मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
मंगलवार, दिनांक 16 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
आवास के फर्जी
आवंटन पर
कार्यवाही
[गृह]
1. ( *क्र. 4151 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपदा संचालनालय द्वारा भोपाल में वर्ष 2018 और 2019 में किस-किस श्रेणी के कौन-कौन से आवास, किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को किस-किस कोटे से आवंटित किये गये थे? आवंटित किये गये आवासों की सूची, आवंटिती का नाम, पदनाम, विभाग सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्ष 2018 और 2019 में संपदा संचालनालय के कर्मचारी द्वारा फर्जी तरीके से पैसे का लेन-देन कर कई कर्मचारियों को आवास आवंटित किये गये थे? यदि हाँ, तो निरस्त किये गये आवासों की सूची, आवंटिती के नाम, विभाग सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ, है तो शासन द्वारा उक्त आरोपी कर्मचारी एवं आवंटिती जिन्होंने फर्जी तरीके से पैसे देकर आवास आवंटित कराये थे, क्या शासन ऐसे कर्मचारियों से बाज़ार दर से आवंटित आवास अवधि का किराया वसूल करेगा या नहीं? (घ) क्या शासन द्वारा उन कर्मचारियों का नाम, जो फर्जी तरीके से आवास आवंटित कराने के दोषी हैं तथा जिनके आवास निरस्त किये गए हैं, दण्ड स्वरुप शासकीय आवास की पात्रता सूची से हटाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) दोषी आवंटितियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की गयी है तो क्या शासन उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन देने के फलस्वरूप अपराध पंजीबद्ध कराएगा? यदि हाँ, तो कब?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रचलित जाँच में फर्जी आवंटन आदेश के आधार पर आवास आवंटितियों को दाण्डिक दर से किराया वसूली की कार्यवाही के अंतर्गत मांग पत्र जारी किये गये हैं। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन नहीं है। (ड.) शासन आदेशों के परिपालन में आवंटन निरस्त कर बेदखली की कार्यवाही की जा रही है। दाण्डिक दर से किराया वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है।
शासकीय महाविद्यालय छापीहेड़ा में संचालित कक्षाएं
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 2415 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय छापीहेड़ा में कितने छात्र-छात्राएं दर्ज हैं? (ख) दर्ज छात्र संख्या के अनुरूप कितने कक्षों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं? छात्र संख्या के मान से क्या महाविद्यालय में कक्ष उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो कितने कक्ष उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो किस प्रकार से शासन द्वारा बैठक व्यवस्था की जाएगी? (ग) महाविद्यालय के पास छात्र-छात्राओं की बैठक व्यवस्था हेतु कितना फर्नीचर उपलब्ध है व पेयजल की क्या सुविधा है? (घ) अध्यनरत छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए नवीन महाविद्यालय भवन कब तक स्वीकृत किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय छापीहेड़ा में कला संकाय में 289 छात्र एवं 319 छात्रायें, कुल 608 विद्यार्थी दर्ज हैं। (ख) दर्ज छात्र संख्या के अनुरूप 04 कक्षों में कक्षायें संचालित हो रही हैं। छात्र संख्या के मान से कक्षों का अभाव है। आवश्यकतानुसार शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षों का उपयोग किया जाता है। (ग) महाविद्यालय के पास पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध है। पेयजल व्यवस्था के लिये नल-जल सुविधा उपलब्ध है। (घ) प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
पुराने टेंडर को एक्सटेंशन दिये जाने की जाँच
[ऊर्जा]
3. (*क्र. 5252 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग की पूर्व, पश्चिम व मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग ऑफ मैन पावर निविदा निकाली थी, जिसमें तकनीकी खोले जाने के बाद इसे जून-जुलाई 2020 में निरस्त कर दिया गया था और पुराने टेंडर को ही एक्सटेंशन दिया गया था? कारण बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित कार्य हेतु अगस्त 2020 में पुन: निविदा बुलाई गई और तकनीकी निविदा खोले जाने के पूर्व निरस्त किया जाकर पुराने टेंडर को एक्सटेंशन दिया गया, क्यों? (ग) क्या उक्त कार्य हेतु जनवरी 2021 में पुन: निविदा बुलाकर 16 फरवरी 2021 को निरस्त कर दिया गया? तीन तीन बार टेंडर निरस्त किये जाने के कारण क्या हैं? क्या किसी कंपनी विशेष को लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है? पुरानी एजेंसी के कार्य को कितनी बार एक्सटेंशन दिया गया? क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो क्यों? वर्तमान में कब तक के लिए एक्सटेंशन दिया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में आऊटसोर्स कर्मचारियों के आऊटसोर्स प्रदाता फर्म के माध्यम से नियोजन हेतु/निविदाएँ जारी की गईं थीं। प्राईस बिड खोलने के बाद उक्त निविदाओं को माह जून-2020 में निरस्त किया गया था। उक्त निविदाओं को निरस्त किये जाने का कारण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। बाहय स्त्रोत से कार्मिकों के नियोजन हेतु पूर्व निविदाओं के अंतर्गत जारी दर अनुबंधों की अवधि समाप्त हो रही थी एवं उक्त नई निविदायें निरस्त की जा चुकी थीं, अत: पुरानी निविदाओं के अंतर्गत जारी दर अनुबंध को एक्सटेंशन दिया गया था, जिससे वितरण कंपनियों के विद्युत व्यवस्था/कार्यालयों से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हो पाये। (ख) जी हाँ। आऊटसोर्स कर्मचारियों के नियोजन हेतु कोई भी निविदाकर्ता निविदा की अर्हताओं पर प्राइज बिड खोलने के योग्य नहीं पाया गया था, अत: उक्त निविदाएं वाणिज्यिक व तकनीकी बिड खुलने के बाद निरस्त की गईं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में पुन: पुरानी निविदाओं के अंतर्गत जारी दर अनुबंधों की अवधि नियमानुसार सक्षम अनुमोदन से एक्सटेंड की गयी, जिससे कि विद्युत वितरण कंपनियों के विद्युत व्यवस्था/कार्यालयों से संबंधित कार्य व्यवस्था प्रभावित नहीं हो पाये। (ग) जी हाँ। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा जारी निविदाएं निरस्त किये जाने का कारण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, किसी कंपनी विशेष को लाभ देने का प्रयास नहीं किया जा रहा। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी व मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पुरानी एजेन्सियों के अनुबंध का तीन बार एक्सटेंशन किया गया है, जबकि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एक एजेंसी के अनुबंध को दो बार, दूसरी एजेंसी के अनुबंध को चार बार तथा अन्य तीन एजेन्सियों के अनुबंध का सात बार एक्सटेंशन किया गया है। उक्त एक्सटेंशन नियमानुसार किये गये हैं। वर्तमान में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा उक्त एक्सटेंशन मार्च 2021 तक के लिए किये गए हैं।
पश्चिम क्षेत्र वि.वि.कं. इन्दौर में आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 4611 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर को इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आई.पी.डी.एस.) के तहत कितनी राशि केन्द्र सरकार द्वारा विगत 07 वित्तीय वर्षों में (2013-14 से 2019-20 तक) स्वीकृत की गई? आई.पी.डी.एस. योजना में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा सब ट्रांसमिशन कंस्ट्रक्शन (एस.टी.सी.) अनुभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा (आई.पी.डी.एस.) योजना के अन्तर्गत इन्दौर शहर के उत्तर दक्षिण एवं पश्चिम शहर संभागों में क्या-क्या कार्य कराये गये? क्या इन कार्यों में अनियमितता की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं हैं? क्या कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इन्दौर शहर के उत्तर, दक्षिण एवं पश्चिम शहर संभागों में आई.पी.डी.एस. योजना के तहत विभागीय स्तर पर क्रय किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर केबल एवं विद्युत पोल को प्रायवेट कॉलोनियों में लगाये गये हैं? क्या कई जगहों पर पोल व ट्रांसफार्मर नहीं लगे होने की शिकायत प्राप्त हुई है? आई.पी.डी.एस. योजना में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा एस.टी.सी. अनुभाग से कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस स्तर के अधिकारियों द्वारा कराया गया है? आई.पी.डी.एस. योजना में विभागीय तौर पर क्रय किए गए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर,विद्युत केबल एवं विद्युत पोल जिन प्रदायकर्ता कंपनियों से क्रय किए गए हैं, को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? प्रदायकर्ता कंपनियोंवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इन्दौर शहर के उत्तर दक्षिण एवं पश्चिम शहर संभागों में आई.पी.डी.एस. योजना में मेसर्स छेमा पावर कंपनी को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों का भुगतान किया गया है? कितनी-कितनी राशि दी गई है? उक्त कार्यों का किस-किस स्तर के अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया? कार्य नहीं होने एवं उसके पूर्व कम्पनी को भुगतान किया गया है, की जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आई.पी.डी.एस) के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में कुल रु. 647.98 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। उक्त योजना में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के सब-ट्रांसमिशन कंस्ट्रक्शन अनुभाग द्वारा कंपनी क्षेत्रांतर्गत किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत इन्दौर शहर के उत्तर, दक्षिण एवं पश्चिम शहर संभागों में सब-ट्रांसमिशन कंस्ट्रक्शन अनुभाग द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत संभागवार किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त कार्यों में अनियमितता की कोई शिकायत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को प्राप्त नहीं हुई है तथा उक्त समस्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इंदौर शहर के उत्तर, दक्षिण एवं पश्चिम शहर संभागों में आई.पी.डी.एस. योजना के तहत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर क्रय किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर, केबल एवं विद्युत पोल को प्रायवेट कॉलोनियों में जहाँ तकनीकी रूप से विद्युत अधोसंरचना का उन्नयन आवश्यक है, नियमानुसार लगाया गया है तथा इस प्रकार निर्मित विद्युत अधोसंरचना को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अधिगृहीत कर लिया गया है। कई जगहों पर पोल व ट्रांसफार्मर नहीं लगे होने की शिकायत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में प्राप्त नहीं हुई है। आई.पी.डी.एस. योजना में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा एस.टी.सी. अनुभाग से कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन इंदौर शहर एस.टी.सी. अनुभाग के कनिष्ठ यंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया है। आई.पी.डी.एस. योजना में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर 371 वितरण ट्रांसफार्मर, विभिन्न साईज की कुल 1060 कि.मी. निम्नदाब ए.बी. केबल, लगभग 4830 मीट्रिक टन लोहे के पोल (एच.बीम) तथा लगभग 2962 मीट्रिक टन आर.एस. जॉइस्ट विभिन्न कंपनियों से क्रय किये गए हैं, जिसके विरूद्ध प्रदायकर्ता कंपनियों को किये गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स-1, स-2 एवं स-3 में दर्शाए अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आई.पी.डी.एस. योजना में मेसर्स छेमा पावर कंपनी को उत्तर एवं दक्षिण शहर संभागों में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक 11 के.व्ही. लाईन, वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना, निम्नदाब ए.बी. केबल लाईन, बाउंड्री मीटर, डी.टी.आर. मीटर स्थापना, उपभोक्ता मीटर स्थापना एवं सोलर पैनल स्थापना के कार्यों का भुगतान किया गया है। इंदौर शहर संभाग उत्तर एवं शहर संभाग दक्षिण में मेसर्स छेमा पावर कंपनी द्वारा किये गए कार्यों के भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र द-1 एवं प्रपत्र द-2 में दर्शाये अनुसार है। इन्दौर शहर संभाग पश्चिम के अंतर्गत मेसर्स छेमा पावर कंपनी द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया गया है। मेसर्स छेमा पावर कंपनी द्वारा किये गए कार्यों का भौतिक सत्यापन सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया है। उक्त अधिकारियों के अलावा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट हेतु नियुक्त एजेंसी मेसर्स फीडबैक इन्फ्रा.प्रा. लि. गुरुग्राम के फील्ड इंजीनियर, रेजिडेंट इंजीनियर एवं टीम लीडर द्वारा भी भौतिक सत्यापन किया गया है। कार्य प्रारंभ नहीं होने के पूर्व मेसर्स छेमा पावर कंपनी को निविदा की शर्तों के अनुसार मोबलाईजेशन एडवांस के तहत भुगतान नहीं किया गया है, अपितु मेसर्स छेमा पावर कंपनी द्वारा समय-समय पर सामग्री उपलब्ध कराये जाने पर निविदा की शर्तों के अनुसार भुगतान किया गया है, जिसका शहर संभागवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई में दर्शाए अनुसार है।
बैतूल न.पा. द्वारा अमृत योजनान्तर्गत कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 1671 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले पाँच वर्षों में बैतूल नगर पालिका तथा बैतूल बाजार नगर पंचायत में अमृत योजनांतर्गत कोई निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं? यदि हाँ, तो निर्माण कार्यों के नाम सहित स्वीकृत राशि का ब्यौरा वर्षवार देवें? स्वीकृत निर्माण कार्यों की प्रश्नांश दिनांक तक की प्रगति से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) अमृतधारा योजनांतर्गत स्वीकृत ताप्ती बैराज क्या वर्ष 2020 की वर्षा में क्षतिग्रस्त हुआ है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? शासन स्तर पर जिम्मेदार व्यक्तियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत योजना अंतर्गत नगर पालिका बैतूल में स्वीकृत कार्यों का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर परिषद बैतूल बाजार में अमृत योजना अंतर्गत कोई निर्माण स्वीकृत नहीं हुये हैं। (ख) जी नहीं। अपितु दिनांक 26 से 29 अगस्त, 2020 के मध्य बैतूल जिले में अत्यधिक वर्षा होने से दिनाक 28.08.2020 को नगर पालिका बैतूल के ताप्ती नदी पर निर्मित बैराज की दाहिनी ओर की 'की वॉल' (Key wall) के साइड में अत्यधिक मिट्टी का कटाव हुआ है एवं 'की वॉल' की दोनों ओर की पिचिंग क्षतिग्रस्त हुई है, बैराज के मूल स्ट्रक्चर को कोई भी क्षति नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टीकमगढ़ तहसील अन्तर्गत अवैध काँलोनियों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 3920 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ तहसील अन्तर्गत आने वाले पटवारी हल्का टीकमगढ़ किला, टीकमगढ़ खास, अनन्तपुरा, तखा, नारगुड़ा, गोपालपुरा, नयाखेरा, कुवंरपुरा, मामौन, गनेशगंज, माडूमर, इत्यादि हल्कों में प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा धारा 339 एवं 339 (क) एवं टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के नियमों की शर्तों का उल्लघंन कर प्लाटों का विक्रय किया जा रहा है? (ख) क्या डीलरों के द्वारा अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे डीलरों ओर अवैध कॉलोनियों का निर्माण करने वाले लोगों पर आज दिनांक तक प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) में अंकित पटवारी हल्का में कितनी अवैध कॉलोनियों का निर्माण एवं प्लाटिंग का कार्य प्रगति पर है? (ड.) वर्ष 2015 से आज दिनांक तक प्रश्नांश (क) में अंकित पटवारी हल्का में कितनी कॉलोनियों का निर्माण कराया जा चुका है? (कलेक्टर द्वारा सर्टिफाईड सूची उपलब्ध करायें) (च) कॉलोनाईजर को प्लाटों की बिक्री के पूर्व कौन से लाईसेंस या सर्टिफिकेट शासन की गाईड लाईन के अनुसार अनिवार्य हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) टीकमगढ़ द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि प्रश्नांकित ग्रामों में प्रॉपर्टी डीलर्स द्वारा धारा 339-क के उल्लंघन के संबंध में जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) अवैध कॉलोनियों के निर्माण की जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जाँच की कार्यवाही पूर्ण होने पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांकित पटवारी हल्का में 82 कॉलोनियों के भू-स्वामियों द्वारा कृषि भूमि को प्लाट के रूप विक्रय किया जा रहा है जिसके संबंध में जाँच की कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) नगरीय क्षेत्र में कॉलोनी बनाने वाले व्यक्ति को म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-क के तहत कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, नगर तथा ग्राम निवेश से विकास की अनुमति, सक्षम प्राधिकारी से कॉलोनी के विकास कार्य की अनुमति प्राप्त किया जाना एवं प्रस्तावित कॉलोनी का रेरा में पंजीयन भी कराया जाना अनिवार्य है।
कोविड महामारी के तहत आयुष चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती
[आयुष]
7. ( *क्र. 4490 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 में कोविड महामारी के तहत आयुष चिकित्सा अधिकारियों की शासन द्वारा जिला स्तर से भर्ती की गई थी, जिसमें समय-समय पर कार्य अवधि में वृद्धि की जाती रही है एवं शासन के आदेशानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पूर्व से रखे आयुष चिकित्सा अधिकारियों को रखने के आदेश जारी किये गये थे? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिहावल, जिला-सीधी में पूर्व में पदस्थ आयुष चिकित्सा अधिकारी को माह फरवरी, 2021 में हटाकर अन्य डिप्लोमाधारी को पदस्थ किया गया तथा शासन के आदेश की अवहेलना क्यों की गई? (ग) क्या पूर्व में पदस्थ आयुष चिकित्सा अधिकारी सिहावल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ करेंगे? नहीं करेंगे तो क्यों? दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आयुष विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका परिषद् कुक्षी द्वारा किये गये शिलान्यास/लोकार्पण कार्यक्रम
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 5150 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 15.02.2021 तक नगर पालिका परिषद् कुक्षी द्वारा किए गये शिलान्यास एवं लोकार्पण समारोह में न तो प्रश्नकर्ता को आमंत्रित किया एवं न ही शिलालेखों में नाम अंकित किया गया? ऐसा करके प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों का नाम, पदनाम सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि के समस्त आमंत्रण पत्रों का विवरण देवें तथा शिलालेखों के फोटो प्रदान करें। (ग) प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले इन अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपरिषद कुक्षी जिला धार द्वारा दिनांक 01.04.2020 से 15.02.2021 तक आयोजित समारोहों में माननीय विधायक महोदय को कार्यालयीन पत्रों द्वारा सादर आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम स्थल पर शिलालेख नहीं लगाये गये हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्यालयीन आमंत्रण पत्रों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यक्रम स्थल पर शिलालेख नहीं लगाये गये हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पृथ्वीपुर में न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
9. ( *क्र. 3480 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर निवाड़ी द्वारा अपने पत्र क्र. 1631/स्टेनो/कले.नि./2019, दिनांक 29.5.2019 द्वारा प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन, विधि एवं विधायी कार्य को तत्कालीन मंत्री विधि एवं विधायी कार्य म.प्र. शासन द्वारा जिला निवाड़ी अंतर्गत जेरोन में दिनांक 02.02.2019 को पृथ्वीपुर में न्यायालय हेतु घोषणा के क्रियान्वयन के संबंध में पत्र भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु शासन/विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) कब तक पृथ्वीपुर में न्यायालय हेतु की गई घोषणा पूरी कर ली जावेगी? उक्त घोषणा को पूरी न करने के लिये कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील पृथ्वीपुर में व्यवहार न्यायालय की स्थापना के संबंध में कलेक्टर, निवाड़ी से प्राप्त पत्र अभिमत हेतु माननीय उच्च न्यायालय को भेजा गया था। माननीय उच्च न्यायालय ने उक्त पत्र के अनुक्रम में अवगत कराया है कि पृथ्वीपुर, जिला टीकमगढ़ (निवाड़ी) में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग रजिस्ट्री में विचाराधीन/प्रक्रियाधीन है। (ग) निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर नगर निगम में कराये गये निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 4532 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम में दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के कितनी दर पर स्वीकृत कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, कितनी दर पर स्वीकृत कर किस ठेकेदार/ऐजेन्सी को वर्कआर्डर दिया गया था? निर्माण कार्य किस-किस कर्मचारी, अधिकारी/यंत्री के सुपरवीजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? उक्त निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य हैं, जिनकी खराब गुणवत्ता या अन्य कारणों से दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक शिकायतें की गईं हैं? शिकायतकर्ता का नाम, पता, दें। क्या शिकायतों की जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो जाँच कमेटी में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी रखे गये थे? उनका नाम, पद बतावें। क्या जाँच में कोई कमी पाई गई थी? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य में क्या-क्या कमी थी? अलग-अलग कार्यवार बतावें। इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी या निर्माण ऐजेन्सी/ठेकेदार दोषी थे? उनका नाम, पद बतावें? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है या की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों की प्रश्नावधि में कोई शिकायत प्राप्त न होने से, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जहरीली शराब के कारोबार में लिप्त दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[गृह]
11. ( *क्र. 3741 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुमावली में माह जनवरी 2021 में जहरीली शराब के सेवन से 24 व्यक्तियों की मृत्यु हुई? सरकार ने दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, जिला आबकारी अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया और बागचीनी थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया, किन्तु आज दिनांक तक सुमावली थाना प्रभारी रवि गुर्जर के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सुमावली थाना क्षेत्र के अंतर्गत जहरीली शराब का कारोबार चल रहा था, जिसके कारण पहावली गांव के तीन लोगों की मृत्यु हुई, जिसका जिम्मेदार सुमावली थाना प्रभारी भी है? दोषी सुमावली थाना प्रभारी पर तुरंत कार्यवाही करते हुये, उसे कब तक निलंबित किया जाएगा। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुमावली में कितने पुलिस थाने आते हैं? थानों में पदस्थ स्टाफ की जानकारी निम्न बिन्दुओं के आधार पर देवें :- 1. स.क्र., 2. कर्मचारी का नाम, 3. पद, 4. थाने में पदस्थ दिनांक।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला मुरैना में जहरीली शराब से ग्राम पहावली के जिन 03 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, वे थाना सुमावली क्षेत्र के रहने वाले अवश्य हैं, परन्तु यह घटना ग्राम छैरा में हुई, जो थाना बागचीनी के अन्तर्गत आता है, अतः थाना बागचीनी थाना प्रभारी के विरुद्ध कार्यवाही की गई। चूंकि घटना थाना सुमावली से संबंधित नहीं है इसलिये थाना प्रभारी सुमावली के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) थाना सुमावली क्षेत्र के अन्तर्गत जहरीली शराब का कारोबार चलने की घटना नहीं हुई है। मृतक पहावली, ग्राम थाना सुमावली के रहने वाले थे, लेकिन घटना छैरा गांव थाना बागचीनी में हुई है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुमावली जिला मुरैना में 06 थाने आते हैं। अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत कंपनियों के लाभ-हानि का विवरण
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 4419 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के अंतर्गत वर्ष 2010 से वर्ष अप्रैल 2020 तक कंपनी को हुई लाभ-हानि का विवरण दें? (ख) क्या कंपनी द्वारा बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को दिया है? वर्ततान एम.डी. के कार्यकाल में कंपनी को कितना लाभ और कितनी हानि हुई? (ग) प्रश्नांकित अवधि में कंपनी द्वारा बढ़ाये गये टैरिफ कुल कितना प्रतिशत हुआ? घरेलू, कमर्शियल एवं इण्डस्ट्रियल के टैरिफ बढ़ाने के कारण प्रति यूनिट बिजली उपभोक्ताओं को सभी प्रकार के चार्ज जोड़कर कितनी राशि की वसूली की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वित्तीय वर्ष 2009-10 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को हुई लाभ-हानि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिनांक 27 मई 2020 को कार्यभार ग्रहण किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कंपनी को कितना लाभ और कितनी हानि हुई है, वित्तीय वर्ष के समापन एवं वार्षिक लेखों के अंकेक्षण के उपरांत ही बताया जाना संभव होगा। (ग) टैरिफ का निर्धारण मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा नहीं। अपितु म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है, प्रश्नाधीन अवधि में घरेलू, कमर्शियल एवं इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट औसत बिजली बिल की वसूल की जाने वाली राशि (समस्त चार्ज जोड़कर) का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
संपत्ति कर से प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 2986 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र के नेहरु नगर, कोटरा, वैशाली नगर, आकाशवाणी, सरस्वती नगर, जवाहर चौक, न्यू मार्केट, 5 नं. मार्केट, शिवाजी नगर, सरिता कॉम्पलेक्स, शिवानी परिसर, एच.आई.जी., एम.आई.जी., एल.आई.जी., माचना कॉलोनी में वित्तीय वर्ष 2019-20, 2021 में कितना संपत्ति कर प्राप्त हुआ है? वर्षवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि की कितनी राशि का व्यय किस-किस कॉलोनी एवं क्षेत्र में किस-किस कार्य में किया गया है? कॉलोनीवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) में कॉलोनियों की सड़क निर्माण, सड़क मरम्मत, निर्माणाधीन नाले और पार्क के कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की जाना प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (ग) में कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? अवधि बताएं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2019-20 में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2019-20 के समस्त कार्य पूर्ण हैं, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केन्द्रीय जेल सागर में पदस्थ कर्मियों हेतु शासकीय आवास का निर्माण
[जेल]
14. ( *क्र. 2548 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय जेल सागर के अधिकारियों/कर्मचारियों के आवास निर्माण का कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कितने आवास निर्माण कराये जाना हैं एवं कब तक तथा इस हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या केन्द्रीय जेल सागर में लगभग 200 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, जिनके लिये कुल 106 शासकीय आवास हैं, जिससे शेष अधिकारियों/कर्मचारियों को जेल परिसर के बाहर किराये के भवनों में रहना पड़ रहा है? (ग) क्या शासकीय नियमानुसार जेल अधिकारियों/कर्मचारियों को जेल परिसर में ही रहने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या शासन शीघ्र ही शासकीय आवास भवनों का निर्माण करायेगा तथा कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश की सभी जेलों के लिए कुल 3278 आवासगृहों का प्रस्ताव विचाराधीन है, जिसमें केन्द्रीय जेल सागर के आवास गृह भी शामिल हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। केन्द्रीय जेल सागर में वर्तमान में 184 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, जिनके लिए 106 आवास उपलब्ध हैं। (ग) जी हाँ। समय-सीमा तय करना संभव नहीं है।
सागर जिले के बिलहरा ग्राम में हुई हत्या की जाँच
[गृह]
15. ( *क्र. 5057 ) श्री तरबर सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के बिलहरा ग्राम की बेटी सूर्या सिंह वैश्य जिसकी शादी ग्वालियर के डॉ. संजय सिंह के साथ हुई थी? क्या उसकी हत्या उसके पति के द्वारा गला दबा कर की गई थी और मारने के बाद क्या लाश को घर से बाहर ले जाकर जला दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या अकेला एक व्यक्ति इस घटना को अंजाम दे सकता है? (ख) यदि नहीं, तो इस घटना में और कौन-कौन दोषी हैं? पुलिस ने क्या कार्यवाही की? (ग) इस हत्या में उसके पति संजय सिंह वैश्य, ननद नेहा शर्मा, नंदोई अयान शर्मा और सास मनोरमा वैश्य का हाथ होना बताया जा रहा है, क्या यह सही है? क्या पहले संजय सिंह और उसके बहनोई की गिरफ्तारी की गई थी, बाद में उसके बहनोई को क्यों छोड़ दिया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मर्ग जाँच एवं पी.एम. रिपोर्ट से हत्या कर साक्ष्य छुपाने का अपराध पाये जाने से संदिग्ध संजय सिंह से पूछताछ की गई तो स्वयं के द्वारा अपराध करना स्वीकार किया कि पत्नी मृतिका से घर पर विवाद/झगड़ा हो जाने के कारण पत्नी को छाती में मुक्के मारे व गला दबाया, जिससे पत्नी की मृत्यु हो गई, बाद में मृतिका के शव को रात्रि में एक प्लास्टिक की बोरी में भर कर रात्रि में ही स्कूटी से कलेक्ट्रेट के पास झाड़ियों में फेंक कर पेट्रोल डालकर आग लगाकर वहां से भाग गया। (ख) आरोपी पति संजय सिंह बैस के द्वारा ही घटना कारित करना पाये जाने से आरोपी को दिनांक 17.01.2021 को गिरफ्तार किया गया। (ग) प्रकरण में आरोपी संजय सिंह बैस उम्र 31 साल, नि. एच.आई.जी. 1103 न्यू दर्पण कॉलोनी को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक की विवेचना में ननद नेहा शर्मा, नंदोई अयान शर्मा, सास मनोरमा बैस की संलिप्तता नहीं पाई गई है और न ही किसी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
सजा पूर्ण कर चुके बंदी कैदियों की संख्या
[जेल]
16. ( *क्र. 3197 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में म.प्र. की जेलों में ऐसे कितने बंदी हैं, जिनकी सजा की अवधि पूर्ण होने के बाद भी उनको रिहा नहीं किया गया है? जेलवार बंदियों की संख्या बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में ऐसे कितने बन्दी हैं, जिनको जुर्माना अदा नहीं कर पाने के कारण अतिरिक्त कारावास भुगताया जा रहा है? बंदीवार, जेलवार, जुर्माना राशि सहित सूचि देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में ऐसे कैदी जो जुर्माना अदा कर पाने में सक्षम नहीं है, उनके संबंध में शासन ने क्या कोई नीति बनाई है या बना रहा है? (घ) आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संस्थाएं किस प्रकार ऐसे कैदियों की मदद कर सकती हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संस्था संबंधित बंदी की जुर्माना राशि शासकीय खजाने में जमा कर जुर्माने की अतिरिक्त सजा नहीं भुगतने के लिए मदद कर सकते हैं।
पांढुरना नगर पालिका परिषद में जल आवर्धन योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 4481 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुरना नगर पालिका परिषद को U.I.I.D.S.S.M.T. जलावर्धन पेयजल योजना के तहत 114.33 करोड़ रूपये की राशि प्रदान की गई थी? इस योजना को वर्ष 2012 में कितने चरणों में कब तक पूरी होना था तथा कौन से दो चरण का कार्य पहले पूर्ण होना था? इसका सम्पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें। (ख) प्रशासन की जानकारी अनुसार प्रथम चरण का कार्य पहले पूर्ण किया जाना था अथवा नहीं? यदि नहीं, तो किस अनुसार प्रथम चरण का कार्य पूर्ण किये बिना दूसरे चरण का कार्य किस नियम के तहत प्रारंभ किया गया? (ग) नियमों के विपरीत कार्य करने व समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के लिये कौन से अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी? योजना हैण्ड ओवर हुये बगैर नगर पालिका परिषद द्वारा नल कनेक्शन किन नियमों के अन्तर्गत वितरित किये जा रहे हैं? (घ) क्या उक्त विषय को स्थानीय सामाजिक संस्था विशाल जामसांवली पदयात्रा समिति द्वारा निरंतर उठाया जा रहा है? परंतु प्रशासन की मिली भगत से कार्यवाही आगे नहीं बढ़ रही है? क्या प्रश्नांश (क) (ख) (ग) पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं और यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) संपूर्ण योजना के लिये राशि रू. 114.33 करोड़ की दिनांक 12.06.2012 को सभी घटकों की परसोडी जलाशय सहित तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमे चरणों का कोई प्रावधान नहीं था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। स्वीकृति के अनुसार योजना का क्रियान्वयन चरणों में किये जाने के कोई निर्देश/आदेश नहीं थे। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजनांतर्गत कराये गये निर्माण कार्यों के दौरान अतिक्रमण होने के कारण एवं ओव्हर हेड टैंक के स्थल परिवर्तन कर नये स्थल के चयन के कारण निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं हुये जिस हेतु प्रेसिडेन्ट इन काउन्सिल की बैठक क्रमांक 19, दिनांक 04.03.2020 के प्रस्ताव क्रमांक 06 के द्वारा उक्त विलंब के कारणों पर विचार करते हुए निर्माण एजेंसी को सर्वसम्मति से 31 मार्च 2021 तक की समयावधि बढ़ायी गई है। प्राप्त तकनीकी स्वीकृति में नल कनेक्शन का प्रावधान न होने के कारण परिषद प्रस्ताव क्रमांक 07, दिनांक 17.07.2020 द्वारा 4000 नवीन नल कनेक्शन की स्वीकृति एवं विधिवत तकनीकी स्वीकृति उपरांत, निविदा आमंत्रण की कार्यवाही पूर्ण कर कार्य कराया जा रहा है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पांढुरना के पत्र क्रमांक/255/का.शाखा/202-21 पांढुरना, दिनांक 16.02.2021 द्वारा विशाल जामसांवली पदयात्रा समिती, पांढुरना द्वारा प्रस्तुत आवेदन के संबंध में वस्तुस्थिति प्रतिवेदन निकाय से चाहा गया। निर्देशों के परिपालन में निकाय द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 5497 पांढुरना दिनांक 25.02.2021 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पांढुरना को वस्तुस्थिति प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम नगर निगम क्षेत्र में स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 4744 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी योजना के तहत रतलाम नगर निगम क्षेत्र में कौन-कौन से विकास एवं निर्माण प्रारंभ किये गये? इन कार्यों की प्रगति रिपोर्ट क्या है? (ख) उकाला रोड फोरलेन, शास्त्री नगर फोरलेन एवं कॉन्वेन्ट तिराहा से लॉ कॉलेज पुलिया तक प्रस्तावित फोरलेन का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कार्यों की प्रगति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उकाला रोड फोरलेन का कार्य प्रगतिरत है। शास्त्री नगर फोरलेन एवं कॉन्वेंट तिराहा से लॉ कॉलेज पुलिया तक प्रस्तावित फोरलेन का निर्माण कार्य दिनांक 15 अप्रैल, 2021 के पश्चात प्रारंभ किया जाना संभावित है, क्योंकि रोड की यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य किया जाना है।
अनुभवहीन अधिकारियों की संविदा पदस्थापना समाप्त की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 1927 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. अर्बन डेव्हलपमेन्ट लिमि. भोपाल में म.प्र. में ए.डी.बी. पोषित कुल कितनी नल-जल योजना स्वीकृत की गई, जिनकी भौतिक एवं वित्तीय स्थिति से अवगत करायें? (ख) स्वीकृत योजनाओं को पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा क्या थी? कब तक पूर्ण किये जायेंगे? यदि समय-सीमा बढ़ाई गयी तो क्यों स्पष्ट करें? (ग) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत नल-जल योजनाओं में कार्य गुणवत्ता एवं लेबर सुरक्षा ए.डी.बी. के मापदण्डों द्वारा सुनिश्चित की गई? (घ) क्या म.प्र. अर्बन डेव्हलपमेन्ट कं. लिमि. भोपाल में उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी नियमित हैं व कितने समय से संविदा पद पर कार्य कर रहे हैं? नामवार पदवार जानकारी देवें। प्रमुख पदों पर पदस्थ अधिकारियों को क्या योजना का पूर्व से विभागीय अनुभव प्राप्त है? यदि नहीं, तो क्या उन्हें हटा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) म.प्र. अर्बन डेव्हलपमेन्ट कं. लिमि. भोपाल अन्तर्गत कितनी कन्सलटेन्सी कंपनी कार्यरत हैं? नामवार जानकारी देवें। उनमें पदस्थ अमले में कितने प्रतिशत कर्मचारी म.प्र. के मूल निवासी हैं व कितने राज्य के बाहर के हैं? विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ए.डी.बी. द्वारा पोषित 128 जल प्रदाय योजना स्वीकृत की गई है, एक परियोजना पूर्ण हुई, शेष प्रगतिरत/स्वीकृत जल प्रदाय योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम क्रमांक 8 व 9 के अनुसार है। (ख) स्वीकृत जल प्रदाय योजनाओं के अनुबंध के अनुसार पूर्ण करने की तिथि, पूर्णता की संभावित तिथि, विलम्ब के कारण बढ़ाई गई तिथि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यों की गुणवत्ता एवं लेबर सुरक्षा एम.पी.यू.डी.सी.एल. द्वारा नियुक्त अनुबंधित फर्म कन्सल्टेंट टाटा कंसल्टिंग के इंजीनियर्स एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। (घ) म.प्र. अर्बन डेवपलमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल में उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रमुख पदों पर पदस्थ अधिकारियों को पूर्व से ही विभागीय अनुभव प्राप्त है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) एम.पी.यू.डी.सी.एल. के अंतर्गत कन्सल्टेंसी कार्यरत है, कल्सल्टेंसी का नाम एवं अन्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
जनजातीय वर्ग के कर्मचारी के कथित उत्पीड़न की जाँच
[गृह]
20. ( *क्र. 4988 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जनजातीय कर्मचारियों का विभागों में उत्पीड़न हो रहा है? (ख) क्या अगस्त 2020 में बाल-कल्याण-समिति, इंदौर की तत्कालीन अध्यक्ष माया पांडेय ने कम्प्यूटर-ऑपरेटर पद पर कार्यरत अ.ज.जा. कर्मचारी संगीता मुझाल्दे को प्रताड़ित, गाली-गलौज एवं जाति सूचक टिप्पणी की? (ग) प्रश्नांश (ख) मामले की शिकायत पीड़िता ने किस दिनांक को किस-किस को की? शिकायत उपरांत कार्यवाही का ब्यौरा दें। (घ) आयुक्त, इंदौर संभाग को पत्र सं. 648, दिनांक 23.9.2020 कलेक्टर इंदौर को पत्र सं. 647, दिनांक 23.9.2020 पुलिस-महानिरीक्षक इंदौर को पत्र सं. 643, दिनांक 19.9.2020 अपर-मुख्य-सचिव गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन को पत्र सं. 642, दिनांक 19.9.2020 मुख्यमंत्री-कार्यालय मध्यप्रदेश को पत्र सं. 638, दिनांक 19-9-2020, पत्र सं. 654, दिनांक 5.10.2020 ईमेल एवं पोस्ट द्वारा प्रेषित पत्रों का प्रश्न-दिनांक तक भी जवाब नहीं देने का क्या कारण है? (ङ) प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें। (च) प्रश्नांश (ख) मामले में पीड़िता द्वारा शिकायत पर किसके द्वारा किस दिनांक से जाँच आरंभ की गई? किस दिनांक को किसका-किसका बयान किन नियमों/कारणों के तहत लिया गया? प्रति-सहित ब्यौरा दें। (छ) प्रश्नांश (ख) मामले की जाँच में बाल-कल्याण-समिति की तत्कालीन सदस्य सुषमा त्रिवेदी और जैमिनी वर्मा का बयान क्यों नहीं लिया गया? बयान नहीं लेने के लिए कौन दोषी है? (ज) प्रश्नांश (ख) मामले में निष्पक्ष जाँच के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? पीड़िता को कब न्याय मिलेगा? (झ) पीड़िता का स्थानांतरण एकीकृत बाल विकास परियोजना देपालपुर क्र. 02 जिला इंदौर में किस कारण से किया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (झ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर परिषद शहपुरा में ऑडिटोरियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 4215 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर की नगर परिषद शहपुरा में जर्जर टाउन हाल के स्थान पर ऑडिटोरियम निर्माण कराये जाने हेतु नगर परिषद का संकल्प क्रमांक 01, दिनांक 07.08.2019 को पारित किया जाकर ऑडिटोरियम निर्माण कार्य एवं सड़क चौड़ीकरण की डी.पी.आर. तैयार कर संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग, जबलपुर के माध्यम से आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को भेजी गई थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विवरण उपलब्ध करायें। (ख) ऑडिटोरियम निर्माण की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति आदेश विभाग कब तक जारी करेगा? प्रश्नकर्ता के द्वारा दिये गये पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? ऑडिटोरियम निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा भी बताई जावे। (ग) क्या उक्त के संबंध में संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 8572, दिनांक 11.09.2020 एवं स्मरण पत्र 9118, दिनांक 30.09.2020 से विभागीय अधीक्षण यंत्री, जबलपुर संभाग को लिखा गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर पृथक-पृथक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की जा रही है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या उक्त योजना को लंबित रखे जाने के लिए जिम्मेदारों पर विभागीय कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। निकाय से प्राप्त प्रस्ताव पर संचालनालय द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु निकाय को पत्र लिखा गया। (ख) नगर पालिका से प्राप्त प्रस्ताव पर वित्तीय व्यवस्था हेतु प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। संचालनालय द्वारा कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर को विधिवत प्रस्ताव अनुशंसा सहित भेजने हेतु पत्र प्रेषित किया गया। बजट आवंटन उपलब्ध होने पर स्वीकृति हेतु विचार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सड़क चौड़ीकरण कार्य की डी.पी.आर. लागत राशि रू. 303.74 लाख की प्राप्त हुई है। बजट आवंटन उपलब्ध होने पर स्वीकृति हेतु विचार किया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोरोनाकाल के दौरान नगर पालिका डबरा द्वारा किये गये भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 5248 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोनाकाल के दौरान नगर पालिका डबरा में तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा एक लाख रूपयें से कम के कितने भुगतान किस-किस को किये? क्या यह भुगतान नियमानुसार है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों। (ख) नगर पालिका परिषद् डबरा में वित्तीय वर्ष 2019-2020 एवं 2021 में अब तक एक लाख रूपये से कम के कितने भुगतान कितनी राशि के किसके पक्ष में किस मद से किये गये? क्या यह सब नियमानुसार किये गये? (ग) नगर पालिका परिषद् डबरा में स्टोर का भौतिक सत्यापन अंतिम बार कब कराया गया था? नियमानुसार कब-कब भौतिक सत्यापन किया जाता है? डबरा में स्टोर का भौतिक सत्यापन न होने के क्या कारण हैं? इस हेतु कौन उत्तरदायी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 अंतर्गत जारी लेखा एवं वित्त नियम 2018 के नियम 85 एवं 91 के अनुसार कार्य कराये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 अंतर्गत जारी लेखा एवं वित्त नियम 2018 के नियम 85 एवं 91 के अनुसार कार्य कराये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्टोर का भौतिक सत्यापन अंतिम बार दिनांक 31.03.2020 को कराया गया है। म.प्र. नगर पालिका लेखा एवं वित्त नियम 2018 के नियम 179 के अनुसार प्रत्येक वित्त वर्ष की समाप्ति पर स्टोर का भौतिक सत्यापन कराया जाना प्रावधानित है, उक्त प्रावधान अनुसार स्टोर का भौतिक सत्यापन कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी की इकाई नंबर 6 एवं 7 से विद्युत उत्पादन
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 756 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी जिला बैतूल की इकाई नंबर 6 एवं 7 के प्लांट की समयावधि पूर्ण हो चुकी है? समयावधि बताएं। (ख) क्या उक्त दोनों प्लांट से अभी भी उत्पादन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या निश्चित समयावधि पूर्ण होने के बाद भी इकाई क्रमांक 6 एवं 7 से विद्युत उत्पादन होने के कारण सारणी नगर सहित आसपास के क्षेत्र में धुंआ एवं राख चारों ओर फैल रही है, जिससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है? (ग) उक्त इकाइयों से उत्पादन तत्काल बंद किया जाकर क्या नया प्लांट स्थापित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रदूषण निवारण के लिए सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी द्वारा पर्यावरण सुधार के लिए क्या-क्या कार्य किए गए हैं? कितनी राशि पर्यावरण सुरक्षा/प्रदूषण रोकने के लिए व्यय की गई है? मदवार ब्यौरा दें एवं भविष्य में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी से होने वाले प्रदूषण से सारणी नगर को बचाने की क्या योजनाएं हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी जिला बैतूल की इकाई क्रमांक 6 एवं 7 क्रमश: 41 एवं 40 वर्ष से संचालन में है। ताप विद्युत इकाइयों की रूपांकित/सामान्य आयु (समयावधि) 25 वर्ष होती है। (ख) जी हाँ। प्रदेश में विद्युत की मांग के परिप्रेक्ष्य में, भार प्रेषण केन्द्र के निर्देशानुसार, इन इकाइयों से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। जी नहीं, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी परिसर एवं आस-पास के क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता की नियमित रूप से जाँच की जाती है एवं सभी मापदण्ड तय मानकों के अनुसार प्राप्त होते हैं। (ग) इन इकाइयों को सेवानिवृत्त किया जाना विचाराधीन है। इन इकाइयों की सेवानिवृत्ति उपरांत राज्य में विद्युत की मांग एवं उपलब्धता के आधार पर इन इकाइयों के स्थान पर नए प्लांट की स्थापना के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। (घ) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की इकाई क्रमांक 6 एवं 7 से उत्सर्जन को नियंत्रण करने हेतु ई.एस.पी. स्थापित हैं। ई.एस.पी. का नियमित संधारण किया जाता है एवं विवक्त प्रदार्थ उत्सर्जन (पर्टीकुलेट मैटर इमीशन) को और कम प्राप्त करने के उद्देश्य से इन इकाइयों में अमोनिया डोजिंग की जाती है। इन इकाइयों से संबद्ध पर्यावरण सुरक्षा/प्रदूषण नियंत्रण हेतु मदवार व्यय की गयी राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पर्यावरण सुधार हेतु म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की इकाई क्रमांक 10 एवं 11 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना के अनुपालन में गैसीय उत्सर्जन को कम करने हेतु फ्लू गैस डिसल्फ्राईजेशन संयंत्र (एफ.जी.डी.) की स्थापना, जिसकी अनुमानित लागत रू. 305 करोड़ है एवं नाईट्रोजन ऑक्साईड उत्सर्जन नियंत्रण का कार्य, जिसकी लागत रू. 67 करोड़ है, की जाना प्रस्तावित है।
सड़क निर्माण हेतु राख का उपयोग
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 3704 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारनी पावर हाउस से गत दो वर्षों में बैतूल से होशंगाबाद होते हुए भोपाल एवं बैतूल एवं हरदा होते हुए इन्दौर मार्ग के लिए कितनी राख का प्रदाय किया गया? यदि पावर हाउस प्रबन्धन ने राख का सड़क निर्माण के लिए परिवहन कर प्रदाय नहीं किया हो तो कारण बतावें? (ख) पावर हाउस की राख परिवहन कर प्रदाय किए जाने के संबंध में भारत सरकार पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली ने राजपत्र में किस दिनांक को प्रकाशित अधिसूचना में क्या-क्या प्रावधान किए हैं। (ग) राजपत्र में किए गए प्रावधान के बाद भी राख का परिवहन कर प्रदाय नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सारनी पावर हाउस से गत दो वर्षों में प्रश्नाधीन मार्गों हेतु राख प्रदाय नहीं की गई है l भारत सरकार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 25.01.2016 में सड़क निर्माण हेतु राख प्रदाय किए जाने के प्रावधान हैंl उक्त अधिसूचना के प्रावधानों के परिपालन में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा फ्लाई ऐश की परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की गई है, जिसके निराकरण के पश्चात् आयोग के दिशा निर्देशानुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ख) भारत सरकार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 25/01/2016 के पैरा 2 (ख) (10) में सड़क निर्माण हेतु राख प्रदाय किए जाने के संबंध में प्रावधान हैं कि कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र से 100 किलोमीटर की परिधि के भीतर सड़क संनिर्माण परियोजनाओं या ऐश आधारित उत्पादों के संनिर्माण के लिए या कृषि संबंधित क्रियाकलापों में मृदा अनुकूलक के रूप में उपयोग के लिए ऐश के परिवहन की लागत ऐसे कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र द्वारा वहन की जाएगी और 100 किलोमीटर की परिधि से परे और 300 किलोमीटर की परिधि के भीतर ऐसे परिवहन की लागत को उपयोगकर्ता और कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र के बीच समान रूप से अंश भाजित की जाएगी। उक्त अधिसूचना के पैरा 2 (ख) (14) के अनुसार कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र, 300 किलोमीटर की परिधि के भीतर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क संनिर्माण परियोजनाओं और भवनों, सड़कों, बांधों और तटबंधों के संनिर्माण को अंतर्वलित करने वाले सरकार के आस्ति सृजन कार्यक्रमों के स्थल तक ऐश के परिवहन की संपूर्ण लागत का वहन करेगा। (ग) भारत सरकार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 25.01.2016 के प्रावधानों के परिपालन में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा फ्लाई ऐश परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की गई है, जिसके निराकरण के पश्चात् आयोग के दिशा निर्देशानुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान में प्रचलित ताप विद्युत गृहों द्वारा राख के निपटान संबंधी प्रावधानों का परीक्षण कर प्रचलित अधिसूचना को संशोधित किया जाना प्रक्रियाधीन है। इस हेतु प्रारूप अधिसूचना जारी की गई है। प्रारूप अधिसूचना में ताप विद्युत गृहों द्वारा राख के निपटान के प्रावधान वर्तमान में प्रचलित प्रावधानों से भिन्न हैं।
कटनी/सतना जिले में क्रेशर खोलने की अनुमति
[पर्यावरण]
25. ( *क्र. 2236 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं सतना जिले में किस-किस स्थान पर किस-किस नाम के व्यक्ति/फर्मों/अन्य क्रेशर खोलने की एन.ओ.सी. (अनुमति) पर्यावरण विभाग के द्वारा किस दिनांक से क्या-क्या शर्तें पूरी करने पर किस नाम/पदनाम के अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण कब-कब करने के पश्चात कब-कब जारी की गई? (ख) क्या स्थल पर क्रेशर संचालकों के द्वारा बाउण्ड्रीवाल तक नहीं बनाई गयी है? क्या बाउण्ड्री के अन्दर एवं बाहर नियमानुसार प्लान्टेशन तक नहीं कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्रेशरों के इलाके में पर्यावरण विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2016 से 31 दिसम्बर, 2020 के मध्य एस.पी.एम. (सस्पेंडेड पार्टिकुलर मैटर) एवं आर.एस.पी.एम. की क्या-क्या मात्रा माहवार वर्षवार पाई गई? स्थानवार किस समय ली गई एवं किसके द्वारा ली गई, उपलब्ध करावें। (घ) नियम विरूद्ध एन.ओ.सी. जारी करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध राज्य शासन कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मध्यक्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
में महाप्रबंधक
द्वारा जारी
कार्यादेश के
अधिकार
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 759 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में महाप्रबंधक को D.O.P. (डेलिगेशन ऑफ पॉवर) के तहत कितने राशि के कार्यादेश जारी करने के अधिकार है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। बैतूल जिले में पदस्थ महाप्रबंधक द्वारा उक्त D.O.P. के तहत 01 फरवरी 2019 से दिसम्बर 2020 तक कितने-कितने रूपये के कौन-कौन से कार्यादेश किसे-किसे जारी किये गये? विवरण देवें। (ख) क्या महाप्रबंधक (सं/स) बैतूल वृत द्वारा बिना टेंडर के टुकड़ों में उक्त समयावधि में करोड़ों रूपये के कार्य फीडर विभक्तिकरण, सौभाग्य योजना दीनदयाल योजना इत्यादि के शेष बचे कार्यों को कतिपय ठेकेदारों को नियम विरूद्ध लाभान्वित करने हेतु दिया गया तथा नियमानुकूल भौतिक सत्यापन करवाये बिना भुगतान कर दिया गया? (ग) 1 फरवरी 2019 से दिसम्बर 2020 तक हुये कार्यों का किन-किन अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया गया तथा कार्य गुणवत्तापूर्वक हुये है इस आशय का प्रमाण-पत्र दिया गया है? उनके नामवार जानकारी दें। (घ) बैतूल जिले में उक्त समयावधि में करवाये गये कार्यों का ठेकेदार द्वारा जो सामग्री लगी होना दर्शाया गया है, क्या उस सामग्री का G.S.T का भुगतान किया गया है? कितनी-कितनी राशि का भुगतान विभिन्न ठेकेदारों के द्वारा किया गया है? पृथक-पृथक नाम एवं राशि बतायें। (ड.) बैतूल जिले में कोरोना काल में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सहायक प्रबंधक, प्रबंधक, उपमहाप्रबंधक तथा अन्य कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये नाम सहित बताइयें? क्या इस दौरान म.प्र. शासन एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश थे कि कम से कम स्थानांतरण किये जावें या नहीं किये जावें स्पष्ट करें। क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थानांतरण को लेकर महाप्रबंधक बैतूल या अन्य किसी अधिकारी पर अर्थदण्ड लगाया गया है? यदि हाँ, तो इस प्रकरण की संपूर्ण जानकारी के साथ स्थिति स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत लागू डी.ओ.पी (डेलीगेशन ऑफ पॉवर) के पंचम संस्करण के पार्ट-बी, सेक्शन-I (Work other than civil) की कंडिका क्रमांक-2 के तहत महाप्रबंधक को कार्यादेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है अपितु कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति के पश्चात् तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार है एवं कंडिका क्रमांक-3 अनुसार महाप्रबंधक को मेन्टेनेंस/कन्स्ट्रक्शन से संबंधित कार्यों में लेबर अवार्ड हेतु अनुमोदन प्रदान करने का अधिकार है। उक्त आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। महाप्रबंधक वृत्त बैतूल द्वारा दिनांक 1 फरवरी 2019 से दिसम्बर 2020 की अवधि में कोई भी कार्यादेश जारी नहीं किया गया। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं। बैतूल वृत्त में दिनांक 01.02.2019 से माह दिसंबर, 2020 तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के शेष बचे कार्यों का टेंडर क्रमांक-आर.सी.ए 538 के अनुसार कंपनी मुख्यालय से जारी मुख्य महाप्रबंधक (ग्रामीण परियोजना) भोपाल के परिपत्र/आदेश दिनांक 22.06.2019 के दिशा निर्देशों के तहत कार्य कंपनी स्तर पर पंजीकृत ठेकेदारों को आवंटित किया गया। उक्त योजना में विस्तार कार्य एस.टी.सी. संभाग द्वारा ही संपादित कराये गये एवं कार्यों का नियमानुसार भौतिक सत्यापन संबंधित प्रबंधक, सहायक प्रबंधक एवं उपमहाप्रबंधक एसटीसी संभाग द्वारा कर देयक पारित किये गये। (ग) दिनांक 01.02.2019 से माह दिसंबर, 2020 तक की अवधि में हुये कार्यों के निरीक्षण/सत्यापन उपरांत 43 कार्यों का गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित अधिकारियों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ, उपरोक्त समयावधि में किये गये कार्यों में ठेकेदार एजेन्सियों द्वारा लगाई गई सामग्री पर जीएसटी का भुगतान राशि रूपये 451.70 लाख का किया गया है। जिसकी राशि सहित ठेकेदारवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) बैतूल वृत्त अंतर्गत दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि हेतु कार्मिकों के स्थानांतरण संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानांतरण संबंधी इस प्रकार के कोई निर्देश नहीं है। जी नहीं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 1208 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संभाग में कितने ट्रांसफार्मर ओवरलोड है? मांग अनुसार कितने ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाना आवश्यक है तथा कब तक लगाये जायेंगे? (ख) अस्थायी पम्प कनेक्शनों को स्थायी पम्प कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु शासन की क्या-क्या योजनायें है तथा किसानों को इस हेतु क्या-क्या करना पड़ता है? रायसेन एवं बरेली संभाग में फरवरी 2021 की स्थिति में कितने अस्थायी पम्प कनेक्शन है इनको कब तक स्थायी कर दिया जायेगा? (ग) क्या रायसेन एवं बरेली संभाग में 48 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? यदि हाँ, तो क्यों तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) रायसेन एवं बरेली संभाग में वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संचालन-संधारण संभागों में कोई भी पॉवर ट्रांसफार्मर ओवरलोड नहीं है। फरवरी 2021 की स्थिति में बरेली संचालन-संधारण संभाग में 05 वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड है तथा रायसेन संचालन-संधारण संभाग में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड नहीं है। उक्त ओवरलोड वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसे आगामी एक माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। (ख) अस्थाई पंप कनेक्शन को स्थाई पंप कनेक्श्न में परिवर्तित करने की राज्य शासन की कोई भी योजना क्रियाशील नहीं है। तथापि आवेदक को स्वयं के व्यय पर स्थाई पंप कनेक्शन देने का प्रावधान है। वर्तमान में अस्थाई कनेक्शन एल.टी.लाईन से 45 मीटर की दूरी पर स्थित होने पर स्थाई कनेक्शन हेतु आवेदन, खसरा खतोनी की प्रति, आधार कार्ड की प्रति एवं 05/- रूपये आवेदन शुल्क जमा करने पर स्थाई कनेक्शन प्रदान किया जाता है। सुरक्षा निधि की राशि 1500/- रूपये एवं अनुबंध राशि 500/- रूपये, इस प्रकार कुल 2000/- रूपये की राशि उपभोक्ता के प्रथम बिल में जोड़ी जाती है। उपभोक्ता के आवेदन पर अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तत्काल कार्यवाही कर अविलंब ऑनलाईन संकल्प पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया पूर्ण कर कनेक्शन प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त ऐसे अस्थाई पम्प कनेक्शन जिसमें स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लाईन विस्तार आवश्यक है, उनमें ऑनलाईन संकल्प पोर्टल अथवा ऑफलाईन मोड में आवेदन कर, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाय.टी) में 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा करने पर तथा शत्-प्रतिशत जमा योजना के अन्तर्गत आवेदन प्राप्त होने पर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण करवाकर स्थाई कनेक्शन प्रदान किया जाता है। रायसेन एवं बरेली संचालन-संधारण संभागों के अंतर्गत फरवरी 2021 की स्थिति में 5781 अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन है, जिसमें से मात्र 1015 विद्यमान एल.टी. लाईन से 45 मीटर दूरी तक वाले कृषक है तथा इन्हें आवेदन प्राप्त होने एवं उनके द्वारा औपरिकताएं पूर्ण करने पर कनेक्शन देने की कार्यवाही की जा सकती है। शेष कृषकों द्वारा स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना अंतर्गत आवेदन कर समस्त औपचारिकतायें करने के उपरांत नियमानुसार स्थाई कृषि पंप कनेक्शन दिये जाने की कार्यवाही की जा सकती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) संचालन-संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली में 48 मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण के अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य में से एक फीडर के विभक्तिकरण का कार्य दिनांक 11.12.2019 को पूर्ण हो चुका है। शेष 47 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य भविष्य में यदि कोई योजना आती है, तो वित्तीय उपलब्धता अनुसार उसमें सम्मिलित किये जाने हेतु निर्णय लिया जायेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) संचालन-संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली के अंतर्गत वॉल्टेज की समस्या के निराकरण सहित विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर सक्षम अनुमोदन/स्वीकृति उपरांत वर्ष 2020-21 में कराए गए एवं कराए जा रहे कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नगर परिषद महेश्वर में किले व घाट पर विद्युत सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 1454 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद महेश्वर जिला खरगोन को सिंहस्थ 2016 में किले एवं घाट पर विद्युत सौंदर्यीकरण कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत हुई है एवं क्या आज दिनांक तक उक्त कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो क्या कारण है एवं कार्य पूर्ण होने की क्या तिथि है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान नगर परिषद महेश्वर को किले एवं घाट पर विद्युत सौन्दर्यीकरण कार्य हेतु राशि रू. 50.00 लाख आवंटित की गई थी। (ख) नगर परिषद महेश्वर को उल्लेखित कार्य हेतु राशि रू. 199.00 लाख स्वीकृत हुई है। प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य अपूर्ण है। उक्त कार्य सिंहस्थ 2016 हेतु स्वीकृत किया गया था जो दिनांक 10.04.2016 तक पूर्ण किया जाना था। ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किया गया। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सिंहस्थ कार्यों की समीक्षा बैठक दिनांक 29.04.2016 में कार्य स्थगित किये जाने का निर्णय लिया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भिण्ड में चल रहे आर.ओ.वाटर सप्लाई निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 1515 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड शहर में चल रहे आर.ओ.वाटर सप्लाई निर्माण के दौरान कितने कि.मी. सीवर लाइन बिछाने का कार्य किया गया? लाइन बिछाने के बाद कितने कि.मी. सड़कों को संधारण/रीस्टेट/मरम्मत किया गया? (ख) संधारण रीस्टेट के एवज में कम्पनी को विभाग के द्वारा कितना भुगतान किया गया? उक्त सड़कों की गुणवत्ता का किस अधिकारी के द्वारा सत्यापन किया गया? (ग) किस परीक्षण लेब में इनका परीक्षण कराया गया रिपोर्ट देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिण्ड शहर में आर.ओ.वॉटर सप्लाई का कार्य नहीं, अपितु शुद्ध पेयजल प्रदाय किये जाने हेतु परियोजना का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जल प्रदाय योजना के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार है एवं सीवरलाइन के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है। (ख) जल प्रदाय योजना के अंतर्गत बिछाई जाने वाली पाइप लाइन के फलस्वरूप काटी गई सड़कों के पुनः निर्माण हेतु प्रावधानित राशि रू.2452 लाख के विरूद्ध राशि रू 86 लाख का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार है। सीवरेज योजना के अंतर्गत बिछाई जाने वाली पाइप लाइन के फलस्वरूप काटी गई सड़कों के पुनः निर्माण हेतु प्रावधानित राशि रू.1071 लाख के विरूद्ध राशि रू 753 लाख का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है। (ग) निर्माण कार्य में किये गये कार्य का परीक्षण संविदाकार द्वारा संधारित प्रयोगशाला एवं आवश्यक होने पर NABL प्रयोगशाला में परीक्षण कराया जाता है। जल प्रदाय योजना अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं "ग" अनुसार है। सीवर लाइन के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार है।
उपभोक्ता विद्युत बिलों का प्रदाय
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 1522 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को प्रतिमाह मासिक बिल दिये जाने के क्या नियम है? विद्युत नियमायक आयोग के नियमानुसार घरेलु उपभोक्ताओं को अंतिम तिथि के कितने दिन पूर्व देयक प्राप्त हो जाना चाहिए? (ख) क्या विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को प्रतिमाह उपभोग की गई विद्युत खपत का देयक न देते हुए आंकलित खपत के आधार पर देयक दिये जा रहे है? जिसके कारण उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या इन उपभोक्ता बिलों का प्रकाशन जिला स्तर पर नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को यह देयक अंतिम तिथि के 1 दिन पूर्व प्राप्त हो रहे है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या इंदौर संभाग के घरेलू उपभोक्ता देयकों का प्रकाशन इंदौर किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए समय पर देयक उपलब्ध कराने हेतु इन देयकों का प्रकाशन जिला स्तर पर किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) खंडवा जिले में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 8.38, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, के अनुरूप विद्युत देयक जारी किये जाते हैं, जिसमें नगद भुगतान की तिथि से 07 दिवस पूर्व उपभोक्ता को विद्युत देयक उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। (ख) उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के आधार पर ही विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। मीटर बंद/खराब स्थिति में पाये जाने पर ही म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.35 जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है, में निहित प्रावधानों के अनुसार ही आंकलित खपत के आधार पर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। अतः उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार पड़ने एवं किसी अधिकारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत संपूर्ण कंपनी क्षेत्र के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को उनके विद्युत देयक जारी किये जाने हेतु कंपनी स्तर से निविदा प्रक्रिया के माध्यम से मेसर्स परफेक्ट इन्फोसॉफ्ट प्रा.लि. सतना, मध्यप्रदेश को घरेलू विद्युत देयक प्रिंट कर प्रदाय करने हेतु आदेश क्रमांक 15436 दिनांक 13.11.2020 जारी किया गया है। ठेकेदार फर्म द्वारा उक्त आदेश के तारतम्य में इन्दौर संभाग के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों का प्रकाशन मुख्यत: इन्दौर में ही किया जा रहा है किन्तु विशिष्ट परिस्थितियों/आकस्मिक व्यवधानों की स्थिति में ठेकेदार फर्म द्वारा समय पर देयक उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से देयकों की प्रिंटिंग का कुछ कार्य सतना में किया गया था। ठेकेदार फर्म को जारी आदेश एवं उसके द्वारा समय पर देयकों की प्रिंटिंग सुनिश्चित किये जाने के परिप्रेक्ष्य में देयकों की प्रिंटिंग अन्यत्र किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
शासकीय सेवकों के उच्च पद पर वेतन निर्धारण
[उच्च शिक्षा]
6. ( क्र. 1573 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सीधी भर्ती के प्राध्यापकों जिनका स्थायीकरण हो चुका है, की संख्या कितनी हैं? महाविद्यालय/विषयवार नाम सहित जानकारी (सूची) उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासकीय सेवा में कार्यरत सीधी भर्ती से नियुक्ति उपरांत स्थायीकरण होने पर शासकीय सेवकों का वेतन उस सेवा या पद को लागू समयमान वेतन में मूल नियम 22 डी के अंतर्गत वेतन निर्धारण करने का प्रावधान/शासनादेश है? यदि है तो पत्र/आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्रदेश के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सीधी भर्ती के स्थायीकरण वाले प्राध्यापकों को नियमानुसार मूल नियम 22-डी का लाभ देकर वेतन निर्धारण कर दिया है? यदि नहीं, दिया गया है, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितने स्थायीकरण वाले प्राध्यापकों को मूल नियम 22 -डी का लाभ दिया गया है? कितने को देना शेष है? उन्हें अभी तक क्यों नहीं दिया गया है? कारण सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें उन्हें कब तक उक्त नियम का लाभ दे दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सीधी भर्ती के प्राध्यापकों, जिनका स्थायीकरण किया जा चुका है, की संख्या 173 है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग, वल्लभ भवन, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-8-2/2020/नियम/चार, भोपाल दिनांक 6 फरवरी 2020 के अनुसार सीधी भर्ती से नियुक्ति उपरांत स्थायीकरण होने पर वेतन निर्धारण के निर्देश हैं। शासनादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन प्राध्यापकों का वेतन निर्धारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय रोड की जमीन पर अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 1667 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कोठी चित्रकूट में बस स्टैण्ड से लगभग 100 मीटर की दूरी में शासकीय रोड की भूमि पर अवैध दुकानों का निर्माण किस के द्वारा कितनी भूमि पर कराया गया, सूची दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) की दुकानों का निर्माण नियमानुसार विभागीय अनुमति लेकर किया गया है? यदि हाँ, तो अनुमति देने वाले सक्षम अधिकारी का नाम व पद बताते हुए यह बताएं कि उक्त भूमि में अनुमति देने का अधिकार था कि नहीं? नियम प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) क्या अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही के साथ निर्माण करने वाले व्यक्ति पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (क) निर्मित दुकानें स्थानीय विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से किया जा रहा है, तो ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) दो दुकानों का निर्माण किया गया है एवं दुकानों का कुछ भाग शासकीय भूमि में निर्मित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में उल्लेखित दुकानदारों श्री पुष्पेन्द्र सिंह एवं श्री कैलाश सोनी वगैरह द्वारा स्वयं की भूमि पर दुकान निर्माण की अनुमति नगर परिषद कोठी से प्राप्त की गई है, परन्तु दुकान का कुछ भाग शासकीय भूमि में निर्मित है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 223 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। इस कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
विधान सभा क्षेत्र-131 बैतूल के किसानों के विद्युत बिल
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 1673 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधानसभा क्षेत्र के किसानों पर क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के विद्युत बिल की राशि बकाया है। यदि हाँ, तो कितने किसानों पर कितनी राशि का बिल बकाया है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में कम्पनी द्वारा किसानों से क्या वसूली की कार्यवाही की जा रही है/की गई है? क्या वसूली की कार्यवाही के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किसानों के ट्रैक्टर, मोटर साईकिल, स्कूटी एवं मोटर पंपों की कुर्की की गई/की जा रही है? यदि हाँ, तो संबंधित किसानों के कुर्क की गई सामग्री की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) किसानों से बकाया बिल की राशि के एवज में उनकी निजी संपत्ति को जप्त/कुर्की किए जाने के क्या शासन स्तर से किसी प्रकार का आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई जानकारी देवें। कार्यवाही नहीं की गई तो उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक की जावेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, बैतूल विधानसभा क्षेत्र के 5169 कृषि पंप उपभोक्ताओं के विरूद्ध, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी विद्युत बिलों की रू. 401.41 लाख की राशि बकाया है। (ख) जी हाँ, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषक उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल जमा नहीं करने पर नियमानुसार बकाया राशि की वसूली हेतु कुर्की की कार्यवाही की गई है/की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में नियमानुसार बकाया राशि वाले कृषक उपभोक्ताओं के 5 मोटर पंप, 2 मोटर साईकिल, 1 स्कूटी एवं 1 विद्युत पंप की कुर्की की कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ, कृषक एवं अन्य उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की राशि जमा नहीं करने की स्थिति में बकाया बिल की राशि की वसूली हेतु राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मध्यप्रदेश सरकारी विद्युत उपक्रम (शोध्य राशि वसूली) अधिनियम, 1961 की धारा 6 की उपधारा में यथा उपबंधित विद्युत शोध्यों, शास्ति तथा वसूली के व्यय के बकाया की भू-राजस्व के बकाया के तौर पर वसूली हेतु अधिसूचना क्रमांक एफ 2-21/2003/सात/6 दिनांक 28.02.2004 जारी की गई थी, जिसके परिपालन एवं उक्त अधिसूचना के द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अनुसार चल/अचल संपत्ति की कुर्की किये जाने का प्रावधान है, उक्त आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: राजस्व वसूली नियमों के अनुरूप उक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
खेल मैदान का रख-रखाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 1737 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद तेंदूखेड़ा एवं बनवार में खेल मैदान (स्टेडियम) निर्मित है यदि हाँ, तो इन खेल मैदान (स्टेडियम) के रख-रखाव हेतु कोई प्रावधान है। यदि नहीं, तो क्यों एवं क्या वर्तमान में खेल मैदान युवाओं के खेलने लायक स्थिति में है। हाँ अथवा नहीं तथा विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त खेल मैदान के सुधार के लिए कब और क्या कार्यवाही की गई है। (ख) नगर परिषद तेंदूखेड़ा एवं बनवार में निर्मित खेल मैदान (स्टेडियम) में विभाग द्वारा निर्माण से आज दिनांक तक रख-रखाव में कितनी राशि व्यय की गई है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर परिषद तेंदूखेड़ा में मिनी स्टेडियम, खेल और युवा कल्याण विभाग, दमोह के अधिपत्य में निर्मित है एवं बनवार में खेल मैदान (स्टेडियम), ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग दमोह द्वारा निर्मित है। तेंदूखेड़ा स्थित खेल मैदान के रख-रखाव हेतु खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा एक सफाईकर्मी व एक सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराया गया है। बनवार स्थित खेल मैदान के रख-रखाव हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग दमोह के पास राशि का प्रावधान न होने के कारण, रख-रखाव का कोई प्रावधान नहीं है। वर्तमान में तेंदूखेड़ा स्थित खेल मैदान क्षतिग्रस्त अवस्था में होने के कारण खेलने लायक स्थिति में नहीं है। बनवार स्थित खेल मैदान वर्तमान में खेलने लायक स्थिति में है। खेल मैदान में सुधार, बजट की उपलब्धता अनुसार कराया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) नगर परिषद तेंदूखेड़ा एवं बनवार में नगर परिषद द्वारा खेल मैदान के रख-रखाव पर कोई व्यय नहीं किया गया है।
रिवाल्वर/पिस्टल (शस्त्र) लायसेंस जारी करना
[गृह]
10. ( क्र. 1751 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर पर राजगढ़ जिले के रिवाल्वर/पिस्टल (शस्त्र) लायसेंस जारी करने के कितने प्रकरण लंबित हैं? उनको शासन स्तर पर कितनी अवधि तक लंबित रखा जा सकता है? प्रकरणवार, स्थानवार, लंबित अवधि की जानकारी से अवगत करावें? (ख) क्या शासन द्वारा निर्धारित अधिकारियों की अनुशंसा के उपरांत भी शासन स्तर पर कोई व्यक्ति विशेष की अनुशंसा पर ही शस्त्र लायसेंस जारी किये जा रहे है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश (क) में किस अवधि की जानकारी चाही गई है, स्पष्ट नहीं होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) आयुध अधिनियम/नियम के अंतर्गत शस्त्र लायसेंस गुण-दोष के आधार पर जारी किये जाते है।
बगैर डायवर्सन के आवासीय प्रयोजन हेतु प्लाट विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 1754 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि को बगैर डायवर्सन अनुमति प्राप्त किए बगैर, आवासीय प्रयोजन हेतु प्लाट विक्रय किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक किस नगर में कितने प्लाट किन-किन व्यक्तियों द्वारा किस साईज के प्लाट विक्रय किए गए एवं किस व्यक्ति द्वारा क्रय किए है तथा उनके विरुद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित नियम विरुद्ध क्रय-विक्रय किए गए प्लाटों से शासन को कितनी राजस्व राशि की हानि हुई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित नियम विरुद्ध विक्रय किए गए प्लाटों/कॉलोनी को नियमानुसार वैध घोषित किए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगरीय क्षेत्र सांरगपुर एवं पचौर में संबंधित विक्रेता के विरूद्ध म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) नगरीय क्षेत्र सांरगपुर एवं पचौर में कृषि योग्य भूमि को बिना डायवर्सन के छोटे-छोटे भूखण्ड में विक्रय होने से शासन को हुई राजस्व हानि का आंकलन नहीं किया गया है। (ग) राज्य शासन द्वारा नगरपालिका अधिनियम में संशोधन की कार्यवाही की जा रही है जो प्रक्रियाधीन है।
साबरस्या ग्रिड पर 5 MVA का पावर ट्रांसमिशन स्वीकृत होना
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 1760 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सारंगपुर तहसील के ग्राम साबरस्या ग्रिड पर वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के बीच में 5 MVA का पावर ट्रांसमिशन स्थापित करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी थी? यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति दिनांक एवं कार्यादेश दिनांक से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित स्वीकृत पावर ट्रांसमिशन साबरस्या ग्रिड पर स्थापित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक स्थापित किया जावेगा? (ग) क्या साबरस्या ग्रिड पर पावर ट्रांसमिशन लगाने हेतु फाउन्डेशन का भी निर्माण किया जा चुका है एवं वर्ष 2019-20 में पावर ट्रांसमिशन को स्थापित किये जाने हेतु कार्य स्थल पर भी लाया जा चुका था लेकिन विभाग द्वारा किन कारणों से वहां से वापस ले जाया गया? (घ) क्या उक्त पावर ट्रांसमिशन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने एवं वापस ले जाने हेतु कितना व्यय हुआ है? क्या उसकी वसूली संबंधित जिम्मेदार अधिकारी से की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-2019 में सारंगपुर तहसील के 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ग्राम साबरस्या में स्थापित 3.15 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि 05 एम.व्ही.ए. किये जाने हेतु मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्राक्कलन दिनांक 03.04.18 को स्वीकृत किया गया एवं निर्माण संभाग राजगढ़ को कार्यादेश दिनांक 04.04.18 जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र साबरस्या में पॉवर ट्रांसफार्मर लगाने हेतु पृथक से फाउन्डेशन का निर्माण नहीं किया गया अपितु पूर्व से ही निर्मित फाउन्डेशन पर ही विस्तारित क्षमता का 05 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया। वित्तीय वर्ष 2019-20 में किसी भी पॉवर ट्रांसफार्मर को उक्त स्थान पर लाया एवं ले जाया नहीं गया। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता है।
पुलिस चौकी का स्थापित किया जाना
[गृह]
13. ( क्र. 2117 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2017-18, 2018-19 एवं 2019-2020 में सिरमौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बरदहा घाट एवं बौलिया घाट में लूट, राहजनी, डकैती एवं अपहरण की कुल कितनी घटनाएं पंजीबद्ध हुई हैं? (ख) क्या बरदहा घाट एवं बौलिया घाट में पृथक से पेट्रोलिंग हेतु पुलिस टीम गठित की जावेगी? क्या पृथक पुलिस चौकी की स्थापना की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिये संबंधित थानों की पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग की जाती है। बरदहा घाट एवं बौलिया घाट में पृथक से पेट्रोलिंग टीम का गठन नहीं किया गया है। बरदहा घाट एवं बौलिया घाट में पुलिस चौकी स्थापित किये जाने का कोई प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास आवंटन हेतु जमा की गई राशि वापसी हेतु लंबित आवेदनों का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 2124 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम रीवा अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में सत्र 2016-17 से सत्र 2020-21 तक कुल कितने पात्र हितग्राहियों ने ई.डब्ल्यू.एस. फ्लैट आवंटन हेतु आवेदन किया है। क्या कुछ पात्र हितग्राहियों ने आवास आवंटन हेतु अपेक्षित राशि 20,000/- रुपये जो कि नगर निगम में जमा की गई थी को वापस करने हेतु आवेदन किया है? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे कुल कितने पात्र हितग्राही हैं जिन्होंने आवास आवंटन हेतु अपेक्षित जमा राशि रुपये 20,000/- को वापस करने हेतु आवेदन किया है? (ग) आवास आवंटन निरस्त कर जमा रकम को वापस करने हेतु कुल ऐसे कितने आवेदन भुगतान हेतु कब से एवं क्यों लंबित हैं? ऐसे लंबित भुगतान कब तक किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अन्तर्गत वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कुल 2646 पात्र हितग्राहियों द्वारा ईडब्ल्यूएस आवास के पंजीयन हेतु आवेदन किया गया है। जी हाँ। कुछ पात्र हितग्राहियों ने पंजीयन राशि वापसी हेतु भी आवेदन किया है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के तहत अभी तक ई.डब्ल्यू.एस. के 928 पात्र हितग्राहियों ने पंजीयन राशि वापस हेतु आवेदन किया है। (ग) दिनांक 24.04.2019 से 19.02.2021 तक प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अन्तर्गत कुल 928 हितग्राहियों की जमा पंजीयन राशि वापस कर दी गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास (शहरी) भू-खण्ड आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 2307 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत ऐसे हितग्राही जिनके कच्चे आवास, झुग्गी अथवा अतिक्रमणकारी ऐसी भूमि पर रहते है जहां पर आवास इकाई का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है उनको नगरीय निकाय द्वारा अन्य शासकीय भूमि प्राप्त कर उसमें भू-खण्ड विकसित कर उन्हें प्लॉट आवंटित कर राशि दिये जाने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में ऐसे कितने हितग्राही/परिवार है निकायवार संख्या बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के हितग्राही/परिवारों को शासकीय भूमि प्राप्त कर भूखण्ड उपलब्ध कराने के संबंध में किस-किस नगर पालिका तथा नगर परिषद द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही के गई पूर्ण विवरण दें? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों कारण बतायें तथा कब तक कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) निर्देश जारी किये गये है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
विद्युतीकरण की योजनाएं
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 2372 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना फीडर सेपरेशन योजना में भारत सरकार तथा राज्य सरकार का कितना-कितना अंशदान है उक्त योजनाओं में क्या-क्या कार्य कराये जाते हैं। (ख) रायसेन एवं बरेली संभाग में उक्त योजना अंतर्गत स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा आप्रारंभ हैं योजनावार कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (ग) रायसेन एवं बरेली संभाग में कौन-कौन से ग्रामों का विद्युतीकरण क्यों नहीं किया गया कारण बतावें। उक्त ग्राम कब तक विद्युतीकरण किया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में मान. मंत्री जी एवं रायसेन वृत तथा वृतांतर्गत संभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र 1 जनवरी 2019 से फरवरी 2021 तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की अवगत कराएं,यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें कब तक अवगत करायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सौभाग्य योजना अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में वितरण कंपनियों/राज्य शासन को 10 प्रतिशत राशि स्वयं के स्त्रोतों से तथा 30 प्रतिशत राशि वित्तीय संस्थाओं से ऋण के रूप में जुटाने का प्रावधान है। उक्त योजनान्तर्गत योजना के प्रावधानों/दिशा-निर्देशों के अनुसार अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किये जाने का प्रावधान है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में वितरण कंपनियों/राज्य शासन को 10 प्रतिशत राशि स्वयं के स्त्रोतों से तथा 30 प्रतिशत राशि वित्तीय संस्थाओं से ऋण के रूप में जुटाने का प्रावधान है। उक्त योजनान्तर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण, फीडर विभक्तिकरण, वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं मीटरिंग के कार्य किये जाने का प्रावधान है। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में फीडर सेपरेशन योजना के फेस-I अंतर्गत शतप्रतिशत अंशदान आर.ई.सी. लिमिटेड से ऋण के रूप में एवं फेस-II अन्तर्गत लगभग 80 प्रतिशत अंशदान राशि ऋण के रूप में एडीबी से एवं राज्य सरकार से लगभग 20 प्रतिशत अंशदान वितरण कंपनियों को प्राप्त हुआ। फीडर सेपरेशन योजना में मिश्रित फीडरों का विभक्त्तिकरण किया जाता है। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन वृत्त के संचालन-संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली में उक्त योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कोई भी कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) संचालन-संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली में कोई भी राजस्व ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रश्नाधीन अवधि में रायसेन जिले से संबंधित माननीय सांसद महोदय का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है एवं रायसेन जिले के ग्रामों के विद्युतीकरण संबंधी समस्याओं के संबंध में माननीय विधायकों से प्राप्त पत्रों एवं उनके निराकरण की कार्यवाही तथा संबंधित माननीय विधायक को अवगत कराने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त प्राप्त पत्रों पर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा कार्यवाही करते हुए उप महाप्रबंधक (संचा./संधा.) संभाग रायसेन एवं बरेली द्वारा मौखिक तौर पर संबंधित माननीय विधायक महोदय को पत्रों की विषय वस्तु पर की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत करा दिया गया है एवं पत्र प्रेषित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
कोरोना काल में फीस की वसूली
[उच्च शिक्षा]
17. ( क्र. 2377 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में संचालित किन-किन अशासकीय महाविद्यालयों द्वारा 1 मार्च, 2020 से फरवरी, 2021 तक की अवधि में छात्र/छात्राओं से किस-किस मद में कितनी-कितनी फीस वसूल की जा रही है तथा क्यों कारण बतायें? (ख) उक्त महाविद्यालयों द्वारा उक्त अवधि में महाविद्यालय में कार्यरत किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों को कितना-कितना वेतन दिया? (ग) पालकों एवं अभिभावकों द्वारा उक्त अवधि में अवैध फीस वसूली के विरूद्ध किन-किन अधिकारियों को कब-कब ज्ञापन/आवेदन पत्र दिये तथा कहाँ-कहाँ धरना दिया गया? (घ) उक्त ज्ञापनों एवं आवेदन पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रायसेन जिले के 16 अशासकीय महाविद्यालयों द्वारा पृथक-पृथक मद में महाविद्यालय संचालन हेतु फीस ली जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर शहर में पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 2500 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने शहर की पेय जल समस्याओं के निदान हेतु क्या योजना बनाई है वर्तमान में पेय जल प्रदाय की क्या स्थिति है? शहर के किन-किन वार्डों में प्रतिदिन कितने घंटे कितनी-कितनी मात्रा में पेय जल की आपूर्ति की जा रही है। कौन-कौन से वार्ड पेय जल समस्या से ग्रसित है एवं क्यों? (ख) स्मार्ट सिटी योजना के तहत किन-किन वार्डों के कितने-कितने घरों में 24 घंटे शुद्ध पेय जल की आपूर्ति हेतु स्मार्ट वाटर सप्लाई की कब क्या योजना बनाई गई है। योजना की अवधि व लागत क्या है। इसका ठेका कब किस एजेन्सी को किन-किन शर्तों पर दिया गया है। वर्तमान में योजना का कितने-कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण अपूर्ण व निर्माणाधीन है? योजना के तहत कब से कौन-कौन सा कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है एवं क्यों? एजेन्सी को किन-किन कार्यों से सम्बंधित कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांकित योजना के तहत किन-किन वार्डों में कितने-कितने कि.मी. पाइप लाइन बिछाने का कार्य कराया गया है एवं कितना कार्य शेष है एवं क्यों? योजना के तहत किन-किन वार्डों के कितने-कितने घरों में आटोमैट्रिक मीटर लगाये गये हैं तथा उपभोक्ताओं से किस मान से जल कर की राशि वसूल करना प्रस्तावित है। योजना की निगरानी की क्या व्यवस्था की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर के द्वारा पेयजल व्यवस्था को उन्यन करने के लिए अमृत योजना के अंतर्गत पेयजल आवर्धन योजना बनाई गई है। जिसके अंतर्गत 16 उच्च स्तरीय पानी की टंकियां, 54 कि.मी. राईजिंग मेन लाईन, 300 कि.मी. जल वितरण पाईप लाईन बिछाई गई है। इसके अतिरिक्त 40 एम.एल.डी. का एक पंप हाउस एवं ललपुर जल शोधन संयंत्र के मोटर पंपों को बदलकर नये मोटर पंप लगाए गए है। इस कार्य को पूर्ण किया जाकर जलापूर्ति प्रारंभ की गई है। शहर के सभी वार्डों में प्रतिदिन प्रात: एवं सांय काल एक एक घंटे कुल 231 एम.एल.डी. जल प्रदाय किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शासकीय और अशासकीय विश्वविद्यालयों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
19. ( क्र. 2539 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में शासकीय और अशासकीय विश्वविद्यालय कितने है? उनके नामों की सूची उपलब्ध करायें। इनमें से कितने विश्वविद्यालय म.प्र. राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) अशासकीय विश्वविद्यालय में कुलपति चयन की क्या प्रक्रिया है? अशासकीय विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार कुलपति, कुलाधिपति कौन-कौन है? उनके अहर्ताएं, योग्यताएं क्या है? कृपया बताएं। (ग) शासकीय विश्वविद्यालय में सीनेट का गठन निर्वाचन प्रक्रिया द्वारा किन किन विश्वविद्यालयों में नहीं कराया गया है? विश्वविद्यालयों के नाम सहित उल्लेख करें। (घ) शासकीय और अशासकीय विश्वविद्यालयो में सीनेट एवं कार्य परिषद के चुनाव कब तक कराए जाएंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. में विभाग अंतर्गत शासकीय विश्वविद्यालय 16 एवं अशासकीय विश्वविद्यालय की संख्या 39 है। सभी शासन से मान्यता प्राप्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में सीनेट का प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है एवं मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 23 के अंतर्गत कार्यपरिषद के गठन प्रक्रिया में चुनाव कराये जाने संबंधी किसी प्रकार का प्रावधान नहीं होने से चुनाव कराया जाना संभव नहीं है।
प्राध्यापक पदों की प्रतिपूर्ति
[उच्च शिक्षा]
20. ( क्र. 2626 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय मुख्यालय सागर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय शास. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में लगभग 10 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है, परन्तु प्राध्यापकों की कमी होने से विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है? क्या शासन स्वीकृत पदों की प्रतिपूर्ति शीघ्र करायेगा तथा कब तक? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में एन.सी.सी. की छात्र एवं छात्रा इकाई संचालित है तथा वर्तमान में एन.सी.सी. ऑफिसर के सेवानिवृत्त होने से क्या एन.सी.सी. की दोनों इकाईयां बंद हो जायेगी? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? यदि नहीं, तो क्या शासन शीघ्र ही पी.एस.सी. चयनित प्राध्यापकों की पदस्थापना करेगा तथा कब तक? (ग) क्या पं. दीनदयाल उपाध्याय शास. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में संचालित एन.सी.सी. की छात्रा इकाई को एन.सी.सी. के नियमानुसार निर्धारित आयु वर्ग की एन.सी.सी. महिला प्राध्यापक न होने के कारण इस इकाई को बंद किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन एन.सी.सी. की छात्रा इकाई को संचालित रखे जाने हेतु निर्धारित आयु वर्ग की एन.सी.सी. महिला प्राध्यापक की पदस्थापना करेगा तथा कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। रिक्त पद के विरूद्ध अतिथि विद्वान कार्यरत होने से शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। छात्र एवं छात्रा इकाई में क्रमशः एन.सी.सी. अधिकारी तथा केयर टेकर को प्रभार प्रदान किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
भोपाल विकास प्राधिकरण की विद्यानगर फेस-3 योजना संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 2636 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल विकास प्राधिकरण ने विद्यानगर फेस-3 की योजना तैयार कर शासन से कब स्वीकृत कराई थी? उसमें कितने प्लाट काटे गये थे एवं किस-किस किसान से पी.पी.पी. मोड में अनुबंध किये थे? नाम बताएं। (ख) विद्यानगर फेस-3 की योजना में प्लाटधारियों को प्लाट आवंटित करने के बावजूद अनुबंध क्यों नहीं किया गया है? उसका कारण बतायें। इसमें कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं एवं उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) कॉलोनी विकास (डेवलप) करने की समय-सीमा क्या थी परंतु तय समय-सीमा में कार्य नहीं किये जाने के संबंध में कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं और उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) भोपाल विकास प्राधिकरण ने यह जमीन राजस्व विभाग (शासन) से कब अपने नाम आवंटित कराई थी? यदि नहीं, कराई तो भोपाल विकास प्राधिकरण ने किस नियम से कॉलोनी का पी.पी.पी. में किसानों से अनुबंध किया? क्या भोपाल विकास प्राधिकरण ने फेस-3 योजना का ''रेरा' में रजिस्ट्रेशन कराया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कराया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :(क) प्राधिकरण के पत्र क्रमांक-591/01/01/06/19/भोविप्रा/05 दिनांक 12.12.2005 द्वारा विद्यानगर फेस-03 योजना हेतु धारा-50 में प्रकाशन की स्वीकृति हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। धारा-50(4) के अंतर्गत योजना का प्रकाशन म.प्र. राजपत्र दिनांक 27.02.2009 किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’ब’ अनुसार है। इस योजना के स्वीकृत मानचित्र में 13 भूखण्ड काटे गये थे। योजना में 19 भू-स्वामीयों से म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही की गई है। नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। (ख) योजना अंतर्गत भू-स्वामियों से पहले अनुबंध किया जाता है, तथा अनुबंध के पश्चात ही भूखण्ड आवंटित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कॉलोनी विकास करने की समय सीमा अनुबंध निष्पादन पश्चात 2 वर्ष निश्चित की गई थी। किसी आपदा आदि के कारण अथवा अन्य अपरिहार्य कारणों से यह अवधि बढ़ाये जाने का अनुबंध की कण्डिका-7 पर उल्लेखित है। प्राधिरकण द्वारा उक्त अनुबंध में वर्णित विकास कार्य हेतु निविदा आमंत्रित कर वर्ष 2013 से वर्ष 2015 तक विकास कार्य कराकर विकास कार्य के मद में 2.71 करोड़ रूपये व्यय किया जा चुका है। योजना में 8.63 एकड़ शासकीय भूमि भी सम्मिलित हैं एवं शासकीय भूमि का आवंटन लम्बित है। भू-स्वामियां की आपत्तियों के परिप्रेक्ष्य में मानचित्र में संशोधन प्रस्तावित किये गये है। शासकीय भूमि का आवंटन नही होने तथा योजना के मानचित्र में संशोधन प्रक्रिया में होने से योजना को निर्धारित समय सीमा में क्रियान्वयन करने में विलम्ब हुआ है। इस प्रक्रिया में प्राधिकरण की ओर से किसी भी अधिकारी का व्यक्तिगत दोष नही है। अतः कार्यवाही का प्रश्न नही उठता है। (घ) भोपाल विकास प्राधिकरण हेतु यह भूमि मध्यप्रदेश शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग के पत्र क्र.-एफ 3-71/11/बत्तीस दिनांक 07.09.2011 द्वारा आरक्षित की गई है। भूमि का नगर विकास योजनान्तर्गत म.प्र. नजूल भूमि निरवर्तन निर्देश 2020 प्रकाशित होकर दिनांक 29.09.2020 के अनुसार हस्तांतरण किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में योजना का रेरा में रजिस्ट्रेशन प्रक्रियाधीन है।
नगर निगम, बुरहानपुर के सीमेंट रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 2959 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के ऐसे कितने सीमेंट रोड है जिसकी स्वीकृति एवं निविदा की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है किंतु उन स्वीकृत रोडों के वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुये हैं उनकी सूची वार्ड, राशि एवं स्थानवार प्रदान करें। साथ ही यह भी बताने का कष्ट करें कि कितने दिन में वर्क ऑर्डर जारी हो जायेगें। (ख) उक्त सीमेंट रोड हेतु निगम के पास बजट की क्या व्यवस्था है एवं यह रोडों का निर्माण कब तक प्रारंभ हो जायेगा। (ग) पूर्व में स्वीकृत ऐसे कितने सीमेंट रोड है जिसका कार्य प्रारंभ हो चुका है और वह सीमेंट रोड का कार्य अधूरा है या पूर्ण नहीं हुआ है उनकी सूची वार्ड व स्थानवार प्रदान करें एवं ऐसे कितने स्वीकृत सीमेंट रोड है जिनका कार्य पूर्ण हो चुका है, किंतु स्वीकृत राशि में से भी राशि शेष है कि सूची वार्ड व स्थानवार प्रदान करें। यह अधूरे सीमेंट रोड कब तक पूर्ण किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 13 सीमेंट कांक्रीट रोड है, जिनकी स्वीकृति एवं निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है परन्तु कार्यादेश जारी नहीं हुये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाले संविदाकारों को अनुबंध करने की सूचना दी गई है, संविदाकारों द्वारा अनुबंध किये जाने के उपरांत कार्यादेश जारी किये जा सकेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण हेतु नगर निगम के वर्ष 2020-21 के बजट में राशि रू. 9.25 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, जिनमें से 04 रोड का कार्य अपूर्ण है तथा 87 रोड का कार्य पूर्ण हो गया है। अपूर्ण रोड का कार्य पूर्ण करने हेतु ठेकेदारों को नगर निगम द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बुरहानपुर जिले के कृषकों के सिंचाई विद्युत बिल की जानकारी
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 2970 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण प्रा.लि.कंपनी बुरहानपुर (ग्रामीण) द्वारा सिंचाई विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं से 5 हॉर्स पावर के फ्लेट रेट से प्रतिदिन 10 घंटे बिजली के 6 माह के रू. 1754/- लिये जाते हैं? क्या यह सही है? (ख) जिस कृषक के पास 24 घंटे की बिजली उपलब्ध है उसके मीटर रिडिंग से बिल लिये जाते है यदि वह कृषक 5 हॉर्स पावर के विद्युत कनेक्शन को प्रतिदिन 10 घंटे उपयोग करता है तो उसका 6 माह का विद्युत बिल यूनिट के हिसाब से कितने रूपये होगा? क्या लगभग रू. 6500/- विद्युत बिल होगा? (ग) कृषक के पास पानी पर्याप्त नहीं है वह प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक बिजली का उपयोग नहीं करता किन्तु उसके पास मीटर लगा है तो उसे लगभग रू. 6500/- का भुगतान क्यों? यह भिन्नता फ्लेट रेट और मीटर रिडिंग की कैसे दूर होगी? इसमें कृषक का दोष क्या है? (घ) क्या मीटर रिडिंग उपभोक्ताओं के लिये ऐसी कोई योजना बनाई जायेगी कि प्रतिदिन 10 घंटे बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं से भी फ्लेट रेट से बिल लिया जायेगा और 10 घंटे से अधिक बिजली का उपभोग करने पर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त राशि ली जायेगी? जिससे की समानता आ सके।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार 5 हार्सपॉवर के कृषि प्रयोजन वाले फ्लैट रेट कनेक्शन को राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय की स्थिति में 06 माह के लिए राशि रु. 1875/- का विद्युत देयक जारी किया जाता है। (ख) ऐसे कृषि विद्युत उपभोक्ता जो 24 घंटे विद्युत प्रदाय वाले फीडर से संबद्ध हैं, उन्हें मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार विद्युत मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के अनुरूप एवं सब्सिडी की राशि का समायोजन करने के उपरान्त ही विद्युत देयक जारी किये जाते है। यदि कृषक 05 अश्वशक्ति के विद्युत कनेक्शन का प्रतिदिन 10 घंटे उपयोग करता है तो आदर्श परिस्थिति में न्यूनतम 1119 यूनिट प्रतिमाह की खपत होगी। उपरोक्त खपत के आधार पर मीटर युक्त सिंचाई पंप की विद्युत दरों के अनुसार उसका एक माह का विद्युत देयक (बिना अन्य शुल्क अथवा अधिभार के) राशि रु. 1200/- (पूर्णांकित) एवं छः माह हेतु राशि रु. 7200/- का होगा। (ग) विद्युत के उपभोग के आधार पर विद्युत दरों का निर्धारण किया जाना म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के कार्य क्षेत्र में आता है। मीटर युक्त सिंचाई कनेक्शन धारक को उपभोग के अनुसार उसके परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज मासिक खपत के आधार पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टेरिफ आदेश के अनुसार वर्तमान में लागू दरो के आधार पर ही विद्युत देयक जारी किया जाता है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को उनके विद्युत उपभोग के आधार पर विद्युत दरों का निर्धारण म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के कार्य क्षेत्र में आता है, जो कि आयोग द्वारा विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं से जन सुनवाई एवं अन्य व्यवहारिक एवं व्यावसायिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाता है। तद्नुसार ही प्रश्न में उल्लेखित टैरिफ का निर्धारण म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
जीरापुर संभाग म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. द्वारा बकायदारों से वसूली
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 3005 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ सर्कल के संभाग जीरापुर के अंतर्गत म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक बकायदारों से वसूली के दौरान मोटरसाईकल,फ्रिज,आटा चक्की एवं अन्य उपकरण जब्त किए गये हैं? वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कुर्की/जप्ती आदेश सक्षम अधिकारी द्वारा समय से जारी कर संबंधित उपभोक्ताओं को तामील कराये गये थे? यदि हाँ, तो कुर्की/जप्ती की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने ऐसे ग्राम हैं, जिनमें वसूली हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है? क्या इन ग्रामों में विद्युत बकायेदार उपभोक्ता नहीं हैं? कृपया ग्रामवार बकाएदारों की संख्या एवं बकाया राशि उपलब्ध कराएं। इन ग्रामों में वसूली नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (क) (ग) के सन्दर्भ में क्या कुछ स्थानों पर कार्यवाही की गई है तथा कुछ स्थानों पर कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो भेदभाव पूर्ण वसूली किए जाने पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, राजगढ़ संचालन-संधारण वृत के जीरापुर संचालन-संधारण संभाग के अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बकायादारों से राजस्व वसूली की प्रक्रिया के अंतर्गत की गई कुर्की की कार्यवाही के तहत मोटरसाईकल, डीप फ्रीज, आटा चक्की एवं अन्य उपकरण जब्त किए गयें है, जिनकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, कुर्की/जप्ती आदेश सक्षम अधिकारी द्वारा समय से जारी कर संबंधित उपभोक्ताओं को तामील कराये गये हैं। जप्ती की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राजगढ़ संचालन-संधारण वृत के अंतर्गत जीरापुर संचालन-संधारण संभाग के सभी ग्रामों में विद्युत बिल के बकायादारों से बकाया राशि की वसूली की कार्यवाही की गई है। ऐसा कोई ग्राम नहीं है जहाँ वसूली की कार्यवाही नहीं की गई हो। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) राजगढ़ संचालन-संधारण वृत के अंतर्गत जीरापुर संचालन-संधारण संभाग में आने वाले वितरण केन्द्रों के समस्त ग्रामों में विद्युत बिल के बकायादारों के विरूद्ध विद्युत बिल की बकाया राशि की वसूली हेतु नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
डायवर्सन अनुज्ञा में अधिरोपित शर्तों का उल्लंघन
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 3112 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डायवर्सन अनुज्ञा में अधिरोपित शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर सक्षम प्राधिकारी के द्वारा भूमि विकास नियम 2012 के नियम 25 के तहत अनुज्ञा प्रतिसंहित किया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो उक्त नियम के पालन में 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी अनुज्ञाएं प्रतिसंहित की गई हैं? खरगोन जिले की जानकारी देवें तथा नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय खरगोन में संत सिंगाजी शिक्षा समिति के विरूद्ध 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त समस्त शिकायतों की प्रति भी देवें। (ख) क्या नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय खरगोन के ज्ञाप क्रमांक 99/डाय./14 नग्रानि/2016 खरगोन दिनांक 24/01/2017 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजपुर को संत सिंगाजी शिक्षा समिति के पक्ष में सशर्त अनुज्ञा जारी कि गई थी? यदि हाँ, तो क्या अधिरोपित शर्त नियमों के अंतर्गत थी। (ग) क्या संत सिंगाजी शिक्षा समिति ओझर द्वारा प्रश्नांश (ख) में जारी अनुज्ञा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए स्कूल भवन का निर्माण कार्य करवाया गया है एवं प्रश्नांश (ख) में अधिरोपित शर्त के अनुसार स्थल मानचित्र का अनुमोदन नहीं करवाया गया हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि सत्य है तो क्या शिकायतें प्राप्त होने के पश्चात सक्षम प्राधिकारी द्वारा भूमि विकास नियम 2012 के नियम 25 के तहत अनुज्ञा प्रतिसंहित करने संबंधी कार्यवाही विगत 03 वर्ष कि अवधि में की जा चुकी हैं? यदि नहीं, की गई है तो क्यों नहीं कि गई? अनुज्ञा प्रतिसंहित कब तक की जायेगी? नहीं करने संबंधी कारण बतायें। (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि नहीं, तो तत्कालीन अधिकारियों के नाम, पदनाम की जानकारी देवें एवं क्या संत सिंगाजी शिक्षा समिति ओझर के संबंध में की गई कार्यवाही के आधार पर ही अनुज्ञा प्रतिसंहित करने के स्थान पर अन्य अनावश्यक कार्यवाहियों की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या अधिरोपित शर्तों में कोई परिवर्तन किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। खरगोन कार्यालय में संत सिगांजी शिक्षा समिति के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय खरगोन द्वारा ज्ञाप क्रमांक-99/डाय-14/नग्रानि/2016 खरगोन दिनांक 24/01/2017 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजपुर जिला बड़वानी को अभिमत प्रेषित किया गया है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन ग्राम निवेश क्षेत्र से बाहर स्थित होने से उस पर मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम, 2012 के प्रावधान आकर्षित नहीं होते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रान्सफार्मर बदलने एवं विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 3173 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण वृत उज्जैन में विद्युत आपूर्ति के लिए लगाए गए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संभागवार संख्या एवं उनकी क्षमता अनुसार जानकारी देवें? (ख) संचालन-संधारण वृत उज्जैन में माह फरवरी 2021 तक की स्थिति में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है? इन स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से माह फरवरी 2021 तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए हैं एवं इनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं और न कितने बदले जाने हेतु शेष है कि संख्यात्मक जानकारी संभागवार देवे? उक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने हेतु कितना समय निर्धारित है? समय-सीमा में नहीं बदलने के लिए कौन दोषी हैं? (ग) वितरण केन्द्र घट्टिया के अन्तर्गत ग्राम घटिया नाला लोकेशन एवं ताजपुर वितरण केन्द्र के अन्तर्गत ग्राम ब्यावरा में गांव वाली लोकेशन पर 200 केवीए के स्थान पर 100 केवीए का विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाया गया है? इन दोनों विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों पर वर्तमान में कितना कुल भार है बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावे कि इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? शासन दोषी पर कब और क्या कार्यवाही करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत संचालन-संधारण वृत उज्जैन में विद्युत आपूर्ति के लिए लगाए गए वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी संचालन-संधारण/शहर संभागवार संख्या एवं उनकी क्षमता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) संचालन/संधारण वृत्त उज्जैन में दिनांक 28 फरवरी 2021 तक की स्थिति में कुल 34657 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। इन स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरो में से वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिनांक 28 फरवरी 2021 तक 3384 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए थे तथा उक्त सभी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की संचालन-संधारण/शहर संभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 23.11.2012 को अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। उक्त खराब/जले ट्रांसफार्मरों को पात्रता अनुसार निर्धारित समय-सीमा में बदल दिये जाने के कारण कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) वितरण केन्द्र घटिया के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित घटिया नाला लोकेशन एवं ताजपुर वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम ब्यावरा में ग्राम वाली लोकेशन पर 200 के.व्ही.ए. के स्थान पर 100 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये है। प्रश्न में उल्लेखित ग्राम घटिया नाला लोकेशन पर 100 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर विद्यमान है, जिस पर कि वर्तमान में कुल संयोजित भार 89 किलोवाट है एवं ताजपुर वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम ब्यावरा में ग्राम वाली लोकेशन पर भी 100 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर विद्यमान है, जिस पर कुल संयोजित भार 50 किलोवाट है। (घ) उत्तरांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
उज्जैन नगर में स्मार्ट सिटी के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 3176 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर में स्मार्ट सिटी योजना कब लागू की गई है? इसके अंतर्गत क्या-क्या और कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये इनके निर्माण कब तक पूर्ण करने थे? कार्यों के लिए कौन-कौन ठेकेदार नियुक्त है? प्रश्न दिनाक तक इन निर्माण/विकास कार्यों की क्या स्थिति है? कौन-कौन से, कितनी-कितनी लागत के कार्य प्रस्तावित हैं? (ख) क्या स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत ही दिनांक 06.11.2017 से उज्जैन शहर में अंडर ग्राउंड सिवरेज प्रोजेक्ट का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रोजेक्ट निर्धारित समय में पूर्ण नहीं करने के क्या कारण हैं? समय पर कार्य नहीं कराने के लिए कौन दोषी है? (ग) अंडर ग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट के लिए नगर में मुख्य मार्गों सहित रास्तों को खोदने के बाद उन्हें सही रूप से मरम्मत नहीं किया गया है? इसका निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में क्या-क्या कार्य किया जाना है और क्या-क्या कार्य हुए है और क्या-क्या कार्य लंबित है? क्या शासन की महत्वपूर्ण योजना को समय नहीं कराने वाले अधिकारियों पर एफ.आई.आर.शीघ्र कराई जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी ऑल इंडिया चैलेंज के द्वितीय चरण अंतर्गत दिनांक 03 अक्टूबर 2016 को उज्जैन स्मार्ट सिटी का चयन किया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अमृत योजना अंतर्गत अंडर ग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत खोदे गये मार्गों का प्रावधान अनुसार रोड रेस्टोरेशन कार्य किया जा रहा है। इसका निरीक्षण नियुक्त परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पीडीएमसी) एवं निकाय के यंत्रियों द्वारा किया जा रहा है। प्रोजेक्ट अंतर्गत सम्मिलित कार्य, किये गये कार्य एवं शेष कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। परियोजना में विलम्ब हेतु समय-समय पर संपादित अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दुकानों की नीलामी
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 3201 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की उपधारा (3) के परन्तुक (दो) में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार 50 हजार अधिक मूल्य की दुकानों की वर्ष 2008 -09 से वर्ष 2014-15 तक इन्दोर संभाग की कितनी नगरीय निकायों ने कब-कब नीलामी के पूर्व स्वीकृति ली सूची सहित जानकारी देवे। (ख) प्रश्नांश (क) से सम्बंधित कितनी निकायें ऐसी हैं जिनके द्वारा दुकान नीलाम के पूर्व स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई सूची सहित जानकारी देवें। (ग) इन्दौर संभाग की कितनी निकायों ने वर्ष 2008 -09 से वर्ष 2014-15 तक कितनी कितनी दुकानों का निर्माण कराया सूची सहित देवें। (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) से सम्बंधित इन्दौर संभाग में कितनी नगरीय निकाये ऐसी हैं जिन्होंने नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 109 में बने नियमों के तहत बगैर मंजूरी के दुकानों की नीलामी कर दी और उसमें पदस्थ कितने अधिकारी, कर्मचारी, अध्यक्ष के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई सपष्ट जानकारी सूची सहित देवें और कार्यवाही नहीं की गई तो क्या कारण है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में इन्दौर संभाग की 24 नगरीय निकायों द्वारा दुकानों की नीलामी की जाकर नीलामी के पूर्व स्वीकृति ली गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में इन्दौर संभाग की 23 निकायों द्वारा दुकानों का निर्माण कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''स'' अनुसार है।
पीथमपुर महाविद्यालय के भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
29. ( क्र. 3204 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्नातक महाविद्यालय कब प्रारंभ हुआ, इस महाविद्यालय में कितने संकाय है व उनमें कुल कितने विद्यार्थी अध्ययनरत है तथा क्या इस महाविद्यालय हेतु भवन निर्मित हो चुका है? (ख) यदि नहीं, तो वर्तमान में यह महाविद्यालय कहां संचालित हो रहा है तथा क्या यह स्थान पर्याप्त होकर यहां पर विद्यार्थियों को सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है? (ग) यदि नहीं, तो क्या महाविद्यालय भवन हेतु भू-आवंटन आदि प्रक्रिया पूर्ण हो चुंकि है? यदि नहीं, तो वर्तमान स्थिति व विलम्ब के कारणों के संबंध में जानकारी देवें। (घ) क्या विभाग क्षेत्र की जनता व जनप्रतिनिधियों द्वारा सुझायें गये पीथमुपर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर नम्बर 01 के प.ह.न. 61/122 के शासकीय सर्वे नं. 467 की 10.630 हेक्टेयर भूमि (शासकीय बीड) का महाविद्यालय भवन हेतु चयन कर भू-आवंटन प्राप्त करने की प्रक्रिया करेगा तथा भू-आवंटन पश्चात क्या भवन निर्माण हेतु धनराशि की स्वीकृति की कार्रवाई करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2011 में आरंभ। महाविद्यालय में कला एवं वाणिज्य संकाय संचालित हैं। कुल 204 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जी नहीं। (ख) महाविद्यालय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पीथमपुर में संचालित है। स्थान पर्याप्त नहीं है। मूलभूत सुविधाएं शासकीय बालक उच्चतर विद्यालय, पीथमपुर के सहयोग से प्राप्त की जा रही हैं। (ग) जी हाँ। भूमि आवंटन हो चुका है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्नाधीन भूमि पर भवन निर्माण की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा शहर में प्रधानमंत्री आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 3209 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा शहर में 2240 EWS, 576 LIG, 216 MIG, निर्मित प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को आवास आवंटन की समयावधि क्या होगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतायें कितने हितग्राहियों को अंशदान जमा करने के बाद बैंकों से फाइनेंस नहीं हुआ, कब तक बैंकों से फाइनेंस करा लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रीवा नगर द्वारा क्रियान्वित की जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) तथा समयावधि अंतर्गत ई.डब्ल्यू.एस./एल.आई.जी./एम.आई.जी. आवासों की प्रगति/आवंटन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अन्तर्गत कुल 2646 ई.डब्ल्यू.एस. हितग्राहियों से पंजीयन अंशदान राशि जमा कराई गई है जिसमें से 1407 ई.डब्ल्यू.एस. आवास का आवंटन किया गया है तथा उक्त आवंटित आवासों में से 552 हितग्राहियों के प्रकरण बैंको को प्रेषित किये गये है जिनमें से अब तक 236 आवास ऋण प्रकरण बैंक से स्वीकृत उपरांत निगम को सम्पूर्ण राशि प्राप्त हो गई है तथा 316 प्रकरण फायनेंस हेतु बैंक/वित्तीय संस्थाओं में प्रक्रियाधीन है, शेष (1407-552) 855 हितग्राहियों का फायनेंस हितग्राहियों के द्वारा आवेदन देने तथा बैंक की औपचारिकताओं को पूर्ण करने पर निर्भर है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास के निर्माण हेतु कार्यादेश
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 3215 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम रीवा एवं सिंगरौली में प्रधानमंत्री आवास के निर्माण बावत् कार्यादेश जारी किये गये तो कब-कब किन-किन संविदाकारों को किन शर्तों पर? वर्तमान में कितने आवस बन कर तैयार हो चुके हैं एवं कितने आवासों का निर्माण अधूरा है? (ख) प्रश्नांश (क) के आवासों के आवंटन बावत् कार्यवाही कब-कब की गई कितने हितग्राहियों को आवास आवंटित किये जा चुके हैं कितने हितग्राही आवास पाने हेतु प्रतीक्षा सूची में हैं जानाकरी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन हितग्राहियों को आवास आवंटित किये जा चुके है उनका फायनेंस का कार्य किन-किन बैकों द्वारा किस ब्याज दर पर कराये गये हैं बतावें? साथ ही जिनको आवास आवंटित किये जा चुके हैं वह फायनेंस बैकों द्वारा कर दिये गये लेकिन आवासों का निर्माण अधूरा है हितग्राहियों को मौके से कब्जा/पजेशन नहीं दिया गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (क) के आवासों के निर्माण बावत् कार्यादेश मनमानी जारी किये गये जिसके कारण कंपनी/ठेकेदार आवास के निर्माण का कार्य समय पर पूरा नहीं किया गया जिनके कार्य कराये गये वे गुणवत्तायुक्त नहीं हैं जिन हितग्राहियों/आवेदकों को आवास आवंटित हो चुके हैं बैंक द्वारा फायनेंस कराने के बाद भी मौके पर कब्जा व पजेशन मकान के अपूर्ण होने के कारण नहीं मिल रहा है मकान रहने लायक नहीं हैं इनके निर्माण बावत् क्या कार्यवाही करेंगे एवं आवासों को निर्माण कार्य पूर्ण कराकर कब तक हितग्राहियों को आवास का कब्जा व पजेशन दिलवा देगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" तथा "अ-1" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" तथा "ब-1" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) योजना क्रियान्वयन हेतु शासकीय भूमि आवंटन का प्रावधान है। भूमि आवंटन के अनुसार ही संविदाकारों को कार्यादेश दिये जाते है। योजनांतर्गत बनाये जा रहे आवासों की गुणवत्ता का परीक्षण संविदाकार द्वारा स्थल में स्थापित प्रयोग शाला, एन.ए.बी.एल. लैब, पी.डब्ल्यू.डी. लैब एवं शासकीय अभियांत्रिकीय महाविद्यालय रीवा से करवाया गया है, जो कि मानक अनुसार है। शासकीय अभियांत्रिकीय महाविद्यालय रीवा तथा शासन द्वारा नियुक्त एजेन्सी के द्वारा थर्ड पार्टी क्वालिटी मॉनिटरिंग (T.P.Q.M.) भी की जाती है। निर्माण कार्य की प्रगति हितग्राही अंशदान तथा क्रॉस सब्सिडी की व्यवस्था पर आधारित है। निकाय द्वारा इस दिशा में प्रयास किये जा रहे है व जैसे-जैसे जिन आवासों के कार्य पूर्ण होते जाते है व हितग्राहियों ने उनका पूर्ण अंशदान जमा करा दिया है उनकों आवास आवंटन किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कार्य न करने व न करवाने वालों पर कार्यवाही के साथ राशि की वसूली
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 3216 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली एवं रीवा जिले में वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-2021 में प्रश्न दिनांक तक 33 के.व्ही. लाईन एवं 11 के.व्ही. लाईनों के मेंटीनेंस/सुधार के कार्य विद्युत विभाग द्वारा कितने वितरण केन्द्रों में कितने संविदाकारों से कितनी लागत के कार्य कराये गये? की जानकारी देते हुए बतावें कि कुल कितनी राशि संबंधित जिले में व्यय हुई वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मेंटीनेंस/सुधार के कार्य जिन विद्युत वितरण केन्द्रों में कराये गये मौके पर वहां विद्युत आपूर्ति की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों में संविदाकारों को कार्यादेश किस आधार पर जारी किये गये? मौके पर कराये गये कार्य का सत्यापन किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कराया गया? उनके पदनाम सहित जानकारी देवें? संविदाकारों द्वारा उपकर की राशि कब-कब कितने किन माध्यमों से जमा की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के संविदाकारों को मेंटीनेंस/सुधार के कार्य बावत् कार्यादेश मनमानी तरीके से जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा देकर व्यक्तिगत हितपूर्ति की गई? मौके पर कार्य नहीं कराये गये, फर्जी बिल वाऊचर तैयार कर राशि आहरित करा ली गई क्या इसकी जाँच उच्च स्तरीय जाँच समिति बनाकर करवायेंगे एवं जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? संबंधितों से क्या राशि की वसूली के साथ गबन के प्रकरण पंजीबद्ध करावेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सिंगरौली एवं रीवा जिलों में वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक 33 के.व्ही. लाईनों एवं 11 के.व्ही. लाईनों के मेन्टेनेंस/सुधार के कराए गए कार्यों का वितरण केन्द्रवार, संविदाकारवार, कार्य की लागत/व्यय की राशि सहित वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार जिन विद्युत वितरण केन्द्रों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शाए अनुसार मेन्टेनेंस/सुधार के कार्य कराये गये हैं उनमें विद्युत आपूर्ति की स्थिति सुदृढ़ है तथा सतत् रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार मेन्टेनेंस/सुधार के कार्य 'अ' श्रेणी ठेकेदार को वितरण केन्द्र प्रभारी के प्रस्ताव के अनुसार कराये जाने के कार्यादेश जारी किये गये थे। उक्त मेन्टेनेंस कार्य म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित एस.ओ.आर. के दर पर लेबर अवार्ड के माध्यम से कराये गये हैं। मौके पर किये गए कार्यों का सत्यापन वितरण केन्द्र में सहायक अभियंता/कनिष्ठ अभियंता द्वारा किया गया है। संविदाकार द्वारा जमा की गई उपकर की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द-1' एवं 'द-2' अनुसार है। (घ) रीवा सिंगरौली वृत के अंतर्गत समस्त मेंटेनेंस कार्य आवश्यकता के अनुरूप ही कराये गए है जिसका सत्यापन उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार जिम्मेदार अधिकारी द्वारा किया गया है। भौतिक सत्यापन पश्चात् ही संबंधित संविदाकारों के देयक पारित किये गए हैं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत ट्रान्सफार्मरों की जाँच कराना
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 3238 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मुरैना अन्तर्गत वर्ष अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना के तहत किन-किन गांवों के किसानों के खेतों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया तथा विद्युतीकरण के कितने कार्य पूर्ण हैं और कितने अपूर्ण हैं? ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों में किस-किस गांव, पर स्टीमेट में कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रावधान था तथा कितनी-कितनी क्षमता के किस-किस कम्पनी के ट्रांसफार्मर लगाये गये? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार स्वीकृत विद्युत लाईन, खम्बे एवं ट्रांसफार्मरों में से ऐसे कितने ट्रांसफार्मर हैं जो तकनीकी स्वीकृति नक्शा में चिन्हित स्थान पर व क्षमता से कम लगाये गये? सूची देवें तथा वर्तमान में ऐसे कितने ट्रासफार्मर हैं जो खराब एवं जल गये हैं, जिसके कारण विद्युत सप्लाई बंद है। सूची देवें तथा उक्त जले एवं खराब ट्रांसफार्मर कब तक बदलकर लाईन चालू कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार गलत स्थान पर लोकल ट्रांसफार्मर लगाने के लिये कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी दोषी हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही कब तक करेगें? क्या गुणवत्ताविहीन, गलत स्थान तथा कम/अधिक क्षमता के लगाये गये विद्युत ट्रांसफार्मरों की जाँच कराऐंगे? यदि हाँ, तो किस अधिकारी से कब तक जाँच करायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मुरैना अंतर्गत अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये गए 11 कृषकों के कृषि पम्पों के विदयुतीकरण के कार्य कराए गये। उक्त सभी 11 कार्य पूर्ण हैं, कोई भी अपूर्ण नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार किसानों के खेतों पर पंपों के विद्युतीकरण हेतु कराये गये कार्यों के स्वीकृत प्राक्कलनों में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रावधान था, जिसके विरूद्ध स्वीकृत क्षमता के अनुसार ही वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए, जिनकी ग्रामवार, क्षमतावार, ट्रांसफार्मर की निर्माता कंपनी के नाम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार स्वीकृत विद्युत लाईन, खंबे एवं ट्रांसफार्मर तकनीकी स्वीकृति अनुसार ही निर्धारित क्षमता के एवं चिन्हित स्थान पर ही लगाये गये है। वर्तमान में संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये गये ट्रांसफार्मरों में से कोई भी ट्रांसफार्मर खराब/जला हुआ नहीं है। सभी ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय चालू है। (घ) उत्तरांश (क) (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत प्राक्कलन के प्रावधानों के अनुरूप ही तकनीकी स्वीकृति अनुसार चिन्हित स्थानों पर निर्धारित क्षमता एवं मानक स्तर की गुणवत्ता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। उक्त परिप्रेक्ष्य में अन्य किसी प्रकार की जाँच कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।
इन्दिरा ज्योति योजना अन्तर्गत बिजली का लाभ संबंधी
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 3277 ) श्री पी.सी. शर्मा, श्री मनोज चावला, श्री प्रताप ग्रेवाल, श्री प्रताप ग्रेवाल, डॉ. अशोक मर्सकोले, श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार ने इन्दिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत 150 यूनिट तक सस्ती बिजली का लाभ पाने वाले अनेक उपभोक्ताओं को योजना से बाहर करने जा रही है। (ख) क्या सरकार ने इसके लिए कोई क्राइटेरिया (मानदंड) निर्धारित किया है यदि हाँ, तो उसका क्या विवरण है। (ग) क्या सरकार के पास उपरोक्त क्राइटेरिया (मानदंड) के आधार पर योजना से बाहर किए जाने वाले उपभोक्ताओं का डाटा (विवरण) उपलब्ध है। (घ) यदि हाँ, तो कितने उपभोक्ताओं को योजना से वंचित किया जा रहा है। (ड.) क्या यह राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को कृषि कार्य के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली का उनके बिल में पूरा भुगतान वसूल कर सब्सिडी बाद में उनके बैंक खातों में देने जा रही है यदि हैं तो इसका क्या विवरण है। (च) क्या सरकार को किसानों को बिजली बिल में दी जाने वाली सब्सिडी में कोई भ्रष्टाचार या अनियमितता होने की शिकायत विगत 2 वर्षों में मिली है यदि हैं तो इसका क्या विवरण है। (छ) क्या सरकार इस तथ्य से अवगत है कि किसान के पास पूरे साल नगद राशि नहीं रहती है जिससे उसे हर महीने पूरा बिजली बिल भुगतान करने में कठिनाई होगी। (ज) यदि किसान बिजली बिल में दी जाने वाली सब्सिडी में कोई भ्रष्टाचार या अनियमितता नहीं करता है तो नई योजना लागू करने का क्या कारण है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में लागू इन्दिरा गृह ज्योति योजना के युक्तियुक्तकरण हेतु यह निर्णय लिया गया है कि उक्त योजना का लाभ मात्र ऐसे उपभोक्ताओं को दिया जाये, जो कि आयकरदाता नहीं हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में ऊर्जा विभाग के पत्र दिनांक 10.2.2021 द्वारा आयकर कार्यालय से प्रदेश के आयकरदाताओं का डेटा विद्युत वितरण कंपनियों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है तथा विद्युत वितरण कंपनियों को आयकर कार्यालय से संपर्क कर वांछित डेटा प्राप्त करने एवं राज्य शासन के आदेश अनुसार कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) जी नहीं, इस संबंध में प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन योजना से बाहर होने वाले आर्थिक रूप से सक्षम उपभोक्ताओं की संख्या वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जी नहीं। अपितु कोरोनाजनित महामारी के कारण केन्द्र एवं राज्य सरकारों के वित्तीय संसाधनों पर पड़े विपरीत प्रभाव के दृष्टिगत केन्द्र शासन द्वारा राज्य सरकारों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, राज्य सरकारों द्वारा लिये जाने वाले कर्ज की सीमा ''सकल राज्य घरेलू उत्पाद'' के 2 प्रतिशत तक बढ़ाने हेतु सशर्त स्वीकृति प्रदान की है। इस स्वीकृति के अंतर्गत विद्युत क्षेत्र के सुधार की प्रक्रिया के तहत एक घटक के रूप में प्रदेश में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना लागू की जानी है, जिसके प्रथम चरण में प्रदेश के तीन जिलों यथा- विदिशा, झाबुआ एवं सिवनी को चयनित किया गया है तथा योजना प्रायोगिक तौर पर विदिशा जिले में आरंभ की जा चुकी है। योजना के प्रावधानों के अनुसार हितग्राही कृषक उपभोक्ताओं को प्रदान की जाने वाली सब्सिडी राशि का अंतरण सीधे उनके बैंक खाते में किया जाना है एवं तदुपरांत यह राशि संबंधित वितरण कंपनी को विद्युत बिल के भुगतान के विरूद्ध अंतरित की जा सकेगी किन्तु कृषक उपभोक्ता को उसके अंश की राशि का ही छ: माही बिल के अनुरूप भुगतान करना होगा। (च) जी नहीं। (छ) उत्तरांश (ड.) में दर्शाए अनुसार कृषक उपभोक्ता को पूर्वानुसार उसके अंश की राशि का ही छ: माही बिल के अनुरूप भुगतान करना है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ज) उत्तरांश (ड.) में दर्शाए अनुसार राज्य शासन को अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केन्द्र शासन की सशर्त स्वीकृति के परिप्रेक्ष्य में विद्युत क्षेत्र के सुधार की प्रक्रिया के एक घटक के रूप में प्रदेश में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना प्रायोगिक तौर पर विदिशा जिले में आरंभ की गई है।
अमृत मिशन अंतर्गत सीवरेज योजना की धीमी गति
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 3330 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के तहत उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में सीवरेज योजना स्वीकृत की गई है? योजना प्रारंभ वर्ष एवं कार्य पूर्ण होने की तिथि के संबंध में जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में नीमच शहर में स्वीकृत क्रियांवित योजना पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा किये गये भुगतान के विरुद्ध वर्तमान में कितने प्रतिशत कार्य होना अब भी शेष है? क्या किया गया भुगतान राज्य स्तरीय तकनीकी समिति/संभागीय स्तर पर गठित समिति के निरीक्षण उपरान्त किया गया है? (ग) क्या, नीमच शहर में क्रियान्वित सीवरेज योजना अंतर्गत स्वीकृत योजना लागत राशि रुपये 6203.00 लाख के विरुद्ध अब तक राशि रुपये 5317.00 लाख का भुगतान किया जाकर कार्य की प्रगति 94.35 प्रतिशत है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो वर्तमान में इस योजना में क्या-क्या कार्य होना अब भी शेष है, लागत राशि का ब्योरा दें। समय-सीमा में योजना क्रियान्वयन नहीं होने के कारण क्रियान्वयन एजेंसी के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं। दोषियों के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के तहत उज्जैन संभाग में नगर पालिक उज्जैन, नगर निगम रतलाम एवं नगर पालिका नीमच में अमृत मिशन अंतर्गत सीवरेज योजना स्वीकृत की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं। योजना में किया गया भुगतान विभाग द्वारा नियुक्त परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पीडीएमसी) के निरीक्षण एवं अनुमोदन उपरांत किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। योजना का क्रियान्वयन समय-सीमा में नहीं होने के कारण नगर पालिका नीमच द्वारा निविदा शर्तों के अनुसार एजेंसी के विरूद्ध राशि रू. 67.72 लाख की पेनाल्टी आरोपित की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की धीमी गति
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 3331 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग की किन-किन नगर पालिकाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना (ए.एच.पी.) क्रियांवित की जा रही है। स्वीकृत योजना लागत सहित प्रश्न दिनांक तक योजना पर व्यय की गई राशि के संबंध में जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई योजना अंतर्गत कार्य पूर्ण होकर कितने-कितने परिवारों को इस योजना से अब तक लाभांवित किया गया है? लाभांवित हितग्राहियों की नगर पालिकावार संख्या बतायें। (ग) प्रश्नाधीन योजना नगर पालिका नीमच में भी क्रियांवित हो रही है? यदि हाँ, तो इस योजना अंतर्गत अब तक कितने आवास निर्मित होकर कितने पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है तथा कितने हितग्राही लाभांवित होने से वंचित हैं? (घ) क्या प्रश्नाधीन योजना नगर पालिका नीमच में असफल हुई है? यदि हाँ, तो इसके निष्फल प्रयोजन के लिये कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायित्व निर्धारित कर संबंधितों के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कतिपय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिये जाना
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 3462 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के मुद्रणालय कर्मचारियों को शासन द्वारा घोषित प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ अभी तक दिया गया है? यदि दिया गया है तो कब से एवं किन-किन कर्मचारियों को दिया गया एवं किन-किन को नहीं? (ख) क्या कार्यालय नियंत्रक शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री मध्यप्रदेश, भोपाल एवं बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल के मुद्रणालय कर्मचारियों को भी शासन द्वारा घोषित प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है? (ग) क्या देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी कर्मचारियों को भी समयमान वेतनमान का लाभ दिया है, तो मुद्रणालय कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया गया? विलंब का कारण बतावें। क्या कई कर्मचारी समयमान वेतनमान के लाभ के अभाव में सेवानिवृत्त हो गये हैं? उनके पेंशन एवं अन्य स्वत्वों में हानि हुई है? इसको दृष्टिगत रखते हुए कब तक उक्त लाभ दिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी हाँ, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के मुद्रणालय विभाग के 04 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। पूर्व में सेवानिवृत्त 12 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश का प्रथम भाग विभाग से संबंधित नहीं है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के मुद्रणालय कर्मचारियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वेतनमान का लाभ दिया गया है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय इंदौर खण्डपीठ में याचिका क्र.10948/2018 एवं 11524/2018 में दिए गए निर्णय के पालन में तकनीकी कर्मचारियों को भी समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। मुद्रणालय विभाग के 04 कार्यरत कर्मचारियों को भी समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। इसमें किसी प्रकार का विलंब नहीं हुआ है। मुद्रणालय विभाग के सेवानिवृत्त शेष 12 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिए जाने हेतु समिति का गठन किया गया है, प्रकरण वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
पृथ्वीपुर नगर के विकास कार्यों के लिये राशि उपलब्ध कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 3481 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर निवाड़ी द्वारा अपने पत्र क्र. 1600/स्टेनो/कले.नि./2019, दिनांक 27/5/2019 द्वारा प्रमुख सचिव म;प्र. शासन नगरीय प्रशासन को तत्कालीन मंत्री नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जिला-निवाड़ी अंतर्गत पृथ्वीपुर में दिनांक 20.01.2019 को पृथ्वीपुर नगर के विकास कार्यों के लिए राशि रू.10 करोड़ 43 लाख प्रदाय करने एवं पृथ्वीपुर के वार्ड 11 (जेर) में इंडोर स्टेडियम निर्माण एवं सिमरा को नगर परिषद् का दर्जा देने के लिये की गई घोषणा के क्रियान्वयन हेतु पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं, तो क्यों इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? क्या उनके विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर परिषद पृथ्वीपुर द्वारा नगर के विकास कार्यों के लिए राशि रू.10.57 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार की गई है एवं पृथ्वीपुर के वार्ड नं 11 (जेर) में इन्डोर स्टेडियम एवं ऑडोटोरियम निर्माण हेतु राशि रू. 1.07 करोड़ का प्राक्कलन तैयार किया गया। पृथ्वीपुर नगर के विकास कार्यों हेतु संचालनालय के आदेश दिनांक 23/02/2019 से राशि रू. 100.00 लाख एवं आदेश दिनांक 23/11/2019 से राशि रू. 50.00 लाख निकाय को विशेष निधि के अंतर्गत प्रदान की गई है। ग्राम सिमरा जिला-निवाड़ी को नगर परिषद का दर्जा दिये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला-निवाड़ी के पत्र दिनांक 19/02/2020 द्वारा प्राप्त प्रस्ताव अपूर्ण होने से, विधिवत पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल का पत्र दिनांक 02/03/2021, कलेक्टर जिला-निवाड़ी को प्रेषित किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनूपपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास के आवंटित लक्ष्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 3688 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में किस-किस वर्ष में कितना-कितना लक्ष्य आवंटित किया गया? लक्ष्य के विरुद्ध किन-किन हितग्राहियों को आवास प्रदान किये गये? विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा सेक डाटा 2011 सर्वे के अनुसार बनाई गई पात्र हितग्राही की सूची उपलब्ध करावें? (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा के अंतर्गत नगर पंचायत अमरकंटक में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत किस वर्ष में कितना लक्ष्य था? लक्ष्य के विरुद्ध कितने आवास स्वीकृत किये गये? हितग्राहियों के नाम पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) नगर पंचायत अमरकंटक द्वारा किन-किन हितग्राहियों को आवास निर्माण का कार्यादेश दिया एवं वर्तमान में आवास की क्या स्थिति है? इन्हें कब तक पूर्ण कराया जायेगा तथा हितग्राहियों को आवंटित किया जायेगा। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या आवास आवंटन में प्राथमिकता से दरकिनार कर अपात्रों को भी आवास आवंटित किये गये हैं? आवंटित कार्य में पारदर्शिता न अपनाने के कारण हितग्राहियों से अवैध वसूली की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन आवास आवंटन में हुई धांधली की जाँच कब तक करायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) योजनान्तर्गत वर्षवार लक्ष्य आवंटित नहीं किया जाता है। जिला अनूपपुर में शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत स्वीकृत आवासों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अन्तर्गत एस.ई.सी.सी. डाटा वर्ष 2011 के सर्वे के आधार से मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. एफ-10-47/2015/18-2 भोपाल दिनांक 03.04.2018 की कण्डिका-4 द्वारा छूट प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- "अ-1" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- "ब" अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत हितग्राहियों द्वारा अपने आवास का स्वयं निर्माण किया जाता है, अतः उन्हें कार्यादेश दिया जाने एवं कार्यपूर्णता की समय-सीमा बताया जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नगरीय क्षेत्र अमरकंटक में स्वीकृत आवासों एवं उनकी वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- "स" अनुसार है। (घ) जी नहीं। आवास आवंटन में प्राथमिकता से दर किनार कर अपात्रों को आवास स्वीकृत नहीं किये गये है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्पाट फाईन के अधिकार
[गृह]
40. ( क्र. 3705 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग के किस श्रेणी के पुलिस अधिकारी को किस कानून की किस धारा के अनुसार स्पाट फाईन के क्या-क्या अधिकार किस अधिसूचना/आदेश से दिए गए है? प्रति सहित बतावें। (ख) बैतूल जिले में गत 6 माह में किस श्रेणी के किस पुलिस अधिकारी ने किस धारा के तहत कितने स्पाट फाईन कर कितना अर्थदण्ड वसूल किया, इसमें से कितने प्रकरणों में संबंधित अधिकारी स्पाट पर उपलब्ध नहीं थे उनकी अनुपस्थिति में स्पाट फाईन किस अधिकारी ने किए? (ग) स्पॉट फाईन की कार्यवाही अन्य अधिकारियों द्वारा किए जाने का क्या कारण हैं? यह कार्यवाही अधिकृत अधिकारी द्वारा नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। पुलिस विभाग में पदस्थ निरीक्षक से सहायक उप निरीक्षक तथा रक्षित निरीक्षक एवं सूबेदार स्तर के अधिकारियों द्वारा ही स्पॉट फाईन की कार्यवाही की गयी। उनकी अनुपस्थिति में स्पॉट फाईन की कोई कार्यवाही नहीं की गयी। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पीछे भवन निर्माण
[गृह]
41. ( क्र. 3727 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में मुख्यालय भिण्ड में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पीछे किसी भवन का निर्माण किया जा रहा है यदि हाँ, तो उक्त भवन का निर्माण किस योजना या निधि के अंतर्गत किया जा रहा है? (ख) निर्माणाधीन भवन किस एजेंसी के द्वारा बनाया जा रहा है एवं कितने क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है? उक्त भवन की लागत राशि कितनी है एवं किस विभाग के द्वारा राशि दी जा रही है? (ग) उक्त भवन निर्माण कार्य किसके निर्देश/देखरेख में किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत प्रदाय हेतु ट्रांसफार्मर रखने पर अनुदान
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 3742 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा किसानों को विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से उनके खेतों में ट्रांसफार्मर रखने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं तथा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या इन योजनाओं में सरकार द्वारा अनुदान-प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं में कितना-कितना अनुदान प्रदान किया जा रहा है? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक किसानों के खेतो में कौन-कौन सी योजनाओं के तहत ट्रांसफार्मर रखे गए हैं? संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा आबादी को जलाऊ बिजली प्रदाय करने हेतु योजनाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी हैं और इन योजनाओं में शासन द्वारा कितना-कितना अनुदान दिया जाता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषक उपभोक्ताओं को कृषि कार्य हेतु विद्युत लाईन विस्तार कर विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने हेतु वर्तमान में स्वयं का ट्रासंफार्मर योजना एवं पूर्ण जमा योजना संचालित है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) सुमावली विधानसभा के क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना एवं पूर्ण जमा योजना के तहत क्रमश: 31 एवं 6 ट्रांसफार्मर इस प्रकार कुल 37 ट्रांसफार्मर स्थापित कर 37 कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये। (घ) जी नहीं, वर्तमान में ऊर्जा विभाग द्वारा आबादी क्षेत्रों को घरेलू बिजली कनेक्शन प्रदान करने हेतु पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है, तथापि इन क्षेत्रों में घरेलू बिजली कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त होने पर उपलब्ध अधोसंरचना से मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के विनियम 2009 (आर जी -31) की कण्डिका क्रमांक 4.1.2, 4.1.3 तथा 4.1.4 में निर्दिष्ट प्रभारों की राशि जमा कराये जाने के उपरांत नवीन घरेलू विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार दिये गये नवीन घरेलू बिजली कनेक्शन हेतु राज्य शासन द्वारा कोई भी अनुदान दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
पदोन्नति प्रतिबंध के विभागीय आदेश
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 3747 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पदोन्नति नियम 2002 माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त किए जाने से नगरीय निकायों में वर्ष 2016 से विभागीय पदोन्नति प्रतिबंधित है? विभाग में पदोन्नति प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा कब-कब आदेश तथा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) नगर पालिका निगम में आयुक्त के पद का वेतनमान क्या है तथा आयुक्त पद के पद पर किस-किस श्रेणी के अधिकारियों को पदस्थ किया जा सकता है? नियमों की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश जारी नहीं किये गये हैं। (ख) म.प्र.नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 54 के अंतर्गत आयुक्त की नियुक्ति शासन द्वारा की जाती है तथा धारा 56 अंतर्गत वेतन संबंधी प्रावधान है। किस कैडर से होगा, इसका कोई प्रावधान अधिनियम में नहीं है। धारा 54 एवं 56 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
श्योपुर जिले में आंकलन बिल दिये जाने से उत्पन्न स्थिती
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 3786 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.वि.वि.कं.लि. मीटर चालू होने के बाद भी आंकलित खपत के बिल क्यों किस आधार पर किन नियमों के अंतर्गत जारी करती है? आंकलित खपत के क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ख) ग्रामीण कृषि उपभोक्ताओं के ट्यूबवेल पर स्थित विद्युत मोंटर की हॉर्सपावर क्षमता से अधिक हॉर्सपावर के बिल क्यों और किस कारण से दिये जा रहे है? (ग) क्या श्योपुर जिले में प्रश्नांश (ख) अनुसार कृषकों को आंकलित खपत के आधार पर बढ़े हुये विद्युत बिल जमा कराने में असमर्थ है। क्या विद्युत बिल जमा न होने की स्थिति में विद्युत विभाग द्वारा कृषकों के ट्रान्सफार्मर उतारे जा रहे है तथा उनकी अचल सम्पति ट्रेक्टर-ट्रॉली, मोटर साइकिल आदि कुर्क की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त दमनकारी कार्यवाही को शासन स्थगित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के आधार पर ही विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। मीटर बंद/खराब स्थिति में पाये जाने पर ही म.प्र. विदयुत प्रदाय संहिता 2013 की कण्डिका 8.35 जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, में निहित प्रावधानों/मापदण्डों के अनुसार ही आंकलित खपत के आधार पर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। उक्त वैधानिक प्रावधानों/मापदण्डों के अनुसार मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में, जिस माह मीटर बंद/खराब हुआ है, उससे पिछले तीन माह की खपत के औसत के आधार पर बिल जारी किया जाता है। (ख) कृषि पम्प उपभोक्ताओं को उनके स्वीकृत भार के अनुरूप ही विद्युत बिल जारी किये जाते हैं तथापि नियमानुसार जाँच उपरांत उपभोक्ता का संबद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक भार पाये जाने पर ही उपभोक्ता को बढ़े हुए भार अनुसार बिल जारी किये जाते हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार ही श्योपुर जिले के कृषकों को भी नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। कृषक उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल जमा नहीं करने की स्थिति में वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा बकायेदार उपभोक्ताओं से संपर्क कर, नोटिस देकर बकाया राशि जमा कराने की कार्यवाही की जाती है। नोटिस के उपरांत भी उपभोक्ताओं द्वारा बिल नहीं भरने पर ऐसे ट्रांसफार्मर जिनसे संबद्ध शत्-प्रतिशत कृषि पंप उपभोक्ता बकायादार है, को उठाने की कार्यवाही की जाती है। बकाया राशि की वसूली की कार्यवाही में नियमानुसार कुर्की की कार्यवाही की गई है। कुर्की के दौरान किसी भी उपभोक्ता से ट्रैक्टर ट्राली जप्त नहीं की गयी है। उक्तानुसार राजस्व वसूली नियमों के अनुरूप की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में तत्संबंध में अन्य कोई प्रस्ताव राज्य शासन के विचाराधीन नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को देय किश्तों में विसंगतियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 3866 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांतर्गत आवास निर्माण का कार्य पूरा हो जाने पर भी हितग्राहियों को देय किश्तों का भुगतान नहीं किया है? (ख) क्या जिनके कार्य अधूरे है उन्हें समस्त किश्तों का भुगतान कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अंतर्गत स्वीकृत प्रत्येक परियोजना स्तर से पनागर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जिन हितग्राहियों को तीसरी किश्त का भुगतान किया गया है उनकी संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एक डी.पी.आर. के 90 प्रतिशत हितग्राहियों द्वारा आवास का निर्माण पूर्ण किये जाने उपरांत तथा जिओ-टैगिंग के पश्चात तृतीय किश्त की राशि भारत सरकार से प्राप्त होने के पश्चात हितग्राहियों को राशि राज्य/निकाय द्वारा मुक्त की जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत आवासों के भुगतान न होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 3867 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांतर्गत वार्ड क्र.73 चमन नगर करमेता के 81 हितग्राहियों ने लेंटर हाईट तक आवास निर्माण कर लिये हैं? (ख) क्या एक वर्ष से लंबित इन्हे दूसरी किश्तें नहीं दी गई है? (ग) क्या स्वीकृत 104 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि विगत एक वर्ष से अधिक समय से नहीं दी गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो कब तक राशि का भुगतान किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अंतर्गत 81 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि प्रदान कर दी गई है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अंतर्गत 104 हितग्राहियों में से 53 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि प्रदान की जा चुकी है। शेष 51 हितग्राहियों को राशि प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर हितग्राही को दी जाती है अत: समय-सीमा बताना संभव नही।
स्वीकृत पदों एवं प्रतिनियुक्ति की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 3944 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम देवास में स्वस्थता निरीक्षक, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? इन पदों की शैक्षणिक योग्यता क्या निर्धारित की गई है? इन पदों के विरुद्ध कितने-कितने अधिकारी पदस्थ हैं? नाम सहित जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों पर प्रतिनियुक्ति पर (अन्य नगर पालिक निगम से) कितने-कितने अधिकारी किस-किस पद पर पदस्थ हैं? मूल पद एवं नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा किसी अधिकारी को पद से पदावनत करने हेतु आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो निगम प्रशासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू ए 799/2010 में आदेश पारित कर प्रकरण खारिज किया गया है। जिसके विरूद्ध श्री सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा संबंधित द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण क्रमांक आर.पी. 28/2021 दायर किया है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 18/01/2021 एवं दिनांक 25/02/2021 को यथास्थिति के आदेश प्रसारित किये गये हैं। नगर निगम देवास द्वारा पक्ष प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जा रही है।
प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 3945 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं देवास नगर पालिक निगम में पिछले पांच वर्षों में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध शासन को क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? वर्षवार/बिन्दुवार पृथक-पृथक जानकारी दी जावे। (ख) नगर पालिका निगम, भोपाल के आयुक्त द्वारा अपने पत्र क्रमांक 25/सा.प्र.वि./2021, दिनांक 06.02.2021 को प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को पत्र लिखकर किसी अधिकारी को तत्काल निलंबन करने का अनुरोध किया है? यदि हाँ, तो अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अनुसार उक्त अधिकारी कब-कब कहां-कहां पदस्थ रहे हैं तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या शिकायते शासन को प्राप्त हुई तथा अभी तक उन शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही की गई।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आयुक्त नगर निगम भोपाल द्वारा श्री एस.पी. श्रीवास्तव स्वास्थ्य अधिकारी (प्रतिनियुक्ति पर) को सौंपे गये दायित्वों से हटकर बिना सक्षम स्वीकृति के कार्य करने, शासकीय कार्य में व्यवधान डालने, स्वेच्छाचारिता तथा निगम हित में कार्य नहीं करने पर निलंबित किये जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) श्री एस.पी. श्रीवास्तव स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम देवास, दुर्ग, रतलाम, जबलपुर, खण्डवा, उज्जैन में पदस्थ रहे है। वर्तमान में नगर निगम भोपाल में दिनांक 24.10.2011 से पदस्थ है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राध्यापकों के अकादमिक ग्रेड-पे के संदर्भ में
[उच्च शिक्षा]
49. ( क्र. 3948 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापकों का अकादमिक ग्रेड-पे संशोधित किए जाने का आदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपास्त कर दिया गया है, फिर भी सीधी भर्ती एवं पदोन्नत प्राध्यापकों को अलग-अलग अकादमिक ग्रेड-पे दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायाल के स्थगन के बाद भी मृत एवं सेवानिवृत्त प्राध्यापकों से अकादमिक ग्रेड-पे के अन्तर की राशि 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज की दर से वसूला जा रहा है जो मूलधन से कई गुना अधिक है? (ग) क्या अधिक भुगतान प्राप्त करने में संबंधित प्राध्यापकों का कोई दोष हैं? यदि नहीं, तो फिर क्या इसे रोकने के लिए शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक WP 17891/2012 एवं WP 17382/2012 में पारित संयुक्त निर्णय दिनांक 20/08/2013 के विरूद्ध शासन द्वारा क्रमश: रिट अपील क्रमांक WA 1545/2013 एवं WA 1523/2013 दायर की गई है, जो वर्तमान में विचाराधीन होकर माननीय न्यायालय में लंबित है। वर्तमान में सातवें वेतनमान के अंतर्गत ग्रेड-पे का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर याचिका WP 17382/2012 में पारित निर्णय दिनांक 08/01/2013 के अनुपालन में म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के पत्र दिनांक 11/01/2013 के द्वारा अकादमिक ग्रेड-पे के अंतर की राशि की वसूली को स्थगित रखा गया है। (ग) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत ही आगामी कार्यवाही संभव है।
मिनी स्मार्ट सिटी के संदर्भ में
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 3949 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पवित्र नगरी मैहर और चित्रकूट को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो कब? मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार ने क्या-क्या योजनायें बनाई, किस-किस योजना पर कितनी-कितनी राशि व्यय होना अनुमानित है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य प्रारंभ कर दिये गये हैं? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? कब तक कार्य पूर्ण होंगे? कार्यवार स्थिति स्पष्ट करें। (ग) कौन-कौन से कार्य अभी शुरू नहीं किए जा सके? क्या विलम्ब के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? यदि हाँ, तो क्या उसमें आरोपी बनाकर उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण चलाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) के नगरों को कब तक मिनी स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी
हाँ। पवित्र
नगरी मैहर को
मिनी स्मार्ट
बनाये जाने
हेतु घोषणा– बी 1191,
दिनांक 26.09.2015
एवं चित्रकूट
को मिनी स्मार्ट
सिटी बनाये
जाने हेतु
घोषणा– बी 3654, दिनांक 31.07.2017 को की गई
थी। मिनी
स्मार्ट सिटी
बनाने के लिये
पवित्र नगरी
मैहर तथा
चित्रकूट के
लिए बनाई गई
योजनाएं/प्रस्तावित
घटकों का
विवरण संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
मिनी स्मार्ट
सिटी मैहर एवं
चित्रकूट पर क्रमश:
राशि रूपये 21.29 करोड़
एवं राशि
रूपये 22.74
व्यय होना
अनुमानित है। (ख) मिनी
स्मार्ट सिटी
बनाने के लिये
पवित्र नगरी
मैहर एवं
चित्रकूट में
प्रारंभ किये
गये कार्यों
का विवरण संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मिनी स्मार्ट
सिटी मैहर के
कार्यों एवं
मिनी स्मार्ट
सिटी
चित्रकूट के
कार्यों को
पूर्ण किये
जाने का
लक्ष्य क्रमशः
दिनांक 30.06.2021
एवं 31.12.2021 है।
(ग) अप्रारम्भ
कार्यों का
विवरण संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स"
अनुसार है। सभी
कार्यों में
कार्यवाही की
जा रही है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित
नहीं होता है।
(घ) प्रश्नांश
(क) के नगरों
में मिनी
स्मार्ट सिटी
योजना के कार्य
पूर्ण करने के
दिनांक
क्रमशः मैहर 30.06.2021 एवं
चित्रकूट 31.12.2021 लक्षित है।
परिशिष्ट
- "छब्बीस"
अवैध जहरीली शराब के संबंध में
[गृह]
51. ( क्र. 3959 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छैरा, मानपुर, सिकरोदा तहसील जौरा जिला मुरैना व आस-पास के ग्रामों में अवैध शराब का निर्माण एवं विक्रय का कार्य प्रकाश में आया है यह कार्य डिस्लरी जैसा है परन्तु गृह विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को इस बात की भनक तक नहीं हो सकी क्यों? कारण बतावें। (ख) क्या उपरोक्त कार्य की जानकारी गृह विभाग पुलिस के अधिकारी/कर्मचारियों के संज्ञान में थी पंरतु संबंधितों को अधिकरी/कर्मचारियों द्वारा बेवजह लाभ देते हुए अवैध शराब निर्माण कर्ताओं को खुली छूट होने से यह अवैध कार्य पनपता रहा? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अवैध शराब निर्माण व बिक्री की रोकथाम हेतु निर्माण कर्ता विक्रेता आदि शामिल व्यक्तियों के खिलाफ प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या-क्या वैधानिक कार्यवाहियां की गई? (घ) भविष्य में इस प्रकार के कार्यों की रोकथाम हेतु शासन प्रशासन क्या सख्त नियम बनायेंगे जिससे इस प्रकार के अवैध कार्य जैसे गांजा, भांग, अफीम आदि की खेती व क्रय विक्रय प्रदेश में संचालित न हो सकें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना बागचीनी में अपराध क्रमांक-12/21 धारा 304,34 भादवि, 34,49 (ए) आबकारी एक्ट का पंजीबद्ध कर अनुसंधान में है। (ख) जी नहीं। (ग) आरोपी मुकेश किरार (अवैध शराब निर्माण कर्ता) एवं 14 विक्रेताओं को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इनमें से 06 के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई। (घ) भविष्य में इस प्रकार के अवैध कार्यों को रोकने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
विद्युत देयकों के संबंध में
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 3960 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग भोपाल या सर्किल कार्यालय मुरैना द्वारा दिनांक 01/04/2018 के बाद गलत विद्युत देयकों में संशोधन हेतु क्या कोई आदेश निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो दिनांक वर्ष एवं आदेश की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक उक्त आदेशांतर्गत नगरीय क्षेत्र सबलगढ़ जिला मुरैना में गलत बिलों के क्रम में कितने बिलों (विद्युत देयकों) के आवेदन आये? संख्या बतावें। प्राप्त आवेदन में से कितने का संशोधन/सुधार किये गये, कितने शेष हैं? शेष विद्युत देयकों के निराकरण न होने के क्या कारण हैं व कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वृत्त कार्यालय मुरैना द्वारा त्रुटिपूर्ण विद्युत देयकों में संशोधन हेतु पृथक से कोई आदेश/निर्देश जारी नहीं किये गये हैं, तथापि ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा समय-समय पर तत्संबंध में निर्देश/आदेश जारी किये गये है जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगरीय क्षेत्र सबलगढ़ अंतर्गत जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक त्रुटिपूर्ण विद्युत देयकों में सुधार संबंधी 1204 आवेदन म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त हुए, जिनमें से त्रुटिपूर्ण बिलों को सुधार कर 1168 आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है एवं शेष 36 आवेदन नियमानुसार सुधार योग्य नहीं पाए गए। अत: प्रश्न नहीं उठता।
मासूम के अपहरण में दर्ज अपराध
[गृह]
53. ( क्र. 3982 ) श्री कमलेश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना अम्बाह जिला मुरैना में अपराध क्र. 134/18 पर 6 वर्षीय मासूम कुमारी लक्ष्मी उर्फ रश्मि पुत्री भूपेन्द्र सिंह निवासी ग्राम रुअर का प्रकरण दिनांक 19/03/2018 को दर्ज कराया गया था? यदि हाँ, तो पुलिस विभाग द्वारा उक्त प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त प्रकरण में मासूम को उसके परिवार से मिलाने हेतु उक्त प्रकरण को पुलिस विभाग की किसी उच्च स्तरीय एजेन्सी अथवा सी.बी.आई. को दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में जिस बच्ची का अपहरण दो बाइक सवारों द्वारा लगभग सायं 7 बजे ग्राम रुअर से हुआ था तथा अपहरण के समय मासूम की उम्र सिर्फ 6 वर्ष थी, पुलिस विभाग द्वारा आज दिनांक तक बच्ची के बारे में कोई सूचना तक एकत्रित नहीं किए जाने का क्या कारण है। दोषी पुलिस, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रति शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 19.03.18 को फरि. निवासी ग्राम रुअर थाना अम्बाह जिला मुरैना ने दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट की थी। कि मेरी 6 वर्षीय बच्ची को खेलते समय मोटर साइकिल पर दो अज्ञात बदमाश बिठाकर बरवाई तरफ नहर की पटरी की ओर भाग गये हैं। जिस पर से थाना अम्बाह में अप.क्र. 134/18 धारा 365 भादवि, 7/8 पॉक्सो एक्ट तथा 11,13 एमपीडीपीके एक्ट कायम किया गया। जिसमें अपराध दिनांक से ही अज्ञात बदमाशों व अपहर्ता की तलाश की जा रही है। (ख) प्रकरण में SIT गठन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मुरैना के नेतृत्व में किया गया है। अपहर्ता की तलाश पतारसी जारी है। (ग) उक्त प्रकरण की विवेचना में अभी तक किसी भी कर्मचारी/अधिकारी की लापरवाही सामने नहीं आई है। अपहर्ता को शीघ्र दस्तयाब किये जाने हेतु तथा अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु 30,000/- रूपये नगद का इनाम घोषित किया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन है।
आवासीय कालोनियों से संबंधित
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 4007 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम में नगर सुधार न्यास की आवासीय योजना क्र.1 से 19 तक की योजना में जो भी भूमि अधिग्रहण की गई थी। उस अधिसूचना प्रकाशन की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त योजनाओं की भूमि पर किसका अधिपत्य वर्तमान में है? (ख) प्रश्नांश (क) की आवासीय/व्यवसायिक योजनाओं में कितने आवासीय/व्यवसायिक भू-खण्ड अभिन्यास में प्रस्तावित थे? योजना का स्थल खसरा क्रमांक सहित सम्पूर्ण विवरण योजनावार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की योजनाओं की वर्तमान स्थिति में कितने आवासीय/व्यवसायिक भूखण्डों का आवंटन किया गया है? पृथक-पृथक योजनावार विवरण दें। (घ) क्या उक्त योजनाओं में जो भूमि जिन भू-स्वामियों से अधिग्रहण की गई थी उन भू-स्वामियों द्वारा अधिग्रहित भूमि का विक्रय नगर निगम की बिना एन.ओ.सी. के किया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) फर्म गुरूनानक क्राकरी सचदेवा की दुगाडी नाले के पास भवन अनुज्ञा निरस्त करने के पश्चात निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अवैध निर्माण को कब तोड़ा जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अधिग्रहित की गई भूमियों पर नगर निगम कटनी का वर्तमान में अधिपत्य है। (ख) प्रश्नांश (क) की आवासीय/व्यावसायिक योजना के भूखण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा योजना का स्थल एवं खसरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित योजनाओं में आवासीय/व्यावसायिक भूखण्डों के आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, भूमि स्वामियों से अधिग्रहित की गई भूमि में विवाद की स्थिति होने से सीमांकन की कार्यवाही की जा रही है तथा विवादित भूमि में से भूमि स्वामी श्री जेठानंद आत्मज श्री गुनामल डोडानी द्वारा नगर निगम की बिना अनुमति के भूमि का विक्रय किया गया है जिसके संबंध में थाना प्रभारी माधव नगर कटनी को निकाय के पत्र 4302 दिनांक 08.01.21 द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। अवैध निर्माण तोड़ने की कार्यवाही म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत सूचना पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शहडोल में कॉलेज खोलने की घोषणा
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 4076 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018 में शहडोल संभाग मुख्यालय के प्रवास के दौरान शासकीय महाविद्यालय, शहडोल में खोलने की घोषणा की थी? उसकी स्वीकृति प्रदान की गई तो आदेश सहित जानकारी प्रदान की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) की घोषणा का पालन कब तक किया जायेगा तथा महाविद्यालय कब तक खोला जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) की घोषणा/स्वीकृति के संबंध में शासन/विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ठेकेदार को कार्य से वंचित करना
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 4080 ) डॉ. अशोक मर्सकोले, सुश्री कलावती भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संजय गांधी ताप विद्युत गृहों में लगभग 10 वर्षों से बड़े कार्य को बताकर ठेकेदारों का एकाधिकार कायम है एवं छोटे ठेकेदार कार्य से वंचित हो गये हैं? इसी प्रकार बिरसिंहपुर में साजिश की जा रही है जिससे स्थानीय छोटे ठेकेदार बेरोजगार हो कर छोटे ठेकेदारों में असंतोष जायेगा। क्या मंत्री जी द्वारा इस प्रक्रिया पर रोक लगाकर तत्काल पुरानी प्रक्रिया बहाल की जायेगी? जिससे सभी सर्वांगीण ठेकेदारों को कार्य मिल सके यदि हाँ, तो पुरानी प्रक्रिया कब तक बहाल की जायेगी, नहीं तो क्यों? (ख) क्या सभी ताप विद्युत ग्रहों में खासतौर से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में अधिनस्थों की मांग के बावजूद मनमाने तरीके से ठेकों पर रोक लगायी गयी है? कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रमिकों को सुनियोजित तरीके से कम किया जा रहा है? खासतौर से आऊटसोर्स से लगाये गये टायपिस्टों को जिससे बेरोजगारी फैल रही है, क्या इस पर रोक लगायी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संजय गांधी ताप विद्युत गृह में कार्यों की संरचना, कार्य की प्रकृति, रख-रखाव की आवश्यकता के अनुसार कार्य निर्धारित किये गए हैं। कार्य में निविदाकारों के भाग लेने हेतु पूर्व अहर्ताएं मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित की जाती है। कार्यों में छोटे एवं बडे़ सभी प्रकार के कार्य सम्मिलित होते हैं एवं निविदा में निर्धारित पात्रता रखने वाले ठेकेदार निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर (बिरसिंहपुर नहीं) में जनवरी, 2020 से दिसम्बर 2020 तक की अवधि में 20 लाख रूपये से कम राशि के 141 कार्यादेश जारी किये गये हैं एवं 20 लाख रूपये से अधिक राशि के मात्र 55 कार्यादेश जारी किये गये हैं। इससे यह स्पष्ट है कि छोटे ठेकेदारों हेतु पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। अत: प्रक्रिया बदलने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सहित, मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के किसी भी ताप विद्युत गृह में ठेकों पर कोई रोक नहीं लगायी गयी है। ठेका कार्य में श्रमिकों की संख्या एवं श्रेणी कार्य की आवश्यकता के अनुसार निर्धारित की जाती है। आऊटसोर्स के द्वारा टायपिस्टों को ठेके पर लगाने हेतु भी कोई रोक नहीं लगाई गई है। अत: कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वन
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 4138 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में बीएलसी के तहत वर्ष 2018 से किन-किन वार्डों से कितने-कितने आवेदन कार्यालय नगरपालिक निगम, कटनी को कब-कब प्राप्त हुये और प्रश्न दिनांक तक आवेदनवार किए गए सर्वे एवं निराकरण और प्रचलित कार्यवाही से अवगत कराऍं। (ख) कार्यालय नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग को अब तक कितनी डीपीआर कब-कब प्रेषित की गयी? डीपीआर में किन-किन के नाम शामिल हैं तथा शासन। विभाग द्वारा कब-कब एवं कितनी-कितनी राशि कार्यालय-नगरपालिक निगम, कटनी को दी गयी? कार्यालय नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा हितग्राहियों के खातों में कितनी-कितनी राशि कब-कब जमा की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत, क्या प्रश्न दिनांक तक कार्यालय नगरपालिक निगम, कटनी में वर्ष-2019 से जमा आवेदनों का कई शासनादेश/विभागीय-निर्देश के बाद भी सर्वे नहीं किया गया हैं? यदि हाँ,तो क्यों? यदि नहीं, तो आवेदनवार किए गए सर्वे-विवरण/ब्यौरा बताइये, और दस्तावेज उपलब्ध कराऍं। (घ) बीएलसी आवेदनों पर कार्यवाही और सर्वे के क्या नियम एवं समय-सीमा हैं? क्या प्रश्नांश (ग) आवेदनों पर प्रचलित कार्यवाही नियमानुसार हैं? हाँ,तो कैसे स्पष्ट कीजिये, नहीं तो क्या कार्यवाही की जायेंगी? (ङ) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक- 2471, दिनांक- 20/12/2020 से एवं विगत एक वर्ष में आयुक्त, नगरपालिक निगम, कटनी को प्रधानमंत्री आवास योजना (बीएलसी) विषयक लिखे पत्रों में उल्लिखित तथ्यों पर क्या कार्यवाही पूर्ण हो गयी? हाँ, तो पत्रवार विवरण बताइये, नहीं तो कारण बताइये। (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में क्या योजना क्रियान्वन में अनियमितताओं और जाँच एवं कार्यवाहियों को जानबूझकर लंबित रखने का संज्ञान लिया जाकर कार्यवाही की जायेंगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जनवरी 2019 तक निकाय के द्वारा सर्वेक्षण कर डी.पी.आर. बनाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। जनवरी 2019 के पश्चात् प्राप्त आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। हितग्राहियों को वितरित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (ग) सर्वे की कार्यवाही प्रचलित है। अभी तक किये गये सर्वे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है। (घ) सर्वे के नियम/निर्देश तथा समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "फ'' अनुसार है। (च) जी हाँ। जाँच कराई जायेगी, यथाशीघ्र जाँच के आदेश जारी किये जायेंगे।
विद्युत देयकों की वसूली
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 4142 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण/शहरी उपभोक्ताओं के विद्युत मीटरों की रीडिंग और विद्युत देयकों के उपभोक्ताओं को प्रदाय किए जाने के क्या नियम और समय नियत है? संबन्धित कर्मचारियों को इस बावत् किन नियमों और निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य हैं? (ख) वर्तमान में कटनी नगर में मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य किस एजेंसी/संस्था द्वारा कब से किन शर्तों एवं नियम/निर्देशों के अध्याधीन किया जा रहा हैं तथा मीटर रीडिंग एवं विद्युत देयकों की राशि की वसूली कितने बजे से कितने बजे तक की जा सकती है? (ग) क्या मीटर रीडिंग और देयकों की वसूली हेतु उपभोक्ताओं के परिसर में सूर्यास्त के पश्चात भी प्रवेश किया जा सकता हैं? यदि हाँ, तो किस नियम और अधिकारिता से? नहीं तो वर्तमान में कटनी में उपरोक्त कार्य सूर्यास्त के बाद भी किए जाने का कारण बतायें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त नियम विपरीत कार्यशैली का संज्ञान लिया जा कर कार्यवाही की जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो कारण बताइये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उपभोक्ताओं के विद्युत मीटरों की रीडिंग और विद्युत देयकों के वितरण के संबंध में मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.24 एवं 8.38 में प्रावधान हैं जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्तानुसार मीटर रीडिंग दिन के प्रकाश में तथा बिल वितरण का कार्य बिल जमा करने की नियत तिथि से कम से कम 7 दिन पूर्व तक किया जाना है। संबंधित कर्मचारियों द्वारा उपरोक्त नियमों/निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाना आवश्यक है। (ख) कटनी नगर में मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आऊटसोर्सिंग हेतु जारी टेंडर की शर्तों/निर्देशों के तहत मेसर्स प्राइमवन वर्कफोर्स प्रा.लिमि. भोपाल द्वारा प्रदत्त मेनपावर के माध्यम से जुलाई 2019 से वर्तमान तक कराया जा रहा है। लेटर ऑफ अवॉर्ड एवं अनुबंध की शर्तों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.24 एवं 8.38 के अनुसार किया जा रहा है। विद्युत देयकों के भुगतान हेतु विभिन्न ऑनलाइन माध्यम, ए.टी.पी. इत्यादि उपलब्ध होने से उपभोक्ता अपनी सुविधानुसार देयकों का भुगतान कभी भी कर सकता है। (ग) मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.24 के अनुसार, मीटर रीडिंग का कार्य दिन के प्रकाश में किया जा सकता है। कटनी जिले में भी मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.24 के अनुसार ही मीटर रीडिंग का कार्य किया जा रहा है। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार विभिन्न ऑनलाइन माध्यम, ए.टी.पी. इत्यादि उपलब्ध होने से उपभोक्ता विद्युत देयकों का भुगतान अपनी सुविधानुसार कभी भी कर सकता है। अत: देयकों की वसूली हेतु उपभोक्ता परिसर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होती। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
न्याययिक जाँच
[गृह]
59. ( क्र. 4154 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले के पुलिस थाना लसूडिया में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 67/18 दिनांक 20.07.2018 में प्रश्न दिनांक तक जाँच अधिकारियों द्वारा जाँच पूर्ण कर प्रकरण में खात्मा लगा दिया गया हैं? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में कौन-कौन जाँच अधिकारी नियुक्त किये गये थे? नाम, पदनाम, पदस्थापना सहित संपूर्ण पुलिस कार्यवाही विवरण (केस डायरी) के विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त वर्णित प्रकरण में जाँच अधिकारियों द्वारा संपूर्ण तथ्यों की जाँच न कर एवं रसूखदारों को संरक्षण दिया जाकर खात्मा लगाये जाने से प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय गृह मंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन को उक्त प्रकरण की न्यायिक जाँच करने की मांग की गई थी, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र क्रमांक 283/CMS /MLA /160 /2021 दिनांक 07/01/2021 से अपर मुख्य सचिव गृह विभाग मध्यप्रदेश भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ग) क्या शासन उक्त वर्णित प्रकरण में निष्पक्षता से जाँच होकर संबंधित दोषियों पर कार्यवाही एवं मृतका के साथ न्याय हो सकें, इस हेतु प्रकरण की न्यायिक जाँच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जाँच सहायक उप निरीक्षक श्रीराम परमार थाना लसूडिया द्वारा थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष दूधी, थाना लसूडिया, जिला इन्दौर के मार्गदर्शन में की गई है। मर्ग जाँच में संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। (ख) जी हॉ। संपूर्ण जाँच में संज्ञेय अपराध का घटित नहीं होना पाए जाने से मर्ग जाँच उपरांत नस्तीबद्ध की जा चुका है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डेली कॉलेज इन्दौर के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
60. ( क्र. 4155 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले अंतर्गत पुलिस थाना आजाद नगर में 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक डेली कॉलेज कार्यालय रेजीडेंसी एरिया इन्दौर के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें, कब-कब प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता का नाम, शिकायती विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्तानुसार प्राप्त शिकायतों में कब-कब क्या कार्यवाही किन अधिकारियों द्वारा की गई? शिकायतवार कार्यवाही विवरण देवें। (ग) क्या पुलिस अधिकारियों द्वारा उपरोक्त शिकायती आवेदनों पर प्रश्न दिनांक तक न ही प्रकरण पंजीबद्ध किया गया और न ही उनका निराकरण किया गया हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या शासन जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक तथा उक्त शिकायतों पर कब तक कार्यवाही कर निराकरण करवाया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इन्दौर जिले के अंतर्गत पुलिस थाना आजाद नगर में 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक डेली कालेज कार्यालय, रेसीडेंस एरिया इन्दौर के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्तानुसार प्राप्त शिकायतों की जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी निरंक है।
टीकमगढ़ नगर पालिका के सम्बन्ध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 4196 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद किस-किस मद में कितना-कितना भुगतान किया गया है? (ख) क्या निर्माण कार्यों में ठेकेदारों द्वारा कराये गये कार्यों का भुगतान कर दिया गया है अथवा शेष है? (ग) टीकमगढ़ नगर पालिका द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों में अतिरिक्त व्यय होने पर राशि भुगतान हेतु परिषद् द्वारा प्रस्ताव पारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने प्रस्ताव पारित किये गये हैं, अथवा कितने शेष हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विभिन्न ठेकेदारों द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों का भुगतान किया गया है, अपितु कुछ कार्यों के मूल्यांकन हेतु लंबित देयकों का भुगतान किया जाना शेष है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण
[पर्यावरण]
62. ( क्र. 4216 ) श्री संजय यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत भानू मटर प्लांट शहपुरा द्वारा क्षेत्रीय स्थानों से मटर/सब्जियां आदि की खरीदी की जाकर मजदूरों के माध्यम से केमिकलों से मिलावट कर साफ-सफाई की जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण की परेशानी हो रही है? यदि नहीं, तो प्रमाण देवें। प्लांट के प्रदूषित जल को कहां छोड़ जा रहा है? (ख) क्या जिला जबलपुर के भेड़ाघाट मीरगंज में स्थित औद्योगिक इकाई मां नर्मदा जिलेटिन फैक्ट्री जिससे पशुओं एवं अन्य जीवों की हड्डियों से निर्मित होने वाली जिलेटिन निकालने के उपरांत प्रदूषित पानी को नर्मदा जी में छोड़ा जाता है जिसके कारण मां नर्मदा में प्रदूषण के साथ ही क्षेत्रीयजनों को गंभीर बीमारी एवं चर्मरोग का शिकार होना पड़ता है? यदि नहीं, तो प्रमाण देवें। (ग) क्या जिलेटिन फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारी 40-45 की आयु भी पूर्ण नहीं कर पाते है? इस औद्योगिक इकाई के प्रदूषित पानी को नर्मदा जी में छोड़ने से रोकने हेतु शासन कब तक कार्यवाही करेगा? प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस प्रकार की औद्योगिक इकाई को किस आधार पर प्रदूषण मुक्त मानता है? इन औद्योगिक इकाईयों द्वारा क्षेत्रीयजनों एवं ग्रामीणों को शुद्ध वातावरण तक नहीं मिल पाता है तो क्या शासन इन्हें अन्यत्र स्थापित करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में मां नर्मदा जी में कितने नाले मिल रहे हैं? इन सीधे मिलने वाले नालों से मां नर्मदा जी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं? वर्तमान में उक्त प्रदूषण की रोकथाम में प्रगतिरत योजना कौन-कौन सी है एवं उससे क्या प्रभाव पड़ रहा है? भविष्य की योजनाएं क्या है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मेसर्स भानू फार्मस लिमि., ग्राम घुन्सौर, तहसील शहपुरा, जिला जबलपुर द्वारा मटर तथा अन्य सब्जियां क्रय कर पानी से धोकर हीटिंग एवं शीतलन तकनीक के द्वारा प्रोसेस किया जाता है। मटर/सब्जियों की साफ-सफाई में लिक्विड हाईपोक्लोराईड का उपयोग जल स्टेरिलाईजेशन हेतु किया जाता है। उद्योग द्वारा इस हेतु जल में क्लोरीन की मात्रा 1.5 पीपीएम पर संधारित किया जाता है, जिसके उपचार हेतु दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित किया गया है। उपचारित दूषित जल की गुणवत्ता निर्धारित मानक के भीतर पाई गई है। उद्योग के औद्योगिक निस्त्राव को उपचार पश्चात् उद्योग परिसर में स्वयं की भूमि तथा समीपस्थ लीज पर ली गई कृषि भूमि पर छोड़ा जाता है। स्थानीय लोगों को वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण की परेशानी परिलक्षित नहीं है। इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शहपुरा (भिटौनी) से प्राप्त जानकारी अनुसार उद्योग से स्थानीय लोगों में किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने संबधी जानकारी निरंक है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। मेसर्स नर्मदा जिलेटिन लिमि. मीरगंज भेड़ाघाट, जिला-जबलपुर द्वारा प्रक्रिया से उत्पन्न दूषित जल उपचार हेतु दूषित जल उपचार संयंत्र, आर. ओ. प्लांट, मल्टी इफेक्टर एवोपोरेटर (एम.ई.ई.) एवं ए.टी.एफ.डी. स्थापित किया गया है इसके अतिरिक्त उद्योग के पास उपचारित दूषित जल के उपयोग हेतु स्वयं की 50 एकड़ से अधिक की भूमि उपलब्ध है, जिससे शून्य निस्त्राव की स्थिति रहती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जबलपुर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है, जिसमें इकाई से क्षेत्रीय जनों को कोई भी गंभीर बीमारी से संबंधित जानकारी/शिकायत निरंक है। (ग) जी नहीं। उद्योग द्वारा प्रदूषित पानी नर्मदा नदी में नहीं छोड़ा जाता अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उद्योग द्वारा दूषित जल के उपचार तथा डिस्पोजल हेतु व्यवस्थायें की गई हैं। अतः प्रश्न का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर पालिक निगम जबलपुर के क्षेत्रान्तर्गत ग्वारीघाट क्षेत्र में 03 नाले सिद्धघाट, नावघाट, खारीघाट एवं तिलवाराघाट में एक छोटा नाला पुराने पुल के समीप, एक बड़ा नाला अर्थात् खंदारी-शाह नाला मॉं नर्मदा नदी में मिलते हैं। कार्यालय नगर पालिक निगम जबलपुर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है।
विद्युत दरों में वृद्धि
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 4285 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत दरों का निर्धारण विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत निहित प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश में कब-कब, किन-किन कारणों से विद्युत दरों में कितनी-कितनी वृद्धि की गई? (ख) उपरोक्तानुसार कौन-कौन सी विद्युत वितरण कंपनियां घाटे के कब-कब से एवं किन-किन कारणों से चल रही है? (ग) क्या विद्युत वितरण कंपनियों के कुप्रबंधन के कारण विद्युत कंपनियां घाटे में चल रही हैं एवं घाटे की भरपाई हेतु विद्युत दरों में वृद्धि की जाकर आम विद्युत उपभोक्ताओं से वसूली की जाती है? यदि नहीं, तो क्या विद्युत कंपनियों के प्रबंधन में सुधार किया जायेगा? यदि हाँ, तो बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2017-18 में 9.48 प्रतिशत दिनांक 31.03.2017 से प्रभावी, वर्ष 2018-19 में 0.00 प्रतिशत दिनांक 03.05.2018 से प्रभावी, वर्ष 2019-20 में 7.01 प्रतिशत दिनांक 08.08.2019 से प्रभावी तथा वर्ष 2020-21 में 1.98 प्रतिशत दिनांक 17.12.2020 से प्रभावी औसत दर वृद्धि की गई है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा टैरिफ विनियमन ''म.प्र.विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय तथा चक्रण के टैरिफ अवधारणा संबंधी निबंधन तथा शर्तों तथा प्रभारों के निर्धारण के संबंध में विधियां तथा सिद्धांत) विनियम 2005 आरजी-35, (II) '' में वर्णित मापदण्डों के अनुसार विद्युत वितरण कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता तथा विद्युत आपूर्ति की लागत का निर्धारण कर अनुमोदित वार्षिक राजस्व आवश्यकता की पूर्ति हेतु विद्युत की दरों में वृद्धि की गई है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर अंकेक्षित लेखों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2005-06 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक, केवल वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2019-20 में लाभ की स्थिति में थी तथा अन्य समस्त वर्षों में घाटे में कार्य कर रही है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के अंकेक्षित लेखों के आधार पर उक्त दोनों वितरण कंपनियाँ वित्तीय वर्ष 2005-06 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक निरंतर घाटे में कार्य कर रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए वर्ष 2020-21 के वार्षिक लेखे अभी नहीं बनाये गए है। विद्युत वितरण कंपनियों को विगत वर्षों में हुए घाटे के प्रमुख कारण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु उत्तरांश (ख) में उल्लेखित मुख्य कारणों से तीनों विद्युत वितरण कंपनियाँ घाटे में चल रहीं हैं। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत दरों के निर्धारण हेतु टैरिफ विनियमों में वर्णित मानदंडों के अनुसार निर्धारित लागत से अधिक किसी भी लागत का भार टैरिफ के माध्यम से आम उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाता है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
खनिज माफियाओं द्वारा शासकीय सेवकों पर हमला
[गृह]
64. ( क्र. 4304 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में ग्वालियर-चम्बल, सागर एवं नर्मदापुरम संभाग के अन्तर्गत रेत, पत्थर व अन्य खनिजों के वैध/अवैध उत्खनन को लेकर खनिज माफियाओं द्वारा किस-किस थाना क्षेत्र के अन्तर्गत किन-किन शासकीय सेवकों पर कब-कब कहां-कहां पर जानलेवा हमला किया गया? उनमें से कितने लोगों की मृत्यु हुई एवं कितने लोग गंभीर रूप से घायल हुये एवं प्रकरणों में किन-किन को आरोपी बनाया जाकर गिरफ्तार किया गया तथा किन-किन की गिरफ्तारी किन-किन कारणों से नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार रेत के अवैध उत्खनन एवं ओव्हर लोडिंग के अवैध परिवहन के किन-किन मामलों में कौन-कौन से वाहन जप्त किये गये? वाहन क्रमांक, वाहन मालिक के नाम पता सहित सूची दें। (ग) क्या दिनांक 05 फरवरी, 2021 को ग्वालियर के पुरानी छावनी थाना क्षेत्र के अन्तर्गत जलालपुर अंडरब्रिज के पास सुबह के समय चम्बल नदी से ट्रेक्टरों में रेत भरकर ले जा रहे लोगों ने पुलिसकर्मी पर गोली चलाई गई एवं पुरानी छावनी थाने के टी.आई. श्री सुधीर सिंह कुशवाह को ट्रेक्टर से कुचलने की कोशिश की गई एवं उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया तथा कई पुलिसकर्मी घायल हो गये? (घ) यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध किस अपराध में, किन-किन धाराओं में कितने आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं एवं कितनों की गिरफ्तारी किन कारणों से नहीं हो सकी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) थाना पुरानी छावनी जिला ग्वालियर में अप.क्र. 60/2021, धारा 307, 353,332,186, 147,148,149 भादवि. एवं 25/27 आर्म्स एक्ट का प्रकरण आरोपीगण 1. बादशाह पुत्र रमेश गुर्जर निवासी पचोखरा थाना सराय छोला जिला मुरैना, 2. दशरथ पुत्र रमेश गुर्जर निवासी सदर, 3. दिलीप पुत्र बहादुर सिंह गुर्जर निवासी सदर, 4. रवि पुत्र उदयराम राठौर निवासी सदर, 5. सुनील पुत्र फूलसिंह राठौर निवासी सदर, 6. बीरेन्द्र पुत्र विशाल सिंह गुर्जर निवासी नायकपुरा, सदर, 7. गजराज पुत्र अन्तरसिंह गुर्जर निवासी खनपुरा जिला धौलपुर राजस्थान, 8. देवेन्द्र पुत्र अन्तरसिंह गुर्जर निवासी सदर, 9. बिज्जो पुत्र बदन सिंह गुर्जर निवासी पचोखरा थाना सराय छोला जिला मुरैना, 10. मोनू पुत्र बादशाह गुर्जर निवासी पचोखरा थाना सराय छोला जिला मुरैना के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। जिनमें से क्रमशः 1 से 8 तक आरोपीगण गिरफ्तार कर लिये गये है, शेष आरोपी बिज्जो एवं मोनू फरार होने से गिरफ्तार नहीं हुए हैं। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही हैं। इनकी गिरफ्तारी पर रूपये 10-10 हजार का ईनाम उद्घोषित किया गया हैं।
कंजरों के आतंक से मुक्ति दिलाने विषयक
[गृह]
65. ( क्र. 4334 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से 2020 तक आलोट विधानसभा के विभिन्न थानों में आलोट के आसपास एवं आलोट की सीमा से लगे राजस्थान के गांव में रहने वाले कंजर समुदाय के अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों पर कितने प्रकरण दर्ज किए गए? कुल आरोपी कितने हैं इनमें से कितनों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है? (ख) क्या आलोट विधानसभा क्षेत्र में कंजर आतंक फैलाकर लोगों से अवैध चौथ वसूली किसानों से खेती के बदले वार्षिक उगाही, रहवासी इलाकों में हफ्ता वसूली करते हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि उनके खिलाफ आतंक को समाप्त करने के लिए क्या ठोस कार्यवाही की गई तथा कितना अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया? (ग) क्या कंजर संपत्तियां चुरा लेते हैं तथा दलालों के माध्यम से आधी कीमत वसूल कर वस्तु वापस लौटा देते हैं तथा पुलिस रिपोर्ट लिखने के स्थान पर दलालों से संपर्क करने को कहती है? यदि हाँ, तो बतावे की पुलिस कंजर और उनके दलालों पर कठोर कार्यवाही क्यों नहीं करती? (घ) क्या कंजरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तथा स्पेशल टास्क फोर्स की तैनाती की जाएगी? क्या पुलिस को अतिरिक्त वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे? प्रभावी गांव में अतिरिक्त शस्त्र लाइसेंस दिए जाएंगे तथा ग्राम रक्षा समितियों को और मजबूत किया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं घटित घटनाओं पर तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर उचित वैधानिक कार्यवाही की जाती है। आलोट विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत बल के अतिरिक्त 15 एस.ए.एफ. का बल थानों में प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी हेतु रखा गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश अनुसार प्राप्त शिकायतों पर पुलिस तत्काल वैधानिक कार्यवाही करती है। (घ) विधान सभा क्षेत्र आलोट में कंजर समस्या से निपटने के लिये स्वीकृत बल के अलावा थाना आलोट क्षेत्र के अंतर्गत एस.ए.एफ. का 10 जवानों का बल एवं थाना ताल क्षेत्रान्तर्गत 05 एस.ए.एफ. जवानों का बल अतिरिक्त रूप से लगाया गया है तथा थाना मोबाईल एवं डायल 100 मोबाईलों के माध्यम से सतत् पेट्रोलिंग की जाती है। आलोट विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत थानों में कुल 1196 शस्त्र लायसेंस दिये गये हैं, जिनमें से 236 शस्त्र लायसेंस प्रभावित क्षेत्रों में जानमाल की रक्षा हेतु दिये गये है। यदि अतिरिक्त लायसेंस की आवश्यकता होगी तो परीक्षणोपरांत विचार किया जावेगा।
नवीन उपकेन्द्रों की स्थापना
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 4353 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मेवाड़ा एवं बोरदादेव में नवीन उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु विभाग द्वारा तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों केन्द्रों की स्थापना हेतु कब तक स्वीकृति जारी की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) क्या तत्कालीन ऊर्जा मंत्री महोदय द्वारा पत्र क्रं. 3286 दिनांक 27.01.2019 के द्वारा श्योपुर के बड़ौदा वितरण केन्द्र को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाजित किये जाने का लेख किया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या श्योपुर शहर के वीर सावरकर स्टेडियम के सामने कॉलोनी में बिना कार्य आदेश के अवैध रूप से शिफ्टिंग कर दी गयी है? यदि हाँ, तो इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) क्या महाप्रबंधक श्योपुर के अवकाश अवधि के दौरान प्रभारी अधिकारी द्वारा बिना टी.एण्ड.सी. अपूर्व श्रीरामपुरम कॉलोनी में विद्युतीकरण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कराये गये विद्युत कार्य में अमानक स्तर की लगाई गई सामग्री की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बोरदादेव में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य भार प्रबंधन की दृष्टि से तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2021-22 हेतु प्रस्तावों में सम्मिलित किया गया है। वित्तीय उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता/प्राथमिकता के क्रम में इस कार्य को स्वीकृति प्रदान करने पर निर्णय लिया जायेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। मेवाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही.विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्रमांक 3286 दिनांक 27.01.2019 उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय कार्यालय, भोपाल एवं क्षेत्रीय कार्यालय, ग्वालियर के संज्ञान में नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, श्योपुर शहर के वीर सावरकर स्टेडियम के सामने कॉलोनी में बिना कार्यादेश के कोई भी विद्युत अधोसंरचना शिफ्टिंग का कार्य नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय का परासिया में लिंक कोर्ट की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
67. ( क्र. 4357 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन एवं उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार जिला छिन्दवाड़ा के परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय की स्थापना की स्वीकृति लगभग तीन वर्ष पूर्व प्राप्त हो चुकी है परन्तु परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारम्भ करने में तथा भवन निर्माण किये जाने में काफी समय लग रहा है जिसके कारण वर्तमान में पक्षकारों को न्याय प्राप्त करने हेतु दूर दराज ग्रामों से 60-70 कि.मी. का सफर तय कर छिन्दवाड़ा जाना पड़ता है? जबकि परासिया में संचालित व्यवहार न्यायालय में अतिरिक्त सत्र न्यायालय का लिंक कोर्ट प्रारंभ किये जाने के संबंध में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है। पक्षकारों की सुविधा हेतु क्या अस्थाई तौर पर अतिरिक्त सत्र न्यायालय का लिंक कोर्ट प्रारंभ करना आवश्यक प्रतीत नहीं होता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हां तो क्या अस्थाई तौर पर पक्षकारों की सुविधा हेतु परासिया में संचालित व्यवहार न्यायालय में अतिरिक्त सत्र न्यायालय का लिंक कोर्ट प्रारंभ किया जायेगा? (ग) परासिया में संचालित व्यवहार न्यायालय में अतिरिक्त सत्र न्यायालय का लिंक कोर्ट कब से प्रारंभ किया जायेगा? तिथि निर्धारित कर अवगत कराये।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राजपत्र दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार परासिया, जिला छिंदवाड़ा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का एक पद अधिसूचित है। परासिया में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु रूपये 6,68,19,000 की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। माननीय उच्च न्यायालय की प्रशासनिक कमेटी (एच.जे.एस.) दिनांक 04.12.2020 में पारित प्रस्ताव द्वारा नियमित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की पदस्थापना संबंधी स्वीकृती प्रदान किये जाने के फलस्वरूप कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। परासिया, जिला छिंदवाड़ा में स्थाई अपर जिला सत्र न्यायालय प्रारंभ किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
कर्ज के बोझ से मुक्त करने विषयक
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 4358 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हिंदू स्नान पर्व के लिए नगर निगम उज्जैन द्वारा उज्जैन शहर की जनता पर पानी खरीदने के नाम पर 300 करोड़ कर्ज डाला गया है? यदि हाँ, तो राज्य सरकार सनातन धर्म के लिए कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं है? यदि है, तो आम जनता का बोझ कब तक कम करेगी? (ख) क्या प्रतिवर्ष उज्जैन नगर निगम द्वारा पर्व स्नान के लिए जल खरीदा जाता है? यदि हाँ, तो नगर निगम कर्ज चुकाने के लिए इसकी वसूली आम जनता से करेगी या सरकार स्वयं खर्च उठाएगी? विगत 05 वर्षों में उज्जैन जनता पर डाले गए कर्ज को चुकाने के लिए क्या क्या निर्णय लिए हैं? (ग) विगत 05 वर्षों में भाजपा बोर्ड की कितनी कितनी राशि दी गयी है और आम नागरिक से किन किन मदों में कितना कितना कर वसूल किया गया है? अंकेक्षित प्रतिवेदन ऑडिट आपत्तियों के साथ प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नही, धार्मिक नगरी उज्जैन में विभिन्न तीज त्यौहारों एवं स्थान पर्वों पर आवश्यकतानुसार जिला प्रशासन की ओर से नर्मदा का शुद्ध जल प्राप्त कर स्नान पर्व सम्पन्न कराया जाता है। इस हेतु प्राप्त नर्मदा के जल का कोई भुगतान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नगर निगम उज्जैन का पेयजल संचालन संधारण हेतु वित्तीय वर्ष 2015 से वर्ष 2019-20 तक कुल राशि रू. 11,06,79,000/- का अनुदान प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ", "ब" एवं "स" अनुसार है।
स्मार्ट मीटर के संबंध में
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 4359 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पहले एलेक्ट्रोनिक मीटर के जलने कि स्थिति में 1600 से 1800 रुपए तक की राशि वसूली जाती थी? यदि हाँ, तो स्मार्ट मीटर जलने पर कितनी राशि वसूली जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कुल कितने गुना राशि का बोझ उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा? (ग) क्या पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने 100 रुपए 100 यूनिट बिजली बिल की सब्सिडी का प्रावधान दिया था? क्या इन स्मार्ट मीटरों के लगने के बाद भी कमलनाथ सरकार के निर्णय अनुसार छूट अभी भी दी जाएगी? यदि नहीं, तो आम उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर सरकार अपनी मंशा स्पष्ट करें। (घ) क्या स्मार्ट मीटर लगने से प्रीपेड होने के बाद उपभोक्ताओं पर जीएसटी का अतिरिक्त भार आएगा? यदि हाँ, तो कितना अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं पर आएगा? आम उपभोक्ता की क्रय क्षमता को दृष्टिगत रखते हुए सरकार कोई राहत देगी? (ङ) आम जनता की क्रय क्षमता का आंकलन किए बिना क्या सरकार का स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय उचित है? यदि हाँ, तो किस आधार पर? मंत्रिमंडल बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु विद्युत वितरण कंपनी में लागू शेड्यूल ऑफ रेट के अनुसार सिंगल फेस मीटर जलने की स्थिति में राशि रू. 1595/- एवं थ्री-फेस मीटर जलने की स्थिति में राशि रू. 3659/- वसूल की जाती है। स्मार्ट मीटर संयोजन में सिंगल फेस मीटर जलने की स्थिति में राशि रू. 2600/- एवं थ्री-फेस मीटर जलने की स्थिति में राशि रू. 4300/- वसूली योग्य है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार सिंगल फेस स्मार्ट मीटर जलने पर सिंगल फेस इलेक्ट्रानिक मीटर की तुलना में लगभग 63 प्रतिशत अधिक तथा थ्री फेस स्मार्ट मीटर जलने पर थ्री फेस इलेक्ट्रॉनिक मीटर की तुलना में लगभग 17.5 प्रतिशत अधिक की राशि उपभोक्ता को चुकानी होगी। (ग) जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित प्रावधान किया गया था जिसे 100 यूनिट से ज्यादा विद्युत खपत का भुगतान म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश की दरों के अनुसार उपभोक्ता द्वारा किये जाने की शर्त के साथ 150 यूनिट प्रतिमाह विद्युत खपत वाले उपभोक्ताओं हेतु दिनांक 07.09.2019 से विस्तारित किया गया है। जी हाँ, स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद भी पात्र उपभोक्ताओं को उक्त योजना का लाभ दिया जा रहा है। (घ) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी वर्तमान टैरिफ आदेश के अनुसार उपभोक्ता को मीटरिंग प्रभार देय नहीं है, अत: जी.एस.टी. का अतिरिक्त भार आने का प्रश्न हीं नहीं उठता। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। स्मार्ट मीटर लगाने के संबंध में राज्य मंत्रिमण्डल द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
वार्डों से मतदाताओं के नाम हटाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 4365 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम में जिले स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की 08.02.2021 की बैठक में जो निर्देश दिये गये थे, उस अनुसार परिवर्धन दावा, विलोपन आपत्ति तथा संसोधन आपत्ति स्वयं मतदाता कर सकता है? यदि हाँ, तो बतावें कि रतलाम नगर निगम की मतदाता सूची में ईआर 1 से 03 हेतु कुल कितने आवेदन प्राप्त हुये? (ख) बतावें कि पूर्व में प्रकाशित मतदाता सूची में से प्राप्त ईआर 1 से 3 के अलावा और कितने परिवर्धन, विलोपन अथवा संसोधन किये गये तथा वह किसके आवेदन पर क्यों किये गये? (ग) 08.02.2021 को प्रदान मतदाता सूची तथा अंतिम प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची में किस-किस वार्ड में क्या-क्या परिवर्धन, विलोपन तथा संसोधन किया जाना है या किया गया है? (घ) क्या भाजपा विधायक के द्वारा प्रदान की गई अनाधिकृत सूची के आधार पर संसोधन करते हुये 02 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शामिल किये गये. यदि हाँ, तो क्या संसोधित सूची प्रकाशित की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मतदाता स्वयं आवेदन कर सकता है। ईआर 01 से 03 तक कुल 696 आवेदन प्राप्त हुए। (ख) विभिन्न राजनैतिक दलों के एजेंट द्वारा निर्धारित प्रारूप-3 तथा 4 में दिये गये आवेदनों की प्राधिकृत कर्मचारियों तथा वार्ड पर्यवेक्षक से जाँच करवाने के पश्चात् मतदाताओं के वार्ड परिवर्तन कर 5336 परिवर्धन तथा 5659 विलोपन की कार्यवाही की गई है। (ग) वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भाजपा विधायक द्वारा संशोधन हेतु कोई सूची प्रदान नहीं की गई।
कर्मचारियों की पदोन्नति
[गृह]
71. ( क्र. 4389 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस में कार्यरत तृतीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति के क्या नियम हैं? क्या पदोन्नति नियम म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 05.03.2016 में प्रकाशित संशोधित आदेश के अनुसार सीधी भर्ती के उपनिरीक्षकों को नियुक्ति दिनांक से 6 वर्ष के उपरांत पदोन्नति देने का नियम है? (ख) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लंबित SLP/13954/2016 आर बी राय विरुद्ध मप्र शासन में यथास्थिति की प्रयोजता के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा अपने मेमोरेंडम क्र.F.No.36012/11/2016-Estt. (Res-I) (P. t.-II) जारी कर निर्देशित किया गया था कि SLP का लंबित रहना आरक्षित से आरक्षित व अनारक्षित से अनारक्षित की पदोन्नति और योग्यता के आधार पर पदोन्नति के मामले में यह बाधक नहीं है इसके अनुसार राज्य सरकारों को भी आवश्यक कार्यवाही करने की सलाह दी गई है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्ष से राज्य सरकार द्वारा इस निर्देश के आधार पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक 354/2176/2019/3एफ, भोपाल दिनांक 09 मार्च 2020 के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 08 फरवरी 2020 की बैठक में लिए निर्णय के बिंदु क्रमांक 4 में दिए गए निर्देश के संबंध में विभागों को नियम संशोधन करने एवं पदोन्नति/क्रमोन्नति संबंधी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था, उपरोक्त के संदर्भ में विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस विभाग अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति म.प्र. पुलिस (अराजपत्रित) कार्यपालिक सेवा भर्ती नियम 1997 अद्यतन संशोधित राजपत्र (असाधारण) दिनांक 05.03.2016 तथा जी.ओ.पी. क्रमांक- 138/12 दिनांक 14.08.2012 एवं जी.ओ.पी. क्रमांक 141/2012 के अनुसार होती है। म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 05.03.2016 में प्रकाशित संशोधन आदेश के अनुसार सीधी भर्ती के उप निरीक्षकों को 06 वर्ष की सेवा उपरांत निरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिये विचारण की पात्रता आती है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिसकर्मियों को उच्च पदनाम देने विषयक
[गृह]
72. ( क्र. 4390 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राजपत्र असाधारण दिनांक 05.03.2016 के आधार पर क्या म.प्र.पुलिस के वर्तमान में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को जो रिक्त पदों पर पदोन्नति की अहर्ता रखते हैं, को उच्च पदनाम प्राप्त होगा? (ख) म.प्र. शासन द्वारा लागू की जाने वाली उच्च पदनाम प्रक्रिया के अन्तर्गत पुलिस विभाग द्वारा जारी जी.ओ.पी. क्रमांक141/2021 दिनांक 10.02.2021 के आधार पर वर्तमान में कितने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उच्च पदनाम प्राप्त होगा? पदवार संख्या बताइए। (ग) क्या पुलिस विभाग द्वारा जारी जी.ओ.पी. क्रमांक 141/2021 दिनांक 10.02.2021 में समयमान वेतनमान के आधार पर प्रधान आरक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक के पदों पर उच्च पदनाम देने से वरिष्ठता के क्रम का उल्लंघन होगा? (घ) क्या उच्च पदनाम प्रक्रिया में वरिष्ठता और वेतन का लाभ नहीं मिलने तथा इकाई प्रमुख को कभी भी बिना सूचना दिए उच्च पदनाम वापस लेने का अधिकार होने से अनेक पुलिस कर्मचारी इसका लाभ नहीं लेना चाहते हैं? इस संबंध में कितनी आपत्ति शिकायत आदि प्राप्त हुए हैं? इस प्रक्रिया के दोषों का निवारण कब तक किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजपत्र असाधारण दिनांक 05.03.2016 तृतीय श्रेणी कार्यपालिक पुलिस कर्मचारियों की भर्ती एवं पदोन्नति से संबंधित है। पुलिस विभाग अंतर्गत पुलिस रेग्युलेशन के पैरा-72 में संशोधन उपरांत तद्नुसार ' उच्च पद का प्रभार ' देने की कार्यवाही प्रचलन में है। म.प्र. राजपत्र असाधारण दिनांक 05.03.2016 के आधार पर म.प्र. पुलिस के वर्तमान में तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को (सहायक उप निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं निरीक्षक) जो रिक्त पदों पर पदोन्नति की अर्हता रखते हैं, को उच्च पदनाम प्राप्त होगा अथवा नहीं, के संबंध में स्कूटनी की कार्यवाही पूर्ण होने पर ही बताना संभव है। (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पुलिस विभाग में उच्च पदनाम प्रक्रिया हेतु जी.ओ.पी. क्रमांक 141/2021 दिनांक 10.02.2021 न होकर जी.ओ.पी. क्रमांक 148/2021 दिनांक 10.02.2021 की ''जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार''। उच्च पदनाम प्रदाय किये जाने की कार्यवाही अभी प्रकियाधीन है। निश्चित संख्या कार्यवाही पूर्ण होने पर ही बताना संभव है। (ग) जी नहीं। (घ) पुलिस विभाग में आज दिनांक तक कुल 22 कर्मचारियों द्वारा स्वास्थ्य एवं अन्य निजी कारणों से उच्च पद के प्रभार लेने से असमर्थता जताते हुये सूची के नाम पृथक करने हेतु निवेदन किया गया है। उच्च पद प्रभार दिये जाने के संबंध में कोई भी नियम या प्रक्रिया संबंधी आपत्ति/शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
इंटरप्राईजेस रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम बनाया जाना
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 4420 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पा.ज.कं.लि. के वर्तमान एम.डी. की लापरवाही के कारण इंटरप्राईजेस रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम न बनने से सिस्टम की लागत 40 करोड़ से बढ़कर 200 करोड़ रूपये हो गई है? इसका क्या कारण हैं? (ख) क्या म.प्र. विद्युत मण्डल की सभी कंपनियों में इंटरप्राईजेस रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम लग चुका है परंतु वर्ष 2012 से आज दिनांक तक म.प्र.पा.ज.कं.लि. कंपनी द्वारा इस सिस्टम को क्यों नहीं लगाया गया? (ग) प्रश्नांकित कार्य न किये जाने एवं आर्थिक क्षति पहुंचाने के दोषी अधिकारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। इंटरप्राईजेस रिसोर्स प्लांनिंग सिस्टम हेतु जारी आदेशों का विभिन्न तकनीकी कारणों से निरस्त होना, टेक्नोलॉजी में निरन्तर परिवर्तन, फॉरेन एक्सचेंज रेट, टैक्स स्वरूप में हुए बदलाव इत्यादि के कारण परियोजना लागत में वृद्धि हुई है। लागत में वृद्धि के कारणों का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र.राज्य विद्युत मंडल की अन्य उत्तरवर्ती कंपनियों में इंटरप्राईजेस रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम क्रियाशील है। म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में ईआरपी एवं अन्य सिस्टम को लगाये जाने हेतु निविदा जारी की जा चुकी है। म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा ईआरपी सिस्टम नहीं लगाने के कारणों का विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
पंजीबद्ध अपराध की जानकारी
[गृह]
74. ( क्र. 4502 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत तीन माह में बैतूल के किस थाने, पुलिस अधीक्षक को राजदीप सरदेसाई, शाशि थरूर एवं कंगना रनौत के विरूद्ध किस-किस अपराध की एफ.आई.आर. दर्ज करने का किस-किस आवेदन किस दिनांक को प्राप्त हुआ? (ख) किसके विरूद्ध किस-किस धारा का प्रकरण किस दिनांक को किस थाने में पंजीबद्ध किया गया? कंगना रनौत के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध नहीं किये जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (ग) राजदीप सरदेसाई, शशि थरूर एवं कंगना रनौत द्वारा किये गये अपराध का स्थल क्या रहा है? उस स्थल पर एफ.आई.आर. स्थानान्तरित नहीं करने का क्या कारण रहा है? घटना पर एफ.आई.आर. ट्रान्सफर करने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उच्च न्यायालय में अपील की अनुमति
[विधि और विधायी कार्य]
75. ( क्र. 4504 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन के वन विभाग को जिला न्यायालय से हुए आदेशों की अपील उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने के संबंध में विधि विभाग क्या-क्या प्रक्रिया अपनाता है? उस प्रक्रिया में विभाग किन-किन की समीक्षा या परीक्षण करता है। (ख) गत पांच वर्षों में विधि विभाग ने किस विभाग को लघु वनोपज से संबंधित किस-किस प्रकरण में किस जिला न्यायालय/अपर सत्र न्यायालय के किस दिनांक के आदेश की अपील उच्च न्यायालय में किये जाने की अनुमति किस-किस आधार पर किस दिनांक को प्रदान की है? (ग) विधि विभाग के समक्ष अनुमति का प्रस्ताव किस दिनांक को प्राप्त हुआ? विधि विभाग ने न्यायालीन आदेश एवं लघु वनोपज से संबंधित किस प्रावधान का परीक्षण कर किस दिनांक को अनुमति प्रदान की है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधि विभाग में प्रशासकीय विभाग से अपील प्रस्ताव प्राप्त होने पर निर्णय/आदेश एवं शासकीय अधिवक्ता के मत का गुण दोषों के आधार पर परीक्षण कर अपील अनुमति प्रदान की जाती है। (ख) लघु वनोपज के संबंध में इस तरह की कोई जानकारी विगत 5 वर्षों में, विभाग में संधारित नहीं है। इस विभाग में इस तरह का प्रकरण आना नहीं पाया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रथम श्रेणी के पद के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
76. ( क्र. 4518 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य विश्वविद्यालय सेवा के अधिकारी जिसमें कुलसचिव, उप कुलसचिव व सहायक कुलसचिव जैसे प्रथम श्रेणी के पद समाहित है, यह सेवा म.प्र.शासन के अधीनस्थ है तथा इनका अधीक्षण, नियंत्रण व निर्देशन तथा नियुक्ति, स्थापना, पदोन्नति, स्थानांतरण आदि भी शासन द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो इन्हें सेवानिवृत्ति के बाद शासन के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के भांति पूरी पेंशन क्यों प्रदान नहीं की जाती है? यदि सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन प्रदान किया जाता था और पेंशन अंशदान भी इसी के अनुपात में नियमानुसार काटा जाता है तो सातवें वेतनमान से अद्यतन महंगाई भत्ते के अनुसार पेंशन भुगतान क्यों नहीं की जाती? (ग) म.प्र.राज्य विश्वविद्यालय सेवा नियम 1983 जिनमें शासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के भांति नियमानुसार वेतन, भत्ते तथा अन्य सुविधायें प्रदान करने के प्रावधान है तो फिर इन अधिकारियों के विरूद्ध मनमाने तरीके से विश्वविद्यालय के पेंशन संबंधी परिनियम थोपकर स्व-वित्तीय पेंशन योजना के अधीन छठवें वेतनमान के अनुसार पेंशन भुगतान क्यों किया जा रहा है? (घ) क्या समय-समय पर माननीय उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय ने आदेशित किया है कि सेवानिवृत्ति के बाद नियमानुसार पूरी पेंशन प्रदान किया जाना अधिकारियों/कर्मचारियों के सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है यह कोई कृपा नहीं है? यदि हाँ, तो सेवानिवृत्त इन अधिकारियों को म.प्र.शासन के अधिकारियों के भांति अद्यतन महंगाई भत्ते के साथ पेंशन, एरियर सहित कब तक प्रदान की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा-16 (1) अनुसार इनका अधीक्षण, नियंत्रण व निर्देशन कुलपति द्वारा किया जाना प्रावधानित है। म.प्र. राज्य विश्वविद्यालय सेवा नियम, 1983 के अधीन नियुक्ति, स्थापना, पदोन्नति, स्थानांतरण आदि राज्य शासन द्वारा किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. राज्य विश्वविद्यालय सेवा नियम, 1983 में पेंशन संबंधी प्रावधान उल्लेखित नहीं है। विभागीय आदेश दिनांक 31.10.2014 के बिन्दु 2.9 एवं विभागीय आदेश दिनांक 13.11.2017 के बिन्दु-7 के अनुक्रम में पेंशन फण्ड से पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ, प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ई-टेण्डरिंग एवं हनीट्रेप से संबंधित
[गृह]
77. ( क्र. 4519 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई-टेण्डरिंग घोटाला तथा हनीट्रेप पर कितने-कितने प्रकरण किस थाने में दर्ज किये गये। प्रकरण क्रमांक, दिनांक, धाराएं, आरोपी का नाम, पिता/पति का नाम, पता सहित सूची देवें। प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में चालान तथा पूरक चालान किस-किस दिनांक को माननीय न्यायालय में पेश किया गया तथा आरोपियों में से किस-किस को किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया तथा जमानत कब हुई? किस आरोपी की गिरफ्तारी होना शेष है? (ग) ई-टेण्डरिंग घोटाले में दर्ज प्रकरणों में कुल कितनी राशि समाहित है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में किस-किस शासकीय अधिकारी तथा कर्मचारी को आरोपी बनाया गया है? नाम, पिता का नाम, आरोप के दौरान पद तथा पदस्थापना, गिरफ्तारी की दिनांक फिलहाल बर्खास्त है या कार्य कर रहे हैं, सहित सूची देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। हनीट्रेप से संबंधित 02 अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। उक्त दोनों प्रकरणों की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) उल्लेखित प्रकरण में अभियोग पत्र दिनांक 06.07.2019 एवं पूरक अभियोग पत्र दिनांक 20.02.2020 को माननीय सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। आरोपीगण की गिरफ्तारी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रकरण अंतर्गत धारा 173 (8) दप्रसं के विवेचनाधीन है किस आरोपी की गिरफ्तारी होना शेष है यह बताया जाना विधि सम्मत नहीं है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हनीट्रेप प्रकरणों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। प्रकरणों में गिरफ्तार आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में है। (ग) प्रकरण में कुल 09 टेण्डर से संबंधित राशि लगभग 3627.25 करोड़ रुपये है। अभी 09 टेण्डर शासन द्वारा निरस्त किये गये है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। हनीट्रेप से संबंधित दोनों प्रकरणों में अभी तक प्रस्तुत अभियोग पत्रों में कोई भी शासकीय अधिकारी अथवा कर्मचारी अभियुक्त नहीं है।
आउटसोर्स कर्मियों की ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी. राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 4533 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम में आउटसोर्स कर्मियों की ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी. मद में राशि काटी जाती है? यदि हाँ? तो माह फरवरी 2021 तक किन-किन कर्मचारियों की कितनी-कितनी राशि काटी गई है? कर्मचारी का नाम,पद,किस दिनांक से कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक काटी गई है? क्या काटी गई राशि कर्मचारियों के खातों में जमा कराई गई है? यदि हाँ,? तो काटी गई राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी राशि किस-किस कर्मचारी के खाते में डाली जाना शेष है? अभी तक राशि खातों में न डालने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? उनके नाम,पद बतावें। क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। कब तक काटी गई राशि खातों में डाली जावेगी? (ख) क्या निगम द्वारा राज सिक्योरिटी को प्रदाय कराये गये देयकों पर क्या जी.एस.टी. काटकर निगम द्वारा अपने पास रख ली गई है? यदि हाँ, तो राशि किन-किन माहों की कुल कितनी राशि? किस आदेश के तहत रखी गई है? आदेश की प्रति दें। यदि बिना किसी आदेश के रखी गई है? तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? अब रोकी गई जी.एस.टी. राशि कब तक संस्था को प्रदाय करा दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम ग्वालियर द्वारा आउट सोर्स एजेंसी के माध्यम से प्राप्त श्रमिकों की ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी. राशि अनुबंधित फर्म मेसर्स राज सिक्यूरिटी फोर्स भोपाल को भुगतान की जाती है। नगर निगम ग्वालियर एवं अनुबंधित फर्म के मध्य संपादित अनुबंध अनुसार संबंधित श्रमिक के ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी. खातों में राशि जमा करने का दायित्व अनुबंधित फर्म का है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020
[गृह]
79. ( क्र. 4562 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में "धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020" लागू कर दिया गया है? यदि हाँ, तो लागू होने के बाद कुल कितने मामले प्रदेश में किस-किस संभाग में, कहाँ -कहाँ सामने आये? उन पर किस-किस तरह की कार्यवाही की गयी? क्या उक्त धर्म परिवर्तन के मामलों को रोकने के लिए उक्त कानून में क्या पर्याप्त धाराएँ शामिल हैं या और संशोधन की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो संशोधन कब-तक कर और धाराओं को बढ़ाया जाएगा? (ख) क्या नये कानून में अगर कोई व्यक्ति धन और सम्पत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जायेगी? यदि हाँ, तो नये कानून लागू होने के बाद कितने एसे प्रकरणों में शादियाँ प्रदेश में शून्य की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित कितने प्रकरणों में प्रकरण माननीय न्यायालय में दर्ज हुये? कितने में किस-किस तरह की सजा सुनाई गयी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में कुत्तों की नसबंदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 4563 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर शहरों में कुल कितने कुत्तों की नसबंदी की गयी? नसबंदी एवं जानवरों के रख-रखाव आदि पर खर्च की गयी राशि का शहरवार विवरण देवें। (ख) प्रदेश में वर्तमान में उक्त कार्य एवं जानवरों की देख-रेख हेतु कितने NGO कितने वर्षों से कार्य कर रहे है? उनके नाम एवं कार्य क्षेत्र की जानकारी देवे। उक्त वर्षों में इन्हें कितना-कितना भुगतान किया गया? इनका ऑडिट और इनकी जाँच कब-कब,किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? जांचकर्ता का नाम पद सहित जानकारी देवे। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) संदर्भित NGO संचालकों के पास जानवरों के रख-रखाव के क्या साधन एवं स्थान है? NGO संचालकों को राशि भुगतान करने की क्या प्रक्रिया और नियम है? इस सम्बन्ध में अनियमितता को लेकर विगत 3 वर्ष में किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ क्या-क्या शिकायत की? उस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? जाँच रिपोर्ट एवं कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) उक्त नसबंदी के दौरान उक्त अवधि में कितने कुत्तों की मौत हुई? उनका अंतिम संस्कार किस विधि से किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राख वितरण के संबंध में
[पर्यावरण]
81. ( क्र. 4589 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में स्थित मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज से निकलने वाली फ्लाय एश के वितरण के लिए कोई कानूनन बाध्यता है? यदि हाँ, तो उसका विवरण दें। (ख) वर्तमान में ग्रेसिम से निकलने वाली फ्लाय एश का वितरण किन-किन लोगों को कितनी- कितनी मात्रा में किया जा रहा है। (ग) जिन-जिन लोगों को राख दी जा रही है उनको राख वितरण का मापदंड क्या है? (घ) क्या गत 6 माह में पूर्व से आवंटित की जा रही फ्लाय एश राख का वितरण किसी पार्टी, व्यक्ति या संस्थान को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-कारणों से ऐसे लोगों को राख वितरित किया जाना बंद किया गया है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) उज्जैन जिले में स्थित मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज नागदा के केप्टिव ताप विद्युत गृहों से निकलने वाली फ्लाई एश के उपयोग बावत् बाध्यकारी फ्लाई एश अधिसूचना दिनांक 14/09/1999 (यथासंशोधित दिनांक 27/08/2003, 03/11/2009 एवं 25/01/2016) की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज, नागदा से प्राप्त विगत 4 माहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियुक्ति का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 4612 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगर निगमों, नगर पालिकाओं, परिषदों में वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को विनियमितीकरण किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो म.प्र. शासन भोपाल द्वारा क्या आदेश जारी किये गये थे? आदेश में किन शर्तों पर विनियमितीकरण किया? नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा निगम परिषद् में प्रस्तावों को पास कर शासन को विनियमितीकरण स्थाईकर्मी योजना तथा मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्रदाय किये जाने के संबंध में प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या विनियमित कर्मचारियों को शासन आदेशानुसार स्थाई माना गया है? विनियमित कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों की तरह सभी सुविधायें रिक्त पदों पर पदोन्नति वेतनवृद्धि,क्रमोन्नति,अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में हाँ तो क्या नगर पालिक निगम इन्दौर में विनियमित किये गये कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिवार के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? स्थाई कर्मियों को योजना का लाभ क्यों नहीं प्रदान किया जा रहा है? मानवीय आधार पर नियमों को शिथिल करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विनियमितीकरण हेतु जारी आदेश एवं उनमें उल्लेखित शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 की कंडिका 1.1 अनुसार दैनिक वेतनभोगी के स्थान पर ''स्थायीकर्मी'' की श्रेणी दी गई है। परिपत्र अनुसार पदोन्नति क्रमोन्नति अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। अत: लाभ दिया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आयुष अस्पताल का संचालन
[आयुष]
83. ( क्र. 4626 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर आयुर्वेदिक, युनानी, होम्योपैथिक चिकित्सालय विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे हैं एवं इनके संचालन हेतु कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा इन स्वीकृत पद अनुरूप कौन-कौन पदस्थ हैं, कितने स्थान रिक्त हैं? (ख) उल्लेखित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर विभाग द्वारा नवीन चिकित्सालय खोलने कि मांग कि जा रही है? क्या विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र में भविष्य में नवीन चिकित्सालय खोलने की संभावनाएं हैं? यदि हाँ, तो कब तक कहां पर खोले जावेगें? (ग) कोरोना काल में आयुष अस्पतालों के योगदान को देखते हुए क्या शासन इसके कार्यक्षेत्र का विस्तार करेगा? रिक्त पदों कि पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कोई नहीं। जी नहीं। (ग) जी हां जी हां। लोक सेवा आयोग एवं पी.ई.बी. के माध्मय से। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पुलिस कर्मियों के भत्तों में वृद्धि
[गृह]
84. ( क्र. 4637 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर पर पुलिसकर्मियों का आवास भत्ता 5 हजार प्रतिमाह एवं पोषण आहार भत्ता/अन्य भत्तों को तीन गुना बढ़ाने की योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो महानगर एवं जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा पुलिस में आर./प्र.आर./ए.एस.आई. एवं टी.आई. स्तर के कर्मचारी/अधिकारियों के लिए सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो पूरे प्रदेश में एक दिन में कर्मचारी/अधिकारियों को अवकाश मिल जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो अवकाश के स्थान पर थानों में तैनात स्टॉफ की पूर्ति का क्या प्रावधान रहेगा? इससे कानून व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस कर्मियों को आवास भत्ता पांच हजार करने की कोई योजना नहीं है। पोषण आहार भत्ता रूपये 650/- से 10,000/- प्रतिमाह तथा किट क्लोंदिग भत्ता 3000/- से 10,000/- प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। भत्तों में वृद्धि महानगर एवं जिलेवार नहीं होती है। (ख) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय द्वारा विभाग में थाना एवं विसबल कंपनियों में तैनात कर्मियों को सप्ताहिक अवकाश देने का प्रावधान किया गया है। जी नहीं। प्रदेश में एक दिन में सभी कर्मचारी/अधिकारियों को एक साथ अवकाश नहीं मिलेगा। कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये प्रदाय किया जाना निर्देशित किया गया है। (ग) साप्ताहिक अवकाश उपलब्ध बल से ही कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए दिया जाएगा।
म.प्र. पुलिस थानों एवं स्वीकृत पद
[गृह]
85. ( क्र. 4638 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल थानों एवं पुलिस चौकी की संख्या कितनी हैं? (ख) स्वीकृत पद के मान से सभी थानों में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस,निरीक्षक, उपनिरीक्षक,सहायक उपनिरीक्षक, पुलिसकर्मी आदि के पद भरे है? (ग) यदि नहीं, तो कितने पद रिक्त हैं तथा कब तक भरे जावेंगे? (घ) क्या इनकों नवीन पद स्वीकृत किये जाने की आवश्यता है? कब तक पद भरे जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश में थानों की कुल संख्या 1117 एवं पुलिस चौकी की कुल संख्या 623 है। (ख) जी नहीं। (ग) अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के 20 पद, निरीक्षक के 331 पद, उप निरीक्षक के 516 पद, सहायक उप निरीक्षक के 4207 पद, प्रधान आरक्षक के 4769 पद एवं आरक्षक के 3843 पद इस प्रकार कुल 13686 पद रिक्त है। विभाग में पदों का रिक्त होना एवं भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) चरणबद्ध तरीके से पद स्वीकृत किए जाते है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत केन्द्र की जानकारी
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 4639 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने विद्युत के उपकेन्द्र हैं? (ख) इन केन्द्रों से कितने ग्राम तथा शहरों में विद्युत प्रदाय किया जाता है? (ग) क्या ग्राम व शहर की संख्या को देखते हुए वर्तमान में विद्यमान उपकेन्द्र पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो कितने उपकेन्द्र और स्थापित किये जाने चाहिए? (घ) कितने नवीन उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं तथा कब तक विद्युत प्रदाय इनसे किया जा सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में कुल इक्कीस विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं, जिनमें एक 132/33 के.व्ही उपकेन्द्र एवं बीस 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सहित विभिन्न 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से संबद्ध प्रश्नाधीन क्षेत्र के बीस, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से सिवनी मालवा शहर एवं 304 ग्रामों के घरेलू, औद्योगिक, कृषि एवं अन्य संयोजनों को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण जनसंख्या एवं क्षेत्र के आधार पर नहीं अपितु उस क्षेत्र के उपभोक्ताओं के घरेलू, औद्योगिक, कृषि एवं अन्य संयोजित विद्युत भार के आधार पर किया जाता है। वर्तमान में विद्यमान उक्त विद्युत उपकेन्द्र क्षेत्र के विद्युत भार के अनुसार पर्याप्त हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु वर्तमान में कोई भी नवीन विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 4649 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कन्छेदीलाल कुशवाहा की 6 जून 1980 को सतना जिले के कोठी वितरण केन्द्र में विद्युत दुर्घटना से मृत्यु हो गई थी एवं 40 वर्ष बीत जाने पर भी उसके आश्रित बेबा कल्लू को ईपीएफ की पेंशन संगठनों द्वारा बार-बार पत्राचार करने पर भी नहीं दी जा रही है? इनको भुगतान कब तक कराया जावेगा? (ख) क्या 9/9/2012 को अवधेश तनय मंगलदीन विश्वकर्मा सहायक लाइनमैन का मण्डला जिले के ग्राम माधोपुर थाना एवं वितरण केन्द्र अजनिया से कार्यअवधि में अपहरण कर लिया गया था जिसका आज तक पता नहीं चला है जबकि उनके परिवार द्वारा दिनांक 20/9/2012 को थाने में गुमसुदा की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी? (ग) क्या उनकी पत्नी प्रभा देवी को कार्य अवधि समय की पूर्ण वेतन एवं अन्य भुगतान एवं तत्पश्चात की परिवार पेंशन दिलाई जावेगी? अगर हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों? (घ) विद्युत पेंशनर संघ के पत्र क्रमांक 181 दिनांक 21/2/2020 पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री कंछेदीलाल काछी पूर्व सहायक लाईनमैन की मृत्यु दिनांक 22.10.81 को कोठी वितरण केन्द्र में विद्युत दुर्घटना से हुई थी। दिवंगत के परिवार को परिवार पेंशन की पात्रता नहीं है, अत: उनकी आश्रित बेवा पत्नी श्रीमती काली बाई को परिवार पेंशन स्वीकृत नहीं की गई है। अत: समय-सीमा बताने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ। (ग) ऐसे प्रकरणों में नियमानुसार समयावधि व्यतीत होने पर परिवार द्वारा गुमशुदा व्यक्ति के न मिलने के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर एवं परिवार के द्वारा दावा प्रस्तुत किये जाने पर नियमानुसार पेंशन आदि देय भुगतान किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में उनके परिवार द्वारा वांछित दस्तावेज संबंधित कार्यालय को प्रस्तुत नहीं किये गये है। उनके परिवार द्वारा वांछित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर संबंधित कार्यालय द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) म.प्र.विद्युत सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ द्वारा ज्ञापन क्र.181 दिनांक 21.02.2020 पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोक सेवक को न्याय दिलाना
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 4652 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)क्या सतना के पूर्व अधीक्षण यंत्री श्री जी.के.द्विवेदी का स्थानान्तरण वर्ष में दो बार किया गया है, जबकि उनके सेवानिवृत्त के मात्र 15 माह बाकी हैं तथा वर्तमान अधीक्षण यंत्री की अपेक्षा राजस्व वसूली अधिक तथा ट्रांसफार्मर फेलुअर दर कम था? (ख) क्या इनके रीवा एसटीएम कार्यकाल में पूर्ववत से माडम लगे होने एवं एयरटेल के एक भी बिल इन्हें प्राप्त न होने पर भी सीई रीवा की जवाबदारी होने पर भी इन्हे परिनिंदा से दण्डित कर दण्ड अवधि समाप्त होने पर भी पदोन्नति से वंचित रखा गया है तथा अनुबंध के तहत न तो एयरटेल कम्पनी और न ही सीई रीवा के विरूद्ध कार्यवाही की गई? कारण बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) की सत्यता का परीक्षण कम्पनी स्तर के स्थान पर राज्य शासन स्तर पर कराया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, श्री जी.के. द्विवेदी, अधीक्षण यंत्री (चालू प्रभार) का स्थानान्तरण दिनांक 1.1.2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रशासनिक आधार पर मात्र एक बार आदेश क्रमांक 3715 दिनांक 30.5.2020 द्वारा किया गया है। उक्त आदेश दिनांक को श्री जी.के. द्विवेदी की सेवानिवृत्ति हेतु 24 माह 01 दिन शेष थे। उक्त स्थानांतरण प्रशासनिक दृष्टि के किया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) मुख्य अभियंता (कार्य) जबलपुर के आदेश क्रमांक 1020 दिनांक 23.2.2011 के अनुसार भारती एयरटेल के देयकों के भुगतान की जिम्मेदारी क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं को दी गई थी। मुख्य अभियंता, रीवा क्षेत्र, रीवा के पत्र दिनांक 13-04-2012 के माध्यम से भारती एयरटेल को कुल 1190 सिम कार्ड कार्यपालन अभियंता एस.टी.एम रीवा, सतना, सीधी एवं शहडोल को उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया था, जिसमे कार्यपालन अभियंता, एस.टी.एम., रीवा के लिये 322 सिम आवंटित थी। भारती एयरटेल द्वारा उक्त सिमों के देयक कार्यपालन अभियंता, शहर संभाग, रीवा को प्रस्तुत किये गये जो उनके द्वारा एस.टी.एम. संभाग, रीवा को प्रेषित किये गये। श्री जी.के. द्विवेदी, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, एस.टी.एम. संभाग, रीवा द्वारा मुख्य अभियंता (रीवा क्षेत्र) को सूचित किये जाने सहित उक्त देयकों के संबंध में कोई आगामी कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण भारती एयरटेल द्वारा दिनांक 18.04.2014 से सभी सिम बंद कर दी गईं जिससे फीडर मीटरों में लगे हुए मॉडम ने डाटा रीड करना बंद कर दिया था। कार्यपालन अभियंता, एसटीएम, रीवा द्वारा बंद हुई सिमों को चालू करवाने और लंबित देयकों के भुगतान हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। उक्त सिम श्री जी.के. द्विवेदी तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, एस.टी.एम., संभाग, रीवा के पदस्थापना अवधि के दौरान दिनांक 18.4.2014 से दिनांक 19.08.2014 तक बंद रही थी। श्री जी.के. द्विवेदी कार्यपालन अभियंता, एसटीएम संभाग, रीवा को भारती एयरटेल कंपनी द्वारा प्रस्तुत देयकों को समय से पारित कर उसका भुगतान न कराने एवं बंद हुई सिमों को चालू कराने हेतु संबंधित कंपनी से पत्राचार न किए जाने संबधी गंभीर लापरवाही एवं कर्त्तव्य विमुखता के लिए म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा परिनिंदा का दंडादेश दिनांक 25.5.2015 पारित किया गया। वर्ष 2016 में कंपनी की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के आयोजन के पूर्व माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 30.4.2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12.5.2016 में यथास्थिति के निर्देश जारी किये गये, जिसके तहत वर्तमान में पदोन्नति की प्रकिया लंबित है। मुख्य अभियंता (कार्य) जबलपुर के आदेश दिनांक 23.02.2011 में यह भी प्रावधान था कि देयकों के भुगतान में विलंब होने पर भारती एयरटेल द्वारा न ही किसी प्रकार की पेनाल्टी/ब्याज अधिरोपित किया जायेगा और न ही कनेक्शन बंद किया जायेगा तथा उक्त कार्यादेश का उल्लंघन करने पर भारती एयरटेल के विरूद्ध कोई विधिक कार्यवाही/एफ.आई.आर. दर्ज करने का प्रावधान नहीं था। अत: भारती एयरटेल के देयकों का भुगतान न होने के संबंध में मुख्य अभियंता (रीवा क्षेत्र) के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
आउटसोर्सिंग कर्मचारी उपलब्ध करने वाली संस्था की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 4691 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में नगरीय प्रशासन विभाग में डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट सर्विसेस कंपनी/संस्था/एजेंसी द्वारा किस-किस नगर निगम नगर पालिका नगर पंचायत में कार्य किया, उसकी नगर पंचायत,नगर पालिका,नगर निगम वार सूची? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त संस्था/कंपनी/एजेंसी द्वारा जो कार्य किए, क्या उन कार्यों के लिए कोई विज्ञप्ति/प्रेस नोट/ई-टेंडर/टेंडर आमंत्रित किया था? यदि हाँ, तो इनसे संबंधित दिशा-निर्देशों की छाया प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कंपनी संस्था एजेंसी को जो कार्य आदेश जारी हुए हैं। उन पर किसी ने कोई आपत्ति लगाई है? यदि हाँ, तो समस्त आपत्तियों एवं उन पर की गई कार्यवाही के विवरण सहित जानकारी देवें। यदि निराकरण नहीं किया गया तो आपत्तियोंवार कारण सहित विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त एजेंसी द्वारा कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ खाते में कब-कब राशि डाली माहवार विवरण देवें। (ड.) लॉकडाउन के दौरान प्रश्नांश (क) अनुसार एजेंसी को कोई कार्य आदेश, स्वीकृति जारी हुई है? यदि हाँ, तो कारण सहित विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी हाँ। दिशा निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
स्वास्तिक क्लोरोफिन द्वारा प्रदूषण फैलाना
[पर्यावरण]
90. ( क्र. 4704 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित स्वास्तिक क्लोरोफिन एल.एल.पी. को शासन द्वारा क्या-क्या उत्पादन की अनुमति कितने उत्पादन हेतु प्रतिवर्ष/प्रतिदिन किन शर्तों के साथ प्रदान की गई है? (ख) स्वास्तिक क्लोरोफिन को जल अधिनियम, 1974 व वायु अधिनियम 1981 (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) के अन्तर्गत प्रदत्त सम्मत्ति व शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए कम्पनी द्वारा किन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है? (ग) कम्पनी द्वारा हैज़डस रसायनों के उत्पादन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाव हेतु क्या-क्या प्रबंध किए गये हैं? यदि नहीं, किये तो क्यों? क्या कार्यवाही की गई? (घ) केन्द्रीय व क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा कम्पनी प्रारंभ दिनांक से 17 फरवरी 2021 तक कितनीबार स्वास्तिक क्लोरोफिन का निरीक्षण कर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) 9 फरवरी 2021 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दल द्वारा स्वास्तिक क्लोरोफिन के निकलने वाले प्रदूषित जल व अन्य हैज़डस के साथ-साथ कहां-कहां सैम्पलिंग की कार्यवाही की गई? जाँच में क्या पाया गया? (च) स्वास्तिक क्लोरोफिन में म.प्र. शासन के आदेशानुसार 70 प्रतिशत कर्मचारी स्थानीय रखने के आदेश का उल्लंघन करते हुए प्रदेश के बाहर तथा अन्य स्थानों के श्रमिकों को कार्य पर रखा गया है? उद्योग में कितने स्टाफ, स्थाई, अस्थाई श्रमिक कार्यरत हैं? नाम सहित विवरण दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नागदा स्थित में. स्वास्तिक क्लोरीफिन एल.एल.पी. उद्योग को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अन्तर्गत क्लोरीनेटेड पेराफीन 18,000 मैट्रिक टन प्रतिवर्ष एवं हाईड्रोक्लोरिक एसिड (बायप्रोडक्ट) 36,000 मैट्रिक टन प्रतिवर्ष उत्पादन की सम्मति दी गई है। शर्तों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) उद्योग की जल/वायु सम्मति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उद्योग द्वारा शर्तों का पालन किया जा रहा है। (ग) उद्योग की उत्पाद प्रक्रिया से उत्पन्न फ्यूम्स के नियंत्रण हेतु स्क्रबर स्थापित किया गया है। एचसीएल एवं क्लोरीन के लिए गैस डिटेक्टर्स स्थापित किये गये हैं। स्क्रबर एवं वाशिंग से उत्पन्न व्यर्थ जल के उपचार हेतु न्यूट्रलाइजेशन टैंक बनाया गया है। उपचारित निस्त्राव का निस्सारण बागवानी/सेप्टिक टैंक के माध्यम से किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बोर्ड रिकार्ड अनुसार इकाई के द्वारा उत्पादन दिनांक 14/02/2020 से प्रारंभ किया गया, इस तिथि के पश्चात् 17/02/2021 तक, केन्द्रीय व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा कोई भी संयुक्त निरीक्षण नहीं किया गया। अपितु क्षेत्रीय कार्यालय व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम द्वारा 09/02/2021 को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान वाशिंग प्रक्रिया से उत्पन्न जल को एक टैंक में एकत्रित किया जाना पाया गया। उक्त जल का नमूना विश्लेषण हेतु एकत्रित किया गया। विश्लेषण जांच में पीएच 0.84 अत्यधिक अमलीय प्रकृति का पाया गया जिसके परिप्रेक्ष्य में उद्योग को नोटिस जारी किया गया है। (ड.) संयुक्त टीम द्वारा 12 बिन्दुओं पर सेम्पलिंग की गई, जिसका विवरण व जांच निष्कर्ष रिपोर्ट्स पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (च) उद्योग में कुल 13 कर्मचारी कार्यरत हैं जिसमें से 09 मध्यप्रदेश के हैं शेष 04 कर्मचारी मध्यप्रदेश से बाहर के हैं। कर्मचारियों का नाम सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्राण घातक हमले को दुर्घटना का रूप देना
[गृह]
91. ( क्र. 4705 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आरक्षक संजय कुमार मीणा बेच नं. 531 महु थाना इन्दौर में पदस्थ की दिनांक 24/11/2020 को रात के समय महु राज्य मार्ग पर एक्सीडेन्ट/दुर्घटना या जानलेवा हमले के संबंध में इन्दौर जिले के किस थाना क्षेत्र में मर्ग कायम किया गया है? किस थाने की पुलिस इसकी जाँच कर रही है? (ख) क्या दिनांक 24/11/2020 को रात के समय आरक्षक संजय कुमार मीणा के साथ के व्यक्ति ने दुर्घटना बताई थी परंतु उनके परिजन को जान से मारने का प्रयास किये जाने का षडयंत्र लगता है? इस संबंध में निष्पक्ष जाँच करने की मांग उनके भाई विजय कुमार मीणा व तरूण प्रताप उप कमांडेट/प्रशासन केन्द्रीय मोटर गाडी प्रशिक्षण स्कूल टेकनपुर मध्यप्रदेश ने दिनांक 08/01/2021 को कलेक्टर महोदय, एस.पी. महोदय, उप महानिरीक्षक महोदय इन्दौर से की थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या जाँच की गई? किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई है? सम्पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना किशनगंज जिला इंदौर में मर्ग क्रमांक 7/21 धारा 174 द.प्र.स. के द्वारा आरक्षक संजय कुमार मीणा बेच नं. 531 की दिनांक 24.11.2020 को महू राज्य मार्ग पर एक्सीडेन्ट/दुर्घटना या जानलेवा हमले के संबंध में जांच की जा रही है। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन हैं। जी हाँ, मृतक के भाई ने आवेदन दिया था। आरक्षक संजय कुमार मीणा के परिजनों द्वारा प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्र की जाँच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) महू द्वारा की जा रही है।
नगर विकास के विभिन्न निर्माण कार्यों की घोषणा
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 4731 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के पूर्व 12 सितम्बर 2020 को मुख्यमंत्री जी ने ग्वालियर पूर्व के नगर विकास के विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु पैंतीस करोड़, दो लाख, सत्ताईस हजार, उनसठ रूपयों की घोषणा की थी तथा भूमि पूजन किये थे? कार्यों के नाम, राशि, दिनांक सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त सभी कार्यों के कार्य आदेश जारी किये जो चुके थे? कार्य आदेश जारी होने की दिनांक क्या थी? किन-किन निर्माण एजेन्सियों को कार्य आदेश जारी किये गये थे? (ग) क्या चुनाव के बाद मुख्य अभियन्ता नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक म.प्र./07/2020/11088 दिनांक 04-12-2020 को राशि वापस भेजने का पत्र जारी कर राशि वापस ली गई? क्या कारण रहे, पूर्ण जानकारी कारणों सहित दी जावे। (घ) क्या यह घोषणा केवल पार्टी के प्रत्याशी को जिताने को की गई थी, या जनता की सुविधा, क्षेत्र के विकास हेतु की गई थी? तथ्यों सहित जानकारी दी जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। घोषणा नहीं की गई थी। दिनांक 12 सितम्बर 2020 को ग्वालियर पूर्व विधान सभा क्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा किए गए भूमिपूजन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगरीय निकायों के द्वारा कार्य प्रारंभ न करने के कारण राशि वापस करने हेतु पत्र लिखा गया। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रतलाम शहर अंतर्गत आंतरिक मार्गों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 4745 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम शहर में 272 कि.मी. सीवेज लाईन और जलपूर्ति हेतु 136 कि.मी. सड़कों को खोदकर उनका रेस्टोरेशन का कार्य किया गया है, जो कि संतोषप्रद नहीं है? (ख) पाईप लाईनों के बिछाने से नगर की प्रमुख सड़कों तथा आंतरिक मार्गों की स्थिति जर्जर हो चुकी है, इस हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत पंचवर्षीय रोड मेप अनुसार 125 करोड़ की लागत का अनुमान बताया गया। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा उक्त सड़कों के पुनर्निर्माण की घोषणा की गई, अत: इस वर्ष इस कार्य हेतु कितनी राशि उपलब्ध करवाई जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रतलाम नगर में अमृत योजना अंतर्गत कुल 267.11 किमी. सीवर लाईन तथा मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अंतर्गत 161.00 किमी. पानी की पाईप लाईन खुदाई कर डाली गई है। खुदाई उपरांत खोदे गये भाग का रेस्टोरेशन कार्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार संतोषप्रद रूप से किया गया है। (ख) नगर की प्रमुख सड़कों तथा आन्तरिक मार्गों के उन्न्यन हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत किये गये पंचवर्षीय रोडमेप में सड़कों एवं पुलियाओं के निर्माण पर राशि रू. 126.53 करोड़ के व्यय के अनुमान का प्रस्तुतीकरण किया गया है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के तृतीय चरण में सड़क निर्माण हेतु राशि रू. 3.00 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
बस दुर्घटना पर की गई कार्यवाही
[गृह]
94. ( क्र. 4748 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.02.2021 को चुरहट विधानसभा के अंतर्गत बस नहर में डूब जाने के कितने लोगों की मृत्यु हुई? (ख) मृत्यु का कारण क्या-क्या था? क्या मार्ग परिवर्तन/सुरक्षा/या अन्य कोई? (ग) पुलिस प्रशासन छुहिया घाटी मार्ग पर जाम लगने पर क्या-क्या मापदण्ड अपनाता है? घटना दिन एवं पूर्व दिनों में क्या-क्या प्रयास थे? (घ) शासन/जिला प्रशासन ने मृत्युवार क्या-क्या सुविधाएं/मुआवजा/रोजगार दिये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बोधी की अनुमति के बगैर बांध की डिजाईन एवं ड्राईंग बदल लेना
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 4763 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् मुलताई जिला बैतूल में क्रमांक यू आई डी एस एस एम टी/एन पी ए/2013/427 दिनांक 17/04/2013 से जल प्रदाय योजना का जो कार्यादेश जारी हुआ एवं जिस भूमि/स्थान पर कार्य/निर्माण/बांध बनना था उस संपूर्ण भूमि का अधिग्रहण क्या नगर पालिका परिषद ने कार्यादेश जारी करने के पहले कर लिया था? (ख) क्या निर्माण कार्य शुरू करने के पूर्व भू-अधिग्रहण संपूर्ण रूप से किया जाना नगर पालिका परिषद मुलताई की जवाबदारी थी? संपूर्ण भू-अधिग्रहण न कर कार्यादेश जारी करने के लिये शासन किस नाम/पदनाम को दोषी मानता है? उसके विरूद्ध कब तक निलंबन की एवं विभागीय जाँच की कार्यवाही होगी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जल प्रदाय योजना के बांध निर्माण की ड्राईंग/डिजाईन मुख्य अभियंता बोधी द्वारा स्वीकृत की गई थी? क्या उक्त बांध निर्माण के ड्राईंग/डिजाईन में परिवर्तन करने का अधिकार सी एम ओ नगर पालिका/ए ई/उपयंत्री/मानीटरिंग अधिकारी सी एल मरकाम एस डी ओ जल संसाधन/ठेकेदार एस सी नागपाल को है/था? क्या बोधी से नियमानुसार अनुमति ली गई? शासन उक्त ड्राईंग/डिजाईन के परिवर्तन के लिये किस किस को (नाम/पदनाम दे) दोषी मानता है? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित निविदा के निरस्तीकरण के पश्चात नई निविदा कब-कब जारी हुई? उक्त निविदाओ में कितने व कौन-कौन निविदाकारों ने निविदा भरी? निरस्त निविदा की कौन कौन सी शर्तों/दरें नई निविदा में बदली गई? बिन्दुवार विवरण दें? निविदा के कार्यादेश के बाद नई निविदा/निविदाकार ने बोधी से ड्राईंग/डिजाईन की नियमानुसार अनुमति ली? क्या यह नियमानुसार अत्यावश्यक था? शासन किस किस नाम/पदनाम के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना अंतर्गत हरदौली जलाशय के डूब क्षेत्र बांध निर्माण हेतु मौजा हरदौली, चैनपुर, थांवरिया एवं खरसाली की निजी भूमि एवं सम्पति के भू-अर्जन के प्रस्ताव निकाय के पत्र क्रमांक/न.पा./ UIDSSMT/भू-अर्जन/2012/1892 मुलताई, दिनांक 14.12.2012 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई को प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे। भू-अधिग्रहण से संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। चूंकि भू-अर्जन की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई कार्यालय में प्रचलित थी। अत: अधिकारियों का निलंबन या विभागीय जाँच की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। बोधी जल संसाधन द्वारा पत्र क्रमांक 82 दिनांक 22.02.2014 से बांध निर्माण कार्य की डिजाईन ड्रॉईंग अनुमोदित की गई थी। स्वीकृत पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं। डिजाईन-ड्रॉईंग का अनुमोदन संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./07/2019/7614 दिनांक 26.07.2019 से कराया गया। अनुमोदित डिजाईन-ड्रॉईंग अनुसार कार्य कराया गया है, अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। निरस्त एवं नवीन निविदाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। शेष जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।
अवार्ड पारित होने के बाद भी भुगतान नहीं होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 4764 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास (म.प्र.) भोपाल के द्वारा पारित अवार्ड क्र. 14429 दिनांक 27.12.2019 राशि 1,30,79,153 = 00 (शब्दों में एक करोड़ तीस लाख उन्यासी हजार एक सौ तिरपन रू.) का भुगतान क्या नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल के द्वारा प्रश्न तिथि तक किया गया है? अगर नहीं तो क्यों? नियमों का उल्लेख करें। क्या उक्त अवार्ड घोषित होने के बाद नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल भुगतान करने के लिये बाध्य है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पारित अवार्ड का भुगतान प्रश्नतिथि तक नहीं करने वाले किस नाम/पदनाम पर राज्य शासन कब व क्या कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? (ग) उक्त नगर पालिका के द्वारा जलावर्धन हरदोली निर्माण पी एच ई कम्पोनेंट ठेकेदार एस.के. लोखण्डे की निविदा को सी एम ओ द्वारा निरस्त करने पर आर्बिटेशन कंडिका जी सी सी - 17 क्लेम आवेदन क्या अधीक्षण यंत्री के कार्यालय में किस दिनांक से लंबित है? क्या प्रश्नतिथि तक उक्त क्लेम आवेदन पर निर्णय लिया जा चुका है? अगर नहीं तो? कारण दें। नियमों की एक प्रति दें। कब तक निर्णय लिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रकरण में ठेकेदार द्वारा कुल कितनी राशि का क्लेम प्रस्तुत किया है? उक्त लंबित देयकों का भुगतान कब तक किया जायेगा? अगर भुगतान हो गया है तो जारी आदेशों का क्रमांक दिनांक दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। अपीलीय अधिकारी प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 14429 भोपाल, दिनांक 27.12.2019 के द्वारा पारित आदेश दिनांक 27.12.2019 से ''Claim for payment of work executed but not paid/incomeplete final bill Amount of claim on the count Rs. 1,30,79,153.00 के संबंध में निर्देशित किया गया है कि कार्य के वास्तविक माप अनुसार कटौत्रा उपरान्त भुगतान किये जाने का निर्णय दिया जाकर शेष क्लेम्स निरस्त किए गए है'' निकाय द्वारा अनुबंध निरस्ती के समय संयुक्त माप दिनांक 21.08.2018 को रिकार्ड किये गये थे, जिसके अनुसार इनकम्पलीट फाइनल बिल राशि रू. 4,13,453/- का तैयार किया गया, जिससे यह स्पष्ट है कि ठेकेदार मेसर्स एस.के.लोखण्डे के हित में उक्त दर्शित राशि रू. 1,30,79,153.00 का कोई अवार्ड पारित नहीं किया गया है, इस कारण ठेकेदार द्वारा की जा रहीं मांग का कोई औचित्य नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) हरदौली जल आवर्धन योजना के पीएचई घटक कार्य के ठेकेदार मेसर्स एस.के.लोखण्डे का ठेका निरस्ती उपरान्त ठेकेदार द्वारा पत्र क्रमांक 001/sep/2019 दिनांक 12.09.2019 से अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के समक्ष अनुबंध की कंडिका 17 के अंतर्गत अपील प्रस्तुत की गई है। जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नियमों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ठेकेदार द्वारा राशि रू. 6,02,28,509.00 का क्लेम प्रस्तुत किया गया है। अपील की सुनवाई उपरांत अपीलीय अधिकारी द्वारा पारित निर्णय के आलोक में आगामी कार्यवाही प्रस्तावित किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अमृत योजना में किये जा रहे कार्य की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 4786 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर शहर में अमृत योजना के अन्तर्गत सीवर एवं पेयजल के कार्य में उपयोग किए गए खनिज मटेरियल पर कंपनी के रनिंग बिलों से कितनी रॉयल्टी राशि वसूल की गई है? यदि रॉयल्टी वसूल नहीं की गई है, तो जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) ग्वालियर शहर में अमृत योजना के तहत सीवर एवं पेयजल के लिए लाइन खुदाई के दौरान हार्ड रॉक कटिंग को लेकर क्या नियम बनाए गए थे? उक्त खुदाई में निकले हार्ड रॉक की नीलामी की क्या प्रक्रिया थी? यदि नीलामी की गई है तो उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ग) ग्वालियर शहर में अमृत योजना के अन्तर्गत सीवर एवं पेयजल लाइन के लिए कुल कितने किलोमीटर सड़क की खुदाई का प्रावधान किया गया था? खुदाई के पश्चात सड़क को पुनः रिस्टोर करने के संबंध में क्या प्रावधान किए गए थे? प्रश्न दिनांक तक कितने कि.मी. खुदाई की गई एवं सड़क रेस्टोरेशन कितने कि.मी. किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर शहर में अमृत योजना अंतर्गत सीवर एवं जल प्रदाय में उपयोग किये गये खनिज मटेरियल पर कंपनी के रनिंग बिलों से राशि रू. 2,42,61,634.34 रॉयल्टी के रूप में वसूल की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) हार्ड रॉक कटिंग के लिये अनुबंध का प्रावधान संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध में खुदाई में निकली हार्ड रॉक की नीलामी की कोई प्रक्रिया नहीं है। अनुबंधित चारों फर्मों को खुदाई के दौरान निकली हुई हार्ड रॉक को रू. 200/- प्रतिघन मीटर की दर पर पुन: उपयोग किया जाना बंधनकारी है। नीलामी की कार्यवाही नहीं की गई है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्वालियर शहर में अमृत परियोजना के अंतर्गत सीवर एवं जलप्रदाय लाईन के लिये कुल 1134.25 किमी. सड़क खुदाई का प्रावधान किया गया था। अमृत सीवरेज एवं जलप्रदाय के तहत खुदाई के पश्चात सड़क को पुन: रिस्टोर के संबंध में संपादित अनुबंध के अनुसार सड़क को पूर्व की अवस्था अनुसार रेस्टोरेशन करने का प्रावधान है। प्रश्न दिनांक तक अमृत योजना में 998.03 किमी. खुदाई की गई तथा रोड रेस्टोरेशन 967.77 किमी. किया गया। शेष 30.36 किमी. रोड रेस्टोरेशन का कार्य प्रगति पर है।
स्मार्ट सिटी परियोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 4819 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर के संदंर्भ में स्मार्ट सिटी परियोजना के गठन के उद्देश्य क्या थे? परियोजना अनुसार ग्वालियर में कार्यों की प्राथमिकता तय करने का मापदण्ड किस आधार पर तय किया गया? (ख) इसके गठन से लेकर आज तक इसकी योजना में क्या-क्या परिवर्तन हुए हैं? (ग) वर्तमान में स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत कितने लक्ष्यों की प्राप्ति हुई है एवं कार्य पूर्ण दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों ने उसका लाभ प्राप्त किया हैं? (घ) उक्त परियोजना के अन्तर्गत ग्वालियर में पब्लिक बाईक शेयरिंग में कुल कितनी साईकिलें शुरू की गईं एवं उक्त परियोजना के अन्तर्गत ग्वालियर में इस सुविधा पर कुल कितना खर्च आया एवं अब तक प्राप्त आय कितनी है? वर्तमान में इस योजना की धरातल पर वास्तविक स्थिति क्या है? क्या साईकिल चलाने के लिये शहर में कोई अलग से साईकिल ट्रेक बनाया गया था? यदि हाँ, तो उसकी वर्तमान में स्थिति क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी गठन का उद्देश्य क्षेत्र आधारित विकास, नगर सुधार (रेट्रोफिटिंग) नगर नवीनीकरण (पुनर्विकास) और विस्तार के साथ-साथ पैन-सिटी प्रयास, जिसमें शहर के अधिकांश भाग को शामिल करते हुये सुव्यवस्थित समाधान (स्मार्ट सोल्युशन) के कार्य किये जाना सम्मिलित है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत प्रेस एंड होर्डिंग, इवेन्टस, पब्लिक कंसल्टेशन, माय गवर्नमेंट वेबसाईट फेसबुक, व्हाट्सएप, प्रश्नोत्तरी, मोहल्ला सभा जैसे माध्यमों से स्मार्ट सिटी प्रपोजल की संरचना तैयार कर कार्यों की प्राथमिकता-मापदंड तय किया गया है। (ख) ग्वालियर स्मार्ट सिटी के गठन से लेकर आज तक इसकी योजना में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। (ग) ग्वालियर स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत 16 लक्ष्यों की प्राप्ति हुयी है। लक्ष्यों का स्वरूप भिन्न-भिन्न होने से लक्ष्य पूर्ण उपरांत संचालन संबंधी मापदंडों के अंतर्गत शहर के नागरिकों दवारा लक्ष्य कार्य पूर्ण दिनांक से प्रश्न दिनांक तक लाभ प्राप्त किया गया है। मापदण्ड में लाभार्थियों की गणना संबंधी प्रावधान नहीं होने से उक्त अवधि में लाभ प्राप्त करने वालों की संख्या दी जाना संभव नहीं है। प्राप्त लक्ष्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) परियोजना अंतर्गत ग्वालियर शहर में पब्लिक बाईक शेयरिंग अंतर्गत 500 साईकिलों का संचालन शुरू किया गया है। इस योजना पर राशि रू. 2.48 करोड़ का व्यय ग्वालियर स्मार्ट सिटी के द्वारा किया गया है। उक्त परियोजना Vaibility Gap Funding (VGF) with grant based आधारित होने से आय का हक़ वेंडर का है, जिसका ब्यौरा वेंडर द्वारा रखा जाता है। प्रश्न दिनांक तक 2, 30, 923 बार साईकिल चलायी गयी है, वर्तमान में योजना गतिशील है। जिसका नागरिकों द्वारा लाभ प्राप्त किया जा रहा है। साईकिल चलाने के लिये शहर में पृथक से साईकल ट्रैक नहीं बनाया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
गंधवानी विधानसभा में 24 घंटे विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 4832 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार की किस योजना अंतर्गत गाँव एवं फलियों में 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान है? गाईड-लाईन उपलब्ध करावें। (ख) गंधवानी विधानसभा में कितने गाँव एवं फलिये हैं? 24 घंटे बिजली कितने गाँव एवं फलियों में दी जा रही है? गाँववार एवं फलियेवार सूची उपलब्ध करावे और यदि नहीं दी जा रही है तो कितने गाँव एवं फलियों में 24 घंटे बिजली नहीं दी जा रही है? फलियों के नाम सहित जानकारी देवें एवं शेष गाँव एवं फलिया में 24 घंटे बिजली कब तक दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई 2010 को विधानसभा में संकल्प 2013 पारित किया गया था जिसके तहत कृषि प्रयोजन हेतु 8 घंटे (वर्तमान में राज्य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) तथा अन्य प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। संकल्प 2013 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 286 राजस्व ग्राम एवं उनके चिन्हित कुल 1345 फलिये/मजरे है। उपरोक्त समस्त 286 राजस्व ग्रामों को आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे एवं कुल 1345 फलियों/मजरों में से 1291 फलियों/मजरों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी ग्रामवार/मजरेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। शेष 54 फलियों/मजरों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है जिसकी ग्रामवार/मजरेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। इन फलियों/मजरों में वर्तमान में कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण हेतु कोई योजना संचालित नहीं है। यदि भविष्य में कोई नवीन योजना प्रारंभ की जाती है तो उसके प्रावधान के अंतर्गत उक्त 54 फलियों/मजरों में तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुरूप 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु विद्युत अद्योसंरचना का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
धोखाधड़ी-जालसाजी के प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
100. ( क्र. 4846 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनुपपुर अंतर्गत 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण धोखाधड़ी- जालसाजी के किन-किन थानों में दर्ज किये गये? अपराध क्रमांकवार दिनांक व धाराओं का उल्लेख करते हुए थानावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंजीबद्ध अपराध से प्रश्न दिनांक तक किन-किन प्रकरणों में चालान पेश किया गया? जिन प्रकरणों में चालान पेश नहीं हो पाया उसके क्या कारण रहे तथा क्या चालान प्रस्तुत करने में विधि विभाग से आवश्यक परामर्श किया गया है? जिन अपराधों में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया उनके प्रकरण क्रमांक अपराधियों के नाम पते, आरोपित धारा सहित जानकारी उपलब्ध करावे तथा कब तक चालान प्रस्तुत कर दिया जायेगा? (ग) क्या कुछ ऐसे भी प्रकरण पंजीबद्ध हैं जिन्हें उच्च न्यायालय से राहत प्रदान की गई है? उसकी जानकारी भी उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
वृद्धों को नगरीय सीमा से बाहर छोड़ने के प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 4868 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर में जनवरी 2021 में वृद्धों को नगरीय सीमा से बाहर छोड़ने के प्रकरण में क्या जाँच पूर्ण हो गयी है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें। (ख) इस जाँच में जो दोषी पाए गए हैं उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) अनुसार अब तक कितने वृद्ध लापता हैं? उन्हें ढूंढने के अब तक क्या प्रयास किए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दोषी पाये गये उपायुक्त श्री प्रताप सिंह सोलंकी प्रभारी रैनबसेरा को निलंबित किया जाकर इनका मुख्यालय संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल नियत किया गया है। इसी प्रकार उपरोक्तानुसार दोषी पाये गये 08 कर्मचारी श्री ब्रजेश सोलंकी, श्री विश्वास बाजपेयी, श्री जीतेन्द्र तिवारी, श्री अनिकेत कारोले, श्री राज परमार, श्री गजानंद मेघवंशी, श्री राजेश चौहान तथा श्री सुनील सुरागे को निगम कार्य/हाजरी से मुक्त करते हुए सेवा से पृथक किया गया। (ग) घटना में निगम वाहन से शिप्रा/देवास ले जाये गये सभी 06 व्यक्तियों (वृद्ध/बेसहारा) को इन्दौर वापस लाया गया, इनमें से 01 व्यक्ति बेस्ट प्राईज बायपास पर स्वयं अनुरोध कर उतर गया तथा 02 व्यक्ति रोबोट चौराहा, रिंगरोड पर स्वयं अनुरोध कर चले गये। शेष 03 व्यक्तियों को टी.बी. हॉस्पीटल परिसर स्थित रैनबसेरा में लाया गया। लापता होने का प्रश्न नहीं है।
अवैध शराब/पैकारी के प्रकरण
[गृह]
102. ( क्र. 4881 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक किन-किन थानों एवं चौकियों में अवैध शराब/पैकारी के प्रकरण संज्ञान में आये? उनमें कितने 34 (क) एवं कितने 34 (ख) में पंजीबद्ध किये गये? पंजीबद्ध प्रकरणों की संख्यात्मक जानकारी थाना/चौकी के विवरण सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या विभाग अवैध शराब/पैकारी के कारण हो रहे अपराधों में वृद्धि के कारण समाज में आए दिन घटित अपराधों को रोकने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में जिले में अब तक शराब माफियाओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अवैध शराब/पैकारी के कारण अपराधों में वृद्धि नहीं हो रही है। (ग) अवैध शराब के कुल 5234 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
अपराध कायमी में विलंब
[गृह]
103. ( क्र. 4918 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना नागदा जं. जिला उज्जैन के अपराध क्रमांक 64/2021 दिनांक 11/02/2021 धारा 420, 409, 34 में ICICI बैंक के किन-किन अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) इनके द्वारा गबन की राशि की वसूली कब तक की जाएगी? कब तक इनकी गिरफ्तारी होगी? (ग) थाना झारड़ा जिला उज्जैन के अपराध क्रमांक 38/2021 दिनांक 15/02/2021 धारा 302, 294 में प्रारंभ में एक ही आरोपी बनाया गया बाद में दो अन्य आरोपी बनाए गए पहली बार में ही तीन आरोपी क्या नहीं बनाए गए? अपराध कायम करने में विलंब किस कारण से हुआ? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार ऐसा करने के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना नागदा जिला उज्जैन पर दिनांक 11.02.2021 को अप.क्र. 64/21 धारा 420, 409, 34 भा.द.वि. का आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के कर्मचारी आरोपी दिलीप व्यास पिता प्रहलाद व्यास निवासी बनबना थाना नागदा व अन्य आरोपीगण के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। (ख) प्रकरण की विवेचना में आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के मुख्य आरोपी 1. दिलीप व्यास पिता प्रहलाद व्यास निवासी बनबना थाना नागदा, 2. बैंक मैनेजर, वैभव बढेरा पिता ओमप्रकाश बढेरा निवासी वेदनगर उज्जैन थाना नानाखेड़ा, 3. डिप्टी बैंक मैनेजर, सिद्धूलाल राठौर निवासी खंजरपुर थाना सारंगपुर जिला राजगढ़, 4. केशियर, सुशील पिता रामगोपाल मीणा निवासी शिवलोक खजूरीकला पिपलानी भोपाल, 5. कंज्यूमर सर्विस आफिसर, अंकित पिता रमेश कपूर निवासी कृष्ण परिसर थाना नानाखेड़ा उज्जैन, 6. यशराजसिंह सोलंकी पिता किशोर सोलंकी निवासी राजपूत मोहल्ला नरवर जिला उज्जैन को दिनांक 18.02.2021 को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से नगदी कुल 18, 95, 000 रूपये एवं 2 वाहन जिनकी कीमत 19, 10, 000 रूपये है, जप्त किये गये हैं। प्रकरण की विवेचना जारी है। (ग) फरियादी प्रभुनाथ पिता दरियाव नाथ जाति बाबाजी निवासी खर्डिया मानपुर द्वारा दिनांक 15.02.2021 को थाना झारडा जिला उज्जैन पर आकर स्वयं रिपोर्ट लिखाई कि उसके भतीजे ललित को खेत के सेड़े से निकलने की बात को लेकर प्रातः 10.00 बजे सुरेश सिंह उर्फ सुरे सिंह पिता प्रभु सिंह जाति सौंधिया उम्र 21 साल निवासी खर्डिया मानपुर द्वारा मारपीट की गई है। फरियादी के स्वयं के लिखाने पर थाना झारडा पर आरोपी सुरेश सिंह उर्फ सुरे सिंह के विरूद्ध तत्काल ही दिनांक 15.02.2021 को 12.37 बजे अप.क्र. 38/21 धारा 302, 294 भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया गया है। अपराध कायम करने में विलम्ब नहीं हुआ है। प्रकरण की विवेचना में आई साक्ष्य के आधार पर दो अन्य आरोपी बनाये गये हैं। (घ) प्रकरण में विधि सम्मत त्वरित कार्यवाही की गई है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
न्यायालयीन प्रकरणों के संबंध में
[विधि और विधायी कार्य]
104. ( क्र. 4919 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजेश कुमार पिता बाबूलाल जैन के विरूद्ध न्यायालय श्रीमान व्यवहार न्यायाधीश महोदय, वर्ग 2 महिदपुर जिला उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 128 अ/2014 में प्रश्न दिनांक तक कितनी तारीखें लगीं? (ख) इनमें कितनी तारीखों में शासकीय वकील अनुपस्थित थे? तारीखवार कारण सहित बतावें। (ग) मनोज कुमार पिता रमेशचंद्र जैन के विरूद्ध न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश महोदय वर्ग-2 महिदपुर जिला उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 127 अ/2014 के प्रकरण में भी प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जानकारी देवें। (घ) कब तक इन प्रकरणों के निराकरण किए जाएंगे? इनकी तारीखों में विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण क्रमांक 128 अ/2014 में प्रश्न दिनांक तक 80 तारीखें लगी। (ख) प्रकरण क्रमांक 128 अ/2014 में शासकीय वकील किसी भी तारीख पर अनुपस्थित नहीं रहे। (ग) प्रकरण क्रमांक 127 अ/2014 में प्रश्न दिनांक तक 62 तारीखें लगी। प्रकरण क्रमांक 127 अ/2014 में शासकीय वकील किसी भी तारीख पर अनुपस्थित नहीं रहे। (घ) प्रकरण बादी साक्ष्य के स्तर पर है और शीघ्र सुनवाई की जा रही है। शीघ्र ही निराकरण कर दिया जाएगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सम्पत्ति कर का निर्धारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 4979 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय निकायों में 1 अप्रैल 2021 से सम्पत्ति कर का निर्धारण कलेक्टर गाइड-लाइन से किये जाने का नोटिफिकेशन शासन द्वारा राजपत्र में प्रकाशित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रक्रिया को लागू करने के पूर्व शासन ने कोई सर्वे या आंकलन इस बात का भी कराया है कि नई व्यवस्था से पुरानी व्यवस्था की तुलना में कितना प्रतिशत सम्पत्ति कर का अधिक भार आम नागरिकों पर पड़ेगा? (ख) क्या कोरोनाकाल के बाद एवं प्रदेश में व्याप्त आर्थिक संकट से जूझ रहे नागरिकों पर इस तरह से करों का बोझ डालना उचित है? (ग) सम्पत्ति कर को कलेक्टर गाइड-लाइन से जोड़ने में कितना प्रतिशत तक की वृद्धि की जाएगी? इस संबंध में कोई सीमा शासन द्वारा तय की गई है? (घ) क्या शासन जनहित में नगरीय निकायों में सम्पत्ति कर की वृद्धि के लिए पुरानी व्यवस्था को ही यथावत रखने पर विचार करेगा तथा नगरीय निकायों में निवासरत नागरिकों के हित में सम्पत्ति कर का निर्धारण कलेक्टर गाइड-लाइन से निर्धारित करने का प्रस्ताव रदद् करवायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान परिवेश में प्रदेश के नगरों में आधुनिक अधोसरंचना के विकास कार्यों हेतु वित्तीय व्यवस्था की आवश्यकता होती है जिससे नगरीय निकाय नागरिकों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराते हैं। मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 46, भोपाल, दिनांक 13 नवम्बर, 2020 के द्वारा प्रकाशित मध्यप्रदेश नगर पालिका (भवनों एवं भूमियों को कर योग्य सम्पत्ति मूल्य का निर्धारण) नियम, 2020 अनुसार कर योग्य सम्पत्ति मूल्य की गणना में प्रचलित दर की तुलना में न्यूनतम 0 से 10 प्रतिशत तक की ही वृद्धि होगी। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) इस नियम के अन्तर्गत सम्पत्ति कर की दरों में कोई भी वृद्धि नहीं की गई है, अपितु कर योग्य सम्पत्ति मूल्य का निर्धारण कलेक्टर गाइड-लाइन के आधार पर किया जाना प्रावधानित किया गया है। अधिकतम वृद्धि की सीमा 10 प्रतिशत नियत की गई है। (घ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मनावर नगरपालिका की अवैध कॉलोनी
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 4986 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कितने कॉलोनाईजर/बिल्डर द्वारा नगरपालिका अधिनियम 1961 के अध्याय 12 की धारा 339 (क) के अंतर्गत कॉलोनी या भवन निर्माण का रजिस्ट्रीकरण मनावर नगरपालिका में करवाया गया है? कितने कॉलोनाईजर/बिल्डर को नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (ख) के अंतर्गत कॉलोनी या भवन निर्माण का रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र जारी किया गया है? (ख) मनावर नगरपालिका में कितने कॉलोनाईजर/बिल्डर को नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (ग) के अंतर्गत अवैध कॉलोनी या भवन निर्माण के लिए अपराध पंजीबद्ध कर दण्डित किया गया है? कितने कॉलोनाईजर/बिल्डर को नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (घ) के अंतर्गत भूमि के अवैध व्यपवर्तन या अवैध कॉलोनी निर्माण के अपराध का दुष्प्रेरण करने के लिए दण्डित किया गया है? (ग) मनावर नगरपालिका में कितने कॉलोनाईजर/बिल्डर को नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (घक) के अंतर्गत भूमि के अवैध व्यपवर्तन के कृत में सहयुक्त व्यक्तियों के विरुद्ध शिकायत, प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी है? (घ) मनावर नगरपालिका में कितनी अवैध कॉलोनी का प्रबंध सक्षम प्राधिकारी द्वारा नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (ङ) के अंतर्गत ग्रहण किया गया है? (ङ) मनावर नगरपालिका में कितनी अवैध कॉलोनी निर्माण वाली भूमि का अधिकरण नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (च) के अंतर्गत किया गया है? (च) मनावर नगरपालिका में कितने अधिकारियों को अवैध कॉलोनी निर्माण के विरुद्ध कार्यवाही न करने के नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (छ) के अंतर्गत दण्डित किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका, मनावर क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 339-क के तहत 14 कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण एवं 339-ख के तहत 12 कॉलोनी में विकास कार्य की अनुमति का प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मनावर एवं कलेक्टर जिला-धार द्वारा म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया। (ख) मनावर नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए अधिनियम की धारा 339-ग के तहत किसी भी कॉलोनाईजर या व्यक्ति के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर दण्डित नहीं किया गया है। अधिनियम की धारा 339-घ के तहत भूमि के अवैध व्यपवर्तन या अवैध कॉलोनी निर्माण के अपराध का दुष्प्रेरण करने के लिए किसी भी व्यक्ति को दण्डित नहीं किया गया है। (ग) अधिनियम की धारा 339-घक के तहत अवैध व्यपवर्तन के कृत्य में सहयुक्त व्यक्तियों के विरूद्ध शिकायत या एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई। (घ) नगरपालिका मनावर क्षेत्रान्तर्गत अधिनियम की धारा 339-ड. के तहत किसी भी अवैध कॉलोनी की भूमि का प्रबंधन ग्रहण नहीं किया गया है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) नगरपालिका मनावर क्षेत्रान्तर्गत अवैध कॉलोनी चिन्हित की जा रही है जिनके विरूद्ध नगरपालिका अधिनियम, 1961 के तहत कार्यवाही सर्वे उपरांत की जावेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चतुर्थ पे बैण्ड वेतनमान दिया जाना
[उच्च शिक्षा]
107. ( क्र. 4993 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत होने से तीन वर्ष अवधि पश्चात यू.जी.सी. के नियमानुसार स्वतः ही चतुर्थ पे बैण्ड की अधिकारी/कमचारी को पात्रता हो जाती है? यदि हाँ, तो शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुरैना में कितने अधिकारी पात्र हैं, जिन्हें प्रश्न दिनांक तक चतुर्थ पे बैण्ड नहीं दिया जा चुका है? विलम्ब के कारणों सहित अद्यतन जानकारी दी जा सकेगी। (ख) वर्ष 2014-15 से उक्त महाविद्यालय में कौन-कौन चतुर्थ पे बैण्ड के पात्र अधिकारी हैं और उन्हें कब तक चतुर्थ पे बैण्ड स्वीकृत कर दिया जायेगा? समय-सीमा निश्चत की जावेगी। (ग) सी.एम. हेल्पलाइन क्र. 8526235 दिनांक 12.06.2019 एवं 7922657 दिनांक 01.03.2019 का समय-सीमा में निराकरण कर दिया गया था? यदि हाँ, तो निराकृत आदेश की प्रतियां देवें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में चतुर्थ पे बैण्ड वेतनमान निराकरण हेतु सम्बंधितों एवं प्राचार्य द्वारा विभाग को वांछित जानकारी दस्तावेज समय-समय पर कई बार प्रेषित किये जा चुके हैं। उसके उपरांत भी प्रकरण निराकृत नहीं हो सका है, जिससे सम्बंधितों को आर्थिक हानि हो रही है। प्रकरण का निराकरण एवं बकाया वेतन राशि की गणना कब तक की जा सकेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 1. डॉ. आर.पी. सिंह, सहायक प्राध्यापक, वनस्पति शास्त्र, 2. श्री रणवीर सिंह सिकरवार, क्रीड़ा अधिकारी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है। (ग) जी हाँ। सी.एम. हेल्पलाईन क्रमांक 852635 दिनांक 12.06.2019, एल-3 द्वारा दिनांक 08.07.2019 को निराकृत किया गया एवं सी.एम. हेल्पलाईन क्रमांक 7922657 दिनांक 01.03.2019, एल-3 द्वारा दिनांक 15.03.2019 को निराकृत किया गया। (घ) निश्चित समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
बहुमंजिला भवनों के निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 4996 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम मुरैना द्वारा वर्ष 2016-2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बहुमंजिला भवनों की निर्माण हेतु अनुमति दी गई है और कितने भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और कितने निर्माणधीन हैं? स्थानवार क्षेत्रफल सहित भू-स्वामी की जानकारी दी जा सकेगी? (ख) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में दी गई अनुमति के वक्त क्या डायवर्सन, नजूल, एन.ओ.सी., टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग आदि दस्तावेजों का परीक्षण किया गया था? यदि नहीं, तो अनुमति हेतु निर्धारित नियमों का उल्लंघन क्यों किया गया है? (ग) नगर में पेयजल योजना में निगम द्वारा किस मानक स्तर के पाइपों का अनुमोदन किया गया था और पेयजल में उपयोग पाइपों को निर्धारित मानक स्तर का पाया गया या नहीं? (घ) निगम में उपयोग आने वाले केमीकल (फिनाइल, ऐसिड) की क्रय प्रक्रिया की जानकारी वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, म.प्र. भूमि विकास अधिनियम 2012 के प्रावधानों के अंतर्गत ही भवन निर्माण अनुमतियां जारी की गई हैं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिक निगम, मुरैना में पेयजल हेतु स्वीकृत योजना में, भारतीय मानक संस्थान द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार, पाइपों का प्रावधान किया गया है। पेयजल योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत वंचित हितग्राही
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 4998 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत नगरपालिका/नगर परिषद् में योजना के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं? कितने आवासों का निमार्ण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने आवास क्या अपूर्ण हैं? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूर्व में स्वीकृत सूची से वंचित हितग्राहियों की वर्तमान में नगरपालिका/नगर परिषद् द्वारा ऑनलाइन प्रस्तावित किये गये नामों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना की सर्वे सूची में एक कच्चा कमरा, दो कच्चे कमरों वाले व्यक्तियों की संख्या उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त योजना के तहत अपूर्ण निर्माण कार्य शासन स्तर से द्वितीय किश्त की राशि लगभग एक वर्ष अधिक समय हो जाने के बाद भी प्राप्त न होने के कारण अपूर्ण है? यदि हाँ, तो बतावें कि संबंधित हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि कब तक प्राप्त हो जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत नगर परिषद् बरघाट एवं लखनादोन में पूर्व में स्वीकृत कोई भी हितग्राही वंचित नहीं है। नगर पालिका सिवनी के 162 हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जिले के समस्त निकायों को अभी तक मुक्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। योजनांतर्गत हितग्राही द्वारा अपने भवन का स्वयं निर्माण किया जाता है। योजना की भौतिक प्रगति एवं जिओ-टैगिंग के आधार पर योजनांतर्गत राशि उपलब्ध कराई जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय वाहनों को ईधन प्रदाय हेतु खोले गये पेट्रोल पंप
[गृह]
110. ( क्र. 5004 ) श्री राकेश गिरि : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गृह विभाग के अधीन नगर सेना के नियंत्रण में टीकमगढ़ जिला मुख्यालय पर शासकीय वाहनों को डीजल/पेट्रोल प्रदाय करने हेतु पेट्रोल पंप खोला गया है? यदि हाँ, तो पेट्रोल पंप की स्थापना तिथि एवं स्थान का नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या वर्तमान में पेट्रोल पंप चालू है? यदि हाँ, तो 01.04.2020 से 31.08.2020 तक कोरोना महामारी काल में कितने लीटर डीजल/पेट्रोल की खपत हुई? माहवार विवरण दें। यदि नहीं, तो बंद होने के क्या कारण हैं? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पेट्रोल पंप स्थापना तिथि के पश्चात कब तक चालू रहा? समयावधि तथा डीजल/पेट्रोल की खपत का माहवार ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार पेट्रोल पंप कब तक पुनः चालू कर दिया जायेगा? क्या आम उपभोक्ताओं को शासकीय दर पर इस पंप से ईधन दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, होमगार्ड पेट्रोल पंप जिला टीकमगढ़ में स्थापना दिनांक 13.02.2016 को हुई, जो होमगार्ड कार्यालय परिसर टीकमगढ में खोला गया था। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गबन एवं अनियमितता के कारण पेट्रोल पंप बंद किया गया है, इसके लिये श्रीमती संगीता शाक्य, तत्कालीन डिवीजन कमाण्डेंट, होमगार्ड सागर एवं श्री विनय कैथवास, तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट कमाण्डेंट, होमगार्ड, टीकमगढ़ तथा श्री धमेन्द्र कुमार, तत्कालीन ए.एस.आई. के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। साथ ही श्री विनय कैथवास एवं श्री धर्मेन्द्र कुमार के विरूद्ध थाना कोतवाली टीकमगढ़ में अपराध क्रमांक-244/18 धारा-420, 406, 409 ता.हि. 3 (1) डी पंजीबद्ध किया गया है। (ग) होमगार्ड पेट्रोल पंप जिला टीकमगढ़ में स्थापना तिथि दिनांक 13.02.2016 से 28.08.2017 तक चालू रहा है। माहवार ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पेट्रोल पंप चालू किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑपरेटर, तकनीकी, ट्रेडमैन, जी.डी. के पदों की वरिष्ठता सूची
[गृह]
111. ( क्र. 5005 ) श्री राकेश गिरि : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विभाग के अन्तर्गत रेडियो संवर्ग में कार्य आधारित कितने ट्रेड प्रचलित हैं? संवर्गों में कार्यरत सेवकों की पदोन्नति के क्या नियम हैं? प्रति दें। क्या महानिदेशक की अनुमति के बगैर संवर्ग सेवकों की वरिष्ठता सूची जारी की जा सकती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या दूरसंचार संगठन में ऑपरेटर/तकनीकी/ट्रेडमैन/जी.डी. की वर्ष 2018 में संयुक्त वरिष्ठता सूची पुलिस महानिदेशक की अनुमति के बगैर जारी की गई है? यदि हाँ, तो ट्रेडवार सेवकों को एकत्र करने से विभाग को क्या लाभ हुआ? संयुक्त वरिष्ठता सूची जारी करने से क्या ट्रेडवार सेवकों की वरिष्ठता प्रभावित हुई है? यदि हाँ, तो, ट्रेडवार सेवकों को वरिष्ठता का लाभ कैसे प्राप्त होगा, ताकि उनसे कनिष्ठ, वरिष्ठता में दर्ज न हो जाये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, जारी सूची के प्रत्येक ट्रेड के सेवकों की प्रवर्गवार वरिष्ठता के विरूद्ध संयुक्त सूची में कनिष्ठ दर्शाने के लिये कौन जिम्मेवार है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार, ट्रेडवार सेवकों को उनकी मूल वरिष्ठता के क्रम में कैसे पदोन्नत किया जायेगा? वर्ष 2010 से 2015 तक स्वीकृत पदों को विभिन्न संवर्गों में आवंटन के बाद आदेश को निरस्त कर सभी पद महानिदेशक/शासन की अनुमति के बगैर तकनीकी संवर्ग को क्यों आवंटित किये गये? इसके लिये दोषी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गृह विभाग अंतर्गत रेडियो संवर्ग में कार्य आधारित रेडियो संवर्ग ही ट्रेड प्रचलित है, पदोन्नति हेतु जी.ओ.पी. प्रस्ताव पत्र क्रमांक पुदुसंसं/स्था/डी-686/2017 दिनांक 03.06.2016 द्वारा पुलिस मुख्यालय से विभाग को प्राप्त हुआ था। किंतु वर्ष 2016 से माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पदोन्नति पर रोक लगाये जाने से पदोन्नति पर रोक होने से उक्त प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को वापस किया गया पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, उप निरीक्षक हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक एवं निरीक्षक हेतु पुलिस महानिरीक्षक वरिष्ठता सूची जारी हेतु सक्षम अधिकारी है। (ख) जी नहीं। ट्रेडवार सेवकों को एकीकरण से, दूरसंचार के क्षेत्र में आयी नवीन तकनीकी क्रांति एवं परिवर्तन के कारण शाखा के अनुपयोगी/कम उपयोगी रह गये बल का विभागीय हित में अनुकूलतम उपयोग होगा। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) वर्तमान में म.प्र. शासन द्वारा अपने आदेश दिनांक 19.09.2016 द्वारा पदोन्नति पर रोक लगाई गई है। जी नहीं, वर्ष 2010 से वर्ष 2015 के मध्य राज्य शासन द्वारा जारी समस्त पदों की स्वीकृतियां ''रेडियो संवर्ग'' हेतु जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन विकास कार्यों के मापदण्ड
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 5008 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी क्षेत्रों में नवीन विकास कार्यों (खम्भे एवं ट्रांसफार्मर) के क्या मापदण्ड हैं? मेन्टीनेन्स कार्य का बजट/प्रावधान एवं नियम क्या है? क्या आकस्मिक कार्य के लिए रिजर्व बजट की व्यवस्था है? यदि है, तो वार्षिक बजट कितना है? (ख) क्या सतना जिले के शहरी क्षेत्रों में कई वर्षों से टी.सी. कनेक्शनधारियों को घरेलू कनेक्शन नहीं दिए जाने के लिए स्थानीय स्तर पर अधिकारियों द्वारा नियमों का हवाला देकर नवीन स्थायी कनेक्शन दिए जाने से रोका जाता है तो क्या टी.सी. कनेक्शनधारियों को स्थायी घरेलू कनेक्शन देने की व्यवस्था नहीं की जाएगी? यदि की जावेगी तो कब तक? (ग) क्या शहरी क्षेत्रों में हाईटेंशन तार (11kv/33kv) जो विकास कार्यों में अवरोध का कारण बनते हैं, तो क्या जरुरत के हिसाब से हटाए जा सकते हैं या नहीं? सतना जिले में विगत वर्ष में हाईटेंशन तार के कारण कई गम्भीर दुर्घटनाएं हुई, तो क्या इसके लिए विशेष पैकेज दिए जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या सरकार की आगामी समय में इस समस्या को लेकर कोई योजना है? यदि कोई प्रावधान है तो अभी तक किये गये कार्यों व दी गयी मदद की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत प्रणाली पर भार एवं भविष्य में होने वाली भार वृद्धि के दृष्टिगत मूल्यांकन कर तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता अनुसार विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्य किये जाते हैं। मेंटेनेंस का बजट/प्रावधान, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ में प्रावधान अनुसार कुल स्थाई संपत्ति (Opening GFA) का 2.3 प्रतिशत प्रावधानित है। उपभोक्ताओं को सतत् रूप से अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विद्युत अधोसंरचना के मेंटेनेन्स की कार्यवाही को अब पूरे वर्ष चलायमान रखने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें विभिन्न फीडरों पर फॉल्ट/ट्रिपिंग आदि के दृष्टिगत फीडरों को चार समूहों में विभक्त कर वर्ष भर मेंटेनेन्स का कार्य किया जा रहा है। आकस्मिक कार्य हेतु बजट की व्यवस्था मेंटेनेन्स के बजट/मद में ही शामिल रहती है। वर्ष 2020-21 में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर अंतर्गत मेंटेनेन्स हेतु कुल राशि रूपये 205.20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (ख) जी नहीं, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के अनुसार घरेलू विद्युत कनेक्शन के आवेदक का परिसर निकटस्थ एल.टी. लाईन से 45 मीटर की परिधि में अवस्थित होने पर आवेदक द्वारा आवश्यक राशि जमा करने सहित नियमानुसार समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरांत स्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन लिया जा सकता है। अत: समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, समय-समय पर सड़क चौड़ीकरण, सड़क निर्माण आदि विकास कार्य पूर्व से स्थापित एवं ऊर्जीकृत हाई टेंशन (11 के.व्ही./33 के.व्ही.) विद्युत लाईनों के कारण बाधित होने पर नियमानुसार संबंधित एजेंसी/उपभोक्ता द्वारा वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में आवेदन देने के पश्चात, स्थल का सर्वे कराकर, डिपॉजिट योजना के तहत प्राक्कलन स्वीकृत कर, 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा कराकर ''अ'' श्रेणी ठेकेदार से एजेंसी/उपभोक्ता स्वयं उक्त विद्युत लाईनों की शिफ्टिंग का कार्य करा सकते हैं अथवा प्राक्कलन की संपूर्ण राशि एजेंसी/उपभोक्ता द्वारा कंपनी में जमा किये जाने पर वितरण कंपनी द्वारा कार्य स्वयं कराया जाता है। सतना जिले में विगत वर्ष 2020 में हाईटेंशन विद्युत लाईनों के कारण हुई विद्युत दुर्घटनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राजस्व विभाग, म.प्र. शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी., 6-4) की कंडिका-2, 5 (1) एवं 6 (1) जो कि क्रमश: दुर्घटना में पशु हानि होने पर, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। उक्त दुर्घटना में पात्र पाये गये प्रकरणों में नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि पीड़ित परिवार को प्रदान की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्तानुसार की गई/की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
मास्टर प्लान में आरक्षित भूमि का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 5009 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 53 के अनुसार अमोद-प्रमोद स्वीकार्य है परन्तु मास्टर प्लान में अमोद-प्रमोद के अन्तर्गत पेट्रोल पम्प स्वीकार्य नहीं है, क्यों? मास्टर प्लान के अमोद-प्रमोद अन्तर्गत कौन-कौन से उपयोगों की श्रेणी आती है। (ख) मास्टर प्लान में निजी भूमियों में प्रस्तावित उद्यानों, मार्गों एवं सार्वजनिक उपयोगों के लिए आरक्षित भूमि का क्रियान्वयन कितने वर्षों में किया गया है और प्रस्तावों का क्रियान्वयन कौन सी एजेन्सी द्वारा किया गया है? यदि मास्टर प्लान की अवधि तक क्रियान्वयन नहीं किया जाता तो भू-स्वामियों के लिए क्या प्रावधान है। (ग) क्या मास्टर प्लान में निजी भूमियां विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यों के लिए आरक्षित कर दी जाता है, जिनका शासन/संबंधित विभाग द्वारा क्रियान्वयन मास्टर प्लान की अवधि पूर्ण होने तक भी नहीं होता, जब निजी भू-स्वामी विकास/निर्माण कार्य की अनुमति विभाग से प्राप्त करने जाता है तो विभाग द्वारा मास्टर प्लान के प्रस्तावित उपयोगों का हवाला देते हुए मना कर दिया जाता है, ऐसी परिस्थितियों में भू-स्वामियों के प्रति शासन की क्या संवेदनाएं है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अंशतः हाँ, म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम 53 के अनुसार आमोद-प्रमोद उपयोग में ईंधन भराव केन्द्र स्वीकार्य है। विभिन्न विकास योजनाओं में कई भूमि उपयोग में नगर की आवश्यकता अनुरूप स्वीकृत एवं स्वीकार्य गतिविधियां रखी जाती है, जो मानक विकास योजना में दर्शित नहीं है, उनके लिये म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के प्रावधान आकर्षित होते हैं। नगर की विकास योजनाओं में आमोद-प्रमोद उपयोग के अन्तर्गत निम्न श्रेणियां आती हैं:- उद्यान, हरित क्षेत्र या उपरोक्त वर्णित क्षेत्र, क्षेत्रीय उद्यान (प्राणि शास्त्रीय या वनस्पति शास्त्रीय उद्यान) प्राकृतिक क्षेत्रों या भू-दृश्य क्षेत्रों का संरक्षण, खेल मैदान, स्टेडियम, झील के सामने का विकास, प्रदर्शनी मैदान। उपरोक्त के अतिरिक्त विकास योजनाओं में नगर विशेष की आवश्यकता अनुसार अन्य आमोद-प्रमोद उपयोग भी मान्य किये जा सकते है। (ख) विकास योजना में निजी भूमियों में प्रस्तावित उद्यानों, मार्गों एवं सार्वजनिक उपयोगों के लिये आरक्षित भूमि के क्रियान्वयन हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। इन प्रस्तावों का क्रियान्वयन विकास योजना की कालावधि तक नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में योजनाओं के पुनर्विलोकन एवं पुनरीक्षण संबंधी कार्यवाही की जाती है। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-35 के अन्तर्गत प्रावधान है, भू-स्वामी विकास योजना में अभिहित भूमि के आरक्षण को प्रारूप या अंतिम विकास योजना में से निकाल दिया जाने हेतु संचालक या राज्य सरकार से निवेदन कर सकेगा। (ग) विकास योजनाओं में नगर की आवश्यकता अनुसार भूमि उपयोग प्रस्तावित किये जाते हैं, जिसमें भूमि स्वामित्व संबंधी परीक्षण नहीं किया जाता है। यदि क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा क्रियान्वयन नहीं किया जाता है, तब निजी भूमि स्वामी अपनी भूमि पर विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग के अनुसार प्राप्त कर विकास/निर्माण कार्य कर सकता हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
114. ( क्र. 5016 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विषयांकित योजना कब शुरू की गई हैं? इस योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या विषयांकित योजना को अब तक मध्यप्रदेश में लागू नहीं किया गया है? सोलार पंपों को बढ़ावा देने तथा किसानों द्वारा सौर ऊर्जा के माध्यम से पैदा की गई बिजली को समीपस्थ विद्युत सब स्टेशन को देने जैसी किसानों के उत्थान के लिए लाई गई इस महत्तवपूर्ण योजना को लागू करने की दिशा में शासन ने कोई प्रयास क्यों नहीं किया तथा इस योजना को कब से प्रदेश में लागू किया जाएगा? (ग) यदि विषयांकित योजना को लागू किया गया है तो किन-किन जिलों में इसे लागू किया गया हैं? विद्युत सब स्टेशनों तथा कृषकों के नाम सहित जानकारी दें। (घ) जबलपुर संभाग में इस को कब लागू किया जाएगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ने जुलाई 2019 में प्रधानमंत्री कुसुम योजना जारी की है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना की जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में कुसुम योजना घटक-'ब' ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के नाम से जारी है। जिसके तहत प्रदेश में कृषकों को अनुदान पर सोलर पंप उपलब्ध कराये जाते हैं। कुसुम-'अ' एवं कुसुम-'स' की योजनाएं लागू की जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कुसुम-'अ' योजना के तहत किसानों/विकासकों द्वारा सौर ऊर्जा के माध्यम से पैदा की गई बिजली को चिन्हित समीपस्थ सब स्टेशन में दिया जायेगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रदेश के चिन्हित सब स्टेशनों के 5 किमी की परिधि में 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सौर संयंत्र की स्थापना के लिये विकासक के चयन हेतु निविदा का प्रकाशन किया जा चुका है। सौर संयंत्र से उत्पादित विद्युत का विक्रय, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित सीलिंग दर पर, रिवर्स बिडिंग से प्राप्त दर पर किया जा सकेगा। किसान यदि स्वयं संयंत्र नहीं लगाकर भूमि को लीज पर डेवलपर को देते है तो उन्हें लीज रेंट प्राप्त होगा। (ग) विषयांकित योजना प्रदेश स्तर पर लागू है। कुसुम-'अ' के तहत विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रदेश के चिन्हित सब स्टेशनों की जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विषयांकित योजना प्रदेश स्तर पर लागू है।
बालाघाट जल आवर्द्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 5017 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् बालाघाट में जल आवर्द्धन योजना का कार्य किस ठेकेदार अथवा कम्पनी के द्वारा किया जा रहा हैं अथवा किया गया हैं? (ख) क्या विषयांकित जल आवर्द्धन योजना का कार्य समय-सीमा में पूरा कर लिया गया है? यदि नहीं, तो देरी के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं, की गई हैं तो कब तक की जाएगी? क्या ठेकेदार पर नियमानुसार पेनाल्टी लगाई गई हैं? यदि हाँ, तो कितनी लगाई गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य में पाइप लाईन विस्तार के समय में खोदी गई सड़क तथा नालियों का पुनर्निर्माण एवं फिलिंग कार्य क्या अनुबंध की शर्तों के अनुसार किया गया हैं? यदि नहीं, तो क्यों? इस कार्य हेतु ठेकेदार को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) क्या विषयांकित में शासन के प्रतिबंध के बावजूद एल.ई.ड़ी. लाईट का क्रय नियम विरूद्ध किया गया है? क्रय हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई? इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद् बालाघाट में जल आवर्धन योजना का कार्य मेसर्स जैन इरीगेशन सिस्टम, जलगाँव (महाराष्ट्र) के द्वारा किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। नगरपालिका परिषद् बालाघाट जल आवर्धन योजना में ओव्हर हेड टेंक निर्माण हेतु भूमि संबंधी विवाद, रेल्वे विभाग से रेल लाईन क्रासिंग की अनुमति प्राप्त होने में विलंब एवं कोरोना काल आदि कारणों से योजना में विलंब हुआ है। संविदाकार पर पेनाल्टी अधिरोपित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निकाय द्वारा उक्त कार्य हेतु संविदाकार को कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कोरोनाकाल में सामग्री का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 5020 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोनाकाल में नगरपालिका परिषद् विदिशा द्वारा नगरपालिका सीमा क्षेत्र में निर्धन, मजदूर, बेसहारा वर्ग को राशन सामग्री सहित अन्य किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में व्यय की गई राशि से प्रतिदिन वितरण की गई सामग्री की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में क्या वितरण की गई सामग्री एवं राशि का व्यय कोरोनाकाल में देय शासन के निर्देशों के अनुसार किया गया? यदि हाँ, तो प्रति परिवार कितनी राशन सामग्री वितरण के निर्देश थे एवं कितनी सामग्री नगरपालिका परिषद् द्वारा प्रति परिवार दी गई? क्या नगरपालिका परिषद् विदिशा द्वारा निर्देशों के अनुरूप सामग्री नहीं दी गई? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी दे। राशन सामग्री कम दिये जाने के लिये दोषी कौन है? क्या शासन इस संबंध में निष्पक्ष जाँच कराई जाकर उचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) शासन द्वारा सामग्री वितरण की मात्रा संबंधी स्थाई निर्देश प्रदान नहीं किए गए है, अपितु निकाय द्वारा पी.आई.सी. के निर्णय क्रमांक 31 दिनांक 31.03.2020 के अध्यधीन कार्यवाही की गई है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नालों पर व्याप्त अतिक्रमण हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 5021 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् विदिशा क्षेत्र अंतर्गत वर्षाकाल के एवं निस्तारी पानी की निकासी हेतु नगर के सभी नालों को अतिक्रमण से मुक्त करने की योजना पर कार्यवाही की गई थी लेकिन उक्त कार्यवाही रोक दी गई, नालों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही रोके जाने के संबंध में कारण सहित जानकारी दें एवं इसके लिए दोषी कौन है? (ख) क्या विगत वर्षों में उक्त नालों पर अतिक्रमण होने के कारण एवं जल भराव होने की स्थिति होने से शहर वासियों की चल अचल संपत्ति की करोड़ों रूपयों की क्षति हुई थी एवं इस संबंध में शासन द्वारा करोड़ों रूपयों की आर्थिक सहायता भी दी गई थी? यदि हाँ, तो जनहित एवं पर्यावरण के हित में नालों के अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही शासन प्रशासन द्वारा क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या शासन नगर विदिशा अंतर्गत नालों के प्राकृतिक बहाव को रोककर किये गये अतिक्रमणो को हटाये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन नगर विदिशा स्थित वैशाली विहार, वैशाली नगर रंगियापुरा, तलैया, पुरनपुरा, आज्ञाराम कॉलोनी, कागदीपुरा, सहित शहर के सभी छोटे बड़े नालों पर व्याप्त अतिक्रमण को हटाये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका विदिशा द्वारा अतिवर्षा के दौरान जल भराव स्थानों पर से जल निकासी की व्यवस्था करायी गयी थी। शासकीय भूमि पर तथा रोड/नालों पर से नियमित रूप से अतिक्रमण हटाया जाता है तथा वर्तमान में भी हटाया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जल भराव के कारण चल-अचल सम्पति की क्षति पूर्ति की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, नगर पालिका द्वारा कोई भी आर्थिक क्षति का भुगतान नहीं किया गया है। नियमानुसार अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही निरंतर की जाती है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाया जाता है, तथा वर्तमान में भी कार्यवाही की जा रही है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगर पालिका द्वारा समय-समय पर वैशाली विहार, वैशाली नगर, रंगियापुरा, तलैया, पुरनपुरा, आदि में मौके की स्थिति अनुसार नालियों का निर्माण कराया गया है तथा शेष जगहों पर नगर पालिका विदिशा द्वारा विस्तृत सर्वे उपरांत विधि नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की समुचित कार्यवाही वर्तमान में की जा रही है, चूंकि यह निरंतर प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत खपत का आंकलन
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 5025 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बिजली की भविष्य में होने वाली खपत का आंकलन कैसे किया जाता है? क्या इस आंकलन के लिए औद्योगिक/कृषि/घरेलू उपभोक्ताओं के आंकलन के लिए संबंधित विभागों एवं अन्य किस माध्यम से जानकारी अथवा रिपोर्ट बुलवायी जाती है? वर्ष 2019से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने बिजली खपत के आंकलन किये गये? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश में वर्ष 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक बिजली खरीदी के अनुबंधों की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के संदर्भ में प्रदेश में औद्योगिक/कृषि/घरेलू में बिजली खपत की वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में वर्ष 2016-17 से माह दिसम्बर 2020 तक किस-किस बिजली कंपनियों को बिना बिजली खरीदे स्थायी लागत के रूप में कितनी राशि किस-किस कंपनी को पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा दी गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के संदर्भ में बिजली की आवश्यकता नहीं होने पर कितने पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट निरस्त किये गये हैं और कितने निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा सभी राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों के साथ समन्वय स्थापित कर हर पांच वर्षों के दौरान देश के सभी प्रदेशों व केन्द्र शासित क्षेत्रों में विद्युत की मांग का आंकलन आंशिक अंत उपयोग विधि (पार्शिय एण्ड यूज मैथड, पी.ई.यू.एम.) से किया जाता है। पी.ई.यू.एम. विधि समय श्रृंखला विश्लेषण (टाईम सीरीज एनालिसिस) और अंत उपयोग विधि (एण्ड यूज मैथड) का मिश्रण है, समय श्रृंखला विश्लेषण (टाईम सीरीज एनालिसिस) में विभिन्न तरह के विकास संकेतकों (ग्रोथ इंडीकेटर्स), औसत का प्रतिक्षेपण किया जाता है। तदुपरांत इसमें अंत उपयोग विधि (एण्ड यूज मैथड) का मिश्रण करते हुए ये प्रतिक्षेपण सभी उपभोक्ता श्रेणियों के लिए पृथक-पृथक तौर पर किया जाता है। विद्युत की मांग का आंकलन कोई पृथक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह बहुत सारे कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें मुख्यत: शासन द्वारा जारी अथवा जारी किए जाने हेतु प्रस्तावित नीतियां, विद्युत की दरों में हुए बदलाव, राज्य का औद्योगिक विकास, उपभोक्ताओं की जीवन शैली में होने वाले निरंतर परिवर्तन, मौसमी उतार-चढ़ाव, ऊर्जा दक्षता के उपाय प्रमुख कारक है। इन्हीं कारको के आधार पर विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों में होने वाली भविष्य की संभावित खपत का आंकलन दीर्घ अवधि के लिए किया जाता है। उसके उपरांत सभी उपभोक्ता श्रेणियों की कुल खपत में आगामी वर्षों के दौरान ऊर्जा की पारेषण एवं वितरण हानि (टी एण्ड डी लॉस) को जोड़कर प्रदेश में ऊर्जा की कुल आवश्यकता का आंकलन किया जाता है। इस आंकलन के लिए सभी विद्युत वितरण कंपनियों और राज्य भार प्रेषण केन्द्र से पिछले 10 से 15 वर्षों के दौरान उपभोक्ता श्रेणीवार विद्युत खपत, संयोजित भार, उपभोक्ताओं की संख्या, प्रदायित विद्युत और तकनीकी हानियों संबंधी जानकारियां एकत्रित करके केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जाती हैं और उसके उपरांत प्राधिकरण, राज्य के साथ समन्वय करके आगामी वर्षों की विद्युत मांग का आंकलन करके अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करता है। वर्ष 2019 के पश्चात् वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक की अवधि हेतु 20वें विद्युत सर्वेक्षण हेतु प्रारंभिक कार्यवाहियां माह दिसंबर 2020 से प्रारंभ की गयी है। इस सर्वेक्षण को डेढ़ साल की अवधि में पूर्ण कर रिपोर्ट प्रकाशित कर दिया जाना प्रस्तावित है। इस आंकलन के विवरण, आंकलन की कार्यवाही पूर्ण होने एवं रिपोर्ट प्रकाशित होने के उपरांत ही दिये जा सकेंगे। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक बिजली खरीदी के अनुबंध की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' से 'अ-1' अनुसार है। (ग) प्रदेश में औद्योगिक/कृषि घरेलू बिजली खपत की वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' से 'ब-2' अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 से वर्ष 2021 में दिसंबर 2020 तक एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा किये गये अनुबंध के अनुसार बिना विद्युत क्रय देय स्थायी प्रभार की जानकारी कंपनीवार एवं वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) विद्युत क्रय अनुबंध निरस्त किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों पर दर्ज मुकदमा
[गृह]
119. ( क्र. 5038 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम भानगढ़ (तहसील-सरदारपुर) में दिनांक 11.09.2020 को सरदारपुर पुलिस द्वारा पन्द्रह अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया है लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग के राहुल पिता राजाराम की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया? (ख) क्या राहुल पिता राजाराम निवासी भानगढ़ के सिर में गहरी चोट लगने पर सरदारपुर अस्पताल एवं दाहोद में इलाज करवाया गया है और पुलिस ने उसे ही मुजरिम बना दिया? यदि हाँ तो बतावें कि राहुल की रिपोर्ट पर प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया? (ग) क्या पुलिस ने अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से मुकदमा दर्ज किया तथा प्राथमिकी में जिस तरह से कहानी लिखी गई, एक-एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के नाम सहित घटना के चार घण्टे बाद रिपोर्ट लिखी गई, जबकि घटना स्थल पर लाईट ही नहीं थी? क्या प्रकरण की पुनः विवेचना कर इसे निरस्त किया जाएगा? (घ) क्या एक-एक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग का नाम पिता के नाम के सहित प्राथमिकी में दर्ज कराया गया है तथा एक-एक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के व्यक्ति को पत्थर मारना, लकड़ी मारना बताया गया है तथा लाईट न होने पर भी लाईट होने का उल्लेख किया गया है? क्या असत्य रिपोर्ट लिखवाने वालों पर प्रकरण दर्ज कराया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही नहीं है कि ग्राम भानगढ़ तहसील सरदारपुर में दिनांक 11.09.2020 को सरदारपुर पुलिस द्वारा पन्द्रह अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। वस्तुस्थिति इस प्रकार है कि दिनांक 10/9/2020 को फरियादी सोहन पिता पुनमचन्द जी पटेल ने हमराह रामचन्द्र पिता हरिराम पिता हरिराम कुमावत ग्राम भानगढ़ दिनांक 11/9/20 को अपराध क्रमांक 397/20 धारा 294, 323, 427, 336, 435, 147, 149 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया था प्रकरण में आरोपीगण राजेन्द्र पिता बाबूलाल लोहार दिलीप पिता गोपाल प्रजापत, भारत पिता घासीराम प्रजापत राहुल पिता राजाराम एवं अन्य 11 नामजद कुल 15 नामजद आरोपी द्वारा एकराय होकर फरियादीगण के साथ मारपीट, पत्थरबाजी तोड़फोड, आगजनी इत्यादि की घटना की गई थी प्रकरण की एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त प्रकरण में विवेचना साक्ष्य के आधार पर पूर्ण कर आरोपीगण के विरूद्ध चालान क्रमाक 467/20 दिनांक 18/12/20 को तैयार कर दिनांक 28/12/20 को न्यायालय प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण, न्यायालय विचारधीन है। यह कहना सही नहीं है कि राहुल पिता राजाराम की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। राहुल पिता राजाराम निवासी ग्राम भानगढ़ की रिपोर्ट पर थाना सरदारपुर में अप. क्र. 396/20 धारा 336 भा.द.वि. का अज्ञात आरोपीगण के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था जिसकी प्रथम सूचना पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) उक्त संबध में लेख है कि फरियादी राहुल पिता राजाराम बामनिया का मेडिकल परीक्षण सरदारपुर अस्पताल भेजकर दिनांक 10/9/20 को करवाया गया है, जिसमें चिकित्सक के द्वारा Lacerted wound Simple caused by Hard and Blunt object लेख किया गया है। यह सही है कि राहुल पिता राजाराम बामनिया बिन्दु क्रमांक (क) में वर्णित अप.क्रं. 397/20 में आरोपी है। शेष प्रश्नांश का औचित्य नहीं है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि पुलिस द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से मुकदमा दर्ज किया गया है। फरियादी द्वारा जो रिपोर्ट पुलिस के समक्ष की गई उस पर विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। फरियादी अस्पताल से अपने घायल साथी रामचन्द्र के साथ जिस समय थाना उपस्थित हुआ तत्काल रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह कहना सही नहीं कि घटना स्थल पर लाईट नहीं थी प्रथम सूचना पत्र में उक्त संबध में स्थिति स्पष्ट वर्णित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में समाहित है। थाना सरदारपुर अपराध क्रमांक 397/20 धारा, 294, 323, 427, 336, 435 147, 149 भा.द.वि. में विवेचना पूर्ण कर सभी 15 आरोपियों के विरूद्ध चालान तैयार कर माननीय न्यायालय में दिनांक 28/12/2020 को पेश किया गया है। जो न्यायालय विचाराधीन है। (घ) जी हाँ अपराध क्रमांक 397/20 धारा, 294, 323, 427, 336, 435 147, 149 भा.द.वि. में फरियादी द्वारा प्रत्येक आरोपी का नाम एवं पिता का नाम तथा उनके द्वारा घटना में किये गये कृत्य का विवरण फरियादी द्वारा लेख कराया गया है। यह सही नहीं है कि लाईट नहीं होने पर भी मौके पर लाईट होने का लेख किया गया है। शेष प्रश्नांश में उत्तर (ग) बिन्दु अनुसार है। असत्य रिपोर्ट लिखना नहीं पाया गया है।
कॉलोनियों का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 5048 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् जावरा एवं नगर परिषद् पिपलोदा अंतर्गत कितनी वैध, अवैध, विकसित, अविकसित कुल किस-किस प्रकार की कितनी कॉलोनियां हैं, तथा प्रस्तावित मास्टर प्लान में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत उक्ताशय की कितनी कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं? (ख) नियमानुसार कितनी कॉलोनियों को निकाय द्वारा हैंड ओवर किया गया? जिन्हें कॉलोनाईजर द्वारा विकसित कर दिया गया तथा कितनी शेष कॉलोनियां है, जिन्हें हैंड ओवर किया जाना है? (ग) क्या समस्त कॉलोनाईजरों द्वारा लायसेंस प्राप्त करने के पश्चात काटी गई कॉलोनी को पूर्णतः सुविधा संपन्न कर दिया गया है? यदि नहीं, तो मूलभूत सुविधाओं हेतु क्या–क्या किया जा रहा है? (घ) कितने कॉलोनाईजर प्रश्न दिनांक तक पंजीबद्ध होकर कार्यरत हैं? कितने ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु हो गई तो ऐसी दशा में रहन (गिरवी) रखे कॉलोनी के प्लाटों की तथा कॉलोनी के विकास की क्या स्थिति है व विकास कैसे होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका जावरा एवं प्रस्तावित मास्टर प्लान में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रान्तर्गत कॉलोनियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है व नगर परिषद् पिपलौदा अंतर्गत वैध और अवैध कॉलोनियां नहीं है। (ख) नगरपालिका जावरा अंतर्गत 33 कॉलोनियां सक्षम प्राधिकारी द्वारा विकास कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के उपरान्त निकाय में हस्तांतरित है। शेष 39 कॉलोनियां है। (ग) जी नहीं, नगरपालिका जावरा अंतर्गत सिर्फ 33 कॉलोनियों में विकास कार्य पूर्ण किए गए हैं। शेष 39 कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु कॉलोनाईजर को सूचना पत्र जारी किए गए हैं। (घ) नगरपालिका जावरा अंतर्गत 38 कॉलोनाईजर रजिस्ट्रीकृत हैं, जिनमें से वर्तमान में 36 कार्यरत हैं एवं 02 कॉलोनाईजर्स की मृत्यु हो गयी है। जिन 02 कॉलोनाईजर की मृत्यु हो गयी है उनमें से एक कॉलोनाईजर स्व. श्री गिरवर सिंह पिता स्व. रामसिंह के द्वारा वर्ष 1998 के पूर्व कॉलोनी बनाई गई थी जो अविकसित है तथा विकास लागत की 10 प्रतिशत राशि धरोहर के रूप में जमा है, अन्य दूसरे कॉलोनाईजर स्व. श्री राजेश पिता स्व. प्रकाशचंद जागीरदार द्वारा वर्ष 1998 के पश्चात कॉलोनी का निर्माण किया गया था जिसमें 45 भू-खण्ड नगरपालिका के पास बंधक रखे गए है, यह कॉलोनी भी अविकसित है एवं कोई भी भवन नहीं बने हैं। इन दोनों अविकसित कॉलोनियों में धरोहर राशि राजसात कर एवं बंधक रखे गए भूखण्डों का विक्रय कर आवश्यकतानुसार विकास कार्य कराए जा सकेंगे।
घटित अपराधों की संख्या
[गृह]
121. ( क्र. 5049 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी हत्या, लूट, बलात्कार, डकैती, अवैध मादक पदार्थ यथा अफीम, डोडाचूरा, स्मेक, हेरोईन, अवैध शराब विक्रय इत्यादि तथा चिटफंड कम्पनियों द्वारा धोखाधड़ी, भू-माफियाओं के अवैध कार्यों इत्यादि प्रकार के साथ ही अन्य गंभीरतम अपराध कितने घटित हुए? वर्षवार जानकारी दें l (ख) उपरोक्तानुसार उल्लेखित व अन्य प्रकार के भी गंभीरतम घटित अपराधों के विरुद्ध किस-किस प्रकार की कार्यवाहियां की गई? वर्षवार जानकारी देंl (ग) कितने अपराध अज्ञात रूप से घटित होकर अज्ञात अपराधी के नाम से अपराध पंजीबद्ध होकर प्रश्न दिनांक तक अज्ञात हैं तथा कितने ऐसे शेष अज्ञात अपराध हैं जो घटित होकर पंजीबद्ध हैं किन्तु प्रश्न दिनांक तक अपराधी पकड़े नहीं गये व विवेचना पूर्ण नहीं हुई? वर्षवार बताएं l (घ) प्रश्नांश (क) विधानसभा क्षेत्र में अवैध हथियारों को रखे जाने व उनका क्रय-विक्रय किये जाने के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? उन पर क्या कार्यवाही हुई व किस-किस तरह के हथियारों की जप्ती की गई? साथ ही विभिन्न प्रकार के माफियाओं को चिन्हित कर आगामी क्या सुरक्षात्मक उपाय किये गये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विभिन्न प्रकार के संगठित अपराधियों, माफियाओं के विरुद्ध तगातार विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है।
गुमशुदगी की शिकायतों का निराकरण
[गृह]
122. ( क्र. 5082 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विभाग अंतर्गत महिला/बालिका गुमशुदगी की कितनी-कितनी शिकायतें पुलिस थानों में दर्ज हैं? जिलावार बतावें। (ख) उक्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का पूर्ण निराकरण कर बालिकाओं/लड़कियों को दस्तयाब कर लिया गया है? (ग) कितनी गुमशुदा लड़कियों को दस्तयाब नहीं किया जा सका है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में गुमशुदा लड़कियों को दस्तयाब नहीं किये जा सकने के क्या-क्या कारण हैं? इस संबंध में क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) महिला/बालिका गुमशुदगी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महिला/बालिका गुमशुदगी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) गुमशुदा लड़कियों को दस्तयाब नहीं किया गया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) गुमशुदा लडकियां बिना बताए अज्ञात स्थान चले जाने, प्रेम संबंधों के चलते चले जाना, पारिवारिक कारणों से, गुमशुदा के पास मोबाईल फोन न होने के कारण दस्तयाबी नहीं हुई। (1) CID के SOP 2017 के अनुसार विधिवत कार्यवाही की जा रही है। (2) गुम बालिका के प्रकरणों में 363 आई.पी.सी. के प्रकरण दर्ज किये जाकर अनुसंधान किया जा रहा है। (3) समय-समय पर अभियान जिसमे 2020 के 03 अभियानों में 3337 एवं मुस्कान में 2444 लड़कियां दस्तयाब हुई हैं। गुमशुदा लड़कियों/महिलाओं की पतारसी हेतु गजट प्रकाशन कराया जाता है एवं गुमशुदा के मोबाईल की पी.एस.टी.एन. डाटा, सी.डी.आर. निकलवाकर लोकेशन ज्ञात कर तलाश के प्रयास किये जा रहे हैं, समाचार पत्रों में प्रकाशन कर गुमशुदा के फोटो/पेमप्लेट सार्वजनिक स्थानों पर, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेंड, आदि जगहों पर चस्पा किये जाते हैं। अदम दस्तायाब महिला एवं लड़कियों के पतारसी हेतु टीम का गठन कर तलाश के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
बुजुर्ग भिखारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 5089 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम इंदौर द्वारा बुजुर्ग भिखारियों को कचरे के खुले डंपर क्रमांक एमपी-एफ-7622 में भरकर शहर से बाहर क्षिप्रा ले जाकर लावारिस छोड़ दिया है? (ख) क्या नगर निगम इंदौर ने अपने आपको देश में प्रथम दिखाने के लिये इन बुजुर्ग भिखारियों को शहर से बाहर फिकवाया था? (ग) उक्त घटना के संबंध में आदेश देने वाले अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। सर्दी के दौरान प्रत्येक वर्ष के भांति असहाय बुजुर्गों की सर्दी से सुरक्षा हेतु दिये गये निर्देश के क्रम में बेसहारा/वृद्धजनों को निगम के रैनबसेरा में स्थानांतरित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को दिये गये थे, किन्तु बेसहारा/बुजुर्ग व्यक्तियों में से 02 व्यक्तियों द्वारा रैनबसेरा में न जाने की इच्छा जताते हुए शिप्रा/देवास पहुंचाने का अनुरोध किया गया था। संबंधित निगम कर्मचारियों द्वारा उन 02 व्यक्तियों के साथ अन्य 04 बेसहारा व्यक्तियों को भी रैनबसेरा पहुंचाने के स्थान पर उन्हें शिप्रा/देवास ले जाया गया। निगम वाहन क्रमांक-MPF-7622 कचरा वाहन न होकर लो-फ्लोर का रिमूव्हल वाहन है। शिप्रा/देवास में इन्हें उतारते समय ग्रामवासियों द्वारा विरोध प्रकट करने पर निगम कर्मियों द्वारा उन्हें पुनः वाहन में बिठाकर वापस इन्दौर लाया गया। इस प्रकार किसी भी बेसहारा/बुजुर्ग व्यक्तियों को शिप्रा/देवास छोड़ा नहीं गया। (ख) जी नहीं। इस घटना का स्वच्छता सर्वेक्षण से कोई संबंध नहीं है। (ग) घटना के संबंध में जाँच की जाकर दोषी पाये गये उपायुक्त श्री प्रताप सिंह सोलंकी को निलंबित किया जाकर इनका मुख्यालय, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल नियत किया गया है। इसी प्रकार 08 निगम मस्टरकर्मी श्री ब्रजेश सोलंकी, श्री विश्वास बाजपेयी, श्री जीतेन्द्र तिवारी, श्री अनिकेत कारोले, श्री राज परमार, श्री गजानंद मेघवंशी, श्री राजेश चैहान तथा श्री सुनील सुरागे को निगम कार्य/हाजरी से मुक्त करते हुए सेवा से पृथक किया गया।
प्रदेश में माफियाओं पर कार्यवाही
[गृह]
124. ( क्र. 5090 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों में किन-किन माफियाओं, अवैध धंधा करने वाले एवं रिकार्डशुदा लोगों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई? जिलेवार विवरण प्रस्तुत करें। (ख) जिलों में किस-किस तरह के माफियाओं को चिन्हित किया गया है तथा उसका मापदण्ड क्या है? सरकार द्वारा माफिया की कोई परिभाषा बनायी गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या शासन द्वारा माफियाओं पर कार्यवाही करते हुये उनकी संपत्तियों/आवासों को तोड़ा गया है? यदि हाँ, तो क्या उनमें से कई संपत्तियां ऐसी भी हैं जिन्हें माफिया की संपत्ति बताकर तोड़ा गया है जबकि वह किसी अन्य के नाम से रजिस्टर्ड है? यदि हाँ, तो ऐसी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के विरूद्ध क्या शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विभिन्न विभागों से संबंधित माफियाओं के सांठ-गांठ रखने वाले अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषकों की भूमि पर अवैध कॉलोनी निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 5145 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में भू-माफियाओं/बिल्डरों द्वारा किसानों की खेती की जमीन औने-पौने दामों पर खरीदकर बिना किसी शासकीय अनुमति के अवैध कॉलोनियां काटकर बेची जा रही हैं एवं बेची गई हैं और यह सारा कार्य किसानों के नाम पर ही बिल्डर के द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में राजधानी भोपाल में नगर-निगम सीमा क्षेत्र एवं धार जिले के धामनोद नगर परिषद् अंतर्गत किस-किस वार्ड में कहाँ-कहाँ पर किस-किस के द्वारा किन-किन किसानों से किस-किस खसरा नंबर की खेती की जमीन खरीदकर बिना शासकीय अनुमति के अवैध कॉलोनी काटकर प्लॉट बेचे गये हैं? संपूर्ण ब्यौरा दें। (ग) क्या उक्त अवैध कॉलोनी काटने वाले सबंधित बिल्डरों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही की जायेगी तथा जिन लोगों ने उक्त प्लॉट खरीदे हैं, क्या उन कॉलोनियों को वैध कर विधि अनुसार वैधानिक अनुमतियां दी जायेंगी? यदि नहीं, तो क्या उनके द्वारा खरीदे गये प्लॉट की राशि वापस उन बिल्डरों से दिलाई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, कई अवैध कॉलोनियां राज्य शासन के संज्ञान में आई है, परन्तु यह सुनिश्चित नहीं है कि सारा कार्य किसानों के नाम पर ही बिल्डर्स के द्वारा किया जाता है। (ख) भोपाल नगर निगम सीमान्तर्गत अवैध कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। धार जिले के नगर परिषद् धामनौद में विगत 05 वर्षों में अवैध कॉलोनियों का निर्माण नहीं हुआ है। (ग) जी हाँ, भोपाल नगर निगम सीमान्तर्गत अवैध कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नगर निगम अधिनियम 1956 के तहत कार्यवाही की जा रही है एवं 33 एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। अधिनियम के तहत वैधानिक कार्यवाहियां की जा रही है। राज्य शासन द्वारा नगर पालिका अधिनियम में संशोधन की कार्यवाही की जा रही है अधिनियम में संशोधन के पश्चात नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुक्षी में विस्थापित हुए सब्जी विक्रेताओं की समस्या का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 5151 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नपा. प. कुक्षी जिला धार में श्यामा प्रसाद मुखर्जी सब्जी मंडी भवन को डिस्मेंटल कर नवीन शापिंग कॉम्पलेक्स निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ होने से जो सब्जी विक्रेता यहां से हटाए गए हैं उनको कहाँ स्थापित किया जाएगा? (ख) क्या वर्षों से यहां व्यवसाय कर रहे सब्जी विक्रेताओं को इस शॉपिंग कॉम्पलेक्स में न्यून दरों पर दुकानें दी जाएगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) इस कॉम्पलेक्स की स्वीकृति एवं निर्माण संबंधी समस्त विवरण प्रतियां देवें। (घ) कब तक विस्थापित हुए सब्जी विक्रेताओं की इस समस्या का निदान किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद्, कुक्षी जिला धार में सब्जी मण्डी भवन को डिस्मेंटल किया गया है। नवीन शॉपिंग काम्पलेक्स निर्माण की कार्यवाही प्रचलित है। सब्जी विक्रेताओं को विस्थापित करने के का प्रकरण परिषद् बैठक में रखा जाना है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरीय निकायों में रखी हुई राशि का उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 5168 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के नगरीय निकायों में किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी के वर्तमान में पद सृजित हैं और कौन-कौन से कर्मचारी और अधिकारी प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ और कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन नगरीय निकायों में रोस्टर से एवं जनसंख्या के मापदण्ड के आधार पर शासन एवं जिला मुख्यालय द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक के मध्य प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? अगर कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसका दोषी कौन-कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधर पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले के जो रिक्त पद हैं, उन रिक्त पदों की पूर्ति करायी जावेगी तो कब और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि इन नगरीय निकायों में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विविध मदों की रखी हुई है? मदवार सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराते हुए, बतायें कि इन नगरीय निकायों में उपरोक्त राशि व्यय करने हेतु क्या-क्या कार्य कार्ययोजना में लिये हैं? उपरोक्त निर्माण कार्य कराने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? उपरोक्त कार्य कब तक प्रारम्भ किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगरीय निकायों के आय-व्यय स्थापना व्यय तथा आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए पदपूर्ति का निर्णय लिया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगरीय निकायों के आय-व्यय स्थापना व्यय तथा आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए पदपूर्ति का निर्णय लिया जाता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु संचालित योजनाएं
[गृह]
128. ( क्र. 5172 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा, श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में निवासरत् केन्द्रीय सशस्त्र बल, अर्द्धसैनिक बल के लाखों सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों व उनके परिवारजनों के कल्याण के लिये राज्य सरकार की कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) क्या केन्द्र सरकार ने आदेश संख्या 2700/100/2012-R&W दिनांक 23 नवंबर 2012 के तहत ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर अपने यहां अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों व जवानों के लिये सेना की तर्ज पर एक्स-मैन का दर्जा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार द्वारा उपरोक्त केन्द्र सरकार के आदेश का अनुपालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राज्य सरकार को कॉनफैडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन मध्यप्रदेश की तरफ से राज्य में पैरामिलिट्री फोर्स के कल्याणार्थ हेतु अर्द्धसैनिक कल्याण बोर्ड के गठन व ग्वालियर में अर्द्धसैनिक शहीद स्मारक वास्ते जमीन आवंटन हेतु ज्ञापन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में सरकार ने अब तक क्या कर्यावाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पृथक से कोई नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रकरण विचाराधीन है।
औषधालय का भवन निर्माण एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
129. ( क्र. 5173 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कहाँ शासकीय आयुर्वेद, होम्योपैथिक औषधालय स्वीकृत हैं? स्वीकृत औषधालयों में कौन-कौन से औषधालय भवन विहीन हैं? भवन विहीन औषधालय के नवीन भवन क्या वर्ष 2021-22 में बना दिये जावेंगे? (ख) उपरोक्तानुसार किस-किस औषधालय में कितने-कितने कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? उनमें कहाँ-कहाँ से पद कब-कब से रिक्त हैं? सभी औषधालयों में पदस्थ चिकित्सकों सहित सभी कर्मचारियों के नाम पद सहित बतायें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) राघौगढ़ विधानसभा के अंतर्गत शासकीय होम्योपैथिक औषधालय में कौन-कौन से होम्योपैथिक चिकित्सक पदस्थ हैं?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। 05 औषधालय में विभागीय भवन नहीं है। जिनमें 02 औषधालयों का निर्माण प्रचलन में है। शेष 03 औषधालयों का निर्माण बजट उपलब्ध होने पर किया जा सकेगा। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कोई नहीं।
सूर्यमित्र स्किल डेवलमेंन्ट कार्यक्रम
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
130. ( क्र. 5174 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में सूर्यमित्र स्किल डेवलमेंन्ट कार्यक्रम संचालित है? यदि हाँ, तो इस कार्यक्रम अन्तर्गत किस उद्देश्य से किस योग्यता (तकनीकी/गैर तकनीकी, आई.टी.आई/डिप्लोमा, ट्रेड/बांच) के कितने-कितने छात्रों को किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी अवधि की कितने-कितने स्टाइपेंड पर आवासीय प्रशिक्षण दिया गया है? यदि हाँ, तो वर्षवार जिले का नाम संस्था/इंस्टीट्यूट का नाम, छात्र का नाम योग्यता (ब्रांच/ट्रेड), प्रशिक्षण प्रारंभ होने एवं समाप्त होने की दिनांक, स्टाइपेंड सहित संपूर्ण ब्यौरा गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रशिक्षण हेतु संस्थानों को आयोजित करने का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, कितना-कितना? किस-किस पर प्रति छात्र कितना-कितना वर्षवार पृथक पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रशिक्षण हेतु चयन प्रक्रिया क्या अपनाई गई? चयन प्रक्रिया का संपूर्ण व्यौरा वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (घ) क्या प्रशिक्षण मूल का प्रयोजन प्रदेश में स्थापित/स्थापनाधीन सौर पॉवर प्लांट्स पर रोजगार उपलब्ध कराना था? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में, किस-किस प्लांट्स पर कितने-कितने रोजगार, कब-कब किस-किस वेतनमान पर कितनी-कितनी अवधि के लिये स्थाई/अस्थाई पदों पर नियुक्ति प्रदान की गई? नियुक्ति आदेश, सेवा शर्तें, नाम, पते सहित वर्षवार पृथक-पृथक बतायें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक प्रदेश में भारत सरकार के राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) के अन्तर्गत, म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के सहयोग से सूर्यमित्र स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम संचालित था। सूर्यमित्र स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम का मुख्य उददेश्य, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में संयंत्रों के स्थापना, कमीशनिंग एवं रख-रखाव के संबंध में आई.टी.आई/डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाना था। उक्त कार्यक्रम आवासीय था, जिसमें NISE द्वारा स्वीकृत संस्थानों में छात्र-छात्राओं को तीन माह तक रहने-खाने व प्रशिक्षण की व्यवस्था नि:शुल्क की गई थी, कोई भी स्टाइपेंड छात्र-छात्राओं को देय नहीं था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत संस्थानों को भुगतान किया गया था। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) NISE द्वारा स्वीकृत प्रशिक्षण संस्थानों हेतु शैक्षणिक योग्यता, इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल इंजीनियरिंग में उत्तीर्ण डिप्लोमा होल्डर्स अथवा इलेक्ट्रीशियन/इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक/फिटर/टर्नर/मशीनिस्ट/शीट मेटल/वेल्डर में उत्तीर्ण आई.टी.आई. होल्डर्स। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम, भोपाल द्वारा दिनांक 24.09.2015 को विज्ञापन के माध्यम से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं से आवेदन चाहे गए थे जिसके पालन में 695 आवेदन प्राप्त हुये थे जिन्हें आवश्यकतानुसार संबंधित NISE द्वारा स्वीकृत शासकीय/स्वशासी/म.प्र.ऊ.वि.नि. के अधीन संस्थानों को भेजा गया था। इसके अतिरिक्त संबंधित संस्थानों द्वारा आवश्यकतानुसार पृथक से भी आवेदन प्राप्त किए गए। (घ) जी नहीं। सूर्यमित्र स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षण का मूल प्रयोजन, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में संयंत्रों के स्थापना, कमीशनिंग एवं रख-रखाव के संबंध में प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षणार्थियों को स्वावलंबी बनाना था।
बिजली बिल समायोजन की जानकारी
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 5182 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 578 दिनांक 22.09.2020 के खण्ड (क) के संदर्भ में बतावें कि तीनों वितरण कम्पनियों ने नियमानुसार कार्यवाही कर विनियामक आयोग से अनुमति क्यों नहीं ली? बतावें कि अनुमानित खपत का निर्धारण कैसे किया गया? (ख) उपरोक्त प्रश्न के खण्ड (ख) अनुसार क्या तीनों कम्पनियों के अप्रैल 2020 तथा पश्चिम तथा मध्य के मई 20 में कुल 59.31 लाख उपभोक्ताओं से 382.58 करोड़ रू. अनुमानित खपत के रूप में लिया गया? अगले माहों में जब इनका समायोजन किया गया तो 382.58 के स्थान पर कितना बिल बना तथा इन उपभोक्ताओं में कितनों की इन्दिरा गृह ज्योति योजना के तहत अप्रैल तथा मई का बिल बना? (ग) माह अप्रैल 2020 एवं मई 2020 में इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत कितने घरेलू उपभोक्ताओं को बिल दिये गये तथा पूर्व प्रश्न क्रमांक 578 दिनांक 22.09.2020 के प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन उपभोक्ताओं की रीडिग नहीं ली जा सकी उनकी रीडिंग किस माह में ली गई तथा पत्र क्रमांक 2837 दिनांक 17.4.2020 के अनुसार उनकी राशि का समायोजन किस माह में किया गया? तीनों वितरण कम्पनी के माह अप्रैल 2020 तथा माह मई 2020 के बिल जिस माह में समायोजित किए गए उस माह के इन्दौर भोपाल तथा जबलपुर वितरण कंपनी के कुल दस दस बिलों की प्रति भी देवें ताकि समायोजन के सूत्र को आसानी से समक्षा जा सके। । (घ) तीनों विद्युत वितरण कम्पनी के माह अप्रैल 2020 से माह दिसम्बर .2020 तक के कुल घरेलू उपभोक्ताओं, की संख्या कुल विक्रित यूनिट एवं कुल मांग की जानकारी माहवार बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) लॉकडाउन के कारण मीटर रीडिंग नहीं हो पाने से निर्मित अप्रत्याशित परिस्थितियों के दृष्टिगत एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रस्ताव के आधार पर कोविड-19 संक्रमण से उपभोक्ताओं की सुरक्षा/सुविधा को देखते हुए, वास्तविक रीडिंग उपरान्त समायोजन किये जाने की शर्त के साथ अनुमानित खपत के बिल जारी किये जाने के निर्देश उक्त अपरिहार्य स्थितियों के कारण दिये गये। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में राज्य शासन द्वारा जारी पत्र क्रमांक 2837/2020/तेरह, भोपाल दिनांक 17.04.2020 में जारी आदेश के परिपालन में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत उपभोक्ताओं को राहत दी गई। कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन की स्थिति में उपभोक्ताओं के परिसर में जाकर रीडिंग लेना संभव नहीं था। बिलिंग प्रक्रिया की निरंतरता बनाये रखने के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा निर्णय लिया गया था कि विगत वर्ष के समान माह (वर्ष 2019) में दर्ज खपत के आधार पर वर्ष 2020 में देयक दिये जावे। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने पर वास्तविक रीडिंग के आधार पर की गई बिलिंग में इसे समायोजित किया जावे। (ख) प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रान्तर्गत लागू प्रश्नाधीन माह यथा अप्रैल-2020 में 10014276 (म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर-3171541, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल-2948386, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर-3894349), माह मई-2020 में 9154104 (म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर-2932071, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल-2620138, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 3601895) घरेलू उपभोक्ताओं को इन्दिरा गृह ज्योति योजना के तहत विद्युत देयक जारी किए गये है। पूर्व प्रश्न क्रमांक 578 के प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं ली जा सकी उनकी वास्तविक रीडिंग आगामी माह में ली गई है तथा पत्र क्रमांक 2837/2020/तेरह भोपाल दिनांक 17.04.2020 के माध्यम से जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में उनकी राशि का समायोजन आगामी माह के बिल में किया गया है। बिलिंग साफ्टवेयर में गणना हेतु माह मार्च 2020 एवं माह अप्रैल 2020 की वास्तविक मीटर रीडिंग में क्रमशः माह अप्रैल 2019 एवं माह मई 2019 की खपत के बराबर यूनिट जोड़कर माह अप्रैल 2020 एवं माह मई 2020 के देयक हेतु अंतिम वाचन तैयार किया गया, इस वाचन को माह मई 2020 एवं माह जून 2020 के देयक हेतु प्रारम्भिक वाचन मानकर माह मई 2020 एवं माह जून 2020 की वास्तविक रीडिंग (अंतिम वाचन) के आधार पर माह मई 2020 एवं माह जून 2020 हेतु खपत की गणना कर विद्युत देयक जारी किये गए तद्नुसार माह अप्रैल 2020 एवं माह मई 2020 की अनुमानित खपत का स्वतः ही समायोजन हो गया। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के दस बिल की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-1, ब-2 एवं ब-3 अनुसार है। (घ) तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के माह अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक के कुल घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या, कुल विक्रित यूनिट एवं कुल मांग की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स-1, स-2 एवं स-3 अनुसार है।
महाप्रबंधक द्वारा की गई अनियमितताएं
[ऊर्जा]
132. ( क्र. 5193 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में ऊर्जा विभाग में महाप्रबंधक के पद पर आर.के. अग्रवाल किस समय पदस्थ रहे एवं विभाग में इनकी पदस्थी की अवधि में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के तहत कितनी लागत के कार्य कराए गए? उसकी जानकारी प्राक्कलन सहित देवें। (ख) क्या उक्त अधिकारी ने शिवपुरी में पदस्थ रहते हुये योजना की स्वीकृति के नाम, कृषकों से दलालों द्वारा काफी मोटी रकम ली एवं अनुदान के नाम पर भी काफी हेराफेरी की, तो योजना के अंतर्गत कार्यरत ठेकेदारों का नाम एवं किये गये कार्यों की जानकारी पृथक-पृथक दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में इनके शिवपुरी में पदस्थ रहने के दौरान इनके ऊपर अनियमितता एवं धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ तो कब? इनके साथ और कौन-कौन दोषी अधिकारी कर्मचारी थे? (घ) उक्त महाप्रबंधक ने अपने कार्यकाल के दौरान कई अनियमितताएं की हैं तो क्या इनके शिवपुरी में पदस्थापना दिनांक से स्थानांतरण दिनांक तक की जाँच लोकायुक्त या विधानसभा स्तर की समिति बनाकर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शिवपुरी वृत्त में श्री आर.के. अग्रवाल दिनांक 05/06/2017 से दिनांक 30/01/2019 तक महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ रहे हैं। कृषकों के पम्प कनेक्शनों हेतु मुख्य मंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में उक्त अवधि के दौरान कुल 2169 कृषकों के राशि रू. 46.536 करोड़ के कार्य स्वीकृत किये गये, जिनकी प्राक्कलनवार राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, श्री आर.के. अग्रवाल द्वारा महाप्रबंधक शिवपुरी के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना अंतर्गत कोई आवेदन स्वीकृत नहीं किये गये। उक्त योजना के नियमानुसार कृषकों द्वारा उनके पम्प कनेक्शनों हेतु ऑनलाइन आवेदन किये जाने का प्रावधान था जिसे संबंधित कनिष्ठ यंत्री/सहायक प्रबंधक द्वारा सर्वे किये जाने के पश्चात संबंधित संभाग के उप महाप्रबंधक द्वारा स्वीकृत किया जाता था। कृषकों से दलाली द्वारा रकम लिये जाने अथवा अनुदान में हेरा-फेरी किये जाने संबंधी शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय के अभिलेखों अनुसार संज्ञान में नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में श्री आर.के. अग्रवाल की महाप्रबंधक शिवपुरी के रूप में पदस्थापना अवधि के दौरान योजना में भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी संबंधी मामला दर्ज होने की जानकारी म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालयीन अभिलेखों अनुसार संज्ञान में नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) श्री आर.के. अग्रवाल, तत्कालीन महाप्रबंधक (सं/सं) वृत शिवपुरी के विरूद्ध अनियमितताओं संबंधी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत क्रमांक 1950/17, 573/18, 618/18 एवं 958/18 दर्ज है। जिसमें से शिकायत क्रमांक 618/18 एवं 958/18 में अभिलेखों की जाँच के पश्चात कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं पाये जाने के कारण शिकायतें नस्तीबद्ध कर दी गयी हैं एवं शिकायत क्रमांक 1950/17 एवं 573/18 में कंपनी द्वारा जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अन्य प्रकार की जाँच कराये जाने की आवश्यकता नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता है।
वैध एवं अवैध ट्रान्सफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 5194 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला में 2020 के उप चुनाव में करेरा विधान सभा में कहाँ-कहाँ कितने ट्रांसफार्मर रखे गये एवं उनमें से कितने वैध और कितने अवैध रखे गये? (ख) यह भी बतायें कि अधिकारी एवं कर्मचारी की मिलीभगत से चुनाव के दौरान काफी ट्रांसफार्मर अवैध रूप से रखे गये एवं चुनाव के बाद हटा लिये गये? (ग) यह भी बतायें कि जो लाईन एवं ट्रांसफार्मर अवैध रूप से रखे गये एवं लाईन बिछाई गई उन्हें बाद में वैध किया? उनकी जानकारी लागत एवं दिनांक एवं किये गये कार्य के ठेकेदार का नाम सहित दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में इन सब अनियमितताओं की जाँच लोकायुक्त या विधानसभा स्तर से करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव के दौरान विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने की दिनांक 29.09.2020 से चुनाव संपन्न होने की दिनांक 10.11.2020 तक करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत केवल स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना में सक्षम स्वीकृति उपरांत 31 वितरण ट्रांसफार्मर रखे गये हैं जिनकी स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बिना स्वीकृति के कोई भी ट्रांसफार्मर अवैध रूप से नहीं रखा गया। (ख) (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नरसिंहपुर जिले में पंजीबद्ध अपराध
[गृह]
134. ( क्र. 5195 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में नरसिंहपुर जिले में कितने हत्या, बलात्कार, चोरी, लूट, डकैती, नेशीले पदार्थ (स्मैक आदि) बेचने के अपराध पंजीबद्ध किए? वर्षवार, थानावार संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें। (ख) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में जिला नरसिंहपुर में महिला उत्पीड़न, दहेज प्रथा के कितने मामले पंजीबद्ध हुए? उक्त कितने मामले न्यायालयों में चल रहे हैं? कितने मामलों में समझौता हुआ? संख्यात्मक जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
135. ( क्र. 5196 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 6-1/202/आ.प्र./एक दिनांक 18/01/018 एवं एफ 7-22/2019/आ.प्र./एक दिनांक 30/05/2019 द्वारा प्रदेश के बैगा/सहरिया/सहरिया एवं मारिया जनजाति वर्ग के लोगों को नियुक्ति प्रदान करने हेतु राजपत्र का प्रकाशन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पालन में आयुष विभाग में इस जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा प्रदेश के आयुष औषधालयों/चिकित्सालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के पालन में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उम्मीदवारों को आयुष विभाग में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु पात्रता है? यदि हाँ, तो नियुक्ति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के पालन में (ख) में आवेदकों द्वारा प्रस्तुत आवेदनों के आधार पर आयुष विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु नियुक्ति प्रदान करने हेतु माननीय विधायकों द्वारा समय-समय पर पत्र लिया गया है? क्या (ख) में वर्णित उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो आदेशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी हाँ जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से कोई जिम्मेदार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 5238 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक संचालन-संधारण संभाग खरगोन में आउटसोर्स एजेंसी द्वारा प्रदाय किए गए कुशल, अकुशल एवं अर्द्धकुशल श्रमिकों द्वारा कार्य किया गया, उनकी वर्षवार, श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन किया गया? यदि नहीं, किया गया तो कर्मचारीवार कारण सहित विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐजेंसी नियुक्ति की प्रक्रिया संबंधी दस्तावेज गाइड-लाइन का विवरण देवें। (घ) विगत 02 वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20 ) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक संचालन-संधारण संभाग खरगोन में आउटसोर्स एजेंसी द्वारा प्रदाय किए गए कुशल, अकुशल एवं अर्द्धकुशल श्रमिकों के ई.पी.एफ. खाते में कितनी-कितनी राशि जमा की गई की कर्मचारी संख्यावार, माहवार सूची देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन-जिन एजेंसी ने कार्य किया उक्त एजेंसियों के खिलाफ क्या किसी के द्वारा कोई शिकायत या आपत्ति दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो आपत्तियों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम एवं खरगोन द्वितीय में आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से प्रश्नाधीन अवधि में कुल 480 कुशल, 758 अकुशल तथा 77 अर्द्धकुशल, इस प्रकार कुल 1315 कार्मिकों से कार्य कराया गया, जिनकी वर्षवार, श्रेणीवार एवं संचालन-संधारण संभागवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में उल्लेखित कुशल, अकुशल एवं अर्द्धकुशल कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन खरगोन वृत्त द्वारा करवाया गया है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्मिकों को प्रदाय करने वाली आउटसोर्स एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया कार्यपालक निदेशक (इ.क्षे.) इंदौर द्वारा निविदा क्रमांक टीएस 279/5446 दिनांक 22.05.2017 में निहित प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई है, जिससे संबंधित दस्तावेज/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुशल, अकुशल एवं अर्द्धकुशल कार्मिकों के ई.पी.एफ. खाते में जमा की गई राशि की कर्मचारी संख्यावार, माहवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) जी हाँ, मेनपॉवर प्रदाय करने वाली बाह्य स्त्रोत एजेंसी मेसर्स ए टू ज़ेड के विरुद्ध म.प्र. बाह्य स्त्रोत विद्युत कर्मचारी संगठन के पत्र क्रमांक 02 दिनांक 08.11.2019 द्वारा माह अक्टूबर-2019 का वेतन, बकाया वेतन, एरियर, ई.पी.एफ. कटौत्रा जमा नहीं करने एवं विगत तीन माह से समय पर वेतन भुगतान नहीं करने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। इस संबंध में खरगोन वृत्त कार्यालय के आदेश क्रमांक 6622 दिनांक 20.11.2019 के माध्यम से संबंधित समस्त संभागों को बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान हेतु राशि का आवंटन किया गया एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के संबंधित कार्यालयों द्वारा आउटसोर्स श्रमिकों को उक्त वेतन राशि का भुगतान सीधे बैंक खातों में किया गया। इसी तारतम्य में निविदा अनुबंध की शर्त के अनुसार इवेंट ऑफ डिफॉल्ट के कारण निविदाकार को कार्यपालक निदेशक (इ.क्षे.) इन्दौर के पत्र क्रमांक 11436 दिनांक 25.11.2019 के माध्यम से नोटिस जारी किया गया। इसके उपरांत भी निविदाकार द्वारा माह नवंबर 2019 के वेतन राशि का भुगतान भी माह दिसंबर 2019 की 08 तारीख तक नहीं किया गया। अत: पुन: राशि का भुगतान म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा संबंधित श्रमिकों को सीधे उनके बैंक खातों में दिनांक 10.12.2019 में किया गया। निविदाकार द्वारा नोटिस का जवाब दिनांक 30.11.2019 को प्रस्तुत किया किंतु उक्त जवाब म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा संतोषजनक नहीं पाया गया। परिणाम स्वरूप कार्यपालक निदेशक (इ.क्षे.) इंदौर के आदेश क्रमांक 1099 दिनांक 13.12.2019 के माध्यम से टर्मिनेशन आदेश जारी किया जिसकी प्रभावशील दिनांक 01.01.2020 है एवं निविदाकार की बैंक गारंटी राजसात कर ली गई। निविदाकार द्वारा पुन: माह दिसंबर 2019 का भुगतान भी माह जनवरी 2020 में निर्धारित दिनांक 07.01.2020 तक नहीं करने के कारण वेतन राशि का भुगतान म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर द्वारा संबंधित श्रमिकों को सीधे उनके बैंक खाते में दिनांक 07.01.2020 को किया गया।
शासकीय आयुर्वेद औषधालय का संचालन
[आयुष]
137. ( क्र. 5242 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आयुष अधिकारी बालाघाट के पत्र क्रमांक/स्था./2021/474 बालाघाट दिनांक 01/02/2021 के द्वारा शासकीय आयुर्वेद औषधालय डोरा को ग्राम धनसुआ विकासखण्ड बालाघाट में तीन दिवस के भीतर स्थापित कर संचालन प्रारंभ किये जाने प्रभारी शासकीय आयुर्वेद औषधालय डोरा विकासखण्ड परसवाड़ा को आदेशित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन आयुष विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-5-26/2016/1/59 दिनांक 22/01/2021 के द्वारा पूर्व स्वीकृत शासकीय आयुर्वेद औषधालय बढौरा जिला सीधी के स्थान पर शासकीय आयुर्वेद औषधालय डोरा जिला बालाघाट के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी? उसका स्थान परिवर्तन कर आयुर्वेद औषधालय धनसुआ विकासखण्ड बालाघाट में नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान किए जाने बाबत् आयुक्त संचालनालय आयुष भोपाल को लिखा गया है या शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय डोरा को धनसुआ में स्थापित कर संचालित किया जाए के निर्देश दिये गये है? (ग) जिला आयुष अधिकारी बालाघाट द्वारा आदेशित शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय डोरा विकासखण्ड परसवाडा को धनसुआ विकासखण्ड बालाघाट में स्थापित कर संचालन प्रारंभ करने का प्रभारी अधिकारी को दिया गया आदेश गलत है या नहीं? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) संचालनालय का पत्र क्रमांक 8/योजना/2020/2691 दिनांक 24/12/2020 की स्वच्छ प्रति उपलब्धं करावें। आयुर्वेद औषधालय धनसुआ की स्थापना किस वर्ष स्वीकृत की गई?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ (ख) जी हाँ, शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय संचालित नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतर्गत सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 5249 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा नगर में मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कें कब-कब गत तीन वर्षों में स्वीकृत की गई? इनकी लागत, स्थल व वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी दें। इनकी ग्यारंटी अवधि क्या है? ग्यारंटी अवधि में कब-कब कितनी राशि से संधारण किया गया? प्रत्येक की जानकारी दें। इन सड़कों के घटिया निर्माण व वर्तमान खराब स्थिति हेतु कौन जिम्मेदार है? रख-रखाव संधारण न करने वालों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) विवेक विहार कॉलोनी से सूर्य नगर मार्ग एवं झांसी रोड चुंगी से रेल्वे क्रासिंग शुगर फैक्ट्री मार्ग की स्वीकृति, निविदा की क्या स्थिति है? कार्य प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं? कब तक निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण अंतर्गत 04 सड़कों के निर्माण हेतु रू. 553.76 लाख स्वीकृत। कार्य प्रारंभ नहीं होने से परियोजना निरस्त की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मध्यप्रदेश लोक सेवा प्रदान गारंटी अधिनियम अंतर्गत उपलब्ध सेवाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 5280 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर निगम के अंतर्गत कुल कितनी सेवाएं विगत 03 वर्षों में मध्यप्रदेश लोक सेवा प्रदान गारंटी अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत आम जनता को दी गयी? लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किन-किन सेवाओं को लेकर कितने नागरिकों के द्वारा प्रथम और द्वितीय अपील की गयी? वार्डवार अलग-अलग देवें। (ग) किन सेवाओं के लिए कितने लाईसेन्स, कितनी अवधि में जारी किए गए? (घ) क्या (क) अवधि में लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं के अंतर्गत प्रत्येक वार्ड में निराकरण के लिए नगर निगम की ओर से कुछ गतिविधियां की गयी है? यदि हाँ, तो क्या। (ड.) उज्जैन नगर निगम के अंतर्गत कितनी शिकायतें विगत 3 वर्षों में प्राप्त हुई? कितनी निराकृत हैं? कितनी अभी शेष हैं? (च) लोक सेवा गारंटी अधिनियम की सेवाएं समय पर नहीं दिये जाने पर किस-किस पर कार्यवाही हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा प्रदान गारंटी अधिनियम, की धारा 3 के तहत नगरीय विकास एवं आवास विभाग की कुल 19 सेवाएं तथा अन्य विभागों की कुल 15 सेवाएं, इस प्रकार कुल 34 सेवाएं आम जनता को प्रदाय की गई, 34 सेवाओं में कुल लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या 56, 665 है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग, से संबंधित 19 सेवाओं में अपील की जानकारी निरंक है तथा अन्य विभागो की 15 सेवाओं से संबंधित की गई अपील की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्रचलित सेवाओं के संबंध में विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया गया तथा आम जनता द्वारा प्रस्तुत आवेदनों के निराकरण के लिए वार्डवार शिविर लगाए गये है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द अनुसार है। (च) लोक सेवा गारंटी अधिनियम की सेवाएं समय पर प्रदाय की गई है जिस कारण से किसी भी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
सागर विकास योजनांतर्गत कॉलोनी निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 5419 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में सागर विकास योजना 2031 के अंतर्गत गैर आवासीय क्षेत्र एवं ग्रीन बेल्ट का क्षेत्र कौन-कौन सा है? क्षेत्र का नाम, रकबा एवं खसरा सहित बतायें। (ख) नगर में कहाँ-कहाँ कितनी अवैध कॉलोनी बन रही हैं? क्या अवैध कॉलोनी वैध कॉलोनी की तरह विकसित हो रही हैं? (ग) क्या अवैध कॉलोनी सागर विकास योजना 2031 में घोषित गैर आवासीय क्षेत्र में बन रही हैं? क्या अवैध कॉलोनी के मकानों का नक्शा नगर निगम पास करता है? क्या यहां बने मकानों से सम्पत्ति कर लिया जाता है तथा क्या यहां नल कनेक्शन दिया जाता है? (घ) निगम ने अप्रैल 2019 से जनवरी 2021 तक कितनी अवैध कॉलोनी में सड़क बनाई? कितनी राशि की बनवाई? अवैध कॉलोनी निर्माण होने देने यहां सड़क बनवाने मास्टर प्लान का पालन नहीं करने/कराने के दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी? (ड.) सागर जिले में वर्ष 04/2015 से 03/2020 तक कौन-कौन से अनुबंध को बगैर फाइनल किये ही किन-किन अधिकारियों द्वारा ठेकेदार की गारंटी राशि वापिस की गयी है? क्या यह नियम विरूद्ध है? यदि हाँ, तो वापिस करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर विकास योजना 2031 के अंतर्गत सागर नगर के गैर आवासीय क्षेत्र एवं ग्रीन बेल्ट क्षेत्र के खसरा नम्बरों की जानकारी मानचित्र में दर्शित है एवं कुल रकबा की जानकारी प्रपत्र में दर्शित है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। (ग) अंशत: हाँ। जी नहीं। जी हाँ, अवैध कॉलोनी में बने मकानों से सम्पत्ति कर लिया जाता है तथा अवैध कॉलोनी के रहवासियों से आवेदन प्राप्त होने पर परीक्षण उपरान्त नियमानुसार नल कनेक्शन दिए जाते हैं। (घ) नगर निगम द्वारा अप्रैल 2019 से जनवरी 2021 तक किसी भी अवैध कॉलोनी में सड़क नहीं बनाई गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अवैध कॉलोनी का निर्माण पाए जाने एवं मास्टर प्लान का पालन न पाए जाने पर निरीक्षणकर्ता अधिकारियों से सूचना प्राप्त होने पर नगर निगम द्वारा संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध नगर निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही हेतु यथासमय नोटिस जारी किए जाते है, अवैध कॉलोनी में नगर निगम द्वारा कोई सड़क नहीं बनाई जाती इसलिए किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) सागर जिले के नगरीय निकायों में वर्ष अप्रैल 2015 से मार्च 2020 तक अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य को फाईनल किए बिना किसी भी ठेकेदार की गारंटी राशि वापस नहीं की गई है। जी हाँ। जिले के नगरीय निकायों द्वारा अनुबन्ध के अनुसार कार्य को बगैर फाइनल किए ठेकेदार को गारंटी राशि वापस नहीं किए जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत खनन के दर्ज प्रकरण
[गृह]
141. ( क्र. 5420 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक अवैध रेत खनन, गिट्टी, मुरूम कारोबारियों के मध्य गैंगवार होने और गोली चलने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ख) उपरोक्त अवधि में अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों द्वारा प्रशासनिक व पुलिस और वन विभाग कर्मियों के ऊपर हमले किये जाने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार दर्ज एफ.आई.आर. पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त अवधि में अवैध खनन में संलिप्त खनन माफिया के हमलों में से कितने-कितने कर्मियों की मौत हुई? कितने घायल हुये? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अवैध रेत खनन, गिट्टी, मुरूम कारोबारियों के मध्य गैंगवार होने और गोली चलने की कोई घटना घटित नहीं हुई है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बिजली
के करंट से
मृत्यु होने
पर मुआवजा
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 501 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजली के करंट से मानव जाति मवेशी व अन्य जानवरों की मृत्यु होने पर अथवा बिजली के कारण आगजनी जैसी घटनाओं पर विभाग द्वारा मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है या नहीं? (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक विभाग के पास करंट लगने से मृत्यु एवं बिजली से आग लगने संबंधी खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) अगर विभाग द्वारा मुआवजा दिये जाने संबंधी प्रावधान है तो प्राप्त शिकायतों के अनुसार किस-किस ग्राम के कितने व्यक्तियों को मुआवजे का लाभ दिया ग्राम का नाम व क्या हानि हुई थी, उसका विवरण देवें। (घ) मुआवजे का प्रावधान होने के बाद भी अगर पीड़ित को लाभान्वित नहीं किया गया है तो क्यों नहीं किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजस्व विभाग, म.प्र. शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी., 6-4) की कंडिका-2, 5 (1) एवं 6 (1) जो कि क्रमश: दुर्घटना में पशु हानि होने पर, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। तद्नुसार म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आर्थिक अनुदान सहायता राशि दिये जाने से संबंधित बनाए गए नियमों/जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। बिजली के कारण आगजनी जैसी घटनाओं पर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा मुआवजा दिये जाने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से दिनांक 20.02.2021 तक की अवधि में विद्युत दुर्घटनाओं में व्यक्तियों की मृत्यु संबंधी 38 एवं पशुओं की मृत्यु संबंधी 36 शिकायतें म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्राप्त हुई है तथा बिजली से आग लगने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाओं में मृत व्यक्ति के परिवार के सदस्य/निकटतम वारिस एवं मृत पशुओं के मालिकों को प्रदान की गई आर्थिक अनुदान सहायता की राशि सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित परिपत्रों के प्रावधानों के अनुसार मृत व्यक्ति एवं मृत पशुओं के अपात्र प्रकरणों में ही मृतको के परिजनों/ मृत पशुओं के मालिकों को आर्थिक सहायता राशि का लाभ नहीं दिया गया है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है।
मजरे टोलों पर 24 घंटे वाली बिजली का प्रदाय
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 504 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने मजरे टोले के रहवासियों को 24 घंटे वाली बिजली की सुविधा अभी तक प्राप्त नहीं हो रही है? मजरे टोले के नाम बतावें। (ख) मजरे टोले के निवासियों को 24 घंटे वाली बिजली से वंचित रखे जाने का क्या कारण है? (ग) मजरे टोले के निवासी 24 घंटे वाली बिजली से वंचित है तो उन्हें 24 घंटे वाली बिजली कब तक मुहैया करा दी जावेगी? (घ) क्या मजरे टोले के निवासियों को मुफ्त 24 घंटे वाली बिजली दिये जाने का भी प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं इन ग्रामों के चिन्हित समस्त मजरों/टोलो को तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक अवरोधों एवं अत्यावश्यक मेन्टेनेंस कार्य हेतु अपरिहार्य होने जैसी स्थिति को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं।
संविदा एवं स्थाई कर्मियों की समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 772 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में मुलताई संभाग अन्तर्गत कितने स्थाई कर्मी कार्यरत है? क्या इन स्थाई कर्मियों को कुशल, अकुशल या अर्द्धकुशल की श्रेणी चिन्हित किया जा कर उस अनुरूप वेतन का भुगतान किया जा रहा है? प्रत्येक श्रेणी के कर्मी की योग्यता एवं वेतन की जानकारी उपलब्ध कराये। मुलताई संभाग में अकुशल कर्मियों को कितने वर्ष के अनुभव के उपरांत अर्द्धकुशल एवं कुशल की श्रेणी में चिन्हित कर वेतन उस अनुरूप दिये जाने का प्रावधान है? (ख) मुलताई संभाग में संविदा श्रेणी के कितने-कितने अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं? क्या कंपनी की इन्हें नियमित करने की कोई नीति या योजना है यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें यदि नहीं, तो क्यों? (ग) मुलताई संभाग में आउटसोर्स के कितने कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है? ये कर्मचारी किस संस्था/कंपनी के माध्यम से कार्यरत है इन्हें प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि का भुगतान कंपनी द्वारा किया जा रहा है? क्या इन आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की कंपनी की कोई योजना है? यदि नहीं, तो इनकी सामाजिक सुरक्षा एवं वेलफेयर के लिए कंपनी या शासन की क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुलताई संचालन-संधारण संभाग के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल 41 ''स्थाई कर्मी'' कार्यरत हैं। सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन के आदेश क्र. एफ-5-1/2013/1/3 दिनांक 07.10.16 की कंडिका 1.1, 1.2 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश दिनांक 19.07.18 के तहत उक्त ''स्थाई कर्मी'' हेतु अकुशल श्रेणी में स्वीकृत वेतनमान के अनुसार वेतन का भुगतान किया जा रहा है। मुलताई संभाग अंतर्गत कार्यरत 41 ''स्थाई कर्मी'' की योग्यता एवं वेतन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 07.10.2016 में अकुशल कर्मियों को अनुभव के आधार पर अर्द्धकुशल एवं कुशल श्रेणी में चिन्हित कर वेतन दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुलताई संचालन/ संधारण संभाग के अंतर्गत संविदा आधार पर एक-अधिकारी एवं 60 कर्मचारी इस प्रकार कुल 61 संविदा कार्मिक कार्यरत हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत संविदा कार्मिक कंपनी में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधन नियम, 2018'' से शासित होते हैं। उक्त प्रचलित संविदा नीति के अनुसार सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदा कार्मिकों हेतु पद आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। (ग) ठेकेदार फर्म मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस लिमिटेड इंदौर के माध्यम से प्रश्न दिनांक की स्थिति में मुलताई संचालन/संधारण संभाग अंतर्गत 136 आऊटसोर्स कार्मिक कार्यरत हैं। उक्त कार्मिकों को उक्त ठेकेदार फर्म द्वारा टेण्डर/आदेश की शर्तों के तहत कलेक्टर दर पर निर्धारत पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। आऊटसोर्स कार्मिक मूलतः बाह्यस्त्रोत सेवा प्रदाता के कर्मचारी है, इन्हें नियमित करने की वितरण कंपनी की कोई योजना नहीं है। उक्त कार्मिकों की कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र दि. 20.03.2018 तथा परिपत्र दि. 19.11.2020 के अनुसार मृत व्यक्ति के परिवार/निकटतम वारिस को मृत्यु होने अथवा अंग हानि होने पर आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है, साथ ही टेंडर की शर्तों के अनुरूप बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी को प्रत्येक माह ई.पी.एफ. (भविष्य निधि) तथा ई.एस.आई.सी. में नियमानुसार राशि जमा करानी पड़ती है।
बिजली बिल के बकाया राशि की वसूली
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 799 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितनी नलजल योजनाओं पर फरवरी 2021 की स्थिति में बिजली के बिल की कितनी राशि बकाया है उक्त राशि वसूल करने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) नलजल योजना से बिजली का बिल किस दर से वसूल किया जाता है? कितने रूपये यूनिट बिजली दी जाती है तथा अन्य कौन-कौन से प्रभार दिये जाते हैं? (ग) बंद नलजल योजनाओं से बिजली का उपयोग न करने की स्थिति में भी बिजली का बिल क्यों वसूल किया जाता है? (घ) बंद नलजल योजनाओं से बिजली के बिल की वसूली न हो इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले में नलजल योजनातंर्गत प्रदान किये गये 269 कनेक्शनों पर फरवरी 2021 की स्थिति में बिजली के बिल की रू. 610.60 लाख की राशि बकाया है। उक्त राशि को वसूल करने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा संबंधितों से पत्राचार किया जा रहा है। (ख) नलजल योजना से बिजली का बिल म.प्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश की श्रेणी LV-3 की दर से वसूल किया जाता है। उक्त टैरिफ श्रेणी के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी की नल-जल योजनाओं हेतु लागू प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार की दर संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। नलजल योजना के विद्युत कनेक्शन हेतु जारी विद्युत बिल में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार नियत प्रभार एवं ऊर्जा प्रभार (ईधन प्रभार सहित) सम्मिलित किये जाते है। (ग) स्थाई रूप से बंद नलजल योजनाओं से बिजली का बिल नहीं लिया जा रहा है। यदि बंद नलजल योजना पर स्थाई विच्छेदन के पूर्व बकाया राशि है, तो नियमानुसार वह राशि वसूल की जाती है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगर के अन्दर नाली का निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 1526 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा के ब्यावरा नगर में नालियों की हालात बहुत खराब है व अत्यंत गंदगी है क्या कारण रहा? (ख) नालियों के निर्माण एवं मरम्मत का कार्य एवं टेंडर अंतिम बार कब हुआ था और किसने किया ठेकेदार कौन था? (ग) नगर में नाली निर्माण कब तक पूर्ण होगी व इसके लिए कोई बजट शासन स्तर पर मंजूर है यदि हाँ, तो कार्य कब से प्रारंभ होगा यदि नहीं, तो क्या इस बजट में उक्त नाली निर्माण कार्य हेतु राशि दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, निकाय क्षेत्रान्तर्गत रहवासियों द्वारा कचरा एवं पॉलीथीन सीधे नाली में फेंकने से नालियों का बहाव अवरूद्ध होने से कुछ गंदगी रहती है। (ख) नालियों के निर्माण कार्य एवं मरम्मत कार्य में से अंतिम बार नाली निर्माण कार्य की निविदा दिनांक 30-06-2018 को जारी की गई थी, जिसमें ठेकेदार श्री एम.एम. कंसट्रक्शन द्वारा कार्य किया गया है। (ग) जनप्रतिनिधियों एवं रहवासियों की मांग एवं आवश्यकतानुसार नालियों का निर्माण कार्य कराया जाता है। निकाय निधि/मूलभूत सुविधा मद की राशि से किया जाता है। नालियों हेतु पृथक से कोई बजट स्वीकृत करने का कोई प्रावधान नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षेत्र भ्रमण हेतु वाहनों की जानकारी
[संसदीय कार्य]
6. ( क्र. 1661 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायकों को शासन द्वारा क्षेत्र भ्रमण हेतु माह में 3 दिवस के लिए शासकीय वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो मुरैना जिले में प्रश्नकर्ता सदस्य को अभी तक वाहन उपलब्ध क्यों नहीं कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कृत्य के लिये कौन दोषी है? क्या उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) म.प्र. शासन द्वारा विगत 2 वर्षों में अब तक चम्बल संभाग अन्तर्गत किन-किन विधायकों को कहाँ-कहाँ पर वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई और विगत 2 वर्षों में मुरैना जिले में कुल कितनी राशि व्यय की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चंबल संभाग के अन्तर्गत किसी जिले में विगत 2 वर्षों में किसी माननीय विधायक को वाहन सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पचोर नगर व ग्राम बिलापुरा के मध्य विद्युत लाईन शिफ्टिंग कार्य
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 1759 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा से देवास फोरलेन सड़क निर्माण के अंतर्गत पुरानी सड़क के किनारे स्थापित विद्युत लाईन को नवीन निर्माणाधीन मार्ग के दोनों किनारों की बाउण्ड्री पर विद्युत लाईन शिफ्टिंग (स्थानान्तरित) का कार्य किस विभाग द्वारा किया गया था? यदि उक्त कार्य ऊर्जा विभाग द्वारा करवाया गया है, तो उनके द्वारा NHAI से कितनी राशि किस दिनांक को जमा करायी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्य को यदि ऊर्जा विभाग द्वारा किया गया है तो रोड के स्वीकृत नक्शे में दर्शित भूमि पर ही विद्युत लाईन शिफ्टिंग किया गया है या NHAI के अधिकारियों के बतायें अनुसार किया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत संचालन-संधारण वृत्त देवास एवं शाजापुर के तहत ब्यावरा से देवास फोरलेन सड़क निर्माण के कार्य के अंतर्गत पुरानी सड़क के किनारे स्थापित विद्युत लाईनों को नवीन निर्माणाधीन मार्ग के दोनों किनारों की बाउन्ड्री पर शिफ्ट करने का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक द्वारा अधिकृत किये गये अ-श्रेणी के विद्युत ठेकेदार द्वारा कराया गया था। उक्त कार्य जमा योजना के अंतर्गत 05 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेस के तहत स्वीकृत किये गये थे। अतः स्वीकृत प्राक्कलन राशि के 05 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेस एवं उस पर लगने वाले सर्विस टैक्स की राशि ही म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में जमा करवाई गई है। प्रश्नाधीन ब्यावरा से देवास फोरलेन सड़क (आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3) संचालन-संधारण वृत्त देवास के तीन संचालन-संधारण संभागों, संचालन-संधारण संभाग शाजापुर एवं संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ से होकर गुजरता है। प्रश्नाधीन कार्य हेतु वितरण कंपनियों द्वारा नियमानुसार जमा कराई गई सुपरविजन चार्ज की राशि की संचालन-संधारण संभागवार एवं प्राक्कलनवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक द्वारा अधिकृत किये गये अ-श्रेणी के विद्युत ठेकेदार से कराया गया है। उक्त कार्य जमा योजना के अंतर्गत 05 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेस के तहत स्वीकृत किये गये थे। अतः विद्युत कंपनी द्वारा प्राक्कलन राशि का 05 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेस एवं उस पर लगने वाले सर्विस टैक्स की राशि ही विद्युत वितरण कंपनी में जमा करवाई गई है। उक्त लाईन शिफ्टिंग कार्यों का संयुक्त सर्वे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं विद्युत कंपनी के अधिकारियों द्वारा किया गया है एवं सर्वे के आधार पर बनाये गये नक्शे के अनुसार ही उक्त कार्य संपादित किया गया है।
सौर ऊर्जा अंतर्गत सिंचाई हेतु मोटर पम्प स्थापित करने
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
8. ( क्र. 1761 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत सौर ऊर्जा से चलित सिंचाई पम्प हेतु वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने ऑन लाईन आवेदन पत्र कृषकों से प्राप्त हुए है एवं उनके विरुद्ध कितने सिंचाईं मोटर पम्प स्थापित किये जा चुके है? वर्षवार, विधान सभावार, प्राप्त आवेदन पत्र की संख्या एवं स्थापित किये गये सिंचाई मोटर पम्प तथा शेष रहे मोटर पम्प की संख्या से अवगत करावें? (ख) क्या लगाये गये कृषकों को सिंचाईं हेतु मोटर पम्प उनके आवेदन तिथि की मेरिट अनुसार लगाये गये है? विधान सभावार प्राप्त आवेदनों की तिथि एवं स्थापित किये गये सिंचाईं मोटर पम्पों की तिथि की जानकारी कृषक संख्यावार बतावें तथा शेष रहे कृषकों को कब तक मोटर पम्प स्थापित कर दिये जावेगे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जिला राजगढ़ के अन्तर्गत सौर ऊर्जा से चलित सिंचाई पंप (सोलर पंप) हेतु वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक 155 ऑनलाईन आवेदन पत्र कृषकों से प्राप्त हुए एवं उनके विरूद्ध 75 सोलर पंप स्थापित किये जा चुके हैं एवं शेष रहे आवेदनों की संख्या 80 नग है। विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध सोलर पंप की स्थापना हितग्राही द्वारा हितग्राही अंश की राशि जमा करने पर चयन के उपरान्त उनके द्वारा पूर्ण राशि जमा कराने की तिथि के आधार पर एवं स्थापना में सुगमता/भौगोलिक परिस्थिति इत्यादि के अनुसार की जाती है। विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। शेष रहे कृषकों हेतु केन्द्र एवं राज्य शासन से अनुदान की स्वीकृति प्राप्त होने पर तत्समय प्रचलित योजना अन्तर्गत सोलर पंप की स्थापना की जावेगी।
अतिक्रमणकारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 1901 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अक्टूबर 2020 से लेकर प्रश्न दिनांक तक भोपाल, शहर में किन-किन अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण तोड़े/रिक्त कराये गए? अतिक्रमणकारियों/कब्जाधारियों के नाम तथा कब्जे की भूमि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अतिक्रमणकर्ताओं/अतिरिक्त निर्माणकर्ताओं को जारी किये गए नोटिसों की जानकारी दिनांक एवं जावक नम्बर सहित उपलब्ध कराएं। (ग) क्या अतिक्रमण हटाए जाने से पूर्व अतिक्रमणकारियों को किसी प्रकार का कोई भी नोटिस नहीं दिया गया? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही होगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में नगर निगम भोपाल की भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा हटाये गये अवैध निर्माणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अतिरिक्त निर्माणकर्ताओं को जारी किये गये नोटिस, दिनांक एवं जावक नम्बर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर निगम भोपाल द्वारा अवैध निर्माण हटाये जाने हेतु नोटिस दिये जाते है। अवैध निर्माण हटाने की सतत् प्रक्रिया है, समय बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 2131 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में नगर पालिका ब्यावरा व सुठालिया में कुल कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गए है समस्त प्रधानमंत्री आवास प्राप्त हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करवायें। (ख) दोनों नगर पालिका में कितने आवास हेतु कितनी राशि जारी की गई है? (ग) उक्त नगर पालिकाओं में शासन से कितना आवंटन प्राप्त हुआ वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास के कितने प्रकरण लंबित हैं जिन्हें एक या दो किस्त जारी की गई? (घ) आज दिनांक तक कुल कितने प्रकरण ऐसे हैं जिन्हें प्रधानमंत्री आवास दिया जाना है जिसकी राशि कब तक शासन स्तर से मंजूर होगी वह कब का कार्य प्रारंभ किया जाएगा अवगत कराने की कृपा करें प्रधानमंत्री आवास हेतु वंचित हितग्राहियों को कब तक प्रधानमंत्री आवास दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के नगर पालिका ब्यावरा तथा नगर परिषद् सुठालिया में हितग्राहियों की स्वीकृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) नगर पालिका परिषद ब्यावरा के 1122 हितग्राहियों की प्रथम किश्त की राशि हितग्राहियों के एम.आई.एस. अटैचमेंट के आधार पर भारत सरकार से अभी प्राप्त नहीं हुई है। नगर परिषद् सुठालिया के 323 हितग्राहियों के एम.आई.एस. अटैचमेंट के आधार पर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गई है, जिसकी राशि आहरण के पश्चात हितग्राहियों को अंतरित की जायेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष हितग्राहियों को राशि दिये जाने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ विधानसभा में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 2226 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ विधानसभा में स्वीकृत ग्रिडों की सूची उपलब्ध कराएं व प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रिड का कार्य पूर्ण हो गया है? कितने ग्रिड अपूर्ण है? कितने ग्रिड का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? (ख) क्या कार्यालय प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड मध्यप्रदेश द्वारा पत्र क्रमांक प्र.सं./म.क्षे./कार्य एवं योजना/1896 भोपाल, दिनांक 10/02/2020 के द्वारा राजगढ़ जिले में नवीन ग्रिड स्वीकृत किये थे? यदि हाँ, तो स्वीकृत ग्रिडों की सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) एवं (ख) अनुसार उपलब्ध ग्रिड की जानकारी अनुसार अपूर्ण ग्रिड का कार्य किस दिनांक तक पूर्ण हो जायेगा तथा प्रारंभ नहीं हुए ग्रिड का कार्य किस दिनांक तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? दिनांक सहित जानकारी दें। यदि स्वीकृत हुए ग्रिड का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होगा? तो क्यों नहीं होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 3 स्थानों यथा-हिरनखेड़ी, डालूपुरा और बामलाबे पर 33/11 के.व्ही. के विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया था, जिनमें से 33/11 के.व्ही. विद्युत उप केन्द्र बामलाबे का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष 2 नंबर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य सीमित वित्तीय उपलब्धता के दृष्टिगत निरस्त किया गया है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 10.02.2020 द्वारा राजगढ़ जिले में 13 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य स्वीकृत किये गये थे, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित 13 स्वीकृत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में से 3 नंबर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों यथा-बामलाबे, अलोनी एवं सवासी के कार्य तकनीकी रूप से अत्यावश्यक होने के कारण वित्तीय उपलब्धता उपरान्त पूर्ण कर इन उपकेन्द्रों को ऊजीकृत कर दिया गया है। शेष 10 नंबर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण नहीं होने के बाद भी वर्ष 2020-21 के रबी सीजन में भार प्रबंधन सुचारू रूप से कर लिया गया है एवं इनके निर्माण की आवश्यकता नहीं पड़ी। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अतिभार व वोल्टेज की समस्या नहीं है। अगर भविष्य में कोई समस्या परिलक्षित होती है तो वित्तीय उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता/प्राथमिकता के क्रम में इन्हें कराए जाने का निर्णय लिया जा सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नि:शुल्क पम्प कनेक्शन
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 2315 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा 1 हेक्टेयर तक भूमि वाले 5 हार्स पावर तक के कृषि पंप हेतु अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है यदि हाँ, तो इस हेतु संबंधित कृषक को क्या-क्या दस्तावेज किस अधिकारी को देना पड़ते हैं? (ख) रायसेन एवं बरेली संभाग में प्रश्नांश (क) से संबंधित कितने कृषकों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है वितरण केन्द्रवार संख्या बतायें। (ग) क्या रायसेन एवं बरेली संभाग में प्रश्नांश (क) से संबंधित अनेक कृषकों से विद्युत बिल वसूल किया जा रहा है, यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के संबंध में रायसेन वृत्त एवं वृतांतर्गत अधिकारियों को 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई, तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा 01 हेक्टेयर तक भूमि वाले 05 हार्स पॉवर तक के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषि पम्प उपभोक्ताओं को निःशुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस योजना हेतु कृषक को कृषि पंप का विद्युत कनेक्शन लेते समय जाति प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड एवं भूमि से संबंधित दस्तावेज की सत्यापित छायाप्रति संबंधित वितरण केन्द्र कार्यालय में अथवा वितरण केन्द्र प्रभारी के समक्ष प्रस्तुत करना होती है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों के अंतर्गत निःशुल्क विद्युत प्रदाय प्राप्त कर रहे कृषि पंप कनेक्शन उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के संबंध में रायसेन वृत्त एवं वृत्तान्तर्गत अधिकारियों को प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
प्राप्त शिकायतों का निराकरण
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 2395 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन एवं बरेली संभाग में जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु केन्द्रीयकृत नंबर 1912 तथा सी.एम. हेल्पलाईन 181 पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई माहवार संख्या बतायें। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में कितनी शिकायतें क्यों लंबित है तथा उनका कब तक निराकरण होगा। (ग) क्या शिकायतों के निराकरण हेतु जनभागीदारी सुनिश्चित की गई है यदि हाँ, तो किस-किस वितरण केन्द्र पर किन-किन जनप्रतिनिधियों को समिति में सम्मिलित किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) की समितियों द्वारा प्रश्नांश (क) की अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया फरवरी 2021 की स्थिति में कितनी शिकायतें क्यों लंबित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन एवं बरेली संचालन-संधारण संभागों के अंतर्गत जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल 181 पर 628 शिकायतें एवं केन्द्रीयकृत नंबर 1912 पर 608 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसकी माहवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रायसेन एवं बरेली संचालन-संधारण संभागों के अंतर्गत माह फरवरी 2021 की स्थिति में सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल 181 पर कुल 14 शिकायतें लंबित है। शिकायतों में उल्लेखित जले/खराब ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं जा सके है, अत: उक्त 14 शिकायतें लंबित है। केन्द्रीयकृत नंबर 1912 पर प्राप्त 608 शिकायतों में से 510 शिकायतें गलत पाई गयी तथा 97 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष एक शिकायत में संबंधित एक जला/खराब ट्रांसफार्मर, उससे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदला नहीं जा सका है, अत: इस शिकायत का निराकरण होना शेष है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के उपरांत उक्त शिकायतों से संबंधित जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाना संभव हो सकेगा। अत: इनके निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 2396 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में फरवरी 2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कितने आवास स्वीकृत किये गये उनमें से कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण हैं तथा किन-किन के आवास का कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों निकायवार जानकारी दें। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में कितने पात्र हितग्राही हैं जिनके आवास स्वीकृत नहीं हुए तथा क्यों कारण बतायें? (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में कितने आवासहीन एवं कच्चे मकान वाले हैं जिनके पास भूमि की दस्तावेज न होने के कारण आवास स्वीकृत नहीं किये गये उनके कब तक आवास स्वीकृत किये जायेगें? (घ) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में सभी आवासहीन एवं कच्चे मकान वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कब तक आवास उपलब्ध करा दिये जायेगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), मिशन हाउसिंग फार आल-2022 की अवधि 31 मार्च 2022 तक है नियम एवं पात्रता की शर्तें पूर्ण करने वाले हितग्राहियों की डीपीआर भारत सरकार से स्वीकृत होने के उपरांत देय किश्तों की राशि नियमानुसार मुक्त की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर नगर निगम में संचालित संबल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 2504 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर में प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2018 में प्रारंभ मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना (संबल योजना) के तहत कितने गरीबों, मजदूरों, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के सर्वे में पात्र पाये गये हितग्राहियों के कार्ड बनाये गये हैं एवं कितने कार्ड कब वितरित किये गये है तथा कितने कार्डों का वितरण नहीं किया गया हैं एवं क्यों? वार्डवार 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित योजना के तहत कराये गये सर्वे में कितने अपात्र हितग्राहियों के नाम काटे गये हैं एवं कितने नाम जोड़े गये हैं एवं कितने हितग्राहियों के कार्ड बनाकर वितरित किये गये हैं एवं कितने हितग्राहियों के कार्डों का कब से वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? वार्डवार पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में शासन की संचालित किन-किन योजनाओं में कितने-कितने हितग्राहियों लाभांवित हुये हैं। कितने-कितने हितग्राहियों की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु होने पर, स्थाई अस्थाई अपंगता पर तथा कितने हितग्राहियों को अंत्येष्टि सहायता की किस मान से कितनी-कितनी अनुग्रह राशि वितरित की गई? कितने-कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी अनुग्रह राशि नहीं दी गई एवं क्यों? बतलावें। वार्डवार पृथक-पृथक सूची दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर में प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2018 में प्रारंभ मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल योजना) के तहत पात्र पाये गये 183193 हितग्राहियों के कार्ड बनाये गये हैं एवं कार्ड वितरित किये गये हैं। कार्ड वितरण नहीं किये जाने की जानकारी निरंक है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित योजना के तहत कराये गये सर्वे में 69120 अपात्र हितग्राहियों के नाम काटे गये है एवं कोई भी नाम नहीं जोड़े गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में शासन की संचालित मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल योजना) में 1743 हितग्राही लाभांवित हुये है। 1742 हितग्राहियों की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु होने पर स्थाई, अस्थाई अपंगता पर 01 हितग्राही को अंत्येष्टि सहायता राशि 5000/- रूपये के मान से तथा अनुग्रह राशि 36,20,00,000=00 वितरित की गई। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
भोपाल पत्रकार कॉलोनी में अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 2640 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में लिंक रोड नम्बर तीन पर निर्मित पत्रकार कॉलोनी में कॉलोनी के प्लाटधारी कितने रहवासियों ने शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है? अतिक्रमणकारियों के नाम एवं कब्जा कितने वर्गफीट पर किया है? (ख) पत्रकार कॉलोनी में अतिक्रमण किये जाने की कितनी शिकायतें तहसील एवं नगर विभाग के पास लंबित है? शिकायतों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब-कब की गई? (ग) कितने अतिक्रणकारियों ने कॉलोनी के पीछे नाले तक अतिक्रमण करके स्वीमिंग पूल एवं गार्डन बनाये हैं? उनके नाम बतायें। ये अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शासन के द्वारा श्रमजीवी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति को लिंक रोड नंबर 03 पर ग्राम कोटरा सुल्तानाबाद स्थित खसरा क्रमांक 144/1 में से रकबा 4.60 एकड़ भूमि लीज पर दी गई है। अतिक्रमण के संबंध में श्रमजीवी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है। (ख) प्रश्नाधीन स्थल से संबंधित तहसील एवं नगर निगम भोपाल में कोई शिकायत लंबित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों की जानकारी
[गृह]
17. ( क्र. 2987 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम सीमा में कितने शासकीय आवास है व कितने रिक्त हैं और कितने आवासों में कर्मचारी निवास कर रहे है? (ख) रिक्त शासकीय आवास कब तक अधिकारी व कर्मचारियों को आवंटित किये जायेगें? (ग) शासकीय आवासों की मेन्टेनेंस की क्या व्यवस्था है क्या जर्जर शासकीय आवास की मरम्मत किए जाने की कोई योजना है अथवा नहीं यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पलाश होटल के पास जो बहुमंजिला शासकीय आवास बनाये गये हैं उन्हें कब तक शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को आवंटन किया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल नगर निगम सीमा में कुल 11202 शासकीय आवास हैं व 450 आवास रिक्त हैं। 10752 आवासों में कर्मचारी निवास कर रहे हैं। (ख) रिक्त शासकीय आवासों का आवंटन एक सतत् प्रक्रिया है। सभी शासकीय आवासों का आवंटन कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा बताना संभव नहीं है। (ग) शासकीय आवासों के मरम्मत का कार्य वार्षिक मरम्मत कार्य एवं विशेष मरम्मत के अंतर्गत आवश्यकतानुसार किये जाते है। साउथ एवं नार्थ टी.टी. नगर स्थित जर्जर शासकीय आवासों को तोड़कर स्मार्ट सिटी परियोजना अन्तर्गत शासकीय भवन तैयार किये जा रहे है एवं पुराने शहर में आने वाले शाहजहाँनाबाद, परिबाजार, बारामहल, रामनगर कालोनी के शासकीय जर्जर आवासों के तोड़कर भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा पुर्नघनत्वीकरण योजना के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। (घ) पलाश होटल के पास जो बहुमंजिला शासकीय आवास बनाये गये हैं का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद पर पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 2999 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका/परिषदों में अधिकारी कर्मचारियों की भर्ती पदोन्नति हेतु नवीन आदर्श कार्मिक संरचना लागू है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कौन-कौन से पद पदोन्नति केडर में सम्मिलित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आलोक में नगरीय निकायों की नवीन आदर्श कार्मिक संरचना में लिपिक वर्गीय सहायक ग्रेड-2 (उच्च श्रेणी लिपिक), सहायक ग्रेड-1 (मुख्य लिपिक) पदों को (ग) श्रेणी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदोन्नति से वंचित क्यों किया गया? आधार स्पष्ट करें? जबकि नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत लिपिक वर्ग मुख्य लिपिक एवं उच्च श्रेणी लिपिक को भी (ग) श्रेणी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद पदोन्नति के प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) से संबंधित (मुख्य लिपिक) सहायक ग्रेड-1 व (उच्च श्रेणी लिपिक) सहायक ग्रेड-2 लिपिक वर्ग को मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर नवीन आदर्श कार्मिक संरचना में लेने की सरकार की मंशा है? यदि नहीं, तो कारण बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. राज्य नगर पालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 अंतर्गत मुख्य नगर पालिका अधिकारी वर्ग-ग के पद पर पदोन्न्त हेतु ''क'' श्रेणी की नगर पालिका परिषद के अधीक्षक ''ग'' श्रेणी की नगर पालिका परिषद के राजस्व निरीक्षकों तथा राजस्व उपनिरीक्षकों से किये जाने का प्रावधान है। जी नहीं, इस तरह के प्रावधान नहीं है। (ग) वर्तमान में उक्त प्रस्ताव विचारणीय नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ताप एवं जल विद्युत गृह की निरन्तर इकाईयां
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 3008 ) श्री प्रियव्रत सिंह, श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले एक वर्ष में ताप एवं जल विद्युत गृह की कौन सी इकाइयों में मेजर ब्रेक डाउन (बडे फाल्ट) के कारण कौन-कौन सी इकाइयां बंद रही हैं, प्रपत्र में विवरण बताएं। (ख) क्रमांक इकाई का नाम टूट-फूँट का कारण इकाई कितने दिन बन्द रहीं कुल विद्युत नुकसान इन इकाइयों के सुधार में इकाईवार कुल कितना व्यय होगा (ग) प्रश्नांश (क) सभी ताप एवं जल विद्युत गृहों की सभी इकाइयों का विद्युत उत्पादन इकाईवार, माहवार मिलियन यूनिट में बताएं एवं ताप इकाइयों का कुल पी.यू.एफ./पी.एल.एफ. बताएं। श्री सिंगाजी ताप की इकाई क्र.-3 एवं 4 क्षमता 2X660 मेगावॉट निर्माण से उत्पादन प्रारंभ होने से इकाईवार, माहवार अद्यतन कुल उत्पादन बताएं। क्या यह सही है कि वर्तमान में उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारी की अनुभवहीनता एवं तकनीकी कौशल में कमी के कारण व्यवस्था गड़बड़ा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पिछले एक वर्ष (मार्च 2020 से फरवरी 2021) की अवधि में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप एवं जल विद्युत इकाइयॉं, जो कि मेजर ब्रेक डाउन होने के कारण बंद रही, का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) इकाई बंद होने का कारण, बंद रहने की अवधि, विद्युत उत्पादन हानि एवं सुधार में व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) की अवधि में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों की सभी इकाइयों के इकाईवार, माहवार विद्युत उत्पादन एवं पी.यू.एफ./पी.एल.एफ. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्र.-3 एवं 4 जिनकी क्षमता 2x660 मेगावाट है, द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि से दिनांक 28 फरवरी 2021 तक (अद्यतन संकलित) किया गया इकाईवार, माहवार विद्युत उत्पादन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी नहीं।
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की जा रही अनियमितता
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 3015 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बैतूल वृत के महाप्रबंधक को सेवानिवृत्ति के लिए कितने माह शेष हैं? आधारभूत सेवानियमों के तहत सेवानिवृत्ति के कितने दिन पूर्व नीतिगत निर्णय आर्थिक निर्णय स्थानांतरण इत्यादि के निर्णय नहीं ले सकता हैं। (ख) बैतूल वृत के महाप्रबंधक द्वारा पिछले 6 महीनों में कितने कर्मचारियों एवं अधिकारियों के स्थानांतरण किये गये हैं? क्या प्रदेश में स्थानांतरण नीति खुली हुई है? (ग) क्या राज्य शासन के निर्देश हैं कि कोविड संक्रमण के चलते स्थानांतरण कम से कम या नहीं किये जायें? क्या माननीय उच्च न्यायालय के भी इसी प्रकार के निर्देश हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बैतूल वृत के प्रबंधक द्वारा चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारियों तक के स्थानांतरण क्यों एवं किसकी अनुमति से किये गये? (ड.) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अवैध रूप से स्थानांतरण किये जाने के कारण गत वर्ष 50 हजार रूपये का जुर्माना बैतूल महाप्रबंधक पर लगाया गया था? यदि हाँ, तो मध्यक्षेत्र के उच्च अधिकारियों द्वारा बैतूल वृत्त महाप्रबंधक के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों नहीं की गई? (च) बैतूल वृत्त के महाप्रबंधक के विरुद्ध 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है एवं उन पर कितनी शिकायतों के विरूद्ध कार्यवाही हुई है एवं कितनी शिकायतों में कार्यवाही शेष हैं? (छ) क्या बैतूल वृत्त के महाप्रबंधक द्वारा सेवानिवृत्ति के पूर्व आनन-फानन में कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के शोकॉज नोटिस का निराकरण किया गया? यदि नहीं, हैं तो जाँच कर महाप्रबंधक के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के बैतूल वृत्त के महाप्रबंधक श्री आर.पी. बिसारिया दिनांक 28 फरवरी 2021 को सेवानिवृत्त हो गये है। आधारभूत सेवानियमों के तहत सेवानिवृत्ति के पूर्व नीतिगत एवं आर्थिक निर्णय नहीं लिये जाने के संबंध में कोई नियम नहीं हैं। (ख) बैतूल वृत्त के महाप्रबंधक द्वारा पिछले 6 महीनों में कुल 20 कार्मिकों (18 कर्मचारी एवं 02 कनिष्ठ यंत्री) के स्थानांतरण किये गये। जिसमें 17 स्थानान्तरण स्वैच्छिक एवं 03 स्थानान्तरण प्रशासनिक तौर पर किये गए। प्रशासनिक स्तर पर आवश्यकतानुसार किसी भी समय सक्षम अनुमोदन उपरान्त स्थानांतरण किये जा सकते हैं। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानान्तरण संबंधी इस प्रकार के कोई निर्देश नहीं है। (घ) बैतूल वृत्त में प्रबंधक अथवा समकक्ष स्तर के अधिकारियों द्वारा कोई स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ड.) जी नहीं। अतः प्रश्न नहीं उठता। (च) 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल वृत्त के महाप्रबंधक के विरुद्ध कुल 03 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें एक शिकायत तीन अलग-अलग माध्यमों से प्राप्त हुई हैं। उक्त तीनों शिकायतों में जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (छ) बैतूल वृत्त के महाप्रबंधक द्वारा सेवानिवृत्ति माह फरवरी 2021 में 28 नंबर शोकॉज नोटिस का निराकरण किया गया हैं। तत्संबंध में संबंधित महाप्रबंधक के विरूद्ध कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
महेश्वर परियोजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 3023 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्वर विद्युत परियोजना की वर्तमान स्थिति एवं लक्ष्य क्या है? (ख) उक्त परियोजना के डूब प्रभावित गांवों के पुनर्वास स्थलों का निर्माण कार्य बंद किया गया है यदि हाँ, तो ग्राम एवं स्थानवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों में कितने ग्राम में मूलभूत सुविधाओं एवं निर्माण कार्य पूर्ण/अधूरे/वंचित हैं ग्रामवार एवं स्थानवार जानकारी दें और कब तक उक्त ग्रामों में निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जायेगा? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खरगोन को प्रेषित पत्र दिनांक 12/6/20 व समय-समय पर प्राप्त अन्य माध्यमों से प्राप्त पत्रों पर विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति प्रश्न दिनांक में क्या है क्या विलंब के कारणों की जाँच कर संबंधितों को निर्देशित आदेश जारी किए जायेगें हाँ तो बताएं? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में प्रश्न दिनांक की स्थिति की जानकारी पालन प्रतिवेदन सहित देते हुए बतायें की उक्त कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) महेश्वर विद्युत् परियोजना निजी क्षेत्र की परियोजना है, जिसका विकास निजी क्षेत्र की कंपनी मेसर्स श्री महेश्वर हायडल पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (एसएमएचपीसीएल) द्वारा किया जा रहा है l निजी विकासक द्वारा परियोजना के विकास हेतु आवश्यक राशि उपलब्ध नहीं कराये जाने से विगत काफी समय से परियोजना के समस्त कार्य बंद है। परियोजना के मुख्य लैंडर, पीएफसी द्वारा एनसीएलटी अहमदाबाद में मेसर्स एसएमएचपीसीएल के विरुद्ध इंसॉल्वेंसी याचिका/पिटिशन दायर की गई है, जो कि विचाराधीन है। एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा मेसर्स एसएमएचपीसीएल के साथ निष्पादित विद्युत् क्रय अनुबंध, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना अनुबंध इत्यादि को निरस्त कर दिया गया है। अतः वर्तमान स्थिति में परियोजना के लक्ष्य निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। उक्त परियोजना के पूर्ण/ आंशिक डूब प्रभावित 22 ग्रामों में से 18 ग्रामों में ही पुनर्वास स्थल विकसित किये जाना है। 2 ग्रामों के विस्थापितों द्वारा भू-खंड के बदले नकद राशि लेने का विकल्प चुना गया है एवं 2 ग्रामों की आबादी डूब प्रभावित नहीं हो रही है। 18 ग्रामों में से 11 ग्रामों के पुनर्वास स्थल विकसित किए जा कर विस्थापितों को आवासीय भू-खंड आवंटित किए गए हैं। 4 ग्रामों में एसएमएचपीसीएल द्वारा वर्ष 2009-10 में जितनी भूमि उपलब्ध कराई थी उस पर पुनर्वास स्थल विकास कार्य प्रारंभ कर दिया गया था l शेष तीन ग्रामों में एसएमएचपीसीएल द्वारा पुनर्वास स्थल हेतु भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है l एसएमएचपीसीएल द्वारा धनराशि उपलब्ध नहीं कराने से वर्ष 2011-12 से पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना के कार्य बंद है l ग्राम/स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है l (ग) उत्तरांश (क) नहीं अपितु उत्तरांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में पूर्ण/ अधूरे/वंचित कार्यों के सम्बन्ध में विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है l (घ) प्रश्नांश के सम्बन्ध में कार्यवाही अपेक्षित है l (ड.) उत्तरांश (क) में उल्लेखित स्थिति के दृष्टिगत कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है l
गरीबी रेखा का सर्वे
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 3069 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या नगर पालिका बिजूरी जिला-अनूपपुर में वार्ड क्र.-6 गलैयाटोला के निवासियों का गरीबी रेखा का सर्वे वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 के दरमियान किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : जी नहीं। वर्ष 2011- 12 एवं 2012-13 के दौरान प्राप्त आवेदनों का सक्षम प्राधिकारी अनुविभागीय अधिकारी कोतमा द्वारा परीक्षण उपरांत पात्र हितग्राहियों को बी.पी.एल. सूची में शामिल किया गया है।
निकायों द्वारा वर्ष 2019 से जून 2020 तक क्रय की गई सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 3070 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के न.पा. लेखा अधिनियम 2018 में नगर पालिका/नगर परिषद् को वर्ष में सामग्री क्रय हेतु अधिकतम सीमा क्या निर्धारित या तय की गई है? (ख) अनूपपुर जिला अन्तर्गत की निकायों द्वारा वर्ष 2019 से जून, 2020 तक क्रय की गई सामग्री जल प्रदाय, स्वच्छता, सफाई व विद्युत सामग्री का स्पष्ट नाम व विवरण, निविदा सूचना, कार्य आदेश प्रदायकर्ता का नाम व पता, भुगतान की राशि सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बिना सक्षम स्वीकृति के अधिक व्यय करना, अनियमितता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कोरोना के लॉकडाउन कब से प्रभावशील हुआ, लॉकडाउन अवधि में जैतहरी नगर परिषद् द्वारा क्रय समस्त सामग्री का नाम, सप्लायर का नाम, भुगतान तिथि व भुगतान राशि 10 फरवरी, 2021 तक की स्थिति में स्पष्ट व पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के नगर पालिका लेखा अधिनियम 2018 में नगर पालिका/नगर परिषद को वर्ष में सामग्री क्रय हेतु कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है, किन्तु निकाय में उपलब्ध बजट सीमा में सामग्री क्रय की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अधिनियम का उल्लंघन परिलक्षित नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन दिनांक 24/03/2020 से प्रभावशील हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
जैतहरी जगर पालिका परिषद में सामग्री का क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 3073 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के नगर परिषद जैतहरी व नगर पालिका परिषद कोतमा में वर्ष 2018 जनवरी से 10 फरवरी, 2021 तक क्रय सामग्री जिसमें फिनाईल, सेनेटाइजर, अन्य सभी कीटनाशक दवाई, विद्युत सामग्री, जल प्रदाय सामग्री की निविदा सूचना, क्रय आदेश, सप्लायर का नाम, भुगतान राशि व दिनांक, भुगतानकर्ता अध्यक्ष व सी.एम.ओ. का नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में निष्पादित समस्त निर्माण कार्य का नाम, निविदा दिनांक का विवरण, स्वीकृत निविदाकार का नाम, भुगतान की राशि, दिनांक सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
नगर निगम सिंगरौली आवंटन से प्राप्त आय
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 3095 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम सिंगरौली में कितने प्रकार के आंवटन की आय के स्त्रोत हैं विगत 3 वर्षों में प्राप्त राशि, व्यय राशि का विवरण देवें। वार्डवार हुए कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी प्रदाय की जाय एवं आगामी वर्षों में वार्डों के विकास की क्या कार्य योजना है? वार्डवार जानकारी देवें। सिंगरौली के कचरा प्रबंधन केन्द्र कहाँ पर संचालित हैं यदि नहीं, बना है तो क्यों? साफ-सफाई एवं पानी निकासी की स्थिति दयनीय है, कब तक इसका सर्वेक्षण कराया जाकर व्यवस्थित तरीके से कार्य कराया जावेगा? साफ-सफाई पर विगत 3 वर्षों में किये गये व्यय की जानकारी वार्डवार, कार्यवार उपलब्ध करावें। साफ-सफाई के नाम पर किये गये अनियमितता की जाँच कब तक कराई जावेंगी? (ख) शहरी क्षेत्र सिंगरौली में कितनी वैध व कितनी अवैध कालोनियां हैं? किसके द्वारा कालोनिया बनाई गई हैं? (ग) शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में दिये जाने का क्या प्रावधान है? वार्डवार प्रदाय आवास के हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। कितने लोगों को किस कारण से अपात्र किया गया है? कितने लोगों का नाम किस कारण से काटा गया है? नाम जोड़े जाने में व्यापक अनियमितता बरती गई है? इसकी जाँच कराई जाकर अवैध नाम हटाये जाने व पात्र लोगों का नाम जोड़े जाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) नगर निगम सिंगरौली में कितने अधिकारी कर्मचारी हैं? कितने वर्षों से पदस्थ है? कितने वर्षों तक एक ही जगह कार्य के बाद स्थानांतरण का नियम है? निर्धारित समय से ज्यादा समय तक पदस्थ रहे अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण अन्यत्र कब तक किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम सिंगरौली के आय के स्त्रोत एवं 3 वर्ष में प्राप्ति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार, वार्डवार हुए कार्यों के भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। आगामी वर्षों में वार्डों के विकास की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। सिंगरौली में कचरा प्रबंधन प्लांट गनियारी में संचालित है। निगम क्षेत्र में साफ-सफाई एवं पानी निकासी की स्थिति उपयुक्त है। सफाई पर व्यय कार्यवार एवं वार्डवार संधारित नहीं किया जाता है। निगम क्षेत्र में साफ-सफाई में किये गये 3 वर्ष के व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सिंगरौली शहरी क्षेत्र में कुल 30 वैध एवं अवैध कालोनियां है। तत्संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ग) शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। वार्डवार आवास के हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-य अनुसार है। अपात्र हितग्राहियों की सूची मय कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-र अनुसार है। हितग्राहियों के नाम जोड़े एवं हटाये जाने में अनियमितता नहीं किये जाने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर निगम सिंगरौली में कुल 219 नियमित कर्मचारी पदस्थ है। अधिकारवार, वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ल अनुसार है। नगर पालिक निगम अधिनियम-1956 के विहित प्रावधानों अनुसार नगर निगम सिंगरौली का अपना कॉडर है, साथ ही प्रतिनियुक्ति पर नगर निगम में पदस्थापना के प्रावधान है। नगर निगम कॉडर के अधिकारी निकाय में ही यथासंभव पदस्थ रहते है। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों के लिये कोई समय-सीमा नियत नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को वेतनवृद्धि प्रदाय
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 3109 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लि. जबलपुर अंतर्गत पी.एच.डी. डिग्री अर्हता के आधार पर अग्रिम वेतनवृद्धि दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कंपनी वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारी/अधिकारी जिन्होने पी.एच.डी. डिग्री प्राप्त कर सूचित किया है? बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित किन-किन को नियमानुसार अग्रिम वेतनवृद्धि प्रदान की गई है? नहीं तो क्यों? कारण बतायें। (घ) अग्रिम वेतनवृद्धि से वंचित शेष कर्मचारियों को कब तक अग्रिम वेतनवृद्धि प्रदाय की जायेगी? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत निर्धारित शर्तों/अहर्ताओं की पूर्ति करने पर पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त करने वाले कार्मिकों को नियमानुसार अग्रिम वेतन वृद्धि दिये जाने का प्रावधान है। (ख) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 1 कार्मिक द्वारा कंपनी को पी.एच.डी. डिग्री प्राप्त करने के संबंध में सूचित किया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्मिक को निर्धारित शर्तों/ अहर्ताओं को पूरा नहीं करने के कारण अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
(दस्यु उन्मूलन अधिनियम) का दुरूपयोग किया जाना
[गृह]
27. ( क्र. 3147 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्तमान में दस्यु गिरोह सक्रिय है? यदि हाँ, तो वर्ष 2004 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस अंचल में कौन-कौन सा दस्यु गिरोह सक्रिय है एवं दस्यु गिरोहों पर ईनाम की कितनी-कितनी राशि घोषित हैं? गिरोह के सरगना (मुखिया) के नाम एवं दस्यु गिरोह के सदस्यों के नाम सहित विवरण दें? वर्ष 2020-21 में दस्यु उन्मूलन हेतु कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में पुलिस मुठभेड़ में किन-किन दस्युओं को कहाँ-कहाँ मारा गया? मृतकों के नाम, पिता का नाम, आयु, घोषित ईनाम की राशि एवं पता सहित विवरण दें? (ग) क्या यह सही है कि प्रदेश में दस्यु प्रभावित अचंलों में पुलिस द्वारा (दस्यु उन्मूलन अधिनियम) का दुरूपयोग कर निर्दोष एवं संभ्रांत नागरिकों को भी दस्यु अधिनियम में फंसाकर दस्यु घोषित कर दिया जाता है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में यदि प्रदेश में दस्यु समस्या समाप्त हो गई है तो प्रदेश में दस्यु उन्मूलन अधिनियम प्रचलित होने का क्या औचित्य है एवं कब तक यह अधिनियम समाप्त कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में कोई भी सूचीबद्ध दस्यु सक्रिय नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) दस्यु उन्मूलन अधिनियम काफी प्रभावी है, अतः वर्तमान में उसे समाप्त करना उचित नहीं है।
गृह निर्माण सहकारिता समिति के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराधों पर कार्यवाही
[गृह]
28. ( क्र. 3148 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के थाना कोलार, बागसेवानिया, रातीबड़ अयोध्या नगर, मिसरोद एवं शाहपुरा में पंजीबद्ध अपराध क्रमश: 1282 एवं 1284 दिनांक 14/12/2019 अप. क्र. 0817 दिनांक 15/12/2019 अप. क्र. 0510 दिनांक 22/12/2019 एवं अप.क्र. 0511 दिनांक 23/12/2019 अप.क्र. 421 दिनांक 22/12/2019 अप.क्र. 0735 दिनांक 24/12/2019 एवं अप.क्र. 0549 दिनांक 25/12/2019 जो कि गृह निर्माण सहकारिता संस्थाओं द्वारा पात्र हितग्राहियों को भू-खण्ड उपलब्ध नहीं कराने तथा सदस्यों से प्राप्त राशि का गबन किये जाने आदि के संबंध में उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के द्वारा दर्ज कराये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पंजीबद्ध अपराधों की विवेचना किस-किस स्तर के पुलिस अधिकारियों के द्वारा की गई है अथवा की जा रही है जिन पंजीबद्ध अपराधों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है एवं विवेचना निष्कर्ष के आधार पर किन-किन के विरूद्ध किन-किन आई.पी.सी. की किन-किन धाराओं में कार्यवाही करते हुए माननीय न्यायालय में कब-कब चालान प्रस्तुत किये गये हैं? यदि उक्त पंजीबद्ध अपराधों में कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिए उत्तरदायी कौन-कौन हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा कब तक उन प्रकरणों की विवेचना पूर्ण कर कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या यह सही है कि ई.ओ.डब्लू. थाना अरेरा हिल्स भोपाल में रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष एवं संचालक मण्डल के सदस्यों के विरूद्ध अप. क्र. 53 दिनांक 13/12/2019 पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विवेचनाधीन प्रकरणों की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अपराध क्रमांक 53/2019 में दिनांक 20/03/2020 को माननीय न्यायालय में 05 आरोपियों के विरूद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है। अन्य आरोपियों के विरूद्ध धारा 173 (8) जा.फौ. के तहत विवेचना जारी है।
कदवाया थाने का भवन निर्माण
[गृह]
29. ( क्र. 3188 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कदवाया विकासखण्ड ईसागढ़ जिला अशोकनगर में जिसकी जनसंख्या लगभग 7000 है एवं आस-पास के लगभग 45 से 50 ग्रामों से घिरा हुआ है वर्तमान में पुलिस थाना 2 कमरो की बिल्डिंग में संचालित हो रहा है तथा क्या थाने के नवीन भवन हेतु शासन से स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। (ख) यदि हाँ, तो कब से नवीन भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) कदवाया थाने के क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुये डायल 100 की गाड़ी कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगी।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम पंचायत कदवाया की जनसंख्या लगभग 3500 है थाना कदवाया 45 ग्रामों से घिरा हुआ है। वर्तमान में थाना कदवाया पूर्व में बनी चौकी के छोटे छोटे चार कमरों में संचालित है। जी नहीं। थाने के नवीन भवन हेतु स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) थाना भवन निर्माण की स्वीकृति उपरांत भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जिला अशोकनगर में डॉयल-100 के 10 वाहन संचालित है। वर्तमान में एक डॉयल-100 वाहन थाना कदवाया एवं ईशागढ़ क्षेत्र में संचालित है।
ग्रामो में नवीन ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 3189 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जुलाई 2019 से आज दिनांक तक अशोकनगर जिले की विधानसभा 32- अशोकनगर, 33- चंदेरी, 34- मुंगावली, तीनो विधानसभाओ में किन-किन ग्रामो में नवीन ट्रांसफार्मर रखे गए है। सूची उपलब्ध कराए। (ख) यह ट्रांसफार्मर किस नियम के अंतर्गत रखे गये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 1 जुलाई 2019 से प्रश्न दिनांक तक अशोक नगर जिले की विधानसभा-32 अशोक नगर के ग्रामों में कुल 672, विधानसभा-33 चंदेरी के ग्रामों में 357 एवं विधानसभा-34 मुगांवली के ग्रामों में 254 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये है जिनका विवरण निम्नानुसार है -
क्र. |
योजना का नाम |
अशोक नगर |
चंदेरी |
मुगांवली |
कुल योग |
1 |
5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा योजना |
60 |
11 |
3 |
1283 |
2 |
3 प्रतिशत (ओवाईटी योजना) सुपरविजन चार्ज जमा योजना |
611 |
346 |
245 |
|
3 |
100 प्रतिशत जमा योजना |
1 |
00 |
00 |
|
4 |
एसएसटीडी |
00 |
00 |
6 |
|
योग |
672 |
357 |
254 |
(ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 1283 वितरण ट्रांसफार्मर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्थापित किये गये है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
समय पर कार्य प्रारंभ न होने से जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 3213 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला उमरिया की तहसील मानपुर के ग्राम गोबदे में 220/132 के.व्ही का उपकेन्द्र बनाये जाने बाबत् स्वीकृति 2 वर्ष पूर्व जारी की जा चुकी है लेकिन निर्माण कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उपकेन्द्र की स्थापना एवं निर्माण कार्य न किये जाने से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के साथ बोल्टेज की समस्या किसानों एवं आम उपभोक्ताओं को आये दिन बनी रहती है जिसके कारण ट्रांसफार्मर के जलने की संख्या बढ़ जाती है इस कारण केन्द्र के निर्माण की कार्यवाही कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य प्रारंभ न किये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही निर्माण कार्य कब प्ररंभ करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) मानपुर क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति 132/33 के.व्ही. अति उच्च दाब उपकेन्द्र उमरिया से निर्गमित 33 के.व्ही. फीडर मानपुर से की जाती है। उक्त 33 के.व्ही. लाईन सघन वन से गुजरती है तथा आँधी तूफान एवं तेज वर्षा अवधि में एवं रबी सीजन में अधिकतम भार के चलते विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, जिसका त्वरित निराकरण कर सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति की जाती है। आगामी संभावित भार वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में मानपुर क्षेत्र में अति उच्चदाब उपकेन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। उल्लेखनीय है कि जिला उमरिया की तहसील मानपुर (बिजौरी) में म.प्र.शासन की टी.बी.सी.बी. योजनांतर्गत अति उच्च दाब उपकेन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है एवं प्रारंभिक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: निर्माण प्रारंभ किये जाने की निश्चित तिथि का वर्तमान में उल्लेख किया जाना संभव नहीं है।
शहडोल जिले में घटित अपराधिक घटनाएं
[गृह]
32. ( क्र. 3214 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितने अपराध किन-किन थानों में पंजीबद्ध किये गये? उनमें से कितने अपराधियों के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश करने की कार्यवाही की गई, इनमें से कितने अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई एवं कितने अभियुक्त फरार हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने अपराध महिलाओं के साथ लूट, हत्या व बलात्कार के पंजीबद्ध किये गये की जानकारी पृथक से देते हुए बतावें कि 10 वर्ष से नीचे की कितनी बालिकाओं के साथ बलात्कार व हत्या के अपराध किन थानों में प्रश्नांश (ख) की अवधि अनुसार पंजीबद्ध किये गये विवरण थानेवार जिलेवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अपराधों के रोकथाम बाबत जिला के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कब-कब थाना प्रभारियों की बैठक आहूत कर कार्यवाही एवं शांति व्यवस्था कायम रखे जाने बावत निर्देश जारी किये गयें? अगर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपराधों के रोकथाम बाबत कोई कार्यवाही नहीं की गई? अपराधों की निरंतर वृद्धि हुई इसके लिए किनको जिम्मेदार मानकर क्या कार्यवाही करेगें? (घ) प्रश्नांश (क) के पंजीबद्ध अपराधों में कितने अपराध अवैधानिक मादक पदार्थों के बिक्री व परिवहन के कायम किये इन अपराधों पर कुल कितनी मात्रा में क्या-क्या माल की जप्ती की गई बतावें? जिन थाना प्रभारियों के क्षेत्र में ज्यादा मादक पदार्थों के अपराध पंजीबद्ध किये आज भी उनके क्षेत्र में मादक पदार्थों की ब्रिकी की जा रही है, उनके ऊपर क्या कार्यवाही की जा रही है? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेगें बतावें, की भविष्य में हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके अगर कार्यवाही नहीं करेंगे तो क्यों? करेंगे तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। अपराधों में आंशिक वृद्धि हुई है जिनमें कोरोना काल में धारा 188 भादवि के तहत बड़ी संख्या में की गई कार्यवाही भी सम्मिलित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अवैध मादक पदार्थों की बिक्री के विरुद्ध लगातार विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है। (ड.) अपराधों पर अंकुश के संबंध में लगातार प्रतिबंधात्मक एवं वैधानिक कार्यवाहियां की जा रही है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जले ट्रांसफार्मरों को समय पर न बदलने वालों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 3228 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में वर्ष 2019-20 एवं 20-20-21 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने एवं बदलने की कार्यवाही की गई की जानकारी वर्षवार देवें? इन बदले गये ट्रांसफार्मरों में से कितने नये नवीन लगाये गये एवं कितने ट्रांसफार्मर सुधार के बाद लगाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के ट्रांसफार्मर जो जले उनको कितनी अवधि बाद बदलने एवं सुधार की कार्यवाही की गई? एक ट्रासफार्मर के सुधार एवं मेंटीनेन्स पर कितनी राशि व्यय होती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बदले गये ट्रांसफार्मर अधिकांश सुधार के बाद लगाये गये जिसके कारण बोल्टेज एवं आपूर्ति प्रभावित हुई? मेंटीनेन्स के नाम पर राशि का गबन किया इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत सिंगरौली वृत्त में वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जले/खराब हुए ट्रांसफार्मर एवं उन्हें नवीन/सुधार किये गये ट्रांसफार्मर से बदले जाने की प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जले/खराब ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा करने के उपरांत निर्धारित समय-सीमा (शहरी क्षेत्र में अधिकतम 1 दिन तथा ग्रामीण क्षेत्र में शुष्क मौसम में 3 दिन व मानसून अवधि (जुलाई से सितम्बर) में अधिकतम 7 दिन) में बदला गया। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 09.09.2019 द्वारा फेल वितरण ट्रांसफार्मरों के सुधार एवं टेस्टिंग करने हेतु 25 के.व्ही.ए. से 200 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर तक के रेट कांट्रैक्ट अवार्ड जारी किए गए, जिसके अनुसार फेल वितरण ट्रांसफार्मर के सुधार (मेंटेनेंस नहीं) हेतु निम्नानुसार राशि व्यय होती है-
विवरण |
ट्रांसफार्मर क्षमता |
|||
25 के.व्ही.ए. |
63 के.व्ही.ए. |
100 के.व्ही.ए. |
200 के.व्ही.ए. |
|
प्रति ट्रांसफार्मर सुधार शुल्क (टैक्स राशि जोड़कर) रूपये में |
12425.5/- |
14378.42/- |
17462.94/- |
19526.64/- |
(ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (क) में उल्लेखित जले/खराब ट्रांसफार्मरों को सुधार किये गए ट्रांसफार्मर से बदले जाने पर किसी भी प्रकार से विद्युत वोल्टेज एवं विद्युत आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है। अत: उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने एवं उन पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अपराधों पर अंकुश एवं अपराधियों की गिरफ्तारी न करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
34. ( क्र. 3230 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली एवं रीवा जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितने किस प्रकार के अपराध किन-किन थानों में पंजीबद्ध किये गये उनमें से कितने अपराधियों के विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश करने की कार्यवाही की गई, साथ ही यह भी बतावें कि इनमें से कितने अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई एवं कितने अभियुक्त फरार हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने अपराध महिलाओं के साथ लूट, हत्या व बलात्कार के पंजीबद्ध किये गये की जानकारी पृथक से देते हुये बतावें कि 10 वर्ष से नीचे की कितनी बालिकाओं के साथ बलात्कार व हत्या के अपराध किन थानों में प्रश्नांश की अवधि अनुसार पंजीबद्ध किये गये का विवरण थानेवार, जिलेवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अपराधों के रोकथाम बाबत् जिला के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कब-कब थाना प्रभारियों की बैठक आहूत कर कार्यवाही एवं शांति व्यवस्था कायम रखे जाने बाबत् निर्देश जारी किये गये? अगर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपराधों के रोकथाम बाबत् कोई कार्यवाही नहीं की गई, अपराधों की निरंतर वृद्धि हुई इसके लिये किनकों जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेगें बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के पंजीबद्ध अपराधों में कितने अपराध अवैधानिक मादक पदार्थों के बिक्री व परिवहन के कायम किये गये, इन अपराधों पर कुल कितनी मात्रा में क्या-क्या माल की जप्ती की गई बतावें? जिन थाना प्रभारियों के क्षेत्र में ज्यादा मादक पदार्थों के अपराध पंजीबद्ध किये आज भी उनके क्षेत्र में मादक पदार्थों की बिक्री की जा रही है, उनके ऊपर क्या कार्यवाही की जा रही है? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे बतावें कि भविष्य में हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके? अगर कार्यवाही नहीं करेंगे तो क्यों और करेंगे तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। मादक पदार्थों की बिक्री की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। (ड.) पुलिस विभाग द्वारा अपराधों पर अंकुश लगाने एवं उनकी पतासाजी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे है। कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है, अतः कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बड़े तालाब में म्यूजिकल फाउंटेन लगाने में व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 3278 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के बड़े तालाब स्थित म्यूजिकल फाउंटेन लगाने के लिए भोपाल नगर निगम द्वारा कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) म्यूजिकल फांउटेन किस तारीख को चालू किया गया और 31 जनवरी, 2021 तक कितने दिन तक चलाया गया? (ग) क्या वर्तमान में फांउटेन बंद है यदि हाँ, तो क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल के बड़े तालाब स्थित म्यूजिकल फाउंटेन को लगाने के लिए नगर निगम, भोपाल द्वारा राशि रूपये 6.02 करोड़ रूपये व्यय किये गये है। (ख) म्यूजिकल फाउंटेन को दिनांक 09.12.2019 को चालू किया गया और दिनांक 31.01.2021 तक कुल 41 दिनों तक चलाया गया। (ग) जी हाँ, वर्तमान में म्यूजिकल फाउंटेन बंद है। दिनाक 31.01.2020 के बाद दर्शकों के द्वारा दिये गये सुझावों को देखते हुए स्क्रिप्ट, म्यूजिकल फाउंटेन शो एवं लघु फिल्मों में संशोधन हेतु शो को बंद किया गया तथा दिनांक 23.03.2020 से कोविड-19 के कारण देशव्यापी लॉकडाउन लगने के कारण म्यूजिकल फाउंटेन बंद रहा। वर्तमान में संबंधित संस्था को म्यूजिकल फाउंटेन एवं वॉटर स्क्रीन शो को प्रारंभ करने हेतु सूचना पत्र प्रेषित किये हैं।
चिटफंड कंपनी द्वारा लोगों से धनराशि हड़पने
[गृह]
36. ( क्र. 3282 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 1 जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2021 तक कितनी चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगी करने और ज्यादा ब्याज का लालच देकर धन हड़पने की शिकायत मिली है? (ख) उपरोक्त चिटफंड कंपनियों द्वारा कितने लोगों से धनराशि हड़पने का अनुमान है? (ग) राज्य सरकार आम लोगों को चिटफंड कंपनियों की ठगी से बचाने और उन्हें उनकी रकम वापस दिलाने के लिए क्या कर रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जे.के. टायर नूराबाद एवं रायरू डिस्लरी (बीयर फैक्ट्री) को अन्य स्थान पर स्थापित
[पर्यावरण]
37. ( क्र. 3286 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी औद्योगिक इकाई द्वारा किये जाने वाले वायु एवं जल प्रदूषण को नियंत्रित किये जाने हेतु तथा फैक्ट्री संचालकों (मालिकों) द्वारा अपने व्यवसाय को सुचारु रूप से चलाने के साथ-साथ प्रकृति एवं मनुष्यों व जानवरों को उनके द्वारा स्थापित इकाई से होने वाले प्रदूषण से बचाये जाने के लिये शासन द्वारा कोई प्रावधान अथवा नियम शर्ते हैं। यदि हाँ, तो उक्त नियमों एवं प्रावधानों की छायाप्रति उपलब्ध करावें (ख) राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर मुरैना से ग्वालियर के बीच स्थित जे.के. टायर नूराबाद एवं रायरू डिस्लरी (बीयर फैक्ट्री) द्वारा अनियंत्रित जल एवं वायु प्रदूषण से लोकल जनसमुदाय को आये दिन हो रही जानलेवा बीमारियों एवं असमय हो रही मृत्युओं के बावजूद उक्त दोनों औद्योगिक इकाइयों को किसी बिना आबादी वाले क्षेत्र में क्यों स्थापित नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या संबंधित विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में उक्त दोनों स्थानों पर हो रहे प्रदूषण के बढ़ते स्तर की जाँच की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा विभाग एवं दोनों फैक्ट्रीज द्वारा लोकल जनसमुदाय के स्वास्थ्य को जानलेवा प्रदूषण से बचाने तथा प्रश्नांश (क) के आदेशों के क्रम में प्रदूषण को नियंत्रित किये जाने के लिये विगत पांच वर्षों में कोई कार्य किये गये? यदि हाँ, तो वर्षवार, कार्यवार, स्थानवार, फैक्ट्रीवार जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) औद्योगिक इकाइयों (सफेद श्रेणी में सूचीबद्ध उद्योगों को छोड़कर) को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के अन्तर्गत स्थापना से पूर्व मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्थापना सम्मति प्राप्त करना आवश्यक है तथा सम्मति की शर्तानुसार उत्पादन के पूर्व जल/वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की स्थापना कर उत्पादन हेतु सम्मति प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुरैना से ग्वालियर के बीच स्थित रायरू डिस्टलरी (ग्वालियर एल्कोब्रयु प्रा0 लि0) एक बीयर फैक्ट्ररी नहीं है, अपितु आसवनी इकाई है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं 3 से लगभग 500 मीटर अन्दर ग्राम रायरू, जिला-ग्वालियर में अनेक वर्षों से संचालित है, जबकि मेसर्स जे.के. टायर एण्ड इण्डस्ट्री मेन हाईवे मुरैना-ग्वालियर पर नोटिफाईड औद्योगिक क्षेत्र बामोर जिला-मुरैना में संचालित है। उद्योगों द्वारा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से विधिवत सम्मति प्राप्त की गई है एवं दी गई सम्मति शर्तों के अनुसार जल एवं वायु प्रदूषण को मानक सीमा में रखने हेतु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना की गई है। उद्योगों से अनियंत्रित प्रदूषण की स्थिति नहीं है एवं मेसर्स रायरू डिस्टलरी (बीयर फैक्ट्री) एवं मेसर्स जे.के. टायर एण्ड इण्डस्ट्री से व्याप्त प्रदूषण के कारण लोकल जनसमुदाय में जानलेवा बीमारियों एवं असमय मृत्यु की कोई स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मेसर्स जे.के. टायर एण्ड इण्डस्ट्रीज लिमिटेड एवं मेसर्स ग्वालियर एल्कोब्रयु प्रा0 लि0 द्वारा विगत 5 वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण हेतु किये गये की गई कार्यवाही की वर्षवार, कार्यवार, स्थानवार, फैक्ट्रीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
निर्माण/मरम्मत/खरीदी कार्य की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 3338 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका बालाघाट को जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से निर्माण/मरम्मत/ खरीदी कार्य हेतु राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु कब-कब प्राप्त हुई? कितना-कितना व्यय किया गया, कितना-कितना शेष है? (ग) नगरपालिका बालाघाट को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु प्राप्त राशि से व्यय करने हेतु कब-कब निविदा बुलाई गई, सफल निविदाकार का नाम एवं दर, कार्य प्रारम्भ करने का दिनांक, पूर्ण करने का दिनांक, कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया, तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
कोरोना से मृत व्यक्तियों के दाह संस्कार पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 3408 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में कोरोना मरीज जिनकी कोविड-19 से मृत्यु हुई है और जिनका अंतिम संस्कार जिन-जिन शमशान घाटों एवं कब्रिस्तान में हुआ है, उनकी संख्या व स्थान बतावें। (ख) किन-किन शमशान घाटों पर कितने-कितने लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है? (ग) किन-किन कब्रिस्तानों पर कितने-कितने लोगों को दफनाया गया है? (घ) प्रत्येक दाह संस्कार एवं दफनाये जाने पर कितनी-कितनी राशि सरकार के द्वारा भुगतान की गयी है? कितनी-कितनी राशि के भुगतान शमशान घाट एवं कब्रिस्तानों को किया गया है? क्या शमशान घाट एवं कब्रिस्तान की समितियों के सदस्य एवं वर्कर को क्या प्राथमिकता पर वैक्सीन लगाई गई? यदि नहीं, तो क्यों? मृत व्यक्ति के संपर्क में आने वाले कितने वर्कर को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाई गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल में कोरोना मरीज जिनकी कोविड-19 से मृत्यु हुई है उनका अंतिम संस्कार सुभाष नगर विश्राम घाट, भदभदा विश्राम घाट एवं दफनाने का कार्य झदा कब्रिस्तान, बड़ा बाग कब्रिस्तान व सूरज नगर भदभदा रोड पर दफनाया गया है। जिनकी कुल संख्या 2119 है। (ख) भदभदा विश्राम घाट-1549 पर एवं सुभाष नगर विश्राम घाट-211 में लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है। (ग) झदा कब्रिस्तान, जहांगीराबाद-338, बड़ा बाग कब्रिस्तान सेफिया कॉलेज (बोहरा समाज हेतु) -13, सूरज नगर भदभदा रोड (ईसाई समाज हेतु) -08 कब्रिस्तानों में दफनाया गया है। (घ) प्रत्येक दाह संस्कार एवं दफनाये जाने पर दिनांक 23.10.2020 से पूर्व कुल 262 प्रकरणों में प्रति व्यक्ति 5000/- रूपये के मान से संबंधित कब्रिस्तान एवं शमशान घाट को जिला रेडक्रास सोसायटी से सहायता प्रदान की गई है। जी नही, फ्रंट लाईन वर्कर की परिभाषा में न आने के कारण वेक्सीन नहीं लगाई गई है। प्रथम चरण में परिभाषित फ्रंट लाईन वर्कर का ही पंजीयन किया जाकर वेक्सीन लगाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता द्वारा की गयी शिकायत पर अपराध दर्ज न करने
[गृह]
40. ( क्र. 3446 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर निरीक्षक, इटारसी को श्री हरेन्द्र नारायण के खिलाफ दिनांक 14.02.2020 को विधायक निधि का दुरूपयोग कर कन्फिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का झूठा आरोप लगाने प्रकरण पंजीबद्ध करने तथा दिनांक 04.02.2020 को सूचना देकर किये जा रहे धरने में संदिग्ध भूमिका की जाँच संबंधी शिकायत की गयी थी? (ख) क्या दिनांक 14.02.2020 की शिकायत की जाँच में विधायक निधि की कितनी राशि का दुरूपयोग होना पाया गया? यदि राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ तो क्या प्रश्नकर्ता की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया गया, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित दिनांक 04.02.2020 की शिकायत अनुसार क्या कॉल डिटेल्स की जानकारी एकत्रित की गई। यदि जानकारी एकत्रित नहीं की गयी तो क्यों? (घ) क्या उक्त दोनों शिकायतें नगर निरीक्षक द्वारा नस्तीबद्ध कर दी गयी यदि हाँ, तो कब क्यों एवं नगर निरीक्षक द्वारा कब हस्ताक्षर किये गये? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र. 952 दिनांक 17.08.2020 एवं पत्र क्रं. 1375 दिनांक 06.01.2021 से एवं दिनांक 21.08.2020 को ई-मेल से पुलिस अधीक्षक, होशंगाबाद को की गयी थी? यदि हाँ, तो पत्र के संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच वर्तमान में प्रचलित है। जाँच पर से आवेदक द्वारा लगाये गये आरोप थाना प्रभारी स्तर पर सिद्ध नहीं होना पाये गये है। इसी कारण किसी भी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया प्रतिवेदित है परन्तु पुलिस अधीक्षक द्वारा जाँच में अनुउत्तरित बिन्दु होने के कारण पुनः जाँच प्रचलित रखी है। (ग) जाँच के दौरान काल डिटेल निकाले जाने की कोई आवश्यकता नहीं होना पाया गया और न ही यह उचित था। प्रतिवेदित है जाँच पर लगाये गये आरोप सिद्ध न होने से आवेदन पत्र थाना स्तर पर नस्तीबद्ध किया गया। परन्तु पुलिस अधीक्षक द्वारा जाँच में अनुउत्तरित बिन्दु होने के कारण पुनः जाँच प्रचलित रखी है। (घ) दिनांक 04.02.2020 एवं 14.2.20 को प्राप्त शिकायत की जाँच में लगाये गये आरोप सिद्ध नहीं पाये जाने से थाना स्तर पर दिनांक 6.3.2020 को नस्तीबद्ध किया गया। तत्कालीन नगर निरीक्षक राघवेन्द्र सिंह चौहान द्वारा शिकायत जाँच रिपोर्ट पर कब हस्ताक्षर किये गये इसका जाँच प्रतिवेदन में उल्लेख नहीं है, किन्तु दिनांक 07.3.2020 को तत्कालीन थाना प्रभारी इटारसी राघवेन्द्र सिंह चौहान द्वारा उक्त शिकायतों के संबंध में प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक होशंगाबाद कार्यालय को अपने पदमुद्रा हस्ताक्षर सहित प्रेषित किया गया है। आवेदन पत्र तद्संबंध में थाना प्रभारी स्तर पर नस्तीबद्ध किया गया था। परन्तु प्रकरण में पुलिस अधीक्षक द्वारा जाँच में अनुउत्तरित बिन्दु होने के कारण पुनः जाँच प्रचलित रखी है। (ड.) जी हाँ, उपरोक्त शिकायत के संबंध में पुनः पुलिस अधीक्षक द्वारा अनुत्तरीय बिन्दुओं के संबंध में जिला दंडाधिकारी होशंगाबाद के माध्यम से जानकारी चाही गई है। वर्तमान में जाँच पुनः गतिमान है।
ऊर्जा विभाग की वैध/अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 3447 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा होशंगाबाद एवं इटारसी में 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी वैध एवं अवैध कॉलोनियां चिन्हित की गयी हैं? नाम सहित जानकारी दें। (ख) वर्तमान में वैध एवं अवैध कालोनी के क्या मापदंड हैं? क्या उक्त मापदंड शासन के मापदंड से अलग है? (ग) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में जानकारी दें कि दोनों शहरों की अवैध कालोनियों में कितने-कितने स्थायी एवं अस्थायी कनेक्शन है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) जानकारी दें कि अवैध कालोनी का संपूर्ण विद्युतीकरण होने पर ही स्थायी विद्युत कनेक्शन दिये जाते हैं यदि हाँ, तो क्यों एवं किन प्रावधानों के तहत। (ड.) अवैध कालोनियों में ऐसे उपभोक्ता जो निजी व्यय पर एक या दो खंभे/पोल लगाकर स्थायी कनेक्शन लेना चाहते है उन्हें स्थायी कनेक्शन देने में क्या असुविधा है। (च) क्या राज्य शासन द्वारा 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक सभी अवैध कालोनियों को वैध करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे यदि हाँ, तो कब?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक होशंगाबाद शहर में 45 वैध एवं 05 अवैध कॉलोनियाँ तथा इटारसी शहर में 08 वैध एवं 03 अवैध कॉलोनियाँ चिन्हित की गई है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) वैध कॉलोनियों हेतु कालोनाईजर द्वारा राज्य शासन के विनियमों के अंतर्गत कॉलोनियों को विकसित करना अनिवार्य होता है। जिनके विकास एवं निर्माण कार्य नगर पालिका परिषद/सक्षम अधिकारी से विधिवत रूप से कॉलोनी विकास की अनुमति टी. एण्ड सी.पी. अनुमति, अनुमोदित मानचित्र, भवन अनुज्ञा, रेरा पंजीयन एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित प्रावधानों के अनुसार किये जाते है। अवैध कॉलोनियों हेतु कालोनाईजर द्वारा राज्य शासन के नियमानुसार कॉलोनी को विधिवत रूप से विकसित नहीं किया जाता है एवं बिना अनुमति के भूखण्डों एवं मकानों का विक्रय कर दिया जाता है। वैध/अवैध कॉलोनियों हेतु राज्य शासन द्वारा जो मापदंड निर्धारित किये गये है वही मापदंड विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा कॉलोनी विद्युतीकरण हेतु ग्राहय किये गये हैं। (ग) प्रश्नाश (क) के संदर्भ में 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक होशंगाबाद शहर की अवैध कॉलोनियों में कोई स्थाई कनेक्शन नहीं है एवं 04 अस्थाई कनेक्शन है तथा इटारसी शहर की अवैध कॉलोनियों में कोई स्थाई कनेक्शन नहीं है एवं 22 अस्थाई कनेक्शन है। (घ) जी हाँ, मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की अधिसूचना दिनांक 07 सितम्बर 2009 में निर्धारित प्रावधानों अनुसार वितरण अनुज्ञप्तिधारी उल्लेखित क्षेत्र की पहचान नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत से प्राप्त की गई सूची के आधार पर करते हुए संपूर्ण क्षेत्र का प्राक्कलन तैयार करेगा। संपूर्ण भूखंड के विद्युत भार का आंकलन म.प्र. विद्युत प्रदाय सहिता 2013 के अनुसार किया जावेगा। उक्त क्षेत्र के लिये निर्धारित राशि का भुगतान द्वारा किया जा चुका हो तो कार्य, प्राक्कलन का 5 प्रतिशत राशि जमा कर आवेदक द्वारा ''अ'' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार से कराया जा सकेगा अथवा प्राक्कलन की पूर्ण राशि जमा कर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से कार्य कराया जा सकता है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत नियमानुसार स्थाई कनेक्शन प्रदाय किये जाते है। (ड.) अवैध कॉलोनियों में ऐसे उपभोक्ता जो निजी व्यय पर स्थाई कनेक्शन लेना चाहते है उन्हें कॉलोनी के संपूर्ण क्षेत्र/प्लाटो/घरों के आधार पर विद्युत भार की गणना अनुसार बाह्य विद्युतीकरण हेतु प्रस्तावित विस्तार कार्य के संबंध में आवश्यक औपचारिकताऐं पूर्ण होने पर एवं रेरा पंजीयन व म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के रेगूलेशन आर जी-31 के प्रावधान अनुसार स्थाई कनेक्शन दिया जा सकता है। जिसके लिये वितरण अनुज्ञप्तिधारी द्वारा उल्लेखित क्षेत्र की पहचान नगर पालिका/नगर पंचायत से प्राप्त की गई सूची के आधार पर करते हुए संपूर्ण अवैध कॉलोनी क्षेत्र का प्राक्कलन तैयार करेगा। संयोजित विद्युत भार का आंकलन म.प्र. विद्युत प्रदाय सहिता 2013 के अनुसार किया जावेगा। उक्त संपूर्ण क्षेत्र के लिये जिसका निर्धारित भुगतान उपभोक्ता द्वारा निजी व्यय पर किया जा चुका हो तो कार्य म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रारंभ किया जाएगा या आवेदक द्वारा 5 प्रतिशत सूपरविजन चार्ज जमा कर 'अ-श्रेणी' के ठेकेदार से कराया जा सकता है। (च) जी नहीं।
प्रधानमंत्री आवास की किश्त मिलने में विलंब
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 3448 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के होशंगाबाद व इटारसी नगर पालिका में प्रधानमंत्री आवास की कितनी सूची कब-कब स्वीकृत की गयी है? कितने लोगों को कितनी राशि/किश्त दी जा चुकी है? (ख) जानकारी दें कि पहली किश्त देने के बाद दूसरी एवं तीसरी किश्त कितने समय-सीमा में दी जाना है? (ग) प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को समय पर किश्त न दिये जाने के क्या कारण हैं? (घ) इटारसी/होशंगाबाद के हितग्राहियों को दूसरी/तृतीय किश्त कब तक दी जावेगी? (ड.) क्या यह सच है कि समय पर प्रधानमंत्री आवास की किश्त न दिये जाने के कारण हितग्राहियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। (च) क्या यह भी सच है कि न.पा.परि. होशंगाबाद द्वारा स्वीकृत हितग्राहियों में से कुछ को 2.50 लाख की जगह 3.00 लाख दिये जाने, पात्र स्वीकृत हितग्राहियों को राशि न देने एवं अपात्र हितग्राहियों को राशि देने, सहित अन्य शिकायतें प्राप्त हुई हैं, यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या जाँच की गयी, यदि हाँ, तो कौन से तथ्य आये? इस हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? नाम सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) होशंगाबाद एवं इटारसी नगर पालिका में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की स्वीकृति संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत आवास का निर्माण हितग्राहियों द्वारा स्वयं किया जाता है जिसके भौतिक प्रगति के अनुसार जिओ-टैगिंग के उपरांत भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर किश्तों का भुगतान हितग्राहियों को किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। (ड.) योजनांतर्गत आवास का निर्माण हितग्राहियों द्वारा स्वयं किया जाता है जिसके भौतिक प्रगति के अनुसार जिओ-टैगिंग के उपरांत भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर किश्तों का भुगतान हितग्राहियों को किया जाता है। (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
होशंगाबाद में अंडर ग्राउंड सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 3449 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद में अंडर ग्राउंड सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट कब स्वीकृत किया गया? योजना में किसके द्वारा, कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ कितनी राशि से किये जाना हैं। इस हेतु वित्त पोषण कहाँ से होगा। (ख) योजना में कौन-कौन से काम कौन-कौन से चरणों में किया जाना हैं? (ग) क्या योजना में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए बिना स्थान निर्धारित किए योजना स्वीकृत की गयी यदि हाँ, तो किन अधिकारियों द्वारा क्या इस संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित की जावेगी? (घ) जानकारी दें कि प्लांट हेतु स्थान कब तक निर्धारित किया जावेगा एवं इससे कार्य की लागत में कितनी राशि की वृद्धि होगी? क्या प्लांट का पंपिंग स्टेशन डूब की भूमि में आने के कारण रोक दिया गया है? (ड.) क्या ग्राम किशनपुर की ख.क्र. 4/2 रकबा 0.857 हेक्टेयर में से 1700 वर्गमीटर निजी भूमि पर पंपिग स्टेशन एवं पहुँच मार्ग प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य हेतु आवश्यक राशि की स्वीकृति कब तक दी जावेगी? (च) योजना का कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) होशंगाबाद में अंडर ग्राउण्ड सीवरेज लाईन प्रोजेक्ट की स्वीकृति कार्यादेश क्रमांक 4361 दिनांक 07.09.2018 द्वारा प्रदाय की गई है। योजना का समस्त कार्य निविदाकार मेसर्स तहल कन्सल्टिंग इंजीनियर्स लि. गुड़गांव द्वारा अनुबंध की स्वीकृत राशि रू. 139.68 करोड़ में किया जाना है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस हेतु वित्त पोषण के.एफ.डब्ल्यू. विकास बैंक जर्मनी द्वारा प्रदाय किया गया है। (ख) योजना में सम्मिलित समस्त घटकों का निर्माण कार्य एक ही चरण में किया जाना है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार समस्त कार्य। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एस.टी.पी./प्लांट के स्थल का चयन किया जा चुका है एवं इससे कार्य की लागत में कोई वृद्धि नहीं होगी। जी नहीं, प्लांट का पंपिंग स्टेशन डूब की भूमि में नहीं है। (ड.) निर्णय अनुसार ग्राम किशनपुर की खसरा क्रमांक 4/2 रकबा 0.857 हेक्टेयर में से 13,11.15 वर्ग मीटर की निजी भूमि पर मुख्य पंपिंग स्टेशन प्रस्तावित है। उक्त कार्य हेतु आवश्यक राशि की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (च) योजना का कार्य प्रगतिरत् है।
अवैध उत्खननकर्ताओं पर दर्ज एफ.आई.आर
[गृह]
44. ( क्र. 3458 ) श्री संजय उइके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 01/04/2020 से प्रश्न दिनांक तक अवैध रेत खनन, मिट्टी, मुरूम कारोबारियों के मध्य गैंगवार होने और गोली चलने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ख) उपरोक्त अवधि में अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों द्वारा प्रशासनिक व पुलिस और वन विभाग कर्मियों के ऊपर हमले किये जाने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार दर्ज एफ.आई.आर. पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) उपरोक्त अवधि में अवैध खनन में संलिप्त खनन माफियां के हमलों से कितने-कितने कर्मियों की मौत हुई? कितने घायल हुये? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण ब्यौरा देवें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अवैध रेत खनन, गिट्टी, मुरूम कारोबारियों के मध्य गैंगवार होने और गोली चलने की कोई घटना घटित नहीं हुई है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस थानों के लिये जबरन किसानों की नहर हेतु दी गई जमीन
[गृह]
45. ( क्र. 3484 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों की प्रदेश में नहर हेतु दी गई कृषि भूमि हरदा जिले में जबरन थाने खोलने हेतु ली जा रही है? क्या किसानों से जबरन थाना भवन निर्माण हेतु जमीन ली जा सकती है यदि हाँ, तो कौन से नियम से, नियम उपलब्ध करावें? (ख) किसानों की कृषि भूमि पुलिस थाना भवन निर्माण हेतु हरदा जिले में किस-किस अधिकारी की अनुमति/स्वीकृति से ली गई? (ग) क्या शासन प्रदेश के किसानों की कृषि भूमि पर जबरन थाना बनाने हेतु ली गई जमीन किसानों के साथ अन्याय नहीं है? ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ऐसी किसी भूमि का आवंटन नहीं हुआ है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका/परिषदों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 3510 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नगरपालिका/परिषदों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन भुगतान के लिए चुंगी क्षतिपूर्ति मद में राशि प्रदान की जाती है इसमें राशि आवंटन का पैमाना क्या है? (ख) क्या यह सही है कि विभाग द्वारा कोविड 19 का प्रतिकूल समय होने के उपरांत भी बीते 1 वर्ष से नगरपालिका/नगर परिषदों को प्रदान किए जाने वाले चुंगी क्षतिपूर्ति अनुदान को आधा या आधे से भी कम कर दिया गया है इस कारण पूरे प्रदेश में निकायों के कर्मचारियों कोविड 19 से लड़ने, जनता की सेवा करने एवं समय पर वेतन प्राप्त ना होने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या विभाग कोविड 19 में अपना जीवन संकट में डाल कर कार्य करने वाले नगरीय निकाय कर्मचारियों को चुंगी क्षतिपूर्ति अनुदान में होने वाली कटौती से निजात दिलाकर रुके हुए वेतन भुगतान की कार्रवाई करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय निकायों को देय चुंगी क्षतिपूति की राशि मंत्री परिषद अनुशंसा अनुसार युक्तियुक्तकरण किया जाकर, निकाय की जनसंख्या एवं उनकी पात्रता अनुसार प्रदाय की जाती है। यह राशि वित्त विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष में विभाग को चुंगी क्षतिपूति योजनांर्तगत उपलब्ध कराई गई राशि के आधार पर संबंधित नगरीय निकाय को अनुपातिक रूप से वितरित की जाती है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार ही चुंगी क्षतिपूति की राशि स्वीकृत की गई है। (ग) प्रश्नांश के संबंध में लेख है, कि नगरीय निकायों को दिये जाने वाले अनुदान एवं चुंगी क्षतिपूति राशि से निकाय अपने कर्मचारियों के वेतन भत्ते एवं अन्य स्वत्वों का भुगतान करती है। वर्तमान में किसी भी नगरीय निकाय में वेतन भुगतान की समस्या नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिना अनुमति वेयर हाउस निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 3562 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 171 दिनांक 23/09/2020 के बिंदु (क) एवं (ख) के अंतर्गत बिना किसी दस्तावेज और बिना स्वीकृति के निर्माणाधीन श्रीनाथ फैसिलिटी वेयरहाउस पर संबंधित द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? लिखित में अवगत कराएं। (ख) नगर परिषद आलोट द्वारा सूचना पत्र क्रमांक 3116/2019 दिनांक 3/12/2019 एवं 3186/2019 दिनांक 6/12/2019 को जारी किए गए सूचना पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं, क्या उक्त सूचना पत्र के पूर्व सूचना पत्र जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो उसकी भी प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं और नहीं तो क्यों? (ग) कार्यवाही लंबित रहने हेतु समर्थन मूल्य पर क्रय किए गए गेहूँ भंडारण का हवाला दिया गया था और भंडारण को खाली करने के उपरांत कार्यवाही के बारे में बताया गया था तो क्या भंडारण खाली कर दिया है और कार्यवाही की गई हैं यदि हाँ, तो लिखित प्रतिवेदन से अवगत कराएं। (घ) क्या उक्त प्रकरण की विभाग द्वारा उच्च स्तरीय जाँच की जाएगी यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भवन अनुज्ञा प्राप्त किये बिना माल गोदाम निर्माण किये जाने के संबंध में श्री मनोज काला को निकाय के पत्र क्र. 3116 दिनांक 03.12.2019, पत्र क्रमांक 3186 दिनांक 06.12.2019 से नोटिस जारी किये गये हैं। अवैधानिक निर्माण को तोड़ने के उद्देश्य से, वेयर हाउस खाली करने हेतु, शाखा प्रबंधक म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन शाखा आलोट को पत्र क्रमांक 90 दिनांक 16.01.2020 प्रेषित किया गया था पत्र की प्रतिलिपि श्री मनोज काला को भी प्रेषित की गयी थी। शाखा प्रबंधक द्वारा वेयर हाउस में शासन द्वारा उपार्जित समर्थन मूल्य का चना एवं सरसों संग्रहित होने से, समय चाहा गया था। निकाय द्वारा पुन: पत्र क्रमांक 678 दिनांक 03.03.2021 से श्री मनोज काला को एवं पत्र क्र. 670 दिनांक 03.03.2021 से शाखा प्रबंधक म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन शाखा आलोट को नोटिस जारी किये गये हैं। दिनांक 05.03.2021 को श्री मनोज काला द्वारा मा. उच्च न्यायालय इन्दौर के W.P. No. 1571/2020, में पारित स्थगन आदेश दिनांक 17.01.2020 प्रस्तुत की गई है। (ख) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन होने से, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कुसुम परियोजना की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
48. ( क्र. 3577 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में स्वीकृत कुसुम परियोजना की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) इस योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को चयनित किया गया है एवं क्या-क्या योग्यताएँ रखी गई है? (ग) जिला नीमच में किन-किन हितग्राहियों/लाभार्थियों का चयन हुआ है? कृपया सूची उपलब्ध कराएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लागू की गई किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में कुसुम-'अ' एवं कुसुम-'स' की योजनाएं लागू की जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कुसुम-'ब' के तहत प्रदेश में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के अंतर्गत अब तक कुल 21383 हितग्राही लाभान्वित हुए है। इस योजना के लिये राज्य के सभी कृषक पात्र होगें। (ग) कुसुम-'ब' के अंतर्गत अब तक जिला नीमच के लाभान्वित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मध्यप्रदेश पर्यावरण प्रदूषण निवारण में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी
[पर्यावरण]
49. ( क्र. 3580 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पर्यावरण प्रदूषण निवारण में कौन से अधिकारी किन-किन पदों पर पदस्थ है एवं उनकी कार्यदक्षता कितनी है? विभाग की 5 वर्ष की समीक्षा बैठक का विवरण प्रदान करे? (ख) पदस्थ कर्मचारियों में से यदि कोई भ्रष्टाचार या किसी अन्य प्रकरण में दोषी पाया गया है तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पदस्थ प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। वर्ष 2018-19 के गोपनीय प्रतिवेदन अनुसार उक्त अधिकारियों की कार्यदक्षता अच्छी है। 05 वर्ष की समीक्षा बैठक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय सतना में पदस्थ श्री महेन्द्र सिंह, रसायनज्ञ के विरूद्ध लोकायुक्त कार्यालय, जबलपुर द्वारा दायर अपराध क्रमांक 215/2014 वि.प्र.क्रमांक 01/2015 में दिनांक 23/10/2018 को पारित आदेश में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा-7 एवं धारा-13 (2) के उल्लंघन का दोषी पाया गया, जिसके परिप्रेक्ष्य में बोर्ड के आदेश क्रमांक 453, दिनांक 27/2/2019 द्वारा श्री महेन्द्र सिंह की सेवा समाप्त की गई।
शासकीय कार्यालयों में सोर ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
50. ( क्र. 3618 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन परियोजना ऊर्जा निगम लिमिटेड भोपाल द्वारा शासकीय कार्यालयों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटाप फोटोवोल्टेक पावर प्लांट स्थापना के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्न (क) के संबंध में शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़नगर में ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटाप फोटोवोल्टेक पावर प्लांट परियोजना प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड भोपाल के सहयोग से ईनफिनिट एनर्जी साल्युंस प्राईवेट लिमिटेड उज्जैन के द्वारा 5-5 किलो वाट क्षमता के 2 प्लांट लगाये गये हैं इनकी लागत कितनी है? इसमे कितनी राशि शासन का अनुदान है एवं कितनी राशि विद्यालय द्वारा जमा कराई गई हैं? (ग) शासकीय कन्या.उ.मा.वि. बड़नगर में लगे पावर प्लांट में विद्युत संरक्षित हेतु बैटरी लगाई गई है जबकि उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय में विद्युत संरक्षित हेतु बैटरी क्यों नहीं लगाई गई है? इसके क्या कारण है? (घ) शा.उ.मा.वि. बड़नगर के पावर प्लांट के साथ बैटरी नहीं लगाई जाने के संबंध में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र.ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा शासकीय कार्यालयों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटाफ सोलर फोटोवोल्टेक पावर प्लांट स्थापना के नियम निम्नानुसार है:- विद्युत उपभोक्ता होना आवश्यक है, शासकीय कार्यालय द्वारा परियोजना पर होने वाले व्यय की राशि अग्रिम रूप से जमा कराये जाने की सहमति दी गई है, ग्रिड कनेक्टेड सोलर संयंत्रों की स्थापना हेतु शासकीय कार्यालयों की छत पर प्रति किलोवोट 100 वर्ग फिट छायारहित स्थान की उपलब्धता, संयंत्र की क्षमता, शासकीय कार्यालय से संबंधित विद्युत कनेक्शन वाले डिस्ट्रीब्यूशन ट्रान्सफार्मर की क्षमता की 30 प्रतिशत तक होगी, शासकीय कार्यालय का पूर्व का विद्युत देयक लंबित न हो, संयंत्र की क्षमता शासकीय कार्यालय के कुल सम्बद्ध विद्युत भार से अधिक न हो। (ख) शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़नगर परिसर में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के द्वारा ठेकेदार इकाई मेसर्स इंफिनिट एनर्जी प्रा.लि. उज्जैन के माध्यम से बैटरी रहित ग्रिड कनेक्टेड सोलर फोटोवोल्टाईक पावर प्लांट स्थापित कराये गये है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के द्वारा ठेकेदार इकाई मेसर्स इंफिनिट एनर्जी प्रा.लि. उज्जैन के माध्यम से बड़नगर में अन्य शासकीय विद्यालय में बैटरी बैंक सहित ग्रिड कनेक्टेड सोलर फोटोवोल्टेइक पावर प्लांट स्थापित कराया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त तीनों स्थलों पर संयंत्रों की स्थापना एवं केन्द्रीय अनुदान पर की गई है। इन संयंत्रों पर विद्यालयों से कोई राशि नहीं ली गई है। (ग) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यम विद्यालय बड़नगर में 1.2 च्ही.ए.एच./वाट बैटरी बैंक सहित संयंत्र की स्थापना की गई है। जबकि शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (उत्कृष्ट उ.मा.वि.) बड़नगर परिसर में स्थित शेष 2 विद्यालय शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़नगर एवं शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नयापुरा में बैटरी बैंक रहित संयंत्रों की स्थापना की गई है। इन विद्यालयों की आवश्यकता की दृष्टि से बैटरी बैंक रहित संयंत्र स्थापित किये गये है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के संदर्भ में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नयापुरा बड़नगर में बैटरी बैंक रहित पावर प्लांट की ही स्थापित होने से बैटरी नहीं लगाये जाने में किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चैन स्नैचिंग व मोटर साइकिल चोरी व अन्य अपराध
[गृह]
51. ( क्र. 3620 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग द्वारा ग्राम लौहाना में पुलिस चौकी स्थापना के संबंध में क्या कार्यवाही प्रचलित है एवं कब तक पुलिस चौकी स्थापना कर दी जावेगी। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत थाना बड़नगर, इंगोरिया व भाटपचलाना में 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी हत्या, लुट, चोरी दुष्कर्म, अपहरण, डकैती, चैन स्नैचिंग, मोटर साइकिल चोरी के कितने- कितने प्रकरण घटनाएं दर्ज हुई थानावार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) किस-किस चैन स्नैचिंग, चोरी व मोटर साइकिल चोरी व अन्य अपराध के दर्ज प्रकरण में कौन-कौन अपराधी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्षेत्र में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए शासन के द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गए है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला उज्जैन के थाना बडनगर अन्तर्गत ग्राम लौहान में पुलिस चौकी स्थापना का प्रस्ताव आगामी बलवृद्धि में शामिल किया गया है जिसमें कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (घ) पुलिस विभाग द्वारा डायल 100 योजना, सी.सी.टी.एन.एस., सी.सी.टी.व्ही. सर्विलेंस, निर्भया मोबाइल, मैत्री मोबाइल, परिवार परामर्श केन्द्र, स्टूडेन्ट पुलिस केडेट योजना, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण केन्द्र, सामुदायिक पुलिसिंग, स्कूल/कॉलेज में महिला अपराधों तथा सायबर अपराधों के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों तथा प्रभावी गश्त, विशेष अभियानों एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियों के माध्यम से अपराधों पर रोकथाम के प्रभावी प्रयास किये जा रहे है।
अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 3646 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में अनुदान प्राप्त महाविद्यालय किन-किन जिलों में संचालित हो रहे हैं? इन महाविद्यालयों में कार्यरत नियमित सहायक प्राध्यापकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किन नियमों के अंतर्गत की जाती है? नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नाधीन महाविद्यालयों को क्या शासन के नियमों/समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन किया जाना आवश्यक होता है? यदि हाँ तो प्रदेश में ऐसे कितने महाविद्यालय हैं जहां शासन निर्देशों का पालन नहीं करने संबंधी शिकायतें विगत 2 वर्षों में प्राप्त हुई है तथा प्राप्त शिकायतों का निराकरण शासन द्वारा किस प्रकार से किया गया है? (ग) नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ज्ञान मंदिर महाविद्यालय में पदस्थ डॉ. अरविन्द गुप्ता सहायक प्राध्यापक को किन नियमों के अंतर्गत निलंबित किया गया तथा निर्धारित समय-सीमा में सक्षम स्तर से आरोप पत्र जारी न किये जाने के परिणाम स्वरुप क्या किया गया निलम्बन स्वयमेव निरस्त माना जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) में किये गये अवैध निलम्बन के संबंध में व्यतीत अवधि को सेवा अवधि मान्य करते हुए क्या वेतन भुगतान की कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अनुदान प्राप्त महाविद्यालय में कार्यरत नियमित सहायक प्राध्यापकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने संबंधी नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, अनुदानित महाविद्यालयों की लगभग 10 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ग) डॉ. अरविन्द गुप्ता, सहायक प्राध्यापक को निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण करते हुये महाविद्यालय कि संस्था द्वारा शासी निकाय के अनुमोदन से निलंबित किया गया। जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में निलंबन के विरूद्ध सुनवाई उपरांत डॉ. गुप्ता का अभ्यावेदन अमान्य किया गया है। आगामी कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत की समस्या
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 3673 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जोबट में विद्युत समस्या होने से प्रश्नकर्ता द्वारा ड़ी.सी. उदयगढ़ जिला अलीराजपुर का सब स्टेशन मोरडूडिया विकासखण्ड राणापुर जिला-झाबुआ में 35/11 के.वी. ग्रीड (पावर हाऊस) की स्थापना करने हेतु प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें वर्ष 2019 में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी थी? स्वीकृति उपरान्त अभी तक ग्रीड की स्थापना नहीं होने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भेजे गये प्रस्ताव की स्वीकृति के उपरान्त कार्य नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्ताव को वित्तीय वर्ष के बजट में जोड़ा गया है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण वृत्त झाबुआ के संचालन-संधारण संभाग अलीराजपुर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र जोबट में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु विद्युत वितरण केन्द्र उदयगढ़ के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मोरडूडिया (35/11 के.व्ही. नहीं) की स्थापना का प्रस्ताव तकनीकी रुप से साध्य है किंतु वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मोरडूडिया के कार्य को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकी है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना के कार्यों की प्राथमिकता/वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नाधीन कार्य को स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकी है।
जबलपुर में लॉ यूनिवर्सिटी भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
54. ( क्र. 3680 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है? (ख) क्या यूनिवर्सिटी भवन निर्माण के लिये 100 करोड़ रू. प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है? (ग) यदि हाँ, तो अब तक निर्माण कार्य क्यों नहीं प्रारंभ किया गया? (घ) क्या निर्माण के लिये कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) यूनिवर्सिटी भवन निर्माण हेतु रू. 99.85 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (ग) राशि आवंटित न होने एवं PWD (P.I.U.) द्वारा निविदा जारी नहीं होने के कारण निर्माण कार्य प्रांरभ नहीं किया जा सका। (घ) जी नहीं।
अधिक भार के प्रकरण
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 3716 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में गत 6 माह में घरेलू उपभोक्ताओं के विरूद्ध ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र में अधिक भार के कितने प्रकरण बनाए गए? (ख) घरेलू उपभोक्ताओं के प्लग प्वाईंट से विभिन्न उपकरणों का उपयोग का आकलन किस आधार पर किया जाता है? प्लग प्वाईंट से की जाने वाली बिजली के उपयोग में उपकरणों को पृथक-पृथक मानकर भार का आकलन किस आधार पर किया जाता है? (ग) प्लग प्वाईंट से उपयोग की जाने वाली बिजली के संबंध में अनुबंध की किस-किस कंडिका में क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? क्या-क्या शर्त लगाई गई है? (घ) गत 6 माह में अधिक भार के बनाए कितने प्रकरणों में प्लग प्वाईंट के माध्यम से की गई बिजली उपयोग की पृथक से गणना की गई? यदि नहीं, की गई तो कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बैतूल जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विगत 6 माह की अवधि में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के भार वृद्धि (अधिक भार) का कोई भी प्रकरण नहीं बनाया गया। (ख) घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के विभिन्न उपकरणों के उपयोग का आंकलन प्लग प्वाईंट के आधार पर नहीं अपितु उपकरणों की विद्युत क्षमता (भार), माह में उपयोग के दिनों की संख्या, उपयोग के समय (घंटे) एवं उपयोग अवधि (माह) के आधार पर किया जाता है। (ग) विद्युत प्रदाय संहिता-2013 के परिशिष्ट-3 ''निम्नदाब के उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय मानक अनुबंध प्रारूप'' के प्रावधान एवं शर्तों के अनुरूप अनुबंध कराया जाता है, जिसमें प्लग प्वाईंट से उपयोग की जाने वाली बिजली के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। उक्त अनुबंध प्रारूप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार बैतूल जिले में विगत 6 माह में भार वृद्धि (अधिक भार) का कोई भी प्रकरण नहीं बनाया गया। उल्लेखनीय है कि भार वृद्धि के प्रकरणों में निर्धारण राशि की गणना उपभोक्ता के परिसर में पाये गये संयोजित भार के आधार पर किये जाने का प्रावधान है न कि प्लग प्वाईंट के आधार पर।
रेत चोरी के प्रकरण
[गृह]
56. ( क्र. 3717 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में मई 2020 में गुवाडी रेत खदान से कितने घनमीटर रेत का अवैध खनन करने, अवैध परिवहन करने वाले किस व्यक्ति के विरूद्ध किसकी रिपोर्ट पर थाना शाहपुर एवं पुलिस चौकी भौंरा में किस धारा का प्रकरण पंजीबद्ध किया? (ख) दिनांक 18 मई से 22 मई 2020 तक थाना शाहपुर एवं भौंरा चौकी का कौन-कौन पुलिसकर्मी, अधिकारी तहसीलदार शाहपुर के साथ गुवाड़ी रेत खदान पर साथ में गया? उस दौरान किस वाहन को खाली जप्त कर प्रकरण बनाया, उस वाहन के विरूद्ध कितनी रेत चोरी का प्रकरण दर्ज किया गया? (ग) गुवाड़ी रेत खदान चलाने के लिए अनुबंधित कंपनी द्वारा किए गए अवैध रेत खनन के प्रकरण बनाए जाने के बाद भी रेत चोरी का प्रकरण किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक पंजीबद्ध नहीं किया? प्रकरण कब तक पंजीबद्ध किया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 18.05.2020 को तहसीलदार शाहपुर के साथ तत्कालीन थाना प्रभारी परि. उप पुलिस अधीक्षक श्री देवनारायण यादव, आर.क्र.-133 नितिन ठाकुर, आर.क्र.-677 दीपक कटियार गये थे। दिनांक 05.06.2020 को चालकों द्वारा अपने वाहन की रेत खाली कर वाहन छोड़कर भागने पर चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) अनुबंधित कम्पनी द्वारा अवैध रेत उत्खनन पर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है।
शातिर अपराधी के खिलाफ कार्यवाही किया जाना
[गृह]
57. ( क्र. 3748 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना सरायछौला जिला मुरैना में दिनांक 12/11/2020 को मृगपुरा के ग्रामीणों द्वारा लूट, डकैती के शातिर बदमाश इन्दल गुर्जर को रंगे हाथों पकड़कर थाना सरायछौला निवर्तमान प्रभारी जयपाल गुर्जर को सौंपा गया था किंतु थाना प्रभारी द्वारा अपराधी को किस नियम के तहत छोड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार थाना प्रभारी द्वारा आरोपी इंदल गुर्जर को फरियादी बनाकर उल्टा ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा क्यों दर्ज किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार शातिर बदमाश इंदल गुर्जर को 15/11/2020 को थाना सिटी कोतवाली मुरैना द्वारा गिरफ्तार कर (एफ.आई.आर. न. 1294) जेल भेज दिया गय? थाना सिटी कोतवाली प्रभारी द्वारा इंदल पर संगीन अपराध व गिरफ्तारी वारंट केस बताए गये थे? (घ) निवर्तमान सरायछौला थाना प्रभारी श्री जयपाल गुर्जर द्वारा लूट, डकैती के शातिर नामजद बदमाशों को सरंक्षण देने, बचाने, छोड़ने, वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी छिपाने के साथ उल्टा फरियादी ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने में सहयोग किया है तो क्या मंत्री महोदय निवर्तमान थाना प्रभारी जयपाल गुर्जर के खिलाफ एक आम नागरिक की तरह अपराध पंजीबद्ध कर दंडात्मक कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। ग्रामीणों द्वारा इन्दल गुर्जर एवं अन्य दो के साथ मारपीट करने की सूचना थाना सरायछोला पर प्राप्त होने पर मौके पर गये पुलिस बल द्वारा ग्रामीणों से बचाकर घायल अवस्था में लाया गया था। थाना प्रभारी द्वारा घायल इन्दल गुर्जर की रिपोर्ट पर अप0क्र0 148/20 धारा 323, 294,506,147,148,149 आईपीसी का पंजीबद्ध कर घायल मजरूब को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय, मुरैना में भर्ती कराया गया था। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। (ग) जी हाँ। थाना कोतवाली मुरैना के अप0क्र0 1294/2020 धारा 379 भा.द.वि. एवं स्थाई वारंटों में गिरफ्तार कर न्यायिक निरोध में भेजा गया था। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार थाना प्रभारी द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही की गई है। ग्रामीणों की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 150/2020 धारा 393 भा.द.वि.11,13 एम.पी.डी.पी.के एक्ट दर्ज किया तथा दिनांक 27.02.2021 को आरोपी इन्दर गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है।
सुमावली में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
58. ( क्र. 3752 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? इनमें स्वीकृत संकाय व पद संरचना के तहत कौन-कौन से कितने पद भरे व रिक्त हैं? किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य पदस्थ नहीं हैं? रिक्त पदों की पद पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? शासकीय महाविद्यालयवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के ग्राम सुमावली में छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए सुमावली में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृत कब तक हो जाएगी? नहीं तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मुरैना जिले में 08 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) सुमावली से 17-22 कि.मी. की दूरी पर 03 शासकीय महाविद्यालय एवं 10 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। 30 कि.मी. की परिधि में 13 शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय संचालित होने के कारण निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से सुमावली में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
न्यायालय में लंबित प्रकरण की जानकारी
[गृह]
59. ( क्र. 3789 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित प्रकरण क्र. 114/15 तथा 115/15 तथा ट्रांसफर पिटीसन क्रं. 327/2015 सहपठित 13864/2015 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती की STF की जाँच पर स्थगन दिया गया है? (ख) क्या मा. उच्चतम न्यायालय में पिटीशन क्रं. 372/2015 लंबित होने की अवधि में STF द्वारा व्यापम घोटाले की जाँच की जा रही थी तथा 09.07.2015 की आदेश में सिर्फ 217 प्रकरण ही CBT की जाँच हेतु देने को कहा? यदि हाँ, तो फिर शेष जाँच को STF ने 09.07.2015 से बंद कर पुन: सितम्बर 2019 में क्यों शुरू किया? (ग) किस सक्षम आदेश से STF ने व्यापम के शेष प्रकरणों की जाँच 4 वर्ष तक स्थगित की? उस आदेश की प्रति देवें। अगर मा. उच्चतम न्यायालय के प्रकरण क्र. 372/2015 को आधार मानकर जाँच रोकी गई तो आदेश की उस पृष्ठ की प्रति अंडरलाइन कर देवें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक से यह स्पष्ट है कि STF ने निजी चिकित्सा की जाँच गैर कानूनी रूप से रोकी है? क्या यह जाँच प्रारंभ की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। याचिका क्रमांक-372/15 दिनांक 09.07.2015 में व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े से संबंधित पंजीबद्ध समस्त आपराधिक प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सीबीआई को हस्तांतरित किए जाने का आदेश पारित किया गया था। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) मान. उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के पालन में एसटीएफ में व्यापम संबंधित समस्त पंजीबद्ध प्रकरण सीबीआई हस्तांतरित कर दिये गये थे। तत्पश्चात् कोई पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरण शेष नहीं था। (घ) जी नहीं। डीमेट द्वारा निजी कॉलेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी। चूकि विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरुप कार्यवाही की जायेगी।
आयुर्वेद महाविद्यालय के लिये छात्रावास सुविधा
[आयुष]
60. ( क्र. 3868 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय आयुष महाविद्यालयों में छात्रावास बनाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के कितने महाविद्यालयों में छात्रावास उपलब्ध है? (ग) क्या आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर में अध्ययनरत लगभग 700 छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास की सुविधा नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो क्या छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जावेंगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद के मिनिमम स्टेण्डर्ड रिक्वायरमेंट 2016 में अनिवार्यता नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। 30 छात्रों के आवास हेतु 01 पुरूष छात्रावास उपलब्ध है। (घ) बजट उपलब्धता अनुसार छात्रावास का निर्माण कराया जा सकेगा।
पट्टा धारकों को आवास स्वीकृत न होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 3869 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर में नये वार्डों में 1030 पट्टा धारकों को प्रधानमंत्री आवास अभी तक स्वीकृत नहीं गये हैं? (ख) क्या ये पट्टा धारक वर्ष 2019 से प्रतिक्षारत है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र पनागर के नये वार्डों में नगर पालिक निगम जबलपुर द्वारा 1320 पट्टा धारक पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक अंतर्गत आवास निर्माण हेतु स्वीकृति दी जा चुकी है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत विहीन मजरों, टोलों के संबंध में
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 3969 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के अनुसार मुरैना जिले का कोई भी ग्राम विद्युत बिजली विहीन नहीं रहेंगे? (ख) यदि हाँ, उनके निराकरण हेतु मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग द्वारा क्या-क्या योजनाएं स्वीकृत होकर उनके क्रियान्वयन हेतु क्या मार्गदर्शिका है? मार्गदर्शिका की फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 सबलगढ़ जिला मुरैना के सभी ग्राम के रहवासियों को विद्युत सप्लाई हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों? शेष गांवों में कब तक विद्युत प्रदाय व्यवस्था कर दी जायेगी एवं शेष ग्राम के नाम भी दिये जावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा- राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के तहत मुरैना जिले के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों (निर्जन गांवों को छोड़कर) एवं संसूचित मजरों/टोलों को विद्युतीकृत किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक–3 सबलगढ़ जिला मुरैना के सभी राजस्व ग्रामों एवं संसूचित मजरों/टोलों के रहवासियों को नियमानुसार कृषि कार्य हेतु 10 घंटे एवं घरेलू उपयोग सहित गैर-कृषि कार्यों हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 सबलगढ़ में कोई भी राजस्व ग्राम एवं संसूचित मजरा/टोला विद्युत विहीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 3970 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री स्वनिधि पथ विक्रेता योजना (शहरी) के क्या-क्या उद्देश्य होकर क्या-क्या कार्य, क्रियान्वयन किये जाते हैं? क्या इस हेतु कोई नीति, नियम प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उसकी फोटोप्रति दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना प्रारंभ से फरवरी 2021 तक इस योजना हेतु शासन से कितनी राशि (बजट) प्राप्त हुई? जिला वाइज जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्राप्त राशि जिला मुरैना में से योजना से संबंधित क्या कार्य कराये गये? की जानकारी नगर पालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा जिला मुरैना में किन-किन कार्यों में बजट व्यय किया गया, कि जानकारी योजना का नाम, वर्ष, दिनांक, मांग संख्या, लेखा शीर्ष आदि सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री स्वनिधि पथ विक्रेता योजना के कार्य, उद्देश्य आदि के संबंध में योजना की मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस योजना अंतर्गत राशि रूपये 10 करोड़ ब्याज अनुदान हेतु शासन से प्राप्त हुई है, राशि जिलेवार आवंटित नहीं की गई है। (ग) राशि जिलावार आवंटित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घर-घर पानी पहुंचाने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 4015 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत घर-घर पानी पहुंचाने हेतु अमृत योजना बनाई गई थी। उक्त योजना का कार्य किस ठेकेदार को किस कार्य आदेश से किन-किन शर्तों पर दिया गया था तथा अभी तक कितने घरों में पानी पहुंचाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) योजना कब पूर्ण होना थी? अनुबंध की शर्त के अनुसार क्या पूर्ण हो गई? यदि नहीं, तो कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है? कितना भुगतान किया गया है? कितना भुगतान किया जाना शेष है एवं कुल कितनी बार कार्य की समयावधि बढ़ाई गई और क्यों? कार्य अवधि बढ़ाने वाले अधिकारी का नाम बताएं। समयावधि में कार्य पूर्ण ना करने पर अनुबंध में कार्यवाही का क्या प्रावधान किया गया था? अनुबंध प्रावधान अनुसार संबंधित ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ठेकेदार द्वारा जहां-जहां पाइप लाइन डाली है, उन-उन स्थानों में क्या शासन ठेकेदार से रोड उसी तरह मरम्मत करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) अमृत जल योजना का कार्य कौन उपयंत्री, सहायक यंत्री, पर्यवेक्षण का कार्य देख रहे हैं क्या पाइप लाइन डालने बेस को मजबूत करने के लिये पाइप लाइन के नीचे कांक्रिट डालना था किन्तु ऐसा नहीं किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में ठेकेदार एवं तकनीकी अमला जो अमृत जल योजना का कार्य देख रहा है उसको अनुबंध, स्टीमेट के अनुसार कार्य कराए जाने के निर्देश शासन देगा? यदि हाँ, तो कब तक? उक्त योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कार्यों में अनियमितताओं को लेकर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? कार्यवाहीवार विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना का कार्य मेसर्स इंडियन हयूम पाईप कंपनी लिमिटेड, मुंबई को एलओए क्र. 203 दिनांक 25.05.2016 को जारी कर अनुबंध निष्पादित दिनांक 04.06.2016 को किया गया है। अभी तक लगभग 8500 भवनों में अमृत योजना अंतर्गत नल कनेक्शन स्थापित किये गये हैं तथा वर्तमान में 1425 घरों में पानी की सप्लाई चालू है। शेष नल कनेक्शनों को चालू किये जाने हेतु टेस्टिंग व कमीशनिंग की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) योजना दिनांक 03.12.2017 को पूर्ण होनी थी। जी नहीं। योजना का 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें अभी तक राशि रू. 13.40 करोड़ का भुगतान किया गया है। स्वीकृत राशि अनुसार राशि रू. 10.61 करोड़ शेष है। योजना में दो बार समय वृद्धि की गई है। मेयर-इन-काउंसिल की बैठक दिनांक 03.10.2018 के प्रस्ताव क्र. 13 अनुसार दिनांक 04.10.2018 तक समयावधि में वृद्धि की गई। मेयर-इन-काउंसिल की बैठक दिनांक 06.09.2019 प्रस्ताव क्र. 2 अनुसार 45 दिवस में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। समय अवधी में कार्य पूर्ण न करने पर कॉन्ट्रेक्ट के जी.सी.सी. क्लाज 15 के प्रावधानों अनुसार अनुबंध के Annexure P में वर्णित प्रावधान अनुसार 0.5 % प्रतिदिन से लेकर अधिकतम से 10 प्रतिशत की सीमा तक Liquidated Damages का प्रावधान है एवं क्लॉज 27.3 के अनुसार अनुबंध विखण्डन का प्रावधान है। जिसकी कार्यवाही हेतु कार्य के इंजीनीयर इनचार्ज अनुबंध प्रावधान के अनुसार अधिकृत है। उक्त प्रावधानों के अनुसार संविदाकार की राशि रू. 16.02 लाख रोकी गई है एवं क्लॉज 27.3 के अनुसार अनुबंध विखण्डन की कार्यवाही हेतु दिनांक 24.12.2020 को प्रथम एवं 20.01.2021 को अंतिम सूचना दी गई है। (ग) जी हाँ। पाईप लेईंग के पश्चात यथाशीघ्र रोड रेस्टोरेशन का कार्य कराया जाता है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगर निगम कटनी में अमृत योजना का कार्य उपयंत्री श्री अश्वनी पाण्डेय एवं पर्यवेक्षण का कार्य नियुक्त परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) देख रही है। कार्य में पदस्थ सहायक यंत्री का स्थानांतरण हो गया है पाईप लाईन के बेस में कांक्रीट का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) अनुबंध/एस्टीमेट के अनुसार ही कार्य कराये जाने का प्रावधान है इसके लिये पृथक से निर्देश की आवश्यकता नहीं है। उक्त योजना के प्रारंभ से अभी तक स्थानीय पार्षद एवं नागरिकों द्वारा शिकायतें की गई थी जिनका तत्समय निराकरण कराते हुये संबंधित शिकायतकर्ताओं को अवगत कराया गया था। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्राथमिकी दर्ज करने एवं चालान प्रस्तुत करना
[गृह]
65. ( क्र. 4016 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस अधीक्षक सतना जिला सतना को फरियादी मो. आरिफ अंसारी तनय हारून अंसारी निवास खेरमाई रोड सतना द्वारा दिनांक 18.11.2020 को आवेदन देकर फर्म हिमालया इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी के पार्टनर श्री अभिषेक तिवारी द्वारा छल-कपट धोखाधड़ी करके रकम हड़प लेने के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का निवेदन किया गया था? जिसका स्मरण पत्र भी दिनांक 07.12.2020 को दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त दोनों आवेदनों पर प्रश्न दिनांक तक अपराध पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया और कब करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) की फर्म के पार्टनर श्री अभिषेक तिवारी के विरूद्ध पुलिस थाना सिटी कोतवाली सतना में अपराध क्रं. 320/20 जुर्म दफा 420, 406, 410 भा.द.वि. का अपराध दर्ज है किंतु प्रश्न दिनांक तक चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है? कब प्रस्तुत करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के संबंध में जाँच की जा रही है। जाँच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रकरण में विवेचना जारी है। विवेचना पूर्ण होने पर अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया जावेगा।
BCLL के द्वारा खरीदी गई बसों की EOW जाँच के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 4065 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) ने 2010 में निर्मित बस 3 वर्ष बाद 2013 में खरीदी? क्या ये बसे प्रति बस 60 लाख रू. को दर से खरीदी गई थी? क्या यही बसें कम्पनी ने खुले बाजार में 24 लाख रू. में बेची थी? क्या BCLL में वर्ष 2013 में लो फ्लोर ए.सी. बसों की खरीदे जाने में अनियमितताएं किये जाने की EOW को शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) लोफ्लोर ए.सी. बसों की खरीदे जाने में अनियमितताएं किये जाने की EOW को शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई थी? शिकायतों की छायाप्रति प्रस्तुत करें। (ग) क्या EOW ने एक शिकायत 223/16, वर्ष 2016 में दर्ज की थी? यदि हाँ, तो EOW के अधिकारियों ने विगत 5 वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की? EOW में वर्ष 2016 के अनुसार दर्ज शिकायत पर किस-किस को नोटिस जारी किये गये? (घ) BCLL ने शिकायत 223/16 पर क्या जवाब दिया है? इस मामलें में कब तक जाँच पूरी कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा उक्त बसें नहीं खरीदी गई है। उक्त बसें केन्द्र शासन की जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनान्तर्गत प्रदत्त स्वीकृति अनुसार नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा बस प्रोक्योंरमेंट हेतु विधिवत निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर दिनांक 09/11/2009 को जारी कार्यादेश के तारतम्य में कुल 225 बसें ए.सी. एवं नॉन ए.सी. वर्ष 2010 से 2013 के मध्य चरणबद्ध रूप से प्राप्त की गई। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '01' अनुसार है। सभी बसें एक समान दर रूपये 60.00 लाख से नहीं खरीदी गई थी। जी नहीं। बी.सी.एल.एल. द्वारा वर्ष 2013 में लो-फ्लोर बसों को खरीदे जाने में अनियमितता के संबंध में प्राप्त शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल में शिकायत क्रमांक 223/2016 पर पंजीबद्ध होकर सत्यापन में है। (ख) लो-फ्लोर ए.सी. बसों को खरीदे जाने में अनियमितता किये जाने के संबंध में कुल 16 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '02' अनुसार है। शिकायत सत्यापनाधीन होने के कारण इस स्तर पर जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। शिकायत क्रमांक 223/2016 सत्यापनाधीन होने से इस स्तर पर जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) BCLL की ओर से शिकायत क्रमांक 223/16 के संबंध में EOW को दिनांक 13.07.2020 को जवाब दिया गया है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '03' अनुसार है। शिकायत सत्यापनाधीन है।
ताप विद्युत ग्रहों (उत्पादन) संकाय द्वारा अन्य संकाय के पदों एवं कार्यों में अधिपत्य
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 4081 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व के वर्षों में सिविल अभियंताओं की तैनाती डिस्काम एवं उत्पादन संकाय के अधीन रहकर संजय गांधी ताप में कोयला परिवहन के कार्य में की जाती रही है एवं वर्तमान में शेन्स जल विद्युत ग्रह में पावर हाउस का ऑपरेशन संचालन के कार्य में तैनाती की जा रही है। क्या यह प्रक्रिया सही थी? (ख) उत्पादन संकाय द्वारा सभी ताप विद्युत ग्रहों में (सिविल) संकाय के साधारण सामान्य प्रकृति के कार्य छीनकर विशेष तौर से राख परिवहन नाली सफाई घास, झाडि़यों, सफाई, पुताई कार्य, मोटर सायकल स्टेण्ड बनाना डेम सफाई आदि के समस्त कार्यों की सूची बतायें। पिछले 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी सभी उत्पादन संकाय द्वारा कराये गये। सिविल कार्यों (1) फार्म का नाम (2) कार्य का नाम (3) आदेश क्रमांक एवं दिनांक (4) राशि का विवरण बतायें। (ग) क्या सुरक्षा विभाग में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी एवं सुरक्षा अधिकारी के रहते हुये, सुरक्षा विभाग का सुरक्षा प्रमुख, सुरक्षा अधिकारी उत्पादन संकाय को पदस्थ किया गया है एवं स्वास्थ्य एवं अग्नि शमन विभाग में उत्पादन संभाग के अधिकारी पदस्थ किय जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, परन्तु वर्तमान में कोई भी सिविल अभियंता कोयला परिवहन कार्य में पदस्थ नहीं है। टोन्स (शेन्स नहीं) जल विद्युत गृह में उत्पादन अभियंताओं की कमी के कारण सिविल अभियंताओं की पदस्थापना इकाइयों के संचालन हेतु की गई थी। जी हाँ, जिन कार्यों हेतु सिविल अभियंताओं की पदस्थापना की गई थी, वह सामान्य तकनीकी कार्य हैं, जिसमें सिविल संकाय के अभियंताओं की पदस्थापना की जा सकती है। (ख) जी नहीं। म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्त ताप विद्युत गृहों में उत्पादन संकाय द्वारा उत्पादन से संबंधित कार्य ही कराये जाते हैं, जिसमें राख परिवहन सम्मिलित है। सिविल संकाय से संबंधित सभी कार्य जैसे जल प्रदाय, नाली सफाई, घास झाड़ियों की सफाई, पुताई कार्य, मोटर सायकल स्टेण्ड बनाना, डेम की साफ-सफाई आदि सिविल विभाग द्वारा ही कराये जा रहें हैं। अत: शेष भाग की जानकारी निरंक है। (ग) म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ बनाये रखने के लिये कंपनी मुख्यालय स्तर पर मुख्य सुरक्षा अधिकारी एवं सुरक्षा अधिकारी के पद स्वीकृत हैं। कंपनी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर विगत वर्षों में म.प्र. शासन द्वारा पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की पदस्थापना प्रतिनियुक्ति पर होती रही है। वर्तमान में पुलिस अधीक्षक समतुल्य अधिकारी की प्रतिनियुक्ति पर म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड में पदस्थापना नहीं होने से प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर कंपनी द्वारा अधीक्षण अभियंता (उत्पा.) की पदस्थापना की गई है। विद्युत गृहों के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की ही पदस्थापना की गई है अथवा पद रिक्त रखे गये हैं। अग्निशमन विभाग में सामान्यत: अग्निशमन कार्मिकों की पदस्थापना की जाती है। जिन ताप विद्युत गृहों में अग्निशमन कार्मिकों की अनुपलब्धता है, वहॉं अन्य कार्मिकों को अग्निशमन का प्रशिक्षण देकर अग्निशमन सेवा में कार्य देखने हेतु अधिकृत किया जाता है।
कटनी एम.एस.डब्लू. कंपनी द्वारा कचरे से निर्मित खाद
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 4139 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी-एम.एस.डब्लू., कंपनी द्वारा कचरे से खाद बनाने का प्लांट/ (एकीकृत ठोस अवशिष्ट प्रबंधन इकाई) कब एवं किन नियमों/निर्देशों एवं शर्तों/अनुबंध के अध्याधीन प्रारम्भ किया गया और अब तक कितने कचरे से कितनी खाद प्रतिदिन बनाई गयी? (ख) प्रश्नांश (क) कचरे से खाद बनाने के प्लांट की प्रतिदिन कितनी क्षमता हैं और विगत-02 वर्षों में प्रतिदिन कितनी खाद बनाई गयी और इस अवधि में कितना कचरा प्रतिदिन एकत्रित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) प्लांट/इकाई प्रारम्भ दिनांक के पूर्व से संगृहित/भंडारित कचरे की मात्रा बताइये और वर्तमान में पुराना कितना कचरा भंडारित हैं, कितने टन पुराने कचरे से प्रश्न दिनांक तक प्रतिदिन खाद बनाई गयी? कचरा/खाद की माप/वजन संबंधी दस्तावेज़ उपलब्ध कराइएँ। (घ) कचरा से खाद बनाने में पूर्व से भंडारित कचरे को प्रोसेस कर खाद निर्मित किए जाने का अनुबंध/शर्तों से अवगत कराइए और बताइये कि प्रश्नांश (ग) प्लांट/इकाई द्वारा अनुबंध/शर्तों के अनुसार पुराने भंडारित कचरे से खाद का निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार? नहीं तो क्यों? (ड.) कटनी-एम.एस.डब्लू., कंपनी द्वारा संचालित एकीकृत ठोस अवशिष्ट प्रबंधन इकाई और किए जा रहे कार्यों का किन-किन शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों और नियुक्त एजेंसी के किन कर्मचारियों द्वारा जनवरी 2020 से अब तक निरीक्षण किया गया? प्लांट में क्या कार्य होना पाया गया और क्या प्रतिवेदन दिये गए? (च) प्लांट/इकाई में कौन-कौन कर्मचारी किस कार्य एवं कब से कार्यरत हैं? क्या स्थानीय नागरिकों को रोजगार दिया गया और श्रम-विभाग के नियमानुसार अनुज्ञा/अनुमति और पंजीयन कराया गया हैं? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम कटनी एवं अन्य 4 नगरीय निकायों को समेकित कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं हथालन नियम-2000 एवं 2016 के अनुपालन में दिनांक 23.06.2018 से जन निजी भागीदारी आधारित एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई आरंभ की गई है। जन निजी भागीदारी परियोजना होने के कारण इस हेतु वित्त विभाग के प्रचलित दिशा निर्देशों एवं निर्धारित अनुबंध के अध्याधीन कार्य आरंभ किया गया। कचरे से खाद का उत्पादन मौसम पर निर्भर करता है। औसतन एक टन कचरे से 01 टन खाद प्रतिदिन बनाई जाती है। संयंत्र में 78829.53 टन कचरा प्राप्त हुआ है। इससे लगभग 6306.36 मैट्रिक टन खाद का उत्पादन हुआ है। उक्त कार्य हेतु निष्पादित अनुबंध दिनांक 07.05.2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत स्थापित प्रसंस्करण संयंत्र की क्षमता 150 टन प्रतिदिन है। विगत 02 वर्षों में एकत्रित कचरे की मात्रा तथा उत्पादित कम्पोस्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्लांट इकाई प्रारंभ दिनांक के पूर्व से संग्रहित/भंडारित कचरे की मात्रा अनुमानत: 61422.26 टन आंकी गई थी। संबंधितजन निजी भागीदार द्वारा पुराने भण्डारित कचरे का प्रसंस्करण आरंभ न किये जाने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) भण्डारित कचरे को प्रोसेस कर खाद बनाने हेतु अनुबंध/शर्तों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। जी नहीं, पुराने भण्डारित कचरे के प्रसंस्करण हेतु कार्यवाही नहीं करने के कारण अनुबंध की शर्तों के अनुसार संबंधित जन निजी भागीदार को नोटिस दिया गया है। (ड.) योजना के क्रियान्वयन हेतु नियुक्त स्वतंत्र प्रबंधन इकाई द्वारा किये गये निरीक्षण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। कटनी एम.एस.डब्ल्यू. कंपनी द्वारा संचालित एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई के निरंतर निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण हेतु इंडीपेंडेट इंजीनियर कार्यरत हैं, इसके अतिरिक्त समय-समय पर नगर पालिका निगम, कटनी के आयुक्त, उपायुक्त, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री, योजना के नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी, स्वच्छता निरीक्षक द्वारा निरीक्षण किया गया है। (च) प्लाट में जनभागीदारी द्वारा नियुक्त किये गये कर्मचारियों की जानकारी एवं कार्यरत होने समय की जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जन निजी भागीदारी द्वारा श्रम विभाग से प्राप्त अनुज्ञा/अनुमति पंजीयन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
अवैध कालोनियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 4140 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–628, दिनांक–23/09/2020 का उत्तर तथा उत्तरानुसार तथ्यों पर प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) क्या वर्ष 2004-05 के पूर्व कटनी-नगर में अवैध कालोनियों का नियमितीकरण किया गया था तथा वर्ष-2016 की स्थिति में कितनी और कौन–कौन सी अवैध कालोनियों को कहाँ-कहाँ किन-किन खसरा नंबरों एवं क्षेत्र में निर्मित होना पाया गया? अवैध कालोनियों का निर्माण होना किस प्रकार ज्ञात हुआ और क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या कटनी नगर में वर्ष-2016 के पश्चात भी अवैध कालोनियों का निर्माण हुआ हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन वार्डों के किन-किन स्थानों की किन-किन खसरा नंबरों की भूमियों पर तथा किन भूमिस्वामियों द्वारा इन कालोनियों का निर्माण कब-कब किया गया और इस समयावधि में कौन-कौन दायित्ववान शासकीय अधिकारी/कर्मचारी उक्त क्षेत्र/ वार्ड में पदस्थ/कार्यरत और प्रभारी रहे। (घ) प्रश्नांश (क) से (ड.) के तहत कटनी-नगर में अब तक पायी गयी अवैध और नियमित की गयी कालोनियों का सर्वे एवं नियमितीकरण की कार्यवाही और नियमितीकरण की प्रस्तावित कार्यवाही किस प्रकार नियमानुसार हैं? क्या सम्पूर्ण कार्यवाही का परीक्षण किए जाने के आदेश किए जाएँगे? (ड.) कटनी सहित प्रदेश में पायी गयी अवैध कालोनियों के नियमितीकरण हेतु क्या कार्यवाही किस प्रकार और कब तक की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम द्वारा तत्समय पदस्थ अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए थे, समयावधि में जवाब प्राप्त न होने पर नगर निगम द्वारा पुन: स्मरण पत्र जारी किए गए है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016 की स्थिति में कुल 92 अवैध कॉलोनियां निर्मित होना पाया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे के दौरान अवैध कॉलोनियों का निर्माण ज्ञात हुआ, तत्समय 19 अवैध कॉलोनियों के भू-स्वामियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है शेष अवैध कॉलोनियों के भू-स्वामियों को नगर निगम द्वारा सूचना पत्र जारी किए गए है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) कटनी नगर में वर्ष 2004-05 में 44 अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण तत्समय प्रचलित म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 15-क के तहत किया गया था एवं दिनांक 19.05.2017 को नियम 15-क में किए गए संशोधन अनुसार 31 दिसम्बर 2016 तक अस्तित्व में आई नियमितीकरण योग्य अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्यवाही प्रचलित थी, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा पारित आदेश दिनांक 03.06.2019 में नियम 15-क को Ultra Vires (अधिकारातीत) घोषित कर दिए जाने के कारण नियमितीकरण की कार्यवाही रोक दी गई थी, वर्तमान में नियमितीकरण की कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) राज्य शासन द्वारा नगरपालिका अधिनियम में संशोधन की कार्यवाही की जा रही है जो प्रक्रियाधीन है। अधिनियम में संशोधन के पश्चात नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी, वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पदों में वरिष्टता के पैमाने को परिवर्तित करने की नीति
[गृह]
70. ( क्र. 4152 ) श्री विनय सक्सेना, श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2008 से अप्रैल 2020 के बीच राज्य पुलिस सेवा व राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने-कितने पद बढ़ाये गये और राज्य पुलिस सेवा के पदों को दोगुने करने का औचित्य क्या है? उक्त अवधि में जिले/अनुभाग की कितनी संख्या बढ़ी है? (ख) दिनांक 01/04/2020 को राज्य प्रशासनिक सेवा के कुल स्वीकृत पद 873 हैं व राज्य पुलिस सेवा के कुल स्वीकृत पद 1276 हैं? इन 403 अतिरिक्त राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के वेतन, आवास, कार्यालय आदि में कितनी राशि प्रतिवर्ष व्यय होती है? क्या पुलिस सेवा के पदों के युक्तियुक्तकरण की कोई योजना है? (ग) क्या राज्य प्रशासनिक सेवा व राज्य पुलिस सेवा में सीधी भर्ती व पदोन्नति से भर्ती का अनुपात 50:50 है? यदि हाँ, तो क्या इस अनुपात को 50:33 करने का प्रस्ताव है? क्या पदोन्नति से डी.एस.पी. बनने वाले निरीक्षकों के मौके कम करने का शासन का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रति देवें। क्या इसे म.प्र. के अन्य विभागों में भी लागू किया जायेगा। (घ) राज्य पुलिस सेवा के पदों में वरिष्टता के पैमाने को परिवर्तित करने की शासन की नीति है, नीति की प्रति उपलब्ध कराएँ एवं बतावें कि क्या यह म.प्र. के राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित अन्य विभागों की वरिष्ठता में भी लागू होगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राज्य पुलिस सेवा के अप्रैल 2008 से अप्रैल 2020 तक 611 पदों की वृद्धि हुई है व राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के प्रश्नाधीन अवधि में कुल 173 पदों की वृद्धि की गई है। पुलिस की वृद्धि बढ़ते कार्यों तथा अपराधों के जुड़ते नये प्रकार तथा पर्यवेक्षण को प्रभावी बनाने के उददेश्य से किया गया है। उक्त अवधि में 04 जिले 39 पुलिस अनुभाग की संख्या बढ़ी है। (ख) जी हाँ। इन अतिरिक्त राज्य पुलिस सेवा के पद (कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान 56,100-1,77,500) (वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान 67,300-2,06,900) (प्रवर श्रेणी वेतनमान 79,900-2,11,700) एवं (वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान 1,23,100-2,15,900) में है। जिनके वेतनमान के अनुरूप वेतन एवं भत्ते दिये जाते है। पुलिस सेवा के पदो के युक्तियुक्तकरण करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में 50:50 प्रतिशत पदोन्नति एवं सीधी भर्ती का कोटा है। जी नहीं, पदोन्नति कोटा कम करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। म.प्र. पुलिस कार्यपालिक (राजपत्रित) सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2000 के नियम 14 के अनुसार लोक सेवा आयोग परीक्षा में प्राप्त कुल अंकों में बुनियादी प्रशिक्षण में प्राप्त कुल अंकों को जोड़कर पारस्परिक ज्येष्ठता निर्धारण का प्रावधान है परन्तु मध्यप्रदेश सिविल सेवाएं (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 में संशोधन सबंधी अधिसूचना दिनांक 02 अप्रैल 1998 में निहित प्रावधान के अनुसार राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की वरिष्ठता निर्धारित की जाती है। नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कर्मचारियों को वेतन भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 4189 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद चंदेरी जिला अशोकनगर के कर्मचारियों का पिछले 8 माह से वेतन भुगतान क्यों नहीं हो रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के उत्तर में किसी भी प्रकार की निधि की कमी बताई जाती है तो आपातकाल हेतु जो नगर पालिका में संचित निधि होती है उस निधि का प्रयोग कर्मचारियों की वेतन देने हेतु आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया जबकि नगरपालिका कर्मचारी COVID-19 के आपातकाल के समय पूर्ण रूप से समर्पित रहे? (ग) यदि संचित निधि का प्रयोग कर लिया गया है तो इस निधि का प्रयोग किसके आदेश पर किया गया एवं किन-किन कार्यों में किया गया? उन कार्यों की सूची मय रेट लिस्ट के साथ उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद चंदेरी द्वारा सभी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में कोई वेतन भुगतान होना शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर परिषद चंदेरी द्वारा 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक संचित निधि राशि का किसी भी कार्य में उपयोग नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराध प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
72. ( क्र. 4191 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न थाना क्षेत्रों में 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक अपहरण/गुमशुदगी हत्या, चोरी, बलात्कार एवं मारपीट के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये तथा कितनी देशी व विदेशी मदिरा एवं अन्य मादक पदार्थों की जप्ती की गई? थानावार दिनांकवार प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध करायें एवं उक्त प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में उल्लेखित प्रकरणों में से किन-किन प्रकरणों में आरोपियों को पकड़ा गया तथा अब तक कितने फरार हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सायबर अपराध की जानकारी
[गृह]
73. ( क्र. 4192 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक सायबर अपराध के कितने प्रकरण रीवा जिले के थानों में पंजीबद्ध हैं? कितनों का निराकरण किया जा चुका है? कितने प्रकरण लंबित है? वर्षवार विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिले में सोशल नेटवर्किंग वेवसाइड के पेज/प्रोफाइल को ब्लाक करने के लिये सोशल मिडिया कमाण्ड रिसर्च सेन्टर की स्थापना हेतु व्यवस्था की जा रही है? यदि हाँ, तो व्यवस्था स्थल सहित जानकारी देवें। (ग) क्या जिले में समस्त सोशल नेटवर्किंग फेसबुक/व्हाट्सएप आदि का उपयोग करने वाले उपभोगताओं का पंजीकरण अनिवार्य करने हेतु विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) जिले के अपराध शाखा की इनवेस्टिगेशन इकाई में कार्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के वर्तमान में कुल कितने पद हैं? उनमें से शेष कितने पद रिक्त हैं? उन्हें कब तक भरा जावेगा? क्या सायबर इनवेस्टिगेशन यूनिट में कार्य करने के लिये तकनीकी शिक्षा अनिवार्य है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितने अधिकारी/कर्मचारी तकनीकी शिक्षा प्राप्त नहीं हैं? कितने है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रीवा जिले में अपराध शाखा स्वीकृत नहीं है। सायबर संबंधी अपराधों की विवेचना की मदद हेतु सायबर सेल में दो कर्मचारी लगाये गये है जिन्हें सायबर संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त है।
जिले के थानों में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
74. ( क्र. 4195 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 6 माह में टीकमगढ़ जिले में विशेष मुस्कान अभियान के तहत् कितनी बरामदगी हुई है? (थानावार कॉलमवार जानकारी उपलब्ध कराएं) (ख) अर्म्स एक्ट/आबकारी अधिनियम/गुंडा एक्ट/ जुआ-सट्टा/अवैध उत्खनन-परिवहन/रोको-टोको अभियान की अब तक जिले में कितनी कार्रवाई हुई है? पिछले 6 माह के आंकड़े थानावार कॉलमवार उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित जानकारी के आधार पर यह भी जानकारी दें कि इन सभी आकड़ों के हिसाब से जिले में सबसे ज्यादा कार्यवाही किस थाने में हुई है और सबसे कम कार्यवाही किस थाने में हुई है।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित जानकारी के अनुसार थाना कोतवाली में सबसे अधिक एवं थाना मोहनगढ़ में सबसे कम कार्यवाही हुई है।
नवीन न्यायालय (सिविल कोर्ट) भवन निर्माण का प्रस्ताव
[विधि और विधायी कार्य]
75. ( क्र. 4219 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी में नवीन न्यायालय (सिविल कोर्ट) भवन निर्माण संबंधी प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या विभाग को नवीन न्यायालय भवन निर्माण संबंधी प्राक्कलन प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही प्रचलित है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं, कब तक प्राप्त होगा? (ग) क्या बरगी में सिविल कोर्ट निर्माण हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध करा दी गई हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। क्या वर्ष 2019 में तत्कालीन विभागीय मंत्री जी ने जनहित को दृष्टिगत रखते हुए बरगी में सिविल कोर्ट निर्माण हेतु राशि स्वीकृत किए जाने हेतु समुचित आदेश प्रदान करने के निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो उक्त पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) सिविल कोर्ट की स्वीकृति उपरांत सिविल कोर्ट निर्माण की राशि किस आधार पर रोकी गई है? राशि जारी नहीं होने का कारण बताया जावे? निर्माण की राशि कब तक जारी की जावेगी तथा प्रशासकीय/वित्तीय स्वकृति कब तक जारी की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। माननीय मंत्रीजी द्वारा बरगी में सिविल कोर्ट निर्माण हेतु राशि स्वीकृत किये जाने संबंधी नोटशीट प्राप्त हुई थी, जिसे विभागीय पत्र दिनांक 04.07.2019 द्वारा समुचित कार्यवाही हेतु म.प्र. उच्च न्यायालय, जबलपुर को प्रेषित की गई है। (घ) सिविल कोर्ट निर्माण संबंधी प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है, अत: राशि रोके जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सिंहस्थ मेले के लिये जमीनों का आरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 4270 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ मेले के लिये उज्जैन में किस-किस गांव की कितनी-कितनी जमीन को फिलहाल आरक्षित रखा जाता है तथा किस वर्ष में किया गया था तथा उसके उपरांत कितने सिंहस्थ का आयोजन हो चुका है? (ख) क्या ग्राम एवं निवेश विभाग अपनी मर्जी से विभाग से राय लिये बिना सिंहस्थ मेले हेतु आरक्षित जमीन को अनारक्षित कर सकता है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं तो बतावें कि हाल ही में किस-किस गांव की जमीन को अनारक्षित करने हेतु स्वीकृति प्रदान की है? इस संबंध में किये गये पत्र व्यवहार की प्रतियां देवें। (घ) क्या अ.मा. अखाड़ा परिषद ने सावरा खेड़ी, जीवन खेड़ी, दाऊत खेड़ी की जमीन को सिंहस्थ के लिये आरक्षित किये जोन की मांग की है? यदि हाँ, तो विभाग अपने राय से अवगत करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिंहस्थ मेला के लिये कलेक्टर उज्जैन द्वारा मध्य भारत सिंहस्थ मेला अधिनियम 1999 के अंतर्गत प्रति 12 वर्ष में मेला क्षेत्र हेतु जमीन आरक्षित की जाती है। सिंहस्थ मेला 2016 के लिये कलेक्टर उज्जैन द्वारा आरक्षित जमीन की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ उज्जैन विकास योजना 2035 प्रारूप प्रकाशन अवधि में अ.भा. अखाड़ा परिषद द्वारा ग्राम सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी एवं दाउदखेड़ी की जमीन को सिंहस्थ हेतु आरक्षित करने का सुझाव दिया गया हैं। प्राप्त सुझाव पर म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-17 (क) के अंतर्गत आपत्ति/सुझावों की सुनवाई हेतु गठित समिति द्वारा पर म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम 2012 के नियम 12 में निर्धारित समयवाधि में आपत्ति/सुझावों की सुनवाई उपरांत समिति की अनुशंसा संचालक न.ग्रा.नि. को प्रस्तुत की जावेगी। संचालक समिति से प्राप्त योजना तथा रिपोर्ट को अपनी समीक्षा के साथ राज्य शासन को प्रस्तुत करेंगे। राज्य शासन, संचालक से प्राप्त प्रारूप विकास योजना पर अधिनियम की धारा 19 के अंतर्गत यथोचित निर्णय कर सकेगी।
श्रमिकों को सप्ताहिक अवकाश की राशि का भुगतान
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 4276 ) डॉ. अशोक मर्सकोले, श्री मेवाराम जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर म.प्र.के सी.एच.पी. 210 मेगावाट तथा सी.टी.डी. के संविदाकार कार्यादेश संख्या 001-04/ser/Chp/wo-288/3283date 9-10-2019 तथा 001-04/ser/Chp/wo259/1533 date29-6-2019 तथा 001-04/ser/Chp/wo-278/2594date30-8-2019 के द्वारा श्रमिकों को सप्ताहिक अवकाश की राशि नहीं दी जा रही है? राशि मांगने पर कार्य से पृथक कर दिया जा रहा है? chp2 10 मेगावाट एवं सी.टी.डी. के संविदाकारों के द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सप्ताहिक अवकाश की राशि प्रदान की है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जिन श्रमिकों को सप्ताहिक अवकाश की राशि नहीं मिली है उन्हें कब तक भुगतान करा दिया जावेगा? लाभ से वंचित श्रमिकों के नाम वर्ष सहित भुगतान की समय-सीमा बताएं। वर्ष 2018 से वर्ष 2020 के दौरान कितने श्रमिकों को कानूनी कार्यवाही कर कार्य से पृथक किया गया है? सभी निलंबित के नाम बताएं। श्रमिकों को कब तक कार्य पर रखा जावेगा समय-सीमा बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) मुख्य अभियंता ईधन एवं प्रबंधन उप महाप्रबंधक मानव संसाधन सी.एच.पी. में कई दशक से पदस्थ कार्यपालन अभियंता सी.टी.डी. एवं सी.एच.पी. के सहायक अभियंता सेवाएं पर समय-समय पर प्राप्त शिकायतों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? उपरोक्त का स्थानांतरण कर जाँच होगी या नहीं? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन कार्यादेशों के अंतर्गत श्रमिकों को न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अन्तर्गत श्रमायुक्त म.प्र.शासन इन्दौर द्वारा समय-समय पर जारी पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन दरों के आधार पर मासिक वेतन का भुगतान किया जाता है। इस अधिनियम के अन्तर्गत यदि किसी सन्दर्भ में एक दिन का वेतन संगणित करना हो तो देय मासिक वेतन को 26 का भाग देकर संगणित किया जाता है। साप्ताहिक अवकाश हेतु पृथक से भुगतान का प्रावधान नहीं है अपितु न्यूनतम वेतन की दरों में साप्ताहिक अवकाश (विश्राम दिवस) का पारिश्रमिक सम्मिलित है। श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश प्रदान किया जाता है। राशि मांगने पर किसी भी श्रमिक को कार्य से पृथक नहीं किया गया है। सी.एच.पी. 210 मेगावाट एवं सी.टी.डी. के संविदाकारों के द्वारा 2010 से प्रश्न दिनांक तक साप्ताहिक अवकाश के मद में पृथक से कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। अत: जानकारी निरंक है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के अंतर्गत संचालित ठेकों में श्रमिकों का नियोजन ठेकेदारों के द्वारा किया जाता है। वर्ष 2018 से 2020 की अवधि में ठेकेदार द्वारा कुल 06 श्रमिकों को कार्य से पृथक किया गया है जिनके नाम-श्री संतोष कोरी, श्री दीपक यादव, श्री मोहन लाल रजक, श्री संतोष यादव, श्री गोकुल यादव एवं श्री रवि तिवारी है। इन श्रमिकों में से चार श्रमिकों (श्री संतोष कोरी, श्री दीपक यादव, श्री मोहनलाल रजक एवं श्री संतोष यादव) के द्वारा औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत पीठासीन अधिकारी माननीय श्रम न्यायालय, शहडोल में प्रकरण दायर किया गया जो कि विचाराधीन है। प्रकरण पर माननीय न्यायालय के निर्णय के अनुसार उचित कार्यवाही की जावेगी। दो श्रमिकों (श्री संतोष यादव एवं श्री गोकुल यादव) पर संबंधित ठेकेदार द्वारा थाना चचाई में प्राथमिकी दर्ज की गई है, पुलिस कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत उचित कार्यवाही की जावेगी। श्रमिक श्री रवि तिवारी को उसकी अनुशासनहींनता एवं कार्य के दौरान लापरवाही बरतने तथा अन्य साथी कार्मिकों के साथ दुर्व्यवहार करने के कारण, जिससे दुर्घटना हो सकती थी, ठेकेदार द्वारा कार्य से पृथक किया गया है। श्रमिक के दुर्व्यवहार के कारण इसे पुन: कार्य पर नहीं लिया जा सकता है। (ग) अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ईधन प्रबंधन), उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन) अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई को, सी.एच.पी. में पदस्थ कार्यपालन अभियंता एवं सी.टी.डी. के सहायक अभियंता के विरूद्ध किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता है।
सर्विस/प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 4308 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत नार्थ एवं साउथ टी.टी. नगर की 342 एकड़ भूमि स्मार्ट सिटी भोपाल के क्षेत्र आधारित विकास हेतु आवंटित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किस आदेश क्रमांक एवं दिनांक को किन-किन शर्तों के साथ उक्त भूमि आंवटित की गई थी? आदेश की प्रति संलग्न करें। (ग) उक्त स्मार्ट सिटी के एडीबी परियोजना अन्तर्गत किए जा रहे विकास कार्यों में अब तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के पूर्ण किये जा चुके हैं और कौन-कौन से कार्य प्रगतिरत हैं उन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) क्या नगर निगम भोपाल का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक की अवधि तक का कितनी राशि का सम्पत्ति कर अथवा सर्विस टेक्स का नोटिस दिया है? नोटिस के पश्चात् स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा कितनी राशि कब जमा की है? यदि नहीं, तो कब तक राशि जमा कराई जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत क्षेत्र आधारित विकास (ए.बी.डी.) के लिये नार्थ एवं साउथ टी.टी. नगर की 342 एकड़ भूमि नगरीय विकास एवं आवास विभाग को अंतरण करने एवं तदोपरांत विभाग द्वारा भूमि भोपाल स्मार्ट सिटी डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी हाँ, आदेश क्रमांक एवं दिनांक व शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) स्मार्ट सिटी के ए.बी.डी. परियोजना अंतर्गत विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, नगर निगम भोपाल द्वारा वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की अवधि के लिये सेवा शुल्क राशि रू.9,72,98,534/- जमा करने हेतु भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. को नोटिस जारी किया गया है। भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा प्राप्त नोटिस के संबंध में लीगल अभिमत लिया गया, जिसके परिप्रेक्ष्य में भोपाल स्मार्ट सिटी नगर निगम भोपाल की सहायक कम्पनी होने से सम्पतिकर/सर्विस टैक्स नगर निगम भोपाल को देने हेतु बाध्य नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नक्सल समस्या का निराकरण
[गृह]
79. ( क्र. 4309 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2004 में बालाघाट, डिण्डौरी एवं मण्डला जिला नक्सल प्रभावित घोषित था एवं वर्ष 2014 में केवल बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित घोषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान में कौन-कौन से जिले नक्सल प्रभावित घोषित हैं एवं नक्सली समस्या के उन्मूलन हेतु स्वीकृत स्टॉफ का सेटअप क्या है? (ग) वर्ष 2020-21 में नक्सली समस्या के उन्मूलन हेतु कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया एवं कितनी राशि का आवंटन किया गया? (घ) 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जिले में पुलिस एवं नक्सलियों के मध्य मुठभेड़ हुई एवं उसमें कितने पुलिसकर्मी एवं नक्सली मारे गये? नाम, पता सहित पूर्ण विवरण दें। (ड.) नक्सली हमले में मारे गये पुलिसकर्मियों को आश्रितों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता प्रदान की गई एवं किस-किस पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई? (च) क्या नक्सल प्रभावित जिलों में भू-सुधार हेतु सरकार की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या एवं इस योजना के तहत भू-सुधार हेतु क्या-क्या स्कीम संचालित हैं एवं 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक इस योजना पर किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में जिला बालाघाट एवं मण्डला नक्सल प्रभावित घोषित है। नक्सली समस्या के उन्मूलन हेतु स्वीकृत स्टॉफ का सेटअप निम्नानुसार है- (1) जिला बालाघाट में सी.आर.पी.एफ. 123वीं की 01 बटालियन एवं सी.आर.पी.एफ. 148वीं वाहिनी की 01 कम्पनी। (2) जिला बालाघाट एवं मण्डला में 35वीं वाहिनी एवं 36वीं वाहिनी तैनात की गई है। (3) विशेष प्रशिक्षत हॉक फोर्स। (4) जिला पुलिस बल। (5) इसके अतिरिक्त आसूचना संकलन हेतु राज्य शासन द्वारा स्वीकृत स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच (एस.आई.बी.)। जिला बालाघाट एवं मण्डला के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सी.आर.पी.एफ., हॉक फोस, विशेष सशस्त्र बल एवं जिला पुलिस बल द्वारा सर्चिंग/एरिया डॉमिनेशन/रोड ओपनिंग/एम्बुशिंग की कार्यवाही लगतार की जाकर नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है। (ग) वर्ष 2020-21 में नक्सली समस्या के उन्मूलन हेतु केन्द्र सरकार की एस.आर.ई. योजनांतर्गत राशि रूपये 14,60,000/- का बजट प्रावधानित किया गया है, जिसमें राज्य शासन द्वारा राशि रूपये 7,60,51,975/- आवंटित किए गए। केन्द्र सरकार द्वारा एस.आई.एस. योजनांतर्गत राशि रूपये 4,73,00,000/- का बजट प्रावधानित किया गया है, जिसमें से राज्य शासन द्वारा राशि रूपये 1,73,79,500/- आवंटित की गई है। (घ) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला बालाघाट में 08 एवं जिला मण्डला में 03 पुलिस एवं नक्सलियों के मध्य मुठभेड़ हुई है। पुलिस- नक्सली मुठभेड़ में कुल 05 नक्सली मारे गए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मुठभेड़ में कोई भी पुलिसकर्मी शहीद नहीं हुआ है। (ड.) नक्सली हमले में कोई भी पुलिसकर्मी शहीद नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
विद्युत वितरण कंपनियों का निजीकरण
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 4335 ) श्री मनोज चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार विद्युत वितरण कंपनियों का केंद्र शासन के निर्देश पर निजीकरण करेगी? यदि हाँ, तो कब तक तथा इस संदर्भ में किए गए प्रयासों की संपूर्ण रिपोर्ट देवें। (ख) क्या निजीकरण से विद्युत महंगी होगी या नहीं? कर्मचारियों की छटनी होगी या नहीं तथा क्या निजीकरण प्रदेश के हित में होगा? (ग) क्या राज्य शासन निजीकरण से पहले जनता की राय लेगी? यदि नहीं, तो क्या खरबों रुपए की अचल संपत्ति मामूली से दाम पर बेची जाएगी? (घ) क्या शासन केंद्र सरकार द्वारा जारी स्टैंडर्ड बिड डाक्यूमेंट्स (SBD) के अनुसार कार्यवाही प्रारंभ कर चुका है? क्या निजीकरण हेतु टी.बी.सी.बी. शुरू कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या जनता की राय लिए बिना यह कार्यवाही जनता से धोखा नहीं है? (ड.) क्या निजीकरण की कार्यवाही करने के पूर्व विद्युत विनियामक आयोग में जनसुनवाई क्यों नहीं आयोजित की गई? क्या शासन का यह कृत्य गेर कानूनी नहीं है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में राज्य शासन के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) केन्द्र शासन से विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के संबंध में विचार-विमर्श एवं विभिन्न हितधारकों के अभिमत प्राप्त करने के उद्देश्य से स्टेंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट का प्रारूप प्राप्त हुआ था, जिस पर राज्य शासन का अभिमत प्रेषित किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। राष्ट्रीय विद्युत नीति, 2016 के प्रावधान अनुसार प्रदेश की कुछ पारेषण परियोजनाओं को टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बोली (TBCB) प्रक्रिया के माध्यम से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों/लाइनों के निर्माण संबंधी नवीन कार्यों को शामिल किया गया है। उक्तानुसार वैधानिक प्रावधानों के अन्तर्गत की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ड.) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव राज्य शासन के विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
व्यापम घोटाले के आवेदनों पर विचार
[गृह]
81. ( क्र. 4336 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर गोली कांड के लिए गठित जैन आयोग का अंतिम प्रतिवेदन शासन को किस दिनांक को प्राप्त हुआ? उसे अभी तक विधानसभा के पटल पर क्यों नहीं रखा गया? (ख) क्या एस.टी.एफ. व्यापम घोटाले के प्राप्त 197 आवेदन की जाँच कर रही है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। यदि नहीं, तो जाँच बंद करने की दिनांक और कारण बतावें। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले पर प्राप्त आवेदन में से विभिन्न जिलों में भेजे गए 500 से ज्यादा प्रकरणों की अद्यतन स्थिति जिलेवार बतावें। आवेदन प्राप्ति की दिनांक विभिन्न जिलों में भेजने की दिनांक से अवगत करावें। (घ) क्या शासन सी.बी.आई. को भेजे गए प्रकरणों के अतिरिक्त शेष व्यापम घोटाले की जाँच के प्रति वचनबद्ध है? यदि हाँ, तो उस हेतु क्या कार्रवाई प्रचलन में है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2017 में मंदसौर गोलीकांड की जाँच हेतु गठित जैन आयोग की रिपोर्ट गृह विभाग में दिनांक 14.06.2018 को प्राप्त हुई। जाँच रिपोर्ट पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ, एस.टी.एफ. म.प्र. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित 197 आवेदन पत्रों की जाँच की जा रही है। एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही 197 लंबित शिकायतों की जाँच में 13 आपराधिक प्रकरण तथा 03 अपराध अन्य जानकारियों पर से, कुल 16 अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में है एवं 70 शिकायतें नस्तीबद्ध की जा चुकी है। शेष 127 शिकायतों की जाँच प्रचलन में है। (ग) जिलों में भेजे गए 530 आवेदन पत्रों में से 219 शिकायत पत्र नस्तीबद्ध किए गए तथा 02 शिकायतों में जाँच उपरांत अपराध दर्ज किए गए है। इस प्रकार कुल 221 शिकायत पत्र निराकृत किए जा चुके है। शेष 309 शिकायतों में जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश एस.टी.एफ. म.प्र. से संबंधित नहीं है।
म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 4344 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता को अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी रीवा द्वारा क्रमांक 53/10/सौभाग्य/6817 रीवा दिनांक 09.12.2019 के पत्र द्वारा पत्र के साथ कार्यादेशों की सूची दी गई है, सूची अनुसार समस्त कार्यों के संबंधित ठेकेदारों को कितना कितना भुगतान कब-कब किया गया व किस कार्य का किया गया? किसके द्वारा सत्यापन किया गया सत्यापनकर्ता का नाम पद सहित जानकारी दी जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य अनुसार कार्य स्थलों में कार्य नहीं हुये हैं? यदि हाँ, तो संबंधित दोषी सत्यापनकर्ता एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) वृत्त रीवा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 53/10/सौभाग्य/6817 दिनांक 09.12.2019 के साथ प्रेषित कार्यादेशों की सूची अनुसार संबंधित ठेकेदारों को कार्यवार किये गये भुगतान एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी के नाम/पद सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) सौभाग्य योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्यों के अनुसार कार्य कराये गये हैं तथापि उक्त क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जाँच कार्यवाही संस्थित की गई है जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। जाँच कार्यवाही के निष्कर्षों के आधार पर संबंधित कार्मिकों एवं ठेकेदारों एजेंसियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी।
निजीकरण हेतु जारी स्टैण्डर्ड बिड डॉक्यूमेंट को वापिस लिए जाना
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 4355 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र शासन द्वारा वितरण कंपनियों के निजीकरण हेतु स्टैण्डर्ड बिड डाक्यूमेंट जारी किया गया है जिसमें सभी वितरण कंपनियों को 8 माह की समय अवधि में निजीकरण करने हेतु कहां गया है? (ख) क्या मध्यप्रदेश में पूर्व में भी भोपाल के चार जोन एवं सागर उज्जैन शहरों को फ्रेंचाईसी के आधार पर निजिकरण करने के प्रयास किए गये थे लेकिन वह सभी प्रयास असफल रहे हैं, क्योंकि इस निजीकरण से आम उपभोक्ता, किसानों, औद्योगिक एवं व्यवसायिक लोगों के लिए बिजली की दर महंगी होगी और इसके साथ-साथ वितरण कंपनियों में कार्यरत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों, (संविदा व बाहयस्त्रोत कर्मचारियों) की सेवा में विपरीत प्रभाव पड़ेगा? निजीकरण हेतु जारी किए गये बिड डाक्यूमेंट के कारण वितरण कंपनियों में पदस्थ सभी अधिकारियों/कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो रहा है? (ग) वितरण कंपनियों के निजीकरण होने से आम उपभोक्ता, किसानों, औद्योगिक एवं व्यवसायिक लोगों व वितरण कंपनियों में पदस्थ अधिकारी/ कर्मचारियों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए, क्या शासन द्वारा स्टैण्डर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट को वापिस कराने हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। अपितु स्टैण्डर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट का प्रारूप प्राप्त हुआ है। (ख) निजीकरण नहीं अपितु विद्युत वितरण एवं खुदरा आपूर्ति के कार्य के लिये निर्धारित अवधि हेतु फ्रेंचायजी अनुबंधित की गई थी। जिला भोपाल के 4 जोन में नियुक्त फ्रेंचायजी वर्ष 2007-2008 में 5 वर्ष हेतु नियुक्त की गई थी किन्तु इनका कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने पर इनके अनुबंधों को निरस्त किया गया। सागर शहर एवं उज्जैन शहर में भी विद्युत वितरण एवं खुदरा आपूर्ति हेतु प्रतिस्पर्धात्मक बोली के आधार पर दिनांक 10.05.2012 को 15 वर्ष की अवधि हेतु फ्रेंचायजी चयनित की गई थी किन्तु फ्रेंचायजी अनुबंध की शर्तों के पालन में असफल रहने पर इनके अनुबंध समाप्त किये गये। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कंपनियों के निजीकरण हेतु अंतिम स्टैण्डर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट प्राप्त नहीं हुआ है, केन्द्र शासन द्वारा मात्र प्रारूप प्रेषित कर अभिमत चाहा गया है। अत: वर्तमान में निजीकरण का स्वरूप कैसा होगा तथा इससे विभिन्न हितग्राहियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस संबंध में बताया जाना संभव नहीं है। साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन आशय का कोई प्रस्ताव राज्य शासन के विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी का नियमितिकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 4362 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र.भोपाल द्वारा विनियमितीकरण स्थाईकर्मियों को रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्त किये जाने के निर्देश दिए गए हैं? रतलाम जिले की नगरीय निकायों में कितने स्थाईकर्मियों को किस-किस पद पर नियमित किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। अगर नहीं किया गया तो क्यों और कब तक कर दिया जावेगा? (ख) क्या म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 07 अक्टूम्बर, 2016 के आदेशानुसार 01 सितम्बर 2016 तक के दैनिक वेतन भोगी तथा मस्टर कर्मियों को विनियमितीकरण योजना में शामिल किया जाना था किन्तु अभी तक नहीं किया गया? क्यों? प्रदेश में ऐसे कितने कार्मिक है? संख्या बताए तथा स्पष्ट करें कि कब तक इन्हें भी उक्त योजना में लाभ दिया जावेगा? (ग) उज्जैन संभाग में विनियमितीकरण उपरान्त कितने दैनिक वेतन भोगी/मस्टरकर्मी वर्ष 2016 के पूर्व कार्य कर रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें। क्या उक्त कर्मचारी को भी स्थाईकर्मी बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रदेश की नगरीय निकायों में पदस्थ स्थाईकर्मी स्नातक एवं उच्च शिक्षा प्राप्त भी हैं? क्या स्नातक स्तर के स्थायीकर्मियों को वर्ग 03 के पदों पर नियमित किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या शासन व्यापम से भर्ती को रोक कर निकायों में वर्तमान में कार्यरत स्थाई कर्मचारियों, विनियमित कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगी तथा मस्टरकर्मियों को योग्यतानुसार तरक्की देने के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित करेगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मन्दसौर गोलीकांड के दर्ज प्रकरण
[गृह]
85. ( क्र. 4363 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंन्दसौर गोलीकांड मंदसौर के तत्कालिन कलेक्टर एस.पी. ने प्रतिवेदन क्रमांक 267 बी/2017 दिनांक 7.06.2017 में 05 जुन 2017 को पिपलीया मंडी की घटना पर लिखा कि किसानों के साथ व्यापारियों द्वारा झूमा-झटकी व मारपीट की गई? बतावें कि थानेदार ने एक ही घटना कि दो रिपोर्ट व्यापारियों की और से क्यों लिखी तथा किसानों की रिपोर्ट क्यों नहीं लिखी। (ख) क्या 05 जून 2017 की घटना के विरोध स्वरूप 06 जून को प्रातः 10:30 बजे बहीपाश्रर्वनाथ चौपाटी पर किसान एकत्रित हुये थे? यदि हाँ, तो क्या अगर 05 जून 2017 की घटना पर किसानों की रिपोर्ट लिख ली जाती तो मन्दसौर गोलीकांड नहीं होता? (ग) बहीपाश्रर्वनाथ चौपाटी पर 06 जून को प्रातः 10.30 बजे एस.डी.ओ.पी., थानेदार तथा आरएपीटीसी बल के के साथ पहुंचे थे? यदि हाँ, तो उन्होंने क्या कार्यवाही की तथा भीड़ को खदेड़े बिना वापस क्यों आये तथा क्या वहाँ समय पर माकूल बंदोबस्त कर दिया जाता तो 12.45 पर गोलीकांड नहीं होता? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक से स्पष्ट है कि पुलिस कि लापरवाही से मंदसौर गोलीकांड हुआ? यदि हाँ, तो पुलिस पर उसी दिनांक को प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया, जबकि मृत किसानों पर 06 जून 2017 को सांय 5.00 बजे प्रकरण दर्ज कर लिया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मन्दसौर जिले में दिनांक 05.06.2017 को कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई जिस पर प्रशासन द्वारा स्थिति नियंत्रण करने का प्रयास किया गया। (ख) यह बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तर 'ख' अनुसार। (घ) गोलीचालन के संबंध में म.प्र. शासन द्वारा निष्पक्ष न्यायिक जांच आदेशित की गई थी। न्यायिक जांच श्री जे.के. जैन, सेवानिवृत्त माननीय न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इंदौर के द्वारा की गई है। न्यायिक जांच वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
अनुचित लाभ प्राप्त करना
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 4393 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में म.प्र.पा.ज.क.लि. के एम.डी. द्वारा वर्ष 1992-93 एवं 1998-99 में बतौर सहायक अभियंता रहते हुये वरिष्ठ लेखाधिकारी परीक्षा चयन में फेल (असफल) रहे किन्तु बैक डोर एन्ट्री लेते हुये आई.सी.डब्ल्यू.ए. (I.C.W.A.) का कोर्स किया एवं कोर्स करने के बाद म.प्र.विद्युत मण्डल से सर्कुलर जारी कराकर वरिष्ठ लेखाधिकारी का पद पाने में सफल हो गये, जबकि इनको परीक्षा पास करने के पूर्व किसी को भी वरिष्ठ लेखाधिकारी बनाने का कोई नियम नहीं था? क्या सर्कुलर इनको लाभ देने के प्रयोजन से जारी किया गया? इनके अलावा कितने और अधिकारियों को भी इसका लाभ मिला, सभी की सूची बतावें। चयन करने की सक्षम स्वीकृति तत्कालीन विद्युत मण्डल की किसी भी बैठक में नहीं ली गयी और न ही कम्पनी बनने के बाद बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर में अनुसमर्थन (बेलीडेशन) नहीं लिया गया? इनके द्वारा आई.सी.डब्ल्यू.ए. का कोर्स करने की अनुमति एवं बोर्ड या कम्पनी द्वारा नियम के अनुमोदन का विवरण बतावें। (ख) क्या इनकी सभी पदोन्नतियां एवं वर्तमान पद असंवैधानिक है? क्या इनको पद से हटाकर इस अवधि में आय.ए.एस. एम.डी. बनाकर उच्च स्तर कमेटी बनाकर जांच करायी जायेगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमि. के वर्तमान प्रबंध संचालक, तत्कालीन म.प्र.विद्युत मण्डल द्वारा अन्य संवर्ग से लेखा संवर्ग में नियुक्ति/पद परिवर्तन हेतु वर्ष 1992-93 में विभागीय कार्मिकों हेतु सम्पन्न चयन प्रक्रिया में असफल रहे एवं वर्ष 1998-99 में पुन: अन्य संवर्ग से लेखा संकाय में नियुक्ति हेतु परीक्षा में भाग लिया एवं चयनित उम्मीदवारों की प्रतीक्षा सूची में रहे थे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा जून 1997 में आई.सी.डब्ल्यू.ए. का कोर्स किया गया, जबकि मध्यप्रदेश विद्युत् मंडल द्वारा आई.सी.डब्ल्यू.ए. किये हुए कार्मिकों को सीधे लेखाधिकारी के पद पर भर्ती हेतु दिनांक 15.03.1980 को आदेश जारी किया गया थाl यह आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। तदुपरांत दिनांक 1.08.1991 को मध्य प्रदेश विद्युत् मंडल द्वारा विभागीय कार्मिकों को प्रतिस्पर्धा के माध्यम से फायनेंस व एकाउण्ट संकाय में समाहित किये जाने हेतु परिपत्र जारी किया गया, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इससे यह स्पष्ट है कि सर्कुलर किसी व्यक्ति विशेष को लाभ देने के प्रयोजन से जारी नहीं किया गया था। वर्तमान प्रबंध संचालक के अलावा मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के किसी अन्य कार्मिक को दिनांक 15.03.1980 को जारी आदेश (परिपत्र नहीं) का लाभ प्राप्त नहीं हुआ l वरिष्ठ लेखाधिकारी के चयन का अनुमोदन मध्यप्रदेश विद्युत् मंडल के तत्कालीन सदस्य (उत्पादन), सदस्य (वित्त), सदस्य (सिविल), सदस्य (टी एंड डी) एवं अध्यक्ष द्वारा दिया गया था l वर्तमान प्रबंध संचालक को तत्समय उच्च शिक्षा (आई.सी.डब्ल्यू.ए.) प्राप्त करने हेतु दी गई अनुमति की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उच्च शिक्षा हेतु यह अनुमति तत्कालीन मध्यप्रदेश विद्युत् मंडल के द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 31.08.1956 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत प्रदान की गई थी, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ख) जी नहीं, वर्तमान पद पर नियुक्ति राज्य शासन द्वारा चयन प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात् की गई है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं।
मृत्यु प्रकरण पर पुन: विचार कर कार्यवाही
[गृह]
87. ( क्र. 4406 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी अंतर्गत ग्राम होलीमाल, गोठानया निवासी टीबु पिता बुदीया मेडा की दिनांक 04/04/2020 को प्रात: 7.00 बजे किराना सामान लेने जाते वक्त पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक कार्यवाही से घटना स्थल पर मृत्यु हो गई इस प्रकरण में आज तक कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या विभाग इन अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या टीबु मेडा कि पत्नि जो आगनबाड़ी सहायिका थी उनकी भी उक्त सदमें में मृत्यु हो गई एवं अब परिवार में उनके बच्चे जो अनाथ हो गये उनका कोई सहारा नहीं, क्या विभाग परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी या कोई आर्थिक सहायता देगा जिससे परिवार को मदद मिल जाये। क्या शासन दोनों प्रकरणों पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाहन, वाहन चालक, डीजल एवं लॉग बुक की जानकारी देना
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 4415 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम मुरैना के वाहनों एवं चालकों सहित डीजल, आयॅल तथा लॉग बुक की जानकारी प्रदाय करने हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य ने आयुक्त नगर निगम को पत्र क्रमांक 124/2021, दिनांक 30/01/2021 दिया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जानकारी क्यों नहीं दी गई? (ख) नगर निगम मुरैना में अधिकारियों एवं सफाई कार्य के लिये कितने वाहन लगे हुये हैं तथा कितने वाहन किराये से लगाये गये हैं एवं किस-किस वाहन को कौन-कौन चालक कब से चला रहा है? वाहन चालकों के नाम, पिता का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किस वाहन में कितना डीजल एवं ऑयल डाला गया तथा वाहनों की सर्विस कब-कब करायी गई? (घ) वर्तमान में नगर निगम मुरैना गाड़ी अड्डा (कार्यशाला) का प्रभारी कौन है तथा कब से प्रभार है? इनका मूल पद क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। संबंधित पत्र क्र. 124/2021 दिनांक 30.01.2021 द्वारा दिया गया था, परंतु जानकारी वृहद होने के कारण जानकारी तैयार करने में विलंब होने से जानकारी नहीं दी जा सकी। (ख) नगर पालिका निगम मुरैना में निगम में निगम प्रशासन के अधिकारियों के उपयोग हेतु 08 वाहन किराये से लगे है, तथा सफाई कार्य हेतु निगम प्रशासन के 75 वाहन एवं किराये के 11 वाहन लगे हुए हैं। वाहन चालकों के नाम/पिता का नाम के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में नगर निगम मुरैना में गाडी अड्डा (कार्यशाला) के नोडल अधिकारी एवं वर्कशॉप के समस्त कार्य दिनांक 02.03.2020 से श्री ललित शर्मा मूलपद उपयंत्री देख रहें है।
प्रमाण पत्रों की जाँच कराना
[विधि और विधायी कार्य]
89. ( क्र. 4416 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधि विधायी विभाग विध्यांचल भवन भोपाल में पदस्थ श्री शैलेन्द्र शर्मा तृतीय अनुवादक के जाति प्रमाण, मूल निवासी प्रमाण पत्र एवं सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध कराने हेतु प्रमुख सचिव, विधि विधायी कार्य विभाग भोपाल को प्रश्नकर्ता ने पत्र क्र. 110/2021 दिनांक 18/01/2021 दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक छायाप्रतियां उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या किसी भी विधान सभा सदस्य को प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी उपलब्ध कराने का नियम नहीं है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार तृतीय अनुवादक के पद पर आदेश क्र. 1358/21-अ स्था. दिनांक 29/03/2011 के द्वारा पदस्थ श्री शैलेन्द्र शर्मा के जाति प्रमाण पत्र, निवासी प्रमाण पत्र एवं सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता का आवेदन 110/2021 दिनांक 18.01.2021 प्राप्त हुआ। छायाप्रतियां इस कारण से नहीं दिलाई गई है, क्योंकि छायाप्रतियां दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत ही सत्यापित प्रतियां दिलाए जाने का प्रावधान है। आवेदक द्वारा सूचना का अधिकार के अंतर्गत आवेदन नहीं किया गया तथा चाही गई जानकारी व्यक्तिगत होने से तृतीय पक्षकार की सहमति अपेक्षित रहती है। (ख) विधानसभा सदस्य को सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत जानकारी दिये जाने का कोई नियम नहीं है। (ग) समस्त प्रमाण पत्रों की जाँच नियुक्ति के समय मूल से मिलान कर की जा चुकी है। वर्तमान में कोई जाँच अपेक्षित नहीं है।
पावर जनरेटिंग कम्पनी में सेवानिवृत्ति आयु का निर्धारण
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 4423 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष निर्धारित है? यदि हाँ, तो एम.डी. डायरेक्टर तकनीकी एवं डायरेक्टर फायनेंस के पदों पर चयन में सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष क्यों की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्नांकित पदों के चयन में कम्पनी के अनुभवी वरिष्ठ अभियंता, अत्यधिक तकनीकी ज्ञान रखने वाले अभियंताओं को उम्र सीमा घटने के कारण उच्च पदों पर जाने से वंचित रखा गया है तथा वे आवेदन नहीं कर पा रहे हैं? यदि हाँ, तो शासन इस बिन्दु पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या गैर तकनीकी एम.डी. के कार्यकाल में ताप एवं जल विद्युत गृहों की बहुत सी इकाइयां असमय अचानक टूटफूट के कारण लंबे समय से बंद रही एवं बंद है? यदि हाँ, तो इसका वास्तविक कारण बतायें। (घ) क्या अधिवार्षिकी आयु में कमी कर सरकार अक्षम लोगों को एम.डी. बनाने एवं डायरेक्टर का चयन करने का प्रयास कर रही है? यदि नहीं, तो क्या डायरेक्टर चयन प्रक्रिया पर रोक लगाकर उम्र सीमा बढ़ाने पुन: नये नियम बनाकर चयन प्रक्रिया की जायेगी? साथ ही प्रदेश से बाहर के तकनीकी या आई.ए.एस. अधिकारी को एम.डी. बनाया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी के मेमोरेन्डम ऑफ एसोसिएशन एवं आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के प्रावधानों के अनुसार कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर, डायरेक्टर (तकनीकी) एवं डायरेक्टर (वाणिज्य) के पदों पर चयन हेतु आवेदन के समय आवेदक की आयु 60 वर्ष निर्धारित है, तथापि सेवानिवृत्ति उम्र 62 वर्ष ही है। (ख) जी नहीं, आवेदन के समय, 60 वर्ष की आयु तक के समस्त पात्र अनुभवी, वरिष्ठ एवं तकनीकी ज्ञान वाले अभियंता, इन पदों पर चयन के लिये आवेदन कर सकते हैं। लागू नहीं। (ग) जी नहीं, ताप एवं जल विद्युत गृहों की इकाइयां विभिन्न तकनीकी कारणों से बंद हुई हैं, जिन्हें आवश्यक सुधार के उपरान्त या तो पुन: क्रियाशील कर लिया गया है अन्यथा किया जा रहा है, जो कि एक सतत प्रक्रिया है। विगत माहों में इकाइयों के टूट-फूट एवं बंद रहने के कारण एवं अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार मैनेजिंग डायरेक्टर की नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया अनुसार की गई है, अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
कम्पनी के डायरेक्टर फायनेंस पद की शैक्षणिक योग्यता का मापदण्ड
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 4424 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के डायरेक्टर फायनेंस पद की शैक्षणिक योग्यता का मापदण्ड क्या निर्धारित है? क्या एम.डी. को आई.सी.डब्ल्यू.ए. फायनेंस की शैक्षणिक योग्यता प्राप्त डायरेक्टर फायनेंस के पद पर पदोन्नति दी गई है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ख) क्या वर्तमान में बगैर तकनीकी योग्यता के एम.डी. पद पर चयन किया गया है? यदि हाँ, तो किसी आई.ए.एस. अधिकारी को एम.डी. क्यों नहीं बनाया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) एम.डी. द्वारा आई.एस.डब्ल्यू.ए. कोर्स फायनेंस से किया है, तो क्या इसका अनुमोदन कंपनी/शासन/बी.ओ.डी. में प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो सभी अनुमोदन की छायाप्रति दें। यदि नहीं, किया गया है तो बतायें। क्या वर्तमान एम.डी. वर्ष 1992 एवं 1997 में वरिष्ठ लेखाधिकारी परीक्षा में असफल रहे थे? (घ) प्रश्नांकित आई.सी.डब्ल्यू.ए. कोर्स कंपनी के कितने अधिकारियों द्वारा कब-कब किस संस्थानों से किया है एवं कौन-कौन से पद पर वर्तमान में पदस्थ हैं? समस्त विवरण बतायें एवं क्या एम.डी. की पदोन्नति की जाँच शासन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमि. में डायरेक्टर फायनेंस नहीं, अपितु डायरेक्टर (कमर्शियल) का पद है। कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के अनुसार उक्त पद पर नियुक्ति हेतु अभियांत्रिकी डिग्रीधारी अतिरिक्त मुख्य अभियंता/समकक्ष या उससे उच्च पद पर म.प्र.राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कम्पनियों में अनुभव की अर्हता निर्धारित की गई है। वर्तमान प्रबंध संचालक को तत्समय डायरेक्टर (कमर्शियल) के पद पर निर्धारित अर्हताएं पूर्ण करने एवं चयन प्रक्रिया में चयन के पश्चात् नियुक्ति प्रदान की गई थी। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा आई.सी.डब्ल्यू.ए. कोर्स करने हेतु तत्समय विधिवत् विभागीय अनुमति प्राप्त की गई थी। अनुमति पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा वर्ष-1992 में तत्कालीन म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा अन्य संकाय से लेखा संकाय में नियुक्ति/पद परिवर्तन हेतु आयोजित परीक्षा में भाग लिया गया था एवं असफल रहे तथा वर्ष 1997 में उनके द्वारा पुन: आयोजित परीक्षा में भी भाग लिया था एवं वे प्रतीक्षा सूची में रहे। (घ) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमि. में आई.सी.डब्ल्यू.ए. कोर्स पूर्ण किये अधिकारियों की संख्या, नाम, संस्थान, पूर्णता वर्ष एवं धारित पद संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रबंध संचालक का पद कंपनी में पदोन्नति का नहीं, अपितु राज्य शासन द्वारा नियुक्ति का पद है, जिस पर राज्य शासन द्वारा चयन प्रक्रिया पूर्ण कर, नियमानुसार नियुक्ति की गई है। अत: जाँच कराये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
विद्युतीयकरण कार्य एवं योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 4434 ) श्री कमलेश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना वृत्त के अन्तर्गत विगत दो वर्षों से किस-किस योजना के अन्तर्गत किन-किन विद्युतीकरण कार्यों को कराऐ जाने हेतु कुल कितने अनुबंध किये गये? उक्त अनुबंध किन-किन कार्य एजेंसियों से किये गये तथा गरीबों को नवीन विद्युत कनेक्शन किस योजना के अन्तर्गत प्रदाय किये जाते है एवं उक्त योजना में प्रतिमाह कितनी राशि के देयकों को उपभोक्ता को दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में विगत दो वर्षों में किए गऐ अनुबंधों की जानकारी, वर्षवार, वितरण केन्द्रवार, कार्य का नाम, कार्य एजेंसी का नाम, कार्यादेश क्र. अनुबंध की अवधि, अनुबंधित राशि की संख्यात्मक जानकारी दें तथा उक्त अनुबंध के प्रावधानों तथा अनुबंध के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्यों को संक्षेप में बताते हुऐ पूर्ण, अपूर्ण, निर्माणाधीन कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जिले की जिन पंचायतों/नगरों में उक्त अनुबंधों के अन्तर्गत किये गये कार्य से पूर्व उन पंचायतों/नगर में विद्युतीकरण सामग्री तथा उपकरणों आदि की संख्यात्मक जानकारी जनवरी 2019 की स्थिति में उपलब्ध करावें? क्या पूर्व में उपलब्ध उपकरणों तथा विद्युतीकरण से संबंधित सामग्री को नवीन अनुबंध से कार्य किये जाने पर बदला गया? यदि हाँ, तो पुरानी सभी सामग्री का क्या किया गया? वर्तमान वास्तविक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला मुरैना के अंतर्गत विगत दो वर्षों में किसी भी योजना के अंतर्गत विदयुतीकरण के कार्यों को कराये जाने हेतु कोई अनुबंध नहीं किये गये है तथा गरीबों को नवीन विदयुत कनेक्शन दिये जाने के लिये वर्तमान में कोई योजना संचालित नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिका गुना द्वारा सैनेटाइजर का छिड़काव
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 4437 ) श्री
गोपीलाल जाटव
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
पालिका गुना
में मार्च 2020 से 31.12.2020 तक कोविड
के दौरान नगर
में कितनी
राशि के सैनेटाइजर
का छिड़काव
हुआ है? (ख) संपूर्ण
जानकारी
मदवार, लीटरवार
उपलब्ध
करायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) निकाय
अंतर्गत
मार्च 2020 से 31.12.2020 तक सोडियम
हाईपोक्लोराईड
राशि रू.2,91,460/-
का
छिड़काव
कराया गया। (ख) हाईपोक्लोराईड
नगर पालिका के
मद से 3000
लीटर का क्रय
किया गया।
मिनी स्मार्ट सिटी बनाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 4438 ) श्री
गोपीलाल जाटव
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) माननीय
मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
के उपरांत
गुना शहर को
मिनी स्मार्ट
सिटी में
शामिल कब तक
कर लिया
जायेगा?
(ख)
गुना
नगर को रिंग
रोड की सौगात
कब तक दी
जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी हाँ।
गुना शहर मिनी
स्मार्ट
सिटी योजना
में सम्मिलित है।
(ख) मिनी स्मार्ट
सिटी के
अंतर्गत इस
तरह का कोई
प्रस्ताव
नहीं है।
सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ वेतनमान का लाभ
[उच्च शिक्षा]
95. ( क्र. 4444 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011-2012 में पदस्थ सहायक प्राध्यापकों को समस्त अर्हताएं पूर्ण होने के उपरांत भी वरिष्ठ वेतनमान का लाभ नहीं दिया है? यदि हाँ, तो कब तक दे दिया जायेगा? (ख) नियमानुसार यह लाभ वर्ष 2017-18 तक देना था, विलम्ब के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित कराना चाहेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2011-12 में पदस्थ अधिकांश सहायक प्राध्यापकों को अर्हताएं पूर्ण कर लेने पर वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान में स्थान का लाभ दिया गया है। (ख) वर्ष 2017-18 तक ही लाभ देने का कोई नियम नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तोल कांटा संचालक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करना
[गृह]
96. ( क्र. 4470 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना सिविल लाईन दतिया को सचिव कृषि उपज मण्डी समिति दतिया द्वारा अगस्त 2018 में मंडी स्थापित तौल कांटे की निविदा प्रक्रिया दूषित करने के कारण कांटा संचालक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु पत्र क्र. 866 दिनांक 04.08.2018 को लिखा गया था? (ख) क्या पुलिस थाना सिविल लाईन्स दतिया द्वारा प्रकरण दर्ज नहीं करने से प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 381 दिनांक 09.10.2019 से पुलिस अधीक्षक दतिया को प्रकरण दर्ज करने हेतु लिखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो सचिव, कृषि उपज मण्डी दतिया एवं प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड द्वार तौल कांटा संचालक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु अनुशंसा किए जाने के बाद भी प्रकरण दर्ज नहीं करने के क्या कारण हैं तथा कब तक प्रकरण दर्ज कर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) अपराध क्रमांक 56/2021 धारा 420 भा.द.वि. आरोपी संजय यादव के विरुद्ध थाना सिविल लाईन दतिया में दर्ज किया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन है। प्रकरण में आई साक्ष्यों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
जेलों में रोजगारोन्मूलक एवं चारित्रिक सुधार के कार्यक्रम
[जेल]
97. ( क्र. 4484 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की विभिन्न जेलों में सजा प्राप्त बंदियों के स्वास्थ्य रोजगार एवं व्यक्तित्व विकास के लिये क्या नियम बनाये गये हैं? वर्तमान में म.प्र. कि किन जेलों में सूती कपड़ा निर्माण, सब्जियां, फूल, फल, बांस की वस्तुएं अथवा अन्य तरह की वस्तुओं के निर्माण बंदियों से करवाया जा रहा है? (ख) इन व्यवसायिक गतिविधियों से कैदियों की आर्थिक स्थिति में क्या बदलाव आया है? प्रत्येक जेलवार उत्पादित वस्तु एवं प्राप्त लाभ राशि की जानकारी दें। क्या म.प्र. की जेल में संचालित ''हथकरघा'' से बंदियों को अच्छी आय प्राप्त हो रही है? (ग) क्या प्रदेश की जेलों में सजायाफ्ता केदियों के लिये व्यक्तित्व विकास/चारित्रिक सुधार हेतु किसी प्रकार की गतिविधियां चलाई जा रही है? यदि हाँ, तो इनसे किस प्रकार का सुधार बंदियों में देखा गया है? (घ) क्या प्रदेश की जेलों में योग, प्राणायाम, सामूहिक प्रार्थना, धर्मगुरूओं के सत्संग/प्रवचन आदि कराये जाते हैं? यदि हाँ, तो किस तरह की गतिविधि संचालित है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश जेल नियम, 1968 में बंदियों के स्वास्थ्य, रोजगार एवं व्यक्तित्व विकास के संबंध में विस्तृत नियम बनाये गए हैं। वर्तमान में जेलों में कृषि एवं बागवानी तथा अन्य उत्पादित वस्तुओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन से बंदियों द्वारा श्रम करने पर उन्हें नियमानुसार पारिश्रमिक दिया जाकर उनके बैंक खाते में जमा किया जाता है। उत्पादित वस्तुएं एवं प्राप्त लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जेलों में सजायाफ्ता कैदियों के लिए व्यक्तित्व विकास चारित्रिक सुधार हेतु समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक कार्यक्रम, भजन आयोजित किये जाते हैं, जिससे बंदियों में सकारात्मक सोच के साथ-साथ हृदय परिवर्तन होता है। (घ) जी हाँ। जेलों में बंदियों को सामूहिक प्रार्थना, योग, प्राणायाम, धर्मगुरूओं के सत्संग, प्रवचन इत्यादि कराये जाते हैं, जिससे बंदियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अधिसूचित क्षेत्र में शराब प्रकरण
[गृह]
98. ( क्र. 4511 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासी ग्रामों में महुआ शराब पकड़ने, आदिवासियों पर महुआ शराब के प्रकरण बनाने का अधिकार पुलिस को शासन के किस प्रावधान के अनुसार दिया है? इन कार्यवाहियों के पूर्व पुलिस को कलेक्टर की अनुमति लिए जाने का क्या प्रावधान प्रचलित है? (ख) बैतूल जिले में गत एक वर्ष में किस अधिसूचित क्षेत्र के किस आदिवासी ग्राम में पुलिस ने कितने आदिवासियों पर कितनी-कितनी महुआ शराब के प्रकरण बनाए? इन आदिवासियों को आबकारी अधिनियम की धारा 34 और उसकी उपधारा में क्या-क्या छूट दी गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस को मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34ए एवं 34 (2) के तहत कार्यवाही करने का अधिकार दिया गया है। नियमों के उल्लंघन पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रेत चोरी के प्रकरण
[गृह]
99. ( क्र. 4512 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह मई-जून, 2020 में तहसीलदार शाहपुर की किस दिनांक तक की रिपोर्ट पर किस वाहन क्रमांक के किस मालिक एवं ड्राईवर के विरूद्ध रेत चोरी का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया उसमें से किस वाहन में कितनी रेत होना पाया जाकर पुलिस ने कितनी रेत जप्त की? यदि वाहन में रेत जप्त नहीं की हो तो कारण बतावें। (ख) तहसीलदार शाहपुर की राजपत्र में दिनांक 30 अगस्त, 2019 को प्रकाशित रेत नियम के नियम 20 (2) में कलेक्टर बैतूल ने किस आदेश क्रमांक दिनांक से गुवाड़ी रेत खदान का निरीक्षण करने, अवैध खनन एवं अवैध परिवहन का प्रकरण बताने, रेत चोरी की रिपोर्ट करने के लिए अधिकृत किया था? यदि नहीं, किया तो तहसीलदार की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध करने का क्या कारण रहा है? (ग) कलेक्टर की विधिवत अनुमति के बिना खाली वाहनों पर रेत चोरी का प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने का क्या-क्या कारण रहा है? इन प्रकरणों को नस्तीबद्ध करने हेतु शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खनन एवं खनिज (विकास एवं विनिययन) अधिनियम 1957 के तहत मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार) नियम 2019 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये तहसीलदार शाहपुर द्वारा उक्त अपराध पंजीबद्ध कराये गये है। (ग) जिले के राजस्व अधिकारी के प्रतिवेदन/शिकायत पर प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध किये गये है जिनमें चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं, जो न्यायालय में विचाराधीन है।
बस सेवा कंपनियों का कंपनी एक्ट के विपरीत कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 4524 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 689 दिनांक 23.09.2020 के खण्ड (क) के संदर्भ में बतायें कि मेमोरेन्डम ऑफ एसोसिएशन (MOA) के आब्जेक्ट में अन्तर्राज्यीय एवं राज्यीय बस सेवा प्रारंभ करने का कही लेख नहीं है। कंपनी एक्ट की विभिन्न धारा के तहत कोई भी कंपनी अपने नाम के उद्देश्य के विपरीत कार्य नहीं कर सकती है। जब कंपनी का नाम ही इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट है तो वह सिटी के बाहर यात्री एवं सामान का काम कंपनी एक्ट की धाराओं के विपरीत कैसे कर रही है? (ख) कंपनी के गठन से अभी तक मेनेजींग डायरेक्टर तथा डायरेक्टर के नाम, पद की सूची देवें तथा बतावें कि तथा कथित कंपनी ने इंदौर शहर के बाहर बस चालन किस दिनांक से प्रारंभ किया? (ग) प्रश्नाधीन कंपनी द्वारा गठन से जनवरी 2021 तक कुल कितने यात्री तथा सामान के पार्सल इंदौर नगर निगम सीमा से बाहर भेजे गये तथा यात्री से कुल कितना किराया तथा सामान से कुल कितना शुल्क प्राप्त हुआ? (घ) प्रश्नाधीन प्रश्न के उत्तर के संदर्भ में बतावें कि कंपनी का हिन्दी नाम इंदौर शहर परिवहन कंपनी है या इंदौर शहरी परिवहन कंपनी है? कंपनी को इंदौर के गीता भवन क्षेत्र में भूमि का उपयोग किन शर्तों पर करने दिया जा रहा हैं? कंपनी नगर, निगम को इसके एवज में कितने रूपये महीना किराया दे रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मेमोरेन्डम ऑफ एसोसिएशन (M.O.A) के आब्जेक्ट जो निम्नानुसार है:- The MAIN OBJECTS OF THE COMPANY TO BE PURSUED BY THE COMPANY ON ITS INCORPORATION:- To establish And Maintain Line of Passenger Coaches And Other Vehicles Generally to Transport Passengers and to Purchase Charter, hire, Build Or otherwise acquire passenger Coaches and Buses to Let out, Hire or charter Or otherwise Deal with And Dispose Off Any Such Coaches And Buses. उपरोक्त उद्देश्य वाक्य किसी प्रकार से पैसेन्जर ट्रांसपोर्ट की गतिविधियों मात्र एक शहर के मध्य सीमित नहीं करते है। कंपनी के नाम और उसके उद्देश्य दो अलग-अलग पहलू है तथा नाम, कम्पनी के स्पष्ट उद्देश्य को सीमित नहीं करता है। (ख) कंपनी के गठन से अभी तक मेनेजींग डायरेक्टर तथा डायरेक्टर के नाम, पद की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा पी.पी.पी. मॉडल पर वर्ष अक्टूबर 2012 में सर्वप्रथम इन्टर सिटी ए.सी. बस सेवा का संचालन पारदर्शी निविदा प्रक्रिया द्वारा चयनित बस संचालक के माध्यम से प्रारंभ किया गया था। (ग) ए.आई.सी.टी.एस.एल. कंपनी द्वारा पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशीप मॉडल के अंतर्गत वर्ष अक्टूबर 2012 से इन्टर सिटी ए.सी. बस सेवा का संचालन किया जा रहा है, अनुबंध अनुसार बसो में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या, प्राप्त किराया, पार्सल से प्राप्त आय संबंधित बस संचालक की जिम्मेदारी है। ए.आई.सी.टी.एस.एल. कंपनी को निविदा के माध्यम से संचालक द्वारा कोट कि गई प्रीमियम राशि से आय प्राप्त होती है। गठन से 2020 तक शहर एवं शहर से बाहर संचालित बसों से प्राप्त मासिक प्रीमियम आय संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कंपनी का नाम अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड है और इंदौर शहर एवं शहर के बाहर यात्रियों को परिवहन सेवा प्रदान करती है। भूमि कार्यालय कलेक्टर इन्दौर द्वारा आबंटित की गई है। वर्तमान में कोई किराया नहीं दिया जाता है।
बिना टेण्डर L.U.N. से खरीदे गये फर्नीचर
[उच्च शिक्षा]
101. ( क्र. 4525 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बतावें कि अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने राशि का फर्नीचर बिना टेण्डर के LUN से खरीदा गया? क्या तुलनात्मक पत्रक बनाकर बाजार भाव तथा GEM से तुलना की गई तथा सप्लायर का चयन किस आधार पर किस कमेटी द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सप्लायर का चयन करने के पूर्व उनके द्वारा निर्मित सामग्री का सेम्पल मंगवाकर उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया गया तथा जिस कॉलेज में सामग्री प्रदान करना है, उस शहर के पंजीकृत सप्लायर से सामग्री क्यों नहीं खरीदी गई ताकि वह कॉलेज की आवश्यकता अनुसार साईज का फर्नीचर देता? (ग) सप्लायर का चयन करने संबंधी समस्त दस्तावेज का विवरण देवें तथा तुलनात्मक पत्रक का भी विवरण देवें तथा बतावें कि राज्य स्तर पर सामग्री खरीदने का निर्णय शासन के किस परिपत्र के आधार पर, भण्डार एवं क्रय नियम के आधार पर किया गया? (घ) LUN द्वारा पंजीकृत फर्नीचर सप्लायर की जो सूची भेजी गयी थी उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि उसमें ऐसे कितने सप्लायर हैं जिनका उद्योग उस शहर में है, जहां कॉलेजों को फर्नीचर भेजना है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) फर्नीचर राशि रू. 74.29 करोड़ के क्रय (कर अतिरिक्त) की कार्यवाही म.प्र. भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 के तहत की गयी है। तुलनात्मक पत्रक तथा सप्लायर चयन की कार्यवाही LUN द्वारा की जाती है। (ख) सैंपल की गुणवत्ता की जाँच लघु उद्योग निगम द्वारा पंजीकृत स्वतंत्र तृतीय पक्ष एजेंसी द्वारा किया गया है। लघु उद्योग निगम में पंजीकृत इकाइयों को प्रदाय आदेश दिए गए हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) पंजीकृत सप्लायर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
लिपिकीय कार्य हेतु ठेका श्रमिक का वेतन
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 4534 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामेश्वर सिंह राजपूत को सेंगर सिक्योरिटी के पत्र क्र 107 दिनांक 12.1.2018 द्वारा क्षेत्राधिकारी क्षेत्र क्र 23 नगर निगम ग्वालियर में कुशल श्रमिक पदस्ती पर रखा गया था? कार्यालय आयुक्त नगर निगम ग्वालियर के पत्र क्र 1927 दिनांक 18.07.2019 के द्वारा श्री रामेश्वर सिंह राजपूत कम्प्यूटर आपरेटर को जनमित्र केन्द्र क्र 20 को जनमित्र केन्द्र क्र 20 पर ही लिपिकीय कार्य करने हेतु पत्र जारी किया था? क्या प्रश्न दिनांक तक श्री रामेश्वर सिंह राजपूत जनमित्र केन्द्र 20 पर ही रेग्यूलर लिपिकीय कार्य कर रहा है? यदि हाँ? तो श्री राजपूत को पिछले 4-5 माह से वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ? तो क्या और कब तक? कब तक श्री रामेश्वर सिंह राजपूत को लिपिकीय कार्य करने का वेतन नियमित माह अनुसार भुगतान कर दिया जावेगा? (ख) ग्वालियर नगर निगम में 15 फरवरी 2021 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम,पद,पदस्थापना स्थान, पदस्थापना दिनांक बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। आउट सोर्स पर श्रमिक उपलब्ध कराने के लिये फर्म सेंगर सिक्यूरिटी एंड लेबर से नगरनिगम ग्वालियर का अनुबंध है। फर्म द्वारा श्री रामेश्वरसिंह राजपूत कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने पर जनमित्र केन्द्र पर पदस्थ किया गया था। फर्म द्वारा श्री रामेश्वर सिंह राजपूत को हटा दिया गया है इसलिये वेतन भुगतान नहीं किया गया है। श्रमिक को रखने एवं हटाने का अधिकार फर्म एजेंसी का होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्वालियर नगर निगम में ठेका पद्धति के कर्मचारियों (श्रमिकों) के संम्बध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 4535 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम में 1 फरवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक सेंगर सिक्योरिटी एण्ड लेबर सर्विसिज प्रा.लि. तथा राज सिक्योरिटी फोर्स लेवर सप्लायर्स या अन्य ठेका पद्धति से कौन-कौन से कार्यों के लिये कौन-कौन सी श्रेणी के कितने कर्मचारी (श्रमिक) रखे गये हैं? या रखे गये थे? उनका नाम पद, श्रेणी सहित पूर्ण विवरण दें। इन कर्मचारियों (श्रमिकों) में से किस-किस कारण से कितने कर्मचारी (श्रमिक) कब-कब हटाये गये हैं? (ख) 15 फरवरी 2021 की स्थिति में ऐसे कौन-कौन सी श्रेणी के कौन-कौन कर्मचारी (श्रमिक) हैं जिनसे बराबर कार्य लिया जा रहा है किन्तु उनको वेतन इत्यादि नहीं दिया जा रहा है? पत्र क्रं. 6176 दिनांक 2.2.2021 विषय ठेका श्रमिकों हेतु निर्धारित योग्यता के सम्बध में सदर्भ राज सिक्योरिटी फोर्स का पत्र क्र. 1258 दिनांक 12.10.2020 एवं स्मरण पत्र दिनांक 21.1.2021 द्वारा 34 श्रमिकों को हटाया गया है? यदि हाँ तो उनके नाम, पद, पदस्थापना स्थल तथा किस दिनांक से किस आदेश से इन कर्मचारियों (श्रमिकों) को किस कारण से हटाया गया है? क्या हटाये गये कर्मचारियों को कोई सूचना,पत्र इत्यादि दिया गया है? यदि हाँ तो बतावे, क्या इन कर्मचारियों (श्रमिकों) से अभी भी निगम में बराबर कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस कर्मचारी (श्रमिक) से? पूरा विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सेंगर सिक्यूरिटी एंड लेबर सर्विसेज तथा राज सिक्यूरिटी फोर्स लेबर सप्लायर्स से नगरनिगम ग्वालियर द्वारा माह नवंबर 2016 में अनुबंध किया गया था। तत्समय फर्मो द्वारा 939 श्रमिक प्रदाय किये गये थे। वर्तमान में राज सिक्यूरिटी फोर्स लेबर सप्लायर्स से दिनांक 27/03/2018 से अनुबंध है। कुशल 545 अर्द्ध कुशल 31 अकुशल 1259 तथा गार्ड 46 कुल 1881 उपलब्ध कराये गये हैं। विस्त़त विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। फर्म द्वारा श्रमिकों के कार्य छोडने निर्धारित आयु पूर्ण होने कार्य की आवश्यकता न होने पर हटाया गया है। नगर निगम ग्वालियर द्वारा किसी श्रमिक को नहीं हटाया गया है। (ख) नगर निगम ग्वालियर द्वारा उपस्थिति के आधार पर माह दिसम्बर 2020 तक श्रमिकों का भुगतान फर्म को किया जा चुका है। 34 कम्प्यूटर आपरेटरों की योग्यता अनुबंध अनुसार न होने से फर्म द्वारा सेवा से हटाये गये हैं। हटाये गये कर्मचारियों से कोई कार्य नहीं लिया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के कर्मचारियों का संविलियन
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 4564 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कौन-कौन से विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण" (साडा) थे? क्या इन्हें शासन के आदेशों के तहत विघटित किया गया? साडा में शामिल रहे किन-किन नगरों, ग्रामों को क्षेत्र की किन-किन निकायों तथा ग्राम पंचायतों में समाविष्ट किया गया? (ख) प्रदेश में विघटित साडा में पदस्थ रहे, अधिकारियों तथा कर्मचारियों को, क्या अतिशेष घोषित कर, इनका शासन के विभिन्न विभागों में संविलियन किया जा चुका है? (ग) विघटित साडा के कितने कर्मचारी, किन-किन पदों पर, वर्तमान में नगरीय विकास एवं आवास विभाग में पदस्थ हैं और इनका मूल पद क्या है? क्या इन कर्मचारियों का इस विभाग में संविलियन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विघटित साडा में ऐसे कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जिन्हें नगरीय विकास एवं आवास विभाग में संविलियन किये बैगर ही पदोन्नति दे दी गयी? ऐसे किन-किन कर्मचारियों को, किन-किन पदों पर पदोन्नत किया गया है, क्या विभाग में संविलियन होने से पूर्व पदोन्नत कर दिए गये कर्मचारियों की पदोन्नति नियमानुसार सही है? यदि नहीं, तो ऐसी पदोन्नति के लिए के लिए कौन-कौन दोषी है? नियमों के विरुद्ध विभाग में संविलियन होने से पूर्व पदोन्नत कर दिए गये? ऐसे कर्मचारियों को क्या पुन: मूल पद पर पदावनत किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब-तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लेबड- नयागांव फोरलेन पर हुए एक्सीडेंट
[गृह]
105. ( क्र. 4565 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड- नयागांव फोरलेन सड़क पर, सड़क निर्माण के पश्चात प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी दुर्घटनाएं किस-किस स्थल पर हुए कितने मृत तथा कितने घायल हुए? जानकारी देवें। (ख) उक्त सड़क पर नील गाय (रोजडे) से कुल कितने एक्सीडेंट कहाँ-कहाँ दर्ज हुए, इनमें कितने घायल कितने मृत हुए? विगत 3 वर्षों की जानकारी देवें। (ग) उक्त सड़क पर दिनांक 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 तक यातायात पुलिस ने हेल्मेट को लेकर कुल कितना जुर्माना वसूला?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विगत 03 वर्षों में कोई भी घटना प्रकाश में नहीं आई है। (ग) हेलमेट के कुल 15548 चालानों में कुल राशि रू. 49,39,700/- समन शुल्क वसूल किया गया है।
जांच कर कार्रवाई के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 4592 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन मेसर्स ग्रेसिम इंड्स्ट्रीज बिड़लाग्राम नागदा प्रबंधक के खिलाफ बहुमंजिला अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर किसी शिकायत पर संभागायुक्त उज्जैन ने जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग उज्जैन संभाग को जाँच का आदेश दिया है? (ख) यदि हाँ, तो संयुक्त संचालक नगरीय निकाय संभाग उज्जैन ने जाँच आदेश पर जाँच अधिकारी द्वारा जाँच कार्रवाई को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कार्रवाई से संबंधित विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या बिना अनुमति कॉलोनी निर्माण करने पर नागदा शहर में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कालोनाईजरों के खिलाफ कोई वैधानिक कार्यवाही की गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या ग्रेसिम प्रबंधन के खिलाफ अवैध कॉलोनी निर्माण करने पर कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो कार्रवाई से संबंधित विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ड.) मेसर्स ग्रेसिम इंड्स्ट्रीज परिसर में कितनी ऐसी कॉलोनियों का निर्माण नगर पालिका नागदा की बिना अनुमति के किया गया तथा किन-किन नगर पालिका के अधिकारियों के कार्यकाल में ये निर्माण कार्य हुए? उसका विवरण दे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ, अवैध कॉलोनी बनाने वाले 11 व्यक्तियों के विरूद्ध नगरपालिका नागदा द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। (घ) जी नहीं। ग्रेसिम प्रबंधन द्वारा किए गए निर्माण का नगरपालिका द्वारा सर्वे का कार्य वर्तमान में प्रचलित है। (ड.) सर्वे का कार्य पूर्ण होने के उपरान्त जानकारी दी जाना संभव होगा।
वृत्त मण्डला के अंतर्गत (संचा./संधा.) संभाग मण्डला के पुनर्गठन
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 4610 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर अंतर्गत कंपनी के संचालक मंडल की 90वीं बैठक दिनांक 12.12.2019 में कौन-कौन से संकल्प पारित किए गए? पारित संकल्पों के परिपालन में क्या क्या कार्यवाहियां की गई? (ख) क्या उपरोक्त बैठक में पारित संकल्प क्रमांक 90.2.13 के परिपालन में कंपनी अंतर्गत जबलपुर क्षेत्र में (संचा./संधा.) वृत्त मण्डला के अंतर्गत (संचा./संधा.) संभाग मण्डला का पुनर्गठन किया जाकर नवीन (संचा./संधा.) संभाग बिछिया का सृजन किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक क्या क्या कार्यवाही पूर्ण की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार नवीन सृजित संभाग बिछिया के कार्यालय का संचालन वर्तमान में कहां से किया जा रहा है? इसके संचालन हेतु कार्यपालन अभियंता एवं अन्य कर्मियों की पदस्थापना किनके द्वारा की जानी थी? क्या उपरोक्त पदस्थापनाएं कर ली गई हैं? यदि नहीं, तो इतने अधिक विलंब के क्या कारण हैं एवं इसमें कौन-कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पदस्थापनाएं कब तक कर दी जाएगी एवं नवीन संभाग के कार्यालय का संचालन बिछिया में कब से प्रारंभ करवा दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के संचालक मंडल की 90वीं बैठक दिनांक 12.12.2019 में पारित संकल्प एवं संकल्पों के परिपालन में की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन नवीन सृजित संचालन-संधारण संभाग बिछिया हेतु कार्यपालन अभियंता एवं कार्यालय सहायक की पदस्थापनाएं की गई हैं एवं शेष तकनीकी कार्मिक पूर्व से ही कार्यरत हैं। (ग) नवीन सृजित संचालन एवं संधारण संभाग, बिछिया का कार्यालय वर्तमान में पूर्वानुसार ही संचालन एवं संधारण संभाग, मंडला कार्यालय से संचालित किया जा रहा है। उक्त कार्यालय के संचालन हेतु कार्यपालन अभियंता एवं अन्य कार्मिकों की पदस्थापना मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), मुख्य अभियंता जबलपुर क्षेत्र एवं अधीक्षण अभियंता संचालन एवं संधारण वृत्त-मंडला द्वारा की जाती है। जी हाँ, उक्त नवीन संचालन-संधारण संभाग हेतु कार्यपालन अभियंता एवं कार्यालय सहायक की पदस्थापनाएं की गईं हैं एवं शेष तकनीकी कार्मिक पूर्व से ही कार्यरत हैं। अत: उक्तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। उक्त नवीन सृजित संभाग के लिए बिछिया में उपयुक्त भवन की तलाश की जा रही है। भवन की उपलब्धता सुनिश्चित होते ही संचालन एवं संधारण संभाग कार्यालय बिछिया का संचालन बिछिया से ही किया जावेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
अमृत योजनांतर्गत बसों के स्थाई परमिट
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 4623 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में अमृत योजनांतर्गत बस संचालन हेतु सूत्र सेवा नाम स्कीम के अधीन बसों को चलाये जाने के लिये किस किस मार्ग पर स्थाई, अस्थाई परमिट दिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में संचालित बसों में ठेकेदार का नाम, बस क्रमांक, बैठक क्षमता, मार्ग एवं अवधि की स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है।
बढते सायबर अपराध
[गृह]
109. ( क्र. 4636 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक सायबर अपराध के कितने प्रकरण जबलपुर संभाग के थानों में रजिस्टर्ड हैं? कितनों का निराकरण किया जा चुका है? कितने पेंडिंग हैं वर्षवार, जिलेवार बताएं। (ख) क्या जबलपुर संभाग के साथ- साथ प्रदेश में सोशल नेटवर्किंग साईट़स के पेज/प्रोफाईल को ब्लॉक कराने के लिए ''सोशल मीडिया कमाण्ड रिर्सच सेंटर'' की स्थापना हेतु विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कहां-कहां इन्हें स्थापित किया जायेगा? (ग) क्या प्रदेश में समस्त सोशल नेटवर्किंग (वाट्सअप, फेसबुक, टेलीग्राम, टवीटर अन्य) उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का विचार विभाग कर रहा हैं? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रदेश के क्राईम ब्रांच की इन्वेस्टिगेशन यूनिट में कार्य करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के कितने पद रिक्त हैं? इन्हें कब तक भरा जायेगा? क्या सायबर इन्वेस्टिगेशन यूनिट में कार्य करने के लिए टेक्निकल एजुकेशन होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक सायबर अपराध में वर्षवार कितने प्रतिशत की बढोत्तरी हुई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश की क्राईम ब्रॉन्च की इन्वेस्टीगेशन इकाई जिला भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर में कुल 634 पद स्वीकृत है एवं कुल 274 पद रिक्त है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से की जाती है, पदों का रिक्त होना और भरना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सायबर इन्वेस्टीगेशन यूनिट में कार्य करने के लिए टेक्नीकल ऐजुकेशन अनिवार्य नहीं है।
सौभाग्य योजना में आवंटन, उपयोग एवं अनियमितता
[ऊर्जा]
110. ( क्र. 4648 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुमनाम एवं बेनामी शिकायतों पर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा क्या नियम लागू किये गये हैं क्या सतना जिले के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना एवं अन्य शिकायतें प्राप्त होने पर जिले में उसका पालन हुआ है,या उसका उल्लंघन हुआ है? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक शिकायतवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत सौभाग्य योजना में कितनी राशि के क्रय आदेश जारी किये गये थे? कितनी राशि के बिल पारित किये गये हैं एवं कितनी राशि के देयक पारित करने हेतु शेष हैं? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारवार पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में सौभाग्य योजना में अनियमितता पाये जाने पर ठेकेदारों के ऊपर क्या कार्यवाही की गई? (घ) सौभाग्य योजना का कार्य संपादित करने के लिये केन्द्र सरकार से क्या दिशा-निर्देश आये थे एवं पूर्ण करने की क्या समय-सीमा थी? (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में सौभाग्य योजना अंतर्गत केन्द्र सरकार से कितनी राशि आवंटित हुई व राज्य सरकार से कितना अनुदान के रूप में मिलना था? डी.ओ.पी. के अनुसार इन कार्यों के लिये कौन-कौन सा अधिकारी अनियमितता के लिये जबावदेह है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक एफ 11-40/2014/एक/09 दिनांक 20.11.2014 द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार गुमनाम एवं बेनामी शिकायतों पर कार्यवाही नहीं करते हुए नस्तिबद्ध किया जाना है। प्रश्नाधीन अवधि में सतना जिले में सौभाग्य योजना एवं अन्य विषयों से संबंधित शिकायतें प्राप्त होने पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की गई है एवं उपरोक्त निर्देशों का पालन किया गया है। सतना वृत्त में गुमनाम/बेनामी शिकायतों की जानकारी निरंक है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) सतना जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत राशि रू. 13.34 करोड़ के क्रय आदेश जारी किये गये एवं उक्त क्रय आदेशों के विरूद्ध राशि रू. 11.82 करोड़ के देयक पारित किये गये तथा वर्तमान में राशि रू. 0.75 करोड़ के देयक पारित किये जाना शेष है। ठेकेदारवार जारी क्रय आदेशों, पारित देयकों एवं पारित करने हेतु शेष देयकों से संबंधित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र उक्त योजनांतर्गत कार्यों में की गई अनियमितता की विभागीय जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जाँच कार्यवाही पूर्ण होने पर जाँच के निष्कर्षों के आधार पर संबंधित ठेकेदारों पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। (घ) सौभाग्य योजना हेतु केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश/मार्गदर्शिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सौभाग्य योजना अंतर्गत सर्विस कनेक्शन देने से संबंधित कार्यों को पूर्ण करने निर्धारित समय-सीमा 31 दिसम्बर 2018 थी एवं योजनांतर्गत दिये गये कनेक्शनों को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से अतिरिक्त विद्युत अधोसरंचना विकास कार्यों को पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा 31 मार्च 2019 थी। (ड.) केन्द्र सरकार द्वारा योजनांतर्गत जिलेवार राशि आवंटित नहीं की गई। विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदेश के लिए योजनांतर्गत अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु कुल राशि 872.64 करोड़ एवं अतिरिक्त अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु राशि रूपये 998.64 करोड़ स्वीकृत की गई। सौभाग्य योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जायेगी तथा वितरण कंपनियों/राज्य शासन को 10 प्रतिशत राशि स्वयं के स्त्रोतों से तथा 30 प्रतिशत राशि वित्तीय संस्थाओं से ऋण के रूप में जुटाने का प्रावधान है। योजनांतर्गत सतना जिले में किए गए विद्युतीकरण कार्यों में अनियमितताओं की शिकायतों की जाँच म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जाँच दल गठित कर कराई गई है। जाँच दल द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये कार्मिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्तमान में विभागीय जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जाँच कार्यवाही पूर्ण होने पर जाँच निष्कर्षों के आधार पर संबंधित कार्मिकों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
विद्युत कनेक्शन देने में तरह-तरह के नियम लागू करना
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 4651 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दो वर्षों में शहर संभाग सतना के अंतर्गत सुपरवीजन चार्ज जमा कराकर विभिन्न कार्य एजेन्सियों द्वारा कार्य कार्य कराये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कार्यों से विस्थापित सामग्री जैसे रेल पोल,कंडक्टर भण्डार में वापस किये गए या नहीं? क्या प्राक्कलनवार सामग्री वापसी की जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? साथ ही किस प्राक्कलन में वास्ततिवक/प्रस्तावित मात्रा का सामान नहीं लौटाया गया है? तो देयक कैसे पारित किये गये? (ग) विट्स कालेज सतना के पूर्वी अहाते से केबिल/कंडक्टर निकालकर कहां उपयोग किया गया है,जबकि अमौंधा कला में श्री रामकेश गर्ग आईव्ही आरएस क्रमांक एन 1904023017 को कनेक्शन दिया गया है और विद्या बागरी जिनका आवेदन क्रमांक EZ02202011292849 है को कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है, ऐसा क्यों? एक ही स्थान पर कनेक्शन प्रदाय हेतु अलग-अलग नियम किन नियमों के तहत है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाकर कब तक कनेक्शन प्रदाय किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) के कार्यों में प्राकक्लन अनुसार विस्थापित सामग्री जैसे-रेलपोल, कंडक्टर की मात्रा का वजन कर, स्क्रेप कोड में भंडार में वापस किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) विट्स कालेज सतना के पूर्वी अहाते से स्थाई रूप से विच्छेदित लाईन का केबिल/कंडक्टर निकालकर मेन्टेनेंस के कार्य में उपयोग किया गया है। अमौधा कला में श्री रामकेश गर्ग सर्विस क्र. 1904023017 के घरेलू कनेक्शन की जाँच सहायक अभियंता स्तर के अधिकारी से करवाई गई। जाँच के दौरान कनेक्शन की दूरी एल.टी. लाईन नेटवर्क से म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दूरी 45 मीटर की जगह 70 मीटर पाई गई। उक्त कनेक्शन दिनांक 16.02.17 को दिया गया था, अत: तत्संबंध में तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने पर नियमानुसार विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। श्रीमती विद्या बागरी आवेदन क्र. EZ 02202011292849 के कनेक्शन के लिए एल.टी. लाईन के निकटस्थ पोल से दूरी 80 मीटर है, जो म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दूरी 45 मी. से अधिक है, जिससे आवेदक को बगैर नेटवर्क विस्तार के कनेक्शन दिया जाना संभव नहीं है। उक्त आवेदक द्वारा प्राक्कलन राशि का 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा कर, 'अ' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार से लाईन विस्तार का कार्य करवाकर कनेक्शन लिया जा सकता है।
विभाग द्वारा संचालित हितग्राही मूलक योजनायें
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
112. ( क्र. 4662 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनायें संचालित हैं? कुसुम योजना क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार से होता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत इन योजनाओं से बहोरीबंद विधानसभा के कितने हितग्राही अभी तक लाभान्वित हुये हैं तथा कितने प्रस्तावित हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र.ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा हितग्राही मूलक योजना पी.एम.कुसुम घटक-ब के तहत मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना संचालित है। कुसुम योजना के बारे में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कुसुम योजना के क्रियान्वयन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के अंतर्गत अभी तक कुल 119 हितग्राही लाभान्वित हुए है एवं 141 हितग्राहीओं के आवेदन विचाराधीन है। क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में कुसुम-'अ' एवं कुसुम-'स' की योजनाएं लागू की जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नगर पालिका अधिनियम 1961 के अन्तर्गत विहित प्राधिकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 4700 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका अधिनियम 1961 की राज्य शासन में वेष्ठित शक्तियों का प्रथम व द्वितीय वर्ग तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नगरपालिका के बजट की मंजूरी के लिये धारा 116 (3) में किसे प्रत्यायोजित कर विहित प्राधिकारी बनाया गया है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 में अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आये विहीत प्राधिकारी शब्द के लिये धारा 3 के खण्ड 26 के अनुसार विहीत प्राधिकारी राज्य शासन द्वारा बजट आशय के लिये क्र. 106-अठारह-एक-74 दिनांक 26 फरवरी 74 राजपत्र 22 फरवरी 1974 के लिये पदाधिकारी किसे बनाया गया है? (ग) राज्य की नगर पालिकायें ओर अधिसूचित के संदर्भ में क्या राज्य सरकार ने नपा अधिनियम 124 के अन्तर्गत शक्तियां अधिसूचना क्र. 506-4872-अठारह-एक-76 दिनांक 13 सितम्बर 76 मध्यप्रदेश राजपत्र भाग दो पृष्ठ 1 पर प्रकाशित द्वारा संचालक स्थानीय संस्थाए मध्यप्रदेश को सौंप दी है? (घ) नपा अधिनियम की धारा 124 के प्रावधानों के अनुसार बजट प्रावधान की स्वीकृती पूर्व से प्राप्त करना आवश्यक है एवं इस धारा के अधीन बिना स्वीकृति के कितनी राशि व्यय करने का प्रावधान है? (ड.) मध्यप्रदेश शासन राजपत्र 4 जनवरी 2016 नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के अनुसार 30 लाख से दो करोड़ रूपये सांस्कृतिक कार्यक्रम कपल गरबा में नपा को व्यय करने का अधिकार है? नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 116 (3) के तहत राज्य शासन में वेष्ठित शक्तियों को प्रत्यायोजित किये जाने के अन्तर्गत उपसंचालक, स्थानीय संस्थाओं को बजट अनुमोदन के अधिकार प्रदत्त किये गये हैं। प्रथम एवं द्वितीय वर्ग की नगर पालिका के बजट की मंजूरी के लिये नगर पालिकाओं के ऋणग्रस्त होने की स्थिति में संचालक, स्थानीय संस्थाओं को विहित प्राधिकारी बनाया गया है। इसी प्रकार तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नगर पालिका के बजट की मंजूरी के लिये नगर पालिकाओं के ऋणग्रस्त होने की स्थिति में उपसंचालक, स्थानीय संस्थाओं को विहित प्राधिकारी बनाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आये विहित प्राधिकारी शब्द के लिये धारा-3 के खण्ड-26 के अनुसार विहित प्राधिकारी राज्य शासन द्वारा राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 106-अठारह-एक-74, दिनांक 26 फरवरी 1974 अनुसार नगरीय निकायों की राशि रूपये 25,000/- से ऊपर के ऋण स्वीकृति हेतु संचालक, स्थानीय संस्थायें को विहित प्राधिकारी बनाया गया है। इस संबंध में प्रश्नांश में उल्लेखित राजपत्र दिनांक 22 फरवरी 1974 का कोई राजपत्र प्रकाशित नहीं है। इसके स्थान पर मध्यप्रदेश राजपत्र प्राधिकार (भाग-2) से प्रकाशित प्रकाशन क्रमांक 12, दिनांक 22 मार्च 1974 में राजपत्र 26 फरवरी 1974 को प्रकाशित हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 124 के अन्तर्गत नगर पालिका के द्वारा कोई भी व्यय किये जाने के पूर्व मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 116 की उपधारा (3) की कण्डिका (ख) के अन्तर्गत परिषद् से बजट की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है। यदि 31 मार्च के पूर्व परिषद् द्वारा बजट प्राक्कलन अंगीकृत नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति में मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा तैयार किये गये बजट प्राक्कलन परिषद् से अंतिम स्वीकृति प्राप्त होने तक अंगीकृत माने जायेंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 04 जनवरी 2016 के अनुसार नगर पालिका परिषद् को राशि रूपये बीस लाख से अधिक किन्तु राशि रूपये तीन करोड़ से अनधिक के वित्तीय अधिकार हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
नगर पालिका अधिनियम के नियम विरूद्ध पैनाल्टी वसुल करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 4701 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर पालिका द्वारा नगर पालिका परिषद् की निर्मित दुकानों पर समय पर किराया नहीं जमा कराने पर वर्ष 2011 से 16 फरवरी 2021 तक किस दर पर कितनी पेनल्टी कौन से नियम के आधार पर वसूली है? नियमों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दे। (ख) नगर पालिका अधिनियम में अधिक से अधिक प्रतिमाह नगर पालिका की दुकान पर समय पर किराया नहीं जमा करने पर कितनी पैनाल्टी वसूली कर सकती है? क्या परिषद् बैठक में मनचाहा दण्ड आरोपित कर सकती है? दुकानदारों से नियमों के विपरित पेनल्टी क्या भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत अपराध है? यदि हाँ तो अवैधानिक वसूली पर शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ग) उज्जैन जिले की समस्त नगर पालिकाएं किस-किस श्रेणी की है तथा इनके बजट स्वीकृत करने का अधिकार किस अधिकारी को है? पृथक-पृथक विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका नागदा द्वारा वर्ष 2011 से 16 फरवरी 2021 तक परिषद संकल्प क्रमांक 43 दिनांक 05.06.1998 से रूपये 2/- (रूपये दो) प्रतिदिन के अनुसार रूपये 609594/(छ: लाख नौ हजार पांच सौ चौरानवें) रूपये की वसूली की गई। परिषद संकल्प क्रमाक 43 दिनांक 05.06.1998 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 164 (4) में बिल में शोध्य के रूप में दावा की गई राशि पर उसका संदाय किए जाने की तारीख तक प्रतिवर्ष 6.25 प्रतिशत की दर से ब्याज लगाये जाने का प्रावधान है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 129 में करों व फीसों का अधिरोपण किए जाने की शक्तियां परिषद को प्रदत्त की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उज्जैन जिले अंतर्गत 04 नगरपालिकाएं बड़नगर, नागदा, महिदपुर एवं खाचरौद है। वर्ष 1994 में निकायों का श्रेणीकरण का उल्लेख न किया जाकर नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत शब्द प्रतिस्थापित किये जा चुके है। जो वर्तमान में नगर पालिका परिषद एवं नगर परिषद के नाम से प्रतिस्थापित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। पूर्व में म.प्र. राजपत्र दिनांक 14 मई 1982 में प्रकाशित म.प्र. शासन स्थानीय शासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 184/10216/81/18-एफ दिनांक 19.03.1982 अनुसार निकायों की श्रेणी विभाजित की गई थी। जिसके अनुसार नगर पालिका परिषद नागदा, बड़नगर एवं खाचरौद 'प्रथम श्रेणी' एवं नगरपालिका परिषद, महिदपुर 'तृतीय श्रेणी' की थी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। म.प्र. राजपत्र की अधिसूचना क्रमांक 967-6681-18-2-73 दिनांक 26.12.1973 भाग दो दिनांक 08.02.1974 पृष्ठ क्रमांक 108 पर प्रकाशित विहित प्राधिकारी सारणी क्रमांक 12 में धारा 103 के अंतर्गत बजट अनुमोदन के अधिकार उपसंचालक स्थानीय संस्थाओं को प्रदत्त किए गए है। मध्यप्रदेश राजपत्र अधिसूचना क्रमांक 968-6681-18-2-73 दिनांक 26.12.1973 भाग दो दिनांक 08.12.1974 पृष्ठ क्रमांक 108 पर प्रकाशित विहित प्राधिकारी सारणी क्रमांक 02 में धारा 116 (3) के अंतर्गत बजट अनुमोदन के अधिकार उप संचालक स्थानीय संस्थाओं को प्रदत्त किए गए है। मध्यप्रदेश राजपत्र अधिसूचना क्रमांक 968-6681-18-2-73 दिनांक 26.12.1973 भाग दो दिनांक 08.12.1974 पृष्ठ क्रमांक 109 पर प्रकाशित विहित प्राधिकारी सारणी के सरल क्रमांक 02 में धारा 116 (3) के तृतीय परन्तुक में प्रथम, द्वितीय श्रेणी की नगरपालिकाओं के ऋणग्रस्त होने की स्थिति में बजट अनुमोदन के अधिकार संचालक स्थानीय संस्थाओं को प्रदत्त किये गए है। इस राजपत्र के विहित प्राधिकारी सारणी सरल कमांक 04 में धारा 116 (3) में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नगर पालिकाओं के ऋणग्रस्त होने की स्थिति में बजट अनुमोदन के अधिकार उपसंचालक स्थानीय संस्थाओं को दिए गए है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन
[उच्च शिक्षा]
115. ( क्र. 4723 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 647 दिनांक 29.12.2020 के उत्तर अनुसार माननीय विभागीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 159/20 दिनांक 06.08.2020 के संदर्भ में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 628 दिनांक 20.11.2020 द्वारा प्रस्तावित निर्माण कार्यों के आवश्यक प्रस्ताव प्राचार्य से चाहे गये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक प्राचार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरसिंहगढ़ द्वारा समस्त प्रस्तावित कार्यों के आवश्यक प्रस्ताव प्रेषित कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण उच्च शिक्षा के ध्येय की पूर्ति हेतु उपरोक्तानुसार समस्त आवश्यक प्रस्तावों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृतियां प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्राचार्य, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 319, दिनांक 24/02/2021 द्वारा प्रस्तावित कार्यों में से केवल 6 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण का प्रस्ताव दिनांक 25/02/2021 को प्राप्त हुआ है। इस पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लंबित भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 4724 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़ तथा नगर परिषद कुरावर बोड़ा एवं तलेन में प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी किश्तों का भुगतान किया जाना किस कारणों से शेष हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष किश्तों का भुगतान करने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई हैं तथा वर्तमान में कितने हितग्राहियों को योजनांतर्गत पात्र पाया जाकर कितनी राशि की नवीन डी.पी.आर. तैयार कराई गई हैं? उक्त डी.पी.आर. की स्वीकृति की अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ग) क्या नगर पालिका नरसिंहगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों की स्वीकृत राशि रूपये 2 करोड़ ( लगभग ) EPF कार्यालय ग्वालियर द्वारा काट जी गई हैं? यदि हाँ, तो उक्त हितग्राहियों को लाभांवित करने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई हैं अथवा की जा रही हैं? कब तक हितग्राहियों को लाभांवित किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़, नगर परिषद कुरावर, बोड़ा एवं तलेन में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत पात्र हितग्राहियों को किये गये किश्तों के भुगतान एवं शेष किश्तों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत शेष किश्तों की राशि भारत सरकार से प्राप्त करने के संबंध में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। निकायों द्वारा वर्तमान में कोई भी नवीन डीपीआर तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रस्तुत नहीं की गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। योजनान्तर्गत निकाय खातें में जमा राशि में से ई.पी.एफ. विभाग द्वारा राशि रू. 2,00,63339.00/- निकाय की बिना सहमति के काट ली गई है। जिसके संबंध में निकाय को राशि संबंधित खातें में अपने वित्तीय स्त्रोतों से जमा करने हेतु निर्देशित किया गया है।
आपराधिक प्रकरण की जानकारी
[गृह]
117. ( क्र. 4750 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में वर्तमान स्थिति में संबंधित थानावार आदतन गुण्डा/रेत माफिया/तस्कर एवं अन्य आपराधिक प्रवृत्ति के ऐसे कितने अपराधी है? जिनके ऊपर एक दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गुण्डाराज/गुण्डागर्दी/अवैध अतिक्रमण तथा रेत माफिया के तहत माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रकरण वार बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
शासकीय एस.एस पी कॉलेज वारासिवनी में एल.एल.बी. पाठ्यक्रम शासकीय मद से संचालन विषयक
[उच्च शिक्षा]
118. ( क्र. 4758 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.एस.पी. कॉलेज वारासिवनी में एल.एल.बी. पाठ्यक्रम कब से एवं किस मद से संचालित है? (ख) क्या प्रदेश के अन्य शासकीय महाविद्यालयों में भी एल.एल.बी. पाठ्यक्रम गैर- शासकीय मद से संचालित है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने एवं कौन से महाविद्यालय हैं, जिनमें एल.एल.बी. पाठ्यक्रम गैर शासकीय मद से संचालित है? इन्हें शासकीय मद से संचालित करने के संबंध में शासन की क्या योजना है? (ग) शासकीय एस.एस.पी. कॉलेज वारासिवनी में एल.एल.बी. पाठ्यक्रम को शासकीय मद से संचालन के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है एवं कब तक इसकी स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 1966-67 से एल.एल.बी. पाठयक्रम स्व-वित्तीय मद से संचालित है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) सीमित संसाधनों के कारण एल.एल.बी. पाठयक्रम को शासकीय मद से संचालित किये जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नाले की भूमि पर अतिक्रमण एवं नक्शे के विपरीत निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 4773 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम सतना के क्षेत्रान्तर्गत बांधवगढ़ स्थित महालक्ष्मी काम्पलेक्स का नक्शा किस दिनांक को किस नाम/पदनाम के द्वारा स्वीकृत किया गया? उक्त भवन का नक्शा स्वीकृत करने के पूर्व किस-किस नाम/पदनामों के द्वारा स्थल निरीक्षण कर अपनी स्वीकृति/एन.ओ.सी. निगम में भवन निर्माण (नक्शा शाखा) में जमा की? (ख) क्या ऋषभ सिंह अध्यक्ष एवं श्री सुनील मिश्रा महामंत्री भारतीय जनता युवा मोर्चा सतना के द्वारा उक्त भवन के निर्माण में बाजू से निकल रहे सार्वजनिक नाले की भूमि पर हो रहे/गये अतिक्रमण पर आयुक्त नगर निगम को पत्र दिया एवं प्रश्नकर्ता का संबोधित पत्र पर प्रश्नकर्ता के द्वारा आयुक्त नगर पालिका निगम सतना को पत्र लिखकर जाँच कर कार्यवाही किये जाने बावत् आग्रह किया था? प्रश्नतिथि तक क्या-क्या जाँच कर क्या कार्यवाही किन-किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से की गई का विवरण उपलब्ध कराते हुये दें। (ग) क्या निगम के अधिकारियों ने प्रश्नतिथि तक स्थल पर निरीक्षण किया कि जितने भू-भाग के लिये नक्शा स्वीकृत है, उतने ही भू-भाग पर भवन निर्माण हुआ? स्थल निरीक्षण का विवरण दें? पार्किंग के लिये कितनी जगह छोड़ी गई है? कितने मंजिल की स्वीकृति है? कितने मंजिले पर निर्माण हुआ है? (घ) उक्त कॉम्पलेक्स के बगल से जा रहे सार्वजनिक नाले की खसरा खतौनी 1958-59 में कितना रकबा एवं क्या आराजियों दर्ज थी? क्या ये प्रश्नतिथि तक स्थल पर हैं? निगम द्वारा जिन आराजियों एवं रकबे पर भवन अनुज्ञा पत्र जारी किया उसका क्या नाले की भूमि के रकबों व खसरों से मिलान किया? क्या कार्यवाही निगम प्रशासन नाले की भूमि पर कब्जाधारी के विरूद्ध कब तक करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सतना के क्षेत्रांतर्गत बांधवगढ़ स्थित महालक्ष्मी कॉम्पलेक्स का नक्शा दिनांक- 07.09.2013 को एस.के. सिंह, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वीकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। उक्त भवन का नक्शा स्वीकृत करने के पूर्व श्री मुकेश चतुर्वेदी, उपयंत्री द्वारा अपनी अनुशंसा/स्वीकृति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'ख' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' एवं 'घ' अनुसार है। प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत जाँच पत्र अनुसार नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा जारी की गई विकास अनुमतियों की सत्यता की जाँच हेतु निगम कार्यालय से पत्र दिनांक 05.03.2020 प्रेषित किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ङ' अनुसार है, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा सत्यापित सूची के साथ अपना जवाब दिनांक 06.03.2020 प्रेषित किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'च' अनुसार है। जिसमें महालक्ष्मी अपार्टमेण्ट के संबंध में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा जारी की गई विकास अनुज्ञा सही पाई गई। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'छ' अनुसार है। पार्किंग के लिए मानचित्र में दी गई स्वीकृति अनुसार 427.75 वर्गमीटर जगह छोड़ी गई है। G+4 की स्वीकृति है। G+4 पर निर्माण हुआ है। (घ) राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध जानकारी अनुसार उक्त कॉम्पलेक्स के बगल से जा रहे सार्वजनिक नाले की खसरा, खतौनी 1958-59 में 0.182 हे. एवं आराजी क्रं. 242 दर्ज थी। जी हाँ। जी हाँ। सार्वजनिक नाले की अंशभूमि पर किए गए अतिक्रमण 3 फीट X 10 फीट अर्थात 30 वर्गफिट को हटा दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज' अनुसार है।
निविदाओं में की जा रही अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 4774 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदौली जल आवर्धन योजना बांध एवं पीएचई घटक, नगर पालिका मुलताई के दिनांक 17/04/2013 के कार्यादेश को सीएमओ/नगर पालिका परिषद् द्वारा निविदा अनुबंध एवं निरस्त किये जाने के आदेशों का विवरण उपलब्ध करायें? पूर्व एवं पुन: नई आमंत्रित निविदा/कार्यादेश में योजना का प्रारंभिक लेवल, चलित लेवल, ग्राफ, एम.बी. ड्राईंग, डिजाईन, बांध की मिट्टी स्टाबिलिटी विश्लेषण, सहनशक्ति डिजाईन, मिट्टी परीक्षण, स्ट्राटा परिमिबिलिटी भू-वैज्ञानिक परीक्षण, वेस्टवेयर में ओगीफाल संख्या, लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई, कांक्रीट की मात्रा एवं लागत हाइड्रोलॉजी, नाली खुदाई उपरांत अंतिम लेवल, मुख्य अभियंता बांध सुरक्षा, बोधी जल संसाधन से ली जाने वाली अनुमति एनओसी क्या-क्या थी? उपरोक्त सभी शर्तें निरस्त हुई निविदा में क्या-क्या थीं का बिन्दुवार विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या डीआई एवं एचडीपीई, पाईप बिछाई हेतु नाली खुदाई में लोक निर्माण विभाग की रोड, प्रधानमंत्री सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग, निजी भूमि एवं राजस्व भूमि की विधिक अनुमतियां हैं? अगर हाँ तो विवरण दें। यदि नहीं, है तो कार्यादेश जारी करने के पहले क्यों नहीं ली गई? (ग) इन्टेकवेल पंप हाऊस एवं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में कितने केवीए का बिजली सब स्टेशन है। क्या डिजाइन एवं ड्राईंग की ठेकेदार द्वारा बिजली विभाग से स्वीकृति/अनुमोदन लिया गया है? क्या उपरोक्त कार्य के लिये ठेकेदार को देयक का भुगतान किया गया है? अगर नहीं तो क्यों? कितना भुगतान ठेकेदार का बाकी है?। (घ) इन्टेकवेल फाण्डेशन निर्माण हेतु चिन्हित स्थल पर कड़ी चट्टान में खुदाई पूर्ण की गई थी? यदि हाँ, तो खुदाई का माप लेवल, बांध में इन्टेकवेल बोधी की स्वीकृति बतायें क्या ठेकेदार को भुगतान प्रश्नतिथि तक किया गया? अगर हाँ तो कितना? अगर नहीं तो कितना प्रश्नतिथि तक बाकी है? कब तक भुगतान किया जायेगा? योजना में कन्सलटेन्ट की क्या भूमिका हैं एवं कितना भुगतान दिया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) हरदौली जल आवर्धन योजना के पी.एच.ई. घटक अंतर्गत डीआई एवं एचडीपीई पाईप बिछाने हेतु नाली खुदाई का कार्य नगर पालिका सीमा अंतर्गत विद्यमान सड़कों की रिक्त भूमि पर किया गया है। लोक निर्माण विभाग को एन.ओ.सी. प्रदाय करने हेतु पत्र लिखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'स' अनुसार है। प्रधानमंत्री सड़क/राष्टीय राजमार्ग के किनारे एवं राजस्व भूमि पर पाईप लाईन बिछाना प्रस्तावित नहीं है। क्लीयर वॉटर राईजिंगमेन को खेतों के किनारे से खेत मालिकों की मौखिक सहमति उपरांत बिछाने का कार्य पूर्ण हो गया है। (ग) इन्टेकवेल पंप हाउस पर 1×63 KVA X-mar का एवं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में 1×63 KVA X-mar का बिजली सबस्टेशन है। ठेकेदार मेसर्स एस.के.लोखण्डे के द्वारा म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि., मुलताई द्वारा तैयार वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में विद्युतीकरण कार्य का प्राक्कलन राशि रूपये 2,49,132.00 एवं हरदौली बांध निर्माण स्थल पर विद्युतीकरण कार्य का प्राक्कलन राशि रूपये 4,72,949.00 का निकाय से प्रस्तुत किया गया है। टेण्डर डाक्यूमेन्ट के बिलिंग ब्रेकअप के अनुसार डिजाइन एवं ड्राईंग अनुमोदित करा कर प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। ठेकेदार मेसर्स एस.के.लोखण्डे द्वारा इन्टेकवेल फाउडेशन निर्माण कार्य हेतु चिन्हित स्थल पर खुदाई का कार्य बिलिंग ब्रेकअप में भुगतान की शर्तों अनुसार पूर्ण नहीं किया गया था। अत: भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। योजना में कंसलटेंट की भूमिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'द' अनुसार है। कंसलटेंट को राशि रू. 11.19 लाख का भुगतान किया गया है।
पेयजल आपूर्ति के संसाधनों पर व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 4820 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम के अन्तर्गज पेयजल आपूर्ति किन-किन माध्यमों से की जाती हैं? पेयजल आपूर्ति के सभी संसाधनों पर होने वाले वार्षिक व्यय एवं आय की माह बार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के माध्यमों की क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में प्रतिदिन नलों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाती हैं? यदि हाँ, तो क्षेत्रवार समय एवं अवधि की जानकारी दें और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, ग्वालियर अंतर्गत पेयजल आपूर्ति पुराना मोतीझील फिल्टर प्लांट, नया फिल्टर प्लांट, तिघरा फिल्टर प्लांट एवं 2303 नलकूपों के माध्यम से की जाती है। पेयजल आपूर्ति के सभी संसाधनों पर होने वाले वार्षिक व्यय एवं आय की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) ग्वालियर दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में प्रतिदिन नलकूपों के माध्यम से एवं उच्च स्तरीय टंकियों के माध्यम से एक दिन छोड़कर पेयजल आपूर्ति की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
मोबाईल टॉवर से होने वाले रेडियेशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 4821 ) श्री
प्रवीण पाठक : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में 4 जी
एवं 5जी
तथा अन्य
मोबाइल टॉवर
के रिहायशी
इलाकों में
लगाये जाने के
संबंध में
तयशुदा
मापदण्ड
क्या-क्या हैं? ग्वालियर
दक्षिण
विधानसभा
क्षेत्र में
कुल कितने
मोबाइल टॉवर
लगे हुये है? क्या ये
सभी टॉवर
निर्धारित
मापदण्डों के
अनुरूप है? (ख) मोबाईल
टॉवर रेडियेशन
से मानव शरीर
एवं
जीव-जंतुओं पर
क्या-क्या प्रभाव
पड़ता है?
उक्त
रेडियेशन को
मापने के लिए
किस यंत्र और
कौन सी पद्धति
का उपयोग किया
जाता है एवं
यह कार्य
किनके द्वारा
किया जाता है? (ग) ग्वालियर
दक्षिण विधानसभा
सहित ग्वालियर
शहर में
स्थापित
मोबाइल टॉवरों
से होने वाले
रेडिएशन की
जाँच कब-कब और
किन
अधिकारियों
के द्वारा की
गई?
जाँच में क्या
कभी किसी टॉवर
कंपनी को दोषी
पाया गया? यदि हाँ, तो उस पर
क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) ग्वालियर
शहर में
स्थापित
विभिन्न कंपनियों
के मोबाइल
टावरों को
किन-किन
नियमों के तहत
अनुमति दी गई, कंपनी
के साथ किये
गये अनुबंध का
विवरण उपलब्ध
करायें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) मध्य
प्रदेश में 4जी एवं 5जी तथा
अन्य मोबाइल
टॉवर लगाये
जाने के संबंध
में मध्य प्रदेश
नगर पालिका
(अस्थायी टॉवर
का संस्थापन/सेल्यूलर
मोबाईल फोन
सेवा के लिए
अधोसंरचना) नियम, 2012 एवं इन
नियमों में
मध्यप्रदेश
राजपत्र (असाधारण)
प्रकाशन
दिनांक 14
नवम्बर 2019 अनुसार
किये गये
संशोधन तथा
मध्य प्रदेश
शासन, विज्ञान
एवं
प्रौद्योगिकी
विभाग द्वारा
जारी नीति-2019 एवं
दिशा निर्देश 2019 की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार
है। ग्वालियर
दक्षिण विधान
सभा क्षेत्र
के अंतर्गत
नगर पालिक
निगम, ग्वालियर
द्वारा 46
एवं कार्यालय
कलेक्टर, ग्वालियर
द्वारा 18
टॉवर स्थापित
किये जाने की
अनुमति दी गई है।
सभी टॉवरों की
अनुमति शासन
द्वारा
निर्धारित
मापदण्डों
के अनुरूप दी
गयी है। (ख)
कलेक्टर, ग्वालियर
एवं नगर पालिक
निगम, ग्वालियर
द्वारा
रेडियेशन के
प्रभाव का अध्ययन
नहीं कराया
गया है। (ग)
उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
नियमों एवं
प्रावधानों
के परिप्रेक्ष्य
में मोबाइल
टॉवरों से
होने वाले
रेडियेशन की
जाँच नहीं की
गई है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
(क) अनुसार
नियमों/प्रावधानों
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
मोबाईल टॉवर
के लिये
अनुज्ञा
प्रदान करने
हेतु नियम 2012 के
कंडिका 7
अनुसार
प्रारूप-एक
में सक्षम
प्राधिकारी
के समक्ष
आवेदन करने पर
प्रारूप-दो
में अनुज्ञा प्रदान
की जाती है। नियम
में अनुबंध
कराने के
प्रावधान न
होने से प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
शासकीय महाविद्यालय में संकाय चालू करने बावत्
[उच्च शिक्षा]
123. ( क्र. 4836 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में सरकार द्वारा शासकीय कॉलेज संचालित किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो शासकीय महाविद्यालय गंधवानी एवं शासकीय महाविद्यालय बाग में कौन-कौन से संकाय प्रारंभ किये गये हैं? शेष संकाय कब तब चालू कर दिये जायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय, गंधवानी एवं शासकीय महाविद्यालय, बाग में कला संकाय की कक्षायें संचालित हैं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शेष संकाय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में आवंटित लक्ष्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 4847 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में किस-किस वर्ष में कितना कितना लक्ष्य आवंटित किया गया? लक्ष्य के विरूद्ध किन-किन हितग्राहियों को आवास प्रदाय किये गये? विगत तीन वर्ष की जानकारी उपलब्ध करावें तथा सेक डाटा 2011 सर्वे अनुसार बनाई गई पात्र हितग्राही सूची भी उपलब्ध करावें। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन एजेंसियों को आवास निर्माण को कार्य आदेश दिये गये? वर्तमान में आवास निर्माण की क्या स्थिति है तथा इनको कब तक पूर्ण कराया जाकर हितग्राहियों को आवंटित किया जायेगा? (ग) क्या आवास आवंटन में प्राथमिकता को दरकिनार कर अपात्रों को भी आवास आवंटित किये गये हैं। आवंटित कार्य में पारदर्शिता न अपनाने के कारण हितग्राहियों से अवैध वसूली की गई है। यदि हाँ, तो क्या शासन आवास आवंटन में हुई अनियमितता की जाँच करायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) योजनांतर्गत वर्षवार लक्ष्य आवंटित नहीं किया जाता है। जिला अनूपपुर में शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत स्वीकृत आवासों की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अंतर्गत एस.ई. सी.सी. डाटा वर्ष 2011 के सर्वे के आधार से मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय के आदेश क. एफ-10-47/2015/18-2 भोपाल दिनांक 03.04.2018 की कण्डिका-4 द्वारा छूट प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ-1" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ख) जी नहीं किसी ऐजेंसी को कार्य आदेश नहीं दिये गये है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत हितग्राहियों द्वारा अपने आवास का स्वयं निर्माण किया जाता है, किसी एजेंसी को कार्यादेश दिया जाने एवं कार्यपूर्णता की समय-सीमा बताया जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत आवासों एवं उनकी वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) जी नहीं। आवास आवंटन में प्राथमिकता से दरकिनार कर अपात्रों को आवास स्वीकृत नहीं किये गये हैं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनूपपुर जिले के नगरीय निकायों में रिक्त पदों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 4848 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की नगरीय निकायों में प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां, कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी के पद भरे हुये हैं एवं कब से किस-किस के कौन-कौन से पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि क्या प्रत्येक नगरीय निकाय में शासन ने जनसंख्या के मापदंड के आधार पर पद सृजित किया है? अगर हाँ तो ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां सहित जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिला अनूपपुर की प्रत्येक निकाय में जो पद रिक्त है प्रश्न दिनांक तक उनको भरने, रोस्टर तैयार हुआ है या नहीं? कब तक नगरीय रोस्टर तैयार करवाकर शासन वर्षों से रिक्त पद भरने की कार्यवाही पूर्ण कर देगा। (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के आधार पर अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा जिले में रोस्टर तैयार करवाने में लापरवाही बरतने पर शासन द्वारा दंड का प्रावधान है? रोस्टर कितने दिनों में तैयार हो जायेगा एवं कितने दिनों में निकाय के रिक्त पद भर दिये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) अनूपपुर जिले की नगरीय निकायो द्वारा रोस्टर तैयार किया जा चुका है। नगरीय निकायों द्वारा आय-व्यय, स्थापना व्यय, तथा आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नियुक्ति के संबंध में निर्णय लिया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डिजिटल नंबर प्लेट बनाने वाली फर्म को भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 4875 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं भोपाल में मकानों की डिजिटल नंबर प्लेट बनाने का कार्य किस फर्म को आवंटित किया गया? पृथक-पृथक बतायें। (ख) इसकी टेंडर प्रक्रिया में जिन फर्मों ने हिस्सा लिया उनके द्वारा प्रस्तुत दरों का तुलनात्मक चार्ट भी उपरोक्त दोनों जिलों के संदर्भ में देवें। (ग) चयनित फर्म को किस दर से भुगतान किया जा रहा है? प्रश्न दिनांक तक किए भुगतान की जानकारी पृथक-पृथक देवें। क्या इसमें जनता से भी राशि ली जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी? (घ) क्या कारण है भोपाल में चयनित फर्म ने कार्य बंद कर दिया है? इस पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर शहर में मकानों की डिजिटल नंबर प्लेट बनाने का कार्य किसी फर्म को आवंटित नहीं किये जाने से प्रश्न के सभी भागों की जानकारी निरंक है। भोपाल शहर में मकानों की डिजिटल नम्बर प्लेट बनाने का कार्य मेसर्स जिपर प्रा. लि. कालाज्योति रोड साई पृथ्वी एंक्लेव कोंदापुर, हैदराबाद को आवंटित किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) भोपाल शहर में उक्त कार्य की टेंडर प्रक्रिया में तीन फर्मों ने हिस्सा लिया, जिसमें से दो फर्म तकनीकी मूल्यांकन में योग्य पायी गयी। उपरोक्त दोनों फर्मों द्वारा प्रस्तुत दरों का तुलनात्मक चार्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ग) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा चयनित फर्म मेंसर्स जिपर प्रा. लि. को अनुबंध की शर्तोंनुसार भुगतान किया गया। फर्म को किये जाने वाले भुगतान की शर्ते संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। वर्तमान दिनांक तक फर्म को कुल राशि रू 68,44,000.00 (दिनांक 25.02.2019 को राशि रूपये 28,44,000.00, दिनांक 28.03.2019 को राशि रूपये 15,00,000.00 एवं दिनांक 30.05.2019 को राशि रूपये 25,00,000.00) का भुगतान किया गया है। इस परियोजना में जनता से कोई राशि नहीं ली जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) भोपाल शहर में परियोजना अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चार इमली क्षेत्र में डिजिटल नंबर प्लेट लगाये जाने का कार्य पूर्ण किया गया है। भोपाल स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक में लिए निर्णय एवं फंड की उपलब्धता न होने के कारण कार्य वर्तमान स्थिति पर ही रोका गया है।
प्रदेश में नाबालिग बालिकाओं से दुष्कर्म के प्रकरण
[विधि और विधायी कार्य]
127. ( क्र. 4876 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नाबालिग बालिकाओं से दुष्कर्म व हत्या के आरोप में मृत्युदंड की सजा प्राप्त अपराधियों के कितने प्रकरण म.प्र. हाईकोर्ट व खण्डपीठ में विचाराधीन हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) दि.01.04.2020 से 15.02.2021 की अवधि में इन प्रकरणों में कितनी तारीखे लगी? प्रकरण क्रमांक सहित पृथक-पृथक देवें। (ग) उपरोक्त तारीखों में कब-कब शासकीय वकील उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी प्रकरणवार देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में 7 प्रकरण, खण्डपीठ, इंदौर में 2 प्रकरण एवं खण्डपीठ, ग्वालियर में 3 प्रकरण विचाराधीन है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्नांश (ख) उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आऊटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 4921 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर संचालन-संधारण संभाग में आऊटसोर्स के कितने श्रमिक कार्यरत हैं? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें? (ख) इनमें कितने कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल हैं? (ग) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के संबंध में वितरण केन्द्रवार कार्यरतों की सूची प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग महिदपुर में आऊटसोर्स के तहत 157 श्रमिक कार्यरत हैं जिनकी प्रश्नाधीन चाही वितरण केंद्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित आऊटसोर्स के कुल 157 श्रमिकों में से 66 कुशल, 09 अर्द्धकुशल एवं 82 अकुशल श्रमिक हैं। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में संचालन-संधारण संभाग महिदपुर के अंतर्गत पाँच वितरण केंद्रों सहित उपसंभाग एवं संभाग कार्यालय महिदपुर में आऊटसोर्स के 157 श्रमिक कार्यरत हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। संचालन-संधारण संभाग नागदा के नागदा ग्रामीण वितरण केंद्र कार्यालय के 44 ग्रामों में से 22 ग्राम भी महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते है। नागदा-ग्रामीण वितरण केंद्र के अंतर्गत आऊटसोर्स के कुल 32 श्रमिक कार्यरत हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
अवैध जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करना
[गृह]
129. ( क्र. 4926 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजवीर सिंह गुर्जर पुत्र श्री शंकर सिंह निवासी दोयेला भवन धूलकूट रोड़ धौलपुर राजस्थान के द्वारा म.प्र. राज्य का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शासन के अधीन गृह विभाग में वर्ष 2012 में ए.डी.पी.ओ. के पद पर नियुक्ति प्राप्त की? यदि हाँ, तो बतावें वर्तमान में किस जिला में पदस्थ है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गुर्जर जाति के राजवीर सिंह गुर्जर द्वारा म.प्र. के जिला मुरैना की तहसील अंबाह के द्वारा म.प्र. का निवासी बन पिछड़े वर्ग से संबंधित कोई फर्जी जाति प्रमाण पत्र क्रमांक 373/95 प्राप्त किया है जबकि जिला मुरैना तहसील अंबाह की दायरा पंजी का कोई राजस्व प्रकरण क्रमांक व जारी दिनांक अंकित नहीं है। (ग) दिनांक 10.2.2020 को उल्लेखित जाति प्रमाण पत्र की शिकायत अध्यक्ष नागरिक उपभोक्ता मंच ग्वालियर (म.प्र.) द्वारा म.प्र. शासन के प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग को की गई है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रकरण में कारगर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्री राजवीर सिंह गुर्जर, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर पदस्थ है। इनका तहसील परगना अम्बाह जिला मुरैना द्वारा जारी प्रमाण पत्र सेवा पुस्तिका में उनके द्वारा प्रस्तुत करने पर संलग्न किया गया है। जाति प्रमाण पत्र के संबंध में जाँच विचाराधीन है। श्री गुर्जर की नियुक्ति दिनांक 24.07.2013 है। वर्तमान में लहार जिला भिण्ड में पदस्थ हैं। श्री गुर्जर द्वारा प्राधिकृत अधिकारी का प्रमाण पत्र क्रमांक 373/95 दिनांक 27.09.1995 का है, जिसे तहसीलदार, अम्बाह जिला मुरैना के पत्र क्रमांक क्यू रीडर/1/219/175/19 अम्बाह, दिनांक 02.03.1995 जिला लोक अभियोजन अधिकारी, शिवपुरी को प्रेषित किया गया था जिसमें श्री राजवीर सिंह गुर्जर पुत्र श्री शंकर सिंह गुर्जर निवासी भरतपुरा का अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र इस कार्यालय की दायरा पंजी क्रमांक 373, दिनांक 27.09.1995 में दर्ज होना पाया गया है, जिसे सत्यापित किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी, अम्बाह द्वारा लेख किया गया है कि सन् 2000 के पश्चात अभिलेख संधारित किया गया है, किन्तु जारी होना नहीं पाया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालयों में स्वीकृत पदों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
130. ( क्र. 4952 ) श्री संजीव सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एमजेएस कॉलेज एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय में कितने पद शासन द्वारा स्वीकृत हैं? पदवार सूची उपलब्ध करायें तथा स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ किए गए हैं? पदस्थापना आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। कितने पद रिक्त हैं तथा रिक्त पद कब तक भर दिये जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं एवं यूजीसी एवं अन्य मदों में किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी राशि वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? मदवार, वर्षवार आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध कराते हुए जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) यदि प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय में क्या शासन के नियम/निर्देशों के विरूद्ध राशि व्यय की गई है? यदि की गई है तो कौन दोषी है? उस पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। रिक्त पदों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। अतः पद पूर्ति की निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाइन सायबर धोखाधड़ी अपराधों के संबंध में
[गृह]
131. ( क्र. 4953 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी सायबर अपराध के कितने प्रकरण दर्ज किए गए? कितनों का निराकरण किया जा चुका है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) ऑनलाइन बैंकिंग ठगी सायबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु भिण्ड जिले में कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित हैं? क्या उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण हेतु पृथक से सायबर सैल या कार्यालय है? सायबर अपराध के अन्वेषण हेतु क्या जिले में आधुनिक संसाधन उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कब तक उपलब्ध करवा दिये जायेंगे? (ग) ऑनलाइन ठगी, सायबर अपराध आदि को रोकने हेतु प्रत्येक जिले में सायबर एक्सपर्ट अधिकारी/कर्मचारी की नियुक्ति की जा सकी है? क्या अधिकारियों/कर्मचारियों को सायबर अपराध के अन्वेषण हेतु लगातार प्रशिक्षित किया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) ऑनलाईन बैंकिंग ठगी सायबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु भिण्ड जिले में 23 अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। जिले में उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण हेतु पृथक सायबर सेल स्थापित है। सेल के लगातार उन्नयन के प्रयास किये जा रहे है। (ग) जिले में सायबर से संबंधित जानकारी रखने वाले अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं। समय-समय पर निर्देशानुसार सायबर अपराध के अन्वेषण से संबंधित प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं तथा अधिकारी/कर्मचारी बाहर भी भेजे जाते है।
निविदाओं में निविदाकारों से मिलीभगत की उच्चस्तरीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 4980 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.के.लोखन्डे ठेकेदार का हरदोली बांध निर्माण में प्रमुख अभियंता द्वारा अवार्ड क्रं. 14429 दि. 27.12.2019 में धनराशि रू 1,30,79,153 करोड़ का भुगतान, क्या सीएमओ, न.पा.मुलताई द्वारा प्रश्नतिथि तक किया गया है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। निविदा अनुबंध नियम, शर्त पत्राचार बतायें? यदि हाँ, तो भुगतान देने में सीएमओ बाध्य है? कब तक किया जावेगा? (ख) एस.के.लोखन्डे ठेकेदार का पीएचई, निविदा में आर्बिट्रेशन कंडिका-17 समक्ष अधीक्षण यंत्री को दावा धनराशि रू 6,02,28,509 करोड़ की अपील किस दिनांक से लंबित है? क्या अपील पर निर्णय दे चुके हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें। यदि नहीं, तो क्यों? निविदा अनुबंध नियम, पत्राचार बतायें, निर्णय कब तक देंगे। (ग) बांध एवं पीएचई, घटक में पुनः कितनी बार निविदा आमंत्रित की? कितने निविदाकार थे? प्रत्येक निविदाकारों की वित्तीय एवं समान कार्य अनुभव अर्हता,अनुबंधित निविदा शर्त पत्राचार बतायें। (घ) क्या सीई बोधी से पत्राचार क्रं 82 स्वीकृत ड्राइंग, डिजाइन में परिवर्तन करने का अधिकार प्रभारी सीएमओ/एई/उपयंत्री/मॉनिटरिंग एसडीओ/ईई को है/था? क्या ड्राइंग, डिजाइन परिवर्तन उपरांत, ठेका निरस्त करके प्रशासकीय, तकनीकी स्वीकृति में अनियमितता करके ठेकेदार एस.सी.नागपाल को ठेका दिया है? (ङ) बांध की मिट्टी स्टेबिलिटी विश्लेषण, सहनशक्ति डिजाइन, ड्राइंग, मिट्टी परीक्षण, स्ट्राटा परमिबिलिटी भू-वैज्ञानिक परीक्षण, निर्माण, स्थल की रिपोर्ट, एस.के.लोखंडे एवं एस.सी.नागपाल की बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। अपीलीय अधिकारी प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 14429 भोपाल, दिनांक 27.12.2019 के द्वारा पारित आदेश दिनांक 27.12.2019 से ''Claim for payment of work executed but not paid/incomplete final bill Amount of claim on the count Rs. 1,30,79,153.00'' के संबंध में निर्देशित किया गया है कि ''कार्य के वास्तविक माप अनुसार कटौत्रा उपरान्त भुगतान किये जाने का निर्णय दिया जाकर शेष क्लेम्स निरस्त किए गए है'' निकाय द्वारा अनुबंध निरस्ती के समय संयुक्त माप दिनांक 21.08.2018 को रिकार्ड किये गये थे, जिसके अनुसार इनकम्पलीट फाइनल बिल राशि रू. 4,13,453/- का तैयार किया गया। जिससे यह स्पष्ट है कि ठेकेदार मेसर्स एस.के.लोखण्डे के हित में उक्त दर्शित राशि रू. 1,30,79,153.00 का कोई अवार्ड पारित नहीं किया गया है। इस कारण ठेकेदार द्वारा की जा रहीं मांग का कोई औचित्य नहीं है। निविदा अनुबंध नियम, शर्त पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) हरदौली जल आवर्धन योजना के पीएचई घटक कार्य के ठेकेदार मेसर्स एस.के.लोखण्डे का ठेका निरस्ती उपरान्त ठेकेदार द्वारा पत्र क्रमांक 001/sep/2019 दिनांक 12.09.2019 से अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के समक्ष अनुबंध की कंडिका 17 के अंतर्गत अपील प्रस्तुत की गई है। जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं है। निविदा अनुबंध नियम, शर्त पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। बोधी जल संसाधन द्वारा पत्र क्रमांक 82 दिनांक 22.02.2014 से बांध निर्माण कार्य की डिजाईन ड्रॉइंग अनुमोदित की गई थी। परिवर्तित डिजाईन-ड्राइंग का परिक्षण राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा किया गया है। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक/यां.प्र./07/2019/7614 दिनांक 26.07.2019 से डिजाईन ड्राइंग अनुमोदन के उपरांत निर्माण कार्य कराया गया है। अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार का ठेका निरस्त किया गया है। संचालनालय से तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कर नियमानुसार निविदा आमंत्रित कर ठेकेदार एस.सी. नागपाल को ठेका दीया गया है। अत: किसी भी प्रकार की अनियमितता का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) डिजाईन ड्राइंग एवं परीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
म.प्र. परिसर किराएदारी अधिनियम-2010 लागू किये जाने के सम्बंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 4981 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. परिसर किराएदारी अधिनियम 2010 दिनांक 12 अप्रैल, 2012 को राष्ट्रपति जी की अनुमति प्राप्त कर म.प्र. राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 23 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित किया गया था? (ख) इस अधिनियम को सरकार द्वारा किराएदारों एवं मकान मालिकों दोनों के हितों की सुरक्षा एवं उनके बीच विवादों के आसान निराकरण के लिये बनाना बताया गया था? (ग) म.प्र. परिसर किराएदारी अधिनियम 2010 को आज दिनांक तक प्रदेश में लागू क्यों नहीं किया गया है? (घ) यदि किया गया है तो इस अधिनियम अंतर्गत विगत 5 वर्ष में विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव में दर्ज मामलों की संख्या एवं की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश क एवं ख के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव क्षेत्र अंतर्गत नगरीय निकाय दमुआ एवं जामई (जुन्नारदेव) में कोई प्रकरण दर्ज नहीं है। जानकारी निरंक है।
मनावर नगरपालिका के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 4987 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर-नगरपालिका द्वारा किन-किन कार्यों को निष्पादित किया जाता है? मनावर-नगर पालिका-प्रशासन के अंतर्गत किन कार्यों के लिए कितने प्रकार की कितनी समितियां वर्तमान में संचालित हैं? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) मनावर-नगर पालिका अंतर्गत किन नियमों के तहत कितनी अवैध कॉलोनी हैं? अवैध कॉलोनियों-भूमाफियाओं से नगर पालिका/प्रशासन को किस प्रकार का कितना राजस्व हानि हुई? (ग) मनावर शहर को स्वच्छ-सुव्यवस्थित बनाने के क्या कार्य किए जा रहे हैं? नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत पार्किंग-व्यवस्था क्यों नहीं है? कारण-सहित ब्यौरा दें। (घ) मनावर शहर को स्वच्छ-सुव्यवस्थित बनाने के लिए पार्किंग-व्यवस्था, यातायात-लाईट एवं यातायात-चिन्ह, शौचालय, कूड़ेदान, स्वच्छता इत्यादि के बेहतर व्यवस्था नहीं करने के क्या कारण हैं? (ङ) मनावर शहर में अवैध-रुप से खड़े वाहनों को हटाने के लिए अब तक नगरपालिका ने कितनी चालानी-कार्यवाही की है, उससे कितना राजस्व मिला? जनवरी 2019 से प्रश्न-दिनांक तक जानकारी माहवार दें। कार्यवाही नहीं की तो विधिसम्मत कारण बताएं। अवैध-वाहनों पर कार्यवाही के लिए नगरपालिका के पास क्या सुविधाएं-वस्तुएं उपलब्ध हैं? (च) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न-दिनांक तक कितने शौचालयों का निर्माण कहां-कहां कराया गया? वर्षवार ब्यौरा दें। यदि नहीं, कराया गया तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मनावर नगर पालिका द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 के अध्याय-6 की धारा 123 परिषद के कर्तव्य एवं धारा 124 परिषद् की वैवेकिक शक्तियां में वर्णित कार्यों का निष्पादन किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र. न.पा. (प्रेसीडेंट-इन-कौंसिल के कामकाज का संचालन एवं प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम, 1998 के तहत कार्यों के संपादन हेतु 07 विभाग हैं जो वर्ततान में संचालित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) मनावर नगर पालिका अंतर्गत 61 अवैध कॉलोनियां हैं, जो म.प्र. नगर पालिका अधिनियम की धारा 339-क एवं 339-ख के प्रावधानों का उल्लंघन कर बनाई गई हैं। अवैध कॉलोनियों से नगर पालिका को हुई राजस्व हानि का आंकलन वर्तमान में नहीं किया गया है। (ग) नगरपालिका मनावर द्वारा शहर को स्वच्छ सुव्यवस्थित बनाने के लिये निकाय द्वारा घर-घर से कचरा संग्रहित कर ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का पृथक्ककरण किया जा रहा है, अपशिष्ठ प्रबंधन हेतु एम.आर.एफ. सेंटर का निर्माण किया गया है। फिकल स्लज के ट्रीटमेंट हेतु एफ.एस.टी.पी. का निर्माण किया गया है, लीगेसी वेस्ट के ट्रीटमेंट की योजना प्रस्तावित है। निकाय क्षेत्रान्तर्गत आवश्यकतानुसार पार्किंग की व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) अवैध रूप से खडे वाहनों को हटाने के लिए नगरपालिका द्वारा चालानी कार्यवाही नहीं की गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। चालान की कार्यवाही यातायात पुलिस द्वारा की जाती है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में यूनिट की हेर-फेर
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 4999 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पूर्व.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर अंतर्गत सिवनी जिले में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कुल कितने घरेलू उपभोक्ता हैं? इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू होने के माह से प्रश्न दिनांक तक 100 या 100 से कम यूनिट बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिला हैं? माहवार जानकारी देवें। इन उपभोक्ताओं में से कितने उपभोक्ताओं के बिजली बिल में आंकलित खपत जोड़कर 100 यूनिट राउण्ड ऑफ कर इस योजना का लाभ दिया गया? प्रश्न दिनांक तक इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत कुल कितनी राशि सब्सिडी के रूप में शासन से म.प्र.पूर्व.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर को प्राप्त हो चुकी है अथवा प्राप्त होने वाली हैं की माहवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) घरेलू उपभोक्ताओं की खपत में आंकलित खपत जोड़ने के संबंध में क्या नियम हैं? क्या आंकलित खपत का संबंध खराब मीटर से हैं? यदि हॉ,तो म.प्र.पूर्व.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने वि़द्युत मीटर खराब हैं? उन्हें कब तक बदला जावेगा? यदि नहीं,तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंकलित खपत क्यों जोड़ी जा रही है? (ग) क्या म.प्र.पूर्व.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर द्वारा इसके तहत राज्य शासन से आंकलित खपत के नाम से मीटर खपत के अलावा जो सब्सिडी प्राप्त की जा रही है, क्या यह नियमानुसार हैं? यदि नहीं, तो शासन पर सब्सिडी के नाम से जो आर्थिक भार आ रहा है, इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं तथा जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर अन्तर्गत सिवनी जिले में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कुल 245384 घरेलू विद्युत उपभोक्ता हैं। जी हाँ, योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन चाही गयी लाभान्वित उपभोक्ताओं की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उपभोक्ताओं को विद्युत देयक मापयंत्र (मीटर) में दर्ज खपत के आधार पर जारी किये जाते हैं। उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब होने की दशा में विद्युत देयक जारी किये जाने हेतु मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 8.35 (ख) के प्रावधानों के अनुसार विद्युत मात्रा का निर्धारण पूर्व तीन मापयंत्र चक्रों के आधार पर किये गये मापयंत्र वाचन के मासिक औसत के आधार पर किया जाता है। अतः प्रश्न नहीं उठता। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को इन्दिरा गृह ज्योति योजना अन्तर्गत राज्य शासन से प्राप्त सब्सिडी राशि की माह दिसम्बर-2020 तक की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। राज्य शासन से योजनांतर्गत सब्सिडी हेतु माह फरवरी 2019 से नवंबर 2020 तक म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रेषित दावा राशि रू. 2352.70 करोड़ के विरूद्ध रू. 1636.45 करोड़ की राशि प्राप्त की जा चुकी है तथा राशि रू. 716.25 करोड़ प्राप्त होना शेष है। (ख) घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत देयक मापयंत्र (मीटर) में दर्ज खपत के आधार पर जारी किये जाते हैं। उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब होने की दशा में विद्युत देयक जारी किये जाने हेतु मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 8.35 (ख) के प्रावधानों के अनुसार विद्युत मात्रा का निर्धारण पूर्व 3 मापयंत्र चक्रों के आधार पर किये गये मापयंत्र वाचन के मासिक औसत के आधार पर किया जाता है। आंकलित खपत का संबंध बंद/खराब मीटर से है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के क्षेत्रांतर्गत माह जनवरी-21 की स्थिति में सभी श्रेणियों के कुल 712311 विद्युत मीटर बंद/खराब हैं, उक्त मीटरों को उपलब्ध संसाधनों के आधार पर प्राथमिकता से बदलने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। (ग) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के अंतर्गत नियमानुसार सब्सिडी राशि के दावे राज्य शासन को प्रेषित किये जाते हैं। अतः प्रश्न नहीं उठता।
स्मार्ट सिटी योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 5010 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में स्मार्ट सिटी के तहत सौंदर्यीकरण के नाम पर किये जा रहे अमानक एवं गुणवत्ताविहीन कार्य जैसे पेवर ब्लाक कार्य, चौराहों का सौंदर्यीकरण, फाउंटेन कार्य आदि विभिन्न कार्यों पर कोई कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी या विकास कार्यों के नाम पर जनता की राशि का दुरुपयोग जारी रहेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर कार्यवाही होगी? यदि होगी तो कब तक? (ग) स्मार्ट सिटी कार्ययोजना अन्तर्गत सतना शहर में साइकल ट्रैक का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, उसके लिए नेशनल हाइवे को चुना जाना कितना उचित और सुरक्षित है? क्या इसके लिए कोई अन्य सुरक्षित क्षेत्र का चयन नहीं किया जा सकता? (घ) पिछले 3 वर्षों में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कितना बजट स्वीकृत हुआ है एवं किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि खर्च की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सतना स्मार्ट सिटी द्वारा केवल सौंदर्यीकरण के नाम पर पेवर ब्लॉक कार्य, फाउंटेन कार्य नहीं किया गया है, अपितु सुगम यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये चौराहों के मार्ग चौड़ीकरण का कार्य किया गया है, जो मानक अनुसार एवं गुणवत्तायुक्त होकर जनहित में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सतना स्मार्ट सिटी के संचालक मंडल की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार शहर में साइकिल ट्रैक का निर्माण मुख्य मार्ग जो नेशनल हाईवे अंतर्गत शहर के मध्य से निकलता है के एक ओर सड़क किनारे से 1.5 मीटर दूरी पर कराया जा रहा है। सुरक्षा के दृष्टिगत साइनेज, डेलीनेटर्स, रिफलेक्टर्स एवं कर्व वॉल का निर्माण साईकल ट्रेक पर किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कोई राशि जारी नहीं की जाती है, अपितु स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) अंतर्गत नगरीय निकायों को राशि प्रदान की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 5011 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के शहरी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था नगर पालिक निगम सतना द्वारा की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो पानी के अमानक एवं गंदा होने की शिकायतें लगातार क्यों बनी हुई है? क्या पानी को सुरक्षित एवं शुद्ध किए जाने की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पिछले 5 वर्षों में शहर में कितना पानी सप्लाई हुआ? क्या कोई रिकार्ड दर्ज है? यदि हाँ, तो वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। साथ ही इसके लिए खर्च की गई राशि का ब्यौरा भी देवें। (घ) क्या शहरी क्षेत्रों में पानी व्यवस्था के लिए पाइप लाइन बिछाने के लिए मद प्रदाय है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ङ) क्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों को नल कनेक्शन प्रदान किए जाने विशेष नियम है? क्या मुफ्त नल कनेक्शन का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या उन्हें नल कनेक्शन दिए जाएंग? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पानी के मानक एवं गंदा होने की शिकायतें लगातार नहीं रहती हैं, घरेलू नल कनेक्शनों में लीकेज अथवा किसी निर्माण कार्य के दौरान होने वाले लीकेज के कारण शिकायतें उत्पन्न होती है, जिसका त्वरित निराकरण कराया जाता है। पानी को सुरक्षित एवं शुद्ध पेयजल सप्लाई के लिए फिल्टर प्लांट पर प्रतिदिन एवं निरंतर पानी का परीक्षण किया जाता है, पानी की शुद्धता मापदण्ड अनुसार होने पर ही जलप्रदाय शहर में किया जाता है। (ग) शहर में औसत रूप से लगभग 10001 एमएलडी प्रतिवर्ष की दर से पिछले 05 वर्षों में शहर में लगभग 50005 एमएलडी पानी की सप्लाई की गई है। खर्च की गई राशि का ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। पेयजल व्यवस्था में पाईप लाईन बिछाने हेतु निकाय बजट में मद प्रदाय है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में पाईप लाईन बिछाने हेतु राशि रू. 1.00 करोड़ का प्रावधान है सिसमें से राशि रू. 82.06 लाख शेष है। (ङ) जी नहीं। नगर पालिक निगम, सतना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले नल कनेक्शन प्रदाय किये जाने का कोई विशेष नियम या निशुल्क जलप्रदाय किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। नल कनेक्शन प्रदाय करने हेतु निर्धारित शुल्क व दस्तावेज जमा कराकर नल कनेक्शन प्रदान किये जाते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोविड 19 महामारी के समय छोड़े गए कैदियों के संबंध में
[जेल]
138. ( क्र. 5018 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड 19 महामारी के समय महामारी को नियंत्रित करने की दृष्टि से कितने कैदियों को पेरोल पर छोड़ा गया हैं? जिले अनुसार जानकारी दें। इनमें से कितने कैदी विचाराधीन कैदी हैं तथा कितने सजा याफ्ता कैदी है? (ख) विषयांकित के दौरान छोड़े गए कैदियों को पुन: जेल में वापिस लाने हेतु क्या योजना बनाई गई है? (ग) क्या प्रदेश के जेलों में एड्स संक्रमित कैदी बड़ी संख्या में पाए गए है? यदि हाँ, तो एड्स संक्रमित कैदियों की संख्या जेल अनुसार बताएं तथा यह भी बताएं कि एड्स रोग के फैलने हेतु जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है तो कब तक तथा क्या कार्यवाही की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश की जेलों में कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने हेतु पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) पैरोल पर निश्चित दिवस के लिए रिहा किया गया था, यदि निर्धारित तिथि पर बंदी वापिस नहीं आते हैं तो उनके विरूद्ध धारा 224 आई.पी.सी. एवं बंदी अधिनियम (म.प्र. संशोधन) 1985 के नियम 31 (घ) के अंतर्गत व जमानतदार के विरूद्ध 109 आई.पी.सी. के तहत कार्यवाही का प्रावधान है। उक्त प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही करने हेतु जेलों को निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) प्रदेश की जेलों में परिरूद्ध एड्स से पीडि़त बंदियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पूर्व से निरूद्ध किसी भी बंदी में जेल में रहने के दौरान एच.आई.वी. का संक्रमण होना नहीं पाया गया है और पूर्व से निरूद्ध बंदियों में एच.आई.वी. के संक्रमण का फैलाव पूर्णत: नगण्य है। एच.आई.वी. के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से समय-समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में अस्थायी विद्युत कनेक्शन के संबंध में
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 5019 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने घरेलू अस्थायी विद्युत कनेक्शन हैं? कम्पनी द्वारा अस्थायी विद्युत कनेक्शन की क्या कोई अधिकतम समय-सीमा निर्धारित हैं? वित्तीय वर्ष 2019-20 से दिसम्बर 20 तक कितने उपभोक्ताओं से स्थायी कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई है? विद्युत संभागवार जानकारी दें। (ख) इतनी बड़ी संख्या में अस्थायी घरेलू विद्युत कनेक्शन के स्थायी कनेक्शन में न बदलने के क्या कारण हैं? कारणों से अवगत कराएं। (ग) क्या अस्थायी घरेलू विद्युत कनेक्शन में उपभोक्ताओं पर स्थायी कनेक्शन की अपेक्षा दो गुने से ज्यादा वित्तीय भार पड़ता हैं? क्या विद्युत कम्पनी उपभोक्ताओं की परेशानियों को दरकिनार करते हुए अधिक राजस्व कमाने की दृष्टि से जानबूझकर अस्थायी कनेक्शनों को स्थायी कनेक्शन में नहीं बदलना चाहती? यदि नहीं, तो कब तक इस अस्थायी कनेक्शनों को स्थायी कनेक्शनों में बदल दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जबलपुर शहर में वर्तमान में 4045 अस्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन संयोजित है। मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 4.43 के अनुसार कोई भी व्यक्ति दो वर्ष से कम अवधि के लिये अस्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन कर सकता है एवं आवश्यकता के दृष्टिगत इसे कुछ विशेष प्रयोजनों हेतु 5 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 से दिसम्बर 2020 तक 18904 आवेदकों से स्थाई घरेलू कनेक्शन हेतु प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध 17845 आवेदकों को विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये, 991 आवेदकों के आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त किये गये एवं 68 आवेदकों के आवेदन आवश्यक औपचारिकताऍं पूर्ण किये जाने हेतु/कार्य पूर्ण किये जाने हेतु लंबित हैं, जिसकी संचालन-संधारण संभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अस्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन को स्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन में परिवर्तित करने के प्रावधान नहीं है तथापि विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध होने पर आवेदक द्वारा आवश्यक राशि जमा करने सहित नियमानुसार समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने पर स्थाई घरेलू कनेक्शन दिया जा सकता है। (ग) विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं हेतु टैरिफ का निर्धारण म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के कार्य क्षेत्र में आता है तथा आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ के अनुसार ही अस्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं को बिल जारी किये जाते हैं। उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध होने पर आवेदक द्वारा आवश्यक राशि जमा करने सहित नियमानुसार समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर स्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन दिया जा सकता है। अत: तत्संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
नगर विदिशा में अधिकार आंदोलन के तहत आमजन की समस्याओं के निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 5022 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01.02.2021 को नगर विदिशा अंतर्गत असंगठित कामगार कांग्रेस द्वारा आम जनता की मूलभूत समस्याओं एवं शासन योजनाओं के संबंध में आयोजित कार्यक्रम में एकत्रित आवेदन मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद विदिशा को दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो कुल कितने आवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद विदिशा को प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनवार समस्याओं के संक्षिप्त विवरण सहित आवेदक के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में कितने आवेदनों पर निराकरण हेतु कार्यवाही की गई एवं कितने आवेदनों पर अभी समस्याओं के निराकरण हेतु कार्यवाही की जाना शेष है? शेष आवेदनों पर कब तक निराकरण हेतु कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 551 आवेदन प्राप्त हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
गृह निर्माण मण्डल द्वारा नगर विदिशा में बनाये गये आवास भवनों के विक्रय पत्रों का निष्पादन
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 5023 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर विदिशा अंतर्गत टीलाखेडी क्षेत्र में वर्ष 1980-81 में ग्रामीण आवासीय योजनांतर्गत 240 के लगभग आवासीय भवनों का निर्माण कार्य कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त भवनों के मूल्य निर्धारण एवं विक्रय पत्र निष्पादन की कार्यवाही कर दी गई है? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दें कि 40 वर्ष उपरांत भी हितग्राहियों के हित में उक्त कार्यवाही नहीं किये जाने के लिये दोषी कौन है एवं कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में आयुक्त गृह निर्माण मण्डल की एवं कलेक्टर विदिशा को पत्र क्रमांक 5015, दिनांक 15.10.2020 एवं पत्र क्रमांक 5142 दिनांक 22.12.2020 के माध्यम से यथाशीघ्र कार्यवाही हेतु अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो पत्र के क्रम क्या कार्यवाही की गई? की कार्यवाही सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) टीलाखेड़ी विदिशा में मण्डल द्वारा वर्ष 1979-80 में 189 पूर्ण भवन एवं 55 कुर्सी स्तर ग्रामीण जनता भवनों का निर्माण किया गया था। वर्ष 1987 में कलेक्टर विदिशा की मांग पर 59 पूर्ण भवन एवं 24 कुर्सी स्तर ग्रामीण जनता भवनों का हस्तांतरण किया गया। शेष 130 पूर्ण भवन एवं 31 कुर्सी स्तर भवनों का आवंटन मण्डल द्वारा किया गया। (ख) जी नहीं। कलेक्टर के आदेशानुसार विकासखण्ड अधिकारी को हस्तांतरित 59 पूर्ण भवन, 24 कुर्सी स्तर भवन एवं 122 भूखण्ड का मूल्य निर्धारण एवं विक्रय पत्र निष्पादन की कार्यवाही विकासखण्ड अधिकारी द्वारा की जायेगी। मण्डल के आधिपत्य में पूर्ण 130 भवन एवं 31 कुर्सी स्तर भवनों का मण्डल द्वारा भाड़ाक्रय आधार पर आवंटन 1987-88 में किया गया था, जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि इन भवनों की कीमत में भूखण्ड का मूल्य भूमि की कीमत कलेक्टर द्वारा निर्धारित होने पर एक मुश्त जमा करना होगा। वर्तमान में कलेक्टर, विदिशा/शासन द्वारा भूमि का मूल्य एवं आवंटन आदेश जारी नहीं किया गया है। मात्र भूमि का अग्रिम आधिपत्य ही दिया गया था। इसलिए हितग्राहियों का विक्रय विलेख लंबित है। कलेक्टर, विदिशा से तत्संबंध में संपर्क एवं पत्राचार कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मान. विधायक जी के उक्त पत्र कलेक्टर कार्यालय विदिशा में प्राप्त हुए हैं, जो अनुविभागीय अधिकारी, विदिशा को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है, जिस पर कार्यवाही गतिशील है।
क्रय की गई सामग्री की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
142. ( क्र. 5026 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस योजना में किस सामग्री की खरीदी की गई है? समस्त ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह खरीदी किन संस्थाओं के माध्यम से किस पद्धति से खरीदी गई? उनके बिल एवं कार्यादेश व भुगतान संबंधी समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या आवश्यकता न होने के बावजूद भी फर्नीचर एवं पुस्तकों की खरीदी कर प्रदेश के कॉलेजों में पहुंचाया गया है? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत योजनाओं एवं परियोजनाओं के अंतर्गत जो सामग्री क्रय की गई है उसका ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यह खरीदी जिन संस्थाओं के माध्यम से एवं पद्धति से खरीदी गई है, उनका कार्यादेश व भुगतान संबंधी दस्तावेज भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपरोक्त योजनाओं एवं परियोजनाओं के अंतर्गत महाविद्यालयों की मांग एवं आवश्यकता अनुसार ही सामग्री क्रय की गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आयुष विभाग अंतर्गत आयुर्वेदिक, हॉम्योपेथिक एवं यूनानी कॉलेजों की जानकारी
[आयुष]
143. ( क्र. 5027 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने शासकीय एवं निजी आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी कॉलेज हैं। निजी कॉलेजों, स्थापना एवं संचालकों सहित संपूर्ण जानकारी दें। क्या संचालित निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों को प्रत्येक वर्ष अथवा दो वर्ष में एक बार अथवा कितने वर्ष में केन्द्र एवं राज्य से अनुमति लेने का नियम है? यदि हाँ, तो बतावें कि विगत 5 वर्षों में किन-किन तिथियों को निरीक्षण और अनुमतियां हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अनुमति मिलने के बाद ही नवीन प्रवेशों का प्रावधान है या बिना अनुमति के भी प्रायवेट कॉलेजों में काउंसलिंग एवं सीधे प्रवेश लेने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में मध्यप्रदेश के प्रायवेट आयुर्वेदिक कॉलेजों में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रवेश किस कॉलेज में दिये गये हैं? वर्ष एवं कॉलेजवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ''अनुसार। निजी कॉलेज, स्थापना एवं संचालकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। राज्य शासन द्वारा महाविद्यालय की स्थापना के पूर्व अनापत्ति प्रदान की जाती है। भारत सरकार द्वारा प्रायः प्रत्येक वर्ष प्रवेशानुमति प्रदान की जाती है। विगत 05 वर्षों में निरीक्षण एवं अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स''अनुसार। (ख) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिक्षण सत्र 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में ऑनलाईन के माध्यम से प्रवेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द''अनुसार।
नगरपालिका के मस्टरकर्मियों का पारिश्रमिक भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 5032 ) श्री सचिन बिरला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की नगर पालिकाओं में दिनांक 1 सितम्बर 2016 के बाद से मस्टर कर्मियों को रखे जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ तो परिपत्र की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शित अवधि के बाद प्रदेश की नगरपालिकाओं में मस्टर कर्मी नियुक्त किये गये हैं? यदि हॉं तो खरगौन जिला नगर पालिका में वर्तमान में कार्यरत कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल मस्टर कर्मियों की संख्या दी जावे। (ग) क्या कोविड-19 के कार्य हेतु नगरीय निकायों में कम्प्यूटर ऑपरेटरों को मस्टरकर्मी के रूप में लगाया गया है? यदि हॉं तो उनकी संख्या दी जावे। नियमानुसार कम्प्यूटर ऑपरेटरों को कुशल, अर्द्धकुशल अथवा अकुशल में से किस दर से पारिश्रमिक का भुगतान किया जाने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कम्प्यूटर ऑपरेटरों को कोविड अवधि में किस दर से पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है? भुगतान की तारीख एवं राशि बतावें। यदि पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया है तो उसका कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। खरगौन जिले की नगरपालिका सनावद तथा बड़वाह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगरपालिका बड़वाह द्वारा कोविड- 19 के कार्य हेतु कम्प्यूटर ऑपरेटरों को लगाया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
सतपुड़ा ताप विद्युत सारनी के क्रय विक्रय शाखा द्वारा बरती अनियमितता की जॉंच
[ऊर्जा]
145. ( क्र. 5039 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह अगस्त 2020 से प्रश्न दिनांक तक सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के सिविल संभाग द्वारा कार्य एवं क्रय हेतु प्रेषित मांग पत्र का अवलोकन विद्युत गृह की क्रय एवं कार्य शाखा द्वारा लिखी गई टीप सिविल संभाग को भेजी टीप का जावक क्रमांक एवं निविदा आमंत्रण की तिथि सहित संपूर्ण विवरण देवें क्या आने वाले समय में अनावश्यक विलम्बता के कारण ताप ईकाईयों का काफी बड़ी क्षति नहीं होगी? (ख) क्या सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के सिविल संकाय में कार्य की कार्यमात्रा/मदमात्रा/समान क्रय की क्रय मात्रा के अनुमोदन पर क्रय एवं कार्य शाखा के प्रभारी राजीव श्रीवास्तव अतिरिक्त मुख्य अभियंता (उत्पादन) जो की 32 वर्षों से सारनी में पदस्थ हैं अनावश्यक टिप्पणियॉं लिख रहे हैं। इन टिप्पणियों का निरन्तर उत्तर-प्रतिउत्तर की प्रक्रिया सिविल संकाय सारनी से कुछ हासिल होने पर ही फाईल जबलपुर भेजी जाती है। (ग) (क) एवं (ख) खण्ड की कमेटी बनाकर एवं राजीव श्रीवास्तव को हटाकर जॉंच करायेंगे। जॉंच में सभी संबंधित अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन अभियंता एवं सहायक यंत्री के बयान भी दर्ज कर जॉंच में शामिल किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के सिविल संभाग के सभी क्रय एवं कार्य प्रस्ताव सहमति हेतु विद्युत गृह की क्रय एवं कार्य शाखा में प्रस्तुत किये जाते है, जिन्हें प्रोक्योरमेंट मेनुअल/डी.ओ.पी./कार्य की आवश्यकता/मात्रा हेतु परीक्षण उपरांत पाई गई कमियों के निराकरण हेतु सिविल संभाग को टीप द्वारा भेजा जाता है। प्रस्तावों का परीक्षण एक आवश्यक एवं सतत् प्रक्रिया है, अत: अनावश्यक विलंब एवं किसी प्रकार की क्षति का प्रश्न नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में क्रय एवं कार्य शाखा द्वारा सिविल संभाग को भेजी गई टीप का जावक क्रमांक एवं निविदा आमंत्रण सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, क्रय एवं कार्य शाखा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी द्वारा म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के प्रोक्योरमेंट मेनुअल एवं डी.ओ.पी. के अनुसार ही प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। परीक्षण उपरान्त, कमी पाए जाने पर प्रस्तावों पर टिप्पणी दर्ज करना एक सामान्य एवं आवश्यक प्रक्रिया है, अन्यथा अनावश्यक कार्य/क्रय एवं नियमों की अवहेलना की स्थिति निर्मित हो सकती है। जी नहीं, सिविल संभाग, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी द्वारा समस्त प्रश्नों के निराकरण उपरांत प्रस्ताव मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा अनुमोदन हेतु मुख्य अभियंता (सिविल इंजीनियरिंग) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी को अग्रेषित किये जाते हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी अन्य कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
ताप विद्युत गृहों को कोल इण्डिया से प्राप्त होने वाले कोयले की ग्रेड अनुसार भुगतान की जानकारी
[ऊर्जा]
146. ( क्र. 5041 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जनरेंटिंग कम्पनी के सभी ताप विद्युत गृहों को कोल इण्डिया प्रा.लि. कम्पनी से कितना कोयला वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुआ? ताप विद्युत गृह का नाम, वर्षवार, माहवार, प्रतिमाह प्राप्त होने वाला कोयला मीट्रिक टन, ग्रेडवार मीट्रिक, कितनी राशि कोल इण्डिया से लेना या देना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोल इण्डिया प्रा.लि. कम्पनी द्वारा वर्ष 2016 से किन ग्रेडों का कोयला ताप विद्युत गृहों को प्रदाय किया गया? वर्षवार, ताप गृहवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कोल इण्डिया प्रा.लि. कंपनियों को ग्रेडवार कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? वर्षवार, ताप गृहवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या कोल इण्डिया प्रा.लि. कम्पनी को ग्रेड अनुसार ज्यादा राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि कोल इण्डिया प्रा.लि. कम्पनी को भुगतान की गई है? क्या अधिक राशि भुगतान की वसूली की जायेगी? ग्रेड अनुसार अधिक भुगतान करने के पीछे क्या कारण है? अधिक भुगतान करने वाले दोषियो पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी के सभी ताप विद्युत गृहों को कोल इण्डिया लि. से वर्ष 2016 से माह जनवरी 2021 तक की स्थिति में ताप विद्युत गृहवार, वर्षवार, माहवार प्राप्त होने वाला कोयले की मात्रा (मीट्रिक टन में) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार एवं ग्रेडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। उल्लेखित है कि कोल इंडिया लि. को, कोयले की राशि का भुगतान अग्रिम रूप से किया जाता है एवं कम ग्रेड अथवा अधिक ग्रेड का कोयला प्राप्त होने पर अंतर की राशि को कोल इण्डिया से क्रमश: वसूला जाता है अथवा दिया जाता है, जिसकी माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) कोल इण्डिया लि. द्वारा वर्ष 2016 से जिस-जिस ग्रेड का कोयला ताप विद्युत गृहों को प्रदाय किया गया है, उसकी वर्षवार, ताप विद्युत गृहवार, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ग) कोल इण्डिया लि. द्वारा ग्रेडवार जारी किये गये माहवार, वर्षवार, ताप विद्युत गृहवार बिलों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है, जिसका समयानुसार भुगतान किया गया। (घ) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा ताप विद्युत गृहों में प्राप्त कोयले का भुगतान कोल इंडिया लिमिटेड को कोल प्रदाय अनुबंध के अनुसार निर्धारित ग्रेड के आधार पर किया जाता है। इस हेतु कोयले की निश्चित मात्रा का अग्रिम भुगतान प्रतिमाह तीन किश्तों में किया जाता है। प्रदाय किये जाने वाले कोयले का ग्रेड हमेशा निर्धारित ग्रेड के समान नहीं होता है। अत: तीसरी किश्त का भुगतान, सी.आई.एम.एफ.आर. द्वारा लोडिंग छोर पर सेम्पलिंग में प्राप्त ग्रेड के आधार पर, अग्रिम राशि में से राशि के समायोजन उपरान्त किया जाता है। यह प्रक्रिया कोल कंपनियों से किये गये अनुबंध के अनुसार एक सतत् प्रक्रिया है, अत: किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
जेलों की स्थिति के संबंध में l
[जेल]
147. ( क्र. 5050 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत कैदियों को रखे जाने हेतु किन-किन स्थानों पर कितनी क्षमता (संख्या) की कुल कितनी जेल व उप जेल है व उनमें महिला, गंभीर बीमार, विकलांग, विक्षिप्त, अर्द्ध विक्षिप्त बंद कैदियों की प्रश्न दिनांक तक कितनी संख्या है? (ख) शासन/विभाग द्वारा जेलों का विस्तारीकरण किये जाने की कार्ययोजना पर विचार किया जा रहा है तो कार्ययोजना किस प्रकार की बनाई जा रही है? (ग) बंद कैदियों के स्वास्थ्य, अध्ययन, अध्यापन हेतु साहित्य, सकारात्मक विचारों हेतु तथा रोजगारोन्मुखी किस-किस प्रकार के कार्य संचालित किये जा रहे हैं? उसके अच्छे परिणाम क्या आए? (घ) अवगत कराएं कि वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले की विभिन्न जेलों, उप जेलों में विभिन्न कार्यों को किये जाने हेतु वर्षवार कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी दें l
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रतलाम जिले में 1 जिला जेल एवं 2 उप जेल हैं, जिनकी चाहे अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रतलाम में नए जेल भवन बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है तथा उप जेलों की क्षमता में वृद्धि का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ग) तीनों जेलों में बंदियों के स्वास्थ्य हेतु अंशकालीन चिकित्सक हैं तथा आध्यात्मिक एवं सकारात्मक विचारों के उन्नयन की पुस्तिकाएं जेलों की लायब्रेरी में उपलब्ध हैं। अत: जिला जेल रतलाम में बंदियों को विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने एवं परीक्षा देने की सुविधा है, कौशल विकास हेतु इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण तथा महिला बंदियों को कागज के लिफाफे, कपड़े का बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। बंदियों में सकारात्मक परिणाम आए हैं। (घ) प्रश्नावधि में जेलों में कराए गए कार्यों का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
नगरीय निकाय कार्यों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 5051 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में नगरीय निकाय क्षेत्र अंतर्गत किन-किन स्थानों पर किस-किस वर्ष से कॉलोनाईजर का लायसेंस प्राप्त कर कॉलोनियॉं काटी गई? निकायवार जानकारी दें। (ख) कॉलोनाईजरों से कितनी-कितनी राशि कॉलोनी लायसेंस के लिए प्राप्त हुई तथा कॉलोनी लायसेंस शुल्क से प्राप्त राशि के उपयोग के लिए निकाय के क्या नियम हैं एवं क्या संबंधित निकायों द्वारा इसका उपयोग किया गया? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार उल्लेखित प्रश्नांश (क) संबंधित जानकारी निकायवार प्रदान करें तथा विभिन्न निकायों को विकास अनुमति शुल्क एवं सुपरविजन शुल्क के रूप में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं इस राशि के उपयोग के क्या नियम हैं? क्या दोनों प्रकार की शुल्क राशि का उपयोग किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों पर? निकायवार बताएं l (घ) निकायों को कितनी-कितनी आश्रय शुल्क तथा अतिरिक्त आश्रय शुल्क के रूप में राशि प्राप्त हुई तथा प्राप्त राशि के उपयोग के लिए क्या नियम है? क्या निकायों द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग किया गया तो किस प्रकार के कार्य किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से किये गये? निकायवार कालोनाईजर व कालोनाईजर द्वारा काटी गई कालोनी के संदर्भित स्पष्ट जानकारी प्रदान करें l
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' के कॉलम-02, कॉलम-03 एवं कॉलम-05 में है। (ख) कॉलोनाईजर्स से लाईसेंस के लिए प्राप्त राशि की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' के कॉलम- 06 में है तथा इस राशि के उपयोग के लिए पृथक से कोई नियम नहीं है। इस मद में प्राप्त राशि का उपयोग निकाय द्वारा अपने कार्यों में किया जाता है। (ग) कॉलोनाईजर्स से विकास अनुमति शुल्क एवं सुपरविजन शुल्क के रूप में प्राप्त राशि की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' के कॉलम-07 एवं कॉलम-08 में है, इस राशि के उपयोग के लिए पृथक से कोई नियम नहीं है। निकाय द्वारा इस राशि का उपयोग सामान्यत: किसी विशिष्ट कार्य के लिए नहीं किया जाता, इसलिए कार्यों की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' के कॉलम-09 एवं कॉलम-10 में है तथा आश्रय शुल्क के उपयोग के लिए म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम-10 के उपनियम (17) में प्रावधान है एवं अतिरिक्त आश्रय शुल्क के उपयोग के लिए 06 नवम्बर 2019 को नियम-10 के उपनियम (8) में खण्ड (तीन) जोड़ा गया है। जी हाँ, जिन निकायों द्वारा राशि का उपयोग किया गया है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
पाईप लाईन बिछाने से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 5058 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीसी रोड पर पेयजल पाईप लाईन बिछाते समय बड़ी मात्रा में सीसी रोड एवं पेवर्स रोड तोड़े जाने से नागरिकों को होने वाली असुविधाओं की जानकारी शासन को है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इसके समाधान हेतु क्या-क्या प्रावधान किये गये हैं। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के नगरीय निकाय क्षेत्रों में प्रश्नगत पाईप लाईन के प्राक्कलन तैयार करते समय प्रश्नांश (क) अनुसार निर्देशित प्रावधान शामिल किये गये हैं? यदि हाँ, तो इन निकायों में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की गई है अथवा नहीं? निवाड़ी जिले में की गई क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की जानकारी निकाय वार एवं वार्डवार दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्षतिग्रस्त सड़कों से आम नागरिक यदि पीड़ित हैं तो समस्या का निराकरण कब तक किया जा सकेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। पेयजल की योजनाओं में पाईप लाईन डालने के पश्चात रोड की मरम्मत का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। इन निकायों में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शेष क्षतिग्रस्त सड़कों/पेवर्स की मरम्मत का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किया जाना लक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ओरछा में मिनी स्मार्ट सिटी के सम्बंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 5059 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले के अन्तर्गत ओरछा में मिनी स्मार्ट सिटी की कार्य योजना शासन द्वारा स्वीकृत है? यदि हाँ, तो इस योजना के अन्तर्गत स्वीकृति दिनांक से अब तक कौन-कौन से कार्य कराये जा चुके हैं? कार्य का नाम एवं विवरण, स्वीकृत लागत राशि एवं कार्य के पूर्ण अथवा निर्माणाधीन की विस्तृत जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले कार्यों की जानकारी- कार्य का नाम एवं विवरण, अनुमानित लागत राशि एवं कार्य पूर्णतः की सम्भावित तिथि सहित दी जावे। (ग) ओरछा मिनी स्मार्ट सिटी अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष में कौन-कौन से कार्य प्राथमिकता से किये जाना है की जानकारी कार्य का नाम एवं विवरण, अनुमानित लागत राशि उपलब्ध कराई जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉं। मिनी स्मार्ट सिटी ओरछा के अंतर्गत कराये जा चुके कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है (ख) प्रश्नाशं (क) अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार है। (ग) मिनी स्मार्ट सिटी ओरछा अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
दर्ज अपराध एवं अवैध वसूली
[गृह]
151. ( क्र. 5065 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में हत्या, हत्या का प्रयास, चाकूबाजी, लूट, रंगदारी, अवैध वसूली, शराब तस्करी, जुआं एवं मारपीट के अलग-अलग कितने प्रकरण दर्ज हुए। माहवार थानावार जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या पुलिस विभाग को माल वाहन, सवारी वाहन एवं व्यक्तिगत वाहनों के चालान करने का अधिकार है? यदि हॉं तो किस प्रकार की कमी होने पर चालन किया जाता है? छतरपुर जिला में उक्त चालानों से जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितना राजस्व शासन को विभिन्न थानों से प्राप्त हुआ? जिले की सीमा में आने वाले मालवाहक वाहनों से क्या किसी प्रकार की अवैध वसूली की शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हॉं तो कहॉं-कहॉं पर?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं। मोटर यान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटर यान अधिनियम 1989, म.प्र. मोटर यान अधिनियम 1994 के तहत पुलिस विभाग को माल वाहन, सवारी वाहन एवं व्यक्तिगत वाहनों के चालान करने के अधिकार है। उक्त अधिनियमों के अन्तर्गत वाहनों में कमी/अनियमितता पायी जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। छतरपुर जिले में 01.01.2019 से 23.02.2021 तक कुल रू.1,82,81,500/- का राजस्व शासन को विभिन्न थानों से प्राप्त हुआ है। जी हाँ, इस प्रकार की एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जॉंच उपरान्त लगाए गए आरोप निराधार पाए गए।
जबलपुर में यातायात व्यवस्था
[गृह]
152. ( क्र. 5083 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिलें में यातायात पुलिस अंतर्गत कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद भरे हैं, कितने पद रिक्त हैं? (ख) यातायात पुलिस जबलपुर को यातायात नियंत्रण हेतु विगत पांच वर्षों में कब-कब, कौन-कौन से संसाधन उपलब्ध कराये गये? (ग) जबलपुर जिले के ऐसे कितने स्थान हैं जहाँ व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स/निजी आवासीय भवनों के स्वामियों द्वारा नियम विरुद्ध पार्किंग के निर्धारित स्थान का उपयोग भिन्न प्रयोजन से किये जाने के कारण लोगों को वाहन सड़क पर खड़े करने पड़ते हैं व यातायात जाम की स्थिति निर्मित होती है? उक्त के संबंध में कब कब क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) जिले के कौन-कौन से चौराहे/तिराहे नियमित रूप से यातायात जाम की चपेट में रहते हैं? उक्त जाम की स्थिति से निपटने हेतु यातायात पुलिस द्वारा क्या क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) जबलपुर जिले के लगभग 23 स्थानों पर व्यवसायिक कॉम्पलेक्स/निजी आवासीय भवनों के स्वामियों द्वारा नियम विरूद्ध पार्किंग के निर्धारित स्थान का उपयोग भिन्न प्रयोजन से किये जाने के कारण लोगो को वाहन सड़क पर खड़े करने पड़ते है व यातायात जाम की स्थिति निर्मित होती है। यातायात पुलिस द्वारा सड़कों पर जाम की स्थिति होने पर पी.ए.सिस्टम से अनाउंसमेंट कर वाहनों को व्यवस्थित करवाया जाता है तथा नो पार्किंग/आमरोड पर बेतरतीब खड़े वाहनों के विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालानी कार्यवाही की जाती है। नगर निगम व यातायात पुलिस जबलपुर द्वारा संयुक्त कैटल वाहन के द्वारा/क्रेन कार्यवाही कर ऐसे वाहन चालकों से समन शुल्क/तोईंग चार्ज वसूल किया जाता है। (घ) शहर के मुख्य तिराहों-चौराहों जैसे ब्लूम चौक, घमापुर चौक, मदनमहल चौक, रद्दीचौकी पर व्यस्ततम समय में यातायात का दबाव होने पर यातायात के बल, ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम व एनाउंसमेंट द्वारा एवं आवश्यकता पड़ने पर डायवर्सन का उपयोग कर सुगम यातायात संचालन सुनिश्चित किया जाता है।
विद्युतीकरण एवं विभागीय सेवारत कर्मचारियों के संबंध में
[ऊर्जा]
153. ( क्र. 5088 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने ग्राम है? जहां प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया है? यदि हां? तो कब तक उक्त ग्राम में विद्युतीकरण का कार्य करा दिया जायेगा? नहीं तो क्यों? (ख) मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2019-20 से अब तक विद्युत करंट से हुई दुर्घटना में कितने व्यक्तियों की जानें गई हैं तथा विभाग द्वारा पीड़ित पक्ष को कितनी अनुदान सहायता राशि उपलब्ध कराई गई? जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें? (ग) रीवा जिले में वर्ष 2018 से अब तक विद्युत मंडल में कुल कितने कर्मचारी किन-किन पदों पर कब से सेवारत है? (घ) प्रश्नांश 'ग' के सन्दर्भ में जिले में ऐसे कितने कर्मचारी सेवारत है? जिन पर शिकायती प्रकरण लंबित है तथा अब तक क्या-क्या विभागीय कार्यवाही की गई है? संबंधित दस्तावेजों के साथ जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कोई भी ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2019-20 में विद्युत दुर्घटना में दो बाहरी व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। उक्त दोनों प्रकरणों में निर्धारित पात्रता नहीं होने के कारण अनुदान सहायता राशि नहीं दी गई है। वर्ष 2020-21 में दिनांक 28.02.2021 तक विद्युत दुर्घटना में दो बाहरी व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। उक्त दोनों प्रकरणों में पात्रता निर्धारण हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पात्रता पाए जाने पर नियमानुसार पीडि़त पक्ष को आर्थिक अनुदान सहायता राशि दी जा सकेगी। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के अंतर्गत रीवा जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कार्यरत कर्मचारियों की पदवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में रीवा जिले में ऐसे 5 कर्मचारी कार्यरत हैं जिन पर शिकायती प्रकरण लंबित हैं। इन प्रकरणों में अब तक की गई विभागीय कार्यवाही का दस्तावेजों सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
अधिकारियों/कर्मचारियों को सेवाकाल पूर्ण होने के उपरान्त समयमान वेतनमान
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 5091 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये महापौर परिषद संकल्प क्र.02 दिनांक 28.12.2014 द्वारा म.प्र. शासन, वित्त विभाग, मंत्रालय, भोपाल के ज्ञापन क्रमांक एफ.11-17/2014/नियम/चार, भोपाल दिनांक 30.09.2014 में राज्य शासन द्वारा समस्त अधिकारी/कर्मचारियों को समान संवर्गों के लिये सुनिश्चित केरियर प्रोन्नयन योजना लागू कर, उनके 30 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण करने पर तृतीय समयमान, वेतनमान दिया गया है, को उक्त संकल्प एवं दिनांक निगम के आदेश पृष्ठां. क्र.247-255/14 दिनांक 29/12/14 द्वारा यथावत प्रभावशील किया गया है? (ख) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा पुन:मेयर इन कौंसिल के संकल्प क्र.04 दिनांक 29.11.2019 के द्वारा पुन: उक्त आदेश को नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के आदेश क्र. एफ-4-177/2019/18-1 भोपाल दिनांक 24.09.2019 अनुसार पुन: निगम अधिकारी/कर्मचारियों के लिये यथावत् प्रभावशील करने के आदेश प्रसारित किये गये हैं? (ग) उक्त आदेश वर्ष 2014 तक सेवारत् कर्मचारियों को लाभ दिये जाने हेतु जारी किया गया एवं 2018 तक नगर निगम भोपाल में जो अधिकारी/कर्मचारी सेवारत् थे, उनको तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिये जाने का क्या कारण है एवं किन नियमों के अन्तर्गत उन्हें उक्त लाभ से वंचित रखा गया है? (घ) नगर निगम भोपाल के कण्डिका (ग) में दर्शित अधिकारी/कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ कब तक दिया जावेगा? (ङ) क्या पेंशन शाखा के आदेश दिनांक 22/01/2021 द्वारा क्या श्री शैलेन्द्र पारे, सेवा निवृत्त, उप राजस्व निरीक्षक को निगम आयुक्त के आदेश दिनांक 08.10.2020 एवं उपायुक्त पेंशन नगर निगम भोपाल की स्वीकृति दिनांक 27.10.2020 अनुसार 30 वर्ष की सेवा अवधि के आधार पर तृतीय समयमान वेतनमान की गणना स्वीकृत की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। परन्तु वित्त विभाग का उक्त आदेश नगरनिगम के कर्मचारियों के लिये प्रभावशील न होने के कारण तत्समय लाभ प्रदान नहीं किया जा सका। (ख) जी हाँ। (ग) शासन आदेश क्रमांक 4-177/2019/18-1 दिनांक 18 सितंबर 2019 तथा 24 सितबंर 2019 के निर्देशानुसार परिधि में आने वाले एवं पात्रता रखने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। किसी को वंचित नहीं रखा गया है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार लाभ प्रदान किया जा रहा है। (ङ) जी हाँ।
नगर निगम भोपाल में कार्यरत कर्मचारियों की जी.पी.एफ./ई.पी.एफ राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 5092 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम के नियमित कर्मचारियों की जी.पी.एफ. की राशि एवं विनियमित/25 दिवसीय कर्मचारियों की ई.पी.एफ. राशि विभाग द्वारा कब से जमा नहीं हुई? (ख) विभाग द्वारा जी.पी.एफ. एवं ई.पी.एफ. की राशि जमा न किये जाने के क्या कारण हैं? राशि जमा न किये जाने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या संबंधितों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि जी.पी.एफ., ई.पी.एफ. की राशि कर्मचारी के वेतन से निरंतर काटी जा रही है और संबंधित के खाते में जमा नहीं की जा रही है तो उक्त राशि का उपयोग कहां हो रहा है? इसका जिम्मेदार कौन है? क्या संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम भोपाल द्वारा नियमित कर्मचारियों के जीपीएफ की राशि निरंतर जमा की जा रही है एवं विनियमित/25 दिवसीय श्रमिकों की ईपीएफ की राशि माह अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2020 तक लंबित हैं। (ख) निगम द्वारा नियमित कर्मचारियों की जीपीएफ की राशि निरंतर जमा की जा रही है। पर्याप्त फंड उपलब्ध न होने के कारण ईपीएफ की राशि बकाया है। वर्तमान में ईपीएफ की राशि जमा की जा रही है इसलिये शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ईपीएफ की राशि का कटौत्रा किया गया है परन्तु पर्याप्त फंड उपलब्ध न होने से जमा नहीं किया गया है। उक्त राशि का दुरूपयोग न किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक अभियंता की बर्खास्तगी के संबंध में
[ऊर्जा]
156. ( क्र. 5094 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री धनंजय रणदीवे, सहायक अभियंता (संविदा) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड (संचालन एवं संधारण) संभाग सतना में पदस्थ रहे हैं? (ख) श्री धनंजय रणदीवे, सहायक अभियंता (संविदा) को किन आरोपों में किन नियम के अंतर्गत बिना सूचना, बिना जाँच किये निलंबित कर सेवा से बर्खास्त किया गया है? (ग) क्या सेवा में बर्खास्त करने के पश्चात उन्हें शोकाज नोटिस, स्पष्टीकरण प्रदान करने का पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? साथ ही उक्त कर्मचारी को पुन: सेवा में लेने हेतु माननीय मुख्यमंत्री सी.एम. सचिवालय से पत्र क्रमांक 2862/सीएमएस/2019 दिनांक 25/09/2019 मॉनिट ए के माध्यम से एवं अध्यक्ष/प्रबंध संचालक, म.प्र. पॉवर मैनजमेंट कं. लिमिटेड भोपाल एवं माननीय आयुष मंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा नोटशीट विभाग को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) श्री धनंजय रणदीवे, सहायक अभियंता (संविदा) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड (संचालन एवं संधारण) संभाग सतना द्वारा अपनी स्पष्टीकरण एवं समस्त जानकारी विभाग में प्रस्तुत करने के बाद भी इन्हें सेवा में क्यों नहीं लिया गया? यदि सेवा में वापस लिया जाएगा तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक ऊर्जा विभाग के अंतर्गत समस्त विद्युत वितरण कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों को भी पूर्व में सेवा से बर्खास्त/निलंबित किया गया था? उन्हें किस नियम के तहत बहाल कर पुन: सेवा में लिया गया है? उनकी नाम, पदनाम, जिला सहित सूची उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, श्री धनंजय रणदीवे, सहायक अभियंता (संविदा), संचालन एवं संधारण संभाग सतना, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में पदस्थ थे। (ख) श्री धनंजय रणदीवे, सहायक अभियंता (संविदा) को लड़वारी विद्युत वितरण केंद्र में पदस्थापना के दौरान राजस्व संग्रहण में प्रदान लक्ष्य के विरूद्ध राजस्व संग्रहण नहीं करने तथा लक्ष्य प्राप्ति हेतु कोई सार्थक प्रयास नहीं करने एवं कर्त्तव्य निष्पादन में बरती गयी लापरवाही के फलस्वरूप कंपनी के आदेश क्रमांक 6489 दिनांक 01.11.2014 से लड़वारी वितरण केंद्र, (संचालन एवं संधारण) संभाग, पृथ्वीपुर से कोठी वितरण केंद्र (संचालन एवं संधारण) संभाग, सतना में स्थानांतरित कर कार्यमुक्त किया गया। स्थानांतरण आदेश के अनुपालन में श्री धनंजय रणदीवे, सहायक अभियंता (संविदा) द्वारा दिनांक 12.11.2014 तक कोठी वितरण केंद्र का कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया और न ही अनुपस्थिति बावत कोई सूचना कार्यालय में दी गयी। अत: उक्त कर्त्तव्य विमुखता के फलस्वरूप कंपनी के आदेश क्रमांक 1345 दिनांक 12.11.2014 द्वारा उन्हे निलंबित किया जाकर उनका मुख्यालय संचालन एवं संधारण संभाग, सतना नियत किया गया। उपरोक्त कृत्य के लिए पत्र क्रमांक 1366 दिनांक 14.11.2014 द्वारा श्री धनंजय रणदीवे को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं पत्र क्रमांक 1495 दिनांक 28.11.2014 से आरोप पत्र जारी कर विभागीय जाँच प्रस्तावित की गयी। श्री धनंजय रणदीवे द्वारा पत्र दिनांक 20.12.2014 से कारण बताओ सूचना का प्रत्युत्तर एवं पत्र दिनांक 20.12.2014 से आरोप पत्र का बचाव कथन प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में पाया गया कि श्री धनंजय रणदीवे द्वारा संविदा नियमों का उल्लघंन किया गया है एवं नवीन अनुबंध हेतु सहमति पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया। तदानुसार अनुबंध की शर्तों के अनुसार दिनांक 14.01.2015 से श्री धनंजय रणदीवे की संविदा नियुक्ति के अनुबंध में वृद्धि नहीं की गई। (ग) जी नहीं। श्री धनंजय रणदीवे, सहायक अभियंता (संविदा) को जारी किये गये कारण बताओ सूचना पत्र एवं अन्य पत्रों को दिये जाने संबंधी जानकारी उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार है। जी हाँ, उक्त कार्मिक द्वारा किये गये गंभीर कदाचरण एवं कर्त्तव्य विमुखता के कारण संविदा सेवा अनुबंध किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) उक्त कार्मिक द्वारा किये गये गंभीर कदाचरण एवं कर्त्तव्य विमुखता के कारण संविदा सेवा अनुबंध किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ङ) जी हाँ, संविदा सेवा एवं शर्तों के अनुरूप कार्य/आचरण नहीं पाये जाने पर नियमानुसार संविदा कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। उक्त संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु कंपनियों में समय-समय पर प्रचलित संविदा नीतियों के प्रावधानों के तहत्/न्यायालय से प्राप्त आदेशों के तारतम्य में पुन: सेवा में बहाल करने की कार्यवाही की गई है। प्रश्नाधीन अवधि में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में बर्खास्तगी उपरान्त पुन: सेवा में लिए गए संविदा कर्मचारियों/अधिकारियों के नाम, पदनाम एवं जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
पुलिस चौकी की स्वीकृति
[गृह]
157. ( क्र. 5123 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा में विकासखण्ड गंधवानी के ग्राम बिल्दा में पुलिस चौकी स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार विकासखण्ड गंधवानी के ग्राम बिल्दा में पुलिस चौकी की स्वीकृति कब दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गंधवानी विधान सभा में विकासखण्ड गंधवानी के ग्राम बिल्दा में पुलिस चौकी का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने से पुलिस चौकी स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. पुलिस के कर्मियों को वर्दी भत्ता बढ़ोत्तरी के संबंध में
[गृह]
158. ( क्र. 5152 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस के कर्मियों को साइकिल भत्ता, वर्दी भत्ता, पोषण आहार भत्ता अति न्यून दिया जा रहा है, इसे कब तक बढ़ाया जाएगा? (ख) इसी तरह मकान किराया भत्ता भी काफी कम है, इसे कब तक बढ़ाया जाएगा? (ग) इसी तरह आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक के फिक्स डी.ए. में बढ़ोत्तरी कब तक की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस कर्मियों को साइकिल भत्ता 08/- के स्थान पर मोटर सायकल भत्ता 1000/-किये जाने व पोषण आहार भत्ता रूपये 650/- से 10,000/- प्रतिमाह तथा वर्दी भत्ता 60/- को समायोजित कर किट एलाउन्स भत्ता 3000/- से 10,000/- प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में मकान किराया बढाये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को फिक्स डी.ए दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। वर्तमान में आरक्षक को 150/- तथा प्रधान आरक्षक को 175/- फिक्स टीए दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ हेतु बजट प्रावधान
[संसदीय कार्य]
159. ( क्र. 5175 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 एवं प्रश्न दिनांक तक पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ में कितना-कितना बजट प्रावधान किया था? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रावधानित बजट के विरूद्ध कितना-कितना व्यय किस-किस कार्य के लिये, कब-कब किया गया? योजनावार पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में विभाग की क्या कार्ययोजना थी एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संसदीय विद्यापीठ को वर्ष 2019-2020 में रूपये 1,23,66,400/- तथा वर्ष 2020-2021 में प्रश्न दिनांक तक रूपये 1,36,00,000/- का अनुदान दिया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विद्यापीठ द्वारा संसदीय विषयों पर प्रशिक्षण, युवा संसद, सेमिनार, व्याख्यानमाला, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम, विद्यालयीन तथा महाविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता, व्याख्यानमाला, वेबिनार जैसे कार्यक्रम ऑनलाईन आयोजित किये गये हैं। निबंध प्रतियोगिता भी करायी गई है।
विद्युत दुर्घटनाओं के पीडि़तों को मुआवजा अथवा सहायता राशि उपलब्ध कराने बावत्
[ऊर्जा]
160. ( क्र. 5176 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा बाहरी व्यक्तियों के घातक वि़द्युत दुर्घटना होने पर उनके आश्रितों को क्षतिपूर्ति की राशि दी जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-2020 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर एवं भोपाल संभाग में कितने लोगों, कितनी-कितनी राशि दी गई, जिलेवार, नाम, पता राशि पृथक-पृथक बताये। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिपालन में क्या घायल व्यक्ति के लिये भी आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों को, कितनी-कितनी राशि दी गई, जिलेवार, नाम पता राशि पृथक-पृथक बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त के सबंध में दुर्घटना के क्या-क्या कारण रहे? दुर्घटना भविष्य में दोबारा अन्य किसी भी व्यक्ति के साथ घटित ना हो इस हेतु क्या कार्ययोजना विभाग द्वारा बनाई गई है एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) क्या उच्च क्षमता (11 के.व्ही./33 के.व्ही) लाईने रहवासी क्षेत्रों में आ गई है? यदि हाँ, तो रहवासी क्षेत्रों से इसे पृथक करने अथवा भविष्य में कोई जनहानि, पशुहानि, आगजनी न हो इसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) उपरोक्त के सबंध में विभाग के कार्यों में कमी, लापरवाही संज्ञान/शिकायत में आने के बाद उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) राजस्व विभाग, म.प्र.शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी., 6-4) की कंडिका-2, 5 (1) एवं 6 (1) जो कि क्रमश: दुर्घटना में पशु हानि होने पर, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीडि़त परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ग्वालियर एवं भोपाल क्षेत्र के अंतर्गत घटित घातक/अघातक विद्युत दुर्घटनाओं में व्यक्तियों के मृत/घायल होने पर पीडि़त परिवार/निकटतम वारिस/पीडि़त पक्ष को नियमानुसार प्रदाय की गई आर्थिक अनुदान सहायता राशि की नाम, पता जिला सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। ऐसे प्रकरण जो कंपनी में लागू विद्युत दुर्घटना से संबंधित परिपत्रों के प्रावधानों के अनुसार अपात्र पाए गए हैं, को आर्थिक सहायता राशि नहीं दी गई है। (ग) दुर्घटना के मुख्य कारण विद्युत लाईनों के निर्माण के पश्चात लाईनों के समीप मकान का निर्माण, सिंचाई पंप कनेक्शन हेतु खराब/जोड़ लगी सर्विस लाईन उपयोग, दुकान शार्ट सर्किट से आग लगने से, दम घुटने के कारण, विद्युत ट्रांसफार्मरों एवं उपकरणों से छेड़छाड़ करने एवं प्राकृतिक आपदाओं जैसे आंधी, तूफान, बाढ़ आदि के दौरान लाइनों के क्षतिग्रस्त होना रहे हैं। जिन क्षेत्रों में दुर्घटना घटित रहने की संभावना रहती है उन क्षेत्रों से संबंधित नगरीय निकाय अथवा पंचायत द्वारा नियमानुसार राशि जमा करने पर विद्युत लाईनों को उचित स्थान पर विस्थापित किया जाता है। अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। (घ) विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये हैं, जिनके अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय संबंधी विनियम के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृति प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। (ङ) उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित दुर्घटनाओं के संबंध में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्यों में कमी/लापरवाही की कोई शिकायत कंपनी के संबंधित कार्यालयों के संज्ञान में/कार्यालयों में प्राप्त होना नहीं पाया गया। अत: प्रश्न नहीं उठता।
रेल रैक से आने वाले कोयले की जानकारी
[ऊर्जा]
161. ( क्र. 5189 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संजय गांधी ताप बिजली घर बीरसिंहपुर में रेल रैक से आने वाले कोयले के चलती लोडेड रैक वजन करने के लिए क्या INMOTION WAY BRIDGE लगा हुआ है? यदि हाँ, तो यह MPGENCO का स्वयं का है या किसी निजी ठेका कम्पनी का है? यह किस दिनांक से SGTPS में लगा है और इसके लिए कितनी राशि प्रतिमाह भुगतान की जा रही है? ठेकेदार कंपनी का नाम पता आर्डर दिनांक सहित जानकारी दी जाए। इस इनमोशन वे ब्रिज को कोई व्यक्ति ऑपरेट करता है या Fully computrized है? (ख) यह कि इस IMBW इसके फर्स्ट प्रिंट में रैक के साथ लगे गॉर्ड के डिब्बे का वजन भी रिकॉर्ड होता है यदि हाँ, तो दिनांक 01 जून 2020 से 31 जनवरी 2021 तक की रिपोर्ट बतायी जाए। क्या कार्यालय को 2 एनडी प्रिंट संबंधित ठेकेदार द्वारा जेनकों को दी जाती है तो उसमें भी रैक के वजन के साथ गार्ड के डिब्बे का वजन होता है? यदि नहीं, तो कौन उसे मिटाता है और क्यों? किसी के द्वारा वजन शीट आंकड़ों में बदलाव हो सकता या किया जाता है? यदि हाँ, तो इसे रोकने की क्या अति सुरक्षित पारदर्शी व्यवस्था बनायी जायेगी? यह कि इस IMBW के संचालन और कैलिब्रेशन का पासवर्ड क्या ठेका कंपनी MPGENCO या JOINT पासवर्ड है तो जेनको के संबंधित अधिकारी का पदनाम क्या है। (ग) यह कि क्या संजय ताप बिजली गृह बीरसिंहपुर में रेल रैक से आने वाले कोयले की चलती रैक से कोयले का वजन करने के लिए FULLY COMPUTRIZED, UNMANNED, INMOTION WAY BRIDGE जिसकी FACE RECOGNIZED अति सुरक्षित पासवर्ड से व्यवस्थित जबलपुर मुख्यालय के FUEL मैनेजमेंट कार्यालय से संचालित नियंत्रित हो, कोयले की REAL TIME वजन रिपोर्ट तत्काल प्राप्त हो, लगाए जाने की कोई योजना या प्रस्ताव है, जिससे कोयले के परिवहन में किसी भी प्रकार से वजन और शीट में संभावित परिवर्तन, होने वाली वजन हेराफरी, कमी, हानि आदि पर रोक लग सके और व्यवस्था पारदर्शी जेनको को हितकर हो, क्या लगायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और इस पर कितनी राशि खर्च होगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर में दिनांक 15.02.2004 से स्थापित इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी का स्वयं का है। प्रश्नाधीन इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) का संचालन एवं संधारण का ठेका मेसर्स डिजिटल वेईंग सिस्टम (प्रा.) लिमिटेड, बिलासपुर (ओ.ई.एम.) को आदेश दिनांक 03.01.2020 द्वारा रू. 1,37,000/- प्रतिमाह (GST छोडकर) की दर से दिया गया है। इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) को व्यक्ति द्वारा संचालित किया जाता है एवं यह Fully Computerised नहीं है। (ख) जी हाँ। इस इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) में रेल रैक के साथ लगे गार्ड के डिब्बे का वजन भी रिकार्ड होता है। 01 जून 2020 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि की प्रिंट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ठेकेदार द्वारा फस्ट एण्ड सेकेण्ड दोनों ही प्रिंट रिपोर्ट मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को उपलब्ध करायी जाती हैं, जिनमें गार्ड के डिब्बे का वजन होता है। वजन शीट के आँकड़ों में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, इसमें केवल डिब्बे का खाली वजन भरने का कार्य आपरेटर द्वारा किया जाता है, जिससे कि पूरी रैक का नेट वजन प्राप्त हो सके। कोयले की मात्रा की गणना करते वक्त गार्ड के डिब्बे के वजन को शामिल नहीं किया जाता है। ताप विद्युत गृह में इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) के संचालन का कार्य अति सुरक्षित एवं पारदर्शी व्यवस्था से होता है, जिसमें पासवर्ड, ठेका कंपनी एवं ताप विद्युत गृह में अधीक्षण अभियंता (सेवाएँ-2) दोनों के पास उपलब्ध रहता है। इसके अतिरिक्त इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) केलिब्रेशन का पासवर्ड केवल निर्माता कंपनी (ओ.ई.एम.) के पास होता है। केलिब्रेशन का कार्य ओ.ई.एम. फर्म द्वारा पूर्ण पारदर्शिता के साथ मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा गठित उच्चस्तरीय कमेटी एवं निरीक्षक, (नाप-तौल) म.प्र. शासन के समक्ष में किया जाता है। केलिब्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत निरीक्षक, (नाप-तौल) म.प्र. शासन द्वारा इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) को सील कर कैलिब्रेशन का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। तत्पश्चात कमेटी के सदस्यों द्वारा डिजीटाइजर पैनल को हस्ताक्षरयुक्त पेपर-सील से सील किया जाता है। जिसे समय-समय पर अधिकारियों द्वारा जाँचा व परखा जाता है। बाँट और माप मानक अधिनियम 1976 के तहत नाप-तौल उपकरणों का संचालन बिना निरीक्षक, (नाप-तौल) म.प्र.शासन द्वारा मुद्रांकन एवं सत्यापन के किया जाना अवैध है जिसका पूर्ण रूपेण पालन किया जाता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में रेल्वे द्वारा अधिकृत नवीन इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) प्रणाली RDSO-19 लगाये जाने का कार्य प्रगति पर है, जिससे कोयले के रैक की रियल टाईम वजन रिपोर्ट तत्काल प्राप्त हो सकेगी। यह कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण होने की संभावना है एवं इस पर रूपये 22,28,974/- राशि खर्च होगी। इसकी स्थापना उपरांत इनमोशन वे ब्रिज (IMWB) का बेहतर संचालन होगा एवं अति सुरक्षित पारदर्शी रूप से इसकी निगरानी की जा सकेगी।
नगरीय निकाय चुनाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 5190 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निकायों के चुनाव किस अवधि तक होना थे तथा क्यों नहीं हुये? चुनाव कब तक होना संभावित है? (ख) नया पंजीकृत राजनैतिक दल द्वारा दी गई सूची अनुसार मतदाता सूची में परिवर्धन, विलोपन एवं संशोधन की कार्यवाही की जा सकती है? यदि हाँ, तो प्रदेश में फरवरी 2021 में आयोजित जिला स्तरीय स्टैण्डिंग कमेटी की बैठक में दिये गये निर्देशों में ऐसा स्पष्ट उल्लेख क्यों नहीं किया गया? सभी जिलों में दिये गये निर्देशों की प्रति देवें। (ग) किस-किस निकाय की अंतिम मतदाता सूची में भाजपा द्वारा अधिकृत या अनाधिकृत रूप से दी गई सूची अनुसार परिवर्धन, विलोपन एवं संशोधन कितनी संख्या में किया गया? दी गई सूची की प्रति देवें। (घ) किस-किस नगर निगमों की अंतिम सूची पूर्व में (प्रारूप) दी गई सूची अनुसार परिवर्धन, विलोपन एवं संशोधन के कुल कितने-कितने प्रकरण हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) यह प्रश्न संवैधानिक संस्था म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग के कार्य क्षेत्र में आता है। अत: उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा जल प्रदाय की पाईप लाईन डाली जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 5197 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अप्रैल 2014 से नगर निगम द्वारा भोपाल शहर स्थित तिलक नगर फेस-2 एवं बावडि़याकलां में नर्मदा जल प्रदाय की पाईप लाईन डाली गई थी तथा टेस्टिंग कर जुलाई 2014 तक घरों में मीटर भी लगाए गए थे और कनेक्शन फार्म भी भरे गए थे? (ख) क्या दो माह तक पानी प्रदाय करने के बाद अचानक जल प्रदाय बंद कर दिया गया तथा आज तक जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा पाईप लाईन बिछाने के कार्य में विभाग का कितना रूपया व्यय किया गया था? (ग) क्या ऐसी स्थिति में रहवासी मजबूरीवश भूजल का उपयोग कर रहे हैं, जबकि यहां के भूतल का टीडीएस-400 होने के कारण पानी उपयोग हेतु उचित नहीं है तथा रहवासी बीमार भी हो रहे है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) सत्य है तो कब तक इसकी जाँच कर डाली गई पाईप लाईन से नियमित जल प्रदाय किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। घरों में मीटर नहीं लगाए गए एवं हाउसिंग सोसायटी अथवा रहवासी संघ द्वारा बल्क कनेक्शन हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त क्षेत्र में बल्क कनेक्श्न द्वारा पानी की सप्लाई की जाना है। हाउसिंग सोसायटी अथवा रहवासी संघ द्वारा बल्क कनेक्शन हेतु आवेदन न करने के कारण नर्मदा जल की सप्लाई नहीं की जा रही है। जिन कॉलोनी समिति एवं रहवासी संघ द्वारा बल्क कनेक्शन की मांग की गई, उक्त कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन के माध्यम से सुचारू रूप से नर्मदा जलप्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। हाउसिंग सोसायटी अथवा रहवासी संघ द्वारा जल मांग हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। जेएनएनयूआरएम योजना अंतर्गत राशि रू. 166.07 करोड़ में भोपाल की पूर्वी क्षेत्र के पूर्व जोन क्रमांक 8,9,11,12,13 तथा 06 (आंशिक) में जल वितरण प्रणाली तथा घरेलू नल कनेक्शन का कार्य किया गया था, जिसमें उक्त वार्ड क्र. 52 का कार्य भी सम्मिलित था। (ग) नगर निगम भोपाल उक्त कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। परन्तु हाउसिंग सोसायटी अथवा रहवासी संघ द्वारा नियमानुसार बल्क कनेक्शन हेतु आवेदन प्रस्तुत न करने के कारण उक्त कॉलोनियों में नर्मदा जलप्रदाय नहीं किया जा रहा है, फलस्वरूप यहां के रहवासियों को भू-जल का उपयोग करना पड़ रहा है। जल परीक्षण नहीं कराया गया है। (घ) हाउसिंग सोसायटी अथवा रहवासी संघ द्वारा बल्क कनेक्शन हेतु आवेदन करने पर कनेक्शन कर जलप्रदाय प्रारंभ किया जा सकता है।
आयुष विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
164. ( क्र. 5198 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग के अंतर्गत होशंगाबाद जिले में चतुर्थ श्रेणी कंटेन्जेन्सी कर्मचारियों की नियुक्तियां आऊट सोर्सिंग कंपनी एस.एस.सर्विस द्वारा उपलब्ध कराए गए कर्मचारियों के माध्यम से की गई हैं? (ख) इस नियुक्त कर्मचारियों का नियंत्रण विभाग या कंपनी किसके द्वारा किया गया जाता है। (ग) होशंगाबाद जिले में आयुष विभाग के अंतर्गत किन-किन औषधालय में चतुर्थ श्रेणी पी.टी.एस. (अंश कालीन स्वैच्छिक) के पद रिक्त हैं एवं विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जायेगी। (घ) जिला आयुष अधिकारी, होशंगाबाद को जिले के अंतर्गत औषधालयों के लिए चतुर्थ श्रेणी पी.टी.एस. के रिक्त पदों के लिए किन-किन औषधालयों से किन-किन के आवेदन किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए हैं? उक्त आवेदन पर जिला आयुष अधिकारी/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ङ) कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जायेगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हॉं। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार। (ख) आयुष विभाग द्वारा कार्यों का नियंत्रण किया जाता है। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। आऊटसोर्स से सेवाएं निरंतर ली जा रही है। (घ) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। (ङ) पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
खरगोन विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसफार्मर का उन्नयन
[ऊर्जा]
165. ( क्र. 5239 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक में संचालन-संधारण संभाग खरगौन में ऐसे कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर है जो अतिभारित है? जिनका उन्नयन किया जाना अति आवश्यक है? इनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के उन्नयन हेतु प्रस्ताव उच्च कार्यालयों को भेजे गए है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) विगत दो वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक में संचालन-संधारण संभाग खरगौन में ऐसे कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर है जो एक बार से अधिक बार खराब हुए/जले या किसी कारण से उनको बदलना पड़ा कि वर्षवार लोकेशनवार क्षमतावार सूची देवें एवं बतावें कि उक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर पर कुल कितना भार था? इन्हें बदले जाने पर विद्युत कंपनी को कितना व्यय करना पड़ा बतावें? (ग) विगत दो वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक में संचालन-संधारण संभाग खरगोन में ऐसे कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्य (उन्नयन) किये गये? (घ) विगत दो वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक में संचालन-संधारण संभाग खरगोन में विद्युतीकरण हेतु कितने नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र पावर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापाना नवीन 33 के.वी लाईन 11 केवी लाईन के कार्य स्वीकृत किये गये एवं इनमें से कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितने अपूर्ण है एवं प्रगतिरत है के कार्य की स्वीकृति राशि कार्य पूर्णत: दिनांक सहित की संख्यात्मक जानकारी वर्षवार देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विगत दो वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक खरगोन वृत्तांतर्गत संचा.-संधा. संभाग खरगोन (प्रथम व द्वितीय) में अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त अतिभारित ट्रांसफार्मरों के क्षमतावृद्धि के प्रस्ताव संबंधित उच्च कार्यालयों को प्रेषित किये गये है तथा इन प्रस्तावों का तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है। तकनीकी रुप से साध्य पाये जाने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए उनका उन्नयन किया जा सकेगा। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 73 लोकेशनों पर एक से अधिक बार वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए जिसमें 155 वितरण ट्रांसफार्मर बदले गए जिन्हें बदलने हेतु व्यय की गई राशि रु. 29.89 लाख है, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 117 लोकेशनों पर एक से अधिक बार वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए जिसमें 246 वितरण ट्रांसफार्मर बदले गए जिन्हें बदलने हेतु व्यय की गई राशि रु. 54.07 लाख है एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक 24 लोकेशनों पर एक से अधिक बार वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए जिसमें 49 वितरण ट्रांसफार्मर बदले गए जिन्हें बदलने हेतु व्यय की गई राशि रु. 11.49 लाख है, जिसकी लोकेशनवार, क्षमतावार, संबद्धभार एवं व्यय राशि सहित वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में संचालन-संधारण संभाग खरगोन (प्रथम एवं द्वितीय) अंतर्गत क्षमतावृद्धि किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) विगत दो वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक खरगोन वृत्तांतर्गत संचालन-संधारण संभाग खरगोन (प्रथम व द्वितीय) में 07 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र, 04 पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि, 04 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना, 49.37 किलोमीटर 33 के.व्ही. लाईन एवं 44.09 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन के कार्य स्वीकृत किए गए है, इनमें से 06 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र, 03 पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि, 03 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना, 31.37 किलोमीटर 33 के.व्ही. लाईन व 28.73 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन के कार्य पूर्ण किये गये, तथा 01 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र, 01 पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि, 01 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना, 18 किलोमीटर 33 के.व्ही. लाईन व 15.36 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन के कार्य अपूर्ण होकर कार्य प्रगतिरत है। उक्त कार्यों की स्वीकृत राशि, कार्य पूर्णता दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गई वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
प्राध्यापकों/सह-प्राध्यापकों की प्रतिनियुक्ति के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
166. (क्र. 5245 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. मनोज कुमार सिंह जो कि मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के अंतर्गत संचालक ग्रामीण पर्यटन हैं तथा उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत समाज शास्त्र के सह-प्राध्यापक हैं, की प्रतिनियुक्ति समाप्ति का आदेश क्रमश: दिनांक 14.10.20219, क्र. 1-1/2019/38/1 एवं एफ 1-1/2019/38/1, दिनांक 07.03.2020 को उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिया गया, परंतु इनके द्वारा दो बार पर्यटन विभाग के माध्यम से उपरोक्त आदेश रद्द करवाए जाकर पुन: पर्यटन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पद पदस्थापना यथावत रखी गयी तथा शासन के आदेश की अवहेलना की गयी साथ ही साथ अपना मूल कार्य शिक्षण छोड़कर अपनी कुल सेवा अवधि में 15 वर्षों से अधिक प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न विभागों में पदस्थ हैं जो कि प्रतिनियुक्ति के सिद्धांतों की घोर अवहेलना है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कृत्य पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, की गयी तो क्यों? (ग) क्या विभाग को शैक्षणिक कार्यों के लिए प्राध्यापकों/सह प्राध्यापकों की आवश्यक नहीं है? यदि है तो प्रश्नांश (क) वर्णित सह प्राध्यापक की प्रतिनियुक्ति बार-बार बढ़ाने की सहमति किन कारणों से दी जाती है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रतिनियुक्ति से वापस लिए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
विश्व बैंक पोषित परियोजना
[उच्च शिक्षा]
167. ( क्र. 5250 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग में विश्व बैंक पोषित परियोजना में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी कौन है? (ख) विश्व बैंक पोषित परियोजना में सामग्री/उपकरण विश्व बैंक पोषित परियोजना नई दिल्ली के द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के अनुसार, महाविद्यालयों के साथ एम.ओ.यू. के अनुसार प्राचार्यों द्वारा क्रय किये गये या प्रोजेक्ट कार्यालय द्वारा क्या इसके लिए विश्व बैंक पोषित परियोजना, भारत सरकार से अनुमति प्राप्त की गई है या नहीं? (ग) विश्व बैंक पोषित परियोजना में चयनित 200 महाविद्यालयों को फर्नीचर एवं प्रयोगशाला उपकरण स्वीकृत आई.डी.पी. एवं मांग पत्र के अनुसार क्रय किया गया है या नहीं। उक्त सामग्री (सोफा सेट, हॉस्टल फर्नीचर प्रयोगशाला उपकरण आदि) छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम अनुसार उनके हित हेतु क्रय किया गया है या आपके द्वारा प्रेषित मांग पत्र पर? (घ) आपके द्वारा प्रयोगशाला उपकरण की निविदा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रकाशित निविदा क्रमांक 20015-ए एवं 20016-ए में निविदाकर्ता को कुल आईटम/सामग्री की 25% आईटम में दर प्रस्तुत करना अनिवार्य बताया है। क्या यह म.प्र. भंडार क्रय नियम अनुसार सही है या नहीं? (ङ) विश्व बैंक पोषित परियोजना में प्रोजेक्ट कार्यालय द्वारा कितने सीधे क्रय आदेश प्रसारित हुए है एवं कितने महाविद्यालयों द्वारा सीधे क्रय आदेश प्रदाय किये गये है? (च) नियम विरूद्ध कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) डॉं. सुनील कुमार सिंह। (ख) विश्व बैंक, नई दिल्ली द्वारा जारी किये गए पैड (प्रोजेक्ट अप्रैज़ल डॉक्यूमेंट) के दिशा-निर्देश अनुसार क्रय की कार्यवाही की गई है। महाविद्यालयों के साथ हुए MOU के अनुसार विभिन्न सामग्री राज्य एवं महाविद्यालय स्तर पर क्रय की गई है। भारत सरकार से क्रय करने की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। पैड (प्रोजेक्ट अप्रैज़ल डॉक्यूमेंट) अनुसार विभाग द्वारा राज्य शासन के नियमों के तहत क्रय की कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। महाविद्यालयों द्वारा तैयार की गई इंस्टीट्यूशनल डेवलेपमेंट प्लान (आई.डी.पी.) में मांग के अनुसार सामग्री प्रदाय की गई है। छात्र-छात्राओं के हित में तथा महाविद्यालयों की मांग के अनुसार क्रय की कार्यवाही की गई है। (घ) प्रयोगशाला उपकरण हेतु जारी निविदा की शर्तें इस कार्यालय द्वारा तय नहीं की गई है। निविदा की प्रक्रिया म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा म.प्र. भंडार क्रय नियम 2015 में प्रावधान के अनुसार किया गया है। (ङ) परियोजना कार्यालय से जारी किये गए आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 तथा महाविद्यालयों द्वारा जारी प्रदाय आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (च) कार्य नियमानुसार होने से अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
पसारा लायसेन्स के संबंध में
[गृह]
168. ( क्र. 5251 ) श्री सुरेश राजे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निजी सुरक्षा एजेंसियों को दिये जाने वाले PASARA लायसेन्स व इसके नवीनीकरण की क्या प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित लायसेन्स हेतु वर्तमान में विभाग में कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? गत एक वर्ष में कितने लायसेन्स जारी किये गये और कितने निरस्त किये गये? सूची दें व निरस्त किये जाने का कारण बतायें। (ग) क्या पसारा लायसेन्स की प्रक्रिया को प्रदेश में जटिल बना दिया गया हैं। जबकि अन्य प्रदेशों में इसे ऑन लाईन किया गया है? प्रदेश में इस तरह के आवेदनों के निराकरण की समय-सीमा तय न किये जाने के क्या कारण हैं? क्या विभाग इस प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी बनाने व समय-सीमा तय करने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्य प्रदेश में निजी सुरक्षा एजेंसियों को नवीन एवं पूर्व से जारी लायसेंसों के नवीनीकरण हेतु निजी सुरक्षा अधिकरण (विनियम) अधिनियम, 2005 एवं मध्य प्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियम) नियम, 2012 के प्रावधानों अनुसार लायसेंस जारी किये जा रहें है। (ख) वर्तमान में कुल 563 प्रकरण लंबित है। गत वर्ष में कुल 151 लायसेंस जारी किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। गत वर्ष में कुल 26 आवेदन निरस्त किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गंभीर जलाशय योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 5282 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1992 में गंभीर जलाशय योजना का लोकार्पण किया गया था? यदि हाँ, तो उस समय की जनसंख्या के किस मापदंड के अनुसार उज्जैन नगर के कितने परिवारों को पेयजल की सुविधा प्राप्त हुई थी? (ख) क्या वर्तमान सरकार गंभीर जलाशय योजना के विस्तारीकरण एवं बढ़ती हुई जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गंभीर है? यदि हाँ, तो विगत 15 वर्ष में उक्त योजना के द्वितीय एवं तृतीय योजना विस्तारीकरण के लिए क्या निर्णय लिए गए? यदि नहीं, लिए गए तो आमजन की उपेक्षा का क्या कारण है? (ग) क्या उपरोक्त योजना के द्वितीय और तृतीय चरण में किसानों के लिए सिंचाई, ग्रामीणजनों के लिये पेयजल एवं बढ़ती हुई जनसंख्या की आबादी को देखते हुए जलाशय योजना में महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए थे? यदि हाँ, तो इस दूरदर्शी जलाशय योजना को कब तक क्रियान्वित करके परिणाम तक पहुंचायेंगे? (घ) गंभीर जलाशय योजना के द्वितीय और तृतीय चरण के लिए सचेत होकर कब तक उज्जैन नगर की आम जनता को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना के द्वितीय चरण में 1992 की लगभग 3 लाख जनसंख्या के लगभग 60 हजार परिवारों को 110 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की मान से पेयजल की सुविधा प्राप्त हो रही थी। (ख) गंभीर जलाशय योजना के द्वितीय चरण के विस्तारीकरण एवं तृतीय चरण हेतु कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) गंभीर जलाशय योजना के द्वितीय चरण में केवल शहर की पेयजल व्यवस्था का प्रावधान था। तृतीय चरण अन्तर्गत विस्तारीकरण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना प्रस्तावित नहीं की गई है। (घ) गंभीर जलाशय के द्वितीय चरण अंतर्गत उज्जैन शहर की जलप्रदाय योजना के मुख्य स्त्रोत गंभीर बांध से शहर के नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्भया फंड में प्राप्त एवं व्यय राशि
[गृह]
170. ( क्र. 5421 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य को केन्द्र सरकार के निर्भया फंड प्राप्त होता है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16, 2017-18 और 2020-21 में अलग अलग कितना-कितना फंड प्राप्त हुआ है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में अलग-अलग कितनी-कितनी राशि केन्द्र सरकार से प्राप्त निर्भया फंड में से व्यय की गई? (ग) उपरोक्त वित्तीय वर्षों में ज्यादती से पीडि़तों को सहायता के लिए कितने प्रकरण आये तथा अलग-अलग वित्तीय वर्षों में कितने-कितने पीडि़तों को कितनी-कितनी सहायता दी गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2017-18 में निर्भया फण्ड के अंतर्गत फण्ड प्राप्त नहीं हुआ है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल राशि रू. 18,26,02,000/- प्राप्त हुये है। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2017-18 में बजट प्राप्त नहीं होने से व्यय निरंक है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में निर्भया फण्ड के अंतर्गत कुल राशि रू. 4,01,98,000/- का व्यय किया जा चुका है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
सोलर पार्कों की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
171. ( क्र. 5422 ) श्री हर्ष यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में भविष्यगामी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के दृष्टिगत नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए सागर जिले में सोलर पार्कों की स्थापना का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो सागर जिले में विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर उक्त पार्कों की स्थापना की जा रही है? उक्त पार्कों की स्थापना के लिए कहॉं-कहॉं, कितनी-कितनी भूमि चिन्हित की गई है? विकासखण्ड एवं हल्का खसरा सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में योजना अंतर्गत सागर जिले में सोलर पार्कों की स्थापना कार्य में कितनी लागत आना प्रस्तावित है? उक्त पार्कों की स्थापना से कितनी ऊर्जा का उत्पादन होगा? कार्य पूर्ण करने के लिए किन-किन कंपनियों के साथ अनुबंध किया गया है? कार्य आरंभ एवं पूर्ण करने के लिए क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? इकाईवार अनुबंधकर्ता कंपनियों एवं समय-सीमा संबंधी जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या उक्त सोलर पार्कों के निर्माण उपरांत स्थानीय बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे? यदि हाँ, तो किन-किन पदों पर कितनी संख्या में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है? उसके लिए योग्यता संबंधी क्या अनिवार्यता तय की गई है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की अल्ट्रा मेगा रिन्युबल एनर्जी पॉवर प्रोजेक्ट योजना के अन्तर्गत सागर जिले में सोलर पार्क स्थापना प्रस्तावित है। जिले में लगभग 5443 हेक्टेयर शासकीय भूमि, सोलर पार्क की स्थापना हेतु, चिन्हित की गई है, जो निम्नानुसार तहसील सागर में 5017 हेक्टेयर, तहसील गढ़ाकोटा में 331 हेक्टेयर एवं तहसील केसली में 95 हेक्टेयर है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सोलर पार्क की स्थापना हेतु लगभग रूपये 4 करोड़ प्रति मेगावाट की लागत आती है। इन प्रस्तावित परियोजनाओं की वास्तविक क्षमता/लागत भूमि की उपयुक्तता एवं उपलब्धता पर निर्भर करेगी, सोलर पार्क से विद्युत उत्पादन प्रति मेगावाट लगभग 20 लाख यूनिट प्रति वर्ष होगा। सोलर पार्क परियोजना वर्तमान में प्लानिंग चरण में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। सोलर पार्क की स्थापना के कार्य के समय, काफी संख्या में कुशल एवं अर्द्धकुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है। रोजगार सृजन, परियोजना के क्रियान्वयन के समय निश्चित होगा, जिसकी पूर्ति विकासक द्वारा सामान्यत: स्थानीय नागरिक से ही की जाती है।