मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र
गुरुवार, दिनांक 16 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उचित
मूल्य
दुकानों की
आकस्मिक जांच
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
1. ( *क्र. 967 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकानें हैं? ग्राम पंचायत एवं नगर परिषद सहित जानकारी दें। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक राशन वितरण में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए उपरोक्त में से कितनी राशन दुकानों की आकस्मिक जांच किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक में कौन-कौन सी दुकानों पर की गई? (ग) जांच में कितनी राशन की दुकानों में गड़बड़ी पाई गई? कितनी राशन की दुकानों पर कार्यवाही की गई तथा कितनी दुकानें निरस्त की गई? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में राशन पर्ची निर्माण की प्रक्रिया एवं इस वर्ष निर्मित राशन पर्ची की संख्या से अवगत कराएं। (ड.) ग्वालियर जिले में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, जिले में कब से पदस्थ हैं तथा मुख्यालय का नाम बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा में कुल 123 उचित मूल्य दुकानें हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जांच में 06 उचित मूल्य दुकानों में गड़बड़ी पाई गई। उन 06 दुकानों के विक्रेताओं पर F.I.R. दर्ज की गई। कोई भी दुकान निरस्त नहीं की गई है। (घ) हितग्राही द्वारा शासन द्वारा निर्धारित पात्रता श्रेणी के दस्तावेज सहित स्थानीय निकाय में पात्रता पर्ची हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जाता है। स्थानीय निकाय द्वारा उक्त आवेदन का परीक्षण किया जाता है एवं पात्र होने के उपरांत राशन मित्र पोर्टल पर ऑनलाईन स्वीकृत किया जाता है, जिसके पश्चात खाद्य विभाग द्वारा आवेदन को स्वीकृत किया जाता है, तत्पश्चात एन.आई.सी. द्वारा आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी की जाती है। भितरवार विधानसभा में कुल राशन पर्ची की संख्या 49216 है। दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से दिनांक 19.02.2023 तक प्रश्नांकित विधान सभा में 1989 राशन पर्ची निर्मित की गई हैं। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा की गयी कार्यवाही
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( *क्र. 2642 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा भेजे गये कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिये किस कारण से लंबित हैं? आरोपी अधिकारी का नाम, प्रकरण के समय का पद, वर्तमान पदस्थापना, कार्यस्थल, प्रकरण दर्ज करने का कारण, दर्ज करने की दिनांक, अभियोजन स्वीकृति हेतु प्राप्त प्रथम पत्र की दिनांक, प्राप्त रिमाइंडर की दिनांक तथा विलंब होने के कारण सहित सूची देवें। (ख) अभियोजन स्वीकृति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को लिखे गये पत्रों की तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (ग) लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. में किन-किन अधिकारियों के खिलाफ, किस प्रकार के प्रकरण में, किस की शिकायत पर जांच प्रक्रियाधीन है, अधिकारी का नाम, पद स्थापना सहित जानकारी दें। (घ) पिछले 10 वर्षों में विभाग में किस-किस प्रकार का भ्रष्टाचार घोटाला तथा आर्थिक अनियमितता पायी गयी? विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि इन्हें रोकने के लिए समय-समय पर क्या कदम उठाए गए तथा इनमें प्रतिवर्ष वृद्धि या कमी हो रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूरजपुरा जलाशय योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
3. ( *क्र. 2509 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड केसली निर्मित सूरजपुरा जलाशय योजनान्तर्गत नियुक्त निर्माण एजेंसी एवं जमा की गई अमानत (गारंटी) के संबंध में क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए? सूरजपुरा जलाशय निर्माण हेतु जारी निविदा शर्तों एवं नियुक्त एजेंसी के कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विकासखण्ड केसली अन्तर्गत सूरजपुरा जलाशय योजना की नहरों का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरा है? यदि हाँ, तो संबंधित निर्माण एजेंसी को दी गई भुगतान की राशि एवं मूल्यांकन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माण एजेंसी को नियम विरूद्ध पूर्ण भुगतान करने/कराने वाले दोषी अधिकारियों/निर्माण एजेंसी के विरुद्ध प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 951/27, जुलाई 2022 के उत्तर अनुसार जलाशय की जांच हेतु प्रमुख अभियंता को निर्देशित किया जाना बताया गया था एवं जांच प्रतिवेदन के प्राप्त होने पर गुण—दोषों के आधार पर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करना बताया गया था? यदि प्रमुख अभियंता के द्वारा जांच की गई है तो जांच की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या जांच प्रतिवेदन में दोषियों के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। अतिरिक्त परफारमेंस गांरटी राशि लिए जाने हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। निविदा शर्तें एवं कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्माण एजेंसी को अंतिम रनिंग भुगतान अनुसार राशि रू.1192.20 लाख है। मूल्यांकन हेतु अंतिम रनिंग देयक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जांच दल द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (घ) जांच दल द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन अनुसार उत्तरदायी अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांच प्रक्रिया अंतिम होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही करना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बी.पी.एल. कार्ड के पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े जाना
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( *क्र. 2393 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला मुरैना में कितने बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राही हैं? क्या पात्र हितग्राहियों के नाम काटे जा रहे हैं एवं उन्हें राशन सामग्री प्रदान नहीं की जा रही है? पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़ने हेतु शासन द्वारा कोई प्रयास किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कब तक एवं क्या?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : मुरैना जिले में 138673 बी.पी.एल. कार्डधारी (पात्रता पर्चीधारी) हितग्राही हैं। किसी भी पात्र हितग्राहियों के नाम नहीं काटे जा रहे हैं। पात्र हितग्राहियों को शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन सामग्री प्रदाय की जा रही है। शासन द्वारा समय-समय पर चलाये जा रहे अभियान के माध्यम से पात्र हितग्राहियों के नाम राशन पात्रता पर्ची में जोड़ने की कार्यवाही की गई है तथा वर्तमान में भी नाम जोड़ने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया अंतर्गत जारी है।
पार्वती सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
5. ( *क्र. 564 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले के राजगढ़ में पार्वती सिंचाई परियोजना सुठालिया में कितने गांव को सिंचाई हेतु जोड़ा गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को कितने पत्र अभी तक उपलब्ध कराए गए हैं व उन पर क्या कार्रवाई की गई? उक्त पत्र कब-कब कहां-कहां किस-किस दिनांक में लंबित रहे, क्या कारण रहा? (ग) क्या उक्त परियोजना में ग्राम लसूड़िया महाराजा, दुरला, तालोड़ी, बाईहेड़ा, खजुरिया, मोर्चाखेड़ी पिपलहेला, कचनारिया व नजदीक के गांव को जोड़ा गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करवायें, नहीं तो क्या कारण रहा? (घ) उक्त परियोजना में इन गांवों को कब तक सिंचाई परियोजना में जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों की फसल की पैदावार बढ़ सके? दिनांक सहित जानकारी बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ के अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना से लाभान्वित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार तथा सुठालिया परियोजना से लाभान्वित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) से (घ) माननीय सदस्य द्वारा सुठालिया परियोजना के अंतर्गत 08 ग्राम क्रमश: खजुरिया, बाईहेड़ा, मोर्चाखेड़ी, पीपलहेला, अमरगढ़, खंडिया, पीपलहेड़ा एवं कचनारिया को जोड़ने हेतु पत्र दिनांक 31.03.2022 प्राप्त हुआ था, जिस पर कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, ब्यावरा द्वारा अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल, भोपाल को आवश्यक अनुमति का लेख करते हुए प्रतिवेदन दिनांक 05.05.2022 को प्रस्तुत किया गया। पत्र में उल्लेखित ग्रामों को सैंच्य क्षेत्र अंतर्गत सम्मिलित नहीं किया गया है, क्योंकि सुठालिया परियोजना अंतर्गत सम्मिलित कमांड क्षेत्र के 174 ग्रामों का रकबा 49800 हेक्टेयर हेतु एजेंसी द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण एवं जलाशय में उपलब्ध जीवित जल क्षमता अनुरूप हाईड्रोलिक्स एवं नेटवर्क प्लानिंग आदि की स्वीकृति मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार के पत्र क्र. 111 (।) भोपाल दिनांक 31.03.2022 द्वारा पूर्व में ही जारी की जा चुकी थी। जल की अनुपलब्धता के कारण हाईड्रोलिक्स एवं नेटवर्क प्लानिंग स्वीकृति के पश्चात नवीन ग्रामों के जोड़े जाने की संभावना नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: ग्राम जोड़े जाने से संबंधित आदेश की प्रति उपलब्ध कराना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धसान जल आवर्धन योजना
[जल संसाधन]
6. ( *क्र. 1177 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पूर्व में स्वीकृत घसान जल आवर्धन योजना से सिनोटी तालाब भराव किया जाना था, जिसकी वर्तमान स्थिति क्या है? योजना में क्या कार्य किया गया? कार्य कब तक पूर्ण होगा? टेण्डर किस कंपनी का है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : जल संसाधन विभाग अंतर्गत धसान जल आवर्धन योजना से सिनोटी तालाब भरे जाने की कोई योजना प्रस्तावित एवं स्वीकृत नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूँ निर्यात एवं स्टॉक निष्पादन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( *क्र. 2646 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 और 2022 में कितना गेहूँ निर्यात (एक्सपोर्ट) किया गया? दर, मात्रा, कुल राशि, निर्यातक देश का नाम, भुगतान प्राप्त होने की दिनांक सहित जानकारी दें। क्या यह गेहूँ सीधा बिना एजेंट के बेचा गया या निर्यातकों के माध्यम से बेचा गया? निर्यात किए गए गेहूँ के इनवाइस की प्रति देवें। (ख) 31 दिसम्बर की स्थिति में 2020 से 2022 तक कितना गेहूँ स्टॉक में था तथा वर्ष 2021 और 2022 में कितना गेहूँ खरीदा गया तथा इन वर्षों में गेहूँ का निष्पादन किस-किस प्रकार, किस-किस मात्रा में किया गया? (ग) वर्ष 2020 से 2022 तक कितना गेहूँ खराब हो गया? क्या खरगोन में ग्राम ऊन में ओपन कैप में रखा हुआ 23277 टन गेहूँ सड़ गया? यदि हाँ, तो बतावें कि उसका निष्पादन किस प्रकार से किया गया तथा उसके सेग्रीगेशन पर कितना खर्च आया तथा कुल मिलाकर कितने रूपए की हानि हुई? किस जिम्मेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) पिछले 3 वर्षों में गेहूँ के खराब होने के किस-किस जिले में प्रकरण हुये? मात्रा सहित बतावें तथा खराब गेहूँ का निष्पादन किस प्रकार किया, सहित विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि इन 3 वर्षों में गेहूँ के खराब होने, उसका सेग्रीगेशन करने, अन्य खर्च मिलाकर कुल कितना नुकसान हुआ तथा खराब गेहूँ का निष्पादन किस प्रकार किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
माइनर नहरों का सीमेन्टीकरण
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 2729 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा विधानसभा क्षेत्र में वितरिका नहर से कितनी माइनर नहरें जुड़ी हैं, जो पूर्व से ही मिट्टी की बनी है? इन मानइन नहरों पर समय-समय पर सफाई हेतु कितने कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं? सफाई कर्मियों के नाम सहित अवगत करावें। क्या माइनर नहरों में सीमेन्टीकरण कराये जाने की दिशा में शासन द्वारा कोई योजना तैयार की गयी है? इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया तो क्यों नहीं किया गया है? (ख) क्या माइनर नहरें मिट्टी की होने के कारण एरिया के अन्तिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता है तथा उसके आसपास की जमीनों में सीवेज आने से किसान मौसम की फसलें भी नहीं ले पाता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है? क्या शासन द्वारा माइनर नहरों में सीमेन्टीकरण की कोई कार्ययोजना बनायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माइनर नहरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्यरत श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। माइनर नहरों में सीमेन्टीकरण कराने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। सभी माईनर नहरों में अंतिम छोर तक सिंचाई हेतु पानी पहुंचाया जाना प्रतिवेदित है तथा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सिंचाई की जा रही है। नहरें मिट्टी की निर्मित होने से कहीं-कहीं आंशिक रिसाव होता है, जिसे नहरों के संचालन के समय ही ठीक करा दिया जाता है। रिसाव होने से कहीं भी, किसी भी कृषक की फसलों में नुकसान होने की स्थिति नहीं है। माईनर नहरों में सीमेन्टीकरण कराने की वर्तमान में कोई कार्ययोजना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विस्थापितों को मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय
[वन]
9. ( *क्र. 2474 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नौरादेही अभ्यारण्य की ग्राम पंचायत भैंसा, सर्रा, कूदपुरा, बोरिया के परिवारों को अभ्यारण्य से विस्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो विस्थापित कहां किया गया है? व्यक्तिवार विस्थापित स्थल की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार परिवारों को विस्थापित नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इन्हें शासन की मूलभूत सुविधाएं जैसे राशन, पेयजल एवं बिजली की सुविधाओं को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या जब तक परिवार विस्थापित नहीं हो जाते तब तक इन्हें मूलभूत सुविधाएं चालू किए जाने हेतु शासन आदेश करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नौरादेही अभयारण्य के अंतर्गत ग्राम पंचायत सर्रा के ग्राम लगरा-कुमरी के ग्रामीणों द्वारा स्वेच्छा से चयनित विकल्प-1 के अंतर्गत विस्थापन पैकेज राशि प्राप्त कर अपनी स्वेच्छा से अन्य स्थान पर बसे हैं। विस्थापित परिवारों की व्यक्तिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायत सर्रा के ग्राम लगरा-कुसमी के ग्रामवासियों के अतिरिक्त शेष ग्राम एवं ग्राम पंचायत भैंसा, कूदपुरा एवं बोरिया से आज दिनांक तक कोई भी ग्राम विस्थापित नहीं किये गये हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झाबुआ जिले में खनिज उत्पादन से प्राप्त रॉयल्टी
[खनिज साधन]
10. ( *क्र. 2499 ) श्री वालसिंह मैड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक खनिज उत्पादन कितना-कितना हो रहा है? इसमें वर्तमान में शासन को कितनी-कितनी रॉयल्टी प्राप्त हो रही है? वर्षवार विवरण देवें। (ख) झाबुआ जिले से अन्य जिलों को रेत, गिट्टी, मुरम, मैगनीज का कितना अवैध खनिज का परिवहन किया जा रहा है? कितने प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2018 से वर्तमान तक उड़नदस्ते में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों का दल गठित किया गया? इनके द्वारा उक्त समयावधि में कितने-कितने विभिन्न खनिजों के अवैध परिवहन के प्रकरण बनाये गये? उनमें क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार झाबुआ जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक खनिजों के उत्पादन एवं प्राप्त रॉयल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश अनुसार झाबुआ जिले से अन्य जिलों को रेत, गिट्टी, मुरूम, मैगनीज खनिज का अवैध परिवहन नहीं किया जा रहा है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2018 से मार्च 2019 तक उड़नदस्ता प्रभारी इंदौर संभाग के पद पर श्री संजय लुणावत सहायक खनि अधिकारी एवं खनिज सिपाही श्री नंदकिशोर चौहान का दल गठित था। जून 2019 से जुलाई 2021 तक उड़नदस्ता प्रभारी इंदौर संभाग के पद पर श्री राकेश कुमार कनेरिया, सहायक खनि अधिकारी पदस्थ थे एवं दल में खनि निरीक्षक, श्री देवेन्द्र चिडार जून 2019 से जून 2020 तक संलग्न रहे। जुलाई 2021 के पश्चात् उड़नदस्ता प्रभारी इंदौर संभाग के पद पर किसी भी अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गई है। वर्ष 2018 से वर्तमान तक संभागीय उड़नदस्ता इंदौर संभाग द्वारा झाबुआ जिले में विभिन्न खनिजों के अवैध परिवहन के कुल 09 प्रकरण दर्ज किये जाकर, अर्थदण्ड राशि रूपये 6,57,800/- वसूल किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति एवं संलग्नीकरण
[राजस्व]
11. ( *क्र. 2712 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या वास्तव में प्रदेश में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके मूल विभाग से किसी अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति एवं संलग्नीकरण किया जा सकता है? नियम निर्देश की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करवाएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : जी हाँ। शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके मूल विभाग से अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। नियम निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पटवारी चयन परीक्षा
[राजस्व]
12. ( *क्र. 2607 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछली दो पटवारी चयन परीक्षा कब-कब, कितने-कितने पदों पर, किस-किस एजेंसी से, किस-किस माध्यम (ऑनलाईन/ऑफलाईन) से कराई गई? परीक्षावार गौशवारा बनाकर दें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम में चयनित पटवारी परीक्षा के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की चयन एवं वेटिंग सूची विभाग को कब, कितने अभ्यर्थियों के साथ प्राप्त हुई? परीक्षावार संख्यात्मक जानकारी देवें। क्या चयनित अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम की पुष्टि संबंधित एजेंसी से कराई जाती है अथवा कभी भी कराई गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, कितने-कितने अभ्यर्थियों की? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) चयनित अभ्यर्थियों को स्क्रूटनी के दौरान कब नियुक्ति प्रदान की गई है? कितने अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर किए गए? (घ) उपरोक्त के अनुक्रम में नियुक्त पटवारियों को सा.प्र.वि. के आदेशों के अनुक्रम में कम्प्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र एवं वेतन भत्ते (नियम/अनुपात 50, 75, 90 प्रतिशत) दिया गया है? प्रथम-द्वितीय-तृतीय वर्ष में कितना-कितना वेतन भुगतान किया गया? यदि 100 प्रतिशत वेतन भुगतान किया जा रहा है तो सा.प्र.वि. के नियमों के उल्लंघन के लिये कौन जिम्मेदार है? कारण सहित बतायें। कम्प्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त होने पर संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें। किन स्मार्ट यूटीलिटि के साथ पटवारियों को फील्ड में भेजा जाता है? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पिछली 02 पटवारी चयन परीक्षा के वर्ष 2012 एवं 2017, पदों की संख्या 2761 एवं 9235, एजेन्सी का नाम - एम.पी. ऑनलाईन एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्यम- ऑनलाईन। (ख) वर्ष 2017 की पटवारी चयन परीक्षा की 9235 अभ्यर्थियों की मेरिट सूची प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा कार्यालय में दिनांक 05.04.2018 को आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश ग्वालियर को भेजी गई। इसके उपरांत 43290 अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा दिनांक 22.06.2019 आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश ग्वालियर को भेजी गई। वर्ष 2012 की पटवारी चयन परीक्षा की 81213 अभ्यर्थियों की मेरिट सूची एम.पी. ऑनलाईन द्वारा अप्रैल 2012 में आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश ग्वालियर को भेजी गई। चयनित अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम को संबंधी एजेन्सी द्वारा पुष्टि कर ही परीक्षा परिणाम जारी कर सूची भेजी जाती है। (ग) वर्ष 2012 में चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण करने उपरांत नियुक्ति प्रदान की जाना प्रावधानित था। अतः जैसे-जैसे अभ्यर्थी विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण करते गए, इनके नियुक्ति आदेश जिला कार्यालय द्वारा जारी किए जाते रहे। वर्ष 2017 में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रशिक्षण दिनांक से प्रभावशील होना प्रावधानित था। यह प्रशिक्षण सत्र 06.08.2018, 20.01.2020, 01.12.2020 एवं 10.11.2021 को प्रारंभ हुआ। शेष अभ्यर्थियों को बाहर किया गया है। (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्र.सी. 3-13/2019/3/एक भोपाल दिनांक 12 दिसम्बर, 2019 को जारी किए गए, जिसमें नव-नियुक्त सीधी भर्ती के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की तीन वर्ष की परिवीक्षावधि एवं वेतन भुगतान संबंधी प्रावधानित है, लेकिन उक्त दोनों परीक्षाएं वर्ष 2019 से पूर्व की होने से यह निर्देश इन परीक्षाओं पर लागू नहीं होते हैं। इसीलिए कोई दोषी अधिकारी का प्रश्न ही उद् भूत नहीं होता है। कम्प्यूटर दक्षता प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त होने पर संबंधित के विरूद्ध विभागीय नियम दिशा-निर्देश के अनुसार कार्यवाही की जाती है। पटवारियों को लैपटॉप, मोबाईल, सी.यू.जी. सिम आदि जैसे स्मार्ट यूटिलिटि के साथ फील्ड पर भेजा जाता है।
स्टाप डेम कम काजवे के कार्य में लापरवाही
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 2098 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पथरिया के ग्राम इमलिया लांजी एवं चरवारी के मध्य सुनार नदी पर निर्मित स्टाप डेम-कम-काजवे का निर्माण किया गया है, जिसका निर्माण कमजोर होने से यह जीर्ण-शीर्ण है? (ख) क्या इस कार्य की गुणवत्ता ठीक कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करेंगे? (ग) विभाग द्वारा बनाये गये स्टाप डेम-कम-काजवे के दोनों ओर की सड़कों से इसे जोड़ा नहीं गया है, जिससे इसका लाभ परिवहन हेतु नहीं हो पा रहा है? (घ) क्या इस काजवे के दोनों ओर आवश्यक सड़क के निर्माण की अनुमति प्रदान करेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पथरिया के ग्राम इमलिया लांजी एवं चरवारी के मध्य सुनार नदी पर इमलियाधोना स्टापडेम कम काजवे का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा किया गया है। इस वर्ष अत्यधिक वर्षा होने के कारण पानी का फ्लो ब्रिज के ऊपर से हुआ, जिसके कारण ब्रिज का बियरिंग कोट उखड़ जाना प्रतिवेदित है। (ख) ब्रिज के बियरिंग कोट के सुधार हेतु राशि रू. 32.56 लाख की निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। एजेंसी निर्धारण उपरांत सुधार कार्य कराया जाना संभव होगा। (ग) इमलियाधोना स्टाप डेम कम काजवे को ग्राम वासियों के आवागमन हेतु निर्मित कच्चे रास्ते से दोनों ओर जोड़ा जाना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं, सड़क के निर्माण का प्रावधान मूल तकनीकी स्वीकृति प्रस्ताव में नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण स्वामित्व योजनांतर्गत आबादी भूमि का वितरण
[राजस्व]
14. ( *क्र. 2587 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 830, दिनांक 21 दिसंबर, 2022 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में अधिकार अभिलेख प्रदान किये गये हैं, जो तहसीलवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' अनुसार है? प्रश्नांश (ग) का उत्तर जिले में स्वामित्व योजना लगातार गतिशील है, सभी पात्र हितग्राहियों के अधिकार अभिलेख नियमानुसार प्रदाय किये जायेंगे? शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, दिया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो विधानसभा विजयराघवगढ़ में प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण स्वामित्व योजनांतर्गत कितने पात्र हितग्राही लाभान्वित किया जाना शेष हैं एवं प्रश्न दिनांक तक कितने पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) कटनी जिला अंतर्गत विधानसभा विजयराघवगढ़ में प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण स्वामित्व योजना अंतर्गत कुल 23794 पात्र हितग्राहियों में से 9023 पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। 14771 पात्र हितग्राही शेष हैं।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
15. ( *क्र. 2167 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम खेला गांव तहसील नलखेड़ा जिला आगर मालवा में स्थित पंचायत भवन के आसपास कितनी शासकीय भूमि पर असामाजिक तत्वों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? प्रश्न क्रमांक 383, दिनांक 09.12.2015 के साथ अन्य कई प्रश्नों में राजस्व मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि 26 अतिक्रमणकारियों द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा किया गया है? शासन द्वारा ऐसे अतिक्रमणकारियों से आज दिनांक तक शासकीय भूमि अपने अधिपत्य में क्यों नहीं ली जा रही है? (ख) क्या राजस्व के कतिपय अधिकारी एवं अतिक्रमणकारियों की मिलिभगत से विधान सभा को एक ही प्रश्न के अलग अलग उत्तर दिये जाकर मात्र औपचारिकता पूरी की गई है, क्या शासन ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित करेगा तथा शासकीय भूमि को कब तक अपने अधिपत्य में लेगा? (ग) पंचायत भवन से लगी हुई शासकीय भूमि पर क्या किसी अतिक्रमणकारियों द्वारा भवन बनाया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे भवन बनाने की अनुमति किसके द्वारा दी गई है? क्या शासन ऐसे अवैध भवन को तत्काल हटाने की कार्यवाही करेगा। साथ ही शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम खेलागाव तहसील नलखेड़ा स्थित पंचायत भवन सर्वे क्रमांक 273, रकबा 1.02 ग्रामीण आवास योजना अन्तर्गत भूमि मद में दर्ज है, जिसमें से रकबा 0.20 हे. भूमि पर अतिक्रमण किया गया था, जिसे न्यायालय तहसीलदार तहसील नलखेड़ा के प्रकरण क्रमांक 103/अ-68/2022-23, 104/अ-68/2022-23 आदेश दिनांक 16.01.2023 से अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखली आदेश पारित किया गया तथा अतिक्रामक को बेदखल कर भूमि अधिपत्य में ली गयी। प्रश्न क्रमांक 383 में वर्णित 26 अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा किये गये अतिक्रमण संबंधी प्रकरणों में आदेश पारित किया जाकर निराकरण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। विभिन्न विधानसभा सत्रों के दौरान विधानसभा प्रश्नों के द्वारा भूमि विशेष पर मांगी गई अतिक्रामकों की संख्या एक समान होना आवश्यक नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांकित भूमि ग्रामीण आवास योजना अंतर्गत होने से मौके पर निर्मित मकानों को शासन निर्देशानुसार स्वामित्व योजना के अन्तर्गत योजना का लाभ प्रदाय किया गया है।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
16. ( *क्र. 2715 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर के विकास खंड डबरा/भितरवार/मुरार/घाटीगांव में स्थित वर्ष 2022-23 में संचालित पत्थर-फर्सी/खंडा-बोल्डर/मुरम/रेत खदानें किस-किस स्थान पर किस ठेकेदार/फर्म को कब से कब तक के लिए कितनी-कितनी राशि में दी गयी हैं? पृथक-पृथक बतावेंl (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला ग्वालियर स्थित उक्त अनुबंधित प्रत्येक खदान से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी आय प्राप्त हुयी? वर्षवार एवं खदानवार पृथक-पृथक बतावेंl (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिला ग्वालियर स्थित उक्त अनुबंधित खदानों में से किस ठेकेदार/फर्म द्वारा कहाँ की खदान कब से कब तक किस कारण संचालित नहीं की जा रही है? ठेकेदार/फर्म के विरुद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गयी? नहीं की गयी तो क्यों नहीं? (घ) क्या जिला ग्वालियर स्थित ठेकेदार/फर्म से अनुबंधित कई स्थानों की रेत खदानें संचालित नहीं किये जाने से ग्राम पंचायतों तथा नगरीय क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित होने के साथ ही स्थानीय मजदूर/कारीगरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है? ऐसी अनुबंधित खदानों के ठेकेदार/फर्म के विरूद्ध अभी तक किस प्रकार की कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गयी तो कब की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) प्रश्नांश अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश अनुसार जिले में 10 रेत खदानें हैं। ई-निविदा से निवर्तन के उपरांत 02 संचालित हैं एवं शेष 08 खदानों में वैधानिक अनुमतियों के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ग्राम पंचायतों तथा नगरीय क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित होने एवं स्थानीय मजदूर/कारीगरों को रोजगार नहीं मिल पाने की स्थिति सही नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि के बदले राजस्व भूमि
[राजस्व]
17. ( *क्र. 3426 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर जिला नीमच द्वारा बरखेड़ा बलाखेड़ा चौकड़ी मार्ग के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (अ)/2022-23, दिनांक 28.12.2022, कालिया खो जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 27/अ-20 (अ)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 एवं गंगा बावड़ी जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (अ)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 के द्वारा वन विभाग की जो भूमि इन परियोजना में जा रही है, उसके बदले राजस्व भूमि प्रदान की गई है? वन विभाग द्वारा इस जमीन को क्यों नहीं लिया जा रहा है? (ख) वन भूमि के बदले राजस्व भूमि लेने के क्या नियम एवं शर्तें हैं? उसका उल्लेख करें। (ग) नीमच जिले एवं पूरे प्रदेश में प्राइवेट सेक्टर में कितनी जमीन वन भूमि के बदले प्रदान की गई है? उसमें जमीन प्रदान करने में क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? इस जमीन व उन सभी जमीन का तुलनात्मक परीक्षण करके बताएं कि यह जमीन सही है या वह जमीन? (घ) वन भूमि के बदले राजस्व भूमि दी जाती है, उसके बदले वन विभाग द्वारा जो राशि ली जाती है, उसका क्या उपयोग किया जाता है? पूरे प्रदेश में वन भूमि के बदले कितनी राशि प्राप्त हुई? उसका क्या उपयोग किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर जिला नीमच द्वारा बरखेड़ा बलाखेड़ा चौकड़ी मार्ग के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (3)/2022-23, दिनांक 28.12.2022, कालिया खो जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 27/अ-20 (3)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 एवं गंगा बावड़ी जलाशय योजना के संबंध में आदेश क्रमांक 26/अ-20 (3)/2022-23, दिनांक 28.12.2022 के द्वारा वन विभाग की जो भूमि इन परियोजना में जा रही है, उसके बदले राजस्व भूमि प्रदान की गई है। जिले में कालिया खो जलाशय योजना एवं गंगा बावड़ी जलाशय योजना क्षतिपूर्ति वनीकरण हेतु उपलब्ध कराई गई राजस्व भूमि प्राप्त कर इसे संरक्षित वन घोषित किया जा चुका है। (ख) वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत व्यपवर्तित वन भूमि के समतुल्य गैर वन भूमि प्राप्त किये जाने के प्रावधान हैं। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासी वर्ग की जमीन का हस्तांतरण
[राजस्व]
18. ( *क्र. 195 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में कितने आदिवासी वर्ग की जमीन अ.जा, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग के नाम पर हस्तांतरित की गई है? दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से लेकर प्रश्न दिनांक तक हस्तांतरित की गई जमीन किन-किन व्यक्तियों के नाम की गई? जानकारी नाम, रकबा नं., खसरा नं., पटवारी हल्का नं., जमीन का स्थान, ग्राम, तहसील की जानकारी सूची सहित उपलब्ध करायें। (ख) बड़वानी जिले में आदिवासी वर्ग की जमीन अ.जा, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग के नाम पर हस्तांतरण के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्न दिनांक तक जमीन हस्तांरतण के कितने मामले लंबित हैं? उसकी सूची, नाम, ग्राम, तहसील, रकबा नं., खसरा नं. सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिले में आदिवासी वर्ग की जमीन अ.जा., पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग के नाम पर हस्तांतरित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरार्थ (क) अनुसार जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरार्थ (क) अनुसार जानकारी निरंक है।
उप तहसील बरेला को तहसील का दर्जा
[राजस्व]
19. ( *क्र. 1017 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरेला को पूर्ण तहसील का दर्जा प्राप्त न होने के कारण उक्त क्षेत्र के अधिकांश प्रकरण तहसीलदार जबलपुर को प्रेषित किये जाते हैं? (ख) क्या बरेला उप तहसील के अंतर्गत 32 ग्राम पंचायतें, 35 पटवारी हल्के एवं नगर परिषद के 15 वार्ड हैं, जिनकी लगभग 1 लाख से अधिक जनसंख्या है? (ग) क्या बरेला के ग्राम कुटैली, महगांव डूंगा, तिलहरी सहित कुछ ग्रामों के किसानों को 48 कि.मी. दूर जबलपुर तहसील में राजस्व संबंधी कार्यों के लिये आना जाना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या जनहित में बरेला उप तहसील को तहसील का दर्जा दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो कारण सहित तहसील बनाने के मापदण्ड बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, पूर्व से ही बरेला (सर्किल) में टप्पा तहसील कार्यालय बना हुआ है, जिसमें समस्त राजस्व कार्य सम्पादित होते हैं। केवल प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत प.ह.न. 67, 68, 69, 70, 71, 72, 73, 74 के राजस्व प्रकरण तहसील कार्यालय जबलपुर से निराकृत किये जाते हैं। (ख) जी हाँ। (ग) पूर्व से ही बरेला में टप्पा तहसील कार्यालय में बना हुआ है, जिसमें समस्त राजस्व कार्य सम्पादित होते हैं। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव कलेक्टर से प्राप्त नहीं हुआ है।
सेवा सहकारी समिति की राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 526 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल में सेवा सहकारी समिति की राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण वर्ष 2020 के माह फरवरी, मार्च एवं अप्रैल में पी.ओ.एस. मशीन में बिना फिंगर लगवाये किया गया है? (ख) क्या जो वितरण पंजी से खाद्यान्न वितरित किया गया है, वह अभी भी पी.ओ.एस. मशीन में शेष प्रदर्शित हो रहा है? यदि हाँ, तो वितरण पंजी से किये गये खाद्यान्न वितरण का समायोजन पी.ओ.एस. मशीन से आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है? (ग) क्या उपरोक्तानुसार समायोजन न होने के कारण राशन दुकानों में आवंटन कम आ रहा है? यदि हाँ, तो इसका समायोजन कब तक किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) नरसिंहपुर जिले में कोरोना काल के लॉकडाउन में माह मार्च-अप्रैल, 2020 में पात्र हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर पी.ओ.एस. मशीन से समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर खाद्यान्न का वितरण कराया गया। (ख) कोरोना काल में भी उचित मूल्य दुकानों से पात्र परिवारों को पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से ही खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की गई थी। वितरण पंजी से खाद्यान्न वितरण के कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। यदि किन्हीं कारणों से पी.ओ.एस. मशीन के स्थान पर पंजी से खाद्यान्न का वितरण किया गया है, तो वितरित मात्रा को जिला स्तर से दुकानवार ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल पर प्रविष्टि के आधार पर मात्रा का समायोजन पी.ओ.एस. मशीन के स्टॉक में किया जा चुका है। नरसिंहपुर जिले में ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल पर दर्ज एवं पी.ओ.एस. मशीन के स्टॉक में समायोजित मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोरोना काल में ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल पर पंजी से वितरित दर्ज खाद्यान्न मात्रा का समायोजन किया जा चुका है। उचित मूल्य दुकानों पर पात्रता से कम खाद्यान्न आवंटन होने पर जिला स्तर से अतिरिक्त आवंटन पोर्टल पर दर्ज करने एवं जारी करने की व्यवस्था की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना
[राजस्व]
21. ( *क्र. 2496 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत देवास विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2022-23 में भू-अधिकार (पट्टे) दिये जाने की कोई योजना प्रस्तावित थी? (ख) यदि हाँ, तो देवास विधान सभा क्षेत्र में शासन की मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में भू-अधिकार (पट्टा) बनाया गया है या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) देवास विधानसभा क्षेत्र 171 में शासन की मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में भूमि स्वामी अधिकार पत्र बनाये जाने का कार्य प्रचलित है।
जावरा नगर स्थित घुड़दौड़ सड़क मार्ग
[राजस्व]
22. ( *क्र. 2538 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर में नवाबी रियासतकालीन जावरा शुगर मिल के पास स्थित भूमि से लगी घुड़दौड़ सड़क हुआ करती थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त स्थल पर लगभग 40 फीट से अधिक चौड़ाई की एक गोलाकार सड़क तत्कालीन समय में बनाई गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित विषयानुसार विगत वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा जिलाधीश रतलाम एवं अनुविभागीय अधिकारी जावरा को पत्रों के माध्यम से इस हेतु अवगत कराया गया था? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में उल्लेखित घुड़दौड़ सड़क किस स्थिति में होकर सड़क मार्ग का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है? क्या उस पर भिन्न-भिन्न स्थानों पर अतिक्रमण भी है? साथ ही सड़क को पूरी तरह से मुक्त कर जनोपयोगी बनाए जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जावरा नगर में नवाबी रियासतकालीन जावरा शुगर मिल के पास स्थित भूमि से लगे रास्ते को घुड़दौड़ के नाम से जाना जाता था, परन्तु सड़क के संबंध में कोई दस्तावेज/अभिलेख उपलब्ध नहीं है। वर्तमान अभिलेख उक्त भूमि रास्ता मद में दर्ज है। (ख) नक्शा अभिलेख में एक गोलाकार आकृति उपलब्ध है, जिसकी चौड़ाई लगभग 40 फिट है। सड़क के संबंध में कोई दस्तावेज/अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ग) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 508, जावरा दिनांक 03.02.2022 द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद जावरा को पत्रानुसार घुड़दौड़ भूमि अतिक्रमण से मुक्त करवाकर पक्का रोड निर्माण करवाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु भेजा गया। (घ) तहसीलदार जावरा अनुसार वर्तमान में उक्त रास्ते का उपयोग रास्ते के रूप में किया जा रहा है, जिसके कुछ भाग पर अतिक्रमण को हटाये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है।
आदिवासी वर्ग की जमीनों का गैर आदिवासी को विक्रय
[राजस्व]
23. ( *क्र. 2636 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 1995 से 2003 तक की अवधि में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को जीविकोपार्जन हेतु शासकीय भूमि के पट्टे दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो सीहोर जिले में उक्तावधि में कितने-कितने पट्टे किन-किन शर्तों पर दिए गए? आवंटियों के नाम, पता एवं जमीन का खसरा नम्बर एवं रकबा सहित विवरण दें। (ग) पट्टा आवंटन के पश्चात उक्त पट्टों की भूमि को 10 वर्ष बाद भू-राजस्व संहिता की किस धारा के अन्तर्गत विक्रय किए जाने का अधिकार किस अधिकारी को है? (घ) वर्ष 2015 से 2022 तक सीहोर जिले में कितने आदिवासी वर्ग के पट्टेधारकों की भूमि गैर आदिवासी वर्ग के लोगों को विक्रय किए जाने की अनुमति प्रदान की गई एवं अनुमति उपरांत कितनी-कितनी भूमि किस-किस को विक्रय की गई? (ड.) क्या आदिवासी वर्ग के लोगों की जमीनों को गैर आदिवासी वर्ग के लोगों को विक्रय किए जाने के संबंध में अनियमितता एवं गड़बड़ियों की जांच हेतु वर्ष 2015 में एक समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो इस समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों के नाम बताएं तथा समिति के गठन से लेकर जनवरी 2023 तक कितने प्रकरण जांच हेतु आए एवं इन प्रकरणों के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार बताएं। (च) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों को पट्टे पर दी गई जमीनों पर बाहुबलियों द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जांच कराकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) सीहोर जिले में उक्तावधि में अनु.जाति वर्ग को 5271 पट्टे एवं अनु.ज.जाति वर्ग को 2134 पट्टे म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के उपबंधों एवं उसके अन्तर्गत नियमों के अधीन प्रदाय किए गए हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा (7-ख) में प्रश्नांकित अधिकार कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न पद श्रेणी के किसी राजस्व अधिकारी को है। (घ) वर्ष 2015 से 2022 तक सीहोर जिले में 02 आदिवासी वर्ग के पट्टेधारों की भूमि गैर आदिवासी वर्ग के लोगों को विक्रय किए जाने की अनुमति प्रदान की गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (च) जिला सीहोर अन्तर्गत ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
बरगी जलाशय से मत्स्य उत्पादन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
24. ( *क्र. 2449 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी जलाशय से बरगी मत्स्य उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित जबलपुर, द्वारा वर्ष 1994 से 2000 तक औसत मत्स्य उत्पादन वार्षिक 450 टन था? (ख) क्या ठेकेदारी प्रथा के बाद मत्स्य उत्पादन में भारी गिरावट आयी है? मछुआरे रोजगार के लिए बाहर पलायन को बाध्य हैं? पिछले दस वर्षों का बरगी जलाशय में प्रति वर्ष कितना उत्पादन रहा है? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) बरगी जलाशय से कितने मछुआरे रोजगार के लिए पलायन करते हैं? किस जलाशय में काम करने जाते हैं? (घ) क्या बरगी जलाशय में मत्स्य उत्पादन में गिरावट को लेकर कोई अध्ययन कराया गया है? अगर नहीं तो भविष्य में अध्ययन कराने की योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विगत 10 वर्षों में बरगी जलाशय में प्रति वर्ष मत्स्य उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बरगी जलाशय में पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों के लगभग 50 से 100 मछुआरे स्वेच्छा से अन्य जलाशयों में मत्स्याखेट हेतु जाते हैं। (घ) जी हाँ।
कीट प्रकोप से फसल क्षति
[राजस्व]
25. ( *क्र. 3116 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 के प्रथम, द्वितीय व तृतीय अनुपूरक अनुदान (बजट) में मांग संख्या 058 के मद क्रमांक (7249) कीट प्रकोप से फसल क्षति में कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? पृथक-पृथक बतावें। (ख) उपरोक्त राशि में से कितनी राशि उपयोग में ली गई, कितनी शेष रही? वित्तीय वर्ष की समाप्ति की स्थिति में बतावें। (ग) उपरोक्त राशि से कितने जिलों के कितने किसानों को सहायता पहुंचाई गई है? जिला नाम, किसान संख्या, राशि सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020-21 में मांग संख्या 058 अंतर्गत योजना शीर्ष (7249) में अनुपूरक अनुदान में बजट प्रावधान का विवरण निम्नानुसार है :-
विवरण |
राशि (लाख में) |
प्रथम अनुपूरक अनुमान |
60600.00 |
द्वितीय अनुपूरक अनुमान |
45000.00 |
तृतीय अनुमान |
निरंक |
कुल योग |
105600.00 |
(ख) योजना शीर्ष 7249 में मूल बजट प्रावधान, अनुपूरक अनुदान एवं पुनर्विनियोजन को मिलाकर कुल राशि 212679.80 लाख वितरित की गई। वित्तीय वर्ष के अंत में IFMIS में B.C.O. स्तर पर राशि रूपये 15155.44 लाख शेष रही। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार संलग्न है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सिविल
अस्पताल को
आवंटित भूमि
पर अतिक्रमण
[राजस्व]
1. ( क्र. 196 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में सिविल अस्पताल सेंधवा हेतु कितनी भूमि आंवटित की गई थी? आवंटन आदेश की छायाप्रति व जमीन के खसरा, नक्शा सहित जानकारी उपलब्ध करावें। क्या सिविल अस्पताल सेंधवा को आवंटित भूमि पर अस्पताल का कब्जा हैं? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर? नहीं तो किन के द्वारा शासकीय अस्पताल सेंधवा की आवंटित भूमि पर अतिक्रमण किया गया हैं? नाम, पतावार कब्जा की भूमि सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) सिविल अस्पताल सेंधवा, को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने हेतु कोई आवेदन दिया गया? यदि हाँ, तो सिविल अस्पताल सेंधवा की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने की क्या कार्यवाही की गई एवं आज दिनांक तक अस्पताल को आवंटित भूमि को अतिक्रमण मुक्त क्यों नहीं कराया गया कब तक कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सिविल अस्पताल सेंधवा का नाम शासकीय खसरा नम्बर 98/2, 99, 100, 101, 102/3, 103, 104/1, 105 कुल रकवा 1.791 हेक्टर के कॉलम नम्बर 12 में दर्ज होकर उक्त खसरा नम्बरों पर कॉबिज है। खसरा एवं नक्शा की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासकीय अस्पताल सेंधवा की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में सिविल अस्पताल सेंधवा की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
2. ( क्र. 642 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की महेश्वर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कितनी रेत खदानें स्वीकृत हैं? यदि स्वीकृत हैं तो कुल कितना रकवा, ग्रामवार, खसरा नं. सहित जानकारी देवें। (ख) क्या पूर्व में वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में अवैध रेत उत्खनन स्वीकृत रकवे से अलग हटकर रेत उत्खनन एवं रेत के स्टॉक (भण्डारण) अवैध टोकन को लेकर क्षेत्रीय विधायक ने शिकायत की थी, उस पर स्थानीय खनिज विभाग/स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खरगोन जिले की महेश्वर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत रेत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। आर. के. गुप्ता कॉन्ट्रेक्टर्स एण्ड इंजीनियर्स प्रा. लिमि. द्वारा ग्राम कठौरा में अवैध उत्खनन करते पाये जाने पर राशि रूपये 17,32,500/- अर्थदण्ड अधिरोपित कर प्रकरण दर्ज किया गया है। ठेकेदार द्वारा रेत खदानों के ठेका संचालन में की जा रही अनियमितताओं के कारण जिला कार्यालय खरगोन से ठेका निरस्ती का प्रस्ताव प्राप्त होने पर संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, भोपाल के आदेश दिनांक 31/12/2021 से ठेका निरस्त कर दिया गया है।
तहसीलदार/नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों की पदपूर्ति
[राजस्व]
3. ( क्र. 713 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितने तहसीलदार/नायब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षकों के पद स्वीकृत है व कितने तहसीलदार/नायब तहसीलदार। राजस्व निरीक्षक जिला दमोह में पदस्थ है। पदस्थापना स्थलवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) जिला दमोह में रिक्त तहसीलदारों/नायब तहसीलदार/राजस्व निरीक्षकों की पद पूर्ति कब तक की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह जिले में तहसीलदार/ अतिरिक्त तहसीलदार के 11 पद, नायब तहसीलदार के 16 पद एवं राजस्व निरीक्षक के 41 पद स्वीकृत है। तहसीलदार/अतिरिक्त तहसीलदार 02, नायब तहसीलदार 13 एवं राजस्व निरीक्षक 27 पदस्थ है। पदस्थापना स्थलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसीलदारों, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों की उपलब्धता के आधार पर स्थानान्तरण नीति अनुसार पूर्ति की जाती है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
जिला प्रतिष्ठान मद से प्रशासकीय स्वीकृति
[खनिज साधन]
4. ( क्र. 715 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत जिला प्रतिष्ठान मद में वर्ष 2022-23 में कितनी राशि जिला में शेष है? (ख) क्या यह सही है कि जिला प्रतिष्ठान (गौण खनिज) मद में जिला स्तर से शासन को 06 माह पूर्व प्रस्ताव भेजे गये थे यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति की क्या कार्यवाही हुई बतायें व कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की जावेगी समय-सीमा बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दमोह जिला अंतर्गत वर्ष 2022-23 में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में राशि रूपये 6,09,60,891/- शेष है। (ख) जी नहीं। जिला खनिज प्रतिष्ठान (गौण खनिज) मद से प्रस्ताव नहीं भेजे गये हैं। अपितु जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से संशोधित मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 25 अगस्त, 2022 के नियम 14 के अनुसार जिला दमोह से कुल 67 प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट पोर्टल पर संबंधित विभाग को प्रेषित किये गये है। संबंधित विभागों द्वारा 67 प्रस्तावों के विरूद्ध 31 प्रस्तावों पर टीप प्रस्तुत की गई है। विभागों द्वारा 31 टीप प्राप्त प्रस्तावों पर प्रशासकीय अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलन में है।
उर नदी परियोजना
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 773 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उर नदी परियोजना के कार्य हेतु शासन द्वारा कुल कितनी राशि का प्रावधान रखा गया था तथा कार्य पूर्ण किये जाने हेतु कितनी समयावधि निर्धारित थी? अनुबंध अनुसार प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का उपयोग किया जा चुका है तथा कितनी राशि उपयोग हेतु शेष है? (ख) क्या उर नदी परियोजना का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण हो चुका है यदि नहीं, तो किन-किन स्थानों का कितना कार्य शेष है? कार्य अपूर्ण रहने के कारण सहित विस्तृत जानकारी दें? यह भी बताये कि लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) उर नदी परियोजना का कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं होने हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है? क्या जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 2208.03 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। अनुबंध अनुसार परियोजना का कार्य पूर्ण किये जाने हेतु अनुबंध दिनांक से कुल 36 माह की समयावधि निर्धारित थी। अनुबंध अनुसार परियोजना निर्माण पर कुल राशि रूपये 1350.67 करोड़ (मूल्य वृद्धि एवं जी.एस.टी. सहित) व्यय किया जा चुका है तथा कुल राशि 625.64 करोड़ (मूल्य वृद्धि एवं जी.एस.टी. छोड़कर) शेष है। (ख) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि परियोजना अन्तर्गत बांध निर्माण कार्य 10 प्रतिशत तथा नहर निर्माण कार्य 65 प्रतिशत शेष होना प्रतिवेदित है। बांध के डूब क्षेत्र व नहर निर्माण हेतु अर्जित कृषकों की निजी भूमि एवं वन भूमि पर अधिपत्य में विलम्ब के कारण कार्य अपूर्ण है। परियोजना अन्तर्गत शेष निर्माण कार्य माह नवम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) अनुबंध अनुसार नियत समयावधि में कोरोना संक्रमण के कारण, कृषकों की निजी एवं वन भूमि के अधिग्रहण में विलम्ब के कारण परियोजना का कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं हो सका। अत: किसी अधिकारी को उत्तरदायी ठहरायें जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उर परियोजना अंतर्गत नहरों का कार्य
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 774 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में उर परियोजना का कार्य कब प्रारंभ हुआ तथा कब तक पूर्ण होना चाहिए था? यदि नहरों का कार्य अभी भी अपूर्ण हैं? कार्य पूर्ण न होने का कारण क्या हैं? (ख) उर परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण में आने वाली किसानों की जमीनों की मुआवजा राशि का भुगतान किसानों को किया गया या नहीं? यदि नहीं, किया गया हैं तो इसके कारण क्या हैं? (ग) उर परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण कार्य की लागत राशि क्या हैं? मदवार संक्षिप्त विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना अन्तर्गत बांध निर्माण कार्य दिनांक 23.02.2018 तथा नहर निर्माण कार्य दिनांक 27.08.2018 को प्रारम्भ होना प्रतिवेदित है। अनुबंध अनुसार बांध निर्माण कार्य दिनांक 22.02.2021 तथा नहर निर्माण कार्य दिनांक 26.08.2021 तक पूर्ण होना लक्षित था किन्तु कोरोना संक्रमण, नहर के निर्माण कार्य हेतु अर्जित की गई कृषकों की निजी भूमि पर अधिपत्य व प्रभावित वन भूमि का हस्तान्तरण नहीं होने के कारण निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं कराया जा सका। (ख) लोअर और परियोजना अन्तर्गत नहर निर्माण में आने वाली अधिग्रहित निजी भूमि के लिए लगभग 60 प्रतिशत कृषकों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है, शेष कृषकों को मुआवजा राशि भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना अन्तर्गत नहर निर्माण कार्य की लागत राशि रू. 169578.65 लाख है। मदवार विवरण निम्नानुसार है:- 1. नहर निर्माण कार्य हेतु रूपये 165000 लाख। (अनुबंधित) 2. भू-अर्जन एवं परिसंपत्ति हेतु (पारित अवार्ड अनुसार) राशि रूपये 4578.65 लाख।
निवासरत व्यक्तियों को भू-स्वामित्व प्रदान करना
[राजस्व]
7. ( क्र. 796 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नगरीय/शहरी क्षेत्रों की आबादी भूमि में निवासरत व्यक्तियों को शास. भूमि का स्वामित्व/पट्टा प्रदान करने की कोई योजना प्रारंभ की गयी हैं? यदि हाँ, तो योजना से संबंधित समस्त दिशा निर्देश उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मुरैना जिला अंतर्गत कुल कितने-कितने व्यक्तियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक आवेदन कहां-कहां दिए गए तथा उनमें से कितने व्यक्तियों को भूमि का स्वामित्व/पट्टा दिया गया तथा कितने व्यक्तियों के आवदेन किन-किन कारणों से अस्वीकृत किए गए? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या नगर पालिका निगम मुरैना क्षेत्र की आबादी शास. भूमि के सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो समस्त अभिलेखों सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि हाँ, तो सर्वे प्रक्रिया पूर्ण न होने का कारण क्या हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना जिला अंतर्गत कुल 1565 व्यक्तियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिये गये है। उनमें से 292 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं तथा 583 आवेदन अस्वीकृत किये गये है। शासन निर्देशानुसार वर्ष 2014 से पूर्व अधिभोग आधिपत्य के प्रमाण प्रस्तुत नहीं किये जाने अथवा अन्य नोईयत, विभाग की भूमि पर आवेदन प्रस्तुत करने पर अस्वीकृत किये गये हैं। अस्वीकृत आवेदनों की तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
तहसील |
कुल प्राप्त आवेदन |
स्वीकृत |
अस्वीकृत |
प्रक्रियाधीन |
1 |
पोरसा |
67 |
37 |
30 |
|
2 |
अम्बाह |
100 |
30 |
53 |
17 |
3 |
मुरैना |
523 |
71 |
201 |
251 |
4 |
बामौर |
19 |
- |
- |
19 |
5 |
जौरा |
556 |
113 |
246 |
197 |
6 |
कैलारस |
168 |
25 |
- |
143 |
7 |
सबलागढ़ |
151 |
16 |
53 |
709 |
योग |
1584 |
292 |
583 |
709 |
(ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मुआवजा राशि भुगतान के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
8. ( क्र. 814 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय प्रयोजन/लोक प्रयोजन के लिए अर्जित की गई निजी भूमि की मुआवजा कितने दिन के भीतर दिये जाने का प्रावधान हैं? (ख) रायसेन जिले में अब तक कितने वर्षों में मुआवजा दिये जाने के प्रकरण लंबित हैं वर्षवार योजना प्रयोजनवार अधिग्रहित भूमि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या वर्षों से लंबित देय मुआवजा के प्रकरणों में मुआवजा राशि भू-अर्जित वर्ष आधार पर दी जाती हैं अथवा भुगतान किये जा रहे वर्ष को आधार मानकर भुगतान किया जाता हैं? (घ) क्या शासन मुआवजा राशि का पुनर्निर्धारण कर चालू वर्ष की गाइड-लाइन के आधार पर देगा यदि नहीं, तो क्यों।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधान अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा आदेश करने के बाद मुआवजा शीघ्र प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) रायसेन जिले के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रकरणों में मुआवजा राशि भू-अर्जित वर्ष के आधार पर दी जाती है। (घ) जी नहीं, क्योंकि भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 26 में बाजार मूल्य की गणना धारा 11 के अधीन जारी की गई अधिसूचना के दिनांक से किये जाने का प्रावधान है।
स्वीकृत तथा सर्वेक्षित सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 815 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी, 2023 की स्थिति में सागर जिले में स्वीकृत/सर्वेक्षित किन-किन बांध/सिंचाई परियोजना, जैरा माध्यम सिंचाई योजना तथा सिंदूर नदी माध्यम सिंचाई परियोजना-खापा-हिरनपुर में रायसेन जिले की बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील के कौन-कौन से गांव पूर्णत: डूब रहे है तथा उनके व्यवस्थापन हेतु आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) फरवरी, 2023 की स्थिति में सागर जिले में स्वीकृत/सर्वेक्षित किन-किन बांध/सिंचाई परियोजना में रायसेन जिले की बेगमगंज तथा सिलवानी तहसील के कौन-कौन से ग्रामों की भूमि डूब रही है तथा किन-किन ग्रामों के किसानों का मुआवजा राशि का भुगतान हो गया है तथा किन-किन ग्रामों के किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ? (ग) क्या यह सत्य है कि विभाग के अधिकारियों द्वारा रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के ग्राम भोजपुर, नयानगर, लखनपुर, बासादेही, झिरपानी आदि ग्रामों में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के ग्रामों में रोक लगाने के पूर्व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा कलेक्टर रायसेन तथा रायसेन जिले के मान. सांसद तथा विधायकगणों को सूचना क्यों नहीं दी? इसके लिए कौन-कौन दोषी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) फरवरी 2023 की स्थिति में सागर जिले में निर्माणाधीन बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मडिया बांध के डूब क्षेत्र से रायसेन जिले की केवल बेगमगंज तहसील के कुल 44 ग्राम प्रभावित हैं, जिनमें से 02 ग्राम क्रमश: ककरूआ बरामदगढ़ी एवं चॉदामऊ पूर्ण रूप से प्रभावित होना प्रतिवेदित है। डूब से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु बेगमगंज तहसील के गोपालपुर चुराक्का की 6.434 हेक्टेयर, उचेरा वीरान की 5.944, ग्राम वीरपुर की 6.287 एवं 1.060 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर आवंटन हेतु प्रस्ताव कलेक्टर, रायसेन को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना हेतु शासन द्वारा विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है, जिसके अनुसार राशि रू.05.00 लाख एकमुश्त पुनर्वास अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। तदानुसार प्रभावित परिवारों की सहमति के आधार पर प्रक्रिया पूर्ण होने पर भुगतान कलेक्टर, रायसेन के माध्यम से की जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। सागर जिले में जैरा मध्यम सिंचाई परियोजना स्वीकृत है। परियोजना के अन्तर्गत रायसेन जिले की बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील के कोई गांव पूर्णतः डूब प्रभावित नहीं होना प्रतिवेदित है। अतः विस्थापन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। सागर जिले की सर्वेक्षित सिंधूर लघु सिंचाई परियोजना से रायसेन जिले की बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील के कोई गांव पूर्णतः डूब में नहीं आना प्रतिवेदित हैं। वर्तमान में परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं है। अतः विस्थापन के संबंध में कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) फरवरी 2023 की स्थिति में सागर जिले की मडिया बांध के डूब से प्रभावित रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के ग्रामों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। सिलवानी तहसील के कोई भी ग्राम मडि़या बांध में डूब प्रभावित नहीं होना प्रतिवेदित है। डूब से प्रभावित 44 ग्रामों में से 28 ग्रामों के अवार्ड कलेक्टर रायसेन द्वारा पारित किये जा चुके है। जिनमें से 10 ग्रामों की मुआवजा राशि का आंशिक रूप से वितरण किया जा चुका है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। शेष ग्रामों के मुआवजा प्रकरण की कार्यवाही कलेक्टर/भू-अर्जन अधिकारी रायसेन के स्तर पर प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। फरवरी, 2023 की स्थिति सागर जिले में स्वीकृत जैरा मध्यम सिंचाई परियोजना से रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के 07 ग्रामों भोजपुर, नयानगर, लखनपुर, तिगहरा, बांसादेही, सूजा एवं झिरपानी की भूमि आंशिक रूप से डूब प्रभावित होना प्रतिवेदित है। तहसील सिलवानी के कोई ग्राम डूब से प्रभावित नहीं हैं। विभागीय प्रक्रिया के अंतर्गत निविदा टर्न-की पद्धति के आधार पर आमंत्रित की जाकर दिनांक 23.12.2022 को स्वीकृति प्रदान की गई है। अनुबंध उपरांत विस्तृत सर्वेक्षण किया जाकर भू-अर्जन प्रकरण तैयार कर अवार्ड पारित होने के उपरांत मुआवजा भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सागर जिले के अंतर्गत सर्वेक्षित सिंधूर लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से भू-अर्जन की स्थिति नहीं है। (ग) एवं (घ) वस्तुस्थिति यह है कि परियोजना प्रशासक, बीना पीएमयू जल संसाधन विभाग, सागर द्वारा पत्र दिनांक 16.06.2021 एवं 04.07.2022 द्वारा कलेक्टर रायसेन को संबोधित करते हुए पत्र लिखा गया। पत्र में जैरा मध्यम सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामों में अन्य विभागों द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्य संबंधी गतिविधियों को रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है। दिनांक 04.07.2022 का पत्र कलेक्टर जिला रायसेन को संबोधित तथा प्रतिलिपि में अंकित माननीय सांसद/विधायक एवं अन्य अधिकारियों को सूचित किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
निःशुल्क खाद्यान्न योजना से वंचित हितग्राही
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 938 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश में गरीबी रेखा के फर्जी कार्डधारियों एवं अपात्र कार्डधारियों के कारण पात्र हितग्राही शासन की निःशुल्क खाद्यान्न योजना से वंचित हो रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो? शासन द्वारा ऐसे अपात्र कार्डधारियों को सूची से बाहर करने के लिये बी.एल.कार्डधारियों का भौतिक सत्यापन विगत माहों में विडियोग्राफी से कराया गया था? यदि हाँ, तो? (ग) खण्डवा जिले में ऐसे कितने बी.पी.एल कार्डधारियों के कार्ड नियम विरुद्ध पाये जाने से निरस्त किये गये है? विधानसभावार संख्यात्मक जानकारी दी जाए? (घ) क्या जिले में अपात्र हितग्राहियों द्वारा राशन दुकान से लिये जाने वाले राशन की बिक्री दुकानदारों को की जाकर शासन के खाद्यान्न का दुरुपयोग किया जा रहा है? (ड.) क्या विभाग द्वारा शासन की नि:शुल्क खाद्यान्न योजना के अंतर्गत परिवार के सदस्यों की सीमा का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या व्यापक जनहित में इस पर विचार किया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। पात्र हितग्राहियों की पात्रता श्रेणी के अनुसार निरंतर आवेदन प्राप्त किये जाकर खाद्यान्न की योजना का लाभ सतत् रूप से दिया जा रहा है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम दर्ज करने का कार्य नगरीय क्षेत्र खंडवा में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के द्वारा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में यह कार्य क्षेत्रीय तहसीलदार के माध्यम से किया जाता है। जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (रा.) से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में बी.पी.एल कार्डधारियों के कोई भी कार्ड नियम विरूद्ध नहीं पाये जाने से निरस्त नहीं किये गये है अतएव विधानसभावार संख्यात्मक जानकारी निरंक है। (घ) जिले में अपात्र हितग्राहियों द्वारा राशन दुकान से लिये जाने वाले राशन की बिक्री दुकानदारों को की जाकर शासन के खाद्यान्न का दुरूपयोग किये जाने संबंधी कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। (ड.) जी नहीं, परिवार के सदस्यों की सीमा रखने की आवश्यकता न होने से विचार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा
[राजस्व]
11. ( क्र. 946 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र दिनांक 22.12.2021 के प्रश्न क्रमांक 818 महेश्वर विधानसभा के स्वीकृत मुआवजा (अतिवृष्टि) से क्षतिग्रस्त फसलों से संबंधित शेष राहत राशि का वितरण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? यदि की गई है तो अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) महेश्वर विधानसभा की तहसील महेश्वर अंतर्गत विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 818 के संबंध में वर्ष 2019–20 में अतिवृष्टि से फसल क्षति हेतु कुल राशि 94,37,94,311/- रूपये स्वीकृत हुई। शासन द्वारा प्रथम किश्त 25 प्रतिशत के मान से राशि 22,63,20,926/- रूपये वितरित की गई। शेष कृषकों के ग्राम में उपलब्ध न होने तथा विवादित होने से वितरण हेतु शेष (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार है।
कृषकों को फसलों की क्षति का मुआवजा
[राजस्व]
12. ( क्र. 969 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में हुई अतिवर्षा जिला अंतर्गत हुई अतिवर्षा से बड़ी नदियों में आई बाढ़ के कारण जल भराव से कृषकों की खड़ी फसलों को हुई क्षति के संबंध में कितने कृषकों की फसलों की क्षति हुई एवं उनको दी गई मुआवजा राशि वितरण की जानकारी तहसीलदार, ग्रामवार, उपलब्ध करायें। (ख) जिला प्रशासन द्वारा नदी के दोनों ओर किनारे के नजदीक लगे हुए कृषकों की हुई फसलों की क्षति का आंकलन किया एवं मुआवजा भी दिया गया लेकिन उसी नदी का पानी थोड़ी दूरी पर स्थित अन्य खेतों में जल भराव की स्थिति निर्मित होने पर भी उक्त किसानों को मुआवजा राशि नहीं दिये जाने के कारण सहित जानकारी देवें। इस संबंध में कितनी शिकायतें अथवा आवेदन मुआवजा राशि हेतु कृषकों से प्राप्त हुए? इस संबंध में निराकरण की कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) के क्रम में जल भराव से हुई फसलों को हुई क्षति के संबंध में यथा शीघ्र मुआवजा राशि से वंचित कृषकों को राशि प्रदान किये जाने के संबंध में निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कृषकों को प्रदाय राहत राशि की तहसीलवार/ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में तहसील भितरवार, चिनोर, घाटीगाँव के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों का फसल क्षति का आंकलन सर्वे दल द्वारा कराया गया तथा आंकलन अनुसार समस्त प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि का वितरण किया गया। कृषकों के आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। (ग) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में तहसील भितरवार, चिनोर, घाटी-गाँव के अन्तर्गत पात्र कृषकों को मुआवजा राशि प्रदान की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
लेखपालों की क्रमोन्नति
[राजस्व]
13. ( क्र. 998 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1525 दिनांक 22.03.2021 में प्रश्नकर्ता द्वारा लेखपालों की क्रमोन्नति के बारे में पूछा गया था कि कलेक्टर राजगढ़ द्वारा लेखपालों की क्रमोन्नति की गई थी जिसके जवाब में ''जी नहीं'' बताया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कलेक्टर राजगढ़ के आदेश क्रमांक 2400/3बी/स्थापना/2000 दिनांक 24.02.2000 एवं आदेश क्रमांक 108/3बी/स्थापना/2000 दिनांक 23.01.2001 की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि लेखपालों की क्रमोन्नति की गई थी तो विधानसभा में पूर्व में गलत जानकारी क्यों दी गई? इसका जिम्मेदार कोन है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि उक्त दो लेखापालों को क्रमोन्नति दी गई है तो उस समय के लंबित प्रकरणों में कौन-कौन शेष बचे हैं, जिन्हें क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया? सूची उपलब्ध करवाए व इन्हें कब तक क्रमोन्नति का लाभ दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। क्योंकि प्रश्न क्रमांक 1525 के प्रश्नांश (क) में लेखापालों के क्रमोन्नति कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा स्वीकृत किये जाने के संबंध में पूछा गया था, जिसमें अवधि का उल्लेख नहीं था। अतः तत्समय चालु वर्ष 2021-22 में कलेक्टर कार्यालय द्वारा लेखापालों को क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया था। तदानुसार प्रश्न क्रमांक 1525 के प्रश्नांश (क) का उत्तर दिया गया था। (ख) कलेक्टर राजगढ़ के आदेशों की प्रतियां संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित आदेशों द्वारा दो लेखापालों को क्रमोन्नति दी गई थी। विभागीय क्रमोन्नति समिति की बैठक दिनांक 25.10.2005 को श्री सुरेशचन्द्र त्रिवेदी एवं श्री आर. एस. सिसोदिया को क्रमोन्नति समिति द्वारा क्रमोन्नति के अनुपयुक्त पाया गया था। क्रमोन्नति से शेष बचे लेखापालों के कोई प्रकरण वर्तमान में लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन वितरण एवं राशन दुकानों का संचालन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( क्र. 1134 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा राशन वितरण योजनांतर्गत संचालित उपभोक्ता भंडारों को वन नेशन वन कार्ड की योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो क्या इसका पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ख) सागर विधानसभा में शासकीय राशन वितरण की कितनी दुकान संचालित है एवं प्रत्येक दुकान से कितने-कितने हितग्राहियों को राशन वितरण किया जा रहा है? दुकानवार बताये। (ग) क्या यह सही है कि विगत 10 वर्षों से संचालित राशन दुकानों की संख्या में बढोत्तरी नहीं की गई है, जबकि जनसंख्या में काफी बढ़त हो चुकी है? क्या शासन बढ़ी हुई जनसंख्या के मान से अतिरिक्त राशन दुकानों के संचालन की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वन नेशन वन राशनकार्ड के तहत पात्र परिवारों को नेट कनेक्विटी वाली किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सागर विधानसभा क्षेत्र में कुल 57 उचित मूल्य दुकान संचालित हैं। उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने हेतु संलग्न पात्र परिवारों की दुकानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अनुसार किसी नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों की संख्या का निर्धारण उस निकाय के पात्र परिवार की कुल संख्या को 800 से भाग दिए जाने पर प्राप्त संख्यानुसार किए जाने का प्रावधान है। सागर विधानसभा क्षेत्र में कुल 39,191 पात्र परिवार हैं, जिसके अनुसार अधिकतम 49 उचित मूल्य दुकान होना चाहिए जबकि वर्तमान में 57 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। इस प्रकार, सागर विधानसभा क्षेत्र में नवीन उचित मूल्य दुकान खोले जाने की पात्रता आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजापुर बांध से निकली नहर का विस्तार
[जल संसाधन]
15. ( क्र. 1150 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत राजापुर बांध से निकली नहर से कितने ग्रामों को लाभ पहुंचता है? ग्रामवार व रकवा सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या राजापुर बांध से निकली नहर का विस्तार किये जाने की कोई कार्य-योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्या उक्त कार्य योजना तैयार की जाकर राजापुर बांध से निकली नहर का विस्तार मकारा से मजगुवां, कुंवरपुरा, चितावर, बासवान होते हुए सिनौनियां खास एवं उसके आगे अन्य ग्रामों तक किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नहर का विस्तार कब तक किया जा सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत बरूआ नाला तालाब योजना (राजापुर बांध) से लाभांवित ग्रामवार, रकवे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि बरूआ नाला तालाब योजना (राजापुर बांध) से निकली नहरों का विस्तार किए जाने की कोई कार्य योजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निलंबन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( क्र. 1151 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा तारांकित प्रश्न क्र. 3510 दिनांक 17.03.2022 में जिला छतरपुर के अंतर्गत 8 शा.उ.मू.दु. को निलम्बित/निरस्त किया जाना स्वीकार किया गया है? (ख) क्या उक्त प्रश्न के उत्तर में यह भी स्वीकार किया गया कि बजरंग प्रा.उप. भंडार घुवारा जिला छतरपुर के वार्ड क्र 09 लगायत 15 को समय पर नोटिस जारी नहीं किए गए है? यदि हाँ, तो समय-सीमा में नोटिस जारी न करने वाले अधिकारी का नाम/पदनाम उल्लेखित कर यह अवगत कराएं कि प्रश्न दिनांक तक उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही की गई तो प्रति प्रदाय करें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्न क्र. 3510 के परिशिष्ट (ब) में उल्लेखित दुकानों को प्रश्न दिनांक तक निलम्बन/निरस्त से बहाल किया जा चुका है? यदि हाँ, तो दुकानवार आदेशों की प्रतियां प्रदाय करें। यदि नहीं, तो निलम्बन/निरस्त से बहाल करने में विधि अनुसार विलम्ब करने के लिए कौन-कौन अधि./कर्म. दोषी है? दोषियों के नाम/पदनाम उल्लेखित करें। (घ) शासन प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही करते हुए निलम्बन/निरस्त दुकानों को वित्तीय वर्ष 2022-23 से पूर्व तत्काल बहाल करने के आदेश जारी करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त अधिकारी का नाम श्री नाथूराम गोड तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व अनुविभाग- बड़ा मल्हरा जिला छतरपुर), उक्त अधिकारी के द्वारा समय-सीमा में कारण बताओ सूचना पत्र जारी नहीं करने पर उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस संबंध में जिला कलेक्टर से प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु संचालक खाद्य की ओर से पत्र लिखा गया है। पत्र संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्र.27344/2022 विचाराधीन होने से शा.उ.मू.दु. परसनिया के संबंध में कोई आगामी कार्यवाही नहीं हुई। अनुविभागीय अधिकारी नौगांव द्वारा शा.उ.मू.दु. चन्द्रपुरा का प्रकरण विचाराधीन होने से आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. अमन प्राथमिक उपभोक्ता भंडार वार्ड क्र.17 नगर छतरपुर को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्र. 1099/2023 के पालन में बहाल की गई। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जय गुरूदेव प्रा.सह.उ.भं. मर्या. घुवारा वार्ड क्र.1 से 5 को निरस्त से बहाल किये जाने के संबंध में सक्षम न्यायालय के कोई आदेश नहीं है। बजरंग प्रा.सह.उ.भं. मर्या. घुवारा वार्ड क्र. 9 से 15 के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्र. 17905/2022 लंबित होने के कारण आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. करकी में न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में होने से आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. गरखुवां में न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में होने से आगामी कार्यवाही नहीं हुई। शा.उ.मू.दु. कर्री को बहाल किया जा चुका है। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट- 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
सेक्शन राईटरों का नियमितीकरण
[राजस्व]
17. ( क्र. 1178 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पूर्व से सदस्य सेक्शन राईटरों को नियमित कब किया जावेगा? (ख) मध्यप्रदेश शासन के ज्ञापन क्रमांक एफ-6-12/2015 सात-4ए दिनांक 28/08/2015 से कितने जिलों/तहसीलों के सेक्शन राईटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियमित किया गया है? संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) जिन जिलों/तहसीलों के शेष सेक्शन राईटरों को कब नियमित किया जावेगा और पूर्व में क्यों नहीं किया गया? की गई अनियमितता पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही कि गई या की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग अंतर्गत कार्यरत सेक्शन राईटरों को सीधी भर्ती के पदों पर निर्वाचन अतिशेष कर्मचारियों की भांति सहायक ग्रेड-03 के पद पर प्राथमिकता दिये जाने के संबंध में म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्र. सी 3-9/2019/1/3 दिनांक 22 फरवरी 2022 द्वारा निर्देश जारी किए गये। इसी अनुक्रम में म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्र. एफ 3-4/2018/सात-4 दिनांक 28/02/2022 द्वारा जिलों में कार्यरत सेक्शन राईटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति दिये जाने के संबंध में आयु सीमा में छूट एवं 5% अतिरिक्त अंक का प्रावधान किया गया है। कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा सहायक ग्रेड-3 की भर्ती हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित हो चुकी है। सेक्शन राईटर उक्त परीक्षा में शामिल होकर लाभ उठा सकते है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 6-12/2015/सात-4ए दिनांक 28.08.2015 द्वारा कलेक्टर जिला अशोकनगर को दिये गए मार्गदर्शन/निर्देशानुसार जिला अशोकनगर में 01 सेक्शन राईटर को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्त किया गया है। (ग) शेष सेक्शन राईटरों को निर्वाचन अतिशेष कर्मचारियों की भांति सहायक ग्रेड-03 के पद पर प्राथमिकता दिये जाने के संबंध में प्रश्नांश ''क'' अनुसार कार्यवाही के निर्देश दिये जा चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 1260 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र आमला में कितनी सिंचाई संरचनाएं यथा स्टोरेज टेंक, बेराज तथा लघु सिंचाई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं (ख) इनमें से कितनी साध्यता प्राप्त हैं, कितनी साध्यता हेतु लंबित हैं तथा कितनी परियोजनाओं को साध्यता नहीं मिल पाई हैं, कृपया सभी की सूची उपलब्धत करावें। (ग) साध्यता प्राप्त परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी। (घ) आमला क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए बड़ी सिंचाई परियोजनाओं हेतु उपयुक्त स्थल उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में यहाँ बेल, भैंसेही तथा अन्य नदियों पर श्रृंखलाबद्ध बैराज निर्माण हेतु सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित नदियों पर वर्तमान में श्रृंखलाबद्ध बैराज निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गए पत्रों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
19. ( क्र. 1340 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र चाचौड़ा में किन-किन विकास कार्यों को कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जल संसाधन विभाग को पत्र भेजे गये? (ख) उपरोक्त में से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गये? (ग) इनमें से किन-किन विकास कार्यों के लिए शासन से स्वीकृति मिली है? (घ) जिन विकास कार्यों के लिए स्वीकृति नहीं मिली है उनका विवरण तथा अस्वीकृति का कारण बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) शासन को प्राप्त बोरकाखेडा तालाब (नहर रहित) की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.02.2022 को राशि रू. 306.11 लाख की रूपांकित क्षमता 125 हेक्टेयर हेतु प्रदान की गई है। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई सुविधा बढ़ाने की कार्ययोजना
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 1341 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चांचौड़ा विधान सभा में सिंचाई सुविधा बढ़ाने की क्या कार्ययोजना है? (ख) पिछले चार वर्ष में किन योजनाओं को स्वीकृति दी गई? (ग) विस क्षेत्र चाचौड़ा के गांव बोरकाखेड़ा में बनने वाले तालाब की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चाचैडा विधान सभा में सिंचाई बढ़ाने से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पिछले चार वर्ष में एक मात्र बोरकाखेडा तालाब (नहर रहित) की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.02.2022 द्वारा रू.306.11 लाख की 125 हेक्टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रदान की जाना प्रतिवेदित है। (ग) बोरकाखेडा तालाब (नहर रहित) की एजेन्सी निर्धारित की जा चुकी है। एजेन्सी द्वारा निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाना प्रतिवेदित है।
नवीन पुल का निर्माण
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 1377 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परियोजना संचालक मोहनपुरा-कुण्डालिया परियोजना राजगढ़ में पत्र क्रमांक 1402/तक./VIP/22 राजगढ़, दिनांक 25.05.2022 से प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन विभाग को राजगढ़ नगर की नेवज नदी के छोटे पुल के स्थान पर उच्च स्तरीय पुल तथा अन्य निर्माण कार्य का प्रस्ताव प्रेषित किया? (ख) क्या मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. में ओवरफ्लो होने के कारण रास्ते बन्द होने/पुल, पुलियों के डूब जाने आदि का भी पुन: निर्माण का प्रावधान था? (ग) क्या परियोजना संचालक के पत्र में राजगढ़ नगर स्थित प्राचीन छोटा पुल भी मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना के कारण डूब जाता है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार क्या शासन राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित प्राचीन छोटे पुल के स्थान पर नवीन बड़े पुल का निर्माण करायेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) संचालक मोहनपुरा कुण्डलिया राजगढ़ द्वारा प्रश्नाधीन कार्य का प्रस्ताव उनके पत्र दिनांक 25.05.2022 को प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किये जाने का लेख है। मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. में बांध के डूब क्षेत्र में जल मग्न होने वाले रास्ते/पुल/पुलियों के पुनः निर्माण का प्रावधान था किन्तु बांध के डाउन स्ट्रीम में आने वाले पुल/पुलियों के पुनर्निमाण का कोई प्रावधान नहीं होना प्रतिवेदित है। जी नहीं। राजगढ़ स्थित छोटा पुल बांध के निर्माण के पूर्व में भी मात्र 700 क्यूमेक जल आवक होने पर ही डूब जाता था। उस समय नदी में जो भी जल प्रवाह आता था वह एक साथ छोटे पुल से गुजरता था। मोहनपुरा बांध के निर्माण के उपरांत नेवज नदी में आने वाला तीव्रतम फ्लड बांध में रोककर सुरक्षित तरीके से पानी निकाला जाता है। मानसून 2022 में कुल 24 दिन नदी में पानी 700 क्यूमेक से अधिक था, किन्तु बांध द्वारा केवल 17 दिन ही 700 क्यूमेक ही अधिक जल छोड़ा गया है। इसी प्रकार नदी में 8290 क्यूमेक का जल प्रवाह दर्ज किया गया था इसके विरूद्ध बांध से केवल 6928 क्यूमेक पानी ही छोड़ा गया है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि मोहनपुरा बांध के कारण राजगढ़ स्थित छोटा पुल डूब जाता है। मान. सदस्य का पत्र दिनांक 03.02.2023 प्राप्त हुआ जिसमें लेख किया गया कि मोहनपुरा के ओवरफ्लो के कारण डूब में आने वाले राजगढ़ नगर स्थित छोटे पुल के स्थान पर नवीन पुल निर्माण करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया गया। पत्र का परीक्षण करने पर पाया गया कि मान. सदस्य द्वारा जिस पुल निर्माण की मांग की है वह मोहनपुरा परियोजना के डाउनस्ट्रीम में स्थित है। जल संसाधन विभाग द्वारा ऐसे पुल/पुलियों का निर्माण विभागीय मद से नहीं कराया जाता है। पुल का संबंध लोक निर्माण विभाग से संबंधित होने के कारण मान. सदस्य का उक्त पत्र दिनांक 03.02.2023 प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को शासन के पत्र दिनांक 23.02.2023 द्वारा प्रेषित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण एवं वन विकास मद की राशि के कार्य
[वन]
22. ( क्र. 1404 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत तीन वर्षों में मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ खेल परिसार 74 बंगला भोपाल को किस-किस जिले की प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति से ग्रामीण विकास मद की कितनी राशि के कितने कार्यों एवं वन विकास मद की कितनी राशि के कितने कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए? उनमें से कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत किए? कितने कार्य अस्वीकृत किए? कितनी राशि के कितने कार्य के प्रस्ताव लम्बित हैं? जिलेवार बतावें। (ख) गत तीन वर्षों में मध्यप्रदेश शासन सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव पंजीयक/आयुक्त तथा अंकेक्षक ने मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ के किन-किन कार्यों, निर्णयों से संबंधित कितनी-कितनी राशि के प्रस्तावों पर क्या-क्या आपत्तियां किन-किन प्रावधानों के तहत ली? प्रति सहित बतावें। (ग) मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने किस दिनांक को शुद्ध लाभ की कितनी राशि से जूते, चप्पल, पानी की बाटल एवं छाता क्रय कर संग्राहकों को वितरित किए जाने का निर्णय लिया है? इस निर्णय को सहकारिता विभाग के किस अधिकारी ने अनुमोदित किया? पुष्टि की या स्वीकृति प्रदान की है? (घ) शुद्ध लाभ की राशि समितियों को दी जाकर संग्राहकों को नगद वितरित किए जाने की कार्यवाही नहीं किए जाने का क्या कारण है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के कार्यों के संबंध में अध्यक्ष की अधिकारिता से संबंधित होने एवं अध्यक्ष का पद रिक्त होने से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में आपत्ति ली गई है एवं उनके क्रियान्वयन पर रोक लगाई गई है। क्रियान्वयन पर रोक लगाये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। पंजीयक आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल द्वारा संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 13.01.2023 में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को जूता, चप्पल, पानी की बोतल, साड़ी एवं छाता वितरण के संबंध में निर्णय लिया गया है इस पर राशि रूपये 261 करोड़ का व्यय अनुमानित है। उक्त कार्य के लिए प्रशासनिक विभाग की स्वीकृति प्राप्त है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) शुद्ध लाभ के संबंध में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के समय-समय पर दिये गये आदेश के तहत शुद्ध लाभ का वितरण तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनके बैंक खातों में किया जा रहा हैं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों को दखल रहित भूमि देने के प्रावधान
[राजस्व]
23. ( क्र. 1406 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में किस श्रेणी के उद्योगों के लिए राजस्व ग्रामों के पटवारी मानचित्र खसरा पंजी में दर्ज गैरखाते की किस-किस मद की जमीन आवंटित किए जाने के संबंध में वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान किस दिनांक से प्रचलित हैं? (ख) दखल रहित भूमि में से किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि वर्तमान प्रावधानों के अनुसार उद्योगों के लिए आवंटित की जा सकती है? इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28/1/2011 को क्या-क्या आदेश दिया है? (ग) रायसेन जिले के मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में एच.आई.जी. के परिसर में आने वाले तालाब की भूमि के संबंध में वर्तमान में क्या विवाद किस स्तर पर लम्बित है? उस विवाद को निपटाने के लिए विभाग ने क्या-क्या पहल या कार्यवाही की है? (घ) मंडीदीप एवं पीथमपुर क्षेत्र में कितने उद्योगों के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किए गए थे? उन प्रकरणों का निराकरण किए जाने के संबंध में विभाग ने क्या-क्या पहल की है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) : राज्य सरकार द्वारा नजूल भूमि का आवंटन राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड–चार क्रमांक 1 के अंतर्गत किया जाता है। इसी खण्ड अंतर्गत वर्तमान में म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 है जो दिनांक 24 सितम्बर 2020 से प्रभावशील है। इन प्रावधानों के अध्याय तीन भाग च में चहुँमुखी विकास के लिये निजी निवेश के मामले में भूमि आवंटन के प्रावधान है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28/01/2011 पारित आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में एच.ई.जी. परिसर के अंदर ख. नं. 141 रकवा 0.579 हे. नोईयत तालाब दर्ज है, जो एच.ई.जी. परिसर के अंदर है। परिसर के अंदर तालाब होने से ग्राम के लोगों को धार्मिक कार्य करने में परेशानी होती थी, इस संबंध में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक 528/2005 में दायर किया गया था जिसमें तालाब को किसी प्रकार का स्वरूप परिवर्तन न किये जाने संबंधी व समय-समय पर आम नागरिकों को न रोके जाने संबंधी आदेश पारित किया गया। प्रकरण वर्तमान में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित है। (घ) मंडीदीप आद्योगिक क्षेत्र में 15.783 हे. वनभूमि पर बिना अनुमति के निर्मित 15 उद्योगों के विरुद्ध वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। प्रकरणों के निराकरण हेतु म.प्र.औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल के द्वारा मंडीदीप स्थित संरक्षित वनभूमि 197.930 हे. (488.90 एकड़) के निर्वनीकरण हेतु तथा आरक्षित वनभूमि 16.268 हे. (40.20 एकड़) के व्यपवर्तन हेतु वन संरक्षण अधिनियम के तहत अनुमति हेतु अलग-अलग प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा पत्र क्रमांक 8-53/2009-FC (Vol.) दिनांक 02.09.2021 से संरक्षित वनभूमि 197.930 हे. के निर्वनीकरण हेतु औपचारिक अनुमति प्रदाय की गई। इसके पश्चात अधिसूचना क्रमांक/एफ-25-100/2021/10-3 दिनांक 29 मार्च 2022 म.प्र. राजपत्र प्रकाशन दिनांक 15 अप्रैल 2022 से निर्वनीकरण अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यालय पश्चिम क्षेत्र भोपाल के द्वारा पत्र क्रमांक 8-53/2009-FC (Vol.) दिनांक 26.10.2021 से आरक्षित वनभूमि 16.268 हे. को औद्यागिक क्षेत्र के उपयोग हेतु औपचारिक अनुमति प्रदाय की जा चुकी है। पीथमपुर क्षेत्र में उद्योगों के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध नहीं है।
स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करने पर कार्यवाही
[वन]
24. ( क्र. 1407 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का उल्लंघन एवं अवहेलना कर स्थानांतरण करने वाले आई.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग कब और क्या कार्यवाही करता है? (ख) गत पांच वर्षों में स्थानांतरण नीति का उल्लंघन एवं अवेहलना कर स्थानांतरण करने वाले आई.एफ.एस. श्री अनुराग कुमार द्वारा छतरपुर वनमण्डल, श्री अभिनव पल्लव एवं श्री ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा ग्वालियर जिले, श्री मोहन मीणा द्वारा बैतूल जिले में श्री नरेश दोहरे द्वारा हरदा जिले के एवं सुश्री श्रृद्धा पेन्द्रे द्वारा उत्पादन वनमण्डल बैतूल जिले में किए गए स्थानांतरणों पर राज्य मंत्रालय सामान्य प्रशासन विभाग ने कब और क्या-क्या कार्यवाही की हैं? (ग) किस-किस अधिकारी ने स्थानांतरण नीति का उल्लंघन एवं अवेहलना कर किस-किस कर्मचारी का कहां से कहां स्थानांतरण किया, उस स्थानांतरण को किस आदेश क्रमांक दिनांक से निरस्त किया गया किस स्थानांतरण को निरस्त भी नहीं किया? (घ) स्थानांतरण नीति का उल्लंघन/अवेहलना कर स्थानांतरण करने वाले आई.एफ.एस. अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा हैं, कब तक करेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करने वाले भारतीय वन सेवा अधिकारियों के विरूद्ध वन विभाग द्वारा जांच कर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की गई है। (ख) स्थानांतरण नीति का उल्लंघन एवं अवहेलना कर स्थानांतरण करने वाले भारतीय वन सेवा अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।
शासकीय भूमियों का आवंटन एवं आरक्षण
[राजस्व]
25. ( क्र. 1408 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा उद्योगों के लिए पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में किन-किन मदों में दर्ज भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों के आवंटन या आरक्षण की वर्तमान में क्या-क्या नीति एवं योजना है। (ख) भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमियों को उद्योगों के लिए आंवटित किए जाने तथा पूर्व में निजी उद्योगों को ऐसी भूमि आवंटित कर कब्जा सौंपे जाने सें संबंधित प्रकरणों को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी, 2011 को क्या-क्या आदेश दिया है? प्रति सहित बतावें। (ग) दिनांक 28 जनवरी, 2011 के न्यायालीन आदेश को ध्यान में रखा जाकर निजी उद्योगों को धारा 237 (1) में आरक्षित किन-किन मदों की भूमियों को आवंटित किए जाने या आरक्षित किए जाने की वर्तमान में क्या-क्या नीति विभाग में प्रचलित है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 237 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) SLP (C) 3109/2011 (SLP (Civil) CC No. 19869/2010) मान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश 28 जनवरी, 2011 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) 237 (1) में आरक्षित मदो की भूमियों को निजी उद्योगों को प्रत्यक्षः आरक्षित/आवंटित किया जाना प्रावधानित नहीं है।
अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[वन]
26. ( क्र. 1409 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 4329 दिनांक 26/07/2019 के प्रश्नांश (घ) वनग्रामों की भूमियों को राजस्व भूमि मानकर कार्यवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा हैं, कब तक करेगा के उत्तर में दोषी अधिकारियों की पहचान कर एक माह में कार्यवाही की जावेगी का आश्वासन दिया था तो प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) बड़वाह वनमण्डल के 09 वनग्रामों में से किस ग्राम की कितनी भूमियों की रजिस्ट्री होने की जानकारी तथा किस-किस ग्राम की किस-किस वर्ष की मिसल बन्दोबस्त, खसरा पंजी की जानकारी, उसमें भूस्वामी हक की निजी भूमि दर्ज किए जाने की जानकारी, खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र भू-पोर्टल पर ऑनलाईन होने की जानकारी वर्ष 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत की गई हैं? (ग) बड़वाह वनमण्डल के 09 वनग्रामों की भूमियों को राजस्व भूमि मानकर प्रश्नांकित दिनांक तक खसरा पंजी में दर्ज करने वाले किस-किस राजस्व अधिकारी की पहचान की जाकर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि पहचान नहीं की गई हो तो करण बतावें। (घ) कब तक पहचान कर क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वनग्राम की भूमियों का राजस्व भूमि मानकर नामांतरण की कार्यवाही को हुए 45 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। दोषी अधिकारी वर्तमान में संभवतः सेवानिवृत्त हो चुके है तथा इन अधिकारियों के विरूद्ध प्रचलित नियमों के अंतर्गत भी कार्यवाही वर्तमान में किया जाना संभव नहीं है। (ख) सामान्य वनमण्डल बड़वाह के 09 वनग्राम में से 05 वनग्रामों में रजिस्ट्री होने संबंधी उप पंजीयक कार्यालय बड़वाह जिला खरगोन के पत्र क्रमांक/92/उप/2019 दिनांक 08.07.2019 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश के संबंध में वन विभाग द्वारा कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित कारणों से। (घ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ग'' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
न्यायालय में परिवाद दायर करने के प्रावधान
[खनिज साधन]
27. ( क्र. 1410 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 में अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के प्रकरणों में सिविल न्यायालय में परिवाद दायर करने के प्रावधानों को मध्यप्रदेश में समाप्त कर अर्थदण्ड का ही एक मात्र प्रावधान नियम में अधिसूचित किया है? (ख) यदि हाँ, तो धारा 21 में परिवाद दायर करने बाबत् क्या प्रावधान है? इस प्रावधान को किस संशोधन दिनांक से निरस्त किया जाकर राज्य सरकार को जुर्माना किए जाने के प्रावधान लागू करने का अधिकार दिया है? (ग) राज्य में अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के प्रकरणों में अर्थदण्ड किए जाने बाबत् क्या-क्या प्रावधान वर्तमान में हैं? किस प्रावधान में सिविल न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने का क्या प्रावधान है? (घ) धारा 21 के अनुसार सिविल न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने के प्रावधान को पुन: लागू किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के प्रकरणों में अर्थदण्ड किये जाने के संबंध में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21 तथा गौण खनिज के लिये मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 18 में प्रावधान वर्णित है। खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 22 में सिविल न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करने के प्रावधान वर्णित हैं। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार धारा 21 के प्रावधान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी नामांतरण की जानकारी
[राजस्व]
28. ( क्र. 1428 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राजेन्द्र बहादुर सिंह पिता रंगनाथ सिंह ग्राम पडरा, तहसील गोपदबनास, जिला-सीधी खसरा नंबर 239/2 जो ग्राम पडरा की पुश्तैनी जमीन थी जो कि गोपदबनास तहसील द्वारा फर्जी तरीके से 239/2 वर्तमान में प्रेमचंद बानी पिता बृजभूषण बानी का नामांतरण कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस नियम के तहत किया गया है जानकारी उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सीधी की तहसील गोपदबनास के ग्राम पडरा की भूमि ख. नं 239/2 पर वर्तमान में प्रेमचन्द्र बानी पिता बृजभूषण के नाम दर्ज है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है।
किसानों को सिंचाई का लाभ
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 1429 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व में प्रश्नकर्ता द्वारा सिहावल विधानसभा के कई ग्रामों में महान नहर परियोजना के तहत सिंचाई हेतु ग्रामों को कमाण्ड एरिया में शामिल किये जाने हेतु प्रश्न किया गया था जिसके उत्तर में लेख किया गया है कि पहाड़ी क्षेत्र एवं अत्यधिक उतार चढ़ाव वाला क्षेत्र होने के कारण उक्त ग्रामों में पानी पहुंचाया जाना साध्य नहीं हैं, उक्त ग्रामों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके इसके लिए लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना उचित हैं। इन ग्रामों हेतु लिफ्ट सिंचाई योजना की स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (ख) गोपद नदी से लगी ग्राम पंचायतें निम्नानुसार हैं- खोंचीपुर, समरदह, पोखरा पोंडी, भरुही, डोल, तरका, चंदवाही, बहरी, सिहौलिया, दुअरा, जमुआर, देवरी, बरबंधा, कुसेडा, खुटेली, लौआरपैपखार एवं इन ग्राम पंचायतों के सम्मिलित ग्रामों का कब तक सर्वे कराया जाकर लिफ्ट सिंचाई योजना का लाभ यहां के किसानों को दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। मान. सदस्य द्वारा पूर्व में पूछा गया प्रश्न संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों हेतु कोई भी उद्वहन सिंचाई परियोजना का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पटवारी का शासकीय सेवा से बर्खास्तगी
[राजस्व]
30. ( क्र. 1462 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश सिविल सेवा 1961 के नियम 6 एवं मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र दिनांक 05/07/2006 के अनुसार कोई भी अभ्यर्थी जिसकी 2 से अधिक संतानें है जिनमें 01 का जन्म 26/01/2001 को या उसके पश्चात् हुआ हो वह किसी शासकीय सेवा अथवा पद पर नियुक्त के लिए पात्र नहीं होगा? यदि हाँ, तो परिपत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) जिला सिंगरौली तहसील के पटवारी हल्का पर पदस्थ पटवारी श्री उमेश कुमार नामदेव की नियुक्ति कब हुई? क्या पटवारी नामदेव ने अपनी नियुक्ति के समय अपने नॉमिनेशन फार्म में खुद को अविवाहित बताया गया? यदि हाँ, तो उमेश नामदेव की शादी कब हुई तथा वर्तमान में इनकी कितनी जीवित संतानें है? उमेश नामदेव की परिवार आई.डी. सहित विवरण देवें? (ग) क्या यह भी सही है कि उमेश कुमार नामदेव की समग्र परिवार आई.डी. में परिवार के 5 नाम सम्मिलित है जिनमें रमेश कुमार नामदेव 44 वर्ष समग्र आई.डी. 194865286, रेखा नामदेव 39 वर्ष समग्र आई.डी.194865399, इशिता नामदेव 15 वर्ष समग्र आई.डी. 1294866798, स्नेहा नामदेव 13 वर्ष समग्र आई.डी. 194866889 एवं दिव्यांश नरामदेव 8 वर्ष समग्र आई.डी. 195528399 दर्शित है। यदि हाँ, तो क्या इससे यह प्रमाणित नहीं होता की उमेश नामदेव के 3 संतानें है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 6 के उप नियम 4 के तहत कदाचरण की श्रेणी में आने वाले दोषी पटवारी उमेश कुमार नामदेव को शासकीय सेवा से बर्खास्त की कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 के नियम 6 के उप नियम (6) जिसमें प्रावधान है कि कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक संतान जीवित होने पर एक का जन्म यदि 26 जनवरी, 2001 को या उसके पश्चात् हुआ हो, किसी भी शासकीय सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये अपात्र माना जावेगा, से अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में छूट रहेगी। परिपत्रों की प्रति पुस्तकालय में परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) सेवा पुस्तिका के आधार पर तहसील सिंगरौली नगर में पदस्थ पटवारी श्री उमेश कुमार नामदेव पटवारी की नियुक्ति 31/07/2004 को हुई है। नियुक्ति के समय अपने नामिनेशन फार्म में खुद को अविवाहित बताया गया है। स्वयं के विवाह हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक 407/आ.का./06 दिनांक 05/06/2006 द्वारा दिनांक 16/05/2006 से 26/05/2006 तक कुल 11 दिवस का अर्जित अवकाश स्वीकृत किया गया है। समग्र पोर्टल का प्रिंट दिनांक 17/02/2023 अनुसार 03 संतानें है, परिवार आई.डी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) समग्र पोर्टल का प्रिंट दिनांक 17/02/2023 अनुसार 03 संतानों का उल्लेख है। समग्र आई.डी. की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है जिसके अनुसार (1) उमेश कुमार नामदेव 44 वर्ष, (2) रेखा नामदेव 39 वर्ष, (3) इशिता नामदेव 15 वर्ष, (4) स्नेहा नामदेव 14 वर्ष, (5) दिव्यांश नामदेव उम्र 8 वर्ष दर्ज है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के अंतर्गत संबंधित नियोक्ता को जांच उपरांत कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।
खाद्यान्न घोटाले के दोषियों पर कार्यवाही
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 1470 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक श्रीमती ज्योती शाह नरवरिया द्वारा कल्याणकारी योजना के तहत आशा निकेतन स्कूल ऑफ हैंडीकेप्ट, मरियम स्कूल आफ मैटली हैंडीकेप्ट तथा जामिया इस्लामिया अरेविया मस्जिद भोपाल को कब-कब कितना खाद्यान्न का आवंटित किया गया? संस्थावार खाद्यान्न की मात्रा सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तीनों संस्थाओं के नाम से खाद्यान्न आवंटित हुआ और निकाल लिया गया? क्या खाद्यान्न की इन संस्थाओं को कोई जानकारी ही नहीं दी गई? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक किसी अधिकारी द्वारा इस खाद्यान्न घोटाले की कोई जांच की गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार जांच में घोटाला प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? श्रीमती ज्योति शाह नरवरिया के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) खाद्य विभाग के कार्यालयीन अभिलेख अनुसार वर्ष 2022 में भोपाल शहर में राशन की दुकानों की सघन जांच कराने पर 43 दुकानों में अनियमितता पाई गई तथा उनमें से 30 दुकानें निलंबित कर प्रकरण दर्ज किये गये? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी खाद्य अधिकारियों एवं जांच अधिकारियों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? दुकानों के नाम एवं दोषी अधिकारियों के नाम पद एवं की गई कार्यवाही सहित विवरण देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कल्याणकारी योजना अंतर्गत आशा निकेतन बधिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मरियम स्कूल आफ मैटली हैंडीकेप्ट तथा मदरसा जामिया इस्लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे भोपाल नगर को माह सितम्बर, 2015 से फरवरी, 2018 तक आवंटित खाद्यान्न मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) आशा निकेतन बधिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मरियम स्कूल आफ मैटली हैंडीकेप्ट तथा मदरसा जामिया इस्लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे भोपाल नगर को आवंटित खाद्यान्न की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं जिला आपूर्ति नियंत्रक के संयुक्त जांच दल द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जांच प्रतिवेदन अनुसार जामिया इस्लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे वाली मोतिया पार्क भोपाल के प्रतिनिधि द्वारा जांच दल के समक्ष कल्याणकारी योजना अंतर्गत खाद्यान्न प्राप्त करना स्वीकार किया गया है एवं आशा निकेतन स्कूल आफ हैण्डीकेप्ट, मरियम स्कूल आफ मैटली हैंडीकेप्ट को योजनांतर्गत खाद्यान्न आवंटन की जानकारी न होने के कारण दिनांक 05.12.2017 को प्रदाय खाद्यान्न वापस किया गया। (ग) जांच प्रतिवेदन अनुसार कल्याणकारी योजनांतर्गत संस्थाओं को खाद्यान्न प्रदाय करने वाले परिवहनकर्ता, अवैधानिक रूप से खाद्यान्न क्रय करने वाले एवं जामिया इस्लामिया अरेविया मस्जिद तरजुमे वाली मोतिया पार्क भोपाल के संचालक को अनियमितता के लिए जिम्मेदार पाए जाने पर अभियोजन की कार्यवाही की गई। जांच प्रतिवेदन में तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक भोपाल के दोषी पाए जाने का तथ्य प्रकाश में नहीं आने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जांच एवं पर्यवेक्षण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के नाम, पद एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है तथा उचित मूल्य दुकानों पर अनियमितता पाए जाने पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
नक्शा तरमीम के नियम/आदेश
[राजस्व]
32. ( क्र. 1484 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा वारिसाना एवं नक्शा तरमीम के लिए क्या नियम/आदेश है। नियम/आदेश की प्रति देते हुए जानकारी देवें। पटवारी हल्का भिटौहा तह. जवा जिला रीवा के आराजी नं. 8/1 8/2 8/3 8/4 8/5 8/6 8/7 8/8 वर्ष 2015-16 में किसके नाम थी तथा कब किसके नाम वारिसाना किया गया प्रचलित प्रकरण की संपूर्ण नस्ती ऑडरशीट जारी इस्तहार पारित आदेश की प्रति देते हुए जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के भूमि का कब नक्शा तरमीम किया गया है तथा नक्शा तरमीम के लिए किसके द्वारा आवेदन किया गया तथा क्या सभी कास्तकारों को सूचित किया जाकर स्थल पंचनामा नक्शा तैयार कर सभी हिस्सेदारों पक्षकारों के मौके के कब्जा आधार पर नक्शा तरमीम किया जाना चाहिए किंतु ऐसा नहीं किया गया बिना किसी हिस्सेदार के सहमति/कास्तकार के हित में नियम विरूद्ध नक्शा तरमीम किया गया है। क्या इसे निरस्त कर दोषी कर्मचारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करा देगें। यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के नियम विरूद्ध नक्शा तरमीम एवं वारिसाना के प्रकरण की जांच एस.डी.एम. त्योंथर से करा कर दोषियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज करा देगें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के भूमि का नक्शा तरमीम किसी एक व्यक्ति परिवार को रोड का लाभ देने के लिए नियम विरूद्ध नक्शा तरमीम किया गया है। यदि हाँ, तो जब तक प्रकरण की निष्पक्ष जांच नहीं हो जाती तब तक रास्ता निर्माण का कार्य बंद करा देगें। यदि नहीं, तो क्यों यदि हाँ, तो कब तक प्रकरण की जांच पूर्ण न होने तक निर्माण कार्य बंद कराने का आदेश जारी कर देगें आदेश प्रति के साथ जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 164, 109-10 के तहत वारिसाना एवं संहिता की धारा 70/107 के तहत नक्शा तर्मीम किये जाने के नियम/आदेश है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के भूमि का नक्सा तर्मीम किऐ जाने हेतु पारसनाथ उपाध्याय पिता श्री रामधारी उपाध्याय सा. बैसनपुरवा तहसील जवा के द्वारा आवेदन दिया गया। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर/जवा के न्यायालय में अपील की गयी थी, जिस पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी त्योंथर/जवा के प्र.क्रं. 0049/अपील/2021-22 पारित आदेश दिनांक 01.11.2022 द्वारा अपील निरस्त की गयी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) (ख) एवं (ग) के भूमि का नक्शा तर्मीम किसी एक व्यक्ति परिवार को लाभ देने के उद्देश्य से नहीं किया गया है। तहसीलदार द्वारा विधिवत हल्का पटवारी से जांच प्रतिवेदन, पंचनामा नजरी नक्शा लिया जाकर नक्शा तर्मीम की कार्यवाही की गयी है। म.प्र. शासन की आराजी नं. 8/1/2 में पूर्व से रास्ता निर्मित है। वर्तमान में कोई रास्ता निर्माण कार्य नहीं हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त शासकीय सेवक का भुगतान
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 1503 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैलाश चन्द्र मिश्रा स्थल सहायक कार्यालय कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग टीकमगढ़ में सेवारत रहते हुये 30.06.2022 को सेवानिवृत्त हुये थे? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारी को पत्र क्रमांक चि.स.उप.चु.रूकले.नि./2021/228 निवाड़ी दिनांक 29.10.2021 पत्र द्वारा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी जिला निवाड़ी द्वारा निलंबित किया गया था? (ग) निलंबन के 6 माह बाद भी आरोप पत्र यदि उपलब्ध नहीं कराये और न ही आरोपित आदेश जिसका पालन न करने पर निलंबित किया गया था उसकी कॉपी भी पीड़ित कर्मचारी को उपलब्ध नहीं करायी थी। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारी को 7 माह से पेंशन, जी.पी.एफ. एवं ग्रेच्युटी आदि नहीं दी जा रही हैं? इसके लिये कौन दोषी हैं? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) श्री कैलाश चंद्र मिश्रा द्वारा कलेक्टर के पत्र दिनांक 10.11.2021 द्वारा जारी आरोप पत्र के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय खण्ड़पीठ, जबलपुर में याचिका क्रमांक-20015/2022 दायर की गई है, जो मान. न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) श्री कैलाश चंद्र मिश्रा स्थल सहायक के विरूद्ध अपराध प्रकरण क्रमांक-89/ 22 विचाराधीन है। सेवानिवृत्त उपरांत नियमानुसार देय स्वत्वों के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: इसके लिए कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 1505 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैलाश चन्द्र मिश्रा, समयपाल जल संसाधन विभाग निवाड़ी की ड्यूटी कार्यालय रिटर्रिंग ऑफिसर विधानसभा क्षेत्र 45 पृथ्वीपुर जिला निवाड़ी के आदेश क्रमांक/उप.चु./वि.सभा/20-21/2000 दिनांक 26/10/2021 द्वारा जिला निर्वाचन कार्यालय जिला निवाड़ी में लगाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश संबंधित कर्मचारी को पालन हेतु दिया गया था? यदि हाँ, तो पावती की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) कार्यालय कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निवाड़ी जिला निवाड़ी म.प्र. द्वारा अपने पत्र क्रमांक 219/स्था/जं/निवाड़ी/2021 दिनांक 31/11/2021 को निलंबित कर्मचारी को निलबंन से बहाल क्यों कर दिया गया, किन्तु निलंबन अवधि का निराकरण विभागीय जांच उपरांत किया जावेगा लेख किया गया तो संबंधित कर्मचारी को 7 माह बाद दिनांक 10/06/2022 को उपलब्ध कराया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित आदेश संबंधी कर्मचारी को उपलब्ध न कराने के लिये कौन-कौन दोषी हैं। दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निवाड़ी से प्राप्त जानकारी अनुसार निर्वाचन कार्य संवेदनशील एवं त्वरित होने के कारण संबंधित कर्मचारी का आदेश निर्वाचन कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचित किया गया था। संबंधित कर्मचारी को आदेश क्रमांक-219/स्था./कले.नि. निवाड़ी/2021 दिनांक 31.12.2021 को कार्य सुविधा की दृष्टि से निलम्बन से बहाल किया गया। संबंधीजन के उपस्थित होने पर आदेश की प्रति उपलब्ध कराई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओपेन कैम्प से धान की चोरी
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
35. ( क्र. 1520 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में क्रय की गई धान में ग्रो-ग्रीन कम्पनी को भण्डारण के लिये कितनी मात्रा में धान कहाँ-कहाँ खरीदी गई थी विवरण देंवे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मझगवां ओपन कैम्प में कितनी धान भण्डारित की गई थी, कितनी मात्रा का उठावा किया गया, कितनी मात्रा खुर्द-बुर्द की गई और कितनी वर्षों से खराब हुई, विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) की कम्पनी को उक्त भण्डारित धान का कितना किराया देय था, कितना दिया गया, कितना शेष है, खुर्द-बुर्द की गई धान की मात्रा की कीमत, खराब धान की कीमत का आकलन किया जाकर उक्त कम्पनी से कितनी राशि वसूल की गई, कितना वसूल किया जाना शेष है और ना वसूलने के लिये जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कटनी के प्रबंधक के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) कटनी जिले के जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा (फीको) का पालन ना करने के कारण मझगवां ओपन कैम्प की स्थिति निर्मित हुई थी। वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 का भण्डारित गेहूं अब तक क्यों नहीं उठाया गया। इसके लिये जिला प्रबंधक के विरूद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई। कब तक कार्यवाही करेंगे।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेत का अवैध उत्खन्न
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 1521 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्तमान समय पर किन-किन नदियों से, किन शर्तों पर, कौन-कौन से ठेकेदारों/कम्पनी/फर्मों को रेत निकलने की स्वीकृति शासन से प्राप्त हैं। नदियों के नाम की सूची, ठेकेदारों/कंपनी/फर्मों के नाम की सूची पृथक-पृथक देवें एवं किस दर पर रेत विक्रय की स्वीकृति शासन द्वारा निर्धारित की गई हैं? बतलावें। (ख) कटनी जिले के बड़वारा तहसील के ग्राम गणेशपुर, देवरी, गुडा, इमलिया, लुहरवारा, सांधी, कुम्हरवारा में महानदी से रेत उत्खन्न हेतु शासन द्वारा किन-किन जगहों पर एवं कितने-कितने क्षेत्रफल पर स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त ग्रामों में निर्धारित स्थान क्षेत्रफल के अलावा अन्य जगहों से हो रहे रेत के अवैध उत्खन्न को शासन द्वारा कब तक बंद कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में बड़वारा तहसील के ग्राम गणेशपुर, देवरी, गुडा, इमलिया, लुहरवारा, सांधी, कुम्हरवारा में महानदी से हो रहे रेत के अवैध उत्खनन को न रोकने के लिये स्थानीय स्तर पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कब तक और किस प्रकार की कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कटनी जिले में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत मेसर्स विस्टा सेल्स प्रा.लिमि. को स्वीकृत रेत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। शेष प्रश्नांश अनुसार रेत दर निर्धारित किये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) कटनी जिले के बड़वारा तहसील से रेत उत्खनन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जिले से प्राप्त जानकारी उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित ग्रामों एवं अन्य जगहों पर अवैध रूप से रेत उत्खनन के प्रकरण संज्ञान में नहीं आये हैं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में उक्त क्षेत्रों पर अवैध उत्खनन के संबंध में प्रकरण संज्ञान में न आने से अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रइया को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
37. ( क्र. 1568 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1587, माह जुलाई 2022 में यह जवाब दिया गया था कि रइया को नयागांव से विभाजित कर (विरसिंहपुर तहसील) राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है? (ख) क्या मान. राजस्व मंत्री के पत्र दिनांक 09.02.2022 द्वारा इस नए राजस्व ग्राम का खसरा व नक्शा अलग करने को लिखा गया एवं उक्त कार्यवाही एस.एल.आर. सतना के कार्यालय में प्रचलित है? (ग) इतनी लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी नक्शे खसरे अभी तक अलग-अलग क्यों नहीं किए गए व यह करते हुए विभाग की ऑनलाइन/नेट की जानकारी में भी राजस्व ग्राम के रूप में रइया कब तक में प्रदर्शित होगा? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। विधानसभा तारांकित प्रश्न 1277 मार्च 2022 के प्रश्नांश में उक्त का उत्तर दिया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) रइया एवं नयागांव के नक्शें अलग किये जाकर पृथक-पृथक तैयार किये जा चुके है, दोनों गांव के खसरे की पृथक-पृथक फीडिंग वेब जी.आई.एस. पोर्टल पर कराई जा चुकी है। ट्रेसिंग पश्चात नक्शों के डिजिटाईज होने के बाद पोर्टल पर प्रदर्शित होना संभावित है।
बाणसागर कालोनी, सतना की जमीन की जानकारी
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 1569 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाणसागर कॉलोनी सतना की जमीन आज शासकीय है? क्या इस मामले में सरकार हार चुकी है क्योंकि समय पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की गई। समय ब्राह्मा होने से बिना गुण दोष के फैसला हुआ हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जब अपील होनी थी उस वक्त इस केस का ओआईसी कौन था। इतने बेशकीमती जमीन के मामले में समय पर अपील नहीं करने पर संबंधित ओआईसी पर कोई कार्यवाही हुई? अगर नहीं तो क्यों? (ख) क्या यह सच है इस जमीन को निजी करने के लिए राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ की गई है? अगर हाँ तो क्या छेड़छाड़ हुई और कब? क्या इस छेड़छाड़ के मामले में शासकीय अभिभाषक ने सम्बंधितों पर एफ.आई.आर. कराने लिखा था? किसे और कब लिखा गया था और प्रतिलिपि किसे-किसे दी गई थी? क्या एफ.आई.आर. दर्ज हुई? अगर नहीं तो क्यों और कब तक दर्ज करा दी जाएगी? (ग) क्या इस पूरे मामले में तत्कालीन तहसीलदार नीरज या किसी अन्य अफसर ने यह स्वीकार किया था कि ये जमीन हवाई अड्डे के लिए अर्जन की गई थी। अगर हाँ तो इसका क्या आधार है। क्या सरकारी अभिलेख या निजी पक्ष ने अर्जन संबंधी अभिलेख प्रस्तुत किया है? (घ) क्या ये सही है कि नभ विभाग द्वारा जमीन छोड़े जाने के बाद ये जमीन तो भारत सरकार की होनी थी क्योंकि आजादी के बाद ये जमीन अंग्रेजों से प्राप्त हुई थी। लिहाजा मूल भू-स्वामी को किस आधार और नियम के तहत वापस करने की बात सामने आई और किसके तरफ से वर्तमान में इस जमीन का बाजार मूल्य कुल कितना होगा? ये जमीन सुकरू के पूर्वजों के माधवगढ़ जमीन से कैसे जुड़ गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्य विभाग में निलंबित अधिकारी
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 1575 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य विभाग के जबलपुर संभाग अन्तर्गत विभिन्न जिलों में पदस्थ अधिकारियों को कब-कब, किन-किन के द्वारा क्या कारणों से निलंबित किया गया है वर्ष 2021 एवं 2022 की स्थिति में जानकारी देवें? निलंबन एवं निलंबन से बहाल करने के आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या संचालक खाद्य द्वारा दिनांक 01.11.2022 को पृथक-पृथक आदेश जारी कर खाद्य विभाग के 15 अधिकारियों को निलंबित करने तथा 04 अधिकारियों को आरोप पत्र जारी करने की कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो एक ही प्रकरण में 15 अधिकारियों को निलंबित करने तथा 04 अधिकारियों को आरोप पत्र जारी करने का क्या आधार था? स्पष्ट जानकारी देवें? (ग) क्या संचालक खाद्य, प्रथम श्रेणी अधिकारी को निलंबित करने की अधिकारिता रखते है? यदि नहीं, तो ऐसे स्वेच्छाचारी अधिकारी पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा और कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निलंबित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? कार्यवाही संपादित करने की क्या समय-सीमा शासन द्वारा निर्धारित की गई है? कार्यवाही में विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है, नाम एवं पद बताएं तथा ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डोकरीखेड़ा जलाशय में जल भराव
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 1603 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 15 सितम्बर 2022 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 818 द्वारा डोकरीखेड़ा जलाशय में जल भराव हेतु प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में प्रश्न किया गया था? (ख) क्या मान. मंत्री महोदय जी द्वारा सदन में प्रश्न के उत्तर में जवाब दिया गया था कि जल की उपलब्धता एवं तकनीकी परीक्षण हेतु प्रस्ताव पुन: मुख्य अभियंता (बोधी) भोपाल को दिनांक 27/05/2022 को प्रेषित किया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, हैं तो लगभग 07 माह से अधिक की समयावधि व्यतीत हो जाने के उपरांत विभाग द्वारा कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गयी हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं तो क्यों? यदि नहीं, तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता (बोधी) द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण किया गया है। साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत प्रकरण में साधिकार समिति (जल संसाधन विभाग) की बैठक दिनांक 28.12.2022 को लिये गये निर्णय का उद्हरण निम्नानुसार है :- ''विचारोपरांत डोकरीखेड़ा जलाशय को तवा परियोजना पिपरिया शाखा नहर से जल भराव के कार्य के प्रस्ताव का परीक्षण किया एवं निर्देशित किया गया कि डोकरीखेड़ा जलाशय में उपलब्ध जल के अनुसार नहर से सिंचित क्षेत्र निर्धारित कर शेष कमाण्ड क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु, तवा परियोजना की पिपरिया शाखा नहर से उद्वहन कर पृथक से सूक्ष्म सिंचाई योजना का प्रस्ताव तैयार कर आगामी बैठक में प्रस्तुत करें।'' प्रस्ताव अभी शासन स्तर पर प्राप्त नहीं हुआ है। तदानुसार सूक्ष्म सिंचाई योजना का प्रस्ताव मैदानी कार्यालयों में प्रचलित होना प्रतिवेदित है। अत: स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पवई विधानसभा में सिंचाई के संसाधनों का अभाव
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 1753 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत खेतों में सिंचाई के लिये क्या-क्या संसाधन और सुविधायें उपलब्ध हैं? क्षेत्र की कितनी भूमि सिंचित है और कितनी भूमि असिंचित है? सिंचित भूमियों में किन-किन साधनों से सिंचाई की जा रही है? (ख) पवई विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई साधनों में बढ़ोत्तरी के लिये क्या विभाग द्वारा विगत 4 वर्षों में कोई कार्य किये गये हैं? यदि हाँ, तो किये गये कार्यों का विवरण दीजिये। यदि नहीं, तो क्यों? क्या क्षेत्र हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या? जबकि क्षेत्र में सिंचाई साधनों का अभाव है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) क्षेत्र हेतु बुन्देलखण्ड पैकेज अन्तर्गत विभाग द्वारा कोई कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्य कितनी लागत से कब-कब एवं कहाँ-कहाँ कराये गये? (घ) क्या ग्राम पिपरियाकला में सपाई बाध एवं ग्राम हरदुआ खम्हरिया के पास देवरी खम्हरिया हार तालाब पूर्व में स्वीकृत थे एवं इनका टेण्डर भी हो चुका था। ये किस कारण से और कब निरस्त किये गये? क्या इनकी स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर कोई प्रयास किये जा रहे हैं। यदि नहीं, तो क्यों? जबकि इस क्षेत्र में सिंचाई साधनों का बहुत अभाव है? (ड.) पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं की कमी और आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए शासन स्तर से क्या कोई विशेष पैकेज दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खेतों में सिंचाई के लिये जल संसाधन विभाग द्वारा कुल 65 सिंचाई परियोजनाओं से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जल संसाधन विभाग द्वारा पवई विधान सभा क्षेत्र में निर्मित नहरों एवं तालाबों से 29279 हेक्टेयर सिंचाई की जा रही है। विभाग द्वारा असिंचित क्षेत्र का कोई अभिलेख संधारित नहीं किया जाता है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई साधनों में बढ़ोत्तरी के लिये जल संसाधन विभाग द्वारा विगत् 04 वर्षों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पटपरनाथ मध्यम सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण की स्वीकृति प्राप्त कर निविदा आमंत्रित की गई है। (ग) उत्तरांश ''क'' में वर्णित कुल 64 निर्मित लघु सिंचाई परियोजनाओं में से 07 परियोजनाओं का निर्माण कार्य बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत कराया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि पिपरियाकलां एवं हरदुआ खम्हरिया लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। परियोजनाओं के डूब क्षेत्र से प्रभावित भू-स्वामियों, स्थानीय कृषकों द्वारा परियोजना के निर्माण कार्य में विरोध करने के कारण परियोजनाओं का वर्ष 2015 में निरस्तीकरण प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय की ओर प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
42. ( क्र. 1774 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2020 से 2022 तक प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अंतर्गत सिवनी जिले में कितने तालाब बनाये गये हैं एवं कितने निर्माणाधीन हैं? (ख) जिला सिवनी में कितने मछुआ सहकारी समितियों, समूह व व्यक्ति विशेष को आईस बाक्स युक्त मोटरसाईकिल, मछली बिक्री हेतु ई-रिक्शा एवं इनपुस्ट (खाद्य मछली के लिये) वितरण किया गया है? अवगत करावें। (ग) जिला सिवनी में पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियां कितनी है? समितियों में कितने सदस्य गरीबी रेखा के नीचे है, गैर सदस्य कितने है और कितने वंशानुगत मछुआरा सदस्य एवं गैर मछुआरा सदस्यों को प्रधानमंत्री सम्पदा योजना से लाभान्वित किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांश अवधि से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनांतर्गत सिवनी जिले में 46 तालाब निर्माण हितग्राहियों द्वारा किया गया एवं 02 तालाब निर्माणाधीन है। (ख) सिवनी जिले में 05 मछुआ सहकारी समितियों एवं 01 व्यक्तिगत सहित कुल 15 सदस्यों को मोटर सायकिल युक्त आईस बाक्स दिया गया एवं 04 मछुआ सहकारी समिति के 04 सदस्यों को थ्री व्हीलर विथ आईस बाक्स क्रय पर अनुदान राशि प्रदाय की गई। इनपुट वितरण की जानकारी निरंक। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जिला सिवनी में पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति की संख्या 98 है 4201 सदस्य गरीबी रेखा से नीचे है 1769 गैर मछुआरा सदस्य एवं 3286 वंशानुगत मछुआ सदस्य है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 455 वंशानुगत मछुआ एवं 102 गैर वंशानुगत मछुआ कुल 557 तथा वर्ष 2021-22 में 667 वंशानुगत मछुआ एवं 124 गैर वंशानुगत मछुआ कुल 791 सदस्यों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से लाभान्वित किया गया।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
43. ( क्र. 1781 ) श्रीमती सुनीता पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर तहसील गाडरवारा के ग्राम महगवा खुर्द में ग्राम का अति उपयोगी सार्वजनिक भूमियों पर किन-किन का अवैध अतिक्रमण कब-कब से है? (ख) सार्वजनिक उपयोग की शासकीय भूमियों में शमशान घाट की खसरा नं. 109/1 व 109/2 तथा बड़े तालाब की खसरा नं. 1 एवं मुख्य सड़क/रास्ता खसरा नं. 107/1 तथा सहकारी समिति के खसरा नं. 103/1 पर किन-किन अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा है? (ग) नल-जल योजना के लिये चिन्हित शासकीय भूमि खसरा नं. 52 से कब अतिक्रमण मुक्त कर पेय जल की टंकी आदि का निर्माण कराया जावेगा? (घ) प्रश्नांकित भूमियों पर अवैध अतिक्रमण कारियों से अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु विभाग ने कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की, कितनी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया? यदि नहीं, किया गया तो क्यों तथा कब तक अतिक्रमण मुक्त करा लिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम महगवा खुर्द प.ह.न. 85 मै सार्वजनिक भूमियों में अतिक्रमण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट- अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) शासकीय भूमि ख.न. 52 रकवा 0.089 है. भूमि पर अतिक्रमण संबंधी प्रकरण रा.प्र.क्र.-0043/अ-68 न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त चीचली/बाबईकलां के समाक्ष न्यायाधीन है। (घ) उत्तरांश "ग" अनुसार प्रकरण न्यायाधीन हो कर विधिवत कार्यवाही प्रचलित है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
44. ( क्र. 1782 ) श्रीमती सुनीता पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर क्षेत्र गाडरवारा में कितनी शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा है? (ख) अगर कब्जा है तो किस-किस का कितना-कितना कब्जा है, उसका नाम पता दिया जावें? (ग) अगर कब्जा है तो उस पर क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील गाडरवारा अंतर्गत 47.342 हे. भूमि पर अतिक्रमण है। (ख) तहसील गाडरवारा अंतर्गत अतिक्रमित व्यक्तियों की सूची सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उतरांश "ख" के सबंध में तहसील गाडरवारा अंतर्गत स्थापित संबंधित सक्षम राजस्व न्यायालयों में म.प्र. भू-राजस्व के अंतर्गत प्रकरण न्यायाधीन है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
45. ( क्र. 1807 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में विगत कुछ माह से पी.डी.एस. में गेहूँ का वितरण नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से नहीं किया जा रहा है तथा गेहूँ वितरित न करने के कारणों से अवगत करावें? (ख) क्या बालाघाट जिले के अलावा संपूर्ण प्रदेश में भी पी.डी.एस. में गेहूँ वितरित नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? मध्यप्रदेश में क्या गेहूँ के उपार्जन में कमी आयी है या प्रदेश में उपार्जित गेहूँ को अन्य प्रदेशों में भेजकर या निर्यात करके प्रदेश की जनता को गेहूँ से वंचित किया जा रहा है? (ग) खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केन्द्र सरकार द्वारा तीन रूपये किलो चावल तथा दो रूपये किलो गेहूँ राज्य को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया बताते हुए यह भी बतायें कि पी.डी.एस. में एक रूपये किलो चावल, एक रूपये किलो गेहूँ तथा एक रूपया किलो नमक उपलब्ध कराने पर राज्य शासन को कितनी राशि वहन करनी पड़ रही है? (घ) केन्द्र सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रति व्यक्ति अथवा प्रति परिवार के हिसाब से कितना चावल, गेहूँ तथा मोटा अनाज उपलब्ध कराती है तथा राज्य सरकार उसका वितरण प्रति व्यक्ति या प्रति परिवार किस हिसाब से करती है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा माह जून, 2022 से गेहूं के स्थान पर चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण बालाघाट जिले में माह जून, 2022 से चावल का वितरण कराया गया है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को माह जून, 2022 से जिलेवार गेहूं एवं चावल वितरण अनुपात की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2022-23 में 46.03 लाख मे.टन गेहूं का समर्थन मूल्य पर उपार्जन हुआ है जबकि इसके पूर्व वर्ष में 128.15 लाख मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया था। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं को भारत सरकार को सौंपा जाता है एवं भारत सरकार द्वारा आवंटित मात्रानुसार ही खाद्यान्न का वितरण लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कराया जाता है। प्रदेश में उपार्जित गेहूं को अन्य प्रदेश में भेजने/निर्यात करने की कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा नहीं की जाती है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा चावल रू.3 एवं गेहूं रू.2 प्रति किलो की दर से माह दिसम्बर, 2022 तक प्रदाय किया गया है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजनांतर्गत चावल रू.2 एवं गेहूं रू.1 प्रति किलो का अनुदान दिया जाकर पात्र परिवारों को रू. 1 प्रति किलो की दर से गेहूं/चावल का वितरण कराया गया है। गेहूं, चावल एवं नमक वितरण पर राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा माह जनवरी, 2023 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत नि:शुल्क खाद्यान्न का प्रदाय किए जाने से उपभोक्ताओं को भी नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न का आवंटन जारी किया जाता है। भारत सरकार द्वारा माह फरवरी, 2023 में 105551.73 मे.टन गेहूं, 237.231 मे.टन मोटा अनाज एवं 158683.4 मे.टन चावल का आवंटन जारी किया गया है। गेहूं एवं चावल की जिलेवार खपत अनुसार वितरण हेतु अनुपात निर्धारित किया जाता है। माह फरवरी, 2023 में जिलेवार पात्र परिवारों को गेहूं/चावल वितरण अनुपात की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-स अनुसार है।
वन क्षेत्र की गणना
[वन]
46. ( क्र. 1808 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वनक्षेत्र की गणना करने हेतु क्या प्रक्रिया अपनायी जाती हैं? कृपया विगत 05 वर्षों में प्रदेश के वनक्षेत्र की गणना के आंकड़ें उपलब्ध करावें? (ख) विगत 05 वर्षों में किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी वन भूमि, उद्योगों, सड़कों, एरोड्रम इत्यादि के निर्माण में दी गयी प्रति वर्षानुसार किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी वन भूमि दी गयी तथा इस भूमि के बदले कितनी मुआवजा राशि ली गयी? (ग) केम्पा से वनीकरण के लिए प्राप्त राशि का उपयोग वृक्षारोपण में करने के कारण यदि कोई ऑडिट आपत्ति ली गयी हो तो इसकी जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि ऑडिट आपत्ति के बावजूद वनीकरण की राशि वृक्षारोपण में कैसे खर्च की जा रही हैं? (घ) प्रदेश में घटते वनक्षेत्र का कारण स्पष्ट करें तथा वनीकरण तथा वृक्षारोपण में अंतर स्पष्ट करें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभाग में वनक्षेत्र की गणना नहीं की जाती है। प्रदेश में विभिन्न वनमण्डलों की कार्य आयोजना में सम्मिलित अधिसूचित क्षेत्र के अनुसार वन क्षेत्र ज्ञात किया जाता है। इस अधिसूचित वन क्षेत्र में से निर्वनीकृत वनक्षेत्र को कम किया जाता है तथा नये अधिसूचित क्षेत्र को इसमें जोड़ा जाता है। वर्तमान में उक्त प्रक्रिया अनुसार 94689 वर्ग किमी वन क्षेत्र प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (घ) भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार वनक्षेत्रों में कमी नहीं आई है। वनीकरण एवं वृक्षारोपण पर्यायवाची शब्द है। वनीकरण सामान्यतः क्षतिपूर्ति वनीकरण के तहत प्राप्त नवीन भूमियों पर किया जाता है।
राजस्व भूमि पर काबिज किसानों को मालिकाना हक
[राजस्व]
47. ( क्र. 1823 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले के हजारों किसान मजदूर जो कि वर्षों से राजस्व विभाग की भूमि पर काबिज होकर दंड के रूप में पटवारियों से रसीद कटवाकर राशि जमा की जाकर कृषि कार्य करते आ रहे हैं, इन किसान मजदूरों को मालिकाना हक कौन देगा? कब प्राप्त होगा? (ख) अगर इन किसान मजदूरों को सरकार मालिकाना हक देती है तो यह किसान मजदूर सहकारी संस्थायें या राष्ट्रीयकृत बैंकों से खाद बीज प्राप्त कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे जो कि शासन द्वारा मिलने वाले लाभ को प्राप्त कर सकेंगे। शासन कब तक इन किसान मजदूरों के हितों को दृष्टिगत रखते हुये उक्त कार्यवाही करेगा? (ग) संपूर्ण झाबुआ जिले में राजस्व भूमि का दंड जमा करने वाले कितने कृषक मजदूर हैं? उनकी संख्या बताने का कष्ट करें तथा इन किसान/मजदूरों के साथ सरकार क्या न्याय करेगी या अन्याय?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 की उपधारा (3) के परन्तुक अनुसार चरनोई की भूमि को कृषक प्रयोजन के लिये व्यपवर्तित या आवंटित नहीं किये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है, उसकी जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
कृषक मजदूरों की संख्या |
1 |
झाबुआ |
2462 |
2 |
रामा |
1875 |
3 |
रानापुर |
1542 |
4 |
थांदला |
2648 |
5 |
मेघनगर |
1245 |
6 |
पेटलावद |
615 |
कुल |
10387 |
संबल योजनांतर्गत प्राप्त आवेदन
[श्रम]
48. ( क्र. 1846 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल योजनान्तर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, कितने पोर्टल पर दर्ज हुए हैं एवं कितने शेष हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल योजनार्न्तगत कितने हितग्राहियों के अनुग्रह सहायता और अंत्येष्टि सहायता के आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने स्वीकृत हुए हैं एवं कितने शेष है और क्यों? शेष की स्वीकृति कब तक जारी की जाएगी? (ग) क्या उक्त स्वीकृत प्रकरणों में राशि प्रदाय कर दी गई है? नहीं तो क्यों कब तक भुगतान दिया जाएगा समय-सीमा बताएं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल 2.0 योजनांतर्गत 7638 पंजीयन आवेदन प्राप्त हुए है एवं 7262 आवेदनों का निराकरण हो चुका है एवं पंजीयन की प्रक्रिया निरंतर जारी है। अनुग्रह सहायता के 1229 प्रकरण प्राप्त होकर स्वीकृत किये जा चुके हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता के 1232 प्रकरणस्वीकृत किये जा चुके हैं एवं 03 प्रकरण लंबित है। अंत्येष्टि सहायता के कुल 2054 आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं 11 प्रकरण शेष है। स्वीकृति हेतु शेष रहे आवेदन ग्राम पंचायत द्वारा जनपद स्तर पर स्वीकृति की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। (ग) संबल योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत 1378 प्रकरणों में हितग्राहियों को भुगतान किया जा चुका है एवं 206 प्रकरणों में भुगतान शेष है। अनुग्रह सहायता राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान बजट उपलब्धता अनुसार किया जाता है।
अतिक्रमणकर्ताओं पर कार्यवाही
[राजस्व]
49. ( क्र. 1882 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत मेहराबुजुर्ग तहसील लहार जिला भिण्ड के सर्वे क्रमांक 1220 (S), 1219 (S), 336 (S), 325 (S), 335 (S), 334 (S) सहित अन्य शासकीय भूमि लगभग 50 एकड़ चरनोई/तालाब की उपजाऊ भूमि पर ग्रामवासियों द्वारा अतिक्रमण कर एवं कृषि कार्य कर लाखों रूपयें की उपज प्राप्त कर रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो पशुओं को चराने हेतु चरनोई भूमि तथा निस्तारी तालाब पर किये गये अतिक्रमण की जांच कराकर कब्जा करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही कर अतिक्रमण हटा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय भूमियों पर कुल 10 व्यक्तियों का अतिक्रमण पाया गया। (ख) तहसीलदार लहार के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 0017/अ-68/2022-23 न्यायाधीन है।
नर्मदा नदी के किनारे वृहद पौधारोपण
[वन]
50. ( क्र. 1909 ) श्री ल