मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
बुधवार, दिनांक 16 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कुपोषण
की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( *क्र. 3090 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुपोषण की क्या स्थिति है? कुल कितने कुपोषित बच्चे हैं? जिलेवार एवं ब्लॉकवार जानकारी देवें। (ख) चेतन्य काश्यप फाउन्डेशन ने रतलाम में वर्ष 2018, 2019 और 2020 में कुपोषण के विरूद्ध अभियान चलाया, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये, कुल 2300 कुपोषित बच्चों में से 1300 कुपोषण मुक्त हुये? क्या फाउन्डेशन द्वारा अपनाई गई कार्य प्रक्रिया को अंगीकार कर कुपोषण की मुक्ति हेतु प्रदेश व्यापी समग्र कार्यक्रम चलाया जायेगा अथवा समग्र नीति बनाई जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुपोषित बच्चों की विभागीय एम.आई.एस. अनुसार जिलेवार एवं परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ, कुपोषण के स्तर में परिवर्तन आया है, जिले के आंकड़े की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं। विभाग द्वारा समग्र नीति तैयार की गई है, जिसके तहत कुपोषण निवारण हेतु अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम एवं पोषण अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
2. ( *क्र. 2931 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना के टेंडर और अनुबंध की किस-किस कंडिका में समय वृद्धि के प्रावधान रखे गए हैं, उनकी छाया प्रति देवें एवं उक्त योजना में ठेकेदार को जो समय में वृद्धि करके काम करने का मौका दिया है? वह किस कंडिका के माध्यम से दिया है और क्यों दिया गया? क्या कारण रहा कि विभाग द्वारा पेनल्टी नहीं लगाई गई एवं अब जो समय दिया गया है, क्या उस समय-सीमा में ठेकेदार कार्य पूर्ण कर लेगा? (ख) उक्त योजना में क्या हाइड्रो टेस्ट करना था? यदि हाँ, तो क्या किया गया? यदि नहीं किया गया तो क्यों नहीं किया गया और कितने किलोमीटर पाइप लाइन की गई एवं कितने किलोमीटर का हाइड्रो टेस्ट किया गया? हाइड्रो टेस्ट करना क्यों आवश्यक है? (ग) उक्त टेंडर के अनुबंध एवं टेंडर की छाया प्रति देवें। (घ) उक्त योजना के क्षेत्र में आने वाले ग्राम सिलोटिया को इस सिंचाई योजना से क्यों वंचित रखा गया? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सिलोटिया को जोड़ने हेतु पत्र लिखे गए थे? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई? पत्राचारों की छायाप्रति देवें। सिलोटियों को किस योजना से सिंचाई हेतु पानी दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुबंध के वाल्यूम-II सेक्शन-III कंडीशन ऑफ कान्ट्रेक्ट की कंडिका-74 में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। समयावृद्धि पर्यावरण स्वीकृति में विलंब तथा कोविड-19 के कारण दी गई। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार छ: माही समीक्षा में स्वीकृत निर्माण कार्यक्रम के अनुरूप प्रगति होने से पेनाल्टी नहीं लगाई गई। जी हाँ। (ख) जी हाँ। योजना में 413 कि.मी. पाईप लाईन की लेईंग का कार्य एवं 56.72 कि.मी. पाईप लाईन में हाइड्रो टेस्ट किया गया है। हाइड्रो टेस्ट किये जाने का उद्देश्य पाईप लाईन के ज्वाइंटों का परीक्षण करना है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) ग्राम सिलोटिया के 56.072 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित किया जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना से।
शहरी सामु. स्वा. केन्द्र मकरोनिया में सामग्री की आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( *क्र. 2893 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले का शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया स्वयं के भवन में कब से संचालित हुआ है? (ख) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संचालन हेतु सभी आवश्यक मेडिकल उपकरण सामग्री, चिकित्सा अधिकारी, अन्य पेरामेडिकल स्टाफ एवं कर्मचारी शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) केन्द्रों में संचालन हेतु आवश्यक मेडिकल उपकरण सामग्री, दवाइयां एवं अन्य अस्पताल को संचालन करने हेतु सामग्री पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं/पूर्ति नहीं की गई है तो विभाग द्वारा कब तक पूर्ति की जायेगी? (घ) शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया में चिकित्सा अधिकारी एवं पेरामेडिकल स्टाफ तथा अन्य कर्मचारियों की पूर्ति कब तक की जायेगी एवं चिकित्सा अधिकारी जिनका संलग्नीकरण किया गया है, उन्हें कब तक मूल पदस्थापना हेतु कार्यमुक्त किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सागर जिले की शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया स्वयं के भवन में दिनांक 16.01.2022 से संचालित हो रही है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कुछ आवश्यक उपकरणों की प्रदायगी राज्य स्तर से प्रचलन में है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) सभी पद भरे हुये हैं, केवल सर्जिकल विशेषज्ञ के पद रिक्त हैं। प्रथम श्रेणी के विशेषज्ञों के समस्त पद पदोन्नति से भरे जाने के प्रावधान के कारण एवं पदोन्नति के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय ने माह मई 2016 से प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है, अत: प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों की पद पूर्ति किये जाने में कठिनाई हो रही है। शेष रिक्त पदों की पूर्ति हेतु नियमित/संविदा/बंधपत्र चिकित्सक/कर्मचारियों की नियुक्ति की कार्यवाही उपलब्धता अनुसार निरंतर की जा रही है एवं डॉ. संतोष पटेल, चिकित्सा अधिकारी (मेडिकल ऑफिसर) को कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुये प्रशासन के निर्देशानुसार उनकी ड्यूटी जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में लगाई गई थी, कोविड उपरांत पुन: शहरी स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया में कार्य करने हेतु आदेशित कर दिया गया है।
संविदा चिकित्सक को पद से हटाकर जांच करायी जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 2883 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला ग्वालियर के 1. पत्र क्र. 5153, दिनांक 03.11.2021 एवं दिशा की बैठक 2. पत्र क्र. 3794, दिनांक 19.08.2021 जिसमें मजिस्ट्रियल जांच हेतु आदेशित है 3. पत्र क्र. 6405 एवं 9280, दिनांक 22 एवं 29.07.2021 एवं 04.10.2021 कार्यालय पुलिस थाना मोहना के 4. पत्र क्र. 595121, दिनांक 09.09.2021 तथा बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री दिनेश मौर्य के द्वारा संभाग आयुक्त ग्वालियर को लिखे 5. पत्र दिनांक 28.01.2021 की छायाप्रतियां दें। इन पत्रों पर पत्रों के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं, प्रत्येक पत्रवार अलग-अलग जानकारी दें। क्या इतने महत्वपूर्ण पत्रों को दरकिनार कर सी.एम.एच.ओ. ग्वालियर डॉ. मनीष शर्मा द्वारा क्या इतनी जांचों को प्रभावित करने उसी विकासखण्ड में बी.एम.ओ. बनाकर एक आदिवासी महिला जिसकी मृत्यु डॉ. रवि शर्मा की लापरवाही से हुई थी, उनको प्रोत्साहन स्वरूप पदस्थ किया गया है? यदि नहीं, तो ऐसे शासकीय सेवा के प्रति लापरवाह संविदा चिकित्सक डॉ. रवि शर्मा को तुरन्त बी.एम.ओ. बरई के पद से हटाकर निष्पक्ष जांच जो लंबित है, कराई जावेगी? (ख) ग्वालियर जिले के जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 15 फरवरी, 2022 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक तथा मुख्यालय एवं मोबाईल नम्बर बतावें। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत पद के विरूद्ध जो रिक्त पद हैं, उनकी कब तक पूर्ति कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कार्यालय कलेक्टर जिला ग्वालियर के 1 पत्र क्र. 5153, दिनांक 03.11.2021 एवं दिशा की बैठक 2. पत्र क्र. 3794, दिनांक 19.08.2021 जिसमें मजिस्ट्रियल जांच हेतु आदेशित किया गया है, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व घाटीगांव जिला ग्वालियर द्वारा मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है। कार्यालय पुलिस थाना मोहना के पत्र क्र. 159/21, दिनांक 23.02.2021 एवं पत्र क्रमांक 595, दिनांक 09.08.2021 के द्वारा जांच प्रतिवेदन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरई से चाहा गया था, जांच प्रतिवेदन की प्रति पुलिस थाना मोहना को उपलब्ध करा दिया गया है। बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री दिनेश मौर्य के द्वारा संभाग आयुक्त ग्वालियर को लिखे गये पत्र दिनांक 28.01.2021 की छायाप्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त प्रकरण में जिला स्तर से डॉ. बिन्दु सिंघल, जिला कुष्ठ अधिकारी जिला ग्वालियर एवं डॉ. सृष्टि भगत सिंह निर्भय जिला स्वास्थ्य अधिकारी-1 द्वारा जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें डॉ. रवि शर्मा को दोषी नहीं माना गया, संस्था में पदस्थ श्रीमती उर्मिला वाल्मीकि को दोषी पाए जाने के उपरांत संबंधित के विरूद्ध सेवा समाप्ति की कार्यवाही की गई है। जी नहीं, डॉ. रवि शर्मा को प्रोत्साहन स्वरूप पदस्थ नहीं किया गया था, अपितु डॉ. अम्बरीश गुप्ता के द्वारा बी.एम.ओ. के पद पर कार्य करने में असमर्थता व्यक्त की गयी, तदोपरांत डॉ. रवि शर्मा को बी.एम.ओ. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरई का प्रभार दिया। वर्तमान में डॉ. रवि शर्मा को बी.एम.ओ. प्रभार से मुक्त कर डॉ. अशोक राजधान चिकित्सा अधिकारी को बी.एम.ओ. पद का प्रभार सौंपा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' ब'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले के जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 15 फरवरी, 2022 की स्थिति में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' ब'' अनुसार है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, परंतु प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के समस्त पद पदोन्नति से भरे जाने के प्रावधान के कारण एवं पदोन्नति के संदर्भ में माननीय उच्चतम न्यायालय में माह मई 2016 से प्रचलित प्रकरण के कारण प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ व अन्य श्रेणी के पदोन्नति के पदों की पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। शेष सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा चिकित्सकों की तथा बंधपत्र के अनुक्रम में चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही उपलब्धता अनुसार निरंतर की जाती है। अस्पतालों में नियमित पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर किये जाने हेतु विभाग द्वारा सीधी भर्ती की प्रक्रिया अपनाई जाकर मांग पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिन बोर्ड, भोपाल के माध्यम से परीक्षा आयोजित कराई जाकर परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आये चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति संबंधी कार्यवाही समय-समय पर की जाती रही है। साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति के नियम वर्ष 2014 के प्रावधान अनुसार चतुर्थ श्रेणी के पैरामेडिकल संवर्ग के तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पदों की नियुक्ति किये जाने संबंधी कार्यवाही की जाकर रिक्त पदों की पूर्ति की जाती है। शत-प्रतिशत पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
प्रदेश सरकार पर कर्ज की स्थिति
[वित्त]
5. ( *क्र. 3103 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन वित्तीय संस्थाओं से कब-कब, कितना-कितना कर्ज किन-किन प्रयोजनों हेतु लिया गया? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या कर्ज प्राप्त करने के लिए शासन द्वारा कोई गारंटी दी गई है? यदि हाँ, तो संस्थावार कर्ज की राशि व दी गई गारंटी की जानकारी दें। (ग) फरवरी 2022 तक की स्थिति में प्रदेश सरकार पर किस-किस संस्था का कितना-कितना कर्ज बकाया है एवं लिए गए कर्ज के अनुपात में प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर कितना कर्ज आएगा? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार पर कुल कितना कर्ज है एवं ब्याज की कितनी राशि वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में दी गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक लिए गए बाजार ऋण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1A एवं 1B अनुसार है। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम लेखे विधानसभा पटल पर वर्तमान में प्रस्तुत नहीं होने के कारण दर्शाई अवधि में अन्य संस्थाओं से लिए गए कर्ज की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतिम लेखे प्राप्त नहीं होने से अंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान अनुसार दर्शाई अवधि में संस्थावार ऋणों का अनुमान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम लेखे विधानसभा पटल पर वर्तमान में प्रस्तुत नहीं होने के कारण दर्शाई अवधि में अन्य संस्थाओं से लिए गए कर्ज की जानकारी दी जाना संभव नहीं है, जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 अभी समाप्त नहीं हुआ है। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा वित्त लेखे वित्तीय वर्ष की समाप्ति के आधार पर तैयार किए जाते हैं। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंकेक्षित लेखे विधानसभा पटल पर वर्तमान में प्रस्तुत नहीं हुए हैंl वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के (वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान) अनुसार मार्च 2022 की समाप्ति पर राज्य सरकार पर संस्थावार ऋणों का अनुमान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के (वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान) अनुसार मार्च 2022 की समाप्ति पर राशि रूपए 2,95,532.91 करोड़ का कर्ज रहने का अनुमान है। बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु राशि रूपए 15,917.87 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु राशि रूपए 20,040.73 करोड़ के ब्याज भुगतान का अनुमान हैl
प्रश्नकर्ता के पत्रों के जवाब दिए जाना
[सामान्य प्रशासन]
6. ( *क्र. 2424 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक एफ. 19-76 स/2007/1/4, भोपाल दिनांक 22 मार्च, 2011 एवं पत्र दिनांक 17 अगस्त, 2016 के आदेश अनुसार क्षेत्रीय माननीय सांसद/माननीय विधायक के पत्रों के उत्तर देने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत/जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सेंधवा, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सेंधवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सेंधवा को पत्र लिखे? उक्त पत्रों के उत्तर कब-कब उपरोक्त अधिकारियों ने प्रश्नकर्ता को दिए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर अपवंचन के लंबित प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
7. ( *क्र. 3034 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जो क्रेशर संचालित हैं, उनके नाम, जी.एस.टी. नंबर सहित देवें। इन क्रेशर संचालकों द्वारा विगत 3 वर्षों में जमा टैक्स विवरणी की जानकारी फर्मवार, माहवार देवें। (ख) इन क्रेशर संचालकों को खनिज विभाग द्वारा जारी अभिवहन पास की गणना विभाग के अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं की गई? विगत 2 वर्षों के संदर्भ में क्या विभाग खनिज विभाग से जारी अभिवहन पास की जानकारी लेकर इन फर्मों के कर अपवंचन की जानकारी लेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) दिनांक 15.02.2022 की स्थिति में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जी.एस.टी. एवं जी.एस.टी. विधान के पूर्व के कितने प्रकरणों में कितनी राशि वसूली के लिए लंबित है? फर्म नाम, राशि कब से लंबित है? पृथक-पृथक देवें। यह राशि कब तक वसूल कर ली जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार कर अपवंचन व वसूली के लंबित प्रकरणों के उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इस सर्कल के संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम भी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म मध्यप्रदेश से प्रदेश के खनिज उत्खनन में संलग्न उत्खननकर्ताओं द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के माह अगस्त, 2021 तक की रॉयल्टी भुगतान की जिलेवार जानकारी प्राप्त की गई है। प्राप्त जानकारी का विश्लेषण किया जा रहा है। कर अपवंचन के तथ्य संज्ञान में आने की स्थिति में विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकेगी। (ग) दिनांक 15.02.2022 की स्थिति में महिदपुर विधानसभा में जी.एस.टी. विधान के अन्तर्गत एक प्रकरण रूपये 2.12 लाख तथा जी.एस.टी. विधान के पूर्व 1094 प्रकरण राशि रूपये 83.91 लाख के वसूली के लिए लंबित हैं। फर्म नाम, राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) बकाया वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। विभाग द्वारा बकायादारों के विरूद्ध वसूली हेतु निरंतर विधिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। अत: इस संबंध में किसी अधिकारी पर कार्यवाही की स्थिति नहीं है। उज्जैन वृत्त 3 में वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों के नाम संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
ISA योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 2923 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा संचालित ISA योजना राजगढ़ जिले में भी लागू है? यदि हाँ, तो कब से तथा उक्त योजना का क्या लक्ष्य/उद्देश्य है एवं क्या-क्या गतिविधियां एवं कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाना था? विस्तृत विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना के लक्ष्यों को मूर्त रूप देने के लिये किन-किन ठेकेदारों से अनुबंध किया गया तथा विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत उक्त अवधि में क्या-क्या कार्यक्रम किन-किन जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कराये गये तथा प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया? (ग) क्या शासन की मंशानुरूप उक्त योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार, जन जागरूकता रथ, आदि कार्यक्रमों का आयोजन न कर साथ ही प्रश्नकर्ता एवं जनप्रतिनिधियों को योजना की कोई जानकारी न देकर औपचारिकता कर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? क्या शासन इसकी विस्तृत जांच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जल जीवन मिशन प्रारंभ होने के समय से लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) कम्यूनिटी वेल्फेयर ऑर्गेनाईजेशन, भोपाल एवं पर्यावरण शिक्षण संस्थान, भोपाल द्वारा अनुबंध किया गया है। ग्रामों में प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम ग्रामवासी सरपंच, सचिव की उपस्थिति में कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, रूपये 7,42931.00 का भुगतान किया गया है। (ग) प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी जा रही है, उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एरण महोत्सव का आयोजन
[संस्कृति]
9. ( *क्र. 2203 ) श्री महेश राय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के तीर्थ स्थल एरण में एरण महोत्सव कब मनाया जाता है और कब से मनाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कब-कब मनाया गया है? महोत्सव के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी है? (ग) यदि नहीं, तो क्या इस वर्ष एरण महोत्सव मनाने की योजना है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समयावधि बताएं।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) संस्कृति विभाग द्वारा तीर्थ स्थल एरण में महोत्सव का आयोजन नहीं किया जाता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( *क्र. 2961 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने गाँवों में प्रश्न दिनांक तक घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा दी जा चुकी है? जानकारी प्रदाय करें। (ख) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने गाँव ऐसे हैं, जो घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा से वंचित हैं? (ग) जिन गांवों में घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा नहीं है, उन गांवों में किस दिनांक तक सुविधा मिल सकेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में किसी भी ग्राम के शत-प्रतिशत घरों को नल कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त गांवों को घर-घर नल कनेक्शन से पेयजल की सुविधा हेतु छतरपुर (तरपेड़) समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 242.35 करोड़ की स्वीकृति दिनांक 29.12.2021 को दी जा चुकी है, उक्त योजना का क्रियान्वयन पूर्ण होने पर घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा दिया जाना प्रावधानित है, निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
ई.ओ.डब्ल्यू. में प्राप्त शिकायतों की जांच
[सामान्य प्रशासन]
11. ( *क्र. 1420 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा वर्ष 2012 में खरीदी गई ए.सी. बसों को खरीदे जाने के संबंध में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई.ओ.डब्ल्यू.) में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं थीं? शिकायतकर्ताओं के नाम बतायें। क्या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 223/16 में शिकायत दर्ज की थी? यदि हाँ, तो प्रकरण से संबंधित नस्ती की नोटशीट और पत्राचार की प्रश्न दिनांक तक के पृष्ठों की कॉपी दी जावे। (ख) उपरोक्त (क) अनुसार प्रचलित शिकायतों की जांच से संबंधित ई.ओ.डब्ल्यू. की अंतिम जांच रिपोर्ट की प्रति दी जावे? प्रकरण में नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों के लिये गये बयानों की प्रति दी जाये? यदि निजी फर्म से पत्राचार किया गया हो तो पत्र की प्रतिलिपि दी जावे? (ग) प्रकरण क्रमांक 223/16 में पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल द्वारा दिये गये अभिमत की प्रति दी जाये? (घ) प्रकरण क्रमांक 223/16 में विधि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति प्रदान की जाये। यदि प्रकरण समाप्त कर दिया गया हो तो आदेश/निर्णय की प्रति दी जाये।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जांच/विवेचना में सम्मिलित दस्तावेज सी.आर.पी.सी. के प्रावधान अनुसार केवल सक्षम न्यायालय में ही प्रेषित किये जाते हैं। (ख) जांच/विवेचना में सम्मिलित दस्तावेज सी.आर.पी.सी. के प्रावधान अनुसार केवल सक्षम न्यायालय में ही प्रेषित किये जाते हैं। (ग) जांच/विवेचना में सम्मिलित दस्तावेज सी.आर.पी.सी. के प्रावधान अनुसार केवल सक्षम न्यायालय में ही प्रेषित किये जाते हैं। (घ) जांचोपरांत शिकायत जांच क्रमांक 223/16, दिनांक 21.05.2021 को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा नस्तीबद्ध की गई है। जांच/विवेचना में सम्मिलित दस्तावेज सी.आर.पी.सी. के प्रावधान अनुसार केवल सक्षम न्यायालय में ही प्रेषित किये जाते हैं।
चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( *क्र. 2955 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय कटनी में चिकित्सकों के कितने पद भरे एवं रिक्त हैं तथा हॉस्पिटल में चिकित्सकों को कब से कब तक उपस्थित रहने के शासन के निर्देश हैं? क्या दोपहर बाद हॉस्पिटल में कोई चिकित्सक आते हैं? यदि हाँ, तो उपस्थिति, देखे गये मरीजों की संख्या विगत एक वर्ष की जानकारी देवें तथा दोपहर बाद चिकित्सकों के उपस्थिति के सत्यापन का प्रमाण देवें? (ख) क्या जिला चिकित्सालय कटनी में पदस्थ चिकित्सक परामर्श की जगह पर निजी क्लीनिकों/नर्सिंग होम में शासन के आदेशों की अवहेलना कर ऑपरेशन/उपचार करते हैं? यदि नहीं, तो 2021-22 में जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के कितने ऑपरेशन किये गये और कितनों को मेडिकल उपचार हेतु अनुशंसित किया गया? प्रातः काल एवं दोपहर पश्चात की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो जिले में सामान्य प्रसव एवं अन्य आपरेशन किये जा रहे हैं या बंद हैं? यदि बंद हैं तो कब से? किसके आदेश से? आदेश की प्रति देवें एवं शल्य/अस्थि/प्रसव चिकित्सक/विशेषज्ञ के द्वारा कितने-कितने ऑपरेशन किये गये? विगत दो वर्षों की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) के संबंध में निर्देशों की अवहेलना के दोषी चिकित्सकों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। हॉस्पिटल में चिकित्सकों को प्रात 09:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक उपस्थित रहने के निर्देश हैं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (घ) वर्तमान में निर्देशों की अवहेलना की शिकायत प्राप्त होना नहीं पाई गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 682 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश द्वारा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य से कम हासिल कर सकी है? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंधी जबलपुर जिले में योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य और उसकी प्राप्ति का विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) क्या निर्धारित मापदण्डों के अनुसार भी आवेदन किये जाने वाले आवेदकों द्वारा कार्ड जारी न किये जाने की शिकायतें मिल रही हैं? (घ) यदि हाँ, तो ऐसी शिकायतों के निवारण के लिए क्या कार्ययोजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खजुराहो में संगीत महाविद्यालय एवं लोककला परिषद की स्थापना
[संस्कृति]
14. ( *क्र. 1232 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत विश्व पर्यटक स्थल कला एवं संस्कृति के लिये ख्याति प्राप्त खजुराहो में संगीत महाविद्यालय, नृत्य गायन एवं वादन से परिपूर्ण राजा मानसिंह तोमर विश्व विद्यालय अन्तर्गत खजुराहो में महाविद्यालय खोले जाने हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा कब-कब मांगपत्र प्रेषित किये गये एवं कब-कब क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ख) क्या आगामी शिक्षण सत्र 2022-23 खजुराहो में संगीत महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? हाँ तो समय-सीमा बतावें। (ग) क्षेत्रीय लोककलाओं एवं लोकक्रीड़ा के प्रोत्साहन हेतु क्षेत्रीय बुन्देलखण्ड, साहित्य, लोककला एवं नृत्य, गायन, वादन कला परिषद का सरकार गठन करने जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? क्या गठित होने वाले परिषद का मुख्यालय खजुराहो से ही संचालित होगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर के अंतर्गत खजुराहो में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु कोई ''मांग-पत्र'' प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग के अधीन मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के अंतर्गत संचालित जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी के अंतर्गत ही प्रश्नानुसार प्रदेश में कार्यक्रम का आयोजन एवं साहित्य आदि का प्रकाशन होता है। अत: पृथक से इस संदर्भ में कला परिषद के गठन की कोई आवश्यकता नहीं है।
नल-जल जीवन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 2586 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में नर्मदापुरम जिले के कितने ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? (ख) नर्मदापुरम जिले में स्वीकृत नल-जल योजना कितने ग्रामों में पूर्ण करके संचालित की जा रही है? (ग) वर्ष 2022-23 में जल जीवन मिशन के तहत नल-जल योजना हेतु नर्मदापुरम जिले के अन्तर्गत कितने ग्रामों का चयन किया गया है? (घ) नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में कितने ग्रामो में नल-जल योजना पूर्ण कर संचालित की जा रही है तथा वर्ष 2022- 23 में कितने ग्रामों का जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजना में चयन किया गया है? सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में नल-जल योजना कब तक पूर्ण कर ली जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2021-22 में 302 ग्रामों में रेट्रोफिटिंग/पुनरीक्षित/नवीन नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार वर्ष 2021-22 में स्वीकृत नल-जल योजनाओं में से वर्तमान में कोई भी योजना पूर्ण नहीं हुई है, परन्तु नर्मदापुरम जिले में जल जीवन मिशन अन्तर्गत विगत वर्ष 2020-21 में स्वीकृत रेट्रोफिटिंग/नवीन नल-जल योजनाओं में से 67 ग्रामों की योजनाओं के कार्य पूर्ण कर योजनाएं संचालित की जा रही हैं। (ग) वर्ष 2022-23 हेतु जल जीवन मिशन के तहत नर्मदापुरम जिले के 337 ग्रामों का चयन किया गया है। (घ) नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत वर्ष 2020-21 में स्वीकृत की गयी योजनाओं में से वर्ष 2021-22 में 21 ग्रामों की नल-जल योजनाएं पूर्ण की जाकर संचालित की जा रही हैं तथा वर्ष 2022-23 के लिये सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के 125 ग्रामों का जल जीवन मिशन अन्तर्गत नल-जल योजना हेतु चयन किया गया है। सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में वर्ष 2024 तक सफल पेयजल स्त्रोत की उपलब्धता एवं जल जीवन मिशन की गाइड लाइन अनुसार नल-जल योजनाएं पूर्ण किया जाना प्रावधानित है, निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को प्रोत्साहन राशि का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( *क्र. 3038 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में आंगनवाड़ी के कुल कितने केन्द्र हैं? (ख) उपरोक्त में से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे हैं, जिनमें कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि (प्रदेश सरकार से मिलने वाला अतिरिक्त मानदेय) का भुगतान बन्द है? (ग) यदि भुगतान नहीं दिया जा रहा है तो किस अवधि से बन्द है? (घ) प्रोत्साहन राशि (प्रदेश सरकार से मिलने वाला अतिरिक्त मानदेय) का भुगतान बन्द होने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आगर जिले में कुल 658 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। (ख) आगर जिले में किसी भी आंगनवाड़ी केन्द्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का प्रदेश सरकार से मिलने वाले अतिरिक्त मानदेय का भुगतान बंद नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही नहीं।
देशी एवं विदेशी मदिराओं की संचालित दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
17. ( *क्र. 2805 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में वर्तमान में देशी एवं विदेशी मदिरा की कुल कितनी दुकानें संचालित हैं? स्थान सहित ब्यौरा देवें। (ख) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कहां-कहां अवैध देशी व विदेशी मदिरा की बिक्री होने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत पुलिस विभाग व आबकारी विभाग द्वारा आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) हाँ तो पंजीकृत प्रकरण किन-किन धाराओं के तहत दर्ज हैं तथा कितने प्रकरणों में चालान पेश हो गये हैं तथा कितने जांच अधीन हैं? धारा एवं थाने का नाम सहित पूर्ण विवरण देवें। (घ) जिला मुरैना में अवैध रूप से शराब का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है? इस पर प्रतिबंध लगाने पर सरकार द्वारा क्या कदम उठाये जाते रहे हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार अवैध रूप से बेची हुई शराब से मृत्यु पर सरकार द्वारा कितना-कितना मुआवजा दिया गया? अगर मुआवजा नहीं दिया गया तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला मुरैना में वर्तमान में देशी एवं विदेशी मदिरा की कुल 59 दुकानें संचालित हैं। उक्त मदिरा दुकानों के स्थानों का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) (बी) के अन्तर्गत अवैध देशी व विदेशी मदिरा के विक्रय के प्रकरण पंजीबद्व किये जाते हैं। वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा उक्त धारा के अन्तर्गत पंजीबद्व प्रकरणों की संख्या शून्य है। उक्त के अतिरिक्त विधि विरूद्ध, मदिरा के अवैध विनिर्माण, परिवहन एवं संग्रहण के वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में जिला मुरैना में आबकारी विभाग द्वारा वृत्त मुरैना, अम्बाह, जौरा एवं सबलगढ़ में कुल 509 आपराधिक प्रकरण एवं पुलिस विभाग के विभिन्न थानों के द्वारा कुल 2531 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्व किये गये हैं। (ग) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) (बी) के अन्तर्गत अवैध देशी व विदेशी मदिरा के विक्रय के प्रकरण पंजीबद्व किये जाते हैं। वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) (बी) के अन्तर्गत पंजीबद्व प्रकरण शून्य हैं। उक्त के अतिरिक्त विधि विरूद्ध, मदिरा के अवैध विनिर्माण, परिवहन एवं संग्रहण के वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में जिला मुरैना में आबकारी विभाग द्वारा वृत्त मुरैना, अम्बाह, जौरा एवं सबलगढ़ में कुल 509 आपराधिक प्रकरण एवं पुलिस विभाग के विभिन्न थानों के द्वारा कुल 2531 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्व किये गये हैं। उक्त पंजीबद्व प्रकरण मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 34 (1), 34 (2), 36 (ए), 36 (बी), 42, 47 एवं अन्य धाराओं के अन्तर्गत पंजीबद्व किये गये हैं। उक्त प्रकरणों में से कुल 2890 प्रकरणों में चालान पेश हो गये हैं तथा 150 प्रकरणों में जांच अधीन है। धारा एवं थानावार/वृत्तवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जिला मुरैना में अवैध रूप से शराब के कारोबार पर प्रतिबंध लगाये जाने के लिये जिला स्तर पर पुलिस, प्रशासन एवं आबकारी की संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया गया है। आबकारी विभाग द्वारा संदिग्ध वाहनों की चैकिंग, रोड चैकिंग, रात्रि कालीन गश्त एवं संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त किया जा रहा है। आयुक्त चम्बल संभाग द्वारा ग्रामों में वीट सिस्टम लागू किया गया है, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में सूचना तंत्र विकसित कर, अवैध रूप से मदिरा के कारोबार को नियंत्रित किया जा सके। आबकारी विभाग द्वारा गांवों में ग्राम चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे अवैध रूप से शराब के कारोबार पर रोक लगाई जा सके। (ड.) दिनांक 11.01.2021 में घटित घटना में मृतकों के परिवारों को कुल 638400 रुपये की सहायता प्रदान की गई है। विस्तृत विवरण निम्नानुसार है :- (1) रेडक्रॉस के मद से 24 मृतकों के परिवारों को रूपये 10000/- प्रत्येक परिवार के मान से रुपये 240000/- (2) सांसद मद से 21 मृतकों के परिवारों को प्रत्येक परिवार रू. 10000/- के मान से रू. 210000/- (3) विधायक मद से 16 मृतकों के परिवारों को प्रत्येक परिवार रू. 10000/- के मान से रूपये 160000/- (4) संबल योजना अन्त्येष्टि सहायक मद से 04 मृतकों के परिवारों को प्रत्येक परिवार रु. 5000/- के मान से रू. 20000/- (5) कल्याणी पेन्शन योजना के अन्तर्गत 14 मृतकों की विधवाओं को प्रति परिवार रु. 600/- के मान से रु. 8400/- इस संबंध में रेडक्रॉस सोसायटी, मुरैना जनपद पंचायत जौरा से प्राप्त पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
योजनांतर्गत सब्सिडी उपलब्ध करायी जाना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
18. ( *क्र. 2927 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना को राज्य शासन द्वारा कब बंद किया गया है? उपरोक्त योजनाओं को बंद करने से पहले जिन युवा बेरोजगारों को कर्ज दिया गया था, उनमें से कितने बेरोजगारों की अलग-अलग योजना में कितनी-कितनी सब्सिडी रोकी गई है? इन बेरोजगारों को कब तक सब्सिडी की राशि उपलब्ध कराई जायेगी? नहीं तो क्या कारण है?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना का संचालन वर्ष 2020-21 से बंद कर दिया गया है। उपरोक्त योजनाओं के हितग्राहियों की सब्सिडी रोके जाने के कोई आदेश विभाग द्वारा नहीं दिये गये हैं। हितग्राहियों को सब्सिडी दिये जाने की प्रक्रिया सतत् जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजना का क्रियान्वयन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
19. ( *क्र. 2606 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जनभागीदारी योजना समाप्त कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में जनभागीदारी योजनान्तर्गत कई स्थाई विकास के कार्य हुए हैं? जैसे मांगलिक भवन इत्यादि? (ग) खण्डवा जिले को वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक जनभागीदारी मद में कितना आवंटन उपलब्ध कराया गया? वर्षवार बताएं। (घ) क्या कारण है कि खण्डवा जिले को जनभागीदारी योजनान्तर्गत किसी प्रकार का आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया है? (ड.) क्या विभाग चालू वित्तीय वर्ष से इस योजना में विधानसभावार बजट आवंटन उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) खण्डवा जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रुपये 209.00 लाख, वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि 20.00 लाख, वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रुपये 80.00 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि रुपये 30.00 लाख राशि उपलब्ध कराई गई है। (घ) खण्डवा जिले को जनभागीदारी योजना के अंतर्गत आवंटन जारी किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) योजनान्तर्गत विधानसभावार आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( *क्र. 2282 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना की शुरुआत कब से हुई है? शुरुआत से वर्तमान दिनांक तक किस वर्ष कितनी महिलाओं को उज्जैन संभाग के जिलों में लाभान्वित किया गया है? वर्षवार, जिलेवार, लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, पते उपलब्ध कराएं। (ख) इस योजना अंतर्गत किस तरह उन्हें सशक्त किया जाता है और उन्हें कितनी आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाती है? (ग) योजना की शुरुआत से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने जिलों में इस योजना के अंतर्गत एक भी हितग्राही को लाभान्वित नहीं किया है? जिलों के नाम की सूची उपलब्ध कराएं। हितग्राही उपलब्ध न होने की स्थिति में क्या विभाग प्रमुख द्वारा संबंधित जिला अधिकारियों को इस संबंध में नोटिस उपलब्ध कराए गए हैं? प्रति देंवे। (घ) योजना अंतर्गत प्रतिवर्ष कितना बजट इसके लिए स्वीकृत किया गया है? कितनी राशि का उपयोग किया गया है और कितनी राशि हितग्राही उपलब्ध न होने पर पुनः समर्पित की गई है? (ड.) क्या जिन जिलों में हितग्राहियों की स्थिति शून्य है, वहां हितग्राही उपलब्ध नहीं हैं या उन्हें ढूंढने के संबंध में कोई प्रयास नहीं किया गया है? (च) क्या शासन द्वारा योजना संचालित करने के बाद भी अधिकारियों और कर्मचारियों के उदासीन रवैए के कारण हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (छ) रतलाम जिले में इस योजना की वर्तमान में स्थिति क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना की शुरूआत माह सितम्बर वर्ष 2013 से हुई है। शुरूआत से वर्तमान दिनांक तक वर्षवार प्रदेश के उज्जैन संभाग के जिलों में महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वर्षवार, जिलेवार, लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) इस योजना के तहत विपत्तिग्रस्त, पीड़ित महिलाओं, कठिन परिस्थितियों में निवास कर रही महिलाओं के आर्थिक/सामाजिक उन्नयन हेतु स्थायी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, ताकि वह रोजगार प्राप्त कर सके, जिससे महिलाओं को आत्म निर्भरता को बढ़ावा मिल सके एवं सशक्त हो सके। हितग्राही को प्रशिक्षण के दौरान राशि रू. 500/- प्रतिमाह प्रतिहितग्राही को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। (ग) निरंक। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) हितग्राहियों के चयन हेतु जिले द्वारा विज्ञापन जारी किया जाता है। (च) जी नहीं, प्रदेश की विपत्तिग्रस्त, पीड़ित महिलाओं को योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। (छ) रतलाम जिले में योजना अंतर्गत वर्तमान में घरेलू हिंसा से पीड़ित 10 महिलाओं को महिला सिक्युरिटी गार्ड प्रशिक्षण हेतु चयनित किया गया है।
सागर संभाग में पर्यटन स्थलों का उन्नयन
[पर्यटन]
21. ( *क्र. 2708 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर संभाग में पुरातत्व महत्व के कौन-कौन से स्थल हैं और विभाग द्वारा किन-किन स्थानों को पर्यटक स्थल के तौर पर चिन्हित किया गया है? विगत 5 वर्षों में इन स्थलों के उन्नयन के लिए क्या कार्ययोजना बनाई गयी तथा विकास, निर्माण के क्या-क्या कार्य किस मांग/आवश्यकता के आधार पर और किन-किन प्रस्तावों से स्वीकृत किए गए और कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य कराय गये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संभाग के जिलों के पुरातत्व महत्व के स्थलों और दर्शनीय एवं पर्यटक स्थलों के प्रचार-प्रसार एवं इनकी विशेषताओं की जन सामान्य को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कोई कार्य एवं कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो किस प्रकार क्या कार्य किए गए एवं कार्यवाही की गयी? जिलावार विवरण दीजिये। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) संभाग के जिलों में गठित जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति समिति में कौन-कौन सदस्य हैं? इन समितियों की विगत 03 वर्षों में कब-कब बैठकें आयोजित की गयीं और क्या-क्या प्रस्ताव पारित किये गये? क्या पारित प्रस्तावों का क्रियान्वयन किया गया? यदि हाँ, तो विवरण बताइये नहीं तो क्यों? (घ) पन्ना जिले में पर्यटन की दृष्टि से और क्या-क्या संभावनायें उपलब्ध हैं और क्या विभाग द्वारा इस पर कोई कार्ययोजना बनाई जा रही है और कोई कार्य प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी पर्यटन नीति 2016 यथा संशोधित 2019 के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने की कोई नीति नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) पन्ना जिले में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के साथ ग्रामीण पर्यटन की भी संभावनाएं हैं, ग्रामीण पर्यटन परियोजना में 04 गांवों का चयन किया जाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। ग्राम मडला के 02 होमस्टे का संचालन प्रारंभ हो गया है एवं 05 निर्माणाधीन है। पन्ना नगर में 04 होमस्टे का पंजीयन किया गया है। पन्ना जिले में पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत वाईल्ड लाईफ सर्किट एवं ईको सर्किट में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
दोषियों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( *क्र. 2963 ) श्री राकेश गिरि : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में कौन-कौन पदाधिकारी पदस्थ रहे हैं? माहवार, वर्षवार, मूल पदनाम सहित नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अवधि के दौरान क्या श्री दिनेश दीक्षित, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा, बाल विकास परियोजना बल्देवगढ़ में पदस्थ कार्यालय सहायक वर्ग-3, श्री अंकुर सक्सेना का अर्जित अवकाश स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कब से कब तक? आदेश की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या अर्जित अवकाश उपयोगकर्ता श्री अंकुर सक्सेना अर्जित अवकाश काल स्वीकृत अवधि के दौरान पुलिस विभाग में पंजीबद्ध प्रकरण में फरार रहे हैं? यदि हाँ, तो पुलिस पंजीयन प्रकरण व फरारी अवधि बतायें? फरारी अवधि के दौरान किस आधार पर इनके नियोजक/अधिकारी द्वारा अवकाश स्वीकृत किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार अर्जित अवकाश उपभोगकर्ता सेवक द्वारा अपने विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज करने की सूचना कार्यालय को दी गई थी? यदि हाँ, तो अर्जित अवकाश स्वीकृत कैसे किया गया? यदि नहीं, तो वरिष्ठ अधिकारियों से तथ्यों को छुपाने एवं अपने पद व शासकीय अवकाश सुविधा का दुरूपयोग करने पर श्री सक्सेना एवं अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारी के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में पदस्थ रहे अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री दिनेश दीक्षित, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी/आहरण संवितरण अधिकारी, परियोजना अधिकारी बल्देवगढ़ के द्वारा एकीकृत बाल विकास परियोजना बल्देवगढ़ में पदस्थ सहायक ग्रेड-3, श्री अंकुर सक्सेना का अर्जित अवकाश दिनांक 11.04.2016 से 05.05.2016 तक कुल 25 दिवस हेतु स्वीकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। अवकाश उपयोगकर्ता श्री अंकुर सक्सेना, अवकाश काल में पुलिस विभाग में पंजीबद्ध प्रकरण के दौरान थाना प्रभारी कोतवाली जिला निवाड़ी के पत्र क्र. 2175-A/21, दिनांक 22.10.2021 के अनुसार घटना दिनांक से फरार रहे हैं। कार्यालय थाना प्रभारी कोतवाली जिला निवाड़ी के पत्र क्र. 2175/21, दिनांक 20.10.2021 के अनुसार इनके विरुद्ध थाना कोतवाली जिला निवाड़ी में अपराध क्र. 148/2016, 498 A, 3/4 पंजीबद्ध है। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर से दिनांक 03.05.2016 को अग्रिम जमानत मिली। श्री अंकुर सक्सेना, दिनांक 06.04.2016 से 03.05.2016 तक फरार थे। तत्कालीन प्रभारी परियोजना अधिकारी श्री रमेश शुक्ला एवं शाखा प्रभारी श्री आर.के. पटेरिया के प्रतिवेदन अनुसार तत्कालीन प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, श्री दिनेश दीक्षित द्वारा परियोजना कार्यालय से किसी प्रकार की अवकाश नस्ती संचालित नहीं की गई तथा सीधे अपने स्तर से अवकाश स्वीकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, श्री दिनेश दीक्षित द्वारा अपने स्तर से अर्जित अवकाश स्वीकृत किया गया, जिसकी नोटशीट परियोजना कार्यालय से नहीं चलाई गई। कार्यालय कलेक्टर टीकमगढ़ के आदेश क्र. 672, दिनांक 28.02.2022 द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री दिनेश दीक्षित स्वीकृतकर्ता एवं श्री अंकुर सक्सेना, सहायक ग्रेड-3 अवकाश उपभोगकर्ता के विरुद्ध जांच संस्थित करते हुए जिला सतर्कता अधिकारी टीकमगढ़ को 15 दिवस में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया है, वर्तमान में जांच प्रचलित है एवं जांच रिपोर्ट अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( *क्र. 1602 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2019 से आज दिनांक तक कुल कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं? ग्रामवार एवं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नल-जल योजना के निविदा का क्या प्रावधान था और निविदा स्वीकृत एवं वर्क ऑर्डर के बाद कितने समय में कार्य पूर्ण किया जाना था? (ग) क्या जो नल-जल योजना बनाई गई है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है और कार्य बहुत ही घटिया हुआ है? उसमें विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? उक्त घटिया निर्माण में दोषी पाये गये अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) वर्तमान में जल जीवन मिशन के तहत कितने ग्राम ऐसे हैं, जो इस योजना से वंचित रह गये हैं, जिनकी योजना अभी तैयार नहीं की गई है? ऐसे ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। साथ ही कब तक इन ग्रामों में भी जल जीवन मिशन से योजना बना दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 139 योजनाएं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मापदण्ड अनुसार सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा किया जा रहा है तथा विभाग के मैदानी अधिकारियों द्वारा कार्य के पर्यवेक्षण में सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में जल जीवन मिशन के तहत 154 ग्राम ऐसे हैं जो इस योजना से अभी वंचित रह गये हैं, इनमें से 114 ग्रामों की योजना (डी.पी.आर.) तैयार हो चुकी है तथा 40 ग्रामों की योजना (डी.पी.आर.) अभी तैयार नहीं हुई है, ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पर्याप्त भूजल स्त्रोत की उपलब्धता के आधार पर जल जीवन मिशन की गाइड लाइन अनुसार योजनाएं/डी.पी.आर. बनायी जा रही हैं, निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
पचमढ़ी स्थित होटल पंचवटी को निजी क्षेत्र में लीज़ पर दिया जाना
[पर्यटन]
24. ( *क्र. 2291 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा होटल पंचवटी, पचमढ़ी को निजी क्षेत्र में संधारण एवं संचालन हेतु 30 वर्ष के लिये लीज़ पर दिये जाने बाबत् निविदायें आमंत्रित की गयीं थीं? यदि हाँ, तो सफल निविदाकर्ता एवं विभाग के मध्य निविदा की शर्तों का अनुबंध कराया गया है? यदि हाँ, तो अनुबंध की प्रति प्रदान करें। (ख) क्या सफल निविदाकर्ता एवं विभाग के मध्य हुये अनुबंध की मूल निविदा शर्तों में संशोधन कर अनुबंध कराया गया है (NIT NO. 1131 SYSTEM NO. 1296 होटल पचंवटी पचमढ़ी दिनांक 16.02.2018) (ग) क्या अनुबंध में यह भी शर्त थी कि सफल निविदाकर्ता को संपूर्ण राशि (One Time Licence Fees) एक समय में एक मुश्त राशि जमा करना थी, जिसे विभाग द्वारा किश्तों में स्वीकार की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो अनुबंध में संशोधन के लिये सक्षम अधिकारी कौन हैं? क्या सक्षम अधिकारी की स्वीकृति ली गयी है? यदि हाँ, तो स्वीकृति की सत्य प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार अनुबंध में संशोधन के लिये सक्षम अधिकारी की स्वीकृति नहीं ली गयी है तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। सफल निविदाकर्ता द्वारा निविदा की शर्तों अनुसार ही संपूर्ण राशि समय-सीमा में जमा कराई गई है। (घ) अनुबंध में संशोधन हेतु प्रबंध संचालक द्वारा महाप्रबंधक (संपदा/विधि) पर्यटन निगम को स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( *क्र. 2783 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में कितने गाँवों में प्रश्न दिनांक तक घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा दी जा चुकी है? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कौन कौन से गाँव ऐसे हैं, जो घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा से वंचित हैं? (ग) जिन गांवों में घर-घर नल कनेक्शन की सुविधा नहीं है, उन गांवों में किस दिनांक तक सुविधा मिल सकेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 01 ग्राम, ग्राम बम्होरी में। ग्राम बम्होरी में ग्राम के शत-प्रतिशत घरों को नल कनेक्शन द्वारा पेयजल की सुविधा उपलब्ध होने से यह गांव "हर घर जल ग्राम" हो चुका है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2024 तक, ग्रामों में सफल पेयजल स्त्रोतों की उपलब्धता एवं जल जीवन मिशन की गाइड लाइन अनुसार सुविधा दिया जाना प्रावधानित है, निश्चित दिनांक बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
तृतीय
श्रेणी
कर्मचारियों
का
नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 27 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जी.ए.डी. म.प्र. शासन का आदेश क्रमांक 44/सी-3-6/91/3/1 भोपाल दिनांक 16/01/1992 प्रश्न दिनांक को भी प्रभावी है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। निरस्त हुआ है तो निरस्त आदेश उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध जानकारी में तृतीय श्रेणी कर्मचारी जो 40 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं उनके नियमितीकरण में हिन्दी मुद्रलेखन की अनिवार्यता लागू नहीं होती है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ है तो राजगढ़ जिले में तृतीय श्रेणी वर्ग के ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो 40 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं और उनका नियमितीकरण नहीं हुआ है? कर्मचारियों की संख्या बताते हुए नियमितीकरण नहीं होने का कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के आधार पर क्या शासन 40 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का नियमितीकरण कर देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं (ख) जी नहीं। यदि तृतीय श्रेणी कर्मचारी की आयु दिनांक 31 दिसम्बर 2014 के पूर्व 40 वर्ष हो चुकी है तो एसे कर्मचारियों पर मुद्रलेखन की छूट की अनिवार्यता लागू होगी। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
वृहद सिंचाई परियोजना पर पर्यटन सुविधाओं का विकास
[पर्यटन]
2. ( क्र. 28 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ विधान सभा में निर्मित मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना स्थल पर पर्यटन विभाग द्वारा रिसोर्ट/नौकायान/अन्य पर्यटन सुविधायें विकसित करने का कोई प्रस्ताव पर्यटन विकास निगम/शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो क्या-क्या विकास कार्य होना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो क्या विकास कार्य/पर्यटन सुविधा विकसित करने का प्रस्ताव लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या प्रस्तावित पर्यटन विकास कार्य/सुविधायें मोहनपुरा डैम पर निर्मित हो जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) मोहनपुरा डेम पर बोट क्लब एवं अन्य सुविधाओं के कार्य किये जाने की योजना निर्मित है। (ख) जी हाँ, योजना प्रस्तुतीकरण में है। (ग) विभागीय बजट की उपलब्धता, कार्यों के औचित्य एवं पर्यटकों की संभावित संख्या के आधार पर कार्यों की स्वीकृति दी जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार नगर में सिविल हॉस्पिटल की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( क्र. 85 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिला मुख्यालय पर जिला भोज चिकित्सालय एवं नगर का सिविल हॉस्पिटल एक होकर संचालित हो रहा है, जिसमें न केवल धार नगर के अपितु सम्पूर्ण जिले व आस-पास के जिलों से रेफर किये गये मरीजों का ईलाज होता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में जिला भोज चिकित्सालय में 15 से 20 हजार ओ.पी.डी. प्रतिमाह होने से उपलब्ध संसाधन मेडिकल स्टेण्डर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार उचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में पर्याप्त है तथा क्या चिकित्सालय परिसर में अब रिक्त भूमि कम होने से भविष्य में भवन आदि के निर्माण की संभावना कम है? (ग) क्या बढ़ती जनसंख्या व जनजाति बाहुल्य जिला होने से भविष्य के विकास को दृष्टिगत रखते हुए धार नगर को पृथक से सिविल हास्पिटल स्वीकृत करने की कार्यवाही विभाग कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। धार जिला मुख्यालय पर मात्र जिला भोज चिकित्सालय संचालित है। जिसमे धार नगर एवं संपूर्ण जिले से आये रेफर मरीजों का भी उपचार किया जाता है। (ख) वर्तमान में जिला भोज चिकित्सालय में 15 से 20 हजार ओ.पी.डी. प्रतिमाह होने से उपलब्ध संसाधन मेडिकल स्टेण्डर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार उचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में पर्याप्त है। जी हाँ, चिकित्सालय परिसर में अब रिक्त भूमि कम होने से भविष्य में भवन आदि के निर्माण की संभावना कम है। (ग) जी नहीं, निर्धारित मापदण्ड अनुसार जिला व विकासखण्ड धार अंतर्गत सिविल अस्पताल स्वीकृत करने की पात्रता नहीं है।
मेगा प्रोजेक्ट के प्राप्त प्रस्ताव
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
4. ( क्र. 380 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई है? (ख) यदि हाँ, तो कितने विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट के प्रस्ताव प्राप्त हुए है? प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) कितने विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट के कार्यों की सूची नहीं मांगी गई? (घ) क्या सरकार यह मानती है कि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्य की आवश्यकता नहीं है अथवा इस भेदभाव का क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हनुवंतिया में टेंट सिटी में शराब पिलाने की अनुमति
[वाणिज्यिक कर]
5. ( क्र. 381 ) श्री कमलेश्वर पटेल [श्री हर्ष यादव, श्री कुणाल चौधरी] : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि हनुवंतिया में इवेंट कंपनी की टेंट सिटी में शराब पिलाने की अनुमति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो जीवनदायिनी नर्मदा नदी के तट पर शराब पिलाने और बेचने पर पूरी तरह पाबंदी होने के बावजूद अनुमति देने का क्या कारण है? अनुमति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह सच है कि हनुवंतिया में शराब पिलाने और बेचने को वैधानिक बनाने के लिए राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में हनुवंतिया को नर्मदा नदी के किनारे बताने के स्थान पर तवा नदी के किनारे होना बताया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या सरकार हनुवंतिया में इवेंट कंपनी की टेंट सिटी में शराब पिलाने की अनुमति निरस्त करके दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) खंडवा जिले के ग्राम हनुवंतिया में शासन आदेशानुसार आयोजित किये गये जल महोत्सव में इवेंट कम्पनी के ऑनलाइन आवेदन पत्र के क्रम में नियमानुसार सम्पूर्ण औपचारिकताओं की पूर्ति उपरान्त टेन्ट सिटी ग्राम हनुवंतिया में दिनांक 31.12.2021 को एक दिवस के लिये प्रासंगिक अनुज्ञप्ति (एफ.एल.-5) मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा नियमानुसार जमा लायसेंस फीस के आधार पर जिला कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत जारी की गई थी। (ख) नर्मदा नदी हनुवंतिया से लगभग 14 कि.मी. दूर है। हनुवंतिया पर तवा नदी का बैक वॉटर है। अनुमति की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) तहसीलदार तहसील पुनासा जिला खडवा के पत्र क्रमांक/1319/कानू/2020 पुनासा दिनांक 11.12.2020 अनुसार, राजस्व निरीक्षक मून्दी से जांच अनुसार हनुवंतिया टापू से तवा नदी की दूरी लगभग 09 नौ कि.मी. एवं नर्मदा नदी की मुख्य धारा मेलघाट की दूरी लगभग 14 कि.मी होना बताया गया है। हनुवंतिया टापू तवा नदी के बैक वाटर पर स्थित है। " तहसीलदार तहसील पुनासा जिला खंडवा के पत्र दिनांक 11.12.2020 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट-दो पर है। (घ) पर्यटन स्थल हनुवंतिया पर जल महोत्सव के दौरान केवल एक दिवस अर्थात दिनांक 31.12.2021 के लिये प्रासंगिक अनुज्ञप्ति (एफ.एल-5) जारी की गई थी। वर्तमान में हनुवंतिया टेंट सिटी में शराब पिलाने की अनुमति नहीं है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहरों का निर्माण, मरम्मत एवं सुधार कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( क्र. 414 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध (मुख्य अभियंता अपर नर्मदा जोन के अंतर्गत) दायी तट नर्मदा विकास संभाग क्र.4 सिहोरा, जबलपुर को नहरों का निर्माण सुधार एवं मरम्मत कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने-कितने कि.मी. मुख्य नहरों, शाखा नहरों व वितरण नहरों का कब से कब तक निर्माण किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया? इनकी गुणवत्ता की जाँच कब-कब किसने की हैं? इनके गेटों के निर्माण कार्य पर कितनी राशि व्यय हुई एवं कितने गेट नहीं लगाये गये हैं एवं क्यों? इन नहरों की रूपांकित सिंचाई क्षमता कितनी-कितनी हैं एवं कितने-कितने ग्रामों की कितने-कितने हेक्टेयर फसलों की सिंचाई की गई हैं? उपसंभागवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित नहरों के सुधार, मरम्मत, पुनर्निर्माण, रख-रखाव, देखभाल, सुरक्षा पर कितनी राशि व्यय हुई? नहरों के टूटने, फूटने, स्लैब टूटने आदि से कितने ग्रामों की कितने हेक्टेयर फसलें नष्ट हुई हैं? नहरों का गुणवत्ताविहीन निर्माण कराने, नहरों के टूटने फूटने, स्लैब के टूटने से सम्बंधित प्राप्त शिकायतों की जाँच शासन ने कब किससे कराई है? दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्य नहर, शाखा नहरों एवं वितरण नहरों का अधिकतम निर्माण कार्य प्रश्न में उल्लेखित अवधि के पूर्व ही हो चुका है। प्रश्नाधीन अवधि में कुल 16 गेट लगाये गये जिन पर राशि रूपये 1,98,651.00 व्यय हुई है, निर्माणाधीन कार्यों में अनुबंध अनुसार 4 गेट और लगाये जायेंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' एवं ''ई'' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में नहरों के टूटने-फूटने, स्लैब टूटने से फसलें नष्ट नहीं हुई हैं। प्रश्नाधीन अवधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों
से राशि की
वसूली
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
7. ( क्र. 873 ) श्री राकेश मावई : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तांराकित प्रश्न क्रमांक 4413 दिनांक 26-03-2021 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जन अभियान परिषद द्वारा 20.80 करोड़ के घोटाले की जांच कराने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर राशि वसूलने के संबंध में प्रमुख सचिव योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 162/2021 दिनांक 03/02/2021 प्राप्त होना स्वीकार किया गया एवं घोटाले की (जांच प्रकिया में है) बताया गया, यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जांच प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है तथा जांच में कौन-कौन दोषी पाया गया? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी बतायें तथा जांच प्रतिवेदन सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 4413 दिनांक 26/03/2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यह बताया गया कि कैग द्वारा अपनी रिपोर्ट में असत्य उपयोगिता प्रमाण-पत्र बाबत् कंडिका में यह उल्लेख किया गया कि वर्ष 2007-08 से वर्ष 2017-18 तक योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से अनुदान प्राप्त राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को प्रस्तुत किये गये परन्तु विभिन्न वार्षिक लेखों में देखा गया कि वर्ष के अंत में परिषद के पास योजनायें राशि शेष थी, कैग की रिपोर्ट में उपरोक्त राशि के विरूद्ध 31 मार्च, 2018 को परिषद के खाते में विभाग से प्राप्त राशि 20.80 करोड़ शेष होने का लेख किया गया, कैग द्वारा निराकरण की सूचना अप्राप्त है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक कैग से निराकरण की सूचना प्राप्त हुई है? कैग द्वारा क्या निराकरण किया गया। क्या कैग की रिपोर्ट में जन अभियान परिषद को 20.80 करोड़ का दोषी पाया गया है? कैग की रिपोर्ट की प्रति सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार कैग की रिपोर्ट के आधार पर 20.80 करोड़ रूपये जन अभियान परिषद से वसूल किये जायेंगे। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। शासन के पत्र क्रमांक 247/176/2021/23/योआसां., दिनांक 06/03/2021 अनुसार माननीय विधायक की शिकायत क्रमांक 162/21, दिनांक 03/02/2021 के संबंध में जांच प्रतिवेदन जन अभियान परिषद से चाहा गया था। शिकायत महालेखाकार, अंकेक्षण के आपत्ति से संबंधित है। आपत्ति के संबंध में महालेखाकार ग्वालियर एवं विभाग को पत्र क्रमांक 574/जअप/लेखा/20, दिनांक 17/08/2020 को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। परिषद का जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। कैग से निराकरण की सूचना अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायत द्वारा समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किए जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
8. ( क्र. 924 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत सोंडवा अंतर्गत ग्राम बड़ी वेगलगांव में विधायक निधि से सीसी रोड स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो कब और किस दिनांक को? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य 16 माह बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं किये गये इसके क्या कारण हैं? क्या स्वीकृत निर्माण कार्य को पूर्ण करने में शासन द्वारा कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किए जाने हेतु अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार हैं तो क्या शासन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी पर कार्यवाही करेगा और कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा अलीराजपुर की जनपद पंचायत सोंडवा की ग्राम बड़ी वेगलगांव में मान. विधायक से अनुशंसा प्राप्त नहीं होने से कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तर ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राज्य सेवा मुख्य परीक्षा केन्द्र
[सामान्य प्रशासन]
9. ( क्र. 986 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में राज्य सेवा मुख्य परीक्षा के केन्द्र जबलपुर, ग्वालियर, इन्दौर, भोपाल में है, परन्तु संभागीय मुख्यालय सागर में नहीं है? (ख) क्या विगत वर्षों में कोरोना काल के समय उक्त केन्द्रों के अतिरिक्त अन्य शहरों में भी परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? (ग) क्या प्रदेश की आबादी एवं प्रतियोगियों की अनेक जिलों में संख्या बढ़ी है? यदि हाँ, तो बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं संभागीय मुख्यालय सागर में भी प्रतियोगियों की संख्या को देखते हुये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का केन्द्र बनाये जाने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विगत वर्षों में कोरोनाकाल के समय प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित केन्द्रों के अतिरिक्त छिंदवाड़ा, रतलाम, सतना, शहडोल में राज्य सेवा मुख्य परीक्षा, 2019 आयोजित की गई थी एवं राज्य सेवा मुख्य परीक्षा, 2020 हेतु बड़वानी जिले को भी परीक्षा केन्द्र बनाया गया था। (ग) जी हाँ। भविष्य में इस संबंध में प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण कर आयोग द्वारा प्रशासनिक आधार पर समूचित निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्याख्याता एवं वन क्षेत्रपालों के 6वें वेतनमान की विसंगति
[वित्त]
10. ( क्र. 1089 ) श्री सुनील उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग के व्याख्याता एवं वन विभाग के वन क्षेत्रपालों को राज्य शासन द्वारा द्वितीय श्रेणी का दर्जा देकर वेतनमान 1640-5500 से 10500 तक स्वीकृत कर पुलिस के निरीक्षक एवं राजस्व विभाग के तहसीलदार के समकक्ष वेतन मिलता रहा है? (ख) क्या यह सही है कि छठवें वेतनमान में दोनों पदों व्याख्याता एवं वन्य क्षेत्रपालों को क्या तृतीय श्रेणी अधिकारी मानकर वेतनमान में विसंगति कर दी गई है? (ग) बच्चों की शिक्षा एवं पर्यावरण बचाने का महत्वपूर्ण दायित्व उक्त दोनों द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के जिम्मे है एवं वेतनमान में सुधार का कार्य तत्कालीन शासनकाल में किया गया था? क्या यह सही है? (घ) राजस्व एवं पुलिस के डिप्टी कलेक्टर, पुलिस के उप पुलिस अधीक्षक एवं वन विभाग के सहायक वन संरक्षकों को वेतनमान समकक्ष है, उनके वेतनमान को कैसे घटाया गया?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। वेतनमान की तुलनात्मक तालिका निम्नानुसार है-पुनरीक्षित वेतनमान लागू होने की तिथि 01-04-1981 व्याख्याता 350-600, वन क्षेत्रपाल 380-480, तहसीलदार 350-650, निरीक्षक (गृह) 350-600, 01-01-1996 व्याख्याता 5500-9000,वन क्षेत्रपाल 5500-9000, तहसीलदार 5500-9000, निरीक्षक (गृह) 5500-9000, 01-01-2006 व्याख्याता ग्रेड-वेतन 3600,वन क्षेत्रपाल ग्रेड-वेतन 3600, तहसीलदार ग्रेड-वेतन 3600 (दिनांक 01-09-2007 से ग्रेड वेतन 4200), निरीक्षक (गृह) ग्रेड-वेतन 3600 (दिनांक 01-09-2007 से ग्रेड वेतन 4200) (ख) जी नहीं। उपर्युक्त तालिका अनुसार तहसीलदार एवं पुलिस निरीक्षक के वेतनमान में दिनांक 01-09-2007 से उन्नयन किया गया। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" अनुसार। (घ) डिप्टी कलेक्टर, उप पुलिस निरीक्षक एवं सहायक वन संरक्षक के प्रारंभिक वेतनमान समकक्ष है, उन्हें घटाया नहीं गया है।
प्रधानमंत्री पेयजल योजना अंतर्गत लगने वाली एसेसरीज
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 1101 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री पेयजल योजना में कितने विद्युत पंप कितने हॉर्सपावर के एवं कितनी गहराई के लिए किस पैमाने के साथ लगाए जाने का प्रावधान है? (ख) केबल, पाइप, स्टार्टर एवं अन्य ऐसेसरीज किस पैमाने का लगाए जाने का प्रावधान है? (ग) क्या मंत्री महोदय को जानकारी है कि उपरोक्त सामग्री निश्चित गुणवत्ता से कम गुणवत्ता की लगाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या इस पर कोई कार्यवाही की गई? (घ) क्या अधिकांश जगहों पर आई.एस.आई., आई.एस.ओ. एवं फाइव स्टार रेटिंग से कम गुणवत्ता की मोटरें एवं केबल ठेकेदारों द्वारा थोक में खरीद कर डाली जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल-जीवन मिशन की योजनाओं के अंतर्गत नलकूप स्त्रोतों में नलकूपों की जल आवक क्षमता, गहराई एवं डिलीवरी हेड के अनुसार विद्युत मोटर पंप डिजाईन कर लगाए जाते हैं। (ख) विद्युत मोटर पंप की क्षमता के अनुरूप केबल व र्स्टाटर, तथा मोटर पंप नलकूप में जिस गहराई तक स्थापित किया जाना है उसके अनुसार डिलीवरी तृतीय पक्ष निरीक्षण के उपरांत पाइप लगाए जाते हैं। (ग) निर्धारित गुणवत्ता की सामग्री तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी के निरीक्षण के उपरांत लगाई जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ठेकेदार द्वारा विभाग में सूचीबद्ध निर्माताओं/मेक से सामग्री क्रय कर तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी से निरीक्षण उपरांत उपयोग की जाती है।
भगवंत सागर जलाशय को पर्यटन स्थल बनाया जाना
[पर्यटन]
12. ( क्र. 1103 ) श्री राम दांगोरे : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित भगवंत सागर जलाशय जो कि ग्राम अरूद के पास एवं इंदौर इच्छापुर हाईवे से 3 किलोमीटर की दूरी पर व बहुत ही सुंदर एवं प्राकृतिक स्थल है। उस स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने का क्या प्रावधान है? क्या भगवंत सागर जलाशय को पर्यटन स्थल बनाने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो पर्यटन मंत्रालय को भारी राजस्व की प्राप्ति होगी? (ग) यदि नहीं, तो यहां पर आसपास के लगभग 100 किलोमीटर की परिधि के पर्यटक रोज यहां आते हैं और सुविधाएं नहीं होने एवं सड़क मार्ग नहीं होने से निराश हो जाते हैं जिससे पर्यटन विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 यथा संशोधित 2019 के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने की कोई नीति नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए किए गए बजट का प्रावधान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 1133 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2021 व 2022 के लिए मध्यप्रदेश में कितना बजट प्रावधान स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए किया गया था? (ख) बजट प्रावधान में कुल कितनी मद निर्धारित की गयी थी? प्रत्येक मद में कितनी राशि का प्रावधान था? बजट प्रावधान कौन सी योजनाओं में किसके खाते में भेजा गया था? उक्त राशि के खाता संचालन का आहरण एवं वितरण का अधिकार किसे दिया गया था? (ग) मध्यप्रदेश में उक्त अवधि में प्रति व्यक्ति कितना खर्च किया गया है? खर्च की गयी राशि से किस प्रयोजन में कौन से लक्ष्य प्राप्त किए गए है? उत्तर के साथ बजट आवंटन उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं स्वीकृत राशि का प्रमाणीकरण एवं विभाग की वित्त शाखा से निर्धारित स्वीकृत तालिका एवं संलग्न निर्देश की प्रतियाँ देवें। (घ) स्वास्थ्य एवं चिकित्सा योजनाओं का संचालन उज्जैन ज़िले में विभाग के किन अधिकारियों द्वारा किया गया? उनके द्वारा संचालित योजनाओं में कौन-कौन सी गतिविधियां आयोजित करायी गयी? आयोजित गतिविधियों में कौन-कौन से जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? प्रत्येक बिन्दु पर अलग-अलग जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) बजट प्रावधान की राशि, मदवार राशि के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। बजट अधीनस्थ संस्था प्रमुख को प्रदाय किया गया। सभी आय-व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। संस्था प्रमुख ही आहरण एवं संवितरण अधिकारी है। (ग) स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रति व्यक्ति लगभग राशि रू. 1095/- एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राशि रूपये 235/- व्यय किया गया। व्यय राशि योजनान्तर्गत पात्र हितग्राहियों को उपचार एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु किया गया। वित्त शाखा से निर्धारित स्वीकृत तालिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) उज्जैन जिले में योजनाओं का संचालन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, द्वारा किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जिलास्तरीय स्वास्थ्य विभागीय गतिविधियों से संबंधित आयोजित कार्यक्रमों में स्थानीय विधायकगणों एवं जन-प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया।
मंदिर के रास्ते का अवैध कब्जा हटाना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
14. ( क्र. 1218 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर कस्बे पर स्थित भगवान श्री नरसिंह मंदिर (अतिप्राचिन मंदिर) जो कि धर्मस्व विभाग बड़नगर की सूची के क्रमांक 275 पर दर्ज है, उक्त मंदिर में पुजारी की नियुक्ति कब से नहीं हुई है? पुजारी की नियुक्ति नहीं होने का कारण क्या है? पुजारी की नियुक्ति कब तक की जावेगी एवं पुजारी नियुक्ति हेतु विधिक प्रक्रिया क्या अपनाई जावेगी? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त मंदिर में आज दिनांक तक पुजारी नियुक्ति ना होने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? शासन उन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या उक्त प्राचीन नरसिंह मंदिर के स्वरूप को बदलकर मंदिर के शिखर को नष्ट करके मंदिर के ऊपर अवैध निर्माण किसकी अनुमति से नियम विरूद्ध कमरे एवं शौचालय निर्माण कर व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है? इस संबंध में कई बार प्रशासन को शिकायतें भी की गई हैं परन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के संबंध में कौन अधिकारी दोषी है एवं शासन दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा? नियम विरूद्ध मंदिर के शिखर को तोड़कर बनाए गए अवैध कमरा एवं शौचालय निर्माण को कब तक हटाया जावेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) उज्जैन जिले के तहसील बड़नगर में स्थित भगवान श्री नरसिंह मंदिर तहसील बड़नगर की सूची के क्रमांक 254 पर दर्ज है। दिनांक 28/08/2000 को पुजारी की मृत्यु के पश्चात पुजारी नियुक्ति के विधिवत आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण नवीन पुजारी की नियुक्ति नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्राचीन नरसिंह मंदिर पूर्व में कच्चा निर्माण था जिस पर शिखर नहीं था। कच्चे निर्मित मंदिर के भूमि स्वामी संजय पिता शांतिलाल द्वारा स्वरूप बदलकर पक्का मंदिर निर्माण कर दिया गया है। मंदिर के ऊपरी भाग में भूमिस्वामी द्वारा कमरे एवं हॉल का निर्माण किया गया है। मंदिर के ठीक ऊपर कोई शौचालय नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नल-जल योजनाओं में उपयोग में ली जाने वाली सामग्री
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 1228 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले के विकासखंड सोंडवा, कट्ठीवाड़ा और अलीराजपुर के ग्रामों में नल-जल योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों में शासन के एस.ओ.आर. या निविदा अनुबंध में उल्लेखित शर्तों के अनुसार सामग्री एवं मटेरियल किस-किस कंपनी व ब्रांड के उपयोग किए जा रहे हैं। उपयोग की जाने वाली सामग्री एवं मटेरियल का नाम व कंपनी का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजनाओं शासन के एस.ओ.आर. एवं अनुबंध में उल्लेखित शर्तों के अनुसार सामग्री एवं मटेरियल कंपनी के अलावा किसी अन्य कंपनी का उपयोग किया जा रहा है, तो विभाग द्वारा ऐसे किन-किन ठेकेदारों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? उनकी संपूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार ठेकेदारों पर कार्यवाही नहीं किए जाने के क्या कारण हैं और कार्रवाई नहीं किए जाने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या शासन जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या स्वीकृत कार्यों की भुगतान की जाने वाली राशि कार्यों की प्रगति अनुसार की जा रही है? यदि हाँ, तो मूल्यांकन की प्रति एवं भुगतान राशि की जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ठेकेदारों द्वारा विभाग में सूचीबद्ध निर्माता/फर्मों की सामग्री का उपयोग किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विभाग में सूचीबद्ध/कम्पनी का ही मटेरियल उपयोग में लिया जा रहा है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।
नल-जल योजनाओं में प्राप्त शिकायतें
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 1229 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले के विकासखंड सोंडवा, कट्ठीवाड़ा और अलीराजपुर के ग्रामों में नल-जल योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों में संबंधित ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों द्वारा घटिया सामग्री और मटेरियल उपयोग किए जाने पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों, ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई है जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या की गई कार्यवाही में शिकायतकर्ता ग्रामीण जनों से सहमति या संतुष्टि पत्र लिया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हैडपम्प हेतु पाईप की आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 1273 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड सतना रीवा मउगंज द्वारा हैण्डपम्पों के लिए पाईप की आपूर्ति विभाग द्वारा भोपाल स्तर से की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों से खण्डवार कितने पाईप भोपाल से भेजे गये हैं? कितने पाईप हैण्डपम्पों में डाले गये? कितने पाईप हैण्डपम्पों से निकाले गए? (ग) क्या निकाले गए पाईप स्टोर में जमा किये गये हैं, सभी का पूर्ण विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिलों से प्राप्त मांग पत्रों पर प्रमुख अभियंता द्वारा भोपाल स्तर से म.प्र.लघु उद्योग निगम को संबंधित जिलों को पाइप की आपूर्ति हेतु इंडेण्ट जारी किया जाता है। (ख) प्रश्नांकित जिलों को प्राप्त पाइप एवं उनके उपयोग के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
चित्रकूट को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने की नीति
[पर्यटन]
18. ( क्र. 1274 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के पवित्र नगरी चित्रकूट को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2008 में की गई थी? उसके परिपालन में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) चित्रकूट के विकास के लिए क्या शासन द्वारा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की कोई योजना है? हाँ तो यह कार्य कब तक किया जाएगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की पवित्र नगरी में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रामायणम बनाने की योजना थी? इस दिशा में शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास कब-कब किए गए? विस्तृत जानकारी देवें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी नीति के अंतर्गत किसी स्थल को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने के लिये नीति नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना
[नर्मदा घाटी विकास]
19. ( क्र. 1421 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय आयुक्त नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण नर्मदा भवन विजयनगर इंदौर के पत्र पुर्नवास/भूखण्ड परिवर्तन/2021 माह अगस्त 2021 जो की भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिकारी सरदार सरोवर परियोजना कुक्षी जिला, धार को प्रेषित है, पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) इस पत्र के प्रति उत्तर में जो पत्र भेजे गए उनकी प्रमाणित प्रति देवें। यदि नहीं, भेजा गया या कोई कार्यवाही नहीं की गयी, इसके लिए संबंधित अधिकारी की जवाबदेही कब तय की जायेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के पत्रानुसार संबंधित अधिकारी द्वारा प्रकरण में विलंब, डूब प्रभावितों के साथ अन्याय किया जा रहा है, इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) कब तक इस पद पर प्रभारी व्यवस्था समाप्त कर विभाग द्वारा पदस्थापना की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भू-अर्जन एवं पुनर्वास अधिकारी के पत्र क्रमांक 498/पुनर्वास/2021, दिनांक 08.09.2021 के द्वारा यह अवगत कराया गया है कि उक्त भूमि पर व्यवसायिक संकुल का निर्माण कर दुकान हेतु भू-खण्ड आवंटित किये गये हैं तथा बस स्टैण्ड व हाट बाजार का निर्माण किया गया है। चाही गई भूमि पर बैंक ऑफ इंडिया का भवन स्थित है तथा ग्राम पंचायत निसरपुर द्वारा टैंकर तथा भविष्य में फायर फाईटर खड़ा करने एवं पार्किंग हेतु भूमि आरक्षित करने की मांग भी है। वर्तमान में आवेदकों द्वारा चाही गई भूमि रिक्त नहीं होने और उक्त भूमि पर कोई आवासीय भू-खण्ड विकसित नहीं किये जाने से भू-खण्ड परिवर्तन आवश्यक नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही शेष नहीं है। (घ) पर्याप्त मात्रा में अधिकारी उपलब्ध होने पर।
मिलावटी व दूषित खाद्य पदार्थों के नमूनों में कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 1530 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र. भोपाल के तहत जिला जबलपुर में पदस्थ किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने खाद्य एवं पेय पदार्थों घी, मावा, पनीर व मिठाई के जांच हेतु लिये कितने-कितने नमूने जांच में अपमिश्रित, मिलावटी दूषित नकली व मिलावटी पाये गये हैं? नमूनों के किन-किन प्रकरणों में कब-कब किसने क्या-क्या कार्यवाही की है? किन-किन प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति कब ली गई? इनमें न्यायालय में चालान/अभियोजन पत्र कब प्रस्तुत किया गया है? नमूना लेने जांच हेतु भेजने तथा रिपोर्ट प्राप्त होने का दिनांक सहित माहवार लक्ष्य पूर्ति की जानकारी जनवरी 2022 तक की माहवार वर्षवार दें। (ख) प्रश्नांकित किस-किस ने वर्षवार निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति नहीं की हैं? किस-किस का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया है? शासन ने प्राप्त शिकायतों पर कब किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रश्नांश 'क' में दर्ज नमूना विवरण अनुसार निर्धारित विभागीय लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि प्राप्त की गई है। समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का कार्य संतोषप्रद पाया गया है। दीर्घकाल से खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पदस्थ होने की शिकायत प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है।
शासन द्वारा लागू न्यू पेंशन स्कीम
[वित्त]
21. ( क्र. 1565 ) श्री संजय शुक्ला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन अन्तर्गत वर्ष 2004 के पश्चात नियुक्त किये गये कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के स्थान पर न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) लागू की गई है? कितने कर्मचारी प्रदेश में एन.पी.एस. के दायरे में आ रहे है? विभागवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इन्दौर जिला अन्तर्गत एन.पी.एस. के दायरे में आने वाले कितने कर्मचारी प्रश्न दिनांक तक सेवानिवृत्त हुये हैं? कितने कर्मचारी एन.पी.एस. के दायरे में आ रहे हैं? विभागवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सेवानिवृत्त हुये कर्मचारियों को एन.पी.एस. के द्वारा कितनी राशि पेंशन के रूप में प्रतिमाह प्राप्त होगी या हो रही है? विभागवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या 20 से 30 वर्षों की सेवा के पश्चात सेवानिवृत्त हुये कर्मचारियों को नाममात्र की पेंशन राशि प्रतिमाह प्राप्त हो रही है? यदि हाँ, तो क्या उस पर पुनर्विचार करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या योजना है? कब तक विचार किया जाकर विसंगती को दूर किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ 9/नियम/चार,दिनांक 13-04-2005 द्वारा दिनांक 01-01-2005 को या उसके पश्चात् नवनियुक्त शासकीय सेवकों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गई है। प्रदेश में एन.पी.एस.अंतर्गत कर्मचारियों की संख्या 463399 है। विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ पर है। (ख) इंदौर जिला अंतर्गत दिनांक 01-01-2005 के पश्चात् 68 एन.पी.एस. कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए है, जिनकी विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब पर है। इंदौर जिले से संबंधित विभागवार एन.पी.एस. अभिदाताओं की संख्या 16096 है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-स पर है। (ग) अभिदाता के सेवानिवृत्त होने पर PRAN में जमा कुल संचित राशि का 60 प्रतिशत सीधे अभिदाता के बैंक खाते में अंतरित की जाती है, तथा शेष 40 प्रतिशत राशि से अभिदाता द्वारा एन्युटी क्रय की जाती है। मासिक एन्युटी की राशि एन्युटी प्लान के क्रय मूल्य पर निर्भर करती है। अभिदाता द्वारा एन्युटी सेवा प्रदाता से सीधे ही एन्युटी क्रय की जाती है। (घ) राष्ट्रीय पेंशन योजना दिनांक 01-01-2005 से ही राज्य में लागू की गई है, अत: 20 से 30 वर्षों की सेवा पश्चात् सेवानिवृत्त होने की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हनुवंतिया टापू पर पर्यटकों को शराब परोसने की अनुमति
[पर्यटन]
22. ( क्र. 1573 ) श्री संजय शुक्ला : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा खण्डवा जिला अन्तर्गत हनुवंतिया टापू पर जल महोत्सव हेतु पर्यटकों को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हनुवंतिया टापू पर टेंट सीटी लगाने की किस कंपनी को अनुमति किस अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार द्वारा किस दिनांक को किन शर्तों पर दी गई थी? दिनांक 11 दिसम्बर को पुनासा तहसीलदार द्वारा क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नर्मदा नदी किनारे हनुवंतिया टापू पर उक्त टेंट सीटी में शराब परोसने की अनुमति पर प्रतिबंध लगाया था? यदि हाँ, तो कंपनी द्वारा पर्यटकों को शराब परोसने पर अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं रोका गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हनुवंतिया टापू पर खुलेआम शराब परोसने पर संबंधित अधिकारियों द्वारा दी गई अनुमति पर प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या कंपनी/दोषी अधिकारियों पर शराब परोसे जाने पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) हनुवंतिया टापू पर आयोजित होने वाने ''जल महोत्सव'' के दौरान पर्यटकों हेतु निम्न सुविधायें उपलब्ध करायी गयी थी – पर्यटकों के ठहरने हेतु सर्वसुविधा युक्त 104 टेंट लगाये गए थे। इस टेंट सिटी में पर्यटकों को प्रदेश के लजीज व्यंजनों का स्वाद लेने हेतु एक डाइनिंग की व्यवस्था भी की गयी थी, साथ ही पर्यटकों के मनोरंजन एवं रोमांचकारी अनुभावों हेतु पैरामोटर, हॉट एयर बलून, बोटिंग, बनाना राइडिंग, जेट स्की, कैमल राइडिंग, हॉर्स राइडिंग, बुलककार्ट इत्यादि साहसिक गतिविधियाँ नियमानुसार उपलब्ध कराई गयी। पर्यटकों को प्रदेश की संस्कृति एवं सभ्यता से परिचित कराने हेतु प्रतिदिन सायंकाल को 7 से 9 के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता था। उपरोक्त के अलावा हनुवंतिया में आने वाले सैलानियों हेतु आर्ट क्राफ्ट बाज़ार, फ़ूड बाज़ार एवं पीने के पानी एवं शौचालय (Mobile Toilet) आदि की भी सुविधा थी। जल महोत्सव के दौरान पर्यटकों एवं सैलानियों की सुरक्षा हेतु होम गार्ड एवं पुलिस बल स्थानीय प्रशासन द्वारा तैनात किये गए थे। (ख) मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा जल महोत्सव के आयोजन एवं टेंट सिटी के निर्माण, रख-रखाव एवं प्रबंधन हेतु निविदा प्रक्रिया द्वारा वर्ष 2019 में 05 वर्षों हेतु अजमेर की कंपनी ''मेसर्स सनसेट डेजर्ट कैंप'' को अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध शराब के विरूद्ध कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
23. ( क्र. 1601 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले के आबकारी विभाग द्वारा समय-समय पर लगातार अवैध शराब के विरूद्ध कार्यवाही की जाती रही है? (ख) क्या उक्त कार्यवाही के दौरान आबकारी विभाग के द्वारा अनेक किस्मों की अवैध शराब जप्त की जाकर उक्त शराब विभाग की अभिरक्षा में रखी जाती है? (ग) क्या इस कार्यवाही के दौरान अनेक अवैध शराब के कारोबारियों के विरूद्ध कार्यवाही आबकारी विभाग द्वारा की गई है? (घ) यदि हाँ, तो सन् 2015 से 31.12.2021 तक विभाग ने कितने अवैध कारोबारियों के विरूद्ध कार्यवाही की है तथा इन लोगों में कितने अ.जा., अ.ज.जाति व अन्य वर्ग के हैं तथा अभी तक कितनी शराब जप्त की है तथा किस-किस किस्म की है, जैसे महुआ, देशी, विदेशी नाम सहित जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) सन् 2015 से दिनांक 31.12.2021 तक आबकारी विभाग जिला खरगोन में 15841 प्रकरण अवैध शराब कारोबारियों के विरूद्ध बनाये गये है, जिसमें से 2318 अनुसूचित जाति, 7104 अनुसूचित जनजाति के व 6419 अन्य वर्ग के है। जिसमें 113795 लीटर महुआ निर्मित शराब, 31983.63 लीटर, देशी शराब एवं 12271.74 लीटर विदेशी शराब जप्त की गई है।
अनुपस्थित स्टाफ पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 1617 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 09/01/2022 को कंजार्ड़ा प्रवास के दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा कंजार्ड़ा शासकीय आरोग्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान वहां पदस्थ डॉ. सुरेंद्र पटेल सहित पूरा स्टाफ अनुपस्थित मिला इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर एवं सी.एम.एच.ओ. से फोन एवं पत्र व्यवहार कर डॉ सुरेन्द्र पटेल के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। जानकारी प्रदान करें एवं यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांक (क) में वर्णित घटना अनुसार कोविड-19 में अनुपस्थित डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही करने के क्या प्रावधान है एवं किसके द्वारा कार्यवाही की जाना थी? (ग) सी.एम.एच.ओ. द्वारा डॉ. पटेल पर कार्यवाही करने हेतु पत्र क्रमांक/स्था/2022/683 दिनांक 17.01.2022 के द्वारा स्वास्थ्य आयुक्त संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. भोपाल को पत्र लिखा था इस पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, हुई तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी। (घ) क्या उच्च अधिकारियों को कार्रवाई हेतु पत्र लिखे जाने के बाद भी डॉ.पटेल अपने कार्यस्थल से अनुपस्थित हैं। क्या इस हेतु बी.एम.ओ. मनासा द्वारा कोई सूचना-पत्र जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्या जवाब आया और क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) डॉ. सुरेन्द्र कुमार पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित चिकित्सक के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1) (2) एवं नियम 7 का उल्लंघन करने पर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 09 एवं 10 के अन्तर्गत कार्यवाही करने का प्रावधान है। उक्त नियमों के अन्तर्गत जांच उपरान्त गुणदोष के आधार पर दोषी कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09- (1) नियुक्ति प्राधिकारी या ऐसा कोई प्राधिकारी जिसके कि अधीनस्थ वह हो या अनुशासिक प्राधिकारी या उस संबंध में राज्यपाल द्वारा सामान्य या विशेष आदेश द्वारा सशक्त किया गया का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) डॉ. सुरेन्द्र कुमार पटेल को स्वास्थ्य आयुक्त, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्र.4/शिका./सेल-7/मनासा-नीमच/एस.सी.एन./2022/355 दिनांक 25/02/2022 के द्वारा कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, जी हाँ। इस सबंध में डॉ. पटेल चिकित्सा अधिकारी से प्रतिवाद उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है, उत्तर प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाना प्रावधानित है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 1661 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मनगवां में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कब से, किस सन् से संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनगवां में, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसी व्यवस्था, पर्याप्त भवन, 30 बेड का बिस्तर, 20 बेड का कोरोन्टाइन सेन्टर, पर्याप्त डॉक्टर, तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी के पर्याप्त कर्मचारी तथा डेढ़-दो लाख की जनसंख्या वाला क्षेत्र है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसे साधन सुविधा पर्याप्त होने के बाद भी मनगवां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किये जाने योग्य है? अगर है तो कब तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किया जायेगा? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मनगवां में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सन् 2010 से संचालित है। (ख) जी नहीं। (ग) रीवा जिले के गंगेव विकासखण्ड के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनगवां (06 बिस्तरीय) का मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 12-22/2021/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 23/09/2021 के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनगवॉ को 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भवन उन्नयन एवं निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रसारित की गई है। परिपत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राचीन मंदिरों की मरम्मत
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
26. ( क्र. 1664 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में धार्मिक न्यास विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 तक कितनी-कितनी राशि का व्यय मंदिरों के निर्माण कार्यों एवं मरम्मत में स्वीकृत कर व्यय किये गये? विवरण सहित देवें। (ख) छतरपुर जिले के राजनगर, लवकुशनगर तहसील अन्तर्गत जो मंदिर प्राचीन काल के हैं और वह जीर्ण-शीर्ण स्थिति में पड़े हैं जिनका सर्वे विभाग द्वारा कराया गया है? सूची देवें? (ग) शासन द्वारा जिला स्तर पर धार्मिक न्यास विभाग की मॉनीटरिंग कब-कब की गई? उसके विस्तृत विवरण प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। (घ) कब तक सभी जीर्ण मंदिरों की मरम्मत निर्माण जीर्णोद्धार करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 3,22,82,676/- एवं वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 10,85,67,053/- की राशि व्यय की गई। विवरण एवं सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' और ''ब'' अनुसार। (ख) छतरपुर जिले के राजनगर, लवकुशनगर तहसील के अंतर्गत जो मंदिर जीर्णशीर्ण है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ग) धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग का प्रदेश के जिला स्तर पर कोई अमला नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना
[वित्त]
27. ( क्र. 1678 ) श्री संजय शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कांग्रेस की सरकार के समय, सचिव, मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, मध्यप्रदेश शासन, समस्त विभागों को मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना के क्रियान्वयन के संबंध में पत्र क्र.-125/2020/ब-6/चार, भोपाल दिनांक 19/02/2020 द्वारा जारी किया गया था? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, उक्त पत्र अनुसार मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, राज्य कर्मचारियों के व्यापक हित की यह योजना सरकार द्वारा अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं की हैं? यह योजना कब तक चालू की जायेगी?
वित्त
मंत्री ( श्री
जगदीश देवड़ा )
: (क) जी हाँ। पत्र
की छायाप्रति
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
स्वास्थ्य
विभाग में ''मध्यप्रदेश
बीमा योजना"
के नियम
प्रारूप
तैयार किये
जाने की
प्रक्रिया
प्रचलित है। (ग)
उत्तरांश
"ख" अनुसार
प्रक्रिया
प्रचलित है। समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट
- "सात"
दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
28. ( क्र. 1701 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं औषधि नियंत्रक कार्यालय भोपाल के द्वारा थाना शाहजहाँनाबाद जिला भोपाल को मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ के सम्बन्ध में सूचनार्थ पत्र भेजा गया था? यदि हाँ, तो थाना शाहजहाँनाबाद जिला भोपाल द्वारा प्रेषित प्रति उत्तर का विवरण दस्तावेज सहित उपलब्ध कराएं। (ख) क्या थाना शाहजहाँनाबाद जिला भोपाल द्वारा प्रेषित प्रति उत्तर के आधार पर खाद्य एवं औषधि नियंत्रक कार्यालय द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ को प्रदत्त औषधि अनुज्ञप्ति तृतीय पक्षीय दस्तावेजों के आधार पर निरस्त करना पाया गया है? यदि हाँ, तो क्या तृतीय पक्षीय दस्तावेजों के आधार पर निरस्त करना सही है? यदि हाँ, तो औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम की किस धारा के अंतर्गत? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाहियां की गयी या नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। थाना शाहजहाँनाबाद से प्राप्त पत्र क्र. 501/थाना/शाह.बाद/भोपाल, दिनांक 26.07.2021 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के नियम 64 (2), 65 (5), 65 (6), 66 सहपठित औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 18 (a) (vi) के तहत औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी, भोपाल द्वारा औषधि अनुज्ञप्ति निरस्तीकरण आदेश जारी करना सही है। उक्त आदेश के विरूद्ध आवेदक द्वारा राज्य शासन के समक्ष नियमानुसार प्रस्तुत अपील भी राज्य शासन द्वारा अस्वीकृत हो चुकी है एवं औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी, भोपाल का निरस्तीकरण आदेश यथावत रखा गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 1822 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन नल-जल योजनाओं का कार्य कब-कब पूर्ण हुआ तथा उक्त नल-जल योजनाओं के माध्यम से कितने घरों में नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा हैं योजनावार जानकारी देवें? (ख) फरवरी 2022 की स्थिति में जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन नल जल योजनाओं का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों योजनावार कारण बताये उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में स्वीकृत किन-किन नल-जल योजनाओं में स्त्रोत असफल हो गये हैं तथा क्यों? वैकल्पिक स्त्रोत हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में अनियमित्ताओं के संबंध में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। भू-जल की उपलब्धता हेतु सर्वेक्षण कर, पुन: नवीन नलकूप खनन किया जाना प्रस्तावित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 1823 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 स्थिति में रायसेन जिले में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है संख्या बताये? (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र हो इस संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या निर्देश जारी किये गये? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के उपरांत भी अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण क्यों नहीं हो रहा हैं? अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में हो इस हेतु विभाग क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कलेक्टर रायसेन से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में 30 प्रकरण लंबित हैं। (ख) प्रश्नावधि में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किए गए। (ग) अनुकंपा नियुक्ति के निर्देश दिनांक 29.09.2014 के अनुसार संवर्गवार पद रिक्त होने पर ही अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अवमानना याचिका के प्रचलित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 1903 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में जन सामान्य तथा सरकारी कर्मचारियों की सेवा मामलों को लेकर कितनी अवमानना याचिकाएं शासन के अधिकारियों के खिलाफ दायर हुई है? कितने अवमानना प्रकरण पूर्व से प्रचलित है? कितने अवमानना प्रकरणों में 03 वर्ष की अवधि में उच्च न्यायालय ने निर्णय पारित किए है? सभी बिन्दुओं पर आंकड़ों के साथ जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित जिलों में शासन के कितने विभागों में अवमानना याचिका के निर्णय पर कितने अधिकारियों को दोषी माना गया है? अवमानना का दोषी होने पर कितने अधिकारियों पर क्या कार्यवाहियाँ की गयी है? कार्यवाही संबंधी पत्र एवं अवमानना में दोषी पाये जाने की जानकारी विभागवार देवें। (ग) विगत 03 वर्षों में हाईकोर्ट अवमानना के प्रकरण शासन के खिलाफ बढ़े अथवा घटे हैं? इस संबंध में क्या विभाग द्वारा समीक्षा की गयी है? यदि हाँ, तो समीक्षा बैठक के विवरण की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) वर्ष 2019 से अब तक कुल कितने विधानसभा प्रश्न अवमानना याचिका को लेकर लगाए गए थे? उन सभी की प्रति के साथ एकत्रित जानकारी की प्रतियाँ भी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पोषण आहार की गुणवत्ता की जांच
[महिला एवं बाल विकास]
32. ( क्र. 1919 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से मुरैना जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वितरण किये जाने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता की जांच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किन-किन समूहों द्वारा भोजन तैयार कर भेजा जाता हैं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' पर है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' पर है।
कोविड केयर सेन्टरों पर व्यय की गई राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 1920 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विगत दो वर्षों में कितने कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गई? वि.स. सुमावली में कितने कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गई? प्रत्येक कोविड सेंटर में कितना व्यय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सुमावली वि.स. में महामारी से मृतकों की सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कोविड महामारी से मृत जन एवं स्वास्थ्य कर्मियों को क्या-क्या मुआवजा दिया गया? सूची उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला मुरैना में वर्ष 2020 में 10 कोविड केयर सेंटर एवं वर्ष 2021 में 07 कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गई। विधानसभा सुमावली में 01 कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गई। जिला मुरैना में स्थापित किये गए कोविड केयर सेंटरों पर निम्नानुसार व्यय किया गया:- (1) ज्ञानोदय नवीन कस्तुरबा छात्रावास, मुरैना में व्यय राशि 9,79,399/- (2) जिला चिकित्सालय, मुरैना में व्यय राशि 43,78,511/- (3) अम्बाह में व्यय राशि 1,38,673/- (4) कैलारस में व्यय राशि 83,277/- (5) सबलगढ़ में व्यय राशि 1,31,072/-, व्यय की गई। शेष कोविड केयर सेन्टर में व्यय निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विगत 02 वर्षों में सुमावली विधानसभा में कोरोना महामारी से संबंधित मृतक द्वारा दिये गये पते के आधार पर, जिला चिकित्सालय मुरैना में भर्ती रहकर उपचारित मरीजों की संख्या 04 है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कोविड महामारी से विधानसभा सुमावली के अंतर्गत जिला चिकित्सालय मुरैना एवं अन्य चिकित्सालयों में मृतजन मिलाकर कुल संख्या 13 है। जिसमें 12 मृतजनों के आश्रितों को मुआवजा राशि 50,000/-, राजस्व विभाग मुरैना द्वारा दी गई, शेष 01 अस्वीकृत की गई। इन मृतजनों में कोई भी स्वास्थ्यकर्मी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थल हनुवंतिया में शराब पिलाने की अनुमति
[पर्यटन]
34. ( क्र. 1965 ) श्री महेश परमार : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हनुवंतिया में इवेंट कंपनी को टेंट सिटी में शराब पिलाने की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो अनुमति की प्रति देते हुए संबंधित कंपनी की सेवा शर्तों के साथ इवेंट कंपनी की ओर से आवेदन पत्र सहित समस्त संलग्नकों की प्रमाणित प्रतियाँ भी देवें। (ख) क्या कारण है कि जीवनदायिनी नर्मदा के तट पर शराब पिलाने और बेचने पर पूरी तरह पाबंदी होने के बावजूद अनुमति देकर नियम शिथिलीकरण के कारण क्या है? उक्त अनुमति देने के लिए निर्णय किस आधार पर किया गया है? संबंधित सर्कुलर उपलब्ध कराएं। (ग) क्या हनुवंतिया में शराब पिलाने और बेचने के क्रियाकलाप को वैधानिक बनाने के लिए राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में हनुवंतिया को नर्मदा नदी के किनारे बताने के स्थान पर तवा के किनारे होना बताया गया है? यदि हाँ, तो इस प्रकार के झूठी जानकारी के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्या शराब पिलाने की अनुमति निरस्त कर आपकी सरकार दोषी अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) इवेंट एजेंसी के ऑनलाइन आवेदन पत्र के क्रम में नियमानुसार संपूर्ण औपचारिकताओं की पूर्ति उपरांत टेंट सिटी हनुवंतिया में दिनांक 31-12-2021 को एक दिवस के लिए प्रासंगिक अनुज्ञप्ति (एफ एल -5) दी गई है। अनुमति तहसीलदार पुनासा के पत्र तथा नियमानुसार जमा लाइसेंस फीस के आधार पर जिला कलेक्टर के अनुमोदन अनुसार एक दिवस के लिए जारी की गयी थी। जारी लाइसेंस एवं तहसीलदर की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कंपनी की सेवा शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं आवेदन पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) कार्यालय तहसीलदार तहसील पुनासा द्वारा पत्र क्रमांक/1319/कानू/2020 पुनासा दिनांक 11.12.2020 से प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार नर्मदा नदी हनुवंतिया से लगभग 14 KM दूरी पर स्थित है हनुवंतिया नदी तवा के बैक वाटर पर स्थित है कार्यालय कलेक्टर आबकारी से प्राप्त जानकारी एवं तहसीलदर की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
35. ( क्र. 1966 ) श्री महेश परमार : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना के आरंभ होने के बाद ज़िला उद्योग केंद्र में स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रश्न दिनांक तक कुल कितने हितग्राहियों के आवेदन मिले? (ख) प्रत्येक हितग्राही का नाम, चाहे गए ऋण की राशि आवेदन की तारीख बताते हुए कौन कौन से आवेदन किस बैंक को किस तारीख में भेजे गए? पूर्ण दस्तावेजों के साथ जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्न दिनांक तक कुल कितने और कौन-कौन से हितग्राही को कितना-कितना ऋण स्वीकृत हुआ? पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) क्या सरकार का इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या लक्ष्य पूरा हुआ है? यदि नहीं, तो कारण क्या है? (घ) इन सभी बिन्दुओं के संबंध में प्रत्येक जिले में गठित समिति द्वारा की गयी समीक्षा के एजेंडा कार्यवाही विवरण एवं संक्षेपिका उपलब्ध कराएं।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ऋण वितरण संबंधी कार्यवाही बैंकों द्वारा की जाती है एवं दस्तावेज बैंकों द्वारा संधारित किये जाते हैं। अतः विभाग द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जा सकते। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये 5000 हितग्राहियों का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य 31 मार्च 2022 तक के लिये है। अत: शेष प्रश्नांश का वर्तमान स्थिति में उत्तर दिया जाना संम्भव नहीं है। (घ) योजनान्तर्गत जिला स्तरीय समिति द्वारा जिन जिलों में समीक्षा की गई है, उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नीति आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
36. ( क्र. 1967 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अक्टूबर 2021 में नीति आयोग द्वारा सरकार को सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स के खाली पदों को भरने एवं बाकी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई रिपोर्ट और निर्देश दिये गए थे? यदि हाँ, तो नीति आयोग की रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या सरकार द्वारा नीति आयोग के निर्देशों पर क्रियान्वयन के लिए कार्यवाहियाँ संपादित की गयी हैं? यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाहियों की रिपोर्ट के साथ आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं। (ग) यदि सरकार द्वारा नीति आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाहियाँ नहीं की गयी हैं तो इसके कारण क्या हैं? क्या कारण है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए एवं सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार चिंता नहीं कर रही है? यदि सरकार ने पूर्व में अथवा वर्तमान में इस संबंध में किसी भी प्रकार की कार्यवाही की है तो सदन को अवगत करायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) नीति आयोग के पोर्टल पर अक्टूबर-2021 Health Insurance for India's Missing Middle की रिपोर्ट उपलब्ध है। जिसमें मध्यप्रदेश आयुष्मान भारत निरामयम योजना से संबंधित लेख है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के खाली पदों को भरने और बाकी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किये गये है। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायकों से चाही गई मेगा प्रोजेक्ट के प्रस्ताव
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
37. ( क्र. 2069 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे [श्री मुकेश रावत (पटेल)] : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितने विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई हैं? (ग) कितने विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट की सूची नहीं मांगी गई? (घ) क्या सरकार यह मानती है कि (ग) उल्लेखित विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्य की आवश्यकता नहीं है, अथवा इस भेदभाव का क्या कारण हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
38. ( क्र. 2070 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधानसभा में आंगनवाड़ी के कुल कितने केन्द्र है? (ख) उपरोक्त में से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे है, जो किराये के भवन में संचालित है? (ग) उपरोक्त में से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे है, जो पंचायत भवन में संचालित है? (घ) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब तक उनके भवन उपलब्ध हो सकेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी के कुल 349 केन्द्र है। इनमें से परियोजना सौंसर में 228 एवं परियोजना मोहखेड़ में 121 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) उपरोक्त 349 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 73 आंगनबाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। इनमें से परियोजना सौंसर में 69 एवं परियोजना मोहखेड़ में 4 आंगनबाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। (ग) उपरोक्त 349 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 19 आंगनवाड़ी केन्द्र पंचायत भवनों में संचालित हैं। इनमें से परियोजना सौंसर में 11 एवं परियोजना मोहखेड़ में 8 आंगनबाड़ी केन्द्र पंचायत भवनों में संचालित है। (घ) भवनविहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में घटित घटनाओं के संबंध में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट
[सामान्य प्रशासन]
39. ( क्र. 2098 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर प्रदेश में विभिन्न घटनाओं के घटित होने की जांच आयोग अधिनियम 1952 (1952 का 60) की धारा-3 के प्रावधान के अंतर्गत जांच आयोग का गठन किया जाता है? यदि हाँ, तो जांच आयोग अधिनियम के अंतर्गत गठित जांच आयोग की रिपोर्ट देने की समय-सीमा क्या निर्धारित है? विगत 10 वर्षों में किन-किन जांच आयोग की रिपोर्ट शासन को कब-कब प्राप्त हो गई है? प्रकरणवार पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) विगत 10 वर्षों में राज्य शासन द्वारा प्रदेश में घटित किन-किन घटनाओं/आर्थिक अनियमिताओं पर जांच आयोग का गठन किया गया है? उन जांच आयोग की रिपोर्ट शासन को कब-कब प्राप्त हुई है? उक्त रिपोर्ट के आधार पर जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी पटलित न किये जाने के क्या कारण है और कब तक रिपोर्ट पटलित कर दी जायेगी? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की अनियमितताओं की जांच हेतु माननीय न्यायमूर्ति श्री एम.के. जैन की अध्यक्षता में दिनांक 08 फरवरी 2008 को जांच आयोग गठित किया गया था? जिसकी रिपोर्ट शासन को दिनांक 15 सितम्बर 2012 को प्राप्त हो जाने के बावजूद जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर पटलित न किये जाने के क्या कारण है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जिन जांच आयोग की रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो गई है, जांच आयोग द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार उन प्रकरणों में शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जांच आयोग गठन की अधिसूचना में विनिर्दिष्ट समय अनुसार। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जांच आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग में प्रचलित होने के कारण। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा-कालीसिंध लिंक परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
40. ( क्र. 2105 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के सारंगपुर तहसील को नर्मदा घाटी विकास के फेस-2 में नर्मदा-कालीसिंध लिंक परियोजना से सिंचाई का लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो उक्त परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण करने की निर्धारित समयावधि क्या है? (ख) नर्मदा-कालीसिंध लिंक परियोजना की कुल लागत क्या है एवं उसका निर्माण कार्य किस ठेका पद्धति से करवाया जा रहा है? निर्धारित निर्माण एजेन्सी द्वारा निश्चित समयावधि के अनुपात में कितना-कितना प्रतिशत भौतिक एवं वित्तीय कार्य किया गया हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। अनुबंध अनुसार निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने की समयावधि दिनांक 18.02.2024 है। (ख) नर्मदा-कालीसिंध परियोजना द्वितीय चरण की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 4407.52 करोड़ है। निर्माण कार्य टर्न-की पद्धति से मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हैदराबाद से अनुबंधित है। वर्तमान तक लगभग 2.5 प्रतिशत भौतिक एवं लगभग 1.60 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हुई है।
ऑउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 2107 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत ऑउटसोर्स के माध्यम से किस कंपनी द्वारा नियुक्ति प्रदान की जा रही है एवं ऑउटसोर्स द्वारा जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्ति हेतु किस-किस पद हेतु कितने-कितने पद निर्धारित है एवं निर्धारित पदों के विरुद्ध कितने-कितने कर्मचारियों की नियुक्ति किन-किन पदों पर की गई है एवं प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन से पद कितनी-कितनी संख्या में रिक्त है? चिकित्सालयवार स्वीकृत पद के विरुद्ध रिक्त एवं भरे गए पदों की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित पदों पर नियुक्ति हेतु निर्धारित अर्हताएं क्या-क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिविल अस्पताल सारंगपुर में ऑउटसोर्स के माध्यम से पदवार निर्धारित मापदण्ड की संख्या के विरुद्ध कौन-कौन से पद के विरुद्ध कितने-कितने पद पर कर्मचारी रखे गये है एवं कितने-कितने पद रिक्त है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत ऑउटसोर्स के माध्यम से मेसर्स कृष्णा सिक्योरिटी सर्विसेस भोपाल एवं मेसर्स प्रथम नेशनल सिक्योरिटी सर्विस के माध्यम से ऑउटसोर्स पर नियुक्ति प्रदान की जा रही है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नियुक्त किये गये पदों की निर्धारित अर्हताएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) सिविल अस्पताल सारंगपुर में ऑउटसोर्स के माध्यम से पदवार निर्धारित मापदण्ड की संख्या के विरूद्ध कौन-कौन से पद के विरूद्ध कितने-कितने पद पर कर्मचारी रखे गये है एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
स्वीकृत नल-जल योजना को बजट में सम्मिलित किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
42. ( क्र. 2122 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में ताजपुर, नजरपुर और बकानिया आदि गांवों में नल-जल योजना स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि स्वीकृत नल-जल योजनाओं को बजट में सम्मिलित नहीं किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग द्वारा वित्त विभाग से स्वीकृति हेतु कार्यवाही की गयी थी? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत योजनाओं में बजट में सम्मिलित नहीं करने पर कुछ कारण स्पष्ट किए गए हैं? यदि नहीं, तो कारण बताए कि आपके विभाग कि लापरवाही के चलते जनहित के कार्य अवरुद्ध होने के संबंध में संबन्धित अधिकारियों को कितनी बार कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया? (घ) उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर शासन स्तर से जनहित में कार्यवाही किए जाने के लिए कब तक आदेशित किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्राम ताजपुर, नजरपुर, तथा बकानिया की पुनर्जीवीकरण नल-जल योजनाएं वर्ष 2018-19 में स्वीकृत की गयी थीं। वर्ष 2020-21 में स्वीकृत की गयी नल-जल योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत नल-जल योजनाओं में कराये जाने वाले कार्यों के भुगतान के लिये विभाग के बजट से राशि उपलब्ध करायी जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेन्शनरों को महंगाई भत्ते का प्रदाय
[वित्त]
43. ( क्र. 2145 ) श्री कमलेश जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के पेन्शनरों को केन्द्र के पेन्शनरों के बराबर 31 प्रतिशत महंगाई राहत दी जा रही है। यदि नहीं, तो क्यों? क्या जुलाई 2019 से सितम्बर 2021 तक प्रदेश के पेन्शनरों को कोई मंहगाई राहत दी गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या जनवरी 2006 से 31 अगस्त 2008 तक 32 माह का 6वें वेतनमान का एवं जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 तक 27 माह का 7वें वेतनमान का एरियर प्रदेश के पेन्शनरों को प्रदाय किया जा चुका है? यदि हाँ तो कब, नहीं तो क्यों नहीं ? प्रदेश सरकार पेन्शनरों को उक्त एरियर कब तक प्रदाय कर देगी जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रदेश सरकार म.प्र. पुनर्गठन अधिनियम 2000 की छठीं अनुसूची की धारा 49 जिसमें पेन्शनरों के स्वत्तों को प्रदाय किये जाने हेतु दोनों प्रदेशों को एक दूसरे की सहमति का इन्तजार करना पड़ता है ऐसे अधिनियम को विधानसभा के माध्यम से समाप्त किये जाने हेतु कोई योजना तैयार कर रही है? यदि हाँ तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (घ) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 08.07.2019 के अनुसार पेन्शनर्स की आयु का 80वां वर्ष प्रारम्भ होते ही 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन दिये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के पेन्शनर्स को उक्त संबंध में लाभान्वित किया गया एवं यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्तमान में प्रदेश के पेंशनर्स को छत्तीसगढ़ राज्य से सहमति के अनुक्रम में 17 प्रतिशत मंहगाई राहत दी जा रही है। राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों के आधार पर मंहगाई राहत देने का निर्णय लेती है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 9-2/2009/आर/चार,दिनांक 03-08-2009 द्वारा छठवें वेतनमान का लाभ 01 सितम्बर, 2008 से देय है एवं वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 9-2/2018/R/IV, दिनांक 11 जून 2018 द्वारा सातवें वेतनमान का लाभ माह अप्रैल 2018 से देय है। अत: 32 माह एवं 27 माह के एरियर्स की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार का अधिनियम होने से टिप्पणी की जाना संभव नहीं है। (घ) वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 9-2/2009, दिनांक 03 अगस्त,2009 से जारी आदेश 80वां वर्ष प्रारंभ होते ही 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन दिये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में यही व्यवस्था लागू है।
पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में
[वित्त]
44. ( क्र. 2189 ) श्री विक्रम सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन में वर्ष 2005 से भर्ती हुए कर्मचारी, अधिकारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू करने हेतु क्या कर्मचारियों द्वारा लगातार मांग एवं आन्दोलन किया जा रहा है? (ख) क्या कर्मचारियों, अधिकारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना जो बंद की गई है, उसे पुन: चालू करने हेतु राज्य सरकार इस पर पुन: विचार करेगी? अगर विचार कर रही है, तो कब तक यह योजना पुन: चालू की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। समय-समय पर इस विषय पर मांग पत्र/आवेदन प्राप्त होते रहे है। (ख) भारत सरकार की योजना के अनुक्रम में मध्यप्रदेश में दिनांक 01-01-2005 तथा उसके पश्चात् नियुक्त सेवकों हेतु पूर्ण विचार उपरांत नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। वर्तमान में पुरानी पेंशन चालू किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आयुष्मान निरामय योजनांतर्गत बनाये गए कार्ड
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 2221 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में आयुष्मान भारत निरामयम योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने आयुष्मान कार्ड बनाये गये है और कितने बनाया जाना शेष है और कितने कार्ड धारियों को किस-किस अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ दिया गया है और कितना चिकित्सीय व्यय हुआ मरीजों का नाम पता सहित बतावें? (ख) आयुष्मान निरामय योजनान्तर्गत आम नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ हेतु कार्ड बनवाने हेतु कौन-कौन से मापदण्ड रखे गये है और क्या सही है कि बीपीएल कार्डधारी ही सिर्फ इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भित में प्रचार-प्रसार कर एवं शिविर योजनान्तर्गत कार्ड बनाने में गति लाई जावेगी? जिससे कि जिले के आम नागरिक योजना का लाभ उठाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें? अद्यतन स्थिति एवं आगामी योजना से अवगत करावे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मुरैना जिले में दिनांक 04/03/2022 की स्थिति में कुल 5,32,073 आयुष्मान कार्ड बनाये गये है। 4,86,405 आयुष्मान कार्ड बनाया जाना शेष है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु मध्यप्रदेश में भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार निम्नलिखित तीन श्रेणियों में परिवारों के व्यक्ति पात्र है:- 1. सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 के आधार पर निर्धारित मापदण्ड अनुसार सम्मिलित परिवार:- *चिन्हित श्रेणी डी-1 से डी-7 तक (डी-6 को छोड़कर) वंचित श्रेणी के ग्रामीण परिवार। * व्यवसाय आधारित शहरी परिवार * स्वत: समावेशित परिवार। 2. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक परिवार। 3. मध्यप्रदेश ''संबल योजना'' के पंजीकृत परिवार। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आयुष्मान आपके द्वार ''3.0'' अभियान अंतर्गत शिविरों के माध्यम से कार्ड बनाये जाने हेतु दिनांक 05/01/2022 से संचालित किया जा रहा है। कार्ड बनाया जाना सतत् प्रक्रिया है जो कि शिविरों एवं अभियान के माध्यम से बनाये जा रहे है। दिनांक 04/03/2022 की स्थिति में जिला मुरैना में कुल 5,32,073 आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके है।
जल-जीवन मिशन के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 2248 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत तहसील पथरिया एवं बटियागढ़ के कितने ग्रामों में हर घर जल की योजना पर कार्य किया जा रहा है एवं सभी की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) जो योजना पूर्ण हो चुकी है उनमें नल कनेक्शन से वंचित रह गये परिवारों को जोड़ने की क्या योजना है? (ग) जो योजना अधूरी है क्या उनमें उस ग्राम के सभी परिवारों को नल कनेक्शन प्रदाय कर पानी वितरण किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जो योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं उनमें नल कनेक्शन से कोई भी परिवार वंचित नहीं हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जल-जीवन मिशन की गाइडलाइन अनुसार सभी परिवारों को नल कनेक्शन दिया जाना प्रस्तावित है।
सभी विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट की जानकारी मांगना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
47. ( क्र. 2331 ) श्री राकेश मावई : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी ने प्रदेश के सभी विधायकों से उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के 5-5 मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किन-किन विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट की सूची प्राप्त हुई हैं? उनके जिलेवार नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार मेगा प्रोजेक्ट की सूची किन-किन और कितने विधायकों से नहीं मांगी गई हैं? यदि नहीं, मांगी गई तो क्यों? कारण बतायें तथा जिलेवार तथा विधानसभावार नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या सरकार यह मानती है कि प्रदेश में सभी विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्यों की आवश्यकता नहीं हैं? उनके विधानसभा क्षेत्रों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? भेदभाव करने का क्या कारण हैं? सभी विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट की सूची कब तक मांग ली जाएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चिकित्सालयों में पद स्वीकृति की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
48. ( क्र. 2342 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा जिला चिकित्सालय/सिविल हॉस्पिटल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने-कितने पद स्वीकृत हेतु नियम निर्देश हैं प्रति दी जावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रश्नांश (क) के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? विस्तृत जानकारी स्वास्थ्य केन्द्रवार दी जावें एवं कितने-कितने पद रिक्त हैं की भी जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जिला प्रशासन द्वारा शासन के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही के पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें एवं क्या पदों की पूर्ति प्रश्न दिनांक तक हो चुकी है। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला चिकित्सालय/सिविल हॉस्पिटल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पद स्वीकृति हेतु नियम प्रचलन में नहीं है, अपितु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों के आधार पर, पूर्व में जारी स्वीकृति आदेश एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार उक्त स्वास्थ्य संस्थाओं में पद स्वीकृत किये जाते है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला मुरैना द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु स्वास्थ्य आयुक्त एवं संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश को पत्र लिखे गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मुरैना से प्राप्त जानकारी में उल्लेखित रिक्तियों को चयनित चिकित्सकों को पदस्थापना हेतु दिये जाने वाले विकल्पों की पद रिक्तता सूची में सम्मिलित किया गया, इसमें से आवेदकों से विकल्प प्राप्त कर पदस्थापना की जाती है, वर्ष 2020-21 में म.प्र.लोक सेवा आयोग से प्राप्त चयन सूची के आधार पर आवेदकों द्वारा मुरैना जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गलेठा, सुमावली, भर्रा एवं रामपुरकलां का विकल्प दिया गया, जिसके आधार पर इन स्वास्थ्य केन्द्रों में नवीन चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। चयनित चिकित्सकों द्वारा उक्त संस्थाओं का चयन नहीं करने के कारण पद रिक्त है।
घर-घर नल कनेक्शन योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 2345 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र एवं राज्य सरकार मध्यप्रदेश जल-जीवन मिशन के अंतर्गत घर-घर नल कनेक्शन हेतु कोई गाइड लाइन निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ में योजना प्रारंभ से फरवरी 2022 तक कितने घरों में नल कलेक्शन दिये जा चुके हैं एवं इस हेतु कोई लक्ष्य दिये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो आदेश सहित अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत दिये गये कनेक्शनों की जानकारी पंचायत का नाम, ग्राम, कनेक्शन प्रदाय हितग्राही का नाम व पता उसकी सहमति पत्र दिनांक दी जावे। (घ) विधानसभा क्षेत्र क्र. 03 सबलगढ़ में वर्ष 2021-22 में उक्त कितनी योजनाएं स्वीकृत की गई हैं एवं उनकी वर्तमान में क्या स्थिति हैं? ग्राम, ग्राम पंचायत, की जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 13175 घरों में नल कनेक्शन दिये गये है। जल-जीवन मिशन अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-03 सबलगढ़ हेतु नल कनेक्शन का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है, अपितु मुरैना जिले हेतु 334549 घरों में नल कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। गाइड-लाइन में सहमति लेने का प्रावधान नहीं है, हितग्राही का आधार कार्ड नंबर देना पर्याप्त है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
पर्यटन स्थलों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण
[पर्यटन]
50. ( क्र. 2411 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिला अन्तर्गत बागली विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन को दृष्टिगत रखते हुये प्रश्नकर्ता द्वारा पर्यटन विभाग को कहाँ-कहाँ के सौंदर्यीकरण जीर्णोद्धार के पत्र प्रेषित किये गये थे? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रस्ताव तैयार किये गये है? क्या नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर ऋषि वाल्मिकीजी आश्रम, माता सीता मंदिर को जोड़ने एवं उक्त अति प्राचीन स्थल को पर्यटक रूप में विकसित करने हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कब तक कार्य प्रारंभ किया जायेगा? क्या ऋषि वाल्मिकीजी आश्रम में अष्ठधातु की भव्य प्रतिमा भगवान वाल्मिकीजी की भी स्थापित करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र दिया गया है? पत्र पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाप्रबंधक (बीडीएम) म.प्र.रा.प.वि.नि.म. भोपाल के पत्र क्र. 1140 मार्क/पविनि/2022 दिनांक 10/02/22 अनुसार विधानसभा क्षेत्र बागली में पर्यटक स्थलों को डेस्टिनेशन डेव्हलपमेंट के अन्तर्गत विकसित किये जाने की अनुशंसा की गई थी? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो संयुक्त संचालक (योजना) म.प्र.पयर्टन बोर्ड भोपाल द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक मंजूरी देकर कार्य प्रारंभ किया जायेगा? समय-सीमा बताये?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) बागली विधानसभा अन्तर्गत माता सीता मंदिर लव कुश जन्म स्थली, वाल्मीक आश्रम सीता समाधी काबड़िया पहाड़, धाराजी घाट निर्माण के विकास कार्यों हेतु पत्र प्राप्त हुए है। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री द्वारा स्थलों का निरीक्षण किया जाकर माता सीता मंदिर लव कुश जन्म स्थली, वाल्मीक आश्रम सीता समाधी धाराजी घाट के प्राक्कलन तैयार किये है एवं डी.ए.टी.सी.सी. जिला देवास की सहमति चाही गई है। डी.ए.टी.सी.सी. की सहमति उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) कार्य के औचित्य एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर कार्य की स्वीकृति दी जाती है। कोई पत्र विभाग को प्राप्त नहीं हुआ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ग) अनुसार।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना
[वाणिज्यिक कर]
51. ( क्र. 2415 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हाई-वे के किनारे पर शराब दुकान हेतु स्पष्ट प्रतिबंध लगा रखा है? क्या प्रदेश में इसका पूर्णत: पालन हो रहा है या कुछ दुकानों को विशेष नियम बनाकर छूट दी गई है छूट देने का स्पष्ट कारण देवें? (ख) क्या यह सही है हाई-वे समीप शराब दुकान से दुर्घटनाओं की संभावना ज्यादा होती है तो फिर माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रतलाम जिले के नामली तथा देवास भोपाल फोरलेन सड़क पर शराब की दुकानें किस नियम के तहत चल रही है जानकारी देवें? (ग) प्रदेश में किस दिनांक से हाई-वे/फोरलेन के किनारे शराब की दुकाने पूर्णत: प्रतिबंधित है? प्रश्नांश (क) और (ख) संदर्भित दुकाने आबकारी विभाग के रिकार्ड अनुसार कब से फोरलेन किनारे है इस दौरान उक्त जिलों में किन-किन जिला आबकारी अधिकारियों की नियुक्ति इन जिलों में रही, नाम सहित जानकारी देते हुये बताएं कि इनके खिलाफ उच्च अधिकारियों ने क्यों कार्यवाही नहीं की? क्या यह भी सही है की अधिकारियों की मिली भगत से इन दुकानदारों को सुप्रीम कोर्ट के नियमों की अवहेलना कर फोरलेन किनारे दुकान संचालन का मौका मिल रहा है? प्रदेश में दुकानों के मामले में दो नियम किस तरह संचालित हो रहे है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील क्रमांक 12164 -12166/2016 में पारित आदेश दिनांक 31.03.2017 के पालन में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 18.01.2017 की कण्डिका क्रमांक 7.3 अनुसार, दिनांक 01.04.2017 से मदिरा की कोई भी दुकान राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग अथवा राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग के सर्विस लेन के बाहरी किनारे (Outer edge) से 500 मीटर से कम दूरी पर अवस्थित नहीं होगी। माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील क्रमांक 12164 -12166/2016 में पारित आदेश दिनांक 31.03.2017 एवं दिनांक 11.07.2017 के पालन में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 209 दिनांक 31.03.2018 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ-बी-1-01-2018-2-पांच- (15) अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्गों पर मदिरा दुकानों की अवस्थिति के संबंध में नगरीय क्षेत्र (यथा नगर निगम, नगरपालिका एवं नगर पंचायत) की सीमा को छोड़कर अन्य क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्यमार्गों पर मदिरा दुकानों की अवस्थिति के संबंध में दिनांक 01.04.2018 से यह पालन किया जा रहा है कि- (1) जिन क्षेत्रों जनसंख्या 20000 से अधिक है मदिरा बिक्री की कोई भी दुकान राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग अथवा राष्ट्रीय राजमार्ग के सर्विस लेन के बाहरी किनारे से 500 मीटर से कम दूरी पर स्थित नहीं होगी। (2) जिन क्षेत्रों में जनसंख्या 20000 से कम है मदिरा बिक्री की कोई भी दुकान राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग अथवा राष्ट्रीय राजमार्ग के सर्विस लेन के बाहरी किनारे से 220 मीटर से कम दूरी पर स्थित नहीं होगी। प्रदेश के जिलों में स्थित समस्त मदिरा दुकानों में इसका पूर्णतः पालन हो रहा है तथा किसी भी मदिरा दुकान को विशेष नियम बनाकर छूट नहीं दी गई है। (ख) प्रदेश के किसी भी जिले में हाईवे के पास कोई भी मदिरा दुकान नियम विरुद्ध संचालित नहीं है। हाईवे पर संचालित दुकानों के कारण शराब पीकर दुर्घटनाओं में वृद्धि है यह वैचारिक है। इस संबंध में आबकारी पुलिस तथा परिवहन विभाग द्वारा जगह-जगह पर "मदिरा पीकर वाहन न चलाये'' संबंधी जागरूकता अभियान चलाया जाता है एवं टोल नाकों पर भी समय-समय पर संचार माध्यम से विज्ञापन प्रकाशित किये जाते हैं। रतलाम जिले के नामली तथा देवास जिले की समस्त मदिरा दुकानों का संचालन माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत निर्मित नियमों के अनुसार किया जा रहा है। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील क्रमांक 12164 -12166/2016 में पारित आदेश दिनांक 31.03.2017 एवं 11.07.2017 के पालन में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्गों पर मदिरा दुकानों की अवस्थिति के संबंध में दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में नगरीय क्षेत्र (यथा नगर निगम, नगरपालिका एवं नगर पंचायत) की सीमा को छोड़कर अन्य क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्यमार्गों पर मदिरा दुकानों की अवस्थिति के संबंध में दिनांक 01.04.2017 से एवं मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत यथासंशोधित निर्देशों का पालन किया जा रहा है। प्रदेश के जिलों में स्थित समस्त मदिरा दुकानों में इसका पूर्णतः पालन हो रहा है तथा किसी भी जिले में हाईवे के पास कोई भी मदिरा दुकान नियम विरूद्ध संचालित नहीं होने से जानकारी निरंक है। अत: यह सही नहीं है कि आबकारी अधिकारियों की मिली भगत से इन दुकानदारों को सुप्रीम कोर्ट के नियमों की अवहेलना कर फोरलेन किनारे दुकान संचालन का मौका मिल रहा है।
शासकीय कार्यक्रम में विधायक को आमंत्रित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 2425
) श्री
ग्यारसी लाल
रावत : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) क्या
विधान सभा
क्षेत्र
सेंधवा
अंतर्गत होने
वाले शासकीय
विभाग से
संबंधित
सार्वजनिक
समारोह/कार्यक्रम
में विधायक को
आमंत्रित
करने हेतु
सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
शासकीय
अधिकारी/कर्मचारियों
को
दिशा-निर्देश
दिए गए है? (ख) यदि
हाँ, तो क्या
निर्देशों का
पालन न करने
पर संबंधित
अधिकारी/कर्मचारियों
पर निलंबन या
अनुशासनात्मक
कार्यवाही के
प्रावधान भी
है? यदि है तो
क्या प्रावधान
है? (ग) क्या
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
सेंधवा
द्वारा
विभिन्न
कार्यक्रमों, अनुविभागीय
अधिकारी लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
निर्माण
कार्यों के
भूमि पूजन में
विधानसभा
क्षेत्र
सेंधवा से
निर्वाचित
वर्तमान
विधायक महोदय
को आमंत्रित
किया गया था?
यदि नहीं, तो
क्या
संबंधित
सक्षम
अधिकारी/कर्मचारियों
पर कार्यवाही
की जाएगी? (घ) क्या
सामान्य
प्रशासन
विभाग के आदेश
का पालन न
करने वालों को
पुन:
निर्देशित
किया जाएगा?
यदि नहीं, तो
क्यों?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) सार्वजनिक
समारोह/कार्यक्रमों
में माननीय
विधायकों को
आमंत्रित
करने हेतु
सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
पत्र क्रमांक
एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19
जुलाई 2019 से
निर्देश जारी
किए गए हैं। (ख) संबंधित
अधिकारी/कर्मचारी
द्वारा
सामान्य
प्रशासन
विभाग के जारी
निर्देशों की
अवहेलना करने
पर
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
करने का
प्रावधान है। (ग) एवं (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
अविवाहित बेटियों एवं विधवा बेटियों को पारिवारिक पेंशन का लाभ
[वित्त]
53. ( क्र. 2431 ) श्री विनय सक्सेना [श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी] : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि प्रदेश में सरकारी नौकरी में रहे माता/पिता का निधन होने पर दी जाने वाली पारिवारिक पेंशन में अविवाहित बेटियों, विधवा बेटियों को पारिवारिक पेंशन दिए जाने का प्रावधान नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में अविवाहित बेटियों और विधवा बेटियों को पारिवारिक पेंशन का लाभ न दिए जाने का क्या कारण है? (ग) क्या सरकार नियमों में संशोधन कर अविवाहित बेटियों और विधवा बेटियों को पारिवारिक पेंशन का लाभ देने का प्रावधान करेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी, नहीं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1976 के नियम 47 में एवं उल्लेखित परिवार के सदस्यों को नियत पात्रता क्रम में परिवार पेंशन पाने का अधिकार है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 47 की कंडिका 14 (ख) (ii) के अनुसार राज्य शासन द्वारा समय-समय पर विहित किये गये आय के मापदण्ड के अधीन रहते हुए अविवाहित एवं विधवा या विच्छिन्न विवाह पुत्री को 25 वर्ष आयु पूरी करने तक अथवा उसके विवाह/पुनर्विवाह की तारीख तक, इनमें से जो भी पूर्ववत हो, परिवार पेंशन की पात्रता होगी। (ख) उत्तारांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तारांश "क" के परिप्रेक्ष्य में पूर्व से ही प्रावधान होने से पृथक से कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
ग्राम पंचायतों में आनंद उत्सव कार्यक्रम
[आनंद]
54. ( क्र. 2435 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कुल कितनी ग्राम पंचायतें हैं? (ख) उपरोक्त में से कितनी ग्राम पंचायतों को आनंद उत्सव मनाने के लिए शामिल किया गया तथा कितने क्लस्टर बनाये गये? (ग) इन क्लस्टर को कितना-कितना धन किस मद से आनन्द उत्सव के लिए दिया गया? (घ) इस आनन्द उत्सव में अलग-अलग क्लस्टर में कितने-कितने लोगों ने भाग लिया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दमोह जिले में कुल 460 ग्राम पंचायत है।