकर फर्जी खरीदी के प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 अंतर्गत जबलपुर जिले में गिरदावरी डाटाबेस के आधार पर ही उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के रकबे एवं फसल के सेटेलाईट इमेज के माध्‍यम से कराया गया जिसमें 3,097 (1,346 हेक्‍टेयर) खसरे अकृषि योग्‍य (Non-Agricultural) एवं 11,871 (9,871 हेक्‍टेयर) खसरों में धान के स्‍थान पर अन्‍य फसल बोया जाना पाया गया है, इनमें से राजस्‍व विभाग के अमले द्वारा मौके पर की गई जांच में जिन खसरों में धान की फसल पाई गई, उनसे उपार्जन किया गया है। शेष खसरों पर धान का उपार्जन नहीं किया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 अंतर्गत अन्‍य जिलों में सेटेलाईट ईमेज के माध्‍यम से फसल एवं खसरों का मिलान नहीं कराया गया है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2021-22 में खरीफ एवं रबी मौसम में कुल दलहन की बुवाई 44.13 लाख हेक्‍टेयर हुई थी तथा वर्ष 2022-23 में द्वितीय अग्रिम अनुमान अनुसार खरीफ एवं रबी मौसम में कुल दलहन की बुवाई 43.48 लाख हेक्‍टेयर हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) किसानों की वार्षिक आय संबधी आंकड़ें कृषि एवं खाद्य विभाग द्वारा संधारित नहीं किए जाते हैं।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

नामांतरण/बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

57. ( क्र. 2059 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सभा क्षेत्र पिपरिया जिला नर्मदापुरम के अन्तर्गत आने वाली तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 01 अप्रैल 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक माननीय न्या‍यालय द्वितीय सिविल जज सीनियर डिवीजन पिपरिया जिला नर्मदापुरम से पैतृक भूमि के नामांतरण/बंटवारा के प्रकरण आपसी सहमति/निर्णय उपरांत कृषि भूमि पर भूमि स्वामी (स्वात्वाधिकारी) के नाम दर्ज करने हेतु स्वात्वाधिकारी से कितने आवेदन प्राप्त हुये बतायें?             (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने प्रकरण समय-सीमा में स्वीकृत किये गये, कितने आवेदन अस्वीकृत किये गये तथा कितने प्रकरण विचाराधीन हैं कारण सहित विवरण देवें? (ग) विचाराधीन प्रकरणों का निपटारा कब तक कर दिया जावेगा बतायें। नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसीलदार बनखेड़ी के अन्तर्गत कुल 02 आवेदन पत्र प्राप्त हुए तहसील पिपरिया में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए। (ख) एक आवेदन पत्र अस्‍वीकृत किया और एक आवेदन पत्र लंबित है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) प्रकरण परीक्षाणा‍धीन है। प्रकरण के निराकरण हेतु पक्षकार द्वारा निर्धारित स्‍टाम्‍प डयूटी जमा कराना अपेक्षित है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों का निराकरण

[राजस्व]

58. ( क्र. 2129 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्योंथर तहसील अंतर्गत वर्ष 2012 से 2015 तक नवीन राजस्व ग्रामों के निर्माण की श्रृंखला में ग्राम सोनौरी से सींगौ एवं कटरा तथा रायपुर से टड़हर राजस्व ग्रामों का सृजन किया गया है, परिणाम स्वरूप उक्त ग्रामों के भूमि स्वामियों के नामों में परिवर्तन सहित भूमियों के खसरे एवं नक्शे में व्यापक विसंगतियां उत्पन्न हो गई हैं। इतने वर्षों के अंतराल में अब तक विभाग द्वारा समस्याओं के प्रभावी निदान की दिशा में सार्थक प्रयास नहीं होने से आम जनमानस में व्यापक मुकदमे बाजी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। (ख) प्रश्‍नांश "क" के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूर्व में भी विधानसभा में प्रस्तुत प्रश्‍नों के प्रत्युत्तर में विभाग द्वारा मात्र समस्या के समाधान को प्रक्रियात्मक कार्य योजना में ही लंबित रखा गया है जिससे जनमानस में व्यापक जनाक्रोश है। ऐसी स्थिति में स्पष्ट करें कि जनहित की इस महत्वपूर्ण समस्या के निदान की दिशा में विभाग उदासीन क्यों है? यदि विभागीय सक्षम अधिकारियों की रूचि सकारात्मक नहीं है तो क्या सक्षम अधिकारियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित होगी यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। त्‍योंथर तहसील अंतर्गत वर्ष 2012 से 2015 तक नवीन राजस्‍व ग्रामों के निर्माण की श्रृखला में ग्राम सोनौरी से सींगौ एवं कटरा तथा रायपुर से टड़हर राजस्‍व ग्रामों का सृजन किया गया है। जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  में है।                (ख) जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

परासिया को जिले का दर्जा

[राजस्व]

59. ( क्र. 2130 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक किन-किन औपचारिकताओं को पूर्ण कराते हुये क्या-क्या कार्यवाही की गई है? मय दस्तावेजों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) परासिया को जिला बनाये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को पत्र प्रेषित किया गया था, जिन पत्रों पर मंत्रालय राजस्व विभाग के माध्यम से जिला कलेक्टर छिन्दवाड़ा को पत्र प्रेषित निर्देश जारी कर आवश्यक कार्यवाही करते हुये विभाग को जानकारी तत्काल भिजवाने हेतु निर्देशित किया गया था। जिस पर जिला कलेक्टर द्वारा अन्य अधिकारियों को जानकारी देने हेतु निर्देशित किया गया था। जिस संबंध में अभी तक             क्या-क्या जानकारी विभाग को प्राप्त हुई है? दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। अगर जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हुई है और विभाग को प्रेषित नहीं की गई है तो उसका क्या कारण है? उसके लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं और उन पर शासन के दिशा निर्देशों का समय पर पालन नहीं करने के लिये क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में शासन द्वारा कब तक विभिन्न औपचारिकताओं व कार्यवाही को पूर्ण कराते हुये परासिया को जिले का दर्जा प्रदान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में कलेक्‍टर कार्यालय छिन्‍दवाड़ा के पत्र क्रमांक/8529/स.अ.रा./2022 छिन्‍दवाड़ा दिनांक                 30 नवम्‍बर 2022 के माध्‍यम से प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ, जो परीक्षणाधीन है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) परासिया जिला बनाये जाने संबंधी प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है, जिसकी पूर्णता: हेतु निश्चित समय-सीमा के निर्धारण किये जाने में कठिनाई है।

सिंचाई योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति

[जल संसाधन]

60. ( क्र. 2132 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अन्तर्गत स्थित विधानसभा क्षेत्र परासिया में विभाग द्वारा किन-किन सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति हेतु कार्यवाही को पूर्ण की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार विभाग द्वारा जिन सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति हेतु कार्यवाही को पूर्ण किया गया है, उन सिंचाई योजनाओं में से कितनी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति शासन विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है और कितनी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति शासन विभाग द्वारा प्रदान नहीं की गई है? कितनी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान किया जाना शेष है? सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदय को विधानसभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1040 व पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2022/1038 एवं पत्र क्र.वि.स./ परासिया/127/2022/1036 तीनों पत्र दिनांक 18.12.2022 को प्रेषित किये गये थे, उन पत्रों में उल्लेखित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और कब तक सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र परासिया के अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्‍त तथा निर्मित/निर्माणाधीन परियोजनाओं की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रशासकीय स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मान. सदस्‍य द्वारा प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र क्र.1036, 1038 एवं 1040 दिनांक 18.12.2022 द्वारा 15 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु लेख किया गया। पत्र में उल्‍लेखित परियोजनाओं में से 02 परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति एवं 07 परियोजनाओं की साध्यता स्वीकृति प्रदान की गई है तथा शेष 06 परियोजनाओं में से 02 परियोजनाएं तकनीकी मापदण्‍ड पर असाध्‍य एवं मोरडोंगरी/ताण्‍डी बांध एक ही परियोजना होने, भीमसेनढाना जलाशय का कमाण्‍ड सर्वेक्षणाधीन घाटामाली जलाशय में शामिल होने के कारण तथा 02 परियोजनाएं चिन्हित श्रेणी में दर्ज है, जिनकी साध्‍यता स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र ब, स एवं द  अनुसार है। डीपीआर प्राप्‍त होने पर गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री/मुख्‍यमंत्री किसान सम्‍मान निधि

[राजस्व]

61. ( क्र. 2152 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि भारत सरकार के द्वारा व मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के तहत सिंगरौली विधानसभा में सभी ग्रामों के सभी भू-स्‍वामियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि व मुख्‍यमंत्री कल्‍याण निधि के राशि का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सभी ग्रामों के      भू-स्‍वामियों की संख्‍यावार जानकारी देवें। जिन-जिन ग्रामों के भू-स्‍वामियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है तो क्‍यों सभी ग्रामों के भू-स्‍वामियों का संख्‍यावार जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : जी नहीं। प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के मापदण्‍डों के अनुसार पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि का भुगतान किया जा रहा है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कुछ भूमिस्‍वामियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के मापदण्‍डों के अनुसार पात्रता नहीं आने से योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। अपात्र हितग्राहियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

जिला माईनिंग फण्‍ड का उपयोग

[खनिज साधन]

62. ( क्र. 2156 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भारत सरकार के द्वारा जिला माईनिंग फण्‍ड के संबंध में जो नियम बनाया था, उसमें जिस जिले का जिला माईनिंग फण्‍ड रहेगा उस राशि को उसी जिले के विकास कार्य में खर्च किया जायेगा। लेकिन राज्‍य सरकार के द्वारा जो नियम बताये गये है उसमें जिला माईनिंग फण्‍ड को राज्‍य शासन स्‍तर पर खर्च करने का निर्णय किये हैं तो क्‍या राज्‍य शासन नियम में संशोधन कर जिला माईनिंग फण्‍ड को जिले के विकास कार्य में खर्च करने का निर्णय करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : जी नहीं। भारत सरकार, खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 9 (ख) में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के संबंध में नियम बनाने की शक्तियाँ राज्‍य शासन को प्रदत्‍त है। प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना (PMKKKY) के अंतर्गत निर्मित मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 यथा संशोधन 2022 में उल्‍लेखित कार्यों एवं प्राथमिकताओं पर व्‍यय किये जाने का प्रावधान है। राज्‍य शासन द्वारा निर्मित मध्‍यप्रदेश खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की राशि को राज्‍य शासन द्वारा व्‍यय किये जाने के प्रावधान नहीं है। मध्‍यप्रदेश संशोधित राजपत्र दिनांक 25/08/2022 के नियम 13 के उप-नियम (2) के खण्‍ड (ड.) के उप-खण्‍ड (एक) अनुसार किसी भी जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में वार्षिक रूप से प्राप्‍त रकम निम्‍नलिखित दो भागों में संधारित की जाएगी। भाग (क) की राशि का उपयोग नियम 14 (1) अनुसार संबंधित जिले के कार्यों के लिए किया जाएगा। भाग (ख) की राशि का उपयोग नियम 14 (2) अनुसार किसी अन्‍य खनन प्रभावित जिले में भी किया जा सकता है।

रिहन्‍द माइक्रो सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

63. ( क्र. 2157 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के सिंगरौली विधानसभा में प्रस्‍तावि‍त रिहन्‍द माइक्रो सिंचाई परियोजना का सभी प्रकार के प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं निविदा (टेन्‍डर) का प्रक्रिया पूरा कर लिया गया है, तो कब तक भूमि पूजन कर निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा? (ख) रिहन्‍द माइक्रो सिंचाई परियोजना सिंगरौली किस स्थिति में है क्‍या कारण है कि भूमि पूजन करने व निर्माण कार्य शुरू करने की समस्‍या हो रही है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वृहद परियोजना नियंत्रण मण्‍डल द्वारा लिये गये निर्णय के अनुक्रम में रिहन्द माइक्रो सिंचाई परियोजना हेतु न्‍यूनतम निविदाकार पीईएल-पीसी (जेव्‍ही) (मेसर्स पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड मुंबई एवं मेसर्स प्रथमेश कन्‍स्‍ट्रक्‍शन, सांगली का संयुक्‍त उपक्रम) की निविदा दिनांक 27.02.2023 द्वारा स्‍वीकृत की गई है। अनुबंध पश्‍चात निर्माण बावत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

64. ( क्र. 2248 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) ग्राम खेला गांव तहसील नलखेड़ा जिला आगर मालवा में स्थित पंचायत भवन के आसपास कितनी शासकीय भूमि पर असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? प्रश्‍न क्रमांक 383 दिनांक 09.12.2015, 3948 दिनांक 21.2.2017, 1888 दिनांक 24.02.2016, 5354 दिनांक 17.03.2016 एवं प्रश्‍न क्रमांक 106 दिनांक 21.12.2022 द्वारा अतारांकित प्रश्‍न में राजस्व मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि 26 अतिक्रमणकारियों द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा किया गया है। क्या शासन ऐसे अतिक्रमणकारियों से आज दिनांक तक शासकीय भूमि अपने अधिपत्य में क्यों नहीं ली जा रही है? (ख) क्या राजस्व के कतिपय अधिकारी एवं अतिक्रमणकारियों की मिलीभगत से विधान सभा को एक ही प्रश्‍न के अलग-अलग उत्तर दिये जाकर मात्र औपचारिकता पूरी की गई है? क्या शासन ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित करेगा तथा शासकीय भूमि को कब तक अपने अधिपत्य में लेगा? (ग) पंचायत भवन से लगी हुई शासकीय भूमि पर क्या किसी अतिक्रमणधारियों द्वारा भवन बनाया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे भवन बनाने की अनुमति किसके द्वारा दी गई है? क्या शासन ऐसे अवैध भवन को तत्काल हटाने की कार्यवाही करेगा? साथ ही शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम खेलागांव तहसील नलखेड़ा स्थित पंचायत भवन सर्वे क्रमांक 273 रकवा 1.02 ग्रामीण आवास योजना अन्तर्गत भूमि मद में दर्ज है जिसमें से रकवा 0.20 हे. भूमि पर अतिक्रमण किया गया था, जिसे न्यायालय तहसीलदार तहसील नलखेड़ा के प्रकरण क्रमांक 103/अ-68/2022-23, 104/अ-68/2022-23 आदेश दिनांक 16.01.2023 से अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली आदेश पारित किया गया तथा अतिक्रामक को बेदखल कर भूमि अधिपत्य में ली गयी। प्रश्‍न क्रमांक 383 में वर्णित 26 अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा किये गये अतिक्रमण संबंधी प्रकरणों में आदेश पारित किया जाकर निराकरण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। विभिन्‍न विधानसभा सत्रों के दौरान विधानसभा प्रश्‍नों के द्वारा भूमि विशेष पर मांगी गई अतिक्रामकों की संख्‍या एक समान होना आवश्‍यक नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांकित भूमि ग्रामीण आवास योजना अंतर्गत होने से मौके पर निर्मित मकानों को शासन निर्देशानुसार स्‍वामित्‍व योजना के अन्‍तर्गत योजना का लाभ प्रदाय किया गया है।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

65. ( क्र. 2258 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी के राजस्‍व निरीक्षक मण्डल जबलपुर-2, अंतर्गत शासकीय भूमि में           कहां-कहां पर अतिक्रमण है, कितने रकवा क्षेत्र में है? (ख) विधानसभा क्षेत्र बरगी के ग्राम पंचायत घंसौर के ग्राम घाना में कमर्शियल ऑटोमोबाइल द्वारा लगभग 2 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण एवं नायडू होटल द्वारा शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? अतिक्रमण कब तक हटाया जावेगा? (ग) ग्राम पंचायत नन्हाखेड़ा के ग्राम सिवनीटोला में नहर के पास एवं पेट्रोल पंप के पहले शासकीय भूमि पर व्यक्ति विशेष द्वारा किए गए अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में कब-कब पत्राचार कर अतिक्रमण हटाने का लेख किया गया है? उक्त पत्रों के संबंध में कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो कारण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी के राजस्व निरीक्षक मण्डल रकवा जबलपुर-2, अंतर्गत शासकीय भूमि कुल 23 प्रकरण है। ग्रामवार, रकवावार जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट – अ अनुसार है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट – ब अनुसार है। (ग) ग्राम सिवनीटोला में नहर के पास एवं पेट्रोल पंप के पहले स्थित शासकीय भूमि ख.नं. 370 रकवा 0.29 है. पर मनीष शुक्ला पिता संतोष शुक्ला का अतिक्रमण पाया गया। जिस पर न्यायालय तहसीलदार जबलपुर में अतिक्रमण प्रकरण कमांक 0037/अ-68/2022-23 न्‍यायाधीन है। (घ) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट – स अनुसार है।

धवारी प्रेमनगर की आ.क्र. 440 के संबंध में

[राजस्व]

66. ( क्र. 2322 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर पालिका निगम अंतर्गत धवारी प्रेमनगर की आ.क्र.440 का मूल रकवा कितने एकड़ का था? अराजी क्र.440 को वर्ष 1958 से 2023 तक में कितने लोगों को कब-कब और कितना- कितना अंश भाग बेचा गया? जिन लोगों ने प्लॉटिंग करके बेची है तो रोड नाली सड़क दी थी? बिना रोड नाली के रजिस्ट्री, दाखिल खारिज और नामांतरण क्यों किया गया? इसकी जांच करवा कर दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) आराजी क्र.440/1/क/1/क/1 का कितना रकवा है और कितने भू-भाग पर सड़क नाली दर्ज की गई है और कितना अंश भाग शेष है? शेष अंश भाग का भू-स्वामी कौन है? रिकॉर्ड में किसका नाम दर्ज है? (ग) क्या आ.क.440/1/क/1/क/1 पर रोड नाली सड़क दर्ज करने के पहले भूमिस्वामी से सहमति या कोई शपथपत्र लिया गया? यदि नहीं, तो भूमिस्वामी के सहमति बिना कैसे रोड नाली दर्ज कर दी गई? क्या कोई मुआवजा भूमिस्वामी को दिया गया? यदि नहीं, तो इसमे संलिप्‍त दोषी अधिकारी कर्मचारी पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या आ.क्र.440/1/क/1/क/1 को भूमि स्वामी द्वारा बेचा गया? क्या भूमि स्वामी आशा चौधरी द्वारा विक्रय पत्र में हस्ताक्षर, क्रेता के साथ फोटो, कोई परिचय पत्र रजिस्टार ऑफिस में लगाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जाली दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्री कराई गई इसकी जांच कराकर से जानकारी उपलब्ध कराये।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सतना नगर पालिका निगम सतना अन्‍तर्गत मौजा धवारी प्रेमनगर की आराजी नम्‍बर 440 वर्ष 1963-64 में कुल मूल रकवा 9.79 एकड़ था। दर्ज भूमि स्‍वामी द्वारा वर्ष 1963-64 से वर्ष 1966 तक में 44 व्‍यक्तियों को रजिस्‍टर्ड विक्रय पत्रों के माध्‍यम से विक्री किया जाना पाया गया है। भूमिस्‍वामी द्वारा रोड एवं नाली सड़क प्‍लाटिंग के समय दी गई थी। शेष प्रशन उद्भूत नहीं होता है। (ख) आराजी नम्बर 440/1/क/1 का रकवा 1.26 ए. है। तहसीलदार तहसील रघुराजनगर के राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 539374/2005/-06 में पारित आदेश दिनांक 31-8-2009 के माध्‍यम से उक्‍त रकवे पर रोड नाली दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया। उक्‍त रकवा 1.26 ए. के अलावा कोई भूमि शेष नहीं है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) आराजी 440/1/क/1/क/1 के विक्रय की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

बरगी को तहसील का दर्जा दिया जाना

[राजस्व]

67. ( क्र. 2329 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 139 दिनांक 20.12.22 के उत्तर में बताया गया था कि बरगी को पूर्ण कालिक तहसील का दर्जा दिये जाने के प्रस्ताव को मंत्रि‍ परिषद के समक्ष रखा जाना प्रावधानित है? (ख) क्या उक्त उत्तर दिनांक के पश्चात कोई अन्य नवीन तहसील गठित करने के प्रस्ताव को विभाग द्वारा मंत्रि‍ परिषद के अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त में कौन-कौन सी तहसीलों के प्रस्ताव सम्मि‍लित थे? (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो विभाग द्वारा नवीन तहसील बरगी के गठन के प्रस्ताव को उक्‍त प्रस्तावों में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया? उचित कारण देवें। (घ) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्तर हाँ है तो बरगी को कब तक तहसील का दर्जा प्राप्त होगा? ध्या‍नाकर्षण दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है, जिसके प्रकाश में निश्चित समय-सीमा का निर्धारण किया जाना संभव नहीं है।

 

भू-अधिकार ऋण पुस्तिका

[राजस्व]

68. ( क्र. 2347 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला दमोह में भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका में दर्ज भू-अभिलेख खसरा नं. एवं रकवा आदि का उल्‍लेख ऑनलाइन दर्ज किया जाता है? (ख) क्‍या जिला दमोह, तहसील पटेरा, पटवारी हल्‍का इटवा हीरालाल, ग्राम पड़री उदयभान के भू-स्‍वामियों को प्रदत्त की गई भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं में दर्ज भू-अभिलेख खसरा नं., रकवा एवं कृषक का नाम ऑनलाइन दर्ज किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब तक के? (ग) क्‍या जिला दमोह के ग्राम पडरी उदयभान के कृषक सीताराम उर्फ कोमल प्रसाद वल्‍द नंद किशोर उर्फ बाबूलाल को प्रदत्त की गई भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका दर्ज रिकार्ड में एवं ऑनलाइन दर्ज किये गये रिकार्ड में खसरा नं., रकवा व कृषक के नाम में भिन्‍नता है तथा ऑनलाइन दर्ज रिकार्ड त्रुटिपूर्ण है? क्‍या रिकार्ड में सुधार करने हेतु कृषक द्वारा तहसीलदार पटेरा, नायब तहसीलदार लुहारी मंडल एवं एस.डी.एम. हटा को आवेदन पत्र विगत दिनों में दिये गये है? यदि हाँ, तो क्‍या ऑनलाइन दर्ज रिकार्ड त्रुटिपूर्ण रिकार्ड खसरा नं., रकवा एवं कृषक के नाम में सुधार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? इस त्रुटि के लिए कौन-कौन दोषी है तथा इसमें कब तक सुधार कर लिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। तहसील पटेरा अंतर्गत ग्राम हल्का इटवा हीरालाल, ग्राम पडरी उदयभान वर्ष 2023 तक के खसरा नंबर, रकवा एवं कृषक का नाम ऑनलाइन दर्ज है। (ग) तहसील पटेरा के ग्राम पडरी उदयभान के कृषक सीताराम उर्फ कोमल प्रसाद वल्द नंद किशोर उर्फ बाबूलाल निवासी रुसल्ली वर्तमान निवास भोपाल, द्वारा रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) हटा के कार्यालय में आवेदन पत्र भेजा गया, जो दिनाँक 31/01/2023 को प्राप्त हुआ। प्रस्तुत आवेदन पत्र के साथ ऋण पुस्तिका की छायाप्रति एवं खसरा वर्ष 2009-10 की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी। प्रस्तुत आवेदन की जाँच संबंधित पटवारी/तहसीलदार के द्वारा की गयी। जाँच में आवेदक के द्वारा सम्पूर्ण अभिलेख प्रस्तुत न करने के कारण अमान्य किया गया। आवेदक वांछित दस्तावेज सहित म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कराकर अनुतोष प्राप्त कर सकता है।

वन विभाग के कर्मचारियों का वेतनमान

[वन]

69. ( क्र. 2348 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को राजस्‍व/पुलिस के समान वेतनमान एवं 13 माह का वेतन दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या वन विभाग के वन रक्षक से लेकर अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक स्‍तर तक अधिकारी/कर्मचारियों को वर्दी अनिवार्य की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या स्‍थाई कर्मी को चतुर्थ श्रेणी में 7वां वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति एवं वन कर्मियों को पौष्टिक भत्‍ता नक्सलाइट क्षेत्र में कार्य करने वालों को नक्सलाइट भत्‍ता जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या वन विभाग में तेंदूपत्‍ता प्रबंधकों/स्‍थाई कर्मियों का नियमितीकरण किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करायें और यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वन कर्मियों को 13 माह का वेतन देने के प्रस्‍ताव पर वित्‍त विभाग के परामर्श अनुसार कर्मचारी आयोग को संदर्भित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी नहीं। वन विभाग में वन रक्षक से लेकर वन क्षेत्रपाल स्तर तक के अधिकारी/ कर्मचारियों को वर्दी अनिवार्य है, क्योंकि वनों की सुरक्षा के क्षेत्रीय दायित्वों के निर्वहन हेतु उन्हें पुलिस अधिकारियों की तरह अपराधियों की धर पकड़ जांच एवं प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुतीकरण जैसे कार्य करने होते हैं। सहायक वन संरक्षक से वरिष्ठ अधिकारियों के लिये वर्दी अनिवार्य नहीं की गई है, क्योंकि उनके द्वारा अर्द्धन्यायिक कार्य भी सम्पादित किये जाते हैं।       (ग) जी नहीं। वन कर्मियों को पौष्टिक भत्‍ता देने के प्रस्‍ताव पर वित्‍त विभाग के परामर्श अनुसार कर्मचारी आयोग को संदर्भित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी नहीं। म.प्र. राज्‍य लघु वनोपज (विकास एवं विपणन) सहकारी संघ की त्रिस्‍तरीय संरचना है, जिनमें प्राथमिक स्‍तर पर प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां कार्यरत हैं। प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों हेतु सेवा नियम आयुक्‍त सहाकारिता एवं पंजीयक, सहाकारी संस्‍थाएं म.प्र. द्वारा आदेश/विप/वनो/13/1564/2, दिनांक 16.09.2013 से लागू किये गये हैं। सेवा नियम की कंडिका (7) में प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां नियमित निकाय है एवं स्‍वतंत्र इकाई है, इसलिए नियमितीकरण का निर्णय उनके स्‍तर पर ही लिया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासन की भूमि पर अवैध निर्माण

[राजस्व]

70. ( क्र. 2355 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम/मौजा पटवारी हल्‍का मझगवां, तहसील मझगवां, जिला सतना (म.प्र.) के ग्राम मौजा रमपुरवा की शासकीय आराजी 1/1 एवं 1/2 रकबा 40.262 हेक्‍टेयर के अंश भाग 0.026 हेक्‍टेयर में सृजल अग्रवाल तनय संजय अग्रवाल निवासी कर्बी, जिला चित्रकूट (उ.प्र.) ने पिलर बनाकर पक्‍की बाउण्‍ड्री बनाकर अवैध कब्‍जा कर लिया है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित भूमि पर मौजा रमपुरवा के पटवारी द्वारा 13/10/2022 को तहसीलदार को लिखित में सूचित किया है? पत्र की एक प्रति दें। क्‍या तहसीलदार, तहसील मझगवां, जिला सतना ने पत्र क्रमांक/368 मझगवां दिनांक 17/10/2022 से कोई आदेश जारी किया है? पत्र/आदेश की एक प्रति दें। (ग) क्‍या कार्यालय उपखण्‍ड मजिस्‍ट्रेट मझगवां, जिला सतना द्वारा पत्र क्रमांक 253/2022 मझगवां दिनांक 16/08/2022 से कलेक्‍टर एवं जिला मजिस्‍ट्रेट को पत्र लिखा था? पत्र की एक प्रतिलिपि देते हुये बतायें कि कार्यालय कलेक्‍टर/एस.डी.एम. मझगवां द्वारा प्रश्‍न तिथि तक उक्‍त अवैध पक्‍के अतिक्रमण को क्‍यों ध्‍वस्‍त नहीं किया है? (घ) अवैध पक्‍के अतिक्रमण को अगर तोड़ दिया गया हो तो उसकी जानकारी उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम/मौजा पटवारी हल्‍का मझगवां, तहसील मझगवां, जिला सतना (म.प्र.) के ग्राम मौजा रमपुरवा की शासकीय आराजी 1/1 एवं 1/2 रकबा 40.262 हेक्‍टेयर के अंश भाग 0.026 हेक्‍टेयर में सृजल अग्रवाल तनय संजय अग्रवाल निवासी कर्बी, जिला चित्रकूट (उ.प्र.) का अतिक्रमण पाया गया। (ख) जी हाँ। पटवारी प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जी हाँ। न्‍यायालय तहसीलदार मझगवां के आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टस अनुसार है। (घ) जी नहीं।

मुलताई नगर का नाम परिवर्तन

[राजस्व]

71. ( क्र. 2381 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) ताप्ती नदी के उद्गम स्थल मुलताई का नाम बदलने हेतु क्या विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक तथा धार्मिक संगठनों द्वारा ज्ञापन इत्यादि प्रशासन को प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो इन पर क्या कार्यवाही हुई है? अवगत करावें। (ख) क्या नगर पालिका परिषद् मुलताई द्वारा मुलताई नगर का नाम मूलतापी करने का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई है? (ग) जनभावनाओं को देखते हुये तथा ताप्ती उद्गम स्थल मुलताई का नाम मूलतापी कब तक कर दिया जायेगा? क्या प्रशासन को इसमें कोई परेशानी है? यदि हाँ, तो क्या समस्या है? (घ) मुलताई नगर का नाम परिर्वतन कर मूलतापी कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ग) कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार है।

नायब तहसीलदारों को नियम विरूद्ध प्रभार

[राजस्व]

72. ( क्र. 2389 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में एम.पी.एल.आर.सी. के किस नियम के तहत तहसीलदार पदस्थ होते हुये भी जिला मुख्यालय की तहसील श्योपुर में नायब तहसीलदार को प्रभार क्यों और कैसे दिया गया? यदि नायब तहसीलदार को नियम विरूद्ध प्रभार दिया गया है, तो इनको कब तक हटा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?         (ख) क्या सरकारी कर्मचारी को शासकीय भूमि का पट्टा दिया जा सकता है? यदि हाँ तो किस नियम प्रावधान के तहत? यदि नहीं, तो तहसील बड़ोदा के रीडर राजू आर्य को कैसे मिला और वर्ष 2020 में अमल क्यों किया गया? अगर पट्टा पूर्व का था तो अमल पूर्व में क्यों नहीं किया गया? यदि पट्टा नियम विरूद्ध हुआ है, तो अमल करने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या तहसीलदार बड़ोदा में नायब तहसीलदार भरत नायक ने पाण्डोला ग्राम के एक बंटवारे के प्रकरण में 12 वर्ष पहले मृत महिलाओं के कथन दर्ज कर बंटवारा कर दिया गया है? यदि हाँ तो उक्त तहसीलदार पर क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) तहसील श्योपुर एवं बड़ोदा में नामान्तरण एवं बंटवारे के किन-किन के आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुये? कौन-कौन से प्रकरण कब-कब से लम्बित हैं? लम्बित रहने का क्या कारण है? लम्बित प्रकरणों का निराकरण कब तक करा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 (संशोधन 2018) की धारा 19 (3) में नायब तहसीलदार को तहसीलदार की शक्तियां प्रदत्‍त किये जाने का प्रावधान है। कार्यालय कलेक्‍टर जिला श्‍योपुर के आदेश क्रमांक/स्‍थापना/2023/1011 श्‍योपुर दिनांक 03.02.2023 से प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से श्‍योपुर जिले में पदस्‍थ तहसीलदार/नायब तहसीलदारों के मध्‍य कार्य विभाजन किया गया है। उक्‍त आदेशानुसार नायब तहसीलदार को तहसीलदार श्‍योपुर का प्रभार सौंपा गया है। प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है (ख) जी नहीं, शासकीय कर्मचारी को शासकीय भूमि का पट्टा दिये जाने प्रावधान नहीं है। श्री राजेश आर्य को शासकीय सेवा में आने से पूर्व पट्टा प्राप्‍त हुआ है। जिसका इन्‍द्राज वर्ष 2010-11 से 2018-19 तक के खसरा में चला आ रहा है। तहसील बड़ौदा के रीडर श्री राजेश आर्य वर्ष 2016 में शासकीय सेवा में आये हैं। वर्ष 2019-20 में कम्‍प्‍यूटर खसरे में त्रुटिवश प्रविष्टि छूट जाने से न्‍यायालय तहसीलदार तहसील बड़ौदा के प्र.क्र.0074/20-21/बी 121 में पारित आदेश दिनांक 07.11.2020 से पुन: प्रविष्टि दर्ज की गई।       (ग) हाँ, इस संबंध में मध्‍यप्रदेश शासन, राजस्‍व विभाग, मंत्रालय वल्‍लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ-9-1/2022 सात-एक भोपाल दिनांक 14.10.2022 के संलग्‍न शिकायतकर्ता श्री लोकेन्‍द्र मीणा पुत्र कन्‍हैयालाल मीणा दत्‍तक पुत्र श्री नारायण मीणा निवासी ग्राम पाण्‍डोला का आवेदन प्राप्‍त हुआ है। जिसके संबंध में नायब तहसीलदार श्री भरत नायक एवं तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। उक्‍त के संबंध में जांच प्रचलित है। तहसीलदार बड़ोदा का यह बंटवारा आदेश न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी श्‍योपुर की अपील में पारित आदेश से निरस्‍त किया गया है। तहसीलदार तहसील बड़ौदा प्रकरण क्रमांक 06/2020-21/अ-27आदेश दिनांक 06.08.2020 एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) अनुभाग श्‍योपुर के प्रकरण क्रमांक 33/2022-23/अपील में पारित आदेश दिनांक 19.10.2022 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) तहसील श्‍योपुर में नामांतरण प्रकरण 611 एवं बंटवारा प्रकरण 178 लंबित है तथा तहसील बड़ौदा में नामांतरण प्रकरण 79 एवं बंटवारा प्रकरण 86 लंबित है, जिनका विधिक प्रक्रिया अनुसार निराकरण किया जा रहा है। तहसील श्‍योपुर एवं बड़ोदा में नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरणों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

प्राप्त शिकायतों का निराकरण

[जल संसाधन]

73. ( क्र. 2391 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्या चम्बल सिंचाई परियोजना का उद्देश्य असिंचित भूमि को सिंचित करने का है? यदि हाँ, तो उक्त परियोजना में असिंचित एवं समीपस्थ क्षेत्र के ग्राम जैदा, गुवाडी, मठेपुरा, चैडपुर, प्रेमपुरा, गूजरगांवडी को सम्मिलित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक कार्य करा दिया जावेगा? उक्त परियोजना में पूर्व से चम्बल नहर से सिंचित भूमि के ग्रामों का चयन किस आधार पर किया गया है तथा वे कौन-कौन से ग्राम हैं तथा उनका सर्वे क्र. एवं कुल रकबा कितना है?              (ख) क्या पूर्व में भी जागरूक जनप्रतिनिधि एवं कृषकों द्वारा उक्त परियोजना में घटिया कार्य होने की शिकायत की गयी है, मापदण्डानुसार पाइप-लाइन नहीं बिछाई गयी है, जैसे कि चन्द्रपुरा टोल टैक्स के पास एवं बगवाडा में पूरी लाइन (डैमेज) फूट चुकी है? क्या शासन द्वारा उक्त शिकायतों/घटिया निर्माण की जांच प्रदेश स्तर से उच्च जांच कमेटी बनाकर करायी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सूक्ष्म सिंचाई परियोजना मूजरी बांध श्योपुर स्वीकृत हो चुकी है एवं आवदा बांध श्योपुर की मरम्मत कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति अभी तक लम्बित है? यदि हाँ तो उक्त कार्य के टेण्डर एवं प्रशासकीय स्वीकृति शासन स्तर से क्यों नहीं दी जा रही है? टेण्डर एवं स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चंबल सिंचाई परियोजना नहीं अपितु चंबल सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना से कुल 12000 हेक्टेयर असिंचित भूमि को सिंचित करना प्रस्‍तावित है। उक्त परियोजना में ग्राम जैदा, गुवाडी, मठेपुरा, चैडपुर, प्रेमपुरा, गूजरगांवडी को इसलिए सम्मिलित नहीं किया गया है क्योंकि लघु तालाब गूजरगांवडी से गुवाडी, गूजरगांवडी, प्रेमपुरा, चैडपुर, मठेपुरा में सिंचाई हो रही है। जैदा ग्राम पूर्व से आवदा बांध की नहर से सिंचित है। जैदा ग्राम का आंशिक क्षेत्र 101 हेक्टेयर को चंबल सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना में सम्मिलित किया गया है। उक्त सिंचाई परियोजना में चंबल नहर के कमाण्ड क्षेत्र का कोई गांव को सम्मिलित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) मैदानी कार्यालयों में उपलब्‍ध अभिलेख अनुसार किसी भी जागरूक जनप्रतिनिधि अथवा कृषकों से उक्त परियोजना के घटिया कार्य की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। विभागीय मापदण्डानुसार पाइप-लाइन बिछाई गई है। चन्द्रपुरा टोल टेक्स एवं बगबाडा में पाइप-लाइन डैमेज हुई जिसकी मरम्‍मत करा दिया जाना प्रतिवेदित है। उक्त योजना का एम.ओ.एम. की समयावधि 5 वर्ष है। इस अवधि में कोई भी डैमेज होने पर स्वयं एजेंसी द्वारा उसकी मरम्मत कराई जाती है। अतः निर्माण कार्य की उच्‍च जांच कमेटी से जांच कराने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। मूंझरी सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 04.10.2018 को राशि      रू. 414.79 करोड़ की 11, 575 हेक्‍टेयर सैच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। कार्य की निविदा प्राप्त होकर प्रक्रियाधीन है। आवदा बांध के मरम्मत कार्य की डी.पी.आर. मुख्य अभियंता बोधी कार्यालय में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

श्रमिकों को श्रमिक कार्ड का लाभ

[श्रम]

74. ( क्र. 2394 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत एक वर्ष में कितने श्रमिकों के श्रमिक कार्ड बनाये गये हैं और कितने प्रक्रियाधीन है? पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) श्रमिक कार्ड का विगत दो वर्षों में कितने श्रमिकों को लाभ मिला? पंचायतवार अवगत करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत विगत एक वर्ष में कुल 3974 निर्माण श्रमिकों के पंजीयन कर परिचय पत्र जारी किये गये है। पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र दिमनी में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजनांतर्गत विगत एक वर्ष में पंजीकृत श्रमिकों के जारी पंजीयन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की योजनाओं अंतर्गत विगत दो 02 वर्षों में 200 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। संबल योजनांतर्गत विगत दो वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

स्टॉप डेम बनाये जाने की जानकारी

[जल संसाधन]

75. ( क्र. 2399 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधानसभा मुरैना के ग्राम गढ़ीखेड़ा घुरैया बसई के मध्य खुरई नदी पर स्टॉप डेम बनाने की स्वीकृति वर्ष 2015 में दो करोड़ सैंतालीस लाख अठ्त्तर हजार की दी गई थी? उसकी निविदा कब आमंत्रित की गई तथा किस कम्पनी को स्टॉप डेम बनाने का ठेका दिया गया था? (ख) क्या स्टॉप डेम से आठ सौ बीघा खेती वाली जमीन में सिंचाई हो सकेगी तथा क्षेत्र का वॉटर लेवल बढ़ाने, पशु पालकों को पानी पीने हेतु पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगा? क्‍योंकि वर्तमान में फरवरी 2023 की स्थिति में डेम से पानी बहता रहता है? (ग) क्या तत्कालीन विधायक के जनपद अध्यक्ष जो जल संसाधन विभाग के एस.डी.ओ., सब इन्जीनियर की उपस्थिति में आव्हान किया था, डेम से ग्राम पहावली गढ़खेरा, डगरियापुरा, उदवन्त का पुरा, घुरैया बसई, जगजीत का पुरा सिलपई आदि गांव लाभान्वित होंगे एवं सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध रहेगा? पानी की स्थिति वर्ष 2018 से फरवरी 2023 तक क्या रही है? (घ) पूर्व विधायक द्वारा डेम के घटिया निर्माण, करोड़ों रूपये राशि खुर्द-बुर्द करने, स्टॉप डेम सूखा रहने, टूटी हालत में रहने की शिकायत किन-किन अधिकारियों को की गई? अधिकारियों के नाम, पद, दिनांक, वर्ष व उनके द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। गढ़ीखेड़ा स्टॉप डेम के निर्माण हेतु दिनांक 20.06.2018 को निविदा आमंत्रित की गई। न्यनूतम निविदाकार मेसर्स अरविन्द कन्स्ट्रक्शन मुरैना को कार्य आवंटित किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि गढ़ीखेड़ा स्टापडेम की रूपांकित सिंचाई क्षमता 290 हेक्‍टेयर है। वर्षाकाल के दौरान प्रतिवर्ष स्टॉप डेम में क्षमता के अनुरूप जल भराव होता है। स्‍टॉप डेम का डूब क्षेत्र पोरस होने के कारण जल भराव माह दिसम्बर तक उपलब्‍ध रहना प्रतिवेदित है। उक्त जल का उपयोग सिंचाई के अतिरिक्त निस्तार हेतु स्थानीय कृषक/ग्रामीणों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में गढ़ीखेडा स्‍टॉप डेम में पानी नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) परियोजना प्रतिवेदन अनुसार गढ़ीखेड़ा स्टॉप डेम से ग्राम गढ़ीखेड़ा, रूमई, पहावली एवं मटकोला लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। स्टॉप डेम का कार्य वर्ष 2019 में पूर्ण हुआ था। वर्ष 2020 से निरंतर जल भराव हो रहा है जिसका सिंचाई एवं निस्तार हेतु उपयोग हो रहा है। स्‍टॉप डेम से वर्ष 2020-21 में 130 हेक्‍टेयर एवं 2021-22 में 130 हेक्‍टेयर में वास्‍तविक सिंचाई दर्ज की गयी है। (घ) जी हाँ। माननीय मंत्री जी जल संसाधन विभाग को संबोधित माननीय पूर्व विधायक का शिकायत पत्र दिनांक 08.04.2021 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–1 अनुसार है। प्रतिलिपि में माननीय सदस्‍य द्वारा अन्‍य कार्यालयों को प्रेषित अधिकारियों की सूची पत्र में दर्शित है। शिकायत की जांच कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, जौरा जिला मुरैना द्वारा की जाना प्रतिवेदित है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है।

गरीब परिवारों को मुफ्त राशन वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

76. ( क्र. 2400 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्या ग्वालियर, मुरैना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में शासन की नीति के अनुसार क्‍या गरीब परिवारों को मुफ्त राशन (1 रूपये किलो) जनकल्याणकारी योजना के तहत वितरण किया जाता है? वर्ष 2020 से फरवरी 2023 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या गरीबों को मिलने वाले खाद्यान्न के वितरण में कई महीनों तक राशन नहीं दिया जाता है, जिनकी शिकायतें कई वितरण केन्द्रों की अनुविभागीय अधिकारियों से की जाती हैं, लेकिन आवंटन देने वाले विभाग वितरण से अदृश्य रहते हैं? (ग) शासन द्वारा खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की मॉनिटरिंग जिला स्तरों पर   किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों को दी गई? पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) क्या उक्त समय अवधि में किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा खाद्यान्न वितरण की शिकायतें कहाँ-कहाँ, किन अधिकारियों से की गई? नाम, पद, दिनांक उन पर क्या कार्यवाही की गई की जानकारी देवें

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्वालियर, मुरैना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को 35 किलो प्रतिमाह/परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 किलो प्रतिमाह/सदस्‍य 1 रूपये किलो की दर से माह दिसम्‍बर, 2022 तक एवं माह जनवरी, 2023 से नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का वितरण कराया जा रहा है, इसके अतिरिक्‍त प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत माह दिसम्‍बर, 2022 तक पात्र परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्‍य के मान से नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का वितरण किया गया है। (ख) जी नहीं। पात्र परिवारों को नियमित रूप से खाद्यान्‍न का वितरण कराया जा रहा है एवं खाद्यान्‍न वितरण के संबंध में प्राप्‍त शिकायतों की विभागीय अमले द्वारा त्‍वरित जांच कर कार्यवाही की जाती है। (ग) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के तहत उचित मूल्‍य दुकानों के निरीक्षण खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग के कनि‍ष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी से अनिम्‍न श्रेणी का कोई अधिकारी या राजस्‍व विभाग के नायब तहसीलदार से अनिम्‍न श्रेणी का कोई अधिकारी या सहकारिता विभाग के उप अंकेक्षक से अनिम्‍न श्रेणी का कोई अधिकारी अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र के भीतर इस आदेश के तहत कार्य करने के लिए सक्षम हैं। (घ) ग्वालियर, मुरैना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों द्वारा खाद्य वितरण के संबंध में की गई शिकायत, जांचकर्ता अधिकारी का नाम, पद, दिनांक एवं की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तीस "

खनिज बाबत् ग्राम सभाओं की सहमति

[खनिज साधन]

77. ( क्र. 2401 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य खनिज एवं गौण खनिज की पूर्वेक्षण अनुमति, खदान के निर्धारण, आवंटन, नीलामी, अनुबन्ध के पूर्व ग्राम सभा से सहमति एवं अनुमति लिए जाने के संबंध में एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की किस धारा में क्या प्रावधान है? राज्य में प्रचलित नियम में क्या प्रावधान है? माननीय उच्चतम न्यायालय ने किस याचिका में किस दिनांक को क्या आदेश दिया है? (ख) 15 नवम्बर 2022 को लागू पेसा नियम में गौण खनिज एवं मुख्य खनिज के संबंध में ग्राम सभा से क्या-क्या और कब-कब सहमति लिए जाने, विचार विमर्श किए जाने के क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? रॉयल्टी राशि के संबंध में ग्राम सभा को क्या-क्या अधिकार दिए हैं? (ग) 15 नवम्बर 2022 के नियम लागू किए जाने के बाद गौण खनिज खदानों के संबंध में ग्राम सभाओं से सहमति नहीं लिए जाने, विचार विमर्श नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? बिना सहमति एवं विचार विमर्श में किस खनिज की कितनी खदान वर्तमान में संचालित है? अधिसूचित विकासखण्डवार बताएं। (घ) वर्तमान में संचालित खदानों के संबंध में नियम 2022 के अनुसार कब तक ग्राम सभा की सहमति लिए जाने, विचार-विमर्श किए जाने की कार्यवाही की जाएगी? (ङ) मनावर विधानसभा में संचालित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के संबंध में पेसा नियम 2022 के अनुसार कब तक ग्राम सभा की सहमति लिए जाने, विचार-विमर्श किए जाने की कार्यवाही की जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्‍य खनिज एवं गौण खनिज की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति, खदान के निर्धारण, आवंटन, नीलामी, अनुबंध के पूर्व ग्राम सभा से सहमति एवं अनुमति लिए जाने के संबंध में एम.एम.आर.डी. एक्‍ट, 1957 में कोई प्रावधान नहीं है। गौण खनिज हेतु राज्‍य में प्रचलित नियम मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 18, 18-क एवं 41-क में प्रावधान किए गए हैं, यह नियम अधिसूचित हैं। प्रश्‍नांश में न्‍यायालयीन प्रकरण (याचिका क्रमांक), याचिकाकर्ता का नाम अथवा आदेश दिनांक का उल्‍लेख नहीं होने से जानकारी उपलब्‍ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) 15 नवंबर, 2022 को लागू पेसा नियम में गौण खनिज के संबंध में मध्‍यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्‍तार) नियम, 2022 के नियम 22 में प्रावधान किए गए हैं, यह नियम अधिसूचित हैं। मुख्‍य खनिज के संबंध में उल्‍लेखित नियम में कोई प्रावधान नहीं है। रॉयल्‍टी के संबंध में उल्‍लेखित नियम में ग्राम सभा को कोई अधिकार दिये जाने संबंधी प्रावधान नहीं किये गये हैं। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार नियम लागू होने के बाद गौण खनिज खदानों के आवंटन/नीलामी के पूर्व ग्राम सभाओं से सहमति प्राप्‍त की जा रही है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न ही नहीं है। (घ) मध्‍यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्‍तार) नियम, 2022 के प्रावधानों के अनुरूप ग्राम सभा की सहमति/अनुशंसा प्राप्‍त की जा रही है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मध्‍यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्‍तार) नियम, 2022 में सीमेंट फैक्‍ट्री के संबंध में कोई प्रावधान न होने से प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

डेड रेंट की वसूली के प्रावधान

[खनिज साधन]

78. ( क्र. 2402 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य खनिज एवं गौण खनिज की कितने-कितने हेक्टेयर की खदान का डेड रेंट वर्तमान में क्या है? यह किस दिनांक से लागू किया है? इसके पूर्व डेड रेंट क्या था? गौण खनिज की खदान के डेड रेंट को बढ़ाए जाने एवं मुख्य खनिज खदानों का डेड रेंट कम रखे जाने का क्या कारण है? (ख) खनिज विभाग द्वारा भूमि प्रवेश की अनुमति दिए जाने से किन-किन कारणों से रोक लगाई जा सकती है? भूमि प्रवेश की अनुमति दिए बिना ही डेड रेंट की वसूली किस प्रावधान के तहत की जा सकती है? (ग) डेड रेंट के अन्तर की विसंगति तथा भूमि प्रवेश की अनुमति दिए बिना डेड रेंट की वसूली को लेकर जो विसंगतियां हैं, उन्हें दूर किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की अनुसूची-तीन में मुख्‍य खनिज की डेड रेंट की दरें अधिसूचित हैं तथा अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 की अनुसूची-चार तथा सात में गौण खनिज की डेड रेंट की दरें अधिसूचित हैं। यह दरें क्रमश: दिनांक 27 मार्च, 2015 तथा 01 जनवरी, 2020 से लागू हैं। इसके पूर्व मुख्‍य खनिज की डेड रेंट दरें दिनांक 13/08/2009 तथा गौण खनिज की डेड रेंट की दरें 03/03/2010 अनुसार अधिसूचित थी। प्रश्‍नांश अनुसार डेड रेंट, देय रॉयल्‍टी के विरूद्ध समायोजन योग्‍य होती है एवं रॉयल्‍टी की दरें खनिज की बाजार में मांग तथा औसत विक्रय मूल्‍य के आधार पर निर्धारण योग्‍य होती है। मुख्‍य खनिज की दरें भारत सरकार द्वारा तथा गौण खनिज की दरें राज्‍य सरकार द्वारा अधिसूचित की जाती है। इन्‍हीं कारणों से दरों में अंतर है। (ख) विभाग द्वारा अनुमोदित खनन योजना, पर्यावरण स्‍वीकृति, जल एवं वायु सम्‍मति के आभाव में भू-प्रवेश की अनुमति पर रोक लगाई जा सकती है। राज्‍य शासन के परिपत्र दिनांक 09 मई, 2022 तथा 07 जून, 2022 के निर्देश के अनुक्रम में पट्टा अनुबंध के दिनांक से डेड रेंट की वसूली के प्रावधान किये गये हैं। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में विसंगति जैसी स्थिति नहीं है। अत: किसी प्रकार की कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है।

उचित मूल्‍य दुकानों से राशन वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

79. ( क्र. 2433 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में देवास जिले के अंतर्गत खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र में राशन वितरण हेतु कितनी उचित मूल्‍य दुकानें कार्य कर रही हैं? नगर पंचायत/नगर परिषद्/ग्राम पंचायतवार संख्‍या बतावें।         (ख) खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी जगह स्‍वयं सहायता समूहों को राशन वितरण का कार्य दिया गया है? स्‍वयं सहायता समूहों एवं ग्राम नगर का उल्‍लेख करें। (ग) खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी कितनी राशन की दुकानें एवं स्‍वयं सहायता समूह हैं, जिसमें नागरिकों को 5 कि.मी. से अधिक दूरी तय करके राशन लाना पड़ता है? ऐसे गाँव, संबंधित दुकान एवं लाभान्वित क्षेत्र की दूरी बतावें। (घ) क्‍या शासन 5 कि.मी. से अधिक दूरी से राशन लेने आने वाले नागरिकों की सुविधा हेतु नवीन समिति बनाकर उपकेन्‍द्र खोलेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले के प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में 115 उचित मूल्‍य दुकानें कार्य कर रही हैं। उक्‍त में से नगर पंचायत खातेगाँव में 4, नगर पंचायत कन्‍नौद में 3 एवं ग्राम पंचायतों में 108 दुकानें कार्यरत हैं। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में 28 स्‍थानों पर स्‍वयं सहायता समूहों को राशन वितरण का कार्य दिया गया है। शेष भाग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 9 दुकानें ऐसी हैं जिसमें हितग्राहियों को 5 कि.मी. से अधिक दूरी तय करके राशन लाना पड़ता है। ऐसे गाँव एवं उनकी दुकानों से दूरी की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (घ) वर्तमान में प्रत्‍येक पंचायत में उचित मूल्‍य दुकान आवंटित करने का प्रावधान है। 800 से अधिक पात्र परिवार होने की स्थिति में पंचायतों में अतिरिक्‍त दुकान खोलने का प्रावधान है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

तहसील स्‍तर पर परिवहन कार्यालय की स्‍थापना

[परिवहन]

80. ( क्र. 2434 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा तहसील स्‍तर पर परिवहन कार्यालय खोले जाने संबंधी प्रावधान है?               (ख) विभाग द्वारा तहसील स्‍तर पर अगर परिवहन कार्यालय खोले जाने का प्रावधान है, तो क्‍या देवास जिले की तहसीलों में परिवहन कार्यालय खोले जाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं? उन तहसीलों के नाम बतावें। (ग) देवास जिले की किसी भी तहसील में अगर परिवहन कार्यालय खोले जाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुए तो क्‍या विभाग भविष्‍य में तहसील स्‍तर पर परिवहन कार्यालय खोले जाने संबंधी योजना बना रहा हैं या नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 में या मध्‍यप्रदेश परिवहन विभाग राजपत्रित सेवा भर्ती नियम 2011 में विद्यमान नहीं है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

विकास कार्यों की स्थिति

[जल संसाधन]

81. ( क्र. 2443 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जल संसाधन विभाग को किन-किन कार्यों को कराये जाने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने पत्र किस-किस कार्य हेतु प्रेषित किए एवं उन पर प्रश्‍न दिनांक तक पत्रवार क्या कार्रवाई की गई? (ख) उक्त प्रकरणों में किन-किन प्रकरणों में कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति के आदेश जारी किए गए? कितने लंबित हैं एवं कितने शेष हैं और क्यों? कारण सहित बताएं। (ग) उक्त सभी कार्यों का स्थल निरीक्षण कर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में जानकारी देते हुए बताएं कि किन-किन कार्यों को किया जाना अत्यावश्यक है? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में उक्त कार्यों को पूर्ण नहीं किए जाने हेतु संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जानकारी दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र की स्‍वीकृति प्राप्‍त परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कन्नड़गांव बैराज का प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। जिन प्रस्तावों को स्वीकृति हेतु प्रेषित नहीं किया जा सका है अथवा तकनीकी दृष्टि से उपयुक्‍त नहीं हैं, उनके लंबित रहने का कारण सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। किसी अधिकारी की जवाबदेही नियत करने की स्थिति नहीं है।

राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

82. ( क्र. 2444 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नामांतरण, बंटवारा, नक्शा संशोधन और भू-अभिलेख संशोधन प्रकरणों के निराकरण किए जाने हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई है? हाँ तो बताएं, नहीं तो इन के क्या नियम हैं?                 (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत किस-किस प्रकार के कितने-कितने प्रकरण लंबित एवं शेष हैं और क्यों? प्राप्ति दिनांक से प्रकरणवार प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में निराकरण नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? जवाबदेही सुनिश्चित कर प्रकरणवार जानकारी देवें। (ग) उक्त क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019 से मृतक (फोती) नामान्तरण दर्ज करने हेतु कितने आवेदन किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए? उनमें से कितने प्रकरण निराकृत हुए, कितने लंबित एवं शेष हैं और क्यों? उक्त प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्या है? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में व सीमांकन 45 दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रास्ता विवाद के 10, नामांतरण के 370, बंटवारा के 181 एवं विविध के 49 प्रकरण न्‍यायाधीन है। जो न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रचलन में होने से न्‍यायाधीन है। (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत वर्ष 2019 से मृतक (फौती) नामांतरण के कुल 5303 आवेदन-पत्र दर्ज हुये। जिसमें से कुल 5240 आवेदन-पत्रों का निराकरण किया गया है, कुल 63 प्रकरण लंबित हैं, जो न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रचलन में होने से न्‍यायाधीन है। शेष पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है

कृषि कार्य वाले क्षेत्रों में उत्खनन

[खनिज साधन]

83. ( क्र. 2447 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबादी एवं विशुद्ध कृषि कार्य वाले क्षेत्रों (डिरमन-पाली, कल्यानपुरा, झाँकरी, मदनपुरा, तहसील गोहद, जिला भिण्ड) में शासन ने काले पत्थर (कांक्रीट) के उत्खनन की अनुमति क्यों प्रदान की है? (ख) जहाँ खनन कार्य किया जा रहा है, वहाँ विशुद्ध रूप से खेती की जमीनें हैं एवं उन खदानों से बिल्कुल सटी हुई किसानों की खेती हैं, क्‍या इससे गहरी ब्लास्टिंग से मकानों में कम्पन्न एवं मकानों में दरार आ रही हैं? फसलों पर धूल जमने के कारण पैदावार घट रही है? रात भर मशीनों की गड़गड़ाहट से किसान सो नहीं पाते हैं, ध्वनि प्रदूषण होता है, जिससे किसान मानसिक बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं? धूल के अत्यन्त महीन कण हवा के साथ उड़कर आते हैं, जिससे किसान एवं आसपास की आबादी सांस एवं अस्थमा रोग से पीड़ित हो रही है तथा गैर देखरेख वाली गहरी खदानों में पशु जाकर मर रहे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिला भिण्‍ड में उल्‍लेखित क्षेत्रों में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अधिसूचित प्रावधानों के अधीन, प्राप्‍त दावा, आपत्तियों के निराकरण के उपरांत, ग्राम सभा, राजस्‍व विभाग, वन विभाग, स्‍थानीय खनिज शाखा एवं अन्‍य आवश्‍यक अनुशंसाओं के आधार पर पत्‍थर उत्‍खनन के लिए अनुमति प्रदान की जाती है। (ख) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अधीन प्रावधानित प्रतिबंधित दूरियों को छोड़ने के उपरांत ही उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत किया जाता है। प्रश्‍नांश अनुसार उल्‍लेखित स्थितियां प्रकाश में नहीं आयी हैं। ध्‍वनि/अन्‍य प्रदूषण संबंधी स्थितियों के संबंध में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परीक्षण उपरांत ही खदान संचालन की अनुमति जारी की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भूमि की लीज समाप्ति

[राजस्व]

84. ( क्र. 2452 ) श्री संजय शाह (मकड़ाई) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टिमरनी नगर परिषद् में 3.47 एकड़ राधास्वामी न्यास (दयाल बाग संस्था आगरा) को लीज पर दी गई थी? यदि दी गई थी तो किस दिनाँक से किस दिनाँक तक के लिए लीज दी गई? लीज मध्यप्रदेश शासन या भारत सरकार किसके द्वारा दी गई थी? (ख) क्या उक्त भूमि की लीज समाप्ति के पश्चात जनहित के लिए उक्त भूमि नगर परिषद् टिमरनी को आवंटित करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) मूल लीज प्राप्‍त की जा रही है, ताकि वांछित जानकारी प्रदाय की जा सके।

हितग्राहियों को गेहूँ के स्‍थान पर चावल का वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

85. ( क्र. 2453 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधानसभा क्षेत्र में राशन की दुकानों में हितग्राहियों को पिछले आठ माह से गेहूँ का वितरण न करके उसके स्थान पर घटिया चावल का वितरण किया जा रहा है? (ख) क्या सरकार को जानकारी है कि इस क्षेत्र के लोगों का मुख्य भोजन चावल नहीं बल्कि गेहूँ है? (ग) यदि हाँ, तो गेहूँ के स्थान पर चावल का वितरण किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या सरकार इस क्षेत्र के हितग्राहियों को गेहूँ वितरित किये जाने हेतु अधिकारियों को आदेशित करेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण सौंसर विधानसभा क्षेत्र में माह जून, 2022 से अन्‍त्‍योदय परिवारों को गेहूँ 30 किलोग्राम के स्‍थान पर 5 किलोग्राम प्रतिमाह/प्रति परिवार तथा प्राथमिकता परिवारों को गेहूँ 4 के स्‍थान पर 1 किलोग्राम प्रति हितग्राही वितरण कराया जा रहा है। पात्र परिवारों को गेहूँ की कम की गई मात्रा के विरूद्ध चावल की मात्रा बढ़ाकर पात्रतानुसार खाद्यान्‍न का वितरण कराया जा रहा है। सौंसर विधानसभा क्षेत्र में राशन दुकानों से निम्‍न गुणवत्‍ता का चावल वितरण करने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। (ख) जी हाँ। सौंसर विधानसभा क्षेत्र में माह मई, 2022 तक राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत चावल के स्‍थान पर गेहूँ अधिक मात्रा में वितरण कराया गया है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश के चावल आवंटन में वृद्धि करने के कारण पात्र परिवारों को अधिक मात्रा में चावल का वितरण कराया जा रहा है। (घ) भारत सरकार द्वारा राज्‍य के गेहूँ के आवंटन में वृद्धि करने के उपरांत सौंसर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व निर्धारित मात्रा अनुसार गेहूँ का वितरण कराया जा सकेगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुआवजे की तीसरी किश्‍त का भुगतान

[राजस्व]

86. ( क्र. 2454 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में हुई अतिवृष्टि और बाढ़ से पीड़ित किसानों को अब तक मुआवजे की दो किश्‍तें ही दी गई हैं और तीसरी किश्‍त प्रश्‍न दिनांक तक नहीं दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो किसानों को अब तक तीसरी किश्‍त न देने का क्या कारण है? (ग) इन किसानों को किस तारीख तक मुआवजे की तीसरी किश्‍त वितरित कर दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में अतिवृष्टि/बाढ़ से क्षति नहीं हुई है। जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

सिवनी जिले में स्थापित चैक पोस्‍ट

[परिवहन]

87. ( क्र. 2456 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) प्रदेश के सिवनी जिले में परिवहन विभाग द्वारा कितने परिवहन चैक पोस्ट स्थापित है? उनके स्थान व उनके प्रारंभ की दिनांक सहित जानकारी देवें। क्या उक्त परिवहन चैक पोस्ट के प्रारंभ करने हेतु उनका राजपत्र में प्रकाशन किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति से अवगत करावें। (ख) क्या सिवनी जिले में संचालित स्थाई/अस्थाई परिवहन चैक पोस्टों में नियम विरूद्ध तरीके से कार्यरत अशासकीय कर्मचारियों व वहां से गुजरने वाले मालवाहक वाहनों, बसों व अन्य वाहनों से विभिन्न तरीके से की जाने वाली अवैध वसूली के संबंध में जिला प्रशासन, राज्य शासन व विभाग प्रमुख को कोई शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो वह क्या है और उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त चैक पोस्टों व उसमें की जाने वाली अनियमितता की आकस्मिक जांच जिले के विधायकगणों की उपस्थिति में की जा सकती है? यदि हाँ, तो विभाग/शासन द्वारा ऐसा कब तक किया जावेगा? (ग) क्या प्रदेश के परिवहन चैक पोस्टों में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों की पदस्थापना के समय पदस्थापना स्थल में उनका नाम, पद, दूरभाष क्रमांक व कार्यालयीन समय में उनकी उपस्थिति के संबंध में जानकारी सूचना पटल में अंकित की जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सिवनी जिले में स्थाई परिवहन जांच चौकी खवासा (सेटेवानी) मार्ग नागपुर-जबलपुर (राष्ट्रीय राजमार्ग-7) रोड पर दिनांक 20.12.1985 से स्थापित है। इसके स्थापना संबंधी आदेश क्रमांक 22-61-आठ-85- दिनांक 3 अक्टूबर, 1985 (राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 20.12.1985) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। इसके अतिरिक्त अस्थाई परिवहन जांच चौकी (अ) नागपुर से छिंदवाड़ा-सिवनी मार्ग पर पीपरडाही (करीरात), दिनांक 17.10.2016 से संचालित है। (ब) नागपुर-बालाघाट (कटंगी) सिवनी मार्ग पर आमागढ़ दिनांक 10.07.2020 से संचालित है। इन दोनों अस्थाई परिवहन जांच चौकियों के संचालन की अनुमति संबंधी शासन आदेश क्रमांक 2684/3490/2016/आठ, भोपाल दिनांक 17.10.2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। जिला परिवहन अधिकारी सिवनी एवं संभागीय परिवहन सुरक्षा स्कॉड जबलपुर द्वारा भी नियम विरूद्ध एवं विचलित मार्गों पर संचालित वाहनों की चेकिंग राजस्व अपवंचन को रोकने के उद्देश्य से सिवनी जिले में की जाती है। अभी तक संचालित अस्थाई चौकियों के संबंध में शासनादेश/निर्देश जारी किये गये हैं। अधिसूचना जारी करने का प्रावधान नहीं है। स्थाई परिवहन जांच चौकियों की स्थापना के संबंध में जारी अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, सिवनी जिले में संचालित परिवहन जांच चौकियों पर किसी अशासकीय कर्मचारी की नियुक्ति विभाग द्वारा नहीं की गई है। केवल शासकीय अमला ही नियुक्त है, जो मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989, मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994, मोटरयान कराधान अधिनियम एवं नियम 1991 के पालन में कार्य सम्पादित करते है। प्रश्‍नांश '''' के शिकायत संबंधी अंश - उपरोक्त परिवहन जांच चौकियों के संबंध में शासन, प्रशासन व विभाग को तीन शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों में परिवहन चौकियों पर नियम विरूद्ध कार्यवाही करने के आरोप लगाये गये हैं। इन शिकायतों में उल्लेखित तथ्यों/बिन्दुओं की जांच की जा रही है। शासन/विभाग द्वारा शिकायतों की जांच के संबंध में नियमानुसार वरिष्ठ अधिकारियों (कार्यपालिक) द्वारा समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाता है। माननीय विधायकगणों के समक्ष/उपस्थिति में आकस्मिक जांच करने का प्रदेश में प्रचलित मोटरयान अधिनियम/नियमों में प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश का उत्तर अपेक्षित नहीं है। (ग) जी हाँ, परिवहन जांच चौकी पर पदस्थ प्रभारी अधिकारी एवं अन्य अमले के नाम, पदनाम की जानकारी सूचना पटल पर अंकित होती है एवं उनके उपस्थिति संबंधी जानकारी जांच चौकी कार्यालय में संधारित रोजनामचा आम में प्रतिदिन अंकित की जाती है।

धान व गेहूँ के खरीदी केन्‍द्र

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

88. ( क्र. 2466 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में धान एवं गेहूँ खरीदी हेतु कितने खरीदी केन्‍द्र बनाये गए हैं, का विवरण देवें। वर्ष 2019 से कितने-कितने क्विंटल धान व गेहूँ की खरीदी किन खरीदी केन्‍द्रों द्वारा की गई थी? खरीदी केन्‍द्रों से धान व गेहूँ के उठाव का कार्य खरीदी के कितने दिनों बाद किया गया, की जानकारी खरीदी केन्‍द्रवार देवें। इनके उठाव बाबत् कार्यादेश किन-किन कंपनियों/ठेकेदारों को किन शर्तों पर दिया गया था? प्रति देते हुए बतावें। यह भी बतावें कि खरीदी केन्‍द्र से जहां पर भण्‍डारण का कार्य किया गया, उसकी दूरी कितने किलोमीटर है? प्रत्‍येक खरीदी केन्‍द्रवार बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के खरीदी केन्‍द्रों में धान का उठाव 8 माह किये जाने से धान के सूखने के कारण धान का वजन कम हो गया, जिससे धान की कमी हो गई? ऐसे केन्‍द्रों की केन्‍द्रवार जानकारी देवें।                 (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित खरीदी केन्‍द्रों से उठाई गई धान को ओपन कैम्‍प में कहाँ-कहाँ रखा गया? इन धानों को बरसात में पानी के कारण नष्‍ट होने, अंकुरित होने से नष्‍ट की अनुमानित कितनी मात्रा की जानकारी शासन एवं प्रशासन के पास है? जानकारी जिलेवार, ओपन कैम्‍पवार, भण्‍डार मात्रा अनुसार बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कर्मकार मण्‍डल में पंजीबद्ध श्रमिकों को सुविधा

[श्रम]

89. ( क्र. 2467 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की जनपद पंचायत सिवनी व छपारा में कर्मकार मण्‍डल के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों के कितने कार्ड पहचान पत्र जारी किये गये, का विवरण जनपद पंचायतवार, ग्राम पंचायतवार, हितग्राही के नाम व पते सहित देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध श्रमिकों के पुत्रियों की शादी, मृत्‍यु व सायकल खरीदी बाबत् कितनी राशि देने के प्रावधान है? वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक में कितने हितग्राहियों को विवाह सहायता एवं मृत्‍यु सहायता का लाभ दिया गया, का विवरण ग्राम पंचायतवार, जनपदवार देवें। सायकल खरीदी हेतु लाभान्वित हितग्राहियों की सूची उपरोक्‍तानुसार ही देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में संबल योजना के तहत पंजीबद्ध श्रमिकों को मृत्‍यु उपरांत मिलने वाली सहायता राशि की जानकारी प्रश्‍नांश (क) जनपद अनुसार हितग्राहियों के नाम व ग्राम पंचायत के नाम एवं सम्‍पूर्ण पते के साथ वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक देवें एवं कितने प्रकरण स्‍वीकृति बाबत् लंबित हैं एवं कितने स्‍वीकृति उपरांत भुगतान बाबत् लंबित हैं, की जानकारी भी उपरोक्‍तानुसार ही देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत सिवनी जिले की जनपद पंचायत सिवनी में 3802 व छपारा में 569 निर्माण श्रमिक पंजीबद्ध है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना, मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह भुगतान योजना तथा सायकल अनुदान योजना के अंतर्गत प्रावधानित हितलाभ राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जनपद पंचायत सिवनी एवं छपारा में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विवाह सहायता योजना एवं मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह भुगतान योजना में लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्‍त निकायों में सायकल अनुदान योजना की वांछित जानकारी निरंक है। (ग) म.प्र श‍हरी ग्रामीण असंगठित कर्मकार कल्‍याण मंडल (संबल) योजनांतर्गत जिला सिवनी के जनपद पंचायत, सिवनी एवं जनपद पंचायत छपारा में अनुग्रह सहायता के कुल 1012 प्रकरणों में भुगतान किया गया है। भुगतान हेतु 252 शेष है। प्रकरणों में शासन स्‍तर से बजट उपलब्‍धतानुसार भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

राशन कार्ड हेतु आवेदन पत्रों का निराकरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 2475 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) विगत 3 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र-13 गोहद, जिला भिण्ड में कितने लोगों ने पात्रता पर्ची के लिए आवेदन किया है? निकायवार संख्‍या बताएं। (ख) उपरोक्त में से कितने आवेदन स्वीकृत किए जाकर आवेदक के नाम राशन कार्ड जारी किए गए हैं? (ग) किस-किस के आवेदन अभी तक लम्बित हैं तथा कितनों के आवेदन अस्वीकृत किए गए है? आवेदन के लम्बित होने या अस्वीकृत होने का कारण भी बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विगत 3 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र-13 गोहद, जिला भिण्‍ड में निकायवार निम्‍नानुसार पात्रता पर्ची हेतु आवेदन लोगों द्वारा किये गये :-

1.      जनपद पंचायत गोहद    -     5684

2.      नगर पालिका गोहद     -     2532

3.      नगर परिषद् मौ        -     637

4.      नगर परिषद् मालनपुर   -     671

(ख) उपरोक्‍त में से जनपद पंचायत गोहद-5007, नगर पालिका गोहद में-2018, नगर परिषद् मौ में 590 एवं नगर परिषद् मालनपुर में 641 आवेदकों को पात्रता पर्ची जारी की गयी। (ग) वर्तमान में कोई भी आवेदन लम्बित नहीं है तथा जनपद पंचायत गोहद में 677, नगर पालिका गोहद में 514, नगर परिषद् मौ में 47 एवं नगर परिषद् मालनपुर में 30 आवेदन अस्‍वीकृत किये गये। आवेदन अस्‍वीकृत होने का कारण आवेदक पूर्व से राशन प्राप्‍त कर रहे हैं या आवेदक निर्धारित 28 श्रेणियों में पात्रता नहीं रखते है।

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में जमा राशि

[खनिज साधन]

91. ( क्र. 2478 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज मद में कुल कितनी राशि है? (ख) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मंडल द्वारा मण्‍डला जिले में             कौन-कौन से कार्य अनुमोदित किये गये? जनपद पंचायतवार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्‍या उपरोक्‍त कार्य के लिए किसी जनप्रतिनिधियों से अनुशंसा ली गई है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (घ) किस कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? इनमें से कितने कार्य पूरे हो चुके हैं और कितने कार्य अभी अधूरे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार मण्‍डला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कुल राशि रूपये 4, 90, 40, 514/- जमा है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार मण्‍डला जिले के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास मंडल द्वारा जिले में कोई भी कार्य अनुमोदित नहीं किये गये हैं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

सी.एम. मॉनिट 'सी' प्रकरण की जांच

[वन]

92. ( क्र. 2481 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक भोपाल के पत्र क्रमांक 3912 दिनांक 1/11/2019 एवं 2738 दिनांक 29/10/2020 अनुसार सी.एम. मॉनिट 'सी' प्रकरण की जांच हेतु लेख किया गया था एवं वनमण्‍डल सतना के पत्र क्रमांक 11593 दिनांक 14/12/19 द्वारा 27 बिन्‍दुओं की जानकारी चाही गई थी एवं मुख्‍य वन संरक्षक वन वृत्‍त रीवा के आदेश क्रमांक 64 दिनांक 12/5/2020 एवं 230 रीवा दिनांक 19/8/2021 द्वारा तकनीकी स्‍वीकृतियां जारी की गई थी? हाँ/नहीं? यदि हाँ, तो सभी आदेशों/पत्रों में प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही, जांच प्रतिवेदन, आदेश, निर्देश की प्रति, व्‍यय राशि के विवरण सहित जानकारी प्रकरणवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वित्‍तीय अनियमितता संबंधी शिकायतों, सी.एम. मानिट 'सी' प्रकरण के लंबित रहते क्‍या शिकायत से संबंधित अधिकारी को उच्‍च पद का दायित्‍व प्रभार सौंपा गया है या पदोन्‍नति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? नियम की प्रति देवें (ग) क्‍या वन मण्‍डल सतना के पत्र क्र. 460 दिनांक 16/11/2022 द्वारा शिकायत की जांच हेतु जांच समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही एवं जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्रकरणों में प्रश्‍न अवधि तक कार्यवाही न किये जाने का कारण स्‍पष्‍ट करते हुये बतायें कि कब तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। चाही गई जानकारी प्रकरणवार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। समिति का जांच प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) प्रश्‍नाधीन प्रकरण में श्री बसंत कुमार सोनकर, सहायक ग्रेड-3 के विरुद्ध संस्थित विभागीय जांच प्रकरण में वन मण्डलाधिकारी सतना के आदेश क्रमांक 34 दिनांक 30.01.23 से निलंबन अवधि दिनांक 17.5.2018 से 27.6.2018 तक को निलंबन काल तथा उनकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोधित की गई है। तत्कालीन वन मण्डलाधिकारी सतना के विरुद्ध स्पष्टीकरण प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह, तत्कालीन उप वन मण्डलाधिकारी सतना के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव विचाराधीन है।             श्री रमाशंकर त्रिपाठी, वनपाल के विरुद्ध लघु शास्ति के तहत आरोप ज्ञापन पत्र जारी किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रायल्‍टी वसूली एवं अवैध उत्‍खनन की जानकारी

[खनिज साधन]

93. ( क्र. 2482 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले की फर्म सी.एल. लाईम इण्‍डस्‍ट्रीज पर एक करोड़ तिरासी लाख छब्‍बीस हजार रूपये रायल्‍टी कलेक्‍टर कटनी के न्‍यायालय से प्रकरण क्रमांक 144/बी-121/2008-09 में पारित आदेश दिनांक 4/12/2017 से अधिरोपित किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो उक्‍त राशि बकाया रहते उक्‍त फर्म को टी.पी. क्‍यों जारी की जा रही है? क्‍या सतना एवं कटनी कलेक्‍टर को दिनांक 4/4/2022, 6/6/2022 एवं 27/7/2022 को शिकायतें की गई हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? कब तक की जायेगी? (ग) रैगाँव विधानसभा अंतर्गत अवैध उत्‍खनन कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्रामों में किया जा रहा है? अवैध उत्‍खनन को कब तक रोका जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नांश अनुसार सी.एल. लाईम इण्‍डस्‍ट्रीज कटनी के विरूद्ध रॉयल्‍टी अपवंचन से संबंधित प्रकरण में कलेक्‍टर न्‍यायालय कटनी द्वारा प्रश्‍न में उल्‍लेखित प्रकरण क्रमांक से उल्‍लेखित आदेश दिनांक द्वारा उल्‍लेखित अर्थदण्‍ड राशि अधिरोपित की गई। (ख) कटनी जिले में उक्‍त फर्म के नाम कोई खनि रियायत स्‍वीकृत नहीं है, अत: प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित फर्म को कोई टी.पी. नहीं जारी की जा रही है। सतना जिले में मेसर्स सी.एल. लाईम इण्‍डस्‍ट्रीज के पक्ष में खनिज भंडारण अनुज्ञप्ति वर्ष 2018 से स्‍वीकृत है। अनुज्ञप्तिधारी द्वारा खनिज क्रय किया जाकर भंडारित खनिज की मात्रा को ई-खनिज पोर्टल पर दर्ज किये जाने से स्‍वीकृत अनुज्ञप्ति क्षेत्र से खनिज के अन्‍यत्र परिवहन बाबत् अभिवहन पास जारी किये जाते हैं। दिनांक 04/04/2022 को मेसर्स सी.एल. लाईम इण्‍डस्‍ट्रीज कटनी के विरूद्ध शिकायत कलेक्‍टर सतना को संबोधित करते हुए कलेक्‍टर कटनी को पृष्‍ठांकित की गई थी। शिकायत के परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्‍टर कटनी द्वारा प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित अनुसार प्रकरण में अर्थदण्‍ड अधिरोपित किया गया। कलेक्‍टर कटनी द्वारा पारित अर्थदण्‍ड संबंधी आदेश के विरूद्ध भारत सरकार के समक्ष रिवीजन आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया गया। भारत सरकार द्वारा आदेश दिनांक 16/11/2022 से प्रकरण पुनर्विचार हेतु राज्‍य शासन को प्रत्‍यावर्तित किया गया। प्रकरण में आगामी कार्यवाही प्रचलन है, अर्द्धन्‍यायिक प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित दिनांक 06/06/2022 एवं 27/07/2022 को कोई शिकायत प्राप्‍त होना नहीं पाया जाता। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 से दर्ज किये गये अवैध उत्‍खनन प्रकरणों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अवैध खनन को रोके जाने हेतु निरंतर कार्यवाही विभागीय अमले के साथ ही जिला स्‍तरीय टास्‍क फोर्स द्वारा की जाती है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

खसरों की रजिस्‍ट्री पर रोक

[राजस्व]

94. ( क्र. 2491 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृपया बताएं कि जबलपुर शहर में कितने खसरों में त्रुटिपूर्ण शहरी सीलिंग दर्ज है?                  (ख) क्‍या इन खसरों की रजिस्‍ट्री पर रोक लगी हुई है? (ग) यदि खसरों की रजिस्‍ट्री पर रोक लगी हुई है, तो रोक कब तक हटेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले अंतर्गत तहसील गोरखपुर, आधारताल, रांझी के कुल 3452 खसरों में शहरी सीलिंग दर्ज है, जिनके विधिवत या त्रुटिपूर्ण होने का सत्‍यापन शेष है। (ख) जी हाँ। कार्यालय कलेक्‍टर जबलपुर म.प्र. के स्‍थायी आदेश क्रमांक 19/कले./री.सीलिंग/2019 जबलपुर दिनांक 30-01-2019/06-02-2019 इस आदेश से शहरी सीलिंग दर्ज खसरों की रजिस्‍ट्री पर रोक लगी हुई है। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार शहरी सीलिंग दर्ज खसरे के सत्‍यापन उपरांत अपेक्षित कार्यवाही संभव है, जिसकी समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।

कर्मकार कार्ड के लंबित प्रकरण

[श्रम]

95. ( क्र. 2494 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कितने कर्मकार कार्ड अभी तक बन चुके हैं? (ख) केन्‍ट विधान सभा में कितने कर्मकार कार्ड बन चुके हैं और कितने कर्मकार कार्ड के प्रकरण लंबित है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत कुल 56639 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कर निर्माण श्रमिक परिचय पत्र जारी किये गये हैं। (ख) केन्‍ट विधानसभा क्षेत्र में मण्‍डल अंतर्गत 3364 निर्माण श्रमिक परिचय पत्र जारी किये जा चुके हैं। निर्माण श्रमिक पंजीयन के कुल 83 आवेदन लंबित है, जिनके निराकरण की कार्यवाही विहित अधिकारी के समक्ष प्रक्रियाधीन है।

शासन के दिशा-निर्देशों अनुसार संचालित स्कूल बसें

[परिवहन]

96. ( क्र. 2510 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के संबंध में माननीय सर्वोच न्यायालय तथा शासन के द्वारा कब-कब, क्या-क्या निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) जबलपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी स्कूल बसें संचालित हैं? कितनी बसें शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित हो रही हैं? सभी के फिटनेस सर्टिफिकेट कब तक की अवधि के हैं? (ग) कितनी बसों के चालक परिचालक के पुलिस सत्यापन किये गये हैं? (घ) कितनी बसों में सी.सी.टी.वी. कैमरा लगा है? वर्तमान में कितने चालू हालत में हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में 497 स्कूल बसें पंजीकृत हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में 497 स्कूल बसें शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित हो रही हैं, उनके फिटनेस सर्टिफिकेट की वैद्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) 497 बसों में सी.सी.टी.वी. कैमरा लगा हुआ है एवं उनके चालू हालत में होने संबंधी निगरानी स्कूल प्रबंधन द्वारा की जाती है तथा फिटनेस हेतु वाहन की जांच एवं आकस्मिक चैकिंग के समय इसकी जांच की जाती है।

समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ का भंडारण एवं संधारण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

97. ( क्र. 2511 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) विगत तीन वर्षों में जबलपुर जिले अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खरीदे गए कितने-कितने मूल्य के तथा कितनी-कितनी मात्रा का गेहूँ खराब हुआ है? (ख) गोदाम में रखे गेहूँ के खराब होने से शासन को कितनी-कितनी आर्थिक क्षति हुई है? (ग) समर्थन मूल्य पर खरीदे गये गेहूँ के भण्‍डारण व संधारण हेतु शासन ने क्या-क्या मानक तय किये हैं? (घ) बड़ी मात्रा में गेहूँ खराब होने के    क्या-क्या कारण हैं? इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? शासन उन पर क्या-क्या कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ की मात्रा, समर्थन मूल्‍य एवं खराब गेहूँ की मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में खराब हुए गेहूँ के निस्‍तारण हेतु डी.सी.सी. की जाकर निविदा के माध्‍यम से विक्रय उपरांत ही आर्थिक क्षति ज्ञात हो सकेगी। (ग) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ के भंडारण एवं संधारण के मापदण्‍ड उपार्जन नीति में प्रावधानित हैं, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वैज्ञानिक भंडारण के मापदण्‍ड अनुसार भंडारण कराया जाता है। (घ) जबलपुर जिले के तिलसानी केप में भंडारित गेहूँ में से 1542.582 मे.टन गेहूँ खराब हुआ है। केप में भंडारित गेहूँ का उठाव 3 माह में करने के निर्देश हैं किन्‍तु तिलसानी केप में गेहूँ का भंडारण 3 वर्ष से अधिक समय तक रहने के कारण स्‍कन्‍ध खराब हुआ है, जिसकी जिम्‍मेदारी निर्धारित नहीं की जा सकती है।

नवीन भवन निर्माण की स्‍वीकृति

[राजस्व]

98. ( क्र. 2518 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कार्यालय, तहसील कार्यालय तथा उप-तहसील कार्यालय कुरावर के भवनों का निर्माण कब हुआ था तथा उक्‍त भवनों की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कार्यालय एवं तहसील कार्यालय के भवन को काफी समय पूर्व ही लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुपयोगी घोषित किया जा चुका है तथा उप-तहसील कुरावर का कार्यालय भवन वर्तमान में अत्‍यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्‍था में है तथा उक्‍त कार्यालयों के भवनों की दीवारों में दरार, छत से पानी का रिसाव एवं कई बार छत व दीवार का प्‍लास्‍टर गिरने से कार्यरत कर्मचारी घायल हो चुके है एवं कार्यालयीन रिकार्ड भी पानी के रिसाव से खराब हो चुका है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त कार्यालयों के नवीन भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्‍या और कब? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या शासन उक्‍त वर्णित कार्यालयों के नवीन भवन निर्माण हेतु वांछित स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय का निर्माण वर्ष 1942 में, तहसील कार्यालय का निर्माण वर्ष 1990 में तथा टप्पा कार्यालय कुरावर का निर्माण वर्ष 2009 में हुआ था। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय एवं तहसील कार्यालय भवन पुराना होकर स्थिति उत्‍तरांश '' अनुसार है। टप्पा कार्यालय कुरावर का मरम्मत कार्य वर्ष 2020-21 में ही किया गया है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कार्यालय भवन को अनुपयोगी तथा तहसील कार्यालय भवन को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया है। कलेक्‍टर राजगढ़ से प्रस्‍ताव मांगा गया है। उप तहसील कार्यालय भवन कुरावर का मरम्‍मत कार्य वर्ष 2020-2021 में रूपये 5.54 लाख से कराया गया है। जिले से कार्यालय भवन के निर्माण का प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार है।

वन मार्गों का सुदृढ़ीकरण

[वन]

99. ( क्र. 2519 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) सामान्‍य वनमण्‍डल राजगढ़ के वन परिक्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य, कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी लागत से कराये गये हैं तथा प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त कार्यों की अद्यतन स्थिति क्‍या है? सम्‍पूर्ण विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक वन परिक्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्रामों के वन मार्गों की स्थिति अत्‍यंत खराब एवं मार्गों पर स्थित पुलिया/रपटा क्षतिग्रस्‍त होने से ग्रामीणजनों को आवागमन में अत्‍यधिक परेशानियां उत्‍पन्‍न हो रही हैं, जिससे स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, हाट बाजार आदि दैनंदिन कार्य प्रभावित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त वन मार्गों पर सुगम आवागमन बहाल करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या?                      (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या वर्तमान में ग्राम कोटरा से छाबड़ मार्ग की बदहाल स्थिति से वाहन आवागमन बंद हो चुका है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन उक्‍त मार्ग सहित अन्‍य वन मार्गों को आवागमन योग्‍य बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) वनमंडल राजगढ़ की वन्‍यप्राणी अभयारण्‍य नरसिंहगढ़ अंतर्गत वन मार्ग पर स्थित पुलिया/रपटा वनक्षेत्र में गश्‍ती कार्य हेतु बनाये गये हैं जो वर्तमान में सही हालत में होकर गश्‍ती कार्य में उपयोग किये जा रहे हैं। उक्‍त वन मार्गों का ग्रामीणों द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, हाट बाजार आदि दैनंदिन कार्य हेतु उपयोग किया जा रहा है। समय-समय पर वन मार्गों का सुदृढ़ीकरण बजट उपलब्‍धता अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) वनमंडल राजगढ़ अंतर्गत आने वाले परिक्षेत्र वन्‍यप्राणी अभयारण्‍य नरसिंहगढ़ में वनक्षेत्र में बने कोटरा से छाबड़ मार्ग का उपयोग वर्तमान में वन एवं वन्‍यप्राणी सुरक्षा एवं निगरानी हेतु गश्‍ती कार्य में किया जा रहा है एवं ग्रामीणों द्वारा आवागमन हेतु भी उक्‍त मार्ग का उपयोग किया जा रहा है। समय-समय पर वन मार्गों का सुदृढ़ीकरण बजट उपलब्‍धता अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

100. ( क्र. 2527 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि अनुविभागीय अधिकारी खाचरोद के द्वारा प्रकरण क्रमांक 2/अ-2/2010-11 आदेश दिनांक 15/10/2010, प्रकरण क्रमांक 1/अ-2/2010-11 आदेश दिनांक 15/10/2010, प्रकरण क्रमांक 16/अ-2/2010-11, प्रकरण क्रमांक 17/अ-2/2010-11 के द्वारा कस्बा खाचरोद स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 725/1, 725/3, 732, 733, 735, 736, 737, 723/1, 724/1, 734, 741, 731, 745, 746 पर बिना सक्षम स्वीकृति के अवैध रूप से कॉलोनी काटने एवं विकास कार्य करने के संबंध में प्रीमियम अर्थदण्ड एवं पुनः निर्धारण राशि आरोपित की थी? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रकरण में वर्ष    2009-10 से 2022-23 तक अनुविभागीय अधिकारी के आदेश के पालन में कब-कब और कितनी राशि जमा कराई गई है व कितनी राशि मय ब्याज के बकाया है? दिनांक, रसीद क्रमांक, चालान क्रमांक सहित सम्पूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें। यदि राशि जमा नहीं कराई गई हैं तो क्यों? विवरण देवें। (ग) क्या यह भी सही है कि उपरोक्त सर्वे नंबर की भूमि शासन का राजस्व बकाया होने के उपरांत भी भूमि स्वामी द्वारा सम्पूर्ण भूमि विक्रय कर दी गई है? यदि हाँ, तो उपरोक्त आपराधिक कृत्य के लिये व शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्‍ट में दर्शित प्रीमियम,           भू-भाटक एवं अर्थदण्‍ड राशि वसूल की गई है। (ख) 2009-10 से 20-2023 तक की अवधि में जमा करवाई गई राशि संलग्न परिशिष्‍ट पर प्रस्‍तुत है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में कुछ भूमि भूमि-स्वामी के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। भूमि-स्वामी को भूमि विक्रय करने के अधिकार होने से कोई अधिकारी इसमें दोषी नहीं पाया गया। परिवर्तित भू-राजस्व की वसूली की कार्यवाही विधिवत प्रचलित है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

जिनिंग फैक्ट्री का नामांतरण

[राजस्व]

101. ( क्र. 2532 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना जिला रतलाम में सर्वे नंबर 917, 917/1 तथा 917/2 के 1956-57 के खसरे खाते की नकल दें तथा बतावें कि क्या यह भूमि जिनिंग फैक्ट्री के लिए लीज पर दी गई थी? यदि हाँ, तो लीज अवधि कब समाप्त होना थी? (ख) क्या यह सही है कि जमीन के खसरा की नकल में 1976-77 में कॉलम 10 में 917/1 में आबादी 1.000 तथा चरनोई 0.030 एवं 917/2 में चरनोई 2.000 उल्लेखित है तथा कॉलम दो में क्षेत्रफल 917/1 का 1.030 तथा 917/2 का 2.000 उल्लेखित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो बतावें कि 1981-82 की नकल में कालम 10 में खंड (क) अनुसार उल्लेख तथा कॉलम 2 में ओवर राइटिंग कर क्षेत्रफल 917/1 का 2.130 तथा 917/2 का 0.900 किस कारण किया गया? 2000-2001 की नकल में चरनोई किस आधार पर हटाया गया?               (घ) 1976-77 में 180738 वर्गफीट जमीन का डायवर्सन किन दस्तावेजों से किया गया? समस्त दस्तावेज तथा प्रकरण की नोटशीट की प्रति देवें। (ड.) दिसम्‍बर 2010 में प्रकाश तथा अन्य ने जिनिंग फैक्ट्री का नामांतरण अपने नाम करने हेतु आवेदन दिया, तहसीलदार ने 20/12/2010 को उनके पक्ष में आदेश किस आधार पर दिया तथा यह भूमि उत्तमचंद तथा अन्य के नाम किस आधार पर तय की? किन दस्तावेजों के आधार पर उसे प्रकाश तथा अन्य के नाम नामांतरण किया? इस संबंध में समस्त दस्तावेजों एवं नोटशीट की प्रति दें तथा इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

विभागीय प्रस्तावों की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

102. ( क्र. 2539 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत पिपलौदा विकासखंड एवं जावरा विकासखंड में सिंचाई डेम बनाए जाने के प्रस्ताव बनाए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी निरंतर पत्रों एवं सदन में प्रश्नों के माध्यम से उपरोक्त उल्लेखित दोनों विकासखंड के भू-जल स्तर के काफी नीचे चले जाने के कारण सिंचाई हेतु पानी एवं पेयजल की कठिनाई से भी अवगत किया जाता रहा है? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा तैयार किये गये प्रस्तावों एवं प्रश्‍नकर्ता के तथा सदन में प्रश्नों के माध्यम से ध्यानाकर्षित मुख्य स्थानों में से और कौन से प्रस्ताव शेष रहे और उन्हें कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी? (घ) साथ ही अवगत कराएं कि कुछ प्रस्तावों के विभागीय सर्वेक्षण के पश्चात साध्यता पाई जाकर वे कार्य किये जाने हेतु साध्य होकर प्रस्ताव विचाराधीन हैं तो उन्हें कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। पिपलौदा विकासखण्‍ड के अंतर्गत माचुन तालाब क्र. 02 एवं हल्‍दुनी बैराज की साध्‍यता स्‍वीकृति क्रमश: दिनांक 03.06.2017 एवं दिनांक 15.03.2022 द्वारा प्रदान की गई है। जी हाँ। केन्‍द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा जारी भू-जल आंकलन प्रतिवेदन वर्ष 2022 अनुसार पिपलौदा एवं जावरा विकासखण्‍ड अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत है। (ग) एवं (घ) मैदानी कार्यालयों द्वारा बनाए गए माचुन तालाब क्र. 02 की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है तथा हल्‍दुनी बैराज की डी.पी.आर. मुख्‍य अभियंता उज्‍जैन के कार्यालय में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। स्‍वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिवहन विभाग में अनियमितता

[परिवहन]

103. ( क्र. 2542 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन सम्भाग के विभिन्न परिवहन कार्यालयों में सत्र 2021-22 एवं 2022-23 में कार्यालयों की कार्य क्षमता की रिपोर्ट क्या रही अर्थात विभिन्न परिवहन अधिकारियों ने प्राप्त कुल आवेदनों में कितनों का निराकरण किया, कितनों का नहीं? वर्षवार सूची देवें तथा प्रदेश स्तर पर नया वाहन-4 (NIC) पोर्टल लागू होने के पश्चात परिवहन कार्यालय में इसकी जानकारी आम जनता को उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गयी? क्या इस सम्बन्ध में मोबाइल नम्बर जारी किया गया है? यदि हाँ, तो अवगत करायें। (ख) प्रश्‍नांश '''' संदर्भित मंदसौर में वाहन-4 (NIC) के अंतर्गत कुल कितने आवेदन किस-किस श्रेणी के किस-किस दिनांक को अपलोड हुए तथा            किनकिन आवेदन में किस-किस दिनांक में क्या-क्या कमियां पाई गयी? कितने आवेदनों में आवेदक ने आवेदन सम्पूर्ण रूप से लोड किये, जिनकी HSRP प्लेट कम्प्लीट थी, अर्थात उनमें कोई कमी नहीं थी, उसके बावजूद भी 15 दिन से अधिक समय तक RC कार्ड जारी नहीं करने के क्या कारण रहे? से प्रकरण की सूची 1 अगस्त 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की उपलब्ध करायें। (ग) क्या वाहन-4 (NIC) के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन में सम्पूर्ण दस्तावेज अपलोड करने के बाद भी ऑफलाइन दस्तावेज देना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि देवें। यदि नहीं, तो प्रश्‍नांश "ग" संदर्भित अवधि में मंदसौर परिवहन अधिकारी ने आवेदन अपलोड करने के बाद किन-किन आवेदकों के ऑफ़लाइन दस्तावेज किन-किन कारणों से मांगे? कारण सहित सूची जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन सम्भाग के विभिन्न परिवहन कार्यालयों में सत्र 2021-22 एवं 2022-23 में कार्यालयों द्वारा दी गई कार्य क्षमता की रिपोर्ट अनुसार प्राप्त/निराकरण आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। नया वाहन-4 (NIC) पोर्टल लागू होने के पश्चात् आम जनता को जानकारी उपलब्ध हो सके, इस हेतु वाहन-4 पोर्टल (वेबसाईट) पर सुविधा उपलब्ध है। वाहन-4 पोर्टल पर मोबाईल नम्बर भी उपलब्ध है।             (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 22-21/2022/आठ दिनांक 08.09.2022 के अनुक्रम में वाहन-4 (NIC) के अन्तर्गत ऑनलाइन आवेदन के सम्पूर्ण दस्तावेज अपलोड करने के बाद उन्हें ऑफलाइन प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नहीं है। परन्तु Individual श्रेणी के आवेदक जिनके द्वारा आधार प्रमाणीकरण (E-Kyc) के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो अपलोड किए गये दस्तावेजों की प्रति परिवहन कार्यालय में जांच हेतु डीलर द्वारा प्रस्तुत की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसरण में किसी भी आवेदक से कोई दस्तावेज नहीं मांगे गये हैं। अतः जानकारी निरंक है।

खनिज खदानों की लीज रेंट में अनियमितता

[खनिज साधन]

104. ( क्र. 2543 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने व्यक्ति/कम्पनी/फर्म को ''लेटेराईट स्टोन'' खनिज की भूमि, किस-किस प्रयोजन हेतु, कितनी-कितनी राशि पर किन-किन नियम शर्तों के साथ लीज रेंट पर प्रदान की गयी? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित उक्त प्रयोजन वाली भूमि को लीज रेंट प्रदान करने की नियम शर्तें क्या थीं? क्या उक्त शर्तों का इन भूमियों पर पालन हो रहा है? इसकी जांच कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट की प्रतिलिपि देवें। (ग) क्या यह सही है की प्रश्‍नांश (क), (ख) संदर्भित भूमि पर व्यक्ति/कम्पनी/फर्म को लीज रेंट की दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्य नहीं हुआ है? इनमें इनसे कितनों की भूमि विभाग ने वापस ली है? सूची देवें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (क), (ख) संदर्भित उक्त प्रयोजन वाली भूमि की पुन: नीलामी करने की नई नीति जारी की गयी है? यदि हाँ, तो नई नीति की प्रति देवें। पुरानी लीज रेंट राशि व नवीन लीज रेंट की राशि में कितना अंतर है? क्या पूर्व की उक्त खनिज भूमियों पर जिनमें नियम शर्तों अनुरूप कोई कार्य नहीं हुआ है? उनका पुराना अनुबंध निरस्त कर उनकी पुन: विज्ञप्ति जारी कर नीलामी की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) उज्‍जैन संभाग के मंदसौर व आगर-मालवा जिले में प्रश्‍नांकित अवधि में लेटेराईट खनिज के स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टों एवं अन्‍य वांछित विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। यह उत्‍खनिपट्टे खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 के अधीन अधिसूचित, खनि रियायत नियम, 1960 तथा मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अधीन स्‍वीकृत किये गये हैं। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित संभागों के अन्‍य जिलों में लेटेराईट खनिज की कोई खनि रियायत स्‍वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अनुसार लीज रेंट वसूल किये जाने के प्रावधान वर्तमान प्रचलित नियमों में नहीं है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित अनुसार शासकीय भूमि पर स्थित लेटेराईट खनिज को नीलाम किये जाने के प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में दिनांक                 22 जनवरी, 2021 से किये गये हैं, यह नियम अधिसूचित हैं। पूर्व से स्‍वीकृत खनि रियायतों में नियम/शर्तों के उल्‍लंघन जैसी स्थिति नहीं है, अत: अनुबंध निरस्‍त करने एवं प्रश्‍नांश अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

जिला कार्यालय इकाई की स्वीकृति

[परिवहन]

105. ( क्र. 2547 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नवगठित जिला निवाड़ी में विभाग की जिला कार्यालय इकाई की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें एवं यदि नहीं, तो नवगठित जिला निवाड़ी में कब तक परिवहन विभाग की जिला कार्यालय इकाई की स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?                      (ख) क्या यह सही है कि वर्तमान में भी लोगों को परिवहन संबंधी कार्यों के लिए जिला टीकमगढ़ में जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो जिला निवाड़ी में परिवहन विभाग की पद स्वीकृति एवं अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? क्रमवार समय-सीमा सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 22-266/2019/आठ भोपाल दिनांक 24.09.2020 द्वारा नवीन जिला निवाड़ी में जिला परिवहन कार्यालय खोलने की अनुमति प्रदान की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में निवाड़ी में शासकीय भवन उपलब्ध न होने से जिला परिवहन अधिकारी टीकमगढ़/निवाड़ी को जिला कलेक्टर से समन्वय कर भवन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। निवाड़ी के निवासियों के वाहन पंजीयन तथा ड्रायविंग लायसेंस संबंधी कार्य वाहन एवं सारथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन (फेसलेस पद्धति) से संपादित किये जा रहे हैं। जिला निवाड़ी के परिवहन कार्यालय हेतु कर्मचारियों के पद स्वीकृति हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है।

परिशिष्ट - "छ्त्तीस"

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भूमि का आवंटन

[राजस्व]

106. ( क्र. 2549 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम सतना के वार्ड नं. 17 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जमीन आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो किस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को आवंटित की गई थी और कितनी भूमि आवंटित की गई थी? अब कितनी शेष है? (ख) क्या स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को आवंटित भूमि पर प्लाटिंग करके बेचने का अधिकार है? क्या वार्ड नं. 17 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. बृजनंदन तिवारी को कोई भूमि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी भूमि आवंटित की गई थी और कब की गई थी? क्या स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. बृजनंदन तिवारी को आवंटित भूमि पर प्लाटिंग बेची गई? यदि हाँ, तो कितनी जमीन बेची गई और किसने बेची? कितनी भूमि शेष है और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. बृजनंदन तिवारी को आवंटित भूमि किसकी अनुमति से बेची गई और किस वर्ष में?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी, नहीं। (ख) म.प्र. नजूल निर्वर्तन निर्देश, 2020 में स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी को भूमि आवंटन के प्रावधान निहित नहीं है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

शासकीय उचित मूल्य दुकानों में कालाबाजारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

107. ( क्र. 2552 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) छतरपुर जिलातंर्गत 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक भण्डार/विपणन/समितियों द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों में कालाबाजारी किए जाने के संबंध में जिला एवं अनुविभागीय स्तर पर कहाँ-कहाँ शिकायतें प्राप्त हुई? समस्त शिकायतों की प्रतियां, शिकायतकर्ता का नाम, पता एवं शिकायत किसके विरुद्ध की गई आदि की जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में उक्त शिकायतों की जांच किसके द्वारा की गई? जांच प्रतिवेदन की प्रतियां प्रदाय करें। किन-किन शिकायतों की जांच लंबित या प्रांरभ नहीं हो सकी? इसके लंबित होने या प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में जांच प्रतिवेदन के अनुसार क्या कार्यवाही की गई? सभी शिकायतों की जानकारी प्रदाय करें। यदि प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? जांच में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही नहीं होने पर किसे दोषी माना जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) छतरपुर जिला अंतर्गत 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक अनुविभाग बिजावर अंतर्गत शासकीय उचित मूल्‍य दुकान बम्‍होरी में कालाबाजारी किए जाने के संबंध में तहसीलदार बक्‍स्‍वाहा एवं पुलिस चौकी बम्‍होरी से मौखिक सूचना प्राप्‍त हुई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) शिकायत की जांच कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी बक्‍स्‍वाहा द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। प्रश्‍न का शेष भाग का उत्‍तर निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश '' एवं '' के अनुक्रम में जांच प्रतिवेदन के अनुसार की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

अपील प्रकरणों का निराकरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

108. ( क्र. 2553 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) शासकीय उचित मूल्य दुकानों के निलंबन/निरस्तीकरण के संबंध में न्यायालय कलेक्टर में अपील दायर करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश प्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में न्यायालय कलेक्टर, छतरपुर के समक्ष वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक शासकीय उचित मूल्य दुकानों के संबंध में अपील दायर की गई? यदि हाँ, तो वर्षवार दायर की गई अपीलों का दायरा, दिनांक, अपील क्रमांक, अपीलकर्ता दुकान का नाम, ग्राह्यता तिथि आदि की जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में समस्त अपील प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया गया? यदि हाँ, तो प्रकरणवार पारित अंतिम आदेश की तिथि एवं शेष लंबित समस्त प्रकरणों के निराकरण न होने के कारणों सहित जानकारी प्रदाय करें। (घ) क्या शासन उक्त लंबित प्रकरणों में अंतिम आदेश पारित करने हेतु समय-सीमा निर्धारित कर पीठासीन अधिकारी को आदेश करने के निर्देश जारी करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 17 के अंतर्गत निलम्‍बन/निरस्‍तीकरण के विरुद्ध कलेक्‍टर के समक्ष अपील करने का प्रावधान है। उक्‍त नियंत्रण आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। केवल 4 प्रकरणों में समय-सीमा (90 दिवस के भीतर) में निराकरण हुआ है। अपीलीय अधिकारी कलेक्‍टर के पास अन्‍य प्रशासनिक कार्यों के कारण शेष 6 प्रकरण समय-सीमा अवधि में निराकृत नहीं हो पाये हैं। एक प्रकरण न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत अभी भी विचाराधीन है। (घ) जी हाँ। प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु अपीलीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

109. ( क्र. 2555 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) दिनांक 17/03/2022 को विधानसभा सदस्य द्वारा संबंधित विषय से प्रश्‍न क्र. 3213 किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्‍न के संज्ञान में आने के उपरांत छतरपुर जिले के विधान सभा सदस्य द्वारा उक्त प्रश्‍न से संबंधित जानकारी माह दिसम्बर 2022 में पत्राचार कर जिला आपूर्ति अधिकारी छतरपुर से चाही गई थी? यदि हाँ, तो सदस्य का नाम एवं उनके द्वारा जारी पत्र की प्रति प्रदाय करें। (ग) क्या उक्त पत्र के तारतम्य में विधानसभा सदस्य को समय-सीमा पर जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो प्रतियां प्रदाय करें। यदि नहीं, तो पत्र का उत्तर न देने का कृत्य विधानसभा सदस्य की उपेक्षा की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो उपेक्षा करने वाले अधिकारी का नाम एवं पदनाम बतायें। (घ) शासन विधानसभा के निर्वाचित सदस्य की उपेक्षा करने वाले उक्त अधिकारी के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही करेगा? हाँ तो अवधि नियत कर बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। श्री राजेश शुक्‍ला ''बबलु भैया'', माननीय विधानसभा सदस्‍य के द्वारा पत्र भेजकर उक्‍त जानकारी चाही गई थी। शेष भाग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) माननीय विधानसभा सदस्‍य को जिले से अपेक्षित जानकारी प्रथम बार 29/12/2022 एवं दूसरी बार दिनांक 24/02/2023 को भेजी गई है। उक्‍त दोनों पत्रों की प्रतियां संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

म.प्र. राज्य वन विकास निगम अंतर्गत कार्यों की जानकारी

[वन]

110. ( क्र. 2561 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के कुंडम परियोजना मंडल जबलपुर, रीवा, सीधी परियोजना मंडल सीधी, परियोजना मंडल उमरिया, मोहगांव परियोजना मंडल मंडला, में वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कराए गए वानिकी कार्यों की कार्यवार, मदवार, ई-भुगतान एवं नगद भुगतान की जानकारी प्रदाय करावें प्रत्येक कार्य में कितना ई-भुगतान व कितना नगद भुगतान किया गया? क्या उपरोक्त नगद भुगतान के लिए शासन या निगम मुख्यालय से स्वीकृति ली गई थी? यदि हाँ, तो संबंधित आदेशों की प्रतियां उपलब्ध कराएं यदि नगद भुगतान की अनुमति नहीं ली गई है तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है? उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी? (ख) क्या उक्त परियोजना मंडलों में मजदूरों को रोजगार न देकर जे.सी.बी. मशीन से कार्य करवाये गए हैं? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो अनुमति आदेशों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है एवं उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही कराई जाएगी? क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा आर.जी.एम. जबलपुर श्री बंसल को कंचन गांव रेंज के कुटेली बीट में कक्ष क्रमांक 45 में जे.सी.बी. मशीन से कार्य करवाये जाने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या मण्डला जिले में जिस जे.सी.बी. मशीन से कार्य करवाया गया, वह सागर जिले की थी? यदि हाँ, तो क्या यह विषय अत्यंत संदिग्ध है? क्या इसकी जांच करवाई जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जी हाँ, आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।               (ख) मध्‍यप्रदेश राज्‍य वन विकास निगम के अंतर्गत कुण्‍डम एवं मोहगांव परियोजना मंडल द्वारा वृक्षारोपण की सुरक्षा हेतु सी.पी.टी. निर्माण कार्य मशीन एवं श्रमिक दोनों के माध्‍यमों से कराया गया है। जिसकी सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्‍त कर ली गई थी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। उक्‍त कार्य सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्‍त कर कराया गया है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। जे.सी.बी. मशीन से कार्य कराये जाने की कोई जानकारी कार्यालय क्षेत्रीय मुख्‍य महाप्रबंधक जबलपुर में प्राप्‍त नहीं हुई है। श्री ए.के. बंसल, तत्‍कालीन क्षेत्रीय मुख्‍य महाप्रबंधक, 31.12.2022 को सेवानिवृत्‍त हो चुके हैं। मोहगांव परियोजना मंडल में सागर एवं मंडला जिले की जे.सी.बी. से सुरक्षा हेतु सी.पी.टी. निर्माण कार्य कराया गया है। उक्‍त कार्य सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्‍त कर कराया गया है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय राशि का दुरुपयोग

[वन]

111. ( क्र. 2562 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत वन परिक्षेत्रों में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कराए गए? कार्य का नाम, लागत राशि, पूर्णता एवं अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या म.प्र. राज्य वन विकास निगम अंतर्गत बेलकुंड रोपणी भमका में बिना प्रेस विज्ञप्ति, निविदा प्रकाशित करवाए 5 से 6 लाख रुपये की कापन मिट्टी डाली गई है? क्या बिना निविदा कार्य करवाया जाना नियम संगत है? क्या इस हेतु स्थानीय स्तर पर कार्य न करवाकर एक बोगस फर्म अंजली ट्रेडर्स, सागर से करवाया गया है? यदि हाँ, तो इस फर्म का पंजीयन क्रमांक एवं जी.एस.टी. नंबर की जानकारी प्रदाय करें। इस फर्म को भुगतान की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करवाएं। क्या इन कार्य में शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है? क्या इसकी जांच करवाकर कार्यवाही की जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन कार्य हेतु विधिवत निविदा आमंत्रित कर कार्यवाही की गई है। न्‍यूनतम दर प्राप्‍त होने पर मे. अंजनी ट्रेडर्स से कार्य कराया गया है। मे. अंजली ट्रेडर्स सागर जी.एस.टी. पंजीकृत फर्म है, जिसका जी.एस.टी. क्रमांक-23DFFPA538M1ZC है। मेसर्स अंजली ट्रेडर्स से क्रय की गई कापन मिट्टी हेतु फर्म को 514500/- रूपये का भुगतान किया गया था। शासकीय राशि का दुरूपयोग नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

ट्रस्ट की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

112. ( क्र. 2564 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय विदिशा के पास भूमि सर्वें क्र. 346/1/1, 346/1/2/1, 346/1/2/2, 346/1/3, 346/1/4, 346/1/5, 346/1/7/1/1/1, 346/1/7/1/1/2, 346/1/7/1/2, 346/1/7/2, 346/1/8 वर्ष 2018-19 में किसके नाम थी एवं वर्तमान में किसके नाम पर है? नाम एवं पतावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में स्थित भूमि ट्रस्ट के नाम थी? यदि हाँ, तो क्या ट्रस्ट को उक्त भूमि विक्रय करने के लिये अधिकृत है? यदि हाँ, तो किस नियम एवं आदेश के क्रम में अधिकृत है? जानकारी दें। (ग) क्या धर्म के कार्य की उक्त भूमि आज दिनांक की स्थिति‍ में कितने व्यक्तियों के नाम रजिस्टर्ड है? उक्त व्यक्तियों के नाम, पते सहित जानकारी दें एवं कुल कितने व्यक्तियों ने किस दिनांक को उक्त भूमि क्रय की? नाम एवं पता सहित जानकारी देवें।               (घ) क्या उक्त ट्रस्ट की भूमि नियम विरूद्ध तरीके से विक्रय की गई? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त संबंध में दोषी अधिकारी/कर्मचारी व्यक्ति के खिलाफ निष्पक्ष जांच कराई जाकर उचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संम्पूर्ण भूमि ट्रस्ट के नाम नहीं थी। सर्वे क्रमांक 346/1/1 रूकमणीबाई मगनीबाई जनकल्याण ट्रस्ट के नाम एवं सर्वे क्रमांक 346/1/2 अग्रवाल श्री हरनंदराय जी बद्रीनारायण धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट अध्यक्ष जयप्रकाश पुत्र मालचंद अग्रवाल विदिशा एवं 346/1/8 चंद्रप्रभा, मालचंद अग्रवाल निरोगधाम सेवा ट्रस्ट के नाम दर्ज है। शेष भूमि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार विभिन्न नामों से दर्ज रही है। म.प्र. पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1951 की धारा-14 के तहत ट्रस्ट की भूमि विक्रय करने के प्रावधान है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सहारा इंडिया कंपनी की भूमि का नामांतरण

[राजस्व]

113. ( क्र. 2565 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा तहसील अंतर्गत नगर सीमा मिर्जापुर में खसरा क्र. 72/2, 78/1, 84/1, 86, 88, 89/1, 89/2, 91/2, 93, 94/1, 95, 97, 99, 100/1/2, 100/2, 101/1/2, 101/2, 101/3, 101/4, 102, 104/1, 105, 211/2, 216/2, 216/1, 216/2, 216/3, 216/4/2/2 कुल क्षे. 32.1720 भूमि 2018-2019 में किसके नाम से थी एवं वर्तमान में किसके नाम है? सहारा इंडिया कंपनी से क्या संबंध थे एवं पूर्व में उक्त के विक्रय पर आपत्ति लगाई गई थी? नाम एवं पतावार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में स्थित भूमि को किस आधार पर विक्रय करने की अनुमति‍ दी गई, जबकि विदिशा में निवेशकों का 1000 करोड़ रूपये के निवेश का कार्य हुआ है, जो बकाया है? (ग) क्या शासन उक्त भूमि को विक्रय कर निवेशकों की राशि वापसी की कार्यवाही करेगा एवं दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा एवं उक्त भूमि का नामांतरण किस अधिकारी के द्वारा किस नियम के आधार पर किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि स्‍वामियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। विक्रय पर कोई आपत्ति नहीं लगाई गई थी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) महेश डेव्‍हलपमेंट एंड फायनेंस प्रा.लि. द्वारा अधिकृत राकेश गौतम द्वारा विक्रय पर लगाई गई रोक को हटाने हेतु जबाब पेश किया गया जिसके आधार पर माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय भारत सरकार के न्‍यायालय क्रमांक 1 में सेक्‍शन XVII दिनांक 11.07.2016 के आदेश के अनुसार भूमि विक्रय पर लगाई गई रोक समाप्‍त की गई। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) ऐसा कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। उत्‍तरांश '' के प्रकाश में मान. न्‍यायालय के आदेश का पालन किये जाने के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। विक्रय-पत्र दिनांक 18.08.2022 के दो विक्रय पत्र के आधार पर तत्‍कालीन नायब तहसीलदार श्री दिनेश बरगले द्वारा नामांतरण के आदेश पारित किये गये। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

निर्माणाधीन भवनों का भुगतान

[राजस्व]

114. ( क्र. 2573 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या प्रदेश में प्रश्‍न दिनांक तक राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी भवन स्‍वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने भवन का कार्य पूर्ण हो चुका है अथवा निर्माणाधीन है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या बैतूल जिले के मुलताई एवं जबलपुर संभाग में भी प्रश्‍न दिनांक तक राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी भवन स्‍वीकृत किये गये थे? कितने भवनों का निर्माण हो चुका है और कितने भवन हस्‍तांतरित हो चुके हैं? कितने भवनों का भुगतान लोक निर्माण विभाग को कर दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो कब तक भवनों का निर्माण पूर्ण हो जायेगा? निर्माण पूर्ण हो गया है तो कब तक हस्‍तांतरित कर दिये जायेंगे? लोक निर्माण को भुगतान नहीं किया गया है तो कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 1624 राजस्‍व निरीक्षक/पटवारी कार्यालय सह आवासीय भवनों का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 40 भवन निर्माणाधीन है। (ख) जी हाँ। बैतूल जिले की तहसील मुलताई में 8 भवनों का निर्माण पूर्ण होकर तथा जबलपुर संभाग में 131 भवनों का निर्माण पूर्ण होकर भवन हस्‍तांतरित हो चुके हैं। सभी भवनों हेतु राशि लोक निर्माण विभाग को हस्‍तांतरित कर दी गई है। (ग) तहसील मुलताई में 2 भवन एवं जबलपुर संभाग में 13 भवन निर्माणाधीन हैं। निर्माणाधीन होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। निर्माणाधीन भवनों का भुगतान लोक निर्माण विभाग को किया जा चुका है।

हितग्राही मूलक योजनांतर्गत राशि का आवंटन

[श्रम]

115. ( क्र. 2574 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग जिला अनूपपुर को शासन की संचालित किन-किन हितग्राही मूलक योजनाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन योजनाओं में कितने-कितने हितग्राही लाभान्वित हुये हैं तथा उनके खातों में कितनी-कितनी राशि जमा की गई एवं कितनी राशि जमा नहीं की है एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन योजनाओं में श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन कब-कब, कहाँ-कहाँ पर किया गया? इसमें कितने-कितने श्रमिकों का पंजीयन किया गया एवं कितने संबल कार्ड बनाये गये? शिविरों के आयोजन पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तहत निम्नांकित योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों की राशि सहित सूची दें। (1) संबल कार्डधारी की मृत्यु उपरांत आर्थिक सहायता (2) अन्त्येष्टि सहायता (3) दुर्घटना मृत्यु अनुग्रह सहायता (4) विवाह सहायता योजना।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं अंतर्गत जिला अनूपपुर में वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक लाभान्वित हितग्राहियों तथा भुगतान की गई राशि की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं में श्रम सेवा पोर्टल पर पदाभिहित अधिकारी द्वारा ऑनलाइन प्रकरण स्‍वीकृत किया जाकर डी.बी.टी. पद्धति से सीधे हितग्राही के बैंक खाते में राशि अंतरित की जाती है। पृथक से राशि आवंटन नहीं किया जाता है। श्रम विभाग जिला अनूपपुर को किसी भी हितग्राही मूलक में राशि आवंटित नहीं की गई है। बजट उपलब्‍धतानुसार स्‍वीकृत पात्र प्रकरणों में राशि प्रदान की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत मुख्‍यमंत्री जन सेवा अभियान के अंतर्गत दिनांक 17.09.2022 से 31.10.2022 तक प्रत्‍येक जिले में ग्राम स्‍तर/वार्ड स्‍तर पर शिविरों का आयोजन कर श्रमिकों के आवेदन प्राप्‍त कर पंजीयन किये गये। अभियान अवधि में 1, 28, 540 निर्माण श्रमिकों के नवीन पंजीयन जारी किये गये। शिविर आयोजन पर मण्‍डल स्‍तर से कोई भी राशि व्‍यय नहीं की गई। संबल योजनांतर्गत पंजीयन आवेदन पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त होते हैं, जिनका समय-सीमा में त्वरित निराकरण निकायों/जनपदों द्वारा किया जाता है। पंजीयन हेतु पृथक से शिविरों का आयोजन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मण्‍डल की मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना तथा विवाह सहायता योजना के संबंध में प्रश्‍नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तहत् लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

116. ( क्र. 2575 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 01 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक राजस्व प्रकरणों के निपटारे हेतु किन-किन कृषकों द्वारा आवेदन दिये गये थे? उनका नाम, पिता/पति का नाम, ग्राम व ग्राम पंचायत का नाम, आवेदन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कितने नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निपटारा किया गया है? कितने प्रकरण लंबित हैं? जिन कृषकों के प्रकरणों का निपटारा किया गया है तथा किन-किन का नहीं किया गया हैं? उनके भी नाम, ग्राम पंचायतवार बतावें। (ख) क्या नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों के निपटारा हेतु शासन द्वारा समय-सीमा निश्चित की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि में निवासरत व्यक्तियों के भू-खंड - ड्रोन के अभिलेख तैयार किये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (घ) अनूपपुर जिले में विगत 05 वर्षों में कितनी भूमि के पट्टे स्वीकृत किये गये? पट्टेधारी का नाम, पट्टा स्वीकृत करने का वर्ष, कितनी भूमि का पट्टा दिया गया, भूमि सिंचित है अथवा असिंचित है की विस्तृत जानकारी से अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश के संबंध में आर.सी.एम.एस. पोर्टल से प्राप्त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बंटवारा सीमांकन के प्रकरणों हेतु राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र अनुसार समय-सीमा निश्चित की गई है। परिपत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में ग्रामीण क्षेत्र में स्वामित्व योजना अंतर्गत ड्रोन सर्वे का कार्य किया जाकर हितग्राहियों को अभिलेख प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टस अनुसार है। (घ) जिला अनूपपुर अन्‍तर्गत विगत 05 वर्षों में कृषि भूमि के पट्टे स्वीकृत नहीं किए गए है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भोपाल रियासत से संबंधित मर्जर एग्रीमेंट

[राजस्व]

117. ( क्र. 2584 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न 11 (क्र. 784) दिनांक 10 मार्च 2008 के अनुसार भोपाल रियासत का भारत संघ में विलीनीकरण वर्ष 1949 में हुआ था, जिसके मर्जर एग्रीमेंट की प्रति प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार भारत सरकार के आधिपत्य में है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के पत्र क्रमांक 2411 भोपाल दिनांक 11 मार्च 2018 में उल्लेखित कलेक्टर भोपाल की निगरानी प्र.. 01/स्व.निग./2007-08 में लगायत 8-13 ग्राम का कलेक्टर का पत्र क्रमांक 370/लिटि/एफ/2017 दिनांक 24 मार्च 2017 के द्वारा 13 ग्रामों के नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन आदि प्रकार के अन्तरण एवं भूमि के किसी भी प्रकार के स्वरूप परिवर्तन को प्रतिबंधित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रमुख सचिव के पत्र क्रमांक एफ 6-16/ 2018/सात/नजूल भोपाल दिनांक 03 मार्च 2018 को भोपाल रियासत से संबंधित मर्जर एग्रीमेंट दिनांक 30/04/1949 से संबंधित बिन्दुओं पर निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित मर्जर एग्रीमेंट भारत सरकार के आधिपत्य में है तो यह निर्देश किस आधार पर जारी किए गए? इस प्रकार सत्तापक्ष के दबाव में आकर नियम विपरीत कार्यवाही करने वालों के विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। उपलब्‍ध किये गये दस्‍तावेजों के आधार पर ही कलेक्‍टर, भोपाल को निर्देश जारी किये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अविवादित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

118. ( क्र. 2588 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 829 दिनांक 21 दिसम्‍बर 2022 के प्रश्‍नांश (क) जी हाँ, राजपत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है, प्रश्‍नांश (ख) जानकारी निरंक है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो प्रावधान के बाद भी राजस्‍व विभाग के अधिकारियों द्वारा पंचायतों में अविवादित प्रकरण प्रस्‍तुत नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस तहसीलदार ने अविवादित प्रकरणों का शासन के किस आदेश के तहत निराकरण किया गया? आदेश की प्रति देवें। (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में नियमों का उल्‍लंघन कर प्रकरणों का निराकरण कराने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी? क्‍या शासन के आदेशानुसार अविवादित नामांतरण एवं फौती का कार्य पंचायतों से कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) नामांतरण के आवेदन संबंधित आवेदक द्वारा प्रस्‍तुत किये जाते हैं। पंचायतों में नामांतरण के आवेदन आवेदक द्वारा प्रस्‍तुत न किये जाने के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 110 (4) एवं (7) के तहत तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा उनके समक्ष प्रस्‍तुत प्रकरणों को निराकरण करने का अधिकार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में आवेदन प्रस्‍तुत होने पर संहिता के प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की गई है। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 110 के अंतर्गत अविवादित एवं फौती नामांतरण का निराकरण किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भूमिहीनों के पट्टे का नामांतरण

[राजस्व]

119. ( क्र. 2593 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की अशोकनगर, राजपुर एवं शाढौरा तहसीलों में जनवरी 2000 से जनवरी 2004 तक कितने भूमिहीनों को पट्टे दिये गये? नाम सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित सभी पट्टेदारों के नामांतरण कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कितने लोगों के नामांतरण होना शेष है व नामांतरण क्‍यों नहीं हुये? कारण सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) जिन पट्टेदारों के नामांतरण नहीं हुये उनके नामान्‍तरण कब तक किये जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अशोकनगर की तहसील अशोकनगर, राजपुर एवं शाढौरा तहसीलों में जनवरी 2000 से जनवरी 2004 तक कुल 6913 भूमिहीनों को पट्टे दिये गये। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित 6913 पट्टेदारों के नामांतरण राजस्‍व अभिलेख में तत्समय ही किये गये है। उक्‍त समस्‍त पट्टा आदेशों का नामांतरण तत्‍समय ही राजस्‍व अभिलेख में दर्ज किया जा चुका है। (ग) उक्‍त प्रश्‍नांश के संबंध में जानकारी निरंक है।

श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी

[श्रम]

120. ( क्र. 2594 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा श्रमिकों को क्‍या-क्‍या सुविधायें देने के प्रावधान हैं व इस हेतु क्‍या-क्‍या नियम प्रक्रिया प्रचलन में हैं? (ख) श्रम विभाग द्वारा किस-किस वर्ग के श्रमिक शासकीय योजनाओं के लाभ के हकदार हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्र 032 अशोकनगर में किस-किस वर्ग के कितने श्रमिकों को क्‍या-क्‍या लाभ दिये गये?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को प्रदाय की जा रही सुविधाओं तथा इस हेतु प्रचलित नियम एवं प्रक्रिया संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। श्रम विभाग, म.प्र. शासन द्वारा म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित श्रमिक कल्‍याणकारी योजनाओं का विवरण उनमें पात्रता की शर्तें एवं सहायता राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। म.प्र. श्रम कल्‍याण निधि अधिनियम 1982 के अन्‍तर्गत आने वाली म.प्र. में स्‍थापित औद्योगिक संस्‍थानों तथा ऐसी स्‍थापनाओं, जिनमें वर्ष में किसी भी कार्य दिवस पर 9 से अधिक श्रमिक/कर्मचारी कार्यरत हों, में कार्यरत श्रमिकों को म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्‍तुत करने पर प्रदान किया जाता है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत 49 अधिसूचित प्रवर्गों के भवन एवं अन्‍य संनिर्माण श्रमिक पंजीयन की पात्रता रखते हैं। मण्‍डल अंतर्गत पंजीकृत समस्‍त निर्माण श्रमिक योजना के प्रावधानों के अनुसार समान रूप से लाभ प्राप्‍त करने हेतु पात्र है। म.प्र. शासन श्रम विभाग के अंतर्गत मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजनांतर्गत सभी वर्गों के असंगठित वैध पंजीकृत श्रमिक लाभ प्राप्ति के हकदार हैं। म.प्र. श्रम कल्‍याण निधि अधिनियम 1982 के अन्‍तर्गत आने वाली म.प्र. में स्‍थापित औद्योगिक संस्‍थानों तथा ऐसी स्‍थापनाओं जिनमें वर्ष में किसी भी कार्य दिवस पर 9 से अधिक श्रमिक/कर्मचारी कार्यरत हों, के सभी पात्र हितग्राहियों को प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार सभी योजनाओं का लाभ निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्‍तुत करने पर प्रदान किया जाता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं में विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्र 032 अशोकनगर में लाभान्वित श्रमिकों की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रश्‍नांश (क) व (ख) अनुसार विधानसभा क्षेत्र 032 अशोकनगर अंतर्गत जनपद पंचायत अशोकनगर, नगरपालिका अशोकनगर, नगरपालिका शाढौरा द्वारा म.प्र. असंगठित शहरी ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल (संबल) योजना अंतर्गत हितलाभ की विगत दो वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

खाद्यान्‍न का वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

121. ( क्र. 2610 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? इन दुकानों में कितनी-कितनी खाद्यान्न सामग्री कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन, किस वाहन क्रमांक से पहुँचाई गई का विवरण दुकानवार या तिथि‍वार, जनपदवार वर्ष 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पहुंचाई सामग्रियों में से किन सामग्रियों को कितने दर में बेचे जाने के निर्देश हैं? सामग्रीवार जानकारी देवें एवं कितनी मात्रा निःशुल्क प्रदान करने की है जो सामग्री दुकानों को प्राप्त हुई, उनमें कितनी मात्रा निःशुल्क देने की थी? कितनी कीमत लेकर दुकानवार जानकारी प्रश्‍नांश (क) की अवधि अनुसार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्त खाद्य सामग्रियों को दुकानों से कितने हितग्राहियों को कौन-कौन खाद्य सामग्री वितरित की गई की जानकारी मात्रा सहित जनपदवार, जिलों का देवें। कितनी सामग्री किन माहों में शेष थी, उनको कब तक वितरित की जावेगी? वर्तमान में कितनी सामग्री किन दुकानों में शेष है? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खाद्य सामग्रियों के दुकानों में पहुँचने एवं वितरित बाबत् क्या निर्देश शासन के हैं? प्रति देते हुये बतायें। क्या सामग्री निर्देशों के पालन अनुसार दुकानों में पहुंचाई गई व बिक्री कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया अथवा नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। इसका सत्यापन कब-कब किन जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया, का विवरण दुकानवार, तिथिवार, वर्षवार जानकारी देवें। (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खाद्य सामग्री समय पर दुकानों में नहीं पहुंचाई गई? प्रश्‍नांश (ख) अनुसार निःशुल्क सामग्री न देकर पैसा लेकर बिक्री की गई एवं प्रश्‍नांश (ग) (घ) अनुसार  समय-समय पर जिम्मेदारों द्वारा दुकानों की जांच/सत्यापन कर कार्यवाहियां नहीं की गई, पात्र लाभ से वंचित हुये, खाद्य सामग्री का अवैधानिक तरीके से बाजार में बिक्री की गई, इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन सब पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जारी है।

अवैधानिक उत्‍खननकर्ताओं पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

122. ( क्र. 2611 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में कहाँ-कहाँ पर किस-किस तरह की खनिज संपदा पाई जाती है? स्‍थान व क्षेत्रफलवार जानकारी देवें। इनके उत्‍खनन बाबत् किन-किन को कार्यादेश वर्ष 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक तक के दौरान दिये गये? कार्यादेश की शर्तें क्‍या थीं? प्रति देते हुए बतावें।                (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विभिन्‍न तरह की खनिज सम्‍पदाओं से कितनी-कितनी राशि किन-किन क्षेत्र/लीज से वर्ष 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में प्राप्‍त हुई? वर्षवार, तहसीलवार जानकारी देवें।             (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खनिज सम्‍पदाओं हेतु निर्धारित क्षेत्र से ज्‍यादा रकवे पर उत्‍खनन/दोहन ज्‍यादा गहराई पर कर अनुबंध की शर्तों का पालन न कर अवैधानिक उत्‍खनन किया गया, तो कितने क्षेत्रफल पर कितना-कितना, किन-किन खनिज सम्‍पदाओं का कब-कब? खनिज सम्‍पदावार, वर्ष 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का विवरण देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खनिज सम्‍पदाओं हेतु निर्धारित क्षेत्रफल व स्‍थानों से हटाकर ज्‍यादा गहराई व मात्रा में उत्‍खनन/दोहन का कार्य किया गया। इस पर जिले के जिम्‍मेदार अधिकारियों द्वारा किन-किन पर कौन-कौन सी कार्यवाही             कब-कब की गई, का विवरण वर्ष 2019 से प्रश्‍नांश दिनांक का देवें। यह भी बतावें कि शासन को राजस्‍व की कितनी क्षति हुई? खनिज सम्‍पदावार जानकारी देवें। (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार खनिज सम्‍पदाओं का दोहन/उत्‍खनन ज्‍यादा रकवे व क्षेत्रफल पर किया गया, शासन को राजस्‍व की क्षति पहुंचाई गई, रायल्‍टी की चोरी कराई गई एवं प्रश्‍नांश (ग) (घ) अनुसार कार्यवाहियां नहीं की गई, जिम्‍मेदार अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जांच व सत्‍यापन कर कार्यवाहियां नहीं की गई, शासन को राजस्‍व की क्षति हुई, रायल्‍टी की चोरी व्‍यक्तिगत हितपूर्ति कर कराई गई, इन सब अनियमितताओं के लिये जिम्‍मेदारों की पहचान कर राशि वसूली के साथ अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करेंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शहडोल जिले में प्रश्‍नांश अनुसार खनिज संपदा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक उत्‍खनन संबंधी कार्यादेश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।              (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार अनुबंध शर्तों के उल्‍लंघन के संबंध में की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार अवैधानिक उत्‍खननकर्ताओं पर कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍नांश अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन ग्रामों का हस्तांतरण

[वन]

123. ( क्र. 2622 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि राजपत्र में अधिसूचना दिनांक 25 मई 1962 को हस्तांतरण के लिए अधिसूचित दिनांक 6/10/1975 एवं दिनांक 3-4/12 1975 को आदेशित ग्रामों को भोपाल वन वृत्‍त से संबंधित वन मंडलों ने आज तक भी राजस्व विभाग को नहीं सौंपा। (ख) किस ग्राम को 1962 में अधिसूचित एवं 1975 में आदेशित किया? उसमें से किस ग्राम को हस्तांतरित किया? किस ग्राम को राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने की कार्यवाही आदेश दिनांक 26/5/2022 से की जा रही है? (ग) 1962 में अधिसूचित एवं 1975 में आदेशित ग्रामों का हस्तांतरण रोके जाने के संबंध में, वन विभाग राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल एवं वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने किस-किस दिनांक को आदेश, निर्देश, पत्र एवं परिपत्र जारी किए। (घ) यदि वन विभाग, वन मुख्यालय ने हस्तांतरण नहीं रोका, तो वनमंडलों द्वारा हस्तांतरण नहीं किए जाने का क्या कारण है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। अपितु जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश '' के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन मुख्यालय द्वारा वन ग्रामों के हस्तांतरण रोके जाने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। (घ) वर्ष 1980 के पूर्व ग्रामों का अधिवासित क्षेत्र राजस्व विभाग को हस्तांतरित किया गया है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ज) के तहत वनग्रामों को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की कार्यवाही में ग्रामों का शेष क्षेत्र शामिल किया गया है।

आर.टी.ओ. चेक पोस्ट हटाने के आदेश

[परिवहन]

124. ( क्र. 2623 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या यह सही है कि दिसम्‍बर 2021 में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने आदेश क्रमांक आर.टी. 23019/4 7/2021-टी के द्वारा राज्य की सीमा पर आर.टी.ओ. चेक पोस्ट हटाने के आदेश दिए थे? यदि हाँ, तो बतावें कि उस आदेश का 15 माह में पालन क्यों नहीं हुआ। (ख) आदेश शासन पर बंधनकारी है या ऐच्छिक है? यदि बंधनकारी है तो अभी तक आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ? ऐच्छिक है तो बतावें कि शासन राज्य सीमा से चेक पोस्ट हटाना चाहता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (ग) क्या यह सही है कि जी.एस.टी. के बाद बॉर्डर पर चेक पोस्ट की आवश्यकता नहीं है, इससे जी.एस.टी. का मकसद पिटता है? यदि हाँ, तो इसके बाद भी आदेश के बावजूद प्रदेश में राज्य की सीमा से आर.टी.ओ. चेक पोस्ट तथा स्टेट बॉर्डर पोस्ट के कारण नहीं हटाएं जा रहे हैं? (घ) क्या यह सही है कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने मुख्यमंत्री सचिवालय और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई थी कि चेक पोस्ट परिचालकों से रिश्वत ली जाती है। (ड.) क्या प्रश्‍नांश (क) से (ग) के संदर्भ में शासन राज्य की सीमा पर चेक पोस्ट स्टेट बॉर्डर पोस्ट को शीघ्र हटाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) यह सही नहीं है कि प्रश्‍नांश में उद्धरित पत्र द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राज्य की सीमा पर आर.टी.ओ. चेक पोस्ट हटाने के आदेश दिये गये थे। संदर्भित पत्र द्वारा जी.एस.टी. प्रारंभ होने एवं वाहन एवं सारथी ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध होने से कई राज्यों द्वारा परिवहन चेक पोस्ट बंद किये जाने के कारण इस संबंध में वर्तमान स्थिति (Status) की जानकारी चाही गई थी। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) परिवहन चेक पोस्टों की स्थापना मध्यप्रदेश परिवहन यानों पर पथकर का उद्ग्रहण अधिनियम के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक कर (वर्तमान जी.एस.टी.) वसूल किया जाना नहीं रहा है। इसी अधिनियम की धारा-4 में मध्यप्रदेश राज्य सीमा पर राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट अधिसूचना द्वारा नियत स्थानों पर राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्टों की स्थापना का भी निर्णय लिया गया, जिसे मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 के नियम-2 (ज) में भी यथा स्वरूप में परिभाषित किया गया है। मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989, मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम नियम 1991 एवं मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के लागू होने के पश्चात मध्यप्रदेश में अंतर्राज्यीय सीमाओं पर स्थित चेक पोस्टों पर इन अधिनियम/नियमों के अंतर्गत मोटरयानों की चैकिंग करके विधिसम्मत कार्यवाही सुनिश्ति की जा रही है। उक्त अधिनियमों/नियमों के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाही का स्वरूप जी.एस.टी. अधिरोपण की तुलना में पृथक रहता है। इस कारण जी.एस.टी. अधिरोपण करने के पश्चात भी चेक पोस्ट का संचालन विधिसम्मत है। (घ) जी हाँ। मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र दिनांक 01.09.2022 के अनुक्रम में परिवहन आयुक्त को जांच हेतु दिनांक 15.09.2022 को लिखा गया है। (ड.) दिनांक 27.12.2022 को प्रदेश में अंतर्राज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन चेकपोस्ट की समीक्षा के संबंध में एक समिति का निम्नानुसार गठन किया गया हैः- 1. श्री अरविन्द कुमार सक्सेना, अपर परिवहन आयुक्त (प्रर्व) मध्यप्रदेश-अध्यक्ष,                      2. श्री आशीष तिवारी, संयुक्त परिवहन आयुक्त (प्रशा.) ग्वालियर, मध्यप्रदेश-सदस्य, 3. श्री एल.एन. सुमन, संयुक्त परिवहन आयुक्त (वित्त) ग्वालियर, मध्यप्रदेश-सदस्य, 4. श्री सुनील शुक्ला, उप परिवहन आयुक्त, जबलपुर संभाग, जबलपुर-सदस्य, 5. श्री एच.के. सिंह, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ग्वालियर-सदस्य, 6. श्री प्रदीप शर्मा, प्रभारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, इन्दौर-सदस्य। यह समिति निम्न 3 बिन्दुओं पर कम से कम 3 माह में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी:- 1. वर्तमान में संचालित परिवहन चेक पोस्ट के स्थान पर अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया का अध्ययन/परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर वैकल्पिक व्यवस्था संबंधी अनुशंसा प्रस्तुत करेगी। 2. उपरोक्त अनुशंसाओं के परिणाम स्वरूप प्रदेश पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार इत्यादि के संबंध में भी अनुशंसा प्रस्‍तुत की जायें। 3. प्रदेश में प्रचलित मोटरयान संबंधी विभिन्न अधिनियम/नियमों का पालन सुनिश्चित करने हेतु सुदृढ़ प्रवर्तन व्यवस्था हेतु सुझाव प्रस्तुत किये जायें। समिति की अनुशंसा के आधार पर शासन स्तर पर निर्णय लिया जाना संभव होगा।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही

[वन]

125. ( क्र. 2626 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सरकार द्वारा वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले के बैहर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है एवं किन-किन वन ग्रामों को किन कारणों से राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ग) क्या वन ग्राम जंगलीखेड़ा, मुक्की, पटवा, कदला, धनियाझोर, छत्तरपुर, कटंगी घुईटोला को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने से वंचित किया जा रहा है? हाँ तो किन कारणों से किया जा रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित वन ग्रामों को राजस्व ग्राम किया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।               (ग) राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों में स्थित वनग्रामों में वनग्राम वासियों की सहमति उपरांत विस्थापन की कार्यवाही किया जाना है। वनग्राम जंगलीखेड़ा, मुक्की, पटवा, कदला, धनियाझोर, छतरपुर एवं कटंगी घुईटोला कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जिला बालाघाट के अंतर्गत स्थित है। अतएव इन ग्रामों को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया है। वनग्राम कटंगी वनग्राम घुईटोला का भाग होने के कारण वनग्राम घुईटोला को कलेक्टर बालाघाट द्वारा संपरिवर्तन की कार्यवाही की सूची में शामिल किया गया है। (घ) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चालीस"

वन भूमि पर सड़क निर्माण

[वन]

126. ( क्र. 2627 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में विभागों द्वारा वन भूमि पर सड़क निर्माण/डामरीकरण कार्य हेतु अनुमति/अनापत्ति बाबत् आवेदन विभाग को प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन मार्गों के निर्माण/डामरीकरण की अनुमति/अनापत्ति हेतु आवेदन किया गया है? (ख) विभाग द्वारा किन-किन सड़कों की अनुमति कब-कब प्रदान की गई एवं किन-किन सड़कों की अनुमति/अनापत्ति कहाँ-कहाँ लंबित है? वह कब तक अनुमति/अनापत्ति प्रदान कर दी जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। लंबित प्रस्‍तावों में स्‍वीकृति भारत सरकार से प्राप्‍त की जाना है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

उचित मूल्य की दुकानों की व्‍यवस्था

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

127. ( क्र. 2633 ) श्री सुनील उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में उचित मूल्यों की दुकानों की कुल कितनी सहकारी समिति (लेप्सा पैक) की दुकानें स्वीकृत हैं? अप्रैल 2022 से अभी तक प्रति सहकारी समिति द्वारा कितना-कितना खाद्यान्न ग्रामीणों में वितरण किया गया है? (ख) क्या यह सही है कि छिन्दवाड़ा जिले में ग्रामीणों को घर पंहुच सामग्री प्रदाय योजना में स्थानीय कितने युवकों को वाहन खरीदी हेतु ऋण स्वीकृत किया गया है एवं उनके वाहन व्यवस्था में लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट‍ करें। (ग) छिन्दवाड़ा जिले के जिन गांवों में उचित मूल्य की दुकानें स्वीकृत नहीं है, वहां कब तक उचित मूल्य की दुकानें स्वीकृत की जावेंगी? (घ) छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्डों में उचित मूल्य की दुकानों पर वर्तमान में प्रति राशन कार्डधारी को कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी सामग्री वितरण की जा रही है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में 62 सहकारी समितियों की दुकानें स्‍वीकृत हैं। प्रश्‍नांकित अवधि की शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित जिले में 'मुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम' योजना में 30 स्‍थानीय युवकों को वाहन खरीदी हेतु ऋण स्‍वीकृत कि‍या गया है एवं उनके सभी 30 वाहनों को व्‍यवस्‍था में लगाया गया है। वाहनों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित जिले में 42 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकानें आवंटित नहीं हुई हैं। 27 ग्राम पंचायतों में माननीय न्‍यायालय से यथास्थिति जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। अत: दुकान खोलने का समय बताया जाना संभव नहीं है। शेष 15 ग्राम पंचायतों में दुकान आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जिले के प्रश्‍नांकित विकासखंडों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत प्राथमिकता परिवार को गेहूँ 1 किलो प्रति सदस्‍य, चावल 4 किलो प्रति सदस्‍य एवं नमक 1 किलो प्रति परिवार तथा अन्‍त्‍योदय परिवार को गेहूँ 5 किलो प्रति परिवार, चावल 30 किलो प्रति परिवार, शक्‍कर 1 किलो प्रति परिवार एवं नमक 1 किलो प्रति परिवार वितरण कराया जा रहा है। केरोसीन प्रति परिवार 1 लीटर दिए जाने का प्रावधान है।

खनिज संसाधन मद से संचालित कार्य

[खनिज साधन]

128. ( क्र. 2634 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र से खनिज साधन से वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कितना राजस्व प्राप्त हुआ है एवं प्राप्त राजस्व से इस क्षेत्र में कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये हैं। (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में खनिज संसाधन निधि से कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत हैं? स्थलवार स्वीकृत राशि एवं वर्तमान तक व्यय की गई राशि की जानकारी प्रदाय करें। (ग) जुन्नारदेव विधानसभा खनिज संसाधन मद से नये प्रस्तावित एवं स्वीकृत कार्यों की वर्ष      2022-2023 की स्थलवार जानकारी प्रदाय करें। (घ) क्या खनिज संसाधन मद से वर्तमान में जिला प्रशासन एवं प्रदेश स्तर पर किन-किन कार्यों के स्वीकृति के अधिकार दिए गये हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जुन्‍नारदेव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खनिज साधन से वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में प्राप्‍त राजस्‍व राशि का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्राप्‍त राजस्‍व राज्‍य की संचित निधि में जमा होता है। इससे विभाग द्वारा कोई विकास कार्य नहीं कराये जाते हैं। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार खनिज संसाधन निधि ऐसी कोई निधि विभाग में नहीं है। अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से स्‍वीकृत कार्य, स्‍थलवार, स्‍वीकृत राशि एवं वर्तमान में व्‍यय की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार खनिज संसाधन मद विभाग में नहीं है। अपितु जुन्‍नारदेव विधानसभा में वर्ष 2022-23 में खनिज प्रतिष्‍ठान मद से कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये हैं।                (घ) प्रश्‍नांश अनुसार खनिज संसाधन मद विभाग में नहीं है, अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद होता है। इसके अंतर्गत मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 एवं संशोधित म.प्र. राजपत्र दिनांक 25/08/2022 के नियम 13 उप-नियम (1) में वर्णित अनुसार उच्‍च एवं अन्‍य प्राथमिकता के क्षेत्रों में कार्य स्‍वीकृत किया जा सकता है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

129. ( क्र. 2640 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) नगर पालिका लहार जिला भिण्ड की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग 552 से लगी भूमि उपजेल तिराहा लहार से वार्ड नं. 10 गणेशपुरा तक तथा लहार-सेवढ़ा मार्ग के किनारे पचपेड़ा तिराहा से फार्मेसी कॉलेज लहार तक 100 मीटर के भीतर किन-किन व्यक्तियों द्वारा कितनी-कितनी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? नाम-पता सहित बताएं। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1325 दिनांक 25 फरवरी 2021 के प्रश्‍नांश (क) व (ख) के उत्तर में नगरीय क्षेत्र लहार की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग 552 से लगी हुई भूमि पर 100 मीटर के अंदर लहार जेल से गणेशपुरा वार्ड तक मुख्य मार्ग के दोनों ओर 93 अतिक्रमण हटा दिए जाने की जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों के नाम-पता सहित विवरण दें। (ग) उक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में किस अधिकारी द्वारा कब-कब अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई? जांच दल के सदस्यों के नाम-पद सहित बताएं। (घ) क्या उक्त प्रश्‍न राष्ट्रीय राजमार्ग 552 की सीमा से लगे हुए सर्वे क्रमांक 4750/1, 4750/3, 5480/3, 5480/4 एवं 2769 की सड़क से दूरी 100 कि.मी. होने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के उपरोक्त प्रश्‍न के उत्तर में असत्य जानकारी देने के लिए कौन जिम्मेदार है एवं क्या इसकी जांच कराकर संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नगर पालिका लहार जिला भिण्‍ड की सीमा में राष्‍ट्रीय राजमार्ग 552 से लगी भूमि उपजेल तिराहा लहार से वार्ड नं. 10 गणेशपुरा तक तथा लहार-सेवढ़ा मार्ग के किनारे पचपेड़ा तिराहा से फार्मेसी कॉलेज लहार तक 100 मीटर के भीतर कुल 19 व्‍यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। नाम, पता सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। अतिक्रमणकारियों के नाम, पते की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। (ग) नगर पालिका लहार एवं राजस्‍व विभाग के अमले द्वारा संयुक्‍त रूप से दिनांक 14.01.2021 तक 93 स्‍थायी/अस्‍थायी अतिक्रमण हटाये गये। जांच दल में सम्मिलित सदस्‍य निम्‍नानुसार है- 1. श्री महेश पुरोहित मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी लहार 2. श्री नवीन भारद्वाज प्रभारी तहसीलदार लहार 3. श्री नरेश रायपुरिया (राजस्‍व निरीक्षक लहार) 4. श्री सूरज गर्ग उपयंत्री लहार 5. श्री बादाम सिंह (पटवारी मौजा लहार) 6. श्री पद्म सिंह (पटवारी मौजा लहार)                   (घ) प्रश्‍नांकित भूमियों के अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर प्रथम अपील क्रमांक 280/2011, माननीय न्‍यायालय सिविल जज वर्ग-2 लहार में प्रकरण क्रमांक 83/2017 ई.दी.ए एवं माननीय न्‍यायालय प्रथम सिविल जज वर्ग-2 में प्रकरण क्रमांक 295/2022 दिनांक 15.11.2022 से स्‍थगन आदेश होने से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही लंबित है।

राशन वितरण में अनियमितता

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

130. ( क्र. 2643 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) बतावें कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में 2022 को किस-किस जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (PMGKAY) तथा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) योजना के तहत खाद्यान्‍न वितरित किया गया? भिन्‍न-भिन्‍न योजनाओं के तहत खाद्यान्‍न के वितरण के क्‍या कारण हैं और नीति क्‍या है? (ख) बतावें कि 2022 में किस जिले में गेहूँ बंद कर सिर्फ चावल बांटा गया तथा बतावें कि हितग्राही के अनुसार वर्ष भर में उन जिलों में कितना चावल वितरित होना था और कितना वितरित हुआ? (ग) क्‍या हितग्राही को गेहूँ के स्‍थान पर चावल देने से हितग्राही को काफी परेशानी हुई? क्‍योंकि प्रदेश में अधिकांशतया भोजन में गेहूँ का ही उपयोगा होता है और चावल का उपयोग कम किया जाता है? यदि हाँ, तो बतावें कि गेहूँ क्‍यों कम दिया गया तथा चावल उसके स्‍थान पर क्‍यों बांटा गया? (घ) क्‍या गेहूँ के अनियमित निर्यात करने तथा टारगेट से कम गेहूँ खरीदने के कारण गेहूँ का शॉर्टेज हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें कि पी.डी.एस. के लिए आवश्‍यक गेहूँ की मात्रा को सुरक्षित किए बिना गेहूँ का निर्यात क्‍यों किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत माह अप्रैल, 2022 से दिसम्‍बर, 2022 तक एवं राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत माह जनवरी, 2022 से दिसम्‍बर, 2022 तक प्रदेश के सभी जिलों में खाद्यान्न का वितरण कराया गया है। भारत सरकार द्वारा राज्‍य को योजनावार आवंटित खाद्यान्‍न अनुसार तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत 5 कि.ग्रा. प्रतिमाह/सदस्‍य नि:शुल्‍क एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत अन्‍त्‍योदय परिवारों को 35 कि.ग्रा. प्रतिमाह/परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 कि.ग्रा. प्रतिमाह/सदस्‍य के मान से रू. 1 प्रति कि.ग्रा. की दर पर खाद्यान्‍न का वितरण कराया गया है। (ख) भारत सरकार द्वारा राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत माह जून, 2022 से एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत माह मई, 2022 से चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण जिन जिलों में पात्र परिवारों को केवल चावल का वितरण कराया गया उनकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है एवं इन जिलों में वर्ष 2022 में वितरित चावल की मात्रा एवं पूर्व में निर्धारित गेहूँ तथा चावल के वितरण अनुपात अनुसार वितरण की जा सकने वाली मात्रा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। पात्र परिवारों को गेहूँ की कम की गई मात्रा के विरूद्ध चावल की मात्रा बढ़ाकर पात्रतानुसार खाद्यान्‍न का वितरण कराया गया है। (ग) भारत सरकार द्वारा चावल के आवंटन में वृद्धि होने के कारण चावल अधिक मात्रा में वितरण कराया गया है। पात्र परिवारों को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत पात्र परिवारों को निर्धारित पात्रता अनुसार खाद्यान्‍न का वितरण कराया गया है। प्रदेश में पात्र परिवारों की चावल के स्‍थान पर गेहूँ की अधिक मांग है। (घ) रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर 46.03 लाख मे.टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ को भारत सरकार को सौंपा जाता है एवं भारत सरकार द्वारा आवंटित मात्रानुसार ही खाद्यान्‍न का वितरण लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कराया जाता है। प्रदेश से गेहूँ को निर्यात करने की कार्यवाही राज्‍य सरकार द्वारा नहीं की जाती है। वर्तमान में गेहूँ निर्यात पर प्रतिबंध है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

पौधारोपण में अनियमितता

[वन]

131. ( क्र. 2647 ) श्री जितु पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस-किस वनमंडल में 2019-20 से 2022-23 तक कितने-कितने पौधे लगाए गये? बताएं कि एक पौधा लगाने पर औसत खर्च कितना आया, उस खर्च की जानकारी वनमण्‍डलवार दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अवधि में किस-किस वनमंडल में पौधों के रखरखाव पर कितना-कितना खर्च किया गया? एक पौधे के रखरखाव पर औसत कितना खर्च हुआ? औसत खर्च की कार्य की जानकारी वनमंडलवार दें।              (ग) क्या बीना परियोजना के निर्माण में डूब में आई वनभूमि के बदले वनीकरण में ₹20 करोड़ के पौधे गायब हुए हैं? किन-किन अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच की गई एवं पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया है। (घ) पिछले पांच वर्ष में ऐसे कितने अधिकारी हैं, जिनकी एक से अधिक बार किसी अनियमितता को लेकर विभागीय जांच हुई है तथा उन्‍हें हर जांच में बरी कर दिया गया हो? उनके नाम तथा वर्तमान पद बतावें। (ड.) वनमंडल अनुसार वर्ष 2020 से 2022 तक एक लाख से अधिक राशि की खरीदी गई वृक्षारोपण से संबंधित सामग्री की सूची, सप्‍लायर का नाम, जी.एस.टी. नंबर, सामग्री का नाम, कुल राशि, की जानकारी दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुलिस में प्रकरण नहीं दिया गया है। अधिकारियों के विरूद्ध संस्‍थापित विभागीय जांच की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) ऐसा कोई प्रकरण नहीं है।                (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

राजस्‍व मंडल में चल रहे प्रकरण की सुनवाई

[राजस्व]

132. ( क्र. 2650 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवास महिदपुर रोड, जिला उज्‍जैन के राजस्‍व मंडल ग्‍वालियर में चल रहे प्रकरण में निराकरण में विलंब किस कारण से हो रहे हैं? (ख) क्‍या कारण है कि 29 करोड़ रू. की वसूली के इस प्रकरण में आरोपी को बार-बार तारीखें बढ़ाकर संरक्षण दिया जा रहा है?               (ग) कब तक इस प्रकरण का निराकरण कर दिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) अधीनस्‍थ न्‍यायालयों के अभिलेख प्राप्‍त न होने, अन्‍य प्रशासनिक कारणों एवं आवेदक अभिभाषक द्वारा तर्क हेतु समय चाहे जाने से प्रकरण के निराकरण में समय लगा है। ख) प्रकरण में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता एवं व्‍यवहार प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत तारीखें बढ़ाई गयी हैं। अत: किसी पक्षकार को संरक्षण देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण में निर्णय हेतु कोई समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

वृक्षारोपण कार्य

[वन]

133. ( क्र. 2654 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में दक्षिण सामान्‍य वन मंडल की वन-परिक्षेत्र लवाघोघरी एवं पश्चिम सामान्‍य वन मंडल की वन परिक्षेत्र सांवरी में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये वृक्षारोपण कार्यों की लागत स्‍थलवार, कार्यों का वर्ष में 2 बार किये गये मूल्‍यांकन जानकारी वृक्षारोपण कार्यों में किये गये व्‍यय की जानकारी देवें। क्‍या वृक्षारोपण कार्यों में लगने वाली सामग्री की क्रय प्रक्रिया में मध्‍यप्रदेश भण्‍डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) सांवरी वन परिक्षेत्र में पदस्‍थ वन परिक्षेत्र अधिकारी छिंदवाड़ा जिले में कब से पदस्‍थ हैं? क्‍या इनके द्वारा की गई अनियमितताओं के संबंध में स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत बिंदु क्‍या है? इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) उपरोक्‍तानुसार जिले में वन विकास निगम कार्यालय द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये अद्योसंरचनात्‍मक व वृक्षारोपण कार्यों की लागत व स्‍थलवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित वन परिक्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कराए गए निर्माणाधीन अधोसंचनात्‍मक कार्यों की मद, स्‍थल, लागत व वनमंडल के अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वृक्षारोपण कार्यों में लगने वाली सामग्री की क्रय प्रक्रिया में भण्‍डार क्रय नियमों का पालन किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) वनमंडल अंतर्गत आने वाले सांवरी परिक्षेत्र में पदस्‍थ वन परिक्षेत्र अधिकारी छिन्‍दवाड़ा जिले में दिनांक 01.01.2013 से प्रश्‍न दिनांक तक पदस्‍थ है। सांवरी वन परिक्षेत्र में पदस्‍थ वन परिक्षेत्र अधिकारी के विरूद्ध अनियमितताओं के संबंध में जन प्रतिनिधियों द्वारा दो शिकायत की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

अतिवृष्टि से हुई क्षति का मुआवजा

[राजस्व]

134. ( क्र. 2655 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या चौरई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2020 में हुई अतिवृष्टि के कारण हुई क्षति की तीसरी किश्‍त का भुगतान प्रश्‍न दिनांक तक नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) यह भुगतान कब तक होगा? (ग) इस भुगतान में विलंब के उत्‍तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शासन स्‍तर पर निर्णय अनुसार 02 किश्‍तों का वितरण किया गया है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

पेंच परियोजना

[जल संसाधन]

135. ( क्र. 2656 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पेंच परियोजना के तहत बांयी तट नहर हरदुआ केनालपुर कुरयाढ़ाना ग्राम में 100-200 मीटर का कार्य शेष है तथा खैरीटोला (ग्राम पंचायत खैरीखुर्द) में एप्रोच नहर का लगभग 20 मीटर का कार्य शेष है? यह कब तक पूर्ण होगा? (ख) पेंच परियोजना की बांयी तट नहर के पक्‍कीकरण एवं दांयी तट नहर के अधूरे कार्य पर लाइनिंग का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) जमुनिया माइक्रो एरिगेशन योजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों का कितना रकबा सिंचित होगा? पूरी सूची देवें। यह कार्य कब तक पूर्ण होना था? अब इसके पूर्ण होने की समय-सीमा देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शेष कार्यों को मई 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) पेंच परियोजना की बांयी तट नहर के पक्कीकरण एवं दांयी तट नहर की लाइनिंग का कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जमुनिया माइक्रो सिंचाई परियोजना से 32 ग्रामों की लगभग 10,300 हेक्‍टेयर सैच्‍य क्षेत्र में सिंचाई करना प्रस्‍तावित है। ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध अनुसार परियोजना के पूर्ण होने का लक्ष्य फरवरी 2020 निर्धारित था, किन्‍तु कार्य स्‍थल पर कृषकों का विरोध, अतिवृष्टि एवं बे-मौसम वर्षा के कारण तथा कोविड-19 की प्रथम एवं द्वितीय लहर के कारण कार्य अवरूद्ध होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में पूर्णता का लक्ष्य जून 2023 निर्धारित होना प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

भूमि पर कब्‍जा

[राजस्व]

136. ( क्र. 2660 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी कोतमा जिला अनूपपुर के प्र.क्र./आ.29/2022-23 जो फूलमती पति स्‍व. मना सिंह गौंड व राममिलन पिता स्‍व. मना सिंह गौंड के संबंध में है में यथास्थिति बनाएं रखने हेतु स्‍थगन आदेश दिनांक 01-08-2022 को जारी किया गया था लेकिन इसका अनावेदक द्वारा उल्‍लंघन करने पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है? (ख) उपरोक्‍त स्‍थगन आदेश के बाद अनावेदक द्वारा आवेदक को प्रताड़ित किया जाकर भूमि पर कब्‍जे का कार्य किया गया, इस पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) कब तक यह भूमि आवेदक को कब्‍जा मुक्‍त करा दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) इस ओर ध्‍यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्‍टअ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍टब अनुसार है। (ग) वाद भूमि एस.ई.सी.एल. जमुना/कोतमा क्षेत्र के पक्ष में अधिग्रहित की जा चुकी है, अतः आवेदक को कब्जा दिलाये जाने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) आवेदकगण द्वारा प्रस्तुत आवेदन-पत्र म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 170 (ख) की परिधि में नहीं आने से आवेदकगण का आवेदन-पत्र खारिज किया जा चुका है, विधि संगत कार्यवाही की गई है, अतः अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं है।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

नगर खिलचीपुर जिला राजगढ़ में स्थित सर्वे क्र. 1127

[राजस्व]

137. ( क्र. 2663 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या सर्वे क्रमांक 1127 से संबंधित तरमीम निरस्‍त किए जाने के आदेश अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व, खिलचीपुर-जीरापुर द्वारा किये गए है? यदि हां, तो उक्‍त तरमीम निरस्‍त करने के क्‍या कारण है? सम्‍पूर्ण विवरण उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित तरमीम निरस्‍ती के प्रकरणों हेतु कब प्रतिवेदन किया गया, जिसके आधार पर अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व, खिलचीपुर-जीरापुर द्वारा कार्यवाही की गई। उक्‍त प्रकरणों की क्‍या स्थिति है तथा वर्तमान में किसका कब्‍जा है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण से संबंधित स्‍थगन आदेश सक्षम न्‍यायालय से प्राप्‍त हैं या नहीं? यदि नहीं, तो कब्‍जा हटाने के लिए क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 0057/बीः121/2022-23 में पारित आदेश दिनांक 13.06.2022 से कस्बा खिलचीपुर स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1127/12, 1127/22, 1127/28, 1127/41, 1127/68, की तरमीम निरस्त की गई है। उक्त तरमीम न्यायालयीन प्रक्रिया के अनुसार निरस्त की गई है। (ख) प्रश्‍नांश (‍क) में उल्लेखित सर्वे नम्बर की तरमीम निरस्त हेतु तहसीलदार खिलचीपुर के द्वारा दिनांक 30.05.2022 को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया जिसके आधार पर उक्त तरमीम निरस्त की गई। अपर आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल के द्वारा प्रकरण क्रमांक 0480/अपील/2022-23 में पारित आदेश दिनांक 21.11.2022 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खिलचीपुर-जीरापुर के प्रकरण क्रमांक 0057/बी-121/2022-23 में पारित आदेश 13.06.2022 को निरस्त कर सभी हितबद्ध पक्षकारों को सुनवाई का अवसर प्रदान कर वैधानिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्राप्त हुये। वर्तमान में अपर आयुक्त भोपाल के निर्देशानुसार हितबद्ध पक्षकारों को सूचना पत्र जारी किये गये है जिसमें सुनवाई हेतु दिनांक 27.02.2023 नियत है। वर्तमान में कब्जा सबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मा. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर याचिका क्रमांक WP-2055/20 में राजस्व मण्डल ग्वालियर के आदेश दिनांक 11.12.2019 को स्थगित रखा गया है। याचिका में सुनवाई दिनांक 20.02.2022 अनुसार अन्तरिम राहत यदि कोई हो सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रखी है। उक्त याचिका में कनेक्टेड याचिकाएं क्रमांक क्रमशःWP-2055/20, WP-3911/2020, WP-3914/2020,WP-3923/2020,WP-4015/2020 एवं WP-5397/2020, है।

नवीन तहसील घोषित करने की प्रक्रिया

[राजस्व]

138. ( क्र. 2664 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) नवीन तहसील घोषित करने की क्‍या प्रक्रिया होती है? राजगढ़ जिले के अंतर्गत टप्‍पा माचलपुर को तहसील घोषित करने हेतु कितने चरण पूर्ण कर लिये गये हैं? (ख) नवीन तहसील बनवाने हेतु क्‍या प्रक्रिया की जाती है? इसी प्रकार, टप्‍पा माचलपुर को नवीन तहसील बनाने हेतु क्‍या कोई प्रक्रिया प्रारंभ की गई है? यदि हां, तो कितनी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? विवरण उपलब्‍ध करायें। (ग) बाकि की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? किस प्रकार से इसको तहसील घोषित किया जायेगा ताकि जनता को सुविधा मिल सके?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नवीन तहसील घोषित करने हेतु प्रक्रिया की  जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। माचलपुर को तहसील घोषित करने हेतु प्रारंभिक अधिसूचना जारी की जा चुकी है। (ख) जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार है। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छियालीस"

अनुसूचित जाति की कृषि भूमि को गैर जनजाति को विक्रय

[राजस्व]

139. ( क्र. 2688 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व न्यायालय के रूप में कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर न्यायालय समान शक्तियों का उपयोग करते हैं? (ख) क्या कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के न्यायालय के मध्य राजस्व प्रकरणों का बंटवारा समय-समय पर किये जाने वाले कार्य विभाजन आदेश से तय होता है? (ग) उज्जैन एवं भोपाल संभाग अंतर्गत वर्ष 2010 से 2022 तक म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 165 के अंतर्गत अनुसूचित जाति की कृषि भूमि को गैर जनजाति को विक्रय कर अंतरण करने की अनुमति हेतु कितने प्रकरण कलेक्टर/अपर कलेक्टर न्यायालय में दायर किये गये एवं कितने प्रकरणों में अनुमति जारी की गई? वर्षवार, न्यायालयवार जानकारी प्रदान करें। (घ) कितने प्रकरणों में उपर्युक्त अवधि में कलेक्टर/अपर कलेक्टर के विरूद्ध अनुमति देने के कारण विभागीय जांच की कार्यवाही की गई? (ङ) कलेक्टर/अपर कलेक्टर के विरूद्ध की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में न्यायिक अधिकारी संरक्षण अधिनियम 1850 के प्रावधान लागू होते है या नहीं? क्या इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा कोई प्रपत्र जारी किया गया है या नहीं? कृपया यदि हाँ, तो इसकी प्रति उपलब्ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) उज्‍जैन एवं भोपाल संभाग अंतर्गत वर्ष 2010 से 2022 तक म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 165 के अंतर्गत अनुसूचित जाति की कृषि भूमि को गैर जनजाति को विक्रय कर अंतरण की अनुमति हेतु कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ड.) जी हाँ, प्रति  संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस "

खनिजों का उत्‍खनन

[खनिज साधन]

140. ( क्र. 2690 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभिन्न खनिजों के उत्खनन के लिये कृषकों की जो निजी भूमि खनन उद्देश्यों के लिये ली जाती है वह कितनी अवधि के लिये ली जाती है? क्या तीस वर्ष बाद उक्त क्रय की गई अथवा लीज पर ली गई भूमि को समतल कर व खेती योग्य बनाकर पुनः किसानों को वापिस किये जाने का प्रावधान है। यदि हाँ, तो नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रदेश के सतना, रीवा, सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर जिलों में सीमेंट फैक्‍ट्री के प्रबंधकों व अन्य खननकर्ताओं द्वारा खनन उपरांत उत्खनित क्षेत्र की भूमि को समतल करने व सुरक्षा संबंधी अन्य मापदंडों को पूरा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? इस संबंध में क्या नियम निर्देश हैं? नियमों निर्देशों का पालन न होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सतना, रीवा व सीधी जिले की किन-किन सीमेंट उद्योगों द्वारा व अन्य खननकर्ताओं द्वारा कृषकों की कृषि भूमि को खरीदने अथवा लीज पर लेने के बाद खनन कार्य पूर्ण करने अथवा तीस वर्षों बाद उक्त भूमियों को समतल व कृषि योग्य बनाकर कृषकों को वापिस किया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिजों के उत्‍खनन के लिए ली जाने वाली निजी भूमि संपूर्ण पट्टा अवधि (नवकरण अवधि सहित) के लिए भूमि स्‍वामियों की सहमति उपरांत ली जाती है। पट्टा अवधि समाप्ति अथवा स्‍वीकृत क्षेत्र में खनिज समाप्‍त होने की स्थिति में नियमानुसार माईन क्‍लोजर प्‍लान के प्रावधानों का पालन करते हुए भूमि का समतलीकरण एवं खनिज (संरक्षण तथा विकास) नियम, 2017 के प्रावधानों का पालन कराया जाता है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित नियम अधिसूचित नियम है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार जिला सतना, रीवा एवं सीधी में स्‍थापित सीमेंट प्‍लांट प्रबंधन द्वारा प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित अनुसार प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करते हुए सुरक्षा संबंधी मापदण्‍डों का पालन किया जाता है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जिला सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर में सीमेंट संयंत्र स्‍थापित नहीं है, अत: प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार जिलों में स्‍थापित सीमेंट संयंत्र प्रबंधनों एवं अन्‍य खननकर्ताओं द्वारा खनन कार्य हेतु निजी भूमि आपसी सहमति के आधार पर भूमि स्‍वामियों से क्रय की जाती है। अथवा निजी भूमि भू-अर्जन अधिनियम, 2013 के अधीन अधिग्रहित की जाकर भूमि स्‍वामी को मुआवजे का भुगतान किया जाता है। पट्टा अवधि समाप्ति अथवा खनिज समाप्‍त होने की स्थिति में प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित अनुसार कार्यवाही की जाकर भूमि समतलीकरण किया जाता है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित जिलों में स्‍वीकृत खनन पट्टों में खनिज पूर्ण रूपेण समाप्‍त होने जैसी स्थिति नहीं है, अत: भूमि कृषकों को वापसी का प्रश्‍न नहीं है।

नवीन योजनाओं की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

141. ( क्र. 2694 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के सतधारा बांध परियोजना का बंद कार्य पुनः प्रारंभ कराने प्रश्‍न क्र. 3618, दिनांक 17.03.2022 किया गया था? अगर प्रश्‍न का उत्तर हाँ है तो विभाग ने प्रश्‍न दिनांक तक पुनः कार्य प्रारंभ करने, क्या-क्या कार्यवाही की है? जल संसाधान विभाग एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से बंद कार्य प्रारंभ कराने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है तथा क्या-क्या कार्यवाही होना अभी भी शेष है? शेष कार्यवाही कब तक दोनों विभाग पूर्ण कर पुनः सतधारा बांध का बंद कार्य पूर्ण करवा देंगे? (ख) क्या विभाग के हरपुरा सिंचाई परियोजना से नहर द्वारा पानी बराना खास तालाब में लाने हेतु प्रक्रिया पुनः स्वीकृति हेतु लंबित है? जिले से शासन को प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है और क्या-क्या होना शेष है? उपरोक्त कार्य कराने हेतु वार्षिक बजट 2023 में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ग) क्या विभाग ने सुखनई नदी एवं सपरार नदी एवं उर नदी पर पदमासागर तालाब से बांध बनाये जाने एवं किसानों के खेतों की भूमि को सिंचित करने कहां-कहां और कब-कब, कितनी-कितनी लागत की योजना बनाई है और कहां-कहां की? कब तक यह योजनाएं बजट में लेकर के स्वीकृत करा दी जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएँ कि कब तक योजनाओं को बनवाकर उपरोक्त कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। सतधारा तालाब योजना में 39 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित है। प्रभावित वन भूमि की भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के पत्र दिनांक 19.01.2023 द्वारा स्टेज-I की स्वीकृति प्रदान की गई है एवं स्टेज-II की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। स्टेज-II की स्वीकृति उपरांत तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि पूर्व में निर्मित हरपुरा नहर सिंचाई परियोजना में पानी की उपलब्‍धता फेस-1 के 10 तालाबों को भरने की रह गयी होना प्रतिवेदित था। विभाग द्वारा स्‍थल का पुन: निरीक्षण कराया गया। जन-प्रतिनिधियों एवं कृषकों द्वारा की गई मांग अनुसार हाईड्रोलॉजी का परीक्षण कर जल की पुनर्गणना करने के उपरांत हरपुरा नहर परियोजना से बराना बम्‍होरी तालाब को भरने हेतु प्रस्‍ताव तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में प्रश्‍नाधीन कार्य हेतु रू. 1000/- का प्रतीक बजट प्रावधान प्रस्‍तावित है। (ग) टीकमगढ़ जिला अंतर्गत सुखनई नदी पर कोई नवीन सिंचाई परियोजना चिन्हित/प्रस्तावित नहीं होना प्रतिवेदित है। सपरार नदी पर चंदेरा बैराज चिन्हित योजना है, जिसकी साध्यता स्वीकृति दिनांक 23.05.2022 को प्रदान की गई है। पश्‍चात्वर्ती कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में है। उर नदी पर टानगाघाट वियर योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 09.01.2023 को राशि रू. 390.87 लाख की सिंचाई क्षमता 235 हेक्‍टेयर हेतु प्रदान की गई है। टानगाघाट वियर योजना के निर्माण की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पदमासागर बांध योजना जिला टीकमगढ़ विकासखंड जतारा में पूर्व से निर्मित परियोजना है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिसीमन कराये जाने संबंधी

[राजस्व]

142. ( क्र. 2695 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या पटवारी हल्‍का को नजदीकी तहसील में जोड़े जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्र. 3615 दिनांक 17.03.2022 एवं प्रश्‍न क्र. 1118 दिनांक 21.12.2022 किये गए हैं और जवाब में बताया गया है कि म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 13 की उप-धारा 1 (3) प्रावधान अंतर्गत राज्‍य शासन द्वारा विचार उपरांत संहिता की धारा 13 की उपधारा (2) शक्तियों के अंतर्गत तहसीलों का सृजन किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि जनता की मांग अनुसार शासन के द्वारा जल्‍दबाजी में तहसीलों का निर्माण कराया गया उनका पुन: परिसीमन कराये जाने हेतु शासन ने क्‍या-क्‍या नियम बनायें हैं? ऐसे नियमों के आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करे एवं यह भी बताएं कि उसमें जतारा तहसील के ऐसे कौन-कौन से नजदीकी ग्राम हैं जो पूर्व में जतारा तहसील में थे वह अब दिगौड़ा तहसील में हो गए हैं एवं दिगौड़ा तहसील के ऐसे कौन-कौन से नजदीक ग्राम हैं जो मोहनगढ़ तहसील में जोड़े गए हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि क्‍या शासन ने पुन: जनहित में पटवारी हल्‍का को नजदीकी तहसील से जोड़े जाने हेतु प्रस्‍ताव जिले या अनुभाग (राजस्‍व) से मांगे हैं तो कब-कब? क्‍या शासन ऐसे प्रस्‍ताव को मंगवाये जाने हेतु जनहित में आदेश जारी करेगा तो कब तक? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जनहित में कब तक तहसील जतारा, मोहनगढ़, दिगौड़ा के नये राजस्‍व निरीक्षण केन्‍द्र बनाकर एवं पटवारी हल्‍का को नजदीकी तहसील में जोड़कर पुन: परि‍सीमन कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) तहसीलों के परिसीमन संबंधी नियम जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है।

संबल कार्ड धारी परिवार को अनुग्रह राशि का प्रदाय

[श्रम]

143. ( क्र. 2718 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 05 वर्षों में कितने संबल कार्ड धारी परिवार को मृत्यु उपरांत अनुग्रह राशि स्वीकृत की गई? (ख) क्या संबल कार्ड धारी परिवार को मृत्यु उपरांत स्वीकृत राशि शत-प्रतिशत हितग्राहियों को उनके बैंक खातों में समायोजित की जा चुकी है? विस्तृत जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका मकरोनिया में संबल कार्ड धारी परिवार को मृत्यु उपरांत स्वीकृत अनुग्रह राशि उनके बैंक खातों में जमा की जा चुकी है? नाम सहित जानकारी देवें। (घ) यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें एवं क्‍या संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 05 वर्षों में संबल योजना कार्ड धारी परिवार को मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता के कुल 899 प्रकरण स्वीकृत किये गये है। (ख) संबल पंजीकृत श्रमिक की मृत्‍यु उपरांत स्‍वीकृत राशि बजट उपलब्‍धता अनुसार उत्‍तराधिकारी को भुगतान की जाती है। राशि का समायोजन नहीं होता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर पालिका परिषद मकरोनिया में 113 संबल कार्ड धारी परिवार को मृत्यु उपरांत स्वीकृत अनुग्रह राशि उनके बैंक खातों में जमा की जा चुकी हैं। नाम सहित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिवहन विभाग द्वारा वसूली गई राशि

[परिवहन]

144. ( क्र. 2719 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर अंतर्गत जिला परिवहन विभाग सागर द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी वसूली की गई? माहवार राशि सहित जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा वसूली हेतु क्या नियम निर्देश है एवं किन-किन स्थानों पर लगाने का प्रावधान है एवं वसूली का क्या समय निर्धारित है? (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन स्थानों पर विभाग द्वारा वाहन चेकिंग एवं वसूली का कार्य किन-किन दिनांकों में किया गया? कितने वाहनों की चेकिंग उपरांत कितनी वसूली की गई? (घ) विभाग द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान भारी वाहनों, बसों के परमिट अवधि सही न पाये जाने पर कितने वाहनों के परमिट निरस्त किये गये?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा वसूली हेतु नियम निर्देश मध्‍यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 15 एवं 16 में विहित है। नियमों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। वसूली की कार्यवाही प्रदेश के समस्‍त स्‍थानों पर की जाती है एवं वसूली का कोई समय निर्धारित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है।

राजस्‍व रिकार्ड की दुरूस्‍ती

[राजस्व]

145. ( क्र. 2724 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के राजस्व निरीक्षण मण्डल जबलपुर व तहसील रांझी, मौझी रांझी 403, पटवारी हल्का नं. 22/5 के खसरा नं. 40/1 एवं अन्य बटांकों के खसरा/रकबा/नक्शों में हेराफेरी होना पाये जाने पर कलेक्टर भू-‍अभिलेख जबलपुर के पत्र कं. 1210 दिनांक 19/07/2006 के अनुसार तहसीलदार नजूल रांझी को समस्त खसरा/रकबा/नक्शा की जांच कर, रिकार्ड दुरूस्त करने के निर्देश दिये गये थे यदि हाँ, तो क्या रिकार्ड दुरूस्त किये गये? (ख) यदि रिकार्ड दुरूस्त नहीं किये गये हैं तो इसके लिये लापरवाह जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही/पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित संपूर्ण जानकारी प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले के राजस्व निरीक्षण मण्डल जबलपुर व तहसील रांझी, मौझी रांझी 403, पटवारी हल्का नं. 22/5 के खसरा नं. 40/1 एवं अन्य बटांकों के खसरा/रकबा/नक्शों में हेराफेरी होना पाये जाने पर कलेक्टर भू-‍अभिलेख जबलपुर के पत्र क्र. 1210 दिनांक 19/07/2006 के अनुसार तहसीलदार नजूल रांझी को समस्त खसरा/रकबा/नक्शा की जांच कर संबंधित पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। जांचोपरांत रिकार्ड दुरूस्‍ती हेतु विधिवत कार्यवाही किये जाना प्रावधानित है। जांच में 40/1 व अन्य बटांक निजी भूमि स्वामी के हक में होने से शासकीय भूमि में खसरा/रकबा में हेरा-फेरी करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यवाही परीक्षणाधीन है। उक्त संबंध में की गई कार्यवाही के पत्रों प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

सागर कनेरादेव सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

146. ( क्र. 2730 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1073 दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (‍क) में बताया गया था कि, कनेरादेव जलाशय सिंचाई परियोजना का कार्य वर्ष 2013-14 में पूर्ण हुआ था, जिसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 110 हेक्टेयर थी एवं एक नहर 02.40 कि.मी. का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित बताया गया था। क्या उक्त नहर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है तथा कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1073 दिनांक 22.12.2022 के उत्तरांश (ख) एवं (ग) में उक्त योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 से वास्तविक सिंचाई (0) शून्य रही जिसका कारण कमाण्ड एरिया में कॉलोनी/प्लाटिंग होना बताया गया है तो क्या कमाण्ड एरिया को परिवर्तित कर सिंचाई योजना का लाभ अन्य किसानों को दिलाये जाने पर शासन विचार करेगा तथा कब तक? (ग) क्या सागर की एकमात्र सिंचाई परियोजना (कनेरादेव) वरिष्ठ भू-गर्भ शास्त्री द्वारा प्रथम निरीक्षण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन सी तकनीकी खामियाँ पाई गई, इस हेतु शासन स्तर पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? क्या द्वितीय विस्तृत निरीक्षण भी पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो निरीक्षण उपरांत क्या-क्या सुझाव दिये गये एवं इन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो द्वितीय विस्तृत निरीक्षण कब तक करा लिया जायेगा तथा वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कनेरादेव जलाशय सिंचाई परियोजना का कार्य वर्ष 2013-14 में पूर्ण हुआ था, जिसकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 110 हेक्टेयर है एवं 2.40 कि.मी. नहर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाना प्रतिवेदित है। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि उक्त योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 से वास्तविक सिंचाई शून्य रही है। कमांड एरिया में कॉलोनी/प्लाटिंग होने के कारण कमाण्ड एरिया को परिवर्तित कर सिंचाई योजना का लाभ अन्य किसानों को दिलाये जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव शासन स्‍तर पर विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।   (ग) वस्‍तुस्थिति यह है कि वरिष्ठ भू-गर्भ शास्त्री द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय निरीक्षण कर लिया जाना प्रतिवेदित है। उनके द्वारा दिनांक 03.02.2023 को प्रथम प्राथमिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है, जिसमें सीपेज का स्त्रोत एवं सीपेज की मात्रा का आंकलन नहीं किया जा सका है। वरिष्ठ भू-गर्भ शास्त्री द्वारा बांध के डाऊन स्ट्रीम में गड्ढे खोदकर पानी के सेंपल एकत्रित करने, डाऊन स्ट्रीम के खेतों में भरे हुये स्थिर पानी की निकासी हेतु डायवर्सन की व्यवस्था करने, टोड्रेन की खुदाई करने के सुझाव दिये गये हैं। पानी के नमूने एकत्रित कर वरिष्ठ भू-गर्भ शास्त्री को उपलब्ध करा दिये गये है, जिनका परीक्षण उनके द्वारा कराया जा रहा है। डाऊन स्ट्रीम के खेतों में भरे हुये स्थिर पानी की निकासी हेतु डायवर्सन की व्यवस्था एवं टोड्रेन की खुदाई का कार्य किया जा रहा है। बांध के डाऊन स्ट्रीम में खेतों के सूखने के उपरांत पुनः वरिष्ठ भू-गर्भ शास्त्री द्वारा बांध का निरीक्षण किया जा सकेगा।

राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

147. ( क्र. 2732 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन, नक्‍शा सुधार, कृषि भूमि कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने, बही में नाम सुधरवाने आदि राजस्व कार्यों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ तो किन-किन आदेशों निर्देशों के तहत की गई हैं? (ख) सागर जिले की देवरी विधानसभा अंतर्गत जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक नक्‍शा सुधार कार्य, अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग व्यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने, बही में नाम सुधरवाने, बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन एवं डायवर्सन के कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए? नामवार/तहसीलवार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं? प्रकरण वार बतावें। लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जा सकेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में लंबित प्रकरणों के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में व सीमांकन 45 दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ख) सागर जिले की देवरी विधानसभा अंतर्गत जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक नक्‍शा सुधार कार्य, अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग व्यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टें पर दी गई भूमि कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने, बही में नाम सुधरवाने, बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन एवं डायवर्सन के कुल 27531 प्रकरण प्राप्त हुए। जिसकी सॉफ्टकॉपी (एक्‍सेल फाईल) नामवार/तहसीलवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सागर जिले की देवरी विधानसभा अंतर्गत जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक नक्‍शा सुधार कार्य अ.ज एवं अ.ज.जा वर्ग व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकॉर्ड में दर्ज करवाने, बही में नाम सुधरवाने, बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन एवं डायवर्सन के कुल 20799 प्रकरण प्राप्‍त हुए जिसकी सॉफ्ट कॉपी (एक्‍सेल फाइल) नामवार/तहसीलवार  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) लंबित प्रकरणों में विलंब के कारणों के परीक्षण उपरांत विधि सम्‍मत कार्यवाही की जावेगी।

सम्मान निधि योजना में किसानों को दी जाने वाली किस्त

[राजस्व]

148. ( क्र. 2736 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) मध्यप्रदेश में कितने किसान हितग्राहियों की प्रश्‍न दिनांक तक e-kyc कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है? कितनों की किया जाना शेष है? (ख) क्या किसान हितग्राही स्वयं के पुराने बैंक खातों में            e-kyc की कार्यवाही पूर्ण कर सकते है? यदि हां, तो विभाग द्वारा इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक के साथ खाता खोलने का अनुचित दबाव क्यों बनाया जा रहा है? इस संबंध में पुराने खातों को e- kyc के माध्यम से आधार लिंक करने से क्यों मना कर रहे है? (ग) क्या शासन के आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि बैंक खाता आधार से लिंक कर खोले जाने की कार्यवाही की जा सकती है? क्या नियम की इस शर्त को ध्यान में रखकर पुराने खातों को e-kyc से आधार को जोड़ने का आदेश जारी करेगा? (घ) क्या उज्जैन ज़िले के वंचित लगभग 40 हजार किसान हितग्राहियों को शासन से जीरो बैलेंस पर खाता खुलवाने की सुविधा दी जाएगी? यदि नहीं, तो किसानों को 200 से 500 रुपये तक देकर नवीन खाते खुलवाने के लिए दबाव क्यों बनाया जा रहा है? (ड.) e-kyc कराने में विलंब होने से क्या किसानों को सम्मान निधि से वंचित किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पी.एम. किसान पोर्टल की रिपोर्ट दिनांक 25/02/2023 अनुसार 7641871 हितग्राहियों द्वारा ई-केवायसी की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। 662438 हितग्राहियों द्वारा ई-केवायसी की कार्यवाही किया जाना शेष है। (ख) जी हाँ। हितग्राहियों को इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक के साथ खाता खोलने की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध है, इसके लिए कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है। उक्‍त के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) हितग्राही बैंक शाखा में जाकर आधार एवं बैंक खाता लिंक करा सकते हैं अथवा इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से जीरो बैलेंस खाता खोल सकते हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं।

सिंचाई योजनाओं की जानकारी

[जल संसाधन]

149. ( क्र. 2739 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टेम सिंचाई परियोजना लटेरी, सेमरखेड़ी सिंचाई परियोजना लटेरी सेमलखेड़ी तीर्थ क्षेत्र परियोजना सिरोंज बरखेड़ा हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज, गरेठा लघु सिंचाई परियोजना सिरोंज में कितनी राजस्व भूमि एवं कितनी वन भूमि डूब प्रभावित है? कितने परिवार विस्थापन हुए हैं, कितनी भूमि का अर्जन किया गया है तथा कितनी वन भूमि का अर्जन किया गया है? विस्थापित परिवारों के नाम, डूब प्रभावित क्षेत्र का सर्वे क्रमांक, रकबा सहित कृषकवार एवं सिंचाई परियोजनावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण हेतु कौन-कौन से कृषकों को एवं विस्थापित परिवारों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि कब-कब दी गई है, परियोजनावार जानकारी देवें? कितने कृषकों/विस्थापित परिवारों को मुआवजा राशि भुगतान हेतु शेष है? कृषकवार विस्थापित परिवार सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उपरोक्त परियोजनाओं में कितनी-कितनी वन भूमि डूब प्रभावित है? कक्ष क्रमांक एवं सर्वे नंबर सहित सिंचाई परियोजनावार जानकारी देवें। वन विभाग से भूमि के उपयोग हेतु कब-कब ऑनलाईन आवेदन प्रेषित किया एवं किस-किस स्तर पर वन भूमि के प्रकरण लंबित हैं? वन भूमि के बदले वन विभाग को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? परियोजनावार जानकारी देवें।             (घ) प्रस्तावित विकासखंड सिरोंज लटेरी में प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं सुगनाखेड़ी, बरखेड़ा हरगन, उनारसी कलां, कचनारिया मजीदपुर सिंचाई परियोजना, मुगलसराय परियोजना का सर्वेक्षण किन-किन अधिकारियों अथवा एजेंसी द्वारा कब-कब किया गया? इनमें कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित थे? नाम सहित जानकारी देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। गरेठा लघु सिंचाई परियोजना अंतर्गत विस्‍थापित परिवारों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट -1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

निर्वाचित विधायक के पत्रों के उत्‍तर देने संबंधी निर्देश

[जल संसाधन]

150. ( क्र. 2778 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग का आदेश क्रमांक एक 19-76/2007/1/4 भोपाल, दिनांक       19 जुलाई, 2019 जिसमें निर्वाचित विधायक के पत्रों के उत्‍तर देने संबं‍धी आदेश हैं? क्‍या उक्‍त आदेश कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग दमोह पर भी लागू होता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हाँ है तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा मई 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक लिखे गये समस्‍त पत्रों का उत्‍तर सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार प्रश्‍नकर्ता विधायक को उपलब्‍ध करा दिया गया है? हाँ तो जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) का उत्‍तर में जी.ए.डी. के निर्देश का समुचित पालन नहीं हुआ है तो क्‍या अधिकारियों का कृत्‍य प्रश्‍नकर्ता विधायक के आधार पर विधायक का विशेष अधिकार हनन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो शासन इस संबंध में क्‍या कार्यवाही करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। उक्त आदेश कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग दमोह पर भी लागू होता है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। माननीय सदस्‍य द्वारा मई 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक 01 मात्र पत्र कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग दमोह को लिखा जाना प्रतिवेदित है। कार्यपालन यंत्री द्वारा माननीय सदस्‍य को पत्र के जवाब में चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दिया गया था। प्राप्‍त पत्र एवं प्रेषित  जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-1 एवं 2 अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

विधानसभा क्षेत्र के कार्यों की जानकारी

[जल संसाधन]

151. ( क्र. 2780 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक दमोह विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं? इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें? (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रश्‍नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का क्या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक दमोह विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत किसी भी निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति से संबंधित कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित नहीं है। अतः निर्माण कार्य प्रारंभ अथवा अधूरे रहने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र दमोह को निर्माण कार्यों की जानकारी कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग दमोह के पत्र दिनांक 05.07.2021 द्वारा उपलब्ध कराई जाना प्रतिवेदित है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

न्‍यायालयीन प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु स्‍टॉफ की पूर्ति

[राजस्व]

152. ( क्र. 2850 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व के एवं अन्‍य आपराधिक प्रकरण का निराकरण 10-15 वर्षों तक न्‍यायालय में विचाराधीन रहता है। इस लम्‍बी न्‍यायालयीन प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु न्‍यायालय में स्‍टॉफ की पूर्ति के संबंध में क्‍या शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) शासन द्वारा कोर्ट की प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है, जिससे न्‍यायालयीन प्रक्रिया सार्थक एवं सुगम व सरल हो सके? (ग) क्‍या न्‍यायालय में प्रचलित राजस्‍व के प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु अधिवक्‍ता वर्ग को ए‍क निश्‍चित टारगेट दिया जाना प्रस्‍तावित किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) का उत्‍तर यदि हाँ, तो क्‍या समयावधि में टारगेट पूरा करने वाले अधिवक्‍ता वर्ग को प्रोत्‍साहन स्‍वरूप उन्‍हें पुरस्‍कृत करने की कोई प्रक्रिया विभागांतर्गत प्र‍चलित है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व एवं अन्‍य आपराधिक प्रकरणों को विहित न्‍यायालयीन प्रक्रिया अनुसार निराकृत किया जाता है। न्‍यायालयीन कार्य को सुगम बनाने के लिए प्रदेश के राजस्‍व न्‍यायालयों में प्रवाचक (रीडर) और कार्यालय सहायक सह डाटा एंट्री आपरेटर पदस्‍थ किए गये हैं। जिन्‍हें युक्तियुक्‍त प्रशिक्षण दिया जाता है। (ख) शासन द्वारा राजस्‍व न्‍यायालयों की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिये आर.सी.एम.एस. पोर्टल का प्रारंभ किया गया है इसके माध्‍यम से न्‍यायालयीन प्रक्रिया सुगम व सरल बनाने के प्रयास किए गए हैं। इसके माध्‍यम से प्रकरणों का पंजीयन एवं निराकरण की प्रभावी निगरानी एवं समीक्षा की जा रही है। आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर विभिन्‍न प्रकार के आवेदनों को प्राप्‍त करने के लिए माड्यूल उपलब्‍ध कराये गये हैं। (ग) ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) उतरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

पूर्व सूचना के बिना मकान तोड़ा जाना

[राजस्व]

153. ( क्र. 3031 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या भोपाल में 12/13 दिसम्‍बर 22 के दरमियान कड़ाके की ठंड में रेल पटरी के पास 30-40 साल से झोपड़पट्टी में रहने वाले गरीबों के मकान तोड़े गए तथा उनके पुनर्वास की उचित व्‍यवस्‍था नहीं की गई। उन परिवारों की संख्‍या कितनी है तथा उनके पुनर्वास की कहां व्‍यवस्‍था की गई? उसमें कितने को कितनी जगह दी गई? कितनो को जगह देना बाकी है तथा झोपड़ी बनाने के लिए कितनी राशि दी गई? (ख) क्‍या केन्‍द्र सरकार ने भोपाल गैस पीड़ित गरीबों को पुनर्वास के लिए रूपये 40 करोड़ दिए थे उसका क्‍या उपयोग किया गया? (ग) क्‍या गरीबों की झोपड़ी तोड़ी गई, उनमें से सैकड़ों कड़ाके की ठंड में अपने टूटे हुए मकान के पास कपड़े बांध कर रात गुजार रहे हैं तथा उनमें से 8 की मृत्‍यु तथा 70 लोग गंभीर बीमार हो गए है। बतावें कि सरकार इन सभी के पुनर्वास की व्‍यवस्‍था न हो तब तक उनको क्‍या सुविधा उपलब्‍ध करा रही है? (घ) जिन परिवारों को पुनर्वास के लिए जगह नहीं मिली है उन गरीब परिवारों को किस स्‍थान पर कब तक जगह दे दी जाएगी तथा क्‍या सभी को झोपड़ी बनाने के लिए रूपये 60 हजार की राशि दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल रामगंज मंडी तक रेल्वे लाईन बनाने के लिए 12,13, दिसम्बर 2022 को रेल्वे भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही रेल्वे विभाग द्वारा PPE Act 1971 के तहत की गई थी। अतिक्रमण हटाने के पूर्व अतिक्रमणकर्ता को रेल्वे द्वारा नोटिस जारी किए गये थे जिनमे से 767 अतिक्रमणधारियों को हटाया गया जिनमें से अधिकतर परिवार आरिफ नगर तथा बैरसिया रोड के पास स्थानांतरित होकर निवासरत है। लगभग 50 परिवार मौके पर आस-पास के स्थानों पर निवासरत है। रेल्वे विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए कोई राशि दिये जाने का प्रावधान न होने से राशि प्रदान नहीं की गई। (ख) यूनियन कार्बाइड प्‍लांट और सोलर इवापोरेशन पॉन्‍ट के क्षेत्र में भू-जल प्रदूषित होने के कारण उस क्षेत्र में रह रहे परिवारों के लिये गृह निर्माण करने हेतु रूपये 40 करोड़ 75.25 अनुपाल में (केन्‍द्र एवं राज्‍य अंश) की स्‍वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गई। यह राशि अभी उपयोग में नहीं की गई है। (ग) अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान जनहानि का नुकसान नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता।

वेयर हाउस में धान का भण्‍डारण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

154. ( क्र. 3136 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में धान खरीदी केन्द्र कहां-कहां संचालित है की जानकारी जनपदवार, देते हुये बतावे कि इन खरीदी केन्द्रों के पास में कितने ओपन कैंप व वेयर हाउस स्थित हैं, जो शासन द्वारा अनुबंधित हो? खरीदी केन्द्रों से इनकी दूरी कितने किलोमीटर है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में किन-किन खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव कर कब-कब, किन-किन वेयर हाउस व ओपन कैंप में धान का भंडारण किया गया, का विवरण धान खरीदी केन्द्रवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क)  अनुसार धान का उठाव जिन खरीदी केन्द्रों से किया गया एवं प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जिन ओपन कैंपों व वेयर हाउसों में धान जहां रखी गई वहां से नजदीकी ओपन कैंप व वेयर हाउस का उपयोग नहीं किया गया, क्यों? दूर के वेयर हाउस वा ओपन कैप पर धान का भंडारण क्‍यों कराया गया?        (घ) प्रश्‍नांश (क) के खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव कर प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार दूर के ओपन कैंप व वेयर हाउस में धान का भंडार कर वेयर हाउस के मालिकों व परिवहनकर्ताओं को लाभान्वित कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई, इस तरह से कुल कितनी क्षति शासन को हुई? (ड.) प्रश्‍नांश (क) के खरीदी केन्द्रों से प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार अनियमितता कर प्रश्‍नांश (घ) अनुसार लोगों को लाभ व्यक्तिगत हितपूर्ति कर दिया गया शासन को आर्थिक क्षति हुई इसकी वसूली किन-किन से करेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में शहडोल एवं रीवा जिले में धान उपार्जन हेतु जनपदवार स्‍थापित केन्‍द्र, धान भंडारण हेतु अनुबंधित केप/गोदाम का नाम, उपार्जन केन्‍द्र से दूरी एवं भंडारित मात्रा की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- 'अनुसार है(ख) उपार्जन केन्‍द्र से धान की केप/गोदामवार भंडारित मात्रा एवं भंडारण हेतु जारी स्‍वीकृत पत्रक की दिनांक की जानकारी ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्‍ध है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ग) शहडोल एवं रीवा जिले में उपार्जन केन्‍द्रों के नजदीक के भंडारण केन्‍द्रों में ही धान का भंडारण कराया गया है, नजदीक के गोदामों/केप के भरने के पश्‍चात् ही अन्‍य गोदामों/केप में धान का भंडारण कराया गया है। शहडोल जिले में केप में भंडारण कराया गया है एवं रीवा जिले में धान का भंडारण केप में नहीं कराया गया है। (घ) शहडोल जिले में खरीदी केन्‍द्र के निकटतम रिक्‍त भंडारण क्षमता के केप/गोदाम में प्राथमिकता के आधार पर परिवहन कर धान का भंडारण कराया गया है। रीवा जिले में खरीदी केन्‍द्रों से धान उठाव कर प्राथमिकता से नजदीक के गोदामों में धान भंडारित कराई गया है। नजदीक के गोदाम भर जाने पर जिला उपार्जन समिति के अनुमोदन उपरांत अन्‍य गोदामों में धान का भंडारण कराया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उचित मूल्‍य की दुकान को अन्‍यत्र स्‍थापित करना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

155. ( क्र. 3168 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान शान्ति प्राथ. उप. भण्‍डार उपभोक्‍ता क्रमांक 77 जनता 583 कोटरा सुल्‍तानाबाद वार्ड 27 में संचालित हैं। जिसका पं. क्र. ए.आर.बी. 331 है, वह पूर्व में कहां संचालित हो रही थी? (ख) क्‍या उक्‍त दुकान को अन्‍यत्र स्‍थापित करने हेतु शासन के आदेश हुए हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रस्‍तुत करें? (ग) यदि नहीं, तो अवैध रूप से संचालित एवं घनी बस्‍ती में होने के कारण अन्‍यत्र स्‍थापित कब तक किया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान शान्ति प्राथ. उप. भण्‍डार उपभोक्‍ता क्रमांक 77 जनता 583 कोटरा सुल्‍तानाबाद वार्ड 27 में संचालित हैं। वर्तमान वार्ड क्रं. 27 भोपाल नगर निगम में वार्ड सीमांकन के पूर्व वार्ड क्र. 29 के रूप में चिन्हित था तथा उचित मूल्‍य दुकान का प्राधिकार पत्र तत्‍समय के वार्ड क्रं 29 में उचित मूल्‍य दुकान संचालन हेतु जारी किया गया था। इस प्रकार सीमांकन पूर्व का वार्ड क्रं 29 वर्तमान में 27 के रूप में चिन्‍हांकित है जिसमें उचित मूल्‍य दुकान संचालित है। नगर निगम में वार्डों के पुर्नसीमांकन से उक्‍त वार्ड का केवल क्रमांक समय-समय परिवर्तित होता रहा है तथापि उचित मूल्‍य दुकान भौगोलिक रूप से उसी वार्ड में संचालित है जिसके लिए प्राधिकार पत्र जारी किया गया था। (ख) जी नहीं। वर्ष 2010 में दुकान आवंटन प्राधिकार पत्र जारी किया गया है, जिसमें उल्‍लेखित पते पर ही उचित मूल्‍य दुकान संचालित है, प्राधिकार पत्र की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उचित मूल्‍य दुकान वैध रूप से संचालित है अत: अन्‍यत्र स्‍थापित करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैधानिक कब्‍जा हटाने एवं रिकार्ड में सुधार

[राजस्व]

156. ( क्र. 3225 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कलेक्‍टर एवं जिला-मजिस्‍ट्रेट सतना के पत्र क्रमांक/188/राजस्‍व/4/आर.एम./2020 दिनांक 9/6/2020 द्वारा जांच टीम का गठन किया गया था एवं पत्र क्रमांक-275 दिनांक 2/9/2020 द्वारा प्रतिवेदन चाहा गया था, हाँ तो प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक जांच पूर्ण किया जाकर क्‍या अवैधानिक कब्‍जा हटाये जाने एवं रिकार्ड में सुधार की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें? दोषी कौन-कौन है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त प्रकरण विभिन्‍न न्‍यायालयों में प्रचलन में रहा, सभी निर्णयों की प्रति,पालन संबंधी जानकारी दें? क्‍या यह भी सत्‍य है कि तृतीय व्‍यवहार न्‍यायाधीश वर्ग-1 सतना, प्रकरण क्रमांक 10-ए/2009 का निर्णय पारित होने के पूर्व जिला कलेक्‍टर को निर्णय की प्रति पालन हेतु प्राप्‍त हो गई? हाँ/नहीं? यदि नहीं, तो प्रकरण क्रमांक 10-ए/2009 में पारित निर्णय की प्रति जब दिनांक 7/1/2012 को कलेक्‍टर सतना को तामील हुई तो इसके पूर्व उसी निर्णय में कार्यवाही किस आधार पर की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्रकरण में न्‍यायालय निर्णयों के उपरांत भी प्रश्‍न दिनांक तक अवैध कब्‍जा क्‍यों नहीं हटाया गया एवं रिकार्ड में सुधार क्‍यों नहीं किया गया? प्रकरण को लंबित रखने, न्‍यायालयों के निर्णयों का पालन न करने/कराने पर दोषियों के विरूद्ध क्‍या और कब तक कार्यवाही की जायेगी, यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। जांच प्रचलित है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। तृतीय व्यवहार न्यायालय वर्ग-1 सतना द्वारा पारित निर्णय दिनांक 02/01/2012 को आवेदनकर्ता श्री राम कुशवाह, निवासी गणेश नगर नई बस्‍ती सतना द्वारा निर्णय दिनांक 02/02/2012 का पालन कराने हेतु एक आवेदन दिनांक 04/01/2012 को तहसीलदार रघुराजनगर को प्रस्‍तुत किया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नगत भूमि में से कुछ भूमि पर लोगों के द्वारा मकान बना लिये गये। इस संबंध में जांच उपरांत प्राप्‍त निष्‍कर्षों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाना प्रावधानित है।

जांच कमेटी की रिपोर्ट

[वन]

157. ( क्र. 3242 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला यूनियन पश्चिम वनमण्डल छिन्दवाड़ा में महुआ संग्रहण हेतु प्राथमिक लघुवनोपज समिति बम्हनी परिक्षेत्र देलाखारी के अध्यक्ष एवं जिला यूनियन के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र शाह के प्रस्ताव पर नमक, कनकी एवं तराजू वांट खरीदी कर संग्राहकों को वितरण किया गया था? क्या नमक, कनकी के बदले संग्रहण वर्ष 2004-2005 में महुआ संग्राहकों से लिया जाना था? (ख) क्या तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी का स्थानांतरण महुआ संग्रहण काल में छिन्दवाड़ा परिक्षेत्र हो गया था? यदि हाँ, तो महुआ संग्रहण हेतु नमक, कनकी एवं अन्य सामग्री खरीदी की राशि स्थानांतरित परिक्षेत्र अधिकारी से किस आधार पर वसूली की गई? (ग) स्थानांतरित परिक्षेत्र अधिकारी से श्री आर.एस. कुशवाह   प.अधि. देलाखारी से बिना कारण बताओ सूचना पत्र एवं बिना जांच के गोदाम निर्माण, शाखकर्तन, कार्यशाला, लोक संरक्षित क्षेत्र के कार्यों के भुगतान सुदा प्रमाण को एवं महुआ संग्रहण की वसूली राशि की जांच हेतु तीन सदस्यों की जांच कमेटी का गठन कर जांच कमेटी की रिपोर्ट पर आज तक क्या कार्यवाही हुई? बताने की कृपा करें। (घ) क्या अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक द्वारा विगत दो वर्षों से जांच प्रतिवेदन पर व.म.अ. पश्चिम छिन्दवाड़ा एवं जिला यूनियन के प्रबंध संचालक से जांच प्रतिवेदन चाहा है? उस पर आज तक क्या कार्यवाही हुई?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्‍कालीन परिक्षेत्र अधिकारी का स्‍थानांतरण वर्ष 2005-06 में छिन्‍दवाड़ा परिक्षेत्र में हुआ था ना कि महुआ संग्रहण वर्ष 2004-05 में। तत्कालीन परिक्षेत्र अधिकारी श्री आर.एस. कुशवाहा के द्वारा स्थानांतरण पर रवाना होने के पूर्व शासकीय बकाया राशि का लेखा प्रस्तुत करने के फलस्वरूप कार्यालय मुख्य वन संरक्षक वन विभाग छिन्दवाड़ा के आदेश क्रमांक/स्थापना/11 दिनांक 13.01.2009 के द्वारा वसूली की गई। (ग) जिला यूनियन पश्चिम वनमंडल छिन्दवाड़ा के द्वारा पत्र क्रमांक 513 दिनांक 27.04.2009 के अनुसार अचार गुठली व्यापार 2001 में ऋण निधि की शेष राशि यूनियन में वापस न करने एवं महुआ फूल संग्रहण हेतु प्रदाय राशि वापस न करने के संबंध में तीन सदस्यों की जांच कमेटी का गठन किया गया था, किन्तु कार्यालयीन अभिलेखों का अवलोकन करने पर उक्त समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना नहीं पाया गया। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त छिन्दवाड़ा के द्वारा श्री आर.एस. कुशवाहा तत्कालीन नोडल अधिकारी एवं परिक्षेत्र अधिकारी देलाखारी सेवानिवृत्त सहायक वन संरक्षक छिन्दवाड़ा का आवेदन दिनांक 08.03.2021 के संबंध में जांच प्रतिवेदन चाहा गया है, जिस पर कार्यावाही प्रचलित है।

 

जावरा को जिला बनाने के संबंध में

[राजस्व]

158. ( क्र. 3652 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी व मुख्य सचिव महोदय को सम्बोधित निवेदित पत्रों एवं सदन में प्रश्नों के माध्यम से जावरा को जिला बनाएं जाने की जन आवश्यकताओं की क्षेत्रीय मांग को लगातार ध्यान आकर्षित कर आग्रह किया जा रहा है? (ख) साथ ही क्षेत्रीय जन-जन के द्वारा भी एवं विभिन्न संस्थाओं के द्वारा भी इस हेतु लगातार मांग की जाकर अवगत कराया जाता रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या अनुविभागीय अधिकारी जावरा एवं जिलाधीश रतलाम द्वारा भी इस हेतु शासन/विभाग को प्रस्ताव अग्रेषित किये हैं? (घ) यदि हाँ, तो अत्यंत महती एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मांग निरंतर क्षेत्र के विस्तारित/विकसित होने एवं बढ़ती जनसंख्या के जनकार्यों को सुगमता से किये जाने हेतु जावरा को कब जिला बनाया जा सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) कुछ नागरिकों तथा संस्‍थाओं द्वारा इस संबंध में दिये गये आवेदनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी, जावरा एवं जिलाधीश रतलाम से जावरा को जिला बनाने के संबंध में विधिवत प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ। (घ) कलेक्‍टर जिला रतलाम से विधिवत प्रस्‍ताव अपेक्षित है।

लापरवाही के चलते राष्‍ट्रीय पशु शेर/चीते का शिकार

[वन]

159. ( क्र. 3667 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सैलानियों के मनोरंजन हेतु अफ्रीका देश से कितनी-कितनी कीमत से कितने क्रय कर राष्ट्रीय पशु बाघ/शेर, चीते लाए गए और उसका बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किए जाने पर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कुल कितनी राशि व्यय हुई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या बाघ/शेर व चीते के शिकार का मामला उजागर हुआ है? यदि हाँ, तो किन-किन वन्य प्राणियों के शिकार के मामले में किन-किन के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए गए? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किस-किस जिले में कौन-कौन शिकारी को गिरफ्तार किया गया तथा कौन-कौन फरार हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि राष्ट्रीय पशु बाघ/शेर को सैलानियों के मनोरंजन के लिए या शिकारियों के लिए क्रय किए गए थे तथा यह भी अवगत करावें कि इस लापरवाही के लिए किन-किन की जिम्मेदारी निर्धारित की गई और उनके विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश के सैलानियों के मनोरंजन के लिए बाघ/शेर/चीता नहीं लाए गए हैं बल्कि अफ्रीका से चीता भारत की खोई हुई पारिस्थितिक विरासत को पुनर्स्थापित किए जाने के उद्देश्य से दक्षिण अफ्रीका एवं नामीबिया से भारत सरकार द्वारा चीता परियोजना के अंतर्गत 20 चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए हैं। चीतों के प्रचार-प्रसार पर राशि रुपए 4,15,000 व्‍यय की गई है। (ख) जी हाँ। दिनांक 01 जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक 10 प्रकरण बाघ के शिकार के घटित हुए हैं जिसकी विस्तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।          (ग) भारत में राष्ट्रीय पशु वन्यप्राणी बाघ/शेर का क्रय-विक्रय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत प्रतिबंधित है। विभाग द्वारा बाघ/शेर का कोई क्रय-विक्रय नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। शिकार के प्रकरणों में गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "पचास"

 






 

 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


उद्योगों को आवंटित भूमि

[राजस्व]

1. ( क्र. 205 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) बड़वानी जिले में म.प्र. भू-राजस्‍व 1959 के अध्‍याय 18 में बताई गई दखल रहित भूमियों में से किस ग्राम की कितनी भूमि किस प्रकरण क्रमांक, आदेश, दिनांक से कलेक्‍टर या राजस्‍व विभाग के द्वारा उद्योगों को आवंटित किए जाने के संबंध में उद्योग विभाग को आवंटित की गई? आदेश की प्रति सहित बताएं। (ख) उद्योग विभाग को प्राप्‍त भूमि भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किस-किस प्रयोजन के लिए आरक्षित की गई? (ग) सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में किन‍-किन शर्तों/नियमों के तहत किन‍-किन प्रयोजन/मद की जमीन किन‍-किन उद्योगों को किस दिनांक से लीज पर दी गई? प्रति सहित बताएं। किन‍-किन उद्योगों की जमीनों की लीज समाप्‍त हो गई, किन उद्योगों ने लीज का नवीनीकरण कितने वर्षों के लिए किन प्रयोजन/मद के तहत कराया? प्रति सहित बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) औद्योगिक प्रयोजन हेतु आरक्षित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। प्रश्‍न दिनांक तक औद्योगिक क्षेत्र सेमल्या (सेंधवा) में आवंटित भूमि में से मेसर्स तिरूपति का टेक्स भू-खंड क्रमांक 7 की लीजडीड दिसम्बर, 2022 में समाप्त हो चुकी है। इकाई द्वारा लीज नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्र महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बड़वानी में प्रस्तुत किया गया है।

विभागीय पात्रता परीक्षा में अपात्र का चयन

[राजस्व]

2. ( क्र. 239 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2002 में लिपकीय वर्ग से नायब तहसीलदार के पद पर चयन हेतु आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बन्‍दोबस्‍त म.प्र. ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 4537/14 परीक्षा/लि.ना.त./2002 ग्‍वालियर दिनांक 13.11.2002 तथा राजपत्र दिनांक 24.6.2002 अनुसार आयोजित परीक्षा में सफल होने के लिए प्रत्‍येक वर्ग के परीक्षार्थी को 50 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्‍त किया जाना अनिवार्य था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या तत्‍समय अनुसूचित जाति वर्ग में अंतिम चयन सूची 50 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्‍त करने वाले अभ्‍यर्थियों की ही बनायी गयी थी? चयनित अभ्‍यर्थियों के अंकों की मैरिट लिस्‍ट बातयें। 50 प्रतिशत प्राप्‍त करने वाले अभ्‍यर्थियों की सूची देवें। (ग) यदि अभ्‍यर्थियों का चयन प्रश्‍नांश (क) अनुसार मैरिट से किया गया है तो अनुसूचित जाति वर्ग में पद वर्गीकरण अनुसार अंतिम चयनित अभ्‍यर्थी सुश्री सरोज अग्निवंशी को लिखित में 44.33 अंक गोपनीय प्रतिवेदन में 75 अंक, कुल 119.33 अंक में चयन कर लिया गया है जबकि इसी वर्ग के रामलखन वर्मा को लिखित परीक्षा में 53.48 अंक व गोपनीय प्रतिवेदन में 75 अंक, कुल 128.48 अंक होने पर भी चयन नहीं किया गया, स्‍पष्‍ट कारण बतायें। (घ) राजस्‍व विभाग द्वारा विधि नियमों के विरूद्ध कूट रचना कर अपात्र का चयन कर पात्र अभ्‍यर्थी का अभ्‍यावेदन बार-बार बिना विचारण क्‍यों निरस्‍त किया जाता है? पात्र होने के बाद भी लगातार 20 वर्ष से न्‍याय की आशा में भटक रहा है, वरिष्‍ठ अधिकारी स्‍वयं शासन के निर्देशानुसार निर्णय न लेकर लिपिक द्वारा प्रस्‍तुत नोटशीट की टीप पर ही निर्णय लिया गया है जिससे उनके कार्यप्रणाली पर भी प्रश्‍न उठता हैं, ऐसा क्‍यों? शासन की छवि खराब न हो तो क्‍या इस पर विचार कर कार्यप्रणाली में सुधार कराया जायेगा? (ड.) यदि राजस्‍व विभाग द्वारा तत्‍समय नियम विरूद्ध तरीके से अपात्र का चयन कर पद पूर्ति कर ली गयी हैं तो विभाग की इस त्रुटि पर पूर्व की चयन प्रक्रिया को निरस्‍त किया जावेगा या पात्र अभ्‍यर्थी को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति तत्‍सयम से प्रदान कर न्‍याय प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश जूनियर प्रशासकीय सेवा में लिपिक वर्गीय सेवा से सीधी भर्ती द्वारा नायब तहसीलदार के पदों को भरने हेतु सीमित प्रतियोगिता परीक्षा वर्ष 2002 हेतु 24.06.2002 के राजपत्र एवं आयुक्‍त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त ग्‍वालियर के अधिसूचना दिनांक 13.11.2002 में उल्‍लेख अनुसार केवल लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर चयन नहीं किया गया बल्कि लिखित परीक्षा में सफल कर्मचारियों की दोनों प्रश्‍न पत्रों में प्राप्‍त कुल अंकों के अनुसार सूची तैयार की जाएगी, तदुपरांत ऐसे कर्मचारियों के गत पांच वर्षों की गोपनीय चरित्रावली का मूल्‍यांकन विभागीय पदोन्‍नति समिति द्वारा किया जावेगा, लिखित परीक्षा में प्राप्‍त कुल अंकों एवं गोपनीय चरित्रावली के मूल्‍यांकन के आधार पर एक अंतिम सूची तैयार की जावेगी, इस अंतिम चयन सूची में से कर्मचारियों के क्रमानुसार नायब तहसीलदार के रूप में नियुक्ति प्रदान की जावेगी। उक्‍त अनुसार ही चयन की कार्यवाही की गई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार लिखित परीक्षा में उत्‍तीर्ण अभ्‍यर्थियों के गोपनीय प्रतिवेदन का मूल्‍यांकन भी किया गया। गोपनीय प्रतिवेदन के मूल्‍यांकन के अंकों एवं व्‍यवसायिक परीक्षा मण्‍डल द्वारा आयोजित परीक्षा में उम्‍मीदवारों द्वारा प्राप्‍त अंकों को जोड़कर अंतिम चयन सूची तैयार की गई। जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) अभ्‍यर्थी सुश्री सरोज अग्निवंशी का चयन अनुसूचित जाति वर्ग में महिला संवर्ग में होने के कारण हुआ क्‍योंकि प्रत्‍येक संवर्ग में 30 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे। (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ख)  के क्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

खाद्यान्न का आवंटन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( क्र. 565 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) ब्यावरा विधानसभा जिला राजगढ़ में कुल कितनी राशन दुकाने हैं व उन दुकानों से कितने समूह को मध्यान्ह भोजन हेतु खाद्यान्न आवंटित किया जाता है? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त राशन दुकानों से खाद्यान्न प्रतिमाह मध्यान्ह भोजन हेतु समूहों को आवंटित किया जाता है? यदि हाँ, तो समूहों की वर्ष 2022-23 की पावती उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो मध्यान्ह भोजन किस तरह संचालित हो रहा है? (ग) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में कितनी राशन दुकाने हैं जो पिछले 1 वर्ष में बंद की गई है? कारण सहित बताएं व इन दुकानों से वितरित किया जाने वाला मध्यान्ह भोजन खाद्यान्न समूहों को कहां से दिया जा रहा है? जानकारी दें। (घ) वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने समूह का मध्यान्ह भोजन का खाद्यान्न बाकी है, जो उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया? खाद्यान्न की मात्रा व कारण सहित बताएं कि उक्त समूहों को कब तक खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाएगा? दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 139 उचित मूल्‍य की दुकाने संचालित हैं। इन दुकानों में से 96 राशन दुकानों द्वारा 361 समूहों को मध्‍यान्‍ह भोजन हेतु खाद्यान्‍न आवंटित किया जाता है। जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2022-23 में समूह को एस.सी.एम. पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्‍त आवंटन के अनुसार बायोमेट्रि‍क सत्‍यापन से समूहों को प्रतिमाह खाद्यान्‍न आवंटित किया जाता है। समूहों को आवंटित खाद्यान्‍न की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र प्रश्‍नांकित अवधि में कोई भी उचित मूल्‍य दुकान बंद नहीं की गई है। (घ) 143 समूहों का मध्‍यान्‍ह भोजन का खाद्यान्‍न शेष है। शेष भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राशन दुकानों पर कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( क्र. 720 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की हटा विधानसभा अंतर्गत कितनी राशन दुकाने खाद्य विभाग/वन समितियों द्वारा संचालित हैं। नाम, पतावार विक्रेताओं/सहायक विक्रेताओं के नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें। (ख) क्‍या हटा व पटेरा विकासखण्‍डों में विक्रेताओं/सहायक विक्रेताओं पर गबन के प्रकरण पंजीबद्ध 2015 से वर्तमान दिनांक तक कितने किये गये? यदि हाँ, तो प्रकरणवार क्‍या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 131 उचित मूल्‍य दुकाने संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।                                (ख) प्रश्‍नांकित विकासखंडों में प्रश्‍नांकित अवधि में अनियमितता संबंधी पंजीकृत प्रकरण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

रेत उत्खनन की जानकारी

[खनिज साधन]

5. ( क्र. 776 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में पंजीकृत रेत की कुल कितनी खदानें हैं उनका क्षेत्रफल क्या है?                                    (ख) रेत उत्खनन के टेंडर जारी करते समय खनन के लिए किस संयंत्र की अनुमति दी गई है?                        (ग) क्या खनन के लिए पनडुब्बी संयंत्र का उपयोग किया जा सकता है? (घ) रॉयल्टी जारी ना किए जाने पर भी खनन होने पर खनिज एवं पुलिस विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दतिया जिले में कुल 30 रेत खदानें, जिनका क्षेत्रफल 245.39 हेक्‍टेयर स्‍वीकृत है। (ख) रेत उत्‍खनन के टेंडर जारी करते समय खनन के लिए किसी संयंत्र की अनुमति नहीं दी गई है। (ग) जी नहीं। (घ) रॉयल्‍टी जारी न किये जाने पर वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में अवैध रेत उत्‍खनन में एक पोकलेन मशीन जप्‍त कर 01 प्रकरण दर्ज किया जाकर रूपये 2.43 लाख का अर्थदण्‍ड जमा कराया गया है एवं अवैध रेत परिवहन के 96 प्रकरण दर्ज कर रूपये 14.62 लाख का अर्थदण्‍ड जमा कराया गया है, साथ ही पुलिस द्वारा भी अवैध परिवहन पाये जाने पर भारतीय दण्‍ड संहिता, 1860 की धारा 379 के तहत 130 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।

पहुज नदी में रेत उत्खनन

[खनिज साधन]

6. ( क्र. 777 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उनाव पहुज नदी पर खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत खनन की पात्रता हैं? उसके लिए रॉयल्टी कब जारी की गई? (ख) पहुज नदी में रेत उत्खनन हेतु कितने क्षेत्र पर अनुमति प्रदान की गई और वित्त वर्ष 2022-23 में कितनी राजस्‍व राशि प्राप्त हुई? (ग) पहुज नदी पर पनडुब्बी/ जेसीबी/एलएनटी के माध्यम से उत्खनन करने की अनुमति किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस आदेश के माध्यम से प्रदान की गई? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पहुज नदी पर कुल 13 नीलाम रेत खदानों में प्राप्‍त वैधानिक अनुमति अनुसार कुल 2,45,190 घन मीटर की रेत खनन की पात्रता है, ठेकेदार को दिनांक 13/12/2022 से एम.पी. सेण्‍ड पोर्टल से रेत खनिज के अभिवहन पास जारी किये गये हैं। (ख) पहुज नदी में रेत उत्‍खनन हेतु कुल रकबा 54.49 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर अनुमति प्रदान की गई है। उक्‍त संबंध में वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में 1.7598 करोड़ राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। (ग) पहुज नदी पर पनडुब्‍बी/जेसीबी/एलएनटी के माध्‍यम से उत्‍खनन करने की अनु‍मति प्रदान नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दतिया जिले के ग्रामों में भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण

[राजस्व]

7. ( क्र. 783 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के ग्राम मौजा हंसारी, मौजा चक पीरखान, मौजा शहाबुद्दीनपुर, मौजा मालगुजार में अतिक्रमण को पत्राचार के बाद भी आज दिनांक तक क्यों नहीं हटाया गया? (ख) यदि हटाया गया तो जानकारी उपलब्ध कराएं और यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "बावन"

लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

8. ( क्र. 830 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                      (क) फरवरी, 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में नक्‍शा सुधार कार्य, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने, बही में नाम सुधरवाने, बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन एवं डायवर्सन, फौती नामांतरण, नक्‍शा विहीन ग्रामों में नक्‍शा उपलब्‍ध करवाने के कितने प्रकरण लंबित है तथा उक्‍त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन द्वारा कितने-कितने दिन की समय-सीमा निर्धारित की है? शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में विभिन्‍न राजस्‍व न्‍यायालयों द्वारा प्रकरणों का निराकरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है कारण बतायें तथा शासन के निर्देशों के अनुरूप उक्‍त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (ग) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज करने की जवाबदारी किसकी थी उनके द्वारा पट्टे की भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज क्‍यों नहीं की कारण बतायें इसके लिए संबंधित हितग्राही का क्‍या दोष है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के हितग्राही अनेक वर्षों से विभिन्‍न राजस्‍व न्‍यायालय में अपनी भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने बार-बार पेशी पर आ रहे है विभाग की त्रुटि सुधार कर प्रकरणों का निराकरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है कारण बतायें तथा निराकरण की समयावधि बतायें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) फरवरी, 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में नक्‍शा सुधार कार्य के 380, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने के 60, बही में नाम सुधरवाने के 00, बंटवारा के 1111, नामांतरण के 2301, सीमांकन के 485 एवं डायवर्सन के 98, फौती नामान्‍तरण के 431, नक्‍शा विहीन ग्रामों में नक्‍शा उपलब्‍ध करवाने के 00 प्रकरण लंबित है। उक्त प्रकरण न्‍यायालयीन प्रकृति के होने से निराकरण की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।                                    (ख) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में व सीमांकन 45 दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। विभिन्न राजस्व न्यायालयों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। उक्त प्रकरण न्‍यायालयीन प्रकृति के होने से निराकरण की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में यथासमय दर्ज की गई थी, किंतु राजस्व रिकार्ड का डाटा एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर से वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में ट्रांसफर होते समय तकनीकी त्रुटिवश कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज नहीं हो पाई थी। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश (ग) के हितग्राहियों हेतु संबंधित राजस्‍व न्‍यायालय में विधिवत कार्यवाही प्रचलित है।

 

पेट्रोल, डीजल टैंक पर सुविधायें

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

9. ( क्र. 831 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) रायसेन जिले में कहां-कहां, किन-किन कंपनियों के पेट्रोल पंप डीजल टैंक तथा गैस एजेंसी संचालित हैं उनके द्वारा उपभोक्‍ताओं को क्‍या-क्‍या सुविधायें दी जा रही हैं? (ख) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन स्‍थानों पर पेट्रोल पंप, डीजल टैंक तथा गैस एजेंसी स्‍वीकृत हैं परन्‍तु उनका कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं क्‍यों कारण बतायें कब तक कार्य पूर्ण होगा। (ग) दिनांक 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) का कंपनी एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया तथा सुधार हेतु क्‍या-क्‍या निर्देश दिये उक्‍त निर्देशों का पालन क्‍यों नहीं हुआ? (घ) रायसेन जिले में किन-किन स्‍थानों पर पेट्रोल पंप, डीजल टैंक तथा गैस एजेंसी प्रारंभ करवाने के संबंध में 1 जनवरी 21 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वन विकास निगम द्वारा किया गया पौधारोपण

[वन]

10. ( क्र. 966 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) ग्वालियर जिले में वन विकास निगम द्वारा 1 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन कक्षों में कितने हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण किया गया है तथा किया जा रहा है? कार्य का नाम, राशि भौतिक स्थिति, कार्य पूर्णता दिनांक, सहित कक्षवार, वर्षवार, तहसीलदार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से सर्वे नंबर, रकबा, बीट में क्या-क्या कार्य कराये गये? कार्य का नाम, फर्म/वेंडर/व्यक्ति का नाम, भुगतान राशि, खाता संख्या, दिनांक, भुगतानकर्ता अधिकारी का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) से संदर्भ में किये गये कार्यों/ पौधारोपण में भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? कितने पौधे जीवित हैं? रकबा, बीट एवं परिक्षेत्रवार जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. राज्‍य वन विकास निगम के अंतर्गत ग्‍वालियर जिले की कोई भी वन भूमि नहीं है। अत: जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कृषकों को समर्थन मूल्य का भुगतान

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

11. ( क्र. 968 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2021-22 में खरीफ एवं रबी की फसलों धान, गेहूं, चना, सरसों, बाजरा आदि को कितने किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर बेचा गया? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या ग्वालियर जिले के किसानों द्वारा बेची गई फसलों की राशि का समस्त भुगतान किसानों का हो गया है? यदि हाँ, तो इनकी राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा और कौन-कौन से किसानों को हो गया है? यदि नहीं, तो इनकी राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा और कौन-कौन से किसान राशि भुगतान हेतु शेष हैं? उनका नाम, पिता/पति का नाम, पता सहित पूर्ण विवरण देवें। (ग) भुगतान न होने की स्थिति में दोषी कौन है? दोषी समूहों, अधिकारियों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) मध्यप्रदेश कृषि मंडी बोर्ड द्वारा भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितनी एवं कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण किया गया है एवं इनके रख-रखाव एवं मरम्मत का क्या प्रावधान है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान, गेहूं एवं बाजरा की उपार्जित मात्रा एवं विक्रेता कृषकों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जिले में चना एवं सरसों का उपार्जन निरंक है। कृषकवार समर्थन मूल्‍य पर धान, गेहूं एवं बाजरा विक्रय करने वाले कृषकों की सूची ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्‍ध है। (ख) जी हाँ। ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान, गेहूं, चना, सरसों एवं बाजरा का पूर्ण भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्‍वालियर जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान, गेहूं, चना, सरसों एवं बाजरा का पूर्ण भुगतान किसानों को हो जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मध्‍यप्रदेश राज्‍य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा ग्रामीण सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

सिंचाई से वंचित ग्राम

[जल संसाधन]

12. ( क्र. 990 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा में सिंचाई सुविधा से कितने ग्राम लाभान्वित है तथा कितने ग्राम वंचित है? विकासखण्‍डवार ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) घोघरी, पारसडोह, गढ़ा मेंढा एवं निरगुड जलाशय से बैतूल विधानसभा के कितने ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? उक्‍त ग्रामों में कितने हेक्‍टेयर भूमि सिंचित होगी तथा कितने ग्राम इन परियोजनाओं से वंचित हैं? उनके वंचित होने का क्‍या कारण है? लाभान्वित ग्रामों व वंचित ग्रामों की संख्‍या विकासखण्‍डवार उपलबध कराएं। (ग) ग्राम सुनारखापा, गौंडीगोला, छाता, जूनावानी एवं धनोरी को उक्‍त परियोजना से क्‍यों नहीं जोड़ा जा रहा है? इन ग्रामों को कब तक सिंचित करने की शासन की क्‍या योजना है? (घ) विधानसभा बैतूल के कौन-कौन सी नवीन जलाशय की साध्‍यता विभागीय वेबसाइट पर अपलोड है? सूची उपलबध करावें। इन्‍हें कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बैतूल में सिंचाई सुविधा से लाभांवित ग्रामों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। सिंचाई सुविधा से वंचित ग्रामों की जानकारी मैदानी स्‍तर पर संधारित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। सिंचाई सुविधा से वंचित ग्रामों की जानकारी मैदानी स्‍तर पर संधारित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) सिंचाई परियोजनाओं हेतु जल की उपलब्‍धता, परियोजना विशेष के कमाण्‍ड क्षेत्र से बाहर होने, परियोजनाओं की जल संग्रहण क्षमता एवं तकनीकी रूप से सिंचित किया जाना संभव नहीं होने के कारण ग्राम सुनारखापा, गौड़ीगौला, छाता, जूनावानी एवं धनोरी को इन परियोजनाओं से नहीं जोड़ा गया है तथापि इन ग्रामों के कुछ रकबे में सिंचाई हेतु जल उपलब्‍ध कराया जा रहा है जिसकी  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''3'' अनुसार है। । इन ग्रामों के वंचित रकबे को सिंचित करने की वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नामांतरण की फाइल ऑनलाइन दर्ज करना

[राजस्व]

13. ( क्र. 1034 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्देरी विधानसभा अंतर्गत ईसागढ़ तहसील, कदवाया वृत्‍त, सारसखेड़ी वृत्‍त में कितने नामांतरण की फाइल ऑनलाइन दर्ज है? संख्यावार जानकारी दें? नामांतरण की फाइल के विलंब होने का क्या कारण है? (ख) नामांतरण, बंटवारा समय-सीमा में क्यों नहीं किये गए इसमें संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी कितने नोटिस कब-कब दिए गए जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें? (ग) ईसागढ़ अनुभाग के समस्त तहसील वृत्‍त में नामांतरण एवं बंटवारा, बटांकन की फाइल निरस्त करने का क्या कारण रहा स्पष्ट बताने का कष्ट करें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) चन्‍देरी विधानसभा अंतर्गत ईसागढ़ तहसील, कदवाया वृत्‍त में 822 नामांतरण के प्रकरण ऑनलाईन दर्ज है एवं सारसखेड़ी वृत्‍त में 733 नामांतरण के प्रकरण ऑनलाईन दर्ज है। प्रकरणों का निराकरण भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों के अंतर्गत किया जाता है। नामांतरण में विलम्‍ब होने का कारण प्रकरणों के विवादित प्रकृति के होने एवं पीठासीन अधिकारी के पंचायत निर्वाचन में व्‍यस्‍त होने से है। (ख) राजस्‍व प्रकरणों का नियमानुसार निराकरण किया जाता है। (ग) ईसागढ़ अनुभाग की समस्‍त तहसील राजस्‍व वृत्‍त में नामांतरण एवं बंटवारा, बटांकन के प्रकरणों का विधि अनुसार निराकरण किया गया।

पात्रता पर्ची का वितरण ना होना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

14. ( क्र. 1035 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) चन्देरी विधानसभा अंतर्गत ईसागढ़ जनपद की ग्राम पंचायतों द्वारा पात्रता पर्ची हेतू आवेदन ऑनलाइन कर दिए गए थे? जोकि 3 माह पहले जनपद पंचायत द्वारा भी स्वीकृत कर दिए गए है क्या कारण है कि अभी तक पात्रता पर्ची नहीं आई है जैसे समग्र आई.डी. क्रमांक 47543021, 47103283, 28508283, 40279634, 47184208, 47229273, 47228051, 47630828, 28544256, 29203534, 46890474, 33081236, 24483148, 39403091 (ख) जिससे राशन नहीं मिल पा रहा है NIC भोपाल और खाद विभाग द्वारा कब तक पात्रता पर्ची ऑनलाइन राशन मित्र एप के माध्यम से आ जाएगी समय-सीमा बताने का कष्ट करें?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) चंदेरी विधानसभा अंतर्गत ईसागढ़ जनपद अंतर्गत विगत 03 माह में राशन मित्र पोर्टल अनुसार 291 पात्रता पर्ची जारी हो चुकी है। प्रश्‍न में वर्णित समग्र आई.डी. का विवरण निम्‍नानुसार है:-

  1. 47543021-ग्राम पंचायत स्‍तर से राशन मित्र पोर्टल पर कोई आवेदन नहीं किया गया है।
  2. 47103283-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज सही नहीं है।
  3. 28508283-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज सही नहीं है।
  4. 40279634-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज सही नहीं है।
  5. 47184208-ग्राम पंचायत स्‍तर से राशन मित्र पोर्टल पर कोई आवेदन नहीं किया गया है।
  6. 47229273-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज सही नहीं है।
  7. 47228051- जनपद द्वारा निरस्‍त।
  8. 47630828-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज सही नहीं है।
  9. 28544256-ग्राम पंचायत स्‍तर से राशन मित्र पोर्टल पर कोई आवेदन नहीं किया गया है।
  10. 29203534-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज स्‍पष्‍ट रूप से प्रदर्शित नहीं।
  11. 46890474-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तोवज सही नहीं।
  12. 33081236-ग्राम पंचायत स्‍तर से राशन मित्र पोर्टल पर कोई आवेदन नहीं किया गया है।
  13. 24483148-ग्राम पंचायत स्‍तर से राशन मित्र पोर्टल पर कोई आवेदन नहीं किया गया है।
  14. 39403091-आवेदन अस्‍थायी रूप से रिजेक्‍ट आवेदक के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज सही नहीं।

(ख) ग्राम पंचायत स्‍तर से प्रमाणित दस्‍तावेज के साथ राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन करने के उपरांत सही पाये जाने पर जनपद स्‍तर एवं जे.एस.ओ. स्‍तर से सत्‍यापन के उपरांत आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी की जाती है।

परिवहन विभाग से प्राप्‍त राजस्‍व

[परिवहन]

15. ( क्र. 1075 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) प्रश्‍नकर्ता के द्वारा परिवहन आयुक्‍त को पत्र क्रमांक 3179 दिनांक 31.12.2022 के माध्‍यम से जबलपुर जिले से विभाग को प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी के संबंध में लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो तत्‍संबंध में परिवहन विभाग को जबलपुर जिले से पिछले तीन वर्षों में प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी प्रदान करें। (ग) क्‍या जबलपुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पिछले कई माह से स्‍टेशनरी उपलब्‍ध न होने के कारण नागरिकों को लाइसेन्‍स एवं अन्‍य दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं कराए जा रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो इसके कारण से अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले से विभाग को विगत तीन वर्षों में प्राप्त राजस्व का वर्षवार विवरण निम्न है:-

 

स.क्र.

वर्ष

प्राप्त राजस्व (राशि रूपयों में)

1

2020-2021

165,83,18,940.00

2

2021-2022

183,69,37,658.00

3

2022-2023 (20 फरवरी 2023 की स्थिति में)

202,21,98,985.00

(ग) एवं (घ) सेवा प्रदाता (स्मार्ट चिप कंपनी) वैश्‍विक स्तर पर चिप की समस्या के कारण कार्ड कुछ दिवसों पर समय पर उपलब्ध नहीं करा सकी किन्तु समय-समय पर समस्या का समाधान करके कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित की गई एवं लायसेंस व अन्य दस्तावेज तैयार किये जाकर जारी किये जा रहे हैं।

खनिज के विक्रय/रॉयल्‍टी से प्राप्‍त राजस्‍व

[खनिज साधन]

16. ( क्र. 1076 ) श्री तरूण भनोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के द्वारा प्रमुख सचिव, खनिज विभाग को पत्र क्रमांक - 3182, दिनांक 31.12.2022 के माध्‍यम से जबलपुर जिले में विभाग को खनिजों के विक्रय/रॉयल्‍टी से प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी के संबंध में लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो तत्‍संबंध में खनिज विभाग को जबलपुर जिले से पिछले तीन वर्षों में प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी प्रदान करें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में विभाग को विगत तीन वर्षों में कुल 275.98 करोड़ राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है।

वनोपज से प्राप्‍त राजस्‍व

[वन]

17. ( क्र. 1077 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) प्रश्‍नकर्ता के द्वारा प्रमुख सचिव, वन विभाग को पत्र क्रमांक 3181, दिनांक 31.12.2022 के माध्‍यम से जबलपुर जिले से विभाग को वनोपज से प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी के संबंध में लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो तत्‍संबंध में वन विभाग को जबलपुर जिले से पिछले तीन वर्षों में प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी प्रदान करें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वर्ष

वनोपज से प्राप्‍त राजस्‍व (रूपयों में)

1

2019-20

1,50,78,505

2

2020-21

2,01,81,656

3

2021-22

2,05,62,678

 

योग

5,58,22,839



 

 

आवासीय प्‍लॉटों का कम्‍प्‍यूटर में इन्‍द्राज

[राजस्व]

18. ( क्र. 1099 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या., तलेनी, सारंगपुर, जिला-राजगढ़ के आवासीय प्‍लॉटों का रिकार्ड कम्‍प्‍यूटर में कब तक इंद्राज किया जाएगा। आवासीय प्‍लॉटों का कम्‍प्‍यूटर में इंद्राज करने हेतु विगत 7 माह पूर्व अभ्‍यावेदन देने के पश्‍चात भी कम्‍प्‍यूटर में इंद्राज नहीं किये गये है तथा कॉलोनी के बंद रास्‍तों को कब तक खोला जाएगा? (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सारंगपुर (रजगढ़) द्वारा प्रकरण क्रमांक-41/बी-121/2022-23 दिनांक 18.07.2022 को दर्ज कर जांच की गई थी। प्रकरण की प्रोसिडिंग निर्णय तथा समय-समय पर जारी किये गये नोटिस से अवगत कराया जाएगा। निर्णय अनुसार कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन दोषी है? क्‍या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। यदि नहीं, तो स्‍पष्‍ट करें। (ग) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सारंगपुर के पत्र क्रमांक/38/स्‍टेनो/2022 सारंगपुर दिनांक 04.01.2023 के संबंध में कलेक्‍टर राजगढ़ द्वारा अभी तक अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की गई है या नहीं तथा की गई कार्यवाही के आदेशों से अवगत कराया जाएगा? (घ) अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सारंगपुर जिला-राजगढ़ के पारित निर्णय के अनुसार कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, हाँ तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित तलेनी, सारंगपुर जिला राजगढ़ के संबंध में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 115 के अंतर्गत न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर के समक्ष प्रकरण क्रमांक 151/अ-6-अ/2022-23 दिनांक 29-1-2023 न्‍यायाधीन है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सारंगपुर जिला राजगढ़ द्वारा प्रकरण क्रमांक 41/बी-121/2022-23 दिनांक 23.09.2022 में पारित निर्णय अनुसार अतिक्रामक के विरूद्ध अतिक्रमण हटाने एवं प्रधानमंत्री आवास योजना का गलत लाभ लिये जाने के कारण प्राथमिकी दर्ज करने हेतु पुलिस थाना सारंगपुर को पत्र लिखा गया है। निर्णय अनुसार कार्यवाही नहीं करने के कारण सी.एम.ओ. नगर पालिका सारंगपुर के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर राजगढ़ के समक्ष प्रचलित है। (ग) कलेक्‍टर जिला राजगढ़ द्वारा दिनांक 6-2-2023 में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।                                     (घ) जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है।

विकलांग कोटे से भूमि आरक्षण

[राजस्व]

19. ( क्र. 1147 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्‍या भोपाल जिले के विकलांग श्री गणेश यादव संरक्षक पिता श्री टीकाराम यादव, अधिवक्‍ता ने विकलांग कोटे पर भूमि आधिपत्‍य एवं आरक्षण चाहा गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उपरोक्‍त मामले में माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर की पिटीशन डब्‍ल्‍यू.पी.4902/2002 के आदेश दिनांक 28/06/2005 में शासन को भूमि आवंटन संबंधी दिशा-निर्देश भी‍ दिये थे? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या न्‍यायालय तहसीलदार तहसील कोलार भोपाल ने दिनांक 12/12/2019 को आवेदक के पक्ष में भूमि आरक्षण किये जाने के संबंध में इश्‍तेहार जारी कराया था? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक आवेदक को कोई भी भूमि का आवंटन नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय की डब्‍ल्‍यू. पी. नम्बर 4902/2002 में दिनांक 28.08.2005 को आवेदक की याचिका पर नियमानुसार कार्यवाही किए जाने के आदेश पारित किए गए थे। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में तहसीलदार, तहसील कोलार द्वारा आवेदक की भूमि के आवंटन हेतु प्रकरण क्रमांक 42/बी-121/2020-21 दर्ज किया गया। नजूल निर्वतन निर्देश, 2020 के प्रावधानों के अनुसार आवेदक का आवेदन निरस्त किया गया। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नामान्तरण एवं सीमांकन

[राजस्व]

20. ( क्र. 1153 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक दमोह विधानसभा क्षेत्र के किस-किस ग्राम में नामांतरण/ बटांकन एवं सीमांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? नामवार, ग्रामवार सूची देवें। कितने आवेदन 2 माह या इससे अधिक अवधि के लंबित हैं?                                                   (ख) जुलाई 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक दमोह तहसील कार्यालय से नामांतरण/बटांकन एवं सीमांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुए? सूची देवें। कितने प्लॉटों का सीमांकन किया गया? कितने नामांतरण किए हैं? (ग) क्या शासन नामांतरण बंटवारे के लम्बित प्रकरणों के निराकरण के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित करेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वांछित जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक

प्राप्‍त

निराकृत

शेष

दो माह से अधिक

1

नामांतरण

13857

12323

1534

89

2

बंटाकन

502

479

23

8

3

सीमांकन

3552

2991

561

109

प्रकरणों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्र.

जुलाई 22 से प्रश्‍न दिनांक तक

प्राप्‍त

निराकृत

शेष

1

नामांतरण

4997

4298

699

2

बंटाकन

95

64

31

3

सीमांकन

949

562

387

प्रकरणों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।

पी.एम. किसान सम्मान निधि की राशि की किसानों से वसूली

[राजस्व]

21. ( क्र. 1155 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.एम. किसान सम्मान निधि मध्य प्रदेश में योजना कब से प्रारंभ की गई है? क्या सभी किसानों के लिए इस योजना का लाभ मिल रहा है? यदि हाँ, तो लाभान्वित किसानों की संख्या बताएं? (ख) क्या पी.एम. किसान सम्मान निधि की राशि किसानों से वापस लिए जाने हेतु नोटिस दिए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? दमोह जिले के किसान, जिनके लिए पी.एम. किसान सम्मान निधि राशि वापस लिए जाने हेतु नोटिस दिए गए, उनके नाम, गांव का नाम, विकासखण्‍ड एवं वसूली जाने वाली राशि की सूची विकासखण्डवार देवें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) सूची अनुसार किसानों से पैसे वापस लिए जा रहे हैं? जिन किसानों को पी.एम. किसान सम्मान निधि का पैसा मिल गया है, ऐसे त्रुटि करने वाले अधिकारियों पर विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?                               (घ) प्रश्‍नांश (ख) की सूची अनुसार किसानों से वसूली जाने वाली राशि को, किसानों के सम्मान में, सरकार माफ करने, रोक लगाने हेतु आदेश करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) पी.एम. किसान सम्मान निधि योजना मध्‍य प्रदेश में दिसम्‍बर, 2018 से प्रभावशील है। जी नहीं। पी.एम. किसान पोर्टल पर उपलब्‍ध जानकारी अनुसार 85,12,176 पात्र हितग्राही लाभान्वित हुये हैं। (ख) योजना के प्रारम्‍भ से निर्देशों के अनुक्रम में हितग्राहियों को स्‍व-घोषणा अनुसार लाभ दिया गया है। तदुपरांत जांच में अपात्र पाए जाने पर, अपात्र हितग्राहियों से अपात्रता अवधि में प्रदत्‍त राशि की वसूली प्रावधानित है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) पी.एम. किसान सम्मान निधि योजना का संचालन एवं भुगतान भारत सरकार द्वारा किये जाने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ड्रायवर ट्रेनिंग इंस्ट्यूट की स्‍थापना

[परिवहन]

22. ( क्र. 1159 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) विभाग में बरगी‍ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ड्रायवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गए पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) उक्त प्रस्ताव हेतु वांछित अतिक्रमण मुक्त भूमि आवंटन हो गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ग) उक्त ड्रायवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव दिनांक 22.01.21 को केन्द्र सरकार को भेजा गया है? यदि हाँ, तो पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराये एवं बताएं की उक्त‍ के संबध में प्रश्‍न दिनांक तक कोई प्रतिउत्तर प्राप्त हुआ है? प्रति उपलब्ध करायें। यदि कोई प्रतिउत्‍तर केन्द्र सरकार से प्राप्त‍ नहीं हुआ है तो विभाग द्वारा कब-कब स्मरण-पत्र जारी किये? (घ) विभाग कब तक केन्द्र सरकार को उक्त के संबंध में पुन: स्मरण पत्र जारी कर स्वीकृति का अनुरोध करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ड्रायवर ट्रेनिंग इंस्‍टि‍ट्यूट खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव लम्बित है। बरगी, जबलपुर जिले से प्राप्त आवेदन के क्रम में परिवहन आयुक्‍त द्वारा अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 464/टीसी/2020 ग्वालियर, दिनांक 22.01.2021 तथा इसके पश्चात् प्रदेश के जिलों में ड्रायविंग ट्रेनिंग सेन्टर खोले जाने के संबंध में संयुक्त सचिव, भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (रोड सेफ्टी सेल) को परिवहन आयुक्‍त के पत्र क्रमांक 35/तकनीकी/टीसी/2021 दिनांक 03.01.2022 प्रेषित किया गया। उक्त प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में परीक्षणाधीन है। प्रेषित पत्रों की छायाप्रतियाँ  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट (क) एवं (ख) अनुसार  है। (ख) न्यायालय कलेक्टर जबलपुर द्वारा जारी आदेश दिनांक 22.07.2020 द्वारा भूमि आवंटित की गई है। भूमि आवंटन आदेश की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट (ग) अनुसार  है। (ग) उक्त प्रस्ताव के क्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा ड्रायविंग ट्रेनिंग सेन्टर की स्वीकृति हेतु पत्र क्रमांक RT-25044/135/2022-RS दिनांक 16.06.2022 क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जबलपुर को सीधे लेख करते हुए, 13 बिन्दुओं पर जानकारी मांगी है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, जबलपुर और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मध्य पत्राचार जारी है। MoRTH का पत्र  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट (घ) अनुसार है। (घ) ड्रायविंग ट्रेनिंग इंस्‍टि‍ट्यूट की स्वीकृति पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अन्तिम निर्णय लिया जायेगा।

डी.एम.एफ. की राशि से किये गये कार्य

[खनिज साधन]

23. ( क्र. 1179 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक छतरपुर जिले को डी.एम.एफ. (जिला खनिज निधि) से कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ख) प्राप्‍त राशि में से कौन-कौन से कार्य किस-किस स्‍थान पर किस-किस की अनुशंसा पर किस-किस दिनांकों में किए गये?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में फण्‍ड में राशि रूपये 25,55,27,038/- प्राप्‍त हुई है। (ख) जिले में गठित न्‍यास मण्‍डल की अनुशंसा अनुसार प्राप्‍त राशि से किये गये कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "चउवन"

हरपालपुर से नौगांव छतरपुर हेतु बस सुविधा

[परिवहन]

24. ( क्र. 1180 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर में मात्र एक ही रेल्‍वे स्‍टेशन हरपालपुर है जिसमें रात 7:30 के बाद कोई भी बस हरपालपुर से नौगांव छतरपुर को सुबह 5:00 बजे के मध्‍य नहीं हैं। जिसमें रात्रि में आने वाली ट्रेनों की सवारी (वृद्ध महिला, बच्‍चे एवं व्‍यापारियों) को रात्रि में मजबूरी में स्‍टेशन पर रूकना पड़ता हैं क्‍या रात्रि में 7:30 के बाद 9 से 10 बजे के मध्‍य नौगांव छतरपुर हेतु बस चलाई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) :  हरपालपुर से नौगांव छतरपुर के लिए पूर्व से ही 07.30 बजे के उपरांत रात्रि 08.10 बजे तरन्‍नुम खान के स्‍वामित्‍व की यात्री बस क्र. एमपी 16 पी 0397 संचालित है। तदोपरांत रात्रि में 02.30 बजे रामगोपाल राय के स्‍वामित्‍व की यात्री बस क्र. एमपी 16 पी 0298, रात्रि 03.00 बजे विश्‍वनाथ गुप्‍ता के स्‍वामित्‍व की यात्री बस क्र. एमपी 16 पी 1699 एवं 03.30 बजे विश्‍वनाथ गुप्‍ता के स्‍वामित्‍व की यात्री बस क्र. एमपी 16 पी 0199 संचालित है। यदि किसी आवेदक द्वारा अन्‍य किसी समयचक्र पर वाहन संचालन हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही कर अस्‍थाई परमिट जारी किया जावेगा।

राशन कार्ड हेतु आवेदन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( क्र. 1347 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र में कितने लोगों ने पात्रता पर्ची के लिए आवेदन किया है? आवेदनों की संख्‍या निकायवार बताएं? (ख) उपरोक्‍त में से कितने आवेदन स्‍वीकृत किये जाकर कितने आवेदकों के नाम पात्रता पर्ची जारी किये गये? (ग) कितने आवेदन अभी तक लंबित हैं तथा कितने आवेदन अस्‍वीकृत किये गये? आवेदन के लंबित होने या अस्‍वीकृत होने का कारण भी बताएं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक पात्रता पर्ची बनाने के लिए नगर पंचायत चाचौड़ा में 812, नगर पंचायत कुंभराज में 893, नगर परिसर मधुसूदनगढ़ में 481, जनपद पंचायत चाचौड़ा में 11268 तथा तहसील मधुसूदनगढ़ में 4572 आवेदन प्राप्‍त हुए है। (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत सम्मिलित शासन द्वारा 28 श्रेणियों में पात्र पाये गये हितग्राहियों का पात्रता पर्ची का सत्‍यापन किया जाकर 18,026 आवेदन स्‍वीकृत किये जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अंतर्गत निकाय द्वारा स्‍वीकृत किये गये आवेदनों में पात्रता पर्ची जारी किये जाने हेतु कोई भी आवेदन लंबित नहीं है सभी की एन्‍ट्री उनके पात्र दस्‍तावेजों के आधार पर शासन द्वारा पात्रता पर्ची जारी किये जाने वाले पोर्टल एम. राशन मित्र पर की गई है। इसलिए कोई आवेदन लंबित नहीं। इसलिए पोर्टल पर पात्र पाये गये आवेदनों का अस्‍वीकृत होने का कोई प्रश्‍न नहीं है।

वन समिति के संबंध में प्रभावी नियम

[वन]

26. ( क्र. 1412 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15 नवम्‍बर 2022 के किस-किस नियम में अधिसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभा की सीमा में कार्यरत संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति, वन विकास अभिकरण समिति एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के संबंध में किस अध्‍याय के किस नियम में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिया है? (ख) नियम 2022 के अध्‍याय बारह में क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं? उनमें संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति तथा वन विकास अभिकरण समितियों को शामिल नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है? (ग) ग्राम के पटवारी मानचित्र, निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किन-किन सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों, सामुदायिक, परम्‍परागत एवं रूढ़िक अधिकारों के लिए दर्ज संसाधनों पर ग्रामसभाओं को क्‍या-क्‍या अधिकार संविधान की 11वीं अनुसूची, वन अधिकार कानून 2006 में दिया है? वह समस्‍त अधिकार पेसा नियम 2022 में ग्रामसभा को नहीं दिए जाने का क्‍या कारण है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दिनांक 15 नवम्‍बर, 2022 को अधिसूचित मध्‍यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्‍तार) नियम, 2022 में प्रश्‍नाधीन समितियों संबंधी कोई प्रावधान नहीं दिया गया है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति तथा वन विकास अभिकरण समितियों को शामिल नहीं किए जाने का कारण नियम 25 (1) में गौण वनोपज का परम्‍परागत प्रबंधन हेतु ग्राम सभा द्वारा वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति का गठन करने का प्रावधान रहा है। (ग) संविधान की 11वीं अनुसूची में अनुच्‍छेद 243छ में लघु वनोपज का विषय शामिल है  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वन अधिकार कानून 2006 की धारा-3 में सामुदायिक अधिकार दिये गए हैं, छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। प्रश्‍नाधीन नियम के नियम 12 में ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की शक्तियां एवं कृत्‍य दिये गये हैं जो उत्‍तरांश (ख) में रखे पुस्तकालय परिशिष्‍ट में समाहित है

भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधान

[राजस्व]

27. ( क्र. 1415 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 में क्‍या-क्‍या प्रावधान रहे हैं, किस-किस दिनांक को धारा 237 में क्‍या-क्‍या संशोधन अधिसूचित किए गए? (ख) धारा 237 (1) में सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजन के लिए आरक्षित कितनी-कितनी भूमि राजस्‍व विभाग निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज किया जाना वर्ष 2020 में प्रतिवेदित/प्रकाशित कर चुका है? बैतूल जिले की जानकारी दें। (ग) धारा 237 (1) में किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों को किन-किन कार्यों के लिए आवंटित किए जाने के क्‍या-क्‍या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित हैं, उनमें आवंटन की क्‍या-क्‍या प्रक्रिया निर्धारित की गई हैं प्रति सहित बतावें। (घ) धारा 237 (1) में किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों को किस-किस प्रावधान के तहत निजी क्षेत्र के व्‍यवसायिक उद्देश्‍यों के लिए आवंटित नहीं किया जा सकता?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता की धारा 237 के प्रावधान की  प्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है, जिसमें संशोधित अधिनियम का लेख है। (ख) बैतूल जिले में वार्षिक फसल ऋतु प्रतिवेदन 2019-20 के अनुसार आबादी मद में 3381 हे.,अमराई 23 हे., बड़े झाड़ का जंगल 112018 हे., छोटे झाड़ का जंगल 27603 हे., पानी के अंतर्गत 29307 हे.,पहाड़ चट्टान 22374 हे. एवं सड़क व ईमारत 14525 हे. कुल 208907 हे. भूमि में से सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन हेतु भूमि प्रतिवेदित की गई है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार है।

परिशिष्ट - "पचपन"

वनग्रामों की मिसल बन्‍दोबस्‍त

[वन]

28. ( क्र. 1416 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर, धार, खरगोन एवं बड़वानी जिले में वन विभाग द्वारा वर्तमान में प्रतिवेदित किस-किस ग्राम की वर्ष 1928-29, वर्ष 1948-49 की मिसल बन्‍दोबस्‍त, जिला राजस्‍व अभिलेखागार एवं संबंधित वनमण्‍डल में उपलब्‍ध है? उनमें कितनी भूमि को कितने पक्‍का कृषक, साधारण कृषक के नाम पर दर्ज बताया है? कितनी भूमि गैरखाते में दर्ज बताया है तथा कितनी भूमि बाजिबुल अर्ज में दर्ज बताई है?                                                        (ख) ग्रामों की मिसल बन्‍दोबस्‍त, पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, खतौनी पंजी, बाजिबुल अर्ज बनाए जाने की कार्यवाही राजस्‍व विभाग ने किस कानून के तहत की? ग्रामों की मिसल में दर्ज पक्‍का कृषक एवं साधारण कृषक को भू-स्‍वामी हक किस कानून के तहत कब प्रदान किया? (ग) राजस्‍व विभाग द्वारा बनाई गई मिसल बन्‍दोबस्‍त में बताए गए ग्रामों को वन ग्राम तथा भूमियों को आरक्षित वन भूमि किस अधिसूचना/आदेश से अधिसूचित/आदेशित किया? प्रति सहित बतावें।                                        (घ) जिन ग्रामों की मिसल बन्‍दोबस्‍त है उनमें से किस ग्राम की राजस्‍व भू-पोर्टल पर पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी वर्तमान में उपलब्‍ध है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सीमांकन की कार्यवाही

[राजस्व]

29. ( क्र. 1419 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के लोक सेवा केन्‍द्र में ग्राम मोयदा के 5 किसानों द्वारा दिनांक 18/06/2020 एवं 2 किसानों द्वारा दिनांक 19/06/2020 को सीमांकन हेतु दिए आवेदन पत्र में सीमांकन की तिथि के संबंध में क्‍या-क्‍या सूचना आवेदकों को दी गई? (ख) ग्राम मोयदा की ऑनलाईन खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र के आधार पर किस-किस आवेदनकर्ता की भूमि का किस-किस दिनांक को पटवारी, राजस्‍व निरीक्षक ने सीमांकन किया? किस-किस दिनांक को नायब तहसीलदार/तहसीलदार ने सीमांकन बावत् पटवारी, राजस्‍व निरीक्षक को निर्देश दिए? (ग) सीमांकन आवेदनों पर प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी सीमांकन नहीं किए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह, अपर कलेक्‍टर एवं कलेक्‍टर खरगोन ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही तहसीलदार/नायब तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी के विरूद्ध की? यदि कार्यवाही नहीं की हो तो उसका कारण बतावें। (घ) दिनांक 18/06/2020 एवं दिनांक 19/06/2020 को दिए गए सीमांकन आवेदन पर कब तक सीमांकन की कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला खरगोन लोक सेवा केन्द्र बड़वाह में वन ग्राम मोयदा के कृषकों के भूमि सीमांकन हेतु आवेदन पत्र प्रेषित किये गये थे, जो न्यायालय तहसीलदार बड़वाह में दर्ज प्रकरण क्रमांक 6, 7, 8, 9, 11, 12, 13/अ-12/2020-21 में दर्ज होकर तत्कालीन तहसीलदार द्वारा वन ग्राम से संबंधित आवेदन होने पर निरस्त किया गया हैI                                                  (ख) तहसील बड़वाह के वनग्राम- मोयदा में आवेदनकर्ता की किसी भी भूमि का पटवारी, राजस्व निरीक्षक ने सीमांकन कार्य नहीं किया गया एवं नायब तहसीलदार/तहसीलदार ने सीमांकन बावत् पटवारी, राजस्व निरीक्षक को निर्देशित नहीं किया गयाI (ग) लोक सेवा केन्द्र बड़वाह में दिए गये आवेदन वनग्राम की भूमि होने से तत्कालीन तहसीलदार द्वारा सीमांकन आवेदन निरस्त किये गये हैI म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा 1 (2) के अनुसार भू.रा.सं. 1959 के प्रावधानों भारतीय वन अधिनियम 1927 के अधीन समय-समय पर आरक्षित एवं संरक्षित वनों के रूप में गठित क्षेत्र पर लागू नहीं होते है I अतः सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गई I (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा दिए गए कार्य

[वन]

30. ( क्र. 1420 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी, शाहपुर एवं चिचोली अधिसूचित ब्‍लॉक में कौन-कौन सी प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां कार्यरत हैं इन समितियों ने गत पांच वर्षों में ग्रामीण विकास एवं वन विकास के कितनी लागत के किस-किस कार्य के प्रस्‍ताव लिए? (ख) किस-किस प्रस्‍ताव को मध्‍यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने किस दिनांक को मान्‍य कर कितनी राशि आवंटित की? किस प्रस्‍ताव पर संघ के मुख्‍यालय एवं संघ के महाप्रबंधक ने क्‍या-क्‍या आपत्ति किस-किस दिनांक को ली? कौन-कौन सा प्रस्‍ताव किस स्‍तर पर लम्बित है? लागत सहित बतावें। (ग) किस-किस समिति द्वारा संग्रहित कितनी-कितनी लघु वनोपज के शुद्ध लाभ की कितनी-कितनी राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति को गत पांच वर्षों में उपलबध करवाई? ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की कितनी राशि लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल के पास जमा है? (घ) लघु वनोपज सहकारी संघ एवं उसके महाप्रबंधकों को समितियों के प्रस्‍ता‍वों पर किन-किन कारणों से आपत्ति लिए जाने, प्रस्‍ताव निरस्‍त किए जाने का क्‍या-क्‍या अधिकार राज्‍य शासन के किस-किस आदेश से दिया है? इस संबंध में संघ की उपविधि की किस कंडिका में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिया है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी, शाहपुर एवं चिचौली अधिसूचित ब्लॉक में कार्यरत प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त समितियों में गत पांच वर्षों में ग्रामीण विकास एवं वन विकास कार्य के प्राप्त प्रस्ताव की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों को गत पांच वर्षों में ग्रामीण विकास एवं वन विकास की उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। ग्रामीण विकास मद में जिला यूनियन उत्तर बैतूल हेतु राशि रूपये 192.69 लाख एवं वन विकास मद में जिला यूनियन उत्तर बैतूल हेतु 320.28 लाख की राशि लघु वनोपज संघ भोपाल के पास जमा है। (घ) राज्य में लघु वनोपजों का व्यापार त्रिस्तरीय सहकारिता की संरचना के तहत किया जाता है, जिसमें प्राथमिक स्तर पर प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां, जिला स्तर पर जिला स्तरीय सहकारी यूनियन तथा शीर्ष स्तर पर म.प्र. लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल कार्यरत है। इसी संरचना के तहत वनोपज व्यापार के लाभ से ग्रामीण अधोसंरचना एवं वन विकास मद के कार्यों के संबंध में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्णय लिया जाता है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति में उप नियम 3 (7) में भी तद्नुसार प्रावधान दिये गये है। छायाप्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।

जनपद स्‍तर पर विभागीय अमले की पदस्‍थापना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

31. ( क्र. 1430 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) जनपद स्‍तर पर विभिन्‍न विभागों की योजनाएं संचालित है, जिसमें से खाद्य विभाग द्वारा विभागीय अमले की पदस्‍थापना नहीं किये जाने से कार्य प्रभावित होता है, कब तक विभागीय अमले (निरीक्षक, लिपिक, कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर) की पदस्‍थापना की जावेगी समय-सीमा बतायें? (ख) वर्तमान में पदस्‍थ खाद्य निरीक्षकों का मुख्‍यालय जनपद पंचायत की जगह जिले में क्‍यों किया गया है? जनपद मुख्‍यालय न होने के कारण उक्‍त अधिकारियों अपनी जिम्‍मेदारियों के प्रति लापरवाह है जिससे हितग्राहियों को समय पर लाभ नहीं मिल पाता है, कब तक इनका मुख्‍यालय जनपद पंचायत नियत किये जाने के संबंध में आदेश जारी कर दिया जावेगा? यदि नहीं, किया जावेगा तो क्‍यों? सीधी जिले में खाद्य निरीक्षकों के विगत दो वर्षों की टूर डायरी एवं टूर प्रोग्राम की सत्‍यापित प्रतियां उपलब्‍ध करायें? (ग) खाद्यान्‍न कूपन जारी किये जाने हेतु अपनाई गई ऑनलाईन प्रक्रिया में ग्राम पंचायत से जिले तक कितने दिवस (समय-सीमा) में अपनी-अपनी लॉगिन से सत्‍यापित करने के निर्देश है? यदि उक्‍ताशय के निर्देश जारी नहीं किये गये है तो कब तक जारी किया जावेगा? जिले की लॉगिन में कई महीनों तक आवेदनों का सत्‍यापन नहीं किया जाता है इसकी जांच की जाकर कब तक कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बतायें?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला सीधी के लिए आवंटित सहायक आपूर्ति अधिकारी 02 पदों में 01 पद रिक्‍त है। जिला सीधी में कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी के सभी पद भरे हुए है। वर्तमान में पदोन्‍नतियों पर प्रतिबंध होने से विभाग अन्‍तर्गत प्रदेश में सहायक आपूर्ति अधिकारियों के 50 प्रतिशत से अधिक पद रिक्‍त है। पदोन्‍नतियां प्रारंभ होने पर अन्‍य जिलों में सहायक आपूर्ति अधिकारी की पदस्‍थापना के समय जिला सीधी में भी रिक्‍त सहायक आपूर्ति अधिकारी के पद की पूर्ति की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जिले में जनपद स्‍तर पर खाद्य विभाग में लिपिक के पद स्‍वीकृत नहीं है। जिले में कम्‍प्‍यूटर आपरेटर के नि‍युक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) सीधी जिले में जिला आपूर्ति अधिकारी का 01 पद एवं सहायक आपूर्ति अधिकारी तथा कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी के 02-02 पद आवंटित है। आवंटित पदों के विरूद्ध वास्‍तविक रूप से 02 कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी ही जिले में कार्यरत होने से विकासखण्‍ड स्‍तर पर मुख्‍यालय नहीं रखे जा सके है। जिला कार्यालय द्वारा उपलब्‍ध कराई गई जानकारी के अनुसार शिकायतों की जांच एवं पर्यवेक्षण हेतु दौरे किए जाते है 02 वर्षों की टूर डायरियां एवं टूर प्रोग्राम की सत्‍यापित प्रतियाँ उपलब्‍ध न होने से उपलब्‍ध कराई जाना संभव नहीं है। (ग) खाद्यान कूपन जारी किए जाने हेतु सामान्‍यत: 30 दिवस में कार्यवाही करने के निर्देश है। पात्र परिवारों को खाद्यान कूपन जारी करने हेतु ग्राम पंचायत/वार्ड लॉगिन, स्‍थानीय निकाय लॉगिन एवं जिला आपूर्ति अधिकारी/कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी लॉगिन से अपने-अपने क्षेत्राधिकार अन्‍तर्गत आवश्‍यक कार्यवाही नियमित रूप से की जाती है। वर्तमान में 30 दिवस से अधिक के प्रकरण लंबित नहीं है।

बैढ़न पटवारी के विरूद्ध शिकायतें

[राजस्व]

32. ( क्र. 1480 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) जिला सिंगरौली की तहसील सिंगरौली के पटवारी हल्‍का बैढ़न के पटवारी श्री उमेश कुमार नामदेव, विरूद्ध पदस्‍थी से प्रश्‍न दिनांक तक तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सिंगरौली, कलेक्‍टर एवं प्रभारी मंत्री सिंगरौली को कितनी शिकायतें कब-कब, किन-किन व्‍यक्तियों/महिलाओं द्वारा की गई तथा उन शिकायतों पर प्रश्‍न दिनांक तक पटवारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? सभी शिकायतों की प्रतियों सहित विवरण देवें? (ख) क्‍या यह सही है कि कलेक्‍टर सिंगरौली के पत्र क्रमांक 1137/शिका./2022/राजस्‍व विभाग/65 दिनांक 05/12/2022 एवं अनुविभागीय अधिकारी सिंगरौली के पत्र क्रमांक 683/एस.डी.ओ./री-03/22 दिनांक 07/12/2022 के संदर्भ में दिनांक 17/01/2023 को अनुविभागीय अधिकारी के पत्र क्रमांक 48/एस.डी.ओ./री-03/2023 में विभागीय और दण्‍डात्‍मक कार्यवाही किये जाने हेतु पत्र भेजा गया तथा तहसीलदार सिंगरौली को 3 दिवस में जांच भेजने हेतु लिखा गया यदि हाँ, तो तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन सहित विवरण देवें? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार बैढ़न पटवारी के विरूद्ध कई व्‍यक्तियों/महिलाओं द्वारा लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी उमेश कुमार नामदेव को बैढ़न हल्‍का से क्‍यों नहीं हटाया गया? कारण सहित जानकारी देवें? बैढ़न हल्‍का से उमेश नामदेव को कब तक हटा दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सिंगरौली अंतर्गत तहसील सिंगरौली नगर में पदस्‍थ पटवारी श्री उमेश नामदेव के विरूद्ध कुल 02 शिकायतें प्राप्‍त हुई है, विवरण निम्‍नानुसार है:- 1. दिनांक 09 नवम्‍बर 2022 को आवेदिका श्रीमती संध्‍या देवी पत्‍नी मोहनराय सा.शक्तिनगर (उत्‍तर प्रदेश) एवं प्रेमकली पुत्री ललनराम सा.जयंत जिला सिंगरौली (म.प्र.)। 2. दिनांक 18.11.2021 को श्री भुपेन्‍द्र द्विवेदी प्रदेश कार्यालय मंत्री सपाक्‍स पार्टी मध्‍यप्रदेश भोपाल। उक्‍त शिकायतों की प्रतियां  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्‍त शिकायतों की जांच प्रचलित है।                                                  (ग) शिकायत की जांच प्रचलित है, पुष्टि होने पर तत्‍काल कार्यवाही की जावेगी।

पट्टों का आवंटन

[राजस्व]

33. ( क्र. 1511 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) म.प्र. शासन द्वारा चरनोई का रकबा न्‍यूनतम 2 प्रतिशत रखते हुये उपलब्‍ध कृषि भूमि का अ.ज.जा. वर्ग के भूमि‍हीन व्‍यक्तियों को आवंटन किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावे साथ ही आदेश दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक मुरैना जिले की तहसीलों में कितने-कितने पट्टे दिये गये तहसीलदार विवरण देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या शासन के पत्र क्रमांक एफ/30-18/2002/7-2ए भोपाल दिनांक 21.01.2003 द्वारा चरनोई एवं अन्‍य मदों की दखल राहत भूमि का कृषि पट्टों पर रोक लगा दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या मुरैना जिले की भिन्‍न तहसीलों में उक्‍त आदेश के उपरांत भी उक्‍त चरनोई भूमि अन्‍य सर्वे सहित भूमि के अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के व्‍यक्तियों को भूमि आवंटित व्‍यवस्‍थापन की गई है? यदि हाँ, तो म.प्र.शासन के किए गए आदेश से की गई आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें? आवंटन एवं व्‍यवस्‍थापन की तहसीलवार हितग्राही का नाम निवासी रकबा एवं सर्वे क्रमांक सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में यदि कोई आदेश पारित नहीं किया गया है तो उक्‍त आवंटन एवं व्‍यवस्‍थापन के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? नाम व पद सहित बतावे एवं उक्‍त दोषि‍यों के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों? कार्यवाही कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 की उपधारा (3) के परन्‍तुक अनुसार चरनोई की भूमि को कृषक प्रयोजन के लिये व्‍यप‍वर्तित या आवंटित नहीं की जायेगी। (ख) जी हाँ। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छप्पन"

मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह राशि का प्रदाय

[श्रम]

34. ( क्र. 1513 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन द्वारा मृतक के आश्रितों को अनु्ग्रह राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसके क्‍या-क्‍या निर्देशिका है? उपलब्‍ध करावें। (ख) उक्‍त योजनांतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्राप्‍त हुए? संख्‍या बतावे। प्राप्‍त आवेदन में से कितने पात्र आवेदन पाये गये, कितनों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितने को राशि प्रदाय किया जाना है? विलंब का कारण बतावें। कितने आवेदन अपात्र किए गये अपात्र का कारण बतायें? (ग) उक्‍त योजना में पात्र हितग्राहियों को राशि स्‍वीकृत की जा चुकी है परंतु वर्षों बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें एवं इसके लिए दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के नाम मय पद के बतावें एवं उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्‍यु पर आश्रितों को अनुग्रह राशि प्रदान करने के लिये 'मृत्‍यु की दशा में अन्‍त्‍येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना' संचालित है। योजना से संबंधित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित संबल योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अनुग्रह सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। उक्त योजना में सामान्य मृत्यु की दशा में 2.00 लाख रूपये एवं दुर्घटना मृत्यु की दशा में 4.00 लाख रूपये का प्रावधान है। दिशा-निर्देश की जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।                                   (ख) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल एवं संबल योजना के अनुग्रह सहायता योजना के अंतर्गत सबलगढ़ विधानसभा से संबंधित वांछित जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रकरणों को अपात्र होने का कारण योजनांतर्गत पात्रता शर्तों को पूर्ण नहीं करना है। (ग) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को स्‍वीकृति उपरांत वर्षों के बाद भी राशि का भुगतान नहीं करने की स्थिति नहीं है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान शासन से प्राप्त बजट द्वारा किया जाता है।

आदिवासियों की जमीन से अवैध कब्‍जे को हटाए जाना

[राजस्व]

35. ( क्र. 1531 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले की स्‍लीमनाबाद तहसील ग्राम धरवारा के पटवारी हल्‍का नम्‍बर 28 में निवास करने वाले आदिवासियों की भूमि का नक्‍शा, बटांकन व इसी भूमि पर भू-माफियों द्वारा किये गये अवैध कब्‍जे को हटाने की कार्यवाही प्रश्‍न दिनांक तक की गई हैं? यदि नहीं, की गई तो क्‍यों?                                    (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त पटवारी हल्‍का नम्‍बर पर निवास करने वाले आदिवासियों की भी भूमि से भू-माफियों द्वारा किये गये अवैध कब्‍जे को हटाने के लिये प्रश्‍नकर्ता द्वारा कई बार विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया, किन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके लिये दोषी अधि‍कारी/कर्मचारी कौन-कौन हैं? इन पर क्‍या कार्यवही प्रस्‍तावित की जावेगी? (ग) ग्राम धरवारा पटवारी हल्‍का नम्‍बर 28 के खसरा नम्‍बर 1218 पर भी भू-माफियों द्वारा उक्‍त आदिवासी बस्‍ती को जाने वाले मार्ग पर अवैध कब्‍जा कर मार्ग को अवरूद्ध किया गया हैं। जिसको हटाने के लिये भी प्रश्‍नकर्ता द्वारा कई बार राजस्‍व विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों को पत्राचार किया गया किन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक प्रशासन द्वारा क्‍या कोई कार्यवाही की गई? नहीं तो क्‍यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला कटनी अंतर्गत तहसील के ग्राम धरवारा पटवारी हल्‍का नम्‍बर 28 स्थित भूमि खसरा नम्‍बर 1209 एवं 1212 के सभी अंटाकों की तरमीम ग्राम नक्‍शा में कराई जा चुकी है। इसी भूती के अंश भाग खसरा नम्‍बर 1212/18 पर लखन पिता डलनराम का अवैध कब्‍जा संबंधी संहिता की धारा 250 के तहत प्रकरण न्‍यायाधीन है। (ख) कटनी जिले की तहसील स्‍लीमनाबाद अंतर्गत ग्राम धरवारा पटवारी हल्‍का नंबर 28 का एक प्रकरण उत्‍तराश (क) अनुसार न्‍यायाधीश है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) तहसील स्‍लीमनाबाद अंतर्गत ग्राम धरवारा की भूमि खसरा नंबर 1218 रकवा 1.21 हे.  भूमि मद रास्‍ता में दर्ज है। जिस पर किये गये अवरोध को हटाया जा चुका है।

अतिक्रमित भूमि से बेदखल

[राजस्व]

36. ( क्र. 1532 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनूपपुर जिले की तहसील कोतमा के पटवारी हल्‍का लोहसरा नम्‍बर 43 राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल बिजुरी के अन्‍तर्गत नूरजहां पत्‍नी इकबाल हुसैन निवासी बिजुरी के राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 0002/अ-68/2017-18 में प्रकरण दर्ज होकर अतिक्रमणों से अतिक्रमित भूमि को बेदखल करने का आदेश अक्‍टूबर 2018 में नायब तहसीलदार वृत्‍त बिजुरी तहसील कोतमा जिला अनूपपुर द्वारा पारित किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त आदेश का पालन प्रश्‍न दिनांक तक किया गया है। यदि हाँ, तो ठीक है और नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त आदेश का पालन न करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है। यदि हाँ, तो ठीक है और यदि नहीं, तो क्‍यों? भविष्‍य में इन पर कार्यवाही कब तक जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार जारी आदेश के विरूद्ध अनावेदक/कर्ता के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व के समक्ष अपील प्रकरण क्रमांक 0049/अपील/2022-23 दायर किया गया जो न्‍यायाधीन है। (ग) उत्‍तरांश (क) तथा (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रकरण न्‍यायाधीन होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिवीक्षा अवधि खत्‍म करने की कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

37. ( क्र. 1576 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) विभाग में जिला आपूर्ति नियंत्रक, जिला आपूर्ति अधिकारी, सहायक आपूर्ति अधिका‍री एवं कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी के कितने-कितने पद स्‍वीकृत हैं? डिण्‍डोरी जिले की पदवार संख्‍या बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में स्‍थायी एवं अस्‍थायी पदवार संख्‍या बताएं? स्‍थायीकरण की प्रक्रिया बताएं एवं पदवार, नामवार स्‍थायी किये गये अधिकारियों की एवं अस्‍थायी अधिकारियों की सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में स्‍थायीकरण न करने का कारण बतावें? यह कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? समय अवधि बतावें? (घ) जिला आपूर्ति अधिकारियों एवं कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्‍त की जाना हैं उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्‍त करने की कार्यवाही विभाग द्वारा कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? परिवीक्षा अवधि समाप्‍त करने की कार्यवाही में अनावश्‍यक विलंब करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक और क्‍या कार्यवाही की जावेगी बताएं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वेयर हाउस में स्‍थानांतरण एवं निलंबन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

38. ( क्र. 1577 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन में शासन नीति अनुसार स्‍थानांतरण किए गये है? नहीं तो क्‍यों? जानकारी उपलब्‍ध करायें? स्‍थानांतरण उपरांत स्‍थानांतरण निरस्‍त या संशोधित आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करावें? माह सितम्‍बर, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति बतायें? (ख) विभाग द्वारा वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन में वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनियमितताओं के चलते निलंबित किया गया है? नामवार, पदवार कारण सहित जानकारी देवें? उक्‍त अवधि में निलंबन से बहाल किये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नामवार, पदवार कारण सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या गंभीर अनियमितताओं के चलते सांठ-गांठ कर कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बहाल किया गया है? सांठ-गांठ कर कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बहाल करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन द्वारा कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कार्पोरेशन एक व्‍यवसायिक संस्‍थान है। निगम की व्‍यवसायिक/भण्‍डारण आवश्‍यकताओं के अनुरूप स्‍थानांतरण संशोधन/निरस्‍त किए गए है। सितम्‍बर, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक निरस्‍त/संशोधित स्‍थानांतरण की सूची तथा आदेशों की प्रतियां पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नामांतरण/बटनवारा के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

39. ( क्र. 1580 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) जिला रायसेन की विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण/बटनवारा के किस-किस ग्राम में कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं ग्रामवार जानकारी देवे? (ख) उपरोक्‍त में से ऐसे कितने प्रकरण हैं जो 2 माह या इससे अधिक अवधि से लंबित हैं?                                    (ग) क्‍या शासन नामांतरण/बटनवारा के सभी प्रकरणों के निपटारे के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला रायसेन की विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा अंतर्गत आने वाली तहसील उदयपुरा, देवरी, बरेली एवं बाड़ी में प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण के 792 एवं बंटवारा के 348 प्रकरण लंबित हैं, जिनकी ग्रामवार  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट   अनुसार है। (ख) उपरोक्‍त में से विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा अंतर्गत आने वाली तहसीलों में 2 माह या उससे अधिक अवधि के लंबित प्रकरणों की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

तहसील

2 माह या उससे अधिक लंबित प्रकरण

 

नामांतरण

बंटवारा

उदयपुरा

24

57

देवरी

07

19

बरेली

63

41

बाड़ी

68

19

कुल योग

162

136

 

(ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।

 

 

नहरों की साफ-सफाई

[जल संसाधन]

40. ( क्र. 1605 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला नर्मदापुरम अन्तर्गत आने वाली नहरों की साफ-सफाई व रख-रखाव के लिये विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ हैं?                                  (ख) क्या प्राप्त आवंटन से नेहरों की सफाई एवं मरम्मत का कार्य किये जाने के उपरांत भी नहरों की स्थिति जरजर हैं जिससे किसानों के खेतों में पानी भर जाने से फसलें खराब हुयी हैं? (ग) क्या प्राप्‍त आवंटन से नहरों की मरम्मत का कार्य वास्तविक रूप से कम हुआ हैं यदि हाँ, तो विभाग के कर्मचारियों के भ्रमण/निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पायी गयी हैं यदि हाँ, तो अनियमितता पायी जाने पर क्या कार्यवाही की गयी हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।                                (ख) प्राप्‍त आवंटन से नहरों की साफ-सफाई एवं मरम्‍मत के कार्य किए गए हैं। तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि 01 से 03 क्‍यूमेक तक रूपांकित डिस्चार्ज की नहरों के कच्‍ची होने के कारण कभी-कभी नहरों की स्थिति खराब होने से समस्‍या उत्‍पन्‍न होने पर नहरों को तत्‍समय सुधार लिया जाता है। किसानों के खेतों में पानी भरने एवं फसल खराब होने की स्थिति नहीं देखा जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं, प्राप्‍त आवंटन से नहरों की मरम्‍मत का कार्य वास्‍तविक रूप से हुआ है। भ्रमण/ निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं नहीं पाया जाना तथा नहर की साफ-सफाई/सुधार में यदि कहीं कमी पाई गई तो मौके पर संबंधित कर्मचारियों को शीघ्र सुधार कराने के निर्देश दिया जाना प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

नगरीय क्षेत्रों में आबादी भूमि का सर्वे

[राजस्व]

41. ( क्र. 1622 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) क्या नगरीय क्षेत्रों में आबादी भूमि के पट्टों के आवेदन में उक्त भूमि का सर्वे अथवा भूखण्ड क्रमांक अंकित करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो पन्ना जिले के नगरीय क्षेत्र के कितनी-कितनी आबादी भूमि का सर्वे कर भूखण्ड क्रमांक जारी कर दिए गये हैं? तहसीलवार, खसरावार बतावें।                          (ख) कितनी-कितनी भूमि के सर्वे/भूखण्ड क्रमांक जारी होना शेष हैं? तहसीलवार, खसरावार बतावें? (ग) पन्ना जिला के नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि के सर्वे का कार्य कितने समय से चल रहा है? आज दिनांक तक लंबित रहने के क्या-क्या कारण है? (घ) पन्ना जिले के कितने नगरीय क्षेत्रों की आबादी के पट्टे वितरण किए गए?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नगरीय क्षेत्र में आबादी भूमि के सर्वे का कार्य नहीं चल रहा है, अपितु पन्ना जिले में मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार ) के अंतर्गत 1739 आवेदन प्राप्त हुये है, जिसमें से 655 का निराकरण किया जा चुका है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खरीफ एवं रबी फसलों की खरीदी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

42. ( क्र. 1623 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) पन्ना जिले में वर्ष 2021-22 और 2022-23 में खरीफ एवं रबी की फसलों धान, गेहूँ, चना, सरसों आदि को कितने किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदा गया और बेचा गया? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या पन्ना जिले के किसानों द्वारा बेची गई फसलों की राशि का समस्त भुगतान किसानों को हो गया है? यदि नहीं, तो इनकी राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा और कौन-कौन से किसान राशि भुगतान हेतु शेष हैं? (ग) भुगतान न होने की स्थिति में दोषी कौन है? दोषी समूहों, अधिकारियों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) मध्यप्रदेश कृषि मंडी बोर्ड द्वारा पन्ना जिला अंतर्गत कितनी सड़कों का निर्माण किया गया है एवं इनके रख-रखाव एवं मरम्मत का क्या प्रावधान है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) पन्‍ना जिले में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर धान, गेहूं एवं चना की उपार्जित मात्रा एवं विक्रेता कृषकों की जानकारी संलग्‍न                                       परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। कृषकवार विक्रय उपज की मात्रा की जानकारी ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्‍ध है। जिले में सरसों का उपार्जन नहीं हुआ है। (ख) पन्‍ना जिले में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं एवं चना का पूर्ण भुगतान किसानों को किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में प्रिया महिला स्‍व-सहायता समूह द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र से 929.15 क्विंटल धान परिवहन हेतु उपलब्‍ध न कराए जाने के कारण 35 किसानों द्वारा विक्रय धान की राशि रू. 18,02,580 का भुगतान लंबित है, जिसके फलस्‍वरूप प्रिया महिला स्‍व-सहायता समूह के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। प्रकरण न्‍यायालय में विवेचनाधीन है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में 25,350 किसानों से उपार्जित धान की राशि रू. 311.38 करोड़ के विरूद्ध राशि रू. 305.43 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 35 किसानों को धान का भुगतान न होने के लिए प्रिया महिला स्‍व-सहायता समूह के संबंधित कर्मी दोषी हैं, जिनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। प्रकरण न्‍यायालय में विवेचनाधीन है। (घ) मध्‍यप्रदेश कृषि उपज मंडी बोर्ड द्वारा पन्‍ना जिले में वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक 10 सड़कों का निर्माण कराया गया। मंडी बोर्ड द्वारा निर्मित सड़कों के मरम्‍मत इत्‍यादि का कार्य मध्‍यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाना है। सड़कों का आधिपत्‍य भी प्राधिकरण को सौंपा गया है। मंडी बोर्ड द्वारा निर्मित सड़कों की सूची  संलग्‍न  परिशिष्‍ट-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

 

 

पन्ना एवं सतना जिले में पौधारोपण

[वन]

43. ( क्र. 1625 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) पन्ना एवं सतना जिले के अन्‍तर्गत वनमंडलों में दिनांक 01.06.2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने पौधे रोपे गये? जानकारी वनमंडलवार, वर्षवार देवें। (ख) जिन स्थलों पर पौधारोपण किया गया उनके नाम, कक्ष क्रमांक, पौधों की संख्या सहित वनमंडलवार जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त पौधारोपण पर कितनी राशि व्यय की गयी? भुगतान प्राप्तकर्ता संस्था भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित वर्षवार देवें। (घ) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में हरियाली महोत्सव के तहत पन्ना एवं सतना जिलों के अन्‍तर्गत वनमंडलों में कितने पौधे रोपे गये की जानकारी वनमंडलवार वर्षवार देवें। दिनांक 02 जुलाई, 2017 को इन वनमंडलों में रोपित पौधों की संख्‍या भी वनमंडलवार देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) हरियाली महोत्‍सव के तहत पन्‍ना एवं सतना जिलों के अंतर्गत पौधारोपण की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। दिनांक 02 जुलाई, 2017 को पन्‍ना एवं सतना जिलों के वनमंडलों में पौधारोपण नहीं किया गया।

हितग्राहियों की जानकारी

[श्रम]

44. ( क्र. 1626 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजनान्तर्गत अनुग्रह एवं विवाह सहायता अंतर्गत कुल कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया? संख्या एवं भुगतान राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में पन्ना जिले एवं सतना जिले में संबल योजनान्तर्गत कितने नवीन हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है? उनमें से कितने हितग्राहियों को भुगतान किया जा चुका है? कितने हितग्राहियों को भुगतान किया जाना शेष है? हितग्राहियों का योजनानुसार भुगतान के लिए विलंब हेतु कौन उत्तरदायी एवं दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी तथा शेष हितग्राहियों को योजना का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जावेगा? (ग) संबल योजनान्तर्गत वर्तमान में कितने नवीन पंजीयन लंबित हैं तो क्यों एवं कब तक उनका पंजीयन किया जावेगा? (घ) संबल योजनान्तर्गत वर्ष 2018 में जिन हितग्राहियों का पंजीयन हुआ था परंतु सत्यापन नहीं हो पाया था उनका नवीन पंजीयन पोर्टल पर नहीं हो रहा है। उनके सत्यापन कार्य की सुविधा पोर्टल पर कब से की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में मध्‍य प्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मंडल की मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना एवं विवाह सहायता योजना में योजना प्रारंभ से अब तक लाभान्वित हितग्राहियों तथा भुगतान की गई राशि की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) योजनान्‍तर्गत पन्‍ना एवं सतना जिले की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। संबल योजनान्‍तर्गत हितलाभ संबल योजनान्‍तर्गत अनुग्रह सहायता स्‍वीकृत प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, बजट उपलब्‍धता अनुसार भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) योजनान्‍तर्गत नवीन पंजीयन पन्‍ना जिले में 2614 एवं सतना जिले में 6888 लंबित है जिनमें संबंधित निकायों द्वारा नियमानुसार पात्रता जॉंच उपरांत पंजीयन किया जाता है। (घ) संबल योजनान्तर्गत वर्ष 2018 में जिन हितग्राहियों का पंजीयन हुआ था परंतु सत्यापन नहीं हो पाया था उनका मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) अंतर्गत पात्रतानुसार सत्‍यापन पत्रक पोर्टल पर उपलब्‍ध कराया जाता है।

परिशिष्ट - "उनसठ"

ग्राम मोयदा का सीमांकन

[वन]

45. ( क्र. 1649 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक भू-अभिलेख सतपुड़ा भवन भोपाल ने पत्र क्रमांक 187 दिनांक 03/02/2023 को बड़वाह वनमंडल के ग्राम मोयदा के सीमांकन हेतु डी.एफ.ओ. बड़वाह को निर्देशित किया है? मोयदा आरक्षित वनकक्ष क्रमांक 263 का कितना रकबा है और ग्राम मोयदा का कितना रकबा है, इन दोनों पटवारी मानचित्र एवं आरक्षित वनकक्ष मानचित्र की सीमाएं कहां-कहां मिली हुई हैं, इनका सीमांकन किए जाने की कार्यवाही कब से लंबित है और सीमांकन कब तक किया जाएगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : जी हाँ। आरक्षित वनखण्ड मेनविंध्या के कक्ष क्रं.- 263 वनग्राम मोयदा का वनमण्डल की प्रचलित कार्य आयोजना अनुसार रकबा 213.48 हेक्टेयर और वर्ष                          1980-81 की मिसल बन्दोबस्त अनुसार वनग्राम मोयदा का रकबा 207.481 हेक्टेयर है। आरक्षित वनकक्ष क्र.-263 की सीमाएं निम्नानुसार हैः- उत्तरः- राजस्व ग्राम सबलपुरा एवं कक्ष क्र.-267, पूर्वः- कक्ष क्र.-267 एवं कक्ष क्र. 265, दक्षिणः- कक्ष क्रमांक-264 एवं कक्ष क्र.-265, पश्चिमः- कक्ष क्र.-262 है। कलेक्टर खरगोन के आदेश क्रमांक/02/भू. अभि.-3/20 दिनांक 02.01.2021 द्वारा वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त सीमांकन हेतु दल का गठन किया गया था परन्तु राजस्व विभाग से कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं होने के कारण वन विभाग के द्वारा सीमांकन किया जाकर वन परिक्षेत्र अधिकारी बड़वाह के पत्र क्रमांक/939 दिनांक 13.07.2021 एवं उप वनमण्डलाधिकारी बड़वाह के पत्र क्रमांक/1741 दिनांक 19.07.2021 से सीमांकन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। प्रश्‍नांकित पत्र में दिये गये निर्देशानुसार वनमण्डलाधिकारी बड़वाह के पत्र क्रमांक/ मा.चि./2023/902 दिनांक 09.02.2023 से कलेक्टर खरगोन को संयुक्त सीमांकन कराने हेतु लेख किया गया है। राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन हेतु तिथि निर्धारित करने के उपरांत ही सीमांकन की कार्यवाही संभव है।

राजस्व ग्राम का दर्जा

[वन]

46. ( क्र. 1650 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) मध्यप्रदेश के राजपत्र में दिनांक 25/05/1962 को हस्‍तांतरण के लिए अधिसूचित किस-किस ग्राम का राजस्व विभाग को हस्तांतरण किस दिनांक को किया गया? (ख) मध्यप्रदेश शासन राज्य मंत्रालय वन विभाग द्वारा दिनांक 06/10/1975 और दिनांक 3-4 दिसंबर 1975 को हस्‍तांतरण के लिए आदेशित किस-किस ग्राम का हस्‍तांतरण राजस्व विभाग को किस दिनांक को हुआ, किस-किस ग्राम के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक राजस्व विभाग के पास उपलब्ध हैं, इनमें से किस-किस ग्रामों को पुनः दिनांक 26/05/2022 के आदेश के तहत राजस्व ग्राम का दर्जा देने की कार्यवाही की जा रही है, जो ग्राम पहले से 1980 के पूर्व अधिसूचित एवं आदेशित हैं उन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की पुनः कार्यवाही करने का क्या कारण है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍कालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।                             (ख) जानकारी पुस्‍कालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभान्वित

[श्रम]

47. ( क्र. 1756 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग जिला पन्‍ना को शासन की संचालित किन-किन हितग्राही मूलक योजनाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की हैं एवं कितनी राशि व्‍यय हुई हैं? किन-किन योजनाओं में कितने हितग्राही लाभांवित हुए हैं तथा उनके खातों में कितनी-कितनी राशि जमा की गई हैं? कितनी राशि जमा हेतु शेष हैं? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी देवें? (ख) म.प्र. श्रम कल्‍याण मण्‍डल, म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल म.प्र. असंगठित कर्मकार मण्‍डल के तहत संचालित किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि जमा नहीं की गई और क्‍यों? किन-किन योजनाओं में कितने हितग्राही लाभ से वंचित हैं। पवई विधानसभा के तहत निम्‍नलिखित योजना में लाभांवित एवं योजना के लाभ से वंचित हितग्राहियों की राशि सहित सूची दें। 1. संबल कार्डधारी की मृत्‍युपरांत आर्थिक सहायता 2. अंत्‍येष्‍टी सहायता 3.दुर्घटना अनुग्रह सहायता 4. विवाह सहायता।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं अंतर्गत जिला पन्‍ना में वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक लाभान्वित हितग्राहियों तथा भुगतान की गई राशि की योजनावार जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं में श्रम सेवा पोर्टल पर पदाभिहित अधिकारी द्वारा ऑनलाईन प्रकरण स्‍वीकृत किया जाकर डी.बी.टी. पद्यति से सीधे हितग्राही के बैंक खाते में राशि अंतरित की जाती है। पृथक से राशि आवंटन नहीं किया जाता है। म.प्र. श्रम कल्‍याण निधि अधिनियम 1982 की परिधि में आने वाले संस्‍थानों/स्‍थापनाओं में कार्यरत संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये मंडल द्वारा संचालित योजनाओं हेतु शासन द्वारा राज्‍य स्‍तर पर योजनावार बजट स्‍वीक़ृत है। मंडल की योजनाओं हेतु पृथक से जिलेवार राशि आवंटित करने की व्‍यवस्‍था नहीं है। मंडल की योजनाओं में वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 की अवधि में पन्‍ना जिले में शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना 2021-22 में 1 आवेदक छात्र को छात्रवृत्ति राशि रूपये 3000/- संबंधित छात्र के बैंक खाते में हस्‍तां‍तरित की गई है। इसके अतिरिक्‍त पन्‍ना जिले में हितलाभ भुगतान हेतु कोई प्रकरण शेष नहीं है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं में हितग्राही को भुगतान हेतु जिला स्‍तर पर पृथक से राशि आवंटित नहीं की जाती है। हितग्राही को डी.बी.टी. पद्यति से सीधे बैंक खाते में राशि अंतरित की जाती है। पवई विधानसभा के अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना, मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विवाह सहायता योजना में संशोधन दिनांक 22.04.2022 के पूर्व के पवई विधानसभा जिला पन्‍ना से संबंधित प्रकरणों हेतु कोई भी मांगपत्र लंबित नहीं है। म.प्र.श्रम कल्‍याण निधि अधिनियम 1982 की परिधि में आने वाले संस्‍थानों/स्‍थापनाओं में कार्यरत संगठित क्षेत्र के श्रमिकों हेतु मंडल की योजनाओं में वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 की अवधि में पन्‍ना जिले में मंडल की शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना 2021-22 में केवल 1 छात्र को छात्रवृत्ति राशि क्षेत्रीय कार्यालय के माध्‍यम से संबंधित छात्र के बैंक खाते में हस्‍तां‍तरित की गई है। पवई विधानसभा के अन्‍तर्गत आवेदन प्राप्‍त न होने के कारण जानकारी निरंक है।

खनिज मद में प्राप्‍त राशि का उपयोग

[खनिज साधन]

48. ( क्र. 1759 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में वर्तमान में कितनी रेत, पत्‍थर एवं मुरम की खदाने कहाँ-कहाँ और कब से संचालित हैं? कृपया जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) पन्‍ना जिले के कितने प्रस्‍ताव खनिज मद एवं रेत मद से विगत 4 वर्षों में कलेक्‍टर पन्‍ना, खनिज अधिकारी पन्‍ना एवं विभाग को प्राप्‍त हुए हैं? प्रस्‍तावों की सूची देवें। (ग) उक्‍त समस्‍त प्रस्‍तावों में से कितनों को स्‍वीकृति प्रदान की गई एवं कितने अस्‍वीकृत किये गये? अस्‍वीकृति के उचित कारण देकर जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) विगत 4 वर्षों में जिला खनिज मद एवं रेत मद से पन्‍ना में कितनी राशि प्राप्‍त हुई है एवं कितनी राशि किस-किस विधानसभा क्षेत्र में किन-किन विकास कार्यों हेतु जारी की गई? सूची उपलब्‍ध करावें। क्‍या नियमानुसार खनन प्रभावित क्षेत्रों में भी स्‍वीकृति जारी की है अथवा अन्‍य क्षेत्रों में भी की है? (ड.) जिला पन्‍ना में गत 4 वर्षों में गौण खनिज व रेत, मुरम की रायल्‍टी से कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? खण्‍डवार विवरण देवें। उक्‍त राशि में से कितनी राशि पवई विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु स्‍वीकृति की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पन्‍ना जिले में वर्तमान में रेत की कोई खदान संचालित नहीं है। पत्‍थर एवं मुरूम की संचालित खदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) पन्‍ना जिले में खनिज मद एवं रेत मद नहीं होता अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से विगत 04 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान को कुल 28 प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए, जिसमें 27 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृत किया गया है। शेष 01 प्रस्‍ताव में कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विभाग को 10 प्रस्‍ताव प्राप्‍त सभी प्रस्‍तावों में कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) विगत 4 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान को कुल 28 प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए, जिसमें 27 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृत किया गया है। शेष 01 प्रस्‍ताव में कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विभाग को 10 प्रस्‍ताव प्राप्‍त सभी प्रस्‍तावों में कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) पन्‍ना जिले में खनिज मद एवं रेत मद नहीं अपितु विगत 4 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कुल राशि रूपये 4.61 करोड़ प्राप्‍त हुई है। विधानसभावार स्‍वीकृत एवं कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 यथा संशोधित राजपत्र दिनांक 25/08/2022 के अनुसार खनन प्रभावित क्षेत्रों में कार्य स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान है। (ड.) पन्‍ना जिले में गौण खनिज व रेत मुरम से प्राप्‍त रॉयल्‍टी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द  अनुसार है। प्राप्‍त रॉयल्‍टी राशि से विकास कार्यों हेतु स्‍वीकृति के कोई प्रावधान नहीं है।

कूटरचित अनुमति से पट्टों का विक्रय

[राजस्व]

49. ( क्र. 1793 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्‍या मुरैना जिले के कैलारस तहसील में कूट रचित विक्रय अनुमति के पट्टों का क्रयविक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? कारण सहित सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में तहसील कैलारस ग्राम सेमई भूमि सर्वे क्रमांक 1349/1, 1349/2, 1396/3, 1398/8, 1998/6, 1402/07, 1403/5 के क्रय-विक्रय की अनुमति की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित सर्वे नम्‍बरों की क्रय-विक्रय की अनुमति सक्षम अधिकारी से न लेते हुये यदि कूटरचित दस्‍तावेज तैयार किए गये हैं तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला पंजीयक कार्यालय में उपलब्ध अभिलेख अनुसार मुरैना जिले की तहसील कैलारस के ग्राम सेमई के भूमि सर्वे क्रमांक 1349/1, 1349/2, 1396/3, 1398/8, 1998/6, 1402/07, 1403/5 में वर्ष 1986 से 2013 तक 04 दस्तावेजों के क्रय-विक्रय का पंजीयन होना पाया गया है, जो निम्नान्नुसार है:-

क्र.

दस्तावेज क्र.

पंजीयन दिनांक

विक्रीत रकवा

1

1555

22/03/2013

0.06 हे.

2

1556

22/03/2013

0.08 हे.

3

1557

22/03/2013

0.08 हे.

4

334

07/05/2013

0.06 हे.

उक्त चारों पंजीबद्ध दस्तावेजों में विक्रय अनुमति का उल्लेख नहीं हैI  ई-पंजीयन प्रणाली वर्ष 2015 से प्रश्‍नांकित दिनांक फरवरी 2023 तक सम्‍पदा माँड्यूल में उपरोक्त सर्वे क्रमांकों में से किसी भी दस्तावेज का पंजीयन होना नहीं पाया गया। (ख) तहसील कैलारस ग्राम सेमई भूमि सर्वे क्रमांक 1349/1, 1349/2, 1396/3, 1398/8, 1998/6, 1402/07, 1403/5 के क्रय-विक्रय की अनुमति न्यायालय कलेक्टर मुरैना द्वारा नहीं दी गईI (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित सर्वे नम्‍बरों की विक्रय की अनुमति सक्षम अधिकारी से न लेने के सम्बन्ध में शिकायत के आधार पर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सबलगढ़ द्वारा तत्कालीन पटवारी ग्राम सैमई को दोषी मानकर तत्समय निलम्बित किया गया। वर्तमान में ग्राम सेमई के उक्त विषय पर माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में याचिका क्रमांक MP 3685/2019 से न्‍यायाधीन हैI

संबल योजना के अंतर्गत सहायता

[श्रम]

50. ( क्र. 1800 ) श्री के.पी. सिंह कक्‍काजू : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शासन द्वारा असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण (संबल) योजना प्रारंभ की गई थी। यदि हाँ, तो योजना की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) योजनांतर्गत शिवपुरी जिले के कितने असंगठित श्रमिकों के सहायता राशि हेतु आवेदन प्राप्‍त हुए हैं, कितने श्रमिकों को सहायता राशि प्रदान की गई तथा कितने आवेदन अभी भी लंबित हैं? विकासखण्‍डवार संख्‍या बतावें? (ग) लंबित आवेदनों के निराकरण न होने का कारण क्‍या हैं? अभी तक सहायता राशि नहीं दिये जाने हेतु कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? जानकारी दें? इन आवेदनों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल 1.0 योजनान्तर्गत शिवपुरी जिले में 4009 असंगठित श्रमिकों के अनुग्रह सहायता राशि हेतु आवेदन प्राप्त हुए जिनमें सभी 4009 श्रमिकों को अनुग्रह सहायता राशि रूपये 87.71 करोड़ वितरित की गई संबल 1.0 योजनान्तर्गत वर्तमान में कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। संबल 2.0 योजनान्तर्गत शिवपुरी जिले में 1041 असंगठित श्रमिकों के अनुग्रह सहायता राशि हेतु आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 955 प्रकरण निकायों द्वारा स्वीकृत किये गए है जिनमें भुगतान बजट उपलब्‍धता पर किया जाता है तथा 86 प्रकरणों संबंधी निकाय द्वारा कार्यवाही की जा रही है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) संबल योजनान्‍तर्गत अनुग्रह सहायता भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान शासन द्वारा बजट उपलब्‍धता अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री गौण खनिज (जिला खनिज मद) योजना

[खनिज साधन]

51. ( क्र. 1817 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित योजना का मूल उद्देश्‍य जिलों के गौण खनिजों की रॉयल्‍टी से प्राप्‍त राशि का उपयोग जिले के विकास में खर्च करना है? यदि हाँ, तो क्‍या जिलों से विषयांकित योजना के तहत प्राप्‍त राशि को जिले से बाहर प्रदेश के अन्‍य भागों में खर्च किया जा सकता है? (ख) क्‍या अब जिले के प्रभारी मंत्री के स्‍थान पर जिला कलेक्‍टर को विषयांकित योजना का अध्‍यक्ष बना दिया गया है? क्‍या एक करोड़ रूपये से अधिक राशि की स्‍वीकृति प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग के अनुमोदन के पश्‍चात् ही की जा सकेगी? क्‍या विषयांकित योजना की राशि जिलों से बाहर तो खर्च नहीं की गयी है? यदि की गयी है तो जिले अनुसार जानकारी दें। (ग) जिला खनिज मद जिले में ही रखा जाता है या उसका आधा हिस्‍सा प्रदेश को भेज दिया जाता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री गौण खनिज (जिला खनिज मद) योजना विभाग में संचालित नहीं है। अपितु प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना (PMKKKY) के निर्देशानुसार जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद अंतर्गत प्राप्‍त राशि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के विविध विकासात्‍मक एवं कल्‍याण हेतु किया जाता है। मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 (म.प्र. संशोधित राजपत्र दिनांक 25/08/2022) के नियम 13 के उप-नियम (2) के खण्‍ड (ड.) अनुसार किसी भी जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में वार्षिक रूप से प्राप्‍त रकम निम्‍नलिखित दो भागों में संधारित की जाएगी। भाग (क) की राशि का उपयोग नियम 14 (1) अनुसार संबंधित जिले के कार्यों के लिये किया जाएगा। भाग (ख) की राशि का उपयोग नियम 14 (2) अनुसार किसी अन्‍य खनन प्रभावित जिले में भी किया जा सकता है। (ख) जी हाँ। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के अंतर्गत जिले से विनिर्दिष्‍ट पोर्टल के माध्‍यम से प्राप्‍त भाग (क) के समस्‍त प्रस्‍तावों का विभागीय प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्‍त किया जाना है। मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 (म.प्र. संशोधित राजपत्र दिनांक 25/08/2022) के नियम 14 के उप-नियम (1) के खण्‍ड (घ) अनुसार एक करोड़ से कम की परियोजना के लिए प्रशासकीय स्‍वीकृति संबंधित जिला खनिज प्रतिष्‍ठान द्वारा किया जाएगा। एक करोड़ से अधिक मूल्‍य की परियोजना/कार्यों के संबंध में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान द्वारा प्रकरण, संबंधित विभाग को प्रेषित किया जाएगा, संबंधित प्रशासकीय विभाग, वित्‍त विभाग के लागू निर्देशों के अनुसार, आवश्‍यक स्‍वीकृतियाँ प्राप्‍त कर जिला खनिज प्रतिष्‍ठान को कार्य स्‍वीकृत करने की अनुमति प्रदान करेगा। वर्तमान में विषयांकित योजना की राशि जिले से बाहर खर्च नहीं की गई है। (ग) मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 (म.प्र. संशोधित राजपत्र दिनांक 25/08/2022) के नियम 13 के उप-नियम (2) के खण्‍ड (ड.) के उप-खण्‍ड (तीन) अनुसार जिला खनिज प्रतिष्‍ठान अंतर्गत जमा की गई सम्‍पूर्ण राशि जिलों में बैंक खातों में ही रखी जाएगी एवं इन नियमों के अंतर्गत व्‍यय की जाकर लेखाओं का संधारण किया जाएगा।

आर.बी.सी 6 (4) के स्‍वीकृत प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

52. ( क्र. 1818 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में आर.बी.सी 6 के कुल कितने स्‍वीकृत प्रकरण हैं जिन्‍हें बजट आवंटन के अभाव में राशि नहीं मिल पायी हैं? किस प्राकृतिक आपदा पर कितनी राशि स्‍वीकृत की गयी हैं, इसकी जानकारी हितग्राहियों की संख्‍यावार, आपदावार उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या शासन स्‍वीकृत प्रकरणों में बिना किसी विलंब के प्राथमिकता पर बजट आवंटित करेगा ताकि हितग्राहियों को राहत राशि समय पर मिल सके? (ग) लंबित प्रकरणों में बजट का आवंटन प्राप्‍त होने पर राशि प्रदान करते समय क्‍या मापदंड अपनाये जाते हैं? क्‍या पहले स्‍वीकृत प्रकरणों को पहले राशि आवंटित की जाती हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बालाघाट जिले में राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के तहत मानसून वर्ष 2020 में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से फसल क्षति होने पर कुल राहत राशि 9,28,09,887/- रूपये स्‍वीकृत की गई। शासन स्‍तर से लिये निर्णय अनुसार स्‍वीकृत राशि का 33 प्रतिशत के मान से 02 किश्‍त (66%) का वितरण समस्‍त कृषकों को किया जा चुका है। उक्‍त 02 किश्‍तों की राशि वितरण से कोई प्रभावित कृषक शेष नहीं है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत राशि स्‍वीकृत की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

बिजना हर्रई माइक्रो इरीगेशन योजना की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

53. ( क्र. 1825 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत जल संसाधन विभाग के द्वारा बिजना माइक्रो इरीगेशन योजना की स्वीकृति रू.2793.00 लाख के प्रस्ताव भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कब प्रेषित किये गये हैं? (ख) क्या यह सही है कि, बिजना हर्रई माइक्रो इरीगेशन योजना को साधिकार समिति से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कैबिनेट से कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र की बिजना हर्रई माइक्रो इरिगेशन परियोजना का राशि रू.27.93 करोड़ (12%GST) का प्रस्‍ताव अप्रैल 2022 में शासन स्‍तर पर प्राप्‍त हुआ। (ख) जी हाँ। मंत्रि-परिषद से स्‍वीकृति प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अतिक्रमण के प्रकरण

[राजस्व]

54. ( क्र. 1833 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन की तहसील उदयपुरा के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में अतिक्रमण के प्रकरण किस-किस पर कहां-कहां दर्ज किए गए? अतिक्रमण का प्रकार एवं भूमि क्रमांक सहित बतावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों में किस-किस अतिक्रमणकर्ताओं पर दंड अधिरोपित किया गया? अधिरोपित दंड की वसूली यदि की गई है तो किस-किस से और कितनी राशि और यदि नहीं, तो कारण बतावे? (ग) अधिक रोपित दंड वाली भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है? यदि हाँ, तो कहां दर्ज और किस-किस से? यदि नहीं, तो करण बतावे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के अंतर्गत दर्ज 74 प्रकरणों में से 55 अतिक्रमणकर्ताओं पर दंड अधिरोपित किया गया है। अधिरोपित दंड की वसूली पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर अंकित सरल क्रमांक 18, 20, 21, 22, 23, 47, 48, 49, 50, 51, 52, 53, 54, 55 कुल 14 अतिक्रमणकर्ताओं से कुल 33,500/- (तैंतीस हजार पांच सौ रूपये) राशि वसूल की गई है। शेष अतिक्रमणकर्ताओं को अधिरोपित राशि का मांगपत्र जारी करने के उपरांत भी उनके द्वारा राशि जमा नहीं करने के कारण उनसे राशि वसूल नहीं की जा सकी है। (ग) अधिरोपित दंड वाली भूमि में से 04 अतिक्रमणकर्ताओं से भूमि मुक्त करा ली गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है।

 

अवैध कालोनाइजरों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

55. ( क्र. 1884 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                          (क) न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व अनुभाग लहार जिला भिण्‍ड के प्रकरण क्रमांक 0577/ब-121/2019-20 तथा प्रकरण क्रमांक 0578/ब-121/2019-20 दिनांक 19.05.2020 के आदेश अनुसार किन-किन अवैध कालोनी विकसित करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने के ओदश दिये थे? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में 2 वर्ष 9 माह व्‍यतीत होने के बाद किन-किन अवैध कालोनाइजरों के विरूद्ध किस-किस धारा में किसके विरूद्ध किन-किन थानों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई पूर्ण विवरण दें? (ग) क्‍या शासन नगरीय क्षेत्रों के समीप कृषि भूमि खरीदकर उपभोक्‍ताओं को बिना सुविधायें उपलब्‍ध कराये अवैध कालोनी निर्माण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) अवैध कालोनी विकसित करने वालों के विरूद्ध म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (ग) (5) एवं म.प्र. पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61-घ (3) अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रावधानित है।

परिशिष्ट - "साठ"

जमीन अधिग्रहण का मुआवजा

[राजस्व]

56. ( क्र. 1896 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) क्‍या यूपीए सरकार ने भू-अर्जन अधिनियम 1894 के स्‍थान पर नया अधिनियम व उचित मुआवजा लागू किया, वह 1 जनवरी 2014 से प्रभावी भी हुआ, लेकिन म.प्र. सरकार ने एक आदेश जारी कर मुआवजे को आधा कर दिया? शहरी क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण पर भूमि का दोगुना तथा ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना मुआवजा था, लेकिन कम कर दिया गया हैं? (ख) क्‍या भारत सरकार ने 09/02/2016 को गजट नोटिफिकेशन के द्वारा अधिसूचित किया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिस गुणक द्वारा बाजार मूल्‍य को गुणा किया जाना है वह गुणक 2.00 (दो) होगा? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) सही है तो भारत सरकार द्वारा 09/02/2016 द्वारा संशोधित दरें म.प्र. में कब लागू की गई हैं? यदि लागू नहीं की गई हैं तो कब तक लागू कर दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। केन्‍द्र सरकार द्वारा भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पार‍दर्शिता अधिकार अधिनियम 2013, 1 जनवरी 2014 से लागू किया, जिसकी धारा 3 परिभाषाएं के खण्‍ड (ड.) में समुचित सरकार को परिभाषित किया गया है। प्रावधान  संलग्न परिशिष्‍टएक अनुसार है। प्रावधान अनुसार किसी राज्‍य क्षेत्र के भीतर स्थित भूमि के अर्जन के संबंध में राज्‍य सरकार समुचित सरकार है। अधिनियम की प्रथम अनुसूची के अनुक्रमांक 2 के कालम 3 सहपठित धारा 30 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग लाते हुए राज्‍य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की दशा में वह कारक जिसके द्वारा बाजार मूल्‍य गुणित किया जायेगा 1.00 (एक) अधिसूचित किया गया है  संलग्‍न  परिशिष्‍ट – दो अनुसार।                                    (ख) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित नोटिफिकेशन  संलग्‍न परिशिष्‍ट-एक अनुसार  उन क्षेत्रों में लागू है जिसके लिए समुचित सरकार केन्‍द्रीय सरकार है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश (ग) उत्‍पन्‍न नहीं होता।

परिशिष्ट - "इकसठ"

गौण खनिज मद एवं गौण खनिज प्रतिष्ठान

[खनिज साधन]

57. ( क्र. 1911 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य की संचित निधि में किस-किस मद में गौण खनिज से संबंधित कितनी-कितनी राशि जमा हैं? गौण खनिज खदानों का पट्टा आवंटन, लीज, रायल्टी व अर्थदण्ड की कितनी-कितनी राशि वसूल की गई है।? संचित निधि में कितनी-कितनी राशि जमा हैं? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जिलावार जानकारी देवें। (ख) शासन ने गौण खनिज मद एवं गौण खनिज प्रतिष्ठान मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है और कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? गौण खनिज मद एवं गौण खनिज प्रतिष्ठान मद में विकास एवं निर्माण कार्यों हेतु राशि स्वीकृत करने का क्या प्रावधान हैं। इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ग) राज्य की संचित निधि से गौण खनिज मद एवं गौण खनिज प्रतिष्ठान मद में जिला जबलपुर को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? राज्य एवं जिलास्तर पर कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? माननीय विधायकों द्वारा प्रस्तुत कितनी-कितनी राशि के विकास एवं निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? सूची दें। (घ) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग म.प्र. शासन द्वारा अनुसूचित जाति विकास योजना में खनिज मद की राशि से पूर्व विधान सभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के लिये कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? इन कार्यों हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की हैं? कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? सूची देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक के जिलावार रॉयल्‍टी एवं विविध (अर्थदण्‍ड/आवेदन शुल्‍क एवं अन्‍य) की प्राप्ति की राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस विभाग में गौण खनिज मद एवं गौण खनिज प्रतिष्‍ठान मद नहीं होता है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जाति विकास योजना में जिला खनिज मद से कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

धारणाधिकार योजना की जानकारी

[राजस्व]

58. ( क्र. 1912 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश शासन ने धारणाधिकार योजना के तहत शहरी आबादी एवं नजूल भूमि पर भूमिस्वामी अधिकार पत्र (पट्टा) प्रदान करने बावत कब क्या दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके तहत हितग्राही को काबिज कितनी भूमि तक का पट्टा देने का क्या प्रावधान हैं? छायाप्रति देवें। (ख) जिला प्रशासन जबलपुर ने शहरी क्षेत्र में कहां-कहां पर कितनी-कितनी आबादी और नजूल भूमि को चिन्हित किया हैं? योजना के तहत कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। कितने आवेदन पत्र स्वीकृत कर कितने हितग्राहियों को कहां-कहां की कितनी-कितनी भूमि के पट्टे दिये हैं। कितने आवेदन पत्र लम्बित (जांच में) है। कितने निरस्त किये गये हैं? वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक की जानकारी दें। पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 के कितने हितग्राहियों को कितनी भूमि के पट्टे दिये हैं? कितने आवेदन पत्र लम्बित हैं? सूची दें। (ग) प्रश्‍नांकित कितने हितग्राहियों ने स्वीकृत पट्टा प्रीमियम की निर्धारित कितनी राशि जमा नहीं की है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने कब क्या दिशा-निर्देश जारी किये है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) के संबंध में जारी परिपत्र की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है।                                 (ख) जिला प्रशासन द्वारा शहरी क्षेत्र में आबादी एवं नजूल भूमि को चिन्हित किया है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। योजना के तहत 17649 आवेदन प्राप्त हुये हैं। जबलपुर जिले में कुल 766 आवेदन स्वीकृत कर पट्टे दिए गये है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है तथा 11953 आवेदन पत्र परीक्षणाधीन है। 2851 निरस्त किये गये है। पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 में 65 हितग्राहियों को पट्टे दिए गये है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- (द) अनुसार है। 292 आवेदन पत्र परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- (इ) अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र क्र. 97 अंतर्गत 07 हितग्राहियों ने स्वीकृत पट्टा की राशि रु. 8,89,000/- जमा नहीं किये है। जिस बावत् उन्‍हें मांग पत्र जारी किये गये।

नवीन बसाहटों को राजस्व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

59. ( क्र. 1921 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामों से हटकर नवीन बसाहटें कितनी है? ग्रामवार संख्या देवें।                            (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित बसाहटों में से किन-किन बसाहटों को मजरा टोला अंतर्गत राजस्व ग्राम बनाये जाने के दायरे में लिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित मजरा टोलों में से कितने पृथक-पृथक राजस्व ग्राम बनाये गये है? (घ) किसी ग्राम/मजरा/टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के शासन के क्या नियम एवं प्रक्रिया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) मजरा टोलों के राजस्‍व ग्राम को बनाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।                           (घ) नियम निर्देश  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

नवीन तालाबों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य

[जल संसाधन]

60. ( क्र. 1924 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में स्थित जल संसाधन विभाग के अधीन नवीन तालाबों के निर्माण कार्यों, मरम्मत, नहरों की साफ-सफाई, गेट मरम्मत, नहरों के रखरखाव में वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन किया गया एवं कितनी राशि खर्च की गई। वर्षवार तथा कार्यवार बतावें। (ख) विभाग द्वारा कराये गये कार्य एवं एजेंसी द्वारा किये गये कार्य के संबंध में खर्च की गई राशि की जानकारी वर्षवार, कार्यवार तथा एजेंसीवार बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।
परिशिष्ट - "बासठ"

खाद्यान्न पर्चियां जारी न होना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

61. ( क्र. 1967 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) मुख्यमंत्री जनसेवा शिविर में विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा के कुल कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए थे? ऐसे कितने आवेदन हैं जिनका सत्यापन कार्य अभी तक पूर्ण नहीं किया जा सका है? कुल ऐसे कितने आवेदन हैं जिनमें अभी तक खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं हो सकी है? कब तक कुल प्राप्त आवेदनों का सत्यापन कार्य पूर्ण कराया जा सकेगा तथा कब तक हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर खाद्यान्न प्राप्त हो सकेगा? (ख) क्या कारण है कि विकासखण्ड सिरमौर के ग्राम पंचायत पडरी में विग03 माह से, ग्राम पंचायत मरैला में विगत 02 माह से ग्राम पंचायत डोल में दिसंबर माह से ग्राम पंचायत कररिया में 2 माह से, ग्राम पंचायत महरी, पथरी, डिहिया में माह जनवरी से खाद्यान्‍न नहीं मिला तथा ग्राम पंचायत डेल्ही में नवंबर दिसंबर में खाद्यान्न नहीं मिला? कब तक उल्लेखित पंचायतों में हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त हो सकेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मुख्‍यमंत्री जनसेवा शिविर में विकासखण्‍ड सिरमौर एवं जवा के कुल 1471 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्‍त हुए थे। सत्‍यापन न हो पाने वाले आवेदन की संख्‍या निरंक है। सत्‍यापित सभी आवेदन पत्रों पर पर्ची जारी हो चुकी है। शेष का प्रश्‍न नहीं उठता है। (ख) ग्राम पंचायत पडरी में विगत 3 माह में क्रमश: नवम्‍बर 87%, दिसम्‍बर एवं जनवरी में 82-82% ग्राम पंचायत मरैला में 02 माह दिसम्‍बर में 77% एवं जनवरी में 81% ग्राम पंचायत डोल में दिसम्‍बर में 80% एवं जनवरी में 81%, ग्राम पंचायत कररिया में 02 माह दिसम्‍बर में 93%, जनवरी में 92%, ग्राम पंचायत महरी में माह जनवरी में 80%, पथरी में जनवरी में 84%, डिहिया में माह जनवरी में 88% एवं ग्राम पंचायत डेल्‍ही में नवम्‍बर में 85% एवं दिसम्‍बर में 80% ऑनलाईन वितरण किया गया है। शेष का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

ग्रामों को नहरों से जोड़े जाना

[जल संसाधन]

62. ( क्र. 1968 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा रीवा जिले में विकासखण्ड सिरमौर प्रवास के दौरान सिंचाई योजना के तहत विकासखण्ड जवा के ग्राम छतैनी, हरदोली, गहिलवार, बौसड़, दोंदर, लोहगढ़, बौसड़वा, जतरी, कोटवा, डभौरा, अकौरिया, मगडौर, घूमन को नहरों से जोड़े जाने संबंधी घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अभी तक उक्त घोषणा का क्रियान्वयन नहीं हो सका है? कब तक उक्त घोषणा का क्रियान्वयन हो सकेगा? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा सेमरिया स्थित पुर्वा फाल से पानी लिफ्ट सिस्टम (तकनीकी) माध्यम से सिरमौर तहसील के सूखाग्रस्त ग्रामों में पहुंचाये जाने की मंशा के तहत घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कब तक उक्त घोषणा का क्रियान्वयन हो सकेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में कब तक विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरवार, बगहिया, कररिया, कैमहा प्लॉट, सदहना, खरौली, कमरहट को नहरों से जोड़ा जा सकेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा रीवा जिले में विकासखण्‍ड सिरमौर प्रवास के दौरान सिंचाई योजना के तहत विकासखण्‍ड जवा के ग्राम छतैनी, हरदोली, गहिलवार, बौसड़, ढोढ़र, लोहगढ़, बौसड़वा, जतरी, कोटवा, डभौरा, अकरिया, मगडौर एवं घूमन को नहरों से जोड़े जाने संबंधी घोषणा नहीं की गई थी अपितु दिनांक 16.03.2017 को घोषणा क्रमांक-बी 3348 में डभौरा, हरदौली, घूमन एवं त्‍योंथर बहाव योजना से छूटे शेष ग्रामों में किसानों की सिंचाई सुविधा हेतु लिफ्ट द्वारा सिंचाई के लिए सर्वे कराए जाने की घोषणा की गई थी। उक्‍त घोषणा के परिपालन में सर्वेक्षण में पाया गया कि रीवा जिले के विकासखण्‍ड जवा के ग्राम छतैनी, हरदोली, गहिलवार, बौसड़, ढोढ़र, लोहगढ़, बौसड़वा, जतरी, कोटवा, डभौरा, अकरिया, मगडौर एवं घूमन इत्‍यादि त्‍योंथर बहाव योजना के कमाण्‍ड़ क्षेत्र के बाद के ग्राम हैं। उक्‍त ग्राम त्‍योंथर बहाव योजना के नहर की बांयी तरफ नहर के तल से ऊँचाई पर काफी दूर स्थित हैं। इन ग्रामों को किसी अन्‍य लिफ्ट योजना से जल प्रदाय करने की योजना की प्रति हेक्‍टेयर लागत विभागीय वित्‍तीय मापदण्‍ड से अधिक होने के कारण योजना साध्‍य नहीं पाई जाना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि विकासखण्‍ड सिरमौर अंतर्गत प्रश्‍नांकित ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु तकनीकी परीक्षण उपरांत सेमरिया स्थित पूर्वा फॉल से नहीं अपितु त्‍योंथर बहाव योजना की टनल के अपस्‍ट्रीम से पानी लिफ्ट कर सिरमौर माइक्रो सिंचाई परियोजना प्रस्‍तावित की गई है जिसका डी.पी.आर. शासन स्‍तर पर परीक्षणाधीन है। परीक्षणोपरांत गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बाढ़ पर नियंत्रण

[जल संसाधन]

63. ( क्र. 1979 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रतिवर्ष वर्षाकाल में अतिवर्षा होने पर शहर विदिशा सहित ग्रामीण क्षेत्र विदिशा एवं जिले के अन्य बासौदा कुरवाई, आदि क्षेत्रों में भोपाल बड़ा तालाब एवं कलियासोत डेम के गेट खोले जाने से बाढ़ की स्थिति अति गंभीर हो जाती है एवं प्रतिवर्ष जान-माल की क्षति होती है के संबंध में बाढ़ को रोकने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या शासन विदिशा शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र विदिशा में बड़े तालाब एवं कलियासोत डेम के गेट खोले जाने से अति बहाव की वजह से आने वाली बाढ़ को रोके जाने के संबंध में उक्त दोनों जल संचय केन्द्रों पर ओवर फ्लो (जैसे की हलाली डेम पर ओवर फ्लो निर्माण है) के माध्यम से अतिभराव वाले पानी को छरछरे के माध्यम से छोड़े जाने के संबंध में निर्माण संबंधी कार्यवाही की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि वर्षाकाल में अतिवर्षा के वर्षों में यदा-कदा इस प्रकार की स्थिति निर्मित होती है। अतिवर्षा की स्थिति में भोपाल स्थित बड़े तालाब के गेट खोले जाने पर तालाब का पानी कलियासोत नदी के माध्‍यम से कलियासोत जलाशय में आता है। विभाग द्वारा कलियासोत जलाशय का निर्माण अतिवर्षा की स्थिति में बड़े तालाब के अतिरिक्‍त जल के कारण संभावित बाढ़ को नियंत्रित करने तथा सिंचाई हेतु कराया गया था। वर्षाकाल के दौरान बड़े तालाब के भदभदा स्थित गेट और कलियासोत डेम के गेट क्रमश: नगर-निगम भोपाल एवं कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, भोपाल के आपसी सामंजस्‍य से वर्षा जल की आवक के परिप्रेक्ष्‍य में गेट ऑपरेशन मैन्‍युअल अनुसार खोले एवं बंद किए जाते हैं। गेटों को खोले जाने के पूर्व जिला कलेक्‍टर भोपाल, विदिशा एवं रायसेन को सूचित किया जाता है ताकि बाढ़ नियंत्रण के लिए आवश्‍यक तैयारी पूर्व में ही की जा सके। उक्‍त स्थिति आने पर बाढ़ नियंत्रण हेतु पृथक से कोई नवीन योजना विचाराधीन नहीं है। बड़े तालाब एवं कलियासोत डेम में अधिकतम जल स्‍तर (MWL) से अधिक जल होने पर, अतिरिक्‍त जल को बड़े तालाब के भदभदा स्थित गेट तथा कलियासोत डेम के गेट के माध्‍यम से ही छोड़ा जाता है। अतिभराव वाले पानी को स्‍थापित डिजाइन मापदण्‍डों के अनुरूप निर्मित ओव्‍हरफ्लो सेक्‍सन से छोड़ा जाता है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रैन बसेरा निर्माण योजना

[श्रम]

64. ( क्र. 1980 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा रैन बसेरा निर्माण योजना संचालित किये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत रैन बसेरा निर्माण किये जाने हेतु ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है, यदि हाँ, तो जानकारी देवें एवं यदि नहीं, तो कब तक ग्राम पंचायतों का चयन कर रैन बसेरा निर्माण का निर्माण करा दिया जावेगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत नगर परिषद निवाड़ी, ओरछा एवं तरीचरकलां में रैन बसेरा निर्माण करने के संबंध में विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं उक्त नगर परिषदों में कब तक रैन बसेरों का निर्माण करा दिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की निर्माण श्रमिक रैन बसेरा योजना अनुसार जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में गठित समिति द्वारा जिले में रैन बसेरा निर्माण हेतु स्‍थल चयन, उसकी उपयोगिता, आवश्‍यकता के आधार पर किया जाकर रैन बसेरा निर्माण का प्रस्‍ताव मण्‍डल कार्यालय को प्रेषित किये जाने का प्रावधान है। मण्‍डल कार्यालय से प्रस्‍ताव की स्‍वीकृति उपरांत योजना में प्रावधानित राशि संबंधित जिला श्रम कार्यालय को आवंटित की जाती है तथा निर्माण कार्य संबंधित निकाय द्वारा ही किये जाने का प्रावधान है। जिला निवाड़ी से विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में रैन बसेरा निर्माण संबंधी कोई भी प्रस्‍ताव मण्‍डल को आज दिनांक तक प्राप्‍त नहीं है। (ख) जी नहीं। निर्माण श्रमिक रैन बसेरा योजना अनुसार जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में गठित समिति द्वारा रैन बसेरा हेतु स्‍थल चयन का प्रावधान है। जिला स्‍तर से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर प्रस्‍ताव स्‍वीकृति संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) निर्माण श्रमिक रैन बसेरा योजना अंतर्गत योजना के प्रावधान अनुसार जिला कलेक्‍टर निवाड़ी के माध्‍यम से विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत नगर परिषद निवाड़ी, ओरछा एवं तरीचरकलां में रैन बसेरा निर्माण संबंधी कोई भी प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं है। नियमानुसार प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।

नामांतरण में विलंब होना

[राजस्व]

65. ( क्र. 2005 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्देरी विधानसभा अंतर्गत नईसराय तहसील, के समस्त वृत्‍त में कितनी नामांतरण की फाइल ऑनलाइन दर्ज है संख्यावार जानकारी दें? नामांतरण की फाइल विलम्‍ब होने का क्या कारण है? स्पष्ट करें। (ख) नामांतरण, बंटवारा समय-सीमा में क्यों नहीं किये गए इसमें संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी कितने नोटिस कब-कब दिए गए जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें? (ग) ईसागढ़ अनुभाग के समस्त तहसील वृत्‍त में नामांतरण एवं बंटवारा, बटांकन की फाइल निरस्त करने का क्या कारण रहा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) चन्‍देरी विधानसभा अंतर्गत तहसील नईसराय के वृत्‍त 01 नईसराय में 474, वृत्‍त-02 अमरोद सिंगराना में 371 एवं वृत्‍त-03 महिदपुर में नामांतरण के 280 इस प्रकार कुल 1125 प्रकरण ऑनलाईन दर्ज है। प्रकरणों के विवादित होने तथा पीठासीन अधिकारी के स्‍थानीय संस्‍थाओं के निर्वाचन में महत्‍वपूर्ण दायित्‍वों के निर्वहन में व्‍यस्‍त रहने के कारण विलम्‍ब हुआ। (ख) नामांतरण, बंटवारा म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 में उल्‍लेखित समय-सीमा में निराकृत किए जाते हैं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) ईसागढ़ अनुभाग की समस्‍त तहसील राजस्‍व वृत्‍त में नामांतरण एवं बंटवारा, बटांकन के प्रकरणों के म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों के अंतर्गत विधि एवं प्रक्रिया के अनुरूप न होने से निरस्‍त किये जाते हैं।

विस्‍थापि‍त ग्रामों में सिंचाई हेतु नहर की व्‍यवस्‍था

[राजस्व]

66. ( क्र. 2148 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व द्वारा वन ग्रामों को विस्‍थापन किया गया है परंतु उपरोक्‍त क्षेत्र में विस्‍थापित आदिवासियों को कृषि कार्य में सिंचाई हेतु वर्तमान में क्‍या व्‍यवस्‍था है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा क्‍या पूर्व में इन क्षेत्रों में सिंचाई हेतु नहर बनाये जाने का प्रस्‍ताव तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो उसके संबंध में जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये। (ग) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के विस्‍थापित ग्रामों में किसानों को सिंचाई हेतु नहर कब तक बना दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व द्वारा विस्‍थापित ग्रामों के कुछ आदिवासियों द्वारा वर्तमान में कृषि कार्य हेतु सिंचाई निजी साधनों द्वारा की जा रही है। (ख) पूर्व में इन क्षेत्रों में सिंचाई हेतु नहर बनाये जाने का प्रस्‍ताव तैयार नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में समयावधि बताना संभव नहीं है।

जल संसाधन विभाग अंतर्गत कार्यों की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

67. ( क्र. 2193 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आरम्भ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं? इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण देवें? (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है यदि हाँ, तो इसका क्या कारण हैं?                                             (घ) क्या प्रश्‍नकर्ता को विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का क्या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र-191 अलीराजपुर अंतर्गत प्रशासकीय और वित्‍तीय स्‍वीकृति प्राप्‍त कोई भी कार्य अप्रारंभ या अधूरा नहीं है। वर्तमान में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रशासकीय और वित्‍तीय स्‍वीकृति प्राप्‍त 02 निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रगतिरत 02 कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि का विवरण  संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। इन कार्यों को पूरा करने में किसी प्रकार के विलंब की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग, अलीराजपुर द्वारा दिनांक 16.10.2019, 17.03.2020, 17.06.2020 एवं 22.02.2021 को प्रश्‍नकर्ता माननीय सदस्‍य को निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी से अवगत कराया जाना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तिरेसठ"

खनिज प्रतिष्ठान न्यास मंडल द्वारा किए गए कार्य

[खनिज साधन]

68. ( क्र. 2196 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज मद में कुल कितनी राशि है? (ख) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मंडल द्वारा विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर में कौन-कौन से कार्य अनुमोदित किये गये? (ग) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? इनमें से कितने कार्य पूरे हो चुके हैं और कितने कार्य अभी अधूरे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अलीराजपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में राशि रूपये 1,34,45,028/- है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौंसठ"

संचालनालय कर्मचारी राज्‍य बीमा सेवायें

[श्रम]

69. ( क्र. 2232 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय कर्मचारी राज्‍य बीमा सेवायें नंदा, नगर इंदौर के अंतर्गत संचालित केन्‍द्र और अधीनस्‍थ अस्‍पतालों में पात्र मरीजों के लिए किन बीमारियों/ईलाज, दवाइयां उपकरण क्रय करने टेंडर से सप्‍लाय लेने आदि के लिए वर्ष 2018-19 से जानकारी देने के दिन तक की अवधि में कितना बजट किस-किस कार्य के‍ लिए दिया गया? वर्षवार बतावें। (ख) दवाइयां और उपकरण आदि क्रय करने के लिए केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकार के द्वारा एम.आर.पी. से कितनी कम दर पर क्रय करने के आदेश नियम जारी किया है? प्रतियां देवें। स्‍वीकृत टेंडर आदेशों की वर्षवार प्रतियां देवें। सरकार द्वारा जारी आदेश, निर्धारित नियम और वित्‍तीय अधिकार के विपरीत, अधिक दर पर दवाइयां उपकरण आदि किन अधिकारियों के द्वारा जारी किन आदेशों के कारण क्रय किए? प्रतियां देवें। (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ करने की अवधि क्‍या निर्धारित है? केन्‍द्र से संचालनालय में कौन-कौन से पद के अधिकारी कर्मचारी किस दिनांक से प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ है संचालनालय में पदस्‍थ अधिकारी, कर्मचारी के विगत तीन कार्य विभाजन आदेशों की प्रतियां देवें संचालक, उप संचालक को कितनी राशि तक की दवाइयां, उपकरण आदि क्रय करने के एवं क्‍या-क्‍या अधिकार है? (घ) केन्‍द्रीय औषधी भंडार कर्मचारी राज्‍य बीमा सेवायें इंदौर, देवास, भोपाल, उज्‍जैन, ग्‍वालियर, जबलपुर, अमलाई आदि केन्‍द्रों की डिमांड पर प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में कैंसर, टी.बी., किडनी, लीवर की बीमारियों के ईलाज में मरीज को लगने वाली मोनोपोली/पेटेंट और जैनरिक दवाइयां कितनी राशि की क्रय की गई? माहवार बतावें। कितने मरीजों (नाम, पता, मोबाईल नगर आदि सहित बतावें) के द्वारा स्‍वयं दवाइयां क्रय करने के उपरांत उनको किन दिनांकों को भुगतान किया गया? उस बैंक खाते की जानकारी देवें जिनमें भुगतान किया गया? कितने मरीजों की ईलाज के दौरान मृत्‍यु होने के उपरांत कितनी राशि की शेष दवाइयां वापस टेंडर प्राप्‍तकर्ता ने ली? किस व्‍यक्ति की शिकायत पर किस प्रकार की जांच की गई? (ड.) संचालनालय के अधीनस्‍थ किस-किस हास्‍पिटलों (संचालक के नाम सहित बतावें) के द्वारा प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में किस प्रकार की त्रुटिपूर्ण बिल कितनी राशि के प्रस्‍तुत किए गए? क्‍यों लौटाए गए? क्‍या फर्जी बिल प्रस्‍तुत किए थे? वर्तमान स्थिति बतावें। एफ.आई.आर. दर्ज क्‍यों नहीं करवाई इन बिलों को किस दिनांक को किस नाम के अधिकारी के आदेश पर लौटाया गया? अब तक वापस प्राप्‍त क्‍यों नहीं किए?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ख) दवाई/उपकरण क्रय करने के लिए केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा दर निर्धारित संबंधी आदेश जारी नहीं किये गये हैं। अतः आदेश की प्रति का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। स्वीकृत टेंडर आदेशों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सरकार द्वारा जारी आदेश, निर्धारित नियम और वित्तीय अधिकार के विपरीत, अधिक दर पर दवाइयां, उपकरण आदि किसी भी अधिकारी द्वारा क्रय नहीं किए गए है। अतः आदेश की प्रति का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक/9789/3810/1 (2) दिनांक 09.12.1964 द्वारा प्रतिनियुक्ति अवधि सामान्यत: 04 वर्ष निर्धारित है। केंद्र से संचालनालय में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं है अपितु केंद्र से संचालनालय में कार्य कर रहे अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी एवं संचालनालय में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के विगत 03 वर्षों के कार्य विभाजन की जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। संचालक व उप संचालक को दवाई क्रय करने हेतु प्राप्त वित्तीय अधिकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। (घ) उल्लेखित केन्द्रों की डिमांड पर प्रश्‍नांश अवधि में केंसर, किडनी, लिवर, मोनोपोली/पेटेन्ट और जेनरीक  की दवाई क्रय की गई है, उसकी माहवार जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। उपरोक्त कोई भी दवाइयां मरीजों द्वारा स्वयं क्रय नहीं की गई और न ही भुगतान किया गया किसी मरीज की मृत्यु उपरांत कोई दवाई वापस टेंडर प्राप्तकर्ता को नहीं दी गई उपरोक्त के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं। अतः जांच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।

कोरोना काल में प्रदेश में कर्मचारियों की मृत्यु

[राजस्व]

70. ( क्र. 2302 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) 2020 तथा 2021 के कोरोना काल में प्रदेश में कितने सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु कोविड ड्यूटी के दौरान हुई? नाम, पद, कार्य स्थल, मृत्यु दिनांक, विभाग का नाम, सहित जानकारी देवें।                    (ख) कोविड ड्यूटी में मरने वालों को क्या कोविड योद्धा सम्मान स्कीम, अंतर्गत 50 लाख़ की राशि देने की घोषणा सरकार द्वारा की गई थी? अब तक इस योजना के अंतर्गत कितने लोगों को सम्मान राशि दी गई? विभाग और वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित जिन कोविड योद्धा को अभी तक अगर राशि नहीं दी गई, तो नाम, पद, विभाग सहित कारण बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्‍यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना के अंतर्गत कोविड-19 प्रभावित रोगियों/नागरिकों को अपनी सेवा प्रदान कर रहे कर्मियों को सुरक्षा कवच के रूप में यह योजना लागू की गई थी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) मुख्‍यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजनार्न्‍तगत निर्धारित दस्‍तावेजों की जिलों द्वारा पूर्ति एवं योजना के निर्देशानुसार प्रकरण परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

जल प्रदाय हेतु विभिन्‍न योजनाओं की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

71. ( क्र. 2330 ) श्री संजय यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के पटीचरगवां जलाशय निर्माण हेतु नि‍विदा दिनांक 24-2-2022 को जारी की गई है? यदि हाँ, तो उक्त जलाशय निर्माण कार्य निविदा के एक वर्ष बाद भी प्रारंभ नहीं हुआ है, तो बताया जावे कि निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ख) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1451, दिनांक 10.03.22 के उत्तर में विभाग द्वारा बताया कि टेमर स्टॉप डेम कम रपटा के निर्माण कार्य हेतु दिनांक 02.03.19 को 195.70 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति को कोविड-19 के चलते रोक दिया गया था, जिसका नवीन दरों में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव संभाग स्तर पर तैयार कराया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, है तो उक्त टेमर स्टॉप डेम का निर्माण कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। (घ) विभाग टेमर स्टॉप डेम कम रपटा की निविदा कब तक आमंत्रित करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला जबलपुर के बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पटीचरगवां जलाशय के निर्माण हेतु निविदा दिनांक 24.02.2022 को आमंत्रित की गई थी। जिसमें एकल निविदाकार के निविदा पूर्व अर्हता में अनर्हतित होने के कारण निविदा दिनांक 31.05.2022 को निरस्‍त की जाकर दिनांक 22.12.2022 को पुन: आमंत्रित की गई। निविदा प्राप्‍त होकर अनुवर्ती कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वस्‍तुत: विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1451 दिनांक 10.03.2022 के उत्‍तर में बताया गया था कि टेमर स्‍टॉप डेम कम रपटा की दिनांक 02.03.2019 को राशि रू. 195.70 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त है। टेमर स्‍टॉप डेम कम रपटा के निर्माण कार्य की निविदा का प्रकाशन तत्‍समय कोविड-19 एवं वित्‍त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण नहीं किया जा सका। तदोपरांत यूसीएसआर की दरों में संशोधन होने के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव संभाग स्‍तर पर तैयार किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) टेमर स्‍टॉप डेम के निर्माण कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रकरण संभागीय कार्यालय स्‍तर पर तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भूमि पट्टा का आवंटन

[राजस्व]

72. ( क्र. 2338 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश सहायक पंजीयक फर्म्स संस्थान द्वारा प्रत्येक जिले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समितियों का पंजीयन कर प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे तथा वर्ष 1969-70 में राजस्व विभाग द्वारा कृषि कार्यों हेतु अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की समितियों को भूमि का पट्टा आवंटन किया गया था जिसमें समितियों द्वारा कृषि कार्य किया जाता रहा है?                                                (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या वर्ष 1996 में मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा समितियों का पंजीयन व भूमि का पट्टा निरस्त कर दिया है और सहायक पंजीयक फर्म्स संस्थान द्वारा राजस्व विभाग को लिखा गया है कि समितियों के सदस्यों को प्राथमिकता के आधार पर भूमि का पट्टा आवंटन किया जाए, जो कि आज तक आवंटन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो प्राथमिकता के आधार पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की समितियों के सदस्यों को कब तक भूमि का पट्टा आवंटन किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पैंसठ"

डूब क्षेत्र के किसानों/रहवासियों की समस्‍या का समाधान

[राजस्व]

73. ( क्र. 2358 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पूर्व विधानसभा सदस्‍य श्री रामहित गुप्‍ता जी के द्वारा 09 मार्च, 1987 को तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 5 (क्र. 813) से जो प्रश्‍न पूछा था उसके जवाब में दिये आश्‍वासनों का प्रश्‍नतिथि तक राज्‍य शासन द्वारा कब व क्‍या-क्‍या निर्णय लिये गये? सभी आदेश क्रमांकोंवार/दिनांकोंवार जारी पत्रों/आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध कराते हुये दें। (ख) क्‍या तात्‍कालीन प्रमुख सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन, राजस्‍व विभाग श्री डी.जी. भावे के द्वारा पत्र क्रमांक-एफ 8-26/सात/सा-2/बी/87 भोपाल दिनांक 08 मार्च, 1987 से आयुक्‍त रीवा संभाग, रीवा को पत्र लिखा था? पत्र की एक प्रति उपलब्‍ध कराते हुये बतायें कि प्रमुख सचिव द्वारा पत्र के पैरा क्रमांक (3) में उल्‍लेख किया है कि 17 ग्रामों के मुआवजे के रिकार्ड आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग (ई.ओ.डब्‍लू.) द्वारा जब्‍त किये गये हैं? पत्रों की एक प्रतिलिपि दें। (ग) क्‍या तात्‍कालीन रीवा संभाग आयुक्‍त श्री पी.एन. तिवारी जी ने अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक क्‍यू/एफ-1/रीवा, दिनांक 03.06.1987 से तात्‍कालीन प्रमुख सचिव, राजस्‍व विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन को पत्र लिखा था? पत्रों की एक प्रतिलिपि दें। (घ) क्‍या उक्‍त जब्‍त हुई फाईलें अभी भी ई.ओ.डब्‍लू. के कस्‍टडी में है? वापसी हेतु क्‍या पत्रों का आदान-प्रदान हुआ? प्रश्‍नतिथि तक हुई सभी कार्यवाही एवं लिखे एवं आये पत्रों की एक-एक प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कूट रचित दस्‍तावेजों से भूमियों का खुर्द-बुर्द

[राजस्व]

74. ( क्र. 2359 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या न्‍यायालय कलेक्‍टर एवं जिला मजिस्‍ट्रेट, जिला सतना म.प्र. के पत्र क्रमांक/656/चार.आर/2022 सतना दिनांक 21.01.2022 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) अनुविभाग रघुराजनगर सतना से तथ्‍यात्‍मक प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराये जाने का लेख किया गया था? पत्र की एक प्रति देवें। (ख) क्‍या पटवारी हल्‍का नं. 87 बेला राजस्‍व निरीक्षक मंडल सतना तहसील रघुराजनगर जिला सतना द्वारा तहसीलदार सतना को मौजा बेला की आराजी क्र. 139 रकबा 12.62 एकड़ का जांच प्रतिवेदन दिया था? एक प्रति दें। तहसीलदार तहसील रघुराजनगर सतना ने पत्र क्र./255/प्र.वा./सतना/तह./रघु./2022 सतना दिनांक 25.01.2022 से एस.डी.एम. रघुराजनगर को पत्र/प्रतिवेदन भेजा? एक प्रति दें एस.डी.एम. सतना ने कलेक्‍टर सतना को क्‍या प्रतिवदेन कब व किस क्रमांक से भेजा? एक प्रति दें (ग) कलेक्‍टर सतना ने उक्‍त जांच प्रतिवेदनों में क्‍या पाया? बिन्‍दुवार विवरण दें क्‍या उक्‍त भूमि वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी से कूट रचित दस्‍तावेजों के जरिये किस-किस नाम एवं पते को कब-कब हस्‍तांतरित हुई? कैसे हुई? किस सक्षम कार्यालय की भूमिका कूट रचित दस्‍तावेजों को हेरा फेरी कर हस्‍तांतरित करने पाई गई? कार्यालय के पदनाम/नाम का उल्‍लेख करें। (घ) राज्‍य शासन कब तक किस नाम/पदनाम को चिन्हित कर विभागीय जांच संस्थित कर निलंबन की कार्यवाही कर अवैध रूप से हस्‍तांतरित भूमि के विक्रय पत्रों को निरस्‍त करने की कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–"" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"" एवं  "" अनुसार है। (ग) प्रकरण क्र./ 0148/निगरानी/2020-21न्‍यायाधीन है। (घ) उत्‍तरांश "ग" अनुसार है।

श्रम विभाग के मॉडल चिकित्‍सालय

[श्रम]

75. ( क्र. 2375 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कर्मचारी राज्‍य बीमा चिकित्‍सालय, भोपाल को मॉडल चिकित्‍सालय बनाने के लिए श्रम विभाग, मध्‍यप्रदेश द्वारा सहमति पत्र और हस्‍तांतरण करने हेतु, महानिदेशक कर्मचारी निगम को पत्र भेजा था एवं भारत सरकार एवं मध्‍यप्रदेश शासन के मध्‍य प्रश्‍न तिथि तक क्‍या-क्‍या पत्राचार/क्‍या कार्यवाही हुई? (ख) श्रम विभाग के अधीन चिकित्‍सालयों में विशेषज्ञों, चिकित्‍सकों एवं कर्मचारियों की कमी है तो कितने पदों पर कर्मचारियों/चिकित्‍सकों की कब-कब भर्ती की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं की गई? (ग) क्‍या निगम को भोपाल चिकित्‍सालय, हस्‍तांतरित करने से राज्‍य शासन द्वारा चिकित्‍सालय पर होने वाले सम्‍पूर्ण वहन किसके द्वारा किया जायेगा तथा हस्‍तांतरण में विलंब करने से राज्‍य शासन द्वारा चिकित्‍सालय में किए गए, व्‍यय की जानकारी उपलब्‍ध करायी जायेगी? यदि नहीं, तो इन्‍दौर मॉडल चिकित्‍सालय पर शासन द्वारा दो वर्षों में कितना व्‍यय किया गया? (घ) कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम, इन्‍दौर में पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत राज्‍य शासन के कर्मचारियों को श्रम विभाग की अनुशंसा पर निगम के कर्मचारियों के समान निगम का वेतन दिया जाता था? यदि हाँ, तो भोपाल चिकित्‍सालय के हस्‍तांतरण में राज्‍य के कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति सह-समायोजित करने के संबंध में श्रम विभाग, राज्‍य शासन ने कोई अनुबंध किया है? स्‍पष्‍ट करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के मध्य प्रश्‍न तिथि तक कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय भोपाल को मॉडल चिकित्सालय बनाने हेतु कार्यवाही लंबित है। पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालयों में राजपत्रित प्रथम श्रेणी के पदों की पूर्ति शासन द्वारा विभागीय पदोन्नति समिति के माध्यम से व अराजपत्रित तृतीय श्रेणी के पदोन्नति के पदों की पूर्ति विभागीय पदोन्नति समिति के माध्यम से विभाग द्वारा की जाती है, पदोन्नति की कार्यवाही वर्ष 2016 से स्थगित हैं। द्वितीय श्रेणी के पदों की पूर्ति शासन द्वारा समय-समय पर वर्ष 2016, 2017, 20202021 में की गई है। इस प्रकार तृतीय श्रेणी के पदों की पूर्ति वर्ष 2019, 2020, 2021, 2022, 2023 में की गई है। भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय, भोपाल में हुयें व्यय की जानकारी :-

वर्ष

स्थापना व्यय

अन्य कार्यालयीन व्यय

2019-20

81699122

4825945

2020-21

69405790

3710941

2021-22

84282545

7566987

2022-23

75317616

3843954

इन्दौर मॉडल चिकित्सालय में राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में कोई व्यय नहीं किया गया हैं।           (घ) जी, हाँ। भोपाल चिकित्सालय हस्तांतरण में राज्य के कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति सह-समायोजित करने के संबंध में श्रम विभाग, राज्य शासन तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम के मध्य कोई अनुबंध अभी तक संपादित नहीं किया गया है।

राशन दुकानों की जांच

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

76. ( क्र. 2390 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं एवं किन-किन समूहों संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है? दुकानवार जानकारी से अवगत करावें। (ख) इस वर्ष प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा राशन वितरण में फर्जीवाड़े को रोकने हेतु किन-किन राशन दुकानों की आकस्मिक जांच की गयी? दुकानवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) जांच में कौन-कौन सी राशन की दुकानों में राशन वितरण में गड़बड़ी पायी गयी कौन-कौन सी राशन की दुकानों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी तथा कौन-कौन सी दुकानें निरस्त की गयी? विस्तृत रूप से अवगत करावें।                                                  (घ) क्या माह जनवरी 2023 में पी.डी.एस. के गरीबों को वितरित किये जाने वाले चावल की कालाबाजारी कर बेचे जाते समय दो पिकअप वाहन पुलिस द्वारा पकड़े गये थे? यदि हाँ तो उक्त चावल किस पी.डी.एस. दुकान के थे? उक्त संस्था/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कारण बताये। अब कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी? (ड.) श्योपुर जिले में खाद्यान्न आवंटन प्रत्येक माह किस दिनांक तक प्राप्त हो जाता है एवं किस दिनांक को संस्थाओं को वितरित किया जाता है? वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त एवं वितरण की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 118 उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। दुकान संचालक संस्‍थाओं की दुकानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में उचित मूल्‍य दुकानों पर निगरानी रखने हेतु कुल 73 उचित मूल्‍य दुकानों की आकस्मिक जांच की गई है, जिसकी दुकानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है(ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। दुकानों की जांच में अनियमितता पायी जाने पर 2 उचित मूल्‍य दुकानों को निलम्बित कर उपभोक्‍ताओं को राशन सामग्री प्राप्‍त करने हेतु अन्‍य दुकानों से संबद्ध किया गया है एवं 10 उचित मूल्‍य दुकानों के विरुद्ध FIR की गई है। कोई भी दुकान निरस्‍त नहीं की गई है। दुकानों के विरुद्ध की गई FIR की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है(घ) जी हाँ, दो पि‍कअप वाहनों की जांच में प्रथम दृष्‍टया यह पाया गया था कि उसके अंतर्गत पाया गया चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के हितग्राहियों से खरीदा गया है। अत: वाहन मालिकों के विरुद्ध FIR दर्ज की गई। चूंकि किसी दुकान विशेष से चावल का व्‍यपवर्तन नहीं पाया गया, अत: दुकानों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) खाद्यान्‍न का आवंटन संचालनालय खाद्य से पूर्व माह की 15 से 25 तारीख के मध्‍य अग्रिम रूप से जारी किया जाता है। खाद्यान्‍न उपलब्‍धता की स्थिति अनुसार प्रचलित माह की 7 तारीख तक उचित मूल्‍य की दुकानों पर सामान्‍यत: पहुंचा दिया जाता है। शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है।

क्रशरों से हो रही समस्यों का निराकरण

[खनिज साधन]

77. ( क्र. 2392 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा अंतर्गत स्टोन क्रशर कहाँ-कहाँ संचालित है? स्टोन क्रशर की सूची मालिकों के एवं उनके फर्म के नाम सहित उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में पत्थर उत्खनन कितने मीटर गहराई तक खुदाई व उत्खनन पश्चात गड्ढों की भराई वृक्षारोपण का कार्य कहाँ-कहाँ कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) स्टोन क्रशरों की डस्ट से अनेकों गंभीर बीमारी होती है, जैसे-दमा, श्वास, टी.वी., खांसी, कैंसर इसके बचाव के लिये क्या प्रदूषण यंत्र लगाये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) स्टोन क्रशर हेतु पत्थर निकालने के लिये ब्‍लास्टिंग से उत्खनन की जाती है तो वहां के आस-पास के मकानों में दरारे आ जाती हैं जिससे ग्राम व शहरवासियों को काफी नुकसान उठाना पडता है, इसकी भरपाई या क्षतिपूर्ति क्रशर मालिक या शासन द्वारा की जाती है, यदि नहीं, तो क्यों? शासन के द्वारा प्रदूषण रोकने के लिये गाइड लाइन बनायी गयी हैं? क्या इन मापदण्डों का पालन हो रहा है? अगर नहीं तो उन पर क्या कार्यवाही की गयी है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) स्‍टोन क्रशर की संचालित खदानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) पत्‍थर उत्‍खनिपट्टे का कार्य अनुमोदित खनन योजना में प्रावधानित गहराई अनुसार किया जाता है। खदान क्षेत्र के आस-पास वृक्षारोपण का कार्य किया गया है तथा वर्तमान में सभी खदानें संचालित होने के कारण उत्‍खनन पश्‍चात् खनन योजना के तहत गड्ढों की भराई का कार्य नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ, प्रश्‍नांश अनुसार प्रदूषण से बचाव के लिये स्‍टोन क्रशर की डस्‍ट से बचाव के लिये आवश्‍यक व्‍यवस्‍था की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार स्थिति प्रकाश में नहीं आई है अत: क्षतिपूर्ति का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, शासन द्वारा प्रश्‍नांश के संबंध में गाइड लाइन बनायी गयी है। गाइड लाइन का पालन कराये जाने की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छियासठ"

शासकीय बसों का संचालन

[परिवहन]

78. ( क्र. 2396 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्‍बल संभाग में शासकीय बसों का संचालन क्‍यों बंद किया गया एवं इनके कर्मचारियों को उनकी नौकरी के स्‍वत्‍वों का भुगतान किया गया तो कितना-कितना? अगर नहीं किया गया तो क्‍यों? क्‍या कर्मचारियों के स्‍वत्‍वों का भुगतान के संबंध में शासन कोई कदम उठाएगा? (ख) चम्‍बल संभाग में शासकीय परिवहन की कोई व्‍यवस्‍था नहीं है जिससे श्‍योपुर, पोरसा, ग्‍वालियर, भिण्‍ड एवं राजस्‍थान शहरों आदि शहरों में यात्रा करने वाले यात्रियों से प्राइवेट परिवहन वाले मनमाना किराया वसूल रहे है। क्‍या शासन द्वारा चम्‍बल संभाग में शासकीय परिवहन सेवा प्रारंभ करने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं? अगर हाँ तो क्‍या?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) निगम के परिसमापन के सैद्धांतिक निर्णय (दिनांक 18-02-2005) के अनुक्रम में निगम वाहनों का संचालन वर्ष 2008 में एवं अनुबंधित वाहनों का संचालन वर्ष 2010 में बंद किया गया। निगम वाहनों का संचालन बंद होने के कारण आय के स्रोत्र नगण्‍य हो गये जिसके कारण कर्मचारियों के सेवानिवृत्‍त देयकों का समय पर भुगतान नहीं किया जा सका उक्‍त मद हेतु विभाग द्वारा वित्‍त विभाग से राशि रूपये 14.60 करोड़ की मांग की गई है। राशि प्राप्‍त होने पर भुगतान किया जा सकेगा। (ख) यात्रियों से अधिक किराया वसूल किये जाने संबंधी शिकायत प्राप्‍त होने पर अधिकारियों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है तथा शिकायत का निराकरण किया जाता है। उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

SLR को वरिष्‍ठता के आधार पर पदोन्‍नति

[राजस्व]

79. ( क्र. 2428 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 01.01.15 की स्थिति में आयोजित तहसीलदार/अधीक्षक भू-अभिलेख से डिप्‍टी कलेक्‍टर की डी.पी.सी. की विचारण सूची में बाद की तिथि में 12 अधीक्षक भू-अभिलेखों के नाम जोड़े गए? यदि हाँ, तो कब एवं क्‍यों? (ख) श्री संजीव नागू, रमीला श्रीवास्‍तव एवं अन्‍य 10 S.L.R. को आदेश दिनांक 28.04.2015 द्वारा वर्ष 2006 से वरिष्‍ठता देने का नियम/प्रावधान बतावें। क्‍या राजस्‍व विभाग द्वारा वर्ष 2008 से ASLR से SLR पद पर विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण के संबंध में निर्णय लिया जा चुका था? यदि हाँ, तो उक्‍त निर्णय के विरूद्ध इन्‍हें वरिष्‍ठता किस आधार पर दी गई? (ग) क्‍या CLR द्वारा अपने प्रतिवेदन दिनांक 05.02.2020 में उक्‍त वरिष्‍ठता को त्रुटिपूर्ण होना प्रतिवेदित किया है? यदि हाँ, तो उक्‍त त्रुटि के जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या उक्‍त त्रुटि में सुधार कर पुरानी पदोन्‍नति निरस्‍त कर रिव्‍यू डी.पी.सी. कर अगले क्रम के अधिकारियों को पदोन्‍नति दी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों? कारण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) श्री संजीव नागू एवं रमीला श्रीवास्‍तव एवं 10 अन्‍य सहायक अधीक्षकों को कार्यालय आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त ग्‍वालियर के आदेश क्रमांक 16/स्‍था.एक/स.अ.भू.अ./378/2014, दिनांक 05.11.2014 द्वारा सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख की वरिष्‍ठता वर्ष 2006 में पदोन्‍नत श्री रामप्‍यारेलाल पुरी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के पश्‍चात स.क्र. 182 पर अंकित श्री रतिराम वर्मा, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के नाम के बाद तथा स.क्र. 183 पर अंकित श्री हीतम सिंह जाटव, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के नाम के पहले निर्धारित की गई थी। इसी के अनुक्रम में विभागीय आदेश क्रमांक एफ 1-7/2014/ सात/4बी, दिनांक 28 अप्रैल, 2015 द्वारा दिनांक 01.04.2005 की स्थिति में प्रकाशित सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख की पदक्रम सूची में वरिष्‍ठता निर्धारित करने के फलस्‍वरूप नीचे दर्शाये गये अधीक्षक, भू-अभिलेखों को दिनांक 11.10.2006 को संपन्‍न सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख से अधीक्षक भू-अभिलेख के पद पर संपन्‍न विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक के अनुक्रम में दिनांक 02.02.2015 को संपन्‍न विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक में श्री चमनलाल धुर्वे सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख की अधीक्षक भू-अभिलेख के पद पर हुई पदोन्‍नति की तिथि अर्थात दिनांक 21.12.2006 से प्रोफार्मा पदोन्‍नति प्रदान की गई थी तथा उनकी वरिष्‍ठता क्रमानुसार अधीक्षक भू-अभिलेख की दिनांक 01.04.2007 की पदक्रम सूची में श्री चमनलाल धुर्वे अधीक्षक भू-अभिलेख पदक्रम सूची क्रमांक 166 के नीचे अर्थात स.क्र. 166-ए पर निर्धारित की गई थी। जी हाँ। विभागीय पत्र दिनांक 01.09.2008 द्वारा निर्णय लिया गया था कि सहायक अधीक्षक, भू-अभिलेख की परिवीक्षाकाल में सर्वे सहित समस्‍त विभागीय परीक्षायें निर्धारित स्‍तर से उर्त्‍तीण करने पर ही स्‍थाईकरण एवं पदोन्‍नति हेतु पात्रता होगी। उक्‍त सभी 12 सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख विभागीय परीक्षा उर्त्‍तीण कर चुके थे। (ग) जी हाँ। आयुक्‍त, भू-अभिलेख द्वारा उक्‍त प्रतिवेदन दिया था। किन्‍तु उक्‍त प्रतिवेदन युक्तियुक्‍त नहीं होने से मान्‍य नहीं किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '' '' एवं '' के क्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बैराज एवं स्टाप डेम की जल सग्रहण क्षमता

[जल संसाधन]

80. ( क्र. 2445 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा बैराजों और स्टाप डेमों की जल सग्रहण क्षमता 0.50 घन मीटर से कम के बनाने का कोई प्रावधान है? हाँ तो बताएं नहीं तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में छोटी नदियो का पानी व्यर्थ होने से रोकने हेतु क्या विभाग छोटे बैराजो ओर स्टाप डेमों का निर्माण करेगा? हाँ तो बताएं नहीं तो कारण की जानकारी दें। (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत संचालित तालाबों, नहरों के रख-रखाव एवं सफाई हेतु प्रति हेक्टर कितनी-कितनी राशि प्रदान की जाती है? क्या यह पर्याप्त है? हाँ तो सत्यापन कर जानकारी दें। नहीं तो उक्त कार्यों हेतु राशि में बढ़ोत्‍तरी की जाएगी? (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक बैराजो एवं स्टाप डेमों के संबंध में किस-किस दिनांक को कितने-कितने पत्र विभागीय स्तर प्राप्त हुए हैं और उन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार अद्यतन स्थिति की जानकारी दें। उक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरण स्वीकृत किए स्वीकृत प्रकरणों के कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? उक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरण किस-किस स्तर पर लंबित हैं कितने आंशिक रद्द किए गए हैं और क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। पंचायती राज के गठन के बाद से 40 हेक्‍टेयर से कम सिंचाई एवं 0.50 मिघमी से कम जल संग्रहण क्षमता के बैराज, स्‍टॉप डेम अथवा सिंचाई परियोजना का निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में छोटी नदियों का पानी व्‍यर्थ होने से रोकने के लिए स्‍थल तकनीकी रूप से उपयुक्‍त होने एवं जल संग्रहण क्षमता 0.50 मिघमी से अधिक होने पर ही विभाग स्‍टॉप डेम/बैराज के निर्माण पर विचार करता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत बांधों एवं नहरों के रख-रखाव/सफाई हेतु शासनादेश क्रमांक-32/18/2017/मध्‍यम/31/194, दिनांक 20.03.2017 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''एक'' पृ. 1 से 2 अनुसार में किए गए प्रावधानानुसार प्रति हेक्‍टेयर की दर से राशि प्रदान की जाती है। जी हां। वर्तमान में उक्त राशि में बढ़ोत्‍तरी का कोई प्रस्‍ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

मत्स्याखेट से प्राप्‍त आय

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

81. ( क्र. 2446 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद के निर्मित तालाबों और नदियों में मत्स्य पालन और आखेट किया जाता है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितनी मछुआरा समितियां पंजीकृत हैं? समूह का स्थानवार विवरण देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के तालाबों से प्रतिवर्ष मत्स्याखेट से कोई आय होती है? अगर हाँ तो कितनी? इस आय से क्या कार्य कराए गए हैं? विवरण देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जिले में पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति एवं गठित समूह द्वारा कसरावद विधान सभा क्षेत्र के निर्मित तालाबों एवं नदियों में मत्‍स्‍याखेट किया जाता है। प्रवाहित नदियों के किनारे बसे मछुओं द्वारा मत्‍स्‍याखेट कार्य किया जाता है। (ख) विधान सभा क्षेत्र कसरावद में कुल 22 समितियों पंजीकृत है एवं मत्‍स्‍य पालन समूह 20 है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ग) जी हाँ पट्टा धारक समितियों/समूह के सदस्‍यों को मत्‍स्‍याखेट से राशि रूपयें 13,69,935/- आय प्राप्‍त हुई। आय का आपस में हितलाभ वितरण कर उपयोग किया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार

वन्‍य प्राणियों के हमलों से घायल/मृतकों की जानकारी

[वन]

82. ( क्र. 2455 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) ग्वालियर, चम्बल सम्भाग में वन्य प्रजातियों के हमले से कितने लोगों की मृत्यु, घायल हुई हैं? वर्ष 2020 से फरवरी 2023 तक की जिलावार जानकारी दी जावें। (ख) मृतक व्यक्तियों के वैधानिक प्रतिनिधियों को कितनी राशि आर्थिक सहायता के रूप में दी गई तथा घायलों को उपचार के साथ आर्थिक सहायता वर्जित समय में दी गई? जिलावार घायलों, मृतकों के नाम, राशि सहित जानकारी दी जावें। (ग) वन्य प्रजातियों के हमले से कितने पशु, निजी मवेशियों की मृत्यु, घायल हुए उन्हें आर्थिक सहायता दी गई? यदि हां तो उनकी संख्या बताई जावे।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।          (ख) मृतकों तथा घायलों को समय-सीमा में आर्थिक सहायता क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया है। जिलावार घायलों मृतकों के नाम तथा दी गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में शामिल है। जी हाँ। घायलों को उपचार के साथ आर्थिक सहायता निर्धारित समय-सीमा में दी गई है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।

संसाधनों का विकास

[जल संसाधन]

83. ( क्र. 2468 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग सिवनी जिले में संसाधनों के विकास के लिए प्रयासरत हैं? यदि हां, तो कौन-कौन से संसाधन बढ़ाने के लिए किन-किन योजनाओं में कितने लागत के कार्यों को शासन से स्‍वीकृत कराकर कार्यान्वित किया जा रहा है? (ख) क्‍या सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्र में स्थित नहरों नालियों तथा छोटी-छोटी नदियों पर स्‍टॉप डेम बनाने के लिए शासन ने सिंचाई क्षमता बढ़ाने की योजना तैयार की है? यदि हां, तो सप्रमाण जानकारी प्रस्‍तुत करें। (ग) सिवनी जिले में किसानों को असिंचित भूमि को सिंचित करने के लिए कितने प्रोजेक्‍ट विभाग द्वारा चलाये जा रहे है और कितने जल संसाधनों को जीर्णोद्धार के द्वारा प्रोत्‍साहित किया गया है? कितने नये कार्य स्‍वीकृत किये गये है? कितने पुराने कार्यों को आगे बढ़ाया गया है? वर्तमान में उन सभी कार्यों की स्थिति क्‍या है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले में सिंचाई संसाधन बढ़ाने हेतु शासन से स्‍वीकृति प्राप्त 20 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रगतिरत है। इनके अतिरिक्‍त विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत पेंच व्‍यपवर्तन परियोजना की नहरों का निर्माण कार्य भी प्रगतिरत है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में स्थित नहरों, नालियों तथा छोटी-छोटी नदियों पर स्‍टॉप डेम बनाने की कोई योजना वर्तमान में स्‍वीकृत नहीं है। विभाग द्वारा 0.50 मिघमी जल संग्रहण क्षमता से छोटे स्‍टॉप डेम अथवा सिंचाई योजनाएं नहीं बनाई जाती हैं। सिवनी जिले की साध्‍यता स्‍वीकृति प्राप्‍त एवं चिन्हित योजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) सिवनी जिले में किसानों की असिंचित भूमि को सिंचित करने के लिए वर्तमान में 20 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रगतिरत है। किसी भी परियोजना का जीर्णोद्धार नहीं कराया जाना, कोई नवीन परियोजना स्‍वीकृत नहीं होना एवं पुराने कार्यों को आगे बढ़ाने का कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं होना प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - "सड़सठ"

साम्रग्री को प्राइवेट वेयर हाउस में रखा जाना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

84. ( क्र. 2469 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) प्रदेश में प्राइवेट वेयर हाउस में माल भरने के क्‍या नियम है? क्‍या खरीदी केन्‍द्र से निकटतम दूरी से लेकर अधिकतम दूरी तक वेयर हाउस क्रम से भरे जाते है? यदि हां, तो खरीदी केन्‍द्रों से वेयर हाउस की दूरी के क्रम में सिवनी जिले की सीमा में स्थित प्राइवेट वेयर हाउस की क्षमता एवं समीपस्‍थ केन्‍द्र से दूरी सहित सूची उपलब्‍ध कराये। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किस प्राइवेट वेयर हाउस में कितना माल भरा गया है? वेयर हाउस से माल उठाने के क्‍या नियम है? इसमें भी निकटतम से अधिकतम दूरी का मानक लागू होता है? प्राइवेट वेयर हाउस में रखे गये माल को किस पीडीएस दुकान पर सप्‍लाई किया गया? उसका नाम एवं दूरी सहित जानकारी देवें। इस हेतु किस ट्रांसपोर्टर को कितनी राशि भुगतान की गई? वर्षवार एवं वेयर हाउसवार जानकारी देवें। (ग) क्‍या सिवनी जिले की सीमा में वेयर हाउस खाली होने के उपरांत भी 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक जिले के बाहर प्राइवेट वेयर हाउस भरे गये? यदि हां, तो किस नियम के तहत्? खरीद केन्‍द्र से सामग्री जिस प्राइवेट वेयर हाउस में रखी गई उसकी दूरी सहित सूची उपलब्‍ध कराये। इस हेतु इस ट्रांसपोर्टर को कितनी राशि भुगतान की गई? वर्षवार एवं वेयर हाउसवार जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विकास कार्यों की जानकारी

[जल संसाधन]

85. ( क्र. 2477 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र निवास अंतर्गत प्रश्‍नकर्ता द्वारा जल संसाधन विभाग को किन-किन विकास कार्यों को कराये जाने हेतु पत्र भेजे गये? (ख) उपरोक्त में से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गये? (ग) इनमें से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन से स्वीकृति मिली है? (घ) जिन विकास कार्यों के लिए स्वीकृति नहीं मिली है उनका विवरण तथा अस्वीकृति का कारण बताएं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) विगत 03 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र निवास अंतर्गत प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य द्वारा उनके पत्र दिनांक 17.02.2022 के माध्‍यम से विभाग को प्रेषित विकास कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़सठ"

राजस्‍व अभिलेखों/खसरा में सुधार

[राजस्व]

86. ( क्र. 2479 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या सतना जिले के रामपुर बाघेलान तहसील अंतर्गत पटवारी हल्‍का गाडा के मौजा लोहरा की आराजी नम्‍बर 11 के संबंध में प्रश्‍न क्रमांक 993 के जवाब में अपर कलेक्‍टर सतना ने पत्र क्रमांक 735 दिनांक 13/12/2021 को प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त भोपाल को भेजे जवाब में स्‍वीकार किया है कि हॉं उक्‍त आराजियॉं कंपनी की थी तथा शासकीय होनी थी, म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों में कब्‍जे के आधार पर नामान्‍तरण करनें की अधिकारिता तहसीलदार को नहीं है, प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त आराजी शासकीय घोषित नहीं की गई क्‍यों, कारण सहित बतायें, कब तक कर दी जायेगी, नहीं तो क्‍यों? (ख) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत पटवारी हल्‍का बरदाडीह मौजा शुक्‍ला की आराजी नम्‍बर 161, 162 को बिना कलेक्‍टर की मंजूरी के किसी अन्‍य के नाम, अधिकार न होते हुये भी आदेश संबंधित तहसीलदार के द्वारा किया गया, नायब-तहसीलदार सोहावल, राजस्‍व निरीक्षक सोहावल, पटवारी द्वारा दिनांक 10/8/2021 को पंचनामा तैयार किया गया, पंचनामा अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही एवं अभिलेखों की प्रति दें, क्‍या अभी तक उक्‍त आराजी में बेबा शंखी कोल का नाम खसरे में दर्ज नहीं किया गया है, क्‍यों खसरे की प्रति दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्‍‍त अनियमितता, कार्य में लापरवाही बरतनें पर संबंधित दोषियों/उत्‍तरदायी कौन-कौन हैं, उनके विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी, यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) न्यायालय तहसीदार वृत्त सज्जनपुर के प्रकरण क 0025/अ-74/2021-22 दर्ज कर मूल प्रकरण 50 43126/97-98 आदेश दिनांक 26.03.99 में पुनर्विलोकन की अनुमति प्रदान करते हुए हितबद्ध पक्षकरों की उपस्थिति में प्रकरण गुण दोष के आधार पर निराकरण किये जाने के निर्देश के साथ न्यायालय में प्राप्त हुआ प्रकरण न्‍यायाधीन है। (ख) शंखी पत्नी ददोलवा श्यामलाल पिता ददोलवा कोल सा0सतरी भूमि स्वामी के रूप में दर्ज अभिलेख है। खसरे की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार। प्रकरण न्‍यायाधीन है।

परिशिष्ट - "उनहत्तर"

भूमिहीनों को भूमि आवंटन

[राजस्व]

87. ( क्र. 2480 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या रैगॉंव विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम मोटवा, मोरा, निपनिया, शिवराजपुर, मड़ई, कल्‍पा, दुर्गापुर आदि ग्रामों की ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत भूमिहीनों को भूमि का आवंटन किया गया था, हॉं/नहीं? यदि हाँ, तो रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में उक्‍त शासन योजना से किन-किन ग्रामों में भूमिहीनों को जमीनों का आवंटन किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिन भूमिहीनों को जमीनों का आवंटन किया गया था उनमें से कितनें लोगों को पट्टा का वितरण प्रश्‍न दिनांक तक किया गया है एवं कितने शेष है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्‍या यह सत्‍य है कि उक्‍त ग्रामों में जमीनों के आवंटन के बाद भी वर्षों से काबिज लोगों को पट्टा वितरण न किये जाने के कारण जंगल से लगी भूमि को वन विभाग द्वारा अपने कब्‍जे में लिया जा रहा है जिससे ग्रामीण परेशान हैं, हां/नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) तक में जिन भूमिहीनों को अभी तक पट्टा का वितरण नहीं किया गया है, उनको वर्षों से काबिज जमीनों का पट्टा कब तक प्रदान किया जायेगा यदि नहीं, तो क्‍यों, कारण बतायें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि आवंटन संबंधी ग्रामों की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी भूमिहीनों जिन्हें जमीनो का आवंटन किया गया था, पट्टों का वितरण किया जा चुका है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "सत्तर"

मार्गदर्शन पत्र पर कार्यवाही

[राजस्व]

88. ( क्र. 2485 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी नजूल वृत्त एम.पी. नगर, जिला भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 110/अ.वि.अ./एम.पी.नगर/2022-23, दिनांक 18.11.2022 विभाग को प्रेषित किया गया था?                      (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या अनुविभागीय अधिकारी द्वारा विभाग से प्रकरण के संबंध में चाहे गये मार्गदर्शन अनुरूप, अनुविभागीय अधिकारी को पत्र का उत्तर प्रेषित कर दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रकरण में विभाग द्वारा प्रेषित किये गये उत्तर की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "इकहत्तर"

वन भूमि पर अतिक्रमण

[वन]

89. ( क्र. 2489 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के टुडियावद ग्राम में वन भूमि पर कितने अतिक्रमण हैं? किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा किस-किस सर्वे नं. पर किये हैं? जानकारी मय सर्वे नं. सूची देवें। (ख) क्‍या टुडियावद ग्राम में एक ही व्‍यक्ति द्वारा करीब एक हजार बीघा जमीन पर पेड़ काट कर अधिकारी/ कर्मचारियों की मिलीभगत से कब्‍जा कर वर्तमान में फसल लगी हुई है? वन विभाग का लाखों का नुकसान किया है? रिपोर्ट देवें। (ग) क्‍या इसी तरह पूरे जिला शिवपुरी में कई स्‍थानों पर वन भूमि पर दबंगों द्वारा कब्‍जा कर रखा है, जिससे लोगों में आपस में झगड़े होते हैं और हत्‍या भी हो जाती है? वन भूमि को लेकर कहां-कहां हत्‍या हुई है? कब्‍जे की भूमि का सर्वे नं. सहित जानकारी दें।                         (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में जो वन भूमि पर दबंगों द्वारा कब्‍जा है, उसे छुड़ाकर भूमिहीन व्‍यक्तियों को भूमि पट्टा दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के टुडियावद ग्राम में वन भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण के 08 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, जिनमें 20 अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण किया हुआ है। विस्तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बहत्तर"

उचित मूल्य की दुकानों का खाद्यान्न आवंटन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 2507 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें हैं तथा कितनी ग्राम पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित नहीं हो रही है? दुकान संचालन के क्या नियम/निर्देश/ आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। किन-किन संस्थाओं एवं समितियों द्वारा उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है? शासकीय उचित मूल्य की दुकानवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विकासखण्ड देवरी व केसली अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं रियायती दर पर कितना-कितना खाद्यान्न शास. उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित किया गया? उसके विरुद्ध कितना वितरण किया गया, कितना शेष है? माहवार एवं दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) देवरी एवं केसली विकासखण्ड के सभी ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्र देवरी के विभिन्न वार्डों में ऐसे अनेक गरीबी रेखा कार्डधारियों व अन्य योजनान्तर्गत पात्र हितग्राही, जिन्हें पात्रता के बाद भी उन्हें पात्रता पर्ची एवं राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, कारण सहित अवगत करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में पात्र हितग्राहियों के अतिरिक्त अन्य गरीब/भूमिहीन/न्यूनतम आय प्राप्त करने वाले लोग सहित विकलांग हितग्राहियों को क्या शासन नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले में 737 पंचायतों में उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं एवं 15 पंचायतें दुकान विहीन हैं। दुकान संचालन से संबंधित नियंत्रण आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। दुकान संचालन की समिति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना एवं राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों को आवंटित एवं वितरित, शेष खाद्यान्‍न की दुकानवार माहवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। पात्र हितग्राहियों की 28 श्रेणी के अंतर्गत पात्रता संबंधी दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने पर उनकी फीडिंग राशन मित्र पोर्टल पर की जाती है। तत्पश्‍चात् राशन पर्ची जारी होने के उपरांत उन्‍हें राशन की पात्रता होती है एवं पात्रता अनुसार संबंधित राशन दुकान से राशन प्राप्‍त किया जाता है। (घ) वर्तमान में सभी प्रकार के पात्र 28 श्रेणी के हितग्राहियों को पात्रता अनुसार नि:शुल्‍क राशन उपलब्‍ध कराया जा रहा है।

सोनपुर जलाशय एवं प्रशासकीय सिंचाई परियोजनाएं

[जल संसाधन]

91. ( क्र. 2508 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत निर्मित सोनपुर जलाशय का निर्माण किस वर्ष में कितनी लागत से किस एजेंसी द्वारा किया गया? उक्त सिंचाई योजना से कितने ग्रामों का कुल कितना रकबा सिंचित होगा? क्या उक्त सिंचाई परियोजना दो फेस (जलाशय) के रुप में निर्मित है? विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या उक्त सिंचाई परियोजना में चिहिंत ग्रामों का सम्पूर्ण रकबा सिंचित हो रहा है? यदि नहीं, तो कारण सहित अवगत करावें। (ग) क्या उक्त सिंचाई परियोजनान्तर्गत चिहिंत रकबा के सिंचित होने के उपरान्त जलाशय में पानी उपलब्ध रहता है? यदि हाँ, तो क्या उक्त जलाशय से केसली तहसील अंतर्गत सहजपुर क्षेत्र के कृषकों को मुख्यमंत्री महोदय की घोषणानुसार पानी उपलब्ध कराया जायेगा? क्या उक्त घोषणानुसार विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है(घ) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014 से प्रश्‍नांकित अवधि तक कौन-कौन सी सिंचाई परियाजनाएं प्रस्तावित हैं? कौन-कौन से योजनाओं की प्रशासकीय/वित्तीय/सर्वेक्षण स्वीकृति हेतु शासन/विभाग के पास लंबित हैं? लंबित योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर, कार्य प्रारंभ किया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) देवरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निर्मित सोनपुर मध्‍यम सिंचाई परियोजना के बांधों का निर्माण वर्ष 2016-17 में मेसर्स विराट कंस्‍ट्रक्‍शन, शहडोल द्वारा राशि रू. 3450.94 लाख में पूर्ण किया जाना तथा परियोजना की मुख्‍य एवं माइनर नहरों का कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। योजनांतर्गत नहर कार्य में राशि रू. 4095.05 लाख का व्‍यय किया जा चुका है। वर्तमान में मुख्‍य नहर की आर.डी. 0 से 20 कि.मी. तक मुख्‍य एवं माइनर नहरों का कार्य मेसर्स एस.आर. ट्रेडर्स भोपाल द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। उक्‍त सिंचाई परियोजना से 34 ग्रामों का कुल रूपांकित सिंचाई क्षमता अनुसार 7,000 हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। जी हां, उक्‍त सिंचाई परियोजना दो फेज़ (जलाशय) के रूप में निर्मित है। परियोजनांतर्गत सोनपुर जलाशय एवं केसली जलाशय का निर्माण किया गया है। (ख) उक्‍त सिंचाई परियोजना की मुख्‍य नहर एवं माइनर नहरों के शेष कार्य प्रगतिरत होने के कारण परियोजनांतर्गत चिन्हित ग्रामों का वर्तमान में संपूर्ण रकबा सिंचित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं, उक्‍त सिंचाई परियोजना के चिन्हित रकबे के सिंचित होने के पश्‍चात जलाशय में अतिरिक्‍त जल उपलब्‍ध नहीं होगा क्‍योंकि उक्‍त परियोजना के सोनपुर बॉंध से पेयजल हेतु 06 मिघमी जल आवंटित है। उक्‍त प्रस्‍ताव तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍ड पर साध्‍य नहीं पाया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। प्रपत्र में दर्शित लंबित परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति के प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर अप्राप्‍त है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तिहत्तर"

गौण खनिज उत्खनन

[वन]

92. ( क्र. 2512 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मंडल (सामान्य) जिला जबलपुर अंतर्गत गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खनन, परिवहन, भंडारण के कितने-कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये? कितनी-कितनी मात्रा तथा राशि का गौण खनिज का जब्त किया गया? कितने-कितने वाहन जब्त किये गये? विगत तीन वर्षों की जानकारी देवें।                        (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? किन-किन में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गयी? किन-किन प्रकरणों में कब-कब चालान पेश किये गये? निर्णीत कितने-कितने प्रकरणों में अधिरोपित अर्थदंड की कितनी-कितनी राशि की वसूली की गयी? कितने-कितने प्रकरणों में सजा सुनाई गयी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौहत्तर"

अवैध उत्खनन प्रकरण में कार्यवाही

[खनिज साधन]

93. ( क्र. 2513 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2021 में बांगड़ इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध अवैध उत्खनन एवं भंडारण के फलस्वरूप जारी किये गये नोटिस के मामले में कितनी-कितनी राशि कब-कब जमा की गयी है? (ख) कलेक्टर जिला जबलपुर के न्यायालय में चल रहे प्रकरण की क्या वस्तुस्थिति है?                       (ग) उक्त प्रकृति के प्रकरणों के निपटारे की क्या समय-सीमा निर्धारित है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मार्च, 2021 में बागड़ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन एवं भंडारण के प्रकरण में माननीय न्‍यायालय कलेक्‍टर, जबलपुर द्वारा जारी नोटिस दिनांक 26/03/2021 के संबंध में कंपनी द्वारा पृथक-पृथक चालानों से राशि रूपये 5,00,00,000/- एवं 1,97,00,700/- दिनांक 17/05/2022 को जमा किया गया है।                     (ख) माननीय न्‍यायालय कलेक्‍टर, जबलपुर के आदेश दिनांक 30/09/2022 से बागड़ इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विरूद्ध राशि रूपये 82,14,66,000/- अर्थदण्‍ड अधिरोपित किया गया। उक्‍त आदेश के विरूद्ध कंपनी द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के समक्ष याचिका क्रमांक 22411/2022 दायर की गई है, याचिका में पारित आदेश दिनांक 01/11/2022 से अर्थदण्‍ड की वसूली पर स्‍थगन प्रदान किया गया। (ग) न्‍यायालयीन प्रकरण होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिवहन में लगे वाहनों का रजिस्‍ट्रेशन

[परिवहन]

94. ( क्र. 2517 ) श्री संजय शाह (मकड़ाई) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि हरदा जिले में कितनी पब्लिक परिवहन, स्कूल परिवहन में लगे वाहन रजिस्टर्ड है और उनका फिटनेस कब-कब हुआ और कितने दिनों में करवाने का प्रावधान है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : हरदा जिले में पब्लिक परिवहन में 84 बस एवं स्कूल परिवहन में लगे 127 वाहन रजिस्टर्ड हैं। उनकी सूची एवं उनके फिटनेस संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। पंजीयन दिनांक से 8 वर्ष तक पुराने वाहनों का फिटनेस 2 वर्ष की अवधि के लिए तथा 8 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का फिटनेस 1 वर्ष की अवधि के लिए जारी किए जाने का प्रावधान है।

ग्राम पटेलो की मांगो का निराकरण

[राजस्व]

95. ( क्र. 2520 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) शासन द्वारा वर्तमान में ग्राम पटेल को क्‍या-क्‍या अधिकार एवं मानदेय दिया जा रहा है तथा ग्राम पटेल पद पर नियुक्‍त किये जाने के संबंध में क्‍या प्रक्रिया/प्रावधान है? नियमों की प्रति सहित बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक आदर्श ग्रामीण पटेल संघ (म.प्र.) द्वारा वर्ष 1990 के पूर्व कार्यरत खानदानी ग्राम पटेलो के पुत्र को ही पटेल बनाये जाने, ग्राम पटेलो को मानदेय एवं अधिकार प्रदान करने तथा उक्‍त दोनो मांग पूर्ण करने में यदि कठिनाई है तो ग्राम पटेल के पद को कानून समाप्‍त करने की मांग माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय को प्रेषित ज्ञापन में की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त मांगो के निराकरण हेतु प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन राजस्‍व विभाग के अभिन्‍न अंग रहे ग्राम पटेलो की उपरोक्‍त मांगो को पूर्ण करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। ज्ञापन परीक्षणाधीन है। (ग) उत्‍तरांश '' के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विशेष पैकेज की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

96. ( क्र. 2521 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों को मुआवजा के संबंध में विशेष पैकेज स्‍वीकृत किये जाने हेतु शासन स्‍तर के तत्‍कालीन विभागीय वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा आश्‍वस्‍त किया गया था तथा निर्माण कार्य प्रारंभ दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक प्रभावित परिवारों द्वारा 20 लाख रूपये प्रति हेक्‍टेयर मुआवजा दिया जाने की मांग शासन-प्रशासन से की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रभावित परिवारों को विशेष पैकेज दिये जाने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या मुख्‍य अभियंता द्वारा दिनांक 9 मार्च, 2021 को प्रमुख अभियंता को प्रेषित पुनरीक्षित पैकेज प्रस्‍ताव पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन प्रभावित परिवारों को 20 लाख रूपये प्रति हेक्‍टेयर मुआवजा हेतु विशेष पैकेज स्‍वीकृत करने का मुख्‍य बजट 2023 में प्रावधान करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी नहीं, पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों को मुआवजा के संबंध में विशेष पैकेज स्‍वीकृत किए जाने हेतु शासन स्‍तर के तत्‍कालीन वरि‍ष्‍ठ अधिकारियों द्वारा आश्‍वासन दिया जाना अभिलिखित नहीं है। पार्वती परियोजना के डूब प्रभावित परिवारों द्वारा रू. 20.00 लाख प्रति हेक्‍टेयर मुआवाजा दिए जाने की मॉंग शासन प्रशासन से की जा रही है। मुख्‍य अभियंता, चंबल बेतवा कछार, भोपाल द्वारा दिनांक 09 मार्च, 2021 को प्रमुख अभियंता को पुनरीक्षित पैकेज प्रस्‍ताव प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। मुख्‍य अभियंता द्वारा प्रेषित उक्‍त प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता द्वारा एकल नस्‍ती के माध्‍यम से दिनांक 06.08.2021 को शासन स्‍तर पर प्राप्‍त हुआ। शासन स्‍तर पर प्रभावित परिवारों को विशेष पैकेज दिए जाने का कोई प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वाहनों के पंजीयन से प्राप्त आय

[परिवहन]

97. ( क्र. 2522 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय खरगोन में सभी प्रकार के वाहनों का पंजीयन लाइसेंस नवीनीकरण वाहन की फिटनेस जांच स्थाई और अस्थाई परमिट वाहनों से जुर्माना आदि से कितनी-कितनी आय हुई है? लक्ष्य पूर्ति बतलावें। वर्ष 2018 से वर्तमान तक की जानकारी देवें। (ख) शासन ने वाहनों का ऑनलाइन पंजीयन लाइसेंस व परमिट प्रदाय करने की क्या व्यवस्था की है एवं इसमें क्या सुधार किया है? सभी प्रकार के वाहनों का पंजीयन हेतु कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने वाहनों का पंजीयन से कितनी राजस्व आय हुई? कितने-कितने वाहनों के लाइसेंस का नवीनीकरण फिटनेस जांच व परमिट प्रदाय से कितनी-कितनी आय हुई? महिलाओं को कितने नि:शुल्क लाइसेंस प्रदान किए गए? कितने स्पेशल नंबरों के पंजीयन से कितनी आय हुई? (ग) प्रश्‍नांश (क) में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहनों की फिटनेस जांच एवं ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की क्या व्यवस्था तथा कौन-कौन से संसाधन उपकरण मशीनरी है? कितने-कितने वाहनों की फिटनेस जांच की गई? जांच में कितने-कितने वाहन स्वीट एंड फिट पाए गए तथा कितने फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-अ अनुसार है।             (ख) शासन ने प्रदेश में वाहनों का ऑनलाइन पंजीयन किए जाने हेतु केन्द्र सरकार के एनआईसी के पोर्टल ''वाहन-4'' एवं लाइसेंस का ऑनलाइन आवेदन करने हेतु एनआईसी के पोर्टल ''सारथी'' का उपयोग प्रारंभ कराया गया है, जिसके तहत वाहन विक्रेता स्वयं ऑनलाइन आवेदन कर वाहन का पंजीयन तथा कोई भी आवेदक लाइसेंस हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसी प्रकार वाहन का परमिट प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन करने की व्‍यवस्‍था की गई। शेष प्रश्‍नांश में चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, खरगोन में वाहनों की फिटनेस जांच हेतु कोई उपकरण मशीनरी नहीं है अपितु वाहन के फिटनेस की जांच मैन्युअली की जाती है तथा फिट पाए गए वाहनों के टेबलेट के माध्यम से विभिन्न कोणों से फोटोग्राफ लिए जाते हैं। अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, खरगोन के परिसर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाया गया है जिस पर अभ्यार्थी का वाहन चालन टेस्ट लिया जाता है। शेष प्रश्‍नांश में चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "पचहत्तर"

हितग्राहियों की जानकारी

[श्रम]

98. ( क्र. 2523 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना अंतर्गत अनुग्रह एवं विवाह सहायता अंतर्गत कुल कितने हितग्राहि‍यों को लाभ प्रदान किया गया? संख्या एवं भुगतान राशि की जानकारी बतलावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खरगोन जिले में संबल योजना अंतर्गत कितने नवीन हितग्राहि‍यों का पंजीयन किया गया है उसमें से कितने हितग्राहियों को भुगतान किया जा चुका है कितने हितग्राहियों को भुगतान किया जाना शेष है कितने हितग्राहियों का योजना अनुसार भुगतान के लिए विलंब हेतु उत्तरदायी एवं दोषी है दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी तथा शेष हितग्राहियों को योजना का लाभ कब तक प्रदान किया जाएगा? (ग) खरगोन जिले में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें योजना हेतु पात्र तो कर दिया गया है परंतु उनके खाते में राशि का भुगतान नहीं किया गया हितग्राहीवार सूची देवें। संबल योजना में कितने हितग्राहियों के पंजीयन लंबित हैं एवं कब तक उनका पंजीयन किया जावेगा? (घ) संबल योजना अंतर्गत वर्ष 2018 में जिन हितग्राहियों का पंजीयन हुआ था परंतु सत्यापन नहीं हो पाया था उनका नवीन पंजीयन पोर्टल पर नहीं हो रहा है उनके सत्यापन कार्य की सुविधा पोर्टल पर कब से की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में मध्‍य प्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मंडल की मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना एवं विवाह सहायता योजना में योजना प्रारंभ से अब तक लाभान्वित हितग्राहियों तथा भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) योजनांर्गत खरगोन जिले में नवीन पंजीयन कुल 30252 नवीन हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है। संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता स्‍वीकृत प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, बजट उपलब्‍धता अनुसार भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                           (ग) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल-2.0) योजनांतर्गत खरगोन जिले में पात्र हितग्राही जिनके खाते में राशि भुगतान शेष है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। खरगोन जिले में 3627 नवीन पंजीयन लंबित है जिनमें संबंधित निकायो द्वारा नियमानुसार पात्रता जांच उपरांत पंजीयन किया जाता है। (घ) संबल योजनान्तर्गत वर्ष 2018 में जिन हितग्राहियों का पंजीयन हुआ था परंतु सत्यापन नहीं हो पाया था उनका मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल 2.0) अंतर्गत पात्रतानुसार सत्‍यापन पत्रक पोर्टल पर उपलब्‍ध कराया जाता है।

स्टॉप डेम का निर्माण

[जल संसाधन]

99. ( क्र. 2524 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के खरगोन ब्लॉक में भसनेर ग्राम में कुंदा नदी पर स्टॉप डेम/स्टॉप डेम सह पुलिया निर्माण हेतु क्या कोई कार्य योजना है? यदि है तो कब तक निर्माण किया जाएगा? नहीं तो क्यों? (ख) बारिश के मौसम में भसनेर के किसानों को खेती करने जाने में क्या असुविधाओं का सामना करना पड़ता है? ग्रामवासियों द्वारा या अन्य किसी माध्यम से विधायक सांसद मंत्री द्वारा इस संबंध में क्या कभी विभाग को एवं जिला कलेक्टर के माध्यम से विभाग को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हुआ है तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त पत्राचारों की छायाप्रति देवें।                   (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा भसनेर कुंदा नदी पर स्टॉप डेम सह पुलिया/स्टॉप डेम निर्माण करने हेतु कोई पत्र विभाग को लिखा है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति देवें एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति देवें। (घ) भसनेर कुंदा नदी पर कब तक स्टॉप डेम/स्टॉप डेम सह पुलिया का निर्माण किया जावेगा? (ड.) वेदा नदी में सुल्तानपुर पर एवं कुंदा में खेड़ी ग्राम में क्या कोई बैराज स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो किसकी अनुशंसा पर स्वीकृत हुआ है? दस्तावेजों की छायाप्रति देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खरगोन जिले में विकासखण्‍ड़ खरगोन के ग्राम भसनेर में कुंदा नदी पर स्‍टॉप डेम/स्‍टॉप डेम सह पुलिया के निर्माण से संबंधित विभाग में कोई कार्य योजना नहीं होना प्रतिवेदित है, क्‍योंकि विभाग अंतर्गत 0.50 मिघमी से कम के स्‍टॉप डेम एवं रपटा सह स्‍टॉप डेम का निर्माण नहीं किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (ख) ग्राम भसनेर में वर्षाकाल के दौरान कृषकों को खेती के लिए नदी में से होकर जाना पड़ता है, इस असुविधा के संबंध में ग्रामवासी, सांसद, मंत्री, कलेक्‍टर आदि के माध्‍यम से विभाग को कोई पत्र प्राप्‍त नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य द्वारा ग्राम भसनेर में कुंदा पानी पर स्‍टॉप डेम सह पुलिया/स्‍टॉप डेम के निर्माण के संबंध में अभिलेख के आधार विभाग को कोई पत्र प्राप्‍त नहीं है, अपितु इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य द्वारा कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, खरगोन से समक्ष में चर्चाकर स्‍थल निरीक्षण के निर्देश दिया जाना तथा कार्यपालन यंत्री द्वारा निरीक्षण के पश्‍चात वस्‍तुस्थिति का प्रतिवेदन प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। दस्‍तावेज की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''एक'' (पृ. 1 से 2) अनुसार है। (घ) वर्तमान में ग्राम भसनेर में कुंदा नदी पर कोई भी स्‍टॉप डेम/स्‍टॉप डेम सह रपटा के निर्माण की योजना विचाराधीन नहीं है। (ड.) जी हाँ। वेदा नदी पर ग्राम सुल्‍तानपुरा में सुल्‍तानपुरा बैराज एवं खेड़ी ग्राम में कुंदा नदी पर नवलपुरा खेड़ी बैराज की प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है। सुल्‍तानपुरा बैराज की स्‍वीकृति हेतु प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य की अनुशंसा एवं नवलपुरा खेड़ी बैराज की स्‍वीकृति हेतु किसी जनप्रतिनिधि से अनुशंसा प्राप्‍त नहीं होना प्रतिवेदित है। दस्‍तावेजों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशि‍ष्‍ट-''दो'' (पृ. 1 से 17) अनुसार है।

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

[परिवहन]

100. ( क्र. 2525 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 4 वर्षों में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कब-कब की गई एवं उक्त बैठक में किन-किन बिंदुओं पर चर्चा हुई, चर्चा उपरांत अधिकारियों को क्या-क्या निर्देश दिए गए? समस्त बैठक के पालन प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार हुई बैठकों में ऐसे कितने बिंदु है जिन पर प्रथम बैठक से लगाकर लगभग सभी बैठकों में चर्चा हुई परंतु अभी तक उन ब्लैक स्पॉटो पर आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ? (ग) उक्त बैठकों में खरगोन जिले के अंतर्गत कितने ब्लैक स्पॉट चयनित किए गए? उनकी बैठकवार सूची देवें एवं उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से क्या बदलाव लाए गए? उनकी सूची देवें एवं यदि कोई बदलाव नहीं किया गया तो क्यों उसकी जानकारी देवें? कब तक उनमें बदलाव किया जाएगा और बदलाव नहीं किए जाने और कौन अधिकारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) उक्त ब्लैक स्पॉटो पर विगत 4 वर्षों में कहां-कहां दुर्घटना हुई? जानकारी देवें। दुर्घटना में क्या कोई जनहानि हुई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन जिले में विगत 4 वर्षों में सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें माननीय सांसद महोदय श्री गजेन्‍द्र सिंह एवं कलेक्‍टर खरगोन की अध्‍यक्षता में सम्‍पन्‍न हुई हैं। बैठकों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। बैठकों में चर्चा के बिंदु, चर्चा उपरांत अधिकारियों को क्‍या-क्‍या निर्देश दिये गये एवं बैठकों के पालन प्रतिवेदनों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब-1 से ब-8 अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार हुई सड़क सुरक्षा समिति की उक्‍त बैठकों में ब्‍लैक स्‍पॉटों पर लगभग सतत् रूप से चर्चा हुई। पुलिस थाना यातायात जिला खरगोन द्वारा प्रेषित विवरण अनुसार ब्‍लैक स्‍पॉटों का चिन्‍हांकन करके उनको अद्यतन करने का कार्य भी किया गया है। (ग) पुलिस थाना यातायात जिला खरगोन द्वारा ब्‍लैक स्‍पॉटों वर्ष 2020/2021/2022 का विवरण सूची में प्रेषित किया गया है। जिसका  विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) पुलिस थाना यातायात जिला खरगोन द्वारा कहां-कहां ब्‍लैक स्‍पॉटों पर दुर्घटना एवं जनहानि हुई है, की जानकारी का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

स्वीकृत योजनाएं की जानकारी

[जल संसाधन]

101. ( क्र. 2528 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त पाडसुत्या बैराज (334.71 लाख), बागेडी बैराग (223.23 लाख) के निर्माण हेतु टेण्डर आमंत्रित कर कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं? क्या ठेकेदार ने कार्य प्रारंभ कर दिया है? यदि हाँ, तो कितना कार्य किया गया है? (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितने स्टॉप डेम, चैक डेम का निर्माण 01 जनवरी, 2018 से 03/02/2023 तक किया गया है?   (ग) क्या बोरदिया बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी? (घ) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितनी योजनाएं शासन के पास स्वीकृति हेतु लंबित हैं? कितने स्थानों का चयन कर स्टॉप डेम, तालाब आदि निर्माण हेतु योजना बनाई जा रही है? गांव का नाम, स्थान सहित विवरण दें। (ड.) जल संसाधन विभाग के अवर सचिव के पत्र क्र. 373/8/206/07/ल.सि/31 भोपाल दिनांक 07/08/2007 द्वारा उज्जैन जिले की नागदा बैराज योजना की प्रशासकीय एवं निवेश निकासी की स्वीकृति प्रदान की गई थी व स्थायी वित्तीय समिति की 34वीं बैठक दिनांक 04/06/2007 में 41.25 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान होकर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उज्जैन में इसका भूमि पूजन किया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक इसका निर्माण कार्य क्यों पूर्ण नहीं हुआ है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त पाड़सुत्‍या बैराज एवं बागेड़ी बैराज के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। बागेड़ी बैराज का कार्य 20 प्रतिशत एवं पाड़सुत्‍या बैराज का कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) नागदा-खाचरोद विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2018 से वर्तमान तक 02 बैराज/तालाब का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। बोरदिया बैराज की प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रकरण शासन स्‍तर पर परीक्षणाधीन है। परीक्षणोपरांत गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी। प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नागदा-खाचरोद विधानसभा क्षेत्र की एक मात्र बोरदिया बैराज सिंचाई परियोजना शासन स्तर पर स्‍वीकृति हेतु लंबित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। नागदा बैराज की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 07.08.2007 को राशि रू. 41.25 लाख की प्रदान की गई थी। मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा नागदा बैराज का भूमि पूजन नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। दिनांक 16.09.2010 को चंबल पर आधारित जल आवर्धन योजना के संबंध में मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा दिनांक 16.09.2010 को की गई घोषणा के परिपालन में मुख्‍य नगर पालिका परिषद नागदा के पत्र दिनांक 04.10.2010 द्वारा नागदा नगर के लिए चंबल नदी पर आधारित जल आवर्धन परियोजना बनाने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र चाहा गया था, जो दिनांक 24.11.2010 को जारी किया गया। दिनांक 06.09.2010 को तत्‍कालीन अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मण्‍डल उज्‍जैन, तत्‍कालीन अधीक्षण यंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मण्‍डल उज्‍जैन एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, नगर पालिका परिषद नागदा के संयुक्‍त निरीक्षण में जल संसाधन विभाग द्वारा स्‍वीकृत नागदा बैराज, नगर पालिका परिषद की जल आवर्धन योजना के डूब क्षेत्र में आना पाया गया। जिसके कारण जल संसाधन विभाग की स्‍वीकृत नागदा बैराज परियोजना तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं रही। अत: परियोजना का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया।

परिशिष्ट - "छिहत्तर"

 

 

सीमांकन व बटांकन

[राजस्व]

102. ( क्र. 2529 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 654 दिनांक 21/12/2022 के प्रश्‍न (ड.) के उत्तर में बताया गया कि जी हाँ प्रश्‍नांश में अंकित सड़क को राजस्व अभिलेख में कालम नंबर 12 में इंद्राज किया गया है, जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो खसरा, बी-1 की कॉपी उपलब्ध कराएं। पूर्व प्रश्‍न के उत्तर में भी उपलब्ध नहीं कराई गई थी? (ख) उक्त प्रश्‍न (ख) अनुसार नागदा-खाचरौद तहसील में सीमांकन के 81, नामांतरण के 1864, बंटवारा के 322 प्रकरण प्रचलित हैं? यदि हाँ, तो उनका निराकरण कब तक कर लिया जाएगा? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता ने पत्र क्र. 4376/नागदा दिनांक 02/06/2022 द्वारा कलेक्टर उज्जैन व एसडीएम को ज्ञापन देकर बिरलाग्राम स्थित भारत कामर्स इण्डस्ट्रीज, ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज, शासकीय भूमि एवं रेल्वे की भूमि का सीमांकन एवं बटांकन करने की मांग की थी? यदि हाँ, तो कब? नहीं किया गया तो क्यों? (घ) उपरोक्त पत्र में रेल्वे की भूमि के बदले अन्य स्थानों पर विनिमय कर रेल्वे को भूमि प्रदान करने की मांग की थी? (ड.) नागदा-खाचरौद शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कितने व्यक्ति पट्टों के पात्र/अपात्र पाए गए? नाम, स्थान सहित विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) खसरा की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ख) सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के न्‍यायाधीन प्रकरणों के निराकरण की म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधान अंतर्गत विधिवत कार्यवाही न्‍यायाधीन है। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 4376/नागदा दिनांक 01/06/2023 वर्णित बिरलाग्राम स्थित भारत कामर्स इण्डस्ट्रीज, ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज शासकीय भूमि एवं रेल्वे की भूमि का सीमांकन एवं बटांकन भारत कामर्स इण्डस्ट्रीज की भूमि के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से बटांकन कार्यवाही नहीं किया जाना प्रावधानित है। रेल्वे विभाग के पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (घ) जी हाँ। उपरोक्त रेल्वे की भूमि के बदले अन्य स्थानों पर विनिमय कर रेल्वे को भूमि प्रदान करने की मांग की गई थी। (ड.) नागदा-खाचरौद अंतर्गत शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री नगरीय भू-आवास योजना एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत पात्र एवं अपात्र की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है।

गुमटियों एवं मकानों को हटाने की कार्यवाही

[राजस्व]

103. ( क्र. 2531 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 537 दिनांक 21 दिसंबर, 2022 के संदर्भ में भूमि सर्वे नंबर 100, 104, 105, 106/2, 108/2, 116 का अलग-अलग रकबा कितना-कितना है तथा इन सर्वे के 1956-57 की खसरा खाते की नकल उपलब्ध करावें। (ख) क्या राजस्व के दस्तावेज अनुसार 1956-57 में सर्वे नंबर 106/2 नहीं था, उस वर्ष सर्वे नंबर 105 तथा 106 क्षेत्रफल 12/4, जो जामिन पिता नन्हे खां के नाम था। (ग) प्रश्‍नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो बतावें कि असत्य उत्तर किस आधार पर दिया गया? सर्वे नंबर 105 तथा 106 के 1956-57 से 1961-62 की खसरा खाता की नकल उपलब्ध करावें। (घ) क्या सर्वे नंबर 105 तथा 106 की खसरा खाता की 1958 से 1961-62 की नकल की मांग पर विभाग ने 23/11/22 को लिखित में दिया कि 'वर्ष 1958 से 1961-62 का खसरा वर्तमान में उपलब्ध न होने से वांछित खसरा नकल तैयार की जाना संभव नहीं है। 'यदि हाँ, तो उसे ग्वालियर से प्राप्त कर उपलब्ध कराया जाये। (ड.) बतावें कि नजूल के दस्तावेज में सर्वे नंबर 106/2 किस वर्ष में न्यायालय तहसीलदार के किस प्रकरण क्रमांक से बना? उस प्रकरण के समस्त नोटशीट की प्रति देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, सर्वे नंबर 106/2 नहीं था। मूल सर्वे नंबर 106 था, जो जामिन खां पिता नन्हें खां ना. बा. सरपरस्त अब्दुल गफ्फार खां के नाम से दर्ज था। (ग) लिपिकीय भूलवश 106 के स्थान पर 106/2 लिखा गया। सर्वे न. 105. 106 की वर्ष 1956-57 खसरा नकल पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 1958 से वर्ष 1961-62 का खसरा रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। (घ) जी हां। भू-अभिलेख जिला रतलाम को रिकार्ड उपलब्ध कराने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। (ड.) वर्ष 1962-63 के खसरे में सर्वे न. 106 के बटांकन दर्ज है, किन्तु वर्ष 1958-59 से वर्ष 1962-63 तक के खसरे उपलब्ध नहीं होने के कारण सर्वे न. 106 के बटांकन संबंधी आदेश का विवरण उपलब्ध कराने में कठिनाई है।

जुर्माना राशि वसूली

[खनिज साधन]

104. ( क्र. 2533 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केग की 2016-17 से 2019-20 की रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में 394 करोड़ का जो जुर्माना वसूलना था, उसमें से 31 जन 2023 तक कितना वसूला तथा कितना शेष किस कारण से है? (ख) वर्ष 2016-17 से 2022- 23 तक जिलेवार बतावें कि कितने-कितने खनन पट्टों में अनियमितता पाई गई तथा उन पर क्या कार्यवाही कर कितनी राशि वसूल की गई? (ग) क्या यह सही है कि पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र में रूंज नदी पर बन रहे डेम पर खनिज अधिकारी द्वारा 15 फरवरी, 2021 को छापा मारकर 85000 घनमीटर ग्रेवल की चोरी तथा अन्य कई तरह की अनियमितता पाई, यदि हाँ, तो कंपनी पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें तथा दिए गए नोटिस की प्रति दें। (घ) राजगढ़ जिले में अवैध उत्खनन पर खनन माफिया पर 11.51 करोड़ का जुर्माना किस दिनांक को लगाया गया तथा किस दिनांक को वसूला गया? क्या आज दिनांक तक जुर्माना राशि नहीं वसूल की गई तथा माफिया को एक खदान किस आधार पर आवंटित कर दी गई? यदि हाँ, तो दोनों बिन्दु के कारण बतावें। (ड.) क्या यह सही है कि केग की रिपोर्ट अनुसार (1) चंबल नदी में मुरैना में अवैध खनन से सेन्चुरी को खतरा है, (2) नर्मदा नदी में 27 जगह पर अवैध खनन हो रहा है (3) खदानों में मंजूरी से ज्यादा खनन किया जा रहा है (4) विभाग में कोई कार्यवाही का सिस्टम नहीं है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) उल्‍लेखित अवधि में रूपये 394 करोड़ जुर्माना वसूल करने का कोई विवरण रिपोर्ट में नहीं है। अत: प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी निरंक है।                                     (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। पन्‍ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र में रूंज नदी पर बन रहे डेम में उपयोग किये जा रहे खनिज ग्रेवल 85,000 घनमीटर की जाँच खनिज अमले द्वारा प्रश्‍नांकित दिनांक को की गई थी एवं उक्‍त खनिज बगैर वैधानिक अनुमति के उपयोग किया जाना पाया गया। प्रकरण कलेक्‍टर के समक्ष प्रस्‍तुत किये जाने पर दिनांक 18 फरवरी, 2021 को संबंधित कंपनी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया, जिस पर प्रकरण वर्तमान में न्‍यायालयीन आदेश हेतु कलेक्‍टर के समक्ष विचाराधीन है। जारी किये गये नोटिस की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) राजगढ़ जिले में ग्राम काशीखेड़ी में पत्‍थर के अवैध उत्‍खनन के दो पृथक-पृथक प्रकरणों में क्रमश: राशि रूपये 7,91,82,000/- तथा राशि रूपये 3,59,23,500/- कुल राशि रूपये 11,51,05,500/- अर्थदण्‍ड आदेश दिनांक 07/06/2019 से अधिरोपित किया गया। इस आदेश के विरूद्ध अवैध उत्‍खननकर्ता द्वारा संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म, मध्‍यप्रदेश के समक्ष नियमानुसार अपील प्रस्‍तुत की गई। अपील प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 05/09/2020 से संचालक द्वारा कलेक्‍टर, राजगढ़ के आदेश दिनांक 07/06/2019 को अपास्‍त किया गया तथा प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय को गुण-दोष के आधार पर निराकरण करने हेतु प्रत्‍यावर्तित किया गया। वर्तमान में प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय में विचाराधीन है। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अधीन नियमानुसार कार्यवाही करते हुए एक अन्‍य खदान आवंटित की गई है। (ड.) जी हाँ। चंबल नदी में मुरैना में अवैध उत्‍खनन से सेन्‍चुरी को खतरे का उल्‍लेख रिपोर्ट में किया गया है। यह सही नहीं है कि रिपोर्ट में नर्मदा नदी में सत्‍ताईस जगह पर अवैध उत्‍खनन किये जाने का उल्‍लेख है। खदानों में अनुमत मात्रा से अधिक उत्‍खनन किये जाने पर ई-खनिज पोर्टल से रेत निकासी बावत ट्रांजिट पास नहीं जारी किये जा सकते ऐसी व्‍यवस्‍था विभागीय ई-पोर्टल पर की गई है।

नवीन कान्ह डायवर्सन योजना

[जल संसाधन]

105. ( क्र. 2536 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 20/12/2019 की बैठक में तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1600 के जवाब में तकनीकी कारणों से व्यवधान स्वीकार किया गया है? यदि हाँ, तो क्या 650 करोड़ की नवीन कान्ह डायवर्सन परि‍योजना तकनीकी व्यवधानों के चलते असफल नहीं होगी और क्षिप्रा में प्रदूषित पानी नहीं मिलेगा? इसके परीक्षण के लिए कौन-कौन से अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है? कौन-कौन से अधिकारियों ने इस हेतु विभागीय परीक्षण किया है? परीक्षण रिपोर्ट के साथ अभिमत की प्रतियां देवें। (ख) तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृतियाँ किन शर्तों पर दी गयी हैं? प्रतियाँ देवें। (ग) क्या उक्त परियोजना केवल शनि मंदिर से कालियादेह महल तक के बायपास के लिए बनायी गयी है? इस परियोजना में 650 करोड़ लगाने के बाद भी महिदपुर व आगे के लोगों को प्रदूषित जल मिलेगा, इस खामी के लिए कौन जिम्मेदार है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि दिनांक 20.12.2019 की बैठक में तारांकित प्रश्‍न क्रमांक-1600 के उत्‍तर में बताया गया था कि सिंहस्‍थ वर्ष 2016 की कान्‍ह डायवर्सन पाइप लाइन परियोजना का मुख्‍य उद्देश्‍य सिंहस्‍थ के दौरान खान नदी का पानी सुचारू रूप से डायवर्ट किया जाना है। जिसमें तत्समय कुछ तकनीकी कारणों से व्‍यवधान उत्‍पन्‍न हुआ था। जिसके अंतर्गत 15 नवम्बर, 2019 से मरम्‍मत हेतु पाइप लाइन को अस्‍थायी रूप से बंद किया गया था जिसे सुधारने के पश्‍चात पुन: प्रारंभ कर दिया गया था। नवीन कान्‍ह डायवर्सन परियोजना उज्‍जैन जिले गोठड़ा ग्राम के समीप कान्‍ह नदी के वर्षा पश्‍चात (नॉन मानसून फ्लो) को डायवर्ट करने हेतु बनाई जानी है। उक्‍त परियोजना तकनीकी रूप से परीक्षणोपरांत सुचारू रूप से कार्य करने हेतु डिजाइन की गई है। उक्‍त योजना का परीक्षण मुख्‍य अभियंता, बोधी द्वारा किया जाकर परियोजना का डीपीआर तैयार किया गया है। कार्यालय मुख्‍य अभियंता बोधी द्वारा पृथक से परीक्षण रिपोर्ट जारी नहीं की जाती है। अपितु प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु डीपीआर प्रमुख अभियंता के माध्‍यम से शासन को उपलब्‍ध कराया जाता है। मुख्‍य अभियंता बोधी द्वारा दिनांक 01.07.2022 को प्रेषित अभिमत संलग्‍न परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ख) तकनीकी एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति में शर्तों का उल्‍लेख नहीं होता है। तकनीकी एवं वित्‍तीय स्‍वीकृतियों की प्रतियां क्रमश: संलग्‍न परिशिष्‍ट-दो एवं तीन अनुसार है। (ग) उक्‍त परियोजना शनि मंदिर के पास ग्राम गोठड़ा से कलियादेह महल तक जल के व्‍यपवर्तन हेतु प्रस्‍तावित है। शेषांश विभाग से संबंधित नहीं है।

परिशिष्ट - "सतहत्तर"

प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

106. ( क्र. 2537 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) क्या भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 में निहित प्रावधानों के अनुसार उज्जैन ज़िले में 257 प्रकरण 10 जुलाई, 2021 तक लंबित थे? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितने प्रकरण लंबित है? न्यायालय तहसीलदार द्वारा सुनवाई उपरांत कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए किए गए निर्णयों की वर्षवार संकलित प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) न्यायालय तहसीलदार द्वारा कितने दोषी अतिक्रमणकर्ताओं को दंडित किया गया है? दंडात्मक कार्यवाही का विवरण देते हुए अतिक्रमित भूमि का सर्वे क्रमांक, स्थान देते हुए संबंधित अतिक्रमणकर्ता की जानकारी देवें। (ग) क्या समय-सीमा निर्धारित नहीं होने के कारण शासकीय भूमि पर वर्षों तक प्रकरण लंबित रहने तक अतिक्रमण रहेगा? क्या अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर द्वारा तहसीलदार की गोपनीय चरित्रावली में प्रकरणों के लंबित रहने के मामले में कभी कोई दंडात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कृत कार्यवाही से अवगत कराएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उज्जैन ज़िले में अतिक्रमण रोकने के लिए एसडीएम, कलेक्टर द्वारा अतिक्रमण हटाने की क्या कार्यवाहियां की गई हैं? उनके निरीक्षण प्रतिवेदन देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 में निहित प्रावधानों के अनुसार उज्जैन जिले में 257 प्रकरण 10 जुलाई, 2021 तक लंबित थे जिनका निराकरण किया जा चुका है। आदेश की प्रतियॉ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है।               (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। (ग) उक्त सभी लंबित प्रकरणों का निराकरण भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 में बने प्रावधानों के अनुसार विधिवत सुनवाई उपरान्त किया गया है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) जिले की तहसीलों में अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से तहसीलदार राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की मासिक बैठक में पटवारी हल्के में भ्रमण के दौरान अतिक्रमण संबंधी जांच करने एवं धारा 248 के अंतर्गत अतिक्रामक के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी निरंक हैं।

उपभोक्ताओं की शिकायतों पर कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

107. ( क्र. 2541 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) क्या शासन/विभाग को वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न उपभोक्ताओं के साथ हुई धोखाधड़ी, निर्धारित मापदंडों के अनुसार कार्य नहीं किये जाने, गुणवत्ता विहीन, मिलावटी खाद्य पदार्थों, दर्शित मूल्य से अधिक मूल्य लिए जाने इत्यादि अन्य प्रकार की शिकायतें प्राप्त होती रही है? (ख) यदि हाँ, तो उपभोक्ताओं द्वारा किस-किस प्रकार के विषयों पर शिकायत कर आवेदन प्रस्तुत किये? कुल कितने आवेदन उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में प्राप्त हुए? वर्षवार जानकारी दें। (ग) बताएं कि उल्लेखित वर्षों में वर्षवार विभिन्न विषयों के संबंध में प्राप्त आवेदन/ शिकायतों पर किस-किस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है? वर्षवार जानकारी देंl (घ) साथ ही अवगत कराएं कि संबंधित फर्मों/एजेंसियों/संस्थाओं एवं आम नागरिकों के द्वारा जो आवेदन/शिकायतें प्राप्त हुई, उन पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा जांच की जाकर क्या दंडात्मक कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी, हाँ, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग तथा विधिक मापविज्ञान विभाग को वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिले अंतर्गत विभिन्‍न उपभोक्‍ताओं के साथ हुई धोखाधड़ी, निर्धारित मापदंडो के अनुसार कार्य नहीं किये जाने, गुणवत्‍ता विहीन मिलावटी खाद्य पदार्थों, दर्शित मूल्‍य से अधिक मूल्‍य लिये जाने इत्‍यादि अन्‍य प्रकार की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। (ख) खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग एवं विधिक माप विज्ञान विभाग को उपभोक्‍ताओं द्वारा प्राप्‍त शिकायतों की वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है(ग) उल्‍लेखित वर्षों में वर्षवार प्राप्‍त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग एवं विधिक माप विज्ञान विभाग में संबंधित फर्मों/एजें‍सियों/संस्‍थाओं एवं आम नागरिकों के द्वारा जो आवेदन/शिकायतें प्राप्‍त हुई उन पर संबंधित खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं निरीक्षक नापतौल द्वारा जांच की जाकर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये तथा नियमानुसार दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार हैं।

परिशिष्ट - "अठहत्तर"

वाहनों के रजिस्ट्रेशन में अनियमितता

[परिवहन]

108. ( क्र. 2544 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग में वाहन 4 (nic) के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन चालू होने के बाद आवेदक नामान्‍तरण की प्रक्रिया सभी अंतर जिलो में दस्तावेज (पारस्परिक) बनवा सकता है यदि हाँ, तो मंदसौर जिला परिवहन अधिकारी को 1 अगस्त, 22 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन (ऑनलाइन/ऑफलाइन) अन्य जिलो के प्राप्त हुये? कितनों का कितने समय में निराकरण किया, कितने प्रकरण किन कारणों से लंबित है? दिनांकवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रदेश में चालन अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) नवीनीकरण पोर्टल वाहन 4 (nic) के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन करने के पश्चात आवेदक को ऑफलाइन दस्तावेज देना अनिवार्य है? यदि हाँ, नियमों की प्रतिलिपि देवें। यदि नहीं, तो मंदसौर परिवहन कार्यालय में क्यों मांगे जा रहे है? (ग) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक मंदसौर, नीमच जिले में कितने ट्रेक्टर अन्य प्रान्तों के निवासरत/भूमि मालिक म.प्र. के मंदसौर नीमच जिलों में पंजीयन किये गये व शासन को कितना राजस्व (टैक्स) मिला तथा क्या यह सही की राजस्थान के कृषक म.प्र. में राजस्थान की भूमि के लिए अधिकारियों की मिलीभगत से ट्रेक्टर को म.प्र. में कर मुक्त कराकर शासन को राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं? क्या यह म.प्र. परिवहन नीति के अनुरूप है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, परंतु चालान अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) नवीनीकरण हेतु मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 211क में विहित प्रावधानों के अनुसार ऑनलाइन आवेदन प्राप्त न होने अथवा पोर्टल पर अपलोड किए गए आवश्‍यक प्रपत्र अपठित या त्रुटिपूर्ण होने की स्थिति में आवश्‍यक प्रपत्र अथवा उक्त अधिनियम की धारा 15 में विहित प्रावधानों के अनुसार आवेदक द्वारा निर्धारित समयावधि (लाइसेंस समाप्त होने के एक वर्ष) के पश्चात् आवेदन करने की स्थिति में आवेदक को प्रपत्र के साथ कार्यालय में प्रस्तुत होने की अपेक्षा की जाती है। संबंधित नियमों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 की धारा 11 की उपधारा 2 के अनुसार वास्तविक कृषक के कृषि प्रयोजन हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले ट्रेक्टर को कर मुक्त किया गया है, जिसमें वास्तविक कृषक की कृषि भूमि यदि अन्य राज्य में स्थित है तो उसे पृथक नहीं किया गया है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में राजस्व हानि का प्रश्‍न नहीं उठता।

अनुबंध शर्तों का उल्लंघन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

109. ( क्र. 2545 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला प्रबंधक एमपीएससीएससी लि.सिवनी और म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ बालाघाट के जिला प्रबंधक कार्यालय से मिलर्स द्वारा समर्थन मूल्य पर धान क्रय करके, अरवा/उष्णा चावल में रूपांतरित करके, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कारपोरेशन लि.के धार, मंदसौर सहित प्रदेश के समस्त जिला प्रबंधक कार्यालयों के माध्यम से, कितनी राशि का, कितना धान क्रय किया, जिलेवार, वर्षवार जानकारी देवें? (ख) उक्त अवधि में प्रदाय चावल को अनुबंध की समस्त शर्तों का पालन किया गया है अगर नहीं तो बताएं किन फर्म के द्वारा कितनी मात्रा और राशि का चावल प्रदाय करने में, म.प्र. के किस जिला प्रबंधक कार्यालय के अधीन किन अनुबंध शर्तों का पालन नहीं किया? (ग) वर्तमान अवधि में (क) में उल्लेखित विभाग के कितने अधिकारियों, कर्मचारियों पर जांच एजेंसी और विभाग किन कारणों, अनियमितता पर जांच, कार्यवाही प्रचलन में है, दोष सिद्ध हुआ है विवरण के साथ प्रतिवेदन और अंतिम निराकरण आदेशों की प्रतियां देवें?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खनिज प्रतिष्ठान निधि

[खनिज साधन]

110. ( क्र. 2548 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निवाड़ी में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद में कुल कितनी राशि जिले की रॉयल्टी के नाम पर प्राप्त हुई, वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में निवाड़ी में जनसंख्या एवं आवश्यकतानुसार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य उक्त निधि से स्वीकृत किये गये? कार्य का स्वरूप सहित वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार कार्य की जानकारी उपलब्ध करावें एवं उक्त निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) क्या खनिज प्रतिष्ठान मद से किये गये निर्माण कार्य के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सहमति लिये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो जिला निवाड़ी में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद से किये गये कौन-कौन से निर्माण कार्यों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहमति ली गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिज प्रतिष्‍ठान मद से रॉयल्‍टी के नाम पर कोई राशि लेने के कोई प्रावधान नहीं है। परंतु मुख्‍य खनिज में 12/01/2015 के पूर्व स्‍वीकृत खनिपट्टों में रॉयल्‍टी का 30 प्रतिशत एवं 12/01/2015 के पश्‍चात् स्‍वीकृत खनिपट्टों में रॉयल्‍टी का 10 प्रतिशत तथा दिनांक 22/01/2021 से गौण खनिज में रॉयल्‍टी का 10 प्रतिशत लिये जाने के प्रावधान है तथा वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में वर्षवार प्राप्‍त राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से कोई भी कार्य निवाड़ी जिले के अंतर्गत स्‍वीकृत नहीं किया गया है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में मध्‍यप्रदेश राजपत्र दिनांक 28/07/2016 के नियम 5 में न्‍यास मण्‍डल का प्रावधान किया गया है। जिसमें स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों को सदस्‍य के रूप में रखा गया है, जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं किया गया है।

परिशिष्ट - "उन्यासी"

गरीब भूमिहीनों को आवास पट्टा की पात्रता

[राजस्व]

111. ( क्र. 2550 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिला के पटवारी हल्का अमौधा कला की आराजी क्र. 362 का 92-93 में तहसीलदार रघुराजनगर द्वारा शासकीय किए जाने का प्रकरण चलाया गया था? अगर हाँ तो प्रकरण क्र. व आदेश की प्रति के साथ संपूर्ण कार्यवाही से अवगत कराने का कष्ट करे?                                                       (ख) उपरोक्त भूमि को शासकीय किए जाने की कार्यवाही हुई तो 93-94 से हीरालाल मिश्रा व लालजी द्विवेदी राजस्व रिकार्ड में किस प्रकरण क्र. व आदेश से भूस्वामी दर्ज है? कृपया आदेश की प्रति सहित अवगत कराएं। (ग) रिकार्ड ऑफ राइट्स में उपरोक्त भूमि डायर्स स्टोन लाइम कंपनी के नाम दर्ज थी। क्या हीरालाल मिश्रा व लालजी जी द्विवेदी डायर्स स्टोन लाइम कंपनी के विधिक वारिस हैं? हैं तो कैसे? (घ) क्या उपरोक्त भूमि व्यावसायिक व्यपवर्तित है? हैं तो कब से? (ङ) क्या सतना विधानसभा के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब भूमिहीनों को आवासीय पट्टा दिया गया? यदि हाँ, तो किन-किन वार्डों एवं ग्राम पंचायतों में कितने लोगों को पट्टा वितरित किया गया? वास्तविक रूप से पात्र अन्य लोग हैं जो वंचित रह गये हैं उनको कब तक में आवासीय पट्टा वितरित किया जायेगा? सतना विधानसभा में कितने लोग भूमिहीन आवासीय पट्टे के पात्र हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले के तहसील रघुराजनगर अंतर्गत पटवारी हल्‍का अमौधाकला की आराजी नंबर 362 का वर्ष 1992-93 में तहसील रघुराजनगर वृत रैगांव/सोहावल के न्‍यायालय में संधारित रिकार्ड के आधार पर उक्‍त आराजी को शासकीय किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है। (ग) कार्यालय में संधारित रिकार्ड आफ राइट्स मौजा अमौधाकला की खतौनी वर्ष 1958-59 में डायर्स कंपनी सतना के नाम दर्ज अभिलेख है। खतौनी की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) मौजा अमौधकला की आराजी नं. 362 का सम्‍पूर्ण क्षेत्रफल 22460 वर्गमीटर व्‍यपरिवर्तित भूमि वर्तमान समय में है। खसरे की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ड.) सतना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 में नगर पालिक निगम सतना क्षेत्रा अंतर्गत सभी वार्डों को मिलाकर कुल 440 पट्टे भूमिहीनो को वि‍तरित किये गये थे तथा ग्रामीण क्षेत्र जनपद पंचायत सोहावल अंतर्गत वर्ष 2016 में ग्राम उदय भारत उदय के कार्यक्रम के दौरान कुल 2426 आवासीय पट्टे वि‍तरित किये गये थे। भू-स्‍वामित्‍व योजना के अंतर्गत पात्र भूमिहीनों को आवासीय पट्टे वितरण किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।

ग्राम पंचायत कोरिगवा के पास नहर निर्माण

[जल संसाधन]

112. ( क्र. 2551 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि तहसील रामपुर बघेलान अंतर्गत ग्राम पंचायत कोरिगवा के पास नहर खोदी जा रही थी किन्तु विगत तीन वर्षों से नहर खुदाई का कार्य अवरुद्ध है क्यों? जबकि तहसील रामपुर बघेलान का मौहरी कटरा वृत्त के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों में भूजल स्तर बहुत नीचे चला गया है जिससे किसानों को सिंचाई के साथ-साथ पेयजल का भी गंभीर संकट है। फिर भी नहर निर्माण कार्य अवरुद्ध क्यों है? क्या आमजन एवं किसानों की समस्या को दृष्टिगत रखते हुये नहर निर्माण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : तहसील रामपुर बघेलान अंतर्गत ग्राम पंचायत कोरिगवां के पास बाणसागर परियोजना की बहुती नहर प्रणाली अंतर्गत नहर कार्य प्रस्‍तावित था परंतु अनुबंधित एजेंसी के द्वारा अत्यंत धीमी गति से कार्य किए जाने के कारण दिनांक 11.05.2020 को अनुबंध विखण्डित कर दिया गया था। जिसके कारण नहर खुदाई का कार्य अवरूद्ध हो गया। शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु निविदा की कार्यवाही पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त न होने के कारण तत्‍समय पूर्ण नहीं की जा सकी थी। दिनांक 08.08.2022 को बाणसागर यूनिट-2 नहर की पुनरीक्षित स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के पश्‍चात प्रश्‍नाधीन शेष कार्य की निविदा प्राप्त की जाकर अनुवर्ती कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है।

शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों का आवंटन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

113. ( क्र. 2554 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्या म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के प्रभावशील दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक छतरपुर जिले की नगर पालिका छतरपुर क्षेत्रांतर्गत भण्डारों द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित है? यदि हाँ, तो संचालित भण्डारों के नाम, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन के अनुसार कार्यक्षेत्र (वार्ड क्र.) आवंटित दुकान का कार्यक्षेत्र क्षेत्र के बाहर आवंटित दुकान का कार्य क्षेत्र, कार्य क्षेत्र के बाहर दुकान आवंटित/संलग्न करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करे। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में क्या प्रश्‍न दिनांक तक कार्य क्षेत्र के बाहर दुकाने आवंटित/ संचालित है। यदि हाँ, तो कौन-कौन सी जानकारी प्रदाय करें। (ग) क्या उक्त दुकानों को प्रश्‍न दिनांक तक निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी आदेशों की प्रतियां प्रदाय करें। यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है? नाम, पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करें।                              (घ) शासन उक्त प्रावधान का पालन न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित दुकानों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष भाग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष भाग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'अनुसार है। नगर पालिका क्षेत्र छतरपुर में उचित मूल्‍य दुकान संचालित करने वाले सहकारी भण्‍डार काफी समय पूर्व से ही उचित मूल्‍य दुकानें संचालित कर रहे हैं। (ग) जी नहीं। विभिन्‍न समय अंतराल पर नगर पालिका क्षेत्र छतरपुर के वार्डों का परिसीमन होने के कारण वार्ड की भौगोलिक स्थिति एवं वार्ड क्रमांक में परिवर्तन हुआ है। उपायुक्‍त सहकारिता छतरपुर द्वारा तद्नुसार नवीन नग‍रीय वार्डों की संख्‍या एवं उनकी नई भौगोलिक सीमाओं के अनुसार सहकारी भण्‍डारों का कार्यक्षेत्र संशोधित/परिवर्तित नहीं किया गया है। अत: दुकानों को निरस्‍त करने की आवश्‍यकता नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अस्सी"

माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

114. ( क्र. 2556 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि माननीय न्यायालय जबलपुर की याचिका क्र. 17905/2022 दिनांक 23/09/2022 को स्थगन आदेश पारित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति प्रदाय करें। (ख) क्या यह सही है कि उक्त आदेश के पालन में बजरंग प्राथ. उपभोक्ता भंडार मर्या. घुवारा जिला छतरपुर की शासकीय उचित मूल्य दुकान को बहाल कर दिया था? यदि हाँ, तो तत्संबंधी आदेश की प्रति प्रदाय करें। यदि नहीं, तो मान. उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की स्थिति निर्मित करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारी के नाम/पदनाम उल्लेखित करें। (ग) शासन मान. उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में उक्त भंडार की दुकान को बहाल करने एवं उक्त दोषियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा प्रश्‍नांकित याचिका में दिनांक 23/09/022 को अपीलीय अधिकारी द्वारा पारित आदेश एवं दिनांक 14/07/2022 द्वारा पारित अनुविभागीय अधिकारी के आदेश पर स्‍थगन आदेश आगामी सुनवाई तक के लिए दिया गया है। माननीय न्‍यायालय के आदेश की पोर्टल से प्राप्‍त प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                                          (ख) जी नहीं। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा अपीलीय अधिकारी कलेक्‍टर के आदेश दिनांक 31/01/2022 एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व अनुभाग बड़ा मल्‍हरा के आदेश दिनांक 14/07/2022 पर स्‍थगन आदेश जारी किया गया है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा 23/09/2022 को पारित उक्‍त आदेश में 28/01/2021 जो कि दुकान का निलम्‍बन आदेश है, पर कोई स्‍थगन आदेश नहीं दिया गया है। अत: उक्‍त दुकान को बहाल नहीं किया गया है। शेष भाग प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इक्यासी"

नियम विरूद्ध आवंटित दुकानें

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 2557 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर नगर में वर्ष 2013-14 में नगर पालिका क्षेत्र छतरपुर के वार्ड क्र. 3 एवं 4 की शासकीय उचित मूल्य दुकानों को अकार्यशील भण्डार का शासन निर्देशों के प्रतिकूल आवंटित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आदेशों की प्रतियां प्रदाय करें। (ख) क्या उक्त अकार्यशील भण्डार को कार्य क्षेत्र के बाहर दुकाने आवंटित करने पर गंभीर अनियमितताओं की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु वर्ष 2013-14 में जिला आपूर्ति अधिकारी (खाद्य शाखा) को आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन की प्रति प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में उक्त आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? यदि कार्यवाही प्रचलन में है तो इतना समय लगने का क्या कारण है? (घ) नियम विरूद्ध आवंटित दुकानों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।      (ख) जी हाँ। आवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) मां बघराजन महिला प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार को वार्ड 3 एवं 4 के उचित मूल्‍य दुकान आवंटित की गई थी। यह भण्‍डार आवंटन के समय अकार्यशील नहीं था, परन्‍तु यह कहना सही है कि वार्ड क्र. 3 और 4 उसके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत शामिल नहीं थे। वार्ड 3 एवं 4 हेतु दुकान आवंटन के लिए किसी भी भण्‍डार का आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ था। अत: उप पंजीयक सहकारिता द्वारा मां बघराजन महिला प्राथमिक उपभोक्‍ता भण्‍डार को वार्ड क्र. 3 एवं 4 की उचित मूल्‍य दुकान आवंटित की जा सकने के संबंध में प्रतिवेदन दिया गया था, जिसके आधार पर उक्‍त वार्ड हेतु उक्‍त दुकान आवंटित की गई थी। आवेदन पत्र का निराकरण किया जा चुका है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वनग्राम से राजस्व ग्राम की जानकारी

[राजस्व]

116. ( क्र. 2563 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र बिछिया में कौन-कौन से निर्माण/विकास कार्य कराए गए हैं या स्वीकृति दी गई है? कार्य का नाम, लागत राशि पूर्णता अपूर्णता की स्थिति सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करें? विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत कितने अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आरआई व पटवारी के पद स्वीकृत हैं, इनमें से कितने पद कब से और क्यों रिक्त हैं? इन्हें कब तक भरा जाएगा? (ख) राज्य में 2006 कि स्थिति में कितने वन ग्राम थे एवं कितने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित कर लिया गया है? ऐसे वन ग्राम जिनका राजस्व ग्राम में परिवर्तन किया गया है क्या उसकी समस्त प्रक्रिया वन अधिकारों की मान्यता कानून 2006 के अनुसार की गयी है? क्या राजस्व ग्राम बनाते समय इनका गाँव की पारंपरिक/रूढिजन्य सीमाओं/मेड़ों/सीवान/सीवाड़ के अनुसार ग्रामों का सीमांकन किया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र बिछिया अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के 02 पद, तहसीलदार के 02 पद, नायब तहसीलदार के 03 पद एवं आर.आई. के 11 पद स्‍वीकृत होकर सभी पद भरे हुये हैं। पटवारी के 165 स्‍वीकृत पदों में से 32 पद रिक्‍त हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।             (ख) राज्य में 2006 की स्थिति में 925 वन ग्राम थेl इन वन ग्रामों में से राष्ट्रीय उद्यानों/अभ्यारणों/ वीरान/विस्थापित कुल 98 वन ग्रामों को छोड़कर शेष 827 वन ग्रामों में म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक एफ 23-2/2021/25-3/484 भोपाल दिनांक 26/05/2022 द्वारा जारी निर्देशानुसार अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकार्रों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ज) के तहत वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन की कार्यवाही राजस्व विभाग, वन विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा की जा रही है।

परिशिष्ट - "बयासी"

संबल योजना का क्रियान्‍वयन

[श्रम]

117. ( क्र. 2576 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक अनूपपुर जिला अंतर्गत संबल योजना में नगर पंचायत, नगर पालिका, जनपद पंचायत में कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन दिया गया? कितने स्‍वीकृत हुए, कितने निरस्‍त किए गए, कितने प्राकृतिक दुर्घटना से संबंधित होने के कारण राजस्‍व विभाग को अंतरित किये गये? पूर्ण विवरण सहित जनपद पंचायतवार पूर्ण ब्‍यौरा देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त अवधि में प्राप्‍त आवेदन में कितनी राशि स्‍वीकृत की तथा कितनी राशि का भुगतान हितग्राही को किया गया? जितने प्रकरण विभाग द्वारा तैयार किये गये उन सभी प्रकरणों का निराकरण कब किया गया? वर्तमान में कितने प्रकरण शेष है? शेष प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा? जनपद पंचायतवार सप्रमाण जानकारी उपलब्‍ध करायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजनांतर्गत जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक अनूपपुर जिले अंतर्गत संबल योजना की चाही गई जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के                       प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रकरणों में जांच प्रक्रियाधीन है एवं प्रकरणों का निराकरण एक सतत् प्रक्रिया है। योजनांतर्गत पात्र प्रकरणों में त्‍वरित निराकरण किया जाता है।

परिशिष्ट - "तेरासी"

मर्जर/शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया जाना

[राजस्व]

118. ( क्र. 2585 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्या मर्जर के तहत शासन को प्राप्त भूमियों की वर्तमान स्थिति ग्राम (क) सेवनिया गोर्ड प.ह.नं. 45 तहसील हुजूर जिला भोपाल वर्ष 2010-11 के अनुसार 184.50 एकड मर्जर भूमि शासकीय घोषित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या भोपाल हुजूर विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि द्वारा मार्च 2017 एवं अक्टूबर 2012 को मेसर्स कुणाल बिल्डर्स एवं डेवलपर्स प्रा. लि. द्वारा संचालक प्रदीप अग्रवाल, कुणाल अग्रवाल द्वारा तथ्यों को छिपाकर मर्जर की भूमि को षड़यंत्र पूर्वक धोखाधड़ी करते हुए कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर उक्त भूमि पर फार्म हाउस एवं प्लाट काटकर अवैध लाभ प्राप्त करने एवं छल-कपट कर 184.50 एकड मर्जर भूमि का विक्रय करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु प्रमुख सचिव राजस्व, पुलिस महानि‍रीक्षक भोपाल और थाना प्रभारी रातीबढ़ भोपाल को पत्र प्रेषित किए थे? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि जब कलेक्टर भोपाल के समक्ष प्रकरण क्रमांक 01/स्व. निग/2007-08 विचाराधीन होने की अवधि में शासकीय भूमि के टीएनसीपी का लेआउट, राजस्व एनओसी किस आधार पर कब-कब किसके निर्देशानुसार प्रदान की गई? इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरुद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ग) में उल्लेखि‍त मर्जर की शासकीय भूमि स्वप्रेरणा की दिनांक से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किन-किन अधिकारियों जनप्रतिनिधियों के नाम से नामान्तरित है? सूची उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।          (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

 

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

119. ( क्र. 2586 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या भोपाल हुजूर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत लिंक रोड क्रमांक 03 पत्रकार कॉलोनी में स्थित जनप्रतिनिधि के मकान के पीछे खुली शासकीय भूमि पर जनप्रतिनिधि सहित अन्‍य किन-किन   भू-माफियाओं ने कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि पुनरावृत्ति को दृष्टिगत रखते हुए शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) लिंक रोड क्रमांक 03 स्थित भूमि श्रमजीवी पत्रकार संघ को लीज पर प्रदाय की गई है। लीजधारी द्वारा उक्त लीज की भूमि पर अतिक्रमण संबंधी शिकायत नहीं की गई है। (ख) उत्‍तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

ग्रामों/शहरों के राजस्‍व नक्‍शों की जानकारी

[राजस्व]

120. ( क्र. 2602 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजस्‍व विभाग के ग्रामों/शहरों के राजस्‍व नक्‍शों की संदर्भ मूलशीट जिला अभिलेखागार/ आयुक्‍त भू-अभिलेखागार में उपलब्‍ध रहती है जिसके माध्‍यम से समय-समय पर जीर्ण-शीर्ण हो चुके नक्‍शों की नई प्रति तैयार की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो जिला अशोकनगर की तहसील अशोकनगर के पटवारी ह.नं. 27 अशोकनगर के नक्‍शे की संदर्भ मूलशीट जिला अशोकनगर के अभिलेखागार/आयुक्‍त भू-अभिलेख्‍ा के अभिलेखागार में उपलब्‍ध है अथवा नहीं? (ग) यदि उपलब्‍ध है तो उसका मिलान वर्तमान प्रचलित नक्‍शे से होता है अथवा नहीं? नक्‍शे की संदर्भ मूलशीट की प्रमाणित प्रतिलिपि‍ उपलब्‍ध करावें। यदि उपलब्‍ध नहीं है तो कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँl नक्‍शों की संदर्भ मूलशीट जिला अभिलेखागार में उपलब्ध रहती हैl आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय के अभिलेखागार में राजस्व नक्शों की सन्दर्भ मूल शीट उपलब्ध नहीं रहती हैl (ख) जिला अभिलेखागार में उपलब्‍ध नहीं है। अशोकनगर तहसील के पटवारी हल्‍का न. 27 अशोकनगर के राजस्‍व नक्‍शे की संदर्भ शीट रिकार्ड शाखा की रिकार्ड पास बुक क्रमांक-1 दिनांक 16/04/1994 से उक्त नक्‍शे आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बन्‍दोबस्‍त म.प्र. के फैक्‍स मैसेज क्रमांक/क्‍यू/अ.भू.अ./94 दिनांक 15/04/94 के संदर्भ में आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बन्‍दोबस्‍त ग्‍वालियर म.प्र. की ओर भेजे गये। जिला अशोकनगर की तहसील अशोकनगर के पटवारी ह.नं. 27 अशोकनगर के नक्‍शे की संदर्भ मूलशीट क्षेत्रीय उप आयुक्त भू-अभिलेख क्षेत्र-ग्वालियर में संवत 1975 एवं 2004 के नक़्शे (तुकडो में) उपलब्ध हैl (ग) उपरोक्त नक़्शे क्षेत्रीय उपायुक्त क्षेत्र-ग्वालियर कार्यालय से प्राप्त हुए हैl मूल प्रति को जिला कार्यालय अभिलेखागार भेजा जाएगाl जहां इसका मिलान प्रचलित नक़्शे से किया जाना संभव होगाl भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख नियम 2020 के प्रावधान अनुसार प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त की जा सकती हैl जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

वृक्षा रोपण एवं संरक्षण

[वन]

121. ( क्र. 2603 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमंडल अशोकनगर में वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस प्रजाति के कितने पौधे कहां-कहां रोपे गये एवं वृक्षारोपण में वन मण्‍डल में कितना व्‍यय हुआ? वृक्षारोपण में वीटवार, स्‍थलवार, जीवित पौधों की संख्‍या बताई जावे व प्राक्‍कलन सहित गड्ढ़ो की खुदाई व रोपण पर व संरक्षण पर कुल व्‍यय की जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार किये गये वृक्षारोपण में साईनवोर्ड व चौकीदार हट में किये गये व्‍यय की जानकारी वर्षवार देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अवैध खनिज के मामलों से राजस्‍व की वूसली

[खनिज साधन]

122. ( क्र. 2608 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में अवैध खनिज परिवहन, भण्‍डारण, उत्‍खनन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये है? जिलेवार, वर्षवार, खनिजवार परिवहनवार, भण्‍डारणवार, उत्‍खननवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में कितनी एफ.आई.आर., कितने वाहनों, वाहनों के प्रकार, वाहन मालिक का नाम, पता, धारा, आर्थिक अर्थदण्‍ड (खनिज नियम पुराने/नये के मापदण्‍डों के अनुरूप), खदान मालिक का नाम, प्रकरण शिकायतकर्ता के आधार/छापेमार कार्यवाही, किस-किस विभाग के अधिकारियों के साथ, विभाग के अधि.कर्म. पर हमलों की जानकारी सहित गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में रायल्‍टी चोरी के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये हैं? इन पर कब और क्‍या कार्यवाही की गई? जिलेवार बतायें। (घ) उपरोक्‍त अवधि में प्रदेश में संचालित खदाने किस गौण खनिज अथवा अन्‍य खनिज के लिये किन-किन ठेकेदारों/फर्मों को कितनी अवधि के लिये, कितने क्षेत्रफल में किस दर पर आवंटित की गई है? कितनी किस कारणों से कार्य/लीज पूर्ण होने के पहले बंद कर दी गई? उक्‍त समस्‍त खदानों का विभाग ने कब-कब फिजिकल वैरिफिकेशन कराया है, वैरिफिकेशन की रिपोर्ट कब, किसे और कहां प्रेषित की गई रिपोर्ट सहित बतायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) प्रश्‍न वृहद स्‍वरूप का होने से समस्‍त जिलों से जानकरी एकत्रित की जा रही है।

गलत तरीके से नामांतरण

[राजस्व]

123. ( क्र. 2609 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या अशोकनगर जिले के ग्राम बीलाखेड़ा, तहसील बहादुरपुर में 8 कृषकों ने ग्राम बीलाखेड़ा में शासकीय भूमि पर तहसीलदार, पटवारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व से मिलीभगत कर कम्‍प्‍यूटर में गलत तरीके से नामांतरण कराने के संबंध में शिकायती आवेदन प्राप्‍त हुआ है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में किन शिकायतों का उल्लेख किया है? आवेदन पत्र की प्रति एवं उस पर कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई, समस्त जानकारी एकल नस्ती सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में उक्त भूमि शासकीय है कि नहीं? शासकीय दर्ज होना पाये जाने के उपरांत संबंधितों के विरूद्ध कब, क्या और किन-किन के विरूद्ध किस-किस धाराओं में कार्यवाही कर शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त करा दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त के संबंध में कार्यवाही नहीं होने की दशा में देरी और नियमों तथा कानूनों के बावजूद संबंधित दोषियों को संरक्षण देने की स्थिति में संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस-किस के विरुद्ध क्या और कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिला अशोकनगर की तहसील बहादुरपुर के ग्राम बीलाखेडा अंतर्गत उक्‍त प्रश्‍नांश से संबंधित शिकायती आवेदन पत्र प्राप्‍त हुआ है।              (ख) शिकायत पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टएक अनुसार है। पटवारी को निलंबित कर जांच संस्थित की गई है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टदो अनुसार है। (ग) उक्‍त प्रश्‍नांश के संबंध में प्रश्‍नाधीन भूमि वर्तमान राजस्‍व अभिलेख में शासकीय दर्ज है। उपरोक्‍त भूमि वर्तमान में कब्‍जा रहित है। (घ) उत्‍तरांश (ख) अनुसार है।

नियम विरूद्ध कार्यादेश देने से राजस्‍व की क्षति

[जल संसाधन]

124. ( क्र. 2612 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में बाणसागर बांध में एकत्रित हुये रेत के बाहर निकालने व बांध के साफ-सफाई बावत कार्यादेश वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक के दौरान किन-किन को दिये गये की जानकारी वर्षवार प्रश्‍न दिनांक तक की देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के कार्य हेतु कितनी राशि वर्षवार व्यय की गई का विवरण देते हुये बतावें कि बाहर निकाले गये रेत को कितने दर/कीमत पर किन-किन को बिक्री किया गया? इससे शासन को कितने राजस्व की प्राप्ति हुई वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या विधि प्रक्रिया अपनाई जाती है? इस बावत शासन व विभाग के क्या निर्देश हैं? बतावें कि जिनको कार्यादेश समय-समय पर जारी किया गया उसने शासन के निर्देशों का पालन किया अथवा नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार रेत के बाहर निकालने व साफ-सफाई बावत कार्यादेश व्यक्तिगत हितपूर्ति कर कम दर में दिये गये जिससे शासन के राजस्व का नुकसान हुआ, रेत कम कीमत पर निजी जनों को संबंधित विभाग के जिम्मेदारों द्वारा देकर शासन को क्षति पहुंचाई गई, इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इनके कारण शासन को पहुँची राजस्‍व की क्षति‍ की वसूली के साथ अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) शहडोल जिले में बाणसागर बांध में एकत्रित रेत को बाहर निकालने व बांध की साफ-सफाई बाबत वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यादेश जारी नहीं किए गए है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संचालित योजनाओं की जानकारी

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

125. ( क्र. 2613 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में मछुआ कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? इनके संचालन बावत कितनी राशि कब-कब वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में प्राप्त हुई? योजनावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं से कौन-कौन से कार्य कहां-कहां, कब-कब, कितनी-कितनी लागत से किन शर्तों पर किन-किन माध्यमों द्वारा कराये गये का विवरण प्रश्‍नांश (क) की अवधि अनुसार जनपदवार, जिलों का देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं का प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जो कार्य कराये गये का सत्यापन/जांच किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? नाम, पद व तिथि सहित वर्षवार जानकारी देवें। इस दौरान किन-किन पर कौन-कौन सी कार्यवाहियां प्रस्तावित की गई? यह भी बतावें अगर नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में से हितग्राही मूलक योजना कितनी है, इनसे कितने हितग्राहियों को कहां, कब-कब लाभान्वित किया गया का विवरण प्रश्‍नांश (क) की अवधि अनुसार हितग्राही के नाम, पते सहित जनपदवार जिलों की जानकारी देवें। (ड.) प्रश्‍नांश (क) की संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया गया? प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार कार्य मौके से नहीं कराये गये, फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर राशि आहरित की गई एवं प्रश्‍नांश (घ) अनुसार पात्र लाभान्वित नहीं किये गये इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे अगर नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शहडोल जिले में मछुआ कल्‍याण विभाग द्वारा योजनाएं संचालित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार(ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार(ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं का कार्य हितग्राही द्वारा स्‍वयं कराकर सहायक संचालक मत्‍स्‍योद्योग एवं विभागीय उपयंत्री द्वारा कार्य का मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन कराया गया इस दौरान किसी भी प्रकार की कार्यवाही प्रस्‍तावित नहीं की गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार।              (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में से सभी हितग्राही मूलक योजना है जिन हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है उनकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार (ड.) उत्‍तरांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्‍वयन किया गया, (ख) एवं (ग) अनुसार सभी कार्य निर्धारित स्‍थल पर गुणवत्‍तापूर्ण कराये गये। जिला स्‍तरीय कमेटी से अनुमोदित कार्य योजना अनुसार चयनित हितग्राहियों को लाभान्वित किया। कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पक्षी विहार बनाने की कार्यवाही

[वन]

126. ( क्र. 2617 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल भोजवेटलैंड के चारो तरफ संरक्षण हेतु कितने पेड़ लगाए गए थे एवं भोजवेटलैंड में कितने प्रकार के पक्षी पाए जाते है? (ख) इस क्षेत्र को 2002 से 2004 के बीच पक्षी विहार घोषित करने हेतु प्रस्तावित किया गया था, इस पर आज दिनांक तक की गयी कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) इस क्षेत्र को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के याचिका WP 202/1995 आदेश दिनांक 12/12/1996 के वन परिभाषा अनुसार संरक्षित वन घोषित कब तक किया जाएगा एवं पक्षी विहार बनाने की कार्यवाही कब तक पूर्ण होगी? इसकी जानकारी उपलब्ध करायें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भोपाल भोजवेटलैंड के चारो तरफ संरक्षण हेतु वर्ष 1089-90 से 2003-04 तक 1768038 पौधे लगाए गए हैं। भोजवेटलैंड क्षेत्र में की गई पक्षियों की गणना में लगभग 208 प्रजातियां देखी गई हैं। (ख) वन विभाग के पास इस क्षेत्र को पक्षी विहार घोषित किये जाने का कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ग) ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न ही नहीं उठता।

अधिग्रहित भूमियां

[राजस्व]

127. ( क्र. 2618 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित भोजवेटलैंड एवं भदभदा डेम के निर्माण के समय किन-किन गाँव की भूमि अधिग्रहित की गई थी? ग्रामवार, खसरे नंबरवार जानकारी दें। वर्तमान में अधिग्रहित भूमि किस विभाग को आवंटित है? (ख) इनमें कोई अतिक्रमण है या नहीं और है तो किन भूमि पर है? ग्रामवार खसरे नंबर और अतिक्रमणकर्ता की जानकारी और इस संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत करवाएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले अंतर्गत भोजवेटलैंड एवं भदभदा डेम के निर्माण के समय भूमि अधिग्रहण संबंधी जानकारी वर्तमान राजस्‍व अभिलेख में अंकित न होने से निरंक है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौरासी"

अभियोजन स्‍वीकृति के प्रकरण

[जल संसाधन]

128. ( क्र. 2624 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त तथा EOW द्वारा भेजे गये कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिये किस कारण से लंबित है? आरोपी अधिकारी का नाम, प्रकरण के समय का पद, वर्तमान पदस्थापना, कार्यस्थल, प्रकरण दर्ज करने का कारण, दर्ज करने की दिनांक, अभियोजन स्वीकृति हेतु प्राप्त प्रथम पत्र की दिनांक, प्राप्त रिमाइंडर की दिनांक तथा विलंब होने के कारण, सहित सूची देवें।                         (ख) अभियोजन स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे गए पत्रों की तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (ग) लोकायुक्त तथा EOW में किस-किस अधिकारियों के खिलाफ, किस प्रकार के प्रकरण में, किस की शिकायत पर जांच प्रक्रियाधीन है, अधिकारी का नाम, पद स्थापना सहित जानकारी दें। (घ) पिछले 10 वर्षों में विभाग में किस-किस प्रकार का भ्रष्टाचार घोटाला तथा आर्थिक अनियमितता पायी गई? इन्हें रोकने के लिए समय-समय पर क्या कदम उठाए गए तथा इनमें प्रतिवर्ष वृद्धि या कमी हो रही है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

टेंडर अनुबंध की जानकारी

[जल संसाधन]

129. ( क्र. 2625 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2010 से 2023 के बीच धार जिले के नवीन कार्यों के जारी किए गए टेंडरो की लिस्ट दिनांक और आवंटित किए गए कंपनियों के नाम, पते के साथ दें। साथ ही किस कंपनी ने समय से कार्य पूर्ण कर लिया उन कम्पनी का नाम, पता, लागत, कार्य का प्रकार, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, अनुबंध के अनुसार कार्य समाप्त करने की दिनांक, कार्य समाप्त होने की दिनांक, कुल भुगतान की गई राशि सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नाधीन कम्पनी में से जिन कम्पनी का कार्य निर्धारित समय के बाद पुरा हुआ, उन कंपनी का नाम, पता, लागत, कार्य का प्रकार, कार्य प्रारंभ की दिनांक, अनुबंध अनुसार कार्य समाप्त करने की दिनांक कार्य समाप्ति की वास्तविक दिनांक, अवधि का एक्सटेंशन कब-कब, किस दिनांक तक का दिया गया? यदि लागत में वृद्धि हुई तो राशि तथा कार्य समाप्त होने पर कुल किया गया भुगतान, सहित सूची देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कंपनियों में से कितनी कंपनियों के कार्य में अनुबंध के अनुसार गुणवत्ता नहीं होने यानी हिस्सा खराब होने पर उन पर क्या कार्यवाही की गई ब्लैक लिस्ट किया गया या नहीं? कार्य की कमी को मिस्टेक को किसके द्वारा ठीक किया गया? उसमें कितनी लागत आयी व किसके द्वारा भुगतान की गई तथा कंपनी से कितनी राशि वसूल की गई तथा उसके भुगतान में कितनी राशि काटी गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध उत्‍खनन बंद कराया जाना

[खनिज साधन]

130. ( क्र. 2635 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या करैरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत चितहारी, अनदौरा, लमकना, कल्‍यापुर में बिना शासकीय लीज के अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो अवैध उत्‍खनन क्‍या संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है और फर्जी टोकन काटे जा रहे हैं? यदि हाँ, तो शासन इसे रोकने का क्‍या उपाय कर रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) सही है तो उक्‍त अवैध उत्‍खनन से आवागमन के कारण कृषकों की फसलों एवं पेड़ पौधों को भी नष्‍ट किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अवैध उत्‍खनन कब तक बंद करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के उत्‍तर अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) सही न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियम विरूद्ध संलग्‍नीकरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

131. ( क्र. 2637 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विभाग के अंतर्गत कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी के संलग्‍नीकरणों के जो आदेश जारी किये गये हैं क्‍या वे विधिवत प्रक्रिया का पालन कर किये गये हैं? यदि हाँ, तो उन आदेशों की प्रति और संलग्‍नीकरण किये जाने का औचित्‍य प्रत्‍येक लोक सेवक का अलग-अलग बताएं। (ख) संलग्‍नीकरण किये जाने की स्थिति क्‍यों निर्मित हुई और छोटे जिलों से बड़े जिलों में स्‍थानांतरण किये जाने के समय इस तथ्‍य का ध्‍यान क्‍यों नहीं रखा गया कि विभाग का कार्य प्रभावित होगा? अक्‍टूबर 2022 में जो स्‍थानांतरण किये गये हैं उनकी संख्‍या निर्धारित कोटे से अधिक हो गई? यदि नहीं, तो कितने प्रतिशत स्‍थानांतरण किये गये? (ग) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति का पालन करना विभाग पर बंधनकारी है और स्‍थानांतरण नीति में संलग्नीकरण किये जाने को नीति विरूद्ध मानते हुए संलग्‍नीकरण समाप्‍त करने हेतु विभागों को निर्देशित किया गया है। यदि हां, तो क्‍या संलग्‍नीकरण समाप्‍त किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक किये जाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन दिनांक को विभाग अंतर्गत जो संलग्‍नीकरण किए गए है वे प्रशासनिक आवश्‍यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए किए गए है। प्रशासनिक आवश्‍यकता के परिप्रेक्ष्‍य में यथा संभव शासन अनुमोदन प्राप्‍त किए गए है। संलग्‍नीकरण आदेशों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 06 वर्षों से पदोन्‍नति पर प्रतिबंध होने से पदोन्‍नति के पद रिक्‍त होने एवं कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी संवर्ग में सीधी भर्ती की नियुक्ति के 25 प्रतिशत पद रिक्‍त होने तथा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति निरन्‍तर जारी रहने से विभाग में कार्यपालिक पद बड़ी संख्‍या में रिक्‍त है जिसमें कुछ जिलों में विभागीय कार्य प्रभावित होने के परिप्रेक्ष्‍य में संलग्‍नीकरण किए गए है। उद्देश्‍य यह है कि सभी जिलों में विभागीय कार्य सुचारू रूप से जारी रह सके। (ग) जी हाँ। जी हाँ। विभाग में स्‍वीकृत पदों के अनुरूप पदों पर पदोन्‍नति/नियुक्तियां पूर्ण होने पर शासन निर्देशानुसार संलग्‍नीकरण समाप्‍त किए जा सकेंगे। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

प्रदेश में ई-वाहनों के उपयोग के नियम

[परिवहन]

132. ( क्र. 2638 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ई-वाहनों के उपयोग के क्या नियम हैं तथा यह कब से लागू हैं? किन-किन नियमों का पालन ई-वाहन विक्रयकर्त्ता एवं उपयोगकर्त्ता को करना निर्धारित किया गया है? वाहन के प्रकार सहित बतायें। यह भी स्पष्ट करें कि अन्य राज्य सरकारों के नियम के अनुरूप ही उक्त नियमों का पालन म.प्र. में सुनिश्चित कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में परिवहन कार्यालयों में कितने वाहन किस-किस प्रकार के, किस दर पर कितनी अवधि के लिये पंजीबद्ध किये गये हैं तथा कितने वाहन विक्रय तो हुये हैं लेकिन किन कारणों से क्यों पंजीबद्ध नहीं कराये गये? जिलेवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर नियम/कानून के अंतर्गत बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में क्या भारत सरकार के नवीन पोर्टल का उपयोग कर वाहनों का पंजीयन किया जा रहा है? क्या नवीन हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट इन ई-वाहनों पर लगाई जा रही है? (घ) उपरोक्त के संबंध में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किन-किन स्थानों पर ई-वाहनों का उपयोग करने हेतु प्रमोशन के तौर पर उपलब्ध कराये हैं? क्या यह सभी विशेष सुरक्षा उपकरणों से लैस है? क्या इसी प्रकार प्रदेश में उपयोग में आने वाले अन्य वाहन भी इसी प्रकार की सुविधा से युक्त है? यदि नहीं, तो एक समानता लाने के लिये विभाग की क्या कार्य योजना है? नियम सहित बतायें। इन वाहनों के यातायात नियमों के उल्लंघन होने पर बिना नम्बर प्लेट के होने पर इन वाहनों की चालानी कार्यवाही कैसे संपादित की जा रही है अथवा कैसे की जायेगी? 20 मार्च से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल, इंदौर में कितनी चालानी कार्यवाही की गई बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 लागू किये जाने की स्वीकृति मंत्री परिषद के निर्णय दिनांक 15.10.2019 द्वारा प्रदान की गई है। इस नीति के तहत मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ-22-254-2019-आठ दिनांक 06.12.2019 द्वारा प्रदेश में ई-वाहनों को पंजीयन व मोटरयान कर में छूट प्रदान की गई है। अधिसूचना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। ई-वाहन विक्रयकर्ता बिना पंजीयन कराये क्रेता को वाहन सुपुर्द नहीं करेगा। ई-वाहन उपयोगकर्ता के पास वाहन चालन लाइसेंस होना आवश्यक है। मध्यप्रदेश में ई-वाहन नीति 2019 का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। (ख) प्रदेश में सभी प्रकार की पंजीकृत ई-वाहनों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। इस सूची में दर्शित वाहनों में से उत्तरांश (क) में विहित अधिसूचना द्वारा निम्नलिखित संख्या में प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर या 05 वर्षों तक की समयावधि में जो भी पहले हो के अनुक्रम में निम्नानुसार वाहनों को उनके समक्ष दर्शित संख्या में 01 प्रतिशत जीवनकाल कर तथा रजिस्ट्रीकरण शुल्क में शत-प्रतिशत छूट के आधार पर वाहन के जीवनकाल की समयावधि के लिये पंजीकृत किया गया है।

1

मोपेड

399

2

ई-रिक्‍शा

5000

3

कार

37

4

बस

60

शेष 24332 ई रिक्शा, 357 मोटरसाईकिल तथा 20007 स्कूटर 04 प्रतिशत जीवनकाल की दर पर पंजीकृत किये गये हैं। विक्रित वाहनों के पंजीकृत न होने संबंधी कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) ई-वाहनों का प्रमोशन करने हेतु वाहन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। ई-वाहन क्रय करने हेतु क्रेता को प्रोत्साहित करने के लिये उत्तरांश (क) के अनुसार नीति बनाई गई है। वाहन विक्रेता स्वयं के स्तर पर प्रचार-प्रसार (प्रमोशन) हेतु वाहनों का प्रदर्शन करते हैं। ई-वाहनों के निर्माता वाहन विनिर्माण के पश्‍चात् केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 126 में विहित संस्थाओं से प्रारूप अनुमोदन प्रमाण-पत्र प्राप्त करती है। यह संस्था ई-वाहन हेतु सभी आवश्यक/सुरक्षा उपकरणों की जांच करने के बाद ही प्रारूप अनुमोदन प्रमाण-पत्र प्रदान करती है। प्रदेश में उपयोग में आने वाले सभी ई-वाहन प्रारूप अनुमोदन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के पश्चात् ही विक्रय किये गये है, अतः ई-वाहनों में समानता न होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। ई-वाहनों को पंजीयन से छूट प्राप्त नहीं है, प्रत्येक ई-वाहन पर पंजीयन नंबर प्लेट अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाती है। प्रश्‍नांकित, 20 मार्च से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल एवं इन्दौर में यातायात, पुलिस विभाग द्वारा बिना नंबर प्लेट की ई-वाहनों की क्रमशः 10-10 चालान बनाये जाकर कार्यवाही की गई है।

शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण

[राजस्व]

133. ( क्र. 2639 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) अनूपपुर जिला मुख्‍यालय के खसरा नंबर 405, 406, 416 की भूमि को मध्‍यप्रदेश शासन के द्वारा किस-किसको, कितनी-कितनी भूमि लीज पर दी गई थी? (ख) लीज समाप्‍त दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक शासन को कितने राजस्‍व की क्षति हुई है और वर्तमान समय में कब्‍जेदार कौन है, उनके नाम और पते बतायें। क्‍या नजूल भूमि गैर कानूनी रूप से किराए पर देकर एवं बिक्री कर राजस्‍व की क्षति पहुंचाई जा रही है, तो उनके विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. कराई जाएगी?                    (ग) खसरा नंबर 400 सर्वे बंदोबस्‍त रिकार्ड में शासकीय भूमि कितनी है? शासन द्वारा किस विभाग को कितनी भूमि दी गई है एवं इस भूमि पर अवैध कब्‍जा किन-किन लोगों के द्वारा कब से है और अवैध कब्‍जा मुक्‍त करा कर शासन अपने आधिपत्‍य में कब तक उसे लेगा? (घ) क्‍या खसरा नंबर 631 की भूमि जो शासन द्वारा (प्रकरण क्रमांक 03/अ-82/16.17 अवार्ड दिनांक 29.10.2018 के संदर्भ में) अधिग्रहण की गई भूमि के स्‍वामी वर्ष 1958-59 की खतौनी के अनुसार नहीं है, जिसका प्रतिवेदन कार्यालय उपखंड अधिकारी अनूपपुर जिला अनूपपुर म.प्र. पत्र क्रमांक 726 एसडीओ/2021 दिनांक 10.11.2021 जो जिला कलेक्‍टर अनूपपुर के पत्र क्रमांक 113/बी-121/2021-22 दिनांक 28.9.2021 के संदर्भ में लिखित शिकायत एवं प्रतिवेदन में वास्‍तविक भूमि स्‍वामी साबित ना होने के बावजूद म.प्र. शासन से धोखाधड़ी करते हुए करोड़ों रूपए गैरकानूनी रूप से जिन 10 लोगों द्वारा मुआवजा ले लिया गया है जिला प्रशासन के संज्ञान में होने के बावजूद अभी तक धोखाधड़ी करने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर. न कराए जाने और अवैध मुआवजा राशि वसूल करने में विलंब के क्‍या कारण है? भूस्‍वामी न होने के बावजूद शासन के साथ आर्थिक धोखाधड़ी करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा राज्‍य आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में प्रकरण पंजीबद्ध कराए जाने में विलंब क्‍यों किया जा रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ​कोई लीज जारी नहीं की गई है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रे‍क्ष्य में प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता। (ग) शासकीय भूमि नहीं होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रे‍क्ष्य में प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता।

नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

134. ( क्र. 2641 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) तहसील लहार, जिला भिण्‍ड के अंतर्गत अप्रैल 2020 से 31 जनवरी, 2023 तक नामांतरण बंटवारे एवं सीमांकन के कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जाएगा? (ख) क्‍या नामांतरण/ बंटवारे के प्रकरणों के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो प्रकरणों के त्‍वरित निराकरण हेतु क्‍या समय-सीमा का निर्धारण किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्‍ड जिले की तहसील लहार अंतर्गत राजस्‍व न्यायालय लहार, असवार, दबोह एवं आलमपुर में अप्रैल 2020 से 31 जनवरी, 2023 तक नामांतरण के 11363 निराकृत एवं 1431 लंबित प्रकरण, बंटवारे के 872 निराकृत एवं 136 लंबित प्रकरण तथा सीमांकन के 295 निराकृत एवं 2 लंबित प्रकरण है। लंबित प्रकरण साक्ष्‍य, तर्क, जवाब व दस्‍तावेज पेश करने इत्‍यादि बिन्‍दुओं पर न्‍यायाधीन है। (ख) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह तथा लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में निराकरण की समय-सीमा निर्धारित है।

खाद्यान्‍न वितरण में कालाबाजारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

135. ( क्र. 2644 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) वर्ष 2020 से 2022 तक प्रदेश के किस-किस जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न की कालाबाजारी के कितने प्रकरण तथा विभिन्न खाद्यान्न की कितनी मात्रा पाई गई? खाद्यान्न का नाम, बाजार दर, मात्रा, बाजार मूल्य अनुसार कुल कीमत, दिनांक सहित जानकारी दें।                       (ख) प्रश्‍नाधीन प्रकरण में किन-किन पर पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाया गया? पुलिस थाने का नाम, प्रकरण क्रमांक, धारा, दिनांक, आरोपी का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रदेश में 2016 से 2018 के बीच लाखों काल्पनिक हितग्राहियों के नाम कूपन में जोड़कर 8000 करोड़ रूपये का घोटाला हुआ? 2016 से 2018 तक किस-किस जिले में कितने काल्पनिक हितग्राहियों के नाम किस-किस माह में, पोर्टल से हटाये गये? (घ) रतलाम में अप्रैल 2018 में पोर्टल से एनआईसी भोपाल द्वारा मार्च 2018 के आवंटन से सीधे सूची से हटाए गए 21202 परिवारों में हितग्राहियों की संख्या कितनी थी? परिवारों को हटाए जाने के संदर्भ में कलेक्टर रतलाम द्वारा भेजे गए पत्र और संबंधित दस्तावेज की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि 21202 परिवारों के कूपन कब बने थे? (ड.) क्या रतलाम में 2017 के दौरान राशन घोटाले में 55 दुकानों पर प्रकरण दर्ज न करने का क्‍या कारण है? क्या रतलाम के 100 करोड़ के राशन घोटाले की जांच की जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पुराने कंडम वाहनों पर कार्यवाही

[परिवहन]

136. ( क्र. 2645 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) प्रदेश में 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में किस-किस केटेगरी के कितने-कितने पंजीकृत वाहन हैं तथा कैटेगरी अनुसार बताएं कि उसमें कितने-कितने वाहन का पंजीकरण 15 साल पहले का है? (ख) 15 साल पूर्व के पंजीकृत वाहन को कंडम घोषित करने का नियम किस-किस कैटेगरी के वाहन पर लागू होगा या सभी कैटेगरी के निजी तथा वाणिज्यिक वाहनों पर लागू होगा? 15 वर्ष के नियम के तहत अगर वाहन को कंडम घोषित नहीं किया गया तो वाहन मालिक पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी। नियम की प्रति देवें। (ग) क्‍या निजी दो पहिया एवं चार पहिया वाहन, वाणिज्यिक वाहन की तुलना में 10 प्रतिशत भी नहीं चलते हैं ऐसे में उन्‍हें वाणिज्‍य‍िक वाहन के साथ 15 साल की अवधि में कंडम करने का नियम क्‍या उचित है? (घ) क्‍या शासन 15 साल में वाहन को कंडम घोषित करने का नियम सिर्फ वाणिजियक वाहन पर लागू कर निजी दोपहिया और चार पह‍िया वाहन को इससे मुक्‍त करेगा? (ड.) क्‍या शासन ने 15 साल में कंडम करने का नियम नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल के आदेश से बनाया है? यदि हाँ, तो क्‍या नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल में न‍िजी दो पहिया तथा चार पहिया वाहन को इस नियम से मुक्‍त करवाने के लिये वाद दायर किया जायेगा। यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में केटेगरी अनुसार पंजीकृत वाहनों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है तथा केटेगरी अनुसार 15 साल पहले पंजीकृत वाहनों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) प्रदेश में 15 साल पूर्व के पंजीकृत निजी तथा वाणिज्यिक वाहनों को अनिवार्य रूप से कंडम घोषित करने के लिए मोटरयान अधिनियम तथा नियमों में कोई प्रावधान नहीं है, अपितु वाहन स्वामी द्वारा स्वेच्छा से ऐसे वाहनों को कंडम कराया जा सकता है जबकि केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 52क के अनुसार शासन/निकाय/राज्य परिवहन उपक्रम/सार्वजनिक उपक्रम/सरकार के स्वामित्व या नियंत्रणाधीन किसी स्वायत्त निकाय के अधिपत्य के वाहनों का 15 वर्षों की अवधि के उपरांत पंजीयन रद्द हो जाएगा तथा उसे नवीनीकृत नहीं किया जा सकेगा परंतु देश की रक्षा के लिए कार्यात्मक प्रयोजन और आंतरिक सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले बख़्तरबंद और अन्य विशेष यानों पर उक्त नियम लागू नहीं होगा। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है(ग) से (ड.) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लोकायुक्‍त एवं EOW प्रकरण पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

137. ( क्र. 2648 ) श्री जितु पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्‍त तथा EOW द्वारा भेजे गये कितने प्रकरण अभियोजन स्‍वीकृति के लिये किस कारण से लंबित हैं? आरोपी अधिकारी का नाम, प्रकरण के समय का पद, वर्तमान पदस्‍थापना, कार्यस्‍थल, प्रकरण दर्ज करने का कारण, दर्ज करने का दिनांक, अभियोजन स्‍वीकृति हेतु प्राप्‍त प्रथम पत्र की दिनांक, प्राप्‍त रिमाइंडर की दिनांक तथा विलंब होने के कारण सहित सूची देवें।                                   (ख) अभियोजन स्‍वीकृत हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग को लिखे गये पत्रों की तथा प्राप्‍त उत्‍तर की प्रति देवें। (ग) लोकायुक्‍त तथा EOW में किस-किस अधिकारियों के खिलाफ किस प्रकार के प्रकरण में किस की शिकायत पर जांच प्रक्रियाधीन है? अधिकारी का नाम, पद स्‍थापना सहित जानकारी दें। (घ) पिछले 10 वर्षों में विभाग में किस-किस प्रकार की आर्थिक अनियमितता पायी गयी? इन्‍हें रोकने के लिये समय-समय पर क्‍या कदम उठाए गए?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिज साधन विभाग में अभियोजन स्‍वीकृति से संबंधित कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अभियोजन स्‍वीकृति के संबंध में खनिज साधन विभाग द्वारा कोई भी पत्र सामान्‍य प्रशासन विभाग को नहीं भेजा गया हैं। (ग) लोकायुक्‍त तथा EOW में प्रक्रियाधीन जाँच से संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद, पदस्‍थापना, शिकायतकर्ता एवं प्रकरण के प्रकार की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर दर्शित है। (घ) विभाग में आर्थिक अनियमितता से संबंधित कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सिंचाई परियोजनाएं

[जल संसाधन]

138. ( क्र. 2649 ) श्री जितु पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2017 से 2022 तक 50 करोड़ से अधिक की कितनी परियोजनाओं के टेंडर जारी किए, उसमें से कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण हुए कितने जारी हैं और कितने में लागत राशि बढ़ गयी? विलंब के लिये कितनी पेनल्टी वसूली गई? टेबल फॉर्म में योजनावार, राशिवार जानकारी दें। (ख) कारम डेम की जांच का प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं व उसमें कौन-कौन दोषी पाए गए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? की जानकारी देवें। किसानों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया? उसकी जानकारी भी दें। (ग) इंदौर-भोपाल संभाग में 50 करोड़ से अधिक राशि की कितनी माइक्रो सिंचाई योजनाएं अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित हैं? योजनाओं का नाम, जिलेवार, राशिवार बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

गैस एजेंसियों व पेट्रोल पंपों का निरीक्षण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

139. ( क्र. 2651 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26-11-2021 से 10-02-2023 तक महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में पेट्रोल पंपों व गैस एजेंसियों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों ने कब-कब किया? अधिकारी नाम, संस्‍था का नाम, निरीक्षण दिनांक सहित देवें। (ख) प्रत्‍येक निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति देवें।                                    (ग) इनमें कितनी संस्‍थाओं पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? संस्‍थावार नाम सहित देवें।                      (घ) निरीक्षण में अनियमितता पाए जाने पर कोई कदम न उठाने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में श्रीमती दीपशिखा नागले नि‍रीक्षक नापतौल (विधिक मापविज्ञान) उज्‍जैन द्वारा मेसर्स एकता फ्यूल लाम्‍बीखेडी महिदपुर रोड, तहसील महिदपुर स्थित पेट्रोल पम्‍प का निरीक्षण दिनांक 23.09.2022 को किया गया है। (ख) निरीक्षण टीप की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) निरीक्षण में कोई अनियमितता न पाये जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पिच्चासी"

 

विभाग में संलग्‍नीकरण समाप्‍त किया जाना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

140. ( क्र. 2652 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) क्‍या दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2023 में विभाग के अंतर्गत जिन कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारियों के संलग्‍नीकरण के जो आदेश जारी किए गए हैं क्‍या वे विधिवत प्रक्रिया का पालन कर किए गए हैं? यदि हाँ, तो उन आदेशों की प्रति, संलग्‍नीकरण का औचित्‍य प्रत्‍येक प्रकरण में स्‍पष्‍ट करें। (ख) संलग्‍नीकरण किए जाने की स्थिति क्‍यों निर्मित हुई और यह भी बताएं कि छोटे जिलों से बड़े जिलों में स्‍थानांतरण किए जाने के समय इस तथ्‍य का ध्‍यान क्‍यों नहीं रखा गया कि विभाग का कार्य प्रभावित होगा? अक्‍टूबर 2022 में जो स्‍थानांतरण किए गए उनकी संख्‍या निर्धारित सीमा से अधिक कैसे हो गई? इस स्‍थानांतरण का प्रतिशत देवें। (ग) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा स्‍थानांतरण नीति में संलग्‍नीकरण को नियम विरूद्ध मानते हुए विभागों को संलग्‍नीकरण समाप्‍त करने हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो उपरोक्‍तानुसार संलग्‍नीकरण कब तक समाप्‍त कर दिए जाएंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

फर्मों द्वारा की गई अनियमितताओं पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

141. ( क्र. 2653 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 1192 दिनांक 10.03.2022 के (क) व (ख) उत्‍तर अनुसार जारी अभिवहन पास की प्रतियों से स्‍पष्‍ट होता है लीजधारकों द्वारा तय सीमा से अधिक भार का परिवहन किया गया इसके लिए उन पर क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई? (ख) यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी? (ग) प्रश्‍न क्र. 3308 दिनांक 17.03.2022 के (क) व (ख) उत्‍तर से स्‍पष्‍ट है कि उल्‍लेखित फर्मों ने कभी भी नो माइनिंग ड्यूज प्रमाण पत्र व मुरम अनुज्ञा कभी नहीं ली जो कि उत्‍तर (क) अनुसार आवश्‍यक है तो बड़वानी जिले के अधिकारियों ने इसकी अनदेखी कर संरक्षण क्‍यों दिया जा रहा है जबकि उल्‍लेखित फर्मों ने लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बड़वानी जिले में ही कई निर्माण किए गए हैं? विभाग कब तक इनकी जानकारी लेकर फर्मों पर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) इन अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी जिन्‍होंने प्रश्‍नांश (ग) अनुसार बिना अनुमतियों के फर्मों को कार्य करने दिया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 1192 दिनांक 10/03/2022 के (क) व (ख) उत्‍तर अनुसार लीज धारकों द्वारा जारी अभिवहन पास में उल्‍लेखित मात्रा अनुसार परिवहन किया जाता है। अभिवहन पास में उल्‍लेखित मात्रा से अधिक मात्रा का परिवहन किये जाने पर खनिज नियमों के तहत कार्यवाही की जाती है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रे‍क्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍न क्रमांक 3308 दिनांक 17/03/2022 के (क) व (ख) में उल्‍लेखित फर्मों द्वारा कलेक्‍टर खनिज शाखा में नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र व मुरम अनुज्ञा हेतु कोई आवेदन पत्र आदि प्रस्‍तुत नहीं किये जाने से उल्‍लेखित व्‍यक्तियों/फर्मों के पक्ष में अस्‍थाई अनुज्ञा अथवा नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया। फर्मों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्‍तुत करने के आधार पर ही नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र व अस्‍थायी अनुज्ञा प्रदान की जाती है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परि‍प्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इंदौर में अवैध निर्माण व मार्ग बंद करने पर कार्यवाही

[राजस्व]

142. ( क्र. 2657 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री गुरूनानक टिंबर मार्केट इंदौर में प्राचीन बावड़ी को बंद कर 6 अवैध दुकान निर्माण का मौका मुआयना आर.आई., पटवारी द्वारा किया गया लेकिन इस निर्माण पर कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ख) क्‍या कारण है कि इसी मार्केट में किसी ने टीन शेड लगाकर रोड भी बंद कर दिया है लेकिन इस पर भी कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ग) कब तक प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार विषयों का निराकरण कर दिया जाएगा? (घ) इसे अनदेखा करने वाले उत्‍तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) श्री गुरूनानक टिम्बर मार्केट इन्दौर में स्थित प्राचीन बावडी नगर निगम इन्दौर के स्वामित्व की होने के कारण अवैध निर्माण पर कार्यवाही करने हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम इन्दौर के समक्ष कार्यवाही परीक्षणाधीन होकर प्रचलित है।                                        (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार जानकारी आयुक्‍त नगर निगम इन्‍दौर के समक्ष प्रचलित है।                      (ग) परीक्षण उपरांत विधिसम्‍मत कार्यवाही की जावेगी (घ) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

143. ( क्र. 2658 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले की चौरई विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत परसोली के आश्रित ग्राम पटियाटोला को राजस्‍व ग्राम घोषित करने का प्रस्‍ताव राज्‍य शासन को कब प्राप्‍त हुआ? (ख) क्‍या कारण है कि सभी मापदण्‍ड पूर्ण करने के बाद भी ग्राम पटियाटोला को अभी तक राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं किया गया है? (ग) इसे कब तक राजस्‍व ग्राम घोषित कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) छिन्‍दवाड़ा जिले की चौरई विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत परसोली के आश्रित ग्राम पटिया टोला को राजस्‍व ग्राम घोषित करने का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा द्वारा दिनांक 17/11/2022 को आयुक्‍त, भू-अभिलेख मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर की ओर भू सर्वेक्षण प्रारंभ करने की अधिसूचना प्रकाशन हेतु प्रेषित किया गया। जिले से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने के उपरांत मूलग्राम एवं नवीन ग्राम के जीआईएस आधारित नक्‍शा संबंधी तहसील कार्य संपन्‍न कराए जाने हेतु आयुक्‍त, भू-अभिलेख द्वारा प्रबंध निदेशक एमपीएसईडीसी लिमिटेड, भोपाल को लिखा गया है। (ख) उल्‍लेख '''' अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ग) कार्य वृहद एवम तकनीकी स्‍वरूप का होने से इसकी पूर्णत: हेतु निर्धारित समय-सीमा का निर्धारण किया जाना संभव नहीं है।

डायवर्सन वसूली पर रोक

[राजस्व]

144. ( क्र. 2659 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के पक्‍के मकानों का डायवर्सन किस नियम/आदेश के तहत किया गया? इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) जिन ग्रामों में डायवर्सन की प्रक्रिया अपनाई गई। उनके नाम, व्‍यक्ति‍ नाम, डायवर्सन राशि, वसूली राशि, बकाया राशि सहित देवें। क्‍या प्रधानमंत्री आवास योजना के हि‍तग्राहियों के मकानों का डायवर्सन किया गया? यदि हां, तो उनकी सूची भी इसी अनुसार देवें। (ग) कब तक इस मामले में वसूली पर स्‍थायी रोक लगाने के आदेश जारी किए जाएंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 59 एवं अनुषंगिक नियमों 28 सितम्बर, 2018 के प्रावधान अनुसार भूमि स्वामी द्वारा अपने खाते को भूमि के निर्धारित उपयोग में परिवर्तित उपयोग करने पर भूमि उपयोग अनुसार भू-भाटक का निर्धारण अनु. अधिकारी (राजस्व) द्वारा किया जाता है। (ख) तहसील कोतमा अंतर्गत किये गए व्यपवर्तन की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोतमा विधानसभा क्षेत्र में ऐसा प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के मकानो का डायवर्सन नहीं किया गया है। (ग) प्रकरणों में व्‍यपवर्तन निर्धारित भू-भाटक एवं प्रीमियम को राशि विधिवत वसूल की जाती है। शेष प्रकरणों में व्‍यपवर्तन की राशि त्रुटिपूर्ण पाये जाने पर पुनर्निर्धारण किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अल्‍ट्राटेक कंपनी शहडोल के संबंध में

[खनिज साधन]

145. ( क्र. 2661 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2023 तक शहडोल जिले में अल्‍ट्राटेक विचारपुर कोलमाईंस पर विभाग ने किन-किन शिकायतों व अनियमितताओं पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्‍या कारण है कि इनके वाहनों द्वारा कोयले का ओवर लोडिंग परिवहन किया जा रहा है? प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि में कोयले परिवहन के अभिवहन पास की छायाप्रति वर्षवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि में इस कंपनी द्वारा प्रदेश में कितनी राशि के सी.एस.आर. फंड से कौन-कौन से कार्य करवाए गए? (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार ओवर लोडिंग प्रकरणों में कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। अपितु दिनांक 01/04/2020 से 31/01/2023 तक स्‍थानीय ग्रामवासी किसानों द्वारा विभाग में कुल 07 आवेदन प्रस्‍तुत किये गये हैं। जिनमें से 06 आवेदन भूमि अधिग्रहण उपरांत नौकरी दिये जाने हेतु है। इस संबंध में अल्‍ट्राटेक कंपनी द्वारा भूमिगत खदान हेतु निजी भूमि क्रय कर 45 भूमि-स्‍वामियों द्वारा नामित सदस्‍यों को दिनांक 08/10/2021 तक रोजगार प्रदान किया गया है। इसी प्रकार निजी भूमि क्रय कर 83 भूमि-स्‍वामियों द्वारा नामित सदस्‍यों को दिनांक 14/10/2021 तक रोजगार प्रदान किया गया है। अन्‍य 01 आवेदन उप सरपंच ग्राम पंचायत चुनिया द्वारा कोयला खदान से निकलने वाले पानी को कृषि सिंचाई हेतु कठौतिया डेम में स्‍टोरेज करने बावत प्रस्‍तुत किया गया, कंपनी द्वारा खदान से निकलने वाले पानी को कृषि सिंचाई हेतु तीन किलोमीटर पाईप लाईन बिछाई जा चुकी है एवं कृषि सिंचाई की व्‍यवस्‍था कर दी गई है।                         (ख) शहडोल जिले में अल्‍ट्राटेक विचारपुर कोल माईन्‍स कंपनी द्वारा ओवर लोडिंग परिवहन का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि में कोयला परिवहन के अभिवहन पासों की संख्‍या 5000 से अधिक है। अल्‍ट्राटेक प्रबंधन द्वारा समस्‍त वाहनों पर जारी किये जाने वाले अभिवहन पास के विवरण की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' पर है। समस्‍त अभिवहन पासों को विभाग के ई-खनिज पोर्टल से भी डाउनलोड किया जा सकता है। किसी अवधि/दिनांक विशेष के अभिवहन पास की प्रति उपलब्‍ध करायी जा सकती है। (ग) सी.एस.आर. फण्‍ड से कराये गये कार्यों का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) ओवर लोडिंग के प्रकरणों की संख्‍या निरंक होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनूपपूर जिले में संचालित ग्रेनाइट खदान

[खनिज साधन]

146. ( क्र. 2662 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कितनी ग्रेनाइट खदाने प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में संचालित हैं? सूची खनन की अनुमति की छायाप्रति सहित देवें। (ख) क्रेशर की अनुमति खदान के अंदर/बाहर की जानकारी के साथ प्रश्‍नांश (क) अनुसार देवें। भंडारण की अनुमति की छायाप्रति भी इसी अनुसार मात्रा सहित देवें। (ग) दिनांक 01/04/2020 से उत्‍तर दिनांक तक जिन अधिका‍रियों ने खदानों का निरीक्षण किया उनकी जानकारी निरीक्षण दिनांक, अधिकारी नाम, पदनाम, निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति सहित प्रत्‍येक खदान के संदर्भ में देवें। (घ) उत्‍तर दिनांक की स्थिति में प्रत्‍येक खदान के संदर्भ में प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि क्रेशर किए खनिज की मात्रा एवं उत्‍तर दिनांक की स्थिति में प्रत्‍येक खदान की भंडारण मात्रा की जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में 06 ग्रेनाइट खदाने प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में संचालित हैं, जिनकी सूची एवं खनन की अनुमति की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर है। (ख) क्रेशर की अनुमति खदान क्षेत्र के बाहर खनिज भण्‍डारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र में दी गई है, जिसकी छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।                                 (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  पर है।

कुण्‍डालिया एवं मोहनपुरा वृहद परियोजना

[जल संसाधन]

147. ( क्र. 2665 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील की कौन-सी निर्मित सिंचाई योजनाएं (तालाब/स्टॉपडैम) में रबी सिंचाई हेतु इस वर्ष 'कुण्डालिया एवं मोहनपुरा वृहद परियोजना' से पानी उपलब्ध करवाया गया है? इन निर्मित जलाशयों/स्टॉपडैम में कितना पानी छोड़ा गया है? कितना सिंचाई राजस्व इन वृहद परियोजना के द्वारा वसूल किया गया या वसूल किया जाना प्रस्तावित है? योजनावार, ग्रामों की संख्‍या सिंचित क्षेत्र एवं राशि सहित बताएँ। (ख) इन वृहद परियोजना से छोड़े गए पानी में फसलवार जलकर दर क्या है? प्रति हेक्टेयर एवं लघु सिंचाई योजना तालाब एवं स्टॉपडैम से पानी देने पर फसलवार जलकर दर क्या है? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में दर्शाये गये सिंचाई योजना जिसमें पानी छोड़ा गया है, उसमें सिचाई क्षेत्र जो कि इन लघु/मध्यम सिंचाई योजना में आता है, उस पर जलकर कृषकों से एम.के.पी.एम.यू. एवं जल संसाधन संभाग राजगढ़ दोनों के द्वारा वसूल/आरोपित किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शायी गई जलकर दरों में अगर अत्यधिक अंतर है एवं मध्यम/लघु सिंचाई योजना के कृषकों पर वृहद परियोजना से छोड़े गए पानी पर जलकर कृषकों को प्रेशर पाईप द्वारा सीधे खेतों में पानी देने वाली दर से जलकर दर वसूल/आरोपित की गई है, तो क्यों? कृषकों द्वारा अपने साधनों से उद्वहन कर पानी खेतों में दिया गया है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) इन वृहद परियोजनाओं से छोड़े गए पानी की जलदर  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 (मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 25.03.2022 को प्रकाशित विभाग की अधिसूचना) तथा  लघु सिंचाई योजना, तालाब एवं स्‍टॉपडैम से पानी देने पर फसलवार जलदर  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 (पृ.1 से 5) (मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 29.10.2021 को प्रकाशित विभाग की अधिसूचना) अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं, तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि मोहनपुरा एवं कुण्‍डालिया वृहद परियोजनांतर्गत निर्मित सिंचाई क्षमता के कमाण्‍ड क्षेत्र अंतर्गत आने वाले समस्‍त लघु परियोजनाओं के कमाण्‍ड क्षेत्रों को भी सम्मिलित किया गया है। अत: संपूर्ण क्षेत्र एम.के.पी.एम.यू. अंतर्गत आने की स्थिति में दोनों द्वारा वसूली का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। केवल मध्‍यम परियोजनाओं के कमाण्‍ड क्षेत्र में जल संसाधन संभाग, राजगढ़ द्वारा वसूली की जा रही है। अत: स्‍पष्‍ट क्षेत्र विभा‍जन होने से किसी भी प्रकार के दोहरीकरण का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। जलकर का अधिरोपण मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 29.10.2021 एवं 25.03.2022 को अधिसूचित विभागीय अद्यतन जलदरों के आधार पर ही किया गया है। अत: अत्‍यधिक जलकर वसूली का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

छापीहेड़ा कस्‍बे में जारी किये गये पट्टे

[राजस्व]

148. ( क्र. 2666 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) छापीहेड़ा नगरीय क्षेत्र में वर्ष 2019 में जारी किये गये पट्टों की जानकारी उपलब्‍ध कराएं।         (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित पट्टों को क्‍या कलेक्‍टर, राजगढ़ द्वारा जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रक्रिया में पट्टाधारियों को सम्‍पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर अधिकार प्रदान किये गये थे? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं, तो कब तक शेष पट्टाधारियों को अधिकार प्रदान किये जायेंगे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित शेष रहे पट्टाधारियों को क्‍या कलेक्‍टर द्वारा आदेश किये जाने के बाद भी आवास लाभ से वंचित किये जाने के क्‍या कारण हैं? देरी के कारणों के लिये जिम्‍मेदार लोगों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2019 में कोई भी पट्टा जारी नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास

[खनिज साधन]

149. ( क्र. 2680 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास मंडल द्वारा विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट, जिला सतना में कौन-कौन से कार्य अनुमोदित किये गये? (ख) उपरोक्‍त कार्यों के लिए अलग-अलग कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? इनमें से कितने कार्य अभी अधूरे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्‍नाधीन कार्यों के लिए आवंटित राशि का विवरण निम्‍नानुसार है:-

(राशि लाख रूपयों में)

क्र.

बैठक दिनांक

स्‍वीकृत कार्यों की संख्‍या

स्‍वीकृत राशि

1

22/06/2019

18

265.13

2

28/11/2019

14

558.53

3

16/08/2021

32

98.00

4

29/01/2022

180

214.00

योग

244

1135.66

उपरोक्‍त स्‍वीकृत कार्यों में से 134 कार्य प्रगतिरत है।

राजस्‍व न्‍यायालयों की जानकारी

[राजस्व]

150. ( क्र. 2689 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला न्‍यायालयों द्वारा पारित आदेश एवं डिग्री कृषि भूमि से संबंधित राजस्‍व न्‍यायालयों पर बंधनकारी है? (ख) यदि हाँ, तो राजस्‍व न्‍यायालय द्वारा जिला न्‍यायालयों के आदेशों की अवहेलना करते हुए नामांतरण प्रकरणों को क्‍यों लंबी-लंबी सुनवाई में रोके रखती है? भूमि मालिक, गरीब किसानों को वकीलों तथा तहसीलों के चक्‍कर काट-काट कर आर्थिक रूप से तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है? (ग) नरसिंहपुर एवं भोपाल जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं जो कई महीनों से लटकाए हुए हैं, ज‍बकि जिला न्‍यायालयों से डिग्री प्राप्‍त किये हुए किसान परेशान हो रहे हैं? प्रकरणों की संख्‍या एवं कितने समय से लंबित हैं, राजस्‍व न्‍यायालय के अधिकारियों के नाम, पद सहित बताएं। (घ) क्‍या शासन इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने तथा कड़े निर्देश जारी कर किसानों पर हो रहे अत्‍याचार को तत्‍काल रोकेगी ताकि किसानों में व्‍याप्‍त असंतोष समाप्‍त किया जा सके साथ ही किसानों को न्‍याय मिल सके? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) भोपाल एवं नरसिंहपुर जिले में प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण महीनों से लंबित नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-03 के पद पर नियुक्ति

[राजस्व]

151. ( क्र. 2692 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रदेश के कुछ जिलों के सेक्‍शन राईटरों को शासन के किस नियम के तहत सेक्‍शन राईटर से सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियमित नियुक्ति प्रदान की गई है? माननीय उच्च न्यायालय के आदेश/निर्देशानुसार सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-03 के पद पर नियमितीकरण के प्रकरण में नीतिगत निर्णय लेते हुये प्रचलित नस्ती 2008-09 में क्या निर्णय लिये गये? अगर नहीं लिये गये तो कब तक लिये जायेंगे? (ख) सेक्‍शन राईटरों की नियुक्ति पर प्रतिबन्ध किस दिनांक को एवं क्यों लगाया गया, नस्ती क्रमांक सहित बतावें। प्रश्‍नांश (क) में सहायक ग्रेड 03 के पद पर नियमित सेक्‍शन राईटरों को क्या व्यावसायिक मण्डल परीक्षा के उत्‍तीर्ण व्यक्तियों में से नियमित नियुक्ति प्रदान किया गया है? अगर नहीं तो शेष सेक्‍शन राईटरों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश/निर्देशानुसार नियमितीकरण का लाभ क्यों नहीं प्रदान किया गया है? (ग) आदेश दिनांक 22.02.2022 के द्वारा सेक्‍शन राईटरों को अतिशेष कर्मचारी किस आधार पर माना गया एवं उच्च न्यायालय के नियमितीकरण किये जाने हेतु आदेश के बावजूद शासन द्वारा सेक्‍शन राईटरों को कर्मचारी चयन बोर्ड की प्रक्रिया से गुजरने का आदेश/निर्देश क्यों प्रसारित किया गया है? प्रश्‍नांश (क) में वर्णित सेक्‍शन राईटरों से सहायक ग्रेड-03 के पद पर नियमित किये गये व्यक्तियों को भी क्या कर्मचारी चयन बोर्ड से गुजरना पड़ेगा? यदि नहीं, तो एक ही पद के लिये दोहरा मापदण्ड क्यों जबकि माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जम्बूरी मैदान भोपाल में वर्ष 2013 में सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-03 के पद पर नियमितीकरण की घोषणा की गई थी? उक्त घोषणा का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिकाओं में पारित आदेशों के परिपालन में की गयी है। इस संबंध में शासन स्‍तर पर प्रचलित नस्‍ती क्रमांक एफ 3-4/2018 में विभागीय प्रस्‍ताव पर सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा अपने परिपत्र क्रमांक सी 3-9/2019/1/3 दिनांक 22.02.2022 द्वारा शासकीय सेवा में नियुक्ति के लिये प्राथमिकता की सूची में राजस्‍व विभाग अंतर्गत कार्यरत सेक्‍शन राईटरों को सम्मिलित किया गया। उक्‍त परिपत्र की कंडिका-4 में सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति दिये जाने के संबंध में आयु सीमा में छूट एवं 5% अतिरिक्‍त अंक का प्रावधान किया गया है। कर्मचारी चयन मण्‍डल द्वारा सहायक ग्रेड-3 की भर्ती हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित हो चुकी है। सेक्‍शन राईटर उक्‍त परीक्षा में शामिल होकर लाभ उठा सकते है। (ख) सेक्‍शन राईटरों की नियुक्ति पर प्रतिबंध राजस्‍व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-17/2010/सात/4-ए दिनांक 29.10.2010 से लगाया गया, क्‍योंकि यह अनुभव किया गया कि सभी जिला कार्यालयों/तहसील कार्यालयों में प्रमाणित प्रतिलिपियां प्रदाय करने के लिये सेक्‍शन राईटर्स के सहयोग की आवश्‍यकता एवं उपयोगिता नहीं रह गई है क्‍योंकि वर्तमान युग में प्रतिलिपि प्रदाय के मामलों में फोटोकॉपी मशीन का उपयोग किया जा रहा है। जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) में सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियमित किये गए सेक्‍शन राईटर व्‍यावसायिक मण्‍डल परीक्षा से उत्‍तीर्ण नहीं थे। उन्‍हें माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित आदेशों/निर्देशानुसार ही नियमितीकरण का लाभ दिया गया। शेष सेक्‍शन राईटरों को सामान्‍य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्र. सी 3-9/2019/1/3 दिनांक 22 फरवरी 2022 के क्रम में जारी विभागीय ज्ञाप एफ 3-4/2018 दिनांक 28.02.2022 अनुसार नियमितीकरण हेतु कर्मचारी चयन मण्‍डल की प्रस्‍तावित परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में कार्यरत सेक्‍शन राईटर्स द्वारा सहायक ग्रेड-3 पद नियुक्ति प्रदान करने के संबंध में शासन के विरूद्ध माननीय न्‍यायालयों में याचिकाएं प्रस्‍तुत की गयी जिनमें से राज्‍य प्रशासनिक अधिकरण (सेट) में श्री रामबहादुर शर्मा द्वारा दायर याचिका ओ.ए.क्रमांक 389/1993 में पारित आदेश दिनांक 13.05.1999 को पारित आदेश में सेक्‍शन राईटर को निर्वाचन अतिशेष कर्मचारियों की भांति सहायक ग्रेड-3 के पद पर चयन में प्राथमिकता दिये जाने के निर्देश दिए है साथ ही मध्‍य प्रदेश शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के असाधारण राजपत्र क्रमांक सी 3-10/2013/1/3 दिनांक 04 अक्‍टूबर 2013 से राज्‍य शासन अंतर्गत स्‍वीकृत सभी कनिष्‍ठ पदों पर चयन म.प्र. कनिष्‍ठ सेवा (संयुक्‍त अर्हता) परीक्षा नियम 2013 अंतर्गत म.प्र.कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा के माध्‍यम से किया जाना नियत किया गया है। उक्‍त आदेश के क्रम में ही सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 22.02.2022 को जारी आदेश द्वारा सेक्‍शन राईटरों को अतिशेष कर्मचारी की भांति माना गया एवं माननीय न्‍यायालय के उक्‍त आदेश के क्रम में ही सेक्‍शन राईटरों को कर्मचारी चयन बोर्ड की चयन प्रक्रिया से गुजरने के आदेश दिये गए। माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा जम्‍बूरी मैदान भोपाल में वर्ष 2013 में सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियमितीकरण की घोषणा नहीं की गयी थी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वर्षों से पदस्‍थ पटवारियों का स्‍थानांतरण

[राजस्व]

152. ( क्र. 2693 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) सतना जिले के तहसील रघुराजनगर के अन्तर्गत शासकीय जमीनों की खुर्द-बुर्द किया गया है? तत्कालीन कलेक्टर सतना ने अपने पत्र क्र. 87 दिनांक 22/03/2016 में स्वीकार किया है कि राजस्व विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों की मिली भगत से शासकीय आराजियों को निजी स्वत्व में किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि सही है तो उक्त तहसील में वर्षों से पदस्थ पटवारियों को क्यों नहीं हटाया गया है? क्‍योंकि भू-माफिया से मिलकर यही पटवारी शासकीय आराजियों को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर खुर्द-बुर्द करते हैं, यह जांच में सिद्ध हो चुका है?            (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि सही है तो वर्तमान में सतना नगर निगम (तह. रघुराजनगर) में जो पटवारी वर्तमान में पदस्थ हैं, वह उक्‍त तहसील में शहर एवं ग्रामीण मिलाकर कितने वर्षों से पदस्थ हैं? नामवार, पटवारी हल्कावार तथा शासन के नियम की प्रति के साथ प्रश्‍नकर्ता को उपलब्ध करायें। वर्षों से पदस्थ पटवारियों को कब तक उक्त तहसील से हटा दिया जायेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि सही है तो प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र. 1601, दिनांक 05.10.2022 को जो आदेश जारी कर रघुराजनगर के शहरी क्षेत्र में पदस्थ किये गये हैं, वह नियम विरूद्ध है। उक्त तहसील में ही प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से रामभजन गौतम एवं शालिनी श्रीवास्तव को तहसील से बाहर किया गया था लेकिन अनुविभागीय रघुराजनगर द्वारा बिना प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के उक्त दोनों पटवारियों को उक्त तहसील में ही रहने का आदेश जारी किया है जो नियम विरूद्ध है, कलेक्टर सतना एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर अपना आदेश कब तक निरस्त कर देंगे? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तत्‍कालीन कलेक्‍टर सतना के आदेश क्र. 87 दिनांक 22.03.2016 के द्वारा भूमियों को खुर्द-बुर्द किये जाने की जांच हेतु सतना जिले के समस्‍त अनुविभागों के अनुविभागीय अधिकारी की अध्‍यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई थी, जो  पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍टअ अनुसार है। (ख) शासन द्वारा जारी संविलियन नीति के तहत नियमानुसार पटवारियों का संविलियन किया जाता है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता है।                                      (ग) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत हल्‍के में पदस्‍थ पटवारियों की जानकारी पृथक से  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। तहसील रघुराजनगर अंतर्गत नगर पालिक निगम सतना के नगरीय क्षेत्र के पटवारी हल्‍कों में पटवारियों की पदस्‍थापना करते समय शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है।

दिगम्‍बर जैन समिति को चैरिटेबल संस्‍था हेतु भूमि का प्रदाय

[राजस्व]

153. ( क्र. 2696 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा में दिगम्‍बर जैन समिति जतारा द्वारा चैरिटेबल संस्‍था हेतु भूमि उनके मांग पत्र एवं कब्‍जे के आधार पर मांग की जा रही है? क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा इससे संबंधित प्रश्‍न क्र. 1116, दिनांक 21 दिसम्‍बर, 2022 किया गया था, जिसके उत्‍तर (ग) में बताया गया था कि आयुक्‍त सागर संभाग द्वारा संभागीय नजूल निर्वर्तन समिति की बैठक में रखा जाकर समिति के निर्णय अनुसार आगामी कार्यवाही हेतु बताया गया था? प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि शासन द्वारा समिति को भूमि दिए जाने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक प्रकरण कहां-कहां लंबित है? कब तक भूमि संस्‍था को प्रदाय हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक उपरोक्‍त भूमि चैरिटेबल संस्‍था को प्रदान कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रकरण परीक्षणाधीन है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नगत बिन्दुओं पर जांच अधिकारी द्वारा जांच की कार्यवाही की जा रही है एवं निर्धारित बिन्दुओं की जांच प्रतिपूर्ति हेतु प्रकरण कलेक्‍टर कार्यालय टीकमगढ़ में लंबित है। (ग) कार्यवाही परीक्षणाधीन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "छियासी"

 

वान सुजारा बांध परियोजना

[जल संसाधन]

154. ( क्र. 2697 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के वान सुजारा बांध से कौन-कौन से ग्रामों एवं नगरों के कितने-कितने किसानों को कितना-कितना कुल रकबा सिंचित करने की परियोजना बनाई गई थी? प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से ग्रामों के किसानों को खेतों में पानी मिल रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि इससे संबंधित प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब-कब विधान सभा में प्रश्‍न किए गए हैं, जिसके उत्‍तर में दिए गए आश्‍वासनों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से अधिकारी द्वारा बिल अंकित करके किस-किस ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? उनके नाम सहित यह भी बताएं कि योजना का अभी कौन-कौन सा कार्य लंबित है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कब तक उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण कार्य पूर्ण कराकर योजना में चयनित ग्रामों के किसानों को पानी सिंचाई हेतु मिलने लगेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बानसुजारा बांध से टीकमगढ़ जिले के 96 ग्रामों के 50,759 हेक्‍टेयर रकबे को सिंचित करने की डी.पी.आर. बनाई गई थी। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। वर्ष 2016 में जारी पुनरीक्षित स्‍वीकृति अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक 183 ग्रामों के किसानों को सिंचाई हेतु पानी मिल रहा है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। परियोजनांतर्गत नहर पर सड़क के डामरीकरण एवं बांध में कर्टेन ग्राउटिंग एवं लिफ्ट वेल का कार्य शेष होना प्रतिवेदित है। (घ) बानसुजारा सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजनांर्तगत चयनित ग्रामों के किसानों को सिंचाई हेतु बांध एवं नहर प्रणाली के सभी आवश्‍यक कार्य पूर्ण कराए जाकर चालू रबी सिंचाई वर्ष 2022-23 में कमाण्‍ड क्षेत्र के चयनित 183 ग्रामों की कृषि योग्‍य भूमि में सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध कराया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति उपरांत शेष कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

किसान सम्मान निधि पात्रताl

[राजस्व]

155. ( क्र. 2714 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि के लिए पात्रता संबंधी समय-समय पर जारी किये गए नियम/आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें l (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार योजनाएं प्रारंभ होने से प्रश्‍न दिनांक तक जिला ग्वालियर के तहसील भितरवार/डबरा/मुरार/घाटीगांव में कितने-कितने खातेदार (कृषक) के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज है? उक्त योजनाएं प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने खातेधारकों को योजनावार एवं वर्षवार चयन कर लाभान्वित किया जा रहा है? शेष के चयन नहीं होने का कारण सहित तहसीलवार संख्या बतावें l (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक तहसील डबरा क्षेत्र के कितने खातेधारक लाभान्वित हुये है कि संख्‍यात्‍मक जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार है। योजना के मापदण्‍ड अनुसार कृषक के पात्र नहीं होने से उनका चयन नहीं किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–'अनुसार है।

ककेटो पेहसारी बांध से तिघरा बांध में पानी लाने की व्यवस्था

[जल संसाधन]

156. ( क्र. 2717 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में ककेटो-पेहसारी बांध से तिघरा बांध में पानी लाने हेतु कैनाल की लम्बाई कितनी है? इसमें से कितनी लम्बाई में खुली नहर से एवं कितनी लम्बाई में बन्द पाइप लाइन के माध्यम से पानी लाया जाता है? किन-किन स्थान पर वॉटर लिफ्टिंग का कार्य किया जाता है? इस पर प्रतिवर्ष कितनी राशि व्यय होती है? लिफ्टिंग कार्य में वित्तीय वर्ष 2018 से उत्तर दिनांक तक कितनी राशि का व्यय भुगतान हुआ? उसका किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब सत्यापन/प्रमाणीकरण किया? व्यय राशि के ऑडिट की क्या प्रक्रिया है? प्रत्येक वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्या तिघरा बांध में खुली नहर के माध्यम से पानी भेजने में लीकेज/सीपेज होता है? यदि हां, तो कितनी मात्रा में अथवा कितना प्रतिशत? खुली नहर के स्थान पर पाइप लाइन डाली जाने, पूर्ण मात्रा में पानी पहुंचाने एवं वॉटर लिफ्टिंग कार्य की स्थायी व्यवस्था करने हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना बनायी है? यदि हां, तो क्या? उस पर कितनी राशि व्यय होगी एवं उसका क्रियान्वयन कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? यदि नहीं, तो इस हेतु कब तक ठोस कार्य योजना बनायी जाएगी? (ग) ग्वालियर जिले के शहरी क्षेत्र में जनसंख्या के बढ़ते घनत्व तथा प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी की सप्लाई को दृष्टिगत रखते हुये क्या वर्तमान व्यवस्था पर्याप्त है? यदि हां, तो किस वर्ष तक के लिए? ग्वालियर शहर में चंबल नदी से पेयजल आपूर्ति हेतु कोई प्रोजेक्ट निर्धारित किया है? यदि हां, तो वर्तमान में इसकी क्या स्थिति है? उसका पूर्ण क्रियान्वयन कब तक कर लिया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ककेटो पेहसारी बांध से तिघरा बांध में पानी लाने हेतु कैनाल की कुल लंबाई 25.75 कि.मी. है। संपूर्ण लंबाई में खुली नहर है, पाइप लाइन नहर नहीं है। वाटर लिफ्टिंग का कार्य सामान्‍यत: नहीं किया जाता है। वित्‍तीय वर्ष 2018 से उत्‍तर दिनांक तक वाटर लिफ्टिंग कार्य पर कोई भी राशि व्‍यय नहीं की गई है इसलिए उसके सत्‍यापन/ ऑडिट प्रक्रिया का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। खुली नहर के माध्‍यम से तिघरा बांध में पानी भेजने में औसतन 30 से 40 प्रतिशत पानी का लॉस होता है। उक्‍त लॉस को रोकने हेतु विभाग द्वारा ककेटो पेहसारी पाइप लाइन की कार्य योजना प्रक्रियाधीन है। जिसके तहत बांधों के लोवर स्‍लूस द्वारा ग्रेविटी फ्लो से पानी पहुँचाने का प्रावधान है। जिसकी अनुमानित लागत रू.464.73 करोड़ आंकलित है। उक्‍त कार्य नगर निगम ग्‍वालियर द्वारा कराया जाना प्रस्‍तावित है। (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्‍ध जल की मात्रा से नगर निगम ग्‍वालियर की मांग अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। शेषांश की जानकारी आयुक्‍त, नगर पालिक निगम, ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 143/तक/का.यं./ज.प्र.संधा.ख.क्र.-2/न.पा.नि.ग्‍वा./2023 दिनांक 27.02.2023 के माध्‍यम से प्राप्‍त की जाकर  मय सहपत्रों  की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  (पृ. 1 से 12)  अनुसार है।

जिला खनिज मद

[खनिज साधन]

157. ( क्र. 2720 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज मद में कुल कितनी राशि है? (ख) अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मंडल द्वारा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य अनुमोदित किये गये? (ग) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? इनमें से कितने कार्य पूरे हो चुके हैं और कितने कार्य अभी अधूरे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दमोह जिले में अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कुल राशि रूपये 6,09,60,891/- उपलब्‍ध है। (ख) अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास मंडल द्वारा दमोह विधानसभा क्षेत्र में अनुमोदित कार्यों की सूची  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के  संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सतासी"

अभ्‍यारण भूमि का जंगल भूमि में परिवर्तन

[वन]

158. ( क्र. 2725 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) नौरादेही अभ्यारण एन.एच. 46 फोरलाइन साइड ग्राम-अमोदा, कुरेला, हीरापुर, रोहणी, बदरोहा, विक्रमपुर की तरफ अभ्यारण की सीमा कितनी है, कितने हेक्टेयर में है? अभ्यारण में इसका क्या उपयोग है जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या नौरादेही अभ्यारण एन.एच. 46 फोरलाइन साइड ग्राम- अमोदा, कुरेला, हीरापुर, रोहणी, बदरोहा, विक्रमपुर की तरफ के अभयारण्‍य भूमि को जंगल भूमि में परिवर्तित किये जाने हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ग) यदि नहीं, तो क्या सरकार इस संबंध में कार्य योजना बनायेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नौरादेही अभयारण्‍य के अंतर्गत भोपाल से जबलपुर मार्ग (पुराना एन.एच.-12) एन.एच. 45 फोरलाइन साइड ग्राम अमोदा, कुरेला, हीरापुर, रोहणी, बदरोहा, विक्रमपुर की तरफ अभयारण्‍य की सीमा 12 कि.मी. में लगभग 982 हेक्‍टेयर क्षेत्र है। उक्‍त क्षेत्र वन्‍यजीवों के लिए संरक्षित है तथा वन्‍यप्राणियों का प्राकृतिक आवास है। उक्‍त क्षेत्र में वन एवं वन्‍यप्राणियों की प्रचुरता है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन अभयारण्‍य भूमि पूर्व से ही जंगल (वन) भूमि है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऐसी कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है।

एक ही स्‍थान पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी

[राजस्व]

159. ( क्र. 2734 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रदेश के राजस्व विभाग में 3 वर्ष अथवा 3 वर्ष से अधिक अवधि तक एक ही स्थान पर कार्यरत एवं पदस्थ कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं? क्या ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण करने के लिये सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देशों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सिवनी जिले के राजस्व विभाग के मुख्यालय एवं विकासखंड की तहसीलों में 3 वर्ष से अधिक कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो शासन/प्रशासन के द्वारा अभी तक स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया? कब तक स्थानांतरण किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? बतावें। (ग) सिवनी जिले की केवलारी तहसील अन्तर्गत वित्तीय गंभीर अनियमितताएं हुई थी? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व विभाग अंतर्गत संभागायुक्‍त एवं जिला कलेक्‍टर कार्यालय में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्‍वीकृत समस्‍त पद संभाग/जिला कैडर के पद हैं। उक्‍त संवर्ग के कर्मचारियों के स्‍थानांतरण कार्यालयीन व्‍यवस्‍था एवं प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से आवश्‍यकतानुसार कार्यरत कर्मचारियों के स्‍थान/शाखा परिवर्तन किया जाता है। म.प्र.शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति का पालन किया जाता है। राजस्‍व विभाग अंतर्गत 3 वर्ष या अधिक अवधि तक एक ही स्‍थान पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी प्रश्‍नांश (क) अनुसार है। (ग) जी हाँ। दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है।

खाद्यान्‍न वितरण की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

160. ( क्र. 2740 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) मध्यप्रदेश में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? उचित मूल्यों की दुकानों का संचालन कौन-कौन व्यक्ति, संस्था, समिति, स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है? उचित मूल्य की दुकान आवंटन के क्या नियम निर्देश हैं छायाप्रति उपलब्‍ध करावें? 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक एवं इनको कितना-कितना कमीशन भुगतान किया जा रहा हैं, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विभाग द्वारा खाद्यान वितरण कराने हेतु पी.ओ.एस. मशीन किस कंपनी से क्रय की गई है बतावें? कितनी-कितनी लागत से पी.ओ.एस. मशीन क्रय की गई हैं? कंपनी को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया है? पी.ओ.एस. मशीन क्रय करने हेतु विभाग द्वारा कब-कब निविदा जारी की गई है? निविदा में किन-किन कंपनियों द्वारा भाग लिया गया है एवं कितनी-कितनी राशि की निविदाएं डाली गई हैं? निविदाओं की छायाप्रति उपलब्ध करावें।               (ग) पी.ओ.एस. मशीन कितने-कितने जिलों को कितनी-कितनी संख्या में उपलब्ध कराई गई हैं? पी.ओ.एस. मशीन के संधारण हेतु कितना-कितना भुगतान किस-किस कंपनी को किया गया है? जिलेवार भुगतान राशि सहित जानकारी देवें। (घ) विदिशा जिले में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें 1 अप्रैल, 2022 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक किस दुकान पर कितना-कितना खाद्यान वितरण किया है एवं कितने कुल लक्षित परिवार एवं सदस्य हैं? उचित मूल्य की दुकानवार जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से  (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वनोपज सहकारी समिति की जानकारी

[वन]

161. ( क्र. 2741 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) विदिशा जिले में कितने प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति कार्य कर रही है एवं इनका कार्य क्षेत्र क्‍या-क्‍या है? समितियों में कौन-कौन से अधिकारी-कर्मचारी की पदस्‍थापना है? नाम, पदनाम, पदस्‍थापना की दिनांक सहित जानकारी बतावें। (ख) विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक उक्‍त समिति द्वारा कौन-कौन से कार्य किये गए हैं? कौन-कौन से वनोपजों का संग्रहण किया गया है एवं किस दर पर विक्रय किया गया है? (ग) विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति कौन-कौन सी उचित मूल्‍य की दुकानों का संचालन कर रही है एवं इनसे कितनी-कितनी आय हुई और कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? आय-व्‍यय पत्रक की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2019 से कितने तेन्‍दूपत्‍ता संग्राहकों को बोनस दिया गया है? मजदूरों की संख्‍या व राशि की जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा जिले में 13 पंजीकृत प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां कार्य कर रही है। वन परिक्षेत्र अंतर्गत समितियों का कार्यक्षेत्र में 253 फड़ है, जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वनोपज सहकारी समितियों में समिति प्रबंधक पदस्थ है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट- 2 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अवधि में वनोपज सहकारी समितियों अंतर्गत तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य तथा महुआ संग्रहण का कार्य एवं वनोपज सहकारी समितियों द्वारा उचित मूल्य दुकानों के संचालन का कार्य किया गया है।

 

13 समिति

तेन्‍दूपत्‍ता संग्रहण

04 समिति

महुआ संग्रहण

07 समिति

उचित मूल्‍य दुकान संचालन

वनोपज संग्रहण एवं विक्रय दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 3 अनुसार है।  (ग) 07 वनोपज सहकारी समितियों द्वारा 88 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हुई हैं। वर्तमान में 85 उचित मूल्य दुकाने संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार है। समिति देवपुर की 02 एवं समिति वर्धा की 01 उचित मूल्य की दुकाने निरस्त हो गई हैं। वर्षवार संचालित दुकानों द्वारा सामग्री बिक्री से प्राप्त राशि (आय) एवं सामग्री क्रय मूल्य (व्यय) की जानकारी एवं आय-व्यय पत्रक की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट- 5 अनुसार है। (घ) विगत वर्ष 2018 एवं 2019 की संघ से स्वीकृति अनुसार संग्राहक प्रोत्साहन राशि निम्नानुसार भुगतान हुई है :-

 

सीजन वर्ष

वितरण भुगतान वर्ष

भुगतान राशि

संग्राहक संख्‍या

समिति संख्‍या

2018

2020

20675678

14897

8

2019

2021

1174910

11958

5

योग

 

21850588

26855

13

पूर्व वर्षों के शेष बचे लॉटों में से पूर्ण विक्रय मूल्य प्राप्त होने के उपरान्त वर्ष 2017 (01 समिति), वर्ष 2018 (01 समिति) एवं वर्ष 2019 (04 समिति) की माह दिसम्बर 2022 में प्राप्त राशि 2461004/- रूपये वनोपज सहकारी समितियों को प्रदाय कर दी गई है।

मछली पालन हेतु तालाबों,जलाशयों को पट्टों का आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

162. ( क्र. 2785 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य नीति 2008 के अनुसार क्या तालाब, जलाशय मछली पालकों को 10 वर्ष के लिए पट्टे देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो दमोह जिले में कितने जलाशय,तालाब हैं? जिनकी विज्ञप्ति निकलने के बाद भी पट्टे पर नहीं दिए गए? कितनी अवधि से लंबित हैं? (ख) लंबित रखने के लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। 12 जलाशयों की विज्ञप्ति जारी हुई जिनमें से 06 जलाशयों के आवेदन प्राप्ति की समय-सीमा अभी पूर्ण नहीं हुई, 02 जलाशयों की विज्ञप्ति के बाद आवेदन नहीं आये, 01 जलाशय का प्रकरण न्‍यायालय में लंबित, 01 जलाशय में जांच कार्यवाही प्रचलन में है, 01 जलाशय के आवेदक समिति पर सहकारिता विभाग द्वारा पंजीयन निरस्‍ती की कार्यवाही की जा रही है। शेष 01 जलाशय कृषि स्‍थाई समिति में अनुमोदन हेतु प्रस्‍तुत है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अठासी"

शासकीय भूमि की जानकारी

[राजस्व]

163. ( क्र. 2840 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या कलेक्‍टर भू-अर्जन (ग्‍वालियर) का आदेश का भू-स/1/80-81/अ-22 दिनांक 11/10/82 के अनुसार दामोदर बाग की भूमि ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण को आवंटित कर कब्‍जा भी दिया? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो कलेक्‍टर ग्‍वालियर के आदेश के पश्‍चात् भी उक्‍त भूमि का ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण को समितियों द्वारा क्‍यों ली गई? कारण बतावें? (ग) क्‍या उक्‍त शासकीय भूमि कलेक्‍टर के आदेश अनुसार पूर्व में ही प्राप्‍त हो चुकी थी? यदि हाँ, तो ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा उक्‍त शासकीय भूमि के फर्जी तरीके से दस्‍तावेज तैयार करके विभिन्‍न गृह निर्माण समितियों को लाभ क्‍यों दिलाया गया? कारण स्‍पष्‍ट करें एवं यह भी बतायें इसका दोषी कौन हैं तथा दोषियों के उपर क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्‍नांकित (क) एवं (ख) अनुसार क्‍या उक्‍त भूमि कलेक्‍टर के आदेश एवं कब्‍जा दिलाने के बाद भी ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण के द्वारा उक्‍त भूमि विभिन्‍न सहकारी गृह निर्माण समितियों के द्वारा ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहित करके विभिन्‍न गृह निर्माण समितियों को लाखों वर्ग मीटर भूमि के भू-खण्‍ड आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों किया गया है एवं इसका जिम्‍मेदार कौन है? (ड.) प्रश्‍नांकित (ख) एवं (ग) के आधार पर यदि अनियमितता हुई है, तो शासकीय भूमि का फर्जी तरीके से दस्‍तावेजों के आधार पर अधिग्रहित कर भू-खण्‍ड आवंटित हुए हैं? तो क्‍या शासन दोषी व्‍यक्ति के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण क्रमांक से नहीं अपितु कलेक्‍टर भूर्जन (ग्‍वालियर ) का आदेश क्रमांक भू.स./80-81/अ-82/दिनांक 11.10.1982 के अनुसार दामोदर बाग की भूमि ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण को अर्जित कर कब्‍जा दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) से (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "नवासी"

स्‍थायी यात्रा भत्‍ता

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

164. ( क्र. 3025 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) खाद्य वितरण के सहायक/कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारियों के स्‍थायी यात्रा भत्‍ता का क्‍या शासन स्‍तर पर कोई प्रकरण लंबित है? तो कब से? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कोई प्रस्‍ताव कैबिनेट की बैठक में रखे जाने हेतु भेजा गया था? यदि हाँ, तो कब? कार्यवाही से अवगत करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में लंबित स्‍थायी भत्‍ता का प्रस्‍ताव कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जल संसाधन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रदान किया जाना

[जल संसाधन]

165. ( क्र. 3323 ) श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के अधीन जल संसाधन विभाग छिंदवाड़ा जिले के वि.स. क्षेत्र पांढुरना के ग्राम सिवनी के लिए प्रस्‍तावित नल-जल योजना को (कुकड़ीखापा डोलनाला जलाशय) जल संसाधन संभाग छिंदवाड़ा से पेय जल हेतु स्‍वीकृति/अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदाय करने हेतु नस्‍ती संभागीय कार्यालय से कछार को भेजी गई है? यदि हाँ, तो मुख्‍य अभियंता सिवनी कछार द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दूरभाष पर 8/2/2023 को दोपहर 12.20 मिनट पर अपर मुख्‍य सचिव जल संसाधन मध्‍यप्रदेश शासन को प्रश्‍नांश (क) कार्य के लिए एन.ओ.सी. के संदर्भ में मोबाइल पर चर्चा की गई थी तो संबंधित अधिकारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें? (ग) मुख्‍य अभियंता सिवनी कछार द्वारा प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या प्रमुख अभियंता द्वारा एन.ओ.सी. जारी करने हेतु अनुमोदन लिया जाकर एन.ओ.सी. जारी कर दी गई? यदि हाँ, तो अनुमति/एन.ओ.सी. की सम्‍पूर्ण जानकारी देवें? (घ) क्‍या एन.ओ.सी. (क) संदर्भ में मुख्‍य अभियंता द्वारा जारी करने पर कोई असुविधा है? यदि नहीं, तो विलम्‍ब का क्‍या कारण है? विलम्‍ब के लिए कौन दोषी है? दोषी अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि ग्राम पंचायत सिवनी द्वारा छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र पांढुरना के ग्राम सिवनी के लिए प्रस्‍तावित नल-जल योजना हेतु कुकड़ीखापा डोलनाला जलाशय से पेयजल हेतु 0.20 एम.सी.एम. (वार्षिक) जल की मांग की गई है। जिसके परिप्रेक्ष्‍य में अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्‍डल, छिंदवाड़ा द्वारा उनके पत्र दिनांक 03.02.2023 के माध्‍यम से मुख्‍य अभियंता, वैनगंगा कछार, सिवनी को प्रेषित तथ्‍यात्‍मक प्रस्‍ताव मुख्‍य अभियंता के पत्र क्रमांक-2186/आर/कार्य-2019, दिनांक 20.02.2023 द्वारा वृहद परियोजना नियंत्रण मण्‍डल को प्रेषित कर प्रतिलिपि प्रमुख अभियंता को पृष्‍ठांकित किया जाना प्रतिवेदित है। प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य द्वारा विभाग के अपर मुख्‍य सचिव से इस संबंध में मोबाइल पर चर्चा की गई थी। अपर मुख्‍य सचिव द्वारा उक्‍त नल-जल योजना हेतु NOC उपलब्‍ध कराए जाने के संबंध में गठित समिति द्वारा त्‍वरित कार्यवाही किए जाने के लिए दूरभाष पर प्रमुख अभियंता को निर्देशित किया गया। जल आवंटन के लिए NOC जारी करने के लिए मुख्‍य अभियंता अधिकृत नहीं है। NOC जारी करने की कार्यवाही प्रमुख अभियंता स्‍तरीय जल आवंटन समिति द्वारा की जाती है। समिति द्वारा कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। विलंब की स्थिति नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नायब तहसील कोर्ट की स्‍वीकृति

[राजस्व]

166. ( क्र. 3345 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर के अन्तर्गत कार्य विभाजन की दृष्टि से हरपालपुर एवं लुगासी में नायब तहसील कोर्ट खोलने की याचना की गयी थी, जो कब तक स्वीकृत की जावेगी? बिल्डिंग हेतु बजट कब तक जारी किया जावेगा तथा कार्यालय स्टॉफ सहित तहसीलदार की पोस्टिंग कब तक की जावेगी? (ख) महाराजपुर में स्थायी अनुविभागीय अधिकारी को दैनिक कब किया जायेगा तथा महाराजपुर में कार्य सन्तुलन की दृष्टि से उप पंजीयक कार्यालय कब खोला जावेगा तथा वहां उप रजिस्ट्रार की पोस्टिंग कब की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। (ख) महाराजपुर में स्थायी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय खोले जाने हेतु कलेक्‍टर छतरपुर से विधिवत प्रस्‍ताव अपेक्षित है। नवीन उप पंजीयक कार्यालय खोलने हेतु निर्धारित मापदण्‍ड की पूर्ति न होने से महाराजपुर में उप पंजीयक कार्यालय खोले जाने तथा उप पंजीयक की पदस्‍थापना का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्धारित कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

167. ( क्र. 3407 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या सतना जिलांतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ/धान उपार्जन का कार्य करने वाली सहकारी समितियों को भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो प्रत्येक उपार्जन केन्द्र को उनके खरीदी मात्रा के अनुपात में उपार्जन मात्रावार, सरकार द्वारा स्वीकृत दर वार, भुगतान की गई राशिवार, वर्षवार, केन्द्र के नामवार, पृथकवार जानकारी निर्धारित प्रारुप पर उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्या उपार्जन केन्द्रों से संबंधित सहकारी समितियों को स्वीकृत दर से कम राशि का भुगतान उक्त वर्षों में किया गया है? यदि नहीं, तो भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा उपार्जन केन्द्रों को भुगतान हेतु निर्धारित की गई प्रासांगिक/कमीशन के दरों के आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जावे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित खाद्यान्‍न की गोदाम में जमा एवं स्‍वीकृत मात्रा के आधार पर समितियों को कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय का भुगतान किया जाता है। सतना जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में उपार्जित गेहूं पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय का भुगतान नियमानुसार कटोत्रा उपरांत किया जा चुका है। वर्ष 2022-23 में उपार्जित गेहूं पर कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय का तदर्थ भुगतान किया गया है। उपार्जित एवं जमा मात्रा के मिलान की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। शेष भुगतान किया जा रहा है। भुगतान की गई राशि की वर्षवार, समितिवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 एवं वर्ष       2020-21 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान पर समितियों को कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय का निर्धारित कटोत्रा उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार राशि का भुगतान किया जा चुका है। वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में भारत सरकार से प्रावधानिक लागत पत्रक अपेक्षित होने के कारण समितियों को कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय का तदर्थ भुगतान किया गया है। भुगतान की गई राशि की वर्षवार, समितिवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्टब अनुसार है।           (ख) सतना जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 तथा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 के कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय का भारत सरकार प्रावधानिक लागत पत्रक अनुसार कटोत्रा उपरांत समितियों को पूर्ण भुगतान कर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित लागत पत्रक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- स अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2022-23 एवं खरीफ वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 के कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय का का तदर्थ भुगतान समितियों को किया गया है।

प्रदेश में कृषकों की औसत आय एवं कर्ज माफी

[राजस्व]

168. ( क्र. 3435 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रदेश में कृषक होने के लिए न्यूनतम कितनी भूमि होना आवश्यक है? प्रदेश में 0.209 हेक्टेयर से कम रकबा धारित भूमि के कितने कृषक हैं? 0.209 से 01 हेक्टेयर, 1 से 2, 2 से 3, 3 से 4, 4 से 5 एवं 5 से अधिक हेक्टेयर भूमि धारित कितने कृषक हैं? जिलेवार जानकारी दें? (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 में प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित श्रेणी के प्रति कृषक की कुल औसत वार्षिक आय कितनी थी? चालू वर्ष 2022-23 में उत्तर दिनांक तक कितनी वार्षिक औसत आय है? इनकी आय बढ़ाने हेतु सरकार द्वारा क्या कोई नीति बनायी है? यदि हां, तो क्या?                        (ग) प्रदेश में दिनांक 31 मार्च 2018 को प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित श्रेणी अनुसार कितने किसानों पर कुल कितनी कर्ज राशि बकाया थी? वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 में उत्तर दिनांक तक किस श्रेणी के कितने किसानों को कितनी राशि का कर्ज, सरकार द्वारा दिया गया? इसमें से कितनी राशि वापिस जमा हुई? कितनी राशि सरकार द्वारा माफ की गई? उत्तर दिनांक तक कितनी कर्ज राशि बकाया है? शेष राशि का प्रति कृषक पर कितना भार है? क्या शेष कर्ज राशि को माफ किये जाने हेतु सरकार द्वारा कोई नीति बनायी है? यदि हां, तो क्या एवं उसका क्रियान्यवन किस प्रकार कब तक कर लिया जाएगा? प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित श्रेणीवार तथा वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 के अंतर्गत कृषक होने के लिए आवश्यक न्यूनतम भूमि होने सम्बन्धी प्रावधान उल्लेखित नहीं है। जिले में 0.209 हे. से कम रकबा धारित भूमि के कृषकों की संगणना का रिकार्ड संधारित करने की व्‍यवस्‍था नहीं है। 10 वीं कृषि संगणना आधार वर्ष 2015-16 के भारत सरकार को 2018 में दिये गये आंकडों के अंतिम रूप अनुसार जिलेवार कृषक संख्या  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। 0.209 हेक्टेयर वाले कृषक सारणी के आकार वर्ग 0 से 0.50 हेक्टेयर में सम्मिलित है। (ख) धारित भूमि अनुसार रकबा वार श्रेणी की प्रतिकृषक कुल औसत वार्षिक आय निर्धारित नहीं है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "नब्बे"

अतिवृष्टि से हुये फसल नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

169. ( क्र. 3441 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2022 में अतिवृष्टि से हुये फसल नुकसान का मुआवजा सागर जिला अंतर्गत वितरण किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) मुआवजा राशि का वितरण सागर जिले की किन- किन तहसीलों में किया गया था? तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) यदि वितरण किया गया था तो नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखंड सागर के निम्न ग्राम पड़रिया, सानौधा, अमोदा, परसोरिया, चांदवर, घुरेटा, खेजराबुधु, रिछावर, पामाखेड़ी, साईखेड़ा, टीलाखेड़ी, लिधोराहाट, पिपरिया, नरवानी, गुड़ा, बम्होरी, नयाखेड़ा, डुंगासरा, लिधोराखुर्द, मझगुंवा, सिंदगुंवा, मुहली इत्यादि ग्रामों में फसल मुआवजा राशि का वितरण क्यों नहीं हुआ है? जानकारी देवें। (घ) अतिवृष्टि के चलते प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित ग्रामों में फसलों के नुकसान का सर्वे कार्य उपरांत भी प्रश्‍न दिनांक तक उक्त ग्रामों के किसानों को मुआवजा न मिलने का क्या कारण है? विस्तृत जानकारी देवें एवं कब तक मुआवजा वितरित किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। सागर जिला अर्न्‍तगत वर्ष 2022 में अतिवृष्टि से फसल नुकसान का मुआवजा वितरण किया गया था। (ख) तहसीलवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) तत्‍समय गठित संयुक्‍त सर्वे दल द्वारा फसलों में 25 प्रतिशत से कम क्षति का आंकलन ग्राम पडरिया, सानौधा, अमोदा, परसोरिया, चांदवर, घुरेटा, खेजराबुधु, रिछावर, पामाखेडी, साईखेडा, टीलाखेडी, लिधोराहाट, पिपरिया, नरवानी, गुडा, बम्‍होरी, नयाखेडा, डुंगासरा, लिधोराखुर्द, मझगुवां, सिदगुवां, मुहली इत्‍यादि ग्रामों में प्रतिवेदित किया गया था। अत: राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत नहीं होने से कोई राहत राशि स्‍वीकृत नहीं की गई। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

धान खरीदी केन्‍द्रवार किसानों की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

170. ( क्र. 3594 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में कुल कितने किसानों द्वारा धान उपार्जन की बिक्री की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में धान खरीदी केन्‍द्रवार किसानों की सूची देवें? किसान का नाम पिता का नाम ग्राम कुल कितने क्विंटल किसान द्वारा विक्रय किया गया है? (ग) उपरोक्‍त किसानों के खाते में राशि अन्‍तरण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो विक्रय से कितने दिन बाद किसानों के खातों में पैसा डाला गया है? विलंब से खाते में पैसा डालने के क्‍या कारण हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में कुल 4362 किसानों द्वारा समर्थन मूल्‍य पर धान का विक्रय किया गया है। (ख) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में कुल 4362 किसानों से 272825.90 क्विंटल धान का उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्‍य पर धान विक्रय करने वाले किसानों के नाम, पिता का नाम, ग्राम एवं विक्रय मात्रा की जानकारी ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्‍ध है। (ग) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में धान विक्रय करने वाले कुल 4362 किसानों में से 4187 किसानों को समर्थन मूल्‍य राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष 175 किसानों के बैंक खाते आधार से लिंक न होने एवं पंजीयन के समय बैंक खाता त्रुटिपूर्ण दर्ज होने के कारण भुगतान विफल हुआ है, इन किसानों से सही बैंक खाते पोर्टल पर दर्ज करने एवं भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है।

अनुबंध लागत से अधिक का भुगतान की जांच

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

171. ( क्र. 3609 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन में मुख्‍यत: भोपाल एवं जबलपुर संभागों में निर्माण कार्य किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015 से 2021 के भण्‍डारण के लिए बनाये केप के परिसर में रोड तार फेंसिंग जैसे कार्य अनुबंध लागत से अधिक किया गया है? साथ ही उसका भुगतान भी कर दिया गया है। शर्तें संलग्‍न करें? (ग) क्‍या यह भी सही है कि ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिली भगत से गुणवत्‍ताविहीन कार्य को पास कर, भुगतान कर दिया गया है? इसकी जांच कर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में ऐसे कितने इंजीनियर कितने वर्षों से कार्यरत हैं? एक ही जगह अधिक वर्षों तक कार्यरत इंजीनियरों को अन्‍यत्र कर दिया जायेगा। यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रदेश में डीजल व पेट्रोल की दरों में वृद्धि

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

172. ( क्र. 3619 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में डीजल व पेट्रोल की दरों में विगत 3 वर्षों में कब-कब कितनी बढ़ोतरी की गई है? (ख) क्‍या सरकार पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुये आमजन व किसानों को राहत प्रदान करने हेतु दरों को कम करने के संबंध में कोई विचार कर रही है? अगर नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या पड़ोसी राज्‍यों में डीजल, पेट्रोल की दरें मध्‍यप्रदेश से कम होने की वजह से पड़ोसी राज्‍यों से लगते जिलों में अवैध माफिया पनप रहे हैं? यदि हां, तो अवैध पेट्रोल, डीजल सप्‍लाई के कितने आपराधिक मामले दर्ज हुये है? इन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ऑयल कंपनी से प्राप्‍त  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पेट्रोल एवं डीजल की कीमत का निर्धारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल की कीमतों एवं कर की संरचना पर निर्भर करता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत के आधार पर कमी/वृद्धि राज्‍य की विषयवस्‍तु नहीं है। (ग) जी नहीं। अवैध पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति का कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आने से अपराधिक प्रकरण की जानकारी निरंक है।

संविदा कर्मियों को भर्ती में आरक्षण

[वन]

173. ( क्र. 3685 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा 5 जून, 2018 को संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किये जाने हेतु नीति-निर्देश जारी किये गये थे एवं उसके बिन्दु क्र. 1.1 में उल्लेखित था कि राज्य शासन के विभिन्न विभागों के अनुमोदित प्रशासनिक सेटअप में संविदा पर नियुक्ति के लिए जो पद चिन्हित हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से नियमित पदों में परिवर्तित किया जाये और बिंदु क्र. 1.4 में उल्लेखित था कि प्रत्येक विभाग अपने यहां भर्ती किये जाने वाले पदों में 20 प्रतिशत पदों को संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए आरक्षित रहेंगे? (ख) यदि हाँ, तो वन विभाग एवं लघु वनोपज संघ में संविदा कर्मी जो कि विगत 10 से 18 वर्ष से कार्यरत हैं, उन्हें सीधी भर्ती में 20 प्रतिशत का पदों का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) लघु वनोपज संघ में वर्तमान में सीधी भर्ती के पदों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर जो कि विभाग की सेवा में रहते हुए ओवर एज हो चुके हैं अथवा ओवर एज होने जा रहे हैं, उन्हें वरि‍यता देकर लाभांवित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट करें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) वन विभाग में सीधी भर्ती के मानचित्रकारसहायक ग्रेड-3, स्टेनो टायपिस्टवनरक्षक के रिक्त पदों में से जिन पदों को म.प्र. कर्मचारी चयन मण्डल भोपाल को विज्ञापित हेतु प्रेषित किया गया हैउनमें 20 प्रतिशत पद संविदा कर्मियों के लिए आरक्षित रखे गये हैं। म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ में वर्तमान में सीधी भर्ती के पदों में कम्प्यूटर आपरेटर कार्यरत नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

किसान सम्‍मान निधि की जानकारी

[राजस्व]

174. ( क्र. 3699 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को केन्द्र से छः हज़ार रूपये एवं प्रदेश से चार हजार रूपये देकर प्रदेश में किसान सम्मान निधि दी जा रही है? अगर हाँ तो कब से? कृपया ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र के प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने किसान है जिनको केन्‍द्र से एवं प्रदेश से किसान सम्‍मान निधि दी जा रही है और कितने ऐसे किसान हैं जिनको केन्‍द्र की सम्‍मान निधि तो दी जा रही है लेकिन प्रदेश को नहीं? क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि ऐसे कितने किसान हैं जिनको केन्द्र की सम्मान निधि नहीं मिलती है? जबकि प्रदेश की निधि मिलती है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक क्षेत्र के प्रत्येक किसान को केन्द्र एवं प्रदेश की किसान सम्मान निधि की राशि मिलने लगेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना माह दिसम्‍बर, 2018 से एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना माह सितम्‍बर, 2020 से प्रभावशील है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र में कुल 46127 पात्र हितग्राहियों को केन्‍द्र एवं प्रदेश से किसान सम्‍मान निधि दी जा रही है। 234 हितग्राहियों का भौतिक सत्‍यापन शेष रह जाने से इन्‍हें प्रदेश की मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि प्राप्‍त नहीं हुई है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) ऐसे सभी पात्र हितग्राही जिनसे योजना में पात्रता अनुसार सही दस्तावेज प्राप्त हुए हैं उन्हें केंद्र सरकार की सम्मान निधि एवं पात्र हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन किये गये सभी हितग्राहियों को प्रदेश की कल्याण निधि का भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक खाते में किया जा रहा है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।